मध्यप्रदेश विधान सभा
की
कार्यवाही
(अधिकृत विवरण)
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षोडश विधान सभा षष्टम सत्र
जुलाई-अगस्त, 2025 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 1 अगस्त, 2025
(10 श्रावण, शक संवत् 1947 )
[खण्ड- 6] [अंक- 5 ]
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मध्यप्रदेश विधान सभा
शुक्रवार, दिनांक 1 अगस्त, 2025
(10 श्रावण, शक संवत् 1947 )
विधान सभा पूर्वाह्न 11.02 बजे समवेत हुई.
{ अध्यक्ष महोदय (श्री नरेन्द्र सिंह तोमर) पीठासीन हुए.}
बधाई
सर्वश्री इंदर सिंह परमार, विश्वामित्र पाठक, बिसाहूलाल सिंह
संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल, सदस्यगण के जन्मदिन पर सदन की ओर से बधाई.
अध्यक्ष महोदय- माननीय सदस्यगण आज श्री इंदर सिंह परमार जी, श्री विश्वामित्र पाठक जी, श्री बिसाहूलाल सिंह जी एवं श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल जी इन सभी सदस्यों के जन्मदिन हैं.
सदन की ओर से इनको बहुत-बहुत शुभकामनाएं. (मेजों की थपथपाहट)
संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय)- माननीय चारों सदस्य नहीं हैं. अच्छा बिसाहूलाल जी हैं. श्री बिसाहूलाल जी, आपका स्वागत है और शुभकामनाएं.
श्री बिसाहूलाल सिंह- धन्यवाद.
11.03 बजे
तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण की योजनाओं का संचालन
[सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण]
1. ( *क्र. 1723 ) श्री नीरज सिंह ठाकुर : क्या सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण विभाग में कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? योजनाओं के नाम की सूची एवं पात्रता नियम उपलब्ध करायें। उक्त योजनाओं में से जबलपुर जिले में कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार जबलपुर जिले की विधानसभा बरगी में किस-किस योजना में कौन-कौन से हितग्राही मूलक योजनाओं में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है? ग्राम पंचायतवार/ग्रामवार/नगर परिषदवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या बरगी विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगजनों की पहचान/चिन्हित कर लिया गया है? यदि हाँ, तो दिव्यांगता की श्रेणीवार, ग्रामवार जानकारी दें। यदि पहचान/चिन्हित नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी? (घ) क्या पहचान/चिन्हित किये गये श्रेणीवार दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता अनुसार सहायक यंत्र तथा ट्राय सायकल, बैसाखी, चश्में, श्रवण यंत्र इत्यादि उपलब्ध कराये गये हैं? यदि नहीं कराये गये तो क्यों? विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने दिव्यांग हैं, इन्हें कब तक सहायक यंत्र/सामग्री उपलब्ध करा दी जायेगी?
सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। पहचान चिन्हित किये गये श्रेणीवार दिव्यांगजनों को उनकी आवश्यकता अनुसार सहायक यंत्र तथा ट्रायसाईकिल, बैसाखी, चश्में, श्रवण यंत्र इत्यादि उपलब्ध कराये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्री नीरज सिंह ठाकुर- प्रश्न क्रमांक-1.
श्री नारायण सिंह कुशवाह- अध्यक्ष महोदय, उत्तर पटल पर रखा है.
श्री नीरज सिंह ठाकुर- जय महाकाल. सभी माननीय सदस्यों को और सम्माननीय अध्यक्ष जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं.
आज का मेरा प्रश्न दिव्यांगजन से संबंधित है जो अब हमारे देश में अक्षमता के लिये नहीं, बल्कि अपनी क्षमताओं के लिये पहचाने जाते हैं और इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है, पैरा ओलंपिक गेम्स्- 2024 में हमारे 84 प्रतिभागियों का प्रदर्शन, जो समूचे देश के लिये गौरव और गर्व की बात है. दिव्यांगजनों की साढ़े तीन करोड़ इनकी आबादी है और इनकी दिव्य प्रतिभा ने हमें पैरा ओलंपिक गेम्स में 29 मेडल दिलाये हैं.
मध्यप्रदेश की रूबिना फ्रांसिस और कपिल परमार ने भी ओलंपिक्स में हमारे प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए देश के लिये मेडल जीते हैं. मैं चाहूंगा कि पूरा सदन इनके लिये जोरदार अभिनंदन करे. ( मेजों की थपथपाहट )
मैं सबसे पहले तो यशस्वी, ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को इस सदन के माध्यम से हृदय से धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने विकलांग शब्द के स्थान पर पहली बार एक सम्मानजन सूचक शब्द दिव्यांग का वर्ष 2015 में करना शुरू किया. इसके अलावा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 भी लागू किया गया और यू.डी.आई.डी., एकीकृत दिव्यांगजन पहचान पत्र कार्ड एवं पोर्टल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी, माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा शुरू की गयी, उसके लिये भी मैं प्रधानमंत्री जी को हृदय की गहराइयों से धन्यवाद देता हूं. वर्ष 2016 से सात श्रेणी के स्थान पर अब 21 श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है.
मेरा पहला प्रश्न माननीय मंत्री जी से यह है कि क्या विकासखण्डवार सही और बेहतर तरीके से दिव्यांगजनों का चिन्हाकंन और रजिस्ट्रेशन के लिये केम्प लगाकर दिव्य प्रतिभाओं को सम्मानित करेंगे ?
श्री नारायण सिंह कुशवाह- माननीय अध्यक्ष महोदय, विभाग ने एक केलेण्डर बनाया है और सितम्बर, अक्टूबर और नवंबर यह तीन महीने मध्यप्रदेश के पूरे नगरीय निकाय और विकासखण्डवार शिविर लगेंगे और वहां जो भी दिव्यांगजन या अन्य विभाग में आने वाले हितग्राही हैं, उन सबको चिह्नांकित करके उनका चयन होगा और जिले में एक बड़ा कार्यक्रम जिले का होकर के मुख्यमंत्री जी के साथ में वह जिले का कार्यक्रम होगा.उन्हें वह यंत्र जो भी वितरण होना है, उसका कार्यक्रम होगा और इसमें मेडिकल बोर्ड की भी टीम बैठेगी. किसी का अगर मेडिकल परीक्षण होना है, यूडीआईडी कार्ड में कहीं कोई दिक्कत आ रही है, तो उसका भी निराकरण ऐसे शिवरों में, वह केम्प में होगा.
श्री नीरज सिंह ठाकुर—अध्यक्ष महोदय, मैं मंत्री जी के पहले उत्तर से संतुष्ट हूं. मेरा दूसरा प्रश्न है कि चिह्निंत दिव्यांगजन हर विकास खण्ड और खास तौर पर मेरी बरगी विधान सभा में उन्हें अब तक 79 उपकरण ट्रायाईकिल, बैसाखी, चश्में, श्रवण यंत्र आदि का वितरण किया गया है. यह संख्या बहुत कम है. जवाब अनुसार अभी तक सिर्फ 89 दिव्यांजनों को उपकरण दिये गये हैं. जबकि मेरी विधान सभा में ही लगभग 8 हजार दिव्यांगजन हैं और यदि मैं पूरे प्रदेश की बात करुं तो यहां 18 लाख दिव्यांगजन हैं. तो क्या इस संख्या को बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है. जो चिह्निंत हो चुके हैं दिव्यांगजन, उनको बहुत कम उपकरण का वितरण किया जा रहा है. मंत्री जी, मैं इस विषय में आपसे उत्तर चाह रहा हूं.
श्री नारायण सिंह कुशवाह-- अध्यक्ष महोदय, यह समय समय पर किसी को आवश्यकता अगर किसी चीज की होती है, तो विभाग के द्वारा उन्हें वह चीज प्रदाय कराई जाती है और वास्तव में यह जब मैंने आंकड़े देखे, मैं भी देखकर कि यह बहुत कम संख्या जो दिखी मुझे. तो मैंने कल ही विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं. मैंने कहा कि जाकर के और पूरे इस विधान सभा में जाकर के देखें कि कहां यह गड़बड़ी है, परन्तु इस समस्या का हल अब विस्तृत रुप से जो हम प्रक्रिया अपनाने जा रहे हैं, उसके तहत यह सारी समस्या के समाधान हो जायेंगे. इसीलिये यह कैलेण्डर बनाया है.
श्री नीरज सिंह ठाकुर—अध्यक्ष महोदय, मेरा मंत्री जी को एक सुझाव था कि जब हम भ्रमण पर जाते हैं, तो बहुत सारे दिव्यांगजन जो दिव्य प्रतिभा के धनी होते हैं. वह हमसे उपकरण की मांग करते हैं और उनको पेंशन की भी समय समय पर बहुत एक हमसे मांग करते हैं कि क्यों न उनकी पेंशन एक हजार बढ़ाई जाये. तो ज्यादा डिग्री के जो दिव्यांगजन हैं 80 परसेंट एण्ड अबव. क्या सरकार उनको इसी सत्र से पेंशन एक हजार रुपये देगी. यह मेरी मंत्री जी के माध्यम से सरकार से मांग है.
अध्यक्ष महोदय—मंत्री जी, कुछ कहना चाहेंगे.
श्री नारायण सिंह कुशवाह—अध्यक्ष महोदय, यह पेंशन वाला विचार विचाराधीन है और मुख्यमंत्री जी जल्दी ही इस पर फैसला भी लेंगे.
श्री नीरज सिंह ठाकुर— धन्यवाद.
अतिक्रमण मुक्त की गई भूमि पर पुन: अतिक्रमण
[वन]
2. ( *क्र. 1874 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कंपार्टमेंट नंबर 358, 359, 360, 361 वन परिक्षेत्र उत्तर दक्षिण, सामान्य वनमण्डल विदिशा के अंतर्गत आते हैं? यदि हाँ, तो उक्त कंपार्टमेंट नंबर मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम द्वारा वन विभाग को कब हस्तांतरित किये गये? हस्तांतरण की दिनांक, जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जब निगम द्वारा वन विभाग को उक्त कंपार्टमेंट नंबर हस्तांतरित किये गये थे, तब उक्त भूमि पर कितने वृक्ष रोपित थे? उनमें से कितने जीवित थे? कंपार्टमेंट नंबर सहित बतावें तथा कब-कब अतिक्रमणकारियों द्वारा उक्त वृक्षों को काटकर अवैध रूप से अतिक्रमण कर खेती की गई? कंपार्टमेंट नंबर सहित, नष्ट किये गये वृक्षों की संख्या सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में क्या वृक्षों की कटाई से विभाग एवं सरकार को राजस्व की हानि हुई? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? यदि वृक्षों की कटाई नहीं होती, तो विभाग को कितनी आय होगी? (घ) क्या कंपार्टमेंट नंबर 358, 359, 360, 361 में प्रश्नकर्ता की सी.एम. हेल्पलाइन पर एवं पत्र के माध्यम से की गई शिकायत पर अतिक्रमण मुक्ति की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई गई तथा क्या कुछ दिन पूर्व उक्त अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि पर पुनः अतिक्रमणकारियों द्वारा अवैध रूप से ट्रैक्टर चलाकर खेती की गई? नलकूप खनन किया गया? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ड.) प्रश्नांश (क), (घ) के संदर्भ में क्या उक्त पुनः अतिक्रमण करने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा मौखिक एवं व्हाट्सएप के माध्यम से विभाग को शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी तथा क्या मुकेश कैन, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, वनपरिक्षेत्र उत्तर (लटेरी) को हटाकर निष्पक्ष जांच कब तक कराई जावेगी?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन कक्ष म.प्र. राज्य वन विकास निगम द्वारा सामान्य वनमण्डल विदिशा को दिनांक 16.02.2023 को हस्तांतरित किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ, कक्षों में अतिक्रमण बेदखली की कार्यवाही की गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अतिक्रमण मुक्त कराई गई भूमि पर पुन: किसी भी अतिक्रमणकारी द्वारा ट्रैक्टर चलाकर खेती नहीं की गई है और न ही नलकूप खनन किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ, सामान्य वनमंडल विदिशा द्वारा माननीय प्रश्नकर्ता को कार्यालयीन पत्र क्रमांक/स्टेनो/शि./514, दिनांक 05.03.2025, पत्र क्रमांक/स्टेनो/शि./417, दिनांक 20.02.2025 एवं पत्र क्रमांक/स्टेनो/शि./1563, दिनांक 11.07.2025 से उपरोक्त शिकायतों का प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। सभी शिकायतों की निष्पक्ष जांच कराई गई है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
श्री उमाकांत शर्मा—अध्यक्ष महोदय, प्रश्न क्र. 1874.
श्री दिलीप अहिरवार-- अध्यक्ष महोदय, उत्तर पटल पर रखा है.
श्री उमाकांत शर्मा—अध्यक्ष महोदय, मैं आपका संरक्षण चाहता हूं. प्रश्न के उत्तर में अधिकांश गलत जानकारी दी गई है. मेरे प्रश्न क्र. 1874 में प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया गया है कि दिनांक 16.2.2023 को वन विकास निगम द्वारा वन विभाग को भूमि हस्तांतरित की गई है. 16.2.2023 को कम्पार्टमेंट न. 358,359,360 एवं 361 में कितने पौधे जीवित हैं, यह जानकारी मुझे क्यों नहीं दी गई है और आज दी जाये. यह जानकारी मुझे नहीं दी गई है. केवल जांच द्वारा 2021 में गणना की गयी थी. मेरी यह ताजी शिकायत है. अभी 3 महीने पहले मैंने शिकायत की, उसके बावजूद भी वहां के सक्षम रेंजर, मुकेश कैन, डिप्टी रेंजर, नाकेदार भ्रष्टाचार करके वन भूमि पर खेती करा रहे हैं. (फोटो दिखाते हुए.) मेरे पास यह प्रमाण हैं, यह फोटो हैं. आपने कहा है कि वहां नलकूप नहीं है, इसमें मैं नलकूप दिखा सकता हूं.
अध्यक्ष महोदय- उमाकांत जी आप प्रश्न तो करो.
श्री उमाकांत शर्मा-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा प्रश्न यह है माननीय मंत्री महोदय कब तक यह जो सर्वे नंबर मैंने बलरामपुर, दरगा, रतनगढ़ गुरूबा, आलमपुर इनके बोले हैं यह वन विभाग के सर्वे नंबर हैं, दोषी अधिकारी और कर्मचारी मुकेश कैन सहित इनको हटाकर के कब तक कार्यवाही करके और जो अतिक्रमण है उसको कब तक हटा दिया जायेगा.
श्री दिलीप अहिरवार- माननीय अध्यक्ष महोदय, हमारे महाराज बहुत ही वरिष्ठ सदस्य हैं. मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं , और आपके माध्यम से मैं बता दूं कि जो प्रश्न हमारे वरिष्ठ सदस्य ने किया है, मैं उसका जवाब तो दूंगा ही, इसके पूर्व मैं मुख्यमंत्री आदरणीय डॉ.मोहन यादव जी का धन्यवाद करूंगा कि वन विभाग के द्वारा मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम हुआ है, पिछली बार हमारे मध्यप्रदेश में 26 लाख पर्यटक आये थे वह संख्या अब बढ़कर के 28 लाख हो गई है और अधिक पर्यटक हमारी धरती इस मध्यप्रदेश में आये हैं. इसके अलावा राजस्व की आय जो कि पिछले वर्ष जो 58.81 करोड़ राजस्व का आय थी वह अब बढ़कर के 64 करोड़ रूपये हो गई है .इसलिये मैं इस सदन में मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री आदरणीय डॉ.मोहन यादव जी का धन्यवाद करता हूं. माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य ने जो प्रश्न किया है. मैंने बड़े सम्मान के साथ में उनको जवाब भेजा भी है.
श्री उमाकांत शर्मा- अध्यक्ष महोदय, मुझे जवाब दो सेकेंड पहले मिला है.
श्री दिलीप अहिरवार- मैं आपको अभी बता ही रहा हूं, आप चिंता मत करिये आपका सम्मान भी करेंगे और आपके सब प्रश्नों के जवाब भी देंगे. और आप संतुष्ट भी होगे. आप चिंता मत करिये, जो आप चाहेंगे वह होगा.माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य ने 358, 359, 360 और 361 के बारे में वृक्षारोपण के बारे में पूछ है. हमने माननीय सदस्य को रोपित पौधे की जानकारी भी दी कि क्रमांक 358 में 3,75,000 ,क्रमांक 359 में 2,50,000 ,क्रमांक 360 में 4,28,000 और क्रमांक 361 में 4,00,000 लाख पौधे रोपित किये हैं, हमने पूरी बिंदुवार आपको जानकारी भी दी है. आप जीवित पौधे की भी बात करते हैं. आपको उसकी भी हमने जानकारी दी है, दूसरे पायदान में कि कितने कितने पौधे जीवित हैं. मगर मैं माननीय सदस्य को बता दूं कि जिस प्रकार से आपने बात रखी है, हमारे विभाग के अधिकारी के द्वारा जैसे ही जानकारी आई, शिकायत आई, उस शिकायत के माध्यम से हमारे विभान ने उस पर कार्यवाही भी है और आपको भी पता है और इसमें बताया भी है कि 4 अधिकारी और कर्मचारी हैं जिनकी शिकायत के माध्यम से गलती पाई गई तो उनसे 57.24 लाख की वसूली करने का आदेश भी हमारी सरकार ने किया है. हमारे माननीय मुख्यमंत्री जी ने..
श्री उमाकांत शर्मा- कौन सी तारीख में.
श्री दिलीप अहिरवार - अरे वह भी सब बता दूंगा. कौन सी तारीख है, वह भी बताऊंगा माननीय सदस्य महोदय और आपको यह भी बता दूं कि उनके पेंशन से पैसे कट भी रहे हैं और अभी 28 लाख के करीब कुछ पैसे बकाया भी हैं और बराबर कट भी रहे हैं तो आप यह नहीं कह सकते हैं कि हमने कोई जानकारी आपको नहीं दी है. यह हमारे माननीय मोहन यादव जी की सरकार है, कोई भी दोषी पाया जायेगा उसको हम बख्शेंगे नहीं, चाहे वह कोई भी हो. आपको मैं विश्वास दिलाता हूं कि पूरी विधिवत जानकारी भी आपको चाहिये होगी तो तारीखवार भी मैं आपको जानकारी उपलब्ध करा दूंगा और जो आपने पूछा है तो हमने उस पर कठोर कार्यवाही की है और अधिकारियों पर भी कार्यवाही की है.
श्री उमाकांत शर्मा -- अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न का समाधान नहीं हुआ. मैंने वन विभाग के कर्मचारियों को वहां से हटाकर या निलंबित करके और जो मेरे पास में चित्र हैं और जो मैंने पिछले महीने मार्च में शिकायत की है उसके आधार पर इन कंपार्टमेंट में अतिक्रमण है कि नहीं है, यदि है तो मेरा निवेदन है कि एक जांच दल बना दिया जाये. माननीय अध्यक्ष महोदय जी आपसे भी मेरा निवेदन है कि विधायकों की एक कमेटी बना दी जाये तो दूध का दूध और पानी का पानी उस जांच में हो जायेगा.
श्री सोहनलाल बाल्मीक- पंडित जी अब जोर से बोलो..
श्री दिलीप अहिरवार- माननीय अध्यक्ष जी, जैसे ही हमारे पंडित जी प्रश्न के लिये खड़े हुये तो हमारे प्रतिपक्ष के सदस्य बड़े ऊर्जा के साथ खड़े हुये और बोले कि पंडित जी अब जोर से बोलो.
माननीय अध्यक्ष महोदय, अगर हमारे विभाग की टीम कार्यवाही करने जाती है तो आपको दिक्कत , आप कहते हैं कि वन कम हो रहा है अगर हमारी टीम कार्यवाही करने जाती है तो खड़े होकर के कहते हैं जौर से बोलो, अब आप कहते हैं कि कार्यवाही करो, अगर हम कार्यवाही करते हैं तो फिर आप हमारा समर्थन करो, अगर आपको लगता है कि वन विभाग की भूमि में अवैध कब्जा लोगों ने किया है और अगर हमारी वन विभाग की टीम उस कब्जे को हटाती है तो फिर आपको क्यों दिक्कत होती है, फिर आपको क्यों परेशानी होती है.
श्री उमाकांत शर्मा -- जिनका कब्जा है वह सब इनके मित्र हैं.
अध्यक्ष महोदय -- दिलीप जी, आप सिर्फ उमाकांत जी का जवाब दें और मेरी तरफ देखकर दें.
श्री दिलीप अहिरवार -- अध्यक्ष महोदय, हम निश्चित रूप से हम अपने पंडित जी का सम्मान करते हैं. वह हमारे वरिष्ठ नेता हैं. मैं आपको बता दूं कि हमने उसमें 65 हेक्टेयर पर कब्जा हटाया भी है पंडित जी और हमें पता है कि 133 हेक्टेयर पर पहले कब्जा किया था फिर 388 हेक्टेयर पर कब्जा हुआ है. आप चिंता मत करिए आप जहां भी बताएंगे हमारी वन विभाग की टीम ईमानदारी के साथ जिन्होंने कब्जा किया है वह हटाने का हम काम करेंगे और निरंतर हमारी टीम कर भी रही है आप चिंता मत करें.
श्री उमाकांत शर्मा -- अध्यक्ष महोदय, मैं मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय मोहन यादव जी का वन संरक्षण के लिए मध्यप्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार का वन विकास के लिए धन्यवाद देता हूं और आपने जो मुझे आश्वासन दिया है आश्वासन में नोट हो जाए, वहां पर तत्काल कार्यवाही करके आप हटा देंगे इसके लिए मैं सरकार का आभार व्यक्त करता हूं.
अध्यक्ष महोदय -- उमाकांत जी संतुष्ट हुए यह बड़ी बात है.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- आज उनकी आवाज में दम नहीं था.
सतना वन मंडल अंतर्गत राजस्व गांवों में भूमि आवंटन
[वन]
3. ( *क्र. 1862 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना वन मंडल अंतर्गत कितने राजस्व गांव हैं? उक्त ग्रामों में निवासरत लोगों को वर्ष 2003 से प्रश्नांक दिनांक तक किस-किस योजना से कितनी-कितनी जमीन किन-किन हितग्राहियों को किस आधार/नियम के तहत आवंटित की गई? ग्रामवार, योजनावार, रकबा सहित हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करायें। (ख) सतना वन मंडल का वार्षिक बजट कितने का है? पिछले 5 वित्तीय वर्षों में कितनी राशि का आवंटन किन-किन योजनाओं के लिये किया गया है? योजनावार, राशिवार अलग-अलग जानकारी उपलब्ध करायें।
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) सतना वनमण्डल में कुल 1471 राजस्व गांव हैं। प्रश्नाधीन अवधि में अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के तहत वन अधिकार पत्र दिये गये हैं, प्रश्नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा -- अध्यक्ष महोदय, प्रश्न क्रमांक 1862.
श्री दिलीप अहिरवार -- अध्यक्ष महोदय, उत्तर पटल पर रखा है.
श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा -- अध्यक्ष महोदय, जो उत्तर दिया गया है वह पर्याप्त नहीं है. सिर्फ आधा अधूरा जवाब दिया है. मेरा प्रश्न था कि महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि सतना वन मंडल अंतर्गत कितने राजस्व गांव हैं. उक्त गांवों में निवासरत लोगों को वर्ष 2003 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना से, कितनी-कितनी जमीन, किन-किन हितग्राहियों को, किस आधार/नियम के तहत आवंटित की गई है, तो इसमें इन्होंने सिर्फ राजस्व गांवों की संख्या बताई है. जो भूमि का आवंटन हुआ है वह नहीं बताया है जबकि कल की डेट में 11 पट्टे वन विभाग ने औचक बैठक करके सतना में निरस्त किए हैं, लेकिन यह नहीं बता रहे हैं कि कितने पट्टे इन्होंने जारी किए हैं, किनको जारी किए हैं. मेरा इस प्रश्न के माध्यम से उद्देश्य है कि जो राजस्व गांव हैं उनको सुविधा मिले, उनको व्यवस्था मिले. बहुत सारे गांव ऐसे हैं जहां स्कूल नहीं हैं, सड़क नहीं है, पानी नहीं है, आवागमन का कोई माध्यम नहीं है. ऐसे लोग जो जंगलों में रह रहे हैं, ऐसे जो मूल निवासी ज्यादातर हमारे क्षेत्र में आदिवासी लोग जंगलों में निवास कर रहे हैं उनकी सुविधाओं, उनकी व्यवस्थाओं को हम कैसे ठीक करें, तो प्रश्न का जवाब लगातार छिपाया जा रहा है तो मेरा अनुरोध है कि जो मेरा पूरा प्रश्न है कृपयाकर उसका जवाब मुझे उपलब्ध कराया जाए और उस पर कार्यवाही हो.
श्री दिलीप अहिरवार -- अध्यक्ष महोदय, हम जो भी प्रश्न का उत्तर हमारे प्रतिपक्ष के सदस्यों को देते हैं यह तो स्वाभाविक है कि यह कभी संतुष्ट होंगे ही नहीं. यह कह भी नहीं सकते कि हमने कभी कुछ किया है. इनका स्वभाव है और मैं सम्मान के साथ सदस्य को बताना चाहूंगा कि आपने जो हमसे जानकारी मांगी थी हमने वह आपको बताई भी है. आपने कहा कि कितने वनमंडल में कुल राजस्व गांव हैं तो हमने आपको संख्या भी बताई है कि 1,471 राजस्व गांव हैं और आपको यह भी बता दें जो आप हमसे पूछ रहे हैं कि यह पट्टे किनको दिए हैं तो मैं आपको बता दूं कि वर्ष 2006 के नियम के अनुसार 3,144 लोगों को हमने वनाधिकार पट्टे दिए हैं. 4,130 हेक्टेयर जमीन हमने वहां पर वनाधिकार पट्टे के अधिकार में दी है और आप कहते हैं कि हमने नहीं दिए. आप कहते हैं कि आदिवासी समाज के भाइयों के यहां रोडें नहीं हैं, आप कहते हैं कि स्कूल नहीं हैं, आप एक बार मेरे साथ चलिए तो, मैं जिस अनूपपुर जिले का प्रभारी मंत्री हूं वह पूरा ट्राइबल क्षेत्र है और आप इस सदन में इस प्रकार की बात कर रहे हैं तो एक बार आप मेरे साथ चलना, आज जिस भी रोड और गांव में जाते हैं तो मैं देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी जी का और डॉ. मोहन यादव जी का धन्यवाद करता हूं कि उस ट्राइबल क्षेत्र के भाइयों के बीच रोड बनाते हैं. यहां असत्य बोलने से, सदन में जोर-जोर से बोलने से क्या होगा. पूरा मध्यप्रदेश जानता है.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- अध्यक्ष महोदय, यह क्या बोल रहे हैं. आपको प्रश्न का जवाब देना है और यह क्या बोल रहे हैं.
श्री दिलीप अहिरवार -- अध्यक्ष महोदय, मैं जवाब ही दे रहा हूं. यह जवाब है. आपने जवाब मांगा मैंने जवाब दिया. आपने उन आदिवासी भाइयों की बात की तो मैंने उसका जवाब दिया है. मैंने कुछ और नहीं किया. मैं आपको बता रहा हूं.
अध्यक्ष महोदय -- सिद्धार्थ जी दूसरा स्पष्ट प्रश्न करें.
श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं यह पूछना चाह रहा हूँ. ठीक है आप सही बोल रहे हैं, बहुत अच्छा बोल रहे हैं. आप तो अधिकारियों की भाषा बोल रहे हैं, रट्टू तोता की तरह बात कर रहे हैं. यह 11 पट्टे क्यों निरस्त किए, यह फर्जी कहां से हो गए. यह किसने बनाए, इसका जवाब दीजिए, इस पर क्या कार्यवाही हुई वह बताएं. मैंने ग्रामवार और पंचायतवार आपसे सूची मांगी वह आपने अभी तक क्यों नहीं दी है. क्यों छुपाया जा रहा है. आप बोल दोगे कि हम क्यों दें. आप हमें अनूपपुर घुमा रहे हो आप आओ हम आपको सतना घुमाते हैं और पूरी सरकार को घुमाते हैं पूरे जंगल को बेच खाया है. यहां तक कि शहरी क्षेत्र में जो वन की भूमि थी उसको भी लीज पर दे दिया.
अध्यक्ष महोदय -- सिद्धार्थ जी, प्रश्नकाल इसलिए होता है कुल मिलाकर प्रश्न का समाधान हम कुछ करा सकते हैं. प्रश्न की स्पष्टता हो तो उत्तर मिले. कुल मिलाकर आप प्रश्न तो करें.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- वह सही जवाब दे दें, बता खत्म हो जाएगी. मंत्री सदन में बैठकर चैलेंज कर रहे हैं.
अध्यक्ष महोदय -- सोहन जी प्लीज.
श्री महेश परमार -- माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी को प्रशिक्षण की जरुरत है. इनको अध्ययन और ज्ञान की जरुरत है.
अध्यक्ष महोदय -- सिद्धार्थ जी आप प्रश्न करें.
श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा -- अध्यक्ष महोद, मेरा सदन से अनुरोध है कि सच्चाई सामने लाई जाए. जो भी शासन की नीति है, रीति है, जो व्यवस्था है उसको स्पष्ट किया जाए. दोषी लोगों पर कार्रवाई करें. अगर कोई अवैध कब्जाधारी है उसे हटाएं और जंगल को बचाएं. एक तरफ सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. पहाड़ को हरा-भरा कर रही है. इसकी सूची हमें कब मिलेगी.
श्री दिलीप अहिरवार -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं प्रश्न के उत्तर के लिए ही खड़ा हुआ हूँ. आप प्रश्न करें, फिर आप क्यों कहते हो कि आदिवासी भाइयों के यहां स्कूल नहीं है, क्या यह आपके प्रश्न में है. पहले आप तो सोचिए कि आपको जो प्रश्न है मैं उसका उत्तर दे रहा हूँ.
अध्यक्ष महोदय -- दिलीप जी प्रश्न का जवाब दें.
श्री सोहनलाल बाल्मीक -- सीधा-सीधा जवाब दे दें. हां या नहीं में बता दें.
श्री दिलीप अहिरवार -- ग्रामवार सूची मैंने आपको भेजी है. परिशिष्ट -एक में आप देखिए. पूरी ग्रामवार सूची मैंने आपको भेजी है. आप कैसे कह रहे हैं कि मैंने आपको सूची नहीं भेजी है. आपको बता दूं कि राजस्व के जो पट्टे दिए गए हैं वे वर्ष 2003 के पहले के जारी हुए हैं. जबकि प्रश्न वर्ष 2003 के बाद का पूछा गया है. माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूँ कि जो भी प्रश्न माननीय सदस्य पूछेंगे उसका हम शांतिपूर्ण तरीके से जवाब देंगे. अगर आप प्रश्न के बाहर जाकर बात करेंगे तो हम प्रश्न के बाहर भी आपको उत्तर देने का काम करेंगे.
श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा -- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह जवाब है. (कागज दिखाते हुए) यह बोल रहे हैं सूची दी है. जबकि यह जवाब दिया गया है. मुझे कोई अलग से सूची नहीं मिली है. मंत्री जी सदन में असत्य बोल रहे हैं, गुमराह कर रहे हैं. आप यह पटल पर रख दीजिए. आप सूची दीजिए. हमने अपना उद्देश्य बताया कि हमारा उद्देश्य इस प्रश्न के माध्यम से क्या है कि हम गांव के लोगों को, जंगल के लोगों को सुविधा दे पाएं. हमारे पास जानकारी ही नहीं है कि कौन सा राजस्व गांव है. किसी को अवैध बता दिया जाता है, किसी को वैध. आप सूची पटल पर रखिए.
अध्यक्ष महोदय -- दिलीप भाई, सूची दी है ना बताइए.
श्री दिलीप अहिरवार -- अध्यक्ष महोदय, मैंने सूची दी है यह है. मैं माननीय सदस्य को दोबारा भिजवा दूंगा, कोई दिक्कत नहीं है, मुझे कोई परेशानी नहीं है. प्रश्न के जवाब में हमने सूची भेजी है.
श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा -- आप जब सूची देंगे तब तो मिलेगी.
उपयंत्री/सहायक यंत्री के रिक्त व कार्यरत पदों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
4. ( *क्र. 520 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत उपयंत्री/सहायक यंत्री के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) बैतूल जिले में स्वीकृत पद के विरूद्व कितने उपयंत्री/सहायक यंत्री कार्यरत हैं? (ग) क्या बैतूल जिले के अंतर्गत उपयंत्री/सहायक यंत्री के पद रिक्त हैं? (घ) यदि हाँ, तो इन रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्रीमती संपतिया उइके ) : (क) बैतूल जिले के अंतर्गत उपयंत्री के 22 पद एवं सहायक यंत्री के 06 पद स्वीकृत हैं। (ख) बैतूल जिले के स्वीकृत पद के विरुद्ध 13 उपयंत्री एवं 01 सहायक यंत्री कार्यरत है। इसके अतिरिक्त 01 सहायक यंत्री को प्रभारी कार्यपालन यंत्री का कार्यभार दिया गया है। (ग) जी हाँ। बैतूल जिले में उपयंत्री के 09 पद एवं सहायक यंत्री के 05 पद रिक्त हैं। (घ) रिक्त पदों की पूर्ति सीधी भर्ती/पदोन्नति से किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल -- प्रश्न क्रमांक 520.
श्रीमती संपतिया उइके -- माननीय अध्यक्ष जी, उत्तर पटल पर रखा है.
श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल -- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से मेरा मंत्री जी से पूरक प्रश्न है कि जब तक भर्ती की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है तब तक क्या रिक्त पदों पर रिटायर्ड उपयंत्री यहा सहायक उपयंत्रियों को अस्थायी तौर पर रखकर इस कमी को पूरा किया जा सकता है. मैं आपके माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव जी और मंत्री जी को इस बात के लिए धन्यवाद देना चाहूँगा कि बैतूल जैसे जनजाति बहुल मेरे जिले में लगभग 1096 गांव में 650 करोड़ रुपए की पेयजल की योजनाएं कार्यरत् हैं जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है. अधिकारियों की कमी को अस्थाई तौर पर कैसे पूरा कर सकते हैं. मेरा यह पूरक प्रश्न है.
नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, खण्डेलवाल जी आपकी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं. इन्हें तो मंत्री जी को कक्ष में बुलाकर बात कर लेना चाहिए.
संसदीय कार्यमंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) -- अध्यक्ष महोदय, यही सादगी है हमारे अध्यक्ष की, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस में यही अन्तर है. भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष की सादगी देखिए. यह सादगी है हमारे अध्यक्ष की(व्यवधान)
श्री उमंग सिंघार-- माननीय अध्यक्ष महोदय, इससे पता चलता है कि प्रदेश अध्यक्ष के काम नहीं हो रहे हैं तो विधायकों के काम कहां से होंगे और यह सादगी बता रहे हैं. (व्यवधान)...
श्री कैलाश विजयवर्गीय--यह हमारे अध्यक्ष महोदय की सादगी है. (व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय-- हरिशंकर जी, सचिन जी, आप कृपया कर बैठ जाइये. (व्यवधान)...
श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं विधायक भी हूं विधायक का फर्ज भी निभाता हूं. आप लोग भी (विपक्ष) विरोध के अलावा सरकार कोई अच्छा काम करती है तो उसका धन्यवाद देना भी शुरू करो. हमेशा विपक्ष का रोल अदा मत करो. (व्यवधान)...
अध्यक्ष महोदय-- हेमन्त जी, प्रदीप जी कृपया कर बैठ जाइये. (व्यवधान)...
श्री उमंग सिंघार-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके पद की गरिमा को देखते हुए, ठीक है विधायक हैं, सम्माननीय हैं, परंतु पद की गरिमा को देखते हुए मुख्यमंत्री जी बुलाकर करवा सकते थे. (व्यवधान)...
श्री रामेश्वर शर्मा-- माननीय अध्यक्ष महोदय, नेता प्रतिपक्ष जी ने यह दिखा दिया कि उनके यहां जब पद मिल जाता है तो विधान खत्म हो जाता है और हमारे यहां पद कुछ भी मिले पर विधान सुरक्षित रहता है. यह उदाहरण आज हेमन्त खण्डेलवाल जी ने यहां उपस्थित किया है. (व्यवधान)....
अध्यक्ष महोदय-- हेमन्त खण्डेलवाल जी विधान सभा के सदस्य हैं, इस सदन के सदस्य हैं.
श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल-- मेरे जिले में बहुत अच्छे काम कर रहे हैं. मैं सरकार का धन्यवाद देता हूं.
अध्यक्ष महोदय-- हेमन्त जी कृपया कर बैठिये. हेमन्त खण्डेलवाल जी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, यह एक अलग पक्ष है, लेकिन वह विधान सभा के सदस्य भी हैं और मैं समझता हूं कि यह अच्छी बात है विधान सभा के सदस्य होने के नाते अपने क्षेत्र की बात को सदन में उठाना यह लोकतंत्र का महत्वपूर्ण मंच है. माननीय मंत्री जी जवाब दें.
11.27 बजे स्वागत उल्लेख
श्री हरीश चौधरी जी, विधायक राजस्थान विधान सभा और प्रदेश प्रभारी, मध्यप्रदेश कांगेस कमेटी का स्वागत उल्लेख
अध्यक्ष महोदय-- माननीय श्री हरीश चौधरी जी, विधायक राजस्थान विधान सभा और प्रदेश प्रभारी, मध्यप्रदेश कांगेस कमेटी के हैं वह आज दशक दीर्घा में उपस्थित हैं सदन की ओर से उनका स्वागत है.
तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर (क्रमश:)
श्रीमती संपतिया उइके-- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से हमारी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और इस सदन के बहुत ही वरिष्ठ, सहज, सरल ऐसे हमारे बहुत ही बुद्धिजीवी माननीय विधायक जी ने प्रश्न किया इसके लिए मैं इन्हें धन्यवाद देती हूं. माननीय विधायक जी बैतूल जिले से आते हैं उन्होंने प्रश्न किया है कि हमारे पांच सब डिवीजन बैतूल जिले में उनके विधान सभा क्षेत्र में हैं और उसके साथ-साथ वहां पर 22 पद स्वीकृत हैं जिस पर 14 उपयंत्री वहां पर रखे गये हैं. मैं माननीय विधायक जी को आश्वस्त करना चाहूंगी और उनकी जो पीड़ा है उस पर मैं बताना चाहूंगी कि जिस तरह से पूरे विधान सभा में 22 पद पर भर्ती होनी थी जिसमें से मात्र 14 ही वहां पर हैं. इन 14 में 13 उपयंत्री और 1 सहायक यंत्री कार्यरत है. अभी जब ट्रांसफर नीति आयी थी तो हमने वहां से चार लोगों का ट्रांसफर किया. वहां एक ही सहायक यंत्री थे और सहायक यंत्री होने के नाते उनको परासिया में ई.ई. बनाया गया. सहायक यंत्री के कुल 242 पद हैं. सीधी भर्ती में 121 पद हैं और पदोन्नति में 121. कुल अभी 113 पद भरे हैं और आठ पद रिक्त हैं और पदोन्नति न होने के कारण अभी बहुत से पद खाली हैं. मैं माननीय सदस्य को यह अवगत कराती हूं कि जैसे ही पदोन्नति होगी, पदोन्नति के पद आएंगे तुरंत ही वहां पर माननीय मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन पर वह पद भरेंगे, यह मैं आश्वस्त करती हूं.
श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं जबाव से संतुष्ट हूं धन्यवाद.
श्री बाला बच्चन-- माननीय अध्यक्ष महोदय, पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगी हुई है. सुप्रीम कोर्ट में केस था फिर सरकार ने बात कही थी कि हम पदोन्नति में आरक्षण दे रहे हैं, लेकिन यह नहीं कर पा रहे हैं तो यह कब तक होगा. यह तो कई वर्षों से पेंडिग है. इसकी व्यवस्था कराएं.
अध्यक्ष महोदय- प्रश्न क्रमांक 5.
वन एवं वन्य प्राणियों की स्थिति
[वन]
5. ( *क्र. 448 ) सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत : क्या राज्य मंत्री, वन महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन परिक्षेत्र बड़ामलहरा, बकस्वाहा एवं वाजना, जिला-छतरपुर अन्तर्गत वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक जंगलों के विकास हेतु शासन ने कितनी-कितनी राशि का व्यय किया? लेखा शीर्षवार व्यय का विवरण वर्षवार देवें। (ख) प्रश्नांश "क" के अनुसार जंगली जानवरों की सुरक्षा/वृक्षों की सुरक्षा पर जो राशि व्यय की गई, उसमें सरकार को कितना लाभ प्राप्त हुआ? उसका भी विवरण सहित उल्लेख करें। (ग) प्रशासन द्वारा सागौन तथा अन्य सूखे वृक्षों का विक्रय किन-किन तारीखों में किस संस्था या व्यक्तियों को किया गया? उनका विवरण वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक देवें। (घ) प्रश्नांश "ग" के तहत जंगलों की वर्तमान में क्या स्थिति है? जंगल अन्दर से समाप्त हो रहे हैं, इसका निरीक्षण जिम्मेदार अधिकारियों ने किन-किन तारीखों में किया? क्या अधिकारियों ने सरकार को वस्तुस्थिति का सुझाव/प्रतिवेदन भेजा? यदि नहीं, तो क्यों?
राज्य मंत्री, वन ( श्री दिलीप अहिरवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) किसी विशेष क्षेत्र में जंगली जानवरों की सुरक्षा/वृक्षों की सुरक्षा पर व्यय की गई राशि से सरकार को होने वाले लाभ का आकलन करने की वर्तमान में व्यवस्था नहीं होने से उत्तर दिया जाना संभव नहीं है। वन विभाग के प्रयासों से पूरे राज्य में वन्य प्राणी और जंगलों को लाभ हुआ है और प्रदेश कई वन्य प्राणियों के मामले में देश में प्रथम नंबर पर है। (ग) वनमंडल छतरपुर के अंतर्गत सूखे सागौन तथा अन्य वृक्षों का विक्रय नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला छतरपुर अंतर्गत वनमंडल में जंगलों की वर्तमान स्थिति अच्छी है तथा अंदर से जंगल समाप्त नहीं हो रहे हैं। वरिष्ठों द्वारा बीट निरीक्षण हेतु प्रत्येक वर्ष बीट रोस्टर निर्धारित किया जाता है, जिसके अनुसार जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निरीक्षण के दौरान पाई वस्तुस्थिति का प्रतिवेदन तैयार किया जा कर कार्यवाही की जाती है।
सुश्री रामश्री राजपूत(बहिन रामसिया भारती)- अध्यक्ष महोदय, मेरा प्रश्न क्रमांक 448 है.
श्री दिलीप अहिरवार- अध्यक्ष महोदय, प्रश्न का उत्तर सदन के पटल पर प्रस्तुत है.
सुश्री रामश्री राजपूत(बहिन रामसिया भारती)- अध्यक्ष महोदय, आपको हमारी ओर से सादर जय श्रीराम, सदन में उपस्थित सभी सदस्यगण को भी सादर जय श्रीराम. मेरा प्रश्न था कि वन विभाग द्वारा कराये गए निर्माण कार्य में की वित्तीय अनियमिततायें. अध्यक्ष महोदय, मैं, कहना चाहती हूं कि छतरपुर जिले के वन परिक्षेत्र बड़ामलहरा, बकस्वाहा एवं वाजना में शासन के आवंटन से पृथक-पृथक लेखा शीर्षवार दिया गया है, परंतु मैं, आपके माध्यम से कहना चाहती हूं और स्पष्ट करना चाहती हूं कि शासन द्वारा करोड़ों रुपये की राशि का व्यय किया गया है, लेकिन प्रतिवर्ष जिन स्थानों को एक बार दर्शा दिया जाता है, कागजों की पूर्ति हर बार उन्हीं स्थानों से कर दी जाती है. शासन की करोड़ों रुपये की राशि का व्यय हो रहा है. अगर जहां-जहां, जिन-जिन स्थानों पर, जो मंत्री जी ने हमें जवाब दिये हैं, मैं आपके माध्यम से, एक बात और कहना चाहूंगी कि जब कल रात मैंने उत्तरपुस्तिका में हाथ लगाया, जैसे ही मैंने उसे छुआ और लाईट चली गई. मैं समझ गई जब पुस्तिका को छुते ही लाईट चली गई तो उत्तर में गड़बड़ी संभव है, बिलकुल निश्चित ही इसमें गड़बड़ी होगी. फिर जब लाईट आई, तब मैंने उत्तर को ठीक से पढ़ा.
अध्यक्ष महोदय- रामश्री जी, आप प्रश्न करें तो उस प्रश्न का जवाब आयेगा.
सुश्री रामश्री राजपूत(बहिन रामसिया भारती)- अध्यक्ष महोदय, मुझे मंत्री जी की ओर से जो आंकड़े दिये गए हैं, जो वर्षवार बताया है, मैं उनके उत्तर से संतुष्ट नहीं हूं.
अध्यक्ष महोदय- आपका पूरक प्रश्न क्या है ? मंत्री जी से आप क्या पूछना चाहती हैं ?
सुश्री रामश्री राजपूत(बहिन रामसिया भारती)- अध्यक्ष महोदय, मैं, मंत्री जी से पूछना चाहती हूं कि मेरे प्रश्न (क) से (घ) तक की जांच वित्तीय नियमों के अधीन है. मैं आपका संरक्षण चाहते हुए, मंत्री महोदय से मैं पूछना चाहती हूं कि मंत्री जी ने हमें जो उत्तर दिये हैं, क्या इसकी स्थलीय जांच होगी ?
श्री दिलीप अहिरवार- अध्यक्ष महोदय, हमारी सदस्य बहन, छतरपुर जिले की विधायक हैं, मेरे ही जिले की विधायक हैं, मगर जिस प्रकार का प्रश्न उन्होंने पूछा, प्रश्न के अलावा उन्होंने अन्य चीज़ें पूछी हैं, इसमें कोई विषय नहीं है. मैं आपको सदन में इनका प्रश्न पढ़ के बताता हूं. पहला प्रश्न है (क) वन परिक्षेत्र बड़ामलहरा, बकस्वाहा एवं वाजना, जिला-छतरपुर अन्तर्गत वर्ष 2023 से प्रश्न दिनांक तक जंगलों के विकास हेतु शासन ने कितनी-कितनी राशि का व्यय किया? लेखा शीर्षवार व्यय का विवरण वर्षवार देवें। यह जानकारी हमने आपको पत्र के माध्यम से दे दी है, आप कहें तो मैं यहां पढ़कर सुना दूं.
दूसरा प्रश्न है (ख) प्रश्नांश "क" के अनुसार जंगली जानवरों की सुरक्षा/वृक्षों की सुरक्षा पर जो राशि व्यय की गई, उसमें सरकार को कितना लाभ प्राप्त हुआ? उसका भी विवरण सहित उल्लेख करें। इसका भी विवरण मैं आपको बता रहा हूं. अन्य आपने जो प्रश्न पूछे, जांच का विषय, ये विषय प्रश्न में आये नहीं हैं. आपने जो प्रश्न पूछा है, जंगल के जानवरों की सुरक्षा को लेकर, तो मैं आपको बता दूं कि हमारे विभाग से जो राशि व्यय होती है जो आपने इस प्रश्न में पूछा है कि हमारे द्वारा जो वृक्ष लगाये जाते हैं, उससे शासन को क्या लाभ होता है, तो हमारी यह प्रकिया है, वन विभाग निरंतर पूरे प्रदेश में, जंगलों में वृक्ष लगाता है और जब ये वृक्ष परिपक्व हो जाते हैं, उसके बाद उन्हें काटकर, वह लकड़ी नीलामी प्रक्रिया के तहत बिकती है, फिर उससे राजस्व की आय होती है. बाकी जो आपने बिंदुवार जानकारी मांगी है, वह हमने जानकारी आपको उपलब्ध करवा दी है. आपने इस प्रश्न में कोई भी जांच, घपला, ऐसी चीजों का विवरण नहीं है. मैंने पूरी जानकारी आपके पास पहुंचा दी है.
सुश्री रामश्री राजपूत(बहिन रामसिया भारती)- अध्यक्ष महोदय, मैं, आपके माध्यम से मंत्री जी से पूछना चाहती हूं आप चूंकि जिला छतरपुर से ही आते हैं. मैं कहना चाहती हूं कि आपने इसमें मुझे जो उत्तर दिये हैं, वे संतोषजनक उत्तर नहीं हैं. आपने आंकड़े भी दिये हैं, मैं भी बड़ा मलहरा में ही रहती हूं, आपने इसमें कई दिनांक का उल्लेख किया है, जिसमें बताया है कि वन विभाग के DFO कई बार वहां गए हैं, आपने दिनांकवार जानकारी दी है, लेकिन तब मैं कहां गई थी, मैं भी वहीं रहती हूं, मैं चाहती हूं कि इसकी जांच की जाए. अगर कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में एक निरीक्षण कमेटी बनाई जाये और धरातल पर यदि उसकी जांच हो, तो सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.
माननीय अध्यक्ष महोदय जी, मैं एक बात और कहूँगी, मैं यह क्यों कह रही हूँ ? मैं यह इसलिए कह रही हूँ कि जब विश्वामित्र जी भगवान प्रभु श्री राम जी को लेने अयोध्या गये थे, तो उन्होंने अयोध्या जाकर यह मांगा कि हम राम जी और लक्ष्मण जी को चाहते हैं. उन्होंने यह क्यों मांगा? तो विश्वामित्र जी ने कहा था कि ''असुर समूह सतावहिं मोही, मैं जाचन आयउँ नृप तोही''. हम आपसे निवेदन करना चाहते हैं कि वहां पर, जो धरातल पर हो रहा है, तब भगवान प्रभु श्री राम विश्वामित्र जी के साथ निरीक्षण के लिए गये थे. माननीय अध्यक्ष महोदय जी, तो वहां कई ताड़ के वृक्ष ढहाये गये थे, जिनका ढेर लगा हुआ था, ऋषि मुनियों की हड्डियां पाई गईं, जंगली-जानवरों की हड्डियां पाई गईं. अगर इसमें जांच हो जायेगी तो हमारे यहां भी दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.
अध्यक्ष महोदय - इसमें भी आपका प्रश्न नहीं आया है.
सुश्री रामश्री (बहिन रामसिया भारती) राजपूत - माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं मंत्री जी से जांच, निरीक्षण के लिए आश्वासन चाहती हूँ.
श्री दिलीप अहिरवार - माननीय अध्यक्ष महोदय, हमारी बहन ने बहुत अच्छी चौपाई भगवान श्री राम के ऊपर कही है, तो स्वाभाविक तौर पर ऐसी चौपाई अपने सदस्यों को भी माननीय बहन सुनाया करें. भगवान श्री राम का नाम हम तो सुबह शाम लेते हैं. (विपक्ष के कई सदस्यगणों के खड़े होकर कुछ बोलने पर) अध्यक्ष महोदय, अब भगवान राम का भी नाम लेने में इनको दिक्कत है. क्या दिक्कत हो रही है ? क्या हम भगवान राम का नाम नहीं लें ?
श्री महेश परमार - माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी को थोड़ा ज्ञान दीजिये. मंत्री जी, कैलाश जी, आगे बैठे हुए हैं, आप थोड़ा इनसे सीख लो.
श्री दिलीप अहिरवार - परमार साहब, हम सीखे सिखाए हैं. हम 25 वर्षों से सीख रहे हैं और आप डायरेक्ट बनकर आए होंगे. हम सामान्य कार्यकर्ता बनकर सीखकर आए हैं.
अध्यक्ष महोदय - दिलीप जी और महेश जी मेरा आग्रह है कि कहीं न कहीं थोड़ा कन्फ्यूजन है. मंत्री जी, सदस्या आपके जिले की हैं, आप उनको बुलाकर, अगर कोई कन्फ्यूजन हो तो उसको समाप्त कर दें. मैं मदद करूँगा.
गैस पीड़ित निगरानी समिति की अनुशंसाओं का पालन
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
6. ( *क्र. 1164 ) श्री आरिफ मसूद : क्या भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा विचाराधीन प्रकरण क्रमांक W.P.15658/2012 में गैस पीड़ित निगरानी समिति की अनुशंसाओं को न्यायालय के निर्देश माने जाने के आदेश समय-समय पर दिये गये हैं? यदि हाँ, तो निगरानी समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितनी त्रैमासिक रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत की गई है? उनकी संख्या का उल्लेख करते हुये रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) निगरानी समिति द्वारा दी गई त्रैमासिक रिपोर्ट का पालन प्रतिवेदन कब-कब प्रस्तुत किया गया? क्या निगरानी समिति द्वारा की गई सभी अनुशंसाओं को पूर्ण कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी अनुशंसाओं को पूर्ण किया गया है, उनके पालन प्रतिवेदन की प्रतियां उपलब्ध करावें। निगरानी समिति द्वारा प्रस्तुत कितनी और कौन-कौन सी अनुशंसाओं को पूर्ण किया गया है, उनके पालन प्रतिवेदन की प्रतियां उपलब्ध करावें। निगरानी समिति द्वारा प्रस्तुत कितनी और कौन-कौन सी अनुशंसाओं को पूर्ण नहीं किया गया है, उन अनुशंसाओं का उल्लेख करते हुये पूर्ण नहीं करने के कारणों सहित जानकारी देवें। क्या अनुशंसाओं को पूर्ण नहीं किये जाने पर माननीय न्यायालय के जारी निर्देशों की अवमानना/अवहेलना की जा रही है? (ग) क्या शासन/विभाग इस प्रकरण पर अविलंब कार्यवाही करते हुये गैस पीड़ित निगरानी समिति की अनुशंसाओं पर अमल नहीं करने वाले जिम्मेदार दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध तत्काल समुचित कार्यवाही करते हुये अपूर्ण अनुशंसाओं को तत्काल पूर्ण किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री ( डॉ. कुंवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। निगरानी समिति द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल 21 त्रैमासिक रिपोर्ट माननीय उच्च न्यायलय, जबलपुर में प्रकरण क्र. W.P. 15658/2012 में प्रस्तुत की गयी है। रिपोर्ट की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा प्रकरण क्र. W.P. 15658/2012 में माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में त्रैमासिक रिपोर्ट का पालन-प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन की छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसाओं को पूर्ण किया गया। चिकित्सालयों में चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति के समय-समय पर संविदा सेवा (नियुक्ति एवं सेवा शर्तें) नियम 2003 के अंतर्गत पदों की पूर्ति की जाती है। यह सतत् प्रक्रिया है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
श्री आरिफ मसूद - मेरा प्रश्न क्रमांक 1164 है.
डॉ. कुंवर विजय शाह - अध्यक्ष महोदय, प्रश्न का उत्तर सदन के पटल पर प्रस्तुत है.
श्री फूल सिंह बरैया - अध्यक्ष महोदय, आर्मी का अपमान करने वाले मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. आर्मी का अपमान करना और देश का अपमान करना .....
(...व्यवधान....)
अध्यक्ष महोदय - सभी शांति बनाए रखें.
(...व्यवधान....)
नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार) - माननीय अध्यक्ष महोदय, ....
(...व्यवधान....)
संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) - माननीय अध्यक्ष महोदय, कांग्रेस ने सेना का अपमान किया था. कांग्रेस ने फर्जी स्ट्राइक .....
11.38 बजे
गर्भ गृह में प्रवेश
इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में प्रवेश
(नेता प्रतिपक्ष, श्री उमंग सिंघार के नेतृत्व में इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण ने गर्भगृह में प्रवेश किया और नारे लगाने लगे.)
(...व्यवधान....)
श्री कैलाश विजयवर्गीय - इन्होंने सेना का अपमान किया है. ये किस मुंह से बोलेंगे? ....(..व्यवधान...)
(...व्यवधान....)
श्री शैलेन्द्र कुमार जैन - अध्यक्ष महोदय, ये सेना का अपमान करने वाले लोग, सेना की शौर्य, वीरता पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले लोग .... (..व्यवधान..)
(...व्यवधान....)
श्री उमंग सिंघार - माननीय अध्यक्ष महोदय, इन्होंने सेना के अधिकारी का अपमान किया है. .... (..व्यवधान..)
अध्यक्ष महोदय - मेरा सभी सदस्यों से आग्रह है कि प्रश्नकाल चल रहा है. जनहित के मुद्दे प्रश्नकाल में हैं, सभी सदस्य प्रश्न कर रहे हैं, उनके जवाब आ रहे हैं, हम समाधान की तरफ बढ़ रहे हैं, प्रश्नकाल सदस्यों के होता है. इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि मंत्री जी सदन में हैं और वह मंत्री हैं, उत्तर देने के लिए अधिकृत हैं, इसलिए सदन की कार्यवाही ..... (..व्यवधान..) सभी लोग कृपया कर अपने स्थान पर बैठ जायें.
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भ गृह से नारे लगाये जाते रहे.)
(...व्यवधान....)
श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव - अध्यक्ष महोदय, ये देश की बेटियों का अपमान कर रहे हैं. ये सेना का अपमान कर रहे हैं. ऐसे लोगों को तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
श्री उमंग सिंघार - माननीय अध्यक्ष महोदय .... (..व्यवधान..)
(...व्यवधान....)
..(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- आरिफ मसूद जी, पूरक प्रश्न करें. ..(व्यवधान)..
श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, इनको तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए ..(व्यवधान)..
श्री आरिफ मसूद -- अध्यक्ष महोदय, मामला गंभीर है..(व्यवधान)..
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के अनेक सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में नारे लगाये जाते रहे.)
अध्यक्ष महोदय -- माननीय सदस्यगण, आरिफ मसूद जी का भोपाल गैस त्रासदी का प्रश्न है ..(व्यवधान)..
नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार) -- माननीय अध्यक्ष महोदय, विजय शाह ने सेना का अपमान किया है. ..(व्यवधान)..
संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) -- सेना का अपमान करने वालों, शर्म करो, शर्म करो. ..(व्यवधान)..
(सत्ता पक्ष के अनेक सदस्यगण द्वारा 'सेना का अपमान करने वालों, शर्म करो, शर्म करो' के नारे लगाए गए)
..(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- मेरा सभी माननीय सदस्यों से आग्रह है कि प्रश्नकाल को डिस्टर्ब न करें. प्रश्नकाल सदस्यों के लिए होता है..(व्यवधान).. मेरा नेता प्रतिपक्ष से अनुरोध है कि प्रश्नकाल चल रहा है. आरिफ मसूद जी का प्रश्न है. ..(व्यवधान).. प्रश्नकाल को आगे बढ़ने दीजिए. सभी सदस्यों से आग्रह है कि कृपा करके बैठ जाएं, प्रश्नकाल को आगे चलने दें. ..(व्यवधान)..
श्री उमंग सिंघार -- माननीय अध्यक्ष महोदय, भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्र प्रेम कहां गया. ..(व्यवधान)..
किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री (श्री एदल सिंह कंषाना) -- कांग्रेस असत्य बोलना बंद करे ..(व्यवधान)..
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के अनेक सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में नारे लगाये जाते रहे.)
अध्यक्ष महोदय -- प्लीज, अपने स्थान पर जाएं. ..(व्यवधान)..
श्री कैलाश विजयवर्गीय -- अध्यक्ष महोदय, ये चीन और पाकिस्तान के दलाल हैं. ..(व्यवधान).. चीन के दलाल हैं, पाकिस्तान के दलाल हैं... ..(व्यवधान)..
अध्यक्ष महोदय -- विधान सभा की कार्यवाही 1.00 बजे तक के लिए स्थगित की जाती है.
(अपराह्न 11.43 बजे विधान सभा की कार्यवाही 1.00 बजे तक के लिए स्थगित की गई.)
(समय 1.01 बजे) अध्यक्ष महोदय (श्री नरेन्द्र सिंह तोमर) पीठासीन हुए.
नेता प्रतिपक्ष (श्री उमंग सिंघार) - माननीय अध्यक्ष महोदय, जिस प्रकार से सेना के एक महिला अफसर का अपमान किया और माननीय हाई कोर्ट,सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया तो क्या ऐसे राष्ट्र प्रेम,देश प्रेम की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी ऐसे लोगों को मंत्री पद पर सुशोभित रखेगी.
श्री प्रदीप अग्रवाल - माननीय अध्यक्ष महोदय, यह सेना की बात करने वाले,अभी परसों लोकसभा में जो बिल पास हुआ है आतंक के विरोध में उसमें आतंक के समर्थन में कांग्रेस ने वाकआउट किया है.यह सेना की बात करते हैं.
(..व्यवधान..)
1.02 बजे पत्रों का पटल पर रखा जाना
महर्षि महेश योगी वैदिक विश्वविद्यालय करौंदी,जिला-कटनी(म.प्र.) का वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2023-2024
श्री उमंग सिंघार - यह सेना का अपमान है. यह देश का अपमान था.महिला का अपमान था. क्या ऐसे मंत्री को बर्खास्त नहीं करेंगे. यह राष्ट्र भक्ति की बात करते हैं.देश प्रेम की बात करते हैं.
संसदीय कार्य मंत्री (श्री कैलाश विजयवर्गीय) - अध्यक्ष महोदय, जो पार्टी पाकिस्तान की भाषा बोलती है. जो पार्टी चीन की भाषा बोलती है. जो ट्रंप के टैरिफ का समर्थन करती है.उस पार्टी को क्या हक है जिसने सेना के शौर्य पर प्रश्न चिह्न लगाया. जिन्होंने सेना की वीरता पर प्रश्न चिह्न लगाया. इनको सेना की वीरता का प्रमाणपत्र चाहिये.अध्यक्ष महोदय, इनको तो बोलने का अधिकार नहीं है.(..व्यवधान..) यह चीन के दलाल हैं. पाकिस्तान के दलाल हैं अध्यक्ष महोदय.इनको लज्जा आनी चाहिये. इनको बोलने का हक नहीं है.
1.03 बजे गर्भगृह में प्रवेश
( श्री आरिफ मसूद,श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव सहित इंडियन नेशनल कांग्रेस के कई सदस्य गर्भगृह में आए और नारेबाजी की गई.)
(..व्यवधान..)
1.03 बजे नियम 267-क के अधीन विषय
अध्यक्ष महोदय - शून्यकाल की सूचनाएं अंत में ली जायेंगी.
(..व्यवधान..)
1.04 बजे ध्यानाकर्षण
सदन द्वारा सहमति प्रदान की गई.
(..व्यवधान..)
अध्यक्ष महोदय - मेरा सभी सदस्यों से अनुरोध है कृपया अपने स्थान पर बैठें.सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ने दें. जनहित के विषय चल रहे हैं.प्रश्नकाल में भी बहुत सारे प्रश्न जनता से संबधित थे वह भी आज नहीं हो पाए हैं. मेरा अनुरोध है कि ध्यानाकर्षण की सूचनाओं के माध्यम से जो जनहित के विषय उठाए जा रहे हैं उन पर सहयोग प्रदान करें. मैं नेता प्रतिपक्ष से बार-बार यह अनुरोध करना चाहूंगा किकृपा करके वह अपने सदस्यों से कहें और निर्देश दें कि वह अपने स्थान पर बैठें.श्री भूपेन्द्र सिंह जी.
1.05 बजे ध्यानाकर्षण
1. खुरई विधान सभा अंतर्गत मालथौन में शासकीय भूमियों पर अवैद्य
कब्जा किया जाना.
श्री भूपेन्द्र सिंह (खुरई)-- माननीय अध्यक्ष महोदय,
...(व्यवधान)...
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगणों द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)
...(व्यवधान)...
श्री उमंग सिंघार-- माननीय मुख्यमंत्री जी, आपको जवाब देना चाहिये. ...(व्यवधान)... जो व्यक्ति सेना का अपमान करे क्या माननीय मुख्यमंत्री जी ऐसे लोगों को आप अपने मंत्रिमंडल में रखेंगे. ...(व्यवधान)... माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से मुख्यमंत्री जी को कहना चाहता हूं कि ऐसे लोगों को बर्खास्त क्यों नहीं करते. ...(व्यवधान)... मुख्यमंत्री जी जवाब दें. ...(व्यवधान)... विजय शाह कहां गायब हो गये. ...(व्यवधान)... यहां से गायब हो गये, मुख्यमंत्री जी मंत्रिमंडल से भी गायब कर दो. ...(व्यवधान)... मुख्यमंत्री जी सुप्रीम कोर्ट कह रहा है ...(व्यवधान)... माफी मांगे.
माननीय अध्यक्ष महोदय, यह कैसा राष्ट्रप्रेम है भारतीय जनता पार्टी का, यह कैसा देश प्रेम है, मुख्यमंत्री जी को अपने विवेक से निर्णय लेना चाहिये. ...(व्यवधान)... सुप्रीम कोर्ट का मान सम्मान रखना चाहिये मुख्यमंत्री जी. ...(व्यवधान)... मुख्यमंत्री जी मेरा आपसे अनुरोध है क्या ऐसे लोग जो सेना का अपमान करें ऐसे लोगों को क्या आप अपने मंत्रिमंडल में रखना चाहेंगे. ...(व्यवधान)... माननीय मुख्यमंत्री जी यह देश का अपमान है ...(व्यवधान)... तत्काल बर्खास्त करना चाहिये. ...(व्यवधान)...
राजस्व मंत्री (श्री करण सिंह वर्मा)-- माननीय अध्यक्ष महोदय,
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण गर्भगृह में नारे लगाते रहे)
अध्यक्ष महोदय -- मेरा सभी प्रतिपक्ष के सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया अपने स्थान पर जायें और सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने में योगदान दें. (व्यवधान..)
श्री सचिन सुभाषचंद्र यादव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, सरकार उनको बर्खास्त करे. (व्यवधान..)
श्री भूपेन्द्र सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय मंत्री जी का धन्यवाद करूंगा कि उन्होंने सारा जो मैंने कहा है, वह सब उन्होंने स्वीकार किया है. चूंकि सारा का सारा रेवेन्यू रिकार्ड है, मैं उसको पढूंगा तो बहुत समय लगेगा.
अध्यक्ष महोदय, हमारे क्षेत्र में गोविन्द सिंह हैं, इनका बीस एकड़ शासकीय भूमि पर कब्जा है. 50 एकड़ भूमि पर हमारे आदिवासी समाज के भाईयों को डरा धमकाकर उसे नियम विरूद्ध तरीके से इनके परिवार के द्वारा रजिस्ट्री करा ली गई है, इनके द्वारा, इनके नाम से सारे खसरा नंबर है और इसके साथ 25 एकड़ वन भूमि पर कब्जा है, इस तरह से हमारे क्षेत्र में हमारी मालथौन तहसील में दस हजार परिवार आदिवासी जनजाति के हैं, ऐसे अनेक लोगों के द्वारा उनकी भूमि पर या तो कब्जा कर लिया गया है, या कब्जा करके जबर्दस्ती दबाव बनाकर उनकी रजिस्ट्री कर ली गई है. मैं माननीय मंत्री जी से आग्रह करता हूं और निवेदन करता हूं कि मंत्री जी यह बहुत गंभीर मामला है, तो एक वरिष्ठ अधिकारी कोई शासन स्तर पर नियुक्त करके और उस अधिकारी के द्वारा संपूर्ण जांच कराकर और जो नियमानुसार कार्यवाही है, वह क्या एक माह के अंदर करा देंगे, मेरा पहला प्रश्न यही है.
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण गर्भगृह में नारे लगाते रहे)
अध्यक्ष महोदय -- मेरा नेता प्रतिपक्ष से अनुरोध है कि कृपा करके सभी सदस्यों को अपने स्थान पर बैठने के लिये कहें. (व्यवधान..)
श्री करण सिंह वर्मा -- माननीय अध्यक्ष महोदय, (व्यवधान..)जिनके अवैध कब्जे पाये गये, एक तो हमने कब्जा हटाकर नगर पालिका को सौंप दिया है और बाकी पर कार्यवाही कर रहे हैं, जो कब्जाधारी हैं, उनको हम तत्काल हटा देंगे.
श्री भूपेन्द्र सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैंने माननीय मंत्री जी से निवेदन किया है कि यह बहुत गंभीर मामला है, हमारे यहां आदिवासियों की कम से कम 500 एकड़ जमीन पर लोगों ने या तो कब्जा कर लिया है या तो रजिस्ट्री करा ली है, मेरा माननीय अध्यक्ष महोदय, आग्रह है कि जब तक हम कोई एक अधिकारी नियुक्त करके इसकी जांच नहीं करायेंगे, तब तक हमारे आदिवासी समाज को जो उनको न्याय मिलना चाहिए, वह नहीं मिल पायेगा, तो मैंने बड़ी विनम्रता से पहला प्रश्न किया है कि कोई वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त करके, यह सारी जो जमीनों की बिक्री हुई है, या कब्जा है, क्या आप इसकी जांच करा लेंगे? इतना सामान्य सा प्रश्न है, फिर मैं दूसरा प्रश्न करूंगा. (व्यवधान..)
श्री उमंग सिंघार -- माननीय अध्यक्ष महोदय, सेना की बात है, पूरे राज्य की बात है, महिला के सम्मान की बात है, जिस प्रकार से टिप्पणी की गई, सुप्रीमकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया है, हाईकोर्ट ने कहा है. माननीय अध्यक्ष महोदय, विजय शाह का इस्तीफा होना चाहिए. (व्यवधान..)
श्री करण सिंह वर्मा -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैंने पूर्व में भी बताया है कि अतिक्रमण हटाकर हमने नगर पालिका को जमीन सौंप दी है, (व्यवधान..)जो कब्जाधारी हैं, उनका तत्काल कब्जा हटाया जायेगा (व्यवधान..) और उन पर सभी पर एफ.आई.आर. दर्ज भी कर ली गई है. (व्यवधान..) राजस्व विभाग द्वारा प्रकरण दर्ज कर कब्जाधारियों पर.... (व्यवधान..).. कर दिया जायेगा.
(...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय – भूपेन्द्र सिंह जी दूसरा पूरक प्रश्न करे लें. (...व्यवधान)
श्री भूपेन्द्र सिंह – अध्यक्ष महोदय, ये आदिवासियों का मामला है. मेरा यह कहना है कि जो हमारी भू- राजस्व संहिता है, उसकी धारा 165 के अंतर्गत, अध्यक्ष जी माननीय मुख्यमंत्री जी भी है. भू राजस्व की धारा 165 के अंतर्गत जो आदिवासियों की जमीन खरीद ली जाती है और उस कारण से जो हमारे आदिवासियों को, जमीनें पट्टे पर मिली है, उनको या तो दवाब बनाकर, लालच देकर या कर्ज में फंसाकर, आदिवासियों की जमीनें खरीदी जा रही है. मैं माननीय मुख्यमंत्री जी और मंत्री जी से भी आग्रह करता हूं कि क्या शासन इसके बारे में विचार करेगा कि ये जो 165 के अंतर्गत भू राजस्व संहिता में अनुमति दी जाती है ये जमीनों की, आदिवासियों के हितों के लिए ये अनुमति न दी जाए, क्या शासन इस पर विचार करेगा. (...व्यवधान)
श्री करण सिंह वर्मा – अध्यक्ष जी, (...व्यवधान) अपराध क्रमाक 249/ 25, धारा 296 में एससी-एसटी एक्ट के तहत उनकी रिपोर्ट है. एक आदमी जेल में है बाकी में एफआईआर दर्ज हो गई है. (...व्यवधान)
श्री भूपेन्द्र सिंह – अध्यक्ष जी, माननीय मंत्री जी मेरा प्रश्न थोड़ा सा समझ लें मैं यह कह रहा हूं, मैंने दो चीजें कही है, दोनों का उत्तर मुझे संतोषजनक नहीं लग रहा है. अध्यक्ष जी आप स्वयं भी सुन रहे हैं. मैंने दो बातें कही कि एक तो जनजाति के लोगों की जमीन गलत तरीके से खरीदी गई, विगत वर्षों में और उसके नियमों का पालन नहीं किया गया. मैंने एक प्रश्न यह किया कि क्या इसकी जांच करवाएंगे, दूसरा प्रश्न यह किया कि भू राजस्व संहिता का जो दुरूपयोग हो रहा है धारा 165 का, तो क्या इसके बारे में शासन विचार करेगा कि इस अनुमति पर रोक लगाई जाए, जिससे जनजाति की जमीनें लोग गलत तरीके से न खरीद पाएं. ये दो बातें कहना चाहता हूं, दोनों का उत्तर नहीं मिला. (...व्यवधान)
श्री उमंग सिंघार – अध्यक्ष महोदय इतना बड़ा अपमान हुआ सेना का मुख्यमंत्री जी ने कोई संज्ञान नहीं लिया(...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय – माननीय मंत्री जी, उनका नीतिगत प्रश्न है. (...व्यवधान)
संसदीय कार्य मंत्री(श्री कैलाश विजयवर्गीय) – अध्यक्ष जी, जनजातियों का मुकदमा और जनजातियों की समस्या की बात हो रही और जनजातीय नेता आंदोलन कर रहे हैं, ये लज्जा की बात है (...व्यवधान) जनजातीय लोगों की जमीनों को बचाने के लिए ये ध्यानाकर्षण है, जो हमारे साथी भूपेन्द्र सिंह जी लाए और एक जनजातीय नेता.. बड़े बनते .. अपने आपको और वह ध्यानाकर्षण में सहयोग प्रदान नहीं कर रहे. जनजातियों के सही में विरोधी ये लोग हैं, ये पार्टी है, जो जनजाति विरोधी है, आदिवासी भाईयों की विरोधी है. (...व्यवधान)
श्री उमंग सिंघार – स्थगन दिया है, (...व्यवधान) स्थगन पर सरकार बात नहीं करना चाहती, असत्य बात कर रहे हो(...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय – नेता प्रतिपक्ष जी, मेरा अनुरोध है कि महत्वपूर्ण विषय चल रहा है इस विषय पर योगदान करना चाहिए, कांग्रेस पक्ष के सदस्यों को. (...व्यवधान)
श्री उमंग सिंघार – स्थगन दिया है, (...व्यवधान) स्थगन पर बात नहीं करना चाहते. (...व्यवधान)
श्री भूपेन्द्र सिंह – नेता प्रतिपक्ष जी, मैं आदिवासियों की बात कर रहा हूं(...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय – माननीय मंत्री जी. (...व्यवधान)
श्री करण सिंह वर्मा – नियम है, प्रावधान है (...व्यवधान) इसको धारा 165 (...व्यवधान) में अनुमति दी जाती है. अनुसूचित जनजाति की जमीन में 165 (...व्यवधान) की अनुमति के कारण ही नामांतरण होता है, नहीं तो नामांतरण नहीं होता. (...व्यवधान)
श्री भूपेन्द्र सिंह – माननीय अध्यक्ष जी, मेरा फिर आग्रह है कि ये जो नियम विरुद्ध तरीके से बिक्री हुई है, आदिवासियों की लगभग 500 एकड़ जमीन लोगों ने खरीद ली है, तो क्या इसकी एक महीने में कोई अधिकारी भेजकर जांच नहीं करवा सकते क्या, यानि दबाव बनाकर, कर्ज में फंसाकर, धमकी देकर... (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय – जांच करवाने के लिए मंत्री जी बोले हैं. (...व्यवधान)
श्री भूपेन्द्र सिंह – अध्यक्ष जी, नहीं बोले हैं. आप रिकार्ड देख लें. मैंने एक वरिष्ठ अधिकारी को भेजकर पूरी जांच कराने का आग्रह किया है. (...व्यवधान)
श्री करण सिंह वर्मा – अध्यक्ष जी, माननीय सदस्य मंत्री रहे हैं और आपका ये कहना कोई बुरी बात नहीं है, यहां से एक उच्च अधिकारी को भेजकर जांच करवा लेंगें.
श्री भूपेन्द्र सिंह – मंत्री जी बहुत बहुत धन्यवाद. (...व्यवधान)
अध्यक्ष महोदय—श्री भंवर सिंह शेखावत अपने ध्यानाकर्षण की सूचना पढ़े.
श्री भंवर सिंह शेखावत—अध्यक्ष महोदय, मैं अपनी ध्यानाकर्षण सूचना पढ़ रहा हूं. एक महत्वपूर्ण विषय पर कार्यवाही चल रही है.
श्री कैलाश विजयवर्गीय—आप अपने प्रतिपक्ष जी ने नेता जी से तो पूछ लो.
श्री भंवर सिंह शेखावत—मैंने पूछ लिया है. आप विराजमान हो जाईये. यह देश इसी तरह से चलेगा.
अध्यक्ष महोदय—मेरा कांग्रेस पक्ष के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया जनहित के विषय चल रहे हैं, ध्यानाकर्षण सूचनाएं चल रही हैं. मेरा माननीय सदस्यों से निवेदन है कि अपने अपने स्थान पर जायें और सदन की कार्यवाही आगे बढ़ने दें और जनहित के विषयों को समाधान तक पहुंचने दें. (व्यवधान)
(2) मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय के कुल सचिव पद पर अयोग्य व्यक्ति की नियुक्ति किये जाने.
श्री भंवर सिंह शेखावत (बदनावर) अध्यक्ष महोदय,
उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा मंत्री (श्री इन्दर सिंह परमार)—अध्यक्ष महोदय,
(व्यवधान)
श्री भूपेन्द्र सिंह—यह विपक्ष के व्यवहार का तरीका है, यह पाकिस्तान के एजेंट हैं. (व्यवधान) यह पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं अध्यक्ष महोदय (व्यवधान)
श्री विश्वास सारंग—अध्यक्ष महोदय, यह सदन का अपमान हो रहा है. सदन के समय की बर्बादी हो रही है. (व्यवधान)
श्री कैलाश विजयवर्गीय—विजय शाह जी आदिवासी नेता हैं. विपक्ष के लोग आदिवासियों के विरोधी हैं, यह लोग सेना विरोधी हैं अध्यक्ष महोदय.(व्यवधान)
1.23 बजे याचिकाओं की प्रस्तुति
अध्यक्ष महोदय—आज की कार्यसूची के पद क्रमांक 4 में क्रमांक (1) से (81) तक उल्लेखित याचिकाएं प्रस्तुत की हुई मानी जाएंगी. (व्यवधान)
(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण गर्भगृह में नारे लगाते रहे.)
नियम 267 (क) के अंतर्गत विषय
अध्यक्ष महोदय—शून्यकाल की सूचनाएं पढ़ी हुई मानी जायेंगी.
1.24 बजे वक्तव्य
अध्यक्ष महोदय--श्री गोविन्द सिंह राजपूत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री का दिनांक 24 जुलाई 2019 को पूछे गये अतारांकित प्रश्न संख्या 78 (क्रमांक 3549) के उत्तर में संशोधन के संबंध में वक्तव्य पढ़ा हुआ माना जायेगा. (व्यवधान)
अशासकीय संकल्प
अध्यक्ष महोदय—आज की कार्य सूची में उल्लेखित अशासकीय संकल्प आगामी शुक्रवार को लिये जायेंगे. (व्यवधान)
सदन की कार्यवाही सोमवार दिनांक 4 अगस्त 2025 को प्रातः 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की जाती है.
अपराह्न 1.24 बजे विधान सभा की कार्यवाही सोमवार, दिनांक 4 अगस्त, 2025 (13 श्रावण, शक संवत् 1947) को प्रातः 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की गई.
भोपाल ए. पी. सिंह
दिनांकः 1 अगस्त, 2025 प्रमुख सचिव
मध्यप्रदेश विधान सभा