मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2019
सत्र
सोमवार, दिनांक 23 दिसम्बर, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नेशनल मिशन
फॉर प्रोटीन
सप्लिमेंट
योजनांतर्गत राशि
का आवंटन
[पशुपालन]
1. ( *क्र. 147 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2013 से 2015 की अवधि में नेशनल मिशन फॉर प्रोटीन सप्लिमेंट योजना में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? उक्त अवधि में किन-किन हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई? हितग्राही का पूर्ण नाम, पिता का नाम, निवासी तथा हितग्राही के आवेदन पत्र ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत के ठहराव के पत्र की जानकारी दें। (ख) उक्त योजना अंतर्गत हितग्राहीवार राशि किस-किस हितग्राही को कितनी-कितनी कब-कब, किस-किस बैंक खाते के माध्यम से भुगतान की गई? खातेदार का नाम, पता, बैंक एवं शाखा के नाम सहित जानकारी दें। हितग्राही द्वारा 95 बकरी एवं 5 बकरे कहां-कहां से खरीदे, इनके बिल की प्रति एवं भौतिक सत्यापनकर्ता का सत्यापन प्रमाण पत्र सहित जानकारी देवें। (ग) उक्त योजना अंतर्गत लाभान्वित हितग्राही को बकरा-बकरी पालन हेतु बनाये गये शेड वर्तमान में कहां-कहां पर उपलब्ध हैं तथा हितग्राही के पास वर्तमान में कितने बकरा-बकरी जीवित हैं? योजना की गाईड लाईन/नियम निर्देशों की छायाप्रति देवें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 404/2019-20, दिनांक 04-10-2019 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 433/2019-20, दिनांक 18-10-2019 के द्वारा प्रश्न में वर्णित जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ तो उक्त जानकारी क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) नेशनल मिशन फॉर प्रोटीन सप्लिमेंट योजना अन्तर्गत शिवपुरी जिले को पत्र क्रमांक 12560, दिनांक 22.11.2012 के द्वारा राशि रूपये 47,29,200/- (सैंतालीस लाख उन्तीस हजार दो सौ रूपये) आवंटित की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ख) चयनित हितग्राहियों के संबंधित बैंक खातों में ई-पेमेंट के माध्यम से भेजी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। योजना की दिशा-निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''फ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला शिवपुरी द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3650, दिनांक 6.11.2019 को स्पीड पोस्ट के माध्यम से उक्त जानकारी माननीय विधायक महोदय को उपलब्ध कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ज'' अनुसार है।
माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में संविदा कर्मचारियों को 20% पद का आरक्षण
[स्कूल शिक्षा]
2. ( *क्र. 1021 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पत्र क्रमांक सी 15/2/2018/1/3, भोपाल, दिनांक 05 जून, 2018 एवं पत्र क्रमांक सी 15/2/2018/1/3, भोपाल दिनांक 25 जुलाई, 2018 द्वारा संविदा कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान करने संबंधी विभागों को निर्देश जारी किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों की कंडिका 1.4 से 1.8 तक जारी निर्देशों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों को प्रत्येक विभाग द्वारा सीधी भर्ती में उनकी अर्हता के अनुरूप 20 प्रतिशत पद आरक्षित किये जाने का उल्लेख किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सीधी भर्ती प्रक्रिया में उक्त निर्देशों का पालन किया जा रहा है? (घ) क्या स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 भर्ती प्रक्रिया में संविदा पर नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी जो पात्रता परीक्षा उर्त्तीण हैं एवं समस्त अर्हता रखते हैं, के लिए 20 प्रतिशत पद आरक्षित किये जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग के उल्लेखित निर्देशों में की गई व्यवस्था से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की सीधी भर्ती हेतु 20 प्रतिशत संविदा कर्मियों के लिए पद आरक्षित रखने से सक्षम स्तर से छूट प्राप्त की गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के क्रियान्वयन हेतु राशि का आवंटन
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
3. ( *क्र. 1425 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 15 दिसम्बर, 2018 से 15 नवम्बर, 2019 की अवधि में कुल कितने जोड़ों के विवाह सम्पन्न हुये? सरकार द्वारा अभी तक कितने जोड़ों को निर्धारित 51 हजार रूपये की राशि आवंटित कर दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या वर्तमान में करीब 23 हजार जोड़ों को निर्धारित राशि 48 हजार रूपये प्रति जोड़ा का आवंटन प्रदाय नहीं किया गया है? (ग) क्या वित्त विभाग द्वारा विभाग को कन्यादान योजना में राशि आवंटन देने से साफ इंकार किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग की क्या योजना है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 15 दिसम्बर, 2018 से 15 नवम्बर, 2019 तक कुल 68682 जोड़ों के विवाह सम्पन्न हुए हैं तथा 39425 जोड़ों को राशि रूपये 51,000/- प्रति हितग्राही के मान से रूपये 20106.75 लाख का भुगतान किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। वित्त विभाग से आवंटन प्राप्त किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भोपाल के बड़े तालाब में लगी मुनारों की संख्या
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( *क्र. 1256 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में भोपाल के बड़े तालाब के फुल टेंक लेवल (एफ.टी.एल.) के 50 मीटर के दायरे में लगी मुनारों को तय जगह से उखाड़ने की शिकायत भोपाल कलेक्टर को कब मिली और कलेक्टर द्वारा इसे कब संज्ञान में लिया गया? तिथि एवं कार्यवाही का विवरण दिया जाये? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित मुनारों की वर्तमान संख्या कितनी है? क्या यह संख्या वर्ष 2016 में लिये गये डी.जी.पी.एस. सर्वे से भिन्न है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुनारों के उखाड़ने से क्या बड़े तालाबों में एफ.टी.एल. पर कोई प्रभाव पड़ा है? यदि हाँ, तो किस तरह का? संक्षिप्त विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वर्ष 2019 में भोपाल के बड़े तालाब के फुल टेंक लेवल (एफ.टी.एल.) के 50 मीटर दायरे में लगी मुनारों को तय जगह से उखाड़ने की कोई शिकायत कलेक्टर कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मुनारों की वर्तमान संख्या 917 है। जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) मुनारों के उखाड़ने से तालाब के एफ.टी.एल. पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन गौ-शालाओं के निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति
[पशुपालन]
5. ( *क्र. 506 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितनी नवीन गौ-शालाओं के निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) प्रत्येक गौ-शाला निर्माण पर कितनी लागत राशि का प्रावधान रखा गया तथा उसमें क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जावेंगी तथा प्रत्येक गौ-शाला में कितनी गायों को पालने का प्रावधान तय किया गया है? (ग) वर्तमान में मंदसौर जिले में कितनी गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रारम्भ है? ग्राम पंचायतवार गौ-शालाओं के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) मंदसौर जिले में कितनी गौ-शालाएं प्रारम्भ होना प्रस्तावित हैं? पंचायतवार जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा 1000 गौ-शाला खोलने का निर्णय लिया गया है, जिसके विरूद्ध मध्य प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत 957 गौ-शालाओं के निर्माण कार्यों की जिले द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत प्रति गौ-शाला रू. 27.72 लाख का प्रावधान किया गया है। इसमें गौ-शाला शेड, हौज, बछड़ा शेड, चौकीदार कक्ष, भूसा गोदाम तथा फेंसिंग आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी। प्रत्येक गौ-शाला में 100 गौवंश रखने की क्षमता होगी। (ग) वर्तमान में मंदसौर जिले में 31 नवीन शासकीय गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मंदसौर जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 में 32 नवीन शासकीय गौ-शालाएं प्रस्तावित हैं, जिसके विरूद्ध 31 गौ-शालाएं निर्माणाधीन हैं एवं एक गौ-शाला ग्राम बाजखेड़ी, ग्राम पंचायत बाजखेड़ी, जनपद पंचायत सीतामऊ में प्रारंभ होना शेष है।
तेंदूपत्ता लाभांश से स्वीकृत विकास कार्य
[वन]
6. ( *क्र. 433 ) श्री सुदेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूपत्ता लाभांश 20 प्रतिशत राशि से विभाग अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाने के क्या-क्या प्रावधान हैं? (ख) जिला सीहोर के विकासखण्ड सीहोर अंतर्गत वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक तेंदूपत्ता की 20 प्रतिशत लाभांश राशि से विभाग अंतर्गत कौन-कौन से विकास कार्य स्वीकृत किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में स्वीकृत कार्यों से कितने कार्य पूर्ण हैं तथा कितने अपूर्ण हैं? यदि अपूर्ण हैं तो क्यों तथा कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) यह सही नहीं है कि तेन्दूपत्ता लाभांश के 20 प्रतिशत राशि से कार्य कराये जाने का प्रावधान है, अपितु विभागीय पत्र क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3, दिनांक 10.02.2012 द्वारा शुद्ध लाभ की राशि का 15 प्रतिशत भाग ''वन एवं संग्राहकों की क्षमता विकास'' तथा 15 प्रतिशत राशि ग्रामों की ''अधोसंरचना तथा मूलभूत सुविधाओं के विकास'' के लिये व्यय करने का निर्देश है। उक्त निर्देश के अनुक्रम में अधोसंरचना विकास कार्य हेतु राज्य लघु वनोपज संघ के संचालक मण्डल द्वारा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दर्शित अधोसंरचना विकास कार्य कराये जाने का प्रावधान किया गया है। (ख) एवं (ग) विभागीय पत्र क्रमांक एफ 26-1/2007/10-3, दिनांक 10.02.2012 में दिये गए निर्देशानुसार शुद्ध लाभ की राशि से स्वीकृत कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अपूर्ण कार्य अगस्त, 2020 तक पूर्ण किये जायेंगे।
रॉयल्टी चोरी के प्रकरणों में जुर्माना राशि की वसूली
[खनिज साधन]
7. ( *क्र. 981 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के किस-किस जिले में खनिज रॉयल्टी, जुर्माना की 31-10-2019 तक कुल कितनी राशि की वसूली की जाना है? जिलेवार, नामवार जानकारी देवें। (ख) वसूली योग्य जुर्माने की राशि कब तक वसूल कर ली जावेगी? यदि वसूली नहीं की गई, तो क्यों? (ग) जुर्माने की करोड़ों की राशि समय-सीमा में वसूली नहीं होने पर क्या संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? जिन लोगों से वसूली होना है, उन पर विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) सागर संभाग अंतर्गत जिलों द्वारा दिनाँक 31.10.2019 की स्थिति में रॉयल्टी बकाया एवं अधिरोपित जुर्माना की वसूली के संबंध में अनंतिम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) वसूली की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वसूली की कार्यवाही एक सतत् प्रक्रिया है। जिलों से प्राप्त जानकारी अनुसार वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जिले में वसूली की कार्यवाही प्रकरणवार की जाती है। प्रत्येक प्रकरण का विश्लेषण किए बिना किसी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना विधि संगत नहीं है। यदि माननीय प्रश्नकर्ता किसी प्रकरण विशेष की जानकारी चाहेंगे तो उस पर की गई कार्यवाही के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जा सकती है।
अमृत परियोजना अंतर्गत कोलार पेयजल योजना की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
8. ( *क्र. 1977 ) श्री महेन्द्र हार्डिया, श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अमृत परियोजना कोलार रोड, हिनोतिया आलम की स्वीकृति केंद्र/राज्य सरकार किसके द्वारा की गई है? क्या मूल डी.पी.आर. के तहत पाईप लाईन बिछाई गई है? यदि परिवर्तन किया गया है, तो क्या इसकी सक्षम स्वीकृति सरकार से ली गई है? यदि नहीं, ली गई है तो परिवर्तन के क्या कारण हैं? परिवर्तन से इस योजना की लागत में कितनी वृद्धि हुई है? (ख) इस स्वीकृत नक्शे में ग्राम हिनोतिया आलम कोलार में स्थित भूमि खसरा नं. 175/4/2/13, 175/5, 175/4/2/13, 175/4/2/6, 175/4/2/2, 175/5, 175/4/2/001, 175/5/1, 175/4/2/0002, 175/5/1, 175/4/2/10, 175/5, 170/1, 92/2/2, 92/3, 170/2/2, 171, 172 तथा अन्य भू-स्वामियों को शामिल किया गया था अथवा नहीं? मूल स्वीकृत योजना की जानकारी देवें। यदि मूल योजना में शामिल नहीं था, तो इसे बाद में किस स्तर पर शामिल किया गया? इसकी स्वीकृति किसके द्वारा दी गई? (ग) इस पाईप लाईन के एलाईनमेंट में आने वाली निजी भूमि का अधिग्रहण करने के बाद ही पाईप लाईन बिछाई गई है या नहीं? निजी भूमि पर बिना अधिग्रहण के पाईप लाईन बिछाये जाने के लिए कौन दोषी है? क्या निजी भूमि से पाईप लाईन हटाई जावेगी या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अमृत परियोजना के मार्गदर्शी सिद्धांत के अंतर्गत कोलार पेयजल योजना की स्वीकृति राज्य शासन स्तर पर गठित राज्य स्तरीय तकनीकी समिति तथा राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति द्वारा प्रदान की गयी है। जी नहीं। जी हाँ, राज्य स्तरीय तकनीकी समिति तथा राज्य स्तरीय उच्च शक्ति प्राप्त संचालन समिति द्वारा ली गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। परिवर्तन से इस योजना की लागत में लगभग राशि रू. 848.26 लाख की वृद्धि हुई है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मूल योजना में शामिल नहीं था, इसके बाद में राज्य स्तरीय तकनीकी समिति एवं समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। (ग) जी नहीं। निजी भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री आवास मिशन योजनांतर्गत पट्टों का वितरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( *क्र. 2042 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा नगरीय क्षेत्र में अवासहीन पात्र हितग्राहियों को स्थाई एवं अस्थाई पट्टे वितरण की योजना चलाई जा रही है? क्या नगर परिषद बड़ावदा जिला रतलाम से वर्तमान में आवासहीन पात्र हितग्राहियों के संबंध में जानकारी निरंक भेजी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या बड़ावदा नगर परिषद क्षेत्र में कई पार्षद व कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा पात्र आवासहीन हितग्राहियों को पट्टा वितरण योजना से वंचित किये जाने की शिकायत विगत वर्षों में की गई है? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा आवासहीन पात्र हितग्राहियों को लाभ पहुँचाने हेतु शुरू की गई योजना में नगर परिषद द्वारा लापरवाही पूर्वक कार्य करने तथा सैकड़ों पात्र लोगों की निरंक जानकारी भेजने पर दोषी जिम्मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी तथा योजना के लाभ से वंचित लोगों के नाम जोड़ने हेतु कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 2002/2015/18-3, दिनांक 30.12.2015 एवं पत्र क्रमांक भूमिहीन एफ-1-6/2017/18-3/18143, दिनांक 10.07.2017 के द्वारा निर्धारित कार्यक्रम अनुसार दिनांक 31.12.2014 की स्थिति में शासकीय भूमि पर काबिज हितग्राहियों को आवासीय भूमि के पट्टे दिये जाने की योजना संचालित है। जी नहीं। नगर परिषद बड़ावदा द्वारा आवासहीन पात्र हितग्राहियों के संबंध में निरंक जानकारी नहीं भेजी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। समय-समय पर विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा निकाय में निवासरत हितग्राहियों को पट्टे प्रदान किये जाने हेतु मांग की गई है। पूर्व में कराये गये सर्वेक्षण अनुसार 107 हितग्राहियों में से 45 अपात्र तथा 62 पात्र पाये गये हितग्राहियों को अस्थाई पट्टे वितरित किये गये हैं। जनप्रतिनिधियों की मांग अनुसार पुन: 171 आवासहीन हितग्राहियों का सर्वे किया गया, किन्तु उक्त हितग्राही 31.12.2014 की निर्धारित समय-सीमा के बाद की स्थिति में शासकीय भूमि पर काबिज हितग्राही होने के कारण अपात्र हैं। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पदाभिहीत अधिकारी (राजस्व) अनुभाग जावरा द्वारा करवाये गये उक्त सर्वेक्षण में कोई पात्र हितग्राही लाभ से वंचित नहीं रहा है।
मुख्य वन संरक्षक/वन संरक्षक वन वृत्त शिवपुरी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें
[वन]
10. ( *क्र. 1785 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक वन वृत शिवपुरी एवं डी.एफ.ओ. शिवपुरी के विरूद्ध 01.01.2017 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुईं हैं, वन वृत्त शिवपुरी प्रभारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्पादन भोपाल द्वारा 15.06.2018 को कौन-कौन सी शिकायत की जाँच शिवपुरी प्रवास पर की गई थी? शिकायतों एवं जाँच प्रतिवेदनों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शिकायतों के तथ्यों की पुष्टि के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत किसने कौन से अभिलेख मांगे थे? यदि हाँ, तो सूचना अधिकार आवेदन तथा उपलब्ध कराए गए अभिलेखों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। आवेदक को यह अभिलेख प्रदाय नहीं करने के लिये कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? नाम व पदनाम बतावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वन वृत्त शिवपुरी प्रभारी अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (उत्पादन) भोपाल द्वारा दिनांक 15.06.2018 को शिवपुरी प्रवास के दौरान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुक्रमांक 1 पर उल्लेखित शिकायत की जाँच की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत दिये गये आवेदनों की छायाप्रतियां तथा आवेदन क्रमांक 1 एवं 2 में प्रदाय किये गये अभिलेखों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुक्रमांक 3 के अंतर्गत लोक सूचना अधिकारी, कार्यालय मुख्य वन संरक्षक शिवपुरी (सामान्य) के द्वारा उनके कार्यालय से संबंधित बिन्दुओं पर अभिलेख उपलब्ध नहीं कराये गये। शेष जानकारियां अन्य सूचना प्राधिकरणों से संबंधित होने के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6 (3) के अंतर्गत अंतरित कर दी गई थी तथा आवेदक को संबंधित लोक सूचना अधिकारियों से संपर्क कर अभिलेख प्राप्त करने हेतु लेख किया गया था। प्रकरण में राज्य सूचना आयोग द्वारा किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी को दोषी घोषित नहीं किया गया है।
शास. उत्कृष्ट विद्यालय होशंगाबाद में छात्रावास निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
11. ( *क्र. 437 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद स्थित शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में नर्मदा नदी से 60 मीटर की दूरी पर, छात्रावास निर्माण किया जा रहा है? (ख) छात्रावास निर्माण पूर्व नगर एवं ग्राम निवेश (टी.एन.सी.पी.) सहित किन-किन विभागों से अनापत्ति ली गयी? (ग) क्या टी.एन.सी.पी. के पत्र द्वारा यह जानकारी दी गई है कि छात्रावास का निर्माण डूब क्षेत्र में आता है? (घ) क्या उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 10561/2019 में दिनांक 16.09.2019 को नर्मदा नदी में बाढ़ के उच्चतम स्तर से 100 मीटर तक चल रहे निर्माण कार्यों की सूची मांगते हुए कोई निर्माण न करने हेतु निर्देश दिये गए थे? (ड.) जून 2019 से अक्टूबर 2019 तक प्रश्नकर्ता द्वारा छात्रावास निर्माण का कार्य रोकने हेतु कलेक्टर होशंगाबाद को मा. उच्च न्यायालय के निर्देश, मुख्य सचिव, म.प्र. के निर्देश एवं टी.एन.सी.पी. के पत्र के प्रकाश में कितने पत्र लिखे गये? (च) क्या निर्माण कार्य रोक दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) विद्यालय परिसर में निर्माण कार्य प्रचलित है। निर्माण परियोजना क्रियान्वयन इकाई, लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। परिसर में स्कूल शिक्षा विभाग की भूमि पर अतिरिक्त निर्माण हेतु किसी अन्य संस्था से अनापत्ति प्राप्त नहीं की गई है। (ग) जी नहीं। (घ) निर्माण कार्य न करने के संबंध में निर्देश नहीं हैं। (ड.) प्रश्नकर्ता द्वारा 03 पत्र कलेक्टर को लिखे गए हैं। (च) निर्माण पूर्व से प्रचलित होने तथा निर्माण कार्य पर रोक न होने से निर्माण कार्य नहीं रोका गया है।
शिक्षकों के स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
12. ( *क्र. 2017 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिलान्तर्गत विभागीय स्थानांतरण नीति 2019-20 के तहत प्राचार्य/व्याख्याता/शिक्षक संवर्ग के कितने स्थानांतरण आदेश जारी किये गये हैं? क्या शिक्षकों के स्थानांतरण नीति के अनुसार किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतायें तथा स्थानांतरण नीति की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानांतरण आदेश से कितने विद्यालय एक शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन हो गये हैं? सिंरोंज एवं लटेरी विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड में हायर सेकेण्ड्री, हाई स्कूल, माध्यमिक शाला एवं प्राथमिक शालाओं में कितने-कितने शिक्षक पदस्थ हैं? विद्यालयवार विषयवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड के विद्यालयों में एक शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन विद्यालयों में कितने अतिथि शिक्षकों की पदस्थी की गई है? (ड.) क्या सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्ड के माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान शिक्षक, संस्कृत शिक्षक एवं हिन्दी विषय के शिक्षकों को अतिशेष माना गया है? यदि हाँ, तो क्या एक शिक्षकीय शाला के शिक्षक को भी अतिशेष माना है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विदिशा जिलान्तर्गत विभागीय स्थानांतरण नीति 2019-20 के तहत् 08 प्राचार्य, 05 व्याख्याता, 09 शिक्षक एवं 1079 अध्यापक संवर्ग के स्थानांतरण किये गये हैं। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। स्थानांतरण नीति की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। (ड.) जी हाँ, छात्र संख्या 105 से कम होने पर विज्ञान (जीव विज्ञान) संस्कृत, हिन्दी विषय के अध्यापक अतिशेष मान्य होते हैं। माध्यमिक शाला में न्यूनतम 03 शिक्षक का प्रावधान होने से एक शिक्षकीय शाला में शिक्षक को अतिशेष नहीं माना जायेगा। शासन आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच अनुसार है।
जबलपुर जिले में शिक्षकों के स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
13. ( *क्र. 857 ) श्री अजय विश्नोई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभागीय स्थानांतरण नीति 2019-20 के अन्तर्गत जबलपुर जिले में कितने शिक्षकों के स्थानांतरण किये गये हैं? (ख) जबलपुर जिले में जनपदवार जानकारी दें कि इन स्थानांतरणों से कितनी शालायें शिक्षक विहीन हो गयी हैं और कितनी शालाओं में शिक्षकों की कमी हो गयी है? (ग) इन स्थानांतरणों से शालाओं में शिक्षकों की कमी को पूरा करने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) स्थानांतरणों के कारण शालाओं में शिक्षकों की हुयी कमी से छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक हानि के लिये कौन जवाबदार है? क्या संबंधित जवाबदार के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जबलपुर जिला अन्तर्गत जबलपुर जिले के अंदर 759, अन्य जिलों से जबलपुर में 648 तथा जबलपुर जिले से अन्य जिलों में 147 स्थानांतरण हुये हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में अतिथि शिक्षक व अन्य शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वित्तीय अनियमितता के दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[अनुसूचित जाति कल्याण]
14. ( *क्र. 1767 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत कहां-कहां, कितने-कितने सीटर के आश्रम/छात्रावास संचालित हैं तथा निवासरत छात्र/छात्राओं को क्या-क्या सुविधा मुहैया कराई जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक छात्र/छात्राओं को सुविधा मुहैया कराने हेतु आश्रम/छात्रावासों को कितनी-कितनी राशि आवंटन की गई? आश्रमवार/छात्रावासवार वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार छात्रावासों/आश्रमों को आवंटित राशि का उपयोग किस-किस रूप में किया गया? छात्रावास/आश्रम में छात्र/छात्राओं को सुविधा मुहैया कराने हेतु सामग्री क्रय करने पर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? आश्रमवार/छात्रावासवार कितनी-कितनी राशि नगद एवं चेक से भुगतान की गई? आश्रमवार/छात्रावासवार वर्षवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या आश्रम/छात्रावासों द्वारा क्रय सामग्री का भुगतान चेक/नेफ्ट/आर.टी.जी.एस. से करने के शासन के निर्देश थे? यदि हाँ, तो छात्रावास/आश्रम द्वारा नगद भुगतान करने पर जिला संयोजक जनजातीय कार्य विभाग जिला राजगढ़ द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु किन-किन दिनांकों को पत्र लिखा गया? पत्र क्र. एवं दिनांक से अवगत करावें। यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्या नगद भुगतान जिला अधिकारी की सहमति से किया गया? स्पष्ट करें। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार दोषियों के विरूद्ध कब तक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) राजगढ़ जिले में अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं के लिए 54 छात्रावास संचालित हैं। आश्रम संचालित नहीं हैं। संचालित छात्रावासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। छात्रावासों में निवासरत छात्र/छात्राओं को दोनों समय चाय, नाश्ता, भोजन, नि:शुल्क आवास सुविधा पलंग, गादी, चादर, तकिया, कंबल आदि की सुविधा मुहैया कराई जाती है। उत्कृष्ट छात्रावासों में निवासरत विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग एवं स्टेशनरी की सुविधा मुहैया कराई जाती है। (ख) छात्रावासों में छात्र/छात्राओं को सुविधा मुहैया कराने हेतु वर्षवार, छात्रावासवार आवंटित शिष्यवृत्ति राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' एवं अन्य सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है। (ग) छात्रावासों को आवंटित शिष्यवृत्ति राशि का उपयोग मेस संचालन हेतु क्रय की गई सामग्री यथा गेहूँ, चावल, किराना, सब्जी आदि में किया जाता है। मेस संचालन हेतु क्रय की गई उपरोक्त सामग्री का नगद भुगतान किया गया है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। स्थाई सामग्री यथा पलंग, गादी, चादर, कंबल, तकिया, तकिया कवर, फर्नीचर आदि क्रय हेतु छात्रावासों को राशि प्रदाय नहीं की जाती है। उक्त सामग्री का क्रय जिला स्तर पर किया जाता है। वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक जिला स्तर पर क्रय की गई सामग्री का चेक (ई-पेमेन्ट के माध्यम) से भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ग' अनुसार है। (घ) छात्रावासों को शिष्यवृत्ति मद अंतर्गत उपलब्ध कराई गई राशि से मेस संचालन हेतु क्रय की गई सामग्री का भुगतान चेक/नेफ्ट/आर.टी.जी.एस. से करने के शासन के निर्देश नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्च श्रेणी शिक्षकों/व्यायाम अनुदेशकों को तृतीय समयमान वेतनमान की स्वीकृति
[आदिमजाति कल्याण]
15. ( *क्र. 1956 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत उच्च श्रेणी शिक्षकों तथा व्यायाम अनुदेशक (पी.टी.आई.) के पद पर कार्यरत कर्मचारियों को दिनांक 01.07.2014 से लागू तृतीय समयमान वेतनमान योजना के तहत 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृत किए जाने के आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उच्च श्रेणी शिक्षकों एवं व्यायाम अनुदेशकों के तृतीय समयमान वेतनमान के प्रकरण स्वीकृत करने हेतु किन-किन अधिकारियों को अधिकृत किया गया है? क्या शिवपुरी जिला अंतर्गत कार्यरत/सेवानिवृत्त उच्च श्रेणी शिक्षक तथा व्यायाम अनुदेशकों को तृतीय समयमान वेतनमान प्रदाय किए जाने के प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित हैं? यदि हाँ, तो किन-किन कर्मचारियों के प्रकरण कौन-कौन से दिनांक से किन-किन कारणों से लंबित हैं व इस हेतु कौन उत्तरदायी है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त प्रकरणों की स्वीकृति हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या उक्त लंबित प्रकरणों की स्वीकृति में हुए विलंब के कारण तृतीय वेतनमान के देय दिनांक से भुगतान किए जाने के दिनांक तक की अवधि का ब्याज संबंधितों को मिलने वाली राशि के साथ दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ख) व (ग) अनुसार शिवपुरी जिले के उच्च श्रेणी शिक्षकों तथा व्यायाम अनुदेशकों के तृतीय समयमान वेतनमान के लंबित प्रकरणों की स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विभागीय जिलाधिकारी को अधिकृत किया गया है। जी हाँ। लंबित प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। तत्समय के जिलाधिकारी विलंब हेतु उत्तरदायी हैं। (ग) क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिये जाने हेतु पात्रता परीक्षण की कार्यवाही की जा रही है। प्रकरण स्वीकृति हेतु प्रचलन में है। शासन नियमों में ब्याज दिए जाने का प्रावधान न होने से ब्याज की राशि नहीं दी जा सकेगी। (घ) तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान के प्रकरणों का परीक्षण कर पात्रतानुसार प्रकरणों का निराकरण शीघ्र किया जावेगा।
अशोकनगर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित गौ-शालाएं
[पशुपालन]
16. ( *क्र. 1003 ) श्री जजपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी पंजीकृत गौ-शालाएं संचालित हैं? गौ-शाला के नाम सहित विवरण दिया जाये। (ख) प्रदेश सरकार द्वारा गौ-शालाओं के अनुदान हेतु प्रतिदिन प्रति गाय के मान से कितनी राशि निर्धारित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गौ-शालाओं को शासन द्वारा विगत 3 वर्षों में कितना अनुदान किस-किस वर्ष में दिया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) 05 पंजीकृत गौ-शालाएं हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश सरकार द्वारा गौ-शालाओं को अनुदान राशि रू. 20.00 प्रतिदिन प्रति गौवंश दिए जाने का प्रावधान किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जवेरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री आवास निर्माण की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( *क्र. 115 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत नगर परिषद् तेंदूखेड़ा में कुल कितने प्रधानमंत्री आवास आज दिनांक तक स्वीकृत हुए हैं? नगर परिषद द्वारा पूर्व में 111 प्रधानमंत्री आवासों के डी.पी.आर. तैयार कर शासन द्वारा आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसमें कितने आवासों को प्रथम किस्त एवं कितनों को द्वितीय किस्त की राशि जारी की गयी है? कितने आवास पूर्ण हैं तथा कितने अपूर्ण हैं? अगर अपूर्ण हैं तो क्या कारण हैं एवं कब तक पूर्ण किये जायेंगे? (ख) क्या नगर परिषद् तेंदूखेड़ा में लगभग 101 प्रधानमंत्री आवास के हितग्राही ऐसे हैं, जिनके आवास तो स्वीकृत हो गये, परन्तु आवास निर्माण हेतु भूमि के लिए पट्टे आज तक प्रदान नहीं किये गये हैं, जिससे प्रधानमंत्री आवास का निर्माण नहीं हो पा रहा है? (ग) यदि हाँ, तो जब हितग्राही के पास आवास निर्माण के लिए स्वयं की भूमि या शासकीय भूमि का पट्टा नहीं था, तो इन आवासों के निर्माण की स्वीकृति क्यों दी गई? अगर स्वीकृति दी गई है तो शासन द्वारा इन सभी हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु पट्टे प्रदान क्यों नहीं किये गये? इसका क्या कारण है एवं कब तक पट्टे प्रदान किये जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत नगर परिषद तेन्दूखेड़ा में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अंतर्गत आज दिनांक तक कुल 1044 आवास स्वीकृत हैं। नगर परिषद द्वारा प्रथम डी.पी.आर. में 17 समर्पित उपरांत 94 हितग्राहियों को प्रथम एवं द्वितीय किश्त की राशि जारी की जा चुकी है, जिसमें से 80 आवास पूर्ण हैं, 11 अपूर्ण हैं तथा 3 अप्रारंभ हैं। आवास निर्माण कार्य हितग्राहियों द्वारा किया जाता है, जिससे अपूर्ण होने का कारण व पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) नगर परिषद तेन्दूखेड़ा में द्वितीय डी.पी.आर. के 950 में से 84 हितग्राही ऐसे हैं, वह जिस भूमि पर निवासरत हैं, उस शासकीय भूमि का स्वत्व अभिलेख न होने से पट्टा हेतु प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व तेन्दूखेड़ा को दिनांक 30.09.2019 को प्रेषित किया गया है। पट्टा प्रदान करने के प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व तेन्दूखेड़ा) कार्यालय में प्रक्रियाधीन है, जिससे 84 हितग्राहियों का आवास निर्माण कार्य अप्रारम्भ है। (ग) हितग्राही म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ 10-47/2015/18-2, दिनांक 03.04.2018 के बिन्दु क्रमांक 4 अनुसार पात्र हैं, इस आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत उसका नाम स्वीकृत आवासों की सूची में है। किन्तु जिस भूमि पर निवासरत हैं, उसका स्वत्व न होने से अभी तक लाभान्वित नहीं किया जा सका है। मध्यप्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाघृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 के प्रावधानानुसार पट्टा प्रदाय करने के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं। पट्टे प्रदाय किये जाने की समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
गुना जिले में वन अभ्यारण विकास
[वन]
18. ( *क्र. 1796 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के वन एवं पर्यावरण संतुलन हेतु बनाये जा रहे वन अभ्यारण्य की कार्य योजना पिछले 3 वर्ष से शासन स्तर पर लंबित है, इसे स्वीकृत कर अभ्यारण्य बनाये जाने की क्या कार्य योजना है? (ख) क्या म.प्र. के वन क्षेत्र के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निजी क्षेत्र का सहयोग या इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र से पूंजी निवेश करवाने की कोई योजना है? (ग) वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण के कार्य में लगे हुए कर्मचारियों अधिकारियों को शस्त्र, उच्च स्तरीय वाहन एवं तकनीकी साधन उपलब्ध करवाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) प्रदेश के वनों आगजनी की बढ़ती घटनाओं के कारण दुर्लभ आयुर्वेदिक पौधों की प्रजाति नष्ट हो रही है, इनके संरक्षण एवं विस्तार हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी प्रदान करें?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जिला गुना के अंतर्गत वनमण्डल गुना में राघौगढ़ कन्जरवेशन रिजर्व बनाये जाने की कार्यवाही विगत वर्षों से प्रचलित थी। वर्तमान में इसे राघौगढ़ वन्यप्राणी अभयारण्य बनाये जाने की कार्यवाही विचाराधीन है। (ख) मध्यप्रदेश के वनक्षेत्र के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु निजी क्षेत्र का सहयोग या इस क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश की कोई योजना वर्तमान में प्रचलित नहीं है। (ग) प्रदेश में वन एवं वन्यप्राणी संरक्षण लिये क्षेत्रीय अधिकारियों/कर्मचारियों को शस्त्र व्यवस्था अंतर्गत 3157 बन्दूकें एवं 286 रिवॉल्वर उपलब्ध कराये गये हैं। उच्च स्तरीय वाहन व्यवस्था अंतर्गत वनक्षेत्र में गश्ती एवं अपराध नियंत्रण हेतु 450 उच्च स्तरीय वाहन उपलब्ध कराये गये हैं तथा तकनीकी साधन व्यवस्था अंतर्गत संचार व्यवस्था के लिये मोबाईल सेट हेतु 5500 सिम, वायरलेस सेट्स, जी.पी.एस., जी.आई.एस. सॉफ्टवेयर, कम्पास, फायर अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम, फॉरेस्ट ऑफेन्स मैनेजमेंट सिस्टम आदि उपलब्ध कराये गये हैं। सैटेलाईट इमेज प्रोसेसिंग तथा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग हेतु भी योजना विचाराधीन है। (घ) प्रदेश के वनों में आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिये वन विभाग में फायर अलर्ट मैनेजमेंट सिस्टम लागू है। इस सिस्टम से वनक्षेत्र में आग लगने की सूचना त्वरित रूप से प्राप्त होती है, जो आग को शीघ्र बुझाने में मदद करती है। इसके साथ-साथ अग्नि दुर्घटना को रोकने के लिये कार्य योजना के प्रावधान अनुसार समय पर अग्नि रेखाओं की कटाई, सफाई एवं जलाई की जाती है। साथ ही फायर सीजन में संवेदनशील क्षेत्र में फायर कैम्प, वॉच टावर आदि की स्थापना कर फायर वाचर्स रखे जाते हैं, जो अग्नि बुझाने में मदद करते हैं। वन क्षेत्र में अग्नि नियंत्रण के लिये नवीन तकनीक के अंतर्गत ड्रोन, ब्लोअर, ब्रश कटर, अग्निरोधी किट आदि का उपयोग भी किया जा रहा है। विभाग द्वारा किये जा रहे वृक्षारोपणों में कुल रोपित किये जाने वाले पौधों में 10 प्रतिशत दुर्लभ एवं संकटापन्न प्रजाति (R.E.T.) के पौधे रोपित किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। अत: यह सही नहीं है कि वनों में सिर्फ आगजनी की बढ़ती हुई घटनाओं के कारण ही दुर्लभ आयुर्वेदिक पौधों की प्रजातियां नष्ट हो रही हैं। इन पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु अन्त: स्थलीय एवं बाह्य स्थलीय प्रयास किये जाते हैं।
विश्राम गृहों के रख-रखाव पर व्यय राशि
[वन]
19. ( *क्र. 40 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्तमान में वन विभाग के कितने विश्राम गृह हैं एवं इनकी क्या स्थिति है? (ख) वर्ष 2016 से वर्तमान तक कौन-कौन से विश्राम गृहों के रख-रखाव हेतु कितनी राशि कब-कब स्वीकृत की गई? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त राशि से क्या-क्या कार्य, कब-कब कराये गये?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) नरसिंहपुर जिले में वर्तमान में 03 वन विश्राम गृह हैं, जिनकी स्थिति अच्छी है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन भूमि से अवैध कब्जों को हटाया जाना
[वन]
20. ( *क्र. 1521 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के सब-डिवीजन मझौली वन परिक्षेत्र मड़वास के बीट टिकरी के वन खण्ड दुधमनिया के अंतर्गत कक्ष क्रमांक 1385 रकबा 154 हेक्टेयर वन विभाग की भूमि है, जिस जमीन की सीमा पर चारों तरफ से वन विभाग के द्वारा मुनारे लगवाई गईं हैं? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उपरोक्त भूमि वन विभाग की है, तो राजस्व के पट्टे कैसे किन के नाम पर कब जारी हुए? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त वन भूमि से अवैध कब्जे/पट्टेधारियों से मुक्त करने के लिये विभाग के द्वारा आज तक यदि कार्यवाही की गई है तो पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें? यदि नहीं, की गयी है, तो क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त भूमि में वनाधिकार के पट्टे जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नांकित जिले के संरक्षित वनखण्ड दुधमनिया कक्ष क्रमांक-पी-1385 रकबा 576 एकड़ (233.104 हेक्टेयर) रीवा फारेस्ट एक्ट की धारा 29 के तहत रीवा राज दरबार आर्डर नं. 124, दिनांक 08.02.1937 से संरक्षित वन एवं भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) के तहत राजपत्र दिनांक 08.01.1971 से प्रस्तावित आरक्षित वन अधिसूचित है, जिसकी वन सीमा पर चारों तरफ बाउन्ड्री पिलर स्थापित हैं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वनखण्ड दुधमनिया की वन सीमा के अन्दर अवैध पट्टों को निरस्त कराने हेतु वनमण्डलाधिकारी सीधी के पत्र क्रमांक/447, दिनांक 03.03.1997, पत्र क्रमांक/1993, दिनांक 05.09.1997, पत्र क्रमांक/350, दिनांक 09.01.2015, पत्र क्रमांक/566, दिनांक 03.08.2015 द्वारा कलेक्टर सीधी को लेख किया गया है। साथ ही भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 (1) में अधिसूचित वनखण्ड दुधमनिया में धारा-5 से 19 तक की वन व्यवस्थापन की कार्यवाही करने हेतु वन व्यवस्थापन अधिकारी एवं पदेन अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व मझौली को अधिसूचित किया गया है। शीघ्र कार्यवाही अपेक्षित है। (घ) उत्तरांश (क) में उल्लेखित वनखण्ड दुधमनिया में अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत वितरित वन अधिकार पत्रधारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मुरैना जिलांन्तर्गत कार्यरत कर्मचारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
21. ( *क्र. 1514 ) श्री कमलेश जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिला अन्तर्गत नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? मय नाम पद एवं नियुक्ति दिनांक की जानकारी प्रदाय की जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विभाग में प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से पद रिक्त हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
22. ( *क्र. 1178 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) B.L.C. घटक अंतर्गत पात्र हितग्राही गरीब होते हैं या नहीं? (ख) यदि गरीबी प्रधानमंत्री आवास योजना का मापदण्ड है, तो क्या गरीबों से रजिस्टर्ड बंटवारा नाम/दान पत्र लिया जाना आवश्यक है या नहीं? यदि पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र का नियम नहीं है, तो कितने मूल्य के स्टाम्प पर दानपत्र/बंटवारा लिया जाना उचित है? (ग) यदि पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र लिया जाना आवश्यक है, तो क्या इसमें होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति शासन करेगा? यदि नहीं, तो गरीब व पात्र हितग्राही पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र में होने वाले व्यय की पूर्ति कहाँ से करेगा? (घ) क्या शासन इस पर विचार करते हुए PMAY (शहरी) में लगने वाले पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र के नियम को शिथिल कर गरीब पात्र हितग्राही को लाभ दे सकेगा? (ड.) इसी प्रकार वन भूमि या अन्य शासकीय भूमि में काबिज गरीब पात्र हितग्राही को भूमि स्वामित्व का अधिकार देंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दिशा-निर्देशानुसार बी.एल.सी. घटक अंतर्गत जिन आवासहीन परिवारों की वार्षिक आय राशि रू. 3.00 लाख तक है, वे पात्र हैं। (ख) जी नहीं। भूमि स्वत्व के अभिलेख होना आवश्यक हैं, जिनमें रजिस्टर्ड बंटवारा/दानपत्र भी सम्मिलित है। (ग) जी नहीं। पंजीकृत बंटवारा/दानपत्र में होने वाले व्यय की पूर्ति हितग्राही द्वारा की जावेगी। (घ) वर्तमान में इस प्रकार का कोई प्रस्ताव प्रचलित नहीं है। (ड.) वन भूमि पर आवासीय पट्टा नहीं दिया जाता है, अन्य शासकीय भूमि पर नियमानुसार परीक्षण कर म.प्र. नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाघृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के प्रावधान अनुसार पट्टा दिया जाता है। प्रदेश के नगरीय निकायों में पट्टा वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
जिला बड़वानी अंतर्गत दुग्ध डेयरी प्लांट की स्थापना
[पशुपालन]
23. ( *क्र. 2122 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम जामली, तहसील सेंधवा, जिला बड़वानी अंतर्गत दुग्ध डेयरी प्लांट का कार्य पूर्ण हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो इसके प्रारंभ किये जाने में विलंब होने का क्या कारण है? उक्त कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई थी? कुल कितनी राशि व्यय की गई? (ग) उक्त प्लांट में स्थानीय कितने लोगों को रोजगार दिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) संयंत्र में स्थापित मशीनरी का तकनीकी ट्रायल अंतिम चरण में है, संयंत्र माह दिसम्बर 2019 के अंत तक प्रारंभ हो जायेगा। दुग्ध संयंत्र सेंधवा परियोजना की लागत जी.एस.टी. सहित रूपये 16.81 करोड़ है। अभी तक लगभग रूपये 16.81 करोड़ की राशि का व्यय हुआ है। (ग) बड़वानी संयंत्र में कार्यरत अमले को ही सेंधवा संयंत्र के संचालन का कार्य सौंपा जाएगा। पृथक से नियोजन प्रस्तावित नहीं है।
एकल शालाओं में परिवर्तित शालाएं
[स्कूल शिक्षा]
24. ( *क्र. 938 ) श्री जसमंत जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में ऐसी कितनी शालाएं हैं, जहां पर एक ही परिसर में एक या एक से अधिक शालाएं जैसे प्राथमिक विद्यालय/माध्यमिक विद्यालय/हाई स्कूल/इण्टर शालाएं एक साथ संचालित की जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त शालाओं में से कितनी शालाओं को शिक्षा विभाग द्वारा एकल शालाओं में परिवर्तित कर दिया गया है? उनका विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ग) क्या विधायकों द्वारा एक से अधिक शालाएं जो एक ही परिसर में संचालित होती हैं, के संबंध में विगत छह माह पूर्व दिये गये प्रस्तावों पर भी आज दिनांक तक विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की है और न ही एकल शाला में परिवर्तित किया है? इसके क्या कारण हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जी नहीं। कलेक्टर, शिवपुरी द्वारा माननीय विधायक के प्रस्ताव अनुसार एकीकृत शाला के जारी आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्वालियर जिले में अमृत योजनांतर्गत किये गये कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( *क्र. 2099 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम में अमृत योजना को पूर्ण करने की समयावधि क्या थी? क्या कार्य समयानुसार प्रगति पर चल रहा है? यदि नहीं, तो कौन अधिकारी जिम्मेदार है और उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) ग्वालियर नगर निगम को अमृत योजना में प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी राशि दी गई? (ग) उक्त योजना में सक्षम प्राधिकारी द्वारा पेयजल योजना एवं सीवरेज के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? (घ) अमृत योजना की सक्षम स्वीकृति के पारित निर्णय/संकल्पों की संपूर्ण कार्य की स्वीकृत ड्राइंग, डिजाइन, अनुमापन एवं कार्य विवरण (उक्त कार्यों पर किये गये व्यय सहित) की प्रमाणित जानकारी देवें। (ड.) ए.डी.बी. प्रोजेक्ट उदय एवं अमृत योजना के व्यवस्थापन/कार्य हेतु किन अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई? यदि समयावधि में मानक सिद्धांतों के अनुरूप कार्य नहीं हुआ, तो इस हेतु किन अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अमृत योजनान्तर्गत पेयजल परियोजना-1 की कार्यावधि दिनांक 06.10.2019, पेयजल परियोजना-2 की कार्यावधि दिनांक 21.09.2019, सीवरेज परियोजना (मोरार) की कार्यावधि दिनांक 24.09.2019 तथा सीवरेज परियोजना (लश्कर) की कार्यावधि दिनांक 27.09.2019 तक निर्धारित थी, सभी पेयजल एवं सीवरेज परियोजनाओं को पूर्ण करने हेतु दिनांक 31.03.2020 तक समयवृद्धि दी गई। जी नहीं। यदि कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं किया जाता है, तो अनुबंध अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) अमृत योजनांतर्गत पेयजल एवं सीवर के कार्यों हेतु ग्वालियर नगर निगम को कुल राशि रू. 253.62 करोड़ दी गई है। (ग) सक्षम प्राधिकारी द्वारा पेयजल योजना हेतु रू. 320.65 करोड़ एवं सीवरेज योजना हेतु राशि रू. 381.20 करोड़ की स्वीकृत की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ड.) ए.डी.बी. प्रोजेक्ट उदय एवं अमृत योजना के व्यवस्थापन/कार्य हेतु जिम्मेदार अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। अमृत योजनांतर्गत अनुबंध में निहित मानक सिद्धान्तों के अनुरूप कार्य कराया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम 46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
खुले
में मृत
मवेशियों की
चीर फाड़
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 11 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिलांतर्गत कठौंदा ट्रीटमेंट प्लांट नियमों के अनुसार स्थापित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्लांट के बाजू में खुले वातावरण में मृत मवेशियों की चीर फाड़ क्यों की जा रही है? (ग) क्या मृत मवेशियों के शवदाह हेतु निर्धारित नियमों का पालन किया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो शवदाह हेतु इलेक्ट्रिक मशीन क्यों नहीं लगाई गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) निगम सीमा अंतर्गत सींग वाले मृत मवेशियों का डिस्पोजल कठौंदा ट्रेचिंग ग्राउंड में एक निर्धारित स्थान पर किया जाता है, जो कि आवासीय क्षेत्र एवं प्लांट से दूर स्थित है। (ग) मृत मवेशियों के निपटान हेतु संपूर्ण प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। (घ) मृत मवेशियों के वैज्ञानिक निपटान हेतु इनसिनरेटर लगाए जाने हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही गई है, जिसमें निविदा प्राप्त होने पर सक्षम स्वीकृति उपरांत इनसिनरेटर लगाया जाना प्रस्तावित है।
प्रधानमंत्री आवासों की राशि का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 12 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम जबलपुर के नये वार्ड क्र. 73 एवं अन्य नये वार्डों में सितम्बर 2018 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गये थे एवं हितग्राहियों को राशि रू. 1 लाख की एक-एक किश्तें भुगतान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या हितग्राहियों ने अपने कच्चे मकान तोड़कर लेंटर हाईट तक दीवारें उठा ली परंतु उन्हें अगली किश्त नहीं मिली, जिसके कारण मकान नहीं बनने से उन्हें बारिश, गर्मी, ठंड में कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करना पड़ रहा है? (ग) यदि हाँ, तो हितग्राहियों के मकान क्यों तुड़वाये गये? इसके लिये कौन जिम्मेवार है? (घ) क्या इन हितग्राहियों को अगली किश्तों का भुगतान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत योजना के बी.एल.सी. घटक के प्रावधान अनुसार हितग्राहियों द्वारा स्वयं आवास निर्माण किया जा रहा है। निर्धारित स्तर तक निर्माण उपरांत कार्य की जीओ टैगिंग होने पर भारत शासन से किश्त की राशि प्राप्त होने पर अगली किश्त की राशि प्रदाय की जाती है। (ग) योजना का लाभ लेने के लिये हितग्राही की सहमति अनुसार योजना स्वीकृति की गई है। जिसमें वर्तमान निवासरत स्थल के कच्चे आवास को तोड़कर नियमानुसार केवल पक्का आवास निर्माण हेतु किश्तों में राशि प्रदान की जाती है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। हितग्राहियों द्वारा किये गये कार्य की भौतिक प्रगति का लिंटल स्तर पर जीओ टैगिंग का सत्यापन अनुसार अगली किश्त प्रदाय की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
गौ-शालाओं के संबंध में
[पशुपालन]
3. ( क्र. 31 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत कितनी गौ-शालायें प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत की गयी हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित गौ-शालाओं का संचालन किन-किन संस्थाओं/व्यक्तियों को दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दर्शित गौ-शालाओं की अद्यतन स्थिति क्या है? प्रश्न दिनांक तक कितनी गौ-शालायें working condition में हैं? सूची उपलब्ध करायें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत 07 ग्राम पंचायतों में गौ-शालायें स्वीकृत की गयी है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) गौशालाओं का कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन है। निर्माण कार्य पूर्ण होने पर संबंधित ग्राम पंचायत संचालन के लिए उत्तरदायी होंगे। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
अनु.जाति/अनु.ज.जाति वर्ग की योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
4. ( क्र. 32 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? पात्रता की शर्तों सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में प्रश्नांश (क) में दर्शित किस-किस योजना में कितनी-कितनी राशि भोपाल जिले को प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य, कहां-कहां करवाये तथा कितने हितग्राहियों को लाभ मिला? (ग) शैक्षणिक सत्र 2018-19 एवं 2019-20 में उक्त वर्गों के पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण रहे तथा कब तक भुगतान होगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) शैक्षणिक सत्र 2018-19 में अनुसूचित जाति वर्ग के 13525 तथा 3857 अनुसूचित जनजाति के पात्र विद्यार्थियों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है। वर्ष 2019-20 में एन.आई.सी. एवं एम.पी.टास पोर्टल प्रारंभ कर दिया गया है। वर्तमान में विद्यार्थीगण ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं तथा फी कैपिंग की कार्यवाही प्रचलन में है। फी कैपिंग की कार्यवाही पूर्ण होने पर स्वीकृति एवं भुगतान की कार्यवाही की जायेगी। निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
शिक्षक विहीन विद्यालय
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 68 ) श्री रामपाल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में कौन-कौन से विद्यालय शिक्षक विहीन हैं? किन-किन विद्यालयों में छात्र संख्या के मान से तथा विषयवार शिक्षक नहीं हैं? उक्त विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई कब तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी? (ख) किन-किन विद्यालयों के भवन जर्जर हालत में है? कौन-कौन से विद्यालय भवन विहीन हैं? किन-किन विद्यालयों में किचिन शेड नहीं हैं? कहां-कहां के भवन अनुपयोगी है तथा किन-किन के भवन कब से निर्माणाधीन तथा उनका कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्र वार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रायसेन जिला अंतर्गत 105 शिक्षक विहीन शालाओं में अतिथि शिक्षकों व अन्य शिक्षकों के द्वारा अध्यापन की व्यवस्था की गई है। विषयवार रिक्त पदों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर अतिथि शिक्षकों से नियुक्ति की गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) रायसेन जिलें में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों की जर्जर भवन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूल जर्जर भवन में संचालित नहीं है। भवन विहीन शालाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार। जिले की सभी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक विद्यालयों में किचिन शेड उपलब्ध है। कोई भी भवन अनुपयोगी नहीं। निर्माणाधीन भवन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है। निर्माण कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वन भूमि अनुमति के लंबित प्रकरण
[वन]
6. ( क्र. 69 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवंबर 2019 की स्थिति में वन भूमि पर सड़क, पुल, भवन तथा विद्युतीकरण में वनभूमि की अनुमति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार हैं? अनुमति के संबंध में क्या-क्या प्रक्रिया है? कितने दिन में प्रकरण का निराकरण हो जाना चाहिए? (ख) नवंबर 2019 की स्थिति में डी.एफ.ओ. औबेदुल्लागंज, रायसेन तथा ऑनलाइन प्राप्त किन-किन कार्यों में वनभूमि की अनुमति के प्रकरण किस स्तर पर कब से क्यों लंबित है, उक्त प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा? (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की धारा-2 के प्रावधानों के अनुसार किसी भी वन भूमि के गैर वानिकी उपयोग के लिये भारत सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक है। अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 की धारा 3 (2) में यह प्रावधान है कि वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में किसी बात के होते हुये भी, केन्द्रीय सरकार द्वारा व्यवस्थित विभिन्न 13 सुविधाओं के लिये वन भूमि के परिवर्तन का उपबंध करेंगी। इन 13 सुविधाओं में सड़क, विद्यालय, औषधालय, आंगनवाड़ी, उचित मूल्य की दुकान, सामुदायिक केन्द्र तथा विद्युत लाईने भी सम्मिलित है। इन प्रकरणों में संबंधित वनमण्डल अधिकारी 01 हेक्टेयर तक के प्रस्तावों में कुछ शर्तों के साथ वन भूमि का गैर वानिकी उपयोग करने की अनुमति देते हैं। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत 15 विभिन्न जनोपयोगी कार्यों के लिये 01 हेक्टेयर तक की वन भूमि पर गैर वानिकी कार्य करने की पूर्व अनुमति जारी करने के अधिकार कुछ शर्तों के साथ राज्य शासन को प्रदत्त किये गये हैं। इन 15 कार्यों में सड़क, विद्यालय, औषधालय तथा विद्युत लाईने के कार्य भी सम्मिलित है। वनभूमि प्रत्यावर्तन के लिये वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत आवेदक संस्था को ऑनलाइन आवेदन करना होता है। आवेदन पूर्ण पाये जाने की स्थिति में संबंधित वनमण्डलाधिकारी तथा मुख्य वन संरक्षक क्रमशः भाग-2 एवं भाग-3 में ऑनलाइन प्रविष्टियाँ करते हैं। प्रस्ताव राज्य शासन के प्रशासकीय अनुमोदन के उपरान्त भारत सरकार को स्वीकृति के लिये भेजा जाता है। वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत आवेदक संस्था भाग-क में आवेदन प्रस्तुत करती है जिसे संबंधित वनमण्डलाधिकारी परिक्षेत्र अधिकारी से भाग-ख में प्रतिवेदन प्राप्त कर स्वीकृति की कार्यवाही करते हैं। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत प्राप्त प्रकरणों में विभिन्न स्तरों पर कार्यवाही करने की समय-सीमा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इसके अतिरिक्त कुछ प्रकरणों में पर्यावरणीय अनुमति तथा वन्य जीव अनुमति भी लेना अनिवार्य है, जिसके पृथक नियम है। (ख) नवम्बर, 2019 की स्थिति में औबेदुल्लागंज तथा रायसेन वनमण्डलों में ऑनलाइन लंबित आवेदनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इन प्रकरणों के लंबित होने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। यह सभी पत्र माननीय मंत्री जी द्वारा पत्र दिनांक 18.09.2019 से प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, मध्यप्रदेश को इस निर्देश के साथ अग्रेषित किए गए कि इन पत्रों का परीक्षण कर नियमानुसार समुचित कार्यवाही करें तथा की गई कार्यवाही से माननीय मंत्री जी एवं उन्हें अवगत करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी को पत्रों का भेजा गया उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक जी के पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का निराकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
गौंण खनिज मद/डी.एम.एफ. मद से कार्यों की स्वीकृत एवं गुणवत्ता की जाँच
[खनिज साधन]
7. ( क्र. 84 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौंण खनिज मद/डी.एम.एफ. मद अंर्तगत सतना जिले में 30 जून 2019 की स्थिति में कितनी राशि उपलब्ध रही है वर्ष 18-19 में कितनी राजस्व की वसूली की गई? माहवार वसूली के विवरण, फर्म/संस्थावार सहित जानकारी देवें। (ख) उक्त मद से राशि/कार्य स्वीकृति के क्या नियम हैं? किन कार्यों पर राशि व्यय की जा सकती है? शासनादेशों की प्रतियाँ देवें। क्या सतना जिले में गौंण खनिज मद से स्वीकृत किये गये कार्यों में जनप्रतिनिधियों के प्राप्त प्रस्तावों की उपेक्षा करते हुये मनमाने ढंग से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि नहीं, तो स्वीकृत कार्यादेश एवं जनप्रतिनिधि की अनुसंशा की जानकारी देवें। कितने कार्यों के प्रस्ताव विधायक/सांसद द्वारा भेजे गये थे? उन प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त मद से स्वीकृत किये जाने वाले कार्य जनप्रतिनिधियों के प्रस्तुत प्रस्ताव अनुसार कब तक किये जावेंगे? सतना जिले उक्त मद से स्वीकृत किये गये कार्य की कार्य एजेन्सियों द्वारा गुणवत्ता विहीन, मापदण्ड के विपरीत कार्य कराये जा रहे हैं, क्या कार्यों की जाँच कराई गई है? (घ) सतना जिले में उक्त मद से स्वीकृत कार्यों की गुणवत्ता जाँच कब तक कराई जायेगी? जनप्रतिनिधियों के प्राप्त प्रस्तावों की उपेक्षा करने एवं मनमाने ढंग से उक्त मद से कार्य स्वीकृत करने पर क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतावें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) सतना जिले में गौण खनिज से डी.एम.एफ. मद में कोई राशि प्रश्नाधीन अवधि में जमा नहीं कराई गई है। वर्ष 2018-19 में मुख्य खनिजों से डी.एम.एफ. मद में राशि रूपये 1,16,64,24,510/- वसूल किये गये हैं। माहवार एवं फर्म/संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में संग्रहित राशि का व्यय प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में निर्धारित मदों में किया जा सकता है। यह नियम/निर्देश अधिसूचित है। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार गौण खनिज मद से संबंधित कोई राशि डी.एम.एफ. में संग्रहित नहीं होने से प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई भी कार्य संपादित नहीं कराये जाने के फलस्वरूप प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कोई भी कार्य संपादित नहीं कराये जाने के फलस्वरूप प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षकों को ट्रैनिंग हेतु विदेश भेजने के मापदंड
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 92 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जुलाई 19 के पश्चात स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कितने शिक्षकों एवं प्राचार्यों को नवाचार एवं ट्रैनिंग हेतु विदेश भेजा गया? इसमें शिक्षकों का चयन आधार क्या था? क्या इसके लिये शिक्षकों की चयन परीक्षा आयोजित की गई थी? यदि हाँ, तो कब? शिक्षक चयन कमेटी में कौन-कौन सदस्य थे? (ख) उक्त ट्रैनिंग हेतु विदेश जाने वाले शिक्षकों की सूची उपलब्ध करावें। शिक्षकों को विदेश भेजने पर विभाग ने कुल कितनी राशि व्यय की? शिक्षकों एवं प्राचार्यों के अलावा कौन-कौन गैर शैक्षणिक सदस्य विदेश जाने वाले दल में उपस्थित थे? (ग) क्या विदेश से नवाचार एवं ट्रैनिंग लेने वाले शिक्षकों से अपने-अपने जिले में शैक्षणिक कार्य करवाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब से? (घ) क्या नवाचार एवं ट्रैनिंग के नाम पर अयोग्य शिक्षकों का चयन विदेश दौरे के लिये किया गया तथा इसमें कई ऐसे शिक्षक थे जो अपने सेवा काल के दौरान निलंबित भी हुए हैं? क्या ऐसे शिक्षकों का चयन कर विभाग ने अन्य श्रेष्ठ शिक्षकों का अनादर कर उनकी कार्य श्रेष्ठता पर प्रश्नचिन्ह लगाया है और उन्हें निराश किया है? क्या विभाग में इससे गलत संदेश नहीं जायेगा? यदि हाँ, तो क्या विभाग विदेश जाने वाले अयोग्य शिक्षकों की जाँच के लिये कोई कमेटी का गठन करेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विदेश अध्ययन दौरे पर वरिष्ठ अधिकारियों/मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों तथा प्राचार्यों को भेजा गया। प्राचार्यों के चयन का आधार स्कूल का परीक्षा परिणाम था। जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कुल व्यय राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शिक्षकों एवं प्राचार्यों के अतिरिक्त शिक्षा विभाग के माननीय मंत्री जी सहित विभागीय अधिकारी सम्मिलित थे। (ग) प्रशिक्षण प्राप्त प्राचार्य अपने-अपने क्षेत्रों में प्रशिक्षण अनुभव के आधार पर कार्य कर रहे है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मंदसौर में बाढ़ के पानी की निकासी के लिये वहद् योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 94 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर शहर में बारिश के समय अत्यधिक वर्षा के पानी को पंप स्टेशन के माध्यम से शिवना नदी में पानी फेंकने हेतु कितने पंप स्टेशन संचालित हैं? क्या पंप स्टेशन वर्तमान में क्षमता अनुरूप नहीं हैं? विभाग द्वारा इसका आंकलन कब-कब किया गया। (ख) क्या गत दिनों अत्यधिक बारिश के कारण यह पंप स्टेशन पानी फेंकने में अयोग्य साबित हुये हैं जिससे मंदसौर शहर के कई क्षेत्रों में पानी भर गया एवं लाखों रू. का नुकसान हुआ? यदि हाँ, तो क्या विभाग मंदसौर के इन पंप स्टेशनों को अत्याधुनिक रूप से सक्षम बनाकर नई कार्ययोजना बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्र-सी.एम.-23 एवं दिनाक 10.09.2019 को नगरीय प्रशासन विभाग एवं जिला कलेक्टर को नई कार्ययोजना के सबंध में पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के सुझाव पर कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो उसकी अद्यतन स्थिति से अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) दो पंपिंग स्टेशन क्रमश: धान मण्डी पर 06 पंप एवं किला नाला पर 20 पंप संचालित हैं। जी नहीं, क्षमता के अनुरूप है। नगर पालिका परिषद् मंदसौर द्वारा वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि होने के उपरांत इसका आंकलन किया गया। (ख) जी हाँ। जी हाँ। कार्ययोजना बनाने हेतु वास्तुविद नियुक्त किये जाने के लिये 23.11.2019 को निविदा जारी की गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी हाँ। माननीय मुख्यमंत्री जी को संबोधित पत्र विभाग को प्राप्त हुआ है। पत्र में प्रश्नकर्ता के सुझावों का परीक्षण कराया जा रहा है। योजना बनाते समय दिये गये सुझावों को गुण-दोष के आधार पर शामिल किया जा सकेगा।
पेयजल प्रदाय योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
10. ( क्र. 130 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की पसान, नगर पालिका एवं जैतहरी नगर परिषद् के लिये पेयजल जल प्रदाय योजना का कार्य किस वित्तीय वर्ष में स्वीकृत किया गया था व कितनी राशि इस हेतु स्वीकृत है? क्या कारण है कि काफी समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अभी तक उक्त योजना का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनूपपुर नगर पालिका के लिये पेयजल प्रदाय योजना के अंतर्गत स्वीकृत राशि में से 14 करोड़ की राशि व्यय होने के पश्चात भी पेयजल प्रदाय का कार्य अपूर्ण रहने के क्या कारण है? उक्त पेयजल योजना का समय पर कार्य पूर्ण न कराये जाने पर कौन-कौन दोषी है तथा इनके खिलाफ विभाग कब तक कार्यवाही करेगा तथा पेयजल योजना का कार्य कब तक पूर्ण किया जा सकेगा? (ग) पसान नगर पालिका अंतर्गत जल प्रदाय योजना के तहत राज्य शासन द्वारा कितनी राशि स्वीकृत की गई है। योजना की प्रशासकीय स्वीकृतियां कब हुई। योजना में क्या-क्या कार्य होना है, इस कार्य को कब तक किस निर्माण एजेंसी से कराया जाना है एजेंसी से अनुबंध एवं कार्यादेश कब हुआ। कार्य पूर्ण करने की तिथि क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अनूपपुर जिले की पसान, नगर पालिका एवं जैतहरी, नगर परिषद की पेयजल प्रदाय योजना का कार्य क्रमश: वित्तीय वर्ष 2018-19 व 2016-17 में स्वीकृत किया गया व इस हेतु स्वीकृत राशि क्रमश: लागत रू. 30.87 करोड़ एवं रू. 12.83 करोड़ है। पसान, नगर परिषद की पेयजल योजना की निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जाना है एवं जैतहरी नगर परिषद की पेयजल योजना का कार्य प्रगति पर है, लक्ष्य अनुसार जैतहरी नगर की जल प्रदाय योजना का कार्य 02 जुलाई 2020 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) पसान, नगर पालिका की जल प्रदाय योजना की स्वीकृत लागत राशि रू. 30.87 करोड़ है। योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 01.10.2019 को दी गई है। योजना में प्रस्तावित कार्य संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। निविदा आमंत्रण की कार्यवाही किया जाना है, अतः कार्य किस निर्माण एजेंसी से कराया जाना, एजेंसी से अनुबंध दिनांक, कार्यादेश दिनांक एवं कार्य पूर्णता की तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
रिक्त पदों पर भर्ती हेतु कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
11. ( क्र. 131 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में आदिम जाति कल्याण विभाग में सहायक आयुक्त, परियोजना प्रशासक, प्राचार्यों के कितने पद स्वीकृत हैं, कितने पद भरे एवं कितने पद रिक्त हैं। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित रिक्त पदों के विरूद्ध शिक्षक संवर्ग एवं अन्य विभागों के अधिकारी किस-किस जिले में किस पद के विरूद्ध कार्यरत हैं। रिक्त पदों के विरूद्ध किन-किनकों सहायक आयुक्त, प्राचार्य एवं परियोजना प्रशासक का प्रभार सौंपा गया है। इनकी पद नाम पद स्थापना स्थल जिलेवार सहित सूची उपलब्ध करावें। (ग) मध्यप्रदेश में सहायक आयुक्त, परियोजना प्रशासक, प्राचार्यों के रिक्त पदों पर भर्ती हेतु क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई तथा अभी तक इन पदों को न भरने के क्या कारण रहे जानकारी उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) सहायक आयुक्त, परियोजना प्रशासक एवं प्राचार्यों के स्वीकृत, भरे एवं रिक्त पद निम्नानुसार है-
क्र |
पद का नाम |
स्वीकृत |
भरे |
रिक्त |
1 |
सहायक आयुक्त |
32 |
15 |
17 |
2 |
परियोजना प्रशासक |
23 |
01 |
22 |
3 |
प्राचार्य |
2119 |
574 |
1545 |
(ख) सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) यह समस्त पदोन्नति के पद है। अत: इन पदों पर भर्ती किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। पदोन्नति से संबंधित प्रकरण भी सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
पशु रोगी कल्याण समिति की जानकारी
[पशुपालन]
12. ( क्र. 148 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पशु रोगी कल्याण समिति जिला शिवपुरी द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15, 2017-18 एवं 2018-19 प्रश्न दिनांक तक सामग्री/उपकरण क्रय किये है? यदि हाँ, तो क्या-क्या सामग्री किस-किस फर्म से कितनी-कितनी मात्रा/संख्या में खरीदी गई? सामग्री के क्रय आदेश, सामग्री का बिल, भुगतान व्हाउचर एवं नोटशीट जिसके उपर सामग्री क्रय हेतु अनुमति ली गई है? उसकी प्रति संलग्न कर जानकारी देवें। (ख) क्या उक्त सामग्री क्रय करने हेतु संचालक पशुपालन से अनुमति ली गई? यदि हाँ, तो अनुमति आदेश की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि क्या उप संचालक पशुपालन शिवपुरी एवं सिविल सर्जन जिला पशु चिकित्सालय शिवपुरी को पशु कल्याण की राशि से उनके कार्यालय में ए.सी. लगाने की पात्रता है? यदि हाँ, तो अभिलेख का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या पशु कल्याण समिति की राशि से ए.सी. एवं अन्य ऐसी सामग्री जो पशुओं के काम न आती हो खरीदी जा सकती है? यदि हाँ, तो शासन अभिलेख का विवरण देवें। (घ) क्या पशु रोगी कल्याण समिति की राशि से फ्रिज खरीदे गये, यदि हाँ, तो कब, कहाँ से कितनी राशि के किस कंपनी के किस दर से क्रय किये गये यदि कोटेशन से क्रय किये गये तो कोटेशन की छायाप्रति एवं क्रय आदेश तथा तुलनात्मक पत्रक तथा पशु रोगी कल्याण समिति के वॉयलॉज की प्रति उपलब्ध करावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) उक्त सामग्री क्रय करने हेतु संचालक पशुपालन से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। वरन जिला रोगी पशु कल्याण समिति की राशि को व्यय करने का अधिकार समिति की शासी निकाय का ही है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (ग) रोगी पशु कल्याण समिति की नियमावली के बिन्दु क्रमांक ''12 ज'' अनुसार समिति के द्वारा जो धनराशि एकत्रित की जावेगी उसका व्यय करने का अधिकार समिति को होगा। रोगी पशु कल्याण समिति के उद्देश्य क्रमांक 4 पशु चिकित्सा प्रबंधन में सुधार अन्तर्गत रोगी पशु कल्याण समिति की नियमावली के बिन्दु क्रमांक 12 झ के अनुसार समिति नये उपकरण क्रय करने, उपकरणों की मरम्मत, दवाएं तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं के क्रय पर भी व्यय कर सकेगी। उपरोक्त नियमों के अंतर्गत पशु चिकित्सा संस्थाओं में आपरेशन थिएटर, रोग अनुसंधान प्रयोगशाला आदि के सुदृढ़ीकरण करने हेतु ए.सी. इत्यादि सामग्री क्रय की जा सकती है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
कालोनियों को पूर्णता प्रमाण पत्र दिये जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
13. ( क्र. 164 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगर निगम द्वारा जनवरी 2017 से 31 अक्टूबर 2019 तक किन-किन कालोनियों के पूर्णता विकास प्रमाण पत्र जारी किये गये है? कॉलोनाइजर सहित जानकारी बताएँ। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त कालोनियों में कॉलोनाइजर द्वारा बिजली, मय ओवर हेड टैंक पेयजल व्यवस्था, स्ट्रीट लाईट, नाली निर्माण एवं सार्वजनिक उद्यान जैसी सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगर की अविकसित एवं अपूर्ण कालोनियों को नियम विरुद्ध कालोनी विकास पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने वाले निगम के किन-किन दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही की जा रही है? (घ) क्या निगम की साधारण सभा दिनांक 06 नवम्बर 2019 में अधिकांश पार्षदों द्वारा नियम विरुद्ध प्रमाण पत्र जारी करने पर आपत्ति ली है? विकास पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध जाँच के आदेश दिये जाऐगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) क्या नगर पालिक अधिनियम के तहत पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनाँक से सभी कॉलोनियां वैध एवं अर्द्ध रात्री से निगम को स्वमेव हस्तातंरित मानी जाती है? यदि हाँ, तो क्या इऩ कॉलोनियों की मूलभूत सुविधाओं की जिम्मेदारी निगम की है? य़दि नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नगर की किसी भी अविकसित एवं अपूर्ण कॉलोनियों को नियम विरूद्ध कॉलोनी विकास पूर्णता प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जाने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बंधन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 12 (2) (आठ) में संशोधित प्रावधान दिनांक 06.11.2019 के तहत कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक से रहवासी कल्याण समिति को अंतरित मान्य किये जाने का प्रावधान किया गया है।
नाली निर्माण में लापरवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
14. ( क्र. 165 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में कुल कितने मीटर नालियों का निर्माण निगम द्वारा कराया गया है? (ख) क्या निगम द्वारा नाली निर्माण कार्य का आंकलन किये बिना हजारों मीटर नाली निर्माण की एन.आई.टी. जारी कर ठेकेदारों को अवैध रुप से लाभ पहुँचाने का कार्य किया गया है? (ग) क्या नगर के अनेक ऐसे हिस्सों में अनावश्यक एवं अनुपयोगी स्थानों पर नाली निर्माण का कार्य किया गया है? जहाँ पर किसी प्रकार का कोई आवासीय क्षेत्र ही नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) निगम द्वारा बड़े पैमाने पर कराये गये इस नाली निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किये जाने के उपरांत भी कार्य एजेंसी को बिना जाँच एवं गुणवत्ता प्रतिवेदन के बिना लाखों करोड़ों का भुगतान किस आधार पर किया गया है? दोषी अधिकारियों के नाम एवं पदनाम सहित बताएँ? (ङ) क्या जनहित में ऐसे घटिया निर्माणकर्ता एजेंसी को ब्लेक लिस्ट एवं संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध शासकीय धन का दुरूपयोग करने पर वसूली की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) कुल 22363 मीटर नाली निर्माण कार्य कराया गया। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। नगर निगम सीमा क्षेत्र अंतर्गत आवासीय क्षेत्रों में ही नाली निर्माण कराया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) निगम द्वारा कराये गये नाली निर्माण में घटिया निर्माण साम्रगी का उपयोग नहीं कराया गया है। समय-समय पर मटेरियल टेस्टिंग लेबोरेट्री से कराई जाती है, परीक्षण परिणाम मानक स्तर के होने के उपरांत ही ठेकेदार को भुगतान किया जाता है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्तरांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय महाविद्यालय उज्जैन में बी.एड. में प्रवेश की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
15. ( क्र. 172 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय उज्जैन के अंतर्गत बी.एड. में प्रवेश हेतु कितनी सीट स्वीकृत हैं? शिक्षा सत्र वर्ष 2019-20 में स्वीकृत सीट के विरूद्ध कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? आवेदकों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के आवेदकों में से किस-किस आवेदक को प्रवेश दिया गया? क्या स्वीकृत प्रवेश सीट से कम आवेदकों को प्रवेश दिया गया? यदि हाँ, तो क्या कारण है? (ग) क्या निर्धारित स्वीकृत सीट से कम प्रवेश देने से शासन को प्राप्त होने वाले राजस्व की हानि हुई है? यदि हाँ, तो शेष रहे आवेदकों को प्रवेश नहीं देने का क्या कारण है? प्रवेश के क्या मापदण्ड हैं और किस किस मापदण्ड का पालन हुआ? (घ) प्रश्नांश (ग) के लिए कौन अधिकारी दोषी है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय शिक्षा महाविद्यालय उज्जैन के अन्तर्गत बी.एड. में प्रवेश हेतु 170 सीट स्वीकृत है। स्वीकृत सीट्स के विरूद्ध 996 अभ्यर्थियों के आवेदन/सूची प्राप्त हुई थी। आवेदकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) शासकीय शिक्षा महाविद्यालय उज्जैन द्वारा 381 आवेदकों की सूची जारी की गई थी इनमें से निर्धारित तिथि तक 150 आवेदकों द्वारा प्रवेश लिया गया। प्रवेशित छात्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जी हाँ। निर्धारित तिथि तक प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों को ही प्रवेश दिया गया है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश (ख) अनुसार। प्रवेश के मापदण्ड प्रवेश नियमों के रूप में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। महाविद्यालय द्वारा प्रवेश संबंधी सभी मापदण्डों का पालन किया गया। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौंण खनिज प्रतिष्ठान मद से निर्माण कार्य
[खनिज साधन]
16. ( क्र. 185 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में दमोह जिले की चारों विधान सभा क्षेत्रों दमोह, पथरिया, हटा, जबेरा में गौंण खनिज प्रतिष्ठान मद से कितनी राशि के कौन-कौन से विकास कार्य किन-किन स्थानों में स्वीकृत किये गए हैं कितने पूर्ण हो गए है कितने अपूर्ण है अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे। (ख) इस वर्ष चारों विधानसभा क्षेत्रो में गौंण खनिज प्रतिष्ठान मद से किन-किन विकास कार्यों हेतु जनप्रतिनिधियों से कितने प्रस्ताव शासन को प्राप्त हुए है प्राप्त प्रस्तावों के विरुद्ध किन-किन विधानसभाओं में कितने प्रस्ताव स्वीकृत किये गए है। (ग) जबेरा विधानसभा क्षेत्र से भेजे गए विकास कार्यों के किन-किन प्रस्तावों पर कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है कितने शेष है अगर स्वीकृत नहीं किये गए है तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) गौण खनिजों में डी.एम.एफ. राशि वसूल किये जाने के प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना
[आदिमजाति कल्याण]
17. ( क्र. 192 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के अन्तर्गत एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना में 2016 से अब तक कितने निर्माण कार्य किये गये, कितने लम्बित हैं, लम्बित रहने के क्या कारण हैं? (ख) बालाघाट एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना के निर्माण कार्य का सत्यापन किस-किस अधिकारी ने किया वर्ष 2016 से अब तक के सत्यापन की जानकारी दें। (ग) क्या वर्ष 2016 से अब तक किये गये कार्य की शिकायत क्षेत्रीय जनता, जन प्रतिनिधि द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो जाँच में क्या कार्यवाही की गई? (घ) एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना मध्यप्रदेश के 2016 से अब तक की सम्पूर्ण निर्माण एवं हितग्राही योजना की जानकारी देवें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्ष 2016 से अब तक वर्षवार भारत सरकार द्वारा स्वीकृति योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के संबंध में
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातीय कल्याण]
18. ( क्र. 194 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत कौन-कौन सी विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियां निवासरत हैं? इनके नाम एवं अनुमानित जनसंख्या कितनी है? इन जनजातियों की सर्वाधिक जनसंख्या जिले के किस ब्लॉक (विकासखण्ड) में पाई गई हैं? (ख) शासन द्वारा इन जातियों के लोगों को व्यवसाय, शिक्षा एवं इलाज (उपचार) के लिये क्या-क्या सहायता दिये जाने के प्रावधान हैं? क्या जिले में इस वर्ग के शत्-प्रतिशत परिवारों को आवास एवं शौचालय उपलब्ध करा दिये गये हैं? (ग) क्या नगर खातेगांव एवं कन्नौद में निवासरत गाड़ोतिया (लोहार) परिवारों ने भूमि का पट्टा दिये जाने का मांग पत्र शासन को दिया है? यदि हाँ, तो कुल कितने परिवार भूमिहीन चिन्हित किये गये हैं? (घ) क्या इन जनजातियों को निकट समय में भूमि (आवास) का पट्टा एवं प्रधानमंत्री आवास प्रदान कर दिया जावेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) देवास जिले के अन्तर्गत विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ की कालबेलिया, बंजारा, हरबोला, धनगर, भोपा, जोशी, कसाई, लोहार, पिट्टा गाड़िया, गाड़ोतिया, (लोहार), सिकलीगर, कंजर, सांसी, बागरी, नट, पारदी, बैरागी, गाडूलिया, मोगिया, गारी, नाथ, जातियां निवासरत हैं। सर्वाधिक जनसंख्या सोनकच्छ विकासखण्ड में 10657 पायी गयी है। (ख) इन जातियों के लोगों के लिये व्यवसाय हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, शिक्षा हेतु आश्रम/छात्रावास, राज्य छात्रवृत्ति, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना एवं सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना संचालित है। ईलाज (उपचार) के लिये विभाग में अलग से कोई योजना संचालित नहीं है। जिले में इस वर्ग के शत्-प्रतिशत परिवारों को आवास/शौचालय का लाभ नहीं मिला है। (ग) नगर खातेगांव में निवासरत परिवारों के द्वारा भूमि का पट्टा देने के संबंध में कोई मांग पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। कन्नौद में गाड़ोतिया जाति के 32 परिवार निवासरत है। इन परिवारों के द्वारा पट्टे आवंटन की मांग पूर्व में की गयी थी जिसके आधार पर 30 परिवार को आवासी पट्टे दिये जा चुके है। दो परिवार शेष है। (घ) भूमि (आवास) एवं प्रधानमंत्री आवास दिये जाने का संबंध इस विभाग से संबंधित नहीं है। शासन के नियमानुसार भूमि का पट्टा राजस्व विभाग के द्वारा तथा प्रधानमंत्री आवास पंचायत विभाग के द्वारा दिये जाने का प्रावधान है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफर के कारण स्कूलों में शिक्षकों की कमी
[स्कूल शिक्षा]
19. ( क्र. 195 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2019 में प्रायमरी, मिडिल, हाई स्कूल एवं हा.से. में कुल कितने शिक्षकों के ट्रांसफर किये गये? जिला और संख्या बतायें। ट्रांसफर संबंधी क्या नीति सरकार द्वारा बनाई गई? उसकी जानकारी देवें। (ख) क्या देवास जिले से जितने शिक्षकों के ट्रांसफर किये गये हैं, उस अनुपात में अन्य जगहों से स्थानांतरित होकर कम संख्या में शिक्षक देवास जिले में आये हैं? (ग) क्या कन्नौद एवं खातेगांव तहसील के कई प्रायमरी, मिडिल, हाई स्कूल एवं हा. सेकेण्डरी में कई जगह पर शिक्षकों की भारी कमी हो गई है, जिससे शिक्षकीय कार्य प्रभावित हो रहा है? (घ) जिन संस्थाओं में शिक्षक ट्रांसफर के कारण रिक्तियां हो गई हैं एवं अध्यापन कार्य ठप्प पड़ा है, उन स्कूलों को चिन्हित करके क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2019 में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सैकेण्ड्री विद्यालयों में कुल 35926 शिक्षकों के स्थानान्तरण किये गये। शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार। (ख) जी हाँ। देवास जिले से अन्य जिले में 286 शिक्षकों एवं अन्य जिलों से देवास जिले में 242, शिक्षकों का स्थानान्तरण हुआ है। (ग) जी नहीं। (घ) स्थानांतरण के फलस्वरुप जिन शालाओं में शिक्षकों की कमी हुई है वहां पर अतिथि शिक्षकों एवं अन्य शिक्षकों की व्यवस्था की गई है।
म.प्र.वन विकास निगम में ई-भुगतान के संबंध में
[वन]
20. ( क्र. 205 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के 12 जुलाई 2019 को पूछे गये प्रश्न क्रमांक 1487 की कंडिका (ग) के उत्तर में यह बतलाया गया था की म.प्र. वन विकास निगम द्वारा समस्त प्रकार के भुगतान को ई-पेमेंट से करने हेतु शासन का कोई आदेश जारी नहीं है तो प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य वन विकास निगम लिमिटेड द्वारा समस्त संभागीय प्रबंधक म.प्र.वन विकास निगम लि. को दिनांक 18/07/18 को लिखे अपने पत्र क्रमांक/वि.वि.नि./बजट/बी.29/2018/2219 में किन दिशा निर्देशों का उल्लेख है? पत्र की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें की 12 जुलाई 2019 को प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न क्रमांक 1487 की कंडिका (ग) एवं (घ) का सही उत्तर क्या है? विधान सभा में गलत जानकारी देने का दोषी कौन है? दोषियों के विरूद्ध कब क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) संभागीय प्रबंधक कुण्डम परियोजना मण्डल जबलपुर द्वारा समस्त परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी कुण्डम परियोजना मण्डल जबलपुर को दिनांक 26/06/2019 को लिखे गये अपने पत्र क्र. 108/व्यय/2019/1257 क्या है? पत्र की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावें की इस पत्र के द्वारा भुगतान के संबंध में क्या दिशा निर्देश दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर दिनांक 26/06/19 के पश्चात किन-किन परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों (कुण्डम परियोजना) मण्डल जबलपुर में ई-भुगतान के स्थान पर किन-किन कार्यों हेतु किस-किसको कितना-कितना नगद या चेक से भुगतान किया गया? परिक्षेत्र वार 26/06/19 से प्रश्न दिनांक तक किये गये भुगतान की सूची देवें। भुगतानकर्ता अधिकारी के पदनाम सहित देवें तथा शासकीय आदेशों की अवहेलना करने का दोषी कौन है? दोषियों पर शासन द्वारा कब क्या कार्यवाही की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1487 दिनांक 12.07.2019 इस विभाग में आना नहीं पाया जाता है। विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1487 के प्राप्त न होने के कारण संबंधित प्रश्न की गलत जानकारी तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के पत्र क्रमांक/वि.वि.नि./बजट/बी.29/2018/2019 दिनांक 18.07.2018 द्वारा मंडलों में ई-भुगतान के संबंध में निर्देश दिये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) संभागीय प्रबंधक कुण्डम परियोजना मण्डल जबलपुर द्वारा अधीनस्थ परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों को दिनांक 26.06.2019 को लिखे गये पत्र क्रमांक 08/व्यय/2019/1257 में ई-भुगतान के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ग) कुण्डम परियोजना मंडल में विभिन्न परियोजना परिक्षेत्र अधिकारियों द्वारा माह जुलाई 2019 से माह नवम्बर 2019 तक किये गये नगद भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। इस प्रकार कुण्डम परियोजना मंडल द्वारा भुगतान की प्रक्रिया में शासकीय आदेश की अवहेलना की गई है, जिसकी जाँच करवाकर एक माह में कार्यवाही की जावेगी।
बालक-बालिका छात्रावासों में पदस्थ वार्डन
[स्कूल शिक्षा]
21. ( क्र. 206 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला अंतर्गत कहां-कहां पर बालक-बालिका छात्रावास संचालित हैं। रहवासी छात्र-छात्राओं की संख्या एवं छात्रावासों में प्रदत्त सुविधायें तथा उल्लेखित बालक-बालिकाओं के छात्रावासों में पदस्थ वार्डनरों के नाम उनकी छात्रवास में पदस्थी दिनांक सहित सूची देवें? (ख) संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र क्रमांक/रा.शि.के./एस.जी.यू./2017/588/भोपाल दिनांक 11/08/2017 में कितने वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने वाले वार्डन को वार्डन के अतिरिक्त प्रभार से अलग करने का उल्लेख है? (ग) क्या कार्यालय जिला शिक्षा केन्द्र कटनी द्वारा अपने पत्र क्रमांक/स्थापना/जि.शि.क्र./2019/1199 कटनी दिनांक 05/09/2019 के द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल के पत्र का उल्लेख करते हुये 03 वर्ष का कार्य पूर्ण करने पर श्रीमती कमला उपाध्याय वार्डन के.जी.बी. व्ही. रीठी जिला कटनी को वार्डन के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कटनी जिले के अन्य छात्रावासों में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ अन्य वार्डन क्यों नहीं बदले गये? दुर्भावना पूर्ण एक ही नियम के तहत दोषपूर्ण कार्यवाही का दोषी कौन है? क्या शासन दोषियों पर कार्यवाही करते हुये प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नियम के तहत कटनी जिले के छात्रावासों में तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ सभी वार्डनों को पृथककर, नई नियुक्तियां करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार। (ख) तीन वर्ष पश्चात्। (ग) जी हाँ। (घ) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार कटनी जिले में 16 छात्रावासों में से 8 छात्रावासों में कार्यरत वार्डन का कार्यकाल 3 वर्ष पूर्ण नहीं हुआ है। एक छात्रावास सी.डब्ल्यू.एस.एन (विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए) का संचालन अशासकीय संस्था द्वारा किया जा रहा है। जिसमें प्रश्नांश (ख) अनुसार समय-सीमा लागू नहीं है। शेष 7 छात्रावासों में परिवर्तन नहीं होने का कारण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 3 वर्ष पूर्ण करने वाले वार्डन के परिवर्तन की कार्यवाही जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मार्ग निर्माण हेतु मिट्टी एवं मुरम के खनन की अनुमति
[खनिज साधन]
22. ( क्र. 207 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बहोरीबंद जिला कटनी ने दिनांक 30-10-2019 को अनुबंध क्रमांक 08/एन.डी.बी./सड़क-2/2018 के तहत कटनी जिले में मुख्य जिला मार्गों को एन.डी.बी./सड़क-2 योजना अंतर्गत मार्ग निर्माण करने वाली हिलवेज कन्स्ट्रक्शन कम्पनी की एक पोकलेन मशीन सहित छ: डम्पर मार्ग निर्माण हेतु अवैध उत्खनन करते हुये पकड़े थे? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग निर्माता कंपनी द्वारा। अनुबंध क्रमांक 08/एन.डी.बी./सड़क-2/2018 के तहत कटनी जिले में कहां-कहां पर कौन-कौन से मार्गों का निर्माण किया जा रहा है तथा इन मार्गों के निर्माण में उपयोग हेतु लगाई गई मिट्टी एवं मुरम का उत्खनन कहां-कहां से कितनी मात्रा में किया गया उत्खनन स्थल के ग्राम का नाम मार्ग का नाम, खनन स्थल का खसरा नम्बर एवं खनन किये गये क्षेत्र का माप सहित संपूर्ण सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों के निर्माण हेतु किन-किन मार्गों के किन-किन स्थलों में मिट्टी एवं मुरम के उत्खनन हेतु निर्माता कंपनी द्वारा राजस्व विभाग से अनुमति ली गई थी? मार्ग का नाम स्वीकृत खनन क्षेत्र के ग्राम का नाम, खसरा नम्बर, स्वीकृत सहित सम्पूर्ण सूची देवें। (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग निर्माता कम्पनी द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों निर्माण हेतु उपयोग की गई मिट्टी एवं मुरम का उत्खनन राजस्व विभाग की अनुमति लिये बिना या स्वीकृत स्थल से अन्यत्र अपनी सुविधा अनुसार उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर कितने क्षेत्र में अवैध उत्खनन किया गया एवं इस कार्य के विरूद्ध मार्ग निर्माता कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग निर्माता कंपनी द्वारा अनुबंध क्रमांक 08/एन.डी.बी./सड़क-2/2018 के तहत कटनी जिले में किये गये निर्माण कार्य से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब में दर्शित अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्ग निर्माण हेतु जिन-जिन मार्ग निर्माण हेतु मिट्टी एवं मुरूम के उत्खनन हेतु स्थल से संबंधित राजस्व विभाग के द्वारा दी गई अनापत्ति के आधार पर कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (भ/स) कटनी संभाग कटनी के द्वारा मार्ग निर्माण हेतु मिट्टी/मुरूम के उत्खनन की अनुमति प्रदाय की गई है। मार्ग का नाम स्वीकृत खनन क्षेत्र के ग्राम का नाम खसरा/रकबा उत्खनित खनिज की मात्रा संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार दर्शायी गई है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग निर्माता कंपनी हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मार्गों के निर्माण हेतु उपयोग की गई मिट्टी/मुरूम खनिज का उत्खनन लोक निर्माण विभाग द्वारा दी गई अनुमति स्थल से ही किया गया है। मार्ग निर्माता कंपनी को स्लीमनाबाद-पडवार-कुंआ मार्ग 14.87 कि.मी. स्लीमनाबाद-बहोरीबंद मार्ग 21.323 कि.मी. सड़क निर्माण हेतु ग्राम कुआं के निजी भूमि ख.क्र. 50 रकबा 3.25 हे. क्षेत्र में निर्मित तालाब के गहरीकरण हेतु दी गई अनुमति स्थल से उत्खनित खनिज मुरूम/मिट्टी मात्रा 840 घन मीटर को बिना अभिवहन पारपत्र के परिवहन किए जाने पर अवैध उत्खनन का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर रू. 12,60, 000/- अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है।
दिव्यांग विवाह की राशि प्रदाय करना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
23. ( क्र. 231 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकाखण्ड सिहोरा एवं कुण्डम अंतर्गत 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनाँक तक कितने दिव्यांग जोड़ों के विवाह कब-कब संपन्न कराये गये? (ख) प्रश्नांश (क) जोड़ों को विभाग द्वारा कितनी-कितनी राशि प्रदाय की जाना थी? राशि कब प्रदाय की गई? यदि नहीं, तो कारण बतायें। विलंब के लिये कौन दोषी है, कब तक राशि प्रदाय कर दी जावेगी? क्या राशि प्राप्त करने हेतु दिव्यांग जनों को आये दिन जिला मुख्यालय बुलाया जाना उचित है? विवाह उपरांत राशि दिये जाने की शासन द्वारा क्या नीति एवं प्रक्रिया निधारित की गई है? कितने दिनों के अंदर राशि दिये जाने का प्रावधान है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड सिहोरा में 14 एवं कुण्डम विकासखण्ड अंतर्गत 01 दिव्यांग विवाह इस प्रकार प्रश्नांश अवधि तक कुल 15 दिव्यांग जोड़ों के विवाह विभिन्न तिथियों में संबंधितों के निवास स्थान में सम्पन्न हुये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित दिव्यांग जोड़ों को विभाग द्वारा प्रदाय की जाने वाली राशि एवं भुगतान राशि के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार, विलंब के लिये कोई दोषी नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
विधायक निधि से स्वीकृत कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 232 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत नगर पालिका सिहोरा को विधायक विकास निधि से 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनाँक तक किन-किन कार्यों के लिये कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई? स्वीकृत राशि नगर पालिका के किस खाते में जमा कराई गई? खाता क्र., बैंक का नाम, राशि का विवरण सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। यह भी बतायें कि इस खाते का संचालन किन-किन के द्वारा किया जाता है तथा राशि का आहरण कब-कब किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) कार्यों को कराने के लिये नगर पालिका द्वारा किस एजेंसी को सौंपा गया? कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं? इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? कितनी राशि शेष है? कार्य में विलंब के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध अभी तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। खाता क्रमांक 10904541439 स्टेट बैंक आफ इण्डिया शाखा सिहोरा में जमा कराई गयी है। खाते का संचालन संयुक्त रूप से मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं अध्यक्ष नगर पालिका परिषद सिहोरा द्वारा किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
डी.पी.आर. बनाने वाली एजेंसियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 247 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम ग्वालियर द्वारा जिला ग्वालियर के विकास कार्य हेतु किस एजेंसी के माध्यम से कितनी डी.पी.आर. तैयार करवाई गई? डी.पी.आर. बनाने वाली एजेंसियों को कुल कितना भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया? डी.पी.आर. हेतु तय एजेंसी के लिए शासन के मापदण्ड क्या थे? क्या एजेंसियों द्वारा आवश्यकता से अधिक डी.पी.आर. बनाई गई? 2019 में कितनी डी.पी.आर. बनी, कितनी स्वीकृत हुई व कितनी शेष है? (ख) वर्ष 2019 के पूर्व नगर निगम ग्वालियर में डी.पी.आर. बनाने का काम किस-किस एजेंसियों के माध्यम से संपादित किया जाता था? किस-किस एजेंसी को वर्ष 2017-2018 में कितना-कितना भुगतान डी.पी.आर. बनाने का किया गया वर्ष 2017-2018 में कितनी डी.पी.आर. बनी, कितनी स्वीकृत हुई व कितनी शेष है वर्ष 2018 व 2019 में डी.पी.आर. अनुसार कौन-कौन से मद से कार्य प्रारंभ कराये गये? कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) वर्ष 2015 से 2019 तक मुख्यमंत्री अधोसंरचना एवं सरकार की विशेष निधि से ग्वालियर महानगर विकास हेतु कितनी राशि कौन-कौन से कार्य हेतु स्वीकृत की गई? कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है? मुख्यमंत्री पेयजल योजनांतर्गत नगर निगम ग्वालियर के वार्ड नं. 61 से 66 का प्रस्ताव स्वीकृति हेतु अभी तक लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिक निगम, ग्वालियर द्वारा प्रश्नावधि में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत मे. मेहता एसोसिएटस, इन्दौर से एक डी.पी.आर. तैयार कराई गई है। प्रश्नावधि में कोई भुगतान नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी नहीं। प्रश्नावधि में नगर पालिका निगम ग्वालियर द्वारा एक डी.पी.आर. तैयार कराई गई है, जिसकी स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है। स्वीकृति शेष की जानकारी निरंक है। (ख) मे. मेहता एसोसिएट, इन्दौर। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-स अनुसार है। जी हाँ। नगर पालिक निगम ग्वालियर द्वारा मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के अन्तर्गत वार्ड क्रमांक 61 से 66 तक पेयजल के कार्यों के लिए राशि रू. 4975.92 लाख की कार्य योजना तैयार कराई गई है, जिसकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
बिल्डर द्वारा जबलपुर विकास प्राधिकरण के अनुबंधों का पालन न करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
26. ( क्र. 258 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में विजय नगर में फ्लैट/आवास निर्माण हेतु जबलपुर विकास प्राधिकरण और निजी भवन निर्माता कंपनी श्री जी प्रमोटर/मुस्कान बिल्डर के मध्य कोई अनुबंध हुआ था? अगर हां, तो उक्त अनुबंध में क्या-क्या शर्तें जबलपुर विकास प्राधिकरण द्वारा बिल्डर पर अनिवार्य रूप से किया जाना किस तयशुदा समय-सीमा में करना निर्धारित किया गया था? अनुबंध की एक प्रति दें। (ख) क्या जबलपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा जो अनुबंध उक्त बिल्डर के साथ निष्पादित हुआ था उसका प्रश्नतिथि तक बिल्डर द्वारा पालन ही नहीं किया गया है? अगर किया गया है तो कुल कितने आवास/फ्लैट शताब्दीपुरम, विजय नगर जबलपुर में प्रश्नतिथि तक बनाये जाने थे? कितने बने? किस-किस नाम के उपभोक्ता से कितनी-कितनी राशि कब-कब ली? किस-किस नाम के उपभोक्ता को प्रश्नतिथि तक फ्लैट नहीं दिये गये? किस-किस को फ्लैट दिये गये? सूची नामवार, उपभोक्ता द्वारा दी गई रकमवार दें। (ग) जबलपुर विकास प्राधिकरण/कमिश्नर नगर पालिक निगम/कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जबलपुर को किस-किस नाम के फ्लैट बुक करने वाले उपभोक्ताओं के द्वारा प्रश्नतिथि तक उनको पजेशन न देने की शिकायतें की गई? उन शिकायतों पर प्रश्नतिथि तक किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से कब व क्या कार्यवाही की गयी? जारी सभी आदेशों की एक प्रति देंवें। (घ) शासन उक्त बिल्डर के विरूद्ध किन नियमों के तहत क्या कार्यवाही उपभोक्ताओं के हितों को देखते हुये कब तक करेगा? अगर नहीं करेगा तो क्यों? नियमों का उल्लेख करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है, जिसमें शर्तें एवं समय-सीमा उल्लेखित है। (ख) आंशिक रूप से, जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 3 उपभोक्ताओं द्वारा पजेशन न देने की शिकायत की गयी है। शिकायतों पर की गयी कार्यवाही के पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (घ) अनुबंध की कंडिका क्र. 26 के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय राजस्व धन राशि को खुर्द-बुर्द किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
27. ( क्र. 260 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के लोक शिक्षण संचालनालय ने वर्ष 2017-18 के दौरान 300 करोड़ के लगभग की साइकिलों की खरीद की? उसमें कितनी साइकिलों की खरीदी हुई? साईकिलें कहां रखवाई गई? सुरक्षित भण्डारण के लिये क्या लघु उद्योग निगम को 30 रूपये प्रति साईकिल का अतिरिक्त भुगतान किया गया वर्ष 2017 में साइकिलों के उपयोगिता प्रमाण पत्र लिये बिना वित्तीय वर्ष 18-19 में कितनी रकम की साइकिलों की खरीदी हेतु लघु उद्योग निगम के खाते में राशि जमा की वर्ष 16-17, 17-18 एवं 18-19 में कितनी साइकिलों को नहीं बांटा गया? (ख) क्या सतना/सीधी/राजगढ़/बालाघाट/भिण्ड नीमच/रतलाम जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों के द्वारा वित्तीय वर्ष 16 से 19 तक बिना टेण्डर बुलाये किताबों/फर्नीचरों/अन्य सामग्रियों की खरीद की? क्या महालेखाकार के द्वारा आडिट में आपत्ति ली गयी? क्या महालेखाकार को वित्तीय वर्ष 16 से 19 तक लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों ने सहयोग न कर दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये? अगर कराये तो महालेखाकार ने स्कूली शिक्षा विभाग को भेजे अपने नोट (टिप्पणी) में जो लिखा है उसकी प्रति उपलब्ध करायें? (ग) वित्तीय वर्ष 2016 से 2019 के मध्य लोक शिक्षण विभाग को कितने स्कूलों में कम्प्यूटर लैब बनाने का लक्ष्य था वर्षवार दें। कितने कम्प्यूटर लैब बनाये गये? कितनी राशि वर्षवार कम्प्यूटर लैब बनाने की खर्च ही नहीं की गई? मेधावी छात्र योजना के तहत लैपटॉप बांटने में क्या चिन्हित छात्रों के बैंक एकाउंट में ही पैसा जमा किया गया? कितने छात्रों के बैंक स्टेटमेंट नहीं मिलने की पुष्टि हुई? (घ) क्या वित्तीय वर्ष 16 से 19 के मध्य रीवा जिला अन्तर्गत शालाओं में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत छात्रवृत्ति दी गई? कितने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं दी गई? कितनी रकम छात्रवृत्ति की लोक शिक्षण संचालनालय के खाते में जमा है? वित्तीय वर्षवार जानकारी दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) वर्ष 2017-18 में कक्षा 6वीं एवं 9वीं के लिए लगभग 200 करोड़ की राशि साइकिल क्रय हेतु लघु उद्योग निगम को उपलब्ध कराई गई, जिससे 7, 14, 316 साइकिलों की खरीदी की गई। असेम्बल्ड व निरीक्षित साइकिलें संबंधित विकासखण्ड/स्कूल स्तर पर भण्डारित की गई। जी नहीं। निविदा MOU की शर्तों के अनुसार राशि लघु उद्योग निगम के पी.डी खातें में जमा की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रश्नांकित अवधि में पोर्टल की पात्रतानुसार सभी पात्र छात्र-छात्राओं को सायकिलें बांटी गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। जी नहीं। विगत वर्ष सतना जिले में खनिज निधि से फर्नीचर क्रय प्रक्रिया के संबंध में जाँच हेतु संभाग आयुक्त रीवा को संचालनालय के पत्र क्रमांक 456 दिनांक 08.07.2019 के द्वारा लेख किया गया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। लेपटॉप वितरण योजना के तहत पात्र सभी छात्रों के बैंक खातों में लेपटॉप की राशि जमा हुई है। बैंक स्टेटमेंट नहीं मिलने संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। लोक शिक्षण संचालनालय के खाते में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजनांतर्गत जमा राशि निरंक है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत छात्रों के कम्प्यूटर क्रय की राशि दी जाना
[स्कूल शिक्षा]
28. ( क्र. 280 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 में राशि रूपये 25000 प्रति छात्र के मान से कम्प्यूटर क्रय हेतु प्रदेश में कितनी राशि आवंटित एवं वितरित की जा चुकी है? (ख) क्या अधिकांश जिलों में उक्त राशि वितरित नहीं हो पाई है तथा अनेक विद्यार्थी इससे वंचित रह गये है तो क्यों? (ग) कब तक पात्र विद्यार्थियों को इसका लाभ दे दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2018 -19 में योजनांतर्गत कुल 1, 73, 65, 50, 000/- की राशि आंवटित की गई थी। कक्षा 12 वीं की परीक्षा के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहन के रूप में कुल 1, 69, 17, 00, 000/- की राशि का वितरण किया जा चुका है। (ख) जी नहीं, राशि सभी जिलों में वितरित की जा चुकी है। परन्तु पुर्नगणना में अंक परिवर्तित होने से पात्रता बन जाने या बैंक खाता नम्बर की त्रुटि की वजह से जिलों में कतिपय नये प्रकरण प्राप्त होते रहते है जिनके स्थानीय स्तर पर निराकरण के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिये गये है। (ग) उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शिक्षा समिति को आवंटित भूमि का व्यवसायिक दुरुपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
29. ( क्र. 288 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में संचालित पंजीकृत शिक्षा समितियों को उन्हें स्कूल भवन/छात्रावास के निर्माण हेतु भूमि सहयोगदान के रुप में आवंटित करने के लिये शासन स्वीकृति प्रदान की जाना आवश्यक है? (ख) यदि हाँ, तो नीमच नगर पालिका क्षेत्र में संचालित कालिदास शिक्षा समिति को किस प्रयोजन हेतु कितने वर्ग मीटर भूमि सहयोगदान के रुप में वर्ष 1955 में आवंटित की गई है? आवंटित भूमि की शासन स्वीकृति की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में आवंटित भूमि के संबंध में विधिवत लीज डीड/सहयोगदान लेख आदि का पंजीकृत निष्पादन कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? आवंटित भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य क्या है? (घ) क्या कालिदास शिक्षा समिति द्वारा भूमि पर किये गये अनाधिकृत कब्जा, अतिक्रमण और उसका व्यवसायिक दुरुपयोग करने के संबंध में कोई शिकायत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन इस अनाधिकृत कब्जे की भूमि को मुक्त कराकर अपने आधिपत्य में लेगा? नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वर्तमान में मध्य प्रदेश नगर पालिका (अचल सम्पत्ति का अंतरण) नियम, 2016 में वर्णित प्रावधान अनुसार शैक्षणिक प्रयोजन के लिये अचल सम्पत्ति के अंतरण से पूर्व राज्य सरकार का पूर्व अनुमोदन आवश्यक है। इसके पूर्व में तत्समय प्रभावी नियमों का पालन करना आवश्यक था। (ख) उल्लेखनीय है कि कालीदास शिक्षण समिति को जनरल कमेटी, नगर पालिका प्रशासन, नीमच द्वारा दिनांक 15.12.1955 सरक्यूलर लेटिन प्रस्ताव क्रमांक 440 से छात्रावास निर्माण समिति को उनके द्वारा मांगी गई भूमि उनके पत्र दिनांक 12.12.1955 अनुसार केवल छात्रावास निर्माण हेतु 540x840=432000 वर्गफिट भूमि वांछित स्थान पर कीमत राशि रूपये 15000.00 पर देना सैद्धांतिक रूप से स्वीकार किया गया। भूमि छात्रावास निर्माण योजना में नगर पालिका, नीमच की ओर से सहयोगानुदान के रूप में दी गई व आवश्यकतानुसार महाअधिक्षक महोदय की अनुमति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। प्रकरण में भूमि आवंटन उपरांत पंजीकृत अंतरण लेख तत्समय संपादित किया नहीं गया तथा महाअधिक्षक महोदय की अनुमति प्राप्त नहीं की गई। (ग) जी नहीं, तत्समय लीज डीड का पंजीयन नहीं कराया गया। आवंटित भूमि का वर्तमान बाजार मूल्य राशि रूपये 77, 08, 41, 600.00 है। (घ) जी हाँ। प्राप्त शिकायतें एवं उन पर की गयी कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उक्त भूमि पर दुकान निर्माण आदि के संबंध में माननीय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत याचिका क्र. 1295/89 में प्रदत्त निराकरण हेतु प्राप्त आदेश के पश्चात दुकान निर्माण की अनुज्ञा दी गयी है। इसके अतिरिक्त माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका क्रमांक 1123/09 भी प्रचलित है। पूर्ण प्रकरण की जाँच कर विधिसम्मत कार्यवाही हेतु कलेक्टर, नीमच को लिखा गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन विभाग के माध्यम से किये गये कार्यों की जानकारी
[वन]
30. ( क्र.
309 ) श्री
रामकिशोर
कावरे : क्या वन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा वन
विभाग
बालाघाट को
पत्र क्रमांक/114
दिनांक 28-12-2018, क्र. 521
दिनांक 27-07-2019 एवं
क्र. 657 दिनांक 13-09-2019
के माध्यम
जानकारी चाही
गई है?
यदि हाँ, तो क्या
जानकारी
प्रदाय कर दी
गई? यदि
नहीं,
तो क्यों? (ख) क्या
बालाघाट जिले
में वन विभाग
के माध्यम से
वनक्षेत्रों
में चेनलिंक
/फैंसिंग कार्य
करवाया गया? यदि
हाँ,
तो किस नियम
अंतर्गत
वनक्षेत्रों
के अंदर चेनलिंक/फैंसिंग
कार्य किया
गया? नियम
निर्देश सहित
जानकारी
देवें। साथ ही
तकनीकी स्वीकृति
प्राप्त की
गई? यदि
हाँ,
तो जानकारी
देवें। (ग) क्या
चेनलिंक/फैंसिंग
हेतु निविदा
नियम का पालन
किया गया? यदि
हाँ,
तो जानकारी
देवें। (घ) बालाघाट
जिले में
ग्राम वन
समिति/वन
सुरक्षा समिति
में वर्तमान
में कितनी
राशि उपलब्ध
हैं? समितिवार, परिक्षेत्रवार
जानकारी
देवें। वर्ष 2015
से वर्तमान तक
कितने
ग्रामों में
ग्राम विकास
के कार्य
समितियों के
विकास खाते की
राशि से
करवाये गये? यदि
हाँ,
तो जानकारी
समिति बैठक की
कार्य
प्रोसेडिंग का
विवरण सहित
देवें।
वन मंत्री (
श्री उमंग
सिंघार ) : (क) प्रश्नकर्ता
के पत्रों के
संबंध में
मुख्य वन
संरक्षक, बालाघाट
के पत्र
क्रमांक/व्यय
आं./4699, दिनांक
10.12.2019
एवं 4702, दिनांक
11.12.2019
एवं वनमंडल
अधिकारी उत्तर
वनमंडल, बालाघाट के
पत्र क्रमांक-3584, दिनांक
15.12.2019
तथा दक्षिण
सामान्य
वनमंडल, बालाघाट के
पत्र क्रमांक-2028, दिनांक
15.12.2019
द्वारा प्रश्नकर्ता
को जानकारी
उपलब्ध कराई
गई है,
अत: शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) बालाघाट
वन वृत्त के
उत्तर/दक्षिण
सामान्य
वनमण्डल
बालाघाट
अंतर्गत
विदोहित
कूपों में
सुरक्षा हेतु
बारबेड वायर
से फैंसिंग कार्य
करवाया गया है।
वन क्षेत्रों
में
चेनलिंक/फैंसिंग
कार्य वनमण्डलों
की स्वीकृत
कार्य आयोजना
में विदोहित
कूपों में पूरक
वनवर्धनिक
कार्यों में
सुरक्षा के
प्रावधानों
के अंतर्गत
कराया गया है।
उपरोक्त
कार्य हेतु
मुख्य वन
संरक्षक
वनवृत्त
बालाघाट से
तकनीकी स्वीकृति
प्राप्त की
गई। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
में है। उत्तर
एवं दक्षिण
बालाघाट
वनमंडल का
आंशिक भाग कान्हा-पेंच
कॉरीडोर में
आता है। Tiger Conservation Plan में
इन क्षेत्रों
के संबंध में
सामान्य (Generic) प्रावधान
किये जाते हैं (ग) चेनलिंक/फैंसिंग
हेतु सामग्री
का क्रय मध्यप्रदेश
लघु उद्योग
निगम के माध्यम
से की गई है, अत:
निविदा का
प्रश्न
निहित नहीं है।
(घ)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2
में है।
वरिष्ठता के आधार पर प्रभार
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 326 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक शिक्षण संचालनालय, म.प्र., भोपाल के आदेश परिपत्र क्रमांक/ईपीईएस/अ.संचा./ 2019/20, दिनांक 03.07.2019 को जारी परिपत्र के अनुसार क्रमांक 3 में ''एक परिसर एक शाला'' अंतर्गत समस्त शालाओं के लिए एक ही स्टॉफ उपस्थिति पंजी संधारित होगी, जिसमें पदस्थ वरिष्ठता क्रम के अनुसार व्याख्याता/उ.मा.शि./वरिष्ठ अध्यापक/प्रधानाध्यापक को समकक्ष पद पर माना जायेगा? (ख) क्या हा.से. स्कूल उमरी विकासखण्ड रायपुर कर्चु. में पूर्व में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य को हटाकर उनसे कनिष्ठ को प्रभार दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों तथा प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश का पालन करते हुए कब तक पूर्व पदस्थ प्राचार्य को ही प्रभार दिया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। पूर्व में पदस्थ प्रभारी प्राचार्य के विरूद्ध ग्रामवासियों की शिकायतों, अतिथि शिक्षकों के मानदेय भुगतान के प्रकरण लंबित रहने एवं सी.एम.हेल्प लाइन के प्रकरणों का निराकरण समय पर न करने के कारण हटाया गया था। माननीय उच्च न्यायलय जबलपुर में पारित निर्णय दिनांक 22.10.2019 एवं प्रश्नांश (क) में वर्णित आदेश का पालन करते हुए कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रीवा के आदेश क्र/कोर्ट/2019/1420 रीवा दिनांक 07.12.2019 द्वारा शा.उ.मा.वि.उमरी में पूर्व पदस्थ प्रभारी प्राचार्य को पुनः प्रभार सौंपने का आदेश जारी किया जा चुका है।
कर्मचारियों का एक वर्ष के लिए रिडिप्लायमेन्ट
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 327 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र क्रमांक-सी.3-15/1/3/97 भोपाल, दिनांक 26.05.1997 के द्वारा जिला स्तर पर कर्मचारियों को एक वर्ष के लिए रिडिप्लाइमेंट के तहत पदस्थ किये जाने के अधिकार कलेक्टर को सौंपे गये हैं? पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिला अंतर्गत जिला शिक्षा केन्द्र रीवा में सहायक परियोजना समन्वयकों एवं जनपद शिक्षा केन्द्रों में विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों के पद पर रिडिप्लाइमेंट के तहत किसको कब से पदस्थ किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें एवं आदेश क्रमांक दिनांक अवधि पूर्ण होने की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार रिडिप्लाइमेंट की अवधि पूर्ण होने वाले कर्मचारियों की सेवाएं मूल पदस्थापनाएं को वापस की गयी है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब तक इनकी सेवाएं मूल पदस्थापना के लिए वापस की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार एवं अवधि पूर्ण होने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) कलेक्टर रीवा द्वारा आदेश क्रमांक/जिशिके/स्था./2019/1729 दिनांक 12.12.2019 के माध्यम से सहायक परियोजना समन्व्यक एवं विकासखण्ड स्रोत समन्वयक के पद पर रिडिप्लाइमेंट के तहत पूर्व में जिले द्वारा जारी समस्त आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जा चुका है, आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर पालिका नगर परिषदों पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
33. ( क्र. 336 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में स्थित नगर पालिका, नगर परिषद, नगर पंचायतों में पदस्थ संविदा कर्मचारी/दैनिक वेतन भोगी/आकस्मिक कर्मचारी की जानकारी नाम एवं पता सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त कर्मचारी कब से एवं किस पद के विरूद्ध किस आदेश से नियुक्त किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग द्वारा उपरोक्त कर्मचारी को शासन द्वारा निर्धारित मानदेय प्रदाय किया जाता है? किस कर्मचारी को कितनी राशि प्रतिमाह भुगतान की जाती है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। परिषद/प्रेसिडेंट इन काउसिंल के प्रस्ताव अनुसार रखे गये है। इनके आदेश जारी नहीं किये जाते हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत पदस्थ कर्मचारी
[स्कूल शिक्षा]
34. ( क्र. 337 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर में जिले एवं विकासखण्ड स्तर पर डी.पी.सी., डी.ई.ओ. बी.आर.सी., बी.ई.ओ. कार्यालयों में कौन-कौन से कर्मचारी, कौन-कौन से पद पर, कब-कब से किस-किस संस्था से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ है? नामवार, पदवार, प्रतिनियुक्ति दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उपरोक्त कर्मचारी के प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहने की लिए शासन के क्या निर्देश हैं एवं कितने समय के लिए उक्त पदों पर पदस्थ किया जाता है? (ग) क्या शासन के नियमानुसार प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने पर संबंधित कर्मचारी को अपनी मूल संस्था के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों को मूल संस्था में वापिस न करने से छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई हैं? यदि हाँ, तो इस अनियमितता के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। विभागीय कार्य संपादन व कार्य सुविधा की दृष्टि से प्रशासनिक व्यवस्था होने तक कार्य लिया जा रहा है। (घ) जी नहीं। प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ कर्मचारियों के स्थान पर शालाओं में अतिथि शिक्षक नियुक्त किये गये हैं, ताकि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शाला भवनों का निर्माण एवं पदपूर्ति की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
35. ( क्र. 373 ) श्री विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत कुल कितने हायर सेकण्डरी एवं हाई स्कूल है? क्या शासन द्वारा इन स्कूलों का सर्वे कराया गया है, कि कितने स्कूलों में छात्र/छात्राओं की बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है? कितने भवन पुराने है? कितने नये है? कितने जीर्णशीर्ण अवस्था में है? जीर्णशीर्ण अवस्था वाले भवनों की मरम्मत हेतु क्या कार्यवाही की गई है? कितने स्थानों में नवीन भवन स्वीकृत या प्रस्तावित है? विकासखण्डवार जानकारी देते हुये सूची दें? (ख) सतना जिले के रामपुर बाघेलान विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड रामपुर बाघेलान एवं अमरपाटन में स्वीकृत मॉडल स्कूलों की जानकारी उपलब्ध करायें? स्वीकृत मॉडल स्कूलों के भवन निर्माण आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हुये? क्यों इसमें दोषी कौन है? दोषी के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई और अपूर्ण भवनों का निर्माण कब तक पूरा किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रश्नाधीन जिले में कुल 149 हायर सेकेण्डरी स्कूल तथा 141 हाईस्कूल संचालित हैं। यू-डाईस डाटा के आधार पर 115 विद्यालयों में बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है। जिलांतर्गत 130 विद्यालयों के भवन 10 वर्ष से अधिक पुराने है। कोई भी शाला भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नहीं है। अतः शेषांश उद्भूत नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड रामपुर बाघेलान एवं अमरपाटन में कोई मॉडल स्कूल स्वीकृत नहीं हैं। शेषांश उद्भूत नहीं होता है।
जिला खनिज प्रतिष्ठान की जानकारी
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 374 ) श्री विक्रम सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिलों में जिले खनिज प्रतिष्ठान में किस-किस खनिज रायल्टी की या अन्य कितनी राशि जमा करवाये जाने का प्रावधान है? इसके तहत प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि जमा करवाई गई? सूची उपलब्ध कराये। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान में जमा राशि का कितनी-कितनी राशि किन-किन क्षेत्रों में किन-किन कार्यों पर खर्च की जा सकती है? सतना जिले में अभी तक कहां-कहां कितनी राशि खर्च की गई है? (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान द्वारा ज्यादा लीज धारित क्षेत्रों में कितनी राशि देने का प्रावधान है? सतना जिले के रामपुर बाघेलान विधान सभा को कितनी राशि दिया जाना प्रस्तावित है। (घ) क्या विधान सभा क्षेत्र रामपुर बाघेलान में सबसे ज्यादा लीज शासन द्वारा दी गई है? अगर नहीं तो कुल कितने हैक्टेयर की लीज शासन द्वारा किस-किस को कब से दी गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार मुख्य खनिज से जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में जमा कराये जाने वाली राशि की दरें अधिसूचित हैं। दिनांक 30.11.2019 तक जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में रूपये 2, 20, 02, 10, 412/- जमा कराये गये हैं। (ख) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में संग्रहित राशि का व्यय प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में निर्धारित मदों में किया जा सकता है। प्रश्नांश अनुसार व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्ठान मद में संग्रहित राशि का व्यय प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित मदों में किये जाने का प्रावधान है। संग्रहित राशि को खनन क्षेत्र से प्रभावित क्षेत्रों में व्यय किया जा सकता है। अत: किसी विधानसभा क्षेत्र विशेष पर व्यय की जाने वाली राशि का विवरण दिया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, क्षेत्रफल के मान से अधिक खनि रियायतें प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत की गई हैं। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मत्स्य नीति 2008 में जलाशय पट्टे का आवंटन
[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]
37. ( क्र. 403 ) श्री निलय डागा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा जारी मत्स्य नीति 2008 में जलाशय पट्टे पर आवंटित करने के लिये एक से अधिक आवेदन पत्र प्राप्त होने पर, पंजीयन दिनांक के आधार पर सबसे पुरानी तथा क्रियाशील वंशानुगत समिति को पट्टा दिये जाने का निर्देश है? (ख) क्या मत्स्य नीति 2008 में यह प्रावधान है कि म.प्र.सहकारी समितियां अधिनियम 1960 की धारा 9 अनुसार एक ही समिति के कार्यक्षेत्र में पंजीयन सामान्यतः नहीं किया जावेगा? यदि किया जाना आवश्यक है तो पहले पंजीकृत समिति को पर्याप्त प्रति व्यक्ति जल क्षेत्र के आधार पर सुने जाने के शासन निर्देश है। (ग) प्रश्नांश (क) (ख) यदि सही है तो बैतूल जिले का बुण्डाला जलाशय पट्टा आवंटन में उपरोक्त नियमों का पालन किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो पट्टा निरस्त करने की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) क्या मत्स्योद्योग सहकारी समिति मर्यादित जम्बाडा एवं मत्स्योद्योग सहकारी समिति मर्यादित जौलखेड़ा के पंजीयन पूर्व मत्स्योद्योग विभाग द्वारा अनुशंसा की गई है? यदि हो तो कब-कब की गई? स्पष्ट कार्यक्षेत्र संघटक प्रतिवेदन अनुसार क्या है? (ड.) प्रश्ननांश (ग) एवं (घ) अनुसार शासन नीति, निर्देश का पालन नहीं किया गया है तो इसके लिये जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जावेंगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नियमों का पालन किया गया। निरस्त करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जम्बाडा समिति के लिये वर्ष 1986 तथा जौलखेडा 2003 को अनुशंसा की गई। जम्बाडा समिति का कार्यक्षेत्र जम्बाडा एवं हरदोली जबकि जौलखेडा समिति का कार्यक्षेत्र जौलखेडा एवं हेटी है। (ड.) जी हाँ। सहकारिता विभाग की अनुशंसा के आधार पर कार्यक्षेत्र की समिति जौलखेडा का बुण्डाला जलाशय पटटे् पर दिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना तहत राशि का आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
38. ( क्र. 404 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होने से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम उज्जैन एवं उज्जैन जिले की समस्त नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितने हितग्राहियों को राशि आंवटित की गई? नगर निगम, नगर पालिकावार, वार्डवार, आंवटित राशिवार, हितग्राहियों के नाम एवं संलग्न दस्तावेजों अनुसार सूची उपलब्ध करावे? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार शासन द्वारा निर्धारित राशि से अधिक राशि जिन हितग्राहियों के खाते में जमा हो गई है अथवा जिन हितग्राहियों द्वारा दो बार उक्त योजना का लाभ ले लिया गया है, उन हितग्राहियों की सूची, संबंधित को जारी सूचना पत्र, नगर निगम, नगर पालिकावार, वार्डवार, आंवटित राशिवार उपलब्ध कराते हुए, अधिक राशि अथवा दो बार राशि जमा होने के लिए लापरवाह अधिकारी अथवा कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? (ग) यदि उपरोक्तानुसार आर्थिक लापरवाही करने पर भी संबंधित दोषी के विरूध कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होने से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम, उज्जैन में बी.एल.सी.घटक अंतर्गत कुल 5657 हितग्राहियों, नगर पालिका, बड़नगर में 613 हितग्राहियों, नगर पालिका, खाचरौद में 1458 हितग्राहियों, नगर पालिका, महिदपुर में 633 हितग्राहियों, नगर पालिका, नागदा में 1902 हितग्राहियों, नगर परिषद, तराना में 453 हितग्राहियों नगर परिषद, माकड़ोन में 832 हितग्राहियों एवं नगर परिषद, उन्हेल में 388 हितग्राहियों को राशि आवंटित की गई है। निकायवार, वार्डवार हितग्राहियों के नाम की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उपरोक्त में से नगर पालिका, खाचरौद में 05 तथा नगर पालिका, नागदा में 18 हितग्राहियों के खाते में निर्धारित राशि से अधिक राशि जमा हुई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। नगर पालिका, खाचरौद में उक्त योजना का दो बार लाभ लेने वाले हितग्राहियों की संख्या 03 है, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। नगर पालिका, खाचरौद द्वारा इन हितग्राहियों को जारी किये गये सूचना पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। नगर पालिका, खाचरौद के इन हितग्राहियों द्वारा अधिक प्राप्त की गई राशि को निकाय को लौटाई गई है, जिसका विवरण भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' में है। नगर पालिका, खाचरौद द्वारा हितग्राहियों के खाते में राशि अंतरण हेतु बैंक को पत्र दिनांक 21.06.2018 को पत्र व सूची दी गई लेकिन कुछ हितग्राहियों के खाते में राशि अंतरण नहीं होने से बैंक को स्मरण पत्र दिनांक 07.03.2019 दिया गया। नगर पालिका, खाचरौद द्वारा दी गई जानकारी अनुसार निर्धारित से अधिक राशि बैंक त्रुटि से हितग्राहियों के खातों में जमा हुई है। उपर्युक्तानुसार अनियमितता के लिए मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नागदा एवं खाचरौद को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये है। शेष निकायों में निर्धारित राशि से अधिक राशि किसी भी हितग्राही को आवंटित नहीं की गई है एवं किसी भी हितग्राही द्वारा दो बार उक्त योजना का लाभ नहीं लिया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार कार्यवाही प्रचलित होने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
करकोई प्लांटेशन की जाँच व कार्यवाही बाबत्
[वन]
39. ( क्र. 410 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह हटा वन परिक्षेत्र अंतर्गत मार्च 2017-18 में करकोई प्लांटेशन में कितने पौधे लगाये गये थे एवं कितनी राशि प्लांटेशन हेतु स्वीकृत की गई थी? विभाग द्वारा विगत वर्ष 2018-19 व 2019-20 में कितने वन तालाब स्वीकृत किये गये? प्रशासकीय स्वीकृतियों सहित स्थलवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) समाचार पत्रों एवं श्रमिकों को मजदूरी नहीं मिलने कागजों में 21000 पौधों का रोपण होना व स्थल पर 7000 पौधा पाये जाने प्लांटेशन में की अधिकारियों/कर्मचारियों के द्वारा की गई अनियमितता की शिकायतें प्रशासन को की गई है। प्लांटेशन में पौधे नहीं लगाये गये। राशि का आहरण कर लिया गया है। दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई क्या जाँच दल बनाकर जाँच करायी जावेगी एवं दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी समय-सीमा बतायी जावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एवं (ख) इस प्रश्न के बिन्दुओं की गहन जाँच कराई जा रही है।
गौण खनिज अंतर्गत प्राप्त एवं व्यय राशि
[खनिज साधन]
40. ( क्र. 412 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में गौण खनिज अंतर्गत विगत वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 में कितनी राशि प्राप्त हुई वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें। साथ ही यह बतायें कि उक्त तीनों वर्षों की प्राप्त राशि कहाँ-कहाँ खर्च की गई? स्थलवार व्यय राशि की सूची प्रदाय करायें। (ख) वर्ष 2017-18, 2018-19 में क्या वर्षवार आय से अधिक प्रशासकीय स्वीकृतियां प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो कितनी प्राप्त राशि हुई वर्षवार कितनी प्रशासकीय स्वीकृतियां हुई? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें कितने कार्य पूर्ण हो जाने के बावजूद द्वितीय किस्त जारी नहीं हुई है? (ग) जिला दमोह में गौण खनिज की राशि कहाँ-कहाँ खर्च की जा सकती है? नियमावली की छायाप्रति उपलब्ध करायें। साथ ही आय से अधिक प्रशासकीय स्वीकृतियों के कारण नवीन कार्यों को स्वीकृति प्राप्त नहीं हो पा रही है। इसके लिए दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही प्रस्तावित करें एवं जानकारी उपलब्ध करायें कि क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जिला दमोह में गौण खनिज अंतर्गत विगत वर्ष 2017-18 में 858.04 लाख वर्ष 2018-19 में 609.87 लाख एवं वर्ष 2019-20 माह अक्टूबर, 2019 तक 58.19 लाख रूपये 0853 खनिज मद में प्राप्त हुई है। उक्त राशि राज्य शासन की बजटीय प्रक्रिया अनुसार विकास कार्यों हेतु उपलब्ध करायी जाती है। (ख) प्रश्नांश (क) में दिए गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला दमोह की हटा डाईट में हो रही अनियमितताओं के संबंध में
[स्कूल शिक्षा]
41. ( क्र. 414 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हटा जिला दमोह में डाइट-हटा की क्या पद संरचना है। शासन के डाइट-हटा को विगत वर्षों 2017-18, 2018-19, 2019-20 में मरम्मत या अन्य कार्यों हेतु आदेश की प्रति उपलब्ध करायें साथ ही कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी है। (ख) डाइट-हटा दमोह में विगत 15 वर्षों से प्रभारी प्राचार्य श्री आर.पी.विश्वकर्मा को किस आदेश के तहत प्रभार सौंपा गया है। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा डाइट के प्रभारी प्राचार्य श्री आर.पी.विश्वकर्मा द्वारा की जा रही अनियमितताओं के संबंध में आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र को प्रश्नकर्ता एवं तहसीलदार हटा के भ्रमण में प्राप्त लापरवाहियों के संबंध में दिनांक 20.07.19, 17.07.19, 31.08.19, 06.09.19 को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया एवं प्रभार मुक्त करने हेतु लेख किया गया लेकिन प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं हुई कार्यवाही कब तक होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) पद संरचना संबंधी शासनादेश क्रमांक एफ-27-88/2009/बी-2 दिनांक 4.6.2012 की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। डाइट द्वारा हटा (दमोह) का विगत वर्षों 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में मरम्मत कार्यों हेतु कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। अन्य कार्यों यथा-सामग्री, विद्युत, टेलीफोन, स्टेशनरी एवं पत्र पत्रिका आदि के लिए दिए गए वंटन की जानकारी निम्नानुसार है :-
स.क्र. |
वर्ष |
प्राप्त वंटन |
व्यय |
1 |
2017-18 |
207109/- |
195959/- |
2 |
2018-19 |
244823/- |
241711/- |
3 |
2019-20 |
291659/- |
180318/- |
(ख) राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र. 101/02/2003/82 दिनांक 07.01.2004 के तहत संस्थान में वरिष्ठतम व्याख्याता श्री आर.पी. विश्वकर्मा को प्रभार सौंपा गया है। (ग) प्राप्त पत्रों के संदर्भ में कलेक्टर दमोह को राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र. 2264 दिनांक 15.10.2019 द्वारा जाँच के आदेश दिए गए हैं। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
क्रेशरों को लीज का आवंटन
[खनिज साधन]
42. ( क्र. 425 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इछावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने स्टोन क्रेशरों को लीज की अनुमति, कितने समय हेतु दी गई है? (ख) क्या उक्त आवंटित में से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों की भूमि को क्रेशरों हेतु आवंटित कर दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो किस कारण से?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) स्टोन क्रेशरों की लीज स्वीकृत करने के प्रावधान म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 में नहीं है। म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के नियम-6 में यांत्रिक क्रिया द्वारा गिट्टी बनाने के लिए पत्थर अर्थात (क्रेशर के उपयोग हेतु) प्रावधान है। इस प्रावधान के तहत स्वीकृत उत्खनिपट्टों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिए गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
इटारसी के 5 पार्षदों को धारा 41A में नोटिस
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र. 438 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अक्टूबर 2019 में कलेक्टर होशंगाबाद द्वारा इटारसी के पाँच पार्षदों को धारा 41 (ए) के अंतर्गत नोटिस जारी किये गये थे। यदि हाँ, तो बतावें किस पार्षद द्वारा कौन-कौन से लाभ लिये गये। (ख) उक्त कार्यवाही किस दिनांक को, किसकी शिकायत पर किस अधिकारी द्वारा की गयी। (ग) पार्षदों द्वारा संबल योजना में नाम जोड़ने हेतु किस तारीख को आवेदन किये गये? आवेदन की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) संबल योजना के लिए पात्रता के क्या मापदण्ड है? (ड.) न.पा. अधिनियम की धारा 41 (1) में लाभ लेने पर पार्षद उत्तरदायी होता है या लाभ लेने की संभावना पर भी पार्षद उत्तरदायी होता है। (च) क्या संबल योजना का लाभ पार्षद ले सकते है या नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। श्रीमती मंजू मालवीय पार्षद वार्ड क्र. 19 के पति कर्मकार मंडल के पंजीयन कार्ड में सदस्य के रूप में शामिल है तथा इस योजना के तहत भवन निर्माण में साइकिल एवं औजार उपकरण अनुदान का लाभ लिया गया है एवं सुश्री दिव्या सतीचन्द्र बस्तवार पार्षद वार्ड क्र. 31 विद्युत वितरण कंपनी से लाभ लिया गया है। श्रीमती मंजू मालवीय तथा श्री मनोज गुप्ता, श्री राकेश जादव एवं श्रीमती गीता पटेल द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 21421/2019 तथा 21112/2019 दायर की गई जिसमें माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा पारित आदेशानुसार आगामी आदेश होने तक न्यायालय कलेक्टर होशंगाबाद के द्वारा प्रकरण की कार्यवाही स्थगित रखी गई है। (ख) श्री राजकुमार केलू उपाध्याय, प्रवक्ता मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा दिनांक 27.07.19 को शिकायत की गई जिसमें कलेक्टर जिला होशंगाबाद द्वारा कार्यवाही की गई। (ग) संबल योजना में नाम जोड़ने का आवेदन प्राप्त नहीं है। (घ) संबल योजना में पात्रता के मापंदड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 35 (ठ) एवं (ड.) अनुसार किसी ऐसी शैक्षणिक संस्था का जो परिषद से वित्तीय सहायता प्राप्त कर रही हैं, वेतनिक कर्मचारी हैं या सरकारी प्लीडर हैं। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 84 के तहत संविदा या नियोजन में हित रखने पर शस्ती का प्रावधान हैं, संबल योजना में यदि योजना के लाभ के लिए निर्धारित मापदण्ड पूरा किया जाता हैं तो ऐसी स्थिति में पार्षद होने पर योजना का लाभ लेने पर पार्षद को उत्तरदायी नहीं माना जा सकता हैं। (च) नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार पात्रता संबंधी शर्तें पूरी करने की स्थिति में संबल योजना का पार्षद द्वारा लाभ लेने पर उसे निर्हता की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता हैं।
बैतूल जिले के भोपाली क्षेत्र में सामुदायिक वन अधिकार
[आदिमजाति कल्याण]
44. ( क्र. 457 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के रानीपुर परिक्षेत्र के भोपाली क्षेत्र में किस वनक्षेत्र के कितने रकबे पर सामुदायिक वन अधिकारों के संबंध में ग्राम पंचायत मोवाड़ ने किस दिनांक को प्रस्ताव पारित किया वह प्रकरण वर्तमान में किस स्तर पर किस कार्यवाही के लिये लंबित है? (ख) भोपाली क्षेत्र में कब से धार्मिक आयोजन, परम्परागत आयोजन एवं सार्वजनिक आयोजन किये जाने के कौन-कौन से प्रमाण उपलब्ध हैं, उनके आधार पर जनवरी 2008 से प्रश्नांकित दिनांक तक भी सामुदायिक वन अधिकारों से संबंधित कार्यवाही नहीं किये जाने का क्या कारण रहा है। (ग) सामुदायिक वन अधिकारों की मान्यता के बाद आयोजनों से संबंधित कौन-कौन से निर्माण कार्य किये जाने का अधिकार संबंधित ग्राम सभा, ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति को प्रदान किया गया है? (घ) ग्राम पंचायत मोवाड़ के प्रस्ताव अनुसार कब तक सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान कर दिये जावेंगे।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) बैतूल जिले के रानीपुर परिक्षेत्र के भोपाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत मोवाड़ द्वारा दिनांक 21.06.2019 को ग्राम सभा की बैठक आयोजित कर सर्वसम्मति से पूजा स्थल के लिये 02 सामुदायिक दावे तैयार किये जाने का निर्णय लिया गया गया जो निम्नानुसार हैः-1. शिवगुफा कालादेव बाबा/बजरंग मंदिर अन्य देव स्थल खसरा आरएफ 506 ए रकबा 1.352 हेक्टेयर 2. अम्बा मां/भूराभगत अन्य देव स्थल खसरा आरएफ 506 बी रकबा 2.050 हेक्टेयर। वन अधिकार समिति ने अपने निर्णय को अभिलिखित कर ग्राम सभा में प्रस्तुत नहीं किया है। वर्तमान में प्रकरण ग्राम पंचायत मोवाड़ के पास उपलब्ध है। जो कि ग्राम सभा भोपाली से प्रस्ताव पारित होना शेष है। (ख) भोपाली क्षेत्र में धार्मिक आयोजन का कोई साक्ष्य प्रमाण नहीं है ग्रामीण बुर्जुगों द्वारा बताया गया है कि अनेकों वर्षों से पूजन किया जा रहा है। ग्राम भोपाली ग्राम पंचायत मोवाड़ के निवासियों द्वारा जनवरी 2008 से मई 2019 तक आवेदन नहीं किया गया। जून 2019 में प्राप्त आवेदन पर प्रश्नाकिंत तिथि तक सामुदायिक दावों में आवेदन में कमी होने से ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यवाही लंबित है। (ग) वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के तहत सामुदायिक वन अधिकार पत्र केवल वनभूमि के सार्वजनिक उपयोग हेतु दिये जाने का प्रावधान है। सामुदायिक वन अधिकार पत्र पर निर्माण कार्य स्वीकृत किये जाने की अधिकारिता नहीं है। (घ) ग्राम पंचायत मोवाड़ द्वारा ग्राम भोपाली के 02 सामुदायिक दावे ग्राम सभा से स्वीकृत नहीं हुऐ है वन अधिकार समिति ने अपने निर्णय को अभिलिखित कर ग्राम सभा में प्रस्तुत नहीं किया है। जिसके कारण ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम सभा में आवेदन स्वीकृत नहीं हो सका है। आवेदन स्वीकृति उपरांत एम.पी. वनमित्र सॉफ्टवेयर की प्रक्रिया के तहत सामुदायिक वन अधिकार पत्र जारी किया जा सकेगा। सामुदायिक वन अधिकार पत्र प्रदान किये जाने की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
बैतूल जिले में कटे हुए पेड़ों के विरूद्ध वैकल्पिक पौधा रोपण
[वन]
45. ( क्र. 464 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल नागपुर फोरलेन निर्माण में कितने पेड़ काटे गए? कैम्पा के तहत इन पेड़ों का क्या बैतूल जिले में वैकल्पिक प्लान्टेशन करवाया गया, यदि हाँ, तो कहां, यदि नहीं, तो क्यों? जब बैतूल में नहीं कराया गया तो कहां कराया गया? (ख) बैतूल ओबेदुल्लागंज फोरलेन निर्माण में कितने पेड़ काटे गए या काटे जा रहे हैं, इनका वैकल्पिक प्लांटेशन कहां किया जाएगा, क्या कैम्पा के तहत बैतूल जिले में होगा या अन्य कहीं, यदि कहीं और होगा तो क्यों? (ग) बैतूल जिले में 2006 से 2010 तक लोक वानिकी के तहत कितने पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई, क्या उनमें नियमानुसार हितग्राही से वैकल्पिक पौध रोपण करवाकर नियमानुसार सत्यापन किया गया? (घ) अन्य प्रोजेक्ट में बैतूल जिले में विगत 10 वर्षों में कुल कितने पेड़ काटने की अनुमति दी गई, क्या उनका वैकल्पिक प्लांटेशन बैतूल में किया गया, यदि हाँ, तो कहां पर एवं कब किया गया, यदि नहीं, तो क्यों, अगर किसी अन्य जिले में किया गया तो कहां पर किया गया?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) बैतूल नागपुर फोरलेन के निर्माण में काटे गए वृक्षों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भारत सरकार की औपचारिक अनुमोदन दिनांक 29.01.2013 में अधिरोपित शर्त क्रमांक 2 के पालन में क्षतिपूर्ति वनीकरण का कार्य छिन्दवाड़ा जिले में कराया गया है। भारत सरकार के इस पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) बैतूल-औबेदुल्लागंज फोरलेन निर्माण में काटे गए एवं काटे जा रहे पेड़ों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। इन परियोजनाओं के क्षतिपूर्ति वनीकरण के स्थलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) बैतूल जिले में वर्ष 2006 से 2010 तक लोक वानिकी के तहत कुल 6348 वृक्ष काटने की अनुमति दी गई है, जिसका वनमण्डलवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। हितग्राहियों द्वारा रोपित किए गये पौधों की संख्या का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) बैतूल जिले में विगत 10 वर्षों में पेड़ काटने की अनुमति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। इन परियोजनाओं में वैकल्पिक प्लांटेशन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। बैतूल के स्थान पर अन्य जिले में वैकल्पिक प्लांटेशन करने का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।
संत नगर कॉलोनी के भू-खण्ड क्र. 4 एवं 5 पर अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 477 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका निगम उज्जैन द्वारा संत नगर के आवासीय क्षैत्र में भू-खण्ड क्र. 4 एवं 5 का मानचित्र कब स्वीकृत किया गया व इसका क्या प्रयोजन था। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नक्शे के मान से कितना निर्माण वैध किया गया है और कितना निर्माण अवैध किया गया मानचित्र एवं स्थल टीप की कॉपी सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उक्त भू-खण्ड 4 एवं 5 पर नियम विरूद्ध संयुक्तिकरण कर आवासीय उपयोग हेतु उपलब्ध भू-खण्ड पर जे.के.नर्सिंग होम का हॉस्पिटल व्यवसाय के रूप में उपयोग किया जा रहा है। यदि हाँ, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई। (घ) नियम विरूद्ध किये गये भू-खण्ड के संयुक्तीकरण एवं आवासीय उपयोग को व्यवसायिक उपयोग करने पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं करने के क्या कारण है। कौन-कौन अधिकारी दोषी है उन दोषी अधिकारी पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) आवासीय क्षेत्र भूखण्ड क्र. 04 एवं 05 का मानचित्र क्रमशः दिनांक 04.06.2007 एवं दिनांक 16.06.2010 को स्वीकृत किया गया है तथा इसका प्रयोजन आवासीय था। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' तथा मानचित्र एवं स्थल टीप पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। नगर पालिक निगम, उज्जैन द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 307 के अंतर्गत सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (घ) आवासीय प्रयोजन के लिये प्राप्त स्वीकृति के तहत निर्माण होकर वर्तमान में उपयोग नर्सिंग होम के रुप में हो रहा है। उज्जैन विकास योजना मास्टर प्लान वर्ष 2006 अनुसार उक्त भूमि का उपयोग वाणिज्यिक दर्शाया गया है। निर्माणकर्ता के द्वारा मास्टर प्लान के प्रावधान के अनुरुप समझौता हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है‚ जो विवेचनाधीन है एवं कार्यवाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन जिले में संचालित हॉस्पिटल/नर्सिंग होम एवं क्लीनिक
[नगरीय विकास एवं आवास]
47. ( क्र. 478 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के उज्जैन शहर एवं बड़नगर शहर में कितने हॉस्पिटल/नर्सिंग होम/क्लीनिक संचालित हो रहे है। स्थानवार, नामवार सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) कितने संचालित नर्सिंग होम/हॉस्पिटल/क्लीनिक द्वारा वाहन पार्किंग की वैध व्यवस्था की गई है। स्थानवार, नामवार जानकारी देवें एवं कितने नर्सिंग होम में हॉस्पिटल एवं क्लीनिक द्वारा शहर के मार्गों को अवरूद्ध कर अवैध पार्किंग की जा रही है। नर्सिंग होमवार/हॉस्पिटलवार, क्लीनिकवार सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) अवैध तरीके से संचालित की जा रही पार्किंग व्यवस्था वाले नर्सिंग होम, हॉस्पिटल व क्लीनिक पर विभाग द्वारा कौन-कौन सी कार्यवाही कब-कब की गई जानकारी देवें। (घ) क्या शासन द्वारा अवैध पार्किंग की जा रहे नर्सिंग होम, क्लीनिक पर कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावे।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) उज्जैन शहर में स्थापित हॉस्पिटल, नर्सिंग होम एवं क्लीनिक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार तथा बड़नगर शहर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उज्जैन शहर में स्थापित हॉस्पिटल, नर्सिंग होम एवं क्लीनिक जहां पार्किंग सुविधा उपलब्ध है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं बड़नगर शहर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। उज्जैन शहर के ऐसे हॉस्पिटल, नर्सिंग होम एवं क्लीनिक जिनके द्वारा मार्गों को अवरूद्ध किया जाकर अवैध पार्किंग की जा रही है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है तथा बड़नगर शहर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) ऐसे नर्सिंग होम जिनके द्वारा अवैध रूप से मार्ग को अवरूद्ध कर पार्किंग की जाती है, उनके विरूद्ध समय-समय पर पुलिस के सहयोग से मुहिम चलाकर हटाने की कार्यवाही संपादित की जाती है। (घ) ऐसे नर्सिंग होम जहां अवैध पार्किंग हो रही है वहां पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी, किन्तु समय-सीमा उल्लेखित की जाना संभव नहीं है।
वन भूमि पर अवैध कब्जा
[वन]
48. ( क्र. 488 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के बल्देवगढ़ विकासखण्ड के अन्तर्गत ग्राम कन्नपुर से सटे वन परिक्षेत्र की भूमि के 16.86 हेक्टेयर पर महेन्द्र प्रताप सिंह तनय महिपाल सिंह का अवैध कब्जा हैं? (ख) क्या उक्त (क) में वर्णित भूमि से अवैध कब्जा हटाने हेतु कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक की जायेगी। (ग) उक्त भूमि पर महिपाल सिंह का कब्जा कितने वर्षों से है और प्रतिवर्ष के हिसाब से शासन को उक्त भूमि से कितने राजस्व की क्षति हुई है? (घ) क्या उक्त भूमि पर अवैध कब्जे से शासन को हुई राजस्व की क्षति की वसूली की जायेगी? किससे और कब तक?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) विधि अनुसार 01 माह में कार्यवाही की जायेगी। (ग) एक माह में क्षति का आंकलन किया जायेगा। (घ) अभी राजस्व क्षति का आंकलन नहीं किया गया है उत्तरांश (ग) में उल्लेखित अनुसार 01 माह में क्षति के आंकलन पश्चात यदि क्षति पाई जाती है तो वसूली बावत् यथोचित कार्यवाही की जावेगी।
अवैध क्रेशर का संचालन
[खनिज साधन]
49. ( क्र. 492 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम बँदरगुड़ा, ग्राम पंचायत बाजीतपुरा, जनपद पंचायत जतारा, जिला-टीकमगढ़ में अवैध क्रेशर संचालित है एवं क्या उक्त क्रेशर संचालन हेतु आवश्यक सभी औपचारिकतायें पूर्ण की गई है? यदि हाँ, तो छायाप्रतियाँ प्रदान करें। (ख) क्या खनिज विभाग में ऐसा कोई नियम है कि एक उपक्रम जो पहले किसी अन्य नाम पर संचालित हो और उस पर अधिरोपित शोध राशि बकाया होने के बाद भी उसी उपक्रम को किसी अन्य नाम से संचालित किया जा सके? (ग) यदि नहीं, तो उक्त क्रेशर पर पूर्ववर्ती संचालक के नाम लगभग साढे छः करोड़ की जुर्माना राशि के प्रकरण का निराकरण हुए बिना किसी अन्य नाम से क्रेशर संचालन की अनुमति किस अधिकारी द्वारा दी गई एवं 2017 में अनुविभागीय अधिकारी जतारा द्वारा सील किये गये क्रेशर की सील किसके आदेश से तोड़ी गई? (घ) क्या नियम विरूद्ध अनुमतियाँ प्रदान करने वाले तत्कालीन संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करते हुये उक्त अवैध क्रेशर को बंद कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। अपितु ग्राम बाजीतपुरा, तहसील जतारा, जिला टीकमगढ़ में मेसर्स गौर बंधु स्टोन क्रेशर संचालन हेतु वैधानिक औपचारिकताएं पूर्ण है। वांछित अनुमति की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न की जानकारी निरंक है। (ग) खनिज नियमों में क्रेशर संचालन की अनुमति का कोई प्रावधान नहीं है। वर्ष 2017 में अनुविभागीय अधिकारी जतारा द्वारा क्रेशर सील नहीं किया गया था। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। पूरक जानकारी- दिनांक 29.01.2013 को खनिज एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए ग्राम बाजीतपुरा तहसील जतारा में शासकीय भूमि के खसरा क्रमांक 111/1 अंश भाग पर अवैध उत्खनन किये जाने पर अनावेदक श्री सुरेन्द्र सिंह गौर तनय श्री भगवंत सिंह गौर निवासी जतारा जिला टीकमगढ़ एवं श्री रवि प्रताप सिंह तनय श्री भानसिंह परिहार निवासी ग्राम चंद्रपुरा तहसील जतारा जिला टीकमगढ़ के विरूद्ध राशि रूपये 65596500/- (छ: करोड़ पचपन लाख छयानवे हजार पाँच सौ रूपये) का अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज किया गया। प्रकरण वर्तमान में सक्षम न्यायालय में विचाराधीन है। श्री अभियंत सिंह गौर निवासी जतारा द्वारा ग्राम बाजीतपुरा तहसील जतारा में खसरा क्रमांक 111/1/2 रकबा 2.023 हेक्टेयर क्षेत्र पर खनिज गिट्टी पत्थर हेतु उत्खनिपट्टा आवेदन दिनांक 04.04.2017 को मय सहपत्रों के प्रस्तुत किया गया। खनिज नियमानुसार प्रस्तुत आवेदन की जाँच प्रतिवेदन वनमंडलाधिकारी, तहसीलदार जतारा, सहायक मानचित्रकार, खनि निरीक्षक, भू-वैज्ञानिक एवं ग्राम सभा की अनुशंसा के पश्चात नियमानुसार सैद्धांतिक सहमति जारी की गई। तत्पश्चात आवेदक श्री अभियंत सिंह गोर द्वारा अनुमोदित खनन योजना प्रस्तुत करने के पश्चात स्वीकृति आदेश जारी किया जाकर नियमानुसार अनुबंध संपादित किया गया। पर्यावरणीय स्वीकृति जारी होने के पश्चात नियमानुसार भू-प्रवेश दिया गया। तत्पश्चात पट्टाधारी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सागर द्वारा जारी सम्मति प्राप्त की गई।
आ.जा.क. विभाग द्वारा संचालित छात्रावास
[आदिमजाति कल्याण]
50. ( क्र. 525 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की आ.जा.क. विभाग के कौन-कौन से जिले में विभागीय छात्रावास, विद्यालय, आश्रम, आवासीय विद्यालय व विभागीय कार्यालय संचालित हैं? जिलेवार सभी छात्रावासों, विद्यालयों, आश्रमों, आवासीय विद्यालयों व अधिनस्थ कार्यालयों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2004 (दिनांक 22.06.2004) से दिनांक 22.6.2005 तक आ.जा.क. विभाग अन्तर्गत शहडोल जिले में कितनी-कितनी राशि की सामग्री (मेस सामग्री एवं स्टेशनरी सामग्री को छोड़कर) क्रय की गई? क्रय राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाई गई अवधि में कुल खरीदी राशि में कितनी-कितनी राशि की LUN से सामग्री खरीदी की गई तथा कितनी राशि की वस्तुएं एस.सी./एस.टी. वर्ग के डी.आई.सी. से पंजीकृत फर्मों से सामग्री क्रय की गई? क्रय सामग्री राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) राशि रूपये 53.87 लाख की सामग्री क्रय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) LUN से रूपये 15.11 लाख तथा एस.सी./एस.टी. वर्ग के डी.आई.सी. से पंजीकृत फर्मों से रू. 11.42 लाख की सामग्री क्रय की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
कलेक्टर जबलपुर द्वारा की गयी कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
51. ( क्र. 532 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर शहर में जबलपुर विकास प्राधिकरण के द्वारा शताब्दीपुरम, विजयनगर में थ्री जी प्रमोटर को फ्लैट निर्माण करने का कोई अनुबंध हुआ था? अगर हां, तो अनुबंध की एक प्रति उपलब्ध कराते हुए बतायें कि उक्त अनुबंध के बाद कितने माह में उक्त फ्लैट बनाकर उपभोक्ताओं को दिया जाना था? प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम के उपभोक्ताओं को फ्लैट नहीं दिये गये हैं? (ख) क्या कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जबलपुर के कार्यालय में थ्री जी प्रमोटर के द्वारा उपभोक्ताओं को फ्लैट का पजेशन न देने, फ्लैट की रजिस्ट्री न करवाने की किस-किस नाम के उपभोक्ताओं के द्वारा प्रश्नतिथि तक कब-कब व क्या-क्या शिकायतें जन सुनवाई एवं अन्य दिवसों पर की गई? उक्त शिकायतों पर कलेक्टर/एस.डी.एम./तहसीलदार/आयुक्त नगर पालिक निगम द्वारा किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से कब व क्या कार्यवाही उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण में की? जारी सभी आदेशों/पत्रों की एक-एक प्रति देते हुए जानकारी दें। (ग) क्या उक्त थ्री जी प्रमोटर के द्वारा उपभोक्ताओं से वर्ष 2010-11 में राशि लेने के बाद भी फ्लेटों की न तो रजिस्ट्री करवाई जा रही है और न ही उन्हें पजेशन दिया जा रहा है? अगर नहीं, तो शिकायतों के बाद कार्यालय कलेक्टर ने क्या कार्यवाही प्रश्नतिथि तक उक्त के खिलाफ क्यों नहीं की? (घ) राज्य शासन उक्त थ्री जी प्रमोटर के विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर करेगा? बिन्दुवार विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है जिसमें शर्तें एवं समय-सीमा उल्लेखित है। अनुबंध की शर्त क्रमांक 28 के अनुसार फ्लैट विक्रय के अधिकार बिल्डर/डेवलपर को है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जबलपुर, जनसुनवाई में डाँ. पंकज भार्गव, श्री एन.एल. सिंह एवं श्री आर. के नेमा से संबंधित आवेदन प्राप्त हुए हैं। शिकायत एवं शिकायत पर कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) अनुबंध की कंडिका 28 के तहत दुकानों/भवनों का आवंटन करने का अधिकार बिल्डर/डेवलपर का है। अनुबंध की कंडिका 30 के अनुसार आवंटित व्यक्तियों की लीजडीड का पंजीयन करना बिल्डर/डेवलपर का कार्य है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अनुबंध की कंडिका क्र. 26 के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आवास के दिये गये अधिकार पत्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 535 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 24 सितंबर 2019 को भोपाल नगर निगम के वार्ड 31 में चक्की चौराहे पर स्मार्ट सिटी के कितने लोगों को आवास के अधिकार पत्र किस योजना के तहत सौंपे गये हैं? सूची सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत महापौर परिषद ने कितने हितग्राहियों को सही मानकर आवास अधिकार पत्र देने के मंजूरी दी थी? महापौर परिषद् के निर्णय की प्रति व सूची सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत महापौर परिषद् की मंजूरी के अलावा और किस-किस को आवास अधिकार पत्र किस नियम के तहत किस योजना के तहत दिये गये हैं? नाम, पते सहित जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत स्मार्ट सिटी क्षेत्र के 126 हितग्राहियों को कोकता परियोजना में निर्मित आवास हेतु अधिकार पत्र दिये गये हैं। एक को रिजेक्ट किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ख) महापौर परिषद के संकल्प क्र. 19, दिनांक 19.08.2019 अनुसार 127 हितग्राहियों को आवास अधिकार पत्र देने की मंजूरी दी थी। महापौर परिषद् के निर्णय की प्रति व सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत महापौर परिषद की मंजूरी के अलावा किसी को भी आवास अधिकार पत्र नहीं दिए जाने से शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विभिन्न कार्यों की निविदा
[नगरीय विकास एवं आवास]
53. ( क्र. 536 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर निगम ने 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक थर्मोप्लास्टिक रोड मार्किंग, पेंट से पट्टे डालने का काम, सोलर पावर रोड स्टर्ड, स्पीड ब्रेकर प्लास्टिक व रोड साईन बोर्ड के कार्य किन-किन दरों पर किस-किस एजेंसियों से कराये जा रहे हैं? एजेंसियों के नाम, पते सहित कार्यवार, दरवार, एजेंसीवार, किये गये भुगतानवार, जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्णित कार्यों के लिए क्या खुली निविदा आमंत्रित की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या निविदा का प्रकाशन समाचार पत्रों में किया गया था? यदि हाँ, तो प्रकाशित विज्ञापन की छायाप्रति दें। निविदा में भाग लेने वाली एजेंसियों के नाम, पते सहित जानकारी दें। प्राप्त दरों के तुलनात्मक चार्ट दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों का कितना-कितना भुगतान प्रश्न दिनांक तक किया गया? कार्यवार, एजेंसीवार, किये गये भुगतानवार, जानकारी दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। निविदा में भाग लेने वाली एजेंसियों के नाम, पते एवं तुलनात्मक पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ग) कार्य अप्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पशु पालन विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[पशुपालन]
54. ( क्र. 549 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की नंदीशाला योजनांतर्गत प्रगतिशील पशुपालकों को वर्णित नस्ल से गौसांड प्रदाय किए जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश सहित रतलाम जिले में वर्णित नस्ल के गौसांड प्रदाय किये जा रहे है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या वर्णित नस्ल के गौसांड प्रदाय नहीं किए जाने से संबंधित गौवंश की नस्ल समाप्त नहीं हो रही है? यदि हाँ, तो वर्णित नस्ल के गौसांड उपलब्ध नहीं कराने के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्या वत्सपालन प्रत्सोहन योजनांतर्गत पशुपालकों को प्रोत्साहित किए जाने हेतु निर्धारित राशि भुगतान किए जाने के निर्देश है? यदि हाँ, तो रतलाम जिले की रतलाम ग्रामीण विधान सभा में कितने पशुपालकों को इस योजना का विगत 3 वर्षों में लाभ प्रदान किया गया? (घ) क्या विभाग की समुन्नत पशु प्रजनन कार्यक्रम अंतर्गत मुर्रापाडा प्रदाय किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो रतलाम जिले के ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र में विगत 3 वर्षों में इस योजनांतर्गत कितने हितग्राही को लाभ प्रदान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। रतलाम जिले में मांग अनुसार वर्णित नस्ल के गौसांड प्रदाय किये जा रहे है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। रतलाम जिले की रतलाम ग्रामीण विधान सभा में विगत 3 वर्षों में 54 पशुपालकों को वत्सपालन योजना का लाभ दिया गया है। (घ) जी हाँ। रतलाम जिले की रतलाम ग्रामीण विधानसभा में विगत 3 वर्षों में 57 पशुपालकों को समुन्नत पशु प्रजनन कार्यक्रम योजना (मुर्रा पाड़ा) का लाभ दिया गया है।
वेतन से काटी गयी एन.पी.एस. राशि
[स्कूल शिक्षा]
55. ( क्र. 550 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत राशि एन.पी.एस. के रूप में माह अप्रैल-2011 से काटी जाना प्रारंभ की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या जिस माह के वेतन से एन.पी.एस. की राशि काटी गयी उसी माह/तत्समय संबंधित अध्यापक के एन.पी.एस. खाते में जमा कराए जाने हेतु एन.एस.डी.एल. को भेजी गयी थी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं भेजी? (ख) तत्समय अध्यापक संवर्ग के वेतन से काटी गयी राशि उनके एन.पी.एस. खाते में जमा नहीं कराए जाने से अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को कितना आर्थिक नुकसान हुआ है? राशि जमा नहीं कराने के लिए कौन अधिकारी कर्मचारी जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों के वेतन से काटी गयी एन.पी.एस. की राशि अभी भी लोक शिक्षण संचालनालय, म.प्र. भोपाल के बैंक खाते में जमा है यदि हाँ, तो कितनी राशि जमा है? जमा राशि पर कितना बैंक ब्याज प्राप्त हुआ है? ब्याज राशि का क्या किया गया? (घ) यदि अध्यापक संवर्ग के वेतन से एन.पी.एस. के रूप में एक बार राशि काटी जा चुकी है? फिर भी क्या लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर पुन: एन.पी.एस. की राशि कोषालय से आहरित कर उनके (लोक शिक्षण) खाते में जमा कराने के निर्देश क्यों दिए गये है? पुन: एन.पी.एस. की राशि कोषालय से आहरित की जावेगी तो क्या शासन पर दोहरा वित्तीय भार नहीं आएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। अंशदायी पेंशन योजना 01.04.2011 से लागू की गई है। जी नहीं। भुगतान प्रक्रिया में विलम्ब हो जाने से अंशदान अवशेष के रूप में जमा करना होता है। पेंशन अंशदान का जमा कराना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। कर्मचारी के अंशदान के बराबर शासन भी, उतना अंशदान कर्मचारी के खाते में जमा करता है। वृहद कार्य होने से प्रक्रिया पूर्ण होने में समय लगता है। (ग) जी हाँ। दिनांक 04.12.2019 की स्थिति में राशि रूपये 518, 37, 88, 154/- (पाँच सौ अठारह करोड़ सैतीस लाख अठासी हजार एक सौ चौवन मात्र) बैंक खाते में जमा है, समय-समय पर जमा राशि पर रूपये 47, 44, 38, 037/- (सैतालीस करोड़ चवालीस लाख अड़तीस हजार सैतीस मात्र) ब्याज प्राप्त हुआ है, जिसे कोषालय में जमा कराने की कार्रवाई प्रचलन में है। (घ) अंशदान राशि वेतन से काटे जाने के बाद सीधे खाते में जमा नहीं होती है, बल्कि कटा हुआ अंशदान तथा उतना ही शासन का अंशदान की राशि ही कोषालयों से आहरित कराई जाकर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार उसे अध्यापक के खाते में जमा कराया जाता है। अतः दोहरे वित्तीय भार का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमि का मुआवजा एवं नौकरी न दिलवाना
[खनिज साधन]
56. ( क्र. 555 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के गैरतलाई ग्राम में सेल, आर.एम.डी. कूटेश्वर लाईम स्टोन माईंस कंपनी स्थापित है? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत क्या कंपनी की स्थापना के समय कंपनी प्रबंधन एवं ग्रामीणों की भूमियों में उत्खनन किये जाने संबंधी 20 वर्ष हेतु अनुबंध किया गया था? यदि हाँ, तो अनुबंध की प्रति दें? (ग) क्या अनुबंध में भूमि अधिग्रहित ग्रामीण परिवारों में से प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को कंपनी में नौकरी एवं भूमिहीन ग्रामीणों को उनकी अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दिया जाना था? क्या नौकरी व मुआवजा दिया गया? हाँ तो कितने किसानों में से किन-किन किसानों को? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? क्या अब इन्हें नौकरी एवं मुआवजा दिया जावेगा? (घ) क्या कंपनी द्वारा भूमिहीन परिवारों को न तो नौकरी दी गई और न ही कोई मुआवजा दिया गया? 20 वर्ष पश्चात कंपनी ने लीज नवीनीकरण में अधिग्रहित भूमिहीन परिवारों की सहमति नहीं ली गई? क्या कारण है? नियम विरूद्ध लीज नवीनीकरण किये जाने वाले दोषी कंपनी एवं अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कंपनी की स्थापना के समय कंपनी प्रबंधन एवं ग्रामीणों की भूमियों में उत्खनन किये जाने संबंधी 20 वर्ष हेतु शासन द्वारा कोई अनुबंध नहीं किया गया था। अनुबंध न होने से अनुबंध की प्रति देने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार कंपनी प्रबंधन एवं ग्रामीणों के मध्य ग्रामीणों की भूमियों में उत्खनन संबंधी कोई अनुबंध नहीं होने के कारण भूमि अधिग्रहित ग्रामीण परिवारों में से एक व्यक्ति को नौकरी एवं भूमि का मुआवजा कंपनी प्रबंधन द्वारा नहीं दिया गया है। सेल को राज्य शासन द्वारा माइनिंग लीज खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अंतर्गत प्रदान की गई है। कलेक्टर कार्यालय द्वारा कंपनी से प्राप्त जानकारी अनुसार स्वीकृत लीज क्षेत्र से संबंधित कृषकों की भूमि का मुआवजा का निर्धारण म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247 (4) के अंतर्गत किया गया है तथा वर्ष 1982 व 1991 में संबंधित भूमि-स्वामी की भूमि का मुआवजा राशि शासकीय खाते में जमा कराया गया था। भूमि अधिग्रहण संबंधी 09 प्रकरणो में अबार्ड (आदेश) के अनुरूप 324 किसानों को मुआवजा प्रदान किया गया है एवं संबंधित भूमि स्वामियों के परिवार से संबंधित व्यक्ति को सेल प्रबंधन द्वारा दी गई नौकरी से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित अनुसार है। (घ) कंपनी द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अनुसार ''सेल'' प्रबंधन द्वारा भूमि अधिग्रहण से संबंधित किसानों को मुआवजा एवं नौकरी प्रदान की गई है। कंपनी को स्वीकृत लीज का नवीनीकरण खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिम्मेदारों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराना
[खनिज साधन]
57. ( क्र. 562 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा वर्तमान में रेत खनन परिवहन व भंडारण कराये जाने बावत् क्या नीति एवं निर्देश तैयार किए हैं की प्रति देते हुये बतावें कि रीवा संभाग के जिलों में किस आधार पर रेत का उत्खनन भंडारण व विक्रय का कार्य किया जा रहा है वर्तमान में सरकार द्वारा रेत की कीमत क्या तय की है एवं किनको बिक्री हेतु अधिकृत किया गया है? ज्यादा कीमत पर बिक्री करने पर किन-किन के विरूद्ध कब कब कार्यवाही की गई, की जानकारी पिछले एक वर्ष की देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला सिंगरौली के जिला खनिज अधिकारियों द्वारा रेत के उत्खनन भंडारण व विक्रय बावत क्या विधि प्रक्रिया अपनाई जा रही है? विधि एवं प्रक्रिया का पालन कर रेत के उत्खनन परिवहन एवं भंडारण न करने के लिए दोषी मान कर किन-किन के विरूद्ध कब-कब कार्यवाही प्रस्तावित की गई, की जानकारी वर्ष 2016 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें। अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों और की गई तो आज भी खनन माफिया सक्रिय क्यों है? इन पर कार्यवाही बाबत टॉस्क फोर्स का गठन रीवा संभाग में किन-किन जिलों में किया गया? अगर नहीं किया गया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में किन-किन संविदाकारों व ठेकेदारों को खनिज संपदा के परिवहन बाबत अभिवहन पास रायल्टी एवं अभिवहन पासबुक जारी किये गये? इन अभिवहन पासबुकों में सारवान प्रविष्टि की जाँच एवं सत्यापन की कार्यवाही कब-कब, किन-किन अधिकारियों द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक के दौरान की गई, का विवरण देते हुये बतावें की किस-किस क्रमांक व दिनांक से अभिवहन पासबुक किन-किनको जारी किये गये? अगर नियमों का पालन कर अभिवहन पास जारी नहीं किये गये तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में उल्लेख तथ्यों अनुसार कार्यवाही न करने के लिये जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? साथ ही अवैध रूप से रेत के परिवहन बिक्री एवं ज्यादा दर पर रेत की बिक्री पर प्रकरण तैयार न किये जाने, ठेकेदारों से सांठगांठ कर व्यक्तिगत हितपूर्ति के दोषी अधिकारियों की पहचान कर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 दिनांक 30.08.2019 को अधिसूचित किये गये हैं। इन नियमों के अधीन रेत खदानों का चिन्हांकन, खनन योग्य उपलब्ध मात्रा का आंकलन एवं जिलेवार समूह बनाया जाकर ई-टेंडर के माध्यम से निवर्तन किये जाने के प्रावधान किये गये हैं। उच्चतम ऑफरकर्ता के पक्ष में स्वीकृति प्रदान करने एवं आवश्यक वैधानिक अनुमतियां प्राप्त करने की शर्त पर रेत का उत्खनन एवं विक्रय की अनुमति उच्चतम ऑफरकर्ता को दिये जाने के प्रावधान नियमों में हैं। रेत की कीमत तय नहीं है, प्रतिस्पर्धा के आधार पर स्वीकृति होने से ज्यादा कीमत पर विक्रय किये जाने के प्रावधान भी नियमों में नहीं होने से कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में नियम अगस्त 2019 में अधिसूचित किये गये हैं एवं इन नियमों के क्रियान्वयन की कार्यवाही प्रचलन में होने से विधि एवं प्रक्रिया का पालन किये बगैर रेत के उत्खनन, भंडारण एवं विक्रय बावत अनियमितता किये जाने संबंधी कोई प्रकरण जिला सिंगरौली में प्रकाश में नहीं आया है। अत: प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिले में खनिज माफिया जैसी कोई स्थिति नहीं है। प्रश्नांश अनुसार रीवा संभाग के समस्त जिलों में अवैध खनिज उत्खनन एवं परिवहन की जाँच हेतु कलेक्टर की अध्यक्षता में टॉस्क फोर्स गठित किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जिला सिंगरौली में नवीन अधिसूचित रेत नियम, 2019 के प्रावधानों के अधीन किसी भी संविदाकार/ठेकेदार को खनिज परिवहन हेतु अभिवहन पास जारी किये जाने की अनुमति नहीं दी गई है। अभिवहन पास अनुसार प्रविष्टि एवं उसकी जाँच एवं सत्यापन की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है। खनिज परिवहन की जाँच एवं जाँच कार्यवाही पश्चात अभिवहन पास में प्रविष्टि किये गये दिनांक एवं क्रमांक संबंधी विवरण संधारित किये जाने के प्रावधान नहीं है। अत: वांछित जानकारी दिये जाने में कठिनाई है। वैधानिक औपचारिकताओं की पूर्ति उपरांत ही अभिवहन पास जारी किये जाते हैं, अत: अनियमितता जैसी स्थिति प्रकाश में नहीं आई है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में सतत् जाँच एवं कार्यवाही प्रचलन में होने से प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अनुकम्पा नियुक्ति का सरलीकरण
[स्कूल शिक्षा]
58. ( क्र. 563 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. सरकार द्वारा अध्यापकों/शिक्षाकर्मियों/प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों की मृत्यु उपरांत इनके वारिसों एवं परिवार जनों को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने बाबत् शासन द्वारा क्या नियम व निर्देश दिये गये हैं की प्रति देते हुए बतावें वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक में कितनों की मृत्यु उपरांत उनके परिवार के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई, की जानकारी रीवा संभाग की देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या अनुकंपा नियुक्ति हेतु पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना, डी.एड., बी.एड. और बी.टी.आई. की बाध्यता के साथ 7 वर्ष की अवधि ही निर्धारित की गई है, इस स्थिति में अनुकंपा नियुक्ति का क्या औचित्य होगा जब संबंधीजन पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर लेगें एवं डी.एड., बी.एड. और बी.टी.आई. की योग्ता होगी तो उनकी नियुक्ति चयन प्रक्रिया द्वारा क्या नहीं मानी जावेगी? इस तरह में अनुकंपा नियुक्ति कहना क्या उचित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में क्या सरकार द्वारा परीक्षा उत्तीर्ण करने की बाध्यता को समाप्त करने डी.एड., बी.एड. और बी.टी.आई. अनुकंपा नियुक्ति उपरांत निश्चित अवधि में कराये जाने बाबत् क्या आदेश एवं निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो कब बतावें? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुकंपा नियुक्ति से वंचित परिवार को क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार बाध्यताओं को समाप्त करते हुए अनुकंपा नियुक्ति देगें तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? साथ ही जब पात्रता परीक्षा का आयोजन 7 वर्षों के अंदर नहीं किया जा रहा है तब 7 वर्ष की बाध्यता को समाप्त करने बावत निर्णय लेगें? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार। रीवा संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। (ख) विभाग के ज्ञाप दिनांक 23.06.2010 में अध्यापक संवर्ग की आकिस्मक मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रितों को संविदा शाला शिक्षक श्रेणी-3 के पद पर निर्धारित शैक्षणिक अर्हता रखने पर नियुक्ति दिया जाना प्रावधानित किया गया है। संविदा शाला शिक्षक के पद हेतु शिक्षक प्रशिक्षण एवं अर्हता भारत सरकार द्वारा जारी अध्यादेश निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के अंतर्गत निर्धारित की गई है। जिसमें संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 के लिए हायर सेकेण्ड्री 50 प्रतिशत सहित एवं डी.एड. शिक्षक प्रशिक्षण निर्धारित अर्हता पूर्ण होने साथ शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी) उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया गया है। उक्त के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के अंतर्गत निर्धारित योग्यता के संबंध में संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित मापदंडों शिथिलिकरण हेतु मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार को पत्र प्रेषित किए गए है। भारत सरकार से निर्धारित मापदंडों में शिथिलिकरण अप्राप्त है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। प्राथमिक शिक्षक के पद हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित करने पी.ई.बी. को लिखा गया है। संबंधित उम्मीदवार उक्त परीक्षा में सम्मिलित हो सकते है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्यालयों में विद्युतीकरण एवं पेयजल की व्यवस्था
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 593 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विद्यालयों में विद्युतीकरण कार्य एवं पेयजल व्यवस्था अपूर्ण है? अपूर्ण विद्यालयों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कृपया स्पष्ट करें कि विद्यालयों में विद्युतीकरण एवं पेयजल व्यवस्था का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा। कार्य पूर्णता तिथि एवं अब तक हुए कार्य का विवरण स्थानवार प्रस्तुत करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रीवा जिले के शासकीय माध्यमिक शालाओं हेतु 387 माध्यमिक शालाओं में विद्युतीकरण के तथा 15 प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में पेयजल व्यवस्था हेतु राशि स्वीकृत की गई थी। 61 शालाओं में विद्युतीकरण तथा 04 विद्यालयों में पेयजल के कार्य अपूर्ण हैं। अपूर्ण कार्यों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में शेष 61 शालाओं में विद्युतीकरण कार्यों को 31 जनवरी 2020 तक पूर्ण किया जाना है। 04 विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था हेतु बोरिंग मशीन पहुँचने का रास्ता न होने के कारण कार्य अपूर्ण है।
अध्यापक संवर्ग से शैक्षिक संवर्ग में संविलियन
[स्कूल शिक्षा]
60. ( क्र.
594 ) श्री
राजेन्द्र
शुक्ल : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रीवा
एवं सतना जिले
में पात्र अध्यापकों
का शैक्षिक
संवर्ग में
संविलियन क्यों
अपूर्ण है? कब तक
पूर्ण कर लिया
जावेगा। संविलियन
पूर्णता तिथि, संविलियन
की देरी का
कारण स्पष्ट
करें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में देरी के
लिए दोषियों
पर कृत कार्यवाही
की जानकारी का
विवरण देवें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) रीवा
एवं सतना जिले
में अध्यापक
संवर्ग से
नवीन संवर्ग
में
मध्यप्रदेश
शासन,
स्कूल
शिक्षा विभाग
के परिपत्र
दिनांक 10.08.2018 के
अनुसार पात्र
अध्यापकों की
नियुक्ति की जा
चुकी है। जिला
स्तरीय समिति
द्वारा
अपात्र किये
गये, अभिलेखों
की कमी, विभागीय
जांच,
दण्ड
प्रभावशील होने, अपराधिक
प्रकरण, न्यायालयीन
प्रकरण, लम्बी अवधि
से
अनुपस्थिति
इत्यादि
कारणों से
रीवा जिले में
09
वरिष्ठ
अध्यापक 37
अध्यापक एवं 521
सहायक
अध्यापक तथा
सतना जिले में
15
वरिष्ठ
अध्यापक, 318
अध्यापक एवं 577
सहायक
अध्यापक के
प्रकरण नवीन
संवर्ग में नियुक्ति
हेतु लंबित है।
उल्लेखित
कारणों के
निराकरण
पश्चात्
पात्र पाये
जाने पर
नियुक्ति की
कर्रवाई की जा
सकेगी, समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
(ख)
उत्तरांश (क) के
प्रकाश में
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
अवैध उत्खनन के प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[खनिज साधन]
61. ( क्र. 598 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन, निवासी महिदपुर रोड के विरूद्ध माननीय उच्चतम न्यायालय में चल रहे अवैध उत्खनन के प्रकरण में एस.एल.पी.क्र. 28983/2018 की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इसकी सुनवाई तिथियों पर शासन की ओर से पैरवी करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम व उनकी उपस्थिति का समस्त विवरण देवें। (ग) दिनांक 15.11.2019 को खनिज विभाग के उत्तरदायी अधिकारी माननीय उच्चतम न्यायालय में सुनवाई तिथि पर उपस्थित हुए हैं? यदि नहीं, तो उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) माननीय उच्चतम न्यायालय की वेबसाईट के अनुसार प्रश्नाधीन एस.एल.पी. माननीय उच्चतम न्यायालय में दिनांक 09-12-2019 को सुनवाई हेतु नियत है। (ख) प्रश्नाधीन एस.एल.पी. में सुनवाई तिथियों में शासन की ओर से पैरवी करने हेतु शासकीय अधिवक्ता श्री राहुल कौशिक नियुक्त है। अन्य जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय में मध्यप्रदेश शासन की ओर से नियुक्त शासकीय अधिवक्ता द्वारा नियत तिथियों में प्रकरण की पैरवी की जाती है। अन्य जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। शासन पक्ष की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत किया जा चुका है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कॉलोनाईजर द्वारा रेरा नियमों का उल्लंघन
[नगरीय विकास एवं आवास]
62. ( क्र. 605 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री आदिनाथ एवेन्यु ग्राम ताजपुरा तहसील महिदपुर जिला उज्जैन निर्माणधीन कॉलोनी के कॉलोनाईजर द्वारा रेरा नियमों का पालन नहीं किया गया है एवं कई लोगों के साथ कूटरचित दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी की गई है। यदि हाँ, तो विभाग द्वारा कॉलोनाईजर पर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ख) क्या कॉलोनाईजर द्वारा गरीब वर्ग के लिये आरक्षित भूमि का भी विक्रय किया गया है? यदि हाँ, तो कॉलोनाईजर पर शासन के उत्तरदायी अधिकारी द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) कॉलोनाईजर से रेरा नियमों का पालन नहीं कराने के लिये जिम्मेदार, दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (घ) रेरा नियमों का पालन नहीं करने व गरीब वर्ग के लिये आरक्षित भूमि विक्रय करने पर उपरोक्त कॉलोनाईजर पर शासर द्वारा कार्यवाही कब तक की जावेगी एवं रेरा नियमों का पालन नहीं कराने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? सुनिश्चित कर बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क)‚ (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बंदरों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर उत्पात
[वन]
63. ( क्र. 659 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के रेल्वे स्टेशन पिपरिया, ग्राम मटकुली एवं पर्यटन स्थल पचमढ़ी में जंगल से अत्याधिक संख्या में बंदर आ गये हैं। यदि हाँ, तो? (ख) यदि हाँ, तो क्या जंगल से आये बंदरों द्वारा पिपरिया रेल्वे स्टेशन एवं पचमढ़ी बस स्टेण्ड पिपरिया पर उत्पात मचाया जा रहा हैं जिससे पर्यटकों व यात्रियों को नुकसान हो रहा हैं यदि हाँ, तो? (ग) क्या वन विभाग द्वारा इन बंदरों को रहवासी व सार्वजनिक इलाकों से हटाकर इन्हें वापस जंगल में छोड़े जाने हेतु कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) का उत्तर यदि हाँ, में है तो इस संबंध में विभाग द्वारा रूचि न लिये जाने का क्या कारण हैं बताये? बंदरों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती जा रही हैं एवं यदि इन्हें समय रहते जंगल क्षेत्र में नहीं छोड़ा गया तो यह सार्वजनिक क्षेत्र (रेल्वे स्टेशन, बस स्टैण्ड पर यात्रियों व पर्यटकों) को ओर अधिक नुकसान पहुचायेंगे यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी होगा बताये?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन क्षेत्रों में बंदरों के आने की घटनाएं प्रकाश में आई हैं। (ख) बन्दरों का विचरण एक नैसर्गिक प्रक्रिया है। पर्यटकों व यात्रियों को नुकसानी का आंकलन नहीं किया गया है। (ग) पचमढ़ी एवं मटकुली ग्राम में संबंधित स्थानीय निकाय के सहयोग से बन्दरों को पकड़ कर वन क्षेत्र में मुक्त किया जाता रहा है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि विभाग द्वारा इस कार्य में रूचि नहीं ली जा रही है। पूर्व में आवश्यकतानुसार बन्दरों को पकड़कर वन क्षेत्र में मुक्त करने की कार्यवाही की गई है। वर्तमान तथा भविष्य में भी आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाएगी। अत: शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
सामुहिक विवाह योजना से लाभ
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
64. ( क्र. 689 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में जबलपुर जिले के अंतर्गत सामुहिक विवाह योजना अंतर्गत कितने-कितने जोड़ों को सामुहिक विवाह योजना का लाभ दिया गया? विवाह योजना अंतर्गत गरीब वर्ग की कन्याओं को शासन स्तर से मद्द दिये जाने के क्या प्रावधान हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में कितनी-कितनी राशि एवं अन्य क्या-क्या सामग्री विवाह योजनांतर्गत प्रदान की गई? योजना अंतर्गत प्रदान की गई राशि चयनित कन्याओं को किस माध्यम से भुगतान की गई? क्या प्रदान की गई राशि संबंधित को प्राप्त हुई अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? जिम्मदारों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) वर्ष 2019-20 में जबलपुर जिले के अंतर्गत 8 निकायों में 1099 कन्याओं के विवाह सम्पन्न कराये गये। जिनमें से 535 कन्याओं को उनके बैंक बचत खातों में प्रति कन्या के मान से राशि रूपये 48, 000/- ई-अन्तरण के माध्यम से भुगतान किया गया। म.प्र.शासन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण के पत्र क्रमांक एफ-3-39/2019/26-2 दिनांक 14 जनवरी 2019 से नवीन संशोधित दर अनुसार प्रति कन्या को रूपये 48000/- उनके बैंक बचत खाते में जमा कराये जाते हैं तथा आयोजक प्रत्येक निकाय को सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन की व्यवस्था के लिए प्रतिकन्या के मान से 3000/- रूपये इस प्रकार कुल 51, 000/- प्रति विवाह सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
ई.डब्ल्यू.एस. प्रधानमंत्री आवास योजना का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
65. ( क्र. 691 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर केन्ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ई.डब्ल्यू.एस. प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत किस-किस क्षेत्र में आवासों का निर्माण कराया गया है तथा कहाँ-कहाँ पर आवास निर्माण का कार्य जारी है? (ख) आवासों के निर्माण में गुणवत्ता की जाँच हेतु क्या नियम है व देख-रेख हेतु किस अधिकारी को चयनित किया गया है तथा केन्ट क्षेत्र में पृथक-पृथक आवासों के निर्माण कार्य में कितनी राशि का आवंटन किया जा चुका है? (ग) ई.डब्ल्यू.एस. आवासों को प्रदाय करने के क्या नियम हैं? केन्ट विधान सभा क्षेत्र के कितने हितग्राहियों को आवास उपलब्ध कराये गये हैं? विधान सभा क्षेत्र से बाहर कितने हितग्राहियों को आवास दिलाये गये हैं तथा आगे केन्ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराये जाने की क्या कार्य योजना बनाई गई है? (घ) प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत केन्द्र सरकार द्वारा मकान निर्माण की अनुदान राशि जबलपुर में कितने हितग्राहियों को मिली है व कितने हितग्राहियों को राशि मिलना प्रस्तावित है, जो कब तक प्रदाय की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जबलपुर केंट विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के ए.एच.पी घटक के तहत मोहनिया एवं तिलहरी (भिटौली) के आवास निर्माण का कार्य जारी है। (ख) गुणवत्ता के संबंध में आवासों के निर्माण के दौरान प्रोजेक्ट स्पेसिफिकेशन व एस.ओ.आर. के प्रावधान अनुसार निर्माण तथा गुणवत्ता की जाँच कराये जाने के नियम है। इस हेतु प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (पी.एम.सी.) को चयनित किया गया है। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी (पी.एम.सी.) के इंजीनियर्स तथा निकाय के कार्य हेतु संलग्न यंत्रीगणों के द्वारा गुणवत्ता की जाँच की जाती है। पी.एम.सी. तथा निकाय के उक्त कार्य हेतु पर्यवेक्षण व गुणवत्ता नियंत्रण हेतु संलग्न अधिकारियों के नाम जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। केंट क्षेत्र के मोहनिया में आवास निर्माण हेतु राशि रू. 8.64 करोड़ एवं तिलहरी में आवास निर्माण हेतु राशि रू. 10.94 करोड़ का आवंटन निकाय को किया गया है। (ग) ई.डब्ल्यू.एस. आवासों को प्राप्त करने के नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अभी तक किसी भी हितग्राही को आवास उपलब्ध नहीं कराया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। आवास उपलब्ध कराने हेतु पंजीयन कराया जा रहा है। पंजीकृत पात्र हितग्राहियों से क्रमशः पंजीयन शुल्क व हितग्राही अंश की राशि प्राप्त होने पर एल.आई.जी./एम.आई.जी. आवासीय ईकाइयों के व्ययन से प्राप्त एवं क्रास सब्सिडी से आवास निर्माण कार्य पूर्ण होने पर आवास उपलब्ध कराया जा सकेगा। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत बी.एल.सी. घटक के तहत वर्तमान में 6362 हितग्राहियों को प्रथम किश्त व अन्य किश्तों की राशि आवंटित की जा चुकी है तथा 4477 हितग्राहियों को राशि जारी किया जाना प्रक्रियाधीन है। अवधि बताया जाना संभव नहीं है
डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
66. ( क्र. 692 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर केन्ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन किस ठेकेदार को काम सौंपा गया है तथा ठेकेदार के द्वारा कचरा कलेक्शन में कितने वाहन व कितने कर्मचारी तैनात किये गये हैं तथा कितने वाहन कार्य में लगे हुये है व कितने वाहन खराब स्थिति में खड़े हुये है? (ख) क्या बिगड़े वाहनों, कर्मचारियों की कमी के कारण डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में हो रही अनियमितता के चलते जनता को हो रही परेशानियों के साथ संक्रमण बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया जैसा बीमारियों के कौन जिम्मेदार है तथा जबलपुर नगर निगम द्वारा समय पर कचरा न उठने के कारण हुई कठिनाइयों के लिये संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? (ग) क्या डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन नहीं होने के कारण एवं क्षेत्रीयजनों के द्वारा की गई शिकायतों के बाद भी जबलपुर नगर निगम द्वारा संबंधित ठेकेदारों को डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन हेतु अनुबंध अनुसार कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन नहीं होने के कारण ठेकेदार को पूरा भुगतान किस आधार पर किया जा रहा है वर्ष 2017-18 से अभी तक किये गये भुगतान का ब्यौरा दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर अंतर्गत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का कार्य एस्सेल इन्फ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को दिया गया है जिसमें केन्ट विधानसभा क्षेत्र के निगम सीमा में आने वाले वार्ड सम्मिलित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी नहीं, जी हाँ। (ग) जी नहीं, क्षेत्रीयजनों के द्वारा की गई शिकायतों पर ठेकेदार एवं निगम द्वारा त्वरित निराकरण कराया जाता है। ठेकेदार द्वारा किए गए कचरा कलेक्शन के आधार पर अनुबंध अनुसार प्रतिटन के मान से देयक का भुगतान किया जाता है। वर्ष 2017-18 से सितम्बर 2019 तक किये गये भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
युवा स्वाभिमान योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
67. ( क्र. 703 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन द्वारा ''युवा स्वाभिमान योजना'' अन्तर्गत युवाओं को 100 दिन के रोजगार की गारंटी व हर महीने 4 हजार रूपये प्रति माह प्रदान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने बेरोजगार युवाओं का इस योजना के तहत पंजीयन किया गया है व उनमें से कितनों को इसका लाभ प्रदान किया गया है? जिलेवार व कार्यवार संख्या स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार योजना में पंजीबद्ध हजारों बेरोजगार युवाओं को इसका लाभ प्रदान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व इन्हें कब तक योजना का लाभ प्रदान किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। योजना अंतर्गत कुल 4 लाख 24 हजार 399 बेरोजगार युवाओं का पंजीयन किया गया है। योजनांतर्गत 29915 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है तथा 17775 युवाओं को 14 करोड़ 9 लाख 93 हजार 328 स्टाइपेंड वितरित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार। (ख) नहीं। कौशल प्रशिक्षण केंद्रों की निकायवार व ट्रेडवार उपलब्धता तथा प्रशिक्षाणर्थियों की न्यूनतम आवश्यक योग्यता व आवश्यक उपस्थिति के अनुसार योजना का लाभ प्रदान किया गया है।
अध्यापकों के वेतन भुगतान में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
68. ( क्र. 709 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के शा.उ.मा.वि.गोरइया में कार्यरत अध्यापक एवं प्रा.शि./मा.शि/ उ.मा.वि.शिक्षक संवर्ग के कर्मचारी जो एक साथ के नियुक्त हैं उन्हें दिये जा रहे वेतन में अंतर है? पदस्थ कर्मचारियों का माह जनवरी 2019 से अब तक का माहवार भुगतान किये गये वेतन का विवरण देवें? यह अंतर क्यों हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कर्मचारियों को अध्यापक संवर्ग के गठन दिनांक 01-04-2007 से अब तक कब-कब मंहगाई भत्ता संविलियन एरियर वेतन निर्धारण एरियर अन्य एरियर का भुगतान किया गया? कर्मचारीवार भुगतान की गई राशि देयक क्रमांक दिनांक सहित बतायें? यदि भुगतान में अंतर है तो क्यों? (ग) उक्त संवर्ग के कर्मचारियों में से 6वें वेतनमान की प्रथम किश्त एवं द्वितीय किश्त का भुगतान कितनें कर्मचारियों को किया गया एवं कितने शेष हैं? कब तक सभी कर्मचारियों को उनके लाभ प्रदान कर दिये जायेंगे? (घ) उक्त कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान करनें में मनमाना अंतर करना लंबित रखते हुए प्रताड़ित किया जाना वेतन भुगतान में अंतर करना क्या वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितता नहीं है? यदि है तो क्या इसके लिए वेतन तैयार करनें वाले कर्मचारी सेवा अभिलेख संधारणकर्ता एवं संकुल प्राचार्य को निलंबित करते हुए विभागीय जाँच संस्थित की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। परिशिष्ट में अंतर का कारण अंकित है। (ग) शास. उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गोरइया में कार्यरत उक्त संवर्ग के 19 कर्मचारियों का 6वें वेतनमान की प्रथम किश्त के एरियर का भुगतान किया जा चुका है। अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को 6वें वेतनमान की द्वितीय किश्त का भुगतान वर्ष 2019-20 में किया जाना प्रावधानित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उक्त कर्मचारियों के स्वत्वों के भुगतान में अंतर का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो में अंकित है। एक साथ नियुक्त कर्मचारियों के वेतन में अंतर के कारणों का परीक्षण कराने के निर्देश संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण संभाग रीवा को जारी किये गये है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चिकित्सकों के आवास निर्माण
[पशुपालन]
69. ( क्र. 724 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा अन्तर्गत वर्तमान में पशुओं के कितने अस्पताल संचालित हैं तथा वर्तमान में अस्पतालों एवं चिकित्सकों के निवास हेतु भवन की क्या-क्या व्यवस्था है वर्तमान में लगभग सभी पशु चिकित्सालय भवन एवं चिकित्सकों को निवास हेतु भवन क्षतिग्रस्त एवं जीर्णशीर्ण अवस्थाओं में हैं? (ख) यदि हाँ, तो इनका उन्नयन या नवीन भवनों का निर्माण कब तक होगा? समयावधि बतावें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) पशुओं के लिए संचालित अस्पतालों तथा चिकित्सकों के निवास की व्यवस्था की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। समस्त पशु चिकित्सालयों एवं चिकित्सकों के भवन अच्छी स्थिति में है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
घुमक्कड़
एवं
अर्द्धघुमक्कड़
की छात्राओं
हेतु स्वीकृत
छात्रावास
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजातीय कल्याण]
70. ( क्र. 725 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड भीकनगांव मुख्यालय पर वर्तमान में घुमक्कड एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति की छात्राओं के निवास हेतु छात्रावास नहीं हैं तथा वर्तमान में भीकनगांव निवासरत घुमक्कड़ जनजाति के व्यक्तियों द्वारा भीकनगांव मुख्यालय पर नवीन छात्रावास खोलने की मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नवीन छात्रावास खोलने हेतु वित्तीय वर्ष में स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? नहीं तो क्यों नहीं तथा हाँ तो कब तक?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ नहीं है। भीकनगांव मुख्यालय पर नवीन छात्रावास खोले जाने हेतु किसी भी तरह का मांग पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौ-शालाओं की स्थापना
[पशुपालन]
71. ( क्र. 744 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक-एक गौ शाला खोले जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कितनी गौ-शालाएं खोली गई हैं तथा इनके संचालन हेतु क्या-क्या प्रावधान निर्धारित किए गए हैं वर्तमान तक इनकी क्या प्रगति है? (ख) खोली गई गौ- शालाओं में कितनी-कितनी गौ रखे जाने का प्रावधान है तथा इस हेतु कितना बजट प्रावधानित किया गया है? गौ-शाला निर्माण कार्य हेतु कितनी राशि खर्च की गई? इन गौ-शालाओं में वर्तमान तक कितनी गायों का पालन-पोषण किया जा रहा है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) शासन द्वारा प्रथम चरण में 1000 ग्राम पंचायतों में गौशालाएं खोलने का निर्णय लिया गया है। गौशालाओं के संचालन के लिए ग्राम पंचायतें उत्तरदायी है एवं शासन द्वारा इन गौशालाओं के गोवंश के चारे भूसे हेतु राशि रू. 20.00 प्रति गौवंश प्रतिदिवस का प्रावधान है। प्रथम चरण की 1000 गौशालाओं के विरूद्ध 957 गौशालाओं के निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है जिसमें से 19 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण होकर 910 गौशालाओं में निर्माण कार्य प्रगति पर है। (ख) प्रत्येक गौशाला में 100 गौवंश रखे जाने का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक गौशाला के अधोसंरचना निर्माण के लिए मनरेगा अंतर्गत रू. 27.72 लाख का प्रावधान किया गया है। गौशाला निर्माण पर उत्तर दिनांक तक मनरेगा योजना से कुल रू. 8076.75 लाख राशि का भुगतान किया जा चुका है। वर्तमान में गौशालाओं में संचालन प्रारंभ नहीं हुआ है।
मुरैना में सीवर लाइन प्रोजेक्ट का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 882 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिक निगम मुरैना में निर्माणाधीन सीवर लाइन प्रोजेक्ट का कार्य अत्यधिक घटिया किस्म का होकर सामग्री भी पूर्ण मात्रा में (प्राक्कलन अनुसार) उपयोग नहीं की जा रही है व कार्य के उपरान्त मार्ग का मरम्मत कार्य भी सही ढंग से नहीं किया जा रहा है व संचालित कार्य के दौरान प्रदूषण नियंत्रण हेतु नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे नगर के निवासियों को अत्यधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है? (ख) उक्त सीवर लाइन प्रोजेक्ट अत्यधिक धीमी गति से संचालित है। कार्य प्रारंभ व पूर्ण अवधि प्राक्कलन के अनुसार क्या है? निगम व संबंधित ठेकेदार के बीच हुए अनुबंध की प्रति भी उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या उपरोक्त कार्य की उच्च स्तरीय जाँच विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नकर्ता विधायक के समक्ष कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं, निर्माणाधीन सीवर लाइन प्रोजेक्ट का कार्य गुणवत्ता पूर्ण किया जा रहा है, निर्माण सामाग्री भी आवश्यक मात्रा में उपयोग की जा रही है एवं कार्य के उपरांत मार्ग की मरम्मत का कार्य मानकों के अनुरूप किया जा रहा है। प्रश्नाधीन कार्य में म.प्र प्रदूषण नियंत्रण मण्डल से मल शोधन संयंत्र की स्थापना की अनुमति ली गई है, जिसमें दिये गये निर्देशों का पालन किया जा रहा है तथा निवासियों की तात्कालिक समस्या प्राप्त होने पर यथा समय निदान किया जाता है। (ख) जी नहीं। अनुबंध के अनुसार सीवरेज प्रोजेक्ट का कार्यारंभ दिनांक 29.07.2016 व पूर्ण करने की अवधि 24 माह थी, जिसमें तकनीकी एवं स्थानीय कारणों से दिनांक 18.02.2020 तक वृद्धि की गई है। अनुबंध की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) अमृत योजना के दिशा निर्देशानुसार शासन द्वारा प्रोजेक्ट डेव्हलपमेंट एण्ड मैनेजमेंट कंसल्टेंट तथा इंडिपेंडेन्ट रिव्यू एण्ड मॉनीटरिंग एजेंसी व थर्ड पार्टी के रूप में विशेषज्ञ नियुक्त कर कार्य एवं सामग्री की गुणवत्ता की जाँच कराई जाती है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आचार्य विद्यासागर गौसवंर्धन योजना की जानकारी
[पशुपालन]
73. ( क्र. 883 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालनालय पशुपालन भोपाल के पत्र स.क्र. 1 क्र. 4223/योजना/2017-18 2. क्र. 7272/योजना/ 2018-19, 3. क्र. 11198/योजना/2018, 4. क्र. 5603/योजना/2019-20 में आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजना हेतु वित्तीय एवं भौतिक लक्ष्य बजट प्रावधान आदि का उल्लेख है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्रों के अनुसरण में जनपद/विधान सभा क्षेत्रवार लक्ष्य एवं वित्तीय व्यवस्था हेतु क्या-क्या नीति/निर्देश/मार्गदर्शिका निर्मित है? प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में वर्ष 2019-20 हेतु जिलों को कितनी राशि प्रदाय होकर जिला मुरैना को कितनी राशि दी गई व प्राप्त राशि में से विधान सभा क्षेत्रवार अथवा जनपद पंचायतवार कितनी राशि प्रदाय की जाकर पशुपालकों को दी गई, की जानकारी पशुपालक का नाम, पता, प्रदाय राशि, बैंक का नाम वर्ष, आदि सहित दी जावे।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग द्वारा संचालित विभिन्न हितग्राही मूलक योजनाओं के लक्ष्य जिलेवार निर्धारित कर उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवाओं को आवंटित किये जाते हैं। जनपद/विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्यों के निर्धारण हेतु कोई नीति/निर्देश/मार्गदर्शिका निर्मित नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) आचार्य विद्यासागर गौसंवर्धन योजनातंर्गत विभाग द्वारा जिलों को राशि प्रदाय नहीं की जाती हैं। योजनांतर्गत स्वीकृत प्रकरणों में मार्जिन मनी सहायता राशि एवं सात वर्षों तक ब्याज अनुदान की प्रतिपूर्ति की राशि के सुचारू रूप से प्रवाह हेतु विभाग द्वारा सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया, अरेरा हिल्स भोपाल में एक पूल एकाउंट खोला गया हैं जिसमें योजना की राशि आहरित कर जमा की जाती हैं। प्रकरण स्वीकृतकर्ता बैंक द्वारा पोर्टल के माध्यम से मार्जिन मनी सहायता की राशि एवं ब्याज प्रतिपूर्ति की गणना कर आवश्यक राशि की मांग संबंधित बैंक के जोनल/नोडल बैंक के माध्यम से की जाती है एवं सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया भोपाल द्वारा तद्नुसार राशि संबंधित बैंकों को उनकी जोनल/नोडल बैंक के माध्यम से भुगतान की जाती है। योजना के पूल एकाउंट से वर्ष 2019-20 में समस्त जिलों को कुल राशि रू.288.29 लाख एवं जिला मुरैना के 03 प्रकरणों हेतु राशि रू.5.00 लाख मार्जिन मनी सहायता राशि संबंधित बैंक शाखाओं द्वारा आहरित की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों का दायित्व
[पशुपालन]
74. ( क्र. 894 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञों के कर्तव्य एवं दायित्व क्या-क्या हैं? (ख) पशुओं का बीमा कराने एवं करने का दायित्व पशु मालिक एवं बीमा कंपनी का है अथवा पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ का है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि बीमा कराने एवं बीमा करने का दायित्व पशुमालिक एवं बीमा कंपनी का है तो पशु चिकित्सकों को बीमा कराने का लक्ष्य एवं उत्तरदायित्व क्यों और किस नियम के अंतर्गत दिया जाता है? (घ) शहडोल जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें बीमा राशि नहीं मिल पाने के कारण पशुपालन विभाग के विरूद्ध सी.एम. हेल्पलाइन में वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 के 15 नवम्बर तक शिकायत की गई तथा ऐसे प्रकरणों में पशु चिकित्सकों को जिम्मेवार मानकर उन्हें नोटिस दिए गए हैं?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) पशुपालक के आवेदन एवं पशु चिकित्सक के स्वास्थ प्रमाण पत्र पर बीमा कंपनी बीमा पॉलिसी जारी करती है। (ग) म.प्र.राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम द्वारा भारत सरकार की नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के अंतर्गत रिस्क मैनेजमेंट एण्ड इंश्योरेंस योजना हेतु प्राप्त राशि के आधार पर जिलों को अन्य विभागीय हितग्राही मूलक योजनाओं की ही भांति लक्ष्य आवंटित किये जाते है। (घ) वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 के 15 नवम्बर तक शहडोल जिले के कुल 76 प्रकरण है। जिनमें बीमा राशि नहीं मिल पाने के कारण पशुपालन विभाग के विरूद्ध सी.एम. हेल्पलाईन में शिकायत की गई है तथा ऐसे प्रकरणों में पशु चिकित्सकों को जिम्मेवार मानकर उन्हें नोटिस दिये गये है कि जानकारी निरंक है।
रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भण्डारण
[खनिज साधन]
75. ( क्र. 895 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2019 से 15 नवम्बर 2019 की अवधि में शहडोल जिले में अवैध रेत उत्खनन, परिवहन एवं अवैध भण्डारण के कितने-कितने प्रकरण कहाँ-कहाँ पकड़े गये? (ख) प्रश्नाधीन पकड़े गये प्रकरणों में किस-किस व्यक्ति के कौन-कौन से वाहन तथा कितनी-कितनी मात्रा में रेत जप्त की गई? (ग) किन-किन प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णय पारित कर दण्डित किया गया और किन-किन प्रकरणों को दण्ड देने योग्य नहीं पाया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) शहडोल जिलें में 01 जनवरी 2019 से 15 नवम्बर, 2019 की अवधि के दौरान रेत खनिज के अवैध उत्खनन के 30 प्रकरण, अवैध परिवहन 218 एवं भंडारण के 16 प्रकरण निर्मित हुए है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ग) शहडोल जिलें में खनिज रेत के अवैध उत्खनन परिवहन एवं भंडारण में कुल 264 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है, जिसमें से सक्षम प्राधिकारी द्वारा 225 प्रकरणों का निराकरण किया गया है तथा शेष 39 प्रकरणों पर कार्यवाही प्रचलनशील है।
ग्राम पंचायतों में गौशालाओं की स्थापना
[पशुपालन]
76. ( क्र. 900 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिला में ग्राम पंचायतों के देख-रेख में कितनी गौशालायें किन-किन स्थानों पर खोली जा रही हैं तथा इन गौशालाओं के मूलभूत संरचना हेतु कितनी-कितनी धनराशि किस-किस निर्माण एजेन्सी को उपलब्ध करवाई गई है? (ख) प्रश्नाधीन निर्माण कार्य प्रश्नतिथि तक कितना हो चुका है तथा कितनी धनराशि व्यय हो चुकी है? (ग) जिले के ग्राम ब्यौहारी, मऊ, पपौंध, रसमोहनी, चुहिरी, अमरहा, छाता (लालपुर) एवं विक्रमपुर जैसे कृषि क्षेत्र के ग्रामों में गौशाला खोलना अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 के योजना में सम्मिलित किया जावेगा अथवा नहीं?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) शहडोल जिले में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत ग्राम पंचायत पड़मनिया कलां, बरूका (ग्राम रोहनिया), गिरवा, केशवाही, खन्नौधी, सीधी, कौआसरई एवं बोडिड्हा इस प्रकार कुल 08 गौशालाएं खोली जा रही हैं। इन गौशालाओं के निर्माण हेतु प्रति गौशाला रू. 27.72 लाख के मान से राशि स्वीकृत की गई है जिसकी क्रियान्वयन एजेन्सी संबंधित ग्राम पंचायत निर्धारित की गई है। (ख) ग्राम पंचायत पड़मनिया कलां एवं बरूका के ग्राम रोहनिया में प्लिन्थ लेवल तक कार्य हो चुका है। ग्राम पंचायत गिरवा एवं ग्राम पंचायत केशवाही में नींव खुदाई का कार्य प्रगतिरत है। ग्राम पंचायत खन्नौधी में दीवार कार्य प्रगति पर है। ग्राम पंचायत सीधी, ग्राम पंचायत कोआसरई में प्लिन्थ से ऊपर निर्माण कार्य किया जा चुका है। उक्त गौशालाओं के निर्माण में अब तक राशि रूपये 22, 61, 894/- व्यय हो चुकी है। (ग) वर्ष 2020-21 में शासन द्वारा नवीन गौशालाओं की स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निराश्रित गौवंश संख्या, जमीन की उपलब्धता, बिजली, पानी तथा अन्य मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए नवीन गौशाला की स्थापना के लिए ग्राम पंचायत का चयन ''जिला स्तरीय गौशाला परियोजना समन्वयन समिति'' द्वारा किया जाता है।
इन्दौर में स्मार्ट सिटी योजना अन्तर्गत किये जा रहे कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
77. ( क्र. 925 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर नगर पालिक निगम के तहत विधानसभा क्षेत्र क्र.3 में स्मार्ट सिटी योजना अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित है व उनमें से कितने कार्यों के लिये टेण्डर व कितने कार्यों का वर्क आर्डर जारी किया गया है? सम्पूर्ण सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार प्रस्तावित कार्यों में से अनेक कार्यों हेतु प्रश्न पूछे जाने तक टेण्डर व वर्क आर्डर जारी नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व कब तक इन कार्यों के टेण्डर व वर्क आर्डर जारी होंगे? समय-सीमा स्पष्ट करें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जारी वर्क आर्डर के कार्यों में से अनेक कार्य ठेकेदार द्वारा प्रारंभ नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे कार्यों की कारण सहित सूची उपलब्ध करावें व कब तक कार्य प्रारंभ कर दिये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार एवं वर्क आर्डर जारी किये गये कार्यों की जानकारी पुस्ताकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार। (ख) जी हाँ। कार्यों की सूची एवं कारण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार। (ग) जी नहीं। वर्क आर्डर जारी किये गये सभी कार्य प्रारंभ होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते है।
प्रमुख चौराहों तथा बाजार स्थलों पर ट्रैफिक सुधार हेतु
[नगरीय विकास एवं आवास]
78. ( क्र. 927 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 के अन्तर्गत पालदा, नवलखा, अग्रसेन, छावनी, मधुमिलन, जे.एम.बी. तिराहा, राजबाडा, छत्रीपुरा, चिमनबाग, नन्दलालपुरा, सियागंज के चौराहों तथा बाजार के प्रमुख स्थलों पर ट्रैफिक का अधिक दबाव होने के कारण आमजन परेशान रहता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 के प्रमुख स्थलों पर ट्रैफिक सुगम बनाने हेतु फ्लाई ओवर पुल या अन्य कोई उपायों पर विचार किया जा कर कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्तावित कार्यों का क्रियान्वयन किस मद से और किसके द्वारा व कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। लोक निर्माण विभाग द्वारा सी.आर.एफ. योजना अंतर्गत इन्दौर शहर में एल.आई.जी. चौराहे से नवलखा चौराहा (पुराना एन.एच.-3) पर एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जिसकी निविदा कार्यवाही प्रगति पर है। जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। नगर निगम, इन्दौर द्वारा निगम मद से यातायात सुगम बनाने हेतु चौराहों के विकास एवं यातायात प्रबंधन के कार्य निरंतर किये जा रहे है। अन्य उपायों के अंतर्गत प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थानों के संबंध में यातायात को सुगम बनाने हेतु ट्रैफिक का दबाव कम किये जाने आमजन सुविधा हेतु सड़क सुरक्षा समिति एवं यातायात पुलिस से समन्वय कर चौराहों के लेफ्ट टर्न के सुदृढ़ीकरण एवं विकास कार्य किये जावेंगे। अग्रसेन चौराहे लेफ्ट टर्न का विकास कार्य सुदृढ़ीकरण प्रगति पर हैं। इससे आवागमन में राहत/सुविधा होगी। निगम के यातायात प्रकोष्ठ के माध्यम से निगम में प्रचलित/प्रावधानित मदों से कार्य किये जाते हैं।
शिवपुरी जिले में अवैध कालोनियों के संबंध में
[नगरीय विकास एवं आवास]
79. ( क्र. 939 ) श्री जसमंत जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में ऐसी कितनी कॉलोनियाँ हैं जो बिना लायसेंस शुदा कॉलोनाईजरों द्वारा बिना डायवर्सन/अनुमति के अपनी निजी भूमि को प्लाटों के रूप में विक्रय किया गया है या वर्तमान में किया जा रहा है? ऐसी कॉलोनियों अथवा ऐसे कॉलोनाईजरों का विस्तृत ब्यौरा देवें। (ख) शिवपुरी जिले में ऐसी कितनी कॉलोनियाँ हैं जिनमें निवासरत व्याक्तियों से नगर परिषद/नगर पंचायतों द्वारा विधिवत भवन टैक्स आदि प्रतिवर्ष वसूल किया जाता है तथा वर्तमान में नियमित किया जा रहा है वर्ष 2015 से प्रतिवर्ष लिये जाने वाले टैक्स का विस्तृत विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार इससे शासन को कितनी राजस्व आर्थिक क्षति हो रही है तथा प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रतिवर्ष वसूल किये जाने वाले टैक्सधारियों को नगर परिषद् द्वारा भवन निर्माण संबंधी अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है? कॉलोनियों में रहने वाले ऐसे कितने व्यक्तियों द्वारा अनुमति चाही गई है? सूची उपलब्ध करावें। (घ) क्या कतिपत नगर पालिका/परिषद की बैठक में पारित प्रस्ताव के आधार पर परिषदों/नगर पंचायतों द्वारा अनुमति दी जा रही है तो वह कौन-कौन सी नगर परिषद/नगर पंचायतें हैं? सूची उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) 214, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 209, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) 209, कॉलोनी के रहवासियों से नियमित रूप से टैक्स वसूला जा रहा है, नगर परिषद करैरा द्वारा 05 कॉलोनी से टैक्स वसूलने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जिससे आर्थिक क्षति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कॉलोनी अवैध होने के कारण भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है। 07 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, केवल एक नगर परिषद बदरवास द्वारा तीन अनुमतियां जारी की गई है। अवैध कॉलोनी को वैध किये बिना भवन निर्माण की अनुमति जारी किये जाने से मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद बदरवास को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
त्योंथर रीवा अन्तर्गत गौशालाओं का निर्माण
[पशुपालन]
80. ( क्र. 957 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आवारा पशुओं के संरक्षण, संवर्धन के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा गौवंशों के लिये पंचायत स्तर पर गौशाला बनवाने की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो अब तक जिला रीवा में पंचायत स्तर में कितने गौशालाओं के निर्माण के लिये वित्तीय प्रावधान किया गया? पंचायतवार जानकारी दी जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में दी गई जानकारी के अनुसार किन-किन ग्राम पंचायतों में गौशालाओं का निर्माण हो चुका है तथा शेष ग्राम पंचायतों में कब तक गौशालाओं का निर्माण कार्य किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा पशुओं के लिए गौशाला खोलने की योजना को फरवरी 2019 में अंतिम रूप देकर उसका क्रियान्वयन प्रारंभ किए जाने की घोषणा की गई थी। (ख) जिला रीवा में पंचायत स्तर पर 30 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना अंतर्गत गौशालाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा है। वित्तीय प्रावधान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वन भूमिका व्यावस्थापन
[वन]
81. ( क्र. 982 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2005-2006 में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान के ग्राम रैपुरा, चतारी, मौटा चौकन, से व्यवस्थापन कर नांदिया बेहर एवं एकलव्य नगर में बसाया गया था? (ख) विस्थापितों को उस समय पर प्रत्येक परिवार के प्रत्येक व्यस्क सदस्य को 5-5 एकड़ कृषि भूमि आवंटित की गई थी? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या इन सभी भूमि स्वामियों को भूमि ऋण पुस्तिका एवं भूमि स्वामित्व दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो अभी तक स्वामित्व नहीं देने के कारण स्पष्ट करें?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त सभी पात्र विस्थापितों को जिस वनभूमि पर बसाया गया है, का स्वरूप राजस्व भूमि में परिवर्तित नहीं होने के कारण भूमि स्वामियों को भूमि ऋण पुस्तिका एवं भूमि स्वामित्व प्रदाय नहीं किया जा सका है। केवल भू-अधिकार पत्र वर्ष 2006-07 में प्रदाय किये गये है। भारत सरकार द्वारा ग्रामों की पुनर्वसित वनभूमि का स्वरूप राजस्व भूमि में परिवर्तित कर डी-नोटिफिकेशन की कार्यवाही में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अनुमति लिया जाना आवश्यक था। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 28.01.2019 को IA No. 3924/2015 in WP (Civil) 202/95 WA में दिये गये निर्णय की प्रति भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, के पत्र क्रमांक/एफ/8-34/2017/एफसी दिनांक 20 मई 2019 से प्राप्त हुई है, जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संरक्षित क्षेत्रों से विस्थापित किये गये 177 ग्रामों में से 122 ग्रामों के पुनर्वास स्थलों की वनभूमि को डी-नोटिफिकेशन की अनुमति प्रदाय की जा चुकी है, जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व के उक्त ग्रामों सहित कुल 08 ग्राम शामिल हैं, तदानुसार डी-नोटीफिकेशन की कार्यवाही प्रचलन में है। शासन द्वारा उक्त पुनर्वसित वनभूमि के निर्वनीकरण की अधिसूचना जारी होने के उपरांत, उक्त वनभूमि राजस्व विभाग को हस्तांतरित करने के उपरांत उक्त हितग्राहियों को भूमि स्वामित्व एवं भूमि ऋण पुस्तिका राजस्व विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जा सकेगी।
अमृत अटल योजनान्तर्गत लगाए जाने वाले मीटरों में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 1001 ) श्री बनवारीलाल शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम ग्वालियर में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2014-15 में कितने पानी के मीटर लगाए गए थे? खपत के हिसाब से इनकी रीडिंग कर कितने बिल भेजे गये? (ख) क्या 2014-15 में मीटरों की रीडिंग न तो चेक की गई और न ही खपत के हिसाब से बिल भेजे गए, जिसमें विभाग द्वारा करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है और नए सिरे से मीटर लगाने के लिए डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है? जिससे पुराने मीटरों की उपयोगिता खत्म कर सरकार को करोड़ों रूपयों का नुकसान पहुँचाया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग नगर निगम ग्वालियर के इस भ्रष्टाचार की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? इसमें जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर क्या कार्यवाही कब तक प्रस्तावित की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा नगर निगम, ग्वालियर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत वर्ष 2014-15 में पानी के मीटर नहीं लगाये गये थे, अपितु नगर निगम, ग्वालियर अंतर्गत वर्ष 2014-15 में म.प्र. अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट प्रोग्राम (एम.पी.यू.आई.आई.पी.) नगरीय प्रशासन विकास विभाग के सहयोग से 6200 घरेलू पानी के मीटर उपभोक्ताओं के नल कनेक्शनों में लगाये गये थे। नल कनेक्शन उपभोक्ताओं को मीटर की रीडिंग अनुसार 4749 बिल जारी किये गये। (ख) जी नहीं वर्ष 2014-15 में मीटरों की रीडिंग चेक की जाकर खपत के हिसाब से 4749 नल उपभोक्ताओं को बिल भेजे गये थे, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। मीटर लगाने के लिये नगर निगम, ग्वालियर द्वारा डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार नहीं की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामीण विकास कार्यों के लिये गौण खनिज
[खनिज साधन]
83. ( क्र. 1038 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के 89 ट्राईबल ब्लॉक-जहां आर्टिकल 244 (1) के प्रावधान एवं पैसा कानून 1996 के प्रावधान लागू होते हैं-में नई खनिज/रेत नीति 2019/20 में ग्रामसभाओं/आदिवासी सहकारी समितियों के लिये क्या विशेष प्रावधान किए गए हैं? क्या पत्र/परिपत्र/आदेश जारी किया गया है? यदि हाँ, तो प्रतिलिपि उपलब्ध कराएं। यदि नहीं, किए गए तो कारण बताएं। (ख) ग्रामीण विकास कार्यों, ग्राम पंचायत के कार्यों एवं ग्राम में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के शौचालय एवं आवास में लगने वाली मिट्टी, मुरम, पत्थर एवं रेत के खनन, परिवहन एवं रॉयल्टी के संबंध में वर्तमान में क्या-क्या प्रावधान प्रचलित है? (ग) खनन एवं परिवहन की अनुमति प्राप्त किए बिना गौण खनिज खनन कर परिवहन किए जाने एवं उसका भुगतान किए जाने पर किस-किस के विरूद्ध किन कार्यवाहियों के प्रावधान वर्तमान में प्रचलित है? (घ) ग्राम की सीमा में आने वाले गौण खनिज की खदान निर्धारण, खदान आवंटन, खदान नीलामी, पर्यावरणीय स्वीकृति के संबंध में ग्राम सभा को वर्तमान में क्या-क्या अधिकार किस पत्र, परिपत्र आदेश, निर्देश से दिए हैं प्रति सहित बतावें?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) नई खनिज नीति के अंतर्गत दिनांक 30.08.2019 को मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) में मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 अधिसूचित किये गये हैं, इसके नियम 5 (2) में ग्राम सभा के लिये जो प्रावधान किये गये, वे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर हैं एवं नियम 4 के उप नियम 3 में अनुसूचित जाति/जनजाति की सहकारी समितियों के लिये जो प्रावधान किये गये, वे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। इस नियम के अनुक्रम में कोई पत्र/परिपत्र/आदेश वर्तमान में जारी नहीं किये गये हैं। (ख) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 3 (दो) व 3 (तीन) में रॉयल्टी से छूट देते हुए जो प्रावधान किये गये हैं, वे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 4 (1) व 4 (2) के तहत जो प्रावधान किये गये हैं, वे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 53 में जो प्रावधान किये गये हैं, वे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है एवं मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 20 में जो प्रावधान किये गये हैं, वे पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर है। (घ) ग्राम की सीमा में आने वाली गौण खनिज की खदान निर्धारण, खदान आवंटन, खदान नीलामी, पर्यावरण स्वीकृति के संबंध में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में ग्राम सभा को पृथक से कोई अधिकार प्रदत्त नहीं किये गये हैं। अपितु उक्त नियम के नियम 18 के अंतर्गत नवीन क्षेत्रों में अनुसूची-एक व अनुसूची-दो के गौण खनिजों के उत्खनिपट्टा स्वीकृति से पूर्व ग्राम सभा का प्रस्ताव प्राप्त किये जाने का प्रावधान है।
कचरा प्लांट की स्थापना
[नगरीय विकास एवं आवास]
84. ( क्र. 1049 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि रीवा जिले में ग्राम सगरा-पहड़िया में शासन द्वारा कचरा प्लांट स्थापित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी, स्वीकृत की गई जमीन व वर्ष तथा क्षमता की जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांकित क्षेत्र में प्लांट ग्रामों के बीच चारों ओर बसी आबादी बस्ती में स्थापित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कचरा प्लांट से बीमारियां फैलने का खतरा है। कचरा प्लांट स्थापित किए जाने के क्या मापदंड हैं? क्या निर्धारित मापदंडों का पालन किया गया है? (ग) प्रश्नांकित क्षेत्र में कचरा प्लांट चारों ओर आबादी होने के बाद भी क्यों खोला जा रहा है? क्या ग्रामीणों को होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को विभाग ने नजर-अंदाज किया है? क्या सुधार कर कचरा प्लांट अन्यत्र आबादी से दूर स्थापित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, माननीय न्यायालय कलेक्टर जिला रीवा के प्रकरण क्र. 04/अ-19/मूल/2015-16, दिनांक 14.01.2016 में पारित निर्णय अनुसार 11.119 हेक्टर एवं माननीय न्यायालय कलेक्टर जिला रीवा के प्रकरण क्र. 05/अ-19/मूल/2015-16 दिनांक 21.01.2016 में पारित निर्णय अनुसार 7.347 हेक्टर भूमि, कुल 18.466 हेक्टर भूमि कचरे से विद्युत उत्पादन तथा लैण्डफील आदि के लिये आवंटित की गई है। रीवा एम.एस.डब्ल्यू. होल्डिंग लिमिटेड 13th Floor Ramky, Grandiose Ramky, Towers Gachibowli hydrabad एजेंसी द्वारा कार्य कराया जा रहा है। प्लांट से 340 टन (आंकलन वर्ष 2016) ठोस अपशिष्ट का निष्पादन किया जाना है। (ख) जी नहीं, निर्धारित मापदण्डों का पालन किया जा रहा है। म.प्र. राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन प्राधिकरण (भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन, मंत्रालय) पर्यावरण नियोजन समन्वय संगठन (IPCO) भोपाल के पत्र क्र. 1827/SEIAA/दिनांक 01.08.2019 के द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कचरे से विद्युत उत्पादन का प्लांट संचालित किया जायेगा। (ग) जी नहीं, अपितु निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप प्लांट स्थापित करने की कार्यवाही की जा रही है।
नगर पंचायत परिषद की दुकानों पर अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 1052 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले के कन्नौद में नगर-पंचायत परिषद द्वारा बस-स्टैण्ड के पास, नव-शक्ति कॉम्प्लेक्स, तालाब रोड, नगर-पंचायत कॉम्प्लेक्स की दुकानें निर्मित कराकर उन्हें व्यापारियों को संचालन हेतु विक्रय/किराये पर दी गई है? यदि हाँ, तो दुकान क्र. एवं व्यापारियों के नाम विक्रय/किराये पर दिये जाने की सूची दें? (ख) क्या नगर-पंचायत के नियम/शर्तों/अनुबंध के अनुरूप दुकानों को संचालन न कर व्यापारियों ने दुकानों के सामने स्थित कॉरिडोर जो आम उपभोक्ताओं के आवागमन के लिये रिक्त था, उस पर दीवारें उठाकर दुकानों को आगे तक बढ़ाकर कॉरिडोर का रास्ता समाप्त कर दिया है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उपर्युक्त कॉरिडोर को बंद करना अतिक्रमण की श्रेणी में आता है, तो क्या नगर-पंचायत कन्नौद उक्त अतिक्रमण को तुरंत कब्जा मुक्त/अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करेगा? (घ) उपर्युक्त अतिक्रमण को हटाने के लिये कब-कब किन-किन व्यक्तियों द्वारा नगर पंचायत परिषद कन्नौद व नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को शिकायतें की गई और उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। 06 दुकानदारों द्वारा दीवारें उठाकर एवं 02 दुकानदारों द्वारा टीनशेड लगाकर दुकानों को आगे तक बढ़ाकर कॉरिडोर का रास्ता समाप्त कर दिया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) उक्त अतिक्रमण के संबंध में 01 शिकायतकर्ता श्रीमती संतोषबाई गर्ग के द्वारा शिकायत की गई है दिनांक 13.08.2019, के संबंध में निकाय द्वारा अतिक्रमणकर्ता दुकानदारों को सूचना-पत्र जारी कर अतिक्रमण हटाने की अंतिम चेतावनी दी गई है यदि अतिक्रमणकर्ता दुकानदारों द्वारा स्वयं किया गया अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है तो निकाय द्वारा उक्त अतिक्रमण हटा दिया जावेगा।
नगर पालिका बीना में निर्माण कार्यों की जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
86. ( क्र. 1074 ) श्री महेश राय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में नगर पालिका बीना के द्वारा चंद्रशेखर वार्ड, वीरसावरकर वार्ड, गांधी वार्ड, प्रताप वार्ड में कितने निर्माण कार्य कराये गये है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या नगर पालिका के उक्त वार्डों में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जाँच हेतु प्रमुख अभियंता भोपाल एवं कार्यपालन यंत्री नगरीय प्रशासन सागर को जाँच कराने हेतु पत्र जारी किया गया था। (ग) उक्त पत्र के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है, क्या जाँच करायी गयी यदि हाँ, तो किस एजेंसी के द्वारा जाँच की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) आज दिनांक तक जाँच नहीं करायी गयी तो क्यों एवं उक्त संबंध में विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) उक्त वार्डों में निर्माण कार्यों की जाँच संभागीय कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास सागर संभाग सागर द्वारा की जा रही है। (घ) जाँच प्रक्रियाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गंजबासौदा नगर में मिनी स्मार्ट सिटी योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
87. ( क्र. 1085 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा के नगरीय क्षेत्र गंजबासौदा की मिनी स्मार्ट सिटी घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो इस योजना के तहत कुल कितनी राशि का बजट स्वीकृत किया गया है तथा कार्य कराने के लिये निर्माण एजेंसी किसे बनाया गया है? (ख) इस योजनान्तर्गत नगर में कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये है? इन स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हो चुके है और कौन-कौन से कार्य अभी प्रारंभ नहीं हुये है? यह कब तक प्रारंभ होंगे? (ग) क्या उपरोक्त योजना के कार्य धीमी गति से चल रहे है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? क्या उपरोक्त कार्य समय-सीमा में पूर्ण हो जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। कुल राशि रूपये 2500 लाख का बजट निर्माण कार्य कराने के लिये म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी द्वारा मेसर्स त्रिशूल कन्स्ट्रक्शंस को निर्माण एजेंसी बनाया गया है। (ख) इस योजना के अन्तर्गत नगर में स्वीकृत किये गये कार्यों की जानकारी तथा प्रारम्भ अप्रारम्भ एवं निर्माण कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। अप्रारम्भ कार्यों के प्रारम्भ होने की तिथि बताया जाना संभव नहीं। (ग) जी हाँ, कार्यों की धीमी गति का कारण ठेकेदार द्वारा सभी घटकों का रूपांकन एवं रेखांकन विलम्ब से प्रस्तुत करना एवं अनुमोदित कार्यों का अत्यंत धीमी गति से किया जाना रहा है। निर्माण कार्यों को अनुबंध अनुसार दिनांक 06.04.2020 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित है, परन्तु कार्य संपादन पूर्ण किये जाने की वास्तविक समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
ब्यावरा भोपाल फोरलेन निर्माण
[वन]
88. ( क्र. 1103 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ब्यावरा भोपाल फोरलेन निमार्ण में जिले की कितनी वन भूमि अधिकृत की गई एवं निर्माण एजेन्सी द्वारा कितने वृक्ष किसकी अनुमति से काटे गए? अनुमति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) काटे गए वृक्ष के बदले कितना प्लान्टेशन किया गया? कितनी वन भूमि पर किस अनुमति के तहत निर्माण एजेन्सी द्वारा खनन किया गया? (ग) कितनी राशि निर्माण एजेंसी द्वारा वन विभाग को जमा की गई? किस नियम अथवा निर्देश व अनुशंसा के तहत उक्त कार्य की विभाग द्वारा किस एजेन्सी को स्वीकृति दी गई? समस्त अनुमति एवं अनुशंसा एवं अधिनियम की प्रति उपलब्ध करवायें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) ब्यावरा-भोपाल फोरलेन निर्माण में राजगढ़ जिले की 45.510 हेक्टेयर वनभूमि मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम को प्रत्यावर्तित की गई है। इस कार्य के लिये कुल 3887 वृक्ष काटे गए हैं। इस कार्य की सैद्धान्तिक सहमति भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पत्र दिनांक 23.12.2016 से प्राप्त हुई है। भारत सरकार के पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) इस परियोजना में क्षतिपूर्ति वनीकरण शाजापुर जिले में 45.510 हेक्टेयर गैर वनभूमि में किया जाना है। वर्ष 2019 में 30 हेक्टेयर रकबे में 30, 000 पौधों का रोपण किया जा चुका है। शेष 15.510 हेक्टेयर रकबे में रोपण कार्य आगामी वर्ष में किया जावेगा। निर्माण एजेन्सी द्वारा किसी प्रकार का खनन कार्य नहीं किया गया है। (ग) इस परियोजना में निर्माण एजेन्सी द्वारा जमा की गई राशियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। भारत सरकार के पत्र दिनांक 08.08.2014 में रेखीय परियोजनाओं में सैद्धान्तिक सहमति की शर्तों का पालन होने पर कार्य करने की अनुमति देने के अधिकार राज्य शासन को प्रदत्त किये गए हैं। राज्य शासन द्वारा पत्र दिनांक 31.10.2014 से यह अधिकार नोडल अधिकारी को प्रत्यायोजित किए गए हैं। इन अधिकारों के तहत नोडल अधिकारी द्वारा पत्र दिनांक 11.06.2018 से वनमण्डलाधिकारी राजगढ़ को इस कार्य को मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम को करने की अनुमति दी गई है। इन सभी पत्रों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों को प्रदत्त सुविधाएं
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
89. ( क्र. 1105 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों की पहचान क्या है? इन जातियों या वर्ग को शासन द्वारा क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही है? उनके लिए अभी तक क्या-क्या काम किये गये व कितनी राशि किस-किस मद में खर्च की गई। (ख) क्या इन जाति या समूह के लिए जातिगत सर्टिफिकेट बनाये जा रहे हैं? (ग) क्या इन वर्गों के लिए आवास उपलब्ध करवाए गए हैं? यदि हाँ, तो कहाँ? यदि नहीं, तो क्या कार्ययोजना है? (घ) इस जाति या वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए क्या व्यवस्था है व आवास की क्या कोई सुविधाएं हैं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग की अधिसूचना दिनांक 21.सितम्बर.1963 में सम्मिलित की गयी 51 जातियों के बनाये जा रहे जाति प्रमाण पत्र ही विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों की पहचान है। इन जाति वर्ग के लिये शैक्षणिक एवं आर्थिक विकास योजनाओं के अन्तर्गत राज्य छात्रवृत्ति, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना एवं सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, बस्ती विकास योजना विमुक्त जाति समाज के सेवक को उत्कृष्ट कार्य पुरस्कार योजना संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। विभाग की वर्तमान में कोई कार्य योजना नहीं है। (घ) शिक्षा हेतु आवासीय छात्रावास/आश्रम/सामुदायिक कल्याण केन्द्र संचालित है एवं राज्य छात्रवृत्ति, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना एवं सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना संचालित है।
अवैध होर्डिंग/विज्ञापन लगाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
90. ( क्र. 1168 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व प्रश्न क्र. 1594 दिनांक 19/07/19 में नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा जानकारी दी गई कि सभी पब्लिक टॉयलेट/सुलभ कॉम्पलेक्स पर नियम शर्तों अनुसार ही होर्डिंग/विज्ञापन लगाये गये हैं तो शहर में विभिन्न स्थानों पर निर्मित शौचालयों/यूनिरल टॉयलेट/सुलभ कॉम्पलेक्स किस साईज के बने हैं व उन पर लगे होर्डिंग कि साईज लम्बाईXचौडाईXऊंचाई टेण्डर शर्तों में कितनी निर्धारित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सभी सार्वजनिक शौचालय/टॉयलेट/सुलभ कॉम्पलेक्स पर कितनी ऊंचाई के होर्डिंग किस एजेन्सी द्वारा लगाये गये हैं? क्या इनकी ऊंचाई टेण्डर शर्तों के अनुरूप है? यदि नहीं, तो क्या टॉयलेट पर अधिक ऊंचाई के होर्डिंग लगाये गये है? वे वैध हैं या अवैध हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या कई स्थानों पर फुटपाथों को खोदकर भी होर्डिंग लगाये गये है? क्या इन अवैध रूप से होर्डिंग लगाने वालों पर व फुटपाथ खोदने वालों पर निगम द्वारा कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) जी हाँ, कई स्थानों पर स्वच्छ सर्वेक्षण की गाइड लाइन अनुसार पब्लिक यूरिनल बनाये जाने की आवश्यकता होने से फुटपाथ पर निर्मित यूरिनल पर वैध रूप से होर्डिंग लगाए गए है। निर्धारित साईज से अधिक अथवा यातायात प्रबंधन में बाधक होर्डिंग की शिकायत संज्ञान में आने पर यथा समय ऐसे होर्डिंग हटाने की कार्यवाही की गई है। वैध रूप से स्थापित होर्डिंगों पर कोई कार्यवाही की जाना अपेक्षित नहीं है।
शिक्षिकों के स्थानान्तरण की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
91. ( क्र. 1204 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में स्थानान्तरण अवधि के दौरान विधान सभा क्षेत्र, सिवनीमालवा की किस-किस शाला में पदस्थ किस-किस शिक्षक/शिक्षिका का स्थानान्तरण कहाँ-कहाँ किया गया एवं स्थानांतरित होकर जाने वाले तथा स्थानान्तरित होकर आने वाले शिक्षक/शिक्षिका पूर्व शाला में कब से पदस्थ थे? शालावार, शिक्षक/शिक्षिकावार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिस शाला से स्थानान्तरण किया गया एवं जिस शाला में पदस्थ किया गया वहां स्थानान्तरण के पूर्व कितने-कितने शिक्षक/शिक्षिकाएं पदस्थ थी एवं स्थानान्तरण के बाद पदस्थापना की क्या स्थिति है? शालावार, शिक्षकवार, पदवार बतावें। (ग) प्रश्नांश अवधि में विधान सभा क्षेत्र, सिवनीमालवा की कौन-कौन सी शालाएं हैं जो स्थानान्तरण के पश्चात मात्र एक-एक शिक्षक/शिक्षिका के भरोसे संचालित हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन एवं चार अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-पाँच एवं छ: अनुसार।
अवैध उत्खनन के परिवहन रोक
[खनिज साधन]
92. ( क्र. 1217 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के सिंगरौली विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत रिहन्द जलाशय (उ.प्र.) म.प्र. सीमा एरिया में रेत का दिया जा रहा ठेका क्या विधि सम्मत है? क्या पाँच एकड़ में रेत का ठेका दिया जाता है और वहाँ पर बड़ी-बड़ी मशीनों एवं बड़े-बड़े वाहनों के द्वारा पाँच एकड़ की जगह 15 एकड़ में अवैध रूप से रेत उठाया जाता है, जिसमें सड़क बनते ही टूट गयी हैं और आमजन को आवागमन में कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है। (ख) क्या अवैध रूप से उत्खनन एवं ओव्हर लोडेड रेत का परिवहन पर रोक लगाई जाएगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) सिंगरौली जिला के सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रिहन्द जलाशय के म.प्र. सीमा ऐरिया में रेत खनिज की नीलाम खदान विधिसम्मत कार्यवाही कर 31.03.2019 तक संचालित किया गया है। तत्पश्चात इस क्षेत्र में म.प्र. रेत नियम, 2018 के तहत खदानें संबंधित ग्राम पंचायतों को अंतरित कर संचालित की जा रही है। रिहन्द जलाशय अंतर्गत वर्तमान में 03 खदानें क्रमश: ग्राम पंचायत पिपराकुरन्द के ग्राम कादोपानी रकबा 4.00 हे. ग्राम हर्रहवा में 4-4 हे. की 02 खदानें ग्राम पंचायत द्वारा संचालित की जा रही है। जो स्वीकृत क्षेत्र में कार्य कर रही है। बड़ी मशीनों एवं बड़े वाहनों द्वारा अवैध रूप से खनिज रेत नहीं उठाया जाता है। सिंगरौली जिला के रिहन्द जलाशय के 15 एकड़ में रेत नहीं उठाया जाता है। सड़क मार्ग में खनिज के अलावा अन्य संसाधनों का भी परिवहन होता है। अवलोकन में सड़क क्षतिग्रस्त पाई गई है। (ख) सिंगरौली जिला अंतर्गत रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन की रोकथाम हेतु निरंतर शासकीय अमले द्वारा जाँच की जाती है।
शिक्षकों के स्थानांतरित से शिक्षकविहीन विद्यालय
[स्कूल शिक्षा]
93. ( क्र. 1218 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन की मंशा अनुसार वर्ष 2019 में जून माह तक स्थानांतरण करना था, लेकिन जुलाई माह के अंत तक स्थानांतरण किये गये? यदि हाँ, तो सिंगरौली जिला अंतर्गत स्थानांतरण के बाद शून्य शिक्षकीय विद्यालय की संख्या विधानसभा क्षेत्रवार, नामवार दें। शून्य शिक्षकीय विद्यालय के पद कब तक पूर्ण कर दिये जायेंगे? (ख) शिक्षा सत्र 2019-20 में बच्चों के भविष्य को देखते हुए विभाग द्वारा शिक्षा हेतु क्या व्यवस्था की गयी? नहीं की गयी है, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। विभागीय स्थानांतरण नीति 2019 के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय के परिपत्र दिनांक 16.08.19 के अनुसार स्थानांतरण हेतु अंतिम तिथि 24.08.19 नियत की गई थी। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। पदपूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) पदपूर्ति होने तक अतिथि शिक्षकों के माध्यम से अध्यापन की व्यवस्था की गई है।
आर.सी.सी. रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
94. ( क्र. 1231 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम बुरहानपुर के ऐसे कितने सीमेंट रोड हैं जिसकी स्वीकृति एवं निविदा की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है किन्तु उनका कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? उनकी सूची वार्ड, राशि एवं स्थानवार प्रदान करें। (ख) उक्त सीमेंट रोड हेतु निगम के पास बजट की क्या व्यवस्था है एवं रोडों का निर्माण कब तक प्रारंभ हो जायेगा। (ग) पूर्व में स्वीकृत ऐसे कितने सीमेंट रोड हैं जिनका कार्य प्रारंभ हो चुका है और जिन सीमेंट रोड का कार्य अधूरा है या पूर्ण नहीं हुआ है, उनकी सूची वार्ड व स्थानवार प्रदान करें एवं ऐसे कितने स्वीकृत सीमेंट रोड हैं जिनका कार्य पूर्ण हो चुका है, किन्तु स्वीकृत राशि में से भी राशि शेष है? की सूची वार्ड व स्थानवार प्रदान करें। यह अधूरे सीमेंट रोड कब तक पूर्ण किये जायेंगे? यह भी अवगत करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में सीमेंट रोड निर्माण हेतु राशि रू. 10.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अप्रारंभ कार्यों का निर्माण यथा शीघ्र प्रारंभ प्रस्तावित है। (ग) पूर्व में स्वीकृत ऐसे सीमेंट रोड जो प्रारंभ हो चुके है तथा पूर्ण नहीं हुये है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है एवं जो कार्य पूर्ण हो चुके है एवं स्वीकृत राशि में से भी राशि शेष है, की वार्ड व स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। अधूरे कार्य प्रगाति पर है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना
[स्कूल शिक्षा]
95. ( क्र. 1232 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बुरहानपुर जिले में जिला शिक्षा प्रशिक्षण (डाइट) की स्वीकृति प्राप्त होकर भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है। (ख) यदि हाँ, तो कब तक प्रशिक्षण संस्थान प्रारंभ हो जायेगा तथा क्या स्टॉफ की पूर्ति व्याख्याता, लिपिक संवर्ग, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के पदों की स्वीकृति की जा चुकी है? संवर्गवार सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रशिक्षण संस्थान प्रारंभ करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। जी हाँ। पदों की स्वीकृति आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। राज्य शिक्षा केन्द्र के पत्र क्र. 3083 दिनांक 05.10.2018 में कलेक्टर बुरहानपुर को संस्थान में अकादमिक पदों की पूर्ति एवं पत्र क्र. 3085 दिनांक 05.10.2018 द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी बुरहानपुर को तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों की पूर्ति एवं अन्य व्यवस्था के निर्देश दिए गए है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
सतना नगर निगम में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
96. ( क्र. 1235 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना नगर निगम में वर्तमान में कितने कर्मचारी किस पद पर कितने वर्षों से पदस्थ है? विवरण पद एवं कार्य सहित देवें एवं कितने कर्मचारी पी.एच.ई. विभाग से कितने नगर निगम से संबंधित है? सूची, क्रम व नाम सहित उपलब्ध करावें एवं कितने कर्मचारी मस्टर रोल के माध्यम से कार्यरत है सूचीक्रम में जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) यदि सतना नगर निगम में कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त है तो शहर में गंदगी, स्ट्रीट लाइट एवं सड़कों का रख-रखाव समुचित तरीके से क्यों व्यवस्था नहीं की जा रही है? क्या शासन की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? क्या कार्य में लापरवाह कर्मचारियों पर सही ढंग से कार्य न करने से शासन कार्यवाही कर रहा है? यदि हाँ, तो ठीक और यदि नहीं, तो क्यों? (ग) सतना नगर निगम में छठ मेले का हर वर्ष आयोजन किया जाता है जिसमें स्ट्रीट लाइट, पानी, घाट, पार्किंग, साफ-सफाई इत्यादि व्यवस्था न होने के कारण श्रद्धालुओं को अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है? जिससे नागरिक एवं श्रद्धालुओं को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है? इस गंभीर समस्या के निदान के लिये विभाग द्वारा क्या उचित कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार वर्षों से एक स्थान पर पदस्थ उक्त कर्मचारियों पर विभाग द्वारा स्थानान्तरित करने की क्या कार्यवाही की जा रही है? अगर की जा रही है तो स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। नगर पालिक निगम सतना में 45 वार्ड होने के बावजूद सफाई एवं प्रकाश व्यवस्था निगम के सीमित आय स्त्रोतों से एवं कार्य की आवश्यकता के दृष्टिगत रखते हुए की जा रही है। शासन की राशि का कोई दुरूपयोग नहीं हो रहा है एवं कार्य न करने वाले कर्मचारियों पर समय-समय पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) नगर निगम सतना क्षेत्र में छठ मेले का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है जिसमें पानी, बिजली एवं साफ-सफाई की व्यवस्था की जाती है। वहां पर आने वाले नागरिकों एवं श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। (घ) जी नहीं।
पाइप-लाइन एवं अन्य सामग्री क्रय करने की प्राप्त शिकायतें
[नगरीय विकास एवं आवास]
97. ( क्र. 1305 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद बैतूल में पाईप लाईन खरीदी एवं अन्य सामग्री क्रय करने से संबंधित कितनी शिकायतें संचालनालय, शासन एवं अन्य स्तर पर लंबित हैं? (ख) किस-किस प्रकरण में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) जिन प्रकरणों में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई है, उसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? (घ) दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही कर दी जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ख), (ग) एवं (घ) शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर का मूल पद
[नगरीय विकास एवं आवास]
98. ( क्र. 1322 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल में कितने असीस्टेंट इंजीनियर प्रतिनियुक्ति के पद पर पदस्थ है इनके मूल विभाग में उनका मूल पद क्या था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में नगर निगम भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर कब से हैं और इनके प्रतिनियुक्ति संबंधी आदेश कितने वर्षों के लिए हुए थे? क्या प्रतिनियुक्ति समय वृद्धि की गई है, यदि हाँ, तो उस आदेश की प्रति उपलब्ध कराए? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रतिनियुक्ति अवधि के दौरान निगम के किन-किन पदों पर कार्य किया एवं वर्तमान में निगम में किस पद पर कहां पदस्थ हैं? (घ) क्या प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्ति के बाद भी मूल विभाग में नहीं भेजा गया? यदि हाँ, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं, उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। नगर पालिक निगम भोपाल में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनान्तर्गत कार्यों को पूर्ण कराने में सहायक यंत्रियों की आवश्यकता है, जिससे सहायक यंत्रियों को मूल विभाग वापस नहीं भेजा गया है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टर में सी.ई.ओ. के पद की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र. 1323 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सी.ई.ओ का पद किस स्तर के अधिकारी के लिए स्वीकृत है? (ख) राजधानी भोपाल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट चालू होने की दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से अधिकारी सी.ई.ओ. के पद पर पदस्थ रहे उनके नाम, मूल पद एवं मूल विभाग की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में पदस्थ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट सी.ई.ओ. स्वीकृत पद की अर्हताएं पूर्ण नहीं करते हैं तो क्या उन्हें हटाया जाएगा यदि नहीं, तो क्यों? (घ) नगर निगम भोपाल के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में वर्तमान में जो अधिकारी सी.ई.ओ. या उनके स्थान पर प्रभारी का कार्य देख रहे हों उनका नाम, मूल पद एवं मूल विभाग की जानकारी उपलब्ध कराएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) उप सचिव म.प्र. शासन के संवर्गीय पद के समकक्ष। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) भोपाल स्मार्ट सिटी में पदस्थ सी.ई.ओ. स्वीकृत पद की अर्हताएं पूर्ण करते हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) श्री दीपक सिंह (भ्रा.प्र.से.) वर्तमान में भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड में कार्यरत हैं।
अवैध कालोनियों को वैध करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 1382 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिवनी में वर्तमान में वैध/अवैध कालोनियां स्थित हैं? उक्त वैध/अवैध कालोनियों के खसरा क्रमांकों, पटवारी हल्का नम्बर कुल रकबे की जानकारी पृथक-पृथक विधानसभावार वैध/अवैध कालोनी की उपलब्ध करायें। (ख) जिला सिवनी के अवैध कालोनियों को दिनांक 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिला कलेक्टर, संबंधित एस.डी.एम. एवं संबंधित नगरीय निकाय के प्रमुख द्वारा कब-कब चिन्हित किया गया? प्रश्न दिनांक तक कितने अवैध कालोनी निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या सिवनी जिले के सिवनी नगरपालिका, लखनादौन एवं बरघाट नगर परिषद क्षेत्र की सभी अवैध कालोनियों की जाँच कराते हुये दोषी भू-माफिया बिल्डर पर एफ.आई.आर. दर्ज कराएंगे एवं अवैध कालोनियां वैध कराकर उनमें मूलभूत सुविधा, सीवेज, सड़क, पानी की व्यवस्था कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या विभाग ने कॉलोनाईजर को फायदा पहुंचाने तथा रहवासियों से जबरन राशि वसूल करने के उद्देश्य से कॉलोनियों को वैध करने का कार्य किया? यदि हाँ, तो क्या किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) नगरीय निकाय सिवनी एवं लखनादौन में वर्ष 2017-18 में तथा बरघाट में वर्ष 2016 में अवैध कॉलोनियों को चिन्हित किया गया। सिवनी एवं लखनादौन में अवैध कॉलोनी निर्माणकर्ताओं के विरूद्ध न्यायालय कलेक्टर सक्षम प्राधिकारी, सिवनी एवं न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी सिवनी तथा लखनादौन के स्तर से पृथक-पृथक सूचना के माध्यम से कारण बताओ सूचना जारी की गई है। बरघाट में अवैध कॉलोनी के विरूद्ध न्यायालय कलेक्टर सक्षम प्राधिकारी, सिवनी एवं न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बरघाट एवं नगर परिषद स्तर से समाचार पत्रों में प्रकाशन की कार्यवाही करते हुए सूचनाएं जारी की गई है। (ग) विधि अनुसार कार्यवाही की जा रही है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अशासकीय स्कूलों की मान्यताओं में अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
101. ( क्र. 1384 ) श्री संजय शुक्ला : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत आने वाले अशासकीय स्कूलों को मान्यता देने का क्या मापदण्ड हैं? पिछले 07 वर्षों में किन-किन स्कूलों को मान्यता प्रदाय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सभी अशासकीय स्कूल शिक्षा विभाग के मापदण्डों को पूर्ण करते हुये संचालित किये जा रहे है? इनकी मॉनिटरिंग किनके द्वारा की जाती है? प्रतिवर्ष स्कूलों की जाँच की जाती है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या पूर्व में जिला शिक्षा अधिकारी इन्दौर द्वारा संज्ञान में लाया गया कि 09 स्कूल नियमों के हिसाब से संचालित नहीं होने पर भी मान्यता दी जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या उक्त अनियमितता की जाँच विभाग द्वारा कि गई थी? जांचकर्ता अधिकारी कौन थे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या DPC के डोंगल से किये गये अपराध को सायबर सेल इन्दौर के माध्यम से भी जाँच कराई गई थी? सायबर सेल एक्ट अनुसार किसी अधिकारी के डोंगल का उपयोग कोई अन्य कर्मचारी कर सकता है? स्पष्ट करें। क्या इसमें सम्बंधित अधिकारी DPC की भूमिका भी संदिग्ध थी? DPC भी अपने डोंगल को अन्य किसी को देने पर दोषी नहीं है? क्या DPC को उसी विभाग में पदस्थ रहने पर जाँच प्रभावित नहीं होगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रांरभिक स्तर के अशासकीय स्कूलों को मान्यता देने के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों को मान्यता देने के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। वर्ष 2013-14 में मण्डल द्वारा 45 अशासकीय संस्थाओं को नवीन मान्यता एवं 550 अशासकीय संस्थाओं को मान्यता नवीनीकरण किया गया था। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। प्रारंभिक स्तर के विगत 07 वर्षों में मान्यता प्रदान किये गये अशासकीय स्कूलों की जानकारी संकलित की जा रही है तथा इंदौर जिलान्तर्गत पिछले 6 वर्षों में जिन हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों को मान्यता दी गई है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। (ख) जी हाँ। विकासखण्ड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है। नवीन मान्यता/मान्यता नवीनीकरण के आवेदन उपरान्त संबंधित विद्यालय की जाँच की जाती है। जी हाँ। प्रतिवर्ष जिन अशासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के नवीन मान्यता एवं मान्यता नवीनीकरण हेतु आनलाईन आवेदन प्राप्त होते है, उनकी जाँच जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा परीक्षणोपरान्त प्राचार्यों का दल गठित कर स्कूलों की जाँच कराई जाती है। (ग) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जाँच दल का गठन कर श्री राजेश कुमार सिंह, प्राचार्य शा.कन्या उ.मा.वि.देपालपुर एवं श्री विजय मण्डलेश्वर, प्राचार्य, शा.उर्दू कन्या उ.मा.वि.हाथीपाला द्वारा जाँच करवाई गयी। (घ) जी हाँ। जाँच प्रचलन में होने से जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। शेषांश जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अवगत कराया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री आवास की किश्त का भुगतान न होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1394 ) श्री कमल पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले के हरदा खिरकिया एवं टिमरनी नगर में अभी तक कुल कितने प्रधानमंत्री आवास बनाए गए? (ख) हरदा जिले के तीनों नगरों में कितने प्रधानमंत्री आवास की द्वितीय किश्त जारी नहीं की गई जिस कारण आवास की छत नहीं डलने से घरों में पानी आने से लोग किराए के मकान में रह रहे हैं? (ग) प्रधानमंत्री आवास की द्वितीय किश्त जारी नहीं करने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई, द्वितीय किश्त कब तक जारी की जावेगी? (घ) क्या प्रधानमंत्री आवास की द्वितीय किश्त जारी नहीं होने के कारण जो लोग किराए के मकान में रह रहे हैं उनका किराया शासन/विभाग द्वारा दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) हरदा जिले के निकाय नगर पालिका हरदा में 642 नगर परिषद खिरकिया में 557 एवं नगर परिषद टिमरनी में 205 कुल 1404 आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण है। (ख) नगर पालिका हरदा को प्रथम डी.पी.आर. की दो किश्तें खिरकिया को 02 डी.पी.आर. की दो किश्तें एवं परिषद टिमरनी को प्रथम डी.पी.आर. की 02 किश्तें प्रदाय की गई है। निकाय द्वारा भौतिक प्रगति की जिओ टैगिंग के सत्यापन उपरान्त भुगतान किया जाता है। जिले की निकायों द्वारा क्रमशः हरदा में 1013 खिरकिया में 22 एवं टिमरनी में किसी भी पात्र हितग्राही को द्वितीय किश्त जारी किया जाना शेष नहीं है। निर्माण अवधि में हितग्राहियों के द्वारा निवास की व्यवस्था स्वयं की जाती है। (ग) प्रधानमंत्री आवास की द्वितीय किश्त लिंटल लेवल की जिओ टैगिंग के सत्यापन के उपरांत जारी की जाती है। योजना के प्रावधान अनुसार आवास का निर्माण कार्य स्वयं हितग्राही द्वारा किया जा रहा है जिससे किसी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। द्वितीय किश्त का भुगतान लिंटल स्तर की जिओ टैगिंग अनुसार किया जा सकेगा। (घ) जी नहीं।
प्रदेश में रेत उत्खनन की नई नीति
[खनिज साधन]
103. ( क्र. 1427 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की नई रेत नीति क्या है? उक्त नीति में रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं कीमतों पर अंकुश रखने हेतु क्या-क्या प्रावधान किये गये है? (ख) क्या नई रेत नीति 2019 बनाये जाने के बाद भी रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन अत्याधिक मात्रा में हो रहा है इसके साथ ही कीमतों पर सरकार अंकुश रखने की दिशा में पूर्णतः असफल रही है? (ग) नई रेत नीति में रेत कारोबारियों को स्टॉक से संबंधित किन-किन शर्तों का पालन करना था? सागर संभाग के किन-किन जिलों में शर्तों के उल्लंघन के कारण स्टॉक जप्त किया गया? सत्यापन की जिम्मेदारी का निर्वहन किन-किन जिलों में नहीं हुआ और ईटीपी जारी कर दी गई? (घ) सागर संभाग में जुलाई 2019 से अभी तक अवैध उत्खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) म.प्र. रेत (खनन, परिवहन, भण्डारण एवं व्यापार) नियम 2019 दिनांक 30 अगस्त 2019 से अधिसूचित है, जिसमें समस्त प्रावधान निहित हैं। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नवीन नियमों के अंतर्गत भंडारण अनुज्ञप्ति स्वीकृत नहीं की गई है। सागर संभाग के सभी जिलों में शर्तों के उल्लंघन का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है।
नियम विरूद्ध पद का प्रभार
[स्कूल शिक्षा]
104. ( क्र. 1475 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अन्तर्गत परियोजना समन्वयक सर्वशिक्षा अभियान, प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केन्द्र राजगढ़ के पद कब से रिक्त है? रिक्त पद के विरूद्ध वर्तमान में कौन-कौन से अधिकारी को प्रभार सौंपा गया है? अधिकारी का नाम एवं मूल पद एवं कब से प्रभार सौंपा गया है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों के विरूद्ध एक ही अधिकारी को जिले के एक से अधिक पदों का प्रभार सौंपे जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो नियम की प्रति देवें। यदि नहीं, तो नियम विरूद्ध एक ही व्यक्ति को जिले में एक से अधिक पद का प्रभार सौंपने का कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग/संचालक सर्वशिक्षा अभियान राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा जिला परियोजना समन्वयक सर्वशिक्षा अभियान के पद का प्रभार अनिवार्यता जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो फिर किन के आदेश से नियम विरूद्ध जिला परियोजना समन्वयक का प्रभार तथा प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान का प्रभार जिला शिक्षा अधिकारी के अतिरिक्त अन्य को सौंपा गया? स्पष्ट करें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार नियम विरूद्ध जिला अधिकारियों के पद का प्रभार सौपनें वाले अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत जिला परियोजना समन्वयक का पद दिनांक 29.8.2017 से तथा प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केन्द्र का पद दिनांक 18.9.2014 से रिक्त है। श्री विक्रम सिंह राठौर मूल पद व्याख्याता को जिला परियोजना समन्वयक का प्रभार दिनांक 10.12.2019 से तथा प्राचार्य जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केन्द्र का प्रभार दिनांक 13.3.2015 से सौंपा गया है। (ख) राजगढ़ जिले में प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण केन्द्र एवं जिला परियोजना समन्वयक का पद रिक्त होने से स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्थान्तर्गत योजना के सुचारू संचालन के उद्देश्य से जिले के कलेक्टर द्वारा प्रभार सौंपा गया है। कलेक्टर जिले के नोडल अधिकारी होते हैं वे अपने विवेक से या अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रभार सौंप सकते हैं। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाब का डी-सिल्टिंग कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 1501 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर नगर स्थित तालाब के डी-सिल्टिंग कार्य की निविदा जारी हो चुकी है? यदि हाँ, तो इसमें कौन-कौन से घटक शामिल हैं? यह निविदा कितनी राशि की है तथा इस कार्य की समय-सीमा क्या है? (ख) क्या डी-सिल्टिंग कार्य मेन्युअल किया जाना प्रस्तावित है अथवा ड्रेजिंग मशीन द्वारा किया जाना है? यदि मेन्युअल है तो क्या ड्रेजिंग मशीन द्वारा किया जाना उचित नहीं होगा? (ग) क्या शासन ड्रेजिंग मशीन से डी-सिल्टिंग कार्य करायेगा? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। निविदा राशि रू 106.00 करोड़। कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 18 माह है। (ख) डी-सिल्टिंग का कार्य लार्ज बकेट एक्सकेवेटर, माईनिंग एक्सकेवेटर, बकेट व्हील एक्सकेवेटर, एम्फीबियन एक्सकेवेटर व टिपर आदि से किया जाना प्रस्तावित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। डी.पी.आर. में डी-सिल्टिंग कार्य ड्राई-डिसिल्टिंग तरीके से किये जाना प्रस्तावित किया है।
सीवर लाइन एवं नई जल प्रदाय पाइप-लाइन का कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र. 1502 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में सीवर लाइन एवं नई जल प्रदाय पाइप-लाइन डाले जाने के कार्य की निर्धारित समय-सीमा क्या है? इसमें कौन-कौन से घटक शामिल हैं? इनको डाले जाने की लम्बाई कितने-कितने किलो मीटर है एवं उक्त कार्य किन-किन एजेंसियों द्वारा कराये जा रहे हैं? (ख) सीवर लाइन एवं नई जल प्रदाय पाइप-लाइन डाले जाने हेतु कितनी-कितनी राशि की निविदायें स्वीकृत की गई हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि से कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं एवं क्या-क्या कार्य शेष हैं? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य धीमी गति से होने के कारण नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन अविलम्ब गाईड लाइन अनुसार कार्य पूर्ण करायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सागर नगर में सीवर लाइन एवं नई जल प्रदाय पाइप-लाइन डाले जाने की निर्धारित समय-सीमा क्रमशः 07.07.2019 एवं 20.12.2020 हैं। सीवर लाइन कार्य के घटक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है एवं जल प्रदाय पाइप-लाइन कार्य के घटक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। सीवर लाइन की लंबाई 254 कि.मी एवं जल प्रदाय पाइप-लाइन की लंबाई 264.46 कि.मी है। सीवर लाइन का कार्य मेसर्स लक्ष्मी सिविल इंजीनियरिंग कोल्हापुर एवं पाइप-लाइन कार्य की एजेंसी टाटा प्रोजेक्ट लिमिटड हैदराबाद है। (ख) सागर शहर में सीवर लाइन डाले जाने हेतु 299.10 करोड़ की निविदा स्वीकृत की गई एवं नई जल प्रदाय पाइप-लाइन डाले जाने हेतु 311.50 करोड़ की निविदा स्वीकृत की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार। (घ) सीवर लाइन कार्य से नागरिकों को परेशानियों का सामना न करना पड़े इसको ध्यान रखते हुऐ कराया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरुद्ध उत्खनन
[खनिज साधन]
107. ( क्र. 1522 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के अंतर्गत वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में कितने रेत उत्खनन हेतु खदानों की स्वीकृति प्रदान की गई है? संपूर्ण खदानों की सूची मय स्वीकृत मात्रा सहित उपलब्ध करायें। राज्य शासन की रेत उत्खनन नीति एवं नियम क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या रेत उत्खनन के लिए जे.सी.बी., पी.सी. का उपयोग किये जाने की अनुमति प्रदान की गई है? यदि नहीं, तो नियम विरुद्ध जे.सी.बी. एवं पी.सी. के माध्यम से उत्खनन का कार्य क्यों किया जा रहा है? शासन के द्वारा नियम विरुद्ध उत्खनन कार्य किये जाने वालों के विरुद्ध आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या रेत उत्खनन का कार्य मजदूरों के माध्यम से कराये जाने का नियम है? आज दिनांक तक कितने मजदूरों को मजदूरी के कार्य में लगाया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन को रेत उत्खनन से कितनी राजस्व की आय हुई है? खदानवार राशि वर्षवार की जानकारी उपलब्ध करायें। अवैध उत्खनन/परिवहन के दण्ड स्वरूप वसूली गई राशि कितनी है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) सीधी जिले में वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में रेत उत्खनन हेतु खदानों की स्वीकृति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। रेत नियम 2019 अधिसूचित है। (ख) रेत उत्खनन हेतु माईनिंग प्लान एवं पर्यावरणीय अनुमति में विहित प्रावधानों एवं शर्तों के अनुसार ही मशीनों के उपयोग की अनुमति प्रदान की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) रेत नियम में स्थानीय मजदूरों को प्राथमिकता दिये जाने का प्रावधान है। अभी तक औसतन 1650 मजदूर प्रतिदिन कार्य में लगे हुये है। (घ) रेत उत्खनन से वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में प्राप्त राजस्व की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–अ पर दर्शित है। अवैध उत्खनन/परिवहन के दण्ड स्वरूप वसूली गयी राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–ब पर दर्शित है।
अवैध कॉलोनाईजर के विरूद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
108. ( क्र. 1534 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में दिनांक 01 मई 2019 से प्रश्न दिनांक तक अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) , तहसीलदार, नगरपालिका खाचरौद द्वारा अवैध कॉलोनी काटने वालों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कर नोटिस जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों को नोटिस जारी किये गये हैं? नाम, रकबा, सर्वे नंबर सहित संपूर्ण विवरण दें। (ख) क्या शिकायतों के बावजूद भी राजस्व अधिकारियों, पटवारी, राजस्व निरीक्षक तथा नगरपालिका अधिकारियों की सांठ-गांठ से खाचरौद तहसील में कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं? यदि हाँ, तो किन-किन सर्वे नंबरों, कितने रकबा पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गायों का नस्ल परिवर्तन
[पशुपालन]
109. ( क्र. 1553 ) श्री सीताराम : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में देशी नस्ल की गायें अधिक हैं, जिससे फसलों का नुकसान हो रहा है? ख) क्या सरकार नस्ल परिवर्तन के लिये कोई कदम उठायेगी, जिससे यह गाय दुधारू हो जाएं? यदि हाँ, कब तक यह प्रयास होगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ, निराश्रित गौवंश द्वारा फसलों के नुकसान की सम्भावना रहती है। (ख) नस्ल सुधार हेतु प्रदेश में कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीकी/आई.व्ही.एफ. प्रयोगशाला, राष्ट्रीय गोकुल मीशन, उच्च दुग्ध उत्पादक क्षमता के गौवंशीय सांडों के हिमीकृत वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान, सॉर्टेड सेक्स्ड सीमन का उत्पादन, नंदीशाला योजना आदि परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
फर्जी नामान्तरण पर आपराधिक प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
110. ( क्र. 1574 ) श्री अजय विश्नोई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा के प्रश्न क्र. 4321 दिनांक 26-7-2019 के उत्तर में शासन ने माना है कि अनूपपुर जिले की नगर परिषद् जैतहरी के वार्ड क्रमांक 3 में खसरा नं.337/1 की भूमि एवं उस पर निर्मित भवन का नामान्तरण वर्ष 2010 में एक फर्जी एवं अवैध इकरारनामें के आधार पर हो गया है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक दोषी व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) क्या उपरोक्त प्रकरण की जाँच हेतु कलेक्टर/अतिरिक्त कलेक्टर ने एक जाँच कमेटी का गठन किया था? यदि हाँ, तो जाँच अधिकारी तथा जाँच के बिन्दुओं की जानकारी देवें। जाँच में कौन-कौन व्यक्ति किस-किस अपराध का दोषी पाये गये तथा उसके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गयी है तो क्यों और दोषी व्यक्तियों को संरक्षण कौन और क्यों दे रहा है? (ग) क्या यह सच है कि निकाय का राजस्व प्रभारी इस जालसाजी में शामिल है? क्या राजस्व प्रभारी क्रेता का सगा भाई है, जिसने फर्जी इकरारनामा जो गैर भूमि स्वामी से लिखवाया है? सिर्फ इकरारनामें के आधार पर भूमि और भवन का नामांतरण हो गया है? (घ) शासन ने आज दिनांक तक जालसाजी में शामिल राजस्व प्रभारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की है तो क्यों नहीं की और अगर करेंगे तो कब करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। श्री दीनबंधु सोनी क्रेता का सगा भाई है। जी हाँ। जी हाँ। (घ) मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद् जैतहरी के पत्र क्रमांक 926 दिनांक 14.12.2019 द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु थाना जैतहरी में पत्र दिया जा चुका है एवं नगर परिषद् जैतहरी के आदेश क्रमांक 921 दिनांक 13.12.2019 द्वारा निलंबित किया गया है।
नवीन शाला भवन के निर्माण की स्वीकृति
[स्कूल शिक्षा]
111. ( क्र. 1583 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत ऐसी कितनी शासकीय प्राथमिक शालाएं, माध्यमिक शालाएं, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाएं हैं, जो भवनहींन हैं एवं कितनी शासकीय शालाओं स्कूलों के भवन जर्जर स्थिति में हैं? शालावार सूची उपलब्ध करायें। (ख) परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत ऐसी कौन-कौन सी शासकीय प्राथमिक शालाएं, माध्यमिक शालाएं, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी शालाएं स्थित हैं, जिन शालाओं में आवश्यकता की दृष्टि से शाला भवन (स्कूल बिल्डिंग) निर्माण किया जाना आवश्यक है? शालावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार जिन शासकीय शालाओं में शाला भवन (स्कूल बिल्डिंग) निर्माण किया जाना आवश्यक है, ऐसी सभी शासकीय शालाओं में शाला भवन (स्कूल बिल्डिंग) निर्माण कार्य किये जाने हेतु क्या विभाग द्वारा सर्वेक्षण का कार्य कराकर कार्यवाही करते हुये शाला भवन (स्कूल बिल्डिंग) निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव तैयार कर शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजा जायेगा? अगर हाँ, तो कब तक? ऐसी सभी शासकीय शालाओं में भवन (स्कूल बिल्डिंग) निर्माण कार्य की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में भवन विहीन एवं जीर्ण-शीर्ण भवनों के विरूद्ध नवीन भवन की स्वीकृति के प्रस्ताव आगामी वार्षिक कार्ययोजना 2020-21 में प्रस्तावित किया जावेगा। वार्षिक कार्ययोजना 2020-21 में स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत भवन निर्माण कार्य कराया जा सकेगा। हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी के नवीन भवन की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
संविदा पर कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
112. ( क्र. 1594 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत जिला एवं विकासखण्ड कार्यालयों में संविदा पर नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों (जिसमें सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी भी शामिल हैं) के लिये अधिकतम आयु क्या निर्धारित की गई है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। क्या स्वैच्छिक/अनिवार्य सेवानिवृत्ति वाला कर्मचारी सर्वशिक्षा अभियान में संविदा या मानदेय पर नियुक्ति हेतु पात्रता रखता है? यदि नहीं, तो किन-किन जिलों में ऐसे कर्मचारियों को संविदा नियुक्ति पर रखा गया है? इस हेतु कौन दोषी है? (ख) राज्य शिक्षा केन्द्र एवं उसके अधीनस्थ जिला एवं विकासखण्ड कार्यालयों में विभिन्न पदों पर संविदा में नियुक्त सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शासन के नियमानुसार मासिक वेतन की गणना किस आधार पर की जाती है? (ग) संविदा पर नियुक्त प्रश्नांश (क) अंतर्गत किन-किन सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी को शासन के नियमानुसार निर्धारित राशि से अधिक राशि का भुगतान किया गया तथा अधिक भुगतान किये जाने से शासन को हुई हानि के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है एवं राशि वसूली हेतु क्या कार्यवाही की गई? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। जिला शिक्षा केन्द्र एवं विकासखण्ड स्रोत केन्द्र कार्यालयों में कोई भी सेवानिवृत्त शासकीय सेवक संविदा नियुक्त नहीं है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापक संवर्ग के स्थानान्तरणों में दोषी अधिकारी पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 1677 ) श्री विनय सक्सेना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2015 में श्री सतीश अग्रवाल, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, जबलपुर द्वारा वर्ष 2012 में हुए 23 अध्यापक संवर्ग के स्थानान्तरणों की जाँच की गयी थी? यदि हाँ, तो जाँच की रिपोर्ट देवें। (ख) क्या उक्त जाँच रिपोर्ट में तत्समय स्थानांतरण करने वाले प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को दोषी पाया गया था? यदि हाँ, तो क्या जाँच के आधार पर दोषी अधिकारी को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही होगी? (ग) उक्त दोषी अधिकारी के विरुद्ध अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई है? (घ) उक्त दोषी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जाँच में संविलियन संबंधी कार्यवाही प्रथम दृष्ट्या उचित प्रतीत पाते हुए शिकायत नस्तीबद्ध की गई है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जनकल्याणकारी योजनाओं में केन्द्रांश की अप्राप्ति
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
114. ( क्र. 1678 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के बेसहारा लोगों की पेंशन, विधवाओं की पेंशन तथा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं में केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि न मिलने की वजह से हितग्राहियों को राशि भुगतान में समस्या आ रही है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें। (ख) राज्य को किस-किस योजना की कितनी-किनती राशि केंद्र से मिलना शेष है? योजनावार पूर्ण विवरण देवें। (ग) राज्य सरकार द्वारा उक्त संबंध में क्या कदम उठाये गये हैं? (घ) राज्य शासन एवं केंद्र के मध्य हुए उक्ताशय के समस्त पत्राचारों की प्रति उपलब्ध करावें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित स्टेट केप के अनुसार राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम अन्तर्गत संचालित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना एवं राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त की जाने वाली राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर उपयोग की गई राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र केन्द्र सरकार को प्रेषित किया गया है, ताकि केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि यथा समय प्राप्त हो सके। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
एप्रोच रोड का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1684 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के कोलार में राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा नवनिर्मित कलियासोत नदी पर 5 करोड़ की लागत से वाल्मी पुल की एप्रोच रोड का निर्माण किन कारणों से नहीं हो सका है? (ख) उक्त एप्रोच सड़क का निर्माण कब तक करा लिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वाल्मी हिल्स की ओर के भाग में मुख्य मार्ग से कनेक्टिविटी हेतु पहुंच मार्ग वाल्मी की प्रक्षेत्र प्रक्षेत्र से गुजरना प्रस्तावित था, इस हेतु वाल्मी द्वारा अनापत्ति की प्रक्रिया में निर्माण कार्य लंबित है। (ख) औपचारिक प्रक्रिया पूर्ण होने पर निर्माण कार्य कराया जावेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बी.पी.एल., एस.सी., एस.टी. वर्ग के बच्चों हेतु निःशुल्क शिक्षा
[स्कूल शिक्षा]
116. ( क्र. 1691 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में वर्ष 2015-16 में सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत शिक्षा का अधिकार से लॉटरी सिस्टम से चयनित बी.पी.एल., एस.सी., एस.टी. वर्ग के बच्चों का चयन निःशुल्क शिक्षा हेतु प्राइवेट स्कूलों के लिए हुआ था, किंतु कई जगह बी.आर.सी. और कुछ स्कूलों की गलती से कई बच्चों का नाम वेरिफिकेशन नहीं होने से पोर्टल पर नहीं चढ़ पाये, इस कारण विद्यालय अब जाकर उन बच्चों से फीस वसूल रहे हैं, जो वंचित पालक फीस देने में अक्षम हैं, उनके बच्चों को स्कूल से निकाला जा रहा है? (ख) इस संबंध में धार जिले की कई शिकायतें जन-सुनवाई और 181 पर भी लंबित हैं? ब्लॉक और जिला अधिकारी कुछ नहीं कर पा रहे है, शासन क्या समाधान करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। धार जिले में वर्ष 2015-16 में बी.आर.सी. एवं स्कूलों द्वारा पोर्टल पर बच्चों के नाम दर्ज करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। वर्ष 2015-16 में किसी भी बच्चे से फीस वसूलने एवं विद्यालय से निकालने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ख) धार जिले की वर्ष 2015-16 की जन-सुनवाई एवं 181 पर कोई भी शिकायतें लंबित नहीं हैं। अतः शेषांश का प्रश्न ही नहीं उठता।
वृद्धावस्था एवं दिव्यांग पेंशन के आवेदनों की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
117. ( क्र. 1701 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 के बाद इंदौर संभाग में वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग पेंशन के कुल कितने आवेदन आये? जिलेवार नाम सहित सूची प्रदान करें। (ख) जनवरी 2019 के बाद आये आवेदन में से कितने आवेदन पर वृद्धावस्था पेंशन, विकलांग पेंशन शुरू कर दी गई है? जिलेवार नाम सहित सूची प्रदान करें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) इंदौर संभाग में जनवरी 2019 के बाद वृद्धावस्था पेंशन के 9675 एवं दिव्यांग पेंशन के 2113 इस प्रकार कुल 11788 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) इंदौर संभाग में जनवरी 2019 के बाद वृद्धावस्था पेंशन के 8715 एवं दिव्यांग पेंशन के 1851 इस प्रकार कुल 10566 स्वीकृति किये गये है। जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
स्कूलों में पर्याप्त व्यवस्था की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 1719 ) श्री राम दांगोरे : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में स्कूलों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध क्या सभी स्कूलों में शिक्षक पर्याप्त हैं या कम हैं व सभी स्कूलों की बाउण्ड्रीवॉल एवं स्कूलों में पर्याप्त व्यवस्था है या नहीं? (ख) यदि छिंदवाड़ा विधानसभा में स्कूलों में स्वीकृत पदों के विरुद्ध पर्याप्त शिक्षक हैं, सभी स्कूलों की बाउण्ड्रीवॉल एवं पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं तो पंधाना विधानसभा में स्वीकृत पदों के विरुद्ध शिक्षकों की इतनी ज्यादा कमी क्यों है व किसी भी स्कूल की बाउण्ड्रीवॉल एवं अन्य व्यवस्थाएं भी पर्याप्त नहीं है, क्यों? (ग) पंधाना विधानसभा क्षेत्र के छात्र-छात्राओं से दोहरा व्यवहार विभाग द्वारा क्यों किया जा रहा है? शिक्षकों की कमी कब तक पूरी की जाएगी एवं स्कूलों की सुरक्षा के लिए क्या बाउण्ड्रीवॉल निर्माण कार्य किया जाएगा? यदि किया जाएगा तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित 249 प्राथमिक शाला एवं 106 माध्यमिक शालाओं में छात्र अनुपात में पर्याप्त शिक्षक हैं तथा 54 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी में स्वीकृत पदों के विरूद्ध 135 पद संस्थाओं में विषयमान से रिक्त है। 217 प्राथमिक/माध्यमिक एवं 32 हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है। (ख) प्रथमांश उत्तर (क) अनुसार। पंधाना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 223 शिक्षकों के आनॅलाइन स्थानांतरण होने एवं विगत वर्षों में सेवानिवृत्ति के कारण भी शिक्षकों की कमी है तथा कुल 553 शालाओं में से 323 शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल नहीं है। (ग) पंधाना विधानसभा क्षेत्र में शिक्षकों के 996 पद रिक्त है, जिनके विरूद्ध 602 अतिथि शिक्षकों को रखा जाकर अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। छात्र-छात्राओं से किसी प्रकार का दोहरा व्यवहार नहीं किया जा रहा है। शिक्षकों की भरती एक सतत् प्रक्रिया है। शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण बजट एवं शासन स्वीकृति पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत प्रोत्साहन राशि का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
119. ( क्र. 1720 ) श्री राम दांगोरे : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में पूरे मध्यप्रदेश में दिसंबर 2018 से लेकर आज तक कितने हितग्राहियों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि रूपये 51000/- दे दी गई है? क्या सभी को यह राशि दे दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना में लगभग जो 1500 कन्यादान इस योजना के अंतर्गत हुए हैं, उन्हें आज तक 51000/- रुपए की प्रोत्साहन राशि प्राप्त क्यों नहीं हुई है? यदि नहीं, तो 51000/- रूपये की राशि मुख्यमंत्री कन्यादान के हितग्राहियों को कब तक दी जाएगी? इसकी कोई समय-सीमा सरकार ने निर्धारित की है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) मुख्यमंत्री कन्यादान योजनांतर्गत प्रदेश में दिसम्बर 2018 से 15 नवम्बर तक कुल 68682 के विवाह सम्पन्न कराये गये हैं तथा 39425 हितग्राहियों को राशि रूपये 51, 000/- प्रति हितग्राही के मान से भुगतान किया गया है। जी नहीं। (ख) विधानसभा क्षेत्र पंधाना में मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनांतर्गत 1037 विवाह/निकाह सम्पन्न कराये गये हैं। जिनमें से 224 हितग्राहियों को सहायता राशि प्रति हितग्राही रूपये 48, 000 का भुगतान किया गया है। शेष 813 हितग्राहियों को राशि भुगतान किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उपयंत्री के स्थानान्तरण की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
120. ( क्र. 1734 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् न्यू रामनगर जिला सतना में पदस्थ उपयंत्री श्री देवरत्नम सोनी का स्थानान्तरण विधान सभा क्षेत्र अमरपाटन से अन्यत्र किये जाने के संबंध में विधायकगणों द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय मंत्री जी, मुख्य सचिव महोदय एवं प्रमुख सचिव महोदय को कई बार पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत कराएं। यदि नहीं, तो की गई अनुसंशा को कब तक अमल में लिया जायेगा? (ख) क्या उपयंत्री श्री देवरत्नम सोनी का संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक/यां.प्र./07-5/स्था./2019/12146 दिनांक 07/11/2019 द्वारा नगर परिषद् जैतवारा किया गया स्थानान्तरण आदेश क्रमांक/यां.प्र./07-5/2019/12226 दिनांक 08/11/2019 द्वारा तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों व किस आधार पर? (ग) क्या श्री सोनी द्वारा स्थानान्तरण निरस्त करनें हेतु आवेदन किया गया था? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो फिर स्थानान्तरण निरस्त होने का कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास, मध्यप्रदेश भोपाल के आदेश दिनांक 07.11.2019 से श्री देवरत्नम सोनी, उपयंत्री का स्थानान्तरण नगर परिषद्, न्यू रामनगर से नगर परिषद्, जैतवारा किया गया है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। श्री देवरत्नम सोनी, उपयंत्री नगर परिषद्, न्यू रामनगर द्वारा प्रस्तुत आवेदन में अध्यक्ष, श्री रामसुशील पटेल के विरूद्ध पुलिस थाना, न्यू रामनगर में दायर अपराध के निराकरण होने तक स्थानान्तरण निरस्त किये जाने की मांग के आधार पर स्थानान्तरण निरस्त किया गया है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फर्जी प्रमाण-पत्रों से नौकरियां हासिल करने वालों पर कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
121. ( क्र. 1749 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने लोगों के द्वारा एस.टी. समुदाय के फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों पर नौकरी करने की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई हैं? नाम, पते सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विभाग द्वारा जाँच कब की गयी तथा जाँच में क्या पाया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में विभाग द्वारा की गयी जाँच समिति द्वारा कितने लोगों के जाति प्रमाण-पत्र फर्जी होने की पुष्टि की गयी है और जाली प्रमाण-पत्रों से नौकरियां हासिल करने वालों पर क्या कार्यवाही की गयी है? अलग तालिका बनाकर देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में कितने लोगों को नौकरी से हटाने की कार्यवाही की गयी तथा कितने लोगों के प्रकरण न्यायालय में प्रचलित हैं? इन प्रकरणों की स्थिति बताई जाये कि सरकार ने प्रत्येक प्रकरण में न्यायालय में क्या जवाब दाखिल किया और अपना पक्ष प्रबलता से रखा है? पृथक तालिका में जानकारी देवें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) 1124 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रकरण पुलिस अधीक्षकों को जाँच हेतु प्रेषित किया गया। पुलिस के जाँच प्रतिवेदन एवं छानबीन समिति द्वारा लिये गये निर्णय के आधार पर 417 प्रकरणों में जनजाति प्रमाण-पत्र निरस्त किये गये हैं, 152 प्रकरणों में जाति प्रमाण-पत्र सही पाये गये। 70 प्रकरण विभिन्न कारणों से नस्तीबद्ध किये गये। 144 प्रकरण छानबीन समिति में निर्णय हेतु एवं 341 प्रकरण विभिन्न पुलिस अधीक्षकों के पास जाँच हेतु लंबित है। (ग) छानबीन समिति द्वारा कुल 417 जनजाति के प्रमाण-पत्रों को निरस्त किया गया है। जाति प्रमाण-पत्रों से नौकरियां प्राप्त करने वालों पर कार्यवाही संबंधित विभागों द्वारा की जाती है। (घ) नौकरी से हटाने की कार्यवाही न्यायालयीन प्रकरण पर जबाव दाखिल करने का कार्य संबंधित विभागों द्वारा किया जाता है।
मजरों-टोलों हेतु विद्युतीकरण की योजना
[आदिमजाति कल्याण]
122. ( क्र. 1750 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आदिम जाति कल्याण विभाग आदिवासी जनों के मजरों-टोलों और उनके खेतों तक बिजली पहुंचाने की योजना संचालित करता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से वर्तमान दिनांक तक किस-किस एजेंसी से सिवनी जिले में कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के कितने ग्रामों/कस्बों में कराये गये? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कराये गये कार्यों के संबंध में अनेकों शिकायतें प्राप्त हुई थीं? हाँ तो इस संबंध में विभाग/शासन द्वारा क्या जाँच की गयी? जाँच में जिन अधिकारियों/ठेकेदारों को जाँच में दोषी पाया गया था, उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? (ग) उक्त कार्यों में अधिकारियों और एक गिरोह जो विद्युतीकरण के काम में लगे ठेकेदारों का गठजोड़ चला रहा था, उसके विरूद्ध क्या कार्रवाही की गयी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी नहीं। पृथक से कोई योजना नहीं है। (ख) पूर्व से संचालित योजना अंतर्गत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) लोकायुक्त से जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर ही कार्यवाही संभव होगी।
अनसूचित जाति प्रमाण-पत्र की उच्च स्तरीय जाँच
[अनुसूचित जाति कल्याण]
123. ( क्र. 1768 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक अशोकगनर विधान सभा क्षेत्र क्र. 32 के अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र का प्रकरण उच्च स्तरीय जाँच समिति के समक्ष लंबित है। यदि हाँ, तो कब से? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उच्च स्तरीय छानबीन समिति कितने समय में जाति प्रमाण-पत्र की जांच कर अपना निर्णय देगी? समिति को नियमानुसार अपना जाँच निर्णय कितनी अवधि में देने का प्रावधान है? (ग) क्या दिनांक 16/09/2013 को उच्च स्तरीय छानबीन समिति में श्री जजपाल सिंह जज्जी की जाति से संबंधित निर्णय देकर अनुसूचित जाति का नहीं माना था? यदि हाँ, तो इस निर्णय की सम्पूर्ण कार्यवाही का विवरण दें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा निर्णय दिनांक 01/05/2019 के साथ इंजी. लड्डूराम कोरी, पूर्व विधायक, अशोकनगर की शिकायत दिनांक 06/06/2019 से। (ख) उच्च स्तरीय छानबीन समिति को सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्र. एफ 7-1/96/आ.प्र./एक, दिनांक 08/09/97 छानबीन समिति को निर्धारित जाँच प्रक्रिया पूर्ण कर निर्णय देने का प्रावधान है। इसे पूर्ण करने के लिए समिति 02 माह से ज्यादा समय नहीं लेगी। विधायक अशोकनगर विधान सभा क्षेत्र क्र. 32 के अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र निराकरण सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित जाँच प्रक्रिया के तहत प्रक्रियाधीन है। (ग) उच्च स्तरीय अनुसूचित जाति छानबीन समिति द्वारा श्री जजपाल सिंह जज्जी को अनुविभागीय अधिकारी, अशोकनगर से 'नट' अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र क्रमांक 31/बी-121/8-9 दिनांक 06/11/2008 को निरस्त कर राजसात करने का निर्णय बैठक दिनांक 16/09/2013 को दिया गया। सम्पूर्ण कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
क्रीड़ा परिसर का निर्माण कार्य
[आदिमजाति कल्याण]
124. ( क्र. 1773 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास जिला-उमरिया के पत्र क्र. निर्माण/2019-20/ 4971 उमरिया दिनांक 08.11.2019 के द्वारा कार्यपालन यंत्री पी.आई.यू. जिला उमरिया को विधानसभा क्षेत्र बांधवगढ़ के ब्लॉक करकेली में स्थित ग्राम मरौला में निर्माण कराए जा रहे क्रीड़ा परिसर को अग्रिम आदेश: निर्देश पर्यंत बंद कराए जाने के निर्देश दिए गये हैं? (ख) उक्त क्रीड़ा परिसर को बंद कराये जाने के लिए सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जिला-उमरिया ने किस सक्षम विभागीय अधिकारी के लिखित आदेश से जारी किया गया? (ग) क्या संभागीय परियोजना मंत्री लो.नि.वि. परियोजना क्रियान्वयन इकाई उमरिया ने अपने पत्र क्र. 1759/अंकेक्षक/2019-20 उमरिया दिनांक 14.11.2019 द्वारा मे. अनिल इण्टर प्राईजेस प्रो. श्री राम दुलारे त्रिपाठी वार्ड नं.-06 नेहरू कॉलोनी जिला शहडोल को अग्रिम आदेश/निर्देश पर्यंत बंद कराये जाने के निर्देश जारी किए गए हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकरण में क्रीड़ा परिसर के निर्माण में कितनी राशि स्वीकृत की गयी और कितनी राशि निर्माण में खर्च हो चुकी है? क्रीड़ा परिसर का निर्माण कब से प्रांरभ हो जायेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) क्रीड़ा परिसर के बंद करने के कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकरण के संबंध में क्रीड़ा परिसर भवन निर्माण कार्य की राशि रूपये 1436.00 लाख की स्वीकृति प्रदाय की गई है तथा कार्य में कोई राशि व्यय नहीं हुई। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजपत्र में डिनोटिफाइड भूमि
[वन]
125. ( क्र. 1779 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार, बैतूल एवं रायसेन जिले में कितने ग्रामों की समस्त भूमि राजपत्र में भा.व.अ. 1927 की धारा 34अ के अनुसार किस दिनांक को डिनोटिफाइड की गई? इसमें से किस ग्राम की कितनी भूमि संरक्षित वन सर्वे में शामिल की गई थी? यह भूमि, निस्तार पत्रक एवं खसरा पंजी में किस-किस मद एवं प्रयोजन में दर्ज है? (ख) संरक्षित वन सर्वे में शामिल धारा 34अ में डिनोटिफाइड निस्तार पत्रक एवं खसरा पंजी में दर्ज भूमि को संरक्षित वन, असीमांकित वन, असंरक्षित वन, नारंगी वन, समझे गए वन, अवर्गीकृत वन सर्वोच्च अदालत ने सिविल याचिका क्रमांक 202/95 में किस दिनांक के आदेश में परिभाषित या आदेशित किया है? (ग) धार, बैतूल एवं रायसेन जिले का राजस्व विभाग राजपत्र में धारा 34अ के तहत प्रकाशित अधिसूचना में दर्शाए गए ग्रामों की भूमियों को किसके आदेश एवं किसकी अनुमति से वन भूमि मानकर क्या-क्या कार्यवाही कर रहा है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। प्रश्नांकित जिलों में 34 अ के तहत डिनोटिफाइड भूमि निस्तार पत्रक एवं खसरा पंजी में किस मद एवं प्रयोजन में दर्ज है की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल याचिका क्रमांक 202/1995 में पारित आदेश दिनांक 12.12.1996 में यह स्पष्ट किया गया है कि वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा-2 खण्ड (i) सभी प्रकार के वन पर प्रभावशील है, चाहे वह वन आरक्षित वन, संरक्षित वन अथवा अन्य किसी प्रकार से वर्गीकृत किया गया हो या जाना जाता हो। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है।
ट्राइबल सब-प्लान योजना के तहत पी.डब्ल्यू.डी. को जारी राशि
[आदिमजाति कल्याण]
126. ( क्र. 1780 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक ट्राइबल सब-प्लान के तहत कितनी राशि पी.डब्ल्यू.डी. को जारी की गयी। पी.डब्ल्यू.डी. ने उक्त राशि का किन मदों एवं प्रयोजनों में कहाँ एवं कितना-कितना खर्च किया? उक्त राशि में से कितनी राशि मनावर विधानसभा क्षेत्र में किन मदों एवं प्रयोजनों में कहाँ एवं कितना-कितना खर्च किया? प्रति सहित बताएं। (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों की सड़कों के निर्माण हेतु माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र सं. 491/एमपी-एमएलए/2019 एवं माननीय पी.डब्ल्यू.डी. मंत्री जी को पत्र सं.490/एमपी-एमएलए/2019 दिनांक 1 सितंबर 2019 पत्र लिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर क्या कार्रवाई की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अपात्र मानचित्रकारों की जानकारी
[वन]
127. ( क्र. 1786 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में कार्यालय वन संरक्षक वन वृत्त शिवपुरी द्वारा मार्च 2017 सत्र में प्रश्न क्रमांक 4247 दिनांक 7 मार्च, 2017 के प्रपत्र 3 में मात्र 26 मानचित्रकारों को अपात्र दर्शाया गया था? यदि हाँ, तो किस मानचित्रकारों को आरोप पत्र/निलबंन आदेश/पुन: आरोप पत्र/पदच्युत आदेश जारी किये गये हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में जारी आदेशों, जवाबों/अपील/का निराकरण किया गया? यदि हाँ, तो पारित निर्णय के प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या निलंबित मानचित्रकारों को प्रतिमाह जीवन निर्वाह भत्ता/बहाली के बाद वेतन का एक वर्ष तक भुगतान नहीं करते हुये केवल आंशिक जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान करके संविधान के अनुच्छेद 14, 16, 21 और 311 (2) , मूलभूत नियम 53 (ए) विभागीय जाँच प्रक्रिया, 153, हाईकोर्ट जबलपुर के निर्णय दिनांक 20.11.2001 तथा म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग ज्ञाप. क्र. 2017-सी आर-260-1/68 दिनांक 26.09.1968 का उल्लंघन हुआ है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। प्रपत्र 3 में दर्शित 26 अपात्र मानचित्रकारों में से शिवपुरी जिले के 3 मानचित्रकार अपात्र है। शिवपुरी जिले से संबंधित मानचित्रकारों को आरोप पत्र/निलंबन आदेश/पुनः आरोप पत्र/पदच्युत आदेश जारी नहीं किया गया है। शेष प्रकरण अन्य जिलों से संबंधित है। (ख) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शिवपुरी जिले के अपात्र मानचित्रकार को निलंबित नहीं किया गया है। अतः इस कारण शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
गुना विधान सभा क्षेत्रांतर्गत संचालित बालक/बालिका छात्रावास
[अनुसूचित जाति कल्याण]
128. ( क्र. 1793 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने बालक/बालिका छात्रावास संचालित हैं? अलग-अलग बतायें। (ख) उक्त छात्रावासों के लिए कुल कितना आवंटन प्राप्त होता है? उक्त आवंटन को व्यय किस तरह किया जाता है? (ग) छात्रावासों में कुल बच्चों की संख्या एवं बालिकाओं की कुल कितनी संख्या है? (घ) कितने शिक्षक एवं अधीक्षक कब-कब से पदस्थ हैं?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) विधानसभा क्षेत्र गुना में अनुसूचित जाति वर्ग के 05 बालक छात्रावास एवं 06 बालिका छात्रावास, कुल 11 छात्रावास संचालित हैं। (ख) उक्त छात्रावासों के संचालन हेतु विधानसभा क्षेत्रवार आवंटन प्रदान नहीं किया जाता है। विभाग द्वारा जिले में बालक एवं बालिका छात्रावास संचालन हेतु भिन्न मदों में देय आवंटन की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त आवंटन का व्यय छात्रावास मेस संचालन, बच्चों को पॉकिट मनी, बच्चों को स्टेशनरी प्रदाय, कोचिंग मानदेय, सामग्री क्रय, छात्रावासों का रख-रखाव, मरम्मत आदि मदों में किया जाता है। व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) गुना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के उक्त 05 बालक छात्रावासों में 250 बालक एवं 06 बालिका छात्रावासों में 279 बालिका, कुल 529 बालक/बालिका छात्रावासों में प्रवेशित हैं। (घ) गुना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उपरोक्तानुसार संचालित छात्रावासों में पदस्थ शिक्षक एवं अधीक्षक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
पशु चिकित्सा विभाग को प्राप्त आवंटन
[पशुपालन]
129. ( क्र. 1794 ) श्री गोपीलाल जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशु चिकित्सा विभाग गुना में विगत दो वर्षों में कुल कितना आवंटन किस-किस मद में प्राप्त हुआ? उक्त मद में प्राप्त आवंटन का उपयोग कहाँ-कहाँ किया गया? (ख) विगत दो वर्षों में कुल कितने पशु शिविर कहाँ-कहाँ लगाये गये? इन शिविरों से कितने हितग्राहियों को व्यय प्राप्त हुआ? (ग) लघु पशुपालकों, कृषकों की कौन-कौन सी योजनाओं को विभाग संचालित कर रहा है? गुना जिले में कुल कितने लघु एवं सीमांत कृषकों को लाभान्वित किया गया है? सूची उपलब्ध करायें। (घ) विगत दो वर्षों में विभाग द्वारा कितनी दवाईयां, कितनी राशि का उपयोग किया गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) वर्ष 2017-18 में कुल पशु शिविर 1329 लगाये गये हैं। जिसमें 1231 गोकूल महोत्सव, 25 एस्काड, 11 आर.के.व्ही.वाय, 13 कृषि महोत्सव, 03 लोक कल्याण व 46 विभागीय शिविर लगाये गये, जिसमें 60073 कृषकों को लाभान्वित किया गया। वर्ष 2018-19 में कुल पशु शिविर 1317 लगाये गये हैं। जिसमें 1231 गोकूल महोत्सव व 86 कृषि महोत्सव के अंतर्गत शिविर लगाये गये हैं। जिसमें 53536 कृषकों को लाभान्वित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) विभाग द्वारा संचालित योजनायें क्रमश: - 1. समुन्नत पशु प्रजनन कार्यक्रम (अनुदान) पर मुर्रापाडा का प्रदाय। 2. अनुदान पर नर बकरा का प्रदाय। 3. अनुदान एवं ऋण पर बकरी इकाई का प्रदाय। 4. वत्सपालन प्रोत्साहन योजना। 5. नंदीशाला योजना। 6. आचार्य विद्या सागर गौ-संवर्धन योजना (अनुदान एवं ऋण पर डेयरी इकाई का प्रदाय)। 7. राज्य स्तरीय अनुदान पर कुक्कुट इकाई का प्रदाय। 8. गौ-सेवक प्रशिक्षण योजना। 9. गौ-मैत्री प्रशिक्षण योजना। उक्त योजनान्तर्गत वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में सीमांत/लघु कृषकों को लाभ पहुंचाया गया है। हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) वर्ष 2017-18 में प्राप्त बंटन 49.82 लाख व वर्ष 2018-19 में प्राप्त बंटन 90.49 प्राप्त हुआ था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
नवीन छात्रावास खोलने की प्रक्रिया एवं मापदण्ड
[आदिमजाति कल्याण]
130. ( क्र. 1797 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित एकलव्य स्कूलों की जिलेवार संख्या एवं नवीन एकलव्य स्कूल खोलने की कार्ययोजना से अवगत करवायें। (ख) विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की जिलेवार जानकारी एवं नवीन छात्रावास खोलने की प्रक्रिया एवं मापदण्ड से अवगत करवायें। (ग) क्या विभाग और शासन की जानकारी में यह तथ्य आये हैं कि कई गैर आदिवासी व्यक्ति फर्जी आदिवासी प्रमाण-पत्रों के सहारे शासकीय नौकरियों से सेवारत हैं? शासन ऐसे लोगों को चिन्हित कर दण्डित करने हेतु क्या कार्यवाही कर रहा है? (घ) आदिवासी वर्ग के उत्पीड़न के पिछले 2 वर्षों का तुलनात्मक अध्ययन, ऐसे उत्पीड़न को रोकने हेतु शासन द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करवायें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) प्रदेश में संचालित एकलव्य स्कूलों की जिलेवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं नवीन एकलव्य स्कूल खोलने की कार्य योजना के संबंध में भारत सरकार जनजातीय कार्य मंत्रालय की गाइड-लाइन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' पर एवं नवीन छात्रावास खोलने की प्रक्रिया, मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। राज्य स्तरीय छानबीन समिति द्वारा जिन शासकीय कर्मचारियों के अनुसूचित जनजाति प्रमाण-पत्र निरस्त किये जाते हैं, उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही हेतु संबंधित विभाग को एवं पुलिस अधीक्षक को सूचित किया जाता है। (घ) वर्ष 2017 में 2033 एवं वर्ष 2018 में 1803 उत्पीड़न की घटनायें दर्ज की गई। उत्पीडन रोकने हेतु प्रदेश में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के अधीन अजाक सेल गठित है, 51 विशेष पुलिस थानों के माध्यम से अनुसूचित जनजाति के विरूद्ध घटित अपराधों की विवेचना की जा रही है, 50 उप पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति विवेचना हेतु की गई है, रेन्ज स्तर पर 10 पुलिस अधीक्षक की पदस्थापना की गई है, 43 जिलों में विशेष न्यायालय गठित किये गये है एवं इनमें विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की गई है, राज्य स्तरीय, संभाग स्तरीय एवं जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति गठित किये गये हैं। परिलक्षित क्षेत्रों का निर्धारण किया गया है, इनमें जनजागृति शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
ग्रामीण शालाओं में शिक्षकों की कमी
[स्कूल शिक्षा]
131. ( क्र. 1803 ) श्री संजय यादव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र की प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के कितने पद शालावार रिक्त हैं? कितनी शालायें एक शिक्षकीय एवं शाला विहीन हैं? (ख) जिले में विगत 3 वर्षों में ग्रामीण शालाओं से शहरी शालाओं में शिक्षकों के कितने स्थानान्तरण किये गये? शहरी शालाओं में आधिक्य में कितने-कितने शिक्षक कार्यरत हैं? शालावार जानकारी दें। ग्रामीण शालाओं के शिक्षक/अध्यापक कितनी संख्या में शहरी कार्यालयों, डी.पी.सी., बी.आर.सी.., बी.ई.ओ. एवं डी.ई.ओ. आदि कार्यालयों में गैर शिक्षकीय कार्यों में पदस्थ/संलग्न हैं। शालावार जानकारी दें। (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र की शालाओं में शिक्षकों/अध्यापकों के रिक्त पदों पर पदस्थापना कब तक की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। (ख) विगत 3 वर्षों से 150 शिक्षकों के ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में स्थानांतर किये गये है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है। ग्रामीण शालाओं के कोई भी शिक्षक शहरी कार्यालयों में संलग्न नहीं होने से शेषांश की जानकारी निंरक है। (ग) उच्च. माध्य. शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की पात्रता परीक्षा आयोजित की जाकर भर्ती की कार्यवाही प्रचलन में है। पद पूर्ति एक सतत प्रक्रिया है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नर्मदा समृद्धि योजनान्तर्गत सड़क निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
132. ( क्र. 1804 ) श्री संजय यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में नर्मदा पथ/नर्मदा समृद्धि योजनान्तर्गत तिलवारा घाट से ग्वारीघाट तक सड़क निर्माण योजना का निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ होगा? वर्तमान में उक्त सड़क योजना की स्वीकृति एवं निविदा के कार्य किस स्थिति में हैं? (ख) जबलपुर में नर्मदा नदी में मिलने वाला शहरी गंदा नाला (शाहनाला) पर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने अब तक क्या कार्यवाही की गई? उक्त नाले पर ट्रीटमेंट प्लांट कब तक लगाया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरपालिक निगम जबलपुर द्वारा नगर विकास योजना तैयार की गई है, सक्षम स्वीकृति उपरांत आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) नाले के बाजू से ट्रीटमेंट प्लांट लगाने हेतु भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति महापौर परिषद् की पूर्व प्रत्याशा में माननीय महापौर द्वारा प्रदान कर दी गई है। इस भूमि पर 34 एम.एल.डी. का एस.टी.पी. आगामी एक वर्ष में लगाया जाना लक्षित किया गया है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत सामूहिक विवाह
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
133. ( क्र. 1826 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने सामूहिक विवाह का पंजीयन हुआ? कितने सामूहिक विवाह सम्पन्न हुये? सागर संभाग अन्तर्गत जिलेवार जानकारी देवें। (ख) सामूहिक विवाह सम्मेलन में सम्पन्न हुये कन्याओं के बैंक खातों में राशि का भुगतान किया गया? हाँ या नहीं? यदि नहीं, तो कन्याओं के खातों में राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया और कब तक किया जावेगा? (ग) सागर जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत कितनी कन्याओं की राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी कन्याओं के खातों में राशि भुगतान की गई? (घ) सागर जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजनान्तर्गत हुये सामुहिक विवाह सम्मेलन में पंजीयन एवं विवाह उपरांत कितनी कन्याओं की राशि वर्तमान में शेष है? उक्त कन्याओं को राशि का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है? भुगतान कब तक किया जायेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक सागर संभाग अंतर्गत सामूहिक विवाह कार्यक्रम का पंजीयन, सम्पन्न सामूहिक विवाह के संबंध में सागर संभाग की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। 3710 कन्याओं के बैंक खाते में राशि का भुगतान किया गया। शेष 3781 कन्याओं के बैंक खाते में भुगतान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) सागर जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत 3039 कन्याओं की राशि स्वीकृत की गई एवं 1886 कन्याओं के खातो में राशि भुगतान की गई। (घ) सागर जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में पंजीयन एवं विवाह उपरांत 1153 कन्याओं की राशि वर्तमान में शेष है। उक्त कन्याओं को राशि भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
बैगा विकास प्राधिकरण के तहत सड़क निर्माण
[आदिमजाति कल्याण]
134. ( क्र. 1871 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में बैगा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत पिछले 5 वर्षों में कितने सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत हैं? कितने सड़क निर्माण हो चुके हैं? कितने सड़क निर्माण कार्य अपूर्ण हैं? इस योजना हेतु कितनी राशि स्वीकृत है? (ख) अपूर्ण सड़क निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराये जायेंगे? कितने सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) बैगा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत पिछले 05 वर्षों में कोई सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किये गये हैं। (ख) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल भवन एवं अतिरिक्त कक्ष का अधूरा निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
135. ( क्र. 1872 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले के कितने स्कूल भवन एवं अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु स्वीकृत हैं? कितने भवन तैयार हो चुके हैं एवं कितने स्कूल भवन एवं अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य अधूरे हैं? (ख) ग्राम पंचायत सिंगारपुर (सलैया) वि.ख. मण्डला जिला मण्डला के वार्ड क्रमांक 01 खुर्रीटोला में शास. प्राथ. शाला टिकरा बेरपानी संचालित है, 10 वर्षों से अधिक हो चुके हैं लेकिन अभी तक भवन निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है? विलंब का कारण बतावें। (ग) क्या ग्राम पंचायत-नरेन्द्रगढ़ वि.ख. मण्डला के शास. प्राथ. शाला नरेन्द्रगढ़ में अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य स्वीकृत है लेकिन अभी तक अपूर्ण है, अधूरा निर्माण हुआ है, ग्राम पंचायत उमरिया वि.ख. मण्डला के ग्राम लावर में प्राथ. शाला भवन निर्माण कार्य वर्ष 2013-14 से अधूरा निर्माण है? (घ) यदि हाँ, तो क्या? कब तक इन अधूरे पड़े शाला भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जायेगा? निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) मण्डला जिले में प्राथमिक/माध्यमिक के कुल 1060 स्कूल भवन एवं 2443 अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत है, जिसमें 1030 स्कूल भवन और 2417 अतिरिक्त कक्ष तैयार हो चुके है। 30 स्कूल भवन, 126 अतिरिक्त कक्ष अधूरे है। हाई-हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार। (ख) जी हाँ। निर्माण कार्य की राशि का अनुचित आहरण होने के कारण विलंब हुआ है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जी हाँ। निर्माण कार्य की राशि का अनुचित आहरण होने के कारण विलंब हुआ है। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) शासकीय प्राथमिक शाला नरेन्द्रगढ़ में अतिरिक्त कक्ष को पूर्ण कराने स्टाम्प शुल्क की राशि से पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति क्र/एसएसए/निर्माण/2019/1446, मण्डला, दिनांक 04/12/2019 द्वारा जारी की गई। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। शेष 02 शालाओं के संबंध में निर्माण एजेंसी से वसूली की कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यपूर्णता की समय-सीमा बताना निश्चित नहीं है।
शा. कन्या उ.मा.वि. की स्थापना के मापदण्ड एवं शिक्षकों की नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
136. ( क्र. 1883 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स. क्षेत्र बड़वारा जिला कटनी के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़वारा में कक्षा नवमीं से कक्षा बारहवीं तक बालिकाओं की दर्ज संख्या 434 है। (ख) कितनी दर्ज संख्या पर शासकीय कन्या माध्यमिक शाला खोला जाना शासन की नीति में है? क्या उक्त दर्ज संख्या पर शासकीय कन्या माध्यमिक शाला स्वीकृत किया जाना संभव है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या शासकीय उत्कृष्ठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़वारा में शिक्षकों की संख्या क्या हैं वर्तमान में कितने शिक्षक कार्यरत हैं? यदि कम है तो कब तक पूर्ण किये जा सकेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : ( क) जी हाँ। (ख) शिक्षा का अधिकार अन्तर्गत निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पृथक से शासकीय कन्या माध्यमिक शाला खोले जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय उत्कृष्ट उ.मा.वि. बड़वारा में वर्तमान में 30 स्वीकृत पदों के विरूद्ध 12 शिक्षक एवं 07 अतिथि शिक्षक कार्यरत है। व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिये गये हैं तथा नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
आदिवासियों को वन भूमि पट्टे का प्रदाय
[वन]
137. ( क्र. 1884 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वि.स. क्षेत्र बड़वारा जिला कटनी आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है तथा आदिवासियों को पूर्व में दिये गये वन भूमि के पट्टे की जमीनों से बेदखल क्यों किया गया? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) ग्राम पंचायत कचनारी के ग्राम करौंदी में 70, 80 वर्षों से काबिज आदिवासियों को जमीन के पट्टे प्रदान क्यों नहीं किये गये? प्रदाय किया जाना संभव है तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) 100% आदिवासी ग्राम करौंदी में कोई भी सुविधा शासन द्वारा उपलब्ध क्यों नहीं कराई गई? स्कूल, सड़क, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से कब तक निजात दिलायी जा सकेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। आदिवासियों को पूर्व में दिये गये वन भूमि के पट्टे की जमीनों से बेदखल नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) ग्राम पंचायत कचनारी के ग्राम करौंदी में 111 काबिज आदिवासियों द्वारा वन अधिकार अधिनियम 2006 अंतर्गत आवेदन के साथ संबंधित अभिलेख प्रस्तुत नहीं किये जाने के कारण दावे अमान्य किये गये हैं। वर्तमान में वनमित्र सॉफ्टवेयर के माध्यम से अमान्य दावों बाबत् आवेदन किये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण की जावेगी। (ग) ग्राम करौंदी में ग्राम पंचायत द्वारा समस्त ग्राम में सी.सी. रोड़ निर्माण कराया जा चुका है। साथ ही मनरेगा योजना अंतर्गत तालाब निर्माण कार्य कराया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत 49 आवासों का निर्माण कराया गया है। ग्राम करौदी के नजदीकी ग्राम करौंदा में लगभग 1 कि.मी. की दूरी पर आंगनवाड़ी केन्द्र एवं प्राथमिक शाला भवन है, लगभग 3 कि.मी. दूर ग्राम पाली में 10वीं कक्षा तक स्कूल है तथा 12 कि.मी. की दूरी पर ग्राम सिलौडी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है।
प्रोजेक्टों की उपयोगिता एवं निवेश की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1895 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में तात्कालीन सरकार के द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में कितनी राशि किन-किन शहरों को दी गयी थी? कार्यपालक समिति द्वारा संबंधित शहरों में कितनी राशि के कुल कितने प्रोजेक्ट तैयार किए गए थे? उनमें से वर्तमान में कुल कितने प्रोजेक्ट आम जनता के काम आ रहे हैं और कितने काम नहीं आ रहे हैं? (ख) कार्यपालक समिति ने जिन प्रोजेक्टों में सरकार का धन लगाया है, क्या उस धन के सही निवेश से वह सभी प्रोजेक्ट आम जनता के काम आ रहे हैं? यदि हाँ, तो कुल कितने प्रोजेक्ट तैयार किए गए हैं? उनमें से कितने प्रोजेक्ट सफल हुए और कितने असफल हुए? पृथक-पृथक सूची उपलब्ध करायें। (ग) असफल प्रोजेक्टों पर शासन का धन अपव्यय होने की स्थिति में क्या कार्यपालक समिति पर लापरवाही को दृष्टिगत रखते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो उन्हें संरक्षण किस उद्देश्य से दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो सरकारी धन का दुर्विनियोग भविष्य में न हो, इस उद्देश्य से कार्यपालक समिति पर दंडात्मक कार्यवाही के प्रावधान क्या हैं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत स्मार्ट सिटी शहरों को जारी की गयी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्यपालक समिति द्वारा तैयार किये गये शहरवार कुल राशि सहित प्रोजेक्ट्स के संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। समस्त स्मार्ट सिटी के कार्यपालक समिति द्वारा स्वीकृत सभी पूर्ण प्रोजेक्ट आम जनता के काम आ रहे हैं। पूर्ण किये गये सभी प्रोजेक्ट्स सफल है। शहरवार पूर्ण प्रोजेक्टस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। असफल प्रोजेक्ट निरंक हैं। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि क्षेत्रों में कराए गए विकास कार्य
[वन]
139. ( क्र. 1896 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 तक विधानसभा क्षेत्र तराना के वन भूमि क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्य कराये गए है? यदि हाँ, तो वर्षवार, योजनावार, कार्यवार, परिक्षेत्रवार कराये गये व्यय की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यह भी बतावें कि उक्त कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया था तथा कितना व्यय हुआ? कितनी राशि लैप्स हुई? इन कार्यों का मूल्यांकन/सत्यापन किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया? पदनाम सहित जानकारी दें। व्यय के लिये क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी? (ग) क्या खर्च करने से पूर्व आहरण संवितरण अधिकारी ने गठित समिति से अनुमोदन प्राप्त किया था अथवा नहीं? भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (घ) क्या उपरोक्त समस्त कार्यों के लिए भूमि पूजन, लोकार्पण कराया गया? यदि हाँ, तो नाम, पते, पद, विवरण सहित पूरी जानकारी देवें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खर्च करने से पूर्व आहरण संवितरण अधिकारी को किसी समिति से अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। व्यय एवं कार्यों का सत्यापन कार्यों की मात्रा के आधार पर प्रमाणकों में अंकित है। कार्यों पर खर्च का पृथक से कोई भौतिक सत्यापन प्रतिवेदन तैयार नहीं किया जाता है। (घ) जी नहीं, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बायपास मार्ग के निर्माण में विलंब
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 1899 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर नगर के महत्वपूर्ण जन उपयोगी श्योपुर-शिवपुरी मार्ग से श्योपुर-पाली मार्ग को जोड़ने वाले बायपास सड़क मार्ग विगत 02 वर्षों से स्वीकृत होने के उपरांत प्रश्नांश दिनांक तक अपूर्ण हैं, जिसके चलते आम नागरिकों को आवागमन में परेशानी के साथ-साथ धूल व मिट्टी के कारण दमे की बीमारी के शिकार हो रहे हैं एवं 50 से भी अधिक नागरिक दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य की अपूर्णता के लिए दोषी कौन-कौन है? विभाग द्वारा कार्य में विलंब के लिए किस-किस को कब-कब अनियमितता व विलंब के लिए नोटिस व पत्राचार से सूचित कर क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? की गयी कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्य की पूर्णता की समयावधि क्या थी? कार्य में विलंब के लिए दोषी कौन-कौन है? स्थानीय विभागीय अमले द्वारा नागरिकों के इस महत्वपूर्ण बायपास मार्ग के निर्माण में उदासीनता बरते जाने पर विभाग इनके खिलाफ क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ‚ सड़क निर्माण अपूर्ण है‚ आम-नागरिकों की सुविधा हेतु धूल-मिट्टी से बचने के लिए पानी का छिड़काव किया जाता है‚जी नहीं‚ कोई बड़ी दुर्घटना घटित नहीं हुई है अपितु निर्माण कार्य के दौरान जाम लगने से छोटी-मोटी दुर्घटना घटित हुई हैं। (ख) कोई दोषी नहीं है। निकाय द्वारा ठेकेदार को कार्य पूर्ण करने हेतु समय-समय पर सूचना पत्र दिये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्य की पूर्णता अवधि जनवरी 2019 तक थी। कार्य में विलम्ब के लिए कोई दोषी नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुपयोगी वॉटर टैंक एवं ट्रेंचिंग ग्राउण्ड की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
141. ( क्र. 1900 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वार्ड नं. 07 हजारेश्वर मंदिर के पास विगत 50 वर्षों से भी अधिक समय से निर्मित अनुपयोगी वॉटर टैंक जीर्ण-शीर्ण होकर कभी भी ध्वस्त होने से बड़ा हादसा घटित होने की संभावना है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा घनी आबादी क्षेत्र में स्थित इस वॉटर टैंक को किसी हादसे के पूर्व ही नष्ट किये जाने के लिए क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित वॉटर टैंक के नीचे के भाग एवं आसपास घना आवासीय क्षेत्र है? यदि हाँ, तो अभी तक इस अनुपयोगी एवं जीर्ण-शीर्ण वॉटर टैंक को नष्ट नहीं किये जाने के लिए कौन दोषी है? (ग) क्या नगरीय क्षेत्र श्योपुर के गंदे कचरे को नगरीय सीमा के नजदीक चम्बल कनोल के किनारे डाला जा रहा है, जिसके प्रदूषण के चलते आम नागरिक गम्भीर बीमारियों की चपेट में आते जा रहे हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा ट्रेंचिंग ग्राउण्ड के लिये उपयुक्त स्थान व कचरा विनिष्ट किये जाने हेतु कोई योजना बनायी गयी है? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कब तक योजना तैयार की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वार्ड क्रमांक 07 श्री हजारेश्वर मंदिर के पास स्थित वॉटर टैंक जीर्ण-शीर्ण अवस्था में नहीं है। शेष का वर्तमान में इस वॉटर टैंक से शहर में पानी सप्लाई किया जा रहा है, परन्तु यह वॉटर टैंक बहुत पुराना है, जिसे संचालक, माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड साइंस ग्वालियर को जाँच हेतु नगरपालिका परिषद्, श्योपुर द्वारा पत्र क्रमांक 2251 दिनांक 15.11.2019 से लेख किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाना प्रस्तावित है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। नगरपालिका परिषद्, श्योपुर में कचरा विनिष्ट किए जाने हेतु स्वयं का ट्रेंचिंग ग्राउण्ड ग्वाडी मठेपुरा में स्थित है। यह ट्रेंचिंग ग्राउण्ड चंबल केनाल से 03 किलो मीटर की दूरी में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुरैना जिले की देवरी गौ-शाला की जानकारी
[पशुपालन]
142. ( क्र. 1904 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले की देवरी गौ-शाला में दिनांक 17/08/2019 को उप संचालक पशु चिकित्सा द्वारा किये गए निरीक्षण के दौरान मृत पाये गये गौवंश के विरुद्ध कुल कितने दान दाताओं पर एफ.आई.आर. (FIR) पंजीबद्ध की गयी एवं बाद में किन लोगों के नाम इस एफ.आई.आर. (FIR) से वापस लिए गए? दान दाताओं पर पशु क्रूरता की कार्यवाही किस कानूनी आधार अथवा किनके निर्देश पर की गयी? (ख) मुरैना जिले की देवरी गौ-शाला में वर्ष 2019 में कितनी बार कलेक्टर मुरैना, आयुक्त नगर निगम मुरैना, द्वारा कब-कब बैठक अथवा निरीक्षण किया गया? इन बैठकों में अधिकारियों, कर्मचारियों, गौ-शाला प्रबंधन समिति के साथ अन्य कौन-कौन शामिल हुए? (ग) उप संचालक पशु चिकित्सा को देवरी गौ-शाला में कलेक्टर मुरैना द्वारा वर्ष 2016 से आज दिनांक तक क्या-क्या जिम्मेदारी दी गयी? (घ) कलेक्टर मुरैना एवं नगर निगम आयुक्त मुरैना द्वारा देवरी गौ-शाला में कुल कितने अधिकारियों-कर्मचारियों को गौ-शाला की व्यवस्था संबंधी जिम्मेदारी सौंपी गयी थी और कब से सौंपी गयी थी? (ड.) देवरी गौ-शाला की गौ-सेवा समिति को किन के निर्देशों पर कलेक्टर मुरैना द्वारा भंग किया गया? क्या समिति भंग करने से पहले कलेक्टर मुरैना द्वारा समिति को कोई नोटिस देकर समिति का पक्ष जाना गया?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी नहीं, एफ.आई.आर. (FIR) संचालन समिति के 12 सदस्यों के विरूद्ध की गई थी। जिसमें से 09 सदस्यों के विरूद्ध एफ.आई.आर. (FIR) वापिस ली गई थी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) गौ-सेवा आश्रम गौ-शाला देवरी गौ-शाला के प्रबंधन का दायित्व नगर निगम मुरैना को सौंपे जाने के उपरांत दिनांक 12.02.2019, 20.05.2019, 08.06.2019, 24.08.2019 एवं दिनांक 17.10.2019 को आयुक्त नगर निगम, मुरैना द्वारा देवरी गौ-शाला का निरीक्षण किया गया। वर्ष 2019 में जिले की देवरी गौ-शाला एवं अन्य पंजीकृत गौ-शालाओं के अध्यक्ष/सचिवों की बैठक दिनांक 29.01.2019, 18.02.2019 एवं दिनांक 27.08.2019 को जिला गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन समिति, मुरैना की बैठक कलेक्टर एवं अध्यक्ष की अध्यक्षता में समिति के सदस्यों के साथ-साथ आयुक्त नगर निगम एवं उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें एवं अन्य संबंधित सदस्य भी शामिल हुए। (ग) गौ-सेवा आश्रम गौ-शाला देवरी की मॉनिटरिंग, उपचार, टीकाकरण संबंधी पशु चिकित्सकीय कार्य हेतु गौ-शाला में एक पशु चिकित्सक नोडल अधिकारी एवं एक सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी को व्यवस्था संबंधी जिम्मेदारी सौंपी गई। (घ) देवरी गौशाला में प्रारंभ से वर्ष 2016-17 में 10 गौ-सेवक (कर्मचारी) वर्ष 2017-18 में 10 गौ-सेवक (कर्मचारी) एवं 02 वाहन चालक वर्ष 2018-19 में 16 गौ-सेवक (कर्मचारी) एवं 2019-20 में 16 गौ-सेवक (कर्मचारी) एवं आकस्मिक कार्य हेतु 10 गौ-सेवक (कर्मचारी) अतिरिक्त लगाए गए। कुल 26 गौ-सेवक (कर्मचारी) कार्यरत दिनाक 18.08.2019 तक रहे। वर्ष 2019-20 में 19.08.2019 से 18 कर्मचारी कार्यरत हैं। (ड.) गौ-सेवा आश्रम गौ-शाला, देवरी को कार्यालय कलेक्टर मुरैना के आदेश क्रमांक 2597/प.पा./2019/मुरैना दिनांक 19.08.2019 के द्वारा प्रबंध कार्यकारिणी की अव्यवस्था, लापरवाही एवं माननीय प्रभारी मंत्री महोदय के आकस्मिक निरीक्षण दिनांक 17.08.2019 को गौ-शाला में गौवंश की दयनीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल प्रभाव से गौ-सेवा आश्रम गौ-शाला, देवरी की प्रबंध कार्यकारिणी समिति को भंग किया गया। जिससे कोई अप्रिय घटना घटित न हो, जिसका अनुमोदन दिनांक 27.08.2019 को जिला गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन समिति, मुरैना की बैठक में अनुमोदन प्राप्त किया है।
शासकीय एवं निजी स्कूलों के नामांकन
[स्कूल शिक्षा]
143. ( क्र. 1932 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय एवं निजी विद्यालयों में वर्ष 2010-11 तथा वर्ष 2018-19 में कक्षा 1 से 8 तक नामांकन की संख्या बतावें। क्या शासकीय विद्यालयों में इन वर्षों में 40 प्रतिशत की कमी हुई तथा निजी विद्यालयों में 10% की कमी हुई। कमी/वृद्धि का प्रतिशत विभाग अनुसार कितना है? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3045 दिनांक 19 जुलाई 2019 में कमी होने के जो तीन बिन्दु दिये गये है उस निष्कर्ष से संबंधित समस्त आंकड़े उपलब्ध करावें। 0-6 वर्ष की 2011 तथा 2018 की जनसंख्या, सहित उत्तर से संबंधित नोटशीट देवें। (ग) क्या सदस्य के प्रश्न पर बिना तथ्य तथा संबंधित प्रमाण तथा आंकड़े के उत्तर नहीं दिया जा सकता। यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) की जानकारी पूरी तरह देवें ताकि स्कूल शिक्षा के सुधार पर तथ्यात्मक चर्चा कर सके। (घ) क्या 2011 से 2018 में स्कूल शिक्षा का बजट 400 प्रतिशत हो गया? यदि हाँ, तो बतावें कि किस-किस मद में खर्च में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विभाग में डाईस 2010-11 एवं 2018-19 से प्राप्त जानकारी अनुसार शासकीय विद्यालयों में 2010-11 का नामांकन 105.30 लाख तथा 2018-19 में 67.42 लाख था, इसी तरह निजी विद्यालयों में 2010-11 में 48.94 लाख तथा 2018-19 में 50.80 लाख था। जी नहीं। डाईस में प्राप्त आकड़ों के अनुसार शासकीय स्कूलों के नामांकन में लगभग 36 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि निजी स्कूलों के नामांकन में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1', '2' एवं '3' पर है। (ग) जी नहीं। माननीय सदस्य महोदय को उल्लेखित प्रश्न में जानकारी विभाग में उपलब्ध आकड़ों के आधार पर ही प्रदाय की गई है। (घ) जी नहीं शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद् द्वारा की गई अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच
[नगरीय विकास एवं आवास]
144. ( क्र. 1933 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् राजगढ़ जिला धार में 10 करोड़ रुपये की लागत की मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना से अभी तक जल वितरण प्रारम्भ न होने के कारण बतायें तथा बतावें कि राजगढ़ में पूर्व से ही मौजूद बांध की कुछ ही दूरी पर नया बांध क्यों बनाया गया? क्या नये बांध में लीकेज है तथा वह अनुपयोगी है? क्या इसके निर्माण में काफी अनियमितता तथा भ्रष्टाचार हुआ है? क्या सम्पूर्ण प्रकरण की जाँच की जायेगी? (ख) नगर परिषद् राजगढ़ में कितने व्यक्तियों को शौचालय हेतु अनुदान दिया गया? क्या राजगढ़ में 100 प्रतिशत शौचालय नहीं बनने के बाद भी झूठे आंकड़े देकर गलत जानकारी देकर ओ.डी.एफ. घोषित किया गया? क्या पुराने शौचालयों पर तथा अधूरे बने शौचालय पर सम्पूर्ण राशि वितरित कर दी गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना तथा नया बांध बनाने वाले ठेकेदार का नाम क्या हैं? दोनों योजना की लागत कितनी-कितनी थी तथा कितना-कितना भुगतान कर दिया तथा बतावें कि नवीन नल कनेक्शन हेतु गड्ढे खोदने का कार्य किस ठेकेदार को किस नियम एवं प्रक्रिया से दिया गया? कार्य की कुल लागत राशि क्या है तथा कितना भुगतान किस दिनांक को किया गया? (घ) नगर परिषद् राजगढ़ द्वारा किस कम्पनी से कितनी राशि की आर.ओ. मशीन किस प्रक्रिया से खरीदी गई उक्त आर.ओ. मशीन कहां लगाई गई तथा किस दिनांक को चालू हुई? चालू होने से अभी तक मशीन किस-किस दिनांक को बन्द रही तथा अनुबंध अनुसार ग्यारंटी/वारंटी अवधि क्या हैं तथा रख-रखाव पर कितना खर्च हुआ? (ड.) क्या शासन नगर परिषद् राजगढ़ में 2012 से 2017 तक नगर परिषद् द्वारा की गई अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जाँच करवायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद् राजगढ़ जिला धार में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना से जल वितरण नलिकाओं से आंशिक रूप से जल वितरण किया जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में वितरण लाइन की कमी होने से संपूर्ण शहर में जल वितरण नहीं हो पा रहा है। राजगढ़ (धार) में पूर्व से निर्मित पुराने बांध की क्षमता 0.64 एम.सी.एम. है। योजना वर्ष 2042 की अनुमानित जनसंख्या 34000 के लिए 0.93 एम.सी.एम. पानी की आवश्यकता होने से नये बांध का निर्माण किया गया है। नये बांध में रिसन है किन्तु बांध उपयोगी है। रिसन ठीक करने हेतु ठेकेदार को निर्देशित किया गया है। जी नहीं। कलेक्टर जिला धार के आदेश क्रमांक 924 दिनांक 05.09.2017 से जाँच समिति का गठन किया गया। समिति द्वारा प्रस्तुत जाँच रिपोर्ट में अनियमितता परिलक्षित नहीं हुई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) नगर परिषद् द्वारा व्यक्तियों को अनुदान न दिया जाकर निकाय द्वारा निविदा प्रक्रिया अपनाई जाकर 1216 व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण कार्य करवाये गये हैं। जी नहीं। जी नहीं। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के घटक तथा नया बांध बनाने का कार्य प्राची इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि इन्दौर द्वारा किया गया है। दोनों कार्य की कुल लागत रू. 999.00 लाख थी। उक्त कार्यों पर वर्तमान तक निकाय द्वारा संबंधित ठेकेदार को कुल राशि रू. 9, 43, 21, 441/- का भुगतान किया गया है। नवीन नल कनेक्शन हेतु निविदा आमंत्रण सूचना समाचार पत्र में प्रकाशित की जाकर दिनांक 14.11.2014 को भाव-पत्र आमंत्रित किये गये। जिसमें न्यूनतम दर हनी इन्टरप्राईजेस इन्दौर की होने से परिषद् संकल्प क्रमांक 195 दिनांक 14.11.2014 द्वारा दर स्वीकृत की गई थी। कार्य की दर प्रति कनेक्शन के मान से बुलाई गई है तथा ठेकेदार को किया गया भुगतान का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नगर परिषद् राजगढ़ द्वारा स्पार्कल क्लीनटेक प्रा.लि नवी मुम्बई महाराष्ट्र से राशि रू. 50.00 लाख की आर.ओ मशीन निविदा प्रक्रिया अपनाई जाकर दिनांक 29.8.2009 को क्रय की जाकर राजगृहि वाटिका एवं उद्यान मेला मैदान में लगाई है। मशीन वर्तमान तक चालू नहीं की गई है। अनुबंध अनुसार ऑपरेशन एवं मेंटनेंस की अवधि आर.ओ चालू होने से एक वर्ष की है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) शिकायत प्राप्त न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नामांकन में कमी एवं स्कूल शिक्षा का बजट
[स्कूल शिक्षा]
145. ( क्र. 1939 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय शालाओं में कक्षा पहली से 8वीं तक वर्ष 2010-11 में नामांकन क्रमांक 105.29 लाख से घटकर 2018-19 में 63.45 लाख हो गया? क्या स्कूल शिक्षा में इस चौकाने वाली गिरावट का कारण 2011 की जनगणना में 0 से 6 वर्ष के बच्चों की आयु में कमी, आर.टी.ई. के तहत निजी विद्यालयों में बच्चों का प्रवेश तथा चाईल्ड ट्रेकिंग के कारण डेटा शुद्धीकरण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ तो तीनों तर्कों के संबंध में उक्त दोनों वर्ष 2010-11 और 2018519 के 0 से 06 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों की संख्या निजी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक का नामांकन तथा डेटा शुद्धिकरण से प्राप्त परिणाम से अवगत करायें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1482 दिनांक 19.07.2019 रतलाम जिले में 2011-12 में 1, 62, 720 नामांकन कक्षा 1 से 8 तक तथा निजी विद्यालयों में 11238 थे तथा वर्ष 2018-19 शासकीय विद्यालयों में 128543 तथा निजी विद्यालय में 97868 नामांकन थे. याने शासकीय विद्यालयों में 34177 तथा निजी विद्यालयों में 3370 की कमी हुई? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रश्नांश (क) में दिये गये कारण कैसे सही है? (घ) क्या 2010-11 में स्कूल शिक्षा का बजट 2018-19 में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि होकर 5500 करोड़ हो गया? यदि हाँ, तो बतावें कि इस अवधि में विद्यार्थियों की संख्या में 38 प्रतिशत की कमी चौंकाने वाली नहीं हैं? क्या सरकार इसकी जाँच के लिये उच्च स्तर कमेटी का गठन करेगी ताकि हम स्कूल शिक्षा को नया आयाम दे सकें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली से 8वीं तक वर्ष 2010-11 में नामांकन 105.30 लाख था जो 2018-19 में 67.42 लाख हो गया है। जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शासकीय विद्यालयों की तुलना में निजी विद्यालयों में नामांकन में गिरावट कम है। (घ) सत्र 2010-11 में स्कूल शिक्षा का बजट 1469.2575 करोड़ तथा 2018-19 में बजट 4030.4338 था जिसमें 174.31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विभाग के द्वारा नामांकन में कमी के कारणों की निरंतर समीक्षा की जा रही है तथा शत्-प्रतिशत नामांकन हेतु स्कूल चले हम अभियान के माध्यम से जागरूकता के प्रयास किये जा रहे हैं तथा घर-घर संपर्क कर शाला से बाहर बच्चों की ट्रेकिंग की जा रही है।
शुद्ध पेयजल की व्यवस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 1945 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र सीधी के अंतर्गत सीधी नगर के रहवासियों के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई योजना विचाराधीन है? यदि है तो यह कब स्वीकृत हुई है? इसे कब तक पूरा कर लिया जावेगा? (ग) क्या सीधी नगर का शहरी भू-जल अत्यंत दूषित होने के कारण अनेक बीमारियां फैल रही है? शहर को शुद्ध जल उपलब्ध न कराये जाने के लिए कौन-कौन सी ऐजेंसियां (ठेकेदार) एवं अधिकारी दोषी हैं? इनके विरूद्ध आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सोन नदी जल प्रदाय योजना, गोरियरा सिंचाई बांध परियोजना एवं 28 ट्यूबवेलों के माध्यम से भी जल आपूर्ति की व्यवस्था है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है। यू.आई.डी.एस.एस.एम.टी. योजना के तहत जल प्रदाय योजना निर्माण की स्वीकृति विभाग द्वारा वर्ष 2012 में प्रदत्त की गई जो निर्माणाधीन है। उक्त योजना जनवरी 2020 तक पूर्ण कर ली जाना लक्षित किया गया है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पन्ना जिले में संचालित हीरा खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
147. ( क्र. 1949 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में संचालित छोटी-छोटी हीरा खदानें जिससे गरीबों, मजदूरों का उदर पोषण व रोजगार प्राप्त होता है को बंद किया जाकर बड़ी खदानें आवंटित की जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या पन्ना जिले में हीरे से जुड़े कार्य के कारीगरों को रोजगार हेतु बाहर के राज्यों में जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या पन्ना में डायमंड पार्क खोला जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पन्ना जिले से निकलने वाले हीरे, जिनकी नीलामी जिले से ही की जाती है को जिले के बाहर से किये जाने कि योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों? क्या शासन द्वारा पन्ना एवं एन.एम.डी.सी मझगंवा से निकलने वाले हीरों की प्रदर्शनी हेतु पन्ना जिले में प्रदर्शनी स्थल जिले में खोला जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं वर्तमान में प्रचलित खदानों में जिला स्तर पर की जा रही कार्यवाही में कोई परिवर्तन का प्रस्ताव प्रचलन में नहीं है।
पन्ना जिला अन्तर्गत घोषित बफर जोन
[वन]
148. ( क्र. 1950 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र जुलाई 2019 ध्यान आकर्षण कमांक 371 दिनाँक 19.07.2019 के संबंध में माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा दिये गये निर्देश पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्यों? (ख) पन्ना जिला अन्तर्गत कौन-कौन से क्षेत्रों को बफर जोन घोषित किया गया है? उनके नाम व घोषित दिनाँक बतावें। बफर जोन बनाए जाने के क्या मापदंड हैं? पूर्ण जानकारी देवें। (ग) बफर जोन बनाए जाने हेतु क्या ग्राम पंचायतों से ग्राम सभा के प्रस्ताव लिये गये थे? यदि हाँ, तो समस्त ग्राम पंचायतों के प्रस्तावों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो किस आधार पर बफर जोन घोषित किया गया?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन ध्यानाकर्षण के आश्वासन में माननीय आसन्दी के निर्देश कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का अक्षरश: विधि विभाग से परीक्षण कराने के बिन्दु पर विधि एवं विधायी कार्य विभाग को प्रकरण परीक्षण कर अभिमत हेतु भेजा गया है। बैरियर पर लगे पुराने नाकेदारों/आकस्मिक श्रमिकों को हटाकर नये नाकेदार/श्रमिक लगाये जा चुके हैं। माननीय आसन्दी के निर्देशानुसार क्षेत्र के उप संचालक, पन्ना टाइगर रिजर्व, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तथा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, पन्ना द्वारा दिनांक 15.10.2019 को हरसा, बगौहा एवं नहरी का निरीक्षण किया एवं इसके पश्चात समय-समय पर उक्त ग्रामों में जाकर ग्रामवासियों से उनकी समस्याओं की जानकारी ली गई। ग्रामीणों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुये प्रश्नाधीन मार्ग का उन्नयन कर पक्का मार्ग बनाने के संबंध में वन (संरक्षण) अधिनियम 1980 के तहत ऑनलाइन प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु उप संचालक, पन्ना टाइगर रिजर्व ने कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग पन्ना को पत्र दिनांक 05.12.2019 से लेख किया है। वर्तमान में स्थानीय ग्रामीणों से उक्त मार्ग के उपयोग के लिये कोई शुल्क नहीं लिया जाता है तथा रात्रि में आवागमन हेतु कोई रोक नहीं है। केवल व्यावसायिक उद्देश्य से जाने वाले एवं बाहरी वाहनों से वनमार्ग शुल्क प्राप्त कर सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही प्रवेश दिया जाता है। अवैध वसूली संबंधित भी किसी ग्रामवासियों द्वारा कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (ख) पन्ना जिले के अंतर्गत पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन क्षेत्र में उत्तर/दक्षिण वनमंडल, पन्ना का वन क्षेत्र शामिल कर बफर जोन की अधिसूचना क्रमांक-एफ 15-21-2010/दस-2 दिनांक 09 अगस्त, 2012 व संशोधित अधिसूचना क्रमांक-15-21-2010-दस-2, दिनांक 24 जुलाई, 2014 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 38फ (4) (ii) में मापदण्ड निर्धारित हैं, जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) पन्ना टाइगर रिजर्व के बफर जोन बनाये जाने हेतु ग्राम पंचायतों के ग्रामवार प्रस्ताव लिये गये थे। ग्राम पंचायतों के ग्रामसभा के प्रस्ताव की सहमति/असहमति की ग्रामवार सूची एवं ग्रामों के प्रस्तावों की प्रतिलिपियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
ऑडिट आपत्तियों, गुणवत्ता विहीन कार्यों एवं अनियमितता के प्रकरणों का निराकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 1952 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नगरपालिका परिषद् जावरा एवं नगर परिषद् पिपलोदा में वर्ष 2006-07 से लेकर वर्ष 2017-18 तक के मध्य किये गये कार्यों पर दर्ज हुई ऑडिट आपत्तियों, गुणवत्ता विहीन कार्यों एवं अनियमितता के संबंध में विभागीय पत्रों एवं सदन में प्रश्नों के माध्यम से ध्यान आकर्षित किया है? यदि हाँ, तो क्या-क्या कार्यवाही की? (ख) उपरोक्त वर्षों में दोनों निकायों के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी ऑडिट आपतियां शेष हैं, जिनका निराकरण विगत 10 वर्षों में भी नहीं हुआ तथा गबन, अनियमितता भ्रष्टाचार, गुणवत्ता विहीन कार्यों संबंधी कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? संख्या एवं निराकरण सहित बताएँ l (ग) जानकारी दें कि प्राप्त शिकायतों एवं आपतियों संबंधी जांच/परीक्षण किये जाने हेतु किसे कब-कब नियुक्त किया? जाँच प्रतिवेदन एवं की गयी कार्यवाही के उल्लेख सहित स्पष्ट जानकारी दें l
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शिक्षा की गुणवत्ता एवं मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
150. ( क्र. 1953 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2003-04 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शिक्षा की गुणवत्ता एवं मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अनेक निर्माण कार्य किये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या उपरोक्त वर्षों में रतलाम जिला अंतर्गत कितनी प्राथमिक शाला, माध्यमिक, हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल भवन विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त कक्ष, प्रधानाध्यापक कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, किचन शेड, शौचालय इत्यादि अन्य प्रकार के भी अनेक निर्माण स्वीकृत होकर उन्हें बजट राशि आवंटित की गयी है? (ग) यदि हाँ, तो उपरोक्त वर्षों में जिन-जिन कार्यों के लिए राशि आवंटित की गई उनमें से कितने कार्य पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे एवं कितने अप्रारम्भ होकर लंबित रहे? स्वीकृत बजट राशि, कार्य एवं स्थान सहित जानकारी देंl (घ) बताएं कि उपरोक्त वर्षों में उक्त कार्यों को किये जाने हेतु किस-किस को एजेंसी बना कर उन्हें उपरोक्तानुसार उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु कितनी-कितनी बजट राशि प्रदान की? उसमें से कितना व्यय हुआ? कार्यों का भौतिक सत्यापन से अवगत कराएं l
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2, 3 एवं 4 अनुसार है।
रेत की नीलामी
[खनिज साधन]
151. ( क्र. 1962 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 24.09.2016 को विदिशा जिले के तह. कुरवाई के ग्राम-ककरूआ पठार में 5280 घनमीटर रेत जब्त करके राहुल कहरया S/o प्रमोद कहरया नि. मंडी बामोरा जि. सागर को सुपुर्द की गई थी? (ख) क्या जब्तशुदा रेत दिनांक 20.11.2019 को नीलाम की गई 1, 08, 000 रू. में जो कि 381 घनमीटर ही थी, शेष 4899 घनमीटर रेत गायब थी? 4899 घनमीटर गायब रेत सुपुर्दगीदार से क्यों नहीं ली गई? अगर वापिस ली जावेगी तो कब तक? मौके पर शेष बची रेत है अथवा नहीं? अगर नहीं तो कहाँ हैं? (ग) जब्तशुदा रेत की कीमत का जब्ती के समय निर्धारण किया था या नहीं? अगर नहीं तो क्यों? अगर हाँ तो कितने रूपये निर्धारित मूल्य था? (घ) जब्तशुदा रेत को अनु. अधि. कुरवाई ने 15.09.17 को जिला खनिज अधि. विदिशा को पत्र क्र.1734 दिनांक 15.9.17 को ई-टेण्डर के द्वारा नीलाम करने के लिए लिखा था, फिर जिला खनिज अधि. विदिशा द्वारा दिनांक 20.11.19 तक जब्तशुदा रेत नीलाम क्यों नहीं की गई? (ड.) सुपुर्दगीदार द्वारा किसकी मिलीभगत से 4899 घनमीटर रेत गायब की गई? सुपुर्दगीदार एवं जबाबदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई? अगर कार्यवाही होगी तो कब तक होगी? अगर नहीं तो कार्यवाही नहीं करने का कारण बतायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 20.11.2019 को उपलब्ध रेत की नीलामी की गई है। सुपुर्दगी के दौरान कम हुई रेत की मात्रा के लिए नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। उक्त खनिज के कीमत का निर्धारण कराया गया है। जप्तशुदा रेत का बाजार मूल्य 35, 20, 000/- रू. था। (घ) जप्तशुदा रेत की ई-टेंडर द्वारा नीलामी किये जाने की प्रक्रिया निर्धारित नहीं होने से जप्तशुदा रेत की नीलामी दिनांक 20.11.2019 तक नहीं की गई। (ड.) सुपुर्दगी के दौरान कम हुई रेत की मात्रा के विषय में नियमानुसार कार्यवाही की गई है।
वन अधिकार कानून 2006 से संबंधित
[आदिमजाति कल्याण]
152. ( क्र. 1967 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग को वन अधिकार कानून 2006 से संबंधित अलग-अलग विषयों पर दिनांक 21/9/2019 को प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गए पत्र क्रमांक 660, पत्र क्र. 661, पत्र क्र. 662, पत्र क्र. 663, पत्र क्र. 664, पत्र क्र. 665, पत्र क्र. 666 प्राप्त हुए? (ख) प्रश्नकर्ता ने किस पत्र में किन-किन विषयों से संबंधित किन-किन अभिलेख, दस्तावेजों, प्रश्नों के उत्तर संलग्न कर क्या-क्या अनुरोध एवं क्या-क्या मांग की, उस पर राज्य शासन ने किस दिनांक को पत्र, परिपत्र जारी किया? प्रति सहित बताएं। (ग) राज्य सरकार गैर आदिवासियों से तीन पीढ़ियों के कब्जे का प्रमाण मांगे जाने, दखल रहित जमीनों के दावे मान्य एवं अमान्य किये जाने वनग्रामों को राजस्व ग्राम बनाए जाने एवं सामुदायिक वन अधिकारियों को मान्यता दिए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही वर्तमान में कर रही है।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में आदिम जाति क्षेत्रीय विकास को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार (ग) गैर अादिवासियों के तीन पीढ़ियों के कब्जे का प्रमाण मांगे जाने एवं सामुदायिक वन अधिकार के दावों को मान्यता देने संबंध में तत्कालीन अधिनियम 2005 के प्रावधानानुसार कार्यवाही की जा रही है। दखल रहित भूमि पर दावे वन ग्राम से राजस्व ग्राम बनाये जाने की कार्यवाही राजस्व विभाग के द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के तहत की जाती है।
अंशकालिक लिपिक/भृत्य की वेतन वृद्धि
[स्कूल शिक्षा]
153. ( क्र. 1970 ) श्री सुनील सराफ (श्री बैजनाथ कुशवाह) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश एफ 44-4197120-21 भोपाल, दिनांक 28.06.97 में शिक्षाकर्मी योजनान्तर्गत अंशकालीन लिपिक/भृत्य के पद स्वीकृत किए गए थे? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में उक्तावधि से प्रश्न दिनांक तक अंशकालीन लिपिक/भृत्य के वेतन में कब-कब, कितनी-कितनी राशि की वृद्धि की गई एवं वर्तमान में प्रतिमाह कितना-कितना वेतन दिया जा रहा है? पृथक-पृथक विवरण दें। क्या कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? (ग) क्या माननीय न्यायालय द्वारा अंशकालीन लिपिक/भृत्य की वेतन वृद्धि के संबंध में म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश प्रदान किए गए हैं? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि की वृद्धि किए जाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं, अपितु म.प्र. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्र/एफ 44-37/94/बी-2/20 भोपाल दिनांक 09.09.1996/11.10.1996 द्वारा वर्ष 1996-97 में उन्नत शालाओं के लिए अंशकालीन लिपिक/भृत्य के पद स्वीकृत किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्तमान में वेतन वृद्धि का प्रस्ताव संचालनालय स्तर पर विचाराधीन नहीं है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
अवैध उत्खननकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही
[खनिज साधन]
154. ( क्र. 1971 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उचेहरा, जिला सतना की आराजी नंबर 44 रकबा 1.568 हेक्टेयर जो कि म.प्र. शासन तालाब दर्ज अभिलेख है से श्री महेश प्रसाद शर्मा पुत्र श्री शिवप्रसाद शर्मा, साकिन, उचहेरा के द्वारा 10 फीट गहराई, 10 फीट लंबाई एवं 10 फीट चौड़ाई पर अवैध उत्खनन कर लगभग 400 ट्रक मिट्टी निकालकर बेचे जाने के संबंध में किस-किस के द्वारा विभाग को कब-कब शिकायत की गई? शिकायतकर्ता का नाम व पता सहित बतायें। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में किस-किस अधिकारी के द्वारा कब-कब क्या क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या कार्यालय कलेक्टर (खनिज शाखा) जिला सतना द्वारा अवैध उत्खननकर्ता श्री महेश शर्मा पुत्र श्री शिवप्रसाद शर्मा निवासी उचेहरा के विरूद्ध म.प्र. गौण खनिज नियम 1996 के नियम 53 (1) के तहत अर्थदण्ड की राशि रु. 81, 67, 500/- प्रस्तावित किए जाने एवं खनिज निरीक्षक, सतना के द्वारा प्रस्तुत मूल्यांकन प्रतिवेदन प्रेषित कर अवैध उत्खननकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अनुशंसा की गई थी? (घ) यदि हाँ, तो उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में अवैध उत्खननकर्ता के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई एवं क्या उक्त अर्थदण्ड की राशि वसूल की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) उपरोक्त संबंध में मान. मंत्री, सामान्य प्रशासन विभाग ने म.प्र. शासन को प्राप्त शिकायत पत्र पर माह अगस्त, 2019 कलेक्टर सतना को कार्यवाही हेतु प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) उचेहरा, जिला सतना की आराजी नंबर 44 रकबा 1.568 हेक्टेयर जो कि मध्यप्रदेश शासन तालाब दर्ज अभिलेख है से श्री महेश प्रसाद शर्मा पुत्र श्री शिव प्रसाद शर्मा साकिन उचेहरा के द्वारा 10 फीट गहराई, 100 फीट लंबाई एवं 100 फीट चौड़ाई पर अवैध उत्खनन कर लगभग 400 ट्रक मिट्टी निकालकर बेचे जाने के संबंध में शिकायतकर्ता श्री रणजीत सिंह, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, उचेहरा निवासी ग्राम गोबराय खुर्द, पोस्ट लगरगंवा जिला सतना द्वारा दिनांक 28.08.2019 को शिकायत प्रेषित की गई। (ख) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में तहसीलदार तहसील उचेहरा द्वारा पूर्व में ही दिनांक 12.12.2017 को प्रश्नाधीन खसरा क्रमांक 44 में कार्यवाही करते हुए मिट्टी के अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज कर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) अनुविभाग उचेहरा के समक्ष प्रस्तुत किया गया। (ग) जी हाँ। (घ) उक्त प्रश्नांश के परिप्रेक्ष्य में अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध दर्ज प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (रा.) अनुविभाग उचेहरा के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। (ड.) उपरोक्त संबंध में माननीय मंत्री, सामान्य प्रशासन विभाग ने मध्यप्रदेश शासन को प्राप्त शिकायत पत्र पर माह अगस्त 2019 कलेक्टर, सतना को कार्यवाही हेतु प्रेषित पत्र के संबंध में खनि निरीक्षक, सतना से जाँच प्रतिवेदन मंगाया गया, जिसके अनुसार उक्त प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी (रा.) अनुविभाग उचेहरा के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।
अधिकारियों के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता के आरोप
[स्कूल शिक्षा]
155. ( क्र. 1983 ) श्री राकेश गिरि : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग के परिपत्र संख्या एफ-01-17/2019/20-1 दिनांक 22.06.2019 की कंडिका 3.5 में वित्तीय अनियमितता के आरोपी अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों से हटाने/प्रति नियुक्ति समाप्त करने तथा स्थानांतरण करने के निर्देश जारी किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो विगत पाँच वर्षों में विभाग के जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक स्तर के कितने अधिकारियों के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता के आरोप में पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई? नाम, मूल पद, पदांकित स्थान तथा कर्तव्या रूढ़ पद एवं प्रतिनियुक्ति की स्थिति यदि हो तो, पूर्ण ब्यौरा सहित सूची दें। (ग) क्या आरोपी अधिकारियों को महत्वपूर्ण पदों/प्रतिनियुक्ति पर स्थानापन्न पदों से हटाकर मूल पदों पर पदस्थ करने हेतु जन शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों की प्रतियाँ उपलब्ध करायें। शिकायतों पर एवं विभाग द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के प्रसंग में कितने अधिकारियों को स्थानांतरित/मूल पद पर पदस्थ किया गया है? सूची दें। (घ) प्रश्नांश (ख) के प्रसंग में ऐसी प्रतिनियुक्तियां कब तक समाप्त कर स्थानांतरण प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी? भविष्य में वित्तीय अनियमिततायें रोकने की दिशा में किये जाने वाले उपायों का ब्यौरा बतायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री जी.एल. साहू तत्कालीन जिला परियोजना समन्वयक बैतूल के विरूद्ध वित्तीय अनियमितता के संबंध में पुलिस थाना कोठी बाजार में प्राथमिकी दिनांक 6/11/2017 को दर्ज कराई गई। वर्तमान में श्री जी.एल. साहू परियोजना समन्वयक जिला छिन्दवाडा के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। ग) जी हाँ। केवल बैतूल जिले में शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। श्री जी.एल. साहू, को माननीय म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा प्रकरण क्र. 23638/2017 दिनांक 19/12/2017 को अग्रिम जमानत दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। वित्तीय नियंत्रण के संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र से दिनांक 23.07.2009, 29.06.2009 एवं 04.09.2019 को पत्र जारी किये गये हैं।
नगरीय निकायों में निर्माण कार्य हेतु ई-टेण्डर प्रक्रिया
[नगरीय विकास एवं आवास]
156. ( क्र. 1984 ) श्री राकेश गिरि : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के नगरीय निकायों में एक लाख रूपये से अधिक लागत राशि के निर्माण कार्यों के लिये ई-टेण्डर आमंत्रित करना आवश्यक है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो, टीकमगढ़ जिले की नगर परिषद् कारी द्वारा वर्ष 2017-18 में कराये गये निर्माण कार्यों के लिये कितने ई-टेण्डर आमंत्रित किये गये हैं? सूची दें। सभी ई-टेण्डरों के आमंत्रण की वेबसाइट का नाम तथा अपलोड करने के प्रमाण उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो ई-टेण्डर आमंत्रित न करने के लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या शासन द्वारा नगरीय निकायों में दिनांक 01.04.2017 से ई-पेमेन्ट करना अनिवार्य किया गया है? यदि हाँ, तो इस तिथि के बाद टीकमगढ़ जिले की नगर परिषद् कारी में कितनी-कितनी राशि के कितने भुगतान चैक से किये गये? शासन आदेश के उल्लंघन में चैक से भुगतान के लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, कोई भी भुगतान चैक द्वारा नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगर परिषद् रामपुरा में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
157. ( क्र. 1987 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि नगर परिषद् रामपुरा जिला-नीमच में वर्ष 2017-18 में अनियमितता के संबंध में की गयी जाँच में किन के खिलाफ आरोप सिद्ध पाये गये? दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की गयी या नहीं? कार्यवाही नहीं की गयी तो कारण स्पष्ट करें। उक्त प्रकरण में क्या कार्यवाही प्रचलित है? नगर परिषद् रामपुरा के खिलाफ की गयी जाँच सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : अध्यक्ष श्री गोविंद सोनी को विभाग के आदेश क्रमांक एफ-4-21/2018/18-3 दिनांक 22.10.2019 द्वारा अध्यक्ष पद से पृथक करते हुए उन्हें आगामी पदावधि के लिए पदधारित करने के लिए निरहित किया गया है। श्री लीलाकृष्ण सोलंकी तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी एवं श्री ओ.पी. परमार उपयंत्री नगर परिषद् रामपुरा के विरूद्ध संचालनालय के आदेश क्रमश: शि/6/लो.जा.प्र.-904/17/2019/20668 दिनांक 23.11.2019 एवं आदेश क्रमांक शि/6/लो.जा.प्र.-904/17/2019/20673 दिनांक 23.11.2019 द्वारा दो-दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने की शास्ति अधिरोपित करते हुये प्रकरण का निराकरण किया गया है। की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
वनबन्धु योजनांतर्गत किए गए कार्यों की जानकारी
[आदिमजाति कल्याण]
158. ( क्र. 1989 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी विधानसभा क्षेत्र के विकासखंड पाटी में वनबन्धु योजना के तहत कितने विद्यालयों में स्मार्ट क्लास हेतु एल.ई.डी लगाई गई? विद्यालयों की सूची एवं व्यय की गई राशि का ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन है? यदि हाँ, तो कब से? विद्युत बिल की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) उक्त एल.ई.डी किस एजेंसी से किस आधार पर क्रय की गई? क्रय नियम क्या थे? क्रय समिति के सदस्यों की सूची तथा क्रय के उपरान्त सत्यापन की प्रमाणित सूची उपलब्ध करावें l (घ) क्या क्रय सामग्री मानक स्तर की है और इसका उपयोग संस्थाओं में किया जा रहा है? संस्थावार, प्रभारीवार ब्यौरा देवें l
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) 88 शालाओं में स्मार्ट क्लास हेतु एल.ई.डी., लगाई है। विद्यालयों की सूची एवं व्यय की गई राशि का ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विद्युत कनेक्शन संबंधी जानकारी निम्नानुसार है-
क्र. |
शालाओं की संख्या जहां विद्युत कनेक्शन उपलब्ध है |
शालाओं की संख्या जहां विद्युत कनेक्शन उपलब्ध नहीं है |
योग |
1. |
2 |
3 |
4 |
2. |
24 |
64 |
88 |
विद्युत कनेक्शन संबंधी जानकारी एवं विद्युत बिल की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) एजेन्सी का नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' के कॉलम क्र. 6 पर अंकित है। एल.ई.डी. कनेक्शन के आधार पर क्रय की गई है। मध्यप्रदेश भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 भाग-1 वस्तुओं का उपार्जन के नियम 10 के तहत शाला प्रबंधन समितियों के द्वारा क्रय की गई है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। (घ) जी हाँ। 24 का उपयोग संस्थाओं में किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति बस्ती योजना के तहत निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[आदिमजाति कल्याण]
159. ( क्र. 1990 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिला के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में अनुसूचित जनजाति बस्ती योजना के तहत कितना आवंटन प्राप्त हुआ तथा किन की अनुशंसा पर कौन–कौन से कार्य स्वीकृत किये गए? स्वीकृत कार्यों की सूची एवं अनुशंसा की छायाप्रति देवेंl (ख) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा भी उक्त योजना के तहत कार्यों की अनुशंसा की गई थी, तो कौन–कौन से कार्य स्वीकृत किये गए? (ग) क्या प्रश्नकर्ता की अनुशंसाओं की उपेक्षा करते हुए प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में मनमाने तरीके से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? यदि नहीं, तो प्रश्नकर्ता के कार्यों को स्वीकृत क्यों नहीं किया गया? ब्यौरा देवें l
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) बड़वानी जिले को अनुसूचित जनजाति बस्ती योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रूपये 829.18 लाख तथा वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 498.76 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ। अनुशंसित कार्य एवं स्वीकृत कार्य पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कोई कार्य स्वीकृत नहीं किये गये। (ग) जी नहीं। अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विद्युतीकरण योजना नियम 2018 अनुसार प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा अनुमोदित कार्य स्वीकृत किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों को आवासीय भूमि के पट्टे का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
160. ( क्र. 1993 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में शासन द्वारा नगरीय क्षेत्र में आवासीय पट्टे प्रदान करने हेतु कोई योजना हो तो जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के शामगढ़, सुवासरा, सीतामऊ नगरीय क्षेत्र के ऐसे कितने रहवासी हैं जिन्हें आवासीय पट्टे का लाभ नहीं मिला है? व्यक्ति का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) विगत पाँच वर्षों में शामगढ़, सुवासरा, सीतामऊ में पूर्व स्वीकृत पट्टे की सूची में से ऐसे कितने व्यक्ति हैं जिन्हें प्रश्न दिनांक तक आवासीय पट्टे के प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये गये हैं? (घ) कब तक आवासीय पट्टे प्रदान कर दिये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) हाँ। मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्र के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अंतर्गत म.प्र. शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक 2002/2015/18-3 दिनांक 30.12.2015 एवं पत्र क्रमांक भूमिहीन एफ-1-6/2017/18-3/18143 दिनांक 10.07.2017 के द्वारा निर्धारित कार्यक्रम अनुसार दिनांक 31.12.2014 की स्थिति में शासकीय भूमि पर काबिज हितग्राहियों को आवासीय भूमि के पट्टे दिये जाने की योजना संचालित है। (ख) नगरीय निकाय, शामगढ़ में वर्ष 2017-2018 के सर्वेक्षण में 85 हितग्राही अपात्र पाये गये एवं पात्र पाये गये 61 हितग्राहियों को आवासीय भूमि के पट्टे वितरित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नगरीय निकाय, सुवासरा में 633 हितग्राहियों का सर्वेक्षण किया गया जिसमें 425 पात्र एवं 208 अपात्र पाये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। नगरीय निकाय सीतामऊ में 77 हितग्राहियों का सर्वेक्षण कार्य किया गया है, जिसमें से 72 हितग्राही पात्र एवं 05 हितग्राही अपात्र हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। नगरीय निकाय सुवासरा एवं सीतामऊ में पात्र हितग्राहियों को पट्टा वितरण किया जाना शेष है। (ग) नगरीय निकाय, शामगढ़ में वर्ष 2014 की स्थिति में निवासरत समस्त 61 पात्र हितग्राहियों को आवासीय भूमि के पट्टे वितरित कर दिए गए हैं, नगरीय निकाय, सुवासरा में 425 पात्र हितग्राहियों एवं नगरीय निकाय, सीतामऊ में 72 पात्र हितग्राहियों को पट्टा वितरण की कार्यवाही प्रचलन में हैं। (घ) 31 दिसम्बर 2019 तक पट्टे वितरण की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी।
खनन लायसेंस जारी करने के प्रावधान
[खनिज साधन]
161. ( क्र. 1994 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्रेशर मशीन, लाल मुरूम, लेटेराईट खनन हेतु किस विभाग एवं अधिकारी द्वारा लायसेंस या पट्टा (अनुबंध) जारी किया जाता है? विगत दो वर्षों में प्रश्न दिनांक तक मंदसौर-रतलाम जिले में कितने व्यक्तियों को क्रेशर मशीन, लाल मुरूम, लेटेराईट खनन हेतु लायसेंस जारी किये गये हैं? लायसेंस धारकों के नाम की स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) लायसेंस धारकों को लायसेंस प्रदान करने की स्वीकृति दिनांक, समापन अवधि की दिनांक, कितनी बीघा भूमि के लिये लायसेंस दिया गया? किस कार्य के लिये स्वीकृति प्रदान की गई थी? लागत राशि की जानकारी देवें। (ग) विभाग द्वारा क्रेशर एवं लाल मुरूम, लेटेराईट खनन हेतु स्वीकृति प्रदान की जा रही है या पाबंदी लगाई है? यदि पाबंदी लगाई गई है तो कब तक पाबंदी हटाई जावेगी? मंदसौर जिले में अंतिम स्वीकृति कब दी गई थी? (घ) मंदसौर जिले में वर्तमान में विभाग को लायसेंस हेतु कितने आवेदन प्राप्त हैं? आवेदनकर्ताओं के नाम एवं स्थान सहित जानकारी देवें तथा उनकी स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 में क्रेशर मशीन का पट्टा/लायसेंस जारी किये जाने के कोई प्रावधान नहीं है। मुरूम खनिज के उत्खनिपट्टे स्वीकृत के संबंध में म.प्र. गौण खनिज नियम अधिसूचित है। विगत 02 वर्षों में प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत पट्टों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के अंतर्गत मुरूम एवं लेटेराईट के उत्खनिपट्टे स्वीकृत किये जाते हैं। शासकीय भूमि में यांत्रिक क्रिया द्वारा गिट्टी बनाने के लिए पत्थर अर्थात (क्रेशर के उपयोग हेतु) स्वीकृत किये जाते हैं। वर्तमान में शासकीय भूमि पर यांत्रिक क्रिया द्वारा गिट्टी बनाने के लिए पत्थर अर्थात (क्रेशर के उपयोग हेतु) बिना नीलामी स्वीकृति पर मान. उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर में दायर याचिका क्रमांक-6215/2019 में पारित आदेश दिनांक 27.06.2019 के पालन में कार्यवाही स्थगित है। उक्त शेष प्रश्न की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
डिनोटिफाइड की गयी ग्रामों की भूमि
[वन]
162. ( क्र. 2001 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 17/11/1972 के राजपत्र में जबलपुर जिले के जिन 1817 ग्रामों की भूमि डिनोटिफाइड की गयी, उनकी प्रविष्टि संरक्षित वन सर्वे, रिपोर्ट, क्षेत्रफल पंजी, सर्वे कंप्लीशन रिपोर्ट में प्रश्न दिनाँक तक नहीं की गयी हैं? यदि हाँ, तो कारण बतायें और इस विसंगति को दूर करने के लिए क्या कार्यवाही कब तक की जाएंगी? (ख) जबलपुर और कटनी जिले में कितने और कौन-कौन से राजस्व ग्राम हैं? इनमें से कितने और कौन-कौन से राजस्व ग्रामों की किन-किन खसरा नंबरों एवं कितने रकबे की भूमि संरक्षित वन सर्वे, नारंगी भूमि सर्वे वनखंड एवं विभाग के वर्किंग प्लान में किन सक्षम आदेशों से कब-कब शामिल की गयी? (ग) प्रश्नांश (ख) संरक्षित वन सर्वे में शामिल कौन-कौन से ग्रामों की कौन-कौन से खसरा नम्बरों की भूमि दिनाँक 17/11/1972 के राजपत्र से डिनोटिफाइड की गयी और संरक्षित वन सर्वे में शामिल कौन-कौन से ग्रामों की भूमि नारंगी सर्वे भूमि में किस-किन शासनादेश एवं विभागीय निर्देशों से शामिल की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में बतायें कि वन सर्वे एवं वनखंड और वर्किंग प्लान में शामिल भूमि ग्रामों के निस्तार पत्रक में किन-किन प्रयोजनों के लिए दर्ज हैं और वर्तमान में भूमि किन मदों हेतु राजस्व और विभाग के अभिलेखों में दर्ज हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) संरक्षित वन के सर्वे-सीमांकन कम्पलीशन रिपोर्ट के उपरान्त ही प्रश्नांकित अधिसूचना जारी की गई। अतः उक्त अभिलेख में संशोधन किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। क्षेत्रफल पंजी में प्रश्नांकित अधिसूचना में उल्लेखित ग्रामों की भूमियों का विवरण सम्मिलित नहीं है, किन्तु जबलपुर वनमंडल में उक्त अधिसूचना में उल्लेखित ग्रामों में से एक मात्र ग्राम अगरिया की भूमि क्षेत्रफल पंजी में सम्मिलित पाई गई थी, जिसे शासनादेश दिनांक 28.06.2003 से पृथक कर क्षेत्रफल पंजी में इन्द्राज किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जबलपुर जिले में 1513 एवं कटनी जिले में 968 राजस्व ग्राम है। इन ग्रामों में से संरक्षित वन सर्वे में शामिल ग्रामों के खसरावार रकबे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं इन जिलों की असीमांकित संरक्षित वन (नारंगी क्षेत्र) में सर्वे में शामिल ग्रामों की खसरावार, रकबेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित अधिसूचना में खसरा एवं रकबे का विवरण उल्लेखित नहीं है। राज्य शासन के ज्ञाप क्रमांक 5/43/90/10-3/96 दिनांक 14.05.1996 से जारी निर्देशों के तहत असीमांकित संरक्षित वन (नारंगी क्षेत्र) सर्वे में शामिल भूमियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
कटनी नगर के वार्डों की सीमाओं में परिवर्तन
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 2002 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश नगरपालिक (वार्डों का विस्तार) नियम 1994 में वार्डों के विस्तार के लिए क्या प्रावधान नियत हैं और क्या कटनी नगर के अवधारित 45 वार्डों के परिसीमन की कलेक्टर कटनी द्वारा अनुशंसा विभाग को पत्र दिनांक 31/10/2019 से की गयी थी? यदि हाँ, तो की गयी अनुशंसा क्या थी और विभाग द्वारा किन कारणों से प्रस्ताव को अमान्य किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या प्रश्नकर्ता और अन्य नागरिकों/जनप्रतिनिधियों द्वारा वार्डों के परिसीमन को लेकर आपत्तियाँ दर्ज कराई गयी थीं? यदि हाँ, तो किस-किस के द्वारा क्या-क्या आपत्तियां दर्ज कराई गयी और आपत्तियों के किए गए निराकरण से अवगत कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या प्रस्तुत आपत्तियों पर नियमानुसार कार्यवाही न कर मनमर्जी से विभाग/शासन को परिसीमन का प्रस्ताव प्रेषित किया गया और विभाग द्वारा इस प्रस्ताव को अमान्य किया गया था? यदि हाँ, तो कटनी नगर के वार्डों का परिसीमन किस प्रकार और कब तक किया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में कटनी नगर के वार्डों के परिसीमन का संशोधित किस प्रकार एवं किस प्रक्रिया के अध्यधीन और कब तक विभाग को प्रेषित किया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वस्तुस्थिति यह है कि, नगरपालिक निगम, कटनी के वार्डों के परिसीमन के संबंध में प्राप्त दावे आपत्ति का प्रतिवेदन तथा अंतिम प्रकाशन हेतु प्रारूप के प्रेषण की जानकारी जिला कलेक्टर, कटनी द्वारा पत्र दिनांक 31.10.2019 द्वारा प्रेषित की गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। परिसीमन को लेकर आपत्तियों का निराकरण किया गया है। विभाग द्वारा नियमों के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार संशोधित प्रस्ताव चाहा गया है। कटनी नगर के वार्डों का परिसीमन मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 10 तथा मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम (वार्डों का विस्तार) नियम, 1994 में वर्णित प्रावधानुसार किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम (वार्डों का विस्तार) नियम, 1994 के नियम (2) में वर्णित प्रक्रियानुसार कटनी नगर के वार्डों के परिसीमन के संशोधित प्रस्ताव हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना पूर्ण होने की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 2003 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा किये गये प्रश्न क्र. 403 दिनांक 18.02.19 के उत्तर में नरसिंहपुर मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना पूर्ण होने की दिनांक 31/05/15 है जो आज दिनांक तक पूर्ण नहीं हुई है? मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना नरसिंहपुर कब तक पूर्ण होगी एवं जल आवर्धन योजना पूर्ण न होने के कारणों की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ख) समय-सीमा में मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना नरसिंहपुर पूर्ण न होने पर दोषियों पर क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या गोटेगांव एवं करेली मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना पूर्ण हो गई है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी प्रदान करें। (घ) यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण हो जावेगी? योजना पूर्ण न होने की विस्तृत जानकारी प्रदान करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरपालिका परिषद् नरसिंहपुर की जल आवर्धन योजना दिनांक 23.6.2018 को पूर्ण हो चुकी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नरसिंहपुर की मुख्यमंत्री जल आवर्धन योजना समय-सीमा में पूर्ण नहीं हुई है। स्वीकृत योजना में विद्युतीकरण का कार्य 3 कि.मी. ग्रामीण फीडर से किया जाना था। पर्याप्त विद्युत सप्लाई की उपलब्धता न होने के कारण चिनकी स्थित इन्टेकवेल से शहर तक एच.टी. फीडर लाइन ले जाने के कार्य की पुनरीक्षित स्वीकृति प्राप्त करने में 02 वर्ष का समय लगा साथ ही देवाकछार ग्राम के ग्रामीणों द्वारा ग्राम में से एच.टी. फीडर लाइन ले जाने में आपत्ति लगाई गई जिसके निराकरण में लगभग 01 वर्ष का समय लगा। इस कारण योजना का कार्य समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया जा सका, अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नगरपालिका गोटेगांव की जलावर्धन योजना के अंतर्गत वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, इंटेकवेल निर्माण, पानी की टंकी का निर्माण, पाइप-लाइन विस्तार का कार्य पूर्ण हो गया है, विद्युत लाइन विस्तार का कार्य प्रगति पर है। योजना का कार्य माह मार्च 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है योजना पूर्ण होने पर जल प्रदाय प्रारंभ किया जा सकेगा। नगरपालिका करेली की जल प्रदाय योजना के कुल 10 घटकों में से 8 घटकों का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष दो घटकों में वितरण पाइप-लाइन का कार्य लगभग 14 प्रतिशत शेष है तथा निर्माणाधीन 450 के.एल. क्षमता के ओव्हर हेड टेंक का कार्य मान. उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश से रूका हुआ है। निर्माण पर स्थगन के कारण कार्य की पूर्ण होने की संभावित अवधि बताया जाना संभव नहीं। योजनांतर्गत शेष घटकों के कार्य फरवरी 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित।
नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में संचालित में गौ-शालाएं
[पशुपालन]
165. ( क्र. 2005 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कांग्रेस के वचन पत्र के अनुसार कितनी नवीन गौ-शालायें नरसिंहपुर विधानसभा क्षेत्र में संचालित कर दी गई हैं? ग्रामवार, गौ-शालावार जानकारी प्रदान करें। (ख) उक्त गौ-शालाओं में कितने कितने मवेशी (गायें) पाली जा रही हैं? गौ-शालावार संख्या की जानकारी प्रदान करें। उक्त गौ-शालाओं में प्रत्येक गाय हेतु कितनी राशि घास, भूसा, दाना के लिये किस मद से किसको दी गई? (ग) उक्त गौ-शालाओं का संचालन किस संस्था या पंचायत को दिया गया है? नामवार जानकारी प्रदान करें। कौन सी गौ-शाला कब से संचालित की जा रही है? (घ) गौ-शाला निर्माण किस मद से कितनी कितनी राशि से निर्माण किस ऐजेन्सी द्वारा कराया गया है या किया जा रहा है? गौ-शाला निर्माण की समय-सीमा क्या है? (ड.) कलेक्टर नरसिंहपुर को 02/09/19 को आवारा पशुओं को गौ-शाला भिजवाने के संबंध में पत्र दिया गया है। पत्र के अनुसार विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र, नरसिंहपुर में ''मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना'' अंतर्गत 10 नवीन शासकीय गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है। गौ-शालाओं का संचालन अभी प्रारंभ नहीं हुआ है। निर्माणाधीन गौ-शालाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) गौ-शालाओं का निर्माण कार्य निर्माणाधीन है। गौ-शालाओं का संचालन वर्तमान में प्रारंभ नहीं हुआ है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) गौ-शालाओं का निर्माण पूर्ण होने के उपरांत गौ-शाला संचालित की जावेगी। गौ-शाला संचालन के लिए संबंधित ग्राम पंचायत उत्तरदायी होगी। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) गौशलाओं का निर्माण ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा योजना अंतर्गत कराया जा रहा है। प्रत्येक गौ-शाला निर्माण की स्वीकृत राशि रू. 27.72 लाख है। गौ-शालाओं का निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ड.) दिनांक 2.9.2019 के पत्र पर कार्यवाही करते हुए विभाग द्वारा कलेक्टर, नरसिंहपुर के पत्र क्र. 2833 दिनांक 14.11.2019 द्वारा तत्संबंध में जिले की 09 पंजीकृत क्रियाशील गौ-शालाओं में अतिरिक्त गौवंश रखने की क्षमता अनुसार नगरपालिका/नगर परिषद्/पंचायत के अधिकारियों को निर्देश पारित करने हेतु प्रभारी अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण (DUDA Narsingpur) को आदेशित किया गया है।
शौचालय निर्माण कार्य में अनयिमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
166. ( क्र. 2007 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की नगर परिषद् बोड़ा अंतर्गत शौचालय निर्माण योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक किन-किन हितग्राहियों के शौचालय निर्माण हेतु आवेदन निकाय में प्राप्त हुए तथा ऑनलाइन विभागीय पोर्टल पर दर्ज हुए? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न दिनांक तक कितने शौचालय पूर्ण/अपूर्ण तथा लंबित है? अपूर्ण/लंबित होने के कारणों सहित बतावें। क्या शासनादेशों के पालन एवं स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के लिए निकाय द्वारा पात्र हितग्राहियों को अपात्र या अन्य कारण दर्शाकर आवेदन निरस्त/डिलीट कर दिए तथा फर्जी आंकड़े की जानकारी देकर निकाय को ODF व ODF (+) की श्रेणी में दर्ज करा लिया गया है जबकि वर्तमान में नगर बोड़ा के लोग खुले में शौचालय जाने पर विवश है तथा शौचालय निर्माण कार्यों में अनियमितता की शिकायतों के साथ-साथ हितग्राहियों द्वारा नवीन शौचालय निर्माण के लिये चार-पाँच बार आवेदन करने उपरांत कोई कार्यवाही नहीं होने से बार-बार आवेदन किये जा रहे है, लेकिन निकाय द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्या शासन शौचालय निर्माण कार्य में हुई अनियमितता एवं गलत तरीके से पात्र हितग्राहियों के नाम पोर्टल से हटाकर उनका आवेदन निरस्त करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया की उच्च स्तरीय कमेटी से सूक्ष्मत: से जाँच करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) 968 आवेदन। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, अपितु प्राप्त आवेदनों में से 962 शौचालयों का निर्माण पूर्ण किया गया है। कोई भी निर्माण कार्य अपूर्ण एवं लंबित नहीं है। जी नहीं, योजना मानदण्डों के अनुसार अपात्र हितग्राहियों के 2 आवदेन निरस्त एवं 4 बन्द किये गये हैं। भारत सरकार के ओ.डी.एफ./ओ.डी.एफ.+ के मानदण्डों के अनुसार ही नगर को प्रमाणित किया गया है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 2008 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3504 दिनांक 26 जुलाई 2019 के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया है कि प्रकरण में जाँच के आदेश दिए गए हैं? प्रतिवेदन के आधार पर गुण-दोष के अनुसार कार्यवाही की जाएगी तथा प्रश्न क्रमांक 4284 दिनांक 26 जुलाई 2019 के उत्तर में बताया गया है कि प्रकरण में जाँच के आदेश दिये गए हैं? जाँच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी? यदि हाँ, तो उक्त दोनों जाँच आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रश्न दिनांक तक जाँच दल द्वारा उक्त दोनों प्रकरणों में जाँच पूर्ण कर प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया है? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन में क्या-क्या निष्कर्ष प्राप्त हुए तथा प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर किन-किन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक जाँच पूर्ण कर प्रतिवेदन अनुसार दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ, जाँच आदेशों की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) नगर परिषद् नरसिंहगढ़ का जाँच प्रतिवेदन प्राप्त हो गया है। नगर परिषद् बोड़ा का जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। उत्तरदायियों के विरूद्ध गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
नगरीय निकायों को योजनवार आवंटन में कटौती
[नगरीय विकास एवं आवास]
168. ( क्र. 2011 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले की नगरीय निकायों को वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक चुंगी, मूलभूत, राज्य वित्त आयोग, सड़क अनुरक्षण, स्टाम्प डयूटी की कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? वर्षवार, माहवार, मदवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मदों की राशि में प्रतिमाह कितनी-कितनी राशि जिले की नगरीय निकायों को जनसंख्या के आधार पर मिलना चाहिए? नगरीय निकायवार जानकारी देवें। यदि कटौती की गई है तो कटौती का कारण बताएं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्टाम्प ड्यूटी वर्ष 2017-18 वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में शुजालपुर, कालापीपल, अकोदिया, पोलायकलां से शासन को कितनी-कितनी आय हुई? इन तीनों वर्षों में कितनी-कितनी राशि नगरीय निकायों को शासन द्वारा दी गई? वर्षवार जानकारी यदि नहीं दी गई तो कारण बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मदों की राशि राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर वित्त विभाग से प्राप्त बजट आवंटन के आधार पर उपलब्ध करायी जाती है। बजट कम या अधिक प्राप्त होने पर समस्त नगरीय निकायों को समानुपातिक रूप से कम या अधिक कर राशि जारी की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनांतर्गत राशि का आवंटन
[अनुसूचित जाति कल्याण]
169. ( क्र. 2012 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना अंतर्गत 01 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि का आवंटन दिया गया है? विधान सभा क्षेत्रवार स्वीकृत कार्यों एवं आवंटन की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनाओं में राशि का आवंटन नियमों के अधीन होता है या प्रभारी मंत्री की इच्छा पर आवंटन किया जाता है? यदि नियमों के अधीन आवंटन किया जाता है तो फिर शुजालपुर विधान सभा क्षेत्र के प्राप्त प्रस्तावों को नियमानुसार स्वीकृति क्यों प्रदान नहीं की गई? शासन द्वारा राशि आवंटन की क्या गाईड-लाइन निर्धारित की गई है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जिला शाजापुर में अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजनान्तर्गत 01 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 122.62 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। विधानसभावार, क्षेत्रवार स्वीकृत कार्यों एवं आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। (ख) अनुसूचित जाति बस्ती विकास योजना नियम 15 मई 2018 की कंडिका 4.3 अनुसार जिला स्तर पर जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा कार्यों का चयन किये जाने संबंधी निर्देश हैं तदनुसार ही जिला शाजापुर में जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा ही कार्यों का चयन किया गया है। शुजालपुर विधानसभा क्षेत्र के प्राप्त प्रस्तावों में भी नियमानुसार स्वीकृति जारी की गई है। नियम की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
सागर संभाग अंतर्गत कार्यशील खनिज खदानों की जानकारी
[खनिज साधन]
170. ( क्र. 2023 ) श्री तरबर सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग के अंतर्गत रॉक फास्फेट की कितनी खदानें है, जिसमें से कितनी शासकीय और कितनी निजी हैं तथा कब से कब तक की स्वीकृति है? (ख) माईनिंग कार्पोरेशन के अन्तर्गत कितनी खदानों का आवंटन हो गया है व कितनी का आवंटन बांकी है? (ग) सागर संभाग में कौन-कौन से मेजर मिनरल्स पाये जाते हैं? (घ) सागर जिले में काले पत्थर की कितनी खदानों को शासन से लीज प्राप्त है तथा यह किसके नाम पर और कब से कब तक की स्वीकृति है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार सागर संभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट माईनिंग कार्पोरेशन को रॉक फास्फेट की 02 खदानें खनिपट्टे पर स्वीकृत हैं। शेष 02 रॉक फास्फेट धारित क्षेत्र क्रमश: ग्राम मड़देवरा, जिला छतरपुर रकबा 70.70 हेक्टेयर एवं ग्राम हीरापुर, जिला सागर रकबा 31.00 हेक्टेयर का आवंटन शेष है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) सागर जिले में काला पत्थर की स्वीकृत खदानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।
आदिवासियों को पट्टे का प्रदाय
[आदिमजाति कल्याण]
171. ( क्र. 2025 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत शासकीय वन भूमि में आदिवासी समाज के लोग आबाद हैं? इन्हें इनकी आबादी के पट्टे भी प्रदाय किये गये हैं तथा शासकीय कृषि योग्य वन भूमि इन्हें कृषि कार्य के लिये दी जाती है एवं इनमें से कई लोगों को पट्टा भी प्रदाय किया जा चुका है तथा शेष लोगों को पट्टा आवंटन का प्रकरण कार्यवाही में है? क्या इन आदिवासियों को कृषि कार्य हेतु प्राप्त जमीन में कृषि कार्य नहीं करने दिया जा रहा है। यदि हाँ, तो क्या सरकार आदिवासी कल्याण को ध्यान में रखते हुए आदिवासियों को प्राप्त जमीन में कृषि कार्य करने हेतु समुचित सहयोग प्रदान करेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या सरकार आदिवासियों को कृषि कार्य करने हेतु दी गई वन भूमि में कृषि कार्य करवाकर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत करायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ, रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 589 दावा आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 255 पात्र पाये गये आदिवासियों के दावा मान्य कर हक प्रमाण-पत्र आदिवासियों को आवासीय एवं कृषि कार्य करने हेतु वितरण किये गये थे, अभी तक इस कार्यलय को ऐसी कोई शिकायत नहीं प्राप्त हुई है, कि कृषि कार्य नहीं करने दिया जा रहा है। यदि ऐसी शिकायत प्राप्त होती है, तो नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
आदिवासियों को कृषि कार्य करने हेतु दी गई वन भूमि
[वन]
172. ( क्र. 2026 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में विधानसभा क्षेत्र सेमरिया के वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम कटाई ग्राम पंचायत दुआरी तहसील सिरमौर में वन भूमि में आदिवासी अवासरत हैं? इन्हें इनके आवास का पट्टा भी प्रदाय किया गया है। साथ ही वन क्षेत्र में ही कृषि योग्य जमीन इन्हें कृषि कार्य के लिये अवंटित की गई है। इनमें कई लोगों को पट्टा भी प्राप्त हो चुका है एवं शेष को पट्टा प्रदाय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। क्या ये पात्र आदिवासी उस जमीन में पट्टा प्राप्त करने के बाद भी कृषि कार्य नहीं कर पा रहे है? क्या सरकार आदिवासी हित चिंतन को ध्यान में रखते हुये आदिवासी को दी गई जमीन में आदिवासियों को कृषि कार्य करने देगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्राकश में क्या सरकार आदिवासियों को कृषि कार्य करने हेतु दी गई वन भूमि में कृषि कार्य करने हेतु दी गई वन भूमि में कृषि कार्यवाकर कर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत करायेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले में विधान सभा क्षेत्र सेमरिया के वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम कटाई ग्राम पंचायत दुआरी तहसील सिरमौर में वन अधिकार अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के तहत 07 पात्र आदिवासियों को आवास एवं कृषि कार्य का वन अधिकार पत्र वितरित किये गये हैं। वन अधिकार पत्रधारियों को उनके द्वारा कृषि कार्य करने पर वन विभाग द्वारा किसी भी तरह की कोई रोक नहीं लगाई गई है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता
उज्जैन दुग्ध संघ में अनियमितता
[पशुपालन]
173. ( क्र. 2029 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम के विपरीत उज्जैन दुग्ध संघ निविदा सम्पन्न कर सकता है? अगर नहीं तो विगत 4 वर्षों से एक ही फर्म को ठेका क्यों दे रखा है? क्या टेण्डर लेने के बाद कार्य दूसरी फर्म को देकर करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) उपविधि अनुसार समितियों से अन्य प्रायवेट फर्मों को घी एवं दुग्ध उत्पात कम रेट में दिया जा सकता है या नहीं दिया जा सकता है? अगर दिया गया है तो किन-किन फर्मों को दिया गया है तथा उसके रेट क्या रहे हैं? 2011 से लेकर 2017 तक की जानकारी दी जाये? (ग) शासन से प्राप्त सिंहस्थ मद की राशि से संघ द्वारा खरीदी गई सामग्री जैसे डी-फ्रीज पार्लर दुग्ध क्रेन व कोल्ड स्टोर विस्तारीकरण किया गया। उक्त कार्य हेतु किस की स्वीकृति ली गई? क्या उक्त सामग्री ऐप्रूव्ड संस्थान से ली गई व किन-किन से टेंडर मंगवाये गये? खरीदी गई सामग्री आज की स्थिति में कहाँ और किस स्थिति में है? उपरोक्त कार्यों में स्वीकृति से अधिक कितना खर्च किया गया है? (घ) क्या दिल्ली दुग्ध बिक्री किया गया था, जिसमें कितना दूध गया व कितना बिक्री हुआ व कितना शेष बचा? किन शर्तों पर अन्य दूध बेचा गया एवं शेष बचा दूध क्या भाव से बिक्री हुआ जिससे दुग्ध संघ को कितना नुकसान हुआ एवं दिल्ली में दूध बिक्री की कितनी लेनदारी बची है? अगर बची तो अभी तक वसूली क्यों नहीं हुई? उक्त समय अन्य प्रायवेट डेयरी से कितना कम रेट में बेचा गया? (ड.) कितने-कितने क्रेट किस-किस फर्म से लेना शेष है और उक्त फर्म पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? उक्त फार्म को ब्लैक लिस्टेड कर वसूली क्यों नहीं की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) प्रकरण में प्रथम दृष्टया एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि. (एम.पी.सी.डी.एफ.) भोपाल द्वारा निर्धारित क्रय प्रक्रिया का उल्लंघन होने से फलस्वरूप विस्तृत जाँच के आदेश दिये गये हैं। (ख) दुग्ध सहकारी समितियों स्वतंत्र रूप से पंजीकृत इकाई है एवं वे लाभात्मकता को दृष्टिगत रखते हुए दुग्ध उत्पादकों का विक्रय करने हेतु स्वतंत्र है। समितियों के विक्रय का रिकार्ड संघ स्तर पर नहीं रखा जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन जानकारी के संबंध में विभागीय जाँच प्रचलन में है एवं जाँच उपरान्त स्थिति स्पष्ट की जा सकेगी। (घ) संघ द्वारा वर्ष 2013-14 में दिल्ली में पैक्ड दूध विक्रय किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। विक्रय अवधि में संघ को रूपये 1.43 करोड़ की हानि हुई एवं वर्तमान में रूपये 60, 49, 706.00 की राशि वितरकों से लेना शेष है जिसकी वसूली के लिये संघ द्वारा संबंधित पार्टियों के विरूद्ध माननीय न्यायालय में प्रकरण दायर किया गया है। तत्समय उज्जैन दुग्ध संघ के दूध की उपभोक्ता दर अधिकांशत: मदर डेयरी के समान रखी गई है। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
माध्यमिक विद्यालयों का हाई स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
174. ( क्र. 2030 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा प्रश्न क्र. 2391 दिनांक 26/07/2019 प्रश्नांश (क) के उत्तर में बताया गया कि वर्ष 2019-20 में माध्यमिक से हाई स्कूल से हायर सेकेण्डरी स्कूलों के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तो क्या प्रक्रिया पूर्ण हो गई है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से क्षेत्र के शासकीय माध्यमिक विद्यालयों का हाई स्कूल में उन्नयन करने की मांग पर मुख्यमंत्री के पत्र क्र. 3659/सीएमएस/एमएलए/212/2019 दिनांक 30/09/2019 के परिपालन में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा द्वारा कार्यवाही कर कितने माध्यमिक विद्यालयों का हाई स्कूल में उन्नयन किया गया है? नाम सहित संपूर्ण विवरण दें। (ग) क्या उज्जैन जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा शासकीय माध्यमिक विद्यालय निपानिया व शासकीय माध्यमिक विद्यालय भीकमपुर की स्वीकृति प्रदान करते हुए प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो क्या हाई स्कूल प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है? (घ) नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में कितने प्राथमिक विद्यालय/माध्यमिक विद्यालय के भवन निर्माण एवं जीर्ण-शीर्ण शालाओं की मरम्मत हेतु राशि स्वीकृत की गयी है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) वर्ष 2019-20 में शाला उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अशोकनगर जिलांतर्गत संचालित अंत्यावसायी सहकारी समिति की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
175. ( क्र. 2037 ) श्री जजपाल सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति में कितने पद स्वीकृत हैं व इनके विरूद्ध पदभार पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के नाम बताएं (ख) अशोकनगर जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति द्वारा कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित की जा रही हैं? पिछले वित्तीय वर्ष में किन-किन योजनाओं के तहत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? नाम बताएं। (ग) अशोकनगर जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति द्वारा किन-किन गैर शासकीय संगठन/ संस्थाओं (NGO) को प्रशिक्षण हेतु चिन्हांकित कर कार्य दिया गया? युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री, स्वरोजगार योजना एवं आर्थिक कल्याण योजना द्वारा पृथक-पृथक कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) अशोकनगर जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति में कार्यपालन अधिकारी-एक पद, क्षेत्राधिकारी-एक पद, सहायक ग्रेड 3-एक पद एवं भृत्य का एक पद इस प्रकार कुल 4 पद स्वीकृत हैं। कार्यपालन अधिकारी का प्रभार श्री विवेक नागवंशी, जिला संयोजक, आदिम जाति, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के पास है। (ख) अशोकनगर जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना एवं सावित्री बाई फुले स्व-सहायता योजना संचालित की जा रही है। पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में युवा उद्यमी योजना में 2, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 71 एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में 51, कुल 124 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। योजनावार, नामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) अशोकनगर जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा गैर शासकीय संगठन/संस्थाओं (एन.जी.ओ.) को प्रशिक्षण हेतु चिन्हांकित जिला स्तर से नहीं किया जाकर मुख्यालय भोपाल स्तर से किया जाता है। वर्ष 2018-19 में निगम मुख्यालय स्तर से चयनित संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। युवा उद्यमी योजना में 2, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 71 एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना में 51 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया।
नगर पंचायत के विकास कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
176. ( क्र. 2041 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पंचायत लटेरी जिला विदिशा में 1 अप्रैल 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है व उक्त आवंटन के विरूद्ध कौन-कौन से कार्य संपादित कराये गये हैं तथा उनमें कितनी-कितनी राशि व्यय की गई है? वर्षवार, पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) नगर पंचायत लटेरी में सिरोंज चौराहे से जय स्तंभ चौक एवं हॉस्पिटल के पास तक सी.सी. रोड निर्माण डिवाईडर, फुटपाथ एवं स्ट्रीट लाइट लगाने की कार्ययोजना के लिए किस मद से कितनी राशि स्वीकृत हुई? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। क्या उक्त कार्य की तकनीकी स्वीकृति हुई? यदि हाँ, तो तकनीकी स्वीकृति मय दिनाँक के उपलब्ध करावें। क्या उक्त निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो आज दिनाँक तक निर्माण कार्य में विलंब क्यों हुआ? इस कार्य के विलंब के लिए दोषी कौन है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्या अब कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या नगर पंचायत लटेरी द्वारा उक्त सड़क के संशोधन पृथक-पृथक डी.पी.आर. के प्रस्ताव भेजे गये हैं? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हई? क्या इस संबंध में पत्राचार हुआ? यदि हाँ, तो पत्रों का विवरण उपलब्ध करावें। पृथक-पृथक डी.पी.आर. के प्रस्ताव क्यों भेजे गये? कारण सहित बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में नगर पंचायत लटेरी में वर्ष 2014 से प्रश्नांकित दिनाँक तक समस्त प्रकार की सामग्री जैसे विद्युत, सफाई, स्वच्छता, मुरूम, चूरी, कोपरा आदि सामग्री क्रय की गई एवं सामग्री क्रय एवं निर्माण कार्य हेतु कौन-कौन सी निविदाएं आमंत्रित की गई हैं? उक्त निविदाओं के माध्यम से क्या-क्या सामग्री किस फर्म से किस आदेश के तहत क्रय की गई है? फर्म को किस आदेश के तहत तथा कितनी राशि का भुगतान किया गया है? क्या उक्त सामग्री मानकों को पूर्ण करती है? सामग्री का सत्यापन, मूल्यांकन किस अधिकारी द्वारा किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) नगर परिषद् लटेरी को सिरोंज चौरहे से जय स्तम्भ चौक एवं हॉस्पिटल के पास तक सी.सी. रोड निर्माण के लिये विशेष निधि से राशि रू. 100.00 लाख वर्ष 2018-19 में स्वीकृत हुई। प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति जारी नहीं की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है।
खरीदी कार्यों में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
177. ( क्र. 2043 ) श्री मनोज चावला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद् ताल जिला रतलाम में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 के बीच स्वच्छता, पेयजल तथा विद्युत विभाग में विभिन्न खरीदी कार्यों में गंभीर आर्थिक अनियमितताओं को लेकर निकाय के पार्षदों द्वारा की गई शिकायत पर शासन द्वारा जाँच की गई थी? (ख) क्या प्रथम दृष्टया संयुक्त संचालक द्वारा की गई जाँच में निकाय में अध्यक्ष व सी.एम.ओ. द्वारा करोड़ों रुपये की आर्थिक अनियमितता करना साबित हुआ है? यदि हाँ, तो उक्त जवाबदार जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर इनसे राज्य शासन वसूली की कार्यवाही करने जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) संभागीय संयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा शिकायत की जाँच की गई। जाँच में श्रीमती श्वेता संजय बंटी अध्यक्ष एंव श्री अरूण पाठक, तत्कालीन प्र.मु.न.पा.अधि सुश्री गरिमा पाटीदार, तत्कालीन मु.न.पा.अधि श्री दयाराम चणवत, तत्कालीन प्र.मु.न.पा.अधि., श्री संजय चौधरी, तत्कालीन प्र.मु.न.पा.अधि., सुश्री कीर्ति चौहार, तत्कालीन मु.न.पा.अधि. एवं श्री सुरेन्द्र सिंह पंवार तत्कालीन प्र.मु.न.पा.अधि. नगर परिषद् ताल जिला रतलाम प्रथम दृष्टया अनियमितता के लिये उत्तरदायी पाये गये हैं। उत्तरदायी पाये गये पदाधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
हितग्राहियों को भवन उपलब्ध कराया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
178. ( क्र. 2044 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निशातपुरा (पन्नानगर) बैरसिया रोड के जूनियर एम.आई.जी. भवन में वर्ष 2011-12 पंजीकृत कितने हितग्राही शेष हैं जिन्हें आज दिनांक तक बोर्ड द्वारा भवन उपलब्ध नहीं कराया गया है? क्या यही शासन की नीति है कि आवेदकों से राशि जमा कराकर भवन उपलब्ध कराने की कोई मंशा नहीं है। (ख) क्या शेष पंजीकृत आवेदकों को नगर निगम सीमा के अन्तर्गत भवन उपलब्ध कराने पर बोर्ड द्वारा विचार किया जा रहा है। यदि हाँ, तो इन्हें कब तक भवन/ भू-खण्ड उपलब्ध करा दिया जावेगा? (ग) क्या पंजीकृत हितग्राहियों को यदि भवन उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो बोर्ड द्वारा जमा राशि का भुगतान हितग्राहियों को ब्याज सहित आज दिनांक तक राशि का भुगतान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) बैरसिया रोड स्थित निशातपुरा पन्नानगर (देवकी नगर) की जूनियर एम.आई.जी. भवनों की योजना पुनरीक्षित हो जाने के कारण हितग्राहियों को वर्ष 2011-12 में पंजीकृत आवंटियों में से केवल 03 पंजीकृत आवंटी शेष है। जी नहीं। (ख) जी हाँ। शेष 03 पंजीकृत आवेदकों को नगर निगम सीमा एवं संभाग के अंतर्गत इसी भूमि के पास निर्मित/निर्माणाधीन योजना में रिक्त भवनों को क्रय करने हेतु निवेदन किया गया है, परंतु इनके द्वारा इस पर कोई सहमति नहीं दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पंजीकृत हितग्राहियों को मंडल द्वारा पूर्व में ही उनकी जमा राशि दिनांक 20.07.2015 तक ब्याज सहित वर्ष 2015 में ही वापस कर दी गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
युवा स्वाभिमान योजनांतर्गत युवाओं को प्रशिक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
179. ( क्र. 2045 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजनान्तर्गत म.प्र. में कितने युवाओं को किन-किन ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है? योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक कितने युवाओं को किन-किन ट्रेडों में प्रशिक्षण देकर 100 दिवस हेतु किन-किन नगर निगम, नगरपालिका, नगर परिषदों में अस्थाई रोजगार दिया गया? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभिन्न ट्रेडों में युवाओं को प्रशिक्षण देने हेतु कौन-कौन सी एजेन्सी से प्रशिक्षण कार्य करवाया गया? कितने युवाओं ने पूरा प्रशिक्षण प्राप्त किया? निकायवार जानकारी देवें। (ग) युवा स्वाभिमान योजना में कितने युवाओं ने पशु हांकने, बैंड बजाना सीखने वाले ट्रेडों में भाग लिया? निकायवार सूची देवें। (घ) जिला आगर मालवा अन्तर्गत नगरपालिका आगर, नगर परिषद् बड़ौद, नलखेड़ा, सुसनेर व कानड़ में कितने युवा, युवा स्वाभिमान योजना में प्रशिक्षण प्राप्त कर स्टाइपेंड/बेरोजगारी भत्ता 4000 रु प्राप्त कर रहे है निकायवार सूची देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना अंतर्गत मध्यप्रदेश में 29915 युवाओं को 27 ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, नगरीय निकायवार एवं ट्रेडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी निरंक है। (घ) जिला आगर-मालवा अंतर्गत नगरपालिका परिषद् आगर में 54 युवाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है तथा 46 युवाओं को स्टाइपेंड राशि का भुगतान किया गया है। शेष निकायों बडौद, नलखेड़ा, सुसनेर व कानड़ में कौशल विकास विभाग द्वारा प्रशिक्षण प्रारंभ नहीं किया जा सका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
पौधा रोपण में अनियमितता
[वन]
180. ( क्र. 2047 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1515 दिनांक 12/7/2019 के उत्तर के संदर्भ में बतावे कि वन विभाग द्वारा रोपे गए पौधों पर कितनी राशि खर्च हुई? (खण्ड-ख) इसका उत्तर नहीं दिया गया। उत्तर दिलावें तथा बतायें कि पुन: जाँच निर्देश देने के बाद जाँच रिपोर्ट में क्या पाया गया जाँच रिपोर्ट की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के संदर्भ में बतावें कि 2014-15 से 2018-19 तक, इन 5 वर्षों में प्रतिवर्ष कितने-कितने पौधे रोपे गये तथा अक्टूबर 2019 तक उन पौधों में जीवित पौधों की संख्या कितनी है? क्या 2014-15 में 4 करोड़ बीस लाख पौधे रोपे गए? यदि हाँ, तो बतावें कि इन पौधों के लिए कितनी भूमि की आवश्यकता होती है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वर्ष में वर्षवार कितना-कितना खर्च आया? क्या प्रश्न क्र. 1575, दिनांक 4/7/19 में दी गई सूची अनुसार एक पौधे पर 695 रु. तक खर्च आया? औसत अधिकांश पौधों पर खर्च 150 से 200 रु. से ज्यादा है, बतावें कि उपरोक्त वर्षों में 1 पौधे पर औसत कितना खर्च आया? (घ) क्या 2015-16 से 2018-19 तक लगाये गए पौधों में रख-रखाव पर 150 करोड़ रूपया खर्च हुआ है? यदि हाँ, तो बतावें कि पौधे लगाने तथा रख-रखाव पर इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बाद क्या वन विभाग सघनता को प्राप्त कर सका है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वन विभाग द्वारा वर्ष 2014 से दिसम्बर 2018 तक रोपित किये गये पौधों पर अद्यतन राशि रूपये 1062.83 करोड़ व्यय की गयी। प्रश्न क्रमांक-1515 के प्रश्नांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में नर्मदा सेवा यात्रा 2016-17 के दौरान पौधा रोपण का स्थलवार विवरण तथा उक्त पौधे लगाने पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान लगाये गये पौधे शासकीय/गैर शासकीय संस्थाओं के परिसर/स्थल आदि में अल्प मात्रा में रोपित किये जाने के कारण विभाग द्वारा इनकी जीवितता प्रतिशत का मूल्यांकन नहीं किया गया है। जीवितता का मूल्यांकन कराया जा रहा है। नर्मदा यात्रा 2016-17 के दौरान किये गये पौधारोपण की पुन: जाँच के कोई निर्देश नहीं दिये गये हैं, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्ष 2014-15 में 41907514 पौधे 50341 हेक्टेयर भूमि पर रोपित किये गये। वन क्षेत्रों में रोपण कार्य क्षेत्र की आवश्यकता अनुसार विभिन्न माडल अनुसार भिन्न अंतराल पर किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) प्रश्न क्रमांक-1575, दिनांक 04.07.2019 विभाग में प्राप्त नहीं हुआ है, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष जानकारी उत्तरांश ''ख'' के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक लगाये गये पौधों के रख-रखाव पर राशि रूपये 148.77 करोड़ का व्यय हुआ है। रोपित पौधे अभी मात्र 1 से 5 वर्ष की आयु के हैं, जिनका कालान्तर में वृक्ष के रूप में छत्र विकसित होने पर सघनता वृद्धि में सहायक होगा।
प्राथमिक तथा माध्यमिक विद्यालयों एवं शिक्षकों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
181. ( क्र. 2048 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1512 दिनांक 12 जुलाई 2019 के संदर्भ में बतावें की खण्ड (क) में कक्षा 1 से 8 तक शासकीय शालाओं में 30% से अधिक की कमी होने पर जो जिन कारण बताया गया उससे संबंधित नोटशीट तथा दस्तावेज की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) जिला शाजापुर में 2010-11 तथा 2018-19 में कितनी-कितनी प्राथमिक तथा माध्यमिक शालाएं हैं तथा उसमें किस-किस केटेगिरी के कितने-कितने शिक्षक हैं तथा नामांकन की संख्या क्या है? (ग) जिला शाजापुर में वर्ष 2010-11 तथा 2018-19 में प्राथमिक तथा माध्यमिक कक्षा के निजी विद्यालय कितने हैं? कक्षा 1 से 8 तक निजी विद्यालयों में नामांकन क्या-क्या है तथा शिक्षकों की संख्या कितनी है? (घ) वर्ष 2018-19 में स्कूल शिक्षा की बजट राशि क्या है तथा बतावें कि 2010-11 की तुलना में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई? क्या सरकार यह मानती है कि शासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के नामांकन में वर्ष 2010-11 से 2018-19 तक निरंतर कमी चिन्ता का विषय है? यदि हाँ, तो इस अवधि में नामांकन बढ़ाने के लिए वर्षवार क्या-क्या प्रयास किये गये तथा उन पर कितना-कितना व्यय किया गया तथा अपेक्षित परिणाम मिले? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 4 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 पर है। (घ) वर्ष 2018-19 में विभाग के बजट की राशि 21724.05 करोड़ है जो वर्ष 2010-11 की तुलना में 449.71 प्रतिशत की वृद्धि है। जी हाँ। इस अवधि में नामांकन बढ़ाने हेतु पड़ोस की सीमा में नवीन प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला की स्थापना के साथ-साथ कमजोर एवं वंचित वर्ग के बालक/बालिकाओं के लिये आवासीय शिक्षा की सुविधा के साथ-साथ शाला से बाहर बच्चों के लिये आवासीय एवं गैर आवासीय प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की गई। शत्-प्रतिशत नामांकन हेतु प्रतिवर्ष 'स्कूल चले हम अभियान' का आयोजन जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न विभागीय अधिकारियों के सहयोग से किया गया। इन प्रयासों से शाला से बाहर बच्चों की संख्या में कमी आई है। वर्षवार व्यय विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 पर है।
खदानों के आवंटन हेतु शासन की नीति
[खनिज साधन]
182. ( क्र. 2051 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले की टप्पा तहसील उन्हैल में वर्ष 2015 से आज दिनाँक तक कहाँ-कहाँ मुरूम-गिट्टी की कितनी खदानें किस-किस व्यक्ति को आवंटित की गई? क्या घट्टिया तहसील में संचालित बॉटलिंग प्लॉट के पास गिट्टी की खदान का आवंटन किया गया है? खदानों के आवंटन में किस प्रक्रिया का पालन किया गया? खदानों के आवंटन के लिए शासन के क्या दिशा-निर्देश व नियम हैं? क्या ग्राम आक्यानजिक में ग्राम आबादी व स्कूल के पास ही खदान आवंटित की गई है जिससे ग्रामीणजनों व स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को दुर्घटना का भय बना रहता है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित खदानों में से कहाँ-कहाँ और किस-किस खदान के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई और उन पर क्या कार्यवाही की गई? जाँच में किस आवंटित खदान का ठेकेदार दोषी पाया गया? क्या कार्यवाही की गई? शिकायतों की छायाप्रतियां देवें। (ग) क्या एल.पी.जी. गैस बॉटलिंग प्लांट घट्टिया में गिट्टी की खदान का आवंटन 200 मीटर की दूरी पर किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) उज्जैन जिले की टप्पा तहसील उन्हैल में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक गिट्टी खनिज की 11 खदानें आवंटित की गई हैं। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। मुरूम की कोई खदान आवंटित नहीं है। जी हाँ। मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियमों के अंतर्गत खदान का आवंटन किया गया है। खदानों के आवंटन में मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियमों का पालन किया गया है। यह नियम अधिसूचित है। जी नहीं, ग्राम आक्यानजिक में खदान का आवंटन मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के अंतर्गत किया गया है। जिससे अध्ययनरत बच्चों को दुर्घटना जैसी कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार आवंटित खदानों में से 01 पट्टेदार श्री रमेश नादेड़ा के पक्ष में ग्राम आक्यानजिक तहसील नागदा में स्वीकृत खदान के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत की जाँच खनि निरीक्षक से कराई गई है। जाँच में कोई पट्टेदार दोषी नहीं पाया गया है। शिकायत की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर तथा जाँच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (ग) मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियमों के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक क्षेत्र से नियमानुसार बॉटलिंग प्लांट से दूरी छोड़कर खदान आवंटित की गई है।
अनुसूचित क्षेत्र का विकास एवं उत्थान
[आदिमजाति कल्याण]
183. ( क्र. 2052 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र के विकास एवं उत्थान के लिये मध्यप्रदेश सरकार को कितनी धनराशि किन-किन योजनाओं के तहत विभागवार प्राप्त हुई? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) शहडोल परियोजना क्षेत्र, सोहागपुर जिला शहडोल में विगत तीन वर्ष में किन-किन मद में किन-किन योजनाओं में कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ पर, कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण तथा अप्रारंभ हैं एवं क्यों? कार्यवार कारण बतावें। साथ ही किन-किन कार्यों में निर्माण एजेंसी को प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति किसने कब दी? (ग) उक्त अवधि में अनुसूचित क्षेत्र हेतु केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि के दुरूपयोग एवं मद परिवर्तन कर राशि का उपयोग संबंधी क्या कोई शिकायतें प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उन पर क्या कार्यवाही की गई?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। केन्द्र से विभिन्न विभागों को प्रदाय की जा रही आदिवासी उपयोजना मद में राशि केन्द्र शासन का विषय है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। विभाग द्वारा कृषि विभाग को विस्तृत जाँच हेतु प्रेषित किया गया है तथा इस संबंध में विधानसभा स्तर से जाँच समिति भी गठित की गई है।
सहायक आयुक्त की पदस्थापना
[आदिमजाति कल्याण]
184. ( क्र. 2053 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत दो वर्ष के दौरान कितने सहायक आयुक्त (आदिम जाति कल्याण विभाग) शहडोल में पदस्थ रहे? वर्तमान में सहायक आयुक्त के पद पर शहडोल में कौन पदस्थ है तथा विभाग में इनका मूल पद कौन सा है व किस वेतनमान के हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त अधिकारी क्या जिला बड़वानी में भी पदस्थ रहे हैं? यदि हाँ, तो बड़वानी जिले में इनकी पदस्थापना के दौरान इन्हें किन आरोपों के कारण निलंबित किया गया था? निलंबन के कारण, आरोप पत्र तथा जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें तथा किस आधार पर इन्हें बहाल किया गया? बतावें। (ग) उक्त अधिकारी के शासकीय सेवा में रहते हुये इनके खिलाफ कब-कब, कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? जाँच प्रतिवेदन एवं की गई शिकायतों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या दिनाँक 30 जून, 2018 को आयोजित बैगा सम्मेलन सह विकास यात्रा, लालपुर जिला शहडोल हेतु सहायक आयुक्त द्वारा DDO कोड क्रमांक 3702506000 के माध्यम से रूपये सात लाख पचहत्तर हजार आठ सौ पैंसठ की राशि निकालकर सम्मेलन में खर्च की गई थी? यदि हाँ, तो व्यय की गई राशि का सत्यापन किस अधिकारी के द्वारा कब किया गया तथा क्या यह नियमानुकूल था? (ड.) प्रश्नांश (ख) एवं (घ) के प्रकाश में क्या वर्तमान में पदस्थ सहायक आयुक्त को निलंबित कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) विगत दो वर्ष के दौरान आदिम जाति कल्याण विभाग शहडोल जिले में निम्नांकित सहायक आयुक्त पदस्थ रहे है - (1) श्री नरोत्तम सिंह बरकडे, सहायक आयुक्त, अवधि 10.08.2018 से 03.10.2018 तक (2) श्री सुरेश अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर, अवधि 04.10.2018 से 06.02.2019 तक (3) श्री रणजीत सिंह धुर्वे, प्राचार्य प्रथम श्रेणी अवधि 07.02.2019 तक (4) श्री आर.के. श्रौती, सहायक आयुक्त, अवधि 01.03.2019 से अभी तक वर्तमान में श्री आर.के. श्रौती सहायक आयुक्त के पद पर पदस्थ हैं तथा इनका मूलपद सहायक आयुक्त है, इनका वेतनमान रू. 67300-206900 है। (ख) जी हाँ। इन्हें भ्रष्ट आचरण के लिए निलंबित किया गया था। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार। (घ) जी नहीं। (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नगरपालिका में लम्बित नामांतरण प्रकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
185. ( क्र. 2056 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनाँक तक जिला मुरैना की नगरपालिकाओं में सम्पत्ति नामांतरणों के कितने प्रकरण लंबित हैं? आवेदकों के नाम सहित जानकारी बतायें तथा कितने दिनों में नामांतरण किये जाने के शासन के निर्देश हैं? नामांतरण प्रकरणों को लंबित रखने के लिये कौन-कौन दोषी है तथा इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ख) नगरपालिका गोहद (भिण्ड) द्वारा किन-किन आवेदकों का निर्धारित शुल्क जमा कर विज्ञप्ति जारी करने की समय-सीमा उपरांत भी अभी तक नामांतरण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा इसके लिए कौन-कोन दोषी है? नामांतरण कब तक कर दिया जावेगा? (ग) क्या सी.एम.ओ. नगरपालिका गोहद (भिण्ड) द्वारा उक्त प्रकरणों में सूचना के अधिकार के तहत चाही गई जानकारी भी नहीं दी गई तथा शासन को गलत जानकारी दी जाकर गुमराह किया जा रहा है? यदि हाँ, तो संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) लंबित प्रकरणों की सूची तथा लंबित रहने के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जानकारी अनुसार लंबित प्रकरणों के लिए कोई दोषी नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) वस्तु स्थिति यह है कि सूचना के अधिकार के अंतर्गत आवेदक श्री राधेश्याम गुप्ता को जानकारी अप्राप्त रहने पर उनके द्वारा प्रस्तुत द्वितीय अपील राज्य सूचना आयोग में प्रचलित है। माननीय आयोग के आदेशों के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष का प्रश्न नहीं है।
वन प्राणियों की गणना
[वन]
186. ( क्र. 2057 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन प्राणियों की गणना विभाग द्वारा की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान/अभ्यारणों में वित्तीय वर्ष 1995 से आज दिनांक तक कब-कब गणना की गई? प्रत्येक उद्यानवार वन्य प्राणियों की संख्या बताइये।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ (ख) प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान/अभ्यारणों में वर्ष 1995 से वर्ष 2005 तक प्रतिवर्ष संरक्षित क्षेत्रवार वन्यप्राणी गणना की गई है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2006 से अखिल भारतीय बाघ गणना की गणना प्रत्येक 04 वर्ष के अंतराल में वर्ष 2006, 2010, 2014 एवं 2018 में की गई है। उक्त गणना प्रदेश एवं भू-दृश्यवार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली, राज्य शासन एवं भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून द्वारा मिलकर संयुक्त रूप से बाघों की आंकलित संख्या एवं अन्य वन्यप्राणियों का घनत्व जारी किया जाता है। वर्ष 2006 से 2018 तक के बाघ गणना के आंकड़े पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आदिवासी परियोजनाओं को केन्द्र शासन से प्राप्त राशि
[आदिमजाति कल्याण]
187. ( क्र. 2058 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 से आज दिनांक तक विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) के तहत केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है एवं कितनी-कितनी राशि पात्रतानुसार आदिवासी परियोजनाओं को एवं लाइन विभागों को जारी की गई? (ग) क्या आदिवासी परियोजनओं को केन्द्र सरकार से प्राप्त राशि पात्रतानुसार आवंटन के नियम/आदेश/निर्देश है? यदि हाँ, तो क्या उसका पालन किया जा रहा है या नहीं?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) भारत सरकार द्वारा आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता एवं संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद अन्तर्गत जारी दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। भारत सरकार से प्राप्त स्वीकृति अनुसार राशियों का आवंटन किया जाता है।
विकास कार्य हेतु कार्ययोजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
188. ( क्र. 2059 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्वाचन क्षेत्र ब्यौहारी अंतर्गत नगर परिषद् ब्यौहारी एवं नगर परिषद् खांड अंतर्गत मध्यप्रदेश शासन द्वारा विकास कार्य हेतु क्या कार्ययोजना है एवं 2017 से अब तक विकास कार्य हेतु कितनी राशि प्रदाय की गयी है? (ख) नगर परिषद् ब्यौहारी एवं खांड अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास का लक्ष्य 2022 तक का कितना है? लक्ष्य की प्राप्ति के लिये वर्तमान में नगर परिषद् खांड, ब्यौहारी के द्वारा कितने हितग्राहियों को आवास दिला पाए हैं एवं वंचित पात्र हितग्राहियों को कब तक लाभान्वित करने का लक्ष्य है? (ग) शासन की मंशानुरूप नगर परिषद् खांड एवं ब्यौहारी के विकास व सौंदर्यीकरण हेतु क्या कार्ययोजना है एवं वर्तमान में किन-किन कार्यों पर चालू है व कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा। (घ) यह कि नगर परिषद् खांड एवं ब्यौहारी के लोगों को बिजली सड़क, पानी व अन्य मूलभूत सुविधा कब तक सुनिश्चित कराई जाएगी व समुचित व्यवस्था का क्या लक्ष्य रखा गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) निर्वाचन क्षेत्र ब्यौहारी अंतर्गत नगर परिषद् ब्यौहारी एवं नगर परिषद् खांड अंतर्गत विकास कार्यों की कार्ययोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्ष 2017 से प्रदाय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) नगर परिषद् ब्यौहारी एवं खांड का प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य क्रमशः 551 एवं 593 प्रस्तावित है। लक्ष्य प्राप्ति के लिये नगर परिषद् ब्यौहारी में 533 तथा 208 कुल 741 आवासों की 02 डी.पी.आर. तथा खाण्ड में 556 एवं 37 कुल 593 आवास की 02 परियोजनाएं स्वीकृत हैं। लक्ष्य की पूर्ति हो चुकी है तथापि यदि लक्ष्य के अतिरिक्त पात्र हितग्राही निकाय में पाये जाते हैं तो निकाय से प्रस्ताव प्राप्त होने पर स्वीकृति की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) निकाय अंतर्गत बिजली, सड़क, पानी व अन्य मूलभूत सुविधायें निरंतर प्रदान की जा रही हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
संचालित खदानों से राजस्व की आय
[खनिज साधन]
189. ( क्र. 2060 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत खनिज साधन विभाग द्वारा पत्थर, रेता, अन्य खनिज संपदा हेतु कितनी खदानें वर्ष 2017 से अब तक संचालित की गयी? उनमें से कितनी एवं किन-किन प्रकार की खदानें संचालित हैं व उसमें पत्थरों की खदान की लीज कितनी है? खसरा नम्बर क्या है व उनका रकबा कितना निर्धारित है? (ख) किन-किन संचालित खदानों से वर्ष 2017-18 व 2018-19 में शासन को कितने-कितने राजस्व की आय हुई? (ग) खदानों से राजस्व की कितनी आय एकत्रित की गई एवं उस राशि का उपयोग ब्यौहारी विधान सभा क्षेत्र में किन-किन विकास कार्य एवं किन-किन निर्माण कार्यों में किया गया? नहीं तो क्यों, इसके पीछे क्या कारण व शासन की क्या मंशा रही है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) शहडोल जिला के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2017 के दिनांक 03.12.2019 तक 18 खदानें संचालित हैं, जिनमें से 16 पत्थर खदानें (यांत्रिकी क्रिया से गिट्टी निर्मित करने हेतु) 01 रेत की खदान (ग्राम पंचायत द्वारा) एवं 01 मार्बल की खदान संचालित है। इन खदानों का ख.क्र. एवं रकबा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली 18 खदानों से संलग्न परिशिष्ट अनुसार रू. 2657652/- राजस्व प्राप्त हुआ है। म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 56 के तहत गौण खनिज से संबंधित जमा स्वामित्व (रायल्टी) वित्त विभाग द्वारा बजट प्रावधान के अधीन विकास कार्यों हेतु विभागों को उपलब्ध कराया जाता है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत भण्डारण अनुज्ञप्ति की जानकारी
[खनिज साधन]
190. ( क्र. 2063 ) श्री कमल पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा, होशंगाबाद, देवास एवं सीहोर जिले में माँ नर्मदा नदी की रेत खदानों से निकाली गई रेत का कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी मात्रा में स्टॉक किस-किस कंपनी/ठेकेदार द्वारा कब-कब किया गया? 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जानकारी दें। (ख) उपरोक्त रेत स्टाक में कितने स्टाकों की परमिशन किस-किस अधिकारी द्वारा ली गई तथा कितने स्टाक अवैध थे? अवैध स्टाक पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? कितनी स्टाक की कितनी रेत जप्त की गई? जप्त रेत का क्या किया? (ग) क्या उपरोक्त रेत के जो स्टाक किये गये थे वह रेत माँ नर्मदा के बहते पानी से मशीनों द्वारा निकाली गई है? यदि हाँ, तो इसकी जाँच कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या माँ नर्मदा को जीवित इकाई माना गया है? यदि हाँ, तो क्या माँ नर्मदा के बहते पानी से मशीनों से रेत का उत्खनन नहीं किया जा सकता? यदि हाँ, तो बहते पानी से उत्खनन करने वाले पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रदेश में रेत खनिज की भण्डारण अनुज्ञप्ति म.प्र. रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के तहत स्वीकृत की जाती है। रेत भण्डारण अनुज्ञप्ति किसी नदी विशेष से रेत स्टाक करने के आधार पर स्वीकृत नहीं की जाती है। अत: प्रश्नानुसार जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। प्रश्नाधीन जिलों में स्वीकृत रेत भण्डारण अनुज्ञप्ति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) म.प्र. रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्यापार) नियम, 2019 के नियम 18 (3) के अनुसार रेत भंडारण स्वीकृति के अधिकार जिला कलेक्टरों को प्रदान किये गये हैं। शेष प्रश्नांश में सीहोर एवं हरदा जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है एवं होशंगाबाद, देवास की जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में गौ-शालाओं का निर्माण
[पशुपालन]
191. ( क्र. 2066 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 17 दिसंबर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कितनी गौ-शाला का कार्य पूर्ण हो चुका है? कितनी का शेष है? (ख) क्या प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौ-शाला खोल दी गई है? यदि हाँ, तो जिलेवार जानकारी दें। (ग) क्या दिनांक 17 अक्टूबर 2019, डबरा जिला ग्वालियर के ग्राम समूदन में 20 से अधिक गायों की अंधेरे कमरे में कई दिनों तक रोके जाने के कारण भूख प्यास से तड़प-तड़प कर मौत हो गई? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है? शासन ने दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की? (घ) वर्तमान में किस-किस गौ-शाला में कितनी-कितनी गायें हैं? प्रदेश में किस-किस जिले में गौ-शाला पर कितनी राशि व्यय की गई? जिलेवार जानकारी दें। क्या गायों को चराने के लिए शासन/प्रशासन ने गौ-चर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की है? यदि हाँ, तो जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) दिनांक 17 दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में 1000 गौ-शालाओं के लक्ष्य के विरूद्ध 19 गौ-शालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष 981 में से 938 गौ-शालाओं की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है तथा उक्त में से 910 गौ-शालाऐं निर्माणाधीन है। (ख) जी नहीं। गौ-शाला के निर्माण की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) दिनांक 17 अक्टूबर 2019, डबरा जिला ग्वालियर के ग्राम समूदन में 17 गायों की मृत्यु दम घुटने के कारण हुई है। जिसके विरूद्ध थाना डबरा में अपराध क्रमांक 610/19 पर मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 (यथासंशोधित 2010) की धारा-9 के अधीन प्रकरण प्रजीबद्ध कर 07 आरोपियों की गिफ्तारी की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) गौ-शालाएं प्रश्न दिनांक तक संचालित नहीं की गई है। जिलेवार राशि के व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जी हाँ, गौवंश को चराने के लिए निर्माणाधीन प्रत्येक गौ-शाला के लिये 05 एकड़ का चारागाह स्वीकृत किया गया है।
भितरवार पार्षद के विरूद्ध प्राप्त शिकायत
[नगरीय विकास एवं आवास]
192. ( क्र. 2067 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर के भितरवार की स्थानीय पार्षद सायरा बानो से वार्ड न. 06 खेड़ापति माता मंदिर निवासी अनिल बरार आयु 23 वर्ष पुत्र जगन्नाथ बरार से क्या विवाद था? (ख) क्या स्थानीय पार्षद द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर अनिल बरार पुत्र जगन्नाथ बरार को डराने, धमकाने के साथ मानसिक प्रताड़ित किया गया? यदि हाँ, तो इसके विरूद्ध शासन/प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या स्थानीय पार्षद सायरा बानो से प्रताड़ित होकर अनिल बरार ने जन सुनवाई में शिकायत दर्ज कराई थी? यदि हाँ, तो शिकायत के क्या बिंदु थे? (घ) अनिल बरार पुत्र जगन्नाथ बरार की मृत्यु के लिए कौन दोषी है? शासन/प्रशासन द्वारा दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या शासन/प्रशासन द्वारा मृतक के परिवार को मुआवजा राशि दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद् भितरवार की स्थानीय पार्षद श्रीमती सायरा बानो से वार्ड 06 खेड़ापति माता मंदिर निवासी श्री अनिल बरार आयु 23 वर्ष पुत्र जगन्नाथ बरार के मध्य विवाद संबंधी विभाग को कोई जानकारी नहीं है। (ख) पुलिस थाना भितरवार के पत्र क्र./थाना/भितरवार/2359/19 दिनांक 07.12.2019 से प्राप्त जानकारी अनुसार श्री अनिल बरार पुत्र जगन्नाथ बरार को डराने, धमकाने व मानसिक प्रताड़ित करने संबंधी श्रीमती सायरा बानो के विरूद्ध कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई और न ही उसके विरूद्ध पुलिस द्वारा कोई प्रकरण कायम किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्थानीय पार्षद सायरा बानो से प्रताड़ित होकर अनिल बरार ने जनसुनवाई में कोई आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) थांना विश्वविद्यालय ग्वालियर में दिनांक 24.11.2019 को भोला नाई, आशिक खान, नीरज बाथम, कल्लू अहिरवार निवासी भितरवार के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपार्ट क्र. 415/2019 धारा 306 भा.द.वि दर्ज की जाकर प्रकरण विवेचना में है। तत्कालिक सहायता के तौर पर प्रशासन द्वारा 10 हजार रूपये नगद राशि मृतक के भाई श्री रामसेवक बरार को दिनांक 24.11.2019 को दी गई है।
आदिम जाति कल्याण की योजनाएं
[आदिमजाति कल्याण]
193. ( क्र. 2068 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में आदिम जाति के कल्याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं/परियोजनाएं पिछले 4 वर्ष से संचालित है? योजना/परियोजनावार क्या-क्या कार्य हुए हैं? विधानसभा क्षेत्रवार राशिवार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) सीधी जिले में प्रश्नांश (क) के अनुसार किए गए विकास कार्यों की गुणवत्ता एवं मात्रा की जाँच कब-कब हुई है? विस्तृत विवरण दें। यदि नहीं, तो ज्यादातर निम्न गुणवत्तापूर्ण तरीके से हुए कार्यों की जाँच शासन कब तक करायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार चुरहट विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में क्या-क्या कार्य आदिम जाति कल्याण हेतु किए गए हैं? इस संबंध में कब-कब बैठकें हुई हैं एवं इन बैठकों में क्या-क्या निर्णय लिए गए हैं? विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। केवल एक कार्य के गुणवत्ता की जाँच पी.आई.यू. द्वारा की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। प्रभारी मंत्री जिला सीधी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा क्रमश: वर्षवार 2015-2016 में दिनांक 21.10.2015 वर्ष 2016-17 में दिनांक 11.06.2016 व 2017-18 दिनांक 25.08.2017 तथा वर्ष 2018-19 में दिनांक 23.06.2018 को बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार कार्यों की स्वीकृति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
भूमि का अवैध व फर्जी इकरारनामा
[नगरीय विकास एवं आवास]
194. ( क्र. 2069 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनूपपुर जिला अंतर्गत नगर परिषद् जैतहरी के वार्ड क्र. 3 में खसरा नं. 337/1 के भवन एवं भूमि का अवैध व फर्जी इकरारनामा पर वर्ष 2010 में नामांतरण की पुष्टि, विधानसभा प्रश्न क्र. 4321 दिनांक 26 जुलाई 2019 में हुई है? यदि हाँ, तो दोषी जनों पर उत्तर दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या अपर कलेक्टर अनूपपुर ने गैर भूमि स्वामी तथा पूर्णत: अवैध व फर्जी नामान्तरण प्रकरण के लिए जाँच कमेटी कलेक्टर के आदेश पर बनायी थी? यदि हाँ, तो जाँच समिति में कौन-कौन अधिकारी थे? जाँच निष्कर्ष एवं जाँच के बिन्दुओं की प्रतिवेदन सहित जानकारी दें। (ग) क्या उत्तर दिनांक तक दोषियों पर आपराधिक प्रकरण कायम किया गया है? यदि नहीं, तो जालसाजी, धोखाधड़ी व शासन के स्टाम्प चोरी प्रकरण में संरक्षण का दोषी कौन है? क्या राजस्व प्रभारी एवं उसका सगा भाई जिसने भूमि खरीदी है, इस अपराध के दोषी हैं? यदि हाँ, तो कब तक शासन कार्यवाही कर दोषियों पर प्रकरण पंजीबद्ध करेगा? (घ) इस विषय पर अब तक हुई समस्त जाँच की विस्तृत जानकारी प्रतिवेदन सहित देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नगर परिषद् जैतहरी के पत्र क्रमांक 926 दिनांक 14.12.2019 द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु पत्र थाना प्रभारी जैतहरी में दिया जा चुका है। थाना प्रभारी जैतहरी द्वारा जाँच उपरांत कार्यवाही करने का लेख किया गया है एवं क्रेता के सगे भाई तत्कालीन राजस्व प्रभारी श्री दीनबंधु सोनी राजस्व उप निरीक्षक को नगर परिषद् जैतहरी के आदेश क्रमांक 921 दिनांक 13.12.2019 द्वारा निलंबित किया गया है। किसी के द्वारा कोई संरक्षण नहीं दिया जा रहा है। (घ) समस्त कार्यवाही प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मकान एवं मंदिर का अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
195. ( क्र. 2076 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के आदेश के पालन में नगरपालिका परिषद् भिण्ड के द्वारा गांधी मार्केट, बजरिया, श्री नरसिंहराव दीक्षित की कोठी तक मकान एवं मंदिर अतिक्रमण मानकर तोड़ने के नोटिस जारी कर लाल निशान लगाये गये थे? यदि हाँ, तो नगरपालिक परिषद् भिण्ड ने माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में किस-किस भवन स्वामी द्वारा कितने-कितने फुट अतिक्रमण होना बताया है? रिट पिटीशन की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। माननीय न्यायालय द्वारा किस-किस भवन स्वामी का कितने-कितने फुट अतिक्रमण तोड़ने के आदेश दिये गये हैं? आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या नगरपालिका परिषद् भिण्ड द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश का पालन करने से पूर्व माननीय उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता से अभिमत लिया गया था? अभिमत की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। किस-किस भूमि स्वामियों को कब-कब अंतिमवार नोटिस जारी किया? नोटिस की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें एवं कितने फुट अतिक्रमण मानकर लाल निशान लगाये? क्या अतिक्रमण के अतिरिक्त अन्य भाग भी तोड़ा गया है? यदि हाँ, तो किस-किस का कितना-कितना? क्या मुआवजा का प्रावधान रखा गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस भवन स्वामी ने स्वयं अपना भवन तोड़ा एवं किस-किस के भवन को नगरपालिका परिषद् के अमले ने तोड़ा? कौन-कौन भवन स्वामी माननीय न्यायालय से स्थगन (स्टे) लेकर आये? नगरपालिका के द्वारा स्थगन हटावाने के लिये क्या-क्या कार्यवाही की? भवन स्वामीवार जानकारी दें। क्या नाली निर्माण एवं विद्युत पोल शिफ्टिंग का कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या यह विभागीय अधिकारी की लापरवाही है या पूर्व से कोई कार्ययोजना न होने का परिणाम है? कब तक यह कार्य पूर्ण हो जायेगा? (घ) क्या यह सत्य है कि गांधी मार्केट, बजरिया, श्री नरसिंहराव दीक्षित की कोठी तक तोड़े गये मकान एवं मंदिर लगभग 100 वर्ष पुराने थे? उनमें कोई अतिक्रमण नहीं था? यह मार्ग वर्ष 15 अगस्त 1947 के पूर्व कितना चौड़ा था? 01 अप्रैल 2019 को कितना चौड़ा था? अतिक्रमण तोड़ने के बाद अब यह मार्ग किस-किस स्थान पर कितना-कितना चौड़ा हो गया है? क्या अब यह मार्ग पर्याप्त चौड़ा हो गया है? क्या परेड चौराह से गांधी मार्केट तक भी अतिक्रमण है? यदि हाँ, तो किस-किस ने कितने-कितने फुट अतिक्रमण किया है? भवन स्वामी के नामवार विस्तृत विवरण दें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', रिट पिटीशन की सत्यापति प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं अतिक्रमण हटाने के माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ख) जी नहीं। नगरपालिका परिषद् भिण्ड के अभिभाषक श्री अजय कुमार निरंकारी से अभिमत लिया गया है जिसकी सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। अंतिमबार जारी नोटिस की सत्यापित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार नगरपालिका परिषद् भिण्ड द्वारा स्थल पर लाल निशान लगाये गये। जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) भवन स्वामियों द्वारा तोड़े गये अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'फ' अनुसार है, नगरपालिका परिषद् भिण्ड द्वारा तोड़े गये अतिक्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'जी' अनुसार है। श्रीमती कुशमलता दुबे द्वारा पूर्व से ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में एस.एल.पी.क्रमांक 25714-25715/2010 दायर किया गया है। प्रकरण में नगरपालिका परिषद् भिण्ड द्वारा श्री बी.एस. बान्ठिया अधिवक्ता नियुक्त किया जाकर जवाब प्रस्तुत कर दिया गया है। जी नहीं। स्थल पर अतिक्रमण होने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सका था, स्थल से अतिक्रमण हटाकर संविदाकार को नाली निर्माण कार्य का ले-आउट दिया गया है, संविदाकार द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। विद्युत पोल शिफ्टिंग के प्राक्कलन की मांग विद्युत वितरण कम्पनी भिण्ड से की गई है, दो माह में कार्य पूर्ण की समय-सीमा निश्चित की गई है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। अधीक्षक भू-अभिलेख के पत्र क्रमांक क्यू-8/भू-अभि./2019/1935 दिनांक 07.12.2019 के अनुसार अधिकतम 30 फिट रही है। दिनांक 01.04.2019 के सर्वे के अनुसार सड़क की चौड़ाई महेश सीरोठिया के सामने 26 फुट, गायत्री मंदिर गली की मुख्य सड़क पर 22 फुट, गीताभवन चौराहा पर 20 फुट, रामजानकी मंदिर पर 19 फुट, नवी बक्स खां के सामने 19 फुट थी। वर्तमान में महेश सीरोठिया के मकान के सामने 30 फुट, गायत्री मंदिर के गली की मुख्य सड़क पर 30 फुट, गीता भवन चौराहा पर 30 फुट, रामजानकी मंदिर के सामने 24 फुट, नवी बक्स खां के सामने 24 फुट है। जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'च' अनुसार है।
परिवहन पास की जानकारी
[वन]
196. ( क्र. 2079 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नेशनल हाईवे 75 पर फोरलेन रोड निर्माण में पी.एन.सी. कम्पनी द्वारा काटे गये पेड़ों की लकड़ी परिवहन हेतु अभिवहन पास (टी.पी.) मांगे गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त परिवहन पास (टी.पी.) जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कब-कब? यदि नहीं, तो क्या परिवहन पास की बजाय वन क्षेत्राधिकारी वन छतरपुर द्वारा परिवहन पास बिना प्रमाण-पत्र के जारी किये गये थे? हाँ, या नहीं? यदि हाँ, तो क्या शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार परिवहन पास की बजाय प्रमाण-पत्र जारी किये जा सकते हैं? यदि हाँ, तो किस नियम व निर्देशों के तहत तथा उनकी प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रमाण-पत्र जारी करने के संबंध में चतुर सिंह द्वारा प्रधान मुख्य वन संरक्षक/वन वृत्त प्रमुख सतपुड़ा भवन भोपाल की रजिस्टर्ड डाक दिनांक 05/08/2019 की शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त शिकायत पर सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन विधिसम्मत एवं समय-सीमा पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) अभिवहन पास (टी.पी.) जारी किये गये थे, जिसकी प्रतिपूर्ण अभिवहन पास का विवरण निम्नानुसार हैः-
तत्कालीन वन परिक्षेत्राधिकारी, छतरपुर द्वारा परिवहन पास के बजाय प्रमाण-पत्र जारी किये गये हैं या नहीं इसके अभिलेख परिक्षेत्र कार्यालय, छतरपुर में उपलब्ध नहीं हैं। तथापि दिनांक 05.12.2019 को वन वृत्त कार्यालय छतरपुर में एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें परिक्षेत्राधिकारी, छतरपुर का एक प्रमाण-पत्र संलग्न था, जिसमें मध्यप्रदेश राजपत्र क्रमांक एफ-30-08-2002-10-3 दिनांक 24 सितम्बर 2015, मध्यप्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम 2000 के तहत (नीम, जामुन, इमली, नीलगिरी, पलाश, पीपल, आम, कोआ, चिरौल, महुआ) काष्ठ प्रजातियां परिवहन अनुज्ञा पत्र से छूट के दायरे में है, ऐसा प्रमाण-पत्र दिया गया है। यह प्रमाण-पत्र परिवहन अनुज्ञा पत्र के बदले में नहीं है एवं न ही परिवहन अनुज्ञा पत्र के बदले प्रमाण-पत्र दिये जाने का प्रावधान है। (ग) जी हाँ। उक्त शिकायत में प्रश्नांश बिन्दु के अतिरिक्त 22 बिन्दु और थे, जिनकी जाँच उप वनमंडलाधिकारी, निवाड़ी से कराई गई है। जाँच प्रतिवेदन में कतिपय बिन्दुओं की जाँच पर प्रतिवेदन अपूर्ण एवं अस्पष्ट होने से उसकी पुष्टि कराई जा रही है। (घ) जाँच करवाकर एक माह में निर्णय लिया जाएगा।
दोषी सहायक शिक्षक को सेवा से पृथक किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
197. ( क्र. 2080 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल के आदेश क्रमांक/शर्त/एम/ अप/7/सा/3/5235 भोपाल दिनांक 31-12-2005 को सहायक शिक्षक को आपराधिक प्रकरण में दोष सिद्ध ठहराये जाने पर सेवाओं से पृथक किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त अधिकारी को क्या सेवा से पृथक करने की शक्तियां प्राप्त है? यदि हाँ, तो किस नियम व निर्देशों के तहत? उल्लेख करें। उक्त नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) जिला छतरपुर में वर्ष 2005 से 2007 तक किन-किन सहायक शिक्षकों को न्यायालय द्वारा आपराधिक प्रकरण में दोष सिद्ध पाया गया था? क्या उक्त सहायक शिक्षकों को आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल द्वारा सहायक शिक्षकों को सेवाओं से पृथक किया गया था? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या उक्त सहायक शिक्षक द्वारा दिनांक 20/04/2006 को आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. भोपाल को सेवाओं से बाहर करने हेतु पत्र दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त पत्र पर सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कार्यवाही से संबंधित संपूर्ण दस्तावेज की प्रति उपलब्ध करायें? यदि नहीं, तो क्यों? क्या शासन विधिसम्मत एवं समय-सीमा पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ख) प्रश्नांश (ख) में अंकित अवधि में श्री काशी प्रसाद साहू, सहायक शिक्षक शास.प्रा.शा. हटवारा, जिला छतरपुर के अतिरिक्त किसी अन्य सहायक शिक्षक के विरूद्ध दोष सिद्ध नहीं पाए जाने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। श्री साहू द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र दिनांक 20.04.2006 के पूर्व आयुक्त लोक शिक्षण के आदेश दिनांक 31.12.2005 के विरूद्ध शासन को दिनांक 18.01. 2006 को अपील प्रस्तुत की गई। शासन द्वारा प्रस्तुत अपील को पूर्ण विचारोपरांत आदेश दिनांक 20.10.2006 द्वारा अमान्य किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। सक्षम अधिकारी द्वारा कार्यवाही किए जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दवाई, उपकरण एवं अन्य सामग्रियों के क्रय की जानकारी
[पशुपालन]
198. ( क्र. 2083 ) श्री सुनील सराफ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर, रतलाम एवं उज्जैन जिलों में दिनांक 01.01.2016 से 31.10.2019 तक किन-किन फर्मों से पशु चिकित्सा दवाइयां, उपकरण व अन्य सामग्रियां क्रय की गई? जिलावार, वर्षवार, फर्मवार भुगतान राशि का विवरण देवें। (ख) उक्त अवधि में उक्त जिलों में कितने वाहन किराये पर लिये गये? उनके वाहन नम्बर, वाहन स्वामी का नाम, उनको भुगतान की गई राशि, भुगतान दिनांक, लंबित राशि, वाहनवार-वर्षवार देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अनुबंध के लिये निकाली गई विज्ञापनों की छायाप्रति भी देवें। क्या इन वाहनों का अधिकारियों द्वारा एम्बुलेंस व अन्य कार्यों में उपयोग किया गया? वाहनवार जानकारी देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) अनुबंध हेतु संचालनालय पशुपालन तथा जिला स्तर पर उप संचालक पशुपालन द्वारा विज्ञापन प्रकाशित किए गए जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार तथा किए गए कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार।
धमरपुरी विधान सभा में अवैध खनन
[खनिज साधन]
199. ( क्र. 2087 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार में धरमपुरी विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01/01/16 से 10/10/18 तक अवैध खनन करने वालों की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त अवधि में अवैध खनन करने वाले लोगों पर कार्यवाही की गई? किन-किन पर तथा कितनी रिकवरी निकाली? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक की जाएगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जिला धार में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01-01-2016 से 10-10-2018 तक अवैध उत्खनन के प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किए गए है। अत: शेष जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।
धामनोद एवं माण्डव नगरपालिका में व्यय राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
200. ( क्र. 2088 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला अंतर्गत धामनोद, माण्डव नगरपालिका में दिनांक 01/01/14 से 30/10/18 तक किस कार्य के लिए कितनी राशि व्यय की गई? कार्य का नाम, लागत, भुगतान राशि भुगतान प्राप्तकर्ता सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में प्रत्येक क्रय, सामग्री, प्रदायकर्ता नाम, क्रय पूर्व समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन प्रत्येक भुगतान की राशि का विवरण प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में निर्माण कार्यों की शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) प्रश्नांश (क) अवधि में नगर परिषद् धामनोद में कोई शिकायत नहीं पायी गई। नगर परिषद् माण्डव में थम्बा एवं टिपकिया तालाब गहरीकरण कार्य के संबंध में शिकायत प्राप्त हुई थी, कलेक्टर जिला धार द्वारा जाँच समिति गठित कर जाँच कराई गई, जाँच प्रतिवेदन के परीक्षण उपरांत गुण-दोषों के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।
हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
201. ( क्र. 2089 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में प्रधानमंत्री आवास योजना के बी.एल.सी. घटक के 3442 हितग्राहियों का कितना केन्द्रांश प्राप्त हो चुका है? कितने हितग्राहियों को अब तक प्रथम किश्त जारी हो चुकी है? शेष हितग्राहियों को किश्तें कब तक जारी कर दी जायेंगी? (ख) डी.पी.आर. में शामिल 3442 हितग्राहियों में से कितने अपात्र पाये गये? इनके अपात्र होने के क्या कारण थे? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) अपात्र घोषित हितग्राही अभी भी कच्चे मकानों में रह रहे हैं, इन्हें भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिले, इसके लिये सरकार की क्या योजना है? (घ) ए.एल.सी. घटक के अंतर्गत रतलाम में विभिन्न चरणों में अर्फोडेबल हाउस के कितने आवासों के कार्यादेश जारी हो चुके हैं। वर्तमान में कितने तैयार हैं? इसका आवंटन कब से प्रारंभ किया जायेगा? शेष मकान कब तक पूरे हो जायेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) रतलाम नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के बी.एल.सी. घटक के अंतर्गत 3442 हितग्राहियों हेतु नगरपालिक निगम रतलाम को वर्तमान तक केंद्रांश की राशि रू 19.986 करोड़ प्राप्त हो चुकी है, निगम द्वारा वर्तमान तक 410 पात्र हितग्राहियों को प्रथम किश्त के रूप में राशि रू. 1.00 लाख प्रति हितग्राही के मान से भुगतान किया जा चुका है। शेष हितग्राहियों के परीक्षण/सत्यापन जिओ टेगिंग प्रक्रिया पूर्ण होने पर पात्र हितग्राहियों को यथाशीघ्र प्रथम किश्त जारी की जा सकेगी। (ख) डी.पी.आर. में शामिल 3442 हितग्राहियों में से 22 हितग्राहियों का पूर्व से पक्का आवास होने से अपात्र हैं। शेष 63 हितग्राहियों के स्वत्व संबंधी अभिलेख में परिवार के अन्य सदस्य का नाम है, 74 हितग्राहियों के भूमि-संबंधी दस्तावेज पंजीकृत नहीं है एवं 1821 हितग्राहियों के पास भूमि स्वत्व अभिलेख नहीं है। प्रारंभिक सर्वे में हितग्राही द्वारा त्रुटिपूर्ण दस्तावेज दिये जाने से कोई जिम्मेदार नहीं (ग) अपात्र घोषित कच्चे मकानों में रह रहे ऐसे हितग्राही जो योजना के दिशा-निर्देशानुसार पात्र हैं तथा आवास निर्माण की भूमि का स्वत्व अभिलेख प्रस्तुत करते हैं तो उन्हें लाभ दिया जा सकता है। शासकीय भूमि पर निवासरत आवासहीन परिवारों को पात्रता अनुसार मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 के प्रावधान अनुसार पट्टा दिया जाने का प्रावधान है। (घ) रतलाम नगरीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के ए.एच.पी घटक अंतर्गत 3928 ई.डब्ल्यू.एस 1536 एल.आई.जी. एवं 96 एम.आई.जी. भवनों के निर्माण का कार्यादेश जारी हो चुका है। वर्तमान में 286 ई.डब्ल्यू.एस. तैयार हो गये हैं। पूर्ण हो चुके 286 ई.डब्ल्यू.एस. भवनों के आवंटन हेतु जिला कलेक्टर से अनुमोदित सूची अनुसार हितग्राहियों से मार्जिन मनी जमा करा कर तथा बैंक से हितग्राहियों को ऋण उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रचलित है। कार्यवाही पूर्ण होते ही ई.डब्ल्यू.एस. भवनों का आवंटन किया जा सकेगा। शेष भवनों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। हितग्राही अंश की राशि एवं एल.आई.जी.एम.आई.जी भवनों के व्ययन से राशि प्राप्त होने पर शेष भवन पूर्ण किये जा सकेंगे।
अवैध कॉलोनियों को वैध बनाने हेतु प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
202. ( क्र. 2090 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हाई कोर्ट के फैसले के बाद वैध से अवैध हुई रतलाम सहित प्रदेश की सात हजार कॉलोनियों के बारे में पिछले विधान सभा सत्र में मंत्री जी ने प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव क्रमांक 179/24.07.2019 पर कथन किया था कि अवैध कॉलोनियों को वैध बनाने के लिये अगले सत्र तक नया कानून बना लिया जायेगा तो क्या नया कानून बन गया है? यदि नहीं, तो कब तक बना लिया जायेगा? (ख) रतलाम में अवैध 33 कॉलोनियों में अधोसंरचना विकास के कार्यों के लिये पूर्व में कार्यादेश जारी हो चुके थे? उन पर कार्य कब से प्रारंभ होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) - जी नहीं। नया अधिनियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नियम 15-क के तहत की गई कार्यवाही को अधिकारातीत (Ultra Vires) घोषित करने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा सकता है।
नियम विरूद्ध अनुमति प्राप्त क्षेत्र के बाहर खनन
[खनिज साधन]
203. ( क्र. 2095 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र के नादन क्षेत्र (उप तहसील नादन/नायब तहसीलदार के अधीन आने वाले क्षेत्र) में वर्तमान में कहाँ-कहाँ किस-किस को कितने-कितने क्षेत्र में किस खनिज का उत्खनन करने हेतु खनिपट्टा जारी है? (ख) क्या उक्त खनि पट्टाधारियों द्वारा नियम विरूद्ध अनुमति प्राप्त क्षेत्र के बाहर खनन किया जा रहा है? नादन क्षेत्र में जारी अवैध उत्खनन की क्या किसी वरिष्ठ अधिकारी से जाँच कराई जावेगी? इस क्षेत्र में अवैध उत्खनन की गत दो वर्षों में प्राप्त शिकायतों का विवरण व निराकरण की स्थिति बतावें। (ग) मैहर विधानसभा क्षेत्र में खननकर्ताओं द्वारा क्या नियमानुसार खनन उपरांत खनन क्षेत्र की फिलिंग/मिट्टी भराव या फेंसिंग इत्यादि का कार्य कराया गया है? यदि नहीं, तो गहरे-गहरे गड्ढों में होने वाली दुर्घटनाओं हेतु कौन जिम्मेदार है? खननकर्ताओं से नियमों का पालन न करा पाने हेतु किस विभागीय अधिकारी को उत्तरदायित्व तय किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) खनि पट्टाधारियों द्वारा नियम विरूद्ध अनुमति प्राप्त क्षेत्र के बाहर खनन किये जाने की स्थिति प्रकाश में नहीं आई है, अत: किसी वरिष्ठ अधिकारी से जाँच कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) खनन कार्य उपरांत खनिज समाप्त होने की दशा में उत्तरोत्तर खान बंद करने की योजना के अनुरूप भराव कार्य किये जाने के प्रावधान हैं। मैहर विधानसभा क्षेत्र में खदानों में खनन कार्य निरंतर है, अत: खान बंद करने की योजना का क्रियान्वयन नहीं किया गया है। खदानों में सुरक्षात्मक उपाय किये जाने का दायित्व पट्टाधारी का है एवं इन दायित्वों का नियमानुसार पालन सुनिश्चित करने का दायित्व भारतीय खान ब्यूरो एवं महानिदेशक, खान सुरक्षा, भारत सरकार का है। विभागीय अधिकारियों द्वारा भी समय-समय पर खदानों की जाँच की जाती है।
रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
204. ( क्र. 2103 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश में सभी प्रकार की रेत की कुल कितनी खदानें कहाँ-कहाँ पर हैं? (ख) 01 जनवरी 2019 से 30 नवम्बर 2019 की अवधि में ये खदानें कौन व्यक्ति/संस्था/ठेकेदार अथवा अन्य कौन संचालित कर रहे हैं एवं इनसे शासन को कितने राजस्व की प्राप्ति हुई है? खदानवार विवरण दें। (ग) इन पर 01 जनवरी, 2019 से 30 नवम्बर, 2019 तक की अवधि में कितने अवैध उत्खनन के मामले पकड़े गए एवं किन-किन के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? कितने वाहनों को राजसात किया गया एवं कितना जुर्माना प्राप्त हुआ है तथा कितने प्रकरण दर्ज किए गए? (घ) क्या अवैध रेत उत्खनन का कार्य प्रदेश में व्यापक पैमानें पर चल रहा है? यदि हाँ, तो इसकी रोकथाम हेतु विभाग द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित खदानों पर अवैध उत्खनन से संबंधित प्रकरण नहीं बनाया गया है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रदेश में रेत का उत्खनन वैध खदानों के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। अवैध रेत उत्खनन के प्रकरण संज्ञान में आने पर जिला स्तरीय टास्क फोर्स के माध्यम से रोकथाम एवं नियंत्रण की व्यवस्था बनाई गई है।
विद्यालयों एवं छात्रावासों के वार्डनों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
205. ( क्र. 2118 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं बालिका छात्रावासों में वार्डनों के पद पर रखे जाने हेतु विभाग ने क्या-क्या नियम बनाएं हैं? ऐसे नियमों के आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। इनका निरीक्षण करने का अधिकार किसे है? (ख) क्या वार्डनों का कार्यकाल मात्र 3 वर्ष का होता है? अगर हाँ तो संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा दिनांक 11/08/2017 को कलेक्टरों एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, जिला पंचायत को आदेशित किया गया था कि 3 वर्ष पूर्ण करने वाले वार्डनों को हटाया जावें एवं नयी चयनित वार्डनों को 05/09/2017 तक एवं 01/10/2017 तक कार्यभार ग्रहण करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले में ऐसे आदेशों का पालन किया गया? इसमें क्या ऐसे अधिकारी एवं कर्मचारी जिन्होंने जिले के कलेक्टर एवं जिला पंचायत सी.ई.ओ. टीकमगढ़ के आदेश को नहीं माना है और आज भी वह विभाग में प्रतिनियुक्ति पर हैं, उन्हें हटाकर मूल विभाग में भेजा जावेगा तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि वर्ष 2017 से नये वार्डनों को रखने के लिए किन-किन समाचार पत्रों में विज्ञापन एवं कौन-कौन बालिका विद्यालय एवं बालिका छात्रावासों में किस-किस के आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे और किस-किस मापदण्डों के आधार पर कब से कब तक के लिए किस-किस की नियुक्ति प्रदान की गई है और वे कब से टीकमगढ़ जिले के किस-किस छात्रावास/विद्यालयों वार्डन प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं? उनके नाम-पद सहित बताएं। वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कौन-कौन इसमें निरीक्षण करने अधिकारी/कर्मचारी गए हैं? क्या-क्या अव्यवस्थाएं पायी गई और क्या-क्या प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही हुई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' पर है। छात्रावासों में निरीक्षण राज्य, जिला एवं विकासखण्ड स्तरीय अमले द्वारा किया जाता है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। (ग) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रावधान अनुसार राज्य स्तरीय दैनिक समाचार पत्र-पत्रिका में विज्ञापन जारी कर आवेदन प्राप्त करते हुए वार्डन का प्रभार सौंपा गया। प्राप्त आवेदन पत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' पर, कार्यरत वार्डन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' पर एवं निरीक्षणकर्ता का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'4' पर है।
अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
206. ( क्र. 2119 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.-1347 दिनांक 12/07/2019 के उत्तर में बताया गया था कि संबंधित अनुविभागीय अधिकारी एवं संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, सागर संभाग सागर से अभिमत प्राप्त होने पर अवैध कॉलोनी वैध कर दी जावेगी तो प्रश्न दिनांक तक की गई सम्पूर्ण कार्यवाही की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जब किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा कोई लापरवाही नहीं की जा रही है, फिर क्यों टीकमगढ़ जिले की नगरीय निकायों में जो कॉलोनी अवैध हैं, उन्हें वैध क्यों नहीं किया जा रहा है? इसका दोषी कौन-कौन है? वैध कराने हेतु शासन कब तक पूर्ण कार्यवाही करा लेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर निश्चित समय-सीमा सहित बताएं कि कब तक जिले की नगरीय निकायों की अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, नगरीय क्षेत्र की अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण हेतु म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 के नियम 15-क को माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा दिनांक 30.06.2019 को अधिकारातीत (Ultra Vires) घोषित कर दिये जाने के कारण नियमितीकरण की कार्यवाही नहीं की जा सकी। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। कोई दोषी नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
प्रकाश तरूण पुष्कर में नियमित भर्ती
[नगरीय विकास एवं आवास]
207. ( क्र. 2123 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी परियोजना प्रशासन, भोपाल के अंतर्गत प्रकाश तरूण पुष्कर, तुलसी नगर भोपाल में कुल कितने पद किस-किस श्रेणी के स्वीकृत हैं? पदवार जानकारी दें। वर्तमान में कार्यरत कर्मियों के नाम कार्यरत दिनांक सहित बतावें। (ख) स्वीकृत पदों में से कितने एवं किस श्रेणी के पद कितनी अवधि से किन कारणों से रिक्त हैं? रिक्त पदों को भरने हेतु प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? दिनांकवार विवरण दें। पदों को भरने की कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ग) क्या पिछले कई वर्षों से स्वीमिंग पूल में संविदा कर्मियों की प्रतिवर्ष भर्ती की जाती है? यदि हाँ, तो कितने वर्षों से जीवन रक्षक पदों पर संविदा भर्ती इतने लंबे समय तक जारी रखना क्या उचित है? (घ) वर्तमान सरकार के वचन पत्र के अनुसार संविदाकर्मियों को नियमित किये जाने के परिप्रेक्ष्य में तरण पुष्कर में कार्यरत संविदा कर्मियों को कब तक नियमित किया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) कुल 6 पद रिक्त, में 01 पद द्वितीय श्रेणी का दिनांक 30.04.2011 एवं 05 पद तृतीय श्रेणी के दिनांक 01.05.2006 से भर्ती पर प्रतिबंध होने कारण पूर्ति की कार्यवाही नहीं की गई। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। अनुबंध (संविदा सेवा) के आधार पर प्रत्येक वर्ष नये अनुबंध के साथ (15 मार्च से 15 दिसम्बर तक) 9 माह की निश्चित समयावधि के लिये वर्ष 2002 से रखा जा रहा है, आवश्यकता अनुसार रखा जाना उचित है। (घ) प्रश्नांग ''ग'' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
राष्ट्रीय
परिवार
सहायता राशि
का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
1. ( क्र. 13 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत राष्ट्रीय परिवार सहायता राशि के वर्ष 2019-20 के 23 प्रकरणों में राशि का भुगतान नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक भुगतान किया जावेगा? (ग) वर्ष 2018-19 में हितग्राहीवार मृत्यु दिनांक एवं भुगतान की दिनांकवार जानकारी देवें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) पनागर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायत जबलपुर, जनपद पंचायत पनागर, नगर पालिक निगम, जबलपुर नगर पालिका परिषद पनागर एवं नगर परिषद बरेला में वर्ष 2019-2020 में प्राप्त प्रकरण एवं लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' के कॉलम 6 अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार।
जबलपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
2. ( क्र. 16 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन हेतु एन.जी.ओ. नियुक्त किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो एन.जी.ओ. के एग्रीमेंट में उल्लेखित कार्य, अवधि एवं राशि का विवरण दें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार वर्ष 2018-2019 से प्रश्न दिनांक तक एन.जी.ओ. द्वारा कहाँ-कहाँ पर क्या क्या कार्य किया गया विवरण दें? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत एन.जी.ओ. को भुगतान की गई एवं बकाया राशि की जानकारी दें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन हेतु जबलपुर जिले में नगर निगम जबलपुर द्वारा एन.जी.ओ. नियुक्त किया गया है। शेष निकायों द्वारा एन.जी.ओ. नियुक्त नहीं किया गया है। (ख) एन.जी.ओ. को हितग्राहियों के दस्तावेज एकत्र करने, हितग्राहियों द्वारा किये गए आवास निर्माण की जियो टेगिंग किये जाने तथा हितग्राही समन्वय तथा हितग्राही के आवास निर्माण के संबंध में विभिन्न कार्य किये जाने थे। एन.जी.ओ. संस्था को दिये गये कार्यादेश अनुसार संबंधित क्षेत्र के हितग्राहियों द्वारा आवास निर्माण पूर्ण किये जाने तक की अवधि के लिये नियुक्त किया गया। अनुबंध की राशि के संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) वर्ष 2018-2019 से प्रश्न दिनांक तक एन.जी.ओ. द्वारा किये गये कार्य का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के अन्तर्गत एन.जी.ओ. को किये गये भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में केवल जारी कार्यों के भुगतान शेष है।
ग्राम कदवाया में छात्रावास की स्वीकृति
[आदिमजाति कल्याण]
3. ( क्र. 46 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत कदवाया विकासखंड ईसागढ़ जिला अशोकनगर, जिसकी जनसंख्या लगभग 7000 है एवं आसपास के लगभग 45 से 50 ग्रामों से घिरा हुआ है, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होते हुये भी आदिवासी छात्र/छात्राओं को शिक्षण व्यवस्था एवं आवासीय सुविधा हेतु यहां कोई आदिम जाति कल्याण विभाग का छात्रावास नहीं है, क्या आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र को दृष्टिगत रखते हुये छात्रावास स्वीकृति हेतु शासन की कोई योजना है ? (ख) यदि हाँ, तो छात्रावास की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी और यदि नहीं, तो क्यों?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग के आदेश क्रमांक एफ-12-01/2017/25-2/691 दिनांक 24/03/2017 अनुसार नवीन छात्रावासों की स्थापना हेतु नीति एवं मापदण्ड अनुसार जिला स्तर पर ही नवीन छात्रावास खोले जाने के निर्देश हैं। तहसील/विकासखंड मुख्यालय पर विशेष अनुमति उपरान्त नवीन छात्रावास खोले जायेंगे। (ख) शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायत कदवाया को नगर पंचायत बनाने की योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
4. ( क्र. 50 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदेरी विधानसभा अंतर्गत तहसील नईसरायं एवं ग्राम पंचायत कदवाया विकासखंड ईसागढ़ जिला अशोकनगर की सबसे बडी ग्राम पंचायतें हैं जिनकी जनसंख्या लगभग 7 से 8 हजार है एवं आसपास के लगभग 45 से 50 ग्रामों से ग्राम पंचायतें घिरी हुई है विकास की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये दोनों ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाना उचित रहेगा, क्या इस संबंध में शासन की कोई कार्य योजना है (ख) यदि हाँ, तो कब तक ग्राम पंचायतो को नगर पंचायतों का दर्जा प्रदान किया जावेगा और यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) अधिसूचना क्रमांक 584, भोपाल, दिनांक 27 दिसम्बर 2011 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार नगर परिषद् गठित की जाती है। तद्नुसार चंदेरी विधानसभा की तहसील नईसरांय एवं ग्राम पंचायत कदवाया जिला अशोकनगर, अधिसूचना दिनांक 27 दिसम्बर 2011 में वर्णित प्रावधानों की पूर्ति नहीं होने से उक्त ग्राम पंचायतों को नगर परिषद् के रूप में गठित करने की कोई योजना नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बालिका छात्रावास में बाउण्ड्रीवाल निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
5. ( क्र. 51 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बाउण्ड्रीवाल की राशि किस नियम/आदेश के आधार पर सीधे छात्रावासों के खाते में डाल दी गई? उस नियम/आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या शासन द्वारा निर्धारित निर्माण ऐजेंसी ग्राम पंचायत या फिर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा होना चाहिये? (ग) यदि अशोकनगर जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में सर्वशिक्षा अभियान के अंतर्गत बाउंड्रीवाल की राशि नियमों का उल्लंघन करते हुये जिन अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से डाली गई है उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि की जावेगी तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिला निर्माण समिति जिला शिक्षा केंद्र अशोकनगर की बैठक दि. 22.08.2019 में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों अंतर्गत बाऊंड्रीवाल निर्माण की निर्माण एजेंसी सम्बंधित छात्रावास की शाला प्रबंधन समिति को अनुमोदित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशष्ट पर है। (ख) जी नहीं। (ग) अशोकनगर जिले में संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बाऊंड्रीवाल की राशि नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। शेष प्रश्न निरंक है।
गौ-शालाओं को शासन द्वारा अनुदान
[पशुपालन]
6. ( क्र. 78 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निराश्रित गौवंश के भरण पोषण हेतु स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकृत गौ-शालाओं को प्रतिदिन प्रति गौवंश के मान से कितनी राशि किस दर से प्रदान करने के निर्देश हैं? आदेश की प्रति दें। विद्युत कनेक्शन तथा बिल वसूली के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? प्रति दें। (ख) रायसेन जिले में पंजीकृत क्रियाशील गौ-शालाओं में कितना-कितना गौवंश है वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में उक्त गौ-शालाओं को कितनी राशि किस दर से दी गई? शासन द्वारा निर्धारित दर से राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? (ग) स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकृत गौ-शालाओं को शेड निर्माण, बिजली कनेक्शन, तार फेंसिंग, नल-कूप खनन, भूसा क्रय आदि व्यवस्थाओं के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? रायसेन जिले में उक्त कार्यों हेतु विगत तीन वर्षों में कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गई? (घ) 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर कार्यवाही हेतु माननीय मंत्री जी द्वारा किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या निर्देश दिये गये? संबंधित अधिकारी द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) निराश्रित गौवंश के भरण पोषण हेतु पंजीकृत क्रियाशील गौशालाओं को रू. 20.00 प्रतिदिन प्रतिगौवंश देने का प्रावधान है। आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड से प्राप्त जानकारी अनुसार समस्त गौशालाओं हेतु विद्युत देयक घरेलू दर पर जारी किए जाने के प्रावधान हैं। जिसमें नवीन विद्युत कनेक्शन, विद्युत प्रदाय संहिता 2013 एवं विनियमन 2009 आर.जी. 31 के अनुसार दिए जाने के प्रावधान हैं। प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) रायसेन जिले में पंजीकृत क्रियाशील गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश एवं वर्ष 2018-19 व वर्ष 2019-20 में गौशालाओं को प्रदाय की गई आर्थिक सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स अनुसार। शासन द्वारा माह अक्टूबर 2019 से निर्धारित दर रू. 20.00 प्रतिदिवस प्रतिगौवंश के मान से गौशालाओं को राशि का भुगतान प्रारंभ किया जा चुका है। (ग) स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकृत क्रियाशील गौशालाओं को मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की नियमावली (यथा संशोधित 2006) के अनुसार गौशालाओं के सुदृढि़करण हेतु बुनियादी सुविधाऐं जैसे चारा, भूमि शेड आदि के लिए आर्थिक सहायता बजट की उपलब्धता के आधार पर उपलब्ध कराई जाती है। रायसेन जिले में गौशालाओं में अधोसंरचना निर्माण के लिए विगत तीन वर्षों में प्रदाय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार। (घ) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्रीजी, पशुपालन विभाग को दो पत्र क्रमश: क्रमांक 418/11.10.2019 एवं 420/18.11.2019 प्राप्त हुए है, जिन पर की गई कार्यवाही निम्नानुसार है :- 1. पत्र क्रमांक 418 दिनांक 11.10.2019 में, स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीकृत गौशालाओं में नि:शुल्क बिजली व्यवस्था करवाने के संबंध में अनुरोध किया गया है। जिसके तारतम्य में माननीय मंत्री महोदय, म.प्र.शासन, पशुपालन विभाग द्वारा माननीय मंत्री जी, म.प्र. शासन, ऊर्जा विभाग से माननीय विधायक महोदय की मंशा अनुसार उचित कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। 2. क्रमांक 420 दिनांक 18.11.2019 के पत्र द्वारा दैनिक समाचार पत्र में दिनांक 17.11.2019 को प्रकाशित समाचार पर कार्यवाही का अनुरोध किया गया है। पशुपालन विभाग के मध्यप्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड अंतर्गत जिला रायसेन के बाड़ी विकासखण्ड में 03 पंजीकृत क्रियाशील गौशालाऐं हैं। उक्त 03 गौशालाओं में से आचार्य विद्यासागर जीवरक्षा संस्थान, समनापुर बरेली में गौशाला की क्षमता से 115 गौवंश एवं शिवपंचायत मंदिर गौवंश रक्षक समिति, बापोली में 26 गौवंश अधिक है। बाड़ी विकासखण्ड में मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायत चैनपुर व भारकच्छकलां में 100-100 गौवंश की क्षमता की गौशालाऐं निर्माणाधीन हैं, जिससे इस विकास खण्ड में 200 निराश्रित गौवंश रखे जाने की क्षमता निर्मित हो सकेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु प्राप्त आवेदन
[नगरीय विकास एवं आवास]
7. ( क्र. 79 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में योजना प्रारंभ होने से नवंबर 19 तक की अवधि में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में नाम जोड़ने हेतु कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए तथा किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? किन-किन के नाम क्यों नहीं जोड़े गये तथा संबंधितों को अवगत क्यों नहीं कराया? (ख) क्या उक्त योजना में कच्चे आवास, आवासहीन झुग्गीवासी, अतिक्रमणकारी जो ऐसी भूमि पर रहते हैं जहॉ पर आवासीय इकाई का निर्माण किया जाना प्रतिबंधित है, उनको नगरीय निकाय द्वारा अन्य शासकीय भूमि प्राप्त कर उसमें भू-खण्ड विकसित कर उन्हें प्लाट आवंटित कर राशि दिये जाने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो रायसेन जिले में इस संबंध में आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) 1 जनवरी 19 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में योजना प्रारंभ होने से नवम्बर 2019 तक की अवधि में रायसेन जिले की नगर पालिका तथा नगर परिषदों में नाम जोड़ने हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विधायकों के पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही चयन संबंधी दिशा-निर्देश अनुसार पात्रता मापदण्ड पूर्ण न करने वाले हितग्राहियों के नाम नहीं जोड़े गये हैं। संबंधितों को अवगत कराया गया है। आवेदकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दिशा-निर्देशों में यह प्रावधान दर्शित नहीं है, परन्तु मध्य प्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाघृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम, 1984 के अन्तर्गत प्रावधान अनुसार आवासहीन हितग्राहियों को पट्टे दिये जाते है। पात्र आवासहीन झुग्गीवासी अतिक्रामक जो ऐसी भूमि पर निवास करते हैं, जहां आवास निर्माण प्रतिबंधित है, उन्हें अन्य शासकीय भूमि पर भूखण्ड विकसित कर प्लाट आवंटित करने की कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ई' अनुसार है। (घ) नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है, शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर्थिक अनियमितता में निलंबित शिक्षकों पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
8. ( क्र. 93 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम एवं मंदसौर जिले में 1 जनवरी 2015 के पश्चात् कितने शिक्षकों पर आर्थिक अनियमितता के प्रकरण दर्ज हुए वर्तमान में इनका कार्यस्थल कहां है? (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित आर्थिक अपराध में किन-किन शिक्षकों के प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये गये? कितने प्रकरणों का निराकरण हो चुका है तथा कितनों को माननीय न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई है? प्रत्येक प्रकरण की जानकारी देवें। (ग) क्या रतलाम जिले में ऐसे भी प्राचार्य हैं जो लाखों रू. के गबन के बावजूद उसी संकुल में पुन: प्राचार्य के पद पर कार्य कर रहे हैं तथा विभाग ने मिलीभगत से उन्हें विद्यालयीन आर्थिक कार्य का पुन: प्रभार दे दिया है, जिससे वे पुन: विद्यालय की लोकल केशबुक का संचालन कर रहे हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) संदर्भित ऐसे शिक्षक जो आर्थिक अनियमितता प्रकरण के बावजूद उसी संकुल में कार्य कर जाँच को प्रभावित करते हैं, ऐसे शिक्षकों को क्या अन्य संकुल में पदस्थ किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो किन अधिकारियों ने नियम के विपरीत ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति पुन: उसी संकुल में की, अधिकारी का नाम सहित जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रतलाम जिले में 02 प्राचार्य, 02 शिक्षक संवर्ग के विरूद्ध आर्थिक अनियमितता के प्रकरण दर्ज हुये है एवं मंदसौर जिले में कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुये है। शेषांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) रतलाम जिले के 04 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज होने के उपरांत प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों पर निर्णय अपेक्षित है। शेषांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) रतलाम जिले में श्री समीउल्ला खान प्राचार्य शा.क.ने.उ.मा.वि.जावरा जिला रतलाम को आहरण संवितरण अधिकारी के रूप में वित्तीय अनियमितता करने के आरोप में संभागायुक्त संभाग उज्जैन के द्वारा निलंबित किया गया था तथा विभागीय जाँच प्रचलित रखते हुए श्री खान को शा.उ.मा.वि.हाटपिपलिया जावरा में पदस्थ किया गया जो उनकी पूर्व कार्यरत संस्था शा.क.ने.उ.मा.वि.जावरा संकुल के अंतर्गत नियंत्रित संस्था है जिसके प्राचार्य पृथक है। श्री खान को कोई वित्तीय अधिकार नहीं सौंपे गए है। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
नगरीय निकाय क्षेत्रों में लीज रेंट की भूमियाँ
[नगरीय विकास एवं आवास]
9. ( क्र. 95 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में नगरीय क्षेत्रों में निकायों द्वारा लीज रेंट की भूमियां रहवासियों के लिये कहां-कहां, किन-किन नगरीय क्षेत्रों में दी गई है और वे कब से आवंटित की गई हैं वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) संदर्भित आवश्यकताओं को देखते हुये उन लीज होल्डर ने जिन्होंने अपने रहवासी मकान में कहीं ऑफिस, दुकान या अन्य प्रयोजन के लिये रहवास के साथ-साथ व्यवसायिकता का स्वरूप दे दिया है, क्या ऐसे समस्त आवंटियों की लीज रेंट रिन्यूअल हो रही है या नहीं? यदि नहीं, तो कितने वर्षों से नहीं हो रही है? (ग) क्या लीज रिन्युअल नहीं होने के कारण लीज रेंट की निकायों को राजस्व प्राप्तियां नहीं हो रही है, जिससे निकायों को भारी राजस्व की हानि हो रही है? ऐसे निकायों की जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) उज्जैन संभाग अन्तर्गत 03 नगर पालिक निगम एवं 63 नगरीय निकाय है जिसमें प्राप्त जानकारी अनुसार 02 नगर पालिक निगम उज्जैन एवं रतलाम तथा 07 नगरीय निकाय महिदपुर, नीमच, मंदसौर, जीरन, मनासा, भानपुरा एवं शुजालपुर द्वारा लीज रेंट की भूमिया रहवासियों को दी गई है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष 01 नगर पालिक निगम देवास तथा 56 निकायो की जानकारी निरंक है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
10. ( क्र. 99 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित विधान सभा प्रश्न 1623 दिनांक 13 मार्च, 2018 के भाग- (ख) पर दिये उत्तर अनुसार जानकारी देवें कि संबंधित अपर संचालक की पूर्व लंबित शिकायतों के अतिरिक्त वर्तमान प्रचलित एवं वर्तमान लंबित शिकायतों की फाइलवार एवं दिनांकवार मूवमेंट की स्थिति क्या है? (ख) म.प्र. लोक सेवा आयोग इंदौर के पत्र क्र. 3164/80/1985/चयन, दिनांक 20 जून, 2019 पर कार्यवाही न करते हुए विभाग स्तर पर मामला दबाने के दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए लंबित पत्र पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? संबंधित अपर संचालक द्वारा विभाग को प्रस्तुत एन.सी.बी. एवं खेल प्रमाण पत्रों की पठनीय प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) तारांकित विधान सभा प्रश्न 2742 दिनांक 19 जुलाई, 2019 के भाग- (ख) पर दिये उत्तर अनुसार जानकारी देवें कि संबंधित अपर संचालक के विरूद्ध कार्यवाही की वर्तमान स्थिति क्या है? याचिका 16944/2015 के पालन में विभाग द्वारा जारी आदेश क्र. 1164/1869/2015/25/1, दिनांक 2 मई 2017 के पालन की वर्तमान स्थिति बतावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) वर्तमान में कोई शिकायत नहीं है। (ख) म.प्र. लोक सेवा आयोग का पत्र क्रमांक 3164/80/1985/चयन दिनांक 20 जून 2019 विभाग में अप्राप्त है। प्रश्न उपसिथत नहीं होता। संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तारांकित विधान सभा प्रश्न 2742 दिनांक 19 जुलाई 2019 के भाग (ख) पर दिये उत्तर अनुसार जाँच प्रचलन में है। कार्यवाही की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
दोषियों पर कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
11. ( क्र. 100 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जैविक खेती प्रोत्साहन देने संबंधी योजना में राज्य स्तर पर अवैधानिक परिवर्तन और भ्रष्टाचार के संबंध में सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को लिखे गये अर्द्धशासकीय पत्र क्र. 18015/16/2018-टीएसपी, दिनांक 19 सितम्बर, 2019 की प्रति उपलब्ध कराते हुए पत्र पर कार्यवाही की वर्तमान स्थिति बतावें। प्रकरण किस स्तर पर कब से लंबित है? पूर्व में भारत सरकार से प्राप्त सभी पत्रों की प्रतियों देवें। (ख) अवैधानिक परिवर्तन के दोषियों के नाम, पद वर्तमान पदस्थापना बतावें। इसी प्रकरण में मध्यप्रदेश एसटीएफ, लोकायुक्त संगठन, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ से प्राप्त सभी पत्रों की प्रतियां उपलब्ध करावें। (ग) संचालक, आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं के पत्र पृष्ठाकंन क्रमांक-12081 दिनांक 21.03.2017 के सभी स्मरण पत्र उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पत्र क्रमांक 18015/16/2018-टीएसपी की प्रति संलग्न है। प्रतिवेदन भारत सरकार को प्रेषित कर दिया गया है। (ख) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाऍ के पत्र दिनांक 21/03/2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
शासकीय विद्यालयों से मान्यता वृद्धि पर निर्धारित शुल्क
[स्कूल शिक्षा]
12. ( क्र. 121 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा प्रतिवर्ष मान्यता वृद्धि के नाम पर शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी विद्यालयों से शुल्क लिया जाता है। यदि हाँ, तो शुल्क की क्या दर निर्धारित है। (ख) प्रश्नांस (क) में लिए जाने वाले शुल्क के लिये क्या राज्यशासन द्वारा आदेश जारी किया गया है यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाय। (ग) जब शासकीय हाईस्कूल एवं हायरसेकण्डरी विद्यालयों का उन्नयन राज्यसरकार द्वारा स्वयं निर्णय लेकर किया जाता है फिर प्रतिवर्ष मान्यतावृद्धि शुल्क लिये जाने का क्या औचित्य है। यदि राज्यसरकार के बिना आदेश के मान्यता वृद्धि शुल्क लिया जाता है तो इसके लिये कौन दोषी है। (घ) वर्ष 2016 से वर्ष 2019 तक माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल को पूरे प्रदेश के विद्यालयों से कितनी आय मान्यता वृद्धि शुल्क के रूप में हुई वर्ष वार जानकारी उपलब्ध कराई जाय। एवं इस राशि का उपयोग किन कार्यों में किया गया।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल द्वारा मान्यता वृध्दि का कार्य नहीं किया जाता है। अतःशुल्क लेने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) उत्तरांश "क" के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विशेष पिछड़ी जातियों के विकास हेतु राशि का आवंटन
[आदिमजाति कल्याण]
13. ( क्र.
132 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
आदिमजाति
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) मध्यप्रदेश
में कौन-कौन
सी जाति को
विशेष पिछड़ी
जनजाति घोषित
किया गया है
तथा इनकी
जनसंख्या
कितनी है? जातिवार-क्षेत्रवार
सहित जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में इन विशेष
पिछड़ी
जातियों के विकास
हेतु केन्द्र
सरकार/राज्य
सरकार/विशेष
केन्द्रीय
सहायता
अंतर्गत विगत
दस वर्षों में
कितनी-कितनी
राशि किस
कार्य हेतु
आवंटित की गई? कार्यवार
वर्षवार, जिलेवार
सूची उपलब्ध
करावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में प्राप्त
हुई राशि को
विभाग द्वारा
वापस कराया
गया है। यदि
हाँ, तो
कितनी-कितनी
राशि वापस की
गई है?
पिछले तीन
वित्तीय
वर्ष की
जानकारी
उपलब्ध
करावें। साथ
ही यह भी
बतावें कि
प्राप्त
राशि को वापस
करने के क्या
कारण थे? (घ) प्रश्नांश
(ख) के संदर्भ
में अनूपपुर
जिले में विगत
पाँच वर्षों
में कौन-कौन
से कार्य
किसकी
अनुशंसा से
एवं किस सक्षम
अधिकारी
द्वारा स्वीकृत
किये गये वर्षवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। विधानसभा
क्षेत्रवार
कितना आवंटन
प्राप्त हुआ
तथा जिला
कार्यालय
द्वारा कितना
आवंटन जारी
किया गया? जारी
किये गये
आवंटन में से
कितनी राशि का
उपयोग कर लिया
गया है? कितने
कार्य पूर्ण
हो चुके हैं? कितने
कार्य अपूर्ण
हैं? पूर्ण
कार्य में किस
सक्षम
अधिकारी
द्वारा
उपयोगिता अथवा
पूर्णता
प्रमाण पत्र
जारी किये गये? ऐसे
कितने कार्य
हैं, जिनकी
पूर्णता
प्रमाण-पत्र
जारी नहीं
किया गया है? सूची
उपलब्ध
करावें। निर्माण
कार्य किस
एजेंसी एवं
अधिकारी-कर्मचारी
की लापरवाही
के कारण
अपूर्ण रहे
हैं? कारण
सहित वर्षवार
सूची सहित
जानकारी
उपलब्ध
करावें।
आदिमजाति
कल्याण
मंत्री ( श्री
ओमकार सिंह
मरकाम ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। (ग)
जी नहीं। भारत
सरकार से
प्राप्त
राशि वापिस
नहीं होती। (घ) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'स' अनुसार
है।
असत्य शिकायत करने वाले के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
14. ( क्र. 136 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्रमांक/90/सीएमएस/बीसीएस/19, भोपाल दिनांक 11.01.2019 के द्वारा एवं शिक्षा मंत्री तथा प्रश्नकर्ता के अनेकों पत्रों के साथ जाँच एवं विभागीय जाँच रिपोर्ट तथा एसटीएफ की जाँच रिपोर्ट प्रदान करने के पश्चात भी अध्यापक एवं सहायक अध्यापक का निलबंन अभी तक निरस्त क्यों नहीं किया गया है जबकि सभी जाँच रिपोर्टों में नियुक्ति स्वरूप प्रमाण पत्र सत्य पाये गये हैं? स्पष्ट करें। (ख) क्या अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा परि.अतारांकित प्रश्न संख्या 202 प्रश्न क्रमांक 5737 दिनांक 23.03.2018 के प्रस्तुत जवाब में जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर की जाँच रिपोर्ट को दृष्टिगत रखते हुये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मोहन बडोदिया, जिला शाजापुर की जाँच रिपोर्ट क्र. 2100 दिनांक 09.06.2015 निरस्त कर दी गई है? स्पष्ट करें। (ग) जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के पत्र क्र./शिक्षा/शिका./2016/540 एवं 542 राजगढ़ दिनांक 11.02.2016 को जिस जाँच रिपोर्ट के आधार पर निलंबित किया गया था, उसी जाँच रिपोर्ट क्र. 2100 दिनांक 09.06.2015 को अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निरस्त करने पर अध्यापक एवं सहायक अध्यापक का निलंबन आयुक्त, भोपाल संभाग भोपाल या कलेक्टर राजगढ़ द्वारा तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जायेगा? स्पष्ट करें। (घ) सुश्री चित्रा व्यास, प्राचार्य की जाँच रिपोर्ट तथा श्री आर.एस. मालवीय प्राचार्य की जाँच रिपोर्ट तथा एसटीएफ की जाँच रिपोर्ट एवं जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर की जाँच रिपोर्ट के निष्कर्ष एवं अभिमत के अनुसार अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रकरण में विभागीय जाँच पूर्ण नहीं हुई है। विभागीय जाँच पूर्ण होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ख) जाँच रिपोर्ट क्रमांक- 2100 दिनांक 09.06.2015 के निरस्त होने के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी (शिक्षा) जिला राजगढ़ के पत्र क्र. 390, दिनांक 13.12.2019 द्वारा विकास आयुक्त कार्यालय म.प्र. से जानकारी प्राप्त की जा रही है। (ग) उत्तरांश “ख” अनुसार जानकारी प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) उक्त जाँच विभागीय जाँच नहीं है, प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के आदेश दिनांक 25.11.2019 के पालन में सक्षम स्तर से सभी संबंधित पक्षों को सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान कर विभागीय जाँच की कार्यवाही कर विभागीय जाँच के गुण-दोष के आधार पर ही कार्यवाही की जावेगी।
जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[पशुपालन]
15. ( क्र. 152 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय म.प्र. भोपाल के आदेश क्र.-869/वि.जा./विशि/524/2013 भोपाल, दिनांक 17-11-2016 शिकायत क्रमांक-आर-1009/15 विरूद्ध डॉ. एम.सी. तमोरी, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें शिवपुरी की जाँच हेतु गठित समिति के द्वारा जाँच प्रतिवेदन दिया गया है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति संलग्न कर जानकारी दें कि जाँच प्रतिवेदन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) म.प्र. शासन, पशुपालन विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक एफ-16-19/1017/पैंतीस भोपाल, दिनांक 19-7-2017 के द्वारा डॉ. एम.सी. तमोरी उपं संचालक शिवपुरी को कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया है। यदि हाँ, तो कारण बताओ सूचना पत्र एवं इसके जवाब की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई, तो क्यों? (ग) क्या उप संचालक, पशुपालन विभाग, शिवपुरी द्वारा कार्य सुविधा की दृष्टि से कर्मचारियों/अधिकारियों को अटैच किया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कौन-कौन से कर्मचारी/अधिकारी कहां-कहां पर किस कार्य हेतु कार्यरत हैं? इनकी मूल पदस्थापना कहां एवं किस पद पर है? (घ) क्या उप संचालक, पशुपालन विभाग, शिवपुरी को कार्य सुविधा की दृष्टि से कर्मचारियों/अधिकारियों के आदेश जारी करने एवं विकासखण्ड परिवर्तन करने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो उक्त अधिकार पत्र की प्रति संलग्न कर जानकारी दें। बगैर अधिकार के अटैचमेंट आदेश कैसे जारी किये गये?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ, जाँच प्रतिवेदन के आधार पर डॉ. एम.सी.तमोरी को भविष्य के लिए चेतावनी दी गई है। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' ''स'' एवं ''द'' अनुसार। (ग) जी नहीं। कार्य सुविधा की दृष्टि से जिले में कर्मचारियों/अधिकारियों को रिक्त पदों का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) सामान्य प्रशासन विभाग, भोपाल के दिशा-निर्देशानुसार नियंत्रणकर्ता अधिकारी को कार्य सुविधा की दृष्टि से रिक्त पदों का अतिरिक्त प्रभार समकक्ष अधिकारी/कर्मचारी को देने का अधिकार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' तथा ''फ'' अनुसार।
माननीय सदस्य को जानकारी का प्रदाय
[पशुपालन]
16. ( क्र. 153 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 404, 405, 406, दिनांक 4-10-2019 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 434 दि. 18-10-2019 से जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ, तो उक्त जानकारी क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई? वांछित जानकारी जनहित एवं शासन हित में कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? (ख) उक्त वर्णित पत्रों के माध्यम से किस-किस विषय पर जानकारी चाही गई है? क्या पत्रों द्वारा चाही गई जानकारी देने से अनियमितता उजागर होगा, इसलिए जानकारी नहीं दी गई? (ग) क्या उक्त जानकारी न देने के लिये विभाग उप संचालक, शिवपुरी के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला शिवपुरी द्वारा उनके कार्यालयीन पत्रांक 3646/ज.प्र./दिनांक 08.11.2019 को स्पीड पोस्ट के माध्यम से चाही गई जानकारी उपलब्ध कराई गई है। स्पीड पोस्ट रसीद संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पशु रोगी कल्याण समिति की जानकारी एवं नेशनल मिशन फॉर सप्लीमेंट की जानकारी एवं उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला शिवपुरी द्वारा उपलब्ध करा दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) चाही गई जानकारी उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला शिवपुरी द्वारा उपलब्ध करा दी गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खण्डवा नगर निगम की अमृत योजना में भ्रष्टाचार
[नगरीय विकास एवं आवास]
17. ( क्र. 166 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा नगरीय क्षेत्र में विगत तीन वर्षों में अमृत योजनान्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये गये है? स्थान, कार्य का नाम एवं लागत राशि बताएँ? (ख) क्या अमृत योजनान्तर्गत निर्मित सार्वजनिक उद्यानों की मात्र बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कराया गया है? जिसके कारण शासन का लाखों रुपये व्यय होने के बाद भी यह बगीचे अनुपयोगी पड़े है? (ग) क्या इन बगीचों में प्राक्कलन अऩुसार पाथ-वे, लाईटिंग, झूले, फिसलपट्टी, ग्रीन ग्रास लोन एवं पौधो का रोपण नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) अमृत योजना के बगीचे निर्माण में हुए लाखों करोड़ो रुपये के घोटालों के लिये कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार है? नाम एवं पदनाम की जानकारी दे। (ङ) क्या खण्डवा नगर निगम द्वारा अमृत योजना में कराये गये निर्माण कार्यों की उच्च स्तरीय जाँच कराई जाकर दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही एवं शासकीय धन के दुरुपयोग की कार्यवाही की जाएगी? य़दि हाँ तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अमृत योजनांतर्गत विकसित किये गये बगीचे में स्वीकृत डी.पी.आर. अनुसार कार्य कराये गये हैं, जिसमें पाथवे, पेड़-पौधे लगाना, लाईटिंग का कार्य किया गया है। वर्तमान में बगीचों का उपयोग आमजनों के द्वारा किया जा रहा है, बगीचे उपयोगी है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) अमृत योजना के बगीचे निर्माण में लाईटिंग, ग्रीन ग्रास लॉन एवं पौधों का रोपण का कार्य किया गया है। झूले, फिसलपट्टी हेतु निविदा आमंत्रित की गई है, अनुबंध होना शेष है। (घ) अमृत योजनांतर्गत बगीचे निर्माण में लाखों करोड़ों के घोटाले की स्थिति प्रतिवेदित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) अमृत योजनान्तर्गत निर्मित बगीचों की जाँच हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत खण्डवा की अध्यक्षता में संयुक्त दल गठित किया गया है। जाँच उपरांत निष्कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
अतिक्रमण के विरुद्ध कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
18. ( क्र. 167 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में विगत 3 वर्षों में यातायात बाधित करने वाले कितने अतिक्रामकों के विरुद्ध कार्यवाही की गई तथा कितनी राशि का अर्थदण्ड वसूल किया गया? (ख) क्या खण्डवा नगर में अस्थाई अतिक्रामकों के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है? जिससे यहाँ के नागरिक परेशान होकर आक्रोशित है? (ग) यदि हाँ, तो स्थानीय निकाय द्वारा संपूर्ण शहर में नागरिकों के निर्बाध आवागमन हेतु क्या कार्य योजना तैयार की गई है? उस पर कब तक अमल किया जावेगा? (घ) क्या स्थानीय निकाय के पास कोई कारगर कार्य योजना एवं कार्यवाही नहीं होने से यहाँ के अतिक्रामकों के हौसले बुलंद है? यदि हाँ, तो क्या जनता को राहत प्रदान की जायेगी? य़दि हाँ तो कब तक? (ङ) जिला मुख्यालय की समस्त शास. विद्यालय की बाउण्ड्रीवाल के पास एवं खेल मैदानों पर कितने अतिक्रमण है? जनहित में इन्हे कब तक हटा दिया जाएगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) खण्डवा जिला अंतर्गत निकायों द्वारा विगत 03 वर्षों में यातायात बाधित करने वाले 2002 अतिक्रमकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई तथा राशि रूपये 45550/- अर्थदण्ड वसूल किया गया। (ख) खण्डवा नगर में अस्थाई अतिक्रामकों के कारण यातायात प्रभावित होने पर कार्यवाही की जाती है। (ग) यातायात पुलिस और नगर निगम खण्डवा द्वारा अतिक्रमण हटाने एवं यातायात नियमित करने हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है। (घ) जी नहीं। नगर पालिक निगम खण्डवा एवं यातायात पुलिस द्वारा निरंतर संयुक्त कार्यवाही की जाने से अतिक्रामकों के हौंसले बुलंद नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) नगर निगम खण्डवा द्वारा ऐसे अतिक्रमणों को चिहिन्त किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। चिन्हांकन उपरांत जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा संयुक्त कार्यवाही की जाकर अतिक्रमण हटाया जा सकेगा।
सहरिया आदिवासियों को पोषण आहार हेतु प्राप्त राशि
[आदिमजाति कल्याण]
19. ( क्र. 179 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों के किन-किन ग्रामों में सहरिया आदिवासी वर्ग के कितने-कितने परिवारों को पोषण आहार हेतु राशि रू. 1000 प्रतिमाह प्रदाय किए जा रहे हैं? संख्यात्मक जानकारी ग्राम व पंचायतवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश 'क' अनुसार प्रश्न दिनांक को किन-किन ग्राम पंचायतों के किन-किन ग्रामों में कितने-कितने परिवारों को कौन-कौन से माह के पोषण आहार की राशि का कुल कितना-कितना भुगतान किया जाना लंबित है? उक्त राशि का भुगतान लंबित होने का क्या कारण है तथा लंबित राशि का भुगतान कब तक किया जावेगा? संख्यात्मक जानकारी ग्रामवार, पंचायतवार, माहवार उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 110 ग्राम पंचायतों के 182 ग्रामों में 13791 विशेष पिछडी सहरिया जनजाति परिवारों को 1000/- रू. प्रतिमाह के मान से पोषण आहार राशि प्रदाय की जा रही है। परिवारवार, ग्राम व पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार 13791 परिवारों को माह जून 2019 से माह अक्टूबर 2019 तक की राशि रू. 689.55 लाख पोषण आहार राशि आवंटन के अभाव में भुगतान हेतु लंबित है। म.प्र. शा. वित्त विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. 500/470/2019/4/ब-1 भोपाल दिनांक 30.07.2019 की कण्डिका क्र. 4.3 अनुसार योजना में 70 % तक व्यय की सीमा निर्धारित है। आहार अनुदान योजना अंतर्गत् माह दिसम्बर की निर्धारित व्यय सीमा 70% तक व्यय होने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका है। माह दिसम्बर में 70 % से अधिक व्यय की अनुमति शासन से प्राप्त होने पर लंबित राशि के भुगतान की कार्यवाही की जा सकेगी। ग्राम व पंचायतवार, माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
प्रौढ़ शिक्षा का शिक्षा विभाग में समायोजन
[स्कूल शिक्षा]
20. ( क्र. 196 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में वर्ष 1990 से प्रौढ़ शिक्षा अभियान में पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के अमले को लगाया गया था, जिसमें जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी के पद पर स्कूल शिक्षा विभाग के व्याख्याता संवर्ग के समकक्ष उसी वेतनमान में नियुक्तियां की गई थी, लेकिन 2001-2002 में यह अभियान प्रदेश में समाप्त हो गया था। (ख) क्या यह सही है कि इस अभियान में लगे अमले को शिक्षा विभाग में समायोजित कर दिया गया था एवं इसमें व्याख्याता संवर्ग के लोगों को जिला शिक्षाधिकारी के पद सरकार द्वारा समायोजित कर दिया गया था? (ग) क्या नियम यह है कि जिला शिक्षाधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिये हाई स्कूल प्राचार्य, हा.से. प्राचार्य, फिर सहायक संचालक के पद से होकर जाना पड़ता है। तत्पश्चात ही पदोन्नति में जिला शिक्षाधिकारी पद मिलता है। क्या इस नियम का पालन विभाग से होना चाहिये था? (घ) यदि हाँ, तो इस प्रकरण में सीधे-सीधे तीन पद छोड़कर चौथे पद पर सारे नियमों को शिथिल कर समायोजन क्यों किया गया?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। वर्ष 1994 के पूर्व प्रौढ् शिक्षा योजना समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत था एवं उसी के विभागीय अमले द्वारा संचालित होता था। इस अमले में तत्समय जिला प्रौढ् शिक्षा अधिकारी सहायक संचालक संवर्ग के होते थे। वर्ष 1994 से प्रौढ् शिक्षा योजना स्कूल शिक्षा विभाग को हस्तांतरित हुआ। सम्पूर्ण साक्षरता अभियान पढ़ना- बढ़ना आन्दोलन एवं साक्षर भारत के परिवर्तित नामों एवं स्वरूप के साथ वर्ष 31 मार्च 2018 तक संचालित हुआ (ख) जी नहीं। साक्षरता अभियान के अमले को शिक्षा विभाग में समायोजन नहीं किया गया बल्कि प्रौढ़ शिक्षा योजना के अंतर्गत तत्समय कार्यरत समाज कल्याण विभाग के अमले का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में किया गया। व्याख्याता संवर्ग के किसी अधिकारी को जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर समायोजन नहीं किया गया। (ग) जिला शिक्षा अधिकारी उप संचालक के पद सहायक संचालक से पदोन्नति से भरे जाते हैं। वर्तमान भर्ती नियम के अनुसार सहायक संचालक के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से एवं 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है। तत्समय के भर्ती नियम के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी/उप संचालक के पद पर सहायक संचालक/प्राचार्य उ.मा.वि. से पदोन्नति का प्रावधान था एवं सहायक संचालक के पद पर प्राचार्य उ.मा.वि. एवं योजना अधिकारी से पदोन्नति होती थी। जिला प्रौढ् शिक्षा अधिकारियों (समाज कल्याण विभाग सहायक संचालक संवर्ग) का नियमानुसार संविलियन सहायक संचालक संवर्ग स्कूल शिक्षा विभाग में किया गया था। भर्ती नियम के अनुसार सहायक संचालक से उप संचालक पद पर पदोन्नति का प्रावधान था, जिसका पालन किया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अन्तर्गत राशि का प्रदाय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
21. ( क्र.
200 ) श्री
आशीष गोविंद
शर्मा : क्या
सामाजिक
न्याय मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) वर्ष
2019
जनवरी माह से
प्रश्नांश
दिनांक तक
मुख्यमंत्री
कन्यादान
एवं निकाह
योजना के
अंतर्गत
प्रदेश भर में
कुल कितने
जोड़ों का
सामूहिक
विवाह संपन्न
हुआ है? जिलेवार
जानकारी
उपलब्ध
करावें। (ख) वर्ष
2019
में कितने
हितग्राहियों
को अभी तक
मुख्यमंत्री
कन्यादान
योजना
अंतर्गत
अनुगृह राशि
प्रदान न कर
दी गई है एवं
कितने
प्रकरणों में
राशि दिया जाना
शेष है? भुगतान
नहीं होने का
क्या कारण है? (ग) इस
योजना में आज
दिनांक तक
वर्ष 2019
में कितने
दिव्यांग, तलाकशुदा
एवं विधवा
हितग्राहियों
का विवाह करवाया
गया है? (घ) क्या
इस योजना के
क्रियान्वयन
में गड़बड़ी
एवं भ्रष्टाचार
होने की
शिकायतें
कहीं से
प्राप्त हुई
है? यदि
हाँ, तो
कहां-कहां से?
सामाजिक
न्याय मंत्री
( श्री लखन
घनघोरिया ) : (क) वर्ष
2019
जनवरी माह से
प्रश्नांश
दिनांक तक
मुख्यमंत्री
कन्यादान एवं
निकाह योजना
के अंतर्गत
प्रदेश भर में
कुल 63123
जोडों का
सामूहिक
विवाह सम्पन्न
हुआ है। जिलेवार जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार।
(ख) वर्ष 2019 में 35347
हितग्राहियों
को अभी तक
मुख्यमंत्री
कन्यादान
योजना
अंतर्गत
अनुगृह राशि
प्रदान कर दी
गई है। एवं 27776
हितग्राहियों
को राशि दिया
जाना शेष है। भुगतान
की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। (ग)
इनकी पृथक
से जानकारी
संकलित नहीं
की जाती है। प्रश्न
के भाग ''ख'' के
आंकड़ों में
ऐसे
हितग्राही
सम्मिलित है। (घ) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
पशु कल्याण समिति गठित करने के दिशा-निर्देश
[पशुपालन]
22. ( क्र. 213 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पशु कल्याण समिति गठित करने के क्या दिशा-निर्देश हैं? यह समिति क्या-क्या कार्य करती है और इसका गठन किसके द्वारा किस प्रकार से होता है? इसके आय के क्या साधन हैं तथा इस आय को किसकी अनुशंसा से किसके द्वारा किस प्रकार से व्यय किया जाता है? (ख) वर्तमान समय में पशु कल्याण समिति शहडोल के अंतर्गत कौन-कौन, सदस्य कब से मनोनीत या चयनित है? सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित समिति की वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, किन-किन एजेण्डों पर बैठकें आयोजित की गईं एवं क्या प्रस्ताव पास किये गये? बैठकों की कार्यवाही का विवरण देवें। (घ) पशु कल्याण समिति शहडोल में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक वर्षवार मदवार आय-व्यय का विवरण देवें एवं यह भी बतलावें की इस समिति में क्या कोई नैमेतिक मानदेय पर सदस्य रखा गया है? यदि हाँ, तो कब से और अभी तक कुल कितना मानदेय का भुगतान किया गया है? नाम सहित विवरण देवें।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) मदवार आय व्यय का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुकंपा नियुक्ति का प्रस्ताव पास किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
23. ( क्र. 214 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पिछली सरकार द्वारा 29 नवम्बर, 2018 को अपनी केबिनेट की बैठक में मृत अध्यापकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रस्ताव पास किया था? यदि हाँ, तो क्या इस संबंध में आदेश जारी किये गये हैं? यदि नहीं, तो कब तक जारी किये जायेंगे? (ख) क्या शासन मृत अध्यापकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने के नियमों को शिथिल करने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो किस प्रकार का कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। (ख) अध्यापक संवर्ग के मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए र्निधारित मापदंडों को शिथिल करने हेतु स्कूल शिक्षा विभाग के पत्र क्र/प्र.स./आर.टी.ई./2013/952/2013 भोपाल, दिनांक 28.03.2013, पत्र क्र./PS/RTE/2013/919/CPI/2013 भोपाल दिनांक 27.01.2015, क्र./1790/2016/20-1/142, भोपाल दिनांक 03;02.2017 एवं मुख्य सचिव, म.प्र. शासन के अर्दशासकीय पत्र क्र;/39/Sch.E/cs/2017 भोपाल, दिनांक 16.02.2017 द्वारा भारत सरकार को पत्र प्रेषित किया गया है। भारत सरकार से शिथिलीकरण हेतु मार्गदर्शन अपेक्षित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मस्टरकर्मियों क नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
24. ( क्र. 220 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नगरीय निकायों में कार्यरत मस्टरकर्मियों को नियमित किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो नगर-निगम इन्दौर में कितने मस्टरकर्मियों को नियमित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है? इन्दौर नगर-निगम में कार्यरत समस्त मस्टरकर्मियों की वरियता सूची उपलब्ध करावें? शेष मस्टरकर्मियों को कब तक नियमित किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) नगर निगम इंदौर द्वारा मस्टर कर्मियों की वरिष्ठता सूची का संधारण नहीं किया है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पार्क एवं नाला निर्माण की स्थिति
[नगरीय विकास एवं आवास]
25. ( क्र. 233 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 926, दिनांक 12.07.2019 में अवगत कराया गया था कि सिहोरा नगर पालिका अंतर्गत खितौला में नाला निर्माण एवं सिहोरा में पार्क निर्माण कराने की निविदा 20.08.2018 को जारी की गई है तथा निर्धारित समय अवधि में कार्य पूर्ण किया जाना प्रावधानित था तो वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है? (ख) कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है? कितनी राशि व्यय की जा चुकी है? कितना काम शेष है? कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? निश्चित समय-सीमा बतायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका सिहोरा में मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना (द्वितीय चरण) अंतर्गत खितौला में नाला निर्माण कार्य हेतु दिनांक 20.08.2018 को निविदा आमंत्रित की गई, जिसमें न्यूनतम दर की सक्षम स्वीकृति उपरांत संविदाकार को परफारमेंस राशि जमा कर अनुबंध किये जाने हेतु, कई बार सूचना दिये जाने के उपरांत भी, संविदाकार द्वारा परफारमेंस गारंटी राशि जमा नहीं करायी गई और न ही अनुबंध किया गया। फलतः निकाय की पी.आई.सी के संकल्प क्रमांक 1341 दिनांक 13.08.2019 से निविदा निरस्त कर अमानत राशि राजसात करने एवं पुनः निविदा आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया। द्वितीय निविदा आमंत्रण में प्राप्त दर की स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित है। दर स्वीकृति उपरांत कार्य कराया जा सकेगा। (ख) कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
भृत्य संवर्ग के पदनाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक बनाने की नीति
[स्कूल शिक्षा]
26. ( क्र. 235 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन द्वारा भृत्य संवर्ग का नाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक बनाये जाने पर शासन की कोई नीति है? यदि हाँ, तो कब तक आदेश प्रसारित किये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या भृत्य संवर्ग का नाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक बनाये जाने पर शासन को आर्थिक नुकसान होगा? यदि हाँ, तो प्रतिमाह कितना, यदि नहीं, तो आदेश क्यों प्रसारित नहीं किये गये? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? (ग) जबलपुर जिले में भृत्य संवर्ग की पदोन्नति कब से नहीं की गई वर्षवार जानकारी देवें। पदोन्नति नहीं देने का क्या कारण है? पदोन्नति नहीं देने पर पात्र लोक सेवकों को हो रहे आर्थिक नुकसान का कौन जिम्मेदार है? दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) जिले जबलपुर में भृत्य संवर्ग जो पदोन्नति की योग्यता रखते हैं, कर्मचारीवार संस्थावार जानकारी देवें। क्या शासन पात्र कर्मचारियों को अलग से परीक्षा कराकर सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदोन्नत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जबलपुर जिले में भृत्य संवर्ग की पदोन्नति वर्ष 2010 के बाद नहीं की गई। मान. सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में पदोन्नति के आरक्षण को लेकर विचाराधीन विशेष अनुमति याचिका के प्रकाश में पदोन्नति समिति की बैठकें आयोजित नहीं की जा सकी है। अतः शेषांश का पश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जबलपुर जिले में भृत्य संवर्ग के कर्मचारीवार/संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभागीय नियमों में प्रावधान नहीं है। अतः शेषांश का पश्न उपस्थित नहीं होता।
नलजल योजना हेतु मार्गों की खुदाई
[नगरीय विकास एवं आवास]
27. ( क्र. 246 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर नगर निगम द्वारा ग्वालियर शहर में विगत 3 वर्षों में किन-किन मार्गों पर नलजल योजना एवं सीवर लाईन हेतु मार्गों की खुदाई कर पाईप लाइन डाली गयी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या खोदे गये मार्गों को ठेकेदारों द्वारा यथा स्थिति में निर्मित कर दिया है? यदि हाँ, तो उन ठेकेदारों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या मार्गों की खुदाई कर उनकी मरम्मत न करने के कारण नगर निगम के विरूद्ध लोक निर्माण विभाग द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन दोषी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा मार्गों को मोटरेबल कर दिया गया है तथा यथास्थिति में करने का कार्य प्रगतिरत है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ग्रामों को अभ्यारण क्षेत्र की सीमा से बाहर करने का प्रस्ताव
[वन]
28. ( क्र. 249 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में सोनचिरैया अभ्यारण्य में कौन-कौन से ग्राम आते हैं। ग्रामों के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या सौनचिरैया अभ्यारण्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुछ ग्रामों को अभ्यारण्य क्षेत्र की सीमा से बाहर करने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कितने ग्रामों को तथा प्रस्ताव पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या सौनचिरैया अभ्यारण्य क्षेत्र का डी-नोटिफिकेशन किया गया है? यदि हाँ, तो कब? दिनाँक सहित बतावें। डी-नोटिफिकेशन में किन-किन ग्रामों को बाहर किया गया है? ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। अभयारण्य से बाहर किये जाने वाले प्रस्तावित 23 ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अभयारण्य के अधिसूचित 512 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में से 111.73 वर्ग कि.मी. आंशिक क्षेत्र को डिनोटिफाई करने के संबंध में राष्ट्रीय वन्यप्राणी बोर्ड की स्टेंडिंग कमेटी की 54वीं बैठक दिनांक 18.07.2019 में सोन चिडिया के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु सोन चिडि़या संरक्षण प्रबंध योजना एवं कम से कम व्यवधान प्रावधानित रहवास विकास योजना तैयार करने तथा अभयारण्य के ईको सेंसेटिव जोन की भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में संशोधन हेतु पुनरीक्षित प्रस्ताव प्रेषित करने के निर्णय के परिप्रेक्ष्य में विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को प्रेषित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके उपरांत ही राज्य शासन द्वारा उक्त क्षेत्र को डि-नोटिफाई कराने हेतु अधिसूचना जारी कराना सम्भव होगा, अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
क्रेशरों हेतु खनिपट्टों का प्रदाय
[खनिज साधन]
29. ( क्र. 269 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की विधान सभा क्षेत्र मऊगंज के अंतर्गत आने वाली जनपद पंचायत हनुमना एवं मऊगंज में किस-किस स्थान पर किस-किस नाम के क्रेशर हेतु क्वारी लीज (खनि पट्टा) किस-किस दिनांकों से जारी की गई है? जारी सभी खनिपट्टों (क्वारी लीज) के जारी आदेशों की एक-एक प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जनपद पंचायतों में किस-किस स्थान पर क्रेशर कब से किस नाम से स्थापित है? ग्राम पंचायतवार/क्रेशरों के नामवार/स्थापना दिनांकवार सूची उपलब्ध करायें। उक्त क्रेशरों को पत्थर कहां से उपलब्ध होते हैं? सूची क्रेशरवार/ग्राम पंचायतवार दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित क्रेशरों में किस-किस नाम के क्रेशरों के पास स्वयं का खनिपट्टा (क्वारी लीज) है? सूची दें। क्रेशर कब स्थापित हुआ? क्रेशर की क्वारी लीज (खनिपट्टा) कब जारी हुआ? किन-किन क्रेशरों के पास अपनी स्वयं की क्वारी लीज (खनिपट्टा) प्रश्नतिथि तक नहीं है? सूची दें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित किन-किन क्रेशरों को पर्यावरण विभाग द्वारा एन.ओ.सी. जारी की गई है? सूची दें। किस-किस के पास एन.ओ.सी. नहीं है? सूची दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिये उत्तर अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) से (ग) में उल्लेखित क्रशरों में प्रदूषण निवारण मण्डल द्वारा नियमानुसार जल एवं वायु सम्मति प्राप्त की जाती है। क्रेशर आधारित स्वीकृत उत्खनिपट्टो में पर्यावरणीय अनापत्ति लिये जाने के प्रावधान है।
नियमों के विपरीत चयन सूची का बनाया जाना
[स्कूल शिक्षा]
30. ( क्र. 270 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा केन्द्र रीवा में बी.आर.सी./ए.पी.सी. के चयन में आदेश क्रमांक 4216 दिनांक 07-10-2016 द्वारा चयनित शिवकांत गौतम एवं संजीव तिवारी की पोर्टल अनुसार नियुक्ति दिनांक क्रमश: 04-12-2007 एवं 04-08-2006 है? (ख) क्या चयन का आधार नियुक्ति दिनांक तक उसे प्राप्त करने का आधार पोर्टल से लिया गया है? यदि नहीं, तो उसका आधार आवेदन का प्रारूप था? यदि नहीं, तो क्या आधार था? नियमों का उल्लेख कर बतायें। (ग) क्या चयन हेतु तैयार की गयी वरिष्ठता सूची में शिवकान्त गौतम तथा संजीव तिवारी की नियुक्ति दिनांक क्रमांक 02-06-2002 तथा 08-09-2003 फर्जी या पोर्टल से भिन्न है? यदि नहीं, तो इसका आधार क्या है? इसे तैयार करने वाले लिपिक का नाम क्या है? यदि उक्त लिपिक द्वारा फर्जी कूटरचित नियुक्ति दिनांक के आधार पर चयनित सूची तैयार किया है, तो उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पदों के चयन में कुछ ऐसे भी आवेदकों के नाम चयन सूची में थे, जिन्होंने आवेदन नहीं किये जाने का लेख किया है? उनके नाम बताएं। आवेदन नहीं करने तथा कूटरचित नियुक्ति दिनांक अंकित करने से कितने अभ्यार्थी चयन की वरीयता से बाहर हुये? उनके नाम बताएं। सूची उपलब्ध करायें। क्या कार्यवाही शासन कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर चयनित कर्मचारियों पर कब तक करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हॉं। (ख) जी हॉं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हॉं। सूची तैयार करने वाले लिपिक का नाम श्री प्रकाश चन्द्र पयासी संविदा लिपिक है। फर्जी नियुक्ति दिनांक के आधार पर चयन सूची तैयार करने वाले लिपिक को तत्काल जिला शिक्षा केन्द्र, रीवा से हटाते हुए जनपद शिक्षा केन्द्र, हनुमना में पदस्थ किया गया एवं संविदा वृद्धि के संबंध में प्रकरण जिला नियुक्ति समिति को प्रेषित किया गया है। (घ) श्री रामप्रकाश साकेत (वरि.अध्यापक) प्रश्नांश ''क'' के आदेश में कूटरचित नियुक्ति दिनांक अंकित करने से श्री संजीव तिवारी का चयन प्रभावित हुआ। प्रश्नांश ''क'' के आदेश क्रमांक 4216 दिनांक 7.10.2016 के कूटरचित नियुक्ति दिनांक के आधार पर नियुक्त बी.आर.सी.सी. डॉ. शिवाकांत गौतम को पूर्व में ही बी.आर.सी.सी. पद से हटाया जा चुका है।
सहायक संचालक की भर्ती प्रक्रिया में विसंगति
[स्कूल शिक्षा]
31. ( क्र. 271 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिक्षा व्यवस्था को नया स्वरूप देने के लिये पूर्व म.प्र. सरकार द्वारा राज्य शिक्षा सेवा का गठन पत्र क्रमांक एफ 27-56/2012/20-2, भोपाल, दिनांक 25 मई 2015 को किया गया था? क्या बार-बार नियमों में संशोधन भी किये गये थे। (ख) क्या सहायक संचालक शिक्षा की भर्ती में आवेदक का स्नातकोत्तर तथा बी.एड. तथा 10 वर्ष का शिक्षण अनुभव अनिवार्य किया जायेगा, क्या प्राचार्य एवं उप संचालक भर्ती प्रक्रिया में जो योग्यता निर्धारित है वही योग्यता सहा. संचा. शिक्षा भर्ती में निर्धारित की जाएगी एवं नियमों में जो संशोधन किये गये थे। क्या उन सभी संशोधनों को निरस्त किया जायेगा? (ग) क्या सहायक संचालक शिक्षा भर्ती प्रक्रिया में आवेदक की योग्यता स्नातकोत्तर तथा बी.एड. एवं शिक्षा अनुभव 10 वर्ष निर्धारित की जावेगी, क्योंकि प्राचार्य एवं उप संचालक भर्ती प्रक्रिया में यही योग्यता निर्धारित है? क्या प्राचार्य, सहा. संचा. एवं उप संचा. की भर्ती प्रक्रिया में विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया जाकर, एक समान भर्ती नियम बनाये जायेंगे? क्या भर्ती प्रक्रिया में बी.एड. एवं शिक्षा अनुभव को शामिल किया जायेगा? (घ) सहायक संचालक शिक्षा की भर्ती शासन द्वारा कब तक की जायेगी? अवगत करावें। भर्ती प्रक्रिया के विज्ञापन कब तक जारी होंगे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) जी नहीं। जी नहीं। (ग) जी नहीं। जी नहीं। भर्ती प्रक्रिया में कोई विसंगति नहीं है। सहायक संचालक पद हेतु बी.एड. एवं शिक्षा अनुभव की आवश्यकता नहीं है। (घ) लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक संचालकों की सीधी भर्ती हेतु विज्ञापन दिनांक 14/11/2019 को जारी किया गया है।
अध्यापक एवं सहायक अध्यापक का निलंबन निरस्त कर वेतन का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
32. ( क्र. 272 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मान. उच्च न्यायालय इंदौर के प्र.क.डब्ल्यू.पी. 26690/2018 दि. 08.07.19 के पारित निर्णय में जाँच के आदेश तथा लगाये गये सभी आरोप पत्रों को खारिज करने पर अभी तक निलंबन निरस्त क्यों नहीं किया गया है? एक ही प्रकरण में बार-बार विभागीय जाँच करवाने के प्रावधान हैं तो अवगत करायें। आरोप पत्र खारिज करने पर एवं विभागीय जाँच होने पर अभी तक निलंबन निरस्त क्यों नहीं किया गया है? (ख) स्कूल शिक्षा विभाग म.प्र. शासन द्वारा अतारांकित प्र.क्र. 3221 दि. 12.03.18 एवं अतारांकित प्र.क्र. 408 दिनांक 25.06.2018 में शासन द्वारा प्रदान किये गये जवाब को दृष्टिगत रखते हुये कलेक्टर राजगढ़ का पत्र क्र. 3521, राजगढ़ दि. 15.10.19 के पत्र को निरस्त किया जायेगा? (ग) नगरीय निकाय के राजपत्र दिनांक 17.09.08 में जिला शि.अधि. को अनुशासनात्मक अधि. एवं पदेन अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत घोषित किया गया है न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दि. 08.07.19 के निर्णय एवं अपर मुख्य सचिव, पंचायत विभाग द्वारा जाँच रिपोर्ट क्र. 2100 दि. 09.06.15 को निरस्त करने पर निलंबन आदेश तथा कलेक्टर, राजगढ़ का पत्र क्र. 3521 दि. 15.10.19 को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जायेगा? (घ) निलंबन अवधि को कर्तव्य अवधि मान्य करते हुये वेतन प्रदान किया जायेगा यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों नहीं स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर द्वारा डब्ल्यू.पी. 26690/2018 में पारित निर्णय 08.07. 2019 में आरोप पत्र को निरस्त कर नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। सक्षम अधिकारी स्तर से विभागीय जाँच की नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। विभागीय जाँच बार-बार नहीं की गई है। विभागीय जाँच पूर्ण होने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी नहीं। (ग) जिला शिक्षा अधिकारी को नगरीय निकाय के अध्यापक संवर्ग के लिये अनुशासनात्मक प्राधिकारी घोषित किया गया है। कलेक्टर, जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक-3521 दिनांक 15.10.2019 में माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर में दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी.24562/2019 पर निर्णय दिनांक 25.11.2019 पारित निर्णय के क्रम में पूर्व याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी.26690/2018 में पारित निर्णय अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा नियमानुसार कार्यवाही करने के आदेश पारित किया है। विभागीय जाँच पूर्ण होने पर गुण दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) विभागीय जाँच के निष्कर्ष प्राप्त होने के पश्चात् तदनुसार निलंबन अवधि का निराकरण किया जा सकेगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
तालाबों की खुदाई से प्राप्त रायल्टी
[खनिज साधन]
33. ( क्र. 290 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच विधासभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में जल संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर छोटे, बड़े, मझोले तालाबों के जीर्णोंद्धार/गहरीकरण हेतु की गई खुदाई को लेकर विभाग द्वारा कितनी रायल्टी की वसूली स्थानीय निकायो से की गई है? स्थानीय निकाय द्वारा किये गये खनन कार्य एवं खनित सामग्री का किस तरह से उपयोग किया गया है? इस बावत् कोई जानकारी है? यदि है तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) क्या विभाग द्वारा स्थानीय निकाय को किये गये खनन कार्य के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रश्नांश (क) में किये गये खनन कार्यों के संबंध में निकाय द्वारा विभाग से कोई अनुमति ली गई है? यह भी स्पष्ट करें कि, खनन के संदर्भ में निकाय द्वारा विभाग को कितनी धनराशि रायल्टी के रुप में जमा कराई गई है? (घ) क्या खोदे गये तालाबों से निकाली गई मिट्टी की मात्रा के संबंध में माप पुस्तिका (मेजरमेंट बुक) का संधारण किया गया? यदि हाँ, तो संधारित अभिलेखों की समस्त प्रतियाँ उपलब्ध कराई जावे। नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
उत्कृष्ट सड़कों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
34. ( क्र. 291 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच शहर में विगत 5 वर्षों में कुल कितनी उत्कृष्ट सड़कें विकास निर्माण को लेकर स्वीकृत हुई है? स्वीकृति की दिनांक, उनकी निविदाए, कार्य आदेश तथा निर्माण कार्य की पूर्णता की स्थिति से अवगत करायें। (ख) नीमच शहर की उत्कृष्ट सड़क जो बारादरी से प्रताप स्टेच्यू नीमच सिटी के नाम से जानी जाती है, उसकी निर्माण की अद्यतन स्थिति निर्माण कार्य को लेकर बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग पर निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण न होने के दशा में निर्माणाधीन अवधि में हुई दुर्घटनाओं में मृतक व्यक्ति के परिवारों को निर्माण एजेंसी/शासन द्वारा क्या कोई मुआवजा राशि भुगतान की गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) 07 सड़क। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण, मान. न्यायालय के स्थगन आदेश के कारण तथा अमृत योजनांतर्गत उक्त सड़क पर सीवरेज की ट्रंक लाईन स्वीकृत होने के कारण 10 प्रतिशत कार्य शेष है। सीवरेज कार्य पूर्ण हो चुका है। (ग) जी नहीं। निर्माण अवधि में कोई दुर्घटना नहीं होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नीमच शहर में पेयजल आपूर्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
35. ( क्र. 292 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच शहर में पेयजल आपूर्ति को लेकर मुख्यमंत्री पेयजल योजना की किस वर्ष स्वीकृति प्राप्त हुई है? योजना अंतर्गत किस निर्माण एजेंसी को यह काम दिया गया है? निर्माण एजेंसी को जारी कार्य आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावे तथा इस कार्य को कितने समय में पूर्ण करना था? (ख) क्या योजना अंतर्गत निर्माण एजेंसी की लापरवाही एवं धीमीगति के कारण योजना का लाभ शहरवासियों को समय पर नहीं मिल पा रहा है, साथ ही बेतरतीब खुदाई के कारण शहर में प्रदूषण होने के साथ-साथ यातायात बाधित हो रहा है, यदि हाँ, तो योजना पर नियंत्रण रखने वाली निकाय द्वारा क्रियान्वयन एजेंसी/ठेकेदार को कब-कब कार्य निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने के संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (ग) क्या इस अति महात्वाकांक्षी योजना को लेकर क्रियान्वयन में हो रही लेट लतीफी के चलते निर्माण एजेंसी पर अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब और कितना? क्या अधिरोपित अर्थदण्ड की राशि निकाय कोष में जमा हो चुकी है? (घ) योजना की सम्पूर्ण अद्यतन स्थिति से अवगत कराते हुए बतायें कि, क्रियान्वित योजना कब तक पूर्ण हो सकेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना वर्ष 2012-13 में स्वीकृत हुई। योजना का कार्यादेश मेसर्स एस एम सी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा.लि. ठाणे (महाराष्ट) को दिया गया। कार्य आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्य को 15 माह (वर्षाकाल छोडकर) में पूर्ण किया जाना था। (ख) योजना का कार्य निर्माण एजेंसी द्वारा धीमी गति से किये जाने के कारण शहर वासियों को योजना का लाभ समय पर नहीं दिया जा सका है। उक्त् योजना के पाइप लाइन बिछाने का कार्य स्वीकृत मानचित्र अनुसार किया गया है। पाइप लाइन बिछाने हेतु खुदाई का कार्य निकाय के यंत्रियों के नियंत्रण में किया गया है। निर्माण एजेंसी को कार्य समय पर पूर्ण न करने के कारण निकाय द्वारा दिनांक 10/05/2014, 10/06/2014, 02/07/2014, 08/08/2014, 13/11/2014, 15/12/2014, 05/01/2015, 31/01/2015, 18/02/2015, 09/03/2015, 08/04/2015, 29/05/2015, 02/08/2015, 05/08/2015, 31/08/2015, 16/09/2015, 03/10/2015, 05/11/2015, 31/12/2015, 28/01/2016, 03/02/2017, 16/05/2017, 14/07/2017, 22/07/2017, 24/01/2018, 31/01/2018, 19/02/2018, 20/02/2018, 29/05/2018 को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये हैं। (ग) मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना के कार्य में विलंब करने पर निर्माण एजेंसी के 11 वें चल देयक से दिनांक 12/12/2014 को राशि रूपयें 20.00 लाख, 12 वें चल देयक से दिनांक 24/04/2015 को राशि रूपये 50.00 लाख, 14 वें चल देयक से दिनांक 15/07/2015 को राशि रूपयें 18.48 लाख रूपये राशि रूपये 88.48 लाख डिलेवर्क पेन्लटी स्वरूप काटी जाकर राशि रोकी गई। अधोरोपित अर्थदण्ड की राशि निकाय कोष में जमा है। (घ) योजना में स्थाई इंटेकवेल का कार्य प्रगतिरत है। निर्माण एजेंसी द्वारा वर्तमान में अस्थाई इंटेकवेल निर्माणकर जलप्रदाय किया जा रहा है। योजना 2020 तक पूर्ण होना संभावित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
अशोकनगर में खनिज उत्खनन हेतु स्वीकृत स्थान
[खनिज साधन]
36. ( क्र.
346 ) श्री
बृजेन्द्र
सिंह यादव : क्या
खनिज साधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जिला
अशोकनगर में
उत्खनन हेतु
कौन-कौन सी
खनिज की खदान, किस-किस
संस्था/फर्म
के लिए
कौन-कौन से स्थान
पर स्वीकृत
की गई है? नाम एवं स्थानवार
जानकारी दें। (ख) खनिज
उत्खनन हेतु
कितनी हैक्टेयर
भूमि कितने
समय के लिए
किस संस्था
को लीज पर दी
गई है?
किस-किस
संस्था के
लिए कितनी-कितनी
क्षमता खनिज
उत्खनन की स्वीकृति
दी गई है? (ग) क्या
खनिज उत्खनन
संस्था
द्वारा
निर्धारित
मापदण्डानुसार
खनन की
कार्यवाही की
है? खनिज
एवं राजस्व
विभाग द्वारा
स्वीकृत
खनिज उत्खनन
संस्था का
निरीक्षण
विगत 3
वर्षों में
कब-कब किया है? (घ) क्या
क्षमता से
अधिक खनिज उत्खनन
करने पर किसी
संस्था एवं
फर्म के
विरूद्ध कोई
कार्यवाही की
है? यदि
हाँ,
तो कब एवं दण्ड
के रूप में
कितने राजस्व
की वसूली की
गई है?
खनिज साधन
मंत्री ( श्री
प्रदीप
अमृतलाल
जायसवाल ) : (क) एवं
(ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ पर
है। (ग) जी
हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब पर
है। (घ)
जी नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थिन नहीं
होता है।
वन मण्डल अशोकनगर द्वारा किये गये विकास कार्य
[वन]
37. ( क्र. 347 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मण्डल अशोकनगर द्वारा कौन-कौन सी योजनाओं के तहत कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किये गये है? रेन्जवार जानकारी देवें। (ख) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में आने वाले कौन-कौन से वन परिक्षेत्र में किस-किस स्थान पर सड़क निर्माण, बाउण्ड्रीवॉल एवं पौधे रोपण का कार्य किया गया है? (ग) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में किस-किस स्थान पर राजस्व एवं वन भूमि के मध्य विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई है? इन्हें कब तक निराकृत कर लिया जावेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत मुंगावली वन परिक्षेत्र एवं वन परिक्षेत्र अशोकनगर का आंशिक क्षेत्र आता है। उक्त परिक्षेत्र में सड़क निर्माण, बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण कार्य नहीं किया गया है। पौधरोपण कार्य संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत किसी भी स्थान पर राजस्व एवं वन भूमि के मध्य विवाद की स्थिति उत्पन्न होने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
करैरा अभ्यारण्य का डि-नोटिफिकेशन
[वन]
38. ( क्र. 362 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश केबिनेट के अनुमोदन के अनुक्रम में माननीय उच्चतम न्यायालय के अधीन करैरा अभ्यारण्य को डि-नोटीफाईड करने की अनुमति प्राप्त करने हेतु याचिका दायर की गई है, जिस पर निर्णय अपेक्षित है? यदि हाँ, तो याचिका क्रमांक दायर करने का दिनांक तथा याचिका के पक्षकारों के नाम अवगत कराते हुए याचिका की स्वच्छ प्रति उपलब्ध करावें? (ख) याचिका की अद्यतन स्थिति क्या है? याचिका किस कार्यवाही हेतु लंबित है एवं कब तक याचिका का निराकरण होना संभावित है? (ग) करैरा अभ्यारण्य को डि-नोटिफाईड किए जाने में अब अन्य कौन-कौन सी बाधाऐं हैं जिनका निराकरण किया जाना शेष है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में रिट पिटिशन सिविल क्रमांक 202/1995 टी.एन. गोदावर्मनथीरूमलपद विरूद्ध युनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य में दिनांक 09.05.2019 को याचिका क्रमांक आई.ए. नं. 79453/2019 प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन वन विभाग विरूद्ध सचिव, यूनियन ऑफ इंडिया, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय नई दिल्ली दायर की गई। याचिका की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) याचिका माननीय सर्वोच्च न्यायालय में करेरा अभयारण्य के डि-नोटीफिकेशन की अनुमति हेतु विचाराधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) माननीय सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अपेक्षित है, जिसके उपरांत आदेशानुसार कार्यवाही सम्भव होगी।
मेडिकल अवकाश की जांच
[स्कूल शिक्षा]
39. ( क्र. 379 ) श्री विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1085 दिनांक 01/12/2017 के अनुक्रम में सत्यनारायण सिंह सहायक शिक्षक माध्यमिक शालावर्ती के मेडिकल अवकाश 19/2/2005 से 10/4/2005 के चिकित्सा अवकाश स्वीकृत किये जाने के संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है? जिसे संचालक लोक शिक्षण ने अपने पत्र क्रमांक 1838 दिनांक 17/11/2017 ने स्वीकार किया है? (ख) प्रश्न क्रमांक 493 दिनांक 27/02/2018 के जाँच प्रतिवेदन क्रमांक 342/15/12/2018 में संचालक लोक शिक्षण भोपाल ने स्वत: स्वीकार किया है कि सत्यनारायण सिंह का मेडिकल अवकाश जिला पंचायत कार्यालय सतना से प्राप्त नहीं है, क्यों? कारण दें। (ग) क्या जिला शिक्षाधिकारी सतना ने दो प्राचार्य श्री एस.के.मिश्रा व प्राचार्य अनिल सिंह को मेडिकल अवकाश प्रकरण आज तक लंबित रहने की जाँच बिठाई? किन्तु दोनों प्राचार्य को जब मूल आवेदन पत्र कार्यालय जिला पंचायत सतना को प्राप्त ही नहीं हुये तब जाँच का क्या औचित्य प्रतीत होता है? (घ) संलग्न कर्मचारी का जब तक उपस्थित प्रमाण पत्र पदांकित संस्था प्रभारी को प्राप्त नहीं होता तब प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छिबौरा ने किन नियमों के तहत वेतन आहरित कर वितरण किया? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित विधानसभा प्रश्न के तारतम्य में प्राप्त जाँच प्रतिवेदन के क्रम में संचालनालय के पत्र क्रमांक 342 दिनांक 15.12.2018 नहीं अपितु पत्र क्रमांक 342 दिनांक 15.02.2018 के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी सतना को जिला पंचायत कार्यालय सतना से संबंधित के मूल चिकित्सा प्रमाण-पत्र प्राप्त कर अवकाश प्रकरण के निराकरण किये जाने के निर्देश दिये गये थे। जिला शिक्षा अधिकारी सतना द्वारा दिनांक 10.09.2018 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना से वांछित अभिलेख चाहे गये थे। उक्त वांछित अभिलेख अद्यावधि तक अप्राप्त है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जाँच प्रकरण के तथ्यों की वस्तुस्थिति ज्ञात करने के लिए आवश्यक होने से औचित्यपूर्ण है।(घ) श्री सत्यनारायण सिंह माध्यमिक शाला बर्ती संकुल प्राचार्य शा.उ.मा.वि. छिबौरा में मूल पदस्थापना थी। संकुल प्राचार्य एवं आहरण एवं संवितरण अधिकारी द्वारा संबंधित का वेतन आहरण उपस्थिति प्रमाण-पत्र के बिना सामान्य क्रम में किया गया है। आहरण एवं संवितरण अधिकारी श्री शिवचंद श्रीवास्तव दिनांक 30.06.2005 के सेवानिवृत्त होने के कारण मध्यप्रदेश सिविल सेवायें पेंशन नियम 1976 के नियम 9 (3) के अनुसार कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।
दैनिक एवं मस्टर कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
40. ( क्र. 390 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग अन्तर्गत नगरीय निकायों में कार्यरत दैनिक एवं मासिक मस्टर के कर्मचारियो को नियमित किये जाने हेतु शासन द्वारा विभाग को आदेश-निर्देश जारी किये गये हैं यदि हाँ, तो आदेश/निर्देश एवं नियम की सत्य-प्रति प्रदान की जावें। (ख) जिला होशंगाबाद अन्तर्गत नगरीय निकायों में दैनिक एवं मासिक मस्टर पर कार्यरत कितने कर्मचारियों को वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक किस आधार पर नियमितिकरण किया गया हैं, निकायवार कर्मचारियों की सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (ख) में नियमितिकरण हेतु शेष रहे दैनिक एवं मासिक मस्टर पर कार्यरत कर्मचारियों की निकायवार सूची प्रदान की जावे एवं इन्हे कब तक शासन द्वारा नियमित किये जाने की योजना हैं? (घ) क्या वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को पारिश्रमिक का भुगतान वर्तमान कलेक्टर दर पर किया जा रहा हैं यदि हाँ, तो यह दर क्या हैं एवं निकायों में किस दर से भुगतान किया जा रहा हैं तथा इस दर में किस अनुपात में व कितनी समयावधि में वृद्धि की जाती हैं क्या शासन द्वारा इस दर में इस वर्ष भी वृद्धि की जावेगी यदि हाँ, तो कितनी व कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। ख) होशंगाबाद जिले की नगर पालिका परिषद इटारसी में परिशिष्ट 'अ' अनुसार मध्य प्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किये गये परिपत्रों के आधार पर 36 कर्मचारियों को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) होशंगाबाद नियमितिकरण हेतु कोई कर्मचारी शेष नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। निर्धारित दर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार तथा श्रमायुक्त मध्य प्रदेश शासन द्वारा 01 अप्रैल एवं 01 अक्टूबर से दर निर्धारित की जाती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन में स्मार्ट सिटी योजना व अंडरग्राउण्ड सीवरेज लाईन
[नगरीय विकास एवं आवास]
41. ( क्र. 402 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन में स्मार्ट सिटी योजना व अंडरग्राउण्ड सीवरेज लाईन का क्रियान्वयन कब से प्रारम्भ किया गया? उक्त योजना के अंतर्गत कितने कार्यों के लिए कब-कब निविदा जारी की गई? जारी निविदा एवं निविदा की शर्त, अनुबंध की प्रति, कार्य पूर्ण होने की समयावधि, प्राप्त बिल, भुगतान संबंधित जानकारी प्रदान करते हुये यह भी बतावें कि कितने कार्य निर्धारित समायावधि में पूर्ण कर लिये गये है? कितने कार्य लंबित है? भविष्य में और कितने कार्य प्रस्तावित है? (ख) शासन द्वारा उक्त योजना के तहत कितनी-कितनी धन राशि आवंटित की गई? कितनी राशि किस मद में खर्च की गई? संपूर्ण जानकारी पृथक-पृथक कार्य अनुसार बिन्दुवार प्रदान करे? (ग) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार अंडरग्राउण्ड सीवरेज लाईन भी स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत है अथवा नहीं? इस योजना के टेण्डर में क्या-क्या शर्तें थी? उनका पालन किया जा रहा अथवा नहीं? ठेकेदार द्वारा जो अंडरग्राउण्ड लाईन हेतु जो खुदाई की जा रही है वह नियमानुसार है अथवा नहीं? यदि नहीं, है, तो संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) उज्जैन, स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन कंपनी के गठन 2 नवम्बर 2016 से व अंडरग्राउंड सीवरेज लाईन का क्रियान्वयन 07.11.2017 से प्रारंभ किया गया। अंडरग्राउंड सीवरेज व स्मार्ट सिटी योजना के संबंध में चाही गयी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" अनुसार है। भविष्य में अमृत परियोजना अंतर्गत कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है एवं स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत मल्टी मॉडल ट्रांजिट हब, मृदा द्वितीय चरण, कन्वेंशन सेंटर का कार्य प्रस्तावित है। (ख) स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत उज्जैन, स्मार्ट सिटी को राशि रू. 342 करोड़ जारी किये गये हैं। कार्य अनुसार खर्च की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "2" के कॉलम नंबर 6 अनुसार है। अंडरग्राउंड सीवरेज कार्य के लिये कुल राशि रूपये 130 करोड़ नगर निगम, उज्जैन को प्राप्त हुये है। कार्य अनुसार खर्च की गयी राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "3" अनुसार है। (ग) जी नहीं। अण्डर ग्राउण्ड सीवरेज परियोजना भारत सरकार के अमृत मिशन अंतर्गत स्वीकृत की गयी है। परियोजना की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" अनुसार है। जी हाँ। ठेकेदार द्वारा अंडरग्राउण्ड लाइन की जो खुदाई की जा रही है वह कार्य की डिजाइन और अनुबंध अनुसार है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
उज्जैन नगर निगम में ठेकों के लिए पारित किये प्रस्ताव
[नगरीय विकास एवं आवास]
42. ( क्र. 405 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक नगर निगम, उज्जैन एवं उज्जैन जिले की समस्त नगर पालिका गंदा नाला सफाई, बाजार बैठक, पशु हाट पंजीयन ठेकों के लिए पारित किये गये प्रस्ताव, प्रस्ताव जारी निविदा, निविदा की शर्तें, प्राप्त निविदा, निविदा प्राप्त होने के पश्चात दर स्वीकृति हेतु पारित प्रस्ताव, ठेकेदार से किये गये अनुबंध, प्राप्त बिल, भुगतान वाउचर एवं संपूर्ण फाईल की प्रमाणित प्रतिलिपि वर्षवार, नगरपालिकावार, बिन्दुवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार कितने कार्यों का अनुबंध नहीं करवाया गया एवं कितने कार्यों के संबंध में राजपत्र अनुसार दर स्वीकृति के लिए एजेण्डा एवं प्रस्ताव पारित नहीं किया गया? सक्षम दर स्वीकृति नहीं करने के संबंध में कितने ठेकेदारों द्वारा आवेदन दिये गये? समस्त जानकारी वर्षवार, ठेकेवार, नगरपालिकावार, बिन्दुवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की जानकारी अनुसार क्या अनुबंध के निष्पादन के बिना एवं सक्षम दर स्वीकृत किये बिना ठेके के लिए जारी प्रमाण-पत्र व निविदा की शर्तों के विपरीत ठेकेदार के विरूद्ध वसूली की कार्यवाही को नियमानुसार माना जायेगा? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मुख्यमंत्री पेयजल योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
43. ( क्र.
406 ) डॉ.
मोहन यादव : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नगर
निगम,
उज्जैन एवं
उज्जैन जिले
की समस्त नगर
पालिकाओं एवं
नगर पंचायतों
में 1 जनवरी 2013 से
प्रश्न
दिनांक तक
मुख्यमंत्री
पेयजल योजना
के संबंध में
समय– समय
पर विभाग के
वरिष्ठ
अधिकारियों
एवं इंजीनियर
एवं तृतीय
पक्ष द्वारा
किये गये
भौतिक सत्यापन, निरीक्षण
एवं जाँच प्रतिवेदन
एवं जाँच में
पाई गई कमियों
के संबंध में
जारी सूचना पत्र
एवं संबंधित
के विरूद्ध की
गई कार्यवाही
की जानकारी उपलब्ध
करावें। (ख) ठेकेदार
द्वारा नियम
विरूध शासकीय
संपत्ति को
नुकसान पहुचानें
के संबंध में नगर
पालिका
द्वारा
ठेकेदार के
विरूध पुलिस थाने
में दर्ज
करवाई गई
प्राथमिकी, पूर्व
में स्वीकृत डी.पी.आर.
के अतिरिक्ति
कराये गये कार्यों
का विवरण देते
हुए पूर्व में
स्वीकृत डी.पी.आर.
के अतिरिक्त व
अन्य कार्य
कराने के
संबंध में
नियमों की प्रति
उपलब्ध
करायें? (ग) पीआईसी, एमआईसी, परिषद
द्वारा पारित
संकल्प की
प्रति, विभाग से
जारी तकनीकि
स्वीकृति एवं
वित्तीय स्वीकृति
की प्रमाणित
प्रतिलिपि
एवं किये गये
भुगतान की
जानकारी
उपलब्ध करावे? (घ) बिना
तकनीकी एवं
वित्तीय
स्वीकृति के
कार्य करवाने
व भुगतान करने
पर दोषी
अधिकारी के
विरूध की गई
कार्यवाही का
विवरण उपलब्ध
कराए।
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
जयवर्द्धन
सिंह ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय में
रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''अ'' अनुसार
है। (ख)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब'' अनुसार
है। (ग)
एवं (घ)
जानकारी पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र ''स'' अनुसार
है।
अपात्र पेंशनधारियों को प्रदाय राशि की वसूली
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
44. ( क्र. 416 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह की जनपद पंचायत हटा एवं पटेरा अंतर्गत कितने व्यक्तियों को पेंशन प्राप्त होती है? क्या समस्त पेंशनधारियों को शासन के नियम अनुसार पेंशन का भुगतान किया जा रहा है? (ख) ग्राम पंचायत रनेह अंतर्गत 70 अपात्र पेंशनधारियों के जो नाम काटे गये हैं उन्हें पूर्व में भुगतान की गई पेंशन की वसूली कब तक की जावेगी? दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जिला दमोह की जनपद पंचायत हटा में 8, 873 एवं जनपद पंचायत पटेरा में 8925 व्याक्तियों को पेंशन दी जा रही है। जी हाँ। (ख) ग्राम पंचायत रनेह अंतर्गत 92 अपात्र पेंशन धारियों के नाम काटे गये है। म.प्र. शासन, समाज कल्याण विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक/एफ 2-5/2003/26-2 दिनांक 5 मार्च 2003 के अनुसार अपात्र हितग्राहियों से पूर्व में भुगतान की गई राशि वसूल नहीं की जाने के निर्देश है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। अपात्रों को पेंशन देने के संबंध में तत्कालीन सचिव एवं रोजगार सहायकों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गये है तथा जनपद पंचायत में कम्प्यूटर आपरेटर को कार्य से पृथक किया गया है।
न्यायालयीन आदेश के बाद छात्रावास निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
45. ( क्र. 452 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च न्यायालय जबलपुर ने W.P. नं.10561/2019 (PIL) में पारित आदेशों के साथ ही आदेश दिनांक 05/07/2019 में नर्मदा नदी में हाईफलड लेबल की स्थिति में तट से 300 मीटर के भीतर किये जा रहे निर्माणों पर तत्काल रोक लगाने के साथ ही नर्मदा नदी की सीमा में किये गये निर्माण के संबंध में कृत कार्यवाही का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु राज्य शासन को निर्देशित किया था। इस संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गयी, यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी। (ख) क्या होशंगाबाद नगर में नर्मदा नदी के तट पर स्थित शा. उत्कृष्ट विद्यालय के खेल मैदान पर नर्मदा नदी के 60 मीटर के अंदर छात्रावास का निर्माण किया जा रहा है। (ग) उच्च न्यायालय के आदेशों के संबंध में लिखित रूप में अवगत कराने के बाद भी किस अधिकारी के आदेश से उक्त निर्माण कार्य रोका नहीं गया और अभी चालू है। (घ) उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना के लिए उत्तरदायी उक्त अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। माननीय न्यायालय द्वारा निर्माण के संबंध में तथ्यात्मक प्रतिवेदन तथा इस संबंध में की गई कार्यवाही की अपेक्षा की गई है। (ख) जी हाँ। (ग) निर्माण कार्य रोकने हेतु कोई आदेश नहीं है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के प्रकाश में उच्च न्यायालय के आदेशो की अवमानना का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
बाढ़ पीडि़त कालोनी होशंगाबाद में निवासरत व्यक्तियों
[नगरीय विकास एवं आवास]
46. ( क्र. 455 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी जिप्सी हट/बाढ़ पीडि़त कॉलोनी में निवासरत लगभग 150 व्यक्तियों को 1973 की बाढ़ के बाद बसाया गया था? (ख) क्या उक्त नागरिकों को अभी तक भूमि के मालिकाना हक/पट्टे नहीं दिये गये हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या कार्यपालन यंत्री, गृह निर्माण मण्डल, होशंगाबाद द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2579, दिनांक 15.12.2017 से होशंगाबाद की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी जिप्सी हट/बाढ़ पीडि़त कॉलोनी के संबंध में आयुक्त, म.प्र. गृह निर्माण मण्डल एवं अधोसंरचना विभाग, भोपाल को पत्र भेजा गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गयी? (घ) होशंगाबाद की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी जिप्सी हट/बाढ़ पीडि़त कॉलोनी वासियों के नाम पर कब तक भूमि नामांतरित करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जिप्सी हट् का मूल्य निर्धारण अनुमोदन नहीं होने के कारण नागरिकों को मालिकाना हक़/पट्टे नहीं दिये जा सके हैं। (ग) कार्यपालन यंत्री द्वारा पत्र क्र. 2579, दिनांक 15.12.17 से संभाग की जिप्सीहट्/बाढ़ पीड़ित कालोनी होशंगाबाद कालोनी के मूल्य निर्धारण प्रस्ताव उपायुक्त वृत्त 01 भोपाल को भेजा गया था। परीक्षण उपरान्त योजना के संबंध में आवश्यक जानकारी तथा मूल्य निर्धारण हेतु पुनरीक्षित प्रस्ताव दिनांक 07.11.2019 को वृत्त कार्यालय में प्राप्त हुआ है, जिस पर कार्यवाही की जा रही है। (घ) प्रकरण पर नीतिगत निर्णय लिये जाने की कार्यवाही होना है, जिस हेतु प्रक्रिया प्रचलन में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
प्रदेश में संचालित पंजीकृत/अपंजीकृत मदरसे
[स्कूल शिक्षा]
47. ( क्र. 456 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने पंजीकृत/अपंजीकृत मदरसे हैं? जिलावार जानकारी दें। (ख) उक्त मदरसों के पाठ्यक्रम को शासन द्वारा मान्यता दी गयी है? यदि हाँ, तो कब एवं इनमें पढ़ायी जाने वाली कौन सी किताबों को मान्यता दी गयी है? (ग) ऐसी कौन सी किताबे हैं जिन्हें शासन से मान्यता नहीं है परन्तु मदरसों में पढ़ाई जाती है? ऐसी किताबों के नाम, प्रकाशक की जानकारी दें। (घ) क्या इस पाठ्यक्रम में ''हिदाया'' को भी शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) प्रदेश
में 2559
मदरसे
पंजीकृत एवं
मान्यता
प्राप्त है। गैर
पंजीकृत
मदरसों की
जानकारी
मदरसा बोर्ड में
संधारित नहीं
की जाती है। जिससे
बोर्ड में
उक्त जानकारी
उपलब्ध नहीं
है। जिलेवार
पंजीकृत एवं
मान्यता
प्राप्त मदरसों
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ख) म.प्र.मदरसा
बोर्ड से
मान्यता
प्राप्त
मदरसों में
म.प्र.पाठ्यपुस्तक
निगम द्वारा
प्रकाशित
राज्य शासन द्वारा
स्कूलों के
लिए
निर्धारित
पाठ्रयक्रम
की पुस्तकें पढ़ाई
जाती है। (ग) प्रश्नांश
'ख' के
उत्तर के
प्रकाश में
प्रश्न उपस्थित
नहीं होता है।
(घ)
जी नहीं।
परिशिष्ट
- "सत्तर"
वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड द्वारा बंद किया गया विद्युत प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
48. ( क्र. 466 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के अंतर्गत नगरपालिका क्षेत्र सारनी के कितने वार्डों में वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा विद्युत आपूर्ति की जाती है? (ख) क्या क्षेत्र में कोयला खदानों के बन्द होने अथवा कोलकर्मियों के सेवानिवृत्त होने के कारण वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा नगरपालिका क्षेत्र सारनी के अधिकांश वार्डों में विद्युत आपूर्ति बन्द करने का नोटिस दिया गया है? यदि हाँ, तो वार्डों की सूची प्रभावित परिवारों की संख्या सहित उपलब्ध करावें। (ग) वार्डों में वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा विद्युत आपूर्ति बन्द किये जाने क्रम में नागरिकों को निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने हेतु नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से कोई योजना तैयार कराई गई है? यदि हाँ, तो योजना का विस्तृत विवरण लागत सहित उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार विद्युतीकरण हेतु आवश्यक धनराशि की व्यवस्था कब तक की जाकर कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) कुल 18 वार्ड में। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में संचालित खदानों
[खनिज साधन]
49. ( क्र. 476 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षैत्र में कितनी मुरम/गिट्टी/रेती की खदानें संचालित हो रही है। स्थानवार, नामवार रकबा सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्न (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा की गई शिकायतों पर क्या-क्या ठोस कार्यवाही की गई। स्थानवार, नामवार सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) जिला प्रभारी खनिज अधिकारी द्वारा अवैध उत्खनन एवं अवैध परिवहन के कितने प्रकरण विगत 06 माह में दर्ज किये गये है। उन पर कितना-कितना जुर्माना तय किया गया है प्रकरणवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) विधान सभा क्षेत्र में जिला खनिज अधिकारी द्वारा विगत 06 माह में जिले में कहाँ-कहाँ निरीक्षण व भ्रमण किया गया है। तारीखवार, स्थानवार सम्पूर्ण जानकारी देवें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में रेत की कोई खदान संचालित नहीं है। मुरूम की 08 तथा पत्थर, गिट्टी की 02 खदान प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्वीकृत है। उक्त में से संचालित खदानों की जानकारी व अन्य जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्राप्त 02 शिकायतों पर जाँच कर कार्यवाही की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिले में प्रश्नाधीन अवधि में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार खनिज अमले द्वारा अवैध उत्खनन के 03 प्रकरण एवं अवैध परिवहन के 49 प्रकरण पकड़े जाकर पंजीबद्ध किये गये हैं। उक्त पंजीबद्ध प्रकरणों में से प्रश्नाधीन अवधि में प्रश्नाधीन अधिकारी द्वारा अवैध परिवहन के 02 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। अवैध उत्खनन का कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में जिला खनि अधिकारी द्वारा बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कोई निरीक्षण व भ्रमण नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लांजी नगर पंचायत कें अंतर्गत किये गये वेयर हाउस निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
50. ( क्र. 519 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले के लांजी नगर पंचायत के अंतर्गत शासकीय अथवा अशासकीय कुल कितने वेयर हाउस हैं? (ख) क्या वेयर हाउस निर्माण के लिये ग्राम पंचायत से अनुमति ली गई है यदि हाँ, तो जिस जमीन पर वेयर हाउस निर्माण की अनमुति दी गई है, अनुमति की कापी उपलब्ध करावे जिस जमीन पर वेयर हाउस की अनुमति दी गई है उस जमीन का नक्शा एवं खसरा उपलब्ध करावे? (ग) क्या लॉजी नगर पंचायत के वार्ड न0 15 में जिस वेयर हाउस का निर्माण की अनुमति दी गई है वह जमीन सड़क मद के अंतर्गत है? (घ) नगर पंचायत से जो अनुमति वेयर हाउस के निर्माण हेतु दी गई है वह किस साईज के वेयर हाउस निर्माण हेतु दी गई है प्रत्येक वेयर हाउस की जानकारी देवें?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
जयवर्द्धन
सिंह ) : (क) बालाघाट
जिले के लांजी
नगर पंचायत के
अंतर्गत 01
शासकीय वेयर
हाउस तथा 01
अशासकीय वेयर
हाउस है। (ख) जी
नहीं। संबंधित
क्षेत्र
नगरीय सीमा
में होने से
नगर परिषद
द्वारा अशासकीय
वेयर हाउस
निर्माण की
अनुमति दी गई
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार
है। भूमि खसरा
न. 458/2/घ
रकबा 0.404,
खसरा न. 458/2/ड
रकबा 0.607
पर निर्माण की
अनुमति निकाय
द्वारा दी गई
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार
है। (ग)
जी नहीं, उक्त
भूमि सड़क की
नहीं है। (घ) वेयर
हाउस निर्माण
की अनुमति
वार्ड
क्रमांक 15 में
श्री प्रवीण
अग्रवाल पिता
श्री झिंगरलाल
अग्रवाल को दी
गई है जिसका
साईज,
कुल प्लाट
एरिया 48000 वर्गफुट
है।
वन विहार के वन्य प्राणियों की जानकारी
[वन]
51. ( क्र. 543 ) श्री विश्वास सारंग : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विहार नेशनल पार्क, भोपाल में वर्ष 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने वन्यजीव एवं वन्यप्राणी की मृत्य हो चुकी है? कितने जीवित हैं? सूची सहित जानकारी दें? उनकी मृत्यु का कारण क्या था? पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की प्रति सहित जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश 'क' के तहत वन्य जीवों व वन्य प्राणियों को दिये जाने वाले डाइट चार्ट की प्रति देते हुए बतायें कि उन्हें भोजन, दवाई एवं उनके रखरखाव के लिए खरीदी जाने वाली सामग्री के लिए कब-कब निविदा बुलायीं, कब-कब, किस-किस फर्म को कितना-कितना भुगतान किया? निविदा और भुगतान से संबंधित समस्त जानकारी समस्त दस्तावेजों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए दें? (ग) प्रश्नांश 'क', 'ख' के तहत वन्य जीवों व वन्य प्राणियों हेतु खरीदी गयी दवाइयां, वैक्शीन की लिस्ट देते हुये बतायें कि चिकित्सकों द्वारा कब-कब उनकी जाँच की गई? जाँच रिपोट की प्रतिलिपि उपलब्ध कराते हुए जानकारी दें?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में वन्यप्राणियों की मृत्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जीवित वन्यप्राणियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वन्यप्राणियों की मृत्यु के कारण सहित पोस्टमार्टम रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन डाइट चार्ट की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। प्रश्नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश अनुसार दवाइयां एवं वैक्सीन की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। चिकित्सा/उपचार प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि हितग्राहियों को समय पर जारी न होना
[नगरीय विकास एवं आवास]
52. ( क्र. 544 ) श्री विश्वास सारंग : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कितनी-कितनी राशि किस-किस दिनांक को राज्य सरकार को जारी की गई है? दिनांकवार, राशिवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त राशि को विभाग द्वारा किस-किस दिनांक को किस-किस नगरीय निकाय को आवंटित किया गया? दिनांकवार, निकायवार, आवंटित राशिवार जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत संबंधित निकायों ने किस-किस दिनांक को हितग्राहियों को राशि जारी की गयी है? क्या यह सही है कि नकायों द्वारा हितग्राहियों को समय पर राशि जारी नहीं की गई है? (घ) प्रश्नांश 'क' से 'ग' के तहत क्या समय पर राशि जारी न होने के कारण गरीबों के आवासों का काम रूका हुआ है? यदि हाँ, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन हैं? क्या जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? नियम बतायें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भारत सरकार द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' के विवरण अनुसार दिनांको में राशि प्रदाय की गई। (ख) प्रश्नांश ''क'' के तहत उक्त राशि को पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' के विवरण अनुसार दिनांक वार निकायों को राशि आवंटित की गई। (ग) जानकारी वृहद स्वरूप की होने से संभागीय कार्यालय के माध्यम से संकलित की जा रही है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के अनुसार।
आर.एम.एस.ए. योजनांतर्गत बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण
[स्कूल शिक्षा]
53. ( क्र. 552 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिक्षा विभाग अंतर्गत आर.एम.एस.ए. योजनांतर्गत बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम कब-कब आयोजित करने का प्रावधान है? यह प्रशिक्षण पिछले 05 वर्षों से रतलाम जिले में कब-कब आयोजित किया गया है? (ख) क्या उक्त प्रशिक्षण ब्लैक बेल्ट धारी प्रशिक्षक द्वारा ही प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक किन-किन चयनित संस्थाओं/छात्रावासों में उक्त प्रशिक्षण किन-किन ब्लैक बेल्ट धारी प्रशिक्षकों द्वारा दिया गया? उन प्रशिक्षकों के नाम, पदनाम एवं कार्यरत संस्था की जानकारी दी जावें? (ग) वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक आयोजित उक्त प्रशिक्षण पर के लिए कितना-कितना आवंटन प्रदाय किया एवं मदवार कितनी-कितनी राशि का व्यय किया गया? कितनी छात्राओं को प्रशिक्षण से लाभ प्राप्त हुआ? संस्थावार जानकारी दी जावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत भारत शासन द्वारा स्वीकृत की गई वार्षिक कार्ययोजना में दी गई स्वीकृति के आधार पर आत्मरक्षा प्रशिक्षण संचालित किए जाते है। रतलाम जिले में पिछले 5 वर्षों में प्रतिवर्ष माह अक्टूबर से माह जनवरी के मध्य आत्मरक्षा प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
54. ( क्र. 573 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा तारांकित प्रश्न क्र.3304 दिनांक 26.07.2019 के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट 1 व 2 में दी गई जानकारी अनुसार कुछ विद्यालयों में स्वीकृत पदों से ज्यादा शिक्षकों के कार्यरत होने, कुछ में कम एवं कुछ में एकाध शिक्षक ही कार्यरत बतायें गये हैं, इस तरह की विसंगति के कारण पठन पाठन प्रभावित हो रहा है, ऐसे कार्य के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? साथ ही इस पर क्या कार्यवाही करेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार देवसर एवं बैढन विकास खण्ड के अन्तर्गत किये गये स्थानांतरण से कितने पदों की पूर्ति की गई है और कितने पद रिक्त है? जिन विद्यालयों में स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक है, उन शिक्षकों के वेतन का आहरण कैसे किये जा रहे है? (ग) प्रश्नांश (ख) के स्थानांतरण बावत् शासन द्वारा क्या मापदण्ड अपनाये गये, की प्रति देते हुये बतावें कि अगर नियमों एवं मापदण्डों से हटाकर स्थानांतरण किये गये, विद्यालय शिक्षक विहीन हो गये तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? उन पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी सीधी श्री पारसनाथ शुक्ला के विरूद्ध लोकायुक्त द्वारा प्रकरण तैयार किये गये, उसके बाद उनको शासन से मिलने वाली विभिन्न मदों की राशियों को रोककर रखा गया है, क्यों? जबकि कई बार संबंधीजन द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल द्वारा आग्रह किया क्या विधानसभा सत्र के दौरान मान.सामान्य प्रशासन मंत्री द्वारा लोकायुक्त में लोकायुक्त प्रकरण तैयार किये जाने वाले कर्मचारियों का भुगतान न रोका जाये की जानकारी सदन में दी थी फिर भी इसका पालन नहीं किया जा रहा है क्यों? इसके लिये किसको जिम्मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में उल्लेखित बिन्दुओं एवं शासन के मापदण्डों एवं निर्देशों का पालन न करने, मनमानी कार्यवाही के लिये किन-किन को जिम्मेदार मानेंगे? नाम एवं पद सहित जानकारी देवें। इन पर क्या कार्यवाही करेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में अतिथि शिक्षकों तथा अन्य शिक्षकों की व्यवस्था कर अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग द्वारा किये गये स्थानातंरण से प्राथमिक शाला में 29 एवं माध्यमिक शाला में 20 पदों की पूर्ति की गई है। वर्तमान में 352 प्राथमिक शाला एवं 361 माध्यमिक शाला में विषयवार पद रिक्त है। विषयवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। वर्तमान में किसी विद्यालय में स्वीकृत पद से अधिक शिक्षक कार्यरत नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभागीय स्थानातंरण नीति 2019-20 अनुसार स्थानातंरण किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहींं होता। (घ) विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय, रीवा संभाग रीवा द्वारा श्री पारसनाथ शुक्ला, तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, जिला सीधी के विरूद्ध अपराध क्र. 0/2018 धारा 7, 13 (1) डी, 13 (2) पीसी एक्ट 1988 के अंतर्गत पंजीबद्ध किया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश क्र./स्था.1/राज/जी/548/स्व.भुग/ 2019/2014 दिनांक 13.02.2019 द्वारा पेंशन एवं अन्य स्वत्वों का भुगतान मध्यप्रदेश सिविल सेवायें पेंशन नियमों के तहत किए जाने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी, सीधी को लिखा गया है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के उत्तरांश के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
55. ( क्र. 574 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन खनिज विभाग के पत्र क्र:3930 दिनांक 03.10.2017 द्वारा समस्त कलेक्टरों को डी.एम.एफ. की राशि के उपयोग की प्राथमिकताओं के संबंध में निर्देश जारी किये गये थे? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो प्रतिष्ठान से प्राप्त राशि हेतु क्या जिला सिंगरौली, में राशियों के व्यय की कार्यवाही की गई, का विवरण वर्ष 2016से प्रश्नांश दिनांक तक का देवें कि राशि का व्यय शासन द्वारा तय प्राथमिकता क्रम में किया गया है? अगर नहीं किया तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके ऊपर क्या कार्यवाही करेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के नियम 7 के तहत कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को डी.एम.एफ. की राशि से स्थानीय विकास के कार्य कराये जाने एवं क्षेत्र के विकास में राशि व्यय करने बावत् दिशा निर्देश जारी किये गये हैं? (घ) यदि प्रश्नांश (क) के जारी दिशा निर्देशों का पालन कर प्रश्नांश (ख) अनुसार राशि प्राथमिकता क्रम में व्यय नहीं की गई, मनमानी तरीके से राशि का बंदरवाट कर गबन किया एवं प्रश्नांश (ग) अनुसार स्थानीय विकास के कार्यों को न कराकर राशि अन्यत्र ले जाकर खर्च की गई तो इसके लिये कौन-कौन जवाबदार हैं? साथ ही प्रश्नांश (क) से (ग) अनुसार कार्य न करने के लिये किनको दोषी मानकर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। (ख) जिलों से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। शासन स्तर पर प्रश्नांश में उल्लेखित जिलों की कोई शिकायत लंबित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी उपलब्ध कराने के संबंध में
[आदिमजाति कल्याण]
56. ( क्र. 585 ) श्री संजय उइके : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 1605/2019-20, दिनॉंक 23.10.2019 को जानकारी उपलब्ध कराने हेतु प्रमुख सचिव, आदिम जाति कल्याण विभाग को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो पत्र में उल्लेखित जानकारी किन कारणों से अभी तक नहीं दी गई? (ग) पत्र में उल्लेखित जानकारी कब तक दी जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) संचा. पत्र क्रमांक 4880 दिनांक 11.12.2019 एवं 4897 दिनांक 13.12.2019 द्वारा जानकारी संबंधित विभागों/संस्थाओं से चाही गई है। जानकारी प्राप्त होते ही उपलब्ध करा दी जा सकेगी। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जानकारी उपलब्ध करायी जाना
[पशुपालन]
57. ( क्र.
586 ) श्री
संजय उइके : क्या
पशुपालन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा पत्र
क्र. 1603/2019-20,
दिनॉंक 23.10.2019
को जानकारी
उपलब्ध
कराने हेतु
अपर मुख्य
सचिव,
पशुपालन
विभाग को पत्र
लिखा गया था? (ख) यह
हां, तो
पत्र में उल्लेखित
जानकारी किन
कारणों से अभी
तक नहीं दी गई? (ग) पत्र
में उल्लेखित
जानकारी कब तक
दी जावेगी?
पशुपालन
मंत्री ( श्री
लाखन सिंह
यादव ) : (क) जी
हाँ। (ख) जानकारी
संकलित कर
दिनांक 12.12.2019 को
प्रेषित की गई।
(ग)
पत्र में
उल्लेखित
जानकारी
संचालनालय के
पत्र क्रमांक 2334
दिनांक 12.12.219 द्वारा
प्रेषित की गई
है।
रीवा शहर में प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों के आवंटन
[नगरीय विकास एवं आवास]
58. ( क्र. 595 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा शहर में 2230 प्रधानमंत्री आवास हितग्राहियों को आवास आवंटन की समयावधि क्या होगी। (ख) कितने प्रधानमंत्री आवास भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और कितने भवन अपूर्ण हैं। किन-किन हितग्राहियों ने अंशदान जमा कर दिया है और उन्हें अब तक आवंटित मकान की चाबी नहीं सौंपी गयी। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में बजट के बावजूद भी प्रधानमंत्री आवास के भवनों के निर्माण में विलंब का कारण स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) आवास आवंटन की समयावधि निर्धारित नहीं की गई है। (ख) स्वीकृत डी.पी.आर. में 2240 ई.डब्ल्यू.एस. भवन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था, जिसमें 1750 ई.डब्ल्यू.एस. का निर्माण उपलब्ध भूमि के आधार पर किया जा रहा है। उपरोक्त में से 910 ई.डब्ल्यू.एस. आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है शेष 840 ई.डब्ल्यू.एस. भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है तथा 490 भवनों को निर्माण कार्य अप्रारंभ है। अब तक 51 हितग्राहियों द्वारा हितग्राही की सम्पूर्ण राशि जमा करा दी गई है, जिन्हें आवासों की चाबियॉ दे दी गई हैं। (ग) स्वीकृत योजना प्रावधान अनुसार ई.डब्ल्यू.एस. आवासों को पूर्ण कराने के लिए एल.आई.जी./एम.आई.जी. आवासों के व्ययन से क्रास सब्सिडी की व्यवस्था की जाना होती है व साथ ही हितग्राही अंशदान की सम्पूर्ण राशि भी प्राप्त होना आवश्यक है। उक्त व्यवस्था निकाय द्वारा की जा रही है व तदानुसार वित्तीय व्यवस्था उपलब्धता अनुसार निर्माण कार्य की प्रगति हो रही है।
प्राथमिक, माध्यमिक, हाईस्कूल में स्वीकृत पद
[स्कूल शिक्षा]
59. ( क्र. 613 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री विद्यालयों में कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) दिनांक 01.01.2019 से 20.11.2019 तक कितने-कितने स्थानान्तरण शासन द्वारा किये गये, इसमें विद्यालयवार एवं पदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति शासन द्वारा कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (घ) नियम विरूद्ध स्थानान्तरण करने के कारण छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित हुई है। नियम विरूद्ध स्थानान्तरण के लिये उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर में प्राथमिक में 723, माध्यमिक शाला में 502, हाईस्कूल में 112 एवं हायर सेकेण्ड्री शाला में 318 पद स्वीकृत है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति एक सतत् प्रक्रिया है। पी.ई.बी द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की पात्रता परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है। भर्ती नियमों में आरक्षण तथा परिवीक्षा अवधि को लेकर संशोधन की कार्यवाई प्रक्रियाधीन है। नियमों में संशोधन उपरान्त नियोजन की कार्रवाई की जायेगी तथा रिक्त पदों पर अध्यापन का कार्य अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति से किया जा रहा है। (घ) स्थानांतरण के कारण छात्र-छात्राओं की शिक्षा प्रभावित नहींहुई है। प्रश्नांश (ख) में अंकित अवधि के अनुसार दिनांक 22.06.2019 के पूर्व की अवधि में किए गए स्थानांतरण जिले के माननीय जिला प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से हुये है। इसके बाद की अवधि में किए गए स्थानांतरण विभागीय स्थानांतरण नीति 2019-20 के तहत हुये है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत लाभ
[नगरीय विकास एवं आवास]
60. ( क्र. 619 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के नगर पंचायत त्योंथर अंतर्गत वार्ड क्र. 3 में बिटोल प्रजापति पति स्व. जगदीश, छोटेलाल प्रजापति पिता स्व. बलुआ एवं अन्य पुस्तैनी मकान में निवासरत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या इन कच्चे मकान में आवासरत हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास दिलाए जाने हेतु सर्वे सूची में नाम शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो सर्वे सूची की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या कच्चे मकान में आवासरत हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास दिलाया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। उक्त हितग्राहियों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की गाईड लाईन एवं मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-10-47/2015/18-1 भोपाल दिनांक 03.04.2018 में दिये निर्देशों के तहत जोड़ा गया था। (ग) जी हाँ। आवासरत स्थल निर्धारित मापदण्ड का होने पर एवं हितग्राही द्वारा संबंधित कच्चे मकान का भूमि स्वामित्व संबंधी अभिलेख प्रस्तुत करने पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निवाड़ी नगर में स्टेडियम निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
61. ( क्र. 638 ) श्री अनिल जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद निवाड़ी में निर्माणाधीन स्टेडियम निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? क्या खेल एवं युवा कल्याण विभाग की भूमि पर कार्य करने के लिए उस विभाग की अनुमति प्राप्त न होने से जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी, टीकमगढ़ द्वारा दिनांक 16/05/2018 को निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई थी यदि हाँ, तो उक्त अनुमति प्राप्त हुई है अथवा नहीं, यदि नहीं, तो अनुमति प्राप्त करने के लिए क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत स्टेडियम का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद निवाड़ी में निर्माणाधीन स्टेडियम का निर्माण कार्य वर्तमान में 28 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। जी हाँ, अनुमति प्राप्त नहीं हुई, नगर परिषद निवाड़ी द्वारा खेल एवं युवा कल्याण विभाग टीकमगढ़ को अनुमति/अनापत्ति प्रदान करने हेतु अनुरोध किया गया है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कन्या हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल खोला जाना
[स्कूल शिक्षा]
62. ( क्र. 639 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के नगर परिषद क्षेत्र तरीचरकलां में एक भी कन्या हाईस्कूल अथवा हायर सेकण्डरी स्कूल नहीं है? यदि हाँ, तो इस नगर में बालिकाओं की संख्या को देखते हुए क्या कोई कन्या हाईस्कूल अथवा हायर सेकण्डरी स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है, यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब तक जारी हो सकेगी? (ख) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के ही नगर परिषद ओरछा में भी बालिकाओं को कन्या हाईस्कूल अथवा हायर सेकण्डरी स्कूल न होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है? क्या वहां पर भी शासन द्वारा प्रश्नगत स्कूल खोले जायेंगे?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। नगर परिषद् तरीचलकला में 01 उ.मा.वि. (सह-'शिक्षा) संचालित है। जी नहीं। कन्या शाला खोलने का पृथक से प्रावधान नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विधान सभा निवाडी के नगर परिषद् ओरछा में 01 उ.मा.वि. (सह-शिक्षा) संचालित है जिस में छात्र-छात्राऐं संयुक्त रूप से अध्ययन करते है। कन्या शाला खोलने का पृथक से प्रावधान नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाईस्कूलों का हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
63. ( क्र. 640 ) श्री अनिल जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत हाईस्कूल धमना एवं कुड़ार का हायर सेकण्डरी स्कूल में उन्नयन किये जाने का कोई प्रस्ताव लंबित है, यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त हाईस्कूलों का उन्नयन करने पर विचार करेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हाईस्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को हाईस्कूल के बाद हायर सेकण्डरी में अध्ययन के लिय दूरस्थ स्थानों पर जाना पड़ रहा है, यदि हाँ, तो उक्त हाईस्कूलों का हायर सेकण्डरी में कब तक उन्नयन कर दिया जायेगा?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) वर्तमान
में शाला उन्नयन
की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है। शाला का
उन्नयन
मापदण्ड की
पूर्ति पर
निर्भर करेगा।
(ख) जी हाँ। उत्तरांश
'क' के
प्रकाश में
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित
नहीं होता।
उज्जैन जिले में पदस्थ खनिज अधिकारी
[खनिज साधन]
64. ( क्र. 663 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक) उज्जैन जिले में पदस्थ प्रभारी खनिज अधिकारी को खनिज निरिक्षक के मूल पद पर रहते हुए किस नियम के तहत प्रभारी अधिकारी के रूप में पदस्थ किया गया है नियमावली प्रस्तुत करें। (ख) वर्तमान में उज्जैन जिले में पदस्थ प्रभारी खनिज अधिकारी अब तक प्रदेश के किस किस जिले में कब तक पदस्थ रहीं पदस्थी के दौरान इनकी शिकायत किन-किन जिले में किस-किस प्रकार की कब-कब किस-किस के द्वारा शिकायत कि गई शिकायतवार जिला वार वर्ष वार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त शिकायत पर शासन द्वारा क्या - क्या कार्यवाही कब-कब की गई, इनमें से कितनी शिकायत किस किस स्तर पर कब से लंबित है। लंबित रहने के क्या कारण है इन शिकायतो का निराकरण कब तक किया जावेंगा सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) उज्जैन जिले में खनिज अधिकारी का पद स्वीकृत होने के पश्चात किसी खनिज अधिकारी/सहायक खनिज अधिकारी की पदस्थापना अब तक क्यो नहीं कि गई अगर कि जावेगी तो कब तक समय-सीमा बतावें। अगर नहीं की जावेगी तो क्यों नहीं की जावेगी इस प्रकार गलत पद स्थापना के कारण कौन कौन अधिकारी दोषी है, शासन उन पर क्या-क्या कार्यवाही करेगा।
खनिज
साधन मंत्री (
श्री प्रदीप
अमृतलाल
जायसवाल ) : (क) उज्जैन
जिलें में
पदस्थ खनि
निरीक्षक को
विभागीय आवश्यकता
के दृष्टिगत
प्रशासकीय
आधार पर
प्रभारी खनिज
अधिकारी के
रूप में पदस्थ
किया गया है। (ख) उज्जैन
जिलें में
पदस्थ
प्रभारी खनि
अधिकारी के
जिलेवार पदस्थापना
तथा शिकायत की
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट पर
है। (ग)
शिकायत पर
जाँच प्रतिवेदन
प्राप्त
किये जाने की
कार्यवाही की
गई है। शेष
प्रश्नांश
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट पर
है। (घ) विभाग
में वर्तमान
में पदोन्नति
पर मान. सर्वोच्च
न्यायालय का
स्थगन होने
से खनि
अधिकारी/ सहायक
खनि अधिकारी
की कमी है। जिसके
कारण जिला उज्जैन
में वरिष्ठ
खनिज
निरीक्षक को
प्रभारी खनिज
अधिकारी बनाया
गया है। जिला
उज्जैन में
किसी खनि
अधिकारी/सहायक
खनि अधिकारी की
भविष्य में
पदस्थापना
हेतु पदोन्नति
प्रक्रिया
प्रारंभ किये
जाने के संबंध
में समय-सीमा
बताये जाने
में कठिनाई है।
प्रशासकीय
आधार पर
विभागीय आवश्यकता
के दृष्टिगत
पदस्थापना
की गई है। किसी
अधिकारी के दोषी
होने का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- "तिहत्तर"
सहायक चिकित्सकों के पद बढ़ाया जाना
[पशुपालन]
65. ( क्र. 670 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि भारतीय पशु चिकित्सा परिषद की अनुशंसा के अनुसार 1500 पशुओं पर एक सहायक पशु चिकित्सक की आवश्यकता होती है वही प्रदेश में 35 करोड़ पशुओं पर मात्र 3270 सहायक पशु चिकित्सक क्षेत्र अधिकारी ही कार्यरत है। क्या पशुपालन विभाग प्रदेश में सहायक पशु चिकित्सकों के पद बढ़ाने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो कितने और कब तक। (ख) यदि नहीं, तो क्या कारण है? प्रदेश में वर्तमान में रिक्त पड़े सहायक चिकित्सकों के पदों पर विभाग भर्ती कर कब तक उनकी पूर्ति करेगा।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी के रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया निरंतर की जा रही है। यह सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधायकों के पन्नों का जवाब न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
66. ( क्र. 681 ) श्री कमलेश जाटव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक अम्बाह द्वारा विगत एक वर्ष में जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना से कब-कब, किस-किस पत्र क्रमांक व दिनांक द्वारा जनहित/शासनहित से संबंधित आवश्यक जानकारियाँ चाही गई थीं? क्या उपरोक्तानुसार जानकारियां उपलब्ध करा दी गई हैं? यदि हाँ, तो पावती प्रदाय करायी जावे। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या शासन विधायकों के पत्रों का समय-सीमा में जवाब न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। मान. विधायक के पत्र क्रं./आ/जान./वि.स./ 2019/क्यू-1/दिनांक 28.06.2019 द्वारा समस्त अशासकीय संस्थाओं की दिनांक 01 जुलाई, 2017 से आज तक की वांछित जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। पावती की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जानकारी उपलब्ध न कराने पर कार्यवाही
[पशुपालन]
67. ( क्र. 685 ) श्री कमलेश जाटव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक अम्बाह द्वारा उप संचालक पशु पालन जिला मुरैना से कब-कब, किस-किस पत्र क्रमांक व दिनांक द्वारा जनहित/शासनाहित से संबंधित आवश्यक जानकारियां चाही गई थी, क्या उपरोक्तानुसार जानकारियां उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो पावती प्रदाय करायी जावें, यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या शासन विधायकों के पत्रों का समय-सीमा में जवाब न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों नहीं तथा जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) माननीय विधायक अम्बाह द्वारा उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला मुरैना से पत्र क्रमांक प.प्र./2019/क्यू 11, दिनांक 14.11.2019 के द्वारा जानकारी चाही गई थी। उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला मुरैना से प्राप्त जानकारी अनुसार उन्होंने कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3634/योजना/2019 दिनांक 21.11.2019 के द्वारा विशेष वाहक के हस्ते माननीय विधायक महोदय को भेजी गई है। (ख) जानकारी उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें, जिला मुरैना द्वारा उपलब्ध करा दी गई है। दिनांक 10.12.2019 को पुन: उक्त जानकारी प्रेषित कर पावती प्राप्त की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय स्कूलों की बाऊण्ड्रीवॉल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
68. ( क्र. 693 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत शासकीय स्कूलों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए कितने स्कूलों व छात्रावासों के प्रांगण में बाउड्रीवॉल की व्यवस्था नहीं है? रांझी शारदा नगर स्थित ज्ञानोदय छात्रावास की बाउड्रीवॉल का निर्माण कब प्रारंभ कराया गया है? निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि शासकीय स्कूलों व छात्रावास में बाउड्रीवॉल की व्यवस्था नहीं है तो क्यों? स्कूली छात्र-छात्राओं व छात्रावास के छात्र छात्राओं के साथ घटित हो रही छेड़छाड़ की घटना के लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) शासकीय शालाओं व छात्रावासों में बाऊड्रीवॉल निर्माण कार्य कब पूर्ण कराये जाऐंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र केंट अंतर्गत 03 हायर सेकेण्डरी स्कूलों तथा 11 प्राथमिक/माध्यमिक शालायें बाउण्ड्रीवॉल विहीन है। ज्ञानोदय छात्रावास में वर्ष 2007-08 में एक तरफ की बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। (ख) बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है। छात्र-छात्राओं से छेड़छाड़ की कोई शिकायत कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। (ग) शासकीय शालाओं व छात्रावासों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता एवं सक्षम समिति की स्वीकृति पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सीवर लाईन एवं खराब सड़के
[नगरीय विकास एवं आवास]
69. ( क्र. 694 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर केन्ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर निगम जबलपुर के द्वारा सीवर लाईन का कार्य कहां कहां पर प्रस्तावित है एवं किन-किन स्थानों पर सीवर का कार्य अधूरा छोड़ दिया गया है? सीवर लाईन के अधूरे कार्यों को कब तक पूर्ण कराया जायेगा? किन-किन स्थानों पर पूर्ण हो चुके सीवर कार्य उपरांत सड़कों को क्षतिग्रस्त हाल में छोड़ गया है, जिसके चलते दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं, इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या जिम्मेदार खराब सड़कों की मरम्मत का कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) क्या केन्ट विधान सभा के रांझी क्षेत्र अंतर्गत किशन होटल से बड़ा पत्थर चौराहा दुर्गा मंदिर के पास तक की मेन रोड अत्याधिक जर्जर एवं खराब स्थिति में हैं? यदि हाँ, तो सड़क के जर्जर होने का क्या कारण है? क्या उक्त सड़क जर्जर हालत में होने के लिए जनता को हो रही परेशानी एवं दुर्घटनाओं के लिए कौन कौन जिम्मेदार है? उक्त सड़क का निर्माण/मरम्मत कब तक किया जावेगा।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जबलपुर केन्ट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सिविल लाईन क्षेत्र में लगभग 21 किलोमीटर तथा रांझी, कंचनपुर एवं मानेगांव क्षेत्र में लगभग 69 किलोमीटर सीवर लाईन का कार्य वर्तमान में प्रस्तावित है। जिसमें से सिविल लाईन क्षेत्र में लगभग 10 किमी. एवं कंचनपुर, रांझी, मानेगांव क्षेत्र में लगभग 9 किमी. सीवर लाईन बिछाने का कार्य शेष है। उक्त कार्य पूर्ण कराने की समय-सीमा 30 जून 2020 लक्षित है। वर्तमान में मानेगांव क्षेत्र में भिन्न-भिन्न स्थानों पर मात्र 250 मीटर में संपूर्ण कार्य होने के उपरांत सड़क निर्माण कार्य शेष है, जो कि प्रगतिरत है। शेष भिन्न-भिन्न स्थानों पर लगभग 800 मीटर लंबाई में कार्य प्रगतिरत है। संपूर्ण कार्य होने के उपरांत उन स्थलों पर भी रोड रेस्टोरेशन का कार्य प्रारंभ कर शीघ्रता से पूर्ण किया जाना लक्षित किया गया है। दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) प्रश्नाधीन सड़कों पर अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन परियोजना के अंतर्गत मड़ई, बिलपुरा एवं मानेगांव में नवनिर्मित उच्च स्तरीय पानी की टंकी को भरने वाली राईजिंग मेन पाईप लाईन बिछाने का कार्य पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ किया जा रहा है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। 21 मार्च 2020 तक उपरोक्त कार्य पूर्ण होना लक्षित किया गया है।
हाईस्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
70. ( क्र. 726 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव विधानसभा सम्पूर्ण आदिवासी क्षेत्र है तथा वर्तमान में क्षेत्रफल एवं जनसंख्या की दृष्टि से जिले अन्तर्गत अन्य विकासखण्डों में संचालित हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूल के अनुपात में स्कूल संख्या कम हैं, जिससे शिक्षा स्तर में सुधार में परेशानियाँ आ रही है। (ख) क्या शासन स्तर से सर्वे किया जाकर भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित समस्त मिडिल स्कूलों को हाईस्कूल एवं हाईस्कूल को हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन किया जा सकता है? नहीं तो क्यों? (ग) वर्तमान में कितने स्कूलों का उन्नयन किया जाना प्रस्तावित है तथा स्कूलों के उन्नयन हेतु क्या-क्या अर्हताएँ होना चाहिए? इन आवश्यक अर्हताओं को देखते हुए भीकनगाँव विधानसभा अन्तर्गत कितने स्कूलों का उन्नयन सकता है? सूची उपलब्ध करावें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) जी
हाँ। भीकनगांव
विधानसभा
सम्पूर्ण
आदिवासी क्षेत्र
है। जी नहीं। (ख)
जी हाँ। माध्यमिक
से हाईस्कूल
में उन्न्यन
किये जाने की
कार्यवाई
प्रक्रियाधीन
है। (ग) मापदण्ड
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। शालाओं
का उन्नयन
मापदण्ड की
पूर्ति एवं
बजट उपलब्धता
पर निर्भर
करता है। अर्हता
अनुरूप
परिक्षण की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है।
परिशिष्ट
- "पचहत्तर"
छात्राओं के लिये छात्रावास खोलना
[अनुसूचित जाति कल्याण]
71. ( क्र. 731 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत अ.जा. छात्राओं के लिए छात्रावासों की संख्या कितनी हैं? क्या यह वर्तमान में अ.जा. की छात्राओं के लिऐ पर्याप्त है? नहीं तो क्या क्षेत्रवासियों की मांग अनुसार वर्तमान में अजा की छात्राओं के लिए नवीन 100 सीटर का छात्रावास खोले जाने की स्वीकृति प्रदाय की जायेगी? यदि हाँ, तो समयावधि बतायें नहीं तो क्या कारण है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुसूचित जाति की छात्राओं के लिए विभाग द्वारा कोई छात्रावास संचालित नहीं है। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी वर्ग की छात्राओं हेतु संचालित छात्रावासों में अनुसूचित जाति वर्ग की छात्राओं के आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। अत: क्षेत्रवासियों की मांग अनुसार नवीन 100 सीटर छात्रावास खोले जाने की स्वीकृति प्रदान किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नगरीय निकायों में कर्मचारियों की पदोन्नति
[नगरीय विकास एवं आवास]
72. ( क्र. 804 ) श्री जसमंत जाटव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश की नगरीय निकायों में कौन कौन से एकांकी पद स्वीकृत हैं? क्यों पदोन्नति नियम 2002 में एकाकी पदों को आरक्षण से मुक्त रखा गया था? यदि हाँ, तो नगरीय निकायों में एकांकी पदों पर पदोन्नति प्रतिबंधित क्यों हैं? (ख) पदोन्नति प्रतिबंधित होने के उपरांत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक नगरीय निकायों में ऐसे कितनक कर्मचारी सेवा निवृत्ति के बाद एकांकी पदों पर पदोन्नति की पात्रता तथा आहर्ता रखते थे? पदवार संख्या बतावें। (ग) क्या नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग म.प्र. भोपाल द्वारा नगरीय निकायों में पदोन्नति प्रतिबंधित किये जाने संबंधी कोई दिशा निर्देश तथा आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो नगरीय निकायों में किस आदेश से पदोन्नति प्रतिबंधित हैं? आदेश का विवरण देवें। (घ) यदि एकांकी पद पदोन्नति नियम 2002 में आरक्षण से मुक्त है तो नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग एकांकी पदों पर पदोन्नति के संबंध में दिशा निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ। वर्तमान में राज्य शासन द्वारा मान. सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत एस.एल.पी. क्रमांक 13954/16 पर दिनांक 12.05.2016 को यथास्थिति आदेश दिए जाने के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया बाधित है। (ख) उत्तरांश 'क' अनुसार जानकारी निरंक। (ग) जी नहीं। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार पदोन्नति की प्रक्रिया बाधित होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माण कार्यों का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
73. ( क्र. 843 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की नगरपालिका परिषद सिवनी में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक ठेकेदार रामलाल पटेल ज्यारत नाका सिवनी द्वारा निविदा पद्धति से कराये गये निर्माण कार्यों की सूची एवं परिषद में किन-किन निर्माण कार्यों के देयकों (प्रथम एवं अंतिम) अमानत राशि (एफ.डी.आर.) सुरक्षा निधि एवं निर्माण कार्यों की अन्य जमा समस्त राशि की जानकारी कार्यवार पृथक-पृथक उपलब्ध करावें। परिषद में जमा समस्त देयक व अमानत राशि एवं अंतिम देयक के भुगतान हेतु ठेकेदार रामलाल पटेल द्वारा आवेदन दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त देयकों का कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? (ख) सिवनी जिले की नगरपालिका परिषद सिवनी में मेसर्स अजय कन्स्ट्र. जबलपुर रोड सिवनी द्वारा आज दिनांक तक परिषद के अन्तर्गत निविदा पद्धति से कराये गये विभिन्न निर्माण कार्यों के परिषद में जमा देयकों, शेष देयकों अंतिम देयकों एवं परिषद में समस्त जमा राशियों (एफ.डी.आर. एवं सुरक्षा निधि) का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? यदि उक्त निर्माण कार्यों में से कुछ निर्माण कार्यों की टेस्ट रिपोर्ट (सामग्री परीक्षण) विभाग/ठेकेदार द्वारा जमा नहीं की गई है तो इसकी राशि (टेस्ट रिपोर्ट शुल्क) ठेकेदार के देयकों से काटकर उपरोक्त देयकों का भुगतान कब तक किया जावेगा? (ग) नगरपालिका परिषद सिवनी द्वारा निविदा पद्धति से कराये जाने वाले निर्माण कार्यों में लगने वाली निविदा आमंत्रण सूचना वर्ष 2009 एवं उसके उपरांत निविदा प्रक्रिया में अजय कंस्ट्र. जबलपुर रोड सिवनी द्वारा भाग लेने के उपरांत स्वीकृत निविदा के उपरांत किये गये अनुबंध के समय एवं निविदा भरते समय जमा अमानत राशि/सुरक्षा निधि जो कि परिषद में जमा है, (जिन कार्यों के निर्माण कार्य नहीं कराये गये हैं) जिसके भुगतान हेतु मे. अजय कंस्ट्र. द्वारा विभाग को पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो उसे उक्त निधियों की राशि कब तक वापिस की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। निकाय द्वारा ठेकेदार को निर्माण कार्यों में प्रयुक्त सामग्रियों की टेस्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु सूचना पत्र जारी किया गया है। टेस्ट रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार भुगतान किया जा सकेगा। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में टेस्ट रिपोर्ट प्रस्तुत होने के पश्चात नियमानुसार भुगतान किया जा सकेगा। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, ठेकेदार द्वारा निकाय में किये गये कार्यों के संबंध में भुगतान के लिए आवेदन प्रस्तुत किए गए है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
छात्रावासों में अधीक्षकों की पदस्थापना
[आदिमजाति कल्याण]
74. ( क्र. 848 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 2 वर्षों में म.प्र. के विभिन्न जिलों में आदिम जाति कल्याण विभाग के कार्यालय सहायक आयुक्त में पदस्थ सहायक आयुक्त में से किसी को शासन के नियमों के विरूद्ध शिक्षकों के स्थानांतरण करने संबंधी अनियमितताओं के कारण निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या ऐसा करने वाले अन्य जिलों में भी पदस्थ सहायक आयुक्तों को भी निलंबित करने की कार्यवाही शासन/विभाग द्वारा की जावेगी? (ख) सिवनी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2019 में स्थानांतरण के पूर्व स्था.नीति (शिक्षकों) के अनुसार अतिशेष शिक्षकों की सूची प्रकाशित कर उनकी काउंसिल कर उन्हें रिक्त पद पर समायोजित किया गया? यदि हाँ, तो प्रक्रिया से अवगत करायें। यदि नहीं, तो क्यों? ऐसा न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध शासन/विभाग क्या कार्यवाही करेगा और कब तक? (ग) राज्य शासन/विभाग द्वारा अन्तर्जिला के अन्तर्गत सिवनी जिले में स्थानांतरण होकर आये प्राथमिक शिक्षकों को जिले की शून्य/एक शिक्षकीय शालाओं में पदस्थ करना था, जैसे कि शासन की मंशा थी, क्या ऐसा सहायक आयुक्त आ.जा.क. वि. सिवनी ने किया है? यदि नहीं, तो ऐसा किया गया कृत्य शासन के नियमों के विरूद्ध है? यदि हाँ, तो ऐसा करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन/विभाग क्या कार्यवाही करेगा? क्या जिले की कुरई विकासखण्ड की प्रा.शा.आमगांव, चारगांव व कुरई, मा.शा.दलाल व बकौडी में पदस्थ शिक्षक (पदस्थ/स्थानांतरित होकर आये) उक्त शालाओं में स्वीकृत पद के अनुरूप है? यदि नहीं, तो ऐसा किया गया कृत्य शासन के नियमों के विरूद्ध है? यदि हाँ, तो ऐसा करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन/विभाग क्या कार्यवाही करेगा? (घ) म.प्र. के आदिम जाति कल्याण विभाग के विभाग प्रमुख द्वारा वर्ष 2017 में क्या यह आदेश दिये गये थे कि प्रदेश के किसी भी छात्रावासों/आश्रमों में तीन वर्ष से अधिक अवधि से कार्यरत अधीक्षकों को हटाकर उनसे शैक्षणिक कार्य कराया जाये व उनके स्थान पर एस.सी./एस.टी. के ही उच्च श्रेणी शिक्षक/अध्यापकों को अधीक्षक का प्रभार दिया जाये? यदि हाँ, तो क्या सिवनी जिले में इसका पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो इसका पालन ना करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन/विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। अन्य जिले के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त न होने के कारण प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। आदिम जाति कल्याण विभाग के पत्र क्रमांक एफ 4-18/2019/25-1 दिनांक 24/06/2019 में राज्य, संभाग एवं जिला स्तर पर शिक्षक संवर्ग, कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 की कंडिका-1.1 में जिन विद्यालयों में संख्यामान से अथवा विषयमान से अधिक शिक्षक कार्यरत होंगे, ऐसे अतिशेष शिक्षकों को स्थानांतरण नीति अनुसार अन्यत्र शिक्षकों की कमी वाली शालाओं में पदस्थ किये जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिला स्तरीय स्थानांतरण में अतिशेष शिक्षकों को समायोजन के रूप में सिम्मिलित किया गया है। (ग) जी हाँ। सिवनी जिले के कुरई विकासखण्ड की प्रा.शा./मा.शा. में पदस्थ शिक्षक की जानकारी निम्नानुसार है -
शाला का नाम |
दर्ज संख्या |
स्वीकृत |
पदस्थ |
अतिशेष |
प्रा. शा. आमगांव |
54 |
2 |
4 |
2 |
प्रा. शा. चारगांव |
42 |
2 |
2 |
0 |
प्रा. शा. कुरई |
32 |
2 |
2 |
0 |
मा. शा. दलाल |
43 |
3 |
4 |
1 |
मा. शा. बकौडी |
140 |
5 |
5 |
0 |
कार्यालयीन पत्र क्र 3145/शि.स्था./2019 दिनांक 12/09/2019 के अनुसार संकुल प्राचार्यों को संकुल अंतर्गत अतिशेष शिक्षकों को रिक्त संस्था में समायोजन व अध्यापन कार्य करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने हेतु लेख किया गया है। (घ) नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
वानिकी/रोपणी मद से कराये गये कार्य
[वन]
75. ( क्र. 852 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में म.प्र. वन विकास निगम द्वारा संचालित कार्यालय संभागीय प्रबंधक बरघाट प्रोजेक्ट सिवनी में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक वानिकी/रोपण मद से प्राप्त राशि के विरूद्ध कराये गये कार्यों/क्रय सामग्री की सूची लागत अनुसार एवं इस हेतु किये गये भुगतान की प्रक्रिया (ई-भुगतान/चैक से भुगतान) क्या अपनाई गई? भुगतान हेतु उक्त वर्ष से आज तक शासन/विभाग हेतु जारी आदेश/निर्देश की जानकारी प्रदाय करें। (ख) कार्यालय संभागीय प्रबंधक बरघाट प्रोजेक्ट सिवनी एवं इसकी परियोजना परिक्षेत्रों में वर्ष 2010 से आज दिनांक तक संभागीय प्रबंधक एवं परियोजना परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा संभागीय परियोजना कार्यालय, परियोजना परिक्षेत्र कार्यालय, जंगलों/वनों एवं अन्य कार्यों हेतु रखे गये/लगाये गये सुरक्षा श्रमिक, उच्च कुशल, कुशल, अकुशल, अर्द्धकुशल श्रमिकों, वाहन चालक एवं कार्यालय सहायकों की अद्यतन सूची कार्यस्थान सहित इनकी अद्यतन कार्यावधि में इन्हें भुगतान की गई राशि माहवार एवं इन श्रमिकों को कार्य में रखने हेतु सक्षम अधिकारी/शासन/निगम के आदेश व निर्देशों की अद्यतन जानकारी प्रदान करें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। क्रय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कार्यों एवं सामग्री के भुगतान हेतु ई-भुगतान एवं चेक से भुगतान की प्रक्रिया अपनाई गई है। वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कुल भुगतान की गई राशि रूपये 6451.80 लाख में ई-भुगतान की राशि रूपये 3277.12 लाख तथा चेक से भुगतान की राशि रूपये 3174.68 लाख है। ई-भुगतान हेतु शासन से वन विकास निगम को कोई निर्देश जारी नहीं किये गये हैं, अपितु वन विकास निगम के द्वारा ई पेमेन्ट की अनिवार्यता संबंधी निर्देश स्वयं निकाले गये हैं, जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 (अ) अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। कार्य की आवश्यकता अनुसार श्रमिकों को कार्य पर लगाया जाता है, इसके लिये अलग से वरिष्ठ कार्यालय से कोई लिखित आदेश/निर्देश प्राप्त नहीं हैं। कार्यालय/परियोजनाओं में आवश्यकता अनुसार स्वीकृत/उपलब्ध बजट के अंतर्गत क्षेत्रीय मुख्य प्रबंधकों एवं संभागीय प्रबंधकों द्वारा अपने कार्य क्षेत्र के अंतर्गत इन श्रमिकों से कार्य कराया जाता है।
नगर निगम जबलपुर में भवन निर्माण स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
76. ( क्र. 869 ) श्री अजय विश्नोई : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन माह में नगर निगम जबलपुर में रहवासी/व्यवसायिक भवन निर्माण के कितने नक्शे जमा हुये हैं? उनमें से कितने पास हुये और कितने लंबित हैं, रहवासी एवं व्यवसायी दोनों की अलग-अलग जानकारी दें। (ख) क्या नक्शे पास करने की जबावदारी जोनल आफिसों में बांट दी है? यदि हाँ, तो बतलायें कि जोनल अफीसर को किस नियम के तहत भवन अधिकारी बनाया गया है? (ग) भवन निर्माण की स्वीकृति में विलम्ब होने से नगर निगम की आय में प्रतिमाह कितनी कमी आयी है और इस आर्थिक क्षति का जबावदार कौन है? (घ) क्या नगर निगम यह सुनिश्चित करेगी कि विधि अनुसार भवन अधिकारी बनाकर नक्शे की स्वीकृति में गति लायेगी और निर्माताओं को राहत पहुंचायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर निगम, जबलपुर में विगत तीन माह (अगस्त से अक्टूबर 2019 तक) में 433 रहवासी 42 व्यावसायी कुल 475 नक्शें स्वीकृति हेतु जमा हुये, जिनमें 267 नक्शें रहवासी एवं 10 नक्शें व्यवसायिक नक्शें स्वीकृत हुये। 44 रहवासी एवं 17 व्यवसायी नक्शें प्रचलन में हैं तथा 122 रहवासी एवं 15 व्यवसायिक नक्शें निरस्त किये गये हैं। (ख) हाँ मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 69 (4) के तहत आयुक्त के अधिकार जोनल अधिकारी को भवन अनुज्ञा स्वीकृत करने तथा राजीनामा करने के लिए प्रत्यायोजित किये गये हैं। (ग) वर्ष 2018-19 की अपेक्षा वर्ष 2019-20 के 31 अक्टूबर तक भवन निर्माण की स्वीकृतियों में प्रतिमाह प्राप्त राशियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पूर्व वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष माह अक्टूबर तक भवन निर्माण अनुज्ञा में कमी का कारण भवन निर्माण गतिविधियां कम होने से हैं। इस हेतु कोई जिम्मेदार नहीं हैं। (घ) जी हाँ।
आवंटित राशि एवं व्यय
[आदिमजाति कल्याण]
77. ( क्र. 870 ) श्री अजय विश्नोई : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग जिला जबलपुर को संचालित राज्य व केन्द्र प्रवर्तित किन-किन योजनांतर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? किन-किन योजनाओं से संबंधित कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्यों वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन छात्रवृति से संबंधित कितनी-कितनी राशि किस-किस वर्ग की छात्र-छात्राओं को वितरित की गई एवं कितनी राशि का वितरण नहीं किया गया एवं क्यों? दोषी अधिकारियों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में अत्याचार अधिनियम के तहत आवंटित कितनी-कितनी राशि में से कितनी कितनी राशि कितने पीडितों को वितरित की गई? कितनी पीडि़तों को कुल कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया? अत्याचार अधिनियम की राशि में गड़बड़ी एवं पीडि़तों को राशि का भुगतान न करने की प्राप्त शिकायतों पर शासन ने कब-कब किस-किस के विरूद्ध क्या कार्यवाही की है?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ' अनुसार है। प्राप्त आवंटन का उपयोग वित्तीय वर्ष में पात्रता एवं मापदण्ड अनुसार किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जिन जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजनांतर्गत पात्र पाया गया उनको नियमानुसार छात्रवृत्ति का भुगतान किया गया है। जिनके प्रकरणों में आपत्तियां थी, उनमें परीक्षण उपरांत आपत्तियों का निराकरण कराकर नियमानुसार भुगतान किया जाता है। (ग) अत्याचार अधिनियम के तहत प्राप्त राशि एवं वितरण का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। अत्याचार अधिनियम की राशि में गड़बड़ी एवं पीड़ितों की राशि का भुगतान करने की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: किसी पर कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
प्राप्त निराश्रित राशि का व्यय
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
78. ( क्र. 892 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश निराश्रितों एवं निर्धन व्यक्तियों की सहायता अधिनियम, 1970 संशोधित 1998 एवं 2006 व नियम 2013 के तहत कृषि उपज पर क्रेताओं से संग्रह हेतु निराश्रित शुल्क राशि का निराश्रित व्यक्तियों को व्यय हेतु क्या-क्या प्रावधान है? जैसे गाईड-लाईन आदि का प्रचलन है? की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत 3 वर्ष (नवम्बर 2019 तक) तक कितनी राशि जिला मुरैना में कृषि उपज पर क्रेताओं से प्राप्त हुई? जिसकी अलग-अलग जानकारी कृषि उपज मंडियों सहित दी जावे। (ग) उपरोक्त (ख) में प्राप्त राशि से कहां-कहां निराश्रित कार्यों में व्यय किया गया? उसकी जानकारी निराश्रित व्यक्ति का नाम, पता, देयक राशि, स्वीकृत वर्ष, स्वीकृतकर्ता का नाम, पद आदि सहित दी जावे। (घ) उक्त निराश्रित राशि से स्वीकृत राशि को किस-किस कार्यों में व्यय किया गया?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
अशासकीय संस्थाओं के माध्यम से संचालित कार्य
[अनुसूचित जाति कल्याण]
79. ( क्र. 893 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति विभाग द्वारा अशासकीय संस्थाओं द्वारा क्या-क्या कार्य कराने के प्रावधान होकर, उसके संचालन हेतु क्या-क्या नियम निर्देश मार्गदर्शिका का प्रचलन है? प्रति उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में ग्वालियर, चंबल संभाग में कहां-कहां अशासकीय संस्थाओं द्वारा कौन-कौन से कार्य संचालित हैं, की जानकारी अशासकीय संस्था का नाम, पंजीयन क्र., दिनांक, कार्यों का विवरण अनुदान सहायता विवरण स्थान का नाम, पता आदि सहित दी जावे। जानकारी विगत 04 वित्तीय वर्ष (नवम्बर 2019) की दें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) नियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में विभाग से अनुदान प्राप्त संस्थाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। इन संस्थाओं द्वारा शैक्षणिक गतिविधियां संचालित की जाती है।
अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किया जाना
[स्कूल शिक्षा]
80. ( क्र. 909 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक अनुकम्पा नियुक्ति, संविदा शाला वर्ग-3 के कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये, कितने पर नियुक्ति प्रदान की गई एवं कितने प्रकरण लंबित हैं की संख्यात्मक जानकारी जिलेवार दें? (ख) संविदा शाला वर्ग-3 की अनुकंपा नियुक्ति हेतु अनिवार्य योग्यता क्या है? क्या उक्त निर्धारित योग्यता में टी.टी.ई. पात्रता परीक्षा अनिवार्य है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा उक्त परीक्षा कब आयोजित की गई थी? यदि नहीं, तो कब तक आयोजित की जावेगी? यदि आयोजित नहीं की गई तो क्या संबंधित अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या अन्य विभागों में अनुकंपा नियुक्ति हेतु न्यूनतम पद भृत्य एवं उच्चतम पद सहायक ग्रेड-3 रखा जाता है? यदि हाँ, तो निर्धारित योग्यता में समयावधि में छूट के साथ अनुकंपा नियुक्ति सशर्त प्रदान की जाती है? यदि हाँ, तो स्कूल शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति हेतु आर.टी.ई. के तहत निर्धारित योग्यता में छूट के साथ सर्शत नियुक्ति प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणों के निराकरण हेतु आर.टी.ई. अधिनियम के तहत निर्धारित योग्यता में छूट अथवा संविदा शाला वर्ग-3 की विशेष परीक्षा अथवा संविदा शाला वर्ग-3 की सामान्य परीक्षा आयोजित करने हेतु प्रस्ताव मंत्री परीषद को प्रेषित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? प्रकरण में अनुकंपा के लंबित प्रकरणों के दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही की जावेगी? हाँ तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जिलेवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) संविदा शाला शिक्षक वर्ग-3 के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ हायर सेकण्डरी, डी.एड. उत्तीर्ण होने के साथ ही शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। जी हाँ। वर्ष 2011 में संविदा शाला शिक्षक वर्ग- 3 की पात्रता परीक्षा आयोजित की गई थी। मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम, 2018 दिनांक 01.07.2018 से प्रभावशील होने से संविदा शाला शिक्षक के स्थान पर उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक के लिये वर्ष 2018 में पात्रता परीक्षा आयोजित की गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। अध्यापक संवर्ग की आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को संविदा शाला शिक्षक श्रेणी 03 के पद पर निर्धारित शैक्षणिक योग्यता एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा (टी.ई.टी) उत्तीर्ण होना भारत सरकार के नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के अन्तर्गत प्रावधानित है। भारत सरकार से निर्धारित मापदण्डों में शिथिलीकरण हेतु भारत सरकार सक्षम है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश 'ग' में अंकित अनुसार आर.टी.ई अधिनियम के तहत निर्धारित योग्यता में शिथिलीकरण हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया गया है। भारत सरकार से मार्गदर्शन अपेक्षित है। प्राथमिक शिक्षक की सीधी भर्ती हेतु पात्रता परीक्षा आयोजित करने पी.ई.बी को लिखा गया है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्मार्ट सिटी अंतर्गत हो रहे विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
81. ( क्र. 926 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर में स्मार्ट सिटी अन्तर्गत हो रहे विकास कार्य, जैसे पुल का निर्माण, मार्ग का चौड़ीकरण व मार्ग के बीच डिवायडर का निर्माण कर सुरक्षा व सुन्दरता को ध्यान में रखते हुये स्ट्रीट लाईटों हेतु अण्डरग्राउण्ड विद्युत केबल डाली जा रही है? यदि हाँ, तो किन-किन स्थानों पर अण्डरग्राउण्ड विद्युत केबल डाली गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या ऐसे अनेक निर्मित स्थानों पर स्ट्रीट लाईट हेतु लगाये गये खम्बों के ऊपर से केबल ऑपरेटरों की केबल खम्बों का सहारा लेकर गुजारी जा रही है? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु नगर पालिक निगम इन्दौर से केबल ऑपरेटरों द्वारा किसी प्रकार की स्वीकृति प्राप्त की गई है? यदि नहीं, तो नगर पालिक निगम इन्दौर इन केबलों को हटाने के लिये क्या कार्यवाही कर रही है? स्पष्ट करें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत हो रहे विकास कार्यों के अंतर्गत मार्ग के बीच डिवाईडर का निर्माण कर सुरक्षा व सुन्दरता को ध्यान में रखते हुये स्ट्रीट लाईटों हेतु अंडरग्राउण्ड विद्युत केबल डाली जा रही है। वह स्थान जिन पर अंडरग्राउंड विद्युत केबल डाली गयी है कि सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न (क) के उत्तर के प्रकाश में निर्मित स्थानों पर स्ट्रीट लाईट हेतु लगाये गये खम्बों के ऊपर से केबल ऑपरोटरों की केबल खम्बों का सहारा लेकर नहीं गुजारी जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
अधिक क्षमता वाली पानी की टंकियों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
82. ( क्र. 928 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 में जनसंख्या घनत्व के अनुसार अधिक क्षमता वाली पानी की टंकियों का अभाव होने के कारण पर्याप्त व सुलभ जल आपूर्ति प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो क्या उक्त क्षेत्र में नागरिकों को पर्याप्त व सुलभ जल आपूर्ति हेतु अधिक क्षमता वाली बड़ी पानी की टंकी के निर्माण हेतु कार्य योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, कितनी क्षमता की पानी की टंकी का निर्माण किया जावेगा व कब तक कार्य पूर्ण होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं, विधानसभा क्षेत्र इन्दौर-3 में जनसंख्या घनत्व के अनुसार अधिक क्षमता वाली पानी की टंकियों का अभाव नहीं है, इस क्षेत्र में जल आपूर्ति हेतु सदर बाजार टंकी, सुभाष चौक टंकी, मल्हार आश्रम टंकी, गाँधी हाल टंकी, एमवायएच टंकी, उर्दू स्कूल टंकी, पागनीस पागा टंकी, गाड़ी अड्डा टंकी, स्नेह नगर टंकी एवं रेडियों कालोनी टंकी से पर्याप्त रूप से जलापूर्ति की जा रही है। वर्तमान में स्मार्ट सिटी अन्तर्गत ए.बी.डी. में सुचारू जलप्रदाय हेतु हरसिद्धी क्षेत्र में 3500 कि-ली क्षमता एवं 24 मीटर शीर्ष पानी की टंकी का निर्माण अमृत योजनान्तर्गत प्रगतिरत होकर वर्ष 2020 तक कार्य पूर्ण होना लक्षित है। इसके अलावा गाडी अड्डा स्थित पुरानी पानी की टंकी जिसका पूर्ण क्षमता से उपयोग नहीं हो पा रहा है, इसके स्थान पर 2500 कि-ली क्षमता एवं 21 मीटर शीर्ष पानी की टंकी का निर्माण प्रगतिरत होकर मार्च 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अनुसूचित जाति/जनजाति बस्तियों में निर्माण कार्य
[आदिमजाति कल्याण]
83. ( क्र. 940 ) श्री जसमंत जाटव : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में आज दिनांक तक कितने कार्य किस विभाग/ग्राम पंचायत के अंतर्गत स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत किये जाने वाले कितने कार्यों में क्षेत्रीय माननीय विधायकों तथा माननीय जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा अनुमोदन दिया जा चुका है? कितनो में नहीं दिया है? अनुमोदन उपरांत आज दिनांक तक कार्य स्वीकृत नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) पूर्व वर्ष 2018-19 में ऐसे कितने कार्य हैं जो स्वीकृत किये गये थे तथा कौन कौन से कार्यों में किस मद से कन्वर्जन किया गया था वर्ष 2019-20 के ऐसे कितने कार्य है जिनमे किसी मद से कन्वर्जन किया जा रहा है और कितने कार्यों में नहीं है? जिन कार्यों में कन्वर्जन नहीं किया गया है वह कार्य स्वीकृत करने में क्या कठिनाई आ रही है? विस्तृत विवरण देवें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आदिम जाति कल्याण विभाग जिला शिवपुरी में अनुसूचित जाति वस्ती विकास योजनान्तर्गत 07 कार्य एवं अनुसूचित जनजाति वस्ती विकास योजनान्तर्गत 03 कार्य कन्वर्जेन्स महात्मा गॉधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (कन्वर्जेन्स) के अन्तर्गत लिये गये कार्य स्वीकृति हेतु लंबित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आदिम जाति कल्याण विभाग जिला शिवपुरी में अनुसूचित जाति वस्ती विकास योजनान्तर्गत 07 कार्य एवं अनुसूचित जनजाति वस्ती विकास योजनान्तर्गत 03 कार्य का अनुमोदन प्रभारी मंत्री महोदय, माननीय विधायक महोदय द्वारा किया जा चुका है। माननीय प्रभारी मंत्री महोदय, माननीय विधायक महोदय द्वारा अनुसूचित जाति वस्ती विकास योजनान्तर्गत 41 कार्यों का अनुमोदन किया गया है। अनुसूचित जाति विकास योजनान्तर्गत शिवपुरी जिले को राशि रूपये 181.43 लाख का बजट प्राप्त हुआ है। प्राप्त आवंटन के क्रम में प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्रमांक 5299-0300 एवं 5301-5302 दिनांक 28.11.2019 के माध्यम से 33 कार्यों की राशि रूपये 123.75 लाख की जारी की गई। माननीय प्रभारी मंत्री महोदय, माननीय विधायक महोदय द्वारा अनुसूचित जनजाति वस्ती विकास योजनान्तर्गत 53 कार्यों का अनुमोदन किया गया है। अनुसूचित जनजाति वस्ती विकास योजनान्तर्गत शिवपुरी जिले को राशि रूपये 118.10 लाख का आवंटन प्राप्त हुआ है। जिसके विरूद्ध कार्यालयीन पत्र क्रमांक 5329-5330, 5331-5330 दिनांक 2.12.2019 के माध्यम से 26 कार्यों की राशि रूपये 91.15 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। अनुसूचित जाति के 07 एवं अनुसूचित जनजाति के 03 कार्यों में कन्वर्जन से स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जाति वस्ती विकास के 67 कार्य एवं अनुसूचित जनजाति वस्ती विकास अन्तर्गत स्वीकृति 53 कार्य स्वीकृत किये गये। वर्ष 2018-19 में किसी भी कार्य का कन्वर्जन नहीं किया गया था। वर्ष 2019-20 में अनुसूचित जाति वस्ती विकास योजनान्तर्गत 07 एवं जनजाति वस्ती विकास के 03 कार्यों का मनरेगा से कन्वर्जन किया जा रहा है। अनुसूचित जाति वस्ती 33 कार्य एवं जनजाति वस्ती विकास के 26 कार्यों में कन्वर्जन नहीं किया गया। उक्त कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृतियॉ जारी की गई है। जिन निर्माण कार्यों में कन्वर्जन नहीं किया गया है, उन कार्यों को स्वीकृत किये जाने हेतु कठिनाई नहीं आ रही है।
पहाड़ों/पहाड़ियों पर उत्खनन अनुमति निरस्त करना
[खनिज साधन]
84. ( क्र. 947 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने स्टोन क्रेशर एवं मुरम व पत्थर उत्खनन हेतु पहाड़ों एवं पहाड़ियों पर अनुमति प्रदान की गयी है तथा उन स्थानों से कितनी खनिज की रायल्टी शासन को प्राप्त होती है? विवरण दें। (ख) क्या प्राकृतिक संतुलन व पर्यावरण की रक्षा हेतु पहाड़ों व पहाड़ियों पर प्रदेश के प्राकृतिक सौन्दर्य बचाने हेतु लीज को निरस्त करते हुए तथा लीज देने का प्रतिबंध लगायेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रदेश में स्टोन क्रेशर एवं मुरम व पत्थर उत्खनन हेतु शासकीय एवं निजी भूमि पर म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के अनुसार अनुमति प्रदान की जाती है। प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2018-19 में पत्थर से रूपये 386.84 करोड मुरम से रूपये 44.93 करोड खनिज का राजस्व प्राप्त हुआ है। (ख) म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के अनुसार सक्षम प्राधिकारी से पर्यावरणीय अनापत्ति प्राप्त होने पर ही उत्खनन की अनुमति प्रदान की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सार्वजनिक रास्ते की भूमि पर अतिक्रमण
[नगरीय विकास एवं आवास]
85. ( क्र. 948 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गोविन्दलाल सिंधी पता बगीचा नंबर-10 नीमच द्वारा सार्वजनिक रास्ते की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर सेफ्टी टैंक व कुआँ बनाने की कई शिकायतें नगर पालिका नीमच, कलेक्टर नीमच एवं सीएम हेल्पलाईन पर की गयी हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए की गई कार्यवाही की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) शासन कब तक बगीचा नंबर-10 नीमच के आने जाने के रास्ते पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर पूरा रास्ता बंद कर दिया गया है तथा रास्ते पर सेफ्टी टैंक बनाकर करीब 8 फीट की ऊंची दिवाले व कुआं बनाकर किए गए अतिक्रमण कब तक हटा दिया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है, नगर पालिका परिषद नीमच द्वारा प्राप्त शिकायत के परीक्षण में श्री गोविन्दलाल सिंधी के पंजीकृत अभिलेख के आधार पर भवन एवं बाउण्ड्री वाल के नाप में अतिक्रमण पाया गया है। अतिक्रमण हटाने हेतु निकाय द्वारा अतिक्रमणकर्ता को नोटिस जारी किया गया है, सुनवाई उपरांत नियमानुसार हटाने की कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
भवन विहीन स्कूलों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
86. ( क्र. 1078 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना में कितने हाई स्कूल/हायर सेकेन्ड्ररी स्कूल भवन विहीन है वर्तमान में किसके भवन में संचालित है और कब तक स्कूलों के भवन स्वीकृत हो जायेंगे सूची उपलब्ध करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र बीना में विगत 05 वर्षों में कितने स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष स्वीकृत किये गये है वर्तमान स्थिति क्या है और कब तक पूर्ण हो जायेगें, विलंब के लिए कौन दोषी है विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है, यदि बजट की समस्या आ रही है तो शासन भवन के निर्माण हेतु कब तक बजट उपलब्ध करायेगा। (ग) विधानसभा क्षेत्र बीना में शासकीय हाई स्कूल बेसराकसोई विगत 10-12 वर्ष पूर्व प्रारंभ किया गया था लेकिन आज दिनांक तक भवन स्वीकृत नहीं किया गया जबकि उसके बाद में स्वीकृत स्कूलों के भवन स्वीकृत हो गये है? उक्त स्कूल का भवन कब तक स्वीकृत हो जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नवीन स्कूल भवनों की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करती है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निर्माण एजेंसी से पूर्व में प्रदाय राशि का निर्धारित प्रपत्र में उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त किया जा रहा है। प्रमाण पत्र प्राप्त होते ही राशि उपलब्ध कराते हुए कार्य संपन्न कराया जाएगा। विलंब हेतु किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। (ग) शास. हाईस्कूल बेसराकसोई के लिए नवीन भवन की स्वीकृति बजट की उपलब्धता पर निर्भर करती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय हाई स्कूलों एवं माध्यमिक शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
87. ( क्र. 1079 ) श्री महेश राय : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बीना के विकासखण्ड बीना में शासकीय हाई स्कूल देहरी वर्ष 1997 से संचालित है एवं इसी तरह विकासखण्ड खुरई में शासकीय हाई स्कूल पथरिया जेगन एवं शासकीय हाई स्कूल बारधॉ जिनका उन्नयन हाई सेकेन्ड्ररी में आज दिनांक तक क्यों नहीं किया गया? विभाग द्वारा बार-बार दूरी का मापदण्ड बताकर उन्ययन नहीं किया जा रहा है म.प्र. शासन एवं भारत सरकार के संकल्प सबको शिक्षा का अभियान पूरा नहीं हो पा रहा है। छात्राओ के हित में क्या विभाग द्वारा नियम शिथिल नहीं किये जा सकते? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र बीना के विकासखण्ड बीना के ग्राम बेलई एवं विकासखण्ड खुरई के भरछा में शासकीय माध्यमिक शालाओं का उन्नयन हाई स्कूल में करने की कार्ययोजना है, यदि हाँ, तो कब तक मा.शा. का उन्नयन हाई स्कूल में कर दिया जावेगा। (ग) हाई स्कूल से हायर सेकेन्ड्ररी में एवं मा.शा.का हाई स्कूल में उन्नयन करने में दूरी का मापदंड निर्धारित है तो क्या उक्त मापदंड में छात्राओ की परेशानी का ध्यान रखा गया है। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा क्षेत्र बीना के उक्त विद्यालयों का उन्नयन कब तक कर दिया जावेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) उन्नयन एवं बजट की उपलब्धता अनुसार वर्ष 2019-20 में शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) शास. माध्यमिक शाला बेलई छात्र संख्या 52 एवं दूरी 03 कि.मी. एवं शास.माध्यमिक शाला भरछा छात्र संख्या 48 एवं दूरी 4.5 कि.मी. होने से उक्त दोनों शालायें उन्नयन के मापदण्ड की पूर्ति नहीं करती हैं। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कन्या शालाओं हेतु पृथक से मापदण्ड निर्धारित नहीं हैं। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ' क' अनुसार।
वन क्षेत्र के कार्य
[वन]
88. ( क्र. 1106 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कितनी राशि किस मद हेतु शासन द्वारा दी गई है? (ख) इन वर्षों में दी गई राशि क्या उसी मद में खर्च कि गई? स्थान व मदवार खर्च का विवरण देवें। (ग) इन दो वर्षों में कितनी राजस्व वसूली हुई व कितने पौधे नवीन लगवाए गये व कितने पौधे वर्तमान में जीवित है? क्या जीवित पौधे हेतु मेन्टेनेन्स में कोई राशि खर्च की गई? यदि हाँ, तो अभी तक कितनी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) से (ग) इस प्रश्न के बिन्दुओं की गहन जाँच कराई जा रही है।
अनुकम्पा नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
89. ( क्र.
1110 ) श्री
रामकिशोर
कावरे : क्या
स्कूल शिक्षा
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
जिला शिक्षा
अधिकारी
बालाघाट के
पत्र क्र.3681 दि. 17-07-19
एवं कलेक्टर
बालाघाट के
पत्र क्र. 4081 दि. 13-08-19
द्वारा शक्ति
नगपुरे/मंगज
नगपुरे के
अनुकम्पा
नियुक्ति
प्रकरण का
आदेश जारी
करने हेतु प्रस्ताव
संयुक्त
संचालक स्कूल
शिक्षा
जबलपुर को
प्रेषित किया? उक्त
प्रस्ताव पर
प्रश्न
दिनांक तक क्या
कार्यवाही
हुई? (ख)
प्रश्नकर्ता
के पत्र क्र./318
एवं 319 दि. 21-8-19 तथा
मंत्री स्कूल
शिक्षा विभाग
का पत्र क्र. 10694
दि. 26-09-19
सा.प्र.वि.म.प्र.
शासन का पत्र
क्र. 1123/1803/2019/1/3 भोपाल
दि. 01-10-19 तथा
सी.एम.सचिवालय
का पत्र
क्रमांक 993/सीएमएस/टीआरटी/2019
दि. 06-09-2019 के
द्वारा
प्रमुख सचिव स्कूल
शिक्षा विभाग
एवं आयुक्त
लो.शि.संचालनालय
तथा संयुक्त
संचालक लो.शि.
जबलपुर को
अनुकम्पा
नियुक्ति
प्रदान करने
हेतु निर्देश
दिये गये थे? यदि
हाँ,
तो प्रश्न
दिनांक तक क्या
निर्देशों का
पालन किया गया? (ग) प्रश्नांश
(ख) में उल्लेखित
शासन
निर्देशों के पालन
ना करने वाले
संयुक्त
संचालक लोक
शिक्षण
जबलपुर पर
विभाग द्वारा क्या
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो कब
तक? यदि
नहीं,
तो क्यों?
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) संयुक्त
संचालक लोक
शिक्षण
जबलपुर संभाग
जबलपुर के
आदेश
क्रमांक/स्था-4/लिपिक/अनु.नियु
2019/4142, जबलपुर, दिनांक
30.11.2019
द्वारा श्री
शक्ति सिंह
नगपुरे पुत्र
स्व. श्री
मंगल सिंह
नगपुरे को
अनुकंपा
नियुक्ति प्रदान
की जा चुकी है।
(ख)
संयुक्त
संचालक लोक
शिक्षण
जबलपुर संभाग
जबलपुर के
आदेश
क्रमांक/स्था-4/लिपिक/
अनु.नियु 2019/4142, जबलपुर, दिनांक
30.11.2019
द्वारा श्री
शक्ति सिंह
नगपुरे पुत्र
स्व. श्री
मंगल सिंह
नगपुरे को
अनुकंपा
नियुक्ति प्रदान
की जा चुकी है।
(ग)
प्रकरण का
निराकरण किया
जा चुका है
अतः शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
भूमि स्वामी से प्राप्त सागौन कास्ट का मूल्य भुगतान
[वन]
90. ( क्र. 1142 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में भूमि स्वामी (मालिक मकबूजा) से प्राप्त सागौन आदि काष्ट के मूल्य का भुगतान करने के लिए क्या कोई समय-सीमा तय की गई है? यदि हाँ, तो अभी जिलेवार कितने किसानों का कितने रूपये कितने समय से भुगतान करना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में चूंकि शासन किसानों की राशि उपयोग कर रहा है, ऐसे स्थिति में किसानों एवं पर्यावरण के हित में इस पर कोई ब्याज का भुगतान करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं, तो क्यों नहीं हैं?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नांकित काष्ठ के मूल्य का भुगतान करने के लिए, शासकीय दर पर काष्ठ विक्रय का विकल्प चुने जाने की स्थिति में डिपो में काष्ठ प्राप्त होने के दिनांक से 45 कार्य दिवस में तथा पृथक लाट बनाकर विक्रय का विकल्प चुने जाने की स्थिति में विक्रय मूल्य की पूर्ण वसूली होने के दिनांक से 30 कार्य दिवस के भीतर किये जाने की समय-सीमा निर्धारित है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। नियमों के ब्याज के भुगतान का प्रावधान नहीं है।
सिंहस्थ 2016 में क्रय हेतु गठित कमेटी की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
91. ( क्र. 1167 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 उज्जैन अंतर्गत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संधारण खण्ड/नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा पेयजल टंकियों/स्टैण्ड की खरीदी एवं अन्य सामग्री क्रय हेतु प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कमेटी में कौन-कौन सदस्य थे? कमेटी द्वारा टंकियों के क्रय मय स्टैण्ड की स्वीकृति कब-कब दी गई? किन-किन के द्वारा स्वीकृति प्रदाय की गई? कहां-कहां के लिए स्वीकृतियां जारी की गई? कितनी राशि का भुगतान किन-किन फर्मों/एजेंसियों को किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग उज्जैन/नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा मेला क्षेत्रों में बोरिंग खनन मय मोटर पंपो में किया गया था? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर बोरिंग व मोटर पंप स्थापित किये गये थे? (घ) क्या आर्थिक अपराध ब्यूरो में दर्ज शिकायत क्रमांक 187/18 के अंतर्गत विभागीय जाँच अपर कलेक्टर उज्जैन द्वारा की जा रही है? जाँच रिपोर्ट की जानकारी स्पष्ट करें? कब तक जाँच पूर्ण कर ली जायेगी? जाँच में दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) - नगर निगम उज्जैन के द्वारा गठित निविदा समिति में कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड नगरपालिक निगम उज्जैन, कार्यपालन यंत्री नगरपालिका निगम उज्जैन एवं अधीक्षण यंत्री नगरपालिक निगम सदस्य थे। कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संधारण खण्ड नगरपालिक निगम उज्जैन, कार्यपालन यंत्री, नगरपालिक निगम उज्जैन द्वारा पेयजल टंकियों/स्टैण्ड की खरीदी, स्वीकृति जारी की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हॉं। जाँच की कार्यवाही प्रचलित है। ई.ओ.डब्ल्यू. कार्यालय में प्राप्त शिकायत क्रमांक 187/18 की जाँच विवेचना में है। आयुक्त उज्जैन संभाग द्वारा श्री मुकेश गर्ग उपयंत्री को आदेश दिनांक 28.11.17 से निलंबित किया गया था, जिसकी जाँच अपर कलेक्टर उज्जैन द्वारा की जा रही है। जाँच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत कार्यवाही की जावेगी।
प्रवीण कुमारी शा. स्कूल के व्याख्याताओं की वरिष्ठता
[स्कूल शिक्षा]
92. ( क्र. 1186 ) श्री गिरीश गौतम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रवीण कुमारी हा.से. स्कूल रीवा में वर्तमान में कितने व्याख्याता पदस्थ हैं तथा उनमें से कितने व्याख्याताओं की वरिष्ठता क्रम में हा.से. स्कूल के प्राचार्य के बराबर वेतन का भुगतान किया जा रहा है? 01 फरवारी 2019 से 22 अगस्त 2019 तक प्रभारी प्राचार्य कौन थे और अब उनकी पदस्थापना किस विद्यालय में है? (ख) क्या हाई स्कूल भुण्डहा के प्राचार्य को प्रवीण कुमारी शा.हा.से. स्कूल का भी प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है? जब कि दोनों स्कूलों की दूरी 10 कि.मी. से अधिक है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित स्कूल में ही प्राचार्य के समकक्ष व्याख्याताओं को प्रभार न दिया जाकर दूर के स्कूल के प्राचार्य को प्रभार दिया गया है, जिससे स्कूल का संचालन प्रभावित हो रहा है, प्रवीण कुमारी शा.हा.से. स्कूल रीवा में कब तक नियमित प्राचार्य या स्कूल के ही वरिष्ठ व्याख्याता को प्राचार्य का प्रभार दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) रीवा जिलान्तर्गत शास. प्रवीण कुमारी कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल रीवा में 12 व्याख्याता पदस्थ हैं। इनमें से 02 व्याख्याता वरिष्ठता क्रम में हायर सेकेण्डरी स्कूल के प्राचार्य के समान ग्रेड वेतन का भुगतान प्राप्त कर रहे है। दिनांक 01 फरवरी 2019 से 22 अगस्त 2019 तक श्री पारस नाथ मिश्रा, व्याख्याता प्रभारी प्राचार्य थे। वर्तमान में श्री पारसनाथ मिश्रा की पदस्थापना शास. प्रवीण कुमारी कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल रीवा में ही है। (ख) जी हाँ। शास. हाई स्कूल भुण्डहा शास. प्रवीण कुमारी कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल रीवा के अधीनस्थ संकुल का विद्यालय है, दोनो स्कूलों की दूरी 6.7 कि.मी. है। (ग) कलेक्टर रीवा द्वारा विद्यालय के परीक्षा फल का विश्लेषण कर प्राचार्य का प्रभार शासकीय हाईस्कूल भुण्डहा के प्राचार्य को सौंपा गया है। स्कूल का संचालन प्रभावित होने जैसी स्थिति नहीं है। नियमित प्राचार्य के पदस्थापना अथवा किसी अन्य को प्रभार सौंपे जाने के संबंध में कार्यवाही पद उपलब्धता अथवा प्रशासनिक दृष्टिकोण से आवश्यक होने पर किया जा सकेगा। इसके लिये समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आदिवासी किसानों की अधिग्रहित भूमि का सीमांकन
[वन]
93. ( क्र. 1192 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अशोकनगर तहसील चंदेरी के ग्राम खाकलोन में हल्का न. 53 की भूमि सर्वे क्र. 149/3/अ/4 रकवा 2.090 हेक्टेयर, सर्वे क्र. 148/3/अ/5 रकवा 3.599 हेक्टे, सर्वे क्र. 149/3/ब/मिन रकवा 2.778 हेक्टे., सर्वे क्र. 127/5 रकवा 47.696 हेक्टे, सर्वे क्र. 149/3/अ/5 रकवा 3.599 हेक्टे., सर्वे क्र. 149/3/1 रकवा 6.132 हेक्टे., सर्वे क्र. 82/3 रकवा 2.215 हेक्टे. इत्यादि आदिवासी किसानों की जमीनें है जिनकी किताबें रजिस्ट्री एवं अन्य जमीन संबंधी दस्तावेज भी इनके पास हैं, इस जमीन को वन विभाग द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया गया है। (ख) यदि हाँ, तो क्या राजस्व एवं वन विभाग की एक सम्मिलित टीम गठित कर इसका पुन: सीमांकन कराकर आदिवासी किसानों को पुन: उनकी जमीनें वापिस की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो यह प्रक्रिया कब तक करा दी जावेगी, जिससे आदिवासी किसानों को अपनी जमीन वापिस मिल सकें?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जिला अशोकनगर तहसील चंदेरी के ग्राम खाकलोन में हल्का नं. 53 की भूमि सर्वे क्रमांक 149/3/अ/4, 149/3/ब/मिन, 127/5/, 149/3/अ/5, 149/3/1, 82/3 की भूमि म.प्र. शासन की अधिसूचना क्रमांक 1101/XF/203 (54) दिनांक 03.03.1955 के तहत संरक्षित वन में सम्मिलित है तथा अधिसूचना क्रमांक/8894-7408-68 दिनांक 27.10.1968 प्रकाशन दिनांक 31.01.1969 से उक्त भूमियों को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-4 में आरक्षित वन बनाने केे आशय की अधिसूचना भी जारी की गई है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग चन्देरी द्वारा आदेश क्रमांक/क्यु/अ.वि.अ./2019/550/(1-4) दिनांक 07.12.2019 से प्रश्नांकित सर्वे क्रमांकों की भूमियों के संयुक्त सीमांकन हेतु राजस्व एवं वन विभाग के मध्य संयुक्त दल का गठन किया गया है। संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) उत्तरांश 'ख' के अनुसार। संयुक्त दल से जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त नियमानुसार कार्यवाही संभव है।
बाघों की मौत के लिये दोषियों पर कार्यवाही
[वन]
94. ( क्र. 1209 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के वनों में वर्ष 2016-17, 2017-18 व 2018-19 में किन-किन रेन्जों में कितने बाघों की मौत हुई? (ख) क्या बाघों की मौत पर रोक हेतु स्पेशल रेन्जरो से निगरानी कराये जाने की योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक प्रभावशील होगी? (ग) प्रश्नांश (ख) की मौत के लिये क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांकित अवधि में बाघों के मौत स्थल पर कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी पदस्थ थे?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वैधानिक कार्यवाही करते हुए 93 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। (घ) जानकारी उत्तरांश ''क'' के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पेय नल-जल योजना में खराब हुई सड़कों का सुधार
[नगरीय विकास एवं आवास]
95. ( क्र. 1219 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम सिंगरौली में नल-जल हेतु पाईप-लाईन सड़क के बीचों-बीच खुदाई कर लगायी गयी है? नलजल बैढ़न क्षेत्र में कब तक चालू होगा? क्या नल-जल हेतु सड़क के बीचो-बीच की गई खुदाई का पी.सी.सी. लॉकिंग नहीं किया गया है? (ख) यदि नहीं, किया गया है, तो कब तक किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। नगर निगम सिंगरौली क्षेत्रान्तर्गत बैढ़न में नल जल योजना अंतर्गत पाईप लाईन सड़क के बीचों बीच न डाल कर सड़क के किनारे से डाली गई है। जल प्रदाय योजना मार्च 2020 तक पूर्ण कर जलप्रदाय प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। सड़क के किनारे जहां पाईप लाईन डाली गई है वहां सड़क निर्माण कार्य पूर्ववत करा दिया गया है। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रीवा में ईको पार्क का निर्माण
[वन]
96. ( क्र. 1243 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा शहर के निर्माणाधीन ईको पार्क का निर्माण कार्य क्यों बीच में रोक दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शहर में ईको पार्क का निर्माण शुरू कराया गया और नीति निवेश से इस कार्य में तकरीबन 5 करोड़ रूपये व्यय हो चुके है। यदि हाँ, तो इस कार्य को क्या पुन: शुरू किया जावेगा? समयावधि तय कर स्पष्ट करें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) एजेन्सी द्वारा न्यूनतम विकास दायित्व के अनुसार कार्य न कराने एवं अनुबंध की अन्य शर्तों के उल्लंघन के कारण अनुबंध समाप्त किया गया है। (ख) किये गये व्यय की जानकारी ईको पर्यटन विकास बोर्ड को नहीं है। परियोजना में निर्माण अवधि में की गई वृद्धि दिनांक 05.07.2019 को समाप्त हो चुकी है। अनुबन्ध समाप्ति आदेशके विरुद्ध एजेन्सी ने माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में याचिका दायर की है। अतः किसी भी प्रकार के निर्णय एवं समयावधि की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।
पुस्तकें वितरण में अनियमितताओं की जांच
[स्कूल शिक्षा]
97. ( क्र. 1245 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन द्वारा शा.प्र./मा.शालाओं में नि:शुल्क पुस्तक वितरण की क्या व्यवस्था है? (ख) जिला छतरपुर के राजनगर विकासखण्ड में वर्ष 2017-18 में क्या समस्त प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में दर्ज छात्र संख्या के मान से पुस्तकें प्रदान की गई थी? (ग) यदि हाँ, तो, शालावार संख्या उपलब्ध कराये। (घ) क्या विकासखण्ड राजनगर में पुस्तक वितरण प्रभारी द्वारा वितरण में गंभीर अनियमितताएं की थी? क्या वर्तमान में जाँच चल रही है? (ड.) यदि हाँ, तो, दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कार्यवाही कब तक की जावेगी, विलम्ब के लिये दोषी कौन है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा समस्त शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं, म.प्र. मदरसा बोर्ड में पंजीकृत मदरसों एवं म.प्र. संस्कृत बोर्ड से पंजीकृत संस्कृत शालाओं में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत समस्त छात्र एवं छात्राओं को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें प्रदाय की जाती है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं। जाँच प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
संचालित छात्रावासों में अनियमितताएं
[स्कूल शिक्षा]
98. ( क्र. 1246 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पलायन करने वाले छात्रों के लिये पलायन छात्रावास संचालित करने के प्रावधान है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कितने ऐसे छात्रावास छतरपुर जिले में संचालित कराये गये हैं? सूची देवें। यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ख) विगत 03 वर्षों में छतरपुर जिले में कितने पलायन छात्रावास संचालित हुए हैं वर्षवार सूची दें। (ग) विगत 03 वर्षों में छतरपुर जिले में कितने पलायन छात्रावास के संचालन हतु किन-किन बैंक खातों में राशि भेजी गई है। तथा उक्त खातों का संचालन किसके द्वारा किया गया है? नाम/पद/व्यक्ति सहित सूची उपलब्ध करावे? (घ) उक्त छात्रावासों में नियुक्त किये गये वार्डन की वर्षवार छात्रावासों की सूची दें? वार्डनों की नियुक्ति किसके द्वारा की गयी? पद नाम बनायें। (ड.) इन छात्रावासों में जिला स्तर के आवंटित खाद्यान्न प्रदाय के कोटा की छात्रावासवार वर्षवार सूची प्रदान करें। उक्त छात्रावासों के संचालन में अनियमितताएं हुई है? यदि हाँ, तो, किस-किस अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में छतरपुर जिले अन्तर्गत विकासखण्डों से पलायन छात्रावास संचालन हेतु प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण संचालित नहीं किये गये। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (ड.) जिला स्तर से छात्रावासों से खाद्यान कोटा आवंटित नहीं किया गया। जी हाँ। पलायन छात्रावास के वार्डन श्री प्रकाश पुंज पाठक, अध्यापक एवं श्री नरेन्द्र खरे, सहायक शिक्षक को निलबिंत किया गया तथा श्री मनीष कुमार जैन, सहायक परियोजना समन्वयक की प्रतिनियुक्ति समाप्ति की कार्यवाही की गई।
कॉलोनी की सड़क एवं नाली निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
99. ( क्र.
1264 ) श्री
संजय
सत्येन्द्र
पाठक : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कटनी में
शिवाजी नगर
कॉलोनी का
निर्माण नगर
निगम सीमा
अंतर्गत किया
गया है? क्या इस
कॉलोनी में
लगभग 300
मकान निर्मित
है किन्तु
आवागमन हेतु
कोई मार्ग ऐसा
नहीं है जिससे
वर्षा ऋतु में
एवं अन्य
मौसम में
सुचारू रूप से
वाहन एवं पैदल
मार्ग से
आवागमन
सुनिश्चित हो
सके? (ख)
क्या
विधायक
विजयराघवगढ़
तथा विधायक
कटनी द्वारा
पत्र लिखकर
मार्ग
निर्माण हेतु
कहा गया था? विधायक
विजयराघवगढ़
तथा विधायक
कटनी के प्रयासों
से आयुक्त
नगर निगम कटनी
द्वारा कार्यपालन
यंत्री को
पत्र क्रमांक 2307/स्टेना/आ/
2019, कटनी
दिनांक 2019 को पत्र
लिखकर
निराकरण हेतु
निर्देशित
किया गया था? यदि
हाँ,
तो कार्यपालन
यंत्री
द्वारा क्या
कार्यवाही की
गई? प्रतिवेदन
के आधार पर
कॉलोनी के
अंदर कब तक रोड
का निर्माण
कराया जायेगा? यदि
नहीं,
तो क्यों? (ग) क्या
नगर निगम सीमा
के अंतर्गत
आने वाली अवैध
कॉलोनियों
में नाली और
रोड का
निर्माण
कराया गया है? यहॉं
तक कि दुबे
कॉलोनी
अंतर्गत श्री
चमढिया के
कॉलोनी जो कि
अवैध है तथा
उसकी व्यक्तिगत
कॉलोनी का
निर्माण हो
रहा है वहाँ
भी रोड
निर्माण
कराया गया है? (घ) यदि
प्रश्नांश (ग)
हाँ तो शिवाजी
नगर में कब तक
रोड एवं नाली
का निर्माण
कराया जायेगा? बताएं
अथवा दोषी
अधिकारियों
पर क्या
कार्यवाही की
जायेगी?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
जयवर्द्धन
सिंह ) : (क) जी
हाँ। जी हाँ, आवागमन
हेतु कच्चा
मार्ग है। (ख) जी
हाँ। जी हाँ। कार्यपालन
यंत्री
द्वारा
प्रतिवेदन
दिया गया। प्रतिवेदन
अनुसार
कॉलोनी अवैध
रूप से निर्मित
होने के कारण
नगर निगम
द्वारा
निर्माण कार्य
नहीं कराया जा
सकता। उत्तरांश
के
परिप्रेक्ष्य
में शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ग) जी
नहीं। दुबे कॉलोनी
अन्तर्गत
श्री चमढि़या
के कॉलोनी को
वर्ष 2004-05
में तत्समय
प्रभावशील
नियमों के तहत
नगर निगम
द्वारा
नियमित करने
के बाद
निर्माण
कार्य कराये
गये। जी हाँ। (घ) उत्तरांश
'ख' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रदेश में रेस्त्रां संचालन हेतु नियम
[नगरीय विकास एवं आवास]
100. ( क्र. 1301 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभाग की अनुमति प्राप्त कुल कितने रेस्त्रां संचालित हो रहे हैं? जिलावार संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रेस्त्रां संचालन हेतु क्या-क्या नियम व शर्तों की पूर्ती संचालकों को करने के नियम हैं? (ग) क्या रेस्त्रां में स्मोकिंग जोन होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो कितने रेस्त्रां में उक्त सुविधा नहीं है? (घ) क्या रेस्त्रां के नॉन स्मोकिंग जोन में भी खुलेआम हुक्का सर्व हो रहे हैं? यदि हाँ, तो कार्रवाई का ब्यौरा क्या है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बैतूल स्थित नेहरू पार्क का संधारण एवं संचालन
[नगरीय विकास एवं आवास]
101. ( क्र. 1304 ) श्री निलय डागा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परिषद बैतूल स्थित नेहरू पार्क के संधारण एवं संचालन हेतु वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 हेतु किस-किस फर्म को आदेशित किया गया है? आदेश की प्रति एवं कार्य की लागत बताएं? (ख) क्या उपरोक्त वर्षों में नेहरू पार्क बैतूल में पेड़ों की कटाई की गई है? यदि हाँ, तो कब एवं कितनों वृक्षों की? वृक्षों के प्रकार सहित संख्या बतावें। (ग) उपरोक्त पेड़ कटाई हेतु क्या सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त की गई? यदि हाँ, तो स्वीकृति/अनुमति की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) यदि उपरोक्त पेड़ों की कटाई बिना अनुमति प्राप्त किये की गई है तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है? नाम, पदनाम वर्तमान पदस्थापना बताएं। (ड.) उपरोक्त पेड़ों की कटाई से पर्यावरण में असंतुलन उत्पन्न हुआ है या नहीं? यदि हाँ, तो इसके लिये रिपोर्ट किस कार्यालय से प्राप्त की गई? यदि नहीं, प्राप्त की गई तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरपालिका परिषद बैतूल स्थित नेहरू पार्क के संचालन एवं संधारण हेतु वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 हेतु में ताज एण्ड संस, बगडोना जिला बैतूल को आदेशित किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। नेहरू पार्क में 05 वर्षों के लिए संचालन एवं संधारण में राशि रू़. 45.00 लाख की लागत आएगी। (ख) जी नहीं। नेहरू पार्क में धरातल से 05 फीट के ऊपर विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों की छटाई की गई है। वृक्षों के प्रकार एवं संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हॉं। अनुमति पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ड.) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
निगम द्वारा लीज पर दी गई सम्पत्तियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
102. ( क्र. 1310 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिक निगम सीमा अंतर्गत नगर पालिक निगम इन्दौर द्वारा कितनी सम्पत्तियों को किन-किन को कब तक के लिये पिछले 20 वर्षों से लीज अनुबंध आधार पर लीज पर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी सम्पत्तियों की लीज 05 या 10 साल या अधिक समय से समाप्त हो चुकी है? क्या निगम द्वारा उक्त लीज धारकों पर लीज समाप्ति के पश्चात् कार्यवाही की गई थी? स्पष्ट जानकारी देवें। किन-किन लीज धारको से लीज समाप्ति के पश्चात् निगम द्वारा सम्पत्तियों का आधिपत्य लिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में रीगल टॉकीज कि लीज कब समाप्त हो गई थी? रीगल टॉकीज के पास स्थित भूमि पर लगी गुमटियाँ कितने समय से लगी हुई है? क्या ये सभी गुमटियाँ वैध हैं अथवा अवैध हैं? क्या निगम द्वारा रीगल टॉकीज के पास लगी गुमटियों में से एक गुमटी को हटाने की कार्यवाही की थी? क्या उक्त गुमटी अवैध/वैध थी व उसके आस-पास लगी गुमटियों भी वैध या अवैध हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में यदि सभी गुमटियां अवैध हैं तो क्या? निगम उक्त गुमटियों को भी हटायेगा? यदि हाँ, तो इन अवैध गुमटियों को कब तक हटाया जायेगा? नहीं तो क्यों नहीं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) लगभग 20 वर्षों में नगर पालिक निगम, इन्दौर द्वारा निगम स्वामित्व की कोई भूमि लीज पर आवंटित नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) रीगल टॉकीज की लीज अवधि दिनांक 11.09.2018 को समाप्त हो गई। रीगल टॉकीज के पास की भूमि पर जो कि तत्कालीन समय में श्री होमी रागीना को आवंटित की गई थी, उसकी लीज अवधि पूर्ण होने एवं कब्जा प्राप्ति की कार्यवाही के विरूद्ध प्रकरण न्यायालय में प्रचलित रहा वर्तमान में उक्त प्रकरण उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में सिविल अपील क्रमांक 6048/07 विचाराधीन है, प्रकरण में आगामी दिनांक 31.01.2020 नियत है, मान्नीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी, प्रश्नाधीन लीज भूमि पर स्थापित गुमठियों की अनुमति निगम द्वारा प्रदान नहीं किये जाने से अवैध की श्रेणी में है। जी हाँ। उक्त गुमठियों में से एक गुमठी को प्राप्त शिकायत के आधार पर निगम अमले द्वारा रिमुव्हल की कार्यवाही कर हटाया गया। रीगल टॉकीज के पास स्थित भूमि पर लगी गुमठियां लम्बे समय से स्थापित/लगी हुई हैं, सभी अवैध हैं। केवल वैध गुमठियों का रिकॉर्ड ही संधारित किया जाता है। (घ) प्रश्नांश ''ग'' के संदर्भ में प्रश्नाधीन स्थल/भूमि का प्रकरण वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है न्यायालय निर्णय उपरांत तद्नुसार कार्यवाही की जावेगी।
राजस्व ग्रामों को वर्किंग प्लान में शामिल करना
[वन]
103. ( क्र. 1318 ) श्री आरिफ मसूद : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन, भोपाल एवं सीहोर जिले के राजस्व ग्रामों के हकूक रजिस्टर, पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक एवं खसरा पंजी में दर्ज जमीनों को कलेक्टर की अनुमति के बिना वर्किंग प्लान में शामिल कर कब्जा करने वाले किसी वन अधिकारी के विरूद्ध प्रश्नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस जिले के कितने ग्रामों की अभिलेख एवं मानचित्र में दर्ज कितनी भूमि वन विभाग ने वर्किंग प्लान में शामिल कर अपने कब्जे में ले ली है? इसकी किस राजस्व अधिकारी ने वन विभाग को किस दिनांक को अनुमति प्रदान की? प्रति सहित बतावें। (ग) यदि अनुमति प्रदान नहीं की तो वन अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्नांकित दिनांक तक भी प्रकरण नहीं बनाए जाने के क्या कारण रहा हैं? कब तक किस धारा के प्रकरण बनाए जावेंगे?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। (ख) मंत्रि परिषद की बैठक दिनांक 20.05.1976 में निम्नानुसार निर्णय लिये गये थेः- ''प्रोटेक्टेड फारेस्ट के सर्वेक्षण उपरान्त जो भूमि शासकीय वनों से निष्कासित की गई है, उसके संबंध में वन विभाग पुनः जाँच करें। यदि मूल्यवान वनों के भूखण्ड निष्कासित कर दिये गये हैं तो उन्हें वन विभाग पुनः आरक्षित वन घोषित करने की कार्यवाही करें। यदि किसी राजस्व ग्राम से लगा हुआ जंगल का बड़ा हिस्सा है तो केवल गांव से लगा हुआ कुछ हिस्सा गांव के निस्तार के लिये के लिए छोड़कर शेष वन विभाग अपने कब्जे में ले। राजस्व विभाग के अन्तर्गत भोपाल तथा अन्य क्षेत्रों में ऐसे वन क्षेत्र हैं जहाँ मूल्यवान जंगल हैं, राजस्व विभाग ऐसे वन क्षेत्रों को वन विभाग को तुरन्त हस्तान्तरण करने की कार्यवाही करेगा'' साथ ही राज्य शासन के पत्र क्रमांक एफ-5/43/90/10-3 दिनांक 14 मई 1996 में भी निर्देश दिये गये थे कि ''जिलाध्यक्ष से ऐसे खसरों का हस्तान्तरण वन विभाग को करने की कार्यवाही की जावे जिसमें अच्छी श्रेणी के वन उपलब्ध है। '' उपरोक्त निर्देशों के तहत वन विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है। उक्त पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 व 2 अनुसार है। रायसेन, भोपाल एवं सीहोर जिलों के ग्रामों के अभिलेख एवं मानचित्र में दर्ज भूमि वर्किंग प्लान में शामिल करने की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के प्ररिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा जल का प्रदाय
[नगरीय विकास एवं आवास]
104. ( क्र. 1324 ) श्री आरिफ मसूद : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा जल भोपाल जिले के अंतर्गत किन-किन विधानसभा क्षेत्र में प्रदाय किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में मध्य विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय किया जा रहा है? (ग) क्या मध्य विधान सभा क्षेत्रांतर्गत आने वाले अधिकांश वार्डों में नर्मदा जल का प्रदाय नहीं किया जा रहा है यदि हाँ, तो किन-किन वार्डों में प्रदाय नहीं किया जा रहा है? (घ) मध्य विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जिन-जिन वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है कब तक प्रदाय किया जाएगा यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नर्मदा जल गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र, हुजूर विधानसभा, मध्य विधानसभा एवं नरेला विधानसभा क्षेत्र में। (ख) वर्तमान में नर्मदा जल मध्य विधानसभा क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 35, 37, 42 एवं 43 में प्रदाय किया जा रहा है। (ग) जी हाँ। मध्य विधानसभा के वार्ड क्रमांक 22, 23, 48, 49, 50 एवं 51 में नर्मदा जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश ''ग'' अनुसार जिन जिन वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय नहीं किया जा रहा है उन वार्डों में नर्मदा जल प्रदाय की कोई योजना नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। इन वार्डों में कोलार जल प्रदाय योजना से पेयजल प्रदाय किया जा रहा है।
सिंहस्थ 2016 में क्रय की गयी सामग्रियों की जांच
[नगरीय विकास एवं आवास]
105. ( क्र. 1378 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनाँक 14/04/2018 को नगर पालिका निगम, गऊघाट फ़िल्टर प्लांट परिसर उज्जैन में शार्ट्सर्किट के कारण एवं दिनाँक 11/05/2019 को नगर निगम फ़िल्टर प्लांट अंबोदीया परिसर में अज्ञात कारणों से लगी आग में नष्ट हुई सामग्री एवं सुरक्षा के लिए तैनात अधिकारी कर्मचारी पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो विलंब के कारण क्या है? (ख) सिंहस्थ 2016 में काली टंकी, प्लास्टिस पाइपो का प्रदाय, स्थापना कार्य, स्टैंड पोस्ट का निर्माण, मेले के दौरान संचालन संधारण, उसके बाद डिसमेंटलिंग कार्य हेतु कुल कितनी निविदा बुलाई गयी? निविदा की अमानत राशि एवं सभी कार्यों के लिए स्वीकृत राशि से कराये कार्यों एवं क्रय की गयी सामग्री का वेरिफिकेशन रिपोर्ट उपलब्ध कराये, जिससे संदेहास्पद घटनाओं के कारणों का खुलासा हो सके। (ग) उक्त बिन्दुओं पर जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है तो जाँच समिति, विभागीय जाँच समिति एवं अन्य जाँच समिति के अधिकारियों के विवरण एवं उनके द्वारा जाँच के समस्त बिन्दु (बिन्दु जिन पर जाँच चल रही है) का विवरण उपलब्ध कराएं। (घ) चोरी, टूटफूट, नष्ट सामग्री का पूर्ण विवरण देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) - प्रथम सूचना रिपोर्ट संबंधित पुलिस थानों में दर्ज कराई गई है। प्रकरण में विस्तृत जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट विवेचनाधीन है इसके अंतिम निराकरण के पश्चात इस संबंध में कार्यवाही की जाना संभव हो सकेगी। (ख) - लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा सिंहस्थ 2016 में काली टंकी एवं संबंधित कार्य हेतु 03 निविदायें आमंत्रित की गई थी, जलप्रदाय हेतु प्लास्टिंक पाईपों का प्रदाय, स्थापना कार्य, स्टैण्ड पोस्ट का निर्माण, मेले के दौरान संचालन-संधारण इसके बाद डिस्मेंटलिंग कार्य हेतु 05 निविदायें आमंत्रित की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। नगर निगम उज्जैन द्वारा सिंहस्थ 2016 हेतु काली टंकी (पी.व्ही.सी.) 2000 लीटर क्षमता की 100 नग टंकी व 100 एम.एस स्टैण्ड प्रदाय स्थापना एवं डिस्मेंटलिंग कार्य हेतु एक निविदा आमंत्रित की गई। निविदा की स्वीकृत राशि रू. 26.00 लाख एवं अमानत राशि रू. 50000/- थी। सामग्री का सत्यापन नियमानुसार माप पुस्तिका में दर्ज कर किया जाता है। पृथक से वेरिफिकेशन रिर्पोट नहीं बनाई जाती है। (ग) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से संबंधित प्रकरण में जाँच समिति के अधिकारियों एवं जाँच के बिन्दु का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। नगर निगम उज्जैन से संबंधित प्रकरण की जाँच अपर कलेक्टर जिला उज्जैन द्वारा की जा रही है जो कि प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। ई.ओ.डब्ल्यू. कार्यालय में प्राप्त शिकायत क्रमांक 187/18 की जाँच विवेचना में है। (घ) - लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा मेले के दौरान एवं मेले के पश्चात उपयोग की गई विभिन्न सामग्री जैसे जीआई, एमडीपीई, पीव्हीसी एवं अन्य स्पेशल, एचडीपीई, डीडब्ल्यूसी पाईपस, टंकियॉं एवं अन्य संबंधित सामग्री की चोरी, टूट फूट एवं नष्ट होने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। नगर निगम उज्जैन द्वारा निविदा के अंतर्गत क्रय की गई टंकी व स्टेण्ड में से 01 टंकी मेला क्षेत्र से अप्राप्त हुई।
भूमि क्रय करने हेतु भू-प्रत्यावर्तन प्रमाण पत्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
106. ( क्र.
1383 ) श्री
नागेन्द्र
सिंह (गुढ) : क्या
नगरीय विकास
एवं आवास
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
नगर निगम में
भूमि क्रय
करने हेतु
भू-प्रत्यावर्तन
प्रमाण पत्र
की आवश्यकता
होती है? यदि हाँ, तो
क्या् कारण है
कि नगर निगम
के द्वारा भवन
निर्माण
अनुमति हेतु
नगरीय निकाय
की अनापत्ति
प्रमाण पत्र की
मांग की जाती
है? (ख)
क्या नगर
निगम रीवा
द्वारा नगरीय
निकाय अनापत्ति
प्रमाण पत्र
देने में
जानबूझकर
विलंब किया
जाता है? इसमें दोषी
कौन है? दोषी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जायेगी? यदि हाँ, तो
भू-स्वामी को दोहरे
कर का भार
डालने का क्या
कारण है? (ग) क्या
नगर निगम में
भूमि क्रय
करने हेतु
नगरीय निकाय अनापत्ति
प्रमाण पत्र
की बाध्यता
पूरे प्रदेश
में लागू की
गई है?
यदि नहीं, तो
रीवा नगर निगम
में ऐसा नियम
लागू करने का
क्या कारण है? क्या
इस नियम को
समाप्त किया
जावेगा? यदि हाँ, तो कब
तक?
नगरीय
विकास एवं
आवास मंत्री (
श्री
जयवर्द्धन
सिंह ) : (क) एवं
(ख)
जी नहीं। शेषांश
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) जी
नहीं। नगर
पालिक निगम
रीवा में भूमि
क्रय करने
हेतु निकाय
अनापत्ति की
बाध्यता
लागू नहीं है।
शेषांश का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नगर परिषद् भानपुरा के निर्माण कार्य का अनुबंध
[नगरीय विकास एवं आवास]
107. ( क्र. 1420 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर परिषद् भानपुरा में निर्माण कार्य के कितने अनुबंध होना लंबित है तथा क्यो? कितने लंबित निर्माण कार्यों के कार्यादेश देना लंबित है? निर्माण कार्य शुरू क्यों नहीं किये जा रहे है? कितने निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति लेना लंबित है? लंबित होने का स्पहष्ट कारण क्यों है? कितने निर्माण कार्य की निविदा बुलायी जाना लंबित है? (ख) नगर परिषद भानपुरा में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वी्कृत DPR की संख्या कितनी है? आवास की संख्या कितनी है? किस्त लंबित होने का स्पष्ट कारण बताये? कब तक किस्त आवंटन की जायेगी।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) चार। सूचना जारी करने के पश्चात भी अनुबंध संपादित नहीं करने से लंबित तीन निर्माण कार्यों के अनुबंध नहीं होने एवं तीन कार्यों में अनुबंध उपरांत भी ठेकेदारों द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किये जाने से कार्य प्रारंभ नहीं हो सके हैं। चौदह निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति लंबित है। निकाय स्तर पर तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलित। चार निर्माण कार्यों की निविदा बुलाई जाना लंबित (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना के बी.एल.सी. घटक अंतर्गत 03 डी.पी.आर. क्रमश: 259, 210 एवं 683 हितग्राहियों की स्वीकृत हैं। कुल आवासों की संख्या 1152 है। 41 हितग्राही अपात्र होने से तथा 39 प्रकरण संभागीय कार्यालय में जाँच प्रक्रियाधीन होने से भुगतान कार्यवाही लंबित है। योजनांतर्गत किश्तों का प्रदाय भौतिक प्रगति की जियोटेगिंग के आधार पर, भारत सरकार से राशि प्राप्त होने पर किया जाता है। बी.एल.सी. घटक निर्माण हितग्राहियों द्वारा किया जाता है, इस कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
108. ( क्र. 1422 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने शासकीय प्राथमिक विद्यालय हैं जिनके अंतर्गत 10 से कम विद्यार्थी अध्ययनरत है? नाम सहित सूची प्रदान करें। (ख) इन विद्यालयों में कितने-कितने शिक्षकों की नियुक्ति है? नाम सहित सूची प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार क्या इन वि़द्यालयों को चालू रखना उचित होगा, यदि हाँ, तो इनके बारे में शासन की क्या योजना है? (घ) कब तक इन पर उचित कार्यवाही की जावेगी जानकारी पूर्ण सूची सहित प्रदान करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) शालाओं के युक्तियुक्तकरण एवं एक परिसर एक शाला का प्रावधान है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्कूलों के क्षतिग्रस्त भवनों की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
109. ( क्र. 1423 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने शासकीय विद्यालय भवन हैं? जिनके भवनों का प्लास्टर खुला है एवं छत टपक रही है एवं गिरने की स्थिति में है। (ख) क्या विभाग को इसकी जानकारी नहीं हैं, यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो विद्यालयों की मरम्मत क्यों नहीं की गईं? (ग) इनकी मरम्मत के बारे में विभाग की क्या योजना है व कब तक पूर्ण होगें। विद्यालयों की सूची सहित जानकारी दें।
स्कूल
शिक्षा
मंत्री ( डॉ.
प्रभुराम
चौधरी ) : (क) गरोठ
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत 44
प्राथमिक/माध्यमिक
शासकीय
विद्यालय है, जिनके
प्लास्टर
खुला है एवं
छत टपक रही है।
उपरोक्त सभी
शाला भवन मरम्मत
योग्य है तथा
गिरने की
स्थिति में
नहीं है। 06 हाई
स्कूल एवं 06
उ.मा.विद्यालय
भवनों में
अनुरक्षण की
आवश्यकता है
तथा कोई भी
विद्यालय भवन
गिरने की
स्थिति में नहीं
है। (ख)
जी हाँ। बजट
उपलब्ध नहीं
होने से मरम्मत
कार्य नहीं
कराये जा सके
थे। (ग)
प्राथमिक/माध्यमिक
विद्यालयों
की जानकारी संलग्न
परिशिष्ट अनुसार।
अतिवृष्टि से
क्षति ग्रस्त
शालाओं की
मरम्मत बजट
उपलब्धता पर
निर्भर है, समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
परिशिष्ट
- "सतासी"
अलग-अलग अध्ययन दौरे का कारण
[स्कूल शिक्षा]
110. ( क्र. 1426 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शैक्षणिक व्यवस्था के सुधार हेतु जून 2019 में विभाग के कितने एवं किन-किन अधिकारियों, प्राचार्यों व कर्मचारियों द्वारा किस देश का अध्ययन दौरा किया गया? इस दौरे की सक्षम स्वीकृति किसके द्वारा प्रदान की गई? (ख) क्या जून 2019 में विदेश दौरा के दो माह बाद सितम्बर माह में पुनः विभागीय मंत्री के साथ 30 सदस्यीय दल ने उसी देश का अध्ययन दौरा किया? यदि हाँ, तो इस तरह अलग-अलग दौरों का क्या औचित्य है और दोनों अध्ययन दौरा में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इस दौरे के लिए स्वीकृति वित्त विभाग से और फिर समन्वय सक्षम स्तर से प्राप्त की गई है। (ख) जी हाँ। कुल 200 अधिकारियों एवं प्राचार्यो को प्रशिक्षण दिये जाने की सक्षम स्वीकृति एक साथ प्राप्त की गई है और सुविधा की दृष्टि से इन्हें 6 समूहों में दक्षिण कोरिया भेजा जा रहा है, इनमें से द्वितीय दल सितम्बर 2019 में भेजा गया था। प्रथम दल पर राशि रू- 50, 25, 682/- एवं द्वितीय दल राशि रू 67, 02, 104/- व्यय हुई।
तबादला नीति लागू होने के बाद शिक्षकों के स्थानांतरण
[स्कूल शिक्षा]
111. ( क्र. 1428 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में नई तबादला नीति लागू होने के बाद अभी तक कुल कितने शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश जारी किये गये? कितने शिक्षकों द्वारा ऑनलाईन आवेदन किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार इन स्थानांतरणों में कितने शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में एवं कितने शहरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ किये गये? (ग) क्या अत्याधिक संख्या में हुये इन स्थानांतरणों से ग्रामीणों क्षेत्रों की शालाओं में शिक्षकों की अत्याधिक कमी उत्पन्न हो गई है? इसके लिए क्या योजना है? (घ) सागर जिले में वर्ष 2018 एवं 2019 में एक शिक्षकीय शालाओं की संख्या क्या है? तुलनात्मक ब्यौंरा दें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) सागर जिला अंतर्गत शिक्षक संवर्ग के कुल 1854 स्थानांतरण हुए है। कुल 3250 शिक्षकों ने ऑनलाईन आवेदन किये। (ख) सागर जिला अंतर्गत 240 शिक्षक ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में तथा 84 शिक्षक शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ किए गए। (ग) जी हाँ, किंतु सागर जिला अंतर्गत आवश्यकतानुसार संस्थाओं में शिक्षकों की पूर्ति अतिथि शिक्षको द्वारा की जा रही है। (घ) वर्ष 2018 एवं 2019 में एक शिक्षकीय शालाओं की संख्या क्रमश: 492 तथा 385 है।
डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड द्वारा प्राप्त राशि
[खनिज साधन]
112. ( क्र. 1443 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड (DMF) क्या है? इसके वितरण एवं उपयोग के क्या नियम प्रक्रिया है? (ख) जनवरी 09 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में DMF के द्वारा कितनी राशि प्रत्येक वर्ष प्राप्त हुई, उक्त राशि से कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ पर करवाए गए, सभी की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) जनवरी 09 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में मुख्य खनिज एवं गौण खनिज से शासन को प्रत्येक वर्ष कितना राजस्व प्राप्त हुआ।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 अधिसूचित है। (ख) मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम, 2016 से अधिसूचित है। छतरपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक डी.एम.एफ. में वर्षवार प्राप्त राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र–अ पर है। प्राप्त हुई राशि से कोई कार्य नहीं कराया गया। अस्तु भौतिक स्थिति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र– ब अनुसार है।
स्वीकृत विभागीय छात्रावासों हेतु भूमि का आवंटन
[स्कूल शिक्षा]
113. ( क्र. 1444 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में विभाग के प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से निर्माण कार्य अधूरे हैं? कारण सहित विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत क्या उत्कृष्ट विद्यालय में 100-100 सीटर बालक एवं कन्या छात्रावास स्वीकृत है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक उक्त छात्रावास भवनों की भौतिक स्थिति क्या है? कब स्वीकृत हुए.? क्या छात्रावास भवन हेतु भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ, तो कब और कहाँ यदि नहीं, तो क्यों? (ग) छतरपुर जिले में आकांक्षी जिले हेतु 200 सीटर कन्या छात्रावास स्वीकृत है? यदि हाँ, तो कब स्वीकृत हुआ. प्रश्न दिनांक तक भौतिक स्थिति क्या है? क्या भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि हाँ, तो कहाँ यदि नहीं, तो क्यों? भूमि आवंटन में क्या दिक्कत आ रही है।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) छतरपुर जिले में शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में अधुरे निर्माण कार्य की जानकारी कारण सहित एवं विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। हाई/हायर सेकेण्डरी विद्यालयों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में निर्माण अप्रारंभ है। छात्रावास भवन निर्माण हेतु दिनांक 27.2.2018 को प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। प्रश्नाधीन छात्रावासों हेतु भूमि आवंटन विद्यालय से चार किलोमीटर दूर छत्रसाल नगर में आवंटित की गई थी। न्यायालय द्वारा रोक लगने के कारण निर्माण रोक दिया गया। पुनःविद्यालय परिसर में ही छात्रावास निर्माण हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेषांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। म.प्र.शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 27-23/2017/20-2 भोपाल दिनांक 07.04.2018 द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान में छात्रवास निर्माण कार्य अप्रारंभ है। भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी नहीं। उत्तर के पूर्वाश के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरुद्ध आदिवासी बैगा परिवारों की भूमि का अधिग्रहण
[खनिज साधन]
114. ( क्र. 1448 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन पावर लि0मि0 ( कोल माइन्स) जिला सिंगरौली द्वारा आदिवासी बैगा परिवारों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है? यदि हाँ, तो किसके आदेश पर व किन शर्तों के साथ भूमि अधिग्रहण किया गया है उसकी प्रति उपलब्ध करावे। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सक्षम न्यायालय द्वारा अधिग्रहित भूमि 07 वर्ष बाद आदिवासी बैगा परिवारों को वापस करने का आदेश दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या अधिग्रहित भूमि वापस कर दी गई? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों व कब तक कर दी जायेगी। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक 714/2/7/2ए/1992 भोपाल दिनांक 10.02.1992 का पालन किया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 की उपधारा 2 (क) के अनुसार भूमि स्वामी के पास कम से कम 5 एकड़ सिंचित एवं 10 एकड़ असिंचित भूमि शेष होने पर ही क्रय/विक्रय किया जा सकता है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) शासन पॉवर लिमि. कोल माईंस जिला सिंगरौली द्वारा बैगा परिवारों की भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया है। बल्कि कलेक्टर न्यायालय, सिंगरौली के आदेश दिनांक 20.12.2012 एवं संशोधित आदेश के माध्यम से भूमि क्रय/विक्रय किये जाने हेतु विहित शर्तों के अधीन शासन पॉवर लिमि. को क्रय करने हेतु अनुमति जारी किया गया। जारी आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कलेक्टर सिंगरौली द्वारा पारित आदेश में प्रश्नागत भूमियों को वापस करने का कोई आदेश नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) संदर्भित आदेश के अनुपालन का निर्णय कलेक्टर न्यायालय के आदेश दिनांक 20.12.2012 में किया गया है। (घ) हाँ, यह सही है कि म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 की उपधारा 2 (क) के अनुसार 5 एकड़ सिंचित एवं 10 एकड़ असिंचित भूमि शेष होने पर ही क्रय/विक्रय किया जा सकता है। प्रश्नांश 'क' के संदर्भ में जिले में कलेक्टर सिंगरौली के द्वारा आदेश प्रकरण 3/अ-21/2012-13 दिनांक 20.12.2012 के द्वारा 8 बैगा परिवारों को अनुमति इस शर्त पर दिया है कि बैगा परिवार की विक्रयाधीन भूमि के बदले में समान क्षेत्रफल की भूमि भी कंपनी द्वारा अपने व्यय पर क्रय की जाकर बैगा परिवार को विक्रय विलेख के माध्यम से प्रदाय की जायेगी। अत: उक्त उपबंध का उल्लंघन नहीं होता।
योजना के विकास कार्यों में अनियमितता
[नगरीय विकास एवं आवास]
115. ( क्र. 1474 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल विकास प्राधिकरण की मिसरोद चरण -1 योजना अन्तर्गत विकास कार्यों की वर्तमान में प्रशासकीय स्वीकृति संबंधी मण्डल निर्णय का क्रमांक एवं दिनांक क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या मण्डल के निर्णय द्वारा डामरीकरण के प्रशासकीय आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो फिर डामर रोड निर्माण के स्थान पर कांक्रीट रोड निर्माण में कितना अतिरिक्त व्यय भार प्राधिकरण पर आयेगा एवं अतिरिक्त व्यय की प्रतिपूर्ति कैसे की जावेगी? (ग) क्या कांक्रीट रोड बनाये जाने से लोक निर्माण विभाग के नियम एवं मैन्युवल का उल्लंघन नहीं है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दौषी है एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी एवं यदि नहीं, तो क्यों नहीं? स्पष्ट करें। (घ) क्या प्राधिकरण द्वारा निविदा के माध्यम से चयनित निविदाकारों से अनुबंध अनुसार डामर रोड निर्माण किया जाना था? यदि हाँ, तो डामर रोड के अनुबंध पर कांक्रीट रोड निर्माण क्यों कराया जा रहा है एवं किसके आदेश से कराया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) क्रमांक 1951, दिनांक 03.08.2015। (ख) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानांतरित कर्मचारियों को कार्य मुक्त किया जाना
[आदिमजाति कल्याण]
116. ( क्र. 1477 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा आदेश क्रमांक 936 दिनांक 18.06.2019 के द्वारा स्थानांतरण किये गए थे. यदि हाँ, तो क्या जिला संयोजक सीहोर के रिक्त पर किये गए प्रशासकीय स्थानांतरण आदेश के पालन में उक्त अधिकारी ने कार्य मुक्त होकर पदभार ग्रहण कर लिया है. यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या स्थानांतरण नीति 2019-20 में यह प्रावधान है कि स्थानांतरित कर्मचारी को 02 सप्ताह में कार्यमुक्त किया जाना अनिवार्य होगा. क्या उक्त अधिकारी को कार्यमुक्त ना करने वाले संभागीय उपायुक्त उज्जैन के द्वारा शासन के आदेश की अवहेलना की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या उक्त स्थानांतरित अधिकारी के वर्तमान पदस्थ कार्यालय संभागीय उपायुक्त उज्जैन में एक पद पर 02 क्षेत्र संयोजक कार्य कर रहे है यदि हाँ, तो क्यों? तृतीय श्रेणी कर्मचारी को जिला संयोजक सीहोर का प्रभार देने के उद्देश्य से क्या विभागीय अधिकारी जानबूझकर कार्यमुक्त नहीं कर रहे है. यदि नहीं, तो कार्य मुक्त क्यों नहीं किया गया?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ, स्थानांतरण किया गया था शासन स्तर से वरियता के आधार पर ही पदस्थापना की जाना चाहिए, इसे देखते हुए पूर्व आदेश को निरस्त करने की कार्यवाही की गई है जो प्रचलित होने के कारण कार्यमुक्त नहीं किया गया। (ख) स्थानांतरित अधिकारी का स्थानांतरण निरस्त करने की प्रक्रिया प्रचलित होने के कारण कार्यमुक्त नहीं किया गया। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, अतिरिक्त क्षेत्र संयोजक का वेतन उज्जैन जिला संयोजक के रिक्त पद से निकाला जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं है।
अवैध कालोनियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
117. ( क्र. 1484 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के प्रदेश के शहरों एवं नगरों में स्थित अवैध कालोनियों को वैध करने वर्तमान में क्या-क्या नियम हैं? ऐसे नियमों के आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) सिवनी जिले के अंतर्गत सिवनी नगर पालिका एवं बरघाट व लखनादौन नगर परिषद के अंतर्गत नक्शा के अभाव में शासकीय भूमियों पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध कालोनियां बनाकर प्लाट विक्रय किये जा रहे हैं? क्या शासन अवैध प्लाट विक्रय करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही करेगी, यदि हाँ, तो कब तक? (ग) सिवनी जिले की कौन-कौन सी नगरीय निकायों में कहाँ-कहाँ की कौन-कौन से वार्ड की कौन-कौन से मोहल्ले में अवैध कालोनी है? उक्त निकायों की शासन/विभाग द्वारा चिन्हित की गई अवैध कालोनियों के संबंध में कालोनाईजर के नाम सहित स्पष्ट जानकारी दें। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) निकायों के अंतर्गत अनेक कालोनियों में मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, पानी, नाली, बिजली नहीं है एवं लगातार अवैध कालोनियां बनाई जा रही है? मूलभूत सुविधा विहीन ये अवैध कालोनियां नगरपालिका/नगर परिषद के अधिकारियों की छत्र-छाया में निर्मित हो रही है? (ड.) क्या सिवनी जिले में शासकीय जमीन का दुरूपयोग कर अवैध कालोनियों का निर्माण के प्रकरण अन्य शहरों की तुलना में अत्याधिक है? यदि हाँ, तो अवैध कालोनियों के निर्माण में संलिप्त अधिकारियों की जाँच की जावेगी एवं अवैध कालोनी रोकने की कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में दिनांक 31 दिसम्बर 2016 तक अस्तित्व में आई एवं जहां 10 प्रतिशत भवन निर्मित हो ऐसी अवैध कॉलोनियों के नियमितीकरण हेतु म.प्र. नगरपालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन तथा शर्तें) नियम 1998 है जिसका खण्ड नियम 15-क है। नियम 15-क को माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा दिनांक 03/06/2019 को अधिकारातीत (Ultra vires) घोषित कर दिया गया है। नियम 15-क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। (ड.) तुलनात्मक जानकारी के अभाव में बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्याख्याताओं के समयमान वेतनमान का आदेश
[स्कूल शिक्षा]
118. ( क्र. 1504 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सीधी के व्याख्याताओं को तृतीय समयमान वेतनमान देने के आदेश प्रसारित किये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन जिलो में कितने व्याख्याता लाभान्वित हुये हैं? यदि नहीं, तो आदेश का क्रियान्वयन कब तक किया जाएगा? (ख) क्या सागर जिले के 1985 की सीधी भर्ती के नियुक्त व्याख्याताओं को अभी भी 5400.00 रू. का ग्रेड पे एवं उच्च श्रेणी शिक्षकों को 6600.00 रू. का ग्रेड पे दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस विसंगति का क्या कारण है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में कथित व्याख्याताओं को जो अब प्राचार्य के पद पर हैं, को इस प्रकार की विसंगति दूर करके ग्रेड पे 6600.00 रू. प्रदाय किये जाने का प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक इस प्रस्ताव पर अमल किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता (ख) जी हॉं। सागर जिले की जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत 1985 की सीधी भर्ती के नियुक्त व्याख्याताओं को अभी भी 5400 ग्रेड पे का लाभ दिया जा रहा है एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सागर के 03 उच्च श्रेणी के शिक्षकों को 6600 ग्रेड पे का लाभ दिया गया है। (ग) जी नहीं। समयमान वेतनमान में विसंगति संबंधी आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्मार्ट सिटी योजना का प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
119. ( क्र. 1505 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में स्मार्ट सिटी योजनांतर्गत क्या-क्या कार्य कराया जाना प्रावधानित हैं एवं इस हेतु शासन से कितना बजट आवंटित किया गया है? (ख) सागर नगर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से कार्य प्रचलन में हैं अब तक इस योजनांतर्गत किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय की जा चुकी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सागर स्मार्ट सिटी योजनांतर्गत प्रावधानित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को आज दिनांक तक केन्द्र सरकार से 85 करोड़ रूपये एवं राज्य सरकार के द्वारा 20 करोड़ रूपये का अंशदान आवंटित हुआ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- "ब" अनुसार है।
अवैधानिक रूप से संचालित क्रेशरों पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
120. ( क्र. 1524 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के रैगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बाबूपुर एवं अन्य किन-किन स्थानों में क्रेशर संचालन हेतु किस-किस व्यक्ति/फर्म को खनि पट्टा एवं भण्डारण हेतु अनुज्ञप्ति कब-कब प्रदान की गई है? पृथक-पृथक विवरण खसरा नम्बर रकबा सहित देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के खनि पट्टाधारियों द्वारा विगत 3 वर्षों में कितनी मात्रा में लाइमस्टोन का खनन कर कितना रायल्टी जमा किया तथा कितनी मात्रा में गिट्टी का निर्माण कर विक्रय किया तथा उक्त फर्मों के विगत 3 वर्षों में निर्धारण आदेशों की प्रतियां देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के क्रेशरों द्वारा किये जानें वाले प्रदूषण को रोकने के क्या क्या प्रावधान कर रोकथाम किये जा रहे? (घ) प्रश्नांश (क) की फर्मों द्वारा आवंटित खनि पट्टा से अधिक भूमि पर जो अवैध उत्खनन किया गया है, जिनकी शिकायतें प्राप्त होने के बाद भी कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई कब तक की जावेगी शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें? कब तक खनि पट्टे निरस्त किये जायेगें, नहीं तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) सतना जिले के रैगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बाबूपुर में क्रेशर संचालन हेतु कोई भी खनि रियायत स्वीकृत नहीं है एवं बाबूपुर को छोड़कर अन्य क्षेत्र ग्राम बम्हौर, खम्हरिया खुर्द में क्रेशर संचालन हेतु स्वीकृत भण्डारण हेतु अनुज्ञप्ति, खनिपट्टा/उत्खनिपट्टा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार खनिज लाइमस्टोन की खदान स्वीकृत न होने से जमा रॉयल्टी की जानकारी निरंक है। उत्खनिपट्टाधारी द्वारा विगत 03 वर्षों में फर्मों द्वारा किये गये गिट्टी के निर्माण की जानकारी एवं किये गये निर्धारण की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब पर है। (ग) क्षेत्रीय अधिकारी, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला सतना से प्राप्त जानकारी अनुसार, ई.आई.ई. नोटिफिकेशन एवं पर्यावरणीय नियमों के अंतर्गत बोर्ड द्वारा उद्योग संचालन हेतु सशर्त सम्मति प्रदान की जाती है। सम्मति शर्त अनुसार समय-समय पर उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण हेतु निर्देशित किया जाता है। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार फर्मों को स्वीकृत खनिपट्टा एवं उत्खनिपट्टा में स्वीकृत क्षेत्र से अधिक भूमि पर अवैध उत्खनन किये जाने की स्थिति नहीं पाई गई है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
रिक्त पदों की जानकारी एवं संविदा नियुक्ति
[नगरीय विकास एवं आवास]
121. ( क्र. 1544 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय प्रशासन विभाग अंतर्गत मध्यप्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषद में प्रश्न दिनांक की स्थिति में कितने पद रिक्त है रिक्त पदों की पदवार जानकारी देवें? रिक्त पदों पर भर्ती हेतु क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया किस ऐजेंसी से कब तक पूर्ण करवा ली जायेगी? (ग) क्या नगर पालिका पिथमपुर जिला धार में मान्यता प्राप्त संस्थान से स्वच्छता निरीक्षक का डिप्लोमा कोर्स किये युवकों की संविदा स्वच्छता निरीक्षक हेतु नगर पालिका द्वारा दिनांक 30.07.2019 को संविदा नियुक्ति दी गई है यदि हाँ, तो कितने लोगों को किस आदेश से नियुक्ति दी गई। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि नियम विरूद्ध नगर परिषद द्वारा संविदा नियुक्ति दी गई है तो जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाषाई शिक्षकों की बहाली
[आदिमजाति कल्याण]
122. ( क्र. 1557 ) श्री सीताराम : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला श्योपुर, शिवपुरी ग्वालियर, गुना, अशोकनगर एवं दतिया जिलों में हटाए गए भाषाई शिक्षकों की सेवा कब तक बहाल की जाएगी। (ख) चालू वित्तीय वर्ष में प्रश्नांश (क) जिलों में कितना बजट उपलब्ध कराया गया। उपलब्ध बजट की मदवार जानकारी उपलब्ध कराए एवं किस मद में अभी तक कितना खर्च हुआ है।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आयुक्त, आदिवासी विकास के आदेश क्र/पीव्हीटीजी/29978 दिनांक 15/11/2019 द्वारा जिलों के आदेश जारी किया गया है। जिसमें भाषाई शिक्षकों की नियुक्ति हेतु शिक्षक की अनिवार्य आर्हता 'मध्यप्रदेश जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शिक्षण संवर्ग (सेवा एवं भर्ती नियम 2018) शिक्षा अधिनियम मध्यप्रदेश के राजपत्र दिनांक 08.08.2018 को प्रकाशित सूचना अनुसार अधिनियम की कंडिका क्रमांक/8.3 एवं 11 के तहत होगी' अर्थात शिक्षकों को शिक्षक पात्रता उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा इस संबंध में बजट उपलब्ध नहीं कराया गया। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभिन्न निर्माण/विकास कार्यों की स्वीकृति
[नगरीय विकास एवं आवास]
123. ( क्र. 1588 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका परासिया अंतर्गत लगभग 38 करोड़ रूपये की लागत के विभिन्न निर्माण/विकास कार्यों को कराये जाने के प्रस्ताव विभाग को स्वीकृति हेतु माननीय सांसद महोदय छिन्दवाड़ा एवं प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित किये गये हैं। उपरोक्त प्रस्ताव की स्वीकृति के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभिन्न निर्माण/विकास कार्यों को कराये जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति प्रदान किये जाने में विभाग द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभिन्न निर्माण/विकास कार्यों को कराये जाने के प्रस्ताव की स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
124. ( क्र. 1589 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत ऐसी कौन-कौन सी प्राथमिक शालायें हैं, जिनका उन्नयन माध्यमिक शालाओं में एवं कौन-कौन सी माध्यमिक शालाओं का हाई स्कूलों में उन्नयन एवं हाई स्कूलों का हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन किया जाना शासन/विभाग द्वारा प्रस्तावित है? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिन शासकीय शालाओं का विभाग द्वारा उन्नयन किया जाना प्रस्तावित है, ऐसे सभी शासकीय शालाओं की उन्नयन की स्वीकृति शासन/विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) शासकीय शालाओं के उन्नयन किये जाने के क्या दिशा-निर्देश एवं नियमावली है? (घ) परासिया विकासखण्ड के अंतर्गत मेरे द्वारा जिन शासकीय शालाओं के उन्नयन हेतु पत्र/प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये गये, ऐसे सभी शासकीय शालाओं के उन्नयन के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) एवं (ख) कोई भी प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में उन्नयन प्रस्तावित नहीं है। वर्ष 2019-20 में शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) शासकीय प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अन्तर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 के अनुसार यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर तीन किमी. की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध हैं, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी। शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड संलग्न परिशिष्ट पर है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
अधिकारियों/कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
125. ( क्र. 1593 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग/राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिए जाने की अधिकतम अवधि कितने वर्ष की है? क्या नियमानुसार निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद भी प्रतिनियुक्ति अवधि में वृद्धि की जा सकती है? यदि हाँ, तो कितने वर्ष? क्या प्रतिनियुक्ति अवधि में वृद्धि किये बगैर किसी को कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर रखा जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में यदि नहीं, तो विभाग में वर्तमान में कितने ऐसे लोकसेवक है जो प्रतिनियुक्ति अवधि में वृद्धि बगैर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है? विभागवार, पद एवं नाम सहित जानकारी दें एवं उनको मूल विभाग में कब तक वापिस किया जावेगा? राज्य स्तर के कार्यालयों में यथा राज्य शिक्षा केन्द्र, लोक शिक्षण संचालनालय, मा.शि.मण्डल PGBT, डाईट आदि में किन-किनकों प्रतिनियुक्ति पर लिया गया है? यदि हाँ, तो कार्यालयवार, नामवार एवं प्रथमवार प्रतिनियुक्ति पर कब से लिया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत कर्मचारियों को क्या शिक्षण कार्य के लिए नियुक्त किया गया था? यदि हाँ, तो इनके द्वारा स्कूलों में पदस्थ रहकर कब-कब, कितने दिन शैक्षणिक कार्य किया? नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों को क्या प्रतिनियुक्ति के दौरान वरिष्ठता, प्रमोशन/उच्च वेतनमान के लाभ दिये गये हैं? यदि हाँ, तो ऐसे व्याख्याता, प्राचार्य, शिक्षकों का पूर्ण विवरण प्रस्तुत करें जिनको लाभ दिया गया था। नामवार जानकारी उपलब्ध करावें। क्या इन सभी को कार्यमुक्त कर शिक्षकविहीन/रिक्त संस्थाओं में पदस्थ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
126. ( क्र. 1609 ) श्री आरिफ मसूद : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में उर्दू शिक्षकों के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विगत 03 वर्षों में शासन द्वारा रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ग) उर्दू शिक्षकों के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शासन की क्या योजना है? कब तक रिक्त पद भर दिये जायेंगे? (घ) स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ 44-6/95/बी-2/20 भोपाल, दिनांक 08 मई 95 के अनुसार श्री दिग्विजय सिंह समिति के प्रतिवेदन पर मंत्री परिषद के निर्देशानुसार जहाँ 10 से अधिक बच्चे उर्दू पढ़ना चाहें वहा उर्दू शिक्षकों की व्यवस्था की जाना है पर अब तक कितने उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति हुई है? जानकारी उपलब्ध करायें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 47 जिलों की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 05 जिलों मंडला, डिण्डौरी, झाबुआ, अलीराजपुर एवं बड़वानी की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक की भर्ती हेतु आयोजित पात्रता परीक्षा के परिणाम घोषित हो चुके है, भर्ती की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) स्कूल शिक्षा विभाग के आदेश क्रमांक एफ-44-20/95/बी-2/20, दिनांक 23 सितम्बर, 95 एवं परिपत्र क्रमांक एफ 44-20/95/20-2 दिनांक 20 मई, 1995 के अनुक्रम में उपलब्ध अभिलेख अनुसार अब तक 1664 उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
नगर परिषद में सामग्री क्रय किया जाना
[नगरीय विकास एवं आवास]
127. ( क्र. 1651 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी नगर परिषद के मुख्य नगर परिषद अधिकारी एवं अध्यक्ष को यह अधिकार है कि बिना परिषद की बैठक में अनुमोदन कराये कोई सामग्री क्रय कर सकें? (ख) क्या खरगापुर नगर परिषद की कोई बैठक वर्ष 2017 से 2019 के मध्य आयोजित हुई है? यदि हाँ, तो क्या उस बैठक में क्रय प्रस्ताव पारित कराये गये हैं? (ग) यदि नहीं, तो नगर परिषद खरगापुर में वर्ष 2017 से 2019 के बीच किस प्रक्रिया के अन्तर्गत सामग्री क्रय की गई है? (घ) क्या निर्धारित प्रक्रिया का पालन किये बिना सामग्री क्रय करने वाले दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये क्रय सामग्री का भौतिक सत्यापन परिषद द्वारा कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर पालिका अधिनियम 1961 के अंतर्गत निर्मित लेखा नियम 2018 के नियम 237 के अनुसार नगर परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारी को रू 50.00 हजार एवं अध्यक्ष को रू. 2.00 लाख तक के प्रशासकीय व वित्तीय अधिकार दिये गये है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही सामग्री क्रय करने की कार्यवाही की गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
निलंबित अपर संचालक संजय वार्ष्णेय के प्रकरण में कार्यवाही
[आदिमजाति कल्याण]
128. ( क्र. 1676 ) श्री विनय सक्सेना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 28 दिसम्बर, 2018 को विभाग में निलंबित अधिकारियों को बहाल करने हेतु प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त बैठक के कार्यवाही विवरण में किस-किस अधिकारी के हस्ताक्षर हैं? नाम व पदनाम बताएं। (ख) क्या निलंबित अपर संचालक संजय वार्ष्णेय की अवमानना याचिका में पारित निर्णयों में उनके अभ्यावेदन अमान्य कर दिए गये है? यदि हाँ, तो संबंधित नस्ती की दिनांक 1 जनवरी, 2019 से 30 अक्टूबर, 2019 तक लिखी गयी नोटशीट का विवरण देवें। (ग) उक्त अधिकारी को जिस प्रकरण में निलंबित किया गया है? उस दर्ज अपराध में किस-किस अधिकारी के नाम हैं? (घ) उक्त दर्ज अपराध के संबंध में तत्कालीन कलेक्टर बस्तर के द्वारा प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन आदिम जाति कल्याण विभाग को लिखे गये अर्द्धशासकीय पत्र की प्रति देवें। (ड.) उक्त प्रकरण में निलंबन के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग से लिए गये अभिमतों की नोटशीट का विवरण देवें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। श्री एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव, जनजातीय कार्य विभाग, दीपाली रस्तोगी आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, श्री उपेन्द्र सिंह, अपर सचिव, विधि एवं विधायी कार्य विभाग एवं श्रीमती भारती ओगरे, उप सचिव जनजातीय कार्य विभाग। (ख) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) श्री उमाशंकर द्विवेदी, सेवानिवृत्त उप संचालक, शिक्षण जगदलपुर, श्री गिरिश मोहन झा, तत्कालीन सहायक अनुसंधान अधिकारी, जिला पंचायत जगदलपुर, श्री प्रकाश कुमार वर्मा, तत्कालीन परीवीक्षक जिला प्रौढ़ शिक्षा कार्यालय जगदलपुर, श्री राजेश तिवारी पूर्व उपाध्यक्ष, जिला पंचायत जगदलपुर। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। (ड.) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'स' अनुसार।
स्मार्ट क्लास रूम तथा कम्प्यूटर लैब निर्माण में अनियमितता
[आदिमजाति कल्याण]
129. ( क्र. 1679 ) श्री विनय सक्सेना : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के विभिन्न जिलों में संचालित एकलव्य विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम तथा कम्प्यूटर लैब हेतु फर्नीशिंग एवं रिनोवेशन मय आंतरिक विद्युतीकरण का 704 लाख की लागत का कार्य, लघु उद्योग निगम के माध्यम से कराया जा रहा है? (ख) क्या राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2016 में लघु उद्योग निगम की संपदा एवं निर्माण विभाग की गतिविधियों को समाप्त कर दिया गया था? यदि हाँ, तो लघु उद्योग निगम को कार्य क्यों दिया गया? (ग) 7 करोड़ की लागत राशि के उक्त कार्य का ई.टेंडर क्यों नहीं किया गया? (घ) उक्त अनियमितता हेतु कौन-कौन से अधिकारी दोषी है? उन पर क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2016 में शासन द्वारा निगम की निर्माण गतिविधियों को समाप्त किया गया है। आंतरिक साज-सज्जा, फर्नीशिंग एवं फर्नीचर सप्लाई इत्यादि कार्य यथावत जारी है। (ग) कार्य की निविदा ई-टेंडर के माध्यम से ही आमंत्रित की गई है। (घ) शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भोपाल के आदमपुर छावनी में कचरा खंती
[नगरीय विकास एवं आवास]
130. ( क्र. 1685 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदमपुर छावनी कचरा खंती का काम किस एजेंसी को दिया गया है? इस एजेंसी के कर्तव्य अथवा अनुबंध की शर्तें बताएं। (ख) क्या भोपाल के आदमपुर छावनी में कचरा खंती की वजह से वायु एवं जल प्रदूषण हो रहा है? यदि हाँ, तो बताएं कि विभाग द्वारा इसकी रोकथाम के लिए क्या कार्ययोजना बनायी गयी है? (ग) क्या आदमपुर छावनी में कचरे से बिजली और खाद बनायी जा रही है? यदि हाँ, तो कितना उत्पादन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो संबंधित एजेंसी पर क्या कार्यवाही की गयी? क्या एजेंसी पर जुर्माना लगाया गया? यदि जुर्माना लगाया गया तो कितना लगाया गया? (घ) यदि नहीं, तो जिम्मेदारों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी अथवा की जाएगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) आदमपुर छावनी कचरा खंती में 03 एजेंसी क्रमश: वेस्ट टू एनर्जी प्लांट-मेसर्स भोपाल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, एम.एस.डब्ल्यू. प्रोसेसिंग प्लांट-नेकॉफ इण्डिया लिमिटेड तथा लैण्डफिल साईट निर्माण-मेसर्स सुप्रीम बिल्डकॉन प्रा.लि. को दिया गया है। अनुबंध की शर्ते पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, आदमपुर छावनी में कचरा खंती के कारण वायु एवं जल प्रदूषण की कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट प्राप्त नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, आदमपुर छावनी में कचरे से बिजली नहीं अपितु खाद निर्माण नेकॉफ प्रा.लि. द्वारा 400 टन प्रतिदिन कचरे से लगभग 125 टन प्रतिमाह खाद का उत्पादन किया जा रहा है। कचरे से बिजली उत्पादन के संबंध में अनुबंध के आधार पर अभी कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई है। उतरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उतरांश (ग) के संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निर्माणाधीन आदर्श मार्ग
[नगरीय विकास एवं आवास]
131. ( क्र. 1686 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के संत हिरदाराम नगर की चंचल रोड (आदर्श मार्ग) के निर्माणाधीन मार्ग का कार्य किन कारणों से लंबित है? आदर्श मार्ग के निर्माण की कुल लागत बताएं। (ख) उक्त कार्य की समय-सीमा अथवा मार्ग कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा? (ग) निर्माण में देरी के मुख्य कारण क्या हैं? निर्माण एजेंसी से अनुबंध की नियम एवं शर्ते बताएं।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) अतिक्रमण, सेंट्रल वर्ज, पोल एवं ट्रांसफार्मर की स्थापना के स्थल के संबंध में रहवासियों के विरोध के कारण निर्माणाधीन मार्ग लंबित है। लागत राशि रूपये 125.01 लाख। (ख) संभावित अवधि 30 दिवस। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अंकसूची में जन्म दिनांक अंकित होना
[स्कूल शिक्षा]
132. ( क्र. 1692 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2008 तक कक्षा 12वीं की अंकसूची में जन्म दिनांक अंकित होता था, किंतु अब नहीं होती जबकि 12वीं बोर्ड होकर महत्वपूर्ण परीक्षा है? (ख) क्या जन्म दिनांक नहीं होने से विद्यार्थियों को समस्या आती है? यदि हाँ, तो क्या 12वीं की अंकसूची में जन्म दिनांक पुनः लिखी जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) माध्यमिक शिक्षा मण्डल की हायर सेकेण्डरी परीक्षा की अंकसूचियों में वर्ष 1993 से वर्ष 2009 तक जन्म तिथि मुद्रित नहीं की जाती थी। मात्र वर्ष 2010, 2011 एवं 2012 में हायर सेकेण्डरी परीक्षा की अंकसूचियों में जन्म तिथि मुद्रित की गई थी। (ख) हायर सेकेण्डरी (कक्षा 12वीं) की अंकसूचियों में जन्म तिथि नहीं होने से छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी संबंधी कोई शिकायत मंडल को प्राप्त नहीं हुई है। कक्षा 12वीं की अंकसूचियों में जन्म तिथि मुद्रित करने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। कक्षा 12वीं में जन्म तिथि नहीं करने के कारण कक्षा 10वीं एवं कक्षा 12वीं की अंकसूचियों में जन्म तिथि में भिन्नता होने की स्थिति में छात्रों को संशोधन कराने में होने वाली कठिनाईयों से निजात दिलाना है।
रीवा जिले की नगर पंचायत गुढ़ एवं गोविन्दगढ़ की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
133. ( क्र. 1697 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिला के नगर पंचायत गुढ, नगर पंचायत गोविन्दगढ़ में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना मद से कितनी राशि दी गई? उक्त राशि से स्वीकृत कौन-कौन से कार्य किये गये? उनकी स्वीकृत राशि कार्य का नाम एवं व्यय की जानकारी वर्षवार, कार्यवार उपलब्ध करायें। (ख) नगर पंचायत गोविन्दगढ़ व गुढ़ में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक रोड निर्माण, नाली निर्माण के कौन-कौन कार्य हेतु निविदा प्रकाशित की गई? निविदा प्रकाशन का दिनांक एवं दिये गये विज्ञापन की छायाप्रति निविदाओं में भाग लिये निविदाकारों का तुलनात्मक पत्रक की जानकारी दें। (ग) रीवा जिले में स्वच्छ भारत मिशन, शहरीय प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरीय अंतर्गत किन-किन हितग्राहियों के कार्य पूर्ण किये गये? हितग्राहियों के नाम और स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत हितग्राही अंश राशि कितनी ली गई? प्रधानमंत्री आवास पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी एवं प्रतीक्षा सूची उपलब्ध कराई जाये।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' एवं 'ई' अनुसार है।
मदवार कार्य एवं शिकायतों की जांच
[वन]
134. ( क्र. 1742 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के मंडला जिले के पश्चिम सामान्य वनमंडल में वर्ष 2008 से 2010 तक एवं पूर्व सामान्य वन मंडल में वर्ष 2017 से आज दिनांक तक कैम्पा मद, विकास निधि मद, रोपणी मद एवं अन्य मदों में प्राप्त राशि (कार्यवार) एवं इसके विरूद्ध व्यय राशि की पृथक-पृथक (कार्यवार) जानकारी उपलब्ध करावें। साथ ही उक्त अवधि में इन कार्यों के संबंध में व वनमंडल में पदस्थ वनमंडलाधिकारियों के विरूद्ध की गई शिकायतों (लोकायुक्त/आर्थिक अपराध अन्वेशष सहित) व इन शिकायतों के विरूद्ध की गई जांच की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) सिवनी जिले में दक्षिण सामान्य वनमंडल, सिवनी में वर्ष 2011 से वर्ष 2016 तक एवं उत्तर सामान्य वनमंडल सिवनी में वर्ष 2017 से जून 2019 तक वनमंडल में प्लान्टेशन कार्यों की सूची एवं उक्त कार्यों की मूल्यांकनकर्ता की मूल्यांकन रिपोर्ट एवं उक्त अवधि में पदस्थ वनमंडलाधिकारी के विरूद्ध प्राप्त शिकायतें व शिकायतों (लोकायुक्त/आर्थिक अपराध अन्वेषण सहित) के संबंध में की गई जांच की जानकारी उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
क्रेशरों में अवैध ब्लास्टिंग
[खनिज साधन]
135. ( क्र. 1758 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में संचालित क्रेशर मालिकों द्वारा ब्लास्टिंग एवं एक्सप्लोसिव भंडारण हेतु आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त की गई हैं? यदि हाँ, तो छायाप्रतियाँ वांछित हैं? (ख) क्या टीकमगढ़ जिले के सभी क्रेशरों में ध्वनि नियंत्रण एवं डस्ट प्रदूषण के लिये कवर्ड टीनशेड की व्यवस्था है? यदि नहीं, तो शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या उपरोक्त (क) एवं (ख) में वर्णित अनुमतियाँ निम्न क्रेशरों द्वारा भी प्राप्त की गई है? (i) श्रीराम क्रेशर, ग्राम सुन्दरपुर, तहसील व जिला-टीकमगढ़। (ii) रामराजा क्रेशर, ग्राम सुन्दरपुर, तहसील व जिला-टीकमगढ़। (iii) गौर बंधु स्टोन क्रेशरा ग्राम बाजीतपुरा, तहसील जतारा, जिला-टीकमगढ़। (घ) यदि उक्त क्रेशरों में ब्लास्टिंग एवं एक्सप्लोसिव भंडारण की अनुमति न होने के बाद भी ब्लास्टिंग की जा रही है एवं कवर्ड टीनशेड की व्यवस्था नहीं है तो क्या उक्त क्रेशरों के विरूद्ध कार्यवाही कर इन्हे बंद कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी नहीं। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न ही नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश अनुसार क्रियाशील क्रेशरों पर टीन शेड की व्यवस्था है। अत: प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही का प्रश्न नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार कोई अनुमति नहीं प्राप्त है। प्रश्नांश (ख) के उत्तर अनुसार क्रियाशील क्रेशरों पर टीन शेड लगे हुए हैं। (घ) प्रश्नांश अनुसार क्रेशर के मालिक/पट्टेदार द्वारा खदानों में ब्लास्टिंग वैध लायसेंस धारियों से कराया जाता है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
शास. कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल करकेली का स्वयं भवन निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
136. ( क्र. 1775 ) श्री शिवनारायण सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला उमरिया के शासकीय कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल करकेली का स्वयं का कोई भवन नहीं है? यदि हाँ, तो अभी तक उक्त हायर सेकेण्डरी स्कूल का निर्माण क्यों नहीं कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) भवन का निर्माण कब तक कराया जावेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। शासकीय शाला भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। सीमित बजट उपलब्धता के कारण निर्माण संभव नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बिना मुआवजा भुगतान सड़क का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
137. ( क्र. 1781 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद रोड, संत आशाराम नगर, कटारा हिल्स होते हुए बायपास को जोड़ने वाली 80 मीटर चौड़ी सड़क दिनांक 31.10.2017 को आपसी सहमति से निजी भूमि क्रय करने की किसानों से सहमति प्राप्त कर भुगतान किए बिना निजी भूमि पर कब्जा कर राजधानी परियोजना भोपाल ने सड़क का निर्माण कर लिया है? (ख) यदि हाँ, तो किस किसान से किस दिनांक को सहमति प्राप्त की? उसे कितनी राशि का भुगतान किए बिना किस दिनांक को भूमि का कब्जा कर निर्माण कर लिया गया? इस निर्माण में परियोजना में किस-किस अधिकारी की क्या-क्या भूमिका रही है? (ग) भुगतान किए बिना कब्जा कर निर्माण का प्रावधान भूमि अर्जन पुनर्वासान एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की किस धारा में दिया है? इस कानून की धारा 85 धारा 87 एवं धारा 90 में क्या प्रावधान दिया है? (घ) सहमति देने वाले किसानों को ब्याज सहित प्रस्तावित राशि का कब तक भुगतान किया जावेगा? समय-सीमा सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) होशंगाबाद रोड, संत आशाराम नगर, कटारा हिल्स होते हुए बायपास को जोड़ने वाली मास्टर प्लान की प्रस्तावित 60 मीटर में से केवल 24 मीटर चौड़ाई में ही सड़क का निर्माण 2 कि.मी. लंबाई में किया गया है। किसी को आपत्ति न होने के कारण सड़क का निर्माण वर्ष 2009 से 2016 के मध्य में किया गया है एवं आपसी क्रय नीति के तहत कार्यवाही वर्ष 2017 में प्रारंभ हुई। (ख) दिनांक 16.11.2017 को छः किसानों से सहमति पत्र प्राप्त की गई है। वर्ष 2009-16 के मध्य किसानों के मौखिक सहमति के आधार पर सड़क निर्माण का कार्य किया गया है। अब वर्ष 2017 में किसानों से मुआवजा हेतु प्राप्त आवेदन के अनुसार आपसी सहमति से क्रय नीति के तहत दिनांक 16.11.2017 को सहमति प्राप्त की जाकर प्रकरण प्रशासकीय स्वीकृति हेतु विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) किसानों को सड़क की सुविधा मिलने के कारण अपने कब्जे की ही जमीन में सड़क निर्मित करने दी। दिनांक 21 दिसम्बर, 2015 को धारा 4 का प्रकाशन के पश्चात् भी किसी प्रकार की आपत्ति नहीं ली गई। मास्टर प्लान में भूमि का उपयोग भी सड़क निर्माण हेतु ही है। इस प्रकार पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 की वर्णित धाराएं इस पर लागू नहीं होती। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
भूमि अर्जन का भुगतान
[नगरीय विकास एवं आवास]
138. ( क्र. 1782 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद रोड, संत आशाराम नगर, कटारा हिल्स होते हुए बायपास को जोड़ने 80 मीटर चौड़ी सड़क राजधानी परियोजना भोपाल के लिये निजी भूमि को आपसी सहमति से क्रय किए जाने की किसानों से कलेक्टर भोपाल द्वारा दिनांक 31.10.2017 को ली गई सहमति के आधार पर भुगतान किए बिना भूमि पर कब्जा कर निर्माण करने वाले अधिकारियों एवं निर्माण एजेंसी के विरूद्ध प्रश्नांकित दिनांक तक भी न्यायालय में वाद प्रस्तुत नहीं किया गया? (ख) राजधानी परियोजना भोपाल के किस मार्ग हेतु कलेक्टर भोपाल ने किस किसान को कितनी राशि का प्रस्ताव प्रस्तुत कर किस दिनांक को किसान की सहमति प्राप्त की, उस भूमि का कब्जा कलेक्टर भोपाल ने किस दिनांक को सड़क निर्माण हेतु सौंपा? किस दिनांक को भूमि पर कब्जा कर सड़क का निर्माण किस एजेन्सी एवं किस अधिकारी के द्वारा किया गया? (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 85 धारा 87 एवं धारा 90 में क्या प्रावधान दिया है? उसके तहत कब तक अधिकारियों के विरूद्ध वाद दायर होगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं, कलेक्टर, भोपाल द्वारा दिनांक 31.10.2017 को ली गई सहमति के पूर्व वर्ष 2016 में जनहित में सड़क का निर्माण किसानों के अनापत्ति के कारण किया जा चुका था। अभी तक किसी न्यायालय में वाद प्रस्तुत नहीं किया गया है। (ख) होशंगाबाद रोड, संत आशाराम नगर, कटारा हिल्स होते हुए बायपास को जोड़ने वाली मास्टर प्लान की प्रस्तावित 60 मीटर में से केवल 24 मीटर चैड़ाई में ही सड़क का निर्माण में उपयोग किये गये भूमि के आपसी सहमति से क्रय करने हेतु दिनांक 16.11.2017 को छः किसानों से सहमति पत्र प्राप्त किया गया है। वर्ष 2009 -16 के मध्य किसानों के मौखिक सहमति के आधार पर सड़क निर्माण का कार्य किया गया है। (ग) किसानों को सड़क की सुविधा मिलने के कारण अपने आधिपत्य की भूमि में सड़क निर्माण में कोई आपत्ति नहीं ली एवं निरंतर सड़क का उपयोग करते आ रहे है, भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर एवं पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की वर्णित धारायें लागू नहीं होती है।
खोड़ वन चौकी के वन क्षेत्र क्र. 398 पर अतिक्रमण
[वन]
139. ( क्र. 1789 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले के खोड़ वन चौकी के वन क्षेत्र क्र. 398 पर अतिक्रमण संबंधी कोई शिकायत प्राप्त हुई है? (ख) क्या शिकायत पर वन परिक्षेत्राधिकारी वन परिक्षेत्र करैरा द्वारा अतिक्रमण वाली भूमि का जी.पी.एस. रीडिंग ली गई? यदि हाँ, तो कहाँ ली गई? उस पर कितना अतिक्रमण होना पाया गया? (ग) आर.एफ. वन कक्ष क्रमांक 398 में फॉरेस्ट रेंज करैरा अतिक्रमण संबंधी वन परिक्षेत्राधिकारी वन परिक्षेत्र करैरा द्वारा वन संरक्षक वन मंडल शिवपुरी को क्या रिपोर्ट दी गई? रिपोर्ट की प्राप्ति रसीद जानकारी सहित उपलब्ध करायें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) तत्कालीन प्रशिक्षु वनक्षेत्रपाल, सबरेंज खेड द्वारा वन परिक्षेत्र करैरा की बीट दरगवाँ के कक्ष क्रमांक आर.एफ. 398 में शिकायत से संबंधित अतिक्रमण वाली भूमि की जी.पी.एस. रीडिंग ली गई। जी.पी.एस. रीडिंग वहाँ ली गई, उस स्थल की रिडिंग निम्नानुसार हैः- 1) 25015'06.9" 77058'256.09" 2) 25015'08.3" 77058'24.7" 3) 25015'08.6" 77058'25.5" 4) 25015'07.4" 77058'26.5" उक्त शिकायत के संदर्भ में कक्ष क्रमांक आर.एफ. 398 में 23 वर्गमीटर (0.0023 हेक्टेयर) अतिक्रमण होना पाया गया तथा उक्त कक्ष में ही अन्य स्थल पर लगभग 5 हेक्टेयर अन्य अतिक्रमण भी है। (ग) उक्त शिकायत के संदर्भ में कक्ष क्रमांक आर.एफ. 398 में अतिक्रमण के संबंध में तत्कालीन वन परिक्षेत्राधिकारी, करैरा द्वारा वन संरक्षक वनमण्डल शिवपुरी को पत्र क्रमांक/सी.एम. हेल्प लाईन/14/2243 दिनांक 27.12.2014 से रिपोर्ट दी गई है, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शिवपुरी बस स्टैण्ड का मेंटेनेन्स
[नगरीय विकास एवं आवास]
140. ( क्र. 1790 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी बस स्टैण्ड का मेंटेनेन्स कब से नहीं कराया गया है? (ख) क्या बस स्टैण्ड को आधुनिक स्वरूप देने का प्रस्ताव बनाया गया है? यदि हाँ, तो कब-कब तक उस स्वरूप में बस स्टैण्ड को लाया जायेगा? (ग) क्या बस स्टैण्ड को ठेके पर दिया गया है? इससे कितनी आय न.पा. को प्राप्त हो रही है? (घ) बस स्टैण्ड परिसर की साफ-सफाई की क्या व्यवस्था की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद शिवपुरी द्वारा बस स्टैण्ड के संचालन एवं संधारण का कार्य ठेके पर दिया गया है, नगर पालिका परिषद भिण्ड एवं ठेकेदार के मध्य सम्पादित अनुबंध की कण्डिका 10 के अनुसार बस स्टैण्ड का संधारण ठेकेदार द्वारा किया जाना है, ठेकेदार द्वारा आवश्यकतानुसार समय-समय पर मरम्मत कार्य कराया जाता है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। राशि रू. 29, 52, 342.00 प्रतिवर्ष। (घ) नगर पालिका परिषद भिण्ड एवं ठेकेदार के मध्य संपादित अनुबंध की कण्डिका 13, 14 एवं 15 के अनुसार साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है।
शासकीय विद्यालयों की समस्या एवं सुधार
[स्कूल शिक्षा]
141. ( क्र. 1798 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय विद्यालय में शिक्षकों, बाउंड्रीवॉल, फर्नीचर एवं अन्य सुविधाओं की कमी देखने में आ रही है, क्या इस कमी को पूरा करने हेतु शासन द्वारा निजी क्षेत्र का सहयोग लेने की कोई योजना है? (ख) प्रदेश में स्कूलों के निर्माण में गुणवत्ता का अभाव देखने में आता है, शाला भवनों के निर्माण की गुणवत्ता सुधार हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में स्मार्ट क्लास या E क्लास प्रारम्भ/करने की योजना से अवगत करवाये। (घ) स्कूलों के रख-रखाव एवं सामान्य खर्चों हेतु बजट आवंटन के मापदण्ड एवं उन्हें आवंटित राशि की जानकारी स्कूलों के स्तर अनुसार प्रदान करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल, फर्नीचर एवं अन्य सुविधाओं की कमी पूर्ति हेतु सार्वजनिक/निजी उपक्रमों द्वारा सी.एस.आर. मद अंतर्गत सहयोग लिया जाता है। शिक्षकों की कमी/अनुपस्थिति की दशा में शैक्षणिक व्यवस्था हेतु अतिथि शिक्षक व्यवस्था है। (ख) प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में गुणवत्ता, प्रशिक्षण एवं निर्माण एजेंसी कार्यों के अनुश्रवण के लिये प्राक्कलन में समुचित प्रावधान किया जाता है। (ग) स्कूलों में स्मार्ट क्लास या ई-क्लास प्रारंभ करने की आई सी टी स्कूल योजना लागू है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है।
पशुपालकों की समस्या
[पशुपालन]
142. ( क्र. 1799 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पशुपालन की योजनाओं के क्रियान्वयन में बैंकों द्वारा दिये गए लोन, सब्सिडी आदि लेने में हितग्राहियों को आने वाली समस्याओं के निदान हेतु क्या कदम उठाए जा रहे हैं? (ख) पशु चिकित्सक के अभाव में पशुओं में बढ़ रहे विभिन्न रोग एवं मृत्यु दर को कम करने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) प्रदेश में जैविक दूध उत्पादन बढ़ाने एवं किसानों को उचित दाम दिलाने हेतु शासन द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (घ) क्या प्रदेश में बकरी पालन एवं मुर्गी पालन के व्यवसाय में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की भागीदारी बढ़ाने हेतु कोई विशेष कार्य योजना है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जिला स्तर पर संबंधित उप संचालकों द्वारा जिला स्तरीय बैंकर समिति की बैठकों एवं राज्य स्तर पर राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) पशुओं में बढ़ रहे विभिन्न रोग एवं मृत्यु दर को कम करने हेतु विभाग द्वारा विभिन्न संस्थाओं, शिविरों तथा 1962 चलित पशुधन संजीवनी सेवा के माध्यम से पशु उपचार कार्य किया जाता है तथा रोगों के रोकथाम हेतु एफएमडी कंट्रोल प्रोग्राम, पीपीआर रोग नियंत्रण कार्यक्रम एवं विभिन्न संक्रामक बीमारियों के टीकाकरण का कार्य किया जा रहा हैं। (ग) प्रदेश में जैविक दूध उत्पादन बढ़ाने तथा उसके उचित दाम दिलाने हेतु विभाग द्वारा वर्तमान में कोई योजना संचालित नहीं हैं। (घ) जी हाँ। मुर्गी पालन हेतु केन्द्र शासन की राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजनांतर्गत अनुदान पर ग्रामीण बैकयार्ड कुक्कुट विकास योजना तथा राज्य शासन द्वारा संचालित कड़कनाथ कुक्कुट इकाई प्रदाय योजना बैकयार्ड कुक्कुट इकाई प्रदाय योजना तथा बकरी पालन हेतु बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई प्रदाय योजना तथा अनुदान पर नर बकरा प्रदाय योजना संचालित हैं।
वन ग्रामों का विकास
[वन]
143. ( क्र. 1807 ) श्री संजय यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के बरगी वि.स. क्षेत्र के वन ग्रामों के विकास हेतु कितने प्रस्ताव दिये गये हैं? कितने प्रस्ताव लघु वनोपज के अंतर्गत निर्माण कार्यों के दिये गये हैं? उपरोक्त प्रस्तावों में से कितने प्रस्ताव अब तक स्वीकृत किये गये एवं कौन-कौन से प्रस्ताव लम्बित है? (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अन्य निर्माण जैसे चिड़िया घर निर्माण जंगल टाईगर सफारी बनाने की योजना है? यदि है तो उक्त योजनाओं पर अब तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित जबलपुर के अंतर्गत तेन्दूपत्ता लाभांश की राशि से जबलपुर जिले के बरगी विधानसभा क्षेत्र के वनग्रामों के विकास हेतु लघु वनोपज के अंतर्गत प्रबंध संचालक, जिला वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, जबलपुर द्वारा निम्नानुसार निर्माण कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर लघु वनोपज संघ भोपाल को प्रेषित किये गये:-
क्र. |
परिक्षेत्र का नाम |
निर्माण कार्य स्थल एवं नाम |
प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति |
लागत राशि (लाख रू. में) |
1 |
बरगी |
वन ग्राम बरेली पठार में कुआँ निर्माण |
कालादेही |
2.10 |
2 |
बरगी |
वन ग्राम बरेली पठार में तालाब का गहरीकरण |
कालादेही |
24.10 |
3 |
बरगी |
वन ग्राम बरेली पठार में मांगलिक भवन निर्माण |
कालादेही |
10.00 |
4 |
बरगी |
वन ग्राम बरेली पठार में आंगनबाड़ी भवन |
कालादेही |
07.80 |
5 |
बरगी |
वन ग्राम बरेली पठार में उचित मूल्य दुकान |
कालादेही |
10.89 |
6 |
बरगी |
वन ग्राम गढगोरखपुर में खेल मैदान निर्माण |
कालादेही |
1.866 |
7 |
बरगी |
वन ग्राम गढगोरखपुर में तालाब गहरीकरण |
कालादेही |
24.10 |
8 |
बरगी |
वन ग्राम गढगोरखपुर में मांगलिक भवन |
कालादेही |
10.00 |
9 |
बरगी |
वन ग्राम गढगोरखपुर में आंगनबाड़ी भवन निर्माण |
कालादेही |
07.80 |
10 |
बरगी |
वन ग्राम गढगोरखपुर में उचित मूल्य की दुकान |
कालादेही |
10.89 |
मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल द्वारा प्रस्ताव मूलतः वापस किये जाकर, उक्त प्रेषित प्रस्तावों में जो विसंगतियां पाई गई, उन विसंगतियों का निराकरण कर प्रस्ताव पुनः प्रेषित करने हेतु निर्देशित किया गया है। इस कारण प्रस्ताव स्वीकृत किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र में चिड़िया घर निर्माण जंगल टाईगर सफारी बनाये जाने की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अम्बेडकर भवनों का निर्माण हेतु पुनिरीक्षित प्राक्कलन की राशि जारी करने
[अनुसूचित जाति कल्याण]
144. ( क्र. 1808 ) श्री संजय यादव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के बरगी एवं बेलखेड़ा में निर्माणाधीन अम्बेडकर भवनों हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गयी? अब तक कितना निर्माण किया जा चुका है? कितना शेष है? (ख) क्या बरगी में अम्बेडकर भवन का निर्माण हो चुका है तथा भवन के शेष कार्यों हेतु पुनरीक्षित प्राक्कलन स्वीकृत भेजा गया है? उक्त पुनरीक्षित प्राक्कलन कब तक स्वीकृत किया जावेगा? (ग) क्या अम्बेडकर भवन बेलखेड़ा में माल प्लेन्थ का कार्य करने के बाद ठेकेदार कार्य छोड़कर भाग गया है? उक्त भवन का पुनरीक्षित प्राक्कलन स्वीकृत कर भवन कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) अंबेडकर भवन, बरगी हेतु राशि रू. 41.80 लाख एवं अंबेडकर भवन बेलखेडा हेतु राशि रू. 41.80 लाख स्वीकृत है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। प्रकरण स्थायी वित्तीय समिति के समक्ष निर्णय हेतु प्रस्तुत किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रकरण में कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
मकरोनिया नगर पालिका में पेयजल परियोजना का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
145. ( क्र. 1827 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद मकरोनिया में एम.पी.यू.डी.सी. द्वारा 24x7 ए.डी. प्रोजेक्ट पेयजल परियोजना का कार्य प्राक्कलन में पाईप लाईन खुदाई का कार्य कॉलोनी/मुहल्ला में संक्रीर्ण गलियों एवं रास्तों में क्या मशीनों से किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ख) यदि नहीं, तो कार्य एजेंसी द्वारा सम्पूर्ण खुदाई कार्य मशीनों द्वारा क्यों किया जा रहा है? (ग) संक्रीर्ण गलियों/कॉलोनी में पूर्व निर्मित सी.सी. एवं डामरीकरण रोड जे.सी.बी. मशीन के उपयोग के कारण पूर्व निर्मित सम्पूर्ण मार्ग ध्वस्त हो गये हैं, उसके लिये कौन जवाबदार है? (घ) कार्य एजेंसी द्वारा केवल खुदाई के स्थान की मरम्मत/निर्माण/भरवाई की जा रही है शेष सड़क मार्ग जो ध्वस्त हो गया है उसके मरम्मत/निर्माण/भरपाई का कार्य कौन करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। संबंधित कार्य प्राक्कलन के आधार यू.ए.डी.डी.आई.एस.एस.आर. 2012 के वॉल्यूम क्रमांक 01 के आयटम क्रमांक 15.1 के अनुसार खुदाई के कार्य मशीनों से किया जाना प्रावधानित है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) पूर्व निर्मित सी.सी. एवं डामरीकरण रोड की संकीर्ण गलियों, कॉलोनियों में पाईप लाईन की खुदाई यू.ए.डी.डी.आई.एस.एस.आर. 2012 के वॉल्यूम क्रमांक 01 के आयटम क्रमांक 15.1 के अनुसार खुदाई का कार्य मशीनों से किये जाने का प्रावधान समाहित है। पूर्व निर्मित सी.सी. एवं डामरीकरण रोड में पाईप लाईन बिछाने हेतु पाईप ट्रेंच की खुदाई रोड को काटकर किया जाना, एक कार्य आवश्यकता है, अत: कार्य संपादन में हुई क्षति के लिए कोई जवाबदार नहीं है। (घ) कार्य एजेन्सी द्वारा खुदाई के दौरान क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत/निर्माण का कार्य अनुबंध के प्रावधान अनुसार किया जाना निर्माण एजेन्सी का दायित्व है।
मकरोनिया में किये गये विकास कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
146. ( क्र. 1830 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया द्वारा वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 में परिषद् की बैठक में नगर पालिका परिषद्, पी.आई.सी./अध्यक्ष परिषद् द्वारा कितने विकास कार्य निर्माण संबंधी स्वीकृत किये थे? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कितने विकास निर्माण कार्य विभाग द्वारा पूर्ण कर लिये गये हैं? कितने कार्य शेष हैं? (ग) स्वीकृत विकास निर्माण कार्य क्या विभाग द्वारा स्वीकृत परिषद्/पी.आई.सी. के निर्णय अनुसार ही किये गये हैं हाँ या नहीं? कार्य स्वीकृत अनुसार ही संपादित किया गया है, जिसका भौतिक सत्यापन किया गया है? यदि उनका स्थान परिवर्तन किया गया तो क्यों एवं क्या स्थान परिवर्तन के लिए विभाग द्वारा परिषद् में इसकी स्वीकृति ली गई थी? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (क) में स्वीकृत विकास कार्यों के क्रियान्वयन में क्या प्राथमिकताएं तय की गई थी? शेष स्वीकृत विकास निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किये जावेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर पालिका परिषद द्वारा स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। पी.आई.सी./अध्यक्ष द्वारा स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत 139 विकास निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये गये है एवं 209 विकास निर्माण कार्य शेष है। (ग) जी हाँ। स्वीकृत विकास निर्माण कार्य परिषद/पी.आई.सी. के निर्णय अनुसार ही किये जा रहे है। कार्य स्वीकृती अनुसार ही संपादित किये गये है एवं भौतिक सत्यापन किया गया। किसी भी कार्य का स्थान परिवर्तन नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अधीनस्थ कार्यालयों/संस्थाओं में साम्रगी क्रय की जानकारी
[आदिमजाति कल्याण]
147. ( क्र. 1839 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आ.जा.क. विभाग के कौन-कौन से जिले में विभागीय छात्रावास, विद्यालय, आश्रम, आवासीय विद्यालय व विभागीय कार्यालय संचालित हैं? जिलेवार सभी छात्रावासों, विद्यालयों, आश्रमों, आवासीय विद्यालय व अधीनस्थ कार्यालयों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) वर्ष 2004 (दिनांक 22.06.2004) से दिनांक 22.06.2005 तक आ.जा.क. विभाग अंतर्गत किन-किन जिलों में कितनी-कितनी राशि की सामग्री (मेस सामग्री एवं स्टेशनरी सामग्री को छोड़कर) क्रय की गई? जिलेवार क्रय की राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाई गई अवधि में कुल खरीदी राशि में कितनी-कितनी राशि की एल.यू.एन. से सामग्री खरीदी की गई तथा कितनी-कितनी राशि की 1/- रू. से लेकर 25, 000/- मूल्य की वस्तुए एस.सी./एस.टी. वर्ग के डी.आई.सी. से पंजीकृत फर्मों से सामग्री क्रय की गई? जिलेवार क्रय सामग्री राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आ.जा.क. विभाग अंतर्गत संचालित छात्रावास, आश्रम, विद्यालय, आवासीय विद्यालय व विभागीय कार्यालयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) दिनांक 22.06.2004 से 22.06.2005 तक जिलेवार क्रय सामग्रीओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का प्रावधान
[नगरीय विकास एवं आवास]
148. ( क्र. 1854 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरीय निकायों में जो निर्माण कार्य होते है उनकी गुणवत्ता का क्या प्रावधान है? (ख) क्या निर्माण कार्यों को जांच करने के लिए कोई एजेंसी या संस्था अधिकृत है? यदि हाँ, तो कौन-सी संस्था/एजेंसी है? (ग) भिण्ड नगर पालिका क्षेत्र में विगत 05 वर्षों में सड़के बिल्डिंग/नाले इत्यादि के जो निर्माण कार्य कराये गए हैं क्या उक्त निर्माण कार्यों जैसे की जांच किसी एजेंसी द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो वर्षवार बताएं। (घ) यदि जांच एजेंसी द्वारा गुणवत्ता ठीक न होने की स्थिति पाई गई तो उक्त ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) म.प्र. शासन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 10-32/2012/18-2 दिनांक 18/05/2011 एवं 09/05/2012 द्वारा निर्माण कार्यों के लिए, लागू एकीकृत मानक दर अनुसूची के अनुसार गुणवत्ता के प्रावधान हैं। (ख) जी नहीं, नगरीय निकायों में कराये जाने वाले निर्माण कार्यों को गुणवत्ता संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर जांच दल गठित किया जाकर जांच कराई जाती है। उत्तरांश के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सूत्र बस सेवा के लिए आयोजित टेंडर
[नगरीय विकास एवं आवास]
149. ( क्र. 1855 ) श्री संजीव सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में 'सूत्र बस सेवा कब शुरू की गई? इसके लिए टेंडर कब आमंत्रित किए गए? भिण्ड जिले में कितने टेंडर आए एवं किस कंपनी को यह कार्य मिला था? (ख) क्या उक्त कंपनी के द्वारा यह कार्य लेने के लिए सभी शर्तें मान्य की गई? (ग) क्या शहर के अंदर के अलावा इस योजना को अन्य क्षेत्र के लिए भी लागू किया है? (घ) क्या इस योजना में सब्सीडी का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितना? ठेका लेने वाले व्यक्ति या कंपनी पर उक्त दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कोई शासकीय टैक्स बकाया था या नहीं? यदि बकाया राशि है तो कितना? विस्तृत जानकारी देवें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगरीय निकाय भिण्ड में बसों का ई-लोकार्पण दिनांक 23 जून, 2018 को किया गया एवं सूत्र सेवा बस प्रारंभ की गयी। अमृत योजनांतर्गत प्रदेश के 20 शहरों में हब एण्ड स्पोक मॉडल क्लस्टर आधारित बस सेवा संचालन के संबंध में संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास द्वारा प्रथम निविदा 78 क्लस्टर्स हेतु दिनांक 16/01/2017 को निविदा क्रमांक 30246 आमंत्रित की गयी थी जिसमें भिण्ड शहर के लिये कोई निविदा प्राप्त नहीं हुई। पुन: द्वितीय निविदा संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल द्वारा दिनांक 16/02/2017 को प्रदेश के 20 शहरों के लिए निविदा क्रमांक 41373 आमंत्रित की गई जिसमें सिंगरौली, इंदौर, भोपाल, देवास के साथ-साथ भिण्ड शहर के लिए भी निविदा प्राप्त हुई। भिण्ड शहर के लिए क्लस्टर नं. 01 व 03 हेतु निविदा प्राप्त हुई। जो कि तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्डों पर योग्य पाई गई। सभी क्लस्टर्स में निविदा आमंत्रण में भी केवल एकल निविदा प्राप्त हुई। प्रकरण में पर्याप्त प्रतिस्पर्धा का अभाव देखा गया। अत: एस.एल.टी.सी. (राज्य स्तरीय तकनीकी समिति) बैठक की प्रत्याशा में आयुक्त महोदय ने सभी निविदा को अस्वीकृत करते हुए पुन: निविदा आमंत्रण करने के निर्देश दिये। बेहतर प्रतिस्पर्धा के लिए एस.पी.व्ही. स्तर पर निविदाएं आमंत्रित करने के निर्देश दिनांक 25/09/2017 को दिये गये। आदेश क्र. 22121 दिनांक 01/10/2017 के पालन में सूत्र सेवा बसों के लिए तृतीय निविदा दिनांक 02/11/2017 निविदा क्रमांक 47835 एस.पी.व्ही. भिण्ड सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड द्वारा आमंत्रित की गई। भिण्ड जिले में तृतीय निविदा क्रमांक 47835 दिनांक 02/11/2017 में दो निविदाएं प्राप्त हुई थी, किंतु तकनीकी एवं वित्तीय मापदण्डों पर केवल एक ही निविदा योग्य पाई गई। भिण्ड शहर से क्लस्टर नं. 01, 02, 03 के लिए निविदाएं धर्मेन्द्र ट्रेवल्स द्वारा प्राप्त हुई। जिसे दिनांक 29/01/2018 को राज्य स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया। (ख) जी हाँ। (ग) अमृत योजनांतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा हब एण्ड स्पोक मॉडल क्लस्टर आधारित बस सेवा का आरंभ सूत्र सेवा के नाम से किया जा रहा है जिसमें शहरीय एवं अंर्तशहरीय मार्गों पर बसों का संचालन किया जा रहा है। (घ) हाँ, इस योजना में सब्सिडी का प्रावधान है। सरकार द्वारा बस संचालकों को बस की लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत VGF (Viability Gap Funding) तक प्रदान किया जाता है। जिला परिवहन अधिकारी भिण्ड के पत्र क्र. 394 दिनांक 18/06/2019 से सूत्र सेवा बस संचालक धर्मेन्द्र ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित समस्त बसों का टैक्स जमा बताया गया है। टैक्स जमा करने के उपरांत ही परमिट प्रदान किये जाते है अत: सभी बसें परमिट प्राप्त कर संचालित की जा रही है।
उमरिया पान को नगर पंचायत बनाने की घोषणा
[नगरीय विकास एवं आवास]
150. ( क्र. 1885 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम पंचायत ''उमरिया पान'' विधान सभा क्षेत्र बड़वारा जिला कटनी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कब? तिथि बतावें? (ख) उक्त घोषणा के परिपालन में आज दिनांक तक शासन प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई अथवा की जा रही है? अभी तक उक्त घोषणा पर अमल न होने के क्या कारण/कठिनाईयां आ रही है? पूर्ण विवरण देवें। (ग) कब तक ग्राम पंचायत उमरिया पान को नगर पंचायत बनाया जावेगा? (घ) क्या उक्त संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर कटनी को भी अवगत कराया गया था? यदि हाँ, तो कलेक्टर द्वारा क्या उक्त संबंध में घोषणा दिनांक से प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 15.10.2016 को ग्राम पंचायत उमरिया पान को नगर परिषद् के रूप में गठित किये जाने की घोषणा की गई थी। (ख) उक्त घोषणा के परिपालन में कलेक्टर जिला कटनी के द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसील ढीमरखेड़ा से परीक्षण कराया गया। तत्संबंध में ग्राम पंचायत बम्हनी एवं ग्राम पंचायत पचपेढ़ी के द्वारा दिनांक 26.01.2017 को सर्वसम्मति से असहमति का प्रस्ताव पारित किया गया है। ग्राम पंचायत उमरिया पान मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) अधिसूचना क्रमांक 584, भोपाल, दिनांक 27 दिसम्बर, 2011 में वर्णित प्रावधान अन्तर्गत निर्धारित जनसंख्या के मापदण्ड की पूर्ति नहीं करती है एवं ग्राम पंचायत द्वारा यथावत ग्राम पंचायत रखने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। उक्त कारण से घोषणा का क्रियान्वयन किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिले में खनिज मद की राशि
[खनिज साधन]
151. ( क्र. 1887 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में जिला खनिज मद का पैसा वर्ष 2018- से 2019 तक किस मद में व्यय किया गया एवं जिला खनिज मद की राशि के आवंटन में प्रक्रिया का पालन किया गया? विभाग द्वारा कौन-कौन सी शर्तें निर्धारित की गई एवं खनिज मद की राशि किन-किन आवश्यकताओं में किस मापदण्ड के आधार पर खर्च किये जाने का प्रावधान है? पिछले 2 वर्षां का विवरण प्रश्न दिनांक तक प्रस्तुत करें। (ख) सतना जिले के अन्तर्गत सीमेंट प्लांट के लिए कितनी खनिज आवंटित की गई? उक्त स्वीकृत लीज में से कितने में उत्खनन किया जा रहा है, अगर नहीं किया जा रहा हैं तो शासन को कितना राजस्व का नुकसान हो रहा है? सीमेंट प्लांटों के नाम सहित एवं रकबा का विवरण प्रस्तुत करें। (ग) सतना जिले में ऐसे कितनी खदानें आवंटित है? जिनमें खनिजों का उत्खनन का कार्य नहीं किया जा रहा जिससे शासन को राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है। ऐसी खदानों को चिन्हित कर शासन द्वारा कब निरस्त करने की कार्यवाही की जावेगी? (घ) जिले में कितने प्रकार की खनिजों की उपलब्धता है? जिले में (लेट्राईड, लाईम स्टोन, बाक्साईड, गेरू, मुख्य पटिया पत्थर, गिट्टी पत्थर आदि) खनिजों में कितने रकबे में लीज प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत हैं? लीज में ली गई जमीनों का विवरण लीज लेने वालों का नाम एवं वर्ष रकबा सहित विकासखण्डवार सूची प्रस्तुत करें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार जिला खनिज मद में कोई राशि व्यय हेतु आवंटित नहीं की जाती है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश अनुसार जिले के अंतर्गत स्थापित सीमेंट प्लांट के पक्ष में चूनापत्थर खनिज के 50 खनिपट्टे स्वीकृत होकर संचालित है। जिसमें से 30 खनि रियायतों में खनन किया जा रहा है। शेष में खनन योजना/पर्यावरण स्वीकृति/न्यायालयीन प्रकरणों/प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनापत्ति के अभाव में खनन कार्य नहीं किया जा रहा है। ऐसी बंद खदानों में भी डेड रेंट एवं ग्रामीण अवसंरचना मद की राशि की वसूली नियमानुसार किये जाने के प्रावधान हैं। अत: राज्य शासन को राजस्व हानि का प्रश्न नहीं है। वांछित अनुसार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश अनुसार जिले की 255 खदानों में खनन योजना/पर्यावरण स्वीकृति/ न्यायालयीन प्रकरणों/प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनापत्ति के अभाव में खनन कार्य नहीं किया जा रहा है। ऐसी बंद खदानों में भी डेड रेंट एवं ग्रामीण अवसंरचना मद की राशि की वसूली नियमानुसार किये जाने के प्रावधान है। अत: राज्य शासन को राजस्व हानि का प्रश्न नहीं है। नियमानुसार खदानों में खनन कार्य निरंतर बंद होने की स्थिति में उन्हें लेप्स किये जाने के प्रावधान नियमों में हैं। (घ) जिले में 11 प्रकार की खनिजों की उपलब्धता है। प्रश्नांश अनुसार जिले में 15300 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर विभिन्न खनिजों की खनि रियायतें स्वीकृत हैं। प्रश्नांश के शेष भाग का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
सतना नगर निगम की जानकारी एवं कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
152. ( क्र. 1888 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना नगर निगम क्षेत्र में अमृत योजना के तहत लगभग 200 करोड़ की लागत से निमार्ण की जा रही सीवेज लाईन की ड्राईंग किस डिजाइनर द्वारा तैयार कराई गई एवं किस ठेकेदार को ठेका दिया गया? नाम एवं ड्राईंग की प्रति एवं ठेकेदार को दी गई समयावधि दिनांक उपलब्ध करावें। (ख) क्या अमृत योजना के तहत उक्त सीवेज लाईन का सही तरीके से लेवल नहीं मिलाकर ड्राईंग तैयार कराई गई और ठेकेदार तथा शासन एवं विभाग के द्वारा सही तरीके से कार्य नहीं कराया जा रहा है? क्या उक्त संबंध में जांच कराकर ड्राईंग, डिजाइन एवं ठेकेदार का ठेका निरस्त कर पुन: निविदा की प्रक्रिया पूर्ण की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार ठेकेदार के द्वारा समय से कार्य नहीं कराया जाने शहर में कई जगह खुदाई का कार्य करने के पश्चात् उसको सुधार नहीं किया जाने पर ऐसे ठेकदार के ऊपर शासन द्वारा जांच कराकर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या सतना नगर निगम में शासन द्वारा आवास सुधार के लिए झुग्गी बस्तियों को हटाकर शहर से बाहर स्थानांतरित क्यों किया जा रहा है? क्या शासन द्वारा गरीब झुग्गी-बस्ती में रह रहे लोगों को न हटाते हुए उनको उसी स्थान पर आवास का निर्माण कराकर शासन की सुविधाएं मुहैया कराया उन्हैं आवास उपलब्ध कराने की कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) संविदाकार मेसर्स के.के. स्पन इंडिया लिमिटेड द्वारा एवं ठेका मेसर्स के.के. स्पन इंडिया लिमिटेड को दिया गया। ड्राइंग पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। कार्य पूर्ण करने की समयावधि दिनांक 04.12.2019। (ख) जी नहीं, अमृत योजना की ड्राइंग-डिजाईन विस्तृत सर्वेक्षण उपरांत तैयार की गई है। तदनुसार कार्य कराया जा रहा है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) अनुबंध के प्रावधानों अनुसार कार्यवाही की जा रही है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। वर्तमान में नगर पालिक निगम सतना द्वारा 2446 इ.डब्ल्यू.एस. आवासों का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत किया जा रहा है। ऐसे गरीब पात्र आवासहीन परिवार जो योजना में सम्मिलित होने के इच्छुक है, उनको लाभ दिया जायेगा, साथ ही अनटेनेबल स्लम के भी झुग्गीवासियों को सम्मिलित किया जा सकेगा।
बसों के चोरी के मामले में निगम के अधिकारियों पर कार्यवाही
[नगरीय विकास एवं आवास]
153. ( क्र. 1897 ) श्री महेश परमार : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अमृत मिशन योजना में उज्जैन नगर निगम की खरीदी गयी बसें चोरी हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी उज्जैन सिविल ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के सी.ई.ओ. योगेंद्र पटेल, महाप्रबंधक सुनील जैन, डी.जी.एम. विजय गोयल पर ज़िम्मेदारी के निर्वहन में लापरवाही बरतने पर क्या कार्यवाही हुई? यदि की गयी तो एफ़.आई.आर. अथवा विभागीय कार्यवाही की प्रमाणित प्रति उपलब्ध कराएं। (ख) क्या कारण है कि मीडिया में मामला प्रकाशित होने के बाद चिमनगंज थाने पर बस ओपेरेटर कंपनी के खिलाफ UCTSL के CEO द्वारा घटनाक्रम में विलंब से कार्यवाही कराई गयी? क्या यह जिम्मेदारी निर्वहन में लापरवाही नहीं है? यदि है तो कार्यवाही करेंगे? (ग) क्या ई-कांट्रैक्ट प्रा.लि. एवं UCTSL के बीच 7 वर्ष कि सेवा देने हेतु अनुबंध हुआ था? क्या इस प्रयोजन के लिए अनुबंध अनुसार 1.68 करोड़ कि रकम दी गयी थी? यदि हाँ, तो उज्जैन नगर निगम के साथ ऑपरेटर ने अनुबंध में हुई शर्तों को तोड़कर नगर निगम के साथ धोखाधड़ी नहीं की है? क्या ऑपरेटर द्वारा 10 बसों की एन.ओ.सी. लिये जाने की जानकारी उज्जैन नगर निगम के अधिकारियों को नहीं थी? क्या यह आश्चर्य का विषय नहीं है कि UCTSL के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर में आर.टी.ओ. भी सदस्य के रूप में नोमिनेट है? यदि हाँ, तो एन.ओ.सी. जारी कैसे हुई? क्या जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्यवाही करेंगे?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) मीडिया में मामला प्रकाशित होने के पूर्व ही उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, उज्जैन (यू.सी.टी.एस.एल.) कंपनी द्वारा संबंधित ऑपरेटर को राशि राजसात करने हेतु सूचना पत्र जारी किया जा चुका था। (ग) हाँ, यू.सी.टी.एस.एल. कंपनी एवं आर्या ई-कनेक्ट इंटरसिटी प्रा.लि. के मध्य 7 वर्ष की अवधि तक विभिन्न मार्गों पर बसों का संचालन करने हेतु दिनांक 3/4/2018 को अनुबंध पत्र सम्पादित किया गया था। ऑपरेटर को निविदा शर्तों के अनुसार राशि रूपये 1.62 करोड़ रुपये वायाबिलिटी गेप फण्ड (VGF) के रुप में प्रदान की गई है, किन्तु इतनी ही राशि की बैंक ग्यारंटी ऑपरेटर से प्राप्त की गई है एवं परफार्मेन्स सिक्युरिटी के रुप में राशि रूपये 13.50 लाख भी ऑपरेटर से प्राप्त करने के पश्चात ही वी.जी.एफ. राशि का भुगतान किया गया है। समस्त बसे ऑपरेटर के नाम से पंजीकृत होने से ऑपरेटर द्वारा बिना पूर्व सूचना तथा बिना यू.सी.टी.एस.एल. कंपनी की अनुमति के क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय में बसों के पंजीयन सरेन्डर करके अनुबंध की शर्तों को तोड़कर नगर निगम, उज्जैन के साथ धोखाधड़ी की है। हाँ, ऑपरेटर द्वारा 10 बसों की एन.ओ.सी. लिये जाने की जानकारी उज्जैन नगर निगम के अधिकारियों को नहीं थी। वर्तमान में क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी यू.सी.टी.एस.एल. बोर्ड के सदस्य नहीं है। एन.ओ.सी. जारी करने के संबंध में क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी जिला उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 8665 दिनांक 23/11/19 से अवगत कराया गया कि “मोटरयान अधिनियम 1988, केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 एवं म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के प्रावधानो के अनुसार किसी भी वाहन स्वामी द्वारा समस्त औपचारिकताओं के साथ वाहन एन.ओ.सी. हेतु आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर वित्त पोषक/अन्य व्यक्ति (जो कि पंजीयन रिकार्ड में दर्ज हो) द्वारा आपत्ति प्रस्तुत नहीं किये जाने पर एन.ओ.सी. जारी किये जाने का प्रावधान है यह कार्यालय उक्त प्रावधानो के अंतर्गत विधिवत आवेदन किये जाने पर किसी भी वाहन की एन.ओ.सी. जारी किये जाने के लिये उत्तरदायी/बाध्य है। यू.सी.टी.एस.एल. उज्जैन का नाम रेखांकित विधि मान्यता से इस कार्यालय के पंजीयन रिकार्ड में दर्ज नहीं होने से मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 48 के तहत पंजीकृत वाहन स्वामी मे. आर्या ई-कनेक्ट ट्रांसवे प्रा. लि. की कुछ वाहनो की एन.ओ.सी. जारी की गई है। “बसों के रजिस्ट्रेशन एवं अनुज्ञा पत्र निरस्त किये जाने हेतु क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय को पिम्परी चिंचवड, महाराष्ट्र को पत्र क्र. 229 दिनांक 22.11.2019 एवं क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय पनवेल नवी, मुम्बई को पत्र क्र. 225 दिनांक 22.11.2019 प्रेषित किया गया। उक्त के क्रम में ऑपरेटर की बैंक ग्यारंटी राजसात की जाने हेतु एच.डी.एफ.सी. बैंक, पुणे को पत्र क्र. 245 दिनांक 28.11.2019 प्रेषित किया गया है। संबधित ऑपरेटर के खिलाफ स्थानीय न्यायालय, उज्जैन में आई.पी.सी की धारा 379, 405, 403, 409, 420 के तहत वाद क्रमांक 432/2019 दायर किया गया है।
सहायक वार्डनों की नियुक्ति संबंधी नीति में भेदभाव
[स्कूल शिक्षा]
154. ( क्र. 1898 ) श्री महेश परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केजीबीवी, बालिका छात्रावास, बालक छात्रावास में सहायक वार्डनों को नियुक्त किए जाने, नीतियों में प्रावधान अलग-अलग हैं? यदि हाँ, तो केजीबीवी बालिका छात्रावास की प्रक्रिया अनुसार प्रदेश के 66 नवीन बालक छात्रावासों में सहायक वार्डनों की भर्ती प्रक्रिया में अंतर रखने का मुख्य कारण क्या है? बालिका छात्रावास केजीबीवी की तर्ज़ पर सहायक वार्डनों की नियुक्ति बालक छात्रावासों में न की जाकर सेवा निवृत शिक्षकों से क्यों ली जा रही है? इस नैसर्गिक अन्याय का कारण क्या है? (ख) क्या नीति निर्माण में समानता का अधिकार एवं जीने के अधिकार को दृष्टिगत रखते हुए नीति निर्माण में भेदभाव करना उचित है? (ग) उज्जैन संभाग में सेवा निवृत्त शिक्षकों की भर्ती के लिए कुल कितनी विज्ञप्ति जारी हुई और कितने पद पर नियुक्ति हुई एवं कितने पद रिक्त हैं? डीपीसी द्वारा पद रिक्त रहने के लिए कितनी सूचनाएँ प्राप्त हुई? (घ) उक्त नीति असफल होने के बाद केजीबीवी की तर्ज़ पर रिक्त पदों को भरने के लिए क्या नीति में परिवर्तन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) सीएम कार्यालय से पत्र पंजीयन क्रमांक 4327/CMS/MLA/214/ 2019 दिनांक 02/11/2019 को पीएस स्कूल शिक्षा विभाग को प्रेषित पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी? प्रमाणित दस्तावेजों के साथ जानकारी देवें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय (केजीवीब्ही) में नियुक्ति प्रक्रिया का निर्धारण 2005-2006 में किया गया था। तत्समय के प्रावधान एवं उसे उद्भूत कठनाईयों के विश्लेषण उपरांत वर्तमान आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बालक छात्रावास में सहायक वार्डन हेतु नियुक्ति प्रक्रिया 2017-18 में निर्धारित कि गई है। (ख) जी नहीं। प्रचलित प्रावधान एवं आवश्यकता अनुसार नीतियों का निर्माण किया जाता है। (ग) उज्जैन संभाग के 07 जिलो में 10 बालक आवासीय छात्रावास स्वीकृत है। जिला मंदसौर, आगर मालवा, शाजापुर एवं उज्जैन जिले सहित कुल 04 छात्रावासों का संचालन आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हुआ है। शेष 06 छात्रावासों में से 05 के लिए विज्ञप्ति जारी कि गई तथा सभी 05 में सहायक वार्डन के पद रिक्त है। देवास एवं उज्जैन, जिले में पद रिक्त है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।
खनिज विभाग के अधीनस्थ संचालित क्रेशरों
[खनिज साधन]
155. ( क्र. 1901 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में कितनी पत्थर की खदानें स्वीकृत हैं तथा कितनी खदानों पर क्रेशर संचालित है? किस खदान पर क्रेशर कब स्वीकृत की है? स्वीकृति के क्या प्रावधान हैं? ग्राम एवं नगर सीमा से कितनी दूरी पर क्रेशर स्थापित होना चाहिये? क्या नियम हैं तथा किस-किस विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र दिये जाते हैं? (ख) श्योपुर नगर पालिका क्षेत्र सीमा में कितने क्रेशर संचालित हैं? उक्त क्रेशर शहर की बस्ती, प्राथमिक विद्यालय, न्यायालय भवन, समीप होने के बाद भी अनुमति किस आधार पर दी गयी? क्या विभाग उक्त क्रेशरों को बंद करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या बिना अनुबंध के क्रेशर संचालित हैं? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो अवैध क्रेशर संचालित कराने में कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) श्योपुर जिलें में खण्डा, बोल्डर, पत्थर (गिट्टी) की कुल 27 खदानें स्वीकृत है जिनमें से 4 खदानें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार घोष विक्रय पर स्वीकृत है तथा 23 खदानें पत्थर से क्रेशर द्वारा गिट्टी बनाने हेतु उत्खनिपट्टो पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार स्वीकृत है। 16 उत्खनन पट्टों पर क्रेशर संचालित है तथा 07 उत्खनन पट्टों में क्रेशर संचालित नहीं है। उत्खनिपट्टे म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रतिबंधित क्षेत्रों से निर्धारित दूरी छोड़कर स्वीकृत किये जाते है। म.प्र. गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 5 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। उत्खनि पट्टा स्वीकृति के पूर्व आवेदित क्षेत्रों के संबंध में जिला कार्यालय द्वारा राजस्व विभाग वन विभाग, संबंधित ग्राम सभा/नगरीय निकाय आदि से जांच प्रतिवेदन/अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त किये जाते है। (ख) श्योपुर नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी क्रेशर संचालित नहीं है। (ग) कलेक्टर खनिज शाखा श्योपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार बिना अनुबंध के कोई क्रेशर संचालित नहीं है।
शालाओं का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
156. ( क्र. 1902 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी जिला दमोह को विगत 10 माह में जितने भी पत्र व प्रस्ताव भेजे गये हैं उसमें से एक भी पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं की गयी है, न ही कार्यवाही कर प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है, प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गए प्रस्ताव एवं पत्रों पर अभी तक क्या कार्यवाही की गयी है? अगर नहीं की गयी तो क्यों नहीं? (ख) विधानसभा क्षेत्र जबेरा अंतर्गत शासकीय माध्यमिक शाला हरदुआ सड़क विकासखण्ड जबेरा को उन्नयन कर हाई स्कूल तक करने व अन्य उन्नयन के लिए भेजे गये प्रस्ताव पर क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) शासन की ट्रांसफर नीति के चलते प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र जबेरा में बहुत से शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल, शासकीय हाई स्कूल, शासकीय माध्यमिक शाला, शासकीय प्राथमिक शाला शिक्षक विहीन या एकल शिक्षक शाला हो गये हैं जिससे छात्रों का अध्यापन प्रभावित हो रहा है, शासन द्वारा एकल शिक्षक, शिक्षक विहीन एवं रिक्त शालाओं में शिक्षकों की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है? शासन उक्त शालाओं में शिक्षकों की पदपूर्ति कब तक करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) वर्ष 2019-20 में शालाओं के उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) शिक्षकों की पदपूर्ति एक सतत प्रक्रिया है। पदपूर्ति होने तक अतिथि शिक्षकों से अध्यापन का कार्य कराया जा रहा है। व्यावसायिक परीक्षा मण्डल द्वारा उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिये गये है तथा नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम दुधिया के विस्थापित परिवारों की राशि
[वन]
157. ( क्र. 1903 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड तेन्दूखेड़ा के ग्राम दुधिया रैयत 01 व 02 की नौरादेही वन्य प्राणी अभ्यारण सागर द्वारा विस्थापन प्रक्रिया वर्ष 2015 से प्रारंभ थी वह पूर्ण हो चुकी है, क्या ग्राम दुधिया रैयत 01 एवं 02 के ग्रामवासियों का स्वेच्छा से विस्थापन प्रस्ताव भी 25-04-2018 को ग्राम पंचायत तिंदनी की ग्राम सभा में पारित हो चुका है? यदि हाँ, तो विस्थापन प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरान्त विस्थापन पैकेज की राशि विस्थापित परिवारों के खातों में जमा क्यों नहीं कराई गई? इसका क्या कारण है? (ख) ग्राम दुधिया 01 एवं 02 के विस्थापित परिवारों को पेकैज की राशि कब तक दी जावेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) प्रश्नाधीन ग्रामों के विस्थापन की प्रक्रिया वर्ष 2015 से प्रारंभ थी। विस्थापन प्रक्रिया वर्तमान तक पूर्ण नहीं हुई है। जी हाँ। विस्थापन हेतु गठित खण्डस्तरीय समिति एवं जिला स्तरीय समिति के द्वारा मुआवजा हेतु पात्र/अपात्र परिवारों का निर्धारण न किए जाने से विस्थापित परिवारों को पैकेज की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश (क) में उल्लेखित समिति द्वारा पात्रता का निर्धारण करने के उपरांत दी जावेगी।
योजनाओं एवं प्राप्त बजट में अनियमितता
[पशुपालन]
158. ( क्र. 1918 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिकायतकर्ता रमाकांत त्रिपाठी द्वारा प्रमुख सचिव म.प्र. शासन पशुपालन विभाग को दिनांक 12.07.2017 को उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं जिला रीवा के विरूद्ध 14 बिन्दुओं की शिकायत विभिन्न योजनाओं एवं प्राप्त बजट में फर्जी आकड़े दिखाकर भ्रष्टाचार करने की शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो क्या संचालनालय पशुपालन भोपाल द्वारा संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रीवा संभाग रीवा को पत्र क्रमांक618/वि.जां./वि.जां.-891/2017/भोपाल दिनांक 09.10.2017 के द्वारा शिकायत की जांच हेतु भेजा गया था? यदि हाँ, तो प्रमुख सचिव को भेजे गये जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराई जाय। यदि जांच नहीं हुई तो कारण बतायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायतकर्ता द्वारा 2015-16 में एक और शिकायत की गई थी, जिसकी जांच संचालनालय द्वारा कराई गई थी तथा जांच प्रतिवेदन संयुक्त संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं द्वारा क्रमांक/1366-स्थापना/2016-17 दिनांक 13.06.2016 द्वारा भेजा गया था? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। क्या शिकायत की जांच रिपोर्ट शिकायत के आधार पर दी गई थी? यदि नहीं, तो संबंधित जांच अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रीवा एवं संयुक्त संचालक संभाग रीवा को 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद से किस-किस कार्य हेतु राशि का आवंटन किया गया? कितनी राशि किस-किस कार्य में खर्च की गई? मदवार/योजनावार जानकारी दी जाये।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। उक्त शिकायत पर संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं जिला रीवा द्वारा पत्र क्रमांक 42/स्था./2018-19 रीवा, दिनांक 13.11.2018 के साथ वही जांच प्रतिवेदन संलग्न कर संचालनालय को प्रेषित किया गया, जो तत्कालीन संयुक्त संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं रीवा संभाग, रीवा द्वारा क्रमांक 1366 दिनांक 13.6.2016 को प्रेषित किया गया था। अत: दिनांक 13.11.2018 को प्राप्त जांच प्रतिवेदन संतोषप्रद न पाए जाने के कारण संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं रीवा संभाग, रीवा को पुन: जांच का लेख करते हुए संचालनालय के पत्र क्रमांक 10/विजां/विशि 891/2017 दिनांक 7.1.2019 द्वारा वापिस किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। शिकायतकर्ता द्वारा जांच प्रतिवेदन पर असंतोष व्यक्त करते हुए पुन: पत्र दिनांक 12.7.2017 द्वारा शिकायत प्रस्तुत की गई। उक्त शिकायत प्राप्त होने से पूर्व जांचकर्ता अधिकारी दिनांक 31.5.2017 को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण कर सेवानिवृत्त हो चुके थे। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
खनिज माइनिंग की जानकारी
[खनिज साधन]
159. ( क्र. 1919 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मेसर्स जे.पी. एसोसिएट (जे.पी. सीमेन्ट) को रीवा, जिले में प्रश्न दिनांक तक किन ग्रामों, खसरा नं., रकबा में कब-कब, कितने अवधि के लिये किस खनिज की माइनिंग लीज/क्वारी लीज प्रदान की गई है? स्वीकृत आदेश, निष्पादित अनुबंध आदि सहित जानकारी वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रदाय कराई जाये? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित लीजों में किस ग्राम खसरा नं. के कितने रकबा में भू-प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई है? लीजवार, ग्रामवार, भू-प्रवेश की अनुमति की जानकारी प्रदान की जाये। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन भूमियों में शासन द्वारा अधिग्रहित भूमि व किसानों को प्रदाय मुआवजा तथा किसानों से कम्पनी द्वारा सीधे क्रय की गई भूमियों व कृषि दर से क्रय की गई जानकारी प्रदाय की जाये? (घ) उपरोक्तानुसार जे.पी. एसोसिएट (जे.पी. सीमेन्ट) CSR मद से 2% की राशि प्रश्न दिनांक तक किन-किन ग्रामों में किस-किस विषयों/मद में कितनी राशि खर्च की गई? कार्यों का विवरण खर्च राशि की जानकारी लागू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक दी जाये।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) मेसर्स जे.पी. एसोसिएट्स (जे.पी. सीमेन्ट) रीवा के पक्ष में शासन द्वारा 02 खनिपट्टा आदेश दिनांक 13.04.2017 से स्वीकृत किये गये। वह खनिपट्टे शासन आदेश दिनांक 08.06.2017 से आवेदक मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमि. रीवा को नियमानुसार हस्तांतरित कर दिये गये थे। स्वीकृति आदेशों एवं निष्पादित अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार लीजों पर भू-प्रवेश की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में दिये उत्तर के परिप्रेक्ष्य प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वॉटर एलोकेशन की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
160. ( क्र. 1922 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश में विगत 16 वर्षों से टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग विभाग द्वारा प्राईवेट टाउनशिप डेवलप को दिये गये लायसेंस में किए गए वॉटर एलोकेशन की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें एवं जीरो डिस्चार्ज पद्धति अनुसार किये गये अनुबंध एवं उसका पालन की जानकारी भी उपलब्ध करायें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : टाउन एण्ड कंर्टी प्लानिंग विभाग द्वारा प्राइवेट टाउनशिप डेवलप को किसी भी प्रकार के लाइसेंस नहीं दिये जाते है अत: शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
घोटाले की जांच एवं जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज करना
[नगरीय विकास एवं आवास]
161. ( क्र. 1934 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर परिषद सरदारपुर जिला धार में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच हेतु छ: सदस्यों की जांच कमेटी द्वारा जांच प्रतिवेदन 01.09.2018 को प्रस्तुत कर दिया? यदि हाँ, तो बतावें कि प्रतिवेदन में क्या निष्कर्ष दिये गये तथा उस आधार पर क्या कार्यवाही की गई? प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नगर परिषद में मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना का कार्य अभी तक पूर्ण क्यों नहीं हुआ? पेयजल योजना में ठेकेदार द्वारा अनुबंध के विपरीत निम्न स्तर की गुणवत्ता सामग्री की जांच कर बतावें कि क्या कार्य प्रारम्भिक योजना के अनुसार किया जा रहा हैं? पेयजल योजना की डी.पी.आर. की प्रति देवें। (ग) नगर परिषद सरदारपुर द्वारा वर्ष 2013-14 से 2017-18 की अवधि में दो लाख से अधिक की राशि की क्या-क्या सामग्री किस दर से किस मात्रा में किस व्यापारी से खरीदी गई? खरीदी हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई तथा खरीदी गई सामग्री का कहाँ उपयोग किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित नियम विरूद्ध क्रय की गई तथा उनका योजना अनुसार उपयोग कर उसे बाजार में बेच दिया गया? यदि हाँ, तो क्या जिम्मेदारों पर प्रकरण दर्ज किया जायेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रतिवदेन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार। (ख) नगर परिषद सरदारपुर जिला धार मुख्यमत्री शहरी पेयजल योजनांतर्गत निविदा में उल्लेखित घटकों का कार्य पूर्ण होकर डिस्ट्रीब्यूशन लाईन एवं कनेक्शनों में सुधार कार्य प्रगतिरत है, पेयजल योजना में ठेकेदार द्वारा अनुबंध अनुसार गुणवत्ता पूर्व सामग्री का उपयोग किया गया है। डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'ब' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार। (घ) नियम विरूद्ध क्रय की गई सामग्री के संबंध में जांच पर क्रय की गई सामग्री में प्रकाश व्यवस्था की सामग्री चोरी कर बेचे जाने के मामलें में नगर परिषद सरदारपुर द्वारा श्री जितेन्द्र गोखले सहायक वर्ग-3 प्रभारी लेखा, स्टोर एवं स्वच्छता को निकाय के आदेश क्रमांक 409 दिनांक 11.06.2018 से निलंबित किया गया है तथा निकाय के पत्र क्रमांक 661 दिनांक 07-09-2018 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये हैं।
सिंहस्थ 2016 में बजट राशि से अधिक व्यय
[नगरीय विकास एवं आवास]
162. ( क्र. 1937 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3034 दिनांक 19 जुलाई, 2019 में दिए गए उत्तरानुसार खण्ड (क) से (ग) तक जानकारी अन्य विभागों से प्राप्त कर दी जाये। बतावें कि सिंहस्थ 2016 के लिये किस-किस वर्ष के मुख्य बजट तथा अनुपूरक बजट में कितनी-कितनी राशि किस लेखाशीर्ष में प्रावधान किया गया बजट की प्रति देवें। (ख) सिंहस्थ 2016 के लिये बनाई गई कार्य योजना (प्रारम्भिक) तथा समय-समय पर बनायी गयी याने अतिरिक्त कार्य योजना की प्रति देवें तथा बतावें कि क्या सारा कार्य उस अनुसार हुआ है? (ग) सिंहस्थ 2016 के कार्य के लिये जो समिति बताई गई थी वह किस नियम के अन्तर्गत किस के अनुमोदन से बनाई गई थी? उस समिति को वित्तीय अधिकार किस नियम से प्राप्त हुये? (घ) सिहस्थ 2016 में विचार कुम्भ किस की स्वीकृति से आयोजित हुआ था? उस पर किया गया व्यय किस के द्वारा स्वीकृत किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) सिंहस्थ 2016 से संबंधित विभागों से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) सिंहस्थ 2016 से संबंधित विभागों से जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) संबंधित विभागों से जानकारी संकलित की जा रही है।
रतलाम नगर निगम के 2014 के चुनाव में अ.जा. का गलत आरक्षण
[नगरीय विकास एवं आवास]
163. ( क्र. 1940 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम की धारा 10 तथा इसके अन्तर्गत बनाये गये नियम 1994 के नियम 3 (1) में अ.जा. का आरक्षण जनसंख्या के अवरोही क्रम में करना हैं? यदि हाँ, तो इन्दौर, उज्जैन, रतलाम तथा देवास में अ.जा. हेतु आरक्षित वार्ड का नाम, अ.जा. की कुल जनसंख्या वार्ड की कुल जनसंख्या तथा वार्ड में अ.जा. की जनसंख्या के अवरोही क्रम में सूची प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित के संदर्भ में बतावें की क्या चारों नगर निगम में वार्ड की अनुसूचित जाति की वार्ड की जनसंख्या अवरोही क्रम में आरक्षण किया गया है या वार्ड की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति की जनसंख्या के प्रतिशत के अवरोही क्रम में किया गया हैं, बतावें कि रतलाम में 2014 के नगर निगम चुनाव में अ.जा. का जो आरक्षण किया गया था वह अधिनियम के अनुसार था? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1480, दिनांक 12 जुलाई, 2019 के खण्ड (ग) में उल्लेखित संभागायुक्त उज्जैन को दिये गये ज्ञापन का उत्तर संभागायुक्त उज्जैन का हस्ताक्षरित दिलवाया जाए तथा बतावें की संभागायुक्त नगर निगम द्वारा जो विभागीय प्रतिवेदन दिया गया है, उसमें उल्लेखित तथ्यों से पूर्णतया सहमत है? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3031, दिनांक 10.07.2019 के खण्ड 'ख' 'ग' के संदर्भ में बताएं कि अवधि मई 2019 है या मई 2018 हैं तथा यदि प्रश्नकर्ता मोटर भेंट संबंधि समाचार पत्रों की कटिंग तथा उस पर निगम कमिश्नर के जवाब सहित उपलब्ध करा देगा, तो क्या अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) वस्तुस्थिति यह है कि नगर पालिक निगम इन्दौर में अनुसूचित जाति के वार्डों का आरक्षण अनुसूचित जाति के जनसंख्या के अवरोही क्रम में किया गया है, नगर पालिक निगम उज्जैन, नगर पालिक निगम रतलाम तथा नगर पालिक निगम देवास में अनुसूचित जाति हेतु वार्डों का आरक्षण कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति की जनसंख्या के सर्वाधिक संकेन्द्रण के प्रतिशत के आधार पर अवरोही क्रम में किया गया है। वर्ष 2014 में अनुसूचित जाति के वार्डों हेतु किया गया आरक्षण अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार था। (ग) आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन का कलेक्टर जिला रतलाम को प्रेषित ज्ञापन पृष्ठांकन पत्र क्रमांक 4081 दिनांक 24.07.2019 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। यह पत्र संभाग आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा अनुमोदित है। (घ) प्रश्नांश में उल्लेखित जानकारी मई 2018 से संबंधित है। समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के लिये जिम्मेदारी प्रकाशक की होती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
रतलाम में वैध कालोनियों में बंधक प्लाट की अफरा-तफरी
[नगरीय विकास एवं आवास]
164. ( क्र. 1941 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम रतलाम में मध्यप्रदेश नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बधन तथा शर्ते) नियम 1998 के नियम 14क के संबंध में बतायें कि वैध कॉलोनी की सूची समाचार पत्रों, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के माध्यम से 2012 से 2018 तक कब-कब सर्वसाधारण को सूचित किया गया तथा इस अवधि में किये गये कॉलोनाईजर के रजिस्ट्रीकरण तथा उससे संबंधित समस्त दस्तावेज की प्रतियां देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित रतलाम नगर निगम की वैध कॉलोनियों के नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत नक्शे नजूल अधिकारी का अनापत्ति प्रमाण-पत्र तथा बंधक रखे गये भू-खण्ड की सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कॉलोनी में नियम की धारा 13 के तहत किस कॉलोनी में समय से आंतरिक विकास कार्य पूर्ण किया तथा किस कॉलोनी में विकास कार्य की कमियां दूर करने के लिये एक वर्ष की अवधि दी गई तथा निर्धारित अवधि में किस कॉलोनी में विकास कार्य पूर्ण नहीं हुआ? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1481 दिनांक 10.07.2019 के खण्ड (ग) के संदर्भ में बताएं कि इस हेतु राज्य शासन से कितनी राशि प्राप्त हुई थी तथा उसका भुगतान किस किस कॉलोनी में कार्य करने वाले ठेकेदार को कितना-कितना किया गया?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) म.प्र. नगर पालिका (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्वधन तथा शर्ते) नियम 1998 कि नियम 14 (क) अनुसार निगम द्वारा वैध कॉलोनी की सूची हेतु समाचार पत्रों, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के माध्यम से सूचित नहीं किया गया है। वैध कॉलोनीयों की सूची निगम के सूचना पटल पर सर्वसाधारण हेतु प्रकाशित की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) विशेष निधि अंतर्गत राशि रू. 400.00 लाख प्राप्त कराई गई, भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
आदिवासी आबादी की जानकारी
[आदिमजाति कल्याण]
165. ( क्र. 1942 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के पास यह जानकारी हैं कि प्रदेश के किस-किस जिले में आदिवासी हैं तथा उनके पास कुल कितनी कृषि भूमि है तथा प्रदेश की कुल आदिवासी आबादी में काश्तकार कितने हैं तथा खेतिहर मजदूर कितने हैं तथा आदिवासी कृषक जोतों का औसत आकार कितना है? यदि हाँ, तो वर्ष 2011 कि जनसंख्या अनुसार जानकारी दें। (ख) क्या आदिवासियों की जमीन धारा 165 (6) के तहत अनुमति देकर गैर आदिवासी को बेचने की जानकारी जिला प्रशासन द्वारा या अन्य द्वारा विभाग को दी जाती है? क्या यह विभाग के संज्ञान में है कि 2007 से 2018 तक आदिवासियों की हजारों हेक्टेयर भूमि गैर आदिवासी को ओने-पौने दामों पर बेच दी गई और लाखों आदिवासी काश्तकार की जगह खेतीहर मजदूर बन गये? (ग) क्या धारा 165 (6) के तहत प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भूमि के विक्रय की जांच हेतु पहल की जावेगी, आदिवासियों को भूमिहिन करने और उनकी बेस-कीमती जमीन को औने-पौने दाम पर खरीदने के षड़यंत्र की जांच के लिये उच्च अधिकारियों की कमेटी गठित की जोयगी। (घ) उज्जैन-इन्दौर संभाग में वर्ष 2007 से 2018 तक धारा 165 (6) के तहत तथा आदिवासी की जमीन का डायवर्सन करवाकर बिना अनुमति गैर-आदिवासी को बेचने वाले आदिवासी का नाम, गांव, सर्वे नंबर, रकबा गैर आदिवासी खरीददार का नाम सहित सूची देवें तथा इस विक्रय के संबंध में कोई जांच हुई हो तो उसकी रिपोर्ट की प्रतिलिपि देवें तथा जो जांच प्रचलन में है उसकी रिपोर्ट देवें।
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश की कुल 231.34 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में से 9844000 काश्तकार है, 12192000 खेतिहर मजदूर है। कृषक जोतों का औसत आकार 1.78 हेक्टेयर है। जातिवार आंकड़े राजस्व विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। (ख) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 165 (6) के प्रावधानों के तहत विधिवत अनुमति दी जाकर जानकारी पंजीयन विभाग को दी जाती है। जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) बिना अनुमति विक्रय के मामलों में जांच सतत है। जांच उपरान्त ही जानकारी दी जाना संभव होगा।
शालाओं का उन्नयन एवं बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण
[स्कूल शिक्षा]
166. ( क्र. 1948 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसे कितने स्कूल हैं जिनमें बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण नहीं हुआ है? संख्यात्मक जानकारी देवें। क्या छात्रों की सुरक्षा एवं स्कूल कि भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिये बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण आवश्यक नहीं है? यदि हाँ, तो सभी विद्यालयों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण क्यो नहीं कराया गया हैं? कब तक कराया जावेगा? (ख) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जनवरी 2018 से अभी तक बाउण्ड्रीवॉल निर्माण हेतु कितने आवेदन कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल प्राचार्यों के माध्यम से प्रेषित किये गये हैं? उन पर क्या कार्यवाही हुई है? (ग) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितनी प्राथमिक शाला, कितनी माध्यमिक शाला एवं कितने हायर सेकेण्ड्री स्कूल हैं एवं उनमें छात्रों की संख्या कितनी है तथा कितने शिक्षक पदस्थ हैं? स्कूलवार जानकारी देवें। (घ) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसे कितने स्कूल है जहाँ पर छा़त्रों की संख्या को देखते हुए प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में माध्यमिक शाला से हाई स्कूल एवं हाई स्कूल से हायर सेकेण्ड्री में उन्नयन किया जाना आवश्यक है? शालावार जानकारी देवें। शासन द्वारा कब तक उन्नयन की कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 596 शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक स्कूल है। जिसमें बाउण्ड्रीवॉल निर्माण नहीं हुआ है। जी हाँ, योजना में सभी शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण का प्रावधान न होने के कारण नहीं किया गया। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 26 हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल बाउण्ड्रीवॉल विहीन है। छात्रों की सुरक्षा एवं अतिक्रमण की दृष्टिगत बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण वांछनीय है। स्कूलों में बाउण्ड्रीवॉल का निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जनवरी 2018 से अभी तक शासकीय प्राथमिक/माध्यमिक शालाओं में बाउण्ड्रीवॉल के 05 आवेदन प्राप्त है। वार्षिक कार्ययोजना में बाउण्ड्रीवॉल निर्माण प्रस्तावित की गई है। हाई एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पन्ना को कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है। उत्तरांश के प्रकाश में शेषांश उद्भूत नहीं होता। (ग) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक/माध्यमिक स्कूलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार। हाई/हायर सेकेण्डरी स्कूलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। (घ) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आरटीई मापदण्ड के अनुसार प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयन हेतु आवश्यकता नहीं है। हाई/हायर सेकेण्डरी उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
स्मार्ट सिटी व मुक्तिधाम सौंदर्यीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
167. ( क्र. 1951 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना स्मार्ट सिटी हेतु कब और कितनी राशि स्वीकृत की गई है? क्या इसके टेण्डर हो गये हैं? यदि हाँ, तो कब तक कार्य प्रारंभ कर पूर्ण होगा? (ख) क्या पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत मुक्तिधामों के सौंदर्यीकरण किये जाने की कोई योजना पूर्व से स्वीकृत थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से मुक्तिधामों का सौंदर्यीकरण किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) पन्ना नगर के लिये स्मार्ट सिटी स्वीकृत नहीं है। शेषांश का प्रश्न ही नहीं है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न ही नहीं है।
कार्यों का सत्यापन, मूल्यांकन व ऑडिट आपत्तियां
[नगरीय विकास एवं आवास]
168. ( क्र. 1954 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर पालिका परिषद् जावरा एवं नगर परिषद् पिपलोदा अंतर्गत वर्ष 2006-07 से लेकर प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं का क्रियान्वयन की बजट राशि एवं स्वयं की निधि (संचित निधि) अथवा ऋण (लोन) इत्यादि प्रकार से बजट के माध्यम से अनेक कार्य किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त उल्लेखित निधियों के माध्यम से कार्यों का मूल्यांकन, भौतिक सत्यापन, गुणवत्ता एवं भ्रष्टाचार संबंधी आपत्तियों के साथ ही ऑडिट आपत्तियां भी प्राप्त हुई हैं? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक दोनों संस्थाओं ने कुल कितनी ऑडिट आपत्तियां, भ्रष्टाचार एवं गुणवत्ताविहीन कितनी शिकायत दर्ज हुई? संख्या सहित बताएं एवं प्राप्त आपत्तियों/शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई? (घ) साथ ही अवगत कराए कि प्रश्नकर्ता द्वारा भी विभागीय अधिकारियों को सम्बोधित मान. मुख्यमंत्री जी, मान.मंत्री जी को पत्रों एवं विधानसभा में प्रश्नों के माध्यम से ध्यान आकर्षित किया, तत्संबंधी की गयी कार्यवाही से पूर्ण रूप से बताएं?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'ब' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार।
विभागीय के कार्यों की जानकारी
[अनुसूचित जाति कल्याण]
169. ( क्र. 1955 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के कल्याण हेतु अनेक कार्य यथा बस्ती विकास, पम्प उर्जीकरण, विदयुतीकरण, पेयजल योजना, शौचालय, सामुदायिक भवन, सीमेंट कांक्रीट सड़क नाली निर्माण इत्यादि प्रकार के अनेकानेक कार्य किये जाते हैं? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत किन स्थानों पर किस प्रकार के सामाजिक उत्थान एवं मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु निर्माण कार्य किये गये? स्वीकृत बजट राशि, स्थानवार जानकारी देंl (ग) उपरोक्त वर्षों में रतलाम जिले में कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे, कितने अप्रारम्भ होकर लंबित रहे तथा गुणवत्ता विहीन कार्यों के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? (घ) प्रश्नांश (ख) के अप्रारम्भ एवं लंबित अपूर्ण कार्य किस-किस वर्ष में प्रारंभ किए गए थे? साथ ही समस्त कार्यों का मूल्यांकन भौतिक सत्यापन, स्थल सहित बताएंl
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में गुणवत्ता विहीन कार्यों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
कोलारस एवं बदरवास में सार्वजनिक सुलभ शौचालयों का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
170. ( क्र. 1957 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगर परिषद कोलारस एवं बदरवास में आमजन की सुविधा को ध्यान में रखकर अब तक किन-किन स्थानों पर कुल कितने-कितने सार्वजनिक सुलभ शौचालयों का निर्माण हुआ है? स्थान उल्लेखित कर संख्या बताएं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि उक्त दोनों नगर परिषद क्षेत्रों में सार्वजनिक सुलभ शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है, तो क्या यहां आमजन की सुविधा तथा स्वच्छ भारत अभियान के दृष्टिगत सार्वजनिक सुलभ शौचालयों के निर्माण की आवश्यकता नहीं है? यदि आवश्यकता है तो इस हेतु अब तक क्या प्रयास किए गए? (ग) क्या कोलारस एवं बदरवास नगरों के मध्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 03 पर नगरों के मुख्य बाजार में सुलभ शौचालयों का निर्माण किया जाना आवश्यक है? यदि है तो क्या यहां निर्माण प्रस्तावित है? यदि नहीं, तो कब तक प्रस्तावित किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार क्या वर्तमान में कोलारस एवं बदरवास में सार्वजनिक सुलभ शौचालय निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव अथवा प्रक्रिया प्रचलन में है? यदि है तो कौन-कौन से स्थानों पर निर्माण प्रस्तावित है तथा उक्त प्रस्ताव की प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित है व क्यों? कब तक कोलारस एवं बदरवास में आमजन की सुविधा को ध्यान में रखकर सार्वजनिक सुलभ शौचालयों का निर्माण किया जावेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं, अपितु नगर परिषद कोलारस में 04 सार्वजनिक शौचालय स्वीकृत किये गये है एवं 02 का निर्माण किया जा चुका है। इसी अनुक्रम में नगर परिषद बदरवास द्वारा 04 सार्वजनिक शौचालयों की कार्ययोजना तैयार की गई है। (ग) जी हाँ, दोनों ही निकायों में सुलभ शौचालय की आवश्यकता है। नगर परिषद कोलारस द्वारा राजमार्ग से लगे बस स्टैण्ड पर सार्वजनिक शौचालय का निर्माण प्रस्तावित है, जबकि नगर परिषद बदरवास द्वारा शीघ्र प्रस्तावित किया जायेगा। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जिसे स्वच्छ भारत मिशन के विहित प्रावधानों एवं उपलब्ध बजट के अनुसार स्वीकृत किया जायेगा। समय निर्धारित करना संभव नहीं है।
पंचायतो में गौशाला का निर्माण
[पशुपालन]
171. ( क्र. 1958 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वचन पत्र में हर पंचायत में गौशाला खोलने का वादा किया गया था? मध्यप्रदेश की हर पंचायत में गौशाला कब तक स्वीकृत कर निर्मित करवा दी जाएगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : जी हाँ। वर्ष 2019-20 में शासन द्वारा प्रदेश की 1000 ग्राम पंचायतों में गौशालाओं की स्थापना की जा रही है जिसके उपरांत आवश्यकता के अनुसार चरणबद्ध रूप से ग्राम पंचायतों में गौशाला की स्थापना की जाएगी।
बदनावर नगर पंचायत की राशि
[नगरीय विकास एवं आवास]
172. ( क्र. 1959 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या बदनावर नगर पंचायत की चुंगी कर की राशि अन्य नगर पंचायत के खाते में जा चुकी है, यदि हाँ, तो यह कितनी राशि है और कब तक वापस बदनावर नगर पंचायत को दिलवा दी जावेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन को रोके जाना
[खनिज साधन]
173. ( क्र. 1960 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता विधान सभा क्षेत्र में रेवराफार्म, हरदुआ, छींदा, सितपुरा आदि में अवैध उत्खनन के कारण इनके समीप गांवों के लोगों का जनजीवन प्रदूषण से प्रभावित होकर लोग दमा आदि गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं? अगर हाँ तो अवधै उत्खनन कब रोका जावेगा? अजय पाठक के नाम से लाइमस्टोन/लेट्रराइट लीज किन गांवों में किन खसरा रकबों की कितनी हैं व उनमें कब-कब कितना उत्खनन किया है? कब-कब कितनी रायल्टी जमा की है? पूर्ण विवरण दें। (ख) रामपुरबाघेलान ग्राम चितगढ में कमलेश सिंह व क्षेत्र में अभिषेक मालपानी फर्म बालाजी रोड द्वारा अवैध उत्खनन कर प्रिज्म सीमेंन्ट सहित तीनों फैक्ट्रियों को माल सप्लाई कर रहे हैं? इनका पूर्ण विवरण दें। कब तक अवैध उत्खनन को रोकना एवं राज्य स्तरीय टीम बनाकर कब इनकी जांच कराई जावेगी? नहीं तो क्यों? क्या शासन के राजस्व की क्षति नहीं हो रही है? (ग) किस नियम अनुसार सतना खनिज कार्यालय द्वारा लेटराइट खदानों को मुरूम खदानों में बदलकर रखौधापहाड, बिहरा, विचगढ, बिरसिंहपुर, धारकुण्डी आदि क्षेत्रों की लीज दी गई है? शासनादेश, लीज आदेश सहित पूर्ण विवरण देंवें। उक्त कृत्य द्वारा क्या अवैध उत्खनन को बढ़ावा दिये जाने का षड़यंत्र नहीं किया गया है इस हेतु कौन कौन दोषी हैं? प्रशासन कब तक इन क्षेत्रों को अवैध उत्खनन से पूर्ण रूप से मुक्त करा देगा? अगर नहीं तो क्यों, दोषियों को कब तक निलंबित किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों एवं उनके समीपों ग्रामों में अवैध उत्खनन के कारण प्रदूषण से प्रभावित होकर दमा आदि गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने जैसी स्थिति नहीं है। उक्त क्षेत्र के आस-पास के पाँच ग्रामों में कुल 29 व्यक्तियों को श्वास संबंधी बीमारी के प्रकरण स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताये गये हैं। प्रश्नांश के शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश अनुसार अवैध उत्खनन कर प्रिज्म सीमेंट सहित तीनों फैक्ट्रियों को माल सप्लाई करने जैसी कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित ग्राम बिहरा में मुरूम खनिज के 02 उत्खनिपट्टा पूर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर तथा भारतीय खान ब्यूरो द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार स्वीकृत किये गये हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष ग्राम रखौधापहाड, विचगढ़, बिरसिंहपुर, धारकुण्डी आदि में मुरूम खनिज का कोई उत्खनिपट्टा स्वीकृत नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नियम विरूद्ध विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक की पदस्थापना
[स्कूल शिक्षा]
174. ( क्र. 1961 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत जिला परियोजना कार्यालय सर्वशिक्षा अभियान में सीधी भर्ती/ प्रतिनियुक्ति से भरे जाने वाले स्वीकृत पदों के विरूद्ध सीधी भर्ती/प्रतिनियुक्ति के पद पर कार्यरत लोक सेवकों के नाम, पदनाम, शैक्षणिक योग्यता, उम्र तथा कब से पदस्थ हैं, की जानकारी से अवगत करावें। (ख) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक सर्व शिक्षा अभियान के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना हेतु चयन परीक्षा आयोजित की जाकर शासन द्वारा नियम जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो विकासखण्डवार विकास खण्ड स्त्रोत समन्यवक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर चयनित लोक सेवक के नाम पदनाम, शैक्षणिक योग्यता, उम्र तथा कब से पदस्थ हैं की जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिला राजगढ़ में विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक के पद पर वरिष्ठ अध्यापक/समकक्ष पद धारित करने वाले लोक सेवक की प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना किये जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो शासन नियम के विरूद्ध विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक के पद पर पदस्थापना करने वाले सक्षम अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? कारण स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। श्री प्रमोद नामदेव (वरिष्ठ अध्यापक) प्रतिनियुक्ति पर विकासखण्ड स्रोत केन्द्र समन्वयक, जीरापुर के पद पर कार्यरत है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विकासखण्ड स्रोत समन्वयक के पद पर किसी की भी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना नियम विरूद्ध न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वन मंडल समिति में अनियमितता
[वन]
175. ( क्र. 1963 ) श्री संजय शुक्ला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 5 वर्षों में वन मंडल इन्दौर अंतर्गत वन ग्राम समितियों के बीट गार्ड द्वारा अनियमितता की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन द्वारा वन विभाग के माध्यम से वन समितियों को प्रेषित राशि का वन समितियों द्वारा किये व्यय का ऑडिट कब-कब कराया वर्ष 2010 से 2019 तक की ऑडिट की जानकारी उपलब्ध करावें। शासन द्वारा विभाग को कितनी राशि भेजी गई व वन समितियों द्वारा कितनी राशि व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई थी तथा इन शिकायतों पर विभाग द्वारा किन बिन्दुओं पर उक्त जांच कराई जा रही है? क्या उपवन मंडल अधिकारी द्वारा भी इस बाबत कोई पत्र प्रेषित किया गया था? उक्त पत्र व शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन परिक्षेत्राधिकारी द्वारा क्यों नहीं प्रस्तुत किया जा रहा है? स्पष्ट करें। प्रेषित किया है तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त प्रकरण व वन विभाग द्वारा इन्दौर रेंज में कराये गये पौधारोपण में अनियमितता व क्षेत्रों में अवैध कटाई की भी शिकायतें हुई थी? यदि हाँ, तो अवैध कटाई वाले क्षेत्रों में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नाधीन वर्षों के ऑडिट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, विगत 5 वर्षों में विभाग द्वारा 117 वन समितियों को कुल रूपये 5, 29, 25, 138/- की राशि प्रदाय की गई है, जिसमें से राशि रूपये 4, 92, 96, 074/- व्यय की गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। श्री अवधेश देगड़े द्वारा समितियों में अंधाधुंध भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच हेतु उपवनमंडलाधिकारी, इन्दौर द्वारा पत्र क्रमांक-1070, दिनांक 24.10.2016 से वनपरिक्षेत्राधिकारी, इन्दौर को प्रेषित किया वनपरिक्षेत्राधिकारी, इन्दौर द्वारा पत्र क्रमांक-2361, दिनांक 16.10.2017 द्वारा उपवनमण्डलाधिकारी, इन्दौर को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया। वनमण्डलाधिकारी, इन्दौर द्वारा पत्र क्रमांक/नि.स./2017/10624, दिनांक 24.10.2017 से शिकायत को नस्तीबद्ध करने की अनुशंसा मुख्य वन संरक्षक, इन्दौर को की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में समितियों में अंधाधुंध भ्रष्टाचार की शिकायत श्री अवधेश देगड़े, प्रभु नगर इन्दौर द्वारा की गई है। इन्दौर रेंज में पौधा रोपण के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है अवैध कटाई के संबंध में 15000 वृक्षों की बिना अनुमति के अवैध कटाई बावत शिकायत डॉ. आदेश मिश्रा से प्राप्त हुई, जिसकी जांच में सुबबूल के वृक्षों हेतु परिवहन हेतु वन विभाग द्वारा अनुज्ञा पत्र की आवश्यकता नहीं होने के कारण शिकायत नस्तीबद्ध करने की अनुशंसा की गई।
678 ग्रामों की चाही गई जानकारी
[वन]
176. ( क्र. 1968 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 476/2019 दिनांक 8/8/2019 अपर मुख्य सचिव वन विभाग भोपाल एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय भोपाल को प्रेषित कर 678 राजस्व ग्रामों से संबंधित चाही गई जानकारी प्रश्नांकित दिनांक तक भी उपलब्ध नहीं करवाई गई? (ख) वन मुख्यालय द्वारा 1982 में प्रकाशित (वनग्रामों का इतिहास एवं भविष्य) में किस दिनांक को किस वनवृत एवं वनमुख्यालय द्वारा प्रतिवेदित पत्र में कितने राजस्व ग्रामों के संबंध में क्या-क्या ब्यौरा दिया है? इसमें से कितने राजस्व ग्राम राजस्व विभाग को सौंप दिए हैं? कितने राजस्व ग्राम वर्तमान में भी वन विभाग के नियंत्रण में है? वनमंडलवार बताएं। (ग) प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 8/8/2019 पर वन मुख्यालय ने किस दिनांक तो निर्देश के साथ किस जिले के किस अधिकारी को पत्र लिखा? किस जिले से क्या-क्या जानकारी प्राप्त हुई? पत्र एवं जानकारी की प्रति सहित बताएं। (घ) प्रश्नकर्ता के पत्र में चाही गई जानकारी कब तक संकलित कर उपलब्ध करवाई जाएगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांकित पत्र की जानकारी प्रधान मुख्य वन सरंक्षक एवं वन बल प्रमुख (वन भू-अभिलेख) भोपाल के पत्र क्रमांक/शिकायत/2019/1542 दिनांक 20.09.2019 द्वारा प्रश्नकर्ता को प्रेषित की गई। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) प्रश्नांश के संबंध में क्षेत्रीय अधिकारियों को पत्र प्रेषित नहीं किये गये हैं। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना
[वन]
177. ( क्र. 1969 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन मुख्यालय सतपुड़ा भवन भोपाल में भा.व.अ. 1927 की धारा 29, धारा 4, धारा 20, धारा 27 एवं धारा 34 अ के अनुसार राजपत्र में किस दिनांक को कितनी भूमियों को अधिसूचित किए जाने की प्रकाशित अधिसूचनाओं की प्रतियां उपलब्ध हैं? जिलेवार बतावें। (ख) राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचनाओं की प्रतियों को सूचना के अधिकार कानून 2005 की धारा 4 के अनुसार प्रश्नांकित दिनांक तक भी ऑनलाईन नहीं किए जाने का क्या कारण रहा है? धारा 4 में किन अभिलेखों, दस्तावेजों, अधिसूचनाओं को आनलाईन किए जाने के संबंध में क्या प्रावधान दिया गया है। (ग) वन मुख्यालय धारा 4 के अनुसार राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचनाओं को कब तक आनलाईन करेगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संकलित की जा रही है। 2 सप्ताह में उपलब्ध करा दी जायेगी। (ख) जानकारी वन विभाग की ऑफिशियल वेबसाईट (www.mpforest.gov.in) ''सूचना के अधिकार'' बटन के अंतर्गत उपलब्ध है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 4 में दिये गये प्रावधान की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
178. ( क्र. 1972 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुदान प्राप्त संस्था गांधी अशासकीय स्कूल मछण्ड विकासखण्ड रौन, जिला भिण्ड में कब से संचालित है? (ख) उक्त संस्था के पास कितनी भूमि है? किन-किन दान दाताओं ने कब-कब, कितनी-कितनी भूमि दान की है? दान दाताओं के नाम एवं पता सहित पूरी जानकारी सहित अवगत करावें। शैक्षणिक संस्था का विल्टअप एरिया कितना है? (ग) उपरोक्त संस्था में वर्तमान में छात्र-छात्राओं एवं स्टॉफ की संख्या कितनी-कितनी है? स्टॉफ में किस-किस पद पर कौन-कौन, कब से कार्यरत है तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में संस्था की वार्षिक आय-व्यय का ब्यौर भी बतायें? (घ) क्या संस्था की उक्त भूमि पर बने खेल मैदान पर अवैध कब्जा कर लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त कब्जा किन-किन के द्वारा किया गया है? कब्जा हटाने हेतु क्या कार्यवाही की गई? काबिज भूमि शासकीय अभिलेख में किसके नाम दर्ज है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) अनुदान प्राप्त संस्था गांधी अशासकीय उ.मा.वि. मछण्ड विकास खण्ड रौन जिला भिण्ड वर्ष 1960 से संचालित है। (ख) उक्त संस्था के पास 06 बीघा 09 विस्वा भूमि है। संस्था को केवल एक ही व्यक्ति स्व.श्री रधुवीर सिंह मछण्ड ने वर्ष 1965 में 06 बीधा 09 विस्वा भूमि दान की हैं। स्व. श्री रधुवीर सिंह पुत्र श्री नरेन्द्र सिंह जूदेव का पता द्वारा- श्री राजा नृपेन्द्र सिंह जूदेव ग्राम व पोस्ट मछण्ड जिला भिण्ड म.प्र. है। शैक्षणिक संस्था का बिल्टप एरिया 22000 वर्गफीट है। (ग) संस्था में वर्तमान में 40 छात्र/छात्राएं अध्ययनरत एवं 02 मान्य स्टाफ कार्यरत है। स्टाफ में श्री राजेन्द्र सिंह कुशवाह, प्रयोगशाला सहायक तथा श्री शिव कुमार, भृत्य दोनो दिनांक 01.11.1994 से कार्यरत है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में वेतन भत्ते मद में 654395/- एवं 2018-19 में वेतन भत्ते मद में 764522/- राशि अनुदान के रूप में दी गई जिसका व्यय वेतन भत्तों के रूप में किया गया है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। उक्त भूमि शासकीय अभिलेख में गांधी उ.मा.वि. भिण्ड के नाम से दर्ज है।
शा.प्रा.एवं मा.शालाओं का रख रखाव व निर्माण कार्य
[स्कूल शिक्षा]
179. ( क्र. 1974 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र की प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवनों के संबंध में दी गई आधी व अधुरी जानकारी के संबंध में पूर्व विधायक श्री मनोहरलाल राठौर द्वारा जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केन्द्र हरदा को लिखे गये पत्र दिनांक 01/08/2019 जिसकी प्रतिलिपि आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र एवं कलेक्टर जिला हरदा को भी प्रेषित किया था, पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या विभाग द्वारा प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवनों के रख-रखाव व नवनिर्माण कार्य के उपरान्त भौतिक सत्यापन कराया गया है? (ग) यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब, किन-किन शालाओं का भौतिक सत्यापन किय गया है? (घ) यदि भौतिक सत्यापन नहीं कराया गया है तो उसका क्या कारण है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) टिमरनी विधानसभा क्षेत्र की प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला भवनों के संबंध में श्री मनोहर लाल राठौर पूर्व विधायक द्वारा 01.08.2019 का पत्र जिला परियोजना समन्वयक हरदा एवं प्रतिलिपि कलेक्टर हरदा को प्राप्त हुई है। डी.पी.सी हरदा के पत्र क्रमांक 3506 दिनांक 09.10.2019 द्वारा जानकारी पूर्व विधायक को उपलब्ध करायी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जी हाँ। भौतिक सत्यापन उपरान्त ही कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते है। (ग) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी अन्तर्गत स्वीकृत भवनों का निरीक्षण उपयंत्री एवं सहायक यंत्री द्वारा किया गया जिनका विवरण निम्नानुसार हैः- जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
क्र. |
विकासखण्ड |
निर्माण एजेन्सी ग्राम पंचायत |
शाला का नाम |
1 |
खिरकिया |
आमाखाल |
प्राथमिक शाला जामान्याकलॉ |
2 |
खिरकिया |
रामटेक रैयत |
प्राथमिक शाला रामटैयरैयत |
3 |
टिमरनी |
मालेगांव |
प्राथमिक शाला नीमढ़ाना मालेगांव |
4 |
टिमरनी |
नजरपुरा |
प्राथमिक शाला मोहनपुर |
5 |
खिरकिया |
सिराली |
माध्यमिक शाला बालक सिराली |
6 |
टिमरनी |
मालेगांव |
माध्यमिक शाला मालेगांव |
7 |
टिमरनी |
छिदगांवमेल |
माध्यमिक शाला छिदगांवमेल |
8 |
टिमरनी |
बिच्छापुर |
माध्यमिक शाला बिच्छापुर |
(घ) निरंक।
विकलांग शिक्षकों की भर्ती
[स्कूल शिक्षा]
180. ( क्र. 1976 ) श्री निलय डागा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री मदनलाल डढोरे, माध्यमिक शाला शिक्षक की प्रथम नियुक्ति आरक्षित विकलांग कोटे अन्तर्गत वर्ष 1998 में जनपद पंचायत आठनेर, जिला बैतूल द्वारा की गई थी? यदि हाँ, तो आदेश एवं विकलांग प्रमाण-पत्र की सत्यापित छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) श्री मदनलाल डढोरे का शिक्षा विभाग में संविलयन किये जाने की प्रक्रिया के दौरान क्या विकलांग प्रमाण-पत्र की जांच शिक्षा विभाग द्वारा करवाई गई थी या विकलांग प्रमाण-पत्र की जांच प्रश्न दिनांक तक लंबित है? (ग) श्री मदनलाल डढोरे के विकलांग प्रमाण-पत्र की जांच शिक्षा विभाग द्वारा पुनः कब तक करवायी जाएगी? (घ) उपरोक्त प्रक्रिया पूर्ण होने पर यदि श्री मदनलाल डढोरे का विकलांग प्रमाण-पत्र गलत पाया जाता है, तो क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेंगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) नवीन शैक्षणिक संवर्ग (दिनांक 01.07.2018 से प्रभावशील) अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग में नियुक्ति के समय दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया निर्धारित की गई है, प्रमाण-पत्रों की जांच का प्रावधान नहीं है, अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) श्री मदन लाल डढोरे, का शिक्षा विभाग में संविलियन (दिनांक 01.07.2018 से नवीन संवर्ग में नियुक्ति) के पूर्व कार्यालय आयुक्त निःशक्तजन के पत्र क्र.टी. 3/एफ-31/2017-18/384 दिनांक 07.06.2017 के अनुक्रम में कलेक्टर बैतूल द्वारा श्री डढोरे के विकलांगता प्रमाण की जांच मेडिकल बोर्ड से कराई गई, मेडिकल बोर्ड के प्रमाण-पत्र क्रमांक-175903 दिनांक 26.09.2017 में श्री डढोरे की विकलांगता 40 प्रतिशत दर्शायी गई है। (घ) उत्तरांश (ख) व (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध उत्खनन की शिकायत की जांच
[खनिज साधन]
181. ( क्र. 1978 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 12.07.2019 में मुद्रित प्रश्न क्रमांक 1460 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर जांच प्रतिवेदन अनुसार कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है दिया गया है तो जांच प्रतिवेदन के बिन्दु क्रमांक 7, 9 (अ) एवं जांच निष्कर्ष के बिन्दु क्रमांक 5 में दिये गये प्रतिवेदन अनुसार क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, की गई तो क्यों कारण बताएं और कब तक की जावेगी। (ख) जांच प्रतिवेदन के बिन्दु क्रमांक 9 (ग) के उल्लेखित अवधि के बिलों से सप्लाई खनिज की मात्रा में देय रायल्टी जमा की गई है? क्या इसकी पुष्टि जांच दल द्वारा की गई थी? यदि नहीं, तो क्यों? क्या रायल्टी भुगतान की पुन: जांच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) की फर्म जिनके द्वारा बिलों से खनिज उक्त फर्म को सप्लाई किया है उनमें कई फर्मों द्वारा खनिज अनुज्ञप्ति ही प्राप्त नहीं किया है। फिर खनिज सप्लाई फर्म श्री शंकर लाल विश्वकर्मा टिकरिया कटनी को किया गया है इसमें रायल्टी की कितनी चोरी की गई है? क्या इसका आंकलन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, किया गया तो कब तक किया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में कार्यवाही अपेक्षित नहीं होने का लेख किया गया था। जांच प्रतिवेदन के बिन्दु क्रमांक 7 में फर्मों द्वारा विभिन्न सीमेंट संयंत्रों को रेल्वे से सप्लाई किये गये खनिज मात्रा का विवरण अप्राप्त होने संबंधी लेख किया गया था। प्रतिवेदन के बिन्दु क्रमांक 9 (अ) में स्वीकृत खनिपट्टा का जिला कार्यालय द्वारा किये गये अवधिवार कर निर्धारण का विवरण अंकित किया गया था एवं निष्कर्ष के बिन्दु क्रमांक 5 में कर निर्धारण को सही नहीं पाते हुए सुधार की अपेक्षा की गई थी। (ख) जांच प्रतिवेदन के बिन्दु क्रमांक 9 (ग) में यह स्पष्ट किया गया है कि संबंधित दस्तावेजों एवं संलग्नकों का उल्लेख प्राप्त शिकायत में नहीं होने से आंकड़ों का विश्लेषण एवं परीक्षण जांच प्रतिवेदन में नहीं किया गया है। प्रतिवेदन अनुसार कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं होने से प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, प्रश्नांश अनुसार सप्लायर फर्मों के पक्ष में खनिज व्यापारी अनुज्ञप्ति स्वीकृत है। अत: प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्कूल शिक्षा विभाग में लिया जाने वाला खेल शुल्क
[स्कूल शिक्षा]
182. ( क्र. 1981 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में स्कूल में खेल शुल्क के रूप में कितनी-कितनी राशि प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल में ली जाती है? जिला विदिशा में विगत 05 वर्षों में कुल कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? क्या इस शुल्क में से कुछ एक हिस्सा संचालनालय लोक शिक्षण कार्यालय को प्राप्त होता है? यदि हाँ, तो विगत 05 वर्षों में खेल से कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है और इन प्राप्त राशियों को कहाँ-कहाँ व्यय किया गया है एवं विगत 05 वर्षों में (2014 से नवम्बर 2019 तक) कुल कितनी राशि जिलों में शेष है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) शालेय खेल शुल्क से जिला संभागीय, प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने वाली टीमों पर कितनी-कितनी राशि खाने पर उनकी खेल ड्रेस पर और ट्रेक सूट और जूतों आदि पर खर्च की जाती है? (ग) राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में मध्यप्रदेश टीम के खिलाड़ियों को खेल किट में जिसमें ट्रेकसूट, जूते, मोजे और टी-शर्ट और हॉफ पेन्ट पर कितनी राशि व्यय की जाती है? (घ) विभाग द्वारा उपरोक्त सामग्री खरीदने हेतु जो राशि दी जाती है, क्या वह पर्याप्त है? यदि नहीं, तो स्कूल शिक्षा विभाग इस राशि को बढ़ाने हेतु कोई निर्णय करेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों से क्रीडा शुल्क नहीं लिया जाता है। हाई स्कूल में अध्ययनरत विद्यार्थियों से प्रति विद्यार्थी प्रतिवर्ष रू. 60/- एवं हायर सेकेण्डरी शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों से प्रति विद्यार्थी प्रतिवर्ष रूपये 100/- क्रीड़ा शुल्क लिया जाता है। जिला विदिशा में विगत 05 वर्षों में प्राप्त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी नहीं, लोक शिक्षण संचालनालय को कोई राशि प्राप्त नहीं होती अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विगत 5 वर्षों में जिलों में शेष राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) उच्च गुणवत्ता की सामग्री क्रय हेतु दर वृद्धि प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है।
स्कूल शिक्षा विभाग में खेल नियुक्ति
[स्कूल शिक्षा]
183. ( क्र. 1982 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्कूल शिक्षा विभाग अन्तर्गत (अ) मध्यप्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से कितने उत्कृष्ट खिलाड़ियों, विक्रम पदक विजेताओं को, एकलव्य पुरस्कार प्राप्त विजेताओं को किन-किन खेलों में नियुक्तियां दी गई? (ब) खेलवार ओर नियुक्तिवार जानकारी उपलबध करावें? (ख) राष्ट्रीय शालेय चैम्पियनशिप में जिला विदिशा के कितने विक्रम, एकलव्य उत्कृष्ट खिलाडियों का विगत 05 वर्षों में किन-किन खेल विधाओं में उपयोग किया गया है? विगत 05 वर्षों की खेलवार एवं नामवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) लोक शिक्षण संचालनालय खेल प्रकोष्ठ में अपर संचालक से लेकर नीचे क्रम में उप संचालक, सहायक संचालक, कीड़ा अधिकारी, खेल प्रकोष्ठ में सहायक ग्रेड-1-2-3 में कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी कब से पदस्थ हैं और खेलों में इनकी क्या-क्या योग्यताएं है? किन-किन राष्ट्रीय चैम्पियनशिप तथा राज्य और राष्ट्रीय स्तर की सामान्य प्रशासन विभाग की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लिया गया है? संबंधितों के प्रमाण-पत्र सहित खेलवार एवं नाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
स्कूलों का उन्नयन
[स्कूल शिक्षा]
184. ( क्र. 1985 ) श्री राकेश गिरि : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राथमिक शाला को पूर्व माध्यमिक, पूर्व माध्यमिक को माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक शाला में उन्नयन करने के क्या मापदण्ड हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में टीकमगढ़ जिले में कितने स्कूल है जो उन्नयन की श्रेणी में आते है? संकुल केन्द्रवार स्कूलों की सूची दें। (ग) टीकमगढ़ जिले के विकासखण्ड टीकमगढ़ के ग्राम रायपुर सिनौनी सहित प्रश्नांश (ख) की श्रेणी में आने वाले स्कूलो का उन्नयन कब तक किया जायेगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शासकीय प्राथमिक शाला से माध्यमिक शाला में उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड अनुसार निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 अन्तर्गत निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 26 मार्च 2011 की धारा-4 के अनुसार यदि क्षेत्र के भीतर किसी बसाहट या पड़ोस की सीमा के भीतर तीन किमी. की परिधि में कोई मिडिल स्कूल की सुविधा उपलब्ध नहीं है और 11 से 14 वर्ष की आयु के कम से कम 12 बच्चे उपलब्ध हैं, तो राज्य सरकार ऐसी बसाहट में मिडिल स्कूल की सुविधा उपबंध करेगी। शासकीय हाईस्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों के उन्नयन हेतु निर्धारित मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (ग) टीकमगढ़ जिलांतर्गत ग्राम रायपुर सिनौनी में 21 छात्र उपलब्ध एवं 2 कि.मी. की परिधि में समीपस्थ माध्यमिक शाला सिनौनी संचालित है। वर्ष 2019-20 में शासकीय हाई स्कूल/हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उन्नयन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आवारा पशुओं और आवारा कुत्तों पर नियंत्रण
[नगरीय विकास एवं आवास]
185. ( क्र. 1986 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगरीय विकास विभाग अनेक वर्षों से आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिए योजनाएं चलाता है लेकिन इनका प्रभाव कहीं दिखाई नहीं देता। इस मद में आवारा कुत्तों और आवारा पशुओं पर नियंत्रण हेतु पिछले 05 साल में क्या कार्यवाही की गयी? कितनी राशि आवंटित की गयी तथा उसका उपयोग कैसे और किस एजेंसी के माध्यम से किया गया विवरण देंवें। (ख) प्रदेश में पिछले एक वर्ष में आवारा पशुओं और आवारा कुत्तों की समस्या को दूर करने के लिए किये गये उपायों का विवरण दें। (ग) क्या जिस प्रकार वन्य प्राणियों से नुकसान करने पर वन विभाग पीड़ित पक्ष को मुआवजा देता है वैसी व्यवस्था नगरीय निकाय क्षेत्रों में किसी व्यक्ति के जानमाल को नुकसान पहुँचाने पर पीड़ित को राहत पहुँचाने की क्या नीति है? क्या सरकार इस व्यवस्था को अपनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) वस्तुस्थिति यह है कि आवारा पशुओं पर नियंत्रण के लिये राज्य शासन द्वारा किसी प्रकार का बजट प्रावधान नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। उल्लेखनीय है कि नगरीय निकायों द्वारा मध्यप्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 तथा मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1961 में आवारा पशुओं एवं कुत्तों के संबंध में वर्णित प्रावधानुसार नियंत्रण की कार्यवाही की जाती है। (ख) विभाग द्वारा आवारा पशुओं एवं कुत्तों के नियंत्रण हेतु नगरीय निकायों को समय-समय पर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। नगरीय क्षेत्रों में किसी व्यक्ति के जानमाल को नुकसान पहुँचाने पर पीड़ित को राहत पहुँचाने की कोई नीति नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध एवं नियम विरूद्ध उत्खनन
[खनिज साधन]
186. ( क्र. 1988 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के मझौली विकासखण्ड के ग्राम खड़ौरा में ग्रेनाइट की खदानें संचालित हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा वैध रूप से किन-किन कंपनियों को ग्रेनाइट उत्खनन की वैध अनुमति प्रदान की गई है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में प्रश्नांकित ग्रेनाइट के उत्खनन में कौन-कौन से लोग अवैध रूप से उत्खनन में संलग्न हैं? क्या इनके द्वारा समय-समय पर खुलेआम ब्लास्टिंग की जाती है? जिससे आस-पास के रहवासियों का जनजीवन प्रदूषण से प्रभावित हो रहा है? जिसकी शिकायत समय-समय पर समाजसेवियों एवं समाचार पत्रों के माध्यम से की जाती रही है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ब्लास्टिंग पर जनहित में पर्यावरण एवं जनजीवन के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु ब्लास्टिंग करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। सीधी जिले के ग्राम खडौरा में तीन कंपनियां क्रमश: (1) मेसर्स के.बी.एस. राक इंदौर, (2) मेसर्स एम.के.एस. मिनरल्स एण्ड मार्बल्स प्रो. श्री संजय दुबे, निवासी आजाद वार्ड मंडला म.प्र. एवं (3) मेसर्स झेड ब्लैक राक्स, वीर सावरकर नगर इंदौर के पक्ष में ग्रेनाईट उत्खनन हेतु अनुमति प्रदान की गई है। (ख) कार्यालय में ब्लास्टिंग किये जाने संबंधी शिकायतें समाचार पत्र एवं समाजसेवियों से प्राप्त हुई है। जिसकी जांच खनि निरीक्षक से कराई गई जांच के दौरान मौके पर उपस्थित ग्रामवासियों द्वारा बताया गया है कि खदानों में ब्लास्टिंग आदि से उनके घर या आस-पास में इस कारण से कोई नुकसान नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कलेक्टर जिला सीधी को ब्लास्टिंग होने पर नियमानुसार पर्यावरण एवं जनजीवन सुरक्षित रखने हेतु प्रावधानों का कडाई से पालन कराए जाने हेतु निर्देश दिए गए है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्थानांतरण के उपरान्त शिक्षकों को कार्यमुक्त नहीं करना
[आदिमजाति कल्याण]
187. ( क्र. 1991 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन स्तर से जिला बड़वानी में स्थानांतरित किये गए शिक्षकों का किस दिनांक को स्थानांतरण हुआ, किस दिनांक को जिला कार्यालय में ज्वाईन किया गया व किस दिनांक को संबंधित शाला के लिए कार्यमुक्त किया गया? दिनांकवार जानकारी उपलब्ध करावें l (ख) क्या जिला कार्यालय के द्वारा मनमाने ढंग से शिक्षकों के पद नहीं होते हुए भी मनचाही जगह में पदस्थापना की गई है जिसके कारण लगभग 100 शिक्षकों का वेतन नहीं मिल पा रहा है व ग्रामीण क्षेत्रों में कई शालाएं शिक्षक विहीन है? यदि हाँ, तो वेतन नहीं मिल पा रहे शिक्षकों की सूची उपलब्ध करावेंl (ग) क्या वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश होने के उपरांत भी जिला कार्यालय के द्वारा शिक्षकों को बिना किसी कारण के 02 माह तक जिला कार्यालय में रखा गया जबकि उन्हें संबंधित शालाओं के लिए कार्यमुक्त किया जाना था? समय पर कार्यमुक्त नहीं होने से आदिवासी छात्र/छात्राओं की पढ़ाई में विलम्ब हुआ है, क्या इसके लिए दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें l
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में नवीन शिक्षक संवर्ग को एम्प्लाई कोड जारी किए गए हैं एवं इनके वेतन आहरण की व्यवस्था आई.एफ.एम.आई.एस. साफ्टवेयर के माध्यम से की गई है। आई.एफ.एम.आई.एस. साफ्टवेयर में रिक्त पदों की जानकारी तकनीकी कारणों से प्रदर्शित न होने के कारण वेतन आहरण में समस्या आ रही है यथा शीघ्र इस तकनीकी समस्या का निराकरण किया जायेगा। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। म.प्र. शासन आ.जा.क. वि. भोपाल के ज्ञाप क्र. एफ-4-18/2019/25-1 दिनांक 24.06.2019 अनुसार जारी स्थानांतरण नीति अनुसार राज्य/संभाग/जिला स्तर से स्थानांतरण आदेश जारी हुए हैं। तदनुसार शिक्षकों से काउंसिलिंग के माध्यम से विकल्प प्राप्त कर नवीन पदस्थापना पर कार्यमुक्त किया गया है। प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार किसी भी शिक्षक को 2 माह तक जिला कार्यालय में नहीं रखा गया।
विभागीय कर्मचारियों को रोस्टर की जानकारी
[आदिमजाति कल्याण]
188. ( क्र. 1992 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिला अंतर्गत कर्मचारियों की पदस्थापना संबंधी रोस्टर कब-कब तैयार किये गए? (ख) बड़वानी जिले में विभाग के अंतर्गत कितने प्रकार के कर्मचारी कार्यरत है? कुल पदों की संख्या रिक्त पदों की संख्या कार्यालयवार पदवार उपलब्ध करावेंl (ग) क्या विभागीय नियुक्ति/ अनुकम्पा नियुक्ति में रोस्टर का पालन किया गया है? विगत तीन वर्षों में की गई नियुक्तियाँ व पालन किये गए रोस्टर की छायाप्रति उपलब्ध करावें l
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) वर्ष 2006 एवं 2014 में रोस्टर तैयार किये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
नि:शक्तजनों हेतु संचालित योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
189. ( क्र. 1995 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा निःशक्तजनों हेतु क्या-क्या योजनाएं संचालित की जा रही है? (ख) मंदसौर जिले में विधान सभा क्षेत्रवार कितने निःशक्तजनों के पंजीयन है? निःशक्तता का प्रतिशत सहित विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधाएं कितने नि:शक्तजनों को दी गई हैं? (घ) मोटोराईज्ड ट्राइसायकल प्रदान करने हेतु शासन द्वारा क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों को मोटोराईज्ड ट्राइसायकल प्रदान की गई?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) विभाग द्वारा दिव्यांगजनों हेतु निम्न योजना संचालित है:- (1) इंदिरा गांधी निःशक्त पेंशन योजना (2) मानसिक/बहुविकलांग को आर्थिक सहायता योजना (3) मुख्यमंत्री निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना (4) मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना, (5) दिव्यांग छात्रवृत्ति, वाचक भत्ता और प्रोत्साहन राशि, (6) उच्च शिक्षा में दी जाने वाली फीस, निर्वाह भत्ता, परिवहन भत्ता योजना, (7) शत-प्रतिशत श्रवण एवं दृष्टिबाधित विद्यार्थियो के लिए आवास सहायता योजना, (8) दिव्यांगजनों के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना, (9) आई.टी.आई. में दृष्टि/श्रवण बाधितों को प्रशिक्षण (10) यू.डी.आई.डी. योजना (ख) मंदसौर जिले में कुल 12230 दिव्यांगजनों का पंजीयन है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की एडिप योजना के अंतर्गत गम्भीर रूप से दिव्यांगों के लिये और क्वाड्रिप्लेजिक (एससीआई) मस्कुलर डिस्ट्रोफी, स्ट्रोक, प्रमस्तिष्क घात, पक्षाघात और ऐसी ही स्थिति वाले दिव्यांगजन जिनके तीन/चार अंग अथवा शरीर का आधा हिस्सा गंभीर रूप से दिव्यांग हो, के लिये मोटराईज्ड ट्राईसायकल देने का प्रावधान है, जिन दिव्यांगजन अभिभावकों की मासिक आय सभी साधनों से 20, 000/- रूपये से अधिक है, ऐसे व्यक्ति योजना के तहत अनुदान/सहायता के लिये पात्र नहीं है। जिन दिव्यांगजन/अभिभावकों की आय 15, 000/- से 20, 000/- रूपये की बीच में है वे योजना के तहत 50 प्रतिशत सहायता के पात्र है, जिन दिव्यांगजन अभिभावकों की मासिक आय रूपये 15, 000/- तक है, उन दिव्यांगजनों को योजना के तहत 25, 000/- रूपये अनुदान सहायता से मोटराईज्ड ट्राईसायकल उपलब्ध कराने का प्रावधान है। योजना के अंतर्गत मोटराईज्ड ट्राईसायकल हेतु वे दिव्यांगजन पात्र है, जिनकी दिव्यांगता 80 प्रतिशत या अधिक है तथा जिनकी आय उपरोक्त सीमा के अंतर्गत आती है। मानसिक विकृतिग्रस्त गंभीर मोटराईज्ड ट्राईसायकल के लिये पात्र नहीं होंगे चूंकि इससे उन्हें गंभीर दुर्घटना/शारीरिक चोट का जोखिम उठाना पड़ सकता है। म.प्र. शासन की मुख्यमंत्री निःशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत अस्थिबाधित (शरीर का निचला भाग प्रभावित होने से चलने में अक्षम न्यूनतम 60 प्रतिशत नि:शक्तता) श्रेणी के विद्यार्थीयों के लिये दसवीं कक्षा में प्रथम बार प्रवेश लेने पर अथवा स्नातक में प्रवेश लेने पर (एक ही बार) मोटोराईज्ड ट्राइसायकल प्रदाय किये जाने की योजना है।
गौशाला निर्माण की जानकारी
[पशुपालन]
190. ( क्र. 1996 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा कितनी नवीन गौशाला खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई हैं एवं प्रत्येक गौशाला पर कितनी लागत का प्रावधान रखा गया है? (ख) गौशाला निर्माण हेतु क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं एवं कौन-कौन सी एजेन्सी गौशालाओं का संचालन करने हेतु अधिकृत कर सकते हैं? (ग) मंदसौर-नीमच जिले में कितनी गौशालाएँ स्वीकृत होकर निर्माणाधीन हैं? वर्तमान स्थिति की विधानसभावार जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में अधिक संख्या में गायें खुली होने से दूसरे अन्य ग्रामों में भी गौशाला निर्माण हेतु कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जानकारी 2019 से प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा 1000 गौशाला खोलने का निर्णय लिया गया है। जिसके विरूद्ध महात्मा गांधी नरेगा योजना अन्तर्गत 957 गौशाला निर्माण कार्य की जिलों द्वारा प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रत्येक गौशाला के अधोसंरचना निर्माण हेतु राशि रू; 27.72 लाख का प्रावधान किया गया है। (ख) गौशाला निर्माण में शेड, पानी की हौद, बछडा/बछडी शेड, चौकीदार कक्ष, भूसा गोदाम एवं फेंसिंग आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। गौशाला के संचालन के लिए ग्राम पंचायतें उत्तरदायी होंगी किन्तु यदि ग्राम पंचायत गौशाला का संचालन किसी अन्य संस्था के माध्यम से कराना चाहे, तो वे इसके लिए आजीविका मिशन के महिला स्व-सहायता समूह अथवा स्वयं सेवी संस्था से अनुबंध करा सकती है। (ग) मनरेगा योजना अंतर्गत मंदसौर जिले में 32 गौशालाऐं प्रस्तावित है जिनमें से 31 गौशालाऐं निर्माणाधीन है तथा नीमच जिले में 06 गौशालाऐं स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है। वर्तमान स्थिति की विधानसभावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) आगामी चरण की कार्य योजना प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं।
उप संचालक और सहायक संचालकों की पदस्थी
[स्कूल शिक्षा]
191. ( क्र. 1997 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 30/11/2019 की स्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग में कितने उप संचालक और सहायक संचालक कार्यरत हैं? किस-किस जिला कार्यालय में कौन-कौन उप संचालक और सहायक संचालक पदस्थ हैं? (ख) क्या अधिकांश जिलों में उप संचालक और सहायक संचालकों के पद पर प्रभारी कार्यरत है? यदि हाँ, तो जिलेवार नाम दोनों के बतावें। (ग) क्या सन् 2016 में एक दो को छोड़कर सभी जिला कार्यालयों में उप संचालक पद के अधिकारी पदस्थ थे? यदि हाँ, तो क्या कारण हुआ कि प्रभारियों को पदस्थ करना पड़ा? (घ) क्या डी.पी.सी. के पद पर सहायक संचालकों को पदस्थ करना था इसके लिये चयन भी हुआ था, फिर क्यों दिनांक 30/11/2019 तक उनकी पदस्थी सभी जिलों में नहीं हुई।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) 88 उप संचालक एवं 34 सहायक संचालक कार्यरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में अंकित अनुसार कुछ जिलों में कार्य सुविधा की दृष्टि से उप संचालक/सहायक संचालक/प्राचार्य उ.मा.वि. संवर्ग के अधिकारियों को प्रभारी के रूप में कार्य सौंपा गया है। (ग) जी हाँ। स्थानान्तरण, सेवा निवृत्ति एवं वैधानिक कारणों से पदोन्नति प्रक्रिया स्थगित होने से प्रशासकीय कार्यों के सुचारू संचालन को दृष्टिगत रखते हुये तात्कालिक रूप से अन्य अधिकारियों को प्रभार दिया जाता रहा है। (घ) जी हाँ। चयन प्रक्रिया के दौरान पात्र सहायक संचालकों की पदस्थापना की गई है। वर्तमान में वैधानिक कारणों से पदोन्नति प्रक्रिया स्थगित होने के कारण कुछ जिलों में पदस्थापना की कार्यवाही नहीं हो सकी है।
ठोस अवशिष्ट प्रबंधन के कार्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
192. ( क्र. 1999 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–4265, दिनांक–26/07/2019 के उत्तर से कटनी कलस्टर में कटनी एम.एस.डब्लू. कंपनी द्वारा किए जा रहे कचरा संग्रहण और कचरा परिवहन में विसंगतिया ज्ञात हुई हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो दिये गए उत्तर की जांच करवाकर कोई कार्यवाही की जाएंगी? (ख) नगर पालिक निगम कटनी सहित अन्य नगरीय निकायों के कचरा प्रबंधन का कार्य कटनी एम.एस.डब्लू. कंपनी द्वारा किन नियमों से कब से किया जा रहा हैं और किन-किन वाहनों से एकत्रित कचरे का परिवहन किस प्रकार किया जाना प्रावधानित हैं? (ग) कटनी एम.एस.डब्लू. के द्वारा ठोस अवशिष्ट प्रबंधन के तहत किए जा रहे कार्यों में अनियमितता के संबंध में, विगत 02 वर्षों में कार्यालय नगर पालिक निगम कटनी एवं विभाग तथा शासन को कितनी और कौन-कौन सी शिकायतें कब-कब प्राप्त हुई? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) के तहत प्राप्त सभी शिकायतों का प्रश्न दिनांक तक निराकरन किया जा चुका हैं, यदि हाँ, तो शिकायतवार विवरण बताएं और की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं, यदि नहीं, तो कारण बताएं? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या कटनी एम.एस.डब्लू. कंपनी द्वारा किए जा रहे कार्यों की शासन स्तर से जांच दल गठित कर जांच कराई जाएंगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नगर निगम कटनी एवं अन्य 04 नगरीय निकायों के बीच अन्तर निकाय अनुबंध के विहित प्रावधानों अनुसार कचरा संग्रहण एवं परिवहन की कार्यवाही की जा रही है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ड.) जी नहीं, उतरांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भूमियों को वन भूमि माना जाना
[वन]
193. ( क्र. 2000 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्व संहिता 1959 के अध्याय 18 में वर्णित पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज दखल रहित भूमियों को संरक्षित वन सर्वे, नारंगी भूमि सर्वे वनखंड वर्किंग प्लान में शामिल कर कब्जा करने का अधिकार वन विभाग को किन शासनादेशों, विभागीय निर्देशों एवं किस कानून की किस धारा और किन माननीय न्यायालय के कौन-कौन से आदेशों से प्राप्त हुआ हैं? (ख) कटनी और जबलपुर जिले के कितने और कौन-कौन से ग्रामों की कितनी दखल रहित भूमि संरक्षित वन सर्वे, नारंगी भूमि सर्वे वनखंड वर्किंग प्लान में शामिल कर वन विभाग के कब्जे में हैं? म.प्र. शासन राजस्व विभाग एवं संबन्धित जिलों के कलेक्टर से कब-कब इसकी अनुमति प्राप्त की गयी? (ग) क्या कि जबलपुर और कटनी जिलों में कई दखल रहित भूमियों को वन नियम विरुद्ध तरीके से वन भूमि घोषित कर दिया गया हैं? यदि हाँ, तो इन भूमियों को वन भूमि से मुक्त किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्या ऐसा ना होना सत्यापित किया जायेंगा?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) राजस्व भूमि के मद प्रयोजन की जानकारी वन विभाग में संधारित नहीं है। मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 20.05.1976 में निम्नानुसार निर्णय लिये गये थे:- ''प्रोटेक्टेड फारेस्ट के सर्वेक्षण उपरान्त जो भूमि शासकीय वनों से निष्कासित की गई है उसके संबंध में वन विभाग पुन: जांच करें यदि मूल्यवान वनों के भूखण्ड निष्कासित कर दिए गए है तो उन्हें वन विभाग पुन: आरक्षित वन घोषित करने की कार्यवाही करे। यदि किसी राजस्व ग्राम से लगा हुआ जंगल का बड़ा हिस्सा है तो केवल गॉव से लगा हुआ कुछ हिस्सा गॉव के निस्तार के लिए छोड़कर शेष वन विभाग अपने कब्जे में ले। राजस्व विभाग के अंतर्गत भोपाल तथा अन्य क्षेत्रों में ऐसे वन क्षेत्र है जहाँ मूल्यवान जंगल है, राजस्व विभाग ऐसे वन क्षेत्रों को वन विभाग को तुरंत हस्तांतरण करने की कार्यवाही करेगा। ''साथ ही राज्य शासन के पत्र क्रमांक एफ 5/43/1990/ 10-3 दिनांक 14 मई 1996 में भी निर्देश दिए गए थे कि जिलाध्यक्ष से ऐसे खसरों का हस्तांतरण वन विभाग को करने की कार्यवाही की जावें जिसमें अच्छी श्रेणी के वन उपलब्ध है। उपरोक्त निर्देशों के तहत वन विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है। उक्त पत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार संरक्षित वन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन एवं नारंगी क्षेत्र बाबत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार में है। उत्तरांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गंगई घाट एवं सिद्ध घाट श्री नर्मदा जी से रेत अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
194. ( क्र. 2004 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 25/11/19 एवं इसके पूर्व 2014 से 2019 प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा जिला प्रशासन नरसिंहपुर गंगई घाट एवं सिद्ध घाट तह. गोटेगांव जिला नरसिंहपुर एवं धर्मपुरी, रमपुरा समनापुर तह. करेली जिला नरसिंहपुर में श्री नर्मदा जी में रेत अवैध उत्खनन की शिकायतें कितनी बार की गई है? (ख) जिला प्रशासन द्वारा उक्त स्थानों पर कितनी बार रेत अवैध उत्खनन को रोकने के लिये कार्यवाही की गई है? (ग) क्या उक्त खदानों से अवैध उत्खनन संचालित है संपूर्ण जानकारी दें? अवैध खदानों से अवैध उत्खनन कौन-कौन व्यक्ति करते है नामवार जानकारी प्रदान करें? (घ) उक्त खदानों से विगत वर्षों से कार्यवाही के दौरान कौन-कौन से वाहन, मशीन जब्त की गई थी? किस-किस मशीन, वाहन पर कितने-कितने रूपये का जुर्माना किया गया था? अलग-अलग वाहनों, मशीनों की जानकारी प्रदान करें। (ड.) उक्त खदानो से अवैध उत्खन्न रोकने के लिये क्या-क्या उपाय किये गये एवं दिये गये पत्र के अनुसार क्या जांच की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार 07 बार शिकायतें प्राप्त हुई हैं। (ख) जिला प्रशासन ने उक्त स्थानों पर रेत के अवैध उत्खनन को रोकने हेतु प्राप्त शिकायतों के आधार पर राजस्व, पुलिस एवं खनिज विभाग द्वारा संयुक्त रूप से 06 बार जांच की गई है। जांच कार्यवाही के दौरान दिनांक 17.01.2019 को गंगई घाट नर्मदा नदी पर 02 पोकलेन मशीन एवं 01 डम्फर जप्त कर नियमानुसार प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। शेष 05 बार की जांच कार्यवाही के दौरान गंगई घाट पर उत्खनन कार्य नहीं पाया गया। (ग) संयुक्त जांच में गंगई घाट पर दर्ज प्रकरण को छोड़कर अवैध उत्खनन संचालित नहीं पाया गया है। अवैध उत्खनन करते हुए कोई व्यक्ति नहीं पाया गया। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता है। (घ) प्रश्नाधीन खदानों से गंगई घाट में ग्राम गंगई से 02 पोकलेन मशीन एवं 01 डम्फर दिनांक 17.01.2019 को जप्त किये गये थे। उक्त अवैध उत्खनन में जप्त 02 पोकलेन जो कि, एक की अवैध उत्खनन प्रकरण में जप्त की गई थी, पर संयुक्त रूप से 1, 60, 000/- रूपये अर्थदण्ड किया गया था तथा डम्फर पर 1.74 लाख रूपये अर्थदण्ड किया गया था। (ड.) उक्त खदानों में अवैध उत्खनन रोकने हेतु समय-समय पर पुलिस, राजस्व एवं खनिज विभाग द्वारा जांच की जा रही है। वर्तमान में कलेक्टर, नरसिंहपुर द्वारा पुलिस, राजस्व एवं खनिज विभाग का तहसील गोटेगांव में जांच हेतु संयुक्त उड़नदस्ता गठित किया गया है।
जंगली जानवर की मृत्यु एवं सुरक्षा
[वन]
195. ( क्र. 2006 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में नौरादेही अभ्यारण के अलावा जंगली जानवर शेर, हाथी, तेंदुआ, हिरन, बारासिंगा, चीतल, सुअर, लकड़बग्घा, तीतर वटेर, मगर एवं जंगल में रहने वाले अन्य प्राणियों की वनमंडल अनुसार संख्या बतावें? (ख) क्या विगत दिनों तहसील नरसिंहपुर में एन.एच. 26 पर तीन तेंदुओं की मृत्यु हुई थी? तेंदुओं की मृत्यु के क्या कारण है? जानकारी देवें। तेंदुओं की मृत्यु कब कब कितने समय हुई है? जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या ऐसे मृत तेदुओं के पोस्ट मार्टम किये जाते है? यदि हाँ, तो उक्त तेंदुओं के पोस्ट मार्टम में मृत्यु के क्या-क्या कारण बताये गये? (घ) वन्य प्राणियों की सुरक्षा एवं ऐक्सीडेन्ट से मृत्यु रोकने हेतु क्या-क्या उपाय वन विभाग कर रहा है? (ड.) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिये गये पत्र दिनांक 24/10/19 को वन विभाग जिला नरसिंहपुर दिये पत्र पर क्या कार्यवाही की गई?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) वर्ष 2018 में आयोजित अखिल भारतीय वन्यप्राणी गणना के वन मंडलवार आंकलन की घोषणा भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून द्वारा नहीं की गई है। (ख) जी हाँ। तेंदुओं का अज्ञात वाहन की टक्कर से मृत्यु होना पाया गया है। तीनों तेंदुओं की मृत्यु का दिनांक एवं आंकलित समय निम्नानुसार है :-
क्र. |
मृत्यु दिनांक |
मृत्यु समय |
1 |
04.08.2019 |
06:00 बजे प्रात: |
2 |
21.08.2019 |
08:00 बजे रात्रि |
3 |
20.10.2019 |
10:12 बजे रात्रि |
(ग) जी हाँ। पशु चिकित्सकों द्वारा किये गये तेन्दुओं के पोस्ट मार्टम अनुसार मृत्यु का कारण आंतरिक रक्तस्त्राव, आंतरिक चोट एवं अंगों का निपात (collapse) होना बताया गया है। (घ) वन विभाग द्वारा वन्यप्राणियों की सुरक्षा एवं दुर्घटना से मृत्यु रोकने हेतु किये उपाय में मुख्यत: प्रभावित क्षेत्र में स्पीड ब्रेकर लगाये गये हैं तथा मार्ग के दोनों ओर चेन लिंक फेंसिंग हेतु रूपये 20.00 लाख स्वीकृत किये गये हैं। कर्मचारियों द्वारा सतत् गश्ती की जा रही है। वन्यप्राणियों की सुरक्षा एवं एक्सीडेंट से मृत्यु रोकने हेतु भारतीय वन्यजीव संस्थान, NTCA, केन्द्रीय वन मंत्रालय तथा NHAI द्वारा आवश्यक मेटीगेशन मेजर्स के मानक मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं, जो ईको फेंडली मेजर्स टू मेटीगेट इम्पेक्ट ऑफ लीनियर इन्फ्रास्टेक्चर ऑन वाइल्ड लाइफ के रूप में पूरे देश में लागू किये जाने हैं। प्रदेश के सभी क्षेत्रीय अमले को इसकी प्रति प्रेषित कर मापदण्डों का अक्षरश: पालन कराने के लिये प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन्यप्राणी) को जुलाई में लेख किया गया था, जिस पर शीघ्र कार्यवाही अपेक्षित है। (ड.) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिये गये पत्र दिनांक 24.10.2019 पर वनमंडलाधिकारी, नरसिंहपुर वनमंडल द्वारा पत्र क्रमांक/स्टेनो/6136, दिनांक 30.11.2019 द्वारा चाही गई जानकारी से माननीय विधायक महोदय नरसिंहपुर को अवगत कराया गया है।
शासकीय परिसर में निजी कार्यक्रम संचालन करने से कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
196. ( क्र. 2009 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 719 दिनांक 16.09.2019 से राजगढ़ जिले के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल कुरावर में बिना अनुमति एवं शालेय समय में शाला परिसर में निजी कार्यक्रम आयोजित होने से संबंधित दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु आयुक्त संचालनालय लोक शिक्षण मध्यप्रदेश भोपाल को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या नियम विरूद्ध बिना किसी सक्षम अनुमति के शासकीय शाला परिसर में निजी कार्यक्रम आयोजनकर्ताओं के विरूद्ध विभाग द्वारा कोई कार्यवाही हेतु वरिष्ठालय अथवा जिला कलेक्टर को संज्ञान में लाया गया? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई पत्रों की छायाप्रति सहित बतावें? यदि नहीं, तो क्यों एवं नियमानुसार कार्यवाही न करने के लिये कौन दोषी है? क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 720 दिनांक 16.09.2019 से उक्त संबंध में कार्यवाही हेतु कलेक्टर जिला राजगढ़ को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई, बतावें? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार संबंधित दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया है कि शाला परिसर में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन मध्यावकाश के समय किया गया तथा इससे छात्र-छात्राओं का शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं हुआ। कार्यक्रम के लिए अध्ययन-अध्यापन का कार्य प्रभावित नहीं हुआ। अतः किसी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। (ख) कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्रीजी की उपस्थिति थी। ऐसी स्थिति में वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला था। अतएव किसी कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के अनुसार किसी प्रकार की कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है।
सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों की अवहेलना
[नगरीय विकास एवं आवास]
197. ( क्र. 2010 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 भोपाल दिनांक 19 जुलाई, 2019 एवं पूर्ववर्ती आदेशों के अनुसार माननीय संसद सदस्यों एवं विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही तथा शासकीय कार्यक्रमों में आमंत्रित करने के संबंध में समुचित निर्देश जारी किये गये है। तथा उक्त निर्देशों को पालन कडाई से न किये जाने पर आचरण व सेवा नियमों के अधीन अवचार समक्ष जाकर अनुशासनात्मक कार्यवाही का लेख है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्देश राजगढ़ जिले की नगर पालिका नरसिंहगढ़ पर अक्षरश: लागू होते है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 786 दिनांक 5.10.19, पत्र क्रमांक 783 दिनांक 04.10.19 तथा पत्र क्रमांक 887 दिनांक 07.11.19 से नगर पालिका नरसिंहगढ़ में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मियों एवं प्रधानमंत्री आवास तथा आवसीय पट्टों के संबंध में जानकारी चाही गई थी? यदि हाँ, तो क्या पत्र दिनांक से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता को न तो पत्रों की अभिस्वीकृति और न ही पत्रानुसार जानकारी उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो क्या सक्षम अधिकारी का यह कृत्य कदाचरण होकर अवचार की श्रेणी में आता है? क्या शासन उक्त वर्णित निर्देशों की अवहेलना करने वाले मुख्य नगर पालिका अधिकारी की संचयी प्रभाव से दो वेतनवृद्धि रोकने की शस्ति आरोपित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। नगर पालिका, राजगढ़ के पत्र क्रमांक 4691, दिनांक 11.10.2019 तथा पत्र क्रमांक 4983, दिनांक 05.11.2019 द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई है। शेषांश प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हाई स्कूल के रिक्त पदों को पोर्टल पर नहीं दर्शाना
[स्कूल शिक्षा]
198. ( क्र. 2013 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के हाई स्कूलों में शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के लिए कितने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई है? संस्थावार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं में प्रश्न दिनांक तक नियुक्त अतिथि शिक्षकों में से कितने अतिथि शिक्षकों ने संस्थाओं में उपस्थिति दर्ज नहीं कराई गई है? ऐसी संस्थावार अनुपस्थित अतिथि शिक्षकों का नाम बताऐं। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित में अनुपस्थित अतिथि शिक्षकों की संस्थाओ के लिए क्या पोर्टल पर रिक्त पद दर्शाए दिए गए है? यदि नहीं, तो क्यों? हाई स्कूल सिमरोल शू. में अतिथि शिक्षक के रिक्त पदों को पोर्टल पर क्यों नहीं दर्शाया जा रहा है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शाजापुर जिले में संचालित 50 शासकीय हाई स्कूलों में शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के लिये 116 अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था है। संस्थावार सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं में से प्रश्न दिनांक तक केवल एक संस्था शासकीय हाई स्कूल सिमरोल शु में केवल 01 अतिथि शिक्षक (विषय सामाजिक विज्ञान) श्री ईरशाद खान ने विवाद की स्थिति के कारण उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है। (ग) जिले में केवल एक हाई स्कूल सिमरोल शु. में ही अतिथि शिक्षक अनुपस्थित रहा है। वर्तमान में हाई स्कूल सिमरोल शु. में प्रशासनिक स्थानांतरण से श्री हरिनारायण परमार मा. शिक्षक सामाजिक विज्ञान के पद पर दिनांक 02.12.2019 को उपस्थित हो गये है और संस्था में सामाजिक विज्ञान का पद रिक्त नहीं है। अत: पोर्टल पर पद रिक्त दर्शाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
भवन विहीन हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल
[स्कूल शिक्षा]
199. ( क्र. 2014 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में कुल कितने हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूल है जो भवन विहीन है? सूची देवें। (ख) क्या शुजालपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम भ्याना जादोपुर के हाई स्कूल एवं ग्राम हडलाय कलां के हायर सेकेण्ड्री स्कूल तथा मो. बडोदिया विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम केवडा खेडी एवं सिमरोल शु. के हाई स्कूल के भवन निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) शाजापुर जिलें में कुल 23 हाई स्कूल एवं 9 हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित हैं। स्कूलों की सूची क्रमश: संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' एवं 'दो' पर है। (ख) प्रश्नाधीन स्कूलों हेतु भवन निर्माण बजट की उपलब्धता पर निर्भर करता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गुरूजी संवर्ग के शिक्षकों को वरिष्ठता का लाभ दिया जाना
[स्कूल शिक्षा]
200. ( क्र. 2015 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1997 से मध्यप्रदेश में गुरूजी संवर्ग से भर्ती हुये शिक्षक वर्तमान में संविदा शिक्षक के पद पर प्राथमिक शिक्षक, सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ है, जिस पर इनकी सेवा नियुक्ति दिनांक से अभी तक निरन्तर है। (ख) क्या गुरूजी संवर्ग को अन्य शिक्षक संवर्ग की भांति नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का लाभ दिया जा रहा है, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, शासन के प्रावधान अनुसार वरिष्ठता का लाभ दिया जा रहा है।
शिक्षकों के स्वत्वों का भुगतान की जानकारी
[स्कूल शिक्षा]
201. ( क्र. 2016 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला शिक्षा अधिकारी जिला विदिशा द्वारा आदेश क्रमांक/शिक्षक प्रकरण/निराकरण/2019/ 34-74 विदिशा दिनांक 30.08.2019 के द्वारा शिक्षक दिवस के पूर्व सहायक शिक्षकों/शिक्षकों/ सेवानिवृत्त शिक्षकों की समस्याओं/प्रकरण/स्वत्व निराकरण करने बाबत् समस्त विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन विकासखण्डों में किन-किन शिक्षकों के समस्त स्वत्वों का भुगतान/प्रकरणों का निराकरण किया गया है एवं किन-किन शिक्षकों के स्वत्व प्रकरणों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है? इसके लिए दोषी कौन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन शिक्षकों को उनके स्वत्वों का भुगतान/प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया है? उसके लिए दोषी कौन-कौन है एवं लंबित स्वत्वों का भुगतान/लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक करवा दिया जावेगा? जिन शिक्षकों के स्वत्वों/प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया है? उनके नाम, स्थान सहित विकासखण्डवार जानकारी दें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। प्रकरणों के निराकरण में बजट की उपलब्धता वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के सॉफ्टवेयर में समय-समय पर तकनीकी समस्या के अलावा प्रक्रियागत समय लगने के कारण विलंब हुआ है इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में कोई दोषी नहीं है। लंबित प्रकरण/स्वत्वों का निराकरण यथाशीघ्र किया जायेगा। यह एक सतत प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 में निहित है।
वन विभाग के कार्यों की जानकारी
[वन]
202. ( क्र. 2018 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा वन मण्डल के अंतर्गत वन विभाग के क्षेत्राधिकार की भूमि का परिक्षेत्रवार कितना क्षेत्रफल है? परिक्षेत्रवार जानकारी दें। वन निगम द्वारा कितने क्षेत्रफल पर कार्य किया जा रहा है? परिक्षेत्रवार जानकारी दें। विभाग द्वारा अप्रैल 2014 से क्या-क्या कार्य किये गये हैं? परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु शासन/विभाग से वर्षवार कितना-कितना बजट किन-किन कार्यों हेतु वन मंडल/वन विकास निगम को प्राप्त हुआ है? वर्षवार किन-किन कार्यों पर क्या-क्या व्यय हुआ है? प्राप्त बजट से वर्षवार कितने कार्य पूर्ण हुए? कितने अपूर्ण रहे? परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में शासन/विभाग के माध्यम से तथा विभागीय सामाजिक वानिकी एवं सामान्य वन मण्डल के माध्यम से अथवा अन्य माध्यमों से कितने कार्य हुए हैं? वर्षवार व परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। उक्त अवधि में किये गये कार्यों के क्या परिणाम आये? परिक्षेत्रवार जानकारी दें। (घ) क्या दिनांक 1 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक उप वन मण्डल सिरोंज में निर्माण कार्य/विकास कार्यों का विभाग द्वारा किसी जनप्रतिनिधि से भूमि पूजन/लोकार्पण कार्य संपन्न कराया गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। क्या भूमि पूजन/लोकार्पण जनप्रतिनिधि से कराये जाने के प्रावधान/निर्देश हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्यों नहीं कराये गये? बतावें।
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) विदिशा वनमंडल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वन विकास निगम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विभाग द्वारा बीटवार अप्रैल 2014 से कराये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) विदिशा वनमंडल को केन्द्र प्रवर्तित योजना अन्तर्गत कोई आवंटन प्राप्त नहीं हुआ। राज्य की योजनाओं से प्राप्त बजट आवंटन तथा कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। वन विकास निगम को केन्द्र/राज्य की योजनाओं के अन्तर्गत कोई बजट प्राप्त नहीं हुआ, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वन विभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। वन विकास निगम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (घ) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विभागीय कार्यों के भूमिपूजन/लोकार्पण जन प्रतिनिधियों से कराये जाने का पृथक से कोई निर्देश नहीं है, अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जिले में आयोजित शासकीय कार्यक्रमों तथा शिलान्यास उद्घाटन आदि में क्षेत्र के माननीय सांसदों तथा विधायकों को आमंत्रित करने तथा यदि शिलालेख लगाया जाए तो एसी शिलाओं में उनके नाम अनिवार्य रूप से अंकित किए जाने संबंधी जो निर्देश है, उनका विभाग द्वारा कड़ाई से पालन किया जा रहा है।
पंधाना में मुख्यमंत्री पेयजल आवर्धन योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
203. ( क्र. 2019 ) श्री राम दांगोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत नगर पंधाना में मुख्यमंत्री पेयजल आवर्धन योजना का टेंडर का मूल्य क्या था एवं कितने समय में पूरी हो जाना था? क्या यह योजना टेंडर की शर्तों के अनुसार पूर्ण हो चुकी है? (ख) क्या पंधाना नगर में (सुक्ता डेम) भगवंत सागर के जलाशय का पानी बंट रहा है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? हुडको के लोन का ब्याज 2, 85, 000 रुपए लगभग हर महीने कौन भर रहा है? ठेकेदार या नगर परिषद? यदि नगर परिषद भर रही है तो क्यों और ठेकेदार क्यों नहीं भर रहा है? (ग) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा नगर परिषद पंधाना को भगवंत सागर जलाशय से पानी लेने की स्वीकृति दे दी गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) नगर परिषद पंधाना की मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना अंतर्गत स्वीकृत जलप्रदाय योजना की निविदा लागत राशि रू 12.25 करोड़ है। निविदा के अनुसार कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 12 माह थी। जी नहीं, यह योजना अभी पूर्ण नहीं हुई है। (ख) जी नहीं। भगवन्त सागर (सुक्ता डेम) पर वर्तमान में इंटेक वेल का निर्माण नहीं हुआ है। जल संसाधन विभाग से इंटेकवेल निर्माण की अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। योजना में हुडकों से ऋण के अनुबन्ध अनुसार निकाय द्वारा त्रैमासिक ब्याज राशि रू 3, 75, 263/- भुगतान की जा रही है। योजना की वित्तीय व्यवस्था के अनुसार किश्त नगर परिषद को ही भरनी है। (ग) जी हाँ। जल संसाधन विभाग द्वारा भगवन्त सागर जलाशय से 0.916 मि.घ.मी. वार्षिक जल लेने की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है।
नगर परिषद पंधाना में निर्माण कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
204. ( क्र. 2020 ) श्री राम दांगोरे : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत नगर परिषद पंधाना में कितने सामुदायिक टीन शेड किस लागत में कहाँ-कहाँ बन रहे हैं? क्या इन टीन शेडों का मूल्य 2, 14, 714 रुपए हैं जिसमें मात्र 450 स्क्वायर फीट का चबूतरा 5 टीन के शेड से बन रहा है। (ख) क्या यह मूल्य ज्यादा नहीं है? जबकि गांवो में मात्र 1, 50, 000 रुपये में छत सीसी के प्रधानमंत्री आवास बन रहे हैं। (ग) क्या पंधाना नगर परिषद क्षेत्र में लगाए गए 8 स्वागत द्वार का वास्तविक मूल्य एवं खरीद मूल्य का परीक्षण विभाग द्वारा किया गया है? (घ) क्या नगर परिषद पंधाना के प्रश्नांश (क) एवं (ग) में वर्णित समस्त कार्यों की स्वीकृति पी.आई.सी. से ली हुई है? यदि हाँ, तो समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करें यदि नहीं, तो इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पंधाना अंतर्गत नगर परिषद पंधाना में वार्ड क्र. 15 कुण्डिया शमशान घाट में एक टीन शेड चबूतरे का निर्माण किया जा रहा है। इसकी अनुमानित राशि रू. 2, 14, 714/- है, प्रत्येक शेड के चबूतरे का क्षेत्रफल 525 वर्गफीट एवं प्रत्येक टिन शेड पर 12 फीट व 4 फीट आकार की 12 टीन डाली गई है। (ख) जी नहीं। एम.पी.यू.ए.डी.डी.आई.एस.एस.आर. 2012 की दरों पर निविदा आमंत्रण कर कार्य करवाया गया है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। विगत 03 वर्षों की पी.आई.सी. बैठकों के संकल्पों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पौधारोपण एवं रख-रखाव
[वन]
205. ( क्र. 2021 ) श्री मनोज चावला : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वन भूमि कितनी है तथा पिछले 05 वर्षों में वर्षवार लगाए गए पौधे उन पर हुआ कुल खर्च तथा जनवरी 2019 की स्थिति में जीवित पौधों की संख्या कितनी है? उक्त वर्षों में पौधारोपण में किसी प्रकार की अनियमितता की विभागीय जांच हुई हो तो जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (ख) वर्ष 2014 से 2018 तक का बजट राशि का प्रावधान तथा वास्तविक खर्च कितना है तथा उक्त वर्षों में पौधारोपण तथा रख-रखाव पर किया गया खर्च वेतन भत्तों पर किए गए खर्च को घटाकर शेष बजट राशि का कितना प्रतिशत है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में है। वर्ष 2015 में परिक्षेत्र सैलाना अन्तर्गत कक्ष क्रमांक पी-155 में पौधारोपण में अनियमितता का जांच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में है। अन्य पौधारोपणों की विस्तृत जांच कराई जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में है।
नगर परिषद क्षेत्र कोलारस में पेय जलावर्धन योजना
[नगरीय विकास एवं आवास]
206. ( क्र. 2024 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नगर परिषद कोलारस में पेय जलावर्धन योजना स्वीकृत है? यदि हाँ, तो उक्त योजना के निर्माण की क्या लागत है? क्या पेय जलावर्धन योजना के क्रियान्वयन हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण होकर कार्य प्रारंभ हो चुका है? यदि हाँ, तो कार्य कब प्रारंभ हुआ तथा वर्तमान में कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है तथा निविदा शर्तों के अनुसार उक्त कार्य पूर्ण करने की अंतिम अवधि क्या निर्धारित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कोलारस नगर हेतु स्वीकृत पेय जलावर्धन योजना के तहत नगर में पेयजल उपलब्ध कराएं जाने हेतु कौन-कौन से मुख्य कार्य किए जाने हैं? उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं तथा कौन-कौन से कार्य अभी किए जाने शेष हैं? वे शेष कार्य पूर्ण करने में अभी कितना समय लगेगा तथा कोलारस नगर के आम जन को कब तक पेयजल उपलब्ध हो सकेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जलप्रदाय योजना की निर्माण लागत स्वीकृत निविदा अनुसार राशि रू 1691.82 लाख रूपये है। जी हाँ। कार्य दिनांक 03.07.2017 को प्रारंभ हुआ तथा वर्तमान में कार्य सौ प्रतिशत पूर्ण हो गया है। कार्यादेश के अनुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 05.06.2019 है। (ख) स्वीकृत पेयजल आर्वधन योजना के मुख्य कार्य बैराज निर्माण, इंटेकवेल निर्माण, फिल्टर प्लांट, तीन नग ओवरहेड टेंक निर्माण, रॉ वाटर पाइप लाइन, क्लीयर वाटर फीडरमेन पाइप लाइन एवं जल वितरण नलिकाएं घटकों का कार्य है। योजना के समस्त कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। कोई कार्य पूर्ण होना शेष नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। आम नागरिकों को योजना से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
कन्या विवाह की जानकारी प्रदाय किया जाना
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
207. ( क्र. 2027 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड रीवा, सिरमौर एवं रायपुर कर्चु में कितने कन्या विवाह कराये गये हैं? सभी के नाम, पता ग्रामवार, विकासखण्डवार विस्तृत विवरण सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में जो कन्या विवाह कराये गये हैं उन्हें कितनी राशि का भुगतान किया गया है? संबंधित का नाम एवं पता के विवरण विकासखण्डवार देवें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) रीवां जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड रीवा, सिरमौर एवं रायपुर कर्चुलियान में वर्ष 2017-18 में 148 जोडे एवं वर्ष 2018-19 में 155 जोडों का विवाह सम्पन्न कराया गया है। विकासखण्डवार, ग्राम पंचायतवार नाम सहित सूची नाम पता सहित सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में भुगतान की गई राशि, नाम, पता सहित विवरण विकासखण्डवार एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नगर पंचायत सेमरिया में शंकर जी तालाब का जीर्णोद्धार
[नगरीय विकास एवं आवास]
208. ( क्र. 2028 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत नगर पंचायत सेमरिया में प्रसिद्ध ऐतिहासिक शंकर जी तालाब है। इस तालाब की मेढ़ पर शंकर जी एवं बॉके बिहारी जी का मंदिर है, इस क्षेत्र का जन आस्था का केन्द्र के साथ-साथ बस्ती एवं बाजार के बीच में स्थित होने के कारण इस तालाब से आम लोगों का निस्तार भी होता है। क्या सरकार इस ऐतिहासिक जन आस्था के केन्द्र शंकर जी तालाब का जीर्णोद्धार कार्य करायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सरकार कब तक तालाब के जीर्णोद्धार हेतु राशि स्वीकृत कर समग्र विकास के कार्य करायेगी बतावें?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। वर्ष 2017-18 में निकाय को राशि रू. 50.00 लाख प्रदान की गई थी, जिससे शंकरजी तालाब की पूर्व मेढ पर रिटेनिंग वॉल का निर्माण कराया गया है। निकाय से इस संबंध में प्रस्ताव प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण
[स्कूल शिक्षा]
209. ( क्र. 2031 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी बालाघाट के पत्र क्रमांक 3681 दिनांक 17.07.2019 एवं कार्यक्रम जिला बालाघाट के पत्र क्रमांक 4061/वि.लि.1/2019 दिनांक 13.08.2019 एवं पत्र क्र./ वि.लि.-1/2019/4469 दिनांक 05.09.2019 द्वारा शक्ति नगपुरे पुत्र स्व. श्री मंगल नगपुरे जिला बालाघाट के अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरण पर आदेश जारी करने हेतु प्रस्ताव संयुक्त संचालक, स्कूल शिक्षा, जबलपुर को प्रेषित किया? उक्त प्रस्ताव पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र. शासन का पत्र क्र. 1123/1803/2019/1/3 भोपाल दिनांक 01.10.2019 को प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को अनुकम्पा नियुक्ति हेतु निर्देश दिये थे? प्रश्नांश (क) में वर्णित अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या कार्यालय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर का ज्ञापन क्रमांक/स्था.4/2019/ 2803 जबलपुर दिनांक 25.10.2019 पत्र के माध्यम से आवेदक से सहमति एवं हलफनामा प्रस्तुत किये जाने के लिये लिखा था? जिस पर आवेदक द्वारा हलफनामा प्रस्तुत किये जाने के लिये लिखा था? आवेदक द्वारा हलफनामा देने के बाद भी प्रश्न दिनांक तक आदेश जारी नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? क्या प्रकरण लंबित रखने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित शासन/प्रशासन के निर्देशों का पालन न करने वाले संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर के आदेश क्रमांक/स्था-4/लिपिक/अनु.नियु 2019/4142, जबलपुर, दिनांक 30.11.2019 द्वारा श्री शक्ति सिंह नगपुरे पुत्र स्व. श्री मंगल सिंह नगपुरे को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है। (ख) संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर के आदेश क्रमांक/स्था-4/लिपिक/ अनु.नियु 2019/4142, जबलपुर, दिनांक 30.11.2019 द्वारा श्री शक्ति सिंह नगपुरे पुत्र स्व. श्री मंगल सिंह नगपुरे को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है। (ग) जी हाँ। आवेदक द्वारा हलफनामा कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जिला बालाघाट के पत्र क्रमांक अनु.नियु/2019/5906, बालाघाट, दिनांक 29.10.2019 के माध्यम से प्रस्तुत कर, जो संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर कार्यालय में दिनांक 04.11.2019 को प्राप्त हुआ। आवेदक द्वारा प्रस्तुत हलफनामा के अनुक्रम में नियुक्ति आदेश जारी किया गया। अतः शेषांश का पश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रकरण का निराकरण किया जा चुका है अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उच्चतर शा.मा. विद्यालयों का रिजल्ट
[स्कूल शिक्षा]
210. ( क्र. 2032 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में कार्यरत किन-किन शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का वर्ष 18-19 का रिजल्ट 30 प्रतिशत से कम रहा? उनके नाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित विद्यालयों के शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने के लिये कब-कब अवसर दिये गये एवं इस संबंध में ली गई परीक्षा में फेल एवं पास शिक्षकों के नाम बताये जायें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विद्यालयों का रिजल्ट 30 प्रतिशत से कम होने का शिक्षकों के अलावा भी कोई कारण है? यदि है तो उनको दूर करने के क्या उपाय किये जा रहे है?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) भोपाल जिले की 02 शासकीय शालाओं हाई स्कूल बागउमराव दुल्हा एवं शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल नजीराबाद का परीक्षा परीणाम 30 प्रतिशत से कम रहा। (ख) शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने हेतु समय-सीमा पर प्रशिक्षण आयोजित किये जाते है। खराब परीक्षा परिणाम वाली शालाओं एवं केचमेंट की शालाओं के शिक्षकों की दक्षताओं के आंकलन हेतु दिनांक 12.6.2019 को परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 13 शिक्षक उपस्थित थे, जिनमें से 08 शिक्षकों द्वारा 50 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये गये थे। 50 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त शिक्षकों की दक्षता वृध्दि हेतु डाईट में जुलाई से सितम्बर के मध्य विषयवार प्रशिक्षण दिया गया था, तदुपरांत पुनः दिनांक 14.10.19 को इन शिक्षकों की परीक्षा ली गई। परीक्षा परीणाम संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) विद्यालयों का परीक्षा परिणाम कम होने का एक कारण विषयमान से शिक्षकों की उपलब्धता न होना, इस समस्या को दूर करने हेतु शासन द्वारा शिक्षकों की भर्ती की जा रही है।
गायत्री गृह निर्माण सहकारी संस्था
[नगरीय विकास एवं आवास]
211. ( क्र. 2033 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्र दिनांक 1145 दिनांक 13.11.19 प्राप्त होने के बाद संचालक नगर तथा ग्राम निवेश मध्य प्रदेश द्वारा गायत्री नगर का अभिन्यास निरस्त किये जाने की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) की अनुमति कार्यालय कलेक्टर भोपाल के आदेश दिनांक 21.05.1990 द्वारा कालोनाइजर लाइसेंस निरस्ती के बाद, गायत्री गृह निर्माण सहकारी संस्था के पदाधिकारियों द्वारा छल पूर्वक नगर एवं ग्राम निवेश के भोपाल जिला कार्यालय से दिनांक 08.06.19 अभिन्यास प्राप्त करने की कार्यवाही के विरूद्ध पुलिस में रिपोर्ट क्यों नहीं की गई? इसके लिये दोषी व्यक्तियों के नाम बताये जायें। (ग) क्या नगर तथा ग्राम निवेश के जिला कार्यालय भोपाल के अभिन्यास अनुमति के बाद में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित संस्था ने भू-खण्डों का रजिस्ट्रीकरण अवैध कालोनियों का निर्माण, किया? यदि हाँ, तो क्या भूखण्डों की रजिस्ट्री निरस्तीकरण करने की घोषणा सरकार करेगी?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) गायत्री गृह निर्माण सहकारी संस्था के पदाधिकारियों के द्वारा छल पूर्वक दिनांक 08/06/2019 को कोई अभिन्यास प्राप्त नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
CAMPA केम्पा Act 16, के अंतर्गत फंड का उपयोग
[वन]
212. ( क्र. 2034 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केम्पा फंड का मण्डला जिले में प्रावधानों के अनुरूप कार्य हुआ है? यदि हाँ, तो उसका कार्य विवरण एवं राशि, किन समितियों या एजेंसियों के माध्यम से कहाँ व कितना कार्य किस उदे्दश्य से हुआ एवं वहाँ कितना खर्चा हुआ? (ख) यदि इस राशि का उपयोग प्रावधानों के अनुरूप न होकर दुरूपयोग हुआ है तो क्या संबंधित अधिकारियों, समितियों या एजेंसियों के विरूद्ध कोई जांच या कार्यवाही हुई? (ग) यदि नहीं, तो क्या केम्पा एक्ट 2016 के प्रावधान उद्देश्य, जिसमें जंगल क्षेत्र के निवासियों जिसमें (80% आदिवासी) एवं जगलों के बीच की सहजीविता का उल्लंघन नहीं हुआ?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) से (ग) इस प्रश्न के बिन्दुओं की गहन जांच कराई जा रही है।
विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
213. ( क्र. 2038 ) श्री जजपाल सिंह : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग जिला अशोकनगर में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित है? योजनाओं का नाम एवं पात्रता हेतु निर्धारित मापदण्ड बतलावें। इन योजनाओं से अप्रैल, 2018 से आज दिनांक तक कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? संस्था एवं नाम स्पष्ट करें। (ख) विधानसभा क्षेत्र अशोकनगर में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा अप्रैल 2018 से आज दिनांक तक कितने नि:शक्तजनों को उपकरण प्रदाय किये गये? यदि हाँ, तो पृथक-पृथक उपकरण अनुसार लाभार्थियों के नामों की सूची प्रदान करें।
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
पशुधन संजीवनी योजना का क्रियान्वयन
[पशुपालन]
214. ( क्र. 2039 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 1962 पशुधन संजीवनी घर पहुँच पशु उपचार योजना अन्तर्गत रोगी पशुओं के उपचार पर एक सौ रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो यदि रोगी पशु मालिक के घर पहुँचने के बाद, उक्त पशु मालिक निर्धारित शुल्क भुगतान नहीं करे अथवा असमर्थ हो, तब की स्थिति में उपचार दल को बिना उपचार किये लौट आना है अथवा नहीं? स्थिति स्पष्ट करें। (ग) क्या विकासखण्ड स्तर पर पशु चिकित्सालयों में गठित रोगी पशु कल्याण समितियां भी मेडिकल की भांति स्वतंत्र समिति एवं म.प्र. सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 (सन् 1973 का क्र. 044) के अधीन पंजीकृत हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? औचित्य बतायें। (घ) रीवा एवं शहडोल संभाग के जिला मुख्यालयों पर स्थित विकासखण्डों में किन-किन पशु चिकित्सालयों का चयन विकासखण्ड स्तरीय पशु चिकित्सालय के रूप में किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) उपचार दल रोगी पशु का उपचार करेगा तथा पशु मालिक को अवगत कराएगा कि योजना सशुल्क है एवं पशुपालक को परामर्श दिया जाएगा कि भविष्य में सेवा प्राप्त करने हेतु निर्धारित शुल्क देना होगा। (ग) जी नहीं। संशोधित जिला पशु कल्याण समिति नियमावली 2006 के बिन्दु क्रमांक ''त'' के अनुसार ''शासी निकाय जिले की अन्य संस्थाएं के लिए आवश्यकता होने पर शाखा समितियों का गठन कर सकेगा जो शासी निकाय के मार्ग दर्शन एवं निर्देशन में कार्य कर सकेंगे।'' (घ) रीवा एवं शहडोल संभाग के जिला मुख्यालयों पर स्थित विकासखण्डों में किसी भी पशु चिकित्सालय का चयन विकास खण्ड स्तरीय पशु चिकित्सालय के रूप में नहीं किया गया है।
स्वीकृत मार्गों के लंबित प्रकरणों का निपटारा न होना
[वन]
215. ( क्र. 2040 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिला अन्तर्गत दक्षिण वन मंडल ने वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अन्तर्गत मॉग अनुसार कितनी-कितनी धनराशि किस-किस मार्ग के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा कब-कब जमा की गई है? (ख) क्या प्रश्नाधीन सड़कों के निर्माण कराने हेतु जमा की गई राशि अनुसार मार्ग निर्माण कराने की अनापत्ति/स्वीकृति/सहमति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कब दी गई और यदि नहीं, तो क्यों नहीं दी गई? विलम्ब के लिए कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नाधीन मार्गों के निर्माण कराने की अनापत्ति/स्वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 में दर्शाये अनुक्रमांक 1 से 4 की सड़कों की स्वीकृति का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। मलमाथर से खांड़ मार्ग में लोक निर्माण विभाग द्वारा वनाधिकार अधिनियम, 2006 के तहत कलेक्टर, शहडोल का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है। यह प्रमाण-पत्र प्राप्त होने पर स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी। (ग) लोक निर्माण विभाग द्वारा मलमाथर से खंड़ मार्ग के निर्माण हेतु वनाधिकार अधिनियम, 2006 के तहत कलेक्टर शहडोल का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर देने के उपरान्त वन मण्डल अधिकारी दक्षिण शहडोल द्वारा इसकी स्वीकृति जारी की जावेगी।
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
[नगरीय विकास एवं आवास]
216. ( क्र. 2046 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषदों में कार्यरत कुशल, अकुशल एवं अर्द्धकुशल दैनिक वेतनभोगी जिन्हें विनियमित नहीं किया गया है क्या उन्हें कांग्रेस पार्टी के वचन पत्र अनुसार नियमित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) जिला आगर-मालवा अन्तर्गत नगर पालिका आगर, नगर परिषद बडौद, कानड़ नलखेडा, सुसनेर में कितने वेतनभोगी कर्मचारी किस-किस दिनांक से कार्यरत है? निकायवार कर्मचारी के नामवार जानकारी देवे। (ग) जिला आगर मालवा अन्तर्गत नगर पालिका आगर, नगर परिषद कानड़, बडौद में से कितने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को विनयमित करने हेतु प्रस्ताव राज्य शासन को भेजे गए है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जी नहीं। क्योंकि म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र अनुसार दैनिक वेतन भोगियों का विनियमितीकरण उपरांत स्थायी कर्मियो को रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियमितीकरण का प्रावधान है। विभाग के पत्र क्रमांक एफ 4-134/2017/18-1 दिनांक 01 अगस्त, 2017 द्वारा समस्त नगरीय निकायों को निर्देशित किया गया है। नगरीय निकायों द्वारा कार्यवाही की जा रही है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। क्योंकि जिला चयन समिति द्वारा अनुमोदन किया जाता है।
अटल ट्रिंकल योजना का क्रियान्वयन
[स्कूल शिक्षा]
217. ( क्र. 2049 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटल ट्रिंकल लेब के स्वीकृति के क्या मापदण्ड हैं? जारी किये निर्देश की प्रति देवें तथा मध्यप्रदेश में 2016 से 2019 तक कितनी अटल ट्रिंकल लेब को स्वीकृति प्रदान हुई हैं? जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्न (क) के अनुसार लेब के उपकरण को क्रय करने के लिए कितने बजट का प्रावधान है तथा किस प्रक्रिया से उपकरणों का क्रय किया गया तथा किस मद से भुगतान किया गया? (ग) शाजापुर, बड़वानी, देवास, झाबुआ, इंदौर, खण्डवा जिले की किस-किस स्कूलों में अटल ट्रिंकल लेब को स्वीकृति मिली हैं तथा उक्त जिलों में किस दिन सामग्री को क्रय करने की विज्ञप्ति निकाली गई थी तथा किस दिन सामग्री को सप्लाई किया गया व किस दिन सामग्री का भुगतान किया गया, किस दर से कितनी मात्रा में कुल कितनी राशि का सामान का भुगतान किया गया, सामग्री को सप्लाई करने वाली फर्म का नाम, पता व जी.एस.टी. नं. व बिल की प्रति देवें। (घ) प्रश्न क्रमांक (ग) के अनुसार उक्त जिले के स्वीकृत स्कूलों में अटल ट्रिंकल लेब का सुचारू रूप से क्रियान्वयन हो रहा है? यदि नहीं, तो संबंधित व्यक्ति पर क्या कार्यवाही की गई व किस कारण से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है, शेष स्कूलों में कब तक नवीन अटल ट्रिंकल लेब का निर्माण किया जायेगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक एवं दो अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन कार्यवाही भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा जारी गाइड लाइन अनुसार कार्यवाही की जाती है। नीति आयोग भारत सरकार द्वारा राशि सीधे शाला को दी जाती है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन एवं चार अनुसार है। सामग्री जेम पोर्टल के माध्यम से शालाओं द्वारा क्रय की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। भारत सरकार से राशि प्राप्त होने की दशा में प्रयोगशाला की स्थापना की कार्यवाही स्कूलों द्वारा की जाती है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। राशि स्कूलों को प्राप्त होते ही प्रश्नाधीन कार्यवाही संबंधित स्कूलो द्वारा की जा सकेगी।
इंदौर-भोपाल बी.आर.टी.एस. में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
218. ( क्र. 2050 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1513, दिनांक 12/7/19 के उत्तर के संदर्भ में बतावें की सूची में दिए गए व्यक्तियों को किस प्रक्रिया के तहत कार्य पर रखा गया तथा उनका वेतन तय किया गया? किस नियम से 65 वर्षीय व्यक्ति को 1.21 लाख वेतन प्रतिमाह दिया जा रहा है? क्या चारों कंपनी के सारे कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर नये सिरे से योग्य कर्मचारी की भर्ती की जावेगी? पाटई बस कंपनी को इंदौर में गीता भवन शेड में जगह किस अनुसार नि:शुल्क या किराये से दी गई है? करोड़ों की बेशकीमती जमीन देने का क्या कारण है? अनुबंध की प्रति देवें। (ख) क्या BRTS इंदौर तथा भोपाल में प्रतिदिन यात्रियों की संख्या क्या कम है? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें। DPR की प्रति देवें तथा बतावें कि DPR में यात्री की संभावित संख्या का यदि उल्लेख नहीं है तो BRTS को स्वीकृति कैसे प्रदान की गई थी? DPR में यात्री संख्या का उल्लेख पाया गया तो गलत उत्तर देकर विधान सभा की अवमानना करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) BRTS की DPR में किस-किस कंसलटेंट कार्य के लिए कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया था तथा वास्तव में किस-किस कंसलटेंट से कितना भुगतान लिया गया? सूची देवें तथा बतावें कि DPR में प्रावधान के बिना कैसे कंसलटेंट नियुक्त कर भुगतान किया गया? DPR हेतु किसे कितना भुगतान किया गया है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1513, दिनांक 12/07/2019 के उत्तर के संदर्भ में भोपाल, इन्दौर, जबलपुर एवं उज्जैन शहरों की परिवहन कंपनियों एवं मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉ. लिमिटेड में नियुक्त किये गए व्यक्तियों हेतु प्रमुख समाचार पत्र में नियुक्ति हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित किया जाकर प्राप्त आवदनों का परीक्षण उपरांत वांछित जानकारी शैक्षणिक/अनुभव योग्यता में उत्तीर्ण होने के पश्चात् अर्हता पूर्ण आवेदको का कमेटी द्वारा लिये गये साक्षात्कार के उपरांत कार्य पर रखा गया तथा उनका वेतन निर्धारित किया गया। उक्त संपूर्ण प्रक्रिया का संबंधित परिवहन कंपनी के बोर्ड द्वारा अनुमोदन प्राप्त किया गया। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉ लिमिटेड में सेवानिवृत्त अधिकारियों की नियुक्ति, सेवानिवृत्ति उपरांत नियुक्ति हेतु प्रचलित नियमानुसार कर निदेशक मण्डल से अनुमोदन प्राप्त किया गया। वेतन का निर्धारण मंत्री परिषद् द्वारा अनुमोदित संरचना के अनुसार किया गया। वर्तमान में भोपाल, इन्दौर, जबलपुर एवं उज्जैन शहरों की परिवहन कंपनी एवं प्रदेश मेट्रो रेल कॉ लिमिटेड द्वारा 65 वर्ष की उम्र के किसी भी कर्मचारी को नियुक्त नहीं किया गया। जी नहीं। वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव प्रस्तावित नहीं है। अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (AICTSL) द्वारा पी.पी.पी. मॉडल (पब्लिक प्राईवेट पाटर्नशीप) एवं शासन की अमृत योजना के अंतर्गत निविदा के माध्यम से बस संचालक का चयन कर अनुबंध किया जाता है। पी.पी.पी. मॉडल एवं अमृत योजना में चार्टर्ड स्पीड प्रा.लि. को निविदा के माध्यम से चयन कर अनुबंध संपादित किया गया है। अनुबंध अनुसार नियुक्त बस संचालक को आवश्यक सुविधा बस डिपो, पार्किग, संचालन ऑफिस एस.पी.वी. की जिम्मेदारी होती है। स्थान उपयोग शुल्क कलेक्ट्रेट रेट प्रतिवर्ग/मीटर रू. 1, 97, 352 प्रतिमाह किराया (Rent) प्राप्त किया जाता है। संपादित अनुबंध की प्रति प्रदर्श की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'अनुसार है। (ख) जी नहीं। इंदौर तथा भोपाल बी.आर.टी.एस. में यात्रियों की संख्या कम नहीं है। डी.पी.आर. की प्रति संलग्न है। इंदौर तथा भोपाल में बी.आर.टी.एस. की डी.पी.आर. में यात्रियों की संख्या का उल्लेख से संबंधित कोई प्रावधान नहीं है। भोपाल एवं इंदौर बी.आर.टी.एस. की प्रारंभिक डीपीआर को केन्द्र शासन की क्रमश: 14th Central sanctioning and monitoring committee (CSMC) की बैठक दिनांक 10/11/2006 एवं 8th CSMC बैठक दिनांक 11/08/2006 को स्वीकृती प्रदान की गई थी। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। डीपीआर की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) बी.आर.टी.एस. इंदौर की डी.पी.आर. में स्वीकृत प्रोजेक्ट लागत में क्वालिटी कंट्रोल एवं कंसल्टेंसी सर्विस हेतु 4 प्रतिशत का प्रावधान रखा गया था। इस प्रोजेक्ट में कंसल्टेंट वार पृथक-पृथक राशि का प्रावधान नहीं रखा गया था। प्राधिकरण द्वारा बी.आर.टी.एस. इंदौर के अंतर्गत नियुक्त दो कंसल्टेंट को अद्यतन तक निम्नानुसार राशि का भुगतान किया गया है:- (1) में. टेक्नोजेम कंसल्टेंट, ठाणे मुंबई को राशि रू. 6, 92, 46, 827 (2) मे. मेहता एंड एसोसिएट्स इंदौर को राशि रू. 1, 49, 93, 640 बी.आर.टी.एस. कार्य के अंतिम देयक का निराकरण शेष तथा कंसल्टेंटस की फीस का संबंध ऊपर अंकित कार्य के अंतिम बिल से होने से कंसलटेंट्स की फीस की शेष राशि कार्य के अंतिम बिल के निराकरण के पश्चात् ही ज्ञात हो सकेगी। बी.आर.टी.एस. इंदौर के प्रोजेक्ट कार्य में प्रावधानित कंसल्टेंट के अतिरिक्त अन्य कोई कंसल्टेंट नियुक्त नहीं किये गये हैं तथा किसी प्रकार की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। बी.आर.टी.एस. इंदौर के कार्य की डी.पी.आर. हेतु राशि रूपये 10 लाख का भुगतान मेसर्स मेहता एण्ड एसोसिएट्स, इंदौर को किया गया। भोपाल बी.आर.टी.एस. की डी.पी.आर. में कंसलटेंट कार्य हेतु राशि की मात्रा प्रावधानित नहीं थी। डी.पी.आर. हेतु कोई भुगतान नहीं किया अपितु बी.आर.टी.एस. कॉंरीडोर के सुपर विजन एवं क्वालिटी कंट्रोल कार्य हेतु कंसलटेंट को किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स'अनुसार है।
स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन
[नगरीय विकास एवं आवास]
219. ( क्र. 2054 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन-किन क्षेत्रों में मिनी स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है एवं केन्द्र एवं प्रदेश द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी धनराशि योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रदान की गई है? (ख) मिनी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किन-किन विकास कार्यों पर यह धनराशि खर्च की जावेगी? इसकी प्रक्रिया क्या है? विकास एजेंडे में केन्द्र एवं राज्य सरकार की भूमिका क्या है? यदि धनराशि का दुरूपयोग हो रहा है तो इसकी मानिटरिंग कौन करेगा? (ग) जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में मिनी स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन कब से प्रस्तावित है एवं इस योजना के तहत क्या-क्या विकास कार्य प्रस्तावित हैं? उक्त क्षेत्र में मिनी स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या विकास किये गये एवं इसमें कितनी धन राशि व्यय की गई व योजना पूर्ण करने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) प्रदेश के 14 क्षेत्रों क्रमश: मैंहर, अमरकंटक, सीधी, सिंगरौली, चित्रकुट, मुंगावली, पन्ना, गुना, गंजबासौदा, शिवपुरी, ओरछा, दतिया, रतलाम तथा चंदिया में है। केन्द्र द्वारा कोई भी राशि प्रदाय नहीं की जा रही है। प्रदेश शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुछ धन राशि रूपये 27.54 करोड़ अनुदान के रूप में योजना के क्रियान्वयन हेतु मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी को प्रदान की गई है। (ख) मिनी स्मार्ट सिटी योजना के तहत प्रत्येक स्थानों के लिए अलग-अलग प्रकार के विकास कार्यों जैसे सड़क निर्माण, फुटपाथ, तालाब का सौन्दर्यीकरण इत्यादि स्वीकृत हुए हैं, इन स्वीकृत कार्यों पर यह धनराशि खर्च की जावेगी। निविदा के माध्यम से अनुबंधित निविदाकारों को कार्य संपादन के अनुसार म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा भुगतान की कार्यवाही की जाती है। मिनी स्मार्ट सिटी योजना के कार्यों में केन्द्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है। राज्य सरकार इस हेतु नगर परिषदों को लागत राशि का 20 प्रतिशत अनुदान एवं शेष ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराया जावेगा। कार्य के दौरान कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति तथा म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी व कंपनी के द्वारा इस हेतु विशेष रूप से नियुक्त परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पी.एम.सी.) द्वारा कार्यों के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग की जाती है। (ग) जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में अमरकंटक मिनी स्मार्ट सिटी योजना का क्रियान्वयन दिनांक 28-06-2018 से हो रहा है। इसके अंतर्गत क्रियान्वित किये जाने वाले कार्य संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इन विकास कार्यों पर राशि रूपये 405 लाख व्यय हुये हैं। योजना पूर्ण करने हेतु दिनांक 26-12-2019 तक का समय निर्धारित है।
भोपाल नगर में व्यवसायिक अवैध निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
220. ( क्र. 2055 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर के अंतर्गत चूनाभट्टी मेन कोलार रोड पर खसरा नंबर 57/3/4/2/2 एवं 57/घ एवं 57/3/4/1 पर स्थित भूमि पर स्पा एंड आन, व्यावसायिक स्वीमिंग पूल, ब्यूटी पार्लर, हैल्थ क्लब वर्तमान में चलाया जा रहा है। (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है तो उक्त भूमि राजस्व अभिलेख में किसके नाम दर्ज है और किसके द्वारा उक्त गतिविधि संचालित की जा रही है? क्या इस संबंध में समय-समय पर विगत पाँच वर्षों के दौरान उक्त भूमि पर कितने व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है? (ग) क्या उक्त व्यवसायिक अवैध निर्माण की जांच कर अतिक्रमण हटाने की दिशा में शासन कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) भोपाल नगर के अन्तर्गत ग्राम चूना भट्टी मेन कोलार रोड पर खसरा नम्बर 57/3/4/2/2, 57/घ एवं 57/3/4/1 (57/क) मूल खसरे में बटान है। किन्तु राजस्व नक्शे में तरमीम अंकित न होने से ये बताया जाना संभव नहीं है कि स्पा एड ऑन में व्यवसायिक स्वीमिंग पूल, ब्यूटी पार्लर, हेल्थ क्लब किस बटान पर संचालित हैं। (ख) उक्त भूमि खसरा नम्बर 57/3/4/2/2, 57/घ एवं 57/3/4/1 (57/क) राजस्व अभिलेख में श्री मनीष सक्सेना आत्मज श्री प्रेम प्रकाश सक्सेना के नाम पर दर्ज है। शेष प्रश्न का उत्तर नक्शे में तरमीम न होने से दिया जाना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वनाधिकार पत्रों का निराकरण
[आदिमजाति कल्याण]
221. ( क्र. 2061 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वन विभाग के द्वारा शहडोल जिले में कितने वनाधिकार पत्र प्रदाय किये गये एवं कितने प्रकरण लंबित है और उन्हें कब तक प्रदान किये जायेगें? (ख) वनाधिकार के लंबित प्रकरणों का अभी तक निराकरण न होने का क्या कारण है? (ग) जिन व्यक्तियों को वनाधिकार पत्र प्रदाय किया गया है? उनमें से कितने व्यक्तियों को निर्धारित भूमि पर प्लाट मिल पाया है एवं कितने वंचित है? (घ) क्या वर्ष 2014-15 में वनाधिकार पत्र प्रदाय किये गये लगभग 15-16 लोगों को ग्राम पंचायत ढोढ़ा में प्रदाय किये गये थे लेकिन जिस प्लाट में पी.डी.ए. सर्वें किया गया उस प्लाट में बफर संजय नेशनल पार्क ने बाड़ा बना लिया है। यदि हाँ, तो संबंधित जनों को कब तक प्लाट पर कब्जा मिल पायेगा?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) शहडोल जिले में वनमण्डल उत्तर व दक्षिण शहडोल अन्तर्गत शासन द्वारा वनाधिकार अधिनियम 2006 नियम 2008 के अन्तर्गत वनाधिकार प्रदाय की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
जिला |
वनमंडल |
वनाधिकार पत्र प्रदाय |
लंबित प्रकरण |
1 |
शहडोल |
उत्तर शहडोल |
3758 |
611 |
2 |
दक्षिण शहडोल |
8947 |
659 |
|
योग:- |
12705 |
1270 |
(ख) सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग शहडोल म.प्र. द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार लंबित दावों की सर्वे रिपोर्ट प्राप्त कर वितरण की कार्यवाही की जावेगी। (ग) शहडोल जिले में उत्तर वनमण्डल शहडोल अन्तर्गत 3758 व्यक्तिओं को तथा दक्षिण वनमण्डल शहडोल अन्तर्गत 8947 व्यक्तियों को कुल 12705 वनाधिकार पत्र प्रदाय किया गया है। इन्हें निर्धारित भूमि पर प्लाट प्राप्त हो चुका है। (घ) संबंधित प्रश्न बफर संजय नेशनल पार्क से है। संजय टाईगर रिजर्व शहडोल जिले अंतर्गत वफर वन परिक्षेत्र ब्यौहारी में वर्ष 2014-15 दिनांक 03.09.14 से ग्राम पंचायत ढोढा किन्हीं भी व्यक्तियों को वनाधिकार पत्र प्रदाय नहीं किये गये थे। अत: प्लाट में पी.डी.ए. सर्वे किया जाना संजय नेशनल पार्क ने बाडा वना लिये जाने व प्लाट पर कब्जा मिलने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वृद्ध, विकलांग निराश्रित एवं कल्याणी (विधवा)
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
222. ( क्र. 2064 ) श्री कमल पटेल : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में संधारित जानकारी अनुसार हरदा जिले में कितने-कितने वृद्ध, विकलांग निराश्रित एवं कल्याणी (विधवा) निवासरत हैं? (ख) हरदा जिले में निवासरत कितने-कितने वृद्ध, विकलांग निराश्रित एवं कल्याणी को कितनी-कितनी पेंशन दी जा रही है? कितने और लोगों के नाम अभी जोड़ना बाकी है? (ग) क्या म.प्र. में वृद्ध, विकलांग निराश्रित एवं कल्याणी को 1000 रूपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है? यदि हाँ, तो कब से और हरदा जिले में कितने-कितने लोगो को 1000 रूपये पेंशन दी गई? (घ) वर्ष 2019 के बजट में वृद्ध, विकलांग निराश्रित एवं कल्याणी को 1000 रूपये पेंशन देने हेतु कितनी राशि का बजट दिया गया?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) हरदा जिले में वृद्ध 11934, दिव्यांग 6021, निराश्रित 35 एवं कल्याणी (विधवा) 16, 733 निवासरत है। (ख) जिले में वृद्ध, दिव्यांग, निराश्रित एवं कल्याणी को प्रतिमाह प्रतिहितग्राही 600/- पेंशन प्रदाय की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक/एफ 3-1/2019/26-2 दिनांक 13-02-2019 द्वारा रूपये 600/- पेंशन प्रदाय की जा रही है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) म.प्र. शासन, वित्त विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 समस्त पेंशन योजनाओं में रूपये 600/- के मान से रूपये 240455.56 लाख का बजट दिया गया है।
जिला परियोजना समन्वयक द्वारा कार्यवाही
[स्कूल शिक्षा]
223. ( क्र. 2065 ) श्री कमल पटेल : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र हरदा श्री आर.एस. तिवारी द्वारा मापदंड से कार्यवाही किये जाने के संबंध में पूर्व विधायक श्री मनोहरलाल राठौर जी द्वारा आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय को लिखे गए पत्र दिनांक 02.07.2019 एवं 07.08.2019 पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त शिकायती पत्र पर विभाग द्वारा जांच कराई गई? यदि हाँ, तो जांच का प्रतिवेदन उपलब्ध कराए? यदि जांच नहीं कराई गई? तो इसका क्या कारण है? (ग) उक्त शिकायती पत्र पर की गई जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शिक्षकों की विषयवार पूर्ति
[स्कूल शिक्षा]
224. ( क्र. 2070 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र में कितनी प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री विद्यालय हैं? ग्रामवार, छात्र संख्यावार, विषयों के शिक्षकवार जानकारी देवें। (ख) चुरहट विधानसभा क्षेत्र में कितने ऐसे विद्यालय हैं जहां छात्र संख्या के अनुरूप संबंधित विषय के शिक्षक नहीं है? (ग) ऊर्दू एवं संस्कृत विषयों के कुल कितने छात्र किस-किस विद्यालय में हैं एवं इनके अनुपात में उक्त विषयों के कितने शिक्षक हैं? (घ) क्या चुरहट विधानसभा के मोहनी ग्राम में स्थित विद्यालय में ऊर्दू के छात्र हैं पर शिक्षक नहीं? यदि हाँ, तो कब तक नियुक्ति हो जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक पर है। (ख) चुरहट विधानसभा क्षेत्र में 136 माध्यमिक, 24 हाई स्कूल एवं 28 हायर सेकेण्ड्री विद्यालय में छात्र संख्या के अनुरूप संबधित विषय के शिक्षक नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो पर है। (घ) जी हाँ। वर्तमान में 19 छात्र है। अध्यापन का कार्य अतिथि शिक्षक द्वारा कराया जा रहा है। नियुक्ति हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अनुसूचित जाति कल्याण की योजनाएं
[अनुसूचित जाति कल्याण]
225. ( क्र. 2071 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में अनुसूचित जाति कल्याण हेतु किस-किस योजना/परियोजना में कितनी राशि पिछले 5 वर्ष में आवंटित की गयी है एवं कितनी राशि खर्च हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार चुरहट विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों में किस-किस मद में, किस-किस कार्य हेतु, किस संस्था से पिछले 5 वर्षों में कार्य कराये गए हैं? कितनी राशि खर्च हुई है? (ग) क्या शासन ने इस राशि प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सही खर्च की जानकारी लेने की कोई प्रक्रिया अपनायी है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर पर इसकी जांच करायी जायेगी?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विभागीय समीक्षा बैठक, वीडियो कॉनफ्रैंस, विभागीय सॉफ्टवेयर, गूगल ड्राइव एवं वित्त विभाग के आई.एफ.एम.आई.एस. सॉफ्टवेयर के माध्यम से व्यय की जानकारी ली जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अध्यापकों को छठवां एवं सातवां वेतनमान के एरियर का भुगतान
[स्कूल शिक्षा]
226. ( क्र. 2075 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा संविदा शाला शिक्षक से अध्यापक संवर्ग में संविलियन हुए शिक्षकों को छठवें एवं सातवां वेतनमान के एरियर के भुगतान करने के आदेश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। क्या एरियर भुगतान करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या अध्यापकों का भुगतान किस कारण से लंबित है? इन्हें कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या बृजेन्द्र सिंह भदौरिया सहायक अध्यापक शासकीय प्राथमिक विद्यालय मनेपुरा से श्री हरी चौधरी प्रयोगशाला सहायक शासकीय हाई स्कूल खरिका द्वारा 500=00 रूपये रिश्वत की मांग की थी? श्री बृजेन्द्र सिंह भदौरिया सहायक अध्यापक एवं उनकी पत्नी श्रीमती निर्मला देवी भदौरिया द्वारा कब-कब, किस-किस माध्यम (पत्र, सूचना अधिकार, सी.एम. हेल्प लाइन आदि) से एरियर भुगतान करने के एवज में रिश्वत मांगने की शिकायत की थी? यदि हाँ, तो उन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या भूतपूर्व सैनिक कोटे से भर्ती हुए सहायक अध्यापक श्री बृजेन्द्र सिंह भदौरिया को मिलने वाली पेंशन को आय मानकर उसको आयकर विवरणी में जोड़कर आयकर की गणना की जा सकती है? यदि हाँ, तो नियम बतावें। यदि नहीं, तो क्या इनके प्रकरण में पेंशन को आय मानकर आयकर का निर्धारण कर आयकर काटा गया है? विवरण देवें। भिण्ड जिले में ऐसे कितने-कितने कर्मचारी हैं? जो भूतपूर्व सैनिक से सेवानिवृत्त उपरांत शिक्षा विभाग में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे, क्या इनकी पेंशन को भी आय मानकर आयकर का निर्धारण किया गया है सूची दें। यदि नहीं, तो श्री बृजेंन्द्र सिंह भदौरिया सहायक शिक्षक के प्रकरण में पेंशन को आय क्यों मानी गयी हैं उसके लिए कौन-कौन दोषी है? उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) म.प्र. शासन द्वारा शिक्षकों को छठवें एवं सातवां वेतनमान प्रदान करने तथा छठवें वेतनमान के एरियर का भुगतान करने के आदेश जारी किए गए है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। जी हाँ। (ख) एरियर भुगतान एक निरंतर प्रक्रिया है, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) तत्संबंधी शिकायत श्री बृजेन्द्र सिंह भदौरिया द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में की गई है। सी.एम. हेल्पलाइन क्रमांक- 8357042 द्वारा भी शिकायत की गई है। शिकायत की जांच प्राचार्य, शा.उ.मा.वि. अकोडा से कराई जा रही है। (घ) इस संबंध में नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। भिण्ड जिले में शिक्षा विभाग में 47 भूतपूर्व सैनिक सेवानिवृत्ति उपरांत सहायक शिक्षक/अध्यापक के पद पर कार्यरत है। आयकर निर्धारण की कार्यवाही आयकर अधिनियम 1961 के अन्तर्गत नियमानुसार संपादित की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेत खनन की रायल्टी
[खनिज साधन]
227. ( क्र. 2077 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में रेत खदान कहाँ-कहाँ पर किस-किस खसरा नम्बर में कितने-कितने रकबा में संचालित हैं? वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक रेत खदान की नीलामी कब-कब हुई? नीलामी के समय प्रति खदान कितने घन मीटर रेत के लिये कितनी राशि निर्धारित थी? बोली के बाद किस-किस ठेकेदार को कौन-कौन सी खदान कितने-कितने में आवंटित हुई? बोली के बाद प्रति खदान कितने घन मीटर रेत के लिये कितनी दर निर्धारित हुई? (वर्षवार, खदानवार एवं प्रति घन मीटर जानकारी दें) (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या खदान संचालकों द्वारा आवंटित क्षेत्र की सीमा के बाहर उत्खनन किया गया है? इसका भौतिक सत्यापन एवं निरीक्षण कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया है? (निरीक्षण प्रतिवेदन एवं मासिक दैनिक नन्दनी प्रस्तुत करें) (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या खनिज विभाग द्वारा खदान संचालकों के विरूद्ध अवैध खनन करने पर कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही की प्रति उपलब्ध करावे। यदि नहीं, तो क्यों? भिण्ड जिले में रायल्टी एवं अवैध परिवहन की पेनल्टी के रूप में कितनी राशि प्राप्त हुई? (जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावे) (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के अनुसार शासन को रायल्टी एवं पेनाल्टी के रूप में प्राप्त आय का कुछ अंश जिस क्षेत्र में खनिज उत्खनन होता है उस क्षेत्र में विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं में किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 के प्रावधान अनुसार भिण्ड जिले में किस-किस क्षेत्र में कौन-कौन से विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कराये गये हैं? विधान सभावार एवं खदानवार जानकारी दे यदि नहीं, कराये गये हैं तो क्यों? इसके लिये कौन-कोन अधिकारी दोषी हैं?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। प्रश्नाधीन अवधि में जिला कार्यालय भिण्ड एवं म.प्र. राज्य खनिज निगम द्वारा भिण्ड जिले की रेत खदानों की नीलामी नहीं की गई है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में दर्शित रेत खदानों में से एक रेत खदान निवसाई-ए में दिनांक 25/02/2017 से 26/02/2017 को निरीक्षण/निगरानी के दौरान खदान के सीमा चिन्ह स्पष्ट नहीं होने से पुनः सीमांकन कराने पर मेसर्स वेदांश मिनरल्स रिसोर्स द्वारा 72 घनमीटर खनिज रेत अतिरिक्त उत्खनन होना पाए जाने से प्रकरण दर्ज किया गया है। जिसमें जुर्माना राशि 4, 32, 000/- रूपए ट्रेजरी चालान क्रमाँक 16 दिनांक 18/03/2017 से जमा कराया गया है तथा पुनः दिनांक 19/01/2019 को ग्राम निवसाई में सिंध नदी किनारे रेत का अवैध उत्खनन किये जाने से प्रकरण दर्ज किया गया तथा न्यायालय कलेक्टर, भिण्ड में विचाराधीन है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है। शेष अन्य खदानों में आवंटित क्षेत्र की सीमा से बाहर उत्खनन किया जाना नहीं पाया गया। खनिज राजस्व एवं पुलिस विभाग द्वारा जिले में लगातार निगरानी रखी जाती है। खदानों में सीमा चिन्ह स्थापित रहते हैं। उन्हीं सीमा चिन्हों के आधार पर जांच/ निगरानी की जाती है जिससे पृथक से दैनिक नन्दनी/निरीक्षण प्रतिवेदन नहीं बनाये गये हैं। (ग) जी हाँ। प्रश्नांश (ख) में दिए उत्तर अनुसार रेत खदान निवासाई-ए के संचालक के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। भिण्ड जिले में वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक रेत खनिज से राजस्व राशि 37, 46, 79, 420/- व समस्त गौण खनिज से राजस्व राशि रूपए 46, 35, 02, 295/- रायल्टी के रूप में एवं समस्त गौण खनिज से अवैध परिवहन की राजस्व राशि 13, 79, 40, 314/- रूपए व रेत खनिज से अवैध परिवहन की राजस्व राशि रूपए 9, 99, 38, 034/- पेनाल्टी के रूप में प्राप्त हुई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है। (घ) म.प्र. जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम 2016 अधिसूचित हैं। इस प्रतिष्ठान में प्राप्त होने वाली डी.एम.एफ. की राशि का उपयोग विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं में उच्च प्राथमिकता के क्षेत्रों जैसे पेयजल प्रदाय, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण के उपाय, स्वास्थ्य की देखभाल, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध एवं निःशक्त जन कल्याण, कौशल विकास, स्वच्छता तथा अन्य प्राथमिक क्षेत्रों जैसे भौतिक अवसंरचना, सिंचाई, ऊर्जा एवं वाटर शेड विकास, खनन जिलों में पर्यावरण की गुणवत्ता में अभिवृद्धि आदि करने के लिए किया जाता है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है।
निज निवास के स्वीकृत मानचित्र
[नगरीय विकास एवं आवास]
228. ( क्र. 2078 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल के जोन क्रमांक 09, वार्ड क्रमांक-45 में विगत चार वर्ष में किस भू-खंड धारी को कितने वर्गफुट के भूखंड पर निज निवास के लिए मानचित्र किस दिनांक को स्वीकृत किया? उस मानचित्र में भूतल पर पार्किंग के लिए कितना स्थान एवं प्रथम अथवा अन्य तलों पर पैसेज के लिए कितना क्षेत्र स्वीकृत किया है? (ख) किस भूंखडधारी को कितने-कितने वर्गफुट का पोर्च निज निवास के लिये स्वीकृत किया है? (ग) पोर्च स्टिल्ट पार्किंग एवं पैसेज स्वीकृत किये जाने के संबंध में क्या प्रावधान प्रचलित हैं? प्रति सहित बतावें। (घ) प्रचलित प्रावधान के उल्लंघन पर निज निवास के स्वीकृत मानचित्रों में 5 मीटर से अधिक लम्बा पोर्च, स्टिल्ट पार्किंग एवं प्रति फ्लोर में 50 प्रतिशत और उससे अधिक क्षेत्र में पैसेज स्वीकृति किये जाने के लिए कौन इंजीनियर जिम्मेदार है? पद एवं नाम सहित बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
आर.टी.ई. के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश
[स्कूल शिक्षा]
229. ( क्र. 2081 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में आर.टी.ई. के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25% प्रवेश देने हेतु नियम व निर्देश हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो जिला छतरपुर में किन-किन स्कूलों में किस-किस कक्षा में प्रवेश दिया जाता है? उक्त स्कूलों में उक्त योजना के तहत वर्तमान में किस-किस कक्षा में कितने-कितने बच्चे पढ़ रहे हैं? सूची उपलब्ध कराएं। (ग) क्या आर.टी.ई. के तहत स्कूल में प्रवेश लेने वाला बच्चा स्कूल बदलना चाहता है? तो क्या उक्त योजना के तहत बच्चा स्कूल बदल सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम व निर्देशों के तहत? उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जी नहीं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में किये गये प्रावधान अनुसार गैर अनुदान प्राप्त प्राइवेट स्कूल में कक्षा 01 या प्री-स्कूल की प्रवेशित कक्षा में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग का निःशुल्क प्रवेशित बच्चा उस स्कूल में अधिकतम कक्षा 08 तक निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अधिकारी है।
प्रदेश में पदस्थ प्रेरक शिक्षकों को सेवा पृथक
[स्कूल शिक्षा]
230. ( क्र. 2082 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पदस्थ प्रेरक शिक्षक को 31.03.2018 को सेवा से पृथक करने के आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। उक्त आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त आदेश प्रेरक शिक्षक को दिये गये थे? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या विधान सभा चुनाव 2018 के समय कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने वचन पत्र बिन्दु क्रमांक 47.23 पर प्रेरक शिक्षकों का निराकरण 90 दिवस में किये जाने का लेख किया था? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त वचन पत्र का क्या सरकार द्वारा पालन किया गया है? यदि हाँ, तो कब? उल्लेख करें। यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) प्रदेश में 'प्रेरक शिक्षक' पदनाम से कोई नियुक्ति नहीं की गई। साक्षर भारत अभियान के अन्तर्गत प्रौढ़ शिक्षा केन्द्रों के संचालन हेतु निर्धारित समय हेतु प्रेरक की संविदा नियुक्ति की गई थी। साक्षर भारत योजना एक केन्द्र प्रवर्तित योजना थी, भारत सरकार द्वारा उक्त योजना 31.03.2018 को बन्द कर दी गई है। प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) प्रेरकों की नियुक्ति संबंधी विज्ञापन दिनांक 27.09.2012 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि ''यह नियुक्ति पूर्णतः अस्थायी हैं तथा योजना समाप्ति के साथ ही स्वतः समाप्त मानी जाएगी। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बिजुरी नगर पालिका के कार्यों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
231. ( क्र. 2085 ) श्री सुनील सराफ : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला अंतर्गत बिजुरी नगर पालिका में 01 सितम्बर, 2017 से 15 नवम्बर, 2019 तक किस-किस कार्य के लिये कितनी राशि व्यय की गयी? कार्य का नाम, लागत, भुगतान राशि, भुगतान प्राप्तकर्ता का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश अवधि में प्रत्येक क्रय सामग्री का नाम, प्रदायकर्ता का नाम, क्रय पूर्व समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन की छायाप्रति, प्रत्येक भुगतान की राशि, क्रय आदेश तथा बिल व्हाउचर का विवरण प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश अवधि में तत्कालीन आवश्यकता प्रतिपादित करते हुये अधिकतम दो लाख रूपये तक के राशि की सीमा में कराये गये प्रत्येक निर्माण कार्य का नाम, निविदा दिनांक, समाचार पत्र का नाम, निविदाकार का कार्य अनुसार तुलनात्मक पत्रक, प्रत्येक का दर, स्वीकृत निविदाकार का कार्य आदेश व भुगतान आदेश व भुगतान की गई राशि का दिनांक सहित जानकारी देवें। (घ) क्या आयुक्त शहडोल संभाग ने वर्ष 2019 में निर्माण कार्य की धांधली में शिकायत पर जांच करायी है? यदि हँ तो शिकायत की प्रति, जांच प्रतिवदेन व दोषी जनों पर उत्तर दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
शास. उत्कृष्ट उ.मा.वि. अमरपाटन में की गई वित्तीय अनियमितता
[स्कूल शिक्षा]
232. ( क्र. 2086 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय उत्कृष्ट उ.मा. विद्यालय अमरपाटन में स्थानीय मद, जनभागीदारी, शाला विकास व अन्य मद के नाम पर शुल्क ली जाती है? यदि हाँ, तो वर्ष 2011-12 से वर्ष 2016-17 तक छात्रों से कुल कितनी-कितनी शुल्क ली गई है? वर्षवार छात्र संख्या के अनुसार ली गई राशि का विवरण प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या तत्कालीन प्राचार्य श्री श्रवण कुमार तिवारी द्वारा वर्ष 2011-12 से वर्ष 2016-17 के बीच ली गई राशि को नियम का पालन किये बिना व बिना निविदा आमंत्रण के खर्च किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो वर्षवार अलग-अलग मदों में खर्च की गई राशि का विवरण बिल बाउचर के विवरण के साथ उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या तत्कालीन प्राचर्य श्री श्रवण कुमार तिवारी द्वारा वर्ष 2011-12 से वर्ष 2016-17 के बीच ली गई शुल्क राशि को खर्च करने में व्यापक अनियमितता की गई है? यदि हाँ, तो श्री तिवारी के विरूद्ध उपरोक्त वर्षों में प्राप्त शुल्क राशि एवं व्यय में की गई अनियमितता की जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? समय-सीमा बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या विभाग द्वारा मदवार ऑडिट की गई है? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा की गई है? वर्षवार की गई ऑडिट रिपोर्ट सम्पूर्ण विवरण सहित प्रदान करें। यदि नहीं, तो क्यों व कब तक की जायेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि का अंकेक्षण महालेखाकार, ग्वालियर द्वारा किया गया है। तदानुसार अनियमितता नहीं है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पेंशन योजना की जानकारी
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
233. ( क्र. 2091 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में केन्द्र और राज्य प्रवर्तित पेंशन की कौन-कौन सी योजनायें चल रही हैं? उनकी अनुदान राशि क्या है? (ख) इन योजनाओं में नये पंजीयन के लिये लम्बे समय से पोर्टल क्यों बंद है? पोर्टल कब से प्रारंभ होगा? क्या नये पंजीयन जारी है?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में केन्द्र और राज्य प्रवर्तित संचालित पेंशन योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पेंशन हितग्राहियों की अप्रत्याशित वृद्धि को देखते हुए भौतिक सत्यापन की कार्यवाही प्रारंभ की गई थी, भौतिक सत्यापन के दौरान नवीन स्वीकृति पर अस्थाई रोक लगाई गई थी किन्तु लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से स्वीकृति प्रदान की जा रही थी। वर्तमान में पोर्टल पर नियमित रूप से पात्र हितग्राहियों के प्रकरणों पर स्वीकृतियां प्रदान की जा रही है।
शिक्षा उपकर राशि का उपयोग
[नगरीय विकास एवं आवास]
234. ( क्र. 2092 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के नगरीय निकायों में शिक्षा उपकर की कुल कितनी राशि संग्रहित है? नगरीय, निकायवार जानकारी दें। क्या निकायों ने संग्रहित राशि की एफ.डी.आर बना रखी है? क्या ब्याज का समायोजन संचित निधि में किया जा रहा है? (ख) स्कूल शिक्षा के विकास में शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग करने की क्या योजना और प्रक्रिया है? शिक्षा उपकर की राशि का उपयोग क्यों नहीं हो रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
रेत खनन की जानकारी
[खनिज साधन]
235. ( क्र. 2094 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में वर्ष 2018-19 एवं प्रश्न दिनांक तक किस-किस स्थान पर रेत खनन की अनुमति किस फर्म/संस्था/व्यक्ति को कितने घनमीटर की दी गयी जानकारी दें? (ख) किन-किन अधिकारियों द्वारा खदानों का निरीक्षण कब-कब किया गया? खदानों पर नियम से अधिक रेत उत्खनन करते पाये जाने पर खदानों/व्यक्ति/वाहन/संस्था के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? (ग) रेत उत्खनन में संलिप्त पाये जाने पर अवैध रूप से संचालित खदानों पर क्या प्रतिबंध लगाया गया एवं दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गयी एवं उत्खनन में प्रयोग होने वाली मशीनें वाहन व्यक्तियों पर क्या कार्यवाही की गयी एवं कितने वाहन-मशीनें जप्त हुये?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। खदानों पर नियम से अधिक रेत उत्खनन करने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जिले में समय-समय पर जांच कर रेत का अवैध उत्खनन पाये जाने पर उन्हें दण्डित करने हेतु संबंधितों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।
सेवानिवृत्त कर्मियों का समयमान-वेतनमान
[स्कूल शिक्षा]
236. ( क्र. 2096 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्कूल शिक्षा विभाग में उ.मा.वि. प्राचार्य संवर्ग के सीधी भर्ती से नियुक्त प्राचार्य/सहा. संचालक सेवारत अथवा सेवानिवृत्त कर्मियों को दिनांक 01.04.2006 से समयमान-वेतनमान का लाभ दिया गया? (ख) वर्ष 1999 में उ.मा.वि. प्राचार्य संवर्ग में पदोन्नत एवं दिनांक 01 अप्रैल, 2006 पश्चात् सेवानिवृत्त प्राचार्य/सहा. संचालक कितने हैं? जिन्हें समयमान वेतनमान का लाभ नहीं दिया गया? (ग) म.प्र. शासन, वित्त विभाग द्वारा जारी स्पष्टीकरण क्र.एफ-11/01/2008/नियम/चार भोपाल दिनांक 01.04.2008 के बिन्दु क्र.-01 के अनुसार पदोन्नत अधिकारियों/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का लाभ दिये जाने की पात्रता है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्राचार्य/सहा.संचालकों को उक्त लाभ कब तक दिया जावेगा एवं अब तक उक्त लाभ से वंचित रखने वाले उत्तरदायी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। सीधी भर्ती से नियुक्त लोक सेवकों को शासनादेश के अनुसार समयमान वेतनमान देने का प्रावधान है। उमावि. प्राचार्य संवर्ग में पदोन्नत लोक सेवकों के प्रकरण परीक्षणाधीन है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजधानी परियोजना प्रशासन के पदों की जानकारी
[नगरीय विकास एवं आवास]
237. ( क्र. 2097 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी परियोजना प्रशासन, भोपाल में प्रश्न दिनांक तक तृतीय श्रेणी नियमित एवं कार्यभारित पदस्थापना के तकनीकी एवं गैर तकनीकी कुल कितने पद रिक्त हैं? इन पदों की पदवार शैक्षणिक योग्यता क्या है? (ख) रा.परि.प्रशा. में प्रश्न दिनांक तक कितने कुशल स्थायीकर्मी एवं कितने अर्द्धकुशल स्थायीकर्मी कार्यरत हैं एवं इन कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता क्या है? (ग) राज.परि.प्रशा. में वर्तमान में कार्यरत कुशल एवं अर्द्धकुशल स्थाईकर्मियों की वरिष्ठता सूची उपलब्ध करावें। वर्तमान में कौन कर्मचारी किस पद के विरूद्ध कार्यरत हैं और कब से? (घ) क्या उक्त वर्णित स्थायीकर्मी कर्मचारियों के नियमितीकरण के संबंध में कोई कार्यवाही प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इस कार्यवाही में नियमितीकरण हेतु किस योग्यता के आधार पर चयन किया जा रहा है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' एवं ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार। (ग) स्थाईकर्मियों की वरिष्ठता सूची नहीं है और किसी पद के विरूद्ध कार्यरत नहीं है। (घ) विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
लीजधारी से रॉयल्टी की वसूली
[खनिज साधन]
238. ( क्र. 2098 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की ग्राम बेलहटा में आराजी नं. 282 का अंश रकबा 3.367 मुरूम उत्खनन हेतु लीज स्वीकृत थी, जिसे कलेक्टर सतना द्वारा निरस्त कर दी गई है, क्या उक्त लीज की आड़ में लीजधारी द्वारा आराजी नं. 322 रकबा 2.768 हेक्टेयर में अवैध उत्खनन किया है? (ख) ग्राम रामस्थान में भी उक्त लीजधारी द्वारा माईनिंग लीज खसरा क्रमांक 1238/2 रकबा 1.850 हेक्टेयर मंजूर है क्या उक्त लीजधारी द्वारा माईनिंग प्लान से 5 गुना ज्यादा उत्खनन कर शासन के नियमों का उल्लंघन किया है, क्या जिला खनिज अधिकारी द्वारा लगभग 35 लाख रूपये की रिकवरी नोटिस लीजधारी को जारी किया है? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) सही है, तो बेलहटा में मुरूम की रिकवरी राशि कब तक वसूली जायेगी तथा ग्राम रामस्थान की लीज को कब तक निरस्त किया जावेगा तथा रामस्थान लीज की रिकवरी राशि कब तक वसूल कर ली जायेगी तथा लीजधारियों के विरूद्ध कब-कब, क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही संबंधी पत्राचारों की प्रतियां उपलब्ध कराते हुए विवरण दें। अवैध उत्खनन का प्रकरण तैयार कर पेनाल्टी लगाकर लीजधारी से रॉयल्टी वसूली की कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं की गई? कब तक की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) जी हाँ। प्रश्नांश अनुसार मुरूम खनिज का उत्खनिपट्टा स्वीकृत था। प्रश्नांश अनुसार स्वीकृत क्षेत्र से भिन्न क्षेत्र के अंश भाग पर अवैध खनन किये जाने के फलस्वरूप स्वीकृत उत्खनिपट्टा निरस्त किया गया है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश अनुसार क्षेत्र पर पत्थर (गिट्टी निर्माण हेतु क्रेशर) का उत्खनिपट्टा स्वीकृत है। अनुमोदित खनन योजना में अनुमत मात्रा से अधिक मात्रा में खनन करने के कारण पट्टेदार को नियमानुसार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह सही नहीं है, कि प्रश्नांश अनुसार पट्टेदार का रिकवरी नोटिस जारी किया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंशत: सही है। ग्राम बेलहटा में स्वीकृत मुरूम खनिज का उत्खनिपट्टा निरस्त किया गया है, जो कि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। ग्राम रामस्थान में स्वीकृत उत्खनिपट्टा में पट्टेदार को पट्टा शर्तों के उल्लंघन के फलस्वरूप कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। जो कि संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्नांश अनुसार न्यायालयीन प्रक्रिया होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अमृत योजना का उद्देश्य
[नगरीय विकास एवं आवास]
239. ( क्र. 2100 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिलान्तर्गत ए.बी.डी. प्रोजेक्ट के अंतर्गत पेयजल और सीवरेज की व्यवस्था का समाधान यदि हो गया था, तो प्रोजेक्ट उदय तथा इसके पश्चात अमृत योजना का प्रस्ताव किन परिस्थितियों में पारित किया गया तथा इनके उद्देश्य क्या थे? (ख) यदि नगर निगम की सीमा और कार्य के विस्तार के कारण उक्त विभिन्न योजनाएं प्रभावशील की गई तो एक ही उद्देश्य पर लाई गई योजनाओं की कार्य सीमा एवं कार्य विवरण का ब्यौरा प्रश्न दिनांक तक दस्तावेज के साथ उपलब्ध करावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) ए.डी.बी. योजना से निकाय क्षेत्र की वर्ष 2024 तक की जनसंख्या के लिए पेयजल की व्यवस्था थी, जो ग्वालियर शहर की जनसंख्या में हुई वृद्धि के अनुसार आगामी समय के लिए अपर्याप्त थी। इस योजना में सीवरेज का कोई कार्य प्रस्तावित नहीं था। उक्त परिस्थिति के कारण अमृत योजना प्रस्तावित की गई। अमृत योजना का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार शहरी विकास मंत्रालय द्वारा निर्धारित सेवा स्तर मानकों की पूर्ति किया जाना है। (ख) नगर पालिक निगम ग्वालियर की बढ़ी हुई जनसंख्या की पेयजल एवं सीवरेज व्यवस्थाओं की पूर्ति हेतु वर्तमान में अमृत योजना प्रभावशील है। कार्य का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
वनग्रामों का व्यवस्थापन
[वन]
240. ( क्र. 2102 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल एवं छतरपुर वनवृत्त अंतर्गत वनग्रामों के व्यवस्थापन के संबंध में क्या म.प्र. शासन वन विभाग भोपाल के आदेश क्र. 1254/10-1/80 दिनांक 28 फरवरी, 1980 के अनुसार भोपाल एवं छतरपुर वन वृत्त के अंतर्गत आने वाले वनग्रामों के पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, निस्तार पत्रक, किस्तबंदी एवं 31/12/1976 तक के अतिक्रमणकारियों की अतिक्रमण पंजी बनाये जाने का कार्य प्रश्न दिनांक तक भी नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या कारण है?
वन मंत्री ( श्री उमंग सिंघार ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के ज्ञाप क्रमांक-1254/10-1/80 दिनांक 28.02.1980 द्वारा भोपाल एवं छतरपुर वन वृत्त के वनग्रामों के सर्वेक्षण एवं व्यवस्थापन का कार्य संलग्न परिशिष्ट अनुसार किया गया। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना की राशि का भुगतान
[सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण]
241. ( क्र. 2104 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या सामाजिक न्याय मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कुल कितने विवाह/निकाह संपन्न हो चुके हैं? पृथक-पृथक संख्या बताएं। (ख) प्रश्न (क) के अनुसार संख्या पर योजना के प्रावधान अनुसार विवाहों/निकाहों पर कुल कितनी राशि देय होती है? (ग) क्या उक्त समस्त राशि का भुगतान संबंधितों के खातों में कर दिया गया है? यदि नहीं, तो अभी तक भुगतान नहीं किये जाने के क्या कारण हैं एवं संबंधितों को देय राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?
सामाजिक न्याय मंत्री ( श्री लखन घनघोरिया ) : (क) मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजनान्तर्गत 01 जनवरी, 2019 से आज तक प्रदेश में 65052 विवाह एवं निकाह 3630 सम्पन्न कराये गये है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार संख्या पर योजना के प्रावधान अनुसार प्रति विवाह/निकाह के मान से आयोजित कुल विवाहों पर राशि रूपये 331.76 करोड़ तथा कुल आयोजित निकाह पर राशि रूपये 18.51 करोड़ देय होती है। (ग) जी नहीं, 39425 हितग्राहियों को विवाह/निकाह सहायता राशि का भुगतान किया गया है तथा 29257 हितग्राहियों को विवाह/निकाह सहायता राशि दिये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलन में है।
मेधावी छात्रों का सम्मान
[स्कूल शिक्षा]
242. ( क्र. 2105 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षा में कितने विद्यार्थी 75 प्रतिशत अथवा इससे अधिक प्रतिशत में उत्तीर्ण हुए? पृथक-पृथक कक्षावार संख्या बतावें। (ख) शासन की योजना अनुसार लेपटाप एवं नगद राशि दी जाती है, ऐसे पात्र पाए गए छात्रों की पृथक-पृथक संख्या बतायें एवं उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप क्या-क्या सामग्री/राशि उपलब्ध कराई गई है/कराई जाना है? (ग) पात्र टॉपर छात्रों पर उपरोक्तानुसार कुल कितना व्यय संभावित है तथा क्या 85 प्रतिशत इससे अधिक अंक प्राप्तकर्ता छात्रों को आगे की पढ़ाई हेतु प्रोत्साहन स्वरूप शासन की योजना है एवं स्नातक की पढ़ाई हेतु 2000/- प्रति माह दिये जाने की शासन की योजना है एवं ऐसे छात्रों की संख्या कितनी है? (घ) क्या 6 माह पश्चात् भी इन मेधावी छात्रों का सम्मान अभी तक नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं एवं कब तक इन छात्रों का सम्मान कार्यक्रम किया जाएगा?
स्कूल शिक्षा मंत्री ( डॉ. प्रभुराम चौधरी ) : (क) माध्यमिक शिक्षा मंडल से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2019 में कक्षा दसवीं में 1, 26, 356 एवं कक्षा बारहवीं में 70, 816 विद्यार्थियों ने 75 प्रतिशत या इससे अधिक अंक अर्जित किए है। (ख) राज्य शासन की मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना अंतर्गत कक्षा बारहवीं 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को लेपटाप क्रय हेतु रूपये 25, 000/- की राशि दिए जाने का प्रावधान है। वर्ष 2019 में पात्र विद्यार्थियों की संख्या 70, 816 है। इन्हें अभी योजनांतर्गत लेपटाप क्रय हेतु राशि प्रदान नहीं की गई है। (ग) पात्र विद्यार्थियों की संख्या के मान से राशि रूपये 1, 77, 04, 00, 000/- (रूपये एक अरब सत्तर करोड़ चार लाख मात्र) का व्यय संभावित है। आगे की स्नातक की पढ़ाई हेतु रू. 2000/-प्रति माह दिये जाने की विभाग की कोई योजना नहीं है। (घ) कार्यवाही प्रचलित है।
खुदाई से प्राचीन माता मंदिर एवं 5 छात्रावास भवनों को बचाया जाना
[खनिज साधन]
243. ( क्र. 2120 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर जतारा एवं वैरवार के पास गौरइया माता मंदिर की पहाड़ी को जिसमें लगभग 10 करोड़ के छात्र-छात्राओं के पाँच छात्रावास नवीन बने हुए हैं, उस पहाड़ी की जे.सी.बी. मशीनों से खुदाई दिन-रात चालू है। यदि हाँ, तो विभाग इस कार्यवाही को कब तक रोकेगा और नहीं तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि पहाड़ की खुदाई हो जाने पर आस्था का केन्द्र गौरइया माता मंदिर एवं लगभग 10 करोड़ के नवीन छात्रावास क्रेक्स, ध्वस्त एवं छात्र-छात्राओं का निवास छात्रावास नष्ट नहीं होगा क्या ठेकेदार की लीज का अनुबंध निरस्त नहीं हो सकता है? लीज किसने, कितनी राशि जमा करवाकर कब तक किस के नाम दे दी गई है? सम्पूर्ण कार्यवाही आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करते हुए कार्य को कब तक बंद करवा दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश अनुसार ग्राम बैरवार में गौरइया माता मंदिर के निकट स्थित पठार मद की भूमि पर डायस्पोर, पायरोफ्लाईट खनिज का खनिपट्टा स्वीकृत है, आवश्यक पर्यावरण स्वीकृति एवं वैधानिक अनुमतियां प्राप्त होने के उपरांत खनन कार्य संचालित है। ग्राम बैरवार की भूमि खसरा क्रमांक 1045 के अंश भाग पर रूपये 194.00 लाख की लागत से छात्रावास भवन का निर्माण पूर्णता की स्थिति में है। वैधानिक रूप से स्वीकृत होकर संचालित खनन पट्टे में विभाग द्वारा खनन कार्य बंद कराये जाने का प्रश्न ही नहीं है। (ख) प्रश्नांश अनुसार स्वीकृत पट्टे में खनन कार्य होने से गौरईया माता मंदिर तथा छात्रावास को किसी भी प्रकार का नुकसान होने का तथ्य प्रकाश में नहीं आया है। ग्राम बैरवार के खसरा क्रमांक 1045 रकबा 14.000 हेक्टेयर पर मेसर्स मधुवन मिनरल्स एण्ड इण्डस्ट्रीस प्रोपराईट श्री हरीश चंद्र जैन के नाम से अवधि दिनांक 10.11.2023 तक डायस्पोर एवं पायरोफ्लाईट खनिज का खनन पट्टा राज्य शासन के आदेश क्रमांक 3065/1687/2013/12/1 दिनांक 06.06.2014 से स्वीकृत है। राज्य शासन द्वारा जारी स्वीकृति आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। नियमानुसार आवेदन शुल्क रूपये 2500/- जमा कराया गया है। पट्टाधारी द्वारा समस्त औपचारिकताओं की पूर्ति करने एवं वैधानिक अनुमति प्राप्त करने के उपरांत खनन कार्य संचालित किया जा रहा है। अत: विभाग द्वारा लीज क्षेत्र में खनन कार्य बंद कराये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धारणा अधिकार प्राप्त अधिकारी एवं कर्मचारियों की पदोन्नति
[नगरीय विकास एवं आवास]
244. ( क्र. 2121 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग की ऐसी कौन-कौन सी नगरीय निकाय हैं जिनमें अधिकारी एवं कर्मचारियों के धारण अधिकार होने के बावजूद प्रश्न दिनांक तक प्रोफार्मा पदोन्नति/पदोन्नति प्रदाय नहीं की गई है? ऐसी निकायों के नाम, अधिकारी एवं कर्मचारियों के नाम, पद, प्रथम नियुक्ति दिनांक, माह वर्ष पता सहित सम्पूर्ण जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि ऐसे कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी हैं जिनको पदोन्नति या प्रोफार्मा पदोन्नति न मिलने के कारण मजबूरी में सी.एम. हेल्पलाईन का सहारा लेना पड़ा हैं, जिनकी शिकायत क्रमांक, दिनांक एवं निराकरण न होने के कारण क्या-क्या है? सम्पूर्ण जानकारी देते हुए बताएं कि निकाय द्वारा कहाँ-कहाँ से प्रस्ताव बनाकर जिला चयन समिति की बैठक हेतु पत्र एवं प्रस्ताव भेजे गए थे लेकिन संभागीय कार्यालय द्वारा बैठक न कराये जाने के कारण पदोन्नति के प्रकरणों का निराकरण नहीं हो पा रहा है। इसका दोषी कौन-कौन है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि शासन के क्या ऐसे नियम निर्देश हैं कि प्रतिवर्ष पदोन्नति समिति की बैठक वर्ष में दो बार आवश्यक रूप से होनी चाहिए? फिर इन नियमों में ऐसी बैठकें क्यों नहीं होती हैं? क्या शासन ऐसे आदेश इन निकायों के लिए पुन: जारी कर सकता है कि बैठक करें? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जिस अधिकारी एवं कर्मचारी के धारणा अधिकार होने के बावजूद प्रोफार्मा पदोन्नति एवं पदोन्नति दे दी जावेगी तो कब तक और नहीं तो क्यों?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) जानकारी निरकं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) म.प्र. लोक सेवा पदोन्नति नियम 2002 के नियम 04 अनुसार पदोन्नति समिति की बैठक प्रतिवर्ष आयोजित की जाएगी। वर्तमान में राज्य शासन द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत एस.एल.पी. क्रमांक 13954/2016 पर दिनांक 12-05-2016 को यथास्थिति आदेश दिये जाने के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया बाधित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सीवेज लाइन का निर्माण
[नगरीय विकास एवं आवास]
245. ( क्र. 2124 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सेंधवा जिला बड़वानी अंतर्गत सीवेज लाइन बिछाये जाने की क्या योजना है? (ख) इन हेतु क्या प्राक्कलन विभाग द्वारा दिया गया है एवं उक्त कार्य पूर्ण होने की अवधि कितनी है?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्री जयवर्द्धन सिंह ) : (क) के.एफ.डब्ल्यू. बैंक वित्त पोषित सेंधवा शहर, जिला बड़वानी में सिवरेज योजना का क्रियान्वयन नगर पालिका परिषद् सेंधवा के वास्ते म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कम्पनी लिमिटेड भोपाल द्वारा किया जा रहा है। मल-जल योजना की पूर्ण लागत 78.54 करोड़ है। योजना पूर्ण होने पर आगामी 10 वर्ष तक मेंटेनेंस का कार्य कम्पनी द्वारा किया जायेगा। योजना में 118 किलोमीटर सीवेज लाईन डाली जाना प्रस्तावित है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 8.5 एम.एल.डी. प्रस्तावित है। योजना का कार्य 2 वर्ष में पूर्ण होना है। दिनांक 29 सितम्बर, 2018 से प्रारम्भ होकर दिनांक 29 सितम्बर, 2020 तक पूर्ण की जाना लक्षित है। (ख) जी हाँ। उक्त कार्य पूर्ण होने की अवधि 2 वर्ष है, जो कि दिनांक 29 सितम्बर, 2018 से प्रारम्भ होकर दिनांक 29 सितम्बर, 2020 तक पूर्ण की जाना लक्षित है।
बड़वानी जिलांतर्गत वन पट्टों का वितरण
[आदिमजाति कल्याण]
246. ( क्र. 2125 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या आदिमजाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वानी जिला अंतर्गत वन भूमि के पट्टों के वितरण हेतु कितने आवेदन लंबित हैं? लंबित होने का क्या कारण है? कब तक उन पर पट्टे प्रदान कर दिये जाएंगे? (ख) क्या ऐसे व्यक्तियों को भी पट्टे प्रदान किये गये हैं, जिनके पास पूर्व से ही अपनी जमीन है? यदि हाँ, तो ऐसे प्रकरणों की जांच कर क्या उनसे पट्टे वापस लेकर वास्तविक पात्र व्यक्तियों को पट्टे आवंटित किये जाएंगे?
आदिमजाति कल्याण मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) प्रश्नांकित तिथि तक बड़वानी जिले में जिला स्तरीय वन अधिकार समिति के स्तर पर वितरण हेतु कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) वर्तमान में प्रश्नांकित तिथि तक जिला स्तरीय वन अधिकार समिति के संज्ञान में इस प्रकार का कोई प्रकरण नहीं आया है।