एमसीयू में विधान सभा स्पीकर की मास्टर क्लास
विधान सभा अध्यक्ष का पद लोकतांत्रिक मर्यादा और न्याय का प्रतीक –विधान सभा अध्यक्ष
भोपाल। विधान सभा में अध्यक्ष होना किसी शक्ति का नहीं बल्कि लोकतांत्रिक मर्यादा और न्याय का प्रतीक है। इसके लिए धैर्य, दूरदृष्टि और सहनशीलता जरूरी है। अध्यक्ष की आसंदी सबके प्रति उत्तरदायी होती है किसी एक दल के प्रति नहीं। जबकि अध्यक्ष विधान सभा में चुनकर आता किसी दल से ही है। इस लिहाज से उसकी भूमिका बहुत कठिन है।
मध्य प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष नरेंद्रसिंह तोमर ने यह बात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विवि की मास्टर क्लास में कही। उन्होंने भावी पत्रकारों को सदन की कार्यप्रणाली और पक्ष-विपक्ष की भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि हम सब लोकतंत्र में स्वतंत्रता की साँसें ले रहे हैं तो पूर्वजों के उन बलिदानों को कभी न भूलें, जिनकी वजह से यह देश आजाद हुआ। यह आजादी किसी ने तश्तरी में रखकर नहीं दी। इसे बचाना भी जरूरी है और मजबूत करना भी। किंतु हमारे देश में लोकतंत्र की परंपरा प्राचीनकाल से है। यह भारत के स्वभाव में है। उन्होंने कहा-लोकतांत्रिक संस्थाओं में मर्यादा, विश्वास और अधिकार संस्था के होते हैं, व्यक्ति आते-जाते हैं। हमारी निष्ठा संस्था के प्रति होनी चाहिए। विधान सभाएँ कानून ही नहीं बनातीं, वे आम जनता की आवाजें भी होती हैं। उनकी भूमिका राज्य की व्यवस्था के संचालन में महत्वपूर्ण है। सबसे महत्वपूर्ण काम बजट का होता है, जिससे विकास के काम आगे बढ़ते हैं, जनकल्याण की योजनाएँ जमीन तक जाती हैं। अध्यक्ष की भूमिका पक्ष-विपक्ष के संरक्षण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वह सबको चर्चा का अवसर देता है ताकि किसी भी प्रश्न पर सरकार का उत्तर भी सबको ज्ञात हो। राजनीति में अध्ययन की घटती प्रवृत्ति ने राजनीति को विकृत कर दिया है। हम सबको अध्ययन बढ़ाना चाहिए। तभी सही तथ्यों का ज्ञान हो सकेगा। उन्होंने समूहों में विधान सभा भ्रमण के लिए विद्यार्थियों को आमंत्रण दिया। कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि विषय विशेषज्ञों की मास्टर क्लास श्रृंखला विद्यार्थियों में काफी लोकप्रिय हुई है। यह पूरे सत्र में जारी रहेगी। संचालन डॉ. संजय द्विवेदी ने किया। आभार डॉ. पी. शशिकला ने माना।
"विश्वविद्यालय में सौ साल के सौ फ्रंट पेजों की प्रदर्शनी बेजोड़ है। देश में घटी सौ साल की सौ महत्वपूर्ण घटनाओं के ये कवरेज भारत के इतिहास के कई अनजाने पन्ने खोलते हैं। यह एक अद्भुत पहल है।' -नरेंद्र सिंह तोमर