मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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पंचदश विधान सभा नवम सत्र
अगस्त, 2021 सत्र
सोमवार, दिनांक 9 अगस्त, 2021
( 18 श्रावण, शक संवत् 1943 )
[खण्ड-9 ] [अंक- 1 ]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
सोमवार, दिनांक 9 अगस्त, 2021
(18 श्रावण, शक संवत् 1943 )
विधान सभा पूर्वाह्न 11.03 बजे समवेत हुई.
{ सभापति महोदय (श्री यशपाल सिंह सिसौदिया) पीठासीन हुए.}
राष्ट्रगीत 'वन्दे मातरम्' का समूहगान
सभापति महोदय -- अब, राष्ट्रगीत 'वन्दे मातरम्' होगा. सदस्यों से अनुरोध है कि वे कृपया अपने स्थान पर खड़े हो जाएं.
(सदन में राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् का समूहगान किया गया)
श्री बाला बच्चन -- सभापति महोदय, यह सरकार आदिवासियों का अपमान कर रही है.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ -- माननीय सभापति महोदय, यह सरकार आदिवासियों के खिलाफ है. यह सरकार आदिवासियों की विरोधी है. ..(व्यवधान)...आज आदिवासी दिवस है. यह सरकार आदिवासियों के खिलाफ है. आज विश्व आदिवासी दिवस है और यह सरकार आदिवासियों की घोर विरोधी है. ...(व्यवधान)...
11.05 बजे निधन का उल्लेख
(1) श्री जुगुल किशोर बागरी, सदस्य विधान सभा,
(2) श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर, सदस्य विधान सभा,
(3) सुश्री कलावती भूरिया, सदस्य विधान सभा,
(4) श्री महेश जोशी, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(5) श्री बाबूलाल जैन, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(6) श्री रामेश्वर पटेल, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(7) श्री रामराव कवडे़ती, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(8) श्री कपूर चन्द घुवारा, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(9) श्री राजेन्द्र सिंह बघेल, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(10) श्री बद्रीधर दीवान, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(11) श्रीमती करूणा शुक्ला, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(12) श्री लक्ष्मीकांत शर्मा, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(13) ठाकुर मोहर सिंह, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(14) श्री लक्ष्मण राम, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(15) श्री शिवराज सिंह भैया, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(16) श्री सिद्दूमल दल्लूमल खिलवानी भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(17) श्री खेलनराम जांगड़े, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(18) डॉ. शक्राजीत नायक, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(19) श्री गुलाब सिंह, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(20) श्री सोमप्रकाश गिरि, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(21) श्री बलराम सिंह बैस, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(22) श्री बालाराम वर्मा, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(23) श्री सूरजभानु सोलंकी, भूतपूर्व लोक सभा सदस्य,
(24) श्री रामेश्वर पाटीदार, भूतपूर्व लोक सभा सदस्य,
(25) श्री मिल्खा सिंह, प्रसिद्ध भारतीय एथलीट,
(26) श्री सुन्दरलाल बहुगुणा, विख्यात् पर्यावरणविद,
(27) छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए विस्फोट में शहीद जवान,
(28) विदिशा जिले के लाल पठार गांव में कुँआ धसकने से मृत व्यक्ति, तथा
(29) वैश्विक महामारी कोविड-19 की दूसरी लहर से मृत व्यक्ति.
सभापति महोदय -- मुझे सदन को यह सूचित करते हुए अत्यन्त दु:ख हो रहा है कि मध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्यगण श्री जुगुल किशोर बागरी का दिनांक 10 मई, श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर का दिनांक 2 मई, सुश्री कलावती भूरिया का दिनांक 24 अप्रैल ...(व्यवधान)...
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ -- सभापति महोदय, यह सरकार आदिवासी विरोधी है.. ...(व्यवधान)...
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्र) -- सुश्री कलावती जी आदिवासी महिला थी... ...(व्यवधान)...
सभापति महोदय -- कलावती भूरिया जी आदिवासी नेत्री थीं और कोरोना के संक्रमण से वह काल के गाल में समाई हैं. ...(व्यवधान)...
डॉ. नरोत्तम मिश्र -- सभापति महोदय, आज निधन के उल्लेख में सुश्री कलावती भूरिया जी के नाम का प्रस्ताव है, क्या ये बातें और किसी फोरम में नहीं उठाई जा सकतीं .. ...(व्यवधान)...
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ -- सभापति महोदय, यह सरकार आदिवासी विरोधी है.. ...(व्यवधान)...
सभापति महोदय -- आपको सारी बातों को निधन के उल्लेख के बाद कहने का अधिकार रहेगा. निधन के उल्लेख में इस प्रकार का शोर-शराबा, इस प्रकार का हो हल्ला दिवंगत वे नेता, जिन्होंने.. ...(व्यवधान)... तथा मध्यप्रदेश विधान सभा के भूतपूर्व सदस्यगण श्री महेश जोशी का दिनांक 9 अप्रैल, श्री बाबूलाल जैन का दिनांक 7 अगस्त, श्री रामेश्वर पटेल का दिनांक 10 अप्रैल, श्री रामराव कवड़ेती का दिनांक 21 अप्रैल, श्री कपूर चंद घुवारा का दिनांक 21 अप्रैल, श्री राजेन्द्र सिंह बघेल का दिनांक 29 अप्रैल, श्री बद्रीधर दीवान का दिनांक 4 मई, श्रीमती करूणा शुक्ला का दिनांक 27 अप्रैल, श्री लक्ष्मीकांत शर्मा का दिनांक 21 मई, ठाकुर मोहर सिंह का दिनांक 4 मार्च, श्री लक्ष्मण राम का दिनांक 30 जनवरी, श्री शिवराज सिंह भैया का दिनांक 17 मई, श्री सिद्दूमल दल्लूमल खिलवानी का दिनांक 24 मार्च, श्री खेलनराम जांगड़े का दिनांक 30 अप्रैल, डॉ. शक्राजीत नायक का दिनांक 29 मई, श्री गुलाब सिंह का दिनांक 25 मार्च, श्री सोमप्रकाश गिरि का दिनांक 17 अप्रैल, श्री बलराम सिंह बैस का दिनांक 17 अप्रैल, श्री बालाराम वर्मा का दिनांक 17 अप्रैल एवं पूर्व संसद सदस्यगण, श्री सूरजभानु सोलंकी का दिनांक 21 मार्च, श्री रामेश्वर पाटीदार का दिनांक 27 अप्रैल, तथा प्रसिद्ध भारतीय एथलीट श्री मिल्खा सिंह का दिनांक 18 जून एवं प्रख्यात पर्यावरणविद् श्री सुन्दरलाल बहुगुणा का दिनांक 21 मई, 2021 को निधन हो गया है.
... (व्यवधान)...
11.07 बजे गर्भगृह में प्रवेश
इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में प्रवेश
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा नारेबाजी करते हुए एवं सरकार के आदिवासी विरोधी कथन करते हुए गर्भगृह में प्रवेश किया गया.)
... (व्यवधान)...
11.08 बजे निधन का उल्लेख (क्रमश:)
सभापति महोदय -- श्री जुगुल किशोर बागरी का जन्म 23 जून, 1942 को ग्राम बसुधा, जिला - सतना में हुआ था. श्री बागरी ग्राम पंचायत के सदस्य, सरपंच तथा जनपद अध्यक्ष, सहकारी बैंक तथा बागरी समाज संगठन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष, बीस सूत्रीय समिति के ब्लॉक अध्यक्ष तथा भूमि विकास बैंक के डायरेक्टर रहे. आप भरतीय जनता पार्टी के कोषाध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष तथा प्रदेश प्रतिनिधि रहे. आपने प्रदेश की दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं तथा वर्तमान पन्द्रहवीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से रैगांव क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. बारहवीं विधान सभा अवधि में आप राज्यमंत्री जल संसाधन एवं पशुपालन विभाग रहे.
आपके आकस्मिक निधन से प्रदेश ने वरिष्ठ नेता एवं जनसेवी खो दिया है.
श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर का जन्म 1 जनवरी, 1958 को पृथ्वीपुर जिला-निवाड़ी में हुआ था. आप जिला युवा कांग्रेस के महामंत्री एवं अध्यक्ष, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं तेन्दूपत्ता संघ के संचालक तथा मध्यप्रदेश अपेक्स बैंक के संघ संचालक रहे. आप प्रदेश की दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं, तेरहवीं तथा वर्तमान पन्द्रहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे. आप पन्द्रहवीं विधान सभा में तत्कालीन सरकार में मंत्री वाणिज्यिक कर एवं परिवहन विभाग रहे. आप विधान सभा की विभिन्न समितियों के सदस्य एवं सभापति, अनेक विभागीय सलाहकार समितियों के सदस्य तथा अनेक संस्थाओं में पदाधिकारी रहे.
आपके आकस्मिक निधन से प्रदेश ने एक कर्मठ समाजसेवी तथा कुशल प्रशासक खो दिया है.
... (व्यवधान) ...
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में लगातार नारेबाजी की जाती रही.)
11.09 बजे {अध्यक्ष महोदय (श्री गिरीश गौतम) पीठासीन हुए.}
अध्यक्ष महोदय -- इसके बाद अवसर मिलेगा. ... (व्यवधान).. एक सेकेंड बोलने का मौका दीजिए...(व्यवधान)... एक सेकेंड सुन लीजिए. माननीय सदस्यगण, पहले सुन लीजिए, सुन तो लीजिए....पहले सुनिए तो...(व्यवधान)... अब आप सुन लीजिए, नहीं तो हमको पढ़ना पड़ेगा.
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में लगातार नारेबाजी की जाती रही)
अध्यक्ष महोदय -- सुश्री कलावती भूरिया का जन्म 25 अक्टूबर, 1971 को ग्राम मोरडुडिया जिला-झाबुआ में हुआ था. आप वर्ष 1990 में सरपंच, वर्ष 2000 से 2018 तक जिला पंचायत झाबुआ की अध्यक्ष तथा मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्य रहीं. सुश्री भूरिया इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से जोबट क्षेत्र से वर्तमान पन्द्रहवीं विधान सभा की सदस्य निर्वाचित हुई थीं.
आपके आकस्मिक निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.
श्री महेश जोशी का जन्म 02 अप्रैल, 1940 को कुशलगढ़ (राजस्थान) में हुआ था. श्री जोशी वर्ष 1965 से 1972 तक इन्दौर नगर पालिका निगम के पार्षद तथा वर्ष 1973 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं महामंत्री रहे. आप युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तथा 20 सूत्री क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष रहे. श्री जोशी ने प्रदेश की पांचवी, सातवीं तथा आठवीं विधान सभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से क्रमश: इन्दौर क्षेत्र-1 एवं 3 का प्रतिनिधित्व किया था. सातवीं एवं आठवीं विधान सभा अवधि में आप विभिन्न विभागों के राज्यमंत्री एवं मंत्री रहे.
आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय जननेता तथा कुशल प्रशासक खो दिया है.
श्री बाबूलाल जैन का जन्म 17 नवम्बर, 1934 को टोंक खुर्द, जिला-देवास में हुआ था. आप वर्ष 1975 में मीसा में निरूद्ध रहे. आपने भारतीय जनता पार्टी के कोषाध्यक्ष तथा योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया. श्री जैन प्रदेश की छठवीं, नौवीं तथा दसवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए. आप वर्ष 1978 में संसदीय सचिव तथा कालांतर में प्रदेश सरकार में शिक्षा, राजस्व, पुनर्वास एवं वाणिज्यिक कर विभागों के मंत्री रहे.
आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता तथा कुशल प्रशासक खो दिया है.
श्री रामेश्वर पटेल का जन्म 01 मई, 1942 को ग्राम भिचोली मर्दाना, जिला-इन्दौर में हुआ था. श्री पटेल मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड के उपाध्यक्ष, जिला बीस सूत्रीय समिति इन्दौर के सदस्य तथा जिला कांग्रेस (इ) के महामंत्री रहे. श्री पटेल ने प्रदेश की आठवीं विधान सभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से देपालपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. आप वर्ष 1988 से 1989 तक उप मंत्री, 20 सूत्रीय कार्यान्वयन, सामान्य प्रशासन तथा जनसंपर्क विभाग में रहे.
आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता तथा कुशल प्रशासक खो दिया है.
श्री रामराव कवडे़ती का जन्म 13 जुलाई, 1955 को माड़वी, जिला-छिन्वाड़ा में हुआ था. आप वर्ष 1977 से 1990 तक पांच बार ग्राम पंचायत माड़वी के सरपंच तथा वर्ष 1995 में जिला आदिवासी मंडल के अध्यक्ष रहे. श्री कवडे़ती ने प्रदेश की तेरहवीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से पांढुर्णा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
आपके निधन से प्रदेश ने कर्मठ समाजसेवी खो दिया है.
श्री कपूर चन्द घुवारा का जन्म 14 अगस्त, 1944 को घुवारा जिला-छतरपुर में हुआ था. आप मध्यप्रदेश किसान सभा तथा मध्यप्रदेश हस्तशिल्प विकास निगम के अध्यक्ष रहे. श्री घुवारा प्रदेश की सातवीं विधान सभा तथा बारहवीं विधान सभा के उपचुनाव में मलहरा क्षेत्र से सदस्य निर्वाचित हुए थे. आप विधान सभा की विभिन्न समितियों तथा विभागीय समितियों के सदस्य रहे.
आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.
श्री राजेन्द्र सिंह बघेल का जन्म 24 अक्टूबर, 1945 को सोनकच्छ, जिला-देवास में हुआ था. आप नगरपालिका परिषद् सोनकच्छ के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष्ा, ब्लाक युवक कांग्रेस तथा जिला कांग्रेस (ग्रामीण) देवास के अध्यक्ष तथा विभिन्न संस्थाओं में पदाधिकारी रहे. श्री बघेल ने प्रदेश की आठवीं, दसवीं तथा बारहवीं विधान सभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से हाटपीपल्या क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.
...(व्यवधान)....
अध्यक्ष महोदय -- मैंने पहले कह दिया, आप पहले इसको हो जाने दीजिए, मैं सुन लूंगा लेकिन इसके पहले परम्परा मत बिगाड़िए, विधानसभा की परम्परा मत बिगाड़िए.
श्री बद्रीधर दीवान का जन्म 27 नवम्बर, 1929 को देवरी (पंधी), जिला बिलासपुर में हुआ था. आप वर्ष 1977-1980 में जनता पार्टी बिलासपुर के जिला अध्यक्ष, वर्ष 1980-1990 में भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष तथा मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम के उपाध्यक्ष रहे. आप आपातकाल के दौरान 19 माह मीसा में निरूद्ध रहे. आप प्रदेश की नौवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा छत्तीसगढ़ राज्य की दूसरी, तीसरी तथा चौथी विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए. आपने छत्तीसगढ़ की दूसरी और चौथी विधान सभा में उपाध्यक्ष पद को सुशोभित किया था.
आपके निधन से प्रदेश ने एक वरिष्ठ नेता एवं संसदविद् खो दिया है.
...(व्यवधान)....
अध्यक्ष महोदय -- आप सब अपनी सीट पर जाएंगे, तब ही सुनेंगे. आप अपनी सीट पर जाइए. सीट पर तो जाइए. यहां क्या सुनवाई होगी. आप सीट पर तो जाइए, सुनवाई होगी. आप सब सीट पर जाएंगे, तब ही सुनेंगे.
(इंडियन नेश्नल काँग्रेस के अनेक सदस्यों द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)
..(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय-- श्रीमती करुणा शुक्ला का जन्म 1 अगस्त, 1950 को ग्वालियर में हुआ था. श्रीमती शुक्ला ने प्रदेश की दसवीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से बलौदा बाजार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. वर्ष 2004 में आप जांजगीर (छत्तीसगढ़) से चौदहवीं लोकसभा की सदस्य निर्वाचित हुईं तथा अनेक संसदीय समितियों की सदस्य रहीं. मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा आपको वर्ष 1997-1998 में उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है...(व्यवधान)...
आप सीट पर जाइये. पहले सीट पर तो जाइये. जब आप सीट पर जाएँगे तब ही सुनेंगे. आप सीट पर जाइये तब सुनेंगे...(व्यवधान)..
श्री लक्ष्मीकांत शर्मा का जन्म 24 जनवरी, 1961 को सिरोंज, जिला विदिशा में हुआ था. आप राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवक तथा विश्व हिन्दू परिषद् के जिला महामंत्री रहे. श्री शर्मा ने प्रदेश की दसवीं, ग्यारहवी, बारहवीं तथा तेरहवीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से सिरोंज क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. आप समय-समय पर अनेक विभागों के मंत्री रहे. वर्ष 1990 में आपको मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा उत्कृष्ट विधायक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता तथा कुशल प्रशासक खो दिया है.
ठाकुर मोहर सिंह का जन्म 02 अप्रैल, 1948 को हुआ था. आप नगरपालिका विदिशा के पार्षद, दो बार उपाध्यक्ष तथा वित्त समिति के अध्यक्ष रहे. आप आपातकाल के दौरान मीसा में 19 माह निरुद्ध रहे. श्री सिंह ने प्रदेश की सातवीं, आठवीं, नौवीं तथा दसवीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से विदिशा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. आप विधान सभा एवं शासन की परामर्शदात्री समितियों तथा बरकतउल्ला विश्वविद्यालय व्यवस्थापन बोर्ड के सदस्य और विभिन्न संस्थाओं में पदाधिकारी रहे.
आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय जननेता एवं समाजसेवी खो दिया है.
श्री लक्ष्मण राम का जन्म 14 मार्च, 1941 को ग्राम रानी कोम्बो जिला रायगढ़ (छत्तीसगढ़) में हुआ था. आप आदिवासी संघ बगीचा के उपाध्यक्ष तथा ग्राम बटई केला मंडल के मंडलेश्वर रहे. आपने प्रदेश की चौथी विधान सभा में काँग्रेस की ओर से बगीचा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. तत्समय आप श्री श्यामाचरण शुक्ल के नेतृत्व में गठित मंत्रिमंडल में संसदीय सचिव रहे.
आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.
श्री शिवराज सिंह भैया का जन्म 08 अक्टूबर, 1943 को बंडा (बेलई), जिला सागर में हुआ था. आप मार्केटिंग सोसायटी, कृषि उपज मंडी तथा भूमि विकास बैंक के संचालक तथा बुन्देलखण्ड विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रहे. आप प्रदेश की छठवीं एवं आठवीं विधान सभा के सदस्य रहे तथा वर्ष 2009 में दमोह संसदीय क्षेत्र से पन्द्रहवीं लोक सभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे.
आपके निधन से प्रदेश ने एक वरिष्ठ नेता तथा समाजसेवी खो दिया है.
श्री सिददूमल दल्लूमल खिलवानी का जन्म 28 फरवरी, 1928 को हुआ था. आपने 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन एवं जनसंघ द्वारा चलाए गए अनेक आन्दोलनों में सक्रिय भाग लिया और जेल गए. आप आपातकाल के दौरान मीसा में निरुद्ध रहे. श्री खिलवानी ने वर्ष 1977 में छठवीं तथा 1980 में सातवीं विधान सभा में क्रमशः जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की ओर से नरसिंहगढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा समाजसेवी खो दिया है.
श्री खेलनराम जांगड़े का जन्म 15 जुलाई 1945 को ग्राम फुलवारी खुर्द, जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ में हुआ था आप बिलासपुर जिला काँग्रेस कमेटी के महामंत्री नगर पालिका मुंगेली तथा योजना मंडल बिलासपुर के अध्यक्ष रहे. श्री जांगड़े वर्ष 1980 में प्रदेश की 7 वीं विधान सभा, वर्ष 1984 में 8 वीं 1991 में 10 वीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा अनेक विधायी समितियों के सदस्य रहे.
आपके निधन से प्रदेश ने एक वरिष्ठ नेता, समाजसेवी खो दिया है. ..(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय-- कृपा करके आप सीट पर जाइये. आप सीट पर जाएँगे तभी तो सुनेंगे. पहले सीट पर जाइये, यह परंपरा मत डालिए. ...(व्यवधान)..
श्री शक्राजीत नायक का जन्म 25 मई, 1946 को ग्राम नवापाली, जिला रायगढ़ में हुआ था. आप प्रदेश की नौवीं एवं ग्यारहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा सन् 2000 में राज्य विभाजन के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य बने. तदनंतर आप सन् 2003 में दूसरी बार तथा 2013 में छत्तीसगढ़ की चौथी विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए. वर्ष 2001 में आप छत्तीसगढ़ शासन में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जल संसाधन विभाग रहे.
आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के अनेक सदस्यों द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)
(व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय -- श्री गुलाब सिंह का जन्म 01 जुलाई, 1968 को हुआ था. आप प्रदेश की ग्यारहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा सन् 2000 में राज्य विभाजन के फलस्वरुप छत्तीसगढ़ विधान सभा के सदस्य बने, तदनंदर आप सन् 2003 में छत्तीसगढ़ की दूसरी विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए.
आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.
श्री सोमप्रकाश गिरी का जन्म 01 दिसम्बर, 1935 को हुआ था आपने गोवा मुक्ति आन्दोलन सहित अनेक आन्दोलनों में भाग लिया और जेल गये. आप सन् 1975 में मीसा में निरुद्ध रहे. श्री गिरी ने प्रदेश की नौवीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से कुरुद क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.
आप लोग अपनी सीट पर जाइए तब आपकी बात सुनी जाएगी. सीट पर जाएंगे तब ही सुनेंगे. (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय -- श्री बलराम सिंह बैस का जन्म सन् 1943 को हुआ था. आप पंच तथा जनपद पंचायत कोहरा के अध्यक्ष रहे श्री बैस ने प्रदेश की छठवीं, सातवीं और आठवीं विधान सभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से वीरेन्द्र नगर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
आपके निधन से प्रदेश ने कर्मठ समाजसेवी खो दिया है.
श्री बालाराम वर्मा का जन्म 21 अगस्त 1949 को ग्राम तुलसी (नेवरा) जिला-रायपुर (छत्तीसगढ़) में हुआ था. श्री वर्मा ने प्रदेश की दसवीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से धरसींवा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.
श्री सूरजभानु सोलंकी का जन्म 04 अप्रैल, 1960 को भोपाल में हुआ था. आप मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस (आई) के कार्यकारी सदस्य तथा वर्ष 1989-1990 में किसान मध्यप्रदेश के उपाध्यक्ष रहे. श्री सोलंकी वर्ष 1989 में नौवीं एवं वर्ष 1991 में दसवीं लोकसभा में धार संसदीय क्षेत्र से सदस्य निर्वाचित हुए तथा अनेक विभागीय परामर्शदात्री समितियों के सदस्य रहे.
आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता एवं समाजसेवी खो दिया है.
श्री रामेश्वर पाटीदर का जन्म 10 नवंबर, 1938 को खलघाट, जिला धार में हुथा था. आप भारतीय जनसंघ के महासचिव तथा भारतीय जनता पार्टी जिला-खरगोन के अध्यक्ष रहे. आप आपातकाल के दौरान मीसा में 18 माह निरुद्ध रहे. आप छठवीं, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं तथा बारहवीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए तथा समय-समय पर सभा की एवं विभिन्न विभागीय परामर्शदात्री समितियों के सदस्य रहे.
आपके निधन से प्रदेश ने वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी खो दिया है.
श्री मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवम्बर, 1929 को हुआ था. आप 1952 में सेना में शामिल हुए तथा सेवानिवृत्ति उपरांत पंजाब राज्य के खेल विभाग में खेल निदेशक बने. एक धावक के रुप में आपने एशियाई, राष्ट्रमंडल तथा ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया तथा एशियाई एवं राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त किये. धावक के रुप में उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण श्री सिंह पूरी दुनिया में "फ्लाइंग सिख" के नाम से जाने जाते थे. भारत सरकार ने आपको वर्ष 1959 में पदमश्री से सम्मानित किया था.
आपके निधन से देश ने एक प्रसिद्ध धावक और खिलाड़ी खो दिया है.
श्री रामेश्वर शर्मा -- यह लोग न तो सेना का सम्मान कर रहे हैं न अनुसूचित जाति का सम्मान कर रहे हैं न ही जनजाति का सम्मान कर रहे हैं. यह कौन सी लोकतांत्रिक परम्परा है. (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय -- श्री सुन्दरलाल बहुगुणा का जन्म 09 जनवरी, 1927 को ग्राम मरोडा (उत्तराखण्ड) में हुआ था. आपने पेड़ों को अंधाधुंध कटाई को रोकने तथा वनों की रक्षा के लिये चिपको आन्दोलन के माध्यम से पर्यावरण को बनाये रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. टिहरी बांध के विरोध में आपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सत्याग्रह किया. आपको वर्ष 1987 में चिपको आन्दोलन के लिये लाइवलीहुड अवार्ड, 1999 में गाँधी सेवा सम्मान तथा भारत सरकार ने आपको वर्ष 2009 में पदम विभूषण से सम्मानित किया था.
आपके निधन से देश ने एक प्रसिद्ध पर्यावरणविद् तथा समाजसेवी खो दिया है.
दिनांक 04 मार्च, 2021 को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों द्वारा लगाये गये विस्फोटक से छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 22 वीं वाहिनी में पदस्थ हेड कासंटेबल श्री लक्ष्मीकांत द्विवेदी शहीद हो गये. श्री द्विवेदी रीवा जिले के ग्राम बरछा के निवासी थे.
यह सदन इस घटना में शहीद हुए श्री लक्ष्मीकांत द्विवेदी को श्रद्धांजलि अर्पित करता है.
दिनांक 15 जुलाई, 2021 को विदिशा जिले के गंजबासौदा के पास लाल पठार गांव में कुएं मे गिरे बालक को निकालने के दौरान जमा हुई भीड़ से मुंडेर धंसने के कारण ग्यारह व्यक्तियों की कुएं में गिरने से मृत्यु हो गई.
यह सदन इस दुखद हादसे में मृत व्यक्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है.
विगत वर्ष से पूरा विश्व कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है. कोविड-19 की दूसरी लहर से हमारे देश-प्रदेश में भी कोरोना वायरस से अनेक व्यक्ति संक्रमित हुए. इस महामारी से कोरोना योद्धाओं सहित हजारों व्यक्तियों को अपने प्राण गंवाने पड़े हैं.
यह सदन कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण जान गंवाने वाले व्यक्तियों तथा कोरोना योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता है.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ -- माननीय अध्यक्ष महोदय, बिसाहूलाल सिंह आदिवासी हैं या नहीं हैं. आप आदिवासियों के साथ हो या नहीं हो. (व्यवधान)
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के अनेक सदस्यों द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)
(व्यवधान)
मुख्यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, हमने कई प्रमुख जन नेताओं को खोया है. श्री जुगुल किशोर बागरी जी अत्यंत लोकप्रिय नेता थे और वह इस सदन के पांच बार सदस्य रहे. वह एक मंत्री के रूप में भी एक कुशल प्रशासक थे और समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए उन्होंने अपने आप को समर्पित कर दिया था. हमने रैगांव विधान सभा से लगातार पांच बार विधायक रहने वाले अत्यंत लोकप्रिय नेता और वरिष्ठ जनसेवी को खोया है. (व्यवधान)
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ-- माननीय अध्यक्ष महोदय, विजय शाह जी और बिसाहूलाल जी आदिवासी हैं या नहीं हैं? अगर आदिवासी हैं तो आदिवासियों के लिए आवाज उठाएं. आज विश्व आदिवासी दिवस है. आपको आवाज उठानी चाहिए. आप शासन में बैठे हुए हैं, आप सरकार में आदिवासियों का नेतृत्व कर रहे हैं आपको आवाज उठानी चाहिए. आज पूरा विश्व, पूरा देश आदिवासी दिवस मना रहा है और आप मौन धारण करके बैठे हुए हैं. आप लोगों के ऊपर धिक्कार है. (व्यवधान)
श्री शिवराज सिंह चौहान-- माननीय अध्यक्ष महोदय, श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर जी वरिष्ठ नेता थे. सहकारी आंदोलन से जुड़े थे और लगातार पांच बार इस सदन के सदस्य रहे. उन्होंने मंत्री के रूप में भी बहुत कुशलता के साथ अपने काम का सम्मान किया.
अध्यक्ष महोदय, सुश्री कलावती भूरिया जी बड़ी आदिवासी नेता थीं. उन्होंने सरपंच से लेकर जिला पंचायत की अध्यक्ष और विधायक के रूप में अपने क्षेत्र की जनता की सेवा की उनके आकस्मिक निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन में अपूरणीय क्षति हुई है.
अध्यक्ष महोदय, श्री महेश जोशी जी मध्यप्रदेश के बहुत वरिष्ठ नेता थे, कांग्रेस के नेता थे और वह लगातार तीन बार पांचवीं, सातवीं और आठवीं विधान सभा में कांग्रेस की ओर से विधायक रहे थे. वह विभिन्न विभागों के मंत्री और राज्यमंत्री भी रहे. उनके निधन से प्रदेश ने एक कुशल लोकप्रिय जननेता और कुशल संगठक को खोया है.
11:26 बजे बहिर्गमन
इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा सदन से बहिर्गमन
(गर्भगृह में उपस्थित इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा नारे लगाते हुए सदन से बहिर्गमन किया गया)
निधन का उल्लेख (क्रमश:)
श्री शिवराज सिंह चौहान-- अध्यक्ष महोदय, श्री बाबूलाल जैन जी उज्जैन संभाग में भारतीय जनसंघ की जड़ें जमाने वाले कुशल संगठक थे, सफल प्रशासक थे. उन्होंने छठवीं नौवीं और दसवीं विधान सभा में महिदपुर और उज्जैन से विधान सभा में प्रतिनिधित्व किया था और मंत्री के रूप में भी उन्होंने सफल प्रशासक होने का परिचय दिया था. अनेक विभाग शिक्षा, राजस्व, पुनर्वास और वाणिज्यकर मंत्री रहे थे उनके निधन से हमने एक कुशल संगठक लोकप्रिय नेता और सुप्रसिद्ध जनसेवी को खोया है.
अध्यक्ष महोदय, श्री रामेश्वर पटेल जी कांग्रेस के बहुत वरिष्ठ नेता थे. आठवीं विधान सभा में उन्होंने देपालपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था और बीससूत्रीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन से लेकर सामान्य प्रशासन और जनसंपर्क मंत्री रहे. उनके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता को खोया है.
अध्यक्ष महोदय, श्री रामराव कवड़ेती जी आदिवासी नेता थे अपने क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय थे और सरपंच से लेकर आदिवासी मंडल के अध्यक्ष तक रहे. श्री कवडे़ती पांडुरना से विधान सभा के सदस्य रहे उनके निधन से भी हमने एक लोकप्रिय आदिवासी नेता और कर्मठ समाजसेवी को खोया है.
अध्यक्ष महोदय, श्री कपूर चन्द घुवारा जी बहुत ही जुझारू नेता थे और मजदूरों के लिए, गरीबों के लिए, समाज के कमजोर वर्गों के लिए लगातार संघर्ष करने का काम उन्होंने किया वह सातवीं विधान सभा के सदस्य रहे और वह बारहवीं विधान सभा में भी उपचुनाव में जीतकर आए थे. उनके निधन से भी प्रदेश के सार्वजनिक जीवन में अपूरणीय क्षति हुई है.
अध्यक्ष महोदय श्री राजेन्द्र सिंह बघेल जी कांग्रेस के बहुत वरिष्ठ नेता थे वह संगठन के अनेक पदों पर रहे. उनकी लोकप्रियता उनके विधान सभा क्षेत्र में ऐसी थी कि जिस पर कभी प्रश्नचिह्न नहीं लगा. आठवीं, दसवीं और बारहवीं विधान सभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से उन्होंने हाटपिपल्या क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. उनके निधन से भी सार्वजनिक जीवन में अपूरणीय क्षति हुई है.
श्री बद्रीधर दीवान जी, मध्यप्रदेश जब संयुक्त था, उस समय भारतीय जनसंघ के और बाद में भारतीय जनता पार्टी के बहुत ही लोकप्रिय नेता रहे. वे मीसा में निरूद्ध रहे और छत्तीसगढ़ की दूसरी, तीसरी, चौथी विधान सभा के सदस्य भी निर्वाचित हुए थे. चौथी विधान सभा में उन्होंने आसंदी पर उपाध्यक्ष के रूप में इस सदन का संचालन भी किया था.
श्रीमती करूणा शुक्ला जी, बलौदा बाजार क्षेत्र से दसवीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में चुन कर आयीं थीं. वे कुशल संगठक थीं और भारतीय जनता पार्टी की महिला नेत्री के रूप में उन्होंने संगठन का काफी काम किया था. उनके निधन से भी हमें सार्वजनिक जीवन में अपूरणीय क्षति हुई है.
श्री लक्ष्मीकांत शर्मा जी, संघ के स्वयंसेवक से लेकर भारतीय जनता पार्टी के लोकप्रिय नेता रहे. दसवीं, ग्यारहवीं, बारहवीं और तेरहवीं विधान सभा में उन्होंने सिरोंज विधान सभा का कुशल प्रतिनिधित्व किया था. उन्होंने अनेक विभागों के मंत्री के रूप में, एक सफल प्रशासक होने का परिचय दिया था. उनके निधन से हमने एक लोकप्रिय नेता और कुशल प्रशासक खोया है.
ठाकुर मोहर सिंह जी, अपने ढंग के अकेले नेता थे. वे लगातार 4 बार भारी बहुमत से विदिशा विधान सभा से चुन कर आये. वे 19 माह मीसा में निरूद्ध भी रहे. उनकी लोकप्रियता विदिशा क्षेत्र में दलों की सीमाओं से उठकर भी थी.
श्री लक्ष्मण राम जी, का जन्म छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में हुआ था और उन्होंने चौथी विधान सभा में बगीचा विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
श्री शिवराज सिंह भैया जी, सागर जिले के अत्यंत लोकप्रिय नेता थे. वे सांसद और विधायक रहे. वे भूमि विकास बैंक के संचालक तथा बुंदेलखण्ड विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रहे. उनके निधन से हमने एक वरिष्ठ समाजसेवी खोया है.
श्री सिद्दूमल दल्लूमल खिलवानी जी, श्री खेलनराम जांगड़े जी, डॉ.शक्राजीत नायक जी, श्री गुलाब सिंह जी, श्री सोमप्रकाश गिरि जी, श्री बलराम सिंह बैस जी, श्री बालाराम वर्मा जी के रूप में हमने अत्यंत लोकप्रिय नेता और वरिष्ठ समाजसेवकों को, जो इस सदन के सदस्य भी रहे हैं, खोया है.
श्री सूरजभानु सोलंकी जी, लोकप्रिय आदिवासी नेता थे. उन्होंने धार लोकसभा क्षेत्र का, लोकसभा सदस्य के नाते प्रतिनिधित्व किया था. हमने उनको असमय खोया है, उनके निधन से हमें सार्वजनिक जीवन में अपूरणीय क्षति हुई है.
श्री रामेश्वर पाटीदार जी, लगातार 5 बार छठवीं, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं, और बारहवीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए. वे निमाड़ के अत्यंत लोकप्रिय नेता थे.
श्री मिल्खा सिंह जी, का नाम आते ही पूरा देश आज भी गर्व से भर जाता है. उनके रूप में हमने एक ऐसे खिलाड़ी को खोया है, जो अभी भी खिलाडि़यों के लिए एक प्रेरणा पुंज हैं. देश का सम्मान उन्होंने पूरी दुनिया में एक धावक के रूप में बढ़ाया था.
श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी, ऐसे पर्यावरणविद थे, जिन्होंने पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए और वनों की रक्षा के लिए ''चिपको आंदोलन'' चलाया था.
दिनांक 4 मार्च, 2021 को छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा लगाये गए विस्फोटक में श्री लक्ष्मीकांत द्विवेदी जी शहीद हो गए थे, हम उन्हें अपने श्रद्धा के सुमन अर्पित करते हैं.
दिनांक 15 जुलाई, 2021 को विदिशा जिले के गंजबासौदा के पास लाल पठार गांव में कुंए में गिरे एक बालक को निकालने के लिए, अचानक भीड़ से मुंडेर धसने के कारण हमारे 11 भाइयों की कुंए में गिरने से मृत्यु हुई थी.
माननीय अध्यक्ष महोदय, कोरोना महामारी के कारण हमारे देश ने, हमारे प्रदेश ने पहली लहर और दूसरी लहर में हजारों बहनों-भाइयों को असमय खोया है. मैं अपनी और इस सदन की ओर से इन समस्त वरिष्ठ जनसेवकों को, लोकप्रिय नेताओं को, जो इस सदन और संसद के सदस्य रहे और सभी समाजसेवकों को श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं. मैं परम पिता परमात्मा से यह प्रार्थना करता हूं कि वह दिवंगतों की आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार, समर्थकों एवं अनुयायियों को यह गहन दुख सहन करने की क्षमता प्रदान करे. ओम शांति.
नेता प्रतिपक्ष (श्री कमल नाथ):- अध्यक्ष जी, अभी आपने आदिवासी दिवस का कुछ गहरा आक्रोश देखा. मैं कह रहा हूं कि यह क्यों हुआ, यह स्वाभाविक था..
अध्यक्ष महोदय:- नेता प्रतिपक्ष जी. मेरा आग्रह है कि परम्पराओं को गलत न किया जाये.
संसदीय कार्य मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र) :- अध्यक्ष जी,गलत परम्परा आ जायेगी, गलत परम्परा की शुरूआत हो जायेगी, इसमें आदिवासी लोग भी हैं सूरजभानु सोलंकी जी हैं. ( व्यवधान)
श्री कमल नाथ:- हम श्रद्धांजलि की बात कर रहे हैं..
अध्यक्ष महोदय:- जी हां. आप उस का जिक्र मत करिये.
श्री कमल नाथ:- तो मैं तो यह कह रहा हूं कि आपने यह जो डिस्टर्बेंस देखा यह इसका कारण था.
डॉ. नरोत्तम मिश्र :- आप गलत परम्परा को बंद करें.
श्री यशपाल सिंह सिसौदिया:- नेता प्रतिपक्ष जी गलत परंपरा प्रारंभ करना चाह रहे हैं.
श्री कमल नाथ:- मैं शुरूआत करना चाहता हूं कि आदिवासी दिवस जो समाप्त किया गया है उसको भी श्रद्धांजति अर्पित करना चाहता हूं. आज..
डॉ. नरोत्तम मिश्र:- अध्यक्ष जी, कोई दिवस समाप्त किया ही नहीं गया है. इस प्रकार से बेजा (XXX) बोलना, भ्रम फैलाना, क्या कोई आदिवासी दिवस समाप्त कर सकता है ? (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय:- समाप्त कहां हुआ है ? समाप्त हुआ ही नहीं है तो कैसे होगा, कोई आदिवासी दिवस समाप्त होगा क्या ? इसको विलोपित किया जाये.
श्री कमल नाथ:- सवा दो करोड़..
डॉ. नरोत्तम मिश्र:- अध्यक्ष जी, इसको विलोपित करवा दीजिये.
अध्यक्ष महोदय:- विलोपित करवा दिया है. (व्यवधान) नेता प्रतिपक्ष जी आपका संसदीय अनुभव सबसे ज्यादा है. इस विधान सभा के भीतर आपका संसदीय अनुभव सबसे ज्यादा है तो कृपा पूर्वक केवल जो विषय है उसी विषय पर बोलें.
श्री कमल नाथ:- मैं (XXX) अर्पित करना चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय:- आप आदिवासियों को श्रद्धांजलि मत दीजिये. (व्यवधान)
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री(श्री गोपाल भार्गव):- अध्यक्ष जी, माननीय नेता प्रतिपक्ष जी...(व्यवधान)
श्री कमल नाथ:- माननीय मुख्य मंत्री जी, जब निधन उल्लेख हो रहा था तो मैं तो यह उम्मीद कर रहा था कि आप खड़े होकर कहते कि आदिवासी दिवस को फिर से लागू करेंगे उस वक्त नहीं किया कोई बात नहीं. कई हमारे साथी..
श्री गोपाल भार्गव:- अध्यक्ष जी, जब नेता प्रतिपक्ष जी इस सदन के नेता थे उस समय मैं उनकी जगह बैठता था, कितनी बार श्रद्धांजलि हुई, लेकिन एक बार भी मुझे ऐसा महसूस नहीं हुआ और न मैंने ऐसा बोला. यह नई परम्परा शुरू की जा रही है.
अध्यक्ष महोदय:- आप बैठ जाइये.
श्री शिवराज सिंह चौहान:- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं बड़े दुख: के साथ कहना चाहता हूं कि कांग्रेस श्रद्धांजलि में राजनीति कर रही है.
श्री कमल नाथ:- कौन सी श्रद्धांजलि पर ?
श्री शिवराज सिंह चौहान:- यह कोई सवाल होता है.(व्यवधान)
श्री कमल नाथ :- यह आदिवासी दिवस को अधिकार दिवस मनाना चाहते हैं. (व्यवधान)
श्री शिवराज सिंह चौहान:- यह आदिवासी नेत्री सुश्री कलावती भूरिया जी को, श्री सूरजभान सोलंकी को श्रद्धांजलि नहीं दे रहे हैं. (व्यवधान) श्रद्धांजलि में यह घटिया राजनीति मत करिये.
डॉ. गोविन्द सिंह:- बोलने दो भाई.
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ:- राजनीति आप कर रहे हैं.(व्यवधान)
डॉ. गोविन्द सिंह:- माननीय मुख्यमंत्री जी श्रद्धांजलि में व्यवधान पैदा मत करो.( व्यवधान)
श्री शिवराज सिंह चौहान:- माननीय अध्यक्ष महोदय, भारतीय जनता पार्टी आदिवासियों की सबसे बड़ी हितैषी है, उनके कल्याण में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. (व्यवधान) यह गलत परम्परा शुरू कर रहे हैं. ऐच्छिक अवकाश आज भी है, विश्व मूल निवासी दिवस है और 15 नवम्बर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस मनायेंगे, अवकाश भी रहेगा. (व्यवधान) आदिवासियों के कल्याण में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. आदिवासी समाज की कोई सबसे बड़ी हितैषी है तो वह हमारी भारतीय जनता पार्टी है.( व्यवधान)
श्री कमल नाथ:- आपने आदिवासी दिवस को क्यों कैंसिल किया, यह आप बताइये सदन को ? (व्यवधान)
डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ:- अध्यक्ष महोदय,आवाज दबायी जा रही है.
अध्यक्ष महोदय:- आप सभी लोग बैठ जाइये. (व्यवधान)
श्री शिवराज सिंह चौहान:- आदिवासी मंत्रालय बनाया है तो भारतीय जनता पार्टी ने बनाया है, कहीं बनाया है आदिवासी मंत्रालय ? अगर फिफ्थ शेड्यूल और पेसा एक्ट लागू करेगी तो भारतीय जनता पार्टी शिवराज सिंह चौहान लागू करेगा, (व्यवधान) आप नहीं करोगे, कमल नाथ नहीं करेंगे.(व्यवधान)
श्री कमल नाथ:- आप क्या बोल रहे हैं, (XXX) (व्यवधान) (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय:- यह विलोपित किया जाये.
श्री शिवराज सिंह चौहान:- भारतीय जनता पार्टी के अलावा आदिवासियों का हितैषी कोई नहीं है. (व्यवधान)
श्री कमल नाथ:- आपने आदिवासी दिवस समाप्त क्यों किया, यह बात बताइये ?(व्यवधान)
श्री शिवराज सिंह चौहान:- (XXX) (व्यवधान)
श्री नरोत्तम मिश्र:- अध्यक्ष महोदय, नेता प्रतिपक्ष ने जो कहा है उसे विलोपित कराइये.
अध्यक्ष महोदय:- उसे विलोपित करा दिया है.(व्यवधान) आप लोग बैठ तो जाइये, नेता प्रतिपक्ष जी आप बैठ जाइये उनको कहने तो दीजिये. (व्यवधान)
(व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--आप सभी माननीय सदस्यों से निवेदन है कि बैठ जाएं.
श्री रामेश्वर शर्मा--अगर कोई शेड्यूल लागू करेगी, पेसा एक्ट लागू करेगी वह भारतीय जनता पार्टी की सरकार करेगी. आप लोग नहीं करेंगे. माननीय कमलनाथ जी नहीं करेंगे. (व्यवधान)
श्री कमल नाथ (नेता प्रतिपक्ष)--आप ऐसा कह रहे हैं आपको शर्म आनी चाहिये.
श्री शिवराज सिंह चौहान--आपको शर्म आनी चाहिये आप आदिवासियों के ऊपर घटिया राजनीति कर रहे हैं. (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--शर्म शब्द विलोपित
श्री कमल नाथ—(XXX) (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--आप लोग थोड़ा बैठ जाईये. प्रतिपक्ष के नेता जी आप भी बैठ जाईये. (व्यवधान) आप लोग बैठ जाईये मुझे कहने तो दीजिये.
श्री विश्वास सारंग-- अध्यक्ष जी यह लोग गलत परम्परा की शुरूआत कर रहे हैं. यह लोग परम्पराओं को तार-तार कर रहे हैं. (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--आप बैठ जाईये. आप मुझे तो बोलने दीजिये.(व्यवधान)
श्री विश्वास सारंग--आप इनकी सब बातों को विलोपित कराईये.(व्यवधान)
श्री गोपाल भार्गव--अध्यक्ष महोदय, मैं कुछ बोलना चाहता हूं. (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--मैं अपनी बात बोल लूं उसके बाद कहिये.
श्री गोपाल भार्गव--अध्यक्ष महोदय, आज तक मैंने डेढ़ सवा वर्ष में एक भी ऐसा आचरण नहीं किया जैसा कि माननीय कमलनाथ जी कर रहे थे.
श्री कमल नाथ--मैं क्या कर रहा हूं.(व्यवधान)
श्री गोपाल भार्गव--यह (XXX) है अध्यक्ष महोदय (व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय--शर्मनाक शब्द विलोपित. (व्यवधान) आप सब लोग कृपया बैठ जाईये.श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति जी आप भी बैठ जाईये. नेता प्रतिपक्ष जी से आग्रह है कि कृपया आप एक मिनट के लिये बैठ जाईये. (व्यवधान)
श्री रामेश्वर शर्मा--अध्यक्ष महोदय,
अध्यक्ष महोदय--रामेश्वर शर्मा जी आप भी बैठ जाईये. मैंने नेता प्रतिपक्ष जी को भी बिठा दिया है.
श्री रामेश्वर शर्मा--हम सदन के सबसे छोटे सदस्य हैं, यह पहली बार ऐसा गलत हुआ है. पांच पांच आदिवासी नेताओं को श्रद्धांजलि थी, नेशनल खिलाड़ी को श्रद्धांजलि थी. यह क्या (XXX) है.
अध्यक्ष महोदय--बद्तमीजी शब्द विलोपित.आप रामेश्वर जी बैठ जाईये. मेरा सभी माननीय सदस्यों से माननीय नेता प्रतिपक्ष से मेरा सिर्फ एक ही आग्रह है कि कम से कम इस समय को जो अपने माननीय सदस्यों को पूर्व सदस्यों को उनकी आत्मा की शांति के लिये श्रद्धांजलि कर रहे हैं. वह वहां से बैठकर देख रहे हैं.
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति--अध्यक्ष महोदय, पहले दिन ही श्रद्धांजलि होती है. आप लोगों ने दो दो दिन बाद अपने सदस्यों को श्रद्धांजलि दी है. नहीं तो परम्परा यह है कि पहले दिन ही श्रद्धांजलि होती है. आप लोगों ने सदस्यों को दो दो दिन बाद में श्रद्धांजलि दी है.
अध्यक्ष महोदय--आप पहला ही दिन है.
श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति--यह प्रोटेम स्पीकर जी के शब्द हैं कि यह निहायत ही गरिमामय नहीं थे. इनको यह शोभा नहीं देता है कि वह (XXX) करें.
श्री रामेश्वर शर्मा--जो नेता प्रतिपक्ष जी ने जो शब्द बोले हैं.
अध्यक्ष महोदय--रामेश्वर जी आप बैठिये. सब लोग बैठ जाएं. मेरा नेता प्रतिपक्ष जी से आग्रह है कि आप श्रद्धांजलि पर ही बोलिये. केवल श्रद्धांजलि पर बाकी कल भी समय है और परसो भी समय है, तब कोई सवाल होता है तो खड़ा करिये, आज क्यों ? मेरा यह सबसे आग्रह है इसको आप वाद-विवाद मत बनाईये.
श्री सज्जन सिंह वर्मा--यह असंसदीय बात है, यह आदिवासी विरोधी बातें कर रहे हैं. श्री उमाकांत शर्मा--इसके लिये इन लोगों को माफी मांगनी चाहिये.
श्री कमल नाथ (नेता प्रतिपक्ष)--माननीय अध्यक्ष जी श्रद्धांजलि तो हम हृदय से अर्पित करना चाहते हैं, पर यह मैं आपसे ही कहना चाहता हूं कि कल आपने एक किताब का विमोचन किया था असंसदीय शब्द एवं वाक्यांश संग्रह कृपया करके आज के हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी के लफ्जों को सुन लीजियेगा और आप खुद ही तय करियेगा कि इसमें क्या असंसदीय शब्द हैं.
श्री विजय शाह--आपने क्या बोला है आप भी देखिये. (व्यवधान)
श्री कमल नाथ--आप सुनकर बैठकर तय कर लीजियेगा. (व्यवधान)
श्री शिवराज सिंह चौहान--अध्यक्ष महोदय, एक गलत परम्परा की शुरूआत हुई श्रद्धांजलि में राजनीति की गई. भारतीय जनता पार्टी ट्राईबल विरोधी नहीं हैं. हम आदिवासियों के कल्याण के लिये सब कुछ अर्पित कर देंगे, यह आप लोगों ने प्रदेश में गलत संदेश दिया है. दिवंगत नेताओं का अपमान कांग्रेस के सदस्यों ने किया है. (व्यवधान)
श्री कमल नाथ--आप सब लोगों द्वारा आदिवासियों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है.
श्री शिवराज सिंह चौहान--आदिवासियों के कल्याण के लिये हम लोग काम कर रहे हैं. आपने एक गलत परम्परा की शुरूआत की है.
श्री सज्जन सिंह वर्मा--यह आपकी पार्टी आदिवासी विरोधी पार्टी है.
श्री शिवराज सिंह चौहान--आप लोगों ने एक स्तरहीन राजनीति की है.
श्री सज्जन सिंह वर्मा--आपकी आदिवासी विरोधी सरकार है.
श्री शिवराज सिंह चौहान--आप लोग प्रदेश में एक गलत संदेश दे रहे हैं. आदिवासियों के सबसे बड़े समर्थक हम हैं.
नेता प्रतिपक्ष (श्री कमल नाथ) - माननीय अध्यक्ष जी, फिर से माननीय मुख्यमंत्री जी खड़े हो गए. मैं कोई टिप्पणी नहीं कर रहा. मैंने अपना ईयर फोन नहीं लगाया था, क्योंकि मैं मानता हूं, असत्य बोलना तो (XXX) है, असत्य सुनना भी (XXX) है.
श्री उमांकात शर्मा - कमल नाथ जी ने असंसदीय आचरण किया है, कमल नाथ जी को मुख्यमंत्री जी से माफी मांगनी चाहिए.
अध्यक्ष महोदय - शर्मा जी बैठ जाइए, शर्मा जी का नहीं लिखा जाएगा.
श्री कमल नाथ - माननीय अध्यक्ष जी, आज हम अपने न रहे साथियों को श्रद्धांजलि तो देते ही है और याद भी करते हैं. बहुत सारी बातें हैं, आज जो हमारे साथी नहीं रहे, उनमें से बहुतों से संबंध थे, बहुत पुराने संबंध थे. आज बहुत कुछ हम समाज सेवा में राजनीति में जुड़े रहे थे. मैं श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर को युवक कांग्रेस के समय से जानता हूं, उनके गांव में आना जाना बहुत रहा. वे पांच दफे सदस्य रहे, दो दफे तो स्वतंत्र सदस्य (इनडिपेन्डेंट) रहे और मुझे अगर अपने जीवन में किसी बात की बहुत बड़ी ठेस है तो वह यह है कि बृजेन्द्र सिंह आज हमारे बीच में नहीं रहे, वे नेता थे और उनका चुनावी रिकार्ड देखें जनपद से लेकर विधान सभा तक और अस्पताल में भर्ती होने के दो दिन पहले ही वे मुझे मिले थे. मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि हम सदन में उनको श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. मुझे विधान सभा का ज्यादा अनुभव नहीं है, मैं तो लोक सभा में रहा हूं. पर मैं सोचता हूं कि ऐसा कोई सत्र नहीं हुआ, ऐसा कोई सेशन नहीं आया जहां हमारे इतने सारे जो सदन के वर्तमान के सिटिंग सदस्य थे वे नहीं रहे. बृजेन्द्र सिंह कर्मठ समाज सेवक थे. राजनीतिक नेता थे, मेरे मंत्री मंडल में मेरे साथी थे. श्री जुगल किशोर बागरी जी बहुत वरिष्ठ नेता थे, केवल अपने क्षेत्र में ही नहीं, पूरे विन्ध्य में बागरी समाज मध्यप्रदेश के अध्यक्ष भी रहे, वे हमारे बड़े वरिष्ठ साथी रहे हैं. सुश्री कलावती भूरिया पहली दफे आई थी, अगर मेरे विधायकों में से सबसे ज्यादा झगड़ा कोई मेरे साथ करता था तो वह कलावती दीदी थीं. अपने क्षेत्र के कार्यों के लिए समय समय पर पहुंच जाती थीं. मुझे कोई संकोच नहीं कहने में, मैं तो मीटिंग में कहता था कि हमारी कांग्रेस पार्टी की नंबर वन विधायक कलावती जी हैं. मेरे साथियों को याद होगा ये एक कट्टर समाज सेविका थी और दबने वाली नहीं थी. कोई उन्हें दबा नहीं सकता था, जिस काम के लिए उन्होंने मन बना लिया वह काम करती थी. श्री महेश जोशी जी भी हमारे साथी रहे, बहुत पुराने युवक कांग्रेस के समय से हमारे साथी रहे. वे काफी समय से बीमार रहे और उन्होंने मंत्री मंडल में रहकर मध्यप्रदेश की सेवा की. श्री रामेश्वर पटेल जी काफी समय से बीमार चल रहे थे. मुझे याद है मैं इन्दौर में, अस्पताल में उन्हें मिलने भी गया था, पर यह नहीं सोचा था कि यह आखिरी समय उनसे मिलने का होगा. श्री बाबूलाल जैन जी भी हमारे एक वरिष्ठ और कुशल प्रशासक थे, वे हमारे सदन में वरिष्ठ सदस्य रहे. रामराव कवड़ेती जी, छिन्दवाड़ा जिले के विधायक रहे. मैं उस समय सांसद था, जब वह पांढुर्णा के विधायक रहे और समय-समय पर अपने क्षेत्र की समस्याओं के लिए मुझसे मिला ही नहीं करते थे, दबाव भी डालते थे. वह समाज सेवक थे, उन्होंने केवल पांढुर्णा में ही नहीं, बल्कि आस-पास भी समाज सेवा का कार्य किया. श्री कपूर चन्द घुवारा जी, सातवीं तथा बारहवीं विधान सभा के उप चुनाव में मलहरा क्षेत्र से सदस्य निर्वाचित हुए थे. आप विधान सभा की विभिन्न समितियों में भी रहे. श्री राजेन्द्र सिंह बघेल जी, एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता थे, पर चेहरे से वह उतने सरल स्वभाव के नहीं लगते थे, वह सरल स्वभाव के थे. मेरा उनसे बहुत पुराना संबंध था और अब वह हमारे बीच नहीं रहे, मुझे इसका गहरा दु:ख है. श्री बद्रीधर दीवान जी, श्रीमती करूणा शुक्ला जी, श्री लक्ष्मीकांत शर्मा जी, जो राजनीति के क्षेत्र में एक वरिष्ठ नेता रहे थे. ठाकुर मोहर सिंह जी, श्री लक्ष्मण राम जी, श्री शिवराज सिंह भैया जी, श्री सिद्दूमल दल्लूमल खिलवानी जी, यहीं मध्यप्रदेश के थे. जब छत्तीसगढ़ राज्य बना, तो वह वहां चले गए थे. श्री खेलनराम जांगड़े जी, डॉ. शक्राजीत नायक जी, श्री गुलाब सिंह जी, श्री सोमप्रकाश गिरि जी, श्री बलराम सिंह बैस जी, श्री बालाराम वर्मा जी, इन सबने इस सदन की प्रेस्टिज़ बनाई. उन्होंने इस सदन में भाग लेते हुए अपने क्षेत्र की आवाज रखी. श्री सूरजभानु सोलंकी जी, मेरे साथ लोक सभा में रहे, वह विधान सभा में थे और उन सदस्यों में से थे, जो लगातार उपस्थित रहते थे. अगर लोग सेन्ट्रल हॉल में चाय पीने भी चले जाते थे, तो वह सदन में बैठे रहते थे. अगर उनको लोक सभा में ढूँढ़ना पड़ता था, तो सदन में ही ढूँढ़ा जाता था. सबसे पहले, बचपन में अगर हम किसी का सम्मान किया करते थे तो वह मिल्खा सिंह जी थे. हमारे जैसी पीढ़ी के लोगों को कि ओलंपिक क्या चीज होती है ? मिल्खा सिंह जी के नाम से ओलंपिक जु़ड़ा और उन्होंने शुरूआत की थी कि खेल-कूद के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा आये, उन्होंने बहुत से लोगों को अपने जीवन से प्रेरित किया कि वह स्पोर्टस मैन बनें. मिल्खा सिंह जी एक उदाहरण रहे. श्री सुन्दरलाल बहुगुणा जी, जब मैं पर्यावरण मंत्री था, उनसे बहुत बार बैठकर चर्चा होती थी, उन्होंने 'चिपको मूवमेंट' तब शुरू किया था, जब वनों की सुरक्षा का कोई कानून नहीं था, हमारा फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट 1980 में आया था. उन्होंने तो इसके पहले ही 'जंगल बचाओ' का नारा दिया था और 'चिपको मूवमेंट' की शुरूआत की थी. मैं समझता हूँ कि उन्होंने पर्यावरण की तरफ लाखों लोगों को प्रेरित किया होगा और त्याग से ध्यान आकर्षित किया था, पब्लिसिटी से नहीं, केवल अपनी सोच से नहीं, यह त्याग से किया था. जैसे एक छोटी सी कुटिया में, मैं उनसे मिलने गया था, वह मुझे भी मिलने वहां आया करते थे और मुझे जानकारी देते थे, सुझाव देते थे, उन्होंने पर्यावरण क्षेत्र में एक नाम तो बनाया ही था, पर लाखों लोगों को प्रेरणा दी थी. हमारे रामेश्वर पाटीदार जी, इस सदन के सदस्य रहे थे, उनका योगदान समाजसेवा में रहा. मैं सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति मिले, साथ ही साथ कोविड-19 में जो लोग नहीं रहे, कितनी संख्या है ? जो कोविड में नहीं रहे, आज तक किसी को जानकारी नहीं है, पर जितने भी लोग हों, हम सभी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
परसों मैं बाढ़ पीडि़त क्षेत्र में गया था, उस समय तक तो बीस लोगों की मृत्यु हुई थी. मैंने मुख्यमंत्री जी से उनके कमरे में चर्चा की थी, जो मैंने देखा है, जो मैंने सुना है और मुझे विश्वास है कि शासन जो पीडि़त लोग हैं और जो अभी भी घायल हैं, उनकी पूरी रक्षा करेगा. मैं नेमावर में भी गया था, मुझे उम्मीद थी कि ऐसी इंक्वायरी हो, इंक्वायरी बहुत सारी होती हैं, पर ऐसी इंक्वायरी हो, जिस पर जनता विश्वास करे, कोई राजनीतिक दल विश्वास करे, उसकी जरूरत नहीं है, पर जनता उस इंक्वायरी का विश्वास करे. नेमावर में जिनकी भी मृत्यु हुई है, हम उनको भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. जहरीली शराब से भी बहुतों की मौत हुई है, हम उनको भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
अध्यक्ष महोदय - मैं, सदन की ओर से शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूँ. अब सदन दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करेगा.
(सदन द्वारा दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई.)
दिवंगतों के सम्मान में सदन की कार्यवाही मंगलवार, दिनांक 10 अगस्त, 2021 प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्थगित.
पूर्वाह्न 11.57 बजे विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार,दिनांक 10 अगस्त, 2021 ( 19 श्रावण, शक संवत् 1943 ) के प्रात: 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की गई.
भोपाल अवधेश प्रताप सिंह
दिनांक: 9 अगस्त, 2021 प्रमुख सचिव,
मध्यप्रदेश विधान सभा