मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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पंचदश विधान सभा प्रथम सत्र
जनवरी, 2019 सत्र
गुरुवार, दिनांक 10 जनवरी, 2019
( 20 पौष, शक संवत् 1940 )
[खण्ड- 1 ] [अंक- 4 ]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
गुरुवार, दिनांक 10 जनवरी, 2019
(20 पौष, शक संवत् 1940)
विधान सभा पूर्वाह्न 11.03 बजे समवेत हुई.
{अध्यक्ष महोदय (श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.) पीठासीन हुए.}
अध्यक्ष महोदय -- अध्यादेश का पटल पर रखा जाना, श्री पी.सी. शर्मा.
संसद में आर्थिक आधार पर आरक्षण संबंधी विधेयक पारित होने पर बधाई
श्री शिवराज सिंह चौहान (बुधनी) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, एक मिनट, कल आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए जो संविधान संशोधन विधेयक था, वह लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित कर दिया गया है. यह गरीबों के हक में क्रांतिकारी फैसला है और इसके लिए हम भारत सरकार का और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का हार्दिक अभिनंदन करते हैं. यह एक ऐतिहासिक फैसला किया गया है. (...व्यवधान...)
लोक निर्माण मंत्री (श्री सज्जन सिंह वर्मा) -- यह साढ़े चार साल पहले ही हो जाना था, यह चुनावी स्टंट कर रहे हैं आप, सीधे दिख रहा है. (...व्यवधान...)
श्री अजय विश्नोई (पाटन) -- कांग्रेस पक्ष को भी बहुत-बहुत धन्यवाद. आपका भी समर्थन मिला. (...व्यवधान...)
श्री सज्जन सिंह वर्मा -- हम तो साढ़े चार साल पहले भी करते. आपका मन काला था. (...व्यवधान...)
अध्यक्ष महोदय -- श्री पी.सी. शर्मा बोलेंगे. बाकी सदस्य जो भी बात कर रहे हैं, वह नहीं लिखी जाएगी. (...व्यवधान...)
श्री सज्जन सिंह वर्मा -- (XXX)
चिकित्सा शिक्षा मंत्री (डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ) -- (XXX)
डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय ''राजू भैया'' -- (XXX)
श्री कमल पटेल -- (XXX)
अध्यक्ष महोदय -- कमल जी बैठ जाइये.
(...व्यवधान...)
11.06 बजे
सदन के कुशल संचालन हेतु अध्यक्षीय व्यवस्था
अध्यक्ष महोदय -- माननीय सभी सदस्यों से प्रार्थना है कि आप बैठ जाइए. आप सभी लोगों से एक प्रार्थना है मेरी, मेहरबानी करके बैठ जाइए. जो भी सदस्य इस सदन में बोलने के लिए उठें, नियम-प्रक्रिया के तहत उठें. मुझे सूचित किया क्या आपने ? मेहरबानी करिए. बिना अनुमति के ना बोलें.
डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय (जावरा) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, पहले तो नियम आपने तोड़ना शुरु कर दिए. नियम को तोड़ने की शुरुआत तो आपकी तरफ से हुई है. पहले ही दिन नियम तोड़ दिया गया.
...व्यवधान...
राजस्व, परिवहन मंत्री (श्री गोविन्द सिंह राजपूत) -- माननीय अध्यक्ष का अपमान कर रहे हैं. आसंदी का अपमान कर रहे हैं ?
डॉ.राजेन्द्र पाण्डेय -- अध्यक्ष महोदय, यह नियम तोड़ने की बात है ?...व्यवधान...
श्री गोविन्द सिंह राजपूत -- माननीय अध्यक्ष जी, यह आसंदी का अपमान है. यह गलत बात है. इस तरह की भाषा बोलना गलत है....व्यवधान...
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ.गोविन्द सिंह) -- आपको क्षमा मांगना चाहिए.
....व्यवधान..
लोक निर्माण विभाग, मंत्री (श्री सज्जन सिंह वर्मा) -- आसंदी पर आरोप लगाया गया है, आपको क्षमा मांगना चाहिए.
डॉ.गोविन्द सिंह -- आप क्षमा मांगें.
...व्यवधान..
अध्यक्ष महोदय -- बैठ जाइए.
श्री गोविन्द सिंह राजपूत -- अध्यक्ष जी, यह आसंदी का अपमान है. यह आपका भी अपमान कर रहे हैं. ये इस तरह का आरोप लगाकर सदन का अपमान कर रहे हैं. यह गलत बात है. 15 साल से आप लोगों ने जिस तरीके से आसंदी का अपमान किया है, गलत बात है.
अध्यक्ष महोदय -- आप बैठ जाइए. सदन में जो माननीय सदस्य प्रथम बार आए हैं मेहरबानी करके जब अध्यक्ष खडे़ हों, यह परम्परा प्रक्रिया है अन्य कोई भी सदस्य हस्तक्षेप नहीं करेगा. सदन का नेता खड़ा हो, तो अन्य कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे और सदन के प्रतिपक्ष के नेता खडे़ हों, तो उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे, नंबर एक. नंबर दो मेहनबानी करके जब तक कार्य प्रक्रिया के तहत या तो मैंने अनुमति दी हो, तब कृपापूर्वक आप खड़े होकर बोलें, या मुझे कोई सूचना दी गई हो कृपापूर्वक हमको प्रदेश के सब नागरिक देख रहे हैं. मैं आप सभी से मेहनबानी करके प्रार्थना करता हॅूं हम पुरानी परम्पराओं को नये लिबास में जरा अच्छे तरीके से निभाएं. नये जितने सदस्य आए हैं आप सबसे मेहरबानी करके प्रार्थना है कि पुराने हमारे सदस्यों को देखकर अभी से अपने एक्शन न करने लगें. माननीय मंत्रीगण, मेहरबानी करिए.
नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपकी अनुमति से कहना चाहता हॅूं.
अध्यक्ष महोदय -- मैं बैठ जाऊं. उसके बाद आप बोलें. भार्गव जी, अब हम अतीत के पन्नों पर जा रहे हैं. आपने सन् 1985 में और मैंने दोनों ने सीखा है. मैं कृपापूर्वक उसी की बात कर रहा हॅूं. मैं बैठ जाऊं, फिर मैं आपकी बात सुनुंगां. अभी मैंने चूंकि पहले श्री पी.सी.शर्मा जी का नाम पुकारा है उनको पढ़ लेने दीजिए उसके बाद मैं आपकी बात सुनुंगां.
श्री गोपाल भार्गव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, रिलेवेंट नहीं है. आपका ही जो वक्तव्य चल रहा था, उसी से रिलेवेंट है. आपने जो कहा कि पुराने सदस्यों को देखकर या सीखकर नये सदस्य ऐसा कुछ ना करें तो हम लोगों का आचरण ऐसा तो नहीं रहा है.(हंसी)
अध्यक्ष महोदय -- माननीय गोपाल भार्गव जी, आप वरिष्ठों का ही तो अनुसरण नीचे के नये विधायक करेंगे. मैंने बिना कोई पूर्व सूचना के माननीय पूर्व मुख्यमंत्री, सदस्य को अनुमति दे दी, उन्होंने अपनी बात कह दी, अगर यह पहले से मुझे सूचित कर देते तो मुझे कोई दिक्कत नहीं अन्यथा आपकी बात का ही नये लोग अनुसरण करेंगे. वे नहीं समझ पा रहे हैं. इसलिए हमें प्रबोधन करवाना पडे़गा. आप वरिष्ठ हैं जितने यहां वरिष्ठ हैं आप ही की तो परिपाटी पर नये सदस्य चलेंगे. मेरी ऐसी आप सबसे प्रार्थना है.
श्री शिवराज सिंह चौहान (बुधनी) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह पहला अवसर नहीं है. जब कहीं कोई विशेष परिस्थिति होती है तो इस सदन में भी और संसद में भी, बिना सूचना दिए भी किसी महत्वपूर्ण विषय को यदि उठाया गया है तो यह मामले उठाते रहे हैं यह परम्परा रहीं है. कई-कई बार इस सदन में भी हम लोगों ने ऐेसे मामलों को उठाया है और इसलिए इसको आसंदी का पूरा सम्मान करते हुए मैं निवेदन करना चाहता हॅूं कि तात्कालिक महत्व का यदि कोई विषय आता है तो उसको उठाने की अनुमति पहले भी दी जाती रही है.
अध्यक्ष महोदय -- निश्चित ही.
श्री शिवराज सिंह चौहान -- अध्यक्ष जी, हम परम्परा तोड़ने वाले नहीं हैं और आसंदी का सम्मान करने वाले हैं लेकिन मैंने कोई अनुचित नहीं किया.
अध्यक्ष महोदय -- आपको धन्यवाद देता हॅूं. बड़ी कृपा आपकी. (डॉ.सीतासरन शर्मा जी के खडे़ होने पर) प्लीज शर्मा जी, बैठ जाइए. मुझे कार्यसूची के अनुसार चलने दीजिए. आपकी मेहरबानी होगी.
डॉ. सीतासरन शर्मा (होशंगाबाद) - अध्यक्ष महोदय, आप 30 साल पहले कहां ले जा रहे हैं ? इसलिए आपसे अनुरोध है कि अब 21 वीं सदी चल रही है.
अध्यक्ष महोदय - आप विराजिये. मैं इस विषय का पटाक्षेप करता हूं. माननीय पी.सी. शर्मा जी शुरू करें.
11.11 बजे अध्यादेश का पटल पर रखा जाना
मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2018 (क्रमांक 11 सन् 2018)
विधि और विधायी कार्य मंत्री (श्री पी.सी. शर्मा) - अध्यक्ष महोदय, मैं भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 की अपेक्षानुसार मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2018 (क्रमांक 11 सन् 2018) पटल पर रखता हूं.
11.12 बजे पत्रों का पटल पर रखा जाना
1. मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018
पर्यावरण मंत्री (श्री सज्जन सिंह वर्मा) - अध्यक्ष महोदय, मैं, जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 39 की उपधारा (2) एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 35 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018 पटल पर रखता हूं.
2. जिला खनिज प्रतिष्ठान, नीमच का वार्षिक प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष 2017-2018
खनिज मंत्री (श्री प्रदीप जायसवाल) - अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 के नियम 18 (3) की अपेक्षानुसार जिला खनिज प्रतिष्ठान, नीमच का वार्षिक प्रतिवेदन वित्तीय वर्ष 2017-2018 पटल पर रखता हूं.
3. नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.) का वार्षिक लेखा प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018
पशुपालन मंत्री (श्री लाखन सिंह यादव) - अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 की धारा 38 की उपधारा (3) की अपेक्षानुसार नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर (म.प्र.) का वार्षिक लेखा प्रतिवेदन वर्ष 2017-2018 पटल पर रखता हूं.
4. (i) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संभागों, जिलों, उपखण्डों तथा तहसीलों के परिवर्तन, सृजन तथा समाप्ति) नियम, 2018,
(ii) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (अनुचित रुप से बेकब्जा किये गये भूस्वामी का पुनर्स्थापन) नियम, 2018,
(iii) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम, 2018, तथा
(iv) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-अभिलेखों में नामांतरण) नियम, 2018
राजस्व मंत्री (श्री गोविन्द सिंह राजपूत) - अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 258 की उपधारा (4) की अपेक्षानुसार -
(i) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (संभागों, जिलों, उपखण्डों तथा तहसीलों के परिवर्तन, सृजन तथा समाप्ति) नियम, 2018,
(ii) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (अनुचित रुप से बेकब्जा किये गये भूस्वामी का पुनर्स्थापन) नियम, 2018,
(iii) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम, 2018, तथा
(iv) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-अभिलेखों में नामांतरण) नियम, 2018 पटल पर रखता हूं.
5. संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम लिमिटेड, भोपाल का 35 वां वार्षिक प्रतिवेदन एवं लेखा वर्ष 2015-2016
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री (श्री हर्ष यादव) - अध्यक्ष महोदय, मैं, कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 394 की उपधारा (2) की अपेक्षानुसार संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम लिमिटेड, भोपाल का 35 वां वाषिक प्रतिवेदन एवं लेखा वर्ष 2015-2016 पटल पर रखता हूं.
6. (क) (i) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का राजस्व क्षेत्र पर प्रतिवेदन 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वर्ष के लिए वर्ष 2018 का प्रतिवेदन संख्या-1,
(ii) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वर्ष का प्रतिवेदन राज्य का वित्त वर्ष 2018 का प्रतिवेदन संख्या-2,
(iii) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर प्रतिवेदन 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वर्ष के लिये वर्ष 2018 का
प्रतिवेदन संख्या-3,
(iv) आर्थिक क्षेत्र पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन 31 मार्च, 2017 को समाप्त वर्ष के लिए 2018 का प्रतिवेदन संख्या-4, तथा
(v) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र 31 मार्च, 2017 को समाप्त वर्ष के लिए वर्ष 2018 का प्रतिवेदन संख्या-5
वित्त मंत्री (श्री तरुण भनोत) - अध्यक्ष महोदय, मैं,
(क) भारत के संविधान के अनुच्छेद 151 के खण्ड (2) की अपेक्षानुसार-
(i) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का राजस्व क्षेत्र पर प्रतिवेदन 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वर्ष के लिए वर्ष 2018 का प्रतिवेदन संख्या-1,
(ii) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वर्ष का प्रतिवेदन राज्य का वित्त वर्ष 2018 का प्रतिवेदन संख्या-2,
(iii) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर प्रतिवेदन 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वर्ष के लिये वर्ष 2018 का प्रतिवेदन संख्या-3,
(iv) आर्थिक क्षेत्र पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन 31 मार्च, 2017 को समाप्त वर्ष के लिए 2018 का प्रतिवेदन संख्या-4, तथा
(v) भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का प्रतिवेदन सामान्य एवं सामाजिक क्षेत्र 31 मार्च, 2017 को समाप्त वर्ष के लिए वर्ष 2018 का प्रतिवेदन संख्या-5,
(ख) (i) वित्तीय वर्ष 2017-2018 की द्वितीय छ: माही के दौरान बजट से संबंधित आय और व्यय की प्रवृत्तियों का छ: माही समीक्षा विवरण, एवं
(ii) वित्तीय वर्ष 2018-2019 की प्रथम छ: माही के दौरान बजट से संबंधित आय और व्यय की प्रवृत्तियों का छ: माही समीक्षा विवरण
(ख) मध्यप्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2005 (क्रमांक 18 सन् 2005) की धारा 11 की उपधारा (1) की अपेक्षानुसार-
(i) वित्तीय वर्ष 2017-2018 की द्वितीय छ: माही के दौरान बजट से संबंधित आय और व्यय की प्रवृत्तियों का छ: माही समीक्षा विवरण, एवं
(ii) वित्तीय वर्ष 2018-2019 की प्रथम छ: माही के दौरान बजट से संबंधित आय और व्यय की प्रवृत्तियों का छ: माही समीक्षा विवरण पटल पर रखता हूं.
11.15 बजे
कार्य मंत्रणा समिति का प्रतिवेदन.
अध्यक्ष महोदय-- कार्य मंत्रणा समिति की बैठक दिनाँक 9 जनवरी, 2019 को संपन्न हुई. जिसमें निम्नलिखित शासकीय विधेयकों एवं अन्य कार्यों पर चर्चा हेतु समय आवंटित किए जाने की सिफारिश की गई है-
क्र. |
विषय |
आवंटित समय |
(1) |
राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा . |
3 घण्टे |
(2) |
मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2019 (क्रमांक 2 सन् 2019) |
1 घण्टा |
(3) |
वर्ष 2018-2019 के द्वितीय अनुपूरक अनुमान की मांगों पर मतदान एवं तत्संबंधी विनियोग विधेयक का पुरःस्थापन, विचार एवं पारण. |
2 घण्टे |
समिति द्वारा की गई सिफारिशों अनुसार सभा की दिनाँक 10 जनवरी, 2019 की बैठक में भोजनावकाश न रखा जाय.
आप सभी को यहीं सादर न्यौता है.
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ.गोविन्द सिंह)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूँ कि-
अभी अध्यक्ष महोदय ने जिन शासकीय विधेयकों एवं अन्य कार्यों पर चर्चा के लिए समय निर्धारण करने के संबंध में कार्य मंत्रणा समिति की जो सिफारिशें पढ़ कर सुनाईं, उन्हें सदन स्वीकृति देता है.
अध्यक्ष महोदय- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ.
प्रश्न यह है कि-
जिन कार्यों पर चर्चा के लिए समय निर्धारण करने के संबंध में कार्य मंत्रणा समिति की जो सिफारिशें पढ़ कर सुनाईं, उन्हें सदन स्वीकृति देता है.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
11.18 बजे
राज्यपाल की अनुमति प्राप्त विधेयकों की सूचना.
विधान सभा के विगत सत्र में पारित विधेयकों को माननीय राज्यपाल महोदया की अनुमति प्राप्त हो गई है. अनुमति प्राप्त विधेयकों के नाम दर्शाने वाले विवरण की प्रतियाँ माननीय सदस्यों को वितरित कर दी गई हैं. इन विधेयकों के नाम कार्यवाही में मुद्रित किए जाएँगे.
11.19 बजे
उपाध्यक्ष का निर्वाचन.
अध्यक्ष महोदय-- उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए प्रस्ताव की पाँच सूचनाएँ दिनाँक 9 जनवरी, 2019 को मध्यान्ह 12.00 बजे तक प्राप्त हुई हैं. जिनमें से प्रथम चार सूचनाएँ एक ही उम्मीदवार सुश्री हिना लिखीराम कावरे, सदस्य से संबंधित हैं तथा पाँचवी सूचना श्री जगदीश देवड़ा, सदस्य से संबंधित है. चूँकि चार प्रस्ताव एक ही उम्मीदवार से संबंधित.. (नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव जी के खड़े होने पर) भार्गव जी, एक मिनट, मैं पढ़ लूँ फिर आप निश्चित रूप से बोलिएगा. चूँकि चार प्रस्ताव एक ही उम्मीदवार से संबंधित हैं. जो वस्तुतः प्रथम प्रस्ताव की पुनरावृत्ति है अतः उनमें से प्रथम प्रस्ताव लूँगा.
नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, जैसा कि आपके निर्वाचन के दिन यह तय हुआ था और हम लोगों ने आपत्ति की थी कि पाँच प्रस्ताव जब आए हैं तो पाँचों प्रस्तावों को एक साथ पढ़ा जाना चाहिए. उसमें माननीय अध्यक्ष महोदय के निर्वाचन का भी था, हमारी तरफ से जो प्रस्तावित उम्मीदवार थे, उनके निर्वाचन का भी था. लेकिन उस दिन सिर्फ चार को पढ़कर और कार्यवाही को आगे बढ़ा दिया गया, इसका पूरा सदन गवाह है. मैं आप से निवेदन करता हूँ कि पाँचों प्रस्तावों के लिए एक साथ पढ़ा जाए और उसका अनुमोदन प्राप्त किया जाए.
अध्यक्ष महोदय-- माननीय नेता प्रतिपक्ष ने जो बात उठाई है, वैसे मैंने जो मूल प्रस्ताव पढ़ा, उसमें जगदीश देवड़ा जी का नाम भी पढ़ा है. जो आज की दैनिक कार्य सूची है, वह अपने आप में पूर्ण है, जिसमें सभी प्रस्तावकों और समर्थकों का नाम आया हुआ है. इसके बाद भी अगर माननीय नेता प्रतिपक्ष का यह अनुरोध है तो निश्चित रूप से जो नियम प्रक्रिया है, उसको मैं विस्तृत इसलिए करना चाहता हूँ ताकि विपक्ष यह समझ ले कि मैं निष्पक्ष हूँ. मैं वे पाँचों नाम भी पढ़ दे रहा हूँ.
श्री गोपाल भार्गव--अध्यक्ष महोदय, आपकी निष्पक्षता पर हमें कोई संदेह नहीं है. हम भी चाहते हैं कि प्रक्रिया का पूरा पालन हो. जब तक आप इसे पढ़ेंगे नहीं तब तक यह कार्यवाही एक पन्ना मानी जाएगी. यह जो हमको वितरित हुई है.
अध्यक्ष महोदय--उपाध्यक्ष पद के लिए प्रस्ताव की पांच सूचनाएं दिनांक 9 जनवरी, 2019 को मध्याह्न 12.00 बजे तक प्राप्त हुई हैं. उनमें से प्रथम चार सूचनाएं एक ही उम्मीदवार सुश्री हिना कावरे, सदस्य से संबंधित हैं. इन चारों सूचनाओं के प्रस्तावक या समर्थक निम्नानुसार हैं--
पहली सूचना - प्रस्तावक श्री पांचीलाल मेड़ा, समर्थक डॉ. गोविन्द सिंह
दूसरी सूचना - प्रस्तावक श्री प्रताप ग्रेवाल, समर्थक श्री रामलाल मालवीय
तीसरी सूचना - प्रस्तावक श्री पी.सी. शर्मा, समर्थक श्री आलोक चतुर्वेदी
चौथी सूचना - प्रस्तावक श्री राजेश शुक्ला, समर्थक श्री संजीव सिंह
पांचवी सूचना - श्री जगदीश देवड़ा, सदस्य से संबंधित है जिनका प्रस्ताव
श्री गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष ने किया है और समर्थक डॉ.सीतासरन शर्मा हैं.
अब, मैं, श्री पांचीलाल मेड़ा, सदस्य से अनुरोध करुंगा कि वे अपना प्रस्ताव प्रस्तुत करें. ठीक है हुजूर ? (श्री गोपाल भार्गव की ओर देखते हुए)
श्री गोपाल भार्गव--जी अध्यक्ष महोदय.
श्री पांचीलाल मेड़ा (धरमपुरी)-- अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूँ कि --
"सुश्री हिना लिखीराम कावरे, जो इस विधान सभा की सदस्य हैं को विधान सभा का उपाध्यक्ष चुना जाए."
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. गोविन्द सिंह)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय पांचीलाल मेड़ा जी द्वारा रखे गए प्रस्ताव का मैं समर्थन करता हूं.
अध्यक्ष महोदय--प्रश्न यह है कि--
"सुश्री हिना लिखीराम कावरे, जो इस विधान सभा की सदस्य हैं, को विधान सभा का उपाध्यक्ष चुना जाए."
जो सदस्य प्रस्ताव के....
डॉ.सीतासरन शर्मा-- अध्यक्ष महोदय, आप फिर नियम के विपरीत काम कर रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय--आप वरिष्ठ हैं मेहरबानी करिए, मैं खड़ा हुआ हूँ.
डॉ. सीतासरन शर्मा--आप मुझे एक मिनट का समय दे दीजिए. आप एक मिनट के लिए अनुमति दे दें. मैं जो कह रहा हूं आप उसे सुन लें.
अध्यक्ष महोदय--जो सदस्य इस प्रस्ताव के पक्ष में हों.
डॉ. सीतासरन शर्मा--अध्यक्ष महोदय, मेरी बात सुन लें. यह इललीगल काम हो रहा है, मुझे सुन लिया जाए..(व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--जो सदस्य प्रस्ताव के पक्ष में हों वे कृपया...(व्यवधान)
श्री गोपाल भार्गव--अध्यक्ष महोदय, डॉ. सीतासरन शर्मा जी, पूर्व में विधान सभा अध्यक्ष रहे हैं मैं चाहता हूँ कि उनके अनुभव के आधार पर वे कुछ कहना चाहते हैं, उनको यदि आप सुन लेंगे तो हमारी संसदीय ख्याति में और ज्यादा वृद्धि होगी. (व्यवधान)
श्री आरिफ अकील--अध्यक्ष महोदय, आपने मत ले लिया है कि जो सदस्य इस प्रस्ताव के पक्ष में हो...(व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--आरिफ जी आप बैठ जाएं, वरिष्ठ सदस्यगण विराजें, विश्नोई जी विराजें. नेता प्रतिपक्ष जी, मैं प्रक्रिया में आगे बढ़ चुका हूँ मैं पीछे नहीं आ पाऊंगा. माफ करिएगा.
डॉ. सीतासरन शर्मा--अध्यक्ष महोदय, आप एक मिनट सुन तो लीजिए. आप हमारे अधिकारों का हनन कर रहे हैं... (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--मैं आपकी बात सुनूंगा. मेरी बात सुन लीजिए.
श्री अजय विश्नोई-- अध्यक्ष महोदय, जब विषय आगे बढ़ जाएगा....(व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--विश्नोई जी. मेरी यह प्रक्रिया पूरी हो जाने दीजिए उसके बाद मैं सुनुंगा आप विराजिए. (व्यवधान)
श्री गोपाल भार्गव--माननीय अध्यक्ष महोदय, गाड़ी आगे बढ़ जाने के बाद पीछे थोड़ी लौटेगी. (व्यवधान)
डॉ. सीतासरन शर्मा--माननीय अध्यक्ष महोदय, पाइंट ऑफ ऑर्डर सुनना पड़ता है..(व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--नेता प्रतिपक्ष जी मैंने आपकी बात सुनने के उपरांत ही प्रक्रिया आगे बढ़ाई है. जब नेता प्रतिपक्ष को मैं सुन चुका, आप प्रतिपक्ष के नेता हैं मैं आपकी अनुमति को आगे बढ़ाते हुए, आपकी बात को सुनते हुए जब प्रक्रिया का पालन कर रहा हूँ, तो मेरे ख्याल से फिर उसमें किन्तु, परन्तु नहीं आना चाहिए. (व्यवधान)
श्री गोपाल भार्गव--नेता प्रतिपक्ष का ही आग्रह है कि डॉ. सीतासरन शर्मा जी पूर्व विधान सभा अध्यक्ष हैं, वरिष्ठ सदस्य हैं यदि वे पाइंट ऑफ ऑर्डर दे रहे हैं तो मेरा प्लीज आपसे कहना है कि उनके पाइंट ऑफ ऑर्डर को आप सुन तो लें. मान्य या अमान्य करना आपके हाथ में है.
डॉ. सीतासरन शर्मा--अध्यक्ष महोदय, बिलकुल पिन-पाइंट पाइंट ऑफ ऑर्डर है.
श्री गोपाल भार्गव--अध्यक्ष महोदय, मान्य या अमान्य करना आपके हाथ में है.
डॉ. गोविन्द सिंह--आपका बीच में पाइंट ऑफ ऑर्डर क्या है, कौन से नियम के तहत आपका पाइंट ऑफ ऑर्डर है. उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए जो नियम-प्रक्रिया में जो व्यवस्था है वही अपनाई जाएगी. मध्यप्रदेश विधान सभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 8 (1) और 8 (2) में स्पष्ट उल्लेख है. नियम 8(2) में लिखा है कि " नियम 7 के उपनियम (2) से (4) तक के उपबन्ध संबंधी निर्देशों के स्थान में उपाध्यक्ष संबंधी निदेश प्रतिस्थापित करने पर उपाध्यक्ष के निर्वाचन को उसी प्रकार लागू होंगे जैसे कि वे अध्यक्ष के निर्वाचन को लागू हैं". (व्यवधान) आपका प्वाईंट ऑफ आर्डर क्या है. कौन से नियम के तहत है. .....(व्यवधान)
डॉ. सीतासरन शर्मा-- मैं आपको नियम बताता हूं. (व्यवधान)....
श्री गोपाल भार्गव-- नियम के तहत है. (व्यवधान) .....
डॉ. गोविन्द सिंह-- उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए वही प्रक्रिया अपनाई जाएगी जो अध्यक्ष के लिए अपनाई गई थी.
डॉ. सीतासरन शर्मा-- संसदीय कार्य मंत्री जी मैं आपको नियम बताता हूं. (व्यवधान).....
श्री गोपाल भार्गव-- अध्यक्ष महोदय, यह आपका अधिकार है आप मान्य करें अथवा नहीं करें. (व्यवधान)....
डॉ. गोविन्द सिंह-- प्रकिया तथा कार्य- संचालन संबंधी नियम 8 (1) और 8 (2) में इसका उल्लेख है. (व्यवधान)....
डॉ. सीतासरन शर्मा-- अध्यक्ष महोदय, ऐसे नहीं चलेगा मेरा प्वाईंट ऑफ आर्डर है ....
श्री गोपाल भार्गव-- अध्यक्ष महोदय, आप मान्य करें अथवा नहीं करें. (व्यवधान) ....
अध्यक्ष महोदय-- माननीय तीनों वरिष्ठ सदस्यों से अनुरोध है (व्यवधान).....
डॉ. सीतासरन शर्मा-- प्वाईंट ऑफ आर्डर प्रक्रिया के तहत होता है. प्रक्रिया जब गलत होती है तभी प्वाईंट ऑफ आर्डर उठाया जाता है. (व्यवधान) ....
श्री गोपाल भार्गव-- अध्यक्ष महोदय, आप सुन लें. (व्यवधान)....
अध्यक्ष महोदय-- मेरा वरिष्ठ सदस्यों से पुन: अनुरोध हैं. (व्यवधान)....
कुंवर विजय शाह-- सीतासरन शर्मा जी विधान सभा के अध्यक्ष रहे हैं. अगर वह कोई प्वाईंट ऑफ आर्डर उठा रहे हैं तो मेरा आपसे निवेदन है कि उनको सुन लें... (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय-- जब मैं अनुमति दूंगा तब ही प्वाईंट ऑफ आर्डर का मतलब रहेगा ना. आप मेहरबानी करके बैठ जाइए. मैंने कुछ सुन लिया है. (व्यवधान).....
श्री गोपाल भार्गव-- अध्यक्ष जी प्रक्रिया ही डिस-आर्डर हो रही है इस कारण से यह कहा जा रहा है (व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय-- क्या यह शोभा दे रहा है. मैं आपसे प्रार्थना कर रहा हूं कि क्या यह शोभा दे रहा है? (व्यवधान)...
श्री गोपाल भार्गव-- आपको हमारे माननीय सदस्य की बात मान्य करना हो अथवा नहीं करना हो यह आपका विशेष अधिकार है.. (व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय-- आप सभी वरिष्ठ हैं क्या यह शोभा दे रहा है. मैं अनुमति नहीं दे रहा हूं. (व्यवधान) ..
श्री विश्वास सारंग-- अध्यक्ष महोदय, प्वाईंट ऑफ आर्डर तो आपको सुनना पडे़गा. यदि किसी सदस्य ने प्वाईंट ऑफ आर्डर उठाया है तो प्वाईंट ऑफ आर्डर तो आपको सुनना ही पड़ेगा. (व्यवधान)
डॉ. सीतासरन शर्मा-- अध्यक्ष महोदय, ऐसे सदन नहीं चलेगा यह तरीका नहीं है. (व्यवधान)
डॉ. गोविन्द सिंह -- क्यों सुनना पड़ेगा? क्या अध्यक्ष महोदय आपके दबाव में काम कर रहे हैं?क्या आप डिक्टेटर हो? (व्यवधान)...
श्री गोपाल भार्गव-- आपको मानना है तो मानिए, नहीं मानना हो तो नहीं मानिए लेकिन आप एक बार सुन तो लीजिए. (व्यवधान)....
डॉ. सीतासरन शर्मा-- प्वाईंट ऑफ आर्डर तो सुनना ही पड़ता है.
अध्यक्ष महोदय-- यह जो कुछ भी कहा जा रहा है वह नहीं लिखा जाएगा.
श्री विश्वास सारंग-- (XXX)
श्री गोपाल भार्गव -- (XXX)
श्री सुखदेव पांसे-- (XXX)
डॉ. सीतासरन शर्मा-- (XXX)
डॉ. गोविन्द सिंह-- (XXX)
अध्यक्ष महोदय-- सुश्री हिना लिखीराम कावरे जो इस विधानसभा की सदस्य हैं, को विधानसभा का उपाध्यक्ष चुना जाए.
जो इस प्रस्ताव के पक्ष में हों , वे कृपया हां कहें,
जो इस प्रस्ताव के विपक्ष में हों, वे कृपया ना कहें.
..(व्यवधान)..
श्री शिवराज सिंह चौहान-- (XXX)
अध्यक्ष महोदय-- गर्भगृह में मत आइए. कृपया करके गर्भगृह में मत आइए.
11:28 बजे गर्भगृह में प्रवेश
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में प्रवेश
(भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में प्रवेश किया गया एवं नारे लगाए गए)
श्री गोपाल भार्गव -- (XXX)
(...व्यवधान...)
अध्यक्ष महोदय- माननीय सदस्यगण, यह व्यवहार उचित नहीं है. मेरे द्वारा माननीय नेता प्रतिपक्ष को सुनने के पश्चात् कार्यवाही आगे बढ़ाई गई है. कृपया कार्यवाही चलाने में सहयोग करें.
(...व्यवधान...)
श्री शिवराज सिंह चौहान- किस बात का व्यवहार ? आपने जो किया है क्या वह उचित है ?
(...व्यवधान...)
नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव)- अध्यक्ष महोदय, पहले ही दिन से जिस प्रकार आपके द्वारा आचरण की बात कही गई है, वह सही नहीं है. (XXX)
(...व्यवधान...)
श्री शिवराज सिंह चौहान- अध्यक्ष महोदय, (XXX) हम यह अन्याय नहीं सहेंगे.
अध्यक्ष महोदय- नहीं-नहीं. यह कहना बिल्कुल उचित नहीं है. यह व्यवहार अनुचित है. मेरे द्वारा माननीय नेता प्रतिपक्ष को सुनने के पश्चात् ही कार्यवाही आगे बढ़ाई गई है. उसके बाद भी मैं सुन रहा है. आपकी शंका पूर्णत: अनुचित है. यह उचित नहीं है. यह सर्वथा अनुचित है.
(...व्यवधान...)
(गर्भगृह में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा नारेबाजी की जाती रही.)
अध्यक्ष महोदय- सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की जाती है.
(11.33 बजे विधान सभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई.)
11.48 बजे विधान सभा पुन: समवेत हुई.
{ अध्यक्ष महोदय (श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति) (एन.पी) पीठासीन हुए.}
(भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे)
अध्यक्ष महोदय:- मेरे द्वारा माननीय नेता प्रतिपक्ष को सुनने के पश्चात् कार्यवाही आगे बढ़ायी गयी. कृपया कार्यवाही चलाने में सहयोग प्रदान करें.
नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव) :- अध्यक्ष महोदय, मेरा आपसे निवेदन है कि सदन में आपकी आसंदी से सत्य वाचन किया जाये. मेरा आपसे निवेदन है , दोनों हाथ जोड़कर आग्रह है कि सत्य वाचन किया जाये. अध्यक्ष महोदय, मैंने निवेदन किया था कि पूर्व विधान सभा अध्यक्ष हमारे बहुत ही संवैधानिक जानकार हैं. अध्यक्ष महोदय, उनकी बात एक बार सुन लेते, कौन सी कयामत आ जाती, कौन सी विपत्ति आ जाती. अध्यक्ष महोदय, हमारे पूर्व मुख्यमंत्री जी की बात नहीं सुनी गयी, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष जी की बात नहीं सुनी गयी. अध्यक्ष महोदय, आसंदी से इस तरह का व्यवहार किया गया मानो कि आसंदी आप नहीं कोई ...(व्यवधान)... चला रहा हो.
संसदीय कार्य मंत्री(डॉ. गोविन्द सिंह):- अध्यक्ष महोदय, संवैधानिक नियमों के अनुसार अगर चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है तो चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होने के बीच में कोई व्यवधान नहीं होगा. जब चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जायेगी तभी कोई बात उठायी जा सकेगी.(व्यवधान)
श्री शिवराज सिंह चौहान:- माननीय अध्यक्ष महोदय, आप तो प्वाईंट ऑफ आर्डर को भी विलोपित कर रहे हैं.
संसदीय कार्य मंत्री(डॉ. गोविन्द सिंह):- अध्यक्ष महोदय, चुनाव की प्रक्रिया के बीच में कोई सुनवाई या प्वाईंट ऑफ आर्डर नहीं होता है. यह कौल एण्ड शकधर में लिखा है. (व्यवधान)
श्री शिवराज सिंह चौहान:- अध्यक्ष महोदय, आप तो प्वाईंट ऑफ आर्डर को भी विलोपित कर रहे हैं, यह तो सदन में कभी नहीं हुआ. पूर्व विधान सभा अध्यक्ष की बात भी नहीं सुनी जा रही है.
अध्यक्ष महोदय--विलोपित नहीं कर रहा हूं. मैं पॉईंट ऑफ आर्डर को विलोपित नहीं कर रहा हूं. मैंने यह कहा है कि मैं पॉईंट ऑफ आर्डर की अनुमति नहीं दे रहा हूं. मैं विलोपित नहीं कर रहा हूं. (व्यवधान) यह सब बातें विलोपित की जाती हैं. इसके पहले की जो बातें हैं वह भी विलोपित की जाती हैं. (व्यवधान)
श्री शिवराज सिंह चौहान(बुधनी)--अध्यक्ष महोदय, आपका व्यवहार अध्यक्ष का व्यवहार नहीं है आपका व्यवहार तो डॉन जैसा लग रहा है. आप तो धमकी दे रहे हैं, यह नहीं चलेगा, आपकी धमकी नहीं चलेगी. (व्यवधान)
लोक निर्माण मंत्री (श्री सज्जन सिंह वर्मा)--अध्यक्ष महोदय, आपका व्यवहार पूर्व मुख्यमंत्री जैसा है क्या ? खुद का व्यवहार देखो.एक सीनियर लीडर जैसा खुद का व्यवहार है क्या ? (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--माननीय रोहाणी जी अगर कोई चीज विलोपित करवाते थे तो वे इशारा करते थे. मैंने विलोपित का दूसरे तरह का इशारा किया है. बात को विलोपित करवाने का अपना अपना तरीका है. (व्यवधान)
खेल एवं युवक कल्याण मंत्री (श्री जितू पटवारी)--अध्यक्ष महोदय पूर्व मुख्यमंत्री जी की भाषा पर आपत्ति लेता हूं. आपने 15 साल मुख्यमंत्री के धर्म को नहीं निभाया और यहां पर जिस तरीके की भाषा बोल रहे हैं, यह अमर्यादित है. मैं पूर्व मुख्यमंत्री जी के कथन की निन्दा करता हूं. इन्होंने किस तरह के शब्दों का चयन किया है. (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--कौल एवं शकधर स्पष्ट कहता है कि जो एक बार प्रक्रिया शुरू हो जाती है. उसके बीच में पॉईंट ऑफ आर्डर नहीं आता है. जब प्रक्रिया चालू हो जाती है तब मैंने उसकी व्यवस्था दी थी. मैंने इसलिये व्यवस्था दी थी कि जो कार्य चालू हो गया है उसे पूर्ण होने दें उसके बाद में आपकी बातें सुनुंगा. मैं नियम प्रक्रिया कौल एवं शकधर के तहत ही कार्यवाही आगे बढ़ा रहा हूं. कृपया कार्यवाही चलाने में सहयोग प्रदान करें, यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि सदन अच्छे से चले नियम प्रक्रियाओं से चले. मैं आप लोगों का सम्मान करता हूं. माननीय नेता प्रतिपक्ष जी ने जो कहा मैंने तद्नुसार कार्यवाही आगे बढ़ाई है. मैंने प्रक्रिया पूरी की.विधान सभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिये स्थगित.
(11.53 बजे विधान सभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिये स्थगित)
12.07 बजे विधान सभा पुनः समवेत हुई.
{अध्यक्ष महोदय (श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति(एन.पी.) पीठासीन हुए}
(भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण गर्भगृह नारे लगाते रहे.) (...व्यवधान)
जल संसाधन मंत्री (श्री हुकुम सिंह कराड़ा) - डिवीजन मांग लो ताकत हो तो, आसंदी को दोष मत दो, आप डिवीजन क्यों नही मांग लेते?(...व्यवधान)
श्री सज्जन सिंह वर्मा - इनकी हिम्मत नहीं है. (...व्यवधान)
श्री के.पी. सिंह ''कक्काजू'' - आदरणीय अध्यक्ष महोदय, आपसे निवेदन है कि जो कार्यवाही आपने आगे बढ़ाई है, उसको आगे बढ़ाइए. (...व्यवधान)
डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय - माननीय अध्यक्ष महोदय, यह अध्यक्ष का कह रहे हैं, अध्यक्ष के निर्वाचन में बेईमानी की है पूरी, उसी प्रकार की प्रक्रिया अभी चल रही है. (...व्यवधान)
डॉ. सीतासरन शर्मा - अध्यक्ष महोदय मेरा, पॉइंट आफ आर्डर है.
अध्यक्ष महोदय - मेरे द्वारा माननीय नेता प्रतिपक्ष को सुनने के पश्चात् कार्यवाही आगे बढ़ाई गई. कृपया कार्यवाही चलाने में सहयोग करें. (...व्यवधान)
डॉ. सीतासरन शर्मा - अध्यक्ष महोदय, सुनना ही पड़ेगा.
श्री के.पी. सिंह - अध्यक्ष महोदय, आगे बढ़ो.
अध्यक्ष महोदय - प्रश्न यह है कि सुश्री हिना लिखीराम कावरे, जो इस विधान सभा की सदस्य है, को विधान सभा का उपाध्यक्ष चुना जाए. (...व्यवधान)
जो सदस्य प्रस्ताव के पक्ष में हो, वे कृपया हां कहे.
जो सदस्य प्रस्ताव के विपक्ष में हो, वे कृपया न कहे.
हां की जीत हुई.
प्रस्ताव पारित हुआ.
(...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय - चूंकि प्रस्ताव सदन द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है. अत: मध्यप्रदेश विधान सभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 8 के उपनियम 2 तथा सहपठित नियम 7 के उपनियम 4 के प्रावधान के अनुसार आज की दैनिक सूची के पद 4 के उपपद 5 में अंकित प्रस्ताव सदन में नहीं लिया जाना है, अतएव सुश्री हिना लिखीराम कावरे, सदस्य को उपाध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित घोषित करता हूं एवं उन्हें बधाई देता हूं. (...व्यवधान)
श्री गोपाल भार्गव - अध्यक्ष महोदय, यह निर्वाचन की प्रक्रिया घोर असंवैधानिक है, घोर नियम विरूद्ध है, घोर अलोकतांत्रिक है. हम इसकी स्वीकार्यता नहीं देते हैं. हम इसे स्वीकार नहीं करते, अध्यक्ष महोदय यह नियम विरूद्ध है.
12.09 बजे शासकीय विधि विषयक कार्य
मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन), विधेयक, 2019(क्रमांक 2 सन् 2019) का पुर:स्थापन
अध्यक्ष महोदय - प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन), विधेयक, 2019 के पुर:स्थापना की अनुमति दी जाए.
वाणिज्यिक कर मंत्री (श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर) - अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन), विधेयक, 2019 का पुर: स्थापन करता हूं.
श्री गोपाल भार्गव - आपकी व्यवस्था के लिए, आपने जो आदेश दिए है, उसको हम स्वीकार नहीं करते, यह अस्वीकार्य है, अलोकतांत्रिक है, नियम विरूद्ध है. इस प्रकार से सदन का चलाना लोकतत्र की हत्या है. अध्यक्ष महोदय, हमारे सदस्यों को, जिसमें हमारे पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और हमारे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री सीतासरन शर्मा जी को आप बोलने नहीं दे रहे हैं. इस प्रकार का कृत्य तानाशाही का प्रतीक है, हिटलरशाही का प्रतीक है. हम इसकी घोर निन्दा करते हैं. हम इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे. आपने जो पदवी प्राप्त की है, यह पदवी संवैधानिक रूप से .......
अध्यक्ष महोदय - ये जितनी बातें बोली जा रही हैं, विलोपित की जाएं.
श्री गोपाल भार्गव - (XXX)
श्री शिवराज सिंह चौहान - (XXX)
(व्यवधान के बीच भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा गर्भ गृह में नारे लगाते रहे.)
अध्यक्ष महोदय - ये सारी बातें रिकॉर्ड में नहीं आएंगी.
श्री शिवराज सिंह चौहान - (XXX)
अध्यक्ष महोदय - ये जो भी बातें बोली जा रही हैं, रिकॉर्ड में नहीं ली जाएंगी.
(....व्यवधान....)
(व्यवधान के बीच भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा गर्भ गृह में नारे लगाते रहे.)
अध्यक्ष महोदय - सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की जाती है.
( 12.12 बजे सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई.)
12.28 बजे विधानसभा पुन: समवेत हुई.
{अध्यक्ष महोदय( श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति) पीठासीन हुये.}
(व्यवधान के बीच भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे)
अध्यक्ष महोदय -- माननीय सदस्यगण और नेता प्रतिपक्ष जी मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि मेरी भावनायें सबके प्रति एक सी हैं, मैं किसी का न असम्मान करना चाहता हूं, न मेरी कभी ऐसी इच्छा है, न मैं ऐसा कभी सोच सकता हूं. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मेरे मन में ऐसी कोई बात नहीं है. अगर माननीय वरिष्ठ सदस्य को कुछ ऐसा प्रतीत हो रहा तो मेहरबानी करें मेरे मन में ऐसा कुछ नहीं है.आप सभी सदन के माननीय सदस्यगण हैं. (व्यवधान).
श्री भूपेन्द्र सिंह - माननीय अध्यक्ष महोदय, ऐसा ही है. (व्यवधान).
नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, ऐसा ही है आप रिकार्ड उठाकर देख लें कि आपने क्या-क्या कहा है. (व्यवधान).
अध्यक्ष महोदय -- सदन के सभी माननीय सदस्यगण मेरा आपसे अनुरोध है कि कभी-कभी नियम प्रक्रियाओं में मुझे कुछ करना पड़ता है, लेकिन मेरे मन में न ऐसी भावना रहती है, न मैं कभी ऐसा सोचता हूं और सभी वरिष्ठजन मेरे आदरणीय हैं, आप इतना ध्यान रखिये. मैं उनका हमेशा सम्मान करता हूं, वह सम्माननीय हैं. मेहरबानी करिये सदन की कार्यवाही व्यवस्थित रूप से चलने दें (व्यवधान).
श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष महोदय, आपने फिर उपाध्यक्ष कैसे घोषित कर दिया. (व्यवधान)....
श्री के.पी.सिंह ''कक्काजू''-- अध्यक्ष महोदय, आपको सफाई देने की स्थिति क्यों आ रही है पहले यह आप समझ लें (व्यवधान). आपको विपक्ष को समझाना पड़ रहा है कि आप निष्पक्ष हैं, मैं समझता हूं इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. (व्यवधान).
अध्यक्ष महोदय -- मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि सदन की आगे कार्यवाही व्यवस्थित रूप से चलने दें. (व्यवधान).
श्री गोपाल भार्गव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, आप पिछला रिकार्ड दिखवा लें कि आपने क्या कहा है. (व्यवधान).
श्री गिरीश गौतम - माननीय अध्यक्ष महोदय, न्याय केवल किया ही नहीं जाना चाहिये दिखना भी चाहिये. (व्यवधान).
अध्यक्ष महोदय -- माननीय सदस्यगण वैसे सदन में कभी भी ऐसी परम्परा नहीं रही है पर मैं निवेदन कर रहा हूं कि आप कृपापूर्वक अपने मन में ऐसी बात न लायें. मेरे आप सभी सदस्यगण आदरणीय हैं. सदन के सभी सदस्य मेरे आदरणीय और सम्माननीय है. (व्यवधान).
श्री के.पी.सिंह ''कक्काजू'' -- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह इसी मानसिकता के तहत पिछले 15 साल से काम करते रहे हैं, इसलिये इनको यही नजर आयेगा. आप कितनी भी सफाई दें, जिस मानसिकता से इन्होंने काम किया है वही मानसिकता इनके मन में भरी हुयी है, आपकी सफाई का कोई अर्थ नहीं हैं. आपको सफाई देने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है.(व्यवधान).
अध्यक्ष महोदय -- आप सभी सदस्यगण मेरे सम्माननीय है, मेहरबानी करिये और सदन की कार्यवाही आगे व्यवस्थित रूप से चलाने में सहयोग प्रदान करें, मैं नेता प्रतिपक्ष जी आपसे अनुरोध करता हूं. (व्यवधान)...
श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष महोदय आपने उपाध्यक्ष के निर्वाचन में सदन की कार्यवाही अवैधानिक तरीके से चला ली है. (व्यवधान).
श्री के.पी.सिंह ''कक्काजू'' -- माननीय अध्यक्ष महोदय आप मेरी बात सुने यह आपकी गरिमा के अनुकूल नहीं हैं. आप भैंस के आगे बीन क्यों बजा रहे हो. अध्यक्ष महोदय आप भैंस के आगे बीन मत बजाईये.(व्यवधान).
श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष महोदय, उपाध्यक्ष महोदय के चयन की कार्यवाही आपने अवैधानिक तरीके से चलाई है.
अध्यक्ष महोदय- मैं स-अनुरोध आपसे अनुरोध कर रहा हूं कि मेहरबानी करके कार्य के संचालन में सहयोग प्रदान करें ताकि हम सदन की कार्यवाही आगे बढ़ा सकें.
(.. व्यवधान...)
माननीय सदस्य, सदन की कार्यवाही नियम प्रक्रिया अनुसार संचालित होती है. उपाध्यक्ष के निर्वाचन के संबंध में मेरे द्वारा दोनों पक्षों के सुनने विशेषत: प्रतिपक्ष को सुनने के पश्चात तथा नेता प्रतिपक्ष के सुझाव अनुसार ही प्रक्रिया निर्धारित कर कार्यवाही आगे की गई थी. जब निर्चावन के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा चुका था, तथा उसके संबंध में सदन का मत लेने के लिये प्रश्न रखा गया था, तब माननीय सदस्य द्वारा प्रस्ताव का प्रश्न उठाया गया. इससे स्पष्ट है कि प्रक्रिया के मध्य में यह प्रश्न उठाया गया, जबकि प्रक्रिया नियमानुसार जारी थी. इसलिये मेरे द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी गई. इसके पश्चात प्रतिपक्ष के सदस्यों द्वारा जो व्यवहार किया गया, वह खेदजनक है. मै उनके ऊपर उनके चिंतन के लिये छोड़ता हूं कि उन्हें भविष्य में इस संबंध में क्या विचार करना है.
मेरे द्वारा नियम प्रक्रिया अनुसार उपाध्यक्ष के निर्वाचन संबंधी कार्यवाही को पूर्ण किया गया है.
(सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा मेजों की थपथपाहट)
(...व्यवधान...)
12.33 बजे
शासकीय विधि विषयक कार्य
मध्यप्रदेश माल और सेवा कर( संशोधन) विधेयक, 2019 (क्रमांक 2 सन् 2019)
का पुर:स्थापन
मंत्री, वाणिज्यिक कर(श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2019 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय- प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश माल और सेवा कर(संशोधन) विधेयक, 2019 के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाये.
अनुमति प्रदान की गई.
श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर-- अध्यक्ष महोदय, मैं मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2019 का पुर:स्थापन करता हूं.
(...व्यवधान...)
अध्यक्ष महोदय- अब राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत कृतज्ञता ज्ञापन पर चर्चा प्रारंभ होगी. मैं सभी आदरणीयजनों से प्रार्थना कर रहा हूं. मैं आपसे प्रार्थना कर रहा हूं. माननीय वरिष्ठ सदस्यगण से प्रार्थना कर रहा हूं. कृपयापूर्वक सदन को चलाने में सहयोग प्रदान करें. आप सभी विद्वान हैं.
श्री गिरीश गौतम-- अध्यक्ष महोदय, विधानसभा की कार्यवाही नियम और प्रक्रिया से चलाई जाये. परम्पराओं का ख्याल रखा जाए. लोकतंत्र के मंदिर को सुरक्षित और साफ सुथरा रखने के लिये हम और आप दोनों जिम्मेदार हैं.
12.35 बजे
राज्यपाल के अभिभाषण पर सुश्री हिना लिखीराम कावरे,
द्वारा दिनांक 8 जनवरी,2019 को प्रस्तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा
(..व्यवधान..)
(भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे )
उपाध्यक्ष महोदया(सुश्री हिना लिखीराम कावरे) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव के समर्थन में बोलने के लिये खड़ी हुई हूं. मध्यप्रदेश में आज आदरणीय परम श्रद्धेय कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी है. मुझे इस बात का गर्व है कि जो हमारे नेता हैं, जो मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री हैं उन्होंने कभी भी राजनीतिक भावना से काम नहीं किया. हमेशा दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर काम किया है. माननीय अध्यक्ष महोदय, जब आदरणीय कमलनाथ जी केन्द्र में मंत्री थे तो उन्होंने इस बात का प्रमाण दिया है कि मध्यप्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी तब उन्होंने ज्यादा से ज्यादा काम मध्यप्रदेश का किया,ज्यादा से ज्यादा सहयोग मध्यप्रदेश को दिया है. माननीय अध्यक्ष महोदय, राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में जो बातें महत्वपूर्ण हैं वह पूरे मध्यप्रदेश के लिये बहुत उपयोगी है. इसमें कांग्रेस के वचनपत्र के ऊपर फोकस किया गया है.
कुंवर विजय शाह - (..व्यवधान..) सदन की कार्यवाही में नियम,प्रक्रिया की अवहेलना हो रही है ?
उपाध्यक्ष महोदया - जब से आदरणीय कमलनाथ जी ने पदभार ग्रहण किया,उन्होंने
वचनपत्र पर काम करना शुरू कर दिया. कर्ज माफी जैसा एक बड़ा और साहसिक कदम कमलनाथ जी ने मुख्यमंत्री बनते ही लिया. मुझे याद है कि हमारे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आदरणीय राहुल गांधी जी ने मंदसौर में कार्यक्रम के दौरान इस बात का उल्लेख किया था कि मध्यप्रदेश में यदि कांग्रेस की सरकार बनती है तो सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जायेगा. यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे नेता जो कार्य कर रहे हैं तो उनके पास अनुभव का खजाना है. आदरणीय कमलनाथ जी न केवल जन नेता हैं बल्कि एक उद्योगपति हैं और आज यह मध्यप्रदेश का सौभाग्य है कि उद्योगपति और जन नेता एक ही व्यक्ति है. इसका पूरा लाभ मध्यप्रदेश के लोगों को मिलेगा,हमारे युवाओं को मिलेगा. कांग्रेस ने 70 प्रतिशत नौकरियों में,उद्योगों में,रोजगार में, मध्यप्रदेश के युवाओं का ध्यान रखा है. यह हमारे लिये बहुत गर्व की बात है. सरकार बनने के साथ आध्यात्म विभाग का गठन किया गया है.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री(डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ) - माननीय अध्यक्ष महोदय, एक महिला सदस्या बोल रही हैं और विपक्ष जिस तरह का व्यवहार कर रहा है. इससे प्रतीत होता है कि महिलाओं के सम्मान में यह किस तरह का व्यवहार कर रहे हैं. यह उचित नहीं है.
(व्यवधान के बीच भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे.)
उपाध्यक्ष महोदया - माननीय अध्यक्ष महोदय, इसके पहले भी 5 साल भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब मध्यप्रदेश में थी. मैं इस विधान सभा की सदस्या रही, मैंने देखा है कि किस तरीके से विधायिका और कार्यपालिका के बीच एक दूरी बनी हुई थी, एक अंतर था. अभिभाषण में जो सबसे महत्वपूर्ण बात मुझे लगी..
डॉ.सीतासरन शर्मा - अध्यक्ष महोदय, आप पाइंट ऑफ ऑर्डर नहीं सुनना चाहते हैं? आपको पाइंट ऑफ ऑर्डर के नियम नहीं मालूम, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के नियम नहीं मालूम. (व्यवधान)..मध्यप्रदेश की विधानसभा में यह क्या हो रहा है? (व्यवधान)..शुरुआत से आप बिना पढ़े आ गये, कुछ भी आपको पता नहीं, आप पाइंट ऑफ ऑर्डर को विलोपित करते हैं? कृपया आगे से नियम पढ़कर आएं. (व्यवधान). कार्य संचालन में पाइंट ऑफ ऑर्डर हो सकता है.
उपाध्यक्ष महोदया - ..वह यह है कि प्रशासन के तरीकों में मूलभूत बदलाव की बात कही गई है कि जो प्रदेश की उन्नति के लिए बहुत आवश्यक है. मुझे अच्छे से याद है कि जिस समय माननीय पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी इस सदन के नेता हुआ करते थे, मेरे एक ध्यानाकर्षण के दौरान जब मैंने ध्यानाकर्षण लगाया, वह वन विभाग का ध्यानाकर्षण था.
डॉ. सीतासरन शर्मा - अध्यक्ष महोदय, आप हमारी बात नहीं सुनना चाहते हैं. (व्यवधान)...
उपाध्यक्ष महोदया - ..पहली बार विभाग के मंत्री के जवाब के बाद आदरणीय मुख्यमंत्री जी सदन में खड़े हुए और उन्होंने मजदूरी का भुगतान नकद करने की बात इस सदन में स्वीकार की थी (व्यवधान).. लेकिन पूरे 5 साल मैं सदन की सदस्या रही, पूरे 5 साल बीत गये (व्यवधान)... अभी तो सरकार बदली है, (व्यवधान)..कार्यशैली बदलने का समय है. हमें पूरा विश्वास है कि आदरणीय श्री कमलनाथ जी के नेतृत्व में सरकार बदली है और सरकार के साथ काम करने का तरीका भी बदलेगा. (व्यवधान)..माननीय अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे बोलने का जो अवसर दिया, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
अध्यक्ष महोदय - राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता प्रस्ताव में मेरे पास माननीय सदस्यों के संशोधनों की 29 सूचनाएं प्राप्त हुई हैं.
संशोधन बहुत विस्तृत स्वरूप के हैं, इसलिए पूरे संशोधनों को न पढ़कर केवल उनके प्रस्तावकों के नाम और संशोधन क्रमांक ही पढ़ूंगा. जो माननीय सदस्य सदन में उपस्थित होंगे उनके संशोधन प्रस्तुत हुए माने जाएंगे.
सदस्य का नाम संशोधन क्रमांक
श्री यशपाल सिंह सिसौदिया 1
डॉ. नरोत्तम मिश्र 2
श्री नारायण त्रिपाठी 3
राज्यपाल के अभिभाषण पर सुश्री हिना लिखीराम कावरे, सदस्य द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव और संशोधनों पर एक साथ चर्चा होगी.
(व्यवधान)..
श्री दिनेश राय 'मुनमुन' - माननीय अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश के युवा बेरोजगारों से आह्वान है इस सदन के माध्यम से, मध्यप्रदेश में जितने भी उद्योग चल रहे हैं उनमें बाहर से आए हुए रोजगार करने वालों को हटा दिया जाए और पूरे 70 परसेंट हमारे युवा लोग कब्जा कर लें. पहले उनको रोका जाए (व्यवधान)..पूज्य भाई साहब आप कर्जा माफ कर रहे हो, ईमानदार किसानों का कर्जा माफ करो. (व्यवधान)..हर किसान का कर्जा माफ हो, तब मानेंगे सरकार किसान हितैषी है.
डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय - अध्यक्ष महोदय, जरा तो दया कर लो, हाथ जोड़-जोड़ कर कुछ तो भी किये जा रहे हो. अध्यक्ष महोदय, थोड़ा तो लिहाज करें. हाथ जोड़-जोड़ कर निपटाए जा रहे हैं. (व्यवधान)..अरे गजब है, प्रजातंत्र कहां चला गया?
अध्यक्ष महोदय - डॉ. नरोत्तम मिश्र..(व्यवधान)..(डॉ. नरोत्तम मिश्र, माननीय सदस्य द्वारा भाषण नहीं दिया गया.)
(व्यवधान के बीच भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे.)
श्री घनश्याम सिंह (सेवढ़ा)- माननीय अध्यक्ष महोदय, राज्यपाल महोदया द्वारा प्रस्तुत अभिभाषण के प्रति कृतज्ञता प्रस्ताव के समर्थन में मैं खड़ा हुआ हूं. महामहिम राज्यपाल महोदया ने अभिभाषण में नयी सरकार के क्या इरादे हैं. नये मध्यप्रदेश की रचना कैसे होनी है, उसकी रूपरेखा बताई है, हम उसके लिए बहुत कृतज्ञ हैं. हमारी नयी सरकार ने सत्ता में आते ही हमारे मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने जैसे ही शपथ ग्रहण की, जो भी वायदे जनता से किये थे, उनको पूरा करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. किसानों का ऋण माफ कर दिया गया है. पेंशन बढ़ाने के आदेश हो गये हैं, जैसा कि वायदा किया गया था..(व्यवधान)..
डॉ. मोहन यादव - अध्यक्ष महोदय, (XXX), जिस प्रकार से अन्याय हुआ है आज सवेरे से, सदस्यों का अपमान हुआ है, ऐसे अपमान की स्थिति में हम सब इस बात की निंदा करते हैं..
(व्यवधान)..
श्री घनश्याम सिंह - ..किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए गौ शालाओं के निर्माण की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है, जैसा कि वायदा किया था.
(गर्भगृह में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण नारेबाजी करते रहे.)
श्री घनश्याम सिंह - ..(व्यवधान के मध्य).. मैं याद दिलाना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी की तत्कालीन सरकार जो 2013 में बनी थी, उस समय भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में स्पष्ट उल्लेख था....(व्यवधान)
डॉ. मोहन यादव -- ..(व्यवधान के मध्य)..अध्यक्ष महोदय, जिस प्रकार से आज जो अपमान किया गया, वह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है. यह हम सबको आज इस बात के लिये मजबूर होना पड़ा कि हम सब अलग अलग निर्वाचन क्षेत्र से आये हुए सदस्यगण हैं. बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि हमको हमारी भावनाओं को अपमानित महसूस किया गया है. हम अपने क्षेत्र के लोगों के लिये बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि आज इस चुनी हुई विधान सभा में पहली बार सदन में ऐसा माहौल बना है. ..(व्यवधान).. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. यह हम सबके लिये दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है.
..(व्यवधान)..
डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय -- अध्यक्ष महोदय, (XXX) ..(व्यवधान)..
श्री घनश्याम सिंह -- ..(व्यवधान के मध्य).. कमलनाथ जी की सरकार को खजाना खाली मिला है. ..(व्यवधान)...
...................................................................................................................................
( X X X ) -- आदेशानुसार रिकार्ड नहीं किया गया.
डॉ. मोहन यादव -- (व्यवधान के मध्य).. अध्यक्ष महोदय, बड़े दुर्भाग्य के साथ कहना पड़ रहा है कि आज आपने समूची सदन की लोकतांत्रिक मर्यादाओं का इस तरह से गलत किया है. वाकई यह दुर्भाग्य की बात है. अध्यक्ष का पहला दिन है..(व्यवधान) यह हम सबके लिये दुर्भाग्य का दिन है. ..(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- डॉ. सीतासरन शर्मा. ..(व्यवधान).. श्री यशपाल सिंह सिसौदिया.(व्यवधान).. श्री बहादुर सिंह चौहान. कुंवर विजय शाह जी. (भाषण नहीं दिया गया.)
.. (व्यवधान)..
डॉ. मोहन यादव -- ..(व्यवधान के मध्य)..हम यह चाहते थे कि सदन बहुत अच्छे से चले. हम यह मानकर चल रहे थे कि यह सरकार किसी की भी बने. हम विपक्ष की भूमिका निभाने के लिये तैयार थे...(व्यवधान).. लेकिन जिस प्रकार से दुर्भावनापूर्ण व्यवहार किया है, यह अत्यन्त दुर्भाग्य की बात है. अध्यक्ष महोदय, मैं निवेदन करना चाहता हूं कि अभी बहुत लम्बा समय है, लेकिन आपने जिस तरह से शुरुआत की है,वाकई यह बहुत दुखद है. हम सब बाबा महाकाल की नगरी से, विक्रमादित्य की नगरी से आते हैं, और हम सबने इस बात का अहसास किया है कि हमारे यहां आसंदी पर बैठे हुए व्यक्ति सदैव निष्पक्ष रहते हुए आये हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है .... (व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- मैं, समझता हूं कि राज्यपाल के अभिभभाषण के उत्तर में प्रस्तुत कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव में जितने संशोधन प्रस्तुत हुए हैं, उन पर एक साथ ही मत ले लिया जाये. ..(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- प्रश्न यह है कि -
जो माननीय सदस्य संशोधनों के पक्ष में हों वे कृपया "हां" कहें.
जो माननीय सदस्य संशोधनों के विपक्ष में हों वे कृपया "ना" कहें.
"ना" की जीत हुई/"ना" की जीत हुई,
समस्त संशोधन अस्वीकृत हुए.
प्रश्न यह है कि -
"राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया, उसके लिये मध्यप्रदेश विधान सभा के इस सत्र में समवेत सदस्यगण अत्यन्त कृतज्ञ हैं."
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
..(व्यवधान)..
12.49 बजे शासकीय विधि विषयक कार्य
मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक,2019 (क्रमांक 2 सन् 2019)
अध्यक्ष महोदय -- आज की कार्यसूची के पद- 7. "शासकीय विधि विषयक कार्य" में उल्लिखित मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक,2019 की महत्ता एवं उपादेयता को दृष्टिगत रखते हुए, मैंने, उसे आज ही विचार में लिये जाने की अनुज्ञा प्रदान की है.
मैं, समझता हूं कि सदन इससे सहमत है.
(सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई.)
वाणिज्यिक कर मंत्री (श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर) -- अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक,2019 पर विचार किया जाए.
अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक,2019 पर विचार किया जाए.
..(व्यवधान)..
प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक,2019 पर विचार किया जाए.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
अब विधेयक के खण्डों पर विचार होगा.
..(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- प्रश्न यह है कि 2 से 39 इस विधेयक का अंग बने.
खण्ड 2 से 39 इस विधेयक के अंग बने.
प्रश्न यह है कि खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बने.
खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बना.
प्रश्न यह है कि पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.
पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.
वाणिज्यिक कर मंत्री (श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर) -- अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूँ कि मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया जाए.
अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया जाए.
प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया जाए.
विधेयक पारित हुआ.
(व्यवधान के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे)
12.51 बजे वर्ष 2018-2019 की द्वितीय अनुपूरक मांगों पर मतदान.
अध्यक्ष महोदय -- अब, अनुपूरक अनुमान की मांगों पर चर्चा होगी. सदन की परम्परा के अनुसार सभी मांगें एक साथ प्रस्तुत की जाती हैं और उन पर एक साथ चर्चा होती है.
अत: वित्त मंत्री जी सभी मांगें एक साथ प्रस्तुत कर दें. मैं समझता हूँ कि सदन इससे सहमत है.
(...व्यवधान...)
वित्त मंत्री (श्री तरुण भनोत) -- अध्यक्ष महोदय, मैं राज्यपाल की सिफारिश के अनुसार प्रस्ताव करता हूँ कि -
''दिनांक 31 मार्च, 2019 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में अनुदान संख्या 1, 2, 3, 4, 5, 8, 9, 10, 12, 13, 14, 16, 17, 19, 20, 22, 23, 24, 25, 27, 29, 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38, 39, 44, 47, 48, 49, 50, 51, 52, 53, 56, 58, 64, 65, 67 तथा 69 के लिए राज्य की संचित निधि में से प्रस्तावित व्यय के निमित्त राज्यपाल महोदया को कुल मिलाकर बाईस हजार दो सौ सड़सठ करोड़, उनतीस लाख, पांच हजार, छह सौ रुपये की अनुपूरक राशि दी जाय.''
अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ.
प्रश्न यह है कि -
''दिनांक 31 मार्च, 2019 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में अनुदान संख्या 1, 2, 3, 4, 5, 8, 9, 10, 12, 13, 14, 16, 17, 19, 20, 22, 23, 24, 25, 27, 29, 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37, 38, 39, 44, 47, 48, 49, 50, 51, 52, 53, 56, 58, 64, 65, 67 तथा 69 के लिए राज्य की संचित निधि में से प्रस्तावित व्यय के निमित्त राज्यपाल महोदया को कुल मिलाकर बाईस हजार दो सौ सड़सठ करोड़, उनतीस लाख, पांच हजार, छह सौ रुपये की अनुपूरक राशि दी जाय.''
अनुपूरक मांगों का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
(व्यवधान के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे)
12.54 बजे शासकीय विधि विषयक कार्य
मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2019
वित्त मंत्री (श्री तरुण भनोत) -- अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2019 का पुर:स्थापन करता हूँ.
अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूँ कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2019 पर विचार किया जाए.
अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2019 पर विचार किया जाए.
प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2019 पर विचार किया जाए.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
(...व्यवधान...)
अब विधेयक के खण्डों पर विचार होगा.
प्रश्न यह है कि खण्ड 2, 3 तथा अनुसूची इस विधेयक का अंग बने.
खण्ड 2, 3 तथा अनुसूची इस विधेयक के अंग बने.
प्रश्न यह है कि खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बने.
खण्ड 1 इस विधेयक का अंग बना.
प्रश्न यह है कि पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.
पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.
वित्त मंत्री (श्री तरूण भनोत) -- अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हॅूं कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2019 पारित किया जाए.
अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2019 पारित किया जाए.
प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2019 पारित किया जाए.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
विधेयक पारित हुआ.
( व्यवधान के बीच भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण नारेबाजी करते रहे)
12.56 बजे
विधान सभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जाना : प्रस्ताव
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ.गोविन्द सिंह) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, "वर्तमान जनवरी-2019 सत्र के लिए नियत आवश्यक शासकीय एवं वित्तीय कार्य पूर्ण हो चुके हैं. अत: मध्यप्रदेश विधान सभा प्रक्रिया संचालन नियमावली के नियम 12-ख के तहत् मैं प्रस्ताव करता हॅूं कि सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाये."
अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ.
प्रश्न यह है कि सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाये.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
(...व्यवधान...)
12.57 बजे
राष्ट्रगान "जन-गण-मन" का समूहगान
अध्यक्ष महोदय -- अब राष्ट्रगान "जन-गण-मन" होगा.
(सदन में माननीय सदस्यों द्वारा राष्ट्रगान "जन-गण-मन" का समूहगान किया गया.)
12.58 बजे
विधान सभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की जाना : घोषणा
अध्यक्ष महोदय -- सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित.
अपराह्न 12.59 बजे सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई.
भोपाल :
दिनांक :- 10 जनवरी, 2019 अवधेश प्रताप सिंह,
प्रमुख सचिव,
मध्यप्रदेश विधानसभा