मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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चतुर्दश विधान सभा नवम् सत्र
दिसम्बर, 2015 सत्र
सोमवार, दिनांक 7 दिसम्बर, 2015
(16 अग्रहायण, शक संवत् 1937 )
[खण्ड- 9 ] [अंक- 1 ]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
सोमवार, दिनांक 7 दिसम्बर, 2015
(16 अग्रहायण, शक संवत् 1937 )
विधान सभा पूर्वाह्न 10.34 बजे समवेत हुई.
{ अध्यक्ष महोदय ( डॉ सीतासरन शर्मा ) पीठासीन हुए.}
राष्ट्रगीत” वन्देमातरम्” का समूह गान.
अध्यक्ष महोदय – अब, राष्ट्रगीत वन्देमातरम् होगा. सदस्यों से अनुरोध है कि वे कृपया अपने स्थान पर खड़े जाए.
( सदन में राष्ट्रगीत “ वन्देमातरम् “ का समूह गान किया गया. )
शपथ.
श्रीमती गायत्री राजे पवार, 171 – देवास
अध्यक्ष महोदय – उप चुनाव में निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 171 – देवास से निर्वाचित सदस्य, श्रीमती गायत्री राजे पवार शपथ लेंगी, सदस्यों की नामावली में हस्ताक्षर करेंगी और सभा में अपना स्थान ग्रहण करेंगी.
श्रीमती गायत्री राजे पवार ( शपथ ) -- 171 -- देवास
10.35 बजे निधन का उल्लेख
(1) डॉ.अवधेश प्रताप सिंह, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(2) श्री गंगूराम बघेल, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा,
(3) श्री अशोक सिंघल, विश्व हिन्दू परिषद के नेता.
अध्यक्ष महोदय--मुझे सदन को सूचित करते हुए अत्यन्त दुख हो रहा है कि मध्यप्रदेश विधान सभा के भूतपूर्व सदस्यगण डॉ.अवधेश प्रताप सिंह का 19 नवम्बर, श्री गंगूराम बघेल का 02 दिसम्बर तथा विश्व हिन्दू परिषद के नेता श्री अशोक सिंघल का 17 नवम्बर,2015 को निधन हो गया है.
डॉ.अवधेश प्रताप सिंह का जन्म 05 नवम्बर, 1933 को अकलतरा, बिलासपुर में हुआ था. आपने इक्कीस वर्ष चिकित्सक के रूप में शासकीय सेवा की. आप, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आजीवन सदस्य तथा रेडक्रास सोसायटी के उपाध्यक्ष एवं सचिव रहे. मानवता की उत्कृष्ट सेवा हेतु आपको 1988 में मुख्यमंत्री तथा 1994 में राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया था. श्री सिंह ने प्रदेश की ग्यारहवीं विधान सभा में इंडियन नेशनल कांग्रेस की ओर से मुड़वारा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.
आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.
श्री गंगूराम बघेल का जन्म 20 फरवरी, 1946 को ग्राम गांजर, जिला –महासमुंद (छत्तीसगढ़) में हुआ था. श्री बघेल 1975 से 1989 तक भारतीय मजदूर संघ के सीमेन्ट एवं खदान कामगार संघ के उपाध्यक्ष रहे. श्री बघेल ने मध्यप्रदेश विधान सभा में नवमीं, दसवीं तथा ग्यारहवीं एवं छत्तीसगढ़ की पहली विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आरंग क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था. आप 2002-2003 में छत्तीसगढ़ शासन में राज्य मंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग रहे.
आपके निधन से प्रदेश ने एक कर्मठ समाजसेवी एवं लोकप्रिय नेता खो दिया है.
श्री अशोक सिंघल का जन्म 15 सितम्बर, 1926 को आगरा में हुआ था.
श्री सिंघल 1942 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क में आये और उसके प्रचारक बने. आप 1981 में विश्व हिन्दू परिषद के संयुक्त महासचिव,1984 में महासचिव तथा 1991 से 2011 तक कार्यकारी अध्यक्ष रहे.
आपके निधन से देश ने एक कुशल संगठक एवं समाजसेवी खो दिया है.
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान )- माननीय अध्यक्ष महोदय, डॉ.अवधेश प्रताप सिंह जी बहुत ख्यातिनाम चिकित्सक थे. न केवल वे शासकीय चिकित्सक थे बल्कि पीड़ित मानवता के कल्याण के लिए उन्होंने एक चिकित्सक के नाते जो सेवा की थी उसके कारण 1988 में मुख्यमंत्री तथा 1994 में राज्यपाल जी द्वारा उनको सम्मानित किया गया था. वे रेडक्रास जैसी अनेकों संस्थाओं में भी पदाधिकारी रहे और जीवनभर पीड़ित मानवता की सेवा करते रहे. ग्यारहवीं विधान सभा में उन्होंने मुड़वारा क्षेत्र का इस सदन में प्रतिनिधित्व किया था. उनके निधन से एक समाजसेवी और एक कुशल चिकित्सक को हमने खोया है. श्री गंगूराम बघेल जी मूलतः मजदूर नेता थे. वह जीवन भर मजदूरों के हितों में काम करते रहे. भारतीय मजदूर संघ के भी पदाधिकारी रहे उसके नाते उन्होंने मजदूरों को उनका अधिकार दिलाने के लिए लगातार प्रयास किया. वह लोकप्रिय जननेता थे और इसलिए 4 बार के चुनाव में 3 बार तो लगातार मध्यप्रदेश की विधानसभा में और जब पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बना तब आरंग विधानसभा क्षेत्र से उन्होंने प्रतिनिधित्व किया. वह एक कुशल प्रशासक भी थे. राज्यमंत्री के नाते उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता का भी परिचय कराया था.
अध्यक्ष महोदय, श्री अशोक सिंघल जी बचपन से ही संघ के संपर्क में आये. बाद में उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत माता की सेवा के लिए समर्पित किया था. वह संघ के प्रचारक रहे. विश्व हिन्दू परिषद् के सर्वोच्च पद पर रहकर उन्होंने हिन्दू समाज को संगठित किया. हम जानते हैं कि हिन्दू समाज में अद्वैत, विशिष्टता द्वैत, द्वैत कई तरह के पंथ मत थे. ऐसे सभी संतों को एक मंच पर लाने में भी उनका बड़ा योगदान था. सामाजिक समरसता के वह अग्रदूत थे. उनके निधन से भी हमने कुशल संगठक और देशभक्त समाजसेवी को खोया है. मैं परम पिता परमात्मा से यह प्रार्थना करता हूं कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे. उनके स्नेही,परिजन और अनुयायियों को यह गहन दुख सहन करने की क्षमता दे. ओम शान्ति...ओम शान्ति.
श्री बाला बच्चन(राजपुर)—अध्यक्ष महोदय, डॉ अवधेश प्रताप सिंह जी हमारे बीच में नहीं रहे. 5 नवम्बर, 1933 को अकलतरा, बिलासपुर में उनका जन्म हुआ था. 21 वर्ष तक उन्होंने चिकित्सक के रुप में शासकीय सेवाएं दी हैं. बहुत अच्छा काम करने के लिए उनको माननीय मुख्यमंत्रीजी ने 1988 में और 1994 में महामहिम राज्यपाल जी ने उन्हें मानवता उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया है. वह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आजीवन सदस्य भी रहे हैं. वह रेडक्रास सोसायटी के उपाध्यक्ष और सचिव भी रहे हैं. मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर ग्यारहवीं विधानसभा के लिए चुने गये. उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र, जिले और पूरे प्रदेश की जनता के लिए काम किया है. आज वह हमारे बीच में नहीं रहे हैं. मैं उन्हें अपनी पार्टी की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं.
अध्यक्ष महोदय, श्री गंगूराम बघेलजी जिनका जन्म 20 फरवरी, 1946 को ग्राम गाजर(महासमुंद) छत्तीसगढ़ में हुआ था. वे भारतीय मजदूर संघ के सीमेंट और खदान कामगार संघ के उपाध्यक्ष रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर तीन बार मध्यप्रदेश की नवमीं,दसवीं और ग्यारहवीं विधानसभा के लिए चुन गये. उसके बाद पहली बार छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुने गये. वह वर्ष 2002-03 में पीएचई के राज्यमंत्री भी रहे हैं. वह आज हमारे बीच में नहीं रहे हैं. मैं उन्हें भी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं.
अध्यक्ष महोदय, इसके अलावा भी कार्यसूची में जिन सदस्यों के निधन का उल्लेख किया गया है. उन्हें भी मैं श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं. ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि, जिन दिवंगतों का उल्लेख आपने, माननीय मुख्यमंत्रीजी और मैंने किया है, उनकी आत्मा को ईश्वर शान्ति प्रदान करे. इनके शोक संतप्त परिवारों के प्रति मैं अपनी और अपने दल के सदस्यों की ओर से संवेदना प्रकट करता हूं.
श्री सत्यप्रकाश सखवार (अम्बाह)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, जैसा कि आपके द्वारा निधन का उल्लेख किया गया है, जन प्रतिनिधि के रूप में उनके संघर्ष, सेवा भावना और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिये उन्हें सदैव याद किया जायेगा. जन प्रतिनिधि व्यक्ति नहीं रह जाता, एक विचार बन जाते हैं, जन आंदोलन के रूप में रूपांतरित हो जाते हैं, इस दृष्टि से वह सदैव याद किये जाते रहेंगे. मैं अपनी ओर से अपनी पार्टी की ओर से सभी विधायकों की ओर से उन्हें शोक श्रृद्धांजलि अर्पित करता हूं ।
कुंवर सौरभ सिंह (बहोरीबंद)-- डॉ. अवधेश प्रताप सिंह के विषय में अगर अनुमति हो तो मैं कुछ कहना चाहता हूं. माननीय अध्यक्ष जी, डॉ. अवधेश प्रताप सिंह न सिर्फ कटनी के बहुत वरिष्ठ और चिर-परिचित डॉक्टर थे, उन्होंने अपने विधायक कार्यकाल में कटनी को एक नया नाम दिया और प्रशासनिक छवि के साथ जब उन्होंने अपनी विधायकी चलाई तो कटनी में एक ऐसी सीमा, ऐसी एक लाइन बना दी जिसमें पार्टी का कोई बंधन नहीं था, सिर्फ साफगोई से उन्होंने कार्य किया. उनको खोने से न सिर्फ कटनी ने अपना एक बहुत महत्वपूर्ण ओहदेदार व्यक्ति को खोया है, जो पूरे समाज को एक साथ लेकर चलते थे, उनसे हमको एक अपूर्णीय क्षति हुई है, उनके परिवार के लिये और पूरे कटनी के लिये हम लोगों ने जो खोया है उनके लिये श्रृद्धा के सुमन हमारे अर्पित हैं ।
अध्यक्ष महोदय-- मैं सदन की ओर से शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. अब सदन दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रृद्धांजलि अर्पित करेगा ।
(सदन द्वारा दो मिनट मौन रहकर श्रृद्धांजलि अर्पित की गई)
अध्यक्ष महोदय-- ओम शांति, दिवंगतों के सम्मान में सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिये स्थगित ।
(10.47 बजे सदन की कार्यवाही स्थगित की गई)
11.00 बजे अध्यक्ष महोदय(डॉ.सीतासरन शर्मा)पीठासीन हुये.
श्री आरिफ अकील – अध्यक्ष महोदय, आज ऐसा लग रहा है जैसे यहां आपातकाल लग गया हो, पहले विधानसभा के माईकों पर आपातकाल लगा अब अखबार/मीडिया वालों पर आपातकाल लग गया.
डॉ.नरोत्तम मिश्र- अध्यक्ष महोदय, न तो मीडिया पर आपातकाल लगा है और न ही माईक पर आपातकाल लगा है.
श्री रामनिवास रावत- अध्यक्ष महोदय, इलेक्ट्रानिक मीडिया वाला कोई व्यक्ति दिखाई नहीं दे रहा है. सबकी यह उत्सुकता है कि आखिर ऐसा क्या कर दिया इलेक्ट्रानिक मीडिया वालों ने.
श्री आरिफ अकील- (डॉ.नरोत्तम मिश्र से) हमने अध्यक्ष महोदय से पूछा है अगर आप अध्यक्ष हों तो आप जबाव दो.
श्री अजय सिंह – अध्यक्ष महोदय, बात सही है प्रश्नकाल हम चलाना चाहते हैं लेकिन मीडियाकर्मियों को बाहर कर दिया गया है यह उचित नहीं है. मुख्यमंत्री जी यहां पर हैं इस पर फिर से विचार कर लें.
श्री रामनिवास रावत—अध्यक्ष महोदय, मैंने कल भी कहा था कि इस व्यवस्था पर विचार कर लें. आज फिर निवेदन कर रहा हूं कि व्यवस्था पर पुनर्विचार कर लें.
अध्यक्ष महोदय—कृपया बैठ जायें. कल सर्वदलीय बैठक में व्यवस्था बता दी थी कि जो प्रिंट मीडिया वाले हैं उनको ऊपर से नीचे और प्रिंट मीडिया वाले में इलेक्ट्रानिक मीडिया को कर दिया था और ऊपर से ही फोटोग्राफ्स का रखा था किंतु उसमें यदि उनको कोई एतराज है तो अभी इसके तत्काल बाद में उनके साथ में बैठकर के इसका निराकरण कर देंगे.
11.00 बजे तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर
बी.आर.जी.एफ. योजना के कार्य
1. ( *क्र. 106 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक भवन, पुलिया, आंगनबाड़ी, भवन, पंचायत भवन, गोडाउन, ई-पंचायत भवन, आदि के निर्माण कार्य हेतु बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड (बी.आर.जी.एफ.) से स्वीकृति दी जाती थी? यदि हाँ, तो क्या भारत सरकार द्वारा उक्त योजना को बंद कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कंडिका (क) में वर्णित कार्य भविष्य में किस मद से स्वीकृत किये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। बीआरजीएफ योजना वर्ष 2015-16 से केन्द्रीय सहायता से मुक्त कर भारत शासन स्तर से बंद कर दी गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्री सुंदरलाल तिवारी—अध्यक्ष महोदय, मैंने एक स्थगन प्रस्ताव दिया है.
अध्यक्ष महोदय—प्रश्नकाल में नहीं. प्रश्न क्रमांक 1 .तिवारी जी कृपया प्रश्नकाल होनें दें. इसके बाद में आपकी बात सुनेंगे. अभी प्रश्नकर्ता को आप बाधित नहीं कर सकते.
श्री सुंदरलाल तिवारी—मैं चाहता हूं कि उस पर आप निर्णय दें.
अध्यक्ष महोदय- अभी निर्णय नहीं देंगे. आप बैठ जायें. तिवारी जी जो कुछ भी बोल रहे हैं वह नहीं लिखा जायेगा.
श्री सुंदरलाल तिवारी—xxx xxx xxx
अध्यक्ष महोदय – प्लीज, तिवारी जी कोई निर्णय नहीं, यह बात ठीक नहीं है. प्रश्नकाल में कोई बात नहीं होगी तिवारी जी.
श्री सुंदरलाल तिवारी—xxx xxx xxx
अध्यक्ष महोदय—आप बैठ जाईये. आप कार्यवाही बाधित कर रहे हैं. तिवारी जी उनको प्रश्न पूछने दीजिये. पवार साहब आप अपना प्रश्न करें.
श्री नारायण सिंह पँवार-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से सर्व प्रथम तो माननीय मुख्यमंत्री जी के सफलतम 10 वर्ष के कार्यकाल पर उनको बधाई देता हूं और माननीय मंत्री जी से जानना चाहता हूं कि भारत सरकार की जो बी.आर.जी.एफ. की योजना थी उसके तहत ग्रामीण विकास के बड़े बड़े कार्य होते थे पुल-पुलिया, आंगनवाड़ी भवन, सामुदायिक भवन, पंचायत भवन इत्यादि बनते थे लेकिन भारत सरकार के द्वारा यह योजना पिछले दिनों बंद कर दी गई. मंत्री जी ने उत्तर में कहा है कि इस योजना के जो कार्य थे वह 14वें वित्त आयोग की राशि से संपन्न किये जायेंगे. भारत सरकार की मंशा राज्यों में समान राशि का वितरण करने की है, लेकिन मेरा आग्रह यह है कि 14वें वित्त आयोग की जो राशि राज्यों को आ रही है वह बहुत कम है , अभी ग्राम पंचायतों को राशि का आवंटन हुआ है उसमें हमने देखा है कि किसी भी पंचायत को 4-5 लाख से ज्यादा की राशि उपलब्ध नहीं हुई है. मेरा मंत्री जी से आग्रह है कि बी.आर.जी.एफ. के लंबित निर्माण कार्य विशेषकर मेरी विधानसभा में 10-12 बडे पुल पुलिया है जो इस योजना में प्रस्तावित थीं उन कार्यों को मंत्री जो कैसे पूरा करवायेंगे. मैं इन पुल पुलिया का उल्लेख भी करना चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय—आप उल्लेख मत करें सीधा प्रश्न पूछ लें 10-12 पुल पुलिया हैं उनका किस प्रकार से निराकरण होगा.
श्री नारायण सिंह पँवार—मंत्री जी कृपया बतायें कि मेरे क्षेत्र के लंबित कार्यों का किस प्रकार से निराकरण किया जायेगा. मंत्री जी मुझे कृपया संतुष्ट करने की कृपा करें क्योंकि इस योजना के लगभग सभी कार्य बंद हैं.
श्री गोपाल भार्गव- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह बात सही है कि भारत सरकार के द्वारा प्रवर्तित Backward Regions Grant Fund (BRGF) योजना भारत सरकार ने बंद कर दी है लेकिन जो काम अधूरे हैं या जो कार्य जिला योजना समिति से स्वीकृत हो गये थे और यहां आ गये थे उन सारे कार्यों के लिये हम 14वें वित्त आयोग की राशि से भी उनको स्वीकृत करा लेंगे , करेंगे उन कार्यों को जो माननीय विधायक महोदय ने कहा है, उन कामों का परीक्षण करके जितना भी संभव हो सकता होगा वह काम करेंगे. दूसरी बात यह है कि Backward Regions Grant Fund (BRGF), की राशि अभी हमारे पास में विभिन्न मदों में बी.आर.जी.एफ. के हेड में पड़ी हुई है जो काम रूके हुये होंगे वो अभी जो हमारे पास में उपलब्ध राशि है उससे करेंगे और फिर शेष काम 14वें वित्त आयोग की राशि से होंगे.
श्री नारायण सिंह पँवार— माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मंत्री जी से पुन: निवेदन करना चाहता हूं कि जो कार्य लंबित हैं वह तो पूरे करा लिये जायेंगे लेकिन जो कार्य प्रस्तावित हैं , भविष्य में जिनके कारण आवागमन बहुत ज्यादा बाधित हो रहा है उसके लिये बड़े कार्य जैसे 20 से 50 लाख रूपये तक के पुल पुलिया हैं जो कि किसी भी योजना में शामिल नहीं है उसके लिये क्या योजना है, उन कार्यों को किस प्रकार से संपन्न किया जायेगा.
श्री गोपाल भार्गव—माननीय अध्यक्ष महोदय, पुल-पुलिया बनाने का काम विभिन्न विभाग करते हैं, बीआरजीएफ से भी कार्य होते थे, पीएमजीएसवाय से भी होते हैं सीएमजीएसवाय से भी होते हैं, पीडब्ल्यूडी से भी होते हैं और भी जो वर्क्स डिपार्टमेंट हैं वह कार्य करते हैं, हम परीक्षण कर लेंगे और जो कुछ भी उचित होगा माननीय विधायक महोदय के अनुसार उसको कर देंगे.
श्री नारायण सिंह पँवार—मंत्री जी बहुत बहुत धन्यवाद.
सिंगल सुपर फास्फेट उत्पादन कम्पनियों की गुणवत्ता जाँच
2. ( *क्र. 62 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग में 12 जनवरी 2014 से 30 जनवरी 2015 तक निम्नांकित कम्पनियों के सिंगल सुपर फॉस्फेट उर्वरक के कितने सेंपल परीक्षण हेतु लिये गये? जिलेवार एवं कंपनीवार बतावें? (1) श्रीराम फर्टिलाईजर एण्ड केमिकल लिमिटेड (2) रामा फास्फेट लिमिटेड (3) दत्ता एग्रो प्रोडक्ट लिमिटेड (4) बसंत एग्रो प्रायवेट लिमिटेड (5) खेतान केमिकल्स एण्ड फर्टिलाईजर्स लिमिटेड (6) अरिहंत फर्टिलाईजर्स एण्ड केमिकल इंडिया लिमिटेड (7) महाधन फास्फेट लिमिटेड (8) इंडियन फास्फेट लिमिटेड (9) कोरोमण्डल इंटरनेशनल लिमिटेड (ख) प्रश्नांश (क) में नामित कंपनियों के प्रयोगशाला जाँच के बाद कितने-कितने सैंपल किस-किस कंपनी के अमानक स्तर के पाए गए । कंपनीवार ब्यौरा देवें? (ग) अमानक प्रमाण के बाद किस-किस कंपनी ने पुन: सैंपल जाँच के लिए आवेदन किया? कंपनीवार ब्यौरा देवें? (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत सैंपल जाँच उपरांत किस-किस कंपनी के सैंपल मानक स्तर के पाए गए? कंपनीवार ब्यौंरा देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय मे रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 अनुसार है।
श्री शैलेन्द्र पटेल – माननीय अध्यक्ष महोदय, सिंगल सुपर फास्फेट खाद के सेंपल के बारे में मैंने प्रश्न पूछा था और जो मुझे उत्तर मिला है वह इस प्रकार है कि 5 जिलों में से मात्र 215 सेंपल सिंगल सुपर फास्फेट के लिये गये जिसमें से 42 सेंपल सिंगल सुपर फास्फेट के फेल हो गये और पुनः उनमें से 39 सेम्पल रीसेम्पल के लिये गये. तो मुझे यह उत्तर नहीं मिला कि उन 39 सेम्पल्स का क्या हुआ जो दूसरी बार रीसेम्पल के लिये गये.
श्री गौरीशंकर बिसेन – अध्यक्ष महोदय, एक बार यदि सेम्पल अमानक हो जाते हैं, तो रीसेम्पल करने का फर्टिलाइजर एक्ट में प्रावधान है. उसके तहत जो हमारे पुनः सेम्पल 39 भेजे गये, उनमें से 35 सेमप्ल्स के नतीजे मानक पाये गये और चार के नतीजे आना बाकी हैं.
श्री शैलेन्द्र पटेल – अध्यक्ष महोदय, प्रश्न यह है कि एक तो सेम्पल पहले कम लिये गये और लगभग 21 प्रतिशत सेम्पल फेल हो गये हैं. पहली बार 21 प्रतिशत फेल हो जाने के बाद दूसरी बार वह कैसे पास हो गये. या तो लेबोरेट्रीज खराब हैं या तो उनको सुधरवाया जाय कि जो सेम्पल फेल कर रही हैं. अगर लेबोरेट्रीज ठीक हैं, तो खाद खराब है. दूसरा, क्या कम्पनी पर कार्यवाही की गई, प्रायवेट डीलर्स पर तो कार्यवाही हो जाती है, लेकिन आज तक किसी कम्पनी के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई. तो सिंगल सुपर फॉस्फेट खाद हमारे मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा डाला जाता है. उसके ऊपर अभी तक सरकार द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई. तो मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है. मैं मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि वह दूसरी बार कैसे पास हो गये. जब 39 आये और 35 फिर पास कर दिये. तौ यह कौन सा गणित, तरीका था, वह फिर री सेम्पल में पास हुए.
श्री गौरीशंकर बिसेन – अध्यक्ष महोदय, राज्य के अन्दर की हमारी 4 प्रयोगशालाएं हैं- भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर और जबलपुर. पहली बार के सेम्पल भोपाल संभाग के जबलपुर गये थे. उसके बाद जो फिर रीसेम्पल हुए हैं, वह अन्य राज्यों की उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला में भेजे गये, जो 13 हैं. इसमें राजस्थान की हैं, महाराष्ट्र की हैं, उत्तर प्रदेश की हैं और गुजरात की हैं और इन 13 विभिन्न राज्यों में छत्तीसगढ़ की भी हैं. इसमें जो नतीजे उनसे प्राप्त हुए, उसमें 39 के जो पुनः नमूने भेजे गये, उनमें से 35 के मानक नमूने आये हैं, चार के परिणाम अभी अप्राप्त हैं. उनको फिर से लिखा गया है कि इनके परिणाम वह दें. अब यह भारत सरकार के द्वारा जो मानदण्ड को पूरा करती हैं, उन प्रयोगशालाओं के पास सेम्पल भेजे जाते हैं. अब इसमें हम यह नहीं कह सकते हैं कि उनके ऊपर हम किस तरह से कार्यवाही करें. 4-5 राज्यों की प्रयोगशालाओं में सेम्पल पुनः भेजे गये हैं.
श्री शैलेन्द्र पटेल – अध्यक्ष महोदय, प्रश्न यह है कि क्या हमारी लेबोरेट्रीज खराब हैं, जो गलत बता रही हैं. अगर मध्यप्रदेश की हमारी लेबोरेट्रीज खराब हैं, तो क्या बाहर की ठीक हैं. क्योंकि वही सेम्पल मध्यप्रदेश में गलत बताया जाता है...
अध्यक्ष महोदय – उसका तो उत्तर आ गया. आप कोई नई बात हो तो बता दें.
श्री शैलेन्द्र पटेल – अध्यक्ष महोदय, यह समझ में नहीं आता कि रीसेम्पल में वह कैसे पास हो जाते हैं. इसके क्या कारण है कि जो फेल होने के बाद पास हो जाते हैं. अभी तक उन कम्पनियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई. एक छोटा सा प्रश्न यह है कि जो भी कार्यवाही होती है, वह प्रायवेट डीलर के ऊपर जिले के अन्दर होती है. प्रायवेट डीलर खाद नहीं बनाता है. खाद कम्पनियां बनाती हैं. अभी तक मध्यप्रदेश में कौन सी सिंगल सुपर फॉस्फेट कम्पनी के खिलाफ अमानक स्तर का खाद प्रदाय करने के लिये कार्यवाही की गई है. मंत्री जी यह भी बता दें.
श्री गौरीशंकर बिसेन – अध्यक्ष महोदय, पहली बात तो यह प्रश्न उद्भूत नहीं होता. इन्होंने पर्टीकुलर सिंगल सुपर फॉसफेट उर्वरक के सेम्पल्स की भोपाल संभाग की जानकारी मांगी और यह विस्तृत जानकारी चाही गई है, तो मैं माननीय सदस्य को अवगत कराऊंगा. जहां तक फर्टीलाइजर के जो डीलर होते हैं, उनके पास से सेम्पल लिये जाते हैं और इसलिये हम डीलर्स के ऊपर कार्यवाही करते हैं. यह जो 42 सेम्पल अमानक हुए थे, उसमें से 39 को तो री सेम्पल के लिये लिखा उन्होंने और बाकी 3 के लिये जो नहीं लिखा तो उनके ऊपर हमने कार्यवाही की है. एक का विक्रय प्रतिबंध करके एफआईआर दर्ज किया. एक का लायसेंस निलंबित किया और दूसरे का भी लायसेंस निलंबित किया है. तो हम कार्यवाही तो करते हैं, लेकिन कार्यवाही तो उसी पर होगी, जिसमें पुष्टि होगी कि वह अमानक पाये गये. या उन्होंने मान लिया कि अभी हमको रीसेम्पल नहीं कराना है, तो हमने मान लिया कि पहले सेम्पल को उन्होंने स्वीकार कर लिया है, जो नतीजे आये थे.
अध्यक्ष महोदय – निर्माता के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं होती है, डीलर पर होती है, ऐसा उनका प्रश्न है. इस बारे में क्या शासन कोई विचार कर रहा है.
श्री गौरीशंकर बिसेन – अध्यक्ष महोदय, जिस स्थान से सेम्पलिंग होगी, उसी पर ही तो हम कार्यवाही करेंगे. कम्पनी से तो हमने सेम्पल लिया नहीं. डीलर के गोदाम से सेम्पल लिया है. तो जिसके यहां से सेम्पल लेंगे, उसी पर तो कार्यवाही करेंगे.
श्री शैलेन्द्र पटेल – अध्यक्ष महोदय, लेकिन वह खाद तो कम्पनी बनाती है. प्रायवेट डीलर नहीं बनाता है.
श्री अजय सिंह -- मंत्री जी, आपने किसी डीलर से सेम्पल लिया, लेकिन उस डीलर के यहां किसी कम्पनी विशेष का सेम्पल लिया है ना. यदि वह मानक नहीं पाया गया, तो उस कम्पनी के ऊपर कार्यवाही पर कभी विचार किया है या करेंगे. यह पूछ रहे हैं.
श्री गौरीशंकर बिसेन – निश्चित रूप से जिन कम्पनियों का सैम्पल आया. उसमें हमारे देश की जो सर्वाधिक अच्छी कम्पनी मानी जाती है वे हैं श्री राम फर्टिलाइजर और दूसरा कोरोमण्डल. ये ऐसे फर्टिलाइजर्स हैं, जिनके बारे में शंका की स्थिति नहीं बनती है. मध्यप्रदेश में सर्वाधिक सुपर फास्फेट, जो हमारे यहां से श्रीराम फर्टिलाइजर का जाता है और इसके बावजूद भी यह हो सकता है कि उसमें कमी आती है. जब कोई उसकी सैम्पलिंग में त्रुटि होती है तो कार्यवाही होती है. हम कम्पनी को लिखेंगे.
अध्यक्ष महोदय – प्रश्न संख्या 3 श्री हर्ष यादव.
श्री रामनिवास रावत – अध्यक्ष महोदय एक प्रश्न है.
अध्यक्ष महोदय – नहीं, अब प्रश्न आ गया है, सब बातों के उत्तर आ गए हैं.
श्री रामनिवास रावत – अध्यक्ष महोदय, प्रदेश के किसानों से जुड़ा हुआ मुद्दा है कि किसान अमानक खाद के कारण आत्महत्याएं कर रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय – उनके उत्तर आ गए हैं न.
श्री रामनिवास रावत – अध्यक्ष महोदय, नहीं आया.
अध्यक्ष महोदय – क्या नहीं आया उत्तर.
श्री रामनिवास रावत – अध्यक्ष महोदय, नहीं आया उत्तर.
अध्यक्ष महोदय – प्रश्न संख्या 3 श्री हर्ष यादव.
श्री रामनिवास रावत – अध्यक्ष महोदय, सरकार कार्यवाहीं नहीं करना चाहती.
अध्यक्ष महोदय – कृपया प्रश्नकाल चलने दीजिये.
श्री रामनिवास रावत – अध्यक्ष महोदय, प्रश्नकाल चलेगा. प्रश्न पूछने के लिए ही तो खड़े हुए हैं.
अध्यक्ष महोदय – आपका प्रश्न आ गया न. पूरक प्रश्न का भी उत्तर दे दिया. सदस्यों ने जो प्रश्न पूछा है उसका भी उत्तर आ गया है.
श्री रामनिवास रावत – अध्यक्ष महोदय, नहीं आया प्रश्न कई उद्भूत होते हैं. प्रदेश का किसान अमानक खाद को लेकर परेशान है, फसलें नष्ट हो रही हैं.
अध्यक्ष महोदय – दूसरे माननीय सदस्यों के भी प्रश्न होते हैं. प्रश्न संख्या 3 श्री हर्ष यादव.
श्री रामनिवास रावत – अध्यक्ष महोदय, किसान आत्महत्या कर रहा है.
अध्यक्ष महोदय – श्री हर्ष यादव प्रश्न करें.
11.12 बजे बहिर्गमन
इण्डियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यों का सदन से बहिर्गमन
श्री रामनिवास रावत – अध्यक्ष महोदय, सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं है और सरकार किसानों के बारे में ठीक से उत्तर नहीं देना चाहती है. हमारा पूरा पक्ष इस सरकार के विरोध में बहिर्गमन करता है.
श्री मुकेश नायक – अध्यक्ष महोदय,(XXX) .
अध्यक्ष महोदय – यह कार्यवाही से आरोप निकाल दें. श्री हर्ष यादव अपना प्रश्न करें.
(श्री बाला बच्चन, उपनेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में शासन के उत्तर से असंतुष्ट होकर इण्डियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यों द्वारा सदन से बहिर्गमन किया गया.)
11.13 बजे
तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर(क्रमश:)
प्रधान मंत्री ग्रामीण सड़क का निर्माण
3. ( *क्र. 964 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना व मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनाँक तक कितनी व कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई हैं, साथ ही स्वीकृत/निर्मित सड़कों का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से कितनी सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है व कितनी अपूर्ण हैं तथा कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है और नहीं कराये जाने के क्या कारण हैं, साथ ही उक्त सड़कों के कार्यों को पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा क्या थी? (ग) उक्त प्रश्नांशों के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई व लंबित सीयूपीएल की सड़कों के प्रस्तावों को कब तक स्वीकृति प्रदान की जाकर कार्य प्रारंभ कराया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनाँक तक क्रमशः 10 एवं 27 सड़कें स्वीकृत की गई हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सभी सड़कों का कार्य पूर्ण हो चुका है। उक्त सड़कों को पूर्ण कराये जाने की अनुबंधानुसार समय-सीमा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सीयूपीएल के अंतर्गत किसी भी सड़क निर्माण कार्य का प्रस्ताव लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्री हर्ष यादव – माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा प्रश्न कसरावद विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत मुख्यमंत्री सड़क योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना के अन्तर्गत जो सड़कें बनी हैं, उनका निर्माण कार्य हुआ है. वह डी.पी.आर. के अन्तर्गत नहीं हुई हैं. अधिकतर पुल-पुलिये संकरे बनाये गये हैं और इतने ज्यादा गड्डे हैं कि गड्डे में सड़क है, यह हालत है. मेरा निवेदन माननीय मंत्री जी से है कि क्या उक्त रोडों की जांच करवायेंगे ?
श्री गोपाल भार्गव – माननीय अध्यक्ष महोदय, इसमें सड़कों की अद्यतन स्थिति और पूर्णता के बारे में प्रश्न हुआ है. मैं माननीय सदस्य को अवगत कराना चाहता हूँ कि कसरावद विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत कुल 55 मार्ग जिनकी लागत 74 करोड़ 995 लाख थी, ही स्वीकृत किये गये थे. 55 में से 54 कार्य पूर्ण हो चुके हैं, सिर्फ एक कार्य अपूर्ण है, जिसकी लागत 2 करोड़ 69 लाख है. यह कार्य भी वर्किंग आर्डर में है और एक-दो महीने के अन्दर यह कार्य पूर्ण कर दिया जायेगा और जहॉ तक कार्य की गुणवत्ता का प्रश्न है. आप सड़क विशेष का लिखकर दे दें तो हम उसकी जांच करवा लेंगे.
श्री हर्ष यादव – माननीय अध्यक्ष महोदय, ऐसे बहुत सारी सड़कें हैं. हमारे रोडीया से छिरवा सड़क है, वह जीर्ण-क्षीर्ण स्थिति में है, चलने लायक नहीं है. मेरा निवेदन है कि क्षेत्रीय विधायक के साथ उन सड़कों की जांच कर ली जाये और अधिकारियों को दण्डित किया जाये एवं संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही हो.
श्री गोपाल भार्गव – किस वर्ष का है. उसकी गारन्टी पूरी हो गई होगी तो हम करवा देंगे.
अध्यक्ष महोदय – आप लिखकर दे दीजिये तो वे कार्यवाही करेंगे.
श्री हर्ष यादव – वे जितनी भी सड़कें हैं, वे सब गारन्टी में हैं.
मनरेगा के स्वीकृत कार्य
4. ( *क्र. 77 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत कटनी जिले में मनरेगा अंतर्गत वर्ष 2013-14,2014-15 एवं 2015-16 प्रश्न दिनाँक तक किस-किस विभाग के कनवर्जेन्स से कितने-कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? स्वीकृत कार्यों की वर्षवार विभागवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में कन्वर्जेन्स से कार्य होने के कारण राशि के अभाव में कितने कार्य आज दिनाँक तक अपूर्ण हैं, कितने कार्य स्वीकृति उपरांत अप्रारंभ हैं, कितने कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी हो चुके हैं? अप्रारंभ एवं अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार स्वीकृत, अपूर्ण, अप्रारंभ एवं पूर्ण कार्य कितनी-कितनी राशि के हैं? किन-किन कार्यों में कितनी राशि व्यय हुई है? क्या इन कार्यों में मनरेगा के तहत सामग्री एवं मजदूरी का निर्धारित अनुपात (कन्वर्जेन्स) में ही भुगतान हुआ है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में वर्णित कार्यों में अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों के लिये दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ड.) प्रश्नांश (क) की अवधि के कार्यों/निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमितताओं की शिकायतें कब-कब किस-किस के द्वारा की गई है? उक्त शिकायतों की जाँच कब किसके द्वारा की गई हैं तथा उक्त प्रतिवेदन अनुसार पाये गये दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नावधि में महात्मा गांधी नरेगा एवं अन्य विभागीय योजनाओं के कन्वर्जेन्स से स्वीकृत कार्यों की वर्षवार विभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत आवंटन कार्यवार न होकर आवश्यक राशि कार्य संपादन के उपरांत सीधे मजदूरों व सामग्री प्रदायकर्ताओं के बैंक/पोस्टऑफिस खातों में फण्ड ट्रांसफर ऑडर के माध्यम से PFMS प्रणाली से अंतरित की जाती है। योजना के तहत राशि उपलब्ध है अत: राशि के अभाव में कार्य अपूर्ण रहने एवं अप्रारंभ रहने की स्थिति नहीं है। स्वीकृत अप्रारंभ एवं पूर्ण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाने की जानकारी का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नं. 5 व 6 के अनुसार है। जी हाँ महात्मा गांधी नरेगा के तहत निर्धारित मजदूरी सामग्री अनुपात 06:40 का संधारण कार्यवार न होकर पूरे वित्तीय वर्ष में सभी कार्यों के लिये किये जाने का प्रावधान है। (घ) महात्मा गांधी नरेगा मद के अभिसरण से स्वीकृ़त कार्यों की पूर्णता जॉबकार्डधारी परिवारों द्वारा की गई रोजगार की मांग पर निर्भर होने से अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों हेतु कोई दोषी न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्नावधि में स्वीकृत कार्यों में कोई शिकायत संज्ञान में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुँवर सौरभ सिंह – माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा प्रश्न मनरेगा के संबंध में है. जिसमें सारांश यह है कि मनरेगा में कन्वर्ज़न के कारण कितनी राशि के अभाव में कार्य पेण्डिंग हैं ? जिसका माननीय मंत्री जी के माध्यम से यह जवाब आया कि योजना के तहत राशि उपलब्ध है. अत: राशि के अभाव में कार्य पूर्ण करने एवं कार्य प्रारंभ रहने की स्थिति में नहीं हैं. वहीं माननीय अध्यक्ष महोदय इसी प्रश्नोत्तरी में प्रश्न क्र.9 में माननीय मंत्री जी ने हमारे साथी विधायक आदरणीय श्री विश्वास सारंग के जवाब में लिखा है कि राज्य के मनरेगा के खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं होने के कारण सामग्री मद में भुगतान पर रोक फलां-फलां दिनांक लगा दी गई है. जिसको आप पृष्ठ क्रमांक-6 में देख सकते हैं. मेरा सिर्फ इतना कहना है कि मनरेगा के जितने भी कार्य चल रहे हैं. चाहे हमारी विधानसभा में हों, चाहे जिले में हों. वे सारे राशि के अभाव में रूके हुए हैं और माननीय मंत्री जी की कह रहे हैं कि यह सारे कार्य लोक कार्य नहीं मान रहे हैं इसलिए रूका हुआ है. 2 वर्ष से अल्पवर्षा, अकाल, अधिवर्षा के कारण किसान भी मजदूर की स्थिति में आ गया है.
अध्यक्ष महोदय- प्रश्न करें ।
कुंवर सौरभ सिंह - मनरेगा में कन्वर्जन वाले, कितने कार्य राशि के अभाव में रूके हुए हैं । जब कन्वर्जन में विधायक निधि या अन्य मद से राशि आ गई है और कार्य नहीं हो रहा है तो इसका मतलब यह है कि मनरेगा में राशि नहीं है । परन्तु माननीय मंत्री जी उत्तर दे रहे हैं कि राशि के अभाव में कोई भी कार्य रूका नहीं है । इसी में प्रश्न क्रमांक 09 देखिए ।
अध्यक्ष महोदय - पहले आप अपना प्रश्न कर लें,फिर दूसरे का रिफरेंस दें पहले उत्तर आने दें ।
कुंवर सौरभ सिंह - जी.
अध्यक्ष महोदय - माननीय मंत्री जी.
श्री गोपाल भार्गव- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य ने जो प्रश्न किया है, उससे दो प्रश्न उद्भूत होते हैं. एक तो विधायक जी के क्षेत्र में 5 कार्य अपूर्ण हैं , वह भी भूमि विवाद के कारण अपूर्ण हैं. 2 में भूमि विवाद सुलझ गया है । इस कारण से उन कार्यों को प्रारम्भ करा दिया गया है । दूसरी जहां तक राशि की कमी की बात है । माननीय सदस्य को और सदन को अवगत कराना चाहता हूँ कि वर्तमान् में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत राज्य में राशि की कोई कमी नहीं है । लेबर बजट में और मटेरियल बजट में भी । जितना कार्य जिसको भी जहां पर कराना है उसके लिए पर्याप्त राशि की व्यवस्था है. रोजगार की जहां भी आवश्यकता होगी सरकार उसमें पीछे नहीं हटेगी । आप काम खोले, सूचित करें, एम.आई.एस. कराएं, हम पूरी राशि का प्रबंध करेंगे ?
श्री रामनिवास रावत - फिर मजदूर पलायन क्यों कर रहे हैं ।
श्री गोपाल भार्गव - पलायन के लिए, यदि गुड़गांव में,दिल्ली में जितनी मजदूरी मिलेगा तो आपके यहां इतने में मजदूर काम नहीं करेंगे । यह पारंपरिक पलायन है ।
अध्यक्ष महोदय - उनको प्रश्न करने दें ।
कुंवर सौरभ सिंह - माननीय अध्यक्ष महोदय, भुगतान के अभाव में ब्लाक ढीमरखेड़ा में लक्ष्मी जैन पटैल इंजीनियर की हत्या हुई । जिसके ऊपर एक प्रकरण चल रहा है । फुड़सा ब्लाक बड़वारा में 18 लाख का गबन है । जिला पंचायत से एफ.आई.आर. होने के लिए, यह प्रकरण तत्कालीन राज्यमंत्री जी के पास आज दिनांक तक लंबित है । यह सारे जितने भी प्रकरण हैं । राशि के अभाव में हो रहे हैं । कन्वर्जन में विधायक निधि या अन्य से राशि तो पहुंच जाती है । उस राशि का सरपंच लोग या संबंधित विभाग काम करवा लेते हैं और जो मनरेगा की राशि है उसमें मजदूरों का भुगतान ही नहीं हो रहा है । पानी नहीं गिरने से मजदूर लगातार काम मांग रहे हैं ।
अध्यक्ष महोदय- आप सीधा प्रश्न कर दें ।
कुंवर सौरभ सिंह - मेरा प्रश्न यह है कि कितने कार्य आज दिनांक तक लंबित हैं । जिसको माननीय मंत्री जी 5 कह रहे हैं, ऐसा नहीं है । हर पंजीयन एवं भुगतान के लिए आप आधार कार्ड मांग रहे हैं, ग्रामीण स्तर पर मजदूरों के पास आधार कार्ड नहीं हैं । बिना आधार कार्ड के उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है,जो भी मजदूर काम मांगता है, आप आधार कार्ड की बाध्यता खत्म कर दें, नया एस.ओ.पी.बन जाए ।
अध्यक्ष महोदय - ठीक है. माननीय मंत्री जी.
श्री गोपाल भार्गव- जॉब कार्ड धारी का मात्र एकाउन्ट होना चाहिए । आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं है । मैंने कहा कि माननीय सदस्य के विधानसभा क्षेत्र में 5 कार्य अपूर्ण हैं और राशि की जहां तक आवश्यकता है,कन्वर्जन का भुगतान नहीं हो रहा है ।
कुंवर सौरभ सिंह - मेरा प्रश्न 2013-14,14-15 ,15-16 में क्या राशि के अभाव में कार्य रूका है । माननीय मंत्री जी ने कहा कि नहीं रूका है ।
श्री गोपाल भार्गव - आप अभी लिखकर दे दें, हम कल भुगतान करवा देंगे ।
गबन प्रकरण पर कार्यवाही
5. ( *क्र. 285 ) श्री बाला बच्चन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला सहकारी बैंक डभौरा के गबन मामले में कितने आरोपी हैं? इनके नाम, पदनाम, गबन राशि सहित बतावें। (ख) गबन के आरोपी महाप्रबंधक आर.के. पचौरी को निर्धारित योग्यता न होने के बाद भी किसके आदेश से महाप्रबंधक बनाया गया? संबंधित अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) N.E.F.T. के माध्यम से जिन खातों में गबन की राशि ट्रांसफर हुई उनकी पूरी जानकारी देवें। इस संबंध में उठाए गए कदम की जानकारी देवें। (घ) पचौरी की गिरफ्तारी होने पर उन्हें निलंबित न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा, जबकि बैंक सेवा नियम की धारा 53.1 के तहत गिरफ्तार कर्मचारी 48 घंटे में निलंबित होना चाहिये?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) अनुसंधान विभाग, पुलिस मुख्यालय, भोपाल के अनुसार 23, जिनकी संख्या विवेचना के दौरान कम या अधिक हो सकती है. विवेचना के दौरान राशि रूपये 16.14 करोड़ का गबन का तथ्य प्रकाश में आया है, विवेचना उपरान्त कितनी रकम का गबन किन-किन अधिकारी/कर्मचारी/खातेदार द्वारा किया गया है, की जानकारी दी जा सकेगी, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है. (ख) श्री आर.के. पचौरी के उपलब्ध सेवा अभिलेख के आधार पर निर्धारित योग्यता धारण करने से तत्कालीन प्रबंध संचालक, अपेक्स बैंक द्वारा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा में महाप्रबंधक के पद पर पदस्थ किया गया था. सेवा अभिलेख में उपलब्ध शैक्षणिक योग्यता संबंधी अभिलेख पर शंका उत्पन्न होने से जाँच आदेशित की गई है, शेष जाँच निष्कर्षाधीन. (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है. जिन खातों में एन. ई. एफ. टी. के माध्यम से राशि ट्रांसफर हुई है, उन खातों में आहरण/अंतरण पर रोक लगाने हेतु संबंधित बैंकों को लिखा गया है, राशि वसूली हेतु सहकारी अधिनियम की धारा 64 में विवाद प्रस्तुत कर सहकारी अधिनियम की धारा 68 के तहत अटैचमेंट बीफोर अवार्ड के आदेश कराये गये हैं. (घ) शीर्ष बैंक के कर्मचारी सेवानियम की धारा 53.1 में प्रश्न में उल्लेखित प्रावधान नहीं है, अपितु कर्मचारी सेवानियम क्रमांक 51 (4) के प्रावधान के अंतर्गत पुलिस विभाग से श्री राजकुमार पचौरी की गिरफ्तारी की अधिकारिक सूचना दिनाँक 17.11.2015 को प्राप्त होने पर उसी दिन श्री पचौरी को निलंबित कर दिया गया था. अतएव कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता.
अध्यक्ष महोदय - श्री बाला बच्चन.
श्री बाला बच्चन - माननीय मंत्री जी से मेरा प्रश्न यह है कि रीवा जिला सहकारी बैंक में जो घोटाला हुआ है, गबन हुआ है और किसानों की राशि का लगभग 16 करोड़ 14 लाख रूपए का घोटाला हुआ है, किसानों के खाते में राशि न जाते हुए अन्य के खातों में वह राशि दी गई है । यह वर्ष 2013-14 का मामला है । मंत्री जी और विभाग की जानकारी में आया, आज तक उस पर जो कार्यवाही की है । जिसको जांच रिपोर्ट सौंपी गई है कि सी.आई.डी. से हम जांच करवाना चाहते हैं । माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से जानना चाहता हूँ कि जिस गबन में उस बैंक का अध्यक्ष शामिल हो, कहीं सांसद का नाम आता है,माननीय मंत्री जी और उनके स्टाफ का नाम आता है और जो राशि जब्त की है पुलिस से, उन अधिकारियों को तो निलंबित कर दिया गया है, जिसमें एस.डी.ओ.पी. है, उप निरीक्षक हैं । इतने बड़े-बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल हैं, तो सी.आई.डी विभाग से सही जांच रिपोर्ट नहीं आने की आशंका हमें हैं माननीय मुख्यमंत्री जी भी यहां बैठे हैं । मैं माननीय मंत्री जी से जानना चाहता हूँ कि आए दिन सहकारी बैंकों में गबन,घोटाले हो रहे हैं ।
अध्यक्ष महोदय - आप सीधा प्रश्न करें ।
श्री बाला बच्च्न - मेरा सीधा प्रश्न है कि क्या आप यह जांच रिपोर्ट सी.बी.आई. को सौंपेंगे, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए और यह अंकुश लग जाए, आए दिन जो सहकारी बैंकों में इस तरह के गबन और भ्रष्टाचार हो रहे हैं । सीधी में भी मेरा प्रश्न था जहां पर 11 सौ ट्रेक्टर एक साथ खरीदने का एवं लोन फायनेंस करने से संबंधित मेरा प्रश्न था उसमें मोटर-सायकिल एवं आटो-रिक्शा के नंबर निकले थे 11 सौ ट्रेक्टर्स का, मेरे अपने खरगौन जिले में अनियमितताएं भर्तियों में की गई हैं तो क्या आप सीबीआई से इसकी जांच करवाएंगे?
श्री सुंदरलाल तिवारी—(XXX)
अध्यक्ष महोदय—इसको कार्यवाही से विलोपित किया जाए. आपको अवसर देंगे आप बैठ जाएं आप इनका उत्तर आने नहीं देना चाहते हैं.
श्री सुंदरलाल तिवारी—आने देना चाहते हैं.
अध्यक्ष महोदय—आने देना चाहते हैं तो आप कृपया बैठ जाएं.
श्री गोपाल भार्गव—माननीय अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश की को-आपरेटिव बैंको की सभी जिलों की सभी शाखाओं में कोर-बैंकिंग की व्यवस्था शुरू की है, यह सितम्बर, 2013 की बात है उसी दिनांक से कोर-बैंकिंग शुरू हुई है और रीवा का जिला सहकारी बैंक है वहां पर यह गड़बड़ी पकड़ में आयी. कोर-बैंकिंग में गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद टी.सी.एस.टाटा कंसल्टेन्सी सर्विसेज है उससे हमें जो सूचना मिली उसमें सबसे पहले मैंने पत्र लिखा कलेक्टर रीवा के लिये, एस.पी.रीवा के लिये, माननीय मुख्यमंत्री जी ने पत्र लिखा, मुख्यमंत्री जी के सचिवालय ने भी लिखा.
श्री रामनिवास रावत—आप पर्टिक्यूलर जवाब नहीं दे रहे हैं. आप सदन का वक्त जाया कर रहे हैं, यह बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रश्न है.
श्री गोपाल भार्गव—मैं एक एक बात का जवाब देने के लिये तैयार हूं, यह जो आरोप लगा रहे हैं.
श्री रामनिवास रावत—मैं आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता हूं.
श्री गोपाल भार्गव –मेरे पत्र पर कार्यवाही हो रही है.
अध्यक्ष महोदय—रावत जी एक मिनट तिवारी जी आप बैठ जाएं.
श्री गोपाल भार्गव—एक एक प्रश्न का तथा एक एक बात का पूरा उत्तर दूंगा.
अध्यक्ष महोदय—सुंदरलाल जी आप बैठ जाएं. आप जवाब नहीं लेना चाहते हैं.
श्री रामनिवास रावत—हमें जवाब चाहिये भाषण नहीं ?
श्री बाला-बच्चन—आप टाईम पास न करें.
एक माननीय सदस्य—आप जवाब नहीं सुनना चाहते हैं, यह कौन सा तरीका है. यह जवाब नहीं दे रहे हैं. सवाल करने के बाद भी जवाब नहीं देते हैं.
श्री बाला-बच्चने—अध्यक्ष महोदय, मेरा स्पेस्फिक प्रश्न है माननीय मंत्री जी उसका स्पेस्फिक उत्तर दें.
अध्यक्ष महोदय—वह बता रहे हैं कि प्रकरण में जांचें कब कब तथा किस प्रकार से कराई हैं वह तो प्रश्न है ?
श्री गौरीशंकर शेजवार—बाला बच्चन जी ने भाषण में प्रश्न पूछा है इसमें मंत्री जी पाईंटेट उत्तर दे रहे हैं.
श्री बाला बच्चन—यह आप बोल रहे हैं माननीय आसंदी ने इस बात को माना है.
श्री गौरीशंकर शेजवार—आप रिकार्ड उठाकर के देख लीजिये आपने 10 मिनट तक भाषण दिया है आप मंत्री जी का पाईंटेट उत्तर नहीं सुनना चाहते हैं.
अध्यक्ष महोदय—बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रश्न है उसका उत्तर तो आने दीजिये आपको फिर से इसमें बोलने का अवसर मिलेगा.
श्री बाला बच्चन—माननीय अध्यक्ष महोदय, इसमें दूसरे मंत्री जी खड़े हो रहे हैं और इस तरह की बात कर रहे हैं.
श्री सुंदरलाल तिवारी—इस प्रश्न में सीबीआई जांच की मांग है, इसमें घपला है.
अध्यक्ष महोदय—आप बैठ जाएं माननीय मंत्री जी का उत्तर तो सुन लें.
श्री रामनिवास रावत—इसमें सीबीआई की जांच कराएंगे कि नहीं कराएंगे ?
श्री गोपाल भार्गव—किस बात की सीबीआई की जांच?
श्री सुंदरलाल तिवारी—(XXX)
श्री गोपाल भार्गव—(XXX)
श्री सुंदरलाल तिवारी—(XXX)
अध्यक्ष महोदय—आप लोग उत्तर नहीं सुनना चाहते हैं.
श्री रामनिवास रावत—अध्यक्ष महोदय, मैं आपकी अनुमति से एक प्रश्न कर लूं.
अध्यक्ष महोदय—मंत्री जी का उत्तर आ जाए फिर आपको अनुमति दे देंगे.
श्री गोपाल भार्गव—बाला बच्चन जी ने जो प्रश्न किया उसका उत्तर तो देने दीजिये.
अध्यक्ष महोदय—आप कार्यवाहक प्रतिपक्ष के नेता जी हैं.
श्री गोपाल भार्गव—अध्यक्ष महोदय, बाला बच्चन जी ने जो प्रश्न किया है उसमें माननीय मुख्यमंत्री जी की पहल पर तथा मेरी ही पहल पर—
श्री रामनिवास रावत—हम तो इसमें सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.
श्री सुंदरलाल तिवारी—किसी की भी पहल इसमें नहीं है. न मुख्यमंत्री जी की पहल है और न ही आपकी पहल है. इसमें शिकायत पड़ी हुई हैं.
श्री गोपाल भार्गव—ठीक है मैं मुख्यमंत्री जी के अधीन काम कर रहा हूं.
श्री सुंदरलाल तिवारी— इसमें शिकायत पड़ी हुई हैं.
श्री गौरीशंकर शेजवार—आप इसमें सरेन्डर करना चाहते हैं क्या इस जुर्म में?
अध्यक्ष महोदय—सुंदरलाल जी आप बैठ जाएं. माननीय तिवारी जी ने जो बोला है, तथा माननीय मंत्री जी ने जो बोला है इसको कार्यवाही से विलोपित.
श्री गोपाल भार्गव—अध्यक्ष महोदय मध्यप्रदेश तो क्या भारत के सहकारिता इतिहास में आज तक इतनी कठोर एवं प्रभावी कार्यवाही जब से देश आजाद हुआ है, आज तक नहीं हुई है आप खुद तिवारी जी महसूस करते होंगे, यदि आप सत्य को स्वीकार नहीं कर सकते हैं तो नहीं करें. मार्च में जब मैंने पत्र लिखा उसके बाद ही उसमें कार्यवाही शुरू हुई, उसके बाद में एफ.आई.आर हुई, उसके बाद में इसमें गिरफ्तारियां भी हुईं, उसके बाद में इसमें 17 करोड़ रूपये में से 13 करोड़ रूपये की वसूली भी हो गई और इसी तरह से आपने जो प्रश्न किया है बाला बच्चन जी आज मैंने मध्यप्रदेश में जिला सहकारी बैंकों में इसी तरह की कार्यवाही प्रारंभ की है. अन्य मध्यप्रदेश की जिला सहकारी बैंकों में हमने इसी तरह की कार्यवाही प्रारम्भ की है. निलंबन भी हुए हैं टर्मिनेट भी हुए हैं और जेल भी भेजे गये हैं.
श्री बाला बच्चन - माननीय अध्यक्ष महोदय, मंत्री जी की नियत से साफ स्पष्ट हो रहा है कि वे उत्तर नहीं देना चाहते हैं.
श्री गोपाल भार्गव – आप क्या उत्तर चाहते हैं. ?
श्री बाला बच्चन - मैंने यह बोला है कि सीबीआई से जो जांच होना है वह निष्पक्ष होगी.
श्री गोपाल भार्गव - एफआईआर हो गई. गिरफ्तारी हो गई. राशि की वसूली हो गई.
श्री बाला बच्चन – नहीं हुई है.
श्री गोपाल भार्गव – 12 करोड़ रुपये की वसूली हो गई. 17 करोड़ में से और मैंने पत्र लिखा.
श्री बाला बच्चन – माननीय मुख्यमंत्री जी आप यहां बैठे हैं. क्या इसकी सीबीआई से जांच कराएंगे जिससे पूरे प्रदेश में बैंकों में जो घोटाले और गबन हो रहे हैं उन पर रोक लग सके. माननीय मंत्री जी मेरे प्रश्न का जवाब नहीं दे रहे हैं.
श्री गोपाल भार्गव – मैं उत्तर दे रहा हूं. आप बैठिये. अध्यक्ष महोदय, मैं बाला बच्चन जी की एक-एक बात का, एक-एक जिले का जवाब दे रहा हूं. वर्ष 2014-15 में जिला सहकारी बैंक,होशंगाबाद की शाखा हरदा में राशि 2.77 करोड़ रुपये नगद कैश बैलेंस का गबन हुआ. इसमें अपराध प्रकरण दर्ज हुआ. मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है तथा गबन की राशि भी जमा हो गई है.
अध्यक्ष महोदय - इसमें यह कहां है ?
श्री गोपाल भार्गव – वर्ष 2013-14 में जिला सहकारी बैंक,रायसेन शाखा, एम.ई. की राशि रुपये 2 करोड़ 50 लाख फर्जी विद्ड्रावल होने के कारण उसमें अपराधिक प्रकरण दर्ज है. तत्कालीन उत्तरदायी मुख्य अधिकारी के विरुद्ध विभागीय जांच प्रचलन में है.
श्री रामनिवास रावत - माननीय मंत्री जी बैठ जाएं.
अध्यक्ष महोदय – माननीय मंत्री जी बैठ जाएं.
श्री गोपाल भार्गव – मैं जिलेवार जानकारी दे रहा हूं.
अध्यक्ष महोदय – जिलेवार नहीं पूछा है.
श्री गोपाल भार्गव – आपके समय में आप लोगों ने पूरे कापरेटिव्ह में घुन लगा दिया था. एक-एक जगह टर्मिनेट हुए हैं. जेल गये हैं. आज भी जेल में हैं.
श्री रामनिवास रावत – माननीय अध्यक्ष महोदय, रीवा की बैंकों में माननीय मंत्री जी ने खुद स्वीकार किया है कि 16 करोड़ 14 लाख के गबन का भ्रष्टाचार पकड़ा गया. माननीय मंत्री जी ने भी पत्र लिखा होगा. मुख्यमंत्री जी ने भी पत्र लिखा होगा. इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है. इसके बाद इस जांच को सीआईडी को हस्तांतरित किया गया क्योंकि इसमें एक डीएसपी और एक थानेदार से भी वसूली हुई है. इस पूरे आरोप पत्र में जो दिये गये हैं इसमें क्र.18 प र एक आरोपी का नाम है बृजेश उरमलिया, उसने एक पत्र डीजीपी को श्रीमान पुलिस महानिदेशक,सीआईडी विभाग को पत्र लिखा है. क्या वह पत्र इस जांच में सम्मिलित है. उस पत्र में स्पष्ट लिखा है कि (XXX)..
अध्यक्ष महोदय – नहीं. माननीय रावत जी उसको पढ़िये मत. आपने रिफ्रेंस दे दिया. उसको पढ़िये मत. वह अलाऊ नहीं करेंगे हम.
श्री रामनिवास रावत – मेरे पास वह पत्र है. जो उन्होंने भेजा है.
अध्यक्ष महोदय – नहीं कोई भी पत्र नहीं पढ़ सकते.
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) – अनुचित बात है.
अध्यक्ष महोदय – इसे कार्यवाही से निकाल दें.
श्री जयंत मलैया – किसी मंत्री के ऊपर इस प्रकार से आरोप नहीं लगा सकते. क्या इसके लिये आपने अनुमति ली है.
श्री रामनिवास रावत – यह डीजीपी को भेजा है.
अध्यक्ष महोदय – यह कार्यवाही से निकाल दें. यह गलत है.
श्री जयंत मलैया – इस बात का क्या सबूत है.
श्री रामनिवास रावत – इसीलिये सीबीआई जांच की बात कर रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय – आप सीधे प्रश्न पूछिये. किसी का रिफ्रेंस देकर नहीं.
डॉ. नरोत्तम मिश्रा – क्या पत्र पढ़ने की अनुमति आपने ली है ?
श्री रामनिवास रावत – चलिये. यह बता दें क्या बृजेश उरमलिया का पत्र जांच में सम्मिलित है कि नहीं जो डीजीपी को भेजा है.
श्री गोपाल भार्गव – (XXX)
अध्यक्ष महोदय – उसकी अनुमति नहीं दी है उनको.
श्री गोपाल भार्गव – चुनौती है चुनौती. जांच करवा लेना कभी भी.
अध्यक्ष महोदय – सोनिया जी वाला भी कार्यवाही से निकाल दें. तिवारी जी आप पूछिये. तिवारी जी ने स्थगन दिया है.
श्री रामनिवास रावत – मैंने पत्र रखा नहीं है. मैंने कोड किया है.
अध्यक्ष महोदय – नहीं इस प्रकार से नहीं कर सकते. किसी का भी पत्र इस तरह से कोड नहीं कर सकते. यह डिसअलाऊ है.
श्री रामनिवास रावत – यह पूरे प्रकरण की प्रापर्टी है.
अध्यक्ष महोदय – आप अपनी ओर से बोलिये. किसी दूसरे के पत्र से नहीं. तिवारी जी आप बोलिये.
श्री गोपाल भार्गव – आप सीआईए से जांच करवा लो. स्काटलैंड यार्ड से जांच करवा लो. एफबीआई से जांच करवा लो.
XXX (आदेशानुसार रिकार्ड नहीं किया गया)
श्री रामनिवास रावत – आप सीबीआई से जांच के लिये प्रस्तावित कर दो. यही तो चाह रहे हैं.
श्री गोपाल भार्गव – किसने जांच करवाई. मैंने पहल की. मेरे ही ऊपर आरोप लगा रहे हो. चुनौती है.
अध्यक्ष महोदय – तिवारी जी आप पूछिये. उनका एडजर्नमेंट प्रस्ताव आया है.
श्री अजय सिंह :- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह गंभीर मामला है यदि किसी ने भी पत्र लिखा है, आपने निष्पक्ष जांच करायी है. उसको थोड़ा आगे पहल कर दीजिये, आप अच्छे मंत्री है आप सीबीआई की जांच करा दीजिये दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा. आप ईमानदार मंत्री हैं.
अध्यक्ष महोदय:- श्री तिवारी जी आप बिनी भाषण दिये एक प्वाईन्टेड प्रश्न कर लीजिये.
श्री सुन्दरलाल तिवारी:- माननीय अध्यक्ष महोदय, श्री रामकृष्ण जो एक मुल्जिम है उससे 62 लाख रूपये नगर पंचायत के चुनाव के समय सिरमौर में जब्त किये गये थे, उस पर शिकायत हुई तो तत्काल अधिकारियों ने 62 लाख रूपये को एक्सप्लेन कर दिया था कि किस तरह से बांटी गयी तो उसके बाद सालों से इस बात की शिकायत चल रही थी ...
अध्यक्ष महोदय:- आप प्वाईन्टेड प्रश्न पूछिये. यह सवाल नहीं है.
डॉ नरोत्तम मिश्र:- प्रश्नकाल के बाद भी आपने समय दिया तो यह आपकी उदारता का नाजायज फायदा उठा रहे हैं. आपने पाईंटेट प्रश्न की अनुमति है. यह भाषण दे रहे हैं.
श्री सुन्दरलाल तिवारी :- अध्यक्ष महोदय, मेरा कहना है कि माननीय मुख्यमंत्री जी आप इस भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से करायेंगे या नहीं ?
(श्री सुन्दरलाल तिवारी, सदस्य शासन के उत्तर से असंतुष्ट होकर गर्भगृह में आये एवं माननीय अध्यक्ष के निर्देश पर वापस अपने आसन पर गये.)
(प्रश्नकाल समाप्त)
श्री रामनिवास रावत:- अध्यक्ष महोदय, बड़वानी के शासकीय जिला अस्पताल में जो आंखों का मोतियाबिंद का आपरेशन किया गया, उसमें शासकीय लापरवाही के चलते, गलत दवाईयों को देने कारण 45 लोगों की आंखें खराब हो गयी हैं. चूंकि यह मानवीय संवेंदनाओं से जुड़ा हुआ पहलु है और मैं समझता हूं कि इस घटना ने प्रदेश के सभी लोगों का दिल झकझोर दिया है. इसके संबंध में मैंने और बाला बच्चन जी ने स्थगन प्रस्ताव दिया है. अध्यक्ष महोदय, इसके संबंध में विचार करें.
श्री बाला बच्चन:- अध्यक्ष महोदय, यह मानवीय संवेंदनाओं का मामला है . इसमें तैंतालीस लोगों की आंखों की रोशनी गयी है. आदरणीय रामनिवास रावत जी ने, हमने और विधायक साथियों जी ने जो स्थगन प्रस्ताव दिया है. हमारा आग्रह है आप इस पर चर्चा करायें. जिससे की सारी चीजें स्पष्ट हो जायें.
अध्यक्ष महोदय:- हमने इस विषय में शासन से जानकारी बुलवायी है. जानकारी आ जाने के बाद यथोचित निर्णय करेंगे आपको सूचित करेंगे और आपसे चर्चा करके ही इस पर निर्णय करेंगे.
समय- 11.54 नियम 267 –क के अधीन विषय
बालाघाट शहर में मिनरल्स कंपनी द्वारा खदानों से बगैर सुरक्षा के मजदूरों से कार्य लिया जाना.
श्री आरिफ अकील :- मेरी सूचना का विषय इस प्रकार है-
श्री रामनिवास रावत :- अध्यक्ष महोदय, श्री आरिफ अकील जी ने शून्यकाल की सूचना भी ठीक से नहीं पढ़ी है, ऐसा लगता है कि नाराज हैं, इनकी नाराजगी का कारण पूछ लें. शायद इलेक्ट्रानिक मीडिया को बाहर करने के कारण तो ऐसा नहीं है.
श्री आरिफ अकील :- मैंने अपनी शून्यकाल की सूचना पढ़ दी है। हम बार बार तो नहीं पढेंगे.
डॉ. गोविन्द सिंह :- अनुपस्थित.
11:35 बजे {
{उपाध्यक्ष महोदय (डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह ) पीठासीन हुए}
3. जिला श्योपुर में संचालित अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में पदस्थ शिक्षकों को पांचवे वेतनमान के एरियर्स का भुगतान न होना.
श्री रामनिवास रावत (विजयपुर)—माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मेरी शून्यकाल की सूचना का विषय इस प्रकार है--
4. श्री नीटू सत्यपाल सिंह सिकरवार (अनुपस्थित)
5. डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय (अनुपस्थित)
6. श्री दुर्गालाल विजय (अनुपस्थित)
7. कुंवर सौरभ सिंह (अनुपस्थित)
8. श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया (अनुपस्थित)
9. भोपाल स्थित पंचशील नगर की नालियों का निर्माण न होने से गंदगी होना
श्री सूबेदार सिंह रजौधा (जौरा)—माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मेरी शून्यकाल की सूचना का विषय इस प्रकार है--
10. श्री ठाकुरदास नागवंशी (अनुपस्थित)
11:38 बजे अध्यादेशों का पटल पर रखा जाना
विधि और विधायी कार्यमंत्री (सुश्री कुसुम सिंह महदेले)—उपाध्यक्ष महोदय, मैं, भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 की अपेक्षानुसार निम्नलिखित अध्यादेशों :--
1. डॉ. बी.आर.अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय अध्यादेश, 2015 (क्रमांक 4 सन् 2015),
2. मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2015 (क्रमांक 5 सन् 2015) तथा
3. मध्यप्रदेश वेट (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2015 (क्रमांक 6 सन् 2015) को पटल पर रखती हूँ.
11:39 बजे जुलाई, 2015 सत्र के अपूर्ण उत्तरों के पूर्ण उत्तरों का संकलन पटल पर रखा जाना
उपाध्यक्ष महोदय—जुलाई, 2015 सत्र के प्रश्नों के अपूर्ण उत्तर के पूर्ण उत्तर खण्ड-5 का संकलन पटल पर रखा गया.
11:40 बजे नियम 267-क के अधीन जुलाई, 2015 सत्र में पढ़ी गई सूचनाओं तथा उनके उत्तरों का संकलन पटल पर रखा जाना.
उपाध्यक्ष महोदय—नियम 267-क के अधीन जुलाई, 2015 सत्र में सदन में पढ़ी गई सूचनाएं तथा उनके संबंध में शासन से प्राप्त उत्तरों का संकलन सदन के पटल पर रखा गया.
11.40 बजे
राष्ट्रपति/राज्यपाल की अनुमति प्राप्त विधेयक.
उपाध्यक्ष महोदय :-
सुश्री हिना लिखीराम कांवरे-- माननीय उपाध्यक्ष महोदय, जो मंत्री जी ने जवाब दिया है उसके संदर्भ में मैं एक उदाहरण बताना चाहती हूं कि हमारे यहाँ एक निस्तार डिपो पालडोंगरी है , अभी इसी माह में एक शवदाह हेतु लकड़ी के लिए जब हमारे लोग डिपो में गये तो वहाँ शवदाह के लिए लकड़ी नहीं थी मैंने जब हमारे फारेस्ट के एसडीओ से बात की तो उन्होंने कहा कि आप उन लोगों को लांजी काष्ठ डिपो भेज दीजिये वहाँ से हम लकड़ी उपलब्ध कराएंगे क्योंकि ई-पेमेंट की वजह से कोई भी लेबर हमारे पास काम करने को तैयार नहीं हो रहा है, इस कारण लकड़ी निस्तार डिपो तक नहीं पहुंचाई जा रही है. उपाध्यक्ष महोदय मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से यह कहना चाहती हूं कि क्या आपके पास विभाग द्वारा शासन को मजदूरों को ई-पेमेंट देने में आने वाली दिक्कतों के बारे में अवगत कराया गया है. यदि हाँ तो कब अवगत कराया गया है तथा उसका माध्यम वीडियो कांफ्रेंसिंग है या पत्राचार कर अवगत कराया गया है कृपया बताये. तथा यह भी बतायें कि इस व्यवहारिक दिक्कत पर शासन ने अब तक क्या कार्यवाही की है?
डॉ. गौरीशंकर शेजवार-- माननीय उपाध्यक्ष महोदय, वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी मुझे ऐसा अवगत नहीं कराया गया . शासन से किसी अधिकारी द्वारा ऐसा पत्राचार भी नहीं किया गया लेकिन दौरों के समय पर जब आपस में बातचीत होती है तो कुछ स्थानों पर ई-पेमेंट में सुधार लाने के लिए बात आई, चूंकि बैंक दूर होते हैं ,इसके कारण ई पेमेंट की व्यवस्था लागू की गई है और यह नई व्यवस्था है,इस कारण मजदूर इसके लिए एकदम तैयार नहीं हैं. ऐसी सूचनाएं मुझे मिली हैं.
सुश्री हिना लिखीराम कांवरे--- माननीय उपाध्यक्ष महोदय , मैं यही बात आपसे कहना चाहती हूं कि यह दिक्कतें व्यवहारिक हैं और बैंक का पेमेंट कियोस्क के माध्यम से होता है यह हम सभी जानते हैं यदि उनको दो दो माह तक पेमेन्ट नहीं मिलेगा, जो लोग रोज कमाते हैं,रोज खाते हैं ऐसे में उन मजदूरों को दिक्कत होती है. ऐसी व्यवस्था में उनको पेमेंट नहीं मिलेगा तो जो काम हम लोग कर रहे हैं, निस्तार डिपो से जो शवदाह के लिए लकड़ी जाती है उसमें दिक्कत है ,यह व्यवहारिक दिक्कत है इसके लिए आप कृपया कुछ करें.
डॉ. गौरीशंकर शेजवार--- हम इस पर विचार-विमर्श कर रहे हैं. माननीय मुख्यमंत्री जी यहाँ उपस्थित हैं उनके सामने भी हमने यह बात रखी थी.अब वह कुछ कहना चाह रहे हैं.
मुख्यमंत्री(श्री शिवराजसिंह चौहान)—माननीय उपाध्यक्ष महोदय, यह बात सही है कि ई-पेमेंट एक अत्यन्त पारदर्शी व्यवस्था है और यह व्यवस्था बहुत सोच-समझ कर सरकार ने लागू की. लागू इसलिए की कि कई बार यह शिकायत आती थी कि नगद भुगतान में कुछ पैसा इधर से उधर चला जाता है, व्यवहारिक दिक्कत हम सब लोग जानते हैं कि नगद भुगतान में यह संभावना रहती थी कि पूरा पैसा मजदूर को न मिले और उस तरह की दिक्कतों को देखते हुए, केवल वन विभाग में नहीं, वन विभाग ने भी सक्षमता से ई-पेमेंट को लागू किया,उसके लिए मंत्री जी भी बधाई के पात्र हैं. कई और विभागों ने भी ई-पेमेंट की व्यवस्था लागू की लेकिन चर्चा में जैसा मंत्री जी ने बताया, केवल काष्ठागार की लकड़ी के लिए नहीं, बाकी विभागों में भी मेरे पास भी जब मैंने जनता से चर्चा की तो यह समस्या सामने आयी जैसे सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन. सवाल यह है कि बैंक की रीच इतनी दूर है कि हम सामाजिक सुरक्षा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन उसको कहेंगे कि ई-पेमेंट हो गया जाओ बैंक से निकाल लाओ, अब वो दो दिन, तीन दिन उनको आने में जाने में लगते हैं, कई बार बैंक की प्रॉयरिटी नहीं रहती है और बैंक ने एक बार मना कर दिया तो फिर जाये फिर तिबारा जाये, ऐसी व्यवहारिक दिक्कतें मैंने स्वयं भी महसूस की हैं, मेरे साथियों ने महसूस की हैं और इसलिए मैं यह आवश्यक समझता हूँ कि बड़े पेमेंट की बात नहीं है लेकिन रोजाना जो मजदूरी कर रहा है और रोजाना जिसको भुगतान की जरुरत है. यह बात सही है कि माननीय सदस्या पूर्व विधायक महोदया की बिटिया है, उन्होंने एक अच्छा सवाल उठाया है. यह बात सच है कि दो महीना, महीना भर ई-पेमेंट में लग गया तो मजदूर की फिर रुचि नहीं रहती कि वह जाकर मजदूरी करे और इसलिए सरकार इस पहलू पर विचार करेगी और आपको विश्वास में ले के, क्योंकि पीछे कदम भी हम नहीं हटाना चाहते कि ई-पेमेंट नहीं होगा,बाकी दिक्कतें सामने आएंगी उन सब पर विचार करके अगर यह व्यवहारिक होगा कि कुछ ऐसी चीजें हैं कि जिसमें नगद भुगतान किया जाना चाहिए,मान लीजिए ग्राम सभा के बीच में कोई महीने का एक दिन तय करें कि वृद्धावस्था पेंशन या सामाजिक सुरक्षा पेंशन इस तरह की मजदूरी का भुगतान सब के सामने ग्राम सभा के बीच में पंचायत भवन में किया जायेगा, इस तरह की कुछ व्यवस्था अगर बन जाएगी तो मैं समझता हूँ कि व्यवहारिक समाधान निकल आयेगा लेकिन मैं इससे सहमत हूँ कि यह दिक्कत ई-पेमेंट में होती है कि पेमेंट थोड़ा लेट हो जाता है. सरकार ने पारदर्शी व्यवस्था बनायी लेकिन व्यवहारिक अगर दिक्कत आती है तो उस व्यवहारिक दिक्कत के समाधान के लिए हम विचार करके फैसला लेंगे.
उपाध्यक्ष महोदय—हिना जी, अब तो आपका उत्तर आ गया.
सुश्री हिना लिखीराम कांवरे—बहुत बहुत धन्यवाद.
श्री राम निवास रावत(विजयपुर)—माननीय उपाध्यक्ष महोदय, माननीय मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता के कारण ई-पेमेंट की व्यवस्था की है लेकिन हम जितने भी सदस्य हैं, जमीनी स्तर पर हम देख रहे हैं कि जो बैंकिंग एप्रोचेबिल नहीं हैं, जैसा आपने कहा कि बैंक दूर हैं और कियोस्क बैंक, बैंक की शाखा जरुर है लेकिन कियोस्क बैंक पर हमें कोई भरोसा नहीं है. कियोस्क बैंकिंग जितने भी लोग चला रहे हैं, अंगूठे से खाते खुलते हैं, अंगूठे से बंद होते हैं और मजदूरों के अंगूठा चिह्न मिट भी जाते हैं और कभी-कभी उनके अकाउंट खुलते भी नहीं हैं और कभी-कभी कियोस्क बैंक वाले बड़ी लम्बी बेइमानी उनका अंगूठा लगवा के..
उपाध्यक्ष महोदय—रावत जी, प्रश्न पूछें.
श्री राम निवास रावत—मैं सामान्य बात कर रहा हूँ कि इसमें सुधार के लिए ऐसी व्यवस्था करें. एक तो यही है कि मजदूरों को पेमेंट तुरन्त मिले. दूसरा जो मजदूरी करने वाला हैं, कभी कभी ऐसी स्थिति बनती है, यह पिछली बार भी बात आयी कि जो बैंक का कर्जदार है, ई-पेमेंट से उसको मजदूरी का पेमेंट किया, उसके घर में खाने को केवल वही मजदूरी का पैसा आयेगा,तभी खाने की व्यवस्था होगी और उधर कही उस पर बैंक का कर्ज है तो बैंकें भी उसको काट लेती हैं. ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित हो कि मजदूर को मजदूरी का पैसा समय पर और निश्चित रुप से मिले.
उपाध्यक्ष महोदय—माननीय मुख्यमंत्री जी ने समीक्षा करने के लिए कहा है.
डॉ.गौरीशंकर शेजवार—माननीय उपाध्यक्ष महोदय, रावत जी ने जो चिन्ता जाहिर की, माननीय मुख्यमंत्री पहले ही उस पर विचार कर चुके हैं और केवल विचार नहीं, उन्होंने मंत्रिपरिषद में भी यह बात कही और आज सदन के सामने भी उन्होंने मजदूरों की पीड़ा, वृद्धापेंशन वालों की पीड़ा समग्र रुप से उसको विचार करने की जो बात कही तो हम मुख्यमंत्री जी का इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद मानते हैं(मेजों की थपथपाहट)
श्री उमंग सिंघार(गंधवानी)—माननीय उपाध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी ने जो बात कही उसमें एक सुझाव देना चाह रहा हूँ.आन्ध्रप्रदेश के अन्दर एक व्यवस्था है, मैं वारांगल डिस्ट्रक्ट भी गया था वहां पर स्वसहायता समूह के माध्यम से कोर बैंकिंग है लेकिन उनको थम्ब प्रिंट वाली एक डिजिट दी जाती है कि मजदूर उसी के गांव के अऩ्दर उस महिला समूह से पेमेंट ले सकें. इस बारे में आप मालूम करायें.
श्री शिवराज सिंह चौहान—माननीय उपाध्यक्ष महोदय,समग्र रुप से सरकार विचार करेगी और आपको भी विश्वास में लेगी क्योंकि हम लोग भी चाहते हैं कि हम लोग सब मिल के इस पर विचार करके किसी निष्कर्ष पर पहुंचे जिससे व्यवहारिक दिक्कतें समाप्त हों और मजदूर को समय पर मजदूरी मिल सके लेकिन भ्रष्टाचार की संभावनाएँ भी न रहें तो आपसे भी चर्चा करके हम सब सदन के माननीय सदस्यों से विचार करके इस पर फैसला लेंगे.(मेजों की थपथपाहट)
उपाध्यक्ष महोदय –माननीय सदस्य के अनुरोध अनुसार ध्यानाकर्षण क्र. (2) आगामी तिथि को लिया जाएगा.
11.55 बजे {अध्यक्ष महोदय (डॉ. सीतासरन शर्मा) पीठासीन हुए}
अनुपस्थिति की अनुज्ञा
(1) श्री सत्यदेव कटारे,
(2) डॉ. कैलाश जाटव.
समय 12.00 बजे.
शासकीय विधि विषयक कार्य
मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी(संशोधन) विधेयक, 2015
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ( श्री गौरीशंकर बिसेन ) – अध्यक्ष महोदय मैं मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक, 2015 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय – प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक, 2015 के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाय.
अनुमति प्रदान की गई.
श्री गौरीशंकर बिसेन – अध्यक्ष महोदय मैं मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक, 2015 का पुर:स्थापन करता हूं.
मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता(संशोधन) विधेयक,2015
राजस्व मंत्री (श्री रामपाल सिंह ) – अध्यक्ष महोदय मैं मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2015 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय – प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2015 के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाय.
अनुमति प्रदान की गई.
श्री रामपाल सिंह – अध्यक्ष महोदय मैं मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक, 2015 का पुर:स्थापन करता हूं.
मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) द्वितीय संशोधन विधेयक, 2015
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री उमाशंकर गुप्ता ) – अध्यक्ष महोदय मैं मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) द्वितीय संशोधन विधेयक,2015 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय – प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय ( स्थापना एवं संचालन ) द्वितीय संशोधन विधेयक, 2015 के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाय.
अनुमति प्रदान की गई.
श्री उमाशंकर गुप्ता – अध्यक्ष महोदय मैं मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन ) द्वितीय संशोधन विधेयक, 2015 का पुर:स्थापन करता हूं.
मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक,2015
परिवहन मंत्री ( श्री भूपेन्द्र सिंह ) – अध्यक्ष महोदय मैं मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2015 के पुर:स्थापन की अनुमति चाहता हूं.
अध्यक्ष महोदय – प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2015 के पुर:स्थापन की अनुमति दी जाय.
अनुमति प्रदान की गई.
श्री भूपेन्द्र सिंह – अध्यक्ष महोदय मैं मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक, 2015 का पुरस्थापन करता हूं.
अध्यक्ष महोदय – विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार, दिनांक 8 दिसम्बर, 2015 को प्रात: 10.30 बजे तक के लिए स्थगित.
अपराह्न 12.02 बजे विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार, दिनाँक 8 दिसम्बर, 2015 ( 17 अग्रहायण, शक संवत् 1937) के प्रात: 10.30 बजे तक के लिए स्थगित की गई.
भोपाल, भगवानदेव ईसरानी
दिनांक : - 7 दिसम्बर, 2015 प्रमुख सचिव,
मध्यप्रदेश विधानसभा