मध्यप्रदेश विधान सभा

 

की

 

कार्यवाही

 

(अधिकृत विवरण)

 

 

 

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       चतुर्दश विधान सभा                                                                                     दशम् सत्र

 

 

फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र

 

गुरुवार, दिनांक 10 मार्च, 2016

 

(20 फाल्‍गुन, शक संवत्‌ 1937 )

 

 

      [खण्ड-  10 ]                                                                                                         [अंक- 12]

 

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मध्यप्रदेश विधान सभा

 

गुरूवार, दिनांक 10 मार्च, 2016

 

(20 फाल्‍गुन, शक संवत्‌ 1937 )

 

                                    विधान सभा पूर्वाह्न 10.33  बजे समवेत हुई.

 

{अध्यक्ष महोदय (डॉ.सीतासरन शर्मा) पीठासीन हुए.}

 

 

 

 

          श्री रामनिवास रावत--अध्यक्ष महोदय, आपकी जाकेट आज सफेद है तो नरोत्तम जी पता नहीं कौन सा कलर पहनकर आये हैं.

          डॉ.नरोत्तम मिश्र--मैं गौर साहब का अनुयायी हूं इसलिये पीला पहनकर के आया हूं.

          श्री रामनिवास रावत--आपका आशीर्वाद प्राप्त डुपटा कहां है.

          डॉ.नरोत्तम मिश्र--कल वह आपको चेतावनी तक था.

          श्री बाबूलाल गौर--यह पीला दुपटा त्याग का दुपटा है.

तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर

 

          प्रश्न संख्या 1

बलराम तालाब योजनांतर्गत निर्मित तालाब

1. ( *क्र. 510 ) श्री मुकेश नायक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में लघु सिंचाई और जल संरक्षण के लिये बलराम तालाब योजना कब से लागू है और वर्ष 2012 से दिसम्‍बर 2015 तक इस योजना के तहत राज्‍य में कुल कितने तालाब बनाये गये तथा कुल कितनी धनराशि खर्च की गई?    (ख) क्‍या पन्‍ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बलराम तालाब योजना में    घपले-घोटाले और भ्रष्‍टाचार की शिकायतें प्रशासन को विभिन्‍न स्‍तरों पर प्राप्‍त हुईं हैं और उनकी जाँच भी कराई गयी है और भौतिक सत्‍यापन के दौरान हजारों तालाब फर्जी तौर पर बनाये जाने तथा केवल कागजों पर तालाब बना कर शासन से अनुदान राशि लेने के मामले प्रकाश में आये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे मामलों में दोषी व्‍यक्तियों और अधिकारियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई?

                       

किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) -

(ख) विभागीय स्तर पर कोई शिकायत प्राप्त होना नहीं होना पाया गया कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''एक''

 

          श्री मुकेश नायक--माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि बलराम तालाब योजना में हितग्राहियों का चयन किस आधार पर किया जाता है, इसके मापदण्ड क्या हैं ? पवई तथा शाह विधान सभा क्षेत्र में बलराम तालाब योजना की क्या भोपाल से अधिकारियों को भेजकर जांच  करा लेंगे? जांच कराएंगे तो उसका हिस्सा मुझे बनाएंगे क्या ?

            श्री गौरीशंकर बिसेन--माननीय अध्यक्ष महोदय, यह बलराम तालाब योजना पूर्ण रूप से राज्य सरकार के वित्त-पोषण पर आधारित है इसमें हमारे कृषि विभाग में आवेदन आते हैं इसमें जनपद पंचायत की जो वित्तीय समिति होती है उनकी अनुशंसा पर उनका चयन होता है. दूसरा साईज के संदर्भ में आप कहें तो वह भी बता देना चाहता हूं इसके जो मॉडल हैं वह चार तरह के हैं एक साईज है उसकी लंबाई मीटर में है 55, चौड़ाई 30 गहराई 3 मीटर ऐसे 23923 घनमीटर इसकी लागत उस समय लागत 1 लाख 60 हजार आंकी गई थी, दूसरा 63 मीटर, चौड़ाई 30 गहराई 2.5 इसका घनमीटर 3923 इसकी भी लागत 1 लाख 60 हजार है. तीसरा साईज थी 59 मीटर लंबाई 30 चौड़ाई गहराई 3 मीटर 4919 उसकी लागत 2 लाख रूपये.

श्री गौरीशंकर बिसेन -   चौथा था, 7930 25 गहराई 4953, इसकी लागत 2 लाख, इसमें जो छूटे हैं, उसमें 80 हजार और एक लाख का इसमें अनुदान मिलता है,  जैसा कि माननीय सदस्‍य जी ने कहा है कि जांच करा लेंगे वैसे तो माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जो भूमि संरक्षण अधिकारी, सर्वेयर होते हैं, बलराम जलाशय की 100 प्रतिशत जांच करते हैं,  कृषि विभाग के ए.डी.ओ. 100 प्रतिशत जांच करते हैं, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, कम से कम 20 प्रतिशत की जांच करते हैं और उप संचालक 5 प्रतिशत की जांच करते हैं, लेकिन जैसा कि माननीय सदस्‍य ने कहा है हो सकता है कि उनके पास कोई शिकायत आई हो, हमारे पास तो कोई शिकायत नहीं आई है, फिर भी हम भोपाल से अधिकारियों का दल बनाकर जांच करा लेंगे और माननीय सदस्‍य जहां पर भी जांच में जाना चाहेंगे, वहां पर उनको सम्मिलित भी कर लेंगे ।

लाइट ट्रैप उपकरणों की उपयोगिता

2. ( *क्र. 4559 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कीट नियंत्रण के लिए शासन द्वारा लाइट ट्रैप उपकरण वितरित किए गए हैं? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में विगत एक वर्ष में कितने किसानों को उक्‍त उपकरण दिए गए? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार लाइट ट्रैप उपकरणों की उपयोगिता क्‍या रही? उपकरणों से कीट नियंत्रण का प्रतिशत क्‍या रहा? क्‍या उपकरण के उपयोग से किसानों को कीट नाशक दवा का उपयोग नहीं किया गया? (ग) क्‍या लाइट ट्रैप उपकरण किसानों को अनुदान में दिया गया है? यदि हाँ, तो उपकरण की बाजार कीमत कितनी थी व शासन द्वारा प्रति उपकरण कितनी राशि वहन की गई? (घ) लाइट ट्रैप उपकरण के उपयोग का उपयुक्‍त समय क्‍या था? क्‍या उक्‍त समय में किसानों को उपकरण के उपयोग के लिए बिजली उपलब्‍ध रही?

किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जी हाँ। भोपाल संभाग में विगत एक वर्ष में 8000 उपकरण दिये गये, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लाईट ट्रैप का उपयोग फसल पर हानिकारक कीटों के प्रकोप की पूर्व सूचना हेतु किया जाता है। इससे कीट नियंत्रण का प्रतिशत, कीट प्रकोप की अधिकता या कमी पर निर्भर करता है। तद्नुसार कीटों के नियंत्रण हेतु अंतिम विकल्प के रूप में कीट नाशक दवा का उपयोग किया जाता है। (ग) जी हाँ। योजना के अंतर्गत फसल प्रदर्शन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा विकसित एवं अनुशंसित लाईट ट्रैप को एक घटक के रूप में प्रावधानित कर रूपये 1800 प्रति लाईट ट्रैप के शत-प्रतिशत अनुदान पर फसल प्रदर्शन में कृषकों को उपलब्ध करवाया गया है। (घ) लाईट ट्रैप उपकरण के उपयोग का उपयुक्त समय फसल बुवाई के तृतीय सप्ताह से फसल कटाई पूर्व तक अनुशंसित है, तद्नुसार फसल प्रदर्शनों में लाईट ट्रैप का उपयोग शाम सात बजे से दस बजे तक उपयोग किया गया, उक्त समय बिजली की उपलब्धता रही है।

परिशिष्ट - ''दो''

श्री शैलेन्‍द्र पटेल-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपके संरक्षण के साथ मैं अपना प्रश्‍न करना चाहता हूं, क्‍योंकि लाइट ट्रैप में करोड़ों रूपए के घोटाले का मामला है । माननीय मंत्री जी ने प्रश्‍न के उत्‍तर में कहा है कि लाइट ट्रैप का उपयोग कीटों को पहिचानने के लिए किया जाता है, क्‍या जिन किसानों को लाइट ट्रैप दिए गए हैं, उनको कीटों के पहिचानने की ट्रेनिंग दी गई थी कि ये कौन कौन  से कीट  हैं, क्‍योंकि इससे कीटों की रोक-थाम नहीं होती है, कीटों को पहचानने के लिए दिया जाता है, तो क्‍या ट्रेनिंग दी गई या सिर्फ लाइट ट्रैप दे दिए गए ।

माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा दूसरा प्रश्‍न है, जैसा कि उत्‍तर में बताया गया है कि इसका उपयोग का समय शाम को 7 से 10 बजे तक होता है, लेकिन क्‍या  खेतों में 10 घण्‍टे बिजली मिलती है, शाम को 6 से 10 बजे तक तो बिजली मिलती ही नहीं है,जब बिजली नहीं  मिलती  है, तो इस लाइट ट्रैप की उपयोगिता पर सवाल उठता है, जब उपयोगिता का ही नहीं था, तो क्‍यों दे दिए गए ?

माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा तीसरा प्रश्‍न यह है मुझे जानकारी  दी गई है कि दो महीने के अंदर इस पर रोक-थाम लगा दी गई और कहा गया कि पहले की समिति ने गलत निर्णय लिया था,अब की समिति कह रही है कि उपयोगिता नहीं है, तो इसमें जांच होना चाहिए, उस दौरान जो घोटाला हुआ है, दूसरे विभाग से इसकी जांच की जाए, क्‍योंकि कुछ कंपनियों को फायदा देने के लिए किया गया है ।

अध्‍यक्ष महोदय-  सीधा प्रश्‍न करें ।

श्री शैलेन्‍द्र पटेल-  मेरा सीधा प्रश्‍न यह है कि जब उसकी उपयोगिता नहीं है, तो क्‍या यूज है, शाम को 7 से 10 लाईट मिलती नहीं है, क्‍या बिजली विभाग से परीमशन ली गई और दूसरा  जिनको यह प्रदाय किया गया है,क्‍या उन किसानों को ट्रेनिंग दी गई कि आप कीट कैसे पहचानेंगे, , क्‍योंकि लाखों की संख्‍या में यह प्रदाय किए गए हैं ।

श्री गौरीशंकर बिसेन -  माननीय अध्‍यक्ष महोदय,नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर इन्‍टीग्रेटेड पेस्‍ट मैनेजमेंट जो हमारी संस्‍था है, यह राष्‍ट्रीय कृषि अनुसंधान के अधीनस्‍थ काम करती है और  ऐसे कीट जो फसलों के लिए हानिकारक होते हैं, उनके ऊपर यह संस्‍था रिसर्च करती है, उस संस्‍था ने रिसर्च करके लाइट ट्रैप का अनुसंधान किया और उसको राज्‍य सरकारों को, भारत सरकार  और भारत सरकार की हमारी इन संस्‍थाओं के द्वारा कहा गया कि  जो प्रदर्शन होते हैं, इनमें आप इसका उपयोग करें, भारत सरकार के कहने के बाद  ही हमने अपने वैज्ञानिकों का एक दल बनाया और वैज्ञानिकों का दल बनाने के बाद उनसे भी हमने राज्‍य स्‍तर पर उनकी जानकारी ली, उनकी अनुशंसाएं प्राप्‍त की, उसके बाद लाइट ट्रैप प्रदान किए गए हैं,  लाइट ट्रैप हमने प्रदान नहीं किया है, यह जो लाइट ट्रैप है, यह एन.सी.आई.पी.एम. का खुद का डिजाइनिंग है और जो देश की अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण संस्‍थाएं हैं, उनको फ्रेंचायजी दिया है, लायसेंस दिया है और उन्‍होंने ही  प्रदाय किया है, जहां पर आत्‍मा के प्रोजेक्‍ट हैं या खाद्य सुरक्षा मिशन के जो प्रोजेक्‍ट थे, उनमें हमने अपने डी.डी.ओ को कहा है कि आपकी आवश्‍यकता के अनुसार आप उसके लिए उनके आर्डर प्‍लेस करें, यह कहना असत्‍य है कि इसमें कोई भ्रष्‍टाचार हुआ है, मनगढ़त आरोप लगाने से कोई मतलब नहीं निकलेगा, हमारे सदस्‍य भी बड़े विद्वान सदस्‍य हैं,कृषक हैं,मैं उनके साथ बैठने को तैयार हूं, जब अखवार में थोड़ा सा छपा कि इस लाइट ट्रैम में शेष को  अवसर क्‍यों  नहीं दिया गया तो हमने इसके लिए भी वैज्ञानिकों को कहा कि आप परीक्षण कर लें और परीक्षण करने के उपरान्‍त वस्‍तु स्थिति से अवगत कराएं, सरकार कभी भी नहीं चाहती कि हमारे किसानों का अहित हो और पूरी जवाबदारी के साथ मैं कह सकता हूं कि बड़ा सोच - समझकर  एन.सी.आई.पी.एम.की अनुशंसा के आधार पर 100 प्रतिशत अनुदान पर हमने लाइट ट्रैप का आवंटन किया है ।

          श्री शैलेन्‍द्र पटेल - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा सीधा सा प्रश्‍न था कि लाईट ट्रैप के यूज के लिये क्‍या उनको कीटों को पहचानने के लिए ट्रेनिंग दी गई ? और जिस समय इसकी उपयोगिता थी, उस समय क्‍या लाईट थी ? और क्‍या बिजली विभाग से उसकी परमीशन ली गई. मैं, आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री जी से उसका उत्‍तर चाहता हूँ.

          श्री गौरीशंकर बिसेन - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जहां तक लाईट का प्रश्‍न है. मध्‍यप्रदेश में लाईट दो तरह से मिलती है- एक तो अनवरत 24 घण्‍टे, जो हमारे लाईटिंग फेस में है, दूसरी एग्रीकल्‍चर के जो कृषि पम्‍प हैं, उन पर 10 घण्‍टे बिजली मिलती है और 10 घण्‍टे के भी रोस्‍टर अलग-अलग हैं. किसी क्षेत्र में शाम को बिजली मिलती है, किसी क्षेत्र में 12 बजे बिजली मिलती है, किसी क्षेत्र में दोपहर को मिलती है. हम बिजली विभाग से अनुमति लेकर तो यह काम नहीं कर सकते हैं और फिर दूसरी बात, इसको भी हमने बतौर ट्रायल किया है, इसके अच्‍छे परिणाम आने के बाद ही इसको आगे बढ़ायेंगे. मैं एक बात और कहना चाहता हूँ कि हमारे पास किसी भी किसान की शिकायत नहीं है. अब देखिये, एक लाईट को प्‍लेन पेपर पर, हम अगर ऑयल लगा दें तो उस पर कीड़े आकर लगते हैं. उसी तरह से लाईट ट्रैप की डिजाइनिंग हुई है, यह मित्र कीटों को बचाने वाली और हानिकारक कीट उसमें अन्‍दर जाकर मृत होते हैं. इस तरह का बहुत ही इकोनॉमिकल मॉडल था. इसमें 4-5 मॉडल भारत सरकार ने हमारे आई.सी.आर. ने अनुसंधान किया. उस पर सबसे इकोनॉमिकल मॉडल 1,800/- रू., वह हमने लिया है. जिसको की मैन्‍युअल से ऑपरेट किया जाता है, नहीं तो इसके 4-5 मॉडल और भी हैं. हम चाहते तो महंगे मॉडल भी ले सकते थे. लेकिन चूँकि हमारी ग्रान्‍टेट योजना है और इसको हमने ट्रायल बेस पर शुरू किया. इसलिए इस इकोनॉमिक मॉडल को हमने एप्रूव किया. दूसरा, हमने पांच बड़े अधिकारियों का दल बनाकर, यह भी कहा कि पहले तो आपने रिकमेन्‍ड किया. लेकिन यह बात जब सामने आई है कि अन्‍य दूसरे मॉडलों को भी अवसर दिया जा सकता है, तो परीक्षण करके बतायें. उसकी रिपोर्ट हमारे पास नहीं आई है. लेकिन मैं, एक कृषक होने के नाते सरकारी पक्ष भी रखना चाहता हूँ और किसानों का पक्ष भी रखना चाहता हूँ. कई मर्तबा कीटों के प्रकोट से बहुत बड़ा नुकसान होता है, मुझे लगता है कि यह जो प्रयोग किया गया है. हमारे किसानों के हित में है.

          श्री शैलेन्‍द्र पटेल - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इसमें हित की बात नहीं है. किसानों को ट्रेनिंग नहीं दी गई है, उस समय लाईट नहीं थी तो उसकी उपयोगिता का सवाल उठता है कि वह क्‍या उपयोगी था और अनुपयोगी था ? उसकी अगर ट्रेनिंग दी जाती और लाईट सुनिश्चित करते तो निश्चित रूप से उपयोगी होता और उस ओर ध्‍यान नहीं दिया गया और किसी विशेष कम्‍पनियों को फायदा देने के लिए बगैर किसी तैयारी के, यह खरीदी की गई.

          श्री गौरीशंकर बिसेन - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, यह निराधार है. हमने नहीं खरीदा है. 

          श्री रामनिवास रावत - आप जांच करा लीजिये, खरीदी में अनियमितता हुई है.

          श्री गौरीशंकर बिसेन - किसकी जांच करायेंगे. भारत सरकार का उपक्रम हैं, उसमें, उन्‍होंने ऑर्डर प्‍लेस किया है, हमने नहीं किया है. रहा सवाल ट्रेनिंग का, तो ट्रेनिंग का तो कुछ है ही नहीं. उसको तो सिर्फ लटकाना है कि जो मित्र कीट आएंगे वह बच जायेंगे और हानिकारक कीट होंगे, वे मर जायेंगे.

          श्री शैलेन्‍द्र पटेल - माननीय मंत्री जी, उससे मरेंगे नहीं, वह तो केवल मात्र पहचान के लिए है.

          श्री गौरीशंकर बिसेन - कीट आकर जमा होते हैं, मरते भी हैं.

          श्री शैलेन्‍द्र पटेल - फिर उस क्षेत्र में दवाई क्‍यों उपयोग की गई है ?

          अध्‍यक्ष महोदय - प्रश्‍न आ गया है.

जनश्री एवं आम आदमी बीमा योजना का क्रियान्‍वयन

        प्रश्‍न 3. ( *क्र. 3672 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर जिले में जनपद पंचायतें जनश्री बीमा एवं आम आदमी बीमा के क्रियान्‍वयन की ओर से पूरी तरह उदासीन हैं? (ख) यदि नहीं, हैं तो बतावें कि वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किस-किस जनपद पंचायत के अंतर्गत कितने लोगों का जनश्री बीमा एवं आम आदमी बीमा कराया गया तथा कितने लोगों को उक्‍त बीमा योजनाओं का लाभ दिया गया है? (ग) यदि जनपद पंचायतों द्वारा लक्ष्‍य के अनुसार कार्यवाही नहीं की गयी है, तो क्‍या उत्‍तरदायी शासकीय सेवकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो कब तक और किसके विरूद्ध? संबंधित शासकीय सेवक का नाम पदनाम सहित बतावें?

        पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार(ग) उत्तरांश ‘’’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''तीन''

          श्रीमती पारूल साहू केशरी - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री जी ने जो जानकारी उपलब्‍ध कराई हैख्, उसके लिए उनका धन्‍यवाद करना चाहूँगी. और माननीय मंत्री जी को अवगत कराना चाहॅूंगी कि जब भी किसी भूमिहीन खेतिहर मजदूर परिवार के मुखिया की डेथ होती है तो उस परिवार पर विपदा टूट पड़ती है. इस स्थिति में ये जो आम आदमी बीमा योजना एवं जन श्री बीमा योजना हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय, यह पीडि़त परिवार के लिए वरदान का काम करती हैं. परन्‍तु अज्ञानतावश या कर्मचारियों की उदासीनता के चलते इन योजनाओं का लाभ सागर जिले में पिछले 2 वर्ष में शून्‍य की स्थिति में रहा है. मैं माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहूँगी कि इन योजनाओं को गुड गवर्नेंस के क्षेत्र में एक उपलब्धि की तरह लोक सेवक गारन्‍टी अधिनियम के दायरे में लायें ताकि मध्‍यप्रदेश के लाखों परिवारों को इन योजनाओं का निश्चित लाभ, निर्धारित समय पर मिल सके और मध्‍यप्रदेश गुड गवर्नेंस के क्षेत्र में एक और उपलब्धि की ओर अग्रसर हो.

                        श्री गोपाल भार्गव --  अध्यक्ष महोदय, सन् 2008 में  आम आदमी बीमा योजना और 2009 में  जनश्री बीमा योजना, जो एलआईसी है,  उसके माध्यम से  देश में शुरु हुई थी.  यह बात सही है, जैसा  कि माननीय सदस्या ने पूछा है  और मैंने जो आंकड़े देखे हैं,  जितने लोग इस दायरे में हैं,  जनश्री बीमा योजना  और आम आदमी योजना के बहुत ही कम संख्या में  ऐसे लोगों के लिये लाभ मिल सका है,  जबकि बहुत बड़ी संख्या  भरने वालों की राशि,सरकार की तरफ से जो राशि दी जाती है,  उसकी  काफी बड़ी संख्या है.  मैं माननीय सदस्या जी को अवगत कराना चाहता हूं कि  पिछले दिनों  प्रधानमंत्री जी ने 3 बीमा योजनाएं  इसी प्रकार की  देश में प्रवर्तित की हैं, देश के लिये सौंपी हैं.  विभाग का विचार यह है कि  अब आम आदमी बीमा योजना,  जनश्री बीमा योजना  धीरे धीरे  हम इसके लिये समाप्त करके  और वह तीन बीमा योजनाएं,   जो भारत सरकार ने अभी  इस साल नई देश के लिये दी हैं.  उन योजनाओं में  हम इनको भी समाहित करेंगे  और  मुझे  विश्वास है कि  इन नई बीमा योजनाओं के माध्यम से बहुत ज्यादा लोग लाभान्वित होंगे.  अभी इसमें जो लाभान्वित होने वाले लोगों का प्रतिशत है,  वह  2 प्रतिशत से भी कम है, यह बात सही है और जितनी बड़ी राशि  एलआईसी के लिये प्रीमियम के रुप में  प्राप्त हुई है,  उसका हम 5  प्रतिशत भी उसमें  प्राप्त नहीं कर सके हैं.  यह बात भी सही है, लेकिन अधिकारियों, कर्मचारियों  की इसमें कोई कमी  नहीं है.  एलआईसी में प्रकरण के  जो निर्णय हैं,  प्रकरणों के निष्पादन में, उनके फैसले करने में, उसमें थोड़ा सा विलम्ब होता है और इस कारण से अब हम नई योजनाओं  में  इन योजनाओं को समाहित  करने के बारे में विचार कर रहे हैं.

                   श्रीमती पारुल साहू केशरी -- अध्यक्ष महोदय, मैं मंत्री जी से कहूंगी कि  पिछले दो वर्षों  में जिन हितग्राहियों  को इसका लाभ नहीं मिल पाया है, इसके लिये क्या मंत्री जी  प्रदेश स्तर पर इसकी  समीक्षा के लिये समिति बनायेंगे और प्रदेश स्तर पर  पीएस द्वारा  इसकी समीक्षा करायेंगे.  साथ ही साथ जो जिला लेविल पर  कलेक्टरों द्वारा इसकी समीक्षा करायेंगे, ताकि  जो पिछले दो वर्षों में  हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पाया है,  उनको इसका लाभ मिले.

                   श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष महोदय,  यह बात सही है कि  जानकारी के अभाव में  बहुत से लोग अपने क्लेम  पेश नहीं करते और व्यवस्था की कमजोरी के कारण भी  कभी कभी क्लेम नहीं बनाये जाते हैं और समय पर नहीं भेजे जाते हैं.  मैं  जिले के सभी अधिकारियों को,  कलेक्टर्स को, जिला पंचायत के सीईओज को,  जनपद पंचायत के सीईओज को  आज ही पत्र लिख करके,  उनसे कि जो पिछले दो वर्षों से लंबित मामले हैं, यदि  वह कहीं विचाराधीन लंबित हैं,  तो उनके लिये जल्दी से जल्दी  वह संबंधित कम्पनी  के पास  भेजें और  स्वयं सम्पर्क करके  उन मामलों  को निर्णित करवायें  और जो हितग्राही हैं, जो प्रभावित लोग हैं, उनको  उसका लाभ दिलवायें.

                   श्रीमती पारुल साहू केशरी --  मंत्री जी, बहुत बहुत धन्यवाद.

                   श्री रामनिवास रावत -- अध्यक्ष महोदय, मैं  मंत्री जी से एक निवेदन करुंगा कि  इस तरह के स्थाई आदेश जारी कर दें,  कुछ परिवार ऐसे होते हैं, जो आवेदन ही नहीं कर पाते हैं.  उन्हें जानकारी ही नहीं है.  तो पंचायत सचिव और  वहां के जो भी कर्मचारी हैं,  पटवारी या पंचायत सचिव की, जिम्मेदारी फिक्स कर दें कि  ऐसे परिवार का मुखिया अगर  कोई उसमें मरता है, तो  उस अवधि में उनसे फार्म भरवाकर  के प्रस्तुत कर दें.  इसमें बड़ी दिक्कत होती है.

                   अध्यक्ष महोदय -- प्रश्न संख्या 4. ठीक है, उनका सुझाव है,  उनका उत्तर  देने की जरुरत नहीं है.

                   श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष महोदय,  जो पत्र भेजेंगे,  उसमें  उत्तरदायित्व  भी निर्धारित  कर देंगे.

मुख्‍यमंत्री सड़क योजना के तहत अमानक निर्माण कार्य

                4. ( *क्र. 5544 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली एवं कन्‍नौद विकासखण्‍ड में तृतीय चरण में जिन मार्गों का निर्माण कार्य हुआ है अथवा कार्य किया जा रहा है, इनमें निम्‍न स्‍तर का घटिया कार्य कराये जाने की शिकायतें विगत 3 वर्षों में कब-कब प्राप्‍त हुईं?  (ख) प्रश्‍नांकित निर्माण कार्य किन-किन एजेन्सियों के माध्‍यम से किया जा रहा है? क्‍या विभागीय अधिकारियों ने शिकायतों की जाँच कराई है? यदि हाँ, तो जाँच के परिणाम बतायें? (ग) किन-किन अधिकारियों ने जाँच की है? अधिकारी का नाम, पद बतावें। क्‍या शिकायतकर्ता को जाँच प्रतिवेदन से अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि हाँ, तो कब अवगत कराया गया? (घ) क्‍या दिनांक 12 जून, 2015 की जिला सतर्कता की बैठक में शेष कार्य अगस्‍त 2015 तक पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रश्‍नांकित कार्य पूर्ण हो गये हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण दें?

                पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) उक्‍त विकासखण्‍डों में निम्‍न स्‍तर का घटिया कार्य किये जाने की शिकायत दिनांक 02.08.2014 एवं 20.06.2013 को की गई है।     (ख) प्रश्‍नांकित निर्माण कार्य। (1) मेसर्स कराड़ा कंस्‍ट्रक्शन कंपनी इन्‍दौर। (2) मेसर्स सरमन इंडिया रोड मेकर्स प्रा.लि. भोपाल। (3) मेसर्स ज्‍योति कंस्‍ट्रक्शन कंपनी हरदा के माध्‍यम से किया जा रहा है। शिकायतों की जाँच कराई, जाँच में कार्य संतोषप्रद पाये गये। (ग) कार्यों की जाँच राज्‍य स्‍तरीय क्‍वालिटी मॉनिटर्स (1) श्री एस.डी. भाले (2) श्री एस.के.एस. रघुवंशी (3) श्री आर.के. खरे (4) श्री जे.एल. गाँधी से कराई गई। जाँच प्रतिवेदन से माननीय विधायक जी को दिनांक 09.02.2016 को अवगत कराया गया है। (घ) जी हाँ। सभी कार्य पूर्ण नहीं हुये हैं। कार्य अपूर्ण रहने का कारण मार्गों का वनक्षेत्र में होना, पूर्व ठेकेदार द्वारा कार्य अधूरा छोड़ने के कारण अनुबंध निरस्‍त किया जाना, निजि भूमि होना आदि है।

                   श्री चम्पालाल देवड़ा -- अध्यक्ष महोदय, मेरा प्रश्न  मध्यप्रदेश सरकार  की उन महत्वपूर्ण योजनाओं में से  एक योजना  मुख्यमंत्री सड़क योजना है,  जिससे 500  की कम आबादी वाले गांवों को  सड़क सुविधा उपलब्ध होती हैं  और यह पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की एक बहुत महत्वपूर्ण योजना है.  लेकिन मेरे विधान सभा क्षेत्र के विकास खण्ड बागली  और कन्नोद  में  तृतीय चरण में जिन सड़कों का निर्माण हुआ था,  उन सड़कों के संबंध में मैंने  शिकायत लगातार की है और विधान ससभा में भी  प्रश्न  लगाये थे, लेकिन  विभाग ने  कहा कि सिर्फ दो बार  ही शिकायत  प्राप्त हुई.  मेरा प्रश्न  मंत्री जी से यह है कि  जिन  अधिकारियों ने मेरे विधान सभा क्षेत्र में  शिकायत के बाद  सड़कों की जांच की हैं,  वह कौन कौन सी सड़कें ऐसी हैं,  जिनकी जांच की गई और जांच में  विभाग ने  इस प्रश्न के जवाब में बताया है कि  वह सड़कें ठीक पाई गईं.

            श्री गोपाल भार्गव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, देवास जिले के बागली में पैकेज नंबर 217 खजुरिया-बीना से रमलखेडी, सेकेण्ड फेस की- बडियामांडु से मेरूखेडी, मेडिया गुराडिया से बरखेड़ालाड, धावड़िया से पांजरिया, धावड़िया से बावडीखेडा, चापला-बागलीरोड से लखवाड़ा, उदयनगर से कोटखेडी, एमडीआर से डोगली, एमडीआर से चतरपुर, महीगांव से सरालीबीड, पांडु तालाब उदय नगर से अंजनूर, प्रेमगढ़ से बावडीखेड़ा, रामपुरा से सुगलियापुरा, बिलवली से लालपिपल्या, बागली पुजापुरा से कोटला, बिलावली से लाली पिपल्या, धासड़ से किट्टी , खजुरिया से सुरलाय, एमडीआर से बेलाखाड़, एमडीआर से बोरखेडी, एमडीआर से कीटखेडी..

          अध्यक्ष महोदय-- माननीय मंत्री जी यह सूची माननीय सदस्य को उपलब्ध करा दें.

          श्री गोपाल भार्गव-- अध्यक्ष महोदय, इन मार्गों का निरीक्षण हुआ है और इनकी जांच हुई है.

          श्री चम्पालाल देवड़ा- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह सड़क लगातार 2-3 साल से अपूर्ण पडी है. इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ है. घटिया निर्माण हुआ है.

          अध्यक्ष महोदय-- आप सीधा प्रश्न कर दें कि आप क्या चाहते हैं.

          श्री चम्पालाल देवड़ा-- माननीय अध्यक्ष महोदय,  मैं यह चाहता हूं कि जिन अधिकारियों ने जांच की, असत्य जानकारी विधानसभा को दी है. सबसे पहले तो उन अधिकारियों को, जिनके मंत्री जी ने नाम बताये हैं 4 अधिकारी यहां से भेजे थे, उन चारों अधिकारियों के साथ में प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को भेजकर के क्या इस मामले की जांच करायेंगे, मेरे समक्ष जांच करायेंगे, इसकी समय सीमा बतायेंगे.

          श्री गोपाल भार्गव-- माननीय अध्यक्ष महोदय, विभाग में इन सड़कों की जांच के लिये स्टेट क्वालिटी मानीटर (State Quality Monitors)होते हैं. इसमें 5 जगह, 5 स्टेट क्वालिटी मानीटर ने इनकी जांच की है कन्नौद में आर. के. खरे ने, बागली में जे. एल. गांधी ने, बागली में एस. डी. भाले ने, कन्नौद में एसकेएस रधुवंशी ने, बागली में आर. के. शर्मा ने, इन लोगों ने स्टेट क्वालिटी मानीटर्स के रूप में उसकी जांच की है. माननीय सदस्य बता दें वे कौन सी सड़क के बारे में जानना चाहते हैं हम यहां से वरिष्ठ अधिकारी चीफ इंजीनियर स्तर के अधिकारी को भेजकर के इसकी जांच करा लेंगे और गड़बड़ी पाई जायेगी तो कार्यवाही करेंगे. माननीय सदस्य चाहें तो साथ में चले जायें, वह भी बता देंगे.

          श्री चम्पालाल देवड़ा- इसकी समय सीमा और बता दें.

          अध्यक्ष महोदय-- जब आप नाम दे देंगे.

          श्री गोपाल भार्गव- इस सत्र की समाप्ति के तुरंत बाद.

          श्री चम्पालाल देवडा- धन्यवाद.

 

प्रश्न क्रमांक -5  श्री के.पी.सिंह  (अनुपस्थित)

गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व की पदस्‍थापना

6. ( *क्र. 4368 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व (एस.डी.एम.) के पद की पूर्ण कालिक स्‍थापना है या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍या शासन की कोई ऐसी मंशा है कि गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व (एस.डी.एम.) की पदस्‍थापना की जावेगी? (ख) यदि हाँ, तो कब तक? यदि स्‍थापना की जाती है, तो क्‍या अनुविभागीय अधिकारी हेतु पूर्ण कालिक स्टाफ की पर्याप्‍त उपलब्‍धता की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

        राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व (एस.डी.एम.) का पद शासन द्वारा स्‍वीकृत है। पूर्ण कालिक अनुविभागीय अधिकारी पदस्‍थ है। (ख) उतरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जी हाँ,   समय-सीमा बताना संभव नहीं।

 

          डॉ.कैलाश जाटव- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने मेरे सवाल के जवाब में जो उत्तर दिया है उससे मैं संतुष्ट नहीं हूं. इसमें (क) में मेरा प्रश्न यह था कि गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) के पद की पूर्णकालिक स्थापना है या नहीं . अगर नहीं है तो क्या शासन की कोई ऐसी मंशा है कि गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व(एसडीएम) की पद स्थापना की जायेगी. मेरे इस प्रश्न का जवाब नहीं आया है.

          अध्यक्ष महोदय-- आ तो गया है.

          डॉ.कैलाश जाटव-- अध्यक्ष महोदय नहीं आया है. जो जवाब यहां पर आया है वह असत्य है.

          अध्यक्ष महोदय-- आया है, लिखा है कि पूर्ण कालिक अनुविभागीय अधिकारी पदस्थ है.

          डॉ.कैलाश जाटव -- अध्यक्ष महोदय, गोटेगांव में अभी भी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व का नहीं है, एसडीएम जरूर बैठा हुआ है .मंत्री जी मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि यह जवाब जिस अधिकारी के द्वारा दिया गया है यह असत्य जानकारी है.

          अध्यक्ष महोदय-- मंत्री जी आप क्लीयर कर दें.

          श्री रामपाल सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य कह रहे हैं कि वह मेरे जवाब से संतुष्ट नहीं है, मैं बताना चाहता हूं कि गोटेगांव में अनुविभागीय अधिकारी अभी विधिवत काम कर रहे हैं, गोटेगांव में काम चल रहा है. फिर भी माननीय सदस्य की जो चिंता है माननीय सदस्य की जो भावना है उसका सम्मान करते हुये हम स्थाई अनुविभागीय अधिकारी पदस्थ कर देंगे .

          डॉ. कैलाश जाटव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, इस संबंध में करीब ढाई वर्षों से पत्राचार कर रहा हूं मेरा अनुरोध है  कि कब तक आदेश कर देंगे ताकि वहां की जनता को इसका लाभ मिल सके.

          श्री रामपाल सिंह -- अध्यक्ष महोदय, जल्दी ही, शीघ्र आदेश कर देंगे.

पुरानी छाबनी ग्‍वालियर स्थित भूमि का नियम विरूद्ध आवंटन

7. ( *क्र. 2622 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पुरानी छाबनी तहसील व जिला ग्‍वालियर के सर्वे क्रमांक 783, 784, 785, 786 की भूमि मिसिल बंदोबस्‍त संवत 1997 खसरा के खाना नं. 3 में मिल्कियत सरकार ग्‍वालियर गवर्नमेंट तथा खाना नं. 6 में कब्रिस्‍तान अंग्रेज कब्‍जे तहसील वशरह नं. 497 दर्ज है? (ख) इंडियन चर्च एक्‍ट 1997 की किस धारा व नियम के तहत चर्च ऑफ इंगलैण्‍ड की संपत्ति इंडिया में होने पर चर्च ऑफ इंडिया में समायोजित की गई थी? ग्राम छाबनी तहसील ग्‍व‍ालियर की मिसिल बंदोबस्‍त संवत 1997 में किस खसरे में सर्वे नं. 783, 784, 785 एवं 786 की भूमि चर्च ऑफ इंग्‍लैण्‍ड की थी? (ग) क्‍या उक्‍त भूमि ग्राम पंचायत की मांग पर नायब तहसीलदार रायरू (ग्‍वालियर) ने जनहित में दिनांक 17.08.2009 को शासकीय इंटर कॉलेज पुरानी छाबनी हेतु आरक्षित कर दी थी? (घ) यदि हाँ, तो तत्‍कालीन कलेक्‍टर ग्‍वालियर ने दस्‍तावेज का सत्‍यापन किए बिना चर्च को अनुचित लाभ पहुँचाकर इंडियन चर्च ट्रस्‍टीज चर्च ऑफ इंडिया सी.आई.पी.बी.सी. डायसीस ऑफ नागपुर सी.आई.पी.बी.सी. के नाम दर्ज आदेश निरस्‍त कर राजस्‍व खसरे में शासकीय दर्ज कराकर भूमि की हेराफेरी करने वाले दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध जाँच कराकर कब तक कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

 

राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) :

          डॉ.गोविंद सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने मेरे प्रश्न के (ख) में जवाब दिया है कि इंडियन चर्च एक्ट 1997 नाम का कोई अधिनियम नहीं है. मैं इसलिये यह बात जानना चाहता हूं कि इसके पूर्व जुलाई और दिसम्बर सत्र में प्रश्न लगा था उसमें विभाग द्वारा लिखा गया था कि चर्च एक्ट इतने-इतने के तहत जमीन आवंटित की गई है.पहले आपने यह दे दिया तो मैं माननीय मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि पहले का उत्‍तर सही था कि आज का. अगर पहले गलत उत्‍तर दिया था, जिन अधिकारियों ने दिया उनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे एक. एक ही बार में पूछ लेता हूं. दूसरा आपने लिख दिया न्‍यायालय प्रक्रिया के तहत है, चलो ठीक है न्‍यायालय का मामला है तो उसमें ज्‍यादा नहीं बोलते, लेकिन जो न्‍यायालय के बाहर है चूंकि उस भूमि को पूर्व में शासकीय इंटर कॉलेज छाबनी के लिये आवंटित की गई थी. अब भूमि जब पुन: शासकीय घोषित हो गई फिर लोग उस पर कब्‍जा करेंगे, फिर मनमानी तरीके से बंदरबाट करेंगे. तो क्‍या उस भूमि को पुन: आप जनहित में छात्रों के हित में पूर्व में करीब 10-11 वर्ष शासकीय इंटर कॉलेज की भूमि रही है, तो पुन: उसको शासकीय इंटर कॉलेज छाबनी बोर्ड के लिये निर्धारित निर्देशित करेंगे कि पुन: वह शासकीय इंटर कॉलेज को दे दी जाये ताकि वहां भवन बन सके.

श्री रामपाल सिंह-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इंडियन चर्च एक्‍ट 1997 का आपने पूछा था, वास्‍तव में सही यह है कि 1927 का है यह इंडियन चर्च एक्‍ट, तो आज का आप सही मान लेंगे, यह आज का सही है. दूसरा आपका धन्‍यवाद है कि आप सरकारी जमीन की चिंता कर रहे हैं और दिनांक 20.1.16 को हमने पूर्वानुसार राजस्‍व अभिलेख में जमीन को शासकीय दर्ज कर लिया है और इंटर कॉलेज या जहां भी जरूरत है, वह आवेदन करेंगे अध्‍यक्ष महोदय सरकारी जमीनों की कहीं इस तरह की मांग होती है तो हम निश्चित रूप से इंटर कॉलेज या कहीं भी, लेकिन मैं इस बात को जरूर कहूंगा मैं आपको विश्‍वास दिलाऊंगा कि जो जमीन है उसका सही उपयोग होगा, जो दुरूपयोग करेंगे उस पर हम लोग कार्यवाही करेंगे.

डॉ. गोविंद सिंह--  मेरी आपसे प्रार्थना है कि वह जमीन इंटर कॉलेज के लिये थी और   7-8 वर्ष इंद्राज रही तो स्‍कूल के बच्‍चों ने और क्षेत्र के लोगों ने जनहित में कुछ सहयोग भी किया और भवन बनबाना चाहते थे, तब तक उस पर कब्‍जा होकर उसको किसी दूसरे के नाम घोषित कर दी, अब पुन: आप इंटर कॉलेज को दे दो एक तो बीच बस्‍ती की जमीन है फिर किसी की निगाह होगी फिर सांठ-गांठ करके कब्‍जा कर लेंगे लोग अपने नाम करा लेंगे, कोर्ट कचहरी में जाकर एकतरफा अधिकारी मिल जाते हैं, इसलिये पुन: आप शासकीय घोषित कर दें इंटर कॉलेज के लिये तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी.

अध्‍यक्ष महोदय--  कॉलेज के लिये चाहते हैं वह जमीन.

श्री रामपाल सिंह--  अध्‍यक्ष महोदय इसका अच्‍छा सुझाव माननीय गोविंद सिंह जी ने दिया है, इस जगह को शासकीय दर्ज कर ली है, अगर और कहीं नहीं बना होगा तो कॉलेज की तरफ से वह एक आवेदन कर दें कलेक्‍टर ग्‍वालियर को, निश्चित रूप से आपके सुझाव पर गंभीरता से, बहुत ही गंभीरता से विचार किया जायेगा.

 

मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना का क्रियान्‍वयन

8. ( *क्र. 3311 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना में बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने ग्राम जोड़े जाने की पात्रता रखते हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित ग्रामों को जोड़े जाने के संबंध में विभाग की क्‍या कार्य योजना है एवं उल्‍लेखित ग्रामों को कब तक इस योजना के तहत जोड़ दिया जावेगा? (ग) सुदूर ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सुदूर बसे ग्रामों को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ने की कोई योजना लंबित है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो प्राथमिकता के आधार पर इन सुदूर बसे ग्रामों को कब तक जोड़ दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 36 ग्राम जोड़े जाने की पात्रता रखते हैं। (ख) मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पात्र ग्रामों को जोड़े जाने की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। निर्माण कार्यों की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रचलन में होने से उक्‍त ग्रामों को जोड़ने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। सुदूर ग्राम संपर्क सड़क योजनांतर्गत मनरेगा के अभिसरण से आंतरिक मार्ग, मजरे टोले एवं खेत समूह को जोड़ने की उपयोजना स्‍वीकृत की गई है। इस योजनांतर्गत कार्यों की स्‍वीकृति का निर्णय पंचायतीराज संस्‍थाओं द्वारा लिया जाता है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

श्री विष्‍णु खत्री--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरे प्रश्‍न में मैंने माननीय मंत्री महोदय से यह जानना चाहा था कि बैरसिया विधानसभा के अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जो मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत जुड़ने की पात्रता रखते हैं, तो माननीय अध्‍यक्ष महोदय विभाग ने बड़ी चतुराई से जो गत वर्ष स्‍वीकृत हुये थे मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजना में जो ग्राम जोड़े जाने हे‍तु उनकी जानकारी इसमें दे दी है और वह भी 38 की जगह 36 दी है, और माननीय मंत्री जी हमारे प्रभारी मंत्री भी हैं, लेकिन उनकी कृपा नहीं बरस रही है, बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में.

          अध्‍यक्ष महोदय--  आप प्रश्‍न पूछ लें सीधे.

श्री विष्‍णु खत्री--  मेरा इसमें केवल इतना निवेदन है कि जो गांव जोड़ लिये गये हैं उनके स्‍थान पर जो गांव जोड़े जाने हैं वह मेरी मंशा थी कि उन गांवों को विभाग शामिल करेगा कहीं न कहीं और मैं माननीय मंत्री महोदय से उसमें आश्‍वासन चाह रहा था. इसमें भैंसखेड़ा से चोपड़ा, कलारा से उनीदा, दिल्‍लौद से रूसल्‍ली, ईंटखेड़ी से मस्‍तीपुरा, शाहपुर से परवलिया, पुरा छिंदवाड़ा से शेखपुरा, अगरिया से छापर, मुगालिया हाट से रातीबड़, डांगापुरा से ललोई और कड़ैयाचबर से ललोई और इसी प्रकार माननीय अध्‍यक्ष महोदय, बरखेड़ा खुर्द से गांधीनगर....

          अध्‍यक्ष महोदय--  लिस्‍ट में कितने हैं, आप यहां पढ़ने की बजाय उनको दे दीजिये. अब पूछ लीजिये इनका क्‍या करना है.

श्री विष्‍णु खत्री--  माननीय मंत्री जी क्‍या आश्‍वस्‍त करेंगे कि यह जो गांव जो पात्रता रखते हैं मुख्‍यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत जुड़ने की, क्‍या माननीय मंत्री जी इस वित्‍तीय वर्ष के अंदर उनको इस योजना में शामिल करेंगे­.

            श्री गोपाल भार्गव--अध्यक्ष महोदय, हम लोगों ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना बनायी है वैसे तो जो प्रश्न माननीय विधायक जी ने पूछा वह राजमाता सिंधिया महाविद्यालय का, लेकिन मैं समझा कि कुछ त्रुटि है, मैंने उसमें विश्वविद्यालय की जानकारी दी क्योंकि महाविद्यालय विश्वविद्यालय में ही संलग्न है. मैं समझता हूं कि इसमें कहीं कोई भ्रम की स्थिति नहीं है. अनेक तरह के मदों को वित्त विभाग अकेले कृषि ही नहीं, सभी क्षेत्रों में देता है. मैं एक बात कहना चाहता हूं कि आयोजना सामान्य मांग संख्या 54, इसमें भी प्रावधान वर्ष 2013-14, 2014-15, एवं 2015-16 में किया गया है. आदिवासी उपयोजना मांग संख्या 54 में भी प्रावधानित किया गया है, अनुसूचित जाति उप योजना मांग संख्या 64 में भी प्रावधानित किया गया है. तीन मदों से पैसा सभी महाविद्यालयों को, विश्वविद्यालय को और अनेक संस्थाओं को दिया जाता है. लोक निर्माण विभाग तक के पुलों के निर्माण के लिए आदिवासी उपयोजना का पैसा दिया जाता है.

श्री संजय उइके - अध्यक्ष महोदय, मेरे पास में प्लॉनिंग कमीशन की दिनांक 18.6.2000 की गाईडलाईन है, जिसमें साफ निर्देश हैं कि गैर आदिवासी क्षेत्र में अनुसूचित जातियों के लिए जो योजनाएं हैं सीधे उनका लाभ देने के लिए व्यय की जा सकती है नहीं तो किसी भी विभाग को सांकेतिक आवंटन नहीं होगा. यह साफ निर्देश हैं. क्या इस निर्देश का उल्लंघन नहीं है?

श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन- मुझे लगता है आप यह दे दें, हम इसे फाईनेंस को भेज देंगे.

श्री संजय उइके - धन्यवाद.

फर्जी निर्वाचन में लिप्‍त कर्मियों की पदोन्‍नति/स्‍थानांतरण

12. ( *क्र. 5447 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2011-12 में हुए अंजनी प्रा.उ.स.भं.मर्या. चन्‍दला (छतरपुर) के फर्जी निर्वाचन की जाँच उपरांत पुष्टि हो चुकी है? यदि हाँ, तो संबंधित जाँच प्रतिवेदन में संलिप्‍त दोषी कर्मियों के नाम/पदनाम उल्लेखित करें? (ख) क्‍या उक्‍त कर्मियों के विरूद्ध विभागीय जाँच के आदेश जारी हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त कर्मियों के नाम/पदनाम, विभागीय जाँच संस्‍थापित करने का आदेश क्र./दि., जाँच अधिकारी का नाम/पदनाम, कर्मियों की अधिवार्षिकी आयु की तिथि, प्रश्‍न दिनांक तक विभागीय जाँच पूर्ण/अपूर्ण, अपूर्ण होने के कारण सहित जानकारी स्‍पष्‍ट करें कि उक्‍त जाँच प्रतिवेदन के परिप्रेक्ष्‍य में विभागीय जाँच के अंतिम आदेश पारित न करने के लिए कौन दोषी है? दोषी अधिकारी का नाम/पदनाम लेख कर बताएं। (ग) क्‍या विभागीय जाँच लंबित रहते उक्‍त में से किसी कर्मी को पदोन्‍नति का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त कर्मी का नाम/पदनाम लेख करें? (घ) क्‍या उक्‍त पदोन्‍नति आदेश में यह उल्‍लेख है कि पदोन्‍नत कर्मचारी के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्‍थापित हो, तो पदोन्‍नति‍ आदेश स्‍थगित रखकर कार्यमुक्ति/कार्यग्रहण न कराया जाए? यदि हाँ, तो निर्देशों की अनदेखी कर उक्‍त कर्मी के पक्ष में कार्यमुक्ति आदेश जारी कर कार्य ग्रहण कराकर पदोन्‍नति लाभ व स्‍थानांतरण जैसे प्रतिकूल आदेश जारी किये गये हैं? उक्‍त प्रतिकूल आदेश जारी करने वाले दोषी अधिकारी के नाम/पदनाम का उल्‍लेख करें। (ड.) क्‍या शासन उक्‍त प्रतिकूल आदेशों को तत्‍काल प्रभाव से निरस्‍त कर उक्‍त अधिकारियों के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘एक’’ अनुसार है। (ख) जाँच में दोषी पाये गये अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘दो’’ अनुसार है। विभागीय जाँच प्रक्रियाधीन होने से कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ‘‘’’ के परिप्रेक्ष्य में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को पदोन्नति का लाभ नहीं दिया गया, किन्तु प्रशासकीय आवश्यकता के आधार पर एक कर्मचारी का स्थानान्तरण किया गया है, जिसमें कोई अधिकारी दोषी नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश ‘‘’’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पाँच''

श्री मानवेन्द्र सिंह - अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्नांश क के उत्तर में माननीय मंत्री जी ने स्वीकार किया है कि अंजनी प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार मर्यादित चन्दला के संचालक मंडल को फर्जी तरीके से निलंबित किया है. मैं माननीय मंत्री जी से आग्रह करना चाहता हूं कि क्या दोषी पाये गये जो अधिकारी-कर्मचारी के नाम परिशिष्ट में दिये हैं, इसकी रिपोर्ट शासन को दिनांक 13.4.2012 को प्राप्त हुई है. क्या उन दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे?

श्री गोपाल भार्गव - अध्यक्ष महोदय, इसमें से वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक श्री तिवारी को निलंबित किया गया था, इसके अलावा कुछ अधिकारियों को चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन जैसा माननीय सदस्य ने अवगत कराया है, जो रिपोर्ट आई है उस रिपोर्ट के आधार पर इसमें जो भी दोषी होंगे उनके विरुद्ध भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी.

श्री मानवेन्द्र सिंह - अध्यक्ष महोदय, क्योंकि यह रिपोर्ट से सिद्ध हो गया है तो मैं माननीय मंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि इस संस्था को फिर से चालू कराने का आदेश प्रदान करेंगे?

श्री गोपाल भार्गव - अध्यक्ष महोदय, चूंकि यह अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया होती है, इसलिए इसके हायर कोर्ट में जो भी होगा, उसमें हम निर्देशित करेंगे कि वस्तु स्थिति की जानकारी लेकर, उसका परीक्षण करके यथासंभव उसकी बहाली की कोशिश करेंगे.

श्री मानवेन्द्र सिंह - धन्यवाद, माननीय मंत्री जी.

 

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

13. ( *क्र. 5006 ) श्री आरिफ अकील : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल जिला सहकारी बैंक द्वारा किसानों की ऋण गारंटी में रखी भूमि को ओने-पौने दामों पर रसूखदारों एवं बैंक के कथित अधिकारियों की मिलीभगत से वर्ष 2001 में नीलामी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो बैंक के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा किन-किन रसूखदारों से मिलीभगत कर किन-किन किसानों की कितनी-कितनी कृषि भूमि कितनी-कितनी राशि में नीलाम की गई, वास्‍तविक कीमत सहित बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (क)-(ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या उक्‍त अनियमितता को लेकर माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा दोषियों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही किए जाने एवं किसानों को उनकी भूमि वापिस दिलाए जाने का निर्णय दिया है? यदि हाँ, तो कब तक किसानों को भूमि वापिस कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. भोपाल द्वारा 25 ऋणी सदस्यों की बंधक भूमि वर्ष 2001 में कलेक्टर दर से भिन्न दरों पर नीलाम की गई है, जिसमें बैंक के अधिकारियों की संलिप्तता प्रकाश में आई है। (ख) 25 ऋणी सदस्यों की 125.63 एकड़ भूमि राशि रुपये 16.86 लाख में नीलाम की गयी थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) बैंक द्वारा की गई भूमि नीलामी के विरूद्ध ऋणी कृषक श्री आजम खान एवं श्रीमती अकबरी बानों द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील की गई थी। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा उक्तानुसार कृषकों द्वारा प्रस्तुत सिविल अपील क्रमांक 723/2016 एवं सिविल अपील क्रमांक 724/2016 में दिनांक 02/02/2016 को आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिये गये हैं कि अपीलार्थियों द्वारा 6 माह की अवधि के भीतर 6 प्रतिशत ब्याज दर से बैंक को मूलधन के भुगतान करने पर अपीलार्थियों को भूमि वापिस की जाये, बैंक द्वारा नीलामी से भूमि क्रय करने वाले व्यक्तियों को रू. 50,000/- की राशि 6 प्रतिशत की ब्याज दर से 2 माह की अवधि में वापस की जाए तथा लोकायुक्त कार्यालय द्वारा अपनी जाँच रिपोर्ट में दर्शित निष्कर्षों के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जाए। माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के परिपालन में राशि जमा कराने एवं क्रेता को लौटाने की कार्यवाही प्रचलन में है। लोकायुक्त कार्यालय में प्रकरण पंजीकरण की प्रक्रिया में है। बैंक के दोषी अधिकारियों को पूर्व में ही दण्डित किया जा चुका है।

परिशिष्ट - ''छ:''

श्री आरिफ अकील - अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से अनुरोध करना चाहता हूं कि आप निष्पक्ष, सख्त और इंसाफ के लिए मशहूर हैं. लेकिन वर्ष 2001 से यह 160 किसान दर-दर, मारे-मारे फिर रहे हैं, इनकी जमीन वर्ष 2001 में बहुत वीवीआईपी, आईएएस, आईपीएस और बड़े बड़े लोगों ने खरीद ली. ये किसान आपके पास भी आए थे, तिवारी जी के माध्यम से इन्होंने आपसे भी अनुरोध किया. अन्नदाता की जमीन अगर नीलाम होती है तो जमीन का कुछ हिस्सा उसके खाने के लिए छोड़ देते हैं. लेकिन वरिष्ठ लोगों की इतनी मनमानी चल रही थी कि बैंक के लोगों के साथ सांठ-गांठ करके उनकी पूरी-पूरी की जमीन नीलाम कर दी. वह अन्नदाता जो दूसरों को अन्न देते थे, वे आज अन्न के लिए मोहताज हैं. मैं माननीय मंत्री जी से अनुरोध करना चाहता हूं कि आप आज नरम क्यों पड़ रहे हैं? हमने आपसे सबके नाम पूछे, लेकिन आपने हमें कम नाम दिये. 140 लोगों की सूची तो मेरे पास में हैं, 20 की सूची मुझे नहीं मिल पाई. क्या बात है, किसकी पर्दादारी हो रही है, क्यों उन लोगों के नाम छिपाए जा रहे हैं, जो वरिष्ठ पदों पर विराजमान थे, जिन्होंने यह जमीन औने-पौने दामों पर खरीद ली? अध्यक्ष जी, जमीन किसी गांव की और डोंडी पिट रही है टी.टी. नगर में, वल्लभ भवन के पास! यहां पर नीलामी की कार्यवाही हो रही है. मैं आपसे यह अनुरोध करना चाहता हूं कि एक तो पहले उनकी सूची उपलब्ध कराएंगे और उसके हिसाब से क्या न्याय करेंगे? फिर अगला सवाल मैं आपसे पूछ लूंगा. वर्ष 2001 से जो ये लोग जमीन से वंचित हैं, दानों से वंचित हैं उनके लिए आप क्या व्यवस्था करेंगे?           

          श्री गोपाल भार्गव -- माननीय अध्यक्ष महोदय यह जो कृषि ग्रामीण विकास बैंक की भूमि की नीलामी का काम हुआ था. जैसा कि माननीय सदस्य को भी जानकारी है की मैंने ही इसमें 2004 में कार्यवाही शुरू करवायी थी, भोपाल जिले के किसान मेरे पास में आये थे. उन्होंने जब मुझे अवगत कराया कि उनकी जमीन बंधक है, लेकिन कुछ अधिकारियों कर्मचारियों ने जो कि एलडीबी के थे, उन्होंने उस जमीन का विक्रय कर दिया था, और विक्रय भी पारदर्शिता के साथ में नहीं किया गया है. उन्होंने जमीन का विक्रय औने पौने दाम पर कर दिया है. उ स समय की नोट शीट, दस्तावेज इस बात का गवाह हैं, अकील साहब भी बता सकते हैं कि मैंने ही 2004 में पहल की थी और उन तमाम लोगों के खिलाफ में प्रासीक्यूट करवाने का काम किया था. आज वह सारे के सारे अधिकारी जो कि इसके लिए उत्तरदायी हैं. ज्वाइंट रजिस्ट्रार, डीआर भी, एआर भी, आडिट आफिसर भी, इंस्पेक्टर भी इन सभी को निलंबित करने का काम  मैंने किया है. जिन लोगों ने भूमि क्रय की है उन लोगों से भूमि वापस लेने का काम, न्यायालय के माध्यम से भी हुआ है. मैं अवगत कराना चाहता हूं कि न्यायालय ने जो आदेश दिया है कि यह भूमि जितने में नीलाम हुई थी तो क्रेता के लिए उतना पैसा देकर उसका कुछ ब्याज देकर वह भूमि भूमिधारी जो कि किसान है उ सको वापस कर दी जाय. लेकिन अभी तक बहुत से किसानों ने -- क्योंकि छोटी राशि में वह भूमि नीलाम हुई थी --  वह राशि भी अभी तक वापस नहीं की है इस कारण  से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ है जिस दिन भी यह राशि जमा कर दी जायेगी कैंप लगाकर , हम यह भूमि उनको वापस दिलायेंगे. आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.

          श्री आरिफ अकील -- अध्यक्ष महोदय सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होता है वह रूलिंग बन जाती है. यह फैसला दो लोगों के नाम से होकर आया है. 160 लोगों के नाम पर उनकी जमीन स्थानांतरित करने की कार्यवाही आपने नहीं की है. उनका  उस पर पजेशन और कब्जा नहीं है. सरकार तो जीरो प्रतिशत ब्याज पर किसानो को ऋण दे रही है किसानों की सरकार है. अब मैं नहीं कहता कि किसानों के कौन कौन लोग इसके मुखिया है कौन कौन लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं. मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि जो आपकी मूल रकम है उसको भी आप लोन दिलवा दें. उनको फिर से लोन दिलवाकर वह अपना खाता क्लीयर कर लें और उनका जो ब्याज है वह आप माफ कर दें. आपकी बडी कृपा होगी मैं आपसे यह निवेदन कररहा हूं. ऐसा अगर आप करेंगे तो कितने दिन में करेंगे यह भी बतायें. 14 वर्ष में तो वनवास भी समाप्त हो गया था यह तो 2001 से अभी तक 15 वर्ष हो गये हैं.

          श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष महोदय भोपाल जिले की जमीन है. 10 - 10 एकड़ जमीन है. कुल 50 हजार रूपये वापस करना है. 10 एकड़ जमीन बंधक है. वह भी नहीं लौटा रहे हैं तो यह तो सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के खिलाफ होगा सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है, यह सभी के लिए एक समान बाध्यकारी है. मैं कहना चाहता हूं कि आप यह राशि वापस करवा दें. एक बात जो मैं सदन में नहीं कहना चाहता था. अभी भी वह लोग खेती कर रहे हैं अधिकांश क्रेताओं का उस पर पजेशन नहीं है. मुख्य बात यह है कि उसमें से आधी सी जमीन किसानों ने दूसरे लोगों को बेच भी दी है.

          श्री आरिफ अकील -- माननीय अध्यक्ष महोदय  मेरा अनुरोध इतना सा है कि जैसा आपने कहा कि वह उस पर खेती कर रहे हों, आप उऩके नाम पर हस्तांतरण नहीं करा रहे हैं. छोटे छोटे किसानों को जो सुविधाएं मिलती हैं वह वे नहीं ले पा रहेहैं. आप लोग तो बहुत दयालू और कृपालू हैं किसानों के लिए तो पूरा बजट आपने बनाकर रखा है. इन 160 किसानों को छोटे छोटे पैसे का लोन दे दें लोन को अदा कर देंगे वह, एक बात जरूर कहना चाहता हूं कि मेहरबानी करके इसमें जो लोग भी खरीदने और बेचने में दोषी हैं उनके खिलाफ में आपने आज तक उनके नाम से एफआईआर नहीं हुई है. क्या उऩके नाम से एफआईआर करायेंगे और अगर वह किसान पैसा जमा कर देंगे तो कितने दिन में आप उनके नाम से जमीन स्थानांतरित कर देंगे, जैसा कि आपने अभी फरमाया है कि अगर वह पैसा जमा कर देंगे तो जमीन उनके नाम से स्थानांतरित कर देंगे, और आप जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण दे रहे हैं तो क्या उन किसानों का  प्रतिशत ब्याज माफ करेंगे क्या.

          श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष महोदय चूंकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है सभी लोग सुप्रीम कोर्ट गये थे. जो लोग गये थे उस कारण से वह साइटेशन बन गई है. माननीय सदस्य से आग्रह करना चाहता हूं कि हम ब्याज न तो कम कर सकते हैं और न बढ़ा सकते हैं. न हम मूल कम कर सकते हैंऔर न ही बढ़ा सकते हैं. उच्च्तम न्यायालय का आदेश है उसके परिपालन में जब भी वह राशि जमा करेंगे. हम करा देंगे.

          श्री आरिफ अकील -- अध्‍यक्ष महोदय, आखिरी सवाल,

          अध्‍यक्ष महोदय -- नहीं आरिफ जी, आपके तीन प्रश्‍न हो गए. आपको बहुत समय दिया और भी प्रश्‍न हैं. आपसे अनुरोध है मेरा.

          श्री आरिफ अकील -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं केवल इतना कहना चाहता हूँ कि ब्‍याज माफ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मना तो नहीं किया. आप ब्‍याज माफ कर सकते हों तो कर दें बस यही आपसे अनुरोध करना चाहता हूँ.

          श्री गोपाल भार्गव -- अध्‍यक्ष महोदय, ब्‍याज माफ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भले ही मना नहीं किया है, इसका परीक्षण करा लेंगे, एक साइटेशन बन जाएगी फिर और इसके बाद अन्‍य प्रकरणों का भी इसी आधार पर निपटारा करना होगा, लिटिगेशन फिर से पैदा हो जाएगा.

          प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित मार्ग

14. ( *क्र. 3797 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में जिला कटनी के वि.स.क्षे. बड़वारा के अंतर्गत वि.खं. बड़वारा, कटनी ढीमरखेड़ा के कितनी जनसंख्‍या के कौन-कौन से ग्राम प्र.मं.ग्रा.स.यो. के अंतर्गत पक्‍की सड़कों से जोड़े गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में किन ग्रामों की किन सड़कों का निर्माण पूर्ण हो गया है? किनकी निविदा कब स्‍वीकृत हुईं, कब कार्य आदेश जारी हुये हैं, किन तिथियों में किस चरण के कितने कि.मी. के कार्य पूर्ण हुये हैं? कार्य रूकने के कारण क्‍या हैं और कौन से कार्य कब पूर्ण होंगे? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के किन्‍हीं प्रचलित मार्गों के निर्माण की अवधि पूर्ण हो गई है और उनमें से किनका रिन्यूवल कार्य पूर्ण हो चुका है और किनके विषय में क्‍या कार्यवाही चल रही है? (घ) ज.पं. ढीमरखेड़ा के खमतरा से महगवां की कितनी कि.मी. की सड़क कब स्‍वीकृत हुई है और उसका निर्माण कब प्रारंभ किया गया है तथा किस स्‍तर तक कार्य पूर्ण हुआ है और कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?

पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार है।          (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कें विगत तीन वर्षों में पूर्ण हुई हैं। अतः सभी सड़कें गारंटी अवधि में हैं। गारंटी अवधि समाप्त होने के पश्चात्‌ बी.टी. रिन्यूवल का कार्य कराया जाता है, अतः उक्त किसी भी सड़क पर न तो बी.टी. रिन्यूवल का कार्य प्रारंभ किया गया है और न ही रिन्यूवल कराने की कोई कार्यवाही चल रही है। (घ) जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के खमतरा से महगवां सड़क का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत दिनांक 29.12.2011 को स्वीकृत कर माह मई, 2013 में प्रारंभ किया गया है। सड़क की विभिन्न लंबाईयों में जी.एस.बी./डब्ल्यू.एम.एम./बी.टी./सी.सी. स्तर तक का कार्य पूर्ण हुआ है। कार्य पूर्ण कराये जाने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''सात''

          श्री मोती कश्‍यप -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, प्रश्‍न का उत्‍तर तो आया है और उत्‍तर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के संदर्भ में 8 गांवों के 8 मार्गों को पूर्ण बताया गया है और 16 मार्गों में से एक मार्ग का ठेका निरस्‍त हो गया है, दूसरे के निविदा की कार्यवाही चल रही है. 14 मार्ग हैं जिनको एक वर्ष में पूर्ण होना था, 3 वर्ष व्‍यतीत हो गए उसके बाद भी प्रगतिरत हैं यह बताया गया है.

          अध्‍यक्ष महोदय -- सीधे प्रश्‍न कर दें.

          श्री मोती कश्‍यप -- अध्‍यक्ष महोदय, मैं प्रश्‍न करते हुए थोड़ा सा आग्रह करूंगा.

          अध्‍यक्ष महोदय -- आग्रह करते हुए प्रश्‍न कर दें परंतु जल्‍दी कर दें.

          श्री मोती कश्‍यप -- अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी से मेरा आग्रह केवल इतना है कि जो प्रगतिरत मार्ग हैं इन्‍हें 1 वर्ष के स्‍थान पर 3-3 वर्ष हो गए हैं तो इनकी समीक्षा वगैरह करते रहें ताकि शीघ्र पूरे हो सकें. एक मार्ग खमतरा से महगवां तक जिसका कि उत्‍तर '''' में दिया हुआ है इस मार्ग पर दिनांक 6.2.2016 को एक आदिवासी परिवार मोटरसाइकिल पर जा रहा था, उस मार्ग में जिस ढंग से गिट्टियां बिछी हैं वह तो ठेका निरस्‍त कर दिया गया है, वहां पर जो मुरम वगैरह बिछी है उससे स्‍लिप होकर वे गिरे तो एक महिला जिसका नाम रेखा बाई है और उसके 2 साल के बच्‍चे की मौत हो गई है, तो किसी विधि यदि उनको कोई सहायता मिल सके उस आदिवासी परिवार को तो उसकी चिंता हो जाए और दूसरी बात समीक्षा करते हुए उन मार्गों को प्रगति प्रदान करें ताकि उन 14 मार्गों का निर्माण पूरा हो सके.

          श्री गोपाल भार्गव -- अध्‍यक्ष महोदय, खमतरा से महगवां मार्ग का निर्माण हम शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण करवाने का भी काम कर लेंगे और माननीय विधायक महोदय को भी अवगत कराते रहेंगे. शेष मार्गों का काम भी पूर्णता की ओर है और जहां तक मृत्‍यु का सवाल है तो हम मुख्‍यमंत्री जी से निवेदन करेंगे कि वे अपनी अनुकंपा से अपने रिलीफ फंड से उसके लिए कुछ राशि प्रदान करें.

          श्री मोती कश्‍यप -- अध्‍यक्ष महोदय, धन्‍यवाद.

          लीज़ पर दी गई भूमि की शर्तें

15. ( *क्र. 4039 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिला टिमरनी नगर परिषद सीमा के नगर टिमरनी क्षेत्र में कितनी शासकीय भूमि है, शासकीय कुल भूमि का कितने-कितने भाग पर क्‍या-क्‍या उपयोग किया जा रहा है? क्षेत्रफल, खसरा नंबर सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें।       (ख) टिमरनी नगर परिषद सीमा के नगर टिमरनी क्षेत्र में शासन द्वारा राधा स्‍वामी सत्‍संग सभा दयाल बाग, आगरा को कितनी भूमि किन शर्तों पर किस प्रयोजन हेतु किस वर्ष में कितने वर्षों के लिए लीज़ पर दी गई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या शासन द्वारा लीज़ में दिए गए राधा स्‍वामी सत्‍संग सभा दयाल बाग, आगरा की टिमरनी नगर परिषद सीमा में स्‍वयं की भूमि है? यदि हाँ, तो क्षेत्रफल, खसरा सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें? (घ) प्रश्‍नांश (ख) (ग) के संदर्भ में क्‍या शासन जनहित एवं शासकीय प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि की लीज़ निरस्‍त कर सकते हैं? यदि हाँ, तो नीति निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें?

                माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरे प्रश्‍न में मैं आपका संरक्षण चाहता हूँ, माननीय मंत्री जी का संरक्षण चाहता हूँ और सरकार से आशीर्वाद भी चाहता हूँ क्‍योंकि जो प्रश्‍न मैं करने जा रहा हूँ यह कोई साधारण प्रश्‍न नहीं है. बहुत पहुँच वाले लोगों के संबंध में मेरा प्रश्‍न है. दयाल बाग की राधा स्‍वामी सत्‍संग संस्‍था है जो शासकीय भूमि पर लीज उन्‍होंने टिमरनी में ले रखी है उसके विरुद्ध में यह प्रश्‍न था.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, कहां-कहां पर किस-किस रकबे में उनको लीज दी है यह तो मुझे माननीय मंत्री जी ने जानकारी दी लेकिन मेरा मूल प्रश्‍न यह था कि जनहित में, नगर हित में क्‍या उनकी यह लीज समय से पूर्व निरस्‍त करेंगे क्‍योंकि उनके पास उनके स्‍कूल चलाने के लिए उसी रकबे से लगी हुई 17 एकड़ की भूमि है और आपने खुद अपने उत्‍तर में स्‍वीकारा है कि उनके पास स्‍वयं की भूमि 17 एकड़ वहां पर उपलब्‍ध है तो किसी भी संस्‍था को स्‍कूल चलाने के लिए इससे ज्‍यादा भूमि की आवश्‍यकता पड़ती हो, यह मुझे नहीं लगता. जनहित में यह किया जा सकता है क्‍योंकि हमारा नगर छोटा है.

          अध्‍यक्ष महोदय -- आपका प्रश्‍न आ गया है और प्रश्‍न में ही सारी बातें क्‍लियर हैं.

          श्री संजय शाह मकड़ाई -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपका संरक्षण चाहता हूँ, मेरा मूल प्रश्‍न यह था और आप उत्‍तर दिलवा दें कि क्‍या जनहित में यह सरकार निर्णय लेगी समय से पूर्व लीज समाप्‍त करने का क्‍योंकि वहां पर दूसरी शासकीय जमीन नहीं है इसलिए क्‍या इस जमीन को समय से पूर्व फ्रीहोल्‍ड करवाएंगे ?

          अध्‍यक्ष महोदय -- उत्‍तर तो दिया है उन्‍होंने, माननीय मंत्री जी आपने इसमें उत्‍तर में ''जी नहीं'' दिया है पर आप उनको कुछ बता दें.                                                           

            श्री रामपाल सिंह-- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय विधायक जी को उत्तर हमने दे दिया है. लीज का समय भी 30 वर्ष के लिए है. 1993 में लीज दी है, 2023 तक का समय है और इसका प्रयोजन भी निश्चित है. राधा स्वामी सत्संग की जो समिति है, इसको शर्तों के आधार पर लीज दी है. अगर लीज की शर्तों का राधा स्वामी सत्संग, समिति अगर  कोई गड़बड़ या अनियमितता कर रही है तो निश्चित रुप से गंभीरता से उस पर कार्यवाही करेंगे और अगर माननीय विधायक जी के ध्यान में और भी कोई तथ्य हों तो बता दें, बाकी और सब जानकारी आपको उपलब्ध करा दी लेकिन जो लीज पर जमीन दी है इसमें निश्चित रुप से जो माननीय सदस्य बिन्दु बतायेंगे उन पर कार्यवाही करेंगे.

          श्री संजय शाह मकड़ाई-- माननीय अध्यक्ष जी, यह न्यायालय अनविभागीय अधिकारी महोदय हरदा के प्रकरण क्रमांक 712//20/1 वर्ष 89-90 आदेश दिनांक 25.1.90 के सम्पूर्ण प्रकरण आदेश की मूल प्रति हमें उपलब्ध करा दें क्योंकि इस प्रकरण के आधार पर उनको लीज दी गयी थी. इसकी मूल प्रति आज दिनांक तक किसी के पास भी नहीं है. हमने हरदा जिले में एसडीएम महोदय  और कलेक्टर महोदय से भी लेना चाहा लेकिन  इसकी सत्यप्रतिलिपि किस आधार पर दी गयी थी इसकी सत्यप्रतिलिपि हमें आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हो पायी है. जैसा मैंने पूर्व में आपसे अनुरोध किया कि जनहित में एकमात्र हमारे पास खेल मैदान के लिए जमीन शासकीय वह है क्योंकि ऐसा न हो, वहां पर कोई ऐसा असंतुलन का वातावरण बनें, कोई अप्रिय घटना हो जाए क्योंकि आज टिमरनी एक बारूद के ढेर पर बैठा हुआ है, कभी भी कानून-व्यवस्था की  स्थिति वहां पर बन सकती है. जनहित में शासन यह फैसला ले, उस संस्था के पास आलरेडी बहुत सारी जमीन है इसलिए इस जमीन को छोड़ दें, ऐसा मैं माननीय मंत्री महोदय से आश्वासन चाहता हूँ.

          श्री रामपाल सिंह-- अध्यक्ष महोदय, जिस आदेश की कापी का माननीय विधायक जी उल्लेख कर रहे हैं उसको हम माननीय विधायक जी को उपलब्ध करा देंगे.

          श्री संजय शाह मकड़ाई-- अध्यक्ष जी, समय सीमा बता दें,कब तक उपलब्ध करा देंगे

          श्री रामपाल सिंह-- आज ही करा देंगे.

          श्री संजय शाह मकड़ाई-- धन्यवाद अध्यक्ष महोदय.

प्रश्न संख्या 16  (अनुपस्थित)

प्रश्न संख्या 17  (अनुपस्थित)

प्रश्न संख्या 18   (अनुपस्थित)

सोयाबीन फसल की बीमा राशि का भुगतान

19. ( *क्र. 5036 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नरसिंहगढ़ तहसील के सभी पटवारी हल्‍कों के कृषकों को सन् 2014-15 की सोयाबीन फसल बीमा राशि का भुगतान कर दिया गया है? (ख) प्रश्‍न की कंडिका (क) की उपलब्‍ध जानकारी अनुसार जिन पटवारी हल्‍कों के कृषकों की बीमा राशि का भुगतान नहीं हुआ, उनको भुगतान कब तक किया जावेगा? अगर भुगतान नहीं किया जायेगा, तो कारण बतायें।

किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) राष्‍ट्रीय कृषि बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2014 मौसम हेतु नरसिंहगढ़ तहसील के उन पात्र कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि का पूर्ण भुगतान नोडल बैंको के माध्‍यम से किया गया, जिनकी अधिसूचित क्षेत्र की अधिसूचित फसल हेतु उपज में कमी पाई गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार।

          श्री गिरीश भंडारी-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मंत्री जी ने जो मुझे जानकारी दी है, उसमें मेरा आखिरी का जो प्रश्न था कि अगर भुगतान नहीं किया जायेगा तो  कारण बता दें. वह कारण मुझे इस परिशिष्ट में नहीं बताया गया है क्योंकि इसमें 14 पटवारी हल्के में बीमा की राशि का भुगतान नहीं किया गया है.कारण नहीं बताया कि क्यों नहीं किया गया.

          श्री गौरीशंकर बिसेन-- माननीय अध्यक्ष महोदय, 3 साल के औसत फसल पर थ्रेशहोल्ड आता है. 14 पटवारी हल्का नम्बर में बीमा तो हुआ था लेकिन थ्रेशहोल्ड का जो उत्पादन है उसका और वास्तविक उत्पादन में, वास्तविक उत्पादन ज्यादा आया है इसलिए उनको बीमे के दावे नहीं मिल सकते हैं.

          श्री गिरीश भंडारी-- माननीय मंत्री जी, जो आपने यह बात कही है वह असत्य है इसलिए कि वहां पर शासन ने मुआवजा भी दिया है और उनका जो परसेंटेज है, वह परसेंटेज बीमा की श्रेणी में आता है. पटवारी की जो रिपोर्ट, प्रशासन की जो रिपोर्ट, जो बीमा कम्पनी को गयी है उसमें वह परसेंटेज बीमा देने की पात्रता में  आता है.

          श्री गौरीशंकर बिसेन-- माननीय अध्यक्ष महोदय, जो पात्रता में आता था उनको दिया गया. इस 14 पटवारी हल्का नम्बर वह है जहां पर थ्रेशहोल्ड से वास्तविक उत्पादन ज्यादा आया है और  यह  भी वास्तविक उत्पादन फसल कटाई के प्रयोग के बाद आता है और इसलिए उनके दावे नहीं दिये जा सकते. जब हम इतना पैसा दे रहे हैं  तो इसको क्यों नहीं देते.

          श्री गिरीश भंडारी-- माननीय मंत्री जी,  मैं आपको रिकार्ड उपलब्ध करा सकता हूँ. अध्यक्ष महोदय, मैं आपका संरक्षण चाहता हूँ कि मैं इसका रिकार्ड उपलब्ध करा सकता हूँ कि  वहां पर फसल कटाई के प्रयोग इस तरह के आये हैं कि उनको बीमा मिलना चाहिए था. जो दूसरी जगह फसल कटाई के प्रयोग आये हैं वही कटाई के प्रयोग वहां आये हैं लेकिन उनको बीमा नहीं मिला, मेरा यह प्रश्न है कि वह कटाई का प्रयोग जो दूसरी जगह जहां मिले हैं और उस कटाई के प्रयोग और इस कटाई के प्रयोग में कोई अन्तर नहीं है.

          श्री गौरीशंकर बिसेन-- माननीय अध्यक्ष महोदय,  राजस्व विभाग के द्वारा फसल कटाई के तजुर्बे जो किये जाते हैं उसके आधार पर मैं कह रहा हूँ इसलिए मैं अपने कथन पर प्रामाणिकता के साथ बात कर रहा हूँ  इसमें कहीं कोई असत्यता नहीं है.

          अध्यक्ष महोदय--  प्रश्न संख्या 20 , श्री ओमप्रकाश धुर्वे.

श्री गिरीश भंडारीमेरे प्रश्न का उत्तर नहीं आया है.

          अध्यक्ष महोदय--  आपके प्रश्न का उत्तर आ गया है बिल्कुल साफ उत्तर आ गया है .

          श्री गिरीश भंडारी--  कहाँ आया उत्तर मेरा यह कहना है कि जो फसल कटाई के प्रयोग..

          अध्यक्ष महोदय--  आपका कहना वह है उनका कहना वह है उत्तर आ गया कि वह उस केटेगिरी में नहीं आते हैं.

          श्री गिरीश भंडारी--  जहाँ दी है वहाँ और इसमें कोई फर्क नहीं है तो फिर क्यों नहीं दिया गया मेरा यह कहना है कि जहाँ दी है वहाँ से यहाँ में कोई फर्क नहीं है.

          अध्यक्ष महोदय--  उनका कहना है कि वह प्रमाणिकता से बोल रहे हैं ऐसा बोला है उन्होंने. प्रश्न क्रमांक 21 श्री लाखन सिंह यादव प्रश्न करें.

          श्री  गिरीश भंडारी--  मैं उनको इस बारे में रिकार्ड उपलब्ध करा दूंगा, मैं रिकार्ड उपलब्ध करा दूंगा तो क्या आप कार्यवाही करेंगे...(व्यवधान)...

          अध्यक्ष महोदय---  वह  रिकार्ड उपलब्ध कराने का कह रहे हैं.

          श्री गौरीशंकर बिसेन--  अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय सदस्य को बताना चाहता हूं कि जो राहत राशि है, वह नजरिया आधार पर दी जाती है और फसल कटाई के जो बीमे के दावे हैं जो फसल कटाई के परिणाम आते हैं उसके आधार पर देते हैं.

          श्री गिरीश भंडारी--  मेरा यह कहना है कि क्या उसकी जांच कराएंगे अगर फसल कटाई के प्रयोग सही हैं तो.

          श्री गौरीशंकर बिसेन---  कोई जांच नहीं कराएंगे क्योंकि आप अंतर को समझिये राहत की राशि नजरिया सर्वे पर होती है और फसल कटाई और फसल कटाई तजुर्बे के अनुसार राशि दी जाती है.....(व्यवधान).....

          श्री गिरीश भंडारीमंत्री जी , आप गुमराह कर रहे हैं मैं फसल कटाई की बात कर रहा हूं, मैं बीमा कंपनी की बात कर रहा हूं मैं मुआवजे की बात नहीं कर रहा हूं.....(व्यवधान)....मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं आया है और जो फसल कटाई का प्रयोग जो बीमा कंपनी को गया हैं मैं उसकी बात कर रहा हूं...(व्यवधान)... मैं इस बात का प्रमाण दे रहा हूं.

          श्री गौरीशंकर बिसेनइसमें जांच की कोई आवश्यकता ही नहीं है. यह सरकार किसानों की है ..(व्यवधान).. इनके जिले में 7 करोड़ रुपये हम दे रहे हैं. ...(व्यवधान)कहीं कोई सरकार कमी नहीं कर रही है.

          श्री गिरीश भंडारी--- अध्यक्ष महोदय, मेरा कहना है कि जो फसल कटाई के प्रयोग बीमा कंपनी को गये हैं वह रिकार्ड देने के तैयार हूं.

          श्री रामनिवास रावत--  आप फसल कटाई को तो ठीक करो.

          श्री गौरीशंकर बिसेन--- फसल कटाई के परिणाम के आधार पर बीमे निर्धारित होते हैं और नजरिये आधार पर आरबीसी से भुगतान होते हैं...(व्यवधान)...

          अध्यक्ष महोदयआप उत्तर तो सुन लीजिये वह कह रहे हैं. मंत्री जी कुछ कह रहे हैं वह आप सुन लीजिये.

          श्री गिरीश भंडारी ---  अध्यक्ष महोदय, मेरा यह निवेदन है कि मंत्री जी मुआवजे की बात कर रहे हैं मैं मुआवजे की बात नहीं कर रहा हूं मैं तो यह कह रहा हूं कि जो फसल कटाई के प्रयोग जो बीमा कंपनी को गये हैं, जिन पटवारी हल्को को नहीं मिला है अगर उनका समान होगा , तो क्या मंत्री जी उन पटवारी हल्को को भी बीमा का लाभ देंगे मेरा यह पूछना है.

          श्री गौरीशंकर बिसेन---  अध्यक्ष महोदय, मैं जिस बात को कह रहा हूं उसको माननीय सदस्य समझने का प्रयास करें राजस्व विभाग के द्वारा यह फसल कटाई के तजुर्बे किये जाते हैं और वह एसएलआर की वेबसाईट पर अपलोड होते हैं, उसी के आधार के देते हैं.

          अध्यक्ष महोदय--  वह यह कह रहे हैं कि जितना रिपोर्ट में बीमा दिया गया है उतनी रिपोर्ट उनकी भी है. ऐसा इनका कहना है तो क्या आप वह रिपोर्ट देख लेंगे, आप रिपोर्ट उपलब्ध करा दीजिये.

          श्री गिरीश भंडारी---  मैं रिपोर्ट उपलब्ध करा दूंगा तो क्या आप उनको बीमा मिलेगा.

          अध्यक्ष महोदय--  आप सिर्फ रिपोर्ट उपलब्ध करा दीजिये उसके बाद की मत पूछिये. श्री लाखन सिंह यादव अपना प्रश्न करें.

          श्री गिरीश भंडारी--  उसके बाद क्या उनको बीमा नहीं मिलेगा क्या. यदि मैं रिपोर्ट उपलब्ध करा दूंगा तो उनको बीमा मिलना चाहिए ना उनको.

          श्री रामनिवास रावत--  उसके बाद की बात क्यों नहीं पूछे.

          अध्यक्ष महोदय--  वह परीक्षण कराएंगे आप पहले रिपोर्ट तो उपलब्ध करायें....(व्यवधान)...

          श्री रामनिवास रावत--  यह प्रदेश के किसानों से जुड़ा हुआ बहुत गंभीर मामला है.

          श्री अजय सिंहवह रिपोर्ट उपलब्ध करा देंगे तो परीक्षण के बाद राशि देंगे या नहीं यह बता दें....(व्यवधान)...

          श्री गिरीश भंडारी--  मैं रिपोर्ट उपलब्ध करा दूंगा तो क्या उनको बीमा मिलेगा.

          श्री हरदीप सिंह डंग---  अध्यक्ष महोदय, इसका उत्तर दिलवायें.

          अध्यक्ष महोदय--  वह रिपोर्ट तो उपलब्ध करायें उस रिपोर्ट का मंत्री जी परीक्षण करा लें जो माननीय सदस्य देंगे.

          श्री गिरीश भंडारी--  यदि वह रिपोर्ट सही पाई जाएगी तो क्या उनको बीमा मिलेगा यह मुझे आश्वस्त करा दें.

          श्री गौरीशंकर बिसेन---  अध्यक्ष महोदय, यह 2014 का विषय है हम 2015 की ओर बढ़ चुके हैं....(व्यवधान)..

          श्री गिरीश भंडारी--  2014 का है तो इसका मतलब बीमा नहीं मिलेगा. यदि 2014 में कोई गल्ती हो गई तो अब बीमा नहीं मिलेगा उसका खामियाजा किसान क्यों भुगतेगा.

          अध्यक्ष महोदयश्री लाखन सिंह यादव अपना प्रश्न करें.

          श्री रामनिवास रावत--  आपके प्रशासकीय रिपोर्ट के आधार पर...

          श्री गौरीशंकर बिसेनयदि रिपोर्ट देने में राजस्व विभाग ने गलती की है तो(व्यवधान)...हमारे राजस्व मंत्री बैठे हैं, वह पटवारी के ऊपर कार्यवाही करेंगे और अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगे.

          श्री रामनिवास रावत--  अध्यक्ष महोदय, उन्होंने तो रिपोर्ट दी है उनके ऊपर आप कार्यवाही क्यों करेंगे.

          श्री गिरीश भंडारी--  क्या किसानों को बीमा मिलेगा...(व्यवधान)...जिन किसानों का गलती से नुकसान हुआ है उनको क्या बीमा मिलेगा.

          श्री अजय सिंह---  इसमें किसानों की गलती नहीं है. यदि 2014-15 का मामला है तो राशि दिलाएंगे या नहीं. कृपा करके मंत्री महोदय से जानकारी दिलाने का कष्ट करें.

          श्री रामनिवास रावतमंत्री जी, आपके प्रशासनिक रिकार्ड के आधार पर , क्राप कटिंग के आधार पर बीमा दिलाएंगे या नहीं.

          श्री गिरीश भंडारी--  मैं तो बस यह आश्वासन चाहता हूं कि बीमा दिलाएंगे या नहीं. मेरा सीधा सा प्रश्न है यदि मैं रिकार्ड उपलब्ध कराऊँगा तो मंत्री जी उनका बीमा दिलाएंगे...(व्यवधान)...

11.30 बजे                                       बहिर्गमन       

इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा शासन के उत्तर से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन

 

          श्री अजय सिंह ---  हम शासन के उत्तर से असंतुष्ट है , बहिर्गमन करते हैं.

          श्री गिरीश भंडारी--  मंत्री जी , सरासर सदन को गुमराह कर रहे हैं. रिकार्ड होने के बाद उनको बीमा देना नहीं चाह रहे हैं. हम बहिर्गमन करते हैं.

(श्री अजय सिंह,सदस्य के नेतृत्व में  इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा ता. प्र. सं. 19  ( क्र. 5036) के उत्तर से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन किया गया. )

         

          प्रश्न संख्या 20 (अनुपस्थित)

          अध्यक्ष महोदय--  प्रश्नकाल समाप्त.

 

(प्रश्नकाल समाप्त)

 

 

 

            अध्यक्ष महोदय--  शून्यकाल की सूचनाएँ....

शून्यकाल में उल्लेख.

          श्री जितू पटवारी(राऊ)--  माननीय अध्यक्ष महोदय, आपकी अनुमति से कहना चाहता हूँ. यह मध्यप्रदेश में एक बहुत चिन्ता का विषय है. मैं विरोध स्वरूप बात नहीं कह रहा हूँ. कल की एक घटना है तेन्दूखेड़ा ग्राम खिरकिया की, एक दलित बच्चे को जिस तरीके से स्कूल के हैंडपंप में पानी नहीं पीने दिया गया. इससे निंदनीय और कोई काम नहीं हो सकता है. मैं यह शिक्षा मंत्री और आदिम जाति कल्याण मंत्री जी के संज्ञान में लाना चाहता हूँ...(व्यवधान)..जिस तरीके से खिरकिया गाँव में एक 8 वर्ष के बच्चे को तीसरी क्लास के बच्चे को दलित था इसलिए पानी नहीं पीने दिया गया.

          अध्यक्ष महोदय-- आपकी बात आ गई.

          श्री जितू पटवारी--  वह एक पास की बावड़ी में पानी पीने को उतरा और डूबने से उसकी मौत हो गई. (शेम शेम की आवाज) मैं समझता हूँ कि इस तरीके से मध्यप्रदेश के दलितों और अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं और भेदभाव किए जाने का जितना इस सरकार में निंदनीय कृत्य होने लगा है, अधिकारियों द्वारा, कर्मचारियों द्वारा, तंत्र द्वारा...

          अध्यक्ष महोदय-- आपकी बात आ गई. आप बैठ जाएँ.  श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह अपनी बात कहें.

          श्री जितू पटवारी--  उसकी निंदा करते हैं. अध्यक्ष जी, मेरा आप से अनुरोध है इस पूरी घटना की क्या सरकार जाँच करवाएगी?..(व्यवधान)..

          अध्यक्ष महोदय--  नहीं,  यह प्रश्नकाल नहीं है.

          श्री जितू पटवारी--  आगे ऐसी घटना न हो इसका कोई....

          अध्यक्ष महोदय--  अब आप बैठ जाएँ. आपको टाइम दिया...(व्यवधान)..नहीं,  जबर्दस्ती नहीं कर सकते...(व्यवधान)..शून्यकाल में सिर्फ अपनी बात कह सकते हैं.

          श्री जितू पटवारी--  अध्यक्ष जी, दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं...(व्यवधान)..

          अध्यक्ष महोदय-- ठहर जाइये. अभी आप बैठ जाएँ. टाइम दे रहे हैं. उनकी तो सुन लें. आप ही लोगों का नुकसान हो रहा है...(व्यवधान)..आपकी बात आ गई. श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह अपनी बात कहें...(व्यवधान)..

          श्री रामनिवास रावत--  माननीय अध्यक्ष महोदय....(व्यवधान)..

          अध्यक्ष महोदय--  उनको बोल लेने दें. उनका विषय आ गया. अब वे दूसरे को बोलने ही नहीं दे रहे. आप उनको तो बिठाओ...(व्यवधान)..नरेन्द्र सिंह कुशवाह जी को टाइम दिया है उसके बाद आप बोल लेना. (माननीय सदस्य श्री हरदीप सिंह डंग द्वारा नवदुनिया अखबार दिखाने पर) अखबार अन्दर रखिए. .(व्यवधान)..

          श्री हरदीप सिंह डंग--  (xxx).. ..(व्यवधान)..

          अध्यक्ष महोदय--  अखबार अन्दर रखिए. अखबारों को मत दिखाइये. बैठ जाएँ.श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह बोलें. कुछ नहीं आएगा रिकार्ड में. सिर्फ नरेन्द्र सिंह कुशवाह का आएगा..(व्यवधान)..

          श्री हरदीप सिंह डंग--  (xxx) .(व्यवधान)..

          श्री कमलेश्वर पटेल--  (xxx) .(व्यवधान)..

          श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह(भिण्ड)--  माननीय अध्यक्ष महोदय, यह शिक्षा से संबंधित बहुत गंभीर विषय है...(व्यवधान)..अध्यक्ष महोदय, इनको शांत करिए.

          अध्यक्ष महोदय-- आप बोलिए. आपका तो रिकार्ड में आ रहा है. आप अपनी बात बोलिए. सब शांत हो गए...(व्यवधान)..

          श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह-- सारा भ्रष्टाचार तुमने किया है. भ्रष्टाचार की जगत जननी हों तुम कुछ भी बोलने लगोगे.

          अध्यक्ष महोदय-- आप अपनी बात बोलिए.

          श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह--  कुछ भी बोलोगे तुम.

          अध्यक्ष महोदय-- माननीय नरेन्द्र सिंह कुशवाह जी, आप कृपा करके अपनी बात बोलिए.

          श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह--  अध्यक्ष महोदय, 16 हजार छात्रों के साथ भिण्ड जिले में खिलवाड़ की गई. जो माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा हो रही है. उसमें 16 हजार छात्र परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं क्योंकि शिक्षा मंडल के नियम हैं कि शासकीय विद्यालय का सेंटर प्रायवेट स्कूल में कर दिया गया और प्रायवेट स्कूल का सेंटर शासकीय स्कूल में किया गया है. 50-50 किलोमीटर की दूरी पर जो सेंटर बनाए गए हैं....

          अध्यक्ष महोदय--  ठीक है. आपकी बात आ गई.

          श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह--  क्या वहाँ छात्र-छात्राएँ जा सकते हैं? इसलिए हमारे ध्यानाकर्षण पर चर्चा कराई जाए.

          अध्यक्ष महोदय--  आपकी बात आ गई. उसको देख लेंगे.

          श्री रामनिवास रावत(विजयपुर)-- संसदीय मंत्री जी, सत्तापक्ष के लोगों की क्या हालत हो गई. शून्यकाल विपक्ष के लिए होता है. माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं निवेदन करना चाहता हूँ जो 12 वीं की परीक्षा के पेपर वाला मुद्दा था, स्थगन दिया था...

          अध्यक्ष महोदय--  अभी उस पर वक्तव्य आ रहा है.

          श्री रामनिवास रावत--  उस पर दूसरी स्थिति उत्पन्न हो गई है. जो पूरे पेपर में से, प्रश्न पत्र में से वह प्रश्न निलंबित किया है, 10 नंबर का...

          अध्यक्ष महोदय--  अभी माननीय मंत्री जी उस पर वक्तव्य दे रहे हैं. आप कृपया दो मिनट बैठ जाएँ.

 

 

11.35 बजे                        नियम 267-क के अधीन विषय

                   अध्यक्ष महोदय--निम्नलिखित माननीय सदस्यों की सूचनाएं सदन में पढ़ी हुई मानी जाएंगी--

1.         श्री यशपाल सिंह सिसोदिया

2.       श्री सुदर्शन गुप्ता

3.       श्री आर.डी. प्रजापति

4.       श्री रमाकांत तिवारी

5.       श्री अरुण भीमावद

6.       श्री रामनिवास रावत

7.       श्री संजय पाठक

8.       पं. रमेश दुबे

9.       श्री कमलेश्वर पटेल

10.     श्री बहादुर सिंह चौहान

 

 

 

 

 

 

 

11.36 बजे                                  मंत्री का वक्तव्य

म.प्र.माध्यमिक शिक्षा मण्डल की बारहवीं की परीक्षा में दिए गए निबंध के संबंध में

          अध्यक्ष महोदय--अब, माननीय संसदीय कार्य मंत्रीजी स्कूल शिक्षा के प्रश्न पत्र के संबंध में अपना वक्तव्य देंगे.

          संसदीय कार्यमंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्र)--माननीय अध्यक्ष महोदय,

 

            रामनिवास रावत--माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्रीजी जो वक्तव्य पढ़ रहे हैं यह पटल पर रखा गया है उससे भिन्न पढ़ रहे हैं. माननीय अध्यक्ष महोदय, पहली आपत्ति तो मेरी यही है कि..

          वन मंत्री (डॉ.गौरीशंकर शेजवार)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, पाइंट ऑफ ऑर्डर.

          श्री रामनिवास रावत--डॉक्टर साहब यह शून्यकाल है इसमें पाइंट ऑफ ऑर्डर नहीं होता है, स्थगन में पाइंट ऑफ ऑर्डर नहीं होता है.

          अध्यक्ष महोदय--पढ़ लेने दीजिये उनको.

          डॉ.गौरीशंकर शेजवार--माननीय अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम पुनरीक्षित 15 वां संस्करण, यह किताब मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा हम सब सदस्यों को उपलब्ध कराई गई है इसके पेज क्रमांक 114 के 263 क्रम को मैं पढ़ना चाहता हूँ "लोक महत्व के किसी विषय पर अध्यक्ष की सम्मति से मंत्री द्वारा वक्तव्य दिया जा सकेगा" माननीय मंत्रीजी द्वारा वक्तव्य लोक महत्व के विषय पर दिया गया है. आगे इसमें लिखा है "किन्तु जिस समय वक्तव्य दिया जाए उस समय कोई प्रश्न नहीं पूछा जाए." अध्यक्ष महोदय 263 को मैंने और भी आगे 115 पेज पर पढ़ा इसमें कहीं उल्लेख नहीं है कि कोई भी सदस्य इस पर भाषण देगा या विपक्ष के नेता भाषण देंगे या उस पर कोई प्रक्रिया बतायेंगे. अध्यक्ष महोदय, मेरा विनम्र अनुरोध है कि मंत्री के वक्तव्य के बाद विषय यहीं पर समाप्त हो जाना चाहिए और  इस विषय पर न तो किसी के द्वारा प्रश्न पूछा जाएगा और न किसी का वक्तव्य आएगा. यह नियम का हवाला दिया है .

            अध्‍यक्ष महोदय, मेरी विनम्र प्रार्थना है कि यह सदन जो है आपके द्वारा और सदन के द्वारा नियम समिति द्वारा बनाये गये नियमों के अनुसार चलना चाहिये. इसलिये यह विषय अब समाप्‍त हो गया है, अब किसी का कोई भाषण नहीं होना चाहिये. मैंने जो भी बात बोली है वह पढ़कर और नियम बताकर कोड की है. मेरी विन्रम प्रार्थना है कि अब इसके बाद को कोई वक्‍तव्‍य या प्रश्‍न इस पर नहीं आयेगा.     

          अध्‍यक्ष महोदय :- उन्‍होंने जो बात उठायी है, उसका उत्‍तर सुन लें.

                 श्री मुकेश नायक :- अध्‍यक्ष महोदय, मैं क्लियर करना चाहता हूं कि शून्‍यकाल और स्‍थगन प्रस्‍ताव पर उन्‍होंने जो पाईंट आफ आर्डर कोड किया है उसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है. हम लोग भी मंत्रिमण्‍डल के सदस्‍य रहे हैं. सरकार के किसी भी मंत्री को चलती हुई विधान सभा में अपना वक्‍तव्‍य रखने का अधिकार है लेकिन अध्‍यक्ष महोदय यह शून्‍यकाल है और यह स्‍थगन प्रस्‍ताव हमने पहले से इस सदन दिया है.इसलिये यह जो पाईंट ऑडर मंत्री जी ने उठाया है, इस समय इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है. अगर अनुदान मांगों पर चर्चा हो रही होती या प्रश्‍नकाल के बाद या कोई दूसरी जाब होता या किसी अधिनियम पर चर्चा हो रही होती तो उस समय मध्‍यप्रदेश में किसी सरकार के मंत्री ने वक्‍तव्‍य दिया होता तो उस समय इसकी प्रासंगिकता है, उस समय प्रश्‍न नहीं पूछा जा सकता लेकिन यह शून्‍यकाल है यह स्‍थगन प्रस्‍ताव का समय है. इसलिये जो मंत्री जी ने औचित्‍य का प्रश्‍न उठाया है, उसका कोई अर्थ नहीं है.

          श्री उमाशंकर गुप्‍ता :- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जब जब हाउस डिस आर्डर होगा तब तब पाईंट ऑफ आर्डर होगा. अव्‍यवस्‍था होती तो व्‍यवस्‍था प्रश्‍न पैदा होगा.

          अध्‍यक्ष महोदय :- माननीय मंत्री जी ने जो विषय उठाया और माननीय मुकेश नायक जी ने भी उस पर अपनी बात की.

          डॉ गौरीशंकर शेजवार :- अध्‍यक्ष महोदय, मैंने तो नियम बताया है और इन्‍होंने तो अंदाजिया बात की है, दोनों की तुलना तो हो नहीं सकती.

          अध्‍यक्ष महोदय :- आप लोगों की बात आ गयी है, उस पर बहस करने की आवश्‍यकता नहीं है.

          श्री उमाशंकर गुप्‍ता :- माननीय शेजवार जी ने जो बताया है कि माननीय मंत्री जी का कोई वक्‍तव्‍य आया है, यह शून्‍यकाल का क्‍या विषय रह गया है, जो माननीय मुकेश नायक जी कर रहे हैं. किसी मंत्री को वक्‍तव्‍य देने का अधिकार है और जब वक्‍तव्‍य आया है तो उसके लिये जो नियम है वह माननीय शेजवार जी ने बताया है और उस समय माननीय शेजवार जी उस वक्‍तव्‍य के बारे में जब प्रश्‍न उठ रहे हैं और नियम बता रहे हैं तो औचित्‍यहीन कैसे हो गया है.

          श्री मुकेश नायक :- हमारे प्रश्‍न पूछने का और चर्चा करने का अधिकार है. यह मैं कहना चाहता हूं. मैं वक्‍तव्‍य पर टिप्‍पणी नहीं कर रहा हूं.

          अध्‍यक्ष महोदय :- आप लोग बहस नहीं करें. माननीय मंत्री जी बात और माननीय वरिष्‍ठ सदस्‍य मुकेश नायक जी की बात मैंने सुनी, पर माननीय संसदीय कार्य मंत्री जी के वक्‍तव्‍य के बाद मैंने श्री रामनिवास रावत जी को उनकी बात रखने की अनुमति दी है परन्‍तु उनसे अनुरोध है कि वह अपनी बात रखें, यह कोई प्रश्‍नकाल नहीं है और प्रश्‍न होता भी नहीं है. वह अपनी बात रखें और उस पर कोई प्रश्‍न उत्‍तर नहीं होंगे.

          श्री रामनिवास रावत :- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, बात तो रख सकतें या नहीं रख सकते.

          अध्‍यक्ष महोदय:- आप अपनी बात रखें आपको अनुमति पर संक्षेप में अपनी बात रखें.

          डॉ गौरीशंकर शेजवार :- आप कृपा पर बोल रहे हों. कहीं कोई नियम पर नहीं बोल रहे हो.      

          श्री रामनिवास रावत:- नियम है, आप स्‍थगन प्रस्‍ताव आप देख लो.

          डॉ गौरीशंकर शेजवार :- अगर कोई नियम है तो पढ़कर बताओ. स्‍थगन प्रस्‍ताव पर चर्चा नहीं है.

          श्री रामनिवास रावत:- सदन को आप नहीं चलाते.सदन को आसंदी चलाती है.

          अध्‍यक्ष महोदय :- उनको दो मिनट का समय दिया है, आप उनको बोलने दें.

          डॉ गौरीशंकर शेजवार:- अध्‍यक्ष महोदय, आपकी कृपा पर बोल रहे हैं. यह लिखा जाए कि आपकी कृपा पर बोल रहे हैं, यह लिखा जाये. आपको अधिकार नहीं है.

          श्री रामनिवास रावत:-आसंदी की कृपा पर ही सदन चलता है.

          डॉ गौरीशंकर शेजवार :-  आपका अधिकार नहीं है, आप स्‍पीकर की कृपा पर बोल रहे हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय:- मेरा अनुरोध है कि सभी सदस्‍य यहां अधिकार से आते हैं और अधिकार से ही बोलते हैं. मैं तो सिर्फ संचालन करता हूं, इसलिये उनका अधिकार है सदन में बोलने का. इसलिये उनका अधिकार है सदन में बोलने का, उसकी अनुमति मैंने दी है.

          श्री जितू पटवारी :- डॉ साहब आप वन मंत्री जरूर हैं, इसलिये आप जंगल के कानून कायदे यहां पर नहीं लगवाओ.       

          डॉ गौरीशंकर शेजवार:- मैंने तो नियम पढ़कर बताये और यह जंगल के कानून बता रहे हैं. अध्‍यक्ष महोदय, इन्‍हें प्रताडि़त किया जाये. मैंने एक शब्‍द भी विधान सभा के नियम से अलग कोई बात नहीं की आप नये नये सदस्‍य हो आप कुछ सीखो. हालांकि जंगल मेरा है,मैं जंगल के कानून बता सकता था. मुझे प्रायरिटी है लेकिन मैंने विधान सभा के कानून बताये हैं और मैं फिर एक बार कहूंगा कि यह तो माननीय अध्‍यक्ष महोदय का बड़प्‍पन है कि इनको महत्‍व दे रहे हैं लेकिन ये आज कृपा पात्र हैं. कृपा पात्र .                                     

          श्री मुकेश नायक -  नये सदस्यों से माननीय मंत्री जी ने कुछ सीखने के लिये कहा है मैं नये सदस्यों से कहना चाहता हूं कि इनका आचरण न सीखें नहीं तो व्यवधान पुरुष के रूप में उनकी  भी छवि विधान सभा में बन जायेगी.

          अध्यक्ष महोदय - श्री रामनिवास रावत जी कृपया संक्षेप में अपनी बात कहें.

          श्री रामनिवास रावत - माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा जी ने वक्तव्य टेबल किया  वह दूसरा था यह दूसरा पढ़ा है.

          डॉ.नरोत्तम मिश्र - माननीय अध्यक्ष जी, एक्चुअल में इन्होंने अंतिम समय में एक नयी बात अंकों से संबंधित रेज की थी मैंने उसको सम्मिलित किया है वह भी आ गया है आपके पास पहुंच रहा है.

          श्री रामनिवास रावत - पेपर सेटर और माडरेटर को आपने निलंबित किया है लेकिन इसके लिये और भी लोग जिम्मेवार हैं. आपका विधियोचित प्रमुख कौन होता है जो इस पेपर को सलेक्ट करता है इस पेपर को वह भी देखता है आपका सचिव भी रहता है. केवल इतनी बड़ी घठना घटित हो जाने के बाद निश्चित रूप से व्यवस्था है कि इस तरह के विषय नहीं आयें यह नियमों में है जो राज्य में या जनहित में न हो जनता के विपरीत हो और इसके लिये पूरी व्यवस्था की गई है उसके बाद भी सेटर जो प्रायवेट स्कूल की व्याख्याता है और माडरेटर एक वरिष्ठ अध्यापक है. क्या वरिष्ठ  अध्यापक को माडरेशन का कार्य करने के लिये अधिकृत कर रहे हैं क्या इसके लिये कोई योग्यता नहीं है. यह ऐसे महत्वपूर्ण विषय हैं इसके साथ-साथ एक अकादमिक व्यवस्था और होती है इनकी विधियोचित विभाग जो पूरे प्रश्न को यह देखता हैकि यह विधियोचित है कि नहीं विधि के अनुकूल है कि नहीं यह देखने वाला कौन था. यह आपने स्पष्ट नहीं किया. यह कार्यवाही नहीं की और इसकी सूचना सचिव तक को दी जाती है इसके लिये सहायक संचालक होता है और वह कंट्रोलर को सूचना देता है.कंट्रोलर सचिव को सूचना देता है कि पेपर ठीक सेट हो गये तब कहीं जाकर आपका पेपर सलेक्ट होता है. ऐसे कई विषय हैं कई ऐसी बातें हैं जो इस तरह से आईं कि जातिगत आधार पर आरक्षण देश के लिये घातक. इसी तरह से एक विषय और आया था कि दूरदर्शन भी युवा पीढ़ी के लिये घातक, फिर कहोगे कि इंटरनेट भी युवा पीढ़ी के लिये घातक. कई ऐसी बातें हैं जो चर्चा में आयेंगी यदि आप समय पर चर्चा की अनुमति देंगे. दूसरी जो बात मैंने सदन में नहीं बाहर उठाई थी कि जो छात्रों का प्राप्तांक वह 490 रह जायेगा. आपने कहा कि समानुपातिक पद्धति से हम नंबर देंगे. इसमें मैं सहमत हूं लेकिन इसमें विसंगति यह है कि हो सकता है कि किसी लड़के के मात्र 45 अंक आ रहे हों और यही निबंध का प्रश्न इस ढंग का किया हो कि वह 8 या 9 नंबर प्राप्त कर सकता हो तो उसके साथ यह अन्याय भी होगा समानुपातिक पद्धति से नंबर देने का मैं नहीं समझता कि यह न्याय है ठीक है आपने समानुपातिक पद्धति से निर्णय किया है. मैं चाहता हूं कि सरकार इसके बोनस अंक दे दे. दस के दस नंबर सभी छात्रों को दे दे तो वह उचित रहेगा और सरकार इस पर विचार करे.

          श्री मुकेश नायक - माननीय अध्यक्ष महोदय, माध्यमिक शिक्षा मण्डल में सेट सिस्टम लागू हुआ है.एक ही परीक्षा के एक ही विषय के अनेक प्रश्न पत्र माध्यमिक शिक्षा मण्डल में विद्यार्थियों को दिये जाते हैं. इसको सेट सिस्टम कहते हैं. कोई प्रश्नपत्र आउट हो जाये या कोई गलत प्रश्न पूछ लिया जाये तो विद्यार्थियों को दूसरा प्रश्नपत्र दे दिया जाता है तो सेट सिस्टम का उपयोग क्यों नहीं किया गया और यह पहली परीक्षा होगी मध्यप्रदेश में जिसमें बच्चों को बिना लिखे प्रतिशत बढ़ जायेगा.

          अध्यक्ष महोदय - यह प्रश्नकाल नहीं है. यह निकाल दीजिये.रावत जी आप अपनी बात एक मिनट में पूरी कर लीजिये.

          श्री रामनिवास रावत - इसमें कई बातें ऐसी रह जाती हैं जैसे कि इस प्रश्नपत्र की जानकारी किस-किस को रहती है सभी के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिये. मेरा यह मानना है कि माडरेटर जो वरिष्ठ अध्यापक है उससे माडरेशन कराया है  वह उसके लिये एलिजेबल ही नहीं था ऐसी कई चीजें हैं जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई. हम चाहते हैं कि  इस स्थिति पर इस स्थगन को ग्राह्य करेंगे तो पूरी बात आयेगी. उसमें मूल भावना भी दिखती है. यह विषय चर्चा में आये जिससे भविष्य में इस तरह की गल्तियां न हों.

            अध्यक्ष महोदय--चूंकि माननीय मंत्री जी का वक्तव्य आ गया है एवं एडिशनल चीफ सेकरेट्री को जांच के लिये निर्देशित कर दिया गया है. अब आगे किसी भी चर्चा की आवश्यकता नहीं है.

श्री रामनिवास रावत (xxx)

श्री बाला बच्चन (XXX)

            अध्यक्ष महोदय--माननीय मंत्री उमाशंकर गुप्ता जी के अलावा किसी का नहीं लिखा जाएगा. सदन आगे बढ़ चुका है अब कुछ नहीं लिखा जाएगा.

 

XXX : आदेशानुसार रिकार्ड  नहीं किया गया.

 

 

(श्री बाला बच्चन, उप नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में इंडियन नेशनल कांग्रेस के  सदस्यगण द्वारा शासन के वक्तव्य से असंतुष्ट होकर सदन से बहिर्गमन किया गया.)

 

 

 

 

 

 

पत्रों का पटल पर रखा जाना.

महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन

 

          उच्च शिक्षा मंत्री (श्री उमाशंकर गुप्ता)   अध्यक्ष महोदय, मैं महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय अधिनियम, 1995 (क्रमांक 37 सन् 1995) की धारा 28 की उपधारा (3)की अपेक्षानुसार महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन पटल पर रखता हूं.

 

 

 

 

 

 

                                                ध्यानाकर्षण

 

 

समय--11.52 बजे (1) सीहोर जिले के इछावर क्षेत्र में कृषकों से थ्रेशर कनेक्शन की राशि जबरिया वसूल किया जाना

 

श्री शैलेन्द्र पटेल (इछावर)--माननीय अध्यक्ष महोदय,

 

 

 

 

ऊर्जामंत्री (श्री राजेन्द्र शुक्ल)--माननीय अध्यक्ष महोदय,

                   श्री शैलेन्द्र पटेल--माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय मंत्री जी के जवाब से संतुष्ट नहीं हूं, लेकिन इतना जरूर हुआ है कि जब हमारा ध्यानाकर्षण हमारा लगा तो किसानों को पूरी सुविधाएं मिलने लगीं. मेरा प्रश्न चोरी प्रकरण का नहीं था मेरा सिर्फ यह प्रश्न था कि उनको यह अलाऊ नहीं हो रहा है और जो बिजली विभाग के कर्मचारी हैं उनके द्वारा किसानों के खलिहानों में जाकर के जबरदस्ती उनकी रसीदें काट दी गई हैं. यहां इसका कहीं पर भी उल्लेख नहीं किया गया, जब यह सीजन आया तो किसानों की कितनी रसीदें काटी गईं हैं चोरी के प्रकरणों का तो मैंने सवाल ही नहीं उठाया है कि चोरी के प्रकरण बने हैं मेरा प्रश्न था कि उनकी जबरदस्ती रसीदें काटी गईं उसकी उल्लेख इसमें नहीं किया गया है.

          श्री शैलेन्‍द्र पटैल-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इस प्रश्‍न के माध्‍यम से, सरकार के द्वारा किसानों को वह सुविधाएं प्राप्‍त कराने की मंशा है । इस समय सिंचाई के लिए पानी तो होता नहीं है और अधिकतर किसानों के पास परमानेंट कनेक्‍शन हैं और उन परमानेंट कनेक्‍शन धारियों को, क्‍योंकि सिंचाई नहीं करते हैं तो उसी कनेक्‍शन पर थ्रेसर चलाने की अनुमति होती है यदि वास्‍तव में  हम किसानों का  हित चाहते हैं तो इसके लिए एक विधिवत् आदेश जाए और ऐसे किसानों को थ्रेसिंग स़ीजन में बिना किसी रोक- टोक के और बिना किसी परमीशन से, यह परमीशन दी जाए, ताकि वह फसल निकाल सके, जो बड़े किसान हैं, वह हार्वेस्‍टर से या हिडम्‍बा मशीन से फसल निकाल लेते हैं, लेकिन जो छोटे और मध्‍यम किसान हैं, लघु किसान हैं, वही इस थ्रेसर का उपयोग करते हैं, जो दो-दो-,चार - चार एकड़ के किसान हैं, उनके हित में यह आदेश निकाला जाए, ताकि उन्‍हें आवेदन न करना पड़े और परमीशन प्राप्‍त न करना पड़े और वह अपनी फसल निकाल सकें ।

          श्री राजेन्‍द्र शुक्‍ल-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, कोई प्रश्‍न नहीं  किया है, सुझाव दिए हैं ।

          अध्‍यक्ष महोदय-  वह आगे से निर्देश चाहते हैं कि भविष्‍य में भी कोई तकलीफ न आए, यही बात है  ।

          श्री राजेन्‍द्र शुक्‍ल-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, स्‍पष्‍ट निर्देश हैं,150 फीट तक कनेक्‍शन धारियों को उसी पंप से थ्रेसिंग करने की अनुमति है, बशर्ते वह वितरण केन्‍द्र में जाकर विधिवत् आवेदन दे दें, कार्यपालन यंत्री उनकी अनुमति जारी कर देंगे कहीं कोई दिक्‍कत नहीं है, यदि किसी को समस्‍या आई होगी तो उन्‍होंने वितरण केन्‍द्र में प्रक्रिया का पालन नहीं किया होगा ।

          श्री शैलेन्‍द्र पटेल-  माननीय मंत्री जी मैं आपका ध्‍यानाकर्षित कराना चाहता हूं कि जो बिजली विभाग के कर्मचारी हैं, उन्‍होंने वहां जाकर वसूली की है, खैर जो हो गया, अब मैं आगे के लिए चाहता हूं कि यह जो परमीशन का  प्‍वाइंट है, उसे इरेज कर दिया जाए, क्‍योंकि आगे आने वाले समय में हम सारे कृषकों को परमानेंट कनेक्‍शन धारी बना रहे हैं, अस्‍थाई नहीं रखेंगे और जब स्‍थाई कनेक्‍शन धारी बना रहे हैं तो उनको स़ीजन में  थ्रेसर चलाने की अनुमति दी जाए, क्‍योंकि जब फसल कट जाती है तो सिंचाई की आवश्‍यकता नहीं होती है, उसको ध्‍यान में रखकर परमीशन दी जाए, माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपके माध्‍यम से सदन के माध्‍यम से, माननीय मंत्री जी से चाहता हूं, ताकि उनको आवेदन न करना पड़े और बार - बार की लूट खसोट खत्‍म हो जाए ।

          श्री राजेन्‍द्र शुक्‍ल-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, ठीक है ।

          श्री सुशील कुमारी तिवारी(पनागर)- माननीय अध्‍यक्ष महोदय,

 

 

 

 

 

 

श्री लाल सिंह आर्य  (राज्‍यमंत्री, नगरीय प्रशासन) -

 

          श्री सुशील कुमार तिवारी - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, बरेला में भीषण जल संकट है. यह सभी विभागीय अधिकारियों को पता है. आपसे बता देना चाहते हैं कि पूर्व के ध्‍यानाकर्षण के जवाब में एक पैरा सुनाना चाहते हैं. नगर में वैकल्पिक जल प्रदाय व्‍यवस्‍था हुई थी, ए.डी.बी. प्रोजेक्‍ट के अन्‍तर्गत जल प्रदाय का डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रारम्‍भ किया गया था. पूर्व में हमें जो लिखित उत्‍तर दिया गया था कि डी.पी.आर., ए.डी.बी. के योजना के तहत दिया गया और आज प्रोजेक्‍ट उदय के तहत दिया गया. उसमें कौन-सी बात सत्‍य है ? यह बताने की कृपा करें. इसके साथ, हम आपको बता दें कि जो गौर नदी से जल की सप्‍लाई की जा रही है,

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, उसमें माननीय मंत्री जी के पास भी विभाग ने एक फोटोग्राफ भेजा है और वही फोटोग्राफ्स मेरे पास है. मैं उसका उल्‍लेख करना चाहूँगा कि जो जल सप्‍लाई हो रही है, डैम के माध्‍यम से हो रही है. माननीय मंत्री जी के पास जो फोटोग्राफ हैं, उसमें गोबर और गन्‍दगी को डिलीट किया गया है और ओरिजनल मेरे सामने है. उसी व्‍यवस्‍था के तहत यह हमारे पास आया है. दूसरी बात गन्‍दगी के विषय में बताना चाहता हूँ कि माननीय उच्‍च न्‍यायालय ने यह निर्णय दिया था, उसकी छाया-प्रति भी मेरे पत्र के साथ संलग्‍न है कि गोबर, मल-मूत्र और गन्‍दगी उस नदी में मिल रही है, जिससे बरेलावासियों को पानी की सप्‍लाई हो रही है. दैनिक अखबारों में एवं आपको बता देना चाहते हैं कि इस साक्ष्‍य को हम पटल पर रखना चाहते हैं कि कबूतर को निकालते हुए नगरपालिका के अधिकारी सामने दिख रहे हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय - आप सीधे प्रश्‍न करें, चुनौती न दें.

          श्री सुशील कुमार तिवारी - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, हमारी समस्‍या का हल हो जाये, ऐसा प्रश्‍न आप ही बता दीजिये. वहां पर एक ही विकल्प है, एक तो सबसे पहले फ्लोराइड  जल के माध्यम से  जो आपूर्ति की जा रही है,  उसको बंद करने के निर्देश दिये जायें,  उसके साथ साथ ट्रीटमेंट प्लांट में  एक भी ग्राम क्लोरिन नहीं मिलाई जाती है.  एक भी  फिटकरी नहीं मिलाई जाती है.  डायरेक्ट पानी सप्लाई किया जा रहा है, जिससे पक्षी और पक्षियों के टूटे हुए  बाल ग्लासों में आ रहे हैं, लोग पूजा के लिये  उसका उपयोग  भी नहीं कर पा रहे हैं.

                   अध्यक्ष महोदय -- अब आप बैठ जायें. काफी लम्बा भाषण हो गया. मंत्री जी.

                   श्री लाल सिंह आर्य --  अध्यक्ष महोदय,  मैं माननीय सदस्य को  अवगत कराना चाहता हूं कि  एडीबी और प्रोजेक्ट उदय  यह अलग अलग नहीं है,  एक ही है. पूरे मध्यप्रदेश के जिन नगरों में,  मुख्यमंत्री जी का यह संकल्प है कि  378 जो हमारी नगर पालिका, नगर पंचायत एवं  नगर निगम हैं,  उनमें   एडीबी के तहत  और अमृत योजना के तहत  पेय जल की सप्लाई  के लिये व्यवस्था है.   128 जो  नगर पालिका, नगर पंचायतें हैं,  उसमें हम एडीबी योजना के तहत ले रहे हैं.  उसी योजना के तहत  डीपीआर   गौर नदी   से बन गया है.  अब माननीय सदस्य का यह कहना है कि  उसको क्या नर्मदा से जोड़ेंगे.  ऐसा उनका मानना है.  जहां तक फिटकरी  मिलाने का सवाल है,  मध्यप्रदेश की एक भी नगरपालिका, नगर पंचायत ऐसी नहीं है, जिसमें  हम यह काम नहीं करते, क्योंकि हमारे लिये आम जनता  का जीवन सुरक्षित  रहे, यह आवश्यक है.  फ्लोराइड युक्त  ट्यूबवैल की जहां तक आप बात कर रहे हैं,  वार्ड क्रमांक  2,6,8,10 एवं 14 में  स्थित है.  वार्ड क्रमांक 6,8,10,14 में  ट्यूबवेल से  2015 में ही हमने बंद कर दिया,  जहां से फ्लोराइड  युक्त पानी आता था.  जहां तक एडीबी, जो स्वीकृति अपनी देती है,  उनके कुछ  मापदंड होते हैं.  उन मापदंडों में  हमने गौर  नदी से जोड़ने  के लिये भेजा है.  लेकिन फिर भी माननीय सदस्य की  भावना का मैं सम्मान करता हूं, क्योंकि उनका भी टारगेट आम जनता है.  इसलिये मैं  उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि  दोनों हम डीपीआर बनवायेंगे, गौर नदी  से भी और नर्मदा जी  से भी. और दोनों में  उनके मापदण्ड  में जो होगा,  उसे स्वीकृति वह देंगे, यह उनके हाथ में है. लेकिन हम दोनों डीपीआर  बनवाकर देंगे.

                   श्री सुशील कुमार तिवारी -- अध्यक्ष महोदय, मैं यह बताना चाहता हूं कि  गौर नदी का प्रभाव लगभग  समाप्त हो चुका है.  आखिर में ऐसी कौन सी बात है कि  इसके लिये  विभाग इस विषय की चिंता नहीं कर रहा है.

                   अध्यक्ष महोदय --  दोनों की डीपीआर बनवा रहे हैं ना.  जो उसमें फिजिबल होगी,  उसको लेंगे.  और कुछ पूछना है, तो पूछ लीजिये.

                   श्री सुशील कुमार तिवारी -- अध्यक्ष महोदय,  मेरा मतलब यह है कि प्रारंभिक तौर पर  केवल जाकर उसको देख  बस लें, तो उसकी डीपीआर  बनाने की आवश्यकता नहीं रहेगी.  10 माह पूर्व डीपीआर  बन रहा था और आज भी डीपीआर बन रहा है.  हम  तो मंत्री जी से  उम्मीद करना चाहेंगे कि  यह घोषणा करें कि  कब तक हमें नर्मदा  जल प्रदाय किया जायेगा.  कृपया समय सीमा बतावें.

                   श्री लाल सिंह आर्य --  अध्यक्ष महोदय,  समय सीमा तो  अभी बताना संभव नहीं है,  क्योंकि  यह उदय चरण में जो  हमारी नल जल योजनाएं जा रही है स्वीकृति के लिये और एडीबी को स्वीकृत करना है. लेकिन हम आपको आश्वस्त कर रहे हैं कि  हम दो महीने के भीतर  आपके नर्मदा नदी से भी और गौर नदी का, चूंकि  हमारा डीपीआर  लगभग अंतिम चरण में है,  दोनों को हम  प्रस्तावित कर देंगे.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

12.09 बजे                              प्रतिवेदन की प्रस्तुति/स्वीकृति

           गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों संबंधी समिति का ग्यारवां   प्रतिवेदन.


 

12.10 बजे                                  याचिकाओं की प्रस्तुति

 

                      अध्यक्ष महोदय--आज की कार्यसूची में उल्लेखित माननीय सदस्यों की याचिकायें प्रस्तुत की हुई मानी जायेंगी.

 

12.11 बजे                                  वक्तव्य

प्रदेश में विद्युत के विक्रय तथा खपत पर लगने वाले विद्युत शुल्क की वर्तमान में लागू दरों को युक्तिसंगत करने संबंधी ऊर्जा मंत्री का वक्तव्य

 

          ऊर्जा मंत्री (श्री राजेन्द्र शुक्ल ) -- माननीय अध्यक्ष महोदय,

 

 

          श्री बाला बच्चन(प्रभारी-नेता प्रतिपक्ष)- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने वक्तव्य तो दे दिया है लेकिन मैं माननीय मंत्री जी से आग्रह करना चाहता हूं कि विद्युत से संबंधित बहुत सी अनियमिततायें पूरे मध्यप्रदेश में और किसान सबसे ज्यादा इससे प्रभावित हो रहे हैं. अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से मंत्री जी से आग्रह है कि विद्युत के जो बड़े बड़े बिल दिये जा रहे हैं, उसमें धांधली चल रही है, मनमानी की जा रही है, कृपा करके मंत्री जी इसको आप दिखवायें. अल्पवर्षा से, सूखे की स्थिति ,अतिवृष्टि और  ओलावृष्टि से  पहले ही परेशान हैं. मुझे याद है पिछले सत्र में इस बात को यहां पर कहा गया था कि बैंकों के कर्जा को, समितियों के कर्ज को माफ किया जायेगा या फिर बिजली के बिलों की वसूली स्थगित की जायेगी और ऋणो की वसूली स्थगित की जायेगी,लेकिन ऐसा तो कुछ हुआ नहीं, और बिजली के बिल इतने भारी आ रहे हैं कि वह किसानों की आर्थिक स्थिति को ही खराब कर देते हैं, उनके बजट को बिगाड़ देते हैं. मंत्री जी आप अपने स्तर से निचले स्तर के जो अधिकारी हैं लाईनमेन से जो मनमानी विभाग के अधिकारी करवाते हैं वहां पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे अनियमितता, गड़बड़ी, धांधली न हो. बिजली के बिल न भरने के कारण किसानों को मुंह छिपाकर के रहना पड़ता है. कम से कम यह जो बिजली के बिल वसूलने पर आपने कसावट कर रखी है उस पर आप ध्यान दें. किसानों को, गरीबों को राहत दिलवायें, उनको कुछ छूट दें जिससे कि आये दिन किसानों के द्वारा जो आत्महत्यायें की जा रही हैं उस पर रोक लग सके, उनको बिजली के बिलों से राहत मिल सके. मंत्री जी इस पर आपको ध्यान देना पडेगा. मैं समझता हूं कि सदन के सभी सदस्यों की भी इसमे सहमति है. बड़ा मामला है तो आप किसी भी तरह से किसानों को बिजली के बिलों में छुट देकर के उनको राहत दिलाये तो किसान चेन की सांस ले सकेंगे. अध्यक्ष महोदय, आपने समय दिया उसके लिये बहुत बहुत धन्यवाद.

 

 

 

12.14 बजे               वर्ष 2016-17 की अनुदान की मांगों पर मतदान(क्रमश:)

(1)                               मांग संख्या-24 लोक निर्माण कार्य-सड़कें और पुल

                             मांग संख्या-67 लोक निर्माण कार्य-भवन

 

           

 

            उपस्थित सदस्यों के कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत हुये. अब मांगों  और कटौती प्रस्तावों पर एक साथ चर्चा होगी.

          डॉ.गोविंद सिंह(लहार) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय लोक निर्माण मंत्री द्वारा प्रस्तुत मांगों में से  कुछ मांगों का विरोध तथा कुछ मांगों का समर्थन के लिये अपनी बात करने के लिये खड़ा हुआ हूं. माननीय अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग का काम मंत्री जी ने सुधारने का प्रयास किया है. परंतु मैं कहना चाहता हूं कि इतना बिगड़ा हुआ विभाग इनको मिला है कि इस विभाग में जितना बजट खर्च के लिये मंजूर किया जाता है उससे आधे से ज्यादा बजट तो भ्रष्टाचार के गर्त में जा रहा है.हालांकि हमें 4-6 महीनों में सड़कों की गुणवत्ता में सुधार दिखा है. उसका भी कारण यह है कि विभाग के प्रमुख सचिव ईमानदार और कर्मठ अधिकारी है, वह स्वयं जाकर के कार्यों को देखते हैं इस कारण से ठेकेदारों की मनमानी पर अंकुश लगा है .

          श्री वेलसिंह भूरिया-- कांग्रेस के राज में पता नहीं चलता था कि रोड में गढ्ढा है या गढ्ढे में रोड है. अभी तो पेट के अंदर का पानी तक नहीं हिलता है डॉ.गोविंद सिंह जी.

          डॉ. गोविंद सिंह -- अध्यक्ष महोदय, इनको कौन सी बीमारी है बताओ. (हंसी) मैं डॉक्टर हूं उसका इलाज कर दूंगा.

          अध्यक्ष महोदय-- वेलसिंह जी आप बैठ जायें.

          डॉ.गोविंद सिंह --क्या आपकी कुर्सी में कीलें लगी हैं जब आते हैं खड़े हो जाते हैं.

          इंजी.प्रदीप लारिया-- अध्यक्ष महोदय, दिग्विजय सिंह जी के कार्यकाल में 10 हजार सड़कें थीं आज 1 लाख बन गई हैं.

          डॉ.गोविंद सिंह-- अरे बैठ जायें भाई.

          श्री अजय सिंह -- अध्यक्ष महोदय, प्रदीप भाई कह रहे हैं कि 1 लाख सड़कें प्रदेश में बन गई हैं. कृपा करके जरा विंध्य क्षेत्र का भी दौरा कर लें, पूरे रीवा संभाग की एक भी सड़क चमचमाती हुई दिखाई दे जाये तो बताईयेगा.

          डॉ.गोविंद सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं लोक निर्माण विभाग पर अपनी बात कह रहा था. लोक निर्माण विभाग में विभागीय मंत्री प्रमुख होता है. किंतु देखने में आ रहा है कि मंत्री के अधिकारों का धीरे धीरे हनन किया जा रहा है, धीरे धीरे सब उनके अधिकार उनसे अलग करने का काम सरकार के द्वारा किया जा रहा है. मंत्री जी की ईमानदारी की छवि होने के कारण विभाग में जितना भ्रष्टाचार होता है आधे से ज्यादा पैसा किसी के पास पहुंचना चाहिये वह नहीं पहुंच पा रहा है इसलिये इनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है. अध्यक्ष महोदय, भवन/सड़क विंग में एक प्रमुख अभियंता तथा 9 मुख्य अभियंता हैं वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश रोड डेवलेपमेंट कारपोरेशन है इसमें 3 मुख्य अभियंता है और करोड़ों का बजट इसको जाता है वर्तमान में  एमपीआरडीसी अंतर्गत लगभग 40-50 करोड़ के काम चल रहे हैं, एनओटी द्वारा, बीओटी द्वारा एडीबी से कर्जा लेकर के एमपीआरडीसी को काम की जिम्मेदारी सौंप दी गई है.

अब इसके बाद एक और बना दिया है पीआईयू, परियोजना संचालक इसमें भी 25 लाख से अधिक जो भवन हैं वह पीआईयू बनायेगी. लोक निर्माण विभाग का काम पूरा विभाग को तहस-नहस करने का काम कर दिया कई विभागों में बांटकर, बंदरबाट का काम चालू हो गया है.

12.20 बजे             {उपाध्‍यक्ष महोदय (डॉ. राजेन्‍द्र कुमार सिंह) पीठासीन हुये.}

 

रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन एनओटी और बीओटी से काम कर रहे हैं, उनको सारे स्‍टेट हाइवे दे दिया, नेशनल हाइवे दे दिये, पूरा काम उनको दे दिया और अब मध्‍यप्रदेश की जो छोटी-छोटी गांव की सड़कें हैं, एमडीआर भी देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, कई दे भी दिये हैं, तो लोक निर्माण विभाग के पास बचेगा क्‍या. हमारा तो यह कहना है कि पूरा एमपी रोड डेवलपमेंट कारपोरशन को दे दें ताकि पूरा किसी का कंट्रोल नहीं रहे और लोग रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के जो काम चल रहे है, उसमें 70-80 प्रतिशत भ्रष्‍टाचार हो रहा है. मैं कहना चाहता हूं कोई सुनवाई नहीं, मुख्‍यमंत्री इसके अध्‍यक्ष हैं, अब मुख्‍यमंत्री को इतनी फुर्सत कहां है प्रदेश से चलाने की और मुख्‍यमंत्री जी अध्‍यक्ष बन बैठे. अब वहां के जो अधिकारी कर्मचारी हैं वह मनमानी कर रहे हैं. विभाग के मंत्री की इतनी क्षमता नहीं हैं, ताकत नहीं है कि वहां जाकर रोड को देख सकें, प्रमुख सचिव देख सकें, देखकर भी आते हैं तो कुछ कर नहीं पाते हैं.

माननीय मंत्री जी ने आश्‍वासन दिया था विधानसभा में कि मैं जाऊंगा 8 अगस्‍त को, गये. लहार में एक एमपी स्‍टेट हाइवे 45 देखी, आपने देखी क्‍या कर लिया आपने, आपने कुछ किया, मौके पर देखकर आये थे, सड़क बिलकुल निम्‍न गुणवत्‍ता की थी. उपाध्‍यक्ष जी लेकिन मंत्री की कुछ हिम्‍मत नहीं हुई कि उसमें कुछ देख सकें. इसी प्रकार आपने स्‍टेट हाइवे नंबर 2, भिंड, मुरैना, गोपालपुर मार्ग, उसको भी देखा, मैंने कहा हमारे विधानसभा में आसपास पेड़ लगाये गये, 1726 पेड़ लगे हैं, मौके पर मंत्री जी को बोला आप देखिये कितने पेड़ लगे हैं, गांव वालों ने बताया कि लगे ही नहीं हैं और पेड़ों का भुगतान हो गया, हमने फिर प्रश्‍न किया किस दुकान से हुआ तो जवाब मिला इस-इस दुकान से यह बिल आ गये, वह दुकानें मध्‍यप्रदेश में ढूंढी कहीं हैं ही नहीं हैं, फर्जी बिल लगा दिये, उसकी शिकायतें की, विधानसभा की कमेटी से कीं, अनेक शिकायतों के बाद कोई कार्यवाही नहीं हुई और वह बीओटी के माध्‍यम से है, भिंड से मिहोना तक सड़क कई जगह उखड़ी है, कोई सुनने वाला नहीं है, चाहे जितनी शिकायतें करो.

          श्री वेलसिंह भूरिया (सरदारपुर)--  माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, पेड़ के मंत्री डॉ. शेजवार जी हैं, माननीय सरताज सिंह थोड़ी हैं क्‍या.

डॉ. गोविंद सिंह--  उपाध्‍यक्ष जी इसको बाहर तो निकालों .. (हंसी)... तुम्‍हारे मुंह में कुछ बीमारी हो गई क्‍या. .. (हंसी)...

उपाध्‍यक्ष महोदय--  डॉ. साहब आप जारी रखें अपना भाषण.

डॉ. गौरीशंकर शेजवार--  गोविंद सिंह जी को उससे बड़ी बीमारी लग रही है, क्‍योंकि भाषा तो लगभग मिलती है, उनकी तो अच्‍छी है पर इनकी क्‍या भाषा है. अरे भई जरा विधानसभा के कुछ, आप तो इतने वरिष्‍ठ आदमी है जरा धीरे से कह देते इसी बात को और उधर मुखातिब होने की बजाय आसंदी से थोड़ी सी आपत्ति कर देते तो आपकी बात में बहुत वजन होता.

डॉ. गोविंद सिंह--  वह वेल हैं न.

डॉ. गौरीशंकर शेजवार-- मैं यह कह रहा था आपने उधर को कहकर जिस भाषा में बोला अपना ही वजन कम किया है, उनका कुछ कम नहीं हुआ और इधर को आप बोलते तो आपका वजन बढ़ता.

डॉ. गोविंद सिंह--  शर्म लिहाज नहीं आ रही तो भी .. (हंसी)

          उपाध्‍यक्ष महोदय--  डॉ. साहब आप जारी रखें.

          डॉ. गोविंद सिंह--  आदत में है उनके, जब बोलेंगे चाहे जब खड़े हो जाते हैं, कम से कम अब सीखो, शुरूवात है, एबीसीडी वाले हो. उपाध्‍यक्ष महोदय, स्‍टेट हाइवे हमारे क्षेत्र में एमपी रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के द्वारा बन रहा है, करीब 6 वर्ष हो चुके हैं, उसका 29 जून 2013 को काम समाप्‍त होना था, आज 2016 हो गई, उस सड़क के बारे में उपाध्‍यक्ष महोदय जैसे ही बनी उसी समय से इतनी निम्‍न स्‍तर की है कि आज रोड पर जो ट्रॉफिक चलता है और 2-2 फीट के गड्डे उसमें पहाड़ जैसे निकल आते हैं, उसमें मिट्टी डाली गई, गिट्टी का उपयोग नहीं हुआ, पुलियां बनीं, निम्‍न स्‍तर की हैं और मैं बता दूं हम 127 शिकायतें कर चुके हैं, मुख्‍यमंत्री को चीफ सेकेट्री को, प्रमुख सचिव को, विभाग के जितने भी अधिकारी हैं सबको. 5-6 वर्षों में 127 शिकायतें 17 विधानसभा प्रश्‍न, 8 बार ध्‍यानाकर्षण, 2 बार शून्‍यकाल और 1 बार मय शपथ पत्र के लोकायुक्‍त में, पूरे प्रमाण के साथ दिया, अगर मेरी बात गलत होती तो लोकायुक्‍त को अधिकार है मेरे ऊपर मुकदमा चलाती. लेकिन मध्‍यप्रदेश का लोकायुक्‍त मध्‍यप्रदेश के भ्रष्‍टाचारियों को बचाने के लिये है, संरक्षण देने के लिये है, बेईमानों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिये नहीं है लोकायुक्‍त और लगातार उनका कार्यकाल इसलिये बढ़ाया जा रहा है कि सबको संरक्षण दें, खाओ, लूटो, तुम भी खाओ, हम भी खायें, मिल बांटकर खाओ, खा-खा खैया मची हुई है. ... (हंसी)... यह हालत है.

उपाध्‍यक्ष जी इसके बाद भी माननीय मंत्री जी ने देखा आज तक कार्यवाही नहीं हुई. अभी पटवा जी ने जब उनके पास चार्ज था 10 मार्च को विधानसभा के ध्‍यानाकर्षण का जवाब दिया कि 31 मार्च तक काम पूरा हो जायेगा, पुलिया, बिजली के खंबे, नाली, नाला और पेवर ब्‍लॉक लग जायेंगे, अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है 31 मार्च आने वाला है, शुरूआत ही नहीं हुई. विधानसभा के ध्‍यानाकर्षण में माननीय नागेन्‍द्र सिंह जी ने जवाब दिया था कि 87 करोड़ की इसकी लागत है, इसके बाद अभी 89 करोड़ 26 लाख के करीब भुगतान हो चुका है और अभी हमने देखा जो विभागीय पुस्‍तक छपी हुई है उसमें लिखा है 137 करोड़ से अधिक उसकी लागत अब आ गई है. आखिर इतना ताकतवर कौन सा ठेकेदार है. गंगोत्री कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी किसकी है, मध्‍यप्रदेश के एक प्रभावशाली मंत्री हैं, उनका रिश्‍तेदार है. इसलिये विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहा. जहां मुख्‍यमंत्री तक शिकायत पहुंची मंत्री जी पहुंच जाते हैं कि साहब बहुत बढि़या चल रहा है और हर सवाल पर असत्‍य जवाब आ रहे हैं.

मैं माननीय मंत्री जी आपसे कहना चाहता हूं या तो आप उस सड़क को सुधरवा दीजिये. (श्री अजय सिंह जी ने बैठे-बैठे कहा कौन से मंत्री जी) मंत्री जी अभी हैं नहीं हैं नाम बतायेंगे, हमें क्‍या है, नाम भी बतायेंगे.

          उपाध्‍यक्ष महोदय--  नाम न लें.

डॉ. गोविंद सिंह--  उनको पता होगा, हमसे सिफारिश भी की थी एक बार कि रिश्‍तेदार हैं यार, मान जाओ, तो एक बार हम मान गये थे. .... (हंसी)..

श्री प्रदीप लारिया--  रिश्‍तेदारी निभाई आपने.

डॉ. गोविंद सिंह--  मनुष्‍य  सामाजिक प्राणी है, तो एक बार तो आपकी भी मानना पड़ती है.

श्री घनश्‍याम पिरोनिया--  डॉ. साहब वह रोड का मेरा और आपका अच्‍छा संबंध है.

डॉ. गोविंद सिंह--  आपका भी है और आपके पहले पूर्व विधायक अरविंद भदौरिया थे उनका भी था हमारे साथ इसी गंगोत्री कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी के सामने और उन्‍होंने विधानसभा में यह कहा था सबके सामने कि ठेकेदार आयेगा तो हम काट देंगे. विधानसभा के चुनाव में आपको खर्चा देंगे आप तो गोविंद सिंह को मना लें और आप भी सेट हो जाइये, मंत्री जी ने नागेन्‍द्र सिंह जी ने कहा था जांच करायेगे, अभी तक जांच नहीं हुई. इसके बाद मैं कहना चाहता हूं, अभी माननीय मंत्री जी का कल पत्र मिला है मुझे.

श्री घनश्‍याम पिरोनिया--  मुझे भी पत्र मिला है.

          डॉ. गोविंद सिंह--  आप भी इस पर बोलना जरा, अगर हमें और आपको जनता के सामने जवाब देना है तो जरा दमदारी से लड़ो इसके खिलाफ. इसके बाद उपाध्‍यक्ष महोदय कहना चाहता हूं माननीय मंत्री जी का कल हमें एक पत्र मिला कि प्रमुख सचिव जी जाकर जांच करेंगे, 4 अप्रैल लिखा है शायद 6 अप्रैल...

उपाध्‍यक्ष महोदय--  डॉक्‍टर साहब कितना समय लेंगे.

डॉ. गोविंद सिंह--  बस जल्‍दी-जल्‍दी बोल देता हूं, हमें जाना भी है. ...(व्‍यवधान) अभी मैं इसलिये कहना चाहता हूं क्‍योंकि हमें पत्र मिला है और हमें उम्‍मीद है क्‍योंकि हमने देखा है जो प्रमुख सचिव आज हैं अग्रवाल साहब वह पहले मंडी बोर्ड में थे और मंडी बोर्ड से उन्‍होंने कुछ सड़के बनवाई थीं हमारे क्षेत्र में, आज 14 वर्ष होने को हैं सड़क जहां बच गई है, रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने नहीं बनाई वहां अभी भी एक गड्डा नहीं हुआ 14 वर्ष के बाद भी, जो आदमी की सच्‍चाई है उसकी तारीख करना चाहिये और चोरों की भ्रष्‍टाचारियों की खिलाफत करना चाहिये यह हमारे सिद्धांत में हैं, कोई कहता है तारीख करते हो, सच्‍चाई की तारीफ करूंगा, गलत काम होगा तो आलोचना करूंगा. इसलिये मैं कहना चाहता हूं कि हमें उम्‍मीद है कि हमें न्‍याय मिलेगा. 

हमारे नेताजी ने भी बताया कि अब बिलकुल सही हो जायेगा. हमने चिट्टी दिखायी थी आपको, आपने कहा कि अब काम हो जायेगा. लेकिन हमें इसलिए विश्वास नहीं है कि न्याय की कार्रवाई करने का अधिकार कहीं और है. वह कार्रवाई होगी कि नहीं होगी लेकिन मैं बताना चाहता हूं मंत्रीजी कि आपको 5-10 साल और जनता की सेवा करना है. 10 साल और चुनाव लड़ेंगे. 10 साल और मंत्री रहेंगे. मैं और सड़कों के बारे में बता देना चाहता हूं. उपाध्यक्षजी, स्टाफ की कमी है.

          श्री सूबेदार सिंह--उपाध्यक्ष महोदय,डॉक्टर साहब बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं.उन्होंने यह माना कि 10 साल भारतीय जनता पार्टी की सरकार रहेगी.

          इंजी.प्रदीप लारिया--उन्होंने स्वीकार कर लिया है.

          डॉ गोविन्द सिंह--हमारी शुभकामना है कि  पचासों साल तक रहें.(हंसी)

          इंजी.प्रदीप लारिया--और आप वहीं रहें.

          डॉ गोविन्द सिंह-- लेकिन कुछ करके दिखायें. अन्यथा साल भर में हट जायें. उपाध्यक्ष जी, लहार में दो सब डिवीजन हैं लेकिन सब डिवीजन में सब इंजीनियर नहीं रहते हैं. जितने सब इंजीनियर के पद हैं, उसमें से 30 प्रतिशत ही पदस्थ हैं.

          डॉ गौरीशंकर शेजवार--उपाध्यक्ष महोदय, डॉक्टर साहब जब सरकार की बुराई कर रहे थे तो अजय सिंह जी बहुत प्रसन्न थे और जैसे ही इन्होंने असली बात की कि आप 10 साल और मंत्री रहेंगे तो अजय सिंह जी का चेहरा एकदम नाराज सा हो गया. देखो तो आप ! गुस्से में आ गये. ऐसा होना नहीं चाहिए. सत्य बात सुनने का कम से कम धेर्य होना चाहिए. ( श्री अजय सिंह जी खड़े होने पर) पहले आप मुस्कुराईये. गोविन्द सिंह जी ने बहुत अच्छी बात कही है. आप प्रसन्न होईये. देखिये, आपके लिए हम अधिकतम हम मांग सकते हैं तो वहां तक मांग सकते हैं. लेकिन यहां कि आप कभी कल्पना मत करना. गोविन्द सिंह जी जो कह रहे हैं. वह ही सही है.(हंसी)

            श्री अजय सिंह--उपाध्यक्ष महोदय, आज सुबह ही माननीय शेजवार जी को व्यवधान पुरुष की पदवी मिल चुकी है.(हंसी) अच्छी-खासी चर्चा चल रही है, जबरजस्ती बीच में बोल देते हैं.(हंसी) मैं चिन्तन कर रहा था और मेरे ऊपर आरोप लगा रहे हैं.

          उपाध्यक्ष महोदय--आपको छेड़ रहे थे.

          डॉ गोविन्द सिंह--उपाध्यक्षजी, माननीय सरताज सिंह जी भ्रष्टाचारियों से गले गले तक परेशान हो चुके हैं. उन्होंने हमसे चर्चा में स्वीकार किया हम उधर आयेंगे.(हंसी)

          उपाध्यक्ष महोदय--समाप्त करिये.

          डॉ गोविन्द सिंह--उपाध्यक्ष महोदय, माननीय आरिफ अकील साहब के क्षेत्र भोपाल-उत्तर में लोक निर्माण विभाग की सड़क पर अभी तक कार्य नहीं हुआ है. उसका डामरीकरण उखड़ चुका है. उसमें गड्डे हैं. उसको ठीक करायें.

          उपाध्यक्ष महोदय, मेरे क्षेत्र में रतनपुर-आलमपुर मार्ग करीब 12 साल से उखड़ा पड़ा है. उसमें डामरीकरण नहीं है. अभी 2-3 किलोमीटर हुआ है वह भी निम्न स्तर का हुआ था, 4 महीने पहले पूरा खराब हो गया. हमारे क्षेत्र में जाखोली सड़क पर 20 करोड़ रुपये की लागत से पुल बन चुका है. उत्तरप्रदेश के कानपुर को जोड़ने वाली सड़क है. उस सड़क पर 5 साल से मुआवजा नहीं मिला इसलिए बीच में करीब 200 मीटर सड़क नहीं बन पाने के कारण उस सड़क की लागत बढ़कर 20-25 करोड़ रुपये हो गई जिसका कोई उपयोग नहीं हो रहा है. हमारा मंत्रीजी से अनुरोध है कि तत्काल इसका मुआवजा स्वीकृत करायें और उसके आगे बढ़ायें.

          उपाध्यक्ष महोदय, मैं यह भी कहना चाहता हूं कि हमारे क्षेत्र में भवानी माता की सड़क है. वहां प्रतिवर्ष नवदुर्गा पर मेला लगता है. उत्तरप्रदेश और राजस्थान आदि राज्यों से लाखों लोग आते हैं. वह सड़क आज से 4-5 साल पहले बनी थी. वह बनते ही उखड़ गई थी. उसकी भी शिकायतें करते रहे लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं है. हमारा आपसे अनुरोध है कि अभी सरकार ने पत्र भी निकाला था कि जितनी भी खराब सड़कें हैं उनमें डामरीकरण कराया जायेगा और गड्डे भराये जायेंगे. लेकिन लहार क्षेत्र की सड़कों पर कार्रवाई नहीं हुई.

          उपाध्यक्ष महोदय, नारददेव मंदिर, जहां शिवजी ने तपस्या की थी की अजनार-मगरोल  सड़क बनी थी, वह भी पूरी तरह से उखड़ चुकी है. वहां पर शिवरात्रि पर विशाल मेला लगता है. दतिया आदि चारों ओर से लोग आते हैं. उस सड़क की भी मरम्मत करायें.उपाध्यक्षजी, सड़कें ज्यादा डेमेज हो रही है. उसके लिए खनिज विभाग से भी पैसा मांगना चाहिए क्योंकि कुछ सड़कें खनिज के अंतर्गत भी आती हैं.

          उपाध्यक्षजी, हमारे विभाग में स्टाफ नहीं है. एक सब डिवीजन में दो क्लर्क हैं. ताला लगा रहता है. स्टाफ की पूर्ति करें.

          एक माननीय सदस्य--डॉक्टर साहब लहार से बाहर निकल ही नहीं पा रहे हैं.

          उपाध्यक्ष महोदय--ड़ॉक्टर साहब एक रोड़ पर बहुत यात्रा करते रहे हैं ना.

          डॉ गोविन्द सिंह-- उसमें 6 साल हो गये. लोकायुक्त आदि को 127 शिकायतें. ध्यान आकर्षण आदि सब कार्रवाई की.

          उपाध्यक्ष महोदय-- वह भी एक रिकार्ड है. गिनीज वाले मानेंगे नहीं. आप लिम्का में दर्ज करायें.

          डॉ गोविन्द सिंह--उपाध्यक्षजी, हमारा निवेदन है कि आप  हमारी एक सड़क नौदा से पचोघरा मार्ग जो उत्तरप्रदेश को जोड़ती है केवल 3 किलोमीटर है, इस साल नहीं तो अगले साल के बजट या अनुपूरक में शामिल करने की घोषणा करें. धन्यवाद.

          श्री दिलीप सिंह परिहार(नीमच)--उपाध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 24 और 67 के समर्थन में अपनी बात कहने के लिए खड़ा हुआ हूं.

          उपाध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश का जो चहुंमुखी विकास हो रहा है. उस विकास में सड़कों का बहुत बड़ा योगदान है. उन सड़कों के अच्छे होने के कारण मध्यप्रदेश का सर्वांगीण विकास हो रहा है. उस विकास के कारण ही देश हृदयस्थल मध्यप्रदेश उसमें उद्योगपति यहां आकर अपना उद्योग स्थापित कर रहे हैं. हम देखते हैं कि हमारे शरीर में यदि रक्त है और धमनियों में रक्त बह रहा है. उसी प्रकार से सड़कों के जाल के कारण प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो रहा है.

          उपाध्यक्ष महोदय, सड़कों के मामले में जैसा डॉ गोविन्द सिंह जी बता रहे थे, बहुत सुधार हुआ है. जब मैं 2003 में आया था उस समय सड़कों की बुरी हालत थी. मुझे नीमच से आने में 14 से 18 घंटे लगते थे. आज मैं एक दिन वीरभूमि चित्तौड़ जो शक्ति और भक्ति भूमि है, मैं साढ़े छः घंटे में चित्तौड़ से भोपाल विधानसभा में आ गया. राजस्थान से या उत्तरप्रदेश या महाराष्ट्र शिर्डी के दर्शन करके आने वाला हो हम देखते हैं कि लगातार सड़कें बन रही है. प्रदेश के शासन ने सड़कों के सुदृढ़ीकरण में बहुत बड़ा योगदान दिया है. माननीय मंत्रीजी लगातार गुणवत्ता युक्त सड़कें बनाने का काम कर रहे हैं. राज्य में अधिकांश स्टेट हाई-वे जो कहीं न कहीं कार्य पूर्णता की ओर है. राज्य में लगभग 19 हजार किलोमीटर जिला मार्ग भी उन्नयन किये गये हैं. पहले जब हम जिला मार्गों पर जाते थे तो जिला मार्गों पर सिंगल सड़कें होती थी. आज सड़कों को फोर लेन से जोड़ा जा रहा है. टू लेन से तहसीलों को जोड़ा जा रहा है. यहीं नहीं गांवों में भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से जोड़ने का काम किया जा रहा है. वहीं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से छोटे-छोटे गांव में भी सड़कों का जाल बिछा है.

          उपाध्यक्ष महोदय, माननीय लोक निर्माण मंत्री श्री सरताज सिंह जी इच्छा शक्ति के धनी हैं. इनके प्रमुख सचिव भी इच्छा शक्ति के धनी है. मैं एक बार नीमच जिले की सड़क के लिए उनसे मिलने गया तो उन्होंने कहा कि नीमच जिले में यदि कहीं कोई कमी है तो उसको पूरा करेंगे. मुझे याद है कि जब हमारे नीमच में जावरा से नयागांव का फोर लेन निकाला गया तो हमारे क्षेत्र में एकदम वृद्धि हुई. क्योंकि फोर लेन के निकलने के कारण हमारे लोग जो राजस्थान व्यापार करने जाते थे, वह बढ़िया सुविधा से जाते थे. पहले सड़कों में बड़े बड़े गड्डे होते थे. यह नहीं पता चलता था कि गड्डे में सड़क है या सड़क में गड्डा. एक बार जब मैं मंदसौर परीक्षा देने गया तो हमारी बस गड्डे में फंस गई. पत्थर और मुरम डालकर हमने उस गड्डों को भरकर बस को आगे बढ़ाया था. आज शानदार सड़कें बनी हुई है. उन सड़कों के कारण प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो रहा है.

          उपाध्यक्ष महोदय, 19 हजार किलोमीटर मुख्य मार्ग हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग में भी 5 हजार किलोमीटर बढ़ा दिया गया है. इसके कारण से स्टेट हाई-वे और मुख्य जिला मार्गों की लंबाई भी कहीं न कहीं बढ़ रही है.  हम देख रहे हैं कि गुणवत्ता युक्त सड़कों का जाल बिछाना उसमें प्रदेश के माननीय मंत्रीजी का बहुत बड़ा योगदान है. प्रधानमंत्री सड़क योजना के माध्यम से भी 63 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है. मैं माननीय खुमानसिंह जी शिवाजी जो हमारे यहां से पूर्व विधायक थे, वे एक सड़क बोरदा की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में लेकर आये थे तो हम बहुत प्रसन्न हुए थे. लेकिन आज मेरे नीमच विधानसभा में और अन्य सारी विधानसभा क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गुणवत्ता पूर्ण सड़कें बनी हैं. उसके माध्यम से लोग हमसे बार बार यह कहते हैं कि आप हमारे यहां प्रधानमंत्री सड़क से गांव को जुडवा दें. कहीं न कहीं प्रधानमंत्री सड़क योजना के माध्यम से भी मध्यप्रदेश में 63 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हुआ है. इस योजना में 2016-17 में 5 किलोमीटर निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना में वर्ष 2016-17 में 5 कि.मी. के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. जो मुख्यमंत्री योजना की सड़कें बन रही हैं, जो छोटे-छोटे गांव में हम देखते हैं तो मुख्यमंत्री सड़क योजना की माध्यम से गांव-गांव को जोड़ा जा रहा है. 2000 कि.मी. से अधिक सड़कें इस वर्ष बजट में माननीय मंत्री जी ने ली हैं.

          श्री अजय सिंह - यह किस विभाग पर चर्चा हो रही है? यह मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री सड़क, यह किस विभाग पर चर्चा हो रही है?

          उपाध्यक्ष महोदय - आप लोक निर्माण विभाग पर आ जाएं.

श्री दिलीप सिंह परिहार - हम तो सड़क से जोड़ने की बात कर रहे हैं क्योंकि इसमें भी फंड रखकर डामरीकरण किया है. तेज गति से मध्यप्रदेश में सड़कें बनी हैं. उपाध्यक्ष महोदय, विभाग ने ऑन लाईन जोड़ने का भी काम किया है. आज लोक निर्माण विभाग में ई-टेंडरिंग के माध्यम से जो पारदर्शिता हुई है, उसकी वजह से भी सरकार के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी है. कार्य में ई-प्रबंधन हो, उसकी समीक्षा हो, वह भी माननीय मंत्री जी के नेतृत्व में लगातार बढ़ रहा है. पुल हों, भवनों की बात हो. हम देखते हैं, अभी राजेन्द्र पाण्डेय जी बैठे हैं, जावरा में एक ओवर ब्रिज माननीय मंत्री जी ने स्वीकृत किया है. मैं उसके लिए भी धन्यवाद देता हूं. आज जहां जहां भी ओवर ब्रिज हैं, सेतु निगम के पुल हैं, या पुलियाएं हैं, भवन हैं, उनका रख-रखाव भी मंत्री जी के माध्यम से लगातार हो रहा है. उसमें पारदर्शिता भी है. ई-टेंडरिंग, ई-पेमेंट, ई-मैनेजमेंट के आधार पर भी सरकार की गुणवत्ता बढ़ी है और इससे सरकार के प्रति भी लोगों की आस्था बढ़ी है. माननीय मंत्री जी ने सड़कों को लेकर सख्त कार्यवाही की है. यदि कहीं गड़बड़ी नजर आई है तो माननीय मंत्री जी ने सख्त कार्यवाही की है. माननीय मंत्री श्री सरताज सिंह जी जब नीमच में प्रवास पर आए थे, उन्होंने कलेक्टर को निर्देश दिये, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये और कुछ जो सड़कें मैंने बताई थी तो वे अधिकारी, ठेकेदार मेरे पास भागकर आए कि हम सुधार देंगे. यह उनकी प्रामाणिकता का प्रमाण है कि वे सड़कें एकदम बढ़िया हो गई हैं.

उपाध्यक्ष महोदय, मेरे क्षेत्र में भी बहुत सारे काम हैं, उनक कामों को लेकर भी मैंने माननीय मंत्री जी से लगातार संपर्क किया है. अनुसूचित जाति विकास निगम में लगभग 2008 कार्य सौंपे गये थे, आज लगभग 376 करोड़ रुपए के हैं. उन छात्रावासों का कार्य प्रगति पर है और कुछ पूर्ण हो चुके हैं. पीआईयू के माध्यम से जो हमारे यहां अम्बेडकर भवन बने हैं, उनमें भी काम की गुणवत्ता है. अम्बेडकर भवनों की भी मांग हर विधान सभा में हो रही है. उन अम्बेडकर भवनों, स्मारकों को वर्ष 2016-17 में पूर्ण कर लिया जाएगा. रोड, ओवर ब्रिज, अंडर ब्रिज और अन्य योजनाओं के निर्माण कार्य भी पीआईयू के माध्यम से कराए जा रहे हैं. देश में कौशल विकास की दृष्टि से भी युवाओं के लिए महत्वाकांक्षी परियोजनाएं हैं. केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा परियोजना के माध्यम से जो कौशल विकास के काम हैं उन पर भी ध्यान दिया जा रहा है. वे कौन-से कौशल हैं, स्कूलों में इसके बारे में समझाया जाएगा, केन्द्र सरकार द्वारा 50 करोड़ युवाओं को वर्ष 2022 तक कौशल विकास में दक्ष बनाया जाएगा. मध्यप्रदेश में 50000 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है,  25000 महिलाओं के लिए कौशल रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. कौशल विकास में पीआईयू के माध्यम से 665 करोड़ रुपए की लागत से 163 भवन निर्माणधीन हैं. लगभग 60 कार्य मध्यप्रदेश में पूर्ण हो चुके हैं. जो आईटीआई भवन, छात्रावास हैं वे कौशल विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, उन्हें पीआईयू के माध्यम से पूर्ण किया जा रहा है.

हमारे देश के प्रधानमंत्री जी ने तकनीकी शिक्षा के माध्यम से युवाओं को जोड़ने का काम किया है. तकनीकी शिक्षा के माध्यम से आईटीआई, बालिका छात्रावास का निर्माण भी मध्यप्रदेश में तीव्र गति से हो रहा है. स्कूल विभाग में 101 मॉडल स्कूल भवन निर्माणाधीन हैं. जो पीआईयू के अंडर में हैं. मेरे नीमच जिले में भी एक मॉडल स्कूल बना है, वह सर्वसुविधायुक्त एवं गुणवत्ता से बना है. मैं इसके लिए माननीय मंत्री जी को बधाई देता हूं और शुभकामनाएं देता हूं.

उपाध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी आज पूरे प्रदेश में लगातार विकास कर रहे हैं, उस विकास को कहीं भी नकारा नहीं जा सकता है. मेरी विधान सभा के लिए भी मैंने कुछ मांग की है. मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के माध्यम से नीमच मनासा का 64 करोड़ 55 लाख रुपए का सीमेंट-कांक्रीट रोड दिया है. मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि इस प्रकार सड़क हमारे नीमच में मिलने वाली है. कभी आप पधारें. माता भादवा का वहां पर स्थान है. उस भादवा माता के स्थान पर यदि किसी को लकवा मार जाता है तो वहां पर दर्शन के लिे  जाते हैं. जब नवरात्रि आती है तो वहां पर हजारों, लाखों की संख्या में नवरात्रि में माता भादवा के स्थान पर पहुंचते हैं. वहां पर लोग नंगे पैर जाते रहे हैं, उनको पहले कंकर लगते थे.  मैं और ओम जी, जब विधायक बने थे तो हम भी पैदल गये थे. हमने भी मानता ली थी, इस वजह से हम वर्ष 2004 में विधायक बने थे. वहां लोगों की मनोकामना पूर्ण होती है. जो लोग कंधे पर बैठकर आते हैं, मां की कृपा से वहां से पैदल जाते हैं. उस रोड को बनाने का काम माननीय श्री सरताज सिंह जी ने किया है. मैं उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं. एक ऐसी गुणवत्ता की सड़क, सीमेंट-कांक्रीट वाली सड़क, जिसमें बड़े-बड़े सरिए लगकर मनासा से नीमच तक वह बन रही है. मैं आपसे निवेदन करूंगा कि उसमें कुछ पैसा बचा है तो मैसिव पर्क्युशन से बस स्टेण्ड तक करने की कृपा करें. यह मेरे क्षेत्र की मांग है. एक हिंगोरिया से नीमच छोटी सादड़ी मार्ग, जो जैसनपुरा होते हुए बायपास जाता है, जो 9 कि.मी. लगभग है, जो 17 करोड़ 55 लाख रुपए का है, उसको भी प्रोजेक्ट में लेना का काम करें. झीरनग्वाल तालाब जो केवल 3 कि.मी. की है. माननीय शिवाजी ने भी उसका प्रस्ताव दिया था, उसको भी जोड़ने की कृपा करें. हरनियाबुराना और झीरन, यह एक छोटा सा टुकड़ा है. आपने मेरे यहां पर बहुत कुछ दिया है. अभी आपने भवरासा की सड़क दी है. हमारे यहां धंदेरिया की सड़क दी है, जावी की सड़क दी है. इसके लिए तो मैं धन्यवाद ही देता हूं. परन्तु यह जो छोटी सी सड़क है. इन सड़कों को भी आप लेने का काम करें. नीमच से नसीराबाद, जो हमारा जिला स्थान है, जहां से माननीय श्री सुन्दरलाल पटवा जी मुख्यमंत्री रहे हैं, माननीय श्री वीरेन्द्र कुमार सखलेचा जी रहे हैं, डॉ. पाण्डेय हमारे क्षेत्र में रहे हैं तो यह जिला स्थान होने की वजह से नीमच में जाने वाली जिले की सड़क बहुत ही दयनीय स्थिति में है तो उसे आप फोर लेन करने की कृपा करें. जो  नीमच जिला है, उसको उत्कृष्ट नगर में लिया गया है, उसमें भी आपका अच्छा योगदान रहेगा.

उपाध्यक्ष महोदय, बोरखेड़ी में आपने एक सेतु विकास निगम का अच्छा पुल दिया है. उसका निर्माण कार्य हो गया है. मैं आपसे निवेदन करूंगा कि आप आकर उसका उद्गाटन करें. एक  स्पेक्ट्रा पेट्रोल पंप और ग्वारटोली के यहां एक सेतु विकास निगम की पुलिया का आवेदन दिया है, उसको भी स्वीकृत करने की कृपा करें. साथ ही निवेदन है कि भड़कसनावदा पर एक लम्बे समय से सेतु विकास निगम की पुलिया बनी हुई है, यदि उसमें कोई शासकीय बाधा नहीं हो तो जिलाधीश महोदय, हम लोग मिलकर उसको सहयोग करेंगे और वह काम यदि आप पूरा कर देंगे क्योंकि वहां भड़कसनावदा में आदिवासी लोग निवास करते हैं, वहां ठेकेदार इस काम को छोड़कर चला गया है. इसका आप परीक्षण कराकर इस काम को भी पूरा करने की कृपा करेंगे. नीमच में माननीय आडवाणी जी, मुख्यमंत्री जी सभी लोग आते हैं. वहां पर एक सर्किट हाऊस की कमी है या तो वहां पर आप डाक बंगले का उन्नयन करें, या नीमच जिले में सर्किट हाऊस देने का भी काम करें. लोक निर्माण विभाग के द्वारा जो सड़कों के निर्माण कार्य किये जा रहे हैं उनमें बहुत गुणवत्ता है.  पीआईयू के माध्यम से नीमच में एक ट्रामा सेंटर का काम भी लगातार बढ़ रहा है. इस अवसर पर अधिक कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं है. माननीय मंत्री जी आप प्रदेश में पद बनाने का काम कर रहे हैं, मैं अक्सर कहता हूं कि -

'कोई चलता पद चिह्नों पर,

कोई पद चिह्न बनाता है,

हे वही सूरमा इस जग में,

जो अपनी राह बनाता है.'

माननीय श्री सरताज सिंह जी, वही सूरमा हैं जो अपनी राह प्रशस्त करके इस विभाग को उन्नति के शिखर पर पहुंचा रहे हैं. उपाध्यक्ष महोदय, आपने बोलने का अवसर दिया है, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद. माननीय मंत्री जी हमारी मांगों पर गौर करेंगे और निश्चित ही करेंगे क्योंकि - 'सवा लाख से एक लड़ाऊं तो गुरू गोविन्द सिंह कहलाऊं.'उस पथ पर चलने वाले माननीय मंत्री जी हैं और जहां सरदार है, वहां सरकार है. पुनः उपाध्यक्ष महोदय आपको बहुत-बहुत धन्यवाद. भारत माता की जाय.

          श्री प्रताप सिंह ( जबेरा ) -- माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र की ही कुछ सड़कों की ओर ध्यानाकर्षित करवाना चाहता हूं. हमारे यहां पर नौहटा से जुझार घाट  रोड करीब 60 वर्ष से लंबित पड़ा हैं उसमें टायरिंग नहीं हुई है. मैं चाहूंगा कि करीब 20 किलोमीटर की सड़क है उ सका उन्नयन एवं डामरीकरण का काम कराया जाय. इसी प्रकार से तारादेही मार्ग  से महाराजपुर जो कि नरसिंहपुर जिले को भी जोड़ता है. इस सड़क का भी उन्नयन कराया जाय. तेजगढ़पुरा रोड के करीब 6 किलोमीटर रिन्यूइंग करवाया जाय, इ सी प्रकार से कंसा रिचकूड़ी रोड़ जिसका 4 किलोमीटर का रोड़ शेष बचा है उ सको भी इस वित्तीय बजट में ले लें.  जबेरा से करनपुरा मार्ग के  करीब एक किलोमीटर जो सिद्ध क्षेत्र जोगनकुंड है उसको भी इस बजट में ले लें. साथ ही सेतू निगम से भी हमारे यहां के कुछ पुलों के प्रस्ताव भेजे गये हैं लेकिन वह आज तक मंजूर नहीं हुए हैं. मैं तेजगढ़ की गुरइया नदी पर नवीन पुल रोजाघाट पर पुल निर्माण, खर्रा घाट की ब्यावरा नदी पर पुल निर्माण, घुनगी नाले पर पुल निर्माण, महादेव घाट पर  पुल निर्माण के लिए मंत्री जी का ध्यान आकर्षित करूंगा. यदि इसी वित्तीय वर्ष में ले लेंगे तो पचासों गांव  इस रोड से जुड़ जायेंगे और जो 4 माह का आवागमन बंद रहता है वह भी सुचारू रूप से होगा. उपाध्यक्ष महोदय आपने बोलने का समय दिया धन्यवाद्.

          श्री के के श्रीवास्तव ( टीकमगढ़ ) -- उपाध्यक्ष महोदय मैं मांग संख्या 24 और 67 का समर्थन करता हूं. सड़क बिजली पानी शिक्षा स्कूल स्वास्थ्य यह ऐसी मूलभूत सुविधाएं है जिनकी उपलब्धता कराना किसी भी कल्याणकारी सरकार की पहली  जिम्मेदारी होती है. मैं दावे के साथ में कहता हूं कि भाजपा की शिवराज सिंह जी सरकार ने इन सुविधाओं का न केवल विस्तार किया है, बल्कि पिछले 50 - 60 सालों के रिकार्ड को भी ध्वस्त किया है.

          उपाध्यक्ष महोदय अभी सदन में डॉ गोविन्द सिंह जी वरिष्ठ सदस्य हैं वह स्वीकार कर रहे थे कि विभाग में ईमानदार अधिकारी हैं. यह परिणाम हैं मध्यप्रदेश की सरकार की नीयत के कारण, यह कारण है कि मध्यप्रदेश के सभी विभाग में इस त रह के अधिकारी काम कर रहे हैं. उसका परिणाम है कि हम आज मध्यप्रदेश को अच्छी सड़कों के रूप में दे पाये हैं. 10 वर्षों में एक लाख किलोमीटर सड़कों का निर्माण कर पाये हैं 19000 किलोमीटर  जिला मार्ग हैं उनका भी सुदृढीकरण कराया जा रहा है. एक ऐतिहासिक निर्णय प्रदेश की सरकार ने और केन्द्र की सरकार ने किया है कि जहां पर सड़क और रेल्वे की क्रासिंग है वहां पर रोड ओव्हर ब्रिज और  अण्डर ब्रिज का निर्माण भी कराया जा रहा है. वृहद पुल पुलियों के कार्य निर्माणाधीन हैं.

          शासन ने पारदर्शिता लाने के लिए ई पेमेण्ट ई रजिस्ट्रेशन का भी काम आन लाइन किया गया है. गुणवत्ता नियंत्रण कैसे ठीक रहे इस दृष्टि से 13 मण्डल स्तरीय प्रयोगशालाएं मध्यप्रदेश में प्रारम्भ की गई है उनकी यहां पर स्थापना की गई है. समस्त मार्गों का उन्नयन किया जा रहा है. राज मार्गों को राष्ट्रीय राजमार्ग में  और मुख्य जिला मार्गों को राज मार्ग में ग्रामीण मार्ग को मुख्य जिला मार्ग में  परिवर्तित  करने की कार्यवाही की जा रही है.

          उपाध्यक्ष महोदय मैं कुछ बातें सुझाव के रूप में भी मंत्री जी को आपके माध्यम से कहना चाहता हूं. एमडीआर और एमपीआरडीसी में जो सड़कों के पैकेज सिस्टम के माध्यम से हम टेण्डर कर रहे हैं. उसमें प्रदेश के जो ठेकेदार हैं वह इसमें सम्मिलित नहीं हो पारहे हैं बाहर के बहुत से ठेकेदार इसमें सम्मिलित होकर काम करने के लिए आ गई  हैं जैसे गुजरात, राजस्थान हरियाणा आदि जगह से. हमारे मध्यप्रदेश के ठेकेदारों को काम मिल सके इसलिए सड़कों के पैकेज सिस्टम से नहीं बल्कि सड़कवाइड जैसे अलग अलग सड़कें है तो उनका बड़ा पैकेज बना देंगे तो उसमें दिक्कत होगी तो इसको ठीक करने की आवश्यकता है.

          उपाध्यक्ष महोदय मैं अपने क्षेत्र की कुछ बात माननीय मंत्री जी सेकरना चाहता हूं. हमारे यहां पर टीकमगढ़ में यातायात की बहुत दिक्कत है पूरा ट्रेफिक कण्ट्रोल नहीं हो पा रहा है. शहर में निकलने में दिक्कत होती है एक बायपास मार्ग वैकल्पिक रूप में मात्र 4 - 5 किलोमीटर का है दो टुकड़ों में डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी बस स्टेण्ड से गोंगावीर मंदिर तक का 3 किलोमीटर का एक मार्ग यह है. एक टैगोर हाल से महेन्द्र सागर तालाब होकर के नेता जी सुभाष प्रतिमा तक का डेढ किलोमीटर का यह है. यह सब इसी बजट में किया जाना बहुत आवश्यक है. आये दिन झगड़े की स्थितियां निर्मित हो रहीहै शहर में टैक्सी बड़े वाहन भारी वाहन सब पूरे शहर से ही निकलते हैं. इसलिए बहुत ही अत्यंत ही आवश्यकता है. मैं चाहूंगा किइनको इसी बजट में शामिल कर लिया जाय. पहाड़ीखुर्द से बडौदा घाट तक की एक सड़क है बहुत ही आवश्यक है जो ग्रामीण क्षेत्र से मंडी तक जाने के लिए हमारे लोगों को 14 - 15 किलोमीटर घूमकर जाना होता है. अगर यह सड़क बन जायेगी तो वह केवल 4 किलोमीटर में मंडी तक पहुंच जायेंगे. बड़ा गांव धसान से बुडेरा हेतु एक नवीन मार्ग बनाने की आवश्यकता है चूंकि पुराना मार्ग जो कि अभी है बानसुजारा बांध बन जाने के कारण उसके डूब क्षेत्र में आ गया है इसलिए उसको भी बनाने की जरूरत है. एक हीरा नगर तिबेला से काड़ी व्हाया दुनातरसे होकर मवई टोल बेरियर तक एक सड़क तक उन्नयन करने की भी महती आवश्यकता है. तहसील बड़गांव कीअभी घोषणा हो गई है लेकिन वह अभी अस्तित्व में नहीं आयी है मुझे ऐसा भरोसा है कि शायद एक हफ्ते 10 दिन के अंदर वह तहसील भी काम करना प्रारम्भ कर देगी. इसलिए उस तहसील बड़ागांव में एक रेस्ट हाऊस की भी आवश्यकता है. एक माडूमर से अस्तोन तक के लिए जो रोड़ जाती है वह यूपी तक उसकी सीमा लगती है उधर यूपी ने अपना रोड़ बना दियाहै. लेकिन उसके पहले हमारा रोड वहां तक नहीं बना है इसलिए उसको बनाना भी आवश्यक है तो गुणाभदौरा की सीमा तक अस्तोन होकर माडूमर रोड़ को भी विकसित कर दिया जाय. मैं इतनी ही बात कहकर अपनी बात को समाप्त करता हूं पूर्ण अनुशासित होकर अपना स्थान ग्रहण करता हूं धन्यवाद्.

          श्री फुन्देलाल सिंह मार्को ( पुष्पराजगढ़ ) -- उपाध्यक्ष महोदय मैंने मंत्री जी से 11-10-2015 के पत्र के माध्यम से भी अपने पुष्पराजगढ़ विधान सभा के कुछ मुख्य मार्गों  के संबंध में  जिनके डीपीआर तैयार हो गये हैं वह अभी विभाग के पास में लंबित हैं उन मार्गों के बारे में ही मैं निवेदन करना चाहूंगा कि कृपया इस वित्तीयवर्ष में जोड़कर उनका निर्माण कार्य प्रारम्भ करेंगे तो बड़ी कृपा होगी. नोनघटी से दमेहड़ी मार्ग, बम्हनी से केशवानी , बीजापुरी से नगमला , अमगवां से भेजरी, अहिरगवा से केलमनिया, देवरा से मौहारी, अतरिया से करनपठार, कपिलधारा पहुंच मार्ग,कोयलारी से खजुरवार, कोहका से गर्जनबीजा, बेलडोगरी से जटंगा, औरगिरारी से थमरदर इनके डीपीआर तैयार कर विभाग को भेजे जा चुके हैं. इसी तरह से पुष्पराजगढ़ विधान सभा के मुख्य जिला मार्गों के नवीन प्रस्ताव  इस प्रकार से हैं- जिनमें निर्माण काम कराया जाना आवश्यक है. पोंडी से करगरा, पटना करपा, करई केलमनिया मार्ग, राजेन्द्रग्राम करौंदी बिजौरी मार्ग, दमेहड़ी से लीलाटोला मेंढाखार मार्ग, सल्हरों पहुंच मार्ग, कौरेला से पोंडी बेकंटनगर मार्ग, अमगवां से पोंडी मार्ग, राजेन्द्र ग्राम से जैतहरी मार्ग, सोनियामार से नौगवां पहुंच मार्ग, बैकट नगर से खैरी पहुंच मार्ग कराया जाना अति आवश्यक है.

          उपाध्यक्ष महोदय जोअपूर्ण कार्य वाले मार्ग हैं जो कि अधूरे पडे हुए हैं लेकिन अभी तक उनमें कोई काम नहीं हुआ है उनके बारे में कहना चाहता हूं कि माननीय मंत्री जी अपने स्तर से कार्यवाही कराने की कृपा करें. खाटी से बेलगवा मार्ग स्वीकृत वर्ष 16-2-2010, राजेन्द्र ग्राम से घोघरी मार्ग वर्ष 2012, अमगवा से पोड़ी मार्ग स्वीकृत वर्ष 2011 यह आज तक अपूर्ण हैं कृपया इनको पूर्ण कराने की कृपा करें. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत लंबित कार्य हैं. कोडार सरफा अमोदामार्ग, पडमनिया से गिजरी मार्ग जो कि 2009-10 से अपूर्ण हैं. लोक निर्माण विभाग में जो भी निर्माण कार्य अपूर्ण हैं उऩके संबंध में निवेदन करना चाहूंगा दमेहड़ी में हाई स्कूल के भवन का अपूर्ण कार्य पूर्ण करावें, अमगवां में हाई स्कूल एवं गिरारी में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का अपूर्ण कार्य है इनको पूर्ण कराया जाय. इसी तरह से पुल पुलियों की बात है संचरा छट्टन टोला से दमहडी मार्ग में रपटा कम स्टाप डेम का निर्माण, भिमकुण्डी से भिमकुंडीखुर्द मार्ग पर नर्मदा नदी पर रपटा कम स्टाप डेम का निर्माण कार्य, सोनिया मार्ग से नवगवा मार्ग पर जोहिला नदी पर रपटा कम स्टाप डेम का निर्माण कार्य, बेहनाडाबर से निगौरा मार्ग पर तिपान नदी पर रपटा कम स्टाप डेम का निर्माण कार्य, ढोढीपानी मार्ग पर कोयलारी नाला में रपटा कम स्टाप डेम का निर्माण कार्य, रनई कापा मार्ग पर रपटा कम स्टाप डेम का निर्माण कार्य, ग्राम वेंकट नगर में लोक निर्माण विभाग का विश्राम गृह बनाया जाय.

          उपाध्यक्ष महोदय एक हमारा 11-10-2015 को माननीय मंत्री लोक निर्माण से निवेदन किया था कि राजेन्द्र ग्राम से घोघरी मार्ग की स्वीकृति प्रदान की गई थी वह हमारी विधान सभा का मुख्यमार्ग है 2013 में तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री ने उसका भूमि पूजन भी किया है लेकिन 2016 में भी यह काम पूरा नहीं हो रहा है मेरा निवेदन है कि यह काम तत्काल पूर्ण कराया जाय. उपाध्यक्ष महोदय आपने बोलने के लिए समय दिया धन्यवाद्.


 

          श्री गोविंद सिंह पटेल (गाडरवारा) -- माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मैं लोक निर्माण कार्य-सड़कें और पुल, लोक निर्माण कार्य-भवन, मांग संख्‍या 24 और 67 का समर्थन करता हूँ. मध्‍यप्रदेश में वर्ष 2003 से वर्ष 2016 में सड़कों के मामले में बहुत परिवर्तन आया है, वैसे हर क्षेत्र में सरकार ने काम किया है लेकिन सड़कों के मामले में एक बहुत बड़ी क्रांति प्रदेश में आई है. इसके लिए मैं प्रदेश के मुख्‍यमंत्री माननीय शिवराज सिंह चौहान जी को और लोक निर्माण मंत्री श्री सरताज सिंह जी को बधाई देना चाहता हूँ. माननीय सरताज सिंह जी हमारे क्षेत्र से 5 साल सांसद भी रहे हैं. वे एक कर्तव्‍यनिष्‍ठ और एक ईमानदार जनप्रतिनिधि माने जाते हैं और इस विभाग में भी वे अच्‍छा कार्य कर रहे हैं. सड़कों की गुणवत्‍ता इस समय जो आ रही है वह बहुत अच्‍छी गुणवत्‍ता आ रही है और ई-टेंडरिंग आदि की व्‍यवस्‍था से भी एक क्रांति आई है.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, वर्ष 2003 में मात्र 4-5 हजार किलोमीटर सड़कें थीं आज 1 लाख किलोमीटर से भी ज्‍यादा सड़कें हमारे प्रदेश में बन गई हैं. एक समय था जब मध्‍यप्रदेश में सड़कों की स्‍थिति यह थी कि सड़क है या गड्ढा है लेकिन आज ऐसी स्‍थिति नहीं है. गाडरवारा यहां से 200 किलोमीटर दूर है और पहले हमें भोपाल आने में 6 घंटे लगते थे लेकिन अब 3 घंटे में हम लोग आ जाते हैं. सड़कें भी कई हैं जहां से आना है वहां से आ जाओ, होशंगाबाद से आ जाओ, सीधे रायसेन से आ जाओ, कहीं से भी आ जाओ माने कई जगह सड़कों का निर्माण बहुत अच्‍छे ढंग से मध्‍यप्रदेश की सरकार ने किया है. सरकार का जिलों के लिए फोर लेन सड़कों का एक संकल्‍प है और तहसील के लिए 2 लेन सड़कों के निर्माण का संकल्‍प है तो सड़कों और पुलों के मामले में बड़ी क्रांति आई है. बंटवारा भी विभाग द्वारा कर दिया गया है कि 20 लाख से नीचे की बिल्‍डिंग पीडब्‍ल्‍यूडी  बनाएगी और 20 लाख से ऊपर की बिल्‍डिंग पीआईओ बनाएगी. कुछ सड़कों का निर्माण रोड डेव्‍हलपमेंट कार्पोरेशन द्वारा भी किया जा रहा है तो एक अच्‍छी क्रांति सड़कों के मामले में आई है. मेरे क्षेत्र में एक आईटीआई का भवन 4 करोड़ रुपये का पीआईओ के द्वारा बनाया गया है और 2-3 भवन छात्रावासों के भी पीआईओ के द्वारा बनाए गए हैं तो यह विभाग अच्‍छी बिल्‍डिंग्‍स बना रहा है.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मेरे क्षेत्र की कुछ मांगें मैं यहां रखना चाहता हूँ. काम तो बहुत हुआ है लेकिन विकास एक निरंतर प्रक्रिया है और विकास का कभी अंत नहीं होता क्‍योंकि जब विकास होता है तभी लोग विकास की मांग करते हैं. उस जमाने में जब विकास नहीं होता था तो लोग सोचते थे कि सड़क की मांग ही मत करो क्‍योंकि सड़क बनती ही नहीं है तो मांग क्‍यों करो. आज सड़कें बन रही है इसलिए लोगों के मन में आता है कि मांग करो क्‍योंकि हमारी सरकार सड़कें बना रही है.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, पिछले समय जब मैं पहली बार विधायक बना तो लोक निर्माण मंत्री माननीय नागेन्‍द्र सिंह जी थे, उन्‍होंने मेरे क्षेत्र में बहुत सड़कें बनवाईं. माननीय सरताज सिंह जी ने भी सड़कें बनवाने का कार्य किया है लेकिन मैं और चाहता हूँ कि कुछ सड़कें बन जाएं क्‍योंकि ''घर के परसैया अंधेरी रात''. वे हमारे क्षेत्र के सांसद भी रहे हैं इसलिए मेरा उन पर ज्‍यादा अधिकार बनता है कि हमारी सड़कें वे बनवाएं. एक बेलखेड़ी से मोहपा सड़क है जिसकी लंबाई 7 किलोमीटर है, एक अमाड़ा से बगलई सड़क है जिसकी लंबाई 12 किलोमीटर है, एक चांदनखेड़ा से प्रेमपुर सड़क है जिसकी लंबाई 7 किलोमीटर है, एक पीपरपानी से टेकापार सड़क है जिसकी लंबाई 5 किलोमीटर है, एक गाडरवारा पिपरिया मार्ग से सहावन सड़क है जिसकी लंबाई 4 किलोमीटर है और झांझनखेड़ा से पचामा सड़क है जिसकी लंबाई 8 किलोमीटर है. इसके अलावा हमारे यहां कल्‍याणपुर-रायुपर के बीच में एक पुल बन गया है जो कि बहुत अच्‍छा बना है इसकी घोषणा माननीय मुख्‍यमंत्री ने वर्ष 2007 में की थी, यह पुल तो बन गया है लेकिन उसमें दोनों तरफ एप्रोच सड़क, कल्‍याण की तरफ 4 किलोमीटर और रायपुर की तरफ 3 किलोमीटर सड़क नहीं बनी है इसलिए वह पुल फिलहाल औचित्‍यहीन है यदि ये दोनों सड़कें बना दी जाएं तो पुल का औचित्‍य सिद्ध हो सकेगा.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, हमारे यहां चींचली में एनटीपीसी का एक पॉवर प्रोजेक्‍ट लग रहा है 1600 मेगावाट का इसलिए वह एक औद्योगिक क्षेत्र बन रहा है और चींचली नगर पंचायत है साथ ही ब्‍लॉक हेडर्क्‍वाटर भी है और वहां अभी 20 किलोमीटर सड़क एनटीपीसी के सहयोग से बन रही है जिसे पीडब्‍ल्‍यूडी  बना रहा है तो मैं चाहता हूँ कि चींचली में एक रेस्‍ट-हाऊस बन जाए क्‍योंकि वहां ज्‍यादा लोगों का आना-जाना है. इसलिए चींचली में रेस्‍ट-हाऊस की मैं मांग करता हूँ. इसके अलावा जबलपुर-इटारसी के बीच में गाडरवारा में जो रेलवे क्रासिंग है वहां से एनटीपीसी के हजार, दो हजार वाहन रोज निकलते हैं तो मेरी मांग है कि वहां यदि ओव्‍हरब्रिज बन जाए तो लोगों को वहां पर घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा और ट्रैफिक जाम की स्‍थिति भी निर्मित नहीं होगी.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, एक बारहावड़ा सूखाखेरी का रोड जो आरडीसी से स्‍वीकृत हो गया है यह 25 किलोमीटर का है सालेचोका तिगड्डा से सालेचोका बारहे और सूखाखेरी, उसका जल्‍दी निर्माण कराया जाए क्‍योंकि पुरानी सड़क पीडब्‍ल्‍यूडी  की है लेकिन अब आरडीसी में जाने के कारण उसमें पीडब्‍ल्‍यूडी  विभाग ने मरम्‍मत करना बंद कर दिया है. यदि वह सड़क जल्‍दी आरडीसी से बन जाए तो लोगों को दिक्‍कत नहीं होगी. इसके अलावा हमारे यहां पर एक पुल की आवश्‍यकता है जो साईंखेड़ा और बनखेड़ी को जोड़ सके, मोआर और मरधा के बीच दूधी नदी पर यदि वह पुल बन जाए तो होशंगाबाद नरसिंहपुर जिले का एक ज्‍वॉइंट वहां से हो जाएगा. दूसरी बात यह है कि हमारे यहां उदयपुरा और साईंखेड़ा के बीच नर्मदा नदी पर पुल बन गया है और अच्‍छी सड़क बन गई है वहां से वाहनों का बहुत आवागमन होता है क्‍योंकि सीधी एप्रोच वहां से हो गई है तो साईंखेड़ा में एक रेस्‍ट-हाऊस बन जाए, यह मैं मंत्री जी से निवेदन करता हूँ. आप मेरी इन मांगों पर ध्‍यान देते हुए इन कार्यों को करवाएं. माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, आपने मुझे बोलने का समय दिया इसके लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

          श्री अजय सिंह (चुरहट) -- माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 24 और 67 का विरोध करता हूँ और माननीय मंत्री महोदय को आपके माध्‍यम से कुछ सुझाव देना चाहता हूँ. अभी माननीय पटेल जी कह रहे थे कि पहले सड़कों का पता ही नहीं था कि सड़क है या क्‍या है लेकिन रीवा संभाग की यदि मैं बात करूँ, जहां से मैं आता हूँ और उपाध्‍यक्ष महोदय आप भी आते हैं तो आज भी सड़कों की स्‍थिति बहुत खराब है. हमारी औद्योगिक क्षेत्र राजधानी सतना है. सतना से रीवा जाने के लिए आपके क्षेत्र होकर लोग रीवा जाते हैं. रीवा से यदि बनारस या इलाहाबाद कोई जाना चाहे तो 13 साल हो गए अभी भी स्‍थिति खराब है.

          श्री उमाशंकर गुप्‍ता -- अजय भैया, कोई ग्रह दिखवाओ, पता नहीं वह सड़क क्‍यों नहीं बन रही है जबकि प्रदेश की बाकी सड़कें बन रही हैं.

          श्री अजय सिंह -- माननीय शिवराज सिंह चौहान जी की रीवा पर कृपा नहीं हो रही है यह ग्रह खराब है. तन डोले, मन डोले लेकिन शिव नहीं बोले, रीवा संभाग की हालत यह है. आप एनटीपीसी की एक फैक्‍टरी की बात कर रहे थे जबकि एनटीपीसी के 4-4 प्‍लांट सिंगरौली में हैं, यह हिंदुस्‍तान की ऊर्जा की राजधानी मानी जाती है लेकिन सीधी से सिंगरौली, जहां 13 साल पहले हम 3 घंटे में जाया करते थे आज 6 घंटे लगते हैं.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, पूरे रीवा संभाग की सड़कों की हालत खराब है. चाहे बमीठा की सड़क देख लीजिए, बमीठा से सतना, सतना से रीवा, बेला ये यूपी बॉर्डर, मऊगंज बॉर्डर, ये कोई सी सड़क आज तक नहीं बन पाई है. माननीय मंत्री महोदय की गोविंद सिंह जी बहुत तारीफ कर रहे थे, प्रमुख सचिव की भी तारीख कर रहे थे, मैं आपके माध्‍यम से इन दोनों महानुभावों से आग्रह करना चाहता हूँ कि ग्रह जैसा कि उमाशंकर गुप्‍ता जी ने कहा है कुछ हम लोगों का भी ग्रह, आपका भी ग्रह कुछ ठीक हो कि हम लोगों के संभाग में कुछ सड़कें जल्‍दी से जल्‍दी बन जाएं. धन्‍यवाद.

          उपाध्‍यक्ष महोदय -- उमाशंकर जी के ग्रह तो अच्‍छे हैं, इनके भोपाल में चमचमाती रोडें हैं.

          श्री मुकेश नायक -- ये तो भाग्‍य के भरोसे चल रहे हैं दो कौड़ी का काम नहीं करते हैं.

          श्री उमाशंकर गुप्‍ता -- माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, काम मैं दो कौड़ी के नहीं करता, मैं काम के काम करता हूँ, मैं अच्‍छे काम करता हूँ.

          डॉ. गोविंद सिंह -- लेकिन हायर एजुकेशन को तो भट्टा बैठाल दिया.

          श्रीमती शीला त्यागी(मनगवां)-- माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं लोक निर्माण मंत्री जी का ध्यान आकर्षित कराना चाहती हूँ कि आपके विभाग में जो सड़कें, पुल, भवन निर्माण के जो कार्य चल रहे हैं उन कार्यों में गति जरुर आयी है लेकिन वह कार्य जितने भी हैं गुणवत्ताविहीन हैं और उनका रख-रखाव भी सही नहीं है. जितने राष्ट्रीय राजमार्ग के कार्य हैं वह भी धीमी गति से चल रहे हैं उदाहरण के लिए रीवा नेशनल हाई वे नम्बर 7 और 27..

1.11 बजे                                       अध्यक्षीय घोषणा

                                माननीय सदस्यों के लिए भोजन विषयक

          उपाध्यक्ष महोदय-- शीला जी एक मिनट. माननीय सदस्यों के लिए भोजन की व्यवस्था सदन की लॉबी में की गयी है. माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि सुविधानुसार भोजन ग्रहण करने का कष्ट करें.

                               वर्ष 2016-2017 की अनुदानों की मांगों पर मतदान (क्रमश:)

          श्रीमती शीला त्यागी-- माननीय उपाध्यक्ष जी, जैसा कि मैं कह रही थी कि माननीय लोक  निर्माण मंत्री जी के कार्यकाल में कामों में गति तो आयी है लेकिन गुणवत्ताविहीन हैं चाहे वह भवन हो, चाहे पुल हों.  चाहे सड़कें हों, सडकों का तो यह हाल है कि बनने से पहले ही उखड़ जाती हैं.साथ ही साथ  जो लोक प्रबंधन अधिनियम, सर्विस अधिनियम है उसके तहत् भी आपके विभाग में पर्याप्त भ्रष्टाचार है उसकी शिकायत भी गयी. जीएडी ने दो कर्मचारियों को शोकाज नोटिस दिया, रिवर्ट कर दिया गया और फिर जीएडी ने जब उनको सही साबित किया तो उनको पदोन्नति देना चाहिए थी लेकिन पदोन्नति नहीं दी गयी. इसलिए आपसे गुजारिश है कि आप इधर ध्यान दें. साथ ही साथ मैं यह भी बताना चाहती हूँ कि लोक निर्माण विभाग के द्वारा जो एसटी, एससी मद होता है 6442, उसके अंतर्गत जितनी एसटी, एससी की जो बस्तियां होती हैं, नाली निर्माण के लिए, सड़क के लिए और मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिये विभाग ने बहुत अच्छा खास बजट दिया लेकिन सबसे ज्यादा अगर कहीं भ्रष्टाचार है पीडब्लयूडी के क्षेत्र में, इस आदिम जाति, अनुसूचित जाति जो एक शाखा है उसके तहत् जो कार्य किये जाते हैं वह सिर्फ पन्नों में हैं इसकी भी आप उच्च स्तरीय जांच करवा के भ्रष्टाचार से मुक्त करें. माननीय मंत्री जी से यह भी गुजारिश करती हूँ कि मनगवां विधानसभा को आपने  11 सड़कें दीं उसके लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद देती हूँ लेकिन कुछ ऐसी सड़कें हैं जो बनने से पहले उखड़ रही हैं.आपने देवास से फूलबाला मार्ग स्टार्ट किया था अभी,आप गये थे, मैं भी आपके साथ वहां थीं उससे  हमारे क्षेत्र के कम से कम 150 गांवों को आपने गति प्रदान कर दी उनको सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक रुप से सुदृढ़ बनाया उसके लिए भी मैं आपको धन्यवाद देती हूँ लेकिन काम भी बहुत धीमी गति से चल रहा है. साथ ही साथ मेरे मनगवां विधानसभा की जो सड़कें हैं जैसे  बेलवापाईकान से कठेरी होते हुए जो सलईया तक जाती है बहुत जर्जर है, उस पर चलना मुश्किल हो रहा है. मैंने आपसे पत्राचार भी किया था लेकिन अभी उसमें ध्यान नहीं दिया गया है. मैं चाहती हूँ कि उसे आप जल्दी से जल्दी बजट में जोड़ेगे. साथ ही साथ  पड़वा से जो पहुंच मार्ग है उसमें एक नाला है जो बरसात के समय में डूब जाता है और कम से कम 60-70 गांवों का आवागमन रुक जाता है. कोई बीमार हो जाए,  महिला जो डिलेवारी वाली रहती हैं उनको बहुत परेशानी होती है इसलिए िस पुल को भी ऊंचा किया जाये या नया पुल बनाया जाए. साथ  ही साथ कन्हीला, धवैय्या, मड़ीकटेरी, आलमगंज के बीच भी जो रपटा बना है वह भी बरसात में डूब जाता है, कम से कम 60-70 साल पुराना है उसको भी पुल बनाया जाए. देवास से गंगेउ रोड भी बहुत जर्जर है , बनवाने का कष्ट करें. ग्राम पंचायत  हकरिया में आंगनवाड़ी भवन नहीं है, गंगेउ जनपद में विश्रामगृह बनाने के लिए मैंने पत्राचार किया था, वहां विश्रामगृह बनवाया जाए और एक सबसे बड़ी मांग, आपने मनगवां मुख्यालय पर एक अनुविभागीय कार्यालय तो खोल दिया लेकिन अपने कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था नहीं की और नगर पंचायत के भवन पर उसके कर्मचारी कब्जा किये हुए हैं, आप अतिशीघ्र अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था करें.उपाध्यक्ष महोदय, आपने मुझे अपनी बात रखने का मौका दिया, उसके लिए धन्यवाद.

          श्री रामेश्वर शर्मा(हुजूर)-- माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मेरा यह आग्रह है कि जिस तरह सड़कों के बारे में कह रहे हैं. अभी माननीय सरताजसिंह जी ने और माननीय पी.एस.अग्रवाल साहब ने तारीफ करुंगा मैं कि अभी जितनी भी सड़कों की स्वीकृति दी है, कम से कम 5 साल और अधिक से अधिक 40 साल तक वह सड़कें चलेंगी.ऐसा मध्यप्रदेश के पीडब्ल्यूडी के इतिहास में पहली बार हो रहा है और इस बात के लिए पूरी सरकार बधाई की पात्र है. हमारे मंत्री बधाई के पात्र हैं, हमारे पी.एस. भी बधाई के पात्र हैं.

          डॉ. गोविन्द सिंह--  40 हजार करोड पहले खा गये, वे कहां गये? 12 बरस से

            श्री रामेश्वर शर्मा--  यह आप हिसाब जानों, अभी तारीफ कर रहे थे. जब हमारे पी.एस. आनेस्ट हैं तो खा कैसे सकते हैं. आज भी कितने अधिकारियों पर जांच हो रही है, पहले इतने अधिकारियों पर कभी जांच हुई है? आज भी उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की गयी है, आज भी उनको सस्पेंड किया गया है. (व्यवधान)

          उपाध्यक्ष महोदय-- आपके दल की तरफ से आपका नाम नहीं आया है.अगर आपको बोलना है तो पर्ची भिजवा दें.

          श्री रामेश्वर शर्मा-- उपाध्यक्ष महोदय, मैं तो अनुमति ले के बोल रहा था.आपने अनुमति दे दी है. (व्यवधान)

          उपाध्यक्ष महोदय--  इन्टरवेन्शन 5-10 सेकण्ड का होता है, आप तो भाषण दे रहे हो,आप बैठ जाओ. डॉ. मोहन यादव

          श्रीमती शीला त्यागी--  माननीय उपाध्यक्ष जी, ठैरा से लेकर गंगेउ तक की जो रोड बनी है, बन भी रही है और उखड़ती जा रही है. माननीय शर्मा जी, आप अपनी सरकार की तारीफ करें, गुणगान करें, यह सच है लेकिन हम अपने रीवा जिले की बात कह रहे हैं हमारे यहां की जो सड़कें बनी हैं गुणवत्ताविहीन हैं इसकी जांच माननीय मंत्री जी करवा लें.

          उपाध्यक्ष महोदय-- शीला जी, आप बैठ जाएं. आप आसंदी का हमेशा सम्मान करती हैं.

          इंजी.प्रदीप लारिया-- बहन जी के यहां 11 सड़कें स्वीकृत हुई हैं, इनको तो सरकार की तारीफ करना चाहिए.

          श्रीमती शीला त्यागी-- इसलिए मैं कहना चाहती हूँ शर्मा जी, आपकी सरकार है, लेकिन हमारे मनगवां विधानसभा  की जो सड़कें बनी हैं सब गुणवत्ताविहीन हैं, बनते बनते उखड़ रही हैं. मैं मंत्री जी से चाहती हूँ कि उनकी गुणवत्ता की जांच करवा ली जाए.

          उपाध्यक्ष महोदय-- यह गलत बात है. आप बैठ जाएं, आप अपनी बात कह चुकी हैं,सारी समस्याएँ, सब कुछ आ चुका है.

          श्री रामेश्वर शर्मा-- लेकिन दीदी अब जो सड़के बनेंगी वे 5 साल के लिए बनेंगी.अगर विधायक 5 साल के लिए चुना जाता है, सांसद 5 साल के लिए, सरपंच 5 साल के लिए तो सड़कें भी 5 साल के लिए बनेंगी, यह पहली बार हो रहा है.

          श्रीमती शीला त्यागी--  5 साल की तो बात ही अलग है, हमारे यहां तो एक साल के अन्दर ही उखड़ गयीं.

          श्री रामेश्वर शर्मा--  यह पहली बार  हो रहा है या तो श्रीमान अटलविहारी वाजपेयी जी के किया था या श्रीमान शिवराज सिंह चौहान ने वह पालिसी लागू की.

          उपाध्यक्ष महोदय-- शर्मा जी, आप जाकर भोजन कर आयें(हंसी) आप भोजन के लिए नहीं गये.शीला जी आज आपको क्या हो गया.

          श्रीमती शीला त्यागी--  उपाध्यक्ष महोदय, धन्यवाद.

          डॉ. मोहन यादव(उज्जैन-दक्षिण)-- माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से लोक निर्माण विभाग, उनके मंत्री माननीय सरताजसिंह जी, पीएस, ईएनसी खासतौर से मैं धन्यवाद  इस नाते से देना चाहता हूँ, सिंहस्थ 2016 विक्रम संवत् 2073 के परिप्रेक्ष्य में माननीय यशस्वी मुख्यमंत्री ने जो बात कही थी यद्यपि समय सीमा कम होने के बावजूद भी मैं अपनी बात थोड़ी सी आपसे गुंजाइश चाहूंगा कि वाकई में एक 5 लाख की छोटी सी आबादी वाला शहर जिसमें 100 गुना ज्यादा दर्शनार्थी श्रृद्धालु आने वाले हैं, 5 से 6 करोड़ जब लोग आने वाले हों ऐसे शहर में एक चुनौती के रुप में विभाग सामने आता है और आज आप जाकर के देख सकते हैं किउज्जैन में मुझे लगता है कि उज्जैन न केवल मध्यप्रदेश बल्कि देश नहीं, दुनिया में भी कोई ऐसा शहर नहीं होगा जो डेढ़ साल  से कम  समय में 14 पुल अपने उस शहर में बनवा ले. 230 करोड़ के काम और खासतौर से 14 ब्रिज और 14 ही ब्रिज बनकर के तैयार है, उनका आधे से ज्यादा का लोकार्पण मुख्यमंत्री जी इस महीने कर चुके  हैं और 15 से 20 तारीख के बीच में  उनको दुबारा हम बुलाने वाले हैं. लगभग सिंहस्थ ज्ञात इतिहास में 300 साल में एकमात्र ऐसा सिंहस्थ भरने वाला है जहां पूरा शहर एक नयी दिशा में सिंहस्थ बाईपास के माध्यम से लगने वाला है जहां पर लगभग 5 हजार हेक्टेयर भूमि अब नये बाईपास का लाभ लेकर के  आने वाले 20 सिंहस्थ तक की पूरी व्यवस्था हमारे लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कर दी गयी है. इतना ही नहीं जो जो आवश्यक निर्माण के लिए बिल्डिंगों की आवश्यकता थी वह सारी की सारी गुणवत्तापूर्ण बिल्डिंग, मुख्य मार्ग, रेलवे  ओवरब्रिज क्योंकि सेन्ट्रल गवर्नमेंट ने अपना पार्ट भी स्टेट गवर्नमेंट को दे दिया कि  रेलवे का वह ब्रिज भी आपको ही बनाना है और मुझे इस बात की खुशी है कि  हमारे चारों रेलवे ओवरब्रिज उसी स्थिति में  आ गये जब अपना पूरा ट्रेफिक निकलकर सरलता से आ जा सकेगा. मैं और  दो तीन कारणों से लोक निर्माण विभाग को धन्यवाद देना चाहूंगा कि जितना समय मिला था , उतने कम समय में भी, जो कांग्रेस के कार्यकाल में एक हमारा गिरौता से खेमासा तक की सड़क का एक ब्रिज गंभीर नदी पर बना हुआ पड़ा था उस बीस साल पुराने ब्रिज को भी वर्तमान में 13 करोड़ की लागत से स्वयं सरताज सिंह जी ने अपने कर कमलों से उसका भूमिपूजन करवाकर वह कार्य भी रिकार्ड समय में पूरा करने की स्थिति में बढ़ रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि जिस प्रकार से गुणवत्तापूर्ण कार्य हुए हैं,यहाँ तक कि मंत्रीजी ने यह चैलेंज दिया है कि थर्ड पार्टी जांच भी करा ले. क्योंकि आमतौर पर सिंहस्थ में जो पुराने समय के अनुभव थे कि बाद में बहुत सारी शिकायतें आती हैं उन शिकायतों की पूर्व तैयारी करते हुए गुणवत्तापूर्ण काम करने का प्रयास किया गया है , वाकई वह सराहने योग्य हैं. हम उम्मीद करते हैं कि जिस प्रकार से काम हुए हैं, उन सारे कामों के  साथ अब हमको लगता है कि हमारे लिए जो मास्टर प्लान 2006 में हमने बनाया था उस मास्टर प्लान के 90 परसेंट से ज्यादा काम पूरे हो गये हैं. हमको लगता है कि उज्जैन के विकास के लिए मास्टर प्लान को रिवाईज करना पड़ेगा क्योंकि उज्जैन का यह जो सिंहस्थ का क्रम है उसमें आमतौर पर पांच छह साल पहले से कार्य होते हैं तो  जो हमारा 2028 का सिंहस्थ आने वाला रहेगा अब उस दिशा में हमको सोचने की आवश्यकता है. मैं उम्मीद करता हूं कि जो काम हमारे हुए हैं उन कामों के साथ जो दो तीन चीजें छूटी हैं,उसकी तरफ भी ध्यानाकर्षित कराना चाहूंगा खासकर के हमारे उज्जैन में वीवीआईपी मूवमेंट में नाइट लैंडिंग की हमारी साधिकार समिति से भी मंजूरी थी लेकिन बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि वह हमारा काम अभी हो नहीं पाया है. मेरा मंत्री जी से निवेदन है कि कुछ भी करके अगर समय मिले तो नाइट लैंडिंग की सुविधा दिला दें क्योंकि अक्सर भस्म आरती में सुबह चार बजे जिनको पहुंचना रहता है वह लेट नाइट भी पहुंच सकेंगे. इसके साथ साथ एमपीआरडीसी की तरफ से जो सर्विस रोड बनाया जा रहा है उस सर्विस रोड की प्लानिंग में थोड़ी गड़बड़ हुई है, कुछ भूमि ली है कुछ छूट गई है तो सर्विस रोड पूरा नहीं बन पा रही है. उपाध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से निवेदन करना चाहूंगा कि जो इन्दौर उज्जैन सर्विस रोड बन रहा है उस पर भी ध्यान देने का कष्ट करें ताकि वह ठीक से बन जाए. शहरों में हमने पूरा ध्यान दिया है पर कुछ गांवों का भी हमारा विधानसभा क्षेत्र है, ग्राम झिरोलिया-फतेहाबाद के पास का हमारा स्थान है, अब तो हमारी फतेहाबाद रेल लाइन भी भारत सरकार ने मंजूर कर दी है और यह सिंहस्थ के लिए अत्यन्त आवश्यक है, हर सिंहस्थ में काम आएगी, इस सड़क को बनाना अत्यन्त आवश्यक है .इसी प्रकार से लालपुर से धतरावदा विक्रमनगर रेल्वे स्टेशन को जोड़ने वाले मार्ग की भी आवश्यकता है इसको भी बनाने का कष्ट करें. ग्राम करोंदिया से निमनवासा यह हमारा पुराना प्राचीन मार्ग था, इसको बनाने की आवश्यकता है. हमारे रेस्ट हाउस में 12 कमरे बने हुए हैं, मंत्री जी व अधिकारियों को भी याद होगा, यह भले सिंहस्थ के बाद हो, लेकिन यह अत्यंत आवश्यक है क्योंकि बाहर से आने वाले लोगों को रुकने की अत्यंत आवश्यकता पड़ती है तो इसमें 6 कमरे और बन जाए. एक ज्यूडीशियरी की दृष्टि से उज्जैन में अलग से ज्यूडीशियरी का रेस्ट हाउस बनाने की आवश्यकता है क्योंकि आमतौर पर ज्यूडीशियरी के पूरे देश के लोग आते हैं, सुप्रीम कोर्ट के जज या हाईकोर्ट के जज आते हैं, तब हमारा रेस्ट हाउस , सर्किट हाउस हमारे हाथ से चला जाता है तो ऐसे में इनके रुकने की अलग से व्यवस्था अलग हो जाएगी तो बाबा महाकाल सहित जो देवदर्शन के लिए लोग आते हैं उनको सबको सुविधा होगी. मैं आपके माध्यम से एक बार फिर उज्जैन के मामले में धन्यवाद देना चाहूंगा जो विभाग ने काम किया, विभाग के अधिकारियों ने काम किया, मंत्री जी ने मानिटरिंग की , इवन हमारे वरिष्ठतम अधिकारियों ने भी छोटे छोटे कामों की मानिटरिंग की है , वह वाकई में सराहनीय है. धन्यवाद.

          श्री सचिव यादव (अनुपस्थित)

          श्री हरदीप सिंह डंग(सुवासरा)माननीय उपाध्यक्ष महोदय, जो बजट पर चर्चा की जा रही है उसमें मेरे क्षेत्र की जो महत्वपूर्ण मांगें हैं , जो सुवासरा विधानसभा में  मांग मेरे द्वारा की गई थी शायद उसको बजट में सम्मिलित नहीं की गई है. यहाँ पर माननीय मंत्री जी बैठे हैं, मेरा उनसे निवेदन है कि क्षेत्र में अगर यह सड़कें मंजूर होती हैं तो क्षेत्र के लिए विकास के रूप में एक अच्छी सौगात मिलेगी . वहाँ पर एक एक किलोमीटर की चार-पांच सड़कें हैं, उनको एफएफसी में भी सम्मिलित कर सकते हैं और दो तीन रोड जो बजट में शामिल करनी हैं उनके भी नाम मैं बताऊँगा. एक दूधिया रोड जो चौमेला से सीतामऊ मार्ग पर है , एक बाकली है जो कियामपुर रोड पर है, एक शक्करखेड़ी है, जो कियामपुर रोड पर है, एक लसूड़िया है, यह चार रोड हैं, मेन रोड से जुड़े हुए हैं,यह एक एक किलोमीटर के रोड हैं,इनको एफएफसीज में भी सम्मिलित किया जाता है तो यह रोड को मंजूरी मिलेगी तो जनता को सुविधायें मिलेंगी. एक शेरगढ़ जो तीन किलोमीटर दूर पड़ता है, उसको बजट में शामिल करें, एक माकड़ीमाता से खेड़ा अजयपुर बनी मार्ग है यह कम से कम 15गांवों को जोड़ता है इसको भी बजट में शामिल किया जाएगा तो यहाँ की जनता को इसका फायदा मिलेगा. एक महत्वपूर्ण बात  है, मुख्यमंत्री जी की घोषणा है कि चंबल नदी पर जो पुल बनना है, गरोठ और भानपुरा की दूरी मंदसौर से जो 120 से 150 किलोमीटर पड़ती है अगर पुल का निर्माण सुवासरा विधानसभा में दोई छोर पर एक तो आवरी और एक आवरा के बीच में  चंबल नदी पर होता है तो 60-60 किलोमीटर का फायदा होगा और वहाँ पर व्यवसाय भी बढ़ेगा और जनता को सुविधा मिलेगी. एक पुलिया जो देवपुरा नागर और डोकरखेड़ी में रुड़ीजा पंचायत में आने जाने का रास्ता है, हास्पिटल की ,स्कूल की सुविधा रुड़ीजा में है वहाँ पर रोड का निर्माण तो हो गया है पर पुलिया निर्माण नहीं हुई है और बरसात के समय पर किसी महिला के डिलेवरी का टाइम हो तो वहाँ पर घटनायें भी घट चुकी हैं.उसके बारे में कहा जाता है इसको सेतु निगम में दे दिया गया है, कोई कहता है कि लोक निर्माण में दे दिया गया है पर आज तक देवपुरा नागर और रुड़ीजा के बीच में उस पुलिया का निर्माण नहीं हुआ है इसको अगर आप शामिल करेंगे तो जनता को सुविधा मिलेगी. सीतामऊ में एक रेस्ट हाउस की बहुत जरूरत है, उसको भी इस बजट में शामिल करें. मेरा एक निवेदन है कि जो राजस्व ग्राम घोषित किये गये हैं उनमें न तो प्रधानमंत्री में, न मुख्यमंत्री सड़क में, न पीडब्ल्यूडी सड़क में कहीं पर भी रोड नहीं बन पा रहे हैं, यह ग्राम भी मेन सड़क से एक किलोमीटर या आधा किलोमीटर दूर हैं, उनको भी इस बजट में शामिल किया जाये तो मेहरबानी होगी.एक और निवेदन है कि जो विभाग द्वारा रोड बनाये गये हैं, जो बिल्डिंग्स बन चुकी हैं उसको विभाग द्वारा क्योंकि मैं कांग्रेस का विधायक हूं, जब उन निर्माण कार्यों के ओपनिंग की बात होती है, दूसरी विधानसभा में विधायक ओपनिंग करते हैं पर मेरी विधानसभा में जब ओपनिंग की बात आती है तो विभाग द्वारा दूसरी एजेंसी बना दी जाती है तो जो दूसरी विधानसभाओं में विधायक ओपनिंग कर रहे हैं, कम से कम जो नवीन बिल्डिंग बने वह विधायक की उपस्थिति में प्रोटोकाल का उपयोग करते हुए उसमें विधायक को सम्मिलित किया जाये, इस विषय में अभी एक मैंने प्रश्न भी लगाया था उसमें पीडब्ल्यूडी ने साफ मना करा है कि हमने नहीं बुलाया है, यह जानकारी आप देख सकते हैं. एक बसई कशनारा जो रोड अभी बना है , उसके आगे कशनारा से डिगांव तक अगर रोड बनेगा तो बहुत मेहरबानी होगी धन्यवाद.

          श्री आर.डी.प्रजापति(चन्दला)--  माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मेरा क्षेत्र तीनों तरफ से उत्तरप्रदेश से घिरा हुआ क्षेत्र है और छतरपुर से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है इसलिए पूरा का पूरा काम उत्तरप्रदेश से होता है. मेरे यहाँ कुछ रोड और पुलियायें छूट गई हैं जिसके कारण आवागमन पूरी तरह से ठप्प रहता है मैं उनका उल्लेख करना चाहता हूं , मैं केवल अपने क्षेत्र पर ही बोलना चाहता हूं मैं मांग संख्या 24 औऱ 67 के पक्ष में बोल रहा हूं. माननीय उपाध्यक्ष महोदय,  यह रोड हैंकरहरी से दिदवारा 3 किलोमीटर. मुडेरी से अधियारीबारी 3 किलोमीटर. चन्दला से गौहानीबाईबंशिया 20  किलोमीटर यह बहुत जर्जर मार्ग है. पहरा से हनुमानजी के मंदिर के पास उत्तरप्रदेश सीमा तक ढाई किलोमीटर,चंकि उत्तरप्रदेश से सभी रोड बन गये हैं हमारे मध्यप्रदेश के रोड बनना शेष है, इस कारण आवागमन नहीं हो पाता है. बदौराकला से बसराही उत्तरप्रदेश सीमा तक, प्रकाशबम्हौरी से खजुरिहापहरा उत्तरप्रदेश सीमा तक 3 किलोमीटर रोड, प्रकाशबम्हौरी से सरगईयनपुरवा उत्तरप्रदेश सीमा तक 5 किलोमीटर , मुड़हरा से रतौली बार्डर उत्तरप्रदेश सीमा पर डेढ़ किलोमीटर, मनवारा से पहरा  3 किलोमीटर यह सब उत्तर प्रदेश सीमा तक हैं. पलटा से बदौरकला 4 किलोमीटर, मनवारा से मटौध बार्डर  3 किलोमीटर , ठकुर्रा से राजापुर 2 किलोमीटर , नाद से पड़रिया 1 किलोमीटर , पचवरा से महुईकला 2.5 किलोमीटर , खड़ेहा से ओदी 3 किलोमीटर,  बसन्तपुर तिराहा से बसन्तपुर तक डेढ़ किलोमीटर, जनकपुर से गुढ़ा खुर्द तक साढ़े तीन किलोमीटर, पंचमपुर से गुमानघाट ढाई किलोमीटर, घटरा से बरहा 3 किलोमीटर..

          उपाध्यक्ष महोदय-- अब आप समाप्त करें.

          श्री आर डी प्रजापति--  माननीय उपाध्यक्ष जी, अपनी बात ही तो रख रहा हूँ.

          उपाध्यक्ष महोदय--  आपकी सूची बहुत लंबी लग रही है. आप माननीय मंत्री जी को दे देना.

          श्री आर डी प्रजापति--  बिलहरी से पंचमनगर, 3 किलोमीटर, छठीबम्हौरी से बनजारी मेन रोड तक 6 किलोमीटर, नांद मस्जिद घाट से किशनपुर तक 4 किलोमीटर, किशनपुर से पवईथर व्हाया आलमदेवी 6 किलोमीटर और मेन रोड चन्दला से रजौरा तक. इसी तरह से कुछ पुलिया हैं, अंजनी नाला में पुलिया निर्माण है, चन्दवारा से बदौराकला के बीच में पलटा से बदौराकला के बीच में एक पुलिया का निर्माण है. बदौरा से जोगा में पुलिया का निर्माण और नांद मस्जिद घाट से किशनपुर पर कुशियार नदी में पुलिया का निर्माण, नांद से कीरतपुर कुशियार नदी में पुल निर्माण, जरेहटा से रानीबाग में पुल निर्माण और नेहरा से नेहरी केन नदी पर पुल निर्माण, ये मेरे यहाँ बहुत जरूरी हैं. चूँकि मेरा सबसे दुरस्थ क्षेत्र है.

          उपाध्यक्ष महोदय--  मैं आपके क्षेत्र में गया हूँ. ग्राम ठकुरदा में आपके यहाँ गया हूँ.

          श्री आर डी प्रजापति--  उत्तर प्रदेश से लगा हुआ है इसलिए ये पुल बनाए जाएँ जिससे आवागमन की समस्या का समाधान हो जाए. दूसरा, मेरा मंत्री से एक और निवेदन है....

          उपाध्यक्ष महोदय--  आप तो बहुत सारे निवेदन कर चुके दूसरा कैसे आ गया.

          श्री आर डी प्रजापति--  आधा मिनट. मेरे यहाँ छतरपुर में पूरे....

          उपाध्यक्ष महोदय--  यह गलत बात है. अब समाप्त करिए. श्री सूबेदार सिंह रजौधा, आप बोलिए. आप भी शताब्दी से जा रहे हैं. दो मिनट बोलें.

          श्री आर डी प्रजापति--  उपाध्यक्ष महोदय, मेरे यहाँ छतरपुर में पूरे अधिकारी रहते हैं. मंत्री जी से निवेदन भी किया. वे केवल क्षेत्र में रहें यह जरूर कर दीजिए, यह मेरा निवेदन है, नहीं तो इस तरह से तो मेरे क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता है. माननीय उपाध्यक्ष जी, आपने बोलने का मौका दिया इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्री सूबेदार सिंह रजौधा(जौरा)--  माननीय उपाध्यक्ष महोदय....

          उपाध्यक्ष महोदय--  आप शताब्दी से पक्का जा रहे हैं?

          श्री सूबेदार सिंह रजौधा--  जी हाँ.

          उपाध्यक्ष महोदय--  नहीं तो शताब्दी का नाम लेकर लोग लाइन तोड़ देते हैं.

          श्री सूबेदार सिंह रजौधा--  आदरणीय, मैं शताब्दी से जा रहा हूँ. उपाध्यक्ष महोदय, सबसे पहले मैं डॉक्टर गोविन्द सिंह जी को मैं धन्यवाद देता हूँ. उनमें वजन जरूर कम है लेकिन चंबल संभाग में उनकी बात में वजनदारी है यह पूरा चंबल संभाग लोहा मानता है. आज उन्होंने माननीय मंत्री जी की प्रशंसा की और यह भी कहा कि 10 साल तक आप मंत्री रहेंगे, तो इसका मतलब 10 साल तक हमारी सरकार रहेगी और पी एस साहब की उन्होंने प्रशंसा की इसके लिए मैं उनको बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ. उपाध्यक्ष महोदय, वास्तव में मंत्री जी की  ईमानदारी,  कुशलता, मैं मुरैना जिले में एक रोड के लिए गया था मुरैना जिले की दूसरी जिला रोड ए बी सी केनाल पर है. सबलगढ़ से...

          श्री वेलसिंह भूरिया--  माननीय उपाध्यक्ष महोदय, माननीय डॉक्टर गोविन्द सिंह जी काँग्रेस से परेशान हो गए. निश्चित ही बहुत जल्दी भाजपा में आने वाले हैं.

          उपाध्यक्ष महोदय--  अब आप बैठ जाइये. आप भविष्य वक्ता भी हो गए हैं क्या?

            श्री सूबेदार सिंह रजौधा--  उपाध्यक्ष महोदय, मुरैना जिले की एक नई जिला रोड बनाई जा रही है सबलगढ़ से मुरैना ए बी रोड तक उसमें कम से कम 180-90 गाँव उससे जुड़े हुए हैं. मैं केवल उसकी मरम्मत के लिए माननीय मंत्री जी के पास गया था कि मंत्री जी, इस रोड से 150-200 गाँव लाभान्वित होते हैं. इस रोड में बहुत गड्डे हैं. लेकिन माननीय मंत्री जी की उदारता देखिए, उन्होंने कहा कि गड्डे क्यों भरवा रहे हों, इसको नई रोड बनाओ उसके लिए 1 से 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की. इसके लिए मैं माननीय मंत्री जी का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ, बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूँ. (मेजों की थपथपाहट) आदरणीय सामने बैठे हमारे मित्र 2003 से पहले की जब हम बात करते हैं कि सड़कों में गड्डे थे कि गड्डों में सड़क थी. उनको पता है कि मुरैना से श्योपुर जाने के लिए  3 घंटे एम एस रोड पर लगते थे और उसी रोड से आज डेढ़ घंटे में मुरैना से सबलगढ़ तक जाया जा सकता है. उस पर दो पुलों का एक सिकरोदा पर एक नैपुरी पर पुलों का निर्माण हो रहा है और 156 करोड़ की लागत से वह रोड बन रही है. इसके लिए मैं मंत्री जी का और माननीय मुख्यमंत्री जी का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ. वास्तव में जिस कुशलता से, जिस ईमानदारी से, पी डब्ल्यू डी में काम चल रहा है हमारे सभी विधायक साथियों ने....

          उपाध्यक्ष महोदय--  सूबेदार सिंह जी, अब आप एक मिनट में समाप्त करें.

          श्री सूबेदार सिंह रजौधा--  आदरणीय,  हमारे सभी विधायक साथियों ने कहा कि मंत्री जी और माननीय पी एस साहब ईमानदारी से पी डब्ल्यू डी का काम कर रहे हैं. ऐसा लग रहा था कि पी डब्ल्यू डी पूरी खतम होने पर है. आज पी डब्ल्यू डी में बजट की कोई कमी नहीं है. 105 करोड़ रुपये का रोड मेरा ए बी सी केनाल पर बन रहा है. 146 करोड़ का रोड मुरैना एम एस रोड पर बन रहा है और साढ़े छः करोड़ का रोड 1980 में माननीय जबर सिंह जी.....

          उपाध्यक्ष महोदय--  यह रोड मंजूर कराने का जो मंत्र है हमें भी बता दीजिए, कैसे कराते हैं.

          श्री सूबेदार सिंह रजौधा--  आदरणीय, जहाँ आवश्यकता है वहाँ सरकार देख रही है. हमारे मुख्यमंत्री जी ने अभी मेरे जौरा विधान सभा क्षेत्र में 5 रोड बनाने की घोषणा की है. चिन्हौनी से खेड़ाकला तक, सिंगरौली से माधवगढ़ तक और निधान से स्यारू तक, चोंडेरा से किरावली तक और रामलालपुरा से पचोखरा तक, 5 रोड की घोषणा की है. वह तो मैं समझ सकता हूँ कि हमारे मंत्री जी उनको तो बनाएँगे ही. लेकिन मेरा थोड़ा सा आग्रह है मेरी दो रोड हैं एक दबोखरी गाँव है उसका अस्पताल झुंडपुरा में पड़ता है. लेकिन जाने के लिए रास्ता नहीं है. उसमें 20 किलोमीटर रोड से सबलगढ़ जाना पड़ता है इसलिए 3 किलोमीटर की रोड बन जाएगी तो गाँव वालों को अस्पताल और बाजार जाने में बहुत सुविधा होगी. दूसरी एक छोटी सी रोड जौरा से मही के लिए एक रोड गई है वह हमारे नगर में होकर गई है.  800 मीटर होगी या 1 किलोमीटर. लेकिन उसको नगर पालिका बना नहीं सकती क्योंकि वे कहते हैं कि पी डब्ल्यू डी की रोड है. वह पूरी बाजार में हमारी सुन्दरता को खराब कर रही है तो मैं माननीय मंत्री जी से भी यही प्रार्थना करता हूँ कि उस रोड को भी जोड़ने का काम करें.

          उपाध्यक्ष महोदय--  अब आपका पूरा हो गया. समाप्त करें.

          श्री सूबेदार सिंह रजौधा--  उपाध्यक्ष जी, आपने मुझे समय से पहले जो बोलने के लिए खूब टाइम दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद. बहुत बहुत आभार.

          उपाध्यक्ष महोदय--  अब आपकी ट्रेन भी जाने वाली होगी उसका भी ध्यान रखें.

          एडव्होकेट सत्यप्रकाश सखवार(अम्बाह)--  माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मेरे विधान सभा क्षेत्र अम्बाह में  काफी लंबे समय से वह उसैत घाट का जो पुल है चंबल नदी में जो उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश को जोड़ने वाला है, काफी महत्वपूर्ण है. करीब 20 साल से ज्यादा समय से इसकी मांग चली आ रही है और यह पुल बनने से मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के लिए यातायात का साधन महत्वपूर्ण तरीके से इधर से आने जाने के लिए सुविधा हो जाएगी तो मेरी यह मांग है और मेरी विधान सभा में तमाम सड़कें हैं जो नहीं बनी हैं. मैंने पिछले समय में भी मांग रखी थी, तो मैं चाहूँगा कि अम्बाह से चिरपुरा मात्र 2 किलोमीटर की सड़क है जो शहरी क्षेत्र में ही है. मॉफलपुरा से बगियापुरा तक, कुम्हरपुरा से हवेली गाँव तक, अम्बाह से उसैतघाट रोड, उसैत रोड से अमरीपुरा तक, अधन्नपुर से रुअर गाँव तक, सेंथरा से कसमडा गाँव तक, 3 किलोमीटर, कसमडा से पालिकापुरा तक, पाली से रनेरा तक, चुसलई से रामगढ़ देवसुखदयान का पुरा, रामगढ़ से बिहार का पुरा, रायपुर से बिहार का पुरा, विजयगढ़ से गुढ़ा पुलिया तक, रछेड़ रोड से महन्त का पुरा बदनकी रोड तक, चन्द के पुरा से पुरैठा बघेल का पुरा तक और इस प्रकार से पोरसा में बाबा साहब अम्बेडकर के नाम से सामुदायिक भवन है. वह अधूरा पड़ा है और उसमें मैं मांग करता हूँ कि उसको पूरा हो जाना चाहिए. उपाध्यक्ष महोदय, आपने बोलने का मौका दिया इसके लिए धन्यवाद देते हुए मैं अपनी बात समाप्त करता हूँ.

          उपाध्यक्ष महोदय--  धन्यवाद एडव्होकेट साहब. श्री दिनेश राय, कृपया 2 मिनट में अपनी बात कहें.

          श्री दिनेश राय(सिवनी)--  माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं पढ़ ही देता हूँ.

          उपाध्यक्ष महोदय--  हाँ पढ़ दीजिए.

          श्री दिनेश राय--  माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 24 एवं 67 का मैं समर्थन करता हूँ. साथ ही माननीय मंत्री जी को बधाई दूँगा कि मेरे विधान सभा क्षेत्र के तीन रोड एक बड़े पुल की आपने स्वीकृति दी है, उस जिले में एक रोड के लिए और मेरे विधान सभा क्षेत्र की कुछ समस्याएँ हैं उनको मैं दो मिनट के अन्दर पढ़ देता हूँ. मेरा निवेदन है एन एच 7 से बंडोल रोड है जो काफी खराब हो गई है. उसका पुनः निर्माण कराएँ और शहर के अन्दर जो हाई वे रोड निकल गया है. शहर के अन्दर जो हाई-वे रोड निकल गया है गोपालगंज चाहे वह बंडोल हो इन सड़कों का निर्माण भी लोक निर्माण विभाग से कराने की कृपा करें. लामटा बकौड़ी मार्ग, बंडोल कलारबांकी मार्ग, सिवनी मुगवानी मार्ग, गुरुधाम से मातृधाम मार्ग का ब्रिज अभी आपने स्वीकृत किया है इसका शेष जो मार्ग रह गया है उसे पूरा करने की कृपा करे. सोनाडोंगरी से खामखरेली मार्ग, अपरबेनगंगा कॉलोनी से बीझावाडा, खेरी किसनपुर मार्ग, छीतापार से खामखरेली मार्ग, भैरोगंज परतापुर मार्ग, लामटा पहुंच मार्ग, लूघरवाड़ा से बींझावाड़ा, खैरी से बोरदई, बबरिया से कोहका और झिरी से केंकड़ा मार्ग आदेगांव और छपारा का मार्ग लोक निर्माण विभाग का मार्ग है यह पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है इस मार्ग को शीघ्र पूर्ण कराने की कृपा करें. चमारी से तेंदनी मार्ग, गोरखपुर से गोरपानी मार्ग यह छिंदवाड़ा जिले से लगा हुआ है बाकी रोड प्रधानमंत्री सड़क योजना में बन गई है गोरखपुर के बाद हमारा जिला खत्म हो जाता है न ही हमारा कोई गांव है इसलिए प्रधानमंत्री सड़क योजना में उसे छोड़ दिया गया है यह लोक निर्माण विभाग की रोड है आपने उन्हें हेंडओव्हर किया है शेष मार्ग को लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाया जाना है बीच में जंगल है घाट है. जितने मैं नाम ले रहा हूँ उसमें से एक ही मार्ग कर देंगे तो कृपा होगी. सिवनी बाई-पास की भी स्वीकृति दी है हाउसिंग बोर्ड से एनओसी नहीं मिली है 18 करोड़ का काम है निवेदन है कि हाउसिंग बोर्ड से एनओसी लेकर इसे जल्दी पूर्ण करा दिया जाए. बलारपुर से जोगीवाड़ा मार्ग, भोंगाखेड़ा होते हुए छुआई, गगई मार्ग, फुलारा, सकरदा, ऐरपा से चक्की खमरिया यह मार्ग भाई कमल जी के विधान सभा क्षेत्र जाता है उसको भी पूर्ण कराने की कृपा करें. टेकारी से सिवनी रोड निर्माण कार्य, मुगवानी से भाटीवाड़ा रोड, विजयपानी से करकोटी रोड, खापा से कलारबांकी रोड, बोथिया से बलारपुर रोड, कलारबांकी से बलापुर रोड, बंडोल से पिपरिया रोड, जमुनिया से रामगण रोड, शालई जिलबंद पुलिया निर्माण.  मेरे पास लोक निर्माण विभाग की 150 सड़कों की सूची है जिनका निर्माण नहीं हो पाया है.

          उपाध्यक्ष महोदय--आप वह लिस्ट माननीय मंत्रीजी को दी दीजिए.

          श्री दिनेश राय--माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं मंत्रीजी को लिस्ट दे दूंगा. पी.आई.ओ द्वारा जिला चिकित्सालय का लोकार्पण किया गया है उसकी बिल्डिंग का लोकार्पण जल्दबाजी में किया गया है उसका लेंटर क्षतिग्रस्त है जो नया निर्माण हुआ है, ठीक से पुताई नहीं हुई है, टाइल्स गिर रहे हैं भवन में दरार आ गई है. मेरा निवेदन है इसकी जांच करवायें और संबंधित ठेकेदार से राशि वसूलें और कार्यवाही करें. मैं अपने क्षेत्र की सड़कों की सूची माननीय मंत्रीजी को दे दूंगा. आपने बोलने का समय दिया, धन्यवाद.

          श्री बहादुर सिंह चौहान (महिदपुर)-- माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 24 व 67 का समर्थन करते हुए चर्चा में भाग ले रहा हूं.

          उपाध्यक्ष महोदय, लोक निर्माण विभाग ने एक अतिमहत्वपूर्ण कार्य यह किया कि बिल्डिंग वर्क्स के लिए अलग से परियोजनाएं बनाई हैं उससे परिणाम यह आया कि मध्यप्रदेश में 4 हजार करोड़ की लागत से 28839 भवन पूर्ण हो गये हैं. पहले इनकी मॉनिटरिंग नहीं होती थी और यह पूर्ण नहीं होते थे. विगत वर्ष में नवीन सड़क और उन्नयन का कार्य 2500 किलोमीटर का किया गया. इस बजट में मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन को 614 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. एमपीआरडीसी से बहुत ही महत्वपूर्ण रोड मध्यप्रदेश में बनाए जा रहे हैं रोड देखने लायक होते हैं. केन्द्रीय सड़क निधि (CRF) से 330 करोड़ रुपये की मांग बजट में रखी गई है. इससे अति महत्वपूर्ण रोड मध्यप्रदेश में बनेंगे. ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए 549 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है इससे गांव में बहुत अच्छी सड़कों का निर्माण किया जाएगा. मद क्रमांक -1 के अन्तर्गत 56 उच्च स्तरीय ब्रिज का प्रावधान किया गया है. मद क्रमांक-2 में 38 सड़कों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है यह बहुत ही महत्वपूर्ण सड़कें हैं. मद क्रमांक-3 में 128 सड़कों का प्रावधान किया गया है यह सड़कें भी हमारे संभाग को जोड़ती हैं. मैं एक बात साफ करना चाहता हूँ कि जब उज्जैन का नाम आता है तो मध्यप्रदेश जिले से चलता है उज्जैन जिले में सिंहस्थ के चलते 3000 हजार करोड़ रुपये का काम हो गया है मेरा विधान सभा क्षेत्र ग्रामीण है जिसमें 248 ग्राम हैं. जब मैं कोई प्रस्ताव लेकर आता हूँ तो मुझे कह दिया जाता है कि उज्जैन जिले में इतनी राशि दे दी गई है. 3000 हजार करोड़ रुपये में से 80 प्रतिशत राशि श्री पारस जैन जी जो कि मंत्री हैं उनके विधान सभा क्षेत्र-उत्तर में लगी है और 50 प्रतिशत श्री मोहन यादव जी बैठे हैं उनके क्षेत्र में लगी है. मेरे क्षेत्र में सिंहस्थ को लेकर मात्र एक बस स्टेण्ड का निर्माण किया गया है 3000 करोड़ में मेरे क्षेत्र को कुछ भी नहीं मिला है. यहां पर प्रमोद अग्रवाल, ईएनीसी यह बहुत इंटेलीजेंट हैं अच्छे हैं.

          उपाध्यक्ष महोदय--अधिकारी दीर्घा का उल्लेख न करें.

          श्री बहादुर सिंह चौहान--मैं वर्ष 2003 में विधायक था इस विभाग के प्रति लोगों का मन हट गया था यह धारणा हो गई थी कि लोक निर्माण विभाग अर्थात् भ्रष्ट विभाग लेकिन आज इस विभाग के प्रति बड़ी आशाएं जागी हैं. वर्ष 2003 के बाद इस विभाग ने जो कार्य किए हैं उनका चित्रण करने की आवश्यकता मुझे नहीं है. मैं ईमानदारी के साथ भगवान महाकांल को साक्षी रखकर कह रहा हूँ कि वर्ष 2003 में मैं मेरी गाड़ी को उज्जैन में रख देता था वहां से रेल में बैठता था और फिर विधान सभा आता था और फिर शाम को रेल पकड़कर उज्जैन जाया करता था. अब 2 से 3 घंटे में हम उज्जैन से भोपाल आ जाते हैं.

          उपाध्यक्ष महोदय, माननीय मुख्यमंत्रीजी ने वल्लभ भवन में सिंहस्थ की बैठक ली थी उस समय डोगला रोड की मांग रखी थी उसमें मोहन यादव जी भी थे. यह विश्व का काल गणना का क्षेत्र है वहां कई पर्यटक भी जाना चाहते हैं मात्र साढ़े 14 किलोमीटर की रोड है वह सिंगल बन रही थी लेकिन हमने रोक दिया कि इसे 3.7 नहीं बनाना है टू लेन बनाना है उसका डीपीआर पूर्ण हो गया है और विभाग की ओर आ रहा है यह विश्व काल-गणना का क्षेत्र है यह घटिया से खेड़ाखजूरिया व्हाया जगोटी डोंगला (टू-लेन) दूरी 15 किलोमीटर है. माननीय मुख्यमंत्रीजी इस स्थान पर तीन बार आ चुके हैं.

          डॉ. मोहन यादव-- उपाध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से मंत्रीजी से जरुर चाहूंगा कि वे पूरी विधान सभा को भी आमंत्रित करें वाकई में वह अद्भुत स्थान है उस मार्ग को तो जरुर बनाना चाहिए.

          श्री बहादुर सिंह चौहान--इसमें मोहन यादव जी का भी इंटरेस्ट है वे भी इस स्थान पर आते हैं यह तो मोहन जी की मांग हो गई मेरी मांग अभी बाकी है. जैसे ही मैं विधायक बनकर आया मुख्यमंत्रीजी से मिला उन्होंने कहा कि बहादुर सिंह एक काम बताओ जो मैं तुम्हारा करूं. मैंने कहा कि झारड़ा कटन से आलोट बडौद रोड व्हाया झारड़ा, इनदौरव, माल्या दूरी 40 किलोमीटर है यह एमपीआरआरडीए का रोड है यह समाप्त हो गया है यह रोड बना दो उन्होंने कहा कि अभी बजट की कमी है वर्ष 2014-15 में इसको पक्का बना देंगे मुख्यमंत्रीजी के हस्ताक्षर है. एमपीआरआरडीए बनाने लगा और जब टेंडर लगने की स्थिति आई तो शासन ने यह निर्णय ले लिया कि यह रोड एमपीआरआरडीए नहीं बनाएगा अब यह रोड एमपीआरडीसी बनाएगा. मुझे कोई आपत्ति नहीं  है चाहे एमपीआरआरडीए बनाये या फिर एमपीआरडीसी बनाये वह पूरी स्वीकृति पर आ चुका है मैं आग्रह कर रहा हूँ कि इसकी पूरी कार्यवाही हो गई है टेंडर लगने की स्थिति में है वह लगा दें. मैं केन्द्र में एक प्रस्ताव भिजवाना चाहता हूँ मकला फन्टा से घट्टिया व्हाया जगोरी, खेड़ाखजूरिया, धनोड़िया, नागपुरा, गेलाखेड़ी (टू लेन) दूरी 42 किलोमीटर है यह प्रस्ताव बनाकर मध्यप्रदेश सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को चला जाए तो मैं केन्द्र में जाकर केन्द्रीय मंत्री से मिलकर इस रोड को वहां से स्वीकृत करा लूंगा. माननीय मंत्रीजी इस प्रस्ताव को भेज दें. आपने बोलने का मौका दिया उसके लिए धन्यवाद.

        श्री सचिव यादव (अनुपस्थित)

        श्री कमलेश्वर पटेल (अनुपस्थित)                                         

            श्री सुखेन्‍द्र सिंह (मऊगंज):- माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मांग 24 , 67 के विपक्ष में बोलने जा रहा हूं. अभी हमारे बीच में वरिष्‍ठ विधायक आदरणीय अजय सिंह जी ने पूरे विन्‍ध्‍य की रोडों की चर्चा की है. उसी कड़ी में रीवा राष्‍ट्रीय राजमार्ग जो हमारे विधान सभा क्षेत्र से होकर के जाता है, निश्चित रूप से अभी बना है और उसी से लगे हुए जिले में इलाहबाद के लिये 27 राष्‍ट्रीय राजमार्ग जिसके संबंध में अभी शीला त्‍यागी जी भी बोल रही थी. सत्‍ता पक्ष के विधायक भी उसका विरोध कर रहे थे और यह कह रहें कि 2003 के बाद रोडें अच्‍छी बन गयी हैं, जहां पहुंचने पर 6 घण्‍टे में लगते थे अब वहां पर 2 घण्‍टे में पहुंच जाते हैं. लेकिन वह यह बताने का कष्‍ट नहीं करते कि इस समय कितने टोल प्‍लाजे लगाये गये हैं. कितने लोगों के साथ मारपीट हो रही है कितने थानों में एफ .आई. आर हो रही है. यह अलग विषय है. मैं सीधे अपने क्षेत्र की बात करना चाहता हूं जो एन एस -7 रीवा से लेकर हनुमना तक का है, इसमें कई मोड़ हैं और जहां पर एक्‍सीडेंट होते हैं, लेकिन इस ओर   शासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. मैंने मऊगंज - हिड़वार मोड़, खटखरी- शाहपुर मोड़, हनुमना- सलैया रोड यहां पर ओवर ब्रिज बनाने के लिये मंत्री जी को पत्र के माध्‍यम से अवगत कराया है. उसी तरह से जो नगर की रोडें हैं उसके लिये न पी.डब्‍ल्‍यू.डी जिम्‍मेदार बन रहा है और न ही एम.पी.आर.डी.सी. उपाध्‍यक्ष महोदय मैं आपके माध्‍यम से मंत्री जी और यहां पर हमारे वरिष्‍ठ अधिकारी भी बैठे हैं, उनसे अनुरोध करना चाहता हूं कि एन एच -7 रोड तो बन गयी है.

          उपाध्‍यक्ष महोदय :- आप मंत्री जी से ही अनुरोध करें, अधिकारियों से अनुरोध नहीं किया जाता है.

          श्री सुखेन्‍द्र सिंह :- क्षमा चाहता हूं. मैं मंत्री जी से अनुरोध करना चाहता हूं कि नेशनल हाईवे की बायपास रोडें बन जाने के कारण जो नगर की रोडें हैं उन भी ध्‍यान देने की आवश्‍यकता है, जैसे  हनुमना, मऊगंज, देवतालाब इन जगहों पर काफी मात्रा में रास्‍ता खराब है और आये दिन एक्‍सीडेंट होते हैं. हमारे लोक निर्माण विभाग ने चार प्रकार की रोडों को वर्गीकृत किया है, उसी कड़ी में मैं एक चौराघाट जो एन एच -7 से लगा हुआ मामला है वह रायपुर-सुनौरी मार्ग है, जिसकी दूरी एन एच-7 से 50 किलोमीटर पड़ती है, उसमें कई बार मंत्री जी से अनुरोध किया जा चुका है और उसमें वन विभाग की मंजूरी भी मिल चुकी है. आपके माध्‍यम से मंत्री जी से अनुरोध है कि उसमें किसी भी फण्‍ड से चाहे वह नाबार्ड से हो, यह फण्‍ड इसी वित्‍तीय वर्ष में मिल जाये, क्‍योंकि हमारे क्षेत्र से इलाहबाद से सिंगरौली की दूरी कम हो जायेगी. माननीय मंत्री जी इस ओर भी ध्‍यान दें. दूसरी एक यह बात है कि सीधी से कमरजी मार्ग जो मंजूर हो चुका है, लेकिन वह राष्‍ट्रीय राजमार्ग अभी घोषित नहीं है. वह लोक निर्माण विभाग का है, अगर उसको राजमार्ग घोषित कर दिया जायेगा तो उसकी दूरी कमरजी से लेकर बहेराडाबर और मऊगंज को जोड़ दिया जायेगा तो निश्चित रूप ये एन एच -7 में जुड़ जायेगा और यह हमारे क्षेत्र के लिये बहुत बड़ी उपलब्धि होगी और जो कमरजी से सीधी के लिये मंजूर भी हो चुका है, उसको सिर्फ 10 किलोमीटर की दूरी बढ़ाना है और एन एच-7 में जोड़ना है. दूसरा घोघम से लेकर राजमार्ग बहरी हनुमना मार्ग में घोघम से लेकर मउुगंज में जोड़ने की बात है, अगर इसको भी राष्‍ट्रीय राजमार्ग कर दिया जायेगा तो इसका भी विकास हो जायेगा. हमारे क्षेत्र के लिये बहुत बड़ी कृपा होगी. एक महत्‍वपूर्ण बात जो अपने क्षेत्र के लिये है वह यह है कि साढ़े छ: किलोमीटर की रोड अल्‍हवा और लासा मार्ग मंजूर कर दिया गया है, जिसका कोई औचित्‍य नहीं है इसलिये की यह मध्‍य में पड़ता है, इसको लोढ़ी से मुरैठा मार्ग करके बहरी और हनुमना मार्ग में जुड़ जायेगा, इसको बढ़ाने का प्रस्‍ताव भी आ चुका है. माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से अनुरोध करना चाहता हूं कि इसको बढ़ाने की कृपा करें. एक छोटी सी बात और कहना चाहता हूं कि मांग संख्‍या-67 के सं‍बंध में कि एक व्‍यवहार न्‍यायालय मंजूर है इसका भवन न होने के कारण हमारे हनुमना में व्‍यवहार न्‍यायालय नहीं बन पा रहा है, अत: उपाध्‍यक्ष महोदय, आपसे अनुरोध है कि एक व्‍यवहार न्‍यायालय के लिये भवन उपलब्‍ध करा दिया जाये, जिससे की हमारे क्षेत्र में नई न्‍यायालय खुल सके, न्‍यायालय मंजूर है. यह मैं आपके माध्‍यम से अनुरोध करना चाहता हूं. धन्‍यवाद्.

          श्री सुदर्शन गुप्‍ता (इंदौर-1):- माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 24 और 67 का समर्थन करने के लिये खड़ा हुआ हूं. मैं केवल अपने क्षेत्र की बात करना चाहता हूं. सबसे पहले मैं मंत्री जी और विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद जी अग्रवाल और विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली की तारीफ करूंगा कि वास्‍तव में विभाग द्वारा बहुत अच्‍छा कार्य हो रहा है. मेरे विधान क्षेत्र क्रमांक -1 में एयरपोर्ट रोड जो कि वीआईपी रोड है,यह रोड लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है, यहां भारी तथा तेजी के साथ आवागमन है. यह फोर लेन सड़क को सिक्‍स लेन किया जाना बहुत ही आवश्‍यक है. पूर्व में यह रोड स्‍वीकृत था किन्‍तु नगर निगम द्वारा इसमें बडे़ सिवरेज के लाईन डालना थे और नर्मदा की बड़ी लाईान डलना थी इसलिये इसको छोड़ दिया गया है.  इसको सिक्‍स लेन किया जाना बहुत ही आवश्‍यक है क्‍योंकि यह वीआईपी रोड है और यहां पर आवागमन काफी तेज रहता है. इसी प्रकार एक और सड़क लोक निर्माण विभाग की है. यह एयरपोर्ट थाने के पीछे से छोटाबांगड़ और पंचायत भवन तक की सड़क सिंगल सड़क है यहां पर भी आवागमन काफी बढ़ गया है.इस सड़क को को डबल करने की और इसका सीमेंटीकरण करने आवश्‍यकता है.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, इसी प्रकार इंदौर के एयरपोर्ट से सुपर कारीडोर तक फोरलेन किया गया है. इसी सड़क को गांधीनगर से होते हुए गोमठगिरी और पित्रपर्वत तक फोरलेन सड़क बनाया जाना अतिआवश्‍यक है, क्‍योंकि इस सड़क पर भी काफी आवागमन बढ़ गया है . माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, यह जो विषय बहुत ही महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इसके लिये हमारी लोकसभा अध्‍यक्ष और इंदौर की सांसद श्रीमति सुमित्रा जी महाजन ने माननीय मंत्री जी से और विभाग के अधिकारियों से कई बार अनुरोध किया है. गोमठगिरी से जमुडि़या होते हुए कलमेर मार्ग को डबल सीमेंटीकरण करने की अति आवश्‍यकता है. वर्तमान में सिंगल सड़क अत्‍यंत खराब है यहां पर बड़े बड़े गड्डे हो गये हैं आये दिन दुर्घटना होती रहती है. यह डबल सड़क सीमेंटीकरण कराने हेतु पूर्व में भी मैंने अनुरोध कियाथ्‍ंा और लोकसभा अध्‍यक्ष जी ने भी किया है और उनके अनुरोध पर इस सड़क का लगभग 14 करोड़ रूपये की लागत का एस्‍टीमेट बन चुका है. मैं माननीय मंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि इसको शीघ्र बनवाने का आदेश प्रदान करें.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, इंदौर से उज्‍जैन तक की सड़क को फोर लेन सीमेंटीकरण किया गया है, किन्‍तु विभाग की गलती से फोर लेन सड़क पर टू लेन ब्रिज बना दिया गया है. इस ओर पिछली विधान सभा में मैंने इस और ध्‍यान आकर्षित किया था तब तात्‍कालीन लोक निर्माण मंत्री माननीय नागेन्‍द्र सिंह जी ने विभाग की गलती स्‍वीकार की थी और यह ब्रिज स्‍वीकृत करके बन रहा है. किन्‍तु मेरा अनुरोध है कि सिंहस्‍थ के पहले इस ब्रिज का कार्य पूर्ण करा लिया जाये क्‍योंकि 22 अप्रैल से सिंहस्‍थ प्रारंभ होने जा रहा है और एक माह तक इस मार्ग पर भारी आवागमन रहेगा. मेरा विभाग के मंत्रीजी से अनुरोध है कि इस कार्य को स्‍वीकृत करा लें. इसी प्रकार देपालपुर के गुलावट गांव की नदी पर ब्रिज बना दिया है पूर्व में एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिये नागरिकों को नाव से जाना पड़ता था. यह काफी लम्‍बा ब्रिज है, ब्रिज तो बन गया है इसके लिये मैं माननीय मंत्री जी को और विभाग को धन्‍यवाद देता हूं किन्‍तु यहां पर लाईट की व्‍यवस्‍था नहीं की गयी है. ब्रिज काफी लम्‍बा है किसी भी दिन कोई दुर्घटना हो जायेगी तो मेरा आपसे अनुरोध है कि इस पर लाईट की व्‍यवस्‍था करें. माननीय उपाध्‍यक्ष जी आपने बोलने का समय दिया, इसके लिये बहुत बहुत धन्‍यवाद् .         

          श्रीमति सरस्‍वती सिंह (चितरंगी):- माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, सबसे पहले मैं माननीय मंत्री जी को धन्‍यवाद् देना चाहती हूं. इस बजट में मेरा एक बहुत ही महत्‍वपूर्ण एक रोड जोड़ा गया है जो करथवा से चितरंगी मार्ग है, यह बहुत ही महत्‍वपूर्ण रोड था. इसके लिये मैं मंत्री जी को बहुत बहुत धन्‍यवाद् देना चाहती हूं. इसी तरह मेरे चितरंगी विधान सभा क्षेत्र में बहुत ही महत्‍वपूर्ण रोड है . जब से हमारा देश आजाद हुआ है ऐसा रोड देखने को या चलने को नहीं मिला है मैं माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहती हूं कि सोन नदी से  चितावल पुल, बरा से लेकर लोहदा,क्योंटली,तमई,बड़रम,खैड़ार,नौडिहवा इसको मुख्य मार्ग से जोड़ा जाये ताकि लोगों को आने जाने में दिक्कत होती है और वर्षा में यह रोड बंद हो जाती है इसको मुख्य मार्ग से जो़डा जाये. इसी तरह चितरंगी से झरकटिया मार्ग जो 25 कि.मी. की रोड है जो आज गड्ढे होने की वजह सै  खराब पड़ी है इसकी मरम्मत की जाये ताकि गरीबों और मरीजों को आने जाने में जो दिक्कत होती है खासकर रोज इस पर घटनाएं घटित होती हैं इसको तत्काल मरम्मत करने के लिये बजट दिया जाये. इसी तरह सूदा से कपूरदई मार्ग है जो 7 कि.मी. है इसमें भी बहुत बड़े बड़े गड्ढे हैं इसमें भी रोज दुर्घटनाएं होती हैं. इसको भी तत्काल मरम्मत कराई जाये. इसी तरह पुल,पुलिया निर्माण के लिये  सूदा और कपूरदई के मध्य गोतान नाला है जो जर्जर हो गया है कभी भी बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है इसकी भी मरम्मत कराई जाये. दिपवा से मुख्य नाला भुतहा नाला है. सिंगरौली जिले में चार विधायक हैं उसमें से तीन विधायक भाजपा के हैं और एक मैं विधायक कांग्रेस से हूं तो मुझसे सौतेला व्यवहार करते हुए मेरे यहां बजट नहीं दिया गया. मैं मंत्री जी से हाथ जोड़कर निवेदन करना चाहती हूं कि इस बार दिपवा से बहेरी के मध्य भुतहा नाला है इसको बनवाया जाये क्योंकि बरसात में बच्चों के आने जाने में बहुत दिक्कत हो जाती है. चितरंगी थाने के पुलिस स्टाफ के लिये आवास बनवाया जाये जो किराये के मकान में रहते हैं इधर उधर  भटक रहे हैं अपना परिवार नहीं ले जा पाते हैं.चितरंगी में विश्रामगृह नहीं है. चितरंगी से हमारे सिंगरौली जिले में कलेक्टर  महोदय या मंत्री महोदय जाते हैं वे चितरंगी में न रुकते हुए सिंगरौली में रुकते हैं चितरंगी में एक विश्रामगृह  बनाया जाये. जो पीपा पुल वहां बनवाया गया है उसे बरसात के बाद उसको निकाल लिया जाता है और बरसात के पहले उसको लगाया जाता है अभी तक उसको नहीं लगाया गया है उसे तत्काल लगाया जाये ताकि लोगों को आने जाने में कष्ट होता है नाव से आना जाना पड़ता है. आपने बोलने का अवसर दिया धन्यवाद.

          श्रीमती ऊषा चौधरी(रैगांव) - माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं सबसे पहले माननीय मंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं कि मेरे रैगांव विधान सभा क्षेत्र में कोठी और उदय सागर का जो मार्ग था वह बहुत खराब था वहां के लोगों ने आमरण अनशन करके और वोट का बहिष्कार भी किया था वह रोड बन गई है इसलिये मैं मान नीय मंत्री जो को धन्यवाद देना चाहती हूं. दूसरा कोठी से नकटी मार्ग भी बन गया है वहां भी इसी तरह  धरना,प्रदर्शन करके वोट का बहिष्कार किया गया था वह भी बन गई है इसके लिये भी माननीय मंत्री जी को धन्यवाद देती हूं. मैं मांग संख्या 24,67 में कहना चाहती हूं कि रैगांव रोड ही जर्जर है उसको भी या तो नया मार्ग बनवा दिया जाये या उसकी मरम्मत करा दी जाये तो पूरी रोड ही जो 15-20 कि.मी. लंबी रोड है लेकिन उसी रैगांव रोड से लगा हुआ हमारे यहां कोठी से बंधा तक रोड का निर्माण कराया जाये फिर रैगांव रोड से देवरी तक सुन्दरा सिंहपुर रोड से देवरी मार्ग,सिंहपुर मार्ग से भाजीखेरा का मार्ग,सिंहपुर रोड से रौड़ ग्राम पंचायत तक,कोठी रोड से गुलुआ पवईया मार्ग को डेहुटा अर्जुनपुर को जोड़ने के लिये, रैगांव रोड से नारायणपुर मार्ग का निर्माण कराया जाये. हाटीपुरवा मार्ग,रनेही मार्ग,महुघाट तक की 8 कि.मी. कीरोड है उस पर रपटा भी बनवाया जाये क्योंकि लोगों का आवागमन उसमें काफी प्रभावित होता है.सतना में ओव्हर ब्रिज को बने हुए  कम से कम 60 साल से ज्यादा हो गये हैं और वह काफी जर्जर होगया है उसमें दुर्घटनाएं भी हो सकती हैं उसका पुनर्निमाण कराया जाये.मुख्यत्यारगंज रेलवे फाटक में नये ओव्हरब्रिज का निर्माण कराया जाये. सेमरवारा से चुर्रहाई का 5 कि.मी. मार्ग है जिस तरह उदय सागर और नकटी का निर्माण कराया गया. इसी तरह से नागौद  ब्लाक में चुर्रहाई ग्राम है जहां बरसात के समय वहां के लोग पैदल नहीं निकल सकते तो  5 कि.मी. की रोड सेमरवारा में जोड़ी जाये. नागौद सिंगपुर से धौरहरा होते हुए खैरा मार्ग का निर्माण भी कराया जाये. ग्राम खम्हरिया से रामपुर चौरासी मार्ग एवं छोटी पुल का निर्माण कराया जाये. कोठी में कालेज चलरहा है लेकिन वहां  भवन नहीं है वह भवन निर्माण कराया जाये. कोठी और सुन्दरा-नागौद रोड जिसका टोल प्लाजा अवैध  रूप से चल रहा है. माननीय मंत्री जी कई बार सतना जिले में मीटिंग भी कर चुके हैं. जो सुन्दरा और  सिंहपुर मार्ग जुड़ता है और नागौद से सिंहपुर के लिये जो रोड जाती है वह दिलीप बिल्डकान की नहीं है लेकिन वे वहां टोल प्लाजा अवैध  बनाकर अवैध वसूली कर रहे हैं क्योंकि कोठी से आने वाले लोग जब सिंहपुर पडपड़नाथ के मेले या दर्शन के लिये जाते हैं या पन्ना के लिये जाते हैं वहां पर अवैध वसूली होती है इसीलिये उस टोल प्लाजा के लिये मैंने मंत्री जी से निवेदन भी किया था. हर विधान सभा क्षेत्र में विश्रामगृह है लेकिन रैगांव विधान सभा में विश्रामगृह नहीं है इसीलिये रैगांव विधान सभा क्षेत्र में विश्रामगृह बनवाया जाये.आपने बोलने का समय दिया धन्यवाद.

          श्री दुर्गालाल विजय(श्योपुर) - माननीय उपाध्यक्ष महोदय, बहुत प्रसन्नता की बात है कि पूरे सदन ने माननीय मंत्री जी के विभाग की तारीफ की है और मैं भी उनकी प्रशंसा करता हूं. माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में माननीय विभाग के मंत्री जी ने और उनकी टीम ने अच्छा काम किया है उसके कारण सभी सदस्यों ने उनकी तारीफ और प्रशंसा की है. यह बात सही हैकि मध्यप्रदेश में माननीय शिवराज जी के नेतृत्व में और हमारे  पीडब्लूडी मंत्री जी के नेतृत्व में सड़कों की दृष्टि से बहुत गुणवत्तापूर्ण काम हुए हैं. ऐसा देखने में आया है और आगे आने वाले समय में और ठीक तरीके से काम हो सके इसका प्रयत्न किया जा रहा है विशेषकर जो जिला सड़कें हैं उन जिला मार्गों को पक्का सीमेंटीकृत करने का जो निर्णय मध्यप्रदेश की सरकार और विभाग ने लिया है इसके लिये मैं उनको बहुत-बहुत बधाई देता हूं. लगभग 19 हजार कि.मी. सड़कें आगे आने वाले तीन वर्षों में पक्का सीमेंटीकृत करेंगे और इसमें मेरे जिले की भी सड़कें ठीक होंगी  ऐसा मुझे पूरा विश्वास है. पिछले दस वर्षों में सरकार ने एक लाख कि.मी.सड़कें बनाई हैं और इन सड़कों के निर्माण से बहुत सारे नागरिकों को आने वाली कठिनाईयों का ठीक तरीके से  समाधान हुआ है. मैं केवल श्योपुर विधान सभा क्षेत्र के बारे में तीन-चार बातें कहना चाहता हूं. एक बात तो यह कि हमारे यहां पिछले समय में सड़कें बनी हैं. अभी इसका उल्लेख भी किया गया है  एक तो श्योपुर शिवपुरी मार्ग जिसको पूर्ण होना  बताया है लेकिन यह मार्ग श्योपुर से लेकर चंबल नदी तक जो राजस्थान की सीमा से जोड़ता है. जो राजस्थान की सीमा से जोड़ता है वह मार्ग पूरी तरह से उखड़ गया है उसमें कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं. मेरे स्वयं के गांव की सड़के हैं जहां पर भी बहुत गड्ढे हो गये हैं जिसके कारण लोगों को निकलने में कठिनाई हो रही है. मैं मंत्री जी से निवेदन करूंगा कि इसका फिर से रिन्युअल करके श्योपुर से चंबल नदी तक इस मार्ग को ठीक करेंगे चूंकि यह मार्ग स्टेट हाईवे है राजस्थान से जोड़ने वाला है वहां से हजारों बसें एवं वाहन वहां से निकलते हैं इसको जल्दी से ठीक करने की आवश्यकता है. हमारे श्योपुर में चार पुलों के निर्माण की बहुत बड़ी आवश्यकता है जिसकी समय समय पर वहां के नागरिक, किसान भाई मांग करते हैं, पर एक पुल तो ऐसा है श्योपुर मुख्यालय पर किले के नीचे एक सीप नदी बहती है उधर 10 से 15 गांव पड़ते हैं उन गांवों में लोगों के आने जाने के लिये अगर वह लोग सीधे आते हैं तो 1-2 किलोमीटर में आ जाते हैं, अगर चक्कर लगाकर के आये तो उनको 13 से 14 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है इस सीप नदी पर पुल बनाने के लिये एक प्रस्ताव भी वहां से भेजा गया था.

2.11 बजे           {माननीय अध्यक्ष (डॉ.सीतासरन शर्मा) पीठासीन हुए.}

          माननीय अध्यक्ष महोदय, इस पुल का प्रस्ताव विचाराधीन है इसमें बताया गया कि चतुर्थ अनुपूरक में या आने वाले समय में यह प्रस्ताव आयेगा, इसको भी आप बजट में शामिल करें, क्योंकि इसमें बहुत सारे बच्चे ट्यूब पर बैठकर नदी को पार करते हैं उक्त बच्चे पढ़ाई के लिये आते हैं, जब डिलेवरी की स्थिति बनती है उस स्थिति में महिलाओं को एक किश्ती में लाया जाता है जबकि रात के समय अंधेरे में लाना बहुत कठिन काम हो जाता है इस विषय परिस्थिति को दूर करने के लिये इस पुल के निर्माण की अत्यंत आवश्यकता है. हमारे आवनी एवं तलावदा के बीच में जो दातरदा से जैनी के लिये मार्ग बना हुआ है वह मार्ग भी लंबा मार्ग है उससे भी करीबन 40-50 गांव जुड़े हुए हैं उन गांववासियों को आने जाने के लिये बीच में बागड़ नाला है जो कि बहुत ही गहरा नाला है उस पर पुल बनाये जाने की आवश्यकता है जिसकी लगातार वहां के नागरिक मांग करते हैं उस बारे में किसान भाई भी कहते हैं कि उसके बारे में भी प्रस्ताव यहां पर आया हुआ है तो मंत्री जी से निवेदन है कि उस पर भी विचार करके उसको शीघ्र स्वीकृत कराएंगे. नयागांव से फतेहपुर के लिये सीप नदी पर पुल निर्माण के लिये वर्षों से लोगों के द्वारा मांग की है उसमें बहुत सारे मवेशी बहकर के मर जाते हैं उसमें कई गायें भी बह गई हैं वहां पर हर वर्ष इस प्रकार की स्थिति निर्मित होती है उसका सर्वे भी किया जा चुका है उसको भी बनाने का काम करें. मेरा यह निवेदन है कि हमारे यहां पर अभी का जो बजट आया है उसमें श्योपुर को बहुत ही कम राशि दी गई है, पिछले समय में माननीय मंत्री जी से बात होती थी वह कह रहे थे कि आपकी क्या लिमिट है वह भी ओव्हर है इसको मैं नहीं समझ पाया हूं. इसकी लिमिट बढ़ाकर के कार्यों को किया जाए. अभी एक सड़क पांच किलोमीटर की मंजूर की अभी मेरे क्षेत्र में चार से पांच सड़कों की बहुत बड़ी आवश्यकता थी अभी मैं निवेदन करूंगा कि पाण्डुला से राड़ेप की सड़क को जल्दी मंजूरी दिये जाने की आवश्यकता है उसमें जो जिला सड़कें सीमेन्टीकृत कर रहे हैं उनमें पेंसर से मूंदला की सड़क को बनाये जाने की आवश्यकता है. इसके अलावा ददूनी से लेकर चीमनका तक इस मार्ग को बनाने की भी बड़ी आवश्यकता है इन मार्गों के लिये समय समय पर वहां के लोगों ने मांग की थी वह विभागों को दी गई है हमारे श्योपुर के लोक निर्माण विभाग ने भी इसके प्रस्ताव बनाकर के यहां पर भिजवाएं हैं इसको भी आप स्वीकृत करेंगे. तो श्योपुर तथा जिले के नागरिकों को लाभ पहुंचेगा. टेकना से लेकर के रामेश्वर का मार्ग निर्माणाधीन है उसको भी बहुत ही लंबा समय हो गया है वह भी बन नहीं पाया बाद में उसको निरस्त करके दूसरे किसी को ठेका दिया है, वह कार्य भी ठीक से संचालित नहीं है और उम्मीद यह है कि इसमें भी बहुत समय लगेगा वहां की गुणवत्ता में भी भारी कमी है. काचरमूली में जो पुलिया है उसको भी बनाने की कृपा करेंगे ताकि आगे आने वाली बरसात में लोगों को कोई कठिनाई न हो आपने समय दिया धन्यवाद.

          श्री रामपाल सिंह(ब्योहारी)--माननीय अध्यक्ष महोदय, मांग संख्या 24, 67 के विरोध में कटौती प्रस्तावों के समर्थन में बोलने के लिये खड़ा हुआ हूं. सड़कें व पुलिया किसी भी प्रदेश की विकास की धमनियां होती हैं उसी प्रकार से किसी गांव को शहर से जोड़ना अथवा किसी मुख्य सड़क से जोड़ना इन गांवों के जुड़ने से सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक विकास में पुलियों व रोड़ों का अक्षुण्ण योगदान रहता है. मेरे क्षेत्र की सड़कों, पुलिया जो कि अति आवश्यक है वह बताना चाहता हूं कि पथरेही से सरसी सड़क निर्माण जो कि पूरी तरह से जर्जर हालत में है इस रोड़ के बनने से बहुत सारे गांव जुड़ते हैं जिसके कारण उनको लाभ होता है. पपोन से सकंदी रोड़ निर्माण जो कि डब्ल्यूबीएम है वह भी उखड़ा हुआ है, चौथा रीवा मुख्य सड़क मार्ग से ग्राम बुकरा-बुकरी में सड़क निर्माण इससे लगभग 20 गांवों का आवागमन होता है जिन्हें यह सुविधा प्राप्त होगी. गजवाई से कीट सड़क निर्माण, बनसुखली से मुख्य सड़क ब्योहारी से पीपरी तक, रेल्वे फाटक तिराहा से वराज तक सड़क निर्माण जो कि पूरी तरह से उखड़ चुका है. बराज से तेन्दुआ तक सड़क निर्माण, अरही नाला से गिरीज से कलेह के बीच पुलिया निर्माण जहां के कई गांवों का आवागमन बाधित होता है. जबरी नदी में बरकच्छ की ओर जाने के लिये पुलिया का निर्माण, उदारी से हिनोता जाने के लिये पुलिया का निर्माण, रीवा अमरकंटक मार्ग ब्योहारी में काफी ट्रेफिक रहता है यह रोड़ भी फोरलेने रोड़ हो गया है जहां पर बाईपास रोड़ की बड़ी आवश्यकता है इसको बनाने की कृपा की जाए. जयसिंहनगर बायपास रोड़ निर्माण, जो कि निर्माणाधीन है उसके काम भी रूके पड़े हैं उसको भी त्वरित चालू करवाएं जाएं लोक निर्माण विभाग जयसिंह नगर में विश्राम गृह में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया जाए, बनसुखली में विश्राम गृह निर्माण कार्य करवाने की कृपा की जाए. मेरे विधान सभा करकी में प्रधान मंत्री सड़क की योजनाओं से निर्माणाधीन सड़कें जो कि आज चार वर्षों से लंबित पड़ी हुई हैं तथा काफी जगहों से उखड़ी भी हुई हैं जो करकी से कुटगर जाती हैं, करकी से छूदा यह दोनों सड़कें आज भी लंबित पड़ी हुई हैं इनके न बनने से काफी असुविधा होती है, गिट्टी भी काफी उखड़ी हुई है इसके कारण कई गांवों के निस्तार में बाधा उत्पन्न हो रही है. इसको त्वरित बनाये जाने की कृपा की जाए. मुझे समय दिया धन्यवाद.

          डॉ.कैलाश जाटव(गोटेगांव)--माननीय अध्यक्ष महोदय, जहां कैलाश वहां शिवराज विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव को मिलेगा श्रीमान सरताजसिंह जी का आशीर्वाद. मैं मंत्री जी ने निवेदन करूंगा कि जो मेरे क्षेत्र की पुरानी पीडब्ल्यूडी की रोड़ है उसको आप बनवा दें तो आपकी कृपा होगी. राखी से भैंसा, ब्रह्मकुण्ड घाट, मल्हाह पिपरिया से अटहेनी, करकबिल से बेलखेड़ी वर्गी, चरगवां रोड़ से सिमरिया, शालीमारा कुकड़ा मार्ग, ग्राम भोती में पुल का निर्माण, गर्रा से कुर्सीपार, सूरजगांव से पांजरा, भौंरीपार से चौराखेड़ा, गोरखपुर से चार बहेरिया, ओबी रोड़ से बिछिया, साकली से बरखेड़ा, नोनपिपरिया से मानेगांव, कंजही, अटाबारी से सरेरू से कमोद, कंजई से चंदली गर्रा मार्ग,  गर्रा से गंगई, आपने बोलने का मौका दिया धन्यवाद.

            कुंवर विक्रम सिंह(राजनगर)-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 24 और 67 का विरोध करता हूं और  आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री जी तक अपनी बात को पहुंचा रहा हूं ।  प्रदेश में विभिन्‍न श्रेणियों की सड़कों के निर्माण,उन्‍नयन के के लिए 2000 किलोमीटर  का लक्ष्‍य रखा गया है, जिसमें 1469 किलोमीटर की प्रगति दर्शाई गई है, ओव्‍हर लेह द्वारा मुख्‍य जिला मार्गों के निर्माण के लिए भौतिक लक्ष्‍य 500 किलोमीटर का रखा गया है, किन्‍तु भौतिक प्रगति 79 किलोमीटर है । वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में लोक निर्माण विभाग को सड़क निर्माण के कार्य हेतु 4198 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था,उसके विरूद्व दिसंबर 2015 तक रूपए 2340 करोड़ का उपयोग किया जाकर 1665 किलोमीटर सड़कों का निर्माण, उन्‍नयन तथा 51 पुल एवं 3 रोड ओव्‍हर ब्रिज का निर्माण किया गया है, जिसके लिए मैं माननीय मंत्री जी को धन्‍यवाद देता हूं । जहां आवश्‍यकता है, वहां कार्य नहीं किया गया है ।

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरे विधानसभा क्षेत्र राजनगर में राजनगर से लेकर डहर्रा नई बस्‍ती तक रोड़ इतना खराब है कि 15 किलोमीटर रोड  जो कि 15 मिनट में  पार होना चाहिए, उसमें डेढ़ घंटा लगता है ।  माननीय मंत्री से  कहना चाहूंगा कि कुटनापोषक जलाशय के नीचे का जो रोड है, उसको इस बजट में पास करवाएं और उस रोड को मेरी विधानसभा क्षेत्र को सौगात दें ।

 माननीय अध्‍यक्ष महोदय आपके माध्‍यम से  एक बात और माननीय मंत्री जी से कहना चाहता हूं, बमीठा से खजुराहो रोड का डामरीकरण पिछले सात वर्षों में लगभग 4 बार हो गया है, माननीय अध्‍यक्ष महोदय, यह रोड गुणवत्‍ता विहीन बनाई जाती है और गुणवत्‍ता विहीन रोड होने के कारण यह मार्ग नष्‍ट हो जाता है, अभी 2 माह पहले फिर बनी थी, लेकिन अभी जाकर मंत्री जी देखें, मैं चाहता हूं मंत्री जी इस रोड के जो ठेकेदार हैं, उनके ऊपर कार्यवाही करें और सख्‍त कार्यवाही करें ताकि  जो इस प्रकार की गुणवत्‍ता विहीन रोड बनती हैं, वह भविष्‍य में न बनें ।

 माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी से कहना चाहता हूं कि छतरपुर जिले में रोडों की मरम्‍मतीकरण का कार्य  किया जा रहा है, जो किया गया है, वह 5 माह में खराब हो जाते हैं, इन तमाम रोडो की जांचे माननीय मंत्री जी करवाएंगे, क्‍योंकि वहां के लोकल की एक एजेंसी है जो कार्यों के ठेके लेती है और लोक निर्माण विभाग के कुछ अधिकारी मिले हुए हैं, जो पार्टनशिप में काम कर रहे हैं, माननीय अध्‍यक्ष महोदय, बहुत ज्‍वलंत मुद्दा है ।

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आखिरी बात यह है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी लम्‍बे अरसे से विभाग में पदस्‍थ हैं, उनका नियमितिकरण तथा उनको पदोन्‍नति नहीं दी गई है, इसको मंत्री जी सुनिश्चित करें, एक बात भोपाल की भी कहना चाहता हूं, शाहजहांनाबाद स्‍टेडियम के पास डबल स्‍टोरी मकान  बने हुए थे, उनको डोजर से डोजाफ कर दिया गया है, गिरा दिए गए हैं एवं उन मकानों की जगह पर प्रायवेट  लोगों द्वारा कब्‍जा कर लिया गया है, क्‍या माननीय मंत्री ऐसे लोगों के विरूद्व कार्यवाही करवाएंगे, माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपने बोलने का समय दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्‍यवाद ।

          पंडित रमेश दुबे(चौरई)- अनुपस्थित ।

          श्री वेलसिंह भूरिया(सरदारपुर)- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आज ज्‍यादा कुछ भाषण न देते हुए  बहुत जल्‍द अपने क्षेत्र की समस्‍या बताकर अपनी बात को समाप्‍त करूंगा । माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जबसे मध्‍यप्रदेश के अंदर हमारी सरकार बनी है, तब से माननीय अध्‍यक्ष महोदय, हमने देखा है कि चारों तरफ चहुमुंखी विकास ही विकास हुआ है, मैं माननीय लोक निर्माण मंत्री जी को और शिवराज जी को धन्‍यवाद देना चाहता हूं कि धार जिले में इतने बड़े -बड़े रोड दिए, इतना हमको काम दिया है, वाकई में 2018 में भी कमल का फूल खिलेगा । मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह जी के और भारतीय जनता पार्टी के राज में धार जिले के किसानों का चेहरा और वहां की जनता का चेहरा कमल के फूल की तरह खिला हुआ है ।

 माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरे क्षेत्र की कुछ समस्‍याएं हैं, जो छूट गई हैं, सरदारपुर फोर-लेन से मोहनखेड़ा के गेट तक राजगढ़ होते हुए इसमें, दोनों नगर जुड़ेगे, नेशनल हाइवे निकलने से इसमें जो पुराना नेशनल हाइवे है, यहां पर राजगढ़ और सरदारपुर के बीच में 100  साल पुराना माही नदी का बहुत - बड़ा पुल है, वह जीर्ण-क्षीर्ण अवस्‍था में है, कभी भी ट्रेफिक रूकने की संभावना है और कभी भी टूटकर गिर सकता है, माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी, जब बोलेंगे तो इसकी भी घोषणा करें, यह रोड सरदारपुर से राजगढ़ होते हुए मोहनखेड़ा गेट तक है, इसको आदर्श रोड बनाने की कृपा करें इससे हमारे दोनों नगर जुड़ जाएंगे।

माननीय अध्‍यक्ष महोदय, रीनौद से बिछा मार्ग आज भी कच्‍चा है, लोगों को आने जाने में कीचड़ से निलकना पड़ता है, आज तक वहां पर डब्‍लू बी.एम. का रोड नहीं बना है, नेशनल हाइवे से मिंडा और मिंडा से बोरखेड़ी,बोरखेड़ी से खमाल्‍या, खमाल्‍या से बड़ोदया, बड़ोदया, से बिछा, बिछा से उन्‍डेण,उन्‍डेण से भीलखेड़ी, भीलखेड़ी से गुमानपुरा, गुमानपुरा से तिरला, माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी से मैं निवेदन करूंगा कि इसको भी जोड़ा जाएगा तो यह 25 से 30 किलोमीटर का रोड सीधा जुड जाएगा इससे किसानों को और आदिवासी भाईयों को सुविधा होगी ।

माननीय अध्‍यक्ष महोदय, भीलखेड़ी से रतनपुरा मेरा गांव है, यह बहुत पुराना डब्‍लू. बी. एम. रोड है, आज तक इस मार्ग का डामरीकरण नहीं किया गया है, इसको भी जोड़ा जाए, कुक्षी रोड से गौमुख वाला रोड,  इसको भी जोड़ा जाए, बड़ोदया से चौरया अम्‍बा के लिए इसको भी जोड़ा जाए, सरदारपुर तहसील के 19 मार्ग प्रधानमंत्री सड़क में जिनके डीपीआर तैयार होकर भारत सरकार को गए हैं इसको भी माननीय मंत्री दिखवा लें, यह रोड स्‍वीकृत हो जाएंगे तो किसान और आदिवासी भाईयों को चलने में सुविधा होगी । गुमानपुरा से छणावत्-कर्नावत-दत्‍तीगांव यह 15-20 किलोमीटर का रोड है, इसको भी जोड़ा जाए, दंतोली से लेडगांव -लाबरा से दसई, दसई से रिंगनौद,रिंगनौद से गुमानपुरा वाला रोड भी बना हुआ है, परन्‍तु उखड़ गया है ।

अध्‍यक्ष महोदय, मैं जल्‍दी जल्‍दी पढ़कर समाप्‍त करता हूं, अकोल्‍या से बसलई-नरसिंहदेवला-भानगनरोड, बरखेड़ा से पटोल्‍या सिंदूरिया रोड, तक मिलाना है ।  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इंदौर अहमदाबाद रोड पर मांगोद रेस्‍ट हाउस है, 100 किलोमीटर रोड में धार से झाबुआ  तक रूकने की कहीं व्‍यवस्‍था नहीं है, इसलिए मांगोद रेस्‍ट हाउस का जीर्णोद्वार किया जाकर इसको नया बनाया जाए । सरदारपुर रेस्‍ट हाउस सिंधिया महाराज जी के जमाने का है, माननीय अध्‍यक्ष महोदय, वहां पर जितनी भी सामग्री थी, वह सामग्री चन्‍दन की लकडि़या थीं, मैं व्‍यक्तिगत नाम नहीं लेना चाहूंगा, लेकिन उनकी सरकार में पूर्व मुख्‍यमंत्री के बेटे के घर में आ गई है तो कोई बात नहीं, लेकिन वह कीमती चंदन की लकड़ी थी, उसी के ऐवज में सरदारपुर के रेस्‍ट हाउस में फर्नीचर अच्‍छा हो जाए,साथ ही सरदारपुर रेस्‍ट हाउस की बाऊन्‍ड्रीवॉल बनाई जाए, कचनारा से पेटलावद नदी पर पुलिया निर्माण बहुत जरूरी है, भानगढ़ से सोनगढ़ और भानगढ़ से टिमायची सोनगढ़ से अकोल्‍या, अमोदया रोड को जोड़ा जाए, माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपने मुझे बोलने का समय दिया, उसके लिए आपको भी बहुत बहुत धन्‍यवाद और मैं माननीय मंत्री जी को बधाई देना चाहता हूं कि आप अगली बार भी 10 साल तक लोक निर्माण मंत्री बनें और हमारे क्षेत्र का विकास करते रहें, साथ ही मेरी बात को समाप्‍त करता हूं,  वंदे मातरम् भारत माता की जय ।

          सुश्री हिना कावरे (लांजी) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, प्रधानमंत्री सड़क योजना को मल्‍टीकनेक्टिविटी को मंजूरी नहीं मिली है. ऐसी स्थिति में बहुत सी ग्रामीण सड़कें ऐसी हैं, जो पी.डब्‍ल्‍यू.डी. में हैं. एक जगह 700 मीटर, 500 मीटर के छोटे-छोटे टुकड़ें छूट गए हैं. मेरा आपके माध्‍यम से, माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि जैसे पहले जिला स्‍तर पर ए.आर. फण्‍ड होता था. उससे एक-एक किलोमीटर, दो-दो किलोमीटर तक की रोडे़ं डामरीकरण करवा ली जाती थी. आज ए.आर. फण्‍ड न होने से दिक्‍कत हो रही है.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, रोड़ तथा बिल्डिंग के क्षेत्र में एक से एक तकनीकें आ गई हैं किन्‍तु हमारे पास स्किल्‍ड इंजीनियर्स की कमी है. जो वर्कशॉप एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम्‍स होते हैं- उसमें इंजीनियर्स जैसे बड़े अधिकारियों को बुलाया जाता है. मेरा माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि वर्कशॉप एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम्‍स हेतु बजट में ज्‍यादा प्रोविज़न कर सब-इंजीनियर्स, एस.डी.ओ., तथा ई.ई. रैंक के अधिकारियों को उच्‍च तकनीकी के बारे में ट्रेनिंग दी जाये तथा विदेशों में, जहां नई तकनीक के विशेषज्ञ हैं, उन्‍हें भी प्रशिक्षण में आमंत्रित किया जाना चाहिए.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, हमारे पास लैब में मटेरियल की क्‍वालिटी चैक करने के लिए इक्विटमेन्‍ट्स की कमी है, जिसे जल्‍द पूरा किया जाना चाहिए. मुझे सदन को यह बताते हुए थोड़ा भी संकोच नहीं है कि पी.डब्‍ल्‍यू.डी. ने एन.ए.बी.एल. से मान्‍यता प्राप्‍त लैब से टेस्टिंग अनिवार्य कर दी है और एन.ए.बी.एल. से मान्‍यता प्राप्‍त एक ही लैब कृष्‍णा डिजिटल लैब है. इसमें कहीं कोई दो मत नहीं है कि लैब वाले कागजों पर टेस्टिंग कर ठेकदारों को रिपोर्ट दे देते हैं, उनसे मोटी रकम वसूल कर रहे हैं.

          इसलिए माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहती हूँ कि जिला स्‍तर पर अपनी ही लैब बनाकर एन.ए.बी.एल. से उसे मान्‍यता लेनी चाहिए. मैं जानती हूँ कि समय बहुत कम है. मैं अपनी विधानसभा की बात तो रख ही देती हूँ. मेरे विधानसभा क्षेत्र में किरनापुर में पी.आई.यू. द्वारा एक वर्ष पहले रेस्‍ट हाऊस बनाया गया है. लेकिन बार-बार अधिकारियों को बताये जाने एवं विधानसभा में प्रश्‍न लगाने के बावजूद आज तक रेस्‍ट हाऊस प्रारम्‍भ नहीं किया गया है. मैं कुछ रोड़ों का जिक्र करना चाहती हूँ. मेरे विधानसभा क्षेत्र में चौदहटोला से पीपलगांव कला, मोझरी से चिखला माली, बोरी से उमरी, बोरी से लाड़सा, डोरली से कदमटोला, कुलपा से चिचामटोला, कालीमाटी से थानेगांव, सेफ्टी से भौंराटोला, भालेगांव से पारडी, मनेरी से चीकली, बहला से गोररे एवं बड़गांव से बोथली, पाथर गांव से कलपाथरी, ऐसे कई महत्‍वपूर्ण मार्ग हैं, जो 2-2, 3-3 किलोमीटर के हैं, कृपया इन्‍हें बनवाने की कृपा करेंगे.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं एक और बात कहना चाहती हूँ कि जिस प्रकार हमारे नेशनल हाईवेज़ में रहवासी इलाके में सर्विस रोड़ के प्रावधान होते हैं. वैसे ही प्रावधान, यदि मुख्‍य मार्गों में भी किये जायें तो इससे एक्‍सीडेन्‍ट पर लगाम लगाई जा सकती है. मैं आपके माध्‍यम से, माननीय मंत्री जी से भी यह बात कहना चाहती हूँ कि हमारे यहां जो सीमेन्‍ट रोड़ बनती है, उसमें रिपेयरिंग के प्रावधान नहीं हैं. इसलिए हमको उसकी क्‍वालिटी पर बहुत ज्‍यादा ध्‍यान देने की जरूरत है. इसके पहले की आप बोलें. आपने मुझे बोलने का अवसर दिया, उसके लिए धन्‍यवाद.

          कुँवर सिंह टेकाम (धौहनी) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा विधानसभा क्षेत्र, सीधी और सिंगरौली जिले के अन्‍तर्गत आता है. जिसमें पिछले दिनों कई सड़कों की स्‍वीकृति मिली थी. इसलिए माननीय मुख्‍यमंत्री जी और माननीय मंत्री जी को बहुत बधाई देता हूँ. लेकिन कुछ अपने क्षेत्र की बातें हैं, जो प्रमुख रूप से हैं- सीधी से ब्‍यौहारी मार्ग का निर्माण, जी.व्‍ही.आर. कन्‍सट्रक्‍शन्‍स के माध्‍यम से करवाया जा रहा है. एक तरफ से निर्माण कार्य हो रहा है, दूसरी तरफ से रोड़ उखड़ती जा रही है. उसमें गुणवत्‍ता का ध्‍यान नहीं दिया गया है. कृपया गुणवत्‍तायुक्‍त रोड का निर्माण कराये जाने हेतु निर्देशित करेंगे. दूसरा, तुहाई से महुआ गांव मार्ग का निर्माण तो किया गया है लेकिन जो बाजार क्षेत्र हैं, निगहरी, मिमास, महुआगांव, मढ़वास और मझौली उसमें नाली का निर्माण नहीं कराया गया है. नाली का निर्माण कार्य नहीं कराये जाने से पानी का निकास नहीं होगा और बाजार में पानी भर जायेगा. मझौली में दो किलोमीटर के लगभग वहां पर रोड़ का निर्माण छोड़ दिया गया है, इसलिए उसको भी पूरा कराया जाये.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इसी तरह से, हमारे कुसुमी बंजारी मार्ग में एक कुंआ है, जो वर्ष 2012 से निर्माणाधीन है, अभी तक वह पूर्णता की ओर नहीं पहुँचा है. मुझे लगता है कि अभी उसे और पांच वर्ष लगेंगे. आप इसको भी दिखवा लें, इससे जल्‍दी अगर निर्माण हो जाये तो बड़ी कृपा होगी और कुछ हमारे यहां सड़कों की आवश्‍यकता है. यहां हैवी ट्रैफिक होने के कारण रोड़ उखड़ गए हैं. टिकरी से गिजवार मार्ग, जो पहले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में था, फिर जे.पी.पॉवर प्‍लान्‍ट को हस्‍तांतरित हुआ लेकिन वह भी नहीं बना है, यह 14 किलोमीटर है, इसका निर्माण करवा दिया जाये. खामहाट से पथरौला मार्ग और महखौर से कुसुमी ब्‍लॉक मुख्‍यालय सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क में था, पूरा उखड़ा हुआ है. इसको एम.पी.आर.डी.सी. में शामिल कर, निर्माण करवा देंगे तो कृपा होगी. मढ़वास मुख्‍य मार्ग से रेल्‍वे स्‍टेशन मार्ग का 3 किलोमीटर है, इसका भी निर्माण करवा दें. मझौली बायपास का भी निर्माण हो जाये.

          अध्‍यक्ष महोदय, इसी प्रकार 3 - 4 पुलियाएं बहुत महत्‍वपूर्ण हैं- एक रजरेनियां कुसैंड़ी मार्ग में चिरहूला नदी पर पुल बन जाये तो ब्‍लॉक मुख्‍यालय, उससे हमारा विधानसभा क्षेत्र जुड़ जायेगा. कुचवाही नया टोला मार्ग पर बनास नदी में पुल, झोबाताल मार्ग में प्रकाश नदी पर पुल, धुप्‍पड़ से कुसुमी मार्ग में महान् नदी पर पुल और कुसुमी ब्‍लॉक में भ्‍यूमाड़ से छत्‍तीसगढ़ एरिया से जुड़ता है. कमरजी पर देव नदी पर पुल बन जाये तो हमारा और छत्‍तीसगढ़ के लोगों को आने-जाने में सुविधा होगी. हमारे दो रेस्‍ट हाऊस हैं- कुसुमी और भ्‍यूमाढ़ में स्‍वीकृति है लेकिन उसका भी निर्माण कार्य करा देंगे तो कृपा होगी.                                  

          अध्‍यक्ष महोदय - कृपया समाप्‍त करें.

          कुँवर सिंह टेकाम - एक निवास रेल्‍वे स्‍टेशन से गोतरा मार्ग का जोड़ लें, रेल्‍वे स्‍टेशन है, बीच में गोतरा के पुल की स्‍वीकृति प्रदान कर दी है. लेकिन गोतरा का पुल और निवास रेल्‍वे स्‍टेशन को जोड़ने वाले मार्ग की स्‍वीकृति प्रदान करेंगे तो बड़ी कृपा होगी. एक धोबी जनकपुर मार्ग में, आप पनास नदी पर पुल की स्‍वीकृति पिछले 2 वर्षों पहले हुई थी. लेकिन उसका फॉरेस्‍ट क्‍लीय‍रेन्‍स नहीं मिलने के कारण निर्माण नहीं हो पा रहा है. उसको भी दिखवा लें. आपने समय दिया, बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

 

          श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया (दिमनी) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय,  मेरी विधानसभा में माननीय मंत्री जी ने बता दिया कि 29 रोड़ों का काम चल रहा है. वहां पर 5 रोड़ों पर ही काम चल रहा है.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने जवाब ऐसा झूठा दिया है कि मेरी विधानसभा दिमनी में 29 रोड़ें बन रही है. मैंने पहले विधानसभा प्रश्‍न भी लगाया था कि मेरे यहां केवट रहते हैं. केवटरों के गांव में 50 वर्षों से रोड़ नहीं है, रोटी से लेकर हनुमानपुरा, केतियापुरा एवं मानपुर सहित उनके सात गांव हैं. मैं पांच बार विधानसभा में कह चुका हूँ. मैं माननीय मंत्री जी के साथ भी जा चुका हूँ. एक काम नहीं चल रहा है. दो - तीन रोड़ों पर काम चला था और मुझे जवाब मिला कि 29 रोड़ों पर काम चल रहा है. मैंने मंत्री जी से पूछना चाहता हूँ कि कौन-सी 29 रोड़ों पर काम चल रहा है ? अगर हो तो बताएं. एक मुरैना बाय-पास रोड़ बनाया था बाकि तीन में शिकायतें हैं. तीनों ही रोड़ उखड़ गए हैं. एक बार मंत्री जी भी चैक कर आए हैं बाकि रोड़ की हालत देखोगे कि अभी बने हुए पांच महीने ही हुए हैं, वह पांच महीने में फिर उखड़ गए हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से, माननीय मंत्री जी से कहना चाहता हूँ कि मेरी विधानसभा क्षेत्र में काम कौन-कौन सी रोड़ों पर चल रहा है ? मुझको लिखकर दिया है कि 29 रोड़ों पर काम चल रहा है. मैं चाहता हूँ कि जांच की टीम बन जाये एवं जांच करके लायें. अभी पांच रोड़ों पर चल रहा होगा तो मैं माननीय मंत्री जी से चार बार मिलकर आ गया हूँ. माननीय मंत्री जी ने कहा कि 2 - 3 रोड़ में दे दूँगा पर उन्‍होंने कहा कि बजट में नहीं है. अब बजट की घोषणा कितनी ज्‍यादा होती है ? मेरी विधानसभा क्षेत्र में ही बजट की घोषणा की कमी है तो मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूँ कि केवटों के 7 गांवों में 50 वर्ष से रोड़ नहीं बनी है, वह 4-5 किलोमीटर की दूरी है. जैसे कोई बीमार हो जाता है, पानी गिर जाता है तो 5 किलोमीटर दूर रोड़ तक लाया जाता है. मैं मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूँ कि केवटों की रोड़ें बनाने का कष्‍ट करें. आपने समय दिया, बहुत-बहुत धन्‍यवाद.                   

                           श्री देवेन्द्र वर्मा (खण्डवा) -- अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 24 और 67  के पक्ष में बोलने के लिये खड़ा हुआ हूं.  आज हमारा प्रदेश  10 प्रतिशत की विकास दर  से आगे बढ़ रहा है.  जब हम यह बात करते हैं, तो यह ध्यान में आता है कि  प्रदेश ने बिजली,  सिंचाई और सड़कों के क्षेत्र में  आत्मनिर्भर्ता हासिक की है.  प्रदेश में  पिछले 10 वर्षों में  लगभग  1 लाख किलोमीटर की सड़कें  बनाने का काम हमारी सरकार द्वारा किया गया है.  चाहे हम बात करें प्रधानमंत्री एवं  मुख्यमंत्री सड़क योजना की, इस प्रकार प्रत्येक गांव गांव  एवं मजरे  टोलों को जोड़ने का काम  हमारी सरकार द्वारा किया गया है.  आज सड़कों का जाल  हमारे प्रदेश में बिछा है और आने  वाले समय में और ज्यादा  किस प्रकार  तेजी से विकास हो,  इसकी चिंता हमारे मुख्यमंत्री जी एवं मंत्री जी के द्वारा की जा रही है.  मेरे क्षेत्र की जो प्रमुख मांगें हैं,  मैं मंत्री जी को बताना चाहूंगा.  हमारे खण्डवा की एक जो मुख्य सड़क है इन्दौर से इछापुर और उसी  से हमारा  खण्डवा स्टेट हाइवे  27 नंबर  से जुड़ता है.  पिछले  वर्ष उस रोड पर  एक गंभीर  दुर्घटना हुई थी, उसमें  लगभग 25   लोग  मारे गये थे और  पूरे प्रदेश का ही नहीं पूरे देश का  ध्यान उस सड़क ने खींचा था.  मैं मंत्री जी को बताना चाहूंगा कि  काफी लम्बे समय से  उसकी मांग हमारे उस पूरे क्षेत्र  में की जा रही है.  हर गांव पर नहीं एक गांव में  3-3 जगह स्टापर, स्पीड ब्रेकर बना दिये गये हैं.  अर्थात् एक गांव में  अगर 3 बार एक्सीडेंट हुए हैं, तो  3 बार स्पीड ब्रेकर  बना दिये गये हैं और  लगभग 110 किलोमीटर  खण्डवा से  इन्दौर  की दूरी  वर्तमान में लगभग 4 घण्टे  से ज्यादा  वहां पर पहुंचने के लिये लग रहे हैं.  आने वाले समय में  ओंकारेश्वर हमारा 12 ज्योतिर्लिंग  में से एक ज्योतिर्लिंग  भी उस रोड पर है.  आने वाले समय में सिंहस्थ  में ज्यादा  क्राउड, वाहन उस रोड पर  आने वाले हैं.  प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई है , उसके लिये  मोटक्का  और  ऐसे छोटे छोटे  गांवों में अतिक्रमण हटा दिया गया है.  मंत्री जी से मेरा निवेदन है कि  शासन, प्रशासन द्वारा,  जहां हमारी सरकार द्वारा लगभग  2 हजार करोड़  रुपये का काम  उज्जैन में कराये जा रहे हैं, ओंकारेश्वर में  कराये जा रहे हैं.  मेरा मंत्री जी से निवेदन है कि  वहां पर लगभग हम  इंदौर से निकलते हैं तो   हमारे 3  रेलवे क्रासिंग लगते हैं और प्रत्येक रेलवे क्रासिंग  पर  लगभग 15 से 20  मिनट रुकना पड़ता है.  तीनों का हम समय निकालें तो  अगर हम एक जगह रुकें तो  लगभग एक से डेढ़ घण्टा  लग जाता है.  अर्थात् आधा आधा एक घंटा जाम लगा रहता है.  मैं मंत्री जी से  निवेदन करुंगा कि  रेलवे से मांग करके  उनका समय घटाया जाये.  इसी प्रकार से  हमारे इन्दौर से  एबी वाहन,  जिनको सेंधवा होकर  महाराष्ट्र  जाना चाहिये और टोल टैक्स बचाने के चक्कर  में और रोड की दूरी कम करने के चक्कर में  इन्दौर से व्हाया इछापुर  सनावद होकर जाते हैं और  परिणाम स्वरुप  उस रोड पर गंभीर दुर्घटनायें होती हैं तथा जाम की स्थिति बनी रहती है.  इन्दौर से  अगर उनको वन वे करते हुए  सेंधवा व्हाया  भेजा जायेगा, तो हमारे उस रोड पर  ट्रेफिक की कमी आयेगी.  साथ ही साथ आने वाले सिंहस्थ  में  ओंकारेश्वर में आने वाले तीर्थालुओं  एवं धार्मिक बंधुओं को  सुविधा होगी.  इसी प्रकार से मेरे क्षेत्र के बारे में बताना चाहता हूं कि  हमारे खण्डवा से  देवतलाई रोड  बीओटी  के अंतर्गत स्वीकृत हुआ था और उस रोड पर  फोर लेन हमारी शहरी सीमा में  बनना चाहिये था.  लेकिन उसको टू लेन कर दिया गया. उसमें सेंटर लाइटिंग करनी थी,  वह सेंटर लाइटिंग नहीं की गई. दोनों तरफ  जो नाली बननी थी,  उसकी नाली का निर्माण नहीं किया गया.  इसी प्रकार मेरे क्षेत्र की जो प्रमुख मांगें हैं,  वह मैं बताना चाहूंगा कि  हमारे खण्डवा शहर की एक प्रमुख सड़क  है  खण्डवा से सिहाड़ा  व्हाया पड़ेला हनुमान.  लोक निर्माण विभाग  के माध्यम से हमारे द्वारा  उस रोड का भूमि पूजन  कराया गया  और यह बताया गया कि यह रोड स्वीकृत हो गई. हमने उसका भूमि पूजन कर दिया.  लेकिन  भूमि पूजन जो किया गया,  उसमें मात्र कुछ टुकड़ों-टुकड़ों में सीसी कर दिया गया.  उसका पूरा डामरीकरण छोड़ दिया गया.  मैं मंत्री जी को अवगत कराना चाहूंगा कि लगभग यह 5 किलोमीटर की सड़क का डामरीकरण जो शेष छूटा है,  उसको करने का काम करेंगे,  तो हमारे क्षेत्र की एक बहुत बड़ी  उपलब्धि होगी. इसी प्रकार  खण्डवा से भंडारिया रोड 5 किलोमीटर,  सुदामापुरी से अटूटभिकारी, कोल गांव से कवेश्वर, रनगांव से कवेश्वर, अटूटभिकारी से  जावर, यह हमारी लोक निर्माण की प्रमुख सड़कें हैं. इसी प्रकार हमारे शहर में   जो  फोर लेन्स का निर्माण किया जा रहा है,  लगभग 3-3,4-4 वर्ष से  अपूर्ण है और घण्टों उसमें जाम  की स्थिति लगी रहती है.  इसी प्रकार खण्डवा शहर में  मंत्री जी प्रवास पर आये थे और वे घोषणा करके गये थे कि  हमारे खण्डवा शहर का बायपास  बनाया जायेगा.  मैं बताना चाहूंगा कि मंत्री जी ने जो जो, जब जब कहा है,हमारे क्षेत्र  को वह-वह  सौगातें दी हैं.  लेकिन हमारा खण्डवा शहर का  बायपास  पूर्व में उसकी लागत लगभ 100 करोड़  रुपये आ रही थी, लेकिन  हमारे भूअर्जन के  परिणास्वरुप  उसकी लागत 200 करोड़ रुपये  हो रही है.  मंत्री जी, थोड़ा सा  अगर हम एक विशाल हृदय रख करके  हमारे खण्डवा शहर का  बायपास  स्वीकृत करेंगे, तो हमारे खण्डवा शहर को एक बहुत बड़ी सौगात होगी.  इसके माध्यम से हमारे खण्डवा शहर को  भारी ट्रेफिक से मुक्ति  मिलेगी. अध्यक्ष महोदय, आपने समय दिया, बहुत बहुत धन्यवाद.

                   श्रीमती झूमा सोलंकी(भीकनगांव) -- अध्यक्ष महोदय, मैं  सीधी अपनी  बात रखूंगी, क्योंकि दो मिनट का समय है.  भीकनगांव विधान सभा के अंतर्गत  जो दो महत्वपूर्ण मार्ग हैं  शिवना से आभापुर और खोई से लाइखेड़ी मार्ग.  ये दोनों रोड सीधे   दूसरे ब्लाक को जोड़ते हैं झिरन्या ब्लाक को और इनकी हालत बहुत खराब है, क्योंकि  डेम   बनने से  एनवीडीए विभाग ने ही इसे बनाया था और बनाने के पश्चात्, उसकी हालत ज्यादा खराब होने के पश्चात्   उन्होंने पीडब्ल्यूडी को हैंड ओव्हर नहीं किया और अब कर दिया है. इस रोड को बनाना बहुत जरुरी है, क्योंकि  व्यापार इससे  सीधा प्रभावित होता है.  भीकनगांव में बड़ी मंडी है,  व्यापार हमेशा वहां से कपास या अनाज  जो भी कुछ किसानों को लाना है, मंडी में लाते हैं और इस रोड  की वजह से उन्हें बहुत तकलीफ  होती है एवं आम जन को भी बहुत तकलीफ है. भीकनगांव में  न्यायालय भवन   जो पिछले दो वर्ष से स्वीकृत है और  समय सीमा में  प्रारंभ नहीं होने से उसकी  लागत बढ़ गई है.  पहले वह भवन 3 करोड़ में निर्मित होना था,  दो वर्ष के भीतर  टेंडर नहीं हो पाये,  उसको ठेकेदार ने शुरु नहीं किया,  इस वजह  से उसकी लागत बढ़कर 6 करोड़  के आस पास हो गई है.  इसको जल्दी से जल्दी प्रारंभ किया जाये, क्योंकि यह अंग्रेजों के जमाने  के समय से  बना हुआ भवन है  और खराब स्थिति में है.  मैं चाहती हूं कि जल्दी से जल्दी  यह बने.  हमारे कुछ रोड जो मुख्य गांवों को जोड़ते हैं, किन्तु  उनके अभाव में  डबल कनेक्टिविटी  के जो नियम में आ रहे हैं,  यदि लोक निर्माण विभाग के माध्यम से बन जायें,  तो बहुत अच्छा रहेगा.  अंजनगांव से  पिपल्या,  नूरियाखेड़ी से रामपुरा,काल्धा से मेहत्याखेड़ी,  खारवी से  घोड़वा, जुनापानी से खेरदा, रतनपुर से कालीकुंडी,  सुन्द्रेल से चापड़,  गाडयाम से मेहत्याखेड़ी,एकताशा से मालखेड़ा, बमनाला से कमोदवाड़ा, सोनखेड़ी फाटा से टिगरिया  रेहटफल  फाटा तक.  इन मार्गों की बहुत ज्यादा आवश्यकता है, क्योंकि इनमें आवागमन बहुत रहता है और डबल कनेक्टिविटी के नहीं होने से यह नहीं हो पा रहे हैं.  एक पुलिया मोहद  ग्राम से  छिल्टिया ग्राम के  मध्य  वेदा नदी के ऊपर बनना है.रपटा प्लस पुलिया बन जाये, क्योंकि  उसके अभाव में आम जन  12 से 15 किलोमीटर घूम कर आना पड़ता है. यदि इस पुलिया का निर्माण होता है, तो  सीधा उन्हें आने जाने में  सरलता  हो जायेगी.  इसी तरह से भीकनगांव  से लगा हुआ  जेतगढ़  पुलिया का  निर्माण होना चाहिये.  यह भी स्वीकृत है,  किन्तु पीडब्ल्यूडी के माध्यम से  अभी तक यह प्रारंभ नहीं किया  गया है.  यह भी जल्दी से जल्दी प्रारंभ हो, ताकि वहां  से कम से कम 20 गांव  के लोग आते  जाते हैं और  उन्हें आने जाने में सहुलियत मिलेगी.  अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे बोलने के लिये अवसर दिया,  बहुत बहुत धन्यवाद.

                   श्रीमती ललिता यादव (छतरपुर) --  अध्यक्ष महोदय, मैं मांग  संख्या 24 और 67  के  समर्थन में बोलने के लिये खड़ी हुई हैं. मैं  मुख्यमंत्री जी को,  लोक निर्माण मंत्री, श्री सरताज सिंह जी को,  प्रमुख सचिव, अग्रवाल जी को  और पूरे  विभाग के  अमले को  बधाई देना चाहती हूं, जिन्होंने पूरे मध्यप्रदेश में  आवागमन  को सुलभ बनाने के लिये सड़कों का  जाल बिछाया.  अगर हम 2003 के पहले  की बात करें, तो  पूरे प्रदेश में सड़कों में गड्ढे नहीं थे, बल्कि सड़कों को गड्ढों में ढूंढना पड़ता था. पहले हम छतरपुर से   भोपाल तक  12 घण्टे में आ पाते थे,  आज हमारी सरकार ने  पूरे प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाकर  आवागमन को सुलभ बनाया है.  विभिन्न प्रकार की श्रेणियों के तहत  चाहे राज्य मार्ग हो, मुख्य मार्ग हो, राष्ट्रीय राजमार्ग या सड़कों का नवीनीकरण हो या पुलों का निर्माण हो या ओव्हर ब्रिज का निर्माण हो. हमारी सरकार ने ऐतिहासिक कार्य किये है. अध्यक्ष महोदय समय कम है इसलिये सीधे अपने क्षेत्र की बात पर आती हूं. मैं आपका ईशारा समझ गई हूं. अध्यक्ष महोदय, मेरे क्षेत्र में भी लोक निर्माण विभाग की बहुत सी सड़कें बन रही हैं , मंत्री जी को इसके लिये बधाई. मैं उनसे निवेदन करना चाहती हूं कि नौगांव से ईसानगर मार्ग 25 किलोमीटर का है जो काफी दयनीय स्थिति में है उसको बनवाने की कृपा करें. छतरपुर में मेरे पिछले कार्यकाल में माननीय मुख्यमंत्री जी ने 2012 में बायपास मार्ग बनाये जाने की घोषणा की थी, उसको पूर्ण करायें. छतरपुर में आवागमन का भारी दवाब है, जिसके कारण कई एक्सीडेंट होते हैं. ग्वालियर-झांसी-रीवा नेश्नल हाईवे-75 एवं सागर-कानपुर नेश्नल हाईवे-86, निकला हुआ है. इस मार्ग में भारी वाहनों का आवागमन होने के कारण कई छात्र और छात्राएं मौत के मुंह में जा चुके हैं. छतरपुर के बायपास के लिये 43.72 किलोमीटर के मार्ग हेतु 7565.44 लाख  की प्रशासकीय स्वीकृति विभाग द्वारा दी गई थी. माननीय अध्यक्ष महोदय वर्ष 2012-13 के प्रथम अनुपूरक अनुमान में सागर बांदा मार्ग नेश्नल हाईवे 86 से गुरारिया ग्राम बायपास के नाम से अंकित है . संभवत टंकण में त्रुटि होने के कारण वह सागर-बांदा लिखा गया है वहां पर बमीठा लिखा जाना था. इस कारण से छतरपुर का बायपास रूका हुआ है . मैं मंत्री जी से निवेदन करना चाहती हूं कि इसमें सुधार कराते हुये छतरपुर में बायपास बनाने की कृपा करें.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरे क्षेत्र में छोटी छोटी सड़के हैं मैं मंत्री जी से आपके माध्यम से निवेदन करना चाहती हूं कि उन सड़कों को बनवाने का कष्ट करेंगे. हमारे रामपुर-ढिलापुर से कूड़नताल बहुत सिद्ध स्थल है वहां पर सड़क मार्ग किया जाना आवश्यक है, कालापानी से नदगाय मार्ग बनाया जाये यह मार्ग भी बहुत खराब स्थिति में है. महेबा से ढिलापुर  और गोंदा नाला वहां पर पड़ता है उसका भी निर्माण किये जाने की आवश्यकता है. नदगाय से खरका ढुडारी तक मार्ग भी खराब है इसको बनाये जाना की कृपा करें.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, हमारे क्षेत्र में यह छोटी छोटी सड़के हैं 5 किलोमीटर से ज्यादा दूर की सड़के यह नहीं है. ढुडारी से कालापानी मार्ग बनाया जाये, केंडी से भगवंतपुरा मार्ग बनाया जाये, गठेवरा सिमरिया से थरा तक लोग नहीं पहुंच पाते हैं इसलिये इसको भी बनाया जाये. थरा से श्यामली अतनिया होते हुये बृजपुरा तक मार्ग बनाया जाये, बराजखेरा से महाराजगंज तक मार्ग बनाया जाये. इसी तरह से दालोन से  पड़रिया जाने में एक बहुत बड़ा नाला पड़ता है बरसात के समय में वहां पर लोग आ जा नहीं सकते हैं, नाले को सड़क सहित बनाये जाने की कृपा करेंगे.

          माननीय अध्यक्ष महोदय नेश्नल हाईवे 86 से हमारे यहां ग्राम ढडारी है वहां तक मार्ग नहीं है तो वहां तक मार्ग बनाया जाये. ढडारी से ललोनी तक जोड़ा जाये. निवारी से हर्रई मार्ग बनाये जाने के लिये मैं मंत्री जी से निवेदन करती हूं. मुख्यमंत्री जी को, मंत्री जी बहुत बहुत शुभकामनायें जिन्होंने मध्यप्रदेश में सड़को का जाल बिछाया है. मेरे ऊपर भी कृपा करेंगे, मैंने अपने क्षेत्र की जो मांग रखी है उसको पूरा करेंगे. यही निवेदन करते हुये अपनी वाणी को मैं विराम देती हूं. अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे बोलने का अवसर प्रदान किया इसके लिये बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्री कमलेश्वर पटेल(सिहावल) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 24 एवं 67 के विरोध में एवं कटौती प्रस्ताव के समर्थन में अपनी बात कहने के लिये खड़ा हुआ हूं. माननीय अध्यक्ष महोदय, अभी विधायक महोदया बहुत प्रशंसा कर रही थी.

          श्रीमती ललिता यादव-- प्रशंसा नहीं मैं सही कह रही हूं. जब मैं नगर पालिका की अध्यक्ष थी भोपाल 12 घण्टे में आती थी और किराये से गाड़ियां तक नहीं मिलती थीं. मैं सच बात बोल रही हूं.

          श्री कमलेश्वर पटेल-- माननीय अध्यक्ष महोदय, परंतु हमारे यहां जो स्थिति है वह बिल्कुल विपरीत है. हमारे विंध्य क्षेत्र में अगर आप रीवा से सिंगरोली जाना चाहें तो रीवा से सिंगरोली का काम तो संतोषजनक है . हम यह नहीं कह सकते कि वह बिल्कुल पूर्ण हो गया है पर सीधी से जिला मुख्यालय से हम शुरूवात करें और कोई सिंगरोली जाना चाहे तो 80 किलोमीटर का सफर तय करने में 5 घंटे से ज्यादा का समय लगता है. सड़कें ऐसी हैं कि गड्ढे में गड्ढा. 4 वर्ष पहले मुख्यमंत्री जी ने भूमिपूजन करके इस कार्य की शुरूवात की थी. आज जो दुर्दशा है वह मैं बताना चाहूंगा आज आये दिन वहां पर एक्सीडेंट होते रहते हैं.आये दिन देखने को मिलता है कि छोटे छोटे कस्बों में नालियों को उखाड कर रख दिया है, पता नहीं कौन सी एजेंसी को सरकार ने यह कार्य दिया है. हमने कई बार यहां पर ध्यान दिलाया है, कभी ध्यानाकर्षण के माध्यम से, कभी अधिकारियों से मिलकर के , हमने मंत्री जी से भी इसके बारे में निवेदन किया था परंतु पता नहीं कहां पर क्या दिक्कत है, ठेकेदार का दवाब है, किसका दवाब है. यह समझ से परे है. अध्यक्ष महोदय इसलिये आपके माध्यम से मंत्री जी से निवेदन है कि आये दिन वहां पर जो दुर्घटनायें हो रही हैं उन पर अंकुश लग सके. ऐसा नहीं है कि प्रदेश में सारी जगह सड़कों की स्थिति खराब है, कुछ जगहों पर सड़कों की स्थिति में सुधार हुआ है परंतु अभी भी बहुत सारी जगहों पर खराब है, इन्टरनल सड़कें भी बहुत सारी खराब स्थिति में हैं.

          श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार-- पटेल साहब तारीफ में तो कम से कम कंजूसी न करें.

          श्री कमलेश्वर पटेल-- ऐसा है कि जो काम ठीक हुआ है उसकी हम तारीफ करते हैं जहां कमी हो , हमारा यह काम है उस कमी से आपको अवगत कराने का मानना या न मानना सरकार का काम है, हमें जो काम जनता ने सौंपा है विपक्ष में है ,हम आपको उसके सचेत करते रहेंगे. आप सत्ताधारी पार्टी के सदस्य हैं इसलिये आपकी मजबूरी है आपको तो प्रशंसा करनी पडेगी यह हमें मालूम है .

          श्री प्रदीप अग्रवाल -- विपक्ष में हो तो विरोध में ही बोलेंगे, बाकी काम तो आपके यहां भी हुआ है.

          श्री बहादुर सिंह चौहान-- हम लोग कभी भी झूठी प्रशंसा नहीं करते हैं. जो भी बात करते हैं आंकडों के साथ में बात करते हैं, अथेंटिक बात पर प्रशंसा करते हैं.

          श्री कमलेश्वर पटेल -- वह सारी अथेंटिक बाते अभी हमारे साथी देवेन्द्र वर्मा जी के भाषण में सुन चुके हैं कि उनके यहां नाली की क्या स्थिति है. फिर डिमांड क्यों रख रहे थे.

          डॉ.रामकिशोर दोगने -- आपके यहां जब पूरा काम हो गया है तो फिर मंत्री जी से बार बार सड़क पुल की मांग क्यों कर रहे हैं.

          अध्यक्ष महोदय-- कृपया बैठें.

          श्री कमलेश्वर पटेल -- साढे 4 साल पहले माननीय मुख्यमंत्री जी ने एक घोषणा की थी सोन नदी पर पुल निर्माण की. नगझर से सिंहावल पहुंच मार्ग . मंत्री जी से निवेदन है कि जो मुख्यमंत्री जी की घोषणा है कम से कम उसका क्रियान्वयन तो होना चाहिये क्यों डिले हो रहा है. दूसरी बात मैंने मंत्री और अधिकारियों से मिलकर के कही थी कि मेरा जो विधानसभा क्षेत्र है वह दो जिलों में लगता है सीधी और सिंगरोली में. अभी 30 किलोमीटर तक तो मेरा विधानसभा क्षेत्र आता ही नहीं है हमको चितरंगी विधानसभा का क्षेत्र पार करके जाना पड़ता है. वह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. अगर उनको जाना है तो 60 किलोमीटर की दूरी तय करके वह गांव में जाते हैं. अगर एक पुल तरका से बारपान, बहरी तहसील सीधी जिले का है, बारपान से सिंगरोली जिले का जो भेंसाऊ गांव है उसको देवसर पहुंच मार्ग पर अगर पुल बन जाता है तो पहले से ही वहां पर सड़क बनी है सिर्फ पुल का निर्माण वहां पर मंत्री जी करा दें तो काफी सुविधायें वहां के लोगों को मिलने लगेगी. हमने इसके लिये कई बार निवेदन भी किया है परंतु अभी तक किसी प्रकार का निर्णय नहीं आया है. अध्यक्ष महोदय इस तरह का हमारे विधानसभा क्षेत्र का मैटर मैं आपके माध्यम से मंत्री जी से निवेदन करूंगा कि माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा पर भी अमल हो और हमने जो निवेदन किया है उस पर भी अमल हो और जो राष्ट्रीय राजमार्ग सीधी-सिंगरोली में आये दिन दुर्घटनायें होती रहती है उसको भी समय सीमा में जल्दी से जल्दी पूरा कराने की घोषणा करेंगे. माननीय अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे अपनी बात रखने का अवसर प्रदान किया उसके लिये आपको बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्रीमती ममता मीना(चाचोड़ा)- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 24 एवं 67 के समर्थन में अपनी बात कहने के लिये खड़ी हुई हूं. अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय मुख्यमंत्री जी और लोक निर्माण मंत्री जी को बहुत बहुत बधाई देती हूं कि आपने पूरे सदस्यों के क्षेत्रों में काम कराये हैं. आपको प्रशंसा और बधाई कि आपने हर विधायक के क्षेत्र में कुछ न कुछ कार्य कराया है.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं भी समय के अभाव के कारण सीधे अपने विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं पर बात करना चाहती हूं. क्योंकि चाचौडा विधानसभा क्षेत्र एक ऐसी विधानसभा है जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह जी पहली बार चुनकर आये थे. लेकिन पूरे चाचौड़ा विधानसभा में उनके नाम का एक भी शिलान्यास का पत्थर देखने को नहीं मिलता है न तालाब का न ही सड़क का देखने को मिलता है. जिस विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश के मुख्यमंत्री चुनकर के आते हों उस विधानसभा में कोई भी कार्य नहीं हुये यह विधानसभा क्षेत्र चाचौड़ा के लिये बहुत बड़े दुर्भाग्य की बात है.

चाचौड़ा विधानसभा का एक बहुत बड़ा दुर्भाग्‍य है दिग्विजय सिंह जैसे पहली बार मुख्‍यमंत्री रहे. मैं माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इसी तरह से माननीय मंत्री जी ने मेरी विधानसभा में एक रोड दी है मैं उसके लिये भी माननीय मंत्री जी को धन्‍यवाद देती हूं, कोन्‍याकला रोड दी है उनके लिये बहुत, बहुत धन्‍यवाद. उसी के साथ माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं माननीय मंत्री जी से हमारी क्षेत्र की समस्‍याओं के बारे में मांग करती हूं. बीनागंज गोया रोड से चौराड़ीसुर, चौराड़ीसुर बहुत बड़ा भोलेनाथ का स्‍थान है यहां हजारों की संख्‍या में लोग आते हैं और बहुत प्राचीन स्‍थान है तो यहां बीना गंज से बाया गोया रोड होकर चौराड़ीसुर मार्ग अगर बन जायेगा तो आने-जाने वाले भक्‍तों को काफी सुविधा होगी. इसी तरह से जो खेजड़ा बाया हिंगोनी होकर कानेर तक मार्ग की मैं पूर्व में भी मांग कर चुकी हूं, अगर यह मार्ग बन जाता है तो राजगढ़ जिला और चाचौड़ा विधानसभा और गुना जिला इससे सम्मिलित हो जायेगा, तो यह मार्ग बहुत आवश्‍यक है और इसके कारण वहां के लोग बीना गंज की मंडी करते हैं तो उनको कम से कम 25-30 कि.मी. की दूरी बच जायेगी. इसी तरह से कुंभराज बाया बटावदा रोड से ईंटखेड़ी पहुंच मार्ग, पुलिया सहित यह रोड अगर बन जाता है, क्‍योंकि बरसात के समय जब नदी में पानी आ जाता है तो लोगो को आने जाने के लिये कोई रास्‍ता नहीं है और डिलेवरी वाली महिला को खटिया पर रखकर लाते हैं तो बहुत आवश्‍यक है अगर यह रोड बन जायेगा. इसी तरह से खटकिया रोड से मोड़ा तक यह छोटी सी जगह है अगर 2 कि.मी. का यह रोड बन जाता है गोलिया हेड़ा वाला मूड़रा रोड से गालिया हेड़ा, यह गांव वालों के लिये बहुत ही आवश्‍यक है. इसी तरह से ए.बी. रोड से ग्राम बड़ौदिया होकर जटेरी तक और इसी में पुल है यदि यह रोड बन जाता है तो मेरे क्षेत्र की बहुत सारी समस्‍यायें दूर हो जायेंगी. इसी तरह मृगवास चौकी से जगदेश्‍वर धाम तक अगर रोड बन जाता है तो बहुत बड़ी सुविधा होगी. इसी तरह से ग्राम जामुनिया से राजस्‍थान सीमा तक अगर मार्ग बन जाता है तो मेरे क्षेत्र के लोगों को काफी समस्‍याओं का जो सामना करना पड़ रहा है, वह नहीं करना पड़ेगा.

          अध्‍यक्ष महोदय--  कृपया समाप्‍त करें.

          श्रीमती ममता मीना--  एक मिनट और दे दीजिये माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं तीन-चार पुलों की बात कर रही हूं मैं. इसी तरह से ग्राम सोनाहेड़ा एवं मुरैली के मध्‍य काफी बड़ी समस्‍या आती है और उन गांव वालों की एक ही मांग रहती है कि हमारी मुरैली वालों की कि हमारी पुलिया बना दो और भले ही कुछ न करो हमारे गांव में, सोनाहेड़ा और मुरैली के बीच में अगर पुलिया बन जायेगी तो गांव वालों की समस्‍या हल हो जायेगी. इसी तरह से माननीय अध्‍यक्ष महोदय खेड़ीपुरा में पुलिया का निर्माण कराया जाये, इसी तरह से एक लहरचा गांव है जिसमें लहरचा में अगर पानी आ जाये तो उस नदी के कारण से बहुत बड़ी समस्‍या होती है तो लहरचा गांव जो चाचौड़ा तहसील में आता है यहां पर भी अगर पुलिया का निर्माण हो जाये तो बहुत अच्‍छा रहेगा. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इसी तरह से सिगनपुर मार्ग में पुलिया का निर्माण हो जाये और खेजड़ा रामा जो कुंभराज तहसील में आता है इसमें भी अगर पुलिया का निर्माण हो जाये तो बहुत अच्‍छा रहेगा. माननीय मंत्री जी को पुन बधाई और माननीय अध्‍यक्ष महोदय आपने बोलने का समय दिया इसके लिये बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

डॉ. रामकिशोर दोगने (हरदा)--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं 24, 67 मांग के विरोध में बोलने के लिये खड़ा हुआ हूं. अध्‍यक्ष महोदय मैंने अभी देखा है कि पक्ष के सदस्‍य लोग जिस तरह से बढ़ाई कर रहे थे और विपक्ष के बुराई अगर कर रहे हैं तो उसमें तकलीफ हो रही थी, पर बातें जब आती हैं, पक्ष के लोग भी बाद में वही बात निकाल लेते हैं जो विपक्ष के लोग बात कर रहे हैं. अभी-अभी देखा, हालांकि मंत्री जी को बधाई दूंगा कि मेरे यहां के प्रभारी हैं और मेरे यहां हरदा जिले में वर्ष 2006, 07, 08, 09, 10 की रोड़ें पेंडिंग पड़ी थीं उन रोड़ों को कम्‍प्‍लीट उन्‍होंने करवाया, उसके लिये बहुत-बहुत बधाई.  ...(हंसी)... आगे भी सुनिये, पर नये रोड मुझको नहीं दिये हैं इसके लिये मैं मांग करता हूं उनसे कि नये रोड मेरे यहां दिये जायें और आप प्रभारी मंत्री हैं तो निश्चित ही उस जिले का ध्‍यान रखना आपका धर्म भी बनता है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि अभी रामेश्‍वर शर्मा जी बोल रहे थे रोड 5 साल चलती है, 5 साल की उम्र होती है, जनप्रतिनिधि की भी 5 साल की उम्र होती है, पर 5 साल की बात कर रहे थे वह और अभी सभी सदस्‍य हमारे पक्ष के जितने भी सदस्‍य हैं सभी बोल रहे थे कि वर्ष 2003 में यह नहीं हुआ, 2002 में नहीं हुआ, 2000 में नहीं हुआ, अरे भैया 12 साल हो गये आप स्‍वयं ही 5 साल की उम्र बता रहे हो रोड की तो 12 साल पहले की बात करने का क्‍या तात्‍पर्य है, उसकी चर्चा का क्‍या मतलब है.

श्री रामेश्‍वर शर्मा--  दोगने जी यह नियम तो अभी बना है भाई मेरे. यह अभी बना है, पढ़ लो. पुरानी की बात मत करो.

          डॉ. रामकिशोर दोगने--  12 साल, 15 साल कोई रोड नहीं चलती, 5 साल, 2 साल, 3 साल चलती है.

अध्‍यक्ष महोदय--  डॉ. साहब कृपया अपनी बात संक्षेप में समाप्‍त करें.

डॉ. रामकिशोर दोगने--  अध्‍यक्ष महोदय, मैं रामेश्‍वर शर्मा जी को भी बताना चाहता हूं कि वह शहर के विधायक हैं, शहर में नगरीय प्रशासन का पैसा आता, नगर निगम का पैसा आता है और बहुत सारी सुविधायें होती हैं शहर में, हम लोग ग्रामीण के लोग हैं, बाकी लोग भी ग्रामीण के हैं, हमारी यहां समस्‍या है इसलिये हमको समस्‍या बताने दें.

श्री रामेश्‍वर शर्मा--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं शहर का भी हूं और गांव का भी, 53 पंचायतें हैं और कुल मिलाकर मैं जनता का विधायक हूं, न जाने आप किसके हैं और अध्‍यक्ष महोदय मैंने जो सदन में कहा है कि अब जो रोड़ बन रहे हैं वह 5 साल के लिये भी बन रहे हैं, 3 साल के लिये भी ...

          अध्‍यक्ष महोदय--  रामेश्‍वर जी बैठ जायें कृपया, बोलने दें समय कम है.

          श्री जितू पटवारी--  अध्‍यक्ष महोदय, मैं दोगने जी का इस बात को लेकर विरोध करता हूं कि... (व्‍यवधान)..

श्री रामेश्‍वर शर्मा--  जैसे आपने एसडीएम को डांटा था.

अध्‍यक्ष महोदय--  डॉ. दोगने जी आपका समय समाप्‍त हो रहा है. एक मिनट में अपनी बात खत्‍म करें.

डॉ. रामकिशोर दोगने--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय मैं मंत्री महोदय से आपके माध्‍यम से निवेदन करना चाहता हूं कि मेरा हरदा जिला नया जिला बना है, काफी टाइम हो गया है इसके बाद भी वहां विश्रामगृह की आवश्‍यकता है, विश्रामगृह नहीं बन पा रहा है, जिला लेबल पर विश्रामगृह केवल 2 कमरों का है तो उसका उन्‍नयन किया जाये, नया बनाया जाये तो कृपा होगी. साथ ही हरदा में शहर से नेशनल हाइवे गुजरता है, मैंने बार-बार पिछले समय भी हरदा की समस्‍या के बारे में बताया कि यह रेलवे लाइन बीच शहर से है और वहीं से नेशनल हाइवे गुजर रहा है, ओवरब्रिज की बहुत आवश्‍यकता है उसके लिये भी काम किया जाये तो ज्‍यादा अच्‍छा रहेगा. उसके लिये फंड दिया जायेगा तो बहुत अच्‍छा होगा क्‍योंकि पिछले सवाल में आपने जवाब दिया था कि टेंडर हो चुके हैं, टेंडर किसी ने लिया नहीं था, अब वर्तमान में फिर टेंडर करायेंगे उसका जल्‍दी टेंडर करा देंगे तो हरदा को सौगात मिल जायेगी और हरदा का रास्‍ता क्‍लीयर हो जायेगा, क्‍योंकि एक ही रास्‍ता है हमारे यहां निकलने का.

          अध्‍यक्ष महोदय--  अब समाप्‍त करें, कृपया.

          डॉ. रामकिशोर दोगने--  अध्‍यक्ष महोदय, अभी चालू ही किया है, मेरे क्षेत्र की सिर्फ एक मांग बताकर मैं अपनी बात को विराम दूंगा. हमारे यहां हरदा में कुछ छोटी-छोटी रोड़े हैं बालागांव से छिदगांव के बीच में एक पुल है जिससे आने जाने की सुविधा है लोगों को 20 किलोमीटर घूमकर आना पड़ता है, अगर वह पुल बन जायेगा तो सुविधा हो जायेगी. एक रनई से बालागांव रोड है वह बन जायेगा तो सुविधा हो जायेगी. आलनपुर से रूनद्राय रोड है, कायागांव से बेड़ागांव के बीच में एक पुल है, उसके कारण रास्‍ता रूक जाता है, बरसात में लोग निकल नहीं पाते, अगर यह बन जाते हैं तो सुविधा हो जायेगी, भैरूपुर से आदमपुर, रान्‍याखेड़ी से करौला, सोनखेड़ी से जिजगांव, अफगांवकला से भुन्‍नास, पीपल्‍या भारत से छीपाबरखेड़ा, अजनई से मढ़ी, नर्मदा किनारा है लोग वहां नहाने के लिये जाते हैं, हर अमावस्‍या पूर्णिमा पर जाते हैं इसलिये अगर यह 2 किलोमीटर का रोड बन जायेगा तो सुविधा हो जायेगी. जूनापानी से दमदमा यह खंडवा जिले को जोड़ता है और 2 किलोमीटर के कारण लोगों को 20-25 किलोमीटर घूमकर जाना पड़ता है, इसलिये अगर रोड बन जायेगा तो मेहरवानी हो जायेगी. हंडिया अस्‍पताल से फिल्‍टर प्‍लांट तक हरदा का पानी सप्‍लाई होता है फिल्‍टर प्‍लांट और अस्पताल के बीच में रोड है 1 किलोमीटर का वह बन जायेगा तो सुविधा हो जायेगी. अफगांव कला से रिजगांव, अफगांव कला से भैरोंपुर, गोपालपुरा से भवरदी, पचातलई से बाबर और सोनतलाई से पांचातलाई, हिवालाभवन गांव से झांझरी और एक कचबेड़ी का पुल है, जो पुल बरसात में डूब जाता है, छोटा पुल है तो उसमें भी जब डेम का बेक वॉटर आता है तो घूमकर लोगों को जाना पड़ता है, अगर वह पुल ऊंचा बन जायेगा तो निश्चित ही हमारे क्षेत्र के लोगों को सुविधा हो जायेगी. अध्‍यक्ष महोदय, आपने बोलने का समय दिया, इसके लिये बहुत-बहुत धन्‍यवाद और मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं कि मेरी बातों पर ध्‍यान देकर इस क्षेत्र के विकास के लिये काम करेंगे तो निश्चित ही हमारे हरदा जिले का विकास हो जायेगा, धन्‍यवाद.

इंजी. प्रदीप लारिया (नरयावली)--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 64 और 67 का समर्थन करता हूं, कटौती प्रस्‍ताव का विरोध करता हूं. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, किसी भी नगर, प्रदेश, देश का विकास वहां की गुणवत्‍ता सड़कों पर निर्भर करती है. आज हम देखते हैं मध्‍यप्रदेश के अंदर जो सड़कों का जाल बिछाया है, बड़ी गुणवत्‍तायुक्‍त बिछाया गया है. माननीय अध्‍यक्ष महोदय वर्ष 1993 में, 1994 में उसके बाद 10 साल 2002-03 तक कांग्रेस की सरकार रही, दिग्विजय सिंह की सरकार इस मध्‍यप्रदेश के अंदर रही और इन 10 वर्षों में सिर्फ 11 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, अभी ममता मीना जी कह रही थीं, चाचौड़ा से वह विधायक हैं, वहां से मुख्‍यमंत्री दिग्विजय सिंह जी रहे हैं, उनकी अपनी जो विधानसभा है उसमें रोड़ों की हाल बहुत खराब है.

            डॉ रामकिशोर दोगने--माननीय विधायकजी नांदेड़ का रोड़ देखकर आ जायें. सीएम सा का रोड़ है. वह देखकर आ जायेंगे तो आपको पता लग जायेगा.

          इंजी.प्रदीप लारिया--दोगने जी,10 साल में सिर्फ 12 हजार किलोमीटर सड़कें ! दूसरी तरफ 12 साल में 1 लाख किलोमीटर सड़कें भारतीय जनता पार्टी की सरकार और उसके मुखिया आदरणीय शिवराज सिंह जी चौहान और माननीय मंत्री सरताज सिंह जी के नेतृत्व में बनी. यह बहुत बड़ी उपलब्धि हमको सड़कों के मामले में मिली है. दिग्विजय सिंह जी सड़क क्यों बनवाते. वह तो कहते थे कि चुनाव तो मैनेजमेंट से जीता जाता है, विकास से चुनाव नहीं जीता जाता है. लेकिन हम लोगों ने यह बता दिया है. विकास के मुद्दे पर तीन बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में बनी है. जनता ने विकास को स्वीकार किया है. लगातार हम विकास कर रहे हैं.

          अध्यक्ष महोदय, 2003 तक सिर्फ 11 हजार किलोमीटर सड़क बनी थी. हमारे प्रथम कार्यकाल में 20 हजार किलोमीटर, दूसरे कार्यकाल में 21 हजार किलोमीटर और आज तक हम 1 लाख किलोमीटर सड़क बना चुके हैं. निश्चित तौर पर हम लोग विकास की दृष्टि से सड़कों के मामले में आगे बढ़े हैं..

          अध्यक्ष महोदय, हम MDR में लगभग 19 हजार किलोमीटर सड़क बना रहे हैं. हम  कई विलेज रोड को एमडीआर में सम्मिलित कर रहे हैं. मैं मंत्रीजी को, मुख्यमंत्रीजी को भी धन्यवाद देना चाहता हूं कि एमडीआर सड़क मैं समझता हूं कि किसी भी जिले के विकास की लाईफ लाईन होती है. निश्चित रुप से यदि ये एमडीआर सड़कें 2018 तक पूर्ण कर ली जायेंगी तो जिले और प्रदेश का विकास अपने आप आगे होगा.

          अध्यक्ष महोदय, मेरे यहां की तीन सड़कें ऐसी हैं जो विलेज रोड़ हैं. एक ओल्ड NH26 है. यह बम्होरीबिका से गढ़पहरा तक आता है. इसमें केंट क्षेत्र और मकरोनिया नगर पालिका भी आता है. लगभग 21 किलोमीटर की यह सड़क है और पूरे शहर से होकर गुजरती है. यह सड़क यदि एमडीआर घोषित हो जायेगी और सड़क का निर्माण हो जायेगा तो लाभ होगा.

          अध्यक्ष महोदय--समाप्त करें.

          इंजी प्रदीप लारिया--अध्यक्षजी, मैं अपने क्षेत्र पर आ रहा हूं. अध्यक्षजी, मोती फाटक से बारछा कर्रापुर मार्ग यह लगभग 20 किलोमीटर एमडीआर सड़क है. यह 2010 में बनी थी. उसके बाद  कभी इसमें मरम्मत का काम नहीं हुआ. यह 2010 में जब बनी थी तो इसकी 6 पुलियाएं छोड़ दी गई थीं. मैं मंत्रीजी से आग्रह करना चाहता हूं कि ये सड़क बन जाये क्योंकि यह 20 गांवों को जोड़ती है. तीसरी सड़क नरयावली से देवरी तक लगभग 15 किलोमीटर की सड़क है यह भी यदि एमडीआर में घोषित हो जाती है तो निश्चित तौर पर सागर से बीना मार्ग से सीधे झांसी मार्ग से जुड़ने में लोगों को बहुत मदद होगी.

          अध्यक्ष महोदय, दो सड़कें मेरे विधानसभा क्षेत्र के शहर के हिस्से की हैं. एक, सागर O मील होते हुए सिविल लाईन होते हुए मकरोनिया. यह 4 किलोमीटर की सड़क है. दूसरा, मकरोनिया से बहेरिया तिगड्डा 5.20 किलोमीटर की सड़क है. यह सड़क बन जायेगी. इसका चौड़ीकरण हो जायेगा तो हमारे यहां आवागमन का जो दवाब है, उसमें निश्चित तौर पर लाभ है.

          अध्यक्ष महोदय, मेरी दो-तीन सड़कें और हैं. एक, लिघोरा-सांईखेड़ा 3 किमी, ढाना-खाकरोन 2किमी,नरियावली-बसिया 2 किमी, बेरखेड़ी गुरु-बन्नाड-चावड़ा 6 किमी. यह सड़क बन जायेंगी तो निश्चित रुप लोगों को फायदा होगा.

          श्री लाल सिंह आर्य--अध्यक्ष महोदय, लोक निर्माण विभाग में चूंकि काम बहुत तेज गति से हो रहा है इसलिए माननीय सदस्यों की यह मनःस्थिति बन गई और ज्यादा मिल जाये ज्यादा अच्छा है.

          इंजी प्रदीप लारिया--अध्यक्षजी, एक बटालियन मार्ग है और दूसरा सानोदा एप्रोच रोड़ बन जायेंगी तो निश्चित तौर से क्षेत्र को लाभ मिलेगा.  एक पुल जो कड़ान नदी पर है, देवरी से नरियावली तक यह मार्ग जाता है और बरसात में लोगों को आवागमन में दिक्कत होती है यह पुल का निर्माण हो जायेगा तो क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा. मैं मंत्रीजी से अनुरोध करता हूं कि जो मैंने मांग रखी उन पर ध्यान देंगे.धन्यवाद.

          श्री गिरीश भण्डारी(नरसिंहगढ़)--अध्यक्ष महोदय, मैं एक महत्वपूर्ण सड़क जो कि भोपाल से ब्यावरा NH 12 की 110 किमी की  है उसकी दुर्दशा के बारे में बताना चाहता हूं. पिछले 3 साल पहले इसका टेंडर हुआ और 3 साल बाद भी आज तक उस सड़क पर कोई प्रगति नहीं है. माननीय प्रभारी मंत्री महोदया यहां पर बैठी हैं. उन्होंने भी जिला योजना समिति की मीटिंग में इस बात की जब अधिकारियों से चर्चा की तो अधिकारियों ने यह बताया कि हमने तीन बार भारत सरकार को इसको टर्मिनेट करने के लिए लिख चुके हैं लेकिन भारत सरकार इसको टर्मिनेट नहीं कर रही है इसको कारण यह सड़क नहीं बन पा रही है. मेरा माननीय मंत्रीजी से निवेदन है कि इस सड़क के लिए तत्काल कार्रवाई करे. यदि सड़क नहीं बने तो कम से कम ब्यावरा से भोपाल तक रोड में गड्डे हो गये हैं उनका पेंच वर्क कर दें. ताकि हम लोग उस सड़क से आसानी से आ जा सकें. आज हालत यह है हमारे ब्यावरा के विधायकजी आदि लोगों ने रोड़ ही बदल दी.

          श्री नारायण सिंह पंवार--अध्यक्ष जी, रास्ता ही बंद हो गया. रोड़ अत्यंत आवश्यक है.

          श्री गिरीश भण्डारी--अध्यक्ष महोदय,प्रभारी मंत्रीजी ने भी इसकी बहुत चिन्ता की लेकिन इसके बाद भी आज तक उसके गड्डे नहीं भरे गये. मैं अपने क्षेत्र की सड़कों के बारे में कहना चाहता हूं. कुरावर से साहूखेड़ी से कोटरीकला-जेगला-काजीपुरा की महत्वपूर्ण सड़क है. इसके बारे में मैं विभाग को दो तीन बार लिखकर दे चुका हूं. मंत्रीजी से निवेदन करुंगा कि इस सड़क को इस बजट में स्वीकृत करने का कष्ट करें.

          अध्यक्ष महोदय, इकलेरा से कमालपुर, दूसरा इकलेरा से उगली, तीसरा बोड़ा से बोरखेड़ा रोड़ बना है उसमें कंडारा कोटरी गांव आता है, वहां पर छोटा सा पुल बना है इसके कारण बारिश के समय वह 2-2, 3-3 दिन आवागमन बंद रहता है. अगर उस पुल की ऊंचाई बढ़ा दी जायेगी तो वहां के लोगों को बारिश के समय में सुविधा हो जायेगी. कुरावर से तलैन रोड़ MPRDC द्वारा नॉन बीओटी में बना था उसमें एक इकलेरा गांव बीच में आता है उस इकलेरा गांव में दोनों तरफ नाली नहीं बनने के कारण जबकि उसके प्रोजेक्ट में नाली है लेकिन ठेकेदार द्वारा पता नहीं किन कारणों से नाली नहीं बनायी जा रही है. मेरा निवेदन है कि बारिश के पहले चूंकि उस प्रोजेक्ट में है और नॉन बीओटी की रोड है उस ठेकेदार की जवाबदारी है कि उस नाली को बनाये. मेरा निवेदन है कि उस नाली को दोनों तरफ इकलेरा गांव में बनवायी जाये जिससे बारिश के पहले लोगों को सुविधा हो सके.

          अध्यक्ष महोदय, एक निवेदन और है कि हमारी कुछ कनेक्टिविटी वाली 2-2,3-3 किमी की सड़कें होती हैं. अगर विभाग उनका सर्वे करवाये क्योंकि आज 15-15,20-20 किमी घूमकर शहरों में जाना पड़ता है अगर वह कनेक्टिविटी रोड़ बनती है तो निश्चित रुप से हमारी दूरी कम होगी और लोगों को आवागमन की सुविधा बढ़ेगी और हमारा डीजल-पेट्रोल बचेगा और लोग आसानी से कम समय में अपनी यात्रा कर सकेंगे. धन्यवाद.

          श्री आशीष शर्मा(खातेगांव)--अध्यक्ष महोदय,लोक निर्माण विभाग की अनुदान मांगों का मैं समर्थन करता हूं. किसी भी राज्य की उन्नति में सड़कें बहुत सहायक होती हैं. आज प्रदेश में जिस तेजी से हमको विकास देखने को मिल रहा है, उसमें कहीं न कहीं सड़कों का बहुत बड़ा योगदान है. आज से 8-10 साल पहले हम देखा करते थे सड़कों के नाम पर प्रदेश में कुछ नहीं बचा था. हम गाड़ियों में सफर करते थे तो दचकों के कारण महिलाओं और बच्चों की सबकी स्थिति खराब हो जाती थी. जिस मार्ग को तय करने में आज 2 घंटे का समय लग रहा है, उस दूरी के लिए 4-5 घंटे लगते थे. वाहन मालिकों का भी बहुत नुकसान होता था. टायरों में टूटफूट होती थी.

कुल मिलाकर मध्यप्रदेश में सड़कों के कारण हम बदहाली के कगार पर पहुंच चुके थे. लेकिन इस सरकार ने, माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने और लोक निर्माण मंत्री जी ने सड़कों के विकास के लिए बहुत अच्छा काम किया है. मैं माननीय मंत्री जी को हमारे क्षेत्र से जुड़ी दो-तीन सौगात देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता हूं. कन्नौद से नर्मदा नगर को जाने वाला मार्ग जिससे महाराष्ट्र का हिस्सा जुड़ता है, खंडवा-खरगौन का परिवहन जहां से होता है, वह मार्ग काफी खराब स्थिति में था. बांध बनने के बाद पहली बार उस रोड का पुनर्निमाण प्रारंभ हुआ है. सीमेंट-कांक्रीट का वह रोड बन रहा है. अच्छी गुणवत्ता का वह रोड बनेगा. क्षेत्रवासियों की बहुत बड़ी मांग सरकार ने पूरी की है. इसके लिए मैं पुनः धन्यवाद देता हूं. मेरे विधान सभा क्षेत्र में बिजवार से लेकर खातेगांव का 56 कि.मी. का मार्ग बनना बहुत आवश्यक है. उसकी भी संभावतः स्वीकृति होने वाली है. मैं उसके लिए भी माननीय मंत्री महोदय को अपनी ओर से धन्यवाद देता हूं.

अध्यक्ष महोदय, कुछ मांगें क्षेत्र की हैं जो आपके माध्यम से माननीय मंत्री महोदय को अवगत कराना चाहता हूं. इन सड़कों का बनना बहुत आवश्यक है. छोटी-छोटी सड़कें हैं. कई बार प्रधानमंत्री सड़क के अंतर्गत बने हुए मार्गों की अन्य गांवों से कनेक्टविटी किसी योजना के अंतर्गत नहीं हो पाती है. यदि उन सड़कों को लोक निर्माण विभाग के माध्यम से निर्मित किया जाए तो इससे एक संपूर्ण परिवहन मार्ग हम लोगों को उपलब्ध हो जाएगा. मेरे विधान सभा क्षेत्र में एमडीआर से बावड़ीखेड़ा, संदलपुर से जामनेर नदी तक की सड़क नेमावर से सुवासरा गांव होते हुए खातेगांव तक की सड़क, नेमावर की एक सहायक नदी है जामनेर, वहां से लगभग 20 गांवों को जाने का रास्ता है. वहां एक गांव पड़ता है कुंड गांव, जहां पर पुल निर्माण करने की मांग क्षेत्रवासी काफी समय से कर रहे हैं. माननीय मंत्री जी  भी मैं अवगत करा चुका हूं. उस पुल को बनना बहुत आवश्यक है. उसके बनने से लगभग 20 गांवों का संपर्क बारहमासी बना रहेगा. इसके बाद पुनासा से कन्नौद का जो नया मार्ग स्वीकृत हुआ है, उसमें हम चाहते हैं वहां बाईपास होना चाहिए क्योंकि वह कन्नौद नगर के बीच में से होकर जाता है और भारी आवागमन उस मार्ग पर होने वाला है, जिसके कारण दुर्घटनाएं होने का अंदेशा रहेगा. इसलिए इस मार्ग का बायपास प्रस्तावित किया जाय ताकि नगर से दूर होकर वाहन निकल सकें. ग्राम पांगरा से बेहसुन का एक मार्ग है उसे बनना चाहिए. हमारे यहां राष्ट्रीय राजमार्ग इंदौर बैतूल होकर गुजरता है, जिसमें धनतालाब घाट के वहां पर संकराघाट होने के कारण बार-बार प्रतिदिन जाम लगता है. वहां पर घंटों वाहन खड़े रहते हैं. इसलिए धनतालाब घाट का चौड़ीकरण होना चाहिए. साथ ही इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे से  काफी मात्रा में भारी वाहन, रेत का परिवहन भी  होता है, वहां से अंतर्राज्यीय बसें भी निकलती हैं, इसलिए इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे को फोर लेन का किया जावे. इस बाबत् भी माननीय मंत्री जी से अनुरोध करता हूं. अध्यक्ष महोदय, आपने जो समय दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर (खरगापुर) - अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 24 एवं 67 का विरोध करती हूं एवं कटौती प्रस्तावों का समर्थन करती हूं. खरगापुर विधान सभा के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों की चर्चा करते हुए बताना चाहती हूं. मेरी विधान सभा के नगर बल्लूगढ़ में टीकमगढ़ छतरपुर मार्ग बस्ती से निकला हुआ है, जिसमें बसों का एवं भारी वाहनों का आना जाना लगातार रहता है. ऐसी स्थिति में आए दिन जाम भी लगा रहता है और इतना ही नहीं, कई बार लोगों को दुर्घटनाओं का शिकार भी होना पड़ता है. आम नागरिक, बुजुर्ग, महिलाएं एवं स्कूली छात्र छात्राएं पैदल चलने तक में मुसीबतों का सामना करते हैं. बाहर से आने वाले राहगीरों को भी जाम में फंसकर परेशानी पड़ती है.

अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से आग्रह करती हूं कि आम जनता के हित में बल्लूगढ़ में बॉयपास सड़क निर्माण को शासन की योजना में शामिल किया जाय, जिससे राहगीरों को परेशानी से मुक्ति मिल सके. खरगापुर विधान सभा के ग्राम कोटाखेरा एवं खुमानगंज की नदी पर पुल निर्माण कराए जाने की भी दया करें, जिससे ग्रामीण जनों को आवागमन की सुविधा मिल सकेगी. खरगापुर नगर मेरी विधान सभा का मुख्यालय हैं, जहां पर लोक निर्माण विभाग द्वारा विश्राम गृह बनाए जाने से सुविधा प्राप्त हो सकेगी.

अध्यक्ष महोदय, सबसे बड़ी समस्या मेरी विधान सभा खरगापुर की मंजना पलेरा मार्ग की है, जिस पर 25 से 30 गांव आते हैं और जिला मुख्यालय को जोड़ने वाली बहुत महत्वपूर्ण सड़क है, जिससे सैकड़ों ही नहीं, हजारों राहगीरों का आना जाना उस सड़क मार्ग से होता है, जिसकी हालत बहुत खराब है. मार्ग जर्जर है इसलिए मंजना पलेरा मार्ग निर्माण कराया जाना अति आवश्यक है.  जनहित में इसका निर्माण कार्य कराया जाय. अध्यक्ष महोदय, आपने जो बोलने का अवसर दिया उसके लिए धन्यवाद.

श्री सचिव यादव (कसरावद) - अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 24 एवं 67 के विरोध में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं. अध्यक्ष महोदय, आप बोलें इससे पहले मैं ही बोल देता हूं कि समय का अभाव रहेगा, इसलिए मैं सीधे अपने क्षेत्र की बात पर आता हूं. अध्यक्ष महोदय, हमारे क्षेत्र में कुछ ऐसी सड़कें हैं जो मुख्य मार्ग से 1 कि.मी. से  2 कि.मी., 3 कि.मी. की परिधि में आती हैं और इसके  कारण से वे मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ पा रही है. ऐसी कई सड़कें हैं. मैं उनके नाम नहीं गिनना चाहता हूं. मैं अलग से पत्र बनाकर माननीय मंत्री जी को दे दूंगा. मेरा आपके माध्यम से सिर्फ निवेदन यह है कि कुछ ऐसी सड़कें हैं, 1-1, 2-2 कि.मी. के कारण जो गांव छूट रहे हैं उन गांवों को जोड़ने की योजना माननीय मंत्री जी बनाएं, उनको स्वीकृति प्रदान करने की माननीय मंत्री कृपा करें.

अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी के ध्यान में एक बात और लाना चाहता हूं. हमारे क्षेत्र में एक रोड बना है बामकल से दोगावां मार्ग तक, बहुत अच्छा रोड बना है. इसको एमपीआरडीसी ने बनाया है. लेकिन उस रोड का औचित्य जब तक पूरा नहीं हो पाएगा, जिस उद्देश्य को लेकर उस सड़क का निर्माण किया गया था, वह तब तक पूरा नहीं होगा, जब तक हम उसको खरगौन सनावद जो मुख्य मार्ग है, उस मुख्य मार्ग से नहीं जोड़ेंगे. ये दोनों चीजें माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं. पूर्व में भी मैं कई बार निवेदन कर चुका हूं. एक रोड सरवर देवला मार्ग है, उसके लिए भी मैं कई बार प्रयासरत् हूं. जब से मैं चुनकर आया हूं, आपका आशीर्वाद मुझे बीच में मिला था. सदन में एक बहुत लंबी चर्चा भी हुई थी उसमें मुझे आश्वासन भी मिला था. लेकिन अभी जो बजट आया है, उसमें उस सड़क को किसी प्रकार से मेंशन नहीं किया गया है. आपके माध्यम से मैं निवेदन करना चाहता हूं कि अगर आपकी कृपा एक बार और हो जाय तो वे सड़कें भी आ जाएंगी. अध्यक्ष महोदय, आपने बोलने का अवसर दिया, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

अध्यक्ष महोदय - मेरे पास अभी बहुत से नाम और आए हैं, जिसमें कई वरिष्ठ सदस्य भी हैं राजेन्द्र पाण्डेय साहब जैसे, मैं आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि 10 नाम से ऊपर हैं. समय बहुत हो गया है. 2 घंटे का समय निर्धारित था, 3 घंटे से ऊपर हो गये हैं. अभी माननीय मंत्री जी को भी बोलना है. मेरा अनुरोध है कि जिन सदस्यों की बात रह गई हैं, वह लिखकर माननीय मंत्री जी को दे देंगे तो बड़ी कृपा होगी. (कई माननीय सदस्यों के खड़े होकर बोलने पर) इसमें बहुत नाम हैं, आदरणीय पाण्डेय साहब आप बहुत वरिष्ठ सदस्य हैं. जैसा श्री सचिन यादव जी ने सहयोग किया है.  उन्होंने कहा है कि वह लिखकर दे देंगे. कृपा करके आप लिखकर दे दीजिए. सिर्फ अपने क्षेत्र की बात बताना है. वह लिखकर दे दें. यदि कोई सुझाव हो तो वह भी दे दें. परन्तु अब समय नहीं दूंगा क्योंकि अन्य विभाग भी लेना है. श्री प्रदीप अग्रवाल जी कृपया सहयोग करें, आपको हर विषय में हमेशा बहुत समय मिलता है.

उप नेता प्रतिपक्ष (श्री बाला बच्चन) - अध्यक्ष महोदय, लोक निर्माण विभाग बहुत महत्वपूर्ण विभाग है और सभी माननीय विधायकगण यहां पर बैठते हैं. बराबर हम लोगों को समय देते हैं. आप एक-एक मिनट दे दें. विधान सभा की कार्यवाही में उनके नाम आ जायं. एक-एक मिनट में हो जाएगा.

संसदीय कार्यमंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्र) - अध्यक्ष महोदय, उप नेता प्रतिपक्ष का आग्रह है तो एक एक मिनट कर ही दें.

अध्यक्ष महोदय - मेरा आपसे अनुरोध है कि एक मिनट से ज्यादा नहीं. डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय..

          डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय ( जावरा ) -- माननीय अध्यक्ष महोदय मैं मांग संख्या 24 और 67 के पक्ष में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं. मैं अधिक भूमिका नहीं बनाऊंगा. अध्यक्ष महोदय पुन: आपका धन्यवाद्.  मैं यहां पर माननीय मुख्यमंत्री जी और माननीय सरताज सिंह जी का बहुत हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करना चाहता हूं.

          मेरे विधान सभा क्षेत्र की एक बहुत ही ज्वलंत समस्या थी. जावरा शहर मध्य स्थित रेल्वे फाटक पर ब्रिज का निर्माण उसको लेकर विगत 20 वर्षों में कई आंदोलन किये गये कई बार  मांग की गई लेकिन उसके बाद में भी उसे बनाये जाने को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हुई थी. मैं धन्यवाद ज्ञापित करता हूं कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने और माननीय लोक निर्माण मंत्री जी ने उसके लिए  35 करोड़ 25 लाख 29 हजार रूपये की स्वीकृति दी है जिससे कि हमारी जनसमस्या का निवारण होगा.

          मैं यहां पर आपके माध्यम से निवेदन करना चाहता हूं कि हमारे यहां पर जावरा से लेबड़ बरगड़ से नयागांव , एक फोर लेन मार्ग है  उस फोर लेन मार्ग पर अत्यधिक वाहनों का आवागमन होता है. बरगड़ फंटे से लेकर  व्हाया हरियाखेड़ा बैसाना एक बायपास की अत्यंत आवश्यकता है यदि उसकी पूर्ति हो जाती है तो निश्चित रूप से इस फोर लेन मार्ग से लगने वाली हमारी जो अर्नियापीथा मंडी है वहां पर कृषकों को आने जाने में काफी सुविधा होगी. हमारे यहां पर कुछ ब्रिज की भी आवश्यकता है पिपलौदा तहसील के अंतर्गत सुखेड़ा बस स्टेण्ड स्थित एक पुलिया की आवश्यकता है तो सुखेड़ा बस स्टेण्ड से लेकर पुलिया के साथ साथ पंचेवा फंटे तक एक सड़क की आवश्यकता है. इसी के साथ साथ आयाना से लेकर के सैलाना मार्ग जो कि जर्जर हो चुका है. वह प्रधानमंत्री सड़क से लेकर के लोक निर्माण विभाग से बनाये जाने की आवश्यकता है जिस तरह से चरण बद्ध और क्रमबद्ध निर्माण कार्य पुल पुलिया और सड़कों का निर्धारित किया है तो अध्यक्ष महोदय मेरे जावरा विधान सभा क्षेत्र की जावरा तहसील के अंतर्गत एक मार्ग है जो कि ताल से लेकर के असावती आनाखेड़ी होकर के  बोरवनी और बोरवनी से कुछलौद और दलौदा को टच करता है. हमारे मंदसौर से आने जाने के लिए दलौदा का जो फोर लेन है, वहां की ओर से ताल से होकर भोपाल आने जाने का एक अच्छा मार्ग हो सकता है. उस पर सर्वे करके विभाग अगर कोई कार्यवाही करता है तो अच्छा होगा .अभी कुछ मरम्मत के काम भी स्वीकृत किये गये हैं. रिंगनौद से कलालिया किया है उसके लिए धन्यवाद किंतु मंदसौर फोर लेन कलालिया फंटे से लेकर के रिंगनौद पद्मावती धाम तक उसको पूर्ण निर्माण की अगर स्वीकृति की जाय तो निश्चित रूप से फायदा होगा यह मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है. समय की मर्यादा को देखते हुए आपको पुन: एक बार धन्यवाद ज्ञापित करता हूं.

          श्री नीलेश अवस्थी ( पाटन ) -- माननीय अध्यक्ष महोदय मांग संख्या 24. 67 के विरोध और कटौती प्रस्तावों के समर्थन में बोल रहाहूं. हमारे क्षेत्र में कई ऐसे पुल है जिनसे बरसात के दिनों कनेक्टिविटि बंद हो जाती है, आवागमन के लिए और आम लोगों की बीमारी के चलते लोग वहां पर अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते हैं. हमारे एक मुरेठ पुल जो कि पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है उसका निर्माण हो जाय . मंत्री जी ने उसका विधान सभा में आश्वासन भी दिया था उसका निर्माण जल्दी से जल्दी कराया जाय. एक आलासुर सिमरिया मार्ग है जो कि बरसात के दिनों में एक से डेढ माह तक बंद रहता है . उस पुल का भी निर्माण कराया जाय ताकि वहां पर लोगों का आवागमन सुचारू हो सके. इसके साथ ही इटवा इमलिया पुल मार्ग का भी निर्माण कराया जाय यह पुल भी बहुत आवश्यक है. कुछ सड़कें  भी हैं . लखनपुर से पिडरई लाहौद मार्ग है, जुझारी से पाली मार्ग, पौड़ी राजघाट से पटना मार्ग, अभाना से नयागांव मार्ग, एलओसी 86 से सिंगौली मार्ग, गनियानी से सरा मार्ग , एचएस 37 से चरगवां मार्ग, इंदराना से गुर्दा मार्ग, सिमरिया से भिटा मार्ग, महगवां बमौरी से सगौना पटौरी मार्ग . अध्यक्ष महोदय एक बहुत बड़ी सड़क का निर्माण हमारे क्षेत्र में हो रहा है पाटन शहपुरा से जबलपुर मार्ग जिसमें ठेकेदार बहुत ही घटिया क्वालिटी की गिट्टी का उपयोग कर रहेहैं. ना तो उनके पास एनओसी है और न ही उनके पास में एनजीटी की अनुमति है. मैं माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं की उसकी जांच कराई जाय. वह 95 करोड़ रूपये का रोड है. वह अवैध उत्खनन करके रोड बनाया जा रहा है और घटिया सामग्री का उपयोग वहां पर हो रहा है. अध्यक्ष महोदय बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्री प्रदीप अग्रवाल (सेवढ़ा) -- माननीय अध्यक्ष महोदय मांग संख्या 24 और 67 के पक्ष में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं. मैं सीधे अपने क्षेत्र  के बारे में बोलना चाहता हूं. वर्तमान में मेरे क्षेत्र में माता रतनगढ़ रोड जिसकी लागत 25 करोड़ रूपये है. सेवढ़ा से नदीगांव रोड जिसकी लागत 26 करोड़ रूपये है. बहुआपुरा आदमपुर मार्ग, इंदरपुर पंडोखर मार्ग और भी बहुत से मार्गों पर काम भी चल रहा है और बहुत से निर्माण कार्य पूर्ण भी हो चुके हैं. इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री जी को माननीय लोक निर्माण विभाग के मंत्री जी को  ईएण्ड सी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं.

          वर्ष 2016-17 के बजट में भी माता रतनगढ़ मंदिर पर एक अतिरिक्त पुल जिसकी राशि 1065 लाख, गोरा राजघाट मार्ग 16 किलोमीटर जिसकी राशि 2487 लाख, मेहरोली ताल मार्ग पर  5 किलोमीटर रोड जिसकी राशि 291 लाख, के कार्य स्वीकृत हो चुके हैं. इसके लिए भी माननीय मुख्यमंत्री जी और माननीय लोक निर्माण मंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं.

          अध्यक्ष महोदय मेरे क्षेत्र में कुछ गंभीर समस्याएं हैं. इस ओर माननीय अध्यक्ष महोदय मैं आपके माध्यम से मंत्री जी का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. इंदरगढ़ कामत मार्ग जिसकी लंबाई 38 किलोमीटर है, इंदरगड़ से ऊंचिया तिराहे तक मात्र 9 किलोमीटर का रोड पिछले 10 वर्ष से पू्र्णत: जर्जर स्थिति में है. सड़क में पूरे गड्डे हैं 11 बार रिटेण्डर होने के बाद में भी उस पर काम नहीं हुआ है. वहां पर गलती ठेकेदार की है लेकिन उसकी सजा आम जन भुगत रहे हैं. अनुरोध है कि फ्रेश टेण्डर कराकर उक्त मार्ग को शीघ्र ही 7 मीटर चौड़ाई का सीसी रोड बनवाया जाय जिससे कि उसके मार्ग में आने वाले 25 - 30 गांव के लोगों को सुविधा मिल सके. इसी तरह से गौराघाट से लांच मार्ग जो कि 16 किलोमीटर स्वीकृत हो चुका है एवं पिछोर से लांचवी ग्वालियर से स्वीकृत हो चुका है. यह दोनों मार्ग मुख्य रूप से इंदरगढ़ से जुड़े हुए हैं जो कि 7 - 8 किलोमीटर की दूरी पर है. यदि इस मार्ग को नहीं बनाया जाता है तो इन दोनों मार्ग का कोई महत्व नहीं रह जायेगा. अत: इस 8 किलोमीटर के मार्ग को भी बजट में सम्मिलित करके बनाया जाय.

          माननीय अध्यक्ष महोदय जिले में लोक निर्माण विभाग के द्वारा संरक्षित मार्ग सबसे ज्यादा सेवढ़ा विकास खण्ड में हैं. उसके बाद में भी लोक निर्माण विभाग का सब डिवीजन का कार्यालय बंद कर दिया गया है जिससे कार्य और गुणवत्ता दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं. मेरा अनुरोध है की लोक निर्माण विभाग का सब डिवीजन का आफिस पुन: वहां पर शुरू किया जाय. दतिया सेवढ़ा मार्ग स्टेट हाइवे 19 , इंदर गढ़ में बायपास बनाया  जाय दोनों और दो दो मीटर सीसी रोड का निर्माण और पानी की निकासी केलिए नाली का निर्माण किया जाय. हमारे यहां पर नीमढाना से किटाना मार्ग 3 किलो मीटर  की दूरी पर है जिस पर पक्का मार्ग नहीं है किटाना के लोगों को 20 किलोमीटर का चक्कर लगाकर सेवढ़ा आना पड़ता है. यदि इस 3 किलोमीटर का निर्माण करा दिया जाता है तो ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान होगा. हमारे यहां पर रेस्ट हाऊस में कमरे कम है, उनमें भी अगर दो दो कमरे और बना दिये जाते हैं तो निश्चित रूप से मां पीताम्बरा, माता रतनगढ़ के दर्शनों को आने वाले श्रद्धालुओं को और सुविधा होगी. आपने समय दिया धन्यवाद.

          श्री यादवेन्द्र सिंह ( नागौद ) -- माननीय अध्यक्ष महोदय मेरे नागौद विधान सभा क्षेत्र में बहुत नहीं माग रहा हूं मंत्री जी से केवल एक नागौद से ऊचेहरा मार्ग है, एक पतरौदा गांव में एक किलोमीटर चाहिए, दूसरा नागौद से सतना मार्ग में एक बरढिया है एक किलोमीटर सड़क की दूरी है तो इन दोनों को जोड़ दिया जाय और एक पुरबिहाई सिमरी और सहजना को पुलिया जोड़ती है वहां पर एक पुलिया 10 - 20 लाख की बनवा दें, सेमरी कटन मार्ग है 15 किलोमीटर का वह बहुत उबड़ खाबड़ हो चुका है उसकी वर्षों से मरम्मत नहीं  हुआ है उसकी मरम्मत करा दें. मैं जानता हूं कि बहुत नहीं मिलना है इतना ही मिल जाय तो बहुत बड़ी बात है.

          श्री रणजीत सिंह गुणवान ( आष्टा) -- माननीय अध्यक्ष महोदय आपने मेरे निवेदन को स्वीकार किया धन्यवाद्.  मैं ज्यादा न कहते हुए इतना ही कहूंगा कि मध्यप्रदेश की भाजपा की सरकार ने 10 साल में मध्यप्रदेशमें सड़कों का जाल बिछाया है जिससे आवागमन की बहुत सुविधा हो गई है. रात में भी अगर जायें तो पैदल भी जा सकते हैं कई सड़कें तो ऐसी है कि लगता है टाइल बिछे हुए हैं. जैसे मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह जी की सरकार और हमारे सरदार जी बैठे हैं जो कि सरदारों के सरदार, ज्यादा न कहते हुए इतना ही कहूंगा कि आष्टा हमारा विधान सभा क्षेत्र है जो कि भोपाल राजधानी और इंदौर के बीच में आता है. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री जी से निवेदन करूंगा कि भोपाल से चाहे इंदौर जाओ या चाहे उज्‍जैन जाओ, आष्‍टा मध्‍य में पड़ता है तो वहां बाइपास पर एक विश्राम गृह बनाने की कृपा करें बाकी सभी सड़कें तो बन ही रही हैं. मेरे यहां मुख्‍यमंत्री सड़क योजना की 20 सड़कें मंजूर हो चुकी हैं.

          श्री मुकेश नायक -- अब आपको विश्राम की जरूरत है. (हंसी)   

          श्री रणजीत सिंह गुणवान -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मुख्‍यमंत्री सड़क योजना की 20 सड़कें मंजूर हो चुकी हैं और प्रधानमंत्री सड़क योजना की 21 सड़कें मंजूर हो चुकी हैं.

          श्री के.के. श्रीवास्‍तव -- यह कांग्रेस की संस्‍कृति दिख रही है कि एक बुजुर्ग बोल रहे हैं और उनकी हंसी उड़ा रहे हैं.

          श्री रणजीत सिंह गुणवान -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मतलब कि 41 सड़कें मेरे यहां की मंजूर हो चुकी हैं, अभी 2-4 सड़कों की जो मांग की गई है माननीय मंत्री जी उसको स्‍वीकृत करेंगे. एक सड़क आष्‍टा से खाचरोद से हाटपिपल्‍या जो है यह आवागमन के हिसाब से बहुत महत्‍वपूर्ण रोड है इसे भी आप अपने बजट में ले लें. भाई साहब, अभी तो केवल 10 साल हुए हैं और 10 साल की आपने कह दी है पर ईश्‍वर की कृपा से यह रीत चलती रहेगी क्‍योंकि मध्‍यप्रदेश की जनता को सब तरह की सहूलियतें मिलती हैं. किसानों को सिंचाई की, चलने वालों को सड़कों की हर विभाग को उठाकर देख लीजिए, हर तरह की सुविधाएं मिल रही हैं. अगर ज्‍यादा समय होता तो मैं बताता, पर मुकेश बाबू, आप तो पुराने व्‍यक्‍ति हैं, मंत्री भी रह चुके हैं, पर आपने ऐसी कृपा नहीं की क्‍योंकि मध्‍यप्रदेश में हकीकत में सड़कें गड्ढे में थीं, यह आपको मालूम है, मैं भी आपके साथ रहा. माननीय दिग्‍विजय सिंह साहब जब मुख्‍यमंत्री थे उनके साथ मैं दो बार रहा, लेकिन आप देखिए कि मध्‍यप्रदेश की सड़कों की आज क्‍या स्‍थिति है. हमारे विधायक साथी जो प्रशंसा कर रहे हैं वह हकीकत है सही है.

          श्री चम्‍पालाल देवड़ा (बागली) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 24 एवं 67 के समर्थन में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूँ. मैं सीधे-सीधे अपने विधान सभा क्षेत्र की बात रखूंगा क्‍योंकि आपने हमारे आग्रह पर समय दिया है इसके लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद. मेरे विधान क्षेत्र से इंदौर-बैतूल राष्‍ट्रीय राजमार्ग गुजरता है और बागली विकासखण्‍ड के पास चापड़ा और बिजवार के बीच में एक कालीसिंध नदी आती है उस कालीसिंध नदी का ब्रिज जर्जर होने के कारण और साइड में कोई सपोर्ट न होने के कारण आए दिन वहां पर घटनाएं-दुर्घटनाएं होती रहती हैं. अभी 3-4 दिन पहले ही वहां पर एक ट्रक और एक जीप गिर गई थी, मेरा माननीय मंत्री जी से आग्रह है कि वहां नया ब्रिज बनाने की स्‍वीकृति प्रदान करें. इसी तरह मेरे विधान सभा क्षेत्र से लगा हुआ, जैसा कि अभी आशीष जी ने बताया था, धनतलाव घाट है इस घाट पर भी हर दिन,  24 घंटे में लगभग 4 बार वहां जाम लगता है क्‍योंकि वह ब्रिज भी जीर्ण-शीर्ण हो गया है जबकि यह राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर स्‍थित है, अत: मैं एक नए ब्रिज की स्‍वीकृति प्रदान करने का माननीय मंत्री जी से अनुरोध करूंगा. इसी तरह से माननीय मुख्‍यमंत्री और मंत्री जी के आशीर्वाद से काठाफोड़ से नाचनबोर सड़क जो सीधे इंदौर महानगर से जोड़ने वाली सड़क मेरे विधान सभा क्षेत्र को मिली है उसके लिए मैं माननीय मंत्री जी को और माननीय मुख्‍यमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्‍यवाद देता हूँ परंतु अध्‍यक्ष महोदय, उस सड़क में जहां पर पुलिया बनी हुई है उस पुलिया और सड़क के बीच का जो गैप है उसकी ठीक से लेवलिंग न होने के कारण आए दिन वहां पर गाड़ियां कूदती हैं और मोटरसाइकिल कूदती रहती हैं और मोटरसाइकिल वाले गिर जाते हैं और दुर्घटनाएं हो जाती हैं. उसी सड़क पर उदयनगर और काठाफोड़ दो शहर हैं इन दोनों शहरों में सड़क और नाली न बनने के कारण आए दिन जाम लगता रहता है अत: माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि दोनों सड़कें बनवाने की कृपा करें. इसी तरह से बागली से चापड़ा का मार्ग पुराना होने के कारण वहां के पुल, पुलिया और रपटे खराब स्‍थिति में हैं, दो रपटे हैं गुनेरा और गुनेरी में, ये सड़क से काफी नीचे हैं जिसके कारण वर्षा ऋतु में जब बाढ़ आती है तो जाम लग जाता है तो वहां पर अगर दो पुलियों की स्‍वीकृति मिल जाए तो माननीय मंत्री जी का बहुत-बहुत धन्‍यवाद हो जाएगा. इसी तरह से उदयनगर से पेडमी मार्ग जो अभी पिछले साल ही बनकर तैयार हुआ है वहां पर दो ब्रिज की हमें बहुत आवश्‍यकता है एक तो मगरादेह में और एक धोबगट्टा नदी पर. इसी तरह से पेडमी गांव को सड़क बनाने से छोड़ दिया है, अत: मेरा माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि एक-डेढ़ किलोमीटर की सीसी रोड बची है अगर वह बन जाएगी तो लोगों को बहुत सुविधा हो जाएगी. आपने बोलने का समय दिया, बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

          श्री नारायण सिंह पवांर (ब्‍यावरा) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री जी से अनुरोध करना चाहता हूँ कि जो गिरीश भंडारी जी ने ब्‍यावरा से भोपाल मार्ग की बात उठाई है यह अत्‍यंत खराब रोड है और पूरी तरह उखड़ चुका है, पार्टी ठेका छोड़कर जा चुकी है, माननीय प्रभारी मंत्री जी माननीय यशोधरा राजे सिंधिया जी ने भी अनेक बार ठेकेदार से बात की है सरकार के अधिकारियों से बात की है लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है और ठेकेदार ने ठेका छोड़ दिया है इसलिए तत्‍काल उसके ऊपर कार्यवाही करें या तो नई पार्टी नियुक्‍त करें या उसके गड्ढे भरवाएं. दूसरा मेरा आग्रह यह है कि माननीय मंत्री जी अभी ब्‍यावर पधारे थे और उन्‍होंने ब्‍यावरा में एक रोड का भूमिपूजन किया था, एक सिटीपोर्शन जो 4 किलोमीटर है पुराना एबी रोड उसको नए सिरे से बनवाने के लिए माननीय मंत्री जी ने स्‍वीकृति प्रदान की है वे इसी सत्र में उसको शुरू करवाएंगे तो बड़ी कृपा होगी. इसके अलावा ब्‍यावरा के रेस्‍ट-हाऊस के बारे में मैंने निवेदन किया था कि ब्‍यावरा दो राष्‍ट्रीय राजमार्ग, क्र. 3 और क्र. 12 पर स्‍थित है जिसके कारण आए दिन वहां के रेस्‍ट-हाऊस पर दबाव रहता है, उसमें केवल दो सूट हैं तो दो अतिरिक्‍त सूट बनाने के लिए माननीय मंत्री जी अगर आदेश करेंगे तो बहुत अच्‍छा हो जाएगा. इसी तरह से मेरी विधान सभा में सुढालिया एक छोटा सी नगर पंचायत है वहां भी एक मिनि रेस्‍ट-हाऊस की आवश्‍यकता है उसकी भी यदि स्‍वीकृति प्रदान कर दें तो बहुत अच्‍छा रहेगा. ऐसे ही मेरे शहर के अंदर नवीन अस्‍पताल रोड बना है जिसकी लंबाई 3 किलोमीटर है उसमें एक सिंगल रोड है उसको डबल किया जाए क्‍योंकि उस रोड पर बहुत दबाव रहता है तहसील रोड भी वही है, अस्‍पताल रोड भी वही है और वहां अनेक कार्यालय जैसे एसडीएम कार्यालय है जनपद कार्यालय भी उधर ही बन रहा है. इसके अलावा मेरा निवेदन है कि एनएच-3 जो  ब्‍यावरा से गुना जाती है और ब्‍यावरा से देवास वाली सड़क के लिए भी टेंडर लग चुके हैं वर्क ऑर्डर हो चुके हैं लेकिन अभी तक कार्य प्रांरभ नहीं हुआ है, यह अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण मार्ग है अत: इस पर तत्‍काल कार्य प्रारंभ किया जाए. एक मार्ग मऊ से लखनवास जो कि लोक निर्माण विभाग का है इसकी गति अत्‍यंत धीमी है दो साल से ऊपर हो चुके हैं और गुणवत्‍तापूर्ण कार्य नहीं है उसकी जांच की जावे. इसके अलावा पार्वती नदी पर घोघराघाट नामक एक स्‍थान है जहां पर छोटा रपटा बना हुआ है, अभी ममता जी ने भी उसके बारे में बताया था, हमारी दोनों विधान सभाओं के बीच में एक उच्‍चस्‍तरीय पुल बनाने की आवश्‍यकता है. इसी तरह कुछ और महत्‍वपूर्ण मार्ग हैं जिन्‍हें बनाया जाना अति आवश्‍यक है-ग्राम सुन्‍दरपुरा से लखनवास 5 किलोमीटर, ग्राम कानरखेड़ी से पार्वती ब्रिज 3 किलोमीटर, ग्राम शमशेरपुरा से गांगाहोनी 4 किलोमीटर, ग्राम सलेहपुर से कडियाहाट 4 किलोमीटर, ग्राम भगवतीपुर से मलावर 5 किलोमीटर, ग्राम कानेड़ से तेलीगांव चांचौड़ा सीमा 6 किलोमीटर आदि है. इसी प्रकार कुछ छोटी-छोटी सड़कें भी हैं जैसे ए.बी. रोड से दामडिया, सुठालिया रोड से मोटबल्‍डी, चाठा रोड से चमारी, ये छोटी-छोटी 1-1, 2-2 किलोमीटर की सड़कें हैं जिनकी स्‍वीकृति दिया जाना अत्‍यंत आवश्‍यक है. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपने बोलने का समय दिया, बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

          श्री राजेश सोनकर (सांवेर) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 24 के समर्थन में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूँ. पूर्व में विषय आया कि एक समय ऐसा था कि जब मध्‍यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग पर से लोगों का विश्‍वास उठ गया था. मेरा ऐसा मानना है कि एक समय ऐसा था कि मध्‍यप्रदेश की सरकार पर से भी लोगों का विश्‍वास उठ गया था लेकिन माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आज मैं आपके माध्‍यम से प्रदेश के यशस्‍वी मुख्‍यमंत्री, मध्‍यप्रदेश की संपूर्ण सरकार और खासकर माननीय लोक निर्माण मंत्री जी को बहुत-बहुत धन्‍यवाद देता हूँ कि उन्‍होंने पुन: मध्‍यप्रदेश की जनता का विश्‍वास सरकार पर कायम किया.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इस वैज्ञानिक युग में चांद पर चढ़ना तो आसान लगता था बल्‍कि एवरेस्‍ट पर फतह करना भी बहुत आसान लगता था लेकिन मध्‍यप्रदेश की सड़कों पर यात्रा, संपूर्ण शारीरिक पीड़ाओं को भोगते हुए यात्रा शुरू करने से पहले ही ईश्‍वर से इस बात की कामना करने लगते थे कि यह यात्रा कब समाप्‍त होगी. मैं आपके माध्‍यम से आदरणीय लोक निर्माण मंत्री जी को इस बात के लिए भी धन्‍यवाद देना चाहता हूँ कि इस पीड़ा से तो उन्‍होंने मुक्‍ति दिलाई ही, उस लज्‍जा से भी मुक्‍ति दिलाई जब मध्‍यप्रदेश में बाहर का व्‍यक्‍ति आता था तो वह मध्‍यप्रदेश की बदहाली और बेहाली देखता था जब लोग बोलते थे मध्‍यप्रदेश की सीमा प्रारंभ और सड़क समाप्‍त, तो उस पीड़ा और उस लज्‍जा से भी हमें मुक्‍ति मिली.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से माननीय लोक निर्माण मंत्री जी से मेरी सांवेर विधान सभा क्षेत्र की कुछ महत्‍वपूर्ण सड़कों के संबंध में आग्रह करना चाहता हूँ.

          अध्‍यक्ष महोदय -- आप कृपया लिखकर दे दें.

            श्री राजेश सोनकर-- माननीय अध्यक्ष महोदय,बहुत छोटी दो तीन सड़के हैं एक सामेरभुट्टा चौराहे से व्हाया गवला होकर चन्द्रावतीगंज मार्ग, जो लगभग 100 गांवों का आवागमन होता है, इन्दौर और उज्जैन दोनों जिलों को इससे लाभ मिलेगा. वहां पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. उसके अलावा तीन बहुत छोटी छोटी किन्तु बहुत महत्वपूर्ण सड़कें हैं बालौदाटाकुन से  रेलवे स्टेशन, बसान्द्रा से  बालौदाटाकुन रेलवे स्टेशन और नहारखेड़ा से रेलवे स्टेशन, ये तीन मार्ग रेलवे स्टेशन जाने के लिए मुख्य मार्ग हैं लगभग 50 से 70 गांव के लोग, जो इन्दौर में रोजगार के लिए आते हैं. वहां के विद्यार्थी इऩ्दौर पढ़ाई करने के लिए आते हैं लेकिन बारिश के समय में वहां पर इतना अधिक कीचड़ और पानी भर जाता है लगभग 4 महीने तक वहां का आवागमन बंद हो जाता है. लोगों के सामने वहां रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो जाती है, बच्चों को पढ़ाई के लिए बहुत कठिनाइयां होती हैं. मैं माननीय मंत्री जी से आग्रह करना चाहता हूँ कि चौहानखेड़ी से गारीपिपलिया और  सहाणा बाईपास मार्ग, इनकी पूर्व में जब आपसे बातचीत हुई थी माननीय मंत्री जी से उनकी अनुमति  के द्वारा भी यहां पर डीपीआर भी बनकर तैयार हो गयी है. मंत्री जी से आग्रह है कि  कृपया वह जल्दी से जल्दी बनवायें तो निश्चित ही  मेरी विधानसभा क्षेत्र को उसका बहुत लाभ मिलेगा. आपने बोलने का अवसर दिया इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्री अनिल फिरोजिया(तराना)-- माननीय अध्यक्ष महोदय,  मैं मांग संक्या 24 और 67 के समर्थन में बोल रहा हूँ. मैं सर्वप्रथम तो आपको धन्यवाद दूंगा कि आपने मुझे आखिर में बोलने का अवसर प्रदान किया क्योंकि मैं आखिरी बेट्समेन हूँ और आखिरी बेट्समेन होने के कारण उपवास भी रखा हूँ,देखो दुबला पतला आदमी उपवास रख के बोल रहा है आज.सर्वप्रथम तो मैं मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री और माननीय लोक निर्माण मंत्री जी का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूँ. साथ में उनकी पूरी टीम लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का भी धन्यवाद कि उज्जैन सिंहस्थ में जो विकास के काम किये हैं वह वास्तव में भूतो न भवश्यति, ऐसे काम हैं जो पहले कभी हुए न होंगे. नर्मदा और क्षिप्रा मैय्या उज्जैन में बह रही थी उसमें से बहती हुई नर्मदा और क्षिप्रा में से दो लोटे निकालकर उन्होंने मेरी विधानसभा क्षेत्र तराना में प्रवाहित किये उसके लिए भी धन्यवाद. एक तो मक्सी रोड जो टू लेन  आपने दिया है उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद. उज्जैन से कानीपुरा व्हाया तराना होते हुए गोलवा शाजापुर जो रोड आपने दी है उसके लिए भी बहुत बहुत मैं आपका आभार व्यक्त करता हूँ , धन्यवाद देता हूँ और साथ में मैं अपने विधानसभा क्षेत्र के एक बहुत महत्वपूर्ण विषय पर आपसे मांग रख रहा हूँ कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में पुल और पुलियाएँ बहुत नीचे हैं. विगत दिनों में जो बारिश हुई थी तो तराना विधानसभा की पूरी तहसील, पूरे उज्जैन जिले से और शाजापुर जिले से सब दूर कटआफ हो गयी थी. कभी भगवान न करें वहां पर आपदा हो जाए तो हम राहत सामग्री भी नहीं पहुंचा सकते और कोई राहत वहां उपलब्ध नहीं करा सकते तो मेरा माननीय मंत्री जी से विनम् आग्रह है कि वह पुल पुलियाओँ को थोड़ा व्यवस्थित बनाने का कष्ट करें और तनोड़िया से  जो कि आगर हमारा स्टेट हाईवे 27  है वहां से  तनोड़िया होते हुए  रुपाखेड़ी,माकरोन होते हुए दुपाड़ा, दुपाड़ा ए.बी. रोड पर टच हो रहा है तो यह स्टेट कनेक्टिवटी से नेशनल कनेक्टिविटी जुड़ने वाला मुख्य मार्ग है तो आगर रोड भी शायद हमारा नेशनल हाईवे हो गया है, गजट नोटिफिकेशन हो गया तो नेशनल हाईवे से नेशनल हाईवे जोड़ने के लिए टू लेन तनोड़िया से दुपाड़ा अगर जोड़ देंगे तो अतिकृपा होगी. आपने मुझे बोलने का समय दिया, बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्री वीरसिंह पँवार(कुरवाई)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं सीधे अपने क्षेत्र की मांग रखता हूँ. मेरे क्षेत्र में  करीलामाता का बहुत बड़ा मेला लगता है और वहां पर तीन तीन किलोमीटर की मात्र दो सड़के हैं  जो प्रधानमंत्री सड़क योजना की सड़कें बनी है उनमें मात्र तीन तीन किलोमीटर की जो कनेक्टिविटी रोड बनना है  वह दीपनाखेड़ा से  दीखनाखेड़ा  है और एक दीपनाखेड़ा से त्रुभवनपुर मलयाखेड़ी है. प्रधानमंत्री वालों से बात करते हैं तो वह बताते हैं पीडब्ल्यूडी वाले कनेक्टिविटी रोड में बनायेंगे, हम इसको नहीं बना सकते तो माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि तीन तीन किलोमीटर की अगर सड़कें बना देते हैं. लगभग 15 से 20 लाख लोग उस मेले में आते हैं और उस समय काफी असुविधा होती है अगर यह सड़कें बन जाती हैं तो 15 से 20 किलोमीटर का राऊण्ड बचता  हुआ और लोगों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा. एक निवेदन मंत्री जी से और है कि एमपीआरटीसी के तहत्  नितला से मण्डीबामोरा सड़क का निर्माण कार्य प्रारम्भ हो गया है, निर्माण कार्य चल रहा है अगर इसको 8 किलोमीटर और बढ़ाकर कुरवाई मुख्यालय तक जोड़ देते हैं तो हजारों लोगों को इसका फायदा मिलेगा. भौरासा से मल्हारगढ़ मार्ग जो है वह सीधा चन्देरी मुंगावली को जोड़ता है और इसमें सिंगल लाइन की पीडब्ल्यूडी की पुराने समय की सड़क है जो जीर्णशीर्ण हालत में है वह लगभग 20 किलोमीटर की सड़क में  पैदल चलना भी मुश्किल है. माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि इसको इस बजट में लेकर के टू लाइन सड़क के निर्माण में  ले लें तो उससे यहां के लगभग 40-50 ग्राम के लोगों को  फाय़दा मिलेगा. माननीय मंत्री जी से एक निवेदन और है कि हमारी नगर पंचायत जो कुरवाई है  उसमें जो मेन सड़क है वह पीडब्ल्यूडी की है. नगर पंचायत उसमें निर्माण कार्य कर नहीं पाती है जिस वजह से वहां पर जो पीडब्ल्यूडी की सड़क है उसमें गड्डे हो रहे हैं और नालियां न बनने की वजह से वहां पर बीच सड़क पर पानी फैलता रहता है. माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि  मात्र एक किलोमीटर की सड़क है इसी बजट में लेने की कृपा करें. आपने बोलने का समय दिया इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

          अध्यक्ष महोदय--  माननीय मंत्री जी.

          श्री बाला बच्चन- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपको बहुत बहुत धन्यवाद. आपने सब को चांस दिया. थैंक्यू वेरी मच.

          डॉ. नरोत्तम मिश्र-- आपके कहने से.

          श्री  बाला बच्चन--  धन्यवाद और माननीय मंत्रीजी ने मेरे को लगता है कि  सब का आग्रह माना है  और सबने जो मांगें रखीं, शायद सब की मांगों को एक्सेप्ट भी करेंगे, हम ऐसी उम्मीद भी करते हैं.

          श्री ओमप्रकाश सखलेचा(जावद)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, इतना निवेदन करके जिन्होंने भी बोला, क्या उनके बारे में कुछ चर्चा गंभीरता से लेंगे और समय क्यों न थोड़ा सा बढ़ा दिया जाए. लंच खत्म करके 4 घंटे हम बढ़ा रहे हैं लेकिन अगर मौका मिल रहा है चर्चा हो रही हैं तो बढ़ाना चाहिए. कहीं न कहीं ऐसा मेरा निवेदन है क्यों विधायक गिड़गिड़ाए, किसके लिए गिड़गिड़ाए,कि उसे बोलना जरुरी है अपने क्षेत्र में बताने के लिए. मुझे बड़ी पीड़ा हो रही थी. पूर्व में  दो तीन बार जब विधायक बोल रहे थे, यह शब्द उपयोग में लिया गया कि  अपने क्षेत्र की बात करें जैसे वह केवल एक क्षेत्र का विधायक है.

          अध्यक्ष महोदय-- फिर वह अनंतकाल तक चलेगी बहस हर विभाग में.अव्यवहारिक है.माननीय मंत्री जी.

          श्री मुकेश नायक-- माननीय सखलेचा जी बिलकुल ठीक कह रहे हैं. अगर विधानसभा के कार्यदिवस  और अनुदान मांगों पर आप समय बढ़ा दें जैसे पहले होता रहा है इतने  वर्षों में.

          डॉ. नरोत्तम मिश्र-- अध्यक्ष जी, नाम तय करने के लिए  माननीय मुकेश नायक और सखलेचा जी को अधिकृत कर दें, मैं भी तैयार हूँ, बाला बच्चन भी तैयार है. इनको समझ में आ जाएगी उसके बाद में.

          श्री मुकेश नायक-- इसको रियेक्ट करने की बजाय आप पहले के वर्षों में जो विधानसभा में अनुदान मांगों पर समय दिया जाता रहा है, वह देख लें.

          अध्यक्ष महोदय-- पहले हम लोग वहीं थे. माननीय मुकेश नायक जी, सब पहले जैसा ही हो रहा है, आपको भी मालूम है. आप कृपा करके उसको मत बोलिये.

          श्री मुकेश नायक-- पूरे भारतवर्ष में सब से कम दिवस की मध्यप्रदेश की विधानसभा चल रही है.

          अध्यक्ष महोदय-- आपकी बात रिकार्ड हो रही है.  आप बैठ जाएं.

          डॉ. नरोत्तम मिश्र-- ये विपक्ष के जब से सदस्य चुन के आये हैं उसके बाद यह रिकार्ड बना है.

          श्री मुकेश नायक-- बुरा मानने के बजाय इसको रेशनली आप समझते क्यों नहीं हो

          डॉ. नरोत्तम मिश्र-- समझ रहे हैं इसलिए कह रहे हैं कि आपको और सखलेचा जी को अधिकृत कर सकते हैं.

          राज्य मंत्री,संसदीय कार्य(श्री शरद जैन)-- अध्यक्ष महोदय, जानकारी का अभाव है.मुकेश जी, आपकी जानकारी ज्यादा कम है(हंसी) उसका एक कारण आपको बता रहा हूँ, आपने बोला कि मध्यप्रदेश की विधानसभा सबसे कम चलती है.अभी हम गोवा में गये थे ससंदीय सम्मेलन में  और उसमें सबसे अच्छा परफार्मेंस यदि कहीं का था तो वह मध्यप्रदेश का था.

          श्री मुकेश नायक-- संसदीय कार्यमंत्री जी आपसे निवेदन है कि  अगले सत्र में पूरे देश में सब विधानसभाएँ कितने दिन चलीं, आप रख देंगे, आप सब सहमत हैं इसपर? आप रखिये सदन के पटल पर.

          अध्यक्ष महोदय-- आप बैठ जाएँ. जानकारी लेकर बोला करें तो अच्छा रहेगा.माननीय मंत्री जी.

 

          लोक निर्माण मंत्री (श्री सरताज सिंह)--  माननीय अध्यक्ष महोदय, करीब 43 माननीय सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया. सड़क का विषय ऐसा है जो सबसे संबंधित है, जनप्रतिनिधियों से भी है और जनता से भी है. हर व्यक्ति इस काम से प्रभावित होता है और मध्यप्रदेश एक बहुत बड़ी चुनौती है, लगभग डेढ़ लाख किलोमीटर सड़कें हैं अगर सब तरह की सड़कें हम जोड़ लें चाहे प्रधानमंत्री सड़क हो, चाहे ग्रामीण सड़क हो, चाहे खेत सड़क हो और चाहे पीडब्ल्यूडी के माध्यम से बनने वाली सड़कें हो  और पीडब्ल्यूडी के पास भी लगभग 60 हजार किलोमीटर सड़कें बनाने की जिम्मेदारी है तो इसलिए एक बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य है मैं सभी माननीय विधायकों का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने अपने सुझाव भी दिये, कुछ हिम्मत भी बढ़ाई और जहाँ काम में कोई कमी थी, उसके बारे में भी बताया . मैं हमेशा जब भी कहीं बैठक में जाता हूं तो आग्रह करता हूं कि जहाँ काम में कमी हो वह बतायें क्योंकि किसी एक व्यक्ति के लिए संभव नहीं है कि सब जगह कैसा काम चल रहा है इसकी जानकारी ले सके. लेकिन अपने अपने क्षेत्र की जानकारी जनप्रतिनिधि को रहती है और यह भी व्यवस्था है कि जहाँ भी शिकायत आती है उसकी जांच भी कराई जाती है.

माननीय अध्यक्ष महोदय,  माननीय गोविंद सिंह जी और अन्य विधायक जी ने काफी लंबी शिकायत की थी और उन्होंने कहा कि पी.एस. से जांच कराये तो मैंने उनका पत्र लिखकर बता दिया है कि 6 अप्रैल को पी.एस. लहार पहुंचेंगे और आप भी पहुंचिये आपके सामने उसकी जांच होगी. मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जहाँ तक जांच का सवाल है उसमें न कोई दबाव , न कोई सिफारिश कुछ नहीं चलेगी और यही कारण है कि आज वातावरण में थोड़ा सा परिवर्तन हुआ है . कुछ बातों के बारे में माननीय गोविंद सिंह जी ने भी प्रशंसा की और कहा कि विभाग को बांट दिया गया है ,विभाजित कर दिया गया है और भ्रष्टाचार बढा़ने के लिए यह सब किया गया है लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि पीआईयू हमने अलग किया, भवन निर्माण का कार्य अलग किया, वह जब मैंने विभाग का प्रभार लिया था तो तमाम काम फैले हुए थे, संख्या बहुत बड़ी थी . कोई चार साल से चल रहा था, कोई पांच साल से चल रहा , कोई छह साल से चल रहा है तो हमने पहला निर्णय यह किया था कि जिन कामों में 50 परसेंट से अधिक की राशि व्यय हो चुकी है उन कामों को हम प्राथमिकता से पूरा कर देंगे और उसका परिणाम यह हुआ कि जब हमने पीआईयू का गठन 4 मार्च 2014 को पूर्ण रूप से किया था, 4120 काम भवनों के उनके पास थे .जब 50 परसेंट से ऊपर के कामों को गति देकर हमने समाप्त किया तो उनकी संख्या रह गई है 1684. अब हम 4120 से 1684 पर आ गये हैं. इसी तरह से हमने 685 किलोमीटर सड़कें अपनी लिस्ट में से काट दी क्योंकि हमने उनको पूरा कर दिया है तो एक वर्ष में नई सड़कें बनने के अलावा जो प्रयास हुआ इसको व्यवस्थित बनाने का तो जो भी विभाजन हुआ है उसमें मंशा अच्छी थी और उसका परिणाम आपके सामने है.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, सभी विधायकों ने अपनी राय भी रखी लेकिन एक थोड़ा सा पीड़ा का विषय भी है जो श्रीमती सरस्वती सिंह जी ने उल्लेख किया कि सौतेला व्यवहार होता है. मैं एक बात बहुत स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैंने हर विधायक की एक फाइल बनाई हुई है जिसमें वह जो प्रस्ताव देते हैं वह लिखे जाते हैं, जो उनके काम होते हैं, उनको भी दर्ज किया जाता है उसमें क्षेत्र का नाम है, विधायक का नाम है, उसमें पार्टी का नाम कहीं नहीं लिखा जाता है, सवाल तो मध्यप्रदेश का है. तो इसलिए मैं चाहता हूं कि इस तरह के विचार न रखे और पूरे मध्यप्रदेश के जो आवश्यक काम हैं, जहाँ भी होंगे उसी हिसाब से किये जाएंगे. जो मध्यप्रदेश में कामों की स्थिति है इस बारे में मैं थोड़ी जानकारी देना चाहता हूं कि राष्ट्रीय राजमार्ग हमारे पास हैं 4771 किलोमीटर और इसमें 2568 किलोमीटर मार्ग एनएचएआई के पास हैं , जिनके काम को केंद्र सरकार देखती है. संयोग से ऐसी स्थिति बनी जिसकी बहुत चर्चा होती है उस बारे में भी बताना चाहता हूं क्योंकि केंद्र सरकार के पास 2568 किलोमीटर की सड़कें हैं उसमें बहुत सी सड़कें विवाद में आ गई और इसके पीछे मूल कारण यह है कि जब 2012-13 में यह टेंडर आवंटित किये गये तो कुछ जल्दबाजी में हुए ऐसा मुझे लगता है. उसके लिए जो भूमि का अधिग्रहण करना है वह क्लियर नहीं था , जो अन्य कोई विवाद हो, उसको भी हल नहीं किया गया , कहीं फारेस्ट का क्लियरेंस लेना है वह भी नहीं लिया गया तो इस तरह के सारे काम उलझ गये और यह सभी बीओटी के कार्य हैं इसमें बैंक से पैसा लिया गया अब ठेकेदार ने अपना टेंडर भर दिया , टेंडर की स्वीकृति उसको मिल गई, वह स्वीकृतिपत्र लेकर बैंक में गया कि मैंने 1 हजार करोड़ का काम लिया है उस पर मुझे लोन चाहिए और बैंक ने उसे लोन दे भी दिया लेकिन ठेकेदार काम शुरु करने की स्थिति में नहीं था इसलिए उसने कुछ दिनों बाद वह पैसा दूसरे स्थानों पर इनवेस्ट किया. तो स्थिति यह बनी कि बैंक से पैसा निकल गया और ठेकेदार ने काम नहीं किया और दुबारा काम शुरु करने में काफी दिक्कत आई. लेकिन उस बहुत बड़ी समस्या से जो रोड प्रभावित हुए हैं मैं उनके नाम बताना चाहता हूं. बमीठा से सतना , सतना से बेला , मनगवां से चारघाट , सीधी से सिंगरौली, बेला से हनुमना , भोपाल से ब्यावरा और ब्यावरा से राजस्थान सीमा तक यह सारे रोड प्रभावित हैं और जिस कारण, मैं स्थिति इसलिए स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारे दिमाग में यह गलतफहमी न रहे कि लोक निर्माण विभाग इसको पूरा नहीं करना चाहती है और काफी प्रयास हुए. बैंकों को भी साथ में बिठाना पड़ता हम कोई ऐसा एकदम फैसला नहीं कर सकते क्योंकि बैंक का पैसा भी उसमें लगा हुआ है. कई बार हम कठोर कार्यवाही की बात भी करते हैं लेकिन नहीं कर पाते हैं लेकिन उस समस्या का हल हुआ है और एक भोपाल ब्यावरा को छोड़कर सभी सड़कों पर काम चल रहा है किसी में 40 परसेंट हो गया, किसी में 35 परसेंट हो गया, किसी में 25 परसेंट हो गया औऱ किसी में 75 परसेंट हो गया, हमारा प्रयास है कि यह सड़कें सब  पूरी हो जाएं.निश्चित रूप से साल दो साल के समय में यह सड़कें पूरी हो जाएंगी.

 माननीय अध्यक्ष महोदय, जो 4771 किलोमीटर की बात मैं कर रहा था उसमें 2203 किलोमीटर सड़कें आरडीसी के पास हैं. यह हमारे राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति है. अब राष्ट्रीय राजमार्ग के बारे में मैं एक बात और बताना चाहता हूं कि हमने केंद्र सरकार को प्रस्तावित किया है कि आप हमारी कुछ और सड़कें मध्यप्रदेश की, राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में स्वीकार कर लें और मुझे प्रसन्नता है इस बात की कि 706 किलोमीटर सड़क की स्वीकृति हमको मिल चुकी है. इसमें बड़वानी से ठीकरी 53 किलोमीटर, जुलवानिया से खरगौन देशगांव 110 किलोमीटर, छैगांवमाखन से खंडवा 15 किलोमीटर, बालाघाट से लामटा ,नैनपुर, मंडला 134 किलोमीटर, जबलपुर , कुंडम , शहपुरा, डिंडोरी, शहडोल  237 किलोमीटर , श्योपुर,सवाई माधोपुर 65 किलोमीटर, जरखेड़ा बैरसिया ,धोईबिडी जंक्शन  92 किलोमीटर, इस तरह से 706 किलोमीटर की स्वीकृति हमको मिल चुकी है और जो हमने मांग की है वह है 5396 किलोमीटर और मुझे पूरी उम्मीद है कि यह मांग हमारी स्वीकृत हो जाएगी . 1468 किलोमीटर की सैद्धांतिक स्वीकृति भी हमको प्राप्त हो चुकी है औऱ शेष भी मांग पूरी हो जाएगी तो मध्यप्रदेश की मुख्य सड़कों के बारे में पूरी स्थिति में एक परिवर्तन आ जाएगा क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्गों का बहुत बड़ा हिस्सा मध्यप्रदेश में घोषित होने से केंद्र सरकार के बजट से बनेगा तो हमारा भार भी कम हो जाएगा और हम अपने बजट के माध्यम से अधिक काम कर सकेंगे. दूसरी हमने जो सड़कों को प्राथमिकता दी है सड़कों को, वह है एम डी आर, स्टेट हाई वे, उसके बाद राष्ट्रीय राजमार्ग के बाद स्टेट हाई वे का नंबर है, जिनकी लंबाई है 10934 किलोमीटर. चूँकि यह प्राथमिकता में था हमने क्रम से लिया है. राष्ट्रीय राजमार्ग और स्टेट हाई वे तो 10934 किलोमीटर में से हम 9000 किलोमीटर का काम पूरा कर चुके हैं. इसके बाद हमने मुख्य जिला मार्ग को लिया. जिनकी लंबाई है 19429 किलोमीटर. इसमें जो इस वर्ष हम बना रहे हैं 787 किलोमीटर 43 मार्ग, 1407  करोड़ रुपये के. 1500 किलोमीटर 54 मार्ग 3451 करोड़ रुपये के और 1500 किलोमीटर

ही ब्रिक के माध्यम से हम बना रहे हैं और मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि जितने भी एम डी आर हम बना रहे हैं, ये सारे सी सी रोड हैं. चूँकि जो एक मुद्दा चर्चा का था कि सड़क बनती है साल दो साल तीन साल में खराब हो जाती है. हमने इस बात का विचार किया कि अगर हम साल दो साल की सड़कें बनाते रहे तो जैसा मैंने आप से निवेदन किया है कि डेढ़ लाख किलोमीटर हमारे पास कुल सड़कें हैं और 60 हजार किलोमीटर पी डब्ल्यू डी के पास हैं, अगर हम जिन्दगी भर सड़कें बनाते रहेंगे तो कभी नहीं बन पाएँगी इसलिए हमको गुणवत्ता पर ध्यान देना ही पड़ेगा और सड़कों के स्पेसिफिकेशन बदलने ही पड़ेंगे. वह जमाना गया जब नौ टन की गाड़ियाँ चलती थीं. आज तो 50 टन लेकर गाड़ियाँ चलती हैं. अब उतनी लोड बेयरिंग क्षमता की सड़क चाहिए इसलिए हमने फैसला किया है कि यह हम सब सी सी रोड बनाएँगे और वह भी स्लिप फार्म पेवर मशीन के माध्यम से क्योंकि सी सी रोड में जब तक एक्यूरेसी नहीं रहेगी, मिक्सर पूरा सही होना चाहिए, सीमेंट का, रेत का, गिट्टी का, घोल की जो क्षमता है, डेंसिटी है, वह सही रहना चाहिए. टेंप्रेचर सही रहना चाहिए. स्लिप फार्म पेवर में 3-4 मिनट में ही वह सीमेंट कांक्रिट सेट हो जाता है इसलिए उसमें कोई गड़बड़ नहीं हो सकती और कंप्यूटराइज्ड है, हर चीज का पता लगता है और जो मिक्सर भी है उसको भी हमने कंप्यूटराइज्ड मिक्सर ही एलाऊ किया है जिसमें कि मिक्सर का रेश्यो पता लगता रहे और सही हो और मैंने दिल्ली में भी बात की, जितने विशेषज्ञ थे उनसे भी बात की तो उनका यह कहना है कि किसी जमाने में सी सी रोड हिन्दुस्तान में बनते थे और बहुत बड़ी तादाद में बनते थे. लोगों की यह जो भ्रांति है कि सी सी रोड उतना सुविधाजनक नहीं होता, वास्तव में नहीं है, अगर वह सही बना हो, सही ज्वाइंट हों, तो बहुत सुविधाजनक भी रहेगा और उसकी लाइफ रहेगी 30 से लेकर 40 साल तक. अब यह पहली बार यह प्रयास हुआ है और बहुत बड़े पैमाने पर हम इस प्रयास को कर रहे हैं, तो जितनी भी हमारी एम डी आर सड़कें हैं, जितने भी हमारे स्टेट हाई वेज़ हैं, बल्कि अब तो राष्ट्रीय राजमार्ग भी सी सी रोड के माध्यम से बनेंगे. हमने जो एम डी आर हैं इनको केटेगराइज किया हुआ है, सभी सड़कों के नार्म तय किए हुए हैं. जिसमें ए क्लास में हमने 2807 सड़कों को रखा है, जो अभी अभी बनी हैं और 2974 किलोमीटर सड़कें ऐसी हैं जिनको बनाना बेहद जरूरी है, जो बहुत खराब हैं. इनको हम प्रायर्टी पर ले रहे हैं और इसी साल हम बनाएँगे भी और सी क्लास में ऐसी सड़कें हैं जिनका 1-2 साल तक इंतजार किया जा सकता है, उसके बाद बनाने की आवश्यकता आएगी, उनकी लंबाई है 2512 किलोमीटर इसके अलावा नवीनीकरण का भी हमने कार्यक्रम निश्चित किया है, जो भी हम सड़क बनाएँ, तो 3 साल बाद उसका नवीनीकरण हो जाए और अगर डामर की सड़क, जो एम डी आर केटेगिरी में आती है, जो अच्छी क्वालिटी की बनती है. अगर उसका 3 साल में रिन्युअल करते रहे तो उस सड़क की आयु कम से कम 15 साल हो जाएगी और 4631 किलोमीटर सड़कें अभी स्वीकृत हो चुकी हैं और जिनके टेंडर वगैरह निकलने की प्रक्रिया चल रही है. अब उसके बाद छोटी सड़कों का सवाल आता है, जिनको हम ओ डी आर कहते हैं. उन सड़कों की लंबाई भी लगभग 20 हजार किलोमीटर है. अब हमने उनको भी प्राथमिकता देने का काम शुरु किया है. बीच-बीच में छोटी-छोटी सड़कें बनती रहती हैं. लेकिन उसके लिए पूरा प्लानिंग हमने शुरू कर दिया है और हम 6500 किलोमीटर ओ डी आर, जो छोटी सड़कें हैं, उनको हम एम डी आर में घोषित करने जा रहे हैं. वह एम डी आर केटेगिरी में आ जाएँगी. एम डी आर में आने का लाभ यह भी होता है कि जो हमको ए डी बी से पैसा मिलता है या ब्रिक से पैसा मिलता है या नाबार्ड से पैसा मिलता है हम उस पैसे का उपयोग भी उस सड़क को बनाने में कर सकते हैं. ये संस्थाएँ किसी छोटी सड़क के लिए पैसा नहीं देती हैं उनके लिए कम से कम एम डी आर होना चाहिए तो यह जो 20 हजार सड़कें हैं, जो छोटी हैं,जिसकी विधायकों को शिकायत भी रहती है कि 2 किलोमीटर जुड़ जाए, 1 किलोमीटर जुड़ जाए, 3 किलोमीटर जुड़ जाए, तो इस वर्ष से उन सड़कों को भी प्राथमिकता मिलने लगेगी. इसके अलावा हमने 51 बड़े पुल जो इस बजट में प्रस्तावित किए हैं. जिनकी लागत है 252 करोड़ और 14 आर ओ बी हैं. इनकी लागत है 337 करोड़. प्रतिवर्ष हमको सी आर एफ के माध्यम से केन्द्र सरकार से पैसा मिलता है जो 250 करोड़ है. लेकिन हम लोग माननीय गडकरी जी के पास गए तो उनसे हमने कहा कि पहले पैसा एक क्षेत्र विशेष में लग जाता था, छिंदवाड़ा में खर्च हो जाता था इसलिए अब पूरे मध्यप्रदेश के साथ न्याय करें और इस पैसे को बढ़ाएँ तो उनकी उदारता देखिए उन्होंने कहा कितना चाहिए तो हमने कहा 1500 करोड़, कहने लगे ठीक है, कर देंगे तो उनके अधिकारियों ने कहा संभव नहीं है. हमारे नियम हैं 684 करोड़ से ऊपर हम इनकी स्वीकृति नहीं दे सकते तो गडकरी जी ने कहा भाई नियम किसने बनाए कहने लगे सरकार ने कहने लगे हम क्या हैं कहने लगे सरकार, तो कहने लगे नियम बदल देंगे. (मेजों की थपथपाहट) और मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि 694 करोड़ तो हमको मिल चुके और 1761 करोड़ रुपये के काम के टेंडर हम निकाल चुके. जिसमें 33 एम डी आर हैं. 2 पुल हैं और 6 आर ओ बी हैं तो इस प्रकार फंडिंग में भी एक सुधार आया है और गुणवत्ता में भी सुधार आया है और गुणवत्ता में सुधार आने का मूल कारण यही है कि थोड़ी सख्ती भी हुई है कुछ नियमों में परिवर्तन हुआ है. हमने 200 ठेकेदारों को ब्लेक लिस्ट भी किया है. बहुत से अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्यवाही हुई है. उनके निलंबन भी हुए हैं. उनसे रिकवरी भी निकाली गई है. ये तमाम कार्यवाहियाँ हुई हैं और उसका परिणाम यह है कि गुणवत्ता में अंतर आया है और निश्चित रूप से हमने हर काम के जाँच करने की व्यवस्था भी बनाई है. हमने हर एस ई स्तर पर एक लेब स्थापित की है और हर एस ई स्तर पर एक मोबाइल लेब भी है, जिसमें सब तरह के उपकरण हैं. आप उसको कहीं भी ले जा सकते हैं और जाँच कर सकते हैं. जैसा पी आई यू के बारे में बताया मैंने उसमें भी काफी परिवर्तन आया है. बीच में तो यह स्थिति बनने लगी थी, चूँकि हम अन्य विभागों के लिए काम करते हैं और सभी विभाग इस बात को करने लगे थे कि भाई हम आपको काम देते हैं, पैसा देते हैं, लेकिन काम समय पर नहीं होते. लेकिन अब वह भ्रांति भी दूर हो गई है. उसमें भी काफी परिवर्तन आया है और सिंहस्थ के मामले में भी ऐतिहासिक काम हुए हैं. मुझसे वहाँ पत्रकारों ने पूछा कि काम तो आपके 2-3 साल में खतम हो जाते हैं यह जो आप सिंहस्थ में काम करवा रहे हैं ये कितने साल तक चलेंगे? तो मैंने उनसे कहा कि अगले सिंहस्थ में भी काम आएँगे. जिन लोगों ने उज्जैन में सिंहस्थ के काम देखे हैं वे निश्चित रूप से इस बात को स्वीकार करेंगे कि बहुत अच्छी गुणवत्ता के काम हुए हैं और एक  वर्ष के अन्दर हुए हैं. बड़े बड़े पुल जिनकी संख्या है 16, जिसमें 4 आर ओ बी भी शामिल हैं, तो बड़े बड़े पुलों का काम एक साल के अन्दर अच्छी गुणवत्ता से किया गया और 104 सड़कें 430.69 करोड़ रुपये की लागत से उज्जैन में हमने बनाई हैं. हमने परिवर्तन लाने का प्रयास किया है ई-पेमेंट, ई-रजिस्ट्रेशन और ई-टेंडरिंग इसकी शुरुआत हमारे विभाग में की गई. चार साफ्टवेयर विकसित किए गए हैं इनका पिछली बार मैंने उल्लेख किया था उस समय इन पर काम चल रहा था लेकिन अब इनका काम पूरा हो गया है इसको बहुत जल्दी पब्लिक डोमन में डाल देंगे अभी इसका पासवर्ड अधिकारियों और मंत्रियों के पास है. पहला साफ्टवेयर है एसेट मैनेजमेंट जो भी सड़क, भवन है वह कब बना है और कितने में बना है कितने में रिपेयर हुआ, कितना काम हुआ हर बात का रिकार्ड उस साफ्टवेयर में मिल जायेगा. यह बहुत बड़ा काम था इसको हमने कर दिया है, कोर्ट के लिए भी साफ्टवेयर बनाया है कि कौन से केस कहां चल रहा है उसकी पेशी कब पड़ रही है पहले इसका रिकार्ड ढूंढना पड़ता था सारे कोर्ट केस का डाटा इसमें फीड कर दिया है. एम्पलाय मैनेजमेंट, कितने कर्मचारी हैं इनकी पोस्टिंग कब हुई कैसे हुई किसके खिलाफ डीई हुई, किसका रिकार्ड कैसा है किसकी सर्विस बुक कैसी है सर्विस बुक का रिकार्ड भी उसमें उपलब्ध रहेगा. कैपेसिटी बिल्डिंग, जैसा मैंने कहा कि हमने स्लिप फार्म पेबल मशीन तो हमने लगा दी है लेकिन हमारे इंजीनियर्स उसके लिए उतनी क्षमता नहीं रखते थे  कि उसका नियंत्रण कर सकें इसलिये हमने अपने 357 इंजीनियर्स को इंडियन एकेडमी ऑफ हाई-वे इंजीनियरिंग में ट्रेनिंग लेने के लिए भेजा और 216 इंजीनियरों को हमने अन्य माध्यमों से ट्रेनिंग दिलवाई. यह पहली बार हुआ है. ठेकेदारों के विरुद्ध कार्यवाही में भी सरलीकरण किया गया है पहले पंजीयन को डाउन रेट कर दो, पंजीयन निलंबन कर दो, पंजीयन निरस्त कर दो या ब्लैक लिस्ट कर दो हमने इन चार विकल्पों को दो में बदल दिया है अब केवल दो ही काम होंगे या तो पंजीयन निलंबन होगा या ब्लैक लिस्ट होगा. पंजीकरण प्रक्रिया को भी हमने सरल किया है. बहुत से लोग आते थे कि हमने करोड़ों रुपयों की कॉलोनियां बना दी हैं लेकिन लोक निर्माण विभाग यह कहता है कि सरकारी काम कितना किया है यह बताओ तब हम आपको मान्य करेंगे कि आप ए क्लास में हो कि बी क्लास में हो. हमने इसको भी खत्म कर दिया है हम प्रायवेट काम को भी कंसीडर करेंगे. इसी तरह से यदि किसी ने सबलेट का काम ले लिया उसको भी  मान्य करेंगे यह व्यस्था बना दी गई है. यह व्यवस्था भी कर दी है कि बिना पंजीकरण के भी कोई व्यक्ति टेंडर में भागीदारी कर सकता है एग्रीमेंट करने के पहले उसको पंजीयन कराना पड़ेगा ताकि अधिक से अधिक लोग भाग ले सकें इस बात की व्यवस्था की गई है. 10 लाख वार्षिक आय वाले पुलों का टोल टैक्स समाप्त कर दिया है इसमें 32 पुल आते हैं अब कुल 10 पुल ऐसे रह गये हैं जिन पर टोल टैक्स चल रहा है यह बीओटी के अलावा हैं. परफारमेंस गारंटी को बढ़ाकर 1 से 3 साल किया है अब उसे 3 से 5 साल कर दिया है. टेंडर एप्रूवल पहले 4 स्टेज में चलता था अब दो स्टेज में कर दिया है. पहले निविदा का निर्णय करने में 3 महीने लगते थे अब 15 दिन लगते हैं 13 लेब बनाये हैं और 13 मोबाइल लेब भी एसई लेवल पर बनाई हैं. पहले लोग मिट्टी का काम करते थे और उसके बाद भाग जाते थे उसका बिल लिया और चले गये क्योंकि मिट्टी में ज्यादा प्राफिट होता है. अब नियम बदल दिया गया है जब तक सेकंड लेयर नहीं बनायेंगे तब तक पहली लेयर का भुगतान नहीं होगा. 20 किलोमीटर की सड़क है 20 किलोमीटर मिट्टी का काम किया. अब मुश्किल से 3 किलोमीटर का काम करते हैं, सेकंड बनाते हैं तब वे पहले का पैसा लेते हैं. 2 लाख के कामों की पहले बिना टेंडर के स्वीकृति देने का अधिकार था उसमें हजारों की तादाद में काम स्वीकृत किये गये उसको हमने बंद कर दिया है अब कोई भी टेंडर ऐसा नहीं हो सकता है कि ईई को अधिकार हो कि 2 लाख तक आप स्वीकृत कर दो. भुगतान को त्वरित करने का प्रयास किया है उसमें सफल भी हुए हैं. इस वर्ष भुगतान के बारे में कहीं कोई शिकायत नहीं आई है कि पैसा नहीं है उसका परिणाम यह हुआ कि मध्यप्रदेश की एक रेपूटेशन बनी है कि आज 5 से लेकर 20 प्रतिशत कम तक टेंडर आ रहे हैं जो हमारी सेविंग हुई है. इन कार्यक्रमों के आधार पर और जिन कामों का उल्लेख किया है  निश्चित रुप से मैं कह सकता एमडीआर तक यह सारे कामों के टेंडर हम इसी वर्ष कर देंगे ताकि दो ढाई साल के अन्दर सारे काम पूरे हो जाएं. इसके अलावा जो छोटे काम है ओडीआर हैं छोटे काम हैं छोटी सड़कें हैं जिनके बारे में कहा कि 6500 किलोमीटर एमडीआर बना देंगे वह भी इसमें शामिल हो जाएगी और उनके टेंडर भी इसी साल कर देंगे. फिर सिर्फ छोटी सड़कें बचेंगी जिनका बीच-बीच में लगातार काम चलता रहता है भविष्य में एक स्थिति ऐसी आएगी कि सिर्फ हमको सड़कों का देखभाल करना है मेंटेन करना है बनाने के काम बहुत कम हो जाएंगे यह सफलता लोक निर्माण विभाग की है. यही कारण है कि जनता में कुछ विश्वास भी बढ़ा है और आप सभी का सहयोग रहा तो एक बड़ा लक्ष्य 60 हजार किलोमीटर का है इसे हम पूरा करेंगे. धन्यवाद.

4.23 बजे       {उपाध्यक्ष महोदय (डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह) पीठासीन हुए}

          उपाध्यक्ष महोदय-- मैं पहले कटौती प्रस्तावों पर मत लूंगा.

          प्रश्न यह है कि मांग संख्या 24 एवं 67 पर प्रस्तुत कटौती प्रस्ताव स्वीकृत किए जायें.

                                                                   कटौती प्रस्ताव अस्वीकृत हुये

          अब, मैं मांगों पर मत लूंगा.

          प्रश्न यह है कि 31 मार्च 2017 को समाप्त होने वाले वर्ष में राज्य की संचित निधि में से प्रस्तावित व्यय के निमित्त राज्यपाल महोदय को--

          अनुदान संख्या- 24      लोक निर्माण कार्य सड़कें और पुल के लिए 4 हजार                                              254 करोड़ 89 लाख 7 हजार रुपये तथा

          अनुदान संख्या-67       लोक निर्माण कार्य भवन के लिए 938 करोड़ 65 लाख

                                       77 हजार रुपये तक की राशि दी जाये.

                                                                   मांगों का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

 

4.27 बजे       मांग संख्या-11 वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार

                मांग संख्या-43 खेल और युवक कल्याण

                मांग संख्या-51 धार्मिक न्यास और धर्मस्व.

         

 

         

 

 

 

 

            उपाध्‍यक्ष महोदय:- उपस्थित सदस्‍यों के कटौती प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुए. अब मांगों और कटौती प्रस्‍तावों पर एक साथ चर्चा होगी. मांग संख्‍या- 11, 43 और 51 पर चर्चा हेतु ढाई घण्‍टे निर्धारित हैं. तद्नुसार दलीय समय निम्‍नानुसार आवंटित है- भाजपा के लिये एक घण्‍टा सैंतालीस मिनट, कांग्रेस के 35 मिनट बसपा के लिये 5 मिनट निर्दलीय के जिले 3 मिनट. आप लोग समय सीमा का ध्‍यान रखकर कृपया सहयोग करें.

          श्री जितू पटवारी (राऊ):- माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मुझे कटौती प्रस्‍ताव की मांग संख्‍या 11, 43,  और 51 पर बोलने का अवसर दिया है. उद्योग, व्‍यापार और रोजगार, किसी भी प्रदेश की किसी भी देश की आर्थिक उन्‍नति उसके उद्योग और उद्योग के बाद मिलने वाले रोजगार से प्रदर्शित होती है. मध्‍यप्रदेश में भी पिछले 10 सालों से लगातार सरकार यह प्रयास कर रही है कि इन्‍वेस्‍टर मीट के माध्‍यम से बाहर विदेशों के दौरे करके, विदेशों में अलग अलग इन्‍वेस्‍टरों को ढूंढकर मध्‍यप्रदेश में इन्‍वेस्‍टर आये और यहां पर उद्योग लगाये. प्रदेश के नये लोगों और बच्‍चों को रोजगार मिले. इसमें मुख्‍यमंत्री जी ने अभी राज्‍यपाल जी के अभिभाषण में कहा था कि लगभग 4 लाख करोड़ रूपये के इन्‍वेस्‍ट के एम ओ यू साईन हुए हैं और 1 लाख,90 हजार करोड़ रूपये के इन्‍वेस्‍ट ने जमीनी रूप ले लिया है. मुझे अच्‍छा भी लगा मैंने समझने की कोशिश भी की क्‍योंकि इन्‍वेस्‍टर मीट और इंदौर का गहरा नाका है. इंदौर और मेरा भी उतना ही गहरा नाता है जितना उस इन्‍वेस्‍टर मीट और इंदौर का होता है, क्‍यों है उसके पीछे भी कई कारण है; मुख्‍यमंत्री जी ने भी कई बार समय समय पर अलग अलग बात में कही की उद्योग के क्षेत्र में मध्‍यप्रदेश जिस हिसाब से आगे बढ़ रहा है, उसकी ग्रोथ रेट जो उद्योंगो को लेकर है वह भारत में सबसे अधिक या तीसरे या चौथे नंबर पर है, वह मुझे पक्‍का पता नहीं है. इसको लेकर उद्योग मंत्री जी भी 6 देशों की यात्रा करके आयी और उस पर 6 करोड़ रूपये खर्च हुए हैं.  इन्‍वेस्‍टर मीट पर भी करोड़ों रूपये खर्च हुए हैं. अब उसके बदले में जितना इन्‍वेस्‍ट आया है उसके आंकड़े मेरे पास है और आंकड़ों में किस किस इन्‍वेस्‍टर ने और किस किस कंपनी ने क्‍या क्‍या किया. मैं आपको इस बारे में थोड़ा सा बताना चाहता हूं, जिस तरह से मुख्‍यमंत्री बताते हैं. मैं यह भी बताना चाहता हूं कि अनिल अंबानी जी आये थे और उन्‍होंने 60 हजार करोड़ रूपये के इन्‍वेस्‍ट की घोषणा की और यह फ्रंट पेज दैनिक भास्‍कर और नव दुनिया और सारे टी वी में छपा कि वह 60 हजार करोड़ का इन्‍वेस्‍ट कर रहे हैं. मैं माननीय उद्योग मंत्री जी से आशा करूंगा कि 60 करोड़ रूपये के इन्‍वेस्‍ट हुए थे तो इसकी एम ओ यू साईन हुई थी या बात हुई थी या घोषणा हुई थी, वह जमीनी रूप में कितना आया. हमने अलग अलग समय पर उनको कितनी अलाट की और कितनी जमीन उन्‍होंने एलाटमेंट के बाद ली,  सस्‍ती बिजली देने की घोषणा कितनी की, फ्री में बिजली देने की घोषणा कितनी की और समय समय पर वह सारी सहुलियतें जो एक राज्‍य चाहता है कि मेरे बच्‍चों को रोजगार मिले. हमने कोशिश की और उन्‍होंने बदले में हमें क्‍या दिया. क्‍या कारण है कि अगर कुछ नहीं दिया हो. पहले के इतिहास के अनुसार तो फिर अनिल अंबानी की कम्‍पनी पर इतनी उदारता क्‍यों है. अभी जो रीसेंट हम अखबारों में पढ़ते हैं, आप लोग बोलते हैं, सरकार बोलती है, मुख्‍यमंत्री बोलते हैं, इतनी उदारता उस व्‍यक्ति के प्रति जिस पर 1 लाख, 3 हजार करोड़ रूपये का बैंकों का लोन है और उसके एकाउंट एन.पी हैं और उसकी 61 हजार करोड़ रूपये की उसकी कुल वर्थ है. उसके ऊपर इतनी उदारता क्‍यों. यह उत्‍तर आप उद्योग मंत्री जी आप देंगे. मुकेश अंबानी जिसका नाम भी लेने में मुझे थोड़ा डर भी लगता है कि विश्‍व के पहले तीन चार  आर्थिक सम्‍पन्‍न लोगों में वह हैं. उन्‍होंने कहा कि 20 हजार करोड़ रूपये इन्‍वेस्‍ट करेंगे, उसका क्‍या हुआ. कितने इन्‍वेस्‍ट हुए. यह हमारा हक है उद्योग मंत्री जी पूछने का. उसके बाद गौतम अडानी उनको सायलो दिये गये हैं. जितने मध्‍यप्रदेश में पहले केन्‍द्र सरकार और राज्‍य सरकार ने सब्सिडी के तहत वेयर हाऊसिंग बनाये किसानों को, छोटे छोटे उद्योगपतियों को, छोटे छोटे रोजगार के रूप में नये नये लड़कों को, वह सब वेयर हाऊस खाली रहे और हमने अडानी को सायलो के वेयर हाऊस दिये और मैं बताना चाहता हूं कि उनको प्रायरिटी पर भराये गये. उसके पीछे 20 हजार करोड़ रूपये इन्‍वेस्‍ट करने की बात हुई थी. उसमें से कितना आया और यह सब बातें 8.10.2015 के पहले पहले ही हुई हैं, 10 वें महीने में नवम्‍बर, दिसम्‍बर में. मैं समझता हूं कि इन सब बातों का जवाब आप मंत्री जी देंगी.

          (माननीय सदस्‍य श्री मुकेश नायक द्वारा अपने आसन से बैठे हुए श्री जितू पटवारी सदस्‍य को बताने पर)

          उपाध्‍यक्ष महोदय :- मुकेश जी आप बैठ कर नहीं बोलेंगे.

(व्‍यवधान)

          श्री यशपाल सिंह सिसौदिया :- जितू भाई टीप टीप कर पास हुए हैं यहां पर भी टीप टीप कर बात कर रहे हो.

          श्री रामेश्‍वर शर्मा:- जितू जी अच्‍छा बोल रहे हैं. उनका उत्‍साह बढ़ाना चाहिये. इंदौर से इनका इतना गहरा नाता है कि कुछ पूछा ही ना जाये. (व्‍यवधान) उद्योग इनके क्षेत्र में ही लगाओ.

          श्री जितू पटवारी:- मुख्‍यमंत्री जी अध्‍यक्ष महोदय के कक्ष में बैठकर सुन रहे हैं. मैं उनसे भी यह प्रश्‍न करूंगा, क्‍योंकि मंत्री जी तो कटौती प्रस्‍तावों पर बात हो रही है. उसका उत्‍तर देंगी. विषय मुख्‍यमंत्री जी का है क्‍योंकि उनको इस विषय पर सारी चर्चाओं का ज्ञान है. उद्योग मंत्री जी तो 6 देशों में ही गयी हैं. उसमें 6 करोड़ रूपये खर्च हुए, 6 करोड़ रूपये में 6 लाख रूपये भी नहीं आया है. उन्‍होंने मेरे ध्‍यानाकर्षण पर बात कही  थी तो उन्‍होंने कहा कि हमने मेट्रों के लिये जापान से 0. 3 पर लोन लिया है, हमको खुशी हुई कि कम से कम लोन तो लेकर आये. मैं इस अवसर पर यह भी बताना चाहता हूं कि इतनी बातों के बाद मध्‍यप्रदेश की ग्रोथ रेट उद्योगों को लेकर 9 पाईंट है और बिहार की 14 पाईंट है. यह कैसे हुआ आपकी बात कर रहे थे, आपसे अच्‍छे तो वह निकले जो हमसे ज्‍यादा नीचे हैं, हमसे ज्‍यादा गरीब हैं, हमसे ज्‍यादा बीमारू राज्‍य था तो आपने क्‍या किया. जब देखो जब 2003 की बात करते हैं, जो भी बात हो 2003, 2003 में बचपन में था. आज जवान हूं आपको उस अन्‍तर को समझना पड़ेगा. हम उस समय राजनीति में आये ही नहीं थे. उस हिस्‍से की बात करने लगते हैं तो उन लोगों की क्‍या गलती है, जो नये सदस्‍य चुनकर आये हैं. आप हिसाब दो तो उस पांच साल का दो जो आपने पिछले पांच साल में किया था. इस चुनाव में आपको लोगों ने जिताया, तो उस चुनाव से इस चुनाव तक की गति को समझो. ले देकर 2003 में हेलिकाप्‍टर से जाते थे वहां जायें तो ऐसा होता था, सड़क नहीं थी गड्डे थे.

          श्री सुरेन्‍द्र पटवा:- माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, सिकरिट हो गयी थी, मोर देन 80-70 प्रतिशत इंडस्‍ट्री मण्‍डीदीप में सारी इंडस्‍ट्री 1995-98 में आप यह भी ध्‍यान रखिये.

          श्री जितू पटवारी :- पर्यटन के क्षेत्र में बोलता और आपका जवाब आता तो ज्‍यादा अच्‍छा था. आपको यह बता दूं कि पीथमपुर की 70 प्रतिशत इंडस्‍ट्री बंद है आप को ले जाकर सर्वे करवा दूं. मैं इस अवसर पर यह भी कहना चाहता हूं कि यह प्रदेश अगर इतना ही उन्‍नत हुआ(व्‍यवधान) जो भी था पर राजनीतिक बचपन में था.

          श्री रामेश्‍वर शर्मा:- उपाध्‍यक्ष महोदय, इनका बचपना अभी तक गया भी नहीं है. अगर यह नहीं थे तो विधान सभा तो थी. इसका पूरा रिकार्ड है. आपका बचपना था पर आपका बचपना गया नहीं है.

          उपाध्‍यक्ष महोदय :- इंदौर का मामला है कम से कम उनको बोलने दीजिये.

          श्री रामेश्‍वर शर्मा :- उस समय कांग्रेस से गलती हो गयी थी.    

          उपाध्‍यक्ष महोदय :- यह ठीक नहीं है. आप लोग बैठ जाईये.

          श्री जितू पटवारी:- मेरा अनुरोध यह है कि मैं प्रदेश के हित के लिये खड़ा हुआ हूं. और प्रदेश में रोजगार बढ़े इसके लिये खड़ा हुआ हूं. हम विरोध भी करेंगे तो हमारी संख्‍या इतनी कम है कि आप लोग जो चाहोगे, वही होगा यह मुझे पता है. मैं आप लोगों से अनुरोध करना चाहता हूं कि लोकतंत्र ने मुझे जो अधिकार दिया है, उसका मुझे निष्‍पादन करने में आप मुझे सहयोग करें. मैं एक बात और उपाध्यक्ष महोदय, आपके सहयोग से मंत्री जी को बताना चाहता हूं कि 32 प्रतिशत आबादी मध्यप्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे है और बिहार में 35 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे है और देश में लगभग 22 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे है. जब हमने इतना ग्रोथ रेट बढ़ाया इतना विकास किया हर क्षेत्र में विकास किया सड़क से, इससे,उससे तो आपकी 2003 की गरीबी रेखा और आज की गरीबी रेखा में अंतर क्यों नहीं आया इसका जवाब आप देंगी तो मैं अपने आपको धन्य समझूंगा. बहुत सी बातें उद्योग के बारे में हैं कहने के लिये लेकिन इतना जरूर कहना चाहूंगा किजितने वायदे हमने किये थे जितनी बातें हमने कीं इन्वेस्टर्स के लिये इन्वेस्टर्स मीट को लेकर नये-नये उद्योग धंधे डालने को लेकर खासकर अनिल अम्बानी से जुड़े हुए सारे प्रोजेक्टों को लेकर हम फेल हुए हैं. सरकार अपनी वाह-वाही करने के लिये अखबारों में छपवाने के लिये और मेसेज जनता को देने के लिये कि हमने इनको लाये और उस दिन की खबर बनती है और लोगों में असर होता है जमीनी रूप से कुछ नहीं होता और फिर हम भूल जाते हैं समय बदलाव वाला है तो लोगों को याद नहीं रहता कि क्या हुआ. इसमें मुख्यमंत्री जी को महारथ हासिल है और भी बातें आयेंगी लेकिन रोजगार के बारे में एक बात कहना चाहता हूं कि इससे रोजगार कितना मिला. रोजगार की बात करें तो एक करोड़ से ज्यादा नये बच्चे मध्यप्रदेश में बेरोजगारी के दौर से गुजर रहे हैं और सारे विधायक इस बात को जानते हैं कि बेरोजगारी का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है न घटा.मैंने जो विधान सभा में प्रश्न पूछे मंत्रियों ने जवाब दिये उसको लेकर  रोजगार के संबंध में कुछ बातें कहना चाहता हूं जैसे मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 5 लाख रोजगार हर वर्ष सृजन करेंगे देश में प्रधानमंत्री जी ने कहा उसकी बात नहीं कहूंगा लेकिन 5 लाख रोजगार के बदले में क्या हुआ. रोजगार का मापदण्ड थर्मामीटर एक ही है रोजगार कार्यालय. रोजगार कार्यालयों में  20 लाख के ऊपर बेरोजगारी के पंजीयन कराये हैं और 20 लाख में से 43 हजार को मेरे प्रश्न के जवाब को पढ़कर बता सकता हूं.चिंता की बात यह है कि जिस तरह से रोजगार कार्यालयों में पंजीयन घट ही नहीं रहा है और आप कहते हो कि  हमने रोजगार दिया. मुख्यमंत्री जी ने राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में एक बात और कही मैंने नोट किया था कि हमने  810 इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया और 295 को सरकार ने पंजीयन करके इंजीनियरों को ठेकेदार बना दिया. सिविल इंजीनियर इस प्रदेश में 25 हजार हर साल पास हुए और आपने कितने बनाये  810. आप यह बताएं कि सिविल इंजीनियर की पास आउट लोगों की और दूसरे जो पास होने वाले बच्चे हैं उसकी तुलना में हम कितने रोजगार दे पा रहे हैं यह चिंता की बात है आप 5 परसेंट को भी रोजगार नहीं दे पा रहे हो. भारत सांख्यिकी मंत्रालय,भारत सरकार के आंकड़े हैं कि हर हजार में 29 लोगों को रोजगार मिल रहा है. यह तो जिन लोगों ने पंजीयन कराया उसका हिसाब है लेकिन जिन लोगों ने  पंजीयन नहीं कराया ग्रामीण क्षेत्र में सिर्फ 7 लोगों को आप रोजगार देते हो. इसका जवाब आप मंत्री जी देंगी.  बहुत सी रोजगार की योजनाएं बंद कर दी गई हैं जैसे दीनदयाल स्वरोजगार में आवंटन शून्य है क्यों. ऐसे ही मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 18 हजार करोड़ रुपये की कमी कर दी क्यों. आप यह भी बताने की कोशिश करें कि जिस तरीके से मध्यप्रदेश में रोजगार की योजनाएं समाप्त हुईं.मध्यप्रदेश में एक चतुर्थ श्रेणी की पोस्ट निकली थी उसमें 15 हजार पोस्ट ग्रेजुएटों ने भाग लिया और 2 लाख से अधिक ग्रेजुएट बच्चे 1333 पदों के लिये. 4 लाख बच्चों ने आवेदन किये. चिंता यह नहीं थी कि चपरासी की पोस्ट पर इतने ग्रेजुएट बच्चे क्यों आए. एक बच्चे से पूछा गया उसने एम.फिल किया हुआ था. लोकेन्द्र है कुक्षी का. कुक्षी के विधायक हों तो ध्यान दें. उसने कहा कि एम.फिल करके भी मैं बेरोजगार हूं चपरासी बनूंगा तो चपरासी बनकर थोड़ा और पढ़ लूंगा नौकरी कर-करके पढ़ लूंगा. एक पद के लिये औसतन 305 लोग. यह आपकी स्थिति है और रोजगार के कितने वादे आपने किये. जेल प्रहरी की पोस्ट निकली थी उसमें पौने दो लाख अभ्यर्थियों ने फार्म भरे. उसमें बारहवीं पास मांगा गया था उसमें ग्रेजुएट,पोस्ट ग्रेजुएट और एम.फिल जैसी योग्यताओं वालों ने एप्लाई किया.303 पदों के लिये यह आवेदन आये. यह आपकी सरकार के बेरोजगारी के आंकड़े हैं और मैं यह आंकड़ों सहित कह रहा हूं.

          श्री लालसिंह आर्य -  माननीय उपाध्यक्ष महोदय, ये कांग्रेस में जो बेरोजगारी आ गई है उसका असर आपके भाषण में दिखाई दे रहा है.

          श्री सुदर्शन गुप्ता -  सरकार की पारदर्शिता है कि आनलाईन फार्म भरे जा रहे हैं और पहले तो बंदरबांट हो जाती थी.पहले तो अपने-अपने वालों को फार्म दिये जाते थे. डायरेक्ट भर्ती हो जाती थी.दिग्विजय सिंह जी ने अभी जमानत करवाई है.

          श्री जितू पटवारी - व्यापम घोटाला नहीं किया.

          उपाध्यक्ष महोदय - सुदर्शन गुप्ता जी आप बैठ जाएं.

          (..व्यवधान..)

          श्री बाला बच्चन -  माननीय उपाध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने कांग्रेस की बेरोजगारी वाली जो बात कही उसको निकलवाएं.

          उपाध्यक्ष महोदय - क्या यह असंसदीय है.

          (..व्यवधान..)

          श्री कमलेश्वर पटेल - माननीय उपाध्यक्ष जी, माननीय मंत्री जी ने बिल्कुल सही बात कही हैकि कांग्रेस के लोग समाजसेवा करते हैं नौकरी नहीं करते हैं. भारतीय जनता पार्टी की तरह.

          उपाध्यक्ष महोदय - यह समय जाया हो रहा है.

          श्री जितू पटवारी -  यह सब समय मैं अपनी घड़ी से जोड़ने लगा हूं कि  कितना समय लग रहा है. एक पद की वेकेन्सी निकली और आवेदन आये 16 हजार. ये तो आया रोजगार को लेकर अब मैं थोड़ा सा ध्यान  खेल विभाग की ओर आकर्षित करना चाहता हूं. मुझे बहुत खुशी होती है कि मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों का नाम होता है और बहुत दुख होता कि मध्यप्रदेश की स्थिति खराब है.मेरी दिल की भावना थी कि मैं खेलों के माध्यम से ऐसा संस्थान खड़ा करूं जिससे नेशनल और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकलें कभी अवसर आयेगा तो खेल मंत्री जी की मदद से उसको पूर्ण भी करूंगा. पर मंत्री जी अभी जितनी भी खेल प्रतियोगिताएं  होती हैं और मैं होर्डिंग देखता हूं भोपाल में इन्दौर में इन्दौर से आते हुए तो आपका तो फोटो बड़ा होता है और जो खिलाड़ी जीतकर आये उनका छोटा-छोटा ऐसा क्यों. मैं छोटी-छोटी बातें समझना चाहता हूं.

            उपाध्यक्ष महोदय, खेल में जिस तरीके से खिलाड़ियों को जो राशि दी जाती है खेलकूल के प्रति सरकार की जो भावना होती है, पिछले बार से इस बार खेल का बजट कम कर दिया गया है. जब बजट को बढ़ाया गया तो कहीं पर भी खेल विभाग का जिक्र ही नहीं था, इससे खेल की प्रति सरकार की कितनी चिन्ता है, दिखता है. मैं यह भी कहना चाहता हूं कि खेल का बजट घटा तो घटा जो पिछले साल का बजट मिला उसमें खेलों में सबसे ज्यादा बजट व्यय हुआ एक तो घुड़सवारी, हाकी, शूटिंग उसमें 50 प्रतिशत के आसपास बजट व्यय हुआ, ऐसा क्यों ? बाकी खेलों का क्या होगा. दूसरा अनुरोध यह है कि जो घुड़सवारी में घोड़े खरीदे गये वह बहुत ही महंगे एक घोड़े की कीमत 40 लाख रूपये उसमें दो घोड़े मर भी गये, उसका दोषी कौन ? उनका बीमा भी नहीं करवाया सरकार ने इतनी लापरवाही के लिये किसकी जिम्मेदारी है. मेरा अनुरोध है कि मध्यप्रदेश में खेलों की 13 अकादमियां हैं उन अकादमियों में मध्यप्रदेश के कितने बच्चे हैं और कितने बच्चे बाहर हैं ? मध्यप्रदेश के बच्चों को कितना लाभ इसका बच्चों को मिल रहा है, यह बताने की कोशिश करें. मुख्यमंत्री जी ने खेल गांवों की पिछले सालों में कोलार में बनाने की बात कही है उसमें 1 हजार करोड़ रूपये का बजट में आवंटन भी था, उस खेल गांव का क्या हुआ ? कुछ नहीं. टी.टी.नगर स्टेडियम में एक घड़ी लगी है उस घड़ी की कीमत है 35 लाख रूपये उस समय के अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे उस आरोपी अधिकारी को पदोन्नति दे दी, उसको बना दिया ट्रांसपोर्ट कमिश्नर इस तरीके से खेल विभाग की स्थिति रही है. अगर यह बात भी आप कहने नहीं देंगे. दो बच्चे 19 साल के अंडर नायन्टीज में खेलने गये थे यह विशेष बात है यह बच्चे आवेश खान एवं राहुल बाथम की सरकार के द्वारा क्या मदद की यह भी बताने की कोशिश करें. आपकी सरकार की एक बच्ची है उसने एक कांस्य पदक जीता, यह बच्ची शायद बैतूल की है, जिसको सरकार ने उसको 50 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि दी उसके बाद सरकार उसको देखने भी नहीं गई, वह लड़की आज की स्थिति में पानी-पूड़ी सड़कों पर बेच रही है, यह स्थिति है. आपने समय दिया धन्यवाद.

          श्री शैलेन्द्र जैन(सागर)--माननीय उपाध्यक्ष महोदय, जैसा कि सर्वविदित है कि भारत देश कृषि प्रधान देश है. भारत वर्ष के साथ साथ मध्यप्रदेश की जो अर्थव्यवस्था है उस अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ जो है कृषि है, लेकिन जनसंख्या के बढ़ते हुए बोझ के कारण शनै-शनै यह देखने में आया है कि कृषि पर जनसंख्या का बोझ काफी बढ़ गया है. अब इस जनसंख्या का बोझ कृषि पर पड़ने वाले बोझ को, दबाव को कम करने के लिये यह बहुत ही अत्यंत आवश्यक था कि हम औद्यगिकीकरण की गति को तीव्र करें तथा उसमें रोजगार के अवसरों का सृजन करें ताकि प्रदेश की अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ पाये. वर्ष 2004 में जैसे ही हमारी सरकार ने सत्ता संभाली उन्होंने सबसे पहले उद्योग नीति की समीक्षा की गई इसके पहले के वर्षों तक कोई काम्प्रिहेंसिव इंडस्ट्रियल पॉलिसी मध्यप्रदेश में नहीं थी. मध्यप्रदेश में 2004 में पहली बार हमारी सरकार ने इन्वेस्टर स्टेट होल्डर के सुझाव के साथ एक ऐसी उम्दा पॉलिसी जिसको पहली बार उसको इंडस्ट्रियल पॉलिसी के रूप में हम कह सकते हैं. सरकार की उद्योग नीति में पहली बार हमारी सरकार ने मेजर प्रोजेक्ट के लिये पॉलिसी पैकेज की व्यवस्था की है, इसके पहले तक इस तरह की पॉलिसी पैकेज की कहीं कोई उद्योग नीति में व्यवस्था नहीं थी. एक बात मैं विशेष रूप से कहना चाहता हूं कि यह जो हमारी इंडस्ट्रियल पॉलिसी है इसमें हमने न केवल सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिये विशेष रूप से व्यवस्था की है, वरन् जो मीडियम एवं लार्ज इडस्ट्रीज हैं उनके लिये भी पहली बार इस तरह का पैकेज बनाकर के दिया है, उसके परिणाम बहुत ही अच्छे आये हैं. मैं कहना चाहता हूं कि विधान सभा में हमारे पूर्वज यहां पर थे उस समय क्या हुआ है उसकी समीक्षा करना तो अत्यंत आवश्यक है. वर्ष 2003-04 का जो 10 वर्षों का कार्यकाल था उस कार्यकाल में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग 70 हजार की संख्या में लगाये गये जिसमें लगभग 739 करोड़ रूपये का निवेश हुआ है. इन्हीं 10 वर्षों में लगभग 2004-05 से लेकर 2012-13 तक हमारी सरकार ने लगभग 2 हजार 812 सूक्ष्म एवं लघु उद्योग स्थापित किये जिसमें लगभग 1 लाख 66 हजार 620 उद्योग स्थापित किये जिसमें हमने 2 लाख 8 हजार 112 करोड़ रूपये का इनवेस्टमेंट हुआ. सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के बाद मीडियम एवं लार्ज स्कैल इंडस्ट्रीज यहां पर आने के लिये कभी तैयार नहीं होती थी यहां पर न तो इन्फ्रास्क्ट्रचर था, न ही औद्योगिक क्षेत्र में विकास था चिमनियों से धुंआ निकलना बंद हो गया है, बहुत ही भयावह स्थिति थी. मीडिया में लार्ज स्केल इंडस्ट्रीज का हम उसका अध्ययन करें तो जितु भाई के 10 में 2 हजार 60 करोड़ रूपये निवेश हुआ है, उसमें 74 यूनिट्स आयी हैं. इन 10 वर्षों में 220 लॉर्ज एवं स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज आयीं जिसमें 34 हजार 319 करोड़ रूपये का निवेश किया है उसमें लगभग 46 हजार 368 लोगों को रोजगार देने का हमने काम किया है. इस बात के लिये मैं इस प्रदेश के प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री का धन्यवाद करना चाहता हूं. हमारे जितु भाई कह रहे थे कि कहां गये उद्योग ?

            श्री शैलेन्‍द्र जैन-  माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मैं बात करना चाहता हूं, एक अप्रैल 2015 से आज तक की तारीख तक हमने कितने उद्योगों पर कितना निवेश किया, कितने उद्योग आए ? जितू भाई जरूर सुनकर जाइएगा लगभग.......

          उपाध्‍यक्ष महोदय-  आप आसंदी को संबोधित करें ।

          श्री शैलेन्‍द्र जैन-  जी, उपाध्‍यक्ष महोदय, जी क्षमा करिए, इस अवधि में हमने 9857 करोड़ रूपये का निवेश करके 13814 लोगों को रोजगार देने का काम किया है । माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, इसमें मेजर इंडस्‍ट्रीज भी हैं, माननीय मुकेश भाई, आप बैठिए तो थोड़ा सुनिए भी ।

माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, ऑइनाक्‍स विंड लिमिटेड यह विंड पॉवर नहीं बना रही है, यह विंड पॉवर बनाने वाले कंपोनेन्‍ट्स बना रही है, पूरी की पूरी विंड मिल बनाने का काम कर रही है, 150 करोड़ का उन्‍होंने निवेश किया है । ट्रायडेंट इंडस्‍ट्री 2000 करोड़ की लागत से existing  यूनिट थी, इसमें लगभग 1400 करोड़ का निवेश, इसी दौरान किया है और आगे के वर्ष के लिए भी 1200 करोड़ रूपए निवेश किए जाने का उनका करार हुआ है और ये यूनिट जो हैं, इट इज द लार्जेस्‍ट इन द वर्ल्‍ड इन टेरी टाबिल, टेरी टाबिल के क्षेत्र में एक सिंगल यूनिट में जितना उत्‍पादन ट्रायडेंट कर रही है, दुनिया के किसी देश में कोई नहीं कर रहा है । माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, यह ट्रायडेंट के लिए भी महत्‍वपूर्ण तथ्‍य है और हमारे मध्‍यप्रदेश के लिए भी एक महत्‍वपूर्ण बात है । इंडस मेगा फूड पार्क 127 करोड़, अभी माननीय वैकैया नायडू जी ने आकर उसका उद्घाटन किया है । यह तीन यूनिट हमारे प्रोटेक्‍शन में आ गए हैं और जितना हम जिक्र कर रहे हैं, इसमें लगभग 1700 करोड़ रूपए का निवेश करके हम 14000 लोगों को रोजगार देने का काम कर रहे हैं । माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, भारत ओमान रिफायनरी लिमिटेड ने 2855 करोड़ रूपए का नया निवेश इसी अवधि में किया है, यह लगभग 9-10 माह की अवधि में निवेश किया है । माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, अल्‍ट्राटेक सीमेंट 1600 करोड़ रूपए का और अगर हम एक्‍सपेंशन का काम देखते हैं, एक्‍सपेंशन मोड में हमारी सारी की सारी यूनिट एक्‍सपेंशन मोड में हैं, जो यूनिट एक बार मध्‍यप्रदेश में आ जाती है, वह यूनिट यहां लगातार एक्‍सपेंशन कर रही हैं,  मैं बात करना चाहता हूं, वर्धमान फ्रेब्रिक्‍स की,मैं बात करना चाहता हूं, सागर टेक्‍सटाईल्‍स की, मैं बात करना चाहता हूं, नाहर स्प्रिंग मिल की,मैं बात करना चाहता हूं, ओसवाल डेनिम की, ये सारी की सारी यूनिट पहले से हमारे यहां हैं लेकिन इन सारी की सारी यूनिट ने लगभग 2000 से 2500 करोड़ का नया निवेश करके एक्‍सपेंशन का काम किया है।

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, ईज ऑफ डूईंग बिजनेस, में हमने जिस तरीके से  कार्यों को किया है, जिस तरह से हमने इसको इंडस्‍ट्रीज और इंडस्‍ट्रलिस्‍ट को फ्रेंडली बनाने का काम किया है, इस समय वर्ल्‍ड बैंक और भारत वर्ष का जो उद्योग मंत्रालय है, उनकी रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में मध्‍यप्रदेश टॉप 5 में है, ईज ऑफ डूईंग में हमारा नम्‍बर आता है. माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, ईज आर डूईंग बिजनेस में हमारा नाम आता है, यह महत्‍वपूर्ण तथ्‍य है, मैं इस बात के लिए हमारी उद्योग मंत्री महोदया को विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूं । माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय,निेवेश आशय प्रस्‍ताव को ऑनलाइन पंजीयन करने का काम किया है. एक बहुत ही महत्‍वपूर्ण बात बता रहा हूं, मैं अपनी ब्रीफिंग के लिए उद्योग विभाग में बैठा था, उनके जी.एम. को फोन आया, मैसेज आया, मैंने पूछा कि यह क्‍या मैसेज है ? तो कहने लगे कि आज कोई ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन हुआ है, उसका मैसेज हमें आ गया है, आज की तारीख में उसके उस प्रपोजल का अध्‍ययन करके वह प्रपोजल इंटेन्‍शन टू इन्‍वेस्‍ट है, वह हमें स्‍वीकार करना है कि नहीं करना है वह हम आज ही उसको बता देंगे ताकि काम की गति तेजी से बढ़ सके । माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, निवेशकों के बैंक खातों में वैट और सी.एस.टी. की जो सब्सिडी है, वह डायरेक्‍ट जाने लग गई हैं, इससे उद्योगपतियों में विश्‍वास जगा है । भूमि, जल, विद्युत यह भी ऑनलाइन कर दिए गए हैं, अब इसके लिए हमें कार्यालय के चक्‍कर लगाने की आवश्‍यकता नहीं है । इन्‍वेस्‍टर रिलेशनशिप मैनेजरर्स की पहली बार व्‍यवस्‍था की गई है । एक बहुत ही महत्‍वपूर्ण तथ्‍य सदन के माध्‍यम से आपको बताना चाहता हूं, एम्‍बेट कैपिटल स्‍टडी करके एक बहुत रिनाउन्‍ड कंपनी है, उन्‍होंने मई 2005 में कहा है, एम.पी. इज द बेस्‍ट परफार्मिंग स्‍टेट ओव्‍हर द लास्‍ट थ्री इयर्स और उन्‍होंने उसकी भविष्‍यवाणी की है, उन्‍होंने कहा है कि इट इज मोस्‍ट लाइकली टू ड्राइव इंडियाज़ जी.डी.पी.ग्रोथ नेक्‍स्‍ट थ्री ईयर. मतलब देश के अर्थ व्‍यवस्‍था में हमारा योगदान एक महत्‍वपूर्ण योगदान होगा । माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मध्‍यप्रदेश की अर्थव्‍यवस्‍था के लिए निश्चित रूप से अच्‍छे शुभ संकेत हैं ।

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, औद्योगकीकरण की गति को तेज करने के लिए हमें नए-नए औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने की आवश्‍यकता है । क्‍योंकि नए उद्योग उन्‍हीं क्षेत्रों में लग सकते हैं, इस हेतु हमारी सरकार ने 25 स्‍थानों का चयन किया और लगभग 2344 हेक्‍टेयर जमीन पर, हम इस तरह का नया इंडस्‍ट्रीयल टाउनशिप इंडस्‍ट्रीयल डेवलपमेन्‍ट कर रहे हैं. इसमें लगभग 295 हेक्‍टेयर भूमि पर 6 औद्योगिक क्षेत्र जिसमें क्रिस्‍टल आई.टी.पार्क, इंदौर का रेडीमेड गारमेंट पार्क,ग्‍वालियर यह भी शामिल हैं, वह हमारे पूर्ण विकसित हो चुके हैं, इसके अलावा 27 हमारे एग्‍जिस्टिंग इंडस्‍ट्रियल एरियाज़ हैं, जहां पर अधोसंरचना बहुत ही दयनीय स्थिति में पहुंच गई थी, उस सारी की सारी अधोसंरचना के पुनर्निर्माण के लिए हमने एक पूरी की पूरी स्‍कीम बनाई, उस स्‍कीम के तहत 7675 हेक्‍टेयर भूमि पर 3022 करेाड़ रूपए की लागत से हमारा रिनोवेशन का काम हो रहा है । माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, इस बात के लिए मैं सरकार को बधाई देना चाहता हूं । एक बात जरूर मैं आपके माध्‍यम से मंत्री महोदय को बताना चाहता हूं, उनको धन्‍यवाद भी करना चाहता हूं, सागर हमारा विधानसभा क्षेत्र है, वहां सिद्वगवां इंडस्‍ट्रियल एरिया है, सिद्वगवां में भी 1700 करोड़ रूपए की लागत से वहां इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट की स्‍कीम स्‍वीकृत हुई थी, वह काम किसी कारण से रूक गया था, मैंने प्रश्‍न के माध्‍यम से माननीय मंत्री महोदया का ध्‍यान आकर्षित किया था, हालांकि वह प्रश्‍न हमारा डिबेट में नहीं आ पाया था, लेकिन मंत्री महोदया ने मुझे स्‍वयं फोन करके उसकी वस्‍तुस्थिति ली और उसकी पूरी जांच की कमेटी बनाई उस कमेटी में मुझे भी शामिल किया और उसके परिणाम यह आए. 1700 करोड़ की स्‍कीम पर बहुत तेज गति से काम शुरू हो गया है । मैं आपके माध्‍यम से मंत्री महोदया का धन्‍यवाद करना चाहता हूं ।

 माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, आपके माध्‍यम से मंत्री महोदया का ध्‍यान भी आकर्षित कराना चाहता हूं, सागर में सिद्वगवां इंडस्ट्रियल एरिया में, इसी हाउस में 2008 में हमारी वॉटर सप्‍लाई स्‍कीम स्‍वीकृत हुई थी, वह वॉटर सप्‍लाई स्‍कीम 2008 से आज 2016 हो गया है, अभी तक पूर्ण नहीं हो पाई है, मैं मंत्री महोदया जी से चाहता हूं कि वह इस ओर जरूर ध्‍यान देंगी, बहुत संवेदनशील मंत्री महोदया हैं ।

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स मीट, अब हम लोग एम.ओ.यू. नहीं कर रहे हैं,  अब कर रहे हैं, इंटेंशन टू इन्‍वेस्‍ट इसमें लगभग 4 लाख 36 हजार करोड़ रूपए के हमारे इंटेंशन टू इन्‍वेस्‍ट प्रपोजल आए थे, उसमें 1 लाख 96 हजार करोड़ रूपए की पूँजी का निवेश क्रियाशील हो गया है । क्रियाशील होने का मतलब आप समझ लीजिएगा क्रियाशील हो गया है और इसमें लगभग 18000 करोड़ रूपए के हमारी 307 परियोजनाओं में उत्‍पादन शुरू हो गया है ।

          उपाध्‍यक्ष महोदय-  शैलेन्‍द्र जी, कितना वक्‍त लेंगे ।

          श्री शैलेन्‍द्र जैन -  बस 5 मिनट में, माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, इस बात के लिए मैं मंत्री महोदया को और सरकार को बधाई देना चाहता हूं, दिल्‍ली- मुम्‍बई, इन्‍वेस्‍टमेंट कॉरीडोर यह हमारी लगभग 7 राज्‍यों से दिल्‍ली से लेकर दिल्‍ली,हरियाणा,यू.पी.मध्‍यप्रदेश गुजरात,महाराष्‍ट्र यहां से निकलता है, सबसे पहले इन 7 राज्‍यों में अगर किसी राज्‍य में काम शुरू हुआ है तो वो मध्‍यप्रदेश है । हमारे उज्जैन में विक्रम उद्योगपुरी में 450 हैक्‍टेयर भूमि पर अधोसंरचना का काम शुरू हो गया है और वहां पर वाटर सप्‍लाई की हमारी 300 करोड़ रूपये की योजना, जो पीथमपुर उद्योग क्षेत्र में है, उस पर भी काम शुरू हो गया है. मैं मंत्री महोदय जी को विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूँ और यह चन्‍द पंक्तियां पढ़ना चाहता हूँ -

है वही सूरमा इस जग में, है जो अपनी राह बनाता है.

कुछ चलते हैं पदचिन्‍हों पर, कोई पदचिन्‍ह बनाता है. 

(मेजों की थपथपाहट)

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, अभी हमारे बन्‍धु कह रहे थे कि माननीय मुख्‍यमंत्री एवं माननीय मंत्री जी ने इतने देशों की यात्रायें की हैं. कल भी माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय एवं हमारी मंत्री महोदया, जापानी डेलीगेशन से इन्‍दौर में मुलाकात कर रहे थे. हमने एक नया प्रयोग किया है. डेडिकेटेड टाऊनशिप फॉर ए पर्टिक्‍युलर कन्‍ट्री, जो उस देश की वेश-भूषायें, उस देश की परम्‍परायें, उस देश की रीति-रिवाज, उस देश के खान-पान को ध्‍यान में रखकर बनाई जा रही हैं. एक डेडिकेटेड जापानीज़ टाऊनशिप इन्‍दौर में बन रही है. चूँकि बी.एम.आई.सी. को मेजर प्‍लेयर है, वह जापान है. जापान के इन्‍वेस्‍टर्स को ध्‍यान में रखते हुए एक इस तरह का डेडिकेटेड टाऊनशिप बनाने का काम कर रहे हैं. इस बात के लिए भी मैं माननीय मंत्री महोदया और सरकार को बधाई देना चाहता हॅूं. इसे हमारे प्रदेश के अन्‍दर इन्‍वेस्‍टमेन्‍ट की गति में तेजी आयेगी.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, एक कार्य हमारे यहां और अच्‍छा हुआ है. इन्‍दौर में आई.टी. सेक्‍टर में स्‍पेशल इकोनॉमिक जोन जो है, इस तरह से बनाया गया है. लगभग 55,600 स्‍कवायर मीटर का हमारा जोन है. उसमें 'रेडी टू प्‍लग', आप आइये अपना प्‍लग लगाइये, आपकी यूनिट चालू हो जायेगी. इस तरह की व्‍यवस्‍था करके हमने दी है कि इट इज रेडी टू यूज टाइप ऑफ स्‍पेस.

          उपाध्‍यक्ष महोदय - श्री शैलेन्‍द्र जी 2 मिनिट में समाप्‍त कीजिये.

          श्री शैलेन्‍द्र जैन - माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, उसके लिये भी मैं जल्‍दी कोशिश कर रहा हूँ. भू-आवंटन नियमों का सरलीकरण करने का काम हमारी सरकार ने किया है. यह पहली बार हुआ है सूक्ष्‍म और लघु उद्योगों के लिए जो प्रीमियम की राशि लगती थी, उसका लगभग 90 प्रतिशत की राशि तक छूट, हमारी सरकार ने दी है. इससे हमारी स्‍मॉल स्‍केल की इन्‍डस्‍ट्रीज़ को बहुत लाभ होगा. पूर्व में हमारी उद्योग नीति में यह व्‍यवस्‍था नहीं थी कि अगर किसी यूनिट के पास सरप्‍लस जमीन है तो उसका उपयोग कर पाये. हमारी सरकार ने इस तरह का नियम बनाया और इस तरह से सरप्‍लस जमीन का, अन्‍य किसी यूनिट को हस्‍तान्‍तरण करने से, जो राशि आयेगी, उससे उसकी वर्किंग कैपिटल की पूर्ति हो सकती है.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, इन्‍डस्‍ट्रीज के साथ, अभी मैं एक-डेढ़ मिनिट में समाप्‍त करता हूँ. मैं माननीय मंत्री महोदया को धन्‍यवाद देना चाहता हूँ. हर एक विधानसभा क्षेत्र में विधायक ट्रॉफी की शुरूआत करवाई है, यह बहुत ही प्रशंसनीय कदम है. मैं इस बात के लिए विशेष रूप से मंत्री महोदया को धन्‍यवाद देता हूँ और यह विषय हर विधानसभा का है इसमें हमारे पक्ष-विपक्ष का है, बन्‍धु-बान्‍धव, माताएं-बहिनें सब शामिल हैं. लेकिन इसमें इसमें बजट थोड़ा सा कम है, इस बजट को लगभग एक लाख रूपये करने की अनुशंसा करेंगे तो बहुत अच्‍छा होगा.

          श्री यादवेन्‍द्र सिंह - माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, 30,000/- रूपया क्रीड़ा अधिकारी जिला के द्वारा दिया गया है. विधायकों को नहीं मालूम है कि किसमें खर्च हुआ है ? हम लोगों को नहीं मालूम है. भ्रष्‍टाचार 30,000/- रूपये में भी हुआ है. (व्‍यवधान)

उपाध्‍यक्ष महोदय - समाप्‍त करें. समय का नियोजन हम यहां अच्‍छी तरह से रख रहे हैं.

          श्री शैलेन्‍द्र जैन - माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, राष्‍ट्रीय युवा उत्‍सव जो रायपुर में हुआ. वहां पर मध्‍यप्रदेश ने झण्‍डे गाड़ दिये. 18 में से 8 पदक मध्‍यप्रदेश को प्राप्‍त हुए हैं, यह आज तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड है. आज तक के इतिहास में किसी भी राज्‍य को इतनी बड़ी संख्‍या में पदक प्राप्‍त नहीं हुए हैं. यह हमारी जो नीति एवं मंत्री महोदया का जो समर्पण है, वह प्रदर्शित करता है.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, ओलम्पिक 2020 की हमारी तैयारी चल रही है. लेकिन अभी ओलम्पिक, जो रियो में 2016 में होने वाला है. वहां पर हॉकी एकेडमी, भारतीय हॉकी की जो टीम है, उसमें टोटल टीम में 6 बच्चियां हमारे मध्‍यप्रदेश हॉकी एकेडमी से चयनित हो गई हैं, मैं इस बात के लिए भी बधाई देना चाहता हूँ.

          उपाध्‍यक्ष महोदय - शैलेन्‍द्र जी, मैंने भी बच्चियों के चयन के संबंध में, माननीय मंत्री महोदया जी को बधाई का पत्र भेजा है.

          श्री शैलेन्‍द्र जैन - माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, तब तो आधा मिनिट और बनता है.

          उपाध्‍यक्ष महोदय - नहीं.

          श्री शैलेन्‍द्र जैन - माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, एडवांस ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजने का काम अगर किसी ने किया है, तो हमारी सरकार ने किया है. हॉकी, सेलिंग, शूटिंग, बॉक्‍सेट इत्‍यादि कामों के लिए लगभग 50 बच्‍चों को, हमने विदेश जाकर एडवांस ट्रेनिंग कराई है, उसके लिए मैं बधाई देना चाहता हूँ. अन्‍त में मुख्‍यमंत्री जी एवं माननीय मंत्री महोदया जी को विशेष रूप से धन्‍यवाद देते हुए, ये लाईनें उन्‍हें समर्पित करना चाहता हूँ कि कहते हैं -

चले चलिए कि चलना ही दलीले कामयाबी है,

जो थककर बैठ जाते हैं, वो मंजि़ल पा नहीं पाते.

          माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, आपने बोलने का अवसर दिया, बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

          उपाध्‍यक्ष महोदय- श्री शैलेन्‍द्र जी, धन्‍यवाद.

          श्री मुकेश नायक - मैं 10 मिनिट लूँगा.

          उपाध्‍यक्ष महोदय- केवल 6 मिनिट. देखिये, आप खेल के नियम जानते हैं. पहले स्‍पीकर को ज्‍यादा समय मिलता है.

          श्री शैलेन्‍द्र जैन - 35 मिनिट जितू भाई को और 35 मिनिट इनके, तो इनका ऐसा ही तो केलकुलेशन है.

          उपाध्‍यक्ष महोदय-  35 मिनिट तो नहीं मिल पायेगा.

          श्री मुकेश नायक - उपाध्‍यक्ष महोदय, आप खुद सोचिये. जब मैंने यह प्रश्‍न उठाया था. जिसमें संसदीय कार्य मंत्री और माननीय जयन्‍त साहब थोड़ा रिएक्‍ट कर रहे थे. एक समूचे विपक्ष के राजनीतिक दल को इतने बड़े उद्योग जैसे अनुदान मांगों पर 35 मिनिट. यही तो मेरा प्रश्‍न था.

          उपाध्‍यक्ष महोदय- श्री मुकेश जी आप लोगों को संख्‍या बढ़ानी थी.

          श्री मुकेश नायक - नहीं, मैं विधानसभा के कार्य आवंटन ....

          उपाध्‍यक्ष महोदय- आप समझते हुए भी यह बात कह रहे हैं. आप तो बहुत समझदार हैं. आप तो खुद दूसरों को समझाते हैं.

          श्री मुकेश नायक - उपाध्‍यक्ष महोदय, पूरा सदन इस बात को समझ रहा है कि मैं क्‍या कहना चाहता हूँ ?

          उपाध्‍यक्ष महोदय- नहीं ऐसा नहीं है, समय को भी ध्‍यान में रखा जाता है और भावना को भी, दोनों को बैलेन्‍स किया जाता है. आप शुरू करें.

          श्री मुकेश नायक - 6 मिनिट्स में तो, मैं अपनी बात नहीं कर सकता. इसलिए मैं अपनी बात छोड़ता हूँ.

          उपाध्‍यक्ष महोदय- आप 7 मिनिट ले लीजिये. नहीं तो यह तो गलत बात है अच्‍छा दूसरा सदस्‍य नहीं बोलेंगे फिर ।

          श्री मुकेश नायक- मैंने सदैव ही, आप जो कहेंगे मैं उसका पालन करूंगा मैं बिना नाराजगी ।

          उपाध्‍यक्ष महोदय-  आप सहयोग नहीं करना चाहत हैं ।

          श्री मुकेश नायक-  मैं सहयोग करना चाहता हूं और सहयोग कर रहा हूं इसलिए इस वक्‍तव्‍य को छोड़ता हूं ।

          श्री बाला बच्‍चन- माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय....

          उपाध्‍यक्ष महोदय-  प्रभारी नेता प्रतिपक्ष जी फिर कुछ और 11 लोग हैं बोलने वाले । कार्यमंत्रणा समिति द्वारा आवंटित समय है आप भी उस समिति में रहे होंगे जब आप स्‍वयं उसमें भागीदार हैं कार्यमंत्रणा समिति में समय देने के लिए फिर आप दूसरी बात कैसे कह सकते हैं ।

          श्री जितू पटवारी-   उपाध्‍यक्ष जी, बात यह है कि .....

          उपाध्‍यक्ष महोदय-  कार्यमंत्रणा समिति जो समय आवंटित करती है उसी को यहां पर फालो किया जाता है ।

          श्री बाला बच्‍चन-  जी हां, लेकिन वह बहुत सीनियर मोस्‍ट सदस्‍य हैं और मंत्री भी रहे हैं ।

          उपाध्‍यक्ष महोदय-  नहीं, 35 मिनट का समय दल के लिए आवंटित है । जितू पटवारी जी लगभग 20 मिनट बोले, 4 मिनट का व्‍यवधान उसके बाद भी आप करीब 22 मिनट बोला. 35 से 22 मिनट वह निकाल दीजिए तो फिर समय कहां बचता है ? मंत्री जी को भी जवाब देना है] आज चर्चा समाप्‍त करनी है. नहीं, यह गलत बात है । मुकेश जी, आप कहिए ऐसी क्‍या बात है भाई, तो ठीक है मत बोलिए, चलिए शैलेन्‍द्र पटेल जी आप ही बोलिए ।    

                        श्री शैलेन्द्र पटेल (इछावर) -- उपाध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 11,43 और 51  के विरोध में और कटौती प्रस्तावों के  समर्थन में  बोलने के लिये खड़ा हुआ हूं.  बहुत सारी बातें जितू  जी ने इनवेस्टमेंट के बारे में  कही हैं,  उनमें मोटी मोटी वह बातें  कहना चाहता हूं.  मेरी इन बातों में कोई प्रयास के  ऊपर  सवाल नहीं  उठ रहे हैं.  जो वास्तविक हकीकत है,  उस ओर इंगित करने का प्रयास करुंगा कि वास्तव में प्रदेश  में क्या स्थिति है.  चाहे उद्योग, रोजगार या  खेल एवं युवक कल्याण की हो.   निवेश में पूरे देश के जो 21  बड़े राज्य हैं,  उसमें  मध्यप्रदेश  का स्थान  21 वां आता है, एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार और जो बेरोजगारी की समस्या है,  वह सबसे बड़ी समस्या है.  अगर किसी प्रदेश एवं देश में बेरोजगारी रहती है,  तो उसका आर्थिक विकास संभव नहीं होता है.  जब हम रोजगार दे देते हैं,  तो बहुत से विकास आटोमेटिक हो जाते हैं.  बेरोजगारी पर तो मुझे  चंद  लाइनें  दुष्यंत जी की  याद आती हैं कि -  बाढ़ की संभावनाएं सामने हैं और नदियों के किनारे घर बने हैं.  आपके कालीन  देखेंगे किसी दिन,  इस समय तो पांव  कीचड़ से सने हैं.  बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है.  उस ओर अगर हमने ध्यान नहीं दिया और सार्थक प्रयास नहीं किये,  तो यह किसी न किसी दिन  विस्फोटक रुप अख्तियार कर सकती है.  आज  जो विभाग का जो बजट है,   उसमें  बहुत छोटी सी बढ़ोतरी हुई है और उस बढ़ोतरी से यह काम चलेगा नहीं.  जैसा कि  हम बार बार  2003-2004 की बात करते हैं, अगर उस समय से कम्पेयर किया जाय, तो उद्योग विभाग का जो सकल घरेलु उत्पादन  में  भागीदारी थी, वह  27.15 प्रतिशत थी, वह घटकर  24.55 हो गई है. इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.  सूक्ष्म  और हम मध्यम उद्योगों की बात करें और 2011-12 से कम्पेयर करें, तो  उस समय जो उद्योगों ककी स्थापना हुई थी  2011-12 में 20105 उद्योगों  की हुई थी,  2014-15 में  घटकर  19835 हो  गई और  2015-16दिसम्बर  तक 13932.  यह उनकी स्थापना  हुई है. इन उद्योगों  की स्थापना में कमी  आ गई है  और  इन उद्योगों के माध्यम से जो रोजगार हैं,   तो 2011-12 में 46501 रोजगार उपलब्ध हुए थे  और 2015-16  दिसम्बर तक  37213 उसमें कमी आ गई है.  हम इन आंकड़ों पर भी देखें.  ये मेरे आंकड़े नहीं हैं.  यह आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े हैं.  उसमें यह उल्लेखित किया गया है,  यह सरकारी आंकड़े हैं.  मेरे खुद के प्रश्न के उत्तर में  एमओयू  की जानकारी दिनांक 3.3.15 में   मंत्री जी ने दी थी  कि  सवा लाख  करोड़  से ज्यादा के  निवेश हुए हैं  और 4363  करोड़ का यानि  कितना इनवेस्टमेंट  हुआ 30 गुना कम.  जितने एमओयू साइन हुए.  इस बारे में ध्यान देने की आवश्यकता है.  निवेश के लिये जो विदेशी यात्रा की है,  उसमें भी आंकड़े आये हैं. लेकिन इनवेस्टमेंट नहीं हो पाया.  निश्चित रुप से इनवेस्टमेंट के लिये  विदेश की यात्रा  और उसके बाद में इनवेस्टर मीट  और जितने भी रोड शो  किये जायें, वह जरुरी हैं.  लेकिन उद्योग के लिये  हमारे पास निवेशक आ क्यों नहीं रहे हैं.  वे इनवेस्ट कर क्यों नहीं रहे हैं,  इसके बारे में विचार करने  की आवश्यकता बहुत   ज्यादा है.  एक समाचार पत्र की भी  बहुत सारी बातें  अडानी, अम्बानी की की गईं.  एक समाचार पत्र की हेड लाइन थी कि  अम्बानी लौटे न अडानी, निवेश मांगने लगा पानी.  वह आज निवेश की स्थिति हो गई है.  यह अडानी, अम्बानी बात करके तो चले गये,  लेकिन वह निवेश हुआ नहीं.   मेक इन मध्यप्रदेश  का  जुमला प्रदेश में चलने लगा, लेकिन निर्यात और विदेशी निवेश  की दृष्टि  से  मध्यप्रदेश 10 टाप राज्यों में  भी नहीं है.  अभी उसका स्थान  बहुत नीचे है.  प्रदेश के निर्यात के लिये  जो शुष्क बंदरगाह  के मद्दे नजर  3 इनलैंड  कंटेनर  डिपो हैं ,लेकिन उनका काम  बहुत धीमी गति से  चल रहा है. प्रदेश को टेक्सटाइल्स, आटोमोबाइल और आईटी  हब बनाने  की डगर पर  भी कदम कदम पर बाधाएं हैं. जिनसे रोजगार सृजित होता है. प्रदेश में तकनीकी और पेशेवर  शिक्षा के संस्थानों में  उद्योग  कारोबार की जरुरत के अनुरुप  इन संस्थानों में  विद्यार्थी तैयार नहीं हैं.  उनकी तैयारी नहीं हो पा रही हैं,  क्योंकि  कैसे इंडस्ट्री, कैसे  इस तरह से रोजगार कर पायेंगे,  इससे प्रदेश के उद्योग कारोबार से  लिंकिंग  करने की आवश्यकता है.  और तो और प्रदेश में राजस्व विभाग   ने हजारों हेक्टेयर जमीन उद्योग विभाग को हस्तांतरित कर दी, लेकिन मात्र 20 प्रतिशत  उद्योगों ने  उसको ली है, अभी 80 प्रतिशत  से ज्यादा पड़ी है.  प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग पार्क की आवश्यकता है,ताकि एग्रीकल्चर सेक्टर और  इंडस्ट्रियल सेक्टर  दोनों का मिला जुला हो.  भोपाल और इन्दौर के बीच में  मेरी विधान सभा आती है.  30 किलोमीटर दूर है.  एयरपोर्ट भोपाल का है.  सीहोर की रेलवे स्टेशन है.  स्टेट हाइवे है.  वहां पर उद्योग की बहुत संभावना है.  बीएसआई की  एक जमीन  लिटिगेशन में है हाईकोर्ट में.  तो जल्दी साल्व करके वहां पर इंडस्ट्रियल  हब बनाया जाये और  जो बढ़ती हुई जनसंख्या के मान से  सरकारी नौकरी में भी भर्ती नहीं हो पा रही है.  उस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है. क्योंकि रोजगार के आंकड़े  बहुत सारे जितू जी ने  दे दिये.  लेकिन  जब तक हम स्कूल और उच्च शिक्षा में रोजगारोन्मुखी  कोर्स नहीं चलायेंगे,  तब तक रोजगार का सृजन नहीं हो पायेगा.  यह मेरा सुझाव है कि हम  सिक्षा विभाग से चाहे उच्च शिक्षा हो  या स्कूल शिक्षा हो,  उनसे समन्वय  करके  हम इसकी बात करें.

                    खेल का जो मामला  है, कहा  गया है कि बजट कम हो गया.  युवा नीति अभी ठीक तरह से इम्पलीमेंट नहीं हो पा रही है. खेल विभाग के पास अब जिला स्तर पर  एक जिला खेल अधिकारी हैं, बाकी कोई पद नहीं है.  तो बिना पद से ये कैसे काम चलेगा,  क्योंकि ब्लाक स्तर पर  संविदा नियुक्ति है और विधायक ट्राफी के लिये धन्यवाद.  बाकी बजट की बात शैलेन्द्र  जैन जी ने कर दी है. स्थानीय प्रतिभा को  वहां के जो स्थानीय काम होते हैं,  नैसर्गिक रुप से जो करते हैं,  उनके अनुरुप खेलों में  कनवर्ट करने की आवश्यकता है.  मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन  हों,  ऐसी हम सब की मंशा है,  इस ओर  आप तैयारी करें.  मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय खेल हों.  हमारे पास  भोपाल से लगे हुए  बिलकिसगंज  जो थूना में भी  दो छोटे छोटे खेल स्टेडियम  मिलते हैं,  तो भोपाल और सीहोर, इछावर के लिये बहुत फायदे रहेंगे.  जब हम  युवा कल्याण की बात करते हैं, तो  उनमें एक नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है.  एक तरीके से वे उस तरफ जा रहे हैं,  उसकी रोकथाम के लिये  युवा एवं खेल विभाग काम हीं करेगा,  तो उसकी सार्थकता नहीं आ पायेगी. 

                   धार्मिक न्यास और धर्मस्व के बारे में  कहना चाहता हूं.  जो प्रदेश में आस्था का विभाग  है.   हम कह रहे हैं कि  भगवान का विभाग है और शायद भगवान भरोसे ही चल रहा है.  मात्र मंत्री जी, प्रमुख सचिव  और नीचे कुछ भी नहीं.  इस विभाग को हजारों मंदिर, हजारों ट्रस्टों को देखना पड़ता है.  इस कारण से यह विभाग जिस तरीके से काम करता है,   वह नहीं  कर पा रहा.  मेरे क्षेत्र की 3-4 मांगें रखना चाहता हूं.  हमारे यहां  बाराखम्बा  नामक स्थान है, जहां  पर दीपावली के  एक दो दिन बाद  लाखों की संख्या में  10-12 जिलों से श्रद्धालू  पहुंचते हैं,  वहां पर अभी सुविधा नहीं है.  डीपीआर बनाकर  पहुंचा दी गई है.  अगर उसकी स्वीकृति मिलती है,  तो पर्यटन और धार्मिक स्थल  मध्यप्रदेश के नक्शे में आ जायेगा.  दूसरा  कांकड़खेड़ा  वाली माता जी के यहां  भी साल भर और  खासकर गर्मी में आयोजन होते हैं,  वहां पर भी धार्मिक न्यास  के बजट  की आवश्यकता  है.  बिलकिसगंज  झागरिया में  महिषासुर मर्दानी के  मंदिर पर   यह आवश्यकता है.  और  कालियादेली  एक स्थान  जो अलीपुर पंचायत के  अंतर्गत आता है, आदिवासी समाज का एक बड़ा मेला  भुतड़ी अमावस्या पर  वहां पर होता है.  प्राकृतिक सम्पदा  से भरपूर है, वहां पर भी काम की आवश्यकता है.   शाजापुर और सीहोर जिले में  पार्वती नदी  के बीच में  डेरीघाट स्थित है. वहां भी आवश्यकता है.  उपाध्यक्ष महोदय, आपने बोलने के लिये समय दिया, धन्यवाद.

                   श्री दिलीप सिंह शेखावत (नागदा-खाचरौद) -- उपाध्यक्ष महोदय, मैं मांग संक्या 11,43 और 51  के समर्थन  में बोलने के लिये खड़ा हुआ हूं.  प्रत्येक विधान सभा में  खेल  मंत्री जी ने  जो  ग्रामीण क्षेत्र को  खेल को बढ़ावा देने के लिये   80-80 लाख रुपये के स्टेडियम  बनाने का जो  निर्णय लिया है.  मैं मंत्री जी को बहुत बहुत धन्यवाद दूंगा.  महिला खेल हो, ग्रामीण खेल है,  इन सारे खेलों को प्रोत्साहित करने के लिये भी  उन्होंने योजनायें बनाई हैं.  मैं मंत्री  जी को इस बात के लिये भी धन्यवाद देना चाहूंगा कि  मां तुझे प्रणाम  जैसी अभिनव योजना भी उन्होंने  प्रारंभ की है कि  इस मध्यप्रदेश के युवा  सीमाओं पर जायें और  हमारे सैनिक किस प्रकार से  वहां सीमाओं की रक्षा करते हैं, उसके लिये भी मैं उनको धन्यवाद देना चाहूंगा.  मेरे पूर्व वक्ता  कांग्रेस के कह रहे थे कि  खेल के  क्षेत्र में क्या उपलब्धि है, वह भी बताना चाहूंगा.  वर्ष  2015-16 में  अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में  हमारी खेल प्रतिभायें गई हैं  8 स्वर्ण 10 रजत  और 11 कांस्य पदक,  मुझे लगता है कि पहली बार  मध्यप्रदेश लेकर आया है.  राष्ट्रीय स्तर पर भी मैं बात करुंगा, तो  56 स्वर्ण, 51 रजत और 51 कांस्य  पदक भी  शायद लेकर मध्यप्रदेश पहली बार  आया है.  मैं  एक नवीन जो अभिनव योजना है कि   2020 में  जो ओलम्पिक मिशन को  मध्यप्रदेश की सरकार ने  टारगेट लिया है, मैं उसके लिये  भी उनको धन्यवाद देना चाहूंगा.

          माननीय उपाध्यक्ष महोदय, उद्योग के बारे में बहुत सारी बातें प्रतिपक्ष के भाईयों ने की है. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि कहां सड़क थी, कहां बिजली थी, कहां उद्योग का वातावरण मध्यप्रदेश के अंदर था, और उस वातावरण को बनाने के लिये मध्यप्रदेश की सरकार ने कितनी मेहनत की है. आज चाहे बीना रिफायनरी हो, अल्ट्राटेक हो, बेकमेट इंडिया लिमिटेड हो, इंडसबेगा हो, ट्रायटेक लिमिटेड हो, डिफेंस पार्क हो ऐसी अनेको उद्योग अगर मध्यप्रदेश में आये हैं तो इसलिये आये है कि हमारे मध्यप्रदेश में वह सारे इन्फ्रास्ट्रेक्चर खड़े किये. मुझे यह कहते हुये गर्व है कि जब मैं ऊर्जा विकास निगम का अध्यक्ष था तो मात्र 23 मेगावॉट बिजली केवल विंड से बनती थी एनर्जी पॉलिसी 20-22 साल से रिन्यू नहीं हुई थी. आज 2000 मेगावॉट बिजली विंड से हम बना रहे हैं, आदरणीय हमारे ओमप्रकाश सखलेचा जी बैठे हुये हैं , भारत का शायद विश्व का सबसे बड़ा सोलर का प्लान्ट लगने वाला है. यह सारी चीजें, अगर औद्योगिक वातावरण को हम निर्मित नहीं करते तो कैसे होता. आदरणीय शैलेन्द्र जैन साहब बता रहे थे कि 1 लाख लघु उद्योग लगे हैं और जैसा आदरणीय रामेश्वर जी कह रहे थे कि 10 का आंकड़ा भी अगर छोटे उद्योगों में रोजगार की दृष्टि से देखा जाये तो 10 लाख रोजगार मध्यप्रदेश की सरकार ने दिये हैं. यह जो सारी चीजें हुई है, और यह सारी चीजें इसलिये हुई है कि सरकार की नीयत और नीति दोनों ठीक है. इसलिये मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री जी और खेल मंत्री जी को बहुत बहुत धन्यवाद दूंगा.

          माननीय उपाध्यक्ष महोदय, अभी विधायक ट्राफी के बारे में बात हुई तो किसी भाई ने कहा कि वह 30,000 रूपया तो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. अरे भाई 30,000 रूपया अगर कोई भाई रजाई ओढ़कर सोएगा तो उसका तो भगवान ही मालिक होगा लेकिन हमने अगर हमारी विधानसभा क्षेत्र में प्रतियोगिताएं अगर अर्जित की है तो 30,000 में अगर हमारा भी कहीं कन्टीब्यूशन हुआ तो हमने हमारा कन्टीब्यूशन भी किया है लेकिन उस कार्यक्रम को हमने गरिमामय करने का प्रयास किया है और इसके लिये अगर मंत्री जी को जितना धन्यवाद दें कम है कि विधायक ट्राफी के नाम से उन्होंने यह काम प्रारंभ किया है.अब यह बात अलग है कि उसके बजट की मांग की जा सकती है कि इसका बजट और बढाया जाए और बजट बढ़ायेंगे भी उसमें कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है.

          श्री यादवेन्द्र सिंह--30,000 हजार रूपये का कोई हिसाब नहीं दिया जिला खेल अधिकारी ने..

          श्री दिलीप सिंह शेखावत -- माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी आपको इसके लिये बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहूंगा कि आपने धर्म मंदिरों को सजाने-संवारने का काम किया है. उसके लिये मैं आपको बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहूंगा और सदन को एक बात बताना चाहूंगा कि मेरे यहां खाचरोद के अंदर एक बहुत पौराणिक मंदिर है भगवान राम-सीता का. मैंने दोपहर को 11.00 बजे निवेदन किया और शाम को 7.00 बजे 53 लाख रूपये का आर्डर मेरे हाथ में था. यह काम करने का अपना तरीका है. निश्चित रूप से इस प्रकार के अगर धार्मिक आस्थाओं के केन्द्र सुधरते हैं, संवरते हैं तो यह हम सबके लिये गर्व की बात है. और इसलिये मित्रों जो चीज नहीं हुई है उसे हम करेंगे, करना भी चाहिये मध्यप्रदेश के अंदर. आज अगर कोई कहता है कि इतने लाख का घोड़ा खरीद लिया. जितू भाई आपने पहले घोड़े खरीदे नहीं होंगे, देखे नहीं होंगे. जो घुड़सवारी कर सकता है घोड़े पर जो बैठने लायक होगा वही घोड़े पर बैठेगा और इसलिये अगर तीरंदाजी में, घुड़सवारी में, इन खेलों में खर्चा किया है तो यह सही किया है.

          उपाध्यक्ष महोदय जैसा कि अभी आपने कहा कि मैंने भी पत्र लिखा है माननीय मंत्रीजी को धन्यवाद के लिये कि 6-6 बच्चियां, हमारी बहनें अगर हाकी की टीम में सिलेक्ट होती हैं तो हमारे लिये यह गर्व की बात है. कहां पदकों के लिये तरसता था यह मध्यप्रदेश. लेकिन आज हमारी झोली में पदक आते हैं तो यह हमारी दृढ़ इच्छाशक्ति है और इसलिये मैं मध्यप्रदेश की संपूर्ण टीम को, माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय खेल मंत्री जी को धन्यवाद देते हुये इतना निवेदन जरूर करूंगा मंत्री जी से कि जो बड़े बड़े उद्योग हमारे यहां पर हैं. साल-दो-साल में उनके साथ में आपकी एक समीक्षा बैठक होना चाहिये. क्योंकि किसी भी कीमत में हमारा टारगेट यह होना चाहिये कि जो उद्योग लगे हुये हैं वह किसी भी कीमत में सिक नहीं हो, उनकी क्या परेशानियां हैं.

          उपाध्यक्ष महोदय-- दिलीप सिंह जी आपने आदरणीय मंत्री जी का तनाव कम कर दिया है.

          श्री दिलीप सिंह शेखावत-- माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं कह रहा था कि अगर हमारी समीक्षा बैठकें होंगी तो उनको वास्तव में आल वर्ल्ड में काम्पटीशन करने के लिये क्या परेशानियां है, क्या करना चाहिये, वह चीजें उन उद्योगपतियों से आयेंगी. निश्चित रूप से अगर यह परम्परा हम डालेंगे तो मैं मानूंगा कि जो सिक इन्ड्रस्ट्रियां होती हैं वह होने से बचेंगे. मैं माननीय मंत्री जी से एक निवेदन और करूंगा कि एक मेरे क्षेत्र में मुख्यमंत्री जी ने घोषणा की है फर्णाखेड़ी उस औद्योगिक क्षेत्र को अगर हम जल्दी अगर स्वीकृति प्रदान करेंगे तो ठीक होगा.

          माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं खेल मंत्री जी से एक निवेदन और करना चाहूंगा कि हमारे यहां पर कुछ जो रजिस्टर्ड व्यायाम शालायें हैं, उन व्यायाम शालाओं में अगर हम उपकरण देंगे तो ठीक से उन ग्रामीण अंचल में रहने वालों को फायदा होगा. मैं पुन: एक बार माननीय मुख्यमंत्री जी का, माननीय मंत्री जी का बहुत बहुत धन्यवाद देते हुये अपनी वाणी को विराम देता हूं. धन्यवाद.

श्री ओमप्रकाश सखलेचा (जावद)--  माननीय उपाध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 11, 43, 51 के समर्थन में खड़ा हुआ हूं. जहां मध्‍यप्रदेश भारत ही नहीं पूरी दुनिया में कृषि में नंबर 1 बना जो 66 प्रतिशत पापूलेशन की चिंता करता है वही उद्योग भी अब बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है, क्‍योंकि उद्योग के बिना आगे बढ़े रोजगार और बाकी अन्‍य व्‍यवस्‍थाओं में पूरी व्‍यवस्‍था समाज का एक बेलेंस डेवलपमेंट नहीं हो सकता. मैं माननीय मंत्री जी का इस विषय पर बहुत धन्‍यवाद भी करता हूं, उनकी दूरदृष्टि का सम्‍मान करते हुये इस बात की तारीफ भी करना चाहूंगा कि जहां डिफेंस पॉलिसी भारत सरकार के पहले मध्‍यप्रदेश के उद्योग विभाग ने सोची और उसके बारे में एक रणनीति बनाकर कि कैसे हम सरकारी उपक्रमों और गैर सरकारी उपक्रमों के माध्‍यम से मध्‍यप्रदेश में बड़ा इनवेस्‍टमेंट लायें. पहले तो यह चाहत होनी चाहिये, यह विजन होना चाहिये कि किस-किस क्षेत्र में हम अपने एरिये में इनवेस्‍टमेंट ला सकते हैं, उस पर पूरा प्रयास करें फिर उसमें सफलता आती है, क्‍योंकि मध्‍यप्रदेश की जो स्थिति पहले थी और जो आज स्थिति है, मुझे बहुत अच्‍छी तरीके से याद है, वर्ष 2004 में एक बार मैं बिजली के बारे में चर्चा कर रहा था तो उसमें मध्‍यप्रदेश के कागज में लिखा था सालाना बिजली की खपत में वृद्धि होगी .48 प्रतिशत, मुझे बड़ी हंसी आई कि कैसे अधिकारी डाक्‍यूमेंट बनाते हैं. सालाना वृद्धि और मैंने उस समय उस बात को कहा था कि जब तक बिजली की तरक्‍की के बारे में न सोचा जायेगा तब तक आगे अन्‍य विषयों पर क्‍या बात होगी और वास्‍तव में सरकार एक-एक करके उन विषयों को कवर करते हुये जब आज उद्योग पर आई, वाणिज्‍य पर आई तो आज सबसे बड़ा हब मध्‍यप्रदेश बनने की कगार पर है. आज अगर हम बात सोचें लाजिस्टिकल तो मध्‍यप्रदेश Could be one of the India's best place to be logistic hub और उसके लिये जो एफर्ट करे जा रहे हैं जगह-जगह जमीनें रिजर्व की जा रही हैं क्‍योंकि दुनिया में बहुत जल्‍दी जमीनें आज जो ज्‍यादा दिख रही हैं, बहुत जमीनों की कमी महसूस होगी. क्‍योंकि आज जो बेस्‍ट लैंड है, धीरे-धीर कृषि में भी तरीके बदल रहे हैं, उसका उपयोग बढ़ेगा तो कहीं न कहीं समय को ध्‍यान में रखकर जमीनें और जितने इंडस्‍ट्री सेक्‍टर के लिये अलग-अलग जगह जमीनें रिजर्व करके इंडस्‍ट्रि‍यल एरिया बनाये जा रहे हैं, कॉरीडोर के बारे में चिंता की जा रही है, यह बहुत महत्‍वपूर्ण निर्णय है इसके लिये मैं माननीय मंत्री जी को बधाई देता हूं, लेकिन साथ ही मैं दो-तीन और विषयों पर माननीय मंत्री जी का ध्‍यान दिलाना चाहता हूं. मैंने 4 साल पहले एज ए चेयरमेन एस्‍टीमेट कमेटी, जब वह कमेटी गुजरात दौरे पर गई थी तब हमने देखा था कि वहां पर सीएसआर का फंड कंपनी अपनी मर्जी से खर्च नहीं करती थी, वहां पर कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में सीएसआर की एक कमेटी बैठती थी जिसमें सब जनप्रतिनिधि बैठते थे और वह निर्णय करते थे कि सीएसआर का पैसा कैसे अलाट किया जाये, तो यह बात ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण उस दिन हो गई थी जब हम फोर्स मोटर पीथमपुर के एक इंडस्ट्रियल एरिये में गये थे तो वहां के प्‍लांट हेड ने कहा कि साहब हमारे यहां लोग सहयोग नहीं करते, हम इतना सीएसआर का काम करते हैं. हमने 50 से 100 एम्‍बूलेंस पिछले 5 सालों में सभी सांसदों को दीं. मैंने बोला सीएसआर कर रहे हो या पीआर कर रहे हो, यह स्‍पष्‍टीकरण करिये और जब उस स्‍पष्‍टीकरण की बात उठी तो यह जो मध्‍यप्रदेश में महत्‍वपूर्ण बात जो चूक रही है उस पर मैं माननीय मंत्री जी का ध्‍यान दिलाना चाहता हूं कि सीएसआर वास्‍तव में सिर्फ उसी एरिये में जिस पर इम्‍पेक्‍ट आ रहा है उस इंडस्‍ट्री के आने से लोकल लोगों पर जो इम्‍पेक्‍ट आ रहा है और यह जितना भी हम अधिग्रहण कर रहे हैं उस विषय पर अगर थोड़ा सा ध्‍यान देंगे तो उससे इंडस्‍ट्री के प्रति भी लोगों का रूझान बड़ेगा और साथ ही यह भी होगा कि समन्‍वय से लंबे समय तक इंडस्‍ट्री चलेगी. मैं 2-3 विषयों पर और बात रखना चाहूंगा कि जो इंवेस्‍टमेंट को बढ़ाने के लिये अलग-अलग विषय में ट्रेड में जो क्‍लस्‍टर्स बनाये गये हैं और विशेषकर आई.टी. पार्क, Which the requirement of the day क्योंकि जिस तरीके से ई-कॉमर्स और इलेक्ट्रानिक्स का तेजी से विकास हो रहा है उसके लिए IT पार्क की और कुछ कोर इंडस्ट्रीज की भी बहुत ज्यादा जरुरत थी. क्योंकि जितना हमारे पास मिनरल का बेस है उस मिनरल के बेस का एक्सपोर्ट न होकर, उसका टोटल कन्वर्जन मध्यप्रदेश में हो. वह भी एक अच्छी संभावना हो सकती है. क्योंकि अभी अभी कुछ ऐसी माइन्स अलाट हुई हैं जिसका रॉ-मटेरियल पड़ोस के राजस्थान ले जाकर वहां पर उसका कमर्शियल प्रोडक्शन कर रहे हैं. इसलिए कहीं न कहीं माईनिंग और इंडस्ट्री के बीच में कैसे समन्वय हो उसके बारे में थोड़ा सोचना चाहिए.

          उपाध्यक्ष महोदय, मैं मंत्रीजी को इस बात की भी बधाई दूंगा कि SSI और SSMI इंडस्ट्रीज़ हैं उसमें बहुत तेजी से रुझान बढ़ा है. आपने अलग अलग क्षेत्रों में जो ट्रेनिंग के प्रयोग किये हैं, उससे काफी फायदा हुआ है. इसको और निचले स्तर तक ले जाकर जो लोकल IITs हैं, उनको कैसे टेक ओव्हर करके, उसमें कैसे कोर्स बढ़ाये जायें. अभी जावद में रिसेन्टली दो टेक्निकल इंस्टीट्यूट हैं. मैंने उनके प्रमुख से अनुरोध किया था. हीरो होण्डा मोटर्स वाले आये, उन्होंने उसको देखा. उसमें पेण्ट का अलग से कोर्स कराकर 40-50 बच्चों को प्रशिक्षण दिलाया.

          उपाध्यक्ष महोदय, ये जो ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हैं उसमें स्पेसिफिक काम की ट्रेनिंग देना और उसके माध्यम से रोजगार को बढा़ना..

          उपाध्यक्ष महोदय--सखलेचा जी 2मिनट मे समाप्त करें.

          श्री ओमप्रकाश सखलेचा--जितना आप बोलेंगे उतने समय में मैं समाप्त कर दूंगा.

          उपाध्यक्ष महोदय--आप भाषण को प्लान कर लें.

          श्री ओमप्रकाश सखलेचा--मेरा ख्याल है मेरे जितने सुझाव है मैं बाद में व्यक्तिगत रुप से दे दूंगा. आप अन्य विधायकों को समय दे दें. धन्यवाद बहुत बहुत आभार.

         

          कुंवर विक्रम सिंह(राजनगर)उपाध्यक्ष महोदय, मांग संख्या 11,43 और 51 का विरोध करता हूं.

          उपाध्यक्ष महोदय, मैं सबसे पहले मंत्री महोदया का धन्यवाद करुंगा कि उन्होंने खेल एवं युवक कल्याण मंत्रालय जबसे संभाला, तब से मध्यप्रदेश में जो प्रतिभाएं थीं. खासतौर से शूटिंग अकादमी ने जो काम किया है और बच्चों को चयनित किया है. कम से कम हमारे मध्यप्रदेश के बच्चे नेशनल खेलने के लिए जाने लगे हैं. और शूटिंग में मध्यप्रदेश ने विदेशों में भी नाम कमाया है. मैं वास्तव में तहेदिल से आपका धन्यवाद करता हूं. उपाध्यक्ष महोदय, मैं खासतौर से एक नाम लेना नहीं भूलूंगा. हमारे पन्ना की अपराजिता सिंह, जिन्होंने मध्यप्रदेश के लिए कई मेडल जीते हैं.

          उपाध्यक्ष महोदय,मैं, मंत्रीजी से चाहता हूं कि खजुराहो में जो फुड प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जा रहा है उसमें क्षेत्र के लोग हैं उनको व्यवसाय करने का, काम करने का मौका दिया जाये. वहां पर  स्माल स्केल इंडस्ट्रीज़ या लार्ज स्केल इंडस्ट्रीज़ लगायी जाये ताकि बेरोजगारी समाप्त हो और बेरोजगारी के साथ साथ क्षेत्र के लोग पलायन करते हैं, वह रुकेगा. मैं उम्मीद करता हूं कि माननीय मंत्रीजी मेरे इस सुझाव को ध्यान में रखेंगी.

 

समय 5.44 बजे            सभापति महोदय (श्री ओमप्रकाश सखलेचा)पीठासीन हुए.

       

        संसदीय कार्यमंत्री(डॉ नरोत्तम मिश्र)--सभापतिजी प्रणाम...(हंसी)

          सभापति महोदय-- आज आपने जानबूझकर मुझे यहां पहुंचाया है.(हंसी)

        कुंवर विक्रम सिंह--सभापति महोदय, मैं माननीय मंत्रीजी से यह कहना चाहता हूं कि राजनगर विधानसभा क्षेत्र में लवकुश नगर पंचायत में माता बम्बर बेनी का प्राचीन स्थान है, उसे पवित्र क्षेत्र घोषित किया जाये. इससे यह होगा कि आपके मंत्रिमंडल में रहते हुए, आपके कर कमलों से एक उल्लेखनीय कार्य होगा और माता बम्बरवेनी की कृपा सदा आपके ऊपर रहेगी. प्रदेश के मुख्यमंत्री जी का भी नाम होगा. माननीय सभापति महोदय, इसी प्रकार से जो शासकीय मंदिर जीर्ण-शीर्ण पड़े हैं. कुछ मंदिरों को माननीय मंत्री महोदया ने मेरे विधान सभा में देख-रेख के लिए राशि स्वीकृत की है, उसके लिए भी मैं धन्यवाद देता हूं.

          सभापति महोदय, माननीय मंत्री महोदया ने धनुषधारी मंदिर राजनगर, राम जानकी मंदिर चन्द्र नगर, शंकर जी का मंदिर पिपट, गिरधौरी राम जानकी का मंदिर जो मेरे विधान सभा क्षेत्र में पड़ते हैं, उसके लिए राशि स्वीकृत की है, मैं आपका तहेदिल से आभारी हूं. मेरी क्षेत्र की जनता भी आपकी आभारी है. सभापति महोदय, आपने मुझे बोलने का समय दिया, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

श्री रामेश्वर शर्मा ( हुजूर ) - सभापति महोदय, मैं मांग संख्या 11,43 एवं 51 के समर्थन में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं. वैसे तो अभी हमारे विपक्ष के साथी बोल रहे थे. उन्होंने केवल एक शब्द जरूर बोला है कि मैं इसके विरोध में बोल रहा हूं बाकी सारी बातें उन्होंने समर्थन में बोली है. यही किसी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है कि पक्ष हो या विपक्ष हो, लोकतंत्र में अगर सरकार के कामों का समर्थन मिलता है तो इससे बड़ी सरकार को कोई दूसरे पदमश्री की आवश्यकता नहीं होती. मैं माननीय मंत्री महोदया को और माननीय मुख्यमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं कि आप सोच देखिए. हमारी सरकार का कोई भी नजरिया भेदभाव का नहीं है. आसंदी ने भी माननीय मंत्री महोदया के कार्यों की सराहना की है. उपाध्यक्ष महोदय ने कहा कि मैंने आपको प्रशंसा में पत्र लिखा है. जब 6 बेटियों का यहां पर सिलेक्शन हुआ. अभी कुंवर विक्रम जी ने भी बोला. आप इस बात को सोचिए कि हमारी सरकार के काम करना का नजरिया है क्या, नजरिया है जनता का हित. हमने अभी उद्योग की चर्चा की, भैया आरोप लगाकर सूची पढ़कर निकल गये.

उपाध्यक्ष महोदय ने कहा कि रुकिए, सबका सुनिए. हमने कहां कहां कितना निवेश किया, कितना हमने उत्पादन किया, कितने हमने नये उद्योग खड़े किये, पहले मंडीदीप क्या था? पीथमपुर क्या था? आज क्या है? यह आप भी जानते हैं और प्रदेश जानता है. अगर समर्थन नहीं मिलता, उद्योग खड़े नहीं होते, लोगों के हाथ में रोजगार नहीं होता. मध्यप्रदेश में 24 घंटे लाईट नहीं होती, कोई बुलाने पर आता? कोई हमारे निमंत्रण पर आता? अगर हमारे निमंत्रण और बुलाने पर आया है, हमारी साख बड़ी है तभी वह बुलाने पर आया है.

सभापति महोदय, उत्तरप्रदेश में कोई बुलाने पर गया है क्या? दूसरे प्रदेशों में कोई बुलाने पर गया है क्या? नहीं गया. लेकिन हमारी सरकार के औद्योगिक क्षेत्र में जो काम हैं वह औद्योगिक क्रांति है. हमने वायदा किया है, हमने सरकारी रोजगार का वायदा नहीं किया है, हमने प्रदेश के 5 लाख नौजवानों को रोजगार देने का वायदा किया है. मैं दावे के साथ आज कह सकता हूं कि सारी प्राइवेट इंडस्ट्रीज़ मिला ली जाय, अगर कांट्रेक्टरशिप और सारी चीजों को मिला लिया जाय तो 5 लाख नौजवानों को मध्यप्रदेश की धरती रोजगार दे रही है. यह अपने आप में मध्यप्रदेश सरकार के लिए एक बधाई है. यह सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है. हमने किस किस क्षेत्र में आरक्षण किया है. मैं आपको यह भी बता दूं कि पॉवर सप्लाई 17000 मेगावॉट है. आप देखिए कि औद्योगिक प्रयोजन के लिए, किसी भी सरकार का आप उदाहरण ले लीजिए, कोई सरकार ने उद्योग के लिए पानी का आरक्षण नहीं किया. मैं माननीय मंत्री महोदया को धन्यवाद देता हूं. हमारी सरकार ने केवल उद्योग के लिए 900 सीएमडी जल का आरक्षण नर्मदा में किया है. हम उद्योगों की क्रांति चाहते हैं तभी इसमें आरक्षण किया. हमने 1 लाख 60 हजार कि.मी. सड़कें बनाईं. अगर सड़कें नहीं होती तो कोई उद्योगपति हमारे यहां आता? कोई हमसे उद्योग की बात करता. सड़कों का जाल बिछा तब हमारे यहां उद्योग आना शुरू हुए. सभापति महोदय, जहां सरकार के पास उद्योगों को लगाने के लिए जमीन ही नहीं होगी, उसका आरक्षण ही नहीं होगा तो कोई उद्योगपति आएगा? नहीं आएगा. लेकिन हमारी सरकार ने 25000 हैक्टेयर औद्योगिक क्षेत्र के लिए जमीन का आरक्षण किया, यह अपने आप में हमारी सरकार का कार्य बेमिसाल है. क्योंकि हमारी सरकार प्रगति चाहती है. आज  आप बतायें कि एक सदस्य को छोड़कर पूरे 230 सदस्यों ने मध्यप्रदेश के इतिहास में, जितना भी हमारी मंत्री महोदय को धन्यवाद दिया जाय कम होगा 230 विधायकों को  सरकार की तरफ से कप बनाकर दिया है और आयोजन के लिए 30 हजार रूपये की राशि भी दी जो कि अपने आप में एक बड़ा उदाहरण हैं. बतायें कि ऐसा कौन सा प्रयोजन है कि वह 230 विधान सभाओं में हो, हमारे यहां पर मुख्यमंत्री कप शुरू हुआ है, नीचे से हमारे नौजवान गांव से खेत से खेलते हुए यहां पर आ रहे हैं और वह भी आगे बढ़ रहेहैं. यह भी एक बड़ा काम हुआ है. हम उसमें हमारी राशि भी मिला सकते हैं. जैसा कि सब सदस्यों ने मांग की है कि अगर इ सके लिए एक लाख रूपये की राशि की जाय तो अच्छा होगा और धूमधाम से हम मंत्री जी  जो आपका सपना है, अब घोड़े परनहीं बैठ पाये हैं तो इसमें हम और मंत्री जी क्या करें.  एक वफादार चीज तो हमने खरीदी है. मध्यप्रेदश के नौजवान भी घोड़े पर बैठें , वह भी तलवार बाजी सीखें, वह और दूसरे खेल भी सीखें. बताइये पहले स्टेडियम क्या थे. जो खेल मंत्री रहे हैं वहतो निकल गये, उन्हें बोलने नहीं दिया गया, आज अगर 51 जिले हैं तो 50 हमारे पास में स्टेडियम हैं. हम और भी स्टेडियम बनायेंगे, अभी निर्माणाधीन 25 स्टेडियम हैं, 2 लाख नौजवान प्रतिवर्ष प्रशिक्षण पा रहे हैं मध्यप्रदेश की धरती पर खेल में जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है.

          खेल के लिए मैंने भी मंत्री महोदय से प्रार्थना की है. मेरे यहां पर 53 पंचायतें हैं, उन पंचायतों के लिए मैंने कलेक्टर से बात करके, हमारे यहां पर खेल के संबंधित अधिकारी बैठे हैं, इनके साथ में बात करके ढाई एकड़ से लेकर के पांच एकड़ तक की जमीन आरक्षित करवाई है. विभिन्न निधियों से मैंने संचय करके, मेरी खुद की निधि सांसद महोदय की निधि, तमाम जगह से निधि इकट्ठी करके मैंने प्रत्येक खेल मैदान के लिए 8 लाख रूपये से 25 लाख रूपये तक की निधि दी है.

          मैं माननीय मंत्री महोदया से प्रार्थना करूंगा कि राजधानी से लगी हुई इन 53 पंचायतों को अगर आपकी तरफ से 8 लाख का भी तोहफा मिल जायेगा तो आने वाले दिनों में यह राजधानी के खेल मैदान होंगे, क्योंकि आने वाले 10 - 12 साल में राजधानी का विस्तार वहां तक हो जायेगा. उन खेल मैदानों का हम विस्तार चाहते हैं. अगर मंत्री  महोदय इस ओर ध्यान देंगी तो और अच्छा होगा. मैं एक और प्रार्थना करना चाहता हूं कि हमारे कोलार क्षेत्र में माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा है वहां पर हम एक स्टेडियम बनाना चाहते हैं. यदि उस पर मंत्री महोदय ध्यान दें तो वहां पर भी एक अच्छा स्टेडियम बन जायेगा. भोपाल में अभी कोई खेल का अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खेल का मैदान नहीं है. जगह का आरक्षण हो गया है मंत्री जी, अधिकारियों ने जगह का पजेशन ले लिया है यदि आपकी दृष्टि में उचित हो तो और् माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी घोषणा की है तो आने वाले दिनों में जल्दी ही उसका भूमि पूजन करें और अगला जब मैच हो तो भारत और पाक की टीम भोपाल में खेले और भारत का तिरंगा भोपाल कीधरती सेलहराये तो एक विश्व कप में और भारत का नाम होगा. वह भी मैच वहां पर कराये जा सकते हैं.

          मैं माननीय मंत्री जी से प्रार्थना करना चाहता हू कि केवल वह मंदिर जो प्राचीन समय से हमारे थे या जिनकी व्यवस्था शासन की तरफ से हो रही है. उन मंदिरों की तरफ नहीं बल्कि मेरा एक विभाग को सुझाव या निवेदन कहलें. ऐसे तमाम प्रकार के मंदिर हैं, और भी दूसरे धर्मों के धार्मिक स्थल हो सकते हैं, जिनकी हालत आज की तारीख में ठीक नहीं है. एक तो धर्मस्व विभाग पूरे कलेक्टरों को निर्देशकरके मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरूद्वारे या दूसरे स्थलों का सीमांकन भी कराये और एक सूची बनाये कि कितने हैं और कब से हैं कौन इनका रख रखाव करता है. समिति किस की है वहसमिति कितना मानदेय देती है. इसलिए उस दृष्टि से मंदिरों का रख रखाव भी होगा तो जिस तरह से अभी मंदिरों के लिए मंत्री जी को धन्यवाद मिला है तो उस सार्थक भूमिका में भी हम आयेंगे. मैं आप सबकी ओर से एक बार मंत्री जी को धन्यवाद देता हूं आपने जो समय की कृपा की है आपको भी धन्यवाद देता हूं.

            श्री यादवेन्‍द्र सिंह (नागौद) -- माननीय सभापति महोदय, मैं मांग संख्‍या 11, 43 एवं 51 का विरोध करता हूँ. मेरे विधान सभा क्षेत्र में धर्मार्थ शाखा से बरकुनिया मंदिर सेवादास अखाड़े में पहले हमेशा जब से उसके महाराज ने मंदिर में जमीन चढ़ाई थी राम जानकी के नाम से, बराबर बोली चलती रह गई यह सैकड़ों वर्षों से हो रहा था कि उनकी नीलामी होती थी लेकिन तीन वर्षों से माननीय मंत्री महोदया के यहां से बोली स्‍थगित हो गई और तीन साल से जमीन बंजर पड़ी हुई है. दोनों, सेवादास अखाड़े और बरकुनिया मंदिर को 10 से 12 लाख रुपये साल का नुकसान हुआ. मैं चाहता हूँ कि मंत्री जी उसे अपने विभाग से उस मंदिर के नाम जितना नुकसान हुआ है उसकी राशि जमा करें नहीं तो उस गांव की जनता जर्नादन अदालत जाएगी.

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया -- आप फिर से मंदिर का नाम बताएं.

          श्री यादवेन्‍द्र सिंह -- मैं नागौद के सेवादास अखाड़े की बात कर रहा हूँ. मंदिर के जमीन की नीलामी होती है हर वर्ष, मैं कई बार आपके पास गया हूँ, विधान सभा प्रश्‍न भी लगाया, आज वह जमीन बंजर हो गई है और 3 साल से मंदिर का नुकसान हुआ, उस मंदिर से विकास होता था, जमीन का काफी किराया आता था जो दुकानें बनती थीं. इस सबका नुकसान हुआ है तो आप इसका पैसा अपने विभाग से धर्मार्थ शाखा से उस मंदिर का वापस लौटाएं जो हर साल बोली होती थी. दूसरी बात जो मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूँ वह है ऊँचेहरा विकासखण्‍ड मेरे विधान सभा क्षेत्र में है वहां पर रामपुर पाटा, नीलकंठ स्‍वामी महाराज ने डेढ़ सौ एकड़ जमीन मंदिर में चढ़ाई थी, वहीं पर राम जानकी का मंदिर है इसी तरह से पूरी जमीनों का प्रबंधक कलेक्‍टर महोदय सतना है. यह उस खसरे में लिखा है, मगर उन जमीनों पर असरदार लोग कब्‍जा किए हुए हैं उनकी न बोली हुई है आज तक और मंदिरों की यह हालत है कि वहां पर भोग नहीं लगता. किसी के पूर्वजों ने मंदिर में जमीन चढ़ाई तो उस समय जमीनें काफी थीं लेकिन आज यह हालत है कि उनके लड़के-बच्‍चे बहुत हो गए. हालात यह है कि उस जमीन पर असरदार लोग खेती कर रहे हैं, आज वहां का प्रबंधक कलेक्‍टर है, आज भगवान का भोग नहीं लग पा रहा है और यहां तक कि 500 रुपये जो मध्‍यप्रदेश शासन ने पुजारियों के लिए तय किये हैं वह अब मंदिर में घंटी बजाने से असमर्थ हैं क्‍योंकि 2-3 घंटा सुबह पूजा-पाठ करते हैं, 2-3 घंटा रात को आरती करते हैं और 500 रुपये उन्‍हें महीने का मानदेय मिलता है तो उसे भी बढ़ाया जाए और जहां पर प्रबंधक कलेक्‍टर है 20 एकड़ के ऊपर, जो जमीन है, चाहे मध्‍यप्रदेश की बात हो चाहे मेरे जिले की बात हो या कि मेरे विधान सभा की, उन सभी जमीनों की नीलामी कराई जाए ताकि नीलामी की रकम से भगवान को भोग लग सके, मंदिरों का पुनर्निर्माण हो सके.

          माननीय सभापति महोदय, मेरे यहां जो लड़के ओलम्‍पिक में जाते हैं जो नेशनल खेलते हैं उनको प्राइवेट सेक्‍टर या फैक्‍टरियों में या शासन में कम से कम 2 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाए ताकि खेलकूद की प्रतिभा और आगे बढ़े और लड़कों का उत्‍साह बढ़े. तीसरी बात मैं कहना चाहूंगा कि हमारे नागौद महाविद्यालय में स्‍पोर्ट्स की पोस्‍ट नहीं है, खेलकूद कौन कराए, इसलिए जो शासकीय हायर सेकण्‍डरी स्‍कूल हैं, महाविद्यालय हैं उनमें कराया जाना जरूरी है. माननीय सभापति महोदय, बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

          सभापति महोदय -- वह शिक्षा विभाग में कह दीजिएगा.

          श्री सुदर्शन गुप्ता(इन्दौर-1)-- माननीय सभापति महोदय, मैं मांग संख्या 11,43 और 51 का समर्थन करने के लिए खड़ा हुआ हूँ. मैं सर्वप्रथम उद्योग मंत्री श्रीमती  यशोधरा राजे सिंधिया जी और उनके विभाग की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करता हूँ और चूंकि आपने समय कम दिया है इसलिए  मैं केवल अपने विधानसभा क्षेत्र की जो समस्याएँ हैं, औद्योगिक क्षेत्र की जो समस्याएँ हैं उसकी ओर ही ध्यान आकर्षित करूंगा. मेरी विधानसभा में अनेक औद्योगिक क्षेत्र हैं  और इसमें  सांवेर रोड, पोलो ग्राउण्ड, किला मैदान, राउ, पालदा आदि औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग 2500 से अधिक उद्योग संचालित हो रहे हैं. इन सभी औद्योगिक क्षेत्रों में जो मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. सभी जगह पर वहां पर ड्रेनेज सिस्टम नहीं है  तथा वर्षा के जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है जिसके कारण बारिश के समय काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है. इसी के साथ वहां पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. उद्योग मालिकों को स्वयं के खर्चे से वहां पर बोरिंग कराना पड़ता है और जब गर्मी आती है और बोरिंग सूख जाते हैं तो टेन्करों को माध्यम से उन मजदूरों की प्यास बुझाना पड़ती है. सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अतिक्रमण तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है. उद्योगों के बाहर गुमटियां ठेले और कच्चे निर्माण तेजी के साथ चल रहे हैं और यह निर्माण हटाने में न तो प्रशासन रुचि रखता है और न ही नगर निगम रुचि रखता है और उद्योग विभाग के पास न तो  अतिक्रमण हटाने के लिए कोई  अमला है, न ही साधन है तो माननीय मंत्री जी इस ओर विशेष ध्यान दें. इस पूरे क्षेत्र को उद्योग विभाग में नोटीफाई भी नहीं किया गया है जिससे उद्योग लगाने पर शासन की अनेक योजनाओं का लाभ जो उद्योगपतियों को मिलता है वह भी लाभ उन लोगों को नहीं मिल रहा है. इन औद्योगिक क्षेत्रों में कार्य करने वाले हजारों मजदूरों के सुरक्षा का कोई इन्तजाम नहीं है. रात्रि में फेक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के साथ असामाजिक तत्वों के द्वारा  अभद्र व्यवहार किया जाता है,उनके साथ लूट खसौट की घटनाएँ की जाती है और विशेष कर महिला कर्मचारी जो हैं, महिला मजदूर हैं उनके साथ आये दिन छेड़खानी की घटनाएँ होती हैं और आये दिन विवाद होता है. सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में  लगभग छोटे बड़े 1500  उद्योग चल रहे हैं जिसमें अधिकतर प्लास्टिक, कागज, केमीकल के उद्योग हैं. प्रतिवर्ष अनेक आगजनी की घटनाएँ घटित होती हैं जिससे प्रतिवर्ष करोड़ों का नुकसान होता है जिससे  उद्योगपति कर्जे में दब जाता है. यदि उद्योग विभाग फायर भवन बनाकर तैयार कर दें और वहां अग्निशमन वाहन खड़े हो सकते हैं तो नगर निगम के माध्यम से हम उसकी व्यवस्था करा लेंगे तो उससे उद्योगों को फायदा होगा. वर्तमान में उद्योग विभाग के स्थानीय अधिकारियों का वहां के स्थानीय उद्योगपतियों के साथ रवैया ठीक नहीं हैं. बीच में काफी विवाद हुए और उद्योगपतियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. वहां के जो प्रभारी महाप्रबंधक हैं उनका एक उद्योगपति के साथ विवाद  के कारण उन्हें असत्य प्रकरण में फंसाया गया. काफी आंदोलन हुए और उससे उद्योगपतियों में काफी नारजगी है. सभापति जी, मैं आपके माध्यम से उद्योग मंत्री जी को बधाई दूंगा, धन्यवाद दूंगा कि एकेवीएन के माध्यम से मेरे क्षेत्र पोलोग्राउण्ड का विकास किया गया है और  बाकी बचे हुए कार्य करने हेतु वहां का एस्टीमेट मैंने आपके विभाग में पहुंचाया है सड़को का, पुलिया बनाने के लिए एस्टीमेट भेजा गया है, मेरा अनुरोध है कि उसको स्वीकृत करें. बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्री यादवेन्द्र सिंह--- सभापति महोदय, मैं एक बात कहना भूल गया था, मेरे यहां से माननीय नागेन्द्र सिंह जी मंत्री थे, 8 साल रहे 10 साल में. मेरे यहां नागौद में  उचैहरा ब्लाक,नागौद ब्लाक में एक भी उद्योग नहीं है. मैं माननीय मंत्री महोदय से कहता हूँ कि मैं जगह उपलब्ध कराऊंगा, कोई न कोई  उद्योग खोलने का कष्ट करें.धन्यवाद.

          सभापति महोदय-- आप माननीय मंत्री जी को लिखकर के दे दीजिएगा, वह सहृदय हैं, ध्यान रखेंगी.

6.04 बजे                                              अध्यक्षीय घोषणा

                                   माननीय सदस्यों के लिए स्वल्पाहार विषयक

         

          सभापति महोदय--सदन की लॉबी में माननीय सदस्यों के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था की गयी है. माननीय सदस्य सुविधानुसार स्वल्पाहार ग्रहण करने का कष्ट करें.

                                                                                                         

वर्ष 2016-17 की अनुदान मांगों पर मतदान (क्रमशः)

 

श्री गिरीश भंडारी-( अनुपस्थित)

          श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर(खरगापुर)--- माननीय सभापति महोदय, मैं मांग संख्या 11, 43, 51 के विरोध में अपनी बात रख रही हूं. खरगापुर विधानसभा इतना पिछड़ा हुआ क्षेत्र है, जाकर देखा जा सकता है.शिक्षित बेरोजगार हैं और श्रमिक भी रोजगार की तलाश में दूर-दूर शहरों में मजदूरी करके बच्चों को पाल रहे हैं. पिछले बजट में भी मैंने माननीय मंत्री महोदया जी से निवेदन किया था और इस बार भी विनम्रता से निवेदन कर रही हूं कि मेरे खरगापुर विधानसभा में कोई लघु उद्योग कारखाना खोल दिया जाएगा तो मजदूरों को, शिक्षित बेरोजगारों के हाथों को काम मिल जाएगा और परिवारजनों के पालन पोषण हेतु सहायता मिल जाएगी. माननीय सभापति महोदय, खेलों के विषय में खरगापुर विधानसभा के युवाओं को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने हेतु लघु खेल के मैदान ग्राम घूरा, लारौन, देहड़ी,कुड़िला, फुटेरहटा में बनाये जाने की व्यवस्था करें तो अति उत्तम होगा. माननीय सभापति महोदय , मैं एक बात और खरगापुर विधानसभा की रखना चाहती हूं, माननीय मंत्री महोदया जी जरूर इस विषय पर ध्यान देंगी. मेरी विधानसभा खरगापुर में माता विंध्यवासिनी, बल्लोगढ़,माता कालका देड़ी में एवं दूधदेही माता के मंदिरों पर आने-जाने वाले भक्तों को धर्मशाला एवं मंदिरों की सीढ़ियों पर टीनशेड लगाये जाये. आपने मुझे बोलने का मौका दिया धन्यवाद.

          श्री के.के. श्रीवास्तव(टीकमगढ़)--  माननीय सभापति महोदय, मैं मांग संख्या 11,43,51 का समर्थन करता हूं . अभी यहाँ चर्चा हो रही थी हर बार यहाँ 2003 क्यों कहा जाता है तो मैं कहना चाहता हूं कि जब खरा सिक्का कोई हो तो खोटा सिक्का दिखाना ही पड़ेगा और इसलिए खोटे सिक्कों को बगल में रखना पड़ता है. माननीय सभापति महोदय, आज मध्यप्रदेश में तेजी से औद्योगिक विकास हो रहे हैं. औद्योगिक क्षेत्रों और विकास केंद्रों में 15 हजार हेक्टेयर भूमि का विकास किया गया है . उद्योग संवर्धन नीति बनाकर मध्यप्रदेश की सरकार ने निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया है इसके अच्छे परिणाम आ रहे हैं. औद्योगिक विकास में बाधक जो बाबा आदम के जमाने के नियम थे , उन नियमों का सरलीकरण किया गया है. उन परिस्थितियों को चेंज किया गया है और प्रदेश में प्रशासन जो उद्योग का काम देखते हैं , वह एक प्रकार से उद्योग मित्र की भूमिका में आकर के निवेश करने वाले और उद्योग लगाने वाले लोगों के लिए बेहतर प्रबंधन और बेहतर सुविधायें दे रहे हैं. प्रदेश में औद्योगिकीकरण के हित में सलाह एवं सुझाव हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में उद्योग सलाहकार परिषद का गठन किया गया. लघु उद्योग आगे बढ़े. छोटे-छोटे कल कारखाने आगे आए, छोटे छोटे लोग रोजगार के माध्यम से जुड़े. सब सरकारी नौकरियों में नहीं आ सकते हैं, इसलिए लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की दृष्टि से भी मध्यप्रदेश में राज्य स्तरीय लघु उद्योग संवर्धन बोर्ड का भी गठन किया गया, जिसकी अध्यक्ष हमारी उद्योग मंत्री होती हैं. माननीय सभापति महोदय, 2014 जो औद्योगिक नीति है उसके लागू होने के बाद प्रदेश में औद्यीगिकीकरण में गति और पूंजी निवेश को बढ़ावा मिला है. 2003 के पहले बीमारू राज्य की पंक्ति में खड़ा प्रदेश अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा था. उस समय इस प्रदेश की तत्कालीन जनता कोसती थी .न सड़कें, न बिजली, न कोई काज ,अंधेर नगरी चौपट राज, था. यह परिस्थितियाँ उस समय मध्यप्रदेश में थी. माननीय सभापति महोदय, आज लैंड बैंक की स्थापना मध्यप्रदेश में हुई है. पूरे मध्यप्रदेश के 51 जिलों में (श्री रामकिशोर दोगने के बैठे बैठे टिप्पणी करने पर) दोगने जी , तीन गुने मत बनो. पूरे प्रदेश के 51 जिलों में शासकीय भूमि चिन्हित की गई जो 25 हजार हेक्टेयर से भी अधिक है. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एक अभिनव प्रयोग है. इसमें मैं मंत्री महोदया से निवेदन करना चाहूंगा कि अभी 1 करोड़ रुपया इसमें युवाओं को दिया जाता है युवा उद्यमी योजना में, यह कम है . आज की परिस्थिति  में इसको 1 करोड़ की जगह 2 करोड़ तक कर दिया जाना चाहिए . टीकमगढ़ में एक नवीन औद्योगिक केंद्र मधुवन विकसित करने का एक आश्वासन माननीय मंत्री महोदया का मुझे इस सदन में मिला था, जिसमें 2 हेक्टेयर भूमि चिन्हित कर ली गई है आपसे अनुरोध है कि जहाँ भी जो दिक्कत हो , उसका समाधान शीघ्र करते हुये उसका सीमांकन कर  दिया  जाये और मधुवन नवीन औद्योगिक केंद्र फिर से विकसित किया जाये. बड़ागाँव धसान क्षेत्र जो हमारे टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र में है. बानसुदारा बाँध के विस्थापितों को मध्यप्रदेश की सरकार ने अरबों रुपये मुआवजा बाँटा है. अब वे धनवान तो हो गए लेकिन उनकी भूमि डूब में आ गई तो वे भूमिहीन हो गए हैं. पैसा बहुत है इसलिए मेरा आप से अनुरोध है कि बड़ागाँव क्षेत्र में एक 25-50 हैक्टेयर भूमि चिन्हित करके एक नवीन औद्योगिक क्षेत्र वहाँ विकसित किया जाए ताकि वह पैसा व्यर्थ न चला जाए ताकि वे लोग कहीं न कहीं उस पैसे का उपयोग कर सकें इसलिए उनको कौशल उन्नयन प्रशिक्षण भी दिला करके एक नवीन औद्योगिक केन्द्र खोला जा सकता है.माननीय सभापति महोदय, टीकमगढ़ में एक औद्योगिक क्षेत्र है ढोंगा, उनकी सड़कें अत्यंत जीर्णशीर्ण हैं, उनका उन्नयन कराने का भी कष्ट करें.

          माननीय सभापति महोदय, मैं खेल विभाग के बारे में भी बात करना चाहता हूँ.

          सभापति महोदय-- कृपया एक मिनट में समाप्त करिए. जो अपने विषय हैं वह रख दीजिए.

          श्री के.के.श्रीवास्तव--  सभापति महोदय, मध्यप्रदेश ने खेल में नित नये कीर्तिमान रचे हैं. हॉकी प्रदेश में फिर से जीवित हो चुकी है. हॉकी के खिलाड़ियों का सम्मान हुआ है. दो दो हॉकी की एकेडमी मध्यप्रदेश के अन्दर पुरुष और महिला, मध्यप्रदेश की सरकार ने खोली है और उसके अच्छे परिणाम हुए हैं. मेरे टीकमगढ़ में लगभग 60 वर्षों से अखिल भारतीय स्तर का, जिसका देश के 16 टूर्नामेंट्स में नाम है, वह टूर्नामेंट अखिल भारतीय स्तर का वीरसिंह जूदेव मेमोरियल हॉकी टूर्नामेंट्स 60 सालों से चल रहा है. पिछले 4-5 सालों से राजमाता विजयाराजे सिंधिया महिला हॉकी टूर्नामेंट भी अखिल भारतीय स्तर का टीकमगढ़ में आयोजित किया जा रहा है. मैं चाहता हूँ कि वहाँ लगभग 12 सालों से तो मैं ही उस पूरे आयोजन को करवाता हूँ. मैं चाहता हूँ कि वहाँ एस्ट्रोटर्फ की बहुत पुरानी एक मांग है. एस्ट्रोटर्फ टीकमगढ़ में हो जाए. टीकमगढ़ में केन्द्र सरकार ने भी साई सेंटर खोला है जिसमें हॉकी की नर्सरी, हॉकी की कोचिंग वहाँ दी जाती है इसलिए मैं चाहता हूँ कि वहाँ पर एस्ट्रोटर्फ स्वीकृत कर दिया जाए. मंत्री महोदया इसी बजट में शामिल कर लेंगी तो बहुत बड़ी कृपा होगी और ढोंगा स्थित प्राचीन पोलो ग्राउण्ड है, हमारे उस समय का रियासत कालीन पोलो ग्राउण्ड है उसका कबड्डी, मलखम, फुटबॉल एवं तैराकी के लिए राज्य स्तरीय लेवल का है कभी देखेंगे, बहुत शानदार है. उसमें राज्य स्तरीय खेल प्रशिक्षण, इसमें कबड्डी, मलखम और फुटबॉल वाली प्रतियोगिताएँ कराई जा सकती हैं. सभापति महोदय, मैं पूरे सदन की तरफ से माननीय मंत्री महोदया को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि पूरे मध्यप्रदेश में गाँव गाँव की प्रतिभाओं को कैसे अवसर दिए जाएँ, कैसे वे खेल के माध्यम से जुड़ें, कैसे उनको साधन सुविधाएँ ये सब देने का, अगर वातावरण देने का काम किया है तो विधायक कप के माध्यम से मध्यप्रदेश की हमारी खेल मंत्री यशोधरा जी ने किया है. मैं बहुत धन्यवाद देते हुए अपनी बात समाप्त करता हूँ. बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्रीमती ऊषा चौधरी(रैगाँव)--  माननीय सभापति महोदय जी, मेरे सतना जिले में उद्योगों का जाल बिछा हुआ है. लेकिन स्थानीय लोगों को वहाँ पर रोजगार नहीं मिला है और न ही स्थानीय लोगों की उन फैक्ट्रियों में सुनी जाती है. मैं माननीय मंत्री महोदया जी से आग्रह करना चाहूँगी कि रोजगार की स्थिति में उद्योग जगत में बेरोजगारों को रोजगार भी नहीं मिलता. बैंक द्वारा उनकी फाईलें,  अगर किसी प्रोजेक्ट को तैयार करके नौजवान लोग बैंकों में फाईल लगाते हैं तो 2-2 साल फाईल पड़ी रहती है. मेरे रैगाँव विधान सभा में खुद करसरा ग्राम पंचायत में 8 लड़कों ने प्रोजेक्ट बनाया 2 साल से उनकी फाईलें बैंक में पड़ी हुई हैं और बैंक मैनेजर चढ़ौत्री न मिलने के कारण, यह कहते हैं कि हम तुम्हारी लाइफ बर्बाद कर देंगे. तुम विधायक के पास क्यों गए थे? यह हालत है मेरे सतना जिले में बेरोजगारों की. दूसरी बात है, उद्योग विभाग में रानी दुर्गावती योजना थी जिसमें एस सी, एस टी, के लोगों को 30 परसेंट की छूट मिलती थी, इस योजना को भी खतम कर दिया गया है.

          सभापति महोदय, मेरे रैगाँव क्षेत्र में कोई भी उद्योग नहीं एक बिड़ला फैक्ट्री की उप शाखा रामपुर चौरासी में खुलनी थी, क्या पता किस कारण से वह लंबित पड़ी हुई है. वह भी अगर हो जाती तो कुछ लोगों को रोजगार मिल जाता और हमारे क्षेत्र में दूध की डेयरी फार्म अगर खोला जाए तो उसमें भी कुछ महिलाओं को रोजगार मिल सकता है और हमारे क्षेत्र में इसके लिए काफी अच्छा प्रभाव पड़ सकता है.

          माननीय सभापति महोदय, मैं मांग संख्या 11 वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार पर भी बोलना चाहूँगी. मेरे विधान सभा क्षेत्र में स्थानीय लोगों को कोई रोजगार नहीं मिलता. सिंहपुर ट्रायबल एरिया है जिसमें वहाँ के लोगों को कम से कम डेढ़ सौ किलोमीटर का एरिया है और सतना आने में काफी लंबा पड़ता है इसलिए सिंहपुर क्षेत्र में कोई फेक्ट्री खोली जाए जिससे वहां के लोगों को रोजगार मिल सकेगा. सितपुरा में एक प्लायवुड कंपनी है जहां मजदूर काम करते हैं लेकिन उनको उचित मजदूरी नहीं मिलती है न ही उनका रिकार्ड देखने को मिलता है 2000-4000 रुपये मासिक में पूरे दिन मजदूर वहां काम करते हैं ऐसी कंपनियों पर अंकुश लगाया जाए ताकि मजदूरों को सही मजदूरी मिल सके.

          सभापति महोदय,खेल के बारे में माननीय मंत्रीजी से कहना चाहूंगी कि मेरे विधान सभा क्षेत्र में कई खेल मैदान हैं जहां बच्चे खेलते हैं परन्तु पंचायतों के पास उतना पैसा नहीं होता है कि वे उनमें पिचिंग करा सकें मंत्री महोदय पंचायतों को फंड देने का काम करें. विधायक ट्राफी प्रारंभ करने के लिए मैं आपको धन्यवाद देती हूं लेकिन इसकी निधि 30000 रुपये है यह बहुत कम है इसको बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जाय. मेरे क्षेत्र में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से 1 करोड़ 60 लाख रुपये की राशि पूर्व विधान सभा में खेल मैदान हेतु स्वीकृति की थी. मैंने पटवारी द्वारा दिया गया नक्शा, जमीन का नक्शा, खसरा सब कुछ उपलब्ध करा दिया है एवं कलेक्टर को दस बार पत्र भी लिख दिया है परन्तु उस खेल मैदान का काम आज तक शुरु नहीं हुआ है शायद 31 मार्च को राशि भी लेप्स हो जाएगी इस पर ध्यान दिया जाए.

          सभापति महोदय, मेरे विधानसभा क्षेत्र में पौराणिक मंदिर हैं जैसे भरजुना, सिंहपुर, पटपरनाथ, भादे की चन्दी देवी, रक्सेलवा मंदिर, सतना जिले में भरजुना पहाड़ में बौद्धकाल के अवशेष मिलते हैं, पाली भाषा के अवशेष मिलते हैं वहां काफी खनिज संपदा भी थी कई लोग निकालकर ले भी गए हैं वहां पर बाउन्ड्री वॉल और गेट तो बनवा दिया गया है. वहां बौद्ध जयंती के दिन बहुत बड़ा मेला लगता है और दूर-दूर से लोग आते हैं वहां पर सांची के स्तूप की तरह स्तूप बनवा दिया जाए. बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी व्यवस्था की जाए.

          सभापति महोदय, आपने बोलने का मौका दिया उसके लिए धन्यवाद.

          श्री दिलीप सिंह परिहार ( नीमच )--माननीय सभापति महोदय, मैं मांग संख्या 11, 43 एवं 51 के समर्थन में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं.

          माननीय सभापति महोदय, हमारी सरकार के द्वारा मध्यप्रदेश में खेलकूद का बेहतर वातावरण तैयार हुआ है इस वातावरण का लाभ ग्रामीण और शहरी खिलाड़ी भाई और बहन ले रहे हैं. स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है. व्यक्ति स्वस्थ रहता है तो वह खेल के मैदान में जाता है वहां जाति, धर्म, पंथ नहीं होता है वहां कोई बड़ा या छोटा भी नहीं होता है खेल के मैदान में सभी खिलाड़ी होते हैं वहां हर कोई नहीं जा सकता है जो मेहनत करते हैं पसीना बहाते हैं लोहे के चने चबाते हैं वही खेल के मैदान में जा सकते हैं. खेल मंत्रीजी को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने मध्यप्रदेश में खेल का वातावरण तैयार किया है इसकी वजह से ओलम्पिक महिला हॉकी टीम में छह खिलाड़ी शामिल हुई हैं. मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों को इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 35 पदक प्राप्त हुए हैं. नीमच में फुटबाल का बहुत महत्व है. माननीय मंत्रीजी को धन्यवाद कि उन्होंने विधायक ट्राफी प्रारंभ करवाई. नीमच में हम फ्लड लाइट में फुटबाल प्रतियोगिता करवा रहे हैं 22 तारीख को उसका समापन है मैं वहां का विधायक और खेल प्रेमी होने के नाते आपसे निवेदन करता हूँ कि इस समापन कार्यक्रम में आप पधारें और हमारी खेल भावनाओं को प्रोत्साहन दें.  मैं भी फुटबाल का अन्तरविश्वविद्यालय खिलाड़ी रह चुका हूँ.

          सभापति महोदय, नीमच में स्वर्गीय वीरेन्द्र कुमार सकलेचा जी ने बहुत बड़ा तरुण ताल बना रखा है यदि भविष्य में कोई तैरीकी प्रतियोगिता का आयोजन हो तो उसे नीमच में कराने का काम करें जिससे वहां के खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा. नीमच में सीआरपी का स्थान है वहां पर स्वर्गीय राजमाता जी भी आती रही हैं वे मां भादवा माता के स्थान पर भी जाती थीं.

          श्री यशपाल सिंह सिसौदिया :- सभापति महोदय, पूर्व मुख्‍यमंत्री वीरेन्‍द्र कुमार सखलेचा जी को याद कर रहे हैं और राजमाता सिंधिया जी का यहां पर नाम आया है और उस विभाग की मंत्री महोदया यहां पर विराजित हैं.

          श्री दिलीप सिंह परिहार :- मैं राजमाता जी से बहुत प्रभावित था, जब वह नीमच आती थीं, ब मैं संघ में और बजरंग दल में काम किया करता था और जब मैं 2003 में विधायक बना तो मैंने वहां के चिकित्‍सालय का नाम राजमाता सिंधिया जी के नाम पर रखवाया है. कहीं न कहीं 230 विधानसभाओं में खेल को प्रोत्‍साहन देने के विधायक ट्राफी हो रही है. नीमच में फुटबाल की ट्राफी हो रही है. नीमच में सीआरपीएफ है, जहां की सीआरपीएफ की जन्‍म स्‍थली है,  वह जो हमारे देश की सीमा पर हमारी रक्षा करती है इस वजह से वहां पर सभी प्रकार के खिलाड़ी हैं और खिलाडि़यों का वातावरण भी है. मैं नीमच विधान सभा के अंतर्गत आपसे निवेदन करूंगा कि कहीं न कहीं हमारे यहां पर जिम देने की कृपा करें. क्‍योंकि नीमच में एक तहसील जीरन है, जावद की विधान सभा में तो आपने जिम दिया है तो नीमच की विधान सभा में भी जिम देने की पा करें नीमच सिटी में जहां हमारे कुश्‍ती के खिलाड़ी रहते हैं जहां पर ग्‍वालटोली में कुश्‍ती होती है और अन्‍य जगह भी कहीं न कहीं खेल को प्रोत्‍साहन देने के लिये हमारे जो खिलाड़ी हैं उनको आप कुछ न कुछ सौगात जरूर दें. नीमच में एथेलेटिक्‍स का स्‍टेडियम है, उस स्‍टेडियम में यदि फ्लड लाईट लगाने की कृपा करेंगे तो वहां की जनता आपकी आभारी रहेगी. मैं यही निवेदन करूंगा कि आज कहीं न कहीं खेल में महिलाएं भी आगे बढ़ रही हैं और महिलाओं में भी खेल के प्रति रूचि हुई है वह चाहे जूडो कराटे हो फुटबाल हो, तीरंदाजी हो, तैराकी प्रतियोगिता हो, हाकी हो इन सब में हमारी बहनें भी खेल के मैदान में जा रही है. आपने ग्रीष्‍म कालीन खेल प्रतियोगिताओं में जो कम उम्र के 16 वर्ष के बच्‍चें हैं उनको आपने कहीं न कहीं प्रशिक्षण देने का काम किया है. ग्रामीणों से भी  झोपड़ी में प्रतिभा छुपी हुई थी, उन प्रतिभाओं को भी कहीं न कहीं बढ़ने का अवसर मिला है. उससे भी ज्‍यादा आपने खेल प्रशिक्षण की व्‍यवस्‍था करके खेल को प्रोत्‍साहन दिया है '' मां तुझे प्रणाम'' हम देखते हैं कि कहीं नेहरू और जेएनयू के माध्‍यम से कहीं न कहीं देश में भारत माता के प्रति गलत वातावरण बन रहा है. मगर आपने  '' मां तुझे प्रणाम'' योजना चलाकर देश के प्रति लोगों का सम्‍मान जो हमारे सैनिक सीमाओं में रहकर जिस प्रकार से वह वहां पर रहते हैं और सीमाओं की रक्षा करते हैं.

            सभापति महोदय, आपने महाकाल, सलकनपुर, शारदादेवी मंदिर का जिस प्रकार से जीर्णोद्धार किया है. उस प्रकार से मां भादवामाता का स्‍थान नीमच में है. उसके पानी में ऐसी कला है कि यदि कोई भी लकवे वाला व्‍यक्ति वहां पर जाता है और मां के दरबार में रहता है और उस नी से स्‍नान करता है तो वह बढि़या स्‍वस्‍थ्‍य होकर आता है और वह आपके अण्‍डर में है, मां भादवामाता का स्‍थान वहां पर मास्‍टर प्‍लान जिलाधीश महोदय, सांसद महोदय और हम लोगों ने मिलकर सभी विधायकों ने बनाया है, उस मास्‍टर प्‍लान में भी आप सहयोग दें  निश्चित ही उस क्षेत्र में जो प्राचीन मंदिर है, उसका महत्‍व बढ़ेगा. मैं इस अवसर में हमारे क्षेत्र में जीरन में एक क्‍लेशवर का एक मंदिर है, बिसलवास कला में एक मां का मंदिर है यदि उन मां के मंदिरों और जो जीर्णझीण मंदिर पडें हैं, उनके कुछ एस्‍टीमेट मैंने आपको भेजे हैं उनको भी आप स्‍वीकृत करने की कृपा करेंगे क्‍योंकि आज हम देखते हैं कि मंदिरों के जीर्णोंद्धार में ही पुजारियों के वेतन, पुजारी जो भगवान के पास में रहते हैं, अर्जक हैं वह भगवान की सेवा अर्चना करते हैं यदि आप उनका भी मानदंड आप बढ़ायेंगे तो निश्चित ही वह आपको दुआएं देंगे और मैं यही कहूंगा कि  '' क्‍या मार सकेगी मौत उसे, औरों के लिये जो जीता है, मिलता है जहां का प्‍यार उसे, जो खिलाडि़यों की भावना का सम्‍मान करता है. '' मैं इस अवसर पर माननीय मंत्री जी का धन्‍यवाद् दूंगा और जो नीमच के लिये आमंत्रण दूंगा. सभापति जी  उद्योग के क्षेत्र में नीमच में झांझाड़वाड़ा में नये ओद्योगिक क्षेत्र का प्रश्‍न पूछा था, उसका आपने जवाब भी दिया है कि उसका विस्‍तार होगा. मगर आपने नीमच में जिला स्‍थान का जो ओद्योगिक क्षेत्र है, उस पर प्रभावशाली लोगों ने एक ही नाम से तीन-तीन, चार-चार प्‍लाट ले रखे हैं. एक व्‍यक्ति को एक भूखंड मिले, इसकी भी आप जांच करायें और जहां औद्योगिक क्षेत्र में विस्‍तार हुआ है, उस विस्‍तार में भी जो सी सी का रोड बना है या टंकी बनी है, वह कम से कम आपके ठेकेदार,अधिकारी जनप्रतिनिधियों को बुलाकर यदि लोकार्पण करायेंगे तो हमें लगेगा कि सरकार द्वारा वहां का विकास किया गया है. कहीं न कहीं झांझाड़वाड़ा में उद्योग का विकास हो. माननीय मुख्‍यमंत्री जी भी और माननीय उद्योग मंत्री जी भी चाहती हैं कि नये लोगों को अवसर मिले, इसके लिये हमारे क्षेत्र में कुछ लोगों ने उद्योग खोले थे और उस जमीन पर लोग अभी कब्‍जा कर रहे हैं. तो कम से कम जिन लोगों ने उद्योगों की फाईलें थीं यदि उनमें कोई कमी रही हो, पहले आओ पहले पाओ या अन्य योजनाओं के तहत्, तो यदि आप उन उद्योगों में फाईलों को सही करके उन बेरोजगारों को उद्योग लगाने का अवसर देंगे तो वे आपको दुआएं देंगे. मैं पुन: सभापति महोदय, आपने बोलने का अवसर दिया उसके लिये धन्यवाद देता हूं. माननीय मंत्री जी को धन्यवाद देता हूं कि आपकी वजह से उद्योग,खेल,धर्मस्व विभाग में अच्छा वातावरण हुआ है उस वातावरण का लाभ लेकर हम लोग आगे जाएंगे. स्वामी विवेकानन्द जी कहा करते थे मेरे साहसी युवक,युवतियों यह विश्वासरखो कि आप ही सब कुछ हो महान कार्य करने के लिये इस धरती पर आये हो चाहे वज्र भी गिरे तो भी निडर होकर खड़े हो जाना सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी. तो आने वाले समय में खिलाड़ी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों की सफलता निश्चित ही मध्यप्रदेश का गौरव पूरे देश में बढ़ाएगी. धन्यवाद.

          श्री रामपाल सिंह(ब्यौहारी) - माननीय सभापति महोदय, मैं वर्ष 2016-17 की अनुदान संख्या 11,43,51 के विरोध में एवं कटौती प्रस्तावों के समर्थन में अपनी बात रखना चाहूंगा. शहडोल जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्यौहारी में उद्योगों की अपार संभावनाएं हैं. शहडोल जिले में एक भी उद्योग नहीं है. उद्योग न होने से जैसा आप जानते हैं कई चीजों की समस्या होती है. चाहे वह बेरोजगारी की बात करें,बेकारी की बात करें कई समस्याएं आती रहती हैं. उद्योग खुल जाने से उस क्षेत्र की आर्थिक,सामाजिक,शैक्षणिक स्थिति कई रूपों में आगे बढ़ती है और मैं माननीय मंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि अगर हमारे जिले में कोई उद्योग लगे तो बड़ी कृपा होगी. आज हर जिले में लगभग-लगभग जो लघु उद्योग,कुटीर उद्योग लगाने के लिये जो हमारे युवा बेरोजगार हैं उनको लगाने केलिये प्रेरित करने की बात आती है. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इन योजनाओं में लगभग-लगभग चाहे वह एससी हो एसटी हो जनरल सभी को तीस परसेंट सब्सिडी देने की व्यवस्था रहती है और उद्योग कार्यालय से हम सफल हुए तोशेष राशि हमें बैंक ही फाईनेंस करती है मेरे कहने का अर्थ यह हैकि रोजगारके लिये उद्योग कार्यालय और बैंकों का समन्वय स्थापित करना आवश्यक है. बैंक और उद्योग कार्यालय का समन्वय बनेगा तो निश्चित तौर पर कई युवा जो भटकते रहते हैं जो छोटे-छोटे उद्योग लगा सकते हैं जिससे एक अच्छे रोजगार के अवसर प्राप्त किये जा सकते हैं उसमें राहत मिलेगी. अभी हाल ही में माननीय मंत्री जी ने विधायक कप की शुरुआत की है मैं उनको धन्यवाद देना चाहूंगा निश्चित रूप से उनकी यह पहल बहुत ही अच्छी है. मैं इसमें कुछ सुझाव भी देना चाहूंगा इसकी राशि तीस हजार रुपये की जगह और बढ़ा देनी चाहिये. मैं यह नहीं कहता एक लाख माननीय मंत्री जी जितना बढ़ाना चाहेंगी बढ़ाएंगी और इस खेल को एक उत्सव के रूप में आयोजित करें. आज भी ग्रामीण इलाकों में खास तौर से क्रिकेट के प्रति,खेलों के प्रति इतना रुझान बढ़ा है जितने गांव है कई ऐसी ग्राम पंचायतें हैं खेलने के मैदान उनके पास नहीं हैं. ऊबड़-खाबड़ जमीन है लेकिन हमारे किशोर अवस्था केसाथ सभी खेलने के प्रति बहुत रूझान रखते हैं. मैं माननीय मंत्री जी से कहना चाहूंगा कि  ग्रामीण इलाकों में हम खेल मैदान के लिये ऐसी जगह विकसित करें. हर इलाके में अच्छा ग्राउण्ड होना चाहिये जिससे वे अपने खेल कौशल के विकास में आगे बढ़ सकें. पांचवीं चीज के बारे में कहना चाहता हूं कि नवीन व्यायाम शालाएं खोली जानी चाहिये उसमें अच्छे इंस्ट्रयूमेन्ट दिये जाने चाहिये.मेरे विधान सभा में एक मंदिर है छिपाड़नाथ जी का मऊ में है, वहां पर काफी लोगों का आना-जाना रहता है. अगर वहां पर एक धर्मशाला, सामुदायिक भवन बने बहुत अच्छा होगा. दूसरा मंदिर बनसुखली में है जहां कई गांवों के लोग दर्शन हेतु सतत आना-जाना बना रहता है उस मंदिर को धार्मिक विभाग में जोड़ दिया जाए उनके विकास के लिये अलग से बजट का प्रावधान किया जाए जिससे वहां पर अच्छा विकास होकर धार्मिक स्थल अच्छे रूप से विकसित हो जाए. आपने समय दिया धन्यवाद.

          श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक(बिजावर)--माननीय सभापति महोदय, युवा कल्याण की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रेरक योजना मां तुझे प्रणाम के बारे में चर्चा करना चाहता हूं. गत वर्ष आरंभ की गई यह योजना नौजवानों में देशभक्ति की भावना का संचार करने के लिये राष्ट्र के प्रति समर्पण एवं साहसिक देशभाव कार्य की प्रेरणा देने के लिये, युवाओं को सीमांत क्षेत्र की चौकियों का भ्रमण कराया जाना इस योजना में निहित है. बाघा बार्डर पर लाहौर एवं अमृतसर के बीच ध्वाजारोहण की जो परेड होती है उसमें क्या बच्चे एवं क्या वृद्ध सभी में ऊर्जा का जो संचार होता है, वह अद्भुत होता है. सुदूर पूर्व अंचल में सिक्कम प्रांत की सीमा पर नातूलदर्रा है चरम तेज ठंड में चीन एवं भारत की चौकियों का भ्रमण बहुत ही रोमांचित करता है, ऐसे स्थानों का भ्रमण हमारे युवाओं को प्रेरित करता है कि वह भी सेना में जाकर के देश की सेवा करें. इसलिये मैं योजना के माध्यम से जो युवाओं को प्रेरणा देने की नीति बनायी गई है उसका मैं बहुत बहुत स्वागत करता हूं. ग्रामीण युवा केन्द्रों की स्थापना हुई है इससे ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को दिशा-निर्देशन का काम विभाग के द्वारा किया जाना है. बहुत से विकासखण्डों में इसकी स्थापना नहीं की गई है एवं मैं आशा करता हूं कि वहां पर बहुत जल्दी इसकी स्थापना की जाएगी. भर्ती सूचना प्रशिक्षण केन्द्र एक अनूठा प्रयोग है. युवाओं में शारीरिक कौशल की कमी नहीं है कमी है तो उनको समुचित मार्गदर्शन के साथ उनके सामर्थ्य को सही दिशा देने की इस हेतु सेना, अर्द्धसैनिकों की, पुलिस बल एवं सुरक्षा क्षेत्र की भर्ती के लिये शारीरिक क्षमता विकसित करने की दृष्टि से प्रशिक्षण एवं पाठ्यक्रम की दृष्टि से प्रशिक्षण देने के लिये युवाओं को लाभ मिलेगा, इससे निश्चित रूप से सैनिक बलों में नौजवानों में भर्ती के अवसर बढ़ेंगे, इसलिये मैं इस बात की बहुत सराहना करता हूं. खेल के क्षेत्र की हम बात करें विश्व में जितने भी खेल आयोजित होते हैं उसमें ओलम्पिक खेल सबसे बड़ा महोत्सव है. औलम्पिक के खेल में भाग लेने के लिये तमाम तरह से लोग प्रयास करते हैं और उसमें सफल होने के लिये लोग अनेकानेक प्रकार से शासन स्तर पर एवं निजी स्तर पर प्रयास करते हैं इसमें मध्यप्रदेश की बेटियां सम्मिलित होने जा रही हैं, बड़े ही गर्व की बात है. नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में मध्यप्रदेश का डंका बजा है सात गोल्ड, एक सिल्वर एवं दो ब्राऊन मेडिल के साथ हमने अपनी अच्छी उपस्थिति दर्ज करायी है. कराटे की टीम 11 साल से चैम्पियन है दक्षिण एशियाई खेलों में कुल 11 मेडिल मिले इसमें अंकित शर्मा एवं लतिका भंडारी ने गोल्ड मेडिल जीते हैं, यह अपने आप में यह बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं. एस्टोटर्फ लगाने का निर्णय हाकी के लिये हुआ है.

          श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक-   जहां मैदान और अधोसंरचना मौजूद हैं, वहां यह काम हो रहा है, मैं आशा करता हूं कि मंत्री जी और भी कुछ 4-6 जिलों की चिंता करेंगी कि वहां पर ऐस्‍टोटर पहुंच जाए, एथेलेटिक्‍स तैराकी और फुटवाल की अकादमी हुई है, यह उल्‍लेखनीय है, राष्‍ट्रीय खेल प्रतियोगिता में 51 पद हमने जीते हैं, देश में 6वां स्‍थान हमने हासिल करके, मध्‍यप्रदेश को जो गौरव मिला है, इसके लिए मैं मंत्री जी को बहुत बहुत बधाई देता हूं और उनकी कर्त्‍तव्‍य निष्‍ठा के साथ किए जा रहे इस काम के लिए बधाई देता हूं । बाकी और विषय हैं, उसमें सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि खेल परिसर का निर्माण होना चाहिए, मुझे अपने विधानसभा क्षेत्र में औद्योगिक केन्‍द्र और खेल परिसर की आवश्‍यकता है, इस पर निश्चित रूप से मंत्री जी ध्‍यान देंगी, आपने बोलने के लिए समय दिया उसके लिए बहुत बहुत धन्‍यवाद ।

          श्री गोविन्‍द सिंह पटेल(गाडरवारा)-  माननीय सभापति महोदय, मैं अपनी बात रखने के लिए खड़ा हुआ हूं,  आज जो खेल के लिए वातावरण या उद्योग के लिए जो वातावरण बना है, बिजली और सड़कों की जो उपलब्‍धता हुई है, इसलिए उद्योग हमारे प्रदेश में बढ़े हैं ।  गाडरवारा विधानसभा या पूरा नरसिंहपुर  जिला गन्‍ना फसल के लिए,  पूरे प्रदेश का 50 प्रतिशत गन्‍ना गाडरवारा या नरसिंहपुर जिले में होता है, वहां प्रायवेट सेक्‍टर की 6 शक्‍कर मिल हैं,, लेकिन वहां एक सहाकारी क्षेत्र की या सरकारी क्षेत्र की एक सुगर मिल की आवश्‍यकता है, मैं मंत्री महोदया से निेवदन करना चाहता हूं वहां गन्‍ना किसानों के हित के लिए, सहकारी क्षेत्र की या सरकारी क्षेत्र की शुगर मिल स्‍थापित की जाए, तो वहां शुगर मिल में रोजगार भी मिलेगा और किसानों को भी उसका लाभ मिलेगा, इसलिए वहां एक शक्‍कर मिल खोलने की कृपा करें,  यह मैं आपके ध्‍यान में लाना चाहता हूं और दूसरा कृषि आधारित उद्योग क्‍योकि नरसिंहपुर कृषि प्रधान जिला है, यदि कृषि आधारित उद्योग हमारे जिले में लगते हैं तो किसानों को फायदा होगा और बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा । पिछले सत्र में मैंने एक प्रश्‍न लगाया था, उसमें मंत्री महोदय का जवाब आया था, मंत्री महोदय का लेटर भी गया था, मैंने  कहा था कि मेरे क्षेत्र में क्‍या कोई स्‍टेडियम विकसित करने की सरकार की या खेल विभाग की कोई योजना है तो मंत्री महोदया का लेटर गया था कि आपके गाडरवारा नगर में एक सात एकड़ का खेल मैदान है, यदि खेल विभाग को हस्‍तांतरित कर दिया जाए तो वहां पर स्‍टेडियम का निर्माण कर देंगे, नगर पालिका क्षेत्र की सीमा में नगर पालिका का वह ग्राउन्‍ड है, उसको मैंने नगर पालिका द्वारा अनापत्ति देकर खेल विभाग को हस्‍तांतरित करा दिया है,  मैं मंत्री महोदया जी से निवेदन करना चाहता हूं कि वहां पर एक मात्र नगर का, क्‍योंकि एक लाख आबादी नगर की है और एक ही खेल ग्राउन्‍ड वहां पर है, यदि उसको स्‍टेडियम के रूप में विकसित कर दिया जाएगा तो क्‍येांकि हर खेल प्रतियोगिता वहीं होती है तो क्षेत्र की प्रतिभाओं को वहां पर खेलने का मौका मिलेगा, अभी जो विधायक कप  मंत्री महोदय ने अच्‍छी पहल की थी, उसी ग्राउन्‍ड पर किया था, जो 30 हजार रूपए दिए थे, वह तो व्‍यवस्‍थाओं में खर्च हुए, तीन ट्राफी यहां से भेजी गई थीं, फिर हमने तीन ईनाम अपनी तरफ से पहला 21 हजार, दूसरा 11 हजार और तीसरी पांच हजार मैंने अपनी तरफ से देकर, उस प्रतियोगिता में 150 क्रिकेट की टीमों ने भाग लिया था और अच्‍छा आयोजन उसमें हुआ था, मेरे जिले में चारों विधानसभाओं में इस प्रकार के आयोजन हुए, तीनों इनाम हम विधायकों ने अपनी तरफ से दी और उसका अच्‍छा प्रचार हुआ लोगों में सरकार का और विधायकों का अच्‍छा संदेश भी गया,  मंत्री महोदय से मैं निवेदन करना चाहूंगा हमारे यहां खेल मैदान के लिए राशि उपलब्‍ध कराएं, जिससे खेल मैदान बन जाए और अगला विधायक कप प्रतियोगिता जो होगी, उसी ग्राउन्‍ड पर हो, ऐसा मंत्री महोदया से निवेदन करता हूं, आपने बोलने का समय दिया, उसके लिए बहुत बहुत धन्‍यवाद ।

                                               

6.40 बजे       अध्‍यक्ष महोदय (श्री सीतासरन शर्मा) पीठासीन हुए.

          श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को (पुष्‍पराजगढ़) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 11, 43 एवं 51 का विरोध करता हूँ एवं अपनी पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा के बारे में ही चर्चा करना चाहूँगा. अमरकंटक मैकाल पर्वत के बीच में बसे, अपार संभावनाओं का यह क्षेत्र और हजारों-हजार साल मैकाल पर्वत में खाई कन्‍दरों में, ऋषि-मुनि-महात्‍मा, वहां जप-तप करते रहे हैं और जहां-जहां भी उन्‍होंने जप-तप किये. उन स्‍थानों पर धार्मिक मन्दिर और स्‍थानों का निर्माण हुआ परन्‍तु उनके रख-रखाव और संरक्षण, संवर्धन के कारण न होने से, वह अस्तित्‍व में नहीं आई.

          माननीय अध्‍यक्ष जी, मैं चाहता हूँ कि पुष्‍पराजगढ़ में जहां-जहां भी मन्दिर निर्माण किये गये हैं, धार्मिक स्‍थल हैं क्‍योंकि अमरकंटक से लगा हुआ, यह पूरा पठारी क्षेत्र है. बहुत जंगलों-पहाड़ों में, छोटे-छोटे ऐसे स्‍थान हैं, उनके विकास न होने के कारण अस्तित्‍व में नहीं आ पा रहे हैं. उन सभी मन्दिरों और धार्मिक स्‍थलों की सुरक्षा की जाये ताकि जो हमारे पर्यटक हैं, अमरकंटक में आते हैं. अमरकंटक में 5-6 घण्‍टे घूमने के बाद, कोई और दूसरी जगह, जो उनके समय बिताने के लिए नहीं है तो अमरकंटक से लगा 40-50 किलोमीटर में, जो धार्मिक स्‍थल हैं, उनका विकास किया जाये. साथ ही, मैं यह चाहूँगा कि हमारे पुष्‍पराजगढ़ में उद्योग की अपार संभावनायें हैं. वहां बॉक्‍साइट के अपार भण्‍डार हैं, जहां बॉल्‍को और हिण्‍डालको के नाम से, जो कच्‍चा माल उत्‍खनन कर, परिवहन कर बाहर ले जाया गया. वर्तमान में, चचांडी और गढ़ीदादर के नाम से बॉक्‍साइड खदान वहां संचालित हैं. मैं चाहता हूँ कि वहां उद्योग लगा दिये जायें. अनुसूचित जाति-जनजाति के क्षेत्र में वहां युवाओं को लाभ मिलेगा और रोजगार सृजन होगा.

          अध्‍यक्ष महोदय - कृपया समाप्‍त करें.

          श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जैसे ही आप आसन्‍दी पर बैठे. उसी समय मैंने बोलना शुरू किया है. कृपा करें.

          अध्‍यक्ष महोदय - आप एक मिनिट में समाप्‍त करें.

          श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, अभी खेल मंत्री महोदया जी द्वारा जो विधायक कप का आयोजन पूरे प्रदेश में किया गया. इससे, वास्‍तव में युवाओं में काफी उत्‍साहवर्धन हुआ है. मैं, इसमें सुझाव देना चाहूँगा कि जो विधानसभा क्षेत्र में इसका आयोजन किया गया. विधासनभा क्षेत्र से इसको लोकसभा क्षेत्र में किया जाये और लोकसभा क्षेत्र से इसको राज्‍यसभा क्षेत्र में इसका आयोजन किया जाये और जो खिलाड़ी गांव से चलकर विधानसभा क्षेत्र में खेलते हैं और उन्‍हें संभाग स्‍तर और राज्‍य स्‍तर में खेलने का मौका मिलता है. साथ ही, जो राशि 30,000/- रू. है, उसे थोड़ी बढ़ाकर जैसे सभी माननीय सदस्‍यों ने कहा कि एक लाख रूपये तक बढ़ा दी जाये तो उसका भी मैं समर्थन करता हूँ. 

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं यह भी चाहता हूँ कि अमरकंटक की जलवायु खेल के लिए उपयुक्‍त है, अत: वहां एक बच्‍चों के खेल का प्रशिक्षण मैदान खोला जाये.

          श्री देवेन्‍द्र वर्मा (खण्‍डवा) - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 11, 43 एवं 51 के समर्थन में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूँ. माननीय मुख्‍यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान एवं माननीय मंत्री महोदया के नेतृत्‍व में, हमारे प्रदेश में जहां एक ओर उद्योग-धन्‍धे के विकास के लिये, एक अनुकूल वातावरण बना है. वहीं दूसरी ओर खेलों के क्षेत्रों में भी हमारी सरकार ने बजट बढ़ाने के साथ-साथ, खेल की सुविधायें किस प्रकार बढ़ें, इसका प्रयास हमारी सरकार ने किया है. मैं आपके माध्‍यम से, अपने क्षेत्र की कुछ समस्‍यायें माननीय मंत्री जी को बताना चाहता हूँ कि मेरा जिला खण्‍डवा है. जहां पर 12 ज्‍योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग है. उस ज्‍योतिर्लिंग की जो प्रमुख समस्‍या है. मैंने पिछले बजट में भी चर्चा में बात रखी थी. वहां पर जिस प्रकार का उज्‍जैन महाकाल में शासकीय ट्रस्‍ट है, जिसका अध्‍यक्ष कलेक्‍टर होते हैं. उसी प्रकार की व्‍यवस्‍था हमारे ओंकारेश्‍वर ज्‍योतिर्लिंग के लिए की जायेगी तो निश्चित रूप से वहां की व्‍यवस्‍थाओं में सुधार होगा. इसी प्रकार, वहां पर जिस प्रकार उज्‍जैन और अन्‍य तीर्थस्‍थलों पर किसी प्रकार का टोल-टैक्‍स नहीं लिया जाता है. किसी प्रकार का टोल टैक्स  नहीं लिया जाता,  वहां पर हमारे यात्रियों से टोल टैक्स  लिया जाता है.  मैं मंत्री जी से निवेदन करुंगा कि  टोल टैक्स  समाप्त करते हुए  ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को  एक अतिरिक्त राशि की व्यवस्था  वहां की व्यवस्थाओं के लिये,क्योंकि वहां पर पूरे देश से  अनेक त्यौहारों पर लगभग महीने में  15 दिन तीर्थ यात्री आते हैं और किसी प्रकार की बजट की  व्यवस्था नहीं है, तो  बजट की व्यवस्था करेंगे, तो  वहां पर यात्रियों  की सुविधा के लिये  एक अच्छी पहल होगी.  इसी प्रकार से मेरे क्षेत्र में  पूरे मध्यप्रदेश में  एक अनूठी पहल हमारे खण्डवा  शहर के हमारे सभी  खेल प्रेमियों सभी  शहर वासियों ने  एक अनूठी पहली  की थी कि  जन भागीदारी से हमारे  शहर में स्वीमिंग पूल  का निर्माण किया जाये.  हमारे शहरवासियों द्वारा जन भागीदारी में लगभग 75 लाख रुपये  की राशि  एकत्रित की गई थी और  इतनी बड़ी राशि जन भागीदारी के माध्यम से  एकत्रित करना अपने आप में  एक  अनूठी पहल है.  75 लाख जन भागीदारी और 75 लाख  रुपये हमको शासन से उपलब्ध हुए थे.  इस प्रकार लगभग  डेढ़  करोड़ से  हमने वहां पर स्वीमिंग पुल का  निर्माण कराया.  लेकिन उसके बावजूद  अभी उसमें लगभग  डेढ़ से दो करोड़ रुपये  का कार्य  अभी शेष है.  मैं मंत्री जी से निवेदन करुंगा कि  अगर उसकी शेष राशि  शासन से मिलती है, तो  हमारे खंडवा शहर में  हमारी खेल प्रतिभाओं को  एक अच्छा अवसर मिलेगा और  हमारी खेल प्रतिभाएं  आगे निकलेंगी. इसी प्रकार एक छोटी सी समस्या  है.  हमारे खंडवा शहर में  दादा जी दरबार, जहां पर गुरु पूर्णिमा  और अनेक  धार्मिक अवसरों पर  वहां पर लाखों की संख्या में  दूर दूर से तीर्थ यात्री आते हैं.  मैं मंत्री जी से निवेदन करुंगा कि  उस मेले को  एक शासकीय मेले में  घोषित किया जाये और  उसके लिये भी कुछ राशि  की व्यवस्था करेंगे, तो  हमारे इस तीर्थस्थल की  भी एक गरिमा बनेगी.  अध्यक्ष महोदय, आपने बोलने के लिये समय दिया,  इसके लिये बहुत बहुत धन्यवाद.

                   श्री दिनेश राय (सिवनी) -- अध्यक्ष महोदय, मैं  मांग संख्या 11,43, एवं 51  का  समर्थन  करता हूं. मैं सबसे पहले  मंत्री जी को बहुत बहुत बधाई एवं धन्यवाद देना चाहूंगा कि  आपने विधायक कप  की जो प्रतियोगिता कराई, उसके लिये बहुत बहुत बधाई. आपको शुभकामना और  जब से आप मंत्री बनी हैं,  इन दो सालों में  आपका रुझान भी मैं देख रहा हूं कि  खेल के प्रति काफी बढ़ा है और क्षेत्र में भी  वह देखने को मिल रहा है.  आपसे आग्रह है कि हमारे यहां  एस्ट्रोटफ  ग्राउंड है.  लगभग डेढ़ दो साल पहले वह चालू हो गया.  किन्तु उस समय की जो भी वजह रही हो,  कमीशनखोरी, जिस वजह  से  भी वह पूर्ण नहीं हो  पाया.  उसमें काफी भ्रष्टाचार हुआ.  मेरा निवेदन है कि उसका प्रस्ताव मंत्री जी के पास आ गया है. कृपया उसका पूर्ण काम करा दिया जाये.  उसकी जो एजेंसी थी,  उसके द्वारा  रख रखाव भी नहीं किया जा रहा है.  मैं एक बात बताना चाहूंगा कि  बच्चों से 100 रुपये  लिये जाते हैं और  टेंकरों के  पानी  से उसकी सिंचाई की जाती है.  पाइप लाइन पूरी ध्वस्त है और मैं भी उसमें दो हजार रुपये महीने देता हूं,  उसके चौकीदार को रखने के लिये.  तो मेरा निवेदन हैकि  जब इतना बड़ा ग्राउंड बना है,  उसके  बाकी, शेष काम के लिये  काफी दिनों से प्रस्ताव  टीएस सब होकर आ गया है.  आपकी स्वीकृति मिल जाये, तो वह पूर्ण हो जाये.  इसी तरह से मैं आग्रह करता हूं कि चाहे जिम की व्यवस्था करें.  जैसे अभी स्वीमिंग पुल की बात आई थी.  हमारे बच्चों को तैराकी में भी निपुण कराने का प्रयास करें.  चाहे गांव के हों या शहरी क्षेत्र के हों.  मैं नहीं कहता कि आप हर जगह स्वीमिंग पुल बनायें. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में कहीं न कहीं ऐसी  कोई व्यवस्था नदी नालों  में  आप करें.  ट्रेनर दें  कि बच्चे सीखेंगे और  छोटे छोटे बच्चों की घटनायें जो हमको देखने को  मिल रही हैं,  उनमें रोक लगे.  हमारे यहां आप देखते हैं कि रोड पर बच्चे स्टूल रख करके  क्रिकेट खेलते हैं.  खेतों में आप देखते हैं कि  कूट काट कर पिच बना लेते हैं पूरे खेत में क्रिकेट खेल रहे हैं.  एक ऐसा माहौल बना है हमारे प्रदेश और देश में.  आपसे निवेदन है कि प्राय प्राय सभी ग्रामीण क्षेत्रों  की ग्राम पंचायत  और नगरीय निकायों में  खेल ग्राउंड  का प्रावधान आप जरुर करें.   मेरा  आग्रह है  उद्योग और कुटीर  उद्योग को लेकर के.  हमारे यहां उद्योग काफी   अभी भोरकलखापा  में बने हुए हैं  चल रहे हैं.  कुटीर  उद्योग अवश्य आप शुरु करें, क्योंकि सक्षम व्यक्ति दिखने में होता है, कपड़ों  से और उसकी मालगुजारी से दिखता है. लेकिन   उनकी जो अंदर  की आर्थिक स्थिति है,  वह उनके बच्चे विक्लांगता या बुजुर्ग हैं,  उनको अगर रोजगार के साधन आप दे सकते हैं,  तो घर में बैठकर  वह महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे काम कर सकेंगे.  ऐसे कुटीर उद्योग आप विकसित करें.  बड़े उद्योगों से हर व्यक्ति को रोजगार नहीं मिलता. हमारे यहां पावर प्लांट लगा हुआ है.  हमारे यहां   भोरकलखापा   में काफी प्लांट लगे हुए हैं, लेकिन  क्षेत्रीय लोगों को रोजगार नहीं मिलता.  बाहर से आकर लोग रोजगार करते हैं. इसलिये मेरा माननीय मंत्री जी से अनुरोध है कि आप इस पर जरूर ध्यान दें, कुटीर उद्योग को जरूर बढ़ावा दें जिससे कि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके. अध्यक्ष महोदय, अंतिम निवेदन माननीय मंत्री जी से यह है कि हमारे यहां सांढदेव मंदिर है वहां बड़ा मेला लगता है, आधे गांव की एक गढ़ी है, भैरोगंज मंदिर काफी पुराना है धुंवावती माता है जिसका शास्त्रों में चित्रण भी है कि जब माता सीता का हरण हो रहा था उस समय उनके कुछ आभूषण वहां पर फेंके गये थे, तो मेरा मंत्री जी से निेवेदन है कि इन सबकी कमेटी है, शासकीय है इनका आडिट हो, इनका संधारण हो और मैं चाहता हूं कि निर्माण कार्य में इसका धन व्यय हो. माननीय मंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि मेरी मांगों को पूर्ण करने की कृपा करें. मंत्री जी को बहुत बहुत बधाई, अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे अपनी बात रखने का अवसर प्रदान किया उसके लिये आपको बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्री मानवेन्द्र सिंह(महाराजपुर) -- माननीय अध्यक्ष महोदय मैं मांग संख्या 11, 43 और 51 के समर्थन में अपना वक्तव्य देने के लिये खड़ा हुआ हूं. माननीय अध्यक्ष महोदय, प्रदेश में एक बहुत बेहतर खेल और उद्योग का  वातावरण बनाने में हमारी मंत्री जी सफल रही हैं. खेल के मैदान से जो प्रतिभाएं उभरकर के सामने आई हैं, लगभग 37 वर्ष के बाद हम लोगों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्वालिफाय किया है. अपने प्रदेश के 6 बच्चों का हाकी की टीम में जो सलेक्शन हुआ है निश्चित रूप से इस बात को साबित करता है कि जो उनकी ट्रेनिंग हो रही है वह बहुत उच्च स्तरीय ट्रेनिंग की जा रही है. मैं माननीय मंत्री जी को इसके लिये  बधाई देना चाहता हूं.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, उद्योग के बारे में भी हमारे साथियों ने जो वक्तव्य दिया है निश्चित रूप से उद्योग में भी मध्यप्रदेश ने बहुत तरक्की की है. मैं सीधे अपनी विधानसभा क्षेत्र की कुछ समस्यायें हैं उनकी तरफ मंत्री जी का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. मैं मंत्री जी से अनुरोध करना चाहता हूं कि गढ़ी मलेहरा - महाराजपुर में पान की खेती होती है लगभग कई वर्षो से इस धंधे में लगे लोग प्राकृतिक नुकसान के कारण वहां के पान से जुड़े  व्यापारियों को समस्या है, मेरा आग्रह है कि वहां पर स्माल स्केल इन्ड्रस्टीज की व्यवस्था की जाये ताकि पान के धंधे में लगे हुये लोगों को एक वैकल्पिक सहारा मिल सके. दूसरी बात मैं कहना चाहता हूं कि खेल के लिये विधायक कप का आयोजन किया गया इससे ग्रामीण क्षेत्रों में काफी उत्सुकता का वातावरण देखने को मिला , कबड्डी आदि खेल वहां पर हुये. मैं मंत्री जी से अनुरोध करूंगा कि हमारे विपक्ष के कुछ साथियों ने इस कप के बारे में जो विचार व्यक्त किये , मैं मंत्री जी अनुरोध करूंगा कि पक्ष और विपक्ष के साथियों का भी एक कप का आयोजन भोपाल में आयोजित किया जाये जिससे कि हमारे साथियों को भी यह ज्ञात हो कि किस तरह से खेल के मैदान में खेलना पड़ता है, खेल भावना को जगाने के लिये भी यह आवश्यक है कि पक्ष और विपक्ष का एक आयोजन किया जाये, तो बेहतर रहेगा.

          अध्यक्ष महोदय-- आपकी बात से हम सहमत हैं.

          श्री मानवेन्द्र सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय इसके लिये धन्यवाद. अध्यक्ष महोदय, मैं दो स्टेडियम के बारे में आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से अनुरोध करना चाहूंगा. नोगांव का स्टेडियम हम लोगों ने काफी विकसित किया है , अलीपुरा ग्राम के स्टेडियम के बारे में मेरा अनुरोध है कि थोड़ा बहुत काम दोनों जगह के स्टोडियम में रह गया है एक शहर के स्टेडियम में और एक गांव के स्टेडियम में, मंत्री जी इन दोनों स्टेडियम के लिये विभाग से राशि प्राप्त हो जाये जिससे कि वह स्टेडियम पूर्ण हो सके.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, धर्मस्व में एक सरशीर्ण धार्मिक स्थल मेरे विधानसभा क्षेत्र में है वहां पर शिव जी का प्राकृतिक मंदिर है जो प्राकृतिक गुफा में शिवलिंग बना है. उस स्थल को धार्मिक स्थल घोषित किये जाने का मैं अनुरोध करता हूं. शिवरात्रि पर और अन्य पर्वों पर वहां पर बहुत बड़ी संख्या में धर्माविलंबी आते हैं, मंत्री जी से अनुरोध है कि मेरी तीन मांगे हैं मंत्री जी से उनको स्वीकृत करने का अनुरोध करता हूं. अध्यक्ष महोदय आपने मुझे मेरी मांग रखने के लिये मुझे अवसर प्रदान किया उसके लिये आपको भी बहुत बहुत धन्यवाद.

श्री कमलेश्‍वर पटेल (सिहावल)--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 11, 41, 51 के विरोध में कटौती प्रस्‍ताव पर बोलने के लिये खड़ा हुआ हूं. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, बड़ा महत्‍वपूर्ण विभाग है उद्योग और जिस तरह से प्रचार-प्रसार माननीय अध्‍यक्ष महोदय, सरकार ने किया, उद्योग स्‍थापित करने के लिये इनवेस्‍टर्स मीट की, 4 इनवेस्‍टर्स मीट हो चुकी हैं और पांचवें की तैयारी है. जिस तरह के रिजल्‍ट्स आने चाहिये और जिस तरह से सरकार की राशि का दुरूपयोग हुआ है, अब इसको हम दुरूपयोग ही कह सकते हैं, क्‍योंकि जिस तरह के रिजल्‍टस आने चाहिये उस तरह के रिजल्‍टस आये नहीं हैं, तो जिस तरह से राशि का सरकार ने दुरूपयोग किया है वह घोर निंदनीय है. फिर अभी पांचव इनवेस्‍टर्स मीट की तैयारी सरकार कर रही है. हम तो आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री महोदय से जरूर जानना चाहेंगे कि कितना विदेशी पूंजी निवेश मध्‍यप्रदेश में आया और कितने हिन्‍दुस्‍तान के जो हमारे इंडस्ट्रियल हैं यहां पर कितना अभी तक इनवेस्‍टर्स मीट के तहत कितने लोगों ने यहां पर कितनी राशि या कितने उद्योग यहां पर स्‍थापित किये हैं, इसका जरूर बतायें, क्‍योंकि जिस तरह से हमने बाहर विदेश यात्राओं पर और प्रदेश के अंदर इनवेस्‍टर्स मीट में जिस तरह की राशि उपयोग की है, हम समझते हैं कि उसके अनुरूप कार्य नहीं हुआ है.

अब हम अगर उद्योग की ही बात करते हैं, हमारे सीधी जिले में जो उद्योग स्‍थापित है, चाहे जे.पी. का हो, चाहे हिण्‍डाल्‍को का है या रिलायंस का है या आपका एनटीपीसी, एनटीएल तक, प्राइवेट उद्योगों के साथ-साथ जो भारत सरकार के भी उद्योग स्‍थापित हैं, आज विस्‍थापितों की सबसे ज्‍यादा दयनीय स्थिति है, आज उनका जीना दूभर हो रहा है. आज विस्‍थापितों के लिये कोई ऐसी प्‍लानिंग नहीं हैं जिनकी जमीनें जाती हैं कि हम उनके परिवार के लोगों को, आपने उनकी जमीन ले ली, किसी के पास 2 एकड़ जमीन थी या 5 एकड़ थी, जितनी जमीन थी उसकी चली गई. पहले तो आपने रोजगार दे दिया, पर उनके परिवार के लोग कहां जायें यह बहुत चिंता का विषय हैं और औद्योगिक इकाईयों में उनको रेगूलर वेजेस पर नहीं रखा हुआ है.

          अध्‍यक्ष महोदय--  कृपया समाप्‍त करें.

           श्री कमलेश्‍वर पटेल--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, बहुत ही थोड़ समय में, आपका संरक्षण चाहेंगे.

          अध्‍यक्ष महोदय--  2 मिनट में कर दीजिये, समय बहुत हो गया.

          श्री कमलेश्‍वर पटेल--  जी, माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा निवेदन है कि जो विस्‍थापन नीति है उसका सही ढंग से उपयोग होना चाहिये, विस्‍थापितों के साथ अन्‍याय नहीं होना चाहिये. स्‍थानीय युवाओं को जहां भी उद्योग स्‍थापित हुये हैं जिस रेसियो में उनको रोजगार मिलना चाहिये, पढ़े-लिखे बेरोजगार घूम रहे हैं, डिप्‍लोमा, आईटीआई भटक रहे हैं, स्‍थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है, यह बड़ी चिंता का विषय है. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, खेल एवं युवक कल्‍याण विभाग में हम समझते हैं कि हर वर्ष राशि का जो भी आवंटन होता है, हमें नहीं पता कि जिलों इस बार माननीय मंत्री महोदया जी ने इस बार व्‍यवस्‍था की, विधायक कम के माध्‍यम से खेल आयोजन करने का, पर जिस तरह के खेल का आयोजन जिले में ब्‍लॉक में, ग्रामीण स्‍तर पर होना चाहिये, वह क्‍या राशि का प्रावधान होना चाहिये, कितना होना चाहिये, उसकी कहीं पर भी समझ में नहीं आता है इस तरह से ग्रामीण खेलों को बढ़ावा देने के लिये जिस तरह के कार्य होने चाहिये, उस तरह के कार्य नहीं हो रहे. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, एक उद्योग विभाग की संस्‍था है सेडमेप, उद्यमिता विकास केन्‍द्र, यह पहले आपके उद्योग विभाग की संस्‍था थी, उद्योग विभाग के जो भवन हैं वहीं वह संस्‍था संचालित हो रही है, सरकार भवन में संचालित हो रही है, मुझे तो सुनकर बड़ा आश्‍चर्य हुआ, जब लोकायुक्‍त का छापा पड़ा और अब सरकार कह रही है और विभाग कह रहा है कि यह तो प्राइवेट संस्‍था है, यह हमारे अधिकारी, कर्मचारी हैं ही नहीं, कितने आश्‍चर्य की बात है कि जिनको हम सरकार भवन उपलब्‍ध करा रहे हैं जहां हमारे सरकारी भवन में कार्यालय संचालित हो रहे हैं, अधिकारी बैठ रहे हैं, भर्तियां कर रहे हैं, सरकार विज्ञापन करके उसके एमडी की पोस्टिंग करते हैं और फिर किस तरह का यह, और हम पत्राचार करते हैं, पहले हमने पत्राचार किया था, हमने प्रश्‍न भी लगाया था और कार्यवाही भी हुई, माननीय मंत्री महोदया ने जांच भी बिठाई.

अध्‍यक्षीय घोषणा

5.39 बजे                         सदन के समय में वृद्धि विषयक

 

अध्‍यक्ष महोदय--  मांग संख्‍या 11, 43, 51 पर कार्यवाही पूर्ण होने तक सदन के समय में वृद्धि की जाये, मैं समझता हूं सदन इससे सहमत है.

                                                                      सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई.

 

श्री कमलेश्‍वर पटेल--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा सिर्फ यह निवेदन है कि सरकारी राशि का सरकार धन का दुरूपयोग नहीं होना चाहिये और जो राशि का प्रावधान जिन योजनाओं के लिये किया जाता है, उसका सही ढंग से सदुपयोग करना चाहिये, माननीय मंत्री महोदया जी जितना प्रावधान हम विज्ञापन में करते हैं अगर .

श्री बहादुर सिंह चौहान--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आसंदी का आदेश कमलेश्‍वर पटेल जी कभी मानते नहीं हैं, आपके आदेशों का पालन नहीं करते.

अध्‍यक्ष महोदय--  बैठ जाइये, हो गया आपका.

श्री कमलेश्‍वर पटेल--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा सिर्फ आपके माध्‍यम से यह निवेदन है कि सरकारी राशि का दुरूपयोग नहीं हो.

            डॉ योगेन्द्र निर्मल(वारासिवनी)--अध्यक्ष महोदय,मैं अपनी बात शुरु कर रहा हूं कि पहले कहा जाता था कि पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब. लेकिन माननीय मुख्यमंत्रीजी और मंत्रीजी ने समां बदल दी है अब खेल के माध्यम से भी आपने प्रदेश के युवाओं को नवाब बनाने का फैसला किया है. इसके लिए आप धन्यवाद के पात्र हैं. इसके अलावा खेल पर मैं और कुछ नहीं बोलना चाहता. यह अच्छा सराहनीय कदम है.

          अध्यक्ष महोदय, धर्म के मामले हम सारे भाजपा के विधायक धर्म के संस्थापक हैं. हम धर्म को जिन्दा रखने के लिए पैदा हुए हैं. मैं अपने क्षेत्र के रामपायली गांव जहां रामचन्द्र जी ने रात्रि विश्राम किया था. वहां 300 साल पुराना मन्दिर है. अभी 7 वर्षों से तहसीलदार रिसीवर के रुप में है. मेरा निवेदन है कि वहां फिर से समिति बनाने के आदेश किये जायें. उस रामपायली को पवित्र स्थान घोषित करने का मैं आपसे आग्रह करता हूं.

          अध्यक्ष महोदय, जहां तक उद्योग का सवाल है तो छोटे छोटे उद्योगों के माध्यम से लोग जीविका चला रहे हैं. मेरे यहां एक युवा जो एम कॉम है, वह दाबेली बेचकर 500 रुपये रोज कमाता है. छोटे छोटे धंधे हैं, बेकरी है और स्वर्णकार है, लांड्री हैं. इन धंधों को प्रोत्साहन देना चाहिए. हमारे मुख्यमंत्रीजी ने, हमारे भार्गव जी  ने  हाट बनाने का काम शुरु किया है जहां लोग राखी, पटाखे, रांगोली जैसे मौसमी(सीज़नल)चीजें बेचकर व्यापार कर रहे हैं. अपना पेट पाल रहे हैं. इन धंधों को आगे बढ़ाना चाहिए. 

          अध्यक्ष महोदय, मैं मुख्यमंत्रीजी का और आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. मेरे यहां आप इंडोर-आऊटडोर स्टेडियम का निर्माण करा रहे हैं. खेलों को आगे बढ़ाने का आप काम कर रहे हैं. धन्यवाद. भारत माता की जय.

          श्री वीरसिंह पंवार(कुरवाई)--अध्यक्ष महोदय,मैं माननीय मुख्यमंत्रीजी और मंत्रीजी को धन्यवाद दूंगा हमारे विदिशा में काफी बड़ा आयोजन माननीय मंत्रीजी के मार्गदर्शन में हुआ. वहां देश-प्रदेश के अनेक जगहों से लोग खेल प्रदर्शन में भाग लेने आये. हम सब लोग भी वहां पर उपस्थित थे. वहां पर  खेलों का सराहनीय आयोजन किया गया.

          अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्रीजी से मेरा निवेदन है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र कुरवाई में एक स्टेडियम की माननीय मुख्यमंत्रीजी की दौरे के समय की घोषणा थी. उसका कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं हो पाया है. माननीय मंत्रीजी से निवेदन है कि शीघ्र ही उस स्टेडियम के कार्य को प्रारंभ कराने की कृपा करें.

          अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से माननीय मंत्रीजी से निवेदन है कि मेरे विधानसभा क्षेत्र में लगभग 1 हजार हेक्टर से ज्यादा शासकीय भूमि है. वहां पर पर्याप्त पानी है. बेतवा नदी है. बीना रेल्वे 20 किलोमीटर दूरी पर है. 15 किलोमीटर दूरी पर बीना का टू लेन मेन रोड जिसका संपर्क भोपाल से भी है, वह लगा हुआ है. उसका संपर्क ब्यावरा, गुना,सागर और मालथौन हाई-वे से भी है. वहां पर पर्याप्त पानी, पर्याप्त जमीन है. रेल्वे का आवागमन है. मंडी बामौरा 10 किलोमीटर और बीना रेल्वे स्टेशन 20 किलोमीटर दूर है. माननीय मंत्रीजी यदि एक उद्योग स्थापित करवा देते हैं तो निश्चित रुप से उस क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.

          अध्यक्ष महोदय, बीना रिफायनरी कारखाना वहां से 15 किलोमीटर दूर है. उस कारखाने से संबंधित कोई उद्योग वहां पर लगवा दें तो हमारे क्षेत्र के युवाओं को काफी सुविधाएं मिलेंगी. बीना रिफायनरी का भारत-ओमान का जो कारखाना है उसमें पानी सप्लाय के लिए एक डेम का निर्माण रिफायनरी ने किया है इसके कारण से देवातर नामक मंदिर जिसका बेतवा और बीना नदी से संगम है वहां पर भगवान भोलेनाथ का बहुत प्राचीन मंदिर है जिसका ट्रस्ट निर्माण बहुत पुराने समय का है. उसमें मात्र 1-2 ट्रस्टी बचे हैं. उसका 50 लाख रुपये से अधिक का बेलेन्स शासन के खाते में जमा है लेकिन डेम निर्माण के कारण पानी का जो भराव हो रहा है, वहां न तो कोई सीढ़ियां बनायी गई है और न कुछ बनाया गया है. मकर संक्राति को बड़ा मेला लगता है. बाहर  से हजारो-लाखों की संख्या में लोग आते हैं. वहां घाट निर्माण न होने के कारण बहुत असुविधा होती है.

इस बार वहां मेले में 2-3 श्रद्धालु गहरे पानी में डूब गये थे. हालांकि गोताखोरों के द्वारा उनका बचा लिया गया. माननीय मंत्री जी से यह निवेदन है कि उसमें 50 लाख रुपए के करीब पर्याप्त फंड है. माननीय मंत्री महोदया शासन की तरफ से कुछ फंड उपलब्ध करा देती हैं तो वहां पर घाटों का निर्माण हो जाएगा. हमारे यहां बीना रिफाइनरी का जो कारखाना बना हुआ है, वह मेरी विधान सभा से लगा हुआ है. रिफाइनरी वाले मेरे क्षेत्र में कोई फंड नहीं देते हैं जिसे वहां के पर्यावरण या अन्य सुविधाओं पर खर्च किया जाय. सारा का सारा पैसा वह सागर जिले में खर्च कर देते हैं. माननीय मंत्री महोदया से निवेदन है कि मेरे क्षेत्र में  भी रिफाइनरी से कुछ फंड दिलवाया जाय. जो बीना रिफाइनरी का डेम बनाया गया है, उसमें बीच में कैलाश टेकरी करके एक मंदिर है, जो पानी में बीचों-बीच में आ गया है. वहां दीपावली के समय अन्नकूट का कार्यक्रम होता है, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु जाते हैं. सभी को नाव से उस मंदिर तक जाना पड़ता है. चूंकि रिफाइनरी ने वह डेम बनाया है. रिफाइनरी से प्रयास करके वहां पर छोटे एक रपटे का निर्माण हो जाता है तो इससे लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी. अध्यक्ष महोदय, आपने बोलने का समय दिया, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

श्री आशीष शर्मा ( खातेगांव ) - अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 11,43 एवं 51 का समर्थन करता हूं. खेल से ही स्वस्थ भावी पीढ़ी तैयार होती है. आज मध्यप्रदेश में उल्लेखनीय रूप से खेलों में अच्छे वातावरण का निर्माण हुआ है, जिसके लिए मैं माननीय मंत्री महोदया को अपनी ओर से बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं. उन्होंने व्यक्तिगत रुचि लेकर इस विभाग का जिम्मा संभाला है. मैं कुछ मांगें और कुछ सुझाव माननीय मंत्री महोदया को तीनों विभागों में देना चाहता हूं. आपने हमें विधायक ट्रॉफी दी, उसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. मेरे विधान सभा क्षेत्र में लगभग 65 टीमों ने जो कबड्डी की प्रतियोगिता रखी थी, उसमें हिस्सा लिया था. लगभग 500 से 600 खिलाड़ी ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर आए. आपने यह बहुत अच्छी शुरुआत की है. इसके लिए फंड्स बढ़ाने की मांग सभी विधायकों ने की है. मैं भी मांग करूंगा कि अगली बार इसका फंड्स बढ़ाया जाय ताकि हम इस प्रतियोगिता को और अच्छे से आयोजित कर सकें. मिशन ऑलम्पिक 2020 आपने लिया है, जिसके अंतर्गत निश्चित रूप से मध्यप्रदेश से अच्छे खिलाड़ी जाएंगे. ऑलम्पिक की जब हम प्रतियोगिता देखते हैं, मध्यप्रदेश से भी बहुत छोटे-छोटे देशों को पदक मिलते हैं. लेकिन मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश में खेलों के क्षेत्र में जिस तरह से काम चल रहा है. आने वाले वर्षों में हम ऑलम्पिक की प्रतियोगिता में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों को भी हम पदक के साथ देख पाएंगे. ऐसा मैं विश्वास करता हूं. एक सुझाव में देना चाहता हूं कि जो जिमनेज़्यम्  नगरीय क्षेत्रों में प्रारंभ होते हैं उसमें कुछ न कुछ अनुदान सरकार कीओर से दिया जाना चाहिए क्योंकि जिमनेज़्यम्  में युवाओं की विशेष रुचि रहती है. जिमनेज़्यम्  लगाना बड़ा महंगा काम होता है. अगर आप इसको लगाने के लिए, इसके उपकरणों में  अनुदान प्रदान करेंगे, निश्चित तौर पर जिमनेज़्यम् को प्रोत्साहन मिलेगा. जो खिलाड़ी मध्यम, गरीब परिवारों के हैं, जो क्रिकेट को छोड़कर अन्य खेलों में रुचि रखते हैं. साथ ही साथ पढ़ाई भी करते हैं. यदि उन्हें खेल भत्ता दिये जाने की शुरुआत मध्यप्रदेश से की जाएगी तो बहुत अच्छा रहेगा. हमारा जो विधान सभा का क्षेत्र है, वहां पर धर्मस्व विभाग के बहुत सारे मंदिर मौजूद हैं. नेमावर, मां नर्मदा का नाभि स्थल है और वहां पर भगवान सिद्धनाथ का अति प्राचीन मंदिर है. उसके जीर्णोंद्धार के लिए आप राशि धर्मस्व विभाग के माध्यम से स्वीकृत करेंगे तो बहुत अच्छा रहेगा. सतनागिरी करके एक स्थान हैं जहां पर जामवंत जी की गुफा है  ऐसा कहा जाता है, उसके विकास के लिए भी  कुछ राशि स्वीकृत होगी तो बहुत अच्छा होगा. हमारे यहां मां नर्मदा की 5 दिन की पंचकोशी यात्रा होती है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु होते हैं, उसके मेले के लिए आपके द्वारा अगर कुछ राशि प्राप्त होगी तो बहुत अच्छा होगा.

अध्यक्ष महोदय, मां तुझे प्रमाण, आपके विभाग की जो योजना है, वह बहुत अच्छी चल रही है. धर्मस्व विभाग के माध्यम से बहुत सारे तीर्थ यात्रियों को, बुजुर्गों को ट्रेन में बैठाने जाते हैं तो हमारे मन को बहुत सुकून मिलता है. इसमें फंड बढ़ाया जाय. इन्हें बहुत  जल्दी जल्दी आयोजित किया जाय. हमारे यहां दतूनी मध्यम परियोजना के अंतर्गत बहुत अच्छे डेम का निर्माण हुआ है. इसमें एक बहुत बड़ा जल ग्रहण क्षेत्र हमें मिला है. उसमें तैराकी और नौकायन जैसी प्रतियोगिता हो सकती है. मुझे विश्वास है कि आप इसे भी अपने विभाग की योजना में शामिल करेंगी.अध्यक्ष महोदय, आपने जो बोलने का अवसर प्रदान किया उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

            श्री दुर्गालाल विजय ( श्योपुर ) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश में औद्योगिक  क्षेत्र में बहुत ही उत्तम तरीके से कार्य हुआ है जिसके कारण उद्योगों के लगने की अपार संभावनाएं हैं, इस मध्यप्रदेश राज्य में हुई हैं. वैसे विस्तार से यहां पर साथियों ने सभी बातों को रखा है. मैं यहां पर एक दो बातों को रखना चाहता हूं कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक विशिष्ट योजना बनाकर  जो कार्य मध्यप्रदेश की सरकार ने उद्योग मंत्री जी ने प्रारम्भ किया है, जिसके कारण से पीथमपुर में लगभग 3 हजार करोड़ रूपये की लागत से एक डिफेंस पार्क बनने जा रहा है. इसमें लगभग 5 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा. यह उद्योग विभाग का बहुत ही महत्वपूर्ण और अच्छा काम है. इसी प्रकार से भोपाल में हेलीकाप्टर बनाने का कारखाना 1300 करोड़ रूपये की लागत से बनाने जा रहे हैं उसमें भी 1000 से ज्यादा युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा. इस कार्य के लिए मैं मंत्री जी को बहुत धन्यवाद और बधाई देना चाहता हूं प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी को भी बधाई देना चाहता हूं.

          अध्यक्ष महोदय एक और कार्य जो कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने प्रारम्भ किया है. वास्तव में उसके कारण से बहुत सारी समस्याओं का समाधान हुआ है. प्रत्येक सप्ताह में मुख्यमंत्री जी ने उद्योगपतियों से मिलने का समय निश्चित किया है और संभावित रूप से मुख्यमंत्री जी उद्योगपतियों से और उद्योग लगाने वाले इच्छुक व्यक्तियों से प्रत्येक सोमवार को मिलते हैं. उद्योग विभाग के अधिकारियों और उद्योग लगाने वालों के साथ में मिलकर आने वाली कठिनाइयों और समस्याओं का निराकरण करते हैं उसके कारण से भी उद्योग लगाने वाले लोगों को अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा अवसर मिला है.

          मैं मेरे क्षेत्र की बात कहना चाहता हूं. लगभग 4 वर्ष पहले श्योपुर में उद्योग के लिए भूमि चयन की गई थी, उद्योग विभाग को उसका आवंटन भी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक वहां पर जो युवा और उद्यमी उद्योग लगाना चाहते हैं उनको स्थान आवंटित नहीं किया जा रहा है, कारण तो यह बताया जा रहा है कि अभी पर्यावरण विभाग से अनुमति प्राप्त नहीं है, और भी अन्य विभागों से अनुमति प्राप्त नहीं है. लेकिन एक लंबा समय हो गया है इसमें मेरा माननीय मंत्री जी से यह अनुरोध है कि वैसे श्योपुर में विपुल कृषि उत्पादन है और वनोत्पाद भी विपुल है और छोटे उद्योंगों की बहुत संभावनाएँ हैं, ऐसे में अगर यह छोटे छोटे उद्योग लगाने वाले हैं और उनको भूमि आवंटित कर दी जाती है तो जल्दी ही उनका काम आगे बढ़ जायेगा.

          माननीय अध्यक्ष महोदय अभी जैसा कि कहा गया और सभी विधायकों ने प्रशंसा की है कि जो विधायक कप प्रारम्भ किया है वास्तव में इसके कारण से ग्रामीण अंचल में खेलने वाले खिलाड़ियों का बड़ा उत्साह वर्धन हुआ है. मैं माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहता हूं कि हमारे श्योपुर में ढोडर मानपुर और सोईकला बड़े कस्बे हैं, इन कस्बों में मिनी स्टेडियम की आवश्यकता है. चूंकि वहां पर गांव के अंदर रहने वाले युवाओं को खेल के प्रति जाग्रति हुई है वहां पर बहुत ही प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी वहां पर हैं इसके कारण इन स्थानों पर खेल का अवसर प्रदान करने के लिए अगर वहां पर स्टेडियम देंगे तो वहां पर खिलाड़ियों को एक बहुत बड़ी सुविधा प्राप्त हो सकेगी.

          माननीय अध्यक्ष महोदय एक बात धर्मस्व के बारे मेंकहना चाहता हूं कि श्योपुर में नागेश्वर और भूतेश्वर का एक बहुत प्राचीन मंदिर है. राजमाता साबह भी वहां पर जाया करती थीं. इस स्थान का वर्णन पुराणों में भी आताहै, शास्त्रों में भी इसका वर्णन आता है. उस स्थान को विकसित करने की दृष्टि से धर्मस्व विभाग से कुछ धनराशि अगर प्राप्त हो तो बहुत प्राचीन महाभारत काल के समय का वर्णन मिलता है. ऐसे स्थान को विकसित करेंगे तो जो श्रद्धालू वहां पर आते हैं उनको सुविधा मिल सकेगी. इतना कहते हुए अपनी बात समाप्त करता हूं. आपने समय दिया धन्यवाद्.

     अध्‍यक्ष महोदय -- मेरे पास 5 नाम और अतिरिक्‍त आए हैं, सबको एक-एक मिनट का समय देंगे, कृपया अपने क्षेत्र की बात करके सहयोग करेंगे, ऐसी मेरी आशा है.

          श्री बहादुर सिंह चौहान (महिदपुर) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मांग संख्‍या का समर्थन करते हुए मैं सीधे-सीधे मंत्री महोदया को धन्‍यवाद देना चाहता हूँ. मेरे क्षेत्र की एक बहुत बड़ी समस्‍या थी जिसे मंत्री महोदया ने हल कर दिया है, शुगर मिल हमारे क्षेत्र में थी जिस पर कतिपय लोगों का अतिक्रमण था और उस पर उनका कब्‍जा था. 44 हेक्‍टेयर भूमि से माननीय मंत्री महोदया ने अतिक्रमण हटवाया और यह पूरी भूमि अब शासन के पास है  और वहां पर रेलवे ट्रैक है तो वहां छोटा-मोटा उद्योग लगाया जा सकता है इस हेतु मैंने पहले भी निवेदन किया है और पत्र भी दिया है, आप निश्‍चित रूप से उस पर कार्यवाही करेंगी.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरे क्षेत्र की एक और मांग महत्‍वपूर्ण है जिसे मैं आपके माध्‍यम से मंत्री जी को बताना चाहता हूँ. मेरे क्षेत्र में बाबा रामदेव जी का मंदिर है और राजस्‍थान में उनका बड़ा मंदिर है और भादवा सुदी तीज के दिन उनका जन्‍म दिवस है जिसमें हजारों की संख्‍या में लोग आते हैं तो उसके जीर्णोद्धार के लिए भी मैंने माननीय मंत्री महोदया से निवेदन किया है, उस पर भी वे कार्यवाही करेंगी. एक झरादेश्‍वर मंदिर है उसमें भी आपका आशीर्वाद रहेगा. मैं अंतिम एक बात कहकर अपनी बात समाप्‍त करूंगा कि जो विधायक ट्रॉफी की माननीय मंत्री महोदया ने शुरुआत की है इसमें और राशि की बढ़ोतरी की जाए जिससे इसका प्रभाव और बढ़े. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपने बोलने का मौका दिया,  बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

          श्री हजारी लाल दांगी -- अनुपस्‍थित.

          श्री राजेश सोनकर (सांवेर) -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं मांग संख्‍या 43 के समर्थन में बोलने के लिए खड़ा हुआ हूँ. मैं आपके माध्‍यम से प्रदेश के यशस्‍वी मुख्‍यमंत्री माननीय शिवराज सिंह जी और यशस्‍वी खेल मंत्री आदरणीया यशोधरा जी को बहुत-बहुत धन्‍यवाद देना चाहता हूँ. जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार मध्‍यप्रदेश में बनी है.

          अध्‍यक्ष महोदय -- कृपया क्षेत्र की बात करके समय सीमा में बात समाप्‍त करें.

          श्री राजेश सोनकर -- अध्‍यक्ष महोदय, केवल एक मिनट में मेरी बात समाप्‍त हो जाएगी. प्रदेश के सर्वांगीण विकास के रथ पर सवार होकर जिस तेजी से विकास की यात्रा शुरू हुई है उतनी ही तेजी से प्रदेश के युवाओं का सर्वांगीण भी प्रदेश की सरकार का लक्ष्‍य है. पहली बार प्रदेश के युवाओं को खेल के साथ राष्‍ट्रीय चेतना का जज्‍बा पैदा करने के साथ-साथ स्‍वर्ण पदक, रजत पदक और कांस्‍य पदक जीतते हुए हमने देखा है. आज पदक के लिए मध्‍यप्रदेश तरसता हुआ नहीं बल्‍कि पदक को लपकता हुआ दिख रहा है.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, खेल सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्‍कि हमारे जीवन के सफलता की कुंजी है. खेल से हम साधना सीखते हैं, खेल से हम लक्ष्‍य को भेदना सीखते हैं, खेल से हम सामूहिक निर्णय लेना सीखते हैं, खेल से हम समरसता सीखते हैं, खेल से हम एकाग्रता सीखते हैं, खेल से हम अनुशासन सीखते हैं और खेल से ही हम सफलता के लिए संघर्ष करना सीखते हैं. अध्‍यक्ष महोदय, आपके माध्‍यम से मैं खेल मंत्री जी को धन्‍यवाद देना चाहता हूँ जिन्‍होंने ग्रामीण युवा एवं खेल प्रतिभाओं को निखारने हेतु विधायक ट्रॉफी के रूप में खेल स्‍पर्द्धाओं का आयोजन किया, इसका लाभ निश्‍चित ही ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को मिलेगा.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से माननीय खेल मंत्री जी को इसलिए भी धन्‍यवाद देना चाहता हूँ और उनसे आग्रह करना चाहता हूँ कि प्रत्‍येक ब्‍लॉक स्‍तर पर स्‍वदेशी खेलों को प्रोत्‍साहित करने हेतु स्‍वदेशी खेलकुंभ या ऐसी स्‍पर्द्धाओं का आयोजन किया जाए जिससे हमारे स्‍वदेशी खेलों को, जो कि लगभग विलुप्‍त से हो गए हैं, उन खेलों को प्रोत्‍साहन मिले जैसे हाकी, मलखंभ, गटकाकरी, निशानेबाजी, खो-खो, कबड्डी आदि.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, एक और बात मैं करूंगा. प्रदेश के ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी, जो केन्‍द्र सरकार या प्रदेश सरकार के किसी भी पुरस्‍कार से पुरस्‍कृत हुए हैं, ऐसी एक व्‍यवस्‍था की जाए कि उनके माध्‍यम से खेलों को प्रोत्‍साहन देने के लिए स्‍कूलों में उनको नौकरी देकर स्‍कूल के बच्‍चों को वे प्रशिक्षण दें जिससे माननीय मुख्‍यमंत्री जी की जो मंशा है कि खिलाड़ियों के अंदर जो तनाव है उस तनाव को दूर करते हुए स्‍कूल के बच्‍चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षित खिलाड़ियों की सेवाएं लेंगे तो निश्‍चित रूप से इसका लाभ होगा. माननीय मंत्री जी से मेरा आग्रह है कि वे इस बजट में स्‍वदेशी खेलों को भी प्रोत्‍साहन देने के लिए प्रावधान रखेंगी. साथ ही ब्‍लॉक स्‍तर पर जो इंडोर और आऊटडोर स्‍टेडियमों का निर्माण होने वाला है उन्‍हें भी यथाशीघ्र पूरा करेंगे तो उसका लाभ क्षेत्र को मिलेगा.

            श्री भारत सिंह कुशवाह(ग्वालियर-ग्रामीण)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 11,43 और 51 का समर्थन करता हूँ और साथ ही पूरे प्रदेश के हर विधानसभा में विधायक कप का आयोजन कराने के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को, माननीय मंत्री जी को बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ. साथ ही प्रदेश का युवा पढ़ाई लिखाई के साथ साथ किसी न किसी खेल में अवश्य रुचि रखता है. अभी वर्तमान में जैसे ही विधायक कप के माध्यम से मुझे खुद महसूस हुआ. मेरे विधानसभा क्षेत्र में 140 टीमों ने भाग लिया और यह क्रिकेट मैच का आयोजन 15 दिन चला और जिस प्रकार से ग्रामीण युवाओं में जो उत्साह देखने को मिला तो मन में बड़ी प्रसन्नता हुई. मेरा इसमें एक सुझाव है कि खेल को निरन्तर जारी रखने के लिए  खेल विभाग द्वारा एक केलेन्डर वर्ष  तैयार किया जाए जो कि खेल अनुसार उस केलेन्डर को बनाया जाए और वर्ष में उस खेल के अनुसार उसमें यह भी तय किया जाए कि फलाने महीने में फलाने खेल का आयोजन किया जाएगा तो मैं यह समझता हूँ कि पूरे प्रदेश से  हर विधानसभा क्षेत्र से  लाखों युवा अपनी रुचि के अनुसार खेलों से जुड़ेंगे, ऐसा मेरा एक सुझाव है. दूसरा मैं माननीय मंत्री जी से यह निवेदन करना चाहूंगा कि इसमें जो प्रोत्साहन की राशि है, खेल के हिसाब से इस प्रोत्साहन राशि को भी बढ़ाया जाए जिससे उन बच्चों में और युवाओं में और उत्साहवर्द्धन हो सके. मेरे विधानसभा क्षेत्र ग्राम बेरजा बहुत बड़ा गांव है और वह पूरे विधानसभा क्षेत्र का सेन्टर पाइंट है. वहां पर एक बड़े स्टेडियम को स्वीकृत कर वहां पर स्टेडियम का निर्माण कराया जाए, ऐसी मैं उम्मीद करता हूँ. मुझे बोलने का मौका दिया, बहुत बहुत धन्यवाद.

          श्री अनिल फिरोजिया(तराना)-- धन्यवाद अध्यक्ष जी,  आखिरी बल्लेबाज फिर मैं ही बचा. मैं आपको धन्यवाद देता हूँ और मैं मांग संख्या 11,43 और 51  के समर्थन में अपनी बात रखना चाह रहा हूँ. मैं मध्यप्रदेश यशस्वी मुख्यमंत्री और यशस्वी हमारी खेल मंत्री को धन्यवाद देना चाहता हूँ जिन्होंने विधायक ट्राफी  मध्यप्रदेश में प्रारम्भ की और इससे काफी युवाओं में उत्साह है और सभी दूर मेरे विधानसभा क्षेत्र में भी  मैंने कबड्डी का आयोजन कराया लेकिन माननीय मंत्री जी मैंने आपसे पहले निवेदन किया था इसमें  प्रोत्साहन राशि आप बढ़ायेंगे. यह प्रोत्साहन राशि खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए बहुत कम थी तो आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से निवेदन है कि प्रोत्साहन राशि का प्रावधान बढ़ाया जाए ताकि खिलाड़ियों में और  उत्साह आये क्योंकि आपके नेतृत्व में ही हमारी मध्यप्रदेश की 6 बालिकाएँ हाकी में गोल्ड मेडल लायी हैं जिनको  आपने एक एक करोड़ रुपया मध्यप्रदेश सरकार ने दिया है. इस विधायक ट्राफी को और अच्छे से कैसे इसका  स्वरुप किया जाए इसकी योजना बेहतर बनायी जाए. दूसरा मैं आपके माध्यम से  एक निवेदन और करना चाहूंगा कि धर्मस्व विभाग में मेरे विधानसभा क्षेत्र तराना में माता कालका का मंदिर है जो कर्ण की अराध्य देवी है और करीब 500 साल पुराना वह मंदिर है उसके जीर्णोद्धार के लिए  आपक राशि प्रदान करेंगी ऐसी मेरी आपसे मांग है. विधायक ट्राफी के लिए पुन: मैं आपको धन्यवाद देता हूँ. अध्यक्ष जी, बहुत बहुत धन्यवाद, आपने समय दिया.

          श्री रणजीत सिंह गुणवान(आष्टा)माननीय अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी और खेलमंत्री महोदया जी से कहना चाहता हूं कि जो मध्यप्रदेश में खेल का एक इनडोर स्टेडियम का जो कार्यक्रम मध्यप्रदेश सरकार ने किया है एक नया स्वरूप मध्यप्रदेश के युवाओं को दिया है उनको ऐसा लग रहा है कि एक नई योजना बनाकर के युवाओं को उत्साहित किया है. स्टेडियम की राशि मिल गई है, टेंडर हो गया है, काम चालू हो गया है. कई जगह इसके लिए जमीन नहीं मिल रही है, मांगने पर भी जगह नहीं मिल रही है. मेरे क्षेत्र में भी अभी काम चालू हो गया है मैं युवाओं की तरफ से मंत्री महोदया को धन्यवाद देता हूं. मेरा निवेदन है कि अभी आधा पैसा मिला है और शेष पैसा मिल जाये तो यह काम साल डेढ़ साल में शीघ्र पूरा हो जाएगा. बच्चों को और खिलाड़ियों को इसके कारण बहुत उत्साह हुआ है. साथ में एक अरज और भी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जो मंदिर होते हैं, उसमें कलेक्टर के माध्यम से पैसा मिलता था वह पैसा अभी नहीं मिल पा रहा है उसके लिए निवेदन है कि इसको भी दिखवायें. मेरा मंत्री जी से एक और निवेदन है कि एक छोटा सा लघु उद्योग हमारे आष्टा में दे दें जिससे हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगा. आपने मुझे समय दिया उसके लिए धन्यवाद.

श्री यशपाल सिंह सिसोदियामाननीय अध्यक्ष जी, आसंदी पर रहते हुए उपाध्यक्ष जी ने जो निर्देश दिये थे अनुशासन में रहते हुए पूरे समय बैठने के लिए जितू पटवारी जी पर इस बात ने पूरा असर किया है. इस डिमांड पर जितू पटवारी पूरे समय बैठे .पै

श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल(देपालपुर)--  माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मंत्री जी को बहुत बहुत धन्यवाद दूंगा कि मंत्री जी ने विधायक ट्राफी पूरे प्रदेश में बिना भेदभाव के सारे विधायकों को दी. इससे नये खेलों को बढ़ावा मिलेगा. विधायक ट्राफी के माध्यम से आप कबड्डी, खो-खो,क्रिकेट के अलावा नये नये गेम्स जो हमारे ग्रामीण कल्चर के हैं जो हमारे समाज को पसन्द है जो हमारे युवा खिलाड़ी खेलना चाहते हैं वह खेल विधायक ट्राफी के माध्यम से वह करवाये और प्रतिभा को आगे लेकर आए . मंत्री जी ने बहुत अच्छा कार्य किया है और एक निवेदन भी करूंगा कि मेरे क्षेत्र से पीथमपुर लगा हुआ है और इंदौर एयरपोर्ट से पीथमपुर तक एक सड़क जाती है जो एकेवीएन की है वह सड़क आधी बन चुकी है और आधी बाकी है लगभग 20 करोड़ की लागत की है . मंत्री जी से निवेदन है कि उद्योगपति एयरपोर्ट से सीधा यदि पीथमपुर जाता है तो उनके लिए भी कन्वीनिएंट रहेगी औऱ हमारे क्षेत्र को उसका लाभ मिलेगा यही निवेदन करते हुए बहुत बहुत धन्यवाद.

डॉ. रामकिशोर दोगने (हरदा) --  माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मांग संख्या 11,43 का विरोध करते हुए सीधे अपने क्षेत्र की मांग रखता हूं कि हमारे क्षेत्र में एक सुल्तानपुर औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया था जिसको फूड पार्क के नाम से घोषित किया था और उसका उद्घाटन भी हो चुका पर आज तक वहाँ निर्माण नहीं हुआ और न ही कोई काम हुआ है मेरा मंत्री महोदया से निवेदन है कि सुल्तानपुर में जो फूड पार्क का जो उदघाटन किया है तो उसको पूरा करवाने की कृपा करें. इसके साथ ही मैं खेल के संबंध कहना चाहता हूं कि खिरकिया हमारा एक छोटा शहर है, नगर परिषद है वहाँ पर कोई स्टेडियम नहीं है, वहाँ स्टेडियम देने की कृपा करें . वहाँ बीच शहर में हाईस्कूल है, उसमें जगह भी है वहाँ स्टेडियम देंगे तो निश्चित रूप से खिलाड़ी अच्छे निकलेंगे क्योंकि वहाँ डेली पांच सौ खिलाड़ी प्रेक्टिस करते हैं और अभी पांच खिलाड़ी श्रीलंका के लिए चयन होकर वहाँ से गये हैं. मेरा यहाँ हंडिया धार्मिक क्षेत्र है और वहाँ कई मंदिर हैं  और उन मंदिरों से जमीन लगी हुई है जो गांव में जमीनें हैं उन जमीनों को इंकम को संचित करके वहाँ के क्षेत्र को डेवलप करेंगे तो अच्छा रहेगा दूसरा मेरा निवेदन है कि हर गांव में मंदिर में जमीनें लगी हुई रहती हैं , हर मंदिर के पीछे दस बीस एकड़ जमीन है, उन जमीनों के प्रबंधक और ट्रस्टी कलेक्टर रहते हैं, उन जमीनों को ट्रस्ट में लेकर गौशाला उसमें डाल दी जाये तो गांव में गौशाला हो जाएगी. प्रत्येक गांव में गौशाला हो जाएगी तो बहुत अच्छा काम होगा.इसके साथ ही एक गुप्तेश्वर मंदिर हमारे यहाँ खिरकिया में है. जो पाण्डवकालीन मंदिर है. उस मंदिर के साइड से नदी बहती है मिट्टी खिसक रही है तो उसकी दीवार बनवाने की कृपा करेंगी तो अच्छा रहेगा और उसकी बाउण्ड्री बनवा देंगे तो बहुत अच्छा रहेगा. अध्यक्ष जी, आपने बोलने का मौका दिया इसके लिए धन्यवाद.

          श्री जितू पटवारी--  अध्यक्ष जी, एक मिनट.

          अध्यक्ष महोदय--  नहीं अब आप दोबारा बोल रहे हैं. आपने शुरुआत की थी. माननीय मंत्री जी...

          श्री जितू पटवारी-- अध्यक्ष जी, 30 सेकंड. सकारात्मक बात है. अध्यक्ष जी, प्लीज मेहरबानी करके अनुमति दें. ..(व्यवधान)..

          अध्यक्ष महोदय--  नहीं. जितनी बार याद आएगा उतनी बार थोड़े ही बोलेंगे.

          श्री जितू पटवारी--  कुछ याद नहीं आया. पुराना छूट गया था.

          अध्यक्ष महोदय--  पुराना छूट गया था तो याद तो अभी आया. माननीय मंत्री जी....

          श्री जितू पटवारी--  अध्यक्ष जी, माननीय मंत्री जी ने विधायक ट्रॉफी करवाई सब विधायकों ने उसकी तारीफ की. मेरा सबसे अनुरोध है कि तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अच्छी योजनाएँ हैं इसके लिए उनका स्वागत किया जाए.धन्यवाद.(मेजों की थपथपाहट)

          श्री ओमप्रकाश सखलेचा--  माननीय अध्यक्ष जी, आधा मिनट लूँगा. एक महत्वपूर्ण बिन्दु...

          श्री मनोज पटेल--  जीतू भैय्या, ऐसा अच्छा सहयोग करेंगे तो और अच्छे काम माननीय मंत्री जी करेंगी...(व्यवधान)..

          श्री जितू पटवारी--  एक क्रिकेट टूर्नामेंट पक्ष विपक्ष का....(व्यवधान)..

          श्री मनोज पटेल--  मंत्री जी ने और सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया.

          वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार मंत्री(श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया)--  माननीय अध्यक्ष जी, आपका संरक्षण चाह रही हूँ कि 3-4 घंटे तो हो ही गए तो अगर मैं थोड़ी सी देर लगाऊँ तो आप क्षमा करें पर उचित होगा कि कई प्वाईंट्स ऐसे आए हैं विधायकों के, जहाँ जो भ्रम है या कुछ ऐसी बात है तो उसको भी हमें ठीक करने की बात होनी चाहिए.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मुख्यमंत्री जी, मंत्रिमंडल के मेरे माननीय साथी, माननीय नेता प्रतिपक्ष एवं सदन में उपस्थित माननीय विधान सभा सदस्यगण, विधान सभा के इस बजट सत्र में आप सभी का स्वागत है. आज इस बहस में हमारे माननीय सदस्य, श्री जीतू पटवारी जी, श्री शैलेन्द्र जैन जी, श्री शैलेन्द्र पटेल जी, श्री दिलीप सिंह शेखावत जी, श्री ओमप्रकाश सखलेचा जी, राजा साहब विक्रम सिंह जी, श्री रामेश्वर शर्मा जी, श्री यादवेन्द्र सिंह जी, श्री सुदर्शन गुप्ता जी, श्रीमती चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर जी, श्री के के श्रीवास्तव जी, श्रीमती ऊषा चौधरी जी, श्री दिलीप सिंह जी परिहार, श्री रामपाल सिंह जी, श्री पुष्पेन्द्रनाथ जी पाठक, श्री गोविन्द पटेल जी, श्री फुन्देलाल सिंह जी, श्री देवेन्द्र वर्मा जी, श्री दिनेश राय जी, राजा मानवेन्द्र सिंह जी, श्री कमलेश्वर पटेल जी, डॉ.योगेन्द्र निर्मल जी, श्री वीर सिंह पवार जी, श्री आशीष शर्मा जी, श्री दुर्गालाल विजय जी, श्री बहादुर सिंह चौहान जी, श्री राजेश सोनकर जी, श्री भारत सिंह कुशवाह जी, श्री अनिल फिरोजिया जी, श्री रणजीत सिंह गुणवान जी, श्री मनोज निर्भय सिंह जी पटेल और डॉ.रामकिशोर दोगने जी को मैं बहुत बहुत धन्यवाद देती हूँ कि उन्होंने इतनी मेहनत की अपनी स्पीच में कई सुझाव मुझे दिए, मैं इन सबको बहुत बहुत धन्यवाद देना चाहती हूँ.

          श्री मनोज पटेल--  माननीय अध्यक्ष जी,  मैं माननीय मंत्री जी को बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूँ कि आज तक के इतिहास में मुझे नहीं लगता कि इस सदन में खेल एवं युवक कल्याण विभाग पर इतने लोगों ने चर्चा की होगी. कहीं न कहीं यह इस बात का द्योतक है कि इस विभाग में बहुत अच्छा काम हो रहा है और मंत्री जी से और अपेक्षा है इसलिए इतने लोगों ने इसमें भाग लिया.(मेजों की थपथपाहट) इसके लिए मंत्री जी को बहुत बहुत बधाई.

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया-- मैं आभारी हूँ. माननीय अध्यक्ष महोदय, आपका थोड़ा सा समय चाहिए क्योंकि पहले मैं अपने विभागों की बात करूँगी और फिर आपके संरक्षण के साथ....

          श्री वेलसिंह भूरिया--  माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं भी माननीय मंत्री जी को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ और मैं नेश्नल खिलाड़ी होकर बोलने के लिए खड़ा नहीं हुआ उसके लिए भी मैं बहुत खुश हूँ, माननीय मंत्री जी बोल रही हैं मैं आपको विधायक ट्रॉफी पर बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ. मैंने मेरे पास से खिलाड़ियों को ईनाम दिया है, माननीय मंत्री जी को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ.

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया-- माननीय अध्यक्ष महोदय, आज के वातावरण में ग्लोबल स्लो डाउन के वातावरण में अखबार पढ़ना भी बहुत जरूरी है क्योंकि उससे मालूम होता है कि देश विदेश में उद्योग की स्थितियाँ कैसी हैं और हमें आज जिस तरह से फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट आए या हमें बाहर जाकर इन्वेस्टमेंट लाना हो वह एक बहुत मशक्कत की बात है. कई प्रदेश तो ऐसी चीजों में अव्वल हैं. लोगों को पता है कि आन्ध्रप्रदेश ने इतने सालों में क्या किया, तेलंगाना ने क्या किया, राजस्थान ने क्या किया, महाराष्ट्र ने क्या किया. एक बीमारू राज्य से माननीय शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 9 साल में इस राज्य को एक ऐसा स्थान दिया जिसमें हम अपना सिर ऊंचा करके आज विश्व में जा सकते हैं और लोगों को बता सकते हैं कि मध्यप्रदेश क्या है. मध्यप्रदेश का औद्योगिकरण कर रोजगार के सृजन का महत्वपूर्ण कार्य वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग द्वारा संपादित किया जा रहा है. विभाग द्वारा निवेश आकर्षित कर प्रदेश को औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी प्रदेशों की पंक्ति में स्थापित किया गया है. मध्यप्रदेश देश में तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था वाले राज्यों में से एक है इसका प्रमाण है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी हमारे ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में आये और उन्होंने हमारे मुख्यमंत्री का बखान किया वही एक बहुत बड़ा प्रमाण साबित होता है. मध्यप्रदेश की इस स्थिति की पुष्टि विश्व बैंक की Ease of doing business study से भी साबित होता है कि वर्ष 2015 की रैंकिग में उनके द्वारा मध्यप्रदेश को पांचवा स्थान दिया है. साथ ही एक निजी अध्ययन संस्था Ambit Capital के द्वारा यह प्रतिवेदन दिया गया है कि देश के 15 अग्रणी राज्यों में से पिछले तीन वर्ष में मध्यप्रदेश सर्वश्रेष्ठ परफार्मिेंग राज्य है. केन्द्र सरकार के द्वारा राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े दिनांक 1.3.2016 को जारी किए गए हैं मुझे इन आंकड़ों की जानकारी देते हुए अत्यंत गर्व महसूस हो रहा है मध्यप्रदेश सकल घरेलू उत्पाद के वर्ष 2015-16 के अग्रिम अनुमान के अनुसार विनिर्माण के क्षेत्र में 8.86 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है पिछले वर्ष के त्वरित अनुमान में यह वृद्धि 5.73 प्रतिशत थी. माननीय पटवारी जी आज मुकेश नायक जी यहां बैठे नहीं हैं. इस वृद्धि के लिए मैं राज्य की जनता, जनप्रतिनिधियों एवं उद्योगपतियों को धन्यवाद देती हूं. प्रदेश के सर्वांगीण व समुचित औद्योगिक विकास हेतु मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति 2014 लागू की गई है इसके अतिरिक्त रक्षा क्षेत्र में निवेश हेतु पृथक से रक्षा संयंत्र उत्पाद निवेश नीति लागू की गई है. हमारा प्रदेश सबसे पहला राज्य था जिसने डिफेंस पॉलिसी बनाई थी यह जानकारी पेपरों से एकत्रित करते हुए भविष्य में  भारत सरकार की पॉलिसी बनेगी हम उसके पहले बनायेंगे ताकि हम भी सुरक्षा के क्षेत्र में लोगों को यहां निवेश के लिए ला सकते हैं. निवेशकों को शासकीय औद्योगिक भूमि सरलता से उपलब्ध कराने हेतु नियमों का सरलीकरण कर मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 लागू किए गए. शासकीय क्रय में पारदर्शिता एवं प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रदेश के सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 लागू किए गए हैं. मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि माननीय मुख्यमंत्रीजी के द्वारा 22 से 23 अक्टूबर 2016 को पटवारी जी आपके यहां इंदौर में फिर से ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट पंचम के आयोजन के निर्देश दिए गए हैं मुझे लगता है कि आप स्वागत करेंगे क्योंकि आपके ही क्षेत्र में है. इसके अतिरिक्त सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों के लिए पृथक से समिट आयोजन किया जा रहा है. प्रदेश में निवेश में वृद्धि तथा रोजगार के अवसरों में वृद्धि हेतु नीतियों में सरलीकरण एवं संशोधन किया जा रहा है. निवेश और व्यापार का माहौल सुलभ बनाने के उद्देश्य से विभिन्न  विभागों में विनियामक सुधारों और प्रक्रियाओं के सरलीकरण की दिशा में लगातार कार्यवाही की जा रही है. Ease of doing business के तहत विभिन्न विभागों के 74 अनुमति स्वीकृतियों को ऑनलाइन कर दिया गया है. शासन द्वारा पूर्व समिटों के निवेश प्रस्तावों के क्रियान्वयन की समीक्षा निरन्‍तर की जा रही है. मेरे विभाग द्वारा भी प्रति सप्‍ताह निवेशकों के साथ बैठक की जाकर उनके प्रकरणों की क्रियान्‍वयन की समीक्षा की जा रही है. प्रदेश में उद्योगों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्‍ध कराने हेतु नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्‍थापना तथा अधोसंरचना उन्‍नयन कार्यों के अंतर्गत विभिन्‍न परियोजनायें पर कार्य किया जा रहा है. 6 नवीन औद्योगिक क्षेत्र 295 हैक्‍टेयर भूमि पर राशि रूपये 160 करोड़ व्‍यय कर विकसित किये गये हैं एवं 19 नवीन औद्योगिक क्षेत्र रूपये 958 करोड़ की लागत से 2040 हैक्‍टेयर भूमि पर विकसित किये जा रहे हैं. डी एम आई सी प्रोजेक्‍ट के अधीन जिला उज्‍जैन में विक्रम उद्योगपुरी में 450 हैक्‍टेयर भूमि में अधोसंरचना निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है. अभी हाल ही में पूरी जापेनीज डेलिगेशन ने पूरा एक दिवस का दौरा वहां पर किया है. पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के पेयजल समस्‍या के निदान हेतु लागत रूपये 300 करोड़ रूपये की परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र किया जा रहा है. पीथमपुर में निर्माणाधीन नेट्रिप योजना का सरकार के द्वारा भारत सरकार से निरन्‍तर अनुसरण कर योजना के क्रियान्‍वयन में तेजी लायी गयी है. अब यह योजना का प्रथम चरण लो पिछले कई सालों से लंबित था, दिसम्‍बर, 2016 में पूर्ण होगा. नेट्रिप योजना के चलते उस इलाके में आटो इन्‍डस्‍ट्रीज को बढ़ावा मिलेगा और माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से सदन को यह जानकारी देना चाहती हूं कि जब यह नेट्रिप आ जायेगा तो यह इकानॉमिक गेम चेन्‍जर होगा, उस पूरे इलाके के लिये. देवास में इन्‍क्‍यूपेशन सेन्‍टर की स्‍थापना हेतु भारत सरकार एम एस एम ई मंत्रालय द्वारा उनके द्वारा हमें अनुमोदन दिया गया है. भोपाल में भारत सरकार वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के उपक्रम फुट वेयर डिजाईन डेव्‍हलपमेंट इन्‍सटीट्यूट के सहयोग से लेदर सेक्‍टर में 454 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया है. एकीकृत कौशल विकास योजना (आई एस डी एस) के तहत 537 युवाओं को टैक्‍सटाईल उद्योगों में रोजगार हेतु प्रशिक्षण दिया गया है. भारत सरकार एम एस एम ई मंत्रालय के क्‍लसटर डेव्‍हलमेंट प्रोग्राम अंतर्गत अधोसंरचना विकास हेतु दिनां 28.7.2015 को चार क्‍लसटर तथा रेडीमेट गारमेंट पार्क गदईपुरा जिला ग्‍वालियर, अपेरल क्‍लस्‍टर विजयपुर, जिला इंदौर,फूड क्‍लस्‍टर बड़ौदी जिला शिवपुरी एवं रतलाम नमकीन क्‍लस्‍टर,ग्राम करमड़ी, जिला रतलाम हेतु कुल राशि रूपये 65. 93 करोड़ की परियोजनाएं स्‍वीकृत की गयी है, जिनमें अधोसंरचना विकास कार्य प्रगति पर है. भारत सरकार द्वारा टेक्‍नालाजी सेन्‍टर सिस्‍टम प्रोग्राम (टी सी एस पी) के अंतर्गत दिनांक 28.1.2016 को भोपाल में न्‍यू टेक्‍नालाजी सेन्‍टर (टूल रूम) स्‍थापना का अनुमोदन किया गया है, उक्‍त टूल रूम की स्‍थापना हेतु ग्राम अचारपुरा जिला भोपाल में भूमि दी जा रही है. मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम  द्वारा साफ्टवेयर तैयार करवाया गया है, जिससे ई पोर्टल के माध्‍यम से क्रय करता विभाग दर अनुबंधित प्रदायकर्ताओं को प्रदाय आदेश जारी कर रहे हैं. इस व्‍यवस्‍था को दिनां 1.10.2015 से लागू किया गया है. प्रदेश के सूक्ष्‍म एवं लघु उद्यमि की शासकीय क्रय में भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु 39 वस्‍तुएं इन उद्यमियों से क्रय हेतु मध्‍यप्रदेश लघु  उद्योग निगम के लिये आरक्षित की गयी है. मध्‍यप्रदेश एक्‍सपोर्टेक के तहत दिनांक 26 से 28 मार्च, 2015 में तथा दिनांक 29 से 31 जनवरी, 2016 को ग्‍वालियर में विदेशी बायर तथा मध्‍यप्रदेश के सेलर्स हेतु रिवर्स बायर सेलर्स मीट आयोजन किया गया है . मध्‍यप्रदेश द्वारा विजन 2018 के अंतर्गत प्रदेश  को पूर्णत: विकसित एवं औद्योगिक प्रदेश बनाने हेतु मध्‍यप्रदेश लघ़ उद्योग निगम के माध्‍यम से मध्‍यप्रदेश डेव्‍हलपमेंट विपणन समर्थन तथा तकनीकी उन्‍नयन कार्य योजना क्रियान्वित की जा रही है. इस कार्यक्रम के तहत इस कार्यक्रम के तहत् 70 एंकर यूनिट तथा 50 वेंडर यूनिट को आपस में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. राज्य में 1 लाख 40 हजार  से अधिक संस्थाएं तथा लगभग 1 लाख से अधिक फर्म पंजीकृत हैं. फर्म्स एवं संस्थाओं के संभागीय कार्यालयों में संस्थाओं एवं फर्मों के पंजीयन संबंधी कार्यवाही जनसामान्य की सुविधा हेतु एम.पी.आनलाईन के माध्यम से की जा रही है.  विभाग द्वारा प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को विभिन्न स्वरोजगार योजना जैसे मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना,प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वरोजगार के अवसर सृजित किये जा रहे हैं. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर स्वरोजगार सम्मेलनों का आयोजन किया गया है जिसके अंतर्गत बैंकों,हितग्राहियों और जुड़े हुए विभागों द्वारा भाग लिया गया है. मैं यहां यह जोड़ना चाहती हूं माननीय अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में मैं आपके माध्यम से हर विधायक को कहना चाहती हूं  आग्रह करना चाहती हूं कि आप इनकी लिस्ट लीजिये आपके रोजगार कार्यालय से या आपके डी.आई.सी. से जहां आपको लिस्ट मिलती है कि लोन्स किन-किन लोगों को किन-किन युवाओं को मिले हैं फिर उनके घर जाईये देखिये उस लोन से वे क्या काम कर रहे हैं. यदि उनको लोन में कोई तकलीफ है तो प्लीज हमें रिपोर्ट करें क्योंकि जैसा मैंने शिवपुरी में किया है मैं घर-घर गई हूं देखने के लिये कि सही यह पैसा लग रहा है कि नहीं क्या हमारे युवाओं को कोई समस्या है कि नहीं. अगर कोई इंट्रेस्ट ले विधायक की तरफ से तो यह बढ़ता जायेगा.  इस योजना के लिये इतनी संभावनाएं हैं कि अगर एक-एक विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जायेंगे आखिर में वे भी आपके वोटर हैं. आप उनके पास जायेंगे उनके पास देखेंगे. उनके पास समस्याएं सुनेंगे तो निश्चित रूप से मुख्यमंत्री जी की योजनाएं एक बहुत ही बड़ा स्वरूप ले आयेंगी और हमें मदद करेंगी अपने स्वरोजगार के तौर से और अपने रोजगार के तौर से. स्वरोजगार योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1 लाख युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा है. नवीन स्थापित औद्योगिक इकाईयों को रियायत एवं अनुदान प्रदान करने हेतु नियमों का सरलीकरण किया गया है. वृहद श्रेणी की इकाईयों हेतु मध्यप्रदेश निवेश प्रोत्साहन योजना 2014 तथा मध्यप्रदेश एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2014 लागू की गई है. हमारे लिये हमारे मध्यप्रदेश में हमारी एमएसएमई, हमारे सूक्ष्म लघु उद्योग हमारी रीढ़ की हड्डी है. समस्त सुविधाओं हेतु एकल आवेदन रखा गया है. एमएसएमई के प्रकरणों का निराकरण जिला स्तर पर करने हेतु जिला स्तरीय सहायता समिति को अधिक अधिकार दिये गये हैं. प्रदेश में प्राथमिकता विकासखण्ड चिन्हित कर उनके औद्योगिक विकास हेतु उनमें स्थापित इकाईयों में अतिरिक्त वर्षों हेतु निवेश संवर्धन सहायता दी जा रही है. इसमें मैं यहां भी जोड़ना चाहती हूं कि हर छह या दस हफ्ते में हम एमएसएमई के पूरे एसोसियेशन से मिलकर उनसे सुझाव लेते हैं और आज की तारीख में हमने उनको कहा है कि आप अपना कानून बनाओ आप अपनी योजना बनाओ कि आप क्या चाहते हो हमसे. हम आपकी तरफ बिल्कुल ध्यान देंगे और इस योजना को हम मूर्त रूप देने वाले हैं. प्रदेश के युवाओं को निजी क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये जिला रोजगार कार्यालयों के माध्यम से रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है. रोजगार कार्यालयों की जो बात हो रही है यह रोजगार मेले इतने अच्छे पैमाने पर हो सकते हैं अगर विधायक भी इन रोजगार मेलों में अपना योगदान दें. मैंने अपने क्षेत्र में जब रोजगार मेला लगाया था तो उसमें कम से कम 5 हजार बच्चे आये थे रोजगार के लिये और उनमें से 1400 के लगभग रोजगार मिला एक दिवसीय रोजगार मेले से. वर्ष 2015-16 में निर्धारित लक्ष्य 60 हजार के विरुद्ध फरवरी 2016 तक 323 मेलों का आयोजन कर 64244 लोगों को निजी क्षेत्र में  रोजगार सहायता उपलब्ध कराई गई है. निवेश प्रस्तावों के तहत् प्रदेश के  पश्चिम अंचल में अल्ट्राट्रेक सीमेंट,क्योंकि हमें कहा जाता है कि आप फैक्‍ट्री नहीं लाते हो, आप निवेशकों को नहीं ला रहे हो, आप कुछ नहीं कर रहे हो, तो माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपके माध्‍यम से जहां ग्‍लोबल मेल्‍ट डाउन है, अंग्रेजी शब्‍द है, मैं माफी चाहती हूं कि मैं अंग्रेजी शब्‍द यूज़ करती हूं पर ग्‍लोबल मेल्‍ट डाउन का मतलब वर्ल्‍ड के निवेश पिघलते जा रहे हैं । आज पश्चिम अंचल में अल्‍ट्राटेक सीमेंट द्वारा रूपए 3 हजार करोड़ की लागत से जिला धार में सीमेंट संयत्र की स्‍थापना की जा रही है, प्रस्‍तावित नहीं है, की जा रही है, वेकमेट इंडिया लिमिटेड द्वारा जिला धार में प्‍लास्टिक फिल्‍म निर्माण हेतु रूपए 1500 करोड़ का निवेश है और उन्‍होंने भी काम शुरू कर दिया है, जिला खरगौन में इंडस मेगा फूड पार्क की स्‍थापना हुई है तथा ट्राइडेंट लिमिटेड द्वारा बुधनी जिला सीहोर में रूपए 2600 करोड़ का नवीन निवेश किया जा रहा है, राज्‍य शासन द्वारा घोषित रक्षा उत्‍पादन निवेश प्रोत्‍साहन नीति से आकर्षित होकर रिलायंस ग्रुप द्वारा रूपए 3000 करोड़ की प्रस्‍तावित लागत से डिफेंस          पार्क व रूपए 1250 करोड़ की प्रस्‍तावित लागत से ऐरोस्‍पेस पार्क परियोजना क्रियान्वित की जा रही है । होशंगाबाद जिले में कोका-कोला द्वारा 750 करोड़ के निवेश कर बॉटलिंग प्‍लांट स्‍थापित किया जा रहा है । आई.टी.सी. द्वारा सीहोर जिले में खाद्य प्रसंस्‍करण की एक वृहद इकाई 500 करोड़ की लागत से स्‍थापित की जा रही है, वर्तमान् में उद्योग विभाग के अंतर्गत 47503 करोड़ के कुल 177 प्रस्‍ताव निवेश विभिन्नि चरणों में क्रियाशील हैं । राज्‍य शासन के द्वारा जापान के निवेशकों के द्वारा कल इंदौर में एक सेमीनार का आयोजन किया गया था, इस सेमीनार में 50 से अधिक निवेशकों ने भाग लिया और उनके द्वारा पीथमपुर में स्‍थापित किए जा रहे नवीन औद्योगिक क्षेत्र का भ्रमण भी किया गया, जापान की संस्‍था, जेक्‍ट्रो व जाइका के द्वारा इसमें भाग लिया,  मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि जापान के द्वारा मध्‍यप्रदेश में 800 करोड़ रूपए का ऋण ऊर्जा क्षेत्र में दिए जाने का ऐलान किया गया है, इसकी कमिटमेंट कल ही हुई  और साथ ही ग्‍लोबल समिट 2016 में जापान के पार्टनर कंपनी के रूप में भाग लेने की घोषणा की गई ।

 माननीय अध्‍यक्ष महोदय,जापान एक ऐसा देश है, जो फूंक - फूंक कर चलता है, वह कमिटमेंट बहुत आसानी से देता नहीं है, इसलिए माननीय मुख्‍यमंत्री के साथ जो दल गया, हमने वहां बहुत मेहनत की और माननीय मुख्‍यमंत्री की वजह से जो उन्‍होंने प्रयास किए, आज उसी की वजह से कल एम्‍बेसडर(राजदूत) जापान आए, 50 लोगों के साथ उन्‍होंने यह कमिटमेंट किया  कि ग्‍लोबल इंन्‍वेस्‍टर समि‍ट के साथ हम आपके पार्टनर बनेंगे और आज ट्रांसमिशन सिस्‍टम पॉवर विभाग के साथ हम आपको 800 करोड़ का ऋण भी देंगे, इसलिए माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आपके माध्‍यम से मैं कहना चाहती हूं कि जब हम उद्योग की बात करते हैं और जो आज विश्‍व का सिनेरियो है,उसमें हम सिर्फ कोशिश ही कर सकते हैं, बाहर जाकर लोगों से मिलना, लोगों से निवेश की बात करना, लोगों को प्रोत्‍साहित करना और उनको वापस लाकर हमारे जो लेंडबैंक्‍स् जो हमारे उद्योग ने आज बनाया है, उनको दिखाना कि प्‍लीज आप आएं और निवेश करें, हम जबरजस्‍ती से किसी को नहीं कह सकते कि आपको यहां निवेश करना ही करना है। इसके साथ साथ मैं आज खेल की मांगों पर भी  बात करना चाहती हूं, अध्‍यक्ष महोदय, मांग संख्‍या 43 खेल विभाग का है, उसमें मैं आपके माध्‍यम से खेल अकादमियों की स्‍थापना की बात करना चाहती हूं, जहां प्रदेश ने विगत वर्षों में खेलों के क्षेत्र में उल्‍लेखनीय सफलताएं अर्जित की हैं, मेरे विभाग द्वारा 17 खेल अकादमियां संचालित की जा रही हैं, इन अकादमियों के माध्‍यम से खिलाडि़यों को अत्‍याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान कर अंतराष्‍ट्रीय एवं राष्‍ट्रीय प्रतियोगिताओं में श्रेष्‍ठ प्रदर्शन के लिए तैयार किया जा रहा है । मैं यहां आपके माध्‍यम से, मेरे विधायकों को कहना चाहती हूँ कि यह जो खेल अकादमियां हैं, यह उत्‍कृष्‍ट खिलाडि़यों के लिए हैं. दे आर एकेडमिज़ ऑफ एक्‍सीलेन्‍स, इसीलिये हम वहां सिर्फ बच्‍चों को चिन्ह्ति करने के बाद, उन बच्‍चों को अपनी एकेडमी में लाते हैं ताकि वे उत्‍कृष्‍ट खिलाड़ी बनकर, आज नेशनल ही नहीं इन्‍टरनेशनली हमारे मध्‍यप्रदेश को गौरवान्वित करेंगे.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, प्रदेश सरकार द्वारा संचालित खेल अकादमियों के सुव्‍यवस्थित एवं बेहतर संचालन के लिए वर्ष 2010 में राष्‍ट्रपति जी द्वारा राष्‍ट्रीय खेल प्रोत्‍साहन पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया. गत वर्ष मध्‍यप्रदेश खेल एवं युवक कल्‍याण विभाग को प्रधानमंत्री उत्‍कृष्‍टता पुरस्‍कार भी मिला. इन अकादमियों की उपलब्धियों को देखते हुए, भारत सरकार ने सभी प्रदेशों को पत्र लिखा है कि वह मध्‍यप्रदेश के मॉडल का अध्‍ययन करे. इस कड़ी में अब तक 9 प्रदेशों के अध्‍ययन दल, अकादमियों के मॉडल का अध्‍ययन के लिए प्रदेश का दौरा कर चुके हैं. वर्ष 2015 में द्वितीय बार सेलिंग खेल के प्रोत्‍साहन एवं अकादमी के खिलाडि़यों के उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन के आधार पर विभाग को नौसेना अध्‍यक्ष एडमिरल धवन ने एडमिरल कोली पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया है. हमारा प्रदेश अंग्रेजी में लैण्‍ड लॉक स्‍टेट है, मतलब की यह लैण्‍ड है, पानी के पास नहीं, समुद्र के पास नहीं है और मुझे याद है कि जब मैंने नेशनल सेलिंग स्‍कूल स्‍थापित किया तब हमने नौसेना अध्‍यक्ष को बुलाया था. उन्‍होंने मुझे कहा कि आप नेशनल सेलिंग स्‍कूल कैसे कर रही हैं ? क्‍योंकि यहां तो लैण्‍ड लॉक स्‍टेट है, यहां आपके पास समुद्र नहीं है और आज 7 वर्ष के बाद हम सेलिंग विभाग से दूसरी बार प्रोत्‍साहित करते हुए एडमिरल कोली पुरस्‍कार प्राप्‍त हुआ है. प्रदेश के खिलाड़ी ओलम्पिक 2020 में होने वाले ओलम्पिक में खेलें. उस उद्देश्‍य से ओलम्पिक 2020 की योजना बनाई गई थी. मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि हमारा यह लक्ष्‍य सम्‍भवत: वर्ष 2016 में ही पूरा हो रहा है.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, भारतीय महिला हॉकी टीम जो वर्ष 2016 में रियो ओलम्पिक में भागीदारी करने जा रही हैं, उसमें 6 बच्चियां, प्रदेश महिला हॉकी एकेडमी की हैं. यह पहला अवसर होगा जब प्रदेश की बेटियां ओलम्पिक में हिस्‍सा लेंगी. यह भी गर्व की बात है कि 36 वर्ष के बाद इण्डिया ने क्‍वालिफाई किया है और इसमें हमारी महिला खिलाडि़यों का बहुत बड़ा योगदान है. हमारे सेलिंग के चार खिलाड़ी, जो वर्तमान में आबूधाबी में ट्रेनिंग प्राप्‍त कर रहे हैं. वे ओलम्पिक क्‍वालिफिकेशन के बहुत करीब हैं. प्रदेश के एथलीट अंकित शर्मा ने 12 वें साउथ एशियन गेम्‍स अन्‍तर्राष्‍ट्रीय 2016 एवं नेशनल गेम्‍स 2015 लाँग जंप में नया रिकॉर्ड बनाते हुए, स्‍वर्ण पदक अर्जित किया है. अंकित की उपलब्धियों को दृष्टिगत रखते हुए 3 लाख रूपये की सहायता ओलम्पिक क्‍वालिफाईंग की तैयारियों हेतु दी गई है. राज्‍य महिला हॉकी एकेडमी, राज्‍य महिला हॉकी एकेडमी की 24 खिलाडि़यों ने अन्‍तर्राष्‍ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्‍व किया है. वर्तमान में, अकादमी से प्रशिक्षित 11 खिलाड़ी इण्डिया टीम में सम्मिलित हैं. जिनमें 8 खिलाड़ी सीनियर और 3 खिलाड़ी जूनियर टीम का हिस्‍सा हैं. अकादमी के खिलाडि़यों की उपलब्धियों एवं आवश्‍यकताओं को देखते हुए आगामी वर्ष में अकादमी में दूसरे सेंथेटिक टर्फ की स्‍थापना की जा रही है.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं आपके माध्‍यम से एक प्रश्‍न उठाती हूँ कि कितने बच्‍चे ऐसे हैं, जो बाहर के हैं और कितने यहां के हैं. माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने हमें यह निर्देश दिया है कि यह कोटा 90, 10 का होगा. 90 मध्‍यप्रदेश की होंगी और 10 बच्चियां बाहर की होंगी. यह भी बताना चाहूँगी कि हॉकी एक ऐसी चीज है, जिसमें हमने कभी कोई जीत हासिल नहीं की, जब तक हमने खेल अकादमी शुरू की. हमारे   अन्दर  बदन का जो  जिनेटिक  फार्मुलेशन है,  वह हाकी के लिये है नहीं.  फिर भी इस महिला अकादमी ने  आज आपको 6 लड़कियां  दी हैं, उस आज ओलम्पिक में और उस ओलम्पिक में जाने के बाद  उनको ओलम्पियन कहा जायेगा. जर्मनी में आयोजित  जूनियर वीमन्स वर्ल्ड  कप हाकी  में  टीम इंडिया ने  प्रथम  बार  कांस्य पदक अर्जित किया.  मध्यप्रदेश राज्य  महिला हाकी  अकादमी की 6 खिलाड़ी  इस टीम की सदस्य रहीं.  अकादमी के  खिलाड़ियों को विभाग द्वारा  इन्टरनेशनल एक्सपोजर देने के उद्देश्य से  ताकि वे और बेहतरीन  करें.  मैं अपने कोच को कहती हूं कि  आप नेशनल देखें नहीं.  आप अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर  देखें,  जहां देश और विदेश  से देश  फोन करें आपको  कि  आपकी फलाना फलाना  बच्ची को हम चाहते हैं  अपने देश की टीम में,  इस लक्ष्य के साथ  आप आगे बढ़ें.  इसलिये इस इंटरनेशनल एक्सपोजर  के लिये  हम लोग निरंतर दो वर्षों से  हालैंड में प्रशिक्षण हेतु  हम इनको भेजते जा रहे हैं.  वाटर स्पोर्ट्स अकादमी के चार सेलिंग खिलाड़ी  एकता यादव,  शैला चार्ल्स, शुभम पिल्लै एवं  अमन  व्यास.  चारों के चारों  मध्यप्रदेश के हैं.  रियो ओलम्पिक, 2016  के सम्भावित खिलाड़ी में हैं.  यॉटिंग एसोसिएशन   ऑफ  इंडिया, जो मदर  बॉडी  है,  उन्होंने  अकादमी की  13 वर्षीय जूनियर  खिलाड़ी  हर्षिता तमोर  जो होशंगाबाद की है.  अध्यक्ष महोदय, आपके यहां की है. इस वर्ष  देश  की श्रेष्ठ प्रतिभावान  सेलर का पुरस्कार दिया है  13 वर्ष की बच्ची को.  इनके अतिरिक्त अकादमी के  9 वर्षीय  सेलर राज  विश्वकर्मा ने  इन्टरनेशनल  रेगाटा  चेन्नई में 16 देशों  के खिलाड़ियों को पराजित  कर स्वर्ण पदक अर्जित किया है.  9 साल का बच्चा है.  वह भी मध्यप्रदेश का बच्चा है.  अकादमी के खिलाड़ियों शिखर  गर्ग, हर्षिता तोमर,  उमा चौहान,  आनन्द ठाकुर व अलंकार सूर्यवंशी  ने भी  अन्तर्राष्ट्रीय  प्रतियोगिता में  5 पदक अर्जित कर  प्रदेश को गौरवान्वित किया है.  कायाकिंग-केनोइंग खेल में  जो कभी यहां होता नहीं था,  मुख्यमंत्री जी के प्रोत्साहन की वजह से  आज मैंने वह कायाकिंग केनोइंग  की अकादमी  शुरु की.  इस वर्ष मध्यप्रदेश राष्ट्रीय  चेम्पियन बना.  मतलब मध्यप्रदेश  राष्ट्रीय चेम्पियन बना.  गत  राष्ट्रीय  खेलों में  खिलाड़ियों ने  सर्वाधिक 23 पदक अर्जित कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया.  अकादमी की  नमिता चंदेल ने  एशियन चेम्पियनशिप,  इंडियन नहीं, एशियन चेम्पियनशिप में  रजत पदक अर्जित किया.  वह भी मध्यप्रदेश की ही हैं.  कायाकिंग-केनोइंग के  राष्ट्रीय प्रशिक्षण  शिविर भी भोपाल में आयोजित किये जा रहे हैं.  भारत का पहला कनू  स्लेलोमकोस हमने महेश्वर में नर्मदा  नदी पर बनाया है.  भारत की कनूस स्लेलोम टीम में  सभी खिलाड़ी  जो भारत की टीम में हैं,  मध्यप्रदेश  के अकादमी के हैं.  हमारे विभाग की दूरदर्शी  प्लानिंग  से हमारे प्रदेश के खिलाड़ी  2018 में  इंडोनेशिया में होने वाले  एशियन गेम्स में  कनू एवं  स्लेलोम इवेंट  में  पदक प्राप्त करें, इसी लिये हमने ये  स्लेलोम  का आज महेश्वर में  यह कोर्स बनाया है.  ताकि हम दो साल के बाद  हम उसकी तैयारी करें और वहां भी हम पदक  अर्जित करें.  रोइंग खेल में  अकादमी के 6 खिलाड़ी  टीम इंडिया  के प्रशिक्षण   शिविर हेतु  पहली बार चयनित किये गये हैं टीम इंडिया में.  मध्यप्रदेश राज्य  घुड़सवारी  अकादमी के खिलाड़ी  प्रणय खरे,  जो हमारे शिवपुरी के हैं,  सुदीप्ति  हजेला, सागर तिवारी,  परिधि जोशी एवं अक्षत गुप्ता ने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में  कुल 7 पदक अर्जित  किये हैं.  मध्यप्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी के  के खिलाड़ियों  अमित कुमार , चिंकी यादव,  अध्यक्ष महोदय,  चिंकी यादव हमारे  टीटी नगर स्टेडियम  के  इलेक्ट्रिशियन  की बेटी है.   चिंकी यादव,  ओशन तवानी,प्रियांशु पांडे, आकाश सहारन, प्रगति दुबे ने  इस वर्ष  अन्तर्राष्ट्रीय चेम्पियनशिप में, नेशनल मे  नहीं,  अंतर्राष्ट्रीय चेम्पियनशिप में  15 पदक  अर्जित कर प्रदेश का मान बढ़ाया है.  अकादमी के खिलाड़ी संजय  सिंह राठौर , मनीषा कीर एवं प्रगति दुबे का चयन  टीम इंडिया  में  किया गया है.  अकादमी के शूटिंग खिलाड़ी  प्रियांशु पांडे ने  फिनलैंड  जो यूरोप में है में आयोजित जूनियर वर्ल्ड शूटिंग चेम्पियनशिप में उत्कृष्ठ प्रदर्शन करते हुये विश्व में 6वां स्थान प्राप्त किया .इसी उपलब्धि की वजह से आज भारतीय सेना ने उसे नौकरी दी है. जयपुर में आयोजित 59 नेश्नल शूटिंग चेम्पियन शिप में अकादमी की महिला खिलाड़ियों ने ट्रेप एंड स्कीट में क्लीन स्वीप करते हुये 7 स्वर्ण, 1 रजत तथा 2 कांस्य पदक प्राप्त कर ओवरआल चेम्पियनशिप जीती. शूटिंग खेल में हमारे खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय  स्तर पर कई मैडल प्राप्त कर चुके है. अत: खेल विभाग भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग अधोसंरचना तैयार की जा रही है. माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर 10 मीटर शूटिंग रेंज व टेक्निकल बिल्डिंग हेतु 16 करो़ड रूपये स्वीकृत किये गये हैं जिसका निर्माण कार्य इस वर्ष में पूर्ण हो जायेगा. 25 मीटर शूटिंग रेंज व थर्ड ट्रेप एंव स्कीट शूटिंग का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है. इन शूटिंग रेंजों में अंतर्राष्ट्रीय मापदंड के अनुपूर उपकरण स्थापित किये जा रहे हैं. यह सब कार्य पूर्ण होने पर हमारी भोपाल शूटिंग अकादमी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हो जायेगी.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश राज्य कराटे अकादमी के खिलाडी सुप्रिया जाटव, सुमन थापा, माजिद खान, शिवानी कराले, नितिन सिंह ने कुल 6 पदक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अर्जित किये हैं. मध्यप्रदेश कराटे टीम लगातार 11 वर्षों से राष्ट्रीय चेम्पियन बनती आ रही है. मध्यप्रदेश राज्य बाक्सिंग अकादमी के खिलाड़ी अनिल रोका, मनीष उईके, राहुल पासी, ऋषभ पुरोहित, ने बेंजावर कप इन्टरनेश्नल बाक्सिंग चेम्पियनशिप मास्को (रशिया) में 4 पदक एवं सरिता सिंह तोमर, श्रुति यादव ने 5th नेशन कप इंटरनेश्नल बाक्सिंग चेम्पियनशिप सर्दिया में 2 पदक अर्जित किये है. मध्यप्रदेश राज्य ताईक्वांडो अकादमी की खिलाड़ी लतिका भण्डारी ने 12वें साउथ एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक अर्जित कर देश एवं प्रदेश का गौरव बढ़ाया है. मध्यप्रदेश राज्य पुरूष हाकी अकादमी के प्रशिक्षित खिलाड़ी नीलाकांता शर्मा एवं अरमान कुरैशी दोनों मध्यप्रदेश के हैं जूनियर एशिया कप विजेता एवं सुल्तान और जौहर कप जूनियर हाकी टूर्नामेंट उप विजेता टीम के सदस्य रहे हैं.  अरमान कुरैशी एवं नीलाकांता शर्मा हाकी इंडिया लीग में भी खेल रहे हैं.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, राष्ट्रीय स्तर पर भी अकादमी के खिलाड़ियों ने वर्ष 2015-16 में 56 स्वर्ण, 51 रजत एवं 57 कांस्य सहित कुल 164 पदक अर्जित किये हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अकादमी के खिलाड़ियों ने वर्ष 2015-16 में 11 अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण, 13 अंतर्राष्ट्रीय रजत एवं 12 अंतर्राष्ट्रीय कांस्य सहित कुल 36 पदक अर्जित किये गये हैं. माननीय अध्यक्ष महोदय, हमारी नवाचार योजनायें हैं. जहां हम अकादमी को संचालित करते हैं और वहां उत्कृष्ट सिखाने के लिये गेम अप एक्सीलेंस सिखाने के लिये चिह्नित बच्चों को ही हम आज ले रहे हैं उन अकादमियों में एक तरफ मैं आपके माध्यम से इस सदन को बताना चाहती हूं कि हम ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़ नहीं रहे हैं. आज जो पायका होता था वह पायका का जन्म हमारे खेल विभाग से ही हुआ है. आज राजीव गांधी खेल अभियान भी उसी पायका से ही निकला पर यह सब अब दोनों बंद हो गये . इसीलिये उसको देखते हुये और आज रूरल से ही मैं सोचती हूं कि अपनी प्रतिभायें निकलेंगी और जिस तरह से मुख्यमंत्री जी की मंशा है कि 90 प्रतिशत हमारे बच्चे हमारी अकादमी में इन्हीं ग्रामीण क्षेत्रों से ही आने चाहिये, इसीलिये हमें अपनी जो योजनायें हैं  अब हमें ग्रामीण की तरफ ले जानी है और इसीलिये मैंने उस समय सोचा कि मैं मुख्यमंत्री कप करूं. मुख्यमंत्री कप आज उसका आयोजन प्रदेश के समस्त विकासखंड, जिला, संभाग एवं राज्य स्तर पर हम अपने पारंपरिक खेल पर ही अपनी गतिविधियां कर रहे हैं. और इसीलिये राज्य स्तर पर कबड्डी, खो-खो , वालीबाल एवं एथेलेटिक्स में बालक-बालिकाओं के लिये किया गया. इन खेलों में 2 लाख से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया . जब टीटी नगर स्टेडियम में मुख्यमंत्री कप का फायनल कर रहे थे तो इतने सारे बच्चे हमारे सामने रहे कि माननीय मुख्यमंत्री जी अभिभूत रहे. इसीलिये उसको देखते हुये मैंने सोचा कि हम विधायकों का स्‍तर ऊपर उठायें, हम विधायकों के स्‍तर को सम्‍मान दें, हम विधायकों का इंट्रेस्‍ट इन पारंपरिक खेलों पर लें, उनकी वजह से अगर आज ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी विधानसभाओं से प्रतिभावान खिलाड़ी आयेंगे तो हमारे लिये, मध्‍यप्रदेश के लिये एक गौरांवित बात होगी. इसीलिये मैंने आज वह विधायक कप शुरू किया और विधायक कप का 30 हजार का लक्ष्‍य यह था कि हमारे पास एक सीमि‍त बजट है, 115 करोड़ हैं और उस 115 करोड़ से मुझे सब चीजों को देना है और यह विधायक कप, क्‍योंकि मुझे विधायक लोगों को इनवाल्‍व करना था इसीलिये बहुत सपाटे से हमने इसकी बात सोची थी, पर कभी सोचा नहीं था कि गुड्डन भईया जैसे, पाठक जी जैसे विधायक आज 98 टीम उनके विधायक कप में उनने करवाया जिसमें 9 हजार बच्‍चों ने भाग लिया, मैं हर विधानसभा में हर विधायक से आपके माध्‍यम से अनुरोध करना चाहती हूं कि कृपया अगली बार आप जिला खेल अधिकारी से कहें कि चट मंगनी पट शादी नहीं होगी, आपके यहां 8 या कम से कम 10 दिन यह खेल होंगे, पारंपरिक खेल होंगे और इसके रूल्‍स हैं विधायक जी कि आप चूज करोगे कि कौन सा खेल आपको करना है और पारंपरिक खेल हों, क्रिकेट नहीं हो ताकि हम पारंपरिक खेलों को प्रोत्‍साहन दें. आप चूज करोगे और आप डिसाइड करोगे कि कहां आपको खेल करना है, पर मेरा एक और आग्रह है अध्‍यक्ष महोदय, आपके माध्‍यम से कि गांव-गांव खेलें, गांव-गांव से आपक ब्‍लॉक लेबल या पंचायत स्‍तर पर आईये और पंचायत स्‍तर के बाद आप अपने विधानसभा हेडक्‍वार्टर पर फाइनल करवाईये और इसीलिये मैंने हर कप पर आपका नाम लिखा और यहीं से भेजा और गुड्डन भैया का एक अच्‍छा सुझाव था कि हम सब टीमों को छोटे-छोटे कम दें ताकि उन लोगों को भी याद रहे कि हमने विधायक कप में भाग लिया.

माननीय अध्‍यक्ष महोदय, हमारे ग्रामीण खेल अधोसंरचना के साथ-साथ अगर मुख्‍यमंत्री कप दो म‍हीने लगता है और अगर विधायक कप 3 महीने लगता है तो 5 महीने में हमने अपने ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी रूरल ग्रामीण खेलों की बात की है. रहा सवाल आपके 6-7 महीने और, और उसमें जैसा आपको पता ही है, हमारे पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा खेल विभाग के साथ मिलकर मैं भार्गव जी को भी धन्‍यवाद देना चाहती हूं कि 80 लाख से उनने खेल परिसर का निर्माण की बात करी है और आज वह बात शुरू हो गई है. इस वर्ष इस योजनांतर्गत 139 विधानसभा क्षेत्रों में खेल परिसर विकसित किये जायेंगे. इन खेल परिसरों के विकसित होने से ग्रामीण अंचलों के खिलाडि़यों को खेल में आगे बढ़ने के समुचित अवसर उपलब्‍ध हो सकेंगे.

मेरा सभी माननीय सदस्‍यों से अनुरोध है कि यदि आपके विधानसभा क्षेत्र में इस कार्य के लिये भूमि चिन्हित नहीं की गई है तो यह कार्यवाही शीघ्र करवाने का कष्‍ट करें और ग्रामीण विभाग से ही यह पूरा संचालित हो रहा है, एक बार यह बन जाये तो फिर यह हस्‍तांतरित हो जायेगा खेल विभाग को. हमारी 2 नई खेल अकादमियां शुरू होंगी आगामी वित्‍तीय वर्ष में वह है एथलेटिक्‍स अकादमी और तैराकी एवं ट्रायक्‍लॉन खेलों की नवीन अकादमियां और जैसे हमारे माननीय सदस्‍यगण ने कहा कि कई लोगों के यहां 2 स्‍वीमिंग पूल्‍स हैं, मैंने उनका नोट किया है शायद वह हमें मदद करें कि वह फीडर सेंटर बनेंगे फिर हमारे नवीन तैराकी एकेडमी के लिये.

स्‍वामी विवेकानंद स्‍पोर्टस योगा एण्‍ड फिटनेस सेंटर, अपने मुख्‍यमंत्री के विजन डाक्‍यूमेंट 2018 के क्रियान्‍वयन तथा फिट पीपुल्‍स, फिट नेशन की मूल भावना को कार्यरूप देने व आम जनता को शारीरिक व्‍यायाम, योगा फिटनेस, आत्‍मरक्षा व खेल कूद के प्रति आकर्षक करने के लिये प्रदेश के प्रत्‍येक विकास खंड में स्‍वामी विवेकानंद स्‍पोर्ट्स योगा एण्‍ड फिटनेस सेंटर की स्‍थापना की जा रही है. हर सेंटर में आवश्‍यक उपकरणों के साथ-साथ ट्रेनर भी रखने की योजना है. विभाग द्वारा प्रदेश के समस्‍त जिलों में सतत रूप से खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कर खेलों का वातावरण बनाया गया है. ग्रीष्‍म कालीन खेल प्रशिक्षण शिविर, उसका सदुपयोग खेल के माध्‍यम से करने एवं आमजन को खेलों के प्रति आकर्षित करने के उद्देश्‍य से ग्रीष्‍म कालीन खेल प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन जिला मुख्‍यालयों एवं विकास खंडों के खेल मैदानों पर किया गया है. प्रदेश में आयोजित ग्रीष्‍मकालीन प्रशिक्षण शिविरों में 1 लाख 40 हजार से अधिक बालक बालिकाओं ने भाग लिया. आगामी वर्ष में सतत खेल गतिविधियों का आयोजन करने का प्रयास किया जायेगा. ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण, ग्रामीण खेल प्रतियोगिता, महिला खेल प्रतियोगिता, मुख्यमंत्री कप, विधायक कप आदि गतिविधियों का आयोजन कर,जमीनी स्तर पर खेल प्रतिभाओं को खेलने के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे.

          अध्यक्ष महोदय,प्रदेश में खेलों के स्तर में उत्तरोत्तर प्रगति हो रही है. मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि पिछले वर्ष आयोजित राष्ट्रीय खेलों में मध्यप्रदेश छठवें स्थान पर था. वर्ष 2011 में आठवें स्थान पर, 2007 में बारहवें स्थान पर और इस बार छठवें स्थान पर था. यह प्रगति इस बात को दिखाती है कि मध्यप्रदेश का खेल विभाग प्रदेश के खेलों के स्तर को लगातार बढ़ा रहा है.

          अध्यक्ष महोदय, प्रदेश सरकार की नीति के अनुसार इस वर्ष प्रदेश के विक्रम पुरस्कार प्राप्त एवं अन्य 11 उत्कृष्ट खिलाडियों को शासकीय सेवा में लिया गया है. जिन खिलाडियों द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया जा रहा है. उन खिलाडि़यों सिर्फ शासकीय सेवा में ही नहीं, बल्कि निजी क्षेत्रों में भी रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं. मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इस वर्ष भारत-ओमान रिफायनरी ने 3 महिला हॉकी खिलाड़ियों को एवं इंडसइंड बैंक ने 3 शूटिंग खिलाड़ियों को स्थायी नौकरी प्रदान की है. इन संस्थाओं ने प्रतिवर्ष 3-3 खिलाड़ियों को स्थायी नियुक्ति दिये जाने पर भी सहमति प्रदान की है. इसके अतिरिक्त खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन के कारण प्रदेश के खिलाड़ियों को रेल्वे, एयर इंडिया, इंडियन आर्मी,बीएसएफ, इंडियन नेवी, एलटीबीपी आदि में भी रोजगार दिया है. हमारे सिलिंग,कायाकिंग,कलोइंग,रोईंग अकादमी के उत्कृष्ट प्रदर्शन की वजह से करीब करीब हर माह भारतीय नौ सेना यहां आती है. अपने यहां बच्चों को नौकरी देने के लिए लिस्ट से चिन्हित करती हैं.

          अध्यक्ष महोदय,राष्ट्रीय युवा उत्सव में प्रदेश के युवा कलाकारों का ऐतिहासिक प्रदर्शन दिनांक 12 से 16 जनवरी,2016 के मध्य आयोजित राष्ट्रीय युवा उत्सव में प्रदेश के कलाकारों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए गिटार वादन,हारमोनियम एवं वकृत्व कला में स्वर्ण. शास्त्रीय गायन,एकांकी नाटक तथा कुचिपुड़ी में रजत तथा वीणा एवं भरतनाट्यम में कांस्य इस प्रकार कुल 18 पदकों में से 8 पदक अर्जित किये हैं. पहली बार प्रदेश के युवा कलाकारों ने राष्ट्रीय युवा उत्सव में देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है.

          अध्यक्ष महोदय, मां तुझे प्रणाम. युवाओं में राष्ट्रीय प्रेम की भावना जाग्रत करने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्रीजी ने मां तुझे प्रणाम योजना चलायी और वर्ष 2013 से प्रारंभ की गई मां तुझे प्रणाम योजना के माध्यम से युवाओं को देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की अनुभव यात्रा करायी जाती है.  वर्ष 2013-14 में 500 युवा. वर्ष 2014-15 में 722 तथा इस वर्ष इस योजना अंतर्गत 2572 युवाओं को देश के विभिन्न सरहदों नाथुला,तुर्रा,पेट्रापुल,वाघा,हुसैनीवाला, तानोटमाता का मंदिर, लोंगोवाल, बाड़मेर,बीकानेर,कोची की अनुभव य़ात्राएं करायी गईं.

          अध्यक्ष महोदय, भर्ती सूचना केन्द्र सह प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल के तहत विभाग द्वारा मध्यप्रदेश के युवाओं को सशस्त्र बल, अर्ध सैनिक बलों जैसे बीएसएफ, सीआरपीएफ, असम रायफल्स, मध्यप्रदेश पुलिस आदि में भर्ती कराने के लिए शारीरिक एवं शैक्षणिक प्रशिक्षण देकर, रोजगार के अवसर मुहैया कराये जा रहे हैं.

          अध्यक्ष महोदय, मांग 43 के अंत में मैं सदन को यह बताना चाहूंगी कि एक सीमित बजट करीबन 116 करोड़ रुपये में लाखों बच्चों को इन्वाल्व करते हैं और साथ साथ इनके लिए अंतर्राष्ट्रीय पदक जीतने के लिए कोच, डायरेक्टर और विभाग सभी अधिकारी कड़ी मेहनत करते हैं.

          श्री यशपाल सिंह सिसोदिया--अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री महोदया इतनी उपलब्धियां, इतना गौरव, मध्यप्रदेश का इतना सम्मान, इतनी प्रतिभाएं. मैं समझता हूं कांग्रेस के मित्र यह सब सुनकर रातभर जागरण करेंगे और शायद कल नींद के कारण थके थके से नजर आयेंगे.

          श्री शैलेन्द्र जैन-- जितू भाई बेहोश हो गये हैं. (हंसी)

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया-- अध्यक्ष महोदय, धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग में वर्ष 2003 के आसपास मात्र लगभग 10 करोड़ रुपये का ही विभाग हुआ करता था. आज इस विभाग में हमारे मुख्यमंत्रीजी की विशेष रुचि के चलते लगभग 18 गुना राशि की वृद्धि हुई है. यह वर्ष सिंहस्थ महाकुंभ का वर्ष है और सदन को यह बताना उचित होगा कि सिंहस्थ को एक आधुनिक स्वरूप में श्रीमंत महाराज राणाजी राव सिंधिया ने ही शुरू किया था. ग्वालियर राज में माफी और औकाफ का गठन सिंधिया वंश से ही हुआ था. माननीय अध्यक्ष महोदय, आज भी ग्वालियर आयुक्त माफी और औकाफ मंदिरों का प्रबंधन संभालते हैं. इस वर्ष इस औकाफ और माफी मंदिरों की व्यवस्था को भी आधुनिक तरीके से रि-कॉस्ट करने जा रहे हैं. इस विभाग में वर्ष 1956 से लेकर अभी वर्ष 2015 तक कोई विभागाध्यक्ष नहीं था. यह राजस्थान में था, आंध्रप्रदेश में था और तमिलनाडू में था. मध्यप्रदेश बनने के बाद से पहली बार हमारे मुख्यमंत्री जी ने यह पहल की है कि धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का एक विभागाध्यक्ष हो. पहले तो यह विभाग राजस्व के अतिव्यस्त विभाग का ही एक सबसेट या परिशिष्ट होकर ही दशकों चला. मेरे विचार से शासकीय मंदिरों का प्रबंधन किसी एडहॉक तरीके से करने और मात्र मंदिरों के जीर्णोंद्धार पर आवंटित राशि व्यय करना ही इस विभाग का प्रयोजन नहीं होना था, बल्कि इतनी ज्यादा संख्या में मौजूद देवस्थानों की चल अचल संपत्तियों के सुव्यवस्थित संधारण को सुनिश्चित करना है.

माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस विभाग के सप्लीमेंट्ल्स स्टेटस को खत्म किया. अब हम इस विभागाध्यक्ष कार्यालय में इस वर्ष जल्दी ही पद पूर्तियां करवाएंगे. इस नये वर्ष में विभाग अपने वनवासी बंधुओं के मंदिरों का जीर्णोंद्धार करने की एक नयी योजना में  अलग मांग संख्या बजट में शामिल करने के लिए कोशिश कर रहा है.  इस पर बजट में रुपए 13 करोड़ 60 लाख का प्रावधान किया गया था. वनवासी क्षेत्रों में बड़ा देव मंदिर कई जगह बने हुए हैं. हम इन मंदिरों को वनवासी साधनों के चैतन्य केन्द्र के रूप में विकसित करना चाहते हैं. इस नये वर्ष में हमारा एक पहलू यह भी होगा कि प्रमुख नया प्रयास ऐसा है कि अनुसूचित जाति बस्तियों के मंदिरों का जीर्णोंद्धार हमें करना चाहिए. इसीलिए अनुसूचित जाति विभाग के साथ बैठकर हम प्रस्तावित बजट में पैसा देना चाहते हैं. इसमें मध्यप्रदेश में वाल्मिकी, कबीर, रैदास, दादू, मलुकदास, प्राणनाथ, सेन महाराज आदि बहुत से संतों के श्रद्धास्थल बने हुए हैं. इन सभी स्थलों का हम जीर्णोंद्धार और विकास करना चाहते हैं. हमारा एक और प्रयास अनुसूचित जनजाति के साथ और उनके विभाग के साथ है. धार्मिक श्रद्धा और विश्वासों का संकलन कर उनका प्रकाशन करना, उनकी अपनी बोली और आंचलिक भाषाओं में उनके धर्म ज्ञान के संकलन और प्रकाशन का कार्य भी होगा. यह प्रयास भी धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग के इतिहास में पहली बार किया जा रहा है. धार्मिक विश्वासों और आस्था पद्धतियों का संकलन कर उनके प्रकाशन की योजना का सर्वथा नया प्रयास करने के लिए बजट में कोशिश होगी. बजट में आदिवासी क्षेत्रों और अनुसूचित जाति क्षेत्रों में उस विभाग के साथ धर्मशालाओं के निर्माण के लिए भी हम रुपए 2 करोड़ का प्रावधान करना चाह रहे हैं. मंदिरों की व्यवस्था और प्रबंधन को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से हम मंदिरों को प्रशासित करने वाले विधेयकों को रि-फ्रेम कर रहे हैं, जिनमें शारदा देवी मंदिर विधेयक, श्री गणपति मंदिर खजराना इंदौर एवं श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन हैं. इनके अतिरिक्त 4 नये विधेयक भी प्रस्तावित हैं जो कि (1) श्री राम राजा मंदिर ओरछा, (2) श्री ओंकारेश्वर मंदिर (3) श्री कामगिरी चित्रकूट भी है. सभी मंदिरों के लिए मंदिर एवं देवस्थान प्रबंधन विधेयक भी तैयार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, वित्तीय वर्ष 2015-16 के अंतर्गत रुपए 100 करोड़ का प्रावधान था. इस वर्ष कुल 91 ट्रेनें संचालित कर 91000 वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ दर्शन कराने का लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश के और अधिक वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ दर्शन कराने के लिए वर्ष 2016-17 में इस मद में रुपए 125 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है. इस योजना का लाभ अब सभी आयु वर्ग के दिव्यांगों और 65 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पति पत्नी को दिये जाने के साथ साथ उनको अपने साथ साथ अनुरक्षक ले जाने की भी सुविधा दी जायेगी.

          प्रदेश में शासन संधारित मंदिर जिनके कलेक्टर प्रबंधक हैं. उनके जीर्णोद्धार हेतु 2015-16 में रूपये 10 करोड़ 80 लाख की राशि उपलब्ध करायी गई थी. 2016-17 में मंदिरों के जीर्णोद्धार हेतु  12 करोड़ की राशि का प्रावधान करना प्रस्तावित है. माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुसार प्रदेश सरकार ने प्रदेश के मूल निवासियों को देश के अतिरिक्त विदेशों में स्थित धार्मिक स्थलों की यात्रा हेतु भी योजना संचालित की है.

          अध्यक्ष महोदय मैं आपके माध्यम से यहां पर विधायकों को यह भी बताना चाहूंगी कि जब आप हमें मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव देते हैं तो  कृपया समय को दृष्टि में रखते हुए कलेक्टरों से पहले उस प्रस्ताव पर डीपीआर बनवा लिया करें. उस डीपीआर को आप मेरे पास या मेरे विभाग के पास लेकर आयें. उससे हमें देर नहीं होती है, क्योंकि हम उसे वापस कलेक्टरों के पास भेजते हैं फिर वहां पर दो तीन माह लगते हैं, क्योंकि कलेक्टर केवल यह ही काम नहीं करते हैं, फिर दो तीन माह के बाद में इस बात पर निर्भर करता है कि कलेक्टर उसमें कितनी रूचि रखते हैं, वह डीपीआर हमारे पास में वापस आती है. इस काम में कम से कम 5 - 6 माह का डिले होता है.

          मैं सबसे पहले जितू पटवारी जी के बारे में बात करना चाहती हूं क्योंकि उन्होंने कई चीजें इंगित की थी. उसके बारे में थोड़ा सा ही बोलना चाहती हूं. आप शायद अखबारों से अपने लिए आंकड़े निकाल रहे हैं. मैं नहीं कहती हूं कि आप गलत हैं या सही हैं. लेकिन हमारी कोशिश होती है कि मध्यप्रदेश लोगों के सामने आये, लोगों की दृष्टि में आये, इसीलिए 16 तारीख को जो एयरो इण्डिया शो है हैदराबाद में, हम और हमारा विभाग वहां पर जा रहा है जहां पर बोइंग, एयरोबस यह सब लोग वहां पर डिफेंस के लिए आ रहे हैं. वहां पर हम कोशिश कर सकते हैं कि गर्वन्मेंट टू बिजनेस से हम बात कर सकते हैं, वन टू वन, तो आज जब आप रिलायंस की बात करते हैं तो यह तो एक कोशिश है, वह कहते हैं कि हम 3000 करोड़ रूपये के निवेश ला रहे हैं तो नेचुरली हम भी वहां पर सुविधा देंगे. लेकिन हमने उसमें यह भी चीजें डाली हैं कि अगर दो वर्ष में या इतने वर्ष में आप अपनी चीजें कमेंस नहीं करेंगे तो वह लैण्ड हमें वापस की जायेगी तो हमने भी अपनी तरह से अपने चैक एण्ड बैलेंसेस रखे हैं.

          अध्यक्ष महोदय यहां पर ग्लोबल इंवेस्टर समिट की बात माननीय पटवारी जी ने की है. मैं आपको केवल यह बताना चाहती हूं कि इस बार हमने एक नई पहल की थी. वह नई पहल यह थी कि इस बार मुझे एमओयू हस्ताक्षर नहीं करना था क्योंकि बार बार फिर वह एमओयू की बात होती है. मैंने इस बार मेरे विभाग को कहा कि इस बार कोई एमओयू नहीं होगा. आप अपने आन लाइन में कृपया अपने निवेशकों को कहें कि इंटेंशन टू इंवेस्ट हो और अगर वह इंटेंशन को और इंटेंट को हम धरातल पर ला सकते हैं आपको मदद कर सकते हैं तो  बढ़िया लेकिन प्राइवेट कंपनी को हम आने के लिए फोर्स नहीं कर सकते हैं . इसीलिए मैंने आपको हवाला दिया है कि वह 8 - 10 कंपनियां 200 , 500 और 1400 करोड़ के निवेश लाकर आज और इस साल अपने निवेश के माध्यम से अपनी फैक्टरियां शुरू कर रही हैं. आपने यहां पर रोजगार की बात कही है. मैं यहां पर एक बहुत छोटी सी पहल आपके साथ में करना चाहती हूं. अध्यक्ष महोदय मैं विधायकों को रिकवेस्ट करूंगी और आपको भी रिकवेस्ट करूंगी कि आप वह जो लोन की लिस्ट है, वह लोन की लिस्ट लेकर आप कृपया घरों में जाओ, देखों कि हां डीआईसी अपना काम कर रहा है. मैंने अपने यहां पर तो डीआईसी को इतना कहा है कि देखों तुम्हारे पास इतने सारे लोन तो नहीं आ रहे हैं दिन भर तुम्हारे पास में 10  - 15 लोन आ रहे होंगे.

          श्री यशपाल सिंह सिसौदिया -- अध्यक्ष महोदय  हम भाजपा के विधायक तो जा रहे हैं लेकिन यह कैसे जायेंगे और कहेंगे कि शिवराज सिंह चौहान जी की सरकार यह काम कर रही है.

मैं नकारात्‍मक सोच न रखते हुए अपनी बात कहना चाहती हूँ, कमलेश्‍वर जी बैठ जाएं.

          अध्‍यक्ष महोदय -- कोई व्‍यवधान न करें, बहुत समय हो गया है, कृपया बैठ जाएं.

          श्री कमलेश्‍वर पटेल -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय सिसोदिया जी ने जो उल्‍लेख किया है और माननीय मंत्री महोदया ने बहुत अच्‍छा सुझाव दिया है पर सच बात तो यह है कि स्‍वीकृति के बाद युवा बैंक के चक्‍कर लगा रहे हैं और स्‍वीकृति के बाद भी उनका लोन नहीं हो रहा है.

          अध्‍यक्ष महोदय -- ठीक है, बैठ जाइये. आ गई आपकी बात.

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया -- इसलिए जो भी आपका प्रकरण है वह आप मेरे पास लाओ, मैं उसको सॉल्‍व कर दूंगी. यह मैं आपको आश्‍वस्‍त करती हूँ. मेरे विभाग वाले तो यहां बहुत अपसेट होंगे कि मैं विधायकों को हर बात के लिए आश्‍वस्‍त कर रही हूँ हर व्‍यक्‍ति के लिए तो आश्‍वस्‍त नहीं कर सकती, पर मैंने अपने डीआईसी को कहा है कि दिन में आपको चार-पांच लोन के प्रकरण मिलते हैं, आप उन लोन प्रकरणों को लेकर संबंधित व्‍यक्‍ति के साथ बैंक के ऑफिसर्स के पास जाएं और वहां देखें कि क्‍यों नहीं उसको लोन मिल रहा है और उसके साथ बैठकर आप तय करें कि क्‍यों लोन नहीं मिल रहा है और बाद में उस ऑफिसर को कंविन्‍स करो कि आप लोन दे सकते हैं.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जहां तक घुड़सवारी अकेडमी का सवाल है, जितू जी, चलो, घुड़सवारी अकेडमी में जाकर आमने-सामने हम और आप राइडिंग करते हैं और आप अगर 5 फिट का शो जंपिंग कोर्स में आप घोड़े से गिर न जाओ, फिर किसका नाम होगा. ये एक ऐसी चीज है जिसमें मैंने अपनी हड्डियां तोड़ी हैं, अपना हिप तोड़ा है, अपना थाई तोड़ा है, ये साहस वाले अकेडमी का एक अत्‍याधुनिक एक्‍सीलेंस का स्‍कूल है और जब आप कहते हो कि इतने घोड़े और इतने हजार रुपये और इतने लाखों रुपये तो आप समझ लो माननीय विधायक जी, जब हम बेट और बॉल से, गुल्‍ली-डंडा से खेलते थे वे दिन चले गए. अब हम इन अकेडमीज़ के माध्‍यम से अच्‍छे बच्‍चों को उत्‍कृष्‍ठ करवा कर इंटरनेशनल स्‍तर पर ले जाना चाह रहे हैं जहां वे हमारे मध्‍यप्रदेश को गौरवान्‍वित करें और उसके साथ-साथ उनको रोजगार मिले और आज जब आप घोड़े की बात करते हो तो तीन तरह के घोड़े होते हैं एक शो जंपिंग के लिए, एक ड्रेसाज के लिए, एक इवेंटिंग के लिए, आप थोड़ा अध्‍ययन करें कि ये तीनों चीज क्‍या हैं ? इन तीनों चीजों के लिए साहस चाहिए, इन तीनों चीजों में मैं एक नेशनल स्‍तर की राइडर थी इसलिए मुझे पता है कि मैं क्‍या बात कर रही हूँ.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आज हम जर्मनी से घोड़े नहीं ला सकते क्‍योंकि वह मिलियंस ऑफ डॉलर्स की बात आती है. जब हमें बाहर का घोड़ा बैंगलोर में उपलब्‍ध है तो हम क्‍यों नहीं अपने बच्‍चों को वह उपलब्‍ध करा सकते हैं. जब हमारा एक बच्‍चा फरहाज़, जो मध्‍यप्रदेश के एक कांस्‍टेबल का बेटा है और वह आज इतना उत्‍कृष्‍ठ खिलाड़ी बन गया है उसके लिए हम घोड़ा नहीं ला सकते, उसको हम आज मध्‍यप्रदेश के माध्‍यम से बाहर अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर नहीं भेज सकते. मैं आज आपको बताऊँ कि इस फरहाज़ खान ने इंटरनेशनल टेंट पैकिंग में दो स्‍वर्ण, एक रजत और तीन कांस्‍य पदक जीते हैं. जूनियर राष्‍ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता, बैंगलोर में एक कांस्‍य पदक जीता है, जहां देश-विदेश से लोग आते हैं और विदेश से पटवारी जी, घोड़े आते हैं, हमारे छोटे से घोड़ों से हमने एक राष्‍ट्रीय प्रतियोगिता जीती है. जितू जी, हां-हां, चलती जाए आपकी गाड़ी, यही आपका चेहरा दिख रहा है पर आप सुन लें कि आज खेलों में जो मुझे जानकारी है, आप अभी बच्‍चे हो, आपके पास समय है खेलों में पूरा अध्‍ययन करने के लिए और उसके बाद खेल मंत्री बनने के लिए.

          श्री जितू पटवारी -- मैं बच्‍चा ही हूँ, परंतु अगर आज्ञा दें तो एक बात तो करूँ.

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया -- वह आज्ञा तो अध्‍यक्ष महोदय देंगे.

          श्री जितू पटवारी -- बच्‍चे को भी आज्ञा नहीं दे रहे हैं, फिर बच्‍चे जैसा तो ट्रीट करो.

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया -- तो बच्‍चा फिर क्षमा मांगता है.

          अध्‍यक्ष महोदय -- कृपया व्‍यवधान न करें. बहुत समय हो गया है, समय की भी अपनी मर्यादा है. इस तरह आप जिद नहीं कर सकते.

            श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया-- शैलेन्द्र जी,निविदा स्वीकृत हो चुकी है और आज कार्य चालू हो गया है.

          श्री जितू पटवारी-- मंत्री जी की मैंने सब बातें सुनी हैं. मेरा एक अऩुरोध है, सकारात्मक बातें करने के लिए भी समय नहीं है.

          अध्यक्ष महोदय-- आपने जो बात कही, उसका जवाब आ रहा है वह भी आप नहीं सुनेंगे.    (व्यवधान) कायदा यह है कि मंत्री बैठ जाए, तब ही आप बोलिये  (व्यवधान)

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया-- शैलेन्द्र पटेल जी ने बात की, इन्लेंड कंटेनर डिपो की बहुत सिलो गति है. हम लोग पक्का ग्राउण्ड प्रिपेयर कर सकते हैं इन्वेस्टमेंट्स के लिए. हम लोग प्रायवेट पार्टीज एफोर्ट नहीं कर सकते लेकिन आपने जो बात की, आपके यहां शायद फूड पार्क आ रहा है, आईटीसी का फूड पार्क है सीहोर में, वहां 500 करोड़ का निवेश फूड पार्क के लिए आ रहा है. आपने कहा कि आपको डीएसओस का कोई सपोर्ट सिस्टम  नहीं है. इसी साल हम केबिनेट के पास ले जा रहे हैं कि  खेल अधोसंरचना के लिए हमें और बड़ा अमला मिल जाए ताकि  डीएसओ विधायक कप, मुख्यमंत्री कप ग्रामीण खेल गतिविधियों में  अपनी जो खेल गतिविधियां जिस तरह से हम करना चाह रहे हैं उस तरह से  अगर हम काम कर सकते हैं तो केबिनेट से हम इसको पास करवाने की कोशिश करेंगे. बाराखम्भा स्थान आप अगर डीपीआर बना सकते हो, इसके लिए आपने दे दिया तो उसको देखकर हम उसको शामिल कर सकते हैं. बिलकिसगंज कालियादेह मेला शाजापुर सीहोर जिले के किसी मंदिर की बात थी, अगर आप इसकी भी डीपीआर दे सकते हैं तो मैं विभाग को दे दूंगी. माननीय दिलीपसिंह जी आपने कहा था कि आप अपने उद्योगपतियों के साथ बैठक करें जो उद्योगपतियों के सामने जो समस्याएँ आती हैं वह हमारे सामने आयें और व्यायामशाला के लिए आपको मैक्स  की जरुरत है वह  अगर आप मुझे चिट्ठी लिख दें तो  मैं अपने विभाग को दे सकती हूँ. माननीय ओमप्रकाश जी ने डिफेंस पालिसी की दूरदृष्टि की सराहना की थी, धन्यवाद और  लाजिस्टिक हब की भी आपने बात की थी. सुखानंद धार्मिक स्थल इसकी डीपीआर अगर आप बना दें तो मैं अपने विभाग को तत्काल दे सकती हूँ पर यह कलेक्टर के माध्यम से आपको बनानी पड़ेगी. आपने सीएसआर फण्ड की भी बात की थी गुजरात के तर्ज पर तो आपने कहा था कि कलेक्टर और कमेटी डिसाइड करे उस सीएसआर फण्ड के तो इसके ऊपर हम अपने विभाग से बात करके देखेंगे.

          श्री ओमप्रकाश सखलेचा-- चार साल से रिपोर्ट दी हुई है.

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया-- विभाग में या कहां है आपकी रिपोर्ट

          श्री ओमप्रकाश सखलेचा-- एस्टीमेट कमेटी के सभी विधायकों  को ले के माननीय नरेन्द्र मोदी जी के निवास पर बैठक हुई, उन्होंने उद्योग विभाग के सभी अधिकारियों को बुला के सामने वह पालिसी दी और वह एस्टीमेट कमेटी की रिपोर्ट में लगी हुई है.

          अध्यक्ष महोदय-- ठीक है, आपकी बात आ गयी.

          श्री ओमप्रकाश सखलेचा--  इसमें दोहरी चोट मार रहे हैं.कम्पनियां अपने निजी उपयोग में ले रही है .

          अध्यक्ष महोदय-- डिटेल नहीं चाहिए, बाद में दे दीजिए डिटेल.

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया-- अध्यक्ष महोदय, राय साहब विक्रसिंह जी ने फूड प्रोसेसिंग प्लांट खजुराहो की बात की थी, स्माल इण्डस्ट्रीज को भी उऩ्होंने कहा कि अगर सूक्ष्म लघु उद्योग आपके यहां आ सकते हैं और यहां हम कोशिश कर सकते हैं कि एक तो रोजगार मेले या वेंडर डेव्लहपमेंट मीट भी आपके यहां, शायद की भी थी, पर अगर नहीं की तो आपके यहां देख सकते हैं कि अगर आ सकती है कि नहीं. और बम्बरमेनी माता अगर यह शासकीय मंदिर है तो आप इसकी डीपीआर बनाकर दे सकते हैं. माननीय रामेश्वर शर्मा जी ने खेलों की गतिविधियों की बात की थी और 8 लाख खेल मैदानों के लिए चाहा था अगर माननीय विधायक जी मुझे विस्तार से  कुछ अपना प्रस्ताव दें दो इसके ऊपर भी हम लोग अध्ययन कर सकते हैं.  उन्होंने कोलार स्टेडियम  की भी बात की थी और क्रिकेट की भी बात की थी और उऩ्होंने जो धार्मिक स्थल की बात की थी मैं रामेश्वर जी से कहना चाहूंगी कि कृपया आप कलेक्टर के माध्यम से अगर हमें डेटा दे सकते हैं तो हम इसके ऊपर भी काम कर पायेंगे. माननीय यादवेन्द्रसिंह जी ने  नीलामी की बात कही थी नागौद में, मंदिरों की जमीन के ऊपर, अभी नहीं हैं शायद,निकल गये. माननीय सुदर्शन गुप्ता जी ने मूलभूत सुविधाओं के अभाव की बात की थी, वे भी नहीं हैं. श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर जी ने उद्योग इस्टेबलिश करने की बात की थी और माता विंध्यवासिनी और एक दो और मंदिरों की बात की थी यदि आप इसका प्रस्ताव मेरे पास ला सकते हैं तो इसको भी मैं विभाग को दे सकती हूं. माननीय श्रीमती ऊषा चौधरी की बैंक आफिसर्स की शिकायत थी पर आपको मैं अवगत कराऊँ कि माननीय मुख्यमंत्री जी खुद बैंकर्स की मीटिंग्स लेते हैं समय समय पर और माननीय चीफ सेक्रेटरी भी बैंकर्स की मीटिंग ले सकते हैं ताकि यह जी.एम्स. जो हैं , यहाँ भोपाल में बैठे बैठे वो हिदायत दें अपने छोटे छोटे आफिसर्स को कि कृपया इसको ठीक तरीके से इस योजना का क्रियान्वयन करें, पर फिर भी मैं आपके यहाँ अपने डीआईसीज को कहूंगी कि कृपया इसको अच्छी तरह से दिखवाया जाये. आपने प्लायवुड कंपनी के मजदूरों की भी बात की थी ,खेल मैदान की बात भी की थी, मंदिरों की भी बात की थी.मंदिरों का अगर आप प्रस्ताव तैयार कर सकते हैं तो उसको भी देखा जाएगा.श्री दिलीप सिंह परिहार जी ने फुटबाल की बात की थी , हम सोच रहे हैं कि फुटबाल को हम डे बोर्डिंग में महू में हम शुरु कर रहे हैं तो इसके लिए फीडर सेंटर्स मैहर और नीमच में दिखवा सकते हैं , हम फ्लोर पर आश्वासन नहीं दे सकते हैं क्योंकि हमारे सीमित बजट हैं. हम चाह रहे हैं कि विधायक कप के माध्यम से आप लोगों के माध्यम से फुटबाल जैसे पारंपरिक खेल भी को भी बढ़ावा दिया जाये . इसको हम नजरअंदाज नहीं करेंगे, कैलाशवासी वीरेन्द्र सकलेचा जी की बात करी थी कि स्वीमिंग पूल भी वहाँ बना हुआ हूं और यह भी हमें मदद करेगा क्योंकि स्वीमिंग के ऊपर हम एकेडेमी होशंगाबाद में शुरु कर रहे हैं. सीआरपीएफ की भी बात की थी आपने. रामपाल सिंह जी ने विधायक कप की बात की थी और कहा था कि 30 हजार राशि बढ़ाया जाये , मैं हर विधायक को कहना चाहती हूं कि हमारा सीमित बजट होने के कारण यह हम लाखों में नहीं कर  सकते हैं पर हम इसको बढ़ाने के लिए कोशिश करेंगे या आप भी अपने विधायक फंड से यदि कुछ पैसा दे सकते हो जहाँ कई अन्य विधायकों ने किया है कि अपने फंड को भी उसके ऊपर लगाकर एक बड़ी राशि उपलब्ध कराई है. व्यायाम शालाओं के लिए रामपाल सिंह जी ने बात की थी यदि आप उसका प्रस्ताव दे सकते हैं तो दे दें और धार्मिक स्थलों के विकास की भी बात की थी. श्री पुष्पेंद्रनाथ पाठक जी ने बिजावर में खेल परिसर की बात की थी और जैसे मैंने आप सबको इस सदन में कहा था कि इन्होंने जिस तरह से, माननीय अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से मैं आपसे एक गुजारिश करना चाहती हूं कि उन्होंने अपने लैपटॉप पर पूरी अपनी विधायक कप की योजना इतनी बढ़िया तरीके से डाली है कि उसको क्या हम आपके माध्यम से विधानसभा के सब विधायकगणों को यह दिखा सकते हैं कि अगली बार जब हम यह करते हैं क्योंकि यह मुझे मदद करेगा मेरे ग्रामीण खेलों में और अगर हम हर विधायक से अच्छे से क्रियान्वयन कर सकते हैं विधायक कप को ,जिस तरह से पाठक जी ने किया तो हर विधानसभा से 9 हजार बच्चे निकल सकते हैं रोज खेलों में , दो दो ,तीन तीन महीने के लिए तो यदि अध्यक्ष महोदय, आपकी अनुमति हो सके तो हम इसको विधायकों को एक तरह से प्रशिक्षण की तरह अगर दिखा सकते हैं .

          अध्यक्ष महोदय---  ठीक है यदि माननीय विधायक उसमें रुचि लेंगे तो जरूर कर लेंगे.

          श्री पुष्पेंद्रनाथ पाठक--- अध्यक्ष महोदय, हमने प्रेजेंटेशन दिया था और मंत्री जी ने उस पर प्रसन्नता व्यक्त की थी उस पर.

          श्रीमती यशोधरा राजे सिंधियागोविंद सिंह जी पटेल ने गाडरवारा में नगरपालिका के मैदान को खेल विभाग को स्थानांतरित करने की बात की है अभी यह खेल मैदान अभी तक स्थानांतरित नहीं हुआ है अभी आधिपत्य नहीं हुआ है , आधिपत्य प्राप्त होने पर स्टेडियम निर्माण की संभावनायें की जाएंगी. श्री फुन्देलाल सिंह जी ने बॉक्साईट की बात की थी इसको हम इमीजिएटली अपने विभाग के तौर से दिखवाकर देख सकते हैं कि क्या संभावनायें हैं उन्होंने अमरकंटक के मंदिरों का रखरखाव सुरक्षा और विकास के काम की भी बात की थी . कलेक्टर से प्रस्ताव प्राप्त करेंगे और किसी विशेष मंदिर का नाम उन्होंने हमें नहीं दिया है पर आप प्रस्ताव दे दें जो भी आपका विशेष मंदिर है. माननीय देवेन्द्र वर्मा जी ने महाकाल जैसे ओंकारेश्वर की बात की थी. वह विधेयक के बाद हम लोग इसको भी विकसित कर पाएँगे पर पहले विधेयक को आने दीजिए. टोल टेक्स की बात की थी वह तो शायद ट्रांसपोर्ट विभाग की बात होगी और खंडवा में जनभागीदारी से स्वीमिंग पुल के लिए जो काम आपने 75 लाख से किया था तथा और पैसे की मांग की अगर आप प्रस्ताव दे सकते हों तो हम इसको अपने विभाग से दिखवा सकते हैं. शायद हमें मदद हो जाए. अपने स्वीमिंग एकेडमी के फीडर सेंटर बनाने के लिए पर मैं फ्लोर से आश्वासन नहीं दे सकती हूँ, इस चीज पर, जब तक हम लोग इसके ऊपर अध्ययन न करें. दादाजी दरबार लगता है, शासकीय मेले में परिवर्तित किया जाए, तो यह भी अगर आप प्रस्ताव देंगे पर कलेक्टर के माध्यम से अगर शासकीय संधारित हो सकता है तो फिर हम इसको मेला प्राधिकरण से देख पाएँगे. माननीय दिनेश राय जी ने कुछ कहा जो मैंने मिस किया क्योंकि लोग बातें कर रहे थे तो पहले पहले मैंने वह लिखा नहीं जो आपने कुछ कहा था. स्वीमिंग पुल की बात की, तैराकी की बात की, पावर प्लांट में लोकल रोजगार की बात की थी,  वह शायद हैं नहीं. राजा साहब मानवेन्द्र सिंह जी ने 3 मांगें, एक एक विभाग की एक एक मांग की थी, अगर राजा साहब आप इसको लिख कर मुझे दे दें तो बेहतर होगा मैं उसको विभाग से दिखवा लूँगी. कमलेश्वर पटेल जी ने विधायक कप की बात की थी और जैसा मैंने कहा कि कमलेश्वर जी, कि विधायक कप में अगर आप भी अपना फंड डाल सकते हों और इसमें आप डिसाइड करो, डी एस ओ को कहा कि हम इस पारंपरिक खेल को ही करने वाले हैं और गाँव गाँव से लेकर पंचायत और ब्लाक लेवल तक और ब्लाक लेवल से लेकर आपके विधान सभा हेड क्वार्टर्स तक अगर आप ला सकते हों तो मुझे निश्चित रूप से कई विधायकों के यहाँ से प्रतिभावान खिलाड़ी निकलेंगे. डॉक्टर योगेन्द्र निर्मल जी ने रामचन्द्र जी के पुराने मंदिर की बात की थी जो तहसीलदार रिसीवर है. मैं इसको भी, अगर आप इसका प्रस्ताव दे सकते हों मुझे तो एक नई कमेटी की बात आपने की थी वह हमें दिखवा कर ही हम कर पाएँगे. वीरसिंह पवार साहब ने कुरवाई स्टेडियम की घोषणा की बात की थी और आपने कहा था कि उसके बाद कुछ हुआ नहीं. माननीय मुख्यमंत्री जी का एक सेल रहता है जो घोषणा का सेल है. हम लोग वहाँ चेक करके देख सकते हैं कि घोषणा है कि नहीं है और अगर घोषणा नहीं भी है, तो हम जाकर देख सकते हैं कि आपका खेल परिसर की क्या संभावनाएँ हैं. शासकीय भूमि है आपने कहा था और आपने यह भी सुझाव दिया था कि हमारे लैण्ड बैंक में हम शामिल कर सकते हैं. बीना रिफायनरी की भी बात की थी जहाँ आपने कहा था कि पानी सप्लाई के निर्माण की वजह से मंदिर के प्रांगण या मंदिर के क्षेत्र में आ जाता है और श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है. 50 लाख का फंड है इसको इस्तेमाल कर पानी की समस्या ठीक करें. मैं अपने विभाग से जरूर इस प्रस्ताव के ऊपर अध्ययन करने के लिए निर्देशित करती हूँ. आपने बी ओ आर एल, अपनी बीना ओमान रिफायनरी की भी बात की थी और कहा था कि कोई फण्ड मिलते नहीं हैं, कुरवाई विधान सभा के लिए. मैं उनसे बात करके देखती हूँ कि क्या समस्या है, आपकी और उनकी,  आप क्यों नहीं आ जाते हैं मुझे बताने के लिए कि कहाँ कहाँ आप काम करवाना चाहते हों. कैलाश टेकरी मंदिर, एक रपटा बनाने की बात की थी. माननीय आशीष शर्मा जी ने विधायक कप को सराहते हुए ओलंपिक 20-20 की बात की थी. जिमनेजियम, शहरी क्षेत्र है आपका और जिमनेजियम का प्रस्ताव अगर आप देंगे तो मैं अपने विभाग को दे सकती हूँ. नेमावर भगवान सिद्धनाथ मंदिर की जीर्णोद्धार की भी बात की थी और गुफा मंदिर की भी बात की थी. पंचकोशी मेले के लिए राशि, अगर यह मेला सरकार के अधीन है तो हम लोग इसके लिए पैसा दे पाएँगे. नहीं तो इसको सरकार की तरफ लाना पड़ेगा तब ही हम इसको पैसा दे पाएँगे.  आपका एक अच्छा सुझाव था हमारे विभाग को मैं बताऊँगी की जल ग्रहण क्षेत्र में तैराकी भी संभवतः हो सकती है. माननीय दुर्गालाल विजय जी डिफेंस की बात आपने की थी, दुर्गालाल जी, जमीन चयन की थी पर अभी तक विकसित नहीं हुई है. इसको मैं दिखवा देती हूँ. विधायक कप की बात की थी. MHOW FUNDS की बात की थी प्राचीन मंदिर विकसित करना है. कौनसा मंदिर है भूतेश्वर और नागेश्वर मंदिर, उनकी डी पी आर बनाने की बात अगर आप कर सकते हैं कलेक्टर के साथ, माननीय बहादुर सिंह जी ने शुगर मिल की बात पर मुझे बधाई दी थी. बाबा रामदेव मंदिर के जीर्णोद्धार, बहादुर सिंह जी उसकी डी पी आर आप बना दो फिर मुझे दे देना. माननीय सोनकर जी विधायक कप पारंपरिक खेल के लिए है सके तो क्रिकेट मत करिए क्योंकि वह सब जगह खेला जाता है हम पारंपरिक खेल पर ही जाना चाहते हैं और आप इसमें लीड रोल लो. माननीय अनिल फिरोजिया जी तराना में माता का मंदिर है जीर्णोद्धार के लिए राशि चाहिये, आप कलेक्टर से डीपीआर बनवाकर मुझे दे दें. माननीय रणजीत सिंह गुणवान जी मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए राशि चाहिए तरीका यह है कि आप कलेक्टर के पास अपना प्रस्ताव देकर डीपीआर बनाकर कलेक्टर के माध्यम से हम लोगों के पास भेज देना. आप लघु उद्योग की भी चिन्ता कर रहे थे कि लघु उद्योग भी स्थापित हो जाए. माननीय मनोज निर्भय सिंह पटेल जी ने हमें विधायक कप की बधाई दी मैं यही बताना चाहती हूँ कि आप मेरी प्रशंसा मत करो विधायकों का सम्मान और उनका स्तर ऊपर करने के लिए मैंने यह विधायक कप की योजना बनाई है (मेजों की थपथपाहट) जितू जी मैं यह कहना चाहती हूं कि आपको एक एड नहीं मिलेगा ऐसा क्योंकि मेरे निर्देश हैं मेरे विभाग को कि हर बार जब भी किसी खेल में किसी विधा में बच्चे को मेडल मिला है बच्चा, उसका मेडल और उसका कोच इन्हीं के ही फोटो लगेंगे तो हो नहीं सकता कि मेरा एड है हो ही नहीं सकता है क्योंकि यह निर्देश मैंने दिए हैं खुद कि हम कभी भी एक फोटो में नहीं रहना चाहिये. कोच रहना चाहिए क्योंकि कोच की वजह से न कि हमारी वजह से कोच ने उसको कोचिंग करके आज इंटरनेशनल मेडल दिलवाया है. माननीय डॉ. रामकिशोर दोगने जी आपने स्टेडियम की मांग की थी आप जमीन देख लीजिये. मैं विधायकों को बताना चाहती हूं कि स्कूल के प्रांगण में हम लोग खेल मैदान नहीं बना सकते हैं क्योंकि वह स्कूल विभाग की बात होती है. गौशाला का भी उन्होंने कहा था.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से सभी को पटवारी जी और कमलेश्वर जी को भी मैं बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहती हूं. आप सब के सुझावों की वजह से हम और बेहतरीन करें. उद्योग, खेल और धर्मस्व में यह हमारी चाहत है यह माननीय मुख्यमंत्री का जुनून है. आप हमें आड़े हाथ भी लें कोई बात नहीं पर हमें अच्छे सुझाव देते जायें उससे हमारा हौसला बढ़ता जाता है. बहुत-बहुत धन्यवाद.

          अध्यक्ष महोदय--मैं पहले कटौती प्रस्तावों पर मत लूंगा.

          प्रश्न है कि मांग संख्या 11, 43 एवं 51 पर प्रस्तुत कटौती प्रस्ताव स्वीकृत किए जायें.

                                                                   कटौती प्रस्ताव अस्वीकृत हुए.

          अब, मैं मांगों पर मत लूंगा.

         

 

 

 

 

 

 

 

8.54 बजे                                    अध्यक्षीय घोषणा

श्री रामेश्वर शर्मा सदस्य का संकल्प क्रमांक 51 शुक्रवार को लिया जाना.

                                                  सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई.

 

          अध्यक्ष महोदय-- विधान सभा की कार्यवाही शुक्रवार, दिनांक 11 मार्च 2016 के प्रात: 10:30 बजे तक के लिए स्थगित.

          सायं 8.55 बजे विधान सभा की कार्यवाही शुक्रवार, दिनांक 11 मार्च, 2016 (21 फाल्गुन, शक संवत् 1937) के पूर्वाह्न 10:30 बजे तक के लिए स्थगित की गई.

 

 

भोपाल,                                                                भगवानदेव ईसरानी,   

दिनांक : 10 मार्च, 2016                                                  प्रमुख सचिव,

                                                                         मध्यप्रदेश विधानसभा