मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जून, 2018 सत्र
मंगलवार, दिनांक 26 जून, 2018
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
बहेलिया
जाति को संपूर्ण
प्रदेश में आरक्षण
का लाभ
[जनजातीय कार्य]
1. ( *क्र. 657 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के बहेलिया जाति को किन-किन जिलों में आदिवासी जाति (जनजाति) मानकर शासकीय सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं और किन-किन जिलों में नहीं? ऐसा किस कारण से किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बहेलिया जाति के व्यक्तियों को जिन जिलों में अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिये जाने की मांग, समय-समय पर शासन स्तर पर की जाती रही है, तत्संबंध में राज्य सरकार की क्या मंशा है एवं बहेलिया जाति को उन जिलों में अनुसूचित जनजाति का दर्जा किस प्रकार से एवं कब तक दे दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 2002 जो भारत का राजपत्र दिनांक 08 जनवरी, 2003 को प्रकाशित है, में जारी म.प्र. राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 40 पर पारधी, जनजाति के साथ बहेलिया, बहेल्लिया कुछ जिलों यथा छिंदवाड़ा, मण्डला, डिण्डौरी और सिवनी एवं नरसिंहपुर जिलों में पूर्ण रूप से तथा बालाघाट, बैतूल, जबलपुर, कटनी, होशंगाबाद, खण्डवा जिलों में आंशिक रूप से क्षेत्रीय बंधन के साथ अनुसूचित जनजाति अधिसूचित है। राजपत्र में जारी अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 40 अन्तर्गत अधिसूचित क्षेत्र में बहेलिया जनजाति को शासन द्वारा जनजाति को प्रदत्त समस्त सुविधायें देय हैं। उल्लेखित जिलों के अलावा शेष जिलों के लिये भी बहेलिया जाति को जब तक भारत सरकार द्वारा प्रदेश की अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल नहीं किया जाता है, तब तक उक्त क्षेत्र में निवासरत बहेलिया जाति के व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सुविधायें नहीं दी जा सकतीं। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अनुसूचित जनजाति सूची में क्रमांक 40 पर अधिसूचित क्षेत्र को छोड़कर शेष क्षेत्र में बहेलिया जाति को अनुसूचित जनजाति मान्य करने विषयान्तर्गत पारधी जाति, बहेलिया आदि इसकी उपजातियों को सम्पूर्ण म.प्र. के लिये अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किये जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया था, जिस पर भारत सरकार द्वारा दिनांक 31.08.2005 के पत्र द्वारा असहमति व्यक्त की गई है। बहेलिया जाति के व्यक्तियों द्वारा समय-समय पर की गई मांग के परिप्रेक्ष्य में बहेलिया जाति के अध्ययन संबंधी कार्यवाही प्रचलन में है। जहाँ तक सूची में मान्य क्षेत्र के अलावा शेष क्षेत्र के लिये बहेलिया जाति को जनजाति का दर्जा दिये जाने का प्रश्न है, इस संबंध में उल्लेख है कि किसी जाति/समाज को अनुसूचित जनजाति सूची में मान्य करने अथवा न करने का क्षेत्राधिकार भारत सरकार का है। अतएव समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कटनी जिला अंतर्गत आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
2. ( *क्र. 486 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले की विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के अंतर्गत बहोरीबंद एवं रीठी विकासखण्ड में कुल कितने मुख्य तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने केन्द्र भवन विहीन हैं? वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने मुख्य एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये? विकासखण्डवार, ग्रामवार, वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र भवन किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि के कब-कब स्वीकृत हुये? स्वीकृत भवनों का निर्माण कब-कब किस एजेन्सी द्वारा कराया गया है? कार्य की तकनीकी स्वीकृति/प्रशासकीय स्वीकृति, कार्य का मूल्यांकन/सत्यापन सहित वर्षवार, विकासखण्डवार, एजेंसीवार मय व्यय के पूर्ण/अपूर्ण सहित विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अपूर्ण भवन निर्माण के कार्य को पूर्ण किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? इन्हें कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? शेष भवन विहीन आंगनवाड़ी हेतु भवनों का निर्माण कराये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा ग्राम कछारगॉंव छोटा, पिपरिया शांतिनगर, मंगेला, कुऑं भिडकीहार, सुहास, लालपुर सहित अन्य मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने एवं ग्राम पाली, चिखला, खुसरा, भदनपुर, मझगवां, किर.पिपरिया, भरतपुर, बाँधा सहित अन्य आंगनवाड़ी केन्द्र हेतु भवनों का निर्माण कराये जाने के संबंध में प्रेषित पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? वर्ष 2014-15 से विकासखण्डवार, पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विकासखण्डवार, ग्रामवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' 'ग' एवं 'घ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार अपूर्ण भवनों को पूर्ण करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायत का है। राज्य स्तर पर आयुक्त, महिला एवं बाल विकास एवं संभाग स्तर पर संभागीय संयुक्त संचालक, महिला एवं बाल विकास द्वारा आँगनवाड़ी भवन निर्माण की समीक्षा समय-समय पर की जाती है। जिला स्तर पर जिला कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत द्वारा आँगनवाड़ी भवन निर्माण की नियमित समीक्षा की जाती है। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य निर्माण ऐजेन्सी तथा स्थानीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। शेष भवन विहीन आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु जिला स्तर से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर संचालनालय स्तर से वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार चरणबद्ध रूप से आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृतियां जारी की जाती हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ङ' अनुसार है।
जनजातीय छात्रावासों का सुदृढ़ीकरण/उन्नयन
[जनजातीय कार्य]
3. ( *क्र. 565 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन हेतु विभाग से छात्रावासों की संख्या के मान से आवंटन जिलों को दिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो जिला स्तर पर आवंटन को निर्माण एजेंसी को अंतरण की क्या नीति है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नीति नहीं है तो जिन जिलों में विभागीय तकनीकी अमला नहीं है, उन जिलों द्वारा इस आवंटन का उपयोग किस प्रकार किया जाएगा? (घ) इस संबंध में विभाग वित्त विभाग की सहमति से जिला स्तर पर आवंटन निर्माण एजेंसी को अंतरण की प्रक्रिया तय करेगा अथवा विभाग के पास कोई और विकल्प है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख), (ग) एवं (घ) निर्माण कार्य के संबंध में व्यय राशि का ठेकेदार/प्रदायकर्ता को उनके कोर बैंकिंग बैंक खाते में कोषालय इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली (ई-पेमेन्ट) से भुगतान की नीति है। आवंटन का उपयोग वित्त विभाग के नियम निर्देशानुसार किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बरगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत अम्बेडकर मंगल भवन का निर्माण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
4. ( *क्र. 300 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत स्वीकृत अम्बेडकर मंगल भवन बेलखेड़ा एवं बरगी के लिए आवंटित राशि रूपये 41.80 लाख व्यय होने के पश्चात् अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने परियोजना क्रियान्वयन इकाई जबलपुर द्वारा शेष कार्यों को पूर्ण कराने, पुनरीक्षित प्राक्कलन एवं राशि स्वीकृत हेतु प्रकरण विभागीय मुख्यालय कब-कब प्रेषित किया गया? (ख) उपरोक्त बेलखेड़ा एवं बरगी के अम्बेडकर मंगल भवनों के निर्माण पूर्ण करने हेतु चाही गयी अतिरिक्त राशि की स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अम्बेडकर मंगल भवन बेलखेड़ा एवं बरगी के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन एवं राशि स्वीकृति हेतु प्रकरण विभागीय मुख्यालय में अप्राप्त है। (ख) प्रस्ताव प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
5. ( *क्र. 194 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बड़खेरा, बड़खेरी, बड़ेराकला, कटैया, पठरा, उमरिया, मोहारी, सुरमावाह, बिझुआ, इमलई, नरगवां, पोनिया, पड़री, निभौरी, निभौरा, लीलखेड़ा आदि ग्रामों में सिंचाई पंप एवं घरेलू विद्युत कनेक्शन के फीडर एक ही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या एक ही फीडर होने के कारण रहवासी क्षेत्र के घरेलू उपभोक्ताओं को 8-10 घंटे ही बिजली मिलती है? (ग) यदि हाँ, तो क्या अलग-अलग फीडर करने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक की जायेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों में से मात्र 1 ग्राम यथा-लीलखेड़ा को प्रश्न दिनांक की स्थिति में कृषि फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा था तथा शेष सभी ग्रामों को गैर-कृषि कार्य हेतु घरेलू फीडर से तथा कृषि कार्य हेतु कृषि फीडर से पृथक-पृथक विद्युत प्रदाय किया जा रहा था। तथापि वर्तमान में ग्राम लीलखेड़ा को विद्युत प्रदाय कर रहे फीडर को मिश्रित फीडर मानते हुए 24 घण्टे विद्युत प्रदाय करने हेतु निर्देशित कर दिया गया है तथा अब उक्त फीडर से 24 घण्टे ही विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार वर्तमान में ग्राम लीलखेड़ा के रहवासी क्षेत्र को मिश्रित फीडर के माध्यम से 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। ग्राम लीलखेड़ा में विद्यमान 3 घरेलू एवं 2 गैर-घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने के लिये दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत 1.5 कि.मी. 11 के.व्ही.लाईन, 25 के.व्ही.ए. क्षमता के एक वितरण ट्रांसफार्मर तथा 0.6 कि.मी. निम्नदाब लाईन का कार्य दिसम्बर, 2018 तक पूर्ण कराया जायेगा।
पेट्रोल/डीजल/शराब से प्राप्त राजस्व
[वाणिज्यिक कर]
6. ( *क्र. 652 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन यह मानता है कि पूर्ण शराब बंदी से अवैध तथा नकली शराब भारी मात्रा में बिकेगी तथा शराब बंदी से लाभ कम तथा हानि ज्यादा है? यदि हाँ, तो बतावें कि उक्त निष्कर्ष किन-किन राज्यों की यथा गुजरात, बिहार की पूर्ण शराब बंदी का अध्ययन कर लिया गया? उस तुलनात्मक अध्ययन की सम्पूर्ण जानकारी दस्तावेज सहित देवें। (ख) शराब पर प्रति वर्ष हुए शुद्ध लाभ यानि प्राप्तियां में से खर्च घटाने के बाद शेष की पिछले 7 साल की राशि बतावें तथा यह उस वर्ष के कुल राजस्व प्राप्तियां का कितने प्रतिशत है? यदि यह प्रतिशत काफी कम है तो शासन पूर्ण शराबबंदी क्यों नहीं करता है? (ग) पेट्रोल डीजल से प्राप्त कर राजस्व की पिछले सात साल की राशि बतावें तथा बतावें कि वर्ष 2003-04 में एवं 2017-18 में यह राशि क्या क्या है तथा वर्ष 2018-19 में कितनी प्राप्ति संभावित/प्रस्तावित है। (घ) क्या शासन शराब तथा पेट्रोल डीज़ल को जी.एस.टी. के दायरे में लाने के पक्ष में है या नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतावें तथा बतावें कि पेट्रोल डीजल पर मध्यप्रदेश शासन टैक्स कम करना क्यों नहीं चाहता? यदि चाहता है तो कम क्यों नहीं करता?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) गत 07 वर्षों में कुल प्राप्त आबकारी आय से शुद्ध प्राप्त आय के प्रतिशत संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। पुस्तकालय परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' में वर्णित जानकारी से यह स्पष्ट है कि शासन को पर्याप्त आय प्राप्त हो रही है और आय में प्रत्येक वर्ष वृद्धि हो रही है। वर्तमान में शराब बंदी संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) पिछले सात साल में पेट्रोल एवं डीजल से प्राप्त राजस्व की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2003-04 में पेट्रोल, डीजल एवं ए.टी.एफ. से 1078.45 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 01 अप्रैल 2018 से 13 जून, 2018 तक पेट्रोल एवं डीजल से लगभग 1997.37 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है। पेट्रोल, डीजल के विक्रय पर वेट एवं केन्द्रीय विक्रय कर प्राप्त होता है। पेट्रोल, डीजल का कितना विक्रय वर्ष 2018-19 में होगा इसका आंकलन विभाग के पास संधारित नहीं है। (घ) शराब जी.एस.टी के दायरे में नहीं है। पेट्रोल, डीजल, को जी.एस.टी. के दायरे में लाने का निर्णय जी.एस.टी. काउंसिल के द्वारा लिया जाना है। टैक्स की दरों में परिवर्तन राज्य की वित्तीय आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए राजस्व संग्रहण के उद्देश्य से किया जाता है। प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 14.10.2017 से पेट्रोल के विक्रय मूल्य पर 3 प्रतिशत की कर दर से वेट की दर में कमी की गई। इसी प्रकार डीजल के विक्रय मूल्य पर 5 प्रतिशत की दर से वेट में कमी की गई है तथा 1.50 रूपये प्रतिलीटर वसूल किए जा रहे अतिरिक्त कर को भी समाप्त किया गया है।
राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तीकरण कार्यों की स्थिति
[ऊर्जा]
7. ( *क्र. 581 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्रामों में फीडर विभक्तीकरण का कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में, उनके नाम बतावें? (ख) क्या उक्त सभी ग्रामों में कार्य पूर्ण हो गये हैं? यदि नहीं, तो कहाँ-कहाँ नहीं हुये? कारण सहित बतावें। (ग) उक्त कार्य किस कम्पनी द्वारा करवाया गया है उस कम्पनी का नाम,पता तथा किस दर पर करवाया गया है? (घ) क्या कम्पनी द्वारा कई ग्रामों में कार्य अधूरा छोड़ दिया है तथा कई ग्रामों में कार्य अत्यन्त घटिया स्तर का किया गया है, जिससे कई ग्रामों में लाईट नहीं मिल पा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? क्या कम्पनी को पूरा भुगतान कर दिया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 572 ग्रामों में फीडर विभक्तीकरण का कार्य किया गया है, जिनकी ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सभी 572 ग्रामों में फीडर विभक्तीकरण का कार्य पूर्ण हो गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) फीडर विभक्तीकरण योजनान्तर्गत 87 ग्रामों का कार्य ठेकेदार एजेंसी मेसर्स एस्टर प्राइवेट लिमिटेड से तथा 240 ग्रामों का कार्य ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ऑफशोर इन्फ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड से कराया गया है एवं 245 ग्रामों का कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किया गया है, जिनकी क्रियान्वयन एजेन्सीवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब', प्रपत्र 'स' एवं प्रपत्र 'द' अनुसार है। ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एस्टर प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद का पता-भवानी आरकेड़ 2, फ्लोर, ए.एस. राव नगर हैदराबाद-500062 एवं किये गए कार्यों की लागत रू. 18.02 करोड़ है, ठेकदार एजेन्सी मेसर्स ऑफशोर इन्फ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुम्बई का पता-22, उद्योग क्षेत्र, मुलुंद गोरेगांव लिंक रोड़, मुलुंद (पश्चिम) मुम्बई-400080 एवं किये गए कार्यों की लागत रू. 37.8 करोड़ है तथा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर किए गए कार्यों की लागत रू. 1.86 करोड़ है। (घ) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र सहित मेसर्स एस्टर प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद को रू. 63.85 करोड़ लागत राशि के कार्य का राजगढ़-1 लॉट हेतु अवार्ड दिनांक 05.08.2011 को जारी किया गया। उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण उसे जारी अवार्ड दिनांक 25.11.2014 को निरस्त कर दिया गया है। कंपनी के देयकों में से लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में राशि रू. 88.04 लाख की कटौती की गई है एवं कंपनी की बैंक गारंटी राशि रू. 11.60 करोड़ राजसात कर ली गई है। अवार्ड निरस्त किये जाने तक उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के 87 ग्रामों में फीडर विभक्तीकरण का कार्य पूर्ण किया गया था। उक्त कंपनी द्वारा अधूरे छोड़े गये कार्य हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स ऑफशोर इन्फ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुम्बई को दिनांक 19.02.2016 को रू. 60.03 करोड़ की लागत राशि का अवार्ड जारी किया गया था, जिसके अंतर्गत 240 ग्रामों में कार्य पूर्ण किया गया, जिसकी कार्यपूर्णता दिनांक 02.12.2017 थी, जो कि निविदा की शर्तों के अनुरूप विस्तारित अवधि सहित निर्धारित समयावधि के भीतर ही है। इसके अतिरिक्त 245 ग्रामों में ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एस्टर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा छोड़े गये/अपूर्ण कार्यों को मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर पूर्ण किया गया है। वर्तमान में राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त ग्रामों में फीडर विभक्तीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है एवं सभी कार्य मानक स्तर के अनुरूप किये गये हैं। कार्यों का निरीक्षण मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा नियुक्त तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी एवं वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी द्वारा किया गया है। मेसर्स एस्टर प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद के कार्यों के निरीक्षण हेतु तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी मेसर्स आई.सी.टी. एवं मेसर्स ऑफशोर इन्फ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड, मुम्बई के कार्यों के निरीक्षण हेतु तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी मेसर्स एस.जी.एस. को नियुक्त किया गया। निरीक्षण हेतु नियुक्त तृतीय पक्ष एजेन्सी द्वारा ठेकेदार एजेन्सी के कार्य का भौतिक सत्यापन किया गया एवं निरीक्षण के दौरान त्रुटि पाए जाने पर ठेकेदार एजेन्सी से उसका निराकरण कराने के उपरांत ठेकेदार एजेन्सी को उनके द्वारा किये गये कार्यों हेतु निविदा की शर्तों अनुसार भुगतान किया गया है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में सभी राजस्व ग्रामों में घरेलू एवं कृषि फीडरों पर निर्धारित विनियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित सिंचाई परियोजनाएं
[नर्मदा घाटी विकास]
8. ( *क्र. 923 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंति बाई लोधी सागर सिंचाई परियोजना अंतर्गत पाटन विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से निर्माण कार्य कर किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी कृषि भूमि में सिंचाई प्रस्तावित थी? उपनहरवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी कृषि भूमि प्रश्न दिनांक तक सिंचित हो रही है? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कौन-कौन से निर्माण कार्य किन-किन कारणों से प्रश्न दिनांक तक अपूर्ण या अप्रारंभ हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अपूर्ण एवं अप्रारंभ निर्माण कार्यों का दोषी कौन है एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है एवं यह भी बतलावें कि उल्लेखित अपूर्ण एवं अप्रारंभ निर्माण कार्यों को किस प्रकार कितनी लागत से कब प्रारंभ कर कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) अनुबंधित कार्यों में विलंब के लिये ठेकेदारों पर अनुबंध की कंडिकाओं के अनुसार कार्यवाही की जाती है। अप्रारंभ कार्यों में निविदा आमंत्रण कर एजेन्सी निर्धारण में विलंब प्रक्रियात्मक है, जिसके लिऐ कोई दोषी नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र गंजबासौदा में विद्युत सप्लाई
[ऊर्जा]
9. ( *क्र. 344 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा व विभाग की नीति के अनुसार प्रदेश का कोई भी गांव, गलियां, मोहल्ला, मजरा व टोला विद्युत विहीन नहीं रहेगा? (ख) यदि हाँ, तो क्या विधानसभा क्षेत्र गंजबासौदा जिला विदिशा के समस्त शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में प्रश्नांकित दिनांक तक बिजली सप्लाई हो रही है अथवा कुछ शहरी व ग्रामीण क्षेत्र शेष हैं? यदि हाँ, तो उनके नाम एवं विद्युत सप्लाई न होने के कारण बतावें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत दो वर्षों में प्रस्तुत किए गये प्रस्तावों में से कितने ग्रामों व बस्तियों, मोहल्लों की गलियों में विद्युत पोल लगा दिये गये हैं, कितने शेष हैं, की जानकारी उपलब्ध करावें, शेष में कब तक विद्युत पोल लगाने की कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ऐसे सभी घर अथवा अयोग्य (डिफाल्टर) कनेक्शनधारी जिनका विद्युत कनेक्शन बकाया राशि होने के कारण विच्छेदित किया गया है तथा मुख्य ग्राम से दूर खेतों में बने हुए आवासों एवं शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा के ऊपर (नॉन-पुअर) घरों को छोड़कर प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) में सभी घरों को विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान है। (ख) विधानसभा क्षेत्र गंजबासौदा, जिला विदिशा के समस्त विद्युतीकृत शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में नियमानुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र गंजबासौदा के अन्तर्गत समस्त शहरी क्षेत्र में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा ग्रामीण क्षेत्र में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाए स्थानों/ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य नहीं होने से विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है। उक्त ग्रामों में से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार कुछ ग्राम वीरान हैं तथा शेष स्थानों/ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में टर्न-की आधार पर कराया जा रहा है, वर्तमान में कार्य प्रगति पर है। (ग) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विगत 2 वर्षों में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शाए अनुसार 26 पत्र प्राप्त हुये हैं, जिनमें 191 अविद्युतीकृत बस्तियों/बसाहटों के विद्युतीकरण के कार्य प्रस्तावित किये गये हैं। उक्त 191 में से 51 अविद्युतीकृत बस्तियों/बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, 21 बस्तियां/बसाहटें वीरान हैं तथा शेष 119 बस्तियों/बसाहटों के विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है। कार्य पूर्णता वाली बस्तियों/बसाहटों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार एवं विद्युतीकरण हेतु शेष स्थानों/वीरान ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त समस्त अविद्युतीकृत बस्तियों/बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु दिसम्बर, 2018 तक की समय-सीमा निर्धारित की गई है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
10. ( *क्र. 524 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विभिन्न पत्रों पर अधीक्षण अभियंता सं./सं. म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. रीवा द्वारा पत्रों के निराकरण हेतु जारी किये गये पत्र क्रमश: 3336 दिनांक 11.07.2017, 1454 दिनांक 19.05.2017, 8309 दिनांक 18.11.2017, 8031 दिनांक 13.11.2017, 5938 दिनांक 19.10.2016, 5940 दिनांक 19.10.2016, 1021 दिनांक 07.05.2016, 9702 दिनांक 16.01.2018, 10048 दिनांक 31.01.2018, 9363 दिनांक 03.01.2018, 11222 दिनांक 15.03.2018, 9030 दिनांक 18.12.2017 संबंधित अधिकारियों को जारी किये गये थे, जिसकी सूचना से अवगत कराया गया था? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 7 दिनांक 12.01.2018 द्वारा अधीक्षण यंत्री म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. रीवा जिला रीवा को दिनांक 04.01.2018 को मऊगंज में जेल भरो आंदोलन के दौरान प्राप्त विद्युत समस्याओं के आवेदन क्रमांक 01 से लेकर 454 तक के निराकरण हेतु भेजा गया था? (ग) कार्यपालन अभियंता सं/सं. म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लिमि. मऊगंज द्वारा घातक विद्युत दुर्घटनाग्रस्त श्रीमती सोनिया सिंह गोंड एवं कुमारी पूनम सिंह गोंड के आश्रितों को सहायता राशि प्रदान करने हेतु पत्र क्र. क्रमश: 2636 दिनांक 16.10.2017 एवं 757 दिनांक 03.06.2017 पर प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर रीवा, एस.डी.एम. मऊगंज को आश्रित चिन्हित करने हेतु क्या पत्र लिखा गया था, जिससे आश्रितों को आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से पृथक-पृथक अवगत करावें? कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? की जावेगी तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है एवं प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विद्युत समस्याओं के आवेदन क्रमांक 1 से 454 तक में की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित मृतका कुमारी पूनम सिंह गोंड एवं श्रीमती सोनिया सिंह गोंड के आश्रित/वारिस को आर्थिक सहायता राशि क्रमश: आदेश क्रमांक 1125-26, दिनांक 15.05.2018 एवं पत्र क्रमांक 1122-23, दिनांक 15.05.2018 (पुनरीक्षित) से स्वीकृत कर दिनांक 18.06.2018 को भुगतान कर दिया गया है।
सहरिया जनजाति विकास के लिये मुख्यमंत्री जी द्वारा की गयी घोषणाओं का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
11. ( *क्र. 157 ) श्री महेन्द्र सिंह यादव "खतौरा" : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सहरिया जनजाति विकास के लिये वर्ष 2017 में घोषणाएं की गयीं थीं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी घोषणाएं की गयीं थीं? विवरण सहित जानकारी देवें। उक्त घोषणाओं में से कौन-कौन सी घोषणाएं कितनी-कितनी मई 2010 तक पूर्ण की गयीं? (ख) क्या मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गयी घोषणा के अनुसार प्रत्येक सहरिया परिवार को कुपोषण से मुक्ति हेतु प्रतिमाह रूपये 1000/- की राशि दी जायेगी और वह परिवार की महिला मुखिया के खाते में जमा की जायेगी? यदि हाँ, तो कोलारस विधान सभा क्षेत्र में कितनी महिला मुखिया के खाते में कितने महीने की राशि जमा की गयी? यदि सभी परिवारों की महिला मुखिया के खाते में राशि जमा नहीं की गयी तो क्यों? (ग) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखण्ड कोलारस एवं बदरवास में कुल कितने सहरिया परिवार हैं, जिनके खाते में रू. 1000/- की राशि जमा करायी जायेगी? इन कुल परिवारों में से प्रश्न दिनांक तक कितने सहरिया परिवारों को राशि नहीं दी गयी है? इसका क्या कारण है? उक्त राशि कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (घ) कोलारस विधान सभा क्षेत्र में मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार कितने सहरिया युवकों को शासकीय नौकरी दी गयी? कितने परिवारों को आवास हेतु जमीन के पट्टे दिये गये? क्या सभी सहरिया बस्तियों (सहरा) में पेयजल हेतु हैण्डपंप/ट्यूबवैल लगाये गये? विगत 06 माह में कितने वन अधिकार पट्टे दिये गये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। कोलारस विधानसभा में कुल 6988 महिला मुखिया के खातों में तीन महीनों की राशि जमा की गई। शेष महिला मुखिया परिवारों के खाते में राशि जमा नहीं की जा सकी, क्योंकि महिला हितग्राहियों के चिन्हांकन एवं राशि वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड कोलारस एवं बदरवास अंतर्गत सहरिया जनजाति के प्रश्न दिनांक तक चिन्हांकित 9843 सहरिया परिवार में से 6988 महिला मुखियाओं के खातों में रू. 1000/- के मान से राशि प्रदाय की जा रही है, चिन्हित शेष 2854 महिला मुखियाओं के खातों में शीघ्र ही राशि प्रदाय की जावेगी। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
मुरैना जिले में संचालित तेल रिफाइनरियां
[वाणिज्यिक कर]
12. ( *क्र. 704 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में कितनी तेल रिफाइनरियां संचालित हैं? उनके नाम, मालिक का नाम, स्थान सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ख) क्या उक्त रिफाइनरियों में बाहर से क्रूड ऑयल, पामोलीन सोया डीगम, रेपसीड, सरसो डीगम आदि खाद्य तेलों की कितनी मात्रा में क्रूड ऑयल मंगाया जाता है? वर्ष 2016-17 से मई 2018 तक की पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्या प्रदेश से प्रदेश के अंदर खाद्य तेल बेचने पर सी.जी.एस.टी. (केन्द्रीय गुड्स सर्विस टैक्स) एवं एस.जी.एस.टी. (स्टेट गुड्स सर्विस टैक्स) देना पड़ता है? यदि हाँ, तो उक्त तेल व्यापारी प्रदेश के अंदर खाद्य तेल बेचने पर आई.जी.एस.टी. (इन्टीग्रेटेड गुड्स सर्विस टैक्स) देकर व्यापार करते हैं, जो रिफण्डेबल होता है? क्या शासन उक्त अनियमितताओं को समाप्त कर कर चोरी को रोकने की नीति बनायेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ए'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित रिफाइनरियों द्वारा आयात किये गये तेल की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''बी'' अनुसार है। 01 जुलाई, 2017 से जी.एस.टी. लागू होने के बाद से मई, 2018 तक इन रिफाईनरियों के द्वारा आयातित क्रूड ऑयल, पामोलीन सोया डीगम, रेपसीड, सरसों डीगम आदि खाद्य तेलों की मात्रात्मक जानकारी विभाग में संधारित नहीं है। (ग) केन्द्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 तथा मध्यप्रदेश माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के अंतर्गत प्रदेश से प्रदेश के अंदर खाद्य तेल बेचने पर व्यापारी को एस.जी.एस.टी. तथा सी.जी.एस.टी. देय है। प्रदेश से प्रदेश के अंदर खाद्य तेल विक्रय करने पर आई.जी.एस.टी. देकर व्यापार करने जैसी कोई अनियमितता/जानकारी विभाग के संज्ञान में नहीं आई है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 372 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के अनेकों बार निर्देश व आदेशों में यह सूचना संपूर्ण प्रदेश में दी जा चुकी है कि माननीय सांसद एवं विधायकों के क्षेत्र से संबंधित जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्रों को अलग से रजिस्टर में पंजीयन किया जाकर उनके उत्तर समय कर दिए जावें? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा (एम.एल.ए. दिमनी) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा दिमनी से संबंधित जानकारी हेतु सभी विभागों से पत्राचार किया एवं सभी विभागों को कार्यालय द्वारा जानकारी से संबंधित पत्र प्रस्तुत कर प्राप्ति भी ले चुके हैं, परंतु लोक निर्माण विभाग को छोड़कर अन्य विभागों ने जानकारी प्रस्तुत नहीं की है? कारण बतावें। (ग) यदि उपरोक्त (क), (ख) सच है तो प्रश्नकर्ता के पत्रों का एक लंबी अवधि के बाद उत्तर न देने के क्या कारण हैं व इसमें कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं व शासन के आदेश व निर्देशों का पालन न करने वाले संबंधितों के खिलाफ शासन क्या कार्यवाही करेगा व कब तक, जिससे भविष्य में पुनरावृत्ति रोकी जा सके?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के दो पत्र कार्यालय कलेक्टर, मुरैना में प्राप्त हुए हैं। पहला पत्र ग्राम व ग्राम पंचायत जीगनी जनपद मुरैना में हैण्डपम्प खनन स्वीकृत करने से संबंधित है। इसमें जिला योजना अधिकारी मुरैना ने कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जिला मुरैना को दिनांक 23.04.2018 को पत्र भेजकर टी.एस./प्राक्कलन भेजने हेतु लिखा था, जो कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जिला मुरैना ने अपने पत्र दिनांक 07.06.2018 के माध्यम से जिला योजना अधिकारी मुरैना को भेज दिया है। दूसरा पत्र मनफूल के पुरा की ग्रेवल रोड स्वीकृत करने से संबंधित है। इसमें जिला योजना अधिकारी,जिला मुरैना ने अपने पत्र दिनांक 08.06.2018 के माध्यम से माननीय विधायक को सूचित किया है कि मनफूल के पुरा रोड का निर्माण कार्य वे अपनी विधायक निधि से कराना चाहते हैं या किसी अन्य शासकीय एजेंसी से। इस संबंध में विधायक द्वारा स्वीकृति की अनुशंसा नहीं दी गई है। जिले के अन्य विभागों, अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व मुरैना, अम्बाह/सहायक श्रमायुक्त, चंबल सम्भाग मुरैना एवं कार्यपालन यंत्री जल संसाधन मुरैना में माननीय विधायक का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ग) माननीय विधायक से प्राप्त पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
14. ( *क्र. 612 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग को कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु पिछले तीन वर्षों में आवंटित की गई? वर्षवार आवंटित राशि एवं खर्च की गई राशि बतायें। (ख) विभाग द्वारा उक्त अवधि में कितनी-कितनी राशि के चेक किसे-किसे जारी किये गये? उनके नाम, पते, राशि दिनांक सहित बताएँ। यह भी बताएं कि वह राशि किस कार्य के लिए दी गई थी। (ग) जिले में विभाग की उक्त राशि से विभाग द्वारा चलाई गई? योजनाओं/कार्यों/शालाओं/संस्थाओं/ छात्रावास/कर्ज/अनुदान इत्यादि द्वारा जिले के किस-किस हितग्राही को क्या-क्या लाभ पहुंचा? वर्षवार बतायें। (घ) विभाग द्वारा उक्त राशि से जो भी सामग्री सेवाएं खरीदी गई हों/ली गईं हों, उन एजेंसी/फर्मों/संस्थाओं/व्यक्तियों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब किस-किस कार्य हेतु किया गया? नाम, पता, राशि, तिथि कार्य सहित बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) चेक प्रक्रिया लागू नहीं होने से विगत तीन वर्षों से चेक के माध्यम से भुगतान नहीं किया गया है। राशि का भुगतान सीधे हितग्राही के बैंक खाते में ई-पेमेंट से किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
फल, सब्जियों से मंडी शुल्क खत्म किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
15. ( *क्र. 719 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा यह घोषणा की थी कि सब्जी, फल से मंडी शुल्क खत्म कर दिया जायेगा तथा किसान सब्जियां व फल कहीं भी बेचने के लिये स्वतंत्र रहेगा? (ख) यदि हाँ, तो फल सब्जियों से अब तक मंडी शुल्क खत्म क्यों नहीं किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) संधारित अभिलेख अनुसार उक्त घोषणा दर्ज होना नहीं पाई गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजनांतर्गत बस्तियों को जोड़ा जाना
[ऊर्जा]
16. ( *क्र. 543 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के अंतर्गत कितने ग्रामों की कितनी बस्तियों को जोड़ा गया है एवं कितनी बस्तियों को छोड़ा गया है? जोड़ी हुई बस्तियों पर कितनी राशि कार्यवार व्यय की जाना है? ग्रामवार, स्थानवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, कितने कार्य अपूर्ण हैं, कितने कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं? कार्यवार पूर्ण, अपूर्ण कार्यों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) कार्यों में विलम्ब के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं एवं विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 125 ग्रामों की 136 बस्तियों को योजना में शामिल किया गया है। बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के समस्त 190 राजस्व ग्रामों की कुल 256 बस्तियों में से 120 बस्तियों को उपरोक्त योजना में शामिल नहीं किया गया है। योजना में शामिल उक्त बस्तियों पर कुल राशि रू. 9.23 करोड़ के व्यय से योजना में ग्रामवार किये जाने वाले कार्यों की मात्रा का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की स्वीकृति जिलेवार प्रदान की गई है, अत: कार्यवार/ग्रामवार स्वीकृति/व्यय संबंधी जानकारी देना संभव नहीं है। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 18 बस्तियों के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं, 27 बस्तियों के कार्य अपूर्ण (प्रगति पर) हैं तथा 91 बस्तियों में कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं। ग्रामवार/बस्तीवार कार्य पूर्ण, अपूर्ण अथवा अप्रारंभ की जानकारी सहित कार्य की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी के साथ किये गये निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार उक्त कार्य दिनांक 23.11.2018 तक पूर्ण किया जाना निर्धारित है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (घ) निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार प्रश्नाधीन कार्य दिनांक 23.11.2018 तक पूर्ण किया जावेगा।
घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
17. ( *क्र. 670 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा समय-समय पर राज्य में प्रवास के दौरान एवं राजधानी भोपाल में सार्वजनिक स्थलों पर की जाने वाली घोषणाओं को जिला कलेक्टर द्वारा लिपिबद्ध कर मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज किये जाने हेतु भेजी जाती हैं, तत्पश्चात संबंधित विभागों को उक्त घोषणाओं का परीक्षण कर पूर्ति किये जाने हेतु निर्देशित किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं में से अधिकांश घोषणाएं जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रेसनोट जारी किये जाने के बावजूद मुख्यमंत्री कार्यालय में उक्त घोषणाएं दर्ज नहीं की जाती हैं, जिससे इस कारण घोषणाओं का पालन नहीं हो पाता है? (ग) उपरोक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में माह दिसम्बर 2013 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई कितनी घोषणाएं मुख्यमंत्री कार्यालय में दर्ज की गई हैं? उन दर्ज घोषणाओं में से प्रश्न दिनांक तक किन-किन घोषणाओं का किन कारणों से अक्षरश: पालन नहीं किया जा सका है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांकित अवधि में कुल 5052 घोषणाएं दर्ज की गई हैं। शेष प्रश्नांश के संबंध में घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। अत: निश्चित समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है।
जावरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत निकायों/पंचायतों के बकाया विद्युत बिल
[ऊर्जा]
18. ( *क्र. 379 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक 31 मई, 2018 तक ग्राम पंचायतों, नगर पालिका परिषद जावरा, नगर परिषद पिपलौदा सहित अन्य शासकीय विभागीय कार्यालयों को विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो जावरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न स्थानीय निकायों एवं शासकीय कार्यालयों पर दिनांक 30.04.2018 तक की स्थिति में कितनी राशि विद्युत बिलों की बकाया है, की स्थानीय निकायवार, शासकीय विभागवार जानकारी देवें? (ग) बकाया बिलों के समाधान के लिए क्या शासन/विभाग अथवा विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा कोई समाधान योजना के प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। (घ) जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत किन-किन शासकीय विभागों, स्थानीय निकायों पर कब से विद्युत बिलों की दिनांक 30.04.2018 तक की स्थिति में कितनी-कितनी राशि बकाया है? इनकी वसूली हेतु विद्युत कंपनी द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। (ख) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानीय निकायों एवं शासकीय कार्यालयों पर दिनांक 30.04.2018 तक की स्थिति में क्रमशः रु. 1,71,69,755/- एवं रु. 17,55,435/- की विद्युत बिलों की राशि बकाया है, जिसकी स्थानीय निकायवार एवं शासकीय विभागवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) मुख्यमंत्री जनकल्याण योजना (संबल) में पंजीकृत श्रमिक एवं सभी बी.पी.एल. उपभोक्ताओं के घरेलू संयोजनों के विद्युत बिलों की बकाया राशि के निपटारे हेतु ''मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम, 2018'' दिनांक 5 जून, 2018 को राज्य शासन द्वारा स्वीकृत कर दी गई है। (घ) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानीय निकायों एवं शासकीय कार्यालयों पर दिनांक 30.04.2018 की स्थिति में विद्युत देयकों की बकाया राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। सामान्यतः बकाया राशि की वसूली हेतु विद्युत कनेक्शन विच्छेदित किये जाने का नियम है, किन्तु जनोपयोगी कनेक्शन होने से जल प्रदाय के एवं शासकीय कार्यालयों के कनेक्शन सामान्यतया विच्छेदित नहीं किये जाते। तथापि विद्युत कंपनी के वितरण केन्द्र कार्यालय स्तर से एवं संभागीय कार्यालय स्तर से बकाया राशि जमा कराने हेतु संबंधित स्थानीय निकाय/शासकीय कार्यालय को समय-समय पर सूचना पत्र जारी किये जाते हैं एवं समय-समय पर संबंधित विभाग के वरिष्ठ कार्यालयों को भी पत्र लिखकर बकाया विद्युत बिल की राशि जमा करने हेतु अनुरोध किया जाता है।
राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नियमों का पालन
[सामान्य प्रशासन]
19. ( *क्र. 711 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2010 से 2017 तक के वर्ग अनुसार (हॉरिजेन्टल तथा वर्टिकल) कट ऑफ पॉईंट बतावें तथा प्रत्येक वर्ग के प्रथम तथा अंतिम सफल अभ्यर्थी के प्राप्तांक बतावें? साथ ही बतावें कि किस-किस वर्ग में कितने रिक्त पद थे तथा उसके लिए कितने अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा में सफल घोषित किया गया? (ख) राज्य सेवा मुख्य परीक्षा 2010 से 2017 में अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवार की वर्ग अनुसार संख्या बतावें (हॉरिजेन्टल आरक्षण सहित) उक्त परीक्षा के विषयवार कट आफ पाईंट तथा अंतिम तथा प्रथम सफल के प्राप्तांक वर्ग अनुसार क्या थे? (ग) क्या प्रश्नांश (क) की परीक्षाओं में आरक्षण के नियमों का क्या पूर्णत: पालन किय गया? यदि हाँ, तो बतावें कि आरक्षित वर्ग द्वारा सामान्य से ज्यादा अंक लाने पर उसे किस वर्ग में शामिल किया गया? प्रारंभिक और अंतिम परीक्षा में प्रत्येक वर्ग में सफल रहने वाली महिलाओं के नाम, अनुक्रमांक तथा प्राप्तांक एवं सूची में स्थान तथा किस वर्ग के सफल उम्मीदवारों की सूची में उनका नाम है, बतावें। (घ) पिछले पाँच वर्षों में म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित पद आरक्षण सहित, कुल पद में आरक्षित पद का प्रतिशत सहित सूची प्रस्तुत करें तथा किसी में अनुसूचित जाति, जनजाति का प्रतिशत नियम से ज्यादा अथवा कम है तो उसका स्पष्ट कारण दस्तावेज सहित देवें। (ड.) क्या आयोग, विभाग द्वारा दी गई वर्ग अनुसार रिक्तियों को मानकर विज्ञापन करता है या आरक्षित पद नियमानुसार न होने पर कोई आपत्ति विभाग को भेजता है, आरक्षण के पालन की जिम्मेदारी किसकी है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2010 से 2017 तक के शेष वर्षों में आयोजित मध्यप्रदेश राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। वर्ष 2011 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा आयोजित न किये जाने के कारण इस वर्ष की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ख) वर्ष 2010 से 2017 तक के शेष वर्षों में आयोजित राज्य सेवा मुख्य परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित उम्मीदवारों की वर्ग अनुसार (हॉरिजेंटल आरक्षण सहित) परीक्षा के कटऑफ पॉईंट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। अंतिम तथा प्रथम सफल के वर्ग अनुसार प्राप्तांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। वर्ष 2011 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा आयोजित न किये जाने के कारण इस वर्ष की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। आरक्षित वर्ग द्वारा सामान्य से ज्यादा अंक लाने पर अनारक्षित वर्ग में शामिल किया गया है, बशर्ते आवेदक द्वारा किसी भी स्तर पर आयु एवं अंकों की छूट का लाभ न लिया हो। प्रारंभिक परीक्षा में प्रत्येक वर्ग में सफल रहने वाली महिलाओं के नाम, अनुक्रमांक, प्राप्तांक एवं सूची में स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6'' अनुसार है एवं मुख्य परीक्षा में प्रत्येक वर्ग में सफल रहने वाली महिलाओं के नाम, अनुक्रमांक, प्राप्तांक एवं सूची में स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''7'' अनुसार है। (घ) विगत पाँच वर्षों में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित पद आरक्षण सहित, कुल पद में आरक्षित पद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''8'' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। आरक्षण नियमों के पालन की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होती है।
शासकीय सेवक द्वारा राजनैतिक गतिविधि में शामिल होने पर कार्यवाही
[जनजातीय कार्य]
20. ( *क्र. 700 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 5 में उल्लेख है कि शासकीय सेवक राजनीतिक दल के कार्यक्रम या गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते तो फिर किस आधार पर श्री शांतिलाल मोरी, निवासी अन्जनमल्हार जनपद कुक्षी जो प्रा.वि. उजाडि़यापुरा संकुल केन्द्र रिंगनोद विकासखण्ड सरदारपुर जिला धार में पदस्थ है, राजनीतिक गतिविधि में संलग्न है? (ख) प्रश्नकर्ता के पत्र क्र. DN/161/MLA/KUKSHI/2018, दिनांक 06.05.2018 जो प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य म.प्र.शासन को लिखा गया पर अभी तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जाकर ऐसी गतिविधियों को हतोत्साहित किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) श्री शांतिलाल मोरी, सहायक अध्यापक के राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न होने संबंधी शिकायत पर सहायक-परियोजना प्रशासक कुक्षी की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति का जाँच दल गठित किया जाकर, प्रारंभिक जाँच कराई गई, जाँच सत्य पाये जाने पर श्री शांतिलाल मोरी, सहायक अध्यापक को निलंबित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु स्वीकृत राशि का अंतरण
[महिला एवं बाल विकास]
21. ( *क्र. 679 ) श्री हरवंश राठौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बण्डा विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आयुक्त पंचायत राज संचालनालय म.प्र. शासन भोपाल के आदेश क्र. 4340, दिनांक 28.03.2018 द्वारा प्रदेश में 2860 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर कार्यों को प्रारंभ कराने हेतु विभाग द्वारा 2.00 लाख रूपये की राशि एजेंसी को प्रदाय की गई है? (ख) प्रशासकीय स्वीकृति उपरांत कितने समय में एजेंसी को राशि जारी करने का प्रावधान है? यदि विलम्ब हुआ है तो विलंब का क्या कारण रहा? (ग) उक्त विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत स्वीकृत भवनों में कब तक विभाग की राशि एजेंसियों के खाते में अंतरित की जाएगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। आयुक्त पंचायत राज संचालनालय के आदेश क्रमांक 4340, दिनांक 28.03.2018 द्वारा बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बाल विकास परियोजना बण्डा में 22 एवं शाहगढ़ में 07 कुल 29 आँगनवाड़ी भवनों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। पंचायत राज संचालनालय म.प्र. द्वारा आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु निर्माण ऐजेंसियों को दिनांक 08.06.2018 को राशि रू. 2.00 लाख प्रति केन्द्र के मान से अन्तरित की गई है। (ख) प्रशासकीय स्वीकृति के उपरांत निर्माण एजेन्सी को राशि वित्तीय स्वीकृति के उपरान्त दिये जाने का प्रावधान है। संचालनालय कोष एवं लेखा विभाग द्वारा अतिरिक्त सॉफ्टवेयर निर्माण होने से तथा सॉफ्टवेयर के तकनीकी कारणों से राशि अन्तरण में विलंब हुआ है। (ग) पंचायत राज संचालनालय म.प्र. द्वारा आँगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायतों के खातों में दिनांक 08.06.2018 को राशि अन्तरित की गई है।
भाषाई शिक्षकों की सेवा में बहाली
[जनजातीय कार्य]
22. ( *क्र. 552 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में किन-किन भाषाई शिक्षकों को कब-कब सेवा से हटाया गया था? उनका नाम,पद तथा सेवा से हटाते समय मूल संस्था (विद्यालय का नाम) के पते सहित सूची दें। प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा हर सत्र में लगाए गए तारांकित प्रश्न में इन हटाये गये शिक्षकों को सेवा में वापिस लेकर समायोजन कर लिये जाने के संबंध में यही जबाव दिया जाता है कि सेवा में वापिस लेकर समायोजन की प्रक्रिया चल रही है, तो यह प्रक्रिया कितने वर्षों तक चलेगी? क्या इस प्रक्रिया की कोई समय-सीमा है? (ख) ग्वालियर जिले को वर्ष 2018-19 वित्तीय वर्ष में अनु. जनजाति बस्ती विकास योजना के लिये कितना-कितना वित्तीय आवंटन प्राप्त हुआ है? क्या प्राप्त आवंटन के उपयोग हेतु प्रश्न दिनांक तक आवंटन जारी किया है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ किन-किन निर्माण कार्यों के लिये किस-किस जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर किया है? यदि नहीं, किया तो क्यों? कारण सहित स्पष्ट करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। भाषाई शिक्षकों के पद सृजन की कार्यवाही अन्तिम चरण में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) ग्वालियर जिले को वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जनजाति की बस्तियों का विकास योजना अंतर्गत रूपये 62.16 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। जिला कार्यालय से प्राप्त आवंटन के उपयोग हेतु अभी आवंटन जारी नहीं हुआ है। प्राप्त आवंटन के विरूद्ध माननीय जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय निकायों से प्राप्त प्रस्तावों से कार्यों का अनुमोदन शासन द्वारा गठित समिति से कराये जाने की प्रक्रिया प्रचलन में है।
जिला अनूपपुर अंतर्गत 660 मेगावाट ताप विद्युत गृह की स्थापना
[ऊर्जा]
23. ( *क्र. 634 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर में 660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना में विलंब का क्या कारण है? पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांकित सुपर क्रिटिकल इकाई के निर्माण कार्य में कितनी राशि व्यय होगी तथा निर्माण कार्य कब से प्रारंभ किया जायेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई, जिला अनूपपुर में प्रस्तावित 1x660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल इकाई की स्थापना से संबंधित कार्य में किसी भी प्रकार का विलम्ब नहीं हो रहा है। किसी भी परियोजना की स्थापना के लिए विभिन्न वैधानिक स्वीकृतियां तथा अन्य कार्यवाहियां किया जाना आवश्यक होता है। परियोजना की स्थापना से संबंधित सभी कार्यों में आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जा रही है। मुख्य वैधानिक स्वीकृतियों तथा अन्य कार्यवाहियों का विवरण तथा वर्तमान में परियोजना स्थापना से संबंधित किये जाने वाले कार्यों की वस्तुस्थिति संलग्न परिशिष्ट में दर्शाये अनुसार है। (ख) सलाहकार द्वारा प्रस्तुत विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन के आधार पर अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई, जिला अनूपपुर में 1x660 मेगावाट की इकाई के निर्माण कार्य में लगभग रूपये 4580.00 करोड़ का व्यय होना संभावित है। परियोजना हेतु भारत सरकार से पर्यावरणीय स्वीकृति एवं अन्य वांछित स्वीकृतियां प्राप्त होने के उपरांत वर्तमान स्थिति अनुसार निर्माण कार्य प्रारंभ हो सकेगा।
जिला बालाघाट अंतर्गत संचालित ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाएं
[ऊर्जा]
24. ( *क्र. 31 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बालाघाट क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 01.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा ग्रामीण विद्युतीकरण की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र की योजना के तहत किन-किन एजेन्सियों के द्वारा कब-कब कितनी-कितनी लागत से ग्रामीण विद्युतीकरण कार्य कराया गया है? वर्षवार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्ष 2016-17 से ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यों में कब-कब विद्युत पोल प्राकृतिक आपदा/वाहन व अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हुए, जिनके मेंटेनेंस हेतु विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी? प्राथमिकता के अनुसार किन-किन कार्यों में विभाग द्वारा उपलब्ध राशि खर्च की गई? उपलब्ध करायी गई राशि व कार्यों की सूची देवें। (ग) विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी अंतर्गत शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विगत 3 वर्षों में वितरण केन्द्रवार कितनी-कितनी यूनिट विद्युत प्रदाय किया गया है? वितरण केन्द्रवार, माहवार जानकारी देवें। (घ) वारासिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत 3 वर्षों से विद्युतीकरण लाईनों के मेंटेनेंस हेतु जिन क्षेत्रों में कार्य किये गये, क्या वहां ग्रामीणों को जानकारी दी गई? यदि हाँ, तो किन माध्यमों से? क्या विभाग द्वारा अपने कार्यालय के रजिस्टर में मेंटेनेंस का उल्लेख किया गया है? यदि हाँ, तो माहवार विवरण देवें? यदि नहीं, तो विभाग संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जिला बालाघाट में दिनांक 01.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण (पूरक) योजना, 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना का संचालन किया गया/किया जा रहा है। वर्तमान में बालाघाट जिले में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं सौभाग्य योजना चल रही है। विधानसभा क्षेत्र वारासिवनी अन्तर्गत उक्त अवधि में ग्रामीण विद्युतीकरण की संचालित योजनाओं एवं कार्य संपादित करने वाली एजेंसियों द्वारा वर्षवार कराये गये कार्यों तथा इनकी लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वारासिवनी विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कराये गये विद्युतीकरण के कार्यों में से वर्ष 2016-17 में दिनांक 15.06.2018 तक प्राकृतिक आपदा/वाहन दुर्घटना व अन्य कारणों से क्षतिग्रस्त हुए विद्युत पोलों की दिनांकवार/कारणवार सूची एवं इनके मेन्टेनेंस हेतु पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वितरण केन्द्रवार कराये गये कार्यों की जानकारी सहित उपलब्ध कराई गई/व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र वारासिवनी के अन्तर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विगत तीन वर्षों में माहवार किये गये विद्युत प्रदाय की वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, संबंधित अधिकारियों द्वारा ग्रामवासियों को समय-समय पर मौखिक तथा समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी दी जाती रही है तथा वितरण कंपनी द्वारा मेन्टेनेंस रजिस्टर में मेन्टेनेंस का उल्लेख किया गया है। विगत तीन वर्षों यथा-2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में वितरण केन्द्रवार ग्रामीणों को मेन्टेनेंस के कार्यों की दी गई जानकारी के माध्यमों एवं कार्यालय के रजिस्टर में मेन्टेनेंस के उल्लेख क्रमांक के विवरण सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। उक्त कार्यवाही नियमानुसार की गई है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता।
मंदसौर गोलीकांड की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
25. ( *क्र. 624 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह जून 2017 में किसान संघ द्वारा आयोजित आंदोलन के दौरान जिला मंदसौर में हुई गोली कांड से किसानों की हुई हत्या की जाँच हेतु जैन जाँच आयोग गठित किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन बिन्दुओं की जाँच हेतु जाँच आयोग गठित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितनी अवधि में जाँच पूर्ण करने हेतु जाँच आयोग गठित किया गया था और कितनी अवधि में जाँच पूर्ण हुई तथा जाँच रिपोर्ट प्रदान करते हुए यह अवगत करावें कि जाँच में किन-किन लोगों को दोषी पाया गया, उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) 03 माह। 11 माह। जाँच आयोग अधिनियम 1952 के प्रावधान अनुसार जाँच प्रतिवेदन संकल्प सहित विधानसभा के पटल पर रखे जाने के पूर्व जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
कुपोषण से
मृत्यु
[महिला एवं बाल विकास]
1. ( क्र. 13 ) श्री बाबूलाल गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश के किन-किन जिलों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुपोषण से मौतें हुई हैं एवं किन-किन जिलों में कितने-कितने बच्चे कम वजन के पाये गये? जिलेवार संख्या बताई जाए। (ख) कुपोषण से प्रभावित जिलों में शासन द्वारा संचालित आंगनवाड़ियों में प्रति बच्चा प्रतिदिन के मान से कितना-कितना पौष्टिक खाद्य पदार्थ दिया जा रहा है? इसमें प्रति बच्चा प्रतिदिन कितनी राशि व्यय की जाती है? (ग) शासन द्वारा कुपोषण रोकने के लिए क्या कार्यवाही की जा रही है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रश्नावधि में प्रश्नांकित जानकारी निरंक है। प्रश्नांकित अवधि में चिन्हांकित कम वजन एवं अति कम वजन के बच्चों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु विभिन्न कार्यक्रम/योजना संचालित किये जा रहे है। वृद्धि निगरानी के माध्यम से कम वज़न एवं अतिकम वज़न वाले बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है तथा चिन्हांकित गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण प्रबंधन हेतु पोषण पुनर्वास केन्द्र में संदर्भित किया जाता है। बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार हेतु एकीकृत बाल विकास सेवा योजना अंतर्गत नियमित पूरक पोषण आहार प्रदाय एवं थर्डमील उपलब्ध कराया जाता है। कुपोषण निवारण हेतु अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जिले की आवश्यकता अनुसार कार्ययोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। स्नेह सरोकार कार्यक्रम में स्थानीय प्रबुध्द नागरिकों द्वारा देखभाल की जिम्मेदारी ली जाकर, उनके माता-पिता को नियमित पोषण परामर्श दिया जाता है। इसके साथ ही पंचवटी से पोषण कार्यक्रम का क्रियान्वयन, चिन्हित ग्रामों में सुपोषण अभियान का आयोजन एवं चिन्हित जिलों में डे-केयर सेन्टर प्रारंभ किये गये है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग द्वारा कुपोषण कम करने हेतु सम्पादित की जा रही गतिविधियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर है।
बिना बिजली कनेक्शन के ही विद्युत देयकों का प्रदाय
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 27 ) श्रीमती प्रमिला सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र जयसिंहनगर के कई मजरे टोले में राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत सिर्फ बिजली के खम्भे गाड़ दिए गये हैं किन्तु बिजली के तार नहीं लगाए गए है? (ख) यदि हाँ, तो ऐसे घरों में जहां बिजली के तार ही नहीं पहुँचे हैं फिर भी ग्रामवासियों को बिजली के बिल क्या दिए जा रहे है, यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या बिजली कनेक्शन नहीं होने पर बिजली का देयक प्रदाय किया जाता है तथा देयक का भुगतान नहीं करने पर उस ग्राम के ऐसे घरों के कनेक्शन भी काट दिये जाते हैं जिनके यहां कनेक्शन है तथा उनके द्वारा देयक का नियमित भुगतान किया जाता है? (घ) उक्त कृत्यों के लिए दोषी कौन है तथा दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं वर्तमान में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र जयसिंहनगर में ऐसा कोई भी मजरा/टोला नहीं है, जहाँ मात्र खम्बे गाड़ दिये गये हैं, परन्तु तार नहीं खींचें गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। उल्लेखनीय है कि विद्युत उपभोक्ताओं को किये गये विद्युत उपभोग के ही बिल जारी किये जा रहे हैं। (ग) जी नहीं, विद्युत कनेक्शन नहीं होने पर विद्युत देयक प्रदान करने का प्रश्न नहीं उठता। नियमित बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं के नहीं अपितु विद्युत देयकों का भुगतान नहीं करने वाले उपभोक्ताओं के कनेक्शन विच्छेदित किये जाते हैं। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में वितरण कंपनी में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता। तथापि यदि प्रश्नाधीन आशय की कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त होती है, तो नियमानुसार जाँच करवाकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
3. ( क्र. 61 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री द्वारा सीहोर जिले के लिए पिछले 5 वर्षों में कौन-कौन सी घोषणाएं कब-कब और कहाँ-कहाँ की गई वर्षवार, घोषणावार, विभागवार, दिनांकवार ब्यौरा दें। उक्त योजनाओं की लागत की लागत का भी ब्यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त घोषणाओं की वर्तमान स्थिति क्या है? कितनी संपूर्ण हुई, कितनी पर कार्य प्रगति पर है एवं कितने पर कार्य शुरूआत होना बाकी है? (ग) मुख्यमंत्री की घोषणाओं के ऐसे कितने कार्य हैं जो तकनीकी स्वीकृति और बजट आभाव के कारण विलंबित हैं? प्रकरणवार ब्यौरा दें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला सीहोर में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा कुल 572 घोषणाएं की गई हैं, जिनमें से 120 घोषणा पूर्ण की जा चुकी हैं एवं 325 घोषणाएं पूर्ण सतत् हैं जिनमें कार्यवाही प्रचलित है एवं 119 घोषणाएं शेष हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सोलर ऊर्जा सयंत्र
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
4. ( क्र. 62 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल संभाग में निजी सोलर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, कब-कब, कितनी क्षमता वाले संयंत्र स्थापित हैं तथा इनसे कितनी बिजली का उत्पादन प्रवितर्ष हो रहा है? संयंत्रवार ब्यौरा दें। (ख) क्या शासन द्वारा निजी सोलर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली की खरीदी की जा रही है? यदि हाँ, तो भोपाल संभाग में किन-किन संयंत्रों से प्रतिमाह किस दर पर बिजली खरीदी जा रही है? 5 वर्ष का माहवार, संयंत्रवार ब्यौरा दें। (ग) भोपाल संभाग में स्थापित सोलर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना किस-किस कंपनी अथवा फर्म द्वारा की गई है? संयंत्रवार ब्यौरा दें। (घ) सोलर ऊर्जा संयंत्र स्थापना के लिए क्या शासन द्वारा भूमि उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो किस-किस संयंत्र को कितनी-कितनी शासकीय भूमि किस दर पर उपलब्ध कराई गई है? क्या संयंत्रों के लिए निजी भूमि भी क्रय की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस संयंत्र के लिए किस-किस दर पर भूमि क्रय की गई है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–अ अनुसार है। संयंत्रवार बिजली उत्पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– अ अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– स अनुसार है।
अटल ज्योति अभियान अंतर्गत किए गए कार्य
[ऊर्जा]
5. ( क्र. 81 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जून 2013 से अटल ज्योति अभियान प्रारम्भ किया गया है, जिसके तहत समस्त राजस्व ग्रामों में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने हेतु फिडर सेपरेशन किया जाना है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन से राजस्व ग्रामों में फिडर सेपरेशन कर दिया गया है एवं कौन-कौन ग्राम शेष हैं? सूची देवें। (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 217 दिनांक 19.07.2016 के उत्तरांश (क) में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के 185 ग्रामों में फिडर सेपरेशन का कार्य पूर्ण एवं 19 ग्रामों में कार्य शेष बताया है? इन 185 ग्रामों में कार्य पूर्णता का भौतिक सत्यापन किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कार्य किया गया है? (ग) शेष ग्रामों में फिडर सेपरेशन कार्य/अन्य योजना से विद्युत उपलब्धता हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? कार्य कब तक पूर्ण होगा? विवरण देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इंदौर के अंतर्गत उज्जैन क्षेत्र में अटल ज्योति अभियान अप्रैल-2013 से प्रारंभ किया गया था, जिसके तहत समस्त राजस्व ग्रामों में गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे एवं कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जाना सुनिश्चित किया गया था। उक्तानुसार विद्युत प्रदाय किये जाने हेतु माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अन्तर्गत कुल 204 राजस्व ग्रामों में से 189 राजस्व ग्रामों में 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण कर दिया गया है एवं 15 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य किया जाना शेष है। तथापि इन शेष 15 ग्रामों में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में दर्शाए अनुसार 24 घंटे विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा रहा है। सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के 204 राजस्व ग्रामों में कार्य पूर्णत/कार्य शेष होने की जानकारी सहित ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के विधानसभा सत्र जुलाई-2016 के प्रश्न क्रमांक 217 दिनांक 19.07.2016 के उत्तरांश (क) में विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के 185 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण एवं 19 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य शेष बताया गया था। जी हाँ, उक्त 185 राजस्व ग्रामों में कार्य पूर्णता का भौतिक सत्यापन कराया गया था। उक्त कार्यों का भौतिक सत्यापन श्री निशांत दर्शन, सहायक यंत्री आगर एवं नोडल अधिकारी (फीडर विभक्तिकरण) श्री राहुल राय, सहायक यंत्री (एसटीसी) शाजापुर एवं तृतीय पक्ष निरीक्षण एजेन्सी मेसर्स यू.आर.एस. स्कॉटविल्सन, दिल्ली द्वारा किया गया था, जिसकी दिनांकवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के शेष 15 राजस्व ग्रामों में फीडर विभक्तिकरण का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत है तथा वर्तमान में यह कार्य प्रगति पर है। उक्त कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी से किये गये निविदा अनुबंध की शर्तों के अनुसार दिनांक 03.11.2018 तक पूर्ण किया जाना है। उक्त योजना के अतिरिक्त फीडर विभक्तिकरण कार्य हेतु वर्तमान में अन्य कोई योजना सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित नहीं है। तथापि उत्तरांश (क) में उल्लेखानुसार उक्त सभी शेष 15 ग्रामों में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में दर्शाए अनुसार 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
बिना टेस्टिंग कार्यों के भुगतान
[नर्मदा घाटी विकास]
6. ( क्र. 102 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन उद्वहन सिंचाई परियोजना एवं बिस्टान उद्वहन सिंचाई परियोजना में वर्तमान दिनांक तक निविदाकर्ता/ठेकेदार को कुल कितना भुगतान किन-किन कार्यों का हुआ है तथा कितनी राशि किन-किन कार्यों की बकाया है, कितनी पेनल्टी राशि वसूली जाना है? (ख) उक्त परियोजनाओं में क्या अवर नदी, वेदा नदी, कुंदा नदी क्रासिंग का डिजाईन ड्राईंग अप्रुवल मुख्य अभिंयता (आईएसपी) से कराया गया है? निविदाकर्ता द्वारा कितने कार्यों का डिजाइन बदला गया या मूल डिजाईन अनुसार नहीं किया गया? इन बदले हुए कार्यों के अनुमोदन हेतु भेज गये पत्रों की प्रति देवे। कितने कार्यों के अनुमोदन प्राप्त हुए? (ग) डी.पी.आर. अनुसार कितने एक्वाडक्ट एवं तालाब बनने थे वर्तमान में कितने बने है? परियोजना में विद्युतीकरण कार्य कहाँ-कहाँ पर कितना हुआ है? SCADA सिस्टम की वर्तमान स्थिति क्या है? बीआर-1, बीआर-2 एवं बीआर-3 तक विद्युत लाईन बिछाने के कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? इस संबंध में प्रश्नकर्ता के खरगोन कलेक्टर के माध्यम से दिये गये पत्र के जवाब की प्रति देवे। (घ) उक्त दोनों परियोजनाओं में भुमिगत पाईपलाइन बिछाने के बाद बिना टेस्टिंग कराये निविदाकर्ता को इस कार्य का भुगतान क्यों एवं किन कारणों से कितना किया गया? बिना टेस्टिंग कार्यों के भुगतान के जिम्मेदार अधिकारियों के नाम व पद बतायें?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना अंतर्गत कुंदा नदी क्रासिंग की डिजाईन/ड्राईंग का अनुमोदन मुख्य अभियंता द्वारा इस शर्त के साथ किया गया है कि ठेकेदार को सिंगल लेन ब्रिज बनाना है। ठेकेदार द्वारा सिंगल लेन ब्रिज नहीं बनाया गया अपितु अन्डर ग्राउंड पाईप क्रासिंग की है, इस कारण ठेकेदार को उक्त कार्य का भुगतान नहीं किया गया। ठेकेदार को कुंदा, वेदा एवं अवर नदी पर सिंगल लेन ब्रिज बनाने हेतु डिजाईन/ड्राईंग प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। बिस्टान उद्वहन सिंचाई योजना में कुंदा, वेदा एवं अवर नदी नहीं आती है। (ग) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना के अनुबंध में एक्वाडक्ट बनाने का कोई प्रावधान नहीं था। योजना में तीन तालाब बनाने का प्रावधान था जिसमें से 02 तलाबों का निर्माण किया जा चुका है। एक तालाब का निर्माण प्रक्रियाधीन है। योजना में विद्युतीकरण के तहत पंप हाउस-1 एवं पंप हाउस-2 पर सब स्टेशन का निर्माण किया जा चुका है विद्युत लाईन बिछाने का कार्य शेष है। स्काडा सिस्टम का कार्य प्रगति पर है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–''स'' अनुसार है। (घ) खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना में तीनों चरणों में भूमिगत पाईप लाईन बिछाने के बाद अनुमोदित पेमेंट शेडयूल अनुसार भुगतान किया गया। ठेकेदार को टेस्टिंग कार्य का कोई भुगतान नहीं किया गया। वर्तमान में टेस्टिंग कार्य प्रगति पर है। टेस्टिंग कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण होने के पश्चात अनुबंध में निहित प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की जावेगी। बिस्टान उद्वहन योजना अंतर्गत भूमिगत पाईप लाईन बिछाने का कार्य प्रारंभिक स्तर पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
7. ( क्र. 107 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत कितने कार्य स्वीकृत हुये है? अनुसूचित जाति एवं जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत वर्षवार स्वीकृत हुये कार्यों का नाम, स्वीकृत राशि, प्रदाय राशि, व्यय राशि, कार्य पूर्ण, अपूर्ण तथा प्रगतिरत कार्य की स्थिति विधानसभा क्षेत्रवार अवगत करावें? (ख) जिला राजगढ़ अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक प्रत्येक वर्ष कितना आंवटन किस-किस मद से प्राप्त हुआ एवं उसके विरुद्ध कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी तथा राशि व्यय न करने के कारण वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक प्रतिवर्ष कितना-कितना आंवटन लैप्स/वापस किया गया वर्षवार अवगत करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रदेश पर एक लाख पचहत्तर हजार करोड़ रूपयों का कर्जा हो जाने विषयक
[वित्त]
8. ( क्र. 135 ) श्री अजय सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन पर दिनांक 31 मार्च 2018 तक कुल कितना कर्ज था? प्रदेश के ऊपर 31 मार्च 2002 एवं 31 मार्च 2003 तक कितना-कितना कर्ज था? (ख) दिनांक 31 मार्च 2018 की स्थिति में प्रदेश के द्वारा किस-किस संस्था अथवा एजेंसी से किस दर पर (ब्याज राशि) किन शर्तों के तहत कितनी-कितनी राशि का कर्ज लिया गया है? (ग) दिनांक 31 मार्च 2017 एवं 2018 तक म.प्र. को केन्द्र सरकार से कितनी-कितनी राशि केन्द्रीय करों के हिस्सों के रूप में एवं कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में अनुदान/मदद के रूप में प्राप्त हुई? प्रदेश को केन्द्र से दिनांक 31 मार्च 2017 एवं 2018 तक कितने प्रतिशत केन्द्रीय करों का हिस्सा प्राप्त होता था? कितनी राशि 2017 एवं 2018 में प्राप्त हुई? (घ) दिनांक 31 मार्च 2002 एवं 2003 तक म.प्र. को केन्द्र सरकार से कितनी-कितनी राशि केन्द्रीय करों के हिस्सों के रूप में एवं कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में अनुदान/मदद के रूप में प्राप्त हुई? प्रदेश को केन्द्र से दिनांक 31 मार्च 2002 एवं 2003 तक कितने प्रतिशत केन्द्रीय करों का हिस्सा प्राप्त होता था? कितनी राशि 2002 एवं 2003 में प्राप्त हुई?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) 31 मार्च 2018 की स्थिति में वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किये गये हैं। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। वित्तीय वर्ष 2001-02 एवं वित्तीय वर्ष 2002-03 तक के कर्ज की जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा संबंधित वर्ष के वित्त लेखे के परिशिष्ट पर निम्नानुसार दृष्टव्य हैं, जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध हैं : -
वित्तीय वर्ष |
वित्त लेखे में दृष्टव्य परिशिष्ट की संख्या |
2001-02 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
2002-03 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
(ख) 31
मार्च 2018 की स्थिति
में वित्त
लेखे नियंत्रक
एवं महालेखा
परीक्षक
द्वारा
वर्तमान में
जारी नहीं
किये गये हैं।
अतः जानकारी
दी जाना संभव
नहीं है। (ग) दिनांक
31
मार्च 2017 तक मध्य
प्रदेश को
केन्द्र
सरकार से
केन्द्रीय
करों के
हिस्सों के
रूप में एवं
विभिन्न मदों
में अनुदान/मदद
के रूप में
प्राप्त राशि
की जानकारी
वित्तीय वर्ष 2018-19
के बजट
साहित्य के
खण्ड-2
में दृष्टव्य
है जो
विधानसभा के
पुस्तकालय में
उपलब्ध है। 31
मार्च 2018 की स्थिति
में वित्त
लेखे
नियंत्रक एवं
महालेखा
परीक्षक
द्वारा
वर्तमान में
जारी नहीं किये
गये हैं। अतः
जानकारी दी
जाना संभव
नहीं है। प्रदेश
को केन्द्र से
31
मार्च 2017 एवं 2018 की स्थिति
में
केन्द्रीय
करों के
हिस्से के रूप
में 14वें
वित्त आयोग की
अनुशंसा
अनुसार वितरण
योग्य कर (सेवा
कर को छोड़कर) का
7.548
प्रतिशत तथा
वितरण योग्य
सेवा कर का 7.727
प्रतिशत अंश
प्राप्त होता
था।
दिनांक 31
मार्च 2002 एवं 2003 तक मध्य
प्रदेश को
केन्द्र
सरकार से
केन्द्रीय
करों के
हिस्सों के
रूप में एवं
विभिन्न मदों
में अनुदान/मदद
के रूप में
प्राप्त राशि
की जानकारी
वित्तीय वर्ष 2003-04
एवं वित्तीय
वर्ष 2004-05
के बजट
साहित्य के
खण्ड-2
में दृष्टव्य
है जो विधानसभा
के पुस्तकालय
में उपलब्ध है।
दिनांक 31 मार्च 2002 एवं 2003 की
स्थिति में
केन्द्रीय
करों के
हिस्से के रूप
में 11वें
वित्त आयोग की
अनुशंसा
अनुसार वितरण
योग्य कर का 8.838
प्रतिशत अंश
प्राप्त होता
था। यह
अनुशंसा
अविभाजित
मध्य प्रदेश
के लिये की गई
थी।
लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. के द्वारा की गई कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
9. ( क्र. 136 ) श्री अजय सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न तिथि तक भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा के किन अधिकारियों पर लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. के द्वारा किस-किस स्थान पर आय से अधिक संपत्ति एवं रंगे हाथ ट्रेप के कितने प्रकरण/छापे मारे गए? प्रकरणवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमानुसार भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं भारतीय पुलिस सेवा के किन-किन अधिकारियों की क्या-क्या शिकायतें शासन के समक्ष आईं? प्रकरणवार/शिकायतवार एक-एक प्रति उपलब्ध करावें। (ग) आर्थिक अनियमितताओं के कारण प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किन-किन आई.ए.एस. की कितनी-कितनी एवं कौन-कौन सी शिकायतें लोकायुक्त एवं ई.ओ.डब्ल्यू. के पास चल रही हैं? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार एवं (ग) में उल्लेखित जांचों में किस-किस अधिकारियों की जाँच प्रश्नतिथि तक किस-किस कारण से बंद/नस्तीबद्ध कर दी गई है? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नियमानुसार प्रकरणवार जानकारी दें। जाँच बंद करने/नस्तीबद्ध करने के कारण प्रकरणवार दें। बंद जाँच एवं नस्तीबद्ध प्रकरणों के जाँच प्रतिवेदनों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) लोकायुक्त संगठन की विशेष पुलिस स्थापना में प्रश्नांकित तिथि तक डॉ. मयंक जैन (भारतीय पुलिस सेवा) तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक, उज्जैन के विरूद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के संबंध में अपराधिक प्रकरण क्रमांक 188/2014 पंजीबद्ध किया गया है। लोकायुक्त संगठन में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध रंगेहाथ ट्रेप के प्रकरणों की जानकारी निरंक है। लोकायुक्त संगठन में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने एवं रंगे हाथ ट्रेप प्रकरणों की जानकारी निरंक है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में भारतीय पुलिस सेवा एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के विरूद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने एवं रंगे हाथ ट्रेप प्रकरणों की जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) लोकायुक्त संगठन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 'अ' अनुसार एवं आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– 'ब' अनुसार है। (घ) लोकायुक्त संगठन में प्रश्नांकित तिथि तक समाप्त प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार है। लोकायुक्त संगठन में समाप्त/नस्तीबद्ध किए गए प्रकरणों के जाँच प्रतिवेदनों की प्रति एवं इन प्रकरणों को बंद/समाप्त करने के कारण की जानकारी गोपनीयता एवं साक्ष्य प्रभावित होने के कारण बताया जाना संभव नहीं है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में समाप्त किए गए प्रकरणों की जानकारी निरंक है।
कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने
[महिला एवं बाल विकास]
10. ( क्र. 158 ) श्री महेन्द्र सिंह यादव "खतौरा" : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कोलारस विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं तथा कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्द्र निजी मकानों में संचालित हैं? भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर नवीन आंगनवाड़ी भवन कब तक बनाये जायेंगे? (ख) क्या शासन द्वारा स्वर्गीय विधायक कोलारस श्री रामसिंह जी की अनुशंसा पर कोलारस एवं बदरवास परियोजना के अंतर्गत 05-05 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये जाने की कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र कहाँ-कहाँ पर किस-किस भूमि सर्वे नम्बर पर बनाये जायेंगे? उक्त प्रस्तावित आंगनवाड़ी भवन हेतु क्या भूमि आवंटित की जा चुकी है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी कहाँ-कहाँ की भूमि आवंटित की गयी है? यदि नहीं, की गयी तो क्यों? (ग) क्या भारत शासन द्वारा आई.सी.डी.एस., विस्तार चरण तृतीय के अंतर्गत नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो बदरवास शहरी क्षेत्र में किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्र की कितनी-कितनी जनसंख्या है? इनमें से निर्धारित आवश्यक जनसंख्या से अधिक जनसंख्या वाले आंगनवाड़ी केन्द्र कौन-कौन से हैं? जिनमें से अतिरिक्त नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोला जा सकता है? इनमें अतिरिक्त केन्द्र कब तक खोले जायेंगे? (घ) क्या बदरवास नगर में वार्ड क्रमांक 14 के आंगनवाड़ी केन्द्र की जनसंख्या निर्धारित आवश्यक जनसंख्या से अधिक है? यदि हाँ, तो इस केन्द्र में से एक अतिरिक्त नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र कब तक स्वीकृत किया जायेगा? जिले से अतिरिक्त केन्द्र खोलने हेतु भेजे गये प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गयी? अतिरिक्त केन्द्र की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 163 आँगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं तथा निजी भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 अनुसार है। आँगनवाड़ी भवनों का निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होता है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। बदरवास शहरी क्षेत्र के आँगनवाड़ी केन्द्रों की जनसंख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -3 अनुसार है। बदरवास शहरी क्षेत्र में आवश्यक जनसंख्या से अधिक जनसंख्या वाले कोई आँगनवाड़ी केन्द्र नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। (घ) बदरवास नगर में वार्ड क्रमांक 14 के आँगनवाड़ी केन्द्र की जनसंख्या निर्धारित आवश्यक जनसंख्या से अधिक नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
अंग्रेजी शराब दुकान के संचालन में
[वाणिज्यिक कर]
11. ( क्र. 174 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले के जयसिंहनगर शहरी क्षेत्र में संचालित शराब दुकान बस स्टैण्ड के बीचों-बीच, भगवान शिव के मंदिर से लगी हुई तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल तथा आदिवासी कन्या छात्रावास से ६० मीटर के अंदर संचालित है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो क्या यह आबकारी नीति अंतर्गत विधि संगत है? (ग) क्या दुकान संचालन में स्थल चयन हेतु नगरीय निकाय की एन.ओ.सी. का प्रावधान है? यदि हाँ, तो एन.ओ.सी. की प्रति उपलब्ध करायी जावे तथा स्थल पर स्वीकृति हेतु समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं जावें। (घ) क्या दुकान संचालन में स्थल चयन में की गई लापरवाही के खिलाफ संबंधित अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक तथा दुकान को अन्यत्र स्थापित कराये जानें की कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) शहडोल जिले के जयसिंहनगर में संचालित शराब दुकान परम्परागत रूप से 31 मार्च 2010 के पूर्व से बस स्टैण्ड के बगल में आपत्ति रहित स्थान पर संचालित है। बस स्टैण्ड के बीचों-बीच भगवान शिव के स्थापित मंदिर ट्रस्टी नहीं है। हायर सेकेण्ड्री स्कूल तथा आदिवासी कन्या छात्रावास शराब दुकान से 60 मीटर से अधिक दूर पर संचालित है। (ख) जी हाँ। (ग) नगरीय निकाय की एन.ओ.सी. का प्रावधान नहीं है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) दुकान संचालन में स्थल चयन में किसी भी अधिकारी द्वारा कोई लापरवाही नहीं की गई है। अतएव शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री घोषणाओं की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
12. ( क्र. 175 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मुख्यमंत्री द्वारा शहडोल संभाग में कितनी घोषणाएं की गई? (ख) उक्त में से कितनी घोषणाएं पूर्ण की गई? कितनी शेष हैं तथा शेष होने का कारण बताया जाये? (ग) क्या घोषणाओं की पूर्ति समय-सीमा में न होने वाले जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा शहडोल संभाग में कुल 534 घोषणाएं की गई। (ख) उक्त 534 घोषणाओं में से 432 पूर्ण एवं 102 शेष हैं। घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है, अत: कारण बताया जाना सम्भव नहीं है। (ग) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रोटोकॉल की जानकारी एवं पालन
[सामान्य प्रशासन]
13. ( क्र. 181 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा मंदसौर जिले में प्रोटोकॉल का पालन करने हेतु विगत 5 वर्षों में कितने पत्र जारी किये एवं उनकी प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या शासन द्वारा निर्देशित प्रोटोकॉल का पालन मंदसौर जिले की संपूर्ण विधानसभाओं में एक जैसा कराया जाता है या नहीं? (ग) विगत 5 वर्षों में मंदसौर जिले में ऐसे कितने शासकीय (भूमिपूजन, लोकार्पण आदि) कार्यक्रम हुए जिनमें मंत्रीगण, सांसद की बिना उपस्थिति के केवल क्षेत्रीय विधायक कि उपस्थित में कार्यक्रम सम्पन्न कराये गये विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी देवें? (घ) मंदसौर जिले में नियम के विरुद्ध अशासकीय सदस्य की नियुक्ति के स्थान पर दो व्यक्तियों कि नियुक्ति का क्या कारण है? (ड.) विगत 5 वर्षों में शासन द्वारा मंदसौर जिले में शासकीय कार्यक्रमों में अशासकीय सदस्यों को कहाँ-कहाँ पर आमंत्रण कार्ड व शिलालेख पर नाम अंकित कर अतिथि बनाया गया है? विधानसभावार जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के पत्र क्रमांक एफ 10-70/07/23/ योआसां दिनांक 09.10.2009 में उल्लेखित मध्यप्रदेश जिला योजना समिति अधिनियम 1995 यथा संशोधित अधिनियम 1999 की धारा 4 उपधारा (3) के खण्ड (ग) (एक) पन्द्रह है तो एक सदस्य या (दो) बीस है तो दो सदस्य संशोधित किए जाने से जिला योजना समिति मंदसौर में दो अशासकीय सदस्यों का नाम निर्दिष्ट किया गया है। योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
विकास कार्यों हेतु राशि वितरण की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
14. ( क्र.
182 ) श्री
हरदीप सिंह
डंग : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
विगत 5 वर्षों में
विभाग द्वारा
मंदसौर जिलें
में क्या-क्या
विकास कार्य
कराये गये हैं
वर्षवार एवं
विधानसभा
क्षेत्रवार
जानकारी
देवें। (ख) विगत
5
वर्षों में
सुवासरा
विधानसभा
क्षेत्र के ऐसे
कितने अजा
बाहुल्य
ग्राम एवं
बस्ती हैं, जिनमें
विकास कार्य
हेतु राशि
उपलब्ध नहीं कराई
गई है?
ग्रामों के
नाम सहित सूची
उपलब्धी
करावें। (ग) विगत
5
वर्षों में
सुवासरा
विधानसभा
क्षेत्र के
ऐसे कितने
ग्राम हैं, जिनमें
विभाग द्वारा
एक से अधिक
बार विकास कार्य
हेतु राशि
जारी कि गई है? ग्रामों
के नाम सहित
सूची उपलब्ध
करावें। (घ) प्रश्नांश (ख), (ग) अनुसार
एक बार भी
राशि उपलब्ध
नहीं कराये
जाने एवं एक
से अधिक बार
उपलब्ध कराये जाने
का क्या कारण
है?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रप्रत्र 'अ' अनुसार
है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रप्रत्र 'ब' अनुसार
है। (ग) प्रश्नांश
अवधि में कुल 17
ग्रामों में
एक से अधिक बार
राशि जारी की
गई है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रप्रत्र 'स' अनुसार
है। (घ) योजनाओं
के अंतर्गत
जिले हेतु
प्रावधानित बजट
आवंटन से
योजनाओं के
नियमों में
प्रावधान अनुसार
एवं जिला स्तरीय
गठित समिति
द्वारा
अनुमोदन
अनुसार कार्य
कराये जाते
हैं।
चोरी गये ट्रांसफार्मर के स्थान पर दूसरे ट्रांसफार्मर बदले जाना
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 195 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत गत 1 वर्ष में कितने ट्रांसफार्मर चोरी गये है? चोरी की तारीख एवं ग्राम का नाम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कितने ट्रांसफार्मर बदले गये? (ग) क्या चोरी गये 20 ट्रांसफार्मर अभी तक नहीं बदले गये है? (घ) यदि हाँ, तो कारण बतावें? इसके लिये कौन जवाबदार है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत वर्ष 2017-18 में 7 वितरण ट्रांसफार्मर चोरी हुए हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी 7 चोरी गये वितरण ट्रांसफार्मरों की जगह दूसरे ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिए गए हैं। (ग) एवं (घ) दिनांक 04.06.18 की स्थिति में पनागर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत चोरी गये कुल 20 वितरण ट्रांसफार्मर पुनर्स्थापित करने हेतु शेष थे। अद्यतन स्थिति में उक्त चोरी गये सभी 20 वितरण ट्रांसफार्मरों के स्थान पर 20 दूसरे वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित कर दिए गए हैं। उक्त चोरी गये वितरण ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं को ट्रांसफार्मर पुनर्स्थापित किये जाने के पूर्व वैकल्पिक व्यवस्था कर सतत् रुप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा था, अतः किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
सी.ई.ओ. जिला पंचायत के ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम
[सामान्य प्रशासन]
16. ( क्र. 198 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा प्रारंभ की गई अधिकारियों की ग्रामों में रात्रि विश्राम पहल बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो सिवनी जिले के कौन-कौन अधिकारियों ने किन-किन ग्रामों में रात्रि विश्राम किया? प्रश्नांकित दिनांक तक विगत एक वर्ष का अधिकारीवार, दिनांकवार, ग्रामवार विवरण दें, क्या रात्रि विश्राम के दौरान ग्रामीणजनों की समस्याओं को जाना, यदि हाँ, तो कितनी समस्याएं सामने आई तथा कितनों का निराकरण किया गया? (ख) क्या सिवनी जिले के अन्तर्गत सी.ई.ओ. जिला पंचायत सिवनी श्री स्वरोचिष सोमवंशी द्वारा विगत एक वर्ष के दौरान ग्रामों में रात्रि विश्राम कर ग्रामीणों की समस्याओं को जाना है? यदि हाँ, तो वर्षवार, माहवार, ग्रामवार विवरण दें, यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जिले के अधिकारियों को ग्रामों में रात्रि विश्राम किये जाने के निर्देश नहीं है। केवल संभागायुक्तों एवं कलेक्टरों को मुख्यालय से बाहर रात्रि विश्राम किये जाने के निर्देश है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। ग्रामों में रात्रि विश्राम के निर्देश नहीं होने के कारण।
जनप्रतिनिधियों की जानकारी प्रदान की जाना
[सामान्य प्रशासन]
17. ( क्र. 199 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा विधानसभा स्तर पर जनप्रतिनिधियों को उनके द्वारा चाही गई जानकारी अनिवार्यत: प्रदान की जाने के संबंध में कोई स्पष्ट निर्देश प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा जारी निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो विभाग द्वारा जनप्रतिनिधि के द्वारा मांगी गई जानकारी कितने दिवस में उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? क्या विभागों को निर्देश दिये गये हैं कि विभाग में जो भी कार्य स्वीकृत हो उनसे जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया जावे? यदि हाँ, तो आदेश की प्रतिलिपि प्रदान करें? (ग) क्या प्रश्नकर्ता को विधानसभा क्षेत्र सिवनी में जिला पंचायत कार्यालय सिवनी द्वारा उनके विभाग की प्रस्तावित योजनाओं/कार्यों की जानकारी/आवंटित बजट एवं व्यय इत्यादि की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है? यदि प्रश्नकर्ता द्वारा वांछित जानकारी, विधानसभा से संबंधित अपूर्ण जानकारी अथवा प्रस्तावित कार्य के संबंध में पत्राचार किया जाता है तो संबंधित कार्यालय प्रमुख श्री स्वरोचिष सोमवंशी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी प्रदान नहीं की जाती, कभी-कभार जानकारी दी भी जाती है तो समय-सीमा निकल जाने के पश्चात उपलब्ध कराई जाती है? इस संबंध में क्या शासन कोई ठोस कार्यवाही अथवा निर्देश संबंधित अधिकारी को प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जनप्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्ध कराये जाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विभाग में जो भी कार्य स्वीकृत हो उनसे जनप्रतिनिधियों को अवगत कराये जाने के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किये गए हैं। (ग) जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति एवं सामान्य सभा समिति की बैठकों के एजेंडा अनुसार संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। जिसमें प्रश्नकर्ता भी आमंत्रित होते हैं। पत्राचार के माध्यम से चाही गई जानकारी समय-सीमा में उपलब्ध कराई जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति कल्याणकारी योजना की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
18. ( क्र. 242 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति वर्ग के शैक्षणिक विकास,स्वरोजगार प्रशिक्षण, स्वरोजगार हेतु आर्थिक सहायता एवं सामान्य अधोसंरचना विकास योजनाओं की वर्ष २०१५-१६, २०१६-१७ एवं २०१७-१८ व लाभान्वितों का रतलाम, उज्जैन मंदसौर व शाजापुर जिलों का ब्यौरा क्या है? (ख) अनुसूचित जाति वर्ग के कितने लोगों के आवेदन स्वरोजगार योजना एवं अन्य आर्थिक सहायता योजना के कितने समय से, किस कारण से लंबित हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति विकास से संबंधित शैक्षणिक विकास/सामान्य अधोसरंचना विकास संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है तथा स्वरोजगार प्रशिक्षण, स्वरोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) कोई आवेदन लंबित नहीं है।
रहवासी क्षेत्रों में मदिरा दुकानों को हटाये जाने हेतु जन विरोध प्रदर्शन पर की गई कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
19. ( क्र. 244 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले एवं रतलाम जिले में वर्ष २०१७ एवं २०१८ में कहाँ-कहाँ घनी आबादी से शराब दुकान/अहाते हटाने हेतु विरोध,प्रदर्शन ज्ञापन दिये गये? पूर्ण ब्यौरा जिलेवार, शहरवार दें. तथा विरोध पर की गई कार्यवाहियों से अवगत करावें? (ख) मदिरा दुकानों के निष्पादन हेतु जिलों में गठित समितियों की नियमानुसार वर्ष २०१७ एवं २०१८ में अब तक कितनी व कब-कब बैठकें हुई? कितने विरोध व आन्दोलनों का निराकरण किया गया? कितने मामले किस कारण लंबित है? (ग) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक ८० दिनांक ०१-०२-२०१८ की कंडिका (६.१) के परिपालन में जन विरोध उपरांत सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों के पास खुल में शराब पिलाने के कार्य को अब तक बंद क्यों नहीं किया जा रहा है? नागदा व रतलाम का सकारण ब्यौरा दें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उज्जैन जिले में वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018 में घनी आबादी के क्षेत्र में निम्न मदिरा दुकानों को हटाने हेतु पत्र/आवेदन प्राप्त हुए:- 1. देशी मदिरा दुकान के.डी. गेट उज्जैन, 2. देशी मदिरा दुकान पंवासा, उज्जैन, 3. देशी मदिरा दुकान मेहतवास, नागदा, 4. विदेशी मदिरा दुकान मेहतवास, नागदा, 5. देशी मदिरा दुकान पाडलिया, नागदा, 6. देशी मदिरा दुकान कोटाफाटक, नागदा, 7. देशी मदिरा दुकान बड़नगर एवं 8. विदेशी मदिरा दुकान बड़नगर। देशी मदिरा दुकान के.डी. गेट को हटाने हेतु प्राप्त शिकायतों के मद्देनजर कलेक्टर, जिला उज्जैन द्वारा अन्य आपत्तिरहित स्थल पर स्थानांतरित करने हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके विरूद्ध अनुज्ञप्तिधारी द्वारा माननीय न्यायालय प्रथम अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश श्री गौरव अग्रवाल के समक्ष सिविल याचिका प्रस्तुत कर स्थगन आदेश प्राप्त किया गया था। जिसके कारण दुकान स्थानांतरित करने की कार्यवाही नहीं की जा सकी। दिनांक 01.04.2018 से अनुज्ञप्तिधारी द्वारा स्वयं ही अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित कर ली गई है। देशी मदिरा दुकान पंवासा को अनुज्ञप्तिधारी द्वारा कार्यवाही के पूर्व स्वयं ही अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित कर लिया गया था। देशी मदिरा दुकान मेहतवास, देशी मदिरा दुकान पाडलिया, कोटाफाटक एवं विदेशी मदिरा दुकान मेहतवास वृत्त प्रभारी अधिकारी एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी के प्रतिवेदन अनुसार उपरोक्त दुकानें सामान्य प्रयुक्ति नियम-1 (दुकान की अवस्थिति) के अनुरूप संचालित पाई गई हैं। इन दुकानों के संबंध में माननीय जनप्रतिनिधियों के अनुरोध पर पुन: जाँच करवाने हेतु कलेक्टर, उज्जैन द्वारा दिनांक 05.06.2018 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नागदा के नेतृत्व में एक जाँच समिति का गठन किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर आगामी कार्यवाही की जावेगी। देशी मदिरा दुकान बड़नगर एवं विदेशी मदिरा दुकान बड़नगर नियमानुसार संचालित पाई गई। जिसके संबंध में शिकायतकर्ताओं को अवगत कराया गया। रतलाम जिले में वर्ष 2017-18 में विदेशी मदिरा दुकान चांटनी चौक (लक्कड़पीठा), सज्जनमील रोड़ (बिरियाखेड़ी रोड़), देशी मदिरा दुकान लक्ष्मणपुरा एवं सैलाना नगर में स्थापित मदिरा दुकान सैलाना को हटाने बाबत् जनविरोध, प्रदर्शन एवं ज्ञापन दिये गये थे। प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु संबंधित प्रभारी अधिकारियों को जाँच हेतु निर्देशित किया गया तथा जाँच प्रतिवेदन अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की गई। (ख) उज्जैन जिले में वर्ष 2017 में दिनांक 31.01.2017, 09.02.2017, 23.02.2017, 07.03.2017, 09.03.2017, 16.03.2017, 17.03.2017, 22.03.2017, 28.03.2017, 29.03.2017, 31.03.2017 एवं 04.04.2017 को आयोजित बैठक में मदिरा दुकानों के निष्पादन की कार्यवाही की गई। इनमें से दिनांक 09.02.2017 को वर्ष 2017-18 को जिले की मदिरा दुकानों की अवस्थिति निर्धारित की गई। दिनांक 16.10.2017 को दुकानों के विरोध के सबंध में बैठक आहूत की गई। जिसमें समिति द्वारा देशी मदिरा दुकान के.डी.गेट को अन्यत्र स्थानांतरित करने हेतु कलेक्टर, जिला उज्जैन द्वारा जारी निर्देश क्रमांक 2197 दिनांक 03.08.2017 को अनुमोदित किया गया। वर्ष 2018 में दिनांक 03.02.2018 को जिला समिति द्वारा वर्ष 2018-19 हेतु मदिरा दुकानों के अवस्थान की स्थिति हेतु भौगोलिक सीमा निर्धारित करने का निर्णय लिया गया। दिनांक 09.02.2018, 15.02.2018, 01.03.2018, 14.03.2018, 21.03.2018, 26.03.2018, 28.03.2018, 30.03.2018, 31.03.2018 एवं 03.04.2018 को समिति द्वारा मदिरा दुकानों के निष्पादन का कार्य किया गया। वर्तमान में नागदा में नागदा नगर की चार मदिरा दुकानों के संबंध में निर्णय लिया जाना है। जिसके लिये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के नेतृत्व में गठित समिति के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर आगामी कार्यवाही की जायेगी। रतलाम जिले में वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018 में जिला समिति की कुल 02 बैठकें आयोजित की गई जिनका विवरण निम्नानुसार है:- दिनांक 30.01.2017 को जिला समिति की बैठक में दुकानों के अवस्थापना संबंधी चर्चा की गई तथा नवीन अवस्थापना अनुमोदित की गई। दिनांक 06.05.2017 को आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर के पत्र क्रमांक 7-ठेका/2017-18/184 दिनांक 03.05.2017 के अनुक्रम में जिला समिति बैठक आयोजित की गई थी। (ग) उज्जैन जिले में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 की कण्डिका (6.1) अनुसार जिले में कोई भी मदिरा दुकान बंद करने की श्रेणी में न आने से कोई भी दुकान वर्ष 2018-19 हेतु बंद नहीं की गई। वर्ष 2018-19 में दिनांक 01.04.2018 से जिले में 05 शॉपबार बंद किये गये हैं। सार्वजनिक स्थलों, धार्मिक स्थलों के पास खुले में शराब पीने/पिलाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। रतलाम जिले में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 की कण्डिका (6.1) के परिपालन में देशी मदिरा दुकान लक्ष्मणपुरा शासकीय माध्यमिक विद्यालय गांधीनगर, रतलाम से 50 मीटर से कम दूरी पर स्थापित होने से दिनांक 01.04.2018 से बंद कर दी गई है।
केन्द्र सरकार की योजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद एवं अनुच्छेद 275 (1)
[जनजातीय कार्य]
20. ( क्र. 254 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति एवं विशेष पिछड़ी जनजाति के विकास हेतु योजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद एवं अनुच्छेद 275 (1) के तहत राज्य सरकार को राशि प्राप्त होती है? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनाँक तक बालाघाट जिले में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? प्राप्त राशि से आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किन-किन एकीकृत परियोजना, मध्यम परियोजना एवं कलस्टर, बैगा विकास प्राधिकारणों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य विभाग को दिनाँक 18/01/2018 को अपने पत्र क्रमांक 1109 के माध्यम से आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विकास हेतु विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) के अन्तर्गत भारत सरकार से प्राप्त राशि की व्यय की वास्तविक जानकारी मांगी गई थी? किन कारणों से आज दिनाँक तक नहीं दी गई एवं वह कब तक उपलब्ध करायी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना एवं मद की राशि किन-किन विभागों को कितनी-कितनी, कब-कब जारी की गई है? इन विभागों को मांग संख्या 41 एवं उसके उपरान्त अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों के विकास हेतु अलग बजट प्रावधान से राशि जारी की जाती है तब उपरोक्त योजना में राशि जारी करने का क्या उदेश्य है? वित्तिय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनाँक तक बैगा विकास प्राधिकरण की राशि सहित जानकारी उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। इस विभाग के पत्र क्रमांक आर-427/169/2018/3-25 दिनांक 24/05/2018 द्वारा माननीय विधायक को जानकारी प्रेषित की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता अन्तर्गत भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा दिनांक 17.06.2016 को एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) अन्तर्गत दिनांक 20.6.2016 को जारी नवीन दिशा निर्देश अनुसार अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को परिवार/स्व-सहायता समूह/समुदाय मूलक रोजगार सह आय सृजित योजनाओं में तथा अधोसंरचना विकास कार्यों में निर्माण कार्यों के लिये अनुदान/सहायता उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है। उक्त दोनों योजनाओं में आदिवासी क्षेत्रों में क्रिटिकल गेप की पूर्ति हेतु राशि व्यय की जाती है। बैगा विकास प्राधिकरण को वित्तीय वर्ष 2013-14 में विशेष केन्द्रीय सहायता योजना अन्तर्गत राशि रू. 19.14 लाख एवं केन्द्र क्षेत्र योजना (सी.सी.डी. प्लान) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 में राशि रू. 139.00 लाख का आवंटन दिया गया था। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि को गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में व्यय करना
[जनजातीय कार्य]
21. ( क्र. 255 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 1032 दिनाँक 8/12/2017 के द्वारा प्रमुख सचिव को आदिवासी उपयोजना क्षेत्र की राशि को गैर आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में व्यय करने संबंधी शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है। (ख) यदि हाँ, तो शिकायत पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के शिकायत पत्र में उल्लेखित सड़क एवं पुलों की स्वीकृति स्थायी वित्तिय समिति जिसके मुखिया प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग होने के कारण सही जाँच नहीं की जा रही है? (घ) जनजातीय कार्य विभाग प्रश्नकर्ता के शिकायत की जाँच विभागीय उच्चाधिकारियों से करवाने में विचार करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) प्राप्त शिकायत पत्र लोक निर्माण विभाग के साथ ही संभागीय आयुक्त जबलपुर को जाँच कर प्रतिवेदन भेजने हेतु प्रेषित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युतीकरण योजना का क्रियान्वयन सही नहीं होने से जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 268 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा वर्ष 2017-18 में ट्रांसफार्मरों की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने बावत कार्य योजना तैयार की थी? तो रीवा जिले में योजना संचालन दिनांक 01.04.17 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने वितरण ट्रांसफार्मर अतिरिक्त एवं कितने वितरण ट्रांसफार्मर क्षमता की वृद्धि बावत बदले गये? का विवरण जिले का देवें? साथ ही ओव्हर लोडिंग के कारण कितने वितरण ट्रांसफार्मर जले एवं बदले गये का विवरण पृथक से देवें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बदले गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से कितने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, आदिवासी उपयोजना, अनुसूचित जाति उपयोजना, ए.डी.बी. योजना एवं आर.ए.पी.डी.आर.पी. योजना के तहत बदले एवं नवीन लगाये गये? इनमें से कितने ओव्हर लोडिंग के कारण बदले गये एवं कितने विद्युत क्षमता बढ़ाने के लिए बदले गये का विवरण देवें? साथ ही यह भी बतावें कि रीवा जिले में वर्तमान में कितने वितरण ट्रांसफार्मर जले हुये है और उनके बदलने की कार्यवाही कब से नहीं की गयी और क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना आई.पी.डी.एस. योजना, सौभाग्य योजना के तहत किन-किन ग्रामों में विद्युतीकरण कराया गया की जानकारी पृथक-पृथक योजनावार देवें? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार संचालित योजनाओं का सही ढंग से क्रियान्वयन न कर फर्जी बिल व्हाउचर तैयार कर संबंधितों द्वारा ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर राशि आहरित कर ली गयी, कार्य मौके पर नहीं किये गये, उन्हीं कार्यों को भिन्न-भिन्न योजना में दिखाकर राशि आहरण की कार्यवाही की जा रही है, कार्य नहीं कराये गये जिससे बिजली की आपूर्ति जिले में बाधित है, इसके लिए दोषी जिम्मेदारों से राशि वसूली के साथ उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करावेगे? अगर नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले में वर्ष 2017-18 की कार्य योजना अनुसार दिनांक 01.04.17 से दिनांक 10.06.18 तक 8 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये एवं 64 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य किया गया, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ओव्हर लोडिंग के कारण जले वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्या निरंक है। (ख) उत्तरांश (क) के अनुसार 64 ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि तथा 8 अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित करने के कार्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की विभागीय कार्य योजना के तहत किये गये हैं, उक्त में से कोई भी ट्रांसफार्मर अन्य किसी दूसरी योजना अंतर्गत नहीं बदला/लगाया गया है। उक्त समस्त 64 ट्रांसफार्मरों को बदलने के कार्य विद्युत क्षमता बढ़ाने के लिये किये गये हैं। रीवा जिले में दिनांक 10.06.2018 की स्थिति में 181 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हैं। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से कोई भी नल-जल योजना प्रभावित नहीं है अत: इन पर बकाया राशि जमा करने संबंधी प्रावधान लागू है। इन ट्रांसफार्मरों से सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिलों का भुगतान नहीं किये जाने के कारण इनके बदलने की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। उक्त ट्रांसफार्मरों से फेल/खराब होने की दिनांक सहित बकाया राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान में लागू नियमानुसर जले/खराब ट्रांसफार्मर बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा करने पर अथवा 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिलों का भुगतान करने पर बदला जाता है। तथापि उक्तानुसार बकाया राशि जमा होने के बाद बदला गया ट्रांसफार्मर यदि 3 माह अवधि में पुन: फेल हो जाता है तो उसे बकाया राशि जमा करने की बाध्यता को शिथिल कर निर्धारित समय-सीमा में बदलने के निर्देश है। (ग) जिला रीवा में दिनांक 10.06.18 तक 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अंतर्गत 1640 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 64 विद्युतीकृत ग्रामों के सघन विद्युतीकरण एवं सौभाग्य योजनांतर्गत 84 विद्युतीकृत ग्रामों में अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। योजनावार उक्त ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1,ब-2 एवं ब-3 अनुसार है। आई.पी.डी.एस. योजना शहरी क्षेत्र हेतु लागू है, अत: इस योजनांतर्गत किसी ग्राम में विद्युतीकरण कार्य किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) अनुसार संचालित योजनाओं का क्रियान्वयन योजना अंतर्गत दिये गये प्रावधानों/निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है तथा क्रियान्वयन उपरांत नियमानुसार संबंधित ठेकेदार एजेन्सियों द्वारा प्रस्तुत बिलों का सत्यापन संबंधित योजनांतर्गत निर्धारित प्रक्रिया/नियमों के अनुसार किया जा रहा है। तत्संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। तथापि इस संबंध में कोई विशिष्ट शिकायत प्राप्त होती है तो उसकी जाँच करवाकर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। जिले में निर्धारित विनियमनों के अनुसार बिजली आपूर्ति की जा रही है।
संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, अनुकम्पा नियुक्ति के साथ समान कार्य समान वेतन
[सामान्य प्रशासन]
23. ( क्र. 269 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की सरकार द्वारा संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की संविदा नीति बदल कर उनकों नियमित कर्मचारियों की भांति सेवा शर्तें एवं वेतन विसंगति दूर करने के नियम व आदेश जारी करने बाबत् कार्यवाही की जा रही है? अगर नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संविदा कर्मचारी जो प्रदेश के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत हैं, उनके सेवा पूर्ण होने के बाद पद से पृथक होने एवं उनकी मृत्यु की दशा पर उनके परिवार के भरण पोषण के साथ अनुकम्पा नियुक्ति के प्रावधान क्या सरकार ने तय किये हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण व संविदा नीति बदलने व उनके परिवार के भरण पोषण व अनुकम्पा नियुक्ति बाबत् आदेश व निर्देश जारी करेंगे तो कब तक, अगर नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बरबटी उद्वहन सिंचाई योजना का कार्य 2 वर्ष में प्रारंभ नहीं होना
[नर्मदा घाटी विकास]
24. ( क्र. 301 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी वि.सभा क्षेत्र के अंतर्गत बरबटी उद्वहन सिंचाई योजना का कार्य कब से स्वीकृत है? डी.पी.आर. संशोधन के पश्चात् उक्त कार्य की निविदा स्वीकृति एवं कार्यादेश एवं निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति क्या है? लगभग 2 वर्षों में भी उक्त निर्माण कार्य का कार्य लम्बित रहने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उक्त उद्वहन सिंचाई योजना से किसानों को पानी कब तक मिलेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) दिनांक 24/05/2013 से। दिनांक 26/02/2018 को इस योजना के स्थान पर रानी दुर्गावती माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना स्वीकृत हुई है। इसकी निविदा दिनांक 17/05/2018 को आमंत्रित की गई है। मूल्य दर निविदा दिनांक 27/06/2018 को खोला जाना नियत है। बरबटी परियोजना के क्रियान्वयन के दौरान तकनीकी कठिनाईयां उपस्थित होने के कारण कार्य संपादित नहीं हो सका। अत: कार्य लंबित होने के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। रानी दुर्गावती माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना को पूर्ण करने के लिये समयावधि 02 वर्ष रखी गई है। निर्माण एजेंसी निर्धारित होने के बाद उक्त अवधि के पश्चात् किसानों को पानी मिलना संभावित है।
अपात्र को पारिवारिक पेंशन एवं उपादान प्रदान किया जाना
[वित्त]
25. ( क्र. 316 ) श्री के.पी. सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिकायती पत्र दिनांक 21.02.2018 के द्वारा अपर मुख्य सचिव म.प्र. शासन वित्त विभाग मंत्रालय एवं संचालक पेंशन, भोपाल को स्पीड सेवा, भारत सरकार के माध्यम से भेजकर कई गंभीर अनियमिततायें करते हुए नियम/निर्देशों के विरूद्ध एवं बिना दस्तावेजों की जाँच किये अपात्र व्यक्ति को पारिवारिक पेंशन स्वीकृत कर लाखों रूपये की वित्तीय हानि पहुंचाई जाने के संबंध में संगठन मंत्री शिवसेना द्वारा बिन्दुवार मय दस्तावेजी साक्ष्यों सहित अवगत कराते हुए अपात्र व्यक्ति को पेंशन एवं उपादान की राशि पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया गया? (ख) प्राप्त शिकायत के बिन्दुओं का बिन्दुवार उल्लेख करते हुए उन पर किस-किस के द्वारा क्या-क्या निर्देश दिये गये/प्राप्त हुए? प्रश्न दिनांक तक प्राप्त निर्देशों/शिकायत पर क्या-क्या कार्यवाही किस-किस के द्वारा कब-कब की गई? उसके क्या निष्कर्ष निकले? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण बतावें। (ग) क्या शिकायतकर्ता की शिकायत में जिन अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से अपात्र को लाभ प्रदान किये जाने हेतु आरोप लगाए गए हैं, उन्हीं से जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है? उनसे जाँच प्रतिवेदन चाहे जाने के कारण बतावें। (घ) क्या शासन/विभाग अपात्र व्यक्ति को प्रदान किये जाने वाले पेंशन व उपादान की राशि रोकते हुए/वसूल करते हुए प्रकरण की तत्काल जाँच शासन/संचालनालय या अधिकृत जाँच एजेंसियों से कराते हुए दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ-साथ पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध कराते हुए प्रश्नांश (क) से (घ) का उत्तर अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त विभाग के अभिमत सहित दिया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ। (ख) मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (गैस राहत) द्वारा श्रीमती दुर्गा बाई कटारे के पक्ष में किए गए नामांकन के साक्ष्य सहित प्रेषित प्रकरण के आधार पर संभागीय पेंशन अधिकारी भोपाल द्वारा श्रीमती दुर्गा बाई कटारे के पक्ष में पी.पी.ओ./जी.पी.ओ.जारी किया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) शिकायत के संदर्भ में दिनांक 27.4.2018 द्वारा वित्तीय नियमों का उल्लेख करते हुए मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी (गैस राहत) भोपाल से वस्तुस्थिति चाही गई है तथा आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए है अन्य बिन्दुओं पर सी.एम.ओ.गैस राहत से कार्यवाही अपेक्षित है। अग्रिम कार्यवाही संबंधित कार्यालय/विभाग द्वारा की जानी है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों का रख-रखाव
[महिला एवं बाल विकास]
26. ( क्र. 325 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में महिला बाल विकास विभाग परियोजना बल्देवगढ़ के अंतर्गत विकासखंड मुख्यालय पर निर्मित शौचालय खंडहर में तब्दील हो गया है और कितने ऐसे आंगनवाड़ी केंद्र हैं जो महिला बाल विकास के भवन हो या किराए के भवनों में संचालित हैं वहां शौचालय सही ढंग से बने हैं तथा इसका बच्चों द्वारा उपयोग किया जाता है? इनमें कितने जीर्ण-शीर्ण हालात में है? (ख) क्या परियोजना अधिकारी ब्लॉक बल्देवगढ़ एवं सभी आंगनवाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग करने वाली सेक्टर अधिकारी मुख्यालय पर निवास नहीं करती है उसके संबंध में जिला स्तर के किसी अधिकारी द्वारा कब कब जाँच की जाती है? (ग) विगत एक वर्ष में आंगनवाड़ी केंद्रों के शौचालय की सफाई की मॉनीटरिंग किसी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा कब-कब, किन-किन दिनांकों को की गई? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें तथा लापरवाही करने वाले अधिकारियों एवं मुख्यालय पर निवास नहीं करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) खरगापुर विधानसभा क्षेत्र में महिला बाल विकास विभाग परियोजना के कार्यालय हेतु विभागीय कार्यालय भवन उपलब्ध नहीं है। कार्यालय का संचालन विकासखण्ड कार्यालय के पुराने शासकीय भवन में हो रहा है। जिसमें शौचालय का कुछ हिस्सा टूटा हुआ है एवं कार्यालयीन कर्मचारियों द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। कार्यालय के नजदीक में स्थित रेस्ट हाउस का शौचालय उपयोग किया जा रहा है। बल्देवगढ़ परियोजना अन्तर्गत शासकीय एवं किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी तथा उनमें उपलब्ध शौचालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) परियोजना अधिकारी बल्देवगढ़ एवं सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों की मॉनीटरिंग करने वाली सेक्टर पर्यवेक्षक मुख्यालय पर निवास करती है। निवास संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जिला स्तरीय अधिकारी द्वारा दिनांक 18/10/2017 एवं 23/01/2018 को निरीक्षण के दौरान मुख्यालय पर निवास करने की जाँच की गई। (ग) टीकमगढ़ जिलें में बल्देवगढ़ परियोजना अन्तर्गत संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण जिला अधिकारी द्वारा दिनांक 10/10/2017 एवं 23/01/2018 को किया गया। जिले में सभी मैदानी अधिकारी मुख्यालय पर निवास करते है इसलिये उनके विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युतीकरण से वंचित ग्रामों में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
27. ( क्र. 337 ) श्री महेन्द्र सिंह बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र गुनौर में ऐसे कितने ग्राम हैं जो विद्युतीकरण से वंचित हैं? सूची उपलब्ध करावें। इन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य कब तक किया जावेगा? (ख) क्या इन ग्रामों को दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में विद्युतीकरण हेतु शामिल कर लिया गया है? यदि हाँ, तो इनका विद्युतीकरण कार्य कब तक हो जावेगा? उक्त योजना में प्रश्नांश (क) के ग्रामों को शामिल न करने का क्या कारण है? (ग) विधानसभा क्षेत्र गुनौर में सौभाग्य योजना अन्तर्गत कौन-कौन से ग्राम जोड़े गये हैं, उन ग्रामों के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? (घ) क्या जो ग्राम उक्त योजना में जोड़े गये हैं, उनमें से कितने ग्रामों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है एवं कितने ग्रामों का कार्य अपूर्ण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गुनौर में कार्य-योग्य सभी ग्राम विद्युतीकृत है, कोई भी ग्राम विद्युतीकरण से वंचित नहीं है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) विधानसभा क्षेत्र गुनौर में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत शामिल ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र गुनौर में सौभाग्य योजना अन्तर्गत सम्मिलित 357 ग्रामों में से 160 ग्रामों के सभी घरों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं शेष 197 ग्रामों में उक्त योजना का कार्य किया जाना शेष है।
छात्रावास की जानकारी एवं छात्रावासों में सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगवाये जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
28. ( क्र. 339 ) श्री महेन्द्र सिंह बागरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जनपद पंचायत पन्ना एवं गुनौर में वर्तमान में कितने छात्रावास संचालित हैं? संचालित छात्रावासों में छात्र/छात्राओं की कुल संख्या कितनी है? प्रत्येक छात्रावास में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र/छात्राओं की कितनी संख्या स्वीकृत है एवं स्वीकृत संख्या के विरूद्ध कितने छात्र/छात्राएं रहकर अध्ययन कर रहे हैं? छात्रावासवार नामवार बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित छात्रावासों में छात्रों को कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं? क्या छात्रावासों में दर्ज संख्या के विरूद्ध रहवासी छात्रों की संख्या नहीं पाई जाती है? क्या उक्त छात्रावासों में प्रवेश देते समय संबंधित शालाओं के प्रधानाध्यापक से अनुमति ली जाती है? (ग) क्या जिन जरूरत मंद छात्रों को प्रवेश की अवश्यकता होती है, उन्हें प्रवेश न देकर फर्जी छात्रों की संख्या दिखाकर भ्रष्टाचार किया जाता है? (घ) रहवासी छात्रों का पता लगाने के उद्देश्य से छात्रावासों में शासन द्वारा सी.सी.टी.व्ही. कैमरे क्यों नहीं लगाये जा रहे हैं? क्या कई छात्रों की उपस्थिति का सही ध्यान न रखने के कारण जो घटनाएं होती हैं उन्हें रोकने के लिये सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कब तक सी.सी.टी.व्ही.कैमरे लगाए जाएगें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गुनौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत जनपद पंचायत पन्ना एवं गुनौर में 14 छात्रावास संचालित हैं। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छात्रावास में छात्रों को नि:शुल्क चाय नास्ता, भोजन एवं आवासीय सुविधा, पलंग, बिस्तर, उत्कृष्ट छात्रावासों में कोचिंग स्टेशनरी आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। जी नहीं। छात्रावासों में दर्ज संख्या के विरूद्ध रहवासी छात्रों की संख्या पाई जाती है। जी हाँ। छात्रावासों में प्रवेश देते समय संबंधित शालाओं के प्रधानाध्यापक से विद्यालयों में प्रवेश के प्रमाणीकरण लिये जाने के पश्चात ही प्रवेश दिया जाता है। (ग) जी नहीं। छात्रावास में जिला स्तरीय प्रवेश समिति के माध्यम से छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। (घ) छात्रावासों में छात्रों की उपस्थिति का सही पता लगाने के उददेश्य से सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने का नियम में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्रों पर मार्गदर्शन जारी न करना
[सामान्य प्रशासन]
29. ( क्र. 345 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 22.07.2017 एवं 24.08.2017 को मुख्य सचिव म.प्र.शासन को लिखे गये पत्र क्रमांक 7132 एवं 7868 उनके कार्यालय के ई-मेल पर प्राप्त हुए हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र में किस-किस विषय पर मार्गदर्शन जारी कराए जाने हेतु मुख्य सचिव म.प्र. शासन से अनुरोध किया गया था। क्या प्रश्नकर्ता के अनुरोध पर मार्गदर्शन जारी कराया गया है या नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर कब तक मार्गदर्शन जारी करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य सचिव को प्रेषित पत्र दिनांक 22/07/2017, 24/08/2017 एवं 29/07/2017 में लेखापाल के पद पर पदोन्नति के संबंध में वेतन विसंगति दूर करने का अनुरोध किया गया है। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा दिनांक 12 जून 2018 को जारी निर्देशों के अनुसार अब सहायक वर्ग-2 से समान वेतनमान में लेखापाल/लेखा परीक्षक पद पर पदोन्नति, पदोन्नति न मानते हुये समयमान वेतन की पात्रता निर्धारित की गई है जिसके आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रारम्भिक जाँच 09/2011 में कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
30. ( क्र. 357 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 57 क्र. 2089 दिनांक 13 मार्च 2018 में प्रारम्भिक जाँच क्रमांक 09/2011 में क्या जाचं पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो छायाप्रति सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आरोप क्या सिद्ध पाया गया है? यदि हाँ, तो अपराध पंजीबद्ध क्यों नहीं किया गया? (ग) कलेक्टर भिण्ड की जानकारी के आधार पर प्रारम्भिक जाँच 09/11 कब पूर्ण हुई उसी समय अपराध प्रकरण पंजीबद्ध क्यों नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपराध प्रकरण दर्ज किया जाना
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 358 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 478 दिनांक 18 जुलाई 2017 के क्या आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ग्वालियर में प्राथमिक जाँच प्रकरण 9/2011 पंजीबद्ध किया गया? यदि हाँ, तो प्रश्नांश दिनांक तक अपराध प्रकरण पंजीबद्ध क्यों नहीं किया गया? इसके लिए कौन दोषी है क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) सांसद निधि से 23 विद्यालयों में कम्प्यूटर प्रोजेक्टर लगाने में गम्भीर अनियमितता होने के उपरांत उसके विरूद्ध अभी तक क्या कार्यवाही की गई? छायाप्रति सहित जानकारी दें। कार्यवाही न करने के क्या कारण है? (ग) जिला कलेक्टर भिण्ड के प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक 794/04.11.99 व 835/16.11.99 व 71/29.1.2000 व 1605/22.12.2000 के निहित शर्तों का पालन न करने के उपरांत अभी तक कार्यवाही शिथिल क्यों की जा रही है? कार्यवाही पूर्ण करने में कितना समय और व्यतीत होगा? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) और (ग) में तत्परता से कार्यवाही नहीं हो रही है इसके लिए कौन दोषी है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय कार्यवाही मूलक योजना एवं अनुदान
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
32. ( क्र. 380 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से शासन/विभाग द्वारा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के कार्यों को प्रदेश के साथ ही जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त शासनाधीन विभागीय किन-किन योजनाओं का क्रियान्वयन किन वर्षों से विधानसभा क्षेत्र में प्रारंभ होकर क्या क्या विभागीय कार्य किए गए तथा हितग्राही मूलक योजना के कितने आवेदन प्राप्त होकर उन पर क्या कार्यवाही की गई एवं कितनों को योजना अंतर्गत कितना अनुदान प्राप्त हुआ? (ग) क्या मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना अंतर्गत जावरा ब्लॉक एवं पिपलौदा ब्लॉक में आवेदकों द्वारा इस हेतु आवेदन किए गए तो कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए, उनमें से कितनों पर कार्यवाही हुई कितने शेष रहे? (घ) साथ ही उपरोक्त प्रश्नगत उल्लेखित जानकारियां वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत क्रियान्वित की गई, विभागीय समस्त योजनाएं हितग्राही मूलक योजना दिए जाने वाले अनुदान सहित ब्लॉकवार, ग्रामवार, योजना के नामवार बताएं।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के कार्यों का प्रदेश के साथ ही जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत भी क्रियान्वयन किया जा रहा है। (ख) विधान सभा क्षेत्र जावरा में हितग्राही मूलक योजना अन्तर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा अप्रैल 2017 से प्रारंभ की गई ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' में वर्ष 2017-18 में कुल 56 आवेदकों द्वारा ऑनलाईन पंजीयन कराया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है। इनमें से 09 कृषकों के यहां सोलर पम्प स्थापना पूर्ण की जा चुकी है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब एवं स अनुसार है। 1 से 3 एच.पी. तक क्षमता के सोलर पम्प की स्थापना के लिये 90 प्रतिशत तथा 5 एच.पी. के सोलर पम्प की स्थापना के लिये 85 प्रतिशत अनुदान कृषकों को प्रदान किया जा रहा है। सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट योजनान्तर्गत विभिन्न शासकीय संस्थानों व निजी हितग्राही के भवनों पर सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत प्रदाय करने के संयंत्र स्थापित किये गये है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। इसके अतिरिक्त विधान सभा क्षेत्र जावरा में पवन ऊर्जा परियोजनाएं निजी विकासकों द्वारा लगाई गई है, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। इन योजनाओं में कोई अनुदान देय नहीं है। (ग) मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के अन्तर्गत जावरा विधानसभा क्षेत्र में जावरा ब्लॉक में 15 एवं पिपलौदा ब्लॉक में 41 अर्थात कुल 56 आवेदन प्राप्त हुये है, जिसकी विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र– ब एवं स अनुसार है। मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना के अन्तर्गत वर्तमान में पूरे प्रदेश में ऑनलाईन आवेदन प्रक्रिया जारी है। (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेख अनुसार।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को सातवें वेतन मान का लाभ देना
[वित्त]
33. ( क्र. 430 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ प्रदान क्यों नहीं किया गया? (ख) यदि नियमित कर्मचारी व अस्थाई कर्मचारी में कार्य की समानता है तो वेतन में चार गुनी असमानता क्यों है प्रदेश में शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों का ई.पी.एफ क्यों नहीं काटा जा रहा है? (ग) प्रदेश में न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत केन्द्र के समान श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 2400/- निर्धारित क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) छतरपुर जिले के विभिन्न विभागों में एवं विभिन्न बोर्डों जैसे मण्डीबोर्ड में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कब तक सातवें वेतनमान का लाभ दिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को वेतनमान आधारित वेतन नहीं दिया जाता अपितु कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर से पारिश्रमिक दिया जाता है। अत: सातवें वेतनमान की पात्रता की स्थिति नहीं बनती है। (ख) नियमित व नियमित स्थापना के अस्थायी कर्मचारियों को वेतनमानों में असमानता नहीं है एवं राष्ट्रीय पेंशन योजना में अंशदान का समायोजन भी समान रूप से किया जा रहा है। (ग) राज्य के श्रम कानूनों के तहत न्यूनतम वेतन का निर्धारण रहता है। (घ) उपर्युक्त (क) अनुसार।
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र तेरी अंतर्गत फीडर सेपरेशन पर कार्ययोजना
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 454 ) श्री हेमन्त सत्यदेव कटारे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले के अटेर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में फीडर सेपरेशन की क्या कार्य योजना स्वीकृत है? विगत 3 वर्षों में स्वीकृत कार्य योजना के अनुसार किस-किस क्षेत्र में फीडर सेपरेशन का कार्य किया गया है? किए गए कार्य की लागत एवं भुगतान राशि तथा कार्य एजेंसी के नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे? (ख) क्या फीडर सेपरेशन के नाम पर मनमाने ढंग से कतिपय प्रभावशाली व्यक्तियों को लाभान्वित करने हेतु स्वीकृत कार्ययोजना के विपरीत लाइन विस्तार का कार्य किया गया? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर यह कार्यवाही की गई और क्या इन कार्यों के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमति प्रदान की गई थी? यदि नहीं, तो क्या संबंधित दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्षेत्र की पुरानी विद्युत लाइनें जो खराब हो गए हैं उनको बदलने एवं जले हुए ट्रांसफॉर्मरों को बदलने की क्या लक्ष्य नियत हैं? विगत 2 वर्षों में किन-किन ग्रामों में यह कार्यवाही की गई ग्रामवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) भिण्ड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत फीडर विभक्तिकरण योजना में 11 के.व्ही. के 24 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य कर कृषि एवं गैर-कृषि उपभोक्ताओं को पृथक-पृथक 11 के.व्ही. फीडरों के माध्यम से विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराए जाने का कार्य स्वीकृत है। विगत तीन वर्षों में इन 24 फीडरों में से 11 के.व्ही. के 2 फीडरों यथा-हेतपुरा तथा बरकापुरा के विभक्तिकरण का कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर पूर्ण किया जा चुका है। शेष 11 के.व्ही. के 22 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एम.डी.पी., ग्वालियर को अवार्ड जारी किया गया है, जिसमें से 14 फीडरों के इलेक्ट्रिकल सेपरेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त 14 फीडरों से संबंधित ग्रामों में निम्नदाब लाईन का कार्य एवं शेष 8 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य प्रगति पर है। 11 के.व्ही. के 2 फीडरों यथा-हेतपुरा तथा बरकापुरा के मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर पूर्ण किये गये कार्य की लागत राशि रू. 55.39 लाख है। ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स एम.डी.पी. कंपनी, ग्वालियर द्वारा 11 के.व्ही. के 14 फीडरों पर आंशिक रूप से पूर्ण किये गये कार्य की लागत राशि रू. 1618.58 लाख है। उक्त ठेकेदार कंपनी द्वारा राशि रू. 574.48 लाख के बिल भुगतान हेतु प्रस्तुत किये गये हैं, जिनका भुगतान किया जा चुका है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) वर्ष में दो बार यथा वर्षाकाल के पूर्व एवं वर्षाकाल के पश्चात् विद्युत लाईनों सहित विद्यमान विद्युत अधोसंरचना के मेन्टेनेंस का कार्य करवाया जाता है। साथ ही समय-समय पर विद्युत लाईन खराब होने की शिकायत/जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल सुधार कार्य करवाकर विद्युत प्रदाय सामान्य कर दिया जाता है। वर्तमान में लागू नियमों के अनुसार जले एवं खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से जुडे 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है। उक्तानुसार भुगतान करने पर एक बार बदले गये ट्रांसफार्मर यदि 3 माह की अवधि में पुन: ट्रांसफार्मर फेल हो जाते हैं तो बकाया राशि की शर्त/पात्रता शिथिल करते हुए वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित समय-सीमा में बदले जाने के निर्देश हैं। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्रों में उक्त नियमों के अनुरूप बकाया राशि जमा होने पर जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरो को वर्षा ऋतु (जुलाई, अगस्त एवं सितम्बर) में 7 दिवस में तथा वर्ष की अन्य अवधि में 3 दिवस में बदले जाने के निर्देश हैं। विगत दो वर्षों में अटेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 272 वितरण ट्रांसफार्मर फेल हुए, जिनमें से 248 वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं तथा शेष 24 वितरण ट्रांसफार्मर शत्-प्रतिशत राशि बकाया होने के कारण नहीं बदले गये है। उक्त बदले गये जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। विगत 2 वर्षों में अटेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उक्तानुसार मेन्टेनेंस के दौरान/आवश्यकतानुसार विद्युत लाईनों के तार बदलने सहित संधारण का कार्य किया गया है। वर्तमान में ग्राम कनेरा, खडीत तथा विजयपुरा की पुरानी/खराब विद्युत लाईनों एवं खम्बों के संधारण के कार्य हेतु प्राक्कलन स्वीकृत हैं एवं उक्त कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में अन्य ग्रामों यथा-निवारी, विजयगढ़, दिखतन का पुरा (पाली), गजना, हेतपुरा में विद्युत लाईनों के संधारण कार्य हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना में प्राक्कलन स्वीकृत किये जाने संबंधी कार्यवाही की जा रही है।
खरगोन जिले में निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाएं
[नर्मदा घाटी विकास]
35. ( क्र. 471 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में नर्मदा घाटी विकास विभाग की कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं? कितनी स्वीकृत हैं? उनकी अद्यतन स्थिति क्या है एवं कितनी लंबित हैं और क्यों? लंबित परियोजनाओं की स्वीकृति कब तक जारी की जायेगी? (ख) बलकवाड़ा उद्वहन, चौण्डी अन्दड उद्वहन एवं रोडिया अम्बा उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है? इन परियोजनाओं की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति का विवरण तथा इन परियोजनाओं के टेण्डर किन-किन कंपनियों को किन-किन शर्तों एवं अनुबंध के आधार पर दिए गए? विवरण देवें इनकी छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित परियोजनाओं से कसरावद विधान सभा क्षेत्र के कितने-कितने रकबे को सिंचित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है? कितने ग्रामों को लाभान्वित किया गया है? कितने है? ग्रामवार सूची दें एवं कितने-कितने ग्रामों की कृषि भूमि अधिगृहित की जाना है? ग्रामवार सूची दें। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त सिंचाई परियोजनाओं के कार्यों को पूर्ण किए जाने के संबंध में प्राप्त पत्रों के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''अ-1'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) कसरावद विधानसभा क्षेत्र में निम्नानुसार सिंचाई लक्षित है:-
स.क्र. |
परियोजना का नाम |
प्रस्तावित लक्ष्य (हेक्टे.) |
डी.पी.आर. अनुसार लाभान्वित ग्रामों का लक्ष्य |
1 |
बलकवाड़ा उद्वहन योजना |
9000 |
19 |
2 |
चौड़ी जामन्या उद्वहन योजना |
4000 |
10 |
3 |
अम्बा–रोड़िया उद्वहन योजना |
5415 |
21 |
वर्तमान में परियोजनान्तर्गत कोई भी कृषि भूमि अधिग्रहित की जाना प्रस्तावित नहीं है। जिन ग्रामों से भूमिगत पाईप लाईन डाली जायेगी वहां केवल टेम्पररी भू-अर्जन होगा जो सर्वेक्षण डिजाइन उपरांत फायनल होगा। (घ) परियोजनाओं के कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु टर्न-की एजेन्सी निर्धारण कर विस्तृत सर्वेक्षण डिजाइन एवं स्वीकृति प्राप्त करने का कार्य प्रगति पर है। यथाशीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा।
प्रोटोकॉल उल्लंघन पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
36. ( क्र. 511 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संहिता अंतर्गत वर्ष 2013 से आज दिनांक तक जबलपुर संभाग के किस-किस जिले में प्रोटोकॉल को लेकर किस-किस अधिकारी पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) उक्त जिलों में विकास कार्यों के भूमि पूजन, लोकार्पण-शिलान्यास हेतु प्रोटोकॉल से संबंधित क्या निर्देश हैं तथा बालाघाट जिले में तत्संबंध में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में क्या क्या कार्यवाही हुई? (ग) विगत 2 वर्षों में परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत समस्त प्रकार के निर्माण कार्य का भूमि पूजन लोकार्पण-शिलान्यास किस किस दिनांक को किस-किस जनप्रतिनिधि तथा अधिकारी की अध्यक्षता एवं मुख्य आतिथ्य में कराया गया? आमंत्रण कार्ड की प्रति बताएं तथा यह बताएं कि उक्त समारोह में प्रोटोकॉल का पूर्ण रुप से पालन किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो संबंधित अधिकारी कर्मचारी पर आज दिनांक तक क्या क्या कार्यवाही हुई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जबलपुर सम्भाग के जिला जबलपुर, मण्डला, नरसिंहपुर, सिवनी, छिन्दवाड़ा, डिंडोरी एवं कटनी में किसी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। बालाघाट जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शाई गई है।
शराब बिक्री की जानकारी एवं अवैध बिक्री पर कार्यवाही
[वाणिज्यिक कर]
37. ( क्र. 512 ) श्री मधु भगत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018 19 हेतु बालाघाट जिले में किस-किस देशी विदेशी शराब दुकान का स्थान परिवर्तन किन किन आधारों पर कराया गया? (ख) बालाघाट जिले में शाला, मंदिर, सार्वजनिक भवन के सौ मीटर के अंदर कहाँ-कहाँ देशी-विदेशी शराब दुकान संचालित है तथा ऐसी सभी दुकानों पर किस-किस जनप्रतिनिधि/ग्रामीणों द्वारा एवं अन्य द्वारा शिकायत पर क्या क्या कार्यवाही हुई? (ग) वर्ष 2018-19 हेतु बालाघाट जिले में देशी-विदेशी शराब दुकान किस निविदाकार को किस किस आधार पर कितने वर्षों के लिए आवंटित की गई? (घ) विगत 2 वर्षों में अवैध शराब के विक्रय में किन-किन लोगों पर किस-किस प्रकार की कार्यवाही की गई तथा कार्यवाही के दौरान क्या सुधारात्मक प्रयास किए गए? अवैध शराब बिक्री धारी का नाम ग्राम का नाम तथा अवैध शराब बिक्री की क्वालिटी सहित जानकारी दें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2018-19 हेतु बालाघाट जिले की 08 मदिरा दुकानों की अवस्थिति में परिवर्तन हुआ है, जिसका कारण सहित विवरण विधानसभा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) वर्ष 2018-19 में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 55 दिनांक 06.02.2015 एवं मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 की कंडिका क्रमांक 7.3 में उल्लेखित निर्देशानुसार बालाघाट जिले की मदिरा दुकानें संचालित है। प्रश्नांश अनुसार बालाघाट जिले में शाला/मंदिर से 100 मीटर तक की दूरी पर 01 मदिरा दुकान संचालित है, जिसके संबंध में जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों द्वारा की गई शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण अंकित किया गया है, विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) वर्ष 2018-19 में बालाघाट जिले में देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन शासन द्वारा घोषित आबकारी नीति मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 80 दिनांक 01.02.2018 अनुसार एक वर्ष के लिये किया गया है, जिनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) विगत दो वर्षों (वर्ष 2016-17 वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 के दिनांक 01.04.2018 से 31.05.2018 तक) जिले में अवैध मदिरा के विक्रय के 02 प्रकरण आबकारी विभाग द्वारा पंजीबद्ध किये गये है, जिनका प्रकरणवार, आरोपियों के नाम, पता, ग्राम/स्थान व धारा तथा जप्ती का प्रकार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -चार अनुसार है।
आवंटित राशि का क्रियान्वयन किये जाना
[जनजातीय कार्य]
38. ( क्र. 525 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अतारांकित प्रश्न संख्या 21 (क्र. 314) दिनांक 28/02/18 में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में पूछा गया था कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2017-18 तक केन्द्र एवं राज्य सरकार से कितनी राशि किस मद में किस कार्य हेतु प्राप्त होने एवं कार्य की भौतिक स्थिति तथा मूल्यांकन किसके द्वारा किया गया? नाम पद बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि हाँ, तो प्राप्त उत्तर के प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में संलग्न परिशिष्ट 38 में वित्तीय वर्ष 2014-15 में प्राप्त आवंटन 2.46 लाख भूमि समतलीकरण, नाला एवं मेंढ़, मंधान, कार्य का ग्राम मुनहाई, अमहटा, दानीसोन तथा 8.88 लाख भूमि समतलीकरण नाला एवं मेंढ़ बंधान कार्य का ग्राम महदेवा, पाँचर, धनुहीनार, जड़कुड़ निर्माण एजेन्सी जनपद पंचायत हनुमना को राशि प्रदान की गई? किन्तु कार्य अप्रारंभ बताया गया? इसी प्रकार हैण्डपम्प खनन 0.75 लाख ग्राम जड़कुड एवं हैण्डपम्प खनन 0.64 लाख ग्राम जड़कुड़ अपूर्ण बताये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में अप्रारंभ एवं अपूर्ण कार्य को प्रारंभ एवं पूर्ण क्यों नहीं कराया गया? कार्यवाही हेतु क्या-क्या प्रयास किये गये? पत्र उपलब्ध करावें? इनसे राशि ब्याज सहित वापस कर कार्य पूर्ण कराये जावेंगे? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में पूर्ण कार्यों के प्राक्कलन एवं मूल्यांकन की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, आवंटन जारी किया गया था। (ग) वर्ष 2014-15 में भारत सरकार से कार्यों की स्वीकृति के पूर्व ही प्रथम किश्त प्राप्त होने से विभिन्न जिलों की परियोजनाओं को प्रारम्भिक आवंटन जारी कर दिया गया था। जिसके आधार परियोजना पिपराही द्वारा कार्यों हेतु राशि का आवंटन किया गया था। प्रश्नांश में उल्लेखित 04 कार्यों में से प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' के प्रकाश में जो कार्य अप्रारम्भ एवं अपूर्ण बताये गये थे, उनमें हैण्डपंप खनन राशि रू. 0.75 लाख एवं राशि रू. 0.64 लाख ग्राम जड़कुड पूर्ण हो चुके है। शेष दो कार्य जिनके हेतु आवंटन जारी किया गया था कि राशि, भारत सरकार द्वारा कालांतर में निर्गमित नहीं होने से ये कार्य न तो प्रारम्भ कराये जा सके और न ही इनकी राशि आहरित की जा सकी। चूकि राशि आहरित नहीं हुई थी इसलिये ब्याज सहित राशि वापस कर कार्य पूर्ण कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का भी प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पूर्ण कार्यों के प्राक्कलन एवं मूल्यांकन की प्रमाणित प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के अध्यक्ष का कार्यकाल
[जनजातीय कार्य]
39. ( क्र. 547 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना धार (ITDP) परियोजना सलाहकार समिति के माननीय अध्यक्ष महोदय का क्या कार्यकाल समाप्त हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो नवीन अध्यक्ष का मनोनयन कब तक होगा? (ग) क्या समिति के अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने पर समिति भंग होती है? यदि परियोजना सलाहकार समिति भंग नहीं होती है, तो धार परियोजना सलाहकार समिति की बैठक आज दिनांक तक क्यों नहीं आहूत की गई? (घ) क्या समिति के अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने पर संबंधित कलेक्टर बैठक आहूत कर सकता है अथवा नहीं? यदि कर सकता है, तो समिति का अध्यक्ष कौन रहेगा? (ड.) क्या अध्यक्ष के मनोनयन नहीं होने तक जिले के विकास हेतु प्राप्त आवंटन का उपयोग नहीं होने पर कौन उत्तरदायी होगा तथा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) अध्यक्ष के मनोनयन की कार्यवाही प्रक्रियागत होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) जी नहीं। मनोनीत अध्यक्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर जिला कलेक्टर परियोजना सलाहकार मण्डल के पदेन अध्यक्ष होते हैं। दिनांक 19/05/2018 को जिला कलेक्टर द्वारा समीक्षा बैठक आयोजित की गई। (ड.) प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लंबित वेतन विसंगती का निराकरण
[वित्त]
40. ( क्र. 548 ) श्री कालुसिंह ठाकुर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 10 वर्ष पूर्व लागू वेतन आयोग में लिपिक कर्मचारियों के वेतन में विसंगति होने के कारण उक्त वर्ग के कर्मचारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था? इस पर शासन द्वारा क्या कर्मचारी संघ के समन्वय से वेतन विसंगति दूर करने हेतु अग्रवाल समिति का गठन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो अग्रवाल समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट शासन को कब प्रस्तुत की गई है और क्या उक्त रिपोर्ट को कर्मचारी संघ द्वारा भी स्वीकार कर लिया गया है तथा क्या शासन के वित्त मंत्रालय द्वारा भी अनुमोदित कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो अग्रवाल समिति द्वारा अनुशंसित वेतन कब से लागू किया जावेगा? यदि नहीं, तो अनुशंसा लागू नहीं किये जाने का स्पष्ट कारण बतावें?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) श्री ए.के. अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित राज्य वेतन आयोग संबंधी अधिसूचना दिनांक 23.02.2008 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) एवं (ग) आयोग द्वारा जुलाई, 2009 में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्राप्त प्रतिवेदनों पर मंत्रि-परिषद् से आदेश प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही समय-समय पर की गई है। अनुसचिवीय कर्मचारियों के प्रक्रम वेतन तथा वेतन संबंधी शेष अनुशंसाओं पर मंत्रि-परिषद् आदेशानुसार वित्त विभाग द्वारा आदेश दिनांक 19.7.2017, 7.6.2018 एवं आदेश दिनांक 8.6.2018 जारी किये गये हैं। आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
विद्युत बिलों की प्राप्त शिकायतें
[ऊर्जा]
41. ( क्र. 553 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2017 से क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग न कर आंकलित (अधिक) खपत के बिल प्रदाय किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावें। (ख) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विगत 1 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत बिलों संबंधी कितनी शिकायतें किन-किन शिकायतकर्ताओं की प्राप्त हुई? उनका नाम, ग्राम बतावें। क्या प्राप्त शिकायतों की जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो क्या कोई कर्मचारी/अधिकारी दोषी पाये गये? यदि हाँ, तो कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावें। उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी बतावें। (ग) क्या 01 जनवरी 2017 से विद्युत बिलों में अत्यधिक वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? इन बढ़े हुए बिलों के निराकरण संबंधी विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है या की जा रही है? की गई कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी नहीं, 01 जनवरी 2017 से भितरवार विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मीटर रीडिंग के ही विद्युत देयक जारी किये जा रहे हैं। तथापि प्रश्नाधीन क्षेत्र में ऐसे उपभोक्ताओं, जिनके मीटर बंद/खराब/जले हैं, को विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका 8.35, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है, के प्रावधानों के अनुरूप आंकलित खपत के विद्युत बिल प्रदान किये जा रहे हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विद्युत बिलों से संबंधित कुल 300 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनकी शिकायतकर्ता के नामवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त अवधि में प्राप्त सभी 300 शिकायतों की जाँच कराई गई, जिसमें कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं पाया गया। अत: प्रश्न नहीं उठता। । (ग) जी नहीं, 01 जनवरी 2017 से नहीं अपितु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी आदेश टैरिफ आदेश मार्च-2017 लागू होने के उपरांत ही विद्युत बिलों में आंशिक वृद्धि हुई है, विद्युत दरों का निर्धारण म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के कार्यक्षेत्र में आता है, अत: तत्संबंध में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। तथापि विद्युत बिलों में त्रुटि संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार जाँच कर तत्काल उसके निराकरण की कार्यवाही की जाती है, जो कि एक सतत् प्रक्रिया है।
आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
42. ( क्र. 556 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नगदा-खाचरौद में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनमें से कितने आंगनवाड़ी भवन निजी भवनों में एवं कितने आंगनवाड़ी भवन अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं? (ख) भवन विहीन एवं अन्य योजना के शासकीय भवनों में संचालित केन्द्र की जानकारी आंगनवाड़ी केन्द्र के नाम सहित ग्रामवार एवं शहरी क्षेत्र में वार्डवार उपलब्ध करावें। उक्त भवन कब तक स्वीकृत हो जावेंगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद अन्तर्गत 03 बाल विकास परियोजनाओं में कुल 293 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, जिसमें से 72 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 103 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में एवं 118 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद अन्तर्गत 118 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में तथा 103 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य योजनाओं के शासकीय भवनों में संचालित है। आंगनवाड़ी केन्द्र की ग्रामवार, नामवार एवं शहरी क्षेत्र की वार्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अत: समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
43. ( क्र. 557 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरौद भौगोलिक स्थिति में काफी बड़ा क्षेत्र है एवं छोटी-छोटी पहाड़ियां भी इस क्षेत्र में स्थित है, जो कि पवन ऊर्जा संयंत्र हेतु उपयुक्त है। (ख) यदि हाँ, तो उक्त विधानसभा क्षेत्र में कब तक सर्वे कराकर पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किये जावेंगे?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के प्रोत्साहन हेतु पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 लागू की गयी है। पवन ऊर्जा स्त्रोत की उपलब्धता के आंकलन एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की साध्यता से संबंधित आवश्यक सर्वेक्षण के उपरान्त ही पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है। नीति के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी इकाइयां स्वयं स्थल का चयन कर पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की अनुकूलता/साध्यता जानने हेतु यथा आवश्यक सर्वेक्षण करती है एवं परियोजना की साध्यता सुनिश्चित होने पर स्थापना करती है।
छात्रावास/आश्रम/आवासीय विद्यालयों का संचालन
[जनजातीय कार्य]
44. ( क्र. 561 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति छात्रावास/आश्रम/आवासीय विद्यालय कहाँ-कहाँ संचालित है? इनमें तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कब से कार्यरत हैं? वर्ष २०१८ की छात्र संख्या सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्वालियर जिले में संचालित छात्रावास/आश्रम/आवासीय विद्यालयों में वर्ष २०१५-१६ में उपलब्ध उपयोगी विभिन्न सामग्री तथा वर्ष २०१६-१७ एवं २०७-१८ में इन संस्थाओं को प्रदाय विभिन्न सामग्री की सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) उक्त शिक्षण संस्थाओं हेतु सामग्री क्रय करने के क्या नियम/आदेश हैं? जिला स्तर की क्रय समिति के सदस्यों के नाम व पदनाम सहित बतावें। वर्ष २०१६-१७ एवं २०१७-१८ में शासन स्तर से प्राप्त विभिन्न सामग्री/उपकरण तथा जिला स्तर से उक्त वर्षों में किस-किस फर्म/संस्था से किस दर से क्या-क्या सामग्री कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में क्रय कर कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई? बिल की सत्यापित प्रति सहित उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग (जनजातीय कार्य विभाग) द्वारा केवल अनुसूचित जनजाति के (न कि अनुसूचित जाति के) छात्रावास/आश्रम एवं आवासीय विद्यालय संचालित किये जाते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2015-16 में छात्रावास/आश्रमों में उपयोगी सामग्री की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रावास/आश्रमों के लिये सामग्री का क्रय जिला स्तर पर नहीं किया जाता है, इन छात्रावास/आश्रमों में सामग्री पालक शिक्षक समिति द्वारा क्रय किया जाता है। (ग) अनुसूचित जनजाति छात्रावास/आश्रमों के लिये सामग्री का क्रय जिला स्तर पर नहीं किया जाता है। पालक शिक्षक समिति द्वारा सामग्री का क्रय किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मान्यता प्राप्त स्वयंसेवी संस्थाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 563 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) ग्वालियर जिले के अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग से मान्यता प्राप्त प्रत्येक स्वयंसेवी संस्थाओं के पंजीयन की प्रति तथा सदस्यों की सूची तथा अनुदान प्राप्त स्वयंसेवी संस्थाओं के संचालन का पूर्ण पता, खुलने का समय सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष २०१३-१४ से २०१७-१८ में मान्यता प्राप्त स्वयंसेवी संस्थाओं को किस प्रयोजन हेतु कितनी अनुदान राशि किस माह में प्रदाय की गई । (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्ष २०१३-१४ से २०१७-१८ में अनुदान प्राप्त स्वयंसेवी संस्थाओं का किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस-किस दिनांक को निरीक्षण किया गया? उनका नाम एवं पद बतावें तथा निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति सहित मान्यता प्राप्त स्वयंसेवी संस्थाओं को अनुदान स्वीकृत संबंध आदेश/नियम की प्रति उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) ग्वालियर जिले के अंतर्गत विभाग से मान्यता प्राप्त स्वयंसेवी संस्थाओं के पंजीयन की प्रति एवं सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेष प्रश्नांश (क) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (ख) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्ष 2013-14 से 2017-18 में अनुदान प्राप्त स्वयंसेवी संस्थाओं के निरीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। शेष प्रश्नांश (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है।
छात्रावासों के वार्षिक सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
46. ( क्र. 566 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन हेतु विभाग से छात्रावासों की संख्या के मान से आवंटन जिलों को दिया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो जिला स्तर पर आवंटन को निर्माण एजेंसी को अंतरण की क्या नीति है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नीति नहीं है, तो जिन जिलों में विभागीय तकनीकी अमला नहीं है, उन जिलों द्वारा इस आवंटन का उपयोग किस प्रकार किया जाये? (घ) इस संबंध में विभाग वित्त विभाग की सहमति से जिला स्तर पर आवंटन निर्माण एजेंसी को अंतरण की प्रक्रिया तय करेगा अथवा विभाग के पास कोई और विकल्प है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्त विभाग द्वारा 01 अप्रैल 2017 से कोषालयीन आहरण की नयी आई.एफ.एम.आई.एस. प्रणाली के तहत जिला स्तर पर एक डी.डी.ओ. से दूसरे डी.डी.ओ. में बजट हस्तान्तरित की कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण से जिलों को आवंटित राशि बी.सी.ओ. को समर्पित करनी होती है। तदुपरांत विभागीय बी.सी.ओ. द्वारा निर्माण एजेन्सी के बी.सी.ओ. में बजट अंतरित किया जा रहा है। (ग) वित्त विभाग द्वारा 01 अप्रैल 2017 से कोषालयीन आहरण की नयी आई.एफ.एम.आई.एस. प्रणाली के अनुसार उपयोग किया जायेगा। (घ) विभाग, वित्त विभाग द्वारा जारी आई.एफ.एम.आई.एस. प्रणाली के अनुरूप कार्य कर रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सौभाग्य योजनांतर्गत सभी घरों में विद्युत कनेक्शन
[ऊर्जा]
47. ( क्र. 569 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विषयांकित सौभाग्य योजना में हर घर में बिजली लगाने के प्रावधान है? (ख) क्या विषयांकित सौभाग्य योजना में केन्द्र अथवा राज्य शासन द्वारा एक घर हेतु 10000/- रूपये (दस हजार रूपये मात्र) खर्च करने के प्रावधान हैं? (ग) क्या जिन घरों में बिजली लगाने हेतु स्टीमेट प्रति घर अनुसार 10000/- रूपये से ज्यादा हो रहा है, उसे कम्प्यूटर स्वीकार नहीं कर रहा है? (घ) यदि इस योजना को निश्चित बजट में बांध दिया गया है, तो हर घर बिजली का प्रधानमंत्री जी का सपना पूरा होना कैसे संभव है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ऐसे सभी घर अथवा अयोग्य (डिफाल्टर) कनेक्शनधारी जिनका विद्युत कनेक्शन बकाया राशि होने के कारण विच्छेदित किया गया है तथा मुख्य ग्राम से दूर खेतों में बने हुए आवासों एवं शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा के ऊपर (नॉन पूअर) घरों को छोड़कर सौभाग्य योजना में सभी घरों को विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का प्रावधान है। (ख) सौभाग्य योजना के अंतर्गत प्रति कनेक्शन रू. 4500/- की राशि का प्रावधान है जिसमें से रू. 3000/- की राशि सर्विस कनेक्शन हेतु एवं रू. 1500/- की राशि लाईन विस्तार कार्य हेतु प्रावधानित है। इसके अतिरिक्त योजनान्तर्गत सुदूर क्षेत्रों में स्थित घरों जहाँ विद्युत लाईन विस्तार कार्य किया जाना संभव/साध्य नहीं हैं, उनके विद्युतीकरण का कार्य सोलर फोटो वोल्टिक पैनल लगाकर किया जाना है, जिस हेतु प्रति कनेक्शन रू. 50, 000/- का प्रावधान है। उक्तानुसार प्रावधानित राशि में से 60% प्रतिशत राशि केन्द्र शासन द्वारा अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी तथा 40% राशि का प्रबंध राज्य शासन/वितरण कंपनियों को करना है। (ग) ऐसी कोई प्रक्रिया प्रचलन में नहीं है तथापि उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार सौभाग्य योजना में प्रति कनेक्शन राशि प्रावधानित है। (घ) सौभाग्य योजना के अन्तर्गत उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार प्रति कनेक्शन राशि का प्रावधान किया गया है। तथापि प्रदेश के विशाल भौगोलिक क्षेत्र एवं जनसंख्या तथा सामाजिक व्यवस्था अनुसार अधिक संख्या में विद्यमान मजरों/टोलों में से अविद्युतीकृत/आंशिक रूप से विद्युतीकृत मजरों/टोलों की अधिक संख्या के दृष्टिगत, सौभाग्य योजना की डी.पी.आर. में मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु राशि उपलब्ध कराने के लिये केन्द्र शासन से अनुरोध किया गया है। उक्तानुसार डी.पी.आर. स्वीकृत होने की प्रत्याशा में सौभाग्य योजना के अंतर्गत वितरण कंपनियों द्वारा प्रदेश के शत्-प्रतिशत घरों के विद्युतीकरण के उद्देश्य से कार्य आरंभ कर दिया गया है।
बालाघाट जिले में आंगनवाड़ी भवनों की स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
48. ( क्र. 570 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी भवन विगत तीन वर्षों में स्वीकृत किये गये हैं? आंगनवाड़ी भवनों में किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि दी जानी है? विकासखण्ड अनुसार जानकारी दें। (ख) स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों में से कितने भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है अथवा प्रारंभ किया जा चुका है? विकासखण्ड अनुसार जानकारी दें। (ग) स्वीकृत आंगनवाड़ी भवनों में से ऐसे कितने आंगनवाड़ी भवनों का कार्य अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है। प्रारंभ न होने का कारण स्पष्ट करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जिले में विगत 03 वर्षों में 320 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये हैं। विकासखंडवार आंगनवाड़ी भवनों की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विगत 03 वर्षों में स्वीकृत 320 आंगनवाड़ी भवनों में से 57 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो चुके हैं, 113 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं एवं 150 आंगनवाड़ी भवन अप्रारंभ है। विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जिले में स्वीकृत 320 आंगनवाड़ी भवनों में से 150 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य अप्रारंभ है। इन भवनों के निर्माण अप्रारंभ रहने संबधी कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
नवीन विद्युत ग्रिड की स्थापना
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 573 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3369 दिनांक 13 मार्च 2018 के उत्तर की कंडिका (ख) में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा एस.एस.टी.डी. योजना वर्ष 2018-19 के अंतर्गत ग्राम आगर एवं ग्राम नापानेरा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों के निर्माण का (प्रत्येक उपकेन्द्र की क्षमता 5 एम.व्ही.ए.) कार्य प्रस्तावित किया गया है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त उपकेन्द्रों की स्वीकृति के संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन ग्रामीणजनों की पुरजोर मांग को दृष्टिगत रखते हुये उक्त प्रस्तावित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत 132 के.व्ही. ग्राम सोनकच्छ में निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या है? क्या उक्त निर्माणाधीन कार्य वर्ष 2015-16 से स्वीकृत होकर प्रश्न दिनांक तक पूर्ण नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो इसमें विलंब के क्या कारण हैं तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। ग्राम नापानेरा में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनांतर्गत स्वीकृत कर दिया गया है तथा इस कार्य हेतु निविदा जारी की जा चुकी है। ग्राम आगर में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र के निर्माण का कार्य फण्ड की उपलब्धता के अनुसार भविष्य में स्वीकृत किया जायेगा, जिस हेतु वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत ए.डी.बी. द्वारा वित्तीय पोषित योजना में ग्राम सोनकच्छ के समीप 132 के.व्ही. नरसिंहगढ़ के नाम से उपकेन्द्र निर्माणाधीन है जो कि ब्यावरा से 15 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। उक्त उपकेन्द्र के निर्माण हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बी.एस. लिमिटेड, हैदराबाद को दिनांक 1.3.2014 से कार्यादेश जारी किया गया था किंतु ठेकेदार एजेंसी द्वारा लगभग 16 प्रतिशत कार्य करने के उपरांत, उपकेन्द्र का कार्य अधूरा छोड़ा गया। उक्त ठेकेदार एजेंसी को जारी अवार्ड दिनांक 22.2.2017 को निरस्त करते हुए उन्हें 3 साल के लिये भविष्य की निविदाओं में भाग लेने से रोक दिया गया है तथा उनके द्वारा जमा की गई परफॉर्मेंस गारण्टी एवं एडवांस पेमेंट गारण्टी का नगदीकरण कर लिया गया है एवं कार्य पूरा होने पर रिस्क एवं कास्ट राशि की वसूली भी की जायेगी। पुन: उक्त उपकेन्द्र के निर्माण हेतु टर्न-की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स बजाज लिमिटेड, मुबंई को माह अप्रैल 2018 में कार्यादेश जारी किया गया है। अनुबंध की शर्तों के अनुसार इस कार्य की कार्यपूर्णता अवधि 18 माह नियत है। उक्त कार्य को निर्धारित कार्यपूर्णता अवधि में पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
मांगलिक भवन निर्माण हेतु स्वीकृत राशि की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
50. ( क्र. 574 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24 अप्रैल 2018 को माननीय विभागीय मंत्री जी के ब्यावरा नगर प्रवास के दौरान राजगढ़ जिले के नगर सुठालिया अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग हेतु सर्वसुविधा युक्त मांगलिक भवन/सामुदायिक भवन स्वीकृत किये जाने की मांग पर राशि रूपये 10.00 लाख स्वीकृत किये जाने घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त घोषणा अनुरूप मांगलिक भवन/सामुदायिक भवन निर्माण हेतु राशि का आवंटन व स्वीकृति प्रदान कर दी गई है अथवा नहीं? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन नगर सुठालिया में अनुसूचित जाति वर्ग हेतु मांगलिक/सामुदायिक भवन निर्माण हेतु घोषणानुरूप राशि आवंटन व स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। मा. विभागीय मंत्री जी के कार्यालय स्तर से संबंधित कार्य की स्वीकृति के कोई निर्देश नहीं दिये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत दुर्घटनाओं में मृत कर्मचारियों की जानकारी
[ऊर्जा]
51. ( क्र. 579 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र 3324 दिनांक 13 मार्च 18 के खंड (ग) के उत्तर में बताया कि 1 जनवरी 16 से 31 जनवरी 18 तक कुल 245 व्यक्तियों की म़ृत्यु हुई। इन मृतकों में से कुल ५ व्यक्ति विद्युत कर्मचारी थे जबकि 28 नवंबर 17 को प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र 9 के खंड (क) में बताया कि 1 जनवरी 16 के पश्चात उज्जैन क्षेत्र में कुल 26 स्थायी कर्मचारी एवं 2 ठेका श्रमिकों की मृत्यु हुई उक्त दोनों उत्तर में असमानता के लिये कौन जिम्मेदार है? उत्तर गलत देने के क्या कारण रहे? (ख) 28 नवंबर 17 को प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र 9 के खंड (क) में बताया कि 1 जनवरी 16 के पश्चात उज्जैन क्षेत्र में उक्त विद्युत दुघर्टना में 18 प्रकरणों में पीड़ित परिवार में अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन दिये थे। क्या सभी को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) 1 जनवरी 15 के पश्चात फीडर सेपरेशन के तहत रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले में कौन-कौन से गुणवत्ता विहीन कार्यों को लेकर कहाँ-कहाँ किस-किस व्यक्ति ने शिकायत दर्ज की तथा कहाँ-कहाँ पर उक्त अवधि में विद्युत तारों का टूटना, विद्युत खंभों का क्षतिग्रस्त होना तथा खराब विद्युत मीटर की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3324 दिनांक 13 मार्च-2018 के उत्तरांश (ग) में बताया गया था कि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत उज्जैन राजस्व संभाग (उज्जैन क्षेत्र) में वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2017-18 में दिनांक 31/01/2018 तक (दिनांक 1 जनवरी-2016 से 31 जनवरी-2018 तक नहीं) विद्युत दुर्घटनाओं में क्रमशः 131 व्यक्तियों एवं 114 व्यक्तियों (कुल 245 व्यक्तियों) की मृत्यु हुई थी तथा इन मृतक व्यक्तियों में से क्रमशः 2 व्यक्ति एवं 3 व्यक्ति (कुल 5 व्यक्ति) विद्युत कंपनी के कर्मचारी थे। उक्त प्रश्न में विद्युत दुर्घटनाओं में मृत हुए विद्युत कर्मचारियों सहित सभी व्यक्तियों की जानकारी समाहित थी। अतः इस प्रश्न के उत्तर में विद्युत दुर्घटनाओं में मृत हुए विद्युत कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 5 बताई गई थी। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 9 दिनांक 28/11/2017 के उत्तरांश (क) में बताया गया था कि उज्जैन क्षेत्र में 1 जनवरी-2016 के पश्चात 26 स्थाई कर्मचारियों एवं निरंक अस्थाई कर्मचारियों की तथा 2 ठेका श्रमिकों की मृत्यु हुई है। उक्त प्रश्न अनुकम्पा नियुक्ति से संबंधित था, अत: प्रश्न की भावना के अनुरुप 01 जनवरी-2016 के पश्चात सभी कारणों से मृत 26 स्थाई कर्मचारियों एवं 2 ठेका श्रमिकों की संख्या उक्त प्रश्न के उत्तर में दर्शाई गई थी। इन 26 स्थाई कर्मचारियों में से केवल 5 कर्मचारियों की मृत्यु विद्युत दुर्घटनाओं में हुई थी। शेष की मृत्यु अन्य कारणों से हुई थी, जिसका विवरण उक्त प्रश्न के उत्तर के संलग्नक में दिया गया था। अतः उक्त दोनों प्रश्नों के उत्तरों में असमानता नहीं है। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 9 के उत्तरांश (क) में बताया गया था कि 1 जनवरी-2016 के पश्चात म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उज्जैन क्षेत्र में दुर्घटनाओं के 18 प्रकरणों में पीड़ित परिवार के परिजनों (उत्तराधिकारियों) द्वारा अनुकम्पा नियुक्तियों हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये थे। उक्त 18 प्रकरणों में से 12 प्रकरणों में आवेदकों को नियमानुसार आवश्यक शैक्षणिक अहर्ता प्राप्त करने हेतु 03 वर्ष का समय दिया गया है, 02 प्रकरणों को अनुकम्पा नियुक्ति नीति-2013 (संशोधित) के अनुरुप नहीं होने से निरस्त किया गया है, 01 प्रकरण न्यायालय में उत्तराधिकारी प्रमाण-पत्र प्राप्ति हेतु लंबित है तथा 03 प्रकरण अनुकम्पा नियुक्ति हेतु पात्र है, जिन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) 1 जनवरी-2015 के पश्चात फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत संपादित कार्यों हेतु रतलाम, मंदसौर एवं नीमच जिलों में गुणवत्ता विहीन कार्यों से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रश्नाधीन अवधि में उक्त योजना के तहत संपादित कराये गये कार्यों में विद्युत तार टूटने एवं विद्युत खम्बों के क्षतिग्रस्त होने की कोई भी शिकायत उक्त जिलों में प्राप्त नहीं हुई है। तथापि मंदसौर जिले में उक्त योजना के तहत संपादित कार्यों में स्थापित विद्युत मीटर, बंद अथवा खराब पाये जाने पर पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उन्हें बदला गया है। इन मीटरों से संबंधित किसी भी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई।
प्रदेश में संचालित मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों की जानकारी
[वाणिज्यिक कर]
52. ( क्र. 580 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधायक के अतारांकित प्रश्न संख्या 3 क्र.41 दिनांक 28 फरवरी 18 के खंड (ग) में बताया गया कि प्रदेश के 7 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों पर कर के रूप में कुल 83.34 लाख रू. की राशि बकाया है। इनकी वर्तमान स्थिति क्या है? क्या इन सिनेमाघरों की बकाया राशि विभाग को प्राप्त हो गई है? यदि नहीं, तो अपील स्तर पर स्थगन होने के मुख्य रूप से क्या कारण रहे? (ख) प्रश्नकर्ता के उपरोक्त प्रश्न में खंड (ग) में बताया गया कि उज्जैन संभाग में केवल 1 और रतलाम में 2 मल्टीप्लेक्स टॉकीज संचालित है। जबकि मंदसौर, नीमच और देवास में भी मल्टीप्लेक्स टॉकीज संचालित है। संलग्न परिशिष्ट में उक्त गलत जानकारी देने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नकर्ता विधायक के अतारांकित प्रश्न क्र.3 दिनांक 28 फरवरी 18 के खंड (ख) में बताया गया कि सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में 100 रू. तक की प्रति सीट मूल्य को कर मुक्त रखा गया है तथा 1 जुलाई 17 से इन पर जी.एस.टी. लागू कर दी गई है। जी.एस.टी. के पश्चात प्रत्येक सिनेमाघरों को प्रति सीट कितना कर देना अनिवार्य है।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्न संख्या 3 क्र. 41 दिनांक 28.02.2018 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में 07 मल्टीप्लेक्स सिनेमा घरों पर कुल बकाया राशि 83.34 लाख की लंबित बताई गई थी। इस बकाया राशि में से 4.43 लाख की वसूली हो गई है। शेष बकाया राशि 78.90 लाख की लंबित है। बकाया राशि से संबंधित प्रकरणों में मध्यप्रदेश वाणिज्यिक कर अपील बोर्ड तथा प्रथम अपील प्राधिकारी द्वारा वैधानिक प्रावधानों के तहत स्थगन जारी किया गया है। वसूली एवं स्थगन की जानकारी क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ए'' एवं ''बी'' अनुसार है। (ख) प्रश्न संख्य 3 क्र. 41 दिनांक 28.02.2018 के प्रश्नांश (ग) में प्रदेश के मॉल में संचालित मल्टीप्लेक्स सिनेमा घरों की जानकारी चाही गई थी। जिसके आधार पर उत्तर में प्रदेश के मॉल में 23 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर होने की जानकारी दी गई थी। रतलाम में 2 एवं उज्जैन संभाग में 1 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर की जानकारी दी गई है। मॉल के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर स्थापित मल्टीप्लेक्स की जानकारी को प्रश्नांश के उत्तर में सम्मिलित नहीं किया गया था। देवास में स्थित मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर मॉल में संचालित नहीं है। अत: उज्जैन संभाग में मॉल में संचालित 1 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर की जानकारी दी गई है। रतलाम संभाग के अन्तर्गत रतलाम, मंदसौर, नीमच एवं झाबुआ में कुल 7 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर संचालित है। जिनमें से नीमच स्थित कार्निवल फिल्मस् प्रा.लि. ही मॉल में संचालित मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर है। अत: रतलाम संभाग में मॉल में 1 मल्टीप्लेक्स सिनेमाघर होने की जानकारी को प्रश्नांश के उत्तर में सम्मिलित किया गया है। (ग) मॉल एवं सेवा कर के विधान में दर्शित सर्विस एकाउंटिंग कोड 9996 के अनुसार सिनेमाघर में 100/- रूपये तक के टिकट पर एस.जी.एस.टी. 9 प्रतिशत एवं सी.जी.एस.टी. 9 प्रतिशत की दर से देय है। इससे अधिक टिकिट दर होने पर एस.जी.एस.टी. 14 प्रतिशत एवं सी.जी.एस.टी. 14 प्रतिशत की दर से देय है।
शासकीय कार्यालयों एवं शिक्षण संस्थाओं में त्यौहारों पर शासकीय अवकाश की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
53. ( क्र. 582 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्रदेश के शासकीय कार्यालयों एवं शिक्षण संस्थाओं में कौन-कौन से त्यौहारों पर शासकीय अवकाश घोषित किये गये हैं? (ख) क्या प्रदेश में मकर संक्राति, गणेश चतुर्थी, डोल ग्यारस, अनंत चतुर्दशी, करवा चौथ, हरतालिका तीज, आदि त्यौहार भी मनाये जाते हैं? (ग) क्या उपरोक्त त्यौहारों पर शासन द्वारा ऐच्छिक अवकाश घोषित किये गये हैं? जिससे कुछ कर्मचारी तो अवकाश ले लेते हैं परन्तु दूर दराज से कार्यालयों में काम से आने वाले विशेषकर महिलाओं एवं स्कूलों के बच्चों, बालिकाओं को स्कूल जाना पड़ता है, जिससे उन्हें परेशानी के साथ-साथ संस्कृति से भी दूर होना पड़ रहा है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन धार्मिक भावनाओं को देखते हुए उपरोक्त त्यौहारों पर ऐच्छिक अवकाश के स्थान पर शासकीय अवकाश घोषित करेगा? यदि हाँ, तो बतावें और यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ (ग) शासन द्वारा मकर संक्राति, गणेश चतुर्थी, डोल ग्यारस, अनंत चतुर्दशी एवं करवा चौथ त्यौहार पर ऐच्छिक एवं हरतालिका तृतीया त्यौहार पर महिलाओं के लिए विशेष आकस्मिक अवकाश घोषित किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारी/कर्मचारियों के वेतन विसंगति का निराकरण
[सामान्य प्रशासन]
54. ( क्र. 589 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के विभिन्न विभागों में वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए ब्रम्हस्वरूप समिति एवं अग्रवाल समिति की जो सिफारिशें लम्बे समय से लंबित थीं? उन्हें राज्य वेतन आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर केबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई है? यदि हाँ, तो पदवार/कैडरवार एवं विभागवार जानकारी देवें। (ख) क्या लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के वेतन एवं ग्रेड-पे की विसंगति के निराकरण शासन द्वारा लंबित रखा गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो सहायक ग्रेड एक, दो एवं तीन के वेतन विसंगति एवं ग्रेड-पे में किये गए संशोधन की जानकारी देवें। (ग) क्या राज्य शासन द्वारा केबिनेट बैठक के दौरान उपयंत्री, वाणिज्यिक कर निरीक्षक, कराधान सहायक, उपनिरीक्षक, प्रधान आरक्षक, राजस्व निरीक्षक व मंत्रालय के अनुभाग अधिकारी, निज सचिव, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी के साथ-साथ नायब तहसीलदार, सहकारिता निरीक्षक, उप-पंजीयक वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख वन क्षेत्रपाल, उपजेलर एवं विकासखण्ड अधिकारी व अन्य अधिकारी वर्ग के ग्रेड-पे में संशोधन किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो लिपिक वर्गीय कर्मचारियों के वेतन विसंगति एवं ग्रेड-पे में संशोधन न करने के क्या कारण हैं? जबकि माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा इन कर्मचारियों के हित में निर्णय देते हुए राज्य शासन को निर्देशित किया गया था, किन्तु अभी तक अमल क्यों नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय योजनाओं/कार्यक्रमों का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
55. ( क्र. 595 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1397 दिनांक 06.12.2016 के दिये गये उत्तर में शासनादेशों का क्रियान्वयन न होना परिलक्षित हुआ है? यदि हाँ, तो विवरण देवें और इस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कैसे? (ख) कटनी जिले में नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं जनसुविधा की किन-किन विभागों की कौन-कौन सी योजनायें वर्तमान में प्रचलन में हैं? इन योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिये विगत 01 वर्ष में क्या-क्या कार्य किये गये? योजनावार, विभागवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत शासकीय योजनाओं का विगत 03 वर्ष में कितने हितग्राहियों द्वारा लाभ प्राप्त किया गया? हितग्राही संख्यावार, योजनावार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में योजनावार, वर्षवार कितना-कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ एवं कितने लक्ष्य की पूर्ति हुई? कितना लक्ष्य किन कारणों से अपूर्ण रहा? योजनावार वर्षवार बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पम्प कनेक्शनों की जानकारी
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 608 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के नियम/निर्देश संलग्न करते हुये यह बतायें कि इस योजना के तहत कितने एच.पी. के मोटर पम्प कनेक्शन पर कितना अनुदान है? कितने हार्सपावर के विद्युत ट्रांसफार्मर से कुल कितने कनेक्शन दिये जा सकते हैं? किसानों को प्रति कनेक्शन/विद्युत ट्रांसफार्मर हेतु कितनी राशि का भुगतान विद्युत कंपनी को करना है? (ख) अनूपपुर जिले में उक्त योजना के तहत विगत जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन किसानों के द्वारा कितने हार्सपावर के स्थायी पम्प कनेक्शन/विद्युत ट्रांसफार्मर हेतु कब तक आवेदन किया गया? इन किसानों से कनेक्शन हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त की गई और उन्हें रसीद कब दी गई? इनमें से कहाँ-कहाँ पर विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित कर कनेक्शन प्रदान कर दिया गया है. किन-किन का शेष है? शेष रहने का तर्कसंगत कारण स्पष्ट करते हुये विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अवधि में उक्त योजना के तहत स्थायी पम्प कनेक्शन हेतु निर्धारित राशि से अधिक राशि किसानों से प्राप्त करने, प्राप्त करते समय रसीद न देने, रसीद की बार-बार मांग करने पर प्राप्त राशि से कम राशि की रसीद कई दिनों बाद देने की उक्त अवधि में शिकायतें जिले में पदस्थ अधीक्षण अभियंता (संचालन एवं संधारण) अनूपपुर के प्रकाश में आई है? यदि हाँ, तो शिकायतों का ब्यौरा उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना के नियम/निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त योजना के तहत न्यूनतम 3 हार्सपावर का पम्प कनेक्शन दिये जाने का प्रावधान है। इस योजना के अन्तर्गत 25 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मर से 3 पम्प कनेक्शन अथवा ट्रांसफार्मर की क्षमता के 80 प्रतिशत तक अर्थात् अधिकतम 20 हार्सपावर भार तक के कनेक्शन दिये जा सकते हैं। इन किसानों से अलग-अलग अंश राशि लेने के स्थान पर अधिकतम क्षमता के आवेदन पर प्रति हार्सपावर के आधार से अंश राशि लिये जाने तथा इसका विभाजन इन आवेदकों के मध्य उनकी पम्प क्षमता के आधार पर अनुपातिक रूप से करने का प्रावधान है किन्तु अनुसूचित जाति/जनजाति के आवेदक के लिये उसका अंश उसके अकेले आवेदन करने पर देय अंश राशि से अधिक नहीं होगा। संयुक्त आवेदनों पर अंश राशि की देयता की छूट मात्र रू. 2.50 लाख तक के अधोसंरचना कार्यों की लागत के लिये होगी। वर्तमान में किसानों को प्रति कनेक्शन/विद्युत ट्रांसफार्मर के अनुसार नहीं अपितु वर्तमान में योजना के निर्देशानुसार प्रति हार्सपावर के अनुसार राशि का भुगतान निर्धारित श्रेणी अनुसार किया जाना है, जो निम्नानुसार निर्धारित है :-
(राशि रू. प्रति हार्सपावर)
वर्ष |
लघु एवं सीमान्त कृषक (2 हेक्टेयर से कम के भूमि धारक) |
2 हेक्टेयर तथा अधिक भूमि धारक कृषक हेतु प्रति हार्सपावर |
|
अनूसूचित जाति/जनजाति के कृषक हेतु प्रति हार्सपावर |
अन्य जाति के कृषक हेतु प्रति हार्सपावर |
||
2016-17 |
5000 |
7000 |
11000 |
2017-18 |
5500 |
7500 |
12000 |
2018-19 |
6000 |
8000 |
13000 |
कृषकों के आवेदन पत्र प्राप्त होने के उपरांत सर्वे करवाकर स्थाई पम्प कनेक्शन प्रदाय करने हेतु कार्य का प्राक्कलन तैयार किया जाता है। जो कि प्रत्येक प्रकरण में पृथक-पृथक राशि का होता है। उपभोक्ताओं को उक्तानुसार अंश राशि का भुगतान करना होता है, शेष राशि राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में विद्युत वितरण कंपनी को प्रदान की जाती है। किसानों को पम्प कनेक्शन हेतु उपरोक्त राशि के साथ म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित कनेक्शन चार्ज जमा करना होता है। (ख) अनूपपुर जिले में उक्त योजना के तहत जनवरी 2017 से दिनांक 14.06.18 तक किसानों द्वारा स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन हेतु किये गये कृषकवार आवेदन, जमा की गई राशि, रसीद क्रमांक एवं दिनांक, विद्युत ट्रांसफार्मर स्थापित करने का स्थान/ग्राम कृषकवार प्रदान किये गये कनेक्शन, शेष कनेक्शन एवं शेष रहने के कारण सहित विद्युत वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रश्नांश (ख) अवधि में उक्त योजना में स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन हेतु निर्धारित राशि से अधिक राशि किसानों से प्राप्त करने, प्राप्त करते समय रसीद न देने, रसीद की बार-बार मांग करने पर प्राप्त राशि से कम राशि की रसीद कई दिनों बाद देने की उक्त अवधि में कोई शिकायत जिले में पदस्थ कार्यपालन अभियंता (संचालन-संधारण) अनूपपुर, अधीक्षण अभियंता (संचालन/संधारण नहीं) के संज्ञान में नहीं आई है, अतः प्रश्न नहीं उठता।
संचालित अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रावासों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
57. ( क्र. 609 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित अनुसूचित जाति वर्ग छात्रावासों में छात्र संख्या के मान से सीट की क्षमता नहीं होने से प्रति वर्ष अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र छात्राओं को शासन की महती योजना के लाभ से वंचित होना पड़ता है? (ख) यदि हाँ, तो क्या स्थानीय जनता की मांग और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी निरंतर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से उक्त संचालित छात्रावासों की क्षमता बढ़ाये जाने हेतु मांग की जाती रही है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन उक्त अनुसूचित जाति छात्रावासों की क्षमता बढाये जाने हेतु कोई ठोस कार्यावाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न नहीं उठता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एस.डी.एम. की पदस्थापना एवं विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के दायित्व
[सामान्य प्रशासन]
58. ( क्र. 613 ) श्री मुकेश नायक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले के अन्तर्गत पवई में पूर्णकालिक एस.डी.एम के पदस्थापना क्यों नहीं की जा रही है? कारण बताते हुए यही बतायें कि पदस्थापना हेतु सामान्य प्रशासन विभाग ने कब-कब प्रस्ताव मंत्री/वरिष्ठ अधिकारियों के अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किया था? (ख) क्या राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जिले प्रशासन के अलावा अन्य जगह भी पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन, कब से किस कार्यालय में किस पद पर किस स्थान पर पदस्थ/कार्यरत/प्रतिनियुक्ति/संलग्न इत्यादि कि हैसियत से सेवारत हैं? (ग) पवई में कब तक पदस्थापना कर दी जाएगी? (घ) शासन के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी की अवधारणा क्या है? इस पद का उल्लेख क्या मूलभूत नियम/जी.वी.सी/सेवा/नियुक्ति/नियमों में है? यदि हो तो संदर्भित करें। यदि नहीं, तो कौन से नियमों में प्रावधान हैं तथा इस अधिकारी के उत्तरदायित्व क्या-क्या है? क्या प्रशासनिक सेवा (राज्य/भारतीय) के अधिकारी इस पद पर पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन और कब से हैं? क्या शासन द्वारा पद स्वीकृत हैं? यदि हाँ, तो कितने हैं और किस-किस विभाग में है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पन्ना जिले में स्वीकृत अनुभाग अनुसार ही राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। वर्तमान में दो राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भोपाल में प्रशिक्षण पर तथा एक अधिकारी प्रसूति अवकाश पर होने के कारण नजदीकी अनुभाग से तत्कालिक व्यवस्था की गई है। (ख) जी नहीं। (ग) अनुभाग पवई में श्री अभिषेक सिंह ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर पदस्थ हैं। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नियम विरूद्ध पुन: ऑडिट के नाम पर अपव्यय
[वित्त]
59. ( क्र. 625 ) श्री आरिफ अकील : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड का 5 वर्ष का ऑडिट स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा किया जाकर ऑडिट प्रतिवेदन मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड को प्रशासकीय विभाग के माध्यम से भेजा गया था कि संचालक मण्डल की बैठक में रखकर निर्णय लेकर उत्तर भेजा जावे? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त ऑडिट प्रतिवेदन के अनुसार अध्यक्ष व उनके अधीनस्थों के खिलाफ शासन की भारी भरकम राशि का अपव्यय एवं शासकीय वाहन के दरूपयोग का मामला उजागर न हो इस दृष्टि से प्रतिवेदन को बोर्ड की बैठक में न रखते हुए भ्रष्टाचार के चलते मात्र बोर्ड अध्यक्ष के पत्र के आधार पर पुन: ऑडिट कराया गया? यदि हाँ, तो इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा बोर्ड से पहले ऑडिट की फीस रू. 13, 96, 412/- तथा पुन: ऑडिट हेतु 13, 96, 412/- रूपये की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो शासन को कुल राशि रू. 27, 92, 824/- के अपव्यय के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नहीं। माननीय विधायक एवं सदस्य वक्फ बोर्ड द्वारा दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 9694/2016 में पारित आदेश दिनांक 20.6.2016 के अनुक्रम में वक्फ अधिनियम 1995 की धारा 47 के तहत 5 वर्ष (वर्ष 2009-10 से वर्ष 2013-14) का लंबित ऑडिट स्थानीय निधि संपरीक्षा से कराये जाने का आग्रह किया गया। इस आधार म.प्र. वक्फ बोर्ड के लेखा वर्ष 2009-10 से 2015-16 तक के लेखों की संपरीक्षा संपादित कर संपरीक्षा प्रतिवेदन म.प्र. वक्फ बोर्ड एवं प्रशासकीय विभाग को संयुक्त संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा भोपाल के पत्र दिनांक 14.03.2017 से जारी किया गया है। म.प्र. स्थानीय निधि संपरीक्षा अधिनियम, 1973 की धारा 10 (1) (ख) के तहत इस संपरीक्षा प्रतिवेदन को पालन प्रतिवेदन के साथ चार माह की समय-सीमा में म.प्र. वक्फ बोर्ड की सभा में रखे जाने का प्रावधान है। (ख) जी नहीं। म.प्र. वक्फ बोर्ड भोपाल के संपरीक्षा प्रतिवेदन में वर्णित संपरीक्षा आपत्तियों पर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करना मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. वक्फ बोर्ड भोपाल का दायित्व है। म.प्र. वक्फ बोर्ड भोपाल के संपरीक्षा प्रतिवेदन पर अध्यक्ष, म.प्र. वक्फ बोर्ड द्वारा शासन से पुन: संपरीक्षा की मांग की गयी थी। पुन: लेखों की संपरीक्षा कराये जाने संबंधी निर्णय संबंधित स्थानीय निकाय का प्रशासकीय निर्णय है तथा लेखों की पुन: संपरीक्षा कराया जाना नियम विरूद्ध नहीं होने से किसी के प्रति कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अध्यक्ष द्वारा म.प्र. वक्फ बोर्ड भोपाल के लेखों की पुन: संपरीक्षा की मांग की गई थी। इस कारण संपरीक्षा दल द्वारा राशि रूपये 13, 96, 412/- की संपरीक्षा शुल्क को पुन: भारित किया गया। चूंकि संपरीक्षा शुल्क निकाय की आय पर भारित की जाती है तथा निकाय की आय दोनों समय यथावत पायी गयी। इस कारण दोनों बार राशि रूपये 13, 96, 412/- का संपरीक्षा शुल्क ज्ञापन जारी किया गया। इस प्रकार पुन: संपरीक्षा के लिये नियमानुसार संपरीक्षा शुल्क भारित की गयी है।
पूरक पोषण आहार वितरण की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
60. ( क्र. 645 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायत बिजावर, लवकुशनगर, सटई, चन्दला में कौन-कौन से समूहों/संस्था द्वारा पूरक पोषण आहार प्रदाय का कार्य किया जा रहा है तथा इस समूहों/संस्थाओं का चयन कैसे किया? चयन की कार्यवाही विवरण की छायाप्रति उपलब्ध करावें? क्या विभाग से प्रत्येक वर्ष समूह का अनुबंध किया जाता है? हाँ या नहीं? यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 में कब-कब, किन-किन समूहों का नवीनीकरण/अनुबंध किया गया है? (ख) क्या छतरपुर जिले की शहरी परियोजना में एक ही संस्था समूह द्वारा पिछले 8-9 वर्षों से पूरक पोषण आहार वितरण का कार्य किया जा रहा है? संस्था का नाम बतायें। संस्था के सदस्यों की वर्तमान स्थिति क्या है तथा कब-कब अध्यक्ष/सचिव बदले गये? क्या वैधानिक रूप से बदले गये? नियमावली दें। (ग) क्या आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार के लिए कम बच्चे ही आते हैं तथा हाजरी 80 से 100 बच्चों की भरी जाती है? यदि हाँ, तो विभाग इस पर क्या कार्यवाही कर रहा है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिले में बिजावर, लवकुशनगर, सटई, चंदला नगरपालिका/नगर पंचायत में कार्य कर रहे समूहों/संस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। छतरपुर जिले में इन समूहों/संस्थाओं के चयन की कार्यवाही विभागीय ज्ञापन क्रमांक/एफ-3/09/50-2, भोपाल, दिनांक 29.8.2009 एवं पत्र ज्ञापन क्रमांक/एफ 4-5/2014/50-2, भोपाल, दिनांक 24.02.2014 के निर्देश के तहत कलेक्टर छतरपुर द्वारा की गयी है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्ष 2017-18 में समूहों के नवीनीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले की शहरी परियोजना में रूचि महिला मण्डल छतरपुर द्वारा वर्ष 2010 से वर्तमान तक पूरक पोषण आहार वितरण का कार्य किया जा रहा है। संस्था के सदस्यों की विस्तृत वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्र पर बच्चों की उपस्थिति के आधार पर पोषण आहार के लाभार्थी हितग्राही की जानकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा दर्ज की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सुपरवाईजर द्वारा अनियमितायें किया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
61. ( क्र. 660 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या महिला बाल विकास परियोजना बल्देवगढ़ में पूरक पोषण आहार किसी भी केन्द्रों पर नहीं दिया जा रहा है? आहार सेक्टर में पदस्थ सुपरवाईजर टीकमगढ़ में निवास करती है तथा सहायिकाओं एवं कार्यकर्ताओं को मुख्यालय पर नहीं रहने का नोटिस जारी करती है तथा नोटिस के उपरांत सभी सेक्टर की सहायिकाओं से बलात् राशि वसूलती है तथा कार्यकर्ताओं का वेतन काट दिये जाने का कार्य करती है? विगत एक वर्ष में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिसमें कार्यकर्ताओं/सहायिकाओं को प्रश्न दिनांक तक मानदेय नहीं दिया गया? (ख) उक्त सेक्टर पर्यवेक्षक कहाँ निवास करती हैं तथा किसके मकान में रहती है? कब से निवास कर रही हैं और इनके मुख्यालय निवास पर रहने की जाँच किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब की गई? (ग) कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं से राशि की मांग करने वाली सेक्टर पर्यवेक्षक, आहार के विरूद्ध जाँच एवं कार्यवाही कब तक करायेंगे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : ) क) टीकमगढ़ जिले की बाल विकास परियोजना बल्देवगढ़ के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार नियमित रूप से वितरित किया जा रहा है। आहार सेक्टर में पदस्थ सुपरवाईजर श्रीमती इंद्रा जैन टीकमगढ़ में निवास नहीं करती हैं। आहार सेक्टर सुपरवाईजर द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका/मिनी कार्यकर्ता के मुख्यालय पर नहीं रहने के कारण नोटिस जारी किये गए हैं। नोटिस जारी करने के बाद आहार सेक्टर के अंतर्गत कार्यकर्ता/सहायिकाओं से किसी भी प्रकार की राशि वसूल नहीं की गई है। निरीक्षण के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्र से अनुपस्थित/कार्य में अनियमितता किये जाने के कारण मानदेय से कटौती की गई है। प्रशनांकित अवधि में अनुपस्थिति के कारण मानदेय प्रदाय नहीं किये जाने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आहार सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती इंद्रा जैन ग्राम आहार तहसील बल्देवगढ़ में श्री मोहनलाल जैन के मकान में पदस्थापना दिनांक 01 अगस्त 2017 से निरंतर निवास कर रही है। इनके मुख्यालय पर निवास की जाँच बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा दिनांक 30-01-2018 को की गई। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिकाओं से राशि की मांग करने सम्बन्धी कोई भी शिकायत कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। अत: जाँच किये जाने का कोई प्रश्न हीं उपस्थित नहीं है।
प्रदेश में कुपोषण से उत्पन्न स्थिति
[महिला एवं बाल विकास]
62. ( क्र. 671 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1760 दिनांक 13 मार्च 2018 एवं प्रश्न क्रमांक 2943 दिनांक 5 दिसम्बर 2017 के संदर्भ में नवीन नीति अनुसार प्रदेश की आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार (टेक होम राशन) की व्यवस्था हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्न क्रमांक 2943 के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश में व्याप्त कुपोषण की वास्तविक स्थिति प्रदर्शित करने हेतु दिनांक 14.09.2016 को श्वेत पत्र जारी करने के दिये गये? निर्देशानुसार प्रश्न दिनांक तक श्वेत पत्र जारी न किये जाने का क्या कारण है, प्रदेश में कुपोषण से लगातार बच्चों की हो रही मौतों के बावजूद श्वेत पत्र जारी नहीं किया जा सका है? क्या शासन माननीय मुख्यमंत्री जी के निर्देशों को पूर्ण करने हेतु गंभीर नहीं है? (ग) यदि नहीं, तो कब तक श्वेत पत्र जारी किया जायेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 13 मार्च 2018 में लिए निर्णयानुसार राज्य शासन द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) प्रदाय व्यवस्था पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत गठित राज्य आजीविका फोरम के द्वारा संयंत्र स्थापित कर महिला स्व-सहायता समूहों के उपयुक्त फेडरेशन के माध्यम से की जावेगी। उक्त समूहों के माध्यम से पोषण आहार की प्रदायगी होने तक पोषण आहार की व्यवस्था शार्ट-टर्म टेण्डर के माध्यम से की जावेगी। राज्य शासन के निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा विभिन्न 07 स्थानों पर संयंत्र स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही हैं तथा विभाग द्वारा शार्ट-टर्म टेण्डर आमंत्रित कर सफल निविदाकारों के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन वितरण किया जा रहा है। (ख) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 14.09.2016 को समीक्षा बैठक में श्वेत पत्र जारी करने के निर्देश दिये गए। शासन द्वारा समिति गठित की गई है। समिति द्वारा बिन्दुओं का निर्धारण अभी नहीं किया गया है। श्वेत पत्र के संबंध में बैठक आयोजित नहीं हुई है। श्वेत पत्र तैयार करने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। (ग) समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
सौभाग्य योजनांतर्गत ट्रांसफार्मरों की स्थापना
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 689 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौभाग्य योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में कितने ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए है? इनमें कितने स्थापित हो गए हैं? कितने शेष हैं? (ख) समय पर ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किए जाने के उत्तरदायी अधिकारियों एवं ठेकेदारों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में 100 के.व्ही.ए., 63 के.व्ही.ए., 25 के.व्ही.ए. के कितने ट्रांसफार्मर ओव्हर लोड है? पृथक-पृथक संख्या देवें। (घ) उपरोक्त ओव्हर लोड ट्रांसफार्मर कब तक अंडर लोड कर दिए जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सौभाग्य योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में कुल 4 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये हैं तथा उक्त सभी 4 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं। (ख) सौभाग्य योजना के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र महिदपुर में स्वीकृत कुल 4 वितरण ट्रांसफार्मर निर्धारित अवधि में स्थापित किये जा चुके हैं, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) विधान सभा क्षेत्र महिदपुर में 100 के.व्ही.ए के 40, 63 के.व्ही.ए. के 37 एवं 25 के.व्ही.ए. के 59 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित (ओव्हर लोड) हैं। (घ) उत्तरांश (ग) में उल्लेखित अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध भार उनकी क्षमता के अनुरूप करने के लिये इन ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि किये जाने एवं अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जाने का कार्य स्वीकृत हैं। उक्त स्वीकृत कार्य के अंतर्गत कुल 40 अतिरिक्त 100 के.व्ही.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफार्मर लगाये जायेंगे, 59 नग 25 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर 63 के.व्ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जायेंगे तथा 37 नग 63 के.व्ही.ए. क्षमता के ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर 100 के.व्ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये जायेंगे। उक्त कार्य दिनांक 31.10.2018 तक पूर्ण कर दिया जायेगा।
कृषि पम्प कनेक्शन योजनांतर्गत ट्रांसफार्मरों की स्थापना
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 690 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में स्वीकृत 33/11 के.व्ही.ए. नवीन ग्रीड पेटलावद एवं बोलखेड़ा नाऊ का कार्य कब तक पूर्ण करने का लक्ष्य था? समय पर कार्य पूर्ण न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में प्रश्न दिनांक तक कुल कितने ट्रांसफार्मर स्वीकृत किए गए? कितने स्थापित किए गए? कितने शेष हैं? वर्षवार दें। (ग) तय समयावधि से विलंब होने के लिए शासन ने संबंधित ठेकेदार व अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो कब तक होगी? प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बतावें। (घ) स्वीकृत ट्रांसफार्मर कब तक स्थापित किए जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में स्वीकृत 33/11 के.व्ही. नवीन उपकेंद्र पेटलावद एवं बोलखेड़ा नाऊ का कार्य दिनांक 31.12.2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में प्रश्न दिनांक तक कुल 885 हितग्राहियों हेतु 865 वितरण ट्रांसफार्मर स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें 557 वितरण ट्रांसफार्मर समय-सीमा में स्थापित कर दिये गये हैं तथा 308 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करना शेष है। उक्तानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना में स्वीकृत, स्थापित किये गये एवं शेष वितरण ट्रांसफार्मरों की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (ख) में उल्लेखानुसार शेष 308 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 46 वितरण ट्रांसफार्मर पहुंच मार्ग की उपलब्धता के आधार पर दिनांक 30.06.2018 तक एवं 262 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना हेतु कार्य दिनांक 25.11.2018 तक पूर्ण कर दिये जायेंगे।
प्रदेश के संविदा कर्मियों को नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
65. ( क्र. 695 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा संविदा व्यवस्था को कभी ''अभिशाप'' ''कलंक'' ''अन्याय पूर्ण'' बताकर इसे समाप्त करने की घोषणा विगत 1 वर्ष में की गई है? यदि हाँ, तो इस पर अब तक की गई समस्त कार्यवाही की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) दिनांक 29/05/18 को केबिनेट बैठक में संविदा व्यवस्था पर लिए गए निर्णयों की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) दिनांक 29/05/2018 को अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन करने संबंधी लिए समस्त निर्णय जो केबिनेट बैठक में लिए गए/पारित किए गए, की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) प्रदेश के संविदा कर्मियों को कब तक बगैर परीक्षा लिए नियमित कर दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) दिनांक 29.05.2018 को केबिनेट बैठक में संविदा व्यवस्था पर लिए गए निर्णय की प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) दिनांक 29.05.2018 को अध्यापक संवर्ग का शिक्षा विभाग में संविलियन संबंधी केबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय की प्रमाणित प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) उक्त प्रावधान न होने से समय-सीमा का प्रश्न नहीं उठता।
कर्मचारियों के लंबित वेतन एवं एरियर्स भुगतान की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
66. ( क्र. 696 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अशासकीय अनुदान प्राप्त संस्थाओं में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? पदनाम सहित संख्या जिलावार बतावें। जिलेवार यह भी बतावें कि कितने कर्मचारियों का कितने माह का वेतन लंबित है? (ख) क्या इन्हें पाँचव वेतनमान का ऐरियर्स 5 समान किश्तों में दिया जा चुका है? यदि नहीं, तो कितनी किश्तें कहाँ-कहाँ शेष हैं? जिलेवार, किश्त संख्या सहित देवें। (ग) यह लंबित भुगतान कब तक किया जाएगा? (घ) इन्हें छठवां वेतनमान कब तक दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश की अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं में 1055 कर्मचारी कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जिला कलेक्टरों से प्रस्ताव प्राप्त होने के उपरान्त नियमानुसार भुगतान किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) पाँचवा वेतनमान की स्वीकृति आदेशानुसार छठवां वेतनमान दिये जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
अनुसूचित जाति कल्याण योजनांतर्गत स्व-रोजगार प्रदान किया जाना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
67. ( क्र. 703 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अनुसूचित जाति कल्याण योजना के तहत युवाओं, बेरोजगार, व्यक्तियों को स्व-रोजगार योजना के तहत अंत्यव्यवसायी योजनायें, वाहनों को ऋण उपलब्ध कराया जाता था? यह योजना कब से लागू की गई थी? (ख) क्या उक्त योजना मुरैना जिले के साथ सम्पूर्ण प्रदेश में बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रदेश में मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के तहत अनुसूचित जाति के युवाओं, बेरोजगारों को ऋण उपलब्ध कराकर आत्म निर्भर बनाने की जनकल्याणकारी योजना को क्यों बंद किया गया है? (घ) क्या अंत्यव्यवसायी योजना को पुन: प्रारम्भ करने की शासन की नीति है? वर्तमान में योजना की क्या स्थिति है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। निगम द्वारा राष्ट्रीय निगमों की योजनाओं के तहत पूर्व में अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवाओं को वाहन क्रय हेतु ऋण उपलब्ध कराये जाते थे। यह योजना वर्ष 1991-92 से संचालित थी। (ख) जी हाँ। पूर्व वर्षों में दिये गये ऋणों की वसूली न होने से राष्ट्रीय निगमों को अतिदेय राशि बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण निगम को उपलब्ध गारंटी सीमा उपलब्ध नहीं हो पाई। अत: उल्लेखित योजना में ऋण उपलब्ध नहीं कराया गया। वर्तमान में अन्य योजनाओं के तहत बैंकों को प्रकरण भेजकर ऋण स्वीकृत कराये जाते हैं। (ग) प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को बंद नहीं किया गया है। ऋण उपलब्ध कराया जाता है। (घ) अंत्यव्यवसायी कोई योजना नहीं है। निगम द्वारा वर्तमान में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, जिलों में जिला अंत्यव्यवसायी सहकारी विकास समिति के माध्यम से संचालित है।
म.प्र. राज्य सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में आरक्षण की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
68. ( क्र. 712 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक किस-किस पद की भर्ती हेतु कितने पद के लिए विज्ञापन जारी किए गए? उक्त विज्ञापन में वर्गवार आरक्षित एवं अनारक्षित पद की संख्या महिला, भूतपूर्व सैनिक, विकलांग सहित बतावें तथा बतावें कि यह कुल पद के कितना कितना प्रतिशत है? (ख) शासकीय भर्तियों में किस-किस वर्ग हेतु कितने प्रतिशत आरक्षण नियमानुसार है? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विज्ञापनों में क्या उसी अनुसार आरक्षण रखा गया है या उसे कम अथवा ज्यादा किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों तथा उसका नियम भी बतावें। (ग) राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा पिछले पाँच वर्षों में किस-किस पद हेतु किस-किस वर्ग के कितने-कितने अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से चयन किया गया? चयनित पदों में वर्गवार आरक्षण का प्रतिशत क्या है तथा बतावें कि यदि आरक्षित वर्ग के किसी अभ्यर्थी के प्राप्तांक अनारक्षित वर्ग के अंतिम कट ऑफ पॉइंट्स से ज्यादा थे तो उसे आरक्षित वर्ग में माना गया या अनारक्षित वर्ग में माना गया? ऐसे प्रकरणों में अभ्यर्थी का नाम, पद प्राप्तांक आरक्षित वर्ग सहित जानकारी दें। (घ) राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2013 से वर्ष 2017 तक घोषित प्रारंभिक तथा मुख्य परीक्षाओं के वर्गवार कट ऑफ पॉइंट्स बतावें तथा वर्गवार सफल घोषित अभ्यर्थी में से सर्वाधिक प्राप्तांक वाले दस अभ्यर्थी के प्राप्तांक उनका नाम, पिता का नाम पता सहित सूची देवें तथा यह बतावें कि उक्त परिणामों में कितने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी ने अनारक्षित वर्ग में जगह बनाई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) शासकीय सेवा में भर्ती में वर्टिकल आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु 14%, अनुसूचित जाति हेतु 16% एवं अनुसूचित जनजाति हेतु 20% का प्रावधान है। हॉरिजेंटल आरक्षण भूतपूर्व सैनिकों हेतु 10%, दिव्यांगजनों हेतु 6% (अस्थिबाधित-2%, दृष्टिबाधित-2%, श्रवणबाधित-2%) तथा महिलाओं के लिए (वन विभाग को छोड़कर) 33% आरक्षण (हॉरिजेंटल एवं कम्पार्टमेंटवाइज) है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विज्ञापनों में भी आरक्षण का निर्धारण शासन के संबंधित विभाग द्वारा किया जाकर आयोग को मांग-पत्र प्रेषित किया जाता है। तदानुसार आयोग द्वारा विज्ञापन जारी किया जाता है। आरक्षण निर्धारण में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की कोई भूमिका नहीं होती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''3'' अनुसार है। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को अनारक्षित पदों के विरूद्ध तभी समायोजित किया जाएगा, जब वे हर प्रकार से सामान्य वर्ग के उम्मीदवार के समान ही बिना किसी रियायत के योग्यता प्राप्त करेंगे। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''5'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''6'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''7'' अनुसार है।
केवलारी विधानसभा क्षेत्रातंर्गत स्वीकृत विद्युत सब-स्टेशन
[ऊर्जा]
69. ( क्र. 715 ) श्री रजनीश सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2014-2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने विद्युत सब-स्टेशन, कहाँ-कहाँ पर और कितनी क्षमता के स्वीकृत हुए है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार स्वीकृत विद्युत सब-स्टेशनों में से कौन-कौन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? कौन-कौन निर्माणाधीन है एवं कौन-कौन का निर्माण कार्य क्यों प्रारंभ नहीं हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार निर्माणाधीन विद्युत सब-स्टेशनों का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होगा एवं निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं होने वाली विद्युत सब-स्टेशनों का निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) केवलारी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नाधीन अवधि में तकनीकी दृष्टि से साध्य पाए जाने पर वितरण केन्द्र केवलारी के अंतर्गत ग्राम पीपरदौन (अलोनीखापा) में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के एक 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य स्वीकृत किया गया। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र पीपरदौन (अलोनीखापा) का कार्य दिनांक 30.01.2018 को पूर्ण किया जा चुका है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
जनसम्पर्क निधि की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
70. ( क्र. 716 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी के अंतर्गत जनसंपर्क निधि का विगत दो वर्षों 2016-17 एवं 2017-18 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? (ख) वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितनी राशि प्रभारी मंत्री के लिये सुरक्षित रखा गया एवं कितनी राशि को विधायक की अनुशंसा के पश्चात प्रभारी मंत्री को अनुमोदन पर कितने हितग्राहियों को राशि प्रदान की गई? (ग) क्या विगत वर्ष 2017-18 की जनसंपर्क राशि प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन के बाद भी विधान सभा क्षेत्र केवलारी के हितग्राहियों को प्राप्त नहीं हुई है? क्यों? यदि नहीं, तो उक्त राशि कब तक हितग्राहियों को प्राप्त हो जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2016-17 में 2.00 लाख एवं वर्ष 2017-18 में 2.75 लाख का आवंटन दिया गया। (ख) राशि प्रभारी मंत्री के लिए सुरक्षित नहीं रखी जाती है। बल्कि संपूर्ण राशि की स्वीकृति की अनुशसा प्रभारी मंत्री द्वारा की जाती है। वर्ष 2016-17 में चार हितग्राहियों को रूपये 20, 000/- एवं वर्ष 2017-18 में 45 हितग्राहियों को रूपये 2, 00, 000/- का ई-भुगतान के माध्यम से राशि प्रदान की गई। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) अनुसार भुगतान किया गया।
शासकीय सेवकों के प्रमाण पत्रों की जाँच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
71. ( क्र. 720 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर विभिन्न विभागों/कार्यालयों में सेवा करने वाले कितने शासकीय सेवकों के प्रमाण पत्रों की जाँच चल रही है? विभागवार शासकीय सेवकों के नाम, पद सहित जानकारी दें। (ख) कितने शासकीय सेवकों की जाँच दस वर्ष से चल रही है? कितने शासकीय सेवकों की जाँच पाँच वर्ष से अधिक समय से चल रही है? विभागवार शासकीय सेवक के नाम पद सहित बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
वितरण केन्द्रों में कृषि एवं घरेलू उपभोक्ताओं की जानकारी
[ऊर्जा]
72. ( क्र. 922 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2012-13 में किन-किन वितरण केन्द्रों में कितने-कितने कृषि एवं घरेलू उपभोक्ता थे? विद्युत वितरण केन्द्रवार संख्या देवें? (ख) वर्तमान में माह मार्च-18 तक किन-किन वितरण केन्द्रों में कितने-कितने कृषि एवं घरेलू विद्युत कनेक्शनधारी उपभोक्ता दर्ज हैं? विद्युत वितरण केन्द्रवार संख्या देवें? यह भी बतलावें कि इन उल्लेखित घरेलू एवं कृषि कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं द्वारा वित्त वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक बढ़े हुये अधिभार के बिजली के बिल प्रदान करने की शिकायत की तथा इन प्राप्त शिकायतों पर जाँच कर उपभोक्ताओं को कितनी राशि की राहत प्रदान की गई? विद्युत वितरण केन्द्रवार वर्षवार सूची देवें। (ग) वर्तमान समय में शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को कितने-कितने घंटे प्रतिदिन घरेलू उपयोग एवं कृषि कार्य हेतु बिजली प्रदान की जा रही है? यह भी बतलावें कि पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लगातार अंधाधुंध विद्युत कटौत्री के क्या कारण हैं? इस बिजली कटौत्री का दोषी कौन है? दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्त वर्ष 2012-13 (मार्च, 2013 की स्थिति) में वितरण केन्द्रवार विद्यमान कृषि एवं घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) पाटन विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत मार्च-18 की स्थिति में वितरण केन्द्रवार विद्यमान कृषि एवं घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। पाटन विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं से वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक बढ़े हुए अधिभार नहीं अपितु बढ़े हुए बिजली के बिल प्रदान करने की कुल 930 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन सभी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है तथा जाँच उपरान्त सुधार योग्य पाये गये 773 प्रकरणों में रू. 13.94 लाख की बिल की राशि कम की गई है। उक्तानुसार सुधारे गये विद्युत बिलों की संख्या एवं जाँचोपरांत कम की गई विद्युत बिल की राशि की उपभोक्ता श्रेणीवार, वितरण केन्द्रवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) वर्तमान में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा/तकनीकी कारणों से आए विद्युत व्यवधान अथवा मेन्टेनेंस कार्य हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर कृषि उपभोक्ताओं को 10 घण्टे तथा गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। पाटन विधान सभा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
नर्मदा-चंबल नदी लिंक योजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
73. ( क्र. 1041 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने नर्मदा-चंबल नदी नागदा लिंक योजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की है? (ख) यदि हाँ, तो योजना के स्वीकृति डी.पी.आर. की कॉपी उपलब्ध कराते हुए किन-किन शर्तों पर स्वीकृति प्रदान की गयी? पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) उक्त योजना में उद्योगों के लिए कितनी-कितनी मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जायेगा? पृथक-पृथक विवरण दें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) शासन द्वारा नर्मदा-चंबल नदी नागदा लिंक योजना नामक किसी भी योजना की कोई प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है और न ही इस नाम से कोई योजना प्रस्तावित है। यद्यपि नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना नाम से एक योजना की प्रशासकीय स्वीकृति नर्मदा घाटी विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ-31-19/ 2017/सत्ताईस-एक दिनांक 18/10/2017 से रूपये 2215.64 करोड़ की प्रदान की गई है। (ख) नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना के डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। इस योजना के अंतर्गत ओंकारेश्वर बांध के जलाशय से 15 क्यूमेक्स जल उद्वहन कर उज्जैन एवं नागदा में पेयजल तथा उज्जैन एवं नागदा क्षेत्र के उद्योगों हेतु 05 क्यूमेक्स जल उपलब्ध होगा एवं तराना के आस-पास 30, 000 हेक्टयेर क्षेत्र में कृषकों को भूमिगत पाइप-लाइन से सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। सिंचाई हेतु 10 क्यूमेक्स जल का प्रावधान किया गया है। (ग) नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना के अंतर्गत पेयजल एवं उद्योगों हेतु निम्नानुसार जल उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य है:-
स.क्र. |
क्षेत्र का नाम |
जल की मात्रा |
जल का उपयोग |
1 |
2 |
3 |
4 |
1 |
उज्जैन |
1.5 क्यूमेक्स |
पेयजल औद्योगिकी उपयोग एवं घाट हेतु |
2 |
नागदा |
1.5 क्यूमेक्स |
पेयजल औद्योगिकी उपयोग हेतु |
3 |
तराना |
0.25 क्यूमेक्स |
पेयजल हेतु |
4 |
घोसला |
0.25 क्यूमेक्स |
पेयजल हेतु |
5 |
घटिया |
0.25 क्यूमेक्स |
पेयजल हेतु |
6 |
गुराडिया गुज्जर |
0.25 क्यूमेक्स |
पेयजल हेतु |
7 |
मक्सी |
0.50 क्यूमेक्स |
पेयजल हेतु |
8 |
शाजापुर |
0.50 क्यूमेक्स |
पेयजल हेतु |
सामुदायिक अधिकार पत्रों का वितरण
[जनजातीय कार्य]
74. ( क्र. 1044 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 768 दिनांक 28 नवम्बर 2017 के प्रति उत्तर में मा. मुख्यमंत्री महोदय द्वारा जानकारी एकत्र की जा रही है, का लेख किया गया था तो बतायें कि क्या जनवरी 2008 में लागू वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3 (1) ख के अनुसार शा. अभिलेखों में दर्ज एवं प्रचलित अधिकारों के संबंध में आयुक्त आदिवासी विभाग म.प्र. शासन भोपाल के 16 अप्रैल 2015 को जारी आदेश के बाद भी हरदा, होशंगाबाद एवं बैतूल जिले में सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित किये जाने की कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक भी पूरी नहीं की जा सकी है? (ख) दिनांक 16 अप्रैल 2015 के पत्र अनुविभाग अधिकारी की किस-किस कानून के अनुसार निर्धारित जिम्मेदारी का उल्लेख कर किस प्रारूप, किन भूमियों से संबंधित जानकारियां संकलित कर क्या-क्या निर्देश दिये गये हैं? (ग) दिनांक 16 अप्रैल 2015 में प्रश्न दिनांक तक हरदा, होशंगाबाद एवं बैतूल जिले के किस अनुभागीय अधिकारी ने निर्धारित प्रारूप में जानकारियों का संकलन कर संबंधित ग्राम पंचायत को प्रपत्र एवं जानकारी उपलब्ध कराई है एवं किस अनुविभागीय अधिकारी के पास कितने ग्रामों की कितनी भूमि को वन बनाये जाने की जाँच लंबित है? (घ) दिनांक 16 अप्रैल 2015 के आदेश का कब तक पालन किया जाकर आरक्षित वन बनाये जाने के लिये प्रस्तावित भूमि पर सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित कर दिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) 1. जिला होशंगाबाद में समस्त अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) द्वारा निर्धारित प्रारूप में जानकारियां ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करा दी गई है। जिला होशंगाबाद में किसी भी अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) के पास ग्रामों की भूमि को वनभूमि बनाये जाने की जाँच लंबित नहीं है। 2. जिला बैतूल में अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) भैंसदेही एवं मुलताई द्वारा जानकारियां ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करा दी गई है। अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) बैतूल द्वारा निर्धारित प्रारूप में जानकारी का संकलन कर संबंधित ग्राम पंचायतों को प्रपत्र एवं जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) बैतूल के 199 ग्रामों की 25004.482 हेक्टेयर भूमि को वन बनाई जाने की जाँच लंबित है। 3. जिला हरदा अन्तर्गत अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) टिमरनी द्वारा निर्धारित प्रारूप में जानकारियां संबंधित ग्राम पंचायतों को उपलब्ध करा दी गई है एवं किसी अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) के पास ग्रामों की भूमि को वन बनाये जाने की जाँच लंबित नहीं है। (घ) वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत पात्रता अनुसार सामुदायिक वन अधिकार स्वीकृत करने की कार्यवाही की जाती है। प्रक्रिया अर्धन्यायिक स्वरूप की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संत रविदास सामुदायिक भवनों की स्वीकृति
[अनुसूचित जाति कल्याण]
75. ( क्र. 1100 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा सागर प्रवास के दौरान एवं कलेक्टर सागर के पत्र क्रमांक 4238 दिनांक 18/04/2017 को संत रविदास महाकुंभ के दौरान संत रविदास सामुदायिक भवन निर्माण की घोषणा की गयी थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त संत रविदास मंगल भवन 15 लाख रूपये की राशि से कहाँ-कहाँ निर्मित होंगे? (ग) संत रविदास मंगल भवन की स्वीकृति विभाग द्वारा कब तक प्रदाय की जावेगी? (घ) विभाग द्वारा उक्त घोषणा के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारियों का शासकीय विभागों में संविलियन
[सामान्य प्रशासन]
76. ( क्र. 1112 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 3-4/08/3/एक भोपाल, दिनांक 11 फरवरी 2008 द्वारा सार्वजनिक उपक्रम में कर्मचारियों का शासन के विभागों में संविलियन किये जाने के संबंध में निर्णय लिया गया है कि सार्वजनिक उपक्रमों की अपवादिक मामलों में उत्कृष्ट योग्यता तथा अर्हता रखने वाले कर्मचारी का लोकसेवा में संविलियन ''मध्यप्रदेश सार्वजनिक उपक्रमों की कर्मचारियों का लोकसेवा में संविलियन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2003'' के प्रावधान अन्तर्गत करने के लिये प्रत्येक प्रकरण मंत्रि-परिषद् के समक्ष प्रस्तुत किया जाए? (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में क्या मध्यप्रदेश सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों का लोक सेवा संविलियन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2003 के अन्तर्गत कोई कर्मचारी जो पूर्व में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम की सेवा में था और जिसने धारा 4 में निर्दिष्ट स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना का लाभ ले लिया है, इस बात के होते हुये भी कि वह ऐसे पद पर नियुक्ति के लिए हर तरह से या अन्यथा अपात्र है, का किसी भी लोकसेवा में किसी भी रीति में संविलियन वर्जित होगा? (ग) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मुख्य लेखा शीर्ष 2011 के अन्तर्गत सार्वजनिक उपक्रम के किन-किन कर्मचारियों का किस-किस पद पर संविलियन किया गया? क्या संबंधित कर्मचारियों द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का लाभ लिया था? यदि हाँ, तो कब-कब स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली गई? क्या प्रश्नांकित कर्मचारियों की सेवायें जोड़कर इनके वेतन से जी.पी.एफ. की कटौती की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) उक्त कर्मचारियों को उत्कृष्ट योग्यता तथा अर्हता रखने से लोकसेवा में संविलियन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम 2003 के प्रावधान अन्तर्गत प्रकरण मंत्रि-परिषद् से किन-किन कर्मचारियों का अनुमोदन प्राप्त किया गया तथा इन कर्मचारियों की उत्कृष्ट योग्यता एवं अर्हता क्या थी? यदि नहीं, तो क्या उक्त कर्मचारियों का संविलियन संबंधित विभाग प्रमुख द्वारा समाप्त किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गंधवानी नगर हेतु पेयजल प्रस्ताव की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
77. ( क्र. 1115 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंधवानी विधान सभा क्षेत्र में मान परियोजना से गंधवानी नगर के लिए पेयजल हेतु कोई प्रस्ताव विचारर्थ है? (ख) क्या विभाग द्वारा गंधवानी विधान सभा में पेयजल के लिये विभाग द्वारा अनुमति दी जावेगी? यदि नहीं, दी गई तो कब तक? (ग) मान सिंचाई परियोजना से किसानों को दिये जाने वाले सिंचाई के पानी में कमी तो नहीं आवेगी? (घ) गंधवानी पेयजल समस्याओं को देखते हुए जन हित में पानी दिया जाना चाहिये?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) एवं (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग में ऐसा कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मान परियोजना में उपलब्ध जल सिंचाई हेतु आरक्षित है। यदि पेयजल हेतु पानी दिया जाता है, तो सिंचाई के कमाण्ड क्षेत्र में कमी होना संभावित है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
जनप्रतिनिधियों
के पत्रों के
जवाब
[सामान्य प्रशासन]
1. ( क्र. 1 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कलेक्टर जिला खरगोन को प्रश्नकर्ता के कितने पत्र/ शिकायत/मेल प्राप्त हुए तथा इन पर की गई कार्यवाही की सूची मय दस्तावेजों सहित देवें। (ख) प्रश्नांश ''क'' में शामिल दो माह से अधिक समयावधि से अधिक देरी से जवाब देने वाले विभागों की सूची पत्रवार देवें। देरी का कारण भी बतायें। (ग) वर्ष 2017 एवं 2018 में उद्यानिकी विभाग से संबंधित प्रश्नकर्ता की शिकायतों पर की गई कार्यवाही/जाँच प्रतिवेदन की जानकारी देवें। जाँच में देरी का कारण बताये। प्रतिवेदन पश्चात लिये गये निर्णय की जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2018 में कलेक्टर द्वारा टाईम लिमिट बैठकों में जनप्रतिनिधियों के पत्रों के जवाब तय समयावधि में प्रदान करने संबंधी निर्देशों/कार्यवृत्त की जानकारी देवें। यदि कोई निर्देश नहीं दिये गये हैं तो कारण बतायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जन प्रतिनिधियों के पत्रों की समीक्षा समय-सीमा की बैठक में की जाती है। समीक्षा में संबंधित विभाग को समय-सीमा के कार्य पूर्ण किये जाने हेतु निर्देश दिए जाते है।
नियम विरूद्ध भर्ती
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 32 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं. जबलपुर द्वारा वर्ष 2012 में उपनिदेशक/वरिष्ठ लेखाधिकारी की भर्ती की गयी थी? यदि हाँ, तो भर्ती प्रक्रिया में साक्षात्कार हेतु कितने उम्मीदवार उपस्थित हुये। साक्षात्कार उपरांत मैरिट सूची एवं उपरोक्त पदों पर नियुक्त उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत किये गये समस्त दस्तावेजों का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) नियुक्त उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों को किन-किन अधिकारियों द्वारा परीक्षण किया गया था? नाम पद व दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या उपरोक्त पद पर नियुक्त अधिकारी को ऊर्जा विभाग मंत्रालय भोपाल में ही संलग्नीकरण (अटैचमेन्ट) कर पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से एवं किस नियम के तहत् किया गया है? बतावे? यदि नियम विरूद्ध संलग्नीकरण (अटैचमेन्ट) किया गया है तो समाप्त कर उन्हें मूल पदस्थापना में कब तक पदस्थ किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के लिए आई.आई.एम., इन्दौर द्वारा वर्ष 2012 में उपनिदेशक/वरिष्ठ लेखाधिकारी की भर्ती की गयी थी। उक्त भर्ती प्रक्रिया में 3 उम्मीदवार साक्षात्कार हेतु उपस्थित हुए थे। मैरिट सूची के अनुसार नियुक्त 2 उम्मीदवारों यथा-प्रथम श्री राजेश पटेल एवं द्वितीय श्री अविनाश कुमार द्वारा निम्नानुसार दस्तावेज उपलब्ध कराए गए- (1) 10वीं कक्षा की अंक सूची। (2) 12वीं कक्षा की अंक सूची। (3) स्नातक उपाधि। (4) एम.बी.ए. इन फायनेन्स अंक सूची। (5) एनेक्जर-3, सर्विस एग्रीमेंट कम स्योरिटीबांड। (6) 5 नं. अटेस्टेड फोटो। (7) एनेक्जर-4, चरित्र प्रमाण-पत्र। (8) एनेक्जर-5, बायोडाटा। (9) अनुभव प्रमाण-पत्र। (10) अनापत्ति प्रमाण-पत्र। (11) मेडीकल फिटनेस प्रमाण-पत्र। (12) आई.डी.प्रूफ। (13) एडमिट कार्ड। (ख) नियुक्त उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण अतिरिक्त सचिव, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर कार्यालय के निम्नलिखित अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा दिनांक 10.12.2012 को किया गया। श्री राजीव कुमार गुप्ता, उप सचिव-1, श्री शरद नेमा अतिरिक्त कार्यालय सहायक श्रेणी-2, श्री सजी जान, कार्यालय सहायक श्रेणी-2 एवं श्री संजय जैन, डी.ओ.ए. श्रेणी-1। (ग) जी नहीं, अपितु ऊर्जा विभाग में बजट तथा वित्त विभाग से संबंधित एवं विद्युत कंपनियों से जुड़े हुए कार्यों की आवश्यकता के दृष्टिगत म.प्र.शासन, ऊर्जा विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक 2469/2014/तेरह दिनांक 30.04.2014 के पालन में कंपनी के आदेश क्रमांक 935-36 दिनांक 12.05.2014 द्वारा श्री अविनाश कुमार, उप संचालक (वित्त) को आदेश की दिनांक से एक वर्ष अथवा आगामी आदेश जो भी पहले हो के लिए म.प्र.शासन, ऊर्जा विभाग, भोपाल से संबद्ध किया गया। तदुपरांत ऊर्जा विभाग में वित्त/बजट संबंधी विद्युत कंपनियों के मामलों से जुड़े हुए महत्वपूर्ण कार्यों की आवश्यकता के दृष्टिगत म.प्र.शासन, ऊर्जा विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक एफ03-02/2013/तेरह, दिनांक 11.05.2015 के पालन में कंपनी के आदेश दिनांक 12.05.2014 की निरंतरता में आदेश क्रमांक 1072-73 दिनांक 11.05.2015 द्वारा श्री अविनाश कुमार, उप संचालक (वित्त) को आगामी आदेश तक लिए म.प्र.शासन, ऊर्जा विभाग, भोपाल से संबद्ध किया गया है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में उक्त संलग्नीकरण समाप्त करने संबंधी कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
3. ( क्र. 37 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर बालाघाट, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) वारासिवनी व तहसील कार्यालय वारासिवनी में प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त पत्र दिनांकवार, विषयवार, विभाग के जवाब का पत्र क्रमांक एवं दिनांक सहित देवें। (ख) पत्रों पर जवाब मिलने या कार्यवाही की जानकारी मिलने संबंधी मॉनिटरिंग व्यवस्था में प्रश्नकर्ता के पत्रों की वर्तमान स्थिति क्या है? कौन-कौन से पत्र किन कारणों से कब से लंबित हैं? पत्रवार सूची देवें। (ग) जिन शिकायती पत्रों पर यदि जाँच के आदेश हुये हैं तो पत्रवार जाँच की वर्तमान स्थिति बतायें। पूर्ण जाँच प्रतिवेदन की प्रति देवें। शिकायती पत्रों पर लिये गये निर्णयों की प्रति देवें। (घ) मांग पत्रों पर प्रश्नांश (क) कार्यालय द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी पत्रवार देवें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय निर्माण कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
4. ( क्र. 38 ) डॉ. योगेन्द्र निर्मल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिला बालाघाट में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि निर्माण कार्यों के लिये प्राप्त हुई एवं कितनी राशि का व्यय किस-किस कार्य के लिए किया गया है? (ख) अनुसूचित जाति विभाग द्वारा कौन-कौन सी विकास एवं जन कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? (ग) विगत 4 वर्षों में बालाघाट जिले में विभाग द्वारा किये गये विकास एवं उपरोक्त योजनाओं से दिये गये कार्यों की जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार एवं वर्षवार देवें? (घ) वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा स्वीकृत कार्य की जानकारी देवें। वर्तमान में वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों की जानकारी भी उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है एवं वर्तमान में प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
किसानों को सोलर पंप का प्रदाय
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
5. ( क्र. 50 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म. प्र. शासन द्वारा किसानों को सोलर पंप देने की योजना है? यदि हाँ, तो इस योजना के क्या नियम हैं? (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में पिछले 4 वर्षों में कितने किसानों को इस योजना का लाभ प्रदान किया गया? किसानों के नाम एवं ग्राम का नाम सहित बतायें। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में इस योजना का लाभ क्यों प्रदान नहीं किया गया तो गया कारण सहित बतायें।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' अन्तर्गत समस्त किसान, 1 से 5 एच.पी. तक क्षमता के सोलर पम्प की स्थापना 85 प्रतिशत से 90 प्रतिशत अनुदान पर करा सकते है। कृषकों द्वारा खसरा बी-1, आधार कार्ड व बैंक पासबुक दस्तावेजों के साथ रूपये 5000/- बैंक ड्राफ्ट/आर.टी.जी.एस./नगद राशि के रूप में म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. के बैंक खाते में जमा कर ऑनलाईन आवेदन कर पंजीयन कर योजना का लाभ लिया जा सकता है। योजना की अधिक जानकारी वेबसाईट www.mpcmsolarpump.com से प्राप्त की जा सकती है। (ख) यह योजना अप्रैल 2017 से प्रारंभ है बड़नगर में अभी तक 40 कृषकों द्वारा ऑनलाईन पंजीयन कराया गया है, इनमें से 16 कृषकों के प्रस्तावों को स्वीकृत कर स्थापना हेतु कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं। शेष पंजीयनकर्ता किसानों के आवेदन स्वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं। अब तक 04 सोलर पंप स्थापित हो चुके हैं, शेष 12 का स्थापना कार्य जारी है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पूरे प्रदेश सहित, बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में भी ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' लागू है व लाभ प्रदान किया जा रहा है।
हाई टेंशन लाइन के संबंध में
[ऊर्जा]
6. ( क्र. 57 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत खेलागांव, टोलक्या खेडी तह. नलखेड़ा, जिला आगर (मालवा) के लिये हाईटेंशन लाईन से जोड़ने के लिये एस.टी.एन. योजना में वर्ष 2008 में राशि रूपये 49.60 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी। जिसका निर्माण जनवरी 2009 को करवाया गया था। जो मात्र एक वर्ष के अंतर्गत ही क्षतिग्रस्त हो गई। इस लाईन को क्या पुन: निर्माण कर चालू किया गया है? यदि हाँ, तो कब और नहीं किया गया, तो क्यों नहीं? इस लाईन को कब तक चालू कर दिया जावेगा? यदि इस लाईन को चालू नहीं किया जाता है, तो शासन द्वारा स्वीकृति राशि 49.60 लाख रूपये का दुरूपयोग के लिये क्या दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए इस लाईन को पुन: अविलम्ब चालू करने के लिये निर्देश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं? (ख) प्रश्नांकित हाई टेंशन लाईन क्षतिग्रस्त होने संबंधी विभाग ने कोई जाँच अथवा परीक्षण कराया, यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या शासन द्वारा दोषी ठेकेदार एवं सत्यापनकर्ता अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या शासन द्वारा स्वीकृति राशि का इसी तरह दुरूपयोग किया जाता रहेगा? मात्र औपचारिकता पूर्ण कर स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कार्य न करवाना यही शासन की नीति है? यदि नहीं, तो इस स्वीकृत राशि के अनुसार हाई टेंशन लाईन ग्राम मोयाखेड़ा से ग्राम खेलागांव ग्रीड को शासन क्या अविलम्ब सुचारू रूप से संचालित करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करेगा? (घ) क्या ग्रामवासियों द्वारा उक्त स्वीकृत योजना को संचालित करने में बाधा उत्पन्न की गई थी? यदि हाँ, तो इसका क्या प्रमाण है? उपलब्ध करावें। यदि नहीं, है तो असत्य जानकारी देने वाले विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही प्रस्तावित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, आगर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम खेलागांव एवं टोलक्याखेड़ी, तहसील नलखेड़ा को ग्राम मोयाखेड़ा स्थित 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. लाईन से संबद्ध करने हेतु कुल लागत राशि रू. 49.60 लाख के कार्य की स्वीकृति एस.टी.एन. योजना में दिनांक 04.06.2008 को प्रदान की गई थी। उपरोक्त कार्य दिनांक 27/01/2009 को पूर्ण कर उक्त 11 के.व्ही. लाईन को ऊर्जीकृत कर दिया गया था। वर्ष 2010-11 में अत्यधिक वर्षा एवं आंधी तूफान के कारण उक्त 11 के.व्ही. लाईन का लगभग 02 किलोमीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। जी नहीं, ग्रामीणों के आपसी विवाद के कारण उक्त क्षतिग्रस्त लाईन का पुनर्निर्माण कार्य नहीं हो पाया। ग्राम पचलाना में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर सम्पादित करवाकर उपकेन्द्र को दिनांक 16/09/2017 को ऊर्जीकृत कर दिया गया था। इस उपकेन्द्र से निर्गमित नवनिर्मित 11 के.व्ही. पिलवास घरेलू फीडर को दिनांक 06/01/2018 को ऊर्जीकृत कर इस फीडर से ग्राम खेलागांव एवं टोलक्याखेड़ी को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। इस प्रकार 33/11 के.व्ही. पचलाना उपकेन्द्र ऊर्जीकृत होने के उपरांत प्रश्नाधीन क्षतिग्रस्त 11 के.व्ही. लाईन के पुनर्निर्माण किये जाने की आवश्यकता नहीं है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नाधीन क्षतिग्रस्त 11 के.व्ही. लाईन के निर्माण हेतु पूर्व में स्वीकृत किये गए राशि रू. 49.60 लाख के प्राक्कलन में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मोयाखेड़ा पर 01 नग अतिरिक्त 1.6 एम.व्ही.ए. पावर ट्रान्सफार्मर की स्थापना, 01 नग 11 के.व्ही.बे. की स्थापना एवं 7.5 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन का कार्य समाहित था। उक्त स्वीकृत रू. 49.60 लाख के कार्य में से केवल राशि रू. 14.92 लाख लागत की लगभग 2 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाईन क्षतिग्रस्त हुई थी तथा कालान्तर में शेष अनुपयोगी पड़ी लाईन के तार/खम्बों का उपयोग पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा अन्य लाईनों के रख-रखाव कार्य में कर लिया गया है। वर्तमान में उक्त लाईन पूरी तरह से खत्म हो चुकी है एवं उक्त लाईन के पुनर्निर्माण किये जाने की आवश्यकता नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ, प्रश्नाधीन 11 के.व्ही.लाईन क्षतिग्रस्त होने के संबंध में पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा जाँच कराई गई थी, जिसमें पाया गया कि वर्ष-2010-11 में प्राकृतिक आपदा (अत्यधिक वर्षा एवं आंधी तूफान) के कारण उक्त लाईन का लगभग 2 किलोमीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। उक्त परिप्रेक्ष्य में संबंधित ठेकेदार एवं कार्य का सत्यापन करने वाले अधिकारी के दोषी होने अथवा उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन 11 के.व्ही. लाईन के निर्माण से संबंधित रू. 49.60 लाख राशि के स्वीकृत प्राक्कलन अनुसार कार्य पूर्ण कर लाईन को ऊर्जीकृत कर दिया गया था और उक्त लाईन से लगभग डेढ़ वर्ष तक विद्युत प्रदाय किया गया था किन्तु प्राकृतिक आपदा के कारण उक्त लाईन क्षतिग्रस्त हो गई थी तथा 2 ग्रामों के आपसी विवाद के कारण इसका पुनर्निर्माण नहीं हो पाया था। वैकल्पिक व्यवस्था कर ग्राम पचलाना में निर्मित नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र जो दिनांक 16.09.2017 को ऊर्जीकृत किया गया था से निर्गमित 11 के.व्ही. पिलवास घरेलू फीडर से ग्राम खेलागाँव एवं टोलक्याखेड़ी को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अतः 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मोयाखेड़ा से खेलागाँव तक उक्त क्षतिग्रस्त 11 के.व्ही. लाईन के पुनर्निर्माण की तकनीकी रूप से कोई आवश्यकता नहीं है। (घ) 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र मोयाखेड़ा से निर्गमित 11 के.व्ही. लाईन जो कि ग्राम खेलागांव एवं टोलक्याखेड़ी को विद्युत प्रदाय हेतु डाली गई थी, की स्वीकृति उपरांत लाईन के निर्माण कार्य के दौरान ग्रामवासियों द्वारा कोई बाधा उत्पन्न नहीं की गई थी, अपितु उक्त लाईन का कार्य दिनांक 27.01.2009 को पूर्ण कर उसे ऊर्जीकृत कर दिया गया था। उक्त लाईन के अत्याधिक वर्षा एवं आंधी-तूफान से क्षतिग्रस्त होने के उपरांत लाईन के पुनर्निर्माण के समय 2 ग्रामों यथा-ग्राम पिलवास एवं खेलागाँव के आपसी विवाद के कारण कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका। उक्त ग्रामों के आपसी विवाद के संबंधित कोई भी लिखित प्रमाण उपलब्ध नहीं है किन्तु यह सत्य है कि नहर के पानी को लेकर उपरोक्त ग्रामों के आपसी विवाद के कारण क्षतिग्रस्त लाईन का पुनर्निर्माण नहीं किया जा सका था। विद्युत कंपनी के अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त लाईन का पुनर्निर्माण नहीं करने दिये जाने के कारण प्रभावित क्षेत्र को तत्काल अन्य विद्युत लाईन से संबद्ध कर विद्युत व्यवस्था को पुनः स्थापित कर दिया था। अतः विद्युत कंपनी के अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
[महिला एवं बाल विकास]
7. ( क्र. 71 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र इछावर में विगत 5 वर्ष के दौरान कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किए गए हैं वर्षवार, ब्लाकवार, ग्रामवार ब्यौरा दें। (ख) क्या विगत 5 वर्ष के दौरान इछावर विधानसभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्मित कराए गए हैं? यदि हाँ, तो वर्षवार, ब्लाकवार, ग्रामवार निर्मित भवनों का ब्यौरा लागत सहित दें। (ग) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्र में आंगनवाड़ी भवन बनाए जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो ब्लाकवार, ग्रामवार ब्यौरा दें तथा कब तक बनाए जाएंगे? निर्माण में विलंब का कारण बताएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) विधानसभा क्षेत्र इछावर अंतर्गत विगत 05 वर्ष के दौरान विकासखंड इछावर में 16 तथा विकासखंड सीहोर ग्रामीण में 11 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र प्रारंभ किए गऐ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र इछावर अंतर्गत विगत 05 वर्ष के दौरान परियोजना इछावर में 37 तथा परियोजना सीहोर ग्रामीण में 32 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण कार्य स्वीकृत हुये है। वर्ष 2013 से 2018 तक भवन निर्माण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। आंगनवाड़ी भवन निर्माण वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता हैं। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
विद्युत वितरण उपकेन्द्रों का निर्माण
[ऊर्जा]
8. ( क्र. 72 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा इछावर विधान सभा क्षेत्र में विद्युत वितरण उपकेन्द्रों का निर्माण कराया गया है? पिछले 5 वर्ष के दौरान निर्मित वितरण सब-स्टेशनों का वर्षवार, ब्लाकवार, ग्रामवार, लागतवार ब्यौरा दें। (ख) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्र में विद्युत वितरण सब-स्टेशनों का निर्माण लंबित है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ कितनी क्षमता के सब-स्टेशन बनना है तथा निर्माण लंबित रहने का कारण बताएं तथा कब तक निर्माण होगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। इछावर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2017-18 तक की अवधि में निर्मित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की प्रश्नांश में चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, इछावर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम लाऊखेड़ी में 5 एम.व्ही.ए. क्षमता के 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र हेतु प्रणाली सुदृढ़ीकरण योजनान्तर्गत अवार्ड दिनांक 23.05.2018 को जारी किया जा चुका है। उक्त विद्युत उपकेन्द्र हेतु भूमि का आवंटन किया जा चुका है तथा आगामी रबी सीजन के पूर्व कार्य पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
विभाग द्वारा संचालित योजनाओं/कार्यों के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
9. ( क्र. 92 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं एवं कौन-कौन सी अनुदान/प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है? योजना की पात्रता, प्रक्रिया आदि की जानकारी देवें। (ख) वित्तीय वर्ष 2014-15 से लेकर चालू वित्तीय वर्ष तक प्रश्नांश में उल्लेखित योजनाओं में आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत कितने हितग्राही लाभान्वित हुए हैं? योजनावार, संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें एवं वित्तीय वर्ष 2014-15 से वर्तमान तक की निर्माण कार्यों की सूची भी लागत एवं कार्य एजेन्सी सहित उपलब्ध करावें। प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 2574 दिनांक 31.03.18 एवं स्मरण पत्र 2645 दिनांक 16.04.18 द्वारा जिला कलेक्टर आगर एवं शाजापुर को इस बाबत् लेख करने के उपरांत वर्तमान तक जानकारी न देने का क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) आगर मालवा एवं शाजापुर जिला अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की योजनावार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। प्रश्नकर्ता के पत्र के संबंध में शाजापुर जिले में कार्यवाही प्रचलन में है एवं आगर मालवा द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
10. ( क्र. 93 ) श्री मुरलीधर पाटीदार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण क्षेत्र में हर घर में बिजली पहुँचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य योजना लागू की गई है? यदि हाँ, तो तद्संबंध में वर्तमान तक जारी निर्देशों की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें? (ख) आगर एवं शाजापुर जिला अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत योजना लागू होने से आज दिनांक तक कौन-कौन से कार्य किये गए हैं? कार्यवार लागत सहित पूर्ण विवरण देवें? (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर के अन्तर्गत वितरण केन्द्रवार सौभाग्य योजना अन्तर्गत लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या बतावें? (घ) सुसनेर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य प्रचलित हैं एवं कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित है? प्रचलित एवं प्रस्तावित कार्यों की लागत सहित कार्यवार पूर्ण जानकारी देवें? प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब तक होगी एवं प्रस्ताव किस स्तर पर प्रचलित हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, हर घर में बिजली पहुँचाने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्र में आर्थिक रूप से पिछड़े हितग्राहियों हेतु एवं ग्रामीण क्षेत्र में योजना के प्रावधानों के अनुसार सभी हितग्राहियों हेतु प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) लागू की गई है। सौभाग्य योजना हेतु जारी निर्देशों की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सौभाग्य योजनांतर्गत आगर एवं शाजापुर जिलों में योजना लागू होने की दिनांक से अद्यतन स्थिति तक 11 के.व्ही. लाईन विस्तार के कार्य, विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य एवं निम्न दाब लाईन विस्तार के कार्य कर घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये है। सम्पादित कराये गये उक्त कार्यों की लागत राशि की कार्यवार एवं जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उल्लेखनीय है कि आगर एवं शाजापुर जिलों में विद्युतीकरण हेतु चिन्हित सभी घरों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर उक्त जिलों को सौभाग्य योजना में शतप्रतिशत विद्युतीकृत किया जा चुका है। (ग) सौभाग्य योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र सुसनेर में लाभान्वित हुए हितग्राहियों की वितरण केन्द्रवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) सुसनेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सौभाग्य योजना में आवश्यकतानुसार विद्युत अधोसंरचना विस्तार के कार्य यथा- 11 के.व्ही. लाईन, निम्नदाब केबलीकरण एवं नवीन विद्युत वितरण ट्रान्सफार्मर स्थापना के कार्य कर घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान करने के कार्य किया जाना प्रावधानित हैं। सौभाग्य योजनान्तर्गत जिलेवार विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार किये गये है किन्तु आगर जिले हेतु विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन पृथक से नहीं बनाते हुये आगर एवं शाजापुर जिलों हेतु संयुक्त रूप से पुनरीक्षित विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया गया है, जिसके अनुसार सुसनेर विधानसभा क्षेत्र सहित प्रस्तावित कार्यों की लागत राशि रू. 12.92 करोड़ (रू. 12.51 करोड़ ग्रामीण क्षेत्र हेतु एवं रू. 0.41 करोड़ शहरी क्षेत्र हेतु) है। वर्तमान में सुसनेर विधानसभा क्षेत्र में सौभाग्य योजनान्तर्गत कोई कार्य प्रचलित नहीं है तथापि वर्तमान में प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। उक्त विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन आर.ई.सी. लिमिटेड नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है तथा इसकी स्वीकृति प्रतीक्षित है। अत: वर्तमान में स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों के जवाब
[सामान्य प्रशासन]
11. ( क्र. 103 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री कार्यालय/निवास पर प्रश्नकर्ता के कितने पत्र/ शिकायत/मेल प्राप्त हुए तथा इन पर की गई कार्यवाही की सूची मय जवाब सहित देवें? (ख) उक्त पत्रों के 6 माह से अधिक समयावधि से अधिक देरी से जवाब देने वाले विभागों की सूची पत्रवार देवें? (ग) वर्ष 2018 में अनेक विभागीय प्रतिवेदनों में अनियमितता संबंधी प्रश्नकर्ता की शिकायतों पर की गई कार्यवाही/पत्र में उल्लेखित बिंदुओं पर स्पष्टीकरण की प्रति देवें। भ्रामक/असत्य/अधूरी जानकारी प्रकाशित करने का कारण बतायें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजनावार आय-व्यय की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
12. ( क्र.
116 ) श्री
संजय उइके : क्या
महिला एवं बाल
विकास मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क) क्या
केन्द्र एवं
राज्य सरकार
की योजनाओं
में विभाग को
बजट प्राप्त
होता है? (ख) यदि
हाँ,
तो वित्तीय
वर्ष 2013-14
से प्रश्न
दिनांक तक
योजनावार एवं
मदवार कुल
कितनी राशि
प्राप्त हुई
एवं कुल कितना
व्यय किया
गया? (ग)
बालाघाट
जिले की प्रत्येक
विधानसभा
क्षेत्र में
केन्द्र एवं
राज्य सरकार
की कौन-कौन सी
योजनाओं में
मदवार कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई एवं
कितनी-कितनी
राशि व्यय की
गई? वित्तीय
वर्ष 2013-14
से प्रश्न
दिनॉंक तक
वर्षवार
जानकारी
देवें।
महिला एवं
बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती
अर्चना चिटनिस
) : (क)
जी हाँ। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है।
परीक्षा शुल्क की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
13. ( क्र. 141 ) श्री अजय सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 04 अक्टूबर 2013 को राजपत्र में अधिसूचित नियम में किन पदों की भर्ती परीक्षाओं के लिए कितना परीक्षा शुल्क एवं कितना आवेदन शुल्क अधिसूचित किया है? (ख) दिनांक 04 अक्टूबर 2013 के पहले सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किस दिनांक को जारी अधिसूचना, आदेश या निर्देश में किन पदों की भर्ती के लिए कितना परीक्षा शुल्क एवं आवेदन शुल्क निर्धारित किया था? (ग) दिनांक 04 अक्टूबर 2013 को प्रकाशित अधिसूचना तक सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने किस पत्र, परिपत्र या अधिसूचना के अनुसार व्यापम को किन पदों की भर्ती परीक्षा के लिए कितना परीक्षा शुल्क या आवेदन शुल्क वसूल किए जाने की अनुमति प्रदान किए जाने की प्रति सहित बताएं? (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र, परिपत्र, अधिसूचना के बिना 4 अक्टूबर 2013 तक व्यापम द्वारा वसूल किए गए परीक्षा शुल्क की वापसी के संबंध में शासन क्या कार्यवाही कब तक करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उपभोक्ताओं को बेहद मंहगी बिजली देने विषयक
[ऊर्जा]
14. ( क्र. 146 ) श्री अजय सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के किस विभाग या उपक्रम के द्वारा किस-किस स्थान पर कितने मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले ताप विद्युत संयंत्र, हाईडल प्रोजेक्ट, सौर ऊर्जा संयंत्र, पवन ऊर्जा एवं अन्य हैं? ये कब से कार्यरत हैं? कुल विद्युत उत्पादन कितने मेगावाट है वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में (माह अप्रैल 2018 तक) कुल कितना उत्पादन हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्युत संयंत्रों से प्रदेश को वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में (माह अप्रैल 2018 तक) प्रति यूनिट बिजली किस औसत दर पर मिल रही है? संयंत्रवार अलग-अलग जानकारी दें? (ग) म.प्र. शासन के द्वारा किस-किस नाम, किस-किस क्षेत्र में किस प्रकार से विद्युत उत्पादन करने वाली निजी विद्युत कंपनियों से प्रति यूनिट बिजली किस दर पर खरीदे जाने का करार कर खरीदा जा रहा है? सभी खरीदी के करारनामों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) म.प्र.में एनर्जी एक्सजेंज के माध्यम से प्रति यूनिट बिजली किस औसत दर से बेची जा रही हैं वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में (माह अप्रैल 2018 तक) जानकारी दें? म.प्र. में आवासीय/कॉमर्शियल/किसानों को प्रति यूनिट बिजली किस औसत दर वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में (माह अप्रैल 2018 तक) उपलब्ध कराई जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र.शासन के विभाग या उपक्रम, यथा-म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, एन.व्ही.डी.ए., एन.एच.डी.सी. के बिजली उत्पादन संयंत्र स्थापित है। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के आठ ताप विद्युत संयंत्र तथा दस जल विद्युत संयंत्र हैं। एन.व्ही.डी.ए. के तथा एन.एच.डी.सी. के दो-दो जल विद्युत संयंत्र हैं। इन विभाग/उपक्रमों के द्वारा सौर तथा पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित नहीं किये गये है। उक्त संयंत्रों के स्थान, विद्युत उत्पादन क्षमता एवं इनसे वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' अनुसार है। उक्त संयंत्रों से, विभाग/उपक्रमवार वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 (माह अप्रैल 18 तक) विद्युत उत्पादन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-2' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित विद्युत संयंत्रों से प्रदेश को वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में (माह अप्रैल, 2018 तक) प्राप्त होने वाली बिजली की प्रति यूनिट औसत दर की संयंत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) म.प्र.शासन के द्वारा निजी ताप विद्युत कंपनियों से, सस्ती दर पर (वेरियेबल दर जिसमें मात्र ऊर्जा दर ही रहती है, अन्य नहीं) बिजली खरीदी के करार (विद्युत क्रय अनुबंध) किये गये हैं। क्रय अनुबंधों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1' एवं प्रपत्र-'स-3' से प्रपत्र-'स-14' अनुसार है। इन करारनामों में विद्युत क्रय दर का उल्लेख नहीं है, अपितु अनुबंध के अनुसार संयंत्रवार विद्युत क्रय दर, वार्षिक दर-याचिका दायर करने पर, म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा, पारित दर-आदेश, के अनुसार रहेगी। उक्त विद्युत संयत्रों के नाम, क्षेत्र तथा विद्युत क्षमता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-2' अनुसार है। (घ) म.प्र. में एनर्जी एक्सचेंज के माध्यम से बेची जा रही बिजली की प्रति यूनिट औसत दर वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में (माह अप्रैल, 2018 तक), की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'द-1' अनुसार है। प्रदेश में आवासीय (घरेलू), कॉमर्शियल (गैर घरेलू) एवं किसानों को प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध कराने की औसत दर वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 (माह अप्रैल, 2018 तक), की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द-2' अनुसार है।
योजना का क्रियान्वयन
[जनजातीय कार्य]
15. ( क्र. 167 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिला अंतर्गत जनजातीय कार्य विभाग की योजनाऐं लागू हैं? (ख) यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में कितनें लाभार्थी लाभान्वित हुये? योजनावार क्या-क्या लाभ हितग्राहियों को दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विगत 03 वर्षों में शहडोल जिले में विभाग की विभिन्न योजनाओं हेतु लक्ष्य क्या था तथा लक्ष्य पूर्ति की जानकारी उपलब्ध करायी जावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत योजनाओं के सन्दर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विभागीय योजना की जानकारी
[आनन्द]
16. ( क्र. 168 ) श्री रामपाल सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शहडोल जिले में आनन्द विभाग अंतर्गत राशि व्यय की गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि किस कार्य पर व्यय किया गया है? पंचायतवार, जनपदवार जानकारी उपलब्ध करायी जाय।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) शहडोल जिले में आनंद विभाग अंतर्गत वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018 में ग्रामीण क्षेत्रों में आनंद उत्सव कार्यक्रम के आयोजन हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत पंचायत राज संचालनालय द्वारा राशि का आवंटन किया गया। वर्ष 2018 में नगरीय क्षेत्रों में किये गये आयोजन के लिए राशि का व्यय नगरीय निकाय द्वारा स्वयं किया गया। (ख) आनंद उत्सव आयोजन में वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018 में प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत द्वारा राशि रूपये 41.50 लाख तथा नगरीय निकायों द्वारा राशि रूपये 3.01 लाख का व्यय खेलकूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन में किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजन पंचायत समूहवार क्लस्टर में किया गया। राशि की पंचायत समूहवार, जनपदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में सौर ऊर्जा कम्पनियां
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
17. ( क्र. 183 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने सोलर ऊर्जा प्लांट, पवन ऊर्जा प्लांट कब से संचालित है तथा कितने वाट के एवं कंपनी का नाम व स्थान का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से प्लांट राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार के अधीन आते हैं? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में संचालित कौन-कौन से प्लांटो की जानकारी राज्य सरकार से तथा केन्द्र सरकार से प्राप्त की जा सकती है?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में संचालित सौर ऊर्जा परियोजनाओं एवं पवन ऊर्जा परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। इसके अतिरिक्त, विधान सभा क्षेत्र में स्थापित रूफटॉप सौर फोटोवोल्टइक पॉवर प्लांट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, 'ब' व 'स' में उल्लेखित है। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित संचालित सौर ऊर्जा परियोजना के सरल क्रमांक-8 में उल्लेखित कम्पनी भारत सरकार का उद्यम है, जिसकी जानकारी केन्द्र सरकार से ली जा सकती है। इसके अतिरिक्त प्रपत्र-स में उल्लेखित रूफटाप सौर फोटोवोल्टइक पॉवर प्लांट में केन्द्र सरकार एवं राज्य शासन का अनुदान दिया गया है।
आंगनवाड़ी भवनों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
18. ( क्र. 184 ) श्री हरदीप सिंह डंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में कितने नवीन आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किन-किन योजनाओं के तहत किया गया है या किया जा रहा है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न दिनांक तक भवनों की स्थिति से अवगत करावें तथा स्वीकृत आंगनवाड़ी भवन जिनका कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है, उनकी भी जानकारी देवें? (ग) वर्तमान समय में निर्माणाधीन एवं अपूर्ण आंगनवाड़ी भवन प्रारम्भ होने की दिनांक एवं वर्तमान स्थिति से अवगत करावें तथा कब तक पूर्ण हो जावेंगे? (घ) तहसील शामगढ़, सुवासरा, सीतामऊ में कितने आंगनवाड़ी संचालित है एवं विभाग के भवनों में कितने संचालित हो रहे हैं, सूची उपलब्ध करावें एवं स्वीकृत भवनों की जानकारी देवें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में कुल 126 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण एम.पी.एच.एस.आर.पी., मनरेगा अभिसरण (आई.पी.पी.ई.) एवं परफारमेंस ग्रांट योजना के तहत किया गया हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्तमान समय में 97 निर्माणाधीन एवं अपूर्ण आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 3 अनुसार है। आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण स्थानीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है अतः आंगनवाड़ी भवन निर्माण पूर्ण होने की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) तहसील शामगढ़ में 142, तहसील सुवासरा में 139 एवं तहसील सीतामऊ में 271 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 139 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। तहसील शामगढ़ में 11, तहसील सुवासरा में 31 एवं तहसील सीतामऊ में 84 इस प्रकार सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में कुल 126 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
नया विद्युत सबस्टेशन स्थापित किया जाना
[ऊर्जा]
19. ( क्र. 196 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरेला से पड़वार एवं बारहा में स्थित विद्युत उपकेन्द्रों से 83 गांव एवं बरेला नगर की विद्युत सप्लाई होती है? (ख) क्या विद्युत उपकेन्द्रों की दूरी 20 से 25 कि.मी. होने के कारण फाल्ट सुधारने में 6 से 7 दिनों का समय लग जाता है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अंतर्गत ग्राम बीजापुरी तहसील जिला जबलपुर में 33/11 के.व्ही. का नया उपकेन्द्र स्थापित किये जाने हेतु आवश्यक शासकीय भूमि उपलब्ध है? (घ) यदि हाँ, तो क्या बीजापुरी में नया उपकेन्द्र स्थापित किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) ग्राम बरेला एवं इसके आस-पास के 33 ग्रामों तथा बरेला शहरी क्षेत्र को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बरेला से, ग्राम पडवार एवं इसके आस-पास के 31 ग्रामों को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र पडवार से तथा ग्राम बारहा एवं इसके आस-पास के 36 ग्रामों को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बारहा से विद्युत आपूर्ति की जाती है। (ख) जी नहीं। बरेला से पड़वार एक दिशा में तथा बरेला से बारहा दूसरी दिशा में स्थित है। बरेला से पड़वार की दूरी लगभग 11 कि.मी. तथा बरेला से बारहा की दूरी लगभग 13 कि.मी. है, इस तरह बारहा से पड़वार की दूरी लगभग 24 कि.मी. है। तथापि उक्त उपकेन्द्रों के कार्यक्षेत्र में विद्यमान ग्रामों की उपकेन्द्रों से अधिकतम दूरी 6-7 कि.मी. ही है। अत: पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में सूचना/जानकारी प्राप्त होने के पश्चात एवं पहुंच मार्ग उपलब्ध होने पर यथासंभव म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों हेतु निर्धारित 3 दिन की समयावधि में लाईन ब्रेक डाउन को सुधार कर विद्युत प्रदाय चालू कर दिया जाता है। (ग) ग्राम बीजापुरी तहसील एवं जिला जबलपुर में कोई भी 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र प्रस्तावित/स्वीकृत नहीं है, अत: भूमि की उपलब्धता/आवंटन का प्रश्न नहीं उठता। (घ) ग्राम बीजापुरी में नये 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य वर्तमान में तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाया गया है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
सिंचाई क्षेत्र का विस्तारीकरण
[नर्मदा घाटी विकास]
20. ( क्र. 197 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों का कितना-कितना क्षेत्र उप नहरों (कोलावा) के माध्यम से सिंचित किया गया है? ग्रामवार जानकारी देवें? (ख) कमांड क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों में उप नहरें नहीं बनाई गई है? (ग) इन ग्रामों में कब तक उप नहरें बनाई जायेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्यों?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) से (घ) समस्त ग्रामों में उपनहरें बनाई गई हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लिपिक संवर्ग के वेतन की विसंगति
[वित्त]
21. ( क्र. 200 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के आधीन कार्यरत लिपिक संवर्ग (सहा ग्रेड 3, 2 एवं लेखापाल आदि) के कर्मचारियों को केन्द्र सरकार एवं अन्य राज्यों की तुलना में कम वेतनमान प्राप्त हो रहा है? (ख) क्या दिनांक 1 अप्रैल 1981 को लागू चौधरी वेतनमान के पूर्व निम्न श्रेणी लिपिक (सहा ग्रेड-3) का वेतन निम्न श्रेणी शिक्षक तथा उच्च श्रेणी लिपिक का वेतनमान उच्च श्रेणी शिक्षक के समान था तथा उसके उपरांत लागू हुये वेतनमानों में लिपिक संवर्ग का वेतन शिक्षक संवर्ग की तुलना में कम होता गया? (ग) क्या लिपिक संवर्ग के सभी पदों की वेतन विसंगति दूर करने हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा अग्रवाल आयोग एवं रमेश शर्मा समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो दोनों आयोग एवं समितियों द्वारा लिपिक संवर्ग की वेतन विसंगति को दूर करने हेतु क्या सुझाव दिये गये है? (घ) सरकार अग्रवाल आयोग एवं रमेश शर्मा समिति की अनुशंसाओं को कब तक लागू कर देगी तथा अनुशंसाओं के अनुसार क्या लिपिकों को वेतनमान विसंगति दिनांक से उक्त अनुशंसाओं का लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) राज्य की सेवाओं के लिये राज्य के पारस्परिक संवर्गों की सापेक्षता के आधार पर वेतनमान नियत किये जाते है। अत: केन्द्र एवं राज्यों से तुलना की जाना प्रासंगिक नहीं है। (ख) जी हाँ। दिनांक 01.04.1981 के उपरांत लागू वेतनमानों का तद्नुसार पुनरीक्षण होने से लिपिक व शिक्षक संवर्ग के वेतनमानों में भिन्नता की स्थिति बनी है। (ग) श्री रमेश चन्द्र शर्मा अध्यक्ष मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति की अध्यक्षता में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समिति का गठन किया गया था। श्री शर्मा द्वारा दिये गये सुझावों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सुझावों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) अग्रवाल वेतनमान आयोग की अनुशंसाओं को मंत्रि-परिषद से आदेश प्राप्त किये जाकर दिनांक 01.01.2016 से लागू किया गया है। श्री रमेश चन्द्र शर्मा समिति के प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ
[सामान्य प्रशासन]
22. ( क्र. 201 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग से जारी पत्र क्रमांक 332/410/2008/3/एक/भोपाल दिनांक 23.02.2003 के द्वारा शासन के समस्त विभागों को निर्देशित किया गया था, की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सहा.ग्रेड-3 के पदों पर कुल स्वीकृत पदों में से 25 प्रतिशत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदोन्नति के लिए सुरक्षित रखे जायेंगे? (ख) यदि हाँ, है तो सिवनी जिले के ऊर्जा विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, परियोजना विभाग, आदिवासी विकास विभाग में कितने पद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं, उनमें से कितने भरे व कितने रिक्त है? का विवरण विभागवार प्रश्नांश दिनांक तक का देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के निर्देशानुसार प्रश्नांश (ख) के कितने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को शासन के निर्देशानुसार 25 प्रतिशत पद रिक्त पदोन्नत बावत रखे गये एवं वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक में कितने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के सहायक ग्रेड-3 में पदोन्नत बावत् कार्यवाही कर आदेश जारी किये गये, का विवरण देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के आदेश का पालन प्रश्नांश (ख) के विभाग प्रमुखों द्वारा न कर प्रश्नांश (ग) के अनुसार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को पदोन्नत कर सहायक ग्रेड-3 के आदेश जारी नहीं किये गये तो इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? साथ ही संबंधितों के पदोन्नत के आदेश कब तक जारी किये जायेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 243 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में सौभाग्य योजनांतर्गत २५ सितंबर २०१७ से अब तक कितने घरों को विद्युत कनेक्शन दिये गये? लक्ष्य क्या था? लक्ष्य विरुद्ध प्राप्ति का ब्यौंरा दें. (ख) किन-किन जिलों में शतप्रतिशत घरों में कनेक्शन देने का लक्ष्य था? उनकी वर्तमान स्थिति का ब्यौरा क्या है? (ग) उज्जैन राजस्व संभाग में बी.पी.एल.कार्डधारी हितग्राहियों को कितने घरेलू विद्युत संयोजन प्रदान किये गये है? जिलेवार संख्या बतावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) केन्द्र शासन द्वारा सौभाग्य योजना का शुभारंभ दिनांक 25 सितम्बर 2017 को किया गया तथा योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार योजना के लागू होने की तिथि 11.10.2017 से अद्यतन स्थिति में प्रारंभिक आंकलन के अनुसार निर्धारित 22,86,597 के लक्ष्य के विरुद्ध कुल 16,30,019 घरों को विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये गये है, जिसकी जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सौभाग्य योजनान्तर्गत प्रदेश के समस्त जिलों में योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार चिन्हित शत-प्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य था। लक्ष्य के विरुद्ध प्रदान किये गये विद्युत कनेक्शनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) उज्जैन राजस्व संभाग में बी.पी.एल कार्डधारी 4,26,603 हितग्राहियों को घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये है, जिसकी जिलेवार संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही के साथ राशि वसूली कराया जाना
[महिला एवं बाल विकास]
24. ( क्र. 274 ) श्री सुन्दरलाल तिवारी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा व सीधी जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? इनके संचालन की जगह कहाँ-कहाँ है? जिले के महिला बाल विकास अधिकारियों द्वारा वर्ष में कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों एवं जनपद के महिला बाल विकास के कार्यालयों का निरीक्षण कब-कब किया गया, का विस्तृत विवरण देते हुए बतावें कि विभाग द्वारा वर्ष में कितने बार निरीक्षण करने के निर्देश जारी किये गये हैं? जारी निर्देश की प्रति देते हुए बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा जारी आदेशों एवं निर्देशों एवं तय गाइड लाइन के पालन में संबंधित जिलों के अधिकारियों द्वार निरीक्षण किया गया, तो निरीक्षण प्रतिवेदन की प्रति के साथ निरीक्षण कब किया गया? विवरण देवें। निरीक्षण के दौरान उपयोग किये गये वाहन का क्रमांक व लॉगबुक की प्रति भी उपलब्ध करावें। उपरोक्त जानकारी वर्ष 2016-17 से प्रश्नांश दिनांक तक की वर्षवार एवं माहवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में निरीक्षण के दौरान किन-किन पर कार्यवाही किस-किस स्तर की प्रस्तावित की गयी? प्रस्तावित कार्यवाही की प्रति भी देवें। यह भी बतावें कि वर्तमान में कार्यवाही की स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार शासन की तय गाइड लाइन एवं जारी निर्देशों का पालन न करने अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर आंगनवाड़ी केन्द्रों व जनपद महिला बाल विकास के कार्यालयों का निरीक्षण न करने के कारण क्या शासन की विभागीय योजनाएं प्रभावित हो रही हैं? इसके लिए जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) रीवा जिले में 2866 आंगनवाड़ी केंद्र एवं 568 मिनी आंगनवाड़ी केंद्र तथा सीधी जिले में 1836 आंगनवाड़ी केंद्र एवं 67 मिनी आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं जिनके संचालन की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''01'' एवं ''02'' अनुसार है। रीवा एवं सीधी जिले में महिला बाल विकास अधिकारी द्वारा वर्ष में किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''03'' एवं ''04'' अनुसार है। विभाग के अधिकारियों हेतु निरीक्षण से संबंधित जारी निर्देश पत्र क्रमांक/आई.सी.डी.एस./2094 दिनांक 25.10.2012 एवं पत्र क्रमांक/ए.बा.वि.से./एम.आई.एस./2016/1625 दिनांक 30.07.2016 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''05'' अनुसार है। (ख) रीवा एवं सीधी जिलों के अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण के प्रतिवेदन, वाहन के उपयोग तथा लॉगबुक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''06'' एवं ''07'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अवधि में रीवा एवं सीधी जिले के संचालित आंगनवाड़ी केंद्रों के निरीक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही/ अनियमितता नहीं पाई जाने से कार्यवाही संबंधी जानकारी निरंक है। (घ) रीवा एवं सीधी जिलों में प्रश्नांश अवधि में शासन स्तर से निरीक्षण संबंधी जारी निर्देशों का पालन मैदानी स्तर पर पदस्थ अधिकारियों द्वारा किया गया है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण विद्युत प्रवाह बाधित
[ऊर्जा]
25. ( क्र. 311 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के शहपुरा एवं जबलपुर विकासखण्ड के अंतर्गत 30 मई 2018 की स्थिति में कितने एवं किन-किन ग्रामों के विद्युत ट्रांसफार्मर कब से जले, बिगड़े है एवं उपरोक्त ट्रांसफार्मरों को कब तक बदलकर विद्युत प्रवाह प्रारम्भ कर दिया जावेगा? (ख) जले ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार सूची दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) विधानसभा क्षेत्र बरगी के शहपुरा एवं बरगी (जबलपुर) विकासखण्डों के क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 30.5.18 की स्थिति में 17 वितरण ट्रांसफार्मर सम्बद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं। वर्तमान में लागू नियमानुसार उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 20 प्रतिशत जमा होने के उपरांत इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जा सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में प्रश्नाधीन बदलने हेतु शेष वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने की निश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। उक्त बदलने हेतु शेष 17 वितरण ट्रांसफार्मरों के फेल होने की दिनांक सहित ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शाए अनुसार है।
आदिवासी ग्रामों में बिजली प्रदाय
[ऊर्जा]
26. ( क्र. 312 ) श्रीमती प्रतिभा सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर विकासखण्ड के आदिवासी बहुल ग्राम कठोतिया एवं ग्राम खामखेड़ा का विद्युतीकरण कब किया गया? उक्त ग्रामों में कितने दिन बिजली जली? ग्राम खामखेड़ा एवं कठोतिया में बिजली प्रदाय कब से बंद है एवं क्यों? (ख) उपरोक्त ग्रामों की विदयुत व्यवस्था अवरूद्ध रहने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जबलपुर विकासखण्ड के आदिवासी बहुल ग्राम कठोतिया का विद्युतीकरण दिसम्बर-2012 में पूर्ण किया गया था। उक्त ग्राम सघन वन क्षेत्र में स्थित होने के कारण वन विभाग द्वारा उक्त ग्राम के विद्युतीकरण हेतु 11 के.व्ही. लाईन विस्तार कार्य उच्चदाब केबिल के माध्यम से करने हेतु अनुमति दी गई थी। विद्युतीकरण उपरांत से ही 11 के.व्ही. लाईन में व्यवधान आने/लाईन के खंभे क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित था। विद्युत प्रदाय बंद होने की शिकायत प्राप्त होने पर आवश्यक सुधार कार्य उपरांत मार्च-2018 में उक्त ग्राम में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू कर दिया गया है। पूर्व में डूब क्षेत्र में अवस्थित ग्राम खामखेड़ा का विद्युतीकरण सितम्बर-2017 में पूर्ण किया गया तथा कार्य पूर्ण किये जाने के उपरांत विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू था। दिनांक 29.05.2018 को उक्त ग्राम में विद्यमान 25 के.व्ही.ए. क्षमता का वितरण ट्रांसफार्मर फेल हो जाने के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित हुआ था, जिसे दिनांक 02.06.2018 को बदलकर पुन: विद्युत प्रदाय चालू कर दिया गया। वर्तमान में उक्त दोनों ग्रामों में विद्युत प्रदाय चालू है। (ख) वर्तमान में ग्राम कठोतिया एवं ग्राम खामखेड़ा में विद्युत प्रदाय चालू है। तथापि उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम कठोतिया में विद्युत प्रदाय अवरूद्ध रहने के परिप्रेक्ष्य में संबंधित कनिष्ठ यंत्री को कारण बताओ सूचनापत्र जारी किया गया है। प्रकरण में नियमानुसार जाँच कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
अपात्र को पारिवारिक पेंशन भुगतान किये जाने बाबत
[वित्त]
27. ( क्र. 320 ) श्री के.पी. सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग मंत्रालय भोपाल एवं संचालक पेंशन भोपाल के साथ-साथ अन्य संबंधितों को स्पीड पोस्ट सेवा भारत सरकार के माध्यम से नियम/निर्देशकों के विरुद्ध बिना दस्तावेजों की जाँच किए अपात्र व्यक्तियों को पारिवारिक पेंशन स्वीकृत कर लाखों रुपए की वित्तीय हानि पहुंचाई जाने के संबंध में जनवरी से मई 2018 तक कितनी शिकायतें दस्तावेजी साक्ष्यों सहित प्राप्त हुई? (ख) प्राप्त शिकायतों का बिंदुवार उल्लेख करते हुए उन पर किसके द्वारा, क्या निर्देश दिए गए/प्राप्त हुए? प्रश्न दिनांक तक प्राप्त निर्देशों पर क्या कार्यवाही किसके द्वारा कब-कब की गई? उसके क्या निष्कर्ष निकले? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही किन-किनके विरूद्ध की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या संयुक्त संचालक पेंशन भोपाल के जिन अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से अपात्रों को लाभ प्रदान किया गया है उन्हीं से जाँच प्रतिवेदन चाहा जाकर दोषियों को जानबूझकर बचाया जा रहा है? (घ) क्या शासन/विभाग अपात्र व्यक्ति को पेंशन व उपादान प्रदान किए जाने वाले दस्तावेजी साक्ष्यों सहित प्राप्त शिकायती प्रकरणों की तत्काल उच्च स्तरीय जाँच कराते हुए अपात्र व्यक्तियों एवं उसे अनियमित रूप से लाभ प्रदान किए जाने वाले दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही व पुलिस प्रकरण पंजीबद्ध कराते हुए अनियमित रूप से प्रदान की गई राशि की वसूली दोषियों से किया जाना सुनिश्चित करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नावधि में प्रश्नांश से संबंधित एक शिकायत पत्र दिनांक 21.02.2018 वित्त विभाग में प्राप्त हुआ है। (ख) उत्तरांश ''क'' अनुसार वित्त विभाग में प्राप्त शिकायत पत्र संचालक, पेंशन को अग्रेषित किया गया। संचालक, पेंशन द्वारा संभागीय पेंशन अधिकारी, भोपाल से वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की गई। संभागीय पेंशन अधिकारी, भोपाल द्वारा अवगत कराया गया कि सी.एम.ओ. गैस राहत भोपाल से प्राप्त न्यायालय अपर कलेक्टर, जिला भोपाल द्वारा जारी वैध उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र दिनांक 13.11.2017 के आधार पर श्रीमती दुर्गा बाई कटारे के पक्ष में पी.पी.ओ./जी.पी.ओ. जारी किया गया। (ग) जी नहीं। संभागीय पेंशन अधिकारी भोपाल एवं अन्य से तथ्यात्मक जानकारी चाही गई है। (घ) शिकायत वित्तीय नियमों के उल्लेख सहित संबंधित विभाग को परीक्षण एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दी गई है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
28. ( क्र. 338 ) श्री महेन्द्र सिंह बागरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिला में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कितने आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये हैं? नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के क्या मापदंड हैं? मापदंड की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) पन्ना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक किस आंगनवाड़ी केन्द्र में कितने बच्चों की संख्या दर्ज थी? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र में भ्रमण के दौरान पाया जाता है कि आंगनवाड़ी केन्द्रों कें बच्चों की संख्या दर्ज बच्चों की संख्या की तुलना में नगण्य रहती है, इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (घ) क्या अधिकारियों की मिली भगत से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण आहार न बांटने का संरक्षण प्राप्त है? यदि नहीं, तो जिले के प्रशासनिक अधिकारियों एवं प्रश्नकर्ता के भ्रमण के दौरान आंगनवाड़ी केन्द्र न खुलने व बच्चों की उपस्थिति संख्या न्यून होने का क्या कारण हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पन्ना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक 68 आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के मापदण्ड/निर्देश प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) पन्ना जिले में वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक आंगनवाड़ीवार केन्द्रों में दर्ज बच्चों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्रों में 0-6 वर्ष आयु समूह के बच्चों को दर्ज किया जाता है। 3-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को आंगनवाड़ी केन्द्र पर शालापूर्व अनौपचारिक शिक्षा हेतु प्रतिदिन आंगनवाड़ी केन्द्र पर आना अपेक्षित है। 6 माह से 3 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सप्ताह में एक दिन टेक होम रॉशन एवं अन्य सेवायें दी जाती है। शत-प्रतिशत उपस्थिति हेतु आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका द्वारा जन समुदाय को प्रेरित किया जाता है। (घ) जी नहीं। आंगनवाड़ी केन्द्र का सतत निरीक्षण क्षेत्रीय पर्यवेक्षक/परियोजना अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा नियमित रूप से किया जाता है। इसके अतिरिक्त समय-समय पर अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया जाता है। किसी भी केन्द्र के न खुलने तथा अन्य अनियमितता की शिकायतें प्राप्त होने पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है।
पोषण आहार की निगरानी समिति की बैठक
[महिला एवं बाल विकास]
29. ( क्र. 346 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पोषण आहार की निगरानी हेतु, निगरानी समिति गठित है या नहीं? यदि हाँ, तो निगरानी समिति किस-किस स्तर पर गठित है, इस समिति में कौन-कौन सदस्य हैं? (ख) प्रश्नांकित (क) में उल्लेखित निगरानी समिति की बैठक कितने माह में करना अनिवार्य है? विदिशा जिले की गंजबासौदा, त्यौंदा एवं ग्यारसपुर परियोजना में विगत 2 वर्षों में कब-कब निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई है? किस-किस पदाधिकारी व सदस्य को आमंत्रित किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) पोषण आहार की निगरानी हेतु निगरानी समिति की बैठक किये जाने एवं निगरानी समिति गठित किये जाने हेतु शासन द्वारा क्या-क्या दिशा निर्देश जारी किए हैं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। पोषण आहार की निगरानी हेतु परियोजना स्तर पर एवं जिला स्तर पर निगरानी समिति गठित हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) पोषण आहार की निगरानी हेतु गठित समिति की बैठक प्रत्येक त्रैमास में करने का प्रावधान हैं। विदिशा जिले के गंजबासौदा, त्यौंदा एवं ग्यारसपुर परियोजनाओं में पद रिक्तता, कार्य अधिकता एवं प्रभार में परियोजना होने के कारण निर्देशानुसार समयावधि में बैठक संभव नहीं हो पाई हैं। संबंधित परियोजना अधिकारी/प्रभारी परियोजना अधिकारियों को कार्यालयीन पत्र क्रमांक-1545, दिनांक 08/06/2018 के माध्यम से नियमित बैठकें कराने के निर्देश दिये गये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) विभागीय पत्र क्रमांक एफ 4-5/2014/50-2, भोपाल, दिनांक 24/02/2014 के द्वारा समिति की बैठक किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं,पत्र की छाया प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
अनुदान मूलक योजनाएं
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 389 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर के द्वारा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों, सिंचाई कृषि पम्प संयोजनों एवं रोजगार मूलक उद्योगों इत्यादि को अनुदान दिया जा रहा है? (ख) म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि.इन्दौर के अन्तर्गत केन्द्र/राज्य शासन द्वारा उपरोक्त उल्लेखित वर्ग एवं विभिन्न प्रकार के वर्गों हेतु अनुदान मूलक योजनाएं भी क्रियान्वित की जा रही हैं? यथा नवीन स्थायी सिंचाई कृषि पम्प संयोजन हेतु अनुदान, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अन्तर्गत बी.पी.एल.परिवारों को नि:शुल्क घरेलू विद्युत संयोजन प्रदान करना इत्यादि योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है? इन योजनाओं का संक्षिप्त विवरण देवें? (ग) यदि हाँ, तो जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से दिनांक 31 मई-2018 तक किन-किन अनुदान मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? इसके तहत कितने हितग्राही लाभान्वित हुए है? वितरण केन्द्रवार योजनावार संख्या बतावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित योजनाओं अन्तर्गत जावरा विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य किये गये है? योजनावार कार्य की मात्रा बतावें? केन्द्र सरकार की सौभाग्य योजना कब से प्रारंभ हुई है? इस योजना के तहत जावरा विधानसभा क्षेत्र में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है कि वितरण केन्द्रवार संख्या बतावें तथा क्या सम्पूर्ण जावरा विधानसभा क्षेत्र में पात्र हितग्राहियों को चिन्हित कर विद्युत कनेक्शन प्रदान कर दिये गये है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड इंदौर के अंतर्गत केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों, कृषि पम्प संयोजनों एवं रोजगार मूलक उद्योगों इत्यादि को अनुदान दिया जा रहा है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित योजनाएँ क्रियान्वित की जा रही है, जिनका संक्षिप्त विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) रतलाम जिले के जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से दिनांक 31 मई-2018 तक ''कृषकों को स्थायी विद्युत पंप कनेक्शन प्रदाय हेतु अनुदान योजना'' (योजना की क्रियान्वयन अवधि मई, 2011 से सितम्बर, 2016 तक), ''राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना'', ''मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना'', ''दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना'' एवं ''प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना)'' अनुदान मूलक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उक्त योजनाओं के तहत लाभान्वित हुए हितग्राहियों की संख्या की वितरण केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जावरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कृषक अनुदान योजना, मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प योजना, राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के अंतर्गत सम्पादित किये गये कार्यों की योजनावार मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। केन्द्र सरकार की सौभाग्य योजना दिनांक 25/09/2017 से प्रारंभ हुई है। उक्त योजना के तहत जावरा विधानसभा क्षेत्र में 5781 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। लाभान्वित हितग्राहियों की वितरण केन्द्रवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। जी हाँ, सौभाग्य योजना के अंतर्गत जावरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत समस्त चिन्हित सभी 5781 हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन प्रदान कर लाभान्वित किया गया है।
माननीय मुख्यमंत्रीजी की घोषणाओं का क्रियान्वयन
[सामान्य प्रशासन]
31. ( क्र. 390 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिले एवं जावरा विधानसभा क्षेत्र में माननीय मुख्यमंत्रीजी का आगमन होकर शासकीय कार्यक्रम अनेक स्थानों पर आयोजित किये गये? (ख) यदि हाँ, तो माननीय मुख्यमंत्रीजी के रतलाम जिले एवं जावरा विधानसभा क्षेत्र में उपरोक्त उल्लेखित वर्षों के अंतर्गत वर्षवार किन-किन स्थानों पर क्या-क्या कार्यक्रम हुए साथ ही जावरा विधानसभा क्षेत्र के कार्यों के संबंध में किन-किन कार्यों को किये जाने हेतु घोषणाएं की गई वर्षवार बताएं। (ग) साथ ही बताएं कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के कितने कार्य पूर्ण होकर कितने कार्य अपूर्ण रहे तथा की गई घोषणाओं में से कितनी घोषणाएं पूर्ण हुई कितनी शेष है? (घ) जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणाओं के क्रियान्वयन के संबंध में शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या विभागीय कार्यवाही शेष रही एवं उन्हें कब पूर्ण किया जाकर घोषणाओं पर अमल किया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा रतलाम जिले में निम्नानुसार भ्रमण (कार्यक्रम) किये गये :- (1) दिनांक 19.10.2014, धोसबास (रतलाम) (2) दिनांक 26.08.2015 शिवगढ़ (3) दिनांक 02.09.2015 नामली (4) दिनांक 24.09.2015 बाजना (5) दिनांक 10.01.2016 आलोट (6) दिनांक 26.01.2016 पलसोडा (7) दिनांक 04.06.2016 सालाखेडी (रतलाम) (8) दिनांक 05.06.2017 सैलाना (9) दिनांक 15.06.2017 बडावदा (कृषकसंवाद) (10) दिनांक 29.11.2017 जावरा/बडावदा (विकास यात्रा-अन्योदय मेला) जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत माननीय मुख्यमंत्रीजी द्वारा की गई घोषणाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा रतलाम जिले में कुल 185 घोषणाएं की गई जिनमें से 69 पूर्ण एवं 85 पूर्ण सतत हैं। जिन पर कार्यवाही प्रचलित है। शेष 30 घोषणाएं लंबित है तथा 01 घोषणा नस्तीबद्ध की गई है। (घ) घोषणाओं के क्रियान्वयन की कार्यवाही एक सतत प्रक्रिया है। अत: निश्चित समय-सीमा बताई जाना सम्भव नहीं है।
गलत प्रस्ताव की नोटशीट लेख करने के विरूद्ध कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
32. ( क्र.
438 ) श्री
आर.डी.
प्रजापति : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
मध्यप्रदेश
शासन सामान्य
प्रशासन
विभाग
मंत्रालय के
परिपत्र
क्रमांक सी/6-3/2010/3/एक
भोपाल दिनांक 15/02/2010
विषय
म.प्र.सिविल
सेवा
(वर्गीकरण
नियंत्रण एवं
अपील) नियम 1966 के
अन्तर्गत
द्वितीय अपील
एवं
पुनर्विलोकन
के संबंध में
नवीन स्पष्टीकरण
निर्देश जारी
किये गये हैं? यदि
हाँ,
तो प्रति
उपलब्ध कराई
जावें। (ख) यदि
हाँ,
तो क्या उक्त
परिपत्र जारी
होने के
दिनांक 15.02.2010 के
सामान्य
प्रशासन
विभाग का ही
पूर्व का
परिपत्र क्रमांक
सी-6-12/99/3/एक
भोपाल दिनांक 20/1/2000
निरस्त किया
जा चुका है? यदि
हाँ,
तो प्रति
उपलब्ध
करायी जावें? (ग) यदि
सामान्य
प्रशासन
विभाग का उक्त (ख) प्रश्नांश
में वर्णित
परिपत्र
क्रमांक सी-6-12/99/3/एक
भोपाल दिनांक 20/1/2000
दिनांक 15/2/2010 को
निरस्त किया
जा चुका है तो
स्कूल
शिक्षा विभाग
मंत्रालय की
नस्ती पंजी
क्रमांक 2038/2017/20-4
में दिनांक 02/11/2017
को किस प्रकार
क्यों
प्रभावी होना
कहा गया है? (घ) प्रश्नांश
(ग) अनुसार क्या
इस प्रकार का
कृत्य छलकपट
पूर्ण
आपराधिक कृत्य
होने से
संबंधित
कर्मचारी के
विरूद्ध कोई कार्यवाही
की जावेगी? यदि
हाँ,
तो कब तक?
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क) जी
हाँ। प्रति संलग्न
परिशिष्ट पर
है। (ख)
जी हाँ।
प्रति संलग्न
परिशिष्ट पर
है। (ग)
स्कूल
शिक्षा विभाग
की नस्ती क्र
2038-2017-20-4
में श्री
काशीप्रसाद
साहू,
सहायक
शिक्षक का
पुनर्विलोकन
अभ्यावेदन
दि 03.08.2017
को सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
दिनांक 20.01.2000 में
पुनर्विलोकन
का प्रावधान न
होने के कारण अमान्य
किया गया था।
सामान्य
प्रशासन
विभाग के
परिपत्र
दिनांक 15.02.2010 को
संज्ञान में
लेते हुऐ स्कूल
शिक्षा विभाग
द्वारा श्री
साहू के
पुनर्विलोकन अभ्यावेदन
पर पुन:
कार्यवाही
प्रचलित की गई
है। (घ) प्रश्नांश
(ग) के प्रकाश
में
कार्यवाही
प्रचलित होने
से किसी के
विरूद्व
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
राज्य वेतन आयोग की अनुशंसाओं के संबंध में
[वित्त]
33. ( क्र. 464 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कर्मचारियों की सेवा संबंधी विसंगति को दूर करने के लिए गठित राज्य वेतन आयोग की कौन-कौन सी अनुशंसाएं वित्त विभाग ने 29 मई 2018 को राज्य मंत्रिमण्डल के समक्ष रखी थी? (ख) वित्त विभाग ने विभिन्न विभागों की अनुशंसाओं पर अपना मत व्यक्त करने के पहले क्या संबंधित विभागों का अभिमत लिया था? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या वित्त विभाग के दिनांक 29.05.2018 को राज्य मंत्रिमण्डल के समक्ष यह तथ्य रखा था कि सी.ई.ओ. जनपद पंचायत, उप जिलाध्यक्ष के नियंत्रण में काम करता है? यदि हो तो इस संबंध में शासन या विभाग से जारी किये गये आदेश की छायाप्रति देवें। (घ) यदि सी.ई.ओ. जनपद पंचायत उप जिलाध्यक्ष या एस.डी.एम. के नियंत्रण के काम नहीं करता है, तो राज्य मंत्रिमण्डल को गलत जानकारी देने के लिए कौन जिम्मेदार है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) राज्य वेतन आयोग के प्रतिवेदन के भाग-III की अनुशंसाओं को दिनांक 29.05.2018 की मंत्रिमण्डल बैठक में रखा गया था। मंत्रि-परिषद निर्णय अनुसार वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ-8-1/2015/नियम/चार, दिनांक 07.06.2018 एवं दिनांक 08.06.2018 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) संबंधित विभागों द्वारा राज्य वेतन आयोग के समक्ष तत्समय मत रखा गया था। अत: संबंधित विभागों से पुन: अभिमत लिये जाने की आवश्यकता नहीं थी। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खरगोन जिले में वर्ष 2018-19 में आवंटित बजट
[महिला एवं बाल विकास]
34. ( क्र. 472 ) श्री सचिन यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) खरगोन जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग को वर्ष 2018-19 के बजट सत्र में कुल कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है? (ख) कसरावद विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विकास कार्यों के निर्माण कार्यों के पूर्ण करने के लिए प्रश्नकर्ता द्वारा कितने पत्र जनवरी, 2013 से प्राप्त पत्रों को कब-कब प्रस्तावित किया गया एवं किन-किन माध्यमों से संबंधित विभाग को प्राप्त हुए? तत्संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित निर्माण कार्यों के प्रस्तावों की वर्तमान में अद्यतन स्थिति क्या है? कितने स्वीकृत किए गए? कितने शेष हैं? शेष के क्या करण हैं और इनकी स्वीकृति कब तक जारी कर दी जायेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) खरगोन जिले को वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल राशि रू. 3,80,13,848/- का आवंटन प्राप्त हुआ है। (ख) कसरावद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकास कार्यों के निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के लिये प्रश्नकर्ता द्वारा कोई पत्र नहीं दिया गया। अपितु विकास कार्यों की जानकारी हेतु पत्र दिया गया था, जिसका उत्तर प्रश्नकर्ता को जिला कार्यालय के पत्र क्र. 3465, दिनांक 29/09/2017 द्वारा दिया गया। (ग) प्रश्नांश 'ख' के परिप्रेक्ष्य में निर्माण कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
इंदौर जिले में अगस्त 2017 में हुए शराब घोटाला
[वाणिज्यिक कर]
35. ( क्र. 473 ) श्री सचिन यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर जिले में अगस्त 2017 में हुए शराब घोटाले से राज्य शासन को अब तक कुल कितनी राशि का घाटा हुआ है? (ख) उक्त घोटाले के अंतर्गत कितने-कितने संबंधित लोगों को अब तक गिरफ्तारी की गई एवं उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उक्त घोटाले को लेकर राज्य शासन ने अब तक कौन-कौन से कदम उठाये एवं संबंधित विभाग के किन-किन अधिकारी/कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कर अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्नानुसार राज्य शासन को हुई राजकोषीय क्षति की जाँच हेतु आबकारी आयुक्त, मध्यप्रदेश ग्वालियर द्वारा गठित विभागीय जाँच समिति की जाँच में कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी कर जमा राशि को बढ़ाकर रूपये 41,73,73,670/- कम जमा होना परिगणित किया गया, जो यथासंशोधित कर रूपये 41,65,21,890/- परिगणित किया गया। भविष्य में ए.जी.एम.पी. एवं अन्य ऑडिट रिपोर्टस के परीक्षण के आधार पर प्रस्तुत तथ्यों में परिमार्जन/परिवर्धन संभावित है। अंतिम रिपोर्ट अपेक्षित है। (ख) प्रश्नांश के सबंध में प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी हेतु पुलिस विभाग इंदौर से प्राप्त पत्र क्रमांक 18 दिनांक 12.06.2018 संलग्न परिशिष्ट पर है। विभागीय परिप्रेक्ष्य में संबंधित आरोपी अनुज्ञप्तिधारियों को अनियमितताओं के लिए कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया, उनके विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही करते हुए उनको प्रदत्त अनुज्ञप्तियों के संदर्भ में मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 के अंतर्गत लायसेंस निरस्तीकरण की कार्यवाही एवं अन्य प्रक्रियागत वैधानिक कार्यवाही की गई। (ग) आबकारी विभाग से संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी कर विभागीय जाँच संस्थित किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
कर्मचारियों की रिक्तियों एवं पदोन्नति के संबंध में
[सामान्य प्रशासन]
36. ( क्र. 489 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग के सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की पदोन्नति कब से नहीं हुई है? पदोन्नति न होने का कारण क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के कारण पदोन्नति के कितने पद कितनी अवधि से किस-किस विभाग में रिक्त हैं? पदोन्नति एवं सीधी भर्ती की रिक्तियों की स्थिति विभागवार, पदवार, जिलावार वर्गवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) जबलपुर संभाग के विभिन्न विभागों में जनवरी 2015 से विभागवार कितनी संख्या में भर्तियां की गई हैं? विभागवार, पदवार, जिलावार वर्गवार विवरण दें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य बाबत्
[ऊर्जा]
37. ( क्र. 490 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले के अंतर्गत बहोरीबंद एवं रीठी विकासखंड में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य के अंतर्गत कितने ग्रामों के मजरे टोलें वार्डो को विद्युतीकरण किया जाना प्रस्तावित किया गया? विकाससखण्डवार, ग्रामवार वार्डवार, संख्या देवें? (ख) कटनी जिले में कितने ग्रामों का सर्वे/स्थल निरीक्षण विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) के लिये कराया गया? क्या विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद के रीठी तहसील अंतर्गत ग्राम बकलेहटा रानी मुहल्ले, चहलाटोला सड़क किनारे चरगवा, इमलिया स्कूल मोहल्ला, गोदाना टोला वार्ड नं. 6 हनुमान मंदिर, नयाखेड़ा दुर्गा जी की तलैया, बरजी नागनाथ मुहल्ला, बडागॉंव डबरी मुहल्ला, नीमखेड़ा के हरिजन मुहल्ला, सलयाकुआं अमहा मुहल्ला, ककरहटा के बर्मन मुहल्ला, कुआं के कौआ रोड अादि अन्य ग्रामों का सर्वे सौभाग्य योजना के तहत हुआ? यदि नहीं, तो प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना सौभाग्य के अंतर्गत प्रश्नांकित स्थानों में कब तक बिजली की व्यवस्था होगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के स्थानों में अब तक बिजली की व्यवस्था न होने का क्या कारण है? क्या शासन/विभाग द्वारा जानबूझकर अनदेखी की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिये दोषी कौन है? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रश्नांश (ख) सहित अन्य ग्रामों/टोलो/वार्डों में बिजली की व्यवस्था हेतु कार्यालय अधीक्षण अभियंता (संचा.संधा.) एवं कार्यपालन अभियंता (संचा.संधा) कटनी को प्रेषित पत्रों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की वर्ष 2014-15 से विकासखंडवार पत्रवार, तिथिवार, कार्यवाहीवार विवरण दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) कटनी जिले के अंतर्गत बहोरीबंद एवं रीठी विकासखंडों में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजना के अंतर्गत 284 ग्रामों के 131 मजरों/टोलों एवं 1523 वार्डों का विद्युतीकरण कर शतप्रतिशत घरों को घरेलू विद्युत कनेक्शन दिया जाना प्रस्तावित है। उक्त ग्रामों, मजरों/टोलों एवं वार्डों की विकासखण्डवार संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' में दर्शाए अनुसार है। (ख) सौभाग्य योजना के अंतर्गत कटनी जिले में उत्तरांश (क) में उल्लेखित बहोरीबंद एवं रीठी विकासखंडो के 284 ग्रामों का सर्वे/स्थल निरीक्षण पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कराया गया है। जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित ग्रामों का सर्वे सौभाग्य योजनांतर्गत किया गया है तथा उक्त योजनांतर्गत चिन्हित शतप्रतिशत घरों को 31 दिसम्बर 2018 तक घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित है। (ग) वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कर उनके मजरों/टोलों/वार्डों को सामान्यतः उनकी आबादी के दृष्टिगत अधिक आबादी वाले मजरों/टोलों/वार्डों को प्राथमिकता देते हुए क्रमशः विद्युतीकृत किया जाता है जो कि एक सतत प्रक्रिया है। उक्त क्रम में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मजरों/टोलों/वार्डों में वर्तमान में सौभाग्य योजनांतर्गत विद्युतीकरण का कार्य किया जा रहा है। अतः किसी प्रकार की अनदेखी किये जाने अथवा किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित एवं अन्य ग्रामों/मजरों/टोलो/वार्डों में बिजली की व्यवस्था हेतु कार्यालय अधीक्षण अभियंता (संचा.संधा.) एवं कार्यालय कार्यपालन अभियंता (संचा.संधा.) कटनी को प्रश्नाधीन अवधि में प्रेषित पत्रों पर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गयी कार्यवाही का पत्रवार, तिथिवार एवं विकासखण्डवार विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
घोषणायें संबंधी जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
38. ( क्र. 509 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर संभाग के अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं का रिकॉर्ड रखा जाता है? (ख) मुख्यमंत्री द्वारा और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में जबलपुर संभाग अंतर्गत कब-कब क्या-क्या घोषणाएं आश्वासन, निर्देश सामूहिक मंच से किए गए? तिथि एवं विषय, घोषणाकर्ता का नाम बताएं? (ग) संभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा एवं मंत्रिमंडल के सदस्यों द्वारा वर्तमान कार्यकाल में कहाँ-कहाँ दौरे किए गयी स्थान, तिथि, कार्यक्रम का उद्देश्य बताएं? (घ) क्या जब भी उपरोक्त व्यक्तियों का दौरा होता है तो स्थानीय पुलिस और प्रशासन को सूचना रहती है? अतः सूचना पर आधारित जानकारी देवें। उक्त घोषणा पर क्या-क्या आदेश-निर्देश सरकार ने कब-कब जारी किए? उनकी प्रति बताएं।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
39. ( क्र. 510 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुए, कौन-कौन से कार्य को निविदाओं की प्रक्रिया से कराया गया तथा कौन से कार्य बगैर निविदा के कराए गए? पूर्ण विवरण देवें। (ख) वर्ष 2016 से आज दिनांक तक विभाग में किस-किस मद से कौन-कौन सी सामग्रियों की खरीदी की गई तथा उक्त खरीदी को किस प्रक्रिया के अंतर्गत संपन्न कराकर कार्य आदेश जारी किए गए। (ग) उक्त अवधि से प्रश्न दिनांक तक की समस्त प्रकार से भुगतान की गई राशि दिनांकवार मदवार, कार्य एजेंसी वार बताएं तथा यह बताएं कि राशि का भुगतान किस-किस माध्यम से किया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जनजातीय कार्य विभाग में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में स्वीकृत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विभाग द्वारा विभागीय योजना में कराये गये निर्माण कार्य निविदा आमंत्रित कर कराये गये हैं। ग्रामों में बस्ती विकास योजना के कार्य ग्राम पंचायत के माध्यम से कराये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वर्ष 2016 से आज दिनांक तक बालाघाट जिले में सामग्री खरीदी शासन के प्रावधान अनुसार कलेक्टर, द्वारा गठित जिला स्तरीय क्रय समिति के माध्यम से की गई, क्रय समिति के अनुमोदन अनुसार कार्य आदेश जारी किये गये हैं। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) उक्त अवधि में प्रश्न दिनांक तक की समस्त प्रकार से भुगतान की गई राशि का दिनांकवार, मदवार, कार्यवार, एजेंसीवार किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं सामग्री खरीदी से संबंधित भुगतान की जानकरी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। राशि का भुगतान कोषालय के माध्यम से ई-पेमेंट द्वारा किया गया है।
रिक्त पद पर क्रमोन्नति/पदोन्नति करने बाबत्
[वाणिज्यिक कर]
40. ( क्र. 523 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वाणिज्यिक कर विभाग भिण्ड/मुरैना/ग्वालियर में कौन-कौन से पद रिक्त है? क्या लेखापाल का पद भी रिक्त है? पद पूर्ति कब तक होगी? पद रिक्त होने का कारण क्या है? जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) किन-किन कर्मचारियों की क्रमोन्नति/पदोन्नति नहीं हुई? कब तक प्रथम एवं द्वितीय क्रमोन्नति हो जाएगी? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) में अर्हता पूर्ण करने के बावजूद अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई? समय पर क्रमोन्नति क्यों नहीं की गई? (घ) किस कर्मचारी के क्रमोन्नति और पदोन्नति के आदेश बंद किए गए?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वाणिज्यिक कर विभाग अंतर्गत भिण्ड/मुरैना/ग्वालियर में रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। आयुक्त, वाणिज्यिक कर के अंतर्गत भिण्ड में 01 मुरैना में 01 एवं ग्वालियर में लेखापाल के 03 पद, आबकारी आयुक्त, म.प्र. के अंतर्गत जिला भिण्ड में 01 तथा मुरैना में 01 पद रिक्त है। सीधी भर्ती के 5 प्रतिशत पद नियमानुसार भरे जाने का प्रावधान है तथा इससे अधिक रिक्तियों को भरे जाने हेतु वित्त विभाग की सहमति आवश्यक है। जहां तक पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों की रिक्तियों की पूर्ति का प्रश्न है इस संबंध में यह उल्लेखनीय है कि पदोन्नति में आरक्षण संबंधी मामला माननीय उच्चतम न्यायालय में लंबित है एवं इस संबंध में नवीन दिशा निर्देश विभाग में प्राप्त नहीं हुए हैं। (ख) प्रश्नगत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) प्रश्नगत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (घ) प्रश्नगत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है।
विद्युतीकरण का सत्यापन
[जनजातीय कार्य]
41. ( क्र. 532 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 20 (क्र. 313) उत्तर दिनांक 28 फरवरी, 2018 के प्रश्नांश (क) में विधान सभा क्षेत्र मऊगंज-71 अंतर्गत संचालित एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना पिपराही में प्राप्त राशि से वर्ष 2010-11 से लेकर वर्ष 2014-15 तक विद्युतीकरण कराया गया, जिसमें भारी अनियमितता के परीक्षण हेतु उच्च स्तरीय समिति गठित कर जाँच कराये जाने का पत्राचार आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखा गया था, जिसके उत्तर में जी हाँ बताया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कार्यालय कलेक्टर (अनु.जाति कल्याण एवं जनजातीय कार्य विभाग) जिला रीवा के पृष्ठा. पत्र क्र. 6026, दिनांक 12.02.2018 से अवगत कराया गया कि संचालक आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं म.प्र. के पत्र क्र. 3275, दिनांक 04.10.2017 के तारतम्य में तीन सदस्यीय जाँच हेतु समिति गठित की गई है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो क्या जाँच समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन तीन दिवस के अंदर प्रस्तुत करने हेतु लेख किया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में क्या जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है? यदि हाँ, तो उपलब्ध करावें। जाँच प्रतिवेदन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। नहीं की गई तो कारण स्पष्ट करें? की जावेगी तो समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। कलेक्टर रीवा के आदेश, जिसमें जाँच समिति गठित की गई थी, उसमें तीन दिवस में जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश थे। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के प्रकाश में जाँच प्रतिवेदन अभी प्राप्त नहीं हुआ है। जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शीघ्र जाँच पूरी कराकर जाँच निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जावेगी।
विद्युत सब-स्टेशन की स्थापना एवं निर्माण बाबत्
[ऊर्जा]
42. ( क्र. 533 ) श्री सुखेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न (क्र. 312) दिनांक 28/02/18 के प्रश्नांश (क) में पूछा गया था कि पत्र क्रमांक क्यू. दिनांक 13.11.2017 द्वारा माननीय ऊर्जा मंत्री महोदय को (तहसील हनुमना जिला रीवा अंतर्गत) ग्राम पंचायत हाटा एवं पिपराही में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत सब-स्टेशन खोले जाने हेतु पत्र लिखा गया था? प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित पत्र क्र. 2548 दिनांक 17.10.2017 से प्रश्नाधीन कार्य के संबंध में वस्तुस्थिति की जानकारी अवर सचिव ऊर्जा विभाग भोपाल को प्रेषित की गई थी, की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उल्लेखित प्रश्न के प्रश्नांश (ग) एवं (घ) के उत्तर में पू.क्षे.वि.वि.क्र. द्वारा क्या वर्ष 2018-19 की कार्ययोजना में सम्मिलित किया जा चुका है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो उक्त कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ, माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी विधानसभा प्रश्न क्रमांक 312 दिनांक 28.02.2018 के प्रश्नांश (क) में चाही गई थी। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 312 दिनांक 28.02.2018 के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित पत्र क्रमांक 2548, दिनांक 17.10.2017 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) विधानसभा क्षेत्र मऊगंज के अन्तर्गत ग्राम पिपराही तहसील हनुमना के आस-पास के क्षेत्र का 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र खटकरी से निर्गमित 11 के.व्ही. पिपराही फीडर द्वारा विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त पिपराही फीडर के अंतिम छोर पर निर्धारित मानकों के अनुरूप वोल्टेज नहीं मिलने के दृष्टिगत विद्युत प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार हेतु 11 के.व्ही. फीडर पिपराही की लंबाई/भार कम करने के लिए नए 33/11 के.व्ही. घोघम उपकेन्द्र से ग्राम वीरादेई तक 5 कि.मी. 11 के.व्ही.लाईन इंटरलिंकिंग कार्य अक्टूबर, 2018 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
अनुसूचित जाति के लोगों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
43. ( क्र.
541 ) श्री
मुकेश पण्ड्या
: क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह बताने
की कृपा
करेंगे कि
(क) बड़नगर
विधानसभा
क्षेत्र में
अनुसूचित
जाति संवर्ग
में किस-किस
जाति के लोग
निवासरत् है? ग्रामवार, जातिवार
जानकारी
प्रदान करें। (ख) जन
जाति के
सेवार्थ और
लाभार्थ
कौन-कौन सी
योजनाएं
तहसील में
संचालित की जा
रही है? योजना की
सम्पूर्ण
जानकारी
प्रदान
करें। (ग) दिसम्बर
2013
से प्रश्न
दिनांक तक
किस-किस योजना
में कितने-कितने
लोग
लाभान्वित
हुए है? योजनावार, ग्रामवार
लाभान्वितों
की संख्यात्मक
जानकारी
अलग-अलग सत्र
की पृथक-पृथक
प्रदान करें।
मुख्यमंत्री
( श्री शिवराज
सिंह चौहान ) : (क)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। (ख) महाविद्यालयीन
पोस्ट
मैट्रिक
छात्रवृत्ति, आवास
सहायता, छात्रावास
आश्रम, अनुसूचित
जनजाति बस्ती
विकास, अनुसूचित
जनजाति मजरे
टोलों का विद्युतिकरण
एवं अनुसूचित
जनजाति के
कृषकों के कुओं
तक विद्युत
लाईन का विस्तार, आदिवासी
वित्त एवं
विकास निगम, संघ
लोक
सेवा/एम.पी.पी.एस.सी.
सिविल सेवा
प्रोत्साहन
योजना, नई दिल्ली
स्थित विशेष
कोचिंग सेंटर
में तैयारी
हेतु प्रवेश
योजना, विद्यार्थी
कल्याण
योजना तथा
विदेश अध्ययन
छात्रावास
योजनाएं
संचालित की जा
रही हैं। (ग)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है।
आर्थिक अपराध अन्वेक्षण ब्यूरों में प्राप्त शिकायतें
[सामान्य प्रशासन]
44. ( क्र. 542 ) श्री मुकेश पण्ड्या : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी शिकायतें आर्थिक अपराध अन्वेक्षण ब्यूरों म.प्र. में पंजीबद्ध है (ख) पंजीबद्ध शिकायतों में से कितनी शिकायतें वर्तमान में जांच कार्यवाही से लम्बित है? (ग) कौन-कौन सी शिकायतें लम्बित है तथा इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी निरंक है।
कर्मचारियों को पद से पृथक करना
[महिला एवं बाल विकास]
45. ( क्र. 554 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा क्या ग्वालियर जिले में 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक तमाम महिलाकर्मियों को उनके पद से पृथक किया गया है? यदि हाँ,? तो उन्हें पद से पृथक करने के कारण सहित महिलाकर्मियों की सूची जनपद पंचायतवार, ग्रामपंचायतवार, पदवार उपलब्ध कराई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही में क्या सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों का महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समुचित रूप से पालन किया गया है? यदि नहीं,? तो जल्दबाजी में यह कदम क्यों और किस अधिकारी द्वारा उठाया गया है? उनका नाम, पद बतावें? क्या आरोपी महिलाकर्मियों को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिये क्या समुचित समय एवं अवसर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) महिला एवं बाल विकास विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी विधानसभा क्षेत्र भितरवार में पदस्थ है उनका नाम, पद, मुख्यालय तथा पदस्थापना दिनांक बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ। ग्वालियर जिले में 01 जनवरी 2016 से पृथक किये गये महिलाकर्मियों की जनपद पंचायतवार, ग्रामपंचायतवार, पदवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार महिलाकर्मियों को विभाग के द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार पद से पृथक किया गया है। अतः शेष का कोई प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है।
प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 555 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाने हेतु ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितनी ग्राम पंचायतों के कितने परिवारों का 31 मई 2018 तक की स्थिति में चयन किया गया है? पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) भितरवार, डबरा एवं ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों की इस योजना के अन्तर्गत चयनित परिवारों की कुल संख्यावार अलग-अलग विधानसभावार संख्यात्मक जानकारी बतावें? (ग) उक्त योजना के तहत ग्वालियर जिले के लिए कितना लक्ष्य प्राप्त हुआ है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) उक्त चयनित लोगों/परिवारों को कब तक योजना का लाभ दिया जाएगा? एक निश्चित समय-सीमा स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) के तहत निःशुल्क विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवाए जाने हेतु ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में 123 ग्राम पंचायतों के कुल 1597 परिवारों को चिन्हित किया गया है जिनकी ग्राम पंचायतवार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन योजनांतर्गत भितरवार, डबरा एवं ग्वालियर (ग्रामीण) विधानसभा क्षेत्रों में क्रमश: 7340, 9235 एवं 3752 परिवारों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने हेतु चिन्हित किया गया है। (ग) उक्त योजना के तहत ग्वालियर जिले के लिए कुल 20375 चयनित परिवारों को कनेक्शन देने का लक्ष्य है। उक्त योजनांतर्गत चयनित परिवारों को कनेक्शन देने हेतु वर्षवार लक्ष्यों का निर्धारण नहीं किया गया है। (घ) सौभाग्य योजना के तहत् चिन्हित परिवारों को 31 दिसम्बर 2018 तक लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अनुसुचित जाति के व्यक्तियों के लिये जाति प्रमाण बनाने बाबत
[सामान्य प्रशासन]
47. ( क्र. 559 ) श्री दिलीप सिंह शेखावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसुचित जाति के व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने हेतु क्या नियम, निर्देश है, इसमें कितने साल का निवास प्रमाणीकरण आवश्यक है? (ख) इस वर्ग के व्यक्तियों के प्रमाण पत्र हेतु सरलीकरण की क्या योजना है। (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद के विद्यालयों में इस वर्ग के कितने छात्रों के जाति प्रमाण पत्र बना दिये गये है एवं कितने विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र बनाना बाकी है? संख्यात्मक जानकारी विद्यालयवार उपलब्ध करावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा चुका है। सरलीकृत निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) नागदा में कुल 213, शेष 85, खाचरोद में कुल 10382 शेष 230, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' एवं ''तीन'' अनुसार।
अनुसूचित जाति एवं अनु-जनजाति विकास बस्ती योजना के सम्बन्ध में
[जनजातीय कार्य]
48. ( क्र. 562 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला ग्वालियर में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा अनुसूचित जाति एवं अनु-जनजाति विकास बस्ती योजनांतर्गत वर्ष २०१५-१६ से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत विभिन्न निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृत राशि एवं अभी तक व्यय की गई राशि की विस्तृत जानकारी सहित पूर्ण/अपूर्ण कार्यवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) ग्वालियर जिले में अनुसूचित जनजाति/सहरिया हितग्राहियों को वर्ष २०१५-१६ से २०१८-१९ में प्रश्न दिनांक तक स्वरोजगार हेतु किस ग्राम के किस व्यक्ति को किस प्रयोजन हेतु कितनी राशि/ सामग्री/उपकरण का अनुदान स्वीकृत कर प्रदाय किया गया वर्षवार पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) ग्वालियर जिले में अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत निर्माण कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्वालियर जिले में अनुसूचित जनजाति/सहरिया हितग्राहियों को वर्ष 2015-16 से 2018-19 में प्रश्न दिनांक तक स्वरोजगार हेतु राशि प्राप्त नहीं हुई है।
सामग्री एवं उपकरणों का क्रय बाबत्
[महिला एवं बाल विकास]
49. ( क्र. 564 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला स्तर पर सामग्री/उपकरण क्रय करने हेतु क्या नियम/आदेश हैं की प्रति उपलब्ध करावें तथा वर्ष २०१५-१६ से २०१७-१८ में जिला स्तर पर क्रय समिति में कौन कौन अधिकारी शामिल किये गये नाम एवं पदनाम सहित बतावें। (ख) जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी ग्वालियर द्वारा वर्ष २०१५-१६ से २०१८-१९ में प्रश्न दिनांक तक किस फर्म/संस्था से क्या-क्या सामग्री एवं उपकरण किस दर से कितनी कितनी मात्रा में क्रय कर कितन कितनी राशि भुगतान की गई प्रत्येक देयक की प्रति के साथ जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार वर्ष २०१५-१६ से २०१८-१९ में प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन/संचालनालय से प्राप्त सामग्री/उपकरणों को किस अधीनस्थ संस्था में किस दिनांक को कितनी सामग्री/उपकरण प्रदाय किये गये वर्षवार पृथक पृथक सूची उपलब्ध करावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) शासकीय विभाग में सामग्री क्रय हेतु म.प्र. शासन, वाणिज्य, उद्योग और रोजगार विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2012/अ-11/ भोपाल दिनांक 08/07/2015 द्वारा भण्डार क्रय तथा सेवा उपर्जान नियम 2015 लागू है। इन नियमों के अंतर्गत आदेश क्रमांक क्यू-19/मस/लेखा/2015-16/128-129/दिनांक 15/01/2016 द्वारा जिला स्तर विभागीय क्रय समिति का गठन किया गया। जिला स्तर पर गठित समिति में शामिल अधिकारी के नाम एवं पदनाम सहित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास एवं जिला महिला सशक्तिकरण अधिकारी कार्यालयों द्वारा क्रय सामग्री की पृथक-पृथक जानकारी क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है, साथ ही देयक की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के पृष्ठ क्रमांक 01 से 29 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' अनुसार वर्ष 2015-16 से 2018-19 में प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन/संचालनालय से प्राप्त सामग्री/ उपकरणों की अधीनस्थ संस्था को प्रदान की गई सामग्री/उपकरण की वर्षवार पृथक-पृथक सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
अनुसूचित जाति छात्रावासों में अधीक्षकों का स्थान परिवर्तन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
50. ( क्र. 567 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिलों में संस्था अधीक्षको को कितनी अवधि के लिये एक संस्था एवं एक मुख्यालय पर रखा जा सकता है इस संबंध में कोई नीति हो तो बतायें। (ख) कितने जिलों में संस्था अधीक्षक एक ही संस्था एवं एक ही मुख्यालय पर तीन वर्ष से अवधि के पदस्थ हैं जिला, संस्थावार उक्त सूची बतायें। (ग) प्रश्नांश 'क एवं ख' अनुसार यदि नीति है तो इस नीति के तहत सभी जिलों में पालन हेतु शासन/विभाग द्वारा कोई समय-सीमा तय की गई है यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) उक्त नीति के पालन हेतु विभाग द्वारा समाधानकारक दिशा-निर्देश कब तक जारी किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) अनुसूचित जाति कल्याण द्वारा संचालित छात्रावासों में पदस्थ अधीक्षकों की स्थापना जनजातीय कार्य विभाग के अधीन है। जनजातीय कार्य विभाग द्वारा जारी नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनजातीय छात्रावासों में अधीक्षकों का स्थान परिवर्तन बाबत्
[जनजातीय कार्य]
51. ( क्र. 568 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा जिलों में संस्था अधीक्षकों को कितनी अवधि के लिये एक संस्था एवं एक मुख्यालय पर रखा जा सकता है इस संबंध में कोई नीति हो तो बतायें। (ख) कितने जिलों में संस्था अधीक्षक एक ही संस्था एवं एक ही मुख्यालय पर तीन वर्ष से अवधि के पदस्थ है जिला, संस्थावार उक्त सूची बतायें। (ग) प्रश्नांश 'क एवं ख' अनुसार यदि नीति है तो इस नीति के तहत सभी जिलों में पालन हेतु शासन/विभाग द्वारा कोई समय-सीमा तय की गई है यदि नहीं, तो कारण बतायें? (घ) उक्त नीति के पालन हेतु विभाग द्वारा समाधानकारक दिशा निर्देश कब तक जारी किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय के पत्र क्र./एफ 12-11/2006/25-2/507 दिनांक 16.03.2015 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार तथा दिनांक 13.09.2017 को जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ, परन्तु वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण व्यावहारिक रूप से पालन करने में बाधा आ रही है।
विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली सब्सिडी के संबंध में
[वित्त]
52. ( क्र. 572 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक विभिन्न योजनाओं में राज्य शासन द्वारा दी गई सब्सिडी की जानकारी योजना अनुसार तथा वित्तीय वर्ष अनुसार दे?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 से वित्तीय वर्ष 2016-17 तक विभिन्न योजनाओं के लिये वर्षवार एवं योजनावार, राज्य शासन द्वारा दी गई सब्सिडी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। वित्तीय वर्ष 2017-18 की अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किये गये हैं। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति जनजाति विकास बस्ती योजना के लंबित प्रस्ताव
[अनुसूचित जाति कल्याण]
53. ( क्र. 575 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजना में कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृति अथवा राशि आवंटन की प्रत्याशा में प्रश्न दिनांक तक लंबित है? नाम सहित बतावें? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्राम बांसखों में मांगलिक भवन निर्माण कार्य लागत राशि रूपये 10 लाख एवं ग्राम आगर की हाथियाखों मजरा-टोला में सी.सी. रोड निर्माण कार्य लागत राशि रूपये 2 लाख तथा ग्राम पंचायत खानपुरा के ग्राम अरन्या में शाला बाउण्ड्रीवाल निर्माण कार्य लागत रूपये 5 लाख के प्रस्ताव जिला प्रभारी मंत्री से अनुमोदित होकर स्वीकृत है, लेकिन धनराशि आवंटन की प्रत्याशा में प्रश्न दिनांक तक उक्त कार्यों को कराया जाना संभव नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन उक्त लंबित प्रस्तावों में धनराशि आवंटन व प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उपरोक्तानुसार प्रश्नांश (क) वर्णित लंबित प्रस्तावों में स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक प्रशासकीय स्वीकृति व धनराशि आवंटन कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2018-19 में प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। बजट आवंटन की प्रत्याशा में कोई कार्यवाही लंबित नहीं है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2018-19 में प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। बजट आवंटन की प्रत्याशा में कोई कार्यवाही लंबित नहीं है। ग्राम पंचायत खानपुरा के ग्राम अरन्या में शाला भवन बाउन्ड्रीवाल निर्माण कार्य अनुसूचित जाति/जनजाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत नियमों में नहीं होने से स्वीकृत नहीं किया गया है। (ग) प्रशासकीय स्वीकृति एवं धनराशि का आवंटन, कार्य एजेंसी को प्रदाय किये जाने की कार्यवाही जिले द्वारा की जा रही है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
132 के.व्ही.सुठालिया सबस्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
54. ( क्र. 576 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 891 दिनांक 28 फरवरी 2018 के उत्तर में बताया गया था कि 132 के.व्ही. सुठालिया का निर्माण कार्य जायका (जापान इन्टरनेशनल को ऑपरेशन एजेंसी) से प्राप्त ऋण के अंतर्गत प्रस्तावित है। जायका में शामिल कार्यों के लिये निविदा आमंत्रित किये जाने के लिये निविदा दस्तावेज स्वीकृति हेतु जायका कार्यालय, जापान भेजे गये हैं। जायका की स्वीकृति क्या अभी तक अप्राप्त है? क्या स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् ही उपरोक्त कार्य की निविदा जारी की जा सकेगी? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक जायका से स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है अथवा नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त संबंध में अद्यतन स्थिति क्या है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, राजगढ़ जिले के ब्यावरा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 132 के.व्ही. उपकेन्द्र सुठालिया का निर्माण कार्य स्वीकृत जायका ऋण के अन्तर्गत प्रस्तावित है। जायका से निविदा दस्तावेज की स्वीकृति दिनांक 20.02.2018 को प्राप्त हो चुकी है। स्वीकृति उपरांत दिनांक 01.03.2018 को निविदा जारी कर माह मई, 2018 में उक्त निर्माण कार्य की निविदा खोल ली गई है। उपकेन्द्र के निर्माण हेतु कार्यादेश जारी किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मंदसौर विधान सभा में विभिन्न विभागों में निर्माण कार्य
[सामान्य प्रशासन]
55. ( क्र. 577 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक विभाग में कितने-कितने पद किस-किस तरह के स्वीकृत है कितने कार्यरत है कितनो के खिलाफ आर्थिक एवं अन्य अनियमितता की जाँच चल रही है अवगत कराये? (घ) मंदसौर विधान सभा में विभिन्न विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति के कितने प्रकरण किस-किस के किन-किन कारणों से वर्तमान में लंबित है प्रकरणों की जानकारी नामवार उपलब्ध कराये?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
उज्जैन संभाग में चोरी हुए विद्युत तार, ट्रान्सफार्मर एवं अन्य उपकरण
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 578 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 के पश्चात उज्जैन संभाग में किन-किन स्थलों पर, किस-किस विद्युत उपकरण, तार, ट्रांसफार्मर अन्य की चोरी की घटना कब-कब घटित हुई तथा कितनी राशि का नुकसान ऊर्जा विभाग को हुआ? (ख) उपरोक्त चोरी हुए सामग्री की कब-कब, किस-किस थानों में रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी, कहाँ-कहाँ कितनी चोरी गयी सामग्री पकड़ाई गयी? कहाँ-कहाँ चोरी में विद्युत विभाग के कर्मचारी का ही सलग्न होना पाया गया? (ग) क्या चोरी हुये तार ट्रान्सफार्मर एवं अन्य सामग्री के स्थान पर नए तार ट्रान्सफार्मर लगा दिए गये है, यदि नहीं, तो, कब तक लगा दिए जायेंगे? इन्हें पुन: लगाने के सम्बन्ध में कितनी-कितनी राशि के प्रस्ताव कब-कब, भोपाल भेजे गये? विवरण देवे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) 1 जनवरी-2014 के पश्चात् उज्जैन राजस्व संभाग में विद्युत उपकरण, तार, ट्रांसफार्मर एवं अन्य विद्युत सामग्री की चोरी की घटनाओं की जिलेवार, दिनांकवार, सामग्रीवार एवं स्थलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' से 'अ-7' अनुसार है। उक्त विद्युत सामग्री की चोरी से पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को राशि रू. 4,18,29,648/- का नुकसान हुआ है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में हुई विद्युत सामग्री की चोरी के कतिपय प्रकरणों में पुलिस विभाग द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई हैं एवं अन्य प्रकरणों में सूचना संबंधित पुलिस थाने में प्रेषित की गई है, जिसकी जानकारी एवं चोरी गई विद्युत सामग्री बरामद होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' से 'अ-7' अनुसार है। किसी भी विद्युत सामग्री चोरी के प्रकरण में विद्युत कंपनी का कोई भी कर्मचारी संलिप्त होना नहीं पाया गया। (ग) जी हाँ, शाजापुर जिले में 07 स्थानों पर हुई विद्युत सामग्री चोरी के स्थानों को छोड़कर अन्य सभी जगहों पर चोरी हुये विद्युत तार, ट्रांसफार्मर एवं अन्य विद्युत सामग्री के स्थान पर नये विद्युत तार, ट्रांसफार्मर एवं अन्य विद्युत सामग्री लगा दी गई है। शाजापुर जिले के उक्त 07 स्थानों पर दिनांक 31.07.2018 तक आवश्यक सामग्री लगा दी जावेगी। विद्युत कंपनी क्षेत्रान्तर्गत किसी भी स्थान पर चोरी गई विद्युत सामग्री को पुन: लगाने के संबंध में प्रस्ताव राज्य शासन (भोपाल) को प्रेषित नहीं किये जाते, अपितु चोरी गई विद्युत सामग्री के प्रस्ताव उनकी प्राक्कलन राशि के अनुरूप सक्षम अधिकारी (संबंधित कार्यपालन यंत्री/अधीक्षण यंत्री) को स्वीकृति हेतु वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय द्वारा प्रेषित किये जाते हैं। शाजापुर जिले में 07 स्थानों पर चोरी के प्रकरणों में पुन: सामग्री लगाने हेतु राशि रू. 22,74,520/- के प्रस्ताव सक्षम अधिकारी को प्रेषित किये जा चुके हैं। प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर कार्यादेश जारी कर दिये गये। उक्त कार्य दिनांक 31.07.2018 तक पूर्ण कर दिये जावेंगे।
आंगनवाड़ी केन्द्र विहीन ग्रामों में नवीन मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने
[महिला एवं बाल विकास]
57. ( क्र. 583 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ विधानसभा में विकासखण्ड खिलचीपुर के कुल कितने ग्राम सम्मिलित हैं उनमें से कितने ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है तथा कितने ग्राम आंगनवाड़ी विहीन हैं। (ख) उक्त आंगनवाड़ी विहीन ग्रामों में से कितने ग्रामो में जनसंख्या मापदण्डानुसार मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की पात्रता रखते हैं। (ग) उक्त पात्रता रखने वाले ग्रामों में कब तक मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत कर दिये जावेगें। (घ) साथ ही उपरोक्त ग्रामों में से ऐसे कितने ग्राम ऐसे है जिनमें मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है परन्तु वे वर्तमान की जनसंख्या के मान से आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की पात्रता रखते है? उन ग्रामों में कब तक मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र को आंगनवाड़ी केन्द्रो में उन्नयन किया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) राजगढ़ विधानसभा के विकासखण्ड खिलचीपुर में कुल 203 ग्राम है, 65 ग्रामों में 76 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 83 ग्रामों में 83 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है, 55 ग्राम, आंगनवाड़ी केन्द्र विहीन है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 55 आंगनवाड़ी विहीन ग्रामों में से 25 ग्राम ऐसे है जो भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्या मापदण्डों के अनुसार मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की पात्रता को पूरी करते है। (ग) नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में उक्त ग्रामों के लिये नवीन मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने हेतु विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर नवीन मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जावेगा। (घ) विधानसभा क्षेत्र राजगढ़ के विकासखण्ड खिलचीपुर के 83 ग्रामों में 83 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से 15 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र ऐसे है जो भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने हेतु जनसंख्या मापदण्डों को पूरा करते है। भारत सरकार के नियमों में मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों को आंगनवाड़ी केन्द्र में उन्नयन करने का कोई प्रावधान नहीं है।
नवीन परियोजना कार्यालय खोलने बावत
[महिला एवं बाल विकास]
58. ( क्र. 584 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन के परियोजना कार्यालय खोले जाने के वर्तमान में क्या निर्देश है? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कुल कितने परियोजना कार्यालय कहाँ-कहाँ पर कब से संचालित हैं? (ग) क्या 100 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 1 लाख की जनसंख्या पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के निर्देश है? (घ) यदि हाँ, तो राजगढ़ विधानसभा की विकासखण्ड खिलचीपुर के 100 आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा 1 लाख की जनसंख्या हेतु नवीन परियोजना कार्यालय कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ड.) क्या राजगढ़ विधानसभा में छोटे-छोटे ग्राम एवं मजरे-टोले अधिक होने के कारण पर्यवेक्षक के अतिरक्ति पद स्वीकृत किये जावेगें यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) परियोजना कार्यालय खोलने के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. परियोजना कार्यालय का नाम कब से संचालित
1 राजगढ़ वर्ष 1997 से
2 खुजनेर वर्ष 2009 से
3 खिलचीपुर वर्ष 1990 से
(ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) नवीन परियोजना कार्यालय खोलने के संबंध में स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ड.) पर्यवेक्षक पद की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी जाती है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
आश्रम/छात्रावासों में कार्यरत श्रमिकों को कलेक्टर दर पर भुगतान किये जाने
[अनुसूचित जाति कल्याण]
59. ( क्र. 590 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ सतना जिले के अंतर्गत विभाग द्वारा संचालित आश्रम/छात्रवासों में कार्य कर रहे रसोईया, वाटरमैन, चौकीदार को कलेक्टर दर पर कितना-कितना मानदेय वर्तमान में दिया जा रहा है पदवार मानदेय की जानकारी देवें? (ख) कार्य कर रहे श्रमिकों को कौन सी श्रेणी में रखा गया है विवरण सहित बताएं? (ग) क्या इस भीषण महंगाई में उक्त श्रमिकों को दिया जा रहा 4000 रूपये मानदेय पर्याप्त है? यदि नहीं, तो इन श्रमिकों के मानदेय में बढ़ोत्तरी करते हुए कलेक्टर दर पर भुगतान करने के आदेश प्रसारित किये जायेंगे, यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या श्रम विभाग के नियम इन पर लागू नहीं होते हैं? यदि होते हैं तो क्या समय-समय पर श्रमायुक्त इन्दौर द्वारा जारी आदेशों के अनुसार मानदेय दिए जाने के आदेश विभाग को दिए जायेंगे साथ ही यह भी बताएं कि क्या प्रश्नांश (क) अनुसार संचालित आश्रम/छात्रावासों में रिक्त पदों पर कार्यरत श्रमिकों को अनुभव के आधार पर नियमित करने की कार्यवाही की जाएगी यदि की जावेगी तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रदेश के अन्य जिलों के साथ साथ सतना जिले में संचालित विभागीय छात्रावास/आश्रमों में कार्य कर रहे रसोईया, वाटरमैन, चौकीदार को कलेक्टर दर पर रूपये 7125/- मासिक मानदेय दिया जा रहा है। (ख) छात्रावास/आश्रमों में कार्य कर रहे श्रमिक नियमित कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी (कलेक्टर दर) तथा अंशकालिक कर्मचारी के रूप में कार्यरत हैं। (ग) वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 8-3/2015/नियम/चार, दिनांक 27 मार्च, 2015 द्वारा अंशकालिक श्रमिकों को रू. 4000/- प्रतिमाह मानदेय हेतु जारी किया गया तथा वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ 8-3/2015/नियम/चार, दिनांक 23 मई, 2018 द्वारा 1 अप्रैल, 2018 से वृद्धि कर रू. 5000/- निर्धारित किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्रम विभाग के नियम लागू होते हैं। श्रम विभाग के नियमानुसार दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को कलेक्टर दर का मानदेय दिया जा रहा है। दैनिक वेतनभोगी (कलेक्टर दर) के चतुर्थ श्रेणी रसोईया, वाटरमैन एवं चौकीदार को मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार स्थायी कर्मी विनियमित किया जा रहा है।
अ.जा./अ.ज.जा. के अधिकारी/कर्मचारियों को पदोन्नति
[सामान्य प्रशासन]
60. ( क्र. 591 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा माननीय सुप्रीमकोर्ट के अंतिम निर्णय आने के पूर्व से ही प्रदेश के विभिन्न विभागों में आरक्षित वर्ग के पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा अजाक्स के सम्मेलन एवं विधानसभा सदन के अन्दर घोषणा की गई थी कि पदोन्नति में आरक्षण संबंधी संसोधन विधेयक लाकर ठोस कानून बनाया जायेगा एवं कमेटी बनाकर सुझाये गये अनुशंसाओं के आधार पर विधेयक पारित कराया जायेगा? क्या उक्त कमेटी द्वारा अपना अभिमत शासन को सौंप दिया गया या नहीं? यदि सौंपा गया तो अभी तक इस पर अमल क्यों नहीं किया गया है? (ग) क्या सुप्रीम कोर्ट द्वारा अ.जा./अ.ज.जा. अत्याचार निवारण अधिनियम के खिलाफ की गई टिप्पणी के बाद प्रदेश में 02 अप्रैल, 2018 को भारत बंद के दौरान इन वर्गों के ऊपर झूठे/फर्जी मुक़दमे लाद कर जेलों में बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अधिनियम के संबंध में म.प्र. शासन द्वारा पूर्व की भांति एक्ट का पालन कराया जायेगा या सुप्रीम कोर्ट के टिप्पणी के आधार पर निर्णय लिया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। मान. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित निर्णय के विरूद्ध मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटीशन दायर की गई है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन
[महिला एवं बाल विकास]
61. ( क्र. 596 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत किन-किन विभागीय सेवाओं के कितने आवेदन दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक पदाविहीत अधिकारी के कार्यालयों में प्राप्त हुये एवं किन-किन आवेदनों का समय बाहय निराकरण किया गया तथा मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 17.09.2010 के नियम-03 अनुसार आवेदन प्राप्त करने एवं अभिस्वीकृति जारी करने हेतु कार्यालयों में कब-कब एवं किस-किसको प्राधिकृत किया गया, पदाभिहीत अधिकारी कार्यालयवार बताये और आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्राप्त आवेदनों, अपीलों को नियम 16 के तहत पंजी संधारित किये जाने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो संधारित पंजी उपलब्ध कराये और किन-किन समय बाह्य आवेदनों के प्रकरणों में सुनवाई कर शास्ति प्रस्तावित/अधिरोपित की गई एवं किन प्रकरणों में नहीं पृथक-पृथक बतायें। (ग) परियोजना कार्यालय में आंगनवाड़ी कार्यकताओं के माध्यम से कितने आवेदन जमा हुये तथा आवेदनों की अभिस्वीकृति दिनांक, किस आधार पर तय की गई, जब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का आवेदन प्राप्त हुआ अथवा परियोजना कार्यालय में जमा हुआ और यदि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा कई दिनों के पश्चात आवेदन परियोजना कार्यालय में प्रस्तुत किया गया तो उन दिनों की समय-सीमा की पूर्ति किस आधार पर की जायेंगी? (घ) प्रश्नांश (ग) कितने आवेदन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा विलम्ब से पहुचाये गये तथा अभिस्वीकृति प्रदान किया गया है, शास्ति अधिरोपित करने की कार्यवाही किस प्रकार एवं कब तक की जायेंगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) कटनी जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत पदाभिहित अधिकारी कार्यालयों में दिनांक 01/01/2017 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय सेवा पूरक पोषण आहार अंतर्गत कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ एवं विभागीय सेवा लाडली लक्ष्मी योजना अंतर्गत लाभ प्रदाय करने कुल 9458 आवेदन प्राप्त हुए एवं 11 आवेदनों का समय-सीमा बाह्य निराकरण किया गया. मध्यप्रदेश राज्य पत्र दिनांक 17/09/2010 के नियम 03 अनुसार आवेदन प्राप्त करने, अभिस्वीकृति जारी करने एवं पदाविहित अधिकारी कार्यालयों में अधिकृत किये गए अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” अनुसार है। (ख) जी हाँ। संधारित पंजियों एवं समय-सीमा बाह्य प्रकरणों के सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- “ब” अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से परियोजना कार्यालय को कुल 9381 आवेदन प्राप्त हुए. आवेदनों की अभिस्वीकृति का दिनांक परियोजना कार्यालय में आवेदन प्राप्त होने के दिनांक से निर्धारित की गयी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पंजीकृत गर्भवती महिला के कन्या प्रसव पर तत्काल पात्रतानुसार योजना का आवेदन तैयार कर पर्यवेक्षक के माध्यम से पदाभिहित अधिकारी को प्रस्तुत करती है। जिसके लिए कोई समय-सीमा प्रावधानित नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विद्युतीकरण एवं मरम्मत/संधारण कार्य
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 597 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-917 दिनांक-28.02.2018 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर में ठेकेदार एजेंसी के देयकों से लिक्विडेटेट डैमेज की राशि वसूली हेतु कार्यवाही किये जाने की जानकारी दी गई है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही वसूली गई राशि और इस बावत् किये गये आदेश क्या थे? (ख) संदर्भित प्रश्न के प्रश्नांश (ग) के उत्तरानुसार डी.आर.सी. प्रकोष्ट के अधिकारियों एवं अन्य द्वारा निरीक्षण में क्या कमिया/त्रुटियां पाई गई और इन कमियों को ठेकेदार द्वारा कब-कब एवं किस प्रकार दूर किया गया बतायें और दिये गये निरीक्षण प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। (ग) मुडवारा विधानसभा अंतर्गत विद्युत लाइनों के संधारण एवं मरम्मत का कार्य विगत 01 वर्ष से किस प्रकार किया जा रहा है? क्या कटनी नगर में संधारण का कार्य किसी ठेकेदार एजेंसी को दिया गया है? यदि हाँ, तो किसे और किन शर्तों एवं कार्यादेशों के अध्याधीन? ठेकेदार एजेंसी को कितनी राशि का भुगतान किया जायेगा? यह भी बतायें। (घ) कटनी नगर में विद्युत लाइनों एवं ट्रांसफार्मरों की मरम्मत एवं संधारण हेतु विगत 01 वर्ष में क्या-क्या कार्य किये गये और इसमें कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? यदि पूर्व में विभागीय तौर पर मरम्मत/संधारण का कार्य किया जाता था तो वर्तमान में ठेकेदार एजेंसी से मरम्मत/संधारण का कार्य कराये जाने का औचित्य बतायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) जी हाँ। संबंधित ठेकेदार/फर्म द्वारा कार्य पूर्णता हेतु निर्धारित अवधि उपरांत पूर्ण किये गये कार्यों के देयक दिनांक 11.06.18 तक जमा नहीं किये जाने के कारण लिक्विडेटेड डैमेज की राशि की कटौती नहीं की जा सकी है। ठेकेदार/फर्म द्वारा देयक जमा करने के उपरांत ही लिक्विडेटेड डैमेज की राशि की कटौती किया जाना संभव हो सकेगा। लिक्विडेटेड डैमेज काटने संबंधी निविदा की सामान्य शर्तों की कण्डिका 21.2 की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 917 दिनांक 28.02.2018 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में डी.आर.सी. प्रकोष्ठ के अधिकारियों एवं अन्य द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान पायी गई कमियों/त्रुटियों की, किये गए निरीक्षण की दिनांक एवं दिनांकित निरीक्षण प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त ठेकेदार द्वारा किये गए सुधार कार्य की, दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ग) मुड़वारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष में दो बार यथा-वर्षाकाल के पूर्व एवं वर्षाकाल के पश्चात् विद्युत लाईनों/अधोसंरचना के संधारण का कार्य वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर करवाया जाता है। कटनी नगर में संधारण का कार्य भी वितरण कंपनी के कर्मचारियों द्वारा ही किया जा रहा है। आवश्यकता होने पर बाह्य स्त्रोतों से भी मैनपॉवर नियोजित किया जाता है। किसी ठेकेदार/एजेंसी को संधारण का कार्य नहीं दिया गया है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में पेड़ों की छंटाई, ट्रांसफार्मरों की केबिल का संधारण, लाईन जम्परों का संधारण, ए.बी. स्विच इत्यादि के संधारण के कार्य कराये गये हैं। उक्त कार्य वितरण कंपनी के कर्मचारियों एवं सेवा प्रदाता फर्म द्वारा उपलब्ध कराए गए श्रमिकों की सहायता से संपादित किये गये। संधारण कार्य हेतु आवश्यक सामग्री भी वितरण कंपनी द्वारा क्षेत्रीय भण्डार से उपलब्ध करायी जाती है। वर्तमान में भी मरम्मत/संधारण का कार्य वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर ही किया जा रहा है, ठेकेदार एजेंसी से नहीं कराया जा रहा है। उक्त संधारण कार्यों पर वर्ष 2017-18 में कुल रु. 95,15,867/- का व्यय हुआ है।
रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 के विहित प्रावधानुसार जानकारी संबंधी
[वाणिज्यिक कर]
63. ( क्र. 598 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितने किसानों की भूमि संपत्ति रजिस्ट्री, विगत तीन वर्षों में रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 के विहित प्रावधान अंतर्गत या अन्य कारणों से जाँच में गई वर्षवार ब्यौरा दें? (ख) जाँच में गई रजिस्ट्रियों की क्या जाँच रिपोर्ट आई व जाँच उपरांत क्या-क्या कार्यवाहियां की गई? रजिस्ट्रीवार ब्यौरा दें? साथ ही जाँच अधिकारी का नाम व पद बताये। (ग) वर्ष २०१७ से अब तक या इसे पूर्व अवधि की रजिस्ट्रियों व कौन-कौन सी अब तक जाँच के नाम पर लंबित है एवं क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 के अंतर्गत रजिस्ट्री की जाँच के प्रावधान नहीं है। अतएव जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत स्थानांतरित
[जनजातीय कार्य]
64. ( क्र. 602 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 4 वर्षों में खरगोन जिले में सहायक अध्यापक, अध्यापक या वरिष्ठ अध्यापक किन-किन कारणों से निलंबित हुए? नाम, पद, स्थान सहित सूची देवें। यह निलंबित कर्मी बाद में किन स्थानों पर बहाल हुए। स्थान, नाम सहित सूची देवें। बहाली स्थान यदि सस्पेंड वाले संकुल या ब्लॉक से अलग है तो इसका उल्लेख प्रकरणवार करे। (ख) उक्त बहाली वाले स्थान यदि उसी संकुल या ब्लाक से अलग है तो क्या उसी संकुल में पद रिक्त नहीं थे, या उसी ब्लाक में पद रिक्त नहीं थे, अन्य ब्लाक में बहाल क्यों करा गया। प्रकरणवार सूची देवें। इस संबंधित विभागीय आदेशो की प्रति देवें। (ग) विगत 3 वर्षों में खरगोन जिले में, खरगोन जिले से अन्य जिले में या दूसरे जिले से खरगोन जिले में किन-किन अतिशेष सहायक अध्यापक, अध्यापक या वरिष्ठ अध्यापक को युक्तियुक्तकरण के अंतर्गत उसी संकुल या ब्लाक में पद रिक्त होने के बावजूद ट्रांसफर अन्य संकुल या ब्लाक में करा गया। प्रकरणवार कारण बताएं। इस सम्बंधित विभागीय नीति निर्देश की प्रति देवे। (घ) उक्त बिंदु (क) एवं (ग) के कार्यों हेतु क्या जिला अधिकारी स्वयं सक्षम है या किसी उच्च अधिकारी का अनुमोदन/परामर्श लेना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विगत 4 वर्षों में खरगोन जिले में निलंबित किये गये एवं बहाल किये गये सहायक अध्यापक, अध्यापक या वरिष्ठ अध्यापक के नाम, पद, स्थान एवं कारण सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है तथा निलंबन से अन्य विकासखण्ड में बहाल किये गये प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) शालाओं में शिक्षकों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुये अन्य विकासखण्ड में बहाल किया गया। निलंबन से बहाली में संकुल/ब्लॉक का कोई प्रतिबंध नियमों में नहीं है। निलंबन से अन्य विकासखण्ड में बहाल किये गये प्रकरणों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) खरगोन जिले में म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय, भोपाल के पत्र क्र./एफ 1-42/2014/20-1 भोपाल, दिनांक 14.09.2016 द्वारा दिये गये निर्देशानुसार अतिशेष सहायक अध्यापक, अध्यापक या वरिष्ठ अध्यापक की स्वैच्छिक काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापना की गई है, जोकि जिले के भीतर ही की गई है, जिसके लिए जिला स्तरीय अधिकारी सक्षम है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
शैक्षणिक शालाओं का उन्नयन
[जनजातीय कार्य]
65. ( क्र. 603 ) श्री संजय उइके : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा स्कूल उन्नयन माध्यमिक शाला से हाईस्कूल एवं हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी हेतु कोई मापदण्ड/नियम/निर्देश जारी किए गए है? (ख) यदि हाँ, तो मापदण्ड/नियम/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? विगत पाँच वर्षों में विभाग को बैहर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन स्कूलों के उन्नयन के प्रस्ताव प्राप्त हुए है? विभाग द्वारा प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई, प्रस्तावित स्कूलों का उन्नयन कब तक किया जावेगा? (ग) बैहर विधानसभा में संचालित हाईस्कूल कंदई, हाईस्कूल गुदमा एवं हाईस्कूल छपरवाही जो कि अतिनक्सल प्रभावित क्षेत्र में होने से क्या शासन नियम/निर्देशों को शिथिल करते हुये इनका उन्नयन हायर सेकेण्डरी में करेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। वित्तीय वर्ष 2017-18 से विभाग द्वारा हाईस्कूल से हायर सेकेण्डरी में उन्नयन हेतु मापदण्ड/नियम/निर्देश जारी किये गये हैं। माध्यमिक शाला से हाईस्कूल में उन्नयन की कार्यवाही स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्राप्त प्रस्ताव एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। माध्यमिक शाला से हाईस्कूल में उन्नयन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है। हाईस्कूल से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में उन्नयन नवीन मापदण्ड अनुसार जी.आई.एस. द्वारा तैयार सूची में संस्था का नाम सम्मिलित होने पर उन्नयन की कार्यवाही की जाती है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में निर्धारित मापदण्ड पूर्ण होने से हाईस्कूल कंदई उमावि में उन्न्यन की प्रस्तावित सूची में शामिल है।
सौभाग्य योजना के क्रियान्वयन के संबंध में
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 604 ) श्री दीवानसिंह विट्ठल पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौभाग्य योजना मध्यप्रदेश में कब से लागू की गई है? बड़वानी जिले के कितने ग्रामों का सर्वे कर हितग्राहियों का चयन किया गया है? ग्रामों के नाम एवं चयनित हितग्राहियों की संख्या बतावें। (ख) पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में हितग्राहियों के चयन उपरांत प्राथमिकता का क्रम क्या है वर्तमान तक उक्त योजना में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? ग्रामवार लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या बतावे? (ग) चयन के उपरांत लाभ पाने से शेष रहे हितग्राहियों को कब तक लाभान्वित किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) सौभाग्य योजना का शुभारंभ केन्द्र शासन द्वारा दिनांक 25.09.2017 को किया गया तथा उक्त योजना मध्यप्रदेश सहित संपूर्ण देश में दिनांक 11.10.2017 से लागू की गई है। उक्त योजनान्तर्गत बड़वानी जिले के 696 राजस्व ग्रामों का सर्वे कर 37300 हितग्राहियों का चयन किया गया है, जिनकी राजस्व ग्रामों के नाम एवं चयनित किये गये हितग्राहियों की संख्या सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) बड़वानी जिले के पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में सौभाग्य योजना के तहत चयनित हितग्राहियों के कार्यों को सम्पादित किये जाने में प्राथमिकता का क्रम निम्नानुसार रखा गया है- (1) सर्वप्रथम ऐसे हितग्राहियों को घरेलू विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवाया जा रहा है जहाँ पर विद्युत कंपनी की निम्नदाब लाईन (इन्फ्रॉस्ट्रक्चर) पूर्व से विद्यमान है। (2) द्वितीय वरीयता में ऐसे हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवाया जा रहा है जहाँ पर केवल निम्नदाब लाईन का विस्तार कार्य किया जाना है। (3) तृतीय वरीयता में ऐसे हितग्राहियों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करवाया जा रहा है जहाँ पर 11 के.व्ही. लाईन, विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर एवं निम्नदाब लाईन का विस्तार कार्य किया जाना है। वर्तमान में सौभाग्य योजना के तहत पानसेमल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 171 राजस्व ग्रामों का सर्वे कर 9260 हितग्राहियों का चयन किया गया है, जिनमें से 7708 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। लाभान्वित किये गये हितग्राहियों की ग्रामवार संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) बड़वानी जिले के पानसेमल विधानसभा क्षेत्र में सौभाग्य योजना के तहत चयनित कुल 9260 हितग्राहियों में से शेष 1552 हितग्राहियों को घरेलू विद्युत कनेक्शन दिनांक 15/08/2018 के पूर्व तक उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
समयमान-वेतनमान पारित न किया जाना
[वित्त]
67. ( क्र. 606 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय कोष एवं लेखा म.प्र. में गठित मार्गदर्शन कमेटी द्वारा दिनांक 24.10.2016 की कार्यवाही विवरण बिन्दु क्रमांक 2, 6 एवं 12 में समस्त संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा को यह मार्गदर्शन दिया था कि म.प्र. शासन वित्त विभाग का परिपत्र दिनांक 24 जून, 2016 में दिये गये प्रावधान अनुसार समस्त विभाग के लेखापाल एवं स्कूल शिक्षा विभाग के गणक/ जूनियर आडिटर्स को समयमान वेतनमान का लाभ मिलेगा? यदि हाँ, तो उक्त मार्गदर्शन की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) उक्त मार्गदर्शन के क्रम में संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा भोपाल द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के 87 गणक/लेखापाल/जूनियर आडिटर्स का द्वितीय समयमान वेतनमान पारित किया गया है। (ग) यदि हाँ, तो, क्या वर्तमान में गणक/लेखापाल/जूनियर आडिटर्स का समयमान वेतनमान पारित नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम व किस निर्देश पर पारित नहीं किया जा रहा है, आदेश व निर्देश की प्रति उपलब्ध करावे? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में एकरूपता की दृष्टि से प्रश्नांश (ख) में पारित प्रकरणों को पुनः पुनरीक्षित करने के निर्देश कब तक जारी किये जावेगें। यदि नहीं, तो शेष प्रकरणों को पारित करने की कार्यवाही के निर्देश दिये जावेंगे।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) दिनांक 24.10.2016 को आयोजित बैठक में यह सहमति व्यक्त की गई कि शिक्षा विभाग में पदस्थ गणक/जूनियर आडिटर्स को वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 24 जून, 2016 में दिये गये प्रावधान अनुसार परिधि में आने वाले प्रकरणों में समयमान वेतनमान का लाभ मिलेगा। (ख) जी नहीं। स्कूल शिक्षा विभाग के 4 प्रकरण पारित किये गये, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 16.5.2017 एवं दिनांक 12.6.2018 अनुसार गणक/लेखापाल/जूनियर आडिटर्स के समयमान वेतनमान के प्रकरण पारित किये जा रहे है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 12 जून, 2018 से निर्देश जारी किये गये है।
वन अधिकार अधिनियम 2006
[जनजातीय कार्य]
68. ( क्र. 610 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन अधिकार अधिनियम 2006 लागू होने के बाद शहडोल संभाग के अंतर्गत आने वाले जिलों के कितने अनुसूचित जनजाति के आवेदकों के वन भूमि पर काबिज होने से वन भूमि अधिकार पत्र दिये जाने हेतु आवेदन पत्र प्राप्त हुये? कितनों को वन अधिकार पत्र दिये गये? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के आवेदनों में से कितने आवेदन किस कारण से निरस्त किये गये? वन अधिकार अधिनियम लागू होने के दिनांक से शहडोल संभाग अनुसूचित जनजाति के कितने लोगों के विरूद्ध वन अपराध दर्ज कर उन्हें वन भूमि में बेदखल किया गया? जिलेवार, विधानसभा क्षेत्रवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) क्या अनुसूचित जनजाति के ऐसे लोगों को वन भूमि से बेदखल किया गया है, जो वन अधिकार अधिनियम लागू होने के दिनांक से पूर्व के काबिज थे? यदि हाँ, तो कारण बतायें यदि नहीं, तो क्या ऐसे समस्त अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों के हटाये गये अतिक्रमण की जाँच सरकार उच्च स्तरीय समिति बनाकर करेगी. यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
छात्रावासों में कम्प्यूटर व्यवस्था
[जनजातीय कार्य]
69. ( क्र. 611 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर के छात्रावासों में कम्प्यूटर की व्यवस्था की गई है? यदि हाँ, तो कितने छात्रावासों में की गई है। विधानसभावार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत विगत चार वर्षों में कितने कम्प्यूटर सेट किस कंपनी के क्रय किये गये हैं? कम्प्यूटर सेट किसके द्वारा क्रय किये गये हैं? (ग) क्या शासन द्वारा कम्प्यूटर क्रय हेतु निर्धारित मापदंड तय किये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रति सेट का मूल्य बतायें तथा विज्ञापन का दिनांक व समाचार पत्र का नाम बतायें? (घ) कितने छात्रावासों में कम्प्यूटर की व्यवस्था नहीं है? वंचित छात्रावासों में कब तक कम्प्यूटर की व्यवस्था की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। 08 छात्रावासों में की गई है। विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर के 04 छात्रावासों में, विधानसभा क्षेत्र कोतमा के 02 छात्रावासों में एवं विधानसभा क्षेत्र पुष्पराजगढ़ के 02 छात्रावासों में। (ख) अनूपपुर जिले में विगत चार वर्षों में 08 छात्रावासों के लिए 24 कम्प्यूटर सेट ACER कम्पनी से छात्रावास पालक समिति द्वारा क्रय किये गये हैं। (ग) जी हाँ। प्रति सेट कम्प्यूटर का मूल्य रू. 50,000.00 (पचास हजार) है। कम्प्यूटर सेट DGS&D दर पर क्रय किये गये हैं, अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 49 छात्रावासों में कम्प्यूटर की व्यवस्था नहीं है। 37 छात्रावासों के लिए कम्प्यूटर क्रय की राशि छात्रावास पालक समिति के खाते में जमा की जा चुकी है।
विधायक के पत्रों पर भी न्यापन न करना
[वित्त]
70. ( क्र. 614 ) श्री मुकेश नायक : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुक्त कोष एवं लेखा के पत्र दिनांक 08.01.2016 द्वारा क्रमोन्नति योजना के संबंध में वित्त विभाग से जो मार्गदर्शन मांगा गया था उस पर शासन ने जो भी मार्गदर्शन दिया हो उसकी प्रति दें, यदि नहीं, दिया गया है तो बताएं कि पत्र दिनांक 08.01.2016 में पूछे गये की सहायक मानचित्रकार को तथा अन्य को द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान सहायक वर्ग-2 के समान रूपये 4500-7000 दिया जायेगा अथवा नहीं? (ख) क्रमोन्नति योजना में सहायक वर्ग-2 के समान सहायक मानचित्रकार को द्वितीय क्रमोन्नति वेतनमान रूपये 4500-7000 दिये जाने के संबंध में परिपत्र जारी क्यों नहीं किया जा रहा है जबकि क्रमोन्नति योजना लागू होने कि तिथि में सहायक वर्ग-2 तथा सहायक मानचित्रकार के वेतनमान समान थे। (ग) क्या वित्त विभाग के पत्र दिनांक 23.08.2017 के उत्तर में प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 2617/17 दिनांक 04.10.2017 विभाग में प्राप्त हुआ था। क्या इसमें उल्लेखित बिन्दु क्र. 01 से 08 का परीक्षण किया गया यदि हाँ, तो प्रत्येक बिन्दु के बारे में पृथक-पृथक अभिमत बताये यदि नहीं, तो वर्ष 2017 से अभी तक विधायक को पत्र पर की गई कार्यवाही से अवगत क्यों नहीं कराया गया। (घ) अनुरेखक (प्रथम नियुक्ति वेतनमान रूपये 169-300) पदोन्नति सहायक मानचित्रकार वेतनमान रूपये 4000-6000 यदि ऐसा सहायक मानचित्रकार क्रमोन्नति योजना लागू होने से पूर्व वेतनमान रूपये 4000-6000 प्राप्त कर रहा था। और 24 वर्ष पूर्ण होने पर भी द्वितीय क्रमोन्नत वेतनमान रूपये 4000-6000 शासन के कौन से परिपत्र की किस कंडिका के तहत दिया जाएगा/दिया जान चाहिए? परिपत्र दिनांक तथा उसकी कंडिका बताये। (ड.) क्या क्रमोन्नति के सम्बन्ध में जारी परिपत्र दिनांक 03.05.2000/18.05.2000 द्वारा कंडिका 2 ए परिपत्र दिनांक 17.03.1999/19.04.1999 में जोड़ी गई है। जो कि उन कर्मचारियों से संबंधित है, जिन्हे कि प्रथम नियुक्ति के पश्चात् कोई पदोन्नति नहीं हुई हों और उनकी 24 वर्ष की सेवा पूर्ण हो चुकी हो, उन पर लागू होगी।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) पूर्व में विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 2819 में उत्तर दिया जा चुका है। सहायक मानचित्रकार एवं सहायक वर्ग-2 की स्थितियां भिन्न होने से वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 21.5.2015 में संशोधन की आवश्यकता नहीं होने से पृथक से मार्गदर्शन की आवश्यकता नहीं रही है। (ख) एवं (ग) सिंहदेव समिति की अनुशंसा अनुसार वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 4.3.1997 में सहायक वर्ग-2 के वेतनमान का उन्नयन होने से सहायक ग्रेड-3 के क्रमोन्नत वेतनमान के प्रक्रमों में संशोधन करना आवश्यक था। प्रमुख सचिव वित्त विभाग को प्रेषित पत्र दिनांक 4.10.2017 के संबंध में विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 2819 में जानकारी दी जा चुकी है। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 19.4.1999 के अनुसार क्रमोन्नत वेतनमान में आगामी प्रक्रम निर्धारित है। (ड.) जी हाँ।
विभाग की योजना
[महिला एवं बाल विकास]
71. ( क्र. 615 ) श्री मुकेश नायक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पन्ना जिले को तीन वर्षों में कितनी राशि किस कार्य हेतु दी गई और किस कार्य हेतु व्यय की गई, इसका हिसाब क्या किसी दस्तावेज में वरिष्ठ कार्यालय को भेजा जाता है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति बताएं जो कि व्यय का विवरण दर्शाते हो। (ख) विभाग द्वारा क्या-क्या योजनाए कहाँ-कहाँ चलाई गई और कितनी राशि व्यय हुई उससे कितने-कितने हितग्राहियों को लाभ पहुँचा? ग्राम पंचायतवार बताएं। (ग) जिले में कुपोषण के कितने मामले दर्ज हुए और जिले में विभाग की योजनाओं के अन्तर्गत कितने मामले वित्त से संबंधित है? जिन्हें कि राशि का भुगतान किया गया और जिन्हे कि भुगतान किया जाना शेष है। (घ) जिले में आंगनवाड़ी कहाँ-कहाँ पर है और जिले में कौन-कौन किस पद पर कब से नियुक्त/पदस्थ है? नाम और पदनाम अवधि बताएं।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ-1 एवं अ-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब-1, ब-2 तथा ब-3 अनुसार है। (ग) पन्ना जिले में कुपोषण के निम्नानुसार मामले दर्ज हुए हैं:-
क्र. 2015-16 2016-17 2017-18
1. 1683 1851 1266
उपरोक्त मामलों में वित्त से संबंधित नहीं है। कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स-1, स-2 एवं स-3 अनुसार है।
लाडली लक्ष्मी योजना की राशि में अनियमितता
[महिला एवं बाल विकास]
72. ( क्र. 627 ) श्री आरिफ अकील : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लाडली लक्ष्मी योजना के नाम पर जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में केन्द्र व प्रदेश सरकार की कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? जिलेवार वर्षवार बतावें। (ख) क्या लाडली लक्ष्मी योजना के नाम पर केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि का प्रयोजन बदल कर अन्य मद में राशि व्यय किए जाने का मामला उजागर हुआ है? यदि हाँ, तो किस-किस जिले में किन-किन कारणों से तथा किस नियम के तहत प्रयोजन बदल कर राशि व्यय की गई? इस नियम विपरीत कार्यवाही के लिए कौन-कौन दोषी है? उनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) लाडली लक्ष्मी योजना के तहत माह जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक की स्थिति में भोपाल के किन-किन हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? नाम, पता व चेक नम्बर सहित बतावें।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) लाडली लक्ष्मी योजना के तहत जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक राज्य शासन द्वारा राशि रूपये 3211.20 करोड़ व्यय की गई, केंद्र सरकार द्वारा इस योजना हेतु कोई भी राशि उपलब्ध नहीं कराई गई है I जिलेवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार हैI (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उदभूत नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार हैI
गैर शिक्षकीय अमले की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
73. ( क्र. 635 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आ.जा. क. विभाग के कितने प्राचार्य, व्याख्याता, उच्च श्रेणी शिक्षक से गैर शैक्षणिक कार्य कारया जा रहा है? उनका नाम, पद मूल कार्यस्थान वर्तमान कार्य स्थान, प्रतिनियुक्ति/संलग्नीकरण आदेश जारी करने वाले अधिकारी का नाम व पद बतायें? (ख) क्या म.प्र. शासन आ.जा. क. तथा अनु.जा.क. के आदेश क्र./एफ4-25/2008/1/25 दिनांक 8/4/2018 के तहत शिक्षक शैक्षणिक कार्य के अतिरिक्त न तो कही संलग्न रहेंगे और न ही गैर शैक्षणिक कार्य करेंगें। यदि कोई शिक्षकीय अमला गैर शैक्षणिक कार्य में पाया गया तो नियंत्रण अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित गैर शैक्षणिक कार्य में संलग्न/प्रतिनियुक्ति शिक्षकीय अमला को कब तक उनके मूल कार्य स्थान में भेजा जायेगा तथा संलग्नीकरण/प्रतिनियुक्ति आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लंबित पड़े प्रकरण के निराकरण के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
74. ( क्र. 649 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन भोपाल के पत्र क्रमांक 564/सीएमएस/एमएलए/50/2018 दिनांक 12/3/2018 के द्वारा अनु.जाति कल्याण विभाग वल्लभ भवन भोपाल को निर्देश दिये गये? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 18-19 के आवंटन से स्वीकृति की कार्यवाही विभागीय बजट से की जायेगी? (ग) क्या संचालक अनुसूचित जाति विकास म.प्र. भोपाल के आदेश क्र./आ.17-18/8187 भोपाल दिनांक 26/09/17 के परिप्रेक्ष्य में स्वीकृति जारी की जावेगी? (घ) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1630 दिनांक 9/3/16 में चर्चा के दौरान माननीय मंत्री जी द्वारा सदन में कथन किया था कि जो प्रस्ताव आये है उनकी स्वीकृति दी जावेगी? शासन के आदेश क्रमांक एफ 23-30 2005/3-25 भोपाल दिनांक 5/1/15 में प्रावधान किया गया था जिसका पालन नहीं किया गया यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश कब तक जारी किया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। संदर्भित पत्र द्वारा नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। (ख) एवं (ग) जी नहीं। कार्यालय कलेक्टर, जनजातीय कार्य विभाग के पत्र क्रमांक 6980 दिनांक 23.2.2018 में उल्लेखित ग्रामों की जनसंख्या 40 प्रतिशत से कम होने से अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत नियम 15 मई, 2018 में प्रावधान अनुसार स्वीकृति दी जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। योजनान्तर्गत नियमों में प्रावधान अनुसार स्वीकृति की कार्यवाही की जाती है। संदर्भित आदेश अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा जारी नहीं किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण में गंभीर अनियमितताएं
[महिला एवं बाल विकास]
75. ( क्र. 650 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छतरपुर जिले में ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण हेतु कितना आवंटन वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब प्राप्त हुआ? आवंटन के विरूद्ध कितना-कितना व्यय किया गया? ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा राशि आहरण की अनुमति जिला कलेक्टर से ली गई या नहीं? यदि हाँ, तो अनुमोदन की प्रति दें। (ख) क्या छतरपुर जिले में ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण की राशि का अग्रिम आहरण किया गया है? यदि हाँ, तो अग्रिम आहरण के अनुमोदन की प्रति उपलब्ध करावे तथा अग्रिम आहरण का क्या औचित्य था? (ग) क्या स्टेशनरी राशि का भुगतान एक ही फर्म को किया गया है? ए.जी.एस.टी. की कटौती नहीं की गई? प्रशिक्षण में गंभीर अनियमितताएं की गई? जिसके संबंध में क्या कार्यवाही की जावेगी?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) छतरपुर जिले में ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण हेतु प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवंटन एवं व्यय की जानकारी निम्नानुसार है-
क्र |
वित्तीय वर्ष |
प्राप्त आवंटन |
व्यय राशि |
1 |
2014-15 |
निरंक |
निरंक |
2 |
2015-16 |
246000 |
233210 |
3 |
2016-17 |
1175250 |
1175250 |
4 |
2017-18 |
2236828 |
2142813 |
वित्तीय वर्ष 2015-16 में छतरपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में परियोजना अधिकारी बाल विकास परियोजना नौगांव क्र. 02 एवं परियोजना छतरपुर शहरी को चयनित किया गया था। उक्त दोनो बाल विकास परियोजनाओं में आहरण एवं सवितरण अधिकारी द्वारा राशि आहरण की गयी तथा वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं वित्तीय वर्ष 2017-18 में कलेक्टर से आहरण एवं व्यय की अनुमति ली गयी है जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ, वित्तीय वर्ष 2015-16 में बाल विकास परियोजना अधिकारी नौगांव क्र. 02 द्वारा अग्रिम आहरण किया गया है एवं वित्तीय वर्ष 2016-17 में वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर होने एवं राशि लैप्स न हो इस कारण ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण हेतु राशि का अग्रिम आहरण कलेक्टर के अनुमोदन पश्चात किया गया। अनुमोदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) परियोजना अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रदाय करने हेतु ई.सी.सी.ई. प्रशिक्षण हेतु प्राप्त निर्देश पुस्तिकाओं के फोल्डर राकेश स्टेशनरी एण्ड फोटोकापी से तैयार कराये गये। संबंधित फर्म के देयकों में जी.एस.टी. की राशि का उल्लेख नहीं किया गया है। जी.एस.टी. की राशि का भुगतान संबंधित द्वारा शासन को कर दिया गया है संबंधित द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रशिक्षण का आयोजन नियमानुसार/शासन निर्देशों के अनुरूप किया गया है, कोई भी अनियमितता नहीं की गयी है।
प्रदेश के कितने गांवों-घरों में बिजली नहीं पहुंची
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 653 ) श्री जितू पटवारी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत इन्दौर एवं उज्जैन राजस्व संभागों में दिनांक 31 मई, 2018 की स्थिति में कुल कितने राजस्व ग्रामों में तथा चिन्हित मजरे/ टोलों में विद्युत (बिजली) नहीं पहुँची है तथा इनमें कितने घर होंगे जिनमें विद्युत पहुँचाया जाना बॉकी है? सौभाग्य योजना के अन्तर्गत कितने घरों में घरेलू कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य रखा गया था लक्ष्य के विरूद्ध कितने घरेलू कनेक्शन उपलब्ध कराये दिये गये है? विद्युतविहिन घरो में बिजली पहुँचाने की सरकार की क्या योजना है? (ख) वर्तमान में इंदौर व उज्जैन संभाग की कितनी तहसीले हैं जहां 24 घण्टे निरंतर विद्युत सप्लाई की जा रही हैं? नाम बतायें व कितनी तहसीलों में 24 घण्टे निरंतर विद्युत नहीं दी जा रही नाम बताते हुये सप्लाई के घण्टे भी टेबल रूप में बतायें? (ग) दिनांक 01.06.2003 को प्रदेश में बिजली का उत्पादन, मांग (घरेलू, कृषि, उद्योग की) कितनी थी व क्रमश: उनका प्रति यूनिट सारे मद मिलाकर क्या दर थी व प्रश्न दिनांक को उत्पादन, मांग (घरेलू, कृषि, उद्योग) क्या है व सारे मद मिलाकर प्रति यूनिट क्या दर है? जानकारी टेबल में देवें। (घ) वर्ष 2002-03 में समस्त ताप विद्युत इकाइयों की कुल क्षमता उत्पादन व पी.यू.एफ. (PUF) क्या था व प्रश्न दिनांक को क्या है? (ड.) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी की वित्तीय वर्ष 2017-18 में कोयले की कितनी मांग थी व उसके विरूद्ध उसको कितना कोयला मिला? कोयले की कमी से कौन-कौन सी इकाई को पूर्ण भार से नहीं चलाया गया? समस्त इकाइयों का वर्ष 2017-18 में औसत (PUF) कितना रहा? टेबल में इकाईवार व PUF वार जानकारी देवें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत इंदौर राजस्व संभाग में दिनांक 31 मई, 2018 की स्थिति में सभी राजस्व ग्राम विद्युतीकृत हैं तथा चिन्हित 909 मजरो/टोलों में विद्युत नहीं पहुँची है। उक्त मजरों/टोलो में 29,424 घरों को विद्युतीकृत किया जाना शेष है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उज्जैन राजस्व संभाग में सभी राजस्व ग्राम एवं चिन्हित मजरे/टोले विद्युतीकृत है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत इंदौर राजस्व संभाग में 2,60,603 घरों में घरेलू विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराये जाने का लक्ष्य रखा गया है जिसके विरूद्ध 2,31,179 घरों में घरेलू विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए है तथा 29424 घरों में घरेलू विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना शेष है। सौभाग्य योजना के अंतर्गत उज्जैन राजस्व संभाग में लंबित सभी 1,38,915 घरों में घरेलू विद्युत कनेक्शन उपलब्ध करा दिए गए है। विद्युत विहीन घरों में बिजली पहुँचाने के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) के तहत कार्यवाही की जा रही है। उक्त योजनाओं के तहत दिनांक 31/12/2018 तक समस्त विद्युत विहीन घरों को विद्युतीकृत किया जाना लक्षित है। (ख) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अन्तर्गत वर्तमान में इंदौर राजस्व संभाग में 51 एवं उज्जैन राजस्व संभाग में 49 तहसीले अवस्थित है। वर्तमान में उक्त समस्त 100 तहसीलों के मुख्यालयों में प्राकृतिक आपदा/तकनीकी खराबी के कारण आए आकस्मिक अवरोधों एवं मेन्टेनेंस कार्य हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। साथ ही इन समस्त 100 तहसीलों के समस्त राजस्व ग्रामों के आबादी क्षेत्रों में भी उक्तानुसार उल्लेखित अपरिहार्य स्थितियों को छोड़कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त तहसीलों की नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इंदौर एवं उज्जैन राजस्व संभागों में कोई भी तहसील ऐसी नहीं है जिसके मुख्यालय एवं राजस्व ग्रामों के आबादी क्षेत्रों में अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर 24 घण्टे विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है। इंदौर एवं उज्जैन राजस्व संभागों के अंतर्गत माह मई-2018 में संभागीय मुख्यालय, जिला मुख्यालय, तहसील मुख्यालय, ग्रामीण घरेलू एवं ग्रामीण कृषि क्षेत्र हेतु 11 के.व्ही. फीडरो पर किये गये औसत विद्युत प्रदाय की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) दिनांक 01/06/2003 को मध्यप्रदेश में बिजली का उत्पादन एवं मांग तथा वर्तमान में प्रदेश में कुल उत्पादन एवं मांग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। घरेलू, कृषि एवं उद्योग श्रेणी के उपभोक्ताओं हेतु आपूर्ति की गई विद्युत मांग की श्रेणीवार जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। वर्ष 2002-03 के टैरिफ आदेश में श्रेणीवार औसत बिलिंग दर का विवरण नहीं दिया गया था अतः प्रश्नांकित दिनांक को घरेलू, कृषि एवं उद्योग श्रेणी की सारे मद मिलाकर प्रति यूनिट दर उपलब्ध नहीं है तथापि वर्ष 2002-03 के लिए लागू निम्नदाब टैरिफ अनुसूची की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। वर्ष 2018-19 के टैरिफ आदेशानुसार प्रश्नांकित श्रेणियों की सारे मद मिलाकर औसत बिलिंग दरें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) वर्ष 2002-03 में समस्त ताप विद्युत इकाइयों की कुल उत्पादन क्षमता 3830 मेगावॉट एवं म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप संयंत्रों का पी.यू.एफ/पी.एल.एफ. (PUF/PLF) 73.14 प्रतिशत था। माह मई-2018 में समस्त ताप विद्युत इकाइयों की कुल उत्पादन क्षमता 11,115 मेगावॉट एवं म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप संयंत्रों का पी.यू.एफ/पी.एल.एफ. (PUF/PLF) 56.84 प्रतिशत रहा है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ अनुसार है। (ड.) भारत सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा दिनांक 01.04.2009 से लागू नवीन कोयला वितरण प्रणाली के अंतर्गत म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों को वार्षिक अनुबंधित मात्रा के आधार पर कोयला प्रदाय किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को वार्षिक अनुबंधित मात्रा 200.402 लाख मीट्रिक टन के विरुद्ध 127.69 लाख मीट्रिक टन कोयला प्राप्त हुआ। वर्ष 2017-18 में कोयले की कमी के कारण सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारणी की इकाई क्रमांक 6, 7, 8, 10 एवं 11 तथा संजयगांधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर की 210 मेगावॉट क्षमता की चार इकाइयों एवं 500 मेगावॉट क्षमता की इकाई क्रमांक 5 तथा श्रीसिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा की 600 मेगावॉट क्षमता की इकाई क्रमांक 1 एवं 2 को कुछ माहों में कुछ समय के लिये पूर्ण भार पर नहीं चलाया जा सका। म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड की इकाइयों के वर्ष 2017-18 में औसत पी.यू.एफ/पी.एल.एफ. (PUF/PLF) की इकाईवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है।
प्रदेश सरकार पर कर्ज की जानकारी
[वित्त]
77. ( क्र. 654 ) श्री जितू पटवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 31 मार्च, 2003, 31 मार्च 2008, 31 मार्च 2013, 31 मार्च 2018 में प्रदेश का कुल बजट, कर्जा व कर्ज पर दिये जाने वाला ब्याज कितना था? पिछले 5 वर्षों में लिये गये कर्ज के विरूद्ध कितना मूल चुकाया गया वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्न दिनांक को प्रदेश सरकार पर कुल कितना कर्जा बाकी है व पिछले 5 वित्तीय वर्ष में कब-कब कितना कर्जा लिया गया? उसके कारण बताते हुए बताये कि समान अवधि में कितनी राशि ब्याज के बतौर दी गई? (ग) नॉन प्लान खर्च किसे कहते है वर्ष मार्च 2014 से मार्च 2018 तक किये गये नॉन प्लान खर्च का योजनावार जानकारी देवें। (घ) विगत पाँच वित्तीय वर्ष में प्रदेश का नॉन टैक्स राजस्व का लक्ष्य कितना था व उसमें कितनी कमी आयी वर्षवार टेबल में कितनी कमी रहीं की जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्तीय वर्ष 2002-03 में प्रदेश के बजट अनुमान में कुल विनियोग राशि रूपये 29196.37 करोड़, वित्तीय वर्ष 2007-08 में प्रदेश के बजट अनुमान में कुल विनियोग राशि रूपये 43500.58 करोड़, वित्तीय वर्ष 2012-13 में प्रदेश के बजट अनुमान में कुल विनियोग राशि रूपये 101423.39 करोड़ एवं वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश के बजट अनुमान में कुल विनियोग राशि रूपये 206469.56 करोड़ था। प्रश्नाधीन अवधि में कर्जा व कर्ज पर दिये जाने वाले ब्याज की जानकारी नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा संबंधित वर्ष के वित्त लेखे के परिशिष्ट पर निम्नानुसार दृष्टव्य हैं, जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध हैं : -
वित्तीय वर्ष |
वित्त लेखे में दृष्टव्य परिशिष्ट की संख्या |
2002-03 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
2007-08 |
भाग-1, विवरण पत्रक संख्या-4, भाग–2, विवरण पत्रक संख्या-17 |
2012-13 |
खण्ड-II, भाग–I, विवरण पत्रक संख्या-6, भाग-II, विवरण पत्रक संख्या-15 |
2013-14 |
खण्ड-II, भाग–I, विवरण पत्रक संख्या-6, भाग-II, विवरण पत्रक संख्या-15 |
2014-15 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-6, खण्ड-II, विवरण संख्या-17 |
2015-16 |
खण्ड–I, विवरण संख्या-6, खण्ड-II, विवरण संख्या-17 |
2016-17 |
वित्त सचिव का स्मृति पत्र, बजट अनुमान 2018-19 |
2017-18 |
वित्त सचिव का स्मृति पत्र, बजट अनुमान 2018-19 |
(ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा जारी नहीं किये गये हैं। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है। पिछले पाँच वित्तीय वर्ष में लिये गये कर्ज की जानकारी प्रश्नांश (क) में दी गई है। शासन द्वारा राज्य की विकासात्मक गतिविधियों के लिये आवश्यकतानुसार कर्ज लिया जाता है। समान अवधि में ब्याज की राशि की जानकारी प्रश्नांश (क) में दी गई है। (ग) “नॉन-प्लान खर्च” वह है जो आयोजना व्यय की श्रेणी के अन्तर्गत नहीं आता। नॉन-प्लान खर्च में मुख्य रूप से ब्याज भुगतान, सब्सिडी, पेंशन, मजदूरी, वेतन भुगतान सम्मिलित होते रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2013-14 से वित्तीय वर्ष 2016-17 तक किये गये नॉन-प्लान खर्च की योजनावार जानकारी संबंधित वित्तीय वर्ष की बजट पुस्तिकाओं में योजनावार प्रावधानों के विवरण में दृष्टव्य है। जो विधानसभा के पुस्तकालय में उपलब्ध है। (घ) विगत पाँच वित्तीय वर्ष में प्रदेश का नॉन टैक्स राजस्व का लक्ष्य व उसमें कमी की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है : -
(रूपये करोड़ में)
वर्ष |
पुनरीक्षित लक्ष्य (R.E.) |
प्राप्ति |
कमी (-), आधिक्य (+) |
2013-14 |
8139 |
7705 |
(-) 434 |
2014-15 |
9598 |
10375 |
(+) 778 |
2015-16 |
9707 |
8569 |
(-) 1139 |
2016-17 |
10410 |
9087 |
(-) 1323 |
वित्तीय वर्ष 2017-18 की अवधि के वित्त लेखे नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा वर्तमान में जारी नहीं किये गये हैं। अतः जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा दौरे पर किये गये व्यय
[सामान्य प्रशासन]
78. ( क्र. 655 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कुल कितने दौरे आयोजित किए गए? तिथिवार एवं जिलेवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) में आयोजित दौरों में कुल कितना व्यय हुआ? तिथिवार एवं जिलेवार जानकारी प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री की हवाई यात्राओं पर व्यय
[विमानन]
79. ( क्र. 656 ) श्री प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कुल कितनी हवाई यात्राएं की गई? (ख) मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर 01 जनवरी, 2018 से 30 मई, 2018 तक की गई हवाई यात्राओं में कुल कितना व्यय हुआ? यात्रावार व्यय की जानकारी प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित यात्राएं शासकीय विमान अथवा निजी विमान से की गई? यात्रावार जानकारी प्रदान करें?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) वर्ष 2016-17 में 284 एवं वर्ष 2017-18 में 270. (ख) राशि रूपये 4,69,73,400/-. जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है।
पदस्थ अधीक्षका द्वारा भारी अनियमितताएं किये जाने
[जनजातीय कार्य]
80. ( क्र. 662 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग टीकमगढ़ अंतर्गत ग्राम चंदेरा में बालिका छात्रावास में पदस्थ अधीक्षिका को बालिका छात्रावास जतारा का अतिरक्ति प्रभार दिये जाने के आदेश किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें एवं क्या किसी अन्य को अतिरिक्त प्रभार क्यों नहीं दिया गया? (ख) क्या बालिका छात्रावास जतारा में अधीक्षिका का परिवार पति, ससुर, देवर आदि छात्रावास में निवास करते हैं, जिसका निरीक्षण विभागीय अधिकारियों द्वारा किया गया? की गई सम्पूर्ण कार्यवाही से अवगत करायें तथा निरीक्षण पुस्तिका में निरीक्षण टीप अंकित की गई क्या? निरीक्षण पंजी की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता को छात्रावास में रहने वाली छात्राओं के अभिभावकों द्वारा बताया गया कि अधीक्षिका के पति द्वारा राजनैतिक दबाव के कारण अधिकारियों से सांठ-गांठ करके अतिरिक्त प्रभार लिया गया है और इनके पति छात्रावास में रहकर कई प्रकार के लोगों को छात्रावास में बुलाते हैं, जिससे छात्राओं का भविष्य एवं सुरक्षा अंधकार में है। (घ) क्या ऐसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए एवं 15-15 दिन चंदेरा में छात्रावास में नहीं जाना एवं भृत्य के भरोसे पर चंदेरा का छात्रावास चलाया जा रहा है? क्या विधि अनुसार उक्त छात्रावास अधीक्षका को अतिरिक्त प्रभार से हटाकर एवं जाँच कर अधीक्षिका के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) अधीक्षिका का परिवार पति, ससुर, देवर आदि छात्रावास में निवास नहीं करते हैं अपितु अधीक्षिका की सास बालिका छात्रावास जतारा में अधीक्षिका के साथ निवास करती है। किसी भी अधिकारी द्वारा निरीक्षण पंजी में इस संबंध में टीप अंकित नहीं की गयी है। निरीक्षण पंजी की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) छात्रावासों एवं अभिभावकों के द्वारा कार्यालय में किसी भी प्रकार की शिकायत प्रस्तुत नहीं की गयी है। (घ) छात्रावास अधीक्षिका द्वारा 1-2 दिन के अंतर से दोनों छात्रावासों की व्यवस्था की देख-रेख की जाती है एवं दोनों छात्रावासों में 1-2 दिन के अंतर से रात्रि विश्राम भी किया जाता है। कार्या. पत्र क्र. 788 दिनांक 25.04.2018 द्वारा शिक्षा विभाग से अधीक्षक पद पर कार्य करते हेतु शिक्षक के प्रस्ताव चाहे गये हैं शिक्षा विभाग से प्रस्ताव प्राप्त होने अथवा विभागीय शिक्षक उपलब्ध होने पर स्वमेव ही अतिरिक्त प्रभार हटाया जा सकेगा। उपरोक्त के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
शासकीय सेवकों को उन्नत वेतनमान का निर्धारण किया जाना
[वित्त]
81. ( क्र. 672 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के विभिन्न विभागों के पदों के उन्नयन एवं उन्नत वेतनमानों के निर्धारण का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद् के विचारार्थ किस विभाग द्वारा प्रस्तुत किया जाता है? (ख) क्या किसी संवर्ग के वेतनमान के निर्धारण के लिए वित्त विभाग की सहमति आवश्यक है? (ग) यदि हाँ, तो जुलाई 2014 से दिसम्बर 2017 की अवधि में किस-किस संवर्ग के पदों का उन्नयन एवं उनके लिए उन्नत वेतनमानों का निर्धारण कब-कब किया गया? सूची प्रदान करें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कार्यवाही किए जाने के पूर्व वित्त विभाग की सहमति प्राप्त की गई थी? यदि हाँ, तो तिथिवार विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) वित्त विभाग अथवा वित्त विभाग से अभिमत प्राप्त कर संबंधित प्रशासकीय विभाग द्वारा वित्त विभाग का अभिमत आवश्यक है। (ग) एवं (घ) वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 16.5.2017 द्वारा लेखापाल/सहायक लेखा परीक्षक संवर्ग का वेतन उन्नयन किया गया है। प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। इस विषयक प्रस्ताव वित्त विभाग द्वारा ही मंत्रि-परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नगर लहार जिला भिण्ड में विद्युतीकरण किया जाना
[ऊर्जा]
82. ( क्र. 674 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. वि.म.क्षे.वि.वि.कं. लिमिटेड द्वारा नगर लहार जिला भिण्ड में विद्युतीकरण के कार्य के लिए 01.04.2017 से कितने प्राक्कलन में कितने-कितने 11 के.व्ही., एल.टी. लाईन के पोल, कितने एल.टी. डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स एवं कितने ट्रांसफार्मर मंजूर थे? उनमें से क्रमश: कितने-कितने पोल डिस्ट्रीव्यूशन एवं ट्रांसफार्मर लगाये गये? (ख) उक्त कार्य में एल.टी. लाईन हेतु प्राक्कलन में कितने स्क्वायर एम.एम. केबल मंजूर किया गया? क्या वर्तमान में मंजूर शुदा ही केबल लगाई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्राक्कलन अनुसार एल.टी. लाईन की केबल न लगाने से आये दिन केबल जल रही है जिससे नगर में विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो कम एम.एम. की केबल लगाने का कारण बतायें एवं उक्त कार्य में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या कंपनी द्वारा प्राक्कलन अनुसार कार्य एजेंसी को सामान न देकर अत्यन्त निम्न स्तर का कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) लहार नगर, जिला भिण्ड पूर्व से ही विद्युतीकृत है। लहार नगरीय क्षेत्र में दिनांक 01.04.2017 से प्रश्न दिनांक तक कुल 2 प्राक्कलन प्रणाली सुधार (रेनोवेशन) तथा लाईन शिफ्टिंग के कार्य हेतु स्वीकृत किये गये थे। इसके अतिरिक्त वर्ष 2016-17 में एक प्राक्कलन लाईन शिफ्टिंग हेतु स्वीकृत किया गया था। इन प्राक्कलनों का कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर कराया जा रहा है। प्राक्कलनवार स्वीकृत/लगाये गये 11 के.व्ही. लाईन के पोल, एल.टी. लाईन के पोल, एल.टी. डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स तथा ट्रांसफार्मरों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त शेष कार्य आगामी 2 माह में पूर्ण कराये जाने के प्रयास किये जा रहे है। उपरोक्त के अतिरिक्त केन्द्र शासन की आई.पी.डी.एस. योजनान्तर्गत एल.टी. एवं एच.टी. कार्यों हेतु ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स डी कन्ट्रोल एण्ड इलेक्ट्रिक प्रा.लि., कानपुर को क्रमशः दिनांक 23.10.2017 एवं 11.12.2017 को अवार्ड जारी किया गया है, जिसमें लहार शहर के लिये स्वीकृत/प्रावधानित कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। वर्तमान में पोल तथा अन्य सामग्री ठेकेदार द्वारा क्रय की जा रही है तथा अभी तक एल.टी. के 10 पोल खड़े किये गये है। (ख) एवं (ग) उक्त कार्य में प्रणाली सुधार के प्राक्कलन क्रमांकः 364734 में 120 स्क्वायर एम.एम. की एल.टी. केबिल प्रावधानानुसार लगाई गई है। लाईन शिंफ्टिंग के प्राक्कलन क्रमांकः 361113 में एल.टी. केबिल का प्रावधान नहीं है। वर्ष 2016-17 के प्राक्कलन क्रमांकः 327428 में 150 स्क्वायर एम.एम. की एल.टी. केबिल स्वीकृत थी, चूँकि क्षेत्रीय भंडार में 150 स्क्वायर एम.एम. की केबिल उपलब्ध नहीं थी, अतः कार्य की आवश्यकता, प्राथमिकता एवं तकनीकी दृष्टि से आवश्यकतानुरूप होने पर 150 स्क्वायर एम.एम. के स्थान पर 120 स्क्वायर एम.एम. की केबिल क्षेत्रीय भंडार से आहरित करके लगाई गई हैं, ताकि कार्य में अनावश्यक विलम्ब न हो। आई.पी.डी.एस. योजनान्तर्गत भिण्ड जिले के लहार शहर में एल.टी. लाईन हेतु 3x95+1x50+1x16 sq.mm. ए.बी. केबिल स्वीकृत की गई है तथा स्वीकृति अनुसार ही केबिल लगाई जाना प्रस्तावित है। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के लहार शहर में 120 स्क्वायर एम.एम. की एल.टी. केबिल जलने की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है और इस कारण विद्युत अवरोध की कोई शिकायत संज्ञान में नहीं आयी है। प्रश्नाधीन वर्ष 2016-17 के स्वीकृत प्राक्कलन में कम क्षमता की केबिल लगाये जाने का कारण उत्तरांश 'ख' में उल्लेखानुसार है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (घ) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा मुख्य सामग्री जैसे वितरण ट्रांसफार्मर, पोल, कन्डक्टर, केबिल आदि ठेकेदार एजेन्सी को दिये गये हैं। उक्त सामग्री मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रीय भंडार से आहरित की गई है। उक्त सामग्री की गुणवत्ता की जाँच विभिन्न चरणों में राष्ट्रीय स्तर की एन.ए.बी.एल. प्रमाणित प्रयोगशालाओं में की जाती है तथा उपयुक्त गुणवत्ता के अनुसार पाए जाने पर ही सामग्री का उपयोग किया जाता है। शेष सामग्री ठेकेदार एजेन्सी द्वारा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से अनुमोदित वेण्डरों से क्रय करके उपयोग में लाई जा रही है, जो कि निर्धारित मापदण्डों/गुणवत्ता के अनुरूप है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
पर्यवेक्षकों की भर्ती परीक्षाओं की जानकारी
[महिला एवं बाल विकास]
83. ( क्र. 687 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग द्वारा वर्ष 2007 से वर्ष 2017 तक की अवधि में पर्यवेक्षकों की भर्ती हेतु कब-कब परीक्षा आयोजित कराई गई है? परीक्षा आयोजित करने वाले एजेंसी का नाम, परीक्षा वर्ष, कुल पदों की संख्या, पदों का स्वरूप, चयनित अभ्यार्थियों की संख्या एवं वेतन मान की जानकारी दी जायें। (ख) वर्तमान में विभाग में कार्यरत कुल संविदा पर्यवेक्षकों की संख्या उपलब्ध करायें। क्या विभाग में संविदा पर्यवेक्षकों के नियमितिकरण से संबंधित कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने वर्ष की सेवा पश्चात है? विभाग में कार्यरत जितनी संविदा पर्यवेक्षक 45 वर्ष से अधिक आयु की हो चुकी है तथा अन्य कोई परीक्षा देने की पात्रता नहीं रखती है। उनके लिए शासन द्वारा क्या रूपरेखा तैयार की जा रही है? (ग) जो संविदा पर्यवेक्षक अभी तक नियमित परीक्षा उत्तीर्ण कर नियमित नहीं हुई है, उनके लिए विभाग द्वारा वर्तमान स्थिति में दिये जा रहे पद लाभ तथा वर्ष 2015 तथा वर्ष 2017 में चयनित पर्यवेक्षकों तथा संविदा पर्यवेक्षकों के वेतन तथा वरिष्ठता गणना की स्थिति में अगर कोई अंतर है, तो स्पष्ट कीजिये। (घ) विभाग में पर्यवेक्षकों की क्रमोन्नति तथा पदोन्नति से संबंधित नियम क्या हैं तथा वर्ष 2010 से अभी तक कितने पर्यवेक्षकों को लाभान्वित किया गया है। क्या विभाग में पर्यवेक्षक के पद पर एक ही व्यक्ति एक से अधिक बार आवेदन तथा नियुक्ति संबंधी कोई नियम है। यदि हाँ, तो नियमावली उपलब्ध कराये। यदि हाँ, तो अभी तक दो बार परीक्षा देकर चयनित होने वाले पर्यवेक्षकों की नामवार सूची उपलब्ध कराये।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
परीक्षा आयोजित करने वाली एजेन्सी का नाम |
वर्ष |
कुल पदों की संख्या |
पदों का स्वरूप |
चयनित अभ्यर्थियों की संख्या |
वेतनमान |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
7 |
1 |
व्यावसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल |
2007 |
778 |
संविदा आधार पर |
778 |
5000 प्रति माह (निश्चित वेतन) |
2 |
व्यावसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल |
2009 |
388 |
संविदा आधार पर |
388 |
5000 प्रति माह (निश्चित वेतन) |
3 |
व्यावसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल |
2014 |
1016 |
नियमित वेतनमान पर |
1016 |
5200-20200 +2400 ग्रेड पे |
4 |
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल |
2017 |
714 |
नियमित वेतनमान पर |
714 |
5200-20200 +2400 ग्रेड पे |
(ख) वर्तमान में विभाग अंतर्गत कुल 463 संविदा पर्यवेक्षक कार्यरत हैं। जी हाँ। मंत्री परिषद के निर्णय के संदर्भ में जारी विभाग के ज्ञाप क्रमांक 1 (बी) 6/2009/50-1 दिनांक 28.02.14 के अनुसार विभाग अंतर्गत कार्यरत संविदा पर्यवेक्षकों को नियमित पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति हेतु व्यावसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित परीक्षा में सम्मिलित होकर उत्तीर्ण करना होगा, जिसमें कार्यरत संविदा पर्यवेक्षकों को अनुभव का लाभ दिया जावेगा। प्रत्येक पूर्ण वर्ष की सेवा के लिए 4 अंक तथा पाँच वर्ष या उससे अधिक की सेवा के लिए अधिकतम 20 अंक का वेटेज दिया जाता है तथा आयु सीमा कोई बंधन नहीं होगा। 45 वर्ष से अधिक आयु की संविदा पर्यवेक्षक परीक्षा में सम्मिलित हो सकती है। (ग) विभाग अंतर्गत कार्यरत जो संविदा पर्यवेक्षक परीक्षा उत्तीर्ण कर नियमित नहीं हुई हैं, वे यथावत संविदा पर्यवेक्षक के पद पर कार्यरत रहेंगी। प्रतिवर्ष अखिल भारतीय औद्योगिक उपभोक्ता सूचकांक (AICPIN) में वृद्धि अनुसार संविदा पर्यवेक्षकों के मानदेय में वृद्धि की जाती है तथा नियमानुसार उन्हें यात्रा भत्ता, आकस्मिक अवकाश, प्रस्तुति अवकाश, की पात्रता है। वर्ष 2015 तथा वर्ष 2017 में चयनित नियमित पर्यवेक्षक को प्रश्नांश 'क'' में उल्लेख अनुसार नियमित वेतनमान तथा संविदा पर्यवेक्षकों को मानदेय भुगतान किया जाता है तथा नियमित पर्यवेक्षकों को नियमित होने के दिनांक से पर्यवेक्षक के पद की वरिष्ठता दी जावेगी किन्तु संविदा पर्यवेक्षक की वरिष्ठता की गणना नहीं की जाती है। (घ) विभाग अंतर्गत कार्यरत पर्यवेक्षकों को सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-1-1/1 वेआप्र/99 दिनांक 19.04.1999 द्वारा जारी निर्देशानुसार क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है तथा विभागीय भर्ती नियमानुसार पर्यवेक्षकों की पदोन्नति बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं विकास खण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी जाती है। वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ.-11/1/2008/नियम/चार, दिनांक 24 जनवरी, 2008 द्वारा उक्त क्रमोन्नति योजना को संशोधित करते हुए समयमान वेतनमान उपलब्ध कराने की योजना लागू किए जाने से वर्ष 2010 से अभी तक पर्यवेक्षकों को क्रमोन्नति का लाभ दिए जाने की जानकारी निरंक है। वर्ष 2010 से अभी तक कुल 55 पर्यवेक्षकों की पदोन्नति बाल विकास परियोजना अधिकारी के पद पर तथा 155 पर्यवेक्षकों की पदोन्नति विकास खण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी के पद पर की गई है। जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता स्नातक उत्तीर्ण हैं एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद का पाँच वर्ष का कार्य अनुभव रखती हैं। विभागीय भर्ती नियमानुसार वे पर्यवेक्षक के पद हेतु प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल द्वारा आयोजित खुली सीधी भर्ती एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से सीमित सीधी भर्ती की दोनों परीक्षा में आवेदन कर सम्मिलित हो सकती हैं। इसी प्रकार ऐसी संविदा पर्यवेक्षक जो सीमित सीधी भर्ती से चयनित हुई हैं, यदि स्नातक उत्तीर्ण हैं एवं 5 वर्ष का आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के कार्य का अनुभव रखती हैं तो वे भी दोनों परीक्षा (खुली सीधी भर्ती एवं सीमित सीधी भर्ती) में आवेदन कर सम्मिलित हो सकती हैं। पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति के संबंध में पर्यवेक्षक के नियुक्ति निर्देश (विभागीय भर्ती नियम) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने दोनों परीक्षा में सम्मिलित होकर परीक्षा उत्तीर्ण की है उनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "दो" अनुसार है। आवेदक की सहमति अनुसार दोनों परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की पदस्थापना करते समय किसी एक ही मेरिट क्रमांक अनुसार पदस्थापना की जाती है।
पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के संबंध में
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
84. ( क्र. 688 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र परासिया भौगोलिक दृष्टि से काफी बड़ा क्षेत्र होने के नाते नवीन पवन ऊर्जा के क्षेत्र में काफी संभावना है? यदि हाँ, तो इसके लिए विभाग के द्वारा क्या योजनाएँ बनाई जा रही है? (ख) क्या विभाग द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नवीन पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना हेतु सर्वे कराया जाएगा? अगर हाँ तो कब तक? (ग) परासिया विधान सभा के अंतर्गत कब तक नवीन पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना कर दी जायेगी?
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र परासिया सहित पूरे प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के प्रोत्साहन हेतु पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 लागू की गयी है। (ख) जी नहीं। नीति के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी ईकाइयों द्वारा परियोजना की स्थापना की जाती है। निजी ईकाइयाँ स्वयं स्थल का चयन कर पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की अनुकूलता/साध्यता जानने हेतु यथा आवश्यक सर्वेक्षण करती हैं एवं परियोजना की साध्यता सुनिश्चित होने पर स्थापना करती है। (ग) पवन ऊर्जा स्त्रोत की उपलब्धता के आंकलन एवं पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की साध्यता से संबंधित आवश्यक सर्वेक्षण के उपरान्त ही पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में शासन की प्रोत्साहन नीति के प्रावधानों के अन्तर्गत निजी ईकाइयों द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की जा रही है।
महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में जी.एस.टी. धारकों के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
85. ( क्र. 691 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्र.क्र. 5115 दिनांक 21.03.18 के (ख) उत्तर में 631 टिन नंबर धारकों का वर्णन है? इनमें ऐसे टिन नंबर धारकों की जानकारी देवें जिन्होंने वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16, 2016-17 में से प्रत्येक वर्ष या किसी एक या अधिक वर्ष में 20 लाख रू. प्रतिवर्ष के अधिक का टर्नओवर किया हो। फर्म नाम वर्ष, टर्नओव्हर राशि सहित देवें। (ख) प्र.क्र. 5115 दिनांक 21.03.18 के (क) उत्तर में वर्णित 94 जी.एस.टी. धारकों के विगत 3 वर्षों के जमा टैक्स टर्नओवर की जानकारी फर्मवार वर्षवार, फर्म नाम सहित देवें। (ग) दिनांक 01.03.2018 से 30.05.2018 में महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में कितने नये लोगों में जी.एस.टी. नंबर लिए उनके फर्म नाम, संचालक नाम सहित प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी देवें।
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्न क्रमांक 5115 दिनांक 21.03.2018 के (ख) उत्तर में वर्णित 631 टिन धारकों में से 283 व्यवसाइयों के टर्नओवर वर्ष 2013-14, 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में 20 लाख रूपये से अधिक है। यह जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ए'' पर अवस्थित है। (ख) प्रश्न क्रमांक 5115 दिनांक 21.03.2018 के (क) उत्तर में वर्णित 94 जी.एस.टी. धारकों द्वारा जी.एस.टी. लागू होने के पश्चात जुलाई 2017 अथवा इसके बाद नवीन पंजीयन लिया गया है। अत: इनके विगत 3 वर्षों में जमा टैक्स एवं टर्नओवर की जानकारी संधारित नहीं है। जी.एस.टी. के तहत पंजीयन लेने के पश्चात वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में जमा टैक्स की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''बी'' पर अवस्थित है। (ग) दिनांक 01.03.2018 से 30.05.2018 तक महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में 10 नये व्यवसाइयों द्वारा जी.एस.टी. पंजीयन लिए गये हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''सी'' पर अवस्थित है। इन व्यवसाइयों ने 01.03.2018 के पश्चात जी.एस.टी. पंजीयन लिया है, अत: प्रश्नांश (ख) अनुसार जमा कर एवं टर्नओवर की जानकारी संधारित नहीं है।
उज्जैन जिले में स्थित सौर व पवन ऊर्जा कंपनियाँ
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
86. ( क्र. 692 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01/01/18 से 31.05.18 तक उज्जैन जिले में स्थापित सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा कंपनियों द्वारा कितनी विद्युत एम.पी. पावर मनेजमेन्ट कंपनी लिमिटेड को विक्रय की गई? दर सहित कंपनी का नाम, कुल विक्रय की राशि माहवार देवे। (ख) उक्त अवधि में इन कंपनियों में कार्यरत श्रमिक/कर्मचारी का नाम, पी.एफ.नंबर, श्रमिक अंशदान, नियोक्ता अंशदान सहित जानकारी कंपनीवार, माहवार दवें। (ग) जिन कंपनियों द्वारा पी.एफ नहीं काटा जा रहा है उनकी सूची देवें। (घ) इसके लिए इन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री ( श्री नारायण सिंह कुशवाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सरदार सरोवर परियोजना के पुर्नवास भुगतान संबंधी
[नर्मदा घाटी विकास]
87. ( क्र. 693 ) श्री कमलेश शाह : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के संबंध में पारित निर्णय दिनांक 08.02.2017 के विशेष उदारीकृत पुर्नवास अनुदान जिसमें 60 लाख रूपये की पात्रता राशि है के अंतर्गत कितने विस्थापितों को यह राशि प्रदान की जा चुकी है। कितने शेष है सूची देवें। (ख) विस्थापितों को भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया? अधूरे भुगतान के प्रकरणों के कारण भी देवें। (ग) इन्हें कब तक भुगतान कर दिया जाएगा? (घ) भुगतान में विलंब करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) भुगतान हेतु पात्र विस्थापितों द्वारा आवश्यक अभिलेख लेकर शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष उपस्थित नहीं होने के कारण भुगतान नहीं हुआ है। अधूरे भुगतान का कोई प्रकरण नहीं है। (ग) आवश्यक दस्तावेज के साथ पात्र विस्थापितों के शिकायत निवारण प्राधिकरण के समक्ष उपस्थित होने पर शिकायत निवारण प्राधिकरण द्वारा भुगतान किया जायेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) विभाग की ओर से समस्त पात्र विस्थापितों के प्रकरण शिकायत निवारण प्राधिकरण को भुगतान हेतु प्रस्तुत किये जा चुके हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निरीक्षकों के ग्रेड पे संबंधी
[वित्त]
88. ( क्र. 694 ) श्री कमलेश शाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग के प्रस्ताव पर दिनांक 29.05.2018 को कैबिनेट बैठक में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की ग्रेड पे उन्नत की है अथवा प्रस्ताव प्रस्तुत किया है? यदि हाँ, तो इनकी सूची उन्नत ग्रेड पे के साथ देवें। (ख) क्या राजस्व निरीक्षक, वाणिज्य निरीक्षक, खाद्य निरीक्षक के ग्रेड-पे को उन्नत किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त विभागों के वरिष्ठ निरीक्षकों तथा समयमान प्राप्त निरीक्षकों को क्या ग्रेड-पे भी उन्नत होगी? (ग) क्या वित्त विभाग प्रश्नांश (ख) के अनुसार ग्रेड-पे उन्नयन के आदेश जारी करने के साथ समयमान प्राप्त एवं पदोन्नति प्राप्त निरीक्षकों के ग्रेड-पे उन्नयन के आदेश भी जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। आदेश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) गुण-दोष के आधार पर आवश्यकतानुसार आदेश जारी किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री जी को प्राप्त आवेदन, ज्ञापन पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
89. ( क्र. 697 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2017 से 30.05.2018 तक कितने मान्यता प्राप्त, गैर मान्यता प्राप्त, संविदा, अतिथि, आंगनवाड़ी, ग्रामीण रोजगार सहायकों वन पटवारी व अन्य कर्मचारी/अधिकारी संगठनों द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी के नाम से कितने ज्ञापन, आवेदन, मांग पत्र आदि दिए गए? माहवार बतावें। (ख) उपरोक्तानुसार दिए हुए समस्त ज्ञापन, आवेदन, मांगपत्र आदि की प्रमाणित प्रति देवे। (ग) इन पर अब तक क्या कार्यवाही की गई या अन्य विभागों को प्रेषित किया गया की जानकारी पत्रवार देवें। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार इन संगठनों की कितनी मांगे शासन ने स्वीकार की? विभागवार बतावे।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (घ) प्रश्नांश के संबंध में संबंधित विभागों से जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश के परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण कक्षों के संबंध में
[अनुसूचित जाति कल्याण]
90. ( क्र. 698 ) श्री बाला बच्चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में अनु.जाति एवं जनजाति वर्ग के छात्र-छात्रओं हेतु कितने परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केन्द्र संचालित है? सूची स्थान के नाम सहित जिलावार देवें। (ख) इनको कितने प्रशिक्षणकर्ताओं के स्थायी/अस्थायी पद हैं उसके समक्ष कितने पद रिक्त हैं प्रशिक्षण केन्द्रवार देवें। इनकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता देवें। क्या ये शासकीय सेवक होना आवश्यक है? (ग) विगत 1 वर्ष से पदस्थ समस्त प्रशिक्षणकर्ताओं की शैक्षाणिक योग्यता, शासकीय सेवक है/नहीं है के साथ केन्द्रवार देवें। (घ) विगत 3 वर्षों में इन प्रशिक्षण केन्द्रों से चयनित छात्र-छात्रओं की सूची नाम, पदनाम विभाग सहित वर्षवार देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) कुल 07 परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्र भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर, रीवा एवं उज्जैन के संभागीय मुख्यालयों में संचालित हैं। (ख) परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों में संचालित प्रशिक्षण पाठयक्रमों अनुसार प्रशिक्षणकर्ताओं/अतिथि विद्वानों का आवश्यकतानुसार चयन किया जाता है। इनकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता प्रथम श्रेणी में स्नातकोत्तर उपाधि अथवा प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान के सदस्य, जिन संस्थानों से प्रशिक्षणार्थियों का चयन प्रतियोगी परीक्षाओं से होता रहा है। प्रशिक्षणकर्ताओं का शासकीय सेवक होना आवश्यक नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सरदार सरोवर परियोजना के संबंध में
[नर्मदा घाटी विकास]
91. ( क्र. 701 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरदार सरोवर परियोजना के डूब से प्रभावित विस्थापितों के लिए शासन द्वारा 5.80 लाख रूपये अनुदान देने की घोषणा कब की गई? इसके नियम, पात्रता निर्धारित शर्तों की जानकारी देवें? (ख) उक्त आदेश दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में कितने हितग्राहियों को उपरोक्त राशि दी गई ग्रामवार बतावें? (ग) जो आवेदन इस संबंध में लंबित है या निरस्त कर दिए गए है उनकी सूची प्रकरणवार देवें? प्रत्येक प्रकरण के लंबित, निरस्ती के कारण भी देवें।
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'', ''2'' एवं ''3'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''5'' एवं ''6'' अनुसार है।
ग्रामों में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 702 ) श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम हैं जिनमें 24 घण्टे विद्युत प्रदाय नहीं किया जाता है? सूची देवें। (ख) इन ग्रामों को इस सुविधा से क्यों वंचित रखा गया है? (ग) इन ग्रामों को कब तक इस सुविधा से जोड़ दिया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) धार जिले के कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में सभी राजस्व ग्रामों को प्राकृतिक आपदा/तकनीकी कारणों से आए आकस्मिक विद्युत व्यवधानों अथवा मेन्टेनेंस कार्य हेतु आवश्यक होने जैसी अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर सामान्यत: गैर-कृषि कार्य हेतु 24 घण्टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
सुमावली विधानसभा के ग्रामों, मजरे, टोलो में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 706 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र मुरैना के मई 2018 की स्थिति में कितने गाँवों के चिन्हित मजरे टोलो में विद्युतीकरण करना शेष है एवं पूर्व में कितने मजरे, टोलो में विद्युतीकरण किया जा चुका है उनकी संख्या बतावें? (ख) उक्त विधान सभा क्षेत्र के वर्ष 2014 से मई 2018 तक कितने मजरे, टोलो में विद्युतीकरण किया गया है उनका वर्ष संख्या सहित जानकारी दी जावे? (ग) वर्ष 2018 में कितने मजरे, टोलो में विद्युतीकरण होना है तथा यह कार्य किस कंपनी को दिया गया है? कार्य की क्या प्रगति है? कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा दी जावें? (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित कार्यों के लिये विभाग द्वारा किन-किन पेटी ठेकेदारों को कार्य आदेश जारी किये गये उनके नाम सहित जानकारी दी जावें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री पारस चन्द्र जैन ) : (क) मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मई 2018 की स्थिति में 74 ग्रामों के 326 मजरों/टोलो के विद्युतीकरण का कार्य कराया जाना शेष है तथा पूर्व में 310 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कराया जा चुका है। (ख) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत वर्ष 2014 से मई 2018 तक मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के कार्य की वर्षवार जानकारी निम्नानुसार है :-
क्र. संख्या |
वर्ष |
मजरों/टोलों की संख्या |
1 |
2014 |
0 |
2 |
2015 |
107 |
3 |
2016 |
53 |
4 |
2017 |
55 |
5 |
2018 (मई तक) |
95 |
कुल योग |
310 |
(ग) वर्ष 2018 में सुमावली विधानसभा क्षे़त्र के अन्तर्गत मई, 2018 तक 95 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य कराया जा चुका है एवं 74 ग्रामों के 326 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य कराया जाना है। उक्त मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर से दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत रेट कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड के तहत कराया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत 102 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण कार्य हेतु रेट कान्ट्रेक्ट अवार्ड जारी किये जा चुके हैं एवं शेष मजरों/टोलों के विद्युतीकरण के लिए प्राक्कलन स्वीकृत कर रेट कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त कार्य अक्टूबर 2018 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) सुमावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मई 2018 की स्थिति में उत्तरांश (ग) में दर्शाये गये 102 मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु अधोसंरचना के कार्यों के लिए रेट कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड 5 पंजीकृत ठेकेदारों को जारी किये गये हैं। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा किसी पेटी ठेकेदार (सब-कॉन्ट्रेक्टर) को रेट-कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड जारी नहीं किया गया हैं। पंजीकृत ठेकेदारों के नाम जिनको रेट कॉन्ट्रेक्ट अवार्ड जारी किये गये हैं निम्नानुसार हैं- (1) श्री मुकेश सिंह परमार, (2) श्री हरिओम वादिल, (3) श्री जितेन्द्र शर्मा, (4) श्री चन्द्रपाल सिंह सिकरवार एवं (5) श्री हिरेन्द्र सिंह परमार।
विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाओं को पोषण की राशि न मिलना
[जनजातीय कार्य]
94. ( क्र. 713 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 09.12.2017 को शिवपुरी जिले के ग्राम सेसई एवं दिनांक 25.12.2017 को श्योपुर जिले के ग्राम कराहल में आयोजित 'सहरिया' सम्मेलन में मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति 'सहरिया', 'बैगा' एवं 'भारिया' के महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण से जंग अभियान के तहत उक्त जाति की महिलाओं के बैंक खातों में माह दिसम्बर 2017 से रूपये 1000 प्रतिमाह नगद जमा करने एवं 10 रू प्रतिकिलो मूंग दाल दिए जाने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो इसके लिये कितनी राशि का प्रावधान किया जाकर प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी महिलाएं चिन्हित की गई एवं कितनी महिलाओं को अभी तक रू. 1000.00 स्वीकृत किए जाकर कितनी महिलाओं को किस-किस माह तक की कितनी-कितनी राशि उनके बैंक खातों में जमा की गई है? कितनी महिलाओं को राशि जमा किया जाना शेष है? श्योपुर जिले की जानकारी ग्रामवार, तहसीलवार, महिलाओं की संख्या सहित बतावें? (ख) क्या अभी भी हजारों महिलाएं चिन्हित किये जाने से शेष हैं, जो प्रश्नांश (क) अनुसार राशि प्राप्त करने की पात्रता रखती है? यदि हाँ, तो कब तक समस्त पात्र महिलाओं को मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार राशि प्रदान कर दी जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा के पश्चात 5 माह से अधिक का समय व्यतीत होने के पश्चात अभी तक न तो समस्त महिलाओं को रू. 1000.00 प्रतिमाह मिले हैं और न ही अभी तक एक भी महिला को 10.00 रूपये किलो मूंग दाल मिली है? क्या विभाग मान. मुख्यमंत्री जी की घोषणा का पालन सुनिश्चित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुपोषण से बच्चों की मृत्यु
[महिला एवं बाल विकास]
95. ( क्र. 714 ) श्री रामनिवास रावत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्र. 671 दिनांक 28.02.2018 के उत्तर में माह दिसम्बर 2017 की स्थिति में प्रदेश में कुल 5646062 बच्चे सामान्य वजन के 1227047 बच्चे कम वजन के तथा 111763 बच्चे अतिकम वजन के होने की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक की स्थिति में प्रदेश में कितने बच्चे सामान्य वजन, कितने कम वजन एवं कितने अतिकम वजन के है? जिलेवार संख्या बतायें? (ख) क्या उपरोक्त विधानसभा प्रश्न के प्रश्नांश (ख) के उत्तर में माह अक्टूबर 2017 से जनवरी 2018 तक 01 वर्ष तक आयु के कुल 9124 एवं 01-05 वर्ष आयु तक के कुल 2215 बच्चों की मृत्यु की जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो दिनांक 01.फरवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक 0-01 एवं 01-05 वर्ष आयु के बच्चों की मृत्यु किन कारणों (मीजल्स, डायरिया, मलेरिया,कुपोषण, कुपोषण जनित बीमारी एवं अन्य बीमारी नाम सहित) से हुई? जिलेवार बतावें? (ग) क्या यह सही है कि मान. मुख्यमंत्री जी द्वारा दिनांक 14.09.16 को समीक्षा बैठक में कुपोषण की वास्तविक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने हेतु निर्देश दिए थे? यदि हाँ, तो प्रदेश में कुपोषण से बच्चों की हो रही लगातार मौंतों के बवजूद अभी तक श्वेत पत्र जारी नहीं किए जाने के क्या कारण है? विभाग मान. मुख्यमंत्री जी के निर्देशों का पालन करते हुए कब तक श्वेत पत्र जारी करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) जी हाँ, अंतिम प्राप्त रिपोर्ट माह मार्च 2018 की स्थिति में 05 वर्ष तक के सामान्य वजन, कम वजन एवं अति कमवजन के बच्चों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' पर है। (ख) जी हाँ स्वास्थ विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश में संदर्भित विधानसभा प्रश्न क्रमांक 671 दिनांक 28.02.2018 में 0 से 05 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों की मृत्यु की जानकारी दी गई थी एवं माह फरवरी 2018 से मई 2018 की अवधि में 0 से 05 वर्ष तक के आयु वर्ग के मृत बच्चों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पर है। (ग) माननीय मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 14.09.2016 को समीक्षा बैठक में श्वेत पत्र जारी करने के निर्देश दिये गए। शासन द्वारा समिति गठित की गई है। समिति द्वारा बिन्दुओं का निर्धारण अभी नहीं किया गया है। श्वेत पत्र के संबंध में बैठक आयोजित नहीं हुई है। श्वेत पत्र तैयार करने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है। समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
पंपों का ऊर्जीकरण
[अनुसूचित जाति कल्याण]
96. ( क्र. 717 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2015 से 2017 तक अनूसूचित जाति कृषकों के खेतों पर सिंचाई सुविधा एवं मजरा टोलो में विद्युतीकरण कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित हुई? (ख) विभाग द्वारा आवंटित राशि से विधानसभा क्षेत्र केवलारी के कितने अनुसूचित जाति कृषकों के खेतों पर सिंचाई हेतु पंपों का ऊर्जीकरण किया गया? (ग) क्या विभाग द्वारा वर्ष 2015 से 2017 तक विधानसभा क्षेत्र केवलारी के अनुसूचित जाति मजरा टोलो में आवंटित राशि से विद्युतीकरण कार्य किया गया? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार आवंटित राशि से कितने कार्य अभी भी अपूर्ण है? यदि अपूर्ण है तो कारण बताएं?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार 05 अनुसूचित जाति कृषकों के खेतों पर सिंचाई हेतु पम्पों का उर्जीकरण किया गया। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बस्ती विकास योजनांतर्गत प्रस्तावित कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
97. ( क्र. 718 ) श्री रजनीश सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र केवलारी अंतर्गत बस्ती विकास योजना से वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित किए गए? प्रस्तावित कार्यों में से कितने कार्यों का निर्माण कार्य कितनी राशि में कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजना से कहाँ-कहाँ, क्या-क्या निर्माण कराया गया सूची उपलब्ध कराए? (ग) क्या आदिवासी विकास योजनांतर्गत से स्वीकृत कार्य आज भी अपूर्ण है? यदि हाँ, तो कारण बताए एवं अपूर्ण कार्यों की सूची उपलब्ध कराए?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। कुल 07 निर्माण कार्यों पर राशि रूपये 29.98 लाख का व्यय किया गया। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) अनुसूचित जाति विकास योजनान्तर्गत प्रश्नांश 'क' में उल्लेख अनुसार स्वीकृत अपूर्ण नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सागर जिले में अवैध शराब की बिक्री
[वाणिज्यिक कर]
98. ( क्र. 721 ) श्री हर्ष यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से मई 2018 तक सागर जिले में अवैध शराब बिक्री के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? थानावार एवं वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में अवैध शराब परिवहन के कितने प्रकरण दर्ज किये गये? थानावार जानकारी दें व बतावें कि कितनी शराब पकड़ी गई? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में सागर जिले में कौन-कौन से मादक पदार्थ पकड़े गये? शराब सहित अन्य मादक पदार्थ पकड़ने गए आबकारी दस्ते व पुलिसबल पर अलोच अवधि में कितनी बार हमले किये गये? कितने लोगों को इनमें आरोपी बनाया गया? कितने लोग पुलिस की पकड़ से अभी भी बाहर है? (घ) सागर जिले में गांव गांव अवैध शराब की बिक्री रोकने विभाग शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सागर जिले के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से मई 2018 तक अवैध शराब बिक्री के वृत्त/थानावार दर्ज किये गये प्रकरणों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–एक अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में सागर जिले अंतर्गत आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब परिवहन का कोई प्रकरण कायम नहीं किया गया है। आबकारी/पुलिस विभाग द्वारा अवैध शराब के कायम प्रकरण में जप्त शराब मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–दो अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में सागर जिले अंतर्गत आबकारी/पुलिस विभाग द्वारा देशी/विदेशी मदिरा/हाथभट्टी शराब के 8549 प्रकरण, पुलिस विभाग द्वारा गांजा विक्रय के 36 प्रकरण एवं 01 प्रकरण ब्राउन शुगर से संबंधित पकड़े गये है। आलोच्य अवधि में आबकारी दस्तों पर कोई हमला न होने से जानकारी निरंक है। पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार आलोच्य अवधि में 02 प्रकरणों में जप्ती दौरान हमला होने से इस संबंध में 12 व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण कायम किये गये है। प्रश्नांश की शेष जानकारी निरंक है। (घ) जिले में गावों में बिकने वाली अवैध शराब पर रोकथाम लगाये जाने हेतु पुलिस एवं आबकारी विभाग द्वारा समय-समय पर प्राप्त सूचनाओं के आधार पर त्वरित कार्यवाही की जाकर नियंत्रण रखा जा रहा है। उक्त के अतिरिक्त अवैध मदिरा विक्रय पर नियंत्रण रखे जाने हेतु समय-समय पर विशेष अभियान चलाया जाकर नियंत्रण रखा जा रहा है।
बरगी व्यपवर्तन योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
99. ( क्र. 722 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी व्यपवर्तन योजना का कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुका है? क्या वर्तमान में निर्माण कार्य जारी है अथवा बंद है? (ख) क्या शेष कार्य को पूर्ण करने हेतु राशि उपलब्ध है? यदि नहीं, तो क्यों? किस अवधि तक सभी प्रकार के निर्माण कार्य पूर्ण कर लक्षित क्षेत्र को पानी उपलब्ध कराया जावेगा?
राज्यमंत्री, नर्मदा घाटी विकास ( श्री लालसिंह आर्य ) : (क) बरगी व्यपवर्तन परियोजना का निर्माण कार्य लगभग 46 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगति पर है। (ख) जी हाँ। जून 2021 तक सभी निर्माण कार्य पूर्ण कर प्रस्तावित क्षेत्र को पानी उपलब्ध कराया जाना लक्षित है।
लोकायुक्त पुलिस द्वारा आरोपियों पर की जाने वाली कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
100. ( क्र. 826 ) श्री पुष्पेन्द्र नाथ पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी शासकीय अधिकारी या कर्मचारी को लोकायुक्त पुलिस रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ती है तो उस शासकीय सेवक के विरुद्ध क्या– क्या कार्यवाही कितने–कितने समय-सीमा में किये जाने के नियम हैं तथा आरोपी अधिकारियों/कर्मचारियों की पुनः पदस्थापना संबंधी क्या नियम हैं? नियम/निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में छतरपुर जिले में ऐसे कौन–कौन से अधिकारी वर्तमान में पदस्थ हैं जिन पर लोकायुक्त पुलिस ने कार्यवाही की? उनके नाम पदनाम क्या हैं, कहाँ पर पदस्थ हैं? लोकायुक्त पुलिस ने कब और कहाँ कार्यवाही की थी? (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुक्रम में उपरोक्त अधिकारियों पर क्या–क्या कार्यवाही कितने– कितने समय में की गई? क्या उपरोक्त कार्यवाही तय नियम तथा निर्धारित समय-सीमा में की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र
[महिला एवं बाल विकास]
101. ( क्र. 924 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित वर्ष 2012-13 में कहाँ-कहाँ पर आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। ग्रामवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि उल्लेखित समयावधि में इन्हें संचालित करने हेतु कुल कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएँ एवं दीदी कार्यरत थी ग्रामवार सूची देवें? (ख) प्रश्न (क) में उल्लेखित समयावधि पश्चात से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये? ग्रामवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें कि वर्तमान समय में पाटन विधान सभा अंतर्गत कुल कितनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएँ एवं दीदी कार्यरत है? (ग) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पर कितनी लागत से आंगनवाड़ी भवन बनवाये गये वर्षवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें की प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है सूची देवें? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा पाटन विधान सभा अंतर्गत कहाँ-कहाँ की महिला बाल विकास अधिकारी के विरूद्ध कब-कब स्थानांतरण हेतु शासन को पत्र अग्रेषित किये ओर उन पर कब एवं क्या कार्यवाही की गई?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती अर्चना चिटनिस ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वित्त वर्ष 2012-2013 में परियोजना पाटन में 188 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 56 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र एवं परियोजना मझोली में 205 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 46 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इन केन्द्रों को संचालित करने हेतु आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की ग्रामवार/केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में दीदी कार्यरत नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उल्लेखित समयावधि के पश्चात वर्ष 2016-17 में पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत परियोजना पाटन में 10 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र तथा परियोजना मझोली में 5 नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 01 नवीन मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख-1'' अनुसार है। पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत संचालित परियोजना पाटन एवं मझोली के आंगनवाड़ी केन्द्रों में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका तथा मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख-2'' अनुसार है। शेष जानकारी निरंक है। (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्त वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक कुल 147 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत किये गये है। जिसकी वर्षवार स्वीकृत लागत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ग-1'' अनुसार है। पाटन विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 193 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 100 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ग-2'' अनुसार है। (घ) पाटन विधानसभा अंतर्गत प्रश्नकर्ता के द्वारा विभाग में कोई भी स्थानांतरण के संबंध में पत्र/आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
उड़ना सड़क की देशी शराब दुकान के संबंध में
[वाणिज्यिक कर]
102. ( क्र. 925 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट सत्र फरवरी, मार्च 2018 में विधानसभा में उड़ना (सड़क) में संचालित देशी शराब दुकान के संचालित स्थल पर पूछे गये तारांकित प्रश्न के उत्तर में माननीय मंत्री जी द्वारा उच्चस्तरीय जाँच दल में प्रश्नकर्ता को सम्मिलित कर जाँच हेतु विधानसभा में आश्वस्त किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ, तो तत्संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत करावें एवं यह भी बतलावें कि देशी शराब दुकान उड़ना (सड़क) तहसील पाटन जिला जबलपुर वर्तमान समय में कहाँ पर संचालित है? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा लगातार शिकायत करने, संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा आपत्ति दर्ज कराने पर भी शराब दुकान का स्थल परिवर्तित न करने का क्या कारण है इसे किस-किस प्रकार से कब तक अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बजट सत्र फरवरी-मार्च 2018 में विधानसभा में उड़ना (सड़क) में संचालित देशी शराब दुकान के संबंध में पूछे गये तारांकित प्रश्न क्रमांक 3064 में माननीय मंत्रीजी द्वारा प्रश्नकर्ता को ''जिनको यह कहेंगे भेज दूंगा और जो यह कह रहे हैं वह सही है, तो हटा दूंगा'' संबंधी प्रश्न के चर्चा के दौरान आश्वस्त किया गया है। प्रश्नकर्ता से इस हेतु कोई अनुरोध पत्र विभाग में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। देशी शराब दुकान उड़ना श्री राघवेन्द्र सिंह ठाकुर पिता श्री गनेश सिंह बेटी वालों के मकान में ग्राम उड़ना तहसील पाटन, जिला जबलपुर में दिनांक 23.04.2017 से संचालित है। (ग) देशी शराब दुकान उड़ना मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 सामान्य प्रयुक्ति नियम (1) के तहत वर्ष 2017 से वर्तमान स्थल पर बिना कोई विरोध अथवा आपत्ति के निर्वाध रूप से संचालित हैं। अत: उक्त दुकान को वर्तमान स्थल से विस्थापित किए जाने का कोई प्रस्ताव विचारण में नहीं है।
निवासरत परिवारों को पट्टा प्रदान किये जाना
[जनजातीय कार्य]
103. ( क्र. 961 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वन परिक्षेत्र में ऐसे कितने परिवार हैं जिन्हें पट्टे की स्वीकृति नहीं हुई है, जिनके पास आर्थिक दंड की रसीदे भी हैं, उनके द्वारा 1 वर्ष में कब-कब आवेदन दिये गये हैं, उनकी सूची सहित जानकारी उपलब्ध कराये। (ख) परासिया विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कितने परिवार हैं जिन्हें पात्रता होने हुये भी पट्टे प्रदान नहीं किये गये हैं? इन परिवारों को पट्टे कब तक प्रदान कर दिये जायेंगे? (ग) विधानसभा क्षेत्र परासिया में अनेकों स्थानों में छोटे झाड़ एवं बड़े झाड़ के जंगल नाम से शासकीय भूमि है परंतु उप स्थानों में आबादी बसी हुई है, कई वर्षों से ऐसी भूमि पर निवासरत परिवारों (नागरिकों) को पट्टा प्रदान नहीं किया जा रहा है, क्या किसी नियम के तहत ऐसी भूमि पर निवासरत परिवारों (नागरिकों) को पट्टा प्रदान किया जायेगा? (घ) पट्टा प्रदाय किये जाने के शासन के क्या दिशा निर्देश प्रावधान व नियमावली है? नियमावली सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विगत एक वर्ष में कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) वनाधिकार अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के तहत आवेदन प्राप्त होने नर आवेदन पत्रों का परीक्षण किया जाकर मान्य होन पर वनाधिकार हक प्रमाण-पत्र वितरित किये गये हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वनाधिकार अधिनियम 2006 में परिभाषित वनभूमि के वनाधिकार हक प्रमाण-पत्र पात्रतानुसार प्रदान किये जाते हैं। (घ) वनाधिकार अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 तथा मान्यता नियम 2012 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा में गड़बडि़यां
[सामान्य प्रशासन]
104. ( क्र. 1358 ) श्री रामनिवास रावत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 18.02.2018 को म.प्र.लोक सेवा आयोग द्वारा प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया था? (ख) उक्त परीक्षा हेतु जारी उत्तर पुस्तिकाओं में क्या त्रुटियां पाई गई थी? (ग) क्या प्रश्न पत्र में त्रुटियां पायी गई थी? यदि हाँ, तो पाँच प्रश्न मैरिट की गणना से हटाये गये है? उक्त गलत प्रश्न पत्र बनाने वाले सदस्यों को क्या दण्ड प्रदान किया गया है? हर वर्ष आयोग को प्रश्न पत्र में से कुछ प्रश्न निरस्त क्यों करने पड़ते हैं? (ग) यदि गलत प्रश्न पत्र बनाने के आधार पर 6 सदस्यों को ब्लैक-लिस्ट किया गया है तो उनके द्वारा बनाये गये प्रश्न पत्र को क्यों नहीं निरस्त किया गया है? (घ) क्या जिन छात्रों के 5 या उससे कम अंकों के आधार पर प्रारंभिक परीक्षा में चयन नहीं हुआ है उनके द्वारा उच्च न्यायालय में रिट लगाये जाने के कारण लोक सेवा आयोग द्वारा उनको मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो जो छात्र वकील को 6000/- रूपये देगा उसे मुख्य परीक्षा देने की अनुमति मिल रही है? जिन छात्रों के पास 6000/- रूपये वकील को देने के लिए नहीं है या जो छात्र केवल 1 या 2 अंकों से चयनित नहीं हुए है उन्हें मुख्य परीक्षा से वंचित रखा जाना क्या उचित है?
मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त परीक्षा की प्रावधिक रूप से जारी उत्तर कुंजी के तीन वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में चारों उत्तर त्रुटिपूर्ण थे तथा दो प्रश्नों में दो उत्तर सही थे। विषय विशेषज्ञों से प्राप्त अभिमत के पश्चात उपरोक्त कुल पाँच प्रश्नों को विलोपित किया गया तथा त्रुटि रहित अंतिम उत्तर कुंजी जारी कर शेष सही 95 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के आधार पर मूल्यांकन किया गया (ग) जी हाँ। उक्त इकाई के प्रश्न तैयार करने वाले विषय विशेषज्ञों को आयोग द्वारा आयोजित आगामी समस्त परीक्षाओं के गोपनीय कार्यों से हमेशा के लिए विवर्जित कर दिया गया है। चूंकि प्रश्न पत्र में प्रश्नों की संख्या 100 होती है तथा पूरा पाठ्यक्रम 11 इकाइयों में विभाजित है इस कारण से संपूर्ण प्रश्न पत्र एक ही विषय विशेषज्ञों द्वारा नहीं बनाया जाता है बल्कि इकाईवार अलग-अलग इकाईयों के अलग-अलग विषय विशेषज्ञ होते हैं। अत: त्रुटिपूर्ण प्रश्नों को ही विलोपित किया जाकर केवल संबंधित विषय के विशेषज्ञों को ही विवर्जित किया गया है। परीक्षार्थियों के व्यापक हित में संपूर्ण प्रश्नपत्र को निरस्त करना न्यायोचित नहीं होता। अंतिम उत्तर कुंजी से मूल्यांकन होने से सभी आवेदकों के मूल्यांकन में एक समानता हो गई है। (घ) माननीय उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के निर्देशानुसार ही आयोग द्वारा याचिकाकर्ताओं को मुख्य परीक्षा में प्रावधिक रूप से सम्मिलित होने की अनुमति दी जा रही है।