![]() |
|
(भूतपूर्व अध्यक्ष, मध्यप्रदेश विधान सभा) ![]() श्री रामकिशोर शुक्ल सप्तम् विधान सभा (1980 - 85) के द्वितीय अध्यक्ष (05.03.1984 से 13.03.1985) |
पिता का नाम--स्व. श्री राम सुंदर शुक्ला जन्मतिथि-- 04.09.1923 जन्म स्थान -- ग्राम व्योहारी, जिला शहडोल, म.प्र. वैवाहिक स्थिति -- विवाहित शैक्षणिक योग्यता -- बी.ए., एल.एल.बी. पत्नी का नाम -- श्रीमती कलावती संतान -- पुत्र 5, पुत्री 2 |
सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का संक्षिप्त विकास क्रम : छात्र जीवन में लोकप्रिय छात्र, अध्ययन में प्रथम श्रेणी के छात्र, छात्र संघ के सचिव, विधि महाविद्यालय मला-सोसायटी के अध्यक्ष रहे. आर्थिक परिस्थिति ठीक न होने के कारण हाई स्कूल की परीक्षा के बाद कुछ समय तक राजस्व विभाग में लिपिक तथा बी.ए. की परीक्षा के बादकुछ वर्ष तक शिक्षक रहे. सर्वप्रथम निर्वाचित ग्राम पंचायत व्योहारी के अध्यक्ष, न्याय पंचायत के सरपंच, विपणन सहकारी समिति व्यौहारी तथा दि शहडोल केन्द्रीय सहकारी अधिकोष के अध्यक्ष, न्याय पंचायत के सरपंच, विपणन सहकारी समिति व्योहारी तथा दि शहडोल केन्द्रीय सहकारी अधिकोष के अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र. व सागर विश्वविद्यालय के कोर्ट के सदस्य तथा कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय व्योहारी के संचालक मंडल के कार्यवाहक अध्यक्ष रहे. आपने राजनैतिक जीवन में अनेक आन्दोलनों में भाग लिया तथा जेल यात्राऐं की. राजनैतिक जीवन समाजवादी दल की सदस्यता से प्रारंभ किया. म.प्र. समाजवादी दल के प्रांतीय अध्यक्ष रहे. सन् 1964 में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए और जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे. सन् 1952 से 1972 तक विधायक तथा सन् 1968 से 1972 तक विधान सभा के उपाध्यक्ष रहे. लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति, विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष तथा अनेक समितियों के सदस्य रहे. पूर्व विंध्य प्रदेश विधान सभा में विरोधी दल के नेता थे. मध्यप्रदेश विधान सभा में समाजवादी विधायक दल के नेता रहे. विधि महाविद्यालय शिक्षा समिति शहडोल के प्रारंभ से उपाध्यक्ष, मार्तण्ड क्लब ने नेहरू बाल मंदिर तथा तहसील कौमी एकता समिति के संरक्षक, गांधी स्मृति समिति के अध्यक्ष रहे. अपने गांव में क्लब, पुस्तकालय तथा पाठशालाओं की स्थापना की. सन् 1980 के आम चुनाव में व्योहारी क्षेत्र से पुन: विधायक निर्वाचित हुए तथा 16 सितम्बर 1980 से 3 मार्च, 1984 तक विधान सभा के उपाध्यक्ष रहे. तद्नंतर आप 5 मार्च, 1984 से 11 मार्च, 1985 तक विधान सभा के अध्यक्ष रहे. 1985 में अष्टम् विधान सभा के सदस्य निर्वाचित एवं वित्त, पृथक आगम, विधि विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग के मंत्री. 1993 में दसवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित. दिनांक 11.12.2003 को आपका देहावसान हो गया. |