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मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2016 सत्र


मंगलवार, दिनांक 26 जुलाई, 2016


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर


 

 ( वर्ग 2 : सामान्य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, विमानन, संस्कृति, पर्यटन, प्रवासी भारतीय, नगरीय विकास एवं आवास, पर्यावरण, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम, जल संसाधन, वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, जनसंपर्क, खनिज साधन )

 

पुनासा डेम के अंतर्गत संचालित परियोजनाएं

1. ( *क्र. 2857 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना (पुनासा डेम) के अंतर्गत ऐसी कितनी परियोजनाएं हैं, जिनके माध्‍यम से कितने ग्रामों की कितनी-कितनी हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचित एवं अपरिष्‍कृत पेयजल सुविधा उपलब्‍ध कराई जा रही है? इनका विस्‍तार कर और कितने ग्रामों एवं क्षेत्र की कृषि भूमि को सिंचित किया जायेगा एवं कितनी-कितनी परियोजनाएं स्‍वीकृत एवं प्रस्‍तावित हैं, उन परियोजनाओं से कितने ग्रामों की कितनी हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचित एवं अपरिष्‍कृत पेयजल सुविधा उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य रखा गया है एवं उनके विस्‍तारीकरण की भी क्‍या आगामी कार्ययोजना है? (ख) क्‍या इंदिरा सागर परियोजना (पुनासा डेम) जलाशय की भंडारण क्षमता के मान से प्रश्‍नांश (क) में दर्शित परियोजनाएं बनाई गई हैं? हाँ तो उक्‍त परियोजनाओं की पूर्ति के उपरांत कितना पानी उक्‍त डेम में शेष रहेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिला खरगोन के कितने-कितने ग्रामों की कितनी-कितनी हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचित एवं अपरिष्‍कृत पेयजल सुविधा दी जा रही है एवं दी जायेगी तथा अस्‍वीकृत एवं प्रस्‍तावित आगामी परियोजनाओं से कितने हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचित एवं अपरिष्‍कृत पेयजल सुविधा दिये जाने का लक्ष्‍य रखा गया है? (घ) क्‍या उक्‍त परियोजनाओं के अंतर्गत क्षेत्रों में पड़ने वाले तालाबों, जलाशयों आदि को भी इन परियोजनाओं के माध्‍यम से पानी डाला जायेगा? हाँ तो बतायें? नहीं तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) इस संरचना के अंतर्गत दो परियोजनाएं आती हैं, जिसमें से एक इंदिरा सागर नहर परियोजना एवं दूसरी पुनासा उद्वहन सिंचाई परियोजना है। (1) इंदिरा सागर परियोजना के अंतर्गत खरगोन उद्वहन नहर का कार्य भी सम्मिलित है। वर्तमान में इंदिरा सागर परियोजना से लक्षित 596 ग्रामों की 123000 हेक्‍टेयर के विरूद्ध 358 ग्रामों की 105000 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जा रही है एवं खरगोन उद्वहन नहर से 152 ग्रामों में अपरिष्‍कृत पेयजल उपलब्‍ध कराया जाना प्रस्‍तावित है। (2) पुनासा उद्वहन सिंचाई परियोजना में इंदिरा सागर जलाशय से सीधे पानी उद्वहन कर खण्‍डवा जिले के 99 ग्रामों की 35000 हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचित एवं अपरिष्‍कृत पेयजल सुविधा उपलब्‍ध कराई जा रही है। (3) इंदिरा सागर की मुख्‍य नहर के विस्‍तारीकरण के अंतर्गत दो परियोजनाएं स्‍वीकृत हैं, जिनका विवरण निम्‍नानुसार है :- (i) छैगाँवमाखन उद्वहन योजना-सिंचाई क्षमता 35000 हेक्‍टेयर, लाभान्वित ग्रामों की संख्‍या 58, अपरिष्‍कृत जल उपलब्‍ध कराये गये ग्रामों की संख्‍या 0. (ii) बिस्‍टान उद्वहन योजना-सिंचाई क्षमता 22000 हेक्‍टेयर लाभान्वित ग्रामों की संख्‍या 92, अपरिष्‍कृत जल उपलब्‍ध कराये गये ग्रामों की संख्‍या 0. (4) पुनासा सिंचाई योजना के विस्‍तारीकरण के अंतर्गत सिंहाडा उद्वहन योजना स्‍वीकृत है, जिसकी सिंचाई क्षमता 5750 हेक्‍टेयर, लाभान्वित ग्रामों की संख्‍या 17 तथा अपरिष्‍कृत जल उपलब्‍ध कराये गये ग्रामों की संख्‍या 17 है। (5) इसके अतिरिक्‍त इंदिरा सागर परियोजना के जलाशय से हरसूद उद्वहन योजना प्रस्‍तावित है, जिससे खण्‍डवा जिले की हरसूद तहसील के 13 ग्रामों में 5648 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्‍तावित है। (ख) इंदिरा सागर परियोजना के जलाशय से सिंचाई हेतु 1730 मिलियन क्‍यू.मी. पानी सुरक्षित रखा गया है जो कि प्रश्‍नांश (क) में दर्शाई गई योजनाओं हेतु सुरक्षित है। उक्‍त योजनाओं में पानी की आपूर्ति के पश्‍चात (पुनासा डेम) में 8020 मिलियन क्‍यू.मी. पानी उपलब्‍ध रहता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिला खरगोन के 225 ग्रामों की 54000 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित हो चुकी है तथा योजना का शेष कार्य पूर्ण होने पर 62 ग्रामों की 12551 हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा एवं 152 ग्रामों के लिये अपरिष्‍कृत पेयजल उपलब्‍ध कराई जावेगी एवं स्‍वीकृत बिस्‍टान उद्वहन नहर सिंचाई योजना से 92 ग्रामों की 22000 हेक्‍टेयर क्षेत्र को सिंचित कराया जाना प्रस्‍तावित है।     (घ) जी नहीं। प्रस्‍तावित परियोजनाओं में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण

2. ( *क्र. 1481 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ 5-3/2006/1/3 भोपाल दिनांक 29 सितम्‍बर, 2014 के अनुसार म.प्र. शासन के विभिन्‍न विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 31 मार्च, 2016 तक नियमित किये जाने के आदेश दिये हैं? (ख) शासन के किन विभागों ने इस आदेश के तहत विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित नहीं किया है? सूची प्रदाय की जावे (ग) उक्‍त आदेश का पालन संबंधित विभागों द्वारा कब तक किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

भाण्‍डेर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत सांस्‍कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

3. ( *क्र. 2402 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संस्‍कृति विभाग द्वारा दतिया महोत्‍सव बड़ोनी, महोत्‍सव, बसई महोत्‍सव एवं सेवढ़ा महोत्‍सव मनाये जा चुके हैं? यदि हाँ, तो उन पर किस-किस कार्यक्रम पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? (ख) क्‍या भाण्‍डेर विधान सभा क्षेत्र के ऐतिहासिक एवं सांस्‍कृतिक विरासत के प्रतीक उनाव बालाजी, भाण्‍डेर एवं गिर्जुरा     (सम्राट अशोक के पाषाण शिलालेख) महोत्‍सव मनाने के लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार मांग की गई है? (ग) जनप्रतिनिधियों द्वारा बार-बार मांग करने के बावजूद भाण्‍डेर विधान सभा क्षेत्र में अभी तक संस्‍कृति विभाग द्वारा कोई आयोजन नहीं किया गया है? इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? (घ) क्‍या भाण्‍डेर विधान सभा क्षेत्र को संस्‍कृति विभाग द्वारा कोई भी कार्यक्रम/महोत्‍सव कराने के लिए प्रतिबंधित कर रखा है? यदि नहीं, तो कार्यक्रम क्‍यों नहीं कराये जा रहे हैं?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) विभाग द्वारा दतिया महोत्‍सव आयोजित किया गया. सिंहस्‍थ-2016 के दृष्टिगत अनुगूँज आयोजन बड़ोनी एवं बसई में किये गये. दतिया महोत्‍सव पर राशि रूपये 55,66,000/- बड़ोनी में राशि रूपये 29,67,085.00 एवं बसई में राशि रूपये 9,87,126.00 व्‍यय हुआ. (ख) जी हाँ. (ग) संस्‍कृति विभाग द्वारा प्रत्‍येक विधानसभा के क्षेत्रों में कार्यक्रमों का आयोजन संभव नहीं होता है. आयोजन प्राय: उन स्‍थानों पर किया जाता है, जहां व्‍यापक रूप से कई अंचल जुड़ जाते हैं. ऐसे स्‍थलों पर आयोजन करने से आस-पास बड़े क्षेत्र में सांस्‍कृतिक गतिविधि का लाभ आमजन और सांस्‍कृतिक अभिरूचि वाले लोगों तक पहुँचता है. अत: किसी के जिम्‍मेदार होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता. (घ) जी नहीं. कार्यक्रम के आयोजन के पीछे मूल विचार व्‍यापक आंचलिकता से जुड़ा है, यह प्रश्‍नांश () के उत्‍तर में भी उल्‍लेख किया गया है.

अवैध खनन के प्रकरण में वसूली

4. ( *क्र. 1136 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कमिश्‍नर उज्‍जैन के समक्ष दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड के विरूद्ध चल रहे प्रकरण की अद्यत‍न स्थिति बतावें (ख) विगत 3 माह में इसमें कितनी तारीखें लगीं? इसकी जानकारी देवें (ग) इस प्रकरण का कब तक निराकरण होगा और क्‍या इनसे राशि वसूल की जावेगी? समय-सीमा बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रकरण न्‍यायालय, अपर आयुक्‍त, उज्‍जैन संभाग, उज्‍जैन के समक्ष प्रकरण क्रमांक 395/15-16 दर्ज है। इसमें दिनांक 25.07.2016 को पेशी नियत है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रकरण में 5 तारीखें सुनवाई हेतु लगी हैं। (ग) प्रकरण अर्धन्‍यायिक प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है। अत: प्रश्‍नानुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

डायवर्सन शुल्‍क एवं सम्‍पत्तिकर का निराकरण

5. ( *क्र. 1812 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर परिषद जौरा क्षेत्रान्‍तर्गत डायवर्सन कर समाप्‍त करने बावत परिषद द्वारा सर्वस‍म्‍मति से प्रस्‍ताव पारित कर कलेक्‍टर मुरैना व राज्‍य शासन की ओर से पत्र क्रं. 108570/860 दिनांक 17-09-2004 को भेजा गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या अभी भी नगर के लगभग 3000 भवन स्‍वामी सम्‍पत्ति कर व डायवर्सन शुल्‍क दोनों भार वहन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो क्‍या दोनों शुल्‍क अदा करना न्‍याय संगत है? (ग) प्रश्‍नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या नगर के भवन स्‍वामियों को दोहरी शुल्‍क अदायगी से मुक्‍त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, नगर परिषद, जौरा द्वारा जौरा क्षेत्रांतर्गत डायवर्सन कर समाप्‍त करने हेतु प्रस्‍ताव अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्‍टर महोदय जिला-मुरैना की ओर भेजा गया है, सही है, किन्‍तु डायवर्सन शुल्‍क राज्‍य शासन के प्रावधानानुसार होने से कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ख) जी हाँ (1) जौरा नगर में नगर परिषद द्वारा म.प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 के अध्‍याय 7 भाग 1 की धारा 126 अनुसार दर निर्धारित कर संपत्ति कर एवं समेकित कर अधिरोपित किया जाता है, जो कि नियमानुसार है, (2) डायवर्सन शुल्‍क म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता, 1961 के अध्‍याय 11 की धारा 57, 58 एवं 137 से 140 तक में भू-राजस्‍व के अधिरोपण एवं वसूली के संबंध में प्रावधान है, धारा 57 के अनुसार समस्‍त भूमि राज्‍य सरकार की संपत्ति है, धारा 58 के अंतर्गत समस्‍त भूमि चाहे वह किसी भी प्रयोजन के लिये उपयोजित की जाती हो और चाहे वह कहीं भी स्थित हो राज्‍य सरकार को राजस्‍व के भुगतान के लिये दायित्‍वाधीन है, 57 एवं 58 से स्‍पष्‍ट है कि प्रत्‍येक भूमि पर भू-राजस्‍व देय होता है, जो कि सांकेतिक रूप से दर्शाता है कि सभी भूमि का अंतिम स्‍वामित्‍व सरकार में ही निहित है और भूमि स्‍वामी/भू-धारक/उपयोगकर्ता उक्‍त भूमि के उपयोग के एवज में राज्‍य शासन को भू-राजस्‍व अदा कर रहा है। इस प्रकार सम्‍पत्ति कर व डायवर्सन शुल्‍क अदा करना नियमानुसार है। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बादलडोह जलाशय की नहर की मरम्‍मत

6. ( *क्र. 1935 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बादलडोह जलाशय की नहर का निर्माण कब हुआ? (ख) क्‍या सिंचाई के समय नहर का पानी अत्‍याधिक मात्रा में सीवेज होता है? (ग) यदि नहीं, तो सिंचाई के समय नहर के नीचे खेतों में पानी का जमाव कैसे होता है? नहर को कब तक ठीक कर लिया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) ग्रीष्‍म काल 2016 में। (ख) एवं (ग) निर्माणाधीन नहर की लाईनिंग का कार्य पूर्ण कराए बगैर रबी सिंचाई में पानी देने से सीपेज हुआ जो स्‍वभाविक था। लाईनिंग का कार्य पूर्ण करा लिया गया है।

सीहोर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खराब/जले ट्रान्‍सफार्मर

7. ( *क्र. 111 ) श्री सुदेश राय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 159 सीहोर में ऐसे कितने ट्रान्‍सफार्मर हैं जो जल जाने एवं अन्‍य कारणों से खराब पड़े हैं, इनमें से कितने को बदला गया तथा कितने बदले जाने शेष हैं? यदि शेष हैं तो इनको बदलने में देरी का कारण बतावें तथा कब तक बदल दिये जायेंगे? (ख) खरीफ फसल की बुआई के पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रान्‍सफार्मरों के रख-रखाव के लिये विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है और यदि कृषकों को फसलों की बुआई के बाद तत्‍काल में ट्रान्‍सफार्मर की आवश्‍यकता होती है तो उसकी आपूर्ति किस प्रकार की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सीहोर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत वित्‍तीय वर्ष 2016-17 में प्रश्‍न दिनांक तक 68 ट्रांसफार्मर फेल हुए हैं, जिसमें से 67 ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं, 1 ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा रू. 10 लाख की बकाया राशि में से नियमानुसार राशि जमा नहीं करने के कारण बदला जाना शेष है। नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर उक्‍त ट्रांसफार्मर बदल दिया जावेगा। (ख) खरीफ फसल की बुआई के पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मरों का रख-रखाव कार्य वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्‍तर पर सुनिश्चित किया जाता है। साथ ही वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर एवं रेट कान्‍ट्रेक्‍ट के माध्‍यम से विभिन्‍न फर्मों से जले/खराब ट्रांसफार्मरों में आवश्‍यक सुधार कार्य करवाकर क्षेत्रीय भण्‍डारों में ट्रांसफार्मरों की उपलब्‍धता सुनिश्चित की जाती है। कृषि कार्यों हेतु ट्रांसफार्मरों की पर्याप्‍त उपलब्‍धता सुनिश्चित करने हेतु मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उक्‍तानुसार कार्यवाही की जा रही है।

नगरपालिका हटा/पटेरा द्वारा शौचालयों का निर्माण

8. ( *क्र. 1277 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद हटा एवं नगर पंचायत पटेरा द्वारा विगत वर्ष 2014-152015-16 में कितने शौचालय बनाये गये? नाम, पतावार सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) नगर परिषद पटेरा द्वारा गठन दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक नगर पंचायत अंतर्गत क्‍या-क्‍या खरीदी एवं कार्य किए गए? राशिवार कार्यों की जानकारी उपलब्‍ध करायें। साथ ही भ्रमण उपरांत प्राप्‍त शिकायतें व कार्यों की व खरीदी की जाँच हेतु दल गठित कर जाँच कराई जावेगी एवं दोषियों पर कार्यवाही के निर्देश कब तक प्रदाय किये जावेंगें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 2014-15 में नगरपालिका परिषद हटा एवं नगर परिषद पटेरा के द्वारा कोई शौचालय नहीं बनाये गये हैं। वर्ष 2015-16 में नगर पालिका परिषद हटा द्वारा 25 तथा नगर परिषद पटेरा द्वारा 60 शौचालयों का निर्माण कराया गया जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सड़क निर्माण हेतु मुरम खदानों के आवंटन में रियायत

9. ( *क्र. 1450 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार-गुजरी सीमेंटीकृत रोड के निर्माण हेतु संबंधित ठेकेदार को धार जिले में मुरम खदान आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ आवंटित की गई है? ग्राम का नाम, खसरा नम्‍बर व क्षेत्रफल सहित निर्मित किये जा रहे मार्ग से दूरी बताएं (ग) क्‍या सड़क निर्माण हेतु मुरम खदानों के आवंटन में ठेकेदारों को कुछ रियायत दी जाती है तथा इस प्रयोजन हेतु मुरम खदान कितने समयावधि के लिये आवंटित की जाती है? (घ) क्‍या मुरम का परिवहन अधिक क्षमता के भारी डम्‍पर के माध्‍यम से करने में ग्रामीण सड़कों को हो रहे नुकसान की भरपाई संबंधित ठेकेदार से करवाये जाने का प्रावधान है अथवा ठेकेदार से इन मार्गों की मरम्‍मत करवाये जाने का प्रावधान है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 68 के तहत सड़क निर्माण हेतु मुरम खनिज के उत्‍खनन अनुज्ञा दिये जाने का प्रावधान है। यह उत्‍खनन अनुज्ञा निर्माण की कालावधि हेतु दिये जाने का प्रावधान है। राज्‍य सरकार के सार्वजनिक उपक्रम, स्‍थानीय निकाय तथा सरकारी विभागों के अधीन किये जाने वाले समस्‍त निर्माण कार्यों के लिये मुरम पर रॉयल्‍टी देय नहीं है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नानुसार प्रावधान नियमों में नहीं है।

शास. कार्यों के भूमिपूजन/लोकार्पण में क्षेत्रीय विधायकों को आमंत्रित किया जाना

10. ( *क्र. 2820 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेशानुसार शासकीय कार्यों के भूमिपूजन/लोकार्पण में क्षेत्रीय विधायक को भी आंमत्रित करना तथा पट्टिका में भी क्षेत्रीय विधायक का नाम अंकित करने के निर्देश हैं?              (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नगर पालिका परिषद् डबरा, नगर पंचायत पिछोर एवं नगर परिषद् बिलौआ जिला ग्‍वालियर में वर्षवार उक्‍त अवधि में कितने कार्य स्‍वीकृत हुए तथा कितने पूर्ण/अपूर्ण हैं? उक्‍त अवधि में इनमें से कितने कार्यों के भूमिपूजन/लोकार्पण में क्षेत्रीय विधायक को आमंत्रित किया गया? यदि नहीं, तो क्‍या शासन के आदेश की अवहेलना की गई है? इसके लिये कौन दोषी है, उस पर क्‍या कार्यवाही की गई है? नहीं तो कब तक की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर पालिका परिषद, डबरा, नगर परिषद, पिछोर एवं बिलौआ द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कराए गए कार्यों का भूमिपूजन/लोकार्पण नहीं कराया गया है, जिससे शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''एक''

चंदला विधानसभा क्षेत्र में रेत/बालू माफियाओं द्वारा अवैध खनन

11. ( *क्र. 2051 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छतरपुर जिले की चंदला वि.स. क्षेत्र की केन नदी में म.प्र. एवं उत्‍तर प्रदेश के खनन माफिया दिन-रात केन नदी के पास की खदानों में आये दिन अवैध खनन करते हैं। क्‍या इन बालू माफिया से गरीब जनता व किसानों में भय व्‍याप्‍त है? (ख) क्‍या मवईघाट, परेई, वरूआ, त्‍तेपुर, रामपुर, हर्रई, कुरधना, बधारी आदि से अवैध रूप से किसी किसान के खेत से बालू उठाने के नाम पर पट्टा लेकर सीधे नदी से रेत/बालू निकाल रहे हैं एवं इसकी कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुयी हैं? सूची प्रदाय करें (ग) क्‍या प्रतिदिन लगभग 800 से 1000 ट्रक/ट्रालों से बालू निकाली जाती है? बालू उठाने की स्‍वीकृति कहीं की होती है, परन्‍तु उठाते सीधे नदी से पोपलेन एवं एल.एन.टी. आदि मशीनों से बालू उठाते हैं जिससे अवैध उत्‍खनन से सिर्फ पर्यावरण संतुलन ही नहीं बल्कि केन नदी के अस्तिव पर भी खतरा मंडरा रहा है, इससे प्रतिदिन कितने राजस्‍व की चोरी होती है? (घ) क्‍या खनिज माफिया आये दिन फायरिंग कर यहां के ग्रामीणों को धमकाते हैं, दिनांक 10.3.16 को फत्‍तेपुर में फायरिंग हुयी एवं मवईघाट में फायरिंग हुयी, जिसमें 02 लोग मारे गए एवं कई घायल हो गये हैं? यदि हाँ, तो इससे कितने किसानों ने पलायन किया है? सूचीवार जानकारी देवें

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नानुसार प्राप्‍त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नर्मदा विकास संभाग क्र. (4) सिहोरा में नियमित कार्यपालन यंत्री की नियुक्ति

12. ( *क्र. 1326 ) श्री तरूण भनोत : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न क्र. 1420 दिनांक 27/02/2015 के उत्‍तर में मान. मुख्‍यमंत्री महोदय जी द्वारा बताया गया था कि विभाग में स्‍वीकृत पदों के मान से कार्यपालन यंत्रियों की सेवायें प्राप्‍त होने पर नर्मदा विकास संभाग क्र. (4) सिहोरा जबलपुर में नियमित कार्यपालन यंत्री की नियुक्ति कर दी जावेगी? तो क्‍या अब विभाग को कार्यपालन यंत्रियों की सेवायें प्राप्‍त हो गयी हैं? (ख) यदि हाँ, तो नर्मदा विकास संभाग क्र. (4) सिहोरा जिला जबलपुर में इनकी नियुक्ति कर दी जावेगी?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। यह बताया गया था कि विभाग में स्‍वीकृत पदों के मान से कार्यपालन यंत्रियों की सेवायें जल संसाधन‍ विभाग से प्राप्‍त होने पर ही नियमित कार्यपालन यंत्री की पदस्‍थापना संभव है। जी नहीं, विभाग में कार्यपालन यंत्री के स्‍वीकृत 88 पदों के विरूद्ध वर्तमान में केवल 58 कार्यपालन यंत्री पदस्‍थ हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

फीडर विभक्तिकरण योजनांतर्गत विद्युतीकरण

13. ( *क्र. 3134 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना में कुल कितने ग्रामों में विद्युत लाईनों के खुले तारों को हटाकर उनके स्थान पर निम्‍न दाब केबल लाईन डाली गई है? डाली गई केबल लाईन की कुल लंबाई बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निकाले गये खुले तारों की कितनी मात्रा प्राप्त हुई तथा उनका क्या उपयोग किया गया? क्या निकाले गये तारों की चोरी हुई है? यदि हाँ, तो कितनी मात्रा की चोरी हुई? (ग) वर्ष 2015-16 में माह जून, 2016 तक उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में कितनी मात्रा में विद्युत लाईनों के तार चोरी हुये हैं? ग्रामवार बतायें। इन चोरी के प्रकरणों में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण योजना में कुल 140 ग्रामों में विद्युत लाईनों के खुले तारों को हटाकर उनके स्‍थान पर निम्‍नदाब केवल लाईन डाली गई है। उक्‍तानुसार डाली गई केबल लाईन की कुल लंबाई लगभग 86 कि.मी. है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित निकाले गये खुले तारों (स्‍क्रैप) की लगभग 7291 कि.ग्रा. मात्रा प्राप्‍त हुई है, जिसमें से 5875 कि.ग्रा. खुला तार (स्‍क्रैप) ठेकेदार एजेन्‍सी द्वारा मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय भण्‍डार में जमा करा दिया गया है तथा शेष 1416 कि.ग्रा. खुलातार (स्‍क्रैप) ठेकेदार एजेन्‍सी द्वारा क्षेत्रीय भण्‍डार भोपाल में जमा करने की कार्यवाही की जा रही है। उपरोक्‍त निकाले गए तारों की चोरी का कोई प्रकरण जानकारी में नहीं आया है।       (ग) वर्ष 2016-17 (वर्ष 2015-16 नहीं) में माह जून, 2016 तक उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में विद्युत लाईनों के तार चोरी होने की कोई घटना घटित नहीं हुई है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

नाले की नियमित साफ-सफाई

14. ( *क्र. 1046 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या भोपाल स्थित वार्ड 30 में कोलार में चिनार वुडलैंड सोसायटी एवं जानकी नगर चूनाभट्टी के बीच नाला स्थित है? यदि हाँ, तो यह कहाँ से शुरू होकर कहाँ निकल रहा है? (ख) क्‍या किसी रहवासी बहुमंजिला के सीवेज को नाले में सीधे निकाला जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम बताएं? यदि नहीं, तो ऐसा पाये जाने पर किस प्रकार की कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है? (ग) क्‍या इस नाले की वर्षों से साफ सफाई नहीं हुई है तथा यह गंदगी से भरा पड़ा है एवं क्‍या नाले के ऊपर से कोलार की पाईप लाईन जाती है एवं इसकी साफ-सफाई न होने से वहां की भूमि के जल स्‍तर में भी गंदगी मिल रही है? (घ) कब तक उक्‍त नाले की साफ-सफाई कर दी जायेगी, समय-सीमा बताएं एवं नियमित साफ सफाई नहीं किए जाने के लिए कौन दोषी है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। यह नाला एम.ए.सी.टी. की पहाड़ी से प्रारंभ होकर शाहपुरा झील में मिल रहा है। (ख) जी नहीं, मध्‍यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 216 अंतर्गत यह निषेध है। अधिनियम के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि प्रश्‍नाधीन नाले की सफाई वर्षों से नहीं हुई है। वर्षा ऋतु से पूर्व प्रतिवर्ष नाले की साफ-सफाई कराई जाती है। नाले के ऊपर से कोलार लाईन की पाईप लाईन जाती है। यह सही नहीं है कि नाले की सफाई नहीं होने से भूमि के जलस्‍तर में गंदगी मिल रही है। इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। (घ) उक्‍त नाले की साफ-सफाई दिनांक 15 से 20 जून 2016 को पूर्ण रूप से कराई गई है एवं समय-समय पर       साफ-सफाई की जाती है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

आरक्षित वर्ग के शासकीय सेवकों की पदोन्‍नति

15. ( *क्र. 2976 ) श्री मधु भगत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभागाध्‍यक्ष द्वारा म.प्र. लोक सेवा (अनु.जा., अनु.जन. जाति और पि. वर्ग के लिये आरक्षण) अधिनियम 1994 का पालन किया जा रहा है और उसके प्रावधानों का संज्ञान है? यदि हाँ, तो सा.प्र.वि. के परिपत्र दिनांक 19 मार्च, 1998 और 14.03.1995 में दिये गये निर्देशों का पालन किया गया? (ख) क्‍या जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-22-06/2013/पी-1/31 दिनांक 27 मई, 2013 के द्वारा स.प्रा.वि. को भेजे गये पत्र के साथ प्रमुख अभियंता (विभागाध्‍यक्ष) द्वारा हस्‍ता‍क्षरित प्रपत्र-ब में कुल 32 प्रकार के पद जो कि विभिन्‍न पदनाम से जाने जाते हैं, का विवरण भेजा गया है? (ग) यदि हाँ, तो बतायें कि जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-2-29/99/पी-31 दिनांक 6 मार्च, 2003 के साथ संलग्‍न परिशिष्‍ट '' के कालम एक-दो में 133 प्रकार के पदनाम विभाग में होना स्‍वीकार किया गया है? तो मात्र 32 पदों की जानकारी पत्र दिनांक 27 मई, 2013 द्वारा क्‍यों भेजी गई? शेष पदों की जानकारी न भेजा जाना क्‍या इस तथ्‍य का प्रमाण नहीं है कि शेष पदों पर कार्यरत आरक्षित वर्ग के शासकीय सेवकों को पदोन्‍नति से वंचित किया जाकर उन्‍हें हानि पहुंचाई? (घ) यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? क्‍या उसके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही की जायेगी

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित दिनांक 6 मार्च, 2003 की जानकारी में 133 प्रकार के वह पद हैं, जो विभाग में स्‍वीकृत हैं, जबकि दिनांक 27 मई, 2013 के पत्र में 32 प्रकार के वह पद हैं, जिन पर पदोन्‍नति से ही पद पूर्ति की जाती है। (घ) प्रश्‍नांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अध्‍यक्ष वक्‍फ बोर्ड को प्रदत्‍त मानदेय/भत्‍ते

16. ( *क्र. 1234 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्तमान अध्‍यक्ष म.प्र. वक्‍फ बोर्ड को राज्‍य सरकार ने केबिनेट मंत्री का दर्जा देने संबंधी आदेश जारी किया है? यदि हाँ, तो कब और क्‍या? सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा विधि विभाग से इस संबंध में सहमति प्राप्‍त की गई थी तथा केबिनेट का अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें तथा क्‍या पिछड़ा वर्ग तथा अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण विभाग से कोई प्रस्‍ताव प्राप्‍त किया गया? यदि नहीं, तो विभाग से मानदेय, भत्‍ते सुविधाएं स्‍टॉफ वाहन आदि की सुविधा किस प्रावधान आदि के तहत प्रदान की जा रही है? (ख) मध्‍यप्रदेश में वक्‍फ बोर्ड गठित होने कि दिनांक से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन अध्‍यक्ष रहे हैं और किन-किन अध्‍यक्षों को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया और यदि नहीं, दिया गया तो क्‍यों नहीं दिया गया? (ग) क्‍या अध्‍यक्ष वक्‍फ बोर्ड का पद केबिनेट मंत्री स्‍तर का चिन्हित है? इस संबंध में क्‍या दिशा निर्देश हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ ए 3-07/2015/एक (1) दिनांक 27.03.2015 द्वारा केबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है। जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। मानदेय, भत्‍ते, वाहन आदि की सुविधा मध्‍यप्रदेश वक्‍फ बोर्ड द्वारा वित्‍त विभाग के ज्ञाप क्रमांक         एफ 11-36/2003/नियम/चार दिनांक 04 फरवरी 2006 एवं संशोधित ज्ञाप क्रमांक एफ 11-15/2010/नियम/चार दिनांक 10 अगस्‍त 2011 एवं ज्ञाप क्रमांक एफ              11-15/2010/नियम/चार दिनांक 29 फरवरी 2012 के अंतर्गत प्रदान की गई है। इनके द्वारा स्‍टाफ की सुविधा नहीं ली गई है। (ख) मध्‍यप्रदेश में वक्‍फ बोर्ड गठित होने के दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक मध्‍यप्रदेश वक्‍फ बोर्ड में क्रमश: सर्व श्री ईसा भाई,                       श्री मुल्‍ला फख्‍रूद्दीन, श्री खान शाकिर अली खान, श्री ए.जी. कुरैशी, श्री मुजफ्फर अली, श्री अब्‍दुल शकूर खान, श्री डॉ निजामउद्दीन, श्री मोहम्‍मद सईद मुजद्ददी, श्री आलमगीर गौरी, श्री गुफरान आजम वक्‍फ बोर्ड के अध्‍यक्ष रहे तथा वर्तमान में श्री शौकत मोहम्‍मद खान वक्‍फ बोर्ड के अध्‍यक्ष हैं। इनमें से श्री ए.जी. कुरैशी, श्री गुफरान आजम एवं        श्री शौकत मोहम्‍मद खान को केबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है। मंत्री स्‍तर का दर्जा दिया जाना राज्‍य शासन के विवेकाधीन है। (ग) जी नहीं। इस संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं हैं।

अवैध कॉलोनी निर्माण पर कार्यवाही

17. ( *क्र. 3257 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगरपालिक निगम, कटनी में वर्ष 2002 से 2005 तक 44 अवैध कॉलोनियों का नियमितीकरण किया गया था और वर्तमान में 90 कॉलोनियां अवैध हैं? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 292 (ग) के तहत कॉलोनी निर्माताओं पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?     (ग) म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 292 (घ) एवं 292 (छ) के तहत आयुक्‍त द्वारा जिम्‍मेदार अधिकारियों, उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री, उपायुक्‍त तथा पुलिस सहायता उपलब्‍ध कराने के दायित्‍वाधीन कोई पुलिस अधिकारी के विरूद्ध अवैध कॉलोनी विकसित होने पर, क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍या यह माना जावेगा कि आयुक्‍त द्वारा अवैध व्‍यपवर्तन की रिपोर्ट पर कार्यवाही करने का जानबूझकर लोप किया है? (घ) क्‍या निगमायुक्‍त अवैध कॉलोनी निर्माण की भूमि का प्रबंध ग्रहण न करने के लिये उत्‍तरदायी हैं, जिनके द्वारा जानबूझकर म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 (क्रमांक-20) एवं म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 292 (च) तथा धारा 292 (ड.) के तहत कार्यवाही नहीं की गयी है? (ड.) प्रश्‍नांश (ख) से (घ) तक अधिनियम के तहत कार्यवाही न करने का कौन जिम्‍मेदार है, जिम्‍मेदार शासकीय सेवकों पर क्‍या कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ।         (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अवैध निर्माताओं के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांकित अधिकारियों द्वारा विधि सम्‍मत कार्यवाही उत्‍तरांश (ख) अनुसार किये जाने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्राधिकृत अधिकारी द्वारा म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बंधन एवं शर्तें) नियम 1998 में वर्णित प्रक्रिया, प्रावधानों एवं राज्‍य शासन के निर्देशानुसार, अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण की कार्यवाही की जा रही है। (ड.) म.प्र. नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 292 (ग) एवं म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बंधन एवं शर्तें) नियम 1998 में वर्णित प्रक्रिया व प्रावधानों के अनुसार प्राधिकृत अधिकारी द्वारा अवैध कॉलोनी निर्माताओं के विरूद्ध कार्यवाही की गई है, जिसमें शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

श्‍योपुर जिले में मूंझरी बांध का निर्माण

18. ( *क्र. 610 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर जिले में ग्राम गोरस में माननीय श्री नरेन्‍द्र सिंह जी तोमर केन्‍द्रीय मंत्री द्वारा ग्रामवासियों को संबोधित करने के उपरांत माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने मोबाईल पर उपस्थित जनता को संबोधित करते हुए मूंझरी बांध का निर्माण कराये जाने की घोषणा की थी? (ख) दिनांक 28.04.2016 को सम्‍पन्‍न जिला योजना समिति की बैठक में जल संसाधन विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत मूंझरी बांध निर्माण हेतु राशि 251.57 करोड़ का प्रस्‍ताव अनुमोदन उपरांत शासन/केन्‍द्र सरकार को स्‍वीकृति हेतु भेजा है? यदि हाँ, तो प्रस्‍ताव वर्तमान में किस स्‍तर पर परीक्षणाधीन है, परीक्षण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? (ग) क्‍या उक्‍त बांध के निर्माण उपरांत जिले की 5600 हेक्‍टेयर असिंचित भूमि में सिंचाई होने लगेगी, इसी कारण जिलेवासी उक्‍त बांध निर्माण की मांग कई दशकों से करते चले आ रहे हैं?       (घ) यदि हाँ, तो क्‍या शासन उक्‍त बांध निर्माण हेतु समस्‍त विधिमान्‍य प्रक्रियाओं को शीघ्र पूर्ण कराकर उक्‍त घोषणा के पालन में जल संसाधन विभाग द्वारा प्रेषित उक्‍त प्रस्‍ताव को स्‍वीकृत करके केन्‍द्र सरकार से भी इसकी स्‍वीकृति अविलंब करवाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं, अभिलेखों के मुताबिक मूंझरी बांध की घोषणा किये जाने का लेख नहीं है। (ख) से (घ) कृषि विभाग के अधीन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत श्‍योपुर जिले की आयोजना में मूंझरी परियोजना शामिल की जाना प्रतिवेदित है। मूंझरी परियोजना जल संसाधन विभाग के तकनीकी वित्‍तीय मापदण्‍डों पर साध्‍य नहीं पाई गई है। अत: परियोजना की स्‍वीकृति दी जाना अथवा निर्माण कराया जाना संभव नहीं है।

निविदाओं में अनावश्‍यक पी.क्‍यू.आर. लागू किया जाना

19. ( *क्र. 1744 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.पा.ज.कं.लि. में निविदाओं की पी.क्‍यू.आर. तय करने हेतु किस स्‍तर के अधिकारी सक्षम हैं और किस स्‍तर के अधिकारी की अनुमति जरूरी है? क्‍या म.प्र.पा.ज.कं.लि. में पिछले दो वित्‍तीय वर्षों में विभिन्‍न छोटी-छोटी निविदाओं में लागू की गई पी.क्‍यू.आर. हेतु सक्षम अधिकारी की स्‍वीकृति ली गई है? क्‍या इस मामले में जाँच करवाई जाएगी? (ख) म.प्र.पा.ज.कं.लि. की निविदाओं में क्‍या साफ-सफाई के कार्य और वाहन किराए पर लेने सहित सभी छोटे-मोटे कार्यों में भी पी.क्‍यू.आर. की शर्तें लगायी जाती है? यदि हाँ, तो क्‍या यह उचित है? इससे संबंधित नियमों की प्रति उपलब्‍ध करवायें (ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि नहीं, तो सारनी पावर हाउस के पी.एण्‍ड.डब्‍लू. विभाग द्वारा ऐसे सभी कार्यों पर पी.क्‍यू.आर. क्‍यों लागू किया जा रहा है? इस मामले में दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (म.प्र.पा.ज.कं.लि.) में निविदाओं की पी.क्‍यू.आर. तय करने हेतु निविदाकर्ता अधिकारी, जो कि कार्यालय प्रमुख या विद्युत गृह प्रमुख होते हैं, ही सक्षम अधिकारी हैं, इन्‍हीं की स्‍वीकृति/अनुमोदन उपरांत निविदाएँ जारी की जाती हैं। विगत दो वित्‍तीय वर्षों में जारी विभिन्‍न निविदाओं में लागू की गई पी.क्‍यू.आर. की सक्षम अधिकारी से अनुमोदन/स्‍वीकृति ली गई है। अत: जाँच की आवश्‍यकता नहीं है। (ख) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के प्रोक्‍यूरमेन्‍ट मेन्‍युअल में निहित निर्देशों के अनुसार निविदा में निविदाकर्ता की पात्रता एवं योग्‍यता इंगित करना आवश्‍यक है। अत: उपरोक्‍त नियमों का पालन करते हुए ही निविदाएं जारी की जाती हैं। जी हाँ, कार्य के सुचारू संपादन एवं गुणवत्‍ता हेतु यह आवश्‍यक है। प्रोक्‍यूरमेन्‍ट मेन्‍युअल में निहित निर्देशों एवं वाहन किराए पर लगाने संबंधी परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है।     (ग) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में अपेक्षित नहीं।

नगरपालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा संचालित सामुदायिक भवन

20. ( *क्र. 945 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले की नगरपालिका वारासिवनी द्वारा संचालित कुल कितने सामुदायिक भवन कहाँ-कहाँ, किस-किस स्‍थान पर संचालित हैं? वार्डवार जानकारी देवें (ख) इन सामुदायिक भवनों को सामाजिक कार्यों में उपयोग किया जा रहा है या किसी व्‍यक्ति विशेष द्वारा अपने व्‍यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें (ग) वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक नगरपालिका वारासिवनी को इन सामुदायिक भवनों से कितनी आय प्राप्‍त हुई? भवनवार जानकारी देवें (घ) सामुदायिक भवनों के रख-रखाव व मरम्‍मत हेतु 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना व्‍यय किया गया है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका वारासिवनी, जिला बालाघाट द्वारा 4 सामुदायिक भवन संचालित हैं, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। (ग) वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक सामुदायिक भवनों से कुल रू. 4,27,460/- की आय हुई जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक चारों सामुदायिक भवनों के रख रखाव पर व्‍यय राशि रू. 38,940/- है।

परिशिष्ट - ''दो''

माननीय न्‍यायालयों में गौण खनिज खनन के चल रहे प्रकरण

21. ( क्र. 1552 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय माननीय, उच्‍चतम न्‍यायालय एवं माननीय ग्रीन ट्रिब्‍यूनल म.प्र. में खनिज विभाग से संबंधित गौण खनिज के खनन के चल रहे प्रकरणों के संबंध में जानकारी संधारित किये जाने, प्रकरणों में विभाग की ओर से उपस्थित होने बाबत् वर्तमान में क्‍या व्‍यवस्‍था है? संचालनालय खनिकर्म एवं भौमिकी कार्यालय में क्‍या व्‍यवस्‍था है? (ख) गत तीन वर्षों में किन न्‍यायालयों या ग्रीन ट्रिब्‍यूनल के द्वारा किस-किस गौण खनिज के खनन पर रोक लगाए जाने या स्‍थगन दिए जाने के आदेश किस प्रकरण क्रमांक दिनांक में दिए, उसके अनुसार संचालनालय भोपाल ने किस दिनांक को किस-किस को पत्र जारी किए? (ग) उपरोक्‍त अवधि में न्‍यायालयीन आदेश के अनुसार किस-किस अवधि में किस जिले में रेत के खनन पर रोक लगाई गई एवं इस रोक को किस दिनांक के आदेश से हटाया गया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) न्‍यायालयीन प्रकरणों में शासन पक्ष प्रतिरक्षण हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्‍त किये जाते हैं। प्रभारी अधिकारी द्वारा यथास्थिति, शासकीय अधिवक्‍ता अथवा स्‍थायी अधिवक्‍ता के माध्‍यम से जबाव दावा तैयार कर माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया जाता है। संचालनालय, भौमिकी तथा खनिकर्म में प्रकरणों के संबंध में पंजी संधारित है। (ख) प्रश्‍नांश से संबंधित जानकारी पृथक से संधारित नहीं की जाती है। प्रकरण विशेष में न्‍यायालयीन आदेश के अनुरूप निर्देश जारी किये जाते हैं। प्रश्‍नांश में किसी प्रकरण विशेष की जानकारी नहीं चाही गई है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश में चाही गई जानकारी किसी प्रकरण विशेष से न होने के कारण प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत स्‍टेडियम का निर्माण

22. ( *क्र. 2141 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत निवाड़ी नगर में एक स्‍टेडियम निर्माण की घोषणा प्रदेश के माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2012 में की गई थी। यदि हाँ, तो क्‍या इसका प्राक्‍कलन नगर परिषद निवाड़ी के द्वारा सक्षम अधिकारी तक स्‍वीकृति हेतु भेजा गया है। यदि हाँ, तो स्‍वीकृति किस स्‍तर पर लंबित है। कारण सहित बताया जावे। (ख) उक्‍त स्‍टेडियम की स्‍वीकृति प्राप्‍त होकर कब तक कार्य प्रारंभ हो सकेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा योजना को तकनीकी स्‍वीकृति दी जा चुकी है। (ख) नगर परिषद द्वारा निविदा आदि की औपचारिकतायें पूर्ण करने के उपरांत कार्य प्रारंभ हो सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

पथरिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्रामों का विद्युतीकरण

23. ( *क्र. 3124 ) श्री लखन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पथरिया में ऐसे कितने ग्राम हैं जो विद्युतीकरण से वंचित हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) इन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य कब तक किया जावेगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र पथरिया में ऐसे कितने ग्राम हैं, जो विद्युतीकरण से छूटे हैं? सूची उपलब्‍ध करावें (घ) क्‍या इन ग्रामों को दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में विद्युतीकरण हेतु शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो इनका विद्युतीकरण कार्य कब तक हो जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) दमोह जिले के पथरिया विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत 2 वनबाधित ग्राम यथा-सेमर कछार एवं चूना सगोनी (डी-इलेक्ट्रिफाईड ग्राम) विद्युतीकरण से वंचित हैं। (ख) ग्राम सेमर कछार के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है तथा ग्राम का ऊर्जीकरण यथाशीघ्र कर दिया जायेगा। डी-इलेक्ट्रिफाईड ग्राम चूना सगोनी के सघन विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सम्मिलित है, वन विभाग से अनुमति प्राप्‍त करने तथा टर्न-की ठेकेदार के कार्य कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत उक्‍त ग्राम के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित दो वनबाधित ग्रामों में वर्तमान में विद्युत सुविधा उपलब्‍ध नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार पथरिया विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्तमान में 2 ग्राम यथा-सेमर कछार तथा चूना सगोनी विद्युत सुविधा विहीन हैं। दोनों ग्राम दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में शामिल हैं। ग्राम सेमर कछार वनबाधित अविद्युतीकृत ग्राम है, जिसके विद्युतीकरण हेतु वन विभाग से अनुमति प्राप्‍त हो चुकी है तथा वर्तमान में विद्युतीकरण का कार्य वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्‍तर पर पूर्ण कर लिया गया है, किन्‍तु ऊर्जीकरण का कार्य वर्तमान में प्रगति पर है, जिसे यथाशीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा। ग्राम चूना सगोनी वनबाधित             डी-इलेक्ट्रिफाईड ग्राम है, जो दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सघन विद्युतीकरण हेतु प्रस्‍तावित है। वन विभाग से अनुमति प्राप्‍त किये जाने हेतु प्रस्‍ताव योजना के अंतर्गत दिये गये प्रावधानों के अनुसार बनाया जा रहा है। उक्‍त ग्राम सहित दमोह जिले हेतु दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर ठेके से कराये जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में ग्राम चूना सगोनी के सघन विद्युतीकरण के कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा वर्तमान में बता पाना संभव नहीं है।

कलेक्‍टरों के खिलाफ दर्ज प्रकरण

24. ( *क्र. 2364 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश के सभी जिलों में पदस्‍थ कलेक्‍टरों में से कितने जिलों के कलेक्‍टरों के विरूद्ध राज्‍य आर्थिक अपराध अन्‍वेषण ब्‍यूरो द्वारा प्रकरण पंजीकृत किये गये हैं? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) क्‍या सतना कलेक्‍टर नरेशपाल कुमार जो नरसिंहपुर कलेक्‍टर रहते अवैध रेत खनन में पकड़े गये, 150 वाहनों को 50 हजार के मान से करीब 37 लाख रूपये बतौर रिश्‍वत लेकर छोड़ने के मामले में उनके खिलाफ राज्‍य आर्थिक अपराध अन्‍वेषण ब्‍यूरो द्वारा प्रकरण क्र. आर-950/2016 पंजीकृत किया गया है? क्‍या उक्‍त प्रकरण के अलावा भी भ्रष्‍टाचार के मामले लंबित हैं? यदि है, तो विवरण सहित बताएं। (ग) क्‍या कटनी कलेक्‍टर प्रकाश जांगरे व जिला आबकारी अधिकारी आर.सी. त्रिवेदी द्वारा वर्ष 2016-17 में फर्जी डिमान्‍ड ड्राफ्ट से 62 शराब दुकानों को आवंटन मामले में लोकायुक्‍त पुलिस ने एफ.आई.आर. दर्ज कर धारा 7,13 बी की भ्रष्‍टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है? क्‍या राज्‍य सरकार द्वारा कार्यवाही करते हुए कटनी कलेक्‍टर को मंत्रालय अटैच कर लिया गया व जिला आबकारी अधिकारी कटनी को हटाते हुए ग्‍वालियर पदस्‍थ किया गया है? (घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) हाँ तो सतना कलेक्‍टर नरेश पाल कुमार के विरूद्ध राज्‍य आर्थिक अपराध अन्‍वेषण ब्‍यूरो द्वारा प्रकरण पंजीकृत करने के बाद भी इन्‍हें क्‍यों नहीं हटाया गया, कारण बताएं? कब तक राज्‍य सरकार द्वारा इन्‍हें भी कलेक्‍टर पद से हटाकर मंत्रालय में अटैच किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी निरंक। (ख) जी नहीं। बल्कि सतना कलेक्‍टर श्री नरेश कुमार पाल के विरूद्ध आर्थिक अपराध प्रकोष्‍ठ में शिकायत आर क्रमांक 950/2016 आवक हुई है, जो जांचाधीन है। श्री पाल के विरूद्ध भ्रष्‍टाचार के कोई मामले लंबित नहीं हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। श्री प्रकाश जांगरे, कलेक्‍टर कटनी एवं श्री आर.सी. त्रिवेदी, जिला आबकारी अधिकारी कटनी को प्रशासकीय आधार पर क्रमश: उप सचिव, म.प्र. मंत्रालय एवं उपायुक्‍त आबकारी संभागीय उड़नदस्‍ता संभाग ग्‍वालियर में पदस्‍थ किया गया है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विकास खण्‍ड चन्‍देरी व ईसागढ़ में इमारतों का संरक्षण

25. ( *क्र. 1996 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोक नगर के विकासखण्‍ड चन्‍देरी एवं ईसागढ़ के पुरातत्‍व विभाग द्वारा कितनी इमारतों का संरक्षण घोषित किया गया है? (ख) संरक्षित इमारतों के जीर्णोद्धार एवं रख-रखाव में कितनी राशि खर्च की गई है?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जिला अशोक नगर के विकासखण्‍ड चंदेरी में पुरातत्‍व विभाग द्वारा 53 स्‍मारकों को संरक्षित घोषित किया गया है एवं ईसागढ़ में विभाग का कोई स्‍मारक संरक्षित नहीं है. (ख) 13वें वित्‍त आयोग के अंतर्गत चंदेरी, जिला अशोक नगर स्थित राज्‍य संरक्षित 13 स्‍मारकों पर कुल राशि रूपये 63,47,333/- व्‍यय की गई एवं विभागीय बजट से वित्‍तीय वर्ष 2005-06 में एक स्‍मारक पर कुल राशि रूपये 1,96,930/- व्‍यय की गई.

 


 


 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में                   परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


ठेकेदार द्वारा अवैध वसूली

1. ( क्र. 26 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्‍थ महापर्व पर महाकालेश्‍वर मंदिर पर कल्‍याणी किसान उत्‍थान समिति को जूते चप्‍पल के संबंध में दिये गये ठेके की विज्ञप्ति, टेण्‍डर, अनुबंध आदि की प्रमाणित प्रति उपलब्‍ध करावें? उक्‍त ठेका कितने रूपये प्रति नग की दर पर स्‍वीकृत किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) की जानकारी अनुसार यह बतायें कि वर्तमान में 10 पैसे चलन में है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो 10 पैसे प्रति नग की दर पर ठेका स्‍वीकृत करने के क्‍या आधार रहे? उक्‍त ठेके को किस अधिकारी के द्वारा स्‍वीकृत किया गया? चलन से बाहर राशि का ठेका स्‍वीकृत करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? उक्‍त ठेकेदार द्वारा अवैध राशि वसूली के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? शिकायतों पर की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) की जानकारी अनुसार क्‍या संबंधित सक्षम अधिकारी द्वारा अवैध राशि वसूल किये जाने की शिकायत प्राप्‍त होने के पश्‍चात् भी ठेकेदार के विरूद्ध वसूली से संबंधित कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या भविष्‍य में वसूली से संबंधित कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बतावें? यदि नहीं, तो कारण बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, उक्‍त ठेका 10 पैसे प्रति जोड़ न्‍यूनतम दर पर स्‍वीकृत किया गया था। (ख) जी नहीं। दिनांक 17.04.2016 को जिला-कलेक्‍टर, उज्‍जैन की अध्‍यक्षता में हुई बैठक में लिये गये निर्णयानुसार संक्षिप्‍त विज्ञप्ति जारी कर निविदा बुलाई गई जिस पर दिनांक 20.04.2016 तक प्राप्‍त 02 निविदाओं में से कल्‍याणी किसान उत्‍थान समिति को स्‍वीकृत किया गया था, प्रशासक एवं अपर कलेक्‍टर, श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति, उज्‍जैन द्वारा स्‍वीकृत किया गया। न्‍यूनतम दर की निविदा स्‍वीकृत की जाने से कोई अधिकारी दोषी नहीं है। मौखिक रूप से प्राप्‍त शिकायतें तथा दैनिक भास्‍कर समाचार पत्र में दिनांक 01.05.2016 को ठेकेदार द्वारा अवैध राशि वसूली के संबंध में समाचार प्रकाशित हुआ था जिस पर ठेकेदार को निर्धारित दर पर राशि वसूली करने के लिये सचेत किया गया तथा लिखित रूप से चेतावनी दी गई। (ग) लिखित शिकायत तथा अवैध वसूली की निश्चित राशि ज्ञात न होने से ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई, किंतु निविदा शर्तों का उल्‍लंघन होने से कलेक्‍टर, जिला-उज्‍जैन के आदेश दिनांक 13.05.2016 से उक्‍त जूता स्‍टैण्‍ड का ठेका तत्‍काल प्रभाव से निरस्‍त किया गया एवं निविदाकार द्वारा जमा की गई धरोहर राशि रूपये 25,000/- राजसात कर ली गई।

विभागीय पदोन्‍नति

2. ( क्र. 30 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि.अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 89 (क्रमांक 7492) दिनांक 01.04.2016 के प्रश्‍नांश (ग) की जानकारी में सिर्फ नगर परिषद् माकडोन के संबंध में संचालनालय के पत्र का ही उल्‍लेख किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यालय संभागीय उपसंचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्‍जैन संभाग उज्‍जैन के पत्र क्रमांक स्‍था/न.पा./2013/2069, दिनांक 03/08/016 द्वारा आयुक्‍त नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग म.प्र. शासन भोपाल से नगर पालिका परिषद् खाचरौद राजस्‍व उपनिरीक्षक के पद पर पदोन्‍नति हेतु मार्गदर्शन मांगा है तथा वरिष्‍ठता सूची में निचले क्रम में होने के पश्‍चात् भी इसी तरह के अन्‍य प्रकरण में विभागीय पदोन्‍नति कर दी गई है?               (ख) प्रश्‍नांश (क) का जवाब हाँ है तो सदन में उक्‍त जानकारी को छुपाने एवं गलत जानकारी देने के लिये कौन अधिकारी दोषी हैं। दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। वस्‍तुत: संभागीय उप संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, उज्‍जैन संभाग द्वारा प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र क्रमांक- स्‍था/न-पा/2013/2069, दिनांक 03.08.2016 तो नहीं वरन् पत्र क्रमांक-स्‍था/न-पा/13/2069, दिनांक 03.08.2013 द्वारा सहायक राजस्‍व निरीक्षक की वरिष्‍ठता सूची के छठवें क्रम में अंकित कर्मचारी की वरिष्‍ठता सूची क्रमांक-1 से 5 तक के कर्मचारी द्वारा दिए गए शपथ पत्र के आधार पर पदोन्‍नति दी जा सकती है अथवा नहीं के संबंध में मार्गदर्शन चाहा गया, परन्‍तु इस बीच माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ, इन्‍दौर में           श्री शंकर लाल गोसर, सहायक राजस्‍व निरीक्षक, खाचरौद जो वरिष्‍ठता सूची में दूसरे नंबर पर थे, द्वारा दायर याचिका क्रमांक– 7886/2014 में माननीय के आदेश दिनांक 11.11.2014 के परिपालन में उक्‍त प्रकरण में दिनांक 02.05.2015 को संभागीय संयुक्‍त संचालक द्वारा जिला चयन समिति की कार्यवाही पूर्ण करते हुए वरिष्‍ठ सहायक राजस्‍व निरीक्षक, श्री रामेश्‍वर रायकवार की पदोन्‍नति राजस्‍व उप निरीक्षक के पद पर किये जाने की अनुशंसा की गई। (ख) माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के परिपालन में जिला चयन समिति की कार्यवाही संभागीय संयुक्‍त संचालक, उज्‍जैन संभाग द्वारा पूर्ण किये जाने के कारण प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित पत्र का उल्‍लेख उत्‍तर में नहीं किया गया था। माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश के परिपालन में की गयी कार्यवाही किये जाने के कारण शेषांश उपस्थित नहीं होता।

उद्योग विभाग की भूमि पर अवैध खनन

3. ( क्र. 66 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 09 जून 2016 अशोकनगर शहर से 2 किलोमीटर दूर पलकटोरी गांव में उद्योग विभाग की भूमि पर अवैध उत्‍खनन के कारण जब अवैध जेसीबी डम्‍पर पोर्सलेन ट्रैक्‍टर आदि जब जप्‍त कर तहसीलदार, पुलिस पटवारी आदि ले जा रहे थे तब विवेकानंद स्‍कूल के पास अजयपाल, यादवेन्‍द्र व बीस शस्‍त्रों से लैस लोगों ने हमला व दुर्व्‍यवहार कर वाहन छुड़ा लिया? उन पर किस-किस धारा में प्रकरण दर्ज हुआ व 20 लोगों में कितने गिरफ्तार हुए व बाकि कब तक हो जायेंगे? (ख) पलकटोरी उद्योग विभाग की खदान में पिछले 3 वर्षों में सैकड़ों टन अवैध खनन का आंकलन कर कब तक जुर्माना करेंगे? (ग) उक्‍त वाहन जिस भोंसले के बाड़े में से जप्‍त किये उस पर अतिक्रमण कर किस व्‍यक्ति का कब्‍जा है तथा क्‍या इस अतिक्रमण को हटाने के लिए माननीय उद्योग मंत्री ने पत्र क्रमांक 2261/min/C&I/2014 दिनांक 16.09.2014 व माननीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री का पृ.क्रमांक/417 भोपाल दिनांक 20.10.14 को जिलाधीश अशोकनगर को लिखा था तथा पूर्व में इन भूमि पर तत्‍कालीन जिलाधीश गुना श्रीमती नीलम राव ने कब्‍जा पुलिस की मदद से हटाया था तथा इस परिसर का उपयोग अवैध उत्‍खनन के वाहन व सामग्री रखने को किया जा रहा है तो अवैध गतिविधियों के केन्‍द्र इस शासकीय भूमि पर पुन: जिला प्रशासन अपने कब्‍जें में कब तक लेगा ताकि वहां अवैध खनन की साम्रगी व अवैध खनन करने वाले वाहन नहीं रखे जा सके?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। उन पर अपराध क्रमांक 266/16 में धारा 353, 341, 186, 379, 147, 148 एवं 149 का प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया है। आरोपी घटना दिनांक से फरार है। प्रकरण विवेचना में है। आरोपीगणों की गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास जारी हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित व्‍यक्तियों के विरूद्ध उद्योग विभाग की ग्राम पलकटोरी की भूमि पर 1,02,640 घन मीटर मुरम के अवैध उत्‍खनन का प्रकरण कलेक्‍टर, न्‍यायालय में दर्ज किया गया है। जिसमें राशि रूपये 10,26,40,000/- का अर्थदण्‍ड आरोपियों के विरूद्ध आरोपित किया गया है। प्रकरण न्‍यायालय कलेक्‍टर, अशोकनगर के समक्ष विचाराधीन है। प्रकरण न्‍यायालयीन प्रक्रिया के तहत विचाराधीन है, अत: वसूली किये जाने की समयावधि बताया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। (ग) कस्‍बा अशोकनगर की भूमि सर्वे नम्‍बर 555/2 रकबा 1.0456 हेक्‍टेयर के अंश भाग 100X100 वर्ग फूट पर गजराम सिंह पुत्र अलोल सिंह यादव निवासी खानपुर, तहसील चंदेरी द्वारा बाउण्‍ड्रीवॉल बनाकर अतिक्रमण किया गया है। न्‍यायालय तहसीलदार अशोकनगर द्वारा प्रकरण क्रमांक 0868/13-14 में आदेश दिनांक 10.02.2014 से अतिक्रामक को बेदखल किये जाने का आदेश पारित किया गया है। जिसमें माननीय उच्‍च न्‍यायलय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर द्वारा डब्‍लू.पी. 8034/2014 में पारित आदेश दिनांक 22.12.2014 द्वारा स्‍थगन आदेश दिया गया था। माननीय राजस्‍व मंडल, ग्‍वालियर द्वारा दिनांक 22.09.2016 तक अधीनस्‍थ न्‍यायालय के आदेश के क्रियान्‍वयन को स्‍थगित किया गया है। इसलिए वर्तमान में कोई कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।

 

विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही

4. ( क्र. 83 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक के पत्रों के उत्‍तर देने/विधायक की अवमानना होने के शासकीय नियम क्‍या हैं? (ख) प्रश्‍नकर्ता विधायक ने दिनांक 16/06/16 को पत्र क्र. 1122/MLA/16 से प्रमुख सचिव सामान्‍य प्रशासन विभाग, भोपाल को पत्र लिखकर नरसिंहगढ़ नगर पालिका के तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी द्वारा सड़कों के भूमिपूजन कार्यक्रम के आमंत्रण में नाम नहीं छापने व विधायक की अवमानना करने हेतु अवगत कराया था? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उपलब्‍ध कराये गये शासकीय नियमों के आधार पर प्रश्‍न दिनांक तक शासन ने किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यवाही की तथा पत्र लिखे? उन पत्रों के उत्‍तर तथा शासन द्वारा किस दिनांक को क्‍या कार्यवाही की है? जानकारी उपलब्‍ध करावें? (घ) प्रश्‍नांश की कंडिका (क), (ख) (ग) के आधार पर यदि निर्वाचित विधायक की अवमानना हुई है, तो शासन द्वारा दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की है? यदि कार्यवाही नहीं की, तो क्‍यों नहीं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे          परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) दोषी अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करने हेतु कलेक्‍टर राजगढ़ को निर्देशित किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

पेयजल टैंकर क्रय बाबत् एजेंसियां

5. ( क्र. 87 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) विधायक विकास निधि से पेयजल टैंकर किन-किन एजेंसियों द्वारा क्रय किए जा सकते हैं? (ख) वर्ष 2016-17 में सागर जिले की किन-किन विधानसभाओं में किन-किन एजेंसियों द्वारा पेयजल टैंकर क्रय किए गए हैं? विधानसभावार सूची उपलब्‍ध कराएं। (ग) क्‍या पेयजल टैंकर हेतु एजेंसियां अधिकृत थी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में पेयजल टैंकर हेतु एजेन्सियों का उल्लेख नहीं है। (ख) वर्ष 2016-17 में सागर जिले के विधानसभा क्षेत्रों में मान. विधायकों की अनुशंसा अनुसार पेयजल टैंकर क्रय की सूची विधानसभा क्षेत्रवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

जनभागीदारी योजनांतर्गत स्‍वीकृत कार्य

6. ( क्र. 89 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) विधानसभा क्षेत्रांतर्गत बण्‍डा/शाहगढ़ में जनभागीदारी योजनांतर्गत कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किए गए हैं? बण्‍डा/शाहगढ़ विकासखण्‍ड की सूची उपलब्‍ध कराई जावे?            (ख) क्‍या पक्‍के निर्माण कार्यों पर ही जनभागीदारी की राशि दी जावेगी? अन्‍य अर्थवर्क, मुरम, बोल्‍डर आदि कार्य पर नहीं? (ग) जनभागीदारी योजनांतर्गत शासन आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराई जाए?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जनभागीदारी योजना के नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

सामुदायिक विकास भवन पर अवैध कब्‍जा

7. ( क्र. 107 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोकनगर शहर में तायडे कॉलोनी में नगरपालिका द्वारा बनाया गया सामुदायिक विकास भवन किस निजी व्‍यक्ति ने मंदिर के नाम पर बाउण्ड्री बनाकर अपने कब्‍जे में कर लिया है तथा अपना कार्यालय व गतिविधियाँ कितने वर्षों से वहां की जा रही है? विवरण दें तथा उक्‍त अतिक्रमण हटाने हेतु शासन ने इतने वर्षों में कार्यवाही क्‍यों नहीं की? कब तक कब्‍जा हटवाया जायेगा? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा इस संबंध में जिलाधीश अशोकनगर एवं भोपाल में अधिकारियों को लिखे पत्र पर क्‍या कार्यवाही हुई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अशोकनगर शहर में वार्ड 02 अंतर्गत तायडे कॉलोनी में सामुदायिक विकास भवन श्री लखन यादव पुत्र            श्री सनमान सिंह यादव द्वारा अतिक्रमण करने की शिकायत वर्ष 2013 में प्राप्‍त हुई थी, उक्‍त भवन पर कोई कब्‍जा नहीं था, भवन का उपयोग आम नागरिकों द्वारा किया जा रहा था, इस संबंध में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3014 दिनांक 31.10.2013 द्वारा अपर कलेक्‍टर जिला अशोकनगर को अवगत कराया गया था। माह जुलाई 2016 में श्री लखन यादव पुत्र श्री सनमान सिंह यादव का अवैध कब्‍जा पाये जाने पर उनसे खाली कराये जाने के लिये नगरीय निकाय द्वारा पत्र क्रमांक 4285 दिनांक 02.07.2016 से नोटिस जारी कर कार्यवाही प्रारंभ की गई है। (ख) जिलाधीश अशोकनगर को लिखे पत्र के अनुपालन में अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी अशोकनगर को लिखे पत्र के अनुपालन में अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी अशोकनगर के पत्र क्रमांक 970 दिनांक 07.07.2016 द्वारा उक्‍त सामुदायिक विकास भवन पर अतिक्रमण हटाने एवं कब्‍जे में लेने के संबंध में कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

कॉलोनाइजर द्वारा भवनों का निर्माण व बिक्री

8. ( क्र. 147 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी नगर निगम क्षेत्रान्‍तर्गत द्वारका सिटी कॉलोनाइजर द्वारा कितने डुपलेक्‍स/फ्लैटों का निर्माण किया जाकर विक्रय किया गया है? विक्रित डुपलैक्‍स/फ्लैट एवं अन्‍य भवनों की जानकारी दें? उक्‍त फ्लैटों का विक्रय विलेख किस-किस दिनांक को किया गया है नाम पता सहित विवरण दें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के विक्रित भवनों/मकानों में किस-किस दिनांक को विद्युत कनेक्‍शन दिया गया है, विवरण दें? (ग) कालोनाइजर के भवनों में विद्युत कनेक्‍शन हेतु निरीक्षण रिपोर्ट किसके द्वारा कब लगाई गई तथा नगर निगम के किस अधिकारी ने भवनों का निरीक्षण किया?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 71 डुप्‍लैक्‍स। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। भवनों का निरीक्षण नगर निगम, कटनी के किसी अधिकारी द्वारा नहीं किया गया है।

वन मंडल कटनी के कार्यों की जाँच

9. ( क्र. 152 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा पत्र क्रमांक 86-87 दिनांक 13.04.2016 क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कटनी को लिखते हुए प्रतिलिपि कलेक्‍टर कटनी तथा वन मंडल अधिकारी को लिखकर कुछ कोयला आधारित उद्योग, कुछ आयल बेस्‍ड, कुछ विद्युत से वायर चलाने, फरनेस या उत्‍पाद को गरम करने की आवश्‍यकता होती है, जिसमें लकड़ी का उपयोग फ्यूज की तरह हो रहा है, जिस पर प्रश्‍नकर्ता ने ध्‍यान आकृष्‍ट किया गया था? उस पर शासन ने क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्‍यों इसके लिए कौन उत्‍तरदायी हैं? (ख) क्‍या कटनी जिले में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें शासन प्रशासन एवं क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को किस-किस के द्वारा की गई है? क्‍या उनको सुना जाकर जाँच की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी और अब तक न करने के लिए कौन उत्‍तरदायी हैं?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किसी भी उद्योग को लकड़ी का उपयोग फ्यूल के रूप में करने हेतु सम्मति प्रदान नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। क्षेत्रीय कार्यालय, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, कटनी को प्रश्नाधीन अवधि में कुल 81 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिन पर की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

नागदा में उत्‍कृष्‍ट सड़क योजना की स्‍वीकृति

10. ( क्र. 188 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नागदा शहर करीब 1 लाख से ऊपर की आबादी क्षेत्र है तथा पूर्व में विभाग द्वारा नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं को उत्‍कृष्‍ट सड़क योजना का लाभ दिया गया है, जबकि नागदा नगर पालिका बड़ी होने एवं औद्योगिक शहर होने के बावजूद इसकी अनदेखी की गई है? (ख) क्‍या नागदा में उत्‍कृष्‍ट सड़क योजना प्रस्‍तावित है? यदि नहीं, है, तो कब तक इस योजना में सम्मिलित कर लिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। विभाग के अंतर्गत उत्‍कृष्‍ट सड़क योजना नाम की कोई योजना संचालित नहीं है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

मध्‍य भारत एग्रो प्रोडक्‍ट कंपनी रजौआ से प्रदूषण

11. ( क्र. 196 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नरयावली विधानसभा क्षेत्र में स्थित मध्‍य भारत एग्रो प्रोडक्‍ट कंपनी/फैक्‍ट्री रजौआ से पर्यावरण को क्षति पहुँच रही है एवं इस संबंध में विभाग को शिकायतें प्राप्‍त हो रही है एवं प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई? (ख) मध्‍य भारत एग्रो प्रोडक्‍ट कंपनी से निर्मित खाद निर्माण का कार्य उपरांत कौन से अपशिष्‍ट पदार्थ/गैस बाहर निकलते है एवं अपशिष्‍ट पदार्थों से प्रदूषण न हो इस हेतु फैक्‍ट्री द्वारा क्‍या उपाय किये गये है? (ग) म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सागर द्वारा किन मानक/प्रमाणों को आधार मानकर कंपनी रहवासी एवं कृषि क्षेत्र में स्थित फैक्‍ट्री को अनापत्ति प्रमाण पत्र/फैक्‍ट्री स्‍थापित करने का प्रमाण पत्र किन मानक शर्तों पर दिया गया?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) उद्योग में प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था होने से पर्यावरण को क्षति पहुँचने जैसी स्थिति नहीं है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रश्न दिनांक तक प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही संबंधी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खाद निर्माण की प्रक्रिया से सिलिका स्लंज (ठोस अपशिष्ट) हाइड्रो फ्लोरो सेली सेलिक एसिड (द्रवीय अपशिष्ट) तथा हाइड्रोजन फ्लोराईड, सिलिकोन टेट्रा फ्लोराईड गैस के रूप में निकलती है। मिक्सिंग प्रक्रिया वैक्यूम में होती है तथा उत्पन्न होने वाली गैसों को सक्शन कर स्क्रबिंग की जाती है। स्क्रबिंग तीन चरणों में होती है। स्क्रबिंग चैम्बर के द्रव की पीएच 3-4 होने पर जल को दो सेटलिंग टैंको में एकत्रित किया जाता है तथा सुपरनेटेट जल को पुनः प्रक्रिया में उपयोग कर लिया जाता है। उत्पन्न सिलिका स्लंज को उत्पाद में मिलाया जाता है। स्क्रबिंग गैसों के उत्सर्जन हेतु उद्योग द्वारा 50 मीटर चिमनी की स्थापना की गई है।           (ग) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम, 1974 तथा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम,1981 के अंतर्गत सशर्त सम्मति प्रदान की गई है। वायु सम्मति पत्र में फ्लोरिन की मानक सीमा 10 मिग्रा./नार्मल घनमीटर, फ्लोराईड की मानक सीमा 25 मिग्रा./नार्मल घनमीटर तथा पर्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन की मानक सीमा 150 मिग्रा./नार्मल घनमीटर निर्धारित की गई है।

परिशिष्ट - ''तीन''

जिर्णोधार कार्ययोजना की स्वीकृति

12. ( क्र. 210 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जावरा तहसील एवं पिपलौदा तहसील में गिरते जल स्तर एवं सिंचाई सुविधा को बढ़ाए जाने हेतु नवीन तालाब निर्माण, तालाब जीर्णोधार,एवं नवीन स्टाप डेम बनाए जाने के साथ ही पुराने डेमों की मरम्मत एवं नहरों की मरम्मत के प्रस्ताव प्रश्‍नकर्ता द्वारा शासन/विभाग को वर्ष  2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक भेजे गए है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग को उपरोक्त क्षेत्रीय प्रस्ताव प्राप्त होकर उनकी कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश शासन/विभाग द्वारा दिए गए है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या शासन/विभाग के निर्देश पर उपरोक्त क्षेत्रीय प्रस्तावों पर कार्ययोजनाएं बनाई जाकर शासन/ विभाग को अग्रेषित की गयी है? (घ) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रस्तावों की कार्ययोजना को बजट में कब सम्मिलित किया जाकर इनकी स्वीकृतियां कब प्रदान की जाएगी? साथ ही इन कार्ययोजनाओं पर कार्य कब तक प्रारम्भ हो सकेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपलब्‍ध सीमित वित्‍तीय संसाधन पूर्व से स्‍वीकृत परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने से नई परियोजनाओं की स्‍वीकृति के लिए समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''चार''

राजस्‍व भूमि पर हो रहे अवैध उत्‍खनन की जाँच

13. ( क्र. 295 ) श्री रामसिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले में जून-2016 की स्थिति में राजस्‍व भूमि पर    फर्शी-पत्‍थर, खण्‍डा-बोल्‍डर, रेत एवं मुरम का अवैध उत्‍खनन हुआ है? यदि हाँ, तो    कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राजस्‍व भूमि पर किस-किस खनिज का अनुमानित कितना-कितना अवैध उत्‍खनन हुआ है? (ख) क्‍या विगत दो वर्षों में शिवपुरी जिले में राजस्‍व भूमि में फर्शी-पत्‍थर, खण्‍डा-बोल्‍डर, रेत एवं मुरम का अवैध उत्‍खनन हुआ है? जिसे रोकने की जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्‍यों और नहीं तो क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या शिवपुरी जिले में विगत दो वर्षों में      फर्शी-पत्‍थर, खण्‍डा-बोल्‍डर एवं रेत जब्‍त की गई है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ पर कब-कब कितना-कितना अनुमानित वर्णित खनिज किस-किस अधिकारी द्वारा जब्‍त किया गया? जब्‍त खनिज किसकी सुपुर्दगी में दिया गया? अंत में जब्‍त खनिज का क्‍या निराकरण किसके द्वारा किया गया? (घ) क्‍या अवैध उत्‍खनन रोकने के लिए शासन द्वारा जिला स्‍तर पर टास्‍क फोर्स का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में टास्‍क फोर्स की कब-कब मीटिंग हुई एवं टास्‍क फोर्स द्वारा मीटिंग में क्‍या निर्णय लिए गए? लिए गए निर्णय पर क्‍या कार्यवाही की गई?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में विगत 2 वर्षों में फर्शी-पत्‍थर, बोल्‍डर पत्‍थर, रेत एवं मुरम के अवैध उत्‍खनन के प्रकरण प्रकाश में आये हैं। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में शिवपुरी जिले में राजस्‍व भूमि में फर्शी-पत्‍थर, बोल्‍डर, मुरम तथा रेत के अवैध उत्‍खनन 19 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। जिसमें से 17 प्रकरणों में रूपये 11,61,200/- का अर्थदण्‍ड आरोपित कर वसूल किये गये हैं। शेष दो प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के न्‍यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण में जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (घ) जी हाँ। विगत दो वर्षों में टास्‍क फोर्स की बैठक दिनांक 13.03.2014, 02.02.2015, 22.06.2015, 14.09.2015 एवं 16.05.2016 को आयोजित की गई तथा बैठक में खनिजों के अवैध उत्‍खनन, परिवहन एवं भण्‍डारण के रोकथाम हेतु निर्देश दिये गये। जिसके परिप्रेक्ष्‍य में संयुक्‍त एवं पृथक-पृथक कार्यवाहियां की गई हैं।

परिशिष्ट - '' पाँच''

गंभीर-चम्‍बल लिंक योजना

14. ( क्र. 335 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्तमान में नर्मदा-गंभीर लिंक योजना पर शासन द्वारा कार्य किया जा रहा है? क्‍या यदि गंभीर नदी पर उन्‍हेल-रूपाखेड़ी तह. नागदा से गंभीर-चम्‍बल लिंक योजना प्रस्‍तावित की जाती है तो गंभीर का पानी ग्रेविटी से ही चंबल नदी में चला जावेगा? (ख) क्‍या नागदा औद्योगिक शहर होने से यहां के उद्योगों को पानी अधिक मात्रा में लगता है, जिससे गर्मी के दिनों में यह करीब दो माह बंद हो जाने एवं शासन को करोड़ों रूपये राजस्‍व की हानि होती है? (ग) यदि हाँ, तो उक्‍त योजना कब तक बना ली जावेगी? क्‍या इसमें की कोई योजना प्रस्‍तावित है?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, क्‍योंकि रूपाखेड़ी पर नदी का लेवल लगभग 465 मीटर हैं। नागदा के नजदीक चंबल का लेवल भी लगभग 465 मीटर हैं। इन दोनों स्‍थानों को सीधा जोड़ने पर बीच में ऊँची रिज है जो लगभग 465 से 515 मीटर तक ऊँची और लगभग 25 कि.मी. लंबी है। अत: ग्रेविटी से पानी सीधे लिंक से नहीं जा सकता। (ख) जी हाँ। ग्रीष्‍मकाल में लगभग डेढ़ माह से दो माह पानी की पूर्ति नहीं होने से जल आधारित उद्योग बंद रहते हैं। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में ऐसी कोई योजना प्रस्‍तावित नहीं है।

राजगढ़ विधानसभा में कृषक अनुदान योजना

15. ( क्र. 345 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा प्रदेश में कृषक अनुदान योजना कब से प्रारंभ की गई? इस योजनांतर्गत क्‍या-क्‍या कार्य कराये जाने है? कितना अनुदान पर डी.पी. लगाये जाने का प्रावधान है? (ख) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 में किन-किन ग्रामों में कृषक अनुदान योजनांतर्गत कितने कृषकों को कितने अनुदान पर डी.पी लगवाई गई है? (ग) राजगढ़ जिले की विधानसभा राजगढ़ में ऐसे कौन-कौन से ग्रामों में कितने कृषक ऐसे है जिनके द्वारा राशि भी जमा की जा चुकी है, परन्‍तु अनुदान की डी.पी. आज दिनांक तक नहीं लग पाई है? (घ) यदि आज दिनांक तक डी.पी. नहीं लग पाई है तो इसके लिये कौन दोषी है? कब तक डी.पी. लग पावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) प्रदेश में कृषक अनुदान योजना 01 अप्रैल, 2011 से प्रारंभ की गई है। इस योजनान्‍तर्गत विद्युत लाईन का विस्‍तार कर एवं आवश्‍यकता अनुसार ट्रांसफार्मर स्‍थापित कर कृषकों को स्‍थाई विद्युत पंप कनेक्‍शन प्रदाय किया जाना है। योजना के प्रावधानों के अनुसार वर्तमान में लघु एवं सीमान्‍त कृषकों (2 हेक्‍टेयर से कम के भूमि धारक) द्वारा रू. 7000 प्रति हार्सपावर तथा अन्‍य कृषकों द्वारा रू. 11200 प्रति हार्सपावर की दर से अंश राशि जमा करनी होती है। इस योजना में प्रत्‍येक कृषक हेतु रू. 1.5 लाख की राशि का प्राक्‍कलन स्‍वीकृत करने की सीमा निर्धारित की गई है तथा प्राक्‍कलन लागत एवं कृषक द्वारा प्रति हार्सपावर भुगतान की गई राशि के अंतर की राशि का भुगतान राज्‍य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों को अनुदान के रूप में किया जाता है। (ख) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16, में कृषक अनुदान योजना के अन्‍तर्गत स्‍थापित किये गये ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार, कृषकवार एवं अनुदान राशि के विवरण सहित वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार है। (ग) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ में राशि जमा करने के उपरान्‍त वर्ष 2015-16 में 12 कृषकों एवं वर्ष 2016-17 में एक कृषक का कार्य लंबित है, जिनका कृषकवार एवं ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश '' में उल्‍लेखित लंबित प्रकरणों में, सीमित वित्‍तीय उपलब्‍धता के कारण प्राक्‍कलन स्‍वीकृत नहीं किये जा सके थे। माह अप्रैल 2016 में उक्‍त कृषकों के पंपों के प्राक्‍कलन स्‍वीकृत कर कार्यादेश जारी कर दिये गये हैं तथा इनका कार्य माह अक्‍टूबर 2016 तक पूर्ण करवाने हेतु कार्यवाही की जा रही है।

मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना

16. ( क्र. 375 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना के अन्‍तर्गत इन्‍दौर जिले में 2013-14, 2014-15, 2015-16 में कितने-कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए? (ख) योजना के अंतर्गत प्राप्‍त आवेदनों में से कितने प्रकरणों का निराकरण किया गया, कितनों को योजना का लाभ प्राप्‍त हुआ? (ग) इस योजना के अंतर्गत कितने प्रकरण लंबित हैं वर्षवार कारण सहित बतावें। (घ) उक्‍त योजना के लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जावेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना के अंतर्गत इन्‍दौर जिले में कुल 6120 प्रकरण निम्‍न अनुसार वर्षवार प्राप्‍त हुये :-

 

क्र.

वर्ष

प्राप्‍त आवेदन

रिमार्क

1

2013-14

6120

-

2

2014-15

निरंक

योजना 31.07.2014 से बन्‍द होने से आवेदन प्राप्‍त नहीं हुए।

3

2015-16

निरंक

उपरोक्‍तानुसार निरंक

 

योग

6120

 

(ख) योजना के अंतर्गत प्राप्‍त आवेदनों में से बैंकों द्वारा 2261 प्रकरणों में स्‍वीकृति प्रदान कर निराकरण किया गया एवं 1740 हितग्राहियों को बैंक द्वारा योजना का लाभ प्राप्‍त हुआ। (ग) योजना 31.07.2014 को बन्‍द होने से वर्तमान में एक भी प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) उत्‍तर '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सेंधवा में कॉलोनियों की प्रदान अनुमतियां

17. ( क्र. 380 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सेंधवा में वर्ष 2010 से 2013 तक प्रदत्‍त समस्‍त कॉलोनियों को किन शर्तों पर अनुमति प्रदान की गई प्रति देवें। इन शर्तों के अनुसार निर्माण कार्यों को कब-कब, किस अधिकारी द्वारा चेक किया गया सूची देवें? (ख) सेंधवा में वर्ष 2010 से 2013 तक कॉलोनाईजरों के द्वारा कब-कब, कितने आवेदन विभागीय कार्यालय को प्राप्‍त हुए, कितने स्‍वीकृत, अस्‍वीकृत हुए कारण सहित बतायें? (ग) सेंधवा में व्‍यवसायिक या आवासीय काम्‍प्‍लेक्‍सों के कितने आवेदन प्राप्‍त हुए, कितने किन शर्तों पर स्‍वीकृत हुए, प्रति देवें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सेंधवा में वर्ष       2010-2013 के मध्‍य नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा 04 कॉलोनियों की अनुमति प्रदान की गई। शर्तें जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जिसमें से 02 कॉलोनियों का सुपर विजन चार्ज नगर पालिका में जमा किया जाकर सक्षम प्राधिकारी से विकास अनुमति प्राप्‍त कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया, जिसका विवरण निम्‍नानुसार है :- 1. ड्रीम लेंड सिटी कॉलोनी। 2. वृंदावनधाम कॉलोनी। निर्माण कार्यों का सुपरविजन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, उपयंत्री राजेश मिश्रा द्वारा दिनांक            06-09-2012, 13.09.2012, 12.09.2012 एवं 04-10-2012 को निरीक्षण किया गया।     (ख) 1. लेआउट के अनुमोदन हेतु नगर तथा ग्राम निवेश को प्रश्‍नाधीन अवधि में 04 कॉलोनियों ड्रीम लाईन सिटी, वृदावनधाम, वासुतीर्थ एवं स्‍वगर्णकोर गुरूद्वारा के आवेदन प्राप्‍त हुए थे। चारों को स्‍वीकृत किया गया। 2. नगर तथा ग्राम निवेश के अनुमोदन उपरांत विकास अनुमति हेतु नगर पालिका सेंधवा में 03 आवेदन कॉलोनाईजर ड्रीम लेंड सिटी, वृंदावनधाम, वासुतीर्थ के प्राप्‍त हुए थे। जिनको विकास अनुमति की स्‍वीकृति दी गई। स्‍वर्णकोर कॉलोनाईजर द्वारा विकास अनुमति हेतु आवेदन नहीं किया गया।        (ग) उल्‍लेखित अवधि में निकाय द्वारा किसी भी व्‍यवसायिक या आवासीय काम्‍पलेक्‍सों की स्‍वीकृत प्रदान नहीं की गई है।

हितग्राही मूलक रोजगार योजनाओं का क्रियान्‍वयन

18. ( क्र. 397 ) श्री राजकुमार मेव : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा खरगोन जिले की विकासखण्‍डवार नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को स्‍वरोजगार उपलब्‍ध कराने के लिए वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में भौतिक एवं वित्‍तीय लक्ष्‍य बैंक शाखावार शासन से आवंटित किये गये हैं? क्‍या विभाग द्वारा एवं बैंक शाखावार लक्ष्‍य अनुसार वित्‍तीय एवं भौतिक लक्ष्‍य की पूर्ति की गई है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्‍या कारण है?         (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना, मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी स्‍वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं अन्‍य विभाग की स्‍वरोजगार योजनांतर्गत कितने युवा बेरोजगारों के आवेदन प्राप्‍त हुए, कितने प्रकरण बैंक शाखाओं द्वारा स्‍वीकृत कर कितनी-कितनी राशि का वितरण कर उन्‍हें अनुदान के रूप में उपलब्‍ध कराई गई एवं कितना किस-किस हितग्राही की खाते में अनुदान आना शेष है? कब तक उपलब्‍ध कराया जावेगा? (ग) शासन द्वारा मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना, मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी स्‍वरोजगार योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं अन्‍य विभाग की स्‍वरोजगार योजनांतर्गत प्राप्‍त आवेदन पत्रों की स्‍वीकृति, लंबित, विवरण प्रक्रिया के संबंध में सांसद/विधायक/जन प्रतिनिधि की उपस्थिति में समीक्षा हेतु कोई निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्‍या आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराई जावे? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में समीक्षा हेतु कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं तो शासन कब तक समीक्षा हेतु निर्देश या नियम बनाकर जारी करेंगे? ताकि योजना का लाभ जन-जन तक पहुँच सके।

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) खरगोन जिले में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य की पूर्ति की गई है एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिये भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं अन्य विभाग की स्वरोजगार योजनान्तर्गत 5609 युवा बेरोजगारों के आवेदन प्राप्त हुये, उक्त योजना अंन्‍तर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र खरगोन द्वारा 1204 प्रकरण स्वीकृत कर राशि रूपये 10179.20 लाख का वितरण किया गया। हितग्राही के खाते में अनुदान बैंक द्वारा जमा कराई जाती हैं। जो विभाग स्तर पर संधारित नहीं होता हैं। (ग) योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के पत्र क्रमांक 93/132/2016/23/यो.आ.सा. दिनांक 18/01/2016 द्वारा स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति की समीक्षा को जिला योजना समिति की बैठक में स्थायी एजेंडे के रूप में सम्मिलित करने हेतु निर्देशित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।

परिशिष्ट - '' छ: ''

म.प्र. निर्वाचन पर्यवेक्षक सेवा भर्ती नियमों का उल्‍लंघन

19. ( क्र. 582 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधि एवं विधायी (निर्वाचन) कार्य विभाग म.प्र. शासन भोपाल के आदेश क्रमांक 127 स्‍थापना निर्वा.-2002-757 दिनांक 29.09.2013 एवं म.प्र. राज्‍यप्रत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 07.11.2013 में निहित प्रावधानों के अनुसार निर्वाचन पर्यवेक्षक सेवा (तृतीय श्रेणी) भर्ती और सेवा शर्तों नियम 2013 के अनुसार गुना जिले में निर्वाचन पर्यवेक्षक को नियुक्त किया गया है, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) वर्तमान में पदस्‍थ निर्वाचन पर्यवेक्षक की पदस्‍थापना किस विभाग, किस पद एवं कौन से जिले से नियुक्ति की गई है? क्‍या वर्तमान में पदस्‍थ निर्वाचन पर्यवेक्षक प्रश्‍नांश (क) में वर्णित भर्ती एवं सेवा शर्तों की योग्‍यता रखते है अथवा नहीं? (ग) क्‍या म.प्र. राज्‍यपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 07.11.2013 के अनुक्रम में गुना जिले में राजस्‍व विभाग एवं अन्‍य जिला स्‍तर के कार्यालयों में वांछित योग्‍यता अनुसार कर्मचारी नहीं है? यदि कर्मचारी हैं तो राजपत्र की अधिसूचना दिनांक 07.1.2013 का गुना जिले में पालन क्‍यों नहीं किया गया है? (घ) अपात्र निर्वाचन पर्यवेक्षक को मूल पदस्‍थापना स्‍थल हेतु कब तक कार्यमुक्‍त किया जाकर शासन नीति के तहत पात्र कर्मचारी को निर्वाचन पर्यवेक्षक कब तक पदस्‍थ किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विधायक निधि की मार्गदर्शिका का उल्‍लंघन कर बंगला निर्माण किये जाना

20. ( क्र. 583 ) श्रीमती ममता मीना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2011-12 से वर्ष 2013-14 तक गुना जिले में विधायक निधि से बंगला निर्माण कार्य स्‍वीकृ‍त किये जाकर विधायक निधि की राशि का अपव्‍यय किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कृपया बतायें कि बंगला निर्माण कार्य विधायक निधि की मार्गदर्शिका अनुसार स्‍वीकृत किया जा सकता है, मार्गदर्शिका की सत्‍यप्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) मार्गदर्शिका में बंगला निर्माण का उल्‍लेख नहीं है इसके उपरांत भी बंगला निर्माण स्‍वीकृत कराने वाले तत्‍कालीन प्रभारी जिला योजना अधिकारी एवं दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध आज दिनांक तक विभागीय जाँच संस्थित क्‍यों नहीं की गई है? विभागीय जाँच कब तक संस्थित की जावेगी? (घ) मार्गदर्शिका का उल्‍लंघन कर बंगला, निर्माण कार्य स्‍वीकृत कराने वाले दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों के नाम स्‍पष्‍ट करें, इन दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों से विधायक निधि से बंगला निर्माण पर व्‍यय राशि की क्‍या वसूली की जावेगी अथवा इनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। (ख) सार्वजनिक चबूतरे को स्‍थानीय भाषा में बंगला कहा जाता है। सार्वजनिक चबूतरा निर्माण मार्गदर्शिका में अनुमत कार्यों की परिशिष्‍ट- ''1'' के बिन्‍दु क्रमांक 25 में उल्‍लेखित है। मार्गदर्शिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।  (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लीज़ निरस्‍त करना

21. ( क्र. 586 ) श्रीमती ममता मीना : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गुना जिले में वर्ष 2010 से 2015 तक औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों द्वारा घोषित व्‍यापार हेतु भूमि का आवंटन किया था? यदि हाँ, तो बतायें कि कितने व्‍यवसायियों ने व्‍यापार बदल दिये कितने लोगों ने भूमि विक्रय कर दी, कितने लोगों ने रहवास बना लिये? (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत किस कारोबार के लिये भूमि आवंटित हुई है, तो क्‍या उस व्‍यापार को न कर अन्‍य व्‍यापार करें या उस भूमि में रहवास बनाये या व्‍यापार बंद करके भूमि रिक्‍त रखें तो उनकी लीज़ निरस्‍त कब और कैसे होगी? (ग) क्‍या गुना जिले के औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित भूमि पर विभाग की शर्तों का कौन-कौन पालन नहीं कर रहे हैं? यदि पालन नहीं किया तो विभाग उनकी लीज़ कब तक निरस्‍त कर नये उद्यमियों को आवंटित करेगा?         (घ) क्‍या गुना शहर के औद्योगिक क्षेत्र में देशी या विदेशी मदिरा की दुकान संचालित है, यदि हाँ, तो किस नियम से? क्‍या उक्‍त दुकान को बंद कराने की कार्यवाही होगी? क्‍या प्रश्‍नांश (क) (ख) और (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों की जाँच और भौतिक सत्‍यापन कराकर कार्यवाही की जावेगी?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) वर्ष 2010 से 2015 तक औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों द्वारा घोषित व्‍यापार हेतु राशि भूमि का आवंटन नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।           (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) गुना जिले के औद्योगिक क्षेत्र में आवंटित भूमि पर विभाग की शर्तों का जिनके द्वारा पालन नहीं किया जा रहा था, ऐसी 29 इकाइयों के विरूद्ध भौतिक सत्‍यापन उपरांत भूमि, शेड आवंटन नियमानुसार लीजडीड निरस्‍त करने की कार्यवाही की जा चुकी है। निरस्‍तीकरण के पश्‍चात् म.प्र. राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 के तहत आवंटन की कार्यवाही की जाती है। (घ) गुना शहर के औद्योगिक क्षेत्र के भूखण्‍ड क्रमांक-24 में मेसर्स प्रेम मोटर्स को सर्विस सेंटर तथा वाहन रिपेरिंग गतिविधि के लिये आवंटित है। कार्यालय को प्राप्‍त शिकायतों एवं भौतिक सत्‍यापन उपरांत मदिरा की दुकान संचालित करने के कारण इकाई की लीजडीड निरस्‍त की जा चुकी है।

अवैध उत्‍खनन एवं अवैध परिवहन के मामले

22. ( क्र. 678 ) श्री दिनेश राय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में अवैध उत्‍खनन एवं अवैध परिवहन के संबंध में वर्ष 2012 से 2016 प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित अवधि में खदानों में बिना अनुमति के ब्‍लास्टिंग पर कहाँ पर क्‍या कार्यवाही की गई? कितनी खदानों को ब्‍लास्टिंग की परमिशन दी गई एवं क्‍या मापदण्‍डों के आधार पर ब्‍लास्टिंग नहीं करने वालो पर क्‍या कार्यवाही आज दिनांक तक की गई? (ग) रेत मुरम मिट्टी गिट्टी पत्‍थर एवं अवैध कोयला परिवहन में विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी की मिलीभगत से करोड़ों रूपये का रायल्‍टी का नुकसान हुआ है? क्‍या संबधित अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नांकित अवधि में खनिजों के अवैध उत्‍खनन के 136 प्रकरण तथा अवैध परिवहन के 613 प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई है। (ख) लायसेंसधारी व्‍यक्तियों द्वारा ही ब्‍लास्टिंग करने तथा किसी प्रकार की कोई शिकायत अथवा जनहानि की सूचना प्राप्‍त नहीं होने के कारण किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। विभाग द्वारा खदानों में ब्‍लास्टिंग की अनुमति देने की कार्यवाही नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।           (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ट्रांसपोर्ट नगर निर्माण योजना

23. ( क्र. 684 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन द्वारा कटनी ट्रांस‍पोर्ट नगर हेतु भूमि की किस दिनांक को स्‍वीकृति‍ एवं आधिपत्‍य दिया गया एवं कितना भू-भाटक एवं प्रीमियम राशि का भुगतान किस-किस दिनांक को नगर पालिक निगम कटनी द्वारा किया गया. (ख) प्रश्‍नांश (क) के अन्‍तर्गत आवंटित भूमि में किये गये निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति, किये गये निर्माण कार्य एवं ट्रांसपोटर्स द्वारा जमा की गई राशि का पूर्ण विवरण 95 से 99, 2000 से 2004, 2005 से दिसंबर 2009, 2010 से 2014 एवं जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक परिषद् कार्यकालवार मय दिनांक के प्रदान करें. (ग) क्‍या शासन के समक्ष ट्रांसपोटर्स को निर्माण लागत में छूट प्रदान करने एवं नये ट्रांसपोटर्स को प्‍लॉट आवंटन सूची में शामिल करने हेतु नगर पालिक निगम कटनी का कोई प्रस्‍ताव लंबित है? यदि हाँ, तो प्रति सहित शासन द्वारा की गई कार्यवाही भी बतायें. (घ) क्‍या स्‍थानीय सांसद एवं विधायक भी धारा 9 के अन्‍तर्गत नगर पालिक निगम की संरचना में आते हैं तथा बतायें कि क्‍या कलेक्‍टर कटनी द्वारा ट्रांस‍पोर्ट नगर पर २०१६ जून माह में कोई बैठक बुलाई थी? यदि हाँ, तो किस-किस जनप्रतिनिधि को बैठक में आमंत्रित किया गया था. बैठक में लिए गये निर्णय तथा कलेक्‍टर कटनी द्वारा दिये गये निर्देश एवं इन पर की गई कार्यवाही बतायें.

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ट्रांसपोर्ट नगर हेतु मध्‍यप्रदेश शासन राजस्‍व विभाग द्वारा भूमि आवंटन की स्‍वीकृति दिनांक 19.02.2008 को दी गई एवं भूमि का अग्रिम आधिपत्‍य नगर पालिक निगम, कटनी (तत्‍कालीन सुधार न्‍यास कटनी) को दिनांक 09.01.1984 को प्राप्‍त हो हुआ। भूमि का भू-भाटक एवं प्रीमियम की राशि रूपयें 12,12,746/- क्रमश: रू. 9,33,743/- दिनांक 17.03.2008 एवं   रू. 2,79,003/- का भुगतान किया गया। (ख) निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। ट्रांसपोर्ट द्वारा जमा की गई राशि का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ, अपितु राज्‍य शासन को पत्र क्रमांक 681/स.शा/नगर निगम/2012-13 दिनांक 13.09.2012 प्रेषित कर नये ट्रांसपोर्टरों को प्‍लाट आवंटन सूची में शामिल करने के लिए अनुमति चाही गई है। प्रस्‍ताव में निर्माण लागत में छूट की मांग शामिल नहीं है। पत्र की प्रतिलिपि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कार्यवाही विचाराधीन है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। बैठक में जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया था। बैठक की कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। बैठक में लिये गये निर्णयों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्‍तों के वेतन का निर्धारण

24. ( क्र. 692 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. राज्‍य तिलहन संघ से गत लगभग दो वर्षों से शासन के विभिन्‍न विभाग सहकारिता, राजस्‍व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वाणिज्यिक कर में संविलियत लगभग 500 सेवायुक्‍तों का वेतन निर्धारण आदेश जारी नहीं किया गया? कब तक करेंगे? (ख) विधानसभा परि. अता. प्रश्‍न संख्‍या-14 प्रश्‍न (क्रमांक 2535), जुलाई, 2015 एवं ध्‍यानाकर्षण क्रमांक 366, बजट सत्र, 2016 में बताया गया है कि जी हाँ वेतन निर्धारण प्रक्रियाधीन/प्रचलन में है? यदि हाँ, तो कब तक पूर्ण होगी? कब से नियमित वेतन भुगतान दिया जावेगा? (ग) क्‍या तिलहन संघ के शासन में संविलियत सेवायुक्‍तों को संविलियन पूर्व प्राप्‍त हो रहे वेतन से कम वेतन दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या संविलियन पूर्व प्राप्‍त हो रहे वेतन को ही वेतन निर्धारण प्रक्रिया आदेश तक (वेतन) दिये जाने का आदेश देंगे? (घ) क्‍या तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्‍तों को वेतन निर्धारण करते समय पूर्व वेतन संरक्षण का प्रावधान करेंगे? क्‍या वेतन संरक्षण प्रावधान का आदेश अलग से जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वेतन निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) से (घ) उत्‍तरांश '''' अनुसार।

इंदौर नगर निगम में नगर निगम की अनुमति के बिना निर्माण कार्य

25. ( क्र. 801 ) श्री रामनिवास रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या इंदौर शहर के प्रकाशित मास्‍टर प्‍लान दिनांक 21.03.1975 एवं वर्तमान में प्रभावशील मास्‍टर प्‍लान में दिगंबर जैन उदासीन आश्रम, 584, एम.जी. रोड जो पूर्व में स्थि‍त रोड की जो पूर्व में स्थित रोड की चौड़ाई 30 मीटर रखी गई है? स्‍पष्‍ट बतावें। (ख) क्‍या उक्‍त रोड की भूमि पर मास्‍टर प्‍लान का उल्‍लंघन करते हुए बिना नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की अनुमति के तथा बिना स्‍वीकृ‍त नक्‍शे के नगर निगम इंदौर द्वारा 56 दुकान नामक मार्केट का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? इसके लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है? नाम व पद बतावें? साथ ही उक्‍त निर्माण में व्‍यय हुई राशि की वसूली के लिए कौन उत्‍तरदायी होगा? यदि निर्माण अवैध है तो उसे हटाए जाने की कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (ग) क्‍या उक्‍त अवैध 56 दुकानों में से कई दुकानदारों ने दुकान के पीछे स्थित उदासीन आश्रम की एम.ओ.एस. की भूमि को जोड़कर भी बिना स्‍वीकृत नक्‍शे पास कराए अवैध निर्माण कर लिया गया है? जिसकी शिकायत शासन में की गई थी तथा उस पर प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा कलेक्‍टर इंदौर/आयुक्‍त नगर निगम इंदौर को पत्र लिखकर प्रतिवेदन चाहा था जो शासन को किस दिनांक को दिया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? स्‍पष्‍ट करे कि इस कदारचरण के लिए कौन-कौन उत्‍तरदायी है? उनके नाम बतावें व कब तक इस अवैध निर्माण को हटाया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विकास योजना दिनांक 23.03.1975 एवं विकास योजना 01.01.2008 में प्रश्‍नाधीन सड़क की चौड़ाई 30 मीटर प्रावधानित रही है। (ख) प्रश्‍नाधीन स्‍थल पर वर्ष 1975 एवं 1976 के दरम्‍यान 50 दुकानों के निर्माण की प्रशासकीय स्‍वीकृति तत्‍कालीन प्रशासक द्वारा संकल्‍प क्रमांक 1065 दिनांक 25.11.1975 के माध्‍यम से दी गई थी एवं इस अवधि में ही दुकानों का निर्माण तत्‍समय नगर निगम, इन्‍दौर द्वारा भारतीय स्‍टेट बैंक से ऋण प्राप्‍त कर किया था। यह सही है कि दुकानों के निर्माण के समय 1975 की विकास योजना प्रभावशील रही है तथा यह दुकानें सड़क की चौड़ाई की परिधि में ही निर्मित की गई थी। नगर निगम द्वारा निर्मित दुकानें कराने के पूर्व नक्‍शा नगर तथा ग्राम निवेश से स्‍वीकृत नहीं कराया गया था। उपलब्‍ध अभिलेख अनुसार यह निर्माण कार्य तत्‍कालीन प्रशासक के संकल्‍प दिनांक 25.11.1975 के तारतम्‍य में वर्ष 1975 एवं 1976 में कराया गया था। इस निर्माण कार्य में जिसमें तत्‍समय 50 दुकानें बनाने की स्‍वीकृति दी गई थी, रूपयें 1 लाख की लागत प्रस्‍तावित थी। प्रश्‍नाधीन प्रकरण में जाँच की जा रही है तथा इन वर्षों के उपलब्‍ध अभिलेखों अनुसार तत्‍कालीन प्रशासक संकल्‍प क्रमांक 522 दिनांक 27.07.1976 में तत्‍कालीन आयुक्‍त की अनुशंसानुसार 50 दुकानों के स्‍थान पर 57 दुकानें संशोधित प्राक्‍कलन 168163.68 रू. की स्‍वीकृति दी गई थी। समक्ष में चौड़ा मार्ग होने से इस निर्माण को हटाये जाने की आवश्‍यकता निर्मित नहीं हुई है। भविष्‍य में ट्रैफिक घनत्‍व बढ़ने पर आवश्‍यकतानुसार मास्‍टर प्‍लान में अंकित सड़क चौड़ाई निर्माण हेतु दुकानों को नियमानुसार हटाये जाने की कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) यह सही है कि 56 दुकानों में से कई दुकानदारों ने दुकान के पीछे स्थित उदासीन आश्रम की एम.ओ.एस. की भूमि को किरायेनामा निष्‍पादित कर नगर निगम द्वारा निर्मित अपनी दुकान से जोड़ दिया है तथा शेड बनाकर उसका व्‍यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। यह भी सही है कि शासन की ओर से कलेक्‍टर इन्‍दौर/आयुक्‍त नगर निगम, इन्‍दौर को पत्र लिखकर प्रतिवेदन चाहा गया है। प्रतिवेदन तैयार करने की प्रक्रिया के तहत जाँच प्रचलित है तथा दुकानदारों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब प्राप्‍त किये गये है। दुकानदारों से प्राप्‍त जवाबों का परीक्षण किया जा रहा है। जाँच पूर्ण होने पर उसके प्राप्‍त निष्‍कर्षो के आधार पर पीछे निर्मित निर्माण कार्यों के संबंध में निम्‍नानुसार वैधानिक कार्यवाही की जा सकेगी।

नगर पंचायत रानापुर में निर्मित दुकानें

26. ( क्र. 866 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पंचायत रानापुर में पशु गुजरी में निर्माण की गई दुकानों पर स्‍वीकृति किसके द्वारा दी गई थी? क्‍या उक्‍त नजूल भूमि का हस्‍तांतरण राजस्‍व विभाग द्वारा किया गया था? (ख) राजस्‍व विभाग द्वारा नजूल भूमि का हस्‍तांतरण नहीं किया गया तो दुकान का निर्माण किसके आदेश से किया गया?          (ग) अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व झाबुआ द्वारा निर्मित दुकानों पर लगाये गये स्‍थगन के बावजूद भी दुकानों का निर्माण एवं दुकानों की नीलामी किसके आदेश से की गई? (घ) नगर पंचायत रानापुर के अधिकारियों द्वारा स्‍थगन आदेश का पालन नहीं किया गया तो उस अधिकारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा क्‍या?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दुकानों के निर्माण की अनुमति परिषद् के संकल्‍प क्रमांक 80 दिनांक 25.07.2013 दी गई है, भूमि का हस्‍तांतरण राजस्‍व विभाग द्वारा नहीं किया गया। (ख) दुकान का निर्माण परिषद् के संकल्‍प क्रमांक 80 दिनांक 25.07.2013 के आदेश से किया गया। (ग) स्‍थगन दिये जाने के पश्‍चात् दुकानों का निर्माण कार्य नहीं करवाया गया और ना ही नीलामी की गई। (घ) शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अधीक्षक की पदोन्‍नति

27. ( क्र. 877 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभागीय परीक्षा उत्‍तीर्ण तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख, संभागायुक्‍त एवं कलेक्‍टर कार्यालय के अधीक्षक पद से डिप्‍टी कलेक्‍टर के पद पर वरिष्‍ठता के आधार पर एक साथ पदोन्‍नति की कार्यवाही शासन द्वारा की जाती थी? (ख) क्‍या फरवरी 2016 में विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक में संभागायुक्‍त एवं कलेक्‍टर कार्यालय में कार्यरत अधीक्षकों की पदोन्‍नति नहीं की हैं? यदि हाँ, तो क्‍यों और उक्‍त पद की पदोन्‍नति संबंधित कार्यवाही का कब तक निराकरण किया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। तहसीलदार व अधीक्षक      भू-अभिलेख से डिप्‍टी कलेक्‍टर तथा अधीक्षक, कलेक्‍टर कार्यालय से डिप्‍टी कलेक्‍टर के पद पर पदोन्‍नति की कार्यवाही पृथक-पृथक की जाती है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

योजनाओं का क्रियान्‍वयन

28. ( क्र. 884 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले में उद्योग एवं रोजगार मुहैया कराने के लिये विभिन्‍न योजनाओं के तहत् शासन द्वारा सहायता एवं ऋण मुहैया कराये जाने का कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो उक्‍त संबंध में कौन-कौन सी योजनाएँ उक्‍त जिले में संचालित हैं और उनको प्राप्‍त करने के लिए कौन-कौन से नियमों की पूर्ति संबंधित हितग्राही को करना पड़ता है? (ग) क्‍या रोजगार मुहैया कराने हेतु संबंधित विभाग से प्रकरण तैयार करने के उपरांत संबंधित बैंक को भेज दिया जाता है? यदि हाँ, तो बैंक द्वारा अनावश्‍यक विलंब किये जाने के कारण शासन द्वारा कोई नियम निर्धारित किया गया है जिससे संबंधित बैंक के दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जा सके? यदि नहीं, तो क्‍या उक्‍त नियम बनाकर भविष्‍य में ऐसे मामलों से निजात पाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ।              (ख) विभाग द्वारा निम्‍नानुसार तीन योजनाएं संचालित की जा रही है:- 1. मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना 2. मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना 3. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्यालय में आवेदन प्राप्‍त होने के उपरान्‍त प्रकरण टास्‍क फोर्स समिति के समक्ष रखा जाता है। तथा टास्‍क फोर्स समिति से अनुमोदन उपरान्‍त प्रकरण बैंक को भेजा जाता है। टास्‍क फोर्स समिति द्वारा आवेदकों के प्रकरणों में बैंकों को अनुशंसा की जाती है, प्रकरणों की अंतिम ऋण स्‍वीकृति का अधिकार बैंकों को ही है। बैंक शासन के अधीन नहीं आते, अत: बैंक पर कार्यवाही संभव नहीं, परन्‍तु आवेदक को बैंक से आने वाली कठिनाइयों के संबंध में शासन प्रतिनिधि द्वारा राज्‍य स्‍तरीय बैंकर्स समिति में उनकी समस्‍याओं को उठाया जाता है तथा जिला परामर्शदात्री समिति में बैंकों के साथ ऐसे प्रकरण की समीक्षा की जाती है।

सागर नगर की राजीव आवास योजना

29. ( क्र. 911 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 970 दिनांक 03 मार्च 2016 के प्रश्‍नांश के उत्‍तरांश में बताया गया था कि, या तो ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा अन्‍यथा ब्‍लेक लिस्‍टेड कर दिया जायेगा एवं पुन: निविदा जारी कर, नये ठेकेदार से कार्य करवाया जायेगा। इस संबंध में अभी तक क्‍या कार्यवाही हुई है? (ख) क्‍या उपरोक्‍त वर्णित तीनों कार्यों में अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है, न ही कोई कार्यवाही प्रचलन में हैं? इसके लिए कौन दोषी है, उन पर कोई कार्यवाही की जायेगी एवं शासन स्‍तर से इस संबंध में निर्णय कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जिससे कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिये जाने के कारण प्रगति हो रही है, अत: वर्तमान स्थिति में शासन स्‍तर से किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खदानों से अवैध उत्खन

30. ( क्र. 942 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मंत्री जी द्वारा जिला हरदा में दिनाक 18 मार्च 2016 को ता.प्र. क्र. 6372 को दिए गए जवाब के अनुसार कई खदानों की परमिशन नहीं पाई गई थी लेकिन आज दिनांक तक भी उन सभी खदानों से अवैध उत्खन का कार्य हो रहा है जिनमें सभी प्रकार की खदानें शामिल है. क्या इसकी उच्च स्तरीय जाँच करवायेंगे?  (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किन किन खदानों को परमिशन दी गई है? उसकी जानकारी से अवगत करायें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्रश्‍न के संबंध में विभाग द्वारा प्रश्‍नानुसार जानकारी नहीं दी गई थी। प्रश्‍न पर चर्चा में यह जानकारी दी गई थी। दो रेत खदान की परमिशन सिया से मिली है। बाकी सिया से प‍रमिशन की कार्यवाही चल रही है। (ख) जिले में स्‍वीकृत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। इसमें पर्यावरण अनुमति प्राप्‍त खदानों की जानकारी दी गई है।

परिशिष्ट - '' सात ''

आश्रितों हेतु अनुकम्‍पा नियुक्ति

31. ( क्र. 971 ) श्री प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य विद्युत मंडल एवं एम.पी. पावर मेनेजमेंट कम्‍पनी में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के आश्रितों हेतु अनुकम्‍पा नियुक्ति किये जाने के कितने प्रकरणों कब से प्रश्‍न दिनांक तक विचाराधीन है? अभी तक कुल कितने प्रकरणों का निराकरण किया चुका है, कितने अवशेष हैं, अवशेष प्रकरणों का निराकरण अभी तक न किये जाने का क्‍या कारण है? मध्‍यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग के अनुकम्‍पा नियुक्ति संबंधी क्‍या नियम/नीति/निर्देश हैं, उसकी प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या मध्‍यप्रदेश विद्युत मण्‍डल के मृत कर्मचारियों के आश्रित विधवा महिलाएं एवं उनके परिवारजनों द्वारा 11 मार्च 2013 को जबलपुर के शक्ति भवन के समक्ष धरना प्रदर्शन कर अनुकम्‍पा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों को निपटाने हेतु मांग की गई थी? क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा 09 मई 2013 को आंदोलन के दौरान उल्‍लेखित अनुकम्‍पा नियुक्ति के प्रकरण निपटाये जाने हेतु संबंधितों को आश्‍वस्‍त किया गया था? (ग) क्‍या शासन द्वारा अनुकम्‍पा नियुक्ति हेतु निर्मित नियम/नीति/निर्देश 2013 की शर्त क्रमांक 3.8 कंडिका 1 के अनुसार 10/04/12 के पूर्व एवं दिनांक 15/11/2000 के पश्‍चात् के दुर्घटना मृत्‍यु के प्रकरणों को छोड़कर शेष अस्‍वीकृत, निराकृत एवं लंबित प्रकरणों पर विचार नहीं किया जावेगा? क्‍या उल्‍लेखित शर्त न्‍यायसंगत एवं नीति संगत तथा मृत कर्मचारियों के आश्रितों के हितों के अनुरूप नहीं होने से पुन: विचार कर उसे विलुप्‍त करते हुए शासनाधीन अन्‍य विभागों की तरह एक समान अनुकम्‍पा नीति लागू करने का निर्णय लेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र.राज्‍य विद्युत मंडल वर्तमान में अस्तित्‍व में नहीं है। अपितु इसकी छ: उत्‍तरवर्ती कंपनियां है। म.प्र.राज्‍य विद्युत मण्‍डल के समान कंपनियों में भी अनुकम्‍पा नियुक्ति पर रोक लगी थी। सितम्‍बर 2013 में   मंत्रि-परिषद् से अनुमोदन के उपरान्‍त कंपनियों में अनुकम्‍पा नियुक्ति प्रारंभ की गई। तत्समय अंतिम अंतरण दिनांक 10.04.2012 तक के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी वर्ग के कार्मिकों के कुल 3331 अनुकम्‍पा नियुक्ति प्रकरण उत्‍तरवर्ती कंपनियों को हस्‍तांरित थे, जिनमें सामान्‍य मृत्‍यु के 2838 प्रकरण तथा दुर्घटना मृत्‍यु के 493 प्रकरण सम्मिलित थे। प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त प्रकरण तथा नए प्रकरणों सहित अनुकम्‍पा नियुक्ति नीति (संशोधित), 2013 के अनुसार उत्‍तरवर्ती कंपनियों में पात्र आवेदनों की संख्‍या कुल 1549 है तथा इस संख्‍या में पूर्ववर्ती म.प्र.राज्‍य विद्युत मण्‍डल के दुर्घटना मृत्‍यु के 493 प्रकरण सम्मिलित हैं। उपरोक्‍त 1549 पात्र प्रकरणों में से 356 आवेदकों को अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्रदान किये जा चुके हैं। 159 प्रकरण वित्‍तीय सहायता प्रदत्‍त कर निराकृत किये गये हैं। 865 आवेदकों को उनके आवेदन पर अनुकम्‍पा नियुक्ति के प्रावधानानुसार शैक्षणिक योग्‍यता प्राप्‍त करने हेतु 3 वर्ष का समय दिया गया है तथा अभिवचन पत्र जारी किये गये हैं कि शैक्षणिक योग्‍यता प्राप्‍त करने पर उन्‍हें नियुक्ति दी जायेगी। शेष 169 प्रकरण विचाराधीन हैं, जिन्‍हें पद रिक्‍त होने पर नियुक्ति प्रदान की जा सकेगी। प्रकरणों के निराकरण न होने का कारण, आवेदकों के पास वांछित शैक्षणिक योग्‍यता न होना या कंपनियों में वांछित पद का रिक्‍त न होना है। विस्‍तृत विवरण एवं उत्‍तरवर्ती कंपनियों द्वारा जारी अनुकंपा नियुक्ति नीति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ख) जी हाँ, दिनांक 11 मार्च, 2013 को शक्ति भवन परिसर के बाहर कुछ व्‍यक्तियों, जिनमें महिलायें भी शामिल थी, द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्रदर्शन किया गया था। शेष प्रश्‍नांश के विषय में कोई आधिकारिक जानकारी प्राप्‍त नहीं है।      (ग) जी हाँ। पूर्ववर्ती म.प्र.राज्‍य विद्युत मण्‍डल के समस्‍त कार्मिकों का, दिनांक 10.04.2012 को, उत्‍तरवर्ती कंपनियों में अंतिम अंतरण हुआ था, उसी आधार पर अनुकंपा नियुक्ति नीति की कंडिका 3.8 की कंडिका-1 में प्रावधान शामिल है, जो कि सुविचारित हैं। विद्युत कंपनियों की अनुकम्‍पा नियुक्ति नीति राज्‍य शासन के अन्‍य विभागों के अनुरूप ही, मंत्रि-परिषद् के अनुमोदन के उपरान्‍त, लागू की गयी है।

उत्‍खनन की स्‍वीकृति

32. ( क्र. 972 ) श्री प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में जबेरा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों के निर्माण कार्यों में किस-किस ठेकेदार द्वार मुरम एवं मिट्टी हेतु खनिज विभाग से प्रारंभ वित्‍तीय वर्ष में उत्‍खनन की स्‍वीकृति मांगी गई है? (ख) मांगी गई स्‍वीकृति किस पटवारी हल्‍के के किस ग्राम में तथा कितने रकबे की स्‍वीकृति दी गई है? (ग) क्‍या ठेकेदारों द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण के लिए अवैध उत्‍खनन किया गया है यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अभी तक किन-किन ठेकेदारों के विरूद्ध अवैध उत्‍खनन की कार्यवाही में कितना राजस्‍व वसूला गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मुरम एवं मिट्टी के लिये किसी ठेकेदार द्वारा कोई आवेदन प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। (ख) कोई आवेदन प्राप्‍त न होने पर स्‍वीकृति दिये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं।

 

बकाया विद्युत बिल की राशि की वसूली

33. ( क्र. 1096 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छिन्‍दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्र के कृषक एवं घरेलु कनेक्‍शन के बकाया राशि के कारण बिजली कनेक्‍शन काटने के पश्‍चात् बिना वसूली किये आर.सी. के नाम पर पुन: कनेक्‍शन जोड़े जाने का शुल्‍क उपभोक्‍ताओं से वसूल किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना? (ख) क्‍या आर.सी.डी.सी. (लाईन काटना और लाईन जोड़ना को क्षति राशि म.प्र. वि.मं.लि. के किस प्रावधान के अनुसार है? प्रावधान की प्रति उपलब्‍ध करायें? क्‍या आर.सी.डी.सी. की राशि विशेष न्‍यायालय के माध्‍यम से वसूली करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो राशि न्‍यायालय में प्रकरण दर्ज कर वसूली की जा रही है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं। विद्युत बिल की बकाया राशि के कारण उपभोक्‍ता की विद्युत लाईन काटने के पश्‍चात् उपभोक्‍ता द्वारा बकाया राशि की अंश राशि या बकाया राशि जमा करने पर पुन: लाईन जोड़ने के लिये आर.सी.डी.सी. (रीकनेक्‍शन एवं डिसकनेक्‍शन) चार्ज की राशि रू. 200 लेने का प्रावधान है एवं तदनुसार ही प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कार्यवाही की जा रही है। (ख) म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अध्‍याय-9, शीर्षक '' भुगतान एवं संयोजन विच्‍छेद '' की कंडिका 9.15 के अनुसार प्रावधान है कि '' अस्‍थाई संयोजन विच्‍छेद के पश्‍चात् विद्युत प्रदाय उसी दशा में पुनर्स्‍थापित किया जाएगा जब उपभोक्‍ता बकाया प्रभारों/देय राशि/निर्धारित की गई किश्‍त की राशि मय संयोजन विच्‍छेद तथा उसे जोड़ने के प्रभारों सहित भुगतान कर देता है। '' तदनुसार अनुज्ञप्तिधारी को प्रदत्‍त अधिकार के परिपालन में म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी मध्‍यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग (विद्युत प्रदाय के प्रयोजन से विद्युत लाईन प्रदाय करने अथवा उपयोग किये गये संयंत्र हेतु व्‍ययों तथा अन्‍य प्रभारों की वसूली) विनियम (पुनरीक्षण प्रथम), 2009 के प्रावधानानुसार मीटरिंग एवं अन्‍य प्रभार के शेड्यूल के अनुसार आर.सी.डी.सी. राशि की वसूली की जाती है। उक्‍त प्रावधानों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- '' एवं '' अनुसार है। आर.सी.डी.सी. की राशि विशेष न्‍यायालय के माध्‍यम से वसूल करने का प्रावधान नहीं है। अत: न्‍यायालय में प्रकरण दर्ज कर राशि वसूलने का प्रश्‍न नहीं उठता।

खनिज खदानों का अवैध उत्‍खनन

34. ( क्र. 1103 ) श्री जतन उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में प्रश्‍न दिनांक से पिछले 03 वर्षों में कितने खदानों के पट्टे जारी किये गये हैं और कितने खदानों के पट्टे निरस्‍त किये गये है? खदान एवं पट्टेधारियों के जारी एवं निरस्‍त सहित सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या निरस्‍त किये गये खदानों के पट्टाधारियों से शासन की राशि वसूली की जानी है? यदि हाँ, तो उन पट्टाधारियों की सूची बकायादारों के नाम व बकाया राशि सहित  उपलब्‍ध करायें? क्‍या निरस्‍त खदानों से भी भारी मात्रा में अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है? इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है? शासन उस पर क्‍या कार्यवाही करेगा? (ग) क्‍या खनिज अधिकारी जिला छिन्‍दवाड़ा के द्वारा बकायादारों से सांठ-गांठ कर बकाया राशि वसूली के संबंध में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है? जिससे शासन को करोड़ों रूपयों की राजस्‍व हानि हो रही है? यदि हाँ, तो ऐसे जिला खनिज अधिकारी के विरूद्ध शासन के द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब में दर्शित है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शाई गई है। जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शुगर मिल एवं मिल से संलग्‍न भूमियों पर औद्योगिक कार्य

35. ( क्र. 1225 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इस वर्ष शासन/विभाग द्वारा सहकारिता विभाग को दिये गये शुगर मिल एवं मिल से संलग्‍न भूमियों को पुन: प्राप्‍त कर अपने आधिपत्‍य में ले लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शुगर मिल जावरा नगर में स्‍थापित होकर रेल्‍वे स्‍टेशन से लगा होकर लगभग 80-90 बीघा भूमि के परिसर में होकर स्‍थापित है? साथ ही मिल से संलग्‍न अतिरिक्‍त लगभग 112.504 हेक्‍टेयर भूमि नगर के आसपास ही है? (ग) यदि हाँ, तो उद्योग विभाग के पुन: आधिपत्‍य में आये इस मिल एवं मिल परिसर में कोई बड़ा वृहद उद्योग एवं मिल से संलग्‍न आसपास की भूमियों पर लघु कुटीर उद्योग इत्‍यादि हेतु विचार प्रारंभ हुआ है? (घ) यदि हाँ, तो रतलाम जंक्‍शन से मात्र 30-35 कि.मी. दूर जावरा नगर रेल्‍वे स्‍टेशन से संलग्‍न रेल्‍वे स्‍टशेन से लेकर मिल के भीतर तक डली रेल्‍वे लाईन रखने वाले मिल परिसर हेतु एवं संलग्‍न भूमियों हेतु क्‍या कार्य-योजना बनाई जा रही है?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। शहीद नरेन्‍द्र सिंह चन्‍द्रावत सहकारी शक्‍कर कारखाना मर्यादित जावरा जिला रतलाम का आधिपत्‍य उद्योग विभाग द्वारा प्राप्‍त किया गया। (ख) उक्‍त शुगर मिल प्‍लांट कुल रकबा 36.539 हेक्‍टेयर भूमि में स्‍थापित है। जी हाँ, कुल 112.504 में से 36.539 हेक्‍टेयर भूमि के अतिरिक्‍त शेष भूमि नगर के आसपास ही है। (ग) उद्योग विभाग द्वारा उद्योगों की स्‍थापना नहीं की जाती, उद्यमियों की मांग एवं संभावनाओं के आधार पर कार्य योजना तैयार की जाती है। (घ) जी,नहीं।

विधायक निधि के कार्यों की स्‍वीकृति

36. ( क्र. 1255 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा निवार्चन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत सर्कुलर          क्र. 893 दिनांक 20.02.2013 के अनुसार विधायक निधि की स्‍वीकृति हेतु सामान्‍यत: 30 दिवस की समय-सीमा निर्धारित की गई है एवं क्‍या सामान्‍यत: 30 दिवसों के पश्‍चात् ही कार्य की स्‍वीकृति दी जाती है? (ख) क्‍या पनागर विधान सभा क्षेत्र की नगर परिषद् बरेला को पेयजल सप्‍लाई हेतु विधायक निधि से एक ट्रैक्‍टर की प्रशासकीय स्‍वीकृति दि. 25.05.2016 को जारी की गई हैं एवं प्रश्‍न दिनांक तक निधि का भुगतान नहीं किया गया हैं? (ग) क्‍या अल्‍प वर्षा की स्थिति में यह स्‍वीकृति प्राथमिकता से दी जाना आवश्‍यक नहीं है? इसके लिये कौन दोषी हैं? क्‍या दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो योजना के क्रियान्‍वयन में अनुभूत कठिनाईयों/आवश्‍यकताओं के परिप्रेक्ष्‍य में न्‍यूनतम समय-सीमा की जा सकती है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। सामान्‍यत: 30 दिवसों के अंदर ही प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की जाती है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍न दिनांक तक (दिनांक          09-06-2016) राशि का भुगतान किया जा चुका है। (ग) अल्‍प वर्षा की स्थिति में यह स्‍वीकृति प्राथमिकता से दी जाना आवश्‍यक है और स्‍वीकृति जारी की जा चुकी है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना-2013 की मार्गदर्शिका के बिन्‍दु क्रमांक 3.4 में स्‍पष्‍ट निर्देश होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

इंदिरा सागर परियोजना की नहरों का समय-सीमा में पूर्ण किया जाना

37. ( क्र. 1305 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यानसिंह सोलंकी : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगोन जिले में इंदिरा सागर परियोजना की नहरों की स्‍वीकृति हुई है? यदि हाँ, तो इसकी निविदा कब जारी हुई? निविदा में कार्य पूर्ण करने के लिये कितनी अवधि निर्धारित की गई थी? निविदा जारी होने की दिनांक, राशि एवं कार्यावधि सहित संपूर्ण जानकारी दी जावें। (ख) कार्यादेश जारी होने के दिनांक तक क्‍या ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कार्यावधि पूर्ण करने के लिये ठेकेदार को कितनी बार समयवृद्धि की गई? समय पर कार्य न होने के क्‍या कारण रहे है? क्‍या विभाग की गलती रही है? यदि हाँ, तो विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि ठेकेदार की त्रुटि रही है तो ठेकेदार के विरूद्ध समय-समय पर कितनी बाद दण्‍ड किया गया है? क्‍या इन नहरों में किसानों की गर्मी से फसल उत्‍पादन के लिये पानी छोड़ने के क्‍या प्रावधान है? विगत एक माह में कब-कब पानी छोड़ा गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार जो कार्य शेष रहे है वह कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा, उसकी समय-सीमा बताई जावें। पानी छोड़ने की समयावधि निर्धारित करेगें, ताकि किसानों को आंदोलन नहीं करना पड़ेगा।

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन के अनुसार ग्रीष्‍म कालीन फसलों हेतु कुल सिंचित क्षेत्र के 10 प्रतिशत क्षेत्र अर्थात 12300 हेक्‍टेयर में पानी देने का प्रावधान है। दिनांक 25/05/2016 को मुख्‍य नहर के 58.00 कि.मी तक एवं दिनांक 06/06/2016 को 105.00 कि.मी. तक पानी छोड़ा गया। (ग) मुख्‍य नहर के शेष कार्यों को अक्‍टूबर 2016 तक तथा शेष समस्‍त कार्यों को माह जून 2017 तक पूर्ण करना लक्षित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''आठ''

अवैध उत्‍खनन

38. ( क्र. 1335 ) श्री मुकेश नायक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र में आदिवासियों की भूमि पर अवैध उत्‍खनन की जानकारी के संबंध में प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा पत्र क्रमांक MLA/1375, दिनांक 19.06.2016, MLA/1351, दिनांक 06.04.2016, MLA/1347, दिनांक 06.04.2016, MLA/1017, दिनांक 05.10.2015, MLA/979, दिनांक 26.08.2015, MLA/967, दिनांक 24.08.2015, MLA/966, दिनांक 24.08.2015, MLA/965, दिनांक 24.08.2016, MLA/382, दिनांक 09.01.2015, कई पत्र भेजे गये लेकिन आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) पन्‍ना जिले की तह. पवई के ग्राम बछौन के खसरा क्रमांक 30, 28/1, 47, 32/1, ग्राम हरदुआ तह. पवई खसरा क्रमांक 151/1, 151/2, 152/1, ग्राम कुटमी तह. पवई खसरा क्रमांक 196/1, 276/2 में भारी मात्रा में अवैध उत्‍खनन हो रहा है ये जमीने सभी आदिवासियों की है जिन पर जबरन कब्‍जा कर अवैध उत्‍खनन हो रहा है? जिसकी कई बार शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। इन सभी स्‍थानों पर एक भी खदान स्‍वीकृत नहीं है फिर भी भारी मात्रा में अवैध उत्‍खनन हो रहा है? क्‍या शासन विभाग की टीम गठित कर उक्‍त अवैध उत्‍खनन की जाँच करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?          (ग) क्‍या पन्‍ना जिले की पवई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम ककरी कछार में कलेक्‍टर पन्‍ना द्वारा निरीक्षण के दौरान अवैध खदान एवं अवैध क्रेसर पायी जाने पर नोटिस जारी किया था? उस नोटिस के आधार पर खनिज विभाग पन्‍ना ने आज दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई एवं खनिज निरीक्षक जिनकी उदासीनता से अवैध उत्‍खनन चल रहा है। विभाग उन पर क्‍या कार्यवाही की है अगर नहीं तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) माननीय विधायक द्वारा प्रस्‍तुत पत्रों के संबंध में चाही गई जानकारी खनिज विभाग कार्यालय द्वारा जबावी पत्रों के माध्‍यम से दी गई है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है।          (ख) प्रश्‍नानुसार उल्‍लेखित क्षेत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब में दर्शाये अनुसार प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र पर दिनांक 11.12.2015 को खसरा क्रमांक 93 में अवैध रूप से भण्‍डारित गिट्टी तथा क्रेशर मशीन जब्‍त कर मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण) नियम 2006 के तहत अवैध भण्‍डारण का प्रकरण तैयार किया गया था। जिसे नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), पवई को भेजा गया है। खनि निरीक्षक द्वारा अवैध उत्‍खनन के 10 प्रकरण, जिसमें रूपये 3,31,25,928/- का अर्थदण्‍ड प्रस्‍तावित किया गया है, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), पवई के न्‍यायालय में निराकरण हेतु भेजा गया है। इस कार्यवाही से खनि निरीक्षक की उदासीनता प्र‍तीत नहीं होती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''नौ''

नगर पालिका परिषद् गोटेगांव में स्‍वीकृत निर्माण कार्य

39. ( क्र. 1339 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर पालिका परिषद् गोटेगांव अंतर्गत वित्‍त वर्ष  2014-15 एवं 2015-16 में किन-किन मदों में राशि का व्‍यय किया गया? मदवार सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांक (क) अनुसार वित्‍त वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में नगरपालिका परिषद् गोटेगांव में स्‍वीकृत निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्‍या है एवं जो कार्य निर्माणाधीन हैं, उनमें आज दिनांक तक कितनी-कितनी राशि आहरित की गई विवरण सूची सहित उपलब्‍ध करावें? (ग) नगर पालिका परिषद् गोटेगांव अंतर्गत वित्‍त वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में नगर में निर्माण किये गये शौचालयों की वर्तमान स्थिति क्‍या है? निर्माणाधीन एवं प्रस्‍तावित शौचालयों की सूची उपलब्‍ध करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) प्रस्‍तावित 1915 शौचालयों में से 1122 शौचालयों का कार्य पूर्ण/निर्माणाधीन है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है तथा 793 शौचालयों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है।

तालाबों का निर्माण

40. ( क्र. 1345 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत वित्‍त वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितने तालाब निर्माण स्‍वीकृत किये गये? सूची उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या स्‍वीकृत समस्‍त तालाब निर्माण किये जा चुके है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्‍ध करावें यदि नहीं, तो इनके निर्माण पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बतावें?     (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या तालाबों को पानी से भरने हेतु नहरों से पानी तालाब में छोड़े जाने की शासन की कोई मंशा है, यदि हाँ, तो बतावें यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में विभाग ने कोई सिंचाई जलाशय स्‍वीकृत नहीं किया है। (ख) से (ग) जानकारी निरंक है।

विधायक निधि के कार्य

41. ( क्र. 1347 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में वित्‍त वर्ष 2014-15, 2015-16 में विधायक निधि से स्‍वीकृत कार्यों की वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्तमान में वित्‍त वर्ष 2014-15, 2015-16 में विधायक निधि से स्‍वीकृत कितने कार्य पूर्ण हो चुके है? सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विधान सभा क्षेत्र में वित्‍त वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में स्‍वीकृत अपूर्ण कार्य की सूची प्रदान करें एवं अपूर्णता का स्‍पष्‍ट कारण बतायें। कार्य समय-सीमा में पूर्ण न होने पर संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों में अनुशासनात्‍मक कार्यवाही शासन द्वारा की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गोटेगांव अन्तर्गत जनपद पंचायत गोटेगांव एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर में वित्त वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विधायक निधि से कुल 110 कार्य स्वीकृत किये गये थे जिनमें से 18 कार्य पूर्ण है शेष 92 कार्य प्रगतिरत/अपूर्ण है। (ख) पूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 5 में दर्शित है। (ग) प्रश्नानुसार स्वीकृत अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 5 में दर्शित हैं। कार्यों के अपूर्ण रहने का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कालम 6 में उल्लेखित है। अपूर्ण कार्यों को शीघ्र पूर्ण कराने हेतु संबंधित निर्माण एजेन्सियों को निर्देशित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

रेत खदानों के आवंटन में पर्यावरण की अनुमति की जानकारी विषयक

42. ( क्र. 1364 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पाँच हेक्‍टेयर से कम रकबे की रेत खदानों को पर्यावरण की एन.ओ.सी. केन्द्र सरकार से लेने संबंधी आदेश में बदलाव किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या पूर्व की तरह यह एन.ओ.सी. अब जिला स्‍तर पर दी जा सकेगी?            (ख) लांजी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पाँच हेक्‍टेयर से कम रकबे वाली ऐसी कितनी खदानें है, जिनकी निलामी की जानी है? अब तक नीलामी न किये जाने के क्‍या कारण हैं? (ग) पाँच हेक्‍टेयर से ज्‍यादा कितनी खदानें विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हैं? क्‍या इनकी निलामी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो ठेकेदारों के नाम खदान अनुसार जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍नानुसार चार खदानों को नीलामी हेतु चिन्‍हित किया गया है। इन खदानों पर नियमानुसार संबंधित ग्राम पंचायत एवं वन विभाग को अभिमत हेतु लेख किया गया है। इनसे प्रतिवेदन प्राप्‍त न होने के कारण इनकी नीलामी नहीं की गई है।         (ग) प्रश्‍नाधीन विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍नानुसार चार खदानें हैं जिनकी नीलामी की गई है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''दस''

33/11 KVA सब स्‍टेशन की स्‍थापना

43. ( क्र. 1365 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र लांजी अंतर्गत ग्राम पंचायत आवा वि.वि. केन्‍द्र भानेगांव तथा ग्राम पंचायत माटे, वि.वि. केन्‍द्र किरनापुर में 33/11 के.व्‍ही.ए. सब स्‍टेशन प्रारंभ करने हेतु कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन है? (ख) यदि हाँ, तो इस पर कब तक स्‍वीकृति प्रदान कर दी जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र लांजी अन्‍तर्गत ग्राम पंचायत-आवा, वितरण केन्‍द्र-भानेगांव तथा ग्राम पंचायत माटे, वितरण-केन्‍द्र किरनापुर में 33/11 के.व्‍ही. सब-स्‍टेशन प्रारंभ करने हेतु वर्तमान में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। उल्‍लेखनीय है कि ग्राम आवा को वर्तमान में विद्युत प्रदाय कर रहे भानेगांव 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र से निकले 11 के.व्‍ही. फीडर पर भार 155 एम्‍पीयर एवं वोल्‍टेज रेग्‍यूलेशन 10.87% है जो कि निर्धारित मानक स्‍तर से अधिक है। उक्‍त स्थिति तथा भविष्‍य की भार वृद्धि के दृष्टिगत उक्‍त फीडर को भानेगांव उपकेन्‍द्र से आवा ग्राम तक की 5 कि.मी. की दूरी तक दो भागों में विभक्‍त किये जाने हेतु चिन्हित किया गया है तथा विभक्तिकरण के उपरांत दोनों विभक्‍त फीडरों के अंतिम छोर पर वोल्‍टेज रेग्‍यूलेशन 9% के मानक स्‍तर का हो जाएगा। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में ग्राम आवा में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र का कार्य किया जाना आवश्‍यक नहीं है। ग्राम माटे को वर्तमान में विद्युत प्रदाय कर रहे किरनापुर 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र से निकले 11 के.व्‍ही. फीडर पर भार 55 एम्‍पीयर तथा वोल्‍टेज रेग्‍यूलेशन 8.1% है, जो कि निर्धारित मानकों के अनुरूप है। अत: वर्तमान में ग्राम माटे में 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र का कार्य किया जाना तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

बाघ सिजारा परियोजना का टेंडर

44. ( क्र. 1383 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में टीकमगढ़ जिला स्थित बांध सिजारा परियोजना के सम्‍बंध में कब-कब कौन-कौन से टेंडर जारी किये गये? उक्‍त टेंडरों के उत्‍तर में           कौन-कौन से ठेकेदारों ने अर्हता के पूर्व भाग लिया और उन्‍होंने कौन-कौन से दस्‍तावेज ऑनलाईन किस दिनांक को जमा किये? (ख) क्‍या टेंडर नियमों के पूर्व अर्हता के निविदा खोलने के बाद किसी ठेकेदार से अतिरिक्‍त रूप से अभिलेख प्राप्‍त किये गये? यदि हाँ, तो किस ठेकेदार से किस दिनांक को? (ग) क्‍या टेंडर खोलने के बाद अतिरिक्‍त रूप से दस्‍तावेज प्राप्‍त करने की घटना को कौन से मुख्‍य अभियन्‍ता ने आपत्ति दर्ज की थी? यदि हाँ, तो उनके नाम और आपत्ति की तिथि बताये? (घ) यदि उपरोक्‍तानुसार कार्यवाही से लाभ किसी एक ठेकेदार को पहुँचता है, तो ऐसी कार्यवाही का अनुमोदन देने वाले अधिकारी का नाम पद बताये और उसके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

खाता धारकों को मुआवजा राशि

45. ( क्र. 1384 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम बरेठी तहसील राजनगर जिला-छतरपुर में नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन (NTPC) में कुल कितनी जमीन अधिग्रहण की गई तथा संबंधित खाताधारकों को (कृषि) शासन के माप दण्‍डानुसार कितना मुआवजा वितरित किया गयातथा कुल कितनी राशि स्‍वीकृत की गई? (ख) कितना मुआवजा वितरण के लिए शेष है? किसानों की सहमति के आधार पर किया गया अथवा नहीं? कारण सहित स्थिति स्‍पष्‍ट करें? (ग) क्‍या काफी खाता धारकों को वंचित रखा गया है? इस पर राज्‍य सरकार क्‍या कार्यवाही कर रही है? क्‍या जिन कृषकों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है, उनके परिवार के सदस्‍यों को नौकरी दी जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जिला छतरपुर अंतर्गत ग्राम-बरेठी की         510-611 हेक्‍टेयर निजी भूमि का अर्जन नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन (एन.टी.पी.सी.) के लिये किया गया। उक्‍त भूमि के खाता धारकों को भू-अर्जन अधिनियम, 1894 के तहत् तथा शासन के आदेशों के अनुरूप अवार्ड पारित कर राशि रूपये 47,62,93,228/- का वितरण किया गया है। ग्राम बरेठी हेतु रूपये 48,70,42,179/- की अवार्ड राशि (स्‍वीकृति) पारित की गई है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में अंकित ग्राम बरेठी की रूपये 1,07,48,951/- मुआवजा राशि वितरण के लिये शेष है। कृषकों की भूमि का अर्जन       भू-अर्जन अधिनियम, 1894 के अन्‍तर्गत किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश (क) में अंकित ग्राम बरेठी की (एन.टी.पी.सी. हेतु) अर्जन की गई भूमि के प्रभावित खाता धारकों में से किसी भी खाता धारक को मुआवजा से वंचित नहीं किया गया है, अतएव कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। जिन कृषकों की भूमि का अर्जन किया गया है, उनके परिवारों को नौकरी के एवज में म.प्र.शासन की पुनर्वास नीति (योजना) दिनांक 12.09.2012 के अनुसार रूपये 3,00,000/- या विशेष प्रकरण मान कर एक बार के लिये रूपये 3,50,000/- प्रति एकड़ के मान से रोजगार अनुदान राशि दी गई है।

धार में महाराजा भोज की मूर्ती की स्‍थापना

46. ( क्र. 1451 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या राजा भोज के पंद्रहसौवे राज्‍यावरोहण के क्रम में माननीय मुख्‍यमंत्री की अध्‍यक्षता में गठित समिति द्वारा धार जिला मुख्‍यालय पर राजा भोज की प्रतिमा स्‍थापित करने तथा भोजकालीन पार्क अनुरूप बगीचे के निर्माण का निर्णय लिया था? (ख) यदि हाँ, तो धार शहर में पूर्व हवा बंगले के पास राजाभोज की प्रतिमा सह उद्यान की घोषणा माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा की गई है? (ग) यदि हाँ, तो नगर पालिका परिषद् धार द्वारा प्रस्‍तुत नक्‍शा व प्रस्‍ताव विभाग को प्राप्‍त हो चुके हैं? (घ) राजा भोज की प्रति‍मा धार जिला मुख्‍यालय पर स्‍थापित करने हेतु क्‍या कार्रवाई की गई है तथा प्रकरण में वर्तमान स्थिति से अवगत करावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ।  (ग) जी नहीं। (घ) निकाय द्वारा विस्‍तृत योजना प्रतिवेदन राशि रू. 229.00 लाख तैयार कर लिया गया है। जिला कलेक्‍टर के माध्‍यम से शासन को प्रस्‍तुत किया जा रहा है।

रेत खदानों का आवंटन

47. ( क्र. 1457 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में वर्तमान में खनिज विभाग द्वारा कौन-कौन सी रेत खदानों किस दिनांक को कितने समय के लिये, किस फर्म को आवंटित की गई तथा कितने लोगों को कौन-कौन से ग्राम में निजी भूमि से रेत उत्‍खनन की अनुमति प्रदान की? सर्वे नंबरों सहित जानकारी उपलब्‍ध कराई जावें। (ख) कंडिका (क) में वर्णित समस्‍त रेत खदानों में कितने घनफुट रेत उत्‍खनन को मंजूरी संबंधित ठेकेदार को दी गई है एवं प्रश्‍न दिनांक तक उसमें से कितने घनफुट रेत उक्‍त खदानों से उठाई जा चुकी है तथा कितनी उठाई जाना शेष है? (ग) आवंटन के उपरांत कौन सी रेत खदान से कितनी-कितनी रायल्‍टी प्रश्‍न दिनांक तक जमा हुई दिनांकवार/खदानवार जानकारी उपलब्‍ध कराई जावें। निजी भूमि से रेत उत्‍खनन किये जाने के संबंध में शासन का क्‍या नियम है। (घ) क्‍या उक्‍त खदानों के ठेकेदार को रेत भण्‍डारण की स्‍वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो किसको और कितनी-कितनी खदानवार जानकारी दें? क्‍या विभाग द्वारा इनके भण्‍डारण की जाँच की गई है? यदि हाँ, तो जानकारी दें कि किसके द्वारा       कहाँ-कहाँ कितना-कितना भण्‍डारण किया गया है? भण्‍डारण की रायल्‍टी विभाग में जमा की गई है या नहीं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के पक्ष में रेत खनिज के 26 उत्‍खनिपट्टे 10 वर्ष की अवधि के लिये स्‍वीकृत किये गये हैं। मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा ई-नीलामी के माध्‍यम से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार 20 रेत खदान के ठेके दिये गये हैं। प्रश्‍नाधीन जिले में निजी भूमि पर रेत परिवहन की अनुज्ञा दो व्‍यक्तियों को जारी की गई है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में‍ दिये उत्‍तर में दर्शित रेत खदानों की स्‍वीकृत वार्षिक ठेका मात्रा की जानकारी तथा जिन 3 रेत खदानों में रेत उत्‍खनन कार्य प्रारंभ हुआ है, उनमें रेत खदानों से उठाई गई मात्रा एवं शेष मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। निजी भूमि में दी गई परिवहन अनुज्ञा के संबंध में प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब में दर्शित है। प्रश्‍नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में दर्शित है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शाये गये ठेकेदारों में से चार ठेकेदारों को नियमानुसार भण्‍डारण अनुज्ञप्ति जारी की गई है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। विभाग द्वारा एक भण्‍डारण स्‍थल ग्राम रूहेरा की जाँच की गई है। जिसमें 25,000 घन मीटर रेत का भण्‍डारण पाया गया है। जिसकी रॉयल्‍टी जमा है।

जल आवर्धन योजना

48. ( क्र. 1458 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2010 के उपरांत ग्‍वालियर चंबल संभाग में     कौन-कौन सी नगर निगम/नगर पालिका/ नगर पंचायतों में जल आवर्धन योजना/फिल्‍टर प्‍लान्‍ट स्‍वीकृत हुये? ये योजनायें किस मद से स्‍वीकृत हुई, इनकी लागत राशि/कार्य एजेंसी का नाम/ कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा के साथ-साथ जानकारी उपलब्‍ध करायें कि कौन-कौन से कार्य पूर्ण एवं कौन-कौन से कार्य अपूर्ण या अधूरे हैं? (ख) कंडिका (क) में वर्णित जल आवर्धन योजनाओं में वानकों कंस्‍ट्रक्‍शन प्रा.लिमि.कंपनी ग्‍वालियर द्वारा कहाँ-कहाँ कार्य करायें, जिनमें से कितने पूर्ण कराकर विभाग को सुपुर्द की जा चुकी है तथा कितने अपूर्ण है, कितने व कौन-कौन से कार्य प्रारंभ ही नहीं हुए है? कार्य के नाम/लागत राशि सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या उक्‍त कंपनी द्वारा प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट में अंकित पाईप (गेज और कंपनी) का उपयोग नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कंपनी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा पाईप की गुणवत्‍ता संबंधी जाँच की गई? उनके नाम/पद एवं उनके द्वारा दिये गये प्रतिवेदनों की छायाप्रतियां उपलब्‍ध कराई जावें। (घ) क्‍या उक्‍त कंपनी को ब्‍लेक लिस्‍ट किया गया है? यदि हाँ, तो कब? क्‍या उक्‍त कंपनी द्वारा कई योजनायें समय-सीमा समाप्‍त होने के बावजूद विभाग को सुपुर्द नहीं की है उसके बावजूद विभाग द्वारा इनके मेंटीनेंस पर लाखों रूपये व्‍यय किये जा रहे है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन उत्‍तरदायी हैं? यदि नहीं, तो उक्‍त कंपनी द्वारा कराये गये संपूर्ण कार्यों की जाँच राज्‍य स्‍तरीय अधिकारियों द्वारा समिति बनाकर कराई जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट में किसी भी कंपनी का उल्‍लेख नहीं किया गया है। भारतीय मानक ब्‍यूरो द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार पाईप का प्रावधान किया जाता है। तदानुसार ही कंपनी द्वारा पाईप का उपयोग किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। माधव इन्‍स्‍टीट्यूट ऑफ साईंस एण्‍ड टेक्‍नोलॉजी द्वारा दिनांक 14.12.2013 को दतिया की योजना का निरीक्षण कर प्रतिवेदन दिया गया है। प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार है। थर्ड पार्टी इन्‍स्‍पेक्‍शन के उपरांत कार्य का भुगतान किया गया है। (घ) जी नहीं। म.प्र. लोक निर्माण विभाग के मुख्‍य अभियंता के आदेश क्रमांक/सा./401/कॉन/70/2015/4392-93 दिनांक 05.04.2016 से 02 वर्ष के लिए निलंबित किया गया था, जिसे मध्‍यप्रदेश लोक निर्माण विभाग प्रमुख अभियंता के आदेश क्रमांक 212/वनिस/पंजी. अपील/प्र.अ./लो.नि.वि./2016/429 दिनांक12.07.2016 द्वारा कंपनी का पंजीयन बहाल कर दिया गया है। जी नहीं। वर्ष 2013 से नगर पालिका, दतिया द्वारा योजना का संचालन-संधारण किया जा रहा है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

ग्‍वालियर जिले के अंतर्गत हरसी कैनाल से रमौआ बांध में पानी भरना

49. ( क्र. 1503 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्‍वालियर की हरसी कैनाल से रमौआ बांध में जल भराव करने हेतु योजना बनाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो योजना की भौतिक स्थिति क्‍या है? (ग) हरसी कैनाल से रमौआ बांध में पानी भरने हेतु कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) निर्माणाधीन हरसी उच्‍चस्‍तरीय के कि.मी. 76.305 से नाले में पानी छोड़कर रमौआ बांध में ले जाने का प्रावधान किया गया है। निर्माणाधीन कार्य वर्ष 2017-18 में पूर्ण होना संभावित है।

न्‍यायालय में प्रस्‍तुत प्रकरणों में निर्णय उपरांत दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

50. ( क्र. 1547 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्षों में पुलिस, लोकायुक्‍त तथा ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. द्वारा न्‍यायालयों में प्रस्‍तुत प्रकरणों में से कितने प्रकरणों पर अंतिम निर्णय हुआ तथा उनमें से कितनों में आरोपियों को सजा हुई एवं कितनों में आरोपी बरी हुए? पुलिस, लोकायुक्‍त तथा ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. के प्रकरणों की संख्‍या अलग-अलग बताएं? (ख) न्‍यायालयों द्वारा जनवरी 2015 से जून 2016 तक महिला उत्‍पीड़न की विभिन्‍न धाराओं में दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों पर अंतिम निर्णय दिया गया? उनमें से कितने प्रकरणों में आरोपियों को सजा हुई तथा कितने प्रकरणों में आरोपी बरी हुए? (ग) महिलाओं का अपहरण, बलात्‍कार, बलात्‍कार के बाद हत्‍या, सामूहिक बलात्‍कार, देह शोषण के कितने प्रकरण विभिन्‍न न्‍यायालयों में लंबित हैं? प्रकरण क्रमांक, कायमी दिनांक, धारा सहित नाबालिग की सूची अलग से बताएं? (घ) महिला उत्‍पीड़न के प्रकरणों पर शीघ्र निर्णय हो सके, इस हेतु न्‍यायालयीन स्‍तर पर विगत दो वर्षों में क्‍या-क्‍या प्रयास किए गए?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जबलपुर में रेत खदानों का संचालन

51. ( क्र. 1551 ) श्री रजनीश सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगें कि (क) जबलपुर जिले के लिए  कौन-कौन सी रेत खदान शासन ने निर्धारित की है ? इसमें से किस रेत खदान को कितनी राशि में किस दिनांक को नीलाम किया, किस दिनांक को खदान का अनुबंध किया ? कौन सी खदान किस दिनांक से प्रारंभ की गई? किस खदान को किन कारणों से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी प्रारंभ नहीं किया जाएगा? (ख) किस रेत खदान में कितने क्‍यूबिक मीटर रेत का अनुमान लगाया जाकर उसकी कितनी अपसेट प्राईज निर्धारित की गई थी ? उस खदान को कितनी राशि में नीलाम किया गया? किस रेत खदान से रेत का प्रति क्‍यूबीक मीटर कितना बाजार मूल्‍य निर्धारित किए जाने का अधिकार अनुबंधकर्ता को दिया गया है? (ग) रेत खदानों पर C.C.T.V. कैमरे लगाए जाने रेत परिवहन करने वाले वाहनों में G.P.S. सिस्‍टम लगाये जाने के प्रावधान किस दिनांक से लागू किए गए है? उसके अनुसार कितनी खदानों में C.C.T.V. कैमरे लगा दिये गये हैं? कितने वाहनों में G.P.S. System लगा दिया गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट पर दर्शित है। प्रश्‍नानुसार प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्‍नानुसार प्रावधान लागू नहीं किये गये हैं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

शिवपुरी जिले में स्‍वीकृत औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण

52. ( क्र. 1571 ) श्री रामसिंह यादव : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले में जून 2016 की स्थिति में औद्योगिक क्षेत्र स्‍वीकृत है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से औद्योगिक क्षेत्र कहाँ-कहाँ पर कब से स्वीकृत है? इन स्‍वीकृत औद्योगिक क्षेत्रों को कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी भूमि आवंटित की गई है? उक्‍त औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण कब तक पूर्ण होगा? औद्योगिक क्षेत्रवार बताएं। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित औद्योगिक क्षेत्रों के विकास हेतु राशि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि कब-कब किन-किन औद्योगिक क्षेत्रों हेतु आवंटित की गई? आवंटित राशि से कहाँ-कहाँ पर कब-कब कितना-कितना क्‍या-क्‍या कार्य कितनी राशि से कराया गया? (ग) क्‍या शिवपुरी जिले में उक्‍त स्‍वीकृत औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण अपूर्ण है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य अपूर्ण क्‍यों है एवं निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) क्‍या प्रश्‍नाधीन वर्णित औद्योगिक क्षेत्रों के विकास एवं निर्माण हेतु शासन द्वारा कोई बजट आवंटन नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों नहीं किया गया है तथा शासन द्वारा कब तक बजट आवंटन किया जाएगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। जून 2016 की स्थिति में शिवपुरी जिले में निम्‍नलिखित 03 औद्योगिक क्षेत्र स्‍वीकृत है -

क्र.

औद्योगिक क्षेत्र का नाम

रकबा (हेक्‍टेयर में)

वर्ष

1

अर्द्धशहरी औद्योगिक संस्‍थान गुना नाका शिवपुरी

12.040

1966

2

औद्योगिक क्षेत्र बडौदी शिवपुरी

26.013

1984

3

औद्योगिक क्षेत्र बराड शिवपुरी

08.100

1991

उक्‍त तीनों औद्योगिक क्षेत्रों में से क्रमांक 1 एवं 2 पर उल्‍लेखित औद्योगिक क्षेत्रों में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं। (ख) वर्ष 2014 से स्‍वीकृत विकास कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, कार्य प्रगति पर है। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश-क के बिन्‍दु क्रमांक-1 एवं 2 में दर्शित औद्योगिक क्षेत्रों के विकास हेतु राशि स्‍वीकृत की गयी है।

परिशिष्ट - ''ग्यारह''

पात्र होने के पश्‍चात् भी डिप्‍टी कलेक्‍टर के पद पर पदोन्‍नति नहीं किया जाना

53. ( क्र. 1580 ) पं. रमेश दुबे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में इस वर्ष किन-किन तहसीलदारों को डिप्‍टी कलेक्‍टर के पद पर कब पदोन्‍नत कर कहाँ-कहाँ पर पदस्‍थ किया गया है? पदोन्‍नति हेतु राजस्‍व विभाग से तहसीलदारों के संनिष्ठा की जानकारी कब प्राप्‍त की गयी? (ख) क्‍या राजस्‍व विभाग द्वारा किसी भी तहसीलदार के विरूद्ध कोई भी दंड या जाँच प्रभावशील नहीं होने के बावजूद भी दण्‍ड प्रभावशील होने की गलत जानकारी भेजी गयी, जिसके कारण उनसे जूनियर तहसीलदारों की पदोन्‍नति हो गयी और वे पदोन्‍नति से वंचित रह गये?             (ग) क्‍या यह भी सही है कि उक्‍त कारणों को स्‍पष्‍ट करते हुए प्रश्‍नकर्ता ने भी मान. सामान्‍य प्रशासन मंत्री एवं राजस्‍व मंत्री को पत्र प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो इन पत्रों पर किस स्‍तर से अब तक क्‍या कार्यवाही की गयी? (घ) क्‍या शासन गलत जानकारी भेजने वाले अधिकारी कर्मचारी की जिम्‍मेदारी नियत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक दिनांक 19/02/2016 से पूर्व संनिष्‍ठा संबंधी अंतिम जानकारी राजस्‍व विभाग से दिनांक 17/02/2016 को प्राप्‍त हुई है।           (ख) जी नहीं। (ग) (1) जी हाँ। प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय राज्‍य मंत्री जी, सामान्‍य प्रशासन विभाग को प्रेषित पत्र दिनांक 17/05/2016 माननीय राज्‍य मंत्री जी की ओर से नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही हेतु इस विभाग को दिनांक 04/07/2016 को प्राप्‍त हुआ है। जिसे राजस्‍व विभाग को विभागीय पत्र दिनांक 15/07/2016 को आवश्‍यक कार्यवाही हेतु भेजा गया है। (2) प्रश्‍नकर्ता द्वारा माननीय राजस्‍व मंत्री जी का भेजा गया पत्र दिनांक 30/03/2016 को तत्‍कालीन राजस्‍व मंत्रीजी द्वारा प्रस्‍तुत प्रमुख सचिव राजस्‍व विभाग को दिनांक 31/03/2016 को नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही हेतु भेजा गया जो सामान्‍य प्रशासन विभाग को प्राप्‍त नहीं हुआ। (घ) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नजूल भूमि के पट्टों का वितरण

54. ( क्र. 1610 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले की नगरपालिका परिषद् वारासिवनी अंतर्गत नजूल भूमि किस-किस खसरा न. पर कहां-कहां पर कितनी-कितनी स्थित हैं व उक्‍त भूमि का कब-कब सीमांकन किया गया है? उक्‍त नजूल भूमि पर किन-किन व्‍यक्तियों का कब से कब्‍जा हैं? नाम सहित जानकारी देवें? (ख) क्‍या उक्‍त भूमि का पर कब्‍जाधारियों के द्वारा पूर्व में वितरित पट्टे के नवीनीकरण हेतु कब-कब किस-किस के द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत किया गया? क्‍या प्राप्‍त आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में किया गया हैं? यदि हाँ, तो कितने आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है और कितने आवेदको के आवेदनों का निराकरण किया जाना शेष है? (ग) उक्‍त नजूल भूमि का सीमांकन नहीं किये जाने के क्‍या कारण हैं? सीमांकन एवं संबंधितों के आवेदन अनुसार पट्टों का नवीनीकरण कब तक कर दिया जायेगा? (घ) क्‍या आवेदकों के आवेदन जानबूझकर लम्‍बित रखे गये हैं? यदि नहीं, तो उक्‍त प्रकरण की जाँच कराकर दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बालाघाट जिले की नगर पालिका परिषद्, वारासिवनी अंतर्गत वारा, सिकन्‍द्रा, सिवनी एवं चेदोरी में‍ स्थित नजूल भूमि के खसरा नंबर की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है, उक्‍त भूमि के सीमांकन हेतु आवेदन प्राप्‍त न होने से सीमांकन नहीं किया गया है, नजूल भूमि में कब्‍जे के संबंध में सर्वे कराया जा रहा है। (ख) पट्टा नवीनीकरण हेतु आवेदन प्राप्‍त न होने से पट्टा नवीनीकरण नहीं किया गया। (ग) आवेदन पत्र प्राप्‍त न होने से सीमांकन नहीं‍ किया गया है, आवेदन प्राप्‍त होने पर सीमांकन व नवीनीकरण की कार्यवाही नियमानुसार की जावेगी। (घ) आवेदन पत्र प्राप्‍त नहीं हुये है, अत: कोई भी आवेदन लंबित नहीं है।

गारंटर की आर्थिक स्थिति का आंकलन

55. ( क्र. 1611 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. वित्त निगम दवारा औद्योगिक इकाइयों को आसान किस्तों पर लोन उपलब्ध कराया जाता है? यदि हाँ, तो शर्तों की प्रति उपलब्ध करायें?                      (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित लोन में क्या गारंटर की आर्थिक स्थिति का आंकलन किया जाता है या सीधे ही ऋण,भवन, सामग्री व बाज़ार दर के आधार पर लोन दिया जाता है? क्या ऋण राशि व भवन संयंत्र का अन्तर रिकार्ड किया जाता है? (ग) यदि उद्यमी ऋण लौटाने में सक्षम न रहे तो क्या गारंटर से राशि वसूली जाती है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2010 के पश्चात कितने गारंटर से इंदौर उज्जैन संभाग में कितनी कितनी राशी वसूली? क्या वसूली का अन्य कोई विकल्प है? उक्त आवधि तक उक्त संभागों में कितनी राशी वसूल किया जाना शेष है? (घ) वित्त निगम की जिला स्तरीय समिति के अधिकार व कर्तव्यों का विवरण देवें?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। ऋण स्‍वीकृत करने के पूर्व गारंटर की आर्थिक स्थिति का आंकलन किया जाता है। भवन सामग्री व बाजार दर के आधार पर ऋण नहीं दिया जाता है। परंतु ऋण राशि व भवन संयंत्र का अंतर रिकार्ड किया जाता है। (ग) जी हाँ। उद्यमी ऋण लौटाने में सक्षम न रहे तो गारंटर से राशि की वसूली की जाती है। 01 जनवरी, 2010 के पश्‍चात् 08 गारंटर से निगम द्वारा रूपये 872.34 लाख इंदौर, उज्‍जैन संभाग में राशि वसूल की गई है। बकाया राशि शेष रहने पर अन्‍य विकल्‍प के रूप में मध्‍यप्रदेश          भू-राजस्‍व संहिता 1959 एवं राज्‍य वित्‍त अधिनियम, 1951 की धारा-32 जी के प्रावधानों के अंतर्गत राशि वसूल की जाती है। उक्‍त अवधि में उक्‍त संभागों से राशि रूपये 544.00 लाख वसूल किया जाना शेष है। (घ) वित्‍त निगम में जिला स्‍तरीय समिति गठित नहीं है। अत: कर्तव्‍यों का विवरण देने का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''बारह''

उदयोग स्‍थापना हेतु कार्ययोजना

56. ( क्र. 1614 ) श्री दिनेश राय : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिला उद्योगों की दृष्टि से पिछड़े जिलों की श्रेणी में आता है, जिसमें विशेषकर सिवनी विधान सभा क्षेत्र पूरी तरह उद्योग विहीन है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन द्वारा पिछड़े जिलों में नवीन उद्योगों की स्‍थापना हेतु विशेष नीति बनाई गई है? (ख) क्‍या विधान सभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत कहीं कोई भी भूमि लैंड बैंक के रूप में चिन्हित की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त भूमि पर शासन द्वारा अभी तक उद्योग स्‍थापना हेतु क्‍या कोई कार्ययोजना बनाई गई है? (ग) क्‍या पिछले दो वर्षों के बीच बड़े औद्योगिक घराने से संबंधित कोई टीम उक्‍त भूमि का अवलोकन करने के लिए आई थी? यदि हाँ, तो क्‍या अतिशीघ्र उक्‍त भूमि पर किसी बड़े उद्योग के आकार लेने की संभावना है?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ, सिवनी जिला पिछड़ा जिला श्रेणी '''' में आता है। सिवनी विधानसभा क्षेत्र में उद्योग स्‍थापित होने से यह क्षेत्र उद्योग विहीन नहीं है। शासन द्वारा 01.10.2014 को उद्योग संवर्धन नीति-2014 जारी की गई है, जिसमें पिछड़े जिले की अवधारणा समाप्‍त की जाकर प्राथमिकता विकासखण्‍ड का प्रावधान है। इस व्‍यवस्‍था अंतर्गत ऐसे विकासखण्‍ड जहां दिनांक 01.10.2014 को वृहद औद्योगिक स्‍थापित नहीं हो, उन्‍हें प्राथमिकता विकासखण्‍ड की श्रेणी में रखा गया है। सिवनी जिले के 8 में से 7 विकासखण्‍ड प्राथमिकता विकासखण्‍डों के रूप में घोषित है। प्राथमिकता विकासखण्‍डों में स्‍थापित होने वाले इकाइयों को पात्रता अनुसार अतिरिक्‍त सुविधाएं प्राप्‍त है। (ख) विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत लैंड बैंक में औद्योगिक क्षेत्र भुरकल खापा से लगी हुई ग्राम बिठली की 236.21 हेक्‍टेयर एवं ग्राम डुंगरिया की 44.94 हेक्‍टेयर भूमि चिन्हित है। उद्यमियों की आवश्‍यकता/मांग के आधार पर उद्योग स्‍थापना की कार्य योजना बनायी जाती है। (ग) जी नहीं।

नवीन उद्योग स्‍थापित किये जाना

57. ( क्र. 1646 ) श्री अजय सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष अप्रैल 2009 के बाद आज दिनांक तक प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में कुल कितनी जमीन ''लैण्ड बैक'' के रूप में अधिग्रहित की गई? जिलेवार विवरण? (ख) ऐसी अधिग्रहित भूमि में वर्ष 2009 से जनवरी 2015 तक कुल कितने औद्योगिक क्षेत्र जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्रों द्वारा तथा कितने अधोसंरचना विकास निगम (ए.के.व्‍ही.एन.) द्वारा विकसित किए गए तथा ऐसे नवीन विकसित औद्योगिक क्षेत्र में कितने उद्योग स्‍थापित किए गए हैं? (ग) उद्योग विभाग द्वारा विकास की दृष्टि से जिलों को (अ,,,) की श्रेणी में विभाजित कर (स) श्रेणी के जिलों में उद्योग स्‍थापना हेतु विशेष प्रोत्‍साहन योजनाएं लागू थी? क्‍या (स) श्रेणी में शामिल जिलों में उद्योग स्‍थापना को प्रोत्‍साहन हेतु जमीन की दरों में कोई रियायत देने शासन की कोई योजना है? (घ) क्‍या शासन की समाज के गरीब-कमजोर वर्ग, शिक्षित, युवा बेरोजगार, महिलाओं को उद्योग स्‍थापना हेतु उद्योग स्‍थापना के लिए कम दरों पर जमीन आवंटन की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक इस नीति को लागू किये जाने का प्रस्‍ताव है?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) वर्ष 2009 के बाद लैण्‍ड बैंक के लिये कोई भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया है। (ख) प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) जी हाँ, जी नहीं। (घ) जी नहीं।

ताप विद्युत गृहों में उद्यानशास्‍त्री की प्रतिनियुक्ति

58. ( क्र. 1647 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पावर जनरेटिंग के चारों ताप विद्युत गृहों में मात्र सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में ही उद्यानशास्‍त्री का पद स्‍वीकृत है? क्‍या पूर्व में अमरकंटक ताप विद्युत चचाई में भी पद स्‍वीकृत था? तब अमरकंटक ताप विद्युत गृह में पदस्‍थ उद्यानशास्‍त्री चचाई में पदस्‍थ रहते हुए सप्‍ताह में दो दिन के लिये संजय गांधी ताप विद्युत गृह की उद्यानिकी के कार्य उनके माध्‍यम से कराये जाते थे? (ख) क्‍या सिंगाजी ताप, अमरकंटक ताप एवं संजयगांधी ताप में विद्युत गृहों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिये कोई भी उद्यानशास्‍त्री पदस्‍थ नहीं है? क्‍या ताप विद्युत गृहों में होने वाले प्रदूषण की रोकथाम हेतु ई.एस.पी. लगाये गये हैं, लेकिन ई.एस.पी. लगने के बावजूद भी वायु प्रदूषण हो रहा है? क्‍या सभी वायु प्रदूषण रोधक यंत्र लगे होने के बाद भी जो प्रदूषण होता है, उक्‍त प्रदूषण की रोकथाम पेड़ पौधे एवं ग्रीन बेल्‍ट द्वारा ही की जा सकती है तथा इसके अलावा प्रदूषण रोकथाम का कोई उपाय नहीं है? (ग) क्‍या सरकार रचनात्‍मक मांग को स्‍वीकार करते हुए सतपुड़ा ताप विद्युत गृह उद्यानशास्‍त्री के माध्‍यम से शेष तीनों ताप विद्युत में छत्‍तीसगढ़ पावर जनरेटिंग की भांति डियूट करने का कष्‍ट करेंगे जिससे ताप विद्युत गृहों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम सही तरीके से की जा सके? नहीं तो क्‍यों कारण सहित बतावें एवं अवैधानिक तरीके से अनभिज्ञ अमला से कार्य कराया जा रहा है? क्‍या उक्‍त कार्य को जानकार व्‍यक्ति से कराने पर अपेक्षित कम राशि से अधिक कार्य परिणाम प्राप्‍त हो सकेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। पूर्ववर्ती मध्‍यप्रदेश राज्‍य विद्युत मंडल से कर्मियों के अंतिम अंतरण के फलस्‍वरूप 2 उद्यानशास्त्रियों की पदस्‍थापना क्रमश: म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई एवं सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में की गई थी। तत्समय अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में पदस्‍थ उद्यानशास्‍त्री के माध्‍यम से आवश्‍यकता अनुसार संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर के उद्यानिकी के कार्य भी कराये जाते थे। (ख) जी हाँ, वर्तमान में अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई, संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर एवं श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा में उद्यानशास्‍त्री का पद स्‍वीकृत न होने से इन ताप विद्युत गृहों में उद्यानशास्‍त्री पदस्‍थ नहीं है। जी हाँ, प्रदूषण की रोकथाम हेतु तकनीकी उपकरण जैसे ई.एस.पी., इत्‍यादि लगाये गये हैं, जिससे म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृहों में वायु प्रदुषण निर्धारित मापदंड की सीमा में ही है। तथापि वायु प्रदुषण की रोकथाम पेड़-पौधे एवं ग्रीनबेल्‍ट इत्‍यादि के माध्‍यम से भी की जा रही है। इसके अतिरिक्‍त पानी के छिड़काव के माध्‍यम से भी वायु प्रदूषण को कम किया जाता है। (ग) वर्तमान में म.प्र.पा.ज.कं.लि. के सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी में कार्यरत् उद्यानशास्‍त्री की अन्‍य ताप विद्युत गृहों की देखभाल हेतु उन्‍हें डिप्‍यूट करने बाबत् कोई भी प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है तथापि म.प्र.पा.ज.कं.लि. के सभी ताप विद्युत गृहों को प्रदुषण मुक्‍त करने हेतु वहाँ पर तकनीकी उपकरण जैसे ई.एस.पी., जल शुद्धीकरण संयंत्र इत्‍यादि लगाये गये हैं। जिन विद्युत गृहों में उद्यानशास्‍त्री पदस्‍थ नहीं हैं, वहाँ पर प्रदूषण की रोकथाम के लिए उस विद्युत गृह में पदस्‍थ सिविल विभाग के मार्गदर्शन में बाहय स्त्रोतों के तहत्, ठेकेदार के द्वारा वानिकी एवं उद्यान संबंधी कार्य संपादित कराया जा रहा है। सिविल अभियंताओं एवं उक्‍त कार्य के जानकार ठेकेदारों के माध्‍यम से कार्य कराये जाने से अपेक्षाकृत कम राशि में अधिक कार्य परिणाम प्राप्‍त हो रहे हैं।

तिलहन संघ संविलियत सेवायुक्‍तों का वेतन निर्धारण/पद परिवर्तन

59. ( क्र. 1670 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या तिलहन संघ से शासन के विभिन्‍न विभागों में संविलियत सेवायुक्‍तों को संविलियन पूर्व प्राप्‍त हो रहे वेतन से कम वेतन संविलियन पश्‍चात् मिल रहा है? यदि हाँ, तो वेतन निर्धारण पूर्ण होने तक पूर्व वेतन ही दिये जाये क्‍या ऐसा आदेश देंगे? नहीं तो क्‍यों? (ख) तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्‍तों का वेतन निर्धारण प्रक्रिया कब से प्रचलन में है? आदेश कब तक जारी करेंगे? (ग) क्‍या तिलहन संघ से शासन में संविलियत सेवायुक्‍तों को वेतन संरक्षण दिया जावेगा? क्‍या संविलियत नीति में इसका प्रावधान है? यदि हाँ, तो स्‍पष्‍ट करें? नहीं तो वेतन संरक्षण आदेश कब तक जारी करेंगे? (घ) क्‍या तिलहन संघ के सामान्‍य जाति वर्ग के सेवायुक्‍तों को जेल विभाग में सफाई कर्मचारी/स्‍वीपर के पद पर संविलियत कर कार्य करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या इनका पदनाम (चतुर्थ श्रेणी) में परिवर्तन करेंगे?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वेतन निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: अभी किसी आदेश की अपेक्षा नहीं है। (ख) वेतन निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के कारण समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) उत्‍तरांश '''' एवं '''' अनुसार। (घ) जी हाँ। सफाई कर्मी का पद चतुर्थ श्रेणी का ही है जिसका पदनाम परिवर्तन करना संभव नहीं है।

पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. पर वेट वसूली

60. ( क्र. 1712 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा गत तीन वर्षों में पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. पर किस दर से वेट तथा अन्‍य कर एवं प्रवेश कर की राज्‍य में वसूली की गई?               (ख) उपरोक्‍त अवधि में प्रति लीटर पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. सिलेण्‍डरों पर कुल कितना वेट एवं अन्‍य कर व प्रभार राज्‍य सरकार को प्राप्‍त हुआ है? प्रति सिलेण्‍डर किस विक्रय मूल्‍य पर किस दर से वेट तथा अन्‍य कर प्राप्‍त हुआ है? (ग) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में पेट्रोल, डीजल एवं एल.पी.जी. सिलेण्‍डरों पर कुल कितना वेट एवं अन्‍य कर व प्रभार राज्‍य सरकार को प्राप्‍त हुआ है तथा कितना प्रवेश कर प्राप्‍त हुआ है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। प्रति सिलेण्‍डर विक्रय मूल्‍य की दर की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' में दर्शाई गई है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' में दर्शाई गई है।

परिशिष्ट - ''तेरह''

जिले में देशी, विदेशी शराब एवं बियर का उत्‍पादन

61. ( क्र. 1713 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में वर्तमान में किस जिले में देशी, विदेशी शराब एवं बीयर का     कितना-कितना उत्‍पादन किया जा रहा है? इससे शासन को कितनी आय वर्ष 2015-16 में हुई? (ख) राज्‍य में कितनी देशी शराब की दुकान, कितनी विदेशी शराब की दुकान एवं कितने बार लाइसेंस कार्यरत है? इनसे फीस एवं विभिन्न प्रकार के टैक्‍स के रूप में वर्ष 2015-16 में सरकार को कितनी आय हुई? (ग) राज्‍य में देशी शराब, विदेशी शराब एवं बीयर की वर्ष         2013-14 से 2015-16 तक किस वर्ष में कितनी-कितनी खपत हुई? (घ) राज्‍य में शराब बंदी के संबंध में शासन क्‍या कोई नीति बना रहा है? यदि हाँ, तो राज्‍य में कब तक शराब बंदी लागू की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍या जनहित में इस विषय पर शासन विचार करेगा?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के   प्रपत्रएक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रदो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रतीन अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

सुमावली विधानसभा के ग्राम जौरी भू-खण्‍डों में हुई अनियमितता

62. ( क्र. 1729 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के ग्राम जौरी की वर्ष 19831984 में विस्मिल नगर कॉलोनी के लिये कितनी जमीन अधिग्रहीत की गई थी, उनके भूमि स्‍वामियों के नाम, सर्वे नंबर, रकबा, शासकीय भूमि का रकबा सहित जानकारी दी जावे? (ख) उक्‍त कॉलोनी में कितने आवासीय, गैर आवासीय, भू-खण्‍ड बनाये गये थे, उनकी संख्‍या, साईज़ सहित पूर्ण जानकारी दी जावे? (ग) क्‍या उक्‍त भू-खण्‍ड जो आवासीय थे, उनको तीन वर्ष की अवधि में निर्माण करने की शर्तों पर दिये गये थे? यदि निर्माण की शर्त पूर्ण नहीं करने पर भूखण्‍ड स्‍वत: ही निरस्‍त होने का नियम था? (घ) क्‍या शासन द्वारा 17.03.2008 को ध्‍यानाकर्षण 6190 में तीन माह में निर्माण करने का आश्‍वासन दिया था? निर्माण प्रारंभ नहीं होने की स्थिति में अंतरण की अनुमति नहीं देंगे? उक्‍त आश्‍वासन के बाद प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई?             (ड.) क्‍या शासन म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय की ग्‍वालियर खण्‍डपीठ को रिट पिटीशन         क्र. 1564/2012 के निर्देशों के अनुसार कार्यवाही करेगा तथा भू-खण्‍ड स्‍वामियों द्वारा विक्रीत भू-खण्‍डों की रजिस्‍ट्री निरस्‍त करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 35 बीघा, 02 विस्‍वा। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) आवासीय प्‍लाट की संख्‍या एवं साईज का विवरण निम्‍नानुसार है :-

प्रकार

संख्‍या

साईज (वर्ग फीट)

आवासीय

11

40'X60'

आवासीय

66

30'X50'

आवासीय

166

25'X40'

आवासीय

186

18'X30'

गैर आवासीय

02

100'X150'

(ग) जी हाँ। जी हाँ। (घ) जी हाँ। जी हाँ। आश्‍वासन अनुसार 1.4.11 से अन्‍तरण पर रोक लगा दी गई है तथा कोई अन्‍तरण नहीं किया गया है। संबंधित आवंटिती को निर्माण कराने हेतु समाचार पत्र में विज्ञप्ति के माध्‍यम से सूचना का प्रकाशन कराया गया था। (ड.) जी हाँ। म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर खण्‍डपीठ द्वारा पारित आदेश अनुसार कार्यवाही कलेक्‍टर द्वारा की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौदह''

दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही

63. ( क्र. 1791 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मुख्‍य सचिव मध्‍यप्रदेश शासन का मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर पीठ द्वारा अवमानना याचिका क्रमांक सी.ओ.एन.सी./1406/2012 में दिनांक 05.02.2012 को दिये गये निर्देशों की जानकारी संज्ञान में है? यदि हाँ, तो दिनांक 05.02.2013 से क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की गई? (ख) क्‍या यह सही है कि उक्‍त याचिका में प्रतिवादी को दस हजार रूपये के फाईन से दंडित किया गया है तथा उनकी सेवायें सामान्‍य प्रशासन विभाग नियंत्रित करता है? यदि हाँ, तो बतायें कि शासकीय राशि से फाइन की राशि कोर्ट में जमा करने से हुई शासकीय धन राशि हानि के लिये संबंधित प्रतिवादी क्रमांक 01 के विरूद्ध कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) उपरोक्‍त माननीय न्‍यायालय के निर्णय की जानकारी से क्‍या प्रशासकीय विभाग द्वारा मुख्‍य सचिव को अनभिज्ञ रखे जाने तथा तथ्‍यों को छुपाकर पद एवं शक्ति का दुरूपयोग करने के आरोप में अनुशासनिक कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जी हाँ। उच्‍च न्‍यायालय द्वारा Imposed Cost के कारण हुई शासकीय धन की हानि के लिए उच्‍च न्‍यायालय के निर्देशानुसार उत्‍तरदायित्‍व का निर्धारण किया जा रहा है। न्‍यायालय ने स्‍पष्‍ट रूप से मात्र प्रतिवादी क्रमांक-1 के विरूद्ध टिप्‍पणी न करते हुए व्‍यवस्‍था पर टिप्‍पणी की है। निर्धारण के उपरांत मुख्‍य सचिव के ध्‍यान में लाया जायेगा और दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

एन.वी.डी.ए. क्रमांक 18 के कार्य

64. ( क्र. 1803 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले से संबंधित एन.वी.डी.ए. क्रमांक 18 के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने कार्य प्रगतिरत हैं, कितने पूर्ण हुए, कितने लंबित हैं, कितने अपनी तय समय-सीमा से भी देरी से चल रहे हैं। कितने कार्य प्रस्तावित हैं। कार्यवार सूची देवें। (ख) खरगोन जिले से संबंधित एन.वी.डी.ए. क्रमांक 24 के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने कार्य प्रगतिरत हैं, कितने पूर्ण हुए, कितने लंबित हैं, कितने अपनी तय समय-सीमा से भी देरी से चल रहे हैं। कितने कार्य प्रस्तावित हैं। कार्यवार सूची देवें। (ग) खरगोन जिले से संबंधित एन.वी.डी.ए. क्रमांक 18 के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने कार्यों में कितनी शिकायत प्राप्त हुई है, कितनी शिकायतों पर जाँच पूर्ण हुई, कितनी जाँच लंबित है। (घ) खरगोन जिले हेतु नये प्रस्तावित कार्य एन.वी.डी.ए. क्रमांक 24 से नहीं कराये जाने के कारण बतायें। एन.वी.डी.ए. क्रमांक 18 के पास पूर्व में ही कार्य की अधिकता है फिर भी नये कार्य उन्हे दिये जाने का कारण बतायें।

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 18 खरगोन के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में विभिन्‍न अनुबंधों के तहत 04 कार्य प्रगतिरत है, 04 कार्य पूर्ण हुए तथा कोई भी कार्य लंबित नहीं है। प्रगतिरत 04 कार्य समयवृद्धि की स्‍वीकृत सीमा में चल रहे है। एक कार्य बिस्‍टान उद्वहन नहर सिंचाई योजना का कार्य प्रस्‍तावित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 24 खरगोन के अंतर्गत विगत 05 वर्षों में प्रगतिरत कार्य निरंक है, 02 कार्य पूर्ण हो चुके है एवं कोई भी कार्य लंबित नहीं है। कोई कार्य प्रस्‍तावित नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) संभाग क्रमांक 18 के अंतर्गत विगत 05 वर्षों के दौरान निर्माण कार्य से संबंधित 01 शिकायत प्राप्‍त हुई है, जिसकी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।             (घ) संभाग क्रमांक 24 को कठोरा उद्वहन सिंचाई योजना का कार्य सौंपा गया है। लोअर गोई परियोजना नहर संभाग, राजपुर का अतिरिक्‍त कार्यभार होने से संभाग क्रमांक 24 एवं संभाग क्रमांक 18 को आवंटित कार्य लगभग समतुल्‍य है।

परिशिष्ट - ''पंद्रह''

सागर नगर में जल संसाधन बांध, तालाब, नगर की भूमि

65. ( क्र. 1840 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिलें में 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा बांध, तालाब, नहर के लिए कितनी भूमि अर्जित की गई? इसमें कितनी सिंचित एवं असिंचित है? (ख) क्‍या अर्जित की गई भूमि के स्‍वामियों की भूमि राजस्‍व अभिलेख में सिंचित या असिंचित दर्ज थी, यदि हाँ, तो बताएं? कितने हेक्‍टेयर भूमि सिंचित व कितनी असिंचित दर्ज थी एवं कितने किसानों की भूमि में ट्यूबवैल थे? (ग) क्‍या जिन कृषकों की भूमि राजस्‍व अभिलेख में असिंचित दर्ज थी तथा सिंचाई का स्‍त्रोत भी दर्ज नहीं था? उन किसानों की भूमि सिंचित बताकर मुआवजा दिलाकर शासन को आर्थिक नुकसान पहुँचाया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? (घ) क्‍या किसानों के खसरा में दर्ज असिंचित भूमि जिसमें किसानों का स्‍वयं का जल स्‍त्रोत नहीं है, कभी कभार आस-पड़ोस से पानी लेकर सिंचाई करते हैं, उस भूमि को भी स्‍थाई सिंचित बताकर मुआवजा दिलाकर शासन को हानि पहुँचाई गई है? क्‍या शासन इसके लिए सूक्ष्‍मता से जाँच करते हुए दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विद्युविहीन ग्रामों का विद्युतीकरण

66. ( क्र. 1851 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 3 मार्च 2016 के परि. अता. संख्‍या 34 (क्र. 1075) विद्युतविहीन ग्रामों, मजरों, टोलों का विद्युतीकरण के भाग (ग) के उत्‍तर में उल्‍लेखित सभी ग्रामों/मजरों/टोलों, के नाम सहित स्‍पष्‍ट करें? उक्‍त प्रश्‍न के उत्‍तर दिनांक 3 मार्च 2016 से 30 जून 2016 तक किस-किस मजरा,टोला, गांव में क्‍या-क्‍या प्रगति हुई है? प्रत्‍येक गांव, मजरा टोल वार जानकारी दें। अब कब तक इन विद्युतविहीन ग्रामों, मजरों, टोलों में निवासरत् व्‍यक्तियों को विद्युत का लाभ मिलने लगेगा? (ख) ग्राम पंचायत पार विकासखण्‍ड (घाटीगांव) बरई के नरी-बनवार रोड से वराहन के हार वाले मार्ग पर किटर्रे तथा खम्‍बाये के कुये पर दोनों जगह विद्युत लाईन रोड के ऊपर से निकली है? यदि हाँ, तो क्‍या किटर्रे के रोड के पास विद्युत पोल टूटा हुआ है? तार रोड से बहुत कम ऊंचाई पर से निकले हैं? क्‍या कभी भी कोई बड़ी जन-धन हानि हो सकती है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या विभाग इस प्रकार की लाईनों को कभी नहीं देखता? क्‍या विभाग कोई बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहा है? यदि नहीं, तो इतने नीचे तार लाइनों को कब-तक ऊंचा कर दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित विधानसभा प्रश्‍न के उत्‍तर में दी गई जानकारी अनुसार प्रश्‍नाधीन सभी ग्रामों/मजरों/टोलों के नाम सहित विद्युतीकरण की अद्यतन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्‍तानुसार 31 ग्रामों/मजरों/टोलों में से 14 ग्राम एवं 17 मजरे/टोले हैं। इन 14 ग्रामों में से 3 ग्राम विद्युतीकृत हैं तथा 14 डी-इलेक्ट्रिफाईड ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सम्मिलित है। 17 मजरों/टोलों में से 12 मजरे/टोले दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सम्मिलित है। 4 मजरे/टोले किसी भी योजना में शामिल नहीं हैं तथा एक मजरे में मात्र 1 मंदिर स्थित है। दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सम्मिलित ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ऐसे 4 मजरों/टोले जो किसी योजना में शामिल नहीं है, इनका कार्य वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार किया जा सकेगा। अत: वर्तमान में कार्य पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी नहीं पोल नहीं टूटा है तथा प्रश्‍नाधीन स्‍थल पर नवनिर्मित सड़क से क्रॉस होने वाली निम्‍न दाब लाईन की ऊँचाई बढ़ाकर आवश्‍यक सुधार कार्य कर दिया गया है। अत: किसी दुर्घटना की आशंका नहीं है। (ग) समय-समय पर आवश्‍यकतानुसार विद्युत लाईनों के रख-रखाव संबंधी कार्य किया जाता है। वितरण कंपनी क्षेत्रांतर्गत किसी अन्‍य एजेंसी के द्वारा बिना सूचना के किये गये कार्य जैसे सड़क निर्माण इत्‍यादि के कारण लाईनों की ऊँचाई कम होने पर संबंधित एजेंसी को नोटिस जारी कर प्राक्‍कलन स्‍वीकृत कर नियमानुसार लाईनों की ऊँचाई मानक स्‍तर पर की जाती है। उत्‍तरांश '''' में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित विद्युत लाईन व्‍यवस्थित कर दी गई है।

जिम का निर्माण

67. ( क्र. 1852 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वि.स. अता. प्रश्‍न संख्‍या-109 (क्र. 7683) दिनांक   01-04-16 के द्वारा ग्‍वालियर नगर पालिक निगम के वार्ड क्र. 41 के अंतर्गत जिम हाल निर्माण के उत्‍तर में 8,65,735 रूपये अप्रैल 2016 तक व्‍यय होना तथा अधूरा छत लेवल तक बताया गया था? क्‍या दिनांक 10 अक्‍टूबर 2015 से नागरिकों के विरोध किये जाने से निर्माण बंद होना बताया गया था? यदि हाँ, तो नागरिकों द्वारा किस कारण से विरोध किया जा रहा है? उनके नाम स्‍पष्‍ट करें? क्‍या अब इस जिम का निर्माण इसी अवस्‍था में अधूरा पड़ा रहेगा? यदि नहीं, तो कब तक निर्माण कार्य पूरा कर आम नागरिकों को जिम लोकार्पण कर दिया जावेगा? (ख) ग्‍वालियर नगर पालिक निगम में  01 अप्रैल 2015 से 30 जून 2016 तक ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य थे, जिनके टेण्‍डर 25 प्रतिशत या उससे भी निम्‍न दरों पर ठेकेदार/एजेन्‍सी को दिये गये? उन निर्माण कार्य का नाम कितना निम्‍न दर पर किस-किस ठेकेदार/एजेन्‍सी को स्‍वीकृत किये गये हैं? क्‍या इतनी निम्‍म दरों पर स्‍वीकृत कार्यों की गुणवत्‍ता प्राक्‍कलन अनुसार निर्माण कार्य गुणवत्‍तापूर्वक किया गया है या किया जा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो निर्माण कार्य का नाम, कार्य की राशि प्रकार एवं स्‍थान, किस-किस यंत्री/सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री द्वारा निर्मित हो चुके कार्यों का मूल्‍यांकन किया गया? उसका नाम, वर्तमान में निर्माण कार्यों की भौतिक तथा वित्‍तीय स्थिति क्‍या है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, जी हाँ। जी हाँ। नागरिकों के विरोध का कारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, नाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी नहीं, निर्माण स्‍थल विवादित होने से निर्णय हेतु प्रकरण मेयर-इन-काउंसिल के समक्ष रखा गया है। मेयर-इन-काउंसिल के निर्णय अनुसार कार्य पूर्ण हो सकेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

बांधों की जानकारी एवं उनसे सिंचित रकबा की जानकारी

68. ( क्र. 1865 ) श्री महेन्‍द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 05 वर्षों में कितने बांधों का निर्माण किया गया, उनकी लागत क्‍या है वर्तमान में उक्‍त बांधों से सिंचित रकबा कितना है? किस बांध से कितने मीटर की नहर बनाई गई है? प्रत्‍येक बांध में रखरखाव व सुधार में कितनी राशि खर्च की जाती है? प्रत्‍येक बांधवार, योजनावार बतावें। (ख) क्‍या विगत 5 वर्षों में जो बांध बनाये गये है उनमें से एक भी बांध से सिंचाई नहीं होती है और न ही नहरों का निर्माण ठीक ढंग से किया गया जिससे खेती में सिंचाई नहीं हो पा रही है? (ग) क्‍या गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बांधों के निर्माण में भारी भ्रष्‍टाचार किया गया है? क्‍या इसकी जाँच किसी अन्‍य विभाग से कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों बतावें।

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में पूर्ण कराई गई लघु सिंचाई परियोजनाओं संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के  प्रपत्र '''' अनुसार है। इनके सुधार/मरम्‍मत पर कोई व्‍यय नहीं किया गया है। (ख) जी नहीं। उपलब्‍ध जल से की गई सिंचाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। निर्माण कार्यों के सतत् पर्यवेक्षण की व्‍यवस्‍था के साथ-साथ गुणवत्‍ता संबंधी जाँच के लिए मुख्‍यालय से भी आवश्‍यकतानुसार अधिकारियों को भेजे जाने की व्‍यवस्‍था है। अनियमितता पाए जाने पर प्रभावी कार्रवाई की जाने की व्‍यवस्‍था है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - ''सोलह''

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना की जानकारी

69. ( क्र. 1866 ) श्री महेन्‍द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में विगत 05 वर्षों में गुनौर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया है एवं उक्‍त योजना अंतर्गत कितने ग्रामों के लिए विद्युतीकरण की स्‍वीकृति दी गई है? ग्रामवार बतावें। (ख) क्या उक्‍त योजना से जिले के जिन ग्रामों का विद्युतीकरण किया गया है उनमें आधा, अधूरा कार्य किया गया है? क्‍या उक्‍त योजना के अंतर्गत विद्युतीकरण के लिये ग्रामीणों से राशि की मांग की जाती है राशि न देने पर कार्य अधूरा ही छोड़ दिया जाता है? (ग) क्‍या राजीव गांधी योजना अंतर्गत अधिकारियों द्वारा बिना देखे मनमानी तरीके से प्राक्‍कलन तैयार किया जाता है, मौके में जाकर सर्वे नहीं किया जाता है जिससे आधा गाँव विद्युतीकरण से छूट जाता है? क्‍या फिर से उन ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक बतावें। (घ) क्‍या राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का कार्य कराने वाले ठेकेदारों द्वारा बिजली का समान चोरी से बेच दिया जाता है तथा सही गुणवत्‍ता का कार्य न होने से बिजली के तार झुकने के कारण जानमाल की हानि की संभावना बनी रहती है? क्‍या प्रश्‍नकर्ता की उपस्थिति में समिति गठित कर जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में विगत 5 वर्षों में गुनौर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत सभी कार्य पूर्ण कर दिये गये हैं, जिसके अंतर्गत एक अविद्युतीकृत ग्राम का विद्युतीकरण तथा 163 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में 93 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है, जिसके विरूद्ध 35 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। योजनांतर्गत प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण हेतु स्‍वीकृत एवं कार्य पूर्ण ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं, उक्‍त योजनांतर्गत जिन ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया है, उनमें योजना के प्रावधान एवं स्‍वीकृत प्राक्‍कलन के अनुसार ही कार्य पूर्ण किया गया है। जी नहीं, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी नहीं, मौके का सर्वेक्षण कर योजना के नियमों एवं प्रावधानों के अनुसार प्राक्‍कलन तैयार किये जाते हैं, ताकि अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण एवं विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जा सके। चूंकि विद्युतीकरण के कार्य योजना के प्रावधानों के अनुसार पूर्ण करवाये जा रहे है, अत: फिर से ग्रामों का विद्युतीकरण करवाये जाने एवं समय-सीमा बताये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्‍तर्गत ठेकेदार एजेंसी से टर्न की आधार पर कार्य पूर्ण कराया जा रहा है। टर्न की कान्‍ट्रेक्‍ट में ठेकेदार द्वारा ही कार्य में लगने वाली संपूर्ण विद्युत सामग्री क्रय कर कार्य किया जाता है, अत: योजनांतर्गत कार्य कराने वाले ठेकेदारों द्वारा बिजली का सामान चोरी से बेचे जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। योजनांतर्गत किये जा रहे कार्यों की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने हेतु थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी नियुक्‍त की गई है। थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी तथा विद्युत कंपनी के नोडल अधिकारी द्वारा योजनांतर्गत किये जा रहे कार्यों का सतत् रूप से निरीक्षण किया जाता है तथा कोई त्रुटि/कमी पाए जाने पर उसका निराकरण टर्न-की ठेकेदार एजेंसी से कराया जाता है। उक्‍तानुसार की जा रही कार्यवाही के परिप्रेक्ष्‍य में योजनांतर्गत किये जा रहे कार्य से किसी दुर्घटना की संभावना बनी रहने तथा समिति गठित कर कार्य की जाँच कराए जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - ''सत्रह''

फीडर सेपरेशन कार्य बाबत्

70. ( क्र. 1880 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आष्‍टा विधान सभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों से फीडर सेपरेशन का कार्य चल रहा है परंतु अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो अभी तक कितने ठेकेदारों के वर्क आर्डर निरस्‍त किये गये है तथा कितनी-कितनी राशि ठेकेदारों की जमा राशि राजसात की गई है? (ग) क्‍या उन ठेकेदारों को शासन ने ब्‍लेक लिस्‍ट घोषित किया है? नहीं तो क्‍यों? (घ) कब तक फिडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, आष्‍टा विधान सभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत पूर्व में दिनांक 23.12.2010 से ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ए.एम.आर.सी.एल. प्रा.लि. हैदराबाद कार्यरत थी। कार्य में अत्‍याधिक विलंब किये जाने के कारण दिनांक 30.05.2014 को उक्‍त ठेकेदार एजेंसी का कार्यादेश निरस्‍त कर दिया गया है तथा बैंक ग्‍यारंटी राशि रू. 12.73 करोड़ राजसात की गई हैं एवं रू 59.09 लाख की राशि ठेकेदार एजेंसी के बिलों से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनल्‍टी स्‍वरूप काटी गई है। पुन: निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित ठेकेदार एजेंसी मेसर्स वोल्‍टास लिमिटेड मुम्‍बई के द्वारा वर्तमान में कार्य किया जा रहा है। उक्‍त ठेकेदार एजेंसी के साथ किये गये अनुबंध के अनुसार प्रश्‍नाधीन कार्य अगस्‍त 2016 तक पूर्ण किया जाना है। (ग) जी हाँ, आष्‍टा विधान सभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत पूर्व में कार्य कर रही ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ए.एम.आर.सी.एल प्रा.लि. हैदराबाद को 3 वर्ष के लिये ब्‍लैक लिस्‍ट घोषित किया गया है। (घ) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार आष्‍टा विधान सभा क्षेत्र में फीडर सेपरेशन योजना के अंतर्गत अनुबंध की शर्त के अनुसार ठेकेदार एजेंसी मेसर्स वोल्‍टास लिमिटेड मुम्‍बई द्वारा उक्‍त कार्य अगस्‍त 2016 तक पूर्ण किया जाना है।

सिंहस्‍थ कार्यों में लापरवाही

71. ( क्र. 1882 ) श्री रणजीतसिंह गुणवान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या आष्‍टा नगर पालिका में सिंहस्‍थ में यात्रियों की सुविधा एवं अन्‍य निर्माण कार्यों हेतु शासन ने 80 लाख की राशि स्‍वीकृत की थी? (ख) क्‍या सिंहस्‍थ पर्व निकल जाने के बाद भी यात्रियों के ठहरने व शौचालय आदि के कार्य नहीं करवाये गये? (ग) इसके लिये कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है? क्‍या शासन उन पर कार्यवाही करेगा? (घ) क्‍या शासन सिंहस्‍थ कार्यों हेतु दी गई राशि कार्य उद्देश्‍य पूर्ण नहीं होने पर राशि वापिस लेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु सिंहस्‍थ में यात्रियों की सुविधा एवं अन्‍य निर्माण कार्यों हेतु राशि रूपये 78.49 लाख की स्‍वीकृत की गई थी। (ख) उक्‍त राशि से स्‍वीकृत कार्य विविदा उपरांत प्रारंभ करा दिये गये थे परन्‍तु वे सिंहस्‍थ पर्व तक पूर्ण नहीं हो सके। (ग) प्रकरण में जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही की जाएगी। (घ) चूंकि कार्य प्रांरभ हो चुके हैं व निर्माणाधीन हैं। यह सार्वजनिक उपयोग के कार्य हैं अत: दी गई राशि वापस लेने का प्रश्‍न ही नहीं उठता।

मंदसौर जिले में गलत फर्जी रजिस्ट्रियां

72. ( क्र. 1889 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में विगत वर्ष से प्रश्‍न दिनां‍क तक गलत तरीके एवं मिली भगत से कितनी फर्जी रजिस्ट्रियां कराई गई हैं? (ख) मंदसौर जिले में गलत (फर्जी) रजिस्ट्रियां कराई गई है? इससे पहले किस वर्ष में किस व्‍यक्ति के नाम पर थी बाद में किस व्‍यक्ति के नाम पर हो गई है? दोनों के नाम व स्‍थान बतावें? (ग) गलत (फर्जी) रजिस्‍ट्रीयों के मामले में आज दिनांक तक कितने व्‍यक्तियों को दोषी पाया गया है तथा कितने व्‍यक्तियों पर कार्यवाही की जाकर गिरफ्तार किया गया है तथा शेष वंचित व्‍यक्तियों को कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा? (घ) मंदसौर तथा शामगढ़ तथा अन्‍य क्षेत्रों में इस प्रकार की फर्जी रजिस्ट्रियां की जा रही हैं उनकी जाँच शासन द्वारा की जा रही है या कोई प्रकरण दर्ज किये हुए हो तो बतावें?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विगत वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग में गलत तरीके एवं मिली भगत से जिले में कोई फर्जी रजिस्‍ट्री किए जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ख) से (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बिना अनुमति के विद्युत पोल लगाये जाना

73. ( क्र. 1893 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या राज्‍यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पवन ऊर्जा कंपनी के द्वारा मेलखेड़ा गांव के मुख्‍य नाले में 33 के.व्‍ही. की विद्युत लाईन के पोल लगाने हेतु शासन से किसी प्रकार की अनुमति प्राप्‍त की है? यदि हाँ, तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें। (ख) यदि कोई अनुमति प्राप्‍त नहीं की है तो 33 के.व्‍ही. विद्युत लाईन के पोल कंपनी के द्वारा लगाए उससे शासन प्रशासन अवगत है या नहीं? (ग) यदि पवन ऊर्जा कंपनी ने शासन से बिना अनुमति के विद्युत पोल लगा दिए है तो पवन ऊर्जा कंपनी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गई है या कार्यवाही की जा रही है? (घ) बरसात के समय पवन ऊर्जा कंपनी के तार टूटने से कोई बड़ा या घटना घटती है तो इसके लिए कौन जिम्‍मेदार होगा?

राज्‍यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) विकासक से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, पवन ऊर्जा से उत्‍पादित विद्युत हेतु डाली गयी 33 के.व्‍ही. की विद्युत लाईन के पोल नाले में स्‍थापित नहीं किये गये हैं, अपितु नाले के समानांतर बहाव क्षेत्र से बाहर लगाए गए है। मुख्‍य अभियंता (विद्युत सुरक्षा) एवं मुख्‍य विद्युत निरीक्षक मध्‍य प्रदेश से विद्युत अधिनियम 2003 और केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा एवं विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम 2010 के विनियम 43 व विनियम 32 के अन्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन विद्युत लाईन व पोल हेतु अनुमति ली गयी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश- (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश- (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) पोल एवं लाईन का निर्माण ग्रिड कोड के मापदण्‍डों के अनुसार किया गया है। विकासक कम्‍पनी के द्वारा पोल को जमीन से मजबूती से गाड़ने के लिये, विशेष रूप से, गहरी ग्राउटिंग (Grouting) व अतिरिक्‍त कंकरीटिंग की गई है, ताकि कोई दुर्घटना न हो सके। इसके अतिरिक्‍त, सामान्‍यजन की सुरक्षा हेतु गाई इन्‍सुलेटर (Guy Insulator) लगाए गए हैं, जिससे किसी फाल्‍ट की स्थिति में भी 33 के.व्‍ही. लाईन का वोल्‍टेज नीचे न पहुँच सके। भारतीय विद्युत नियम के नियम 77 के अनुसार लाइन की ऊँचाई जमीन से 5.8 मी. होना आवश्‍यक है, समुचित सुरक्षा के दृष्टिगत विद्युत लाईन की ऊँचाई 8 मीटर से अधिक रखी गई है। विद्युत खंबों पर सावधानी के बोर्ड लगाए गए हैं व ऐसे उपकरण भी लगाए गए है, जिससे कोई खंबे पर चढ़ न सके। यह कार्य मध्‍य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी के पर्यवेक्षण में किया गया है। तथापि लाईन की सुरक्षा के लिये विकासक ही जिम्‍मेदार हैं।

शराब की दुकान का संचालन

74. ( क्र. 1894 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में कहाँ-कहाँ देशी तथा विदेशी शराब की दुकानें संचालित हैं उक्‍त दुकानों से शासन को विगत 3 वर्षों में कितनी आय हुई। (ख) उक्‍त दुकानों के संचालन शराब बिक्री के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं उनकी प्रतिलिपि देवें? (ग) विभाग के किन-किन अधिकारियों ने 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त दुकानों का कब-कब निरीक्षण किया है? (घ) 1 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक माननीय मंत्री जी तथा जिला प्रशासन को उक्‍त ठेकेदारों के द्वारा गांव-गांव में अवैध शराब बिक्री की किन-किन माध्‍यमों से शिकायत प्राप्‍त हुई है तथा उक्‍त शिकायतों पर आज दिनांक त‍क क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जिला मंदसौर में संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की जानकारी एवं शासन को विगत 3 वर्षों में प्राप्‍त राजस्‍व/आय की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 संशोधित 2000, के अन्‍तर्गत सामान्‍य अनुज्ञप्ति की शर्तों, मध्‍यप्रदेश राजपत्र असाधारण क्रमांक 73 दिनांक 05 फरवरी 2016 एवं शासन और आबकारी आयुक्‍त मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर द्वारा        समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाता है मध्‍यप्रदेश राजपत्र की प्रति विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जिला मंदसौर में संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों के निरीक्षण की जानकारी विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जिला मंदसौर में 01 जनवरी 2015 से माननीय प्रभारी मंत्री श्री दीपक जोशी जी राज्‍य मंत्री के माध्‍यम से               2 शिकायतें प्राप्‍त हुई है जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाकर कलेक्‍टर जिला मंदसौर द्वारा शिकायत को नस्‍तीबद्ध किया गया है।

नदियों पर स्‍टॉप डेम बनाना

75. ( क्र. 1923 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री, हिरन जल संसाधन संभाग जबलपुर को पत्र क्रमांक ए-94 दिनांक 24.06.2014 को तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख नदियों पर स्‍टॉप डेम बनाये जाने हेतु पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई? अवगत करावें? (ग) क्‍या पत्र में उल्‍लेखित स्‍थानों पर स्‍टॉप डेम बनाये जावेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कार्यपालन, हिरन जल संसाधन संभाग, जबलपुर को मा. प्रश्‍नकर्ता विधायक का पत्र दिनांक 24.06.2014 प्राप्‍त होना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) कार्यपालन यंत्री द्वारा बिरंज नदी पर काचरकोना वियर एवं खमरिया वियर तथा पांड़ाझिरी नदी पर पांड़ाझिरी वियर एवं बिलगुवा वियर की साध्‍यता की जानकारी एकत्रित कर विभागीय वेबसाईड पर दर्ज की गई। परीक्षण करने पर बिरंज नदी के दोनों वियर लागत अधिक होने और पांड़ाझिरी नदी के दोनों वियर जल अपर्याप्‍त होने से निर्धारित मापदण्‍डों पर साध्‍य नहीं पाए गए।

राजीच गांधी विद्युतीकरण योजना में लगाये गये ट्रान्‍सफार्मर

76. ( क्र. 1936 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आमला विधानसभा क्षेत्र के कौन-कौन से ग्राम राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में विद्युतीकरण कार्य से छूट गये है? (ख) इन ग्रामों में कब तक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया जायेगा? (ग) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के कितने ट्रान्‍सफार्मर फेल हुये है? उन्‍हें कब तक बदल जावेगा? (घ) आमला विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर बिजली के पोल टूटे हैं? टूटे हुये पोल के स्‍थान पर नये पोल कब तक लगा दिये जायेंगे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) आमला विधानसभा क्षेत्र का कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में विद्युतीकरण का कार्य हेतु सम्मि‍लित करने के लिये नहीं छूटा है, सभी अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत स्‍थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के 4 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए थे। परन्‍तु नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने से इन्‍हें बदलना शेष है। इन ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत इन्‍हें बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी। (घ) आमला विधानसभा क्षेत्र में टूटे हुए बिजली के पोलों का वितरण केन्‍द्रवार एवं ग्रामवार विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। उक्‍त टूटे हुए पोलों को पहुँच मार्ग की उपलब्‍धता अनुसार आगामी एक माह में बदलने के प्रयास किये जायेंगे।

परिशिष्ट - ''अठारह''

लंबित प्रकरण पर कार्यवाही

77. ( क्र. 1963 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्‍दौर जिले में ऐसी कितनी कालोनियां हैं जिनको नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय मंजूरी मिलने के बाद भी जिलाधीश कार्यालय में विकास अनुमति कब से लंबित है, कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) उक्‍त लंबित प्रकरणों के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी उत्‍तरदायी है और उन पर क्‍या कार्यवाही की जाना है? (ग) उक्‍त लंबित अनुमति प्रकरणों में कब तक अनुमति प्रदान की जावेगी?                (घ) भविष्‍य में अनुमति लंबित न हो इस संबंध में शासन क्‍या कार्य योजना बना रहा है जिससे प्रकरणों का त्‍वरित निराकरण हो सके?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इन्‍दौर जिले में 22 कॉलोनियों की विकास अनुमति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार लंबित है। (ख) विकास अनुमति हेतु विचाराधीन प्रकरण वांछित दस्‍तावेजों के अभाव में लंबित होने के कारण कोई अधिकारी/कर्मचारी उत्‍तरदायी नहीं है। अत शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उतरांश (ख) में वांछित दस्‍तावेजों की आवेदक द्वारा पूर्ति किये जाने पर अनुमति प्रदान की जा सकेगी। (घ) मध्य प्रदेश लोक सेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 3 की सेवा क्रमांक-5.6 (2) में कॉलोनी विकास अनुज्ञा (आंतरिक विकास हेतु) समय-सीमा 30 दिवस निर्धारित है।

परिशिष्ट - ''उन्नीस''

तीसरा समय वेतनमान

78. ( क्र. 1964 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. के शासकीय कर्मचारियों के लिए तीसरा समय वेतनमान देने के आदेश प्रसारित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. में कितने विभागों में अपने कर्मचारियों को तीसरा समय वेतनमान के निर्देश एवं नियम प्रसारित किये गये है आदेश पत्र की प्रति उपलबध करायें? (ग) 30.06.2016 तक म.प्र. में कितने कर्मचारियों को तीसरे समय वेतनमान का लाभ दिया गया है? विभाग एवं कर्मचारियों की संख्‍या उपलब्‍ध करायें? (घ) क्‍या शिक्षा विभाग के कर्मचारियों में व्‍याख्‍याताओं को इसका लाभ दिया गया है यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलबध करावें? सहायक शिक्षक एवं शिक्षकों को तीसरा समयमान वेतन दिया जाना प्रस्‍तावित है तो कब तक दिया जायेगा यदि नहीं, तो क्‍या?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ I (ख) एवं (ग) निर्धारित सेवाकाल तथा अन्‍य अर्हतायें पूर्ण करने के उपरांत संबंधित विभागों द्वारा कार्यवाही की जाती हैI यह सतत् प्रक्रिया है I (घ) जी हाँ I राज्‍य की समस्‍त सिविल सेवा के सदस्‍यों के लिये तीसरा समयमान वेतनमान योजना लागू है I

 

सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत अघोषित बिजली कटौती

79. ( क्र. 1972 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा परि.अता.प्र.संख्‍या 57 (क्रमांक 6978) के उत्‍तर में पुस्‍तकालय में रखी जानकारी द्वारा बताया गया कि सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 345 फेल ट्रांसफार्मर एवं 312 पोल बदलने में 44.85 लाख रूपये वर्ष 01.04.2014 से प्रश्‍न दिनांक तक 44.85 लाख व्‍यय किए तो इतनी राशि व्‍यय किए जाने के बाद भी सबलगढ़ नगर एवं ग्रामीण में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है? (ख) क्‍या दिनांक 01.04.2014 से आज दिनांक तक फेल ट्रांसफार्मर एवं क्षतिग्रस्‍त लाईनों में विभाग द्वारा बड़े स्‍तर पर अनियमितता है। क्‍या उसकी जाँच मुख्‍य महाप्रबंधक के स्‍तर के अधिकारी द्वारा क्‍या जाँच कराई जाएगी। (ग) मरैना जिले में मुरैना वृत्‍त के अंतर्गत एवं सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्र में हो रही अघोषित बिजली कटौती एवं मेंटनेंस कार्यों में विभाग द्वारा किए गए भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त अधिकारियों को कब तक हटा दिया जाएगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँप्रश्‍नांश में उल्‍लेखित विधानसभा प्रश्‍न के उत्‍तर में यह जानकारी दी गई थी कि सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 345 फेल ट्रांसफार्मर एवं 362 पोल बदलने में प्रश्‍नाधीन अवधि में रू. 44.85 लाख की राशि व्‍यय हुई थी। सबलगढ़ नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किसी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। तथापि प्राकृतिक आपदा एवं तकनीकी कारणों यथा- लाईन फाल्‍ट के कारण तार टूटने, विद्युत उपकरणों की खराबी आदि के कारण हुए आकस्मिक अवरोधों, आवश्‍यक रखरखाव कार्य हेतु अथवा नवीन अधोसंरचना का निर्माण करने हेतु अपरिहार्य होने जैसे कारणों से कतिपय अवसरों पर विद्युत प्रदाय अवरूद्ध होता है, किंतु तत्‍काल आवश्‍यक सुधार कर पुन: विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है। (ख) जी नहीं, सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत फेल ट्रांसफार्मर के बदलने एवं क्षतिग्रस्‍त लाईनों के सुधार कार्य हेतु मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रचलित नियमों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार ही कार्यवाही की गई है। इस संबंध में किसी प्रकार की अनियमितता संज्ञान में नहीं आई है, यदि कोई प्रकरण विशेष संज्ञान में आता है तो नियमानुसार जाँच कर आवश्‍यक कार्यवाही की जाएगी। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यवाही आवश्‍यक नहीं है।

सबलगढ़ नगर पालिका अंतर्गत शहरी पेयजल आवर्धन योजना

80. ( क्र. 1973 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शहरी पेयजल आवर्धन योजना के अंतर्गत सबलगढ़ नगर पालिका में टंकी, फिल्‍टर, प्‍लांट मैन एवं राइजर, पाईप लाईन डालने हेतु विभाग द्वारा विज्ञप्ति किस दिनांक को तथा किस न्‍यूज पेपर एजेंसी में प्रकाशित की गई एवं इस कार्य हेतु कितने ठेकेदारों द्वरा आवेदन किया गया? संख्‍या बतावें?            (ख) प्रश्‍नांश '''' योजना अंतर्गत उक्‍त कार्य किस ठेकेदार को दिया गया एवं टेंडर वर्तमान कंपनी को किस प्राथमिकता के आधार पर दिया गया? कारण सहित बतावें?          (ग) इस योजना के अंतर्गत टंकी, फिल्‍टर, पाईप लाईन किन-किन वार्डों में लगा दी गई हैं एवं कितना कार्य शेष हैं एवं शेष कार्य कब तक पूर्ण करवा दिया जाएगा? (घ) क्‍या यह सही है इस योजना का टेंडर विभाग द्वारा गोपनीय तरीके से सांठ-गांठ करके दे दिया गया हैं। क्‍या इसकी जाँच वरिष्‍ठ अधिकारियों की तीन सदस्‍यीय समिति से कराकर ठेका निरस्‍त की कार्यवाही की जाएगी? समयावधि बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) उक्‍त कार्य मेसर्स बान्‍को कन्‍स्‍ट्रक्‍शन प्रा. लि. कम्‍पनी, ग्‍वालियर को दिया गया है। कम्‍पनी द्वारा क्‍वालीफिकेशन क्राइटेरिया पूर्ण करने एवं कम्‍पनी द्वारा कार्य हेतु प्रस्‍तुत निविदा दरें उचित होने के आधार पर कम्‍पनी को कार्य दिया गया। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी नहीं। निविदा का नियमानुसार प्रचार-प्रसार किया जाकर इलेक्‍ट्रोनिक टेण्‍डरिंग के माध्‍यम से निविदाएं प्राप्‍त कर, कार्य की एजेन्‍सी का निर्धारण किया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''बीस''

शासकीय कर्मचारियों के वेतन निर्धा‍रण पत्रक का अनुमोदन

81. ( क्र. 1986 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को केन्‍द्र के समान सातवां वेतनमान देने की घोषणा की गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रदेश में जिन शासकीय कर्मचारियों को छठवां वेतनमान स्‍वीकृत हुआ है उनकी सेवा पुस्तिका में वेतन निर्धारण आदेश को कोष एवं लेखा द्वारा अनुमोदित करा लिया गया है? (ग) क्‍या प्रदेश के कर्मचारियों को देय प्रथम एवं द्वितीय समयमान के वेतन निर्धारण को भी कोष एवं लेखा से अनुमोदित कराये जाने का नियम हैं? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के क्रम में प्रदेश के सभी शासकीय सेवकों की सेवा पुस्तिका की जाँच कोष एवं लेखा से करा ली गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? इसके लिए कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार हैं? (ड.) प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के क्रम में कब तक सभी शासकीय सेवकों के वेतन निर्धारण पत्रकों की जाँच कोष एवं लेखा से करा ली जाएगी?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी, नहीं। (ख) वेतन पुनरीक्षण होने पर कोष एवं लेखा से वेतन निर्धारण का अनुमोदन कराया जाना सतत् प्रक्रिया है। यदि कोई शेष रहता है तब सेवानिवृत्ति स्‍वत्‍व के निराकरण के साथ यह अनिवार्यत: हो जाता है।        (ग) वित्‍त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 11/1/2008/नियम/चार, दिनांक 24-1-2008 के पैरा 16 अनुसार प्रावधान हैं। अत: वेतन निर्धारण कोष एवं लेखा से अनुमोदित कराया जाता है। (घ) एवं (ड.) उपर्युक्‍त "ख" के अनुसार यद्यपि यह सतत् प्रक्रिया है परन्‍तु जिस कार्यालय में सेवा पुस्तिका का संधारण किया जाता है उस कार्यालय प्रमुख का उत्‍तरदायित्‍व हैं कि वेतन निर्धारण पर कोष एवं लेखा से अनुमोदन प्राप्‍त करें।

 

तालाबों एवं स्‍टॉप डेम का निर्माण

82. ( क्र. 1998 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोक नगर के विकासखण्‍ड चन्‍देरी एवं ईसागढ़ में प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के अंतर्गत कितने तालाब एवं स्‍टॉप डेम स्‍वीकृत किये गये हैं? (ख) यदि किये गये हैं तो कहाँ-कहाँ किये गये है, सूची उपलब्‍ध करावें?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) कृषि विभाग के अधीन प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत प्रदेश के विभिन्‍न जिलों की आयोजना अंतिम नहीं हुई है। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

नाला निर्माण में अनियमितताओं की जाँच

83. ( क्र. 2018 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के शहपुरा वि.ख. क्षेत्र में निर्माणाधीन उर्रम नाला एवं धुधरा नाला बांध निर्माण कार्य कितनी-कितनी राशि का कब स्‍वीकृत किया गया? उक्‍त बांधों के निर्माण की समय-सीमा क्‍या निर्धारित है? उक्‍त दोनों बांधों का कब तक कितना-कितना निर्माण कार्य हो चुका है? कितना शेष है? आयटमवार अब तक         कितना-कितना भुगतान किया गया? (ख) उक्‍त उर्रम नाला एवं धुधरा नाला बांध निर्माण नींव (COT) में मिट्टी के कार्य फिल्‍टर निर्माण आदि में ठेकेदार द्वारा की जा रही अनियमितताओं की ओर संबंधित अधि. की अनेक बार अधोहस्‍ता.कर्ता द्वारा बताने के बाद भी गुणवत्‍ता में सुधार नहीं हुआ? क्‍या शासन उक्‍त दोनों बांधों के निर्माण में की जा रही अनियमितताओं की जाँच करायेंगे? तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) उर्रम नाला एवं धुधरा परियोजना की स्‍वीकृति दिनांक 27.08.2013 को क्रमंश: राशि रू.420.65 लाख एवं रू.521.34 लाख की दी गई। भूमि उपलब्‍ध होने की दशा में लघु सिंचाई परियोजनाएं स्‍वीकृति के वर्ष को छोड़कर 2 वर्ष में बनाई जाना अपेक्षित है। उर्रम नाला परियोजना का शीर्ष कार्य 90 प्रतिशत तथा नहर कार्य 50 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। धुधरा नाला परियोजना का कार्य 20 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। (ख) निर्माण की गुणवत्‍ता मानक स्‍तर की है। अनियमितता की स्थिति नहीं है। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''इक्कीस''

बेलखेड़ी टेल माईनर का निर्माण 13 वर्षों में पूर्ण नहीं होने बाबत्

84. ( क्र. 2019 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के परि. अता. प्रश्‍न संख्‍या-51 (क्र. 3086) दिनांक 11/03/2016 के उत्‍तर (ख) में बताया था कि बरगी विधान सभा क्षेत्र की बेलखेड़ी टेलमाइनर की वर्ष 2003 से अपूर्ण निर्माण कार्य की 15 बार निविदाओं का आमंत्रण किया गया परंतु कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है एवं शेष कार्य हेतु छोटी-छोटी निविदाओं हेतु कार्यवाही की जा चुकी है? (ख) यदि हाँ, तो छोटी निविदाओं से या विभागीय मशीनों से किसी भी प्रकार उक्‍त नहर का निर्माण कब तक पूर्ण होगा, ताकि किसानों को पानी मिल सकें?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) बेलखेडी टेल माइनर के शेष कार्य को 04 भागों में विभक्‍त कर दिनांक 01/03/2016 को निविदाओं का आमं‍त्रण किया गया था किन्‍तु प्रथम आमंत्रण में एकल निविदाकार के भाग लेने से प्रतिस्‍पर्धा की कमी होने से निविदा अस्‍वीकृत कर दी गई थी। इन कार्यों की पुन: दिनांक 11/04/2016 को निविदाएं आमंत्रित की गई थी जिसमें 01 निविदा स्‍वीकृत की गई है। शेष 03 कार्यों की निविदाएं पुन: दिनांक 02/07/2016 को आमंत्रित की गई है। अपूर्ण कार्य नहरों के लाइनिंग एवं स्‍ट्रक्‍चर्स निर्माण से संबंधित हैं। अत: मशीनों से कार्य संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नगर निगम जबलपुर में नियुक्ति प्रदान की जाना

85. ( क्र. 2077 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्‍वारीघाट जबलपुर (स्थित नर्मदा तट पर वर्ष 1 जनवरी 2004 से 31 मार्च 2016 तक जिन व्‍यक्तियों ने डूबते हुये व्‍यक्ति को बचाया था उन्‍हें मान.मुख्‍यमंत्री जी द्वारा राष्‍ट्रपति जीवन रक्षक पुरस्‍कार प्रदान कर नगरीय प्रशासन विभाग या अन्‍य किसी उपक्रम में नियुक्ति हेतु लेख किया था? (ख) क्‍या मुख्‍यमंत्री कार्यालय से तत्‍कालीन अवर सचिव ने अपने पत्र क्रमांक/ 1609/CMS/SPS/2008 भोपाल दिनांक 25.05.2008 एवं आयुक्‍त नगर निगम जबलपुर ने अपने पत्र क्र. 254/दिनांक 26/3/07 को डूबते हुये व्‍यक्ति को बचाने, बचाने वालों को नगर निगम जबलपुर में नियुक्ति प्रदाय हेतु सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल को लेख किया था? (ग) यदि वर्णित (क) (ख) हाँ, तो लगभग 12 वर्ष होने के बाद भी डूबने से बचाने वाले व्‍यक्तियों को नगर निगम जबलपुर में नियुक्ति क्‍यों प्रदान नहीं की जा रही है? कब तक नियुक्ति प्रदान कर दी जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) गृह विभाग के पत्र क्रमांक 6058/05/बी/4/दो भोपाल दिनांक 16-09-2005 के अनुसार श्री संजय बर्मन को माननीय मुख्‍यमंत्रीजी द्वारा वर्ष 2004 में उनके उत्‍कृष्‍ठ कार्य जिसमें उनके द्वारा ग्‍वारीघाट जिला जबलपुर में डूबते हुए व्‍यक्तियों की जान बचाई थी, को देखते हुए राष्‍ट्रपति जीवन रक्षक पदक प्रदान करते हुए पुलिस विभाग में नियुक्ति का आश्‍वासन दिया गया था। (ख) नगर पालिक निगम, जबलपुर ने पत्र क्रमांक 254 दिनांक 26.03.2007 द्वारा विशेष नियुक्ति के संबंध में सचिव, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को प्रेषित किया गया था। (ग) म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने अपने पत्र क्रमांक एफ 4/262/07/18-1 दिनांक 14.06.2007 से अवगत कराया गया कि वीरता का परिचय देकर जान बचाने वाले लोगों को शासकीय सेवा में नियुक्ति दिए जाने के संबंध में सामान्‍य प्रशासन विभाग का कोई परिपत्र/निर्देश विद्यमान नहीं है। तत्‍पश्‍चात् उपरोक्‍त आधार पर नगर निगम के पत्र क्रमांक स्‍था/2007508/561 दिनांक 12.09.2007 के अनुसार आवेदक को सूचित किया जाकर प्रकरण नस्‍तीबद्ध किया गया है।

पर्यावरण प्रदूषित होना

86. ( क्र. 2114 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील में ग्राम पंचायत नौदिया, महदेइया, गोरवी बाजार से 50 मीटर दूरी पर रेल्‍वे स्‍टेशन स्थित है, रेल्‍वे स्‍टेशन के पास कंपनियों द्वारा कोलयार्ड बनाया गया है तथा स्‍टेशन के समीप ग्राम पंचायत नौदिया की आबादी 7500 है और महदेइया गोरवी की आबादी 10000 दस हजार के लगभग रहवासी निवास होने के पश्‍चात् भी कोयला लोडिंग-अनलोडिंग किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उससे विषैली गैस, धुआं निकलने से आसपास के उक्‍त ग्राम पंचायतों के रहवासियों एवं जीव जंतु व पशु-पक्षी तथा पेड़-पौधों को होने वाले नुकसान से एवं बीमारी से बचने के लिये कंपनियों व शासन द्वारा क्‍या व्‍यवस्‍था एवं उपाय अपनाये गये हैं? (ग) क्‍या कंपनियों व शासन द्वारा फैलाई गई गंदगी प्रदूषण पीडि़तों को राहत प्रदान की जाती है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या उक्‍त स्‍थान से कोलयार्ड का स्‍थान परिवर्तन करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक में समय-सीमा बताएं?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) जी नहीं। (ख) कोल अनलोडिंग की प्रक्रिया से विषैली गैस एवं धुंआ नहीं निकलता है। जिसके कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा किये परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन में परिणाम निर्धारित मानकों में पाये गये है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

विद्युत विहीन ग्रामों व बसाहटों में विद्युतीकृत

87. ( क्र. 2115 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत विधानसभा चितरंगी बाहुल्‍य आदिवासी पहाड़ी क्षेत्र है, क्‍या विद्युत विहीन ग्राम सिधार, पिडरिया, हरमा माची, खैरहनी, पथरकरी गुलरिहा होना, नौगई (बूंढ़ाडोल) इत्‍यादि ग्रामों व बसाहटों में विद्युतीकरण करायें जाने की योजना है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त ग्रामों व बसाहटों को कब तक में विद्युतीकृत करा लिया जावेगा? (ग) चितरंगी विकासखण्‍ड अंतर्गत कितने राजस्‍व ग्राम हैं और उसमें से कितने राजस्‍व ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया हे और कितने शेष हैं? शेष ग्रामों को कब तक विद्युतीकृत किया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, सिंगरौली जिले के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र चितरंगी के आदिवासी बाहुल्‍य पहाड़ी क्षेत्र के ग्राम सिधार, पिडरिया, हरमा, माची कला एवं माची खुर्द, (माची नहीं) खैरहनी, पथरकरी गुलरिहा होना नहीं अपितु पथरकटी (गुलहरिहा टोला), नौगई (बूंढ़ाडोल) इत्‍यादि ग्रामों की विद्युत विहीन बसाहटों/मजरों/टोलों में विद्युतीकरण कार्य करायें जाने की योजना है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के उक्‍त ग्रामों की बसाहटों/मजरों/टोलों में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनांतर्गत कराया जाना प्रस्‍तावित हैजिस हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निविदा प्रक्रियापूर्ण होने के पश्‍चात् कार्य किया जाना संभव हो सकेगा, अत: वर्तमान में उक्‍त विद्युतीकरण के कार्य हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) चितरंगी विकासखण्‍ड अन्‍तर्गत कुल 304 राजस्‍व ग्राम है। सभी 304 राजस्‍व ग्राम विद्युतीकृत हैं। कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

विस्‍थापितों को रोजगार उपलब्‍ध कराया जाना

88. ( क्र. 2120 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले में एस्‍सार सुपर थर्मल पावर कंपनी बंधौरा में कितनी विस्‍थापितों एवं कितने गैर विस्‍थापितों को रोजगार उपलब्‍ध कराया गया है? विस्‍थापित व गैर विस्‍थापित पृथक-पृथक वर्गवार पदवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत ग्राम खैराही पो. करसुआलाल तहसील थाना साड़ा के निवासी अनिल कुमार मौर्या पिता स्‍व. रामराज मौर्या के पिता के विस्‍थापित कार्ड नं. 020330014901 व अनिल कुमार मौर्या का विस्‍थापित कार्ड नं. 020330014903 इन्‍हें कंपनी द्वारा आज दिनांक तक उक्‍त विस्‍थापित को नौकरी क्‍यों नहीं दिलाया गया है? कारण बताएं?               (ग) विस्‍थापित व्‍यक्तियों के परिवारों को जीवन पार्जन व शैक्षणिक स्‍वास्‍थ्‍य सुधार के लिए क्‍या व्‍यवस्‍था सुनिश्चित की गई है। विस्‍थापितों के लिए नौकरी उपलब्‍ध कराये जाने के लिए क्‍या प्रावधान है? नियम बताएं? (घ) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में विस्‍थापित व्‍यक्ति को नौकरी कब तक उपलब्‍ध करा दी जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) एस्‍सार पावर एम.पी. लिमिटेड निजी क्षेत्र की परियोजना है। कलेक्‍टर सिंगरौली द्वारा उपलब्‍ध कराई गई जानकारी अनुसार एस्‍सार पावर एम.पी. लिमिटेड द्वारा परियोजना से विस्‍थापित प्रत्‍येक पात्र व्‍यक्ति को कलेक्‍टर जिला सिंगरौली के साथ किये गये आर एण्‍ड आर करारनामा दिनांक 18.10.2010 के तहत पात्रता अनुसार नौकरी के एवज में मासिक भत्‍ते का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान समय में लगभग 571 विस्‍थापित व्‍यक्तियों को मासिक भत्‍ते का भुगतान किया जा रहा है। जिसकी वर्तमान दर 8190 रू. प्रतिमाह है। इसी प्रकार पात्रता अनुसार 89 व्‍यक्तियों को वृद्धा पेंशन दिया जा रहा है। परियोजना में कार्यरत विभिन्‍न संविदाकारों के अधीनस्‍थ लगभग 700 विस्‍थापित/गैर विस्‍थापित स्‍थानीय को कार्य दिया गया है। इसके अतिरिक्‍त विस्‍थापितों द्वारा गठित की गई समितियों के माध्‍यम से भी कार्य दिया जा रहा है। निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा विस्‍थापित व गैर-विस्‍थापितों को पृथक-पृथक पदवार रोजगार दिलाये जाने की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) कम्‍पनी द्वारा आवेदक के स्‍व. पिता रामराज की असामयिक मृत्‍यु हो जाने के कारण आवेदक की माता को विस्‍थापित भत्‍ता प्रदान किया जा रहा है। आवेदक को संविदाकार के अधीनस्‍थ जनवरी 2013 में कार्य प्रदान किया गया था, परन्‍तु आवेदक ने दिनांक 05.06.2014 से बिना किसी सूचना के कार्य पर आना बन्‍द कर दिया है।   (ग) परियोजना से विस्‍थापित व्‍यक्तियों को कम्‍पनी द्वारा वर्तमान समय में 571 पात्र विस्‍थापितों को जीविका पार्जन हेतु नौकरी के एवज में विस्‍थापित भत्‍ता दिया जा रहा है। परियोजना में कार्यरत विभिन्‍न संविदाकारों के अधीनस्‍थ लगभग 700 विस्‍थापित/स्‍थानीय व्‍यक्तियों को कार्य दिया गया है। इसके अतिरिक्‍त विस्‍थापित कॉलोनी नगवां में विस्‍थापितों के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हेतु प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र निर्मित किया गया है तथा नि:शुल्‍क उपचार किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त 24 घंटे एम्‍बुलेंस की भी व्‍यवस्‍था की गई है। इसी प्रकार विस्‍थापित कॉलोनी नगवां में बच्‍चों की शिक्षा हेतु सरस्‍वती शिशु मंदिर की स्‍थापना की गई है, जहां पर कक्षा 10 तक के छात्र/ छात्राओं को नि:शुल्‍क शिक्षा एवं शिक्षा सामग्री प्रदान की जा रही है। विद्यालय में 1100 से अधिक छात्र/छात्राएँ अध्‍ययन कर रहें है। उक्‍त सुविधाओं के अतिरिक्‍त कई अन्‍य मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा रही है। मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी एस्‍सार पावर एमपी लिमिटेड एस्‍सार हाउस के.के.मार्ग महालक्ष्‍मी मुम्‍बई तथा कलेक्‍टर एवं जिला पुनर्वास अधिकारी जिला सिंगरौली के मध्‍य दिनांक 18.10.2008 को हुए करारनामें की कण्डिका 08 अनुसार प्रत्‍येक विस्‍थापित परिवार को कम से कम एक सदस्‍य को म.प्र. आदर्श पुनर्वास नीति 2002 के अनुरूप परियोजना में योग्‍यतानुसार रोजगार उपलब्‍ध कराने में प्राथमिकता दिये जाने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्‍त भूमिहीन विस्‍थापितों को निर्माण कार्यों में अकुशल श्रमिक के रूप में प्राथमिकता दिये जाने का प्रावधान है। (घ) आवेदक अनिल कुमार मौर्या को दिनांक 27.06.2016 को साक्षात्‍कार हेतु बुलाया गया था। किन्‍तु वह साक्षात्‍कार हेतु उपस्थित नहीं हुए। साक्षात्‍कार हेतु आवेदक को पुन: बुलाया गया है, साक्षात्‍कार पश्‍चात् कार्यवाही की जावेगी।

स्‍टोन क्रेसर का संचालन

89. ( क्र. 2128 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा खनिज साधन विभाग द्वारा स्‍टोन क्रेसर संचालन हेतु क्‍या-क्‍या नियम निर्देश व मार्गदर्शिका प्रचलन में हैं? (ख) क्‍या तहसील करैरा जिला शिवपुरी के ग्राम सिल्‍लारपुर में संचालित स्‍टोन क्रेसर एस.इ.आई.ए.ए. के द्वारा निर्धारित गाईड लाईन के कई बिन्‍दुओं की अवहेलना में आता है? यदि हाँ, तो एस.इ.आई.ए.ए. के गाईड लाईन के बिन्‍दु क्रमांक 2 क्‍या 10 कि.मी. की परिधि में कोई अभ्‍यारण स्थि‍त है? बिन्‍दु क्रमांक 5- क्‍या 500 मीटर की दूरी के अंदर कोई मानव बसाहट स्थित है? बिन्‍दु क्रमांक 8- क्‍या 500 मीटर की दूरी के अन्‍दर कोई शैक्षणिक संस्‍थान स्थित है का पूर्णत: उल्‍लंघन होकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है? (ग) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन उपरोक्‍त (ख) में वर्णित स्‍टोन क्रेसर की जनहित में जाँच कराई जा कर संचा‍लकनकर्ता के विरूद्ध अनुशासनहीनता की कार्यवाही करेगा? जाँच के समय प्रश्‍नकर्ता को भी बुलाया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) खनिज साधन विभाग द्वारा स्‍टोन क्रेशर संचालन हेतु कोई निर्देश अथवा नियम जारी नहीं किये गये हैं। मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में यांत्रिक क्रिया से गिट्टी बनाने हेतु पत्‍थर खनिज का उत्‍खनिपट्टा दिये जाने का प्रावधान है। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में यांत्रिक क्रिया से गिट्टी बनाने के लिये एक उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत है। यह उत्‍खनिपट्टा पर्यावरण अनुमति के अभाव में बंद है। अत: प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कार्यों एवं कार्यक्रमों का तृतीय पक्ष से मूल्‍यांकन

90. ( क्र. 2238 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन के पत्र क्रमांक एफ-11-03/2016/1/9 भोपाल दिनांक 04.02.2016 के द्वारा निर्देश दिया गया था कि सभी विभाग में उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों, योजनाओं एवं कार्यक्रमों का तृतीय पक्ष मूल्‍यांकन करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) हाँ है तो छतरपुर जिले की विधानसभा बिजावर अंतर्गत किन विभागों द्वारा 01 लाख मूल्‍य के अधिक के किस-किस कार्यों एवं कार्यक्रमों का मूल्‍यांकन तृतीय पक्ष से कब करवाया गया? सूची प्रदाय करें एवं किससे मूल्‍यांकन करवाया गया? (ग) छतरपुर जिले की विधानसभा बिजावर क्षेत्रान्‍तर्गत              01 लाख मूल्‍य के किन-किन कार्यों एवं कार्यक्रमों का मूल्‍यांकन तृतीय पक्ष द्वारा नहीं करवाया गया? कार्यों एवं कार्यक्रमों के नाम विभागवार प्रदाय करें। (घ) प्रश्‍नांश (घ) के अनुक्रम में विभाग द्वारा उपरोक्‍त कार्यों का मूल्‍यांकन तृतीय पक्ष से क्‍यों नहीं करवाया गया? क्‍या यह कृत्‍य शासन के आदेश की अवहेलना की श्रेणी में नहीं आता है? यदि नहीं, तो क्‍यों? यदि हाँ, तो शासन इस हेतु क्‍या कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। कराये गये कार्यों का तृतीय पक्ष (सामाजिक अंकेक्षण) द्वारा समय-समय पर ग्रामसभा/जनपद स्तरीय समिति द्वारा मूल्याकंन कराया गया है। (ग) तृतीय पक्ष द्वारा नहीं कराये गये कार्यों एवं कार्यक्रमों के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। (घ) प्रश्नांश '''' में दर्शाये गये कार्यों एवं कार्यक्रमों का तृतीय पक्ष से मूल्याकंन कराये जाने के संबंध में शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

नगरीय क्षेत्र के भू-जल को धरती के अंदर समाहित करना

91. ( क्र. 2239 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या छतरपुर जिले की नगर पंचायतों एवं नगर पालिकाओं में विकास कार्य हेतु योजनाबद्ध एवं सुनियोजित तरीके से कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाता है? (ख) प्रश्‍नांश (क) हाँ है तो जिले के नगर पंचायत एवं नगर पालिका द्वारा नगरीय क्षेत्र की सड़क, पटरी एवं नालियों को सीमेंट, कंक्रीट एवं पेवर्स से पक्‍का कर देने से उस स्‍थान का भू-जल किस प्रकार धरती के अंदर समाहित होगा? (ग) छतरपुर जिले के नगरीय क्षेत्र में जिस स्‍थान को सीमेंट, कांक्रीट एवं पेवर्स से पक्‍का किया गया है उस स्‍थान पर भू-जल को धरती के अंदर समाहित करने के लिए क्‍या-क्‍या प्रयास किए गए हैं? (घ) क्‍या नगरीय क्षेत्र में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम को अपने घर में लगवाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो छतरपुर जिले की नगर पंचायत बिजावर, सटई एवं नगर पालिका नौगांव में कितने घर में यह लगा है कितने में नहीं? छतरपुर जिले के कितने शासकीय भवनों में यह लगा है और कितने में नहीं विभागवार एवं स्‍थानवार जानकारी प्रदाय करें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषदों एवं नगरपालिकाओं द्वारा योजनाबद्ध एवं सुनियोजित कार्य योजना बनाकर विकास कार्य किया जाना अपेक्षित है। (ख) सीसी पेवमेंट या सड़क बना देने से वर्षा जल नालियों के माध्‍यम से किसी निचले क्षेत्र या प्राकृतिक जल ग्रहण क्षेत्र में एकत्र हो जाता है जिसके माध्‍यम से सतही जल धरती में समाहित होता है। (ग) नगरीय क्षेत्र की सड़क पटरी एवं नालियों की सीमेंट कांक्रीट से पक्‍का होने से उस स्‍थान का भू-जल नगर के भू-जल संग्रहित किये जाने वाले स्‍थानों यथा तालाब आदि के माध्‍यम से धरती के अंदर समाहित होता है। (घ) भूमि विकास नियम के प्रावधानुसार 1500 वर्ग फीट से अधिक के घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम लगाना अनिवार्य है जिस अनुसार निर्मित होने वाले भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम बनाये जाने की शर्त पर नगरीय निकायों द्वारा भवन निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की जाती है। नगर पंचायत बिजावर, सटई एवं नगर पालिका नौगांव में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम लगे हुये घरों तथा शेष घरों के सर्वेक्षण का कार्य कराया जा रहा है। इसी प्रकार छतरपुर जिले के शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्‍टम लगा है या नहीं इसका सर्वेक्षण करवाया जा रहा है।

सड़कों का निर्माण

92. ( क्र. 2259 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्‍दौर शहर अंतर्गत पूर्व मास्‍टर प्‍लान में कौन-कौन सी सड़के स्‍वीकृत थी व उनकी लम्‍बाई चौड़ाई कितने थीव कहाँ-कहाँ पर मास्‍टर प्‍लान अनुसार सड़कों का निर्माण किया जाना था एवं नये मास्‍टर प्‍लान में कौन-कौन सी सड़के कितनी चौड़ाई की प्रस्‍तावित हैं? (ख) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में पूर्व में मास्‍टर प्‍लान में स्‍वीकृत सड़कों में से कितनी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, व कब-कब किया गया? कितनी सड़कों के निर्माण किये जाना शेष है? (ग) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में पूर्व मास्‍टर प्‍लान अनुसार इन्‍दौर शहर में क्‍या पूर्व क्षेत्र से पश्चिम क्षेत्र को जोड़ने के लिये पूर्वी रिंग रोड हेतु मास्‍टर प्‍लान में कोई योजना (सड़क निर्माण) शामिल की गई थी? क्‍या उक्‍त मार्ग का निर्माण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो निर्माण न करने के क्‍या कारण है? मार्ग को क्‍यों नहीं निर्मित किया जा रहा है? (घ) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में इन्‍दौर शहर में नये मास्‍टर प्‍लान अनुसार स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट अंतर्गत कौन-कौन सी सड़कों को शामिल किया हैएवं कितने-कितने मीटर चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाना प्रस्‍तावित है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इन्दौर विकास योजना 1975-91 में प्रस्तावित मार्गों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विकास योजना में प्रस्तावित सभी मार्ग, निर्माण किये जाने हेतु प्रस्तावित होते है। उपांतरित इन्दौर विकास योजना 2021 में प्रस्तावित सड़कों की चौड़ाई पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) विकास योजना की प्रस्थापनाओं को क्रियान्वित करने का मुख्य दायित्व इन्दौर विकास प्राधिकरण का है तथा विकास योजना के अंतर्गत इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। नगर पालिक निगम इन्‍दौर द्वारा निर्मित एवं निर्माणाधीन सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। (ग) जी हाँ, इन्दौर विकास योजना 1975-91 में पूर्वी क्षेत्र को पश्चिमी क्षेत्र से जोड़ने के लिये आर. ई.-1 एवं आर. डब्ल्यू.-1 मार्ग प्रस्तावित था। विकास योजना में विकास की प्रस्थापनाएं होती है, निर्माण की योजना नहीं। पूर्वी रिंग रोड का निर्माण ए.बी. रोड निरंजनपुर चौराहे से चाणक्यपुरी चौराहे तक किया जा चुका है। पश्चिमी रिंग रोड का निर्माण ए.बी. रोड स्थित उत्सव होटल से धार रोड स्थित चन्दन नगर चौराहे तक पूर्ण किया गया है। शेष भाग में अतिक्रमण होने के कारण निर्माण कार्य लंबित है। (घ) स्‍मार्ट सिटी योजना में सम्मिलित क्षेत्र में नगर निगम इन्‍दौर द्वारा जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। स्‍मार्ट सिटी क्षेत्र के संबंध में विस्‍तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। डी.पी.आर. पूर्ण होने के उपरान्‍त ही जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' के अतिरिक्‍त कौन-कौन सी सड़के ली जाना है यह स्‍पष्‍ट हो सकेगा।

माइनिंग उत्‍खनन के नियम एवं शर्तें

93. ( क्र. 2276 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले की नारायण गंज मुकास मार्ग निर्माण हेतु लगाये गये मटेयिल मिट्टी,गिट्टी एवं मुरम आदि के लिए संबंधित निर्माण एजेंसी सामग्री उत्‍खनन के लिए कहाँ-कहाँ की जमीन की लीज स्‍वीकृति ली है? (ख) उक्‍त खदानों के ग्रामों के नाम, खसरा नं., रकबा नं एवं नक्‍शा सहित कब तक की लीज स्‍वीकृ‍ति दी गई है?         (ग) लीज स्‍वीकृति की नियम शर्तें क्‍या है, खदान प्रमुख सड़क से कितनी दूरी पर होना चाहिए तथा कितनी गहराई तक उत्‍खनन होना चाहिए? (घ) पर्यावरण विभाग की स्‍वीकृति (एन.ओ.सी.) कब जारी की गई है एवं पर्यावरण विभाग के उत्‍खनन संबंधी सभी शर्तों की जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में दर्शित निर्माण हेतु संबंधित एजेन्‍सी को कोई लीज स्‍वीकृत नहीं की गई है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में लीज स्‍वीकृत किये जाने के प्रावधान हैं। इस नियम के नियम 5 में लीज स्‍वीकृति के लिये सड़कों से दूरी के संबंध में प्रतिबंधात्‍मक प्रावधान हैं। इस नियम में उत्‍खनन हेतु गहराई के संबंध में कोई प्रावधान नहीं हैं। यह नियम अधिसूचित नियम है। (घ) प्रश्‍नांश (क) में दर्शाये अनुसार कोई लीज स्‍वीकृत नहीं की गई है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मण्‍डला जिले की लीज स्‍वीकृत रेत खदानें

94. ( क्र. 2277 ) श्री रामप्यारे कुलस्ते : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिला अंतर्गत कितनी रेत खदानों की लीज स्‍वीकृति दी गई है? (ख) प्रत्‍येक खदान का स्‍थान, ग्राम का नाम, रकबा, खसरा नं. एवं नक्‍शा और कब तक के लिए लीज स्‍वीकृति दी गई है? (ग) पर्यावरण (NGT) विभाग द्वारा दी गई स्‍वीकृति की जानकारी सहित खनिज विभाग द्वारा किये गये अनुबंध की नियम शर्तें क्‍या हैं? जानकारी देवें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मण्‍डला जिले में रेत की कोई भी खदान लीज के रूप में स्‍वीकृत नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

भूमि/भवनों के क्रय,विक्रय एवं नामांतरण पर लगी रोक हटाई जाना

95. ( क्र. 2291 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नीमच नगर पालिका के आधिपत्‍य की भूमि बंगला, बगीचा एवं खेत एरिया की भूमि/भवनों के क्रय,विक्रय एवं नामांतरण पर शासन द्वारा क्‍या प्रतिबंध लगाया गया है? यदि हाँ, तो ति‍थि बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दर्शाई गई तिथि के पश्‍चात् नगर पालिका द्वारा क्‍या बंगला, बगीचा एवं खेत एरिया की भूमि/भवनों के नामांतरण किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस-किस ऐरिया के, (ग) क्‍या किये गये नामांतरण नगर पालिका के आधिपत्‍य की भूमि "खेत" के हैं? यदि हाँ, तो फिर बंगला एरिया में निवासरत रहवासियों को उनकी भूमि/भवनों के नामांतरण करने में क्‍या वैधानिक कठिनाई आ रही है? कब तक भूमि/भवनों के क्रय,विक्रय एवं नामांतरण पर लगी रोक हटाई जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र. शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा बंगला बगीचा समस्‍या निराकरण हेतु गठित समिति द्वारा दिनांक 04-11-2010 को निर्णय लिया गया कि कट ऑफ-डेट के पश्‍चात् खुली भूमियों के प्‍लाट को विभक्‍त करने व उस पर निर्मित परिसम्‍पत्तियों के          क्रय-विक्रय पर रोक लगाई जावे। इसके पूर्व दिनांक 14-01-79 को तत्‍कालीन प्रशासक ने नगर पालिका की पूर्व स्‍वीकृति के बिना बंगले की भूमि के हस्‍तांतरण पर रोक लगा दी थी। इसी आदेश में बगैर अनुमति हस्‍तांतरण की स्थिति में नामांतरण व निर्माण की अनुमति देने पर रोक थी। (ख) जी नहीं। समिति की बैठक दिनांक 04-11-2010 के पश्‍चात् नगर पालिका द्वारा बंगला बंगीचा एवं खेत एरिया की भूमि/भवनों के नामांतरण नहीं किए गए और न ही निर्माण अनुमतियां दी गई। दिनांक 02-07-2011 के पश्‍चात् उक्‍त क्षेत्र में विक्रय विलोखों का पंजीयन नहीं हुआ। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, प्रश्‍नाधीन क्षेत्र की समस्‍या के निराकरण हेतु कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

एस.टी.सी. द्वारा कराये गये कार्य

96. ( क्र. 2307 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया जिला होशंगाबाद अन्‍तर्गत म.प्र.म.क्षे.वि.वि.क.लि. भोपाल के एस.टी.सी. द्वारा वर्ष 2014 से मार्च 2016 तक किस किस फीडर पर कार्य किये गये फीडर बार, जानकारी प्रदान करें? (ख) किस-किस ऐजेंसी को किस-किस कार्य के लिये अनुबंध किया गया, इस अवधि में कार्य ऐजेंसी को कार्य हेतु कितनी राशि का भुगतान किया गया जानकारी प्रदान करें.

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया, जिला होशंगाबाद के अंतर्गत मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एस.टी.सी. संभाग द्वारा 1 जनवरी 2014 से 31 मार्च 2016 तक किये गये कार्यों का फीडरवार एवं वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'', ''अ-2'' एवं ''अ-3'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र पिपरिया, जिला होशंगाबाद के अंतर्गत मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एस.टी.सी. संभाग द्वारा 1 जनवरी 2014 से 31 मार्च 2016 तक अनुबंधित एजेंसी/ठेकेदार द्वारा किये गये कार्यों का एजेंसी/ठेकेदार वार, कार्यवार, भुगतान की गई राशि सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'', ''ब-2'' एवं               ''ब-3'' अनुसार है।

संसार खेड़ा रेत खदान

97. ( क्र. 2339 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत क्‍या संसारखेड़ा रेत खदान संचालित है? य‍ह किस दिनांक से लागू है? (ख) यह खदान किस ठेकेदार द्वारा संचालित की जा रही है तथा इसकी किस दिनांक को नियमानुसार विधिवत कार्यवाही कर संचालित किये जाने के आदेश ठेकेदार को प्रदाय किये? (ग) यह खदान कौन से खसरा नंबर में एवं कितने रकबे में स्‍वीकृत है? क्‍या निश्चित रकबा एवं खसरा नंबर के अलावा भी रेत का खनन हो रहा है? (घ) विभाग में कितने गहराई तक रेत का खनन नियमानुसार किया जाता है, क्‍या निर्धारित गहराई में खदान में रेत का खनन हो रहा है? (ड.) क्‍या यह खदान प्रधानमंत्री सड़क योजना जिनको ग्रामीण सड़कें कहते हैं? उस सड़क पर से रेत का परिवहन होता है उस सड़क पर कितनी क्षमता तक के वाहन निकल सकते है? क्‍या उससे ज्‍यादा भार के वाहन रेत खनन मालिकों द्वारा निकाले जा रहे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नाधीन खदान दिनांक 06.11.2015 से संचालित है। (ख) प्रश्‍नाधीन खदान मेसर्स एस.आर. ट्रेडर्स द्वारा संचालित की जा रही है। इस खदान को संचालित किये जाने हेतु दिनांक 06.11.2015 को आदेश दिये गये हैं। (ग) प्रश्‍नाधीन खदान खसरा क्रमांक 208/1 एवं 208/2, रकबा 13.000 हेक्‍टेयर क्षेत्र पर स्‍वीकृत है। ठेकेदार द्वारा स्‍वीकृत क्षेत्र पर ही रेत का उत्‍खनन किया जा रहा है। (घ) रेत खनन, सतह से 3 मीटर तक अथवा जल स्‍तर तक, जो भी कम हो, किये जाने का प्रावधान है। वर्तमान में रेत खदान में पानी भरा होने के कारण कितनी गहराई तक खनन कार्य किया गया है, यह वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है।

परिशिष्ट - ''बाईस''

नगर पंचायतें एवं नगर पालिकओं व इन पर पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारी

98. ( क्र. 2340 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र में कितनी नगर पंचायतें एवं नगर पालिकायें संचालित है? इनमें कितने अधिकारियों एवं कर्मचारियों के पद स्‍वीकृत है? संस्‍थावार जानकारी देवें? (ख) किस-किस नगर पालिका एवं नगर पंचायत में कितने-कितने पद रिक्‍त है एवं उन्‍हें कब तक भरा जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में 01 नगर पालिका परिषद्, गाडरवारा एवं 03 नगर पंचायत, सालीचौका, सांईखेडा एवं चिचली संचालित है। इनमें अधिकारियों एवं कर्मचारियों के संस्‍थावार स्‍वीकृत पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इन पदों के भरे जाने हेतु समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

सी.सी. व माइनर निर्माण में शासकीय राशि का दुरूपयोग

99. ( क्र. 2346 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में बरियापुर परियोजना के अंतर्गत संचालित नहर में तहसील चंदला, गौरिहार अंतर्गत नहर में सी.सी. व माइनर निर्माण में राज्‍य शासन द्वारा विगत दिनांक 01.03.2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि किस-किस मद से स्‍वीकृत की गई? स्‍वीकृत आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा निर्माण से संबंधित कब-कब निविदायें जारी की गई तथा          किन-किन फर्मों को निर्माण एजेंसी निर्धारित की गई? (ग) क्‍या निर्माण एजेंसी के द्वारा गुणवत्‍ताविहीन निर्माण कार्य कराये जाने की शिकायतें राज्‍य शासन को प्राप्‍त हुई? शिकायतों में क्‍या कार्यवाही हुई, शिकायत के आधार पर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या शिकायत के आधार पर जाँच दल गठित किया गया? यदि हाँ, तो जाँच दल ने स्‍थल निरीक्षण के उपरांत राज्‍य शासन को क्‍या रिपोर्ट प्रस्‍तुत की? रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध करायें। क्‍या वित्‍तीय अनियमितता करने वाली निर्माण एजेंसी को ब्‍लेक लिस्‍टेड करते हुए गलत भौतिक सत्‍यापन करने वाले सहायक यंत्री या उपयंत्री को सेवा से पृथक करते हुए, शासकीय राशि वसूल करने की कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्‍नाधीन परियोजना के लिए कोई प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी नहीं की गई है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में बरियारपुर परियोजना की नहरों की लाईनिंग के लिए दिनांक 14.03.2013 को निविदा जारी की गई और दिनांक 10.05.2013 को न्‍यूनतम निविदाकार मेसर्स गौतम बिल्‍डर्स, नोयड़ा उत्‍तर प्रदेश की निविदा स्‍वीकार की गई। (ग) से (घ) अभिलेखों के मुताबिक नहर की लाईनिंग की गुणवत्‍ता संबंधी कोई शिकायत शासन को प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

भाण्‍डेर विधानसभा क्षेत्र में अवैध रेत उत्‍खनन

100. ( क्र. 2408 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियाँ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भाण्‍डेर विधानसभा क्षेत्र में कितनी घोषित एवं कितनी अघोषित रेत खदानें हैं? (ख) एक अप्रैल, 2013 से 31 मई, 2016 तक उपरोक्‍त खदानों को      किन-किन ठेकेदारों को कितने रूपयों में नीलामी पर दी गई और उनसे कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ वर्षवार/ठेकेदारवार जानकारी दी जावे? (ग) यदि उपरोक्‍त रेत खदानों की नीलामी नहीं हुई तो इसका क्‍या कारण है? इससे शासन को हुए राजस्‍व हानि के लिये कौन जिम्‍मेदार है? (घ) क्‍या अवैध रेत उत्‍खनन को रोकने के लिये जन प्रतिनिधि द्वारा कई स्‍तर पर शिकायतें की गई? इसके बावजूद रेत उत्‍खनन निरंतर जारी है? इसकी रोकथाम के लिये क्‍या कार्यवाही की जा रही है? खदानों की नीलामी कब तक की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में 6 रेत खदानों को मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के पक्ष में आरक्षित किया गया है। इसके अतिरिक्‍त कोई भी अघोषित खदान नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित खदान को किसी के पक्ष में नीलाम नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित खदानों की नीलामी उपरांत खनिज राजस्‍व प्राप्‍त हो सकेगा। अत: किसी प्रकार की हानि का प्रश्‍न नहीं है। (घ) प्रश्‍नानुसार प्राप्‍त शिकायतों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है। जब भी अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन के प्रकरण प्रकाश में आने पर कार्यवाही की जाती है। विभाग द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में अवैध परिवहन के कुल 268 प्रकरण दर्ज किये गये तथा इसमें राशि रूपये 91.41 लाख का अर्थदण्‍ड आरोपित कर वसूल किया गया। इसी प्रकार अवैध उत्‍खनन के 11 प्रकरण दर्ज कर राशि रूपये 1.32 करोड़ का अर्थदण्‍ड आरोपित किया गया है। खदानों की नीलामी शीघ्र संभावित है।

जिला सिंगरौली में विद्युतीकरण योजना

101. ( क्र. 2430 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिंगरौली के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के तहत विद्युतविहीन गाँवों में बिजली प्रदाय करने की क्‍या योजना हैं? (ख) ऐसे विद्युत विहीन कितने गांव है तथा इनमें कब तक बिजली प्रदाय की जायेगी? नाम सहित विवरण देवें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सिंगरौली जिले के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में 5 अविद्युतीकृत ग्रामों को विद्युतीकृत करने एवं 730 विद्युतीकृत ग्रामों में सघन विद्युतीकरण करते हुए 18189 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्‍क बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदाय करने की योजना है। (ख) वर्तमान में सिंगरौली जिले के अंतर्गत सभी अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

जिला सिंगरौली में एयरपोर्ट का निर्माण

102. ( क्र. 2432 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला सिंगरौली के अंतर्गत एयरपोर्ट निर्माण के संबंध में भूमि अधिग्रहण एवं भूमि स्‍वामियों को मुआवज़ा आदि के शेष 84 खातेदारों को मुआवजे का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो इस संबंध में विलम्‍ब के क्‍या कारण है?              (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में एयरपोर्ट निर्माण हेतु भौतिक सत्‍यापन कराकर वस्‍तुस्थिति संबंधी जानकारी देवें? साथ ही एयरपोर्ट निर्माण का कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) 84 खातेदारों में से 07 खातेदारों को पूर्व में ही मुआवजा राशि का भुगतान किया जा चुका हैं, 43 खातेदारों को ई-पेमेंट के माध्‍यम से भुगतान हेतु सूची बैंक को भिजवाई गई हैं। शेष 34 खातेदारों के प्रकरण न्‍यायालय में विचाराधीन होने से भुगतान नहीं हो सका हैं। (ख) एयरपोर्ट निर्माण के लिये डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित हैं। निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं हैं।

मंजला जलाशय का कार्य

103. ( क्र. 2443 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मंजला जलाशय का कार्य संबंधित ठेकेदार द्वारा नहीं कराया जा रहा है? क्‍या संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई है? कार्यवाही विवरण बतावें? (ख) मंजला जलाशय का अनुबंध क्रमांक, अनुबंध राशि, कार्य प्रारंभ करने की दिनांक एवं कार्य पूर्ण करने की तिथि क्‍या थी एवं कार्य कितने समय तक बंद रहा? (ग) क्‍या उक्‍त कार्य की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई है एवं किस ठेकेदार द्वारा कार्य कराया जा रहा है एवं कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं। (ख) अनुबंध क्रमांक-10 डी.एल./2013-14 तथा अनुबंधित राशि रू.710.18 लाख, कार्य प्रारंभ करने का दिनांक 18.12.2013 एवं कार्य पूर्ण करने का दिनांक 17.02.2015 था। कार्य बंद नहीं रहा। (ग) जी हाँ। निर्माण एजेंसी मेसर्स प्रमोद शर्मा, 70 बी, सुदामा नगर, इंदौर थी। कार्य मार्च 2016 में पूर्ण कराया गया।

 

 

बण्‍डा क्षेत्र में बुंदेलखण्‍ड पैकेज से क्रियान्‍वयन

104. ( क्र. 2445 ) श्री हरवंश राठौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत बण्‍डा में बुंदेलखण्‍ड पैकेज से वीला पोषक नहर के निर्माण की स्‍वीकृति किस वर्ष में हुई थी? (ख) वीला पोषक नहर के उत्‍खनन में काला पत्‍थर से कितनी राजस्‍व प्राप्‍त हुई? (ग) क्‍या वर्णित योजना में वीला पोषक नहर निर्माण के साथ सड़क निर्माण का प्रावधान प्राक्‍कलन में था या नहीं? यदि हाँ, तो निर्माणाधीन सड़क मार्ग की स्थिति से अवगत कराया जाए?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2010 में। (ख) रू.40.60 लाख।  (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

हरदा जिले में मुख्‍य मंत्री स्‍वरोजगार योजना का क्रियान्‍वयन

105. ( क्र. 2481 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजनांतर्गत वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये? प्राप्‍त आवेदन में से कुल कितने प्रकरण स्‍वीकृत एवं निरस्‍त हुये वर्षवार बतायें।            (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि अंतर्गत स्‍वीकृत प्रकरणों में बैंकों द्वारा संबंधित हितग्राहियों को समय-सीमा में राशि प्रदाय की गई है? (ग) यदि नहीं, तो उसका क्या कारण है? (घ) विभाग द्वारा बैंक अधिकारियों एवं जिला अधिकारियों के साथ कब-कब बैठक आयोजित कर प्रकरणों के निराकरण कराये जाने के प्रयास किये जानकारी उपलब्‍ध करावें?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) हरदा जिले में मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना की वर्षवार जानकारी निम्‍नानुसार है :-

वर्ष

लक्ष्‍य

प्राप्‍त प्रकरण

टीएफसी द्वारा बैंकों को अनुसंशित प्रकरण

बैंक द्वारा स्‍वीकृत

बैंक द्वारा अस्‍वीकृत/निरस्‍त/ लक्ष्‍य पूर्ति के कारण वापस प्रकरण

रिमार्क

2013-14

_

_

_

_

_

वर्ष 2013-14 में मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना संचालित नहीं थी शासन द्वारा योजना दिनांक 01.08.2014 से प्रारंभ की गई।

2014-15 (01.08.2014 प्रारंभ)

175

324

235

187

48

-

2015-16

225

679

439

241

198

-

(ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि अंतर्गत वर्ष 2014-15 में बैंकों द्वारा स्‍वीकृत प्रकरणों में से 176 हितग्राहियों को समय-सीमा में ऋण वितरण किया गया। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में बैंकों द्वारा 226 हितग्राहियों को समय-सीमा में ऋण वितरण किया गया। (ग) वर्ष 2014-15 में 11 प्रकरणों में एवं वर्ष 2015-16 में 15 प्रकरणों में हितग्राहियों द्वारा समय-सीमा में औपचारिकता पूर्ण न होने के कारण समय-सीमा में ऋण वितरण नहीं किया जा सका। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार

परिशिष्ट - ''तेईस''

Top of Form

वाहनों में डीजल व मरम्‍मत पर खर्च राशि

106. ( क्र. 2482 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हरदा जिले की नगर पालिका परिषद् हरदा में     कौन-कौन से वाहन हैं? वाहन का प्रकार, उनका रजिस्‍ट्रेशन नम्‍बर और चालक का पूरा नाम सहित बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में किन-किन वाहनों में कितना-कितना डीजल व मरम्‍मत पर खर्च किया गया? (ग) उक्‍त समयावधि में निकाय के द्वारा वाहनों में डाले गये डीजल का भुगतान और मरम्‍मत कार्य का भुगतान किस-किस को किया? फर्म का नाम प्रोपराईटर का नाम, स्‍थान, दिनांक भुगतान नगद या चैक से किया बतायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

रेल्‍वे लाईन पर एक्‍वाडक्‍ट निर्माण

107. ( क्र. 2483 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले की खिरकिया तहसील अंतर्गत ग्राम कुड़ावा के पास रेल्‍वे क्रॉसिंग कर बनाई जा रही पुलिया (एक्‍वाडक्‍ट) पर कुल कितनी राशि व्‍यय होना है व इस कार्य में राज्‍य शासन व केन्‍द्र शासन की कितनी-कितनी राशि व्‍यय होगी व किस विभाग द्वारा कौन-कौन सा काम किया जाना है? (ख) क्‍या सभी किसानों को जमीन मुआवजा का भुगतान कर दिया गया है एवं उक्‍त पुलिया (एक्‍वाडक्‍ट) निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) क्‍या आगामी रबी फसल हेतु नहर का पानी रेल्‍वे लाईन के उस पार नहर में पहुँचा दिया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो रेल्‍वे लाईन के उस पार किन-किन ग्रामों की कितनी कृषि भूमि सिंचित की जा सकेगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रश्‍नाधीन नहर के रेल्‍वे क्रॉसिंग के लिए भारतीय रेल्‍वे की मांग अनुसार विभाग ने रू. 102.98 लाख भारतीय रेल्‍वे में जमा कराए है। भारतीय रेल्‍वे ने मई 2016 में एक्‍वाडक्‍ट बना दिया हैं लेकिन उसके दोनों किनारों में जल प्रवाहित करने के लिए आवश्‍यक कुओं (सम्‍पवेल) का निर्माण नहीं किया है। (ख) से (घ) प्रश्‍नाधीन खिरकिया नहर की शेष दो उप नहरों के 129 में 88 कृषकों को भू-अर्जन मुआवजा भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण कार्य रेल्‍वे द्वारा पूर्ण किया जाना है जिसे शीघ्र पूर्ण कराने के लिए भरसक प्रयास किए गए हैं ताकि आगामी रबी में रेल्‍वे लाईन के दूसरी ओर के 9 ग्रामों (खिरकिया, गोलपुरा, मुहालखुर्द, गुडावा, सारंगपुर, धनवाडा, चौकडी, लोध्‍याखेड़ी तथा पाहनपाट) की 2,300 हेक्‍टर से अधिक भूमि में सिंचाई की जा सके।

नर्मदा नदी को प्रदूषण से मुक्‍त करना

108. ( क्र. 2503 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश शासन ने जीवन दायिनी माँ नर्मदा नदी को प्रदूषित होने से बचाने व पर्यावरण की सुरक्षा हेतु क्‍या उपाय किये हैं एवं कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? वर्तमान में नर्मदा नदी के जल की कहाँ-कहाँ पर प्रदूषण की क्‍या स्थिति है? इसकी जाँच कब किसने की है वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रदेश शासन ने नर्मदा नदी के किनारे स्थित प्रदूषण फैलाने वाले किन-किन औद्योगिक प्रतिष्‍ठानों/फैक्ट्रियों पर कब-कब, क्‍या कार्यवाही की है? किन-किन औद्योगिक प्रतिष्‍ठानों/फैक्ट्रियों ने निकलने वाले दूषित गंदे पानी को स्‍वच्‍छ/शुद्ध करने हेतु वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट व आर.ओ. प्‍लांट लगाये गये हैं? इसकी जाँच कब-कब, किन-किन अधिकारियों ने की है? सूची दें। (ग) जबलपुर जिले में नर्मदा नदी में मिलने वाले बड़े-बड़े नालों, नदियों का गंदा पानी व घाटों के आस-पास व्‍यावसायिक स्‍थलों व रहवासी क्षेत्रों की गंदनी को रोकने तथा प्रदूषण मुक्‍त करने हेतु जिला प्रशासन व नगर निगम ने क्‍या उपाय किये हैं एवं कितनी राशि की क्‍या कार्ययोजना बनाई है?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) नर्मदा नदी को प्रदूषित होने से बचाने व पर्यावरण की सुरक्षा हेतु उद्योगों में ई.टी.पी. स्थापित कर शून्य निस्त्राव के निर्देश दिये गये हैं। प्रमुख पर्वों जैसे-गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव तथा मेलों इत्यादि के दौरान पूजन सामग्री, पॉलीथिन आदि का विसर्जन रोकने हेतु पोस्टर/पेम्पलेट वितरण, नदी घाटों की सफाई, पर्यावरण जन-जागरण रैली कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। नर्मदा नदी के जल गुणवत्ता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।       (ख) मेसर्स सिक्‍युरिटी पेपर मिल, होशंगाबाद के विरूद्ध न्यायालयीन प्रकरण दायर किया गया है, जो प्रचलन में है। नर्मदा नदी के समीप स्थापित उद्योगों प्रतिष्ठानों द्वारा स्थापित ई.टी.पी. व आर.ओ. की जाँच एवं निरीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

पवित्र घोषित नर्मदा नदी का विकास

109. ( क्र. 2504 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश शासन ने जीवन दायिनी माँ नर्मदा नदी को पवित्र नदी व ग्‍वारीघाट (जबलपुर) को पवित्र क्षेत्र कब घोषित किया है तथा नर्मदा नदी के शुद्धीकरण, सौन्‍दर्यीकरण, पर्यावरण संरक्षण व घाटों के विकास की क्‍या-क्‍या कार्ययोजना बनाई है? इसके लिए कब, कितनी राशि का प्रावधान किया गया है एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्‍यय हुई है वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में शासन ने नगर निगम जबलपुर को किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि के कब कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? कितनी राशि की कार्ययोजना क्‍या बनाई गई है?      (ग) प्रश्नांश (क) में नगर निगम जबलपुर ने जे.एन.एन.यू.आर.एम. एवं प्रोजेक्‍ट उदय के तहत कब-कब, कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कराये हैं एवं कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से स्‍वीकृत कार्य नहीं कराये हैं एवं क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित पत्र क्रमांक 24 दिनांक 14.06.2013 के अनुसार ग्‍वारीघाट को पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया है। नर्मदा शुद्धिकरण, सौन्‍दर्यीकरण, पर्यावरण संरक्षण व घाटों के विकास के लिये निकाय द्वारा कोई विशिष्‍ट कार्य योजना नहीं बनाई गई है। निकाय द्वारा स्‍वयं किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में शासन द्वारा नगर निगम, जबलपुर को कोई राशि नहीं दी गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है।

ग्रामों, मजरों टोलों में 24 घंटे विद्युत प्रवाह

110. ( क्र. 2510 ) श्री राजकुमार मेव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के ग्रामों, मजरों, टोलों में घरेलू उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रवाह किये जाने के निर्देश हैं, तो महेश्‍वर विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कितने ग्राम, मजरे, टोले एवं वनग्राम हैं जहाँ विद्युत 24 घंटे विद्युत प्रवाह नहीं किया जा रहा है एवं इसका क्‍या कारण है? (ख) क्‍या महेश्‍वर विधान सभा क्षेत्र में ऐसे ग्राम हैं जिनमें फीडर सेपरेशन (फीडर विभक्‍तीकरण) का कार्य शेष है? यदि हाँ, तो ग्रामों की सूची उपलब्‍ध कराई जावे? इन ग्रामों में कब तक 24 घंटे विद्युत प्रवाह उपलब्‍ध करा दिया जावेगा? (ग) क्‍या महेश्‍वर विधान सभा क्षेत्र में फीडर विभक्‍तीकरण का कार्य, कार्य एजेंसी से माह फरवरी, 2016 तक पूर्ण कराये जाने के संबंध में विधान सभा सत्र 2015 अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 626, दिनांक 15.12.2015 में पूर्ण कराये जाने का उल्‍लेख किया गया था? यदि हाँ, तो यह कार्य वर्तमान में भी शेष क्‍यों है? कारण बतावें? कब तक यह कार्य पूर्ण करा लिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) राज्‍य शासन द्वारा अटल ज्‍योति अभियान के तहत ग्रामों के मुख्‍य आबाद क्षेत्रों में घरेलू उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय के निर्देश दिए गए हैं। महेश्‍वर विधान सभा क्षेत्र के सभी ग्रामों में उक्‍तानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, किन्‍तु प्रश्‍नाधीन क्षेत्रान्‍तर्गत 26 मजरे/टोले ऐसे हैं जहाँ 24 घंटे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है। उक्‍त मजरे/टोले मुख्‍य ग्रामों से अत्‍याधिक दूर हैं एवं घरेलू श्रेणी के फीडर भी समीप नहीं है ये मजरे/टोले समीप के सिंचाई फीडर से संयोजित हैं तथा इन्‍हें 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी हाँ, महेश्‍वर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत 13 ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य शेष है। उक्‍त ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। इन ग्रामों में मिश्रित फीडरों के माध्‍यम से घरेलू उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी हाँ, विधान सभा सत्र दिसम्बर 2015 के अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 626 दिनांक 15/12/2015 के उत्‍तर में महेश्‍वर विधान सभा क्षेत्र में शेष 34 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य मेसर्स एस्‍टर प्रायवेट लि. हैदराबाद द्वारा माह फरवरी 2016 तक पूर्ण कराए जाने का उल्‍लेख किया गया था। ठेकेदार एजेंसी द्वारा उक्‍तानुसार शेष 34 ग्रामों में से 21 ग्रामों का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। शेष 13 ग्रामों में वन व्‍यवधान के कारण आर.ओ.डब्‍ल्‍यू. की समस्‍या होने तथा तकनीकी एवं आर्थिक रूप से इन ग्रामों का कार्य असाध्‍य होने के कारण यह कार्य नहीं किया जा सका। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में शेष 13 ग्रामों का कार्य को किया जाना तार्किक नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौबीस''

ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण योजनाएँ

111. ( क्र. 2517 ) श्री मथुरालाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य एवं केन्‍द्र शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में सार्वजनिक एवं हितग्राही मूलक विद्युतीकरण योजनाएँ लागू की हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त योजनाओं की विस्‍तृत जानकारी मय मापदण्‍डों के उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या रतलाम जिले के वि.ख. रतलाम अंतर्गत ग्रामों/मजरों/टोलों/नवीन बस्तियों में ग्रामीण विद्युतीकरण/हितग्राही मूलक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो अवगत करावें कि विगत तीन वर्षों में वि.ख. रतलाम में कौन-कौन से विद्युतीकरण के कार्य स्‍वीकृत किये जाकर पूर्ण किये गये हैं? क्‍या विद्युतीकरण के शेष रहे प्रस्‍तावित कार्यों की स्‍वीकृतियां प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृति की प्रत्‍याशा में लंबित है एवं उक्‍त कार्य कब तक स्‍वीकृत किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या रतलाम वि.ख. के शेष रहे ग्रामों/मजरों/टोलों/नवीन बस्तियों में 24 घंटे विद्युत उपलब्‍ध कराने की कोई योजना पर अमल किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक विद्युत व्‍यवस्‍था की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍या शासन इस पर विचार करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, राज्‍य शासन एवं केन्‍द्र शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक एवं हितग्राही मूलक विद्युतीकरण की निम्‍नलिखित योजनाएँ लागू की गई हैं :- 1. फीडर विभक्तिकरण योजना। 2. कृषक अनुदान योजना। 3. राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना। 4. दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना। 5. ए.डी.बी. योजना। मापदण्‍डों के विवरण सहित उपरोक्‍त योजनाओं की विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। विगत तीन वर्षों में विकासखण्‍ड रतलाम के अंतर्गत उपरोक्‍त योजनाओं में स्‍वीकृत एवं पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्यों की स्‍वीकृति प्राप्‍त हो चुकी है एवं कोई भी स्‍वीकृति प्रक्रियाधीन नहीं है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) रतलाम विकासखण्‍ड के चिन्हित शेष रहे मजरों/टोलों/नवीन बस्तियों में 24 घंटे विद्युत उपलब्‍ध कराने का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में स्‍वीकृत है। इस योजना के अंतर्गत कार्यों हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में उक्‍त कार्य पूर्ण होने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है तथापि टर्न-की ठेकेदार एजेंसी को निविदा प्रक्रिया उपरांत कार्यादेश जारी होने के पश्‍चात् अनुबंध अनुसार ठेकेदार द्वारा उक्‍त कार्य पूर्ण करने की अवधि 24 माह होगी।

जनप्रतिनिधियों को जानकारी प्रदान की जाना

112. ( क्र. 2518 ) श्री मथुरालाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा विधान सभा स्‍तर के जनप्रतिनिधियों को उनके द्वारा चाही गई जानकारी अनिवार्यत: प्रदान किये जाने के संबंध में कोई स्‍पष्‍ट निर्देश प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ, तो कृपया विभाग द्वारा जारी निर्देशों की प्रतियां उपलब्‍ध करावें। (ख) जिला रतलाम अंतर्गत संबंधित कार्यालयों द्वारा सामान्‍यत: उनके विभाग की प्रस्‍तावित योजनाओं/कार्यों की जानकारी/आवंटित बजट एवं व्‍यय इत्‍यादि की जानकारी उपलब्‍ध नहीं कराई जाती है? यदि प्रश्‍नकर्ता द्वारा वांछित जानकारी अथवा प्रस्‍तावित कार्य के संबंध में पत्राचार किया जाता है तो संबंधित कार्यालय प्रमुखों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी प्रदान नहीं की जाती है? (ग) इस संबंध में क्‍या शासन कोई ठोस कार्यवाही अथवा निर्देश सर्वसंबंधितों को प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

तालाब गहरीकरण का कार्य

113. ( क्र. 2532 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर निगम सतना द्वारा अमौधा तालाब के गहरीकरण कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गई है? (ख) यदि नहीं, तो तालाब की खुदाई/गहरीकरण का कार्य किस फर्म की किस वर्ष की किस स्‍वीकृत दर पर किस फर्म से कराया गया है? (ग) अमौधा तालाब की खुदाई से कितने घनफुट मुरूम निकाली गई तथा उसका उपयोग कहाँ-कहाँ किन-किन कार्यों में कितने-कितने घनफुट किया गया व कितनी सुरक्षित रखी गई है? स्‍थल विवरण सहित दर्ज माप-पुस्तिका का क्रमांक व पृष्‍ठ क्रमांक तथा तादात स्‍थलवार बताएं? (घ) क्‍या नगर निगम सतना द्वारा अमौधा तालाब के गहरीकरण व उससे निकलने वाली मुरूम का उपयोग किये जाने हेतु कलेक्‍टर अथवा खनिज विभाग से पूर्व स्‍वीकृति प्राप्‍त की गई है? यदि नहीं, तो कारण बताएं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) वर्ष 2015-2016 में जे.सी.बी. मशीन एवं डम्‍पर को किराये पर लिये जाने के लिये स्‍वीकृत निविदा मेसर्स संध्‍या फायर एक्टिस्‍टग्‍यूसर सतना की वर्ष 2015-16 की स्‍वीकृत दर क्रमश: जे.सी.बी. मशीन रू. 1000/- प्रति घन्‍टा एवं डम्‍पर रू. 5200/- प्रति 10 घन्‍टा (मय डीजल) की दर पर, मेसर्स चच्‍चू बिल्‍डर्स सतना से कार्य कराया गया है।        (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। कलेक्‍टर सतना से पत्र क्रमांक 25/न.पा.नि./2016 सतना दिनांक 28.05.2016 एवं पत्र क्रमांक 171/न.पा.नि./ 2016 दिनांक 22.06.2016 से अनुमति चाही गई है। स्‍वीकृत अपेक्षित है।

परिशिष्ट - ''पच्चीस''

अमृत योजना के तहत पाईप लाइनों के विस्‍तार

114. ( क्र. 2533 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या अमृत योजना के तहत पाईप लाइनों के विस्‍तार एवं अण्‍डर ग्राउण्‍ड सीवरेज सिस्‍टम का कार्य पूर्ण कराये जाने तक के लिए राज्‍य स्‍तरीय तकनीकी समिति द्वारा स्‍थाई/पक्‍के निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई है? (ख) यदि हाँ, तो नगर निगम सतना द्वारा उक्‍त योजनाओं की शासन से मंजूरी प्राप्‍त होने के दिनांक से अब तक किन-किन वार्डों में कौन-कौन से निर्माण कार्य       कितनी-कितनी लागत से कराये गये हैं? (ग) एवं (ख) अनुसार यदि कार्य कराये गये हैं तो निगम द्वारा कराये गये ऐसे निर्माण कार्यों के लिए कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी उत्‍तरदायी हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं (ख) उत्‍तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता अपितु राज्‍य शासन द्वारा सतना शहर में पेय-जल हेतु राशि 41.50 करोड़ एवं सीवरेज हेतु 170.92 करोड़ की परियोजना की स्‍वीकृति दी गई है। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में किसी अधिकारी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

देशी एवं अंग्रेजी शराब की बिक्री

115. ( क्र. 2542 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत कौन-कौन सी देशी एवं अंग्रेजी मदिरा दुकानें कहाँ-कहाँ पर संचालित हैं? संचालित स्‍थल के पूर्ण पता सहित सूची देवें एवं ये संचालित दुकानें राष्‍ट्रीय राजमार्ग, राज्‍य मार्ग, मुख्‍य सड़क से कितनी दूरी पर स्थित हैं? दुकानवार दूरी सहित सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित दुकानों के आस-पास धार्मिक स्‍थल एवं विद्या अध्‍ययन केन्‍द्र होने के फलस्‍वरूप इन्‍हें अन्‍यत्र स्‍थानांतरित करने की शासन स्‍तर पर कौन-कौन सी कितनी शिकायतें विगत तीन वर्षों में कब प्राप्‍त हुई एवं उन पर कब क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) मदिरा दुकान संचालन के संदर्भ में माननीय उच्‍च न्‍यायालय के क्‍या-क्‍या दिशा-निर्देश हैं? उक्‍त निर्देशों का पालन क्‍यों नहीं कराया जा रहा है? इन निर्देशों के पालन कराने के लिये कौन-कौन जवाबदार है तथा कब तक निर्देशों का शत्-प्रतिशत पालन कराया जावेगा? (घ) शासन को प्रदेश में देशी एवं अंग्रेजी मदिरा की बिक्री से वित्‍त वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जिलेवार कितनी आय हुई? सूची देवें एवं क्‍या शासन प्रदेश में गुजरात, बिहार, राज्‍यों की तरह शराब की बिक्री पूर्णत: प्रतिबंधित करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत, संभाग के जिला नरसिंहपुर, जबलपुर, कटनी, मण्‍डला, छिंदवाडा, सिवनी, बालाघाट एवं डिण्‍डौरी में संचालित देशी एवं अंग्रेजी मदिरा दुकानों की पूर्ण पता सहित जिलावार जानकारी तथा राष्‍ट्रीय राजमार्ग, राज्‍य राजमार्ग, मुख्‍य सड़क से मदिरा दुकानों की दूरी संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) शासन (आबकारी आयुक्‍त कार्यालय एवं जिला प्रशासन सहित) स्‍तर पर विगत तीन वर्षों में जिला डिण्‍डौरी को छोड़कर, संभाग के शेष जिलों में मदिरा दुकानों के आस-पास धार्मिक स्‍थल एवं विद्या अध्‍ययन केन्‍द्र होने के फलस्‍वरूप इन्‍हें अन्‍यत्र स्‍थानांतरित करने संबंधी प्राप्‍त शिकायतें एवं उन पर हुई कार्यवाही की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के     प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) मदिरा दुकान संचालन के संदर्भ में माननीय उच्‍च न्‍यायालय के कोई पृथक दिशा-निर्देश नहीं हैं। अत: शेष प्रश्‍नांश की जानकारी निरंक है।       (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। शराब की बिक्री पूर्णत: प्रतिबंधित करने का कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

बेरोजगारों को ऋण का प्रदाय

116. ( क्र. 2545 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्‍त वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री, स्‍व-रोजगार योजना, मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना प्रधानमंत्री कार्यक्रम योजनान्‍तर्गत किन-किन ग्रामों के कितने बेरोजगारों के ऋण स्‍वीकृति/प्राप्ती हेतु कितने आवेदन उद्योग विभाग को प्राप्‍त हुये एवं कितना लक्ष्‍य शासन द्वारा पाटन एवं मंझौली तहसीलों को प्राप्‍त हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित इन प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन स्‍वीकृत कर विभाग ने बैंकों को भेजा एवं कितने प्रकरण किन कारणों से अस्‍वीकृत किये गये? वर्षवार सूची देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में स्‍वीकृत कर बैंको को भेजे गये कितने प्रकरणों को किस कार्य हेतु कब कितना ऋण स्‍वीकृत किया गया? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित लक्ष्‍य की पूर्ति न होने एवं बेरोजगारों को शासन की योजनाओं का लाभ न मिल पाने के क्‍या कारण है? इस हेतु शासन क्‍या कार्यवाही करेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्‍त वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री स्‍व-रोजगार योजना, मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजनान्‍तर्गत वर्ष 2014-15 में 95 ग्रामों से 240 आवेदन तथा वर्ष 2015-16 में 78 ग्रामों के 253 आवेदन प्राप्‍त हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है वर्ष 2014-15 में जिले को 650 का तथा 2015-16 में 875 का लक्ष्‍य प्राप्‍त हुआ था जिसमें से जिला स्‍तरीय समिति द्वारा पाटन एवं मंझौली तहसील हेतु वर्ष 2014-15 के लिए 55 तथा 2015-16 हेतु 70 प्रकरणों का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। (ख) उतरांश (क) उल्‍लेखित प्राप्‍त पूर्ण 493 आवेदनों को टास्‍क फोर्स कमेटी की अनुशंसा के उपरान्‍त विभिन्‍न बैंकों को प्रेषित किया गया। जिला टास्‍क फोर्स कमेटी द्वारा पाटन विधान सभा का कोई भी आवेदन अस्‍वीकृत नहीं किया गया। (ग) बैंकों को भेजे गए आवेदनों में विभिन्‍न बैंक शाखाओं द्वारा रूपये 435.30 लाख के 127 प्रकरण विभिन्‍न कार्यों हेतु वितरित किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के     प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) पाटन/मंझौली तहसील हेतु वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 हेतु निर्धारित लक्ष्‍यों की पूर्ति कर ली गई है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।

शासकीय सेवकों को देय समयमान वेतनमान

117. ( क्र. 2572 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा नियत समयमान वेतनमान सभी विभागों पर एकसमान रूप से लागू हैं या नहीं? तद्संबंधी दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) जिला आगर अंतर्गत कार्यरत शासकीय सेवकों में से कितने शासकीय सेवकों को तृतीय समयमान वेतनमान के लाभ दिया जाना लम्बित हैं, लम्बित प्रकरणों का निराकरण कर लाभ कब तक दिया जावेगा?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। वित्‍त विभाग के परिपत्र दिनांक        24 जनवरी 2008, 1 अप्रैल 2008, 4-8-2008, 7-11-2009, 17 सितम्‍बर 2009, 24 सितम्‍बर 2008, 13 नवम्‍बर 2009, 30 अक्‍टूबर 2010, 27 फरवरी 2013, 20 मई 2013, 30 सितम्‍बर 2014, 12 फरवरी 2015, 7 मार्च 2016, 4 अप्रैल 2016, 24 जून 2016 के द्वारा जारी आदेश परिपत्र एवं स्‍पष्‍टीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14,15,16,17,18,19,20 अनुसार है। (ख) उपलब्‍ध जानकारी अनुसार जिला कोषालय आगर मालवा में तृतीय समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने संबंधी कोई भी प्रकरण लंबित नहीं हैं।

नगरीय क्षेत्रों में नदी जीर्णोद्धार/प्रबंधन के कार्य

118. ( क्र. 2573 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय निकायों में नदी जीर्णोद्धार/प्रबंधन हेतु कोई नीति या कार्ययोजना नियत हैं? यदि हाँ तो क्या विवरण देवें? यदि नहीं, तो क्या कोई नीति या कार्ययोजना स्वप्रेरणा से बनाई जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 03 वर्षों में नदी प्रबंधन संबंधी कार्य किन-किन नगरीय निकायों में किए गए हैं? निकायवार विवरण देवें? (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नगरीय निकाय सुसनेर में कंठाल नदी से नाले को पृथक कर नदी को स्वच्छ बनाये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव या मांग प्राप्त हुई है? यदि हाँ तो क्या कार्यवाही की जा रही हैं?    (घ) यदि नहीं, तो क्या स्व-प्रेरणा से कंठाल नदी का नगरीय सीमा सुसनेर अंतर्गत सीमांकन कराया जाकर नदी जीर्णोद्धार एवं नाले को पृथक कर नदी प्रबंधन हेतु कार्ययोजना बनाई जाकर कार्य करवाया जावेगा? यदि हाँ तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्तमान में नगरीय निकायों में नदी जीर्णोद्धार/प्रबंधन हेतु कोई नीति या कार्ययोजना नियत नहीं है। कुछ निकायों द्वारा स्‍व-प्रेरणा से आवश्‍यकतानुसार योजना तैयार की जाती है। (ख) जानकारी एकत्र की जा रही है। (ग) नगर परिषद् सुसनेर द्वारा कंठाल नदी में मिलने वाले गन्‍दे नाले को पृथक किये जाने हेतु योजना तैयार की जा रही है। (घ) प्रश्‍नांश '''' की निरंतरता में निकाय से योजना प्राप्‍त होने पर तकनीकी एवं वित्‍तीय परीक्षण कर वित्‍तीय स्‍त्रोत की उपलब्‍धता सुनिश्चित होने पर कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नर्मदा घाटी विकास योजना अन्‍तर्गत क्रय की गई साम्रग्री

119. ( क्र. 2584 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी, श्रीमती इमरती देवी : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास के अन्‍तर्गत विगत दो वर्षों में जल प्रवहन एवं उद्वहन के लिये योजनावार कितनी लागत के पाईप क्रय किये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्रय किये गये पाईपों के लिये किन-किन ऐजेंसियों को कितनी-कितनी राशि अग्रिम किन-किन दिनांकों को भुगतान की गई? (ग) जिन ऐजेंसियों को कार्य आदेश दिये गये एवं अग्रिम भुगतान किया गया एवं उनसे कुल कितने पाईप मौके पर प्राप्‍त हुये एवं क्‍या उनका उपयोग हो गया अथवा उन्‍हे भण्‍डार के रूप में रखा गया हैं? यदि यह सही है, तो अग्रिम पाईप क्रय करने के औचित्‍य का क्‍या कारण हैं?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) विभाग द्वारा कोई पाईप क्रय नहीं किये गये। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विद्युत मीटर

120. ( क्र. 2589 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश भर में फीडर विभक्तिकरण योजना के साथ-2 विद्युत मीटर भी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लगाए जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में विद्युत वितरण व्‍यवस्‍थाओं को संचालित किये जाने हेतु कितनी विद्युत वितरण कंपनियां कार्यरत हैं? (ग) क्‍या विद्युत मीटरों की रीडिंग लेने हेतु मीटर रीडरों की संविदा पर भर्ती की गई है तो किन-किन विद्युत वितरण कंपनियों में कितनी-कितनी भर्ती की गई है?           (घ) विभिन्न विद्युत वितरण कंपनियों में मीटर रीडरों की भर्ती किन नियमों के अन्‍तर्गत किन शर्तों के आधार पर कितने मानदेय दिये जाने पर की गई? क्‍या       अलग-अलग विद्युत वितरण कंपनियों में अलग-अलग शर्तें एवं मानदेय लागू किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन कंपनियों में कितने-कितने मानदेय निर्धारित किये गये है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) फीडर विभक्तिकरण योजना शहरी क्षेत्र के लिए नहीं अपितु ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लागू हैं। फीडर विभक्तिकरण योजना में कृषि एवं गैर-कृषि फीडरों के विभक्तिकरण के साथ-साथ सिंचाई पम्‍प उपभोक्‍ताओं को छोड़कर अन्‍य उपभोक्‍ताओं के परिसर में विद्युत मीटर भी लगाये जा रहे हैं। (ख) प्रदेश में विद्युत वितरण व्‍यवस्‍था को संचालित किये जाने हेतु तीन विद्युत वितरण कंपनियां यथा म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यरत हैं। (ग) विद्युत मीटरों की रीडिंग लेने हेतु मीटर रीडरों की संविदा पर नियुक्ति किसी भी कम्‍पनी में नहीं की गई है।    (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

पेय-जल वितरण

121. ( क्र. 2591 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद् जावरा एवं नगर परिषद् पिपलौदा में लगातार प्रदूषित जल एवं जल वितरण की समस्या बनी रहती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या दोनों नगरों में बढ़ती आबादी एवं जनसंख्या के साथ ही पुराने जल स्त्रोत, फिल्टर प्लांट एवं पुरानी टंकियाँ होने से      पेय-जल वितरण में कठिनाई बनी रहती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या दोनों नगरों में शुद्ध पेय-जल वितरण हेतु नए जल स्त्रोत, आधुनिक फिल्टर प्लांट एवं नवीन टंकियों की आवश्यकता महसूस की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो शासन/विभाग बढती आबादी एवं बढ़ती जनसंख्या के साथ ही प्रदूषित जल एवं जल वितरण की कठिनाई को दृष्टिगत रखकर शुद्ध पेय-जल वितरण हेतु कार्ययोजना बना रहा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) नगर पालिका, जावरा एवं नगर परिषद् पिपलौदा में प्रदूषित जल की समस्‍या नहीं है। उक्‍त निकायों में जल वितरण की आंशिक समस्‍या है। (ग) नगर पालिका, जावरा में नये जल स्‍त्रोत आधुनिक फिल्‍टर प्‍लांट एवं नवीन टंकियों की आवश्‍यकता नहीं है। नगर परिषद्, पिपलौदा में नये जल स्‍त्रोत आधुनिक फिल्‍टर एवं नवीन टंकियों की आवश्‍यकता है। (घ) जी हाँ।

विद्युत लाइन हटाने की निति

122. ( क्र. 2624 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में विगत तीन वर्षों में विद्युत तारों को खुला छोड़ने, घरों की छतों पर हाईटेंशन लाइन जाने एवं बरसात में करंट फैलने से कितनी दुर्घटनायें हुई तथा कितनों की मृत्‍यु हुई? (ख) उक्त संभाग में 1 जनवरी 2013 के पश्चात् नगरीय इलाकों में घरों पर से हाईटेंशन लाइनें हटाने के कितने आवेदन आये, कितनों का निराकरण किस नियम, निति के तहत किया? (ग) उक्त संभाग में उक्त अवधि में कितने व्यक्तियों की मृत्‍यु लाइनमैन के कार्य करते हुए हुई? इनमें कितने शासकीय तथा कितने अशासकीय कर्मचारी थे? क्या विभागीय कर्मचारी द्वारा अशासकीय व्यक्ति से लाइनमैन का कार्य करवाया जा सकता है यदि नहीं, तो मृत अशासकीय व्यक्ति की मृत्‍यु के लिए कौन जिम्मेदार है? दोषियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या अधिकतर प्रकरणों में लाइनमैन की मौत का कारण बंद विद्युत प्रवाह में कार्य कर रहे व्यक्ति के दौरान विद्युत प्रवाह प्रारम्भ कर देना होता है ऐसा क्यों? इसकी समीक्षा विभाग द्वारा कब-कब की गई? घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिये     कब-कब लाइनमैन को प्रशिक्षित किया गया?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) उज्‍जैन संभाग में विगत 03 वर्षों में प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित कारणों से 225 दुर्घटनाएं हुई तथा इन दुर्घटनाओं में 144 व्‍यक्तियों की मृत्‍यु हुई। (ख) उज्‍जैन संभाग में 01 जनवरी-2013 के पश्चात् नगरीय इलाकों में घरों पर से हाईटेंशन लाईन हटाने के 148 आवेदन प्राप्‍त हुए जिनमें से 123 आवेदनों का निराकरण केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम-2010 की धारा 63 के अनुसार किया गया। 25 आवेदकों द्वारा उक्‍त विनियमों के प्रावधानों के अनुरूप विद्युत लाईन शिफ्टिंग के लिये स्‍वीकृत प्राक्‍कलन अनुसार राशि उपलब्‍ध कराने की सहमति नहीं दिये जाने के कारण इनके आवेदनों का निराकरण नहीं किया जा सका। (ग) उज्‍जैन संभाग में उक्‍त अवधि में 30 व्‍यक्तियों की मृत्‍यु विद्युत पर काम करते हुए हुई, इनमें से 15 विभागीय (पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के) कर्मचारी और 15 गैर-विभागीय (ठेकेदार अथवा टर्न की कान्‍ट्रेक्‍टर के) कर्मचारी थे। जी नहीं, विभागीय, कर्मचारी (वितरण कंपनी के कर्मचारी) द्वारा अशासकीय व्‍यक्ति से लाईनमैन का कार्य नहीं करवाया जा सकता है। मृत अशासकीय व्‍यक्तियों की विद्युत दुर्घटना में मृत्‍यु के लिए पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रथम दृष्‍ट्या दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों को निलंबित कर उनके विरूद्ध विभागीय जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिसकी प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) जी नहीं, हर बार लाईनमैन की मृत्‍यु का कारण बंद विद्युत प्रवाह में कार्य के दौरान विद्युत प्रवाह प्रारंभ कर देना नहीं होता है तथापि किसी प्रकरण विशेष में उक्‍तानुसार वितरण कंपनी के किसी कर्मचारी की त्रुटि के कारण दुर्घटना होने पर, विभागीय जाँच कर दोषी पाये जाने पर दोषी कर्मचारी/अधिकारी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की जाती है। प्रत्‍येक विद्युत दुर्घटना के पश्चात् उसकी विस्‍तृत जाँच/समीक्षा संबंधित कार्यपालन यंत्री द्वारा की जाती है तथा प्रोफार्मा रिपोर्ट एवं विस्‍तृत जाँच रिपोर्ट तैयार की जाती है। विद्युत लाईनों का कार्य करने वाले कर्मचारियों को उज्‍जैन क्षेत्रीय कार्यालय मुख्‍यालय स्थित ''लाईनमैन ट्रेनिंग सेन्‍टर'' पर सत्रवार प्रशिक्षण दिया जाता है। विगत 03 वर्षों में आयोजित प्रशिक्षण सत्रों की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

परिशिष्ट - ''छब्बीस''

गत 2 वर्षों में की गई वैध कालोनियां

123. ( क्र. 2625 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्‍जैन संभाग में 1 जनवरी 2014 के पश्चात् कितनी नगर निगमों, नगर पालिकाओं में अवैध कॉलोनियों को किस नियम के तहत वैध किया गया? निगमवार जानकारी देवें? (ख) अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु शासन स्तर पर क्या कोई नई नीति का निर्माण किया गया है यदि हाँ, तो अवगत कराये? (ग) उक्त संभाग में अवैध कॉलोनियों का निर्माण करने वाले कितने कॉलोनाईजर के खिलाफ अनियमितता को लेकर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितनों के प्लाट जप्त कर पुलिस प्रकरण बनाने हेतु शिकायत दर्ज की गई? नगरीय निकायवार जानकारी देवें? (घ) उक्त संभाग में कितनी नगर पलिकाओं, नगर निगमों में कितने आवेदन किस-किस कॉलोनियों को वैध करने के लिए पेंडिंग है? लंबित प्रकरण का कारण सहित जानकारी देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) अवैध कॉलोनी को वैध करने की कोई नीति नहीं बनाई जा रही है। म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर्स का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बधन तथा शर्तें) नियम 1998 के प्रावधान को सरलीकरण किया जा रहा है।       (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है।

विद्युत प्रदाय कंपनियों को दी गई अनुदान राशि में अनियमितता

124. ( क्र. 2628 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. ऊर्जा विभाग द्वारा म.प्र. मध्‍यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की भोपाल एवं अन्‍य विद्युत प्रदाय कम्‍पनियों को अनुदान राशि उपलब्‍ध करायी जाती है? यदि हाँ, तो किस गाईड-लाईन से खर्च की जाती है? यदि नहीं, तो क्‍या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अनुदान राशि विभाग किस-किस मद में उपभोक्‍ताओं को किस गाईड-लाईन से देते हैं? (ग) म.प्र. में विभाग द्वारा वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कंपनीवार कितनी अनुदान सहायता किस-किस मद में दी है? मदवार अलग-अलग विवरण दें? (घ) क्‍या विभाग द्वारा दी गई अनुदान राशि का महालेखा नियत्रंक से ऑडिट कराया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें? यदि नहीं, तो कौन दोषी है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, ऊर्जा विभाग द्वारा तीनों वितरण कंपनियों को ''कृषक अनुदान योजना'' में अनुदान की राशि उपलब्‍ध कराई जाती है। कृषकों को नवीन संयोजन हेतु कृषक अनुदान योजनान्‍तर्गत शासन द्वारा जारी गाईड-लाईन अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के सभी कृषकों को पंप ऊर्जीकरण हेतु स्‍थाई विद्युत कनेक्‍शन प्रदान किये जाने का प्रावधान है। इस योजना में किसान को सिंचाई        3 अश्‍वशक्ति या उससे अधिक का पंप कनेक्‍शन लेने पर लघु एवं सीमान्‍त कृषक      (2 हेक्‍टेयर से कम भूमि धारक) को रू. 7000/- तथा अन्‍य किसान को रू. 11200/- प्रति हार्सपावर की दर से राशि जमा करने का प्रावधान है। प्राक्‍कलन राशि रू. 1.50/- लाख तक प्रति कृषक आने की स्थिति में कृषक के अंशदान के अतिरिक्‍त शेष राशि अनुदान के रूप में राज्‍य शासन द्वारा वहन की जाती है। योजना में नये ट्रांसफार्मर के साथ ही 11 के.व्‍ही. लाईन, एल.टी. लाईन का विस्‍तार कार्य शामिल है। रू. 1.50 लाख से अधिक प्राक्‍कलन की लागत राशि आने की स्थिति में रू. 1.50 लाख से अधिक की राशि हितग्राही किसान द्वारा स्‍वयं वहन किया जाना है। म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ में राज्‍य शासन द्वारा दी गई राहत की एवज में टैरिफ अनुदान की राशि राज्‍य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों को प्रदान की जाती है। गैर पांरपरिक ऊर्जा स्‍त्रोतो से बिजली की व्‍हीलिंग पर राज्‍य शासन द्वारा 4 प्रतिशत अनुदान की राशि दी जाती है। कृषक समृद्धि योजना के अन्‍तर्गत स्थाई कृषि पंप उपभोक्ताओं पर दिनांक 28.02.2013 की स्थिति में लंबित देयकों पर लगने वाले सरचार्ज को शून्य कर एवं अवशेष मूल राशि को स्थिर कर उसकी 50 प्रतिशत की राशि की वसूली 2 समान छ: माही किश्तों में अगामी 5 वर्षों में किया जाने हेतु योजना प्रारंभ की गई। इस योजना के अंतर्गत यदि कोई उपभोक्‍ता कम समय में राशि का भुगतान करना चाहे तो वह किया जा सकता हैं। इस हेतु विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं से वसूली गई मूलधन की राशि के बराबर प्रतिपूर्ति अनुदान के रुप में राज्य शासन द्वारा प्रदान की जा रही है। (ख) मद की जानकारी (ग) अनुसार है। अनुदान राशि वितरण कंपनियों को दी जाती है। जिसका लाभ उपभोक्‍ता को प्राप्‍त होता है। (ग) ऊर्जा विभाग द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2013-14 से वर्ष 2016-17 में दिनांक 15.07.2016 तक अनुदान के मदों में प्रदाय की गई अनुदान राशि का विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ विभाग द्वारा प्रदाय की गई अनुदान मद में जारी आदेश की प्रतिलिपि महालेखाकार कार्यालय ग्‍वालियर को अंकित कर उपलब्‍ध करायी जाती है। महालेखा नियंत्रक द्वारा प्रतिवर्ष कंपनियों के वार्षिक लेखों का अंकेक्षण (ऑडिट) किया जाता है। वर्तमान में महालेखा नियंत्रक द्वारा पूर्व, पश्चिम एवं मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियों के अंतर्गत वित्‍तीय वर्ष 2014-15 के वार्षिक लेखों का अंकेक्षण (ऑडिट) किया जा चुका है। अत: प्रश्‍न का शेष भाग आवश्‍यक नहीं है।

परिशिष्ट - ''सत्ताईस''

मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा का पालन

125. ( क्र. 2630 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गत एक माह पूर्व माननीय मुख्‍य मंत्री महोदय द्वारा ऐसी घोषणा की गई थी कि म.प्र. में ग्रामीण अंचल के किसानों के जले हुए विद्युत ट्रांसफार्मर 10 प्रतिशत राशि जमा कराकर विद्युत कम्‍पनी द्वारा बदले जावेंगे?      (ख) यदि प्रश्नांश (क) का हाँ तो क्‍या गुना जिले में विद्युत कंपनियों द्वारा मा. मुख्‍य मंत्री जी की घोषणा के आदेश का पालन किया है या 50 प्रतिशत बिल की राशि जमा करने के बाद विद्युत ट्रांसफार्मर बदले हैं? कौन से आदेशों का किस दिनांक से पालन किया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार जिन किसानों के विद्युत ट्रांसफार्मर यदि 50 प्रतिशत राशि जमा कर बदले हैं तो क्‍या शासन द्वारा उन किसानों को घोषणा के अनुसार वसूली गई? शेष 40 प्रतिशत राशि वापस की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या माननीय मुख्‍य मंत्री महोदय द्वारा जो घोषणाएं की जाती है उनके शासन द्वारा आदेश जारी किये जाते हैं? यदि हाँ, तो उन आदेशों का अमल शीघ्र क्‍यों नहीं होता?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) विगत वर्ष माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित घोषणा की गई थी, जिसके तारतम्‍य में राज्‍य शासन द्वारा दिनांक 28.10.2015 को आदेश जारी किये गये थे। उक्‍त आदेश के अनुसार आदेश दिनांक से दिनांक 31.05.2016 तक बकाया राशि की 10% राशि जमा होने पर फेल ट्रांसफार्मर बदले जाने थे तथा तदुपरांत राज्‍य शासन के आदेश दिनांक 12.09.2014 के अनुसार रू.25000 तक की बकाया राशि होने पर संपूर्ण राशि जमा होने, रू. 25000 से अधिक एवं रू.1 लाख से कम राशि बकाया होने पर रू. 25000 या बकाया राशि का 50 प्रतिशत जो भी अधिक हो तथा बकाया राशि रू. 1 लाख से अधिक होने पर कम से कम बकाया राशि का 50% जमा करने पर फेल ट्रांसफार्मर बदले जाने थे। (ख) माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा के परिपालन में राज्‍य शासन द्वारा जारी आदेश दिनांक 28.10.2015 के अनुसार बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने पर नवम्‍बर 2015 से दिनांक 31.05.2016 तक फेल ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं। उक्‍त आदेश 31.05.2016 तक प्रभावशील था। वर्तमान में 01 जून 2016 से राज्‍य शासन के पूर्व आदेश दिनांक 12.09.2014 के प्रावधानों के अनुरूप उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार बकाया राशि जमा होने पर गुना जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में फेल वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जा रहा है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार समय-समय पर लागू आदेशों/नियमों के अनुसार कार्यवाही की गई है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के परिप्रेक्ष्‍य में राज्‍य शासन से जो आदेश जारी किये जाते है, उन पर तत्‍काल प्रभाव से अमल किया जाता है।

ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य

126. ( क्र. 2659 ) श्री संजय उइके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बालाघाट जिले की बैहर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना तथा दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनान्‍तर्गत गाँव में विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो कब से किया जा रहा है और विगत तीन वर्षों में कौन-कौन सी योजना में किन-किन गाँवों का विद्युतीकरण कार्य किया गया है, कौन-कौन से गाँव शेष हैं? वर्षवार बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अवधि में विद्युतीकरण हेतु किन-किन ठेकेदारों के बिलों का कितना-कितना भुगतान किया गया?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, बालाघाट जिले की बैहर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना) के अंतर्गत ग्रामों में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। (ख) बालाघाट जिले के बैहर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2009 से राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना) के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है। विगत तीन वर्षों यथा वर्ष 2014-15 में 34 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य, वर्ष 2015-16 में 07 अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य एवं 43 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य तथा वर्ष 2016-17 में दिनांक 30.06.2016 तक 01 अविद्युतीकृत ग्राम के विद्युतीकरण एवं 27 विद्यतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। उक्‍तानुसार किये गये ग्रामों के विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण की वर्षवार एवं ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार है। राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत बैहर विधान सभा क्षेत्र में 26 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य किया जाना शेष है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) बालाघाट जिले के बैहर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत प्रश्‍नांश (ख) अवधि में प्रश्‍नाधीन विद्युतीकरण कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी को किये गये बिलों के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

सीहोर जिले में विद्युत का वितरण

127. ( क्र. 2671 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर जिले में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में कुल कितनी बिजली प्रदाय की गई? जिलांतर्गत विभागीय डिवीज़नवार ब्‍यौरा दें।      (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्षवार प्रदाय की गई बिजली के विरूद्ध कितनी वसूली विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्‍त हुई? विभागीय डिवीज़नवार वसूली का ब्‍यौरा दें।      (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार बिजली चोरी के कितने प्रकरण बनाए गए? वर्षवार डिवीज़नवार ब्‍यौरा दें। क्‍या प्रकरणों में वसूली प्राप्‍त हुई है तो ब्‍यौरा दें। वसूली का ब्‍यौरा डिवीज़नवार दें। (घ) क्‍या बिजली चोरी के मामले थानों में दर्ज कराए गए हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में डिवीज़नवार ब्‍यौरा दें? क्‍या बिजली चोरी के मामले में आरोपियों को जेल भेजा गया? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सीहोर जिले के अंतर्गत म.प्र.म.क्षे. वि.वि.कं.लि. द्वारा वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में प्रदाय की बिजली की मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍न क्रमांक (क) के अनुसार वर्षवार प्रदाय की बिजली के विरूद्ध प्राप्‍त राशि की मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संभागवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍न क्रमांक (क) के अनुसार प्रश्‍नाधीन अवधि में दर्ज किये गये बिजली चोरी के प्रकरणों की मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संभागवार संख्‍या एवं वसूल की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: वर्षवार/संभागवार जानकारी दिये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। वर्ष 2016 में एक आरोपी को विशेष न्‍यायालय सीहोर द्वारा प्रकरण क्रमांक 412/2010 में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के अंतर्गत दिनांक 11.05.16 को एक वर्ष के कारावास का आदेश पारित किया गया है।

परिशिष्ट - ''अट्ठाईस''

 

नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्‍पादन प्‍लांट की स्‍वीकृति

128. ( क्र. 2699 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या राज्‍यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013 से जून 2016 तक रतलाम जिले में विशेषकर आलोट विधान सभा क्षेत्र में नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्‍पादन हेतु कितने एवं कौन-कौन से प्‍लांट स्‍वीकृत हुए? (ख) स्‍वीकृत ऊर्जा प्‍लांट किस कंपनी के हैं? उनकी लागत राशि एवं विद्युत उत्‍पादन क्षमता का ब्‍यौरा क्‍या है? कितने प्‍लांट प्रारंभ होने की स्थिति में है तथा उपरोक्‍त अवधि में कितने प्‍लांट प्रारंभ हो गए? (ग) उक्‍त ऊर्जा प्‍लांट स्‍थापना में शासन द्वारा दी गई भूमि नियम व शर्तों तथा प्‍लांट प्रारंभ करने हेतु निर्धारित शर्तों व अनुबंधों का ब्‍यौरा क्‍या है?

राज्‍यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) वर्ष 2013 से जून 2016 तक रतलाम जिले में आलौट विधान सभा क्षेत्र में 4 प्‍लांट स्‍वीकृत हुए हैं। प्‍लांट के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) उक्‍त प्‍लांट हेतु भूमि, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग की नीतियों के अन्‍तर्गत भूमि उपयोग अनुज्ञा अनुबंध में लिखित नियमों एवं शर्तों के अन्‍तर्गत उपयोग हेतु दी जाती हैं। भूमि उपयोग अनुज्ञा अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

आय एवं जाति प्रमाण-पत्रों के लंबित आवेदन

129. ( क्र. 2700 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जाति एवं आय प्रमाण-पत्रों के वर्ष 2014 से अब तक उज्‍जैन संभाग में कितने आवेदन कितने समय से किस कारण लंबित हैं? जिलेवार ब्‍यौरा क्‍या है?                (ख) जाति एवं आय प्रमाण-पत्रों के बनाने में आ रही कठिनाईयों से क्‍या शासन अवगत है? यदि हाँ, तो बाध्‍यता क्‍या है? (ग) गरीब वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्‍पसंख्‍यकों के प्रमाण-पत्रों को आसानी से बनाने हेतु सरकार ने नियमों में क्‍या-क्‍या संशोधन किये अथवा करना चाहती है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) उज्‍जैन संभाग में जाति प्रमाण-पत्र के 47608 आवेदन लंबित है। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। जहाँ तक आय प्रमाण-पत्र का संबंध है इनके कोई आवेदन लंबित नहीं है। (ख) एवं (ग) आय एवं जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। संबंधित निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' पर है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नहरों के पक्‍कीकरण/मरम्‍मतीकरण

130. ( क्र. 2718 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत कितने वृहद/मध्‍यम/लघु सिंचाई परियोजनायें संचालित हैं? नाम सहित जानकारी देवें। साथ ही क्‍या कोई नई सिंचाई परियोजनायें स्‍थापित करने के संबंध में प्रस्‍ताव है? यदि है, तो प्रस्‍तावति परियोजना कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा नहरों (दांई तट) का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के संबंध में विभाग को पत्र प्रेषित किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब तथा प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में      कब-कब और क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) दांई तट नहरों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होने के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्‍मेदार है? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुए क्‍या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या तथा नहरों की मरम्‍मत/लाईनिंग का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के अंतर्गत तवा वृहद परियोजना की तवा दांयी तट नहर प्रणाली और गुड्छीखेड़ा लघु सिंचाई योजना संचालित है। सिंचाई परियोजना का कोई प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। (ख) से (ग) तवा दांयी तट नहर के सुदृढ़ीकरण के लिए मा. प्रश्‍नकर्ता विधायक का पत्र दिनांक‍ 10.02.2014 प्राप्‍त हुआ है। बागरा शाखा नहर एवं पिपरिया शाखा नहर की लाईनिंग के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। निर्माण कार्य प्रारंभ करने की स्थिति नई होने से पूर्णता की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है।

बिजली बिलों का विसंगतिपूर्ण वितरण

131. ( क्र. 2721 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वि.वि.कं.लि. होशंगाबाद द्वारा विकासखण्‍ड बाबई में माह अक्‍टूबर 15 से प्रश्‍न दिनांक तक कृषि पंप हेतु कितने किसानों को कब-कब, कितने-कितने एवची के कनेक्‍शन प्रदाय किये गये? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश अवधि में जिन किसानों का 2 एच.पी. का कनेक्‍शन हैं उन्‍हें 5 एवची, 5 एच.पी. कनेक्‍शन वालों को 8 एच.पी. कनेक्‍शन का विसंगतिपूर्ण बिल दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार हैं? कनेक्‍शन नियमों की प्रति देते हुए बतायें। जिम्‍मेदार अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में दिये गये विसंगतिपूर्ण बिलों को कब तक दुरूस्‍त कर सही बिल प्रदान किये जायेंगे एवं जिन किसानों द्वारा विसंगतिपूर्ण बिलों का भुगतान कर दिया गया है उनकी राशि को कब तक समायोजित कर दिया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के होशंगाबाद वृत के अंतर्गत विकास खण्‍ड बाबई में माह अक्‍टूबर 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कृषि पंप हेतु कुल 518 कनेक्‍शन जारी किये गये हैं। उक्‍त कनेक्‍शन दिये जाने की दिनांक एवं संबद्ध भार सहित उपभोक्‍तावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

 

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में उपयंत्री

132. ( क्र. 2723 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कार्यालय संयुक्‍त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग रीवा में कुल कितने उपयंत्री, कितने वर्षों से, किस वर्ष तक पदस्‍थ हैं? (ख) पदस्‍थ अधिकारियों के नाम एवं गृह जिलों का नाम क्‍या है? (ग) पदस्‍थ उपयंत्रियों पर क्‍या म.प्र. शासन की स्‍थानांतरण नीति अप्रभावशील है? यदि हाँ, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) दो उपयंत्री पदस्‍थ हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार(ग) जी नहीं।

परिशिष्ट - ''उनतीस''

विधायक विकास निधि से अनुशंसित कार्य

133. ( क्र. 2731 ) श्री अजय सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 12 नग नल-कूप खनन/स्‍थापन हेतु रूपये 31.352 लाख के कार्यों की विधायक निधि से प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनुशंसा उपरांत संबंधित क्रियान्‍वयन विभाग कार्यपालन यंत्री महान परियोजना ई.एण्‍ड एम. लाइट मशीनरी ट्यूवबेल एवं गेट डिवीजन सीधी द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कार्य प्रारंभ न होने की दशा में प्रश्‍नकर्ता द्वारा पुन: अनुशंसा पत्र क्रमांक 1786/दिनांक 14.4.2014 एवं पत्र क्रमांक 80/दिनांक 11.01.2014 के द्वारा आंशिक संशोधन कर संशोधित सूची (31 हैण्‍ड पंप एवं 09 विकास कार्य) प्रेषित करने के उपरांत क्‍या कलेक्‍टर सीधी द्वारा उक्‍त कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्‍या वित्‍तीय वर्ष 2008-09 में विधान सभा क्षेत्र चुरहट के विधायक विकास निधि की समर्पित राशि 31.352 लाख पी.डब्‍ल्‍यू.डी. के REMMITENCE खाते में जमा है? यदि जमा है तो कब तक विमुक्‍त कराई जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) विधायक निधि से स्‍वीकृत कार्यों की समीक्षा/पर्यवेक्षण जल संसाधन विभाग नहीं करता है। योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग द्वारा प्रश्‍नाधीन प्रश्‍न का उत्‍तर तारांकित विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक-3163 दिनांक 19.03.2015 में दिया गया है, जिसकी प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तीस''

खनिज रॉयल्‍टी से प्राप्‍त राशि

134. ( क्र. 2736 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत विगत तीन वर्षों (2013-14, 2014-15 एवं 2015-16) में खनिज विभाग को खनिज सम्‍पदा की रॉयल्‍टी से कितनी-कितनी राशि प्राप्‍त हुई है? (ख) सतना जिले के तहसील विरसिंहपुर एवं जैतवारा में किन-किन फर्मों को गेरू, रामरज, छुई, मुरूम, बॉक्‍साइट उत्‍खनन हेतु पट्टे दिए गए है? खसरा, रकबा सहित बताएं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) की फर्मों द्वारा वष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी रॉयल्‍टी जमा की कितनी शेष है, विवरण दें तथा उक्‍त फर्मों के कर निर्धारण कब-कब के पूर्ण हो गए, कब-कब के शेष हैं तथा क्‍यों शेष हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है।

परिशिष्ट - ''इकतीस''

गौण खनिज की खदानें

135. ( क्र. 2737 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत गौण खनिज पर से पत्‍थर तथा क्रेशर गिट्टी बनाने हेतु उत्‍खनिपट्टे अथवा खदान नीलाम के रूप में स्‍वीकृत किये जाते हैं? सतना जिले की सभी तहसीलों में किस-किस स्‍थान पर किस गौण खनिज की कितनी-कितनी खदानें हैं? (ख) सतना जिले की सभी तहसील में वर्ष 2009-10 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस स्‍थान पर कितने-कितने क्षेत्रफल की, किस फर्म/व्‍यक्ति को स्‍टोन क्रेशर, फर्शी पत्‍थर, गिट्टी आदि खनिजों की लीज कब-कब एवं कितनी-कितनी अवधि के लिए स्‍वीकृत की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है।

परिशिष्ट - ''बत्तीस''

राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना का क्रियान्‍वयन

136. ( क्र. 2755 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत झाबुआ जिले में विद्युतीकरण के कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ करवाये जा रहे हैं? विकासखण्‍डवार अवगत करावें?      (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कौन-कौन से प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं, प्राप्‍त प्रस्‍तावों पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्राप्‍त प्रस्‍तावों पर स्‍वीकृति कब तक जारी की जावेगी तथा कब तक कार्य पूर्ण किया जावेगा? (घ) जिले में राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत कहाँ-कहाँ नवीन डी.पी. लगाए जाने के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं? प्राप्‍त प्रस्‍तावों पर क्‍या कार्यवाही की गई नवीन डी.पी. कब तक लगा दी जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) झाबुआ जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 339 ग्रामों के अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/फलियों के विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। उक्‍त विद्युतीकरण कार्य के अंतर्गत 11 के.व्‍ही. लाईनविद्युत वितरण ट्रांसफार्मर तथा निम्‍नदाब लाईन की स्‍थापना का कार्य पूर्ण कर गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्‍क बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान किये जाने हैं। वर्तमान में 291 ग्रामों में उक्‍तानुसार विद्युतीकरण के कार्य किये गए/किये जा रहे हैं, जिसकी विकास खण्‍डवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं होते हैं अपितु वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर कार्य योजना बनाई जाती है। झाबुआ जिले में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत समस्‍त ग्रामों के अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/फलियों के विद्युतीकरण हेतु योजना बनाकर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा राज्‍य शासन को भेजी गई थी तथा राज्‍य शासन स्‍तर पर सक्षम अनुमोदन उपरांत योजना की स्‍वीकृति केन्‍द्र शासन से प्राप्‍त हुई है। उक्‍तानुसार 339 ग्रामों के 831 मजरों/टोलों/फलियों के विद्युतीकरण कार्य हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई है, जिसकी कुल लागत राशि रू. 68.14 करोड़ है। योजना के प्रावधानों के अनुसार उपरोक्‍त कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स नीलशिखा इन्‍फ्रा इंदौर को दिनांक 22.11.2014 को कार्यादेश जारी किया गया है। झाबुआ जिले में शेष बचे अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/फलियों के विद्युतीकरण का कार्य उक्‍त उल्‍लेखित प्रक्रिया अनुसार स्‍वीकृत दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना (राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के स्‍थान पर नई योजना) के अंतर्गत किया जायेगा, जिस हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना की स्‍वीकृति माह नवम्‍बर 2014 में दी जा चुकी है एवं टर्न-की ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि माह            नवम्‍बर-2016 निर्धारित है। दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना की स्‍वीकृति अप्रैल 2015 में दी जा चुकी है एवं इस योजनांतर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) झाबुआ जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत कुल 339 ग्रामों के मजरों/टोलों/फलियों में 732 वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाना प्रस्‍तावित है। उक्‍त 732 वितरण ट्रांसफार्मरों की विकासखण्‍डवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान में उक्‍त में से 220 ग्रामों में 559 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना सहित सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं शेष 119 ग्रामों में 173 वितरण ट्रांसफार्मर सहित योजना के कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार माह           नवम्‍बर-2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

नार्मल डेवलपमेंट मद में व्‍यय की गई राशि

137. ( क्र. 2756 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले में विद्युत विभाग को वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक नार्मल डेवलपमेंट मद में कितना बजट प्राप्‍त हुआ है, वर्षवार जानकारी देवें? (ख) उपरोक्‍त योजना में प्राप्‍त बजट से क्‍या-क्‍या कार्य करवाये गये तथा कहाँ-कहाँ कितनी राशि व्‍यय की गई? की गई राशि के बिल व्‍हाउचर की प्रति सहित अवगत करावें? (ग) क्‍या नार्मल डेवलपमेंट मद की राशि अन्‍य मद से व्‍यय की गई? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ कितनी राशि व्‍यय की गई तथा किसकी अनुमति से, अवगत करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर के अंतर्गत नार्मल डेवलपमेंट मद में झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलों में वर्ष-2013 से प्रश्‍न दिनांक तक बजट आवंटन नहीं हुआ है। अत: वर्षवार जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

दोषियों की पहचान कर कार्यवाही किया जाना

138. ( क्र. 2772 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के दिनांक 25.02.2016 के अता. प्रश्‍न संख्‍या-75 (क्रमांक 1393) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 के दौरान तलराखड़ में 1.15 प्रतिशत से 14.80 प्रतिशत तथा फ्लाई राखड़ में 0.35 प्रतिशत से 2.37 प्रतिशत से अधिक क्‍या अधजला कोयला पाया गया? क्‍या यह कोयले की बारीबी तथा हवा ईंधन अनुपात को नियंत्रित करेन वाले उपकरण के अभाव में वायरल भट्टी के अनुचित दहन के कारण हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या 27.67 करोड़ मूल्‍य के 79648.529 एम.टी. कोयले की क्षति संजय ताप विद्युत गृह में हुई? (ग) यदि प्रश्नांश (क) अनुसार कोयले का नुकसान भट्टी के अनुचित दहन के कारण हुआ, जिससे सरकार को प्रश्‍नांश (ग) अनुसार कोयले की क्षति हुई? इसके लिए किन-किन को दोषी मानकार कौन-कौन सी कार्यवाही क्‍या शासन को हुई क्षति की वसूली संबंधितों से करते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज करायेंगे? करायेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं, अपितु संजय गाँधी ताप विद्युत गृह, ‍बिरसिंहपुर की इकाइयों में वर्ष 2010-11 से वर्ष 2014-15 तक बिना जले कोयले का प्रतिशत तल राखड़ में 1.7 से 11.0 एवं फ्लाई ऐश में 0.4 से 2.4 रहा है। बिना जले हुये कोयले का वर्षवार औसत प्रतिशत की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। जी नहीं, हवा तथा ईंधन के सही अनुपात को नियंत्रित रखने हेतु आवश्यक उपकरण कार्य कर रहे थे एवं इन उपकरणों को आवश्यकतानुसार समय-समय पर सुधारा या बदला जाता है। कोयले की बारीकी नापने के लिए मैन्युअल विधि का प्रयोग किया जाता है, जो राष्ट्रीय मानक अभ्यास अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) ताप विद्युत गृह की इकाइयों के संचालन के दौरान दहन प्रक्रिया से संबंधित पैरामीटर की मॉनीटरिंग व नियंत्रण किया जाता हैं। तल राखड़ तथा फ्लाई ऐश में कोयले की बिना जली मात्रा का होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसके लिए किसी को दोषी माना जाना उचित नहीं है, अत: कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं।

परिशिष्ट - ''तैंतीस''

दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जान

139. ( क्र. 2773 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधान सभा ध्‍यानाकर्षण सूचना क्रमांक 234 दिनांक 02.03.2016 के विभागीय टीप में दिए गए तथ्‍यों के परिप्रेक्ष्‍य में रीवा नगर निगम द्वारा रानी तालाब फिल्‍टर प्‍लांट में लगे रॉ-मीटर एवं हूटर वर्ष 2008 से प्रश्‍नांश तक में कब-कब कितनी-कितनी बार खराब हुए तथा इनके सुधार पर कितनी-कितनी राशि कब-कब व्‍यय की गई? शहर में पानी सप्‍लाई हेतु बिछाई गई पाईप लाईनों में से कितनी कि.मी. ऐसी हैं जो गंदे नाली के निकासी हेतु बनाये गये नालियों में डाली गई हैं? ये कहाँ-कहाँ क्षतिग्रस्‍त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में अगर हूटर एवं मापक मीटर के सुधार का कार्य समय-समय पर नहीं किया गया, फर्जी बिल वाउचर के आधार पर राशि आहरित की गई, पानी की सप्‍लाई जल शोधन का कार्य रॉ-वाटर मापक से न किया जा कर अनुमान से किया जा रहा, पानी की सप्‍लाई हेतु पाईप लाईनों को गंद पानी की निकासी हेतु निर्मित नालियों में डाला गया, जिनके क्षतिग्रस्‍त होने से गंदा पानी पीने हेतु सप्‍लाई हो रहा है, इसके लिए किन-किन को दोषी मानते हुए कौन-कौन सी कार्यवाही करेंगे? क्‍या संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण भी दर्ज करायेंगे? हाँ, तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) रॉ-वाटर मीटर एवं हूटर में कोई बड़ी खराबी नहीं हुई है। कभी तार कट जाने पर अथवा बिजली की लाईन में फाल्‍ट आ जाने पर यह काम करना बंद कर देता है। उस समय विभागीय तकनीकी कर्मचारियों से सुधार कार्य करा लिया जाता है, जिसमें पृथक से कोई राशि व्‍यय नहीं की गई है। कार्य विभागीय कर्मचारियों द्वारा किया गया है तथा इसमें कोई भी राशि व्‍यय नहीं हुई है इसलिए इसका आकड़ा नहीं रखा गया है। शहर में पानी सप्‍लाई हेतु बिछाई गई पाईप लाईनें गंदे पानी की निकासी हेतु बनाई गई नालियों में नहीं डाली गई है। (ख) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में फर्जी भुगतान का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। पाईप लाईनों की स्थिति उत्‍तरांश '''' अनुसार है। जल शोधन का कार्य अनुमान के आधार पर न किया जाकर विभागीय केमिस्‍ट द्वारा रॉ-वाटर के सैम्‍पल का लैब में परीक्षण के उपरांत किया जाता है। उपरोक्‍त में कोई भी अधिकारी/कर्मचारी गंभीर शिकायत के दोषी नहीं पाए गए है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पर्यटन स्‍थलों का विकास

140. ( क्र. 2785 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक पर्यटन के विकास के लिए कितनी बैठकें आयोजित की गई? बैठक में कौन-कौन से प्रस्‍ताव शासन की स्‍वीकृति हेतु भेजे गये वर्तमान में उनकी क्‍या स्थिति है? (ख) क्‍या उक्‍त आयोजित बैठक में सैलाना विधान सभा के प्राचीन राजापुरा माताजी एवं धोलावाड़ डेम को पर्यटन स्‍थल घोषित कर इन्‍हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित किये जाने का प्रस्‍ताव शासन को भेजा गया? इस संबंध में की गई कार्यवाही की जानकारी प्रदान करें? (ग) यदि प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में प्राचीन राजापुरा माताजी एवं धोलावाड़ डेम को पर्यटन स्‍थल के रूप में विकसित किया जाना प्रस्‍तावित है तो यह कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में पर्यटन विकास के लिए इस जिले में 05 बैठकें आयोजित की गई। प्रथम चरण में शामिल पर्यटन स्‍थल क्रमश: पर्यावरण पार्क जामण, जामणपाटड़ी पिकनिक स्‍पॉट, धोलावाड़ जलाशय, गढ़, खंखई माताजी (राजापुरा), माही नदी तट (फॉरेस्‍ट रेस्‍ट हाउस), केदारेश्‍वर (शिवगढ़ मार्ग), केदारेश्‍वर (सरवन मार्ग) एवं कीर्ति स्‍तम्‍भ (सैलाना) में पर्यटकों की सुविधा के लिए विभिन्‍न विकास कार्यों हेतु विस्‍तृत डी.पी.आर. कुल राशि रू. 727.52 लाख की स्‍वीकृति हेतु भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय नई दिल्‍ली को प्रेषित की गई है। (ख) जी हाँ। इस संबंध में की गई कार्यवाही प्रश्‍नांश '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सेवा में वापस लेना

141. ( क्र. 2795 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के अता.प्रश्‍न संख्‍या 103 (क्रमांक 1822) उत्‍तर दिनांक         15 दिसम्‍बर 2015 के संदर्भ में प्रश्‍नकर्ता द्वारा दै.वे.भो. कर्मचारी द्वारा पुन: सेवा में उपस्थित कराने के संबंध में दिनांक 16.08.2007 को अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन उपसंभाग मऊगंज को पत्र लिखा एवं माननीय पूर्व विधायक श्री लक्ष्‍मण तिवारी द्वारा पत्र क्रमांक 30 रीवा दिनांक 25.01.2011 को उपस्थित कराने हेतु एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी अपने प्रश्‍न क्रमांक 1822 के प्राप्‍त उत्‍तर के संबंध में उपस्थित कराने हेतु मुख्‍य अभियंता गंगा कछार जल संसाधन विभाग रीवा को क्‍या लेख किया था?       (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो दै.वे.भो. कर्मचारी को सेवा से पृथक करने का कोई आदेश न होने कर्मचारी को किसी प्रकार की सूचना, नोटिस, जवाब न देने-लेने पर भी सेवा में उपस्थित क्‍यों नहीं कराया जा रहा है? (ग) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन उपसंभाग मऊगंज द्वारा अपने आदेश क्रमांक 110 दिनांक 07.04.2011 के बिन्‍दु 4 एवं कार्यपालन यंत्री अपर पुर्वा नहर संभाग रीवा के पृ.क्र. 1667 दिनांक 31.03.2016 के पत्र में भी सेवा में उपस्थिति की अनुशंसा सहित अनुमति हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो सेवा में उपस्थित क्‍यों नहीं कराया जा रहा है? कब तक कराया जायेगा? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ कब तक क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) आवेदक मा. न्‍यायालय से निर्णय उपरांत दिनांक 16.08.2007 को सेवा में लिए जाने हेतु आवेदन पत्र अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में प्रस्‍तुत करने के पश्चात् प्रश्‍न दिनांक तक कार्य पर उपस्थित नहीं हुए। (ग) जी हाँ, प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वाणिज्यिक कर अधिकारियों की प्राप्‍त शिकायतें

142. ( क्र. 2831 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में ग्‍वालियर चंबल संभाग के अंतर्गत गृह जिले में पदस्‍थ वाणिज्यिकर अधिकारी एवं सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी के विरूद्ध कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्‍त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्‍त शिकायतों की जाँच किस स्‍तर के अधिकारी से कराई गई एवं शिकायत में वर्णित तथ्‍यों के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रदेश के जिला श्‍योपुर कलॉ में वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारी की पदस्‍थापना कब तक की जावेगी?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विगत तीन वर्षों में गृह जिले में पदस्‍थ        श्री सतेन्‍द्र कुमार चौरसिया, वाणिज्यिक कर अधिकारी, ग्‍वालियर वृत्‍त-2 के विरूद्ध एक शिकायत दिनांक 03/07/2014 को तथा सुश्री जया शर्मा, सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी, शिवपुरी वृत्‍त के विरूद्ध 4 शिकायतें क्रमश: दिनांक 18/12/2015, दिनांक 07/05/2016, दिनांक 18/05/2016 एवं दिनांक 01/06/2016 को प्राप्‍त हुई है।         (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में श्री सत्‍येन्‍द्र कुमार चौरसिया, वाणिज्यिक कर अधिकारी, ग्‍वालियर वृत्‍त-2 के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायत जाँच हेतु संभागीय उपायुक्‍त, वाणिज्यिक कर, ग्‍वालियर संभाग-1 को तथा सुश्री जया शर्मा, सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी, शिवपुरी वृत्‍त के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायत की जाँच संभागीय उपायुक्‍त, वाणिज्यिक कर ग्‍वालियर संभाग-2 को दी गई है जिस पर प्रतिवेदन अपेक्षित है। (ग) वर्तमान में जिला श्‍योपुर कलॉ में वाणिज्यिक कर विभाग का कोई कार्यालय स्‍थापित नहीं होने से कोई भी अधिकारी पदस्‍थ नहीं किया गया है।

सिंहस्‍थ, 2016 में प्रचार-प्रसार पर व्‍यय

143. ( क्र. 2832 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आयोजित सिंहस्‍थ के लिए जनसंपर्क संचालनालय एवं म.प्र. माध्‍यम के द्वारा प्रचार-प्रसार के अंतर्गत होर्डिंग्‍स, विज्ञापन एवं फिल्‍मों के माध्‍यम से कुल कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रचार-प्रसार के लिए किन-किन एजें‍सियों का चयन किन-किन मापदण्‍डों के आधार पर किया गया एवं चयनित एजेंसियों को कितनी लागत का कार्य सौंपा गया? (ग) चयनित‍ एजेंसियों को किये गये कुल भुगतान की राशि कितनी है? क्‍या जो प्रचार-प्रसार कराया गया उसका सत्‍यापन विभागीय अधिकारियों द्वारा किया गया? यदि हाँ, तो कब?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) प्रदेश में आयोजित सिंहस्थ महापर्व पर होर्डिंग्स, विज्ञापन एवं फिल्मों पर सिंहस्थ कार्ययोजना के तहत राशि 28 करोड़ रूपये व्यय हुए। (ख) विज्ञापन के लिए शासन द्वारा समाचार पत्रों की एक सूची संधारित की जाती हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। खुली निविदा के आधार पर होर्डिंग्स जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। फिल्म निर्माण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है, एजेंसियों का चयन कर पंजीयन किया जाता है। आवश्यकता, उपलब्धता और उपयोगिता के आधार पर इन्हीं में से समाचार पत्रों और एजेंसियों का चयन कर प्रचार-प्रसार किया जाता है। प्रश्नांश "क" में दी गई राशि की लागत के कार्य दिये गये। (ग) प्रश्नांश "क" में दी गई राशि की लागत के कार्य कराये गये। भुगतान की प्रक्रिया सतत् है। सत्यापन के उपरांत ही भुगतान किया जाता है।

राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना

144. ( क्र. 2842 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्‍डौरी जिले में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना कब से प्रारंभ हुई, कितने चरण में इस योजना का कार्य चल रहा है, विगत तीन वर्षों में कितने ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया तथा योजना अन्‍तर्गत कितने व्‍यक्तियों को बी.पी.एल. कनेक्‍शन दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार योजना अन्‍तर्गत कितनी राशि स्‍वीकृत हुई एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं भुगतान करने वाले अधिकारी की जानकारी बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) डिण्‍डौरी जिले में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में दो चरणों में कार्य स्‍वीकृत किया गया है। प्रथम चरण में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत कार्य दिनाँक 05.01.2010 से प्रारंभ किया गया था तथा द्वितीय चरण में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत कार्य दिनांक 16.02.2015 से प्रारंभ हुआ है। विगत 3 वर्षों में प्रथम चरण में 266 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाली बसाहटों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर 2320 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्‍क बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदाय किये गये है एवं द्वितीय चरण में 39 अविद्युतीकृत ग्रामों को विद्युतीकृत किया गया एवं 253 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाली बसाहटों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर 10319 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्‍क बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान किये गये हैं।    (ख) प्रथम चरण में 11 वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत रू. 39.92 करोड़ एवं द्वितीय चरण में 12 वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत रू. 56.70 करोड़ की राशि स्‍वीकृत हुई है जिसके विरूद्ध ठेकेदारों को क्रमश: रू; 33.75 करोड़ एवं         रू. 18.38 करोड़ का भुगतान किया गया है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में भुगतान कंपनी के मुख्‍य वित्‍तीय अधिकारी कार्यालय द्वारा किया जाता है।

11 K.V. एवं 33 K.V. लाइनें

145. ( क्र. 2843 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिण्‍डौरी जिले में 11 के.व्‍ही. एवं 33 के.व्‍ही. की लाइनें कितने लंबी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्‍या सभी लाईनें सही हैं? अगर हाँ, तो समनापुर से भानपुर, समनापुर से गौराकन्‍हारी, गोरखपुर से गोपालपुर बनाग से चाड़ा, डिण्‍डौरी कुकर्रामठ आदि लाइनें क्‍यों जर्जर हैं? जर्जर लाइनों को ठीक करने हेतु विभाग ने क्‍या प्रयास किया तथा कितनी राशि प्रदान की? (ग) डिण्‍डौरी जिले में सब-स्‍टेशन बनाने की कहाँ-कहाँ आवश्‍यकता है? स्‍टेशन बनाने हेतु कब-कब, क्‍या कार्यवाही की गयी है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) डिण्‍डौरी जिले में 11 के.व्‍ही. की 2405 कि.मी. तथा 33 के.व्‍ही. की 378 कि.मी. लाईनें विद्यमान है। (ख) जी हाँ, वर्तमान में प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित विद्युत लाईनों सहित डिण्‍डौरी जिले की सभी विद्युत लाईनें क्रियाशील हैं। यह सही है कि प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित विद्युत लाईनें बहुत पुरानी है किन्‍तु वर्तमान में इन विद्युत लाईनों से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रति वर्ष मानसून पूर्व एवं मानसून के पश्चात् विद्युत लाईनों के रख-रखाव का कार्य किया जाता है।     रख-रखाव कार्य के दौरान विद्युत लाईनों में पायी गई कमियों/दोषों का निराकरण किया जाता है तथा समय-समय पर लाईन के फाल्‍ट होने अथवा क्षतिग्रस्‍त होने की शिकायत प्राप्‍त होने पर तत्‍काल प्राथमिकता के आधार पर विद्युत लाईनों की मरम्‍मत के कार्य को पूर्ण कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है। उक्‍त लाईनों के रख-रखाव व सुधार कार्य हेतु कम्‍पनी द्वारा प्रति संभाग 1500 मानव दिवस उपलब्‍ध कराए गये हैं एवं आवश्‍यकता अनुसार अतिरिक्‍त मानव दिवस आवंटन करने का अधिकार भी अधिकारियों को दिया गया है। इसके अतिरिक्‍त वितरण कंपनी द्वारा लाईनों के       रख-रखाव के लिए '''' श्रेणी विद्युत ठेकेदारों के माध्‍यम से कार्यों को कराने हेतु लेबर रेट भी स्‍वीकृत किए गए हैं। वितरण कंपनी के कर्मचारियों से मेंटेनेंस कार्य समय पर पूर्ण कराया गया है। मेन्‍टेनेंस कार्यों हेतु ओ. एण्‍ड एम. फण्‍ड रू. 1.56 करोड़ मण्‍डला वृत्‍त को वर्ष 2016-17 हेतु आवंटित किया गया है। (ग) डिण्‍डौरी जिले में वर्तमान में तकनीकी दृष्टि से साध्‍य पाये जाने पर ग्राम बिछिया में 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र का निर्माण कार्य स्‍वीकृत किया गया है। वर्तमान में कार्य प्रगति पर है जिसे माह    सितम्‍बर-2016 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। उक्‍त के अतिरिक्‍त डिण्‍डौरी जिले में तकनीकी दृष्टि से वर्तमान में अन्‍य अतिरिक्‍त 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र बनाने की आवश्‍यकता नहीं है।

सिंचाई परियोजनाएँ

146. ( क्र. 2858 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ओंकारेश्‍वर बांध के अंतर्गत ऐसी कितनी परियोजनाएँ हैं जिनके माध्‍यम से कितने ग्रामों की‍ कितनी-कितनी हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचित एवं अपरिष्‍कृत पेय-जल सुविधा उपलब्‍ध कराई जा रही है? क्‍या इनका विस्‍तार कर और कितने ग्रामों एवं क्षेत्र की कृषि भूमि को सिंचित किया जायेगा एवं कितनी-कितनी परियोजनाएँ स्‍वीकृत एवं प्रस्‍तावित हैं उन परियोजनाओं से कितने ग्रामों की कितनी हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचित एवं अपरिष्कृत पेय-जल सुविधा उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य रखा गया है एवं उनके विस्‍ता‍रीकरण की भी क्‍या आगामी कार्ययोजना है? (ख) क्‍या ओंकारेश्‍वर बांध के जलाशय की भंडारण क्षमता के मान से प्रश्नांश (क) में दर्शित परियोजनाएँ बनाई गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त परियोजनाओं की पूर्ति के उपरांत कितना पानी उक्‍त डेम में शेष रहेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला खरगोन के कितने-कितने ग्रामों की कितनी-कितनी हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचि‍त एवं अपरिष्‍कृत पेय-जल सुविधा दी जा रही है एवं दी जायेगी तथा अस्‍वीकृत एवं प्रस्‍तावित आगामी परियोजनाओं से कितने हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचित एवं अपरिष्‍कृत पेय-जल सुविधा दिये जाने का लक्ष्‍य रखा गया है? (घ) क्‍या उक्‍त परियोजनाओं के अंतर्गत क्षेत्रों में पड़ने वाले तालाबों, जलाशयों आदि में भी इन परियोजनाओं के माध्‍यम से पानी डाला जायेगा? हाँ तो बतायें। नहीं तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। क्षमता के अनुसार जल हमेशा उपलब्‍ध रहेगा क्‍योंकि ओंकारेश्‍वर बांध में इंदिरा सागर बांध से नियमित रूप से छोड़े गये जल को ही संग्रहित किया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।       (घ) ओंकारेश्‍वर नहरों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र के तालाबों, जलाशय आदि में तकनीकी रूप से संभव होने पर सिंचाई के उपरांत नहर में जल शेष रहने पर जलाशयों को आवश्‍यकतानुसार उपलब्‍ध कराया जा सकता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''चौंतीस''

नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्‍द्रों की स्‍वीकृति

147. ( क्र. 2886 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम रामबाड़ी व ननावद में नवीन 33/11 विद्युत उपकेन्‍द्रों के निर्माण हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही पूर्ण/शेष रह गई हैं? इसे कब तक पूर्ण करके इनका निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जावेगा? (ख) क्‍या ग्राम अलापुरा में नवीन उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का प्रस्‍ताव एस.एस.टी.डी. प्‍लान वर्ष 2016-17 में स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍तावित हैं? यदि हाँ, तो क्‍या इसे चालू वित्‍तीय वर्ष में ही स्‍वीकृत किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या कृषि बाहुल्‍य श्‍योपुर क्षेत्रान्‍तर्गत प्रतिवर्ष कृषि सीजन में ग्राम ढोंढपुर व पहाड़ली सहित दोनों ग्रामों के आस-पास दर्जनों विद्यमान ग्रामों से संबद्ध उपकेन्‍द्रों पर विद्युत की मांग/भार अत्‍यधिक रहता है? नतीजन विद्युत/वोल्‍टेज की गंभीर समस्‍या व्‍याप्‍त रहती है। कृषकों को कठिनाईयां आती हैं। (घ) यदि हाँ, तो उक्‍त समस्‍या के हल हेतु ग्राम ढोंढपुर व उतनवाड़ में नवीन उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का प्रस्‍ताव भी विद्युत कंपनी ने कंपनी मुख्‍यालय भेज दिये हैं? क्‍या शासन/कंपनी मुख्‍यालय दोनों प्रस्‍तावों को भी वर्ष 2016-17 के एस.एस.टी.डी. प्‍लान में शामिल कर यथाशीघ्र स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) श्‍योपुर विधान सभा में ग्राम रामबाडी में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र के निर्माण का कार्य स्‍वीकृत हैजिसके लिये भूमि अधिग्रहित कर ली गई है। वर्तमान में उक्‍त योजना के प्रावधानों के अनुसार कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में कार्य पूर्णता की निश्चित     समय-सीमा बताना संभव नहीं है। श्‍योपुर विधान सभा क्षेत्र में ग्राम ननावद में प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनान्‍तर्गत नवीन 33/11 के.व्‍ही. विद्युत उपकेन्‍द्र के निर्माण का कार्य स्‍वीकृत है। उक्‍त कार्य प्रगति पर है, जिसे आगामी 3 माह में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। (ख) जी नहीं। वर्तमान में ग्राम अलापुरा एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय हेतु स्‍वीकृत भार के अनुरूप अधोसरंचना उपलब्‍ध है तथापि भविष्‍य में मांग में वृद्धि होने पर एवं वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार नवीन उपकेन्‍द्र निर्माण की कार्यवाही की जावेगी। (ग) प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित क्षेत्रों में कृषि सीजन में भार के अनुरूप विद्युत प्रदाय किया जा रहा है एवं क्षेत्र में वोल्‍टेज की समस्‍या नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश '''' अनुसार क्षेत्रीय कार्यालय से प्रस्‍ताव कंपनी मुख्‍यालय में प्राप्‍त हुए हैं। उत्‍तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में इन प्रस्‍तावों पर कोई कार्यवाही किया जाना आवश्‍यक नहीं है तथापि प्रश्‍नाधीन क्षेत्रों में स्‍वीकृत भार, तकनीकी साध्‍यता एवं वित्‍तीय उपलब्‍धता के अनुसार आगामी वर्षों में उक्‍त प्रस्‍तावों के अनुसार आवश्‍यक कार्यवाही की जावेगी।

मुख्‍यमंत्री पेय-जल योजना

148. ( क्र. 2892 ) श्री संजय उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या राज्‍य सरकार की मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना मुख्‍यमंत्री पेय-जल योजना हेतु प्रदेश के नगरीय निकायों द्वारा हुडको से ऋण लिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो योजना प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन नगरीय निकायों द्वारा किस-किस योजना में कितना-कितना ऋण कब लिया गया तिमाही कितनी-कितनी किस्‍त द्वारा ऋण की अदायगी की जावेगी? (ग) प्रदेश के नगरीय निकायों में से      कौन-कौन से निकाय समय पर तिमाही किस्‍त की अदायगी नहीं कर पा रहे हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है।

अतिशेष घोषित कर्मचारियों की नियमित नियुक्ति

149. ( क्र. 2904 ) श्री गोवर्धन उपाध्‍याय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा निर्वाचन/जनगणना/फोटो परिचयन पत्र कार्य हेतु तहसीलों में नियुक्‍त लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को अतिशेष घोषित किया जाकर नियमित नियुक्ति किये जाने का शासन प्रावधान क्‍या है? (ख) विदिशा जिले में ऐसे कितने कर्मचारी है, जिनको उक्‍त प्रावधान के तहत रेग्‍यूलर नहीं किया गया है और कब से? रेग्‍यूलर नहीं किये जाने का क्‍या कारण है? संबंधितों को कब तक रेग्‍यूलर कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पद रिक्‍त नहीं होने के कारण 07 कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जा सका। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पैंतीस''

विधायक निधि के प्रस्‍तावों पर तकनीकी स्‍वीकृति

150. ( क्र. 2914 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना राशि से निर्माण कार्यों के माननीय विधायकों द्वारा प्रस्‍तावित पत्र जो जिला योजना अधिकारी के कार्यालय में प्रस्‍तुति उपरांत उनके प्राक्‍कलन व तकनीकी स्‍वीकृति सहित जिला योजना मण्‍डल को वापसी हेतु क्‍या कोई गाईड-लाईन है, की प्रति उपलब्‍ध करावें। यदि नहीं, तो क्‍या योजना विभाग द्वारा इस प्रकार की गाईड-लाईन बनाई जावेगी? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा नवीन हैण्‍डपंप खनन हेतु जो योजना मण्‍डल में प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत करने उपरांत प्राक्‍कलन एवं तकनीकी स्‍वीकृति के लिये ई.ई., पी.एच.ई. मुरैना को भेजने के बाद एक लंबी अवधि तक पी.एच.ई. विभाग द्वारा प्राक्‍कलन व तकनीकी स्‍वीकृति योजना मण्‍डल को समय पर न भेजने के कारण हैण्‍डपंप खनन कार्य रूके रहते हैं?      (ग) क्‍या जिला योजना विभाग संबंधित सभी निर्माणकर्ता एजेंसी को प्राक्‍कलन व तकनीकी स्‍वीकृति सहित अतिशीघ्र भेजने हेतु निर्देश जारी करेगें। जिससे विधायक निधि से कार्य समय पर पूर्ण किये जा सकेंगे?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) अनुशंसित कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के निर्देश मार्गदर्शिका के पैरा 2.2 एवं 3.4 में दिये गये हैं। गाईड लाईन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।  (ख) जी हाँ। चूंकि अनुशंसित हैण्डपंपों के खनन हेतु पी.एच.ई. विभाग का फील्ड स्टाफ द्वारा प्रस्तावित कार्य का स्थल निरीक्षण करने के उपरान्त तकनीकी प्राक्कलन तैयार कर भेजने में समय लगता है। इसके अलावा जिले में विभागीय मापदंड से बहुत अधिक हैण्‍डपंप पूर्व से ही हैं जिनके संधारण में भी बहुत समय लगता है। (ग) इस संबंध में पूर्व से ही निर्देश जारी किये गये हैं ।

ऑडिटोरियम हॉल निर्माण की स्‍वीकृति

151. ( क्र. 2933 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका परिषद् ब्‍यावरा जिला राजगढ़ द्वारा अपने पत्र क्रमांक/निर्माण/2016/621 ब्‍यावरा दिनांक 17.02.2016 से ब्‍यावरा शहर में पुराने आई.टी.आई. परिसर में सर्वसुविधायुक्‍त ऑडिटोरियम निर्माण हेतु राशि रूपये 2,99,92,432/- की डी.पी.आर. तैयार कराई जाकर राशि स्‍वीकृति हेतु आयुक्‍त, संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्‍यप्रदेश भोपाल को प्रेषित की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक डी.पी.आर. अनुसार आवश्‍यक राशि की स्‍वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो उक्‍त संबंध में कार्यवाही किन कारणों से किस स्‍तर पर लंबित है? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र दिनांक 11 जून 2016 द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को ब्‍यावरा नगर में सर्वसुविधायुक्‍त ऑडिटोरियम हॉल निर्माण कार्य हेतु राशि स्‍वीकृति के लिये मय प्राक्‍कलन निवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो वह किस स्‍तर पर प्रक्रियाधीन है तथा कब तक ऑडिटोरियम हॉल निर्माण हेतु आवश्‍यक राशि की स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, राशि स्‍वीकृत नहीं की गई है। ऑडिटोरियम निर्माण हेतु प्रस्‍तावित भूमि मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड भोपाल की होने से कलेक्‍टर जिला राजगढ़ के पत्र 334 दिनांक 25.06.16 द्वारा प्रबंधक, संचालक मध्‍यप्रदेश लघु उद्योग निगम भोपाल से अनापत्ति प्राप्‍त होने पर आगे की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) जी हाँ। जानकारी उत्‍तरांश '' अनुसार।

टोंका तालाब निर्माण कार्य

152. ( क्र. 2934 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्‍यावरा के अंतर्गत लघु सिंचाई योजना में टोंका तालाब का निर्माण कार्य कब स्‍वीकृत हुआ तथा क्‍या वर्तमान में उक्‍त तालाब का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है अथवा नहीं? (ख) क्‍या माह मई 2016 में प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र भ्रमण के दौरान टोंका तालाब के अवलोकन पर पाया गया कि तालाब की दोनों की तरफ की पाल का 60-70 प्रतिशत स्‍टोन पिचिंग कार्य अपूर्ण है? डूब क्षेत्र के लगभग 75-80 किसानों की मुआवजा राशि दिया जाना भी शेष है तथा तालाब से निकाली गई नहरों का बड़ा भाग कच्‍चा व अपूर्ण है? यदि हाँ, तो क्‍या ऐसे अर्धनिर्मित तालाब को विभाग द्वारा पूर्ण उपयोगी मान ‍लिया गया है? (ग) यदि नहीं, तो क्‍या शासन उक्‍त अपूर्ण कार्यों का तकनीकी परीक्षण कराकर शेष कार्य पूर्ण कराएगा तथा संबंधित दोषी अधिकारी के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) टोंका परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 30.03.2012 को राशि रू. 744.52 लाख की दी गई है। जी नहीं, कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। (ख) से (ग) मा. प्रश्‍नकर्ता विधायक के भ्रमण संबंधी कोई अभिलेख शासन का प्राप्‍त नहीं हैं। डूब क्षेत्र के 36 कृषकों की 8 हेक्‍टर भूमि का मुआवजा भुगतान शेष है। नहर की लाईनिंग पूर्ण नहीं हुई है। जलाशय में जल संग्रहित कर गत रबी में 345 हेक्‍टर क्षेत्र में सिंचाई की गई। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है।

दायीं तट नहर से कटनी नदी को जोड़ना

153. ( क्र. 2950 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रा.अ.बा.सा. परियोजना की बनाई गई योजना में सिंचाई, औद्योगिक व पेय-जल हेतु कितना-कितना जल निर्धारित किया गया है और दायीं तट नहर से जिला जबलपुर, कटनी, सतना तथा रीवा जिलों को कितना जल आवंटित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में से कितना जल किस जिले में किन उद्देश्‍यों से उपयोग किया गया है और उपयोग की योजनायें बनायी गई है? (ग) क्‍या वर्ष 2016 में महापौर नगरपालिका निगम कटनी के द्वारा वर्ष 2016 की किसी दिनांक की जिला योजना समिति की बैठक में माननीय जिला प्रभारी मंत्री को दायीं तट नहर के किसी स्‍थान से किन्‍हीं नदियों और जलाशयों में जलापूर्ति की जाने की योजना प्रस्‍तुत कर चर्चा की है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) के क्रियान्‍वयन हेतु किसे परीक्षण और योजना बनाने हेतु निर्देशित किया गया है?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) रानी अवंती बाई सागर परियोजना से 2938 मि.घ.मी. सिंचाई 79.88 मि.घ.मी. औद्योगिक एवं 90.12 मि.घ.मी. पेय-जल हेतु जल की मात्रा निर्धारित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।      (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। (ग) जी हाँ, जिला योजना समिति जिला कटनी की बैठक दिनांक 02/05/2016 में बरगी व्‍यपवर्तन परियोजना की दायीं तट नहर से सिलपरा नदी में पानी डालने के संबंध में चर्चा हुई थी। (घ) नर्मदा घाटी विकास विभाग को स्‍थल निरीक्षण एवं लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग को प्राक्‍कलन तैयार करने हेतु।

परिशिष्ट - ''छ्त्तीस''

माईनर मिनरल खनन

154. ( क्र. 2951 ) श्री मोती कश्यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नेशनल ग्रीन ट्रिबयुनल के आदेश दिनांक 04.05.2016 में किस क्षेत्रफल के किन खनिजों के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) क्‍या उक्‍त प्रश्नांश (क) द्वारा माईनर मिनरल के खनन को कोई छूट प्रदान की गई है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) (ख) के संबंध में महाधिवक्‍ता हाईकोर्ट और विभागीय विधि सलाहकार से कोई मार्गदर्शन प्राप्‍त किया गया है और क्‍या वह प्राप्‍त हुआ है? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने 25.5.2016 में मा. विभागीय मंत्री जी एवं प्रभारी मंत्री जिला कटनी तथा कलेक्‍टर व उप संचालक, खनिज साधन कटनी को कोई पत्र लिखा है और जिस पर माईनर मिनरल पट्टाधारियों को राहत प्रदान किया जाना आदेशित किया गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्‍नाधीन आदेश के संबंध में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय एवं माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल में मध्‍यप्रदेश राज्‍य के स्‍टैण्डिंग कौंसिल से अभिमत प्राप्‍त किया गया है। वह संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जी हाँ।

परिशिष्ट - ''सैंतीस''

मई 2016, में सिंहस्‍थ पर्व में निर्मित शौचालयों एवं प्रकाश व्‍यवस्‍था

155. ( क्र. 2968 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्‍थ महापर्व के आयोजन में शासन द्वारा        साफ-सफाई, प्रकाश व्‍यवस्‍था हेतु कितनी सामग्री क्रय की गई एवं उस पर कितनी राशि व्‍यय हुई? (ख) सिंहस्‍थ के आयोजन में कितने स्‍नानागार व शौचालय बनवाये गये थे व किस कंपनी से तथा उस पर कितनी राशि खर्च की गई? (ग) भौतिक सत्‍यापन में कितने शौचालय गुणवत्‍तापूर्ण मिले व कितने शौचालय अनुपयोगी पाये गये? (घ) क्‍या शासन द्वारा इन शौचालय की जाँच आई.आर.एम.एन. संस्‍था से कराई, यदि हाँ, तो जाँच रिपोर्ट की प्रति उपलब्‍ध कराई जावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) सिंहस्‍थ 2016 उज्‍जैन में कुल 53259 शौचालयों एवं 22956 बाथ ओपन बाथरूम (स्‍नानागार) बनवाए गये। स्‍नानागार तथा शौचालय जिस एजेंसी से बनवाए गये उनका विवरण एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा स्‍वतंत्र थर्ड पार्टी सत्‍यापन मूल्‍यांकन का कार्य करवाया गया जिसके अनुसार निरीक्षण किये गये 53192 शौचालयों में से 195 शौचालय स्‍वीकार करने योग्‍य नहीं पाये गये, 21906 शौचालयों में गुणवत्‍ता में समग्र रूप से 3 से 5 प्रतिशत की कमी पाई गई एवं 2205 शौचालय निर्धारित दिनांक से विलम्‍ब से निर्मित किये गये पाये गये। (घ) जी हाँ, संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा स्‍वतंत्र थर्ड पार्टी सत्‍यापन मूल्‍यांकन का कार्य इरमा हेतु निर्धारित एजेंसी से सी.एस.क्‍यू.ए. के स्‍वतंत्र इंजीनियर्स की सहायता से संपन्‍न करवाया गया। जाँच रिपोर्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

अल्‍कोहल प्‍लांट की लगुन की जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन

156. ( क्र. 2970 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या रतलाम अल्‍कोहल प्‍लांट की लगुन की 19.84 हेक्‍टेयर भूमि का भू-उपयोग गलती से वर्तमान पार्किंग स्‍थल कर दिया गया है तथा इसका भू-उपयोग परिवर्तन औद्योगिक क्षेत्र हेतु करने के लिये उद्योग विभाग का प्रस्‍ताव दिनांक 27.06.2015 से लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इससे औद्योगिक विकास की गति अवरूद्ध नहीं हो रही है? (ग) इसका निराकरण कब तक किया जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं, विकास योजना में भू-उपयोग नियोजन सिद्धांतो के आधार पर प्रस्तावित किये जाते है, जिन्हें जनसामान्य के समक्ष प्रकाशित कर प्राप्त आपत्ति/सुझाव की सुनवाई उपरान्त अंतिम रूप से अनुमोदित किया जाता है। रतलाम अल्‍कोहल की भूमि का भू-उपयोग उपांतरण करने हेतु उद्योग विभाग की नोटशीट दिनांक 27.06.2015, माननीय विधान सभा सदस्य के पत्र दिनांक 24.02.2016 के साथ विभाग को प्राप्त हुई है, जिस पर कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रकरण में सभी पूर्ववर्ती विकास योजनाओं के प्रस्तावों के संदर्भ में परीक्षण आवश्यक है, जो प्रक्रियाधीन है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अवैध कॉलोनियों में भवन अनुज्ञा

157. ( क्र. 2971 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या रतलाम की सभी 61 अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ कर उनका नियंत्रण कमिश्‍नर द्वारा ले लिया गया है परन्‍तु उनमें निर्माण की अनुज्ञा प्रदान नहीं की जा रही है? ऑटोमेटिक अप्रुवल सिस्‍टम लागू होने से पूर्व 15 रूपये प्रतिवर्ग फुट विकास शुल्‍क लेकर अनुज्ञा दी जा रही थी? जिसे बंद कर दिया गया है? इनमें भवन अनुज्ञा देना कब से प्रारंभ किया जायेगा? (ख) रतलाम में कितनी अविकसित कालोनियां हैं? उनकी सूची दें। क्‍या उक्‍त कॉलोनियों में कॉलोनाईजरों द्वारा बंधक रखे गये भू-खण्‍डों का कब्‍जा प्राप्‍त कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कॉलोनीवार बंधक भू-खण्‍डों की सूची प्रदान करें? यदि हाँ, तो भू-खण्‍डों की सूची देवें और उनका विक्रय कर विकास कार्य कब से प्रारंभ किया और कब तक पूर्ण किया जायेगा? कॉलोनीवार बंधक भू-खण्‍डों की सूची प्रदान करें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। अवैध कॉलोनियों के अभिन्‍यास नगर तथा ग्राम निवेश से अनुमोदित होने पर भवन अनुज्ञा के लिए सॉफ्टवेयर पर अपलोड होगा, तब ही भवन अनुज्ञा देना प्रारंभ किया जा सकेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) 64, अविकसित कॉलोनी की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है, कॉलोनाईजर द्वारा कॉलोनी में विकास कार्य पूर्ण नहीं कराने पर बंधक भू-खण्‍ड के विक्रय उपरान्‍त विकास कार्य पूर्ण कराया जायेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कॉलोनीवार बंधक भू-खण्‍डों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

विद्युतविहीन ग्रामों में विद्युत लाइन प्रारंभ की जाना

158. ( क्र. 2980 ) श्री रमेश पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बड़वानी वि.स. क्षेत्र के ग्राम सुस्‍तीखेड़ा, केली, बोरी साभरखेड़ा, भुराकुआ, कुजाकुआ, राततिडयामात, नकरीमाता, सुखपुरी में विद्युत फीडर सेपरेशन कार्य नहीं हुआ है एवं पाटी ब्‍लॉक के 104 ग्रामों में से तीन ग्रामों को छोड़कर विद्युत फीडर सेपरेशन कार्य नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों कारण सहित बतावें? (ख) उक्‍त ग्रामों तथा पाटी ब्‍लॉक के शेष रहे ग्रामों में विद्युत फीडर सेपरेशन का कार्य कब तक किया जावेगा? (ग) क्‍या पाटी ब्‍लॉक के वनग्रामों में राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजनांतर्गत कार्य किया जाना था? यदि हाँ, तो वर्तमान में ग्राम बड़दा, भादल सीरसपानी, भुरवानी, भानीजकुण्‍ड, मेंदकीमल, खेंरवानी, सिंधवानी, अबोदगढ़, वन, चिचवाना, आम्‍बी, शिवनी जैसे कई ग्राम विद्युतविहीन है क्‍यों? (घ) क्‍या उपरोक्‍त वन ग्रामों में राजीव गाँधी विद्युतीकरण योजना या ग्रामीण ज्‍योति योजना के तहत कब तक विद्युत लाईन प्रारंभ कर दी जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, बड़वानी विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों यथा- सुस्‍तीखेड़ा, केली, बोरी, साभरखेडा, मुराकुआ (भुराकुआ नहीं), कुजाकुआ, रातडियामाल (राततिडयामात नहीं), नकटीमाता (नकरीमाता नहीं), सुखपुरी एवं पाटी ब्‍लॉक से संबंधित 104 ग्रामों में से तीन ग्रामों को छोड़कर शेष 101 ग्रामों में फीडर सेपरेशन योजनांतर्गत कार्य नहीं किया गया है। उक्‍त क्षेत्र आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्र है तथा इसमें ग्राम की आबादी मजरों/टोलों/फाल्‍यों में निवास करती है। जिसमें बसाहटें दूर-दूर स्थित है, साथ ही कृषकों द्वारा अपने खेतों में दूर-दूर निवास बना रखे हैं, जिसके कारण ऐसे फाल्‍यों/मजरों/टोलों को फीडर सेपरेशन योजनांतर्गत जोड़े जाने का कार्य तकनीकी एवं आर्थिक दृष्टि से असाध्‍य है। अत: प्रश्‍नाधीन फाल्‍यों/मजरों/टोलों रूपी ग्रामों में फीडर सेपरेशन का कार्य नहीं किया गया है। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार तकनीकी एवं आर्थिक दृष्टि से साध्‍य नहीं होने के कारण प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में फीडर विभक्तिकरण का कार्य नहीं कराया जा रहा है। (ग) जी हाँ। उक्‍त समस्‍त ग्राम अविद्युतीकृत नहीं है अपितु पाटी ब्‍लॉक से संबंधित प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित ग्राम यथा-बडदा, भादल, सीरसपानी, भुरवानी, भानीजकुंड, मेंडकीमल (मेंदकीमल नहीं), खेरवानी, सिंधवानी, उबादगढ़ (अबोदगढ़ नहीं), वन, चिचवानी (चिचवाना नहीं), अम्‍बी (आम्‍बी नहीं) एवं शिवनी में से ग्राम भादल को छोड़कर शेष ग्राम पूर्व से ही विद्युतीकृत हैं। सघन वन क्षेत्र में अवस्थित होने के कारण अविद्युतीकृत ग्राम भादल एवं अन्‍य 7 ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्‍त्रोतों से किया जाना प्रस्‍तावित है। (घ) वर्तमान में बड़वानी जिले के ग्राम भादल एवं अन्‍य 7 ग्रामों को छोड़कर सभी ग्राम विद्युतीकृत है, अत: राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना या अन्‍य किसी योजना के तहत विद्युत लाईन विस्‍तार का कार्य किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। उक्‍त 8 ग्रामों के गैर-परंपरागत ऊर्जा स्‍त्रोतों से विद्युतीकरण का कार्य नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा, केन्‍द्र शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्‍य के अनुसार वर्ष 2016-17 में किया जाना संभावित है।

विद्युत वितरण केन्‍द्रों द्वारा जारी कनेक्‍शन

159. ( क्र. 3044 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के मुरैना वृत्‍त के अन्‍तर्गत आने वाले विभिन्‍न वितरण केन्‍द्रों पर अप्रैल, 2014 से       जून, 2016 तक कितने घरेलू विद्युत कनेक्‍शन जारी किये गये थे? (ख) क्‍या अप्रैल, 2014 से जून 2016 तक जारी किये गये घरेलू विद्युत कनेक्‍शनों के लिये उपभोक्‍ताओं से आवेदन पत्र अनुबंध पत्र राशन कार्ड वोटर कार्ड की स्‍व-प्रमाणित छायाप्रति एवं ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत के सरपंच का प्रमाणीकरण एवं नये घरेलू कनेक्‍शन हेतु राशि जमा कराई गई थी? (ग) उक्‍त औपचारिकताएँ किये बगैर जारी किये गये घरेलु विद्युत कनेक्‍शनों में हुई अनियमितताओं के लिये दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जावेगी तथा जारी किये गये नियम विरूद्ध कनेक्‍शनों को रद्द कर उनका बिल भुगतान समाप्‍त किया जावेगा तथ्‍यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के मुरैना वृत के अंतर्गत आने वाले विभिन्‍न वितरण केन्‍द्रों पर अप्रैल, 2014 से जून, 2016 तक कुल 21878 घरेलू विद्युत कनेक्‍शन जारी किये गये हैं। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍नाधीन अवधि में बिना औप‍चारिकता पूर्ण किये कोई भी घरेलू विद्युत कनेक्‍शन जारी नहीं किया गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

ट्रांसफार्मर एवं विद्युत कनेक्‍शनों की संख्‍या

160. ( क्र. 3051 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के वितरण कम्‍पनी द्वारा संचालित स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजना/कृषक अनुदान योजना के अन्‍तर्गत कितने वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित कराये गये हैं? कितने ट्रांसफार्मर आगामी वर्ष में स्‍थापित कराया जाना प्रस्‍तावित हैं, वर्ष    2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार संख्‍या दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने वितरण ट्रांसफार्मर अनुसूचित जाति/अनु.जनजाति वर्ग के किसानों को सिंचाई के लिये पृथक से स्‍थापित कराये गये है? कितने कृषकों को ट्रांसफार्मर स्‍वीकृत कर विद्युत कनेक्‍शन दिया गया है और नि:शुल्‍क बिजली सिंचाई के लिये दी जा रही है? संख्‍या बतायें। (ग) जिले के बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में कितने किसानों के प्रकरण सिंचाई हेतु स्‍वयं के ट्रांसफार्मर विद्युत लाईन एवं विद्युत कनेक्‍शन के लिये लंबित हैं? क्‍या सूखे की मार को लेकर सिंचाई के कनेक्‍शनों को लंबित रखा जाना किसान हित में  है? शासन इन किसानों को कब-तक बिजली उपलब्‍ध करायेगा? (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित योजनान्‍तर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में प्रश्‍नकर्ता द्वारा अधीक्षण यंत्री कार्यालय से कोई पत्राचार किया गया है? उन पत्रों पर संबंधित कार्यालय द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) कटनी जिले में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा संचालित स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजनान्‍तर्गत वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित नहीं किया गया है। कृषक अनुदान योजनांतर्गत वर्ष 2013-14 में 130, वर्ष 2014-15 में 68, वर्ष 2015-16 में 81 एवं वर्ष 2016-17 में प्रश्‍न दिनांक तक 50, इस प्रकार प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल 329 वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये गये हैं। कृषक अनुदान योजनान्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में वर्ष 16-17 में वर्तमान में लम्बित आवेदनों के अनुसार कुल 35 अतिरिक्‍त वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किया जाना प्रस्‍तावित है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में कटनी जिले में उत्‍तरांश (क) में दर्शाए गए 329 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 174 वितरण ट्रांसफार्मर अनुसूचित जाति/अनुसचित जनजाति वर्ग के किसानों को सिंचाई के लिये पृथक से स्‍थापित कराये गये हैं एवं इनसे 267 कृषकों को कनेक्‍शन देकर उन्‍हें नियमानुसार सिंचाई के लिए नि:शुल्‍क विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्‍तानुसार जारी किये गये कनेक्‍शनों का वर्षवार विवरण निम्‍नानुसार है :-

क्र.

वृत्‍त का नाम

2013-14

2014-15

2015-16

2016-17

स्‍थापित ट्रांसफार्मर

दिये गये कनेक्‍शन

स्‍थापित ट्रांसफार्मर

दिये गये कनेक्‍शन

स्‍थापित ट्रांसफार्मर

दिये गये कनेक्‍शन

स्‍थापित ट्रांसफार्मर

दिये गये कनेक्‍शन

1

कटनी

45

83

37

62

92

122

0

0

(ग) कटनी जिले के बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सिंचाई पंप कनेक्‍शन हेतु 'स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजना' के तहत् कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। तथापि प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में दिनांक 30.06.2016 की स्थिति में कृषक अनुदान योजनान्‍तर्गत 18 कृषकों के कार्य लंबित हैं, जिनके पंप कनेक्‍शन का कार्य प्राथमिकता के आधार पर योजना में प्रावधानों के अनुसार क्रमश: अक्‍टूबर, 2016 तक समय-सीमा में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पत्र दिनांक 21.03.2016 से ग्राम कौडिया के 3 कृषकों के पंप कनेक्‍शनों के कार्य पूर्ण करने बाबत् लेख किया गया था। अधीक्षण यंत्री (संचा-संधा), कटनी द्वारा अपने पत्र क्रमांक 3040, दिनांक 29.03.2016 द्वारा माननीय विधायक महोदय को अवगत कराया गया था कि योजना के प्रावधान के अनुसार कार्य शीघ्र पूर्ण किए जायेंगे। उक्‍त तीन कृषकों के अधोसंरचना विकास के कार्य पूर्ण कर दिनांक 29.05.2016 को कनेक्‍शन प्रदान कर दिए गए हैं।

रेत का उत्‍खनन

161. ( क्र. 3052 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में किन-किन स्‍थानों पर रेत खदाने चिंहित हैं? इनमें से प्रत्‍येक के खसरा नं. क्‍या है? कितने हेक्‍टेयर रेत खदानें किन-किन व्‍यक्तियों को आवंटित की गई हैं? (ख) प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित स्‍थानों की रेत खदानों से प्रतिमाह कितनी रेत का उत्‍खनन कब-कब से किया जा रहा है था प्रत्‍येक खदान से कितनी रॉयल्‍टी काटी जा रही है? विगत 3 वर्षों में कितना राजस्‍व प्रति वर्ष जमा किया जा रहा है वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें? (ग) प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित स्‍थानों की खदानों में से रेत का उत्‍खनन कार्य में संलग्‍न मजदूरों का क्‍या श्रम विभाग में पंजीयन किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में खदानों से वाहनों में कितनी मात्रा में रेत भरी जा रही है, इनकी निगरानी कौन-कौन अधिकारी कर रहे हैं? रेत के अवैध भंडारण एवं परिवहन के संबंध में विगत 3 साल में कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई है? उक्‍त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण दें। वर्षा काल में रेत उत्‍खनन के संबंध में शासन के क्‍या दिशा-निर्देश हैं? क्‍या उनका पालन किया जा रहा है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में जिन स्‍थानों पर रेत खदान चिन्‍हित है वह मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के पक्ष में उत्‍खनिपट्टा के रूप में स्‍वीकृत है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित खदानों में से 13 खदानें संचालित हैं। खदानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। विगत 3 वर्षों में जमा किये गये राजस्‍व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पट्टेधारी द्वारा श्रमिकों का नियोजन नहीं किया गया है। अत: पंजीयन का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) वाहन क्षमता के अनुसार रेत की मात्रा वाहनों में भरी जाती है। इसकी निगरानी खनिज विभाग, वन विभाग, पुलिस विभाग, राजस्‍व विभाग एवं मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा सतत् रूप से की जाती है। विगत 3 वर्षों में प्राप्‍त शिकायतों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। वर्षाकाल में रेत उत्‍खनन न किये जाने के निर्देश हैं। जिसका पालन किया जा रहा है।

मा. सांसदों एवं विधायकगणों के पत्रों पर कार्यवाही

162. ( क्र. 3081 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्‍य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन के पत्र क्रमांक 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 06 अगस्‍त 2012 में समस्‍त प्रदेश एवं जिलों के अधिकारियों को माननीय संसद सदस्‍यों एवं विधायकों के पत्रों की 3 दिवस में अभिस्‍वीकृति देने का निर्देश है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता ने 01 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक भिण्‍ड जिले के किन-किन विभाग प्रमुखों को कब-कब पत्र लिखे तथा पत्रों के उत्‍तर से कब-कब प्रश्‍नकर्ता को अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो शासन आदेश का उल्‍लंघन करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा सामान्‍य प्रशासन विभाग म.प्र. के पत्र दिनांक 06 अगस्‍त 2012 के निर्देशों का पालन करने बाबत् दिनांक 20.6.2015 एवं 04.6.2016 को कलेक्‍टर भिण्‍ड को पत्र लिखे थे? यदि हाँ, तो पत्रों की प्रतियां दें तथा कलेक्‍टर द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करायें।             (घ) शासकीय/अर्द्धशासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों को सार्वजनिक कार्यक्रमों में मुख्‍य अतिथि/अध्‍यक्षता/विशेष अतिथि बनाने तथा शिलान्‍यास एवं उद्घाटन पट्टिका के नाम अंकित कराने का सामान्‍य प्रशासन विभाग का आदेश है? यदि हाँ, तो आदेश/निर्देश की प्रति दें।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निजी विद्युत उत्‍पादन परियोजना से विद्युत क्रय

163. ( क्र. 3082 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य में संचालित किस-किस निजी कोयला आधारित विद्युत उत्‍पादन परियोजना से राज्‍य के उपभोक्‍ताओं के लिए बिजली की सप्‍लाई सुनिश्चित किए जाने के संबंध में दीर्घकालीन अनुबंध किस-किस दिनांक को किस-किस के साथ किए गए हैं? (ख) अनुबंध के अनुसार किस-किस निजी विद्युत परियोजना के द्वारा कितनी अवधि के लिए बिजली सप्‍लाई की जाना है? (ग) विगत दो वर्षों में 2015-16 एवं 2016-17 किस-किस निजी कोयला आधारित परियोजना से किस औसत दर पर कितनी बिजली माहवार क्रय की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) विगत 2015-16 एवं 2016-17 (मई माह तक) निजी परियोजनाओं से माहवार क्रय की गई विद्युत का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''अड़तीस''

केबल ऑपरेटर द्वारा उपभोक्‍ताओं को बिल नहीं दिया जाना

164. ( क्र. 3090 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के द्वारा दिनांक 17.6.16 को विदिशा जिले के नगर बासौदा में केबल ऑपरेटरों द्वारा सेटअप बॉक्‍स लगाने के एवज में 1400/- रूपये वसूल किये जाने का बिल उपभोक्‍ताओं को नहीं दिये जाने के संबंध में की गई लिखित शिकायत आयुक्‍त, वाणिज्यिक कर, म.प्र. भोपाल, जिला आबकारी अधिकारी, विदिशा एवं जिला वाणिज्य कर अधिकारी, जिला विदिशा को प्राप्‍त हुई है या नहीं? यदि हाँ, तो उक्‍त पत्र किस माध्‍यम से (डाक द्वारा या ई-मेल) से प्राप्‍त हुआ? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र में किस-किस बिन्‍दु पर जाँच एवं कार्यवाही का अनुरोध प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अधिकारियों से किया गया था? (ग) प्रश्‍नकर्ता के द्वारा प्रस्‍तुत शिकायत पर किस-किस अधिकारियों द्वारा क्‍या जाँच की गई, जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये विभाग द्वारा उपभोक्‍ताओं एवं शासन के हित में केबल ऑपरेटरों पर क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं तो कारण बतावें। कब तक जाँच की जावेगी?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित शिकायत दिनांक 23.06.2016 को ई-मेल से तथा दिनांक 30.06.2016 को डाक द्वारा वाणिज्यिक कर अधिकारी, विदिशा के कार्यालय में प्राप्‍त हुई हैं। (ख) शिकायत पत्र में निम्‍नांकित बिंदुओं पर जाँच का अनुरोध उल्‍लेखित है :- 1- उपभोक्‍ताओं को बिल का प्रदाय क्‍यों नहीं किया गया है? 2- लगाये गए सेटअप बॉक्‍स की कीमत क्‍या है? (ग) इस प्रश्‍नांश हेतु कार्यालय वाणिज्यिक कर अधिकारी विदिशा द्वारा संबंधित वाणिज्यिक कर निरीक्षक से जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त किया गया। प्रतिवेदन के अनुसार गंजबासौदा में मे. एस.आर.डिजीटल कम्‍यूनि‍केशन के द्वारा राशि रू. 1400/- प्रति सेटअप बॉक्‍स उपभोक्‍ताओं से प्राप्‍त की जा रही है। इस राशि में से रू. 1200/- वापसी योग्‍य धरोहर राशि के रूप में रू. 50/- फिटिंग चार्ज तथा रू. 150/- मासिक केबल चार्ज के रूप में प्राप्‍त किये जा रहे हैं। अत: केबल ऑपरेटर द्वारा सेटअप बॉक्‍स रू. 1200/- में उपभोक्‍ताओं को प्रदान किये जा रहे हैं, रू. 1400/- में नहीं। धरोहर राशि के रूप में रू. 1200/- सेटअप बॉक्‍स की सेवाएं समाप्‍त किये जाने पर वापसी योग्‍य है। केबल ऑपरेटर द्वारा सेटअप बॉक्‍स का विक्रय नहीं किया जा रहा है। अत: केबल ऑपरेटर द्वारा सेटअप बॉक्‍स लगाते समय प्राप्‍त धरोहर राशि रू. 1200/- पर किसी प्रकार की वेट-कर देयता केबल ऑपरेटर पर नहीं आती हैं। अत: केबल ऑपरेटर के विरूद्ध कार्यवाही करने का कोई आधार नहीं बनता हैं। जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''उनतालीस''

तालाब के माईनरों का सीमेंटीकरण

165. ( क्र. 3119 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन बैनगंगा संभाग बालाघाट के अंतर्गत नहलेसरा एवं जमुनियां तालाबों की माईनरों का सीमेंटीकरण माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणानुसार किया जाना है? (ख) यदि हाँ, तो दोनों तालाबों के माईनरों के सीमेंटीकरण हेतु प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। दिनांक 24 मार्च, 2015 को नहलेसरा एवं जमुनिया परियोजना के लिए क्रमंश: राशि रू.1186.55 लाख एवं 710.11 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति दी जा चुकी है।

बोरीखेड़ा जलाशय का सुदृढ़ीकरण

166. ( क्र. 3120 ) श्री के.डी. देशमुख : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में जल संसाधन बैनगंगा संभाग बालाघाट के अंतर्गत बोरीखेड़ा जलाशय कब बना है तथा कितनी लागत से बना था? निर्माण दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक तालाब के सुधार हेतु कुल कितनी राशि खर्च हुई? (ख) बोरीखेड़ा जलाशय कुल कितनी एकड़ सिंचाई हेतु बनाया तथा वर्तमान में कुल कितने एकड़ सिंचाई होती है? (ग) क्‍या बोरीखेड़ा जलाशय एवं उसकी माईनरों तथा मेन कैनाल का सुदृढ़ीकरण सीमेंटीकरण करना नितांत आवश्‍यक है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या जल संसाधन ने बोरीखड़ा तालाब के सुदृढ़ीकरण करने तथा मेन कैनाल का सीमेंटीकरण करने की योजना बनाई है? (ड.) यदि हाँ, तो इस महत्‍वपूर्ण जलाशय के सुदृढ़ीकरण हेतु शासन द्वारा कब तक स्‍वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) बोरीखेड़ा लघु परियोजना के निर्माण की प्रशासकीय स्‍वीकृति वर्ष 1907 में रू. 55/- हजार की दी गई और निर्माण वर्ष 1911 में पूर्ण हुआ। निर्माण के उपरांत अब तक परियोजना के सुधार/मरम्‍मत में रू. 38.97 लाख का व्‍यय हुआ है। (ख) परियोजना का निर्माण 1230 एकड़ में खरीफ सिंचाई हेतु किया गया था। वर्तमान में औसतन 1175 एकड़ में खरीफ सिंचाई की जाती है। (ग) एवं (घ) नहर रूपांकित क्षमता में जल प्रवाह के लिए संधारित है। उपलब्‍ध सीमित वित्‍तीय संसाधन पूर्व से स्‍वीकृत परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने से और उपलब्‍ध जल से सिंचाई क्षमता में वृद्धि संभावित नहीं होने की पृष्‍ठ भूमि में परियोजना की नहरों का सीमेंटीकरण का प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

फीडर सेपरेशन/केबलीकरण के कार्य

167. ( क्र. 3125 ) श्री लखन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पथरिया विधान सभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसमें 24 घण्‍टे अलट ज्‍योति अभियान का लाभ मिल रहा है? (ख) किन-किन फीडरों में फीडर सेपरेशन का कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं किया गया है? इसके लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है व शेष कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) विधान सभा क्षेत्र पथरिया में ऐसे कितने फीडर हैं, जहाँ अटल ज्‍योति योजना अन्‍तर्गत 24 घण्‍टे विद्युत प्रदाय का लाभ प्राप्‍त नहीं हो रहा है? यदि ऐसे फीडर है तो इन फीडरों में कार्य कब तक कराया जायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) पथरिया विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत प्रश्‍न दिनांक तक 11 के.व्‍ही. के 20 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा इन सभी फीडरों से सम्‍बद्ध उपभोक्‍ताओं को अटल ज्‍योति अभियान के तहत् गैर-कृषि उपयोग हेतु 24 घण्‍टे विद्युत सप्‍लाई का लाभ मिल रहा है। उक्‍त फीडरों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में 11 के.व्‍ही. के 21 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण है जिसकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। कार्यादेश/अनुबंध की शर्तानुसार निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के लिये ठेकेदार एजेंसी मेसर्स के.एम.जी., ए.टू.जेड सिस्‍टम्‍स, नोयडा जिम्‍मेदार है जिसका कार्यादेश कार्य की असंतोषजनक प्रगति के कारण जनवरी-2016 में निरस्‍त किया गया है। उक्‍त शेष बचे कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया उपरांत चयनित नई ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एथोस पॉवर प्राइवेट लिमिटेड को स्‍वीकृति पत्र (लेटर ऑफ एक्‍सेप्‍टेन्‍स) दिनांक 08.07.2016 को जारी कर दिया गया है। नये ठेके को प्रचलित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्यादेश शर्तानुसार प्रभावी तिथि से 18 माह के भीतर कार्य पूर्ण किया जाना है। (ग) पथरिया विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत सभी गैर-कृषि फीडरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं को अटल ज्‍योति अभियान के तहत् 24 घंटे विद्युत प्रदाय का लाभ प्राप्‍त हो रहा है।

परिशिष्ट - ''चालीस''

रेत खदानों की नीलामी

168. ( क्र. 3135 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में कितनी रेत की खदानें कहाँ-कहाँ हैं? नाम बतावें। (ख) वर्ष 2013-14 से वर्ष 2015-16 तक कितनी खदानों की नीलामी हुई और कितना राजस्व प्राप्त हुआ और नहीं तो क्यों? (ग) विगत वर्षों में यदि नीलामी नहीं हुई तो अवैध रेत के उत्खनन में कितने प्रकरण बनाये गये और इनसे कितना राजस्व प्राप्त हुआ है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्राप्‍त राजस्‍व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नानुसार खदानें नीलाम की गई हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''इकतालीस''

 

पाईप लाईन एवं फिल्‍टर प्‍लांट हेतु उपलब्‍ध राशि

169. ( क्र. 3144 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सैलाना नगर परिषद् को वर्ष 2010-11 से आज दिनांक तक पेय-जल सुविधा हेतु कितनी कितनी राशि किस मद से आवंटित की गई वर्षवार, कार्यवार मय तकनीकी एवं प्रशासकीय के जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सैलाना नगर परिषद् को फिल्‍टर प्‍लांट एवं पाईप लाईन हेतु राशि रू. 4.95 करोड़ की राशि उपलब्‍ध कराई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण करने की समय-सीमा निर्धारित की गई थी तथा वर्तमान में कार्य की क्‍या स्थिति?     (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में यदि निर्धारित समय में शासन के मापदण्‍ड अनुसार कार्य पूर्ण नहीं हो पाया तथा संबंधित ठेकेदार को भुगतान कर दिया गया इसके लिए कौन कौन अधिकारी/कर्मचारी व नगर परिषद् के पदाधिकारी दोषी हैं तथा दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) आवंटित राशि 4.95 करोड़ से प्राप्‍त बैंक ब्‍याज का उपयोग कितना व किस कार्य पर किया गया तथा किस नियम के तहत किया गया?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। निकाय को फिल्‍टर प्‍लांट एवं पाईप लाईन हेतु राशि रू. 486.00 लाख उपलब्‍ध करायी गई है। कार्य पूर्ण करने हेतु दिनांक 19.07.2014 तक की समय-सीमा निर्धारित की गई थी, जिसे दिनांक 16.07.2016 तक बढ़ाया गया है कार्य की वर्तमान स्थिति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश '' अनुसार कार्य की समय-सीमा में दिनांक 16.07.2016 तक की वृद्धि की गई है। कार्य तकनीकी मापदण्‍डों के अनुसार किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। ठेकेदार द्वारा किये गये कार्यों के चलित देयकों का ही भुगतान किया गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा शिकारवाड़ी तालाब क्रमांक 2 की मरम्‍मत पूर्ण न होने के कारण योजना की पूर्णता में विलंब हुआ है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) आवंटित राशि       रू. 486.00 लाख से प्राप्‍त ब्‍याज निकाय के खाते में जमा है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई विदेश यात्राएं

170. ( क्र. 3150 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से प्रश्नांकित दिनांक तक, मान. मुख्यमंत्री, मंत्रीगण एवं अन्य प्रतिनिधिमंडल द्वारा शासन स्तर पर की गई विदेश यात्राओं की जानकारी दें? यात्रा प्रारंभ/अंत का दिनांक, देश का नाम, यात्रा का उद्देश्य, यात्रा पर व्यय की जानकारी बतावें? साथ ही प्रत्येक यात्रा में शामिल व्यक्तियों के नाम तथा पद सहित सूची प्रदान करें? (ख) वर्ष 2013 से 2015 तक मुख्यमंत्री तथा अन्य द्वारा विदेश यात्राओं पर किये गए कुल व्यय का वर्षवार ब्‍यौरा दें तथा बतावें की प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत कमी या वृद्धि हुई? (ग) मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्ष 2009 से प्रश्नांकित दिनांक तक कितनी बार चीन यात्रा किस-किस अवधि में की गई? यात्रा के दौरान निवेश की क्या सहमति हुई? प्रश्नांकित दिनांक तक चीन के उद्योगपतियों ने प्रदेश में कितना निवेश किस-किस कार्य के लिए किया? (घ) जून 2016 की चीन यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री जी किस दिनांक को किस नेता/उद्योगपति से मिले तथा इस यात्रा का प्रबन्धन किस इवेंट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा किया गया तथा उसे कितनी राशी का भुगतान क्या गया?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आवासीय कॉलोनियों में विदयालय और बगीचे

171. ( क्र. 3158 ) श्री दिनेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या कोई आवासीय कॉलोनी विकसित करते समय उसमें बगीचे और विद्यालय के लिये भू-खण्‍ड सुरक्षित रखा जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो सिवनी नगर की आवासीय कॉलोनियों की जानकारी प्रस्‍तुत करें - (1) कॉलोनी का नाम और स्थिति (2) बगीचे के लिये सुरक्षित भूमि का माप (3) विद्यालय हेतु सुरक्षित भूमि का माप (4) क्‍या बगीचा, विदयालय निर्माण हो गया (5) यदि अतिक्रमण है तो कितना भाग और किसके द्वारा (6) प्रश्‍न दिनांक तक अतिक्रमण हटाने का क्‍या प्रयास किया? (ख) क्‍या किसी कॉलानी में सुरक्षित भूमि को शासकीय विद्यालय हेतु देने पर राशि कॉलोनाईजर द्वारा ली जाती हैं अथवा फ्री में देने का प्रावधान है? क्‍या शासन बिना कॉलोनाईजर की सहमति के ले सकता है अथवा नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। सिवनी नगर की किसी भी कॉलोनियों में मापदंड अनुसार विद्यालय हेतु भूमि सुरक्षित रखने की आवश्‍यकता नहीं पाई गई। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। भूमि का मूल्‍य देय होता है, नि:शुल्‍क नहीं। जी नहीं, अपितु भू-अधिग्रहण, जनहित में नियमानुसार किया जा सकता है।

परिशिष्ट - ''बयालीस''

जनसंपर्क विभाग सिवनी के कार्य

172. ( क्र. 3159 ) श्री दिनेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के जनसंपर्क विभाग में कुल कितने समाचार पत्रों और इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों के नाम सूची में दर्ज हैं? समाचार पत्र और चैनल सहित पत्रकारों की सूची देवें? इसमें कितने समाचार पत्र दैनिक, साप्‍ताहिक, मासिक पाक्षिक हैं, कितने समाचार पत्रों का प्रकाशन सिवनी जिले से होता है? (ख) संचालनालय भोपाल से सिवनी जिले के लिये कितने अधिमान्‍य पत्रकारों हेतु परिचय पत्र जारी किये गये हैं? विगत 03 वर्ष की सूची नाम, पते सहित देवें? विगत 03 वर्ष में राहुल बारपुते पुरस्‍कार किस-किस पत्रकार को कब-कब प्रदान किये गये? (ग) क्‍या मध्‍यप्रदेश संदेश पत्रिका का वितरण विधायकों को प्रतिमाह किया जाता हैं? किस माध्‍यम से किया जाता हैं? विगत 10 माह की पत्रिका भेजने संबंधी तथ्‍यों का प्रमाण दें? (घ) सिवनी के जनसंपर्क कार्यालय में कुल कितने अखबार प्राप्‍त होते हैं नाम व प्रकार सहित सूची देवें? इन समाचार पत्रों को कब किस माध्‍यम से भुगतान किया जाता है? विगत 03 वर्षों में समाचार पत्रों के भुगतान संबंधी राशि देवें?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सिवनी जिले के जनसंपर्क कार्यालय में कुल 44 समाचार पत्र एवं 26 इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रतिनिधियों के नाम सूची में दर्ज है। सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। दैनिक समाचार पत्रों की संख्या 30 तथा साप्ताहिक समाचार पत्रों की संख्या 14 है। मासिक पत्रिकाएं 02 तथा पाक्षिक समाचार पत्रों की संख्या शून्य है। 25 समाचार पत्र जिले से प्रकाशित होते है। (ख) संचालनालय भोपाल से सिवनी जिले के वर्ष 2016 में 15 अधिमान्य पत्रकारों हेतु परिचय पत्र जारी किये गये हैं। विगत 03 वर्ष के सिवनी जिले के राज्य, जिला एवं तहसील स्तरीय अधिमान्य प्राप्त पत्रकारों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। विगत 03 वर्षों में राहुल बारपुते पुरस्कार निम्नानुसार प्रदान किये गये :- वर्ष 2012 श्री कीर्ति राणा, इन्दौर, वर्ष 2013 श्री दिनेश बावनियां, खण्डवा, वर्ष 2014 श्री नवनीत शुक्ला, इन्दौर, उपरोक्त पुरस्कार दिनांक 08.04.2015 को प्रदान किये गये हैं। (ग) जी हाँ। मेसर्स मधुर कोरियर के माध्यम से किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।      (घ) कुल 40 अखबार प्राप्त होते हैं। समाचार पत्र एजेन्सी द्वारा बिल प्राप्त होने पर     ई-पेमेन्ट के माध्यम से भुगतान किया जाता है। वर्ष 2013-2014 में रूपये 29,782/-, वर्ष 2014-2015 में रूपये 26,849/-, वर्ष 2015-2016 में रूपये 15,168/- का भुगतान हुआ।

क्षतिग्रस्‍त तालाब एवं नहरों का सीमेन्‍टीकरण

173. ( क्र. 3160 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में विभाग के कितने तालाब क्षतिग्रस्‍त है? क्‍या उनकी मरम्‍मत हेतु कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ख) विभाग द्वारा सिंचाई हेतु कितनी नहरें एवं उनकी डिस्‍ट्रीब्‍यूटरियों का सीमेन्‍टीकरण कर दिया गया है और कितनी नहरें एवं डिस्‍ट्रीब्‍यूटरियों सीमेन्‍टीकरण होने से वंचित रह गई है? उनके सीमेन्‍टीकरण के लिए विभाग द्वारा क्‍या कार्ययोजना निर्धारित की गई है? क्‍या वंचित नहरों का सीमेन्‍टीकरण किया जा सकेगा? (ग) वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक सीमेन्‍टीकरण एवं तालाबों के मरम्‍मतीकरण हेतु कितनी रा‍शि व्‍यय की गई है? किए गए कार्य का पृथक-पृथक विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित क्षतिग्रस्‍त तालाब एवं वंचित नहरों का सीमेन्‍टीकरण किसानों की सिंचाई को सुविधाजनक बनाने हेतु क्‍या प्रयास किए गए हैं एवं उन पर कब से कार्य प्रारंभ हो सकेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में 5 निमज्जित तालाब क्षतिग्रस्‍त हैं जिनमें से 2 क्रमश: कुंअरपुरा और भैसोरा टूटे हुए हैं। जी नहीं, निमज्जित तालाब चमरगवां को छोड़कर शेष 4 मरम्‍मत के लिए ग्रामोदय से भारत उदय अभियान के दौरान चिन्हित किए गए हैं। (ख) चंबल कॉम्‍पलेक्‍स परियोजना की नहरों के सीमेंटीकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। शेष नहर प्रणाली कच्‍ची है। उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधन पूर्व से स्‍वीकृत परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने से शेष नहर प्रणाली के सीमेंटीकरण का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) जानकारी प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के उत्‍तर अनुसार है।

परिशिष्ट - ''तैंतालीस''

विधायक निधि एवं विधायक स्‍वेच्‍छानुदान राशि

174. ( क्र. 3164 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कुछ विभाग एवं निर्माण एजेंसियों को विधायक निधि कार्य एवं राशि की स्‍वीकृति प्रदेश स्‍तर पर आयुक्‍त आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के माध्‍यम से की जाती है, इससे स्‍वीकृति एवं राशि की प्राप्ति में दो तीन माह का समय लगता है जबकि नियमानुसार कार्यों की स्‍वीकृति 30 दिवस के भीतर कर दी जाना चाहिए. यदि हाँ, तो क्‍या सभी विभागों की स्‍वीकृति जिला स्‍तर पर दिये जाने के आदेश प्रदान करेंगें? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक विधायक स्‍वेच्‍छानुदान से कितने हितग्राहियों को सहायता राशि प्रदान की गई है एवं उनमें से कितने हितग्राहियों को बैंक खाते में राशि प्राप्‍त हो गई है और जिन हितग्राहियों को राशि प्राप्‍त नहीं हुई है उनके नाम एवं राशि प्राप्‍त न होने के कारण, उन कारणों को दूर करने हेतु की गई कार्यवाही एवं कब तक राशि प्राप्‍त हो जावेगी, बतायें. (ग) सत्र फरवरी अप्रैल 2016 में मान. मंत्री महोदय द्वारा की गई घोषणा अनुसार मुड़वारा विधान सभा में विधायक स्‍वेच्‍छानुदान की रा‍शि के चैक के माध्‍यम से वितरित की जा रही है या नहीं. यदि नहीं, तो क्‍यों और जिम्‍मेदार अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक मान. मंत्री महोदय की घोषणानुसार चैक से राशि वितरण प्रारंभ किया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक 813 हितग्राहियों को राशि का भुगतान किया गया है। कुल 06 हितग्राहियों को उनके बैंक खाते की सही जानकारी न होने के कारण राशि भुगतान नहीं की जा सकी। संबंधित हितग्राहियों के बैंक खाते की सही जानकारी प्राप्त करने हेतु कार्यालय के पत्र क्रमांक 844, दिनांक 30.6.2016 प्रेषित किया गया। जानकारी प्राप्त होते ही राशि भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय कटनी में विधायक एवं मंत्री स्वेच्छानुदान के चैक से राशि भुगतान संबंधी वित्त विभाग के आदेश प्राप्त नहीं होने से वितरण प्रारम्भ नहीं हुआ है। किसी के दोषी न होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। वित्त विभाग के आदेश की प्रति प्राप्त होने के उपरान्त चैक से भुगतान की व्यवस्था प्रारम्भ हो सकेगी।

खेजडि़या तालाब के वेस्‍ट वियर की ऊँचाई

175. ( क्र. 3175 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के खेजडि़या तालाब का निर्माण कितने हेक्‍टेयर भूमि में किया गया है? तालाब में कितना पानी संग्रहण किया जाता है कितने हेक्‍टेयर भूमि संचित की जा रही है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित तालाब के वेस्‍ट वियर की ऊँचाई कम होने के कारण संपूर्ण तालाब में पानी का संग्रहण नहीं होता है? क्‍या किसानों द्वारा वेस्‍ट वियर की ऊँचाई बढ़ाने की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या उस तालाब का निरीक्ष्‍ाण किया गया? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा कब किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित तालाब के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन विभाग उपसंभाग शुजालपुर ने पत्र क्र. 216 दि. 20.08.14 के द्वारा प्रश्‍नकर्ता के पत्र के उत्‍तर‍ में 80 से.मी. ऊँचाई बढ़ायी जा सकती है, का उल्‍लेख किया है क्‍या यह गलत है वर्तमान कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग संभाग शाजापुर ने प्रश्‍नकर्ता को पत्र     क्र. 2647 दि. 07.06.2016 द्वारा अवगत कराया गया कि वेस्‍ट वियर ऊँचाई नहीं बढ़ाई जा सकती है? दोनों में से कौन सही है? (घ) वर्तमान कार्यपाल यंत्री द्वारा तालाब का दिनांकवार कब-कब निरीक्षण किया गया? यदि निरीक्षण नहीं किया फिर शासन हर खेत तक पानी पहुँचाने के उद्देश्‍य को कैसे पूरा करेगा।

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) खेजडि़या तालाब का डूब क्षेत्र 33.70 हेक्‍टर होकर जल संग्रहण क्षमता 0.763 मि.घ.मी. है। 150 हेक्‍टर भूमि में सिंचाई की जाती है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। अभियंतागण श्री एम.के.जैन, श्री वाय.के.गर्ग एवं       श्री आर.के. सांखला द्वारा दिनांक 06.07.2016 को निरीक्षण किया। (ग) जी नहीं, तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी श्री नवीन कमठान द्वारा दी गई जानकारी तकनीकी आधार पर त्रुटिपूर्ण है। बांध सुरक्षा और तकनीकी कारणों से बांध वेस्‍ट वियर की ऊँचाई नहीं बढ़ाए जाने का कार्यपालन यंत्री का अभिमत तकनीकी रूप से उचित है।       (घ) दिनांक 06.07.2016 को। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

फीडर सेपरेशन के गुणवत्‍ताविहीन कार्य की जाँच

176. ( क्र. 3176 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभाग शुजालपुर के अंतर्गत फीडर सेपरेशन का कार्य किन-किन कंपनियों द्वारा किया गया तथा वर्तमान में किन कंपनियों द्वारा किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित कार्य गुणवत्‍ताविहीन होने की शिकायतें लगातार आ रही हैं, क्‍या शिकायतों की जाँच करायी गई है? गुणवत्‍ताविहीन कार्य होने के कारण संभाग में 900 पोल बारिश प्रारंभ होते ही गिर गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन गाँवों के पोल गिरे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित कार्य में क्‍या ग्राम देवनखेड़ी में घटिया पोल लगाने के कारण पोल पर तार लगाते समय ही पोल टूट गया और एक मजदूर की मौत हो गई? यदि हाँ, तो घटिया पोल लगाने वाली कंपनी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?        (घ) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित कार्य गुणवत्‍ताविहीन होने से लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं, क्‍या गाँव-गाँव में लगाये गये घटिया पोल व सामग्री की जाँच करायी जायेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) संचालन/संधारण संभाग शुजालपुर में फीडर सेपरेशन के कार्य हेतु अवार्ड मेसर्स शेलटेक ऑटोमेशन प्रा.लि. हैदराबाद को जारी किया गया था। किन्‍तु अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य निष्‍पादित नहीं करने के कारण उक्‍त ठेकेदार एजेंसी से किया गया अनुबंध दिनांक 15.08.2015 को निरस्‍त किया जा चुका है। वर्तमान में प्रश्‍नाधीन शेष कार्य ठेकेदार एजेंसी मेसर्स अग्रवाल पॉवर प्रा.लि. भोपाल एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एस.टी.सी. संभाग शाजापुर के द्वारा विभागीय तौर पर किया जा रहा है। (ख) प्रश्‍नाधीन कार्य की गुणवत्‍ता के संबंध में कुछ शिकायतें प्राप्‍त हुई थी। उक्‍तानुसार प्राप्‍त शिकायतों की जाँच, कार्य की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिये नियुक्‍त थर्ड पार्टी एजेन्‍सी मेसर्स मे.इ.आर.डी.ए, बड़ौदा एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर की गई है तथा कार्य में त्रुटि अथवा कार्य की गुणवत्‍ता में कमी पाए जाने पर ठेकेदार एजेंसी से इनका निराकरण कराया गया है। वर्षा के मौसम में आये आंधी-तूफान के कारण फीडर सेपरेशन योजनान्‍तर्गत किये गये कार्यों में 67 पोल क्षतिग्रस्‍त हुए हैं। जिन ग्रामों में पोल क्षतिग्रस्‍त हुए हैं, उनकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। ग्राम देवनखेड़ी में विद्युत लाईन की पेडों से सुरक्षित दूरी बनाये जाने के लिये की जा रही छंटाई के दौरान विद्युत लाईन पर पेड़ की डाल गिरने के कारण एक श्रमिक की मृत्‍यु हुई थी। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में विद्युत पोल बनाने वाली कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) जी नहीं, निर्धारित मापदण्‍डों के अनुरूप गुणवत्‍तापूर्ण कार्य कराया जा रहा है। कार्य की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने हेतु थर्ड पाटी एजेंसी मे.इ.आर.डी.ए., बड़ौदा एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा सतत् रूप से जाँच/निरीक्षण किया गया है। फीडर सेपरेशन के कार्य में उपयोग की जाने वाली सामग्री भारतीय मानक (आई.एस.) के अनुरूप क्रय की जाती है तथा क्रय करने के पूर्व सामग्री का परीक्षण थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी से कराया जाता है। सामग्री प्राप्‍त हाने के पश्‍चात् सामग्री की रेण्‍डम सेम्‍पलिंग कर सामग्री का परीक्षण एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशाला में कराया जाता है। अत: पोल एवं अन्‍य विद्युत सामग्री की अन्‍य कोई जाँच कराने की आवश्‍यकता नहीं है।

परिशिष्ट - ''चौवालीस''

राजगढ़ जिले में किये गये स्‍थानांतरण

177. ( क्र. 3183 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा क्‍या वर्ष 2015-16 में जिले के अंतर्गत तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के स्‍थानान्‍तरण जिले के मा. प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर किये जाने के निर्देश थे? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) क्या वर्ष 2015-16 में राजगढ़ जिले की मा. प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर राजगढ़ में कलेक्‍टर कार्यालय सहित अन्‍य सभी कार्यालयों के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के स्‍थानांतरण किये गये हैं एवं क्‍या स्‍थानांतरित कर्मचारी आज भी अपने स्‍थानांतरित स्‍थल पर कार्यरत् हैं? (ग) यदि नहीं, तो ऐसे कितने स्‍थानांतरित कर्मचारी हैं जिनका प्रशासकीय स्‍थानान्‍तरण किया गया था, परन्‍तु वे उक्‍त स्‍थल पर कार्यरत नहीं होकर अन्‍यत्र पदस्‍थ हो गये हैं? उनका नाम, पदनाम, स्‍थान तथा उक्‍त स्‍थल पर कार्यरत नहीं होने का कारण सहित बतावें? (घ) क्‍या राजगढ़ जिले के जिस सहायक ग्रेड-3 का प्रशासकीय स्‍थानांतरण मा. प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर राजगढ़ जिला मुख्‍यालय से अन्‍यत्र तहसील में किया गया था उसकी सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदोन्‍नति कर पुन: राजगढ़ जिला मुख्‍यालय के खाद्य विभाग में पदस्‍थ किया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त कर्मचारी का नाम, पदनाम, पदस्‍थापना, स्‍थल बतावें? (ड.) मा. प्रभारी मंत्री की अनुशंसा से जिला मुख्‍यालय राजगढ़ से अन्‍य तहसील में प्रशासकीय स्‍थानांतरण होने के बावजूद भी पुन: जिला मुख्‍यालय राजगढ़ में ही 3 माह बाद पदोन्‍नति कर पदस्‍थ करने के कारण सहित पदोन्‍नति स्‍थल प्रस्‍तावित करने वाले कर्मचारी/अधिकारी का नाम बतावें? उक्‍त अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति वर्ष 2015-16 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। स्‍थानान्‍तरित समस्‍त कर्मचारी अपने-अपने स्‍थानान्‍तरित स्‍थल पर उपस्थित हो चुके हैं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। श्री वीरेन्‍द्र सिंह झाला, सहायक ग्रेड-2, जिला कार्यालय खाद्य शाखा। (ड.) तहसील कार्यालय ब्‍यावरा में सहायक ग्रेड-2 का पद रिक्‍त न होने एवं जिला मुख्‍यालय में सहायक ग्रेड-2 के चार पद रिक्‍त होने तथा खाद्य शाखा में पदस्‍थ लिपिक श्री मसूद खान सहायक ग्रेड-2 की आकस्मिक मत्‍यु होने से पद रिक्‍त होने के कारण प्रभारी अधिकारी श्रीमती निमिषा जायसवाल द्वारा रिक्‍त पदों के आधार पर प्रस्‍तावित किया गया था। अत: किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नगरपालिका राजगढ़ एवं खुजनेर में सीवेज लाईन की स्‍वीकृति

178. ( क्र. 3184 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ की जिला मुख्‍यालय की नगरपालिका राजगढ़ अंतर्गत राजगढ़ शहर का निकलने वाला गंदा पानी नगर की जीवनदायिनी नेवज नदी में मिल रहा है जिससे पानी दूषित हो रहा है और जनता के स्‍वास्‍थ्‍य पर विपरीत असर पड़ रहा है? (ख) इसी प्रकार नगर परिषद् खुजनेर अंतर्गत नगर खुजनेर का निकलने वाला गंदा पानी भी नगर के समीप बड़लावदा बांध में मिल रहा है जिससे पानी दूषित हो रहा है और जनता के स्‍वास्‍थ्‍य पर विपरीत असर पड़ रहा है? (ग) उक्‍त दोनों नगरीय क्षेत्र में नगर से निकलने वाले गंदे पानी को रोकथाम के लिए क्‍या-क्‍या उपाय किये जा रहे हैं? (घ) क्‍या गंदे पानी की रोकथाम हेतु सीवेज पाईप लाईन डाली जावेगी? यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ की जिला मुख्‍यालय की नगरपालिका राजगढ़ एवं नगर परिषद् खुजनेर में सीवेज पाईप लाईन कब तक स्‍वीकृत की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। नालों को नदी में मिलने से पूर्व बड़े-बड़े सोख्‍या गड्ढे खोदकर गंदगी रोकी जाती है। पानी छनकर नदी में मिलता है। (ख) जी नहीं। खुजनेर नगर में सारण नाले का पानी बड़लावदा बांध में नगर के पेय-जल हेतु बने इन्‍टेकवेल से लगभग एक किलोमीटर दूर मिलता है। निकाय द्वारा जल शुद्धिकरण के उपरांत ही नगर में जल वितरित किया जाता है। (ग) नगर पालिका राजगढ़ व्‍दारा 17.99 करोड़ की योजना तैयार की गई है। नगर परिषद् खुजनेर द्वारा कार्ययोजना तैयार कराई जा रही है। (घ) निकायों की कार्ययोजना के परीक्षण उपरांत उचित कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बजाया जाना संभव नहीं है।

सिंहस्‍थ, 2016 में कार्यरत कर्मचारियों को सम्‍मान राशि का भुगतान

179. ( क्र. 3200 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्‍थ, 2016 में विभिन्‍न व्‍यवस्‍थाओं में कितने कर्मचारी/दैनिक वेतन भोगी तैनात किये गये? विभागवार ब्‍यौरा देवें। (ख) क्‍या उन्‍हें दैनिक भत्‍ते के अतिरिक्‍त कोई सम्‍मान राशि देने की घोषणा की गई? यदि हाँ, तो कितनी? (ग) किन-किन कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगी को सम्‍मान राशि दी गई?    कौन-कौन कर्मचारी सम्‍मान राशि प्राप्‍त करने से वंचित रहे? (घ) उक्‍त राशि भुगतान न हो पाने का क्‍या कारण है? शेष रहे कर्मचारियों को भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) सिंहस्‍थ 2016 में विभिन्‍न विभागों/कार्यालयों के लगभग 37733 अधिकारी/कर्मचारी/दैनिक वेतन भोगी संलग्‍न किये गये थे। विभाग/कार्यालयवार पत्रक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सिंहस्‍थ में तैनात कर्मचारियों को रू. 5000/- प्रति व्‍यक्ति प्रोत्‍साहन राशि दिये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (ग) एवं (घ) ''ख'' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''पैंतालीस''

मुख्‍य नगर पालिका अधिकारियों का निलंबन

180. ( क्र. 3201 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर परिषद्, नगर पालिकाओं में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के पदांकन/निलंबन के अधिकार किसे है? (ख) विगत तीन वर्षों में प्रदेश के कितने एवं किन-किन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी का निलंबन किनके द्वारा किया गया? (ग) क्‍या निलंबन के अधिकार जिला कलेक्‍टर को है? यदि हाँ, तो किन नियमों के अंतर्गत? यदि नहीं, तो किस अधिकार से निलंबन किये गये? (घ) क्‍या इस संबंध में शासन स्‍पष्‍ट दिशा-निर्देश जारी करेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर परिषद्, नगर पालिकाओं में मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी के पदांकन/निलंबन के अधिकार म.प्र. नगर पालिका सेवा (कार्यपालन) नियम, 1973 के नियम 32 तथा 36 के तहत् नियुक्ति प्राधिकारी (राज्‍य शासन) या संभागीय आयुक्‍त, (राजस्‍व) या संचालक (आयुक्‍त) नगरीय प्रशासन एवं विकास को अधिकार निहित हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) मध्‍यप्रदेश नगर पालिका सेवा (कार्यपालन) नियम, 1973 के नियम 32 तथा 36 के तहत् कलेक्‍टर को मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को निलंबित किए जाने के अधिकार नहीं है। अपितु कलेक्‍टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में निर्वाचन कार्य के परिप्रेक्ष्‍य में मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को कलेक्‍टर तथा जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा निलंबित किया जा सकता है। (घ) शासन द्वारा परिपत्र क्रमांक–428/18-3/90, दिनांक 09.03.1990 द्वारा जिला कलेक्‍टरों को आवश्‍यक निर्देश जारी किये गये हैं। निर्देश की प्रति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र अनुसार है।

परिशिष्ट - ''छियालीस''

निर्वाचित विधायकों के निज सहायक

181. ( क्र. 3211 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को भी निर्वाचित विधायक को निज सहायक के रूप में पदस्‍थ करने संबंधी आदेश जारी किये हैं? आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें? क्‍या विधायक के निज सहायक के रूप में पदस्‍थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमितीकरण की कोई योजना शासन के विचार में है? (ख) यदि हाँ, तो विधायक के निज सहायक के रूप में पदस्‍थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को शासन कब तक नियमित कर देगा? (ग) यदि नहीं, तो क्‍या शासन विधायक के निज सहायक के रूप में पदस्‍थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को मानवीय आधार पर नियमित करने संबंधी कोई योजना बनाकर विचार कर रहा है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

उज्‍जैन सिंहस्‍थ, 2016 सामग्री खरीदी में अनियमितता

182. ( क्र. 3220 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्‍जैन सिंहस्‍थ वर्ष 2016 में 01.03.2015 टेंडर प्रक्रिया से एवं बिना टेंडर प्रक्रिया से दिनांक 20.04.16 तक कितनी सामग्री किन फर्मों से क्रय की गई जानकारी फर्मवार, फर्म द्वारा प्रस्‍तुत बिल, फर्म को भुगतान रसीद सहित माहवार देवें? टेंडर, बिना टेंडर पृथक-पृथक देवें? दिनांक 01.03.15 से 20.04.16 तक बतावें? (ख) क्‍या कारण है दवाओं एवं सर्जिकल आयरनों की खरीदी बाजार मूल्‍य से कई गुना अधिक दर पर की गई? ऐसी समस्‍त दवाओं एवं सर्जिकल आयरनों की खरीदी की जानकारी फर्मवार, फर्म द्वारा प्रस्‍तुत बिल सहित माहवार देवें? (ग) खरीदी में भ्रष्‍टाचार करके शासन को नुकसान पहुँचाने वाले अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही करेंगे? समय-सीमा बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बैतूल जिले के खनिज प्रकरण

183. ( क्र. 3224 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बैतूल जिले में विगत 3 वर्षों में गौण खनिज खनन एवं गौण खनिज परिवहन के प्रकरण अपर कलेक्‍टर एवं अनुविभागीय अधिकारियों के समक्ष प्रस्‍तुत किए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त अवधि में किस-किस के विरूद्ध कितने गौण खनिज के बनाए गए प्रकरण अपर कलेक्टर के समक्ष प्रस्‍तुत किए गए हैं और कितने प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व के समक्ष प्रस्‍तुत किए गए हैं?      (ग) उपरोक्‍त प्रकरणों में किस-किस मात्रा की कौन-कौन सी गौण खनिज के लिए    क्‍या-क्‍या अर्थदंड दिया गया है? इन प्रकरणों में विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या अर्थदंड प्रस्‍तावित किया गया है? (घ) म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 (5) में अपर कलेक्‍टर को बाजार मूल्‍य का 10 गुना अर्थदंड किए जाने के बजाय कम अर्थदंड किए जाने का अधिकार राज्‍य शासन ने कब प्रदान किया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (घ) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 (5) में कलेक्‍टर/अपर कलेक्‍टर/उप संचालक/खनि अधिकारी, प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा प्रभारी उड़नदस्‍ता या जिला/जनपद/ग्राम सभा द्वारा अधिकृत अधिकारी उपनियम (1) के अधीन किए गए ऐसे अपराध के संबंध में, अभियोजन संस्‍थापन के पहले या उसके पश्चात् ऐसे जुर्माने के, जो उत्‍खनित खनिज के बाजार मूल्‍य से दस गुने तक हो सकता है, किन्‍तु किसी भी मामले में रूपए एक हजार से कम नहीं होगा अथवा ऐसे उत्‍खनित खनिज के स्‍वामित्‍व (रॉयल्‍टी) के बीस गुने से, इनमें से जो भी अधिक हों, का भुगतान करने के पश्चात् प्रशमन किए जाने का प्रावधान पूर्व से प्रचलित है। अत: प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

छिंदवाड़ा जिले को कार्यों की स्‍वीकृति

184. ( क्र. 3227 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पर्यटन विभाग से वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में छिंदवाड़ा जिले को जिन कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गई थी, क्‍या वे सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? क्‍या कुछ निर्माण कार्य अभी भी अपूर्ण हैं? अगर ये निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किए गए तो निर्माण कार्य पूर्ण नहीं किए जाने का क्‍या कारण हैं? (ख) पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में छिंदवाड़ा जिले में किए गये निर्माण कार्यों के लिए जो राशि आवंटित की गई थी तथा विभाग द्वारा जो स्‍टीमेट दिया गया था, क्‍या संबंधित विभाग या ठेकेदार द्वारा ठीक उसी प्रकार कार्य को पूर्ण किया गया है? अगर जो कार्य वर्क-आर्डर या स्‍टीमेट के आधार पर नहीं किए गये हैं तो उन कार्यों की उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जायेगी एवं गलत किए गये निर्माण कार्यों के लिए विभाग द्वारा संबंधित विभाग या ठेकेदार के ऊपर कार्यवाही की जायेगी? (ग) पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष 2013-14 में छिंदवाड़ा जिले के लिए जो निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान की गई थी, क्‍या उन निर्माण कार्यों के बिलों का भुगतान संबंधित विभाग या ठेकेदारों को किया जा चुका है?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। भारत सरकार से राशि अप्राप्‍त होने के कारण निर्माण कार्य अपूर्ण हैं। (ख) जी हाँ। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ।

समय पर ट्रांसफार्मर स्‍थापित न होना

185. ( क्र. 3229 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में विभाग के आदेश क्र. ADB III/ppr 42 के अंतर्गत 66 नं. एवं SSTD/पैकेज 792/आदेश 33 दिनांक 03.11.2014 के अंतर्गत 72 नं. कुल 138 नं. के तहत कितने ट्रांसफार्मर में श्रीराम स्‍टील गियर प्रा.लि. रतलाम द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक लगाये गये कितने शेष हैं? (ख) कितने ट्रांसफार्मर चार्ज कर प्रारंभ कर दिए गए हैं, उनकी सूची देवें? (ग) कार्य में विलंब के लिए कंपनी पर क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) इस विलंब की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक एमडी/डब्‍ल्‍यूझेड/06/कार्य/एडीबी-III/पीपीआर-42/ 20/709 दिनांक 13.01.2014 के तहत् मेसर्स श्री राम स्विच गियर प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम द्वारा 66 वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये जाने के कार्य में से प्रश्‍न दिनांक तक 25 वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्रमांक प्र.नि./पक्षे/06/एसएसटीडी/ पैकेज 792/आदेश 33/18927 दिनांक 03.11.2014 के तहत् मेसर्स श्री राम स्विच गियर प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम द्वारा 72 वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये जाने के कार्य में से प्रश्‍न दिनांक तक 16 वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित करने का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इस प्रकार कुल 138 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 41 वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये जा चुके हैं। एडीबी-III पी.पी.आर. 42 योजना में 41 एवं एस.एस.टी.डी. योजना में 56, इस प्रकार कुल 97 वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित करना शेष है। (ख) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन स्‍थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से एडीबी- III पीपीआर 42 योजना में स्‍थापित किये गये 21 वितरण ट्रांसफार्मर चार्ज कर विद्युत प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है, जिनकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में एसएसटीडी पैकेज 792 में प्रश्‍नाधीन स्‍थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से 16 वितरण ट्रांसफार्मर चार्ज कर विद्युत प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है, जिनकी सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। इस प्रकार प्रश्‍नाधीन स्‍थापित किये गये ट्रांसफार्मरों में से कुल 37 वितरण ट्रांसफार्मरों को चार्ज कर विद्युत प्रदाय आरंभ कर दिया गया है। (ग) प्रश्‍नधीन ए.डी.बी.-III पीपीआर-42 एवं एसएसटीडी पैकेज 792 योजनान्‍तर्गत मेसर्स श्री राम स्विचगियर प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम के द्वारा महिदपुर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत किये गए कार्यों के विरूद्ध अभी तक कोई भी देयक प्रस्‍तुत नहीं किया गया है। ठेकेदार एजेंसी द्वारा देयक प्रस्‍तुत करने पर कार्य में विलम्‍ब हेतु निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में पेनाल्‍टी स्‍वरूप काटी जाएगी। (घ) प्रश्‍नाधीन कार्य समय-सीमा में कराए जाने हेतु संबंधित अधिकारियों के सतत् प्रयास के बावजूद ठेकदार कंपनी द्वारा कार्य में विलंब किया गया है, अत: विलम्‍ब के लिए कोई भी अधिकारी दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - ''सैंतालीस''

महिदपुर वि.स. क्षेत्र में संचालित दुकानें

186. ( क्र. 3230 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर वि.स. क्षेत्र में बिना टिन नंबर लिए कितनी फर्म, दुकानें संचालित हैं, उनकी सूची देवें? (ख) श्री कृषि सेवा केन्‍द्र नगर पालिका महिदपुर एवं अन्‍य फर्मों, दुकानों द्वारा अभी तक टिन नंबर क्‍यों नहीं लिया गया? कारण बतावें? (ग) जिन फर्मों, दुकानों द्वारा टिन नंबर नहीं लिया उनकी गुमाश्‍ता एवं अन्‍य जान‍कारियां लेकर कब तक सेल टैक्‍स एवं पेनाल्‍टी लगा दी जाएगी? इसकी वसूली कब तक होगी?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) व्यवसायियों के द्वारा पंजीयन हेतु आवेदन करने पर उन्हें टिन जारी किए जाते हैं। वैधानिक प्रावधानों के अनुसार व्यवसायी के आयातकर्ता होने पर एक वित्तीय वर्ष में सकल विक्रय सीमा 5 लाख से अधिक एवं अन्य व्यवसायियों के लिए सकल विक्रय सीमा 10 लाख से अधिक होने पर व्यवसायी द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत कर टिन प्राप्त किया जाता है। किन्तु विभाग को किसी भी अन्य स्त्रोत से यह जानकारी प्राप्त होती है कि व्यवसायी द्वारा उपरोक्त सीमा को पार करने के बाद भी टिन नहीं लिया गया है तो उनके विरूद्ध कर दायित्व निश्चित करने की कार्यवाही की जाती है। करदायित्व निश्चित किए जाने के बाद भी टिन व्यवसायी के आवेदन पर ही प्रदाय किया जाता है। जिन दुकानों के संबंध में यह जानकारी प्राप्त हुई है कि करदायित्व की सीमा पार करने के बावजूद उनके द्वारा टिन प्राप्त नहीं किया गया है, उनके विरूद्ध करदायित्व निश्चित करने हेतु प्रकरण संस्थापित किया गया है उनका विवरण प्रश्नांश '' के उत्तर में दिया गया है। (ख) मे. श्री कृषि सेवा केंद्र, महिदपुर के संबंध में करदायित्व निर्धारण की कार्यवाही संस्थापित है। नगर पालिका महिदपुर की अन्य अपंजीयत फर्मों के विरूद्ध भी करदायित्व प्रकरण संस्थापित किए गए हैं। जिनमें मे. मनीष मावा भंडार, भीमाखेड़ा रोड महिदपुर, मे. रातडिया स्टील फर्नीचर, शासकीय अस्पताल के सामने महिदपुर, न्यू स्टेंडर्ड शू पेलेस, गाँधी मार्ग महिदपुर, मे. रंगरेज शू पेलेस, सुवायत कॉम्पलेक्स महिदपुर, श्री कृषि सेवा मंदिर, नगर पालिका कॉम्‍पलेक्स, महिदपुर शामिल हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित सीमा से अधिक सकल विक्रय होने के संबंध में जानकारी प्रकाश में आने पर कर दायित्व निश्चित करने संबंधी कार्यवाही संस्थापित कर नियमानुसार टैक्स एवं पेनाल्टी वसूली की कार्यवाही की जाती है।

कर चोरी व बिना टिन नं. के प्रकरण

187. ( क्र. 3232 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन, बड़वानी एवं धार जिलों में विभाग के अधि‍कारियों ने कितने छापे मारे? दिनांक 01.01.14 से 30.06.16 तक जानकारी फर्म का नाम, स्‍थान नाम, माहवार देवें? जिलावार बतावें? (ख) उपरोक्‍त छापों में कितनी कर चोरी पाई गई एवं उस पर कितनी पेनाल्टी लगाई, वसूली गई, लंबित है की जानकारी फर्मवार, स्‍थान नाम, माहवार देवें? जिलावार बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (क) समयावधि अनुसार बिना टिन नंबर के कितनी फर्में कार्य करते पाई गई एवं इन पर क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या इनकी गुमाश्‍ता व बैंक जानकारी लेकर इन पर पेनाल्टी लगाई गई? यदि हाँ, तो पूरी जानकारी फर्मवार, स्‍थान नाम, पेनाल्टी जानकारी सहित जिलावार देवें? (घ) जिन फर्मों पर पेनाल्टी व टैक्‍स लंबित है उनसे वसूली कब तक कर ली जावेगी? कर चोरी रोकने व बिना टिन नं. कारोबार रोकने में असफल अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) खरगोन, बड़वानी एवं धार जिलों में विभाग के अधिकारियों द्वारा दिनांक 01.01.2014 से 30.06.2016 तक 46 फर्मों पर छापे की कार्यवाही की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नं. 2 एवं 3 पर अंकित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार छापों में पाई गई कर चोरी, लगाई पेनाल्‍टी तथा वसूली एवं लंबित की फर्मवार, स्‍थान नाम एवं माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नं. 4,7,8 एवं 9 पर अंकित है। (ग) उपरोक्‍त समयावधि में बिना टिन नंबर के कार्यरत 6 फर्मों पर छापे की कार्यवाही की गई। इनमें से एक फर्म मेसर्स अभय टेलीकॉम, बदनावर में कर निर्धारण की कार्यवाही व्‍यवसायी की अनुपस्थिति की दशा में एकपक्षीय की गई है। गुमाश्‍ता व बैंक से जानकारी लेकर कोई पेनाल्‍टी नहीं लगाई गई है। व्‍यवसायी के जप्‍त रिकार्ड के आधार पर कर व शास्ति निरूपित की गई है विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम नं. 2 के अनुक्रमांक 9,10,11,13,14 एवं 30 पर अंकित है। (घ) जिन प्रकरणों में कर निर्धारण के पश्चात् अतिरिक्‍त माँग निकाली गई, उनमें से मात्र 4 प्रकरणों में राशि रूपये 48.59 लाख की वसूली शेष है, जिसकी नियमानुसार वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। कर चोरी रोकने एवं बिना टिन नंबर कारोबार रोकने के प्रयास जारी है। अत: अधिकारियों पर शासन द्वारा कार्यवाही करने की स्थिति उत्‍पन्‍न नहीं होती है।

एल.ए.डी.एफ. राशि का भुगतान

188. ( क्र. 3236 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या चंदला विधान सभा क्षेत्र में मे. फारच्‍यून स्‍टोन लिमिटेड को स्‍वीकृत ग्रेनाईट खदानों से स्‍टेट माइनिंग कार्पोरेशन को रॉयल्‍टी के बराबर ही एल.ए.डी.एफ. (लोकल एरिया डेवल्‍पमेंट फण्‍ड) की राशि भुगतान करने अनुबंध किया गया था? (ख) मे. फारच्‍यून स्‍टोन लि‍मिटिड द्वारा 31.3.16 तक माइनिंग कार्पोरेशन को कितनी एल.ए.डी.एफ. की राशि 31.3.16 तक संबंधित ग्राम को दी जा चुकी है?      (ग) स्‍टेट माइनिंग कार्पोरेशन द्वारा संबंधित खदान के ग्राम विकास हेतु कितनी एल.ए.डी.एफ. की राशि संबंधित ग्राम को दी जा चुकी है? (घ) माइनिंग कार्पोरेशन द्वारा एल.ए.डी.एफ. की राशि संबंधित ग्राम के विकास हेतु कब से नहीं दी जा रही है? न देने के लिए कौन दोषी है उनके ऊपर क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या L.A.D.F. की राशि ग्रामों को दी जायेगी समय-सीमा बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी हाँ। (ख) मेसर्स फारच्‍यून स्‍टोन लिमिटेड द्वारा कोई भी राशि सीधे ग्रामों को नहीं दी जाती है। कंपनी द्वारा मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम को एल.ए.डी.एफ. की राशि का भुगतान किया जाता है। मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा वर्तमान अवधि तक राशि रूपये 33,80,894/- की राशि ग्राम पंचायतों हेतु दी गई है। (ग) प्रश्‍नांश की जानकारी प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर में दी गई है। (घ) विभाग द्वारा पत्र दिनांक 24.06.2005 के तहत खनिज ग्रेनाईट से प्राप्‍त स्‍थानीय क्षेत्र विकास राशि को लेखा शीर्ष 0853 में जमा करने के निर्देश मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम को दिये गये हैं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

खनिज विभाग को भेजे गये पत्रों की जानकारी

189. ( क्र. 3237 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के चन्‍दला विधान सभा क्षेत्र में बालू के अवैध उत्‍खनन के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा 2014 से जून 2016 तक कितने आवेदन पत्र खनिज विभाग तथा म.प्र. शासन को दिये गये हैं? (ख) म.प्र. शासन से एवं भारत सरकार को प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिये गये कितने आवेदन पत्र अवैध उत्‍खनन के संबंध में प्राप्‍त हुए? आवेदन पत्रों की दिनांक एवं भेजने वाले अधिकारियों के नाम सहित सूची उपलब्‍ध करायें? (ग) खनिज विभाग छतरपुर द्वारा प्राप्‍त सभी आवेदन पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण बतायें? (घ) क्‍या शासन के नियमानुसार विधायक के पत्रों का जवाब 7 दिवस के अंदर देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो पत्रों का जवाब न देने वाले खनिज अधिकारी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब पर दर्शित है। (ख) विभाग को प्राप्‍त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। भारत सरकार को प्रस्‍तुत पत्र की जानकारी विभाग में उपलब्‍ध नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' में दर्शित है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार पत्रों का जबाव दिया गया है। अत: शेष कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राजीव गाँधी विद्युतीकरण के तहत छूटे ग्राम

190. ( क्र. 3240 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले अंतर्गत सिहावल विधान सभा क्षेत्र में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत कितने गाँव छूटे हुए हैं? इन्‍हें परियोजना में कब तक जोड़कर विद्युतीकरण किया जावेगा? (ख) सीधी जिले में विगत कई माहों से कई ट्रांसफार्मर खराब हैं, जिन्‍हें बदला नहीं गया, क्‍यों? क्‍या विभाग के पास ट्रांसफार्मर की कमी है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सीधी जिले के सिंहावल विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (वर्तमान में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना) के तहत् कोई भी अविद्युतीकृत ग्राम विद्युतीकरण हेतु शेष नहीं है। (ख) सीधी जिले में वर्तमान में 16 फेल ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष हैं जो इन ट्रांसफार्मरों से संबद्ध उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण नहीं बदले जा रहे हैं। वितरण कंपनी के पास पर्याप्‍त मात्रा में ट्रांसफार्मर उपलबध हैं। नियमानुसार बकाया राशि जमा होने पर प्रश्‍नाधीन बदलने हेतु शेष ट्रांसफार्मरों को बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी।

टेण्‍डर प्रक्रिया में की गई अनियमितताओं की जाँच

191. ( क्र. 3249 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बान सुजारा बांध परियोजना से संबंधित कार्यों के लिये वित्‍तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी निविदाएं आमंत्रित की गई? निविदा क्र. आई.डी.क्र. कार्य का नाम एवं राशि तिथिवार अवगत करायें? (ख) उक्‍त निविदाओं में कौन-कौन से निविदाकारों ने पूर्व अर्हता (प्रीक्‍वालीफिकेशन) टेण्‍डर भरे? निविदाओं का नाम, प्रत्‍येक टेण्‍डर का अलग-अलग बताएं तथा टेण्‍डर की तिथि खोलने सहित बतायें? (ग) क्‍या यह सही है कि टेण्‍डर खोलने की निर्धारित तिथि के पश्चात् किसी निविदाकार से बाद में भी अतिरिक्‍त दस्‍तावेज प्राप्‍त किये गये? यदि हाँ, तो किस निविदाकार से किस निविदा के लिये किस तिथि‍ को प्राप्‍त किये गये? दस्‍तावेज लेने का कारण बताते हुये ये भी बतायें कि ऐसा करने के लिये किस नियम में प्रावधान है तथा किसे ऐसा करने का अधिकार है? नियमों की प्रति बतायें। (घ) क्‍या उपरोक्‍त कार्यवाही से किसी एक निविदाकार को लाभ पहुँचा? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्यवाही का समर्थन तथा अनुमोदन करने वाले अधिकारी का नाम, पद बतायें? यदि नहीं, तो बतायें कि निर्धारित प्रक्रिया के विरूद्ध निर्धारित तिथि के पश्चात् दस्‍तावेज क्‍यों लिये गये? क्‍या दोषी को दण्‍ड दिया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जी हाँ, निविदा क्रमांक-432 आई.डी. क्रमांक-5093 के निविदाकारों को उनके द्वारा प्रस्‍तुत निविदा के संबंध में प्रस्‍तुतीकरण करने, दस्‍तावेजों का खुलासा करने और पूरक दस्‍तावेज प्रस्‍तुत करने के लिए दिनांक 20.05.2016 एवं दिनांक 10.06.2016 को अवसर दिए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते हैं।

कुण्‍डेश्‍वर महोत्‍सव को बजट में सम्मिलित करना

192. ( क्र. 3251 ) श्री के. के. श्रीवास्‍तव : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍य प्रदेश में संस्‍कृति विभाग द्वारा महाशिवरात्रि के पर्व पर कुल कितने आयोजन प्रदेश में आयोजित किये जाते हैं? स्‍थान, कार्यक्रम का नाम, आयोजन तिथि एवं व्‍यय राशि सहित जानकारी दें? (ख) उक्‍त कार्यक्रम किस-किस वर्ष से प्रारंभ किये गये? स्‍थान, नाम सहित अवगत करायें। (ग) विगत 5 वर्षों में उक्‍त कार्यक्रमों में से ऐसे कौन-कौन से कार्यक्रम हैं, जिन्‍हें बजट में सम्मिलित नहीं किया गया? नाम, राशि सहित बतायें तथा कब तक बजट में शामिल कर लेंगे?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) ओंकारेश्‍वर में शंकर समारोह का आयोजन 6-7 मार्च, 2016 को किया गया तथा इसमें राशि रूपये 1,63,258.00 व्‍यय हुआ एवं भोजपुर में भोजपुर उत्‍सव का आयोजन 7-9 मार्च, 2016 को किया गया इसमें राशि रूपये 1,63,33,708.00 व्‍यय हुआ. (ख) वर्ष 2004 से ओंकारेश्‍वर में शंकर समारोह तथा वर्ष 2006 से भोजपुर में भोजपुर उत्‍सव का आरम्‍भ हुआ. (ग) किसी भी कार्यक्रम के लिए पृथक से बजट नियत नहीं है. विभागीय बजट से ही सभी कार्यक्रम कराये जाते हैं. विगत पाँच वर्षों में प्रश्‍नांश में वर्णित कार्यक्रम कराये गये अत: बजट में शामिल करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता.

अनियमितता की जाँच व कार्यवाही

193. ( क्र. 3255 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर परिषद् जैतहरी जिला अनूपपुर के पार्षद, नेता प्रतिपक्ष, पार्षद दल, भारतीय जनता पार्टी व सदस्‍य जिला योजना समिति श्री आंनद कुमार अग्रवाल ने नगर परिषद् जैतहरी के भ्रष्‍टाचार व धांधली की शिकायत जिला प्रभारी मंत्री के माध्‍यम से प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन तथा स्‍वत: राज्‍य मंत्री नगरीय प्रशासन व मुख्‍य मंत्री को वर्ष 2016 में की है? यदि हाँ, तो ज्ञापन/शिकायत की प्रति उपलब्‍ध कराते हुए प्रत्‍येक बिन्‍दु के आरोप के प्रमुख बिंदु व जाँच का निष्‍कर्ष क्‍या है? (ख) क्‍या वित्‍तीय अनियमितता व धांधली पर उच्‍च स्‍तरीय जाँच दल गठित कर समय-सीमा में जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या नगर परिषद् जैतहरी के अध्‍यक्ष व तत्‍कालीन सी.एम.ओ. द्वारा शॉपिंग कांपलेक्‍स की नीलामी व स्‍वीकृत में अनियमितता की जाँच नगरीय प्रशासन विभाग ने करायी है? यदि हाँ, तो आरोप के तत्‍व व जाँच प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराते हुए कार्यवाही से अवगत करावें? (घ) क्‍या शिकायत के तथ्‍यों की गंभीरता को दृष्टिगत रखकर अध्‍यक्ष के वित्‍तीय अधिकार पर स्‍थगन लगाकर जनहित व शासन के वित्‍तीय हित में निर्णय लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। शिकायत की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। शिकायत के बिन्‍दुओं एवं जाँच प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। (ख) जाँच की जाकर जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त हो गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जाँच प्रति‍वेदन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन परीक्षणाधीन है। (घ) जाँच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

खनिज का अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन

194. ( क्र. 3256 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले में विगत 02 वर्षों में कौन खनिज अंतर्गत पत्‍थर/रेत के कितन लीज़ स्‍वीकृत की गयी हैं? लीज़ धारक का नाम तथा स्‍वीकृत क्षेत्रफल सहित सूची दें? (ख) क्‍या सभी खदानों का सीमांकन किया जा चुका है? क्‍या प्रशासन द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि खनिज का उत्‍खनन लीज़ क्षेत्र में किया जा रहा है?    (ग) शहडोल जिले में विगत 3 वर्षों में खनिज के अवैध उत्‍खनन और परिवहन के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? नाम, पिता का नाम, अर्थदण्‍ड की राशि सहित सूची का विवरण दें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नांकित अवधि में स्‍वीकृत पत्‍थर उत्‍खनिपट्टा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। प्रश्‍नाधीन अवधि में रेत खनिज की कोई लीज स्‍वीकृत नहीं की गई है। (ख) स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टों में से 03 के अलावा शेष का सीमांकन हो चुका है। सभी सीमांकित खदानों में उत्‍खनन स्‍वीकृत क्षेत्र के अंदर ही किया जा रहा है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

फ्लेटों के आवंटन में अनियमितता

195. ( क्र. 3279 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत भोपाल में निर्मित किए गए फ्लेटों के वितरण में भोपाल नगर निगम के कुछ तथाकथित अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा भ्रष्‍टाचारकारित करते हुए गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के सदस्‍यों को लालच देकर तथा उनसे लाखों रूपये वसूल कर फर्जी पट्टे (मुख्‍यमंत्री आश्रय योजनांतर्गत अधिकार पत्र) जारी कर फ्लेट आवंटित किए जाने के मामले प्रकाश में आए हैं? (ख) यदि नहीं, तो क्‍या शासन जिन हितग्राहियों को फ्लेट आवंटित किए गए हैं, उनके पट्टों की निष्‍पक्ष जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों तथा प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में (पट्टे) अधिकार पत्र मुख्‍यमंत्री आश्रय योजना 2008 किन-किन लोगों को प्रदाय किये गये हैं, उनके नाम व पते सहित सूची उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या कुछ मामले ऐसे भी है कि कुछ हितग्राहियों से आवास आवंटन एवं समस्‍त दस्‍तावेजी कार्यवाही पूर्ण करने के नाम पर राशि तो ले ली गई लेकिन फ्लेट की अपेक्षा मात्र पट्टे ही प्रदान किए गए हैं? क्‍या ऐसे फर्जी पट्टे वितरित करने वालों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। कोई शिकायत निगम प्रशासन को प्राप्‍त नहीं हुई है। शेषांक का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) नगर निगम भोपाल द्वारा नियमानुसार फ्लेट आवंटित किये गये है, जिससे जाँच कराने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। वर्ष 2008 में मुख्‍य मंत्री आश्रय योजना अंतर्गत दिये गये पट्टे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। नगर निगम द्वारा पट्टे जारी नहीं किये गये है, जिससे जाँच एवं कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विद्युत बिल का भुगतान

196. ( क्र. 3280 ) श्री आरिफ अकील : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत उपभोक्‍ताओं को बिल का भुगतान किए जाने की निर्धारित तिथि से कितने दिन पूर्व बिल प्रदान किए जाने एवं कितनी राशि व कितने माह तक के विद्युत बिल का भुगतान नहीं करनें पर विद्युत कनेक्‍शन काटने का प्रावधान हैं, नियम की प्रति सहित वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में यह भी अवगत करावें कि म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के छोला, बस स्‍टैण्‍ड, बड़ाबाग, इमामीगेट और रेतघाट जोन क्षेत्रान्‍तर्गत गरीब एवं झुग्‍गी बस्‍ती क्षेत्र के किन-किन उपभोक्‍ताओं के 50 हजार या उससे अधिक राशि के विद्युत बिल के बकाया मामलों के प्रकरण बनाकर न्‍यायालय में विचाराधीन है, सूची जोनवार वर्षवार उपलब्‍ध करावें?      (ख) क्‍या पूर्व में यह व्‍यवस्‍था की गई थी कि झुग्‍गी एवं गरीब बस्तियों के रहवासियों द्वारा 300-500 रूपये माह के विद्युत बिल का भुगतान करने में असमर्थ रहते हैं, तो ऐसी स्थिति में अधिक राशि के विद्युत बिल का भुगतान कैसे करेंगे? इस दृष्टि से उक्‍त बस्तियों में 5 से 10 हजार रूपये का विद्युत बिल होने पर विद्युत कनेक्‍शन काट दिये जाने की व्‍यवस्‍था हुई थी? (ग) क्‍या कुछ उपभोक्‍ता ऐसे भी हैं जिन्‍हें एक लाख या उससे अधिक के विद्युत बिल दिये गये हैं और उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी है कि उनके घर व गृहस्‍थी के सामान की कीमत भी विद्युत बिल के बराबर नहीं है, तो क्‍या ऐसी स्थिति में ऐसे गरीब लोगों के विद्युत बिल माफ करेंगे या कोई ऐसी योजना है? यदि हाँ, तो क्‍या और यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित यह बतावें? उक्‍त गरीब लोगों की मदद के लिये शासन द्वारा योजना बनाई जावेगी? (घ) जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण झुग्‍गी बस्‍ती विद्युत उपभोक्‍ताओं के एक लाख या उससे अधिक के बिल हो गए क्‍या शासन ऐसे लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या व कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) मध्‍य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.38 के अनुसार विद्युत उपभोक्‍ताओं को विद्युत देयक का भुगतान किये जाने की दिनांक से कम से कम 07 दिवस के पूर्व विद्युत देयक प्रदाय करने का प्रावधान है। म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 9.14 के अनुसार यदि कोई उपभोक्‍ता प्राधिकृत अधिकारी के अनुमोदन के बिना निर्धारित तिथि तक किसी देयक का पूर्ण भुगतान करने में चूक करता है तो उपभोक्‍ता का (सेवा नियोजन) अस्‍थाई रूप से विच्‍छेदित किया जा सकेगा जिसके लिये उपभोक्‍ता के सेवा नियोजन का विच्‍छेद करने के पूर्व अनुज्ञप्‍तिधारी द्वारा उसे पूर्व 15 दिवस की लिखित सूचना दी जाएगी। उक्‍त नियमों/विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.38 एवं 9.14 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के छोला, बस स्‍टैण्‍ड, बड़ा बाग, इमामीगेट एवं रेतघाट जोन के अन्‍तर्गत ऐसे 121 उपभोक्‍ता जिन पर 50 हजार या उससे अधिक की राशि बकाया है तथा जिनका विद्युत कनेक्‍शन विच्‍छेदित करने के उपरांत पुन: जाँच में कनेक्‍शन संयोजित होना पाया गया, उनके नियमानुसार बनाए गए प्रकरण न्‍यायालय में विचाराधीन हैं तथा इन प्रकरणों की वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक की जोनवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '''' में दर्शाए अनुसार वर्तमान में लागू वैधानिक प्रावधानों के अनुसार विद्युत उपभोक्‍ताओं से विद्युत बिलों की बकाया राशि की नियमानुसार वसूली की जा रही है। पूर्व में प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखानुसार बकाया राशि वसूली की उक्‍तानुसार कोई व्‍यवस्‍था नहीं की गई थी। (ग) जी हाँ, कुछ उपभोक्‍ताओं द्वारा मासिक विद्युत देयकों का नियमित भुगतान नहीं करने के कारण उनके विद्युत बिलों के देयक, एक लाख रूपये या अधिक राशि के हो गये हैं। ऐसे उपभोक्‍ताओं के कनेक्‍शन नियमानुसार बार-बार विच्‍छेदित करने के उपरांत भी संबंधितों द्वारा पुन: संयोजित करने पर उनके विरूद्ध अधिनियम 2003 की धारा 138 के तहत प्रकरण बनाये गये हैं। वर्तमान में विद्युत बिलों को माफ करने की कोई योजना नहीं है। मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा घरेलू विद्युत बिलों की बकाया राशि के प्रकरणों के निराकरण हेतु 25 फरवरी 2016 से 31 मई 2016 तक ''बकाया राशि समाधान योजना'' लागू की गई थी जिसमें आंशिक बकाया राशि जमा करने पर उल्‍लेखित योजना के अनुसार शेष बकाया राशि/सरचार्ज में छूट का प्रावधान था। वर्तमान में अन्‍य कोई योजना विचाराधीन नहीं है। (घ) उत्‍तरांश '''' एवं '''' में दर्शाए अनुसार बकाया राशि की वसूली हेतु नियमानुसार कार्यवाही की गई है, अत: कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है।

ताप विद्युत इकाइयों को बंद किया जाना

197. ( क्र. 3283 ) श्री जितू पटवारी, श्री रामनिवास रावत, श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी की सभी ताप विद्युत इकाइयां प्रदेश में विद्युत की मांग न होते हुए बंद करवा दी गयी? इसके विपरीत प्रदेश में स्‍थापित प्राईवेट कंपनियों की बिजली जिनसे 20 से 30 प्रतिशत बिजली खरीदने के एम.ओ.यू. किये गये थे, उनकी उत्‍पादित समस्‍त बिजली खरीदकर प्रदेश को बिजली प्रदान की जा रही है? (ख) क्‍या सभी ताप विद्युत इकाइयां बंद कराने के उपरांत पावर जनरेटिंग कंपनी का खर्च कैसे चलेगा, समस्‍त अधिकारी/ कर्मचारी को वेतन देना है एवं सेवानिवृत्ति अधिकारियों/कर्मचारियों के पेंशन खर्च के साथ ही स्‍थापित नयी विद्युत इकाइयां जिनका ब्‍याज जारी है, कहाँ से व्‍यवस्‍था की जायेगी? साथ ही सभी ताप विद्युत इकाइयों को बंद कराने का कारण बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं, मांग की तुलना में बिजली की उपलब्‍धता अधिक होने पर उपभोक्‍ताओं को न्‍यूनतम दर पर विद्युत आपूर्ति कराने हेतु मेरिट आर्डर डिस्‍पैच के आधार पर प्रदेश को विद्युत आपूर्ति करने वाले सभी विद्युत उत्‍पादकों से मांग के अनुरूप सस्‍ती वेरियेबल दर वाली विद्युत इकाइयों से बिजली की आपूर्ति करायी जाती है, तद्नुसार म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (म.प्र.पा.ज.कं.लि.) की इकाइयां भी संचालित कराई जाती है। जी नहीं, पावर परचेस अनुबंधों जिनमें प्राईवेट कंपनियों के अनुबंध भी शामिल हैं, के अनुसार प्रदेश की विद्युत मांग के अनुरूप, मेरिट आर्डर डिस्‍पैच के आधार पर बिजली क्रय की जाती है। (ख) प्रदेश में विद्युत की मांग एवं उपभोक्‍ताओं को न्‍यूनतम दर पर बिजली आपूर्ति के दृष्टिगत समय-समय पर मेरिट आर्डर डिस्‍पैच के आधार पर अन्‍य उत्‍पादन इकाइयों के       साथ-साथ म.प्र.पा.ज.कं.लि. की उत्‍पादन इकाइयों को भी बंद करवाने की आवश्‍यकता होती है। उक्‍त स्थिति में म.प्र.विद्युत नियामक आयोग के द्वारा जारी विनियमनों के आधार पर म.प्र.पा.ज.कं.लि. की उत्‍पादन हेतु उपलब्‍ध इकाइयों के उपलब्‍धता घटक (पी.ए.एफ.) के अनुसार स्‍थाई प्रभार (फिक्‍स कॉस्‍ट) प्राप्‍त होता है, जिससे कंपनी के खर्च जैसे अधिकारियों/कर्मचारियों का वेतन, नई विद्युत इकाइयों के विरूद्ध देय ब्‍याज इत्‍यादि की व्‍यवस्‍था होती है। सेवानिवृत्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों की पेंशन की व्‍यवस्‍था म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा की जाती है। जी नहीं, म.प्र.पा.ज.कं.लि. की सभी ताप विद्युत इकाइयां बंद नहीं है।

कमर्शियल लोड पर आ चुकी विद्युत उत्‍पादन

198. ( क्र. 3284 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिंगाजी ताप परियोजना की दोनों इकाइयां क्रमंश: प्रथम इकाई दिनांक 11.01.2014 एवं द्वितीय इकाई दिनांक 18.12.2014 से कमर्शियल लोड पर आ चुकी है एवं विद्युत उत्‍पादन प्राप्‍त हो रहा है? (ख) सिंगाजी ताप की राखड़ बांध का क्षेत्र      1.8x 1.30 KM दूरी में स्‍थापित है, क्‍या बांध की गहराई लगभग 10 मीटर से 12 मीटर तक है? क्‍या 90 प्रतिशत क्षेत्र में राखड़ एवं 10 प्रतिशत क्षेत्र पानी का भराव है? क्‍या राखड़ बांधी की डिजाइन सही नहीं होने के कारण राख सूखने से आस-पास के गाँव में उड़ गयी? क्‍योंकि राखड़ का समतलीकरण न होने से ऐसी स्थिति उत्‍पन्‍न हुयी? (ग) क्‍या राखड़ बांध की गारलेडिन्‍ग नहीं हुयी एवं समतलीकरण न होने के कारण यह स्थिति हुई है? क्‍या राखड़ उड़ने के कारण आस-पास के गाँव में लोगों को प्रदूषण की बीमारी फेफड़े और सांस में हो रही है एवं पशुओं में भी बीमारी हो रही है एवं फसलों को नुकसान हो रहा है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) श्री सिंगाजी ता.वि.परि. की प्रथम इकाई दिनांक 01.02.2014 एवं व्दितीय इकाई 28.12.2014 से कमर्शियल लोड पर आई है एवं विद्युत की मांग के अनुसार इन इकाइयों से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है।      (ख) श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के प्रथम चरण के राखड़ बांध का क्षेत्र 1.85 किमी X 1.32 किमी में फैला हुआ है। राखड़ बांध क्षेत्र को दो भागों में बांटा गया है, लेगून-एक एवं लेगून-दो। बांध की गहराई 10 से 12 मीटर नहीं है, अपितु लेगून-एक की गहराई 6.70 मीटर से 10.70 मीटर तक है तथा लेगून-दो की गहराई 3 मीटर से 10.5 मीटर तक है। वर्तमान में राखड़ बांध का लेगून-एक पूर्णत: खाली है तथा लेगून-दो में राख भरी जा रही है। जी हाँ, लेगून-दो के 90 प्रतिशत भाग में राख भरी है, लेकिन 10 प्रतिशत भाग में पानी नहीं है अपितु 90 प्रतिशत राख वाले क्षेत्र में राख के ऊपर लगभग 34 प्रतिशत भाग में पानी है। राखड़ बांध की सिविल डिजाईन, बांध की तकनीकी स्‍टेबिलिटी के लिये की जाती है एवं राखड़ समतलीकरण एवं राख के उड़ने का बांध की सिविल डिजाईन से कोई संबंध नहीं है। पृथक से भी राखड़ समतलीकरण की आवश्‍यकता नहीं होती है तथा समतलीकरण न होने से ऐसी स्थिति उत्‍पन्‍न नहीं हुई है। (ग) श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह से निकलने वाली राख को एकत्र करने के लिये बनाए गये राखड़ बांध में अनुमोदित ड्राईंग एवं अनुबंध अनुसार गारलें‍डिंग का कार्य किया गया है। शुरूआती भू-खण्‍ड में राखड़ भराव के बाद आगे के बांध क्षेत्र में राखड़ भराव किये जाने हेतु गारलेंडिंग कार्य प्रक्रिया अंतर्गत है। तकनीकी रूप से राखड़ बांध के तल में समतलीकरण की आवश्‍यकता नहीं होती है तथा राखड़ बांध के समतलीकरण का राख उड़ने से कोई संबंध नहीं है। राख उड़ने के कारण समीपस्‍थ ग्रामों से प्राप्‍त शिकायतों के दृष्टिगत ग्राम भगवानपुरा, भुरलाय एवं डाबरी में म.प्र.पा.ज.कं.लि. के चिकित्‍सकों द्वारा चिकित्‍सा शिविर आयोजित किये गये थे। ग्रामवासियों की चिकित्‍सा परीक्षण में कोई भी ग्रामवासी राखड़ जनित किसी भी तरह की घातक एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं पाया गया। साथ ही पशुओं में राखड़ जनित बीमारी एवं फसलों के नुकसान के संबंध में भी कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है।

अनियमित कार्य व अनियमित भुगतान

199. ( क्र. 3288 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर निगम जबलपुर अंतर्गत वर्ष 2007 शास्‍त्री ब्रिज से मेडिकल कॉलेज गेट क्र.02 तक सड़क निर्माण का कार्य स्‍वीकृत किया गया था? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि से क्‍या-क्‍या कार्य स्‍वीकृत किये जाकर किस फर्म को कार्यादेश दिय गया था? (ख) कुल कितना कार्य कितनी राशि से कराये जाने की योजना थी? भौतिक रूप से कितना कार्य कितनी राशि से किस फर्म से कराया गया? उक्‍त कार्य कब पूर्ण हुआ? किन-किन अधिकारियों की देख-रेख में उक्‍त कार्य कराये गये? उन अधिकारियों की वर्तमान पदस्‍थापना बतावें? (ग) क्‍या इस कार्य में निविदा प्राप्‍त एजेंसी के अलावा भी अन्‍य किसी फर्म को कार्य दिया गया? किस आधार पर? इन फर्मों को किन-किन कार्यों के लिए कब-कब, कितना-कितना भुगतान किया गया?       (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) वर्णित कार्यों की गुणवत्‍ता संतोषजनक थी? यदि नहीं, तो निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्‍या कार्य के विरूद्ध भुगतान संबंधित एजेंसी को कर दिया गया है? यदि नहीं, तो कितनी राशि दी जाना शेष है? भुगतान न हाने के कारण बतावें? वास्‍तविक कार्य का भुगतान कब तक किया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। प्राक्‍कलित राशि रू. 16,17,54,700 /- के कार्य स्‍वीकृत थे। 5.35 कि.मी. की सड़क के, विविध निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कार्यादेश मेसर्स हरीश चंद्रा इंडिया लिमिटेड दिल्‍ली को दिया गया था। (ख) स्‍वीकृत निविदा दर सहित राशि रू. 17,48,06,000/- का कार्य कराये जाने की योजना थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। 5.35 कि.मी. सड़क के विविध घटकों के अपूर्ण कार्य रू. 10,71,26,248/- लागत से निविदाकार मेसर्स हरीश चंद्रा इंडिया लिमिटेड दिल्‍ली एवं उनके सब कान्‍ट्रेक्‍टर्स द्वारा किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, दिनांक 05.06.2009 को कार्यों की यथा स्थिति मे, ठेका समाप्‍त किया गया। यह कार्य श्री ए.के. तिवारी अधीक्षण यंत्री श्री कमलेश श्रीवास्‍तव तथा श्री अजय शर्मा, कार्यपालन यंत्री एवं श्री बाहुबली जैन, उपयंत्री, की      देख-रेख में कराया गया। श्री ए.के.तिवारी, अधीक्षण यंत्री सेवानिवृत्‍त हो गये हैं, शेष अधिकारी, नगर पालिक निगम जबलपुर में कार्यरत हैं। (ग) जी हाँ। निविदा प्राप्‍त एजेन्‍सी की मांग पर संपादित अनुबंध के प्रावधानों के आधार पर, सबकॉन्‍ट्रेक्‍ट पर कार्य कराये गय। फर्मों के नाम एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''' अनुसार है। (घ) जी नहीं अपितु, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वर्णित कार्यों में से रूपये 18,62,624/- के डामरीकरण के कार्य की गुणवत्‍ता संतोषजनक नहीं थी, परिणामस्‍वरूप डामरीकरण का कार्य अन्‍य एजेन्‍सी से कराया गया एवं इस राशि की कटौती ठेकेदार से की गई। गुणवत्‍ता पूर्ण कार्य का भुगतान, ठेकेदार को कर दिया गया है। निर्धारित समयावधि एवं समय वृद्धि के पश्चात् भी कार्य अपूर्ण थे, परिणामस्‍वरूप कार्य को ठेकेदार की रिस्‍क एंड कास्‍ट पर समाप्‍त किया गया। निरस्‍ती आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। ठेकेदार को कोई राशि देना शेष नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निगम, मण्‍डल व बोर्ड के कर्मचारियों का संविलियन

200. ( क्र. 3298 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के निगम, मण्‍डल एवं बोर्ड के कर्मचारियों/अधिकारियों के राज्‍य शासन के विभिन्‍न विभागों में प्रतिनियुक्ति/संविलियन के क्‍या-क्‍या नियम व आदेश प्रचलित हैं? (ख) क्‍या किसी निगम, मण्‍डल या बोर्ड के कर्मचारियों, अधिकारी को प्रतिनियुक्ति के पश्‍चात् संबंधित विभागों में बगैर मंत्री-परिषद् की स्‍वीकृति के संविलियन किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत? (ग) यदि नहीं, तो क्‍या ऐसे संविलियन अवैधानिक है? क्‍या किसी पद पर सीधी भर्ती के पश्‍चात् उसकी सेवा की गणना उसके पूर्व पद से की जायेगी? यदि हाँ, तो किन मूलभूत नियम व आदेश से? (घ) क्‍या 1 जनवरी, 2005 के पश्‍चात् सेवा में सीधी भर्ती से नियु‍क्‍त व्‍यक्ति का सी.पी.एफ. कटौती होगी या जी.पी.एफ. बतावें? क्‍या बगैर मंत्रि-परिषद् की स्‍वीकृति के सं‍विलियन पाने वाले शासकीय सेवक (प्रश्‍नांकित) की सेवा उनकी पूर्व की निगम, मण्‍डल या बोर्ड की सेवा जोड़ी जायेगी? यदि हाँ, तो किन नियमों के तहत?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) दिनांक 01/01/2005 एवं उसके पश्चात् राज्‍य शासन की सेवा में नियुक्‍त शासकीय सेवक से परिभाषित पेंशन अंशदान योजना के अंतर्गत कटौती की जाती है। शेषांश जी नहीं।

शासकीय योजनाओं अंतर्गत स्वीकृत प्रकरण

201. ( क्र. 3317 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि डी.आई.सी. बालाघाट द्वारा विभिन्न शासकीय योजनाओं से विगत 3 वर्षों में स्वीकृत ऐसे प्रकरणों की जिनमें विभिन्न बैंक द्वारा 25 लाख या उससे अधिक की राशि लोन के रूप में दी गई है? उनके हितग्राहियों के नाम, योजना का नाम, पता, लोन राशि तथा सब्सिडी की राशि सहित जानकारी दें।

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''अड़तालीस''

दाण्डिक मामलों में अभियोजन की स्‍वीकृति

202. ( क्र. 3412 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दाण्डिक मामले में शासकीय कर्मचारियों के विरूद्ध अभियोजन की अनुमति देने की क्‍या प्रक्रिया है? (ख) भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं पुलिस सेवा के अधिकारियों की अभियोजन की अनुमति किस स्‍तर से दी जाती है? (ग) क्‍या लिपिक वर्ग एवं दूसरे तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के लिये अभियोजन की अनुमति विधि विधायी विभाग से दिये जाने का प्रावधान है? (घ) यदि विधि विधायी विभाग तथा प्रशासन विभाग में मतभेद है तो क्‍या इसे वैधानिक अभियोजन की स्‍वीकृति मानी जावेगी? यदि नहीं, तो अगली प्रक्रिया क्‍या है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रक्रिया सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-15-01/2014/1-10 दिनांक 05/09/2014 की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। इस परिपत्र के पश्चात् दिनांक 06/10/2015 को कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन किया गया है। इस संशोधन के पश्‍चात् अभियोजन की स्‍वीकृति के अधिकार संबंधित प्रशासकीय विभाग को प्रदान किये गये हैं। (ख) भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध अभियोजन स्‍वीकृति के प्रकरणों में अंतिम विनिश्‍चय भारत सरकार, कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) एवं भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध अभियोजन स्‍वीकृति के प्रकरणों में अंतिम विनिश्‍चय भारत सरकार, गृह मंत्रालय सक्षम प्राधिकारी है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रशासकीय विभाग व विधि एवं विधायी कार्य विभाग में मतभिन्‍नता होने की स्थिति में सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-15-01/2014/1-10 दिनांक 05/09/2014 की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के पैरा-8 में वर्णित प्रक्रिया अनुसार

परिशिष्ट - ''उन्चास''

औद्योगिक क्षेत्रों में भू-खण्‍डों का आवंटन

203. ( क्र. 3450 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी में बरगवां एवं लमतरा में औद्योगिक इकाइयों को उद्योग स्‍थापना हेतु भू-खण्‍ड आवंटित किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन औद्योगिक इकाइयों को कब-कब एवं कहाँ-कहाँ भू-खण्‍ड आवंटित किये गये, संचालकों के नाम सहित बतायें? (ख) औद्योगिक क्षेत्र लमतरा का नगर एवं ग्राम निवेश विभाग से अनुमोदित ले-आउट प्‍लान क्‍या था? इसमें कौन-कौन से नम्‍बरों के कितने भू-खण्‍ड आवंटन हेतु उपलब्‍ध थे? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत क्‍या यह सही है कि लमतरा औद्योगिक क्षेत्र के स्‍वीकृत ले-आउट प्‍लान के विपरीत        भू-खण्‍डों का आवंटन किया गया है? यदि हाँ, तो इस पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। सूक्ष्‍म, लघु एव मध्‍यम उद्यम विभाग के अधीनस्‍थ औद्योगिक क्षेत्र बरगवां तथा वाणिज्‍य, उद्योग और रोजगार विभाग के अधीनस्‍थ लमतरा की क्रमश: जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ख) एकीकृत अधोसरंचना विकास केन्द्र लमतरा, औद्योगिक क्षेत्र फेस-। लमतरा एवं औद्योगिक क्षेत्र फेस-।। लमतरा के नगर एवं ग्राम निवेश विभाग से पृथक-पृथक ले-आउट प्लान अनुमोदित है। समय-समय पर नगर एवं ग्राम निवेश विभाग/म.प्र. ट्रायफेक (वाणिज्‍य, उद्योग और रोजगार विभाग) से अनुमोदित ले-आउट प्लान में संशोधन किये गये है। नवीनतम अनुमोदित ले-आउट प्लान अनुसार आवंटन हेतु उपलब्ध औद्योगिक भू-खण्डों की संख्या एवं नम्बरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिले में औद्योगिक भूमियों की स्थिति

204. ( क्र. 3463 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले भर में अनेक स्थानों पर विभाग के अधीन प्रारम्भ से पर्याप्त भूमि आधिपत्य में होकर इस पर अनेक औद्योगिक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या हाल ही में जावरा शुगर मिल विभाग के अधीन आकर उससे संलग्‍न सैंकड़ों बीघा भूमि भी विभाग के आधिपत्य में आ गयी है? (ग) यदि हाँ, तो जिले भर में विभाग के अधीन आधिपत्य में होकर   किन-किन स्थानों पर कुल कितनी-कितनी भूमि किस-किस सर्वे नं.पर होकर रिकार्ड में पंजीबद्ध होकर किस-किस को कितनी-कितनी भूमि आवंटित की गयी है? (घ) साथ ही जब से औद्योगिक कार्य हेतु भूमि जिसे आवंटित की गयी, क्या उसी कार्य प्रयोजन हेतु वंहा पर औद्योगिक कार्य हो रहा है? जिले में कितने उद्योग कार्यरत होकर कितने बंद पड़े है?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। (ख) हाँ, जावरा शुगर मिल की 112.504 हेक्टेयर भूमि विभाग के आधिपत्य में आ गयी है।    (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ, आवंटी इकाइयों द्वारा औद्योगिक प्रयोजन की गतिविधि संचालित की जा रही है। जिले में कुल 259 उद्योगों में से 238 उद्योग कार्यरत, 15 उद्योग बंद तथा 06 स्थापनाधीन है।

डायवर्सन शुल्‍क वसूली

205. ( क्र. 3561 ) सुश्री उषा ठाकुर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर जिले की वैध/अवैध कॉलोनी जो कि मास्‍टर प्‍लान के अनुसार आवासीय क्षेत्र में निर्मित होकर मकान भी बन चुके हैं? उनकी संख्‍या एवं सूची देवें। (ख) गत विधान सभा सत्र में प्रश्‍न क्रमांक 5875 दिनांक 17 मार्च 2016 के उत्‍तर में बताया गया था कि भू-अभिलेख रिकार्ड नामांतरण अनुसार 2014-15 तक का अद्यतन/पूर्ण कर लिया गया है, तो इसके अनुसार कहाँ-कहाँ कैम्‍प लगाकर डायवर्सन शुल्‍क की कितनी वसूली हुई? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन जवाबदार है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर जिले में नगर पालिक निगम इंदौर में वैध कॉलोनी 798 हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अवैध कॉलोनियों की संख्‍या 507 है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अन्‍य 8 नगर परिषदों में वैध कॉलोनियों की संख्‍या 54 है, अवैध कॉलोनियों की संख्‍या 69 है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रोजगारोन्‍मुखी योजनाओं का संचालन

206. ( क्र. 3579 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में शासन द्वारा कौन-कौन सी रोजगारोन्‍मुखी योजनाएँ चल रही हैं? (ख) प्रश्‍नांश '''' से कितनी हितग्राही लाभ उठा चुक हैं? ब्‍लॉकवार जानकारी दें? (ग) सीधी एवं सिंगरौली जिले में वर्ष 2019 तक की रोजगार एवं उद्योग से जुड़ी कितनी योजनाएँ शासन के पास विचाराधीन हैं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) विभाग द्वारा सीधी एवं सिंगरौली जिले में शासन द्वारा निम्‍नांकित स्‍व-रोजगार मूलक योजनाएँ चलाई जा रही हैं :- 1. मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना, 2. मुख्‍यमंत्री स्‍व-रोजगार योजना, 3. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (ख) जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर में उल्‍लेखित योजनाओं के अलावा कोई नवीन योजना शासन के पास विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट - ''पचास''

 


 

 

 

 





 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


चंदेरी नगर पालिका पार्षदों पर कार्यवाही

1. ( क्र. 11 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि दिनांक 3 मार्च, 2016 के परि.अता. प्रश्न संख्या 2 (क्रमांक 88) के संदर्भ में बताएं कि जिलाधीश अशोकनगर के यहां चल रही जाँच कब तक चलती रहेगी तथा कब तक निर्णय होगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : विधान सभा तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 88 फरवरी-अप्रैल 2016 पर निर्मित आश्‍वासन क्रमांक 350 की श्रीमती आशा मिश्रा पार्षद वार्ड क्रमांक 03 नगर पालिका चन्‍देरी के विरूद्ध नगर पालिका परिषद अधिनियम की धारा 38 का उल्‍लंघन किये जाने संबंधी प्राप्‍त शिकायत पर जाँच निष्‍कर्ष का प्रतिवेदन इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता श्री विवेककांत पुत्र श्री लक्ष्‍मीकांत भार्गव निवासी चन्‍देरी द्वारा श्रीमती आशा मिश्रा पार्षद वार्ड क्रमांक 03 नगर पालिका चन्‍देरी के विरूद्ध परिषद की 06 माह से अनुपस्थिति रहने पर नगर पालिका परिषद अधिनियम की धारा 38 के अनुसार कार्यवाही करने की मांग की गई थी जाँच उपरांत उक्‍त शिकायत गलत पाये जाने पर कलेक्‍टर, जिला अशोकनगर द्वारा आदेश क्रमांक/15/बी-121/2015-16 दिनांक 11.05.2016 से निरस्‍त की गई है।

सामुदायिक विकास भवन पर कब्‍जा

2. ( क्र. 109 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अशोकनगर शहर में तायडे कॉलोनी में नगर पालिका द्वारा बनाया गया सामुदायिक विकास भवन किस निजी व्‍यक्ति ने मंदिर के नाम पर बाउण्‍ड्री बनाकर अपने कब्‍जे में कर लिया है तथा अपना कार्यालय व गतिविधियाँ कितने वर्षों से वहां की जा रही है विवरण दें तथा उक्‍त अतिक्रमण हटाने हेतु शासन ने इतने वर्षों में कार्यवाही क्‍यों नहीं की? कब तक कब्‍जा हटवाया जायेगा? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा इस संबंध में जिलाधीश अशोकनगर एवं भोपाल में अधिकारियों को लिखे पत्र पर क्‍या कार्यवाही हुई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अशोकनगर शहर में वार्ड 02 अंतर्गत तायडे कॉलोनी में सामुदायिक विकास भवन श्री लखन यादव पुत्र         श्री सलमान सिंह यादव द्वारा अतिक्रमण करने की शिकायत वर्ष 2013 में प्राप्‍त हुई थी, उक्‍त भवन पर कोई कब्‍जा नहीं था, भवन का उपयोग आम नागरिकों द्वारा किया जा रहा था, इस संबंध में कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3014 दिनांक 31.10.2013 द्वारा अपर कलेक्‍टर, जिला अशोकनगर को अवगत कराया गया था। माह जुलाई 2016 में श्री लखन यादव पुत्र श्री सलमान सिंह यादव का अवैध कब्‍जा पाये जाने पर उनसे खाली कराये जाने के लिये नगरीय निकाय द्वारा पत्र क्रमांक 4285 दिनांक 02.07.2016 से नोटिस जारी कर कार्यवाही प्रारंभ की गई है। (ख) जिलाधीश अशोकनगर को लिखे पत्र के अनुपालन में अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी अशोकनगर के पत्र क्रमांक 970 दिनांक 07.07.2016 द्वारा उक्‍त सामुदायिक विकास भवन पर अतिक्रमण हटाने एवं कब्‍जे में लेने के संबंध में कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

जावरा बस स्‍टैण्‍ड का विस्‍तार

3. ( क्र. 110 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 25 फरवरी, 2016 के परि. अता. प्रश्‍न संख्‍या 62 (क्रमांक 1118) के संदर्भ में बताए कि नगर पालिका परिषद् जावरा द्वारा बस स्‍टैण्‍ड के विस्‍तार एवं शॉपिंग काम्‍पलेक्‍स हेतु भूमि अधिग्रहित व अधिग्रहण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है उसमें क्‍या प्रगति हुई है तथा न्‍यायालय में प्रीमियर आयल मिल की भूमि के विवाद में शासन अपना पक्ष रखने हेतु क्‍या कार्यवाही कर रहा है?                         (ख) वि‍वादित भूमि होने के बाद भी पुराना बस स्‍टैण्‍ड बना था तो इसका विस्‍तार व शॉपिंग काम्‍पलेक्‍स भी क्‍यों नहीं बन सकता? (ग) वर्तमान पुराने घंटाघर को तोड़कर नगर पालिका शॉपिंग काम्‍पलेक्‍स बनाने हेतु जो तोड़ने की विज्ञप्ति देकर कार्यवाही कर रहा है उसमें इतना कम स्‍थान व घनी बस्‍‍ती होने से पार्किंग की समस्‍या व ट्रैफिक जाम सकरी सड़कों में होगा उसका आंकलन किया है या नहीं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, कलेक्‍टर, जिला रतलाम द्वारा दिनांक 18.05.2016 को जावरा स्थित प्रीमियर ऑयल मिल की परिसम्पित्तियों का निरीक्षण किया जाकर, परिसर में निर्मित जीर्ण-शीर्ण दुकानें एवं भवन का परीक्षण कराकर नियमानुसार कार्यवाही हेतु अनुविभागीय अधिकारी जावरा को निर्देशित किया गया है। अनुविभागीय अधिकारी जावरा द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय इंदौर से रेस्‍टोरेशन का आवेदन प्रस्‍तुत किया गया है। (ख) नगर पालिका परिषद् जावरा को तत्‍समय बस स्‍टैण्‍ड निर्माण के लिए राजस्‍व विभाग से भूमि का अग्रिम अधिपत्‍य प्राप्‍त हुआ था। विस्‍तार एवं शॉपिंग कॉम्‍पलेक्‍स के लिए भूमि का अधिपत्‍य नगर पालिका परिषद् जावरा को प्राप्‍त नहीं है, इसलिए यह कार्य नहीं हो सकता। (ग) पुराना घण्‍टाघर का स्‍वामित्‍व लोक निर्माण विभाग का है, भवन जीर्ण-शीर्ण होकर अतिवृष्टि की स्थिति में उसके गिरने की संभावना की सूचना नगर पालिका परिषद को प्राप्‍त हुई। नगर पालिका परिषद ने इस भवन का स्‍वामित्‍व परिषद को दिये जाने का निर्णय लिया एवं घण्‍टाघर पर मल्‍टीलेवल पार्किंग शॉपिंग कॉम्‍प्‍लेक्‍स निर्माण हेतु कृत संकल्पित होने का पारित किया, प्रश्‍नाधीन भवन को जीर्ण-शीर्ण घोषित किया गया है। अत: भवन के स्‍वामित्‍व के विभाग, लोक निर्माण ने भवन के भूतल पर व्‍यवसायरत किरायेदारों को भवन रिक्‍त करने की सूचना जारी की गई, शॉपिंग कॉम्‍पलेक्‍स निर्माण की कार्ययोजना वर्तमान में तैयार नहीं की गई है, कार्ययोजना तैयार करते समय ही पार्किंग की समस्‍या व ट्रैफिक जाम आदि सहित अन्‍य आवश्‍यक विषयों पर आंकलन/सर्वेक्षण किया जावेगा।

नियम विरूद्ध पट्टा बहाली

4. ( क्र. 159 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 29.03.2016 के परि.अता.प्रश्‍न संख्‍या 69 (क्रमांक 7168) में प्रश्‍नांश (ख) का उत्‍तर म.प्र. राज्‍य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 की कंडिका 40 के अनुसार आवंटित भूमि को पट्टाभिलेख की किसी भी शर्त का उल्‍लंघन करने पर आवंटनकर्ता अधिकारी को पट्टा निरस्त करने का अधिकार है, परंतु बहाल करने का अधिकार नहीं है? इसी प्रश्‍न के (घ) के उत्‍तर में अवगत कराया गया है कि आवंटन अधिकारी द्वारा 02 ईकाइयों के पट्टे बहाल करने के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही प्रारंभ की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर यदि हाँ, है तो नियम विरूद्ध पट्टा बहाल करने वाले अधिकारी के विरूद्ध अब तक क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी और अब तक न करने के लिये कौन उत्‍तरदायी हैं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) हाँ, उद्योग संचालनालय मध्‍यप्रदेश भोपाल के पत्र दिनांक 27-06-2016 से संयुक्‍त संचालक उद्योग, परिक्षेत्रीय उद्योग कार्यालय, जबलपुर को जाँच अधिकारी नियुक्‍त किया गया है।      (ख) जाँच अधिकारी के प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही

5. ( क्र. 284 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा श्रीमान मुख्‍य सचिव महोदय, म.प्र. शासन भोपाल से दिनांक 09/06/2016 को अपने पत्र क्र. 55 दिनांक 08/06/2016 के माध्‍यम से अपने निज सहायक श्री ओ.पी.शर्मा की सेवाएं यथावत जारी रखने हेतु निवेदन किया था? यदि हाँ, तो श्रीमान मुख्‍य सचिव महोदय, द्वारा उक्‍त पत्र पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? जानकारी दें? (ख) क्‍या ओ.पी. शर्मा कार्यालय सहायक श्रेणी-2 की सेवाएं कलेक्‍टर जिला शिवपुरी के आदेश दिनांक 01/03/2014 के द्वारा प्रश्‍नकर्ता को निज सहायक के रूप में उपलब्‍ध कराई गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त सेवाएं किन नियमों/ आदेशों के तहत उपलब्‍ध कराई गई? उक्‍त नियमों/आदेशों की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें? (ग) क्‍या कलेक्‍टर जिला शिवपुरी द्वारा अपने आदेश क्र. 10465 दिनांक 19/10/2015 के द्वारा मेरे निज सहायक श्री शर्मा की सेवाएं विभाग को वापस सौंपे जाने के आदेश जारी करने के पूर्व प्रश्‍नकर्ता से सहमति ली गई? यदि सहमति नहीं ली गई तो गुपचुप तरीके से सीधे वापसी के आदेश वैकल्पिक व्‍यवस्‍था किए जाने के पूर्व ही क्‍यों जारी किए गए? की गई एकपक्षीय कार्यवाही का क्‍या कारण था? (घ) क्‍या शासन मेरे शेष कार्यकाल के लिए मेरे निज सहायक के रूप में श्री ओ.पी.शर्मा की सेवाएं जारी रखने के लिए समुचित आदेश कब तक जारी करेगा? क्‍या शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एफ ए 10-15/94/एक (1) दिनांक 19205/1995 द्वारा जारी निर्देश को श्री ओ.पी.शर्मा के पूर्व आदेश क्र. एफ ए 10-08/2009/एक (1) भोपाल दिनांक 14/06/2010 की तरह आंशिक रूप से शिथिल करते हुए आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। पत्र आवश्‍यक कार्यवाही हेतु मुख्‍य सचिव कार्यालय के पत्र दिनांक 09.06.2016 द्वारा ऊर्जा विभाग को प्रेषित किया गया है। (ख) जी हाँ। कलेक्‍टर शिवपुरी द्वारा सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देश क्रमांक एफ ए 10-15/94/एक (1) दिनांक 19.05.1995 के तहत उपलब्‍ध कराई गई है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। माननीय विधायक कोलारस द्वारा वैकल्पिक व्‍यवस्‍था हेतु किसी अन्‍य कर्मचारी को लिये जाने की सहमति नहीं दी गई, साथ ही अवगत कराया गया कि निज सहायक के रूप में केवल श्री ओ.पी. शर्मा की सेवा की आवश्‍यकता है, इसके अतिरिक्‍त कोई अन्‍य सहायक नहीं लूंगा। प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के पत्र क्रमांक 836 दिनांक 31.07.2015 से मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी (लिपिक) को राज्‍य शासन के कर्मचारी न मानते हुए श्री बृजेन्‍द्र श्रीवास्‍तव, सहायक ग्रेड-3, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. की सेवाएं माननीय विधायक पिछोर से वापस लेकर मूल विभाग को सौंपे जाने हेतु लिखा गया, जिसके कारण जिले में कंपनी के दोनों कर्मचारियों           श्री बृजेन्‍द्र श्रीवास्‍तव एवं श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं माननीय विधायक पिछोर एवं कोलारस से वापस लेकर मूल विभाग को सौंपी गई। (घ) सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा निर्देशों को शिथिल करने के उपरांत कलेक्‍टर शिवपुरी द्वारा आदेश क्रमांक 3539/स्‍था/6-2/2016 दिनांक 08.07.2016 द्वारा श्री ओ.पी. शर्मा सहायक वर्ग-2, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. शिवपुरी की सेवाएं माननीय विधायक को सौंपे जाने हेतु आदेश जारी किये जा चुके हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निज सहायक की सेवाएं यथावत रखे जाना

6. ( क्र. 285 ) श्री रामसिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मंत्री लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण एवं संसदीय कार्य विभाग म.प्र. शासन द्वारा एक नोटशीट उनके कार्यालय के जावक क्र. 3044 दिनांक 09/12/2015 से आपके कार्यालय को दिनांक 09/12/2015 को प्राप्‍त हुई थी? इस नोटशीट पर आपके द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? जानकारी दें? (ख) क्‍या माननीय मंत्री महोदय के कार्यालय द्वारा उक्‍त नोटशीट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (ग) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय ने कार्यालय से पत्र क्रमांक सी.एम.मॉनिट क्र. 481/सी.एम.एस./ए.एन.ए/1502/18/12/15 प्राप्‍त हुआ था जो कि ऊर्जा विभाग की पंजी क्र. 7284 दिनांक 28/12/2015 विषय सेवाएं यथावत रखने बाबत् पर क्‍या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें? (घ) क्‍या ऊर्जा विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित पत्र क्र. एफ         13-18/2015/तेरह भोपाल, दिनांक 02/01/2016 प्रबंध संचालक म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमि. भोपाल को प्रेषित किया गया था? उक्त पत्र पर प्रबंध संचालक द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। प्रकरण का परीक्षण कर नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु ऊर्जा विभाग को निर्देशित किया गया। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन के पत्र दिनांक 02.01.2016 द्वारा उक्‍त सन्‍दर्भ मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित कर नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। उक्‍त पत्र की छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रबंध संचालक, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा पत्र दिनांक 28.06.2016 से प्रकरण ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन के संज्ञान में लाया गया, जिसकी छायाप्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ ए 10-15/94/एक (1) दिनांक 19 मई, 1995 के बिन्‍दु क्रमांक 3 के अनुसार राज्‍य शासन के किसी भी विभाग से कर्मचारी की सेवाएं प्राप्‍त करने का अधिकार माननीय सांसदों और विधायकों को है। चूंकि म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के कर्मचारी (लिपिक) राज्‍य शासन के कर्मचारी नहीं है, अत: मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लिपिक की सेवाएं माननीय विधायक महोदय को सचिवालयीन कार्य हेतु सौंपा जाना उचित नहीं है। इस संबंध में ऊर्जा विभाग की ओर से माननीय विधायक महोदय को पृथक से सूचित किया गया है। पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''इक्‍यावन''

जन शिकायतों का निराकरण

7. ( क्र. 305 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में जन-सुनवाई के दौरान कलेक्‍टर को अप्रैल 2015 से जून 2016 तक कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए? इनमें से कितने आवेदन पत्रों का निराकरण किया जा चुका है? कितने आवेदन पत्रों का निराकरण किया जाना शेष है? शेष प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जाएगा? (ख) क्‍या कलेक्‍टर जिला शिवपुरी को अप्रैल 2015 से जून 2016 तक माननीय विधायकों, माननीय सांसदों, माननीय मंत्रीगणों एवं भोपाल से वरिष्‍ठ अधिकारियों के समस्‍या निराकरण हेतु पत्र हुए थे? यदि हाँ, तो उक्‍त पत्रों पर कलेक्‍टर जिला शिवपुर द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? (ग) कलेक्‍टर जिला शिवपुरी के कार्यालय में कौन-कौन से अपीलीय प्रकरण जून 2016 की स्थिति में लंबित‍ है? उक्‍त प्रकरण कब से लंबित है? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जाएगा? (घ) क्‍या कलेक्‍टर जिला शिवपुरी द्वारा सितम्‍बर 2014 से जून 2016 की स्थिति में किसी अपीलीय प्रकरण का निराकरण किया है? यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों का निराकरण किया है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शिवपुरी जिले में जन-सुनवाई के दौरान कलेक्टर को अप्रैल 2015 से जून 2016 तक कुल 4849 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। इनमें से 2760 आवेदन पत्रों का निराकरण किया जा चुका है। 2089 आवेदन पत्रों का निराकरण किया जाना शेष है। शेष प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। 695 प्रकरणों का निराकरण किया गया। शेष 263 पत्रों के निराकरण हेतु संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) कलेक्टर न्यायालय में जून 2016 की स्थिति में 123 अपीलीय प्रकरण लंबित है। प्रकरण 2014-2015 से प्रचलित है। प्रचलित प्रकरणों का निराकरण हितबध्द पक्षकारों को सुनवाई का अवसर दिया जाकर गुण-दोषों के आधार पर विधि अनुसार किया जाता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''बावन''

नदी एवं तालाब की गाद निकालना एवं उनका सौंदर्यीकरण

8. ( क्र. 338 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र की नागदा एवं खाचरौद नगर पालिकाओं के निवासियों को पेयजल चम्‍बल नदी एवं बनबना तालाब से उपलब्‍ध होता है? क्‍या चम्‍बल नदी एवं बनबना तालाब में मिट्टी जमने से ये जल स्‍त्रोत अपनी क्षमता खोते जा रहे हैं, जिससे भविष्‍य में पेजयल संकट उत्‍पन्‍न होने की संभावना बनी रहेगी? (ख) क्‍या इनकी मिट्टी (गाद) निकालने की कोई योजना बनाई जा रही है? साथ ही इनके सौंदर्यीकरण की क्‍या योजना है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी नहीं।           (ख) जी नहीं। जी नहीं।

कोयले पर से अतिरिक्‍त टैक्‍स हटाये जाना

9. ( क्र. 339 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को दिये जाने वाले कोयले पर कौन-कौन से टैक्‍स लगाए जाते है? (ख) क्‍या वर्तमान में कोयले पर लगने वाले विभिन्‍न टैक्‍सों के कारण म.प्र. जन. कं. लि. के ताप विद्युत गृहों से बिजली निर्माण करना काफी मंहगा पड़ रहा है, जिससे प्रदेश के अन्‍य विद्युत उत्‍पादकों से प्रतिस्‍पर्द्धा में म.प्र. पा.जन.कं. लि. को संघर्ष करना पड़ रहा है? (ग) क्‍या विद्युत उत्‍पादकों को दिये जाने वाले कोयले पर लगने वाले विभिन्‍न टैक्‍सों को संशोधित करने हेतु विचार चल रहा है? यदि हाँ, तो कब तक योजना लागू होगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेड (म.प्र.पा.ज.कं.लि.) के ताप विद्युत गृहों को प्रदाय किये जाने वाले कोयले पर निम्न टैक्स देय होते हैं :- रॉयल्टी- स्टोईंग, एक्साइज ड्यूटी, क्लीन एनर्जी सेस, साइजिंग चार्जेस, सरफेस ट्रांसपोर्टेशन चार्जेस, सेन्ट्रल एक्साइज ड्यूटी, शिक्षा उपकर एवं उच्च शिक्षा उपकर, सीमा कर, टर्मिनल कर, निर्यात कर, फारेस्ट ट्रान्जिट फीस, पर्यावरण उपकर, विकास उपकर, सड़क एवं आवास उपकर, एन्ट्री टैक्स, वैट तथा सेन्ट्रल सेल्स टैक्स।  (ख) कोयले पर लगने वाले विभिन्न टैक्स लगभग सभी विद्युत उत्पादन कम्पनियों के लिये समान रूप से लागू हैं। परन्तु कोयले की कीमत के कुछ अन्य घटक, जैसे कि परिवहन भाड़ा इत्यादि अधिक होने तथा कुछ पुरानी ईकाइयों की दक्षता कम होने से वेरियेवल दर अधिक हो जाती है, जिससे म.प्र.पा‍.ज.कं.लि. को प्रदेश के अन्य विद्युत उत्पादकों से प्रतिस्‍पर्धा का सामना करना पड़ता है। (ग) विद्युत उत्पादकों को दिये जाने वाले कोयले पर लगने वाले विभिन्न टैक्सों को संशोधित करने संबंधी प्रस्‍ताव वर्तमान में राज्‍य स्‍तर पर विचाराधीन नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं।

फर्नाखेड़ी एवं कचनारिया को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करना

10. ( क्र. 341 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पुर्नाखेड़ी एवं नागदा तहसील का ग्राम कचनारिया को विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र हेतु माननीय मुख्‍य मंत्रीजी द्वारा खाचरौद में दिनांक 10.1.16 को घोषणा की गई थी? उक्‍त दोनों ग्रामों में कब तक मूलभूत व्‍यवस्‍थाएं जैसे-‍बिजली, रोड, पानी आदि सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जायेगी? (ख) य‍ह क्षेत्र कब तक पूर्ण औद्योगिक मूर्तरूप ले लेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के पूर्व उद्यमियों की मांग, संभावना आदि के दृष्टिगत एवं परियोजना की शाक्यता के परीक्षण उपरांत कार्य योजना तैयार की जाती है।

अवैध रेत उत्‍खनन कराने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही

11. ( क्र. 584 ) श्रीमती ममता मीना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या गुना जिले की चांचौड़ा क्षेत्र में पार्वती नदी पर अवैध रेत उत्‍खनन बिना अनुमति के कराया जा रहा है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के तथ्‍य अनुसार तहसीलदार चांचौड़ा द्वारा जानबूझकर रेत का अवैध उत्‍खनन कराकर शासन को क्षति पहुंचाई गई है? (ग) क्‍या जिला प्रशासन को क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों द्वारा अवैध रेत उत्‍खनन की शिकायत पर जिला प्रशासन द्वारा भी कार्यवाही नहीं की गई? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के नक्‍शा अनुसार कितने दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अवैध रेत, मुरम उत्‍खनन कराने वालों के विरूद्ध विभाग वसूली एवं आपराधिक कार्यवाही करेगा, कब तक अवगत करायें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। जिला प्रशासन के संज्ञान में अवैध रेत खनन की जानकारी प्राप्‍त होने पर दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 11.07.2016 तक कुल 82 प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर राशि रूपये 20,20,000/- अर्थदण्‍ड के रूप में जमा कराये गये हैं। इसके अतिरिक्‍त अवैध रेत भण्‍डार के 12 प्रकरण कार्यवाही हेतु पंजीबद्ध किये गये हैं। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दी गई जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

एलम ब्‍लीचिंग की जाँच की रिपोर्ट पर कार्यवाही

12. ( क्र. 680 ) श्री दिनेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दिसम्‍बर माह के सत्र में ध्‍यानाकर्षण सूचना क्र. 5 में एलम ब्‍लीचिंग की खराब सप्‍लाई की वजह से सिवनी नगर पालिका क्षेत्र में पेयजल में गुणवत्‍ताहीन सप्‍लाई की किये जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा संबंधित पी.एच.ई. लेब एवं पी.एच.ई. द्वारा उच्‍च विभाग भोपाल द्वारा एलम ब्‍लीचिंग पर गुणवत्‍ताहीन पाई गई रिपोर्ट पर सिवनी में मंत्री जी द्वारा कठोर कार्यवाही के निर्देश दिये गये निर्देश दिये जाने के उपरांत क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) गुणवत्‍ताहीन एलम ब्‍लीचिंग पाई गई शासन स्‍तर से ठोस कार्यवाही से  प्रश्‍नकर्ता को अवगत कराने का कहा गया किन्‍तु आज दिनांक तक किसी भी कार्यवाही की जानकारी प्रश्‍नकर्ता को अप्राप्‍त है? (ग) दोषियों के विरूध्‍द आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया कि नहीं। कब तक दोषियों के ऊपर कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) शासन द्वारा कलेक्‍टर, सिवनी के माध्‍यम से जाँच करवाई गयी है। कलेक्‍टर, सिवनी की रिपोर्ट अनुसार मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, उपयंत्री एवं प्रभारी जल प्रदाय स्‍टोर शाखा प्रथम दृष्‍टया दोषी पाए गए है। अनुशासनात्‍मक कार्यवाही के लिए प्रकरण आयुक्‍त, जबलपुर के विचाराधीन है। (ख) जी हाँ। जाँच प्रक्रिया पूर्ण होने पर अवगत कराया जा सकेगा। (ग) जी नहीं। शीघ्र ही कार्यवाही पूर्ण की जावेगी।

तिलहन संघ के संविलय सेवायुक्‍तों पाँचवा छठवां वेतनमान

13. ( क्र. 694 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्‍य तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्‍तों को छठवां वेतनमान का लाभ क्‍यों नहीं दिया जा रहा है? वेतन निर्धारण का प्रावधान संविलियन योजना की कंडिका 2:6 दिनांक 12.08.2013 एवं पुन: प्रसारित वेतन निर्धारण स्‍पष्‍टीकरण आदेश सामान्‍य प्रशासन विभाग सी-3-14/2013/1/3 दिनांक 28 जनवरी, 2016 दोनों में क्‍या अंतर है? यदि हाँ, तो क्‍या? यदि अंतर नहीं तो नये आदेश की क्‍या जरूरत थी? (ख) क्‍या तिलहन संघ के सहकारिता एवं वित्‍त विभाग में सविलियत सेवायुक्‍तों को गत लगभग 1 वर्ष से वेतन निर्धारण नहीं किया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? इतना अधिक समय वेतन निर्धारण प्रक्रिया को रोके रखने का क्‍या कारण है? वेतन निर्धारण हेतु क्‍या फिर कोई प्रक्रिया पुन: चल रही है अथवा नहीं? (ग) क्‍या तिलहन संघ के संविलियत सेवायुक्‍तों के वेतन संरक्षण का लाभ देंगे? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्‍नांश (क) के आदेशों में इसका प्रावधान है अथवा नहीं? (घ) म.प्र. राज्‍य तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ कुछ सेवायुक्‍तों को 15-17 वर्षों से पाँचवे वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? (जैसा कि विधान सभा प्रश्‍न क्र. 7175 दिनांक 8.4.2011 में बताया गया है) अन्‍य को नहीं, ऐसा क्‍यों? क्‍या सभी प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ सेवायुक्‍तों को पाँचवा वेतनमान का लाभ स्‍वीकृत करेंगे? यदि नहीं, तो जिन्‍हें मिल रहा है? क्‍या उनसे वसूली की कार्यवाही करेंगे?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) छठवें वेतनमान में ही संविलियन किया गया है। कोई अन्‍तर नहीं है। केवल वेतन निर्धारण करने हेतु स्‍मरण कराया गया है। (ख) वेतन निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी हाँ। जी नहीं। (घ) संबंधित निगम/मंडलो द्वारा अपनी वित्‍तीय स्थिति के आधार पर वेतनमान दिया जाता है। शेषांश की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

जनभागीदारी योजना में स्‍वीकृति कार्य

14. ( क्र. 870 ) श्री शान्तिलाल बिलवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में वर्ष 2014-15 से अब तक जनभागीदारी योजना में   कौन-कौन से एवं कितनी-कितनी लागत के कार्य स्‍वीकृत हुए? (ख) उक्‍त स्‍वीकृत कार्यों में किस-किस जनप्रतिनिधि के प्रस्‍तावों पर स्‍वीकृति प्रदान की गई? (ग) क्‍या झाबुआ जिले में जनप्रतिनिधियों के प्रेषित प्रस्‍तावों के कार्यों को जनभागीदारी योजना में स्‍वीकृत किये जाने के प्रावधान नहीं हैं? अगर नहीं हैं तो क्‍यों? अगर प्रावधान है तो प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित कितने प्रस्‍तावों पर स्‍वीकृति दी गई बतावें? (घ) अगर स्‍वीकृति नहीं दी तो क्‍यों? जिला अधिकारी के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा क्‍या?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनान्तर्गत संबंधित ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकाय के प्रस्तावों के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। । (ग) जी हाँ। योजनान्तर्गत संबंधित ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकाय के प्रस्तावों के आधार पर प्रशासकीय स्वीकृति जारी किये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

विद्युत देयक मांग में अनियमितता

15. ( क्र. 876 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में शहडोल जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्‍यौहारी अंतर्गत विभिन्‍न ग्रामों के उपभोक्‍ताओं के कितने बिजली बिल देयक अधिक राशि के गये और उनको परेशान किया गया? क्‍या बिना विद्युत सप्‍लाई के उपभोक्‍ताओं से विद्युत देयक की मांग की जा रही है? (ख) विभाग द्वारा श्री बिहारी लाल सिंह गोंड पिता रामनाथ सिंह गोंड, रंगीटोला, पोंडी (सर्विस क्रमांक 564301-73-51-1292079) को बिना विद्युत कनेक्‍शन दिये ही अनवरत रूप से बिल देयक की मांग की जा रही है? यदि हाँ, तो इस बात की जाँच करायी जायेगी कि श्री बिहारी लाल सिंह गोंड के यहां विद्युत मीटर स्‍थापित है या नहीं? यदि नहीं, तो ऐसी लापरवाही का जिम्‍मेदार कौन है एवं उस पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) शहडोल जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्‍यौहारी के अंतर्गत विभिन्‍न ग्रामों के उपभोक्‍ताओं को अधिक राशि के बिल जारी नहीं किये गए हैं तथापि मानवीय या मशीनी त्रुटिवश गलत बिल जारी होने पर अथवा बिना विद्युत कनेक्‍शन के बिल जारी हो जाने के प्रकरणों की जाँच की जाकर नियमानुसार बिल का सुधार अथवा बिल की राशि विलोपित करने की कार्यवाही की जाती है। (ख) पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा श्री बिहारी लाल सिंह गौड़ पिता श्री रामनाथ सिंह गोंड़ रंगीटोला, पोड़ी (सर्विस क्र. 564301-73-51-1292079) को माह जुलाई 2016 में रू. 11,050 राशि का बिल जारी किया गया है। उक्‍त परिसर की जाँच करने पर पाया गया कि वहाँ विद्युत कनेक्‍शन नहीं है, अत: बिल समाप्‍त करने की कार्यवाही कर दी गई है तथा प्रकरण की जाँच की जा रही है। इस लापरवाही के लिए जिम्‍मेदार अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ जाँच निष्‍कर्ष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।

नगर परिषद के विकास सौंदर्यीकरण कार्य

16. ( क्र. 895 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शहडोल जिले के ब्‍यौहारी नगर परिषद के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिये कार्य कराया जा रहा है और भविष्‍य में प्रस्‍तावित है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो उक्‍त नगर परिषद में वर्तमान में कौन-कौन से कार्य संचालित हैं तथा उनकी लागत राशि क्‍या है। कार्यवार, व्‍ययवार जानकारी उपलब्‍ध करावें? (ग) उक्‍त नगर परिषद में स्‍थायी बस स्‍टैण्‍ड की व्‍यवस्‍था नहीं है। क्‍या स्‍थायी बस स्‍टैण्‍ड की व्‍यवस्‍था करायी जावेगी? (घ) उक्‍त शहर के बीचों-बीच खटखरिया तालाब के सौंदर्यीकरण एवं खेल मैदान में स्‍टेडियम निर्माण कराया जावेगा, जो उक्‍त शहर के लिये अति आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। भविष्‍य में प्रस्‍तावित कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है।          (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर परिषद ब्‍यौहारी द्वारा स्‍थाई बस स्‍टैण्‍ड के लिये पूर्व प्रस्‍तावित की गई भूमि पर माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में श्री जगदीश प्रसाद द्वारा याचिका क्रमांक 28/2001 जगदीश प्रसाद विरूद्ध शासन व अन्‍य द्वारा दायर होकर निर्णय अपेक्षित है, जिससे वर्तमान में न्‍यू बरौंधा वार्ड क्र 9 में स्‍थल चयन कर भूमि अधिपत्‍य की कार्यवाही प्रचलित है।         (घ) नगर परिषद ब्‍योहारी की परिषद द्वारा खटखरिया तालाब सौन्‍दर्यीकरण कराये जाने की कार्ययोजना पर्यटन विभाग को भेजे जाने का प्रस्‍ताव क्रमांक 18 दिनांक 01.06.2016 पारित किया गया है। नगर परिषद, ब्‍योहारी में खेल एवं युवा कल्‍याण विभाग द्वारा खेल मैदान में स्‍टेडियम का निर्माण कराया गया है। खटखरिया तालाब सौन्‍दर्यीकरण को करवाए जाने की समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''तिरेपन''

जलाशय निर्माण कार्य

17. ( क्र. 973 ) श्री प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले की जनपद पंचायत जबेरा के गाँव करारिया में बुन्‍देलखण्‍ड पैकेज योजनांतर्गत जलाशय निर्माण हेतु किस वर्ष में प्रशासनिक स्‍वीकृति कितनी राशि की दी गई थी, इसकी निर्माण एजेंसी कौन है, उसका नाम, पता सहित जानकारी देवें?    (ख) क्‍या निर्माण स्‍थल पर जलाशय का निर्माण कार्य शर्तों के अनुरूप समयावधि में पूर्ण हो चुका है अथवा नहीं? यदि कार्य पूर्ण हो चुका है, तो कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र कब और किसके द्वारा जारी किया गया? यदि कार्य अपूर्ण है, तो अपूर्ण रहने का क्‍या कारण है? (ग) जलाशय निर्माण के कार्य की निगरानी किस अधिकारी/संस्‍था द्वारा कब-कब की गई है, उसका संपूर्ण विवरण देवें? (घ) क्‍या जलाशय का निर्माण गुणवत्‍ताविहीन होने के कारण जलाशय में जल ठहराव नहीं हो रहा है, फलस्‍वरूप कृषकों को सिंचाई सुविधा का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है? क्‍या उक्‍त समस्‍या के चलते एवं निर्माण कार्य में हुए भ्रष्‍टाचार की जाँच हेतु किसान संघ के बैनर तले सैकड़ों कृषकों ने विगत माह मई 2016 में धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्री एवं जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया था? (ड.) क्‍या ज्ञापन में दर्शाये बिन्‍दुओं की जाँच हेतु किसी स्‍वतंत्र एवं निष्‍पक्ष एजेंसी को नियुक्‍त किया गया है, यदि हाँ, तो उसका विवरण देवें तथा जाँच कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) वर्ष 2006 में रू. 357.16 लाख की। मेसर्स जी.एस.सी. कंस्ट्रक्शन कंपनी, उन्नाव एवं श्री सुखपाल सिंह बुन्देला, पन्ना।     (ख) जी हाँ, पूर्ण हो चुका है। दिनांक 03.05.2016 को कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, दमोह द्वारा। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी नहीं, वर्ष 2014-15 में 255 हेक्टर एवं 2015-16 में 360 हेक्टर क्षेत्र में जल उपलब्ध कराया गया। किसान संघ द्वारा प्रस्‍तुत ज्ञापनों में उक्‍त कार्य का उल्‍लेख नहीं हैं। (ड.) जी नहीं। निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण होने के कारण जाँच की स्थिति नहीं पाई गई। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - ''चउवन''

वार्ड में कार्य योजना

18. ( क्र. 974 ) श्री प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दमोह जिले की नगर पंचायत तेंदूखेड़ा में विगत वर्ष 2008-09 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस वार्ड में क्‍या-क्‍या कार्य किस-किस योजना से करवाये गये हैं? प्रत्‍येक कार्य की लागत निविदा दिनांक, भुगतान कार्य एजेंसी, कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र आदि विवरण सहित जानकारी देवें? (ख) नगर पंचायत तेन्‍दूखेड़ा के अंतर्गत कौन-कौन सी वैध/अवैध कालोनियां किस-किस वार्ड में है? उनके निर्माण की अनुमति कब-कब किसके द्वारा दी गई है? नगर पंचायत द्वारा ऐसी अवैध कालोनियों में किन-किन योजनाओं से क्‍या-क्‍या कार्य करवाये गये हैं? (ग) नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन सी कॉलोनी कब-कब हस्‍तांतरित की गई? उसकी प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें? इन कॉलोनियों में नियमानुसार कितनी-कितनी जमीन किस-किस कार्य एवं किन वर्गों हेतु आरक्षित रखी गई है? कॉलोनाईजरों की कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में जमा है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) नगर परिषद, तेंदूखेडा के अंतर्गत वैध/अवैध कॉलोनी नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) नगर परिषद तेंदूखेड़ा के अंतर्गत कोई भी कॉलोनी हस्‍तांतरित नहीं की गई है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

उद्योग विभाग में संचालित योजनाएं

19. ( क्र. 999 ) श्री मुकेश नायक : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना, प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम योजनान्‍तर्गत बेरोजगारों से ऋण स्‍वीकृति/प्राप्‍त हेतु कितने आवेदन उद्योग विभाग को प्राप्‍त हुये? इन योजनाओं का निर्धारित लक्ष्‍य क्‍या है, मद्देनजर कितने-कितने प्रकरण विभाग ने स्‍वीकृत कर ऋण वितरण हेतु किन-किन बैंकों में भेजे जानकारी वर्ष/योजना/बैंकवार बतावें? (ख) उक्‍त भेजे गये प्रकरणों को उक्‍त बैंकों से ऋण प्रकरण स्‍वीकृत कराकर बेरोजगार को ऋण वितरण कराने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) विभागीय अमले व उक्‍त बैंकों की उदसीनता के कारण जिले में मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना में कितने बेरोजगारों को ऋण मिला है एवं कितने बेरोजगारों को इस योजनाओं को लाभ मिला है? यदि हाँ, तो इस हेतु शासन क्‍या कार्यवाही करेगा? (घ) क्‍या अब शासन जिले में उक्‍त योजनाओं में लक्ष्‍य प्राप्ति एवं बेरोजगारों को लाभांवित करने हेतु स्‍वयं अपने स्‍तर से अथवा जिला कलेक्‍टर के माध्‍यम से त्‍वरित उचित कार्यवाही करवाएगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) पन्‍ना जिले में वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक बेरोजगारों से ऋण स्‍वीकृति प्राप्‍त करने हेतु मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजनान्‍तर्गत 2961, मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना में 48, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना में 45 (कुल 3054) आवेदन जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र, पन्‍ना को प्राप्‍त हुए हैं। इन योजनाओं के लिए निर्धारित लक्ष्‍य 981 हैं। विभाग द्वारा समिति से प्रकरण चयनित कराकर, ऋण वितरण हेतु जिलों के विभिन्‍न बैंकों में 2555 प्रकरण भेजे गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उक्‍त भेजे गये प्रकरणों में ऋण वितरण कराने हेतु विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा समय-समय पर बैंकों से संपर्क किया गया। (ग) विभागीय अमले एवं बैंको की सक्रियता के कारण जिले में मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना में 529, मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना में 18 एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना में 14 (कुल 561) युवाओं को ऋण मिला है एवं 561 युवाओं को लाभ मिला है। योजनावार वर्षवार ऋण प्राप्‍त/लाभ प्राप्‍त युवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) शासन द्वारा उक्‍त योजनाओं में लक्ष्‍य की प्राप्ति एवं बेरोजगारों को लाभान्वित करने हेतु राज्‍य स्‍तर पर बैंकों के साथ राज्‍य स्‍तरीय समन्‍वय समिति मुख्‍य सचिव की अध्‍यक्षता में एवं जिला स्‍तर पर जिला कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में जिला स्‍तरीय समन्‍वय समिति की बैठकों का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है।

अवैध उत्‍खनन पर कार्यवाही

20. ( क्र. 1016 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न संख्‍या-3 (क्र. 417) दिनांक 21.7.15 में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व लहार पत्र क्र. 1140 दिनांक 29.7.15 में 23.5.15 में ग्राम बरोना में अवैध खनिज निकासी पाया गया? ट्रक व मशीनें मौका स्‍थल पर थी? तो क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) दिनांक 23.5.2015 की कार्यवाही में कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित थे? प्रश्‍नांश दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) क्‍या श्री धनेन्‍द्र सिंह भदौरिया निरीक्षक पुलिस दिनांक 23.5.1520.6.15 की ग्राम बरोना अवैध खनन कार्यवाही में सम्मिलित था? दिनांक 23.5.15 में अवैध रेत खनन, ट्रक व मशीनें सांठ-गांठ कर छोड़ दी? खनिज विभाग व एस.डी.एम. लहार पर गंभीर कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? (घ) दिनांक 23.5.15 ग्राम बरोना में अवैध खनिज ट्रक व मशीन बिना कार्यवाही के छोड़ने से शासन को कितना राजस्‍व की क्षति हुई? किससे वसूल किया जावेगा? कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। दिनांक 23.05.2016 को भ्रमण के दौरान ग्राम विरौना सिंध नदी में अवैध रूप से खनिज निकासी हेतु कच्‍चा पुल निर्माण किया जाना पाया गया। पुलिस बल को देखकर अवैध निकासी व परिवहन कर रहे व्‍यक्ति भाग गये। बनाये गये कच्‍चे पुल को पुलिस व मजदूर के सहयोग से तुड़वाया गया। आपरेटर, वाहन चालक वाहन छोड़कर भाग गये थे। इसलिए खड़े ट्रक व मशीनें मौका स्‍थल से नहीं लायी जा सकी। (ख) प्रश्‍नाधीन दिनांक की कार्यवाही में एस.डी.एम. लहार, तहसीलदार, रौन तथा थाना प्रभारी, रौन मय फोर्स के शामिल थे। इस संबंध में कलेक्‍टर, भिण्‍ड को जाँच हेतु लेख किया गया है। (ग) जी हाँ। इस संबंध में कलेक्‍टर, भिण्‍ड को जाँच कर प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराने के लिये लेख किया गया है।   (घ) कलेक्‍टर, भिण्‍ड को जाँच कर प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराने हेतु लेख किया गया है। जिसके अनुसार कार्यवाही उपरांत प्रश्‍नानुसार स्थिति स्‍पष्‍ट होगी।

फीडर सेपरेशन योजना

21. ( क्र. 1017 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फीडर सेपरेशन के कार्य विधान सभा क्षेत्र भिण्‍ड में कब से प्रारंभ हैं तथा किस कंपनी के द्वारा कार्य करवाया जा रहा है? (ख) फीडर सेपरेशन योजना का कार्य विधान सभा क्षेत्र भिण्‍ड में कितने फीडरों में क्रियान्वित है? कार्य कब प्रारंभ हुआ? कब तक पूर्ण हो जाएगा? फीडरवार कार्य का विवरण बतायें? (ग) क्‍या फीडर सेपरेशन योजना का कार्य विधान सभा क्षेत्र भिण्‍ड के जिन ग्रामों में पूर्ण हो चुका है उन ग्रामों में योजना का लाभ ग्रामवासियों को मिलना प्रारंभ हो गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? किन कारणों से ग्रामवासी योजना से वंचित है? (घ) क्‍या फीडर सेपरेशन योजना से वंचित शेष ग्रामों में भी कार्य होना संभावित है? यदि हाँ, तो योजना से वंचित ग्रामों में योजना कब तक प्रारंभ हो जायेगी? कब तक कार्य पूर्ण होगा? जानकारी समयावधि सहित दें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र भिण्‍ड में फीडर सेपरेशन योजनांतर्गत कार्य दिनांक 20.08.2011 से आरम्‍भ किया गया था। उक्‍त कार्य ठेकेदार एजेन्‍सी मैसर्स ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर लि. मुम्‍बई से कराया जा रहा था, किन्‍तु कार्य में अत्‍याधिक विलंब करने के कारण दिनांक 08.06.2015 को उक्‍त ठेकेदार एजेंसी का अनुबंध निरस्‍त कर दिया गया है। शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु नई ठेकेदार एजेन्‍सी को कार्यादेश जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) विधान सभा क्षेत्र भिण्‍ड में फीडर सेपरेशन योजनान्‍तर्गत पूर्व में कार्यरत ठेकेदार एजेंसी मैसर्स ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर लि. मुम्‍बई द्वारा 11 के.व्‍ही. में 5 फीडरों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 8 फीडरों का कार्य अपूर्ण है। कार्य पूर्णता/अपूर्ण होने का फीडरवार विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार प्रश्‍नाधीन कार्य दिनांक 20.08.2011 से आरंभ हुआ था। किन्‍तु उत्‍तरांश (क) में दर्शाए कारण से अवार्ड निरस्‍त करने के उपरांत नई ठेकेदार एजेंसी को कार्यादेश जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से वर्तमान में कार्य पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। फीडर सेपरेशन योजनान्‍तर्गत 11 के.व्‍ही. के 5 फीडरों का कार्य पूर्ण हुआ है, जिनसे संबद्ध 53 ग्रामवासियों को उक्‍त योजना का लाभ मिल रहा है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) जी हाँ। फीडर सेपरेशन योजना से वंचित ग्रामों में फीडर सेपरेशन के कार्य हेतु नई ठेकेदार एजेंसी को कार्यादेश जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। कार्य पूर्ण करने की अवधि कार्यादेश जारी होने की तिथि से 18 माह निर्धारित है। अत: वर्तमान में कार्य प्रारंभ एवं पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पचपन''

आवारा पशुओं से कृषि हानि/क्षति

22. ( क्र. 1020 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला भिण्‍ड में आवारा पशुओं की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है? यदि हाँ, तो आवारा पशुओं के लिए कांजी हाँऊस आवश्‍यकतानुसार बनाने की योजना है जिले में वर्तमान में कितने कांजी हाउस संचालित है? विगत पाँच वर्ष में कितनी राशि व्‍यय की जानकारी दें? (ख) क्‍या आवारा पशुओं जिनमें गौवंश की मात्रा अधिक है, उनकी वजह से मुख्‍य मार्ग एवं शहर के  व्‍यवस्‍तम  मार्ग अवरूद्ध हो रहे हैं, गौवंश की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मृत्‍यु हो रही है वाहन चालक गंभीर रूप से घायल होकर जनहानि हो रही है? यदि हाँ, तो नियंत्रण/रोकथाम के लिए अभियान चलाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब? (ग) जिले में कितनी सामाजिक संस्‍थायें गौवंश संवर्धन के लिए संचालित है? उनके द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किए जा रहे हैं? (घ) प्रश्‍नांश '''' और '''' के संदर्भ आवारा पशुओं से निदान के लिए कोई कार्य योजना तैयार की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, भिण्‍ड जिले के नगरीय क्षेत्र में आवारा पशुओं से फसल की बर्बादी की कोई जानकारी प्राप्‍त नहीं हुई है, जिले में कुल 04 कांजी हाउस संचालित है, विगत 05 वर्षों में कुल राशि रू. 218800/- व्‍यय की गई है। (ख) समय-समय पर अभियान चलाया जाकर आवारा पशुओं को कांजी हाउस एवं गौशालाओं में भेज दिया जाता है। (ग) भिण्‍ड जिले में सामाजिक संस्‍थाओं द्वारा 13 पंजीकृत गौसंवर्धन बोर्ड द्वारा संचालित है, जिनको समय-समय पर अनुदान चारा-भूसा हेतु प्रदाय किया जाता है, उपरोक्‍त 13 गौशालाओं में 1323 जवारा गौवंश रखा गया है। (घ) समय-समय पर आवारा पशुओं को इकट्ठा कर गौशालाओं की क्षमतानुसार गौशालाओं का भेज दिया जाता है।

विभिन्‍न योजनांतर्गत कार्य एवं भुगतान

23. ( क्र. 1022 ) श्री नरेन्‍द्र सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना के अंतर्गत भिण्‍ड जिले के अंतर्गत कहाँ पर कौन से कार्य स्‍वीकृत कब किए गए? कब पूर्ण होना है? कौन सा कार्य पूर्ण/अपूर्ण/अप्रारंभ है, अप्रारंभ/अपूर्ण के क्‍या कारण हैं? (ख) भिण्‍ड जिले में किन नगर पालिका द्वारा विगत पाँच वर्षों में किस कार्य का कितना भुगतान किया गया?                (ग) नगर पालिका भिण्‍ड प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कब तक कार्य पूर्ण हो जायेंगे?             (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कार्य की गति धीमी होने के कारण कौन उत्‍तरदायी है? क्‍या कार्यवाही की जायेगी? शासन और जनता को कितनी क्षति हुई? कब तक कार्य पूर्ण होंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना ऋण आधारित योजना है इस योजनांतर्गत 70 % ऋण हुडको से लिया जाता है। हुडको से ऋण स्‍वीकृत होने की प्रक्रिया वृहद है जिससे ऋण राशि विलम्‍ब से उपलब्‍ध होने से कार्य की प्रगति प्रभावित हुई है, साथ ही कुछ निकायों में क्रस्‍ट डिजायन शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज से प्राप्‍त करना था, जिसमें भी विलम्‍ब हुआ है। अत: कोई दोषी नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''छप्पन''

प्रदेश में आसवनियों द्वारा की जा रही अनियमितता पर पेनाल्‍टी

24. ( क्र. 1083 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 2004 से जून 2016 तक कार्यरत आसवनियों के नाम, स्‍थान, उत्‍पादन प्रारंभ की दिनांक एवं मालिक/भागीदार के नाम पता सहित प्रदान करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित सूची में किस-किस आसवनी द्वारा वर्ष अनुसार उत्‍पादित शराब की मात्रा की जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित आसवनी से प्रतिवर्ष शासन को कितना-कितना शुल्‍क प्राप्‍त हुआ तथा किस आसवनी पर कितना शुल्‍क बकाया है?            (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित किस-किस आसवनी पर प्रश्‍नाधीन अवधि में अनियमितता आदि पर कितने प्रकरण दर्ज किए गए तथा प्रथमत: कितनी पेनाल्‍टी आरोपित की गई तथा भौतिक रूप से कितनी पेनाल्‍टी प्राप्‍त हुई?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के          प्रपत्रएक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रदो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रतीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रचार अनुसार है।

अवैध कॉलोनी का नियमितीकरण

25. ( क्र. 1116 ) श्री जतन उईके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या छिन्‍दवाड़ा जिले की ऐसी अवैध कालोनियां जो न किसी शासकीय भूमि पर हैं न नजूल की भूमि पर न विकास प्राधिकरण की योजना में हैं और न किसी शासकीय योजना में हैं, जो निजी भूमि पर बसे हैं उनसे नगर निगम छिन्‍दवाड़ा एवं नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत द्वारा संपत्ति कर, जल कर अन्‍य कर लिये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो उन्‍हें नियमित किया जाकर मूलभूत सुविधाएं मुहैया क्‍यों नहीं कराई जा रही हैं? यदि हाँ, तो कब तक नियमित किया जावेगा? (ग) वर्ष 2011 के बाद छिन्‍दवाड़ा जिले में कितनी अवैध नई कॉलोनी काटी गई हैं? शिकायत होने पर संबंधित पर क्‍या कार्यवाही की गई?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अवैध कॉलोनी को वैध करने उपरांत सुविधायें उपलब्‍ध होती है। अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया में सरलीकरण शासन के विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को विद्युतीकरण कनेक्‍शन

26. ( क्र. 1117 ) श्री जतन उईके : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पांढुर्ना विधान सभा क्षेत्रांतर्गत शासन की अनुदान योजना के तहत सिंचाई पंप विद्युत कनेक्‍शन हेतु वर्ष 2013-14 में एवं 2014-15, 2015-16 में 31 मार्च, 2016 तक कितने आवेदन म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत मण्‍डल वितरण कंपनी लिमिटेड छिन्‍दवाड़ा से संबंधित कार्यालय को प्राप्‍त हुए हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कितने आवेदन स्‍वीकृत किए गए? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में दिनांक 31 मार्च,2016 तक अनुदान योजना के अन्‍तर्गत प्राप्‍त आवेदनों में से कितने विद्युत कनेक्‍शन एवं कितने सिंचाई पंप कनेक्‍शन प्रदान कर दिए गए वर्षवार संख्‍या बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) छिन्‍दवाड़ा जिले के पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कृषक अनुदान योजना के अंतर्गत स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन प्रदान किये जाने हेतु वर्ष 2013-14 में 31 आवेदन, वर्ष 2014-15 में 27 आवेदन तथा वर्ष 2015-16 में दिनांक 31 मार्च, 2016 तक 40 आवेदन पत्र संबंधित कार्यालय में प्राप्‍त हुए हैं।             (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित सभी आवेदन स्‍वीकृत कर दिए गए हैं। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित प्रश्‍नाधीन अवधि में पांढुर्णा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कृषक अनुदान योजना में स्‍थाई पंप कनेकशन हेतु प्राप्‍त आवेदनों में से दिनांक 30.06.2016 तक कार्य पूर्ण कर प्रदान किये गए कनेक्‍शनों (सिंचाई पंप कनेक्‍शन) की वर्षवार संख्‍या निम्‍नानुसार है :-

क्रमांक

वर्ष

प्राप्‍त आवेदनों की संख्‍या

कार्य पूर्ण कर प्रदान किये गये कनेक्‍शन

1

2013-14

31

16

2

2014-15

27

27

3

2015-16

40

42

4

2016-17 (30.06.2016 तक)

--

5

कुल

98

90

उक्‍तानुसार शेष 8 आवेदनों के लाईन विस्‍तार के कार्य योजनान्‍तर्गत निर्धारित समयावधि में वरीयता क्रम में, आर.ओ.डब्‍ल्‍यू. की उपलब्‍धता अनुसार किये जा रहे हैं।

पवन ऊर्जा के यंत्रों को स्‍थापित किये जाने

27. ( क्र. 1134 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राज्‍यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा के यंत्रों को स्‍थापित किए जाने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभाग को पत्र के माध्‍यम से जो प्रस्‍ताव भेजे गये थे उन प्रस्‍तावों पर विभाग द्वारा पवन ऊर्जा के यंत्रों को स्‍थापित किए जाने के संबंध में अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या परासिया विधान सभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा के यंत्रों को स्‍थापित किया जायेगा? अगर किया जायेगा तो कब तक स्‍थापित कर दिया जायेगा? (ग) अगर परासिया विधान सभा क्षेत्र में पवन ऊर्जा के यंत्रों को स्‍थापित नहीं किया जायेगा तो स्‍थापित नहीं किए जाने का क्‍या कारण है?

राज्‍यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के समीपस्‍थ ग्राम डेण्‍डू क्षेत्र में पवन ऊर्जा स्‍त्रोत के आंकलन हेतु भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की संस्‍था नेशनल इंस्‍टीट्यूट आफ विण्‍ड इनर्जी, चेन्‍नई के माध्‍यम से विण्‍ड मास्‍ट स्‍थापित किया गया है। (ख) शासन की पवन ऊर्जा नीति-2012 के प्रावधानों के अन्‍तर्गत प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्‍थापना निजी ईकाइयों द्वारा की जाती है। निजी ईकाइयों द्वारा परियोजना की स्‍थापना तकनीकी एवं वित्‍तीय रूप से साध्‍यता के दृष्टिगत की जाती है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍वरोजगार योजना के तहत स्‍वीकृत प्रकरण

28. ( क्र. 1166 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत वित्‍त वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वरोजगार ऋण की किन-किन योजनाओं के अंतर्गत कितने हितग्राहियों ने ऋण प्राप्‍त करने हेतु आवेदन किये, योजनावार संख्‍या बतलावें?                     (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कितने आवेदन कितनी राशि के प्रस्‍ताव पास कर किस बैंक को भेजे गये? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित बैंकों को भेजे गये स्‍वरोजगार ऋण आवेदनों में से किस-किस कार्य हेतु कितने आवेदकों को कितना ऋण स्‍वीकृत किय गया? कितने आवेदन बैंक द्वारा किस कारण के पास नहीं किये गये? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित बैंकों द्वारा प्रदत्‍त स्‍वीकृत ऋण अनुसार हितग्राहियों को दी गई आर्थिक सहायता की राशि क्‍लैम सेटलमेंट प्रतिक्रिया अंतर्गत नोडल बैंकों के माध्‍यम से कब कितनी राशि प्राप्‍त की गई? बैंकों को भेजे गये हितग्राहियों के ऋण प्रस्‍ताव को मंजूर न करने पर बैंकों पर शासन कब क्‍या कार्यवाही करेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) सतना जिले में वर्ष 2013-14 से जून 2016 तक स्‍वरोजगार योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों से योजनावार प्राप्‍त प्रकरणों की जानकारी निम्‍नानुसार है:- 1- दीनदयाल रोजगार योजना   -150, 2- रानी दुर्गावती स्‍वरोजगार योजना-251, 3- मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना    -7169, 4- मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना-4879, 5- मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना-159, 6        - प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम-177 (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरणों में राशि रूपये 19063.11 लाख के 11730 प्रकरण टास्‍क फोर्स कमेटी के अनुमोदन पश्‍चात् जिले में स्थित विभिन्‍न बैंकों की ओर भेजे गये थे। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित बैंकों की ओर भेजे गये स्‍वरोजगार प्रकरणों में से 3352 प्रकरणों में उद्योग, सेवा, व्‍यवसाय श्रेणी हेतु बैंकों द्वारा रूपये 7435.88 लाख के ऋण स्‍वीकृत किया गया। कुछ बैंक शाखाओं के लिए योजनान्‍तर्गत निर्धारित लक्ष्‍य पूर्ण हो जाने तथा कुछ प्रकरणों को वायबिल न पाये जाने के कारण बैंकों द्वारा ऋण वितरण नहीं किया गया। (घ) बैंकों द्वारा नोडल बैंक से क्‍लेम सेटलमेंट अंतर्गत प्राप्‍त राशि की जानकारी विभाग स्‍तर पर संधारित न होकर, बैंक स्‍तर पर ही संधारित की जाती है। बैंक शासन के अधीन नहीं आते, अत: बैंक पर कार्यवाही संभव नहीं है, परन्‍तु आवेदकों को बैंकों से आने वाली कठिनाइयों के संबंध में शासन प्रतिनिधियों द्वारा राज्‍य स्‍तरीय बैंकर्स कमेटी में उनकी समस्‍याओं को उठाया जाता है तथा जिला स्‍तर पर भी कलेक्‍टरों द्वारा जिला स्‍तरीय परामर्शदात्री समिति (डी.एल.सी.सी.) में बैंकर्स के साथ ऐसे प्रकरणों की समीक्षा की जाती है।

अवैध खनन के विरूद्ध रामस्‍थान के ग्रामीणों द्वारा धरना दिया जाना

29. ( क्र. 1170 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की तहसील रघुराजनगर अंतर्गत ग्राम रामस्‍थान में अवैध उत्‍खनन की शिकायत ग्रामीण जनता द्वारा कलेक्‍टर सतना, एस.डी.एम. तहसीलदार रघुराजनगर को ज्ञापन सौंपकर कब-कब कार्यवाही किये जाने की मांग की गई है? (ख) क्‍या प्रशासन स्‍तर पर कार्यवाही नहीं होने से ग्राम रामस्‍थान के ग्रामीण विगत 40 दिनों से धरने पर बैठे हैं, यदि हाँ, तो क्‍या इनकी जायज मांगों पर कार्यवाही कलेक्‍टर सतना द्वारा की गई या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बताएं? (ग) क्‍या पूरे सतना जिले की विभिन्‍न तहसीलों में अवैध उत्‍खनन की शिकायतें प्राप्‍त होने के बाद भी खनन माफियाओं, सफेदपोश नेताओं के दबाव में आकर कलेक्‍टर सतना द्वारा आम जनता की बात नहीं सूनी जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो राजस्‍व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित संपूर्ण अवैध उत्‍खनन की जानकारी दी जावे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में अवैध उत्‍खनन की शिकायत, श्री राजधर सिंह, श्री के.के. त्रिपाठी एवं अन्‍य द्वारा कलेक्‍टर, सतना, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) सतना, तहसीलदार रघुराजनगर को दिनांक 13.04.2016, 26.04.2016 एवं 24.05.2016 को ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही किये जाने की मांग की गई। (ख) जी हाँ। दिनांक 09.06.2016 को मांग अनुसार स्‍वीकृत खदान का सीमांकन राजस्‍व एवं खनिज अमले की उपस्थिति में कराया जा चुका है। सीमांकन के पश्‍चात् धरना समाप्‍त कर दिया गया है। संबंधितों की जायज मांग पर कार्यवाही कर दी गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध कालोनियों को वैध किये जाने पर अमल किया जाना

30. ( क्र. 1171 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि. अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या-44 (क्रमांक 1378) दिनांक 3 मार्च, 2015 एवं अतारांकित प्रश्‍न क्र. 801 दिनांक 30 जुलाई, 2015 द्वारा प्रश्‍नकर्ता के द्वारा पूछे गये जवाब में नगर पालिका निगम सतना में 138 अवैध कॉलोनियों की जानकारी दी गई थी? तो क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा सदन के अन्‍दर 15 दिसम्‍बर, 2015 को प्रश्‍न के जवाब में यह घोषणा की गई थी कि राज्‍य की सभी अवैध कॉलोनियों को वैध किया जावेगा तथा इस‍के लिए जरूरी नियमों का सरलीकरण किया जाएगा, यह विसंगति अब नहीं चलेगी? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) का उत्‍तर हां, है तो क्‍या सतना नगर पालिका निगम की 138 अवैध कॉलोनियों को वैध करने हेतु अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही अमल में लाई गई है? (ग) क्‍या शासन स्‍तर से नियम सरलीकरण के आदेश नगर निगमों को दिये गये हैं, यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध कराते हुए बताएं कि अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया को सरलीकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। नगर पालिक निगम सतना द्वारा अवैध कॉलोनी को वैध करने के संबंध में मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्‍ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्ते) नियम 1998 के अंतर्गत की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया को सरलीकरण करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - ''सत्तावन''

विद्युत व्‍यवस्‍था सुचारू करने

31. ( क्र. 1195 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा पूरे मध्‍यप्रदेश में चौबीस घंटे बिजली उपलब्‍ध कराने की व्‍यवस्‍था की गई है तथा विभाग द्वारा भी अटल ज्‍योति अभियान की पूर्णता का प्रमाण-पत्र दे दिया गया है? (ख) क्‍या धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र के अनेकों ग्रामों में फिडर सेपरेशन कार्य अपूर्ण होने के कारण चौबीस घण्‍टे बिजली उपलब्‍ध नहीं हो रही है? विभाग फिडर सेपरेशन का अपूर्ण पड़ा कार्य कब तक पूर्ण करवाकर क्षेत्र के ग्रामीणों को चौबीस घण्‍टे बिजली उपलब्‍धता की सुविधा प्रदान करवा देगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, अटल ज्‍योति अभियान के अंतर्गत संपूर्ण प्रदेश में ग्रामों के मुख्‍य आबाद क्षेत्र में गैर-कृषि उपयोग हेतु घरेलू फीडरों के माध्‍यम से 24 घण्‍टे तथा कृषि उपयोग हेतु कृषि फीडरों के माध्‍यम से 10 घण्‍टे विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराए जाने का प्रावधान है। जिन ग्रामों हेतु फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है उन्‍हें मिश्रित फीडरों के माध्‍यम से थ्री फेज पर 10 घण्‍टे तथा सिंगल फेज पर 14 घण्‍टे विद्युत उपलब्‍ध कराई जा रही है। इस प्रकार अटल ज्‍योति अभियान की मंशानुसार प्रदेश में विद्युत प्रदाय उपलब्‍ध कराया जा रहा है। (ख) धार जिले के धरमपुरी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत समस्‍त ग्रामों के आबाद क्षेत्रों को कतिपय अवसरों पर अपरिहार्य कारणों से हुए अवरोधो को छोड़कर गैर-कृषि उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत उपलब्‍ध कराने की व्‍यवस्‍था की गई है। केवल ऐसे आबादी क्षेत्र जहाँ पर फीडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है, को मिश्रित फीडरों के माध्‍यम से 10 घंटे थ्री फेज पर एवं 14 घंटे सिंगल फेज पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत चिन्हित मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत वर्तमान में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में सम्मिलित है, जिसे टर्न-की आधार पर किये जाने हेतु ठेकेदार एजेंसी को मेसर्स यूबीटेक प्राईवेट लिमिटेड, फरीदाबाद को दिनांक 22.11.2014 को कार्यादेश जारी किया गया है। ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्‍त कार्य अनुबंध दिनांक 24.02.2015 से 24 माह (अर्थात 23.02.2017 तक) में किया जाना प्रस्‍तावित है। उक्‍त कार्य पूर्ण होने के उपरान्‍त उक्‍त मजरे-टोलों में भी गैर-कृषि उपयोग हेतु तीन फेज पर 24 घंटे विद्युत उपलब्‍ध कराई जा सकेंगी।

सराय किले के जीर्णोद्धार कार्य में अनियमितता

32. ( क्र. 1197 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य पुरातत्‍व विभाग द्वारा विगत वर्ष धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सराय में स्थित पुरातन किले के जीर्णोद्धार का कार्य कितनी लागत से करवाया गया है एवं किले में क्‍या-क्‍या सुधार कार्य करवाया जाना निर्धारित था? क्‍या उक्‍त प्रावधानित समस्‍त कार्य पूर्ण हो चुके है? (ख) यदि नहीं, तो शेष कार्य कब तक पूर्ण करवा लिया जावेगा? (ग) क्‍या 36 लाख रूपये की लागत से स्‍वीकृत जीर्णोद्धार कार्य में मात्र चार-पाँच परकोटो का ही सुधार कार्य हुआ है? (घ) क्‍या शासन वर्तमान में करवाये गये कार्य का मूल्‍यांकन एवं विभाग द्वारा व्‍यय बताई गयी राशि की उपयोगिता संबंधी उच्‍च स्‍तरीय जाँच करवाएगा, यदि हाँ, तो कब तक बतावें?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) 13वें वित्‍त आयोग के अंतर्गत धार जिले की धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम सराय में स्थित लुन्‍हेरा की सराय जिला धार में वर्ष 2011-12 में राशि रूपये 34.00 लाख से अनुरक्षण एवं जंगल साफ-सफाई, स्‍टोन एवं ब्रिक मेसेनरी, लाइम प्‍वाइंटिग, मुख्‍य प्रवेश द्वार में दरवाजा लगाना आदि कार्य स्‍वीकृत अनुमानित अनुसार कराये गये. (ख) समस्‍त कार्य पूर्ण हो चुके हैं. (ग) सभी कार्य स्‍वीकृ‍त अनुमानिक में दिये गये स्‍पेशिफिकेशन के अनुसार कराये गये. (घ) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है.

नहरों के निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग

33. ( क्र. 1203 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की धरमपुरी तहसील में नर्मदा नहर परियोजना के अंतर्गत पक्‍की नहरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है? जिसमें कई ग्रामों में अधिगृहित भूमि का मुआवजा अनेकों प्रभावित किसानों को नहीं दिया गया है तथा कार्य की गुणवत्‍ता भी ठीक नहीं है? कई स्‍थानों पर नहरें अभी से क्षतिग्रस्‍त हो गई है? शासन नहर कार्यों की जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही कब तक करेगा तथा प्रभावित किसानों को मुआवजा कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? (ख) धरमपुरी तहसील अंतर्गत प्रगतिरत नहर निर्माण कार्य के अंतर्गत क्षेत्र में कार्यरत निर्माण एजेंसी द्वारा ग्राम चिकट्यावड, बगवान्‍या, ढापला एवं लालमाटिया आदि स्थानों पर बड़ी नहर को पक्‍की करने हेतु पास में छोटी नहर खोदी गई थी तथा बड़ी नहर को पक्‍का करने के बाद छोटी नहर को बंद कर उसे बड़ी नहर से नहीं जोड़ा गया, जिससे छोटी नहर का पानी आस-पास के कई किसानों के खेतों में जाने से कृषकों की फसले नष्‍ट हो गई? क्‍या शासन कृषकों की हुई नुकसानी का हर्जाना निर्माण एजेंसी से वसूल कर प्रभावित कृषकों को भुगतान करेगा अथवा नहीं, बतावें?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ, स्‍वामित्‍व विवाद के प्रकरणों में मुआवजे का भुगतान लंबित है। विवादित प्रकरणों में स्‍वामित्‍व विवादों का निराकरण होने पर मुआवजा भुगतान संभव है। कार्य की गुणवत्‍ता संतोषजनक है। नहर का कार्य निर्माणाधीन है और निर्माण के पश्‍चात् उचित गुणवत्‍ता होने पर ही स्‍वीकार किया जाता है। निर्माण के दौरान यदि कोई नहर क्षतिग्रस्‍त होती है तो ठेकेदार के व्‍यय पर ठीक कराई जाती है। निर्माण के पश्‍चात् भी एक वर्ष तक नहर दुरूस्‍ती का कार्य निर्माण एजेन्‍सी से ही कराया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) कुछ ग्रामों में नहर के निर्माण के समय अतिवृष्टि होने के कारण कुछ कृषकों के खेत में वर्षा का जल अल्‍पावधि के लिये भर गया था। जिससे फसलों को नुकसान नहीं हुआ है,‍ किन्‍तु जिन प्रकरणों में कृषकों की भूमि में जल अधिक देरी तक भरा था उनको हुई क्षति के मुआवजे का भुगतान निर्माण एजेन्‍सी द्वारा संबंधित कृषकों को कर दिया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आर्थिक अपराधों संबंधित शिकायत

34. ( क्र. 1204 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में हुए आर्थिक अपराधों से संबंधित कितनी शिकायतें कलेक्‍टर, जिला धार के समक्ष वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्राप्‍त हुई है? उपरोक्‍त प्राप्‍त शिकायतों में से कितनी शिकायतों का निराकरण हो चुका है तथा कितनी लंबित है? (ख) निराकृत प्रकरणों में कितने प्रकरणों में आर्थिक अपराध होने की शिकायत सही पाई गई तथा दोषियों से कितना अर्थदण्‍ड वसूला गया एवं दोषियों के विरूद्ध अर्थ दण्‍ड के अतिरिक्‍त क्‍या-क्‍या कानूनी कार्यवाही की गई, प्रकरणवार बतावें? (ग) कलेक्‍टर, जिला धार को आर्थिक अपराधों से संबंधित वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्राप्‍त शिकायतों में से लंबित शिकायतें किस स्‍तर पर किन कारणों से लंबित है? लंबित शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2014-15 में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। वर्ष 2015-16 में 04 शिकायतें प्राप्‍त हुई है। प्राप्‍त चारों शिकायतें लंबित है। (ख) उत्‍तरांश '' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्ष 2015-16 में प्राप्‍त 04 शिकायतों में से 02 शिकायतें जिला स्‍तर पर एवं 01 शिकायत अनुभाग धार एवं 01 शिकायत अनुभाग बदनावर में लंबित है। जिला स्‍तर पर लंबित 02 शिकायतों में से 01 में प्रदुषण बोर्ड इंदौर एवं लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी धार से जानकारी अपेक्षित है तथा 01 में रिकार्ड से सत्‍यापन किया जाना लंबित है। अनुभाग धार स्‍तर पर लंबित शिकायत में गठित समिति का जाँच प्रतिवेदन अप्राप्‍त होने से कार्यवाही लंबित है। अनुभाग बदनावर स्‍तर पर लंबित शिकायत में जाँच प्रतिवेदन अप्राप्‍त होने से कार्यवाही लंबित है।  समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

भोपाल नगर निगम द्वारा प्रभारी अधिकारियों से कार्य लिया जाना

35. ( क्र. 1236 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या भोपाल नगर निगम में वर्तमान समय में पूर्णकालिक विभागीय अधिकारी की अपेक्षा अधिकांश अन्‍य विभाग के कर्मचारियों को प्रभारी अधिकारी के रूप में नियुक्‍त कर कार्य लिए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो नगर निगम के समस्‍त विभागवार प्रभारी अधिकारी के रूप में कौन-कौन कार्य कर रहे हैं? उनके मूलपद सहित बतावें? (ख) भोपाल नगर निगम में किस-किस पद के कितने-कितने पद कब-कब से रिक्‍त हैं? क्‍या कुछ पदों की पूर्ति हेतु विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक भी हो चुकी है लेकिन पदोन्‍नति आदेश जारी नहीं किए जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कब तक आदेश जारी किए जायेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या प्रभारी प्रथा समाप्‍त कर विभागीय योग्‍यताधारी पूर्णकालिक अधिकारी/कर्मचारी से कार्य लिये जाने हेतु पदों की पूर्ति की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?     (घ) निगम में पदस्‍थ ऐसे कौन-कौन अधिकारी है, जिनके विरूद्ध भ्रष्‍टाचार की शिकायतें होने एवं शासन द्वारा अन्‍यत्र स्‍थानांतरित कर दिये जाने के बाद भी किन कारणों से कार्यमुक्‍त नहीं किया गया? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? कारण सहित बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार है। विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक दिनांक 21.03.2016 को सहायक अधीक्षकों (कार्यालय अधीक्षक) को सहायक आयुक्‍त (वर्ग-2) के 03 रिक्‍त पदों पर पदोन्‍नति हेतु विभागीय पदोन्‍नति समिति की अनुशंसा की गई थी, जिस पर मेयर-इन-कौंसिल द्वारा आयुक्‍त एवं विभागीय पदोन्‍नति समिति की अनुशंसा दिनांक 21.03.2016 अनुसार क्रमांक 01 एवं क्रमांक 02 पर अंकित अनारक्षित प्रवर्ग के कार्यालय अधीक्षकों को सहायक अधीक्षक के पद पर पदोन्‍नति का प्रस्‍ताव स्‍वीकृत कर, राज्‍य शासन को पुष्टि हेतु प्रस्‍ताव प्रेषित किए जाने के साथ-साथ पदोन्‍नति में आरक्षण के संदर्भ में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय में विचाराधीन होने के कारण क्रमांक 03 पर आरक्षित वर्ग की पदोन्‍नति का प्रस्‍ताव आगामी आदेश तक स्‍थगित रखे जाने का संकल्‍प क्रमांक 29 दिनांक 06.05.2016 पारित किया गया। माननीय न्‍यायालय के निर्णय अनुसार यथास्थिति पदोन्‍न्‍ति की कार्यवाही की जायेगी। (ग) नगर निगम, भोपाल द्वारा रिक्‍त पदों पर अपने योग्‍य अधिकारी/कर्मचारियों को समय-समय पर पदोन्‍नत किया जाता रहा है। वर्तमान में भी पदोन्‍नति दी गई है। शेष असंबंधित। (घ) जी नहीं। निगम में ऐसा कोई भी अधिकारी पदस्‍थ नहीं है, जिसके विरूद्ध भ्रष्‍टाचार की शिकायत होने पर स्‍थानांतरित किया गया। श्री जी.पी. माली, अपर आयुक्‍त को शासन द्वारा प्रशासनिक आधार पर अवर सचिव मंत्रालय के पद पर पदस्‍थ किया गया है। नगर निगम में अनुभवी अधिकारी की कमी, सुचारू कार्य संचालन के दृष्टिगत एवं भारी वर्षा एवं उससे उत्‍पन्‍न आपदा एवं उनके स्‍थान पर कोई रिलीवर न होने के कारण कार्यमुक्‍त नहीं किया गया है। उपरोक्‍त के दृष्टिगत शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही

36. ( क्र. 1252 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले के चंदला वि.स. क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक जल संसाधन विभाग छतरपुर को प्रश्‍नकर्ता द्वारा कितने आवेदन पत्र दिये गये? पत्रों का क्रमांक, दिनांक सहित सूची उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या यह सही है कि सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश अनुसार प्रत्‍येक पत्र का जवाब 7 दिवस में देना अनिवार्य है? (ग) यदि हाँ, तो कितने पत्रों का जवाब दिया गया एवं कितने पत्रों का जवाब नहीं दिया गया? सूची उपलब्‍ध करायें? (घ) समय पर पत्रों का जवाब नहीं दिये जाने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब की कार्यवाही की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ग) 4 पत्र प्राप्त हुए। चारों पत्रों पर कार्यवाही की गई। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - ''अट्ठावन''

शराब दुकानें हटाने

37. ( क्र. 1285 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह जिले अंतर्गत कितनी शराब दुकानें खोली गई हैं? दुकानवार जानकारी ठेकेदार के नाम सहित उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या म.प्र. शासन द्वारा बीच सीटी, बाजार, मंदिर-मस्जिद के आजू-बाजू की दुकानों को शहर से बाहर स्‍थापित करने का आदेश प्रसारित किया गया था? यदि हाँ, तो कब? आदेश की एक छायाप्रति उपलब्‍ध करायें एवं हटा नगर की दुकानें शहर से बाहर स्‍थापित कराने के निर्देश कब तक जारी करेंगे, समय-सीमा बतावें।

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दमोह जिले के अंतर्गत 58 शराब दुकानें स्‍थापित एवं संचालित है। वर्ष 2016-17 में देशी/विदेशी मदिरा की दुकानवार सूची एवं ठेकेदारों के नाम की सूची संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग के द्वारा बीच सिटी, बाजार, मंदिर-मस्जिद के आजू-बाजू की दुकानों को शहर से बाहर स्‍थापित करने का कोई आदेश प्रसारित नहीं किया गया है। हटा नगर की शराब दुकानें निर्धारित मापदण्‍डों के अंतर्गत तथा शासन की नीति/नियमों के अंतर्गत नियमानुसार आपत्ति रहित स्‍थल पर स्‍थापित व संचालित हैं। अत: शहर से बाहर मदिरा दुकानें स्‍थापित करने हेतु निर्देश जारी किए जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''उनसठ''

मनोनीत पार्षद की नियुक्ति

38. ( क्र. 1287 ) श्रीमती उमादेवी लालचंद खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश के दमोह जिले में हटा, पटेरा, हिण्‍डोरिया में मनोनीत पार्षद नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ कब की गई थी? (ख) आज दिनांक तक मनोनीत पार्षद नियुक्‍त नहीं हुए, कब तक किये जावेंगे? साथ ही नोटरी वकील की नियुक्तियां कब तक कर दी जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई है। (ख) कलेक्‍टर से प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर कार्यवाही की जायेगी, नोटरी वकील की नियुक्ति का संबंध विभाग से नहीं हैं।

सिंहस्‍थ 2016 के कार्यों हेतु स्‍वीकृत राशि

39. ( क्र. 1304 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिंहस्‍थ 2016 हेतु नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा किस-किस मद में किन-किन कार्यों हेतु, कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गई थी? उक्‍त कार्य किस दिनांक तक पूर्ण होना थे इनमें से कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण हुये एवं कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण नहीं हो पाये एवं कितने कार्य अभी भी चल रहे है? कारण सहित पृथक-पथक कार्य की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) प्रश्‍नांश (क) की जानकारी अनुसार नियत समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं होने के लिए दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदारों के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कारण बताएं।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश '' अनुसार कोई दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

विधायक निधि एवं अन्‍य योजना के अंतर्गत कार्यों की प्रगति

40. ( क्र. 1308 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यानसिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधायक निधि से वित्‍त वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में नगर पालिका बड़वाहा एवं सनावद में कितनी-कितनी राशि की स्‍वीकृति की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के नगर पालिका बड़वाहा एवं सनावद में विधायक निधि से कितना-कितना कार्य हो चुका है एवं कितना कार्य लंबित है इसकी जानकारी दी जावें। जो कार्य लंबित है उसके कारण क्‍या रहे है? (ग) माननीय मुख्‍यमंत्रीजी ने नगर पालिका बड़वाहा के वार्ड क्रमांक-2 में विकास कार्यों का भूमि पूजन कब किया गया था? क्‍या यह कार्य हो चुका है अथवा नहीं है? यदि हाँ, तो पूर्णता का समय बताया जावें। साथ ही निविदा की तिथि सहित जानकारी दी जावें। यदि प्रारंभ नहीं हुआ है तो इसके क्‍या कारण रहे हैं? क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा उक्‍त कार्य के शीघ्र करने के संबंध में कब-कब विभाग को लिखा गया है एवं विभाग द्वारा कार्य प्रारंभ करने के संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) यदि कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है इसके जिम्‍मेदार कौन अधिकारी है एवं विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी, कब की जावेगी।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 1 से 4 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम 5 से 7 अनुसार है। (ग) दिनांक 12.04.2013 को। जी नहीं कार्य नहीं हुआ है। निविदा दिनांक 15.05.2015। पी.आई.सी. द्वारा प्राप्‍त निविदा दर को स्‍वीकृत नहीं किया गया है। जिससे कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। माननीय विधायक द्वारा दिनांक 22.07.2015 एवं 08.06.2015 को आयुक्‍त, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल को पत्र लिखा गया है, जिसके परिपालन में संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 29.06.2015, 20.08.2015 एवं 02.03.2016 से मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद, बड़वाह को निर्देशित किया गया है। (घ) नगर पालिका परिषद, बड़वाह की पी.आई.सी. द्वारा कार्य के लिए प्राप्‍त निविदा को स्‍वीकृत नहीं किया गया है, जिसमें किसी अधिकारी के दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''साठ''

शराब दुकानों के स्‍थान परिवर्तन

41. ( क्र. 1310 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्‍यानसिंह सोलंकी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर ग्रामीण क्षेत्र में शराब दुकान स्‍थापित करने के संबंध में क्‍या नियम है, इसकी जानकारी दी जावें। शराब दुकान स्‍थापित करने के संबंध में राज्‍य शासन द्वारा दिये गये मापदण्‍ड अनुसार मस्जिद, मन्दिर, गुरूद्वारा, सामाजिक स्‍थल, या उच्‍च मार्ग से कितनी दूरी पर शराब दुकान स्‍थापित की जा सकती है, इसकी जानकारी दी जावें? (ख) बड़वाहा विधान-सभा क्षेत्र में ऐसी कितनी शराब दुकानें स्‍थापित है जहां शासन द्वारा निर्धारित दूरी से कम दूरी पर दुकानें स्‍थापित की गई है इसके क्‍या कारण रहे हैं? क्षेत्र में शराब दुकान के समीप क्‍या अहाते के क्‍या नियम है? क्षेत्र में कितने अहाते स्‍थापित है, इसकी अनुमति किस अधिकारी द्वारा जारी की गई है? नाम सहित विस्‍तृत जानकारी दी जावें? यदि अहाते नियम विरूद्ध है, तो तत्संबंध में ठेकेदार के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है? कब तक की जावेगी, समय-सीमा बताई जावें? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा शासन द्वारा निर्धारित दूरी से कम दूरी पर स्‍थापित शराब दुकाने के हटाने के संबंध में कब-कब पत्र जारी किये गये है? इन प्राप्‍त पत्रों पर विभाग द्वारा क्‍या जाँच की गई है जाँच की प्रति दी जावें? यदि जाँच नहीं गई है, तो इसके क्‍या कारण रहें है, इसके लिये दोषी अधिकारी का नाम सहित जानकारी दी जावे। आवंटन के पूर्व प्रश्‍नकर्ता द्वारा कितने पत्र दुकानों को हटाने के लिये लिखे गये? प्राप्‍त पत्रों पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई, कार्यवाही न करने के क्‍या कारण रहे है? प्रश्‍नकर्ता के पत्रों के उत्‍तर न दिये जाने पर कार्यालय प्रमुख पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? कब तक की जावेगी?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा (62) (2) में बने सामान्‍य प्रयुक्‍त नियम के नियमों में नियम (1) (ख) दुकानों के अवस्‍थापन में वर्णित प्रावधानों के अधीन नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकानें स्‍थापित की जाती है नियमों की प्रति विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। शासन द्वारा दिये गये मापदण्‍डों के अनुसार मस्जिद, मंदिर, गुरूद्वारा आदि धार्मिक स्‍थलों जैसा कि सामान्‍य प्रयोग के नियम-1 के उपनियम की कंडिका '''' अनुसार 50 मीटर की दूरी पर परिसर में मदिरा के उपभोग हेतु अनुज्ञापित मदिरा दुकान स्‍थापित की जा सकती है, सामाजिक स्‍थल अथवा उच्‍च मार्ग के पास मदिरा दुकान की स्‍थापना में दूरी का कोई प्रतिबंध नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश '''' से संबंधित जानकारी निरंक है। बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा निर्धारित दूरी से कम दूरी पर अनुज्ञापित कोई शराब दुकान स्‍थापित नहीं है। शॉपबार के संबंध में वर्णित-निर्देश विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में कोई अहाता संचालित नहीं है। उपरोक्‍त के प्रकाश में लायसेंसियों के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) बड़वाह विधान सभा क्षेत्र में शासन द्वारा निर्धारित दूरी से कम दूरी पर कोई भी शराब दुकान स्‍थापित नहीं है। आवंटन के पूर्व दुकानों को हटाने के लिये माननीय विधायक द्वारा प्रथम पत्र क्रमांक 08 दिनांक 15.01.2016 द्वारा ग्राम पंचायत बागरदा में स्थित देशी शराब दुकान बागरदा को शासकीय स्‍कूल भवन के 100 मीटर के दायरे में लायसेंसी द्वारा शराब दुकान चलाये जाने की शिकायत पत्र प्राप्‍त हुई थी। उपरोक्‍त शिकायत दिनांक 12.02.2016 को आबकारी कार्यालय खरगोन में प्राप्‍त हुई है। शिकायत के संबंध में वृत्‍त सनावद के सहायक जिला आबकारी अधिकारी द्वारा जाँच की गई जाँच में वृत्‍त प्रभारी अधिकारी द्वारा ग्राम बागरदा में स्थित देशी मदिरा दुकान बागरदा विगत 20-25 वर्षों से संचालित होकर परम्‍परागत श्रेणी की दुकान है, फिर भी जनमानस की भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुये सहायक आयुक्‍त आबकारी कार्यालय खरगोन से माननीय              श्री विधायक हितेन्‍द्रसिंह सोलंकी को दुकान के स्‍थान परिवर्तन के संबंध में पत्र क्रमांक 942 दिनांक 08.03.2016 से अवगत कराया गया था। जिसमें दिनांक 01.04.2016 से नवीन वित्‍तीय वर्ष में स्‍थान परिवर्तन करने हेतु लेख किया गया है एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी द्वारा दिनांक 01.04.2016 को दुकान का नवीन ठेका प्रारंभ होने से दुकान का स्‍थान परिवर्तन किया गया है। माननीय विधायक द्वारा दूसरा पत्र जो दिनांक 06.02.2016 को निम्‍नांकित शराब दुकानों के स्‍थान परिवर्तन के संबंध में लिखा है:- 1. देशी मदिरा दुकान बागरदा, 2. विदेशी मदिरा दुकान सनावद 3. देशी मदिरा दुकान सनावद 4. ग्राम बेडिया में देशी एवं विदेशी शराब दुकान के स्‍थान परिवर्तन के संबंध में लिखा गया था। तत्‍पश्‍चात् वृत्‍त के सहायक जिला आबकारी अधिकारी द्वारा जाँच प्रतिवेदन अनुसार (1) विदेशी मदिरा दुकान सनावद एवं देशी मदिरा दुकान सनावद परम्‍परागत श्रेणी में वर्ष 2004 के पूर्व से संचालित है इस दुकान पर राष्‍ट्रीय राजमार्ग का नियम लागू नहीं होता है। जहाँ नगर निगम/नगर पालिका है वहाँ 100 मीटर की दूरी का प्रावधान लागू नहीं है। विदेशी मदिरा दुकान बेडिया एवं देशी मदिरा दुकान बेडिया राष्‍ट्रीय राजमार्ग एवं राज्‍य राजमार्ग पर स्थित नहीं होने के कारण 100 मीटर की दूरी का नियम लागू नहीं है एवं परम्‍परागत श्रेणी की दुकान होने से उक्‍त दुकान का स्‍थान परिवर्तन नहीं किया गया है। इस संबंध में माननीय विधायक श्री हितेन्‍द्रसिंह सोलंकी को कार्यालय सहायक आयुक्‍त आबकारी जिला खरगोन द्वारा जाँच प्रतिवेदन दिनांक 09.03.2016 द्वारा अवगत कराया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। 

विधायक निधि से निरस्‍त की गई राशि के पुन: आवंटन

42. ( क्र. 1327 ) श्री तरूण भनोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पश्चिम विधान सभा क्षेत्र जबलपुर के अंतर्गत वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2013-14 में विधायक निधि से निरस्‍त किये गये निर्माण कार्यों की राशि के पुन: आवंटन हेतु अधोहस्‍ताक्षरी द्वारा मान. मंत्री महोदय योजना आर्थिक एवं सांख्यिक एवं प्रमुख सचिव योजना आर्थिक सांख्यिकीय को लेख किया गया था? (ख) क्‍या संयुक्‍त संचालक संभागीय योजना एवं सांख्यिकीय जबलपुर ने भी अपने पत्र क्र./2195/दि. 17/12/2015 को उक्‍त वर्षों की निरस्‍त राशि के पुन: आवंटन हेतु आयुक्‍त आर्थिक एवं सांख्यिक म.प्र. शासन को लेख किया था? (ग) यदि वर्णित (क), (ख) सही तो वर्णित (क) के वर्षों की विधायक निधि की निरस्‍त राशि के पुन: आवंटन हेतु क्‍या समस्‍यायें आ रही हैं व इसे लंबित रखने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार है? (घ) कब तक वर्णित (क) की राशि का पुन: आवंटन कर दिया जावेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जन-सुनवाई में दर्ज शिकायत पर कार्यवाही

43. ( क्र. 1328 ) श्री तरूण भनोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर निगम जबलपुर के अंतर्गत जन सुनवाई के दौरान दर्ज शिकायत क्र. 18 दिनांक 7.6.2016 में आवेदक द्वारा तहसीलदार पनागर के पत्र क्र. 2679/तह.2016/दिनांक 25.5.2016 का हवाला देते हुये अपने पत्र दिन. 7.6.2016 के अनुसार कंजरवेंसी रास्‍ते को अतिक्रमण मुक्‍त कर रोड के दोनों ओर नजदीकी कंजरवेंसी तक नाली निर्माण का अनुरोध किया था? (ख) यदि हाँ, तो तहसीलदार पनागर के पत्र क्र. 2679/तह./2016 दि. 25.5.16 में आवेदक की रोड पर अनावेदक द्वारा रोड को अवरूद्ध किया जाना दर्शित है? यदि दर्शित है, तो उक्‍त कंजरवेंसी रास्‍ते को अतिक्रमण मुक्‍त कर प्रश्‍नांश (क) के अनुसार नजदीकी कंजरवेंसी तक बरसात के पूर्व नाली निर्माण क्‍यों नहीं किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के अनुसार कार्यवाही कब तक की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, श्री सुरेश कुमार के घर से जयराम के घर तक नाली निर्माण कार्य हेतु 1.18 लाख रूपयें की स्‍वीकृति प्राप्‍त हो चुकी है शीघ्र निविदा प्रकाशन उपरांत कार्य प्रारंभ किया जायेगा। (ख) नाली निर्माण का आवेदन दिनांक 25.05.2016 को प्राप्‍त होते ही प्राक्‍कलन इत्‍यादि की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। (ग) निविदा स्‍वीकृति उपरांत शीघ्र कार्य प्रारंभ कर पूर्ण किया जायेगा।

ऊमर नदी से हो रहे कटाव रोकने की कार्ययोजना

44. ( क्र. 1353 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत ऊमर नदी से ग्राम आंखीवाड़ा, सिमरी, पिडरई (अकोला), खमरिया (कंधरापुर) में हो रहे कटाव को रोकने की शासन की क्‍या मंशा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्‍या कार्ययोजना बनाई गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि शासन द्वारा कार्ययोजना बनाई गई है तो कब तक इस पर अमल किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) शासन की मंशा भूमि संरक्षण की है। (ख) प्रस्ताव कार्यपालन यंत्री, हिरन जल संसाधन संभाग जबलपुर के स्‍तर पर प्रारंभिक चरण में है। (ग) कार्य किया जाना, स्वीकृति, साध्यता एवं संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर हैं। समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती।

बरगी नहर द्वारा सिंचाई

45. ( क्र. 1355 ) डॉ. कैलाश जाटव : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोटेगांव अंतर्गत बरगी नहर द्वारा सिंचाई का लक्ष्‍य वर्तमान वर्ष में कितना रखा गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार सिंचाई का जो लक्ष्‍य रखा गया है, उसमें से कितने प्रतिशत् लक्ष्‍य की प्राप्ति की जा चुकी हैं? (ग) नहरों में जो पानी छोड़ा जा रहा है क्‍या वह समस्‍त टेल तक पहुँच रहा है? यदि नहीं, तो इस हेतु क्‍या कार्ययोजना है?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) वर्तमान वर्ष में 45400 हेक्‍टेयर सिंचाई का लक्ष्‍य रखा गया है। (ख) 89 % प्रतिशत् लक्ष्‍य की प्राप्ति की जा चुकी है। (ग) जी नहीं। कुछ नहर प्रणालियों में टेल तक पानी नहीं पहुँच रहा है। नहर प्रणालियों के अपूर्ण छोड़े कार्यों को पूर्ण कराने हेतु राशि रूपये 676.09 लाख की निविदा आमंत्रित की गई थी। निविदा में निविदाकारों ने हिस्‍सा नहीं लिया। अत: विभाग द्वारा उक्‍त कार्य को चार हिस्‍सों में विभाजित कर कार्य कराने का निर्णय लिया गया है।

जन भागीदारी से कार्यों की स्‍वीकृति

46. ( क्र. 1385 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में जन भागीदारी मद से वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना आवंटन प्राप्‍त हुआ? आवंटन की सत्‍यापित प्रतियां उपलब्‍ध करावे? (ख) जन भागीदारी मद से कितने कार्य किन-किन स्‍थानों पर स्‍वीकृत किये गये, उनकी क्‍या प्रगति है? कितने कार्य अपूर्ण पड़े है और कितने पूर्ण हो चुके हैं? (ग) क्‍या अधिकतर कार्य अपूर्ण पड़े है, जिससे जनता को असुविधा हो रही है? (घ) क्‍या जन भागीदारी योजना की गाईड लाईन का पालन नहीं किया गया और कार्य स्‍वीकृत कर दिये गये? गाईड लाईन की प्रति उपलब्‍ध करावे?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) वर्ष 2014-15 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जनभागीदारी मद से स्‍वीकृत कार्यों की स्‍थानवार/पूर्ण/अपूर्ण स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) वर्ष 2014-15 में जनभागीदारी योजना से स्‍वीकृत अधिकांश कार्य पूर्ण हो चुके है। वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में जनभागीदारी योजना से स्‍वीकृत कार्यों को पूर्ण कराने हेतु संबंधित निर्माण एजेन्सियों को निर्देश दिये गये है। (घ) गाईड लाईन में निहित निर्देशों के अनुसार ही निर्माण कार्य की गई है। गाईड लाईन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

जल संसाधन नौगांव को आवंटित राशि

47. ( क्र. 1394 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री जल संसाधन नौगांव में विभाग को वर्ष 15-16 एवं           16-17 में कितना आवंटन दिया गया? मदवार जानकारी दें। (ख) क्‍या नहरों की साफ सफाई, पुलियों की मरम्‍मत तथा अन्‍य कार्यों पर राशि का व्‍यय किया गया? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ और कितनी राशि व्‍यय की गई? (ग) क्‍या झिन्‍ना तालाब के गहरीकरण एवं घाट निर्माण का प्राक्‍कलन तैयार किया गया था उसकी स्‍वीकृति शासन स्‍तर पर विभाग द्वारा की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) जी नहीं। तालाब के गहरीकरण एवं घाट निर्माण का कार्य विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''इकसठ''

अवैध नक्‍शा निगम द्वारा स्‍वीकृत करना

48. ( क्र. 1413 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 600 दिनांक 24.02.2015 में मानसरोवर कॉम्‍पलेक्‍स के संबंध में हुई जाँच एवं उसके जाँच प्रतिवेदन में दो कार्यपालन यंत्रियों एवं एक अधीक्षण यंत्री ने क्‍या यह सही पाया कि उक्‍त भवन निर्माता ने नक्‍शे के विपरीत कार्य किया? (ख) क्‍या नगर पालिका निगम भोपाल ने उक्‍त भवन की स्‍वीकृति देते हुये नगर एवं ग्राम निवेश के निर्देशों एवं नियमों का ध्‍यान नहीं रखा है? क्‍या यह जाँच रिपोर्ट के निष्‍कर्षों में उल्‍लेखित है? (ग) नगर पालिका निगम भोपाल में उक्‍त भवन का गलत नक्‍शा क्‍या भवन स्‍वामी ने प्रस्‍तुत किया? क्‍या भवन स्‍वामी के प्रस्‍तुत नक्‍शे के विपरीत नगर निगम भोपाल ने नगर तथा ग्राम निवेश की शर्तों/नियमों/अभिमत के विपरीत स्‍वीकृति दी? (घ) नगर निगम भोपाल में उक्‍त भवन के अवैध नक्‍शे को पारित करने के लिये किस-किस नाम पदनाम के अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? क्‍या कार्यवाही राज्‍य शासन उनके विरूद्ध करेगा? बिन्‍दुवार दें? बतायें कि उक्‍त अवैध भवन निर्माण के किस-किस हिस्‍से को कब तक तोड़ा जायेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। जाँच प्रतिवेदन के निष्‍कर्ष अनुसार भवन स्‍वामी म.प्र. राज्‍य परिवहन निगम ने नगर निगम द्वारा अनुमोदित किये गये मानचित्र अनुसार स्‍थल पर कार्य किया गया है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी नहीं। नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के पत्र क्र. क्‍यू 1/                              जी-50/नग्रानि/जि.का./भोपाल, दिनांक 13.07.2015 में स्‍वीकारा है कि 60 मीटर चौड़े मार्ग के पश्‍चात् सामने 4.5 मी. खुला क्षेत्र को ही ऑफ स्‍ट्रीट पार्किंग के रूप में स्‍वीकृति प्रदान की गई थी। (घ) उपरोक्‍त के परिप्रेक्ष्‍य में कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाए गए हैं, अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अवैध कॉलोनी बनाया जाना

49. ( क्र. 1414 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या गंगा गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित सतना जिला के द्वारा नगर पालिक निगम की सीमा के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 33 (पूर्व वार्ड क्रमांक 31) मौजा घवारी में आराजी क्रमांक 307/1/1, 308/1/1, 309/1, 310/1, 311/1/1, 312/2/5/2/519 कुल रकबा 4.07 एकड़ में कॉलोनी का विकास किया जा रहा हैं? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित आराजी क्रमांकों एवं 4.07 एकड़ रकबे की नगर पालिक निगम की अनुमति के बाद भी 40-45 एकड़ भूमि पर प्‍लाट काटकर अवैध रूप से बेचा जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित भूमि क्रमांकों के एवं 4.07 एकड़ भूमि के अलावा अन्‍य सटी हुई भूमियों का डायवर्सन राजस्‍व विभाग से नहीं कराकर कृषि योग्‍य भूमि पर अवैध रूप से प्‍लाट काट दिये गये हैं? (घ) क्‍या उक्‍त अवैध कार्य की शिकायतें एस डी एम रघुराज नगर/ कलेक्‍टर सतना को 01.01.2010 से 31.12.2014 के दौरान प्राप्‍त हुई? उन पर क्‍या किसी अधिकारी/कर्मचारी ने स्‍थल निरीक्षण कर कोई जाँच की? अगर नहीं तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं अपितु प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित रकबा 4.07 एकड़ के अतिरिक्‍त आराजी क्र. 276/3/1/1, 277/1/1, 277/2/1, 278/1, 279, 280/1/1, 281/1/1, 281/2/1, 282, 287,303/1, 304,305/1/1, 306/1/1 कुल रकबा 11.99 एकड़ पर बिना अनुमति के प्‍लाटो की अवैध ब्रिकी किये जाने पर नगर पालिक निगम सतना द्वारा नोटिस क्र. 33/कॉलोनी सैल/ नगर पालिक निगम/2014 दिनांक 22.04.2014 जारी किया जाकर उक्‍त रकबे 11.99 एकड़ की अवैध कॉलोनी की सूची में दर्ज किया गया है। नोटिस की प्रति जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, अपितु प्रश्‍नांश (क) में वर्णित भूमि रकबा 4.07 एकड़ के सहित 11.00 एकड़ भूमि का डायवर्सन कराया गया है। शेष रकबे का डायवर्सन नहीं कराया गया है। (घ) जी नहीं। उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता 

परिशिष्ट - ''बासठ''

गैर कृषि प्रयोजन हेतु विभाग द्वारा लीज पर दिये जाने

50. ( क्र. 1454 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन विभाग अपने क्षेत्राधिकार के तालाब की भूमि को गैर कृषि प्रयोजन हेतु अशासकीय संस्‍थाओं को लीज पर दे सकता है? क्‍या इसका प्रावधान है? (ख) क्‍या कार्यपालन यंत्री व अधीक्षण यंत्री स्‍तरीय अधिकारी अपने स्‍तर से प्रश्‍नांक (क) के संदर्भ में इस प्रकार की भूमि को लीज पर दिये जाने हेतु अधिकृत है? (ग) यदि नहीं, तो पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के एकमात्र संजय जलाशय की बहुमूल्‍य शासकीय भूमि, सर्वे नम्‍बर 233/1, 235/2, 236237/1 जिस पर एक व्‍यक्ति विशेष द्वारा अतिक्रमण किया गया था तथा उस पर दण्‍ड भी आरोपित किया गया था, क्‍या उसी व्‍यक्ति को भूमि हड़पने देने के उद्देश्‍य से बनाई गई अशासकीय संस्‍था के नाम से गैर कृषि प्रयोजन हेतु मुक्‍त कराई गई भूमि पुन: आवंटित कर दी गई? (घ) क्‍या कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग धार द्वारा की गई इस अनियमितता के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी तथा क्‍या यह भूमि आवंटन निरस्‍त किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) एवं (घ) पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के संजय जलाशय जिला धार के डूब से प्रभावित ग्राम भोण्डिया जिला इन्दौर के सर्वे नं. 233/1 रकबा 1.045 हेक्टर, 235/2 रकबा 0.119 हेक्टर, 236 रकबा 1.191 हेक्टर व 237/1 रकबा 0.229 हेक्टर कुल रकबा 2.584 हेक्टर है, जिस पर किसी भी व्यक्ति द्वारा अतिक्रमण नहीं किया गया है, न ही विभाग द्वारा कोई दण्ड अधिरोपित किया गया है और न ही किसी व्यक्ति को अशासकीय संस्था के नाम से गैर कृषि प्रयोजन हेतु भूमि आवंटित की गई है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

किराये पर लिये गये वाहन

51. ( क्र. 1459 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले की नगर पंचायत इंदरगढ़ में कितने स्‍वयं के वाहन एवं कितने किराये पर वाहन लिये गये हैं, वाहन का नाम/पंजीयन क्रमांक/वाहन मालिक का नाम/वाहन ड्राईवर का नाम व उनके ड्राईविंग लायसेंस वाहनों के बीमा तथा संस्‍था के साथ किये गये अनुबंध का विवरण तथा वाहन के किराये की जानकारी उपलब्‍ध कराई जावें? (ख) वाहन किराये पर लिये जाने के संबंध में शासन के क्‍या नियम हैं? नियम उपलब्‍ध कराया जावें। क्‍या लग्‍जरी वाहन किराये पर लिया जा सकता है? क्‍या टैक्‍सी कोटा रहित वाहन किराये पर लिया जा सकता है? (ग) उक्‍त सभी वाहनों फायर ब्रिगेड, कचड़ा वाहन, टेक्‍टर, जीप एवं अन्‍य वाहनों पर वर्ष 2015-16 एवं 16-17 में कितना-कितना डीजल व्‍यय एवं मरम्‍मत या मेंटीनेंस पर कितनी राशि कब-कब खर्च की गई? (घ) क्‍या नगर पंचायत इंदरगढ़ द्वारा शासन के नियमों के विरूद्ध वाहन किराये पर लिये गये संस्‍था के वाहनों पर मेंटीनेंस के नाम पर भ्रष्‍टाचार कर लाखों रूपये खर्च कर संस्‍था को हानि पहुंचाई गई? यदि हाँ, तो दोषियों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो कमेटी बनाकर राज्‍य स्‍तरीय अधिकारियों द्वारा जाँच कराई जावे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मध्‍यप्रदेश शासन वित्‍त विभाग के पत्र क्रमांक एफ 11-16/2012/नियम/चार, दिनांक 24 दिसम्‍बर, 2013 अनुसार वाहन किराये पर लिया जाना प्रावधानित है। जी नहीं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''तिरेसठ''

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्ति

52. ( क्र. 1461 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) दतिया जिले की नगर पंचायत इंदरगढ़ में कुल कितने स्‍थाई/अस्‍थाई/संविदा/दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? कर्मचारियों के नाम/पद/ पदस्‍थी दिनांक/मासिक वेतन/मूल निवासी संबंधी प्रमाणीकरण सहित उनके द्वारा क्‍या कार्य किया जा रहा है? जनसंख्‍या के आधार पर नगर पंचायत इंदरगढ़ में नियमानुसार कुल कितने और कौन-कौन से पद पर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखे जा सकते हैं, नियम उपलब्‍ध कराते हुये उनकी नियुक्ति प्रक्रिया कैसे की जाती है? (ख) क्‍या नगर पंचायत इंदरगढ़ में पदस्‍थ कर्मचारी अथवा पार्षद के परिवार के सदस्‍यों को दैनिक वेतन पर रखा जा सकता है? यदि नहीं, तो जानकारी उपलब्‍ध करायें कि ऐसे कितने और कौन-कौन से कर्मचारी हैं या पूर्व में थे, जिनके परिवार के सदस्‍य संस्‍था में कर्मचारी या पार्षद है? (ग) क्‍या नगर पंचायत इंदरगढ़ में जिला से बाहर के लोगों को एवं दैनिक वेतन पर कर्मचारी या पार्षदों के परिवार के सदस्‍यों को शासन के नियम विरूद्ध नियुक्‍त किया गया? नियुक्ति के लिये कोई प्रक्रिया नहीं की गई, नियुक्‍त कर्मचारी अपनी सेवाएं संस्‍था में न देकर अन्‍यत्र लोगों अधिकारी/पार्षदों के घर पर दे रहें हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन दोषी हैं? उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो संपूर्ण प्रकरण की जाँच कराई जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) दतिया जिले की नगर पंचायत इंदरगढ़ में कुल 17 स्‍थाई एवं 58 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कार्य की आवश्‍यकता के अनुसार पी.आई.सी. द्वारा कर्मचारी रखे जाते है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।            (ख) कार्य की आवश्‍यकता एवं योग्‍यता के आधार पर कर्मचारी रखे जाते है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समस्‍त दैनिक वेतन भोगी निकाय में कार्यरत है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

राजधानी परियोजना में कार्यरत कुशल अकुशल दैनिक वेतन भोगी   

53. ( क्र. 1482 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजधानी परियोजना प्रशासन मण्‍डल परिक्षेत्र के अंतर्गत में कितने उच्‍च कुशल, कुशल एवं अर्द्धकुशल, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं? इनकी प्रश्‍न दिनांक तक वर्गीकृत वरिष्‍ठता सूची उपलब्‍ध करायें? (ख) राजधानी परियोजना प्रशासन मण्‍डल परिक्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कितने नियमित एवं कार्यभारित पदस्‍थापना के आरक्षित एवं अनारक्षित पद रिक्‍त हैं? पदनाम सहित सूची उपलब्‍ध करावें? (ग) क्‍या राजधानी परियोजना प्रशासन मण्‍डल परिक्षेत्र में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के कितने न्‍यायालयीन प्रकरण लंबित है? सूची उपलब्‍ध कराये एवं कितने प्रकरणों पर माननीय न्‍यायालय द्वारा निर्णय दिये गये, जिस पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? प्रत्‍येक प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) राजधानी परियोजना प्रशासन के अंतर्गत कुल 13 उच्च कुशल 659 कुशल एवं 537 अर्द्ध कुशल दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कार्यरत है। वरिष्ठता सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) राजधानी परियोजना प्रशासन में दैनिक वेतन भोगियों से संबंधित कुल 37 न्यायालयीन प्रकरण लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

लोकायुक्‍त द्वारा न्‍यायालयों में प्रस्‍तुत सी.डी.

54. ( क्र. 1490 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 1 वर्ष में लोकायुक्‍त प्रकरणों में लोकायुक्‍त द्वारा कितनी सी.डी. (आवाज की) मान. न्‍यायालयों में प्रस्‍तुत की गई? प्रकरण नाम, स्‍थान नाम सहित बतावें?              (ख) उपरोक्‍त में कितनी सी.डी. खाली निकली? जानकारी प्रकरणवार देवें? (ग) जिन प्रकरणों में खाली सी.डी निकली क्‍या उनकी मूल सी.डी. गुम हो गयी है या उपलब्‍ध है? यदि उपलब्‍ध हैं तो इन्‍हें मान. न्‍यायालयों के समक्ष कब तक प्रस्‍तुत कर दी जावेगी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार सी.डी. खाली निकलने के जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निरंक। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

जलकर वसूली एवं पेयजल व्‍यवस्‍था

55. ( क्र. 1507 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या छावनी परिषद (केन्‍टोमेंट मुरार) के 7 वार्डों से पेयजल आपूर्ति के देयकों की वसूली नगर निगम ग्‍वालियर द्वारा की जाती है? यदि हाँ, तो कितना जलकर अधिरोपित किया गया तथा कितना जमा हुआ एवं कितना जमा हेतु शेष है? (ख) छावनी क्षेत्र मुरार में नगर निगम ग्‍वालियर द्वारा छावनी क्षेत्र के 7 वार्डों में पेयजल आपूर्ति हेतु कोई योजना है? (ग) छावनी क्षेत्र मुरार के 7 वार्डों में कितने नलकूप खनन (हैण्‍डपंप) स्‍थापित हैं? जिनमें से कितने संचालित हैं तथा कितने खराब हैं? जिनका संधारण (मरम्‍मत) किसके द्वारा किया जाता है? वार्डवार बताया जाये?              (घ) छावनी क्षेत्र मुरार पेयजल आपूर्ति हेतु कितने नलकूप/हैण्‍डपंप खनन अप्रैल 2015 से वर्तमान तक स्‍वीकृत किये गये हैं तथा कितने खनन होकर स्‍थापित किये जा चुके हैं एवं कितने खनन हेतु शेष हैं? वार्डवार/स्‍थानवार संख्‍या बताई जाये? शेष खनन कब तक कराये जायेंगे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, वित्‍तीय वर्ष 2016-17 में माह अप्रैल एवं मई में चालू मांग राशि रू. 7,36,143/- तथा पूर्व की बकाया राशि रू. 1,44,41,034/- इस प्रकार कुल राशि रू. 1,51,77,177/- अधिरोपित की गई जिसके विरूद्ध वित्‍तीय वर्ष 2016-17 में माह मई तक जलकर राशि रू. 4,56,609/- जमा हुई एवं शेष जलकर राशि रू. 1,47,20,560/- जमा होना बकाया है। (ख) जी हाँ, उक्‍त क्षेत्र को अमृत योजनांतर्गत सम्मिलित किया गया है। (ग) कुल 52 नलकूप व 107 हैण्‍डपंप स्‍थापित जिसमें से 48 नलकूप व 61 हैण्‍डपंप संचालित है तथा 04 नलकूप व 46 हैण्‍डपंप खराब है, नगर निगम, ग्‍वालियर द्वारा संधारण किया जाता है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) अप्रैल 2015 से वर्तमान तक कुल 18 नलकूप स्‍वीकृत किये गये है, जिसमें से 16 नलकूप खनन किये जा चुके है तथा 02 नलकूप खनन हेतु शेष है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, 30 जुलाई, 2016 तक शेष खनन कराया जाना प्रस्‍तावित है।

परिशिष्ट - ''चौंसठ''

लोकायुक्‍त में चल रहे प्रकरण की जानकारी

56. ( क्र. 1521 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01/01/2014 से प्रश्‍न दिनांक तक लोकायुक्‍त द्वारा प्रकरण क्‍लास 1 अधिकारियों एवं राजनेताओं पर किये गये केस की जानकारी देवें तथा कितने केस के चालान कोर्ट में लगाये गये और उनकी वर्तमान में क्‍या स्थिति है? (ख) 01/07/2015 से प्रश्‍न दिनांक तक लोकायुक्‍त ने कितने केसों को निराकरण कर खात्‍में किये गये, जानकारी देवें?                (ग) प्रश्‍न (क) के संदर्भ में कितने केस शासन के पास कार्यवाही के लिए स्‍वीकृति हेतु गये हैं किन्‍तु स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं हुई हैं जानकारी देवें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) क्लास-1 अधिकारियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की संख्या 67 व राजनेताओं के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की संख्या निरंक है। 15 प्रकरणों में माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये गये हैं। सभी प्रकरण माननीय न्यायालय में लंबित हैं। (ख) 3 प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा खात्मा स्वीकृत किये गये हैं। (ग) 8 प्रकरण।

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत 24 घण्‍टे बिजली की आपूर्ति

57. ( क्र. 1534 ) श्री उमंग सिंघार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मा. मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत 24 घण्‍टे बिजली देने की शुरूआत की गई थी? धार जिले के कितने गांवों में 24 घण्‍टे बिजली दी जा रही है तथा कितने गांव शेष है एवं कब तक सभी ग्राम 24 घण्‍टे बिजली से जुड़ जायेंगे? (ख) धार जिले में उक्‍त योजना अंतर्गत कितने कार्य अधूरे हैं तथा विभाग द्वारा शेष कार्य का टेण्‍डर किस ठेकेदार (कंपनी) को दिया गया है, कितनी लागत का तथा कंपनी द्वारा कब तक कार्य पूर्ण कर लिये जायेंगे? (ग) निविदा की क्‍या शर्तें थी? टेण्‍डर की प्रमाणित प्रति एवं स्‍वीकृत दरों की प्रमाणित प्रति उपलब्‍ध कराई जाए? धार जिले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में मजरे/टोलों में विद्युतीकरण हेतु कितनी राशि आवंटित की गई, गांव व उनके मजरे/टोलों के नाम सहित ब्‍लॉकवार जानकारी उपलब्‍ध कराई जाए? (घ) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत गंधवानी विधान सभा क्षेत्र में कंपनी द्वारा कार्य कब तक चालू किया जायेगा? कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ड.) ट्रांसफार्मर व अन्‍य उपकरण सामग्री (केबल, कटआउट, मीटर) भारतीय विद्युत मानक अनुसार सत्‍यापित है या नहीं? यदि है तो उसका साईज क्‍या है? साईज सहित (सामग्री स्‍पेसिफिकेशन) जानकारी उपलब्‍ध कराएं।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 24 घंटे बिजली देने की शुरूआत अटल ज्योति अभियान के अंतर्गत की गई थी न कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत I धार जिले में 1137 ग्रामों में कतिपय अवसरों पर तकनीकी कारणों, प्राकृतिक आपदा, रख-रखाव हेतु आवश्‍यक होने जैसे आकस्मिक अवरोधों को छोड़कर गैर कृषि उपयोग हेतु 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। शेष 335 छोटे-छोटे ग्राम जो कि दूर-दूर होकर खेतों के इर्द-गिर्द निर्मित हुए हैं, उन्हें माह फरवरी 2017 तक 24 घंटे के विद्युत प्रदाय से सम्बद्ध करने के प्रयास किये जा रहे है। (ख) धार जिले में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अतंर्गत वर्तमान में 335 ग्रामों के 647 मजरों/टोलों में विद्युतीकरण सहित सघन विद्युतीकरण का कार्य शेष है। उक्‍त कार्य हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स युबिटेक प्रा.लिमिटेड, फरीदाबाद को दिनांक 20.11.2014 को राशि रू.59.71 करोड़ का अवार्ड जारी किया गया है तथा वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। ठेकेदार एजेंसी से किये गये निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार दिनांक 23.02.2017 तक उक्‍त कार्य पूर्ण किया जाना है। (ग) निविदा की शर्त निविदा प्रपत्र में सम्मिलित हैं, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। स्‍वीकृत दरें, टर्न-की ठेकेदार को जारी कार्यादेश में सम्मिलित है, जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार धार जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में मजरों/टोलों में विद्युतीकरण हेतु राशि रू. 59.71 करोड़ का अवार्ड जारी किया गया है। योजना अंतर्गत चिन्हित मजरों/टोलों के नाम सहित ब्लॉकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स-1' से 'स-13' में दर्शाए अनुसार है। (घ) राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना अंतर्गत गंधवानी विधान सभा क्षेत्र के बाग ब्लॉक में ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स युबिटेक प्रा.लिमिटेड, फरीदाबाद द्वारा कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। प्रश्‍नाधीन शेष क्षेत्र में भी कार्य शीघ्र ही प्रारम्भ कर दिया जावेगा। कार्यपूर्ण करने की निर्धारित अवधि 23.02.2017 है। (ड.) ट्रांसफार्मर व अन्य उपकरण (केबल, कटआउट, मीटर) भारतीय विद्युत मानक अनुसार सत्यापित है एवं सामग्री के स्‍पेसिफिकेशन निविदा प्रपत्रों में उल्लेखित टेक्निकल स्‍पेसिफिकेशन एवं ग्यारंटीड टेक्निकल परटीकुलर में निहित हैं, जो कि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

विद्युत विभाग में कार्यरत इंजीनियर

58. ( क्र. 1553 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य में कौन-कौन सी सरकारी विद्युत कंपनी वर्तमान में कार्यरत हैं, उसमें किस श्रेणी के कितने-कितने इंजीनियर के पद स्‍वीकृत हैं, उनमें से कितने पद किस वर्ग के लिए आरक्षित हैं? (ख) किस श्रेणी के किस वर्ग के लिए आरक्षित कितने पदों पर वर्तमान में उसी वर्ग के इंजीनियर कार्यरत हैं, किस श्रेणी के किस वर्ग के लिए आरक्षित कितने पद वर्तमान में रिक्‍त हैं? पदों के रिक्‍त होने का क्‍या-क्‍या कारण है?                           (ग) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित विभिन्‍न श्रेणी के पद रिक्‍त होने का क्‍या कारण है? इन पदों की पूर्ति के लिए विद्युत कंपनियों ने    कब-कब, क्‍या-क्‍या प्रयास किए? (घ) एस.सी., एस.टी. के लिए आरक्षित पदों पर आरक्षित वर्गों की पदस्‍थापना के संबंध में शासन क्‍या कार्यवाही कर रहा व कब तक करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) प्रदेश में राज्‍य शासन के स्‍वामित्‍व की कुल 6 विद्युत कम्‍पनियां यथा-एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी, एम.पी. पॉवर जनरेटिंग कंपनी, म.प्र.पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनीएवं म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनियां कार्यरत हैं। कम्‍पनीवार एवं श्रेणीवार इंजीनियरों के स्‍वीकृत पदों एवं उनमें से वर्गवार आरक्षित पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2, अ-3, अ-4, अ-5 एवं अ-6 में दर्शाए अनुसार है। (ख) विभिन्‍न श्रेणियों के वर्गवार आरक्षित पदों की संख्‍याए एवं उनके विरूद्ध कार्यरत इंजीनियरों एवं रिक्‍त पदों संबंधी प्रश्‍नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2, अ-3, अ-4, अ-5 एवं अ-6 में दर्शाए अनुसार है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अर्हताधारी अधिकारी उपलब्‍ध नहीं होने एवं वर्तमान में माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा पदोन्‍नति के आरक्षित पदों को भरे नहीं जाने के संबंध में यथास्थिति बनाये रखने के निर्देश के कारण पद‍ रिक्‍त है। (ग) अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये आरक्षित विभिन्‍न श्रेणी के पद रिक्‍त होने का कारण उत्‍तरांश (ख) के अनुसार है इन रिक्‍त पदों की पूर्ति हेतु विद्युत कंपनियों द्वारा किये गये प्रयास इस प्रकार हैं :- (1) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड में सहायक अभियंता (पा.एवं वि) के सीधी भर्ती के 5 रिक्‍त पदों को भरने हेतु कंपनी द्वारा आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। (2) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में आवश्‍यकता अनुसार रिक्‍त पदों को भरने की कार्यवाही सतत् रूप से की जा रही है। वर्ष 2015 में आरक्षित वर्ग के 30 सहायक अभियंता एवं 48 कनिष्‍ठ अभियंताओं की सीधी भर्ती की गई है। (3) म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में सीधी भर्ती में सहायक अभियंता (ट्रांस) के वर्ष 2015 के रिक्‍त 19 पदों को वर्ष 2016 में भरे जाने की योजना प्रस्‍तावित है। (4) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में पिछले वर्षों में लगातार पदोन्‍नति की गई है एवं वर्ष 2016 में 57 कनिष्‍ठ अभियंताओं की सीधी भर्ती की गई है तथा सहायक अभियंता (वितरण) की भर्ती प्रक्रियाधीन है। (5) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में आरक्षित तृतीय श्रेणी के कनिष्‍ठ अभियंता के पदों पर चयन प्रक्रिया सम्‍पादित करने के उपरांत भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्‍मीदवार उपलब्‍ध नहीं हो पा रहे हैं तथा इन पदों की पूर्ति के लिए मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निरन्‍तर भर्ती प्रक्रिया जारी है। (6) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में आवश्‍यकता अनुसार प्रति वर्ष विज्ञापन जारी कर रिक्‍त पदों को भरने की कार्यवाही सतत रूप से की जा रही है। कनिष्‍ठ यंत्री (वितरण) की सीधी भर्ती हेतु वर्ष 2014-15 में दिनांक 22.01.14 को तथा वर्ष 2015-16 में दिनांक 1.6.15 को विज्ञापन जारी किए गए थे। (घ) माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा स्‍पेशल लीव पिटीशन क्रमांक 13954/2016 में पारित अंतिम निर्णय के अनुसार पदोन्‍नति की कार्यवाही की जा सकेगी। उत्‍तरांश (ग) के अनुसार सीधी भर्ती हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।

जिले में कार्यरत लाइनमैन

59. ( क्र. 1554 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के अंतर्गत सिवनी जिले में कितने लाइनमैन के पद रिक्‍त हैं वर्तमान में कितने लाइनमैन कार्यरत हैं? (ख) प्रति एक लाइनमैन को वर्तमान में कितने ग्रामों का प्रभार दिया गया है? क्‍या केवलारी विधान सभा अंतर्गत पांडिया छपारा क्षेत्र में 30 ग्रामों पर एक ही लाइनमैन की उपलब्‍धता है? यदि हाँ, तो क्‍या 30 ग्रामों में एक लाइनमैन पर्याप्‍त है? (ग) जिले में रिक्‍त हुये लाइनमैनों के पदों को कब तक भर दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की वर्तमान में स्‍वीकृत संगठनात्‍मक संरचना के अनुसार जबलपुर संभाग के अंतर्गत सिवनी जिले में लाईनमैन के 46 पद स्‍वीकृत हैं, जिनके विरूद्ध 49 लाईनमैन कार्यरत् हैं।            (ख) सिवनी जिले में प्रत्‍येक लाईनमैन के पास वर्तमान में औसतन 32 ग्रामों का प्रभार है। जी नहीं, केवलारी विधान सभा क्षेत्र के पांडिया छपारा क्षेत्र के 30 ग्रामों हेतु 2 वरिष्‍ठ लाईन परिचारक तथा 1 लाईन परिचारक कार्यरत् हैं जो कि पर्याप्‍त हैं। सिवनी जिले में उपलब्‍ध लाईनमैनों की युक्तियुक्‍त पदस्‍थापना कर, कार्य सुचारू ढंग से संचालित किया जा रहा है। (ग) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार सिवनी जिले में लाईनमैन के स्‍वीकृत पदों के विरूद्ध कोई पद रिक्‍त नहीं है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल के कर्मचारी का सेवा प्रकार

60. ( क्र. 1579 ) श्री रामसिंह यादव, श्री प्रहलाद भारती : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड भोपाल के कर्मचारी/अधिकारी राज्‍य शासन के कर्मचारी नहीं है? (शासकीय नहीं है) या शासन के अधीन नहीं है? यदि नहीं, तो उक्‍त कर्मचारी/अधिकारी क्‍या कहलाते हैं एवं किसके अधीन हैं व किसके कर्मचारी हैं तथा किस केटेगरी में आते हैं? (ख) क्‍या प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल ने अपने पत्र क्रमांक प्रसं/म.क्षे./स्‍था./गोप./ शिका./टी.एल.-139/836, भोपाल दिनांक 31.07.2015 में कलेक्‍टर जिला शिवपुरी को लिखा है कि म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. के कर्मचारी (लिपिक) राज्‍य शासन के कर्मचारी नहीं है? यदि हाँ, तो उक्‍त कर्मचारी किसके कर्मचारी है एवं किसके अधीन है? (ग) क्‍या म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के कर्मचारियों/अधिकारियों/लिपिक के कार्य में बांधा डालने पर संबंधित के विरूद्ध आई.पी.सी. की धारा 353 लगाई जाती है? यदि हाँ, तो जब कंपनी के कर्मचारी/अधिकारी शासकीय नहीं है, तो उनके कार्य में बांधा डालने पर आई.पी.सी. धारा 353 क्‍यों लगती है? (घ) क्‍या म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के कर्मचारियों पर म.प्र. शासन के नियम/आदेश लागू होते हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से नियम/आदेश लागू होते हैं और कौन-कौन से नहीं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के कर्मचारी/अधिकारी राज्‍य शासन के कर्मचारी नहीं है, अपितु म.प्र.शासन के स्‍वामित्‍व की म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी हैं। (ख) जी हाँ। उक्‍त कर्मचारी म.प्र.शासन के द्वारा कंपनी अधिनियम, 1956 के अधीन स्‍थापित म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी हैं। (ग) जी हाँ। कंपनी के कर्मचारी शासकीय सेवक नहीं है वरन् ये कर्मचारी लोक सेवक की श्रेणी में आते हैं। आई.पी.सी. की धारा 353 लोक सेवकों द्वारा किये जा रहे कर्त्‍तव्‍य निर्वाह में बाधा डालने से संबंधित है। अत: लोक सेवकों के कार्य में बाधा डालने से उक्‍त धारा लगती है। (घ) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल के कर्मचारियों पर कंपनी के संचालक मण्‍डल द्वारा ग्राहय किए गए म.प्र. शासन के नियम/आदेश लागू होते हैं।

प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों पर कार्यवाही नहीं होना

61. ( क्र. 1590 ) पं. रमेश दुबे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संभागीय यंत्री अमरवाड़ा एवं सहायक यंत्री चौरई व विछुआ जिला-छिन्‍दवाड़ा को प्रश्‍नकर्ता ने जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन विषय पर कब-कब पत्र प्रेषित किया गया? पत्रवार जानकारी दें? (ख) विधान सभा सदस्‍यों के पत्रों पर कार्यवाही करने तथा अवगत कराने हेतु क्‍या कोई आदेश/निर्देश प्रसारित किया गया है? यदि हाँ, तो क्‍या इस आदेश/निर्देश का उक्‍त अधि‍कारियों द्वारा पालन किया गया नहीं तो क्‍यों? क्‍या शासन इसके लिए संबंधित को दोषी मानता है? कब तक प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही कर जवाब दें दिया जावेगा? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने विकासखण्‍ड चौरई में 3 से 10 वर्षों से कार्यरत मीटर वाचकों को बिना पूर्व सूचना के निकालने व उनके स्‍थान पर किसी अन्‍य को नियुक्त किये जाने की प्रक्रिया को बंद कर पूर्व से ही सेवाएं देते चले आ रहे मीटर वाचकों को यथावत रखने हेतु प्रश्‍नकर्ता ने अधीक्षण यंत्री छिंदवाड़ा को पत्र क्रमांक 777 एवं पत्र क्रमांक 778 दिनांक 06/06/2016 संभागीय यंत्री अमरवाड़ा को प्रेषित किया है? हाँ तो इस पत्र पर क्‍या सार्थक पहल की गयी? (घ) क्‍या शासन विकासखण्‍ड चौरई में पूर्व से कार्यरत मीटर वाचकों के भविष्‍य को दृष्टिगत रखते हुए उनको ही यथावत उनके पद पर कार्य करते रहने का आदेश प्रसारित करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा संभागीय यंत्री अमरवाडा, सहायक यंत्री, चौरई एवं सहायक यंत्री, बिछुआ, जिला छिन्‍दवाड़ा को दिनांक 1 जनवरी, 2015 से 05.07.2016 तक प्रेषित पत्रों एवं संबंधित अधिकारी द्वारा प्रेषित प्रत्‍युत्‍तर की विषयवार तथा पत्र की दिनांक सहित पत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, विधान सभा सदस्‍यों के पत्रों पर कार्यवाही करने तथा उन्‍हें अवगत कराने हेतु आदेश/निर्देश प्रसारित किए गए हैं। प्रश्‍नाधीन संबंधित अधिकारियों द्वारा उक्‍त आदेश/निर्देशों का पालन करते हुए माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के पत्रों के प्रत्‍युत्‍तर प्रेषित किए गए हैं, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ, माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय द्वारा अधीक्षण यंत्री, संचालन एवं संधारण वृत्‍त, छिन्‍दवाड़ा को पत्र क्रमांक 777 दिनांक 05.06.2016 (दिनांक 06.06.2016 नहीं) एवं कार्यपालन यंत्री, संचालन एवं संधारण संभाग, अमरवाडा को क्रमांक 778 दिनांक 05.06.2016 (06.06.2016 नहीं) प्रेषित किया गया है जिनमें प्रश्‍नांश में वर्णित आशय का उल्‍लेख है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मीटर वाचन का कार्य ठेके पर कराया जा रहा है, जिसकी अवधि दो वर्ष एवं कार्य संतोषजनक पाए जाने पर ठेके की अवधि दो वर्ष उपरांत एक वर्ष और बढ़ाई जाकर ठेके की अ‍वधि एक बार में अधिकतम 3 वर्ष निर्धारित की गई है। अत: वर्तमान में लागू नियम/प्रक्रिया अनुसार विकासखण्‍ड चौरई में पूर्व से कार्यरत मीटर वाचकों को मीटर वाचन का कार्य करते रहने देना संभव नहीं है। तथापि माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय को सामूहिक आवेदन देने वाले तत्‍कालीन 12 मीटर वाचकों में से 2 मीटर वाचकों का पुन: चयन किया जाकर मीटर वाचन का ठेका प्रदान किया गया है। शेष 10 मीटर वाचकों में से 9 का नाम प्रतीक्षा सूची में है एवं 1 मीटर वाचक को विद्युत चोरी के प्रकरण में संलग्‍न होने के कारण ठेके के लिए अपात्र घोषित किया गया है।

शासकीय भवन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाना

62. ( क्र. 1613 ) पं. रमेश दुबे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासकीय अम्बेडकर भवन चौरई जिला-छिन्दवाड़ा में निर्मित है? क्या यह भवन नगर पालिका परिषद चौरई के अधीन है? यदि हाँ, तो इस भवन की देख-रेख व रख-रखाव की जिम्मेदारी किसकी है? क्या इस भवन पर किसी का अवैधानिक कब्जा है? यदि हाँ, तो किसका? (ख) शासकीय अम्बेडकर भवन चौरई,              जिला-छिन्दवाड़ा पर किये गये अवैध कब्जे को हटाकर आम नागरिकों के लिए यह भवन उपलब्ध कराये जाने हेतु क्या प्रश्नकर्ता ने पत्र क्रमांक 519 दिनांक 30/04/2015 एस.डी.एम. चौरई एवं पत्र क्रमांक 1702 दिनांक 21/10/2015 कलेक्टर छिन्दवाड़ा को प्रस्तुत किया था? (ग) क्या यह भवन अवैध कब्जे से मुक्त हुआ? नहीं तो क्‍यों? (घ) कब तक इस भवन को अवैध कब्जे से मुक्त करवाया जाकर आम नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया जावेगा? क्या शासन शासकीय अम्बेडकर भवन चौरई को अनाधिकृत कब्जे से सर्वदा मुक्त रखने हेतु किसी को जिम्मेदारी सौंपेगा? यदि हाँ, तो किसे और पुनः अवैध कब्जा न हो इस हेतु किसकी जिम्मेदारी नियत की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, वर्तमान में देख-रेख की जिम्‍मेदारी नगर पालिका चौरई की है, जी हाँ, वर्तमान में अं‍बेडकर भवन में अज्‍जू पिता मोतीलाल सनकत एवं शरद पिता रामचन्‍द्र पवार ने अनाधिकृत कब्‍जा किया है, जो नगर पालिका चौरई में सफाईकर्मी है। (ख) जी हाँ। (ग) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) चौरई के न्‍यायालय में म.प्र. लोक परिसर अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध है, जो प्रक्रियाधीन है, वर्तमान में उक्‍त भवन अवैध कब्‍जा से मुक्‍त नहीं हुआ है। (घ) अनाधिकृत रूप से कब्‍जा करने वालों के विरूद्ध म.प्र.लोक परिसर अधिनियम के तहत कार्यवाही प्रारंभ की गई है, कार्यवाही पूर्ण होने पर भवन को अनाधिकृत कब्‍जे से मुक्‍त कराया जावेगा तथा शासकीय अंबेडकर भवन चौरई को अनाधिकृत कब्‍जे से सर्वदा मुक्‍त रखने हेतु नगर पालिका चौरई को जिम्‍मेदारी सौंपी जायेगी।

खदानों की लीज

63. ( क्र. 1621 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2015-2016 में तहसीलवार खनिज, रेत, गिट्टी, मुरम की सर्वे नम्बर सहित कितनी खदानें किस-किस जगह पर लीज पर दी गई? क्या उन सब खदानों पर लीज के सभी नियमों का पालन करते हुए किन-किन का अनुबंध पत्र संपादित हो चुका है? (ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में चामला चम्बल और गंभीर पर किस दिनांक से किस सर्वे नम्बर पर कहाँ से कहाँ तक रेत उत्खनन के लिये लीज आवंटित की गई? (ग) कितनी रेत का संग्रहण करने की विभाग द्वारा अनुमति किस दिनांक से किस दिनांक तक तथा कितनी मात्रा में दी गई है? दिनांक, क्षेत्रफल और उनके सारे नियमों का पालन करते हुए अनुबंध पत्र किस दिनांक को किस व्यक्ति के द्वारा संपादित किया गया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) उज्‍जैन जिले में प्रश्‍नाधीन अवधि में खनिज गिट्टी हेतु पत्‍थर, मुरूम की खदानें लीज पर दी गई हैं, जिनका तहसीलवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। गौण खनिज रेत की खदानें लीज पर स्‍वीकृत नहीं की गई हैं। कुल स्‍वीकृत 58 लीज में से 45 खदानों में नियमानुसार अनुबंध पत्र निष्‍पादित हो चुके हैं। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रश्‍न में उल्‍लेखित नदियों पर रेत खनिज का उत्‍खननपट्टा (लीज) पर स्‍वीकृत/आवंटित नहीं हैं। (ग) रेत संग्रहण हेतु कोई भी अनुमति प्रदान नहीं की गई है न ही अनुबंध निष्‍पादित किया गया है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

युवा रोजगारों को रोजगार प्रदाय किया जाना

64. ( क्र. 1672 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में वर्ष 2015-16 में युवा बेरोजगार द्वारा विभाग को कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये हैं और उन आवेदनों पर क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) युवा बेरोजगारों के आवेदन पत्र विभाग द्वारा वर्ष     2015-16 में कितने स्‍वीकृत एवं अस्‍वीकृत हुये हैं? अस्‍वीकृत होने के क्‍या-क्‍या कारण रहे हैं? (ग) क्‍या विभाग द्वारा स्‍वीकृत आवेदन पत्र संबंधित बैंकों में लंबित पड़े रहते हैं? यदि हाँ, तो विभाग अपने स्‍तर पर युवा बेरोजगारों के सहयोगात्‍मक क्‍या कोई कार्यवाही करता है? (घ) विधान सभा क्षेत्र जौरा के युवा बेरोजगारों द्वारा विभाग को प्राप्‍त आवेदन पत्र जो बैंकों में लंबित पड़े हैं, उनकी जानकारी मय नाम सहित उपलब्‍ध कराई जावें एवं उनके ऋण स्‍वीकृत होने बाबत् विभाग द्वारा कोई पहल की गई है?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) विधान सभा क्षेत्र जौरा में वर्ष 2015-16 में युवा बेराजगारों द्वारा मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना एवं मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजनान्‍तर्गत विभाग को 153 आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए। प्राप्‍त 153 आवेदन पत्रों को टास्‍क फोर्स समिति की अनुशंसा उपरान्‍त संबंधित बैंक शाखाओं को प्रेषित किया गया। (ख) विभाग को प्राप्‍त आवेदन को जिला स्‍तर पर टास्‍क फोर्स समिति के माध्‍यम से अनुशंसित कर बैंक शाखाओं को भेजा जाता है जिस पर स्‍वीकृति अथवा अस्‍वीकृति का अंतिम निर्णय बैंक शाखाओं द्वारा ही किया जाता है विभाग द्वारा नहीं। शेष का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा अनुशंसित आवेदन पत्र संबंधित बैंकों में लंबित हो सकते है। विभागीय स्‍तर पर क्षेत्रीय अधिकारी भ्रमण एवं बैठकों के माध्‍यम से प्रेषित प्रकरणों के निराकरण हेतु प्रयास करते है तथा जिला कलेक्‍टर द्वारा भी जिला स्‍तरीय परामर्शदात्री समिति (डी.एल.सी.सी.) में बैंकर्स के साथ लंबित प्रकरणों की समीक्षा की जाती हैं। (घ) विधान सभा क्षैत्र जौरा के 48 प्रकरण, 07 बैंको में लंबित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन प्रकरणों को वर्ष 2015-16 के नवीन लक्ष्‍यों में समाहित किया गया है।

परिशिष्ट - ''पैंसठ''

चंबल मलेनी रोजड़ी नदी पर स्‍टाप डेम बनाने

65. ( क्र. 1700 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 25.02.16 के अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या-55 (क्र. 1124) के संदर्भ में बतायें कि रतलाम जिले में कब तक चंबल मलेनी, रोजड़ नदियों पर स्‍टापडेम व पिपलौदा तहसील के आम्‍बा गांव के आदिवासी मजरों आदि में तालाब बनाने का कार्य कब तक स्‍वीकृत हो जायेगा? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा रतलाम जिले के जावरा, पिपलौदा तहसील व अशोकनगर जिले में सिंचाई योजनाओं, स्‍टापडेम, तालाब आदि के बारे में शासन व जिला अधिकारियों को लिखे पत्रों पर शासन ने क्‍या कार्यवाही की?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) चंबल नदी पर बटवाड़िया बैराज की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 03.10.2015 को, मलेनी नदी पर हसनपालिया, पाताखेड़ी एवं डोडियाना बैराजों की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 30.03.2016 को प्रदाय की जा चुकी है। उपलब्‍ध सीमित वित्‍तीय संसाधन स्‍वीकृत परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने से नई परियोजनाओं की स्‍वीकृति के लिए समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं हैं।                (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र एवं अनुसार है।

परिशिष्ट - ''छियासठ''

मुख्‍यमंत्री स्‍वेच्‍छा अनुदान सहायता

66. ( क्र. 1722 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में विगत एक वर्ष में मुख्‍यमंत्री स्‍वेच्‍छा अनुदान मद से आर्थिक सहायता एवं बीमारी के उपचार हेतु कितने आवेदन पत्र मुख्‍यमंत्री कार्यालय को स्‍वीकृति हेतु प्राप्‍त हुये? (ख) मुख्‍यमंत्री स्‍वेच्‍छानुदान मद से कितने लोगों को            कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई व कितने आवेदन वर्तमान में लंबित है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनूपपुर जिले में विगत एक वर्ष में अर्थात् 01.07.2015 से 30.06.2016 तक की अवधि में मुख्‍यमंत्री स्‍वेच्‍छानुदान मद से आर्थिक सहायता एवं बीमारी के उपचार हेतु 26 आवेदन पत्र मुख्‍यमंत्री कार्यालय को प्राप्‍त हुए। (ख) मुख्‍यमंत्री स्‍वेच्‍छानुदान मद से 13 हितग्राहियों को जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार कुल 3,95,000/- (रूपये तीन लाख पिन्‍चयानवे हजार) की राशि स्‍वीकृत की गई, 11 प्रकरण नस्‍तीबद्ध किये गये, 01 प्रकरण प्राक्‍कलन हेतु एवं 01 प्रकरण राज्‍य बीमारी सहायता निधि हेतु कलेक्‍टर अनूपपुर को भेजा गया है।

परिशिष्ट - ''सड़सठ''

बिजली क्रय की जानकारी

67. ( क्र. 1723 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में किस-किस सरकारी उपक्रम या सरकारी कंपनी से किस मूल्‍य पर कितनी बिजली मध्‍यप्रदेश को प्राप्‍त हुई? किस निजी पावर हाउस से किस मूल्‍य पर कितनी बिजली क्रय की गई? (ख) उपरोक्‍त अवधि में कुल कितनी बिजली का विक्रय किया गया? उसमें से कितनी बिजली की उपभोक्‍ताओं को बिलिंग की गई? कितनी बिजली का लाईन लॉस बताया गया एवं कितनी बिजली की चोरी होना बताया गया? (ग) लाईन लॉस को रोके जाने के संबंध में विद्युत नियामक आयोग के किस दिनांक के आदेश में क्‍या-क्‍या शर्तें लगाई जाकर, क्‍या समय-सीमा निश्चित की गई थी? उस समय-सीमा के बाद भी लाईन लॉस होने का क्‍या कारण रहा है? (घ) विद्युत नियामक आयोग ने शत-प्रतिशत् विद्युत कनेक्‍शनों पर मीटर लगाये जाने के संबंध में किस दिनांक को आदेश दिये थे तथा कितने प्रतिशत् कनेक्‍शनों पर किन कारणों से मीटर नहीं लगाये जा सके?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा स्‍त्रोतवार क्रय की गई बिजली की मात्रा एवं औसत दर संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाई गई है। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में म.प्र. पूर्व क्षेत्र, मध्‍य क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विक्रित विद्युत यूनिट एवं उपभोक्‍ताओं को बिलिंग की गयी यूनिट तथा विद्युत यूनिट जिनकी वितरण हानि हुई का विवरण निम्‍नानुसार है:-

वर्ष

विक्रित यूनिट
 (
एम.यू.में)

यूनिट जिनकी बिलिंग की गई (एम.यू.में)

वितरण हानि
 (
एम.यू.में)

वर्ष
2014-15

वर्ष
2015-16

वर्ष
 2014-15

वर्ष
2015-16

वर्ष
2014-15

वर्ष
2015-16

पूर्व क्षेत्र

16106.15

17959.62

12613.09

13891.23

3493.06

4068.39

मध्‍य क्षेत्र

17710.9

19649.34

13349.61

14712.31

4361.29

4937.03

पश्चिम क्षेत्र

19825.1

21592.00

15481.50

16715.50

4343.60

4876.50

कुल

53642.15

59200.96

41444.20

45319.04

12197.95

13881.92

वितरण हानि में तकनीकी एवं वाणिज्‍यक हानि (जिसमें विद्युत चोरी भी शामिल है) शामिल रहती है जिसे पृथक-पृथक करने की व्‍यवस्‍था नहीं है। (ग) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के विनियम ''म.प्र. विद्युत नियामक आयोग (पारेषण टैरिफ के अवधारणा संबंधी निबंधन एवं शर्त) पुनरीक्षण (द्वितीय) विनियम, 2012 (आर.जी. 28 (II) वर्ष 2012) की कंडिका क्रमांक 41.6 के अनुसार पारेषण हानियों की निर्धारित सीमा एवं उसके अंतर्गत म.प्र. पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, द्वारा प्राप्‍त किये गये पारेषण हानि का विवरण निम्‍नानुसार है :-

क्रमांक

वर्ष

निर्धारित पारेषण हानि की सीमा (प्रतिशत् में)

वास्‍तविक पारेषण हानियां (प्रतिशत् में)

1

2014-15

2.97

2.82

2

2015-16

2.78

2.88

इसी तरह म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियम क्रमांक आर जी 35 (I) वर्ष 2012, दिनांक 29.11.2012 के अनुसार वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के लिए वितरण कंपनियों को वितरण हानियों के दिये गये लक्ष्‍य एवं वितरण कंपनियों द्वारा प्राप्‍त किये गये लक्ष्‍य का विवरण निम्‍नानुसार है :-

 

वर्ष

वर्ष 2014-15

वर्ष 2015-16

 

लक्ष्‍य

वास्‍तविक हानियां

लक्ष्‍य

वास्‍तविक हानियां

पूर्व क्षेत्र

20%

21.69%

18%

22.65%

मध्‍य क्षेत्र

21%

24.62%

19%

25.13%

पश्चिम क्षेत्र

18%

21.91%

16%

22.58%

वितरण कंपनियों द्वारा आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्‍य तक वितरण हानियों का स्‍तर प्राप्‍त न करने के मुख्‍य कारण निम्‍नानुसार है :- (1) कंपनी द्वारा विद्युत अधोसंरचना सुदृढ़ करने हेतु जो विभिन्‍न योजनाएं चलाई जा रही है उनसे लाईन लॉस कम करने का भी उद्देश्‍य पूरा होगा। नियामक आयोग द्वारा लाईन लॉस के लक्ष्‍य प्राप्‍त न होने का कारण, इन योजनाओं के कार्यों का टर्न की ठेकेदारों द्वारा समय से कार्य पूरा न करना है। इन योजनाओं के पूर्ण करने का कार्य प्रगति पर है। (2) विभिन्‍न परियोजनाओं के अंतर्गत वितरण प्रणाली का विस्‍तार किया गया है एवं विद्युत प्रदाय की अवधि में भी वृद्धि हुई है। वितरण प्रणाली में विस्‍तार एवं विद्युत प्रदाय की अवधि में मुख्‍यत: ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि हुई है जिसके कारण विद्युत की मांग बढ़ने के कारण विद्युत प्रणाली में प्रतिवर्ष विद्युत भार की मात्रा बढ़ जाने से तकनीकी हानियां भी बढ़ी है। (घ) नियामक आयोग द्वारा दिनांक 5.4.2016 को वर्ष 2016-17 के लिए जारी टैरिफ आदेश में सभी घरेलू उपभोक्‍ताओं के परिसर में मीटर स्‍थापित करने हेतु निर्देशित किया गया है। कृषि सिंचाई पंपों में फ्लेट रेट लागू होने से कृषि सिंचाई उपभोक्‍ताओं के कनेक्‍शनों पर मीटर स्‍थापित नहीं किये जा रहे हैं। घरेलू के अलावा अन्‍य सभी श्रेणी के उपभोक्‍ताओं के कनेक्‍शनों पर मीटर स्‍थापित कर दिए गए है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर क्षेत्रान्‍तर्गत वर्तमान में 9.97 प्रतिशत्, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल क्षेत्रान्‍तर्गत 5.1 प्रतिशत् तथा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर क्षेत्रान्‍तर्गत 0.0003 प्रतिशत् घरेलू उपभोक्‍ताओं के यहां मीटर लगाये जाने शेष हैं। संसाधनों की उपलब्‍धता के अनुसार मीटर स्‍थापित किए जा रहे है।

परिशिष्ट - ''अड़सठ''

संविदा पर नियुक्‍त व्‍यक्ति को अधिकार/शक्तियां

68. ( क्र. 1741 ) श्री उमंग सिंघार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अता.प्रश्‍न (क्र. 4304) दिनांक 11 मार्च, 2016 के प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) का उत्‍तर दिया गया था कि ''संविदा सेवा नियमों के प्रावधानुसार कार्यवाही की जाती है'' क्‍या यह उत्‍तर सहीं था? यदि हाँ, तो ''संविदा सेवा नियम'' क्‍या है? कब से लागू है, उनकी प्रति बतायें? (ख) सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक सी-3-12/11/3/एक, दिनांक 03 सितम्‍बर, 2011 के प्रावधानुसार प्रक्रियानुसार एवं उसमें उल्‍लेखित शर्तों के अनुसार, सेवानिवृत्ति के पश्‍चात् संविदा नियुक्‍त किये गये? पेंशनर (व्‍यक्ति) पर कौन से ''संविदा सेवा नियम'' लागू होंगे? (ग) क्‍या भर्ती नियमों पदोन्‍नति नियमों के विरूद्ध उपरोक्‍तानुसार संविदा पर नियुक्‍त व्‍यक्ति को पदनाम की आड़ में प्रशासनिक, अनुशासनिक वित्‍तीय शक्ति तथा अधिकार का उपयोग करने की अनुमति दी जा सकती है या अधिकारी प्रत्‍यायोजित किये जा सकते हैं? यदि यह वैधानिक है तो नियम बतायें, किस नियम में ऐसा प्रावधान है? (घ) यदि नियमों में संविदा पर नियुक्‍त व्‍यक्ति को अधिकार तथा शक्ति प्रत्‍यायोजित करने का अधिकार नहीं है, तो क्‍या उसके द्वारा जारी आदेश/कार्यवाही अवैध, नियम विरूद्ध क्‍यों नहीं होगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। विभिन्‍न विभागों में संविदा नियम बनाये गये है, इसी आधार पर उत्‍तर दिया गया था, (ख) सेवानिवत्ति पश्‍चात् संविदा नियुक्‍त व्‍यक्ति पर राज्‍य शासन द्वारा जारी प्रश्‍नाधीन दिशा-निर्देश लागू होते है। (ग) अधिकारों का प्रत्‍यायोजन पदनाम के आधार पर है। , (घ) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

भोपाल जिले में स्थित खनिज खदानें

69. ( क्र. 1747 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में किस खनिज की कितनी खदानें, कितने रकबे में         किन-किन स्‍थानों पर स्‍वीकृत की गई है, पूरी सूची उपलब्‍ध करवायें? (ख) क्‍या भोपाल जिले में पूर्व से स्‍वीकृत कुछ खनिज क्षेत्र ऐसे हैं जहां खनन पर प्रतिबंध प्रस्‍तावित है? ऐसे क्षेत्रों में चल रही खदानों की जानकारी ठेकेदार का नाम, मौजा, खसरा नं., रकबा का उल्‍लेख करते हुए उपलब्‍ध करवायें? (ग) भोपाल जिले में किन-किन स्‍थानों पर खनिज जाँच नाके खोलने की अनुमति दी गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नाधीन जिले में दो जाँच नाके क्रमश: भदभदा मार्ग साक्षी ढाबे के आगे शारदा विद्या मंदिर के पास एवं राष्‍ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 12 पर 11 मील के आगे कान्‍हा फनसिटी जोड़ पर, खोलने की अनुमति दी गई है।

प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों 

70. ( क्र. 1748 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगर-निगम भोपाल में पदस्‍थ अधिकारियों/कर्मचारियों को कितनी अवधि के लिये प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ करने का नियम है? (ख) भोपाल नगर-निगम में प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारियों की पूरी सूची, नाम, पद, मूल विभाग, प्रतिनियुक्ति दिनांक और आरंभ में कितने वर्ष हेतु प्रतिनियुक्ति पर लिया गया था, का विवरण सम्मिलित करते हुए उपलब्‍ध करवायें? (ग) क्‍या प्रतिनियुक्ति अवधि‍ पूर्ण कर चुके अधिकारी-कर्मचारियों को मूल विभाग में वापस भेजने की कार्यवाही प्रस्‍तावित है? (घ) क्‍या किसी विभाग द्वारा अधिकारी/कर्मचारियों की कमी के चलते प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए अधिकारी/कर्मचारी को वापस बुलाने हेतु पत्राचार किया गया है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 58 के प्रावधानों के अंतर्गत राज्‍य सरकार द्वारा प्रतिनियुक्ति की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।  (ग) नगर पालिक निगम, भोपाल के कार्यों के दृष्टिगत कर्मचारियों/अधिकारियों की आवश्‍यकता को देखते हुए नगर पालिक निगम के प्रस्‍ताव पर यथोचित निर्णय लिया जायेगा। (घ) जी नहीं।

विस्‍थापित बस्तियों में मूलभूत सुविधायें

71. ( क्र. 1775 ) श्री मोती कश्यप : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला कटनी से जुड़े बाणसागर जलाशय की डूब में कौन-कौन से ग्राम आये हैं और वहां से किन ग्रामों के कितने-कितने परिवारों को हटाया गया है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के कितने परिवारों को विधान सभा क्षेत्र बड़वारा के विकासखण्‍ड बड़वारा, कटनी एवं ढ़ीमरखेड़ा के किन ग्रामों में बसाया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क) विकासखण्‍डों के किन-किन ग्रामों में कितने-कितने परिवार बसे हैं और उनकी जनसंख्‍या कितनी है?           (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) ग्रामों की विस्‍थापितों की बस्तियों का किन्‍हीं अवधि में किन्‍हीं विभागीय व अन्‍य अधिकारियों से सर्वेक्षण कराया गया है? (ड.) प्रश्‍नांश (क) की किन बस्तियों में शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य, पेयजल, सड़क-नाली आदि मूलभूत सुविधायें उपलब्‍ध करायी गई हैं?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कुल 55 ग्राम प्रभावित हुए हैं। शेष 28 ग्रामों की बस्तियां प्रभावित नहीं हैं। ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में किसी भी परिवार को नहीं बसाया गया है। विस्थापित परिवारों की बसाहट हेतु कटनी जिले के तहसील विजयराघवगढ़ विकासखण्ड विजयराघवगढ़ के अंतर्गत 2 आदर्श ग्रामों धवैया प्रथम एवं धवैया द्वितीय विकसित किए गए थे, जिनमें 884 परिवारों को उनकी मांग के अनुसार आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध कराए गए हैं, शेष 6155 विस्थापित परिवार अनुदान एवं प्लाट के बदले राशि प्राप्त कर स्वेच्छा से अन्यत्र बसे हैं। विस्‍थापित जिन ग्रामों में स्‍वेच्‍छा से बसे है, उनके नाम उनके द्वारा उपलब्‍ध नहीं कराने से शेष जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं, आदर्श ग्रामों का हस्तान्तरण विभाग द्वारा दिनांक 14.10.2010 को स्थानीय निकायों यथा पंचायतों को कर दिया गया है। (ड.) आदर्श ग्राम धवैया प्रथम एवं धवैया द्वितीय में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क, नाली आदि मूल सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

परिशिष्ट - ''उनहत्तर''

आई.ए.एस. अधिकारी के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट

72. ( क्र. 1792 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य को आवंटित वर्ष 1985 (RR) बैच के कौन से आई.ए.एस. अधिकारी के विरूद्ध मा. न्‍यायालय न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट (प्रथम श्रेणी बैकुंठपुर जिला कोरिया (छत्‍तीसगढ़) आपराधिक प्रकरण 572/14 धारा 408, 420, 34 भा.द.भी. 39, 66/192 एम.व्‍ही. एक्‍ट में दर्ज होकर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था? क्‍या यह जानकारी मुख्‍य सचिव मध्‍यप्रदेश शासन/सामान्‍य प्रशासन विभाग के संज्ञान में है? यदि हाँ, तो यह जानकारी किस तिथि को किस माध्‍यम से संज्ञान में आई? (ख) क्‍या उक्‍त अधिकारी ने उसके विरूद्ध दर्ज उपरोक्‍त प्रकरण की जानकारी मुख्‍य सचिव मध्‍यप्रदेश तथा सामान्‍य प्रशासन विभाग को दी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या उसके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) उपरोक्‍त अधिकारी द्वारा 01 जनवरी, 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के विदेशी दौरे किस आधार पर किये? तिथि स्‍थान बतायें तथा क्‍या उसे सामान्‍य प्रशासन विभाग ने डिप्‍लोमेटिक पासपोर्ट जारी करने के लिये अनापत्ति प्रमाण-पत्र/प्रस्‍ताव अनुशंसा कर पासपोर्ट कार्यालय को कब भेजा था, तिथि बतायें?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सहकारिता मुद्रणालय और अन्य निजि प्रिंटर्स से मुद्रण

73. ( क्र. 1800 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में विभिन्न माध्यमो में सामग्री मुद्रण /विज्ञापन पर व्यय किये जाने वाली स्वीकृत दरों की सूची देवें? इस दरों संबंधी नीति निर्देश की प्रति देवें? यह दर प्रदेश स्‍तर पर स्‍वीकृत है या नहीं यह जानकारी देवें?              (ख) कोई शासकीय विभाग इन दरों से अधिक दरों पर सामग्री मुद्रित कराता है तो इस संबंध में यदि काई गाईड लाईन है तो प्रति देवें। (ग) विभाग द्वारा सहकारिता क्षेत्र की संस्थाओ से कार्य करवाने हेतु अलग से कोई नीति, निर्देश है तो प्रति देवें। सहकारिता क्षेत्र को कार्य देने हेतु स्वीकृत दर असहकारिता क्षेत्र से कितनी भिन्न है। सूची देवें। (घ) फ्लेक्स (स्टार मिडिया तथा सामान्य मिडिया), 4 साईज (रंगीन एक तरफ तथा दोनों तरफ मुद्रण), बैनर रंगीन तथा एक कलर की सहकारिता मुद्रणालय और अन्य निजी प्रिंटर्स से मुद्रण कराने की विगत 5 साल की दर की सूची देवें।

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विभिन्न माध्यमों का आशय स्पष्ट नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) फ्लेक्स ए-4 साईज के बेनर रंगीन तथा कलर की दरें पृथक से निर्धारित नहीं है।

आवासीय कॉलोनीयों को निर्माण की अनुमतियां

74. ( क्र. 1801 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2008 से 2013 तक खरगोन जिले में ग्रामीण, पंचायत क्षेत्रों में किन-किन आवासीय कालोनियों को किन शर्तों पर निर्माण की अनुमतियां प्रदान की गई? प्रति देवें। (ख) वर्ष 2008 से 2013 तक खरगोन जिले में ग्रामीण, पंचायत क्षेत्रों में किन-किन आवासीय कॉलोनियों के आवेदन विभागीय कार्यालय को प्राप्त हुए नाम, स्थान सहित सूची देवें। (ग) वर्ष 2008 से 2013 तक खरगोन जिले में ग्रामीण, पंचायत क्षेत्रों में किन-किन व्यावसायिक काम्प्लेक्सो को किन शर्तों पर निर्माण की अनुमतियां प्रदान की गई? प्रति देवें। (घ) वर्ष 2008 से 2013 तक खरगोन जिले में ग्रामीण, पंचायत क्षेत्रों के डायवर्सन हेतु विभाग से अभिमत हेतु पत्र प्राप्त हुए। पत्रों की प्रति देवें। (उद्योग एवं शैक्षणिक उपयोग वाले पत्रों को छोडकर)

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) खरगोन जिले में प्रभावशील विकास योजनाओं के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत क्षेत्र में आवासीय कॉलोनियों को दी जाने वाली विकास अनुज्ञा की शर्ते पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍न में उल्‍लेखित अवधि में प्राप्‍त आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) वर्ष 2008 से 2013 तक ग्रामीण, पंचायत क्षेत्रों से व्‍यवसायिक काम्‍पलेक्‍स हेतु कोई आवेदन जिला कार्यालय खरगोन में प्राप्‍त नहीं हुआ है। (घ) प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परियोजनाओं का कार्य निरीक्षण

75. ( क्र. 1802 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 02 वर्षों में खरगोन जिले में संचालित विभिन्न परियोजनाओं का कार्य निरिक्षण कब-कब किया गया तथा इन निरीक्षण कार्यों में क्या अनियमितताएं पाई गई, क्या निर्देश दिये? (ख) उक्त परियोजनाओ में ठेकेदारों पर    कब-कब, कितनी पेनाल्टी लगाई गई, कितनी रनिंग बिलों से वसूली गई? यदि नहीं, वसूली गई तो कारण बतायें? (ग) उक्त परियोजनाओं में से कितनी परियोजनाओं में कार्य अपने स्टीमेट के अनुसार कितने प्रतिशत् हुआ है तथा कितने प्रतिशत् कार्य में ठेकेदार द्वारा परिवर्तित किया गया। इस परिवर्तन से कार्य में क्या असर हुआ तथा कितनी राशि का लाभ ठेकेदार को हुआ। यह परिवर्तन किस अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया गया। किस अधिकारी द्वारा जांचा गया? (घ) उक्त परियोजनाओं से संबंधित विभिन्न नमूनों को किन प्रयोगशालाओं में जाँच हेतु भेजा गया, इनकी रिपोर्ट कब प्राप्त हुई।

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) सभी परियोजनाओं में कार्य स्‍वीकृत अलाईमेंट एवं ड्राइंग डिजाइन के अनुसार कराया जा रहा है। इंदिरा सागर परियोजना का लगभग 80 प्रतिशत्, खरगोन उद्वहन नहर का कार्य लगभग 80 प्रतिशत्, ओंकारेश्‍वर नहर का कार्य 90 प्रतिशत्, नर्मदा क्षिप्रा सिंहस्‍थ लिंक का कार्य 100 प्रतिशत् तथा नर्मदा मालवा गंभीर परियोजना का कार्य लगभग 25 प्रतिशत् पूर्ण किया गया है। सभी कार्य टर्न की आधार पर किये जा रहे है इसके लिए ठेकेदार को एक निश्चित राशि का भुगतान किया जाता है तथा कोई अतिरिक्‍त राशि का भुगतान नहीं किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

अतिक्रमण हटाये जाना

76. ( क्र. 1837 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या अतिक्रमण के संबंध में विधान सभा प्रश्‍न क्रं. २६८५ एवं ३६१४ दिनांक १७-०७-२०१४ के उत्‍तरांश में मयूर वन कॉलोनी मुरैना में एलआईजी क्‍वाटर ३८५ के सामने अतिक्रमण हटाया जाना बताया गया था यदि हाँ, तो वर्तमान में अतिक्रमण दर्शित हो रहा है ऐसा क्‍यो? माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर के डब्‍ल्‍यू पी नं. ३००१/०७ (पी.आई.एल.) के आदेश के पालन में अतिक्रमण हटाये जाने की असत्‍य जानकारी दी गई थी यदि नहीं, तो हटाये गए अतिक्रमण के कार्यवाही दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराये? (ख) क्‍या कॉलोनी निर्माण के वक्‍त उक्‍त जमीन अतिक्रमण विहीन थी कॉलोनी के नक्‍शा में भी खुली भूमि होकर सार्वजनिक उपयोग की थी यदि हाँ, तो कब और किस-किस के द्वारा उक्‍त भूमि के अंश भाग पर अतिक्रमण किया गया और विभाग द्वारा अपना पक्ष न्‍यायालय में कमजोर रखा गया है? (ग) क्‍या विधान सभा प्रश्‍न क्रं. ७५६१ आताराकिंत दिनांक ०१-०४-२०१६ के उत्‍तरांश (ख) में अतिक्रमणकारियों की फर्जी रजिस्‍ट्री एवं नांमातरण निरस्‍त कराने की कार्यवाही की जा रही है ऐसा उल्‍लेख किया है यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) उक्‍त भूमि म.प्र. गृह निर्माण के स्‍वामित्‍व की है या नहीं सपष्‍ट करे यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उदासीनता एवं धीमी कार्यवाही के कारण क्‍या है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

तृतीय व चतुर्थ संवर्ग के रिक्‍त पदों पर पदस्‍थापना

77. ( क्र. 1844 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासन के म.प्र. विद्युत मण्‍डल विभाग में तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संवर्ग के कुल कितने पद स्‍वीकृत है एवं कितने पदों पर कर्मचारी पदस्‍थ तथा कितने पद रिक्‍त हैं? श्रेणीवार, पदवार जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या दो दशक के कार्य का विस्‍तार हुआ है एवं उपभोक्‍ताओं की संख्‍या बढ़ी भी है। यदि हाँ, तो क्‍या विगत 15 वर्षों से कर्मचारी समय-समय पर सेवानिवृत्‍त होते जा रहे हैं तथा शासन के द्वारा रिक्‍त पदों पर नियुक्तियाँ नहीं की गई हैं? कर्मचारियों के अभाव में उपभोक्‍ता सेवा संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं तथा राजस्‍व वसूली भी तदानुसार नहीं हो पा रही है? (ग) उक्‍त प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन द्वारा उपभोक्‍ताओं की समस्‍याओं को समयानुसार निराकरण तथा समय पर राजस्‍व वसूली करने के लिए कोई कार्य योजना तैयार की गई है? (घ) यदि नहीं, तो क्‍या शासन रिक्‍त पदों पर शीघ्र ही नियुक्तियां कराने पर विचार करेगी, यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सागर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत सागर नगर में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड का शहर संभाग, सागर आता है। शहर संभाग, सागर में तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संवर्ग के कुल स्‍वीकृत पद, पदस्‍थ कर्मचारी तथा रिक्‍त पदों की पदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। (ख) जी हाँ, दो दशक में कार्य का विस्‍तार हुआ है तथा उपभोक्‍ताओं की संख्‍या भी बढ़ी है। विगत 15 वर्षों से कर्मचारी समय-समय पर सेवानिवृत्‍त होते जा रहे हैं तथा कंपनी द्वारा नियमित एवं संविदा पदों पर नियुक्तियां की गई हैं। जी नहीं, सागर शहर संभाग में पदस्‍थ कर्मचारियों की युक्तियुक्‍त पदस्‍थापना कर राजस्‍व वसूली सहित उपभोक्‍ता सेवा संबंधित अन्‍य कार्य सुचारू ढंग से संचालित किये जा रहे हैं। (ग) उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार सागर शहर संभाग में पदस्‍थ कर्मचारियों की युक्तियुक्‍त पदस्‍थापना कर राजस्‍व वसूली सहित उपभोक्‍ताओं की समस्‍याओं का निराकरण यथासमय किया जा रहा है। सागर शहर संभाग हेतु राजस्‍व वसूली के मासिक लक्ष्‍य दिए जाते हैं तथा इसकी समीक्षा भी की जाती है। घरेलू उपभोक्‍ताओं से बकाया बिल की वसूली हेतु 25 फरवरी, 2016 से 31 मई, 2016 की अवधि में कंपनी द्वारा समाधान योजना लागू की गई थी, अत: अलग से कार्य योजना तैयार करने की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) पदोन्‍नति एवं नियुक्ति द्वारा रिक्‍त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया होने के कारण वर्तमान में समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। जून, 2016 में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 57 नियमित कनिष्‍ठ अभियंता (विद्युत-वितरण) की नियुक्ति की गई है। प्रशिक्षण उपरांत कनिष्‍ठ अभियंताओं की संचालन एवं संधारण वृत्‍त, सागर, जिसके अधीन शहर संभाग, सागर भी आता है में भी पदस्‍थापना की जावेगी जिससे वहां कनिष्‍ठ अभियंताओं की वर्तमान उपलब्‍धता में वृद्धि हो जावेगी।

परिशिष्ट - ''सत्तर''

म.प्र. में चलित प्राइवेट विद्युत ईकाइयों

78. ( क्र. 1859 ) श्री लाखन सिंह यादव (श्री सचिन यादव) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी की ताप क्षमता कितने मेगावाट हैं इसमें कितनी विद्युत ईकाइयों को चलाया जा रहा है एवं कितनी ईकाइयों को सरप्‍लस बिजली होने के कारण बंद करवा दिया है? कौन सी ईकाइयों को कब से बंद करवाया गया है? समस्‍त ब्‍यौरा माह फरवरी 2016 से देवें? (ख) क्‍या 15 जून, 2016 से अमरकंटक ताप की 1x210 मेगावाट इकाई एवं 1x500 मेगावाट संजय गांधी ताप विद्युत को छोड़कर सभी विद्युत इकाइयां बंद कर दी गई हैं? अब इन सभी विद्युत ईकाइयों को कब से चलाना प्रारम्‍भ किया जावेगा प्रारंभ प्रस्‍तावित शेड्यूल बतावें?           (ग) म.प्र. में कितने प्राइवेट चलित विद्युत इकाइयां हैं उनकी क्षमता बतावें? इन कंपनियों से क्रय अनुबद्ध अनुसार कितने मेगावाट बिजली खरीदना है? वास्‍तविक रूप से कितने मेगावाट बिजली खरीदी जा रही है? प्रोफार्मा में बतावें? (1) फर्म का नाम           (2) स्‍थान का नाम (3) विद्युत गृह श्रमता (4) क्रय अनुबद्ध के अनुसार कितने मेगावाट बिजली खरीदना है (5) वास्‍तविक रूप से कितने मेगावाट बिजली खरीदी जा रही है         (6) प्रति इकाई दर।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (म.प्र.पा.ज.कं.लि.) की ताप विद्युत गृहों की उत्‍पादन 4080 मेगावाट है। माह फरवरी 2016 से विद्युत की मांग एवं उपलब्‍धता दृष्टिगत बंद कराई गई ईकाइयों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ, 15 जून, 2016 से म.प्र.पा.ज.कं.लि. के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के 1x210 मेगावाट इकाई एवं संजय गांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की 1x500 मेगावाट इकाई संचालित हैशेष ईकाइयों के बंद होने संबंधी विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र अ अनुसार है। प्रदेश में विद्युत की मांग एवं उपलब्‍धता के आधार पर मेरिट आर्डर डिस्‍पेच के अनुसार इन ईकाइयों को पुन: क्रियाशील किया जावेगा। अत: वर्तमान में इन बंद ईकाइयों को प्रारंभ करने का शेडयूल दिया जाना संभव नहीं है। (ग) मध्‍य प्रदेश में निजी क्षेत्र में स्‍थापित ताप विद्युत ईकाइयों के संबंध में चाही गई जानकारी प्रश्‍नाधीन प्राप्‍त प्रोफार्मा में, संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, उल्‍लेखनीय है विद्युत का क्रय मेगावाट में न होकर किलोवाट अवर यूनिट में किया जाता है। अत: तदानुसार ही जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब में दर्शाई गई है। ईकाइयों से विद्युत का क्रय एवलेबिलिटी बेस्‍ड टैरिफ प्रणाली के अंतर्गत मांग एवं आपूर्ति के अंतर एवं मेरिट आर्डर डिस्‍पेच में वरीयता के आधार पर आवश्‍यकतानुसार किया जाता है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार शेडयूल नहीं की गई विद्युत का नियत प्रभार विद्युत उत्‍पादक को पृथक से देय होता है।

परिशिष्ट - ''इकहत्तर''

डूब क्षेत्र के किसानों को दिए जाने वाले पट्टें

79. ( क्र. 1903 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गांधी सागर जलाशय में प्रतिवर्ष कितनी हेक्‍टेयर भूमि पट्टे पर शुल्‍क लेकर आवंटित की जाती है? किसानों को पट्टे पर दी गई भूमि पर किस मापदण्‍ड के अनुसार शुल्‍क लिया जाता है? (ख) वर्ष 2010-11 से आज दिनांक तक कितनी हेक्‍टेयर भूमि किसानों को प्रदान की गई है तथा शुल्‍क की कितनी वसूली की गई?             (ग) किसानों से लिया गया शुल्‍क किस मद में जमा किया गया है तथा शासन के खाते कितनी राशि जमा है? (घ) गांधी सागर जलाशय की भूमि पर विद्युत कनेक्‍शन प्राप्‍त करने हेतु सिंचाई विभाग द्वारा कितने रूपये रसीद बनाई जाती है 2010-11 से आज दिनांक तक कितने व्‍यक्तियों की रसीद बनाई गई है व इनसे कितनी ली गई राशि?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जलाशय से खुलने वाली भूमि का आवंटन जलाशय के जलस्तर पर निर्भर होने से भूमि का क्षेत्रफल बतलाया जाना संभव नहीं है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘1’ एवं ’2’ अनुसार(ख) एवं                (ग) 14,084.95 हेक्टर। लेखाशीर्ष 07000 मुख्य सिंचाई 109 स्वामित्व दर (डूब भूमि) में। रू. 101.70 लाख। (घ) विभाग द्वारा कोई विद्युत कनेक्शन नहीं दिये जाने से शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

अनुमति से अधिक भूमि पर थाना मंगलवारा का निर्माण किया जाना

80. ( क्र. 1918 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या भोपाल के थाना मंगलवारा का निर्माण कार्य खसरा नंबर 1236 रकबा 0.656 हेक्‍टेयर में से 1746 वर्गफीट भूमि की नोईयत सड़क म्‍युनिस्‍पल बोर्ड होने से प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र निरस्‍त किए जाने का अनुरोध किया था? (ख) यदि हाँ, तो कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी शहर वृत्‍त भोपाल के आदेश क्रमांक/206/‍न.अ.श./16 भोपाल दिनांक 06.06.16 को अनापत्ति आदेश क्रमांक 50/बी-121/15-16 भोपाल दिनांक 21.03.16 द्वारा मंगलवारा थाना हेतु शहर भोपाल के खसरा क्रमांक 1236 में से क्षेत्रफल 1746 वर्गफीट पर निर्माण कार्य कराने हेतु प्रदाय अनुमति नोईयत सड़क (म्‍युनिसपल बोर्ड) होने से एतद् द्वारा निरस्‍त की गई और दिनांक 21.03.16 को जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र केवल शहर भोपाल स्थि‍त खसरा क्रमांक 1237 रकबा 7.786 हेक्‍टेयर में से क्षेत्रफल 2045 वर्गफीट भूमि के लिए निर्माण कार्य वैध किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या वैध अनुमति से अधिक भूमि पर पुलिस कार्पोरेशन एवं संबंधित पुलिस अधिकारियों की मनमानी के चलते निर्माण कार्य करने व कराने वालो के विरूद्ध विभागीय एवं वैधानिक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों कारण सहित बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ।             (ग) नजूल से प्राप्‍त अनापत्ति के अनुसार पूर्व निर्मित थाना भवन क्षेत्रफल में ही नवीन थाना भवन बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया था। जिसे बाद में 1746 वर्गफुट भूमि पर नजूल द्वारा अनापत्ति निरस्‍त करने के कारण रोक दिया गया। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रस्‍तावित बांरगवाड़ी जलाशय के निर्माण

81. ( क्र. 1939 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रस्‍तावति बांरगवाड़ी जलाशय कितने हेक्‍टर सिंचाई क्षमता का बनेगा? कितने एम.सी.एम. पानी का भराव होगा? (ख) जलाशय के निर्माण में कितने हेक्‍टेयर जमीन डूब क्षेत्र में जायेंगी? (ग) जलाशय के निर्माण में डूब क्षेत्र में आने वाले किसानों के नाम, पते, रकबा आदि की जानकारी देवें? (घ) प्रस्‍तावित बारंगवाड़ी जलाशय के निर्माण में क्‍या समस्‍या है? यदि नहीं, तो निर्माण स्‍वीकृत में क्‍यों देरी की जा रही है?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) परियोजना की साध्यता अंतिम नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

 

बुण्‍डाला जलाशय में कराये गये निर्माण कार्य

82. ( क्र. 1940 ) श्री चैतराम मानेकर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बुण्‍डाला जलाशय के वेस्‍टवियर के नीचे (ओगीफाल के नीचे) हार्डराक (कठोर काले पत्‍थर की चट्टाने प्राकृतिक रूप से मौजूद है? चट्टाने क्षतिग्रस्‍त नहीं हुई है? (ख) यदि हाँ, तो ओगीफाल (वेस्‍टवियर) के नीचे क्राकीट का कार्य क्‍यों कराया गया? (ग) क्‍या बरसात के दिनों में जलाशय में पिचिंग का कार्य करवाते समय जलाशय की पिचिंग का काफी हिस्‍सा पानी की गहराई में डूबा हुआ था? (घ) यदि हाँ, तो पानी के अन्‍दर गहराई में नीचे तक पिचिंग का कार्य कैसे संभव है?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। ओगी फाल के एण्ड सिल के फाउण्डेशन के नीचे Scouring होने के कारण एण्ड सील क्षतिग्रस्त होना प्रारंभ हो गया था और स्टिलिंग बेसिन भी क्षतिग्रस्त हो सकता था, जिसकी सुरक्षा हेतु कांक्रीट कार्य कराया गया। (ग) एवं (घ) जी हाँ। किए गए पिचिंग कार्य का लेवल जलाशय के जलस्तर से ऊपर था।

अवैध कालोनियों की जानकारी

83. ( क्र. 1968 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर जिले में कितनी अवैध कॉलोनियां है? उनकी सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) उक्‍त अवैध कालोनियों में से कितनी के नियमितीकरण का कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है? (ग) कॉलोनियों से नगर पालिका निगम इन्‍दौर द्वारा किस-किस प्रकार के कितने-कितने कर वसूल किये जा रहे हैं? विगत दो वर्षा में कितने करों की वसूली की गई? (घ) उक्‍त अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं (जल, विद्युत एवं सड़क) प्रदान की जा रही है और किनमें प्रदान किया जाना शेष हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर जिले की नगर पालिका परिषद् एवं नगर परिषद् की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है एवं नगर निगम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) नगर निगम इंदौर द्वारा अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही प्रारंभ करते हुए अवैध कॉलोनियों में शिविरों का आयोजन किया गया एवं प्रथम चरण में 157 अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण की कार्यवाही प्रारंभ की जाकर, विभिन्‍न शासकीय विभागों में जैसे-सीलिंग, नजूल, तहसीलदार तहसील इंदौर, इंदौर विकास प्राधिकारी, नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय को अवैध कॉलोनियों की सूची भेजते हुए अनापत्ति/अभिमत चाहा गया था। जिनमें 73 अवैध कॉलोनियों में पृथक-पृथक विभागों द्वारा आपत्ति दर्ज की गई एवं 5 अवैध कॉलोनियों में शुल्‍क जमा कराने हेतु रहवासी संघ/कॉलानाईजर को फीस मेमो जारी किये गये है तथा शेष 54 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही प्रचलित होकर उनमें कुछ शासकीय विभागों के अभिमत/अनापत्ति प्राप्‍त करने की कार्यवाही प्रचलित है। वर्ष 1998 से वर्तमान तक नगर निगम इंदौर द्वारा 25 अवैध कॉलोनियों का नियमितिकरण कर दिया गया है। अन्‍य नगर पालिका परिषद् एवं नगर परिषदों द्वारा कार्यवाही नहीं की जा रही है।           (ग) कॉलोनियों से नगर पालिक निगम द्वारा निगम सीमा क्षेत्र से संपत्तिकर, शिक्षा उपकर, समेकित कर, नगरीय विकास उपकर, जल अधिकार एवं जल मल निकास कर आदि कर राजस्‍व द्वारा वसूल किये जा रहे है। वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 134.47 वर्ष 2015-16 में राशि रूपये 154.47 कुल राशि रूपये 288.95 जलकर विभाग द्वारा जलकर की वसूली विगत दो वर्षों में करों से वसूल की गई राशि वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 115.20 (राशि करोड में) एवं वर्ष 2015-16 में 205.96 (राशि करोड में) कुल राशि रूपये 321.16 (राशि करोड में) करों के रूप में वसूल की गई इसमें अवैध कॉलोनियों से वसूल की गई राशि भी सम्मिलित है। (घ) नगर निगम इंदौर, राऊ, बेटमा, हातोद, मानपुर, मंहुगाव में मुलभूत सुविधा उपलब्‍ध करायी जा रही है। सांवेर, गौतमपुरा, देपालपुर में अवैध कॉलोनी नहीं है।

अध्‍ययनरत विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र

84. ( क्र. 1969 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्‍दौर जिले के विद्यालयों में अध्‍ययनरत् विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए 30.04.2016 तक कितने आवेदन प्राप्‍त हुए? (ख) प्राप्‍त आवेदनों में से कितने छात्रों के जाति प्रमाण-पत्र बनाकर वितरित कर दिये गये हैं?           (ग) कितने आवेदन जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए शेष है तथा किन कारणों से लंबित हैं कब तक बना दिये जायेंगे? (घ) क्‍या जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया को और सरल बनाने की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इंदौर जिले के विद्यालयों में अध्‍ययनरत विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए 30.04.2016 तक 451962 आवेदन लोक सेवा केन्‍द्रों में प्राप्‍त हुए। (ख) प्राप्‍त आवेदनों में से कुल 265239 जाति प्रमाण-पत्र बनाए गए एवं 171453 जाति प्रमाण-पत्र वितरित कर दिये गये है। (ग) उक्‍त प्राप्‍त आवेदनों में से 164530 आवेदन अस्‍वीकृत किये गये तथा निराकरण हेतु कुल शेष 22193 आवेदनों का निराकरण संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा नियमानुसार जाति की पुष्टि होने के उपरांत किया जावेगा। (घ) सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 13 जनवरी, 2014 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरलीकृत करने तथा समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण हो, इस दृष्टि से इस विषय को लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 के अन्तर्गत शामिल करते हुए इसकी प्रक्रिया ऑनलाईन डिजिटल हस्ताक्षर से जारी करने की व्यवस्था की गई है।

विद्युत कनेक्‍शनों की जानकारी

85. ( क्र. 1974 ) श्री मेहरबान सिंह रावत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में मुरैना जिले में कितने (1) घरेलु कनेक्‍शन (2) औद्योगिक कनेक्‍शन (3) कमर्शियल कनेक्‍शन (4) कृषि पंप कनेक्‍शन (5) अस्‍थाई पंप कनेक्‍शन (6) अस्‍थाई कनेक्‍शन मेला, शादी विवाह एवं अन्‍य VIP शादी समारोह में जारी किए गए उनकी संख्‍या वितरण केन्‍द्र वार बतावें? (ख) प्रश्‍न '''' के अनुसार कितने कनेक्‍शनों में ठेकेदार का परीक्षण प्रपत्र (टेस्‍ट रिपोर्ट) ली गई है? (ग) यदि टेस्‍ट रिपोर्ट नहीं प्राप्‍त की गई है तो कारण बतावें कि टेस्‍ट रिपोर्ट क्‍यों नहीं ली गई? इसमें जिम्‍मेदार अधिकारी/कर्मचारियों जो दोषी हैं। उनके खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (घ) क्‍या पूरे प्रकरण की प्रश्‍नकर्ता की उपस्थिति में तीन सदस्‍यी समिति द्वारा जाँच कराई जाएगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2014-15 में 13924 एवं 2015-16 में 15804 इस प्रकार कुल 29728 कनेक्‍शन प्रदान किये गये जिनका वितरण केन्‍द्र एवं श्रेणीवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के क्रमश: प्रपत्र (अ) एवं (ब) अनुसार है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '''' में दर्शाये गये कुल 29728 कनेक्‍शनों में से 372 उपभोक्‍ताओं द्वारा टेस्‍ट रिपोर्ट प्रस्‍तुत की गई है। प्रश्‍नाधीन अधिकतर क्षेत्रों में विद्युत के अनाधिकृत उपयोग को एवं अवैधानिक कनेक्‍शनों का नियमितीकरण करने हेतु परीक्षण प्रपत्र (टेस्‍ट रिपोर्ट) प्राप्‍त होने की प्रत्‍याशा में विद्युत कनेक्‍शन जारी किये गये है। यहाँ यह भी उल्‍लेखनीय है कि केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा दिनाँक 13 अप्रैल, 2015 में जारी अधिसूचना भारत का राजपत्र असाधारण के भाग-3, खण्‍ड 4, पृष्‍ठ संख्‍या 13 की कण्डिका क्रमांक 43 के अनुसार उपभोक्‍ता को परीक्षण एवं जाँच उपरांत अपने परिसर के विद्युत अधिष्‍ठापन को निर्धारित प्रपत्र में स्‍व-प्रमाणित कर अधिष्‍ठापन को ऊर्जीकृत का अधिकार है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) उत्‍तरांश '''' में दर्शाई गई कार्यवाही के परिप्रेक्ष्‍य में जाँच कराये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - ''बहत्तर''

चंदेरी को पर्यटन नगरी अधिसूचित करने एवं वाल्‍वों बसों के संचालन

86. ( क्र. 2010 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि चंदेरी नगर को विधिवत पर्यटन के रूप में कब तक अधिसूचित कर दिया जावेगा तथा प्रश्‍नकर्ता की मांग पर चंदेरी से म.प्र.पर्यटन विकास निगम द्वारा वाल्‍वों बसों का परिचालन पर्यटन विकास हेतु कब कर दिया जावेगा?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : किसी भी स्‍थल को पर्यटन के रूप में अधिसूचित करने की विभाग में कोई नीति नहीं है। विभाग के अंतर्गत वर्तमान में वाल्‍वों बसें चलाने की कोई योजना नहीं है।

पर्यटन के क्षेत्र में योजनाओं

87. ( क्र. 2011 ) श्री गोपालसिंह चौहान (डग्‍गी राजा) : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी एक पर्यटन नगरी है इसके विकास के लिये सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनायें बनाई गई है? (ख) यदि नहीं, बनाई गई है तो क्‍यों और यदि बनाई गई है तो वह क्रियान्‍वयन में कब तक आ पायेगी?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार(ख) जानकारी परिशिष्‍ट अनुसार योजना पूर्ण की गई।

परिशिष्ट - ''तिहत्तर''

बरबटी सिंचाई उद्वहन योजना का कार्यपूर्ण करना

88. ( क्र. 2028 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न संख्‍या-97 (क्र. 4701) दिनांक 11/03/2016 के उत्‍तर में बताया था कि बरबटी लिंक सिंचाई योजना का कार्य 08/05/2015 को प्रारंभ किया गया एवं 850 हे. में इससे सिंचाई होगी? जलाशय के डिस्‍ट्रीब्‍यूशन चेम्‍बर तक सर्वेक्षण एवं संपूर्ण निर्माण कार्य शेष है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या दो वर्ष पूर्व होने पर भी अभी नाम मात्र का कार्य हुआ है? उक्‍त बरबटी लिंक सिंचाई योजना का कार्य कब तक पूर्ण होगा, ताकि किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सकें।

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जी हाँ। (ख) परियोजना को माह 11/2016 तक पूर्ण करना लक्षित है।

नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में पदस्‍थ सी.एम.ओ. के विरूद्ध जाँच

89. ( क्र. 2110 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या मकरोनिया बुजुर्ग नगर पालिका में पदस्‍थ मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी (सी.एम.ओ.) के विरूद्ध विभागीय कितनी जांचे विचाराधीन/लंबित है? (ख) नगर पालिका मकरोनिया बुजुर्ग में नियुक्ति दिनांक से विभाग की कितनी शिकायतें सी.एम.ओ. के विरूद्ध प्राप्‍त हुई एवं सी.एम.ओ. के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) यदि सी.एम.ओ. के विरूद्ध विभागीय जांचे विचाराधीन/लंबित है तो सी.एम.ओ. को विभागीय कार्यालय/मुख्‍यालय में पदस्‍थ क्‍यों नहीं किया गया?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका अधिकारी, मकरोनिया बुजुर्ग में पदस्‍थ मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी के विरूद्ध एक विभागीय जाँच लंबित है। (ख) प्रश्‍नांकित समयावधि में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) लंबित विभागीय जाँच नगर पालिका झाबुआ से संबंधित है। विभागीय जाँच चलने के दौरान पदस्‍थापना में कोई रोक नहीं है। विभागीय जाँच के निष्‍कर्ष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।

विद्युत कार्य के संबंध में

90. ( क्र. 2125 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युत अधिनियमानुसार आवासीय आवास की बाहरी दीवाल एवं छत से, इलेवन एल.टी. विद्युत लाइन (तार) के मानक दूर से बाहर होने का मापदण्‍ड बतायें? (ख) क्‍या प्रबंधक एस.टी.सी. विद्युत, चांदबड़ भोपाल द्वारा लिवर्टी कॉलोनी भोपाल में इलेवन एल.टी.विद्युत लाइन (तार) को, मानक दूरी के बाहर करने का विद्युत कार्य किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कब-कब किया गया है किस आवास की दीवाल व छत से इलेवन-एल.टी.विद्युत लाइन (तार) को मानक दूरी से बाहर किया गया है? जिन आवासों की दीवालों का यह कार्य शेष है वह कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) विद्युत अधिनियम, 2003 (2003 का 36) की धारा 177 के अंतर्गत केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा जारी विनियम दिनांक 20.09.2010 के प्रावधानानुसार आवासों की बाहरी दीवार एवं छत से, 11 के.व्‍ही. एवं एल.टी. विद्युत लाईनों की क्षैतिज एवं उर्ध्‍वाधर मानक दूरी के मापदण्‍ड निम्‍नानुसार  है :- 

क्र.

विवरण

वोल्‍टेज स्‍तर

मानक दूरी (मीटर में)

1

बाहरी दीवार (क्षैतिज दूरी)

एल.टी. एवं 11 के.व्‍ही. लाईन

1.2

2

छत से लम्‍बवत दूरी (उर्ध्‍वाधर दूरी)

एल.टी. लाईन

2.5

11 के.व्‍ही. लाईन

3.7

(ख) जी हाँ। (ग) आवेदक श्री बी.पी. चतुर्वेदी, मकान क्रमांक 23/3 लिबर्टी कॉलोनी, भोपाल की दीवार एवं छत से कम्‍पोजिट विद्युत लाईन (एल.टी. एवं 11 के.व्‍ही.) को मानक दूरी पर करने का कार्य विधायक निधि मद से दिनांक 30.04.2016 को किया गया है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में विद्युत लाईने, आवासों के निर्माण के पूर्व से विद्यमान हैं। जिन आवासों की दीवारें विद्युत लाईनों से मानक दूरी से कम दूरी पर स्थित हैं, उन्‍हें नियमानुसार नोटिस दिये गये हैं। संबंधित उपभोक्‍ताओं द्वारा केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा तथा विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) विनियम, 2010 की धारा 63 के अनुसार लाईन शिफ्टिंग हेतु स्‍वीकृत प्राक्‍कलन अनुसार आवश्‍यक राशि उपलब्‍ध कराने की स‍हमति दिये जाने पर उक्‍त लाईनों की शिफ्टिंग की जा सकेगी। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विद्युत कार्य की शिकायत के निराकरण

91. ( क्र. 2126 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रबंध संचालक म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल को विद्युत कार्य की शिकायत का पत्र, दिनांक 30.03.2016 को प्राप्‍त हुआ है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शिकायत की जाँच कराई गई है? नहीं तो जाँच कब तक करा दी जावेगी? (ग) शिकायत पत्र में आरोपी राकेश कपिल सहायक यंत्री विद्युत वितरण केन्‍द्र मिसरौद (भोपाल) के विरूद्ध विभागीय दण्‍डात्‍मक कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी? निश्चित समयावधि बतायें?         (घ) आरोपी द्वारा अनाधिकृत हस्‍तक्षेप कर, एस.टी.सी. द्वारा सम्‍पन्‍न किये जा रहे विद्युत कार्य को रोका गया तथा असामाजिक तत्‍व से मिलीभगत करके, शासकीय कार्य में बाधा उत्‍पन्‍न कर, विद्युत कार्य को निरूपित किया गया हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार कोई शिकायती पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ है तथापि अपर जिला मजिस्‍ट्रेट, जिला भोपाल का पत्र क्रमांक 1056 दिनांक 29.03.2016, जो कि मूलत: उप महाप्रबंधक, एस.टी.सी. शाखा, म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, चाँदबड़, भोपाल को संबोधित है, उपमहाप्रबंधक एस.टी.सी. संभाग, चाँदबड़ के कार्यालय में दिनांक 29.03.2016 को प्राप्‍त हुआ है। उक्‍त पत्र द्वारा प्राप्‍त शिकायत का निराकरण कर कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिससे शिकायतकर्ता संतुष्‍ट है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में विभागीय दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) जी नहीं। उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कार्य पूर्ण कर शिकायत का निराकरण किया जा चुका है।

शासकीय अंग्रेजी व देशी मदिरा शराब की अवैध संचालन

92. ( क्र. 2130 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 21/MLA/2016, दिनांक 28.04.2016 से कलेक्‍टर दतिया को नेशनल हाईवे-27 सिकन्‍दरा ग्राम कुड़रया से शासकीय अंग्रेजी व देशी शराब के ठेकों की दुकानों की शिकायत की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त शिकायत को लेकर जाँच अधिकारी श्री जी.एस. शर्मा सहायक जिला आबकारी अधिकारी एवं श्री विनीत शर्मा वृत्‍त उपनिरीक्षक दतिया द्वारा जो जाँच की गई उसके जाँच प्रतिवेदन में जो उल्‍लेखित है, वो गलत एवं भ्रामक जानकारी है, व जो पंचनामा संलग्‍न है वह उन्‍हीं लोगों के हस्‍ताक्षरित है, जो शराब के विक्रय बेजा लाभ में शामिल होकर लिप्‍त है? (ग) क्‍या शासन सत्‍यता जानने के लिये प्रदेश के वरिष्‍ठ अधिकारी एवं विधान सभा द्वारा विधायकों की समिति बनाकर प्रश्‍नकर्ता के समक्ष जाँच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच अधिकारी श्री जी.एस. शर्मा, सहायक जिला आबकारी अधिकारी एवं श्री विनीत शर्मा वृत्‍त उपनिरीक्षक दतिया द्वारा की गई जाँच का प्रतिवेदन विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है तथा श्री सतीश गदाले सहायक जिला आबकारी अधिकारी द्वारा की गई जाँच का प्रतिवेदन विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शिकायत के संबंध में पृथक से अपर जिला कलेक्‍टर दतिया द्वारा जाँच कराई जा रही है। (ग) अपर कलेक्‍टर जिला दतिया द्वारा पृथक से जाँच किये जाने से प्रश्‍नांश '''' अनुसार कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का क्रियान्‍वयन

93. ( क्र. 2134 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्‍न संख्‍या 103 (क्र. 6181) दिनांक 18 मार्च 2016 के उत्‍तर (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में उत्‍तर दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक शेष 91 मजरे/टोलों में कितने मजरे/टोलों में कार्य पूर्ण हैं? अथवा अपूर्ण होकर प्रक्रियाधीन है? (ख) प्रश्‍नांश (क), (ख) में उल्‍लेखित 91 मजरे/टोलों में क्‍या कोई ऐसे मजरे/टोले शेष हैं जहां प्रश्‍न पस्‍तुत दिनांक तक कोई कार्य प्रारंभ नहीं हो सके? यदि हाँ, तो कितने शेष हैं?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित विगत विधान सभा सत्र में पूछे गए प्रश्‍न क्रमांक 6181 के उत्‍तर में दर्शाये गये शेष 91 मजरों/टोलों के कार्यों में से 4 मजरों/टोलों का कार्य पूर्ण हो गया है, अन्‍य 4 मजरों/टोलों का कार्य प्रगति पर है एवं शेष 83 मजरों/टोलों का कार्य अप्रारंभ हैं। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।              (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित 91 मजरों/टोलों में से 83 मजरों/टोलों में प्रश्‍न दिनांक तक कोई कार्य प्रारम्‍भ नहीं हो सका है। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। योजनान्‍तर्गत कार्य प्रगति पर है तथा ठेकेदार एजेंसी से किये गए अनुबंध की शर्तों के अनुसार दिसम्‍बर, 2016 तक कार्य पूर्ण किया जाना है।

परिशिष्ट - ''चौहत्तर''

मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना की स्‍वीकृति

94. ( क्र. 2142 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या निवाड़ी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद निवाड़ी एवं तरीचरकलां, ओरछा में बेतवा नदी से पेयजल लाने हेतु स्‍वीकृत योजना निर्माणाधीन है। यदि हाँ, तो अब तक किन-किन कम्‍पोनेन्‍ट में क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये हैं। भौतिक एवं वित्‍तीय प्रगति बतायी जावें? (ख) क्‍या इस योजना के अंतर्गत नगर परिषद निवाड़ी अंतर्गत कालेज परिसर में प्रस्‍तावित टंकी के निर्माण हेतु कोई अनुमति व प्रस्‍ताव लंबित होने के कारण पेयजल की यह महत्‍वपूर्ण योजना का कार्य अवरूद्ध हो गया है। यदि हाँ, तो यह अनुमति कब तक प्रदान की जा सकेगी? (ग) योजना से लाभान्वित नगर परिषद निवाड़ी एवं तरीचरकलां, ओरछा के नागरिकों को पेयजल कब तक दिया जा सकेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। कार्य अवरूद्ध नहीं है। एक टंकी निर्माण की अनुमति संबंधी प्रकरण कलेक्‍टर टीकमगढ़ के स्‍तर पर विचाराधीन है, अनुमति संबंधी प्रकरण का अतिशीघ्र निपटारा किया जाकर टंकी निर्माण किया जाएगा। योजना का शेष कार्य प्रगति पर है। (ग) नगर परिषद, ओरछा में ट्रायलरन पर दिनांक 14.03.2016 से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। नगर परिषद, निवाड़ी एवं तरचरकलां में योजना का कार्य प्रगति पर है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''पचहत्तर''

नगर परिषद क्षेत्र के वार्डों में खम्‍भे लगाये जाने

95. ( क्र. 2156 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर परिषद निवाड़ी के लिये संचालनालय द्वारा (सी.एम. मॉनिट अंतर्गत) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में विद्युत व्‍यवस्‍था एल.टी. लाईन खम्‍भों हेतु 24.69 लाख रूपये की राशि प्रदाय की गयी थी। यदि हाँ, तो उपयोग की गई राशि व लगाये गये खम्‍भों की जानकारी दी जाये? (ख) नगर परिषद के विभिन्‍न वार्डों में विद्युत व्‍यवस्‍था हेतु कितने खम्‍भों की आवश्‍यकता नागरिकों के द्वारा बतायी गई। वर्तमान में वार्डवार आवश्‍यक खम्‍भों की संख्‍या बतायी जावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में से कितनी राशि उपयोग न होकर परिषद में लंबित है तथा नगर में खम्‍भों की आवश्‍यकता होने के उपरांत राशि का उपयोग नहीं किया गया है। इसके लिये जिम्‍मेदार पदाधिकारियों की जानकारी दी जावे?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। निकाय द्वारा अभी कार्य प्रांरभ नहीं किये जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।         (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य हेतु स्‍वीकृत राशि रू. 24.69 लाख निकाय के पास है। निकाय द्वारा कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गई है, दिनांक 30.06.2016 को निविदायें खोली गई है, जिससे प्रतीत होता है कि निकाय स्‍तर पर विलंब हुआ है। इस प्रकरण में जाँच आदेशित की जा रही है एवं जाँच के निष्‍कर्षो के अनुसार दायित्‍व निर्धारण किया जायेगा।

परिशिष्ट - ''छिहत्तर''

तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री को आर्थिक अनियमितता

96. ( क्र. 2224 ) श्री मुकेश नायक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बुन्‍देलखण्‍ड पैकेज के तहत् बनने वाली योजनाओं में तत्‍कालीन कार्यपालन यंत्री, श्री वार्सनेय, को बर्खास्‍त किया गया हैं। यदि हाँ, तो क्‍या इनके ऊपर आर्थिक अनियमितता के कौन-कौन से प्रकरण दर्ज है। (ख) यदि है तो इनके ऊपर गंभीर आरोपों के दौरान कितनी राशि की वूसली की गई एवं आपराधिक केस पन्‍ना दर्ज किया गया की नहीं। अगर नहीं किया तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कार्यपालन यंत्री श्री अखिल वार्ष्‍णेय को विभागीय आदेश क्रमांक-एफ-16-10/2014/पी-2/31, दिनांक 18.04.2016 द्वारा अनिवार्य सेवानिवृ‍त्‍त का दण्‍ड दिया गया है। श्री वार्ष्‍णेय के विरूद्ध प्रचलित विभागीय जाँच प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रचलित विभागीय जाँच पूर्ण नहीं होने से वसूली की स्थिति नहीं है। विभागीय जाँच के प्रकरणों में अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं कराया जाता है। प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''सतहत्तर''

सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के पेंशन एवं अन्‍य भुगतान

97. ( क्र. 2242 ) श्री पुष्‍पेन्‍द्र नाथ पाठक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में ऐसे कितने अधिकारी, कर्मचारी हैं जिनकी सेवानिवृत्ति के पश्‍चात् प्रश्‍न दिनांक तक पेंशन, ग्रेच्‍युटी एवं अन्‍य भत्‍तों का भुगतान नहीं किया गया? नाम, पदनाम एवं विभागवार जानकारी प्रदाय करें? (ख) प्रश्‍नांश '''' के अनुक्रम में इन सेवानिवृत्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों के उक्‍त प्रकरणों का निराकरण क्‍यों नहीं किया जा रहा है? कारण सहित जानकारी प्रदाय करें? (ग) प्रश्‍नांश '''' एवं '''' के अनुक्रम में उपरोक्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों के उक्‍त प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा   क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? (घ) सेवानिवृत्‍त अधिकारियों/कर्मचारियों के उक्‍त प्रकरणों का निराकरण कब तक किया जा सकेगा? प्रकरणों के निराकरण हेतु शासन द्वारा अधिकारियों/कर्मचारियों की किस प्रकार मदद की जावेगी?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) छतरपुर जिले में 77 अधिकारी कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी सेवानिवृत्ति के पश्‍चात् प्रश्‍न दिनांक तक पेंशन ग्रेच्‍युटी का भुगतान नहीं हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ एवं ब अनुसार है। (ख) न्‍यायालयीन प्रकरण, विभागीय जाँच, वेतन नियमन, संबंधित पेंशनर का व्‍यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं होना, अमांग प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत नहीं करना जैसे कारणों से निराकरण संभव नहीं हो सका है। (ग) समय-समय पर शिविर का आयोजन कर प्रयास किया जाता है।             (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। पेंशन प्रकरण के त्‍वरित निराकरण के लिये समय-समय पर निर्देश जारी किये जाते हैं।

निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के कार्यालय में प्रतिनियुक्ति

98. ( क्र. 2265 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर किन-किन विभागों से निज सहायक के पद पर पदस्‍थ किये जाने की पात्रता है एवं किन-किन श्रेणी के कर्मचारियों को जनप्रतिनिधियों के यहां पदस्‍थ किया जा सकता है? (ख) यदि हाँ, तो निज सहायक के पद पर सहायक ग्रेड-3 को समयमान वेतनमान/पदोन्‍नति की पात्रता है एवं उक्‍त अवधि में गोपनीय चरित्रावली लिखने का मापदण्‍ड/प्रावधान क्‍या है तथा इसके लिए जवाबदेह कौन है? (ग) प्रश्‍नांश '''' के संदर्भ में क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक निज सहायक के पद पर कार्य करने वाले/पूर्व में कार्य कर चुके निज सहायकों को समयमान वेतनमान दिया गया है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बड़नगर नगर पालिका सीमा क्षेत्र में संचालित मोबाईल कम्पनियों के टावर

99. ( क्र. 2297 ) श्री मुकेश पण्‍ड्या : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधान सभा के नगर पालिका सीमा क्षेत्र में कुल कितनी मोबाईल कम्पनियों के टावर प्रश्न दिनांक तक लगे हुए हैं, किस-किस कम्पनी के हैं व कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं? कम्पनीवार तथा स्थानवार जानकारी प्रदान करें। (ख) मोबाईल टावर किस दिनांक को लगे व प्रश्न दिनांक तक किस-किस कम्पनी द्वारा कितनी राशि जमा कराई गई व उनसे कितनी राशि जमा कराया जाना शेष है ऐसे कितने टावर हैं जो बिना अनुमति के नगरीय सीमा में लगे हुए है वैध और अवैध टावरों की संख्या बतायें तथा इस संदर्भ में नगर पालिका द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) इन मोबाईल टावरों को किन-किन अधिकारी द्वारा एन.ओ.सी. प्रदान की गई है, उन अधिकारि‍यों का नाम बतायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) 07जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नगर पालिका परिषद बड़नगर द्वारा बिना अनुमति के टावर स्‍थापित नहीं होना प्रतिवेदित है। वैध टावर          -14, अवैध टावर-निरंक है। अवैध टावर स्‍थापित नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''अठहत्तर''

जिला उद्योग व्‍यापार केन्‍द्र बालाघाट

100. ( क्र. 2301 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उद्योग व्‍यापार केन्‍द्र बालाघाट द्वारा वर्ष २०१३-१४, २०१४-१५ एवं २०१५-१६ में शासन की किन-किन योजनाओं द्वारा  कितने-कितने हितग्राहियों को किस-किस प्रयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि से लाभांवित किया गया? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा उक्‍त जानकारी के संबंध में जिला उद्योग व्‍यापार केन्‍द्र बालाघाट को पत्र लिखने पर विभाग द्वारा पत्र लेने से इनकार किया गया? यदि हाँ, तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) उक्‍त विभाग द्वारा वर्णित वर्षों में विभाग के अधिकारियों द्वारा फर्जी हितग्राहियों से सांठ-गांठ कर योजनाओं का लाभ बताकर विभाग/शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है? यदि नहीं, तो उपरोक्‍त वर्षों में अधिकारियों द्वारा स्‍वीकृत किये गये प्रकरणों की जाँच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो किस स्‍तर के सक्षम अधिकारि‍यों से कब तक जाँच करा ली जायेगी? जाँच उपरांत दोषी पाये गये अधि‍कारी/कर्मचारि‍यों के विरूद्ध शासन/विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र बालाघाट द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना, दीनदयाल स्‍वरोजगार योजना, रानी दुर्गावती अनुसूचित जाति स्‍वरोजगार, मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना, मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना एवं मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना के द्वारा लाभान्वित हितग्राहियों की संख्‍या एवं राशि प्रयोजन सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार हैं। (ख) जी नहीं, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''उन्यासी''

वारासिवनी नगर में स्थापित होल्डिग

101. ( क्र. 2302 ) डॉ. योगेन्‍द्र निर्मल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले की वारासिवनी नगर पालिका परिषद् वारासिवनी द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-6 में नगर में समस्‍त किसी भी प्रकार की होर्डिंग किस-किस स्‍थान पर कहाँ-कहाँ लगवायी गयी? (ख) क्‍या लगाई गई होर्डिंग की कोई निविदा निकाली गई? यदि हाँ, तो किस समाचार पत्रों में उक्‍त निविदा प्रकाशित की गई? उक्‍त निविदा में किस ठेकेदार को उक्‍त कार्य का ठेका दिया गया? (ग) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा नगर पालिका परिषद् वारासिवनी कोई पत्र लिखा गया था? उक्‍त पत्र पर मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही कि गई? यदि नहीं, तो उक्‍त अधिकारी के खिलाफ विभाग क्‍या कार्यवाही करेगा? (घ) वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर पालिका परिषद् वारासिवनी को होल्डिग से कितनी आय अर्जित हुयी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद, वारासिवनी द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में नगर में किसी भी प्रकार की होर्डिंग नहीं लगाई गई। (ख) नगर पालिका परिषद, वारासिवनी द्वारा होर्डिंग लगाये जाने हेतु किसी भी समाचार-पत्र में निविदा नहीं निकाली गई और ना ही किसी ठेकेदार को उक्‍त कार्य का ठेका दिया गया। (ग) जी हाँ, उक्‍त पत्र का जवाब माननीय विधायक महोदय को निकाय के पत्र क्रमांक 1385 दिनांक 06.05.2016 के द्वारा दिया गया है, निकाय द्वारा किसी भी प्रकार की होर्डिंग नहीं लगाई गई है। इस कारण अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की आवश्‍यकता प्रतीत नहीं होती है, पत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक नगर पालिका परिषद, वारासिवनी को होर्डिंग से आय अर्जित नहीं हुई है।

परिशिष्ट - ''अस्सी''

सूरजपुर खदान का खनन

102. ( क्र. 2305 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्‍ड सिवनी मालवा, जिला होंशगाबाद के अन्‍तर्गत सूरजपुर खदान का खनन किस दिनांक से प्रांरभ किया गया तथा किस दिनांक को ओदश जारी किया गया? (ख) खनन प्रारंभ दिनांक से 1 मई, 2016 तक की समस्‍त रॉयल्टी का विवरण प्रदान करें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन खदान पर आदेश दिनांक 06.01.2016 से कार्य प्रारंभ किया गया। (ख) दिनांक 06.01.2016 से 01.05.2016 तक रूपए 3860000/- (अड़तीस लाख साठ हजार मात्र) रायल्‍टी जमा हुई है।

सब स्‍टेशन स्‍वीकृत किये जाने

103. ( क्र. 2322 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पिपरखड, धरौली, मौहरिया सब स्‍टेशन स्‍थापित कराये जाने के लिए प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए है? यदि हाँ, तो कब तक में स्‍वीकृत करा दी जायेगी? (ख) क्‍या बगदरा क्षेत्र के रेही व तमई में सब स्‍टेशन स्‍थापित करने के लिए भी प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अंतर्गत क्‍या उक्‍त ग्रामों में सब स्‍टेशन आगामी वित्‍तीय वर्ष में स्‍वीकृत करा दिये जावेंगे? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त सब स्‍टेशन स्‍वीकृति पश्‍चात् भी अभी तक निर्माण कार्य नहीं कराये जाने का क्‍या कारण है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। ग्राम धरौली एवं मौहरिया में उपकेन्‍द्र स्‍थापना का कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में स्‍वीकृत है। ग्राम पिपरखड में विद्युत उपकेन्‍द्र निर्माण का कार्य वर्तमान में तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं पाए जाने के कारण किसी योजना में प्रस्‍तावित नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में ग्राम रेही एवं ग्राम तमई में विद्युत उपकेन्‍द्र बनाना वर्तमान में तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं है, अत: सब स्‍टेशन की स्‍वीकृति का प्रश्‍न नहीं उठता।  (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना अंतर्गत प्रस्‍तावित सभी कार्यों को टर्न की आधार पर पूर्ण कराने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तदुपरांत नियमानुसार अवार्ड जारी कर स्‍वीकृत विद्युत उपकेन्‍द्रों का निर्माण कार्य आरंभ किया जाना संभव हो सकेगा।

किसानों के खेतों में बिजली देने का प्रावधान

104. ( क्र. 2341 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में किसानों के खेतों के लिये कितने घंटे बिजली देने का प्रावधान है? किसानों को निश्चित समय बिजली प्रदाय की स्थिति में यदि कोई व्‍यवधान आता है तो क्‍या बाद में उसकी पूर्ति विभाग द्वारा किये जाने का कोई प्रावधान है? यदि नहीं, तो उतने कम घंटे बिजली किसान को मिल रही है तो उसका जिम्‍मेदार कौन है? (ख) किसानों को निर्धारित समयावधि तक बिजली उपलब्‍ध हो उसके लिये विभाग की जिम्‍मेदारी है उसको पूर्ण करने हेतु विभाग की क्‍या कार्य योजना है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) नरसिंहपुर जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में कृषि कार्य हेतु 10 घण्‍टे विद्युत प्रदाय करने का प्रावधान है। किसानों को निश्चित समय बिजली प्रदाय की स्थिति में आकस्मिक रूप से/अपरिहार्य कारणों से व्‍यवधान आने पर उसकी पूर्ति किये जाने का प्रावधान नहीं है। यथासंभव निर्धारित अवधि हेतु ही विद्युत प्रदाय के प्रयास किये जाते हैं, किन्‍तु प्राकृतिक आपदाओं एवं तकनीकी कारणों यथा लाईन फाल्‍ट के कारण तार टूटना, विद्युत उपकरणों की खराबी आदि के कारण हुए आकस्मिक अवरोधों अथवा अति-आवश्‍यक रख-रखाव के कार्य हेतु आवश्‍यक होने पर कतिपय अवसरों पर निर्धारित अवधि से कम विद्युत प्रदाय होता है, जिस हेतु कोई व्‍यक्ति विशेष जिम्‍मेदार नहीं है। (ख) किसानों को निर्धारित समयावधि तक बिजली उपलब्‍ध कराना वितरण कंपनी की प्राथमिकता एवं जिम्‍मेदारी है जिसे पूर्ण करने का वितरण कंपनी द्वारा हर संभव प्रयास किया जाता है। इसके लिए विभिन्‍न स्‍तर पर विद्युत प्रदाय की प्रतिदिन समीक्षा की जाती है। उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार कतिपय आकस्मिक परिस्थितियों में विद्युत प्रणाली में आए व्‍यवधान के कारण निर्धारित समयावधि में घोषित अनुसार विद्युत आपूर्ति नहीं हो पाती है। इन व्‍यवधानों को न्‍यूनतम स्‍तर पर रखने हेतु वितरण कंपनी द्वारा समय-समय पर निर्धारित कार्यक्रम अनुसार विद्युत लाईनों एवं उपकरणों का आवश्‍यक रख-रखाव एवं मरम्‍मत कार्य किया जाता है एवं निर्धारित समय अवधि में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के हर संभव प्रयास किए जाते हैं। साथ ही मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कृषि फीडरों पर विद्युत प्रदाय बंद रहने की निर्धारित अवधि में ही रख-रखाव एवं अन्‍य कार्य संपादित किए जावें।

विद्युत लाईनों तथा ट्रांसफार्मर के मेंटेनेन्‍स कार्य

105. ( क्र. 2342 ) श्री गोविन्‍द सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत क्‍या विद्युत विभाग बरसात पूर्व विद्युत लाइनों का तथा ट्रांसफार्मर आदि के मेंटेनेंस कार्य करते है? क्‍या वर्तमान में इस व्‍यवस्‍था के तहत सुधार कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से किस-किस लाईनों का? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या विभाग भविष्‍य में यह मेंटेनेंस के कार्य बरसात पूर्व समय-सीमा में व्‍यवस्थित पूर्ण कराये जायें इसके लिये क्‍या कार्य योजना बनाकर कार्यवाही करेगा? (ग) विद्युत लाइनों का मेंटेनेंस कार्य ठेकेदारो द्वारा कराने की        नियम-प्रक्रिया क्‍या है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ, गाडरवारा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्षा पूर्व एवं वर्षा ऋतु के पश्‍चात् विद्युत लाइनों, ट्रांसफार्मर आदि के मेन्‍टेनेन्‍स कार्य किये जाते हैं। वर्तमान में इस व्‍यवस्‍था के तहत् वर्षा पूर्व आवश्‍यक सुधार कार्य कर विद्युत लाइनों को व्‍यवस्थित किया जा चुका है। दिनांक 01.05.2016 से दिनांक 15.06.2016 तक पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का गाडरवारा संभाग के अंतर्गत 33 के.व्‍ही. लाईन, 11 के.व्‍ही. लाईन एवं निम्‍नदाब विद्युत लाइनों तथा ट्रांसफार्मर आदि के मेन्‍टेनेन्‍स के कार्य पूर्ण किये गए हैं। (ख) जी हाँ, वितरण कंपनी में वर्षा पूर्व मेन्‍टेनेन्‍स कार्य समय-सीमा में व्‍यवस्थित रूप से विभागीय कर्मचारियों एवं ठेकेदारों के माध्‍यम से कराए जाने हेतु प्रत्‍येक वर्ष अप्रैल माह में कार्य योजना बनाई जाती है एवं उस पर अमल किया जाता है। मेन्‍टेनेन्‍स कार्य व्‍यवस्थित एवं सुचारू रूप से पूर्ण कराने हेतु कंपनी द्वारा मेन्‍टेनेंस मैन्‍यूअल जारी किया है एवं तदनुसार मेन्‍टेनेंस कार्य करवाऐ जाते हैं। भविष्‍य में भी उपरोक्‍तानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) वितरण कंपनी के सक्षम अधिकारियों द्वारा निविदा प्रक्रिया का पालन कर स्‍वीकृति/अनुमोदन प्राप्‍त करने के पश्‍चात् '''' एवं '''' श्रेणी के पंजीकृत विद्युत ठेकेदारों के माध्‍यम से कंपनी स्‍तर से सामग्री उपलब्‍ध कराकर मेन्‍टेनेन्‍स संबंधी कार्य के कार्यादेश जारी कर, वितरण कंपनी के अधिकृत अभियंता के पर्यवेक्षण में मेन्‍टेनेन्‍स के कार्य कराए जाते हैं।

चंदला, लवकुशनगर, बारीगढ़ व राजनगर में की जा रही वित्‍तीय अनियमिततायें

106. ( क्र. 2352 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला छतरपुर के नगर परिषद चंदला, लवकुशनगर, बारीगढ़ व राजनगर में 1 अप्रैल, 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से वार्डों में   कहाँ-कहाँ नवीन निर्माण कार्य कराये गये तथा प्रत्‍येक कार्य में स्‍वीकृत व भुगतान की गई राशि का विवरण देवें। (ख) क्‍या निजी भूमि स्‍वामियों के आराजी नंबर में गुणवत्‍ताविहीन सी.सी. सड़कें बनाकर महंगी दरों पर बिना डायवर्सन के प्‍लाट बिकवाकर लाभ पहुँचाया गया? (ग) उपरोक्‍त अवधि में पेयजल एवं सफाई के नाम पर मोटर, हैण्‍डपंप, संरक्षण एवं ट्रेक्‍टर आदि मशीनरी की मरम्‍मत में कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई एवं ब्‍लीचिंग, फिनाइल, स्‍टेशनरी, सोलर ऊर्जा लाईट कितनी-कितनी राशि कब-कब व्‍यय की गई? (घ) उपरोक्‍त कार्यों एवं सामग्री हेतु कब-कब, किन-किन समाचार पत्रों में‍ निविदायें प्रकाशित की गई? क्‍या निविदा/कोटेशन अधिक दर पर स्‍वीकृत कर वित्‍तीय अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो उपरोक्‍त कंडिका (क) से (ग) तक वर्णित बिन्‍दुओं की उच्‍च स्‍तरीय जाँच करवाकर दोषियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के कॉलम 02 से 07 पर है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के कॉलम 02 से 05 पर है। (घ) मध्‍य प्रदेश नगर पालिका (MIC/PIC के कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियाँ एवं कर्तव्‍य) नियम 1998 के अनुसार रू. पच्‍चीस हजार तक के कार्य निकाय द्वारा कोटेशन के आधार पर तथा रू. पच्‍चीस हजार से अधिक परन्‍तु दो लाख से अधिक अनाधिक मूल्‍य के कार्यों की निविदा के लिये स्‍थानीय निकाय के कार्यालय एवं संबंधित शासकीय विभागों के सूचना पटल पर सूचना प्र‍दर्शित की जानी होती है। दो लाख से अधिक मूल्‍य के कार्यों के लिये सामाचार पत्र में प्रकाशन आवश्‍यक है। निर्माण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के कामल क्रमांक 09 से 12 पर है एवं सामग्री क्रय संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' के कॉलम क्रमांक 06 से 09 पर है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

संयुक्‍त परामर्शदात्री समिति की बैठक

107. ( क्र. 2419 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा जिला एवं तहसील स्‍तर पर कर्मचारियों की समस्‍याओं के निराकरण हेतु संयुक्‍त परामर्शदात्री समितियों की बैठकें करने के लिये निर्देश जारी किए है? (ख) यदि हाँ, तो दतिया जिले में 01 जनवरी, 2015 से अभी तक जिला स्‍तरीय एवं तहसील स्‍तरीय कितनी बैठकें आयोजित की गई है? तिथिवार, तहसीलवार जानकारी दी जावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) जिलान्‍तर्गत ऐसे कितने विभाग है जिन्‍होने अभी तक कोई बैठक आयोजित नहीं की है? ऐसी कितनी तहसीलें हैं, जिन्‍होंने बैठकें आयोजित नहीं कराई हैं? उनकी जानकारी दी जावें? (घ) विभाग के आदेशों के क्रियान्‍वयन न होने के लिये कौन जिम्‍मेदार हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ, (ख) संयुक्त परामर्शदात्री की बैठकें निम्नानुसार आयोजित की गई:- 1. जिला स्तर पर दिनांक 13.06.2015 को बैठक आयोजित की गई, 2. जिला स्तर पर वर्ष 2016 में बैठक आयोजित करने हेतु पत्र क्रमांक क्यू/सी.ब्रा./9-21/09/2010 दिनांक 04.04.2016 द्वारा मान्यता प्राप्त संघों से एजेण्डा चाहे गये, किन्तु 06 संघों द्वारा एजेण्डा प्रस्तुत किया गया शेष संघों से एजेण्डा आज दिनांक तक आप्राप्त है, 3. वर्ष 2015 में पंचायत निर्वाचन सम्पन्न होने से एवं ओलावृष्टि, सूखा घोषित होने के कारण तहसील स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठकें आयोजित नहीं की जा सकी दतिया तहसील में दिनांक 24.04.2016 एवं 03.06.2016 को तहसील स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठकें आयोजित की गई। भाण्डेर तहसील में दिनांक 09.03.2016 में तहसील स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक आयोजित की गई एवं दिनांक 15.07.2016 को बैठक आयोजित किये जाने हेतु तिथि नियत है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है (घ) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''इक्यासी''

भाण्‍डेर विधान सभा क्षेत्र में सिंचाई की समस्‍या

108. ( क्र. 2420 ) श्री घनश्‍याम पिरोनियॉं : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धनपीपरी माईनर से किसानों को पानी प्राप्त नहीं हो रहा है, जिसका सत्‍यापन भी हो चुका है? (ख) क्‍या धनपीपरी माईनर की सब माईनर हरदई-1 एवं हरदई-2 से तैतना, हरदई, इमलिया ग्रामों को पानी की एक बूंद भी सिंचाई हेतु नहीं मिल रही है? सब माईनरे भी पानी न आने के कारण टूट-फूट चुकी है? (ग) धनपीपरी माईनर एवं सब माईनर हरदई-1 एवं हरदई-2 की मरम्‍मत एवं गहरीकरण हेतु क्‍या कार्य योजना तैयार की है और कब तक कार्य संपन्‍न हो जावेगा? (घ) रामगढ़ माईनर से ग्राम रामगढ़, दलीपुरा, बराना बडेरा, अटारी खेड़ा को पानी नहीं मिल रहा है? रामगढ़ माईनर की सफाई एवं गहरीकरण कार्य हुए बिना ठेकेदार को राशि भुगतान कर दी गई? इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? इस माईनर की सफाई कब तक पूर्ण करा ली जावेगी, जिससे किसानों को पानी मिल सकेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सुधार कार्य के उपरांत प्रश्नांश में वर्णित ग्रामों में पानी पहुंचाया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी हाँ। उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने से नई परियोजनाओं की स्वीकृति के लिए समय-सीमा बतलाई जाना संभव नहीं है।           (घ) जी हाँ। जी नहीं, प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। 15 सितम्बर, 2016 तक, जी हाँ।

विधायक विकास/सांसद निधि से पेयजल टेंकर

109. ( क्र. 2447 ) श्री हरवंश राठौर : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि द्वारा पेयजल टेंकर किन-किन एजेंसियों द्वारा क्रय किए जा सकते हैं नाम बताएं जाएं? (ख) वर्ष 2016-17 में सागर जिला अंतर्गत विधायक विकास निधि से किन-किन एजेंसियों द्वारा विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत टेंकर प्रदाय किए गए हैं, सूची उपलब्‍ध कराई जाएं? (ग) क्‍या उक्‍त एजेंसियां टेंकर प्रदाय करने हेतु अधिकृत थीं?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका में पेयजल टेंकर हेतु एजेन्सीओं का उल्लेख नहीं है। (ख) वर्ष 2016-17 में सागर जिले के विधान सभा क्षेत्रों में मान. विधायकों की अनुशंसा अनुसार पेयजल टेंकर क्रय की सूची विधान सभा क्षेत्रवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।           (ग) प्रश्नांश '''' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

उपभोक्‍ताओं को औसतन बिल देना

110. ( क्र. 2452 ) श्री हरवंश राठौर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बण्‍डा जिला सागर के शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्‍ताओं के यहां स्‍थापित विद्युत कनेक्‍शनों में मीटर बंद है, जिसकी सूचना विभाग के पास है फिर भी औसतन राशि के विद्युत बिल प्रदाय किए जा रहे हैं, ऐसा क्‍यों है? इसके लिए कौन जवाबदार है? (ख) विगत दो वर्षों में विभाग को इस बाबत् कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं और उन शिकायतों पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? निराकृत और अनिराकृत प्रकरणों की जानकारी उपलब्‍ध करावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सागर जिले के विधान सभा क्षेत्र बंडा के अंतर्गत विभिन्‍न श्रेणी के 40868 मीटर युक्‍त उपभोक्‍ताओं में से 8888 उपभोक्‍ताओं के मीटर वर्तमान में बंद/खराब हैं। बंद/खराब मीटरों को सतत् प्रक्रिया के तहत बदला जा रहा है। मीटर के बंद/खराब रहने के दौरान उपभोक्‍ता को म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी मध्‍यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कण्डिका 8.35 में निहित प्रावधानानुसार खपत का आंकलन कर आंकलित खपत के अनुसार विद्युत बिल दिए जा रहे हैं। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में औसत बिल दिये जाने हेतु अधिकारी/कर्मचारी जिम्‍मेदार नहीं है। (ख) विगत दो वर्षों में विधान सभा क्षेत्र बंडा जिला सागर के अंतर्गत बंद/खराब मीटर में आंकलित खपत के आधार पर बिल दिए जाने संबंधी 198 शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं। प्राप्‍त सभी 198 शिकायतों का जाँच उपरांत नियमानुसार निराकरण कर दिया गया है। निराकरण हेतु किसी उपभोक्‍ता की शिकायत शेष नहीं है। निराकृत शिकायतों की उपभोक्‍तावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

स्‍वरोजगार योजना की सब्सिडी

111. ( क्र. 2460 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरकार द्वारा स्‍वरोजगार योजनाओं पर सब्सिडी खत्‍म कर दी गई है? हाँ या नहीं? किन-किन योजनाओं में सब्सिडी खत्‍म की गई है? (ख) स्‍वरोजगार योजना में विगत वर्ष 2015-16 में स्‍वीकृत प्रकरणों की सब्सिडी प्रदान की गई है या नहीं? यदि नहीं, तो कितनी सब्सिडी लंबित हैं? जानकारी स्‍पष्‍ट करें। (ग) क्‍या कारण है कि सब्सिडी बंद कर दी गई या समय पर नहीं दी जा रही हैं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (ख) विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना, मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत आवेदकों के स्‍वीकृत प्रकरणों में संबंधित बैंक शाखाओं द्वारा अपने स्‍तर से सीधे संबंधित नोडल बैंक के माध्‍यम से मार्जिनमनी क्‍लेम की जाती है। इसकी जानकारी बैंक शाखा स्‍तर पर संधारित की जाती है। वर्ष 2015-16 में मार्जिनमनी के कोई प्रकरण लंबित होने की सूचना नहीं हैं। संबंधित बैंक शाखाए, नोडल बैंक से मार्जिनमनी प्राप्‍त कर आवेदकों के क्‍लेम सेटल करती है। विभाग द्वारा नोडल बैंकों को समय-समय पर क्‍लेम सेटलमेट प्रक्रिया अन्‍तर्गत आवश्‍यक राशि उपलब्‍ध कराती है। यह एक सतत प्रकिया है। (ग) उतरांश (ख) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ब्‍लॉक पोरसा जि. मुरैना में पात्रों को छोड़कर अपात्रों को ऋण स्‍वीकृत करना

112. ( क्र. 2471 ) एडवोकेट सत्‍यप्रकाश सखवार : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मकान, दुकान, वाहन, मु.मंत्री स्‍वरोजगार योजना या अन्‍य प्रकार के ऋण जिन पर शासन की ओर से सबसिडी (छूट) का लाभ दिया जाता है उक्‍त लोन में ब्‍लॉक पोरसा अंतर्गत बैंकों द्वारा 1.4.15 से 31.3.16 तक कितने हितग्राहियों को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि तथा उस पर कितनी छूट प्रदाय की गई है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित हितग्राहियों में से अनेक हितग्राही अपात्र होने के बावजूद भी लोन स्‍वीकृत कर लाभ ले चुके है, यदि ऐसा है तो किस नियम से उन्‍हें उक्‍त लाभ दिया गया है? (ग) क्‍या शासन समिति बनाकर अपात्र लोगों को चिन्हित कर लोन स्‍वीकृत कर्ता अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा, यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्‍यों नहीं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजनान्‍तर्गत विभिन्‍न बैंकों द्वारा 1.04.2015 से 31.03.2016 तक निम्‍नानुसार ऋण अनुदान दिया गया -

 क्रं.

 

हितग्राही संख्‍या

ऋण राशि

अनुदान राशि

1

दुकान

04

4.90 लाख

0.73 लाख

2

वाहन

11

84.36 लाख

18.00 लाख

3

अन्‍य गतिवि‍धि

08

35.50 लाख

5.80 लाख

 

योग

23

124.76 लाख

24.53 लाख

उक्‍त योजना अंतर्गत मकान आदि पर ऋण/सब्सिडी का प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश "क" में मकान छोड़कर वार्णित सभी हितग्राही योजनान्‍तर्गत मापदण्‍डों के अनुसार पात्र थे। (ग) उतरांश "ख" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता हैं।

किराये पर लिये गये वाहनों का किराया समय पर नहीं देना

113. ( क्र. 2474 ) एडवोकेट सत्‍यप्रकाश सखवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म. क्षेत्र वि. वितरण कंपनी द्वारा मुरैना जिले में किस-किस श्रेणी के कितने वाहन कब से कब तक के लिये किराये पर ले रखे हैं, वाहन का नाम, मासिक किराया, वाहन मालिका का नाम तथा अवधि बतावें? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कंपनी द्वारा वाहन मालिकों को फरवरी, 2016 से आज तक का किराये का भुगतान नहीं किया गया है? किराये की बकाया राशि का भुगतान कब तक करा लिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा मुरैना जिले के मुरैना वृत्‍त के अंतर्गत दिनांक 30.06.2016 की स्थिति में 50 वाहन किराये पर लिये गये है जिनका प्रश्‍नानुसार वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में वर्णित वाहन मालिकों के देयकों का भुगतान माह अप्रैल 2016 से जून 2016 तक की अवधि हेतु लंबित है, जिनका विवरण निम्‍नानुसार है :-

क्र.

माह

भुगतान हेतु लंबित बिलों की संख्‍या

राशि (लाख रूपये में)

1

अप्रैल 2016

34

9.21

2

मई 2016

49

13.61

3

जून 2016

54

15.16

योग

137

37.98

उपरोक्‍त लंबित देयकों के भुगतान आगामी एक माह में करने के प्रयास किये जा रहे है।

हरदा जिले में मोरन नदी पर डेम निर्माण

114. ( क्र. 2484 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले की गंजाल एवं मोरन नदी पर डेम बनवाये जाने की प्रस्‍तावित योजना की वर्तमान स्थिति क्‍या है व योजना पर कुल कितनी राशि व्‍यय किया जाना है? (ख) उक्‍त योजना लंबित रहने का क्‍या कारण है कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) उक्‍त योजना पूर्ण होने पर कुल कितना हेक्‍टेयर क्षेत्र सिंचित होगा जिले व ग्राम वार बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MoEF) एवं आदिम जाति कल्याण मंत्रालय (MoTA) से स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। केन्द्रीय जल आयोग द्वारा डी.पी.आर. अंतिम नहीं किए जाने से अनुमानित राशि बतलाया जाना संभव नहीं है। (ख) भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MoEF) एवं आदिम जाति कल्याण मंत्रालय (MoTA) से स्वीकृतियां प्राप्त नहीं होने के कारण, भारत सरकार स्‍तर पर स्वीकृतियां लंबित होने से समय-सीमा बताया जाना संभवन नहीं है। (ग) होशंगाबाद जिले के 28 ग्रामों की 4,617 हेक्टर, हरदा जिले के 122 ग्रामों की 30,001 हेक्टर एवं खण्डवा जिले के 61 ग्रामों की 17,587 हेक्टर क्षेत्र में लाभ दिया जाना प्राक्‍कलित है।

खराब ट्रांसफार्मर की मरम्‍मत

115. ( क्र. 2485 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में वर्ष 2013-14, 14-15 एवं 2015-16 में किस-किस कंपनी के कितने नये ट्रान्‍सफार्मर लगाये गये? विधान सभावार बतायें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार लगाये गये विद्युत ट्रांसफार्मर में से कितने ट्रांसफार्मर गारंटी अवधि में खराब हो गये व उनको कितने समय बाद कंपनी द्वारा बदला गया है? (ग) नये लगाये गये विद्युत ट्रान्‍सफार्मर के तय समय-सीमा से पहले खराब होने पर संबंधित कंपनी से कितनी जुर्माना राशि वसूल की गई व खराब विद्युत ट्रान्‍सफार्मर बदले जाने के लगने वाले समय में उपभोक्‍ता को जो हानि हुई है उसके लिये कौन जवाबदार है। क्‍या उपभोक्‍ता को हुये नुकसान की क्षतिपूर्ति उक्‍त राशि से की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो उसका क्‍या कारण है।

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) हरदा जिले में वर्ष 2013-142014-15 एवं 2015-16 में 19 कंपनियों के 2704 नये ट्रांसफार्मर लगाये गये हैं जिसकी विधान सभा क्षेत्रवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार लगाये गये ट्रांसफार्मरों में से वर्ष 2013-14 में 6, वर्ष 2014-15 में 8 एवं वर्ष 2015-16 में 18 इस प्रकार कुल 32 ट्रांसफार्मर गारंटी अवधि में खराब हुए। उक्‍त फेल/खराब ट्रांसफार्मर संबंधित उपभोक्‍तओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की राशि जमा करने पर निर्धारित समय-सीमा में बदल दिए गए हैं। वर्षवार विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश '''' अनुसार गारंटी अवधि में फेल होने पर ट्रांसफार्मरों को बदलने का खर्च संबंधित कंपनी द्वारा वहन किया जाता है। अत: जुर्माना राशि वसूल करने का प्रश्‍न नहीं उठता। उपरोक्‍तानुसार फेल ट्रांसफार्मरों को नियमानुसार निर्धारित अवधि में बदल दिया गया हैअत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

परिशिष्ट - ''बयासी''

प्रश्‍नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही न की जाय

116. ( क्र. 2523 ) श्री रामसिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कलेक्‍टर जिला शिवपुरी द्वारा प्रश्‍नकर्ता के निज सहायक श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं विभाग को वापस सौंपने का आदेश क्रमांक 11465 दिनांक 19.10.2015 जारी करने से पूर्व प्रश्‍नकर्ता की सहमति ली थी तथा क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग के आदेश क्र. एम ए 10-15/94एक (1) भोपाल दिनांक 19 मई 1995 के निर्देश क्रमांक 16 का पालन करते हुए प्रस्‍ताव कमिश्‍नर ग्‍वालियर संभाग को भेजा था? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो निर्देश का पालन क्‍यों नहीं किया? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने निज सहायक श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं यथावत रखने हेतु नवम्‍बर 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कलेक्‍टर जिला शिवपुरी को कोई पत्र लिखे हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन से पत्र लिख हैं? पत्रों की छायाप्रति संलग्‍न कर जानकारी दें कि कलेक्‍टर द्वारा किस-किस पत्र          कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? (ग) क्‍या म.प्र. मध्‍य क्षेत्र वि.वि.कं.लि.मि. भोपाल द्वारा प्रश्‍नकर्ता के निज सहायक श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं विभाग को वापस सौंपे जाने हेतु कोई पत्र लिखा है? यदि हाँ, तो पत्र की छायाप्रति संलग्‍न कर जानकारी दें? क्‍या उक्‍त पत्र में श्री ओ.पी. शर्मा निज सहायक प्रश्‍नकर्ता की सेवाएं वापस किए जाने का नाम सहित स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया है? यदि नहीं, तो सेवाएं वापस क्‍यों की गई? (घ) क्‍या कलेक्‍टर जिला शिवपुरी द्वारा प्रश्‍नकर्ता के निज सहायक श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं विभाग को वापस करने के पूर्व क्‍या आयुक्‍त ग्‍वालियर संभाग एवं म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग भोपाल से अभिमत या परामर्श लिया गया तथा प्रश्‍नकर्ता से सहमति ली गई? यदि हाँ, तो लिए गए अभिमत/परामर्श तथा सहमति की प्रति संलग्‍न कर जानकारी दें? यदि नहीं, तो ऐसा क्‍यों नहीं किया?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19 मई, 1995 की कंडिका-16 में ऐसा प्रावधान नहीं है।     (ख) जी हाँ। माननीय विधायक द्वारा कलेक्‍टर शिवपुरी को दिनांक 14.01.2016, 03.06.2016, 20.06.2016 एवं 27.06.2016 पत्र लिखे गये, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। माननीय विधायक द्वारा कलेक्‍टर शिवपुरी को लिखे गये पत्रों के क्रम में कलेक्‍टर द्वारा अपने पत्र दिनांक 10.06.2016 द्वारा ऊर्जा विभाग से अभिमत चाहा गया, पत्र दिनांक 23.06.2016 द्वारा सामान्‍य प्रशासन विभाग से अभिमत चाहा गया तथा प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल को भी लिखा गया है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''', '''' एवं '''' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल के पत्र क्रमांक 836 दिनांक 31.07.2015 से मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी (लिपिक) को राज्‍य शासन के कर्मचारी न मानते हुए श्री बृजेन्‍द्र श्रीवास्‍तव, सहायक ग्रेड-3, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. की सेवाएं माननीय विधायक पिछोर से वापस लेकर मूल विभाग को सौंपे जाने हेतु लिखा गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, जिसके क्रम में जिले में कंपनी के दोनों कर्मचारियों श्री बृजेन्‍द्र श्रीवास्‍तव एवं श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं माननीय विधायक पिछोर एवं कोलारस से वापस लेकर मूल विभाग को सौंपी गई। (घ) जी नहीं। जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। प्रबंध संचालक, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. भोपाल, मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी (लिपिक) को राज्‍य शासन के कर्मचारी न मानते हुए श्री बृजेन्‍द्र श्रीवास्‍तव, सहायक ग्रेड-3, म.प्र.म.क्षे.वि.वि.कं.लि. की सेवाएं माननीय विधायक पिछोर से वापस लेकर मूल विभाग को सौंपे जाने हेतु लिखा गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, जिसके कारण जिले में कंपनी के दोनों कर्मचारियों  श्री बृजेन्‍द्र श्रीवास्‍तव एवं श्री ओ.पी. शर्मा की सेवाएं माननीय विधायक पिछोर एवं कोलारस से वापस लेकर मूल विभाग को सौंपी गई।

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मुख्‍यमंत्री जी को घोषणा अनुसार पोहरी व मगरौनी का नगर पंचायत में गठन

117. ( क्र. 2530 ) श्री प्रहलाद भारती : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा शिवपुरी जिले के बैराढ़, पोहरी व मगरौनी को नगर पंचायत बनाये जाने की घोषणा की गयी थी? जिसमें से बैराढ़ को नगर पंचायत बनाया जा चुका है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पोहरी व मगरौनी को नगर पंचायत बनाये जाने के संबंध में विभाग में कोई कार्यवाही प्रचलन में है? यदि हाँ, तो विवरण दें यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) क्‍या पोहरी विकासखण्‍ड मुख्‍यालय है जिसमें न्‍यायालय, अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस, जनपद पंचायत कार्यालय के साथ-साथ विकासखण्‍ड स्‍तरीय समस्‍त कार्यालय संचालित हैं? परन्‍तु नगर पंचायत न होने के कारण पोहरी का समुचित विकास नहीं हो पाया है? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा एवं आवश्‍यकता अनुसार पोहरी व मगरौनी को नगर पंचायत बनाये जाने की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ, माननीय मुख्‍यमंत्रीजी की घोषणा अनुसार शिवपुरी जिले की बैराढ़ ग्राम पंचायत का उन्‍नयन कर नगर परिषद् का गठन किया जा चुका है। (ख) जनसंख्‍या मापदण्‍ड के अनुसार कम होने से पोहरी व मगरौनी को नगर पंचायत बनाया जाना संभव नहीं है, परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण, जिला शिवपुरी से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत पोहरी व मगरौनी को नगर पंचायत बनाये जाने की माननीय मुख्‍यमंत्रीजी की घोषणा के संबंध में कलेक्‍टर, जिला शिवपुरी द्वारा पत्र क्रमांक 674 दिनांक 28.04.2011 से प्रेषित किया गया था। (ग) जी हाँ, पोहरी विकासखण्‍ड मुख्‍यालय हैं।    (घ) प्राप्‍त माननीय मुख्‍यमंत्रीजी को घोषणाओं में पोहरी एवं मगरौनी को नगर पंचायत बनाये जाने का उल्‍लेख नहीं है साथ ही जनसंख्‍या निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार ना होने से पोहरी एवं मगरौनी को नगर पंचायत के रूप में उन्‍नयन किया जाना संभव नहीं है।

विभिन्‍न संधारण/मरम्‍मत कार्य

118. ( क्र. 2534 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर निगम सतना द्वारा विभिन्‍न संधारण/मरम्‍मत कार्यों में वर्ष भर लगने वाली सामग्री क्रय/आपूर्ति के लिए आंमत्रित प्राप्‍त निविदा दरों की स्‍वकृति निगम (परिषद्) से प्राप्‍त की गई है? (ख) यदि नहीं, तो क्‍या ऐसी सामग्री जिसका संबंध/उपयोग पूरे निगम क्षेत्र में वर्ष भर किया जाना हो, की दरें स्‍वीकृत करने का अधिकार मेयर-इन-काउंसिल को प्राप्‍त है? (ग) यदि नहीं, तो इस नियम विरूद्ध कार्य के लिए उत्‍तरदायी अधिकारी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही, कब तक की जायेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। निगम की अधिकारिता के अंतर्गत कोई भी प्रकरण न होने के कारण निगम से स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं की गयी है। नियमों की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।     (ख) जी हाँ। अपितु दरों की स्‍वीकृति मध्‍यप्रदेश नगर पालिका (मेयर-इन-काउंसिल/ प्रेसीडेंट-इन-काउंसिल के कामकाज का संचालन तथा प्राधिकारियों की शक्तियाँ एवं कर्तव्‍य) नियम, 1988 के नियम 5 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत अपनी-अपनी अधिकारिता के अंतर्गत तथा स्थिति आयुक्‍त/मेयर/मेयर इन काउंसिल द्वारा निविदा दरों की स्‍वीकृति प्रदान की गयी है। (ग) उपरोक्‍त उत्‍तरांश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

उद्योग विभाग की आवंटन शर्तों का उल्‍लंघन

119. ( क्र. 2546 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में दिनांक 1 जनवरी, 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक  उद्योग विभाग द्वारा आवंटित जमीन पर कौन-कौन से उद्योग धंधों का संचालन किया जा रहा है? स्‍थान, आवंटित भू-खण्‍ड,किसके नाम से किस कार्य हेतु आवंटित किया गया एवं वर्तमान से किसके नाम है? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित  भू-खण्‍डों का आवंटन किस नियम व शर्तों के अधीन किया गया? नियम की छायाप्रति देवें एवं ऐसे कितने भू-खण्‍डधारी है, जिनके द्वारा आवंटन शर्तों का उल्‍लंघन किया जा रहा? नाम सहित सूची देवें? (ग) विभाग द्वारा आवंटित भू-खण्‍ड का हस्‍तानांतरण किसके द्वारा कब किये गये आदेश की छाया प्रति देवें एवं प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित आवंटन की शर्तों का उल्‍लंघन करने वालों पर विभाग द्वारा कब क्‍या कार्यवाही की गई?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) विभाग की जानकारी तथा वाणिज्‍य, उद्योग एवं रोजगार विभाग की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित भूखण्‍डों के आवंटन संबंधित नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-3 अनुसार है। जिन ईकाइयों द्वारा आवंटन शर्तों का उल्‍लंघन किया गया है उससे संबंधित विभाग की एवं वाणिज्‍य, उद्योग एवं रोजगार विभाग की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा आवंटित भूखण्‍ड का हस्‍तांतरण सक्षम प्राधिकारी द्वारा किये गये। प्रश्‍नांश (ख) में आवंटन की शर्तों का उल्‍लंघन करने वाली ईकाइयों पर विभाग तथा वाणिज्‍य, उद्योग एवं रोजगार विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 एवं 7 अनुसार है।

विद्युत कनेक्‍शन हेतु अटूट बंधन योजना

120. ( क्र. 2551 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश विद्युत मण्‍डल की स्‍थाई/अस्‍थाई पंप कनेक्‍शन हेतु अटूट बंधन योजना क्‍या है? इस योजना अंतर्गत किन कृषकों को किस प्रकार से विद्युत कनेक्‍शन प्राप्‍त होते हैं? (ख) क्‍या उपरोक्‍त योजनांतर्गत ग्राम बडखेरा तहसील पाटन जिला जबलपुर के कृषक आदेश तिवारी आत्‍मज उत्‍तम तिवारी, राजेश कुमार पटेल आत्‍मज   श्री मदन प्रसाद पटेल, श्री हेमराज पटेल आत्‍मज श्री हल्‍के कुर्मी द्वारा कृषि कार्य हेतु विद्युत कनेक्‍शन लेने हेतु आवेदन कर अपेक्षित राशि विद्युत मण्‍डल में जमा की?    (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित कृषकों को प्रश्‍न दिनांक तक विद्युत कनेक्‍शन प्रदान नहीं किया गया और विद्युत बिल प्रेषित किये जा रहे हैं? (घ) यदि हाँ, तो कृषकों को विद्युत कनेक्‍शन प्रदाय किये बिना विद्युत बिल प्रेषित कर मानसिक प्रताड़ना देने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन कब तक क्‍या कार्यवाही करेगा? उक्‍त प्रकरण की क्‍या शासन जाँच कराकर पीडि़त कृषकों को शीघ्र विद्युत कनेक्‍शन प्रदान करेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अस्‍थायी पंप कनेक्‍शनों को स्‍थाई पंप कनेक्‍शनों में परिवर्तित करने हेतु अटूट बंधन योजना परिपत्र क्रमांक-पूर्व क्षेत्र/कार्य/680 दिनांक 01.02.2014 से लागू की गई है। म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड एवं म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड में यह योजना प्रचलित नहीं है। इस योजना के अंतर्गत कृषकों के अस्‍थाई पंप कनेक्‍शन को स्‍थाई पंप कनेक्‍शन में परिवर्तित करने हेतु अनुबंध की अतिरिक्‍त कंडिका क्रमांक 10 अनुसार कार्य किया जाता है, जिसके अनुसार अस्‍थाई कनेक्‍शन को स्‍थाई पंप कनेक्‍शन में परिवर्तित करने हेतु आवश्‍यक लाईन विस्‍तार एवं वितरण ट्रांसफार्मर की स्‍थापना आदि के कार्यों में जो भी व्‍यय राशि होगी, कृषक द्वारा अपने खर्च से या राज्‍य शासन की कृषक अनुदान योजना अथवा अन्‍य किसी योजना के अन्‍तर्गत अंश राशि प्रदान कर 6 माह के अंदर उक्‍त प्रस्‍तावित कार्य को पूर्ण कराना होगा। जब तक अधोसंरचना विस्‍तार कार्य पूर्ण नहीं हो जाता है, अपनी सर्विस लाईन के दुरूस्‍त रखने एवं दुर्घटना होने पर उसकी पूर्ण जिम्‍मेदारी उपभोक्‍ता की होगी। इस योजना अंतर्गत अस्‍थाई पंप कनेक्‍शन उपभोक्‍ताओं को उनके द्वारा आवेदन एवं अनुबंध की अतिरिक्‍त कंडिका-10 अनुसार सहमति दिये जाने एवं औपचारिकताएं पूर्ण किये जाने पर उनके अस्‍थाई कनेक्‍शन को स्‍थाई कनेक्‍शन में परिवर्तित किया जाता है। (ख) जी हाँ। उक्‍त योजना के तहत् बडखेरा ग्राम निवासी श्री आदेश तिवारी आत्‍मज उत्‍तम तिवारी, राजेश कुमार पटेल आत्‍मज श्री मदन प्रसाद पटेल, हेमराज पटेल आत्‍मज हल्‍के कुर्मी पटेल द्वारा अटूट बंधन योजना के तहत राशि जमा की गयी है, जिनका विवरण इस प्रकार है :-

 

नाम

भार

स.कनेक्‍शन चार्ज

एस.डी.चार्ज

स्‍टांप चार्ज

रजि. चार्ज

आवेदन पत्र चार्ज

रसीद क्र. दिनांक

सर्विस क्र. दिनांक

आदेश तिवारी/उत्‍तम तिवारी

3 एचपी

900

1500

101

1500

5

24121/300 दिनांक 22.02.16

15013 दिनांक 22.02.16

राजेश पटेल/ मदन पटेल

3 एचपी

900

1500

101

1500

5

2744/254 दिनांक 11.02.16

15000 दिनांक 11.02.16

हेमराज पटेल /हल्‍के

5 एचपी

1800

2500

101

1800

5

24121/293 दिनांक 15.02.16

15003 दिनांक 15.02.16

(ग) जी हाँ, प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित कृषकों को उत्‍तरांश '' एवं '' अनुसार औपचारिकताएं पूर्ण किये जाने पर अटूट बंधन योजना के तहत् स्‍थाई पंप कनेकशन प्रदान किये गये हैं एवं तदनुसार विद्युत बिल प्रेषित किये जा रहे हैं। (घ) प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित कृषकों को अटूट बंधन योजना के तहत उत्‍तरांश '', '' एवं '' में दर्शाए अनुसार कनेक्‍शन प्रदान किये गये हैं। उक्‍त योजना अंतर्गत कृषकों के अस्‍थाई पंप कनेक्‍शन को स्‍थाई पंप कनेक्‍शन में परिवर्तित करने हेतु अनुबंध की अतिरिक्‍त कंडिका क्रमांक-10 लागू होती है। उत्‍तरांश '' के अनुसार आवश्‍यक लाईन विस्‍तार कार्य योजना में शामिल उपभोक्‍ताओं को अपने खर्च पर या राज्‍य शासन की किसी योजना में शामिल होकर पूर्ण कराना है। ग्राम बडखेरा (गुलाब पटेल के खेत में) में 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर स्‍थापित है, जिसमें पूर्व से ही कुल संयोजित भार 16 एच.पी. है। अटूट बंधन योजना के तहत उक्‍त कृषकों को स्‍थायी पंप कनेक्‍शनों हेतु अधोसंरचना विस्‍तार कार्य की आवश्‍यकता है, जिसके राज्‍य शासन की वर्तमान में लागू किसी योजना अथवा स्‍वयं के व्‍यय पर उपभोक्‍ता द्वारा पूर्ण कराया जाना है। विवरण निम्‍नानुसार है:-

नाम

अन्‍य विवरण

25 के.वी.ए. ट्रांसफार्मर

11 के.वी. लाईन

एल.टी.लाईन

आदेश तिवारी

01 नं.

0.5 कि.मी.

50 मीटर

राजेश पटेल/मदन प्र.

250 मीटर

हेमराज पटेल/हल्‍के

100 मीटर

उपरोक्‍त लाईन विस्‍तार कार्य हेतु अनुमानित प्राक्‍कलन राशि लगभग रू. 3,42,200/- होगी।

कृषकों को योजना के प्रावधानों के अनुसार अस्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शनों को स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शनों में परिवर्तित कर, स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शनों के लिए म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश अनुसार विद्युत बिल प्रेषित किये जा रहे हैं। अत: किसी को मानसिक प्रताड़ना दिये जाने, जाँच कराने एवं किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। तथापि योजना के प्रावधानों के अनुसार उपभोक्‍ताओं द्वारा आवश्‍यक राशि उपलब्‍ध कराने पर उनके पम्‍प कनेक्‍शन हेतु उक्‍त उल्‍लेखित कार्य किया जा सकेगा।

रजिस्‍ट्री में लगने वाला जनपद शुल्‍क

121. ( क्र. 2555 ) श्री नीलेश अवस्‍थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति की रजिस्‍ट्री कराने पर खरीददार से जनपद (ब्‍लाक) शुल्‍क वसूल करती है? यदि हाँ, तो यह शुल्‍क किस दर से वसूला जाता है तथा वसूले गये शुल्‍क को किस प्रकार से जनपद पंचायत क्षेत्र को वापिस किया जाता है? क्‍या शासन इस वसूले गये जनपद शुल्‍क को संबंधित जनपद क्षेत्र के विकास कार्यों हेतु संबंधित जनपद पंचायत को वापिस करेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक‍ यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? (ख) प्रदेश में वर्तमान समय में जारी      ई-रजिस्‍ट्री की व्‍यवस्‍था के तहत सर्विस प्रोवाईडर के पैसे बैंक से ट्रेजरी ट्रांसफर कराते समय ट्रेजरी का सर्वर डाउन होने की स्थिति में सर्विस प्रोवाईडर के खाते से राशि कट जाती है परन्‍तु ट्रेजरी नहीं पहुँचती और यह राशि रास्‍ते में कई दिनों तक अटकी रहती है, ऐसी स्थिति में क्‍या शासन उप पंजीयक कार्यालय में नगद राशि या चालान के द्वारा राशि जमा करने का प्रावधान करेगी? (ग) वर्तमान समय में रजिस्‍ट्री के समय लेखा त्रुटि होने पर रजिस्‍ट्री या अन्‍य कार्यों के दस्‍तावेज चेकर मेकर उप पंजीयक द्वारा रद्द कर दिये जाते हैं और सर्विस प्रोवाईडर की स्‍टाम्‍प ड्यूटी की राशि फंस जाती है, क्‍या शासन उप पंजीयक कार्यालय लेखन त्रुटि में गलती होने पर सुधार का आप्‍शन प्रदान करेगा? (घ) वर्तमान समय में शासन स्‍टाम्‍प में 1.5 प्रतिशत कमीशन देती है और स्‍टाम्‍प वापिसी पर 10 प्रतिशत राशि शासन द्वारा काटी जाती है। क्‍या शासन इस विसंगति को दूर कर इसे तर्क संगत बनायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मध्‍यप्रदेश पंचायत राज एवं स्‍वराज अधिनियम, 1993 की धारा 75 के तहत खण्‍ड के भीतर स्थित स्‍थावर सम्‍पत्ति के विक्रय, दान या बंधक से संबंधित दस्‍तावेजों पर जनपद शुल्‍क एक प्रतिशत की दर से वसूल किया जाता है तथा वसूल किए गए जनपद पंचायत शुल्‍क की जानकारी पंचायती राज संचालनालय को भेजी जाती है। प्रश्‍न के शेष बिन्‍दु की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) सर्विस प्रोवाईडर क्रेडिट लिमिट हेतु ऑनलाईन व्‍यवस्‍था तथा चालान के माध्‍यम से राशि अपने सर्विस प्रोवाईडर खाते में प्राप्‍त कर सकते है। यदि सर्विस प्रोवाईडर के बैंक खाते से राशि कट जाती है तो वह संबंधित सर्विस प्रोवाईडर खाते में स्‍वत: ही तीन कार्य दिवसों में अपडेट हो जाती है। परियोजना के प्रारंभ के दिनों में कभी-कभी इस व्‍यवस्‍था में समस्‍या आई थी। अब विगत 05 माहों में ऐसे प्रकरण सामने नहीं आये हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) लिखत की निष्‍पादन के उपरांत तथा उप पंजीयक कार्यालय में दस्‍तावेज के प्रस्‍तुतिकरण के दौरान लिखत में संशोधन की प्रक्रिया मान्‍य नहीं की जाती है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ई-स्‍टापिंग व्‍यवस्‍था के अंतर्गत नियुक्‍त सेवा प्रदाता को 1.5 प्रतिशत की दर से कमीशन देय होता है। भारतीय स्‍टाम्‍प अधिनियम 1899 के अध्‍याय 5 की धारा 53, 54 के अंतर्गत स्‍टाम्‍प वापसी पर 10 प्रतिशत राशि काटे जाने का प्रावधान है। यह दोनों प्रावधान पृथक-पृथक हैं जिसका आपस में संबंध नहीं है। वस्‍तुत: ई-स्‍टाम्‍प की वापसी उसके विक्रय पश्‍चात् पक्षकार द्वारा चाही जाती है जिसके लिये नियमानुसार कटौती अनुज्ञेय है। इस कटौती को 10 प्रतिशत से 2 प्रतिशत करने के लिए भारतीय स्‍टाम्‍प (मध्‍यप्रदेश संशोधन) विधेयक, 2016 के माध्‍यम से संशोधन की कार्यवाही प्रचलित है।

घरेलू उपभोक्‍ता से नाजायज वसूली

122. ( क्र. 2557 ) श्री मधु भगत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टी.डी.सी. (अस्‍थाई रूप से कनेक्‍शन पोल से विच्‍छेद करना) के संबंध में क्‍या नियम, प्रक्रिया, अवधि, शुल्‍क, तत्‍पश्‍चात मासिक शुल्‍क क्‍या है? (ख) टी.डी.सी. की तिथि के पश्‍चात् घरेलू उपभोक्‍ता से प्रतिमाह कितनी राशि किस आधार पर और क्‍यों ली जाती है जबकि उसे पोल से बिजली, विच्‍छेद होने के कारण उपलब्‍ध नहीं होती है?      (ग) दतिया डिवीजन वितरण केन्‍द्र ठण्‍डी सड़क, पावर हाउस के अंतर्गत वर्ष 2015 में कितने टी.डी.सी. किये गये और माह मई 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि के बिल न्‍यूनतम राशि से कितनी अधिक राशि के बिल किस आधार पर कितने लोगों को जारी किये गये? (घ) जब कनेक्‍शन काटा जा चुका है तो आपत्ति दर्ज कराने, शिकायत दर्ज कराने के बाद भी अधिक राशि के बिल भेजकर कंपनी द्वारा घरेलू उपभोक्‍ताओं/जनता को परेशान करने के लिये कौन जिम्‍मेदार है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता - 2013 के अध्‍याय 9 के अन्‍तर्गत टी.डी.सी. (अस्‍थाई रूप से कनेक्‍शन विच्‍छेद) के लिये निर्धारित नियम, प्रक्रिया, अवधि, शुल्‍क एवं कनेक्‍शन अस्थाई रूप से विच्‍छेदित करने के बाद मासिक शुल्‍क संबंधी प्रावधान निम्‍नानुसार है :- (1) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता - 2013 की कंडिका 9.13 के अनुसार उपभोक्‍ता द्वारा भुगतान में चूक किए जाने पर, अनुज्ञप्तिधारी का यह दायित्‍व होगा कि वह उपभोक्‍ता के संयोजन को अस्‍थाई विच्‍छेदन के बगैर, अधिकतम 3 (तीन) माह की युक्तियुक्‍त अवधि के अध्‍यधीन जारी न रखा जाना सुनिश्चित करें। (2) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता - 2013 की कंडिका 9.14 के अनुसार यदि उपभोक्‍ता प्राधिकृत अधिकारी के अनुमोदन के बिना, निर्धारित तिथि तक किसी देयक का पूर्ण भुगतान करने में चूक करता है तो उपभोक्‍ता का सेवा नियोजन अस्‍थायी रूप से विच्‍छेदन किया जा सकेगा जिसके लिए उपभोक्‍ता के सेवा नियोजन का विच्‍छेदन करने से पूर्व 15 (पंद्रह) दिवस में लिखित सूचना दी जायेगी एवं म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता- 2013 की कंडिका 9.15 के तहत् अस्‍थाई संयोजन विच्‍छेद के पश्‍चात्, विद्युत प्रदाय उसी दशा में पुनर्स्‍थापित किया जाएगा जब उपभोक्‍ता बकाया प्रभारों/देय राशि/निर्धारित की गई किश्‍त की राशि मय संयोजन विच्‍छेद तथा उसे जोड़ने के प्रभारों सहित भुगतान कर देता है। (3) म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता - 2013 की कंडिका 9.16 के अनुसार यदि उपभोक्‍त अपने संयोजन को अस्‍थाई रूप से छ: माह तक की अवधि हेतु विच्‍छेदन कराना चाहता है तो उसे अनुज्ञप्तिधारी के कार्यालय में लिखित आवेदन प्रस्‍तुत करना होगा। संयोजन के अस्‍थाई विच्‍छेदन की अवधि के दौरान उपभोक्‍ता को ऐसे सभी मासिक नियत प्रकार के प्रभारों, जैसे कि स्‍थायी प्रभार, न्‍यूनतम प्रभार, मापयंत्र प्रभार इत्‍यादि के अग्रिम भुगतान करने होंगे। (ख) उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार टी.डी.सी. की तिथि के पश्‍चात् घरेलू उपभोक्‍ता से प्रतिमाह मध्‍य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता- 2013 के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित प्रभार की राशि ली जाती है। यह कार्यवाही वैधानिक आधार पर की जाती है। (ग) संचालन एवं संधारण संभाग दतिया के वितरण केन्‍द्र ठण्‍डी सड़क पावर हाउस के अन्‍तर्गत बकाया राशि वाले उपभोक्‍तओं के कनेक्‍शन को नियमानुसार बकाया राशि की वसूली हेतु टी.डी.सी. किया गया है, जो कि विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के तहत् एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र एवं अवधि में इस प्रक्रिया के तहत् 1620 आर.सी.डी.सी. एवं बकाया राशि जमा करने वाले उपभोक्‍ताओं के कनेक्‍शन पुन: संयोजित कर विद्युत प्रदाय चालू किया गया। इसके अलावा वर्ष 2015 में कुल 86 न. उपभोक्‍ताओं द्वारा उपयोग नहीं होने के कारण आवेदन देकर कनेक्‍शन टी.डी.सी. (अस्‍थाई रूप से विच्‍छेदित) कराये गये हैं। मई - 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक टी.डी.सी. उपभोक्‍ताओं से नियमानुसार न्‍यूनतम प्रभार एवं मीटर किराया इत्‍यादि के अलावा अन्‍य कोई राशि जमा नहीं करायी गई है। (घ) उपभोक्‍ता का कनेक्‍शन काटे जाने के उपरांत यदि संबंधित उपभोक्‍ता द्वारा आपत्ति दर्ज की जाती है तो उपभोक्‍ता के परिसर के निरीक्षण उपरांत म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता - 2013 एवं म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश के अनुसार शिकायत का निराकरण किया जाता है। प्रश्‍नाधीन संचालन एवं संधारण संभाग, दतिया में वितरण केन्‍द्र ठण्‍डी सड़क पावर हाउस के अन्‍तर्गत अस्‍थाई रूप से विच्‍छेदित उपभोक्‍ताओं को नियमानुसार ही देयक जारी किये जा रहे हैं, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

पदोन्‍नति में भ्रष्‍टाचार करने हेतु मनमानी

123. ( क्र. 2559 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि. अता. प्रश्‍न संख्‍या-45 (क्रमांक 2678) दि. 11 मार्च 2006 का उत्‍तर अलग-अलग क्‍यों नहीं दिया गया? प्रत्‍येक प्रश्‍नांश का अलग-अलग उत्‍तर दें? (ख) उत्‍तर दिया गया था कि पदोन्‍नति समिति की बैठक विशेष अथवा पद विशेष का उल्‍लेख नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है? तो क्‍या विभाग के पास जो प्रस्‍ताव प्रमुख अभियंता ने विभागीय पदोन्‍नति समिति को भेजे और उसके आधार पर जो डी.पी.सी. हुई तथा उस डी.पी.सी. की अनुशंसा के आधार पर या उसके पश्‍चात् जो आदेश जारी किये गये थे, वह नियमानुसार थे? यदि हाँ, तो उत्‍तर क्‍यों नहीं दिया जा रहा है? तिथि, पदनाम सहित बतायें? (ग) क्‍या उक्‍त जानकारी के आधार पर इच्‍छानुसार पदोन्‍नतियां दी गई और मनमानी करते हुए पात्रता होते हुए भी पदोन्‍नति से वंचित किया गया? यदि हाँ, तो कौन जिम्‍मेदार है? यदि नहीं, तो वर्ष 2011-12-13 में इस संबंध में     कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्‍त हुई? उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक-2678 में पदोन्‍नति समिति की बैठक विशेष अथवा पद विशेष का उल्‍लेख नहीं होने से प्रत्‍येक प्रश्‍नांश का उत्‍तर पृथक-पृथक से दिया जाना संभव नहीं है। पदोन्‍नति समिति की बैठकों के लिए प्रमुख अभियंता द्वारा प्रस्‍तुत प्रस्‍ताव उपलब्‍ध अभिलेखों के अनुसार होते है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍न में की गई शिकायत विशेष का उल्‍लेख नहीं होने और प्राप्‍त शिकायतों का एक स्‍थान पर अभिलेख संधारित नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।

एफ.आई.आर. दर्ज करना

124. ( क्र. 2566 ) श्रीमती शीला त्‍यागी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 19 जून से लेकर 26.06.2016 तक के समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर में कटनी जिले के दारू ठेका में लगी पाँच करोड़ के लगभग की डी.डी. फर्जी होने की बात लिखी गई है तथा कलेक्‍टर कटनी एवं जिला आबकारी अधिकारी कटनी के विरूद्ध एफ.आई.आर. के आदेश दिये गये हैं कि खबर प्रकाशित हुई है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो उक्‍त आदेश के परिपालन में कलेक्‍टर कटनी सहित किन-किन अधिकारी, कर्मचारी, ठेकेदार के विरूद्ध एफ.आई.आर. के निर्देश दिये गये हैं। क्‍या उक्‍त आदेश, निर्देश का पालन कर दिया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो दोषियों पर एफ.आई.आर. दर्ज नहीं हुई तो कब तक एफ.आई.आर. दर्ज करायेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बतायें?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्‍थापना, लोक आयुक्‍त संगठन, जबलपुर संभाग जबलपुर के पत्र दिनांक 08.07.2016 अनुसार दिनांक 22.06.2016 को जिला कलेक्‍टर, कटनी जिला आबकारी अधिकारी, कटनी एवं ठेका शाखा में पदस्‍थ अन्‍य अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। जिला आबकारी अधिकारी कटनी का पत्र दिनांक 22.04.2016 एवं दिनांक 05.05.2016 द्वारा थाना प्रभारी को सिटी कोतवाली जिला कटनी को टेण्‍डर की कार्यवाही में भागीदारी करने वाले टेंडरदाताओं/उत्‍तरदायी व्‍यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने हेतु लिखा गया था जिसके तारतम्‍य में दिनांक 22.04.2016 को सिटी कोतवाली जिला कटनी में एफ.आई.आर. दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया गया है। (ग) पुलिस अधीक्षक, विशेष पुलिस स्‍थापना, लोक आयुक्‍त संगठन, जबलपुर संभाग जबलपुर द्वारा जिला कलेक्‍टर, कटनी, जिला आबकारी अधिकारी, कटनी एवं ठेका, शाखा में पदस्‍थ अन्‍य अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर विवेचना की जा रही है। जिला आबकारी अधिकारी कटनी के पत्र दिनांक 22.04.2016 एवं दिनांक 05.05.2016 से थाना प्रभारी को सिटी कोतवाली जिला कटनी को टेण्‍डर की कार्यवाही में भागीदारी करने वाले टेण्‍डरदाताओं/उत्‍तरदायी व्‍यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही करने हेतु लिखा गया था जिसके तारतम्‍य में दिनांक 22.04.2016 को सिटी कोतवाली जिला कटनी में एफ.आई.आर. दर्ज कर प्रकरण विवेचना में लिया गया है।

मुख्यमंत्री अधोसंरचना के कार्य

125. ( क्र. 2574 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय निकायों में मुख्यमंत्री अधोसंरचना अंतर्गत कितनी लागत तक के कार्य स्वीकृत किये जाना प्रावधानित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 03 वर्षों में आगर जिला अंतर्गत मुख्यमंत्री अधोसंरचना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों का कृपया निकायवार विवरण देवें? (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत मुख्यमंत्री अधोसंरचना अंतर्गत किन-किन कार्यों के प्रस्ताव वर्तमान में प्रक्रियाधीन हैं? प्रक्रियाधीन प्रस्तावों पर कब तक स्वीकृति होगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में विधान सभा के नगरीय निकायों द्वारा प्राथमिकता से किन-किन कार्यों को मुख्यमंत्री अधोसंरचना से करवाने हेतु निवेदन किया गया हैं एवं इन पर क्या कार्यवाही की गई? निकायवार पूर्ण विवरण देवें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) सुसनेर विधान सभा क्षेत्र की नगरीय निकाय सुसनेर, नलखेड़ा, बड़ागांव एवं सोयतकलां को मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसरंचना विकास योजनांतर्गत स्‍वीकृति जारी की जा चुकी है एवं वर्तमान में इस योजना हेतु प्रावधानित स्‍वीकृतियां दी जा चुकी हैं अत: इस योजना में प्रस्‍तावों पर विचार किया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना

126. ( क्र. 2575 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल आवर्धन योजनाओं अंतर्गत बाँध/स्टापडेम की स्वीकृति हेतु वनभूमि के डूब क्षेत्र में आने पर वन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना आवश्यक हैं? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या कार्यवाही निर्धारित हैं? (ख) प्रश्‍नकर्ता विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ऐसे कितने बाँध/स्टापडेम के प्रस्ताव हैं जिनमें सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका हैं परन्तु वन विभाग से एन.ओ.सी. न मिल पाने के कारण प्रस्ताव लंबित हैं? विभाग द्वारा इस हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत ग्राम लटूरीगुर्जर एवं लोहारिया में बाँध निर्माण संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या        स्व-प्रेरणा से लटूरीगुर्जर एवं लोहारिया में बाँध निर्माण हेतु प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या? विवरण देवें।

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई प्रस्ताव नहीं है, अतः प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं। (ग) एवं    (घ) दोनों परियोजनाओं की लागत निर्धारित मापदण्डों से अधिक होने के कारण साध्य नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - ''तेरासी''

 

हनुमतिया टापू पर किये गये विकास कार्य

127. ( क्र. 2581 ) श्री ठाकुरदास नागवंशी : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के हनुमतिया टापू पर पर्यटन विकास के लिये योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक कुल कितनी राशि व्‍यय की गई एवं उससे कौन-कौन से स्‍थायी एवं अस्‍थायी कार्य कराये गये, कार्यवार जाकनारी प्रदान की जावे? (ख) विगत एक वर्ष में पर्यटन गतिविधियों के अन्‍तर्गत वा‍स्‍तविक कुल कितने पर्यटक जिन्‍होंने बुकिंग कर लाभ लिया उनकी संख्‍या कितनी थी एवं उनसे कितनी आय हुई तथा कितने पर्यटक ऐसे थे, जिन्‍हें पास के द्वारा पर्यटन का लाभ दिया। (ग) उक्‍त गतिविधियों से पर्यटन विभाग को कितनी आय हुई अथवा हानि हुई?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार।   (ख) 1590 पर्यटकों ने बुकिंग कराई जिसमें म.प्र. राज्‍य पर्यटन विकास निगम को कुल राशि रू. 48,84,421/- प्राप्‍त हुई, गेट एंट्री से 1,03,471 पर्यटकों ने लाभ लिया जिसमें म.प्र. राज्‍य पर्यटन विकास निगम को कुल राशि रू. 10,34,710/- प्राप्‍त हुई है।      (ग) गतिविधियों से निगम को कुल राशि रू. 59,19,131/- प्राप्‍त हुई है।

परिशिष्ट - ''चौरासी''

पवन एवं सौर ऊर्जा

128. ( क्र. 2590 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राज्‍यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश के साथ ही रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिले में वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य हेतु अनेक कम्पनियों से अनुबंध किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त जिलों में उपरोक्त वर्षों में किस-किस कम्पनी से किन-किन स्थानों हेतु कितने क्षेत्र में कितने मेगावाट का उत्पादन का लक्ष्य लेकर कितने अनुबंध सम्पादित किये गए हैं? कम्पनी व क्षेत्र के नाम सहित बतायें? (ग) साथ ही उक्त जिलो में सौर ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा के क्षेत्र में कुल कितनी कम्पनियां कार्यरत होकर कितनी कम्पनियों का कार्य पूर्ण हुआ तथा कितनी कम्पनियों का कार्य अपूर्ण रहा? (घ) उक्त जिलों में वर्ष 2003-04 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किस-किस कम्पनी द्वारा कितने मेगावाट का विद्युत उत्पादन कर प्रदेश में विद्युत के क्षेत्र में कितना योगदान दिया?

राज्‍यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जिला रतलाम, मंदसौर एवं नीमच में वर्ष 2003-04 से प्रश्‍न दिनांक तक 993.85 मेगावाट क्षमता की पवन ऊर्जा परियोजनाओं से एवं 310 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं से, इस प्रकार कुल 1303.85 मेगावाट क्षमता की विद्युत परियोजनाओं से विद्युत उत्‍पादन का योगदान प्राप्‍त हुआ हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

अवैध कॉलोनियों में सुविधाएं

129. ( क्र. 2592 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका परिषद जावरा एवं नगर परिषद पिपलौदा में कुल कितने-कितने क्षेत्रफल में किन-किन फर्मों, सोसायटियों एवं व्यक्तियों इत्यादि द्वारा विकसित की गयी अवैध कालोनियां हैं? (ख) उक्त दोनों स्थानों पर कुल कितने कॉलोनाईजर होकर उनकी कुल संख्या कितनी है? साथ ही सोसायटी एवं फर्मों इत्यादि द्वारा विकसित की गयी यदि अवैध कॉलोनियां है तो उनकी कुल संख्या कितनी है? (ग) किस-किस माध्यम से अवैध कॉलोनियां   किन-किन वर्षों में विकसित की जाकर अब तक किन कारणों से अवैध होकर क्या आमजन मूलभूत आवश्यकताओं से वंचित है? (घ) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के बावजूद अवैध कॉलोनियों को वैध किये जाने हेतु क्या किया जा रहा है? साथ ही कालोनाइजरों के विरुद्ध किस-किस प्रकार की क्या-क्‍या कार्यवाहियां की गयी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जावरा विधान सभा  क्षेत्रान्‍तर्गत नगर परिषद पिपलौदा में कोई अवैध कॉलोनी नहीं है। नगर पालिका परिषद जावरा में कुल 52 अवैध कॉलोनियां, कुल 77.116 हेक्‍टेयर क्षेत्रफल में है, जिनमें से     10 फर्म, 06 सोसायटियों एवं 45 व्‍यक्तियों द्वारा कॉलोनी विकसित की गई है।      (ख) नगर पालिका परिषद जावरा में वर्तमान में कुल 12 कॉलोनाईजर, सक्षम प्राधिकारी द्वारा पंजीकृत है, शेषांश की जानकारी उत्‍तरांश '''' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा अनुसार अवैध कॉलोनी को वैध करने के लिये नियम का सरलीकरण किया जाना राज्‍य शासन के विचाराधीन है। नगर पालिका परिषद जावरा द्वारा अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधा के कार्य के लिये दो कॉलोनियों की कार्ययोजना तैयार कराई जाकर कलेक्‍टर रतलाम सक्षम प्राधिकारी होने से कार्यवाही हेतु भेजी गई है, 38 कॉलोनियों की कार्य योजना तैयार कराई जा रही है। अंबिका की सिटी होम्‍स कॉलोनाईजर द्वारा अवैध रूप से अन्‍य निजी भूमि पर बगीचा प्रस्‍तावित कर अभिन्‍यास अनुमोदन करवाकर कॉलोनी का विकास करने के कारण कॉलोनीईजर के विरूद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु प्रस्‍ताव कलेक्‍टर, जिला-रतलाम को प्रेषित किया गया है।

परिशिष्ट - ''पिच्चासी''

खनिज खदानों की नीलामी

130. ( क्र. 2596 ) श्री मथुरालाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रतलाम अन्तर्गत विकासखण्‍ड रतलाम में अब तक कुल कितनी खनिज खदानों को जिसमें वन क्षेत्र के समीप स्थित खनिज खदानों को चिन्हित किया जाकर घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से खनिज किस्मों के आयटम की खदानें शासन ने कब तक के लिये किन-किन ठेकेदारों को नीलाम की है? (ख) क्या विकासखण्‍ड रतलाम अन्तर्गत पूर्व नीलाम की गई खनिज खदानों को निर्धारित एवं आवंटित सर्वे से अधिक स्थानों पर अवैध उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा उनके विरूद्ध किस प्रकार की कार्यवाही की गई है? (ग) आबादी क्षेत्र के समीप स्थित खनिज संपदा के उत्खनन हेतु क्या ठेकेदार को ब्लास्टिंग कर खनिज सामग्री एकत्रीकरण किये जाने के निर्देश विभाग द्वारा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो अवगत करावें कि ऐसी कितनी खदानें हैं जहाँ ब्लास्टिंग के माध्यम से अवैध उत्खनन किया जा रहा है? क्या शासन द्वारा ऐसे अवैध उत्खनन किये जाने वालो के विरूद्ध कोई वैधानिक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में वन क्षेत्र के समीप अथवा अन्‍यत्र क्षेत्र में किसी भी खनिज की कोई भी खदान चिन्हित कर घोषित नहीं की गई है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नाधीन विकासखण्‍ड के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कोई खदान नीलाम नहीं की गई हैं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) आबादी क्षेत्र के समीप ब्‍लास्टिंग कर खनिज उत्‍खनन की कोई अनुमति विभाग द्वारा नहीं प्रदान की गई है। केवल ग्राम बिबड़ौद तहसील रतलाम के खसरा नम्‍बर 126 पर अवैध उत्‍खनन का एक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।

बी.आर.टी.एस.इन्‍दौर निर्माण एवं मेंटेनेंस

131. ( क्र. 2611 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इन्‍दौर शहर में स्थित बी.आर.टी.एस. निर्माण पर अभी तक कुल कितनी राशि का व्‍यय किया गया? व्‍यय की जाने वाली राशि किन-किन विभागों द्वारा खर्च की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या बी.आर.टी.एस. का मेंटेनेंस का ठेका किसी फर्म को दिया गया है? यदि हाँ, तो कब से कितने समय के लिये दिया गया है व क्‍या शर्तें हैं एवं बी.आर.टी.एस. किस विभाग के अधीन संचालित किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बी.आर.टी.एस. पर कितनी आई बसों का संचालन किया जा रहा है? आई बसों में कितने यात्री प्रतिदिन सफर करते हैं एवं आई बसों से प्रतिदिन कितनी आय हो रही है? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बी.आर.टी.एस. पर विज्ञापन का ठेका देने की प्रक्रिया तथा किन फर्मों को ठेका दिया गया है एवं कितने समय के लिये दिया गया है? क्‍या बी.आर.टी.एस. पर अण्‍डर पास एवं ओव्‍हर ब्रिज बनाये जाने थे? बी.आर.टी.एस. पर वर्षा जल निवासी के क्‍या प्रबंधन किये गये हैं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इन्‍दौर बी.आर.टी.एस. निर्माण पर व्‍यय संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।       (ख) बी.आर.टी.एस. इन्‍दौर कार्य की निर्माण एजेन्‍सी मेसर्स नीरज प्रतिभा जे.व्‍ही. है। कार्य अनुबंध अनुसार डिफेक्‍ट लायबिलिटी पीरियड में मेंटेनेन्‍स की जबावदारी निर्माण एजेन्‍सी की है। दिनांक 01.08.2013 से दिनांक 31.07.2016 परफॉरमेन्‍स ग्‍यारण्‍टी अवधि है। कार्य अनुबंध के वाल्‍यूम-1 सेक्‍शन-2 जनरल कंडिशन्‍स ऑफ कांन्‍ट्रेक्‍ट की कंडिका क्रमांक 36 एवं कंडिका क्रमांक 58 अनुसार शर्ते जानकारी संलग्न परिशिष्ट के      प्रपत्र '''' अनुसार है। बी.आर.टी.एस. का संचालन ए.आई.सी.टी.एस.एल. इन्‍दौर द्वारा किया जा रहा है। (ग) ए.आई.सी.टी.एस.एल. द्वारा बी.आर.टी.एस. पर 40 आई बसों का संचालन किया जाता है। आई बसों में लगभग 45 हजार यात्री प्रतिदिन यात्रा करते है, जिनसे आई बसों को प्रतिदिन रू. 5 लाख की आय प्राप्‍त होती है। (घ) बी.आर.टी.एस. पर विज्ञापन का कार्य निविदा आमंत्रित कर मेसर्स शैर्यदित्‍य एडवरटाइजिंग को 3 वर्ष की अवधि के लिए दिया गया है। बी.आर.टी.एस. पर होल्‍कर कॉलेज के सामने सब-बे का निर्माण दोनों तरफ मोटर व्‍हीकल लेन पर किया गया है। सड़क के दोनों तरफ उपलब्‍ध भूमि पर स्‍टार्म वाटर लाईन डालकर वर्षा जल निकासी का प्रबंधन किया गया है।

परिशिष्ट - ''छियासी''

इन्‍दौर नगर निगम में प्रकाश व्‍यवस्‍था

132. ( क्र. 2613 ) श्री राजेश सोनकर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) परि.अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 19 (क्र. 663) दिनांक 03/03/2016 के जवाब में बताया गया कि सितम्‍बर 2008 में अशियन इलेक्‍ट्रानिक्‍स  प्रा. लिमि. को ठेका दिया गया है? सन् 2008 के पूर्व विगत दो परिषदों के कार्यकाल में पूर्व नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा स्‍ट्रीट लाईट लगाने एवं मेंटेनेन्‍स का कार्य    किन-किन एजेन्‍सियों द्वारा कराया जाता था? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कहाँ-कहाँ पर वेपरलेम्‍प, विद्युत पोल, हाई मास्‍क लगाये गये? कितनी राशि व्‍यय की गई? वार्डवार जानकारी उपलबध करावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में किन नियमों/शर्तों पर कब-कब विद्युत फिटिंग/मेन्‍टीनेन्‍स के कार्य कराये गये? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में लगाई गई विद्युत फिटिंगों, वेपर लेम्‍प, क्‍लाम आदि सामग्री किन विभागीय अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कहाँ-कहाँ से व कितनी-कितनी मात्रा में निकाली गई वार्डवार प्रत्‍येक सामग्री का विवरण दें? क्‍या उक्‍त सामग्री किसी अधिकारियों द्वारा संग्रहित कराई गई थी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पेंशनर को 32 माह के एरियर का भुगतान

133. ( क्र. 2623 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन के जो पेंशनर 1.1.2006 के पश्चात् सेवानिवृत्‍त हुये हैं उन्हें 1.1.2006 से 31.08.2008 का 32 माह का एरियर भुगतान किया जा चुका है? (ख) क्या 01.01.2006 के पूर्व के पेंशनरों के 32 माह के भी भुगतान के लिए असाधारण राजपत्र क्रमांक 553 दिनाक 10.09.2008 में शासन ने निर्णय लिया था? क्या इंदौर, उज्जैन संभाग में 01.01.2006 के पूर्व के पेंशनरों को भी 32 माह के एरियर का भुगतान कर दिया है, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शासन द्वारा गठित अग्रवाल वेतन आयोग ने भी उक्त एरियर प्रदान किये जाने की अनुशंसा की थी? यदि हाँ, तो फिर एरियर प्रदान नहीं किये जाने के क्या कारण रहे? (घ) पेंशनरों को उक्त एरियर कब तक प्रदान कर दिया जाएगा?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी, नहीं I (ख) जी, हाँ I जी, नहीं I राज्‍य शासन ने दिनांक 1-1-2006 के पूर्व पेंशनरों की पेंशन का समेकन सितम्‍बर 2008 से किये जाने से परिणामस्‍वरूप प्रश्‍न उपस्थित नहीं होताI (ग) जी, हाँ I उपर्युक्‍त (ख) अनुसार I (घ) "ख" एवं "ग" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होताI

खनिज की भूमि पर उत्खनन के अलावा अन्य कार्य

134. ( क्र. 2626 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मंदसौर जिले में कितने भूमि किन व्यक्तियों को खदान खनिज हेतु लीज पर दी है क्या समस्त भूमि पर खदानों से खनिज निकाला जा रहा है तथा कितनी-कितने समय से बंद पड़ी है? सम्पूर्ण खदान मालिकों ने 1 जनवरी 2013 के पश्चात् प्रश्न दिनाक तक कितना राजस्व चुकाया? कितना बकाया है? (ख) क्या खदान की भूमि पर अन्य व्यवसायिक कार्य भी संचालित हो रहे है? यदि हाँ, तो    कहाँ-कहाँ? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या खदान मालिक अपनी लीज भूमि दूसरे को बेच सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? ऐसी कितनी शिकायत विभाग के पास लंबित है? (घ) उक्त जिलों में कितने खदान मालिकों के पास प्रदूषण विभाग का प्रमाण पत्र नहीं हैं? इसकी जाँच कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी ने की? (ड.) सड़क निर्माण कम्पनियों दवारा उक्त जिलों से कब-कब, कितना खनिज निकाला तथा कितनी रायल्टी दी कितनी बकाया है उक्त अवधि की उक्त जिलों की जानकारी देवें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

हितग्राहियों को ऋण वितरण

135. ( क्र. 2639 ) श्री महेन्‍द्र सिंह सिसौदिया : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजनान्‍तर्गत वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 गुना में जिलेवार कितना लक्ष्‍य दिया गया? कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये? उनमें से कितने प्रकरण अनुशंसा हेतु चयन समिति को रखे गए तथा समिति के कितने प्रकरणों में अनुशंसा की एवं बैंकों द्वारा कितने स्‍वीकृत किये? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत किये गये प्रकरणों पर बैंकों द्वारा गारंटी ली गई है या बिना गारंटी के वितरण किये हैं? यदि गारंटी ली गई है तो बैंकवार हितग्राहियों की सूची पटल पर रखें? (ग) मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना के तहत 20000/- से 1000000/- तक के ऋणों का 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में गुना में जिलेवार कितना लक्ष्‍य दिया गया है?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना में विभाग द्वारा गुना जिले को वर्ष 2014-15 में 1720 का लक्ष्‍य दिया गया था। योजना अंतर्गत 521 प्रकरण प्राप्‍त हुये। टॉस्‍कफोर्स समिति द्वारा पूर्ण 521 प्रकरणों में अनुशंसा की गई एवं बैंकों द्वारा 36 प्रकरण राशि रू. 125.97 लाख के स्‍वीकृत किये गये। उक्‍त योजना दिनांक 31.07.2014 को बंद हो गई है। (ख) वर्ष   2014-15 (31.07.2015 तक ही योजना विभाग द्वारा संचालित की गई) में स्‍वीकृत 36 प्रकरणों में से 02 प्रकरण राशि रू. 2.50 लाख के बैंकों द्वारा वितरित किये गये। जिनमें गारंटी सी.जी.टी.एम.एस.ई. से कव्‍हर करने का प्रावधान था। बैंक द्वारा हितग्राहियों से अतिरिक्‍त मार्जिन मनी आवश्‍यकतानुसार लेने का प्रावधान है।        (ग) मुख्‍यमंत्री युवा स्‍वरोजगार योजना वर्ष 2014-15 में जिले का लक्ष्‍य 1720 था। उक्‍त योजना दिनांक 31.07.2014 को बंद हो गई है। अत: शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कन्‍सलटेंसी/एजेंसी के संबंध में

136. ( क्र. 2662 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या केन्‍द्रीय/राज्‍य सरकार की योजनाओं हेतु डी.पी.आर. बनाने और मॉनिटरिंग/बिल/माप कार्य के लिये कन्‍सलटेंसी/एजेंसी विभाग द्वारा निविदा के माध्‍यम से नियुक्‍त किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्‍तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक जबलपुर संभाग के क्षेत्रांतर्गत किन-किन एजेंसी/कन्‍सलटेंसी को कब-कब, किन-किन दर पर किन-किन कार्यों हेतु नियुक्‍त किया गया बतावें? (ग) कन्‍सलटेंसी/एजेंसी को प्रत्‍येक कार्य का कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) सामान्‍य तौर पर प्रश्‍नाधीन कार्य विभागीय रूप से कराये जाते हैं परंतु कार्य की समय-सीमा, महत्‍ता व अमले की कमी होने पर निविदा से भी कराये जा सकते हैं। (ख) एवं (ग) वित्‍तीय वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक जबलपुर संभाग के क्षेत्रांतर्गत 4 सिंचाई परियोजनाओं के सर्वेक्षण कार्य सहित डी.पी.आर. कार्य समय-सीमा, कार्य की महत्‍ता एवं शासकीय अमले की कमी को दृष्टिगत रखते हुए निविदा/पीसवर्क के माध्‍यम से एजेंसियां नियुक्‍त कर संपादित कराए गए। विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''सतासी''

शराब दुकानों का आवंटन

137. ( क्र. 2663 ) श्री संजय उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में विभाग की आबकारी नीति अनुसार देशी एवं विदेशी शराब की दुकान ई. निविदा के माध्‍यम से आवंटित की गई? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग की शराब दुकानें वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से 2015-16 में कौन-कौन सी देशी-विदेशी शराब दुकान कितनी-कितनी राशि/दर पर किन-किन ठेकेदारों/फर्मों को आवंटित की गई? प्रत्‍येक शराब दुकान की शासकीय बोली/दर सहित जानकारी देवें? (ग) प्रदेश सरकार की आबकारी नीति की प्रति उपलब्‍ध करावें एवं शासकीय बोली/दर से कम दर/राशि आने पर किन परिस्थितियों में दुकान ठेकेदार को आवंटित की जाती है? नियम, आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें? (घ) शासकीय बोली/दर/राशि से कम दर/राशि आने पर दर/राशि स्‍वीकृत करने के अधिकार किसे प्रदत्‍त किये गये है?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में विभाग की आबकारी नीति अनुसार देशी एवं विदेशी शराब की दुकान ई-निविदा के माध्‍यम से आवंटित नहीं की जाती हैं। (ख) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। (ग) वर्ष    2016-17 के लिये प्रदेश सरकार द्वारा घोषित आबकारी नीति के अनुरूप मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 73 दिनांक 05.02.2016 में प्रकाशित विज्ञप्ति की प्रति विधान सभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शासकीय बोली/दर से कम दर/ राशि आने पर जिला समिति से प्राप्‍त प्रस्‍ताव पर विभाग द्वारा निर्णय लिया जाता है। जिसका विवरण मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 73 दिनांक 05.02.2016 में प्रकाशित विज्ञप्ति की कण्डिका क्रमांक 18.23 अनुसार है। (घ) शासकीय बोली दर/राशि से कम/दर/राशि आने पर दर/राशि स्‍वीकृत करने के अधिकार विभाग को है।

विभागीय बजट खर्च

138. ( क्र. 2672 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा वित्‍तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में किन-किन विभागों को कितना-कितना बजट आवंटित किया गया था? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार आवंटित बजट का विभागवार खर्च का ब्‍यौरा दें? (ग) क्‍या आवंटित बजट का पूर्ण खर्च नहीं हुआ? यदि हाँ, तो किन-किन विभागों द्वारा बजट खर्च नहीं किया? क्‍या खर्च नहीं होने से किसी योजना अथवा निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है? यदि हाँ, तो ब्‍यौरा दें?       (घ) बजट खर्च नहीं होने से अधूरी रही योजनाओं के लिये जिम्‍मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्‍तीय वर्ष 2013-14, 2014-15 के विनियोग लेखे विधान सभा पटल पर रखे जा चुके हैं। 2015-16 के विनियोग लेखे भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक से अप्राप्‍त होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं हैं। (ख) प्रश्‍नांश '''' अनुसार। (ग) प्रश्‍नांश '''' अनुसार, अव्‍ययित राशि से निर्माण कार्यों के प्रभावित होने का प्रत्‍यक्ष संबंध नहीं हैं, क्‍योंकि राशियां निर्माण कार्यों के इतर अन्‍य बहुत से मदों में भी व्‍यय की जाती हैं एवं विनियोग राशि में अवशेष रहती हैं। (घ) योजनायें कार्य की प्रकृति के अनुसार कम अवधि/मध्‍यम अवधि/दीर्घावधि तक निरंतर/पूर्ण होती हैं। यह एक सतत् प्रक्रिया हैं। जिन योजनाओं में प्रक्रिया से विलंब जानबूझकर किया जाता है, उनमें कार्यवाही की जाती हैं।

विद्युत मीटर रीडिंग के संबंध में

139. ( क्र. 2675 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीहोर रायसेन एवं बैतूल जिले में विद्युत उपभोक्‍ताओं के मीटर की रीडिंग लिये जाने, बिल बनाए जाने, बिलों का वितरण किए जाने के संबंध में कितने कर्मचारी विद्युत वितरण कंपनी के कार्य कर रहे है, कितने कर्मचारी किस सर्विस प्रोवाइडर के लिये काम कर रहे हैं, कितने कर्मचारी अनुबंध पर कार्य कर रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्तमान में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने कनेक्‍शन शहरी क्षेत्र में एवं   किस-किस श्रेणी के कितने-कितने कनेक्‍शन ग्रामीण क्षेत्र में है? इनके मीटरों की रीडिंग कितने माह के अंतराल के बाद ली जा रही है? कितने माह का बिजली बिल एक साथ दिया जा रहा है? (ग) प्रतिमाह मीटर रीडिंग ली जाकर उसके आधार पर प्रतिमाह बिजली का बिल वितरित न किए जाने का क्‍या कारण है एवं एवरेज बिलिंग किए जाने का क्‍या कारण है? (घ) प्रतिमाह रीडिंग ली जाकर प्रतिमाह बिजली बिल दिए जाने के संबंध में क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सीहोर, रायसेन एवं बैतूल जिलों में विद्युत उपभोक्‍ताओं की मीटर रीडिंग लिये जाने, बिल बनाये जाने एवं बिलों का वितरण किये जाने हेतु मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी तथा सर्विस प्रोवाईडर के सेवारत कर्मचारियों/कार्मिकों का जिलेवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उपरोक्‍तानुसार सीहोर एवं रायसेन जिलों में मेसर्स ऐशकॉम मीडिया इंडिया प्रा.लि., भोपाल एवं बैतूल जिले में मेसर्स थर्ड आई सिक्‍यूरिटी प्रा.लि., इन्‍दौर तथा मेसर्स वर्ल्‍ड क्‍लास सर्विसेज प्रा.लि., इन्‍दौर सर्विस प्रोवाइडरों के कर्मचारी कार्यरत है। उक्‍त कार्य हेतु प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में कोई भी कर्मचारी अनुबंध पर कार्यरत नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार सीहोर, रायसेन एवं बैतूल जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में श्रेणीवार कनेक्‍शनों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। कृषि श्रेणी को छोड़कर सभी श्रेणियों के कनेक्‍शनों में प्रतिमाह मीटर रीडिंग करवाकर बिल वितरित किये जा रहे हैं। कृषि श्रेणी के कनेक्‍शनों को नियमानुसार छ: माह में एक बार बिल दिया जा रहा है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार कृषि श्रेणी को छोड़कर सभी श्रेणियों के कनेक्‍शनों में प्रतिमाह मीटर रीडिंग कराई जाकर बिल वितरित किये जा रहे हैं। मीटर बंद/खराब पाये जाने की स्थिति में विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.35 के प्रावधानों के अनुसार मीटर त्रुटिपूर्ण होने के पूर्व के 3 माहों की औसत खपत के बिल जारी किए जाते हैं। (घ) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) में दर्शाए अनुसार नियमों के अनुरूप कृषि श्रेणी को छोड़कर अन्‍य सभी श्रेणी के कनेक्‍शनों में प्रतिमाह मीटर रीडिंग करवाकर बिल दिये जा रहे हैं, अत: तत्संबंध में अन्‍य कोई कार्यवाही किया जाना आवश्‍यक नहीं है।

परिशिष्ट - ''अठासी''

रेत की खदानों का आरक्षण

140. ( क्र. 2681 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन खनिज साधन विभाग भोपाल एवं खनिज संचालनालय भोपाल ने किस जिले में किस रेत की खदान को नीलामी एवं आवंटन के लिए चिन्‍हांकित न कर खदान में कितनी मात्रा बताकर ऑनलाईन नीलामी के लिए स्‍वयं ने प्रस्‍तावित किया, किस खदान की राज्‍य खनिज विकास निगम ने प्रस्‍तावित किया? (ख) राज्‍य शासन, खनिज संचालनालय एवं खनिज विकास निगम भोपाल में ऑनलाईन नीलामी की प्रक्रिया में किस खदान की अधिकतम् कितनी बोली को स्‍वीकार कर उस खदान से कितनी मात्रा में रेत की निकासी का गत एक वर्ष में किससे अनुबंध किया है? अनुबंधकर्ता के पूर्ण पते सहित बतावें? (ग) अनुबंधकर्ता को रायल्‍टी, वेट कर, व्‍यवस्‍था शुल्‍क के रूप में प्रति क्‍यूबिक मीटर कितनी राशि की वसूली के अधिकार हैं, रेत का प्रति क्‍यूबिक मीटर कितना अधिकतम मूल्‍य वसूल किए जाने के क्‍या-क्‍या अधिकार किस नियम एवं अनुबंध की किस शर्त के अनुसार दिया गया है? (घ) रेत की खदान पर रेत का मूल्‍य, रायल्‍टी, वेट कर, व्‍यवस्‍था शुल्‍क बोर्ड पर प्रदर्शित किए जाने, वसूल की गई राशि की रसीद दिए जाने के संबंध में क्‍या प्रावधान प्रचलित है उनका पालन न करने वाले अनुबंधकर्ता के विरूद्ध किन कार्यवाहियों के किसे क्‍या अधिकार हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित विभाग तथा संचालनालय द्वारा आनलाईन नीलामी हेतु प्रस्‍तावित रेत खदानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम के पक्ष में स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टों के भाग को मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम द्वारा ऑनलाईन नीलामी हेतु प्रस्‍तावित रेत खदानों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ-1'' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अनुरूप विभाग तथा संचालनालय से संबंधित वांछित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम से संबंधित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब-1'' अनुसार है।    (ग) रायल्‍टी की राशि अधिसूचित दरों से वसूल करने के प्रावधान है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित शेष प्रावधान मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में नहीं होने से प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) अधिसूचित मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में प्रश्‍नांश अनुरूप कोई प्रावधान नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

गौण खनिज रेत की खदान आरक्षण

141. ( क्र. 2682 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 के नियम 3 में गौण खनिज रेत, मुरम, मिट्टी, पत्‍थर आदि के संबंध में किस-किस को क्‍या-क्‍या छूट दी गई है? इस छूट के अनुसार खदानों के आरक्षण एवं अनुमति प्राप्‍त किए जाने के संबंध में मध्‍य प्रदेश शासन, खनिज साधन विभाग ने किस-किस दिनांक को पत्र जारी किए हैं? किस पत्र में क्‍या निर्देश दिए हैं? (ख) राज्‍य शासन द्वारा जारी पत्रों के अनुसार शासकीय कार्यों एवं ग्रामीण विकास कार्यों में लगने वाली ''रेत'' की किस जिले में कितनी खदान आरक्षित की गई, नीलाम की गई रेत की खदानों से शासकीय कार्यों एवं ग्रामीण विकास कार्यों के लिए रेत उपलब्‍ध करवाए जाने के संबंध में क्‍या प्रावधान कर किस दिनांक को पत्र जारी किए? प्रति सहित बतावें? (ग) शासकीय कार्यों एवं ग्रामीण विकास कार्यों के लिए पृथक से रेत की खदान आरक्षित नहीं किए जाने के क्‍या-क्‍या कारण रहे हैं?       (घ) शासकीय कार्यों एवं ग्रामीण विकास कार्यों के लिए मिट्टी, मुरम, पत्‍थर की ही तरह रेत की खदान आरक्षित किए जाने के संबंध में शासन क्‍या कर रहा है? कब तक करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नानुसार बिना रॉयल्‍टी भुगतान के गौण खनिज का उत्‍खनन किये जाने हेतु राज्‍य शासन द्वारा तीन पृथक-पृथक निर्देश दिनांक 10.04.2013 को जारी किये गये हैं। निर्देशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-1, अ-2 एवं अ-3 पर दर्शित हैं। जिसमें प्रक्रिया संबंधी निर्देश हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार रेत खदान आरक्षित करने बावत् कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। नीलाम की गई रेत खदानों से प्रश्‍नानुसार कार्यों के लिये रेत उपलब्‍ध कराने के लिये कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय कार्यों के लिये मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में उत्‍खनन अनुज्ञा स्‍वीकृत किये जाने का प्रावधान है। ग्रामीण विकास कार्यों हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-2 में निर्देश जारी किये गये हैं। अत: पृथक से अन्‍य कोई कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये उत्‍तर अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

निजी क्षेत्र से विद्युत का क्रय

142. ( क्र. 2684 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में राज्‍य में स्‍थापित किस-किस निजी विद्युत परियोजना से, राज्‍य शासन, शासकीय उपक्रम एवं कंपनी द्वारा किस दर से किस अवधि के लिए कितनी बिजली क्रय किए जाने का अनुबंध किस दिनांक को किया है?           (ख) अनुबंधित शर्त के अनुसार गत तीन वर्षों से किस निजी विद्युत परियोजना से कितनी बिजली क्रय की जानी थी? कितनी बिजली किस दर पर क्रय की गई, निजी बिजली कंपनी ने कितनी बिजली का किस दर से बिल प्रस्‍तुत किया, किस दर से उसे कितना भुगतान किया गया? (ग) अनुबंधित शर्तों का पालन न किए जाने के संबंध में राज्‍य सरकार की किस निजी विद्युत परियोजना के संबंध में गत तीन वर्षों में जानकारी प्राप्‍त हुई? उस पर राज्‍य शासन ने किस दिनांक को क्‍या कार्यवाही की है? क्‍या कार्यवाही प्रचलित है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित परियोजनाओं से वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 (माह मई- तक) कितनी बिजली क्रय की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) विगत तीन वर्षों में राज्‍य में स्‍थापित निजी ताप विद्युत परियोजनाओं से बिजली क्रय किए जाने हेतु किये गये अनुबंधों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' में दर्शाए अनुसार है। इन निजी क्षेत्र की कंपनियों से निष्‍पादित बिजली क्रय के अनुबंधों के अनुसार यथोचित नियामक आयोग द्वारा विधि के अंतर्गत निर्धारित दर पर, इन परियोजनाओं से बिजली क्रय की जाती है तथा मेसर्स सासन पावर लिमिटेड से प्रतिस्‍पर्धात्‍मक निविदा पद्धति के आधार पर प्राप्‍त दर पर विद्युत क्रय की जा रही है। (ख) निजी ताप विद्युत परियोजना से संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' में दर्शाएनुसार अनुबंधित क्षमता (मेगावाट में) के अनुसार बिजली क्रय की जानी थी। तथापि, वास्‍तविक क्रय, मांग एवं आपूर्ति के अंतर के आधार पर मेरिट ऑर्डर डिस्‍पेच अनुसार किया जाता है। विद्युत क्रय अनुबंध के अनुसार विकासकों द्वारा यथोचित नियामक आयोग द्वारा विधि के अन्‍तर्गत निर्धारित दर पर विद्युत प्रदाय की जाना है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ के दो भाग होते हैं यथा नियत प्रभार तथा ऊर्जा दर, जिनके अनुसार विद्युत उत्‍पादक अपने बिल प्रस्‍तुत करते हैं। ऊर्जा दर की गणना आयोग द्वारा अनुमोदित फार्मूला के अनुसार की जाती है, जिसका पालन सभी उत्‍पादकों को बिल की गणना करते समय अनिवार्य रूप से करना पड़ता है। उत्‍पादक द्वारा प्रस्‍तुत बिल में की गई ऊर्जा दर की गणना की एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा जाँच की जाती है एवं यदि उसमें यथोचित आयोग द्वारा अनुमोदित फार्मूला से अंतर पाया जाता है, तो उसे संशोधित कर दिया जाता है। क्रय की गई बिजली (मात्रा मिलियन यूनिट में) का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के    प्रपत्र-'' में दर्शाया गया है। (ग) निजी ताप विद्युत कंपनियों के द्वारा अनुबंध की शर्तों का पालन किया जा रहा है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं उठता है। (घ) विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' में दर्शाए अनुसार है।

परिशिष्ट - ''नवासी''

राज्‍य में निजी क्षेत्र द्वारा बिजली का उत्‍पादन

143. ( क्र. 2685 ) श्रीमती झूमा सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य में निजी क्षेत्र के द्वारा किए जा रहे विद्युत उत्‍पादन पर राज्‍य सरकार को किस दर से कौन-कौन सा टैक्‍स प्राप्‍त हो रहा है? सरकारी कंपनी एवं उपक्रम द्वारा उत्‍पादित बिजली पर किस दर से कौन-कौन सा टैक्‍स मिलता है?          (ख) राज्‍य सरकार को गत दो वर्षों में किस-किस निजी क्षेत्र के विद्युत उत्‍पादन केन्‍द्र से कितनी यूनिट बिजली उत्‍पादन पर किस दर से कितना-कितना टैक्‍स प्राप्‍त हुआ? कितना टैक्‍स उपरोक्‍त अवधि का प्राप्‍त होना शेष है? (ग) राज्‍य सरकार को गत दो वर्षों में सरकारी कंपनी या उपक्रम कि किस विद्युत गृह से उत्‍पादित कितनी बिजली पर किस दर से कितना टैक्‍स प्राप्‍त हुआ? कितना टैक्‍स उपरोक्‍त अवधि का प्राप्‍त होना शेष है? (घ) निजी क्षेत्र के किस पावर हाउस ने गत दो वर्षों में किस-किस माह में    कितने-कितने दिन कितनी-कितनी बिजली का उत्‍पादन किया?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) विद्युत के उत्‍पादन पर कोई टैक्‍स देय नहीं है। सरकारी कम्‍पनी एवं उपक्रम द्वारा उत्‍पादित बिजली पर भी कोई टैक्‍स देय नहीं हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार विद्युत उत्‍पादन पर टैक्‍स देय नहीं होने से प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) उत्‍तरांश (क) अनुसार टैक्‍स देय नहीं होने से प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) निजी क्षेत्र के पावर हाऊस के विद्युत उत्‍पादन की जानकारी ऊर्जा विभाग अथवा म.प्र. पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा संचालित नहीं की जाती।

विज्ञापनों पर व्‍यय

144. ( क्र. 2709 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 एवं 2016 में अब तक किस-किस विभाग के लिए कितने एवं कौन-कौन से विज्ञापन, सूचनाओं का प्रचार-प्रचार किया गया? (ख) उपरोक्‍त (क) अंतर्गत प्रकाशित विज्ञापनों पर हुए व्‍यय का ब्‍यौरा क्‍या है? (ग) उपरोक्‍त अवधि में राष्‍ट्रीय एवं अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर कौन-कौन से विज्ञापन प्रचार-प्रसार हेतु प्रिंट मीडिया एवं इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया के माध्‍यम से किये? मदवार, व्‍ययवार संपूर्ण ब्‍यौरा दें?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।

रिक्‍त पदों पर आरक्षण का प्रावधान

145. ( क्र. 2710 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की लोक सेवा एवं पदों में आरक्षण का प्रावधान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्‍य पिछड़ा वर्ग के लिए कितना-कितना प्रतिशत है? क्‍या उक्‍त प्रतिशत आधार पर अब तक पदों एवं लोक सेवा में आरक्षण पालन किया गया है? (ख) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग तथा नि:शक्‍तजनों के बैकलाग पूर्ति के लिए चलाये गये विशेष भर्ती अभियान का 30 जून 2016 तक का ब्‍यौरा व वर्तमान स्थिति का ब्‍यौरा है? (ग) नि:शक्‍तजनों के लिए आरक्षित रिक्‍त पदों की वर्ष 2014 से जून 2016 का जिलेवार ब्‍यौरा क्‍या है तथा ''वॉक-इन-इंटरव्‍यू'' की नीति के अब तक के परिणामों की सफलता का ब्‍यौरा क्‍या है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) म.प्र. लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्‍य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम, 1994 की धारा-4 (2) (एक) में सीधी भर्ती के प्रथम में प्रथम वर्ग, द्वितीय वर्ग, तृतीय वर्ग एवं चतुर्थ वर्ग में राज्‍य स्‍तर पर किसी भर्ती के वर्ष में उद्भू्त होने वाली रिक्तियों में अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति को 20 प्रतिशत एवं अन्‍य पिछड़े वर्गों को 14 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नगरीय प्रशासन द्वारा पदोन्‍नति

146. ( क्र. 2724 ) श्री मनोज कुमार अग्रवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कार्यालय संयुक्‍त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग रीवा में पदस्‍थ सहायक यंत्री श्री राकेश तिवारी की पदोन्‍नति नगरीय प्रशासन द्वारा किस दिनांक को की गयी है? (ख) यदि पदोन्‍नति का आधार बी.ई./एम.आई.ई. की डिग्री है तो क्‍या श्री तिवारी द्वारा प्रस्‍तुत डिग्री का सत्‍यापन किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) श्री राकेश तिवारी सहायक यंत्री द्वारा प्रस्‍तुत डिग्री का सत्‍यापन संबंधित संस्‍था से कराया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4-150/2014/18-1      दिनांक 22-01-2016 से। (ख) जी हाँ। (ग) उत्‍तारंश के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

स्‍लीमनाबाद केरियर कैनाल के संबंध में

147. ( क्र. 2743 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत स्‍लीमनाबाद, केरियर कैनाल (बर्गी दांई तट कैनाल) आर.डी. 104 कि.मी. से आर.डी. 129 कि.मी. के निर्माण में शासन को कई करोड़ रूपये की आर्थिक क्षति पहुंचाने की शिकायत कटनी के बहोरीबंद क्षेत्र के विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 2364 दिनांक 30.10.2015 से म.प्र. शासन को, दिनांक 16.09.2015 से प्रमुख सचिव नर्मदा घाटी को एवं  कटनी के स्‍थानीय नागरिक         श्री चन्‍द्रशेखर अग्निहोत्री द्वारा दिनांक 24.11.2015 को मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन को दिनांक 18.08.2015 को कलेक्‍टर कटनी को तथा दिनांक 16.09.2015 को मुख्‍य अभियंता अपर नर्मदा जोन बर्गी हिल्‍स जबलपुर को की गई है तथा दिनांक 25.10.2015 को मुख्‍य सचिव म.प्र. शासन को चन्‍द्रशेखर अग्निहोत्री द्वारा की जाकर दिनांक 03.11.2015 को पावती प्राप्‍त की गई है, जिसकी जाँच क्‍या शिकायतकर्ता को सुना जाकर जाँच की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) सतना जिले के मैहर एवं नागौद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बरगी कैनाल कहाँ-कहाँ, कितने किलोमीटर तक पूर्ण कर ली गई है? कितनी शेष है? उक्‍त नहर निर्माण के किस-किस बीच में   क्‍या-क्‍या कार्य कितनी लागत के किस-किस ठेकेदार से कराये गये हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के कार्यों में की गई अनियमितताओं एवं गुणवत्‍ता के संबंध में वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब, किस-किस के द्वारा शिकायतें की गई? शिकायतवार एवं कार्यवाहीवार विवरण देवें?

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) मुख्‍य अभियंता, अपर नर्मदा जोन, जबलपुर द्वारा जाँच की जा चुकी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।         (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

प्रदूषण विभाग द्वारा बिना सम्‍मति प्राप्‍त किए उद्योगों के विरूद्ध कार्यवाही

148. ( क्र. 2744 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी जिले में कौन-कौन सी राईस एवं दाल मिलें हैं, जिन्‍हें प्रदूषण विभाग से पर्यावरणीय अधिनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत बोर्ड द्वारा सम्‍मति प्राप्‍त नहीं की, विवरण दें तथा जिनके द्वारा सम्‍मति प्राप्‍त नहीं की उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या कटनी के नागरिक श्री चन्‍द्रशेखर अग्निहोत्री (राजगुरू) द्वारा कलेक्‍टर कटनी को दिनांक 18.04.2016 एवं 16.05.2016 एवं उसी पत्र की प्रतिलिपि क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कटनी को दिनांक 23.04.2016 एवं 17.05.2016 लिखकर लाल ईंट बनाने वालों द्वारा प्रदूषण किया जा रहा है। उस पर कार्यवाही किए जाने को लिखा था? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) यदि हाँ, तो क्‍या शिकायतकर्ता को सुना जाकर बिना सम्‍मति प्राप्‍त चल रहे उद्योगों को जाँच कराकर क्षेत्रीय अधिकारी कटनी को हटाकर जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) क्षेत्रीय कार्यालय, कटनी के अंतर्गत कटनी जिले में 31 राईस मिल एवं 181 दाल मिल स्थापित है, जिनके द्वारा बोर्ड से सम्मति प्राप्त की गई है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) जी हाँ। बोर्ड द्वारा वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम,1981 के तहत् न्यायालयीन वाद दायर किये गये है, की गई कार्यवाही से शिकायतकर्ता को भी सूचित किया गया है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना

149. ( क्र. 2759 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत 11 वी योजना में झाबुआ एवं अलीराजपुर जिले को कितना बजट प्राप्‍त हुआ है? उक्‍त योजना में कराये गये कार्यों के स्‍टीमेट एवं बिल की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत 11वीं योजना का टेण्‍डर किस कंपनी का है कंपनी द्वारा कितने बी.पी.एल. परिवारों को लाभांवित किया गया? (ग) क्‍या विभाग द्वारा बी.पी.एल. परिवारों को लाभांवित किये जाने हेतु लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है, किन्‍तु जिस कंपनी को टेण्‍डर हुआ है उसके द्वारा निर्धारित लक्ष्‍य अनुसार कार्य नहीं किया गया? यदि हाँ, इसका क्‍या कारण है? (घ) राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना अंतर्गत 11 वीं योजना में वर्तमान तक कितना कार्य किया गया है तथा कितना शेष है तथा कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलों हेतु क्रमश: राशि      रू. 48.28 करोड़ एवं राशि रू. 37.19 करोड़ की योजना स्‍वीकृत हुई थी। उक्‍त योजना के अंतर्गत स्‍वीकृत प्राक्‍कलन एवं बिलों की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलो का कार्य निविदा के माध्‍यम से ठेकेदार एजेंसी मेसर्स वोल्‍टेक प्रोजेक्‍ट प्राईवेट लिमिटेड चेन्‍नई को दिया गया था। उक्‍त ठेकेदार एजेंसी से सम्‍पादित कराए गए कार्यों से झाबुआ जिले में 25178 एवं अलीराजपुर जिले में 24980 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्‍क बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान कर लाभान्वित किया गया है। (ग) निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार झाबुआ जिले में 32187 एवं अलीराजपुर जिले में 25173 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान कर लाभान्वित किया जाना प्रावधानित था परन्‍तु योजना की स्‍वीकृत लागत के अंतर्गत स्‍थापित की गई नवीन लाईनों एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों द्वारा झाबुआ जिले में 25178 एवं अलीराजपुर जिले में 24980 बी.पी.एल. परिवारों को ही उक्‍तानुसार बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान कर लाभान्वित किया जा सका है। शेष बचे बी.पी.एल. हितग्राहियों को 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान कर लाभान्वित किया जावेगा। उक्‍त योजनान्‍तर्गत कार्य प्रगति पर है एवं समस्‍त कार्यों को माह नवम्‍बर-2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (घ) 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत झाबुआ एवं अलीराजपुर जिलों में प्रावधानित एवं पूर्ण किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। उक्‍त योजना के अंतर्गत स्वीकृत राशि के अनुरूप सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा योजना की क्‍लोजर रिपोर्ट आर.ई.सी. लिमिटेड द्वारा स्‍वीकृत की जा चुकी है। उल्‍लेखनीय है कि वर्तमान में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में प्रश्‍नाधीन जिलों में विद्युतीकरण के कार्य प्रगति पर है, जिन्‍हें नवम्‍बर, 2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

उद्योगों की स्‍थापना

150. ( क्र. 2778 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में कितने उद्योगों की स्‍थापना वर्ष 2010 से प्रश्‍नांश तक में की गई का विवरण देते हुए बतावें कि इनके द्वारा    कौन-कौन सी सामग्री तैयार की जा रही है? क्‍या इनके द्वारा बैंकों से अनुदान प्राप्‍त किया गया है? यदि हाँ, तो बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में स्‍थापित उद्योगों को जमीन शासन द्वारा लीज अथवा पट्टे पर उपलब्‍ध करायी है तो कितने-कितने वर्षों के लिए एवं किस शर्त के साथ? क्‍या इनमें से कुछ उद्योग अपने निजी भूमि पर भी संचालित हैं, की भी जानकारी दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अगर आवंटित भूमियों पर उद्योग स्‍थापित नहीं किये गये, उन जमीनों का उपयोग अन्‍य कार्यों हेतु किया जा रहा है, तो उनसे जमीन वापस कर दूसरे लोगों को उद्योग हेतु आवंटित करेंगे? साथ इनके द्वारा प्रदूषण से मुक्ति बाबत् क्‍या योजना सरकार ने तैयार की है?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उद्योगों को बैंकों द्वारा अनुदान नहीं दिया जाता है। (ख) स्‍थापित उद्योगों को शासन द्वारा 30 एवं 99 वर्षों के लिये लीज पर जमीन उपलब्‍ध कराई जाती है। जिसकी शर्तें संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। औद्योगिक क्षेत्रों एवं निजी भूमि पर संचालित उद्योगों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जिन आवंटी ईकाइयों द्वारा उद्योग स्‍थापित नहीं किये जाते या जमीनों का उपयोग अन्‍य प्रयोजन हेतु किया जाता है उनके विरूद् लीज डीड की कंडिकाओं के अनुसार कार्यवाही कर जमीन वापस प्राप्‍त कर अन्‍य को आवंटित की जाती है। प्रदूषण से मुक्ति बाबत् योजना नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा संचालित की जा रही हैं।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना

151. ( क्र. 2781 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नोत्‍तरी दिनांक 18.03.2016 में मुद्रित प्रश्‍न संख्‍या-74 (क्रमांक 5596) के उत्‍तर में (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है, दिया है? (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो जानकारी प्राप्‍त कर ली है। जानकारी के आधार पर क्‍या दोषियों की पहचान कर दोषियों के विरूद्ध कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई? अगर कार्यवाही प्रस्‍तावित नहीं की गई तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही समय पर संबंधितों द्वारा नहीं की गई, इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? इनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे? करेंगे तो कब तक अगर नहीं तो क्‍यों?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) वर्ष 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक आबकारी विभाग की जानकारी निरंक है। पुलिस विभाग द्वारा उपलब्‍ध कराई गई जानकारी अनुसार 36 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये थे। कार्यालयीन अभिलेखों से उन सभी प्रकरणों का मिलान करने पर पुलिस द्वारा 23 प्रकरणों में मदिरा दुकानों के 8 लायसेंसियों को आरोपी बनाया गया है। पुलिस द्वारा पुन: उपलब्‍ध कराई गई जानकारी दिनांक 16.07.2016 अनुसार सभी प्रकरण सक्षम न्‍यायालय में समय पर प्रस्‍तुत किये हैं। उनमें से 7 प्रकरणों में तीन लायसेंसियों को न्‍यायालय द्वारा अर्थदण्‍ड से दण्डित किया है। शेष प्रकरण न्‍यायालय में विधाराधीन है। न्‍यायालय द्वारा निराकृत एवं न्‍यायालय में विचाराधीन प्रकरणों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।    (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में आबकारी विभाग की जानकारी निरंक है। पुलिस द्वारा लायसेंसियों के विरूद्ध पंजीबद्ध प्रकरणों में दिनांक 16.07.2016 को उपलब्‍ध कराई गई जानकारी अनुसार माननीय न्‍यायालय द्वारा 03 लायसेंसियों को अर्थदण्‍ड से दण्डित किया है, शेष प्रकरण न्‍यायालय में विधाराधीन है। न्‍यायालय द्वारा अर्थदण्‍ड से दण्डित किये गये लायसेंसियों के विरूद्ध वैधानिक परामर्श लेकर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।

परिशिष्ट - ''नब्बे''

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

152. ( क्र. 2784 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बाणसागर क्‍योंटी नहर अंतर्गत उपसंभाग क्र.-03 टनल गोविन्‍दगढ़ द्वारा कितने गाँवों को सिंचाई हेतु पानी किसानों को दिया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सिंचाई बाबत् माइनर नहरों एवं वितरिकाओं का निर्माण किन-किन वर्षों में एवं कितनी-कितनी लागत से कहाँ से कहाँ तक किन-किन ग्रामों तक कराया गया, का विवरण देवें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तारतम्‍य में क्‍या माइनर नहरों का निर्माण न कराकर ग्राम बम्‍हनगाँव, कस्‍तरी, पिपरा, डिहिया एवं कस्‍तरा सहित अन्‍य गाँवों में पानी सिंचाई हेतु न देकर जबरन भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 146 के तहत् वर्ष 2013 एवं 2014 में जलकर वसूली की नोटिस किसानों को जारी की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्र.494/गुढ़-75/2016 दिनांक 23.04.2016 के माध्‍यम से किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध कराये बगैर जबरन जलकर वसूली किये जाने पर मुख्‍य अभियंता गंगा कछार रीवा को कार्यवाही हेतु लिखा था? (ड.) प्रश्‍नांश (ख) की नहरों का निर्माण नहीं किया गया एवं (ग) अनुसार किसानों से जलकर की वूसली बगैर सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जा रहा है? (घ) अनुसार पत्र पर कार्यवाही न करने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्‍या एवं किस स्‍तर की कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे? करेंगे तो कब तक अगर नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) 90 ग्रामों को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है। (ग) जी नहीं। ग्राम बमनगंवा, कस्तरी, पिपरा एवं डिहिया के कृषकों को भटलो माइनर नहर का निर्माण कराकर उनके स्वयं के साधन से सिंचाई सुविधा प्रदान की गई, जिसकी राजस्व वसूली हेतु नोटिस जारी किए गए। (घ) एवं (ड.) जी हाँ। मान. प्रश्नकर्ता सदस्‍य को अनुविभागीय अधिकारी के पत्र दिनांक 30.06.2016 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार वस्‍तुस्थिति से अवगत कराया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

आदिवासी क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय

153. ( क्र. 2786 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्‍य ग्रामों में घर-घर तक बिजली पहुंचाने की क्‍या-क्‍या योजनाएं हैं? क्‍या इन योजनाओं के माध्‍यम से शतप्रतिशत ग्रामों तक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में जिन ग्रामों में विद्युतीकरण हो गया है वहां के ग्रामीणों को प्रतिमाह विद्युत बिल वितरण किये जा रहे है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) प्रतिमाह विद्युत बिलों का वितरण नहीं होने के संबंध में कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई तथा इसके लिए   कौन-कौन अधिकार कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सैलाना विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्‍य ग्रामों एवं मजरों/टोलों में घर-घर तक बिजली पहुंचाने का कार्य दीनदयाल ग्राम ज्‍योति योजना के अंतर्गत सम्मिलित ग्रामों के सघन विद्युतीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत किया जा रहा है। जी हाँ, उक्‍त योजना के माध्‍यम से प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में शतप्रतिशत अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) सैलाना विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत विद्युतीकृत ग्रामों के सिंचाई पम्‍प कनेक्‍शन उपभोक्‍ताओं को छोड़कर सभी विद्युत उपभोक्‍ताओं को प्रतिमाह विद्युत देयक वितरित किये जा रहे हैं। (ग) प्रतिमाह विद्युत बिलों का वितरण नहीं होने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।

जनजा‍तीय बाहुल्‍य क्षेत्र में संस्‍कृति के अनुरक्षण हेतु केन्‍द्र की स्‍थापना

154. ( क्र. 2801 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में जनजा‍तीय बाहुल्‍य क्षेत्र में जिस प्रकार से जनजातीय विकास हेतु पिपराही परियोजना संचालित है? उसी प्रकार संस्‍कृत विभाग द्वारा लोक कला साहित्‍य एवं संस्‍कृति का अनुरक्षण संरक्षण प्रोत्‍साहन, प्रदर्शन, प्रशिक्षण हेतु उद्देश्‍य की प्राप्ति हेतु संवैधानिक बाध्‍यता अंतर्गत संस्‍कृति विभाग द्वारा केन्‍द्र खोला जावेगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में यदि हाँ, तो उसका सर्वेक्षण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र मऊगंज 71 में स्‍वाधीनता संघर्ष सेना‍नियों/शहीदों की स्‍मृति में शहीद स्‍तम्‍भों तथा स्‍मारकों की स्‍थापना हेतु स्‍थल का परीक्षण कराकर इन्हें एक जगह संरक्षित किया जावेगा? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संबंध में यदि हाँ, तो उसका सर्वेक्षण कराया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) चित्रकूट में कला एवं संस्‍कृति के अनुरक्षण एवं प्रोत्‍साहन के लिए पूर्व से ही केन्‍द्र स्‍थापित है. जो उद्देश्‍य प्राप्ति हेतु कार्य कर रहा है. पृथक से अब और केन्‍द्र की आवश्‍यकता नहीं. (ख) प्रश्‍नांश अनुसार. (ग) विभाग के अंतर्गत स्‍वराज संस्‍थान संचालनालय में रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र मऊगंज 71 क्षेत्र विशेष में स्‍वाधीनता संघर्ष सेनानियों/शहीदों की स्‍मृति में शहीद स्‍तम्‍भों तथा स्‍मारकों की स्‍थापना के संबंध में कोई विशेष योजना वर्तमान में संचालित नहीं है. अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता. (घ) प्रश्‍नांश के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता.

जाँच कराये जाने बाबत्

155. ( क्र. 2802 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र मऊगंज 71 के हनुमना ब्‍लॉक अंतर्गत पीताम्‍बर गढ़ बांध (तालाब) का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा निविदा जारी कर कार्य कराया गया था? यदि हाँ, तो निर्माण लागत, प्रशासनिक स्‍वीकृति, कार्य प्रारंभ का दिनांक एवं कार्य पूर्णता का‍ दिनांक, संविदाकार का नाम एवं प्राक्‍कलन की स्‍वच्‍छ प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 211 दिनांक 07.04.2016 द्वारा लेख किया था कि सीपेज/रिसाव के कारण बरसात खत्‍म होने तक बांध का पानी रिस जाता है? जिससे किसानों की समस्‍या का निदान नहीं हो सका? शासन की राशि का अपव्‍यय हुआ? जिस पर कार्यपालन यंत्री अपरपुर्वा नहर संभाग रीवा के पत्र क्रमांक 2243 दिनांक 04.05.2016 से पीताम्‍बर गढ़ तालाब योजना का स्‍लूस गेट का मरम्‍मत संविदा द्वारा कराया जा चुका है? स्‍लूस वेल के किनारे नई मिट्टी भरने के कारण कुछ मिट्टी दब गई जिसके सुधार हेतु प्राक्‍कलन तैयार कर स्‍वीकृत उपरांत कार्य पूर्ण किया जावेगा? बताया गया था? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के संदर्भ में यदि हाँ, तो क्‍या तालाब निर्माण के मिट्टी में पानी डालकर दबाया नहीं गया था? यदि हाँ, फिर कैसे मिट्टी दब गई? अगर दब गई है तो उसका मेन्‍टीनेन्‍स संविदाकार द्वारा नहीं कराया गया? क्‍या विभाग की मिली भगत से शासकीय राशि का अपव्‍यय किया गया है? किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिला है? प्राक्‍कलन तैयार कर पुन: सुधार के लिये शासकीय राशि का दुरूपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है? (घ) प्रश्‍नांश (ख), (ग) के संदर्भ में कौन-कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्‍या? कब तक? कार्यवाही की जावेगी? क्‍या संविदाकार से मरम्‍मत कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों कारण बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। निर्माण लागत रू.121.43 लाख, प्रशासकीय स्वीकृति रू.421.60 लाख, प्रारंभ दिनांक 02.02.2008, पूर्णता दिनांक 10.05.2012, संविदाकार का नाम मेसर्स विजय कुमार मिश्रा। प्राक्कलन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांकित कार्य पूर्ण करा लिया गया हैं, जिनका पृथक से कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ग) एवं (घ) कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कराए गए। डिफेक्ट लायबिलिटी की अवधि 01 वर्ष होती है। बांध 04 वर्ष पूर्व पूर्ण हो चुका है। वर्ष 2013-14 से सिंचाई का लाभ कृषकों को लगातार उपलब्ध कराया जा रहा है। परियोजना पूर्ण होने के उपरांत वार्षिक मरम्मत हेतु प्राक्कलन स्वीकृत कर कार्य कराया जाना विभागीय मापदण्डों के अंतर्गत आता है। शासकीय राशि के दुरूपयोग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

अधिकारी-कर्मचारियों की पद पूर्ति

156. ( क्र. 2808 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोक नगर जिले के सभी विभागों में सभी संवर्ग के अधिकारियों-कर्मचारियों के कितने पद भरे एवं कितने पद रिक्‍त हैं? विभागवार जानकारी देवें?        (ख) यदि सभी विभागों में संवर्गवार अधिकारी-कर्मचारी के पद रिक्‍त हैं तो इन रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ग) अशोक नगर जिले में अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व, डिप्‍टी कलेक्‍टर, नायब तहसीलदार, तहसीलदार के कितने पद रिक्‍त हैं? (घ) यदि यह पद रिक्‍त हैं तो इन पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।          (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।  

विधायक निधि आवंटन की प्रक्रिया में संशोधन

157. ( क्र. 2812 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि की राशि जिला योजना अधिकारी से सीधे निर्माण एजेंसी आर.ई.एस. को स्‍थानांतरित क्‍यों नहीं की जाती है? (ख) क्‍या वर्तमान प्रक्रिया अनुसार सीधे राशि स्‍थानांतरण संभव नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍या राशि स्‍थानांतरण की प्रक्रिया के लिये समय-सीमा निर्धारित की जा सकती है? (ग) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में विधान सभा क्षेत्र अशोकनगर में विधायक निधि से दिये गये कार्यों की निर्माण एजेंसी आर.ई.एस. को राशि का आवंटन अभी तक क्‍यों आवंटित नहीं किया गया कारण बतायें? (घ) संबंधित निर्माण एजेंसी आर.ई.एस. को राशि का आवंटन कब तक कर दिया जायेगा?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) मध्य प्रदेश शासन, वित्त विभाग भोपाल के ज्ञापन क्रमांक 118/52/2013/डी.ए./चार, भोपाल, दिनांक 2.2.2013 के अनुसार बजट कन्ट्रोलिंग ऑफीसर से क्रियान्वयन विभाग के बजट कन्ट्रोलिंग आफीसर को (बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ.) परस्पर भुगतान की व्यवस्था के निर्देश दिये गये है। (ख) जी हाँ। वर्तमान प्रक्रिया अनुसार सीधे राशि स्थानान्तरण संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की राशि आयुक्त, आर्थिक एवं सांख्यिकी द्वारा विकास आयुक्त मध्यप्रदेश को जारी की जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उपरोक्त अनुसार राशि प्रदाय की जा चुकी है।

प्रदेश में हनुमतियां टापू पर की गई व्‍यय राशि

158. ( क्र. 2834 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के हनुमतियां टापू पर पर्यटन विकास के लिए योजना प्रारंभ से आज तक कुल कितनी राशि व्‍यय की गई एवं उससे कौन-कौन से स्‍थायी एवं टेम्‍परेरी कार्य कराये गये? कार्यवार जानकारी दी जाये? (ख) पर्यटन गति‍विधियों के अंतर्गत वास्‍तविक कुल कितने पर्यटक जिन्‍होंने बुकिंग कर लाभ लिया उनकी संख्‍या कितनी थी एवं उनसे कितनी आय हुई? (ग) हनुमतियां टापू पर पर्यटन का लाभ    किन-किन राजनेताओं, अधिकारियों एवं अन्‍य द्वारा लिया गया जिनसे कोई आय नहीं हुई? क्‍या उक्‍त गतिविधि से पर्यटन विभाग को आय हुई अथवा नुकसान हुआ?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार।    (ख) 1590 पर्यटकों ने बुकिंग कराई जिसमें म.प्र. राज्‍य पर्यटन विकास निगम को कुल राशि रू. 48,84,421/- प्राप्‍त हुई, गेट एंट्री से 1,03,471 पर्यटकों ने लाभ लिया जिसमें म.प्र. राज्‍य पर्यटन विकास निगम को कुल राशि रू. 10,34,710/- प्राप्‍त हुई है।       (ग) प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''इक्यानवे''

उद्वहन सिंचाई योजना

159. ( क्र. 2852 ) श्रीमती सरस्‍वती सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चितरंगी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्र के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराये जाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कोई योजना तैयार की जा रही है? क्‍या इस हेतु कोई सर्वे किया गया है? यदि हाँ, तो प्रारंभिक प्रतिवेदन का विवरण दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अंतर्गत इस योजना में किन-किन ग्रामों की कितनी -कितनी भूमि सिंचित किये जाने का लक्ष्‍य है? (ग) क्‍या उक्‍त कार्य करने में विस्‍तृत डी.पी.आर. कब तक तैयार कर ली जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उपलब्ध सीमित वित्तीय संसाधन पूर्व से स्वीकृत परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने से नई योजनाओं की स्वीकृति के लिए समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''बानवे''

छैगांव माखन उद्वहन परियोजना

160. ( क्र. 2864 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदिरा सागर परियोजना (पुनासा डेम) के अंतर्गत पूर्वी निमाड की छैगांव माखन उद्वहन परियोजना का मूल स्‍वरूप क्‍या है? क्‍या उक्‍त योजना की स्‍वीकृति जारी की गई है? नहीं तो वर्तमान में अद्यतन स्थिति क्‍या है और कब तक स्‍वीकृत कर कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ख) उक्‍त परियोजना में कहाँ-कहाँ की कितनी-कितनी हेक्‍टेयर कृषि भूमि को सिंचित करने का लक्ष्‍य रखा गया है? क्षेत्रवार जानकारी दें? (ग) उक्‍त परियोजनान्‍तर्गत कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत       कितने-कितने ग्रामों की कृषि भूमि को सिंचित किये जाने का लक्ष्‍य रखा गया है? ग्रामवार व क्षेत्रवार जानकारी दें।

राज्‍यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) छैगांव माखन उद्वहन सिंचाई परियोजना अंतर्गत मुख्‍य नहर से पानी उद्वहन कर पाईप लाईन द्वारा सिंचाई प्रस्‍तावित है। जी हाँ। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रस्‍तावित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कसरावद विधान सभा क्षेत्र का कोई भी ग्राम सम्मिलित नहीं है।

परिशिष्ट - ''तिरानवे''

जल संसाधन विभाग द्वारा कराये गये कार्य

161. ( क्र. 2872 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि से कहाँ-कहाँ कराये गये? विकासखण्‍डवार, मदवार, वर्षवार बतायें। (ख) उक्‍त कार्यों का मापन मूल्‍यांकन एवं सत्‍यापन किस-किस अधि./कर्मचारी के द्वारा किया गया? नाम पदनाम सहित बतायें।

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''चौरानवे''

नगर पालिका द्वारा कराये गये कार्य

162. ( क्र. 2873 ) प्रो. संजीव छोटेलाल उइके : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मण्‍डला जिले की नगर पालिका मण्‍डला एवं नैनपुर तथा नगर पंचायत बम्‍हनी बंजर को राज्‍य शासन एवं कलेक्‍टर सेक्‍टर से वर्ष 2015-16 में कितनी-कितनी राशि, किस-किस कार्य के लिये प्राप्‍त हुई? मदवार वर्षवार बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में प्राप्‍त राशि को कहाँ-कहाँ, किस-किस कार्य के लिये व्‍यय किया गया? कार्य का नाम, स्‍थान सहित बतायें। यदि सामग्री क्रय की गयी है तो आयटमवार मूल्‍य सहित प्रदायकर्ता फर्म का नाम, पता सहित बतायें। (ग) उक्‍त में से निर्माण कार्यों का मापन मूल्‍यांकन सत्‍यापन किस-किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया गया? नाम, पद नाम सहित बतायें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''' एवं '''' अनुसार है।

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत कार्य

163. ( क्र. 2888 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या श्‍योपुर जिले में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में शामिल 475 ग्रामों में से वर्तमान तक 143 ग्रामों में ही विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हुए हैं शेष ग्राम जिन्‍हें फीडर सेपरेशन योजना में शामिल किया गया में से 82 ग्रामों में उक्‍त कार्य पूर्ण हुए शेष ग्रामों में कब तक पूर्ण होंगे? (ख) उक्‍त योजनान्‍तर्गत द्वितीय चरण में कौन-कौन से ग्राम मजरे टोले शामिल किये, की सूची उपलब्‍ध करावें? उक्‍त में से कितने गांव मजरे टोलों में से उक्‍त कार्य पूर्ण हुए शेष में कब तक पूर्ण होंगे? समय-सीमा बतावें? (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में वर्णित जिन ग्रामों मजरे टोलों में कंपनी द्वारा कार्य पूर्ण होना बताया है में से कई गांव मजरे टोलों में वर्तमान तक खंबे नहीं गड़े, कई में तार नहीं खींचे, कई में अन्‍य कार्य अपूर्ण पड़े हैं मौके पर अधिकांश ट्रांसफार्मर जले अथवा बंद पड़े हैं जिन गांव मजरे टोलों में कार्य पूर्ण हो गये है व कार्य गुणवत्‍ताहीन कराये गये? यदि नहीं, तो क्‍या शासन पूर्ण हो चुके कार्यों की गुणवत्‍ता की जाँच कराएगा, यदि नहीं, तो क्‍यों?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। श्‍योपुर जिले हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 475 ग्रामों को शामिल किया गया था, जिनमें से 2 ग्रामों के विद्युतीकरण एवं 141 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष 332 ग्रामों सहित कुल 336 ग्रामों को फीडर विभक्तिकरण योजना में शामिल किया गया है। उक्‍त 336 ग्रामों में से 82 ग्रामों में शत-प्रतिशत कार्य एवं 52 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। किन्‍तु केबलीकरण एवं मीटरीकरण का कार्य शेष है। उपरोक्‍तानुसार शेष सभी ग्रामों में माह जुलाई 2017 तक कार्य पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे है। (ख) श्‍योपुर जिले हेतु द्वितीय चरण में 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 252 मजरों/टोले के विद्युतीकरण का कार्य शामिल किया गया है, जिसमें से 130 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष मजरों/टोलों के कार्यों को टर्न-की ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध के अनुसार     मार्च 2017 तक पूर्ण किये जाने है। उक्‍त योजना में सम्मिलित, कार्य पूर्ण एवं शेष मजरों/टोलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है। (ग) श्‍योपुर जिले में उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के शेष 332 ग्रामों सहित फीडर विभक्तिकरण योजना में सम्मिलित 336 ग्रामों में से 134 ग्रामों के फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उक्‍त 134 ग्रामों में से 82 ग्रामों में शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ है, जबकि 52 ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण कार्य हुआ है, किन्‍तु केबलीकरण एवं मीटरीकरण का कार्य किया जाना शेष है। 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में 130 मजरों/टोलों का शत-प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में जले/बंद ट्रांसफार्मरों को उनसे संबद्ध उपभोक्‍ताओं पर शत-प्रतिशत बकाया राशि होने के कारण नहीं बदला जा सका हैं। संबंधित उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार, बकाया राशि जमा करने के पश्‍चात् ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही की जा सकेगी। अत: वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। फीडर विभक्तिकरण योजनान्‍तर्गत कार्यों के निरीक्षण हेतु मेसर्स एस.जी.एस. इंडिया प्रा.लि. को प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट एजेंसी के रूप में नियुक्‍त किया गया है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत कार्यों के निरीक्षण हेतु तृतीय पक्ष निरीक्षण इकाई के रूप में 11वीं योजना में मेसर्स वेपकॉस लिमिटेड, नई दिल्‍ली को नियुक्‍त किया गया था एवं 12वीं योजना में मेसर्स बीकालॉरी लिमिटेड, कोलकाता को नियुक्‍त किया गया है। उक्‍त प्रोजेक्‍ट मैनेजमेंट एजेंसी/तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेंसी द्वारा कार्यों की गुणवत्‍ता की सतत् निगरानी की जाती है तथा कार्य में त्रुटि अथवा गुणवत्‍ता में कमी पाए जाने पर टर्न-की ठेकेदार एजेंसी से इसका निराकरण कराया जाता है। साथ ही वितरण कंपनी के स्‍थानीय नोडल अधिकारियों के द्वारा भी कार्यों का सतत् रूप से निरीक्षण किया जाता है। अत: उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में पुन: कार्यों के भौतिक सत्‍यापन की आवश्‍यकता नहीं है।

विद्युत लाईनों के कार्य

164. ( क्र. 2889 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्‍योपुर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम अडूसा के दलारना, ललितपुरा-पहाड़ली, भोगिका-दातरंद, बिचपुरी-तलावदा, जवासा से टोंगनी जक जर्जर लाईनों के तार कब तक बदले जावेंगे? (ख) उक्‍त क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक ग्राम हिरनीखेड़ा से उतनवाड़, सेमल्‍दा, मयापुरा, नागदा, नगदी सहित दो दर्जन ग्रामों में जर्जर विद्युत लाईनों से उत्‍पन्‍न समस्‍या के निदान व बिजली सुविधा हेतु खम्‍बे गाड़ने व लाईन बिछाने के कौन-कौन से कार्य कहाँ से कहाँ तक किस-किस ठेकेदार से कराये, इन्‍हें कब व कितनी राशि भुगतान की? (ग) क्‍या उक्‍त अवधि में उक्‍त ग्रामों के ग्रामीणों ने उक्‍त कार्य कराने हेतु कंपनी के अधिकारियों के समक्ष कई बार गुहार लगाई लेकिन अधिकारियों ने कार्यवाही करने के बजाए ग्रामीणों को आश्‍वासन दिया कि आप लोग स्‍वयं के खर्च से उक्‍त कार्य करवा लेवे कार्य का भुगतान कंपनी कर देगी? (घ) उक्‍त आश्‍वासनानुसार ग्रामीणों ने अपने-अपने ग्रामों/क्षेत्रों में चंदा एकत्रित कर उक्‍त कार्य पूर्ण करायें? तत्‍पश्‍चात् कंपनी ने कार्य का भुगतान कृषकों को न कर उक्‍त ठेकेदारों को अनियमित रूप से कर दिया? ग्रामीण अब भी भुगतान हेतु भटक रहे हैं, क्‍या शासन उक्‍त मामले की जाँच कराएगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) श्‍योपुर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित पुरानी विद्युत लाईनों के तार माह सितम्‍बर, 2016 तक बदल दिये जावेंगे। (ख) उक्‍त क्षेत्रान्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में ग्राम हिरनीखेडा से उतनवाड तक पुरानी विद्युत लाईन का तार बदलने के कार्य हेतु प्राक्‍कलन क्रमांक 21-0805-120872-15-0038 दिनांक 02.06.2015 स्‍वीकृत कर 6 कि.मी. तार बदलने का कार्य ठेकेदार से न कराकर मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्‍तर पर पूर्ण कराया गया है। इसलिए किसी भी ठेकेदार को राशि का भुगतान नहीं किया गया है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित शेष स्‍थानों यथा- सेमल्‍दा, मयापुरा, नागदा, नगदी सहित समीपस्‍थ ग्रामों में तार बदलने का कोई कार्य नहीं कराया गया है। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित अवधि में प्रश्‍नाधीन क्षेत्रान्‍तर्गत विद्युत लाईनों के निर्माण संबंधी अन्‍य कोई नवीन कार्य नहीं कराया गया है। (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश '''' एवं '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।

सिंचाई सुविधा का विस्‍तार

165. ( क्र. 2915 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय वित्‍त मंत्री का बजट भाषण दिनांक 1 जुलाई 2014 के बिन्‍दु क्र. 18 में वर्णन है कि मुझे गर्व है कि विगत वर्षों में सिंचाई सुविधा के विस्‍तार में प्रदेश ने प्रशंसनीय कीर्तिमान स्‍थापित किये है। हमारी यह यात्रा यहां रूकी नहीं है बल्कि इससे प्राप्‍त सकारात्‍मक परिणामों ने हमें नई स्‍फूर्ति, शक्ति व उत्‍साह दिया है एवं बिन्‍दु क्र. 19 वर्ष 2010 में राज्‍य विधान सभा में यह संकल्‍प पारित किया गया था कि सिंचाई की निर्मित क्षमता एवं सिंचित क्षेत्र के अंतर को कम किया जायेगा वर्ष 2013-14 के अंत तक निर्मित सिंचाई क्षमता का लगभग पूर्ण उपयोग किया गया है तथा लक्ष्‍य से अधिक नई क्षमता विकसित की गई है? बिन्‍दु क्र.20 वर्ष 2018 तक      3 वृहद, 20 मध्‍यम, 450 लघु सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण किया जाना संभावित है?   (ख) उपरोक्‍त (क) के प्रकाश में विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में सिंचाई संबंधित क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये व कार्यों की वर्तमान स्थिति क्‍या है, की जानकारी बजट भाषण से लेकर प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक दी जावें।

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - ''पचानवे''

म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षार्थियों का चयन

166. ( क्र. 2921 ) श्री बलवीर सिंह डण्‍डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2010 की सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी (A.D.P.O.) परीक्षा में सम्मिलित परीक्षार्थी चंचल मोदी, मयंक भारद्वाज, राजवीर यादव, कुलदीप भदौरिया को वास्‍तविक अंकों के स्‍थान पर गलत अंक दिए गए? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त खण्‍ड (क) में वर्णित परीक्षार्थियों द्वारा गलत अंक दिये जाने के प्रकरण को लेकर माननीय हाईकोर्ट ग्‍वालियर में याचिका प्रस्‍तुत की, जो माननीय हाईकोर्ट खण्‍डपीठ ग्‍वालियर द्वारा मान्‍य की गई? (ग) क्‍या माननीय हाईकोर्ट खण्‍डपीठ (डबल बैंच) ग्‍वालियर के निर्णय के विरूद्ध म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की, सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने भी म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज करते हुए माननीय हाईकोर्ट खण्‍डपीठ ग्‍वालियर के निर्णय को यथावत रखा? (घ) क्‍या मध्‍यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्णय के विरूद्ध भारतीय परिसीमा अधिनियम, 1963 द्वारा निर्धारित समय-सीमा निर्णय दिनांक से 30 दिवस के भीतर कोई वैधानिक कार्यवाही की गई (सर्वोच्‍च न्‍यायालय निर्णय दिनांक 28.03.2016) (ड.) क्‍या माननीय हाईकोर्ट खण्‍डपीठ ग्‍वालियर व माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्णय के उपरांत भी उपरोक्‍त परीक्षार्थियों को शासकीय सेवा में नहीं लिया गया? यदि हाँ, तो उपरोक्‍त परीक्षार्थियों को कब तक शासकीय सेवा (सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी) में लिया जावेगा, निर्धारित समय-सीमा बतावें।

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। विषय विशेषज्ञों की अनुशंसित मॉडल ऑन्‍सर के आधार पर परीक्षा में शामिल समस्‍त अभ्‍यार्थियों का मूल्‍यांकन कर अंक प्रदान किये गये। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्णय के परिपालन में लोक सेवा आयोग द्वारा बैठक आयोजित कर निर्णय लिया जाकर चयन परिणाम घोषित किया गया। याचिकाकर्ताओं का चयन अनुमोदित कर चयन अनुशंसा गृह विभाग को भेजी गई है। (ड.) लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 14.07.2016 को चयन अनुशंसा गृह विभाग को की गई है। नियुक्ति की कार्यवाही गृह विभाग द्वारा की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

अवैध रेत का उत्‍खनन एवं परिवहन

167. ( क्र. 2939 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में किन-किन खनिज साधनों की कौन-कौन सी खदानें, कहाँ-कहाँ संचालित हैं? पृथक-पृथक रकबें व नाम सहित बतावें। (ख) क्‍या राजगढ़ जिले में विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में बड़ी मात्रा में अवैध उत्‍खनन कार्य जारी है? विशेषकर जिले की बड़ी नदियों पार्वती, कालीसिंध व नेवज पर सैकड़ों वाहन प्रतिदिन अवैध उत्‍खनन कर रेत का परिवहन कर रहे हैं? क्‍या विगत एक वर्ष में शासन द्वारा जिन खदानों को नीलाम किया गया था उनको न तो आज तक सिया की एन.ओ.सी. प्राप्‍त हुई और न ही उत्‍खनन हेतु ठेकेदार को रसीद बुकें जारी की गई? (ग) विगत वित्‍तीय वर्ष से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग के अधिकारियों व नीलामी में बोली लगाने वाले ठेकेदारों सहित अन्‍य रेत माफियाओं द्वारा बड़ी मात्रा में अवैध खनन कर राजगढ़ जिले सहित पड़ोस के जिलों में भी रेत का परिवहन व विक्रय जारी है? जिससे शासन को करोड़ों रूपये की राजस्‍व हानि हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त संबंध में प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी अनेकों बार विभाग के अधिकारियों का ध्‍यानाकर्षित किया गया? यदि हाँ, तो क्‍या शासन इस संबंध में दोषियों के विरूद्ध ठोस कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ख) जी नहीं। जब भी जाँच के दौरान प्रकरण प्रकाश में आता है तब नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। विगत एक वर्ष में जिले में रेत की दो खदानें नीलाम हुई है। दोनों खदानों में सिया से पर्यावरण अनापत्ति प्राप्‍त हो चुकी है। परन्‍तु प्रदूषण नियंत्रण मंडल से जल एवं वायु सहमति प्राप्‍त न होने के कारण खदानों का संचालन प्रारंभ नहीं हो सका है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नानुसार जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। जिले में जब भी जाँच के दौरान अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन के प्रकरण प्रकाश में आते हैं तब उनके विरूद्ध कार्यवाही कर अर्थदण्‍ड जमा कराया जाता है। विगत दो वर्षों में की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नानुसार कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

ब्‍यावरा क्षेत्र की नहरों को पक्‍का करना

168. ( क्र. 2940 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधान सभा क्षेत्र ब्‍यावरा के अंतर्गत ऐसी कितनी जल संरचनाएं हैं, जिनके शत-प्रतिशत रकबे पर सिंचाई का लाभ किसानों को मिल रहा है? (ख) क्‍या ब्‍यावरा क्षेत्र में सभी जल-संरचनाएं मध्‍यम एवं लघु तालाबों के रूप में स्‍थापित है, जिनका निर्माण रियासतीकालीन समय से लेकर विगत वर्षों में हुआ है? किंतु अधिकांश तालाबों की नहरें कच्‍ची व अस्‍थायी है? विशेषकर कुशलपुरा, कोलूखेड़ी, शमशेरपुरा, मानकी, नापानेरा, बिसोनिया, नारायणपुरा, उमरेड़, टोंका इत्‍यादि ऐसी भी संरचनाएं हैं, जिनके उपलब्‍ध जलराशि का उपयोग अंतिम छोर तक नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन उपरोक्‍त तालाबों से निकली नहरों को स्‍थाई करने व कांक्रीट से पक्का करने हेतु स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) 21 जल संरचनाएं। (ख) जी हाँ।      जी नहीं। कुशलपुरा, शमशेरपुरा, नापानेरा, टोंका एवं उमरेड परियोजनाओं की नहरें आंशिक पक्की हैं। मानकी, बिसोनिया एवं नारायणपुरा परियोजनाओं की नहरें कच्ची हैं। प्रश्नांतर्गत कालूखेड़ी परियोजना राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में स्थित है जिसकी नहर कच्ची है। सभी परियोजनाओं द्वारा जल अंतिम छोर तक पहुंचाया जा रहा है, अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।

ढीमरखेड़ा में उद्योगों की स्‍थापना

169. ( क्र. 2959 ) श्री मोती कश्यप : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता ने अपने पत्र दिनांक      22-09-2014, 2-1-16, 11-02-2016 एवं 05-03-2016 द्वारा मा. मुख्‍यमंत्री जी को जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा के किन ग्रामों की किन्‍हीं खसरों की किन्‍हीं हेक्‍टेयर/एकड़ की शासकीय भूमि की उपलब्‍धता दर्शायी है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) के किसी पत्र द्वारा जल, रेलमार्ग, स्‍टेशन, रेल्‍वे जंक्‍शन, एम.डी.आर. हवाई सेवा, खनिज उपलब्‍धता और नगरों की समीपता आदि का कोई विवरण दर्शित कर औद्योगिक क्षेत्र की स्‍थापना हेतु लेख किया है? (ग) क्‍या कार्यालय जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र कटनी ने अपने पत्र दिनांक 19-01-2016 को किसी अधिकारी को किन्‍हीं उद्योगों की स्‍थापना हेतु किन्‍हीं ग्राम की किन्‍हीं भूमि को किसी विभाग को हस्‍तांतरित करने के लेख पर किनसे अनापत्ति प्राप्‍त कर हस्‍तांतरित कर दी गई है और क्‍या प्रश्‍नांश (क) में से प्रश्‍नांश (ग) की शेष भूमि का परीक्षण कर अनापत्तियों की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) के संबंध में विभाग द्वारा उद्योगों को स्‍थपित कराने की दिशा में क्‍या कार्यवाहियां की गई हैं?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, कटनी ने अपने पत्र दिनांक 19.01.2016 से अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेडा जिला कटनी को ग्राम मुरवारी, बिजौरा, कुसमी, सुंतरा, हरदुआ, देवरी एवं टिकरीया की 629.93 हेक्टेयर एवं ग्राम करौंदी, बनहरा, घुघरी एवं बिजौरी की 973.23 हेक्टेयर शासकीय भूमि औद्योगिक प्रयोजन हेतु उद्योग विभाग को हस्तांतरित करने की कार्यवाही हेतु लिख गया है। उक्त भूमि के हस्तांतरण की कार्यवाही हेतु लिखा गया है। राजस्‍व विभाग से आज दिनांक तक भूमि प्राप्‍त नहीं है। (घ) प्रश्नांकित भूमि के हस्तांतरण के संबंध में कलेक्टर कटनी को पत्र प्रेषित किया गया।

जिला सीमा के फीडरों से विद्युत आपूर्ति

170. ( क्र. 2962 ) श्री मोती कश्यप : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वि.स.क्षे. बड़वारा की तहसील ढीमरखेड़ा के किन ग्रामों में जिला जबलपुर एवं जिला उमरिया के किन स्‍थानों से विद्युत आपूर्ति की जाती है और वह कितना व्‍यवहारिक और जनसुविधाकारी है? (ख) क्‍या उक्‍त जिलों की विद्युत आपूर्ति में विभिन्‍न प्रकार के व्‍यवधानों का निदान कराया जाना आम ग्रामीणों के लिये किसी प्रकार संभव नहीं है? (ग) विकासखण्‍ड बड़वारा के महानदी के पार के गणेशपुर आदि ग्रामों की विद्युत आपूर्ति कहाँ से और कितनी दूर से की जाती है तथा उसके त्‍वरित निदान की व्‍यवस्‍थायें कैसी हैं? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) से (ग) के अन्‍य जिलों की आपूर्ति व्‍यवधानों के त्‍वरित निदान और विभागीय अधिकारी कटनी के नियंत्रण की दिशा में कहीं कोई जिला सीमा में सब स्‍टेशनों और फीडरों की योजना बनायी गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र बड़वारा की ढीमरखेडा तहसील के अंतर्गत ग्राम दैगवां, महगवां, उमरपानी एवं छाहर की विद्युत आपूर्ति जिला उमरिया के हर्रवाह 33/11 के.वी. उपकेन्‍द्र से एवं ग्राम जमुनिया की विद्युत आपूर्ति जबलपुर जिले में स्‍थापित खितौला 33/11 के.वी. उपकेन्‍द्र से की जाती है। भौगोलिक एवं तकनीकी दृष्टि से उक्‍त ग्रामों में वर्तमान विद्युत व्‍यवस्‍था व्‍यावहारिक एवं जनसुविधाकारी है। (ख) उत्‍तरांश (क) उल्‍लेखित क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति में व्‍यवधान आने पर संबंधित कार्यालयों में पदस्‍थ तकनीकी कर्मचारियों द्वारा शीघ्रता से निदान कर वि‍द्युत प्रदाय चालू किया जाता है। (ग) विकासखण्‍ड बड़वारा के महानदी के पार के गणेशपुर आदि ग्रामों की विद्युत आपूर्ति बड़वारा 33/11 के.वी. उपकेन्‍द्र से की जाती है जो कि गणेशपुर ग्राम से लगभग 18 कि.मी. की दूरी पर है। आम उपभोक्‍ताओं द्वारा विद्युत संबंधी शिकायत दर्ज कराने पर संबंधित कार्यालय के तकनीकी कर्मचारियों द्वारा शिकायत का निराकरण शीघ्रता से किया जाता है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में वर्तमान में प्रश्‍नाधीन ग्रामों की विद्युत आपू्र्ति में परिवर्तन की कोई योजना/प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

पंजीयन कार्यालय भवन का परिवर्तन

171. ( क्र. 2972 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रतलाम में पंजीयन कार्यालय राजमहल की पहली मंजिल पर बहुत ऊंचाई पर होने से दिव्‍यांगों एवं वृद्धजनों को पंजीयन कराने में बड़ी समस्‍या हो रही है तथा विधान सभा में गत 14 दिसम्‍बर, 2015 को प्रश्‍नकर्ता के ध्‍यानाकर्षण के जवाब में वित्‍त मंत्री ने इस समस्‍या के शीघ्र निदान का आश्‍वासन दिया था? (ख) क्‍या इसे किसी दूसरे स्‍थान पर तल पर स्‍थानान्‍तरि‍त किया जायेगा? हाँ, तो कब तक?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। माननीय सदस्‍य की 14 दिसम्‍बर, 2015 की ध्‍यानाकर्षण सूचना में कार्यालय स्‍थानांतरित करने का विषय शामिल नहीं होने से इस विषय पर संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार कोई आश्‍वासन नहीं दिया गया है। (ख) भू-तल पर कार्यालय स्‍थानांतरित करने लिए उपयुक्‍त स्‍थान देखा जा रहा है। स्‍थान मिलने पर यथाशीघ्र स्‍थानांतरित कराया जायेगा।

परिशिष्ट - ''छियानवे''

बड़वानी में स्‍थापित उद्योग

172. ( क्र. 2982 ) श्री रमेश पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी वि.स. क्षेत्र में शासन की विभिन्‍न योजनाओं के तहत कितने हितग्राहियों को स्‍वरोजगार हेतु लाभ दिया गया? दिनांक 01.01.14 से 30.05.16 तक योजना का नाम,शासन गारंटी हितग्राही संख्‍या, राशि, अनुदान राशि सहित वर्षवार बतावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) समयावधि में बड़वानी में कितने नवीन उद्योग स्‍थापित हुए? इनसे कितने लोगों को रोजगार मिला? इनमें कितने रोजगार स्‍थानीय निवासियों को मिले? (ग) भविष्‍य में बड़वानी में कितने उद्योग लगना प्रस्‍तावित है, जिसके माध्‍यम से स्‍थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) दिनांक 01.01.2014 से 30.05.2015 तक योजना का नाम, लाभांवित हितग्राहियों की संख्‍या एवं राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। स्‍वरोजगार योजनाओं में ऋण प्रकरणों में वित्‍त पोषण भारतीय रिजर्व बैंक के मानक अनुसार बैंक शाखाओं द्वारा किया जाता है, योजना में बैंक द्वारा सी.जी.टी.एम.एस.ई. के तहत गारंटी लिये जाने का प्रावधान है। उक्‍त संबंधी जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में बड़वानी विधान सभा में 09 नवीन उद्योग स्‍थापित हुए। इनसे 27 लोगों को रोजगार मिला जो सभी स्‍थानीय निवासी हैं। (ग) वर्ष 2016-17 के लिए बड़वानी में एम.एस.एम.ई. पंजीयन का 1640 का लक्ष्‍य निर्धारित हैं।

परिशिष्ट - ''सत्तानवे''

क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी नियत करने बाबत्

173. ( क्र. 2999 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभाक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्‍तर्ग‍त मार्गदर्शिका की कण्डिका क्रमांक 2.2 एवं 3.6 में निहित प्रावधानों के अनुसार विधायकों द्वारा अनुशंसित निर्माण कार्यों हेतु जिला कलेक्‍टर द्वारा जिले की सरकारी एजेन्‍सियों/निगमों मण्‍डलों/स्‍थानीय निकायों के माध्‍यम से कार्यन्वित कराये जाने के निर्देश है अथवा नहीं? (ख) प्रश्‍नांश (क) में यदि हाँ, तो जिले की सरकारी एजेन्सियों/निगमों-मण्‍डलों/स्‍थानीय निकायों के स्‍थान पर गुना जिले में माह जून 2015 से प्रबंधक, केन्‍द्रीय भण्‍डार भोपाल एवं प्रबंधक भारतीय राष्‍ट्रीय उपोक्‍ता सहकारी संघ मर्यादित भोपाल को मार्गदर्शिका के पास किस नियम एवं कण्डिका के अनुसार क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी नियत किया गया है? (ग) विधायक निधि से स्‍वीकृत निर्माण कार्यों हेतु माह जून 2015 से क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी प्रबंधक, केन्‍द्रीय भण्‍डार भोपाल एवं प्रबंधक भारतीय राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता सहकारी संघ मर्यादित भोपाल को कितने निर्माण कार्यों हेतु बनाया गया है? कार्यवार राशि सहित जानकारी दें? (घ) विधायक निधि की मार्गदर्शिका के अनुसार क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी नियत न करने वाले दोषी प्रभारी जिला योजना अधिकारी एवं दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अवैध शराब के व्‍यापार के मामले

174. ( क्र. 3033 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2015-16 में अवैध शराब पीकर मरने वाले लोगों की संख्‍या कितनी थी एवं कितने प्रकरण दर्ज किये गये बतावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) अवधि में प्रदेश में यूरिया एवं अन्‍य हानिकारक केमिकल मिलाकर शराब बनाने व व्‍यापार करने वाले कितने लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किये गये हैं? (ग) प्रदेश के किस जिले में अवैध शराब बिक्री के प्रकरण अधिक पाये गये हैं एवं अवैध शराब का व्‍यापार करने वालों के विरूद्ध क्‍या शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई है तो बतावें? (घ) प्रदेश में अवैध शराब बिक्री पर शासन द्वारा किन-किन माध्‍यमों से अंकुश लगाया गया है या लगाया जावेगा?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रदेश में वर्ष 2015-16 में अवैध शराब पीकर मृत्‍यु कारित होने संबंधी कोई प्रकरण आबकारी विभाग के समक्ष प्रकाश में नहीं आने से विभाग द्वारा कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में प्रदेश में, जिला खरगोन को छोड़कर, शेष जिलों में यूरिया एवं अन्‍य हानिकारक कैमिकल मिलाकर शराब बनाने संबंधी कोई प्रकरण आबकारी विभाग के प्रकाश में नहीं आया है। वर्ष 2015-16 में खरगोन जिले में मदिरा में अपमिश्रण का एक प्रकरण आबकारी विभाग द्वारा पंजीबद्ध किया गया है। इस प्रकरण में एक व्‍यक्ति को गिरफ्तार कर सक्षम न्‍यायालय में चालान प्रस्‍तुत किया गया है। प्रदेश के आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब के निर्माण/धारण/परिवहन/विक्रय के खिलाफ मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) एवं 34 (2) के अंतर्गत कुल 65021 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रदेश में आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब के निर्माण/धारण/परिवहन/ विक्रय के पंजीबद्ध प्रकरणों की जिलावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 में प्रावधानित अनुसार अवैध शराब के निर्माण/धारण/परिवहन/विक्रय करने वालों के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही हेतु प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर, सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते हैं। (घ) प्रदेश में अवैध शराब बिक्री पर अंकुश लगाये जाने के संबंध में आबकारी एवं पुलिस विभाग में पदस्‍थ कार्यपालिक मैदानी अधिकारियों द्वारा नियमि‍त गश्‍त देकर, संदिग्‍ध वाहनों की आकस्मिक जाँच की जाकर एवं सूचना प्राप्‍त हाने पर मदिरा का अवैध व्‍यवसाय करने वालों के विरूद्ध निरंतर कार्यवाही करने के साथ-साथ शिकायतों पर त्‍वरित कार्यवाही कर मदिरा के अवैध निर्माण, धारण, परिवहन एवं विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण रखा जाता है। साथ ही आबकारी विभाग के जिलों में विभागीय दल गठित किया जाकर, सामूहिक रूप से विशेष अभियान चलाया जाकर एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों को सूचना प्राप्‍त होने पर, उनके द्वारा मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) एवं 34 (2) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर, सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते है।

परिशिष्ट - ''अट्ठानवे''

लघु सिंचाई परियोजना के संबंध में

175. ( क्र. 3035 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत कौन-कौन सी लघु माध्‍यम सिंचाई परियोजना का सर्वे विभाग द्वारा करवाया गया है लघु सिंचाई परियोजना कहाँ स्‍थापित होना है स्‍थान का नाम बतावें? (ख) इन परियोजना के अंतर्गत कितनी भूमि डूबने एवं कितनी कृषि भूमि पर सिंचाई होने की संभावना है डूबने वाली भूमि एवं सिंचाई वाली कृषि भूमि का रकबा बतावें? (ग) लघु सिंचाई परियोजना के स्‍वरूप को छोटा करने अथवा स्‍थान परिवर्तन करने हेतु प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा की कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों से विभाग को प्रस्‍ताव भेजे गये हैं ग्राम पंचायत का नाम बतावें? (घ) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव में प्रश्‍नांश दिनांक तक शासन स्‍तर पर      कौन-कौन से ग्रामों में लघु सिंचाई परियोजना स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍तावित है, नाम बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत किसी भी मध्यम अथवा लघु सिंचाई योजना का सर्वेक्षण विभाग द्वारा नहीं कराया गया है। 1 मध्यम सिंचाई परियोजना पटरानी नर्मदा घाटी विकास विभाग द्वारा सर्वेक्षित है। जिसकी तकनीकी स्वीकृति अंतिम नहीं हुई है। भू-अर्जन एवं पुनर्वास के अंतर्गत सर्वेक्षण प्रगतिरत है। योजना स्थल जिला देवास तहसील खातेगांव में जामनेर नदी पर ग्राम पटरानी के समीप प्रस्तावित है। (ख) प्रश्नांश के अनुरूप पटरानी मध्यम परियोजना में 300 हेक्टर भूमि डूब में आने की संभावना है तथा इससे 3300 हेक्टर भूमि में सिंचाई प्रस्तावित है। (ग) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं होना प्रतिवेदित है। (घ) 8 लघु सिंचाई योजनाएं भूकिया, बण्डी, काना, खेरखेड़ा, संदलपुर, पुरोनी, रतवाय एवं जामनेर। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) अंतिम नहीं हुए हैं।

फीडर सेपरेशन (केवलीकरण) का कार्य

176. ( क्र. 3037 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा खातेगांव के कौन-कौन से ग्रामों में फीडर सेपरेशन (केवलीकरण) का कार्य किये जाने हेतु स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई थी ग्रामों के नाम एवं केवलीकरण की लम्‍बाई बतावें? (ख) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के कौन-कौन से ग्राम है जहाँ पर फीडर सेपरेशन (केवलीकरण) की स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के पश्‍चात् भी प्रश्‍नांश दिनांक तक कार्य नहीं किया गया है कारण बतावें एवं जवाबदार अधिकारी, कर्मचारी का नाम बतावें? (ग) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के कौन-कौन से ग्राम हैं जो फीडर सेपरेशन (केवलीकरण) किये जाने से छूट गये हैं जिनकी स्‍वीकृति कब तक आवेगी समयावधि बतावें? (घ) विधान सभा क्षेत्र खातेगांवके अंतर्गत विद्युत फीडर सेपरेशन के कार्य हेतु विभाग द्वारा कितनी राशि खर्च की गई है?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) खातेगांव विधान सभा के 233 ग्रामों में से 177 ग्रामों में फीडर सेपरेशन योजनान्‍तर्गत केबलीकरण का कार्य स्‍वीकृत हुआ था। इन सभी 177 ग्रामों में केबलीकरण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उक्‍त सभी 177 ग्रामों को 34 नवीन घरेलू फीडरों द्वारा जोड़कर तथा केबलीकरण करके विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्‍त 177 ग्रामों के नाम एवं इनमें घरेलू फीडरवार डाली गई केबल की लंबाई का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) विधान सभा क्षेत्र खातेगांव में फीडर सेपरेशन योजनान्‍तर्गत कुल 177 ग्रामों के केबलीकरण का कार्य स्‍वीकृत था तथा इन सभी ग्रामों में केबलीकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के बचे हुए 56 ग्राम जिनमें फीडर सेपरेशन (केबलीकरण) का कार्य किया जाना शेष है, की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - '' अनुसार है। इन ग्रामों में फीडर सेपरेशन एवं केबलीकरण के कार्य दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना में स्‍वीकृत हो चुके हैं। उक्‍त योजनान्‍तर्गत कार्य टर्न-की आधार पर कराए जाने हेतु निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) फीडर सेपरेशन के कार्यों हेतु कार्यादेश विधान सभा क्षेत्रवार नहीं अपितु वितरण कंपनी के संभागवार दिये गये थे। प्रश्‍नाधीन प्रकरण में कन्‍नौद एवं बागली संचालन/ संधारण संभाग हेतु फीडर सेपरेशन के कार्य में एक लॉट का कार्यादेश दिया गया था, जिसमें खातेगांव विधान सभा क्षेत्र समाहित है। उक्‍त फीडर सेपरेशन के कार्य हेतु कुल राशि रू. 39.58 करोड़ का व्‍यय हो चुका है।

अनुकम्‍पा नियुक्ति देने के संबंध में

177. ( क्र. 3039 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव में बिजली विभाग के कितने कर्मचारी थे जिनकी वर्ष 2010 के पश्‍चात् सेवा में रहते हुए मृत्‍यु हो गई है, मृत कर्मचारी का नाम बतावें? (ख) क्‍या जिन बिजली विभाग के कर्मचारियों की मृत्‍यु हुई है? क्‍या विभाग द्वारा परिवार को समस्‍त प्रकरणों का भुगतान कर दिया गया है? अगर नहीं तो क्‍यों कारण बतावें? (ग) मृत कर्मचारी के परिवार के सदस्‍य द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु विभाग को कितने आवेदन प्राप्‍त हुए है आवेदनकर्ता का नाम बतावें?      (घ) मृत कर्मचारी के परिवार के सदस्‍य को शासन के नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है तो प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के कितने लोगों को प्रश्‍नांश (क) अवधि से अनुकंपा नियुक्ति दी गई है नाम बतावें?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) देवास जिले के खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर के 10 कर्मचारियों की          वर्ष-2010 के पश्‍चात् सेवा में रहते हुए मृत्‍यु हो गई थी। मृत कर्मचारियों के नाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शाए अनुसार है। (ख) देवास जिले के खातेगांव विधान सभा क्षेत्र में म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्‍दौर के 10 कर्मचारियों की वर्ष-2010 के पश्‍चात् सेवा में रहते हुए मृत्‍यु हो गई थी, जिनमें से 9 प्रकरणों में मृतक के परिवार के पात्र आश्रितों को समस्‍त भुगतान कर दिया गया है। 1 प्रकरण में मृतक श्री जितेन्‍द्र कुमार महेशचन्‍द्र (परीक्षण सहायक-संचालन/संधारण संभाग कन्‍नौद) के परिवार को ग्रुप टर्म इंश्‍यूरेंश स्‍कीम एवं अनुग्रह राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा 'कर्मचारी नवीन पेंशन योजना' के तहत् आने से तत्संबंधी भुगतान प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्‍तरांश '''' के सन्‍दर्भ में मृत कर्मचारियों के परिवार के सदस्‍य द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु 10 आवेदन प्राप्‍त हुए है। आवेदनकर्ताओं के नाम सहित सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी हाँ, मृत कर्मचारी के परिवार के सदस्‍य को शासन/विद्युत कंपनी के नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान है। माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के विधान सभा क्षेत्र खातेगांव के अंतर्गत प्रश्‍नाधीन अवधि में प्राप्‍त 10 आवेदनों के विरूद्ध 2 मृत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है, जिनके नाम निम्‍नानुसार है - 1. श्री अभिषेक शर्मा, पिता स्‍व. शरदचंद्र शर्मा, 2. श्री निहाल दुबे, पिता स्‍व. ओमप्रकाश दुबे। शेष आवेदनों में से 4 प्रकरणों में पात्रता नहीं पाई गई, 3 आवेदनों में आवेदकों को पद के लिये आवश्‍यक शैक्षणिक योग्‍यता प्राप्‍त करने हेतु 3 वर्ष की समयावधि दी गई तथा 1 आवेदन जो दिनांक 28.06.2016 को प्राप्‍त हुआ है, में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

परिशिष्ट - ''निन्यानवे''

मुरैना जिले के विद्युत केन्‍द्र गणेशपुरा में आगजनी

178. ( क्र. 3046 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना विद्युत वितरण कंपनी मध्‍यप्रदेश के अंतर्गत गणेशपुरा वितरण केन्‍द्र में वर्ष 2016 में आग लगने से विद्युत कंपनी की कितनी संपत्ति एवं दस्‍तावेजों की क्षति हुई है? (ख) क्‍या उक्‍त आगजनी की घटना में विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों की योजना से ही घटना घटित कराई गई है। यदि नहीं, तो घटना के लिए कौन जिम्‍मेदार है, जाँच कर कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या उपभोक्‍ताओं के विद्युत बिलों की राशि में अनि‍यमित तरीके से बिलों की राशि कम की गई है। यह तथ्‍य उजागर ना हो सके इसी की परिणती यह अग्निकांड है? क्‍या विभाग वरिष्‍ठ अधिकारियों की समिति बनाकर जाँच करायेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुरैना वृत्‍तान्‍तर्गत गणेशपुरा वितरण केन्‍द्र (जोन), मुरैना में दिनांक 06.06.2016 एवं 07.06.2016 की मध्‍य रात्रि को आग लगने की घटना घटित हुई थी, जिसमें मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की लगभग रू. 2.05 लाख की सम्‍पत्ति की क्षति हुई है। नष्‍ट हुये दस्‍तावेजों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र (अ) एवं सम्‍पत्ति की सूची प्रपत्र (ब) अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित घटना की जाँच हेतु महाप्रबंधक (सं./सं.) मुरैना के द्वारा जाँच कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें दो उप महाप्रबंधक एवं एक लेखाधिकारी स्‍तर के अधिकारी को सम्मिलित किया गया है। वर्तमान में जाँच कार्यवाही प्रगति पर है। जाँच निष्‍कर्ष के आधार पर ही घटना के उत्‍तरदायित्‍व का निर्धारण किया जा सकेगा। (ग) जी हाँ, उपभोक्‍ताओं के देयकों की राशि को अनियमित तरीके से देयकों से कम करने के प्रकरण संज्ञान में आए हैं। इन प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। उत्‍तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार घटना के संबंध में जाँच कार्यवाही प्रगति पर है एवं जाँच निष्‍कर्ष के आधार पर ही घटना के उत्‍तरदायित्‍व का निर्धारण किया जा सकेगा। इस संबंध में उप महाप्रबंधक (एस.टी.सी.), म.प्र. मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, मुरैना द्वारा पत्र क्रमांक क्‍यू, दिनांक 22.03.2016 के माध्‍यम से नगर निरीक्षक सिटी कोतवाली मुरैना को भी जाँच कार्यवाही हेतु लेख किया गया है।

परिशिष्ट - ''सौ''

ए.बी.सी., एम.बी.सी. नहरों सीमेंट कांकरीट की लाईनिंग का कार्य

179. ( क्र. 3047 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में ए.बी.सी., एम.बी.सी. नहरों का सीमेंट कांकरीट की लाईनिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में क्‍या स्थिति है पूर्ण जानकारी दी जावे? (ख) मुरैना जिले की कितनी डिस्‍ट्रीब्‍यूटरियों में अभी तक सीमेंट कांकरीट की लाईनिंग नहीं हो सकी है पूर्ण, अपूर्ण की नाम सहित जानकारी दी जावे?   (ग) क्‍या जिले की अस्‍सी फीसदी वाटरकोर्स (कूले) नष्‍ट होने से मुख्‍य नहर व डिस्‍ट्रीब्‍यूटरी के आस-पास है, सिंचाई होती है। वाटरकोर्स के अभाव में दूरी की खेती में सिंचाई नहीं हो पाती है। उनका पुनर्निर्माण लाईनिंग कब तक करा दिया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। मुख्य नहर एवं वितरिकाओं के सम्पूर्ण कमाण्ड क्षेत्र में अंतिम छोर तक सिंचाई की जा रही है। वर्ष 2015-16 में ए.बी.सी. से 1,01,000 हेक्टर तथा एम.बी.सी. 43,012 हेक्टर क्षेत्र में रबी सिंचाई उपलब्ध कराई गई। वाटरकोर्स के संधारण का कार्य संबंधित कृषकों द्वारा किया जाता है। वाटरकोर्स के पुनर्निर्माण एवं लाइनिंग हेतु प्रस्ताव अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - ''एक सौ एक''

बिना अनुज्ञा अनुमति के निर्माण कार्य

180. ( क्र. 3053 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के नगर निगम क्षेत्र के कालोनाईजर    श्रीमती चौदहा को गोपाल नगर के खसरा नंबर 1368/1 में भवन अनुज्ञा क्रमांक 4466/लो.नि.वि./कालोनी/2003 दिनांक 23.06.2003 विपरीत कॉलोनी में पार्क के लिए आरक्षित 5500 वर्गफुट भूमि में 4 ड्यूप्‍लेक्‍स का निर्माण कर लिया है तथा कार्य पूर्ण किए बिना बंधक भूखण्‍डों को मुक्‍त कराए बिना विक्रय कर लिया? यह तथ्‍य विधान सभा परि.अता.प्रश्‍न संख्‍या 36 (क्र.-6258) दिनांक 01.04.2016 में स्‍वीकार किया गया है? तो उक्‍त कार्य की देख-रेख हेतु नगर निगम के किस उपयंत्री, सहायक यंत्री के कार्य क्षेत्र में यह अनियमितता पूर्ण कार्य कॉलोनाइजर द्वारा किया गया है। उसको क्‍या निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित की गई यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक की जावेगी?     (ख) प्रश्‍नांश '''' के अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेश या कार्यवाही पर कालोनाईजर ने किस न्‍यायालय से स्‍थगन किस दिनांक को प्राप्‍त किया है। स्‍थगन एवं याचिका की प्रति उपलब्‍ध करावे तथा स्‍थगन रिक्‍त कराने किस, दिनांक को न्‍यायालय में आवेदन लगाया गया आवेदन की प्रति तथा याचिका के प्रत्‍यावर्तन की प्रति दें? नगर निगम द्वारा तोड़ने के आदेश जारी होने के तत्‍काल बाद केबियेट क्‍यों नहीं लगाई गई? ऐसा न करके ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी बताएं?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्‍नांकित प्रकरण में जिन सहायक यंत्री, उपयंत्री की देख-रेख में अनियमितता हुई है, इसकी जाँच एक सप्‍ताह में किये जाने हेतु, आयुक्‍त, नगर पालिक निगम, कटनी द्वारा आदेश दिनांक 15.07.2016 से जाँच समिति गठित की गई है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर, गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) अवैध निर्माण हटाये जाने की कार्यवाही के विरूद्ध कालोनाईजर द्वारा मान. उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 21294/2015 दायर की गई मान. न्‍यायालय द्वारा आदेश दिनांक 25.02.2016 को स्‍थगन दिया गया है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। स्‍थगन रिक्‍त कराये जाने का आवेदन दिनांक 11.07.2016 को दिया गया। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। प्रत्‍येक प्रकरण में केविएट लगाना व्‍यवहारिक नहीं होने एवं व्‍यापक हित का मामला नहीं होने से केविएट नहीं लगाई गयी। नियमानुसार कार्यवाही की गई है अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विद्युत वितरण उपकरणों के क्रय संधारण के संबंध में

181. ( क्र. 3054 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर कार्यालय द्वारा विद्युत उपकरण जैसे विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं पी.सी.सी. पोल का खरीद कार्य निविदा के आधार पर किया जा रहा है। यदि हाँ, तो 01 जनवरी 2014 के पश्‍चात् निविदा आधार पर कंपनी कार्यालय द्वारा विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं पी.सी.सी.पोल किन-किन फर्मों से क्रय किये गये? (ख) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर कंपनी कार्यालय द्वारा विद्युत उपकरण जैसे विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर, पॉवर, ट्रांसफार्मर एवं पी.सी.सी. पोल की खरीदी के लिये गुणवत्‍ता के मापदण्‍ड एवं गारंटी अवधि की शर्त निर्धारित की जाती है? यदि हाँ, तो उपरोक्‍त तीनों सामग्री हेतु कौन-कौन से तकनीकी मापदण्‍ड निर्धारित किये जाते हैं एवं गारंटी की अवधि क्‍या है? (ग) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर कंपनी कार्यालय द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में माह अप्रैल 2016 तक 10/16/25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर में से कितने ट्रांसफार्मर गारंटी अवधि में जले? उक्‍त जले हुये विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर में से कितने ट्रांसफार्मरों को प्रदायकर्ता फर्म द्वारा सुधार कर ठीक कर दिया गया? (घ) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड जबलपुर द्वारा क्रय किये गये 10, 16 एवं 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर की औसत लागत कितनी है? गारंटी अवधि के पश्‍चात् ट्रांसफार्मर जलने पर रिपेयरिंग की औसत लागत क्षमतावार कितनी आती है? 10, 16, 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के कितने वितरण ट्रांसफार्मर वर्ष 2015-16 में माह फरवरी 2016 तक जल गये संख्‍या बताएं? क्‍या उपकरण सप्‍लाई करने वाली फर्मों द्वारा निविदा अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने पर उन्‍हें दण्डित किये जाने का प्रावधान है? (ड.) यदि हाँ, तो वर्तमान वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर केबल पी.सी.सी. पोल, तार एवं इन्‍सूलेटर प्रदाय करने वाली कितनी फर्मों ने निविदा शर्तों का उल्‍लंघन किया तथा उन पर क्‍या कार्यवाही की गई?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के कंपनी कार्यालय द्वारा विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर की खरीदी निविदा के आधार पर की जा रही है। 1 जनवरी, 2014 के पश्‍चात् कंपनी कार्यालय के द्वारा निविदा के आधार पर निम्‍न फर्मों से 25, 100, 200 एवं 315 के.व्‍ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर क्रय किये गये :- 1. मेसर्स बनसाला इंजिनियर्स, जबलपुर, 2. मेसर्स डायनामिक इलेक्ट्रोमेक, भोपाल, 3. मेसर्स ईस्‍ट इंडिया उद्योग लिमिटेड, गाजियाबाद,         4. मेसर्स मॉडर्न इलेक्ट्रोफेब, गाजियाबाद, 5. मेसर्स जेयबी इंडस्‍ट्रीज, नालागढ़ (हिमाचल प्रदेश), 6. मेसर्स सेंचुरी इन्‍फ्रापॉवर लि., जयपुर। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत पी.सी.सी. पोल की खरीदी पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में पंजीकृत पोल फेक्ट्रियों से पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अनुमोदित दरों पर क्षेत्रीय मुख्‍य अभियंताओं द्वारा की जा रही है। पी.सी.सी. पोल की खरीदी निविदा आधार पर नहीं होने से तत्संबंधी प्रश्‍नाधीन चाही गई फर्मवार जानकारी दिये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (ख) जी हाँ। म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के कंपनी कार्यालय द्वारा निर्धारित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों, पॉवर ट्रांसफार्मरों एवं पी.सी.सी.पोल के तकनीकी मापदण्‍ड क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र , , , , , ई एवं फ में दर्शाए अनुसार है। विभिन्‍न क्षमताओं के वितरण ट्रांसफार्मरों, पॉवर ट्रांसफार्मरों व पी.सी.सी.पोल की गारंटी अवधि क्रमश: संबंधित उपकरण की सप्‍लाई से 36 माह, 24 माह व 18 माह की होती है। (ग) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के कंपनी कार्यालय द्वारा वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में माह अप्रैल 2016 तक 10 एवं 16 के.व्‍ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर क्रय नहीं किये गए हैं।          25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में माह अप्रैल 2016 तक क्रमश: 2863 एवं 6712 ट्रांसफार्मर क्रय आदेशों के विरूद्ध प्रदायकर्ता फर्मों से प्राप्‍त हुए हैं तथा क्रमश: 280 एवं 430 ट्रांसफार्मर गारंटी अवधि में जले हैं। उक्‍त जले हुए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से क्रमश: 262 एवं 260 ट्रांसफार्मर संबंधित प्रदायकर्ता फर्मों द्वारा सुधार कर वापस किये गये हैं। (घ) प्रश्‍नाधीन अवधि में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 10 एवं 16 के.व्‍ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मरों की खरीदी नहीं की गयी है। 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर की औसत लागत रू. 45,216/- है। गांरटी अवधि के पश्‍चात् 10 एवं 16 के.व्‍ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर रिपेयर नहीं कराये गये हैं। 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता वाले जले ट्रांसफार्मरों के रिपेयर की औसत लागत रू. 10,631/- आती है। वर्ष 2015-2016 में माह फरवरी 16 तक 615 रिपेयर्ड 25 के.व्‍ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर जले। जी हाँ, उपकरण सप्‍लाई करने वाली फर्मो द्वारा निविदा अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने पर उन्‍हें दण्डित किये जाने का प्रावधान है। (ड.) वित्‍तीय वर्ष 2015-2016 में विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर, केबल, पी.सी.सी.पोल, तार एवं इन्‍सूलेटर प्रदाय करने वाली किसी भी फर्म ने निविदा की शर्तों का उल्‍लंघन नहीं किया है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

मेन्‍टीनेन्‍स कार्य

182. ( क्र. 3064 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग अंतर्गत विद्युत विभाग के द्वारा वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में कितनी-कितनी राशि मेन्‍टीनेन्‍स के नाम पर प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस जिले में स्‍वीकृत की गई एवं व्‍यय की गई? जानकारी जिलावार दी जावे? (ख) क्‍या विद्युत विभाग के द्वारा किसी भी जिले के किसी भी विकासखंड में कोई मेन्‍टीनेन्‍स का कार्य नहीं हुआ है, आज भी बिजली के तार लटके हुये हैं, तारों में पेड़ों की टहनियां फसीं हुई हैं, ट्रांसफार्मर खुले पड़े हैं, हजारों बिजली के खम्‍बे टेड़े हो गये हैं और लगभग प्रतिदिन ही मेन्‍टीनेन्‍स के नाम पर लंबे समय तक के लिये अघोषित बिजली कटौती की जा रही है? (ग) विद्युत विभाग की इन अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिये क्‍या प्रश्‍नांश (क) दर्शित अवधि के मेन्‍टीनेन्‍स के कार्यों की जाँच जिले के बाहर के तकनीकी विशेषज्ञ की टीम से एवं वित्‍तीय अभिलेखों की जाँच भी संभाग स्‍तर के लेखा अधिकारी की टीम से करवा कर प्रश्‍नकर्ता को अवगत कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) सागर संभाग क्षेत्रान्‍तर्गत समस्‍त जिलों यथा-सागर, दमोह, छतरपुर, पन्‍ना एवं टीकमगढ़ के क्षेत्रान्‍तर्गत वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में प्रश्‍न दिनांक तक मेन्‍टीनेन्‍स के कार्यों हेतु स्‍वीकृत की गई राशि का जिलेवार एवं वर्षवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाये अनुसार है। मेन्‍टीनेन्‍स कार्यों हेतु व्‍यय की गई राशि का लेखा-जोखा पृथक से संधारित नहीं किया जाता है। आवश्‍यकतानुसार वितरण कंपनी के संबंधित भण्‍डार से सामग्री का आहरण कर विभागीय श्रमिकों एवं कर्मचारियों या श्रमिक ठेकेदार के माध्‍यम से मेन्‍टीनेन्‍स का कार्य करवाया जाता है अत: उक्‍त कार्य पर व्‍यय की गई राशि की सही-सही गणना किया जाना संभव नहीं है।   (ख) प्रश्‍नाधीन सागर संभाग क्षेत्रान्‍तर्गत सभी जिलों के सभी विकासखण्‍डों में वर्षा पूर्व एवं पश्‍चात् मेन्‍टीनेन्‍स का कार्य सम्‍पादित किया जाता है। वर्तमान वर्ष में भी वर्षा पूर्व मेन्‍टीनेन्‍स का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। सामान्‍यत: बिजली के तार एवं ट्रांसफार्मर सहित समस्‍त विद्युत अधोसंरचना व्‍यवस्थित है। सामान्‍यत: सभी खम्‍भे सही अवस्‍था में है। अतिआवश्‍यक होने पर कतिपय अवसरों को छोड़कर मेन्‍टीनेन्‍स हेतु किसी भी प्रकार की बिजली कटौती नहीं की जा रही है। वर्ष में दो बार यथा-वर्षाकाल के पूर्व तथा वर्षाकाल के उपरांत 33 के.व्‍ही. लाईनों, 11 के.व्‍ही. लाईनों, 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्रों, वितरण ट्रांसफार्मरों तथा निम्‍नदाब लाईनों का मेन्‍टीनेन्‍स किया जाता है जिस हेतु कार्यक्रम निर्धारित कर एवं इसकी सूचना जारी कर मेन्‍टीनेन्‍स कार्य किया जाता है।   (ग) प्रश्‍नाधीन उल्‍लेखित मेन्‍टीनेन्‍स कार्यों की समय-समय पर जाँच कार्यपालन अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं मुख्‍य अभियंता (सागर क्षेत्र) द्वारा की जाती है। वित्‍तीय अभिलेखों की जाँच पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लेखा अधिकारियों द्वारा   समय-समय पर की जाती है। अत: प्रश्‍नाधीन मेन्‍टीनेन्‍स कार्यों एवं अभिलेखों की जाँच किसी दूसरी एजेंसी से कराने की आवश्‍यकता नहीं है।

परिशिष्ट - ''एक सौ दो''

नदी/नालों की सफाई

183. ( क्र. 3101 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले की गंजबासौदा नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नाले/नदी का बारिश के पूर्व गहरीकरण व सफाई कार्य किया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो शासन निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) नगर पालिका परिषद गंजबासौदा को कितना आवंटन प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित कार्य हेतु वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में दिया गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित आवंटन में से किस-किस नाले/नदी की सफाई हेतु स्‍थान चिन्हित किया गया, कहाँ से कहाँ तक एवं किस एजेंसी से किस दर पर कराया गया है? क्‍या संबंधित एजेंसी द्वारा कार्य के दौरान नदी व नाले से निकलने वाली मिट्टी, कचरा को बाहर न फेंकते हुये किनारों पर इकट्ठा कर दिया गया है या नहीं? यदि हाँ, तो इस संबंध में वार्ड नं. 9 के पार्षद  द्वारा दिनांक 13.06.16 को इस संबंध में आपत्ति नगर पालिका को प्रस्‍तुत करने पर परिषद द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या नगर क्षेत्र में पानी की टंकी में पानी का भराव नहीं करने के कारण नगर में जल संकट की स्थिति निर्मित हुई? यदि हाँ, तो इस संबंध में माह मई-जून 2016 में किस-किस जनप्रतिनिधि के साथ बैठक आहूत हुई उक्‍त बैठक में क्‍या निर्णय लिये गये? निर्णय के अनुसार टंकी में पानी के भराव हेतु किस कर्मचारी को आदेशित किया गया था? आदेश का पालन किया या नहीं? यदि नहीं, तो दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका गंजबासौदा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले नाले/नदी का बारिश के पूर्व गहरीकरण व सफाई कार्य किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश '''' में उल्‍लेखित कार्य हेतु वर्ष 2015-16 एवं 2016-17 में शासन द्वारा कोई आवंटन नहीं दिया गया है। अपितु निकाय ने कार्य स्‍वयं के स्‍त्रोत से किए है।   (ग) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। कोई भी कर्मचारी दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

माइनर नहर का निर्माण

184. ( क्र. 3102 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विदिशा जिले के प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बासौदा में त्‍यौदा बर्घरू डेम का निर्माण हुआ है? हाँ, तो इस डेम में किन-किन ग्रामों को शामिल किया गया है? ग्रामों का नाम बतावें। (ख) क्‍या उक्‍त परियोजना अंतर्गत आने वाले ग्राम गुदावल से त्‍यौंदा डेम की दूरी 8 कि.मी. पर है एवं गांव के पास से नहर निकली है, लेकिन इस नहर का लाभ गुदावल गांव के सभी किसानों को नहीं मिल रहा है?           (ग) प्रश्‍नांश (क) का हाँ, तो उक्‍त गांव में माइनर नहर बनाने की योजना है या नहीं? हाँ तो बतावें। नहीं तो कारण देवें। (घ) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ऐसे कितने ग्राम हैं जो त्‍यौंदा बर्घरू डेम परियोजना के लाभ से वंचित है, ग्रामवार सूची देवें।

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-एवं अनुसार है। (ख) जी हाँ। दायीं मुख्य नहर ग्राम से लगभग 1.5 कि.मी. की दूरी पर 2.00 से 2.50 मी. की कटिंग में होने के कारण। कृषक उद्वहन कर सिंचाई कर सकते है। (ग) जी नहीं। गांव की भूमि का स्‍तर नहर के जलस्‍तर से ऊपर होने के कारण। (घ) प्रश्‍नांश '''' को छोड़कर शेष समस्‍त ग्राम।

परिशिष्ट - ''एक सौ तीन''

स्‍व-रोजगार उपलब्‍ध कराना

185. ( क्र. 3106 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा शिक्षित बेरोजगार को रोजगार दिलाने संबंधी तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों एवं अनुसूचित जाति जनजाति परिवारों को लघु उद्योग (5 लाख तक के) धंधे स्‍थापित करने के संबंध में क्‍या-क्‍या योजनाएं है? (ख) क्‍या विदिशा जिले में जिला उद्योग केन्‍द्र को इन गतिविधियों के क्रियान्‍वयन हेतु कोई लक्ष्‍य दिया गया है? यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में किस गतिविधि के लिए कितना लक्ष्‍य प्रदान किया गया है, लक्ष्‍य के विरूद्ध विभाग द्वारा कितनी लक्ष्‍यपूर्ति कर कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया है? लक्ष्‍य के विरूद्ध प्राप्‍त आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया है?        (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत योजना की जानकारी उपलब्‍ध कराने एवं प्रकरण तैयार करने हेतु किस-किस नाम/पदनाम के अधिकारी को माह में किस-किस दिवस के लिए अधिकृत किया गया है? (घ) प्रश्‍नकर्ता को प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित योजनाओं के आवेदन में कौन-कौन सी दस्‍तावेज की आवश्‍यकता होती है, की जानकारी उपलब्‍ध कराई जावें?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) विभाग द्वारा सभी वर्गों के लिए मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना, मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी योजना एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अंतर्गत योजनाएं संचालित हैं। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों एवं अनुसूचित जाति जनजाति परिवार इन योजनाओं के तहत लघु उद्योग स्‍थापित कर सकेंगे। (ख) जानकारी संलग्‍न परिश्ष्टि अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश के संबंध में श्री अनूप दुबे, सहायक प्रबंधक को विकासखण्‍ड गंजबासोदा में माह के प्रत्‍येक गुरूवार एवं श्री पुरूषोतम दरयानी, सहायक प्रबंधक को विकासखण्‍ड ग्‍यारसपुर में माह के प्रत्‍येक बुधवार को उपस्थित होने हेतु दिन निर्धारित हैं।                    (घ) विभाग द्वारा संचालित योजनाएं में निम्‍न दस्‍तावेजों की आवश्‍यकता होती:- न्‍यूनतम शैक्षाणिक योग्‍यता की अंकसूची, आयु संबंधी दस्‍तावेज, मूल निवास प्रमाण पत्र, गतिविधि से संबंधित परियोजना रिपोर्ट आदि।

परिशिष्ट - ''एक सौ चार''

किसान अनुदान योजना

186. ( क्र. 3136 ) श्री रामकिशन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा अन्तगर्गत किसान अनुदान योजना में पिछले 2 वर्ष में बिजली कनेक्शन हेतु कितने हितग्राहियों द्वारा राशि जमा कराई गई है?     (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ दिया गया है, कितने शेष हैं? तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत शेष रहे हितग्राहियों को कब तक लाभ प्रदान किया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा के अंतर्गत किसान अनुदान योजना में विगत 2 वित्‍तीय वर्षों यथा-वर्ष 2014-15 में 509 हितग्राहियों द्वारा एवं वर्ष 2015-16 में 225 हितग्राहियों द्वारा इस प्रकार कुल 734 हितग्राहियों द्वारा राशि जमा कराई गई है। (ख) प्रश्‍नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न दिनांक तक वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में राशि जमा कराने वाले समस्‍त 509 हितग्राहियों को एवं वित्‍तीय वर्ष 2015-16 में राशि जमा कराने वाले हितग्राहियों में से 205 हितग्राहियों को स्‍थाई विद्युत पम्‍प कनेक्‍शन प्रदान कर योजनांतर्गत लाभान्वित किया गया है। योजनांतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार है। प्रश्‍नाधीन कुल 20 हितग्राहियों का कार्य शेष हैजिसकी तहसीलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक महोदय के विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्‍नाधीन शेष बचे हितग्राहियों को माह अक्‍टूबर-2016 तक स्‍थाई पम्‍प कनेक्‍शन प्रदाय कर योजनांतर्गत लाभान्वित किया जा सकेगा।

कर्मचारी के वेतन से अंशदान की कटौती

187. ( क्र. 3140 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. शासन के राजपत्र 30 मई 2013 में प्रकाशित नियम के उपनियम 1 एवं 2 अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि हेतु अंशदान कटौती के प्रावधान अनुसार क्या रा.प्र.मंडल में समस्त दै.वै.भो. कर्मचारी के वेतन से अंशदान की कटौती की जा रही है या नहीं की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विकास विभाग द्वारा 30 मई 2013 से प्रश्न दिनांक तक रा.प्र.मंडल को दै.वै.भो. कर्मचारी भविष्य निधि कटौती संबंधी कोई आदेश या स्मरण पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि नहीं, है तो इसके लिए कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी दोषी है तथा इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की जा रही है या की जावेगी? समयावधि बतावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) राजधानी परियोजना वनमण्‍डल भोपाल के अंतर्गत समस्‍त कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के वेतन से जुलाई वर्ष 2013 से अंशदान की कटौत्री की जा रही है। शेष बचे दैनिक वेतन भोगियों के प्रान (PRAN) नं. आवंटित कराने हेतु जानकारी अपलोड कराने की कार्यवाही की गई है। जिला कोषालय से प्रान नं. आवंटित होने पर वेतन से अंश दान की कटौत्री की जायेगी। (ख) जी नहीं सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा 30 मई 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक विशेषत: राजधानी परियोजना मण्‍डल को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों संबंधित आदेश या स्‍मरण पत्र जारी नहीं किया है। (ग) उत्‍तरांश '' के अनुक्रम में किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न नहीं है।

सैलाना विधान सभा में तालाब निर्माण

188. ( क्र. 3145 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधान सभा अंतर्गत विभाग द्वरा कितने तालाब निर्माण कार्य प्रस्‍तावित हैं? कब तक इनकी प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति कब तक जारी होकर कार्य प्रारंभ हो जायेगा? (ख) सैलाना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वरा वर्ष 2007 में निर्मित जामुडिया तालाब की वर्तमान स्थिति क्‍या है? क्‍या तालाब निर्माण कार्य शासन के तय मापदण्‍ड अनुसार हुआ है? यदि नहीं, तो क्‍यों? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या उक्‍त तालाब निर्माण कार्य में प्रस्‍तावित नहर निर्माण कार्य अपूर्ण तथा कार्य गुणवत्‍ता पूर्ण नहीं है? यदि हाँ, तो अपूर्ण नहर निर्माण कार्य कब तक‍ पूर्ण हो जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) कुल 8 तालाब/बैराज निर्माण हेतु प्रस्तावित हैं। इनमें से नहरखोरा तालाब की प्रशासकीय स्वीकृति दी जाकर कार्य हेतु अनुबंध दि. 20.06.2016 को कर लिया गया है। शेष 7 परियोजनाओं कुंदनपुर बैराज एवं अमरपुराकला, अम्बापाड़ा (वाहेड़ीखोरा), सांसर, भुतपाड़ा, गढीकटाराकला, मकोड़ियारूण्डी तालाबों की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से कार्य प्रारंभ किए जाने का समय बतलाया जाना संभव नहीं है। (ख) वर्तमान में रिसाव होने से तालाब खाली हो जाता है। तालाब निर्माण कार्य शासन के तय मापदण्डों के अनुसार न पाए जाने के कारण 1 कार्यपालन यंत्री तथा 3 उपयंत्रियों के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई। विभागीय जाँच में प्राप्‍त निष्‍कर्षों के अनुरूप आगे तकनीकी जाँच के निर्देश दिये गये हैं। (ग) जी हाँ।    जी नहीं। नहर के अपूर्ण कार्य को पूर्ण कराए जाने की योजना अंतिम न होने से समयावधि बतलाया जाना संभव नहीं है।

 

 

सोलर प्लांट हेतु दी गई शासकीय भूमि

189. ( क्र. 3147 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राज्‍यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 100 मेगावाट या उससे अधिक क्षमता के कितने सोलर प्लांट स्थापित हैं? स्थान तथा क्षमता सहित जानकारी दें। कृपया उक्त प्लांट हेतु शासन द्वारा प्रदत्‍त शासकीय भूमि की रकबे सहित जानकारी दे? (ख) पूर्व में स्थापित अथवा प्रस्तावित सोलर प्लांट में स्थानीय विकास हेतु क्या प्रावधान है? (ग) छतरपुर जिले में प्रारंभ किये जा रहे 1000 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश शासन के राजस्व में होने वाली अनुमानित आय की जानकारी दे? इसमें स्थानीय विकास हेतु किये गए प्रावधानों की भी जानकारी दें। (घ) विश्व स्तर पर कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में हो रहे प्रयासों के तहत प्रदेश को क्या कोई वित्तीय अनुदान प्राप्त हुआ है? यदि नहीं, तो शासन इस दिशा में क्या कोई पहल करेगा?

राज्‍यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) मध्‍य प्रदेश में उक्‍त श्रेणी में एक ही सोलर प्‍लांट स्‍थापित है, जो कि 130 मेगावाट क्षमता का है। उक्‍त सौर प्‍लांट जिला-नीमच की सिंगरौली एवं जावद तहसील में स्‍थापित है। शासन द्वारा प्रदत्‍त भूमि रकबे सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कम्‍पनी एक्‍ट 2013 की धारा-135 की उपधारा (I) में प्रावधानित कम्‍पनियों को अपने औसत शुद्ध लाभ का 2% अपने "कारपोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व" पर व्‍यय करना होता है। धारा-135 की उपधारा   (I) उन कम्‍पनियों पर लागू होती है, जिनमें शुद्ध लाभ रूपये 500 करोड़ या उससे अधिक हो या टर्नओवर रूपये 1000 करोड़ या उससे अधिक हो या नेट लाभ रूपये      5 करोड़ या उससे अधिक हो। (ग) इण्डियन ऑयल कारपोरेशन तथा ऑयल इण्डिया के साथ म.प्र. ऊर्जा विकास निगम का संयुक्‍त उपक्रम बनाकर छतरपुर जिले में 500 मेगावाट क्षमता के सौर पार्क विकसित किये जाने की परियोजना तैयार की गई है। नवकरणीय ऊर्जा परियोजना विकसित किये जाने के लिए दी गई भूमि पर मध्‍य प्रदेश शासन को राजस्‍व के रूप में कलेक्‍टर गाइड लाइन्‍स के अनुसार निर्धारित दर की 50% राशि प्राप्‍त होगी। स्‍थानीय विकास हेतु परियोजना विकासकों द्वारा कार्पोरेट सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व के प्रावधानों के अन्‍तर्गत कार्यवाही की जायेगी। (घ) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सौर ऊर्जा पार्क के विकास हेतु रूपये    20 लाख प्रति मेगावाट की दर से वित्‍तीय अनुदान प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्‍त, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के पारेषण को सुलभ बनाने के लिये राज्‍य को "ग्रीन एनर्जी कोरीडोर" में शामिल किया गया है, जिस हेतु भारत सरकार से अनुदान प्राप्‍त हो रहा है। साथ ही रूफ टाप सौर परियोजनाएं व सोलर कृषि पम्‍प स्‍थापित करने के लिये भी भारत शासन से अनुदान प्राप्‍त होता है।

परिशिष्ट - ''एक सौ पांच''

प्रदेश में संचालित मदिरा की दुकानें एवं उससे प्राप्त आय

190. ( क्र. 3151 ) श्री रामनिवास रावत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2012 से 2016 तक प्रदेश में संचालित देशी/विदेशी मदिरा की दुकानों की संख्या जिलेवार बतावें? किस-किस वर्ष दुकानों की संख्या में कितने प्रतिशत की वृद्धि या कमी हुई? (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में प्राप्त कुल राजस्व राशि बतावें तथा वतावें कि किस-किस वर्ष में कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई? (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में शराब पर लागू विभिन्न टैक्स की दर क्या है तथा किस-किस अवधि में वृद्धि या कमी की गई एवं क्यों? (घ) वर्ष 2016 में कई दुकानों की नीलामी पिछले वर्ष से 50 प्रतिशत कम में की गई? यदि हाँ, तो कारण बतावें तथा उन दुकानों की सूची दें जिन्हें पिछले वर्ष से कम राशी में आवंटित किया गया? पिछले वर्ष तथा इस वर्ष की नीलामी राशि सहित जानकारी प्रदान करें तथा बतावें की इन दुकानों से कुल कितनी राशि कम प्राप्त हुई? (घ) क्‍या शासन की प्रदेश में सम्पूर्ण शराब बंदी की कोई योजना है? यदि हाँ, तो जानकारी दें?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2012 से वर्ष 2016 तक प्रदेश में संचालित देशी/विदेशी मदिरा की दुकानों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रएक अनुसार है। वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 तक जिलों में स्‍थानीय आवश्‍यकता अनुसार, मदिरा दुकानों का स्‍वरूप (देशी मदिरा दुकान से विदेशी मदिरा दुकान के रूप में एवं विदेशी मदिरा दुकान से देशी मदिरा दुकान के रूप में) परिवर्तित किया गया है। परिणामत: देशी एवं विदेशी मदिरा की दुकानों की संख्‍या में परस्‍पर कमी अथवा वृद्धि हुई है। लेकिन प्रदेश में कुल मदिरा दुकानों की संख्‍या में वृद्धि नहीं हुई है। बल्कि जनविरोध एवं माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा दिये निर्देश अनुरूप वर्ष 2014-15 में एक विदेशी मदिरा की दुकान को बंद किया गया है। जिससे राज्‍य में कुल मदिरा दुकानों की संख्‍या में कमी आई है। (ख) प्रश्‍नांश (क) की अवधि में प्राप्‍त कुल राजस्‍व राशि एवं वर्षवार वृद्धि के प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रदो अनुसार है। (ग) शराब पर वर्ष 2012-13 में आबकारी शुल्‍क के अतिरिक्‍त अन्‍य कोई टैक्‍स प्रभारित नहीं किया जाता था। वर्ष 2013-14 से देशी मदिरा एवं विदेशी मदिरा की प्रत्‍येक किस्‍म एवं धारित की बोतल के घोषित एवं परिगणित न्‍यूनतम विक्रय दर पर,  5 प्रतिशत की दर से वैट टैक्‍स प्रभारित किया जा रहा है। वैट टैक्‍स की यह दर प्रश्‍न दिनांक तक अपरिवर्तित है। वैट टैक्‍स के अतिरिक्‍त शराब पर अन्‍य कोई टैक्‍स देय नहीं है। (घ) जी नहीं। वर्ष 2016 में प्रदेश में मदिरा दुकानों की नीलामी नहीं की गई है। वर्ष 2016-17 के लिये पिछले वर्ष 2015-16 से कम राशि में आवंटित मदिरा दुकानों की पिछले वर्ष तथा इस वर्ष की निष्‍पादन राशि एवं इन दुकानों से कुल प्राप्‍त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (ड.) शराब की बिक्री पूर्णत: प्रतिबंधित करने का कोई प्रस्‍ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

शिकायतों की जाँच व निराकरण

191. ( क्र. 3156 ) श्री दिनेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने अनुविभागीय अधिकारी पदस्‍थ हैं? इन अधिकारियों के पास 01 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस विभाग की, कुल कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्‍त शिकायतों में से कितनी शिकायतों की जाँच करायी जाकर क्‍या कार्यवाही की गई है?   (ग) क्‍या स्‍कूलों में मध्‍यान्‍ह भोजन, समय पर राशन वितरण, राशन पात्रता पर्ची, पंचायतों पर धारा 40 की कार्यवाही, सोसायटी की अनियमितताओं जैसे गंभीर प्रकरणों पर लम्‍बे समय से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे अनियमिततायें करने वाले दोषी संरक्षित हैं? किस-किस विभाग की कितनी शिकायतें लंबित हैं, जिन पर कार्यवाही होना अपेक्षित है?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) सिवनी जिले के विधान सभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत 02 अनुविभाग सम्मिलित है - सिवनी एवं लखनादौन दिनांक 01/01/2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 1513 आवेदन/शिकायत राजस्‍व विभाग की प्राप्‍त हुई है। अन्‍य विभाग की शिकायत/आवेदन प्राप्‍त नहीं हुए है। (ख) प्राप्‍त कुल 1513 आवेदन/शिकायतों में से 1429 का नियमानुसार निराकरण किया जा चुका है। (ग) जिले के अनुभाग स्‍तर पर खाघ विभाग से संबंधित प्राप्‍त शिकायतों की अनुविभाग सिवनी से 19 शिकायत प्राप्‍त एवं अनुविभाग छपारा (लखनादौन) से 03 शिकायतें प्राप्‍त हुई है, जिनका निराकरण किया जा चुका है। स्‍कूलों में मध्‍यान्‍ह भोजन एवं राशन पात्रता पर्ची अंतर्गत 01 शिकायत प्राप्‍त हुई जिसका निराकरण किया जा चुका है। मध्‍यान्‍ह भोजन योजना में अनियमितता पाये जाने पर दिनांक 13/08/2015 को माध्‍यमिक शाला डून्‍डा जिला सिवनी के स्‍व-सहायता समूह पर कार्यवाही करते हुए उक्‍त समूह को कार्य से पृथक किया गया। प्रश्‍नांश दिनांक तक पंचायत राज एवं ग्राम स्‍वराज अधिनियम की धारा 40 के तरह कार्यवाही हेतु 01 प्रकरण न्‍यायालय में प्राप्‍त हुआ है जो कि वर्तमान में प्रचलित है। इसके अतिरिक्‍त किसी अन्‍य विभाग की कोई शिकायत लंबित नहीं है।

परामर्शदात्री समिति की बैठकों का आयोजन

192. ( क्र. 3157 ) श्री दिनेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा शासन/विभागाध्‍यक्ष/जिला एवं तहसील स्‍तर पर कर्मचारियों की समस्‍याओं के निराकरण हेतु संयुक्‍त परामर्शदात्री समितियों की बैठक करने हेतु निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग में वर्ष 2015 एवं 2016 में शासन/विभागाध्‍यक्ष/जिला एवं तहसील स्‍तर पर संयुक्‍त परामर्शदात्री समिति की बैठक कब-कब हुई? (ग) यदि नहीं, हुई तो इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है और उसके प्रति क्‍या कार्यवाही हुई है? (घ) अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, तो माननीय मुख्‍यमंत्री जी क्‍या-क्‍या कार्यवाही करने जा रहे हैं?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर में जिला स्तरीय संयुक्त परामर्शदात्री समिति की बैठक दिनांक 19.03.2015 एवं 24.07.2015 को आयोजित की गई। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

 

जल उपभोक्‍ता संस्‍थाओं को वित्‍तीय अधिकार

193. ( क्र. 3165 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्‍न संख्‍या 11 (क्रमांक 1562) दिनांक 22/07/2014 के जवाब में आपके द्वारा जल उपभोक्ता संस्थाओं को मेंटीनेन्‍स राशी 100 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर दो गुनी करने की जो घोषणा की गई थी दो वर्ष बीत जाने के बाद भी उस पर अमल न होने के क्या करण है? (ख) उक्त घोषणा कब तक पूरी हो जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (ख) जल उपभोक्ता संथाओं को दी जाने वाली रखरखाव की राशि की बढ़ोत्तरी गहन अध्ययन के उपरान्त संभव है क्योंकि बढ़ोत्तरी किए जाने का असर व्यापक होगा। गहन अध्ययन किया जा रहा है, जिसमें समय निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।

रामगढ़ विधान सभा में खदानों की नीलामी व निर्माण कार्य

194. ( क्र. 3185 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग द्वारा खदानों की नीलामी के क्‍या निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में वर्ष    2016-17 में कौन-कौन से स्‍थानों पर रेत के खदानों की नीलामी किस दर पर किस व्‍यक्ति को कितने समय के लिये की गई है? (ग) क्‍या खनिज विभाग द्वारा प्राप्‍त होने वाली आय से निर्माण कार्य हेतु राशि स्‍वीकृत की जाती है? (घ) यदि हाँ, तो राजगढ़ जिले में दिनांक 1 अप्रैल 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार किन-किन स्‍थानों पर,   किन-किन निर्माण कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में विहित प्रावधानों के तहत नीलामी किये जाने के प्रावधान हैं। यह नियम अधिसूचित है। (ख) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में प्रश्‍नाधीन अवधि में की गई नीलामी में कोई बोली प्राप्‍त न होने से खदान नीलाम नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जनभागीदारी योजना से स्‍वीकृत कार्यों की स्थिति

195. ( क्र. 3186 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या योजना, आर्थिक और सांख्यिकी विभाग द्वारा जनभागीदारी योजना से कोई निर्माण कार्य कराये जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में जनभागीदारी योजना से 25% जनभागीदारी से किन-किन स्‍थानों पर किन-किन कार्यों हेतु      कितनी‍-कितनी लागत के निर्माण कार्य किनकी अनुशंसा पर स्‍वीकृत किये गये है?     (ग) राजगढ़ जिले में वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में जनभागीदारी योजना से 50% जनभागीदारी से किन-किन स्‍थानों पर किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी लागत के निर्माण कार्य किनकी अनुशंसा पर स्‍वीकृत किये गये है? (घ) क्‍या राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ में स्‍वीकृत उक्‍त निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके है? यदि हाँ, तो बतावें और यदि नहीं, तो कौन-कौन से कार्य अपूर्ण है, पूर्ण नहीं होने का क्‍या कारण है?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। योजना के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। सभी स्‍वीकृत कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकाय की अनुशंसा पर कार्य स्‍वीकृत किये जाते है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। सभी स्‍वीकृत कार्य ग्रामीण क्षेत्रों के संबंधित ग्राम पंचायत एवं नगरीय क्षेत्रों में नगरीय निकाय की अनुशंसा पर कार्य स्‍वीकृत किये गये है। (घ) पूर्ण अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' के कालम 4 में दर्शित है एवं उक्‍त कार्यों के अपूर्ण रहने के कारण की जानकारी कालम 6 में दर्शित है।

रिक्‍त सहायक संचालक (प्रशासन) के रिक्‍त पद की पूर्ति

196. ( क्र. 3191 ) श्री जालम सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के वार्षिक प्रशासनिक प्रतिवेदन वर्ष 2015-16 (विधान सभा पटल पर प्रस्‍तुत) के पैरा 4.1 अनुसार स्‍वीकृत सहायक संचालक (प्रशासन) का पद रिक्‍त होना बताया गया है? (ख) यदि हाँ, तो यह पद कब से रिक्‍त है तथा क्‍या उक्‍त पद के विरूद्ध क्‍या किसी अन्‍य अधिकारी का वेतन आहरित किया जा रहा है, यदि हाँ, तो किस श्रेणी के अधिकारी का तथा प्रतिवेदन में इस तथ्‍य को छिपाये जाने का क्‍या कारण है? इसके लिए कौन उत्‍तरदायी है, उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ग) प्रतिवेदन में उल्‍लेखित सहायक संचालक प्रशासन के रिक्‍त पद पर नियमानुसार पात्र अधिकारी की पदस्‍थापना क्‍यों नहीं की जा रही है? कारण बतायें? (घ) प्रश्‍न (क) में उल्‍लेखित सहायक संचालक प्रशासन का रिक्‍त पद पात्र अधिकारी की पदस्‍थापना से कब तक भर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। (ख) यह पद दिनांक 13-07-2010 से रिक्‍त है। जी हाँ - अधीक्षक (तृतीय श्रेणी) का वेतन सहायक संचालक (प्रशा.) के पद के विरूद्ध जून 2016 तक आहरित किया जा रहा था। वेतन आहरण की व्‍यवस्‍था अस्‍थायी तौर पर की जाती है। इससे पद की पूर्ति नहीं हो जाती। पद रिक्‍त ही रहता है अत: कोई तथ्‍य नहीं छुपाया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) पदोन्‍नति की कार्यवाही पूर्ण होने पर सहायक संचालक (प्रशासन) के रिक्‍त पद की पूर्ति हो सकेगी।

विधायकों के पत्रों के उत्‍तर संबंधी प्रक्रिया

197. ( क्र. 3212 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा विधायकों के पत्रों के उत्‍तर देने संबंधी नियम नगरीय विकास विभाग पर भी लागू होता है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा दिनांक 10.05.2016 पत्र क्र. 2860/एम.एल.ए./16 मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी सारंगपुर जिला राजगढ़ को लिख कर कुछ जानकारी मांगी थी? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्‍न की कंडिका (क) के अनुसार सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देश में दिये गये विधायकों के पत्रों के उत्‍तर देने संबंधी मापदण्‍डों के आधार पर मुख्‍यनगर पालिका अधिकारी सारंगपुर द्वारा किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? की गई कार्यवाही की जानकारी दिनांक अनुसार उपलब्‍ध करायें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ।      (ग) नगर पालिका परिषद सारंगपुर के पत्र क्रमांक न.पा./1415/2016 दिनांक        10-06-2016 से प्रश्‍नकर्ता को अवगत कराया गया है।

नगर पंचायत कुरावर द्वारा विद्युत एवं जल सप्‍लाई सामग्री की खरीदी

198. ( क्र. 3213 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नरसिंहगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत कुरावर द्वारा दिनांक 01 अप्रैल 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक विद्युत एवं जल सप्‍लाई सामग्री क्रय की है? (ख) प्रश्‍न की कंडिका (क) हाँ, तो खरीदी गई सामग्री की जानकारी निम्‍न बिन्‍दुवार, प्राकलन/तकनीकी स्‍वीकृति/ प्रशासकीय स्‍वीकृति/मापपुस्तिका/समाचार पत्र की प्रति (जिसमें निविदा का प्रकाशन किया गया) /प्रस्‍तुत किये गये समस्‍त टेण्‍डर फार्मों की छायाप्रति/तुलनात्‍मक पत्रक/ कार्य आदेश/देयक भुगतान की छायाप्रति/भुगतान किस निधि से किया गया जानकारी उपलब्‍ध करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

शासन की योजनाओं पर‍ लिए जाने वाले कर्ज

199. ( क्र. 3222 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) नगरीय प्रशासन विभाग तथा म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट  कं. लिमिटेड द्वारा नगरीय निकायों में मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना तथा मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना विकास योजनांतर्गत विकास कार्यों हेतु अनुदान तथा हुडको एवं ए.डी.बी. द्वारा ऋण प्रदाय करने तथा ऋण की अदायगी की अवधि, शर्तें तथा नगरीय निकाय एवं राज्‍य शासन द्वारा किस अनुपात में ऋण अदायगी तथा ब्‍याज की अदाएगी की जावेगी, के संबंध में निर्देशों, शर्तों की जानकारी देवें? (ख) क्‍या (क) में उल्‍लेखित योजनाओं में A.D. के प्रोजेक्‍ट अंतर्गत नगरीय निकायों से उक्‍त योजनाओं ऋण/ब्‍याज के पुन: भुगतान हेतु पूंजी क्षतिपूर्ति मद के अंतर्गत निकाय को विगत 3 वर्षों में जारी की गयी राशि की जानकारी प्राप्‍त कर ऋण स्‍वीकृत किया जा रहा है तथा निकाय द्वारा ऋण/ब्‍याज की अदायगी नहीं करने पर शासन द्वारा निकाय को आवंटित चुंगी क्षतिपूर्ति से उक्‍त अनुसार ऋण/ब्‍याज की राशि का कटौत्रा करने का प्रावधान किया गया है? (ग) नगर पालिका बड़वानी द्वारा (क) अनुसार योजनाओं हेतु हुडको से लिये गये ऋण राशि की अनुबंध की प्रमाणित प्रति उपलब्‍ध करावें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगरीय विकास एवं आवास के अन्‍तर्गत गठित मध्‍यप्रदेश अर्बन डेव्‍हलपमेन्‍ट कम्‍पनी द्वारा नगरीय निकायों में पेयजल एवं सीवरेज योजनाओं के लिए ए.डी.बी. तथा विश्‍व बैंक से ऋण प्राप्‍त करने की कार्यवाही की गई है। प्रस्‍ताव है कि कुल लागत का 70 प्रतिशत ऋण ए.डी.बी. तथा विश्‍व बैंक से प्राप्‍त होगा एवं 30 प्रतिशत राज्‍य शासन का अंश अनुदान के रूप में होगा। ऋण राशि के 75 प्रतिशत अंश एवं इस पर लगने वाले ब्‍याज का पुनर्भुगतान, राज्‍य शासन तथा शेष 25 प्रतिशत अंश एवं इस पर लगने वाले ब्‍याज का पुनर्भुगतान, निकाय द्वारा किया जायेगा। कार्य पूर्ण होने पर नगरीय निकायों द्वारा योजना को संचालन/संधारण का पूर्ण व्‍यय वहन किया जायेगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत मुख्‍यमंत्री पेयजल योजना में पेयजल हेतु एवं मुख्‍यमंत्री शहरी विकास योजना के अन्‍तर्गत निकायों में अधोसंरचना विकास के कार्य हेतु हडको से ऋण लिया गया है। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना:- मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना में वित्तीय पोषण 50 हजार से कम जनसंख्या वाले निकाय में 30 प्रतिशत अनुदान के माध्यम से व 50 हजार से अधिक जनसंख्या वाले निकायों में 20 प्रतिशत अनुदान के माध्यम से किया जावेगा। शेष 70 प्रतिशत अथवा 80 प्रतिशत राशि की व्यवस्था नगरीय निकायों द्वारा वित्तीय संस्थाओं से ऋण अथवा स्वयं की आय स्त्रोतों से की जावेगी। इस ऋण की राशि एवं ब्याज के 75 प्रतिशत भाग का पुनर्भुगतान राज्य शासन के बजट के माध्यम से किया जावेगा तथा शेष ऋण एवं ब्याज की राशि के 25 प्रतिशत भाग के पुनर्भुगतान का उत्तरदायित्व नगरीय निकाय का रहेगा। मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना:- मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के अन्तर्गत योजना लागत का 30 प्रतिशत अंश राज्य सरकार से अनुदान स्वरूप एवं 70 प्रतिशत ऋण के रूप में होगा। ऋण के 75 प्रतिशत अंश एवं इस पर लगने वाले ब्याज का पुनर्भुगतान राज्य शासन द्वारा 15 वर्षों में तथा शेष 25 प्रतिशत अंश एवं इस पर लगने वाले ब्याज का पुनर्भुगतान निकाय द्वारा 15 वर्षों में किया जायेगा। (ख) जी नहीं। अपितु नगरीय निकायों की वित्तीय स्थिति का आंकलन किया जाकर ए.डी.बी. तथा विश्व बैंक के द्वारा वित्त पोषित किये जा रहे कार्यों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाता है। निकायों द्वारा ऋण अदायगी नहीं करने पर निकायों को देय अन्य अनुदानों से ऋण/ब्याज की राशि कटौती किये जाने का प्रावधान है एवं नगरीय विकास एवं आवास द्वारा मुख्यमंत्री पेयजल एवं मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना में नगरीय निकायों द्वारा ऋण राशि की अदायगी नहीं करने पर, शासन द्वारा इस राशि का भुगतान किया जायेगा, जिसका समायोजन निकाय, को जारी होने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति राशि से अथवा शासन द्वारा निकाय को दिये जाने वाले अन्य अनुदान राशियों से कटौत्रा कर किया जा सकेगा, प्रावधानित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

बैतूल जिले में जलाशय/नहरों के लिए अर्जित भूमि

200. ( क्र. 3225 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बैतूल जिले में विभाग द्वारा जलाशय एवं नहर के लिये अर्जित की गई, निजी भूमि पर जनसंसाधन विभाग का नाम प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो किस जलाशय एवं किस नहर के लिये किस-किस ग्राम के लिये कितनी निजी भूमि का अर्जन किया गया? इसमें से कितनी निजी भूमि पर जल संसाधन विभाग का नाम राजस्‍व विभाग की खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र में दर्ज कर लिया गया है? (ग) किस बांध, जलाशय एवं नहर के लिये किस ग्राम की कितनी शासकीय भूमि का उपयोग किया गया है? इसमें से कितनी शासकीय भूमि का आवंटन राजस्‍व विभाग से जल संसाधन विभाग को विधिवत नहीं किया है? (घ) जल संसाधन विभाग कब तक शासकीय भूमि का आवंटन एवं निजी अर्जित भूमि पर जल संसाधन विभाग का नाम दर्ज करवाये जाने की कार्यवाही कर लेगा?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

योजनाओं की स्‍वीकृतियां

201. ( क्र. 3226 ) श्री हेमन्‍त विजय खण्‍डेलवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में दि. 01-04-2012 से 31-05-2016 तक किस-किस योजना की शासन की स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई है? इन योजनाओं में कितनी शासकीय भूमियों का जलाशय/नहर में उपयोग किया गया है अथवा किया जाना प्रस्‍तावित है? (ख) किस योजना के लिए आवश्‍यक शासकीय भूमि के आवंटन हेतु विभाग ने राजस्‍व विभाग को किस दिनांक को पत्र लिखा है? इस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही हुई? (ग) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 में वर्ष 2011 में धारा 237 में क्‍या-क्‍या संशोधन हुए हैं? इस संशोधन के अनुसार जल संसाधन विभाग ने शासकीय भूमि के बदले कितनी वैकल्पिक भूमि प्रस्‍तावित की है? यदि वैकल्पिक भू‍मि प्रस्‍तावित नहीं की गई है तो इसके क्‍या कारण हैं?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) संशोधन की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। कोई वैकल्पिक भूमि प्रस्‍तावित नहीं की गई। अत: प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''एक सौ छ:''

विधायक निधि के कार्यों की नियमावली

202. ( क्र. 3228 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन के द्वारा विधायक निधि के कार्यों की स्‍वीकृति प्रदान किए जाने के नियम बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो नियमावली उपलब्‍ध करायें? (ख) शासन द्वारा प्रतिवर्ष विधायक निधि की स्‍वीकृति मिलने के उपरांत, निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति हेतु जिलाध्‍यक्ष (कलेक्‍टर) को प्रस्‍तावित किया जाता है, उन प्रस्‍तावों की अनुशंसा हेतु दो माह की अवधि से भी अधिक समय लग जाता है। इतना समय लगने का क्‍या कारण है? (ग) क्‍या निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति हेतु इतना अधिक समय लगने में विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों की लापरवाही है? अगर हाँ, तो ऐसे विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार ) : (क) जी हाँ। मार्गदर्शिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामान्यतः प्राप्त प्रस्तावों की प्रशासकीय स्वीकृति मार्गदर्शिका के पैरा 3.4 के अनुरूप ही प्रदान की जाती है, परन्तु कतिपय प्रकरणों में निर्माण विभागों से तकनीकी प्राक्कलन के साथ आवश्यक अभिलेख प्राप्त नहीं होने के कारण विलम्ब हो जाता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

विधान सभा में आश्‍वासन पर कार्यवाही के संबंध में

203. ( क्र. 3231 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 18 मार्च 2016 के ता.प्र. संख्‍या-1 (क्र. 6354) को प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न पर हुई चर्चा में मा. मंत्री जी ने ग्रेसिम इंडस्‍ट्रीज नागदा जं. के संबंध में कमेटी बनाकर जाँच कराने का आश्‍वासन दिया था, तो इस संबंध में अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) मान. मंत्री जी द्वारा 15 दिन में जाँच कराने के आश्‍वासन का पालन विभाग ने क्‍यों नहीं किया? कारण बतावें? (ग) ये जाँच कब तक करा ली जायेगी?

पशुपालन मंत्री ( श्री अंतरसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पत्र क्रमांक 2155, दिनांक 10/06/2016 द्वारा निज सचिव, तत्कालीन माननीय राज्य मंत्रीजी, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग को निरीक्षण की तिथि निर्धारण हेतु अनुरोध किया गया है। (ग) निरीक्षण की तिथि नियत होने पर ही जाँच की कार्यवाही शीघ्र कराई जायेगी।

इंदौर नगर के विकास कार्यों की जानकारी

204. ( क्र. 3234 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर नगर निगम क्षेत्र में वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में जनकार्य, मंत्रालय एवं ड्रेमेज विभाग द्वारा समस्‍त 69 वार्डों में विभिन्‍न विकास एवं निर्माण कार्य जैसे सड़क, ड्रेनेज जल वितरण लाईन आदि संबंधी कौन-कौन से कार्य कराये गये है कार्य का नाम, स्‍थान का नाम, लागत, स्‍वीकृति दिनांक वार्ड नाम, पूर्णता दिनांक सहित बतावें? (ख) उपरोक्‍त जानकारी वित्‍तीय वर्ष 2015-16 के संदर्भ में 85 वार्डों के बारे में उपलब्‍ध कराए? प्रश्‍नांश (क) अनुसार पूर्ण जानकारी देवें?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

नगर पालिका धार द्वारा दी गई लीज भूमि

205. ( क्र. 3235 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या नगर पालिका धार द्वारा सर्वे नं. 240 रकबा 278, 20 बाय 20 की भूमि अमित S/o कमलसिंह लेता को किस दिनांक को कितनी माह की लीज पर दी गई थी? क्‍या इस पर आवेदक द्वारा पक्‍का भवन निर्माण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) नपा द्वारा आवेदक को 20 बाय 20 की भूमि लीज पर दी गई जबकि सर्वे नं. 240 का कुल रकबा 278 हैक्‍टेयर है? लीज देने के पूर्व कितनी भूमि पर किस-किस ने अतिक्रमण किया था तथा इसे कब-कब हटाया गया? (ग) क्‍या प्रेसिडेंट इन कौंसिल को ये जमीन लीज पर देने का अधिकार है यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें? (घ) क्‍या उपरोक्‍त भूमि नपा धार ने वापस ले ली है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) ग्राम लेवड़ स्थित भूमि सर्वेस नं. 240 रकबा 0.278 हेक्‍टेयर भूमि में से 20x20 की भूमि अमित पिता      कमल सिंह को प्रेसिडेंट इन कौंसिल प्रस्‍ताव क्रमांक 237 दिनांक 27.04.2013 से 11 माह के लिये अस्‍थाई मासिक किराये पर दी गई है, जी हाँ, आवेदक द्वारा पक्‍का निर्माण कर लिया गया है। (ख) भूमि सर्वे नं. 240 रकबा 0.278 हेक्‍टेयर भूमि में से 20x20 भूमि अस्‍थाई मासिक किराये पर दी गई है, इसके अतिरिक्‍त भूमि पर किये गये अतिक्रमण का चिन्‍हांकन निकाय द्वारा किया जा रहा है। (ग) जी नहीं, अपितु प्रेसिडेन्‍ट कौंसिल को नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 109 के अंतर्गत 12 माह अनाधिक के लिये अस्‍थाई रूप से किराये (पट्टा) पर दिये जाने का अधिकार है। नियम की प्रति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नगर पालिका धार द्वारा अभी भूमि नहीं ली गई है।

परिशिष्ट - ''एक सौ सात''

विधान सभा क्षेत्र चन्‍दला अंतर्गत स्‍वीकृत ग्रेनाइट खदानों से रायल्‍टी

206. ( क्र. 3238 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों से जिला छतरपुर में चंदला विधान सभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ कितने क्षेत्र में किसे-किसे ग्रेनाइट खनिज हेतु कितनी खदानें कब से स्‍वीकृत/संचालित हैं? (ख) इन स्‍वीकृत ग्रेनाइट खदानों से खदानवार अभी तक     कितना-कितना ग्रेनाइट खनिज निकाला गया है तथा उस पर कितनी रायल्‍टी जमा की गई है? (ग) क्‍या सभी खदानों से सभी ग्रामों को एल.ए.डी.एफ. (लोकल एरिया डेवलपमेंट फण्‍ड) की राशि दी गई है? (घ) यदि नहीं, तो यह राशि कहाँ गई है, उसके नियम एवं दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराये और कौन लोग दोषी है? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सभी खदानों से एल.ए.डी.एफ. की राशि एकत्रित किये जाने के प्रावधान नहीं हैं। मात्र मध्‍यप्रदेश राज्‍य खनिज निगम की संयुक्‍त प्रक्षेत्र कंपनी मेसर्स किसान मिनरल्‍स एवं मेसर्स फारच्‍यून स्‍टोन लिमिटेड द्वारा एल.ए.डी.एफ. की राशि जमा की जा रही है। वर्तमान में इस राशि को ग्रामों को दिये जाने के प्रावधान नहीं हैं।             (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेख अनुसार राशि विभाग के निर्देश दिनांक 24.06.2005 के अनुसार राज्‍य के लेखा शीर्ष 0853 में जमा की जा रही है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''एक सौ आठ''

सदस्‍यों के पत्रों पर की गई कार्यवाही

207. ( क्र. 3239 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2014 से जून 2016 तक जल संसाधन विभाग छतरपुर को प्रश्‍नकर्ता द्वारा उनको तथा उनके वरिष्‍ठ अधिकारियों को भ्रष्‍टाचार से संबंधित कितने आवेदन पत्र दिये गये? क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची उपलब्‍ध करायें? (ख) जल संसाधन विभाग छतरपुर द्वारा उन सभी आवेदन पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की गई तथा कितने आवेदन पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई? (ग) क्‍या विधायकों के आवेदन पत्रों का जवाब 7 दिवस के अंदर देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने आवेदन पत्रों का जवाब समय-सीमा में दिया गया? (घ) यदि नहीं, तो ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) जल संसाधन विभाग छतरपुर को 4 पत्र तथा उनके वरिष्‍ठ अधिकारियों को 3 पत्र प्राप्‍त हुए हैं। सातों पत्रों की सूची तथा सभी पत्रों पर की गई कार्यवाही संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''', '''' एवं '''' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होते है।

परिशिष्ट - ''एक सौ नौ''

सौर ऊर्जा का उपयोग

208. ( क्र. 3242 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, आयुष महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य सरकार की सोलर ऊर्जा उपयोग नीति बनी है? (ख) यदि हाँ, तो राज्‍य में कितना सौर ऊर्जा उत्‍पादन हो रहा है और सरकारी विभागों में इसका कितना उपयोग हो रहा है? सौर संयंत्रों से जो बिजली मिल रही है, उसकी खरीदी दर क्‍या है?

राज्‍यमंत्री, आयुष ( श्री हर्ष सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रदेश में अद्यतन सौर ऊर्जा उत्‍पादन क्षमता 774.67 मेगावाट है। इनमें से 465.25 मेगावाट क्षमता का विद्युत क्रय अनुबंध म.प्र. पावर मैनेजमेंट कम्‍पनी लिमिटेड के साथ है। म.प्र. पावर मैनेजमेंट कम्‍पनी लिमिटेड द्वारा खुली प्रतिस्‍पर्धात्‍मक निविदा प्रक्रिया के उपरान्‍त निर्धारित दर पर सौर ऊर्जा क्रय की जा रही है। इसके अतिरिक्‍त, म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड द्वारा राज्‍य में अब तक कुल 4150 किलोवाट क्षमता की रूफ टाप आधारित सौर संयंत्रों की स्‍थापनाएं सम्‍पन्‍न की जा चुकी है। यह सभी संयंत्र मुख्‍यत: सरकारी विभागों में स्‍थापित हैं। यह सभी संयंत्र संबंधित विभागों की स्‍वयं की विद्युत आवश्‍यकताओं की पूर्ति के लिये अनुदानित मूल्‍य पर स्‍थापित किये गये हैं, अत: संयंत्रों से प्राप्‍त विद्युत की खरीद दर की स्थिति नहीं है।

विद्युत स्‍टेशन को आवंटित भूमि

209. ( क्र. 3243 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सीधी जिले के तहसील सिहावल अंतर्गत ग्राम गेरूआ में 132 के.व्‍ही.ए. का स्‍टेशन शासन द्वारा स्‍वीकृत किया गया है एवं उक्‍त हेतु कलेक्‍टर सीधी द्वारा भूमि भी आवंटित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त कार्य कब से प्रारंभ कर पूर्ण कर दिया जावेगा?

ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्‍द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रस्‍तावित 132 के.व्‍ही. उप केन्‍द्र सिंहावल को जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जायका) द्वारा वित्‍तीय पोषित योजना जायका-2 में सम्मिलित किया गया है। जायका से प्राप्‍त किए जा रहे ऋण के आधार पर यह कार्य जून-2017 से प्रारंभ किया जाना प्रस्‍तावित है, तद्नुसार यह कार्य दिसम्‍बर, 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।

खनिज संसाधन

210. ( क्र. 3245 ) श्री गोवर्धन उपाध्‍याय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज एवं लटेरी तहसील में 01 जनवरी, 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक राजस्‍व अधिकारियों द्वारा अवैध माइनिंग के कितने प्रकरणों की छापेमार कार्यवाही की गई? नाम, पता सहित सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) अवधि में राजस्‍व अधिकारियों द्वारा अवैध माइनिंग (रेत, मिट्टी, मुरूम, पत्‍थर) के किन-किन प्रकरणों में चालानी कार्यवाही कर राशि वसूली की कार्यवाही की गई? प्रकरणवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार अवैध उत्‍खनन के अनेकों प्रकरणों में बगैर जुर्माना/राजसात किये छोड़ दिया गया या जनसहयोग की ऐसी रसीदें दी गई, जिस राशि का शासन में कोई लेखा जोखा नहीं रखा गया? उक्‍त वित्‍तीय अनियमितताओं के लिये क्‍या संबंधित अधिकारियों के वि‍रूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब में दर्शित है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ के सरल क्रमांक 4, 5, 6, 8, 11 को छोड़कर शेष प्रकरणों में अर्थदण्‍ड की राशि जमा कराई गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' के सरल क्रमांक 4, 7, 8, 10, 13, 17, 19 को छोड़कर शेष प्रकरणों में अर्थदण्‍ड की राशि जमा कराई गई है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - ''एक सौ दस''

 

अवैध निर्माण एवं अवैध कालोनी निर्माण पर की गई कार्यवाही

211. ( क्र. 3258 ) श्रीमती अनीता नायक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या कटनी नगर में बिना अनुमति निर्माण, अवैध निर्माण एवं अवैध कालोनी निर्माण की निगमायुक्‍त कटनी को समय-समय पर शिकायतें प्राप्‍त होती रही हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध निर्माण एवं अवैध कालोनी निर्माण की कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्‍त हुईं एवं इन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत क्‍या श्री एस.के. सिंह, आयुक्‍त नगरपालिक निगम कटनी द्वारा प्राप्‍त शिकायतों पर विधि अनुरूप कार्यवाहियां नहीं की गई, जिसके चलते नगर में अवैध निर्माण, अवैध कालोनी निर्माण लगातार जारी है, यदि हाँ, तो क्‍या अधिनियम के प्रावधानों के तहत इन पर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) के तहत अवैध निर्माण एवं अवैध कालोनी निर्माण की ऐसी कौन-कौन सी शिकायतें हैं, जिनका निर्माण हटाने और दण्‍डात्‍मक कार्यवाही की गयी?    (घ) प्रश्‍नांश (क) से (ग) तक क्‍या कटनी नगर में अवैधानिक निर्माण एवं अवैध कालोनी निर्माण की जानकारी प्राप्‍त होने के बाद भी विधिनुसार कार्यवाही न करने पर निगमायुक्‍त कटनी एवं संबंधित शासकीय सेवकों पर कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। नगर पालिक निगम, आयुक्‍त द्वारा अवैध निर्माण, अवैध कालोनी निर्माण की प्राप्‍त शिकायत पर विधिसम्‍मत कार्यवाही की गई है। विधिसम्‍मत कार्यवाही किए जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश अनुसार कार्यवाही की जाने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सिंहस्‍थ 2016 हेतु विभाग द्वारा किये गये कार्य

212. ( क्र. 3273 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्‍थ 2016 हेतु क्षिप्रा नदी के किनारों पर घाट निर्माण के कौन-कौन से कार्य विभाग द्वारा प्रस्‍तावित किये गये थे तथा विभाग द्वारा घाट निर्माण के   कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये गये तथा समयाभाव के कारण कौन-कौन से कार्य लंबित हैं तथा लंबित कार्यों को पूर्ण कराया जाएगा अथवा नहीं? (ख) क्‍या विभाग द्वारा कराये गये उक्‍त समस्‍त कार्य गुणवत्‍तापूर्ण है? यदि नहीं, तो इस संबंध में विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जाएगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) एवं (ख) विवरण संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। सभी प्रस्तावित घाटों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। विभाग द्वारा कराए गए उक्त सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण है। अतः शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - ''एक सौ ग्‍यारह''

 

भोपाल नगर निगम द्वारा वाल्‍वों बसों के क्रय में वित्‍तीय अनियमितता

213. ( क्र. 3281 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या बी.आर.टी.एस. योजनांतर्गत नागरिकों की सुविधा हेतु कितनी-कितनी वाल्‍वो बसें किस-किस दर पर कुल कितनी राशि से क्रय की गई तथा कितनी बसें क्रय करने का अनुबंध कितनी अवधि में निगम प्रशासन को उपलब्‍ध कराने का अनुबंध हुआ था और अनुबंध के अनुसार कुल बसें कब उपलब्‍ध हुईं और वर्तमान में कितनी बसों का संचालन स्‍वयं निगम कर रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जो बसें क्रय की गई हैं उनके भुगतान में जबलपुर नगर निगम की अपेक्षा भोपाल नगर निगम द्वारा 2-2 लाख रूपये प्रति बस के हिसाब से अधिक भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो यह अवगत करावें कि 225 बसों में से कितनी बसों के भुगतान से 2-2 लाख रूपये काटे गये? (ग) प्रश्‍नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में अवगत करावें कि नगर निगम भोपाल की सीमा में 225 बसें स्‍वयं निगम द्वारा तथा अन्‍य किसके द्वारा कहाँ-कहाँ नागरिकों की सुविधा हेतु चलाई जा रही हैं तथा कितनी बसें मरम्‍मत के अभाव में खराब खड़ी हैं? इन 225 बसों के डीजल, स्‍टॉफ व मरम्‍मत के नाम पर शासन द्वारा वर्ष 2009 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कुल कितनी-कितनी राशि व्‍यय की और कितनी-कितनी राशि की आय हुई वर्षवार बतावें।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बी.आर.टी.एस. योजनांतर्गत नागरिकों की सुविधा हेतु नगर पालिक निगम, भोपाल द्वारा वाल्‍वों बसें क्रय नहीं की गई है। जे.एन.एन.यू.आर.एम. योजनांतर्गत अनुबंध अनुसार 225 बसों में 900 m.m. Low Floor Height की 105 बसें 15.78 लाख प्रति बस, 80 बसें 16.52 लाख प्रति बस तथा 400 m.m. Low Floor Height की 20 एसी बसें 46.65 लाख की मूल लागत (समस्‍त कर अतिरिक्‍त) से क्रय की गई। अनुबंध अनुसार निगम प्रशासन को तीन माह में बसें उपलब्‍ध कराई जानी थी। उपलब्‍ध हुई बसों का विस्‍तृत विवरण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। वर्तमान में नगरपालिक निगम द्वारा स्‍वयं के स्‍तर पर बसों का संचालन नहीं किया जा रहा है, अपितु बसों का संचालन बी.सी.एल.एल. अंतर्गत बस ऑपरेटर के माध्‍यम से कराया जा रहा है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) नगरपालिक निगम, जबलपुर एवं भोपाल द्वार पृथक-पृथक निविदा के माध्‍यम से निविदा प्रक्रिया उपरांत निष्‍पादित अनुबंध अनुसार बसों का भुगतान किया गया है। इसलिए नगरपालिक निगम, भोपाल एवं जबलपुर द्वारा क्रय की गई बसों की दरों में तुलना का कोई औचित्‍य नहीं है। अत: नगरपालिक निगम, भोपाल द्वारा क्रय की गई बसों के भुगतान के विरूद्ध राशि काटे जाने का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न ही नहीं होता है। (ग) नगर निगम, भोपाल द्वारा वर्तमान में 10 रूटों पर 225 लो-फ्लोर बसों का संचालन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अनुबंध अनुसार उक्‍त बसों के डीजल, मरम्‍मत एवं स्‍टाफ इत्‍यादि से संबंधित समस्‍त व्‍यय का वहन ऑपरेटर द्वारा किया जाता है। वर्तमान में 30 बसें मरम्‍मत के आभाव में खड़ी है। बसों में डीजल स्‍टाफ व मरम्‍मत के विवरण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

परिशिष्ट - ''एक सौ बारह''

मोबाईल टावर नहीं हटाया जाना

214. ( क्र. 3282 ) श्री आरिफ अकील : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी गोविन्‍दपुरा भोपाल द्वारा प्रकरण क्रमांक 17/12 में भोपाल के मोबाईल टावर हटाने हेतु निर्णय दिया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या भोपाल नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा पत्र क्रमांक 318 दिनांक 2 जुलाई 2015 को मोबाईल टावर संचालकों को नोटिस जारी किए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या मोबाईल टावर के पार्ट्स गिरने के संबंध में थाना गोविन्‍दपुरा में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा उस पर तथा प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कार्यवाही नहीं करने के क्‍या कारण तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मोबाईल टावर के पार्टस गिरने के संबंध में श्री राजेन्‍द्र आगाल पुत्र श्री आर.के.आगाल के द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। प्रकरण पर माननीय न्‍यायालय द्वारा स्‍थगन दिया गया है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सूचना आयोग के आयुक्‍तों द्वारा भ्रमण

215. ( क्र. 3285 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत एक वर्ष में राज्‍य सूचना आयोग के मुख्‍य सूचना आयुक्‍त एवं सूचना आयुक्‍तों ने किस-किस दिनांक को किस स्‍थान पर सूचना के अधिकार कानून 2005 के तहत लोक अदालत सर्किट कैम्‍प आयोजन किया? किस दिनांक का वर्कशाप को आयोजन किया एवं सर्किट कैम्‍प पर कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? (ख) किस लोक अदालत में कितने प्रकरणों की कितनी सुनवाई की कितने प्रकरणों में तत्‍काल आदेश किए कितने प्रकरणों में तत्‍काल आदेश एवं सर्किट कैम्‍प नहीं किए गए? (ग) सूचना के अधिकार कानून 2005 की किस धारा में लोक अदालत लगाए जाए या सूचना आयुक्‍तों को वर्कशाप आयोजित किए जाने के क्‍या-क्‍या अधिकार दिए गए हैं? (घ) मुख्‍य सूचना आयुक्‍त या सूचना आयुक्‍त के भ्रमण का कितना टी.ए.डी.ए. किस दिनांक का भुगतान किया, कितना भुगतान शेष है वह कब तक कर दिया जावेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। (ख) लोक अदालतः-दिनांक 02.05.2015, स्थान-उज्जैन, रखे गये प्रकरण-600, निराकृत-152, दिनांक 11.09.2015, स्थान-सतना, रखे गये प्रकरण-864, निराकृत-203, दिनांक 22.04.2016, स्थान-सिवनी, रखे गये प्रकरण-626, निराकृत-182 (ग) सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 में लोक अदालत लगाए जाने अथवा वर्कशॉप आयोजित किये जाने बाबत् उल्लेख नहीं है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है।

परिशिष्ट - ''एक सौ तेरह''

स्‍मार्ट सिटी के तहत फेस-1, फेस-2 में चयनित शहर

216. ( क्र. 3286 ) श्री जितू पटवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) स्‍मार्ट सिटी के तहत फेस-1 तथा फेस-2 में चयनित शहरों की सूची प्रदान करें। किस सिटी हेतु किस-किस कन्‍सलटेंट की किस दर से नियुक्ति किया गया है? फर्म/व्‍यक्ति का नाम, पता सहित अनुबंध की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट के लिये जिस जगह का चयन किया गया है, उसका नक्‍शा वर्तमान में निर्मित पक्‍के भवनों की सूची, पेड़ पौधों की संख्‍या, रहवासी की संख्‍या, उस जगह से समुद्र तल से ऊंचाई बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित फेस-1 की स्‍मार्ट सिटी में अभी तक क्‍या-क्‍या कार्य किये गये हैं तथा उसकी लागत क्‍या है? (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्रोजेक्‍ट में अपनाई गयी कन्‍सलटेंट नियुक्‍त करने हेतु प्रक्रिया की जानकारी दें तथा बतावें प्रत्‍येक में किस-किस कंपनी ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्‍सा लिया तथा चयनित फर्म के मालिक/भागीदार का नाम बतावें तथा उनके चयन का आधार क्‍या था?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) फेस-1 एवं फेस-2 में चयनित शहरों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भोपाल-कंसलटेंट का नाम-प्राईज वाटर हाउस कूपर प्राईवेट लिमिटेड, गुडगांव। अनुबंध की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इंदौर -कन्सलटेंट का नाम - मेहता एंड एसोसिएट्स, इन्दौर की नियुक्ति निविदा के माध्यम से की गई है। अनुबंध की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जबलपुर - मेहता एंड एसोसिएट्स, इन्दौर की नियुक्ति निविदा के माध्यम से की गई है। अनुबंध की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। ग्वालियर-वाईन्ट सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड, गुडगांव। अनुबंध की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। सागर - वाईन्ट सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड, गुडगांव। अनुबंध की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। उज्जैन - रायल हेसकोनिंग डी.एच.वी. नोएडा। अनुबंध की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। सतना - वाईन्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, गुडगांव। अनुबंध की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-8 अनुसार है। (ख) भोपाल- वर्तमान में चयनित स्थल का सर्वें कराया जाकर, निर्मित पक्के भवनों, पेड़ पौधों एवं रहवासियों की संख्या की जानकारी एकत्रित की जा रही है। नक्शा की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-9 अनुसार है। इंदौर - नक्शा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-10 अनुसार है। पेड़-पौधौं एवं भवनों की सूची के लिये मास्टर प्लान बनाये जाने हेतु कन्सलटेंट की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। तत्पश्चात जानकारी दी जा सकेगी। समुद्र तल से ऊंचाई 545.0 मी. है। जबलपुर -नक्शा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-11 अनुसार है। पक्के भवनों की संख्या 11040 कुल रहवासी संख्या 55200, स्मार्ट सिटी क्षेत्र में कुल पेड़ 921 है। समुद्र तल से ऊंचाई 411 मी. है। उज्जैन - नक्शा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-12 अनुसार है। चूंकि उज्जैन शहर का चयन भारत सरकार स्तर पर नहीं किया गया है। अतः पेड़, पौधौं एवं रहवासियों की संख्या की जानकारी एकत्रित नहीं की गई है। समुद्र तल से ऊंचाई 494.0 मी. है। सागर - नक्शा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-13 अनुसार है। चूंकि सागर शहर का चयन भारत सरकार स्तर पर नहीं किया गया है। अतः पेड़, पौधौं एवं रहवासियों की संख्या की जानकारी एकत्रित नहीं की गई है। समुद्र तल से ऊंचाई 536.0 मी. है। सतना - नक्शा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-14 अनुसार है। चूंकि सतना शहर का चयन भारत सरकार स्तर पर नहीं किया गया है। अतः पेड़, पौधौं एवं रहवासियों की संख्या की जानकारी एकत्रित नहीं की गई है। समुद्र तल से ऊंचाई 245.0 मी. है। ग्वालियर - नक्शा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-15 अनुसार है। चूंकि ग्वालियर शहर का चयन भारत सरकार स्तर पर नहीं किया गया है। अतः पेड़, पौधौं एवं रहवासियों की संख्या की जानकारी एकत्रित नहीं की गई है। (ग) भोपाल - जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-16 अनुसार है। इंदौर-स्मार्ट सिटी हेतु प्राप्त राशि में से वर्तमान में कोई कार्य नहीं कराया गया है। जबलपुर एम गवर्नेंस मोबाईल एप्‍लीकेशन जे कार्ड (मनी लेस टिकटिंग) प्रारंभ किया गया है। उज्जैन - स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। अतः किसी प्रकार के कार्य कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। ग्वालियर - स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। अतः किसी प्रकार के कार्य कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सागर - स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। अतः किसी प्रकार के कार्य कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। सतना - स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। अतः किसी प्रकार के कार्य कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) समस्त चयनित शहरों में भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा एमपेनल्ड कन्सलटेंटों में से ई-टेण्डरिंग पद्धति अनुसार कन्सलटेंट का चयन किया गया। भोपाल में निम्न अनुसार कन्सलटेंटों ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया:-

1 डीआरए कन्सलटेंट प्रायवेट लिमिटेड, नागपुर।

2 पेल फ्रेंचमेन कन्सलटेंट लिमिटेड, मुंबई

3 वाप्कोस लिमिटेड, हरियाणा।

4 देल्ही इन्टीग्रेटेड मल्टीमॉडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड, दिल्ली।

5 हार्सकोनिंग डीएचबी कन्सलटेंट प्राईवेट लिमिटेड।

6 ऑल इंडिया इन्सटीटूयट ऑफ लोकल सेल्फ गर्वनमेंट दिल्ली।

7 प्राईज वॉटर हाउस कूपर।

8 मेहता एण्ड एशोसिऐट, इंदौर।

9 वायंटस सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड

इंदौर में निम्न अनुसार कन्सलटेंटों ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया:-
1- All India Local Self Government, New Delhi (AlLSG)

2. Haskoning DHV Consulting Pvt. Ltd. (JV Haskoning (DHV) .

3. Wapcos Ltd. Gurgaon

4. Shrikhande Consultant Pvt. Ltd., Mumbai (SCPL)

5. Mehta & Associates

जबलपुर में निम्न अनुसार कन्सलटेंटों ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया:-

1. Wapcos Ltd. Gurgaon

2. Mehta & Associates

3- वायंटस सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड

उज्जैन में निम्न अनुसार कन्सलटेंटों ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया:-

1. Wapcos Ltd. Gurgaon

2. Mehta & Associates

3. Haskoning DHV Consulting Pvt. Ltd. (JV Haskoning (DHV) .

सागर में निम्न अनुसार कन्सलटेंटों ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया:-

1. Haskoning DHV Consulting Pvt. Ltd. (JV Haskoning (DHV) .

2. वी.वी. एण्ड ग्रांट थोर्नटर्न, नोएडा।

3. वायंटस सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड

4. Mehta & Associates

सतना में निम्न अनुसार कन्सलटेंटों ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया:-

1. Haskoning DHV Consulting Pvt. Ltd. (JV Haskoning (DHV) .

2. Mehta & Associates

3. वायंटस सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड

4. Wapcos Ltd. Gurgaon

ग्वालियर में निम्न अनुसार कन्सलटेंटों ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया:-

1. Mehta & Associates

2. वायंटस सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड

3. Wapcos Ltd. Gurgaon

4. Pell Rrischmann Consultants Ltd.

नियम विरूद्ध पेंशन भुगतान रोका जाना

217. ( क्र. 3290 ) श्री हर्ष यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पुलिस अधीक्षक लोकायुक्‍त जबलपुर ने अपराध क्रमांक 457/2014 में विशेष न्‍यायालय कटनी में दिनांक 07 फरवरी 2015 में प्रस्‍तुत मामले में अमित विजय पाठक, सहायक संचालक, स्‍थानीय निधि संपरीक्षा सर्किल जबलपुर आरोपी होने के बावजूद भी उन्‍हें 28 जनवरी 2016 को पदोन्‍नति दी गई? (ख) प्रश्‍न (क) उल्‍लेखित मामले में नाम नहीं होने पर भी श्री बी.एस.ठाकुर, अ.ज.जा., रिटायर्ड सहायक संचालक, स्‍थानीय निधि संपरीक्षा जबलपुर सर्मिल को पेंशन भुगतान नहीं की जा रही है? क्‍यों? क्‍या यह भी सही है कि श्री ठाकुर को पेंशन अदायगी आदेश, कोषालय अधिकारी द्वारा जरूरी पड़ताल के बाद जारी किया गया? फिर शासन के किस आदेश से पेंशन रोकी गई? (ग) क्‍या यह सही है कि प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित प्रकरण में आरोपी अधिकारी ने पेंशन रोकी है? क्‍या इन्‍हें पेंशन रोकने का अधिकार है? क्‍या दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। श्री अमित विजय पाठक एवं अन्‍य के विरूद्ध लोकायुक्‍त के अपराध क्रमांक 457/2014 में प्रकरण पंजीबद्ध अवश्‍य किया गया था किंतु लोकायुक्‍त द्वारा प्रकरण में दिनांक 2.3.2015 को अंतिम प्रतिवेदन खात्‍मा क्रमांक 01/15 तैयार कर माननीय विशेष अपर सत्र न्‍यायालय प्रथम (लोकायुक्‍त) कटनी में दिनांक 7.2.2015 को प्रस्‍तुत किया गया। श्री अमित विजय पाठक को सामान्‍य प्रशासन विभाग के नियम-निर्देशों के अंतर्गत विभागीय पदोन्‍नति समिति द्वारा की गई अनुशंसा पर दिनांक 28.01.2016 को पदोन्‍नति प्रदान की गई है। (ख) जी नहीं। श्री ठाकुर को पूर्वानुमानित पेंशन 100 प्रतिशत का भुगतान मध्‍यप्रदेश (पेंशन) नियम 1976 के नियम-61 एवं नियम-64 के अंतर्गत प्रतिमाह किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

सूचना अधिकार व नियम विरूद्ध पदोन्‍नति

218. ( क्र. 3291 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.माध्‍यम का स्‍वरूप क्‍या है? दूसरी नियमावली एवं रजिस्‍ट्रेशन अ‍ादि की प्रति उपलब्‍ध करायें? क्‍या इस संस्‍था में म.प्र.सरकार के नियम लागू होते है? क्‍या यहां सूचना का अधिकार अधिनियम पूर्व में बंद किया गया था इसे कब और क्‍यों आरंभ किया गया? इसे बंद करने का क्‍या कारण था? क्‍या इसके लिए दोषी प्रबंधक (स्‍थापना) तत्‍कालीन से निलंबित किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या माध्‍यम में वर्ष 2012-13 से अब तक हुई पदोन्‍नति बिना वरिष्‍ठता सूची के की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या नियम विरूद्ध की गई पदोन्‍नति निरस्‍त की जायेगी एवं तत्‍कालीन दोषी स्‍थापना प्रबंधक को निलंबित किया जायेगा यदि नहीं, तो वर्ष 2012-13 से अब तक की वरिष्‍ठता सूची उपलब्‍ध करायें? दोषी अधिकारी पर कब तक कार्यवाही होगी?

जल संसाधन मंत्री ( डॉ. नरोत्तम मिश्र ) : (क) मध्यप्रदेश माध्यम म.प्र.सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के तहत पंजीकृत संस्था है। मध्यप्रदेश माध्यम का विधान और पंजीयन की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ. मध्यप्रदेश माध्यम एक स्वपोषित स्वायत्तशासी संस्था है। शासन से संस्था को किसी प्रकार का कोई अनुदान प्राप्त नहीं होता है। विधि विशेषज्ञों के परामर्श पर स्वपोषित संस्था में सूचना का अधिकार लागू नहीं होता, इसलिए इस पर अंतिम निर्णय होने तक सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही संस्था में लंबित रहीं, लेकिन संस्था में पारदर्शिता के दृष्टिगत विधि विशेषज्ञों की आर.टी.आई. नहीं लागू होने की राय के बावजूद संस्था में सूचना का अधिकार अधिनियम प्रभावशील रखा गया है। वर्तमान में यह प्रावधान लागू है। इसके लिए संस्था का कोई कर्मचारी दोषी नहीं है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मध्यप्रदेश माध्यम में वर्ष 2012-2013 से अब तक हुई पदोन्नतियाँ नियमानुसार प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी से प्रथम श्रेणी के लिए योग्यता सह वरिष्ठता एवं तृतीय से द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के पदों के लिए वरिष्ठता सह योग्यता के आधार पर की गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

अवैध निर्माण को हटाया जाना

219. ( क्र. 3292 ) श्री हर्ष यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या इंदौर के उदासीन आश्रम के संचालकों ने 56 दुकान मार्केट के पीछे एवं साइड में लगी अपनी भूमि पर 26 अवैध दुकानों का निर्माण किया गया है? जिसमें पीछे एम.ओ.एस. में चौदह दुकानें एवं आश्रम के अंदर 12 दुकानें हैं, इनकी भवन अनुज्ञा, अनुमति एवं स्‍वीकृत मानचित्र की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) क्‍या उपरोक्‍त वर्णित अवैध निर्माण के संबंध में शासन/विभाग को कोई शिकायत की गई थी? शासन द्वारा कलेक्‍टर इंदौर को कार्यवाही किये जाने हेतु कब-कब निर्देशित किया गया? शासन के पत्र, पालन प्रतिवेदन की प्रति दें व कार्यवाही न किया जाने का कारण बतावें? (ग) शासन के स्‍पष्‍ट निर्देश के बावजूद कार्यवाही नहीं किये जाने के क्‍या कारण है? इस हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी है? नाम व पदनाम बतावें? (घ) अवैध निर्माण कब तक हटाया जावेगा? कब तक जिम्‍मेदार अधि‍कारियों का उत्‍तरदायित्‍व तय कर कार्यवाही की जावेगी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। अपितु उदासीन आश्रम द्वारा एम.ओ.एस. एवं आश्रम की भूमि पर अस्‍थाई शेड का निर्माण किया गया है। जिसे किरायदारी पर दुकानदारों को उदासीन आश्रम द्वारा दिया गया है। नगर निगम इन्‍दौर उदासीन आश्रम में साधू सन्‍तों के निवास के हेतु भवन अनुमति वर्ष 1987 में दी गई है, जिसकी प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासन द्वारा कलेक्‍टर इन्‍दौर को दिनांक 01.12.2015, 16.12.2015, 14.01.2016, 05.02.2016, 27.02.2016, 20.04.2016 एवं 06.06.2016 से निर्देशित किया गया प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। नगर निगम इन्‍दौर (मार्केट शाखा) द्वारा संबंधितों को दिनांक 24.09.2015 को निगम स्‍वामित्‍व की दुकानों में किये गये परिवर्तन, परिवर्धन के अनु‍मति प्रस्‍तुत करने बावत् दिनांक 27.12.2016 को अनुबंध की शर्तों का उल्‍लंघन करने के लिए कारण बताओं सूचना पत्र एवं दिनांक 21.06.2016 निगम स्‍वामित्‍व की दुकानों के पीछे अतिक्रमण करने के संबंध में सूचना पत्र जारी किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, निगम द्वारा की गई कार्यवाही का पालन प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है, जिसका प्रतिउत्‍तर संबंधितों द्वारा दिये गये जिनका परीक्षण किया जा रहा है। कार्यवाही प्रचलित होने से कार्यवाही ना किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन के निर्देश पर कार्यवाही की गई है जिससे किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कार्यवाही की जा रही है, निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांक का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नियम विरूद्ध मूर्ति स्‍थापित की जाना

220. ( क्र. 3293 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राज्‍यमंत्री, संस्कृति महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले के भिण्‍ड, लहार, दबोह, मिहोना, नगरों सहित ग्राम लपवाहा, ग्राम देवजूकापुरा, मछण्‍ड में किन-किन महापुरूषों की मूर्तियों (स्‍टेच्‍यू) वर्ष 2011 से प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ स्‍थापित की गयी? (ख) सार्वजनिक स्‍थानों का मूर्तियों (स्‍टेच्‍यू) एवं मंदिर निर्माण के नियम का निर्देश क्‍या शासन द्वारा निर्धारित है? यदि हाँ, तो निर्देशों के विरूद्ध बगैर शासन की अनुमति के मूर्तियां एवं मंदिर स्‍थापित करने वालों के विरूद्ध जाँच कराकर कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या उपरोक्‍त के संबंध में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय एवं माननीय उच्‍च न्‍यायालयों का भी निर्देश शासन को प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रतियां दें?

राज्‍यमंत्री, संस्कृति ( श्री सुरेन्द्र पटवा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार. (ख) प्रतिमा स्‍थापना हेतु विभाग द्वारा जारी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार. (ग) जी नहीं. प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता.

समयमान की गणना

221. ( क्र. 3299 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग ने शासकीय सेवकों को जिन्‍हें सेवा में बढ़ने का अवसर प्राप्‍त नहीं हुआ है उन्‍हें सेवाकाल में प्र‍थम, द्वितीय, तृतीय समयमान प्रदान करने के निर्णय के फलस्‍वरूप कब-कब, कौन-कौन से आदेश, परिपत्र एवं स्‍पष्‍टीकरण जारी किये है? इनकी छायाप्रति दें? (ख) क्‍या किसी विभाग के शासकीय वाहन चालक जिसकी प्रथम नियुक्ति 2002 में कार्यभारित कर्मचारी के रूप में हुई तथा नि‍यमित कर्मचारी के रूप में पदस्‍थी वर्ष 2013 में हुई है इन्‍हें समयमान का लाभ प्राप्‍त होगा? यदि हाँ, तो कब, किस आदेश के तहत? (ग) प्रश्‍नांकित में समयमान हेतु सेवा की गणना किस वर्ष से मानी जायेगी?

वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्‍त विभाग के परिपित्र दिनांक 24 जनवरी 2008, 1 अप्रैल 2008, 4-8-2008, 7-11-2009, 17 सितम्‍बर 2009, 24 सितम्‍बर 2008,        13 नवम्‍बर 2009, 30 अक्‍टूबर 2010, 27 जनवरी 2013, 20 मई 2013, 30 सितम्‍बर 2014, 12 फरवरी 2015, 7 मार्च 2016, 4 अप्रैल 2016, 24 जून 2016 के द्वारा जारी आदेश परिपत्र एवं स्‍पष्‍टीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परि‍शिष्‍ट के प्रपत्र 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12,13,14,15,16,17,18,19,20 अनुसार है। (ख) एवं (ग) समयमान वेतनमान के लाभ के लिये शासकीय सेवा में नियमित कर्मचारी होने के दिनांक के उपरांत की सेवा को गणना में लिया जायेगा।

नियम विरूद्ध कार्य आवंटन किया जाना

222. ( क्र. 3300 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रदेश की नगर पालिका तथा नगर पालिका निगमों द्वारा किस नियम के तहत विज्ञप्ति/टेण्‍डर जारी कर बिना सलाहकार (कन्‍सलटेन्‍ट) को कार्य दिया जाता है? यदि हाँ, तो उस नियम की प्रति/गजट नोटिफेकशन की प्रति आदि देवें? (ख) क्‍या विभाग ने कार्यों के लिये सलाहकार (कन्‍सलटेन्‍ट) पंजीकरण या अधिकृत कर रखे है? यदि हाँ, तो उनकी सूची तथा अधिकृत कार्य की जानकारी दें? (ग) अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2016 तक की अवधि में प्रदेश के नगर पालिका निगमों में बिना टेण्‍डर के किस-किस सलाहकार फर्म/व्‍यक्ति को किस के लिये कितनी राशि का कार्य स्‍वीकृत किया गया तथा किस दिनांक को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किय गया? (घ) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में बी.आर.टी.एस. इंदौर तथा भोपाल में किस-किस सलाहकार को बिना टेण्‍डर के कितने कार्य कितनी-कितनी राशि के स्‍वीकृत किये गये तथा कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया तथा कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासन के विरूद्ध चल रहे अवमानना प्रकरणों में

223. ( क्र. 3386 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग अंतर्गत शासन के विरूद्ध अवमानना के कितने प्रकरण चल रहे हैं? शासकीय कर्मियों के प्रकरणों के संदर्भ में देवें। दै.वे.भो. के प्रकरण भी बतावें?         (ख) क्‍या कारण है कि इतने प्रकरणों में शासन को अवमानना का सामना करना पड़ रहा है? (ग) इसके जवाबदेह अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रोजगार ऋण एवं स्‍वरोजगार योजना

224. ( क्र. 3462 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र /राज्य प्रवर्तित रोजगार ऋण प्रदाय हेतु प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनाएं इत्यादि शासन/विभाग द्वारा रतलाम जिले में क्रियान्वित की जा रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जिले में उक्ताशय संबंधी कुल कितने आवेदन प्राप्त होकर उनके विरुद्ध कितने प्रकरण स्वीकृत होकर ऋण प्रदाय किये गए? (ग) साथ ही इन योजनाओं के माध्यम से जिले भर में किस-किस प्रकार के उद्योग धंधे/रोजगार मूलक कार्य किन-किन स्थानों पर प्रारम्भ होकर कार्यरत हैं? नामवार, स्थानवार बतायें. (घ) बड़े जिले के केंद्र जावरा नगर में सप्‍ताह में तीन दिवस उद्योग अधिकारी नियत स्थान पर कार्यालयीन कार्य हेतु उपस्थित रहते है तो कब से, किस स्थान पर, कौन अधिकारी रहते है? अवगत कराये.

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी हाँ।       (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) कार्यालयीन आदेश क्रमांक 2027-37 दिनांक 03.09.2015 द्वारा श्री एम.के. चौधरी प्रबंधक को जावरा तहसील का कार्य आवंटित किया गया है, श्री चौधरी, प्रबंधक आय.टी.एसी. कम्‍पाउण्‍ड जावरा में बैठकर कार्यालयीन कार्य सम्‍पादित करते हैं।

परिशिष्ट - ''एक सौ चौदह''

राजगढ़ विधान सभा में उद्योग धंधे

225. ( क्र. 3505 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले में उद्योग विभाग द्वारा   कौन-कौन से स्‍थानों पर कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से उद्योग धंधे किस-किस के द्वारा संचालित हैं? उद्योग धंधे का नाम, स्‍थान, संचालक का नाम, लागत राशि सहित विधान सभावार जानकारी देवें? (ख) राजगढ़ जिले की विधान सभा राजगढ़ अंतर्गत जो उद्योग धंधे पूर्व में बंद हो चुके हैं तथा जो संचालित किये जा रहे हैं उनको उद्योग धंधे लगाये जाने हेतु क्‍या शासन द्वारा शासकीय जमीन आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो बतावें। (ग) उद्योग धंधे लगाये जाने हेतु जो शासकीय भूमि शासन द्वारा गई थी, क्‍या उद्योग धंधे बंद हो जाने से उक्‍त भूमि शासन द्वारा अधि‍गृहित कर ली गई है? यदि हाँ, तो बतावें और नहीं तो क्‍यों नहीं कारण सहित बतावें? (घ) क्‍या राजगढ़ जिला मुख्‍यालय पर कि‍टप्‍लाय कंपनी को उद्योग लगाये जाने हेतु शासकीय जमीन आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो क्‍या उस पर किटप्‍लाय कंपनी द्वारा कोई उद्योग लगाया गया है? यदि नहीं, तो उक्‍त शासकीय भूमि किसके आधिपत्‍य में है और उसका क्‍या उपयोग किया जा रहा है? क्‍या शासन द्वारा पुन: उसे अपने आधिपत्‍य में लिया जावेगा?

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) राजगढ़ जिले में विधान सभावार संचालित लघु, वृहद एवं मध्‍यम उद्योगों की विस्‍तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हाँ। राजगढ़ जिले में विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत 01 वृहद इकाई मेसर्स किटप्लाय (इण्डिया) को उद्योग लगाये जाने हेतु उद्योग विभाग द्वारा 55 एकड़ शासकीय भूमि वर्ष 1994-95 में आवंटित की गई थी। (ग) हाँ। राजगढ़ जिले में विधान सभा क्षेत्र राजगढ़ अंतर्गत 01 वृहद उद्योग लगाने हेतु जो शासकीय भूमि उद्योग विभाग द्वारा दी गई थी, इकाई द्वारा वृहद उद्योग न लगाये जाने के फलस्‍वरूप आवंटित भूमि उद्योग विभाग द्वारा वापस प्राप्‍त कर ली गई है। (घ) हाँ। किटप्लाय (इण्डिया) द्वारा आवंटित भूमि पर कोई उद्योग नहीं लगाया गया। आवंटित भूमि का आवंटन निरस्‍त कर भूमि उद्योग विभाग द्वारा वापस प्राप्‍त की जाकर राजस्‍व विभाग को समर्पित की गयी है।

परिशिष्ट - ''एक सौ पन्‍द्रह''

धार जिले की रोजगार मूलक योजना

226. ( क्र. 3540 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह बघेल : क्या राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में रोजगार मूलक योजनाओं में कितने हितग्राहियों (अनु.जाति एवं जनजाति वर्ग के) के कितनी योजनाओं में चयन हुआ? इसके पश्‍चात् बैंक से त्रण प्राप्‍त कर उन्‍होंने रोजगार प्रारंभ किए की जानकारी दि. 01.04.13 से 30.6.16 तक विधान सभावार देवें। (ख) इसके लिए उपरोक्‍त समयावधि में अनु.जाति व जनजाति वर्ग के कितने आवेदन प्राप्‍त हुए पृथक-पृथक जानकारी भी देवें। (ग) शासन द्वारा बैंक गारंटी देने वाली योजना (C.G.T.) के तहत उपरोक्‍त समयावधि में कितने ऋण धार जिले में दिए गए की सूची नाम सहित देवें। राशि भी बतावें। स्‍थान भी देवें। (घ) प्रश्‍न (ग) अनुसार इसमें अनु.जाति/जनजाति के कितने हितग्राही चयनित हुए, नाम, स्‍थान, राशि, सहित पृथक-पृथक बतावें।

राज्‍यमंत्री, सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जिला व्‍यापार एवं उद्योग केन्‍द्र धार के कार्य क्षेत्र अंतर्गत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।   (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) से (घ) मुख्‍यमंत्री युवा उद्यमी एवं मुख्‍यमंत्री स्‍वरोजगार योजना अंतर्गत सी.जी.टी.एम.एस.ई. के तहत बैंक द्वारा गारंटी लिये जाने का प्रावधान है जिसका संधारण विभाग स्‍तर पर नहीं किया जाता हैं।

परिशिष्ट - ''एक सौ सोलह''

नगरीय निकाय द्वारा निर्मित दुकानों के संबंध में

227. ( क्र. 3608 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगरीय निकायों द्वारा दुकान निर्माण हेतु निर्माण से पूर्व नजूल अधिकारी अनापत्ति लेकर एवं निर्धारित प्रब्याजी एवं भू-भाटक शासन मद में जमा कर निर्माण कार्य करना होता हैं? यदि हाँ, तो नगर परिषद् नलखेड़ा द्वारा विगत 05 वर्षों में कितनी दुकानें निर्मित की गई एवं इनसे कितनी आय हुई हैं? निर्माण हेतु उक्तानुसार कार्यवाही की गई या नहीं? (ख) क्या निर्धारित प्रावधानों का पालन न करते हुए नगर परिषद् नलखेड़ा द्वारा दुकानें निर्मित की गई हैं? यदि हाँ, तो शासन को हुए आर्थिक नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार हैं? क्या जिम्मेदारों पर शीघ्र कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी द्वारा नगर परिषद् नलखेड़ा द्वारा नियम विरूद्ध निर्मित दुकानों के संबंध में पत्र क्रमांक 1990 दिनांक 30.03.16 एवं पत्र क्रमांक 1148 एवं 1149 दिनांक 07.04.2016 से प्रतिवेदन चाहा था? क्‍या प्रतिवेदन उपलब्‍ध कराया गया? यदि नहीं, तो प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या स्वप्रेरणा से प्रकरण को संज्ञान में लिया जाकर नगरपरिषद् नलखेड़ा में नियम विरूद्ध बनाई गई दुकानों के संबंध में शीघ्र उचित कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या व कब तक?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विगत 05 वर्षों में कुल 54 दुकानें निर्मित की गई है, इनमें रूपये 2,84,24,000/- आय हुई है, जी नहीं। (ख) दुकानों का निर्माण म.प्र. शासन, राजस्‍व विभाग की भूमि पर किया गया है, किंतु निर्माण के पूर्व नगर परिषद द्वारा भूमि अपने पक्ष में आवंटित नहीं कराई गई है, निर्माण कार्य नगर परिषद ने विधिवत् प्रस्‍ताव उपरांत कराया है, जाँच उपरांत ही उत्‍तरदायित्‍व का निर्धारण किया जाकर एवं तद्नुसार ही कार्यवाही की जाना संभव हो सकेगा। (ग) जी हाँ, प्रतिवेदन उपलब्‍ध करा दिया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रकरण में संयुक्‍त संचालक उज्‍जैन/कलेक्‍टर, आगर-मालवा से समस्‍त तथ्‍यों एवं दस्‍तावेजों का परीक्षण उपरांत प्राप्‍त जाँच प्रतिवेदन के आधार पर शीघ्र कार्यवाही की जायेगी।

परिशिष्ट - ''एक सौ सत्रह''

शासकीय एवं निजी कालोनियों की जानकारी देना 

228. ( क्र. 3672 ) श्री गोपाल परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आगर जिले में कितनी शासकीय आवासीय/निजी कॉलोनियां है जिले की कालोनियों के नाम की सूची एवं कॉलोनियों में कितने-कितने प्‍लाट काटे गये है जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार कॉलोनियों में काटे गये प्‍लाटों में शासन नियमानुसार अनु. जाति/जनजाति वर्ग हेतु आरक्षण का प्रावधान रखा गया है तो कितने प्रतिशत बतावें? यदि हाँ, तो कॉलोनियों में काटे गये प्‍लाटों में अनु.जाति/जन जनजाति के कितने लोगों को आरक्षण नियमों में प्‍लाट आवंटित किये गये है? (ग) क्‍या आगर नगर में स्थिति कॉलोनियों में भी आरक्षण नियमों का पालन किया गया है यदि हाँ, तो किन-किन कालोनियों में किया गया है नाम सहित सूची देवें, यदि आरक्षित प्‍लाटों का आवंटन नहीं किया गया है तो इसके लिये कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है शासन क्‍या कार्यवाही करेगा एवं आरक्षण प्‍लाटों का आवंटन आरक्षण के अनुसार कब तक कर दिया जावेगा?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

 


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