hdr

(भूतपूर्व राज्‍यपाल, मध्‍यप्रदेश)  
कुंवर महमूद अली खॉं
(दिनांक 06.02.1990 से 23.06.1993 तक)

     पिता -- स्‍व. श्री राव हकीम अली खॉं
     जन्‍म -- 16. जून, 1920/ जोगीपुरा, मेरठ (उ.प्र.)
     शिक्षा -- बी.ए., एल.एल.बी.
     विवाहित -- विवाहित

     पारिवारिक पृष्‍ठभूमि :
          राजपूत (परमारवंश) मुस्लिम, अपनी सांस्‍कृतिक परम्‍पराओं पर गर्व, राजाभोज और उज्‍जैन के सम्राट विक्रमादित्‍य तथा पूर्वकाल की धारा नगरी (वर्तमान में धार) के कल्‍याण सिंह के वंशज. विक्रम संवत् - 1815 में इनके पूर्वज ग्राम जोगीपुरा में आये. एक पूर्वज राव मोजीसिंह ने विक्रम संवत् - 1411 में फिरोजशाह तुगलक के शासनकाल में इस्‍लाम धर्म स्‍वीकार किया. परिवार में राजपूतों के रीतिरिवाज और अन्‍य व्‍यवहार मान्‍य।

 
     सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम :
                        सन् 1950 से मेरठ की जिला अदालत में वकालत प्रारंभ. छात्र जीवन में कुशल खिलाड़ी, जिमनास्टिक और कुश्‍ती में विशेष रूचि. एन.आर.ई.सी. कॉलेज में जिमनाजियम में कप्‍तान और मेरठ कॉलेज में वरिष्‍ठ हाउस मानीटर. मेरठ कॉलेज में 2 साल की यूनिवर्सिटी ट्रेनिंग कोर (यू.टी.सी.) की ट्रेनिंग प्राप्‍त की. सन् 1938 में छात्र जीवन से ही महात्‍मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू से प्रेरित होकर कांग्रेस पार्टी में प्रवेश. सन् 1943 से कांग्रेस सदस्‍य के रूप में राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय भीगीदारी. गढ़मुक्‍तेश्‍वर क्षेत्र में सन् 1946 में हुए झगड़ों के दौरान गढ़मुक्‍तेश्‍वर क्षेत्र और हापुड़ के आसपास के क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखने के लिये समर्पित भाव से कार्य किया. 1953-57 में मेरठ जिले के प्रसिद्ध स्‍वतंत्रता सेनानी स्‍व. कैलाश प्रकाश और प्रसिद्ध काकोरी केस से जुड़े मेरठ जिले के स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी स्‍व. विष्‍णु शरद दुबलीश से उनका संपर्क हुआ और उनके साथ राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे. सन् 1953 में कांग्रेस टिकिट पर मेरठ नगरपालिका के चुनाव में प्रत्‍याशी. सन् 1957 में कांग्रेस उम्‍मीदवार के रूप में तत्‍कालीन मेरठ जिले के दासना विधान सभा क्षेत्र से उत्‍तरप्रदेश विधान सभा के सदस्‍य निर्वाचित हुए और वरिष्‍ठ नेता चौधरी चरण सिंह के सान्निध्‍य में आकर उनके निकट सहयोगी बने. ग्रामीण क्षेत्रों की उन्‍नति के लिए चौधरी चरण सिंह के विचारों और सिद्धांतों का जीवन पर व्‍यापक प्रभाव. सन् 1957-62 में विधायिनी समिति में प्रतिनिधि तथा इसी अवधि में सिंचाई तथा ऊर्जा समिति के सदस्‍य. 1959-60 में उपनिरीक्षकों की चयन समिति के सदस्‍य. 1967 में चौधरी चरण सिंह के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़ी और जिला जन-कांग्रेस (बाद में भारतीय क्रांतिदल) के संस्‍थापक, अध्‍यक्ष और जनकांग्रेस की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य बने. 1968 में उत्‍तरप्रदेश लोक सेवा आयोग के 6 वर्ष के लिए सदस्‍य नियुक्‍त किये गये.
                    1974 में सक्रिय राजनीति में पुन: प्रवेश किया और भारतीय क्रांति दल की मेरठ जिला शाखा के अध्‍यक्ष बने और बाद में चौधरी चरण सिंह के नेतृत्‍व वाले भारतीय लोकदल की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य मनोनीत हुए. 1974-77 में जयप्रकाश नारायण द्वारा चलाये गये आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई. 26 जून 1975 से 16 जनवरी 1977 तक मीसा से बंद रहे. 1977 में जनता पार्टी के उम्‍मीदवार के रूप में हापुड-गाजियाबाद क्षेत्र से लोकसभा सदस्‍य निर्वाचित. जनता पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य बने. पंचायती राज पर गठित अशोक मेहता समिति के सदस्‍य. केन्‍द्रीय हज समिति बंबई के सदस्‍य. अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय कोर्ट के सदस्‍य. 1977-79 में शासकीय आश्‍वासन समिति एवं विधि, न्‍याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय की परामर्श समिति के सदस्‍य, राजभाषा समिति के सदस्‍य. सन् 1979 में भारत सोवियत मैत्री समिति के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व करते हुए रूस यात्रा. 1979 में संसद में जनता संसदीय दल के उप-नेता चुने गये. इस दल के नेता मोरारजी देसाई थे. जनता पार्टी के केन्‍द्रीय संसदीय बोर्ड में सदस्‍य नियुक्‍त किये गये. 1980 में हापुड-गाजियाबाद संसदीय क्षेत्र से जनता पार्टी के उम्‍मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा,  किन्‍तु विजयी नहीं हुए. सन् 1980 के बाद सक्रिय राजनीति से अपने आपको अलग रखा और सांप्रदायिक सद्भाव के कार्यों तथा सामाजिक एवं सांस्‍कृतिक गतिविधियों में गहरी दिलचस्‍पी लेते रहे. श्री चन्‍द्रशेखर के नेतृत्‍व वाली जनता पार्टी के सदस्‍य बने रहे.
                    6 फरवरी 1990 को मध्‍यप्रदेश के राज्‍यपाल नियुक्‍त.
                    आपका दिनॉंक 22.04.2001 को देहावसान हो गया.