जनसम्पर्क संचालनालय

मध्यप्रदेश शासन

समाचार

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस

अधिकारों के साथ ही कर्त्तव्य बोध भी आवश्यक, पूरक हैं अधिकार और कर्त्तव्य

: विधान सभा अध्यक्ष श्री तोमर

महिलाओं के मानवाधिकार और सशक्तिकरण संवैधानिक और समाज की नैतिक जिम्मेदारी

: मंत्री सुश्री भूरिया

महिला सशक्तिकरण एवं मानवाधिकारविषय पर हुआ मंथन

                                                                                         भोपालः दिसंबर 10, 2025

विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि अधिकार और कर्त्तव्य एक दूसरे के पूरक हैं। आधिकारों के लिए कानून बनाये गये हैं, उन्हें लिखित रूप से परिभाषित किया जा सकता है, किंतु कर्त्तव्यों का बोध करना औऱ कराना पड़ता है। जब हम आधिकारों के प्रति जागरुकता प्रदर्शित करते हैं तो कर्तव्य पालन का भी ध्यान रखना आवश्यक है। विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने यह बात अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं मानवाधिकारविषय पर आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कही। 

विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने कहा कि महिला सशक्तिकरण प्राचीनकाल से ही हमारे संस्कारों में शामिल रहा है। हमारी संस्कृति में महिलाओं का स्थान सर्वोपरि रहा है। प्रचीनकाल से ही हमारी मातृ-शक्ति साहस, युद्ध-कौशल, तपस्या, त्याग और विद्वता से संपन्न रही हैं।  उन्होंने कहा कि महिला संरक्षण और सशक्तिकरण के लिये प्रावधानों के साथ ही उनके प्रभावी क्रियान्वयन का ध्यान रखना भी आवश्यक है। हमारे समाज में महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के भाव सदैव मौजूद रहे हैं। हमें पारंपरिक संस्कार और मान्यताओं में आई विकृतियों के प्रति सजग रहते हुए उनके निवारण के प्रयास तो करने ही चाहिये साथ ही उसके मूल सृजनात्मक स्वरूप और उपलब्धियों पर गर्व भी करना चाहिये। 

विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी समाज की छोटी-छोटी कमजोरियों के प्रति सजग और संवेदनशील हैं। उनके कुशल नेतृत्व में आज देश की 2.5 लाख से अधिक पंचायतों में 14 लाख महिला प्रतिनिधि निर्वाचित हुई हैं। इसके साथ ही सरपंच से सांसद तक हमारी निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों की संख्या कई देशों की कुल जनसंख्या अधिक है। देश में 10 करोड़ बहनें 9 लाख स्व-सहायता समूहों के साथ जुड़कर उद्यमिता से समाज सेवा तक महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। कोविड काल में आशाकार्यकर्ताओं का योगदान इसका अतुलनीय उदाहरण है।   

विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर ने मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री श्री मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से मध्यप्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिये अभूतपूर्व प्रयास हुए हैं और उनके परिणाम भी अच्छे आये हैं। उन्होंने प्रदेश के अभिभावकों को भी धन्यवाद दिया, जिनके प्रयासों से और संस्कारों से देश की बेटियां पुलिस, सैनिक एवं अर्ध-सैनिक बलों में, उद्यमिता एवं व्यवसाय प्रबंधन, प्रशासन  खेल समेत शैक्षणिक आदि सभी क्षेत्रों में देश प्रदेश का परचम लहरा रही हैं। 

महिला एवं बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि महिलाओं के मानवाधिकार और सशक्तिकरण सरकारों की संवैधानिक और समाज की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन को अमल में ला रहे मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में राज्य सरकार महिलाओं की समस्याओं और उनके सशक्तिकरण के प्रति सजग औऱ संवेदनशील हैं। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की पूर्णत: ऑनलाइन पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया लागू की है। हाल ही में 19 हजार से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की पूर्णतः पारदर्शी ऑनलाइन भर्ती कर इसका उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि हमारी केंद्र व राज्य सरकारों महिलाओं के मानवाधिकारों की रक्षा के प्रति सजग औऱ सक्रिय हैं और हमारे प्रयास एवं योजनायें उसका आधार बने हैं। मंत्री सुश्री भूरिया ने कहा कि वह आदिवासी समाज से हैं और समाज की महिलाओं की परेशानियां समझती हैं, इसलिये उनके निवारण के प्रति संवेदनशील हैं। उन्होंने परिवारों को भी इसके प्रति सजग रहते हुए बेटियों के साथ ही बेटों को भी बचपन से ही महिलाओं की रक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के संस्कार देने होंगे।  

मानवाधिकार आयोग के सदस्य डॉ. अवधेश प्रताप सिंह ने कहा कि देश में महिला सशक्तिकरण के साथ ही मानवाधिकारों के सुधार की दिशा में केंद्र व राज्य सरकारें सजग हैं और समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति सभ्यता के उदय के साथ इसके प्रति संजन और संवेदनशील है। 

यूएन वूमेन की स्टेट हैड सुश्री रे ने पारंपरिक रूप से घर, सार्वजिनक स्थलों के साथ ही आधुनिक डिजिटल स्पेस में भी महिलाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण की आवश्यकता जताई।          

आयोजन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला सशक्तिकरण योजनाओं के प्रेजेन्टेशन दिया गया। प्रेजेन्टेशन में लाड़ली-बहना और लाड़ली-लक्ष्मी योजनाओं के क्रांतिकारी प्रभावों का उल्लेख करते हुए बताया गया कि केन्द्र और राज्य सरकारों की योजनाओं से प्रदेश के लिंगानुपात में प्रभावशाली सुधार हुआ है। 

आयोग के प्रमुख सचिव श्री मुकेश चंद गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत किया। आभार प्रदर्शन आयोग के उप सचिव श्री डी.एस. परमार ने किया। इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण और मानव अधिकार विषय पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया गया। आयोग की ओर से अतिथियों को स्मृति-चिन्ह भी भेंट किये गये।  

[क्रमांक : 7343h   गौरव // के.के. जोशी]