मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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पंचदश विधान सभा एकादश सत्र
मार्च, 2022 सत्र
सोमवार, दिनांक 7 मार्च, 2022
(16 फाल्गुन, शक संवत् 1943 )
[खण्ड- 11 ] [अंक- 1]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
सोमवार, दिनांक 7 मार्च, 2022
(16 फाल्गुन, शक संवत् 1943 )
विधान सभा पूर्वाह्न 11.00बजे समवेत हुई.
{अध्यक्ष महोदय (श्री गिरीश गौतम) पीठासीन हुए.}
राष्ट्रगीत ''वन्दे मातरम्'' का समूह गान
अध्यक्ष महोदय -- अब, राष्ट्रगीत ''वन्दे मातरम्'' होगा.
सदस्यों से अनुरोध है कि वे कृपया अपने स्थान पर खड़े हो जाएं.
(सदन में राष्ट्रगीत ''वन्दे मातरम्'' का समूह गान किया गया.)
अब, सदन राज्यपाल महोदय के आगमन की प्रतीक्षा करेगा.
(सदन द्वारा माननीय राज्यपाल महोदय के आगमन की प्रतीक्षा की गई.)
11.11 बजे
(माननीय राज्यपाल महोदय का सदन में चल समारोह के साथ आगमन हुआ)
11.12
राज्यपाल महोदय का अभिभाषण
राज्यपाल महोदय (श्री मंगुभाई पटेल) --
11.40 बजे (राज्यपाल महोदय ने चल समारोह के साथ सभा भवन से प्रस्थान किया.)
11.43 बजे औचित्य के प्रश्न पर अध्यक्षीय व्यवस्था
संसदीय कार्य मंत्री (डॉ.नरोत्तम मिश्र) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, एक पाइंट ऑफ इन्फॉरमेशन देना थी. आपसे एक प्रार्थना करनी थी. आपके माध्यम से एक दिशा भी चाहिए थी. सूचना यह थी और सभी सम्माननीय सदस्यों से मेरा निवेदन है कि उसको कांग्रेस या भाजपा की दृष्टि से न देखें. संयोग की बात है कि हमारे नेता प्रतिपक्ष जी सर्वोच्च सदन में संसदीय कार्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहे हैं. उनके दल के एक विधायक श्री पटवारी जी ने ट्वीट करके महामहिम राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर बहिर्गमन किया अथवा विरोध दर्ज किया. मेरी प्रार्थना सिर्फ इतनी-सी है कि यह परम्परा अगर शुरू हुई, राज्यपाल का एक गरिमामय स्थान है जिस तरह से जुलूस आता है आज का दिन यादों में रहता है अगर यह ट्वीट करने की परम्परा प्रारम्भ हुई तो क्या बहिर्गमन फिर आगे से मोबाइल पर ही होंगे, ट्वीटर पर ही होंगे ? इस पर मैं तो चाहूंगा कि नेता प्रतिपक्ष जी को इस बारे में कुछ न कुछ कहना ही चाहिए. मैंने इसीलिए उनसे प्रार्थना भी कि सदस्य अगर ट्वीट करके गवर्नर के एड्रेस का विरोध करता है एक संवैधानिक व्यवस्था है. माननीय अध्यक्ष महोदय, यह सदन की अपनी एक गरिमा है और चाहे पक्ष हो या विपक्ष हो, सबको ताकत तो आपसे मिलती है. आसंदी से जब ताकत मिलती है तो उसका विरोध करने का जो तरीका अख्तियार किया गया है.
अध्यक्ष महोदय, मैं यह मानता हूँ कि यह निंदनीय है. इसके ऊपर, नेता प्रतिपक्ष जी को, कि यह बात आगे बढ़े, उसके पहले स्पष्टीकरण जरूर देना चाहिए और आसंदी की व्यवस्था आनी ही चाहिए, ऐसी मेरी मान्यता है. आखिरी बात और यह है कि उन्होंने अभिभाषण का बहिष्कार किया तो अभिभाषण उन्हें मिला कहां से, प्राप्त कहां से हुआ, विरोध किया तो उन्हें मिला कहां से और किस प्वॉइन्ट का उन्होंने विरोध किया. जो सार्थक बहस यहां पर होती है, पक्ष-विपक्ष की, उसकी भी एक मर्यादा, गरिमा होती है, यहां पर बोलते हैं, अभिभाषण के बीच में बोलते हैं, बाद में बोलते हैं, वह चल रहा है, लेकिन उन्होंने अभिभाषण प्राप्त कहां से किया, जिसका उन्होंने विरोध किया, जह जरूर चाहता हूँ.
नेता प्रतिपक्ष (श्री कमल नाथ) -- माननीय अध्यक्ष जी, मैं सहमत हूँ और मेरी पार्टी, मेरा दल भी सहमत है कि इस सदन की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है. यही परम्परा रही है, विधान सभा हो या लोकसभा हो या इस देश का जो भी सदन हो, यह परम्परा हमें बनाए रखना चाहिए और इसे मजबूती देनी चाहिए. हम सब इसमें भागीदार हैं. मैं इतना ही कहना चाहता हूँ कि यह हमारी पार्टी का फैसला नहीं था. ट्वीट की जानकारी तो अभी घण्टे भर पहले मुझे मिली, पर ऐसे ट्वीट से मैं भी सहमत नहीं हूँ, जिससे सदन की गरिमा प्रभावित हो. यह हमारी पार्टी का फैसला नहीं था, न अब था और न आगे भी रहेगा (मेजों की थपथपाहट).
श्री लक्ष्मण सिंह -- अध्यक्ष महोदय, एक मिनट...
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, नहीं, अब तो आपके दल की तरफ से बात आ गई. सबसे पहले तो मैं हमारे संसदीय कार्यमंत्री जी को धन्यवाद देता हूँ कि बड़े गंभीर मुद्दे को आपने उठाया है और नेता प्रतिपक्ष जी को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ कि संसदीय मान्य परम्पराओं को खण्डित नहीं होने देना चाहिए, इसके लिए आपने भी अपनी प्रतिज्ञा को दोहराया है. उसके लिए मैं आपका भी धन्यवाद करना चाहता हूँ (मेजों की थपथपाहट). दो बिंदु आए, एक बिंदु तो यह आया है कि माननीय राज्यपाल महोदय का जो अभिभाषण है, इसमें गर्वनर का विरोध कर रहे हैं या गर्वनर के अभिभाषण का विरोध कर रहे हैं. यदि विधान सभा के भीतर कोई नहीं आया तो उसको कैसे पता चला कि अभिभाषण के कौन से अंश विरोध करने लायक हैं और कौन से अंश विरोध नहीं करने लायक हैं. यह चिंता का विषय है. हम सबको मिलकर के संसदीय गरिमा को, संसदीय परम्परा को बनाए रखने के लिए जो भी उचित कदम उठाने की जरूरत हो, सबको मिलकर उठाना चाहिए. वाकई में यह ठीक नहीं है, मैं ऐसा इस आसंदी से कह सकता हूँ. इस तरह की जो कार्यवाहियां हो रही हैं, वह ठीक नहीं हैं. ऐसी परम्पराएं इतिहास के लिए ठीक नहीं होगी. मैं यही कहना चाहता हूँ.
श्री लक्ष्मण सिंह -- अध्यक्ष महोदय, एक मिनट...
अध्यक्ष महोदय -- नहीं, अब हो गया, पटाक्षेप हो गया.
श्री लक्ष्मण सिंह -- अध्यक्ष महोदय, एक मिनट, बहुत महत्वपूर्ण विषय है. मैं आपसे सहमत हूँ. मैं सत्ता पक्ष, विपक्ष, सबसे सहमत हूँ कि हमारी संसदीय परम्परा का सम्मान होना चाहिए. इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए मैं आपसे निवेदन करना चाहता हूँ और सारे सदन से निवेदन करना चाहता हूँ कि बजट सत्र शुरू होने के पहले बजट समाचार-पत्रों में लीक कैसे हो जाता है ? दैनिक-भास्कर यह बता रहा है कि बजट में क्या होने वाला है, क्या यह संसदीय परम्परा है ? माननीय अध्यक्ष जी, इसमें भी आप शासन को निर्देशित करें कि बजट इस तरह समाचार-पत्रों में अगर सदन शुरू होने के पहले लीक किया जाएगा तो यह सबसे बड़ी अवमानना सदन की है और प्रजातंत्र की है. धन्यवाद.
मुख्यमंत्री (श्री शिवराज सिंह चौहान) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, सबसे पहले तो मैं नेता प्रतिपक्ष, श्रीमान कमल नाथ जी ने जिस बड़े मन से एक गलत परम्परा का विरोध करते हुए सहमति जताई है, मैं उनको हृदय से धन्यवाद देता हूँ (मेजों की थपथपाहट). पक्ष हो, विपक्ष हो, संसदीय परम्पराओं का पालन करना हमारा धर्म है और मध्यप्रदेश की गौरवशाली परम्परा रही है, इसको उन्होंने आगे बढ़ाने का काम किया है. जहां तक हमारे वरिष्ठ सदस्य माननीय लक्ष्मण सिंह जी ने जो बात कही है, अखबार अपने मन से कई बार गलत, कई बार अंदाज से, गलत-सही कुछ भी अनुमान लगाते रहते हैं और कुछ न कुछ अंदाज से भी लिखते रहते हैं. उसको यह न माना जाए कि वह किसी ने जान के लीक किया है. यह तो सरकार की जवाबदारी है. अब इतना जरूर है, हम 'आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश' का रोडमैप बना रहे हैं, हम लोग कहते हैं कि हम इसको प्राथमिकता देंगे, उसको प्राथमिकता देंगे, तो उसमें कई बार अखबार कयास लगाते हैं, अनुमान लगाते हैं. बजट गोपनीय है, गोपनीय ही रहेगा, माननीय सदन की किसी भी परम्परा का कभी भी उल्लंघन नहीं किया जाएगा, मैं आश्वस्त करता हूँ (मेजों की थपथपाहट).
श्री लक्ष्मण सिंह -- अध्यक्ष महोदय, उसमें भाव बढ़ने की बात भी कही गई है इसलिये मैंने कहा है. मैं आपको दिखा दूंगा. आप पत्रकारों पर थोड़ा नियंत्रण करें.
11.50 बजे अध्यक्षीय व्यवस्था
अध्यक्ष महोदय -- माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा अपने अभिभाषण के अधिकांश पैराग्राफ पढ़े गए हैं. शेष समस्त पैराग्राफ पढ़े हुए माने जाएंगे.
श्री एन.पी. प्रजापति -- अध्यक्ष महोदय, एक त्रुटि हो रही है, जो आपने कहा कि बाकी अंश पढ़े हुए माने जाएंगे, कुछ शब्द अस्पष्ट थे और कुछ आंकड़े भी ऐसे बोल दिए गए हैं उनको भी संशोधित करवा लें.
अध्यक्ष महोदय -- ठीक है, उनको संशोधित कर लिया जाएगा.
11.51 बजे राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव
डॉ. सीतासरन शर्मा (सदस्य)-- अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूं कि ''राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया उसके लिए मध्यप्रदेश की विधान सभा के इस सत्र में समवेत सदस्यगण अत्यंत कृतज्ञ हैं.''
श्री यशपाल सिंह सिसौदिया (सदस्य) -- अध्यक्ष महोदय, मैं, इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं.
अध्यक्ष महोदय -- प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि ''राज्यपाल ने जो अभिभाषण दिया उसके लिए मध्यप्रदेश की विधान सभा के इस सत्र में समवेत सदस्यगण अत्यंत कृतज्ञ हैं.''
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए मैं, दिनांक 08 एवं 10 मार्च, 2022 नियत करता हूं.
जो माननीय सदस्य कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव में संशोधन देना चाहते हों, वे आज दिनांक 07 मार्च, 2022 को सायंकाल 5.00 बजे तक विधान सभा सचिवालय में दे सकते हैं.
विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार, दिनांक 08 मार्च, 2022 को प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है.
पूर्वाह्न 11.52 बजे विधान सभा की कार्यवाही मंगलवार, दिनांक 08 मार्च, 2022 (फाल्गुन 17,1943) के प्रात: 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की गई.
भोपाल
दिनांक : 07 मार्च, 2022 अवधेश प्रताप सिंह
प्रमुख सचिव
मध्यप्रदेश विधान सभा