मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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पंचदश विधान सभा प्रथम सत्र
जनवरी, 2019 सत्र
मंगलवार, दिनांक 8 जनवरी, 2019
( 18 पौष, शक संवत् 1940 )
[खण्ड- 1 ] [अंक- 2 ]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
मंगलवार, दिनांक 8 जनवरी, 2019
(18 पौष, शक संवत् 1940)
विधान सभा पूर्वाह्न 11.11 बजे समवेत हुई.
{सामयिक अध्यक्ष महोदय (श्री दीपक सक्सेना) पीठासीन हुए.}
शपथ/प्रतिज्ञान
सामयिक अध्यक्ष महोदय - जिन सदस्यों ने शपथ नहीं ली है या प्रतिज्ञान नहीं किया है, वे शपथ लेंगे या प्रतिज्ञान करेंगे, सदस्यों की नामावली में हस्ताक्षर करेंगे और सभा में अपना स्थान ग्रहण करेंगे.
228. श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ( शिवपुरी ) शपथ
229. श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ ( इंदौर-4) शपथ (संस्कृत)
11.14 बजे स्वागत उल्लेख
श्री दिग्विजय सिंह, सांसद, पूर्व केन्द्रीय मंत्री, श्री सुरेश पचौरी एवं पूर्व
विधानसभा उपाध्यक्ष, डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह का अध्यक्षीय दीर्घा में स्वागत्.
सामयिक अध्यक्ष महोदय - आज सदन की दीर्घा में सांसद, माननीय श्री दिग्विजय सिंह जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री, श्री सुरेश पचौरी जी एवं पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष, डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह जी उपस्थित हैं. सदन की ओर से उनका स्वागत है.
11.15 बजे
मुख्य प्रतिपक्षी दल एवं नेता प्रतिपक्ष की घोषणा.
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- जैसी कि वर्तमान में विधान सभा के अन्दर प्रतिपक्षी दलों में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या सबसे अधिक है तथा गणपूर्ति के लिए आवश्यक सदस्य संख्या से अधिक है, इसलिए मैं, भारतीय जनता पार्टी को सदन का मुख्य प्रतिपक्षी दल और उसके नेता श्री गोपाल भार्गव, सदस्य विधान सभा को प्रतिपक्ष का नेता घोषित करता हूँ. (मेजों की थपथपाहट)
11.16 बजे
श्री गोपाल भार्गव, सदस्य को नेता प्रतिपक्ष मनोनीत करने पर बधाई.
मुख्यमंत्री (श्री कमलनाथ)-- माननीय स्पीकर साहब, मैं प्रतिपक्ष के नेता गोपाल भार्गव जी का स्वागत करता हूँ, उन्हें बधाई देता हूँ. (मेजों की थपथपाहट) वे केवल राजनीतिज्ञ ही नहीं हैं बल्कि अनुभवी भी हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि उनके अनुभव से सदन को लाभ होगा. मुझे इस बात का भी विश्वास है कि हमारी मध्यप्रदेश की विधान सभा में हम मिलकर, जो विधान सभा की गरिमा है, जो देश की आँखें मध्यप्रदेश की विधान सभा की ओर है, हम अपने प्रजातंत्र की शान बढ़ाएँगे, मुझे इस बात का पूरा विश्वास है.(मेजों की थपथपाहट)
नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरे दल के विधायकों ने और प्रदेश की करोड़ों जनता ने, अपनी इच्छा के अनुरूप, जो सोचा था, जो तय किया, मेरे विधायक दल ने, मुझे नेता प्रतिपक्ष की महती जिम्मेदारी वहन करने का उन्होंने भार सौंपा है. अध्यक्ष महोदय, मेरा पूरा प्रयास यह रहेगा कि मध्यप्रदेश की विधान सभा जो श्रेष्ठ या अच्छी परंपराओं के लिए पूरे देश में विख्यात है, जानी जाती है, उन परंपराओं की हम रक्षा करें, उन परंपराओं पर हम चलें, उनका पोषण करें.
अध्यक्ष महोदय, मैं सदन के नेता को विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि हमारे अपोजिशन की तरफ से रचनात्मक कार्यों के लिए, प्रदेश के विकास के लिए, प्रदेश की समृद्धि के लिए, प्रदेश की शान देश में, दुनिया में, आगे बढ़े, इसके लिए हमेशा उनके साथ मेरा सहयोग रहेगा, यह विश्वास मैं अपने दल की ओर से उनको दिलाना चाहता हूँ.
अध्यक्ष महोदय, सदन के नेता और माननीय मुख्यमंत्री जी तथा मंत्रिमण्डल के सदस्यों से यह भी आग्रह करना चाहता हूँ कि हमारे दल के सदस्यों के द्वारा जो भी प्रश्न इस सदन में दिए जाएँ उनका सही, सकारात्मक, परिणामदायक उत्तर, माननीय मंत्रीगणों के द्वारा दिया जाए ताकि हमारे सदस्यों की शंकाओं का समाधान हो सके. वह प्रश्न, जो प्रदेश के विकास में बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं, जन समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण होते हैं, ऐसे प्रश्नों के उत्तर, यदि समाधानकारक होंगे तो निश्चित रूप से हम लोगों के बीच में सौहार्द्र का वातावरण भी बनेगा और प्रदेश की समस्याओं के निराकरण के लिए हम सभी लोग एक साथ मिलकर, क्योंकि विधान सभा प्रतिबिंब होता है प्रदेश का, हम कैसा आचरण करते हैं, कैसा व्यवहार करते हैं और हमारी विधान सभा किस तरह से चलती है, यह सारा प्रदेश जानता है. मैं पुनः माननीय सदन के नेता का और सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूँ और अध्यक्ष महोदय, मैं अपनी ओर से विश्वास दिलाता हूँ कि जहाँ हमें गड़बड़ी समझ में आएगी वहाँ हम चेताने का काम या फिर जरुरत पड़ेगी तो स्ट्रेच करने का काम हम करेंगे और जहाँ बेहतरी समझ में आएगी हम आपको धन्यवाद देने का काम भी करेंगे. बहुत बहुत धन्यवाद. (मेजों की थपथपाहट)
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- सदन के प्रतिपक्ष के नेता आदरणीय भार्गव जी के चुने जाने पर सदन के नेता आदरणीय कमलनाथ जी ने बधाई दी है. मैं भी सदन की तरफ से उन्हें अपनी ओर से हार्दिक बधाई देता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आप सबके कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश निरन्तर तरक्की करेगा, आप सबका सामंजस्य एक दूसरे के साथ हमेशा बना रहेगा. आप सबको बधाई.
11.20 बजे अध्यक्ष का निर्वाचन
सामयिक अध्यक्ष महोदय--अध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए प्रस्ताव की पांच सूचनाएं दिनांक 7 जनवरी, 2019 को मध्याह्न 12.00 बजे तक प्राप्त हुई हैं:--
(1) संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. गोविन्द सिंह) -- अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूँ कि--
"श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.), जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाय."
पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण मंत्री (श्री आरिफ अकील)--मैं, डॉ. गोविन्द सिंह जी ने जो प्रस्ताव रखा है उस प्रस्ताव का समर्थन करता हूँ.
(2) कुंवर विक्रम सिंह (राजनगर) --अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूँ कि-- "श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.), जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाय."
श्री बैजनाथ कुशवाह (सबलगढ़)--मैं, कुंवर विक्रम सिंह जी द्वारा रखे गए प्रस्ताव का समर्थन करता हूँ.
(3) श्री संजीव सिंह (भिण्ड)--अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करता हूँ कि--
"श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.), जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाय."
श्री राजेश शुक्ला "बब्लू भैय्या" (बिजावर)-- मैं, इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूँ.
(4) विधि और विधायी कार्य मंत्री (श्री पी.सी. शर्मा)-- अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूँ कि--
"श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.), जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाय."
श्री ग्यारसीलाल रावत (सेंधवा)--मैं, इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूँ.
सामयिक अध्यक्ष महोदय--प्रस्ताव प्रस्तुत हुए.
नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, हमारी तरफ से भी अध्यक्ष पद के लिए हमारे वरिष्ठ सदस्य माननीय विजय शाह जी को प्रस्तावित किया गया है. मैं चाहता हूँ कि उनके नाम का भी उल्लेख हो जाए उसके बाद मैं अपनी बात रखूंगा.
सामयिक अध्यक्ष महोदय--यह जो पहले प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ है उसका निराकरण हो जाए उसके बाद आपके प्रस्ताव पर विचार होगा. इस प्रस्ताव के बाद आप अपनी बात रखिए. इस पहले प्रस्ताव पर चर्चा हो जाए उसके बाद आपके प्रस्ताव पर शुरु करेंगे.
डॉ. सीतासरन शर्मा (होशंगाबाद)-- अध्यक्ष महोदय, चर्चा कैसे हो पाएगी, सभी प्रस्ताव प्रस्तुत होंगे तभी तो चर्चा हो पाएगी.
सामयिक अध्यक्ष महोदय--समय-सीमा में पहले उनका प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ है वह क्लियर हो जाए फिर आपके प्रस्ताव पर चर्चा हो जाएगी.
डॉ. सीतासरन शर्मा--जितने प्रस्ताव प्रस्तुत हुए हैं उसमें से आपने चार प्रस्ताव पढ़े, पांचवा प्रस्ताव आपके क्यों नहीं पढ़ा ?
सामयिक अध्यक्ष महोदय--देखिए, नियम के अन्तर्गत पहले जो प्रस्ताव समय पर प्रस्तावित हुआ है उस पर कार्यवाही हो उसके बाद...
डॉ. सीतासरन शर्मा--अध्यक्ष महोदय, ऐसा नियम में कहीं नहीं है. नियम में ऐसा कहीं नहीं है. आपने चार प्रस्ताव पढ़े हैं, पांचवां प्रस्ताव पढ़ा ही नहीं है....(व्यवधान)
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. गोविन्द सिंह) -- अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश विधान सभा के जो "प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम" हैं उसमें नियम-4 में उल्लेख है कि "जो प्रस्ताव प्रस्तुत तथा विधिवत अनुमोदित हो गये हों, वे एक-एक करके उसी क्रम में रखे जायेंगे, जिस क्रम में कि वे प्रस्तुत किये गये हों और यदि आवश्यक हुआ तो विभाजन द्वारा विनिश्चत किये जायेंगे. यदि कोई प्रस्ताव स्वीकृत हो जाए तो पीठासीन व्यक्ति बाद के प्रस्तावों को रखे बिना घोषित करेगा कि स्वीकृत प्रस्ताव में प्रस्थापित सदस्य सभा का अध्यक्ष चुन लिया गया है." जब यह चुनाव नहीं होगा तब दूसरे के नाम पर विचार होगा.
श्री गोपाल भार्गव-- डॉक्टर साहब, एक ही व्यक्ति का नाम दिया गया है. आप जो पढ़ रहे हैं मैं आपकी ही बात कह रहा हूँ. आपके अलग-अलग प्रस्तावकों ने एक ही व्यक्ति के नाम दिए हैं इसलिए एक ही व्यक्ति माना जाएगा.
डॉ. गोविन्द सिंह-- यदि इसका प्रस्ताव पास नहीं हो तब दूसरे पर विचार होगा ऐसा नियमों में उल्लेख है. पूरी तरह से जो संसदीय व्यवस्था है. (व्यवधान)....
डॉ. सीतासरन शर्मा-- आपने जो पढ़ा है मैं उसी को पढ़ रहा हूं. मैं उसी को ध्यान से पढ़ रहा हूं. (व्यवधान)....
डॉ. गोविन्द सिंह-- पहले इस पर विचार हो उसके बाद आगे चलेंगे. (व्यवधान)....
डॉ. सीतासरन शर्मा-- आप मेरी बात सुन लीजिए. जो प्रस्ताव प्रस्तुत तथा विधिवत अनुमोदित हो गए हों वे एक-एक करके उसी क्रम में रखे जाएंगे. आपने चारों प्रस्ताव रखे, पांचवा रखा ही नहीं. जिस क्रम में वे प्रस्तुत किए गए हों. (व्यवधान)....
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- माननीय सदस्य जी के प्रस्ताव पहले प्रस्तुत हुए हैं. संसदीय कार्य मंत्री जी ने जवाब दिया हुआ है और नियमानुसार पहले प्रस्ताव पर ही कार्यवाही होगी. (व्यवधान)....
डॉ. सीतासरन शर्मा--एक-एक क्रम में पहले प्रस्ताव प्रस्तुत हुए हैं. (व्यवधान)....
श्री गोपाल भार्गव-- जब तक दूसरा नाम सामने नहीं आएगा कार्यवाही का प्रश्न ही पैदा नहीं होता है. (व्यवधान)....
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- जो प्रस्ताव पहले रखा गया है पहले उसी पर चर्चा होगी. (व्यवधान)....
डॉ. गोविन्द सिंह-- जब पहला प्रस्ताव ही पास हो जाएगा तो दूसरे पर चर्चा ही नहीं होना है. सदन के नियमों में साफ लिखा है सदन नियमों के तहत ही चलेगा न कि आपके हिसाब से चलेगा. ''यदि कोई प्रस्ताव स्वीकृत हो जाए तो पीठासीन व्यक्ति बाद के प्रस्तावों को रखे बिना घोषित करेगा''. इसमें साफ लिखा है. (व्यवधान)....
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- नियमानुसार पहले प्रस्ताव पर विचार होने के बाद ही..(व्यवधान)...
डॉ. गोविन्द सिंह-- नियम- 7(4) में साफ लिखा है कि दूसरे प्रस्ताव पर विचार नहीं होगा. (व्यवधान)....
श्री गोपाल भार्गव-- आप पांच नहीं दस लोगों को प्रस्तावित कर दें आदमी तो एक ही है अब आदमी का चुनाव किसके खिलाफ होगा, किसका किससे चुनाव होगा इसके लिए तो प्रस्तावित करने दें. (व्यवधान)....
डॉ. गोविन्द सिंह-- जब यह प्रस्ताव पास न हो तब आप दूसरा प्रस्ताव रखें. (व्यवधान)....
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- माननीय सदस्यगण यह चारों प्रस्ताव एक ही उम्मीदवार के हैं और इसलिए प्रस्ताव एक के रूप में रखे गए हैं उसी पर चर्चा होनी है. (व्यवधान)....
डॉ. सीतासरन शर्मा-- कार्यसूची में पांचों प्रस्ताव हैं और आपने पांचवा पढ़ा ही नहीं है. (व्यवधान)....
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- चूंकि चारों प्रस्ताव एक ही उम्मीदवार के संबंध में हैं इसीलिए उसे एक ही साथ रखा गया है. (व्यवधान)....
डॉ. सीतासरन शर्मा-- पांचवा तो रखिए. आप पांचवा कब रखेंगे. (व्यवधान)....
डॉ. गोविन्द सिंह-- अध्यक्ष महोदय, विचार तो तब होगा जब यह प्रस्ताव असफल हो. आप सदन अपने हिसाब से चलाएंगे या नियम, कानून से चलेगा. नियमों में साफ उल्लेख है. (व्यवधान)...
11:28 बजे गर्भगृह में प्रवेश
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में प्रवेश
(भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में प्रवेश किया गया एवं नारे लगाए गए)
सामयिक अध्यक्ष महोदय --प्रश्न यह है कि श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.), जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाय."
जो इस प्रस्ताव के पक्ष में हों , वे कृपया हां कहें,
जो इस प्रस्ताव के विपक्ष में हों, वे कृपया ना कहें.
..(व्यवधान)..
श्री गोपाल भार्गव -- अध्यक्ष महोदय, यह क्या है. यह तो तानाशाही है. यह लोकतंत्र की हत्या है. ..(व्यवधान)..
सामयिक अध्यक्ष महोदय -- श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाये...(व्यवधान).. (गर्भगृह में सदस्यों से) मैं वही जवाब दे रहा हूं. आप जो चाह रहे हैं, मैं वही जवाब दे रहा हूं. जो प्रस्ताव आया है, मैंने उसमें ही कार्यवाही का जवाब दिया है.
..(व्यवधान)..
(गर्भगृह में प्रतिपक्ष के सदस्यों द्वारा नारेबाजी की जाती रही.)
सामयिक अध्यक्ष महोदय -- विधान सभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिये स्थगित की जाती है.
(11:29 बजे विधान सभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित की गई.)
11.47 बजे विधानसभा पुन: समवेत हुई.
{सामयिक अध्यक्ष महोदय (श्री दीपक सक्सेना) पीठासीन हुए.}
गर्भगृह में प्रवेश
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में प्रवेश
(नेता प्रतिपक्ष, श्री गोपाल भार्गव के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में आए.)
डॉ.नरोत्तम मिश्र- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा प्वाईंट ऑफ ऑर्डर है.(...व्यवधान...)
सामयिक अध्यक्ष महोदय- सभी माननीय सदस्यों से मेरा अनुरोध है कि वे अपने-अपने स्थान पर जायें. मैं यहां से व्यवस्था दे रहा हूं उसके बाद वे अपनी बात रखें. (...व्यवधान...)
श्री शिवराज सिंह चौहान (बुधनी)- माननीय अध्यक्ष महोदय, इस सदन में पहले ही दिन लोकतंत्र की हत्या की गई है. संविधान की धज्जियां उड़ाई गई हैं. आपने चार प्रस्ताव रखने की अनुमति दी, पांचवा प्रस्ताव जो कि हमारा था उसे रखने की अनुमति नहीं दी. यह घोर अलोकतांत्रिक कार्य है. यह लोकतंत्र की हत्या है. मध्यप्रदेश की विधानसभा में आज का यह दिन, काला दिन है. हम इसका विरोध करते हैं. (...व्यवधान...)
सामयिक अध्यक्ष महोदय- आप सभी माननीय सदस्यों से निवेदन है कि आप अपने-अपने स्थान पर जायें. (...व्यवधान...)
सामयिक अध्यक्ष महोदय- आप सभी सदस्यों से मेरा पुन: अनुरोध है कि आप अपने स्थान पर बैठें. (...व्यवधान...)
सामयिक अध्यक्ष महोदय- यह अध्यक्ष की कोई तानाशाही नहीं है. यह व्यवस्था है. जो नियम है, उसके तहत मैं व्यवस्था दे रहा हूं. यहां तानाशाही का कोई प्रश्न ही नहीं है. आप सभी से निवेदन है कि आप सदन चलाने में सहयोग करें. मैं नियमों के तहत व्यवस्था दे रहा हूं. (...व्यवधान...)
श्री गिरीश गौतम (देवतालाब)- माननीय अध्यक्ष महोदय, नियमावली में यह लिखा हुआ है कि सारे प्रस्तावों को क्रमानुसार रखा जायेगा. आपने केवल चार प्रस्ताव पढ़ें. पांचवा प्रस्ताव भी सदन में रखा जाना चाहिए था. (...व्यवधान...)
(व्यवधान)
सामयिक अध्यक्ष महोदय:- मेरा माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि जो प्रस्ताव वैध पाये गये हैं, एक-एक कर उसी क्रम में रखे जायेंगे, जिस क्रम में प्रस्तुत किये गये हैं. जो प्रस्ताव नियम में हैं, आपको वही व्यवस्था दे रहा हूं. माननीय सदस्यों से मेरा निवेदन है कि जो व्यवस्था है, वही व्यवस्था मैं आपको दे रहा हूं. (व्यवधान)
माननीय सदस्य, सदन नियम एवं प्रक्रिया से चलता है. विधान सभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 7(4) में स्पष्टत: प्रावधान है कि जो प्रस्ताव वैध पाये गये हैं, वे एक -एक करके उसी क्रम में रख जायेंगे, जिस क्रम में वे प्रस्तुत किये गये हों. यदि आवश्यक हुआ तो विभाजन द्वारा विनिश्चित किये जायेंगे. इसी नियम के परिपालन में मेरे द्वारा प्रथम उम्मीदवार के संबंध में प्रथमत: प्राप्त चारों प्रस्तावों को एक साथ प्रस्तुत कराया गया है, जो कि वस्तुत: एक ही उम्मीदवार का प्रस्ताव है. नियम 7(4) के अनुसार प्रथम क्रम में प्रस्तुत प्रस्ताव का निराकरण सदन में पहले किया जायेगा, तदुपरांत यदि यह प्रस्ताव अमान्य होता है तो अगले प्रस्ताव को विचार में लिया जायेगा. इसी प्रक्रिया का पालन संसद में भी किया जाता है, जिसके अनुसार ही मेरे द्वारा यह कार्यवाही की गई है. इस प्रस्ताव के निराकरण के उपरांत कार्यसूची में उल्लेखित प्रस्ताव क्रमांक (5) यदि आवश्यक हुआ, तो उसे लिया जायेगा.
अत: दोनों पक्षों के माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि वे कार्यवाही में सहयोग प्रदान करें.
(व्यवधान)
श्री गिरीश गौतम:- अध्यक्ष महोदय, पांचवां प्रस्ताव श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा रखा गया था कि कुंवर विजय शाह , जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाय, प्रस्ताव करेंगे. इस प्रस्ताव को भी पढ़ा जाना चाहिये था, इसको आपने नहीं पढ़ा. इससे अलोकतांत्रिक कदम और ज्यादा क्या हो सकता है. (व्यवधान)
सामयिक अध्यक्ष महोदय:- आप मेरी बात नहीं सुनना चाहते हैं तो विधान सभा की कार्यवाही 10 मिनट के पुन: स्थगित की जाती है.
(11.51 बजे विधान सभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिये स्थगित)
12.15 बजे विधान सभा पुनः समवेत हुई
{सामयिक अध्यक्ष महोदय (श्री दीपक सक्सेना) पीठासीन हुए}
(व्यवधान के बीच भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में नारे लगाये गये)
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- मेरा माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि सदन के नेता कुछ बोलना चाह रहे हैं. आप सभी माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि आप सभी अपनी-अपनी सीटों पर जायें. (व्यवधान)
12.16 बजे बहिष्कार
भारतीय जनता पार्टी के सदस्यगण द्वारा सदन की कार्यवाही का बहिष्कार
श्री शिवराज सिंह चौहान(बुधनी)--माननीय अध्यक्ष महोदय, एक वरिष्ठ आदिवासी नेता का नाम विधान सभा अध्यक्ष के लिये यहां प्रस्तावित तक नहीं करने दिया गया यह आदिवासियों का अपमान है, यह लोकतंत्र का अपमान है, यह सदन का अपमान है, इसीलिये माननीय अध्यक्ष महोदय हम सदन का बहिष्कार करते हैं. (व्यवधान)
( नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के समस्त सदस्यगण द्वारा सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया गया.)
सामयिक अध्यक्ष महोदय - मेरा आप सभी से निवेदन है कि आप अपनी अपनी सीट पर जाएं.
लोक निर्माण मंत्री (श्री सज्जन सिंह वर्मा)--माननीय अध्यक्ष महोदय, आदिवासी को आप नेता प्रतिपक्ष बनाते तो हम समझते कि आप लोग आदिवासी का सम्मान कर रहे हो. आदिवासी को नेता प्रतिपक्ष बनाना था तब आप यह बात करते.
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ.गोविन्द सिंह)--माननीय अध्यक्ष महोदय, हम पूरे सदन से, माननीय सदन के नेता विपक्ष से कहना चाहते हैं कि आप लोगों द्वारा जो पांचवा प्रस्ताव प्रस्तुत किया है उस पर भी हम तैयार हैं और हमारे द्वारा जो प्रस्ताव प्रस्तुत किया है उस पर वोटिंग कराकर भी आप डिवीजन मांग सकते हैं. हम वोट डलवाने के लिये भी तैयार हैं. आपका जो प्रस्ताव है उसको भी सदन में रखने के लिये हम सहमत हैं. हमने माननीय नेता प्रतिपक्ष एवं माननीय शिवराज सिंह चौहान जी से अनुरोध किया है, परन्तु वह नहीं चाहते. उनका बहुमत नहीं हैं इसलिये जान-बूझकर हमारे द्वारा दो, तीन बार अनुरोध करने के बाद अनेक बार उनसे निवेदन करने के बाद, चार बार उनसे चर्चा की गई कि आप डिवीजन मांग लीजिये हम उसके लिये भी तैयार हैं, आपका प्रस्ताव भी रखा जायेगा. हम सहमत हैं कि विपक्ष के प्रस्ताव को भी रखवायें और फिर वे चाहें डिवीजन मांगे. मैं उनसे दो बार व्यक्तिगत मिला भी, पूर्व माननीय अध्यक्ष से भी मिला कि हम लोग इसके लिये तैयार हैं. वह लोग समझ गये हैं कि उनका बहुमत नहीं हैं इसलिये वे सदन नहीं चलाने देना चाहते हैं. अपनी कमजोरी छिपाने के लिये वह सदन का बहिष्कार कर गये हैं. हम अभी भी कहना चाहते हैं कि माननीय नेता प्रतिपक्ष पुनः सदन में आकर अपनी बात करें तथा अपना प्रस्ताव रखें हम वोटिंग के लिये तैयार हैं, हर काम के लिये तैयार हैं.
मुख्यमंत्री (श्री कमलनाथ)--माननीय अध्यक्ष महोदय, इस बात का मुझे बड़ा दुःख है कि पहले दिन इस प्रकार का व्यवहार हम सबने देखा. बहुत सारे हमारे नये सदस्य चुनकर आये हैं इस तरफ के तथा उस तरफ के और इस प्रकार का उदाहरण बने यह हमारे सदन की गरिमा के विपरीत है. नियम हैं, परम्पराएं हैं, नियम का पालन करना हम सबका कर्तव्य बनता है. आपने फैसला किया, जो भी आपका फैसला था आपका अधिकार था मैं तो खड़ा हुआ था आपसे निवेदन करने कि आप अपने विवेक के अनुसार जो तय करें हमें मंजूर है. पर एक बात स्पष्ट थी कि यह सुबह से जानते थे कि इनके पास बहुमत नहीं है. पिछले पन्द्रह दिनों से रोज आरोप लगा रहे थे कि अल्पमत की सरकार है. हम तो साबित करना चाहते थे कि यह बहुमत की सरकार है. इस प्रकार की रणनीति बनायें, जो हमारे सदन को शोभा न दे. यह बड़े दुःख की बात है. मैं आपसे निवेदन करता हूं कि जो नियम के अनुसार स्पीकर के निर्वाचन की कार्यवाही है आप उसका पालन करें और उसकी शुरूआत करें.
सामयिक अध्यक्ष महोदय - प्रश्न यह है कि
''श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.) जो इस विधान सभा के सदस्य हैं, को विधान सभा का अध्यक्ष चुना जाए.''
जो सदस्य इस प्रस्ताव के पक्ष हैं, वे कृपया हां कहे.
जो इस प्रस्ताव के विपक्ष में हैं, वे कृपया न कहें.
हां की जीत हुई.
श्री संजीव सिंह 'संजू' (भिंड)- माननीय अध्यक्ष महोदय, डिवीजन कराया जाए. हम चाहते हैं कि इसका डिवीजन कराया जाए, मत विभाजन कराया जाए कि कौन किसके पक्ष में हैं?
सामयिक अध्यक्ष महोदय - अध्यक्ष के निर्वाचन में विपक्ष दल द्वारा बहिर्गमन किया गया है, किन्तु स्वस्थ संसदीय परम्परा बनाए रखने के लिए मैंने विहित प्रक्रिया का अनुसरण करना उचित समझा है. अत: अब मैं आगे की प्रक्रिया प्रारंभ करता हूं, निर्णय मत विभाजन द्वारा किया जाएगा. (मेजों की थपथपाहट......)
(डिवीजन के लिए घंटी बजती रही.)
सामयिक अध्यक्ष महोदय - माननीय सदस्यगण अपनी जगह पर आ जाएं. इस प्रस्ताव पर मत विभाजन हेतु यह प्रक्रिया रहेगी. जो माननीय सदस्य इस प्रस्ताव के पक्ष में हों, वे कृपया मेरे दाहिने ओर की लॉबी पर मतदान करेंगे एवं जो माननीय सदस्य इस प्रस्ताव के विपक्ष में हों, वे कृपया मेरी बांयी ओर की लॉबी में जाकर मतदान करेंगे.
''हां'' पक्ष
1. श्री बाबू जन्डेल
2. श्री बैजनाथ कुशवाह
3. श्री बनवारीलाल शर्मा (जापथाप)
4. श्री एदल सिंह कंषाना
5. श्री रघुराज सिंह कंषाना
6. श्री गिर्राज डण्डौतिया
7. श्री कमलेश जाटव
8. श्री संजीव सिंह ''संजू''
9. डॉ गोविन्द सिंह
10. श्री ओपीएस भदौरिया
11. श्री रणवीर जाटव
12. श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर
13. श्री मुन्ना लाल गोयल (मुन्ना भैया)
14. श्री प्रवीण पाठक
15. श्री लाखन सिंह यादव
16. श्रीमती इमरती देवी
17. श्री घनश्याम सिंह
18. श्रीमती रक्षा संतराम सरौनिया
19. श्री जसमंत जाटव छितरी
20. श्री सुरेश धाकड़ (राठखेड़ा)
21. श्री केपीसिंह ''कक्काजू''
22. श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया)
23. श्री लक्ष्मण सिंह
24. श्री जयवर्द्धन सिंह
25. श्री जजपाल सिंह ''जज्जी''
26. श्री गोपाल सिंह चौहान (डग्गीराजा)
27. श्री बृजेन्द्र सिंह यादव
28. श्री गोविन्द सिंह राजपूत
29. श्री हर्ष यादव
30. श्री तरबर सिंह (बन्टू भैया)
31. श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर
32. श्री नीरज विनोद दीक्षित
33. कुंवर विक्रम सिंह(नातीराजा)
34. श्री आलोक चतुर्वेदी(पज्जन भैया)
35. श्री राजेश शुक्ला(बब्लू भैया)
36. कुंवर प्रद्युम्न सिंह लोधी(मुन्ना भैया)
37. श्रीमती रामबाई गोविन्द सिंह
38. श्री राहुल सिंह
39. श्री शिवदयाल बागरी
40. श्री नीलांशु चतुर्वेदी
41. श्री डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा
42. श्री कमलेश्वर इंद्रजीत कुमार
43. श्री सुनील सराफ
44. श्री बिसाहुलाल सिंह
45. श्री फुन्देलाल सिंह मार्को
46. श्री विजयराघवेन्द्र सिंह(बसंत सिंह)
47. श्री संजय यादव(सिवनी टोला)
48. श्री लखन घनघोरिया
49. श्री विनय सक्सेना
50. श्री तरूण भनोत
51. श्री भूपेन्द्र मरावी (बब्लू)
52. श्री ओमकार सिंह मरकाम
53. श्री नारायण सिंह पट्टा
54. डॉ अशोक मर्सकोले
55. श्री संजय उइके
56. सुश्री हिना लिखीराम कावरे
57. श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल(गुड्डा)
58. श्री टामलाल रघुजी सहारे
59. श्री अर्जुन सिंह
60. श्री योगेन्द्र सिंह ''बाबा''
61. श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति(एनपी)
62. श्री संजय शर्मा '' मुन्ना भैया''
63. श्रीमती सुनीता पटैल
64. श्री सुनील उईके
65. श्री कमलेश प्रताप सिंह
66. चौधरी सुजीत मेर सिंह
67. श्री विजय रेवनाथ चोरे
68. श्री सोहनलाल बाल्मीकि
69. श्री निलेश पुसाराम उईके
70. श्री सुखदेव पांसे
71. श्री निलय विनोद डागा
72. श्री ब्रह्मा भलावी
73. श्री धरमूसिंह सिरसाम
74. श्री देवेन्द्र सिंह पटेल
75. डॉ प्रभुराम चौधरी
76. श्री शशांक श्री कृष्ण भार्गव
77. श्री आरिफ अकील
78. श्री पीसी शर्मा
79. श्री आरिफ मसूद
80. श्री गोवर्धन दांगी
81. श्री बापूसिंह तवंर
82. श्री प्रियव्रत सिंह
83. श्री विक्रम सिंह राणा (गुड्डू भैया)
84. श्री हुकुम सिंह कराड़ा
85. श्री कुणाल चौधरी
86. श्री सज्जन सिंह वर्मा
87. श्री मनोज नारायण सिंह चौधरी
88. श्री नारायण पटेल
89. श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर
90. ठाकुर सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह ''शेरा भैया''
91. श्रीमती झूमा डॉ ध्यान सिंह सोलंकी
92. श्री सचिन बिरला
93. डॉ विजय लक्ष्मी साधौ
94. श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव
95. श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी
96. श्री केदार चिड़ाभाई डावर
97. श्री ग्यारसी लाल रावत
98. श्री बाला बच्चन
99. सुश्री चन्द्रभागा किराड़े
100. श्री मुकेश रावत (पटेल)
101. सुश्री कलावती भूरिया
102. श्री वीरसिंह भूरिया
103. श्री वालसिंह मैड़ा
104. श्री प्रताप ग्रेवाल
105. श्री उमंग सिंघार
106. श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल
107. डॉ हिरालाल अलावा
108. श्री पांचीलाल मेड़ा
109. श्री राजवर्द्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव
110. श्री विशाल जगदीश पटेल
111. श्री संजय शुक्ला
112. श्री जितू पटवारी
113. श्री तुलसी राम सिलावट
114. श्री दिलीप सिंह गुर्जर
115. श्री महेश परमार
116. श्री रामलाल मालवीय
117. श्री मुरली मोरवाल
118. श्री हर्ष विजय गेहलोत ''गुड्डू''
119. श्री मनोज चावला
120. श्री हरदीप सिंह डंग
सामयिक अध्यक्ष महोदय-- अब मैं, मत विभाजन का परिणाम आपके सामने पढ़ रहा हूं. प्रस्ताव के पक्ष में 120 मत तथा प्रस्ताव के विपक्ष में कोई मत नहीं पड़े है.(मेजों की थपथपाहट)चूंकि प्रस्ताव के पक्ष में सदन की सदस्य संख्या के आधे से अधिक मत पड़े हैं.
प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.
(मेजों की थपथपाहट)
चूंकि उपर्युक्त प्रस्ताव सदन द्वारा स्वीकृत किया जा चुका है. अत: मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियम 7 के उपनियम (4) के प्रावधान के अनुसार आज की दैनिक कार्यसूची के पद 2(5) में अंकित प्रस्ताव सदन में नहीं लिया जाना है.
अतएव, श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति(एन.पी.) विधानसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुये. मैं उन्हें बधाई देता हूं तथा अध्यक्ष पद पर आसीन होने के लिये आमंत्रित करता हूं.
(सदन के नेता श्री कमलनाथ, संसदीय कार्य मंत्री डॉ.गोविंद सिंह, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री श्री पी.सी.शर्मा एवं अन्य सदस्यगण द्वारा "श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति" को अध्यक्षीय पीठ पर आसीन करने के लिये ले जाया गया.)
सामयिक अध्यक्ष महोदय- पूर्ण बहुमत के साथ उन्हें 120 मत मिले हैं. मैं अपनी ओर से सदन की ओर से उन्हें बधाई देता हूं.
12.40 बजे (अध्यक्ष महोदय (श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति ) पीठासीन हुये )
(मेजों की थपथपाहट)
मंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी (श्री सुखदेव पांसे)--शत-शत अभिनंदन और माननीय अध्यक्ष महोदय श्री एन.पी.प्रजापति जी को बहुत बहुत बधाई. सत्य की जीत हुई. बहुमत की जीत हुई.
मुख्यमंत्री (श्री कमलनाथ) - माननीय अध्यक्ष जी, मैं अपनी ओर से और सदन के नेता होने से आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं. मुझे खुशी है कि आप जैसे अध्यक्ष पंद्रहवीं विधान सभा में चुने गये हैं. मुझे और भी खुशी होती अगर विरोधी दल सर्वसहमति से आपको चुनते. मुझे पूरा विश्वास है कि अगले पांच साल इस सदन की गरिमा बनी रहेगी. जब पहली विधान सभा मध्यप्रदेश की थी और पिछले दस साल में जो दो विधान सभा हुईं. समय बदला है,लोगों की आशाएं बनी हैं. लोगों की आकांक्षाएं बनी हैं. बहुत परिवर्तन हुआ है और मुझे खुशी है कि आप जैसे अध्यक्ष उस कुर्सी पर बैठे हैं, जो यह परिवर्तन आप पहचानते हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि अपने देश की विधान सभाओं में मध्यप्रदेश की विधान सभा उदाहरण बनेगी. दूसरे प्रदेश की विधान सभाओं को मध्यप्रदेश दिशा देगा. आज हम सबका एक लक्ष्य है कि कैसे मध्यप्रदेश में विकास का नया इतिहास बनाएं. आज आशाएं,अपेक्षाएं हमारे किसानों की, हमारे नौजवानों की, हमारे सबसे कमजोर वर्ग की, मजदूरों की, छोटे-छोटे व्यापारियों की, जो आशाएं हैं. जिस विश्वास के साथ उन्होंने सब सदस्यों को, इस तरफ के हों या उस तरफ के हों, उन्होंने हमें यहां भेजा है. हम उसमें खरे उतरें. मैं आपको यही आश्वासन देता हूं अपने दल की ओर से और सदन की ओर से मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि हम आपके सहयोगी बने रहें और जो हमारी गरिमा है इस सदन की, आप इसके रक्षक बने रहें.
श्री संजीव सिंह 'संजू' (भिण्ड) - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं सबसे पहले आपको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं देना चाहता हूं कि आप जैसे अनुभवी व्यक्ति हम जैसे नये सदस्यों के लिए एक मार्गदर्शन देने का काम करेंगे और आपके मार्गदर्शन में हम लोग मध्यप्रदेश को एक नयी दिशा में ले जाने का प्रयास करेंगे.
मैं अभी देख रहा था, चूंकि मैं पहली बार सदन में आया हूं, यह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य चिल्ला रहे थे कि आए और पहले से कब्जा कर लिया, आपने तो सदन को कैप्चर कर लिया तो मैं कहना चाहता हूं कि कब्जा तो खाली हुआ है 15 साल का, जो इन्होंने 15 साल से कब्जा करके रखा था. (मेजों की थपथपाहट)..अब सदन आजाद हुआ है और इनको आदत नहीं है यहां पर बैठने की, इसलिए इनको चिल्लाने की भी आदत डालनी पड़ेगी क्योंकि गला जाम हो गया था. माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देना चाहता हूं, बधाई देना चाहता हूं आपका मार्गदर्शन हम लोगों को इसी तरह से मिलता रहे और इस प्रदेश के विकास में हम नये-नये आयाम तय करें, बहुत-बहुत धन्यवाद. (मेजों की थपथपाहट)..
श्री राजेश कुमार शुक्ला 'बब्लू भैया' (बिजावर)- परम सम्माननीय अध्यक्ष महोदय, मिलनसार व्यक्तित्व के धनी परम आदरणीय प्रजापति जी को मेरी और समाजवादी पार्टी की ओर से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. हम लोग भी पहली बार आए हैं, हमें आशा ही नहीं पूरा विश्वास है कि आप सबका मार्गदर्शन हम सभी को मिलता रहेगा. माननीय अध्यक्ष महोदय, पुनः मेरी ओर से और समाजवादी पार्टी की ओर से आपको बहुत बहुत बधाई, धन्यवाद. (मेजों की थपथपाहट)..
श्री विक्रम सिंह राणा 'गुड्डू भैया' (सुसनेर) - माननीय अध्यक्ष महोदय जी को अध्यक्ष महोदय के पद पर निर्वाचित होने पर मेरी ओर से बहुत सारी शुभकामनाएं और हार्दिक-हार्दिक बधाई. (मेजों की थपथपाहट)..
ठाकुर श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह 'शेरा भैया' (बुरहानपुर) - सम्माननीय नवनिर्वाचित अध्यक्ष महोदय को मैं अपनी ओर से, अपनी जनता की ओर से बहुत बहुत बधाई देता हूं और सदन के नेता को इसलिए बधाई देना चाहता हूं कि आज आपने ऐसे शानदार जानदार व्यक्तित्व को सदन के अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया है और हम सभी ने उनको निर्वाचित किया है. आपको भी मैं उसके लिए शुभकामनाएं एवं बधाई देता हूं. आपके जो सपने हैं और जो काम करने का जो तरीका है, मध्यप्रदेश को विकास की राह पर ले जाने की जो बात है. हम सब ताकत के साथ आपके साथ हैं. आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे और मध्यप्रदेश को सुदृढ़ प्रदेश बनाएंगे. धन्यवाद. (मेजों की थपथपाहट)..
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. गोविन्द सिंह) - माननीय अध्यक्ष महोदय, आपका जो कार्यकाल रहा है. आपका शहडोल जिले में 12 सितम्बर, 1958 को जन्म हुआ है, उसके बाद से लगातार आपकी छात्र जीवन में, इंदौर के डेली कॉलेज में खेल गतिविधियां रही हैं. आप छात्रसंघों के अनेक पदों पर चुनाव में निर्वाचित हुए. आप कबड्डी और हॉकी के भी बहुत अच्छे खिलाड़ी रहे और हॉकी के केप्टन भी रहे हैं. अध्यापन में एलएलबी ऑनर्स से पास की, उसके बाद आपने गोटेगांव विधान सभा क्षेत्र को अपना कार्यक्षेत्र बनाया है. आपने परम पूज्य गुरू महाराज शंकराचार्य जी से आशीर्वाद लेकर अपनी राजनीति में गरिमा, प्रतिष्ठा बनाई है, उनके सिखाए हुए आचरण पर लगातार चलते हुए जनता की सेवा करते रहे हैं . आप पूर्व में जब मंत्रिमंडल में थे, उस समय भी आपको उत्कृष्ट मंत्री के रूप में सदन से सम्मानित किया जा चुका है. (मेजों की थपथपाहट)..
माननीय अध्यक्ष महोदय, आप एक ही विधान सभा क्षेत्र से चौथी बार निर्वाचित होकर आए हैं . आपका जैसा सौम्य व्यवहार है, सबके साथ सामंजस्य बनाकर काम करने की जो आपकी क्षमता है, हमें उम्मीद है कि आपके नेतृत्व में समूचा सदन, विपक्ष भी आपकी कार्यशैली से प्रभावित होंगे और आपके मार्गदर्शन में सदन की जो गरिमा बनी हुई है, मध्यप्रदेश के इतिहास में उस गरिमा में चार चांद लगेंगे. इसी के साथ मैं पुनः आपको बहुत बहुत बधाई और शुभकामना देता हूं कि आपके नेतृत्व में यह सदन पूरे पांच साल सुचारु रुप से, गंभीरता के साथ, सभी को साथ लेकर और नियम- प्रक्रियाओं के तहत चलेगा. सदन की मर्यादा के अनुसार अपनी बात रखने का आप हम लोगों का संरक्षण करेंगे. हम आपसे पूरी उम्मीद भी लगाते हैं और हमें उम्मीद है कि आपका विपक्ष के साथ भी पूरा सौहार्द्रपूर्ण बर्ताव रहेगा. प्रजातंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों होते हैं. हम चाहते हैं कि विपक्ष अपनी बात कहे. हम उनकी बात सम्मान से अगर नियम-कायदों के तहत होगी, तो मानने को तैयार हैं, लेकिन उनका रवैया गैर- प्रजातांत्रिक है. उनको ट्रेनिंग जहां से दी गई है, उनकी एकमात्र सोच है, तानाशाही एवं मनमानी प्रवृत्ति से चलाने की है और उसी के तहत आज मुझे बड़ा खेद है, हमने आज सदन में दो बार नेता प्रतिपक्ष, माननीय गोपाल भार्गव जी एवं पूर्व मुख्यमंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान जी से निवेदन किया कि आप जो चाहते हैं, हम आपकी मांग स्वीकार करते हैं, आप सदन में रहें और सदन की मर्यादा के तहत प्रजातंत्र में विश्वास करते हुए मतदान करायें. परन्तु उन्होंने सुबह से ही अपनी रणनीति बना ली थी, इसलिये मुझे आज सुबह प्रेस को भी 10.15 बजे संबोधित करना पड़ा. उनकी रणनीति इस प्रकार की है और वही उन्होंने काम किया. वह नहीं चाहते हैं कि प्रदेश का विकास हो. हम लोगों को जनता ने जो जनादेश दिया है, उसका सम्मान करते हुए ईमानदारी के साथ माननीय मुख्यमंत्री, श्री कमलनाथ जी के नेतृत्व में जो मान-मर्यादाएं,ईमानदारी, निष्ठा हमारी रहेगी. हम प्रदेश में ऐसा कोई काम नहीं करना चाहते, जो जनता के लिये कोई अरुचि का काम हो. जो वायदे किये हैं, उन पर भी अमल हो रहा है. मैं आपको पुनः सदन की ओर से, अपनी ओर से और पार्टी की ओर से बहुत बहुत बधाई एवं धन्यवाद देता हूं और आपका सभी को संरक्षण मिले, इस आशा के साथ उम्मीद करता हूं. बहुत बहुत बधाई, धन्यवाद.
(मेजों की थपथपाहट)
अध्यक्ष महोदय (श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.) -- सदन के सम्मानीय नेता, समवेत सदन, सम्मानीय सदस्यगण, मीडिया के माध्यम से मैं आज सर्वप्रथम नये वर्ष की शुभकामनाएं पूरे प्रदेश को प्रेषित करता हूं. (मेजों की थपथपाहट) माननीय मुख्यमंत्री जी एवं समवेत सदस्यगण, मैं हृदय से आप लोगों का आभारी हूं कि आप लोगों ने अपना स्नेह, अपना आशीर्वाद प्रदान करके लोकतंत्र के मंदिर में इस आसन तक मुझे पहुंचाया है, सदैव मैं आप लोगों का आभारी हूं. मैं तो चाहता हूं, एक परम्परा रही है इस सदन की,राजेन्द्र शुक्ल जी हुए, श्रीनिवास तिवारी जी हुए,रोहाणी जी हो गये,लम्बे समय तक सदन में रहे. लेकिन इन लोगों ने कभी चुनाव जीतकर, अध्यक्ष नहीं बने थे. 52 साल बाद इस सदन में चुनाव की प्रक्रिया हुई और आप लोगों ने मुझे इस लायक समझा और चुनकर यहां बिठाला है. (मेजों की थपथपाहट) 1985 से लेकर अभी तक के तीनों माननीय अध्यक्षगण के अनुभव हम कई यहां सदस्य बैठे हैं, हम सबको अनुभव है उनका. 1985 का वह बैच राजीव जी के आशीर्वाद से आया था, वह बैच आज सीनियर हो गया है सज्जन जी. हम लोग अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं. यह सदन बिना हंगामे से चलेगा. लोकतंत्र और तंत्र की नीतियों को विधिवत हम यहां चर्चा में लायें. हर क्षण, हर घण्टा, हर महीना हम जानते हैं कि बहुत बहुमूल्य है और हम गौरवान्वित हैं कि हमें इस सदन में ऐसे नेता मिले हैं, जो भारत सरकार में अनुभवी मंत्री रहे हैं. (मेजों की थपथपाहट) आज मुख्यमंत्री बनकर हमारे सदन की शोभा बढ़ा रहे हैं. उनके अनुभव से हम चाहते हैं कि इस प्रदेश का सर्वांगीण विकास अच्छे तरीके से, सुनियोजित तरीके से सबके सहयोग से कैसे हो, हम सबकी पूरी आशाएँ आदरणीय सदन के नेता के ऊपर हैं.
मैं अभिभूत हूँ कि सनातन धर्मध्वजा, जो दो पीठ के शंकराचार्य जी लेकर चल रहे हैं, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी, मैं उनका शिष्य हूँ. मुझे गर्व है कि ऐसा हिन्दू जो अनुसूचित जाति का है, और उनके आशीर्वाद से इस मुकाम तक आया है, निश्चित रूप से गुरुदेव का यह आशीर्वाद मुझे बड़ा काम आया है.
सदन अच्छा चले. नए विधायकों के लिए प्रबोधन कार्य अतिशीघ्र कराया जाएगा. प्रबोधन कार्य में जो पहली बार विधायक बने हैं, आप लोगों से प्रार्थना है कि समय निकालिए. हमारे बीच में ऐसे अनुभवी भी हैं, अध्यक्षीय दीर्घा में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी बैठे हुए हैं, उनसे भी मेरा अनुरोध है, पचौरी जी से भी अनुरोध है कि आप लोग उस प्रबोधन कार्य में आएं और हमारे विधायकों को उन सब नियम प्रक्रियाओं की आप लोग तौर-तरीके बताएं ताकि आने वाला भविष्य अच्छा हो. यह प्रजातंत्र का मंदिर जो हमारे नेता चाहते हैं कि देश और विदेश में मध्यप्रदेश की विधान सभा का नाम गौरवान्वित हो, उसके लिए हमें ये सब प्रयास करने पड़ेंगे.
मैं अभिभूत हूँ, मेरा परिवार तो जरूर आया है, लेकिन मेरे बचपन का मित्र, छठवीं कक्षा से जिसके साथ हमने हॉकी खेलनी शुरू की, जो भारतीय टीम में भी समाहित रहा, गोल कीपर रहा, कस्टम से रिटायर हुआ, चक दे इंडिया जिसके नाम पर फिल्म बनी, मीर रंजन नेगी भी आज मेरी इस शपथ में शामिल है, मैं अभिभूत हूँ.
साथियों,
विधाता की अदालत में वकालत बड़ी प्यारी है,
खामोश रहिए, कर्म कीजिए, सभी का मुकदमा जारी है,
आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद.
माननीय सदस्यगण, आप सभी के लिए भोजन की व्यवस्था लॉबी में नियत की गई है, आप सभी भोजन के लिए सादर आमंत्रित हैं.
सदन की कार्यवाही अपराह्न 3.00 बजे तक के लिए स्थगित.
(1.03 बजे से 3.00 बजे तक अंतराल)
3.05 बजे
{अध्यक्ष महोदय (श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.) पीठासीन हुए}
अध्यक्ष महोदय -- अब, सदन माननीय राज्यपाल महोदया के आगमन की प्रतीक्षा करेगा.
(सदन द्वारा माननीय राज्यपाल महोदया के आगमन की प्रतीक्षा की गई.)
3.16 बजे
(माननीय राज्यपाल महोदया का सदन में चल समारोह के साथ आगमन हुआ)
3.17 बजे माननीय राज्यपाल महोदया का अभिभाषण
राज्यपाल महोदया (श्रीमती आनंदीबेन पटेल) -
(मेजों की थपथपाहट)
नींव जनता के सामने रखने के लिए सबका साथ सबका
विकास का मंत्र लेकर चलना पड़ेगा.
जय-हिन्द-धन्यवाद.
(मेजों की थपथपाहट)
(राज्यपाल महोदया द्वारा अभिभाषण के पश्चात् अपराह्न 3.28 बजे
चल समारोह के साथ सभा भवन से प्रस्थान किया गया.)
3.35 बजे
{अध्यक्ष महोदय (श्री नर्मदा प्रसाद प्रसाद प्रजापति) (एन.पी.) पीठासीन हुए.}
राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव की प्रस्तुति
सुश्री हिना लिखाराम कांवरे (लांजी)--अध्यक्ष महोदय, मैं प्रस्ताव करती हूँ कि :--
"राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया, उसके लिए मध्यप्रदेश की विधान सभा के इस सत्र के समवेत सदस्यगण अत्यंत कृतज्ञ हैं."
श्री घनश्याम सिंह (सेंवढ़ा)--अध्यक्ष महोदय, मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूँ.
अध्यक्ष महोदय--प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि--
"राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया, उसके लिए मध्यप्रदेश की विधान सभा के इस सत्र में समवेत सदस्यगण अत्यंत कृतज्ञ हैं."
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए मैं दिनांक 10 एवं 11 जनवरी, 2019 नियत करता हूँ.
जो माननीय सदस्य कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव में संशोधन देना चाहते हों, वे आज दिनांक 8 जनवरी, 2019 की सायंकाल 5.00 बजे तक विधान सभा सचिवालय में दे सकते हैं.
3.36 बजे कार्यमंत्रणा समिति की घोषणा
अध्यक्ष महोदय-- मैं, मध्यप्रदेश विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन संबंधी नियमावली के नियम 203 (1) के अधीन कार्य मंत्रणा समिति के लिए निम्नलिखित सदस्यों को वर्ष 2019-2020 की अवधि में सेवा करने के लिए नाम-निर्दिष्ट करता हूँ :--
1. श्री कमलनाथ, माननीय मुख्यमंत्री
2. श्री गोपाल भार्गव, माननीय नेता प्रतिपक्ष
3. डॉ. गोविन्द सिंह, माननीय संसदीय कार्य मंत्री
4. डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, माननीय संस्कृति मंत्री
5. श्री बाला बच्चन, माननीय गृह मंत्री
6. श्री तुलसीराम सिलावट, माननीय लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री
7. श्री शिवराज सिंह चौहान, माननीय सदस्य
8. श्री के.पी. सिंह "कक्काजू" माननीय सदस्य
9. श्री बिसाहूलाल सिंह, माननीय सदस्य
10. डॉ. नरोत्तम मिश्र, माननीय सदस्य
11. श्री भूपेन्द्र सिंह, माननीय सदस्य
12. श्री विश्वास सारंग, माननीय सदस्य
13. श्री यशपाल सिंह सिसोदिया, माननीय सदस्य
14. श्री संजीव सिंह, माननीय सदस्य
माननीय अध्यक्ष, विधान सभा इस समिति के पदेन सभापति होंगे.
3.38 बजे वर्ष 2018-2019 के द्वितीय अनुपूरक अनुमान का उपस्थापन
वित्त मंत्री (श्री तरुण भनोत)-- अध्यक्ष महोदय, मैं, राज्यपाल महोदया के निर्देशानुसार वर्ष 2018-2019 के द्वितीय अनुपूरक अनुमान का उपस्थापन करता हूँ.
अध्यक्ष महोदय--मैं, इस द्वितीय अनुपूरक अनुमान पर चर्चा और मतदान के लिए दिनांक 10 जनवरी, 2019 को 2 घण्टे का समय नियत करता हूँ.
विधान सभा की कार्यवाही बुधवार दिनांक 9 जनवरी, 2019 को प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्थगित.
अपराह्न 3.39 बजे विधान सभा की कार्यवाही बुधवार, दिनांक 9 जनवरी, 2019 (19, पौष, शक संवत् 1940) के प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्थगित की गई.
भोपाल
दिनांक 8 जनवरी, 2019 अवधेश प्रताप सिंह
प्रमुख सचिव
मध्यप्रदेश विधान सभा