मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च
2017 सत्र
मंगलवार, दिनांक 28 फरवरी 2017
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
राजघाट
बांध से
अनाधिकृत रूप
से सिंचाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( *क्र. 2222 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सागर नगर में पेयजल प्रदाय हेतु निर्मित राजघाट बांध से अनाधिकृत रूप से जल लेकर खेतों की सिंचाई की जा रही है, जिससे बांध का जलस्तर भी घट रहा है? यदि हाँ, तो नगर निगम ने इस पर रोक लगाये जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या व्यवस्था की है? (ख) क्या सागर नगर में विगत वर्ष पेयजल का संकट राजघाट बांध से अनाधिकृत रूप से जल का उपयोग खेतों में सिंचाई करने एवं पाईप लाईन में अनेक स्थानों पर लीकेज के कारण पैदा हुई थी? चालू वर्ष में नगर में पेयजल की समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए राजघाट बांध के जल को संरक्षित करने एवं अवैध पानी उठाव रोकने के लिए प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) क्या सागर नगर पालिक निगम से संबंधित कोई पेय-जल योजना शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो वह कब तक स्वीकृत हो जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिक निगम, सागर द्वारा कलेक्टर, जिला सागर को पत्र लिखा गया। कलेक्टर जिला सागर द्वारा आदेश क्रमांक 807 दिनांक 30.01.2017 द्वारा सिंचाई पर पेयजल परीरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधित आदेश 2002 के प्रावधानों के तहत प्रतिबंध लगाया गया है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, निकाय की जलप्रदाय योजना प्रोजेक्ट उदय में स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है।
वन ग्राम सोनपुर का विस्थापन
[वन]
2. ( *क्र. 1930 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर अंतर्गत पूर्व में ग्राम सोनपुर के कुछ लोगों को राजस्व ग्राम में विस्थापित किया गया है, परंतु उन लोगों को विस्थापन की शर्त अनुसार कोई भी मूलभूत सुविधायें नहीं मिल पा रही हैं, जिसके कारण ये लोग विस्थापन के लाभ से वंचित हैं, के संबंध में कितने क्षेत्रीय विधायकों द्वारा कितनी शिकायतें एवं पत्र विभाग को प्रेषित किये गये हैं? इन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या विस्थापन के पूर्व इन लोगों को विकल्प 2 के तहत विस्थापित करने की शर्त थी, जिसमें इन लोगों को वन क्षेत्र में जमीन उपलब्ध कराई है, परंतु उक्त जमीन उनके नाम हस्तांतरित नहीं होने के कारण इन लोगों को शासन की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? साथ ही सोनपुर के साथ ग्राम नांदनेर, कूकरा, पट्टन भी हैं, जिन्हें भी मूलभूत सुविधायें नहीं मिल पा रही हैं? किस कारण से विस्थापितों को मूलभूत सुविधायें नहीं मिल पा रही हैं? (ग) वर्तमान में सोनपुर के कुछ ग्राम शेष रहे हैं, जिनका विस्थापन होना है, ये परिवार के सभी लोग विकल्प 2 के तहत विस्थापित होना चाहते हैं। इस संबंध में उनके द्वारा तहसील सोहागपुर के नया कूकरा के बाजू में सिंगवाड़ा बीट कक्ष क्र. 276 को ग्राम के सभी शेष परिवारों ने पसंद कर लिया है, जिसमें इन्होंने विस्थापित होने हेतु सहमति भी दी है, इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? कब तक इन्हें विस्थापित कर मूलभूत सुविधायें दे दी जायेंगी?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। क्षेत्रीय विधायक के 05 शिकायती पत्र विभाग में प्राप्त हुये थे। उन पत्रों पर विभाग द्वारा कार्यवाही करते हुये विस्थापितों को उपलब्ध कराई गई मूलभूत सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) सोनपुर के वर्तमान विस्थापितों द्वारा विकल्प-2 के तहत विस्थापित होने की कोई शर्त नहीं थी। शासन द्वारा विस्थापन हेतु जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार विकल्प-1 के तहत विस्थापित ग्रामवासी निजी सम्पत्ति की कीमत सहित 10.00 लाख रूपये प्रति हितग्राही की दर से राशि लेकर स्वतः की व्यवस्था से अन्यत्र कहीं भी बसने की स्वतंत्रता है। ग्रामीणों द्वारा विकल्प-1 के तहत विस्थापन हेतु सहमति दी गई थी, जिसके तहत सोनपुर के ग्रामीण 10.00 लाख रूपये नगद प्रति इकाई लेकर हितग्राही स्वयं की व्यवस्था से विस्थापित हुये हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सोनपुर के साथ ग्राम नांदनेर, कूकरा, पट्टन भी विकल्प-1 के तहत 10.00 लाख रूपये नगद प्रति इकाई लेकर विस्थापित हुये ग्रामवासियों को ग्रामों में उपलब्ध कराई गई। मूलभूत सुविधाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। यह सत्य है कि सोनपुर के कुछ ग्रामीण विस्थापन हेतु शेष हैं तथा इनके द्वारा विकल्प-2 का चयन कर सिंगवाड़ा बीट के कक्ष क्र. 276 को पसंद कर विस्थापन हेतु सहमति दी गई है। इस संबंध में विभाग द्वारा भूमि व्यपवर्तन का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। भूमि व्यपवर्तन के प्रस्ताव पर भारत सरकार की स्वीकृति प्राप्त होने पर आवश्यक बजट प्रावधान होते ही सोनपुर के शेष ग्रामीणों को पुनर्स्थापित कर दिया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विस्थापितों का पुनर्वास
[नगरीय विकास एवं आवास]
3. ( *क्र. 2774 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्वालियर में वर्ष 2011 में शासकीय नजूल भूमि सर्वे क्रमांक 3738 के द्वारिकाधीश मंदिर के पास 16 दुकानों को अतिक्रमण में मानकर तोड़ा गया था? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या कलेक्टर ग्वालियर के कार्यालय में उक्त विस्थापित अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को दुकान बनाने हेतु नजूल भूमि के आवंटन का प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो उसमें प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या नगर निगम ग्वालियर में भी विस्थापितों को अन्य जगह आवंटित करने हेतु कोई प्रकरण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इस प्रकरण में भी कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित आवंटन में विलम्ब करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ग्राम सुरार की भूमि सर्वे क्रमांक 3738 पटवारी अभिलेख में सड़क नोईयत (नोईयत खाना नं. 3 में शासकीय एवं खाना नं. 12 में पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट अभिलिखित है) के रूप में दर्ज है, नक्शे में भी सड़क की आकृति बनी हुई है, वर्ष 2011 में सड़क चौड़ीकरण के दौरान पाये गये अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की गई थी। (ख) वर्तमान में कार्यालयीन अभिलेखों में उपलब्ध रिकॉर्ड के अनुसार उक्त प्रस्ताव कार्यालय में लंबित नहीं है। (ग) विस्थापितों को जगह आवंटन करने की कार्यवाही नगर निगम में विचाराधीन नहीं है। (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैरसिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 2822 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बैरसिया की ग्राम पंचायत रमपुरा, जमूसरखुर्द, खजूरिया एवं तरावली कलां, सेमरी, इस्लामनगर एवं कोटरा चोपड़ा की आबादी कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्राम पंचायत रमपुरा का बालाचौन, ग्राम पंचायत जमूसरखुर्द का लालूखेड़ी एवं भूरीपठार, ग्राम पंचायत खजूरिया का मैनापुरा, ग्राम पंचायत इस्लामनगर का मस्तीपुरा, ग्राम पंचायत तरावली कलां का करोली, ग्राम पंचायत सेमरी का मोतीपुरा एवं ग्राम पंचायत कोटरा चोपड़ा का चोपड़ा किसी मार्ग से वर्तमान में जुड़ा है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्या कारण रहे? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित मार्ग को बनाये जाने हेतु प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री सड़क योजना अंतर्गत निर्धारित मापदण्ड के अनुसार है अथवा नहीं है? यदि हाँ, तो विभाग कब तक इस मार्ग को बनायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
भानपुर खंती का विस्थापन
[नगरीय विकास एवं आवास]
5. ( *क्र. 437 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिक निगम भोपाल को कचरा डंपिग हेतु भानपुर में कितनी भूमि आवंटित की गई थी एवं निगम द्वारा कितनी भूमि पर कचरा डंपिग किया गया है? खसरा क्रमांक एवं रकबे की जानकारी दी जाये। (ख) भानपुर खंती के आस-पास कितनी-कितनी कॉलोनियों की कितनी-कितनी आबादी खंती के प्रदूषण से प्रभावित है एवं इस खंती के प्रदूषण से नागरिकों को किस-किस प्रकार की बीमारियां हो रही हैं? (ग) क्या भानपुर खंती को अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा है? स्थल का नाम, आवंटित भूमि का रकबा सहित बताया जाये। (घ) नवीन खंती निर्माण हेतु अभी तक क्या-क्या कार्य किये गये हैं एवं किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? (ड.) भानपुर खंती को कब तक शिफ्ट कर दिया जायेगा एवं रिक्त हुये स्थान के उपयोग हेतु क्या योजना बनाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, भोपाल को कचरा डंपिग हेतु भानपुर से 36.62 एकड़ भूमि आंवटित की गई है, जिसमें से लगभग 32 एकड़ भूमि पर कचरा डंपिग का कार्य किया जाता है। भूमि का खसरा क्रमांक एवं अन्य विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इस संबंध में कोई वैज्ञानिक अध्ययन रिपोर्ट नहीं है। (ग) जी नहीं। अपितु कचरे का स्थल पर ही वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन कर खंती को वैज्ञानिक तरीके से कैपिंग की जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) नवीन ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई हेतु निजी जनभागीदारी के माध्यम से ग्राम आदमपुर छावनी में कार्य हेतु अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया है। प्रस्तावित नवीन इकाई स्थल सें 85 रहवासियों को ग्राम हरीपुरा में विस्थापित किया गया है। ग्राम हरीपुरा में आधारभूत अधोसंरचना निर्माण जैसे नाली, रोड एवं विद्युत हेतु नगर निगम मद से राशि रूपये 1.25 करोड़ का व्यय किया गया है। (ड.) भानपुर स्थित खंती को वैज्ञानिक तरीके से बंद किये जाने हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की गई है। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है। रिक्त होने वाली भूमि का उपयोग भूमि रिक्त होने के पश्चात् हो सकेगा।
पी.एच.डी. उपाधि की जाँच
[उच्च शिक्षा]
6. ( *क्र. 2886 ) श्री हर्ष यादव : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नियोक्ता विभाग (आदि जाति कल्याण) से छुट्टी लिये बिना जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के सामाजिक विज्ञान फैकल्टी अंतर्गत विश्वविद्यालय नोटिफिकेशन क्रमांक एफ/पी.एच.डी./ सी.ओ.एन.एफ./एग्जाम-2/2011/85, दिनांक 25 दिसम्बर 2011 द्वारा भूगोल विषय में फर्जी पी.एच.डी. उपाधि लेने वाले शोधार्थी का नाम और उसका एनरोलमेन्ट नंबर बतावें। गाइड/निदेशक/मार्गदर्शक का नाम और वर्तमान पदस्थापना भी बतावें। (ख) नियोक्ता आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक डी-4353/2538/07/1-25, दिनांक 26 दिसम्बर 2007 के बिंदु क्रमांक-2 पर छुट्टी नहीं देने की शर्त के बावजूद विश्वविद्यालय ने पी.एच.डी. किस आधार पर अवार्ड की? इस मामले में अब तक प्राप्त शिकायतों का ब्यौरा दें। एफ.आई.आर. कब तक कराई जायेगी? (ग) शोधार्थी की अनुपस्थिति में गाइड के अधीन और शोध केन्द्र पर किस फर्जी व्यक्ति ने उपस्थित होकर कोर्स वर्क पूरा किया? जिन अभिलेखों और फर्जी दस्तावेजों को संलग्न कर पी.एच.डी. आवेदन पत्र पेश किया गया था, उस आवेदन सहित सभी की प्रतियां उपलब्ध करावें। (घ) फर्जी शोधार्थी द्वारा पी.एच.डी. प्रवेश के पूर्व जीवाजी विश्वविद्यालय में पेश माईग्रेशन सर्टिफिकेट अथवा शिक्षा में अंतराल के प्रमाण-पत्र की प्रति उपलब्ध करावें।
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना फर्जी नहीं है। उक्त अधिसूचना के द्वारा तीन शोधार्थियों को उपाधि प्रदाय की गई। उसमें आदिम जाति कल्याण विभाग के सुरेन्द्र सिंह भण्डारी को भी शोध उपाधि प्रदाय हेतु अधिसूचित किया गया है। उनका इनरोलमेन्ट नम्बर ए-14-782 है तथा मार्गदर्शक श्री के.एस. सैंगर, प्राचार्य, शासकीय एस.एल.पी. कॉलेज मुरार, ग्वालियर में पदस्थ हैं। (ख) शोधार्थी को पी.एच.डी. अवार्ड होने के संबंध में श्री ए.पी.एस. परिहार, निवासी थाटीपुर, मुरार म.प्र. का शिकायती पत्र दिनांक 04.02.2017, श्री विकास शर्मा 23, यूनिवर्सिटी कैम्पस, ग्वालियर दिनांक 11.02.2017 एवं श्री राजीव बिंदल, के-29, गाँधी नगर ग्वालियर दिनांक 02.02.2017 द्वारा प्राप्त हुए हैं, की जाँच कराकर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी। (ग) पुराने पी.एच.डी. आर्डिनेंस में कोर्स वर्क की व्यवस्था नहीं थी, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शोध उपाधि हेतु सुरेन्द्र सिंह भण्डारी के आवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (घ) संबंधित का माइग्रेशन प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अपूर्ण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 204 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के कन्नौद एवं बागली विकास खण्ड में वर्ष 2013-14 से प्रश्नांकित दिनांक तक कुल कितने-कितने मार्ग स्वीकृत किये गये थे, योजनान्तर्गत मार्ग निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों की स्वीकृति दी गई? कार्यवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने कार्य प्रारंभ किये गये, कितने पूर्ण हो गये? कितने कार्य अप्रारंभ हैं, कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? मार्गवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संबंध में कितने मार्गों की अमानक एवं गुणवत्ताविहीन कार्यों की शिकायतें की गई थी, विभाग में कब-कब कार्यों का भौतिक सत्यापन किया, समिति (जाँच दल) ने कार्य स्थल पर क्या पाया? जाँच दल में सम्मिलित अधिकारी, कर्मचारी के पद नाम व उनका प्रतिवेदन बतावें। (घ) क्या वर्तमान में अधिकांश कार्य अपूर्ण हैं? जो बनाये गये थे, वे मार्ग जर्जर हो चुके हैं? अगर हाँ तो विभाग कब तक पूर्ण करेगा व दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कब तक होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) विभाग को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) निर्माण कार्य प्रगतिरत होने से उनके जर्जर होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम पंचायत खोडेरा में पंचायत कर्मी की नियुक्ति की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( *क्र. 1073 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत खोडेरा में पंचायत सचिव (पंचायत कर्मी) की नियुक्ति किये जाने हेतु शासन के नियमानुसार पंचायतकर्मी योजना 1995 में ग्राम पंचायत ही सक्षम थी और उसमें यह भी प्रावधान था कि पंचायत कर्मी यथा संभव स्थानीय ही हो? (ख) क्या खोडेरा में नियुक्ति पाने वाले स्थानीय आवेदक की नियुक्ति नहीं करते हुये ग्राम देवीनगर के आवेदक की नियुक्ति नियमों के विरूद्ध कर दी गई और तहसीलदार बल्देवगढ़ ने भी आवेदक को देवीनगर ग्राम का निवासी बताया तथा कलेक्टर टीकमगढ़ ने भी आदेश दिनांक 26.04.12 को आदेश पारित किया था कि यह नियुक्ति नियम विरूद्ध है। (ग) क्या राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल द्वारा दिनांक 16.07.12 को कलेक्टर का आदेश निरस्त कर दिया गया, यह कार्यवाही किस नियम तथा किन दस्तावेजों का आधार मानते हुये की तथा खोडेरा ग्राम पंचायत में देवीनगर ग्राम पंचायत के निवासी की नियुक्ति कैसे कर दी गई। प्रकरण की जानकारी निवास प्रमाण-पत्र एवं चल-अचल सम्पति सहित प्रमाणित सत्य प्रतिलिपियां उपलब्ध करायें। (घ) क्या उक्त पंचायत सचिव की तैनाती वर्तमान में वृषभानपुरा ग्राम पंचायत विकासखण्ड बल्देवगढ़ में है? क्या इसकी जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण बतायें। (ड.) जाँच उपरांत दोषी पाये जाने वाले सचिव पंचायतकर्मी के विरूद्ध कार्यवाही कर पद से हटाकर शासन से प्राप्त की गई राशि की वसूली करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) से (ड.) म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 91 के तहत तथ्यों का विश्लेषण करते हुए तथ्यों के संबंध में निष्कर्ष पर पहुंच कर गुण-दोष पर सक्षम अधिकारी मान. राज्यमंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने श्रीमती किरण यादव की सचिव, ग्राम पंचायत, खोडेरा में नियुक्ति को विधि सम्मत पाया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। गुण-दोष पर आदेश पारित होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
रामस्थान क्षेत्र में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
9. ( *क्र. 2882 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलान्तर्गत रामपुर बघेलान के रामस्थान क्षेत्र में कब-कब, किस-किस फर्म को किस खसरा नंबर के कितने क्षेत्रफल में खनन अनुज्ञप्तियां जारी की गई व उक्त क्षेत्र से लगभग कितनी मात्रा में वर्षवार पत्थर खनित किया गया? (ख) शासन की आराजी क्रमांक 1238, 991 व 993 के कितने क्षेत्रफल पर लीज़ अनुज्ञप्ति जारी की गई थी? यहां लीज़धारी द्वारा वास्तविक रूप से कितने क्षेत्रफल पर उत्खनन किया गया? क्या यहां विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त अनुज्ञप्तिधारी ने बिना अनुज्ञप्ति प्राप्त किये लगभग 30 एकड़ भूमि पर अवैध उत्खनन किया है? इस मामले में दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या अवैध उत्खनन की जाँच के लिए कलेक्टर सतना द्वारा दिनांक 12 अगस्त, 2016 को कोई जाँच दल गठित किया गया था, इस दल द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की है? (ग) उक्त क्षेत्र में अनु.जाति/जनजाति के कितने भू-स्वामियों की भूमि पर उत्खनन किया गया है? क्या उत्खननकर्ता द्वारा नियमानुसार भूमि क्रय की जाकर विधिवत खनन अनुज्ञा प्राप्त की गई या नहीं? इस संदर्भ में जिला प्रशासन को प्राप्त शिकायतों का किस प्रकार निराकरण किया गया? (घ) इस क्षेत्र में कितने क्षेत्रफल में श्रवण कुमार पाठक माइंस को भूप्रवेश की अनुमति दी गई है? लीज़ एरिया के समीप कितने अनु.जाति आदिवासी भू-स्वामियों की भूमि थी, उक्त भूमि वर्तमान में किसके नाम है? क्या नामांतरण व रजिस्ट्रियां नियमानुसार की गईं? उत्खनन वनभूमि व रहवासी क्षेत्र से कितने मीटर दूर तक किया गया है? प्रश्नांश (क) से (घ) वर्णित अनियमितताओं के संबंध में स्थानीय रहवासियों व जनप्रतिधियों द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब क्या शिकायतें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व व जिला प्रशासन सतना को की गई हैं। शिकायतों का बिन्दुवार निराकरण बतावें। यदि नहीं किया गया तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र रामस्थान में किसी फर्म को खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है, जिन व्यक्तियों को इस क्षेत्र पर खनिपट्टा स्वीकृत है। इसकी जानकारी एवं वर्षवार खनिज उत्पादन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) आराजी क्रमांक 1238 के अंश रकबा 0.60 एकड़, आराजी क्रमांक 993 के अंश रकबा 2 एकड़ क्षेत्र को शामिल करते हुये कुल रकबा 80 एकड़ क्षेत्र पर श्री श्रवण कुमार पाठक को खनिपट्टा स्वीकृत है। आराजी क्रमांक 991 पर खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है। लीज़धारी को कुल स्वीकृत क्षेत्र 80 एकड़ क्षेत्र में से 45 एकड़ क्षेत्र पर उनके द्वारा उत्खनन कार्य किया गया है। जी नहीं, परन्तु आराजी क्रमांक 1238 के अंश रकबा 0.60 एकड़ तथा आराजी क्रमांक 991 के अंश रकबा 0.20 एकड़ क्षेत्र पर अवैध उत्खनन पाया गया है, जिसके कारण दोषी खनिपट्टाधारी के विरूद्ध कार्यवाही विचाराधीन है। जी हाँ। प्रश्नानुसार जाँच दल गठित किया गया था। जाँच दल द्वारा मौका स्थल निरीक्षण अनुसार सत्यापन कार्य किया गया है। (ग) उक्त क्षेत्र में अनुसूचित जाति के 06 भूमि स्वामियों की भूमि पर उत्खनन कार्य किया गया है। नियमों में भूमि क्रय की जाकर खनि रियायत प्राप्त करने का प्रावधान नहीं है। प्रश्नानुसार कलेक्टर कार्यालय, सतना को प्राप्त शिकायतों के निराकरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) श्रवण कुमार पाठक माईन्स के नाम से कोई खनिपट्टा स्वीकृत न होने के कारण प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। प्रश्नानुसार प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों के निराकरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में सड़कों का निर्माण एवं मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( *क्र. 1270 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विषयांकित योजना प्रारम्भ से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में किन-किन सड़कों का कब-कब निर्माण कार्य पूरा किया गया? लागत सहित जानकारी देवें। (ख) योजनान्तर्गत निर्मित सड़कों का अनुबन्धानुसार किस-किस दिनांक तक मेंटेनेन्स (रख-रखाव) की समयावधि थी? समयावधि में किन-किन सड़कों की मरम्मत/मेंटेनेन्स कार्य किया गया? (ग) समयावधि में मरम्मत/मेंटेनेन्स उपरान्त कब-कब, किन-किन सड़कों के रिनिवल के कितनी-कितनी लागत के प्रस्ताव शासन को भेजे गये? कौन-कौन सी सड़कों के प्रस्ताव स्वीकृत हुये एवं कब-कब कार्य पूर्ण किये गये या शेष हैं? (घ) सड़क निर्माण कार्य करने वाले किन-किन ठेकेदारों की कितनी-कितनी राशि मेंटेनेन्स/मरम्मत कार्य हेतु रोकी गई थी? किन-किन ठेकेदारों के मेंटेनेन्स कार्य नहीं कर सकने के कारण कितनी-कितनी राशि की कटौती की गई एवं समयावधि उपरान्त किन-किन ठेकेदारों की कब-कब, कितनी-कितनी राशि वापस की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
कूनो-पालपुर अभयारण्य श्योपुर में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाया जाना
[वन]
11. ( *क्र. 280 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कूनो-पालपुर अभयारण्य श्योपुर में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाने हेतु मान. उच्चतम न्यायालय के निर्देश में गठित समिति द्वारा माह दिसम्बर 2016 में दौरा कर मीटिंग की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त समिति द्वारा क्या-क्या अनुशंसायें की हैं? (ख) क्या समिति द्वारा उक्त अभयारण्य में एशियाई शेरों को बसाने के लिए उपयुक्त वातावरण एवं पर्याप्त संसाधन पाए जाने की अनुशंसा की है? यदि हाँ, तो कब तक कूनो अभयारण्य में एशियाई शेरों को बसा दिया जावेगा? (ग) कूनो-पालपुर अभयारण्य में गुजरात के एशियाई शेरों को बसाने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा क्या-क्या पत्राचार एवं कार्यवाही की है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। बैठक की कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। बैठक की कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है। (ग) मध्य प्रदेश द्वारा कूनो-पालपुर अभयारण्य में गुजरात से एशियाई सिंहों के पुनर्स्थापन के लिये भारत सरकार द्वारा गठित समिति की बैठक कूनो-पालपुर अभयारण्य में कराने की पहल की गई, जिससे समिति के सदस्य कूनो-पालपुर में हुए रहवास सुधार से अवगत हुए। सिंहों के कूनो-पालपुर में पुनर्स्थापन हेतु समिति का गठन किया गया है।
ग्राम पंचायत जोड़ौरी के कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 2925 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा जनपद पंचायत गंगेव, ग्राम पंचायत जोड़ौरी की निलम्बित सचिव श्रीमती रानी चौधरी एवं वर्तमान सरपंच अनुसूचित जाति के हैं? यदि हाँ, तो क्या सरपंच के कोटवार जाति प्रमाण-पत्र की जाँच की शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत एवं संलग्न जाति प्रमाण-पत्र की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निलंबित सचिव श्रीमती रानी चौधरी की पदस्थापना ग्राम पंचायत जोड़ौरी में कब हुई है? आदेश की प्रति देवें। (ग) ग्राम पंचायत जोड़ौरी में विकास कार्य हाट बाजार, पंच परमेश्वर, पी.सी.सी. रोड एवं अन्य कार्यों की सूची जिसके भुगतान हेतु राशि आहरण रूपये 2878853.00 के व्यय, प्रशासनिक स्वीकृति एवं सी.सी. की प्रतियां उपलब्ध करायें तथा 2013 से प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत जोड़ौरी में हुए कार्यों की सूची योजनावार, मदवार एवं वर्षवार देवें। (घ) श्रीमती रानी चौधरी के निलंबन हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत गंगेव के पत्र क्रमांक 2159/पंचायत/2015/दिनांक 19/11/2015 के प्रस्ताव की प्रति देवें तथा सी.ई.ओ. गंगेव के निलंबन प्रस्ताव के पूर्व वित्तीय अनियमितता की जाँच एवं रोक के लिए की गयी प्रशासनिक कार्यवाही की जानकारी देवें तथा समुचित कार्यवाही समय पर नियमानुसार न करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कौन सी दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। जाति प्रमाण-पत्र जाँच संबंधी शिकायत संज्ञान में नहीं आई है, जाति प्रमाण-पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) आदेश क्रमांक 4580/पंचा.-1 स्था./जि.प./2013, दिनांक 14.09.2013 द्वारा श्रीमती रानी चौधरी को ग्राम पंचायत जोड़ौरी का सचिव अधिसूचित किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है। (घ) प्रश्न में चाही गई प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। शिकायत की जाँच, निलंबन एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही समय पर होने से किसी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पुल-पुलियों/सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 2006 ) श्री सचिन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क/प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत कौन-कौन से सड़क मार्गों/पुल-पुलियों के निर्माण कार्य हेतु प्रस्ताव शासन एवं विभागीय स्तर पर कब-कब भेजे गए? माह जनवरी 2017 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्ताव कब-कब स्वीकृत किये गये? पुलों एवं सड़कों के नाम एवं लंबाई, स्वीकृति की राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें। कौन-कौन से निर्माण स्वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ, कौन-कौन से लंबित हैं एवं क्यों तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ख) उक्त क्षेत्रान्तर्गत ऐसी कितनी सड़क मार्गों/पुल-पुलियों के निर्माण कार्य जनहित में किया जाना अति आवश्यक है जिन पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है और क्यों? जवाबदेही सुनिश्चित कर तत्संबंधी ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांकित (क) की अवधि में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव एवं उचित माध्यम से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पुल-पुलियों, सड़कों एवं पहुँच मार्गों के निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्ताव जनवरी 2017 की स्थिति में स्वीकृत हैं एवं प्रक्रियाधीन हैं? विलंब के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण एवं प्रमुख अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत निर्माण संबंधी प्रस्तावों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न में प्रस्तावों के प्रेषक का उल्लेख नहीं होने से प्रस्ताव भेजने की तिथि बताया जाना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत कार्यों के लिए आबद्ध होने से वर्तमान में स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( *क्र. 457 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग जिला सागर में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध पार्षदों एवं आमजन द्वारा कोई आपराधिक प्रकरण पंजीकृत किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध पार्षदों एवं आमजन द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने का क्या कारण रहा? (ग) यदि निर्वाचित पार्षदों एवं आमजन द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कराया गया है एवं विभागीय स्तर पर शिकायतें की गई हैं, तो विभाग द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। नगर पालिका परिषद, मकरोनिया में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री सी.पी. राय के विरूद्ध वार्ड क्र. 08 की पार्षद श्रीमती कौशल्या अहिरवार के पति श्री मिहिलाल अहिरवार द्वारा धारा-3 (1-10) एस.सी.एस.टी. एक्ट एवं धारा-294, 506, 323 (भा.द.वि.) के अंतर्गत दिनांक 15.12.2016 को थाना-पदमाकर नगर में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है। प्रकरण माननीय विशेष सत्र न्यायाधीश जिला न्यायालय, सागर के न्यायालय में प्रचलित है। प्रकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत होने से, कारण बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विभाग स्तर पर शिकायत प्राप्त हुई थी, शिकायत की जाँच की जा रही है। प्रकरण में गुण-दोषों के आधार पर पूर्ण जाँच उपरांत न्यायालय निर्णय के प्रकाश में विधिसम्मत निराकरण किया जायेगा।
मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजानांतर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
15. ( *क्र. 1 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत छूटे हुए ग्रामों को जोड़ने हेतु वर्ष 2015 में आलोट विधानसभा क्षेत्र की चार सड़कें स्वीकृत होकर उनके निर्माण अनुबंध का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या निर्माण अनुबंधानुसार उक्त सड़कें निर्मित हुईं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों एवं अनुबंधकर्ता ठेकेदार पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) भोजखेड़ी-बोरखेड़ी, माल्या-बेटीखेड़ी, ताल-सनखेड़ी, नागदा-मिनावदा, शेरपुर बुजुर्ग सड़कों का निर्माण कब तक पूर्ण होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत वर्ष 2015 में आलोट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत चार सड़कों का अनुबंध पैकेज क्र. 1722 अंतर्गत किया जाकर कार्यादेश दिनांक 14/12/2015 को दिया गया। कार्य पूर्ण करने हेतु 12 माह का वर्षाकाल सहित ठेकेदार को समय दिया गया है। (ख) जी नहीं। तीन सड़कों में क्रमशः भूमि विवाद, रेखांकन में परिवर्तन होने, निजी स्थल की भूमि होने के कारण अनुबंध समयावधि दिनांक 13/03/2017 तक बढ़ाई गई है। एक सड़क में निर्माण में विलंब के लिए ठेकेदार जिम्मेदार होने के कारण अनुबंध के तहत नोटिस दिया गया है। (ग) जून, 2017 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है।
जिला बालाघाट में निर्माण कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( *क्र. 706 ) श्री मधु भगत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग 1 एवं 2 बालाघाट में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किस-किस मद से कब-कब करवाये गये? नियुक्त कार्य एजेंसी के नाम सहित विधानसभावार, विकासखण्डवार एवं वर्षवार पूर्ण ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्य में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हैं, कितने अपूर्ण हैं, उक्त कार्य में से किस-किस कार्य के लिये किस को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस दिनांक को चैक/ड्राफ्ट क्रमांक एवं नगद राशि के रूप में किया गया? वर्षवार, कार्यवार भुगतान कि गई राशि का पूर्ण ब्यौरा देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से कौन-कौन से कार्य हैं, जिनको पूर्ण किये बिना कार्य से अधिक राशि का भुगतान किया गया? कार्यवार किये गये भुगतान का पूर्ण ब्यौरा देंवे। अपूर्ण कार्य होने की स्थिति में संबंधित कार्य एजेंसी पर क्या दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में से अनियमितता और भ्रष्टाचार की कितनी शिकायतें ब्लॉक/जिला स्तर पर लिखित/मौखिक प्राप्त हुईं? शिकायतों का विवरण देते हुये बतायें कि इनमें से किन-किन शिकायतों की जाँच किसके द्वारा की गई एवं जाँच पश्चात् क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) निर्माण कार्यों को पूर्ण किये बिना अधिक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। समयावधि में पूर्ण न होने वाले कार्यों के ठेकेदारों को अनुबंधानुसार नोटिस जारी किये गये हैं। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों के संबंध में शिकायतें प्रकाश में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिक निगम, कटनी को विकास कार्यों हेतु प्राप्त राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 2728 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत तीन वर्षों में नगर पालिक निगम कटनी को केन्द्र/राज्य शासन से किस-किस मद/योजना हेतु कितनी-कितनी अनुदान राशि प्राप्त हुई है एवं प्रत्येक मद/योजना से प्राप्त होने वाली राशि के उपयोगिता के नियम क्या-क्या थे? इन राशियों की प्राप्ति तारीख क्या थी एवं किस-किस बैंक में किस-किस दिनांक को फिक्स डिपॉजिट के तौर पर रखा गया, इससे कितनी-कितनी राशि ब्याज के तौर पर प्राप्त हुई? पृथक-पृथक विवरण सहित बतावें। (ख) मूल अनुदान राशि और ब्याज की राशि का किस-किस कार्य में किस-किस दिनांक को व्यय किया गया एवं उपयोगिता प्रमाण-पत्र किस-किस दिनांक को भेजा गया? कार्यवार विवरण बतायें। (ग) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा नगर पालिक निगम कटनी क्षेत्र हेतु कौन-कौन सी घोषणायें 27 अक्टूबर, 2014 को कटनी प्रवास पर की गयी एवं कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई, नगर पालिक निगम कटनी द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही की गई? इन कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है एवं इन्हें कब तक पूर्ण किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) अन्तर्गत क्या मुख्यमंत्री जी की घोषणा के कार्यों को पूर्ण करने के लिये राज्य शासन द्वारा नगर पालिक निगम, कटनी को कोई निर्देश दिये हैं? यदि हाँ, तो क्या और इनके पालन के लिए क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विगत 3 वर्षों में विभिन्न योजनाओं में नगर पालिक निगम, कटनी को केन्द्र/राज्य शासन से राशि रू. 145.21 करोड़ प्राप्त हुई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अनुदान आवंटन पत्र में ही अनुदान राशि व्यय करने के शासन निर्देश रहते हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्राप्त अनुदान प्राप्त/डिपॉजिट/बैंको/राशि ब्याज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है, उपयोगिता प्रमाण पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। (ग) नगर पालिक निगम, कटनी के संबंध में की गई 04 घोषणाओं का कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एफ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''जी'' अनुसार है। घोषणा के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एफ'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री सड़क तथा सुदूर सड़क की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 2747 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत मुख्यमंत्री सड़क तथा सुदूर ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कें स्वीकृत की गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दिनांक 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में मुख्यमंत्री सड़क तथा सुदूर ग्राम सड़कें स्वीकृत की गई हैं? (ग) उक्त स्वीकृत सड़कों की लम्बाई तथा लागत क्या है? वर्षवार ग्रामवार बतावें। (घ) क्या उक्त स्वीकृत सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि हाँ, तो बतावें और नहीं तो क्यों नहीं तथा कब तक पूर्ण कर दी जावेंगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना के अधीन सड़कों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। (ख) मुख्यमंत्री सड़क योजना तथा सुदूर ग्राम संपर्क तथा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना के तहत सुदूर ग्राम संपर्क सड़कों की स्वीकृति की सड़कवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निर्माण कार्य की पूर्णता में देरी के प्रमुख कारणों में नोटबंदी की पृष्ठभूमि में निर्माण एजेंसियों के कार्यों की गति में कमी आना एवं भूमि की अनुपलब्धता है। सुदूर ग्राम संपर्क सड़कों के कार्य अपूर्ण होने के कारण निर्माण उपयोजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं होने तथा निर्माण की गुणवत्ता अपेक्षित तकनीकी मापदण्डों के अनुसार नहीं होना है। संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित कार्यों को वर्ष 2017-18 में पूर्ण कराया जाना लक्षित है।
फ्री होल्ड अधिकार अधिनियम 2010 का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
19. ( *क्र. 1314 ) श्री राजकुमार मेव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में विकसित, स्थित पट्टे की भूमियों के संबंध में फ्री होल्ड अधिकार अधिनियम 2010 का क्रियान्वयन, उसका पालन इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर द्वारा किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने फ्री होल्ड किये? यदि नहीं तो वर्तमान में किस कारण से फ्री होल्ड की प्रक्रिया बंद कर रखी है? (ख) इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर के पास वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक मैकेनिक नगर, स्कीम नं. 54 व शहर की अन्य स्कीमों के लंबित लीज़ होल्ड भूखण्डों को फ्री होल्ड अधिकारों में परिवर्तन करने संबंधित किस-किस आवेदक के किस-किस दिनांक में आवेदन प्राप्त हुये हैं? उनका क्या निराकरण किया गया? वर्तमान में कितने आवेदन क्यों लंबित हैं? लंबित आवेदनों को कब तक निराकृत करते हुये फ्री होल्ड की स्वीकृति दी जावेगी? (ग) क्या फ्री होल्ड अधिकार अधिनियम 2010 का क्रियान्वयन इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर के द्वारा नहीं किये जाने से शासन को मिलने वाले शुल्क के रूप में आय का आर्थिक नुकसान हो रहा है? यदि हाँ, तो कितना प्रतिवर्ष नुकसान हो रहा है? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) इंदौर विकास प्राधिकरण इंदौर को मैकेनिक नगर, स्कीम नं. 54 एवं उससे लगी हुई प्राधिकरण की शेष अनुपयोगी भूमि (नाले के पास) आवंटन हेतु किस-किस नाम से आवेदन प्राप्त हुये? उक्त अनुपयोगी भूमि के आवंटन हेतु प्राधिकरण द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) म.प्र. नगरीय क्षेत्र में स्थित पट्टे की भूमियों के संबंध में राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचना क्रमांक 2-16-2009-7-6 भोपाल दिनांक 21.09.2010 को फ्रीहोल्ड अधिकार नियम 2010 प्रभावशील किये गये थे। प्राधिकरणों के द्वारा म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 के अंतर्गत भूखण्डों के व्ययन की समस्त कार्यवाही की जाती है। प्राधिकरणों के द्वारा उनकी योजनाओं के लिये भूमि तीन प्रकार से यथा शासन से आवंटन, आपसी समझौते से निजी भूमि स्वामी से प्राप्त करना तथा भू-अर्जन अधिनियम के अंतर्गत भू-अर्जन से प्राप्त की जाती है। राजस्व विभाग की उक्त अधिसूचना राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त शासकीय भूमि पर दिये गये पट्टों के संबंध में प्रभावशील की गई है, जबकि प्राधिकरणों के द्वारा शासकीय भूमि के अतिरिक्त आपसी समझौते से निजी भूमि स्वामी से भूमि प्राप्त करना तथा भू-अर्जन अधिनियम के अंतर्गत सम्पत्ति धारित की जाती है। राजस्व विभाग की उक्त अधिसूचना को म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 के अंतर्गत प्रभावशील करने हेतु समस्त प्राधिकरणों से नीति निर्धारण चाही गई थी, जिस पर नगरीय विकास एवं आवास द्वारा विचार कर परीक्षणोपरान्त कार्यवाही प्रचलित है। इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा 468 आवेदनों का निराकरण किया गया है। (ख) इन्दौर विकास प्राधिकरण के पास वर्ष 2010 से प्रश्न दिनांक तक मैकेनिक नगर, स्कीम नं. 54 व शहर की अन्य स्कीमों के कुल 1537 पट्टाधारी (लीज़ होल्ड) अधिकार में फ्रीहोल्ड अधिकार के संबंध में आवेदन प्राप्त हुये हैं। इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा 468 आवेदनों का निराकरण किया गया है, शेष 1069 आवेदन विचाराधीन हैं। जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में पट्टे की भूमियों के संबंध में फ्रीहोल्ड अधिकार के प्रावधान प्रचलित नियम म.प्र. विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों का प्रबंधन तथा व्ययन नियम 2013 न होने से आर्थिक नुकसान एवं प्रश्नांश का शेष भाग उपस्थित नहीं होता है। (घ) इन्दौर विकास प्राधिकरण को मैकेनिक नगर, स्कीम नं. 54 एवं उससे लगी हुई शेष अनुपयोगी भूमि (नाले के पास) आवंटन हेतु श्री योगेन्द्र पाल द्वारा एक आवेदन एवं श्री राजकुमार मेव द्वारा दो आवेदन प्राप्त हुये थे। आवेदनकर्ताओं द्वारा चाही गई भूमि पर ओपन पाथ-वे एवं योजना के स्वीकृत अभिन्यास की 18.00 मीटर चौड़े मार्ग की भूमि होने से इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा आवंटन नहीं किया गया।
ब्यावरा महाविद्यालय परिसर की बाउण्ड्रीवाल का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
20. ( *क्र. 2623 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 30 (क्रमांक 335), दिनांक 8 दिसम्बर 2016 के उत्तर में बताया गया था कि राजगढ़ जिले के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ब्यावरा के परिसर की बाउण्ड्रीवाल निर्माण का प्रस्ताव स्थायी वित्तीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या शासन महाविद्यालय एवं छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को देखते हुये बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शासन के पत्र क्रमांक एफ 21-4/2015/38-2, दिनांक 24.01.2017 द्वारा राशि रूपये 95.70 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छता मिशन अंतर्गत किये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 2769 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या भोपाल नगर निगम प्रशासन द्वारा भारत स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय रखे गये हैं? यदि हाँ, तो भोपाल के किन-किन क्षेत्रों में कितने-कितने शौचालय रखे गए? वार्डवार बतावें। (ख) क्या निगम प्रशासन द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शौचालय क्रय करने हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई हैं? यदि हाँ, तो किस-किस संस्था से कितने-कितने शौचालय कितनी-कितनी राशि से कब-कब क्रय किए गए तथा मिशन के संचालन हेतु कौन-कौन से वाहन कितनी-कितनी राशि से क्रय किए गए और निगम प्रशासन के पास उपलब्ध वाहनों का उपयोग क्यों नहीं किया गया? क्या यह शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं है? (ग) भोपाल नगर निगम द्वारा भारत स्वच्छता मिशन के नाम पर किस-किस वार्ड में किस-किस कार्य एवं प्रचार प्रसार (शहर में फ्लेक्स बोर्ड, कटआउट, टी.वी. चैनलों तथा समाचार पत्रों में विज्ञापन) पर कुल कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? माह जनवरी 2017 में स्वच्छता मिशन की टीम द्वारा निरीक्षण के उपरांत क्या-क्या आपत्तियां ली गईं तथा सुझाव दिए गए?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत क्रय किये गये वाहनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। उक्त कार्य में निगम प्रशासन के पास उपलब्ध वाहनों का उपयोग भी किया जा रहा है। अत: यह शासन की राशि का दुरूपयोग नहीं है। (ग) भोपाल नगर निगम द्वारा स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शहर के वार्ड क्र. 01 से वार्ड क्र. 85 में जन-जागरूकता एवं विभिन्न कार्यक्रम द्वारा प्रचार-प्रसार हेतु राशि रूपये 7107183 रूपये व्यय किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जनवरी 2017 में स्वच्छता मिशन की टीम द्वारा निरीक्षण के बाद कोई आपत्ति एवं सुझाव नहीं दिये गये हैं।
विधान सभा क्षेत्र चौरई अंतर्गत निर्मित पुल की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( *क्र. 2875 ) पं. रमेश दुबे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले के विधान सभा क्षेत्र चौरई में जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत किन-किन सड़कों एवं बड़े पुलों का निर्माण कराया गया? कितनी सड़कें निर्माणाधीन हैं? कितनी सड़कों का पुनर्निर्माण अथवा मेंटनेंस किया गया है? सड़कवार स्वीकृत राशि, भुगतान राशि, ठेकेदारों के नाम पता, अनुबंध का क्रमांक/दिनांक का विवरण देवें। (ख) क्या विकासखण्ड चौरई जिला छिंदवाड़ा के ग्राम बड़ोसा के पास निर्मित 2 पुल में से एक पुल का गुणवत्ताहीन निर्माण होने से फाउन्डेशन धंस गया है और पुल पूर्णत: क्षतिग्रस्त की स्थिति में है? क्या प्रश्नकर्ता ने भी उक्त पुल के धंस जाने एवं पूर्णत: क्षतिग्रस्त होने की जाँच कर कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक 1947, दिनांक 25.12.2016 मा. पंचायत मंत्री म.प्र. शासन को सौंपा है? (ग) यदि हाँ, तो इस पुल निर्माण की ड्राईंग डिजाईन किस इंजीनियर के द्वारा बनायी गयी थी? गुणवत्ता परीक्षण किस इंजीनियर के द्वारा किया गया? किस इंजीनियर की देखभाल में पुल निर्मित हुआ? इस पुल के निर्माण में किये गये भुगतान, ड्राईंग डिजाईन की प्रति सहित इंजीनियर्स के नाम पदनाम एवं वर्तमान पदस्थापना की जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ख) और (ग) के प्रकाश में क्या शासन उच्चस्तरीय तकनीकी अधिकारियों की टीम गठित कर गुणवत्ताहीन पुल निर्माण की प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में जाँच कराने, साथ ही पुल निर्माण में व्यय राशि संबंधित इंजीनियर्स से वसूल कर पुल का पुनर्निर्माण कराने का आदेश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र चौरई में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 49 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया है, किसी भी बड़े पुल का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। वर्तमान में 25 सड़कें निर्माणाधीन हैं। वर्तमान में गारंटी अवधि में 49 सड़कें, पास्ट फाईव ईयर में 32 सड़कें तथा पास्ट टेन ईयर में 2 सड़कें संधारण में हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स', 'द' एवं 'ई' अनुसार है। (ख) छिंदवाड़ा जिले के विधानसभा क्षेत्र चौरई में डोडीनाला पुल के निर्माण अवधि में गुणवत्ता परीक्षण कंसलटेंसी एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाई के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर किया गया, जिसमें तत्समय कार्य संतोषजनक पाया गया था। प्रारंभिक तौर पर ब्रिज कंसलटेन्ट के मतानुसार ठेकेदार को वर्षाकाल के पूर्व टाप स्लेब डालकर पुल के बाक्सेस का कार्य पूर्ण करना चाहिये था, जो कि ठेकेदार द्वारा नहीं किये जाने से पुल आंशिक क्षतिग्रस्त हुआ है। इसके लिये ठेकेदार पूर्णतया उत्तरदायी है। विभाग द्वारा ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही कर दिनांक 17.11.2016 को अनुबंध निरस्त कर ठेकेदार की जमा सुरक्षा निधि का नगदीकरण कराया गया है। जी हाँ, प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 1947 दिनांक 25.12.2016 माननीय मंत्रीजी को प्रेषित किया है। उक्त पत्र में उल्लेखित पुल के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी पूर्व से ही प्राधिकरण के संज्ञान में है। अतः विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार प्रारंभिक कार्यवाही की गई है। विभाग द्वारा मुख्य महाप्रबंधक से विस्तृत जाँच कराने हेतु आदेश जारी कर दिये हैं। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) पुल निर्माण की ड्राइंग एवं डिजाईन (डी.पी.आर.) ब्रिज कंसलटेंट मैसर्स जे.व्ही. शिवोम कंसलटेंट भोपाल द्वारा तैयार की गई। गुणवत्ता का परीक्षण सुपरविज़न एवं क्वालिटी कंट्रोल कंसलटेंसी मेसर्स सांई इन्टरप्राईजेस, नागपुर के इंजीनियरों की देखभाल में किया गया है। इस पुल निर्माण में वर्तमान तक 57.98 लाख का भुगतान ठेकेदार को किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' एवं 'ज' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार जाँच की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर आगामी कार्यवाही की जा सकेगी।
बाढ़ से क्षतिग्रस्त स्थलों का पुनर्निमाण
[वन]
23. ( *क्र. 524 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 08 दिसम्बर 2016 में मुद्रित परि.अता. प्रश्न संख्या 130 (क्र. 1433) के दिये गये उत्तर के संदर्भ में बतायें कि बरसात के कारण निर्मित चिड़ियाघर के किन-किन भागों का नुकसान हुआ? निर्मित चिड़ियाघर का कौन-कौन सा भाग क्षतिग्रस्त हुआ? क्षतिग्रस्त हुए भाग का निर्माण कब-कब एवं किस-किस संविदाकार से कार्यादेश जारी कर कार्य कराया गया? कार्यादेश की प्रति देते हुए बतावें। किस-किस क्षतिग्रस्त हुए भाग के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की गई? ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा क्या जाँच हेतु वन विभाग से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई? मांग उपरांत दस्तावेज उपलब्ध कराये गए, तो कब? (ख) श्री हरिगोविंद सिंह को माह 17.11.2014 की जानकारी देने की बात को स्वीकारा गया है, जबकि विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3961, दिनांक 08 मार्च 2016 के उत्तर में जानकारी बिल-वाउचरों एवं पिट-पासों की संकलित की जा रही है, का उत्तर दिया गया था? क्या प्रत्येक माह के लेखा के साथ वर्णित वाउचरों को संलग्न कर महालेखाकार ग्वालियर को वन वित्तीय नियम के तहत भेजने का प्रावधान है? अगर हाँ, तो दिनांक 17.11.2014 को आर.टी.आई. के तहत श्री हरिगोविंद सिंह को जानकारी कैसे दी गई? (ग) संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ख) उल्लेखित निर्माणाधीन भाग क्षतिग्रस्त हुआ तो क्या इसके लिए संबंधित ठेकेदार एवं अधिकारियों के मिलीभगत से कार्य में निम्न गुणवत्ता क्या घटिया सामग्री के उपयोग को दर्शाती है ? यदि हाँ, तो पुन: क्षतिग्रस्त भाग के निर्माण में हुई शासन की क्षति एवं व्यय के लिए दोषियों पर क्या आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे एवं प्रश्नांश (ख) अनुसार गलत एवं भ्रामक जानकारी विधान सभा को देने वालों के विरूद्ध कार्यवाही के साथ परि.अता. प्रश्न संख्या 75 (क्रमांक 3961), दिनांक 08 मार्च 2016 में दिये गये उत्तर अनुसार गुण-दोष के परीक्षण उपरांत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2016 में आई बाढ़ से निम्न स्थलों का नुकसान हुआ है :- 1. बाउन्ड्रीवॉल को क्षति (i) टाइगर बाड़ा नाइट हाउस के पास-40 मीटर (ii) पेन्थर बाड़ा नाइट हाउस के पास-30 मीटर (iii) भालू बाड़ा नाइट हाउस के पास-40 मीटर (iv) व्हाइट टाइगर सफारी नाइट हाउस के पास-45 मीटर (v) बीहर नदी के पास भमरा नदी के मिलान में 30 मीटर (vi) मुरजुआ पुल के पास गोविन्दगढ़ रोड़ में 25 मीटर 2. संरचना भवरा नाला के मिलान 50 मीटर, भवना नाला के इन्ट्रेन्स में 40 मीटर 3. पुलिया नं.1 में रेलिंग डैमेज, पुलिया नं. 1 एवं 2 में मिट्टी कटाव 4. चैनलिंक फेंसिंग पलटी व्हाइट टाइगर सफारी की-45 मी. क्षतिग्रस्त हुए भाग का निर्माण नहीं किया गया है, न ही किसी संविदाकार को कोई कार्य आदेश जारी किया गया है। क्षतिग्रस्त हुए भाग के पुनर्निर्माण कार्य का प्राक्कलन प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) मध्यप्रदेश को भेजा गया है, किन्तु शासन/विभाग द्वारा इसके लिये कोई राशि प्रदान नहीं की गई है। ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जाँच हेतु वन विभाग से उक्त से संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई है, अत: दस्तावेज उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) श्री हरिगोविन्द सिंह को माह 17.11.2014 को कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों (प्रमाणकों) की द्वितीय प्रति की छायाप्रति आर.टी.आई. के तहत दी गई थी। जी हाँ, प्रत्येक माह के लेखे के साथ वर्णित वाउचरों/प्रमाणकों को संलग्न कर महालेखाकार, ग्वालियर को वन वित्तीय नियम के तहत भेजने का प्रावधान है। दिनांक 17.11.2014 को आर.टी.आई. के तहत श्री हरिगोविन्द सिंह को कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेजों (प्रमाणकों) की द्वितीय प्रति की छायाप्रति प्रदान की गई थी। (ग) जी नहीं। निर्मित संरचनायें भीषण बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुयी हैं, जो एक प्राकृतिक आपदा है। इसमें कोई दोषी नहीं है। इसलिये किसी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराने का प्रश्न नहीं उठता है। प्रश्नांश (ग) अनुसार कोई गलत एवं भ्रामक जानकारी प्रस्तुत नहीं की गई है।
क्रीड़ा अधिकारियों की नियुक्ति
[उच्च शिक्षा]
24. ( *क्र. 2718 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में कुल कितने शासकीय महाविद्यालय हैं? (ख) इन शासकीय महाविद्यालय में क्रीड़ा अधिकारियों के कितने पद कब से रिक्त हैं। (ग) शासन द्वारा इन शासकीय महाविद्यालयों में लोक सेवा आयोग के माध्यम से क्रीड़ा अधिकारियों की नियुक्ति कितने वर्षों से नहीं की गई है। (घ) मध्यप्रदेश के कितने शासकीय महाविद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध हैं तथा कितनों में नहीं हैं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) मध्यप्रदेश में कुल 457 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। (ख) इन शासकीय महाविद्यालयों में 295 क्रीड़ा अधिकारियों के पद रिक्त हैं। रिक्त पदों की तिथि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लगभग विगत 19 वर्षों से लोक सेवा आयोग के माध्यम से क्रीड़ा अधिकारी के पद पर नियुक्ति नहीं की गई है। (घ) 187 महाविद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध हैं तथा 270 महाविद्यालयों में खेल मैदान उपलब्ध नहीं हैं।
सहायक अध्यापक के बैकलॉग पदों की परीक्षा का आयोजन
[उच्च शिक्षा]
25. ( *क्र. 2918 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि सहायक प्राध्यापक के बैकलॉग के रिक्त पदों की परीक्षा 23.09.16 को निरस्त की गई जबकि 10.05.16 को भारत सरकार के राजपत्र में नये नियमों का प्रकाशन हो गया था? इस निरस्त आदेश की छायाप्रति, आदेश जारी करने वाले अधिकारी का नाम, पदनाम सहित देवें। (ख) इन अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) इन पदों की (नई) पुन: परीक्षा कब आयोजित की जाएगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों की परीक्षा निरस्त नहीं की गई थी। स्थगित की गई थी। जी हाँ। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में पुनः परीक्षा आयोजित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
ग्राम
पंचायतों में
कम्प्यूटर
का उपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 37 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की जनता की सुख सुविधा को देखते हुए ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर की सुविधा दी जा रही है। यदि हाँ, तो खरगोन जिले में कितनी ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन सुविधा दी जाकर कम्प्यूटर से समग्र आई.डी., पेंशन आदि की सुविधा ग्रामीणों को प्राप्त हो रही है तथा कितनी पंचायतों में कम्प्यूटर हेतु कमरे का निर्माण कराया गया है? इस हेतु कितनी राशि प्राप्त हुई है, कितनी पंचायतों में कमरा निर्माण का कार्य नहीं कराया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कम्प्यूटर की स्थापना न होने के क्या कारण रहे हैं वहां ग्रामीणों का कार्य कैसे चल रहा है? बड़वाहा जनपद में कितनी ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर स्थापित हो चुके हैं तथा कहाँ-कहाँ नहीं हुए हैं, स्थापित नहीं होने के क्या कारण रहे हैं? जनपद पंचायत बड़वाहा की ग्राम पंचायत में स्थापित कम्प्यूटर के बिजली बिल के 3 माह की जानकारी दी जाये। (ग) जनपद पंचायत बड़वाहा के अधीन कितनी ग्राम पंचयत के रोजगार सहायकों को कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं है, जो कार्य नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। खरगोन जिले की 594 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर से समग्र आई.डी. एवं पेंशन सुविधा ग्रामीणों को उपलब्ध हैं। 82 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर हेतु कमरे (ई-पंचायत कक्ष/अतिरिक्त कक्ष) का निर्माण कराया गया है। जिले की 201 ग्राम पंचायतों में ई-पंचायत कक्ष हेतु राशि रूपये 827.25 लाख की स्वीकृत की गई है। 393 ग्राम पंचायतों में कमरा निर्माण नहीं कराया गया है। (ख) जिले की सभी 594 ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर स्थापित होने से प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जनपद पंचायत बड़वाह के अधीन समस्त ग्राम पंचायतों के रोजगार सहायक/सचिव को प्रशिक्षण दिया गया है। किसी ग्राम पंचायत सचिव/रोजगार सहायक द्वारा कार्य नहीं करने की शिकायत प्राप्त होने पर उसके विरुद्ध कार्यवाही का प्रावधान है। कोई शिकायत प्राप्त होना प्रतिवेदित नहीं है।
नीलगायों (घोड़ा रोज) का आतंक
[वन]
2. ( क्र. 55 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं मंदसौर जिले में नीलगायों से हो रहे कृषि नुकसान को रोकने हेतु शासन ने अब तक क्या-क्या कदम उठाये हैं? (ख) उपरोक्त (क) से कितनी नीलगायें अब तक अभयारण्य में छोड़ी गई व उन पर कितनी राशि व्यय हुई. (ग) रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र के कृषकों की फसलों की नीलगायों से बर्बादी रोकने हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वन वृत्त उज्जैन के रतलाम एवं मंदसौर जिलों में रोजड़ों से हो रहे कृषि नुकसान को रोकने हेतु म.प्र. शासन वन विभाग के आदेश क्रमांक/1355/1247/ 2016/10-2 दिनांक 13.06.16 से वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 12 (इइ) के तहत् नीमच, उज्जैन, छतरपुर एवं मंदसौर जिलों के राजस्व क्षेत्र से 50 रोजड़ों को पकड़कर उपयुक्त वनक्षेत्र में स्थानांतरित किये जाने हेतु प्राप्त सैद्धांतिक सहमति के आधार पर मंदसौर जिले के ऐरा ग्राम से 27 रोजड़ों को प्रायौगिक तौर पर पकड़कर गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा गया है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित शासनादेश के पालन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक, (वन्यप्राणी) म.प्र. एवं वनमण्डलाधिकारी, (सा.) वनमण्डल, मंदसौर द्वारा गठित दलों के माध्यम से प्रथमतः मंदसौर जिले की सीतामऊ तहसील के ऐरा ग्राम के राजस्व क्षेत्र से बोमा पद्धति से कुल 27 रोजड़ों को पकड़कर प्रायौगिक तौर पर संरक्षित क्षेत्र गांधीसागर अभयारण्य में सुरक्षित छोड़ा गया है। उपरोक्त कार्यवाही में प्रश्नांकित दिनांक तक समस्त प्रकार की सामग्री एवं मजदूरी पर कुल राशि रु. 3377925/- रू. का व्यय हुआ है। (ग) उज्जैन वृत्त के अंतर्गत रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र में रोजड़ों से फसल नुकसानी को रोकने हेतु बोमा पद्धति से रोजड़ों को राजस्व क्षेत्रों से पकड़कर उपयुक्त वनक्षेत्र अथवा इस हेतु विकसित किये गए विशेष क्षेत्रों में छोड़ने हेतु प्रस्ताव तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है।
मुख्यमंत्री सड़क योजना अंर्तगत निर्मित सड़कें
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 104 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री सड़क योजना अंर्तगत जबलपुर जिले में निर्मित सड़कें प्रधानमंत्री ग्राम सड़कें योजना को हस्तांतरित कर दी गई हैं? (ख) यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र पनागर की ऐसी सड़कों की सूची उपलब्ध करावें? (ग) हस्तांतरण के बाद कौन-कौन सी सड़कों का कार्य किया गया हैं? (घ) शेष सड़कों का कार्य कब तक किया जाएगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार है।
ग्रामोदय से भारत उदय कार्यक्रम में प्राप्त प्रस्ताव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( क्र. 105 ) श्री
सुशील कुमार
तिवारी :
क्या पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
पनागर
विधानसभा
क्षेत्रांतर्गत
ग्रामोदय से
भारत उदय
कार्यक्रम के
दौरान बैरागी घुघरी
नाला, रानवे
नदी, सिलुवा
नाला, कुटैली
में रानवे
नाला, पिपरिया
लोकल नाला, मनकवारा
पहुंच मार्ग, बल्हवारा
पीला नाला, मिडकी
बम्हनी के बीच
में स्टॉपडेम
बनाने हेतु
प्रस्ताव
प्रस्तुत
किये गये हैं? (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा इसके
पूर्व भी
अप्रैल 2016
में गिरते
भू-जल स्तर के
कारण उपरोक्तानुसार
प्रस्ताव
प्रेषित किये
गये थे, जिन
पर कोई
कार्यवाही
नही हुयी है? (ग) क्या
वर्षा ऋतु के
पूर्व स्टॉपडेम
एवं रपटा
बनाया जाना
आवश्यक है? (घ) यदि
हाँ, तो
कब कार्यवाही
की जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
गोपाल भार्गव )
: (क) बैरागी
घुघरी नाला स्टॉपडेम
एवं बल्हवारा
पीला नाला स्टॉपडेम
छोड़कर शेष समस्त
प्रश्नांकित
कार्यों की
मांग होना
प्रतिवेदित
है। (ख) माननीय
प्रश्नकर्ता
से विभाग को
प्रस्ताव
प्राप्त
होना
प्रतिवेदित
है। (ग) प्रश्नाधीन
कार्यों की
लागत अधिक
होने और तकनीकी
रूप से
कार्यों के
अवयव बड़े
होने के कारण
महात्मा
गांधी नरेगा
के तहत कार्य
कराएं जाना
साध्य नहीं
है। (घ) उपरोक्त
उत्तर 'ग' के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उत्पन्न
नहीं होता है।
मनरेगा अंतर्गत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( क्र. 124 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी-कितनी राशि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत मुरैना जिले को प्राप्त हुई? उसमें जिला स्तर से कितनी राशि के कितने कार्य स्वीकृत कर किस-किस विभाग को एजेंसी बनाया गया है वर्षवार, पंचायतवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने कार्य पूर्ण कर दिए गये हैं एवं कितने कार्य अधूरे हैं सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पंचायतवार जानकारी बतावें? कितने कार्यों का पूर्ण भुगतान कर दिया गया है एवं किनका भुगतान नहीं किया है? (ग) क्या कार्य पूर्ण होने के उपरांत भी आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया है? कारण बतावें एवं इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है? नाम बतावें। (घ) दोषी अधिकारी जिनके द्वारा पूर्ण कार्य कराने के बाद भी भुगतान नहीं कराया है उनके खिलाफ कब तक क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत जिलों को राशि नहीं दी जाती है। राज्य स्तरीय नोडल खाते से जनपद पंचायतों द्वारा एफटीओ से भुगतान किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सम्पन्न कार्यों का मूल्यांकन अनुसार भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ‘ग’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुरैना जिले अंतर्गत स्वीकृत रेत खदानें
[खनिज साधन]
6. ( क्र. 125 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के विकासखण्ड सबलगढ़ में दिनांक 01.04.2016 के बाद प्रश्न दिनांक तक नवीन रेत खदानों के कितने आवेदन प्राप्त हुए, उनमें से कितनी रेत खदानें स्वीकृत हुईं? क्षेत्रवार, नामवार, रकबावार जानकारी दें? कितनी स्वीकृत नहीं हुई है? नामवार, रकबावार जानकारी बतावें? (ख) क्या स्वीकृत खदानें माननीय उच्च न्यायालय की रोक एवं घडि़याल क्षेत्र होने के बाद भी स्वीकृत कर दी गई हैं एवं इसी प्रकार के दूसरे आवेदकों की खदानें स्वीकृत नहीं की गई हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें। (ग) उक्त स्वीकृत खदानों में से सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी खदानों से रेत उत्खनन कार्य किया जा रहा है? क्या उक्त स्वीकृत संचालित खदानों का सीमांकन विधान सभा में लिए निर्णय अनुसार क्षेत्रीय विधायक को साथ में लेकर किया गया है? यदि नहीं तो कारण बतावें। (घ) क्या प्रशासन द्वारा उक्त रेत खदानों के ठेका निरस्त की कार्यवाही कर दी गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं तो कारण बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नानुसार अवधि में निजी कृषि भूमि से रेत हटाये जाने हेतु 13 आवेदन प्राप्त हुए थे। प्रश्नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। संलग्न परिशिष्ट में दर्शायें अनुसार सरल क्रमांक 3 एवं 7 में उल्लेखित प्रकरणों में अस्थाई अनुज्ञा स्वीकृत की गई थी। शेष में कोई अनुज्ञा स्वीकृत नहीं की गई थी। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्वीकृत दो अस्थाई अनुज्ञा कलेक्टर द्वारा आदेश दिनांक 31.12.2016 से निरस्त कर दी गई है। अत: वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई रेत खदान संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेख अनुसार रेत खदान ठेके पर स्वीकृत नहीं की गई थी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालयों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 130 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत खरगोन जिले में कितने शौचालय निर्मित कराये गए है. कितने शेष हैं? शासन द्वारा इस योजना में कितनी राशि स्वीकृत होती है, नियम की कॉपी दी जावे। क्या शासन द्वारा १२,००० की राशि स्वीकृत की जाती है? यदि हाँ, तो क्या अंतिम भुगतान में जिला स्तर पर कोई राशि काटी जाने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत ये राशि काटी गई है? नियम की कॉपी देवें, योजना प्रारंभ से आज तक कितनी राशि काटी गई, उसकी जनपदवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क) में १० प्रतिशत राशि या २० प्रतिशत राशि काटी जाने के सम्बध में पत्र क्रमांक ५२० दिनांक ३०/०९/२०१६ से पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो तत्संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, क्या संबधित ग्राम पंचायतों अथवा हितग्राही को शेष राशि का भुगतान कर दिया गया है अथवा नहीं? राशि काटे जाने के क्या कारण रहे हैं? (ग) यदि नियम से काटी है तो नियम की कॉपी देवें? यदि नहीं तो किस अधिकारी के निर्देश से राशि काटी गई है, उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत खरगोन जिले में कुल 79841 शौचालय निर्मित कराये गये है एवं 106159 शौचालय निर्माण कराया जाना शेष है। शासन द्वारा योजना अंतर्गत प्रोत्साहन राशि रूपये 12000/- स्वीकृत की जाती है। नियम की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ। जी नहीं। राशि काटने का मार्गदर्शिका में उल्लेख नहीं है। काटी गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में कटौत्रा राशि के भुगतान की प्रक्रिया प्रचलन में है। राशि काटे जाने के संबंध में जाँच कराई जा रही है। (ग) जी नहीं। काटी गई राशि के संबंध में जाँच कराई जा रही है।
कपिलधारा योजना अंतर्गत स्वीकृत कुएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 138 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले में वर्ष २०१२-१३ से अब तक कपिल धारा योजना अन्तर्गत कितने कुएं स्वीकृत किए गये? विकासखण्डवार अलग-अलग बतावे वर्तमान में कितनों के कार्य अपूर्ण व अधूरे पड़े इनको कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ख) पथरिया विधान सभा क्षेत्र में कपिलधारा अंतर्गत ऐसे कितने कुएं है जो स्वीकृत हुए हैं और अधूरे पड़े हैं? हितग्राही का नाम ग्रामवार/पं.वार विकासखण्डवार उपलब्ध करावें? इनके अपूर्ण रहने का कारण बतावे व पूर्ण कराये जाने की समय-सीमा बतावें? (ग) कपिलधारा योजनान्तर्गत स्वीकृत ऐसे कितने कुएं हैं? जो अपूर्ण हैं परंतु उनकी सी.सी. (कार्य पूर्ति प्रमाण पत्र) जारी की जा चुकी हैं? यदि ऐसा है तो इसमें दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्या कार्यवाही होगी यदि हाँ, तो क्या और इन्हें पूर्ण कब तक कराया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) दमोह जिले में प्रश्नाधीन अवधि में 4487, कपिलधारा कूप स्वीकृत किये गये। विकासखंड पटेरा में 501, तेंदूखेडा में 168, दमोह में 1573, जबेरा में 373, पटियागढ में 221, हटा में 190 एवं पथरिया में 1461 कूप स्वीकृत किये गये। वर्तमान में 1513 कार्य अपूर्ण है। साध्य स्थलों पर कूप निर्माण वर्ष 2017-18 में पूर्ण कराना लक्षित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायत द्वारा कार्य पूर्ण करने में शिथिलता रही है। वर्ष 2017-18 में साध्य कूप पूर्ण कराना लक्षित है। (ग) अपूर्ण कूप की सी.सी. जारी करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया। असफल कुओं में आगे कार्य नहीं कराये जाने के कारण आंशिक पूर्णता लगाये जाने के निर्देशों के अनुरूप असफल कूपों के सी.सी. जारी किये जाते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
पंचायतों में अधूरे पड़े कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 139 ) श्री लखन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र पथरिया के दोनों विकासखण्ड में बी.आर.जी.एफ./परफारमेन्स ग्रांट निधि से कितने कार्य आज प्रश्न दिनांक तक वर्ष 2013-14 से कितने कार्य स्वीकृत किए गए जिनकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है इनमें से कितने कार्य अपूर्ण है? (ख) इनमें से कितने कार्यों की सी.सी. जारी हो चुकी है? यदि अपूर्ण कार्यों की सी.सी. जारी हो गई तो क्यों? (ग) यदि सी.सी. जारी नहीं हुई तो क्या इनको पूर्ण करने की समय-सीमा शासन से निर्धारित? यदि हाँ, तो समय-सीमा क्या थी? समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने पर संबंधित एजेंसी पर कोई कार्यवाही होगी? (घ) क्या ये सभी कार्य पूर्ण कराये जावेंगे व कार्यों को पूर्ण कराने की जावबदेही किसकी है और ये कार्य कब तक पूर्ण कराये जावेंगे या कब तक राशि वसूल की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) बी.आर.जी.एफ एवं परफारमेंस ग्रांट से प्रश्नाधीन अवधि में स्वीकृत कार्यों की जानकारी जनपद पंचायत पथरिया के संबंध में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं जनपद पंचायत बटियागढ़ के संबंध में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी उपरोक्त उत्तर ‘‘क‘‘ अनुसार है। अपूर्ण कार्य की सीसी जारी होना प्रतिवेदित नहीं है। (ग) निर्माण कार्य स्वीकृति से एक वर्ष के भीतर पूरा कराया जाना अपेक्षित है। संबंधित पंचायतीराज संस्था जिम्मेदार है जिसे कार्य को पूर्ण कराने की सलाह दी गई है। (घ) उपरोक्त उत्तर ‘‘ग‘‘ अनुसार।
रीवा जिले में शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 152 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय उच्च न्यायालय के आदेश क्र. WP/6682/2000, पारित निर्णय दिनांक 05/11/2003 WP/1,3016/2004. पारित निर्णय दिनांक 04/04/2005 से रीवा जिले में कितनी नियुक्तियां की गई जनपद पंचायतवार जानकारियां दें। (ख) नईगढ़ी जनपद पंचायत में कितने प्रकरण लंबित थे और कितनी नियुक्तियां की गई है, यदि नहीं की गई तो क्यों? (ग) एक ही जिले में दो तरह की कार्यवाही क्यों की गई? संबंधित को नियुक्ति कब तक दे दी जायेगी। (घ) समय पर नियुक्ति न देने वाले पर क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) निरंक। (ख) निरंक। लोकायुक्त द्वारा अभिलेख जब्त करने और प्रकरण लोकायुक्त में जाँच में होने के कारण। (ग) प्रश्नांश उत्तर (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यवाही लोकायुक्त जाँच पूर्ण होने के पश्चात् जाँच के निष्कर्ष पर निर्भर है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ग‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रोड निर्माता एजेंसी द्वारा अवैध मुरम उत्खनन करने पर बनाये गये प्रकरण
[खनिज साधन]
11. ( क्र. 177 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी के भी द्वारा खनिज सम्पदा का अवैध उत्खनन करने पर, उत्खनन किये गये खनिज के 10 गुना तक जुर्माना वसूल किये जाने का प्रावधान शासकीय नियमों में है? (ख) यदि हाँ, तो दिनांक 03 सितंबर 16 को एकेवीएन के लेबड मानपुर फोरलेन से उज्जैनी औद्योगिक क्षैत्र तक निर्माण किये जा रहे फोरलेन के लिए बिना लीज चुकाये निर्माण एजेंसी मेसर्स पी.डी. अग्रवाल एंड कम्पनी के द्वारा पटवारी हल्का नं. 138 की शासकीय भूमि सर्वे नं0 30/2, 51/1, 51/2 भूमि पर 60 फीट लम्बाई, 42 फीट चैडाई व 12 फीट गहराई से कुल 3 लाख घनफीट अवैध मुरम का उत्खनन किये जाने पर दर्ज किये गये प्रकरण में कितना जुर्माना अधिरोपित किया गया है व अब तक कुल कितनी वसुली की गई है? (ग) यदि वसूली अब तक नहीं की गई है तो कब तक व कितनी राशि वसूल की जावेगी? अधिरोपित अर्थदण्ड की स्पष्ट मात्रा बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न में उल्लेखित निर्माण ऐजेन्सी के विरूद्ध मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 (7) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण का निराकरण वर्तमान में नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रकरण में वर्तमान में निर्णय नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेगनेट सिटी साडा ग्वालियर के अंतर्गत आने वाले गांव व पंचायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
12. ( क्र. 197 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मेगनेट सिटी साडा ग्वालियर के अंतर्गत 14 ग्वालियर ग्रामीण क्षेत्र के कितने गांव व कौन-कौन से गांव अथवा कौन-कौन सी पंचायतें आती है? (ख) किसानों की स्वामित्व की भूमि/जमीन पर एवं ग्राम पंचायत की निस्तार वाली शासकीय जमीन पर खसरे में यह लिखकर आता है कि यह भूमि साडा के अधीनस्थ है? क्या यह सही है अथवा गलत स्थिति स्पष्ट करें? (ग) क्या पंचायत के प्रयोजन वाली भूमि पर निर्माण कार्य अथवा अन्य कार्य करने के लिये क्या साडा की अनुमति लेना आवश्यक है अथवा नहीं स्थिति स्पष्ट करें? यदि ऐसा है तो क्या साडा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायतों अथवा ग्राम सभाओं के अधिकार समाप्त किये गये हैं? (ग) क्या किसानों के स्वामित्व की भूमि को साडा के बगैर एक्यावर किये शासकीय दस्तावेजों पर साडा लिखा जाकर क्या किसानों को अपने अधिकारों से वंचित नहीं किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 14 ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत साडा (काउंटर मैग्नेट) के अधिसूचित क्षेत्र में 24 ग्राम आते है। जो इस प्रकार है - सौंजना, बिठोली, कैथा, तिघरा, सुजवाया, मालीपुरा, कुलैथ, महाराजपुरा, रामपुरा, जेवरा, खेरिया कुलैथ, भयपुरा, ओडपुरा, जिगसौली, मिलावली, जिनावली, निरावली, गजूपुरा, वीलपुरा, दुग्नावली, नायकपुरा, मांगूपुरा, तिलघना, सिगौरा। (ख) साडा द्वारा ग्राम कुलैथ, खेरियां कुलैथ, गजूपुरा, निरावली, सिगौरा, सौंजना, विठोली, जिगसौली, वीलपुरा, ओडपुरा एवं महाराजपुरा में आवासीय योजना घोषित की गई है। किसानों की भूमि के खसरा क्रमांक 12 नम्बर खाते में साडा की योजना क्रमांक लिखा गया है। इसमें उक्त भूमियाँ साडा के अधीन नहीं है। (ग) मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 69 में प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत साडा से निर्माण की अनुमति लिया जाना आवश्यक है। साडा के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के ग्राम पंचायत के अधिकार समाप्त नहीं किये गये है। (घ) भू-अभिलेख दस्तावेजों में फार्म पी-II, खसरा के 12 नम्बर कॉलम में कैफियत में साडा की विकास योजना में भूमियों के सम्मिलित होने संबंधी टीप इन्द्राज है। उक्त फार्म के कॉलम तीन में भूस्वामीयों के नाम यथावत है, अत: किसानों को अधिकारों से वंचित नहीं किया गया है।
पानी टंकी का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 200 ) श्री नारायण सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र ग्वालियर दक्षिण वार्ड क्र. 50 स्थित गोरखी पानी की टंकी क्षतिग्रस्त हो गई है? यदि हाँ, तो दिनांक सहित बतावें। (ख) क्या गोरखी पानी की टंकी टूटने से जिन क्षेत्र में जल प्रदाय होता था वहां जल प्रदाय की विग्रेड पानी की टंकी से वार्ड क्र. 47 व 50 में जल प्रदाय करने की मिलान की कार्यवाही की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो अब लाईन मिलान का कार्य पूर्ण क्यों नहीं हो पाया? कब तक पूर्ण हो जाएगा? (घ) क्या विधायक निधि द्वारा ट्यूबवेलों खनन में इलेक्ट्रिक कार्य व मोटर पंप डालने व पानी सप्लाई के लाईनों के मिलान के कार्य लंबित है? यदि हाँ, तो कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा? यदि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, माह जून, 2016 में गोरखी पानी की टंकी क्षतिग्रस्त हो गई है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रस्ताव स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन है। स्वीकृति उपरांत कार्य मार्च, 2017 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। (घ) ग्वालियर विकास प्राधिकरण द्वारा विधायक निधि से खनन कराएं गए 06 नलकूपों में मोटर पंप स्थापना एवं विद्युतिकरण कार्य कर नलकूप चालू कर दिए गए हैं। विधायक निधि से खनन कराए गए शेष 05 नलकूपों को शीघ्र प्रारंभ कराया जाना लक्षित है।
अमानक रूप से ग्रामीण सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 206 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के बागली विकासखण्ड में P.M.G.S.Y. योजना के अन्तर्गत निर्माणाधीन मार्ग (1) पाण्डूतालाब से श्यामपूरा (2) मिर्जापूर से मेहंदीखेड़ा पिपल्यालोहार मार्ग पर निर्माण एजेंसी द्वारा अमानक स्तर, गुणवत्ताविहीन कार्य की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई थी। इन मार्गों में कच्ची मुरम JCB के स्थान पर नदी की रोड़ी डालकर कार्य किया गया है, उक्त शिकायतों की जाँच कब-कब, किसने-किसने की जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (ख) में जब प्रश्नकर्ता ने भी उक्त मार्गों का निरीक्षण किया तो पाया की पाण्डूतालाब से श्यामपुरा मार्ग पर मुरम के स्थान पर कच्ची मिट्टी पाई गई व पाण्डूतालाब के तालाब की पाल पर लगभग 400 मीटर का मार्ग बनाया जा रहा है, जिससे कभी भी गंभीर जन हानि हो सकती है, शासन ने मार्गों के निर्माण में नदी तालाब से लगे हुये मार्गों के सम्बन्ध में क्या निर्देश जारी किये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) में विभाग कब तक जाँच दल बनाकर कार्य में सुधार करेगा व ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी क्वालिटी की सड़कें बनाएगा व जिम्मेदार पर कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बतावें?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित दो सड़कों में से पाण्डूतालाब से श्यामपुरा की शिकायत प्राप्त नही हुई है, केवल मिर्जापुर से मेहंदीखेड़ा पिपल्या लोहरा मार्ग के गुणवत्ताविहीन कार्य कराने की शिकायत प्राप्त हुई है। जी नहीं, जी.एस.बी. का कार्य गुणवत्तानुसार कराया गया है। मेहंदीखेड़ा पिपल्या लोहार मार्ग की जाँच प्राधिकरण द्वारा गठित जाँच दल एस.क्यू.एम., महाप्रबंधक इकाई क्रमांक-2 उज्जैन एवं मुख्यमहाप्रबंधक इंदौर द्वारा दिनांक 28.12.2016 को की गई। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पाण्डूतालाब से श्यामपुर सड़क का निर्माण गुणवत्ता के अनुरूप कराया जा रहा है, जिसमें निर्माण सामग्री का उपयोग गुणवत्ता परीक्षण उपरांत उपयुक्त पाये जाने पर किया जाता है। वर्तमान में तालाब की पाल पर सड़क निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सामान्यतः शासकीय भूमि पर परम्परागत प्रचलित मार्गों पर सड़क निर्माण कराये जाने का प्रावधान है। नदी/तालाब के किनारे सड़क निर्माण कार्य सुरक्षात्मक उपायों के साथ किया जाता है। तदानुसार ही उक्त सड़क का निर्माण कार्य तालाब की पाल पर कराया जाना है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जन भागीदारी निधि से सड़क निर्माण
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
15. ( क्र. 239 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तत्कालीन कलेक्टर विदिशा द्वारा वर्ष 2016 में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मुरझिरी, पोनिया एवं सेमरिया का दौरा किया गया था या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो दौरे के समय जिले के कौन-कौन से जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे? (ग) क्या तत्कालीन कलेक्टर द्वारा उपस्थित जनप्रतिनिधि, ग्रामीणजनों के समक्ष यह घोषणा की थी कि जनभागीदारी निधि से ग्राम पोनिया से सेमरिया तक रोड का निर्माण कराया जावेगा? (घ) उक्त सड़क के निर्माण हेतु विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई? इस संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र कब प्राप्त हुआ, उस पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) विधानसभा क्षेत्र में दौरे के समय जनप्रतिनिधियों के अन्तर्गत श्री तोरण सिंह दांगी अध्यक्ष, जिला पंचायत, श्री निशंक कुमार जैन, विधायक बासौदा, श्री केलाश रघुवंशी सदस्य जिला पंचायत एवं उपस्थित अधिकारियों में श्री धर्मेन्द्र चौधरी पुलिस अधीक्षक, श्री दीपक आर्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, श्री मनोज वर्मा अनुविभागीय अधिकारी, ग्यारसपुर, श्री अजय वर्मा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत ग्यारसपुर, श्री बृजेन्द्र सक्सेना तत्कालीन तहसीलदार ग्यारसपुर वनपरिक्षेत्र अधिकारी, ग्यारसपुर, उपस्थित थे। (ग) जनभागीदारी योजना के अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत घटेरा के ग्राम मुरझिरी, पोनिया एवं सेमरिया में 25 प्रतिशत जनभागीदारी निधि से सड़क बनाने का प्रस्ताव वर्ष 2016 में तत्कालीन कलेक्टर एवं माननीय विधायक महोदय विधानसभा क्षेत्र बसौदा के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। (घ) सरपंच ग्राम पंचायत घटेरा के पत्र क्रमांक क्यू. दिनांक 06.01.2017 अग्रिम कार्यवाही हेतु कार्यालय वन परिक्षेत्र अधिकारी विदिशा को प्राप्त हुआ, प्रकरण का प्राक्कलन तैयार करने हेतु सहायक वृत पुरा प्रथम को सौंप दिया गया है। प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त आगामी कार्यवाही की जावेगी।
नवीन महाविद्यालय खोलने की घोषणा
[उच्च शिक्षा]
16. ( क्र. 240 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की कार्ययोजना में कितने नवीन महाविद्यालय खोले जाने का प्रावधान किया है? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) उक्त कार्ययोजना में प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत त्यौंदा एवं ग्यारसपुर तहसील मुख्यालय पर नवीन महाविद्यालय खोले जाने का प्रावधान किया है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि हाँ, तो कब तक महाविद्यालय खोलने की घोषणा की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) क्षेत्र की आवश्यकता एवं उपलब्ध संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए नवीन महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया जाता है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मनासा विधानसभा क्षेत्र में उद्योग विभाग द्वारा आवंटित भूखण्डों पर स्थापित उद्योग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
17. ( क्र. 267 ) श्री कैलाश चावला : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नीमच के मनासा विधानसभा क्षेत्र के औघोगिक क्षेत्र में कुल कितने भूखण्ड बनाए गए? उनमें से कितने भूखण्ड प्रश्न दिनांक तक आवंटित कर दिए गए हैं? आवंटन प्राप्तकर्ता का नाम, प्रस्तावित उद्योग का नाम, आवंटन की तारीख बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवंटित भूखण्डों में से ऐसे कितने भूखण्ड है जिन पर आवंटन से तीन वर्ष से अधिक समय होने पर भी कोई कार्य अभी तक नही किया गया है? आवंटन प्राप्तकर्ता का नाम, प्रस्तावित उद्योग का नाम, आवंटन की तारीख सहित बताएँ। (ग) ऐसे भूखण्डधारियों के विरुद्ध भूखण्ड आवंटन निरस्त करने हेतु महाप्रबंधक जिला उद्योग के द्वारा क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गई हैं?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : ( (क) जिला नीमच के मनासा विधानसभा क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र साडिया (मनासा) में 56 भूखण्ड बनाये गये थे, जो 27 इकाईयों को आवंटित किये गये है तथा औद्योगिक क्षेत्र रामपुरा में 06 शेड बनाये गये हैं, जो 06 इकाईयों को आवंटित किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
एन.जी.ओ./वाटर शेड मिशन के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 269 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र की जनपद पंचायत बाड़ी एवं उदयपुरा में विगत 05 वर्षों में आई.डब्ल्यू.एम.पी. वाटरशेड अन्तर्गत एन.जी.ओ. आदि अन्य संस्थाओं के माध्यम से कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी लागत से करवाये गये है? निर्माण एजेंसीवार जानकारी देवें? (ख) उपरोक्त अवधि में स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने शेष हैं? कार्यों का मूल्यांकन किस एजेंसी द्वारा किया गया है? क्या स्वीकृत कार्यों पर व्यय राशि के समतुल्य मूल्यांकन पाया गया है? यदि नहीं, तो कितनी राशि की वसूली की गई है, या वसूली होना शेष है? निर्माण एजेंसीवार जानकारी देवें? (ग) लंबित अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे तथा दोषी निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन परियोजना स्वीकृत नहीं होने के कारण कोई वाटरशेड विकास कार्य नहीं कराये गये है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
19. ( क्र. 270 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के विकासखण्ड बाड़ी तथा उदयपुरा की ग्राम पंचायतों में 01 अप्रैल, 2013 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत स्वीकृत कोन-कौन से कार्य अपूर्ण प्रगतिरत हैं? उक्त कार्य कब स्वीकृत हुए थे? ग्राम पंचायतवार संख्या दें? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (ख) उक्त विकासखण्डों की ग्राम पंचायतों में प्रश्न दिनांक की स्थिति में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ है तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें? उक्त कार्य कब तक प्रारंभ होंगे? (ग) उक्त अपूर्ण अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण करवाने, मनरेगा में मजदूरी तथा सामग्री की राशि का भुगतान करवाने के संबंध में विभाग के अधिकारियों तथा C.E.O. जिला पंचायत रायसेन को 1 वर्ष की अवधि में किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (घ) उक्त पत्रों पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) वांछित जानकारी नरेगा की वेबसाइट www.nrega.nic.in पर उपलब्ध है एवं प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत कार्य निष्पादन मजदूरों की मांग पर निर्भर होने से शासन द्वारा समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है। (ख) उक्त उत्तर 'क' अनुसार। (ग) माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र भोजपुर का पत्र दिनांक 16.6.2016 मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन से प्राप्त हुआ। (घ) मजदूरी भुगतान किया गया है।
नवीन पेंशन योजना की राशि उनके प्रान खातों में जमा किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
20. ( क्र. 281 ) श्री रामनिवास रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) चम्बल संभाग अंतर्गत नगरीय निकायों में नियुक्त किन-किन कर्मचारियों को प्रान नंबर अलॉट कर नवीन पेंशन योजना की 10 प्रतिशत राशि उनके वेतन से कटौत्रा कब से किया जा रहा है? कर्मचारी का नाम, पदनाम, प्रान संख्या एवं प्रश्नांकित तिथि तक जमा राशि सहित निकायवार जानकारी दें? (ख) क्या इन कर्मचारियों की राशि उनके प्रान खातों में जमा की जा रही है? यदि हाँ, तो अभी तक कितने कर्मचारियों की किस माह तक की कितनी राशि एवं शासन की कितनी अंशदान राशि प्रान खातों में जमा कर दी है, कितनों की नहीं? यदि नहीं तो उक्त राशि वर्तमान में कहाँ जमा है? कितने कर्मचारियों के प्रान खाते अभी तक नहीं खोले गए हैं? निकायवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कर्मचारियों की नवीन पेंशन योजना की अंशदान एवं शासन अंशदान की राशि उनके प्रान खातों में समय पर जमा नहीं किये जाने से उनको होने वाले ब्याज की राशि की हानि की भरपाई किस प्रकार की जावेगी? उक्त राशि कब तक कर्मचारियों के प्रान खातों में जमा कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परिभाषित अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन अंशदान की राशि प्रतिमाह समय पर जमा करने के संबंध में समय-समय पर नगरीय निकायों को निर्देश जारी किए गए हैं। कर्मचारियों के Data & fund की जानकारी निकाय द्वारा समय पर न दिए जाने के कारण कर्मचारी के PRAN खाते में अंशदान की राशि समय पर जमा न होने से कर्मचारी को होने वाले ब्याज की हानि की भरपाई संबंधित नगरीय निकाय पर भारित होगी। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसल को नुकसान
[वन]
21. ( क्र. 293 ) श्री जतन उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में वन क्षेत्र से लगे हुए ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है? (ख) इस संबंध में 01-04-2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितने एवं किन-किन ग्रामों में किसानों द्वारा आवेदन पत्र प्राप्त हुए एवं कितने किसानों द्वारा किन-किन वन परिक्षेत्र कार्यालयों में उपस्थित होकर किसानों द्वारा फसल नुकसान किये जाने के संबंध में अवगत करायें? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई एवं कितने किसानों के मुआवजा प्रकरण तैयार किये गये? कितने प्रकरणों में कितनी-कितनी मुआवजा की राशि स्वीकृत की गई एवं स्वीकृत राशि किसानों को कब भुगतान की गई? (घ) पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र में वन क्षेत्रों से लगे हुए ग्रामों में किसानों की फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान नहीं किये जाने के संबंध में क्या कार्ययोजना तैयार की गई है? बचाव करने के लिए क्या-क्या उपाय किये गये हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्य प्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम, 2010 के तहत् सेवा क्रमांक 4.6 में वन्यप्राणियों द्वारा फसलहानि होने पर राहत राशि का भुगतान राजस्व विभाग द्वारा प्रभावित कृषकों को 30 कार्यदिवस में दिये जाने का प्रावधान है। वन विभाग में दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल पाढुंर्णा परिक्षेत्र के अंतर्गत फसल नुकसानी के 03 आवेदन पत्र ग्राम राजना से प्राप्त हुए है। परिक्षेत्र कार्यालय पाढुंर्णा में उपस्थित होकर फसल नुकसान किये जाने के संबंध में किसानों द्वारा अवगत कराया गया है। प्राप्त आवेदनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में है। (ग) परिक्षेत्र कार्यालय पाढुंर्णा में वन्यप्राणियों से फसलहानि हेतु प्राप्त 03 आवेदनों को परिक्षेत्र कार्यालय पाढुंर्णा द्वारा तहसीलदार पाढुंर्णा को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये हैं। (घ) जी नहीं। पाढुंर्णा परिक्षेत्र में वनक्षेत्र से लगे ग्रामों में किसानों की फसलों को वन्यप्राणियों से बचाने हेतु कृषकों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत सोलर फेंसिंग लगाने हेतु आवश्यक समझाइश दी जा रही है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का क्रियान्वयन
[धार्मिक न्यास और धर्मस्व]
22. ( क्र. 294 ) श्री जतन उईके : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा, मोहखेड तहसील में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदकों को योजना का लाभ दिया गया? किस आवेदक को तीर्थ दर्शन के लिये कहाँ-कहाँ भेजा गया वर्षवार आवेदक के नाम, आयु, पता सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में पांढुर्णा रेल्वे स्टेशन से कितनी बार आवेदकों को तीर्थ दर्शन के लिये भेजा गया? (ग) क्या तीर्थ दर्शन के लिए भेजते समय स्थानीय विधायक को इसकी सूचना दी गई? नहीं तो क्यों? क्या सूचना दिया जाना उचित नहीं था? तो क्यों, यदि हाँ, तो फिर इसकी सूचना क्यों नहीं दी? इसमें कौन दोषी है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : छिंदवाडा जिले में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक पांढुर्णा तहसील में 1162 तथा तहसील मोहखेड में 333 आवेदकों को योजना का लाभ दिया गया है। तीर्थयात्रियों के नाम, आयु, पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के लिये चयनित किये गये यात्रियों को छिंदवाड़ा जिले की पांढुर्णा तहसील के रेल्वे स्टेशन से 26 बार तीर्थ दर्शन हेतु विभिन्न तीर्थ स्थलों के लिये रवाना किया गया है। (ग) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत यात्रा कार्यक्रम की जानकारी माननीय विधायकों के निज सचिवों के माध्यम से दी जाती रही है। अत: सूचना नही दिये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नही होता है और उसके लिये कोई भी दोषी नही है।
कडराना के पंचायत सचिव की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( क्र. 341 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर के शेरसिह की सिफारिश पर चंदेरी के एस.डी.ओ. श्री भस्कर लक्षकार ने कडराना के पंचायत सचिव जो बाद में सिंहपुर चल्दा व अब नावनी में पदस्थ है कार्यमुक्त एवं हटाने की सिफारिश जिलाधीश अशोकनगर ने की थी तथा उस पत्र का चंदेरी से जावक व जिलाधीश अशोकनगर के आवक नम्बर होने के बाद भी यह पत्र गायब हो गया तथा कडाराना, सिंहपुरचल्दा के पूर्व पंचायत सचिव निलम्बित हुए तथा कुछ माह में ही बहालकर उन्हें ग्राम नावनी में पदस्थ कर दिया है जहाँ कपिलधारा कुओं व मनरेगा व अन्य योजना में अनियमितता की जाँच की जा रही है ताकि वह जाँच प्रभावित कर सकें? (ख) उन्हे चंदेरी मुंगावली ब्लॉक से बाहर क्यों नहीं भेजा जा रहा है तथा उन्हें कार्यमुक्त करने वाले पत्र को गायब होने की जाँच को आरोप पत्रों में शामिल क्यों नहीं किया गया है? (ग) नावनी पंचायत की जाँच के विषयों का विवरण देते हुए बताएं कि जाँच की क्या प्रगति है? (घ) झारडा के सरपंच लाखन सिंह यादव व अन्य शिकायतों पर जब पंचायत सचिव को निलम्बित किया व उसने ग्वालियर से स्थगन प्राप्त किया, उसकी जाँच में आरोपों का विवरण देते हुए बताए कि जाँच की क्या प्रगति है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
खेल मैदान हेतु भूमि का आरक्षण
[खेल और युवा कल्याण]
24. ( क्र. 342 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिनांक 21 जुलाई 2016 के अता. प्रश्न संख्या-95 (क्र. 1696) के संदर्भ में बताएं कि राजस्व विभाग में जिलाधीश आदि को खेल मैदान हेतु भूमि आरक्षित करने के निर्देशों का पालन करने के लिये खेल विभाग भी अपनी और से आयुक्तों व जिलाधीशों को सभी गाँवों में खेल के मैदान हेतु भूमि आरक्षित करने के निर्देश जारी करने पर विचार करेगें? (ख) क्या विभाग राजस्व विभाग से समन्वय कर जिलाधीशों को शासन निर्देश जारी करने पर विचार करेगा कि जिस-जिस गाँव में शासकीय भूमि पर दबंगों व बड़े लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है उनको शीघ्र खेल मैदान घोषित कर राजस्व रिकार्ड में दर्ज करने की कार्यवाही की जाए?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) भूमि आरक्षण का कार्य मूलतः राजस्व विभाग का है। प्रत्येक गांवों में खेल मैदान बनाने की कोई योजना खेल और युवा कल्याण विभाग की नहीं है वरन् प्रदेश के समस्त विधानसभा क्षेत्रों में एक ऑउटडोर स्टेडियम निर्माण की योजना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की संचालित है। अतः खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा राजस्व अधिकारियों-यथा-आयुक्त एवं जिलाधीशों को भूमि आरक्षण हेतु निर्देश दिए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) शासकीय भूमि पर हुए अतिक्रमण को हटाना एवं उन्हें खेल मैदान घोषित कर राजस्व अभिलेख में दर्ज करना, खेल और युवा कल्याण विभाग का कार्य नहीं होने से, विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की जाना संभव नहीं है।
प्राप्त आवंटन एवं व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 407 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि जिला अनूपपुर अंतर्गत नगर पालिका परिषद् अनूपपुर, पसान एवं नगर पंचायत जैतहरी में वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक कुल प्राप्त आवंटन से कराये गये निर्माण कार्य का विवरण वर्ष, स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं कार्य की भौतिक स्थिति बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पशु शेडों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
26. ( क्र. 413 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र 14 ग्वालियर ग्रामीण के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों के अंतर्गत योजना प्रारंभ से 31 दिसम्बर 2016 तक पंचायतवार कितने-कितने पशु शेड निर्माण हेतु स्वीकृति जारी की गई वर्षवार एवं पंचायतवार जानकारी उपलब्ध कराई जाये? (ख) वर्षवार एवं पंचायतवार स्वीकृत पशु शेडों में से कितने पशु शेड पूर्ण हो चुके है तथा कितने अपूर्ण हैं? इन्हें कब तक पूर्ण किया जावेगा? समय-सीमा बतायें? (ग) पूर्ण हुये पशु शेडों हेतु स्वीकृति राशि का भुगतान शत्-प्रतिशत हो चुका है या नहीं? (घ) यदि भुगतान नहीं हुआ है तो भुगतान न होने का कारण पंचायतवार बतायें तथा लंबित भुगतान कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। महात्मा गांधी नरेगा में हितग्राही मूलक कार्यों की पूर्णता के लिए समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) उपरोक्त उत्तर 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
शास. महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
27. ( क्र. 458 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के ऐसे कितने नगर पालिका क्षेत्र है जहां पर शासकीय महाविद्यालय संचालित नहीं है? नाम सहित जानकारी देवें। (ख) जिन-जिन नगर पालिका क्षेत्रों में शास. महाविद्यालय संचालित नहीं हैं वहां पर विभाग द्वारा शासकीय महाविद्यालय खोलने की क्या कोई योजना विचाराधीन है? (ग) क्या नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया बुजुर्ग में शासकीय महाविद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव विभाग के पास विचाराधीन है? तो शासकीय महाविद्यालय कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
स्कूल द्वारा अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
28. ( क्र. 472 ) श्री सतीश मालवीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले के उज्जैन नगर आगर रोड स्थित सेंट पॉल सीनियर सेकेण्डरी स्कूल की कितनी भूमि का डायवर्सन हुआ है तथा कितनी भूमि पर स्थित है तथा कितनी शासकीय भूमि पर स्कूल का अवैध कब्जा है? यह स्कूल कितने मंजिल तक निर्मित है? कितनी मंजिल के निर्माण अनुमति प्राप्त की गई है? जो नक्शा पास हुआ हैं उसमें और मौके पर निर्माण में क्या अंतर पाया गया है? बिंदुवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त स्कूल का सम्पत्ति कर कितने क्षेत्रफल का और कब तक का नगर पालिका निगम में जमा किया जा चुका है? सम्पत्ति कर विवरण में स्कूल द्वारा दर्शाए गये निर्मित क्षेत्रफल और वास्तविक क्षेत्रफल में क्या अंतर पाया गया? कितने वर्ष का सम्पत्ति कर एवं जलकर बकाया है? इस हेतु नगर पालिका निगम द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त स्कूल के अवैध निर्माण, अवैध कब्जे, सम्पत्ति कर एवं जलकर के संबन्ध में विगत ३ वर्षों में किस-किस प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई है तथा उन शिकायतों पर किस-किस अधिकारी को जाँच अधिकारी बनाया गया एवं क्या कार्यवाही की गई? शिकायतकर्ता का नाम, शिकायत, जाँचकर्ता अधिकारी एवं जाँच रिपोर्ट सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सेटपॉल सीनियर सेकेण्डरी स्कूल की भूमि का डायवर्सन/व्यपर्वतन वर्गफीट 62215 पर दिनांक 06.02.1984 को हुआ है, स्कूल भवन कुल 16960 वर्गफीट पर निर्मित है, शेष भूमि 42255 वर्गफीट रिक्त है, शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा नहीं है, स्कूल तीन मंजिला निर्मित है, दो मंजिल की अनुमति प्राप्त की गई है, कुल मौके पर 62170 वर्गफीट निर्मित है, कुल 432 वर्गफीट का अंतर है, प्रथम तल पर 16120 वर्गफीट, द्वितीय तल पर 16120 वर्गफीट तृतीय तल पर 13432 वर्गफीट में टीन शेड निर्मित है। (ख) स्कूल का भूतल, प्रथम तल, द्वितीय एवं तृतीयतल कुल 62170 वर्गफीट निर्मित क्षेत्रफल का संपत्तिकर वर्ष 2016-17 तक का जमा कराया जा चुका है, इस प्रकार 432 वर्गफीट का अंतर है तथा जलकर की पूर्ण राशि भी जमा की गई है, संपत्तिकर विवरण में स्कूल द्वारा दर्शाए गए निर्मित क्षेत्रफल और वास्तविक क्षेत्रफल में 432 वर्गफीट का अंतर है चूंकि अंतर 10 प्रतिशत से कम होने के कारण नियमानुसार कोई कार्यवाही नहीं की गई है, मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम,1956 की धारा 138 (3) की उपधारा (2) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) शिकायत श्री राजेश सेठी, पार्षद वार्ड क्रमांक 04 के द्वारा की गई है शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है तथा कार्यपालन यंत्री जोन क्रमांक 2 द्वारा नोटिस जारी किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है वर्तमान में प्रकरण प्रचिलित होकर स्कूल द्वारा समझौते का आवेदन प्रस्तुत किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है वर्तमान में प्रक्रियाधीन है।
अवैध उत्खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
29. ( क्र. 476 ) श्री सतीश मालवीय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में १ जनवरी 2016 से २६ जनवरी २०१७ तक कुल कितने अवैध उत्खनन के प्रकरण बनाये गये? उसमें से कितने प्रकरण अनुविभागिय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार/अपर तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा बनाये गये एवं कितने प्रकरण खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा बनाये गये? प्रकरणवार, अधिकारीवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उज्जैन जिले की विभिन्न तहसीलों से प्रश्नांश (क) में दर्शित राजस्व अधिकारियों द्वारा पंचनामें बनाकर भेजे गये प्रकरण में किस-किस प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई तथा कितना-कितना जुर्माना किया गया? प्रश्नांश (क) में दर्शित राजस्व अधिकारियों द्वारा भेजे गये पंचनामें की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावे। (ग) वर्तमान में खनिज विभाग के कितने प्रकरण कलेक्टर कार्यालय उज्जैन में दर्ज किये गये एवं किस-किस प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या जिला खनिज अधिकारी उज्जैन द्वारा प्रश्नांश (क) में दर्शित राजस्व अधिकारियों द्वारा भेजे गये प्रकरणों में लीपा-पोती कर गम्भीर अनियमितता की गई? क्या शासन राजस्व अधिकारियों द्वारा बनाये गये प्रकरणों की राज्य स्तरीय समिति बनाकर सूक्ष्मता से जाँच कर दोषी जिला खनिज अधिकारी पर कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताये।
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन जिले में खनिजों के 27 अवैध उत्खनन के प्रकरण बनाये गये। जिसमें से 5 प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार/अतिरिक्त तहसीलदार/नायब तहसीलदार द्वारा बनाये गये हैं। शेष 22 प्रकरण खनिज विभाग द्वारा बनाये गये हैं। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) प्रश्नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स में दर्शित है। (ग) प्रशनानुसार जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर के साथ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 489 ) श्री रामसिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा योजना में दिसम्बर 2016 की स्थिति में कोई स्वीकृत निर्माण कार्य अपूर्ण है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण है? उक्त कार्य कब से एवं कितनी राशि के स्वीकृत हैं? कितनी राशि निकाली गई है? निकाली गई राशि में से कितनी राशि का कार्य कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत ऐसे कौन-कौन से कार्य हैं, जिनकी राशि मार्च 2016 से पूर्व निकाल ली गई है परंतु निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रारंभ नहीं हुआ है? उक्त कार्य कब से प्रारंभ होंगे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत 01.04.2014 से दिसम्बर 2016 तक की स्थिति में कुछ ऐसे निर्माण कार्य हैं, जो स्वीकृत स्थान पर न कराकर अन्य किसी स्थान पर कराए गए हैं एवं ऐसे कार्यों का मूल्यांकन भी किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों एवं किसके आदेश पर किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (ख) अंतर्गत कई निर्माण कार्यों की राशि वर्षों पूर्व (विगत 3 वर्ष) तत्कालीन सरपंच/सचिव द्वारा निकाली गई है परंतु वह कार्य प्रश्न दिनांक तक प्रारंभ नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माण कार्यों की राशि वसूली हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त राशि कब तक वसूल कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत ग्राम पंचायत द्वारा अग्रिम धनराशि आहरण करने का प्रावधान नहीं है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा के तहत ग्राम पंचायत द्वारा अग्रिम धनराशि आहरित करने का प्रावधान नहीं है। पाँच प्रकरणों में फर्जी देयक लगाकर कुल राशि रू. 2.42 लाख आहरित की जाने की जानकारी प्राप्त हुई है जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव के विरूध्द वसूली की कार्रवाई हेतु न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) में प्रकरण दर्ज कराये गये हैं। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (घ) उपरोक्त उत्तर 'ख' के अनुसार है।
प्लांटेशन की जानकारी
[वन]
31. ( क्र. 494 ) श्री रामसिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बदरवास वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2015-16 एवं वर्ष 2016-17 में जनवरी 2017 तक प्लांटेशन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्लांटेशन कहाँ-कहाँ पर किस वन कम्पार्टमेंट की भूमि पर कितने रकबा में कितनी लागत से कब-कब किया गया? (ख) उक्त प्लांटेशन में कितने पौधे लगाए गए? उनमें से वर्तमान में कितने पौधे जीवित हैं? जिस भूमि पर प्लांटेशन किया गया है, उस भूमि का उपयोग प्लांटेशन से पूर्व किस प्रयोजन हेतु किनके द्वारा कब से किया जा रहा था? (ग) क्या जिस भूमि पर प्लांटेशन किया गया है उस स्थान पर खेती की जा रही थी? यदि हाँ, तो खेती करने वाले गरीब आदिवासियों को उस भूमि से बेदखल क्यों किया गया? उन्हें वन अधिकार पत्र क्यों नहीं दिये गये? (घ) जनवरी 2017 की स्थिति में बदरवास वन परिक्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर प्लांटेशन हुआ है? उस प्लांटेशन की वर्तमान स्थिति क्या है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क), (ख) एवं (घ) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। पात्रता नहीं होने के कारण वन अधिकार पत्र नहीं दिये गये।
सामाजिक पेंशन का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
32. ( क्र. 525 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना के तहत कितने प्रकरण वर्ष 16-17 से प्रश्नांश दिनांक तक में जनपदवार स्वीकृत किये गए का विवरण देते हुए बतावें कि इनकों कितनी-कितनी राशि किस-किस माह में भुगतान की गई तथा उनमें से कितने भुगतान से वंचित हैं? स्वीकृत दिनांक के बाद कितने ऐसे हितग्राही हैं जिनको स्वीकृत दिनांक से भुगतान नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) की योजनाओं की राशि को दिनांक 01.10.2012 के परिपत्र (नवम्बर 2012) अनुसार भारत सरकार द्वारा क्या बढ़ायी गई? इस बढ़ी हुई राशि के भुगतान पेंशनधारियों को कराने का आदेश प्रदेश सरकार द्वारा कब जारी कर क्रियान्वित कराया गया? आदेश की प्रति भी देवें? इन पेंशनधारियों को मिलने वाली राशियों में कितनी राशि प्रदेश सरकार एवं कितनी केन्द्र सरकार की समाहित होती है, विभिन्न पेंशनवार बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) की योजनाओं के पात्र हितगाहियों को प्रश्नांश (ख) अनुसार बढ़ी दर 300 रूपये के मान से भुगतान नहीं कराया गया तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? रीवा जिले में इसका क्रियान्वयन कब से हुआ? क्या पात्र हितग्राहियों को उनकी एरियर्स की राशि का भुगतान करायेंगे? हाँ तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। कोई पात्र हितग्राही पेंशन भुगतान से वंचित नही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) मध्यप्रदेश शासन, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, मंत्रालय के आदेश क्रमांक एफ-2-87/2016/26-2 दिनांक 27.09.2016 द्वारा समस्त श्रेणी के हितग्राहियों के पेंशन राशि में एकरूपता के दृष्टि से रूपये 300/- प्रति हितग्राही प्रतिमाह माह सितम्बर, 2016 से की गई है। अक्टूबर, 2016 से बढ़ी हुई दर पर पेंशन भुगतान किया जा रहा है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकायों में कार्यरत सफाई कामगारों को आवंटित आवास गृह
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 565 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या 73 (क्र. 5654), दिनांक 18.03.2016 में जवाब दिया गया था कि सफाई कामगारों के आवास गृहों का सर्वे कार्य पूर्ण होने के उपरांत गृह बुक वैल्यू के आधार पर निर्धारित राशि जमा किये जाने की स्थिति में आवंटित आवास पर मालिकाना हक प्रदान कर दिया जावेगा? (ख) यदि वर्णित (क) हां, तो क्या स्वास्थ्य विभाग नगर निगम जबलपुर द्वारा सफाई कर्मचारियों को आवंटित आवास गृहों का स्थानवार सर्वे कार्य पूर्ण कर सर्वे सूची दिनांक 03.06.2016 को जमा कर दी है एवं प्रश्न के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2016 में आवंटित आवास पर मालिकाना हक प्रदान कर दिया जावेगा? (ग) यदि वर्णित (क) (ख) सही तो सर्वे सूची अनुसार स्थानवार जानकारी दी जावे कि जहां-जहां सफाई कर्मचारियों को आवास आवंटित किये गये है, उन आवासों की कलेक्टर गाईडलाईन 2016 के तहत क्या कीमत निर्धारित की गई? किन-किन स्थानों के कुल कितने आवंटित आवास पर स्वामित्व प्रदान कर दिया गया है? क्या आवंटित आवास का मूल्य निर्धारण कर संबंधितों को लिखित में सूचना पत्र जारी किया गया है? (घ) कब तक नगरीय निकायों में कार्यरत/सेवानिवृत्त सफाई कामगारों को निर्धारित राशि जमा किये जाने की स्थिति में आवंटित आवास पर मालिकाना हक प्राप्त हो जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी, हाँ, सफाई कर्मचारियों के सर्वे का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। परन्तु प्रश्नाधीन आवासों का निर्माण 50 वर्ष के पूर्व होने के कारण उक्त मकान कालातीत हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में वर्ष 2016 में आवास का मालिकाना हक प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। इसके साथ-साथ उक्त क्षेत्र स्मार्ट सिटी के redovelopement project में लिया गया है, जिसके कारण क्षेत्र में भावी विकास की दृष्टि से कुछ सामुदायिक गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। अत: नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा सर्वे में चिन्हांकित किए सफाई कर्मचारियों को उक्त प्रचलित प्रक्रिया के तहत आवंटन न करते हुए उसके स्थान पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् Affordable Housing अंतर्गत फ्लेट दिया जाना नियत किया गया है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् Affordable Housing फ्लेट दिए जाने के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत केन्द्रांश एवं राज्यांश को पृथक कर कीमत का निर्धारण नगर पालिक निगम, जबलपुर द्वारा किया जा सकेगा। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत Affordable Housing के प्रोजेक्ट की प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति तथा परियोजना पूर्ण होने के उपरांत ही मालिकाना हक तथा भौतिक कब्जा दिया जा सकेगा।
जबलपुर शहर के मुख्य मार्गों पर बस स्टॉप एवं सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 569 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत मुख्य मार्गों के किनारे भवन बस स्टॉप शौचालयों (सार्वजनिक) निर्माण के क्या नियम हैं? मुख्य मार्ग पर सड़क के बाद कितना शेड बैक छोड़कर निर्माण किया जा सकता है? नगर निगम जबलपुर द्वारा सागरदीप एवं प्लानेट एजेंसियों को सड़क किनारे किन-किन स्थानों पर कितने सार्व. शौचालयों/बस स्टॉपों के निर्माण की अनुमति कितनी अवधि के लिये किन-किन शर्तों के अनुसार दी गई? (ख) नगर निगम जबलपुर द्वारा उक्त शौचालयों/बस स्टॉपों के निर्माण की अनुमति मानचित्र (नक्शा) स्वीकृति कब किस अधिकारी द्वारा दी गई? यदि मानचित्र स्वीकृति के बिना उक्त निर्माण कार्य किया जा रहा है, तो इसके लिये दोषी कौन है? (ग) वर्णित (क) में शौचालयों/बस स्टॉपों के निर्माण में यातायात नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मुख्य मार्गों पर पड़ने वाले भवनों एवं स्थान के विनियमन हेतु म.प्र. भूमि विकास अधिनियम-2012 में प्रावधान है जिसमें पृथक-पृथक भवनों के लिये शेड बैक के लिये सीमाएं विहित है। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अपितु इस हेतु गठित अन्तर विभागीय समिति की स्वीकृति अनुसार निर्माण कराया गया है। (ग) जी हाँ। निविदा अनुसार नियमों का पालन किया जा रहा है।
मेट्रो बसों का सुधार
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 597 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबलपुर सिटी ट्रांसपोर्ट लिमि. द्वारा J.N.U.R.M. योजना के तहत कितनी बसे कितनी राशि से कब-कब क्रय की गयी? उक्त बसों का संचालन किन-किन आपरेटरों को कितनी-कितनी राशि में किन-किन शर्तों पर दिया गया है? मेट्रों बसों का मेजर रिपेयर, माइनर रिपेयर संचालक/आपरेटर द्वारा कराया जाना था या JCTSL द्वारा? (ख) JCTSL की छोटी एवं बड़ी मेट्रों बसों का मेजर एवं माइनर रिपेयर विगत 2 वर्षों में कब-कब कंपनी के सर्विस सेंटर में कराया गया? बसों की वर्तमान हालत खटारा क्यों हो गयी? क्या सिटी ट्रांसपोर्ट हेतु मिली मेट्रों बसों की विस्तृत जाँच कराकर उन्हें रिपेयर कराकर बचाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या JCTSL या नगर निगम मेट्रों बसों के संपूर्ण रिपेयर की कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में बसों का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। समय समय पर बसों की जाँच कराकर आवश्यकतानुसार रिपेयर का कार्य कराया जाता है। (ग) अनुबंधों की शर्तों के अनुसार बसों के संपूर्ण रिपेयर का कार्य बस ऑपरेटर द्वारा कराया जाता है।
आवारा पशुओं से फसलों को नुकसान
[नगरीय विकास एवं आवास]
36. ( क्र. 605 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम, जबलपुर के कर्मचारियों द्वारा नगर में पकड़े गये आवारा पशु (बंदर, गाय, भैंस, बैल आदि) नर्मदा नदी पार स्थित बरगी वि.स. क्षेत्र ग्राम मंगेली एवं आस-पास गांवों में छोड़े जाने से यहां की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं? (ख) क्या शासन नगर निगम अधि. को पकड़े गये आवारा पशुओं के उक्त ग्रामीण क्षेत्रों में छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने निर्देशित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम पालिक निगम, अग्नि सैन्य दल विभाग द्वारा निगम सीमा क्षेत्र के आवारा मवेशियों को पकड़कर निगम कांजी हाउस एवं दयोदय पशु संवर्धन केन्द्र (गौ सदन) तिलवारा, जबलपुर में भेजा जाता है, अन्य किसी स्थान पर नहीं छोडा जाता। (ख) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों का पंजीयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 624 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में मध्यान्ह भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों की संख्या क्या है विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराये? क्या संचालित समूहों द्वारा लायसेंस प्राप्त किया गया है? यदि हाँ, तो कितने समूहों ने लायसेंस लिया है संख्या बतावें तथा जिन समूहों ने लायसेंस नहीं लिया है उनके द्वारा खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। (ख) क्या मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए कार्यरत रसोइयों का मेडिकल चेक-अप किया जाता है? यदि नहीं तो क्यों? क्या प्रति वर्ष मेडिकल चेक-अप कराने की शर्त को लागू करने के लिये प्रावधान बनाए जायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) रीवा जिले में विकासखण्डवार मध्यान्ह भोजन बनाने वाले स्व-सहायता समूहों की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मध्यान्ह भोजन बनाने हेतु लाईसेंस की व्यवस्था नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते है। (ख) यद्यपि रसोईयों का मेडिकल चेकअप कराना बंधनकारी नहीं है, विभागीय पत्र दिनांक 23/01/2015 द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिलों के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के साथ-साथ रसोईयों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराने के निर्देश दिए गए हैं। रसोईयों का प्रतिवर्ष मेडिकल परीक्षण अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
बरझा बाईपास निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 665 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के परि.अता. प्रश्न संख्या (क्रमांक 1064) दिनांक 08/12/2016 में अवगत कराया गया था कि सिहोरा नगर पालिका द्वारा बरझा लिंक रोड निर्माण की डी.पी.आर. स्वीकृत की जाकर भूमि का अधिग्रहण एवं मुआवजा की गणना की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सिहोरा जिला जबलपुर में प्रचलित है तो अनुविभागीय अधिकारी सिहोरा द्वारा किन-किन भूमि स्वामी की भूमि अधिग्रहित की गई एवं कितना कितना मुआवजा दिया गया। सूची उपलब्ध करायें। (ख) यदि नहीं तो विलंब का कारण बतायें। लिंक रोड का निर्माण कब आरंभ होगा। कितनी लागत आयेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका परिषद्, सिहोरा द्वारा चिन्हित भू-स्वामीयों के भूमि का मुआवजा निर्धारण करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी, सिहोरा को लिखा गया था, जिसके तारतम्य में अनुविभागीय अधिकारी, सिहोरा द्वारा भूमि अधिग्रहण हेतु विधिवत डी.पी.आर. तैयार कराकर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, सिहोरा को दिए गए हैं। निर्देश के परिपालन में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद्, सिहोरा द्वारा भूमि अधिग्रहण हेतु डी.पी.आर. तैयार कराने की कार्यवाही की जा रही है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भूमि अधिग्रहण हेतु डी.पी.आर. तैयार कराने की कार्यवाही नगर पालिका परिषद्, सिहोरा द्वारा की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। भूमि अधिग्रहण हेतु डी.पी.आर. तैयार होने के पश्चात् लागत बताया जाना संभव हो सकेगा।
नगर पालिका सिहोरा की जल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
39. ( क्र. 666 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के अता.प्रश्न संख्या 98 (क्रमांक 1069) दिनांक 08/12/2016 में अवगत कराया गया था कि सिहोरा नगर पालिका में जल प्रदाय योजना की डी.पी.आर. तैयार कर ए.डी.पी. को परीक्षण हेतु भेजी गई है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना की प्रति उपलब्ध करायें तथा बतायें कि निविदायें आमंत्रित कब तक की जावेंगी। कब से काम आरंभ होगा। काम की लागत कितनी होगी। नगर वासियों को इसका लाभ मिलना कब से प्राप्त हो जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डी.पी.आर. एवं अन्य विषयों पर ए.डी.बी. से सहमति प्राप्त होने पर निविदाएं आमंत्रित की जाएगी, समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। विभाग द्वारा कार्यादेश के उपरांत 24 माह का समय कार्य पूर्ण करने के लिए निर्धारित किया गया है। नगर परिषद्, सिहोरा की जल प्रदाय योजना की वर्तमान में अनुमानित लागत रू. 9,882.58 लाख है। कार्य पूर्णता पर नगर वासियों को लाभ मिलना प्रारंभ होगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किया जाना
[उच्च शिक्षा]
40. ( क्र. 707 ) श्री मधु भगत : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट विकासखण्ड अंतर्गत लामता/चांगोटोला में नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है? अतांराकित प्रश्न संख्या-140 (क्रमांक 1564) दिनांक 08/12/2016 के जवाब में बताया गया कि मापदण्ड प्रस्तावित क्षेत्र में 500 विद्यार्थियों की उपलब्धता है जबकि उक्त क्षेत्र में लगभग 700 विद्याथियों की उपलब्धता है एवं उक्त क्षेत्र अतिसवेदनशील, नक्शलप्रभावी क्षेत्र है घने जंगलों के मध्य स्थित होने के कारण उक्त क्षेत्र के बच्चे उच्च शिक्षा अध्ययन से वंचित हो जाते है ऐसी परिस्थिति में क्या उक्त स्थान में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ करने हेतु शासन से अनुमति नहीं दी जावेगी? यदि दी जावेगी तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ख) उक्त प्रश्न के जवाब में कहा गया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीमित संसाधनों के कारण नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ किये जाना संभव नहीं है तो क्या वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में प्रावधानिक कर उक्त महाविद्यालय प्रारंभ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक अनुमति प्रदान की जावेगी यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) वर्तमान में वित्तीय संसाधनों की कमी होने के कारण लामता/चांगोटोला में नवीन महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने में कठिनाई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियमित करने संबंधी नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 747 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला नरसिंहपुर के नगरपालिका परिषद् एवं नगर पंचायत परिषद् नगरीय निकायों में कितने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है? निकायवार संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें? (ख) नगरीय प्रशासन विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने का क्या नियम है नियम की जानकारी प्रदान करें? (ग) क्या इन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमानुसार नियमित किया जा रहा है यदि हाँ, तो ऐसे कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जावेगा जो नियम के अनुसार पात्र हो चुके हैं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जिला नरसिंहपुर की नगरीय निकायों में कुल 799 दैनिक वैतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है, निकायवार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नियमितिकरण के संबंध में शासन के निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''ख'' में उल्लेखित शासन के आदेश में नियम एवं शर्तों के परीक्षण उपरांत पात्र दैनिक वैतन भोगी कर्मचारियों को निकाय द्वारा नियमित किया जा सकेगा। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
महानदीके बरहाटोला को रिटेनिंगबाल से संरक्षित करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 765 ) श्री मोती कश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स.क्षे. बड़वारा के वि.खं. बड़वारा की ग्राम पंचायत सुड्डी का कोई टोला छोटी महानदी के तट पर अवस्थित होकर वहां आवासीय मकान और जनसंख्या निवासरत है? (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित टोला पंचायत से कितने किलोमीटर दूर स्थित है तथा उसकी आवागमन की स्थिति क्या है? (ग) क्या प्रश्नकर्त्ता ने अपने पत्र दिनांक 14-1-2015 द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से प्रश्नांश (क), (ख) स्थान को संरक्षित करने हेतु रिटेनिंगबाल और मार्ग निर्माण हेतु अनुरोध किये जाने पर विभाग द्वारा आज दिनांक तक क्या योजना बनाई गई और अपेक्षित समस्या का निदान किया गया है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) टोले की बस्ती को कब आवागमन की सुविधा प्रदान कर दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम पंचायत सुड्डी अंतर्गत बरहा टोला ग्राम पंचायत मुख्यालय सुड्डी से लगभग 1 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। मार्ग कच्चा है एवं वर्षाकाल को छोड़कर आवागमन चालू रहता है। प्रश्न में उल्लेखित पत्र विभाग के संज्ञान में नहीं है। अतः जानकारी देना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार है।
फर्शी पत्थर की स्वीकृत खदान
[खनिज साधन]
43. ( क्र. 775 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम अतरहाई तहसील शाहनगर/रैपुरा के खसरा नम्बर 399 में फर्शी पत्थर की कोई खदान स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृत दिनांक एवं किसके नाम है? (ख) उक्त स्वीकृत खदान की स्वीकृति आदेश की कॉपी सहित समस्त नस्ती नोटशीट की कॉपी एवं स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी रॉयल्टी जमा की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध खदान की प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
44. ( क्र. 776 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज कार्यालय पन्ना में विगत दो वर्ष में सीएम हेल्प लाईन जनप्रतिनिधि के माध्यमों से विकासखण्ड शाहनगर एवं पवई जिला पन्ना में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? किसके द्वारा जाँच की, उन शिकायतों में क्या पाया गया? उन पर जाँच अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई? जाँचकर्ता अधिकारी का नाम जाँच प्रतिवेदन की कॉपी उपलब्ध करावें? (ख) क्या ककरी कछार में शंकर सिंह की स्वीकृत खदान का कलेक्टर, एसडीएम, माइनिंग अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया था? यदि हाँ, तो शंकर सिंह के नाम खदान में जो अवैध रूप से फर्सी पत्थर का क्रेसर संचालित पाया गया था तथा खदान अवैध रूप से संचालित पाई गई थी? उस पर कलेक्टर के द्वारा मौके पर अवैध उत्खनन प्रकरण बनाने का खदान निरस्त करने के निर्देश दिये गये उस पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों? खदान में चारों तरफ मलवा घुल गया था उस पर क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। पट्टेदार को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधान अनुसार उत्खनिपट्टा की शर्तों के उल्लंघन के आधार पर नियमानुसार रूपये 25,000/- का अर्थदण्ड आरोपित किया गया है। पट्टेदार के विरूद्ध मध्यप्रदेश खनिज (अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भण्डारण का निवारण) नियम, 2006 के अंतर्गत प्रकरण भी दर्ज किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायतों के कार्य अपूर्ण कार्यों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
45. ( क्र. 792 ) श्री के.पी. सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के विकासखंड खनियाधाना एवं पिछोर की कितनी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायतों के गत कार्यकाल के कितने-कितने कार्य अपूर्ण हैं? (ख) यदि हाँ, तो शिवपुरी जिले के विकासखण्ड खनियाधाना एवं पिछोर के ग्राम पंचायतों की ग्रामवार जानकारी कार्य का नाम एवं स्वीकृत राशि तथा कार्य की वर्तमान स्थिति सहित दें। (ग) जिन पंचायतों में पिछले कार्यकाल के कार्य अपूर्ण हैं ऐसी पंचायतों के उत्तरदायी से वसूली की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है तथा वसूली की कार्यवाही न करने हेतु कौन उत्तरदायी है?
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कार्य पूर्ण करवाने अथवा वसूली की कार्यवाही में गति लाने के निर्देश जिला कलेक्टर को दे दिये गये है।
जीर्ण-शीर्ण शासकीय महाविद्यालयों का जीर्णोद्धार
[उच्च शिक्षा]
46. ( क्र. 798 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ऐसे कितने शासकीय महाविद्यालय हैं, जो कि जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? (ख) देवास जिले के अंतर्गत कितने शासकीय महाविद्यालय हैं, जो जीर्ण-शीर्ण हैं एवं उक्त शासकीय महाविद्यालयों का निर्माण किस वर्ष में हुआ था? महाविद्यालय का नाम एवं निर्माण का वर्ष बतावें। (ग) क्या शासन द्वारा जीर्ण शीर्ण अवस्था वाले शासकीय महाविद्यालयों का जीर्णोद्धार किये जाने हेतु कोई योजना बना रहा हैं? हां, तो कब तक? (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत खातेगांव का शा. महाविद्यालय पूर्ण रूप से जीर्ण-शीर्ण होकर गंभीर दुर्घटना का संकेत दे रहा है? उक्त शा. महाविद्यालय का दुरुस्तीकरण किया जाना अति आवश्यक है। उक्त शा. महाविद्यालयों का जीर्णोद्धार शासन कब तक करवायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) देवास जिले में 01 शासकीय महाविद्यालय खातेगांव है। भवन निर्माण का वर्ष 1984. (ग) शासकीय महाविद्यालयों में जनभागीदारी मद से निर्माण/मरम्मत तथा क्रय के संबंध में म.प्र. शासन, उच्च शिक्षा विभाग के राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित क्रमांक 80, दिनांक 20.02.15 के अनुसार सचिव जनभागीदारी समिति को (जनभागीदारी के प्रस्ताव पर) प्रत्येक निर्माण/मरम्मत कार्य तथा एक बार में सामग्री क्रय के लिए राशि रूपये 15.00 लाख तथा एक वित्तीय वर्ष में कुल राशि रूपये 50.00 लाख तक के अधिकार प्रदत्त किये गये है। (घ) अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग कन्नौद द्वारा शासकीय महाविद्यालय, खातेगांव के भवन को जीर्ण-शीर्ण तथा मरम्मत योग्य नहीं होना बताया गया है। महाविद्यालय के नवीन भवन के निर्माण हेतु प्रस्ताव दिनांक 20.01.17 को प्राप्त हुआ है, जिसे स्थायी वित्तीय समिति की सूची में सम्मिलित किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
वन क्षेत्र में पौधे रोपण
[वन]
47. ( क्र. 801 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वन विभाग द्वारा वर्तमान में किन-किन जिलों में पौधे रोपण का कार्य चल रहा है? उन जिलों के नाम बतावें? (ख) देवास जिले की प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितना-कितना वन क्षेत्र आता है? क्षेत्रफल बतावें एवं जिले की कौन-कौन सी विधान सभा क्षेत्र में पौधा रोपण कार्य प्रगति पर है? (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक विभाग/वन विकास निगम द्वारा कहाँ-कहाँ पौधारोपण कार्य किया गया एवं कितने पौधे लगाये गये वन क्षेत्र का नाम एवं लगाये गये पौधे की संख्या बतावें? (घ) खातेगाँव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक जो पौधे लगाये गये उसमें से कितने पौधे किस-किस प्रजाति के जीवित हैं?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्तमान (माह फरवरी, 2017) में मध्यप्रदेश के सागर जिले में रोड किनारे वृक्षारोपण का कार्य चल रहा है। (ख) देवास जिले की विधान सभा क्षेत्रवार वनक्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। देवास जिले के विधान सभा क्षेत्रों के अन्तर्गत वर्षा ऋतु 2017 के वृक्षारोपण की तैयारी का कार्य प्रगति पर है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है।
खेल मैदानों का संधारण
[खेल और युवा कल्याण]
48. ( क्र. 843 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग अंतर्गत जबलपुर को किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (ख) जबलपुर शहर में कौन-कौन से खेल मैदान हैं? इन खेल मैदानों में किन-किन खेलों से संबंधित कौन-कौन सी सुविधाएं/संसाधन उपलब्ध हैं तथा कौन-कौन सी सुविधाओं/संसाधनों/ खेल सामग्री की आवश्यकता है? इसके लिए कब क्या प्रयास किये गये? (ग) विधान सभा केंट जबलपुर के तहत कौन-कौन से खेल मैदान हैं तथा इन खेल मैदानों में किन-किन खेलों से संबंधित खिलाड़ी प्रेक्टिस करने आते हैं वर्तमान में इन खेल मैदानों की क्या स्थिति है? कौन-कौन से खेल मैदानों में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है एवं क्यों? (घ) रॉझी जबलपुर में रावण पार्क में स्थित व्हालीबॉल खेल मैदान में कब-कब कितनी-कितनी राशि का कौन-कौन सा कार्य कराया गया एवं खिलाडि़यों को कौन-कौन सी सुविधाएं/संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं? बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण न कराने का क्या कारण है? कब तक बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कराया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जबलपुर जिले को आवंटित एवं व्यय राशि से किये गये कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जबलपुर शहर में स्थित खेल मैदान एवं उनमें उपलब्ध सुविधायें खेल, सामग्री आदि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ख‘‘ अनुसार है। इन मैदानों पर उपलब्ध सुविधायें एवं खेल सामग्री की अतिरिक्त आवश्यकता नहीं है। इसलिए प्रयास किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधानसभा क्षेत्र केंट जबलपुर के अन्तर्गत रॉझी खेल परिसर में इंडोर एवं आउटडोर स्टेडियम उपलब्ध है जिसमें बैडमिंटन, बास्केटबॉल, हैण्डबॉल, मल्लखम्ब, एथेलेटिक एवं क्रिकेट के खिलाडी प्रेक्टिस करने आते है। वर्तमान में इन खेल मैदानों की स्थिति ठीक है तथा इन पर खेल चल रहे है। आउटडोर खेल परिसर में बाउण्ड्रीवाल नहीं है तथा वर्तमान में इसकी आवश्यकता भी नहीं है। (घ) रॉझी जबलपुर स्थित रावण पार्क वालीबाल खेल मैदान, खेल और युवा कल्याण विभाग का नहीं होने से राशि उपलब्ध कराने, खिलाडि़यों को सुविधाए/संसाधान एवं बाउण्ड्रीवाल निर्मित करने संबंधी प्रश्न विभागीय संदर्भ में उपस्थित नहीं होता है।
जबलपुर शहर की पेयजल व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
49. ( क्र. 844 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा शहर के किन-किन वार्डों में किन-किन स्रोतों से कितनी मात्रा में पेयजल की आपूर्ति की जा रही है? इन वार्डों की मांग व पूर्ति की स्थिति क्या है? (ख) विधान सभा क्षेत्र केंट जबलपुर के कौन-कौन से वार्ड पेयजल समस्या ग्रस्त हैं? इन वार्डों की पेयजल समस्या के निदान हेतु क्या उपाय किये गये हैं एवं भविष्य की क्या कार्य योजना बनाई गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में जल स्रोतों, जलसंशोधन संयंत्रों, पाईप लाईन का विस्तार, मरम्मत, रखरखाव, सामग्री आदि की खरीदी पर कितनी राशि व्यय की गई? पेयजल की बर्बादी/दुरूपयोग को रोकने हेतु क्या प्रयास किये गये हैं वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक की जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में स्थित आयुध निर्माणियों में परियट जलाशय के पास ही दूसरा जलाशय बनाकर जलापूर्ति करने की योजना क्या है? इस संबंध में आयुध निर्माणियों ने क्या प्रस्ताव रखा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम, जबलपुर के अन्तर्गत जलशोधन संयंत्र रमनगरा, ललपुर, रांझी एवं भोंगाद्वारा द्वारा शहरी क्षेत्र में तथा नलकूप आधारित नलजल योजनाओं के माध्यम से नवीन सम्मिलित ग्रामीण क्षेत्रों के वार्डों में एवं नलकूपों एवं टैंकरों के माध्यम से भी नगर के समस्त वार्ड 79 वार्डों में जलापूर्ति की जा रही है। जिसका मांग पूर्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र कैंट के अन्तर्गत नगर निगम, जबलपुर में नवीन सम्मिलित ग्रामीण क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 70 लाला लाजपतराय एवं वार्ड क्रमांक 79 नवीन वार्ड के कुछ ग्रामों में नलकूप आधारित नलजल योजनाएं संचालित हैं तथा कुछ ग्रामों में हैंडपंपों के माध्यम से तथा टैंकरों के माध्याम से वर्तमान में जल प्रदाय किया जा रहा है। उक्त दोनो वार्डों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है, इन वार्डों में मांग के अनुरूप पानी की आपूर्ति हेतु अमृत परियोजना के अन्तर्गत कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जलस्त्रोतों, जलशोधन संयंत्रों व पाईपलाईन का विस्तार, मरम्मत रखरखाव, सामग्री आदि की खरीदी पर नगर निगम,जबलपुर के जल प्रदाय विभाग द्वारा वर्षवार व्यय की गई राशि का विवरण निम्नानुसार है:-
क्र. वर्ष
व्यय
राशि रू.
1. 2013-14 9,66,49,193.00
2. 2014-15 10,22,54,846.00
3. 2015-16 10,72,65,333.00
4. 2016-16 8,41,49,654.00
पेयजल की बर्बादी/दुरूपयोग को रोकने हेतु जलप्रदाय विभाग के द्वारा निरन्तर पाईप लाईनों के लीकेज का सुधार कार्य किया जा रहा है। अनुपयोगी सार्वजनिक नलों को भी बंद किया जा रहा है तथा पुरानी पाईप लाईनों को बदलने की कार्यवाही लगातार की जा रही है। (घ) नगर निगम, जबलपुर के द्वारा परियट जलाशय के समीप ही अपर परियट बनाया जाना प्रस्तावित किया गया है। अपर परियट परियोजना के क्रियान्वयन हेतु नगर निगम, जबलपुर के द्वारा रक्षा मंत्रालय से 50 करोड़ रूपये की मांग की गई है। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से पत्र व्यवहार किया जा रहा है। वर्तमान में प्रस्तावित कार्य हेतु किसी तरह का आवंटन अप्राप्त है।
टोंकखुर्द के अधूरे कॉलेज भवन का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
50. ( क्र. 903 ) श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के नगर टोंकखुर्द में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए कॉलेज भवन स्वीकृत किया गया था? (ख) क्या ग्राम टोंकखुर्द में कॉलेज भवन स्वीकृत होकर निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था, जिसका कार्य अधूरा ही छोड़ दिया गया? जिसके कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्या शासन छात्र-छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उक्त अधूरे कॉलेज भवन को पूरा करने हेतु राशि स्वीकृत करेगा या नहीं, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा जारी की गई प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 101.40 लाख अनुसार कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष कार्य हेतु पुनरीक्षित प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। वर्तमान में महाविद्यालय, उत्कृष्ट विद्यालय, टोंकखुर्द में संचालित है। छात्र-छात्राओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं है। (ग) प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय के भवन निर्माण पूर्ण कराये जाने के लिए पुनरीक्षित प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जो आगामी स्थायी वित्तीय समिति की सूची में शामिल किया गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में प्राध्यापकों की नियुक्ति में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 917 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर में किस आदेश के अधीन किस वर्ष में जनजातीय अध्ययन विभाग की स्थापना की गई है और वर्ष 2017 की अवधि तक किन शैक्षणिक योग्यताधारी प्राध्यापक, सहप्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, अतिथि विद्वानों की नियुक्तियाँ व प्रतिनियुक्तियाँ किन सक्षम अधिकारी के आदेशों से हुई हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) विभाग में किसी के आदेश से किसी भिन्न विषय के अध्यापक की प्रतिनियुक्ति और वापसी की गई है और उन्हें नियमित रूप से किसी के द्वारा वेतन प्रदान किया गया है और अब वर्तमान में किस पद पर पदस्थ हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (क) ने जनजातीय अध्ययन विभाग में किन्हीं प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक के स्थान पर किन्हीं के आदेशों से किन्हीं वर्षों से किन्हीं अतिथि विद्वान की नियुक्ति की जाकर उससे अध्यापन कराया जा रहा है और उसे कब-कब नियमित मानदेय भुगतान किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के किसी अधिकारी ने प्रश्नांश (ग) की सक्षम अधिकारी द्वारा की गई नियुक्ति को अनियमित दर्शाते हुए चालू सत्र के किन्हीं माह के मानदेय का भुगतान करने के उपरान्त किन्हीं माह का मानदेय रोक दिया है? (ड.) क्या प्रश्नांश (घ) अधिकारी के कृत्यों की जाँच कर दण्डित किया जावेगा और मानदेय निराकरण कब तक किया जावेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) कार्यपरिषद् के आदेशानुसार वर्ष 1989-90 में जनजातीय अध्ययन विभाग की स्थापना की गई है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी हाँ वर्तमान में डॉ. लोकेश श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ है, उनकी वापसी नहीं की गई। (ग) जी हाँ। वर्ष 2012 से विभाग की आवश्यकता अनुसार जनजातीय अध्ययन विभाग में एक अतिथि विद्वान को आमंत्रित किया जाकर उनसे अध्यापन कार्य कराया जा रहा है और उन्हें निर्धारित कालखण्ड की दर अनुसार विभागाध्यक्ष की अनुशंसा पर मानदेय का भुगतान किया गया है। (घ) जी नहीं। उक्त विभाग में कार्यरत अतिथि विद्वान तृप्ति मांझी का माह दिसम्बर 2016 तक का भुगतान किया जा चुका है। माह जनवरी 2017 का भुगतान प्रक्रिया में है। (ड.) प्रश्न उपस्थित नही होता है। मानदेय का निराकरण प्रक्रिया में है शीघ्र निराकरण किया जावेगा।
नवघोषित महाविद्यालय को पूर्व से संचालित में समाहित करना
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 918 ) श्री मोती कश्यप : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स.क्षे. बड़वारा की दिनांक 10.08.2016 की जनदर्शन यात्रा पर माननीय मुख्यमंत्री जी ने तहसील ढीमरखेड़ा मुख्यालय में किन्हीं संकायों के महाविद्यालय की घोषणा की है और तदनुसार उसे किन्हीं आकार-प्रकार के कक्षों में संचालन प्रारंभ कर किन्हीं संख्या में छात्रों को प्रवेश प्रदान कर दिया गया है? (ख) क्या तहसील मुख्यालय ढीमरखेड़ा में किन्हीं करोड़ों की चल-अचल सम्पत्ति और किन्हीं संख्या के कक्ष और छात्र संख्या का किन्हीं संकायों का महाविद्यालय किन्हीं वर्षों से संचालित है तथा जिसे बहुमंजिला बनाये जाने और विस्तारित करने हेतु कोई शासकीय भूमि उपलब्ध है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा 23 जनवरी, 2017 को मान. मुख्यमंत्री को प्रस्तुत पत्र में तहसील ढीमरखेड़ा की भौगोलिक एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य में नवघोषित एवं छात्रविहीन महाविद्यालय को प्रश्नांश (ख) महाविद्यालय में समाहित कर सक्षम बनाया जाकर करोड़ों रुपयों के अतिरिक्त व्यय को बचाये जाने हेतु आग्रह किया है? (घ) क्या विभाग द्वारा साधन विहीन शासकीय महाविद्यालय को पूर्व से संचालित सर्वप्रकारेण सक्षम महाविद्यालय में समाहित कर उद्देश्य की पूर्ति कर क्षेत्र को लाभान्वित करने का निर्णय लिया जायेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री ( श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। महाविद्यालय कला एवं विज्ञान संकाय के साथ प्रारंभ किया जा चुका है, इसमें वर्तमान में विद्यार्थियों ने प्रवेश नहीं लिया है। (ख) एक अशासकीय महाविद्यालय संचालित है, जिसे बहुमंजिला बनाये जाने एवं विस्तारित करने हेतु कोई शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है। (ग) अशासकीय महाविद्यालय को शासकीय महाविद्यालय में समाहित किये जाने का कोई नियम नहीं है। (घ) प्रश्नांश ‘ख’ के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग में प्राप्त आवंटन
[वन]
53. ( क्र. 953 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिलान्तर्गत वन विभाग में वर्ष 2012-13, 13-14, 14-15, 15-16 एवं 2016-17 में किस-किस कार्य हेतु राज्य अथवा केन्द्र शासन से कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा किस योजनान्तर्गत किस-किस प्रयोजन से कितनी-कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में हरदा जिले में प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजनान्तर्गत कितने हितग्राहियों/ समितियों को कितनी-कितनी राशि का अनुदान दिया गया विकास खंडवार एवं वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षों में हरदा जिले में वन विभाग द्वारा किस-किस कम्पनी से कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन सी सामग्री क्रय की गई तथा क्रय सामग्री का क्या उपयोग किया गया?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
तालाबों का गहरीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
54. ( क्र. 958 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत जिला छतरपुर के राजनगर विकासखंड में जनवरी, 2015 से दिसम्बर, 2016 तक कुल कितने तालाब के गहरीकरण के कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृत&