प्राक्कलन समिति की सिफ़ारिशों का कार्यान्वयन छह माह में सुनिश्चित हो -अजय विश्नोई, सभापति

 

मुंबई में महाराष्ट्र विधान सभा द्वारा आयोजित संसद तथा राज्य विधान मंडलों की प्राक्कलन समितियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेते हुए श्री अजय विश्नोई, सभापति मप्र विधान सभा प्राक्कलन समिति ने कहा कि समिति के परीक्षण का मूल उद्देश्य विभागों में सार्वजनिक धन का मितव्ययता के साथ सही उपयोग एवं प्रशासन में कार्यकुशलता लाना है।

श्री विश्नोई ने मध्यप्रदेश विधान सभा समिति द्वारा जाँच में किये गये नवाचारों जैसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिक विभाग अन्तर्गत नल जल योजना, स्मार्ट सिटी योजना व डायल 100 जैसी योजनाओं के कार्यों की समीक्षा कर समिति द्वारा स्थल अवलोकन किया जाकर पाई विसंगतियों पर अधिकारियो को निर्देश देकर दुरुस्त कराने का उल्लेख करते हुए माँग की कि लोक सभा की भाँति राज्यों में समिति के मूल प्रतिवेदन में शामिल सिफ़ारिशों का क्रियान्वयन 6 माह में सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कार्य में निरंतरता के लिए समिति का कार्यकाल दो वर्ष करने, समिति के प्रभावी कार्यकरण में महालेखाकार के सहयोग की व्यवस्था करने तथा समिति में विधि व वित्तीय प्रबंधन के जानकार सदस्यों को सदस्य बनाये जाने के भी सुझाव दिये।

इस अवसर पर श्री विश्नोई के साथ श्री चिंतामणि मालवीय, श्री सोहन लाल बाल्मीक, श्री आशीष शर्मा सदस्य तथा डॉ. ए. पी. सिंह, प्रमुख सचिव विधान सभा, श्री मनवानी अवर सचिव उपास्थित थे। आज इस दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ मा. श्री ओम बिरला, लोक सभा अध्यक्ष द्वारा उप सभापति राज्य सभा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, विधान सभा अध्यक्ष एवं सांसद तथा राज्यों की प्राक्कलन समितियों के सभापति, गणमान्य जन की उपस्थिति में किया गया।