मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
जुलाई, 2015
सत्र
बुधवार, दिनाँक 22 जुलाई 2015
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुआवज़ा
वितरण में
अनियमितता
1. ( *क्र. 416 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न संख्या-11 (क्रमांक 1122) दिनाँक 02 जुलाई, 2014 के अनुसार पाले तुषार ओला पीड़ित किसानों को मुआवजा राशि हेतु 2013-14 व 2014-15 व 2015-16 में कितना बजट प्राप्त हुआ किस ग्राम में कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विधानसभा भिण्ड में कितने किसानों को वर्णित अवधि में तुषार ओला प्राकृतिक क्षति से नुकसान का आकलन किया गया कितनी राशि भुगतान की गई? (ग) क्या यह सही है कि 1 जनवरी, 2015 से प्रश्नांश दिनाँक तक प्राकृतिक क्षति से मुआवजा के लिए करीब 5 करोड़ का बजट दिया गया? करीब 4 करोड़ 75 लाख रूपये गोहद विधानसभा क्षेत्र में वितरित किया गया है, शेष विधानसभाओं में राशि वितरित नहीं की गई? यदि हाँ, तो क्यों? क्या निष्पक्ष जाँच करवाई जायेगी, यदि हाँ, तो कब तक जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित अवधि के लिये किस तहसील में किस अधिकारी को प्रभार दिया गया मुआवजों के सर्वे के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए किस स्तर के अधिकारी द्वारा जाँच की गई जाँच में क्या कमियां पाई गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जबलपुर शहर में घटित अपराध
2. ( *क्र. 1048 ) श्री अंचल सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में जबलपुर शहर के अन्तर्गत थाना अधारताल, थाना हनुमानताल एवं थाना घमापुर के अन्तर्गत आने वाले क्षेत्रों में हत्या, लूट, चेन स्नेचिंग एवं धारा 307 जैसे अपराध बढ़ रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित थानों के अंतर्गत विगत 6 माह में ऐसे कितने प्रकरण हत्या, लूट, चेन स्नेचिंग एवं धारा 307 दर्ज किये गये उन पर क्या कार्यवाही की गई, थाना वार विस्तृत जानकारी देवें? हत्या, लूट, चेन स्नेचिंग एवं धारा 307 में दर्ज रिपोर्ट पर क्या कार्यवाही की गई एवं कितने अपराधियों को पकड़ा गया कितने अपराधी पकड़ से दूर हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार बढ़ रहे अपराधों पर क्या पुलिस अपना नियंत्रण खो चुकी है अथवा पुलिस द्वारा ठोस कार्यवाही न करने के कारण क्षेत्र में अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो ऐसे निरंकुश अपराधों एवं अपराधियों के विरूद्ध ठोस कार्यवाही न होने के जिम्मेवार कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी हैं? क्या इनके विरूद्ध उचित कार्यवाही की जावेगी तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) विगत तीन वर्षों की 6 माह की अवधि की तुलना करने पर थाना अधारताल में हत्या, लूट, चेन स्नैचिंग के अपराधों में वृद्धि नहीं हुई है तथा अधारताल एवं घमापुर में हत्या के प्रकरणों में पिछले वर्ष की अपेक्षा कमी परिलक्षित हुई है। थाना हनुमानताल में हत्या के प्रकरणों में पिछले वर्षों की अपेक्षा आंशिक वृद्धि हुई है। इसी प्रकार थाना घमापुर एवं अधारताल में हत्या के प्रयास के प्रकरणों में वृद्धि हुई है, जबकि थाना हनुमानताल में कमी हुई है। (ख) प्रश्नांकित 6 माह की अवधि में उपरोक्त वर्णित थानों में हत्या के 07 प्रकरण, लूट के 03 प्रकरण, हत्या के प्रयास के 26 प्रकरण और चेन स्नैचिंग के 02 प्रकरण दर्ज किये जाकर विवेचना की गई। थानावार विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गिरफ्तार एवं फरार आरोपियों की तथ्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। उपरोक्त अपराधों की वृद्धि के संबंध में किसी भी अधिकारी एवं कर्मचारी की लापरवाही नहीं पाई गयी।
परिशिष्ट – ''एक'' (पृष्ठ क्रमांक 10)
गुना जिले की राजस्व एवं दखल रहित भूमि पर अतिक्रमण
3. ( *क्र. 654 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले में ऐसे कितने लोग हैं जिन्होने राजस्व एवं दखल रहित भूमि पर अतिक्रमण किया है गांववार, तहसीलवार जानकारी दें? (ख) गुना जिले में अतिक्रमणधारी कृषकों का अतिक्रमण वाली भूमि में किया गया अतिक्रमण कब तक हटाया जायेगा? तहसीलवार जानकारी दें? (ग) गुना जिले में ऐसे कितने अतिक्रमणधारी हैं जिन्होंने खेल मैदान, स्कूल भूमि, खदान भूमि एवं मरघट शाला की भूमियों पर अतिक्रमण किया है उनका अतिक्रमण कब तक किस रीति से हटाया जायेगा? (घ) गुना जिले में ऐसे कितने अतिक्रमण धारी हैं जिन्होने राजस्व एवं दखल रहित भूमि पर अतिक्रमण कर आवास बना लिये हैं, क्या उन्हें हटाया जायेगा या आवास के पट्टे दिये जायेंगे गांववार, तहसीलवार जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
डीमेट परीक्षा में अनियमितता की जाँच
4. ( *क्र. 1176 ) श्री हर्ष यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डीमेट परीक्षा के माध्यम से प्रदेश के प्रायवेट मेडीकल कॉलेजों द्वारा किये गये फर्जीवाड़े और अनियमितताओं के संबंध में कोई जाँच एस.टी.एफ. व एस.आई.टी. द्वारा की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है और किन-किन संदिग्धों/दोषियों को गिरफ्तार किया गया है? (ख) क्या एस.टी.एफ./एस.आई.टी. द्वारा व्यापम के पूर्व डायरेक्टर एवं डीमेट के कोषाध्यक्ष योगेश उपरीत से पूछताछ की है? यदि हाँ, तो क्या तथ्य सामने आये हैं? (ग) प्रायवेट मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश में हुए भारी भ्रष्टाचार, गड़बड़ी और फर्जीवाड़े को लेकर क्या शासन/विभाग विस्तृत और निष्पक्ष जाँच कराएगा? नहीं तो क्यों? चिकित्सा जैसे अति संवेदनशील मामले में गड़बड़ी को रोकने हेतु क्या कोई ठोस कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिंगरौली जिले में राजस्व ग्राम बनाए जाने की कार्यवाही
5. ( *क्र. 734 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली स्थित बड़े गाँवों को पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने हेतु प्रस्ताव विगत 2-3 वर्षों से लंबित हैं, जबकि इन गाँवों के खसरा प्लाट आदि के बटवारे का कार्य भी हो चुका है? (ख) यदि हाँ, तो इन गांवों को कब तक में पृथक गाँव बनाये जाने का आदेश हो सकेगा? गाँवों के नाम सहित संपूर्ण विवरण देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) पृथक राजस्व ग्राम बनाये जाने की कार्यवाही अंतिम चरण में है। जैसे ही उक्त ग्रामों के अंतिम प्रकाशन की उद्घोषणा जारी हो जाएगी. उक्त ग्रामों का अभिलेख जिला प्रशासन को सौंप दिया जावेगा ग्रामों का विवरण निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
मूल ग्राम |
नवीन ग्राम |
1/ |
तियरा |
पलहवा |
2/ |
हर्रहवा |
करकोटा |
3/ |
बरहपान |
मुड़वानी |
4/ |
गोभा |
मुनगहवा |
5/ |
खम्हरिया |
महादेवा टोला |
जिला रीवा अंतर्गत मृत्यु की निष्पक्ष जाँच
6. ( *क्र. 1016 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा के कलेक्टर एवं एस.पी. को क्या जनसुनवाई में शिकायत संख्या 3519 दिनाँक 26.05.2015 को शिकायतकर्ता मंजू स्वीपर द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनाँक तक क्या जाँच की गई है तथा यह भी बताएं कि क्या शव का पोस्टमार्टम कराया गया है व एफ.एस.एल. टीम द्वारा जाँच कराई गई है? यदि नहीं, तो क्यों पीड़िता को संतुष्ट किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या लापरवाही की गई है? यदि हाँ, तो दोषी पुलिस अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक बताए?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) हाँ यह सही है कि शिकायतकर्ता मन्जू स्वीपर पत्नी स्व. राजू स्वीपर नि. नया तालाब गुढ चैराहा रीवा द्वारा मृतक नितिन स्वीपर के मृत्यु की निष्पक्ष जाँच हेतु कलेक्टर रीवा को संबोधित जन सुनवाई में शिकायत दी गई थी जो कलेक्टर रीवा के पत्र क्रमांक 3519/15 दिनाँक 26.05.2015 के द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय रीवा में प्राप्त हुई थी। दिनाँक 25.05.2015 को आवेदिका द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय रीवा में उपस्थित होकर जन सुनवाई में शिकायत की थी जो पुलिस अधीक्षक कार्यालय के शिकायत रजिस्टर के पंजी क्रमांक 469/15 दिनाँक 25.05.2015 पर लेख है। उक्त शिकायत पत्र थाना प्रभारी सिटी कोतवाली रीवा को जाँच हेतु भेजा गया एवं थाना प्रभारी के द्वारा जाँच की गई। शिकायत पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) दिनाँक 16.05.15 को नितेश पिता स्व. राजू स्वीपर उम्र 18 साल नि. गुढ़ चैराहा रीवा ने थाना में सूचना दिया कि मृतक नितिन स्वीपर उम्र 21 साल जो उसका भाई है ने अपने कमरे में फांसी लगा लिया है जिससे उसकी मृत्यु हो गई है। उक्त सूचना पर थाना सिटी कोतवाली रीवा में मर्ग क्रमांक 32/15, धारा 174 जा.फौ. का कायम किया जाकर जाँच की गई। जाँच के दौरान मृतक नितिन के शव का पंचायतनामा किया गया एवं घटना स्थल का निरीक्षण किया गया। एफ.एस.एल. टीम रीवा के फोटोग्राफर से फोटोग्राफी करवाई गई। मृतक के शव का परीक्षण संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल रीवा में करवाया गया। पी.एम. रिपोर्ट में डाँ. द्वारा मृतक की मृत्यु फांसी लगाने से होना लेख किया गया है। पी.एम. रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘स’’ अनुसार है। मृतक का बिसरा प्रिजर्व कर जाँच हेतु एफ.एस.एल. सागर भेजा गया था, जिसकी जाँच रिपोर्ट प्राप्त की गई जिसमें रासायनिक विष के परीक्षण ऋणात्मक पाये गये हैं। बिसरा रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ’क’ एवं ’ख’ के संदर्भ में जाँचकर्ता पुलिस अधिकारी द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की गई है इसलिए उनके विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है।
सड़क निर्माण की मुआवजा राशि का वितरण
7. ( *क्र. 937 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में विगत दो वर्षों में राजस्व विभाग द्वारा लो.नि.वि. द्वारा निर्मित सड़क मार्गों में आई किसानों की भूमि/जगह का अधिग्रहण किन-किन ग्रामों में किया गया है? (ख) क्या सागर जिले में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत लो.नि.वि. द्वारा डोगा रोड, पिपिरया करकट लिधोरा मार्ग, बदौना मार्ग निर्माण में किसानों की अधिग्रहण की गई भूमि/जगह का राजस्व विभाग द्वारा शत्-प्रतिशत मुआवजा वितरण किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या किसानों की भूमि/जगह अधिग्रहण करते समय मुआवजा राशि प्रदाय करने हेतु शासन द्वारा समय-सीमा तय की गई थी? यदि हाँ, तो तय समय-सीमा में मुआवजा का वितरण क्यों नहीं किया गया? (घ) किसानों की भूमि/जगह का अधिग्रहण का मुआवजा शत्-प्रतिशत कब तक प्रदाय कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पानी में फ्लोराइड की मात्रा
8. ( *क्र. 1 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेडा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में किस-किस जिले में पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा है व कम है? जिलेवार विवरण दें तथा बतावें कि पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिये क्या प्रयास किये? (ख) फ्लोराइड की मात्रा के आधार पर कौन-कौन सी बीमारियां पीने वालों को हो सकती हैं व उसको रोकन हेतु शासन क्या प्रयास कर रहा है? (ग) शिवपुरी जिले में पीने के पानी में फ्लोराइड कम ज्यादा होने से किस-किस गांव में विकलांगता होने की शिकायत शासन को मिली व उस पर क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रदेश के 28 जिलों में फ्लोराइड निर्धारित सीमा से अधिक पाया गया है। जिलों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिन जल स्रोतों में निर्धारित मात्रा से अधिक फ्लोराइड पाया गया था आवश्यकता अनुसार डि-फ्लोरिडेशन प्लांट लगाकर जल गुणवत्ता में सुधार का कार्य किया गया है। (ख) फ्लोराइड के आधिक्य युक्त जल के सेवन से अस्थि फ्लोरोसिस (अस्थियों का टेढ़ा होना) और दंत फ्लोरोसिस (दाँतों का काला होकर कमजोर होना) एवं कंकाली फ्लोरोसिस (कंकाल का टेढा होना) आदि मुख्य बीमारियाँ होती हैं एवं फ्लोराइड की कमी से दंत क्षय (दाँतों का खोखला होना) होता है। इनकी रोकथाम के लिये विभाग द्वारा फ्लोराइड प्रभावित बसाहटों में वैकल्पिक पेयजल योजनाओं का क्रियान्वयन एवं डि-फ्लोरिडेशन संयंत्र लगाने की कार्यवाही की गई है। (ग) कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
परिशिष्ट – ''दो'' (पृष्ठ क्रमांक 13)
मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजना में व्यय राशि
9. ( *क्र. 750 ) श्रीमती इमरती देवी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला ग्वालियर अंतर्गत वि.ख. डबरा, भितरवार, मुरार, घाटीगांव में मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजना के प्रारंभ से किस ग्राम में किस माह, कितनी राशि स्वीकृत कर, किस ठेकेदार/फर्म को कार्य दिया गया, प्रत्येक योजना का कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजना में से प्रत्येक पर प्रश्न दिनाँक तक कितनी-कितनी राशि व्यय की गई, इनमें से किस ग्राम की योजना का कार्य, किस माह पूर्ण हुआ एवं किस ग्राम की योजना किस कारण समयावधि में पूर्ण नहीं हो सकी? कब तक पूर्ण होगी, समयावधि बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार पूर्ण मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजनाओं में से किस ग्राम में किस माह से जल प्रदाय किया जा रहा है, यदि नहीं, तो क्यों नहीं, इसके लिये कौन अधिकारी जिम्मेवार हैं?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) ग्वालियर जिले की प्रारंभ से मान. मुख्यमंत्री जल प्रदाय योजनाओं की जानकारी विकासखण्डवार, ग्रामवार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार है। पूर्ण योजना के संचालन संधारण का दायित्व ग्राम पंचायत का है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
नरवर तहसील में राजस्व भूमि के पट्टों का वितरण
10. ( *क्र. 550 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील नरवर जिला शिवपुरी में वर्ष 1998 से वर्ष 2002 तक कितने व्यक्तियों को राजस्व भूमि के पट्टे दिए गये पट्टा ग्रहीता का नाम, पता, रकवा सहित जानकारी दी जावे? (ख) क्या दिए गये पट्टेधारियों को भूमि का कब्जा दे दिया गया है? (ग) क्या कुछ पट्टाधारियों को कब्जा नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो उनकी भी जानकारी दी जावे व कब्जा न दे पाने के कारण भी बतावें। (घ) क्या वर्ष 2002 तक दिए गये पट्टों में से कुछ पट्टे निरस्त भी किए गये हैं? यदि हाँ, तो कृषक का नाम, पता व निरस्ती का कारण भी बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्योपुर विधानसभा अंतर्गत ओला/अतिवृष्टि का मुआवजा
11. ( *क्र. 574 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र में मार्च 2015 की ओला/अतिवृष्टि के उपरांत सर्वे दलों ने किन-किन ग्रामों में कितने-कितने प्रतिशत रबि फसलों (गेहूं, चना, धनिया) की क्षति सर्वे सूची में दर्ज की? (ख) सर्वे उपरांत कितने प्रभावित कृषकों को कुल कितनी राशि मुआवजे के रूप में दी गई? शेष कृषकों को कब तक दी जावेगी? इस संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ग) सर्वे दलों द्वारा सर्वे कार्य में बरती गई अनियमितताओं के कारण वर्तमान तक कितने दावे/आपत्ति के आवेदन जिला प्रशासन/विभाग को प्राप्त हुये? इन आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सर्वे दलों द्वारा शासन निर्देशों को अनदेखा करते हुये सर्वे सूची में पूरे क्षेत्र में फसलों की क्षति शतप्रतिशत होने के बावजूद न्यूनतम दर्शाई गई फसलें बदल बदल कर अंकित की गई? उक्त आवेदनों पर सर्वे दलों द्वारा पुन: सर्वे न करके टेबल पर सर्वे सूची तैयार कर ली गई। लगभग 5000 कृषकों को सर्वे सूची से वंचित रखा गया? (ड.) यदि नहीं, तो क्या शासन उक्त अनियमितताओं की जाँच करायेगा व पुन: सर्वे कराकर कृषकों को मुआवजा दिलवायेगा व रवि सीजन के बिजली बिल/समस्त शासकीय कर्ज माफ करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) श्योपुर तहसील के प्रभावित कुल 132 ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ”अ” अनुसार है। रबी फसल गेहूं, चना, धनिया में स्थल पर वास्तविक क्षति के आधार पर भिन्न-भिन्न प्रतिशत दर्ज किया गया है। तहसील बड़ौदा के अंतर्गत कुल 13 ग्रामों में फसल क्षति दर्ज की गई। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ”ब” अनुसार है। (ख) तहसील श्योपुर के अंतर्गत कुल कृषक 10213 के बैंक खातों में राशि रूपये 21,04,70,179/- जमा कर दी गई है। तहसील बड़ौदा के कुल 1269 प्रभावित कृषकों को राशि रूपये 2,83,88,550/- की आर्थिक सहायता राशि वितरित की गई है। कोई कृषक वितरण से शेष नहीं है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) तहसील श्योपुर अंतर्गत सर्वे उपरान्त तैयार सूची को ग्राम पंचायत में वाचन एवं प्रकाशन के बाद कुल 2240 दावे/आपत्ति प्राप्त हुये। जिनमें 1043 दावे स्वीकृत किये गये एवं 1197 अस्वीकृत किये गये। इसके बाद तैयार प्रत्येक ग्राम की अंतिम सूची प्रत्येक ग्राम पंचायत द्वारा सत्यापित की गई। तहसील बड़ौदा अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित समयावधि में सर्वे दलों को कुल 432 दावा/आपत्ति प्राप्त हुये, जिनका निराकरण समयावधि में सर्वे दलों द्वारा किया जा चुका है। वर्तमान में कोई दावा/आपत्ति लंबित नहीं है। (घ) जी नहीं। शासन निर्देशों का पालन कर सर्वे दलों द्वारा खेत-खेत जाकर फसल क्षति का आंकलन किया गया है। दावे आपत्ति प्राप्त कर उनके निराकरण उपरान्त ग्राम पंचायत से सत्यापन कराकर सूची प्रस्तुत की गई है। फसल मौके के अनुसार दर्ज की गई है। कोई पीड़ित कृषक शेष नहीं है। (ड.) प्रश्नांश ”घ” की जानकारी प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
फसलों के मुआवजा वितरण में अनियमितता
12.
( *क्र.
1125
) पं.
रमेश दुबे :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ओलावृष्टि
से फसलों के
क्षतिग्रस्त
होने पर सर्वे
करने तथा
प्रभावित
किसानों को
आर्थिक
सहायता/फसल का
मुआवजा
भुगतान किये जाने
के संबंध में
किन नियमों
में क्या व्यवस्था
की गयी है? आदेश
निर्देश की
प्रति संलग्न
करें? (ख) तहसील
चाँद, जिला-छिन्दवाड़ा
के ग्राम
नीलकंडीखुर्द, निशानजानोजी
एवं परसगांव
सर्रा में
ओलावृष्टि से
क्षतिग्रस्त
फसलों का
सर्वे करने, मुआवजा
पत्रक तैयार
करने हेतु
किन-किन को
नियुक्त
किया गया था? नियुक्ति
आदेश, सर्वे
पत्रक, मुआवजा
निर्धारण
पत्रक, भुगतान
पत्रक की
प्रति संलग्न
करें? (ग) क्या
सर्वे उपरांत
प्रभावित
किसानों के
नाम पता सहित
प्रभावित फसल
का नाम, उसका
रकबा व खसरा
नं. ग्राम
पंचायत में
प्रकाशित
किया गया था? (घ) क्या
प्रश्नकर्ता
ने उक्त
ग्रामों से
बंजर भूमि, खाली
भूमि, पर फसल
बोना बताकर
कुछ लोगों को
अनैतिक लाभ पहुँचाने, पात्र
किसानों को
मुआवजा से
वंचित रखने, सर्वे
सूची और
मुआवजा
भुगतान पत्रक
में काटछाट
एवं अंतर होने
की ग्राम
पंचायत सचिव
से शिकायत
प्राप्त
होने पर प्रश्नकर्ता
ने कलेक्टर
छिन्दवाड़ा
एवं एस.डी.एम.
छिन्दवाड़ा
को शिकायत
पत्र प्रस्तुत
किया है? यदि हाँ, तो
क्या शासन
उक्त शिकायत
की जाँच कर
दोषी पटवारी
के विरूद्ध
कार्यवाही का
आदेश देगा यदि
नहीं, तो क्यों?
राजस्व
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क) से
(घ) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
पी.एम.टी. घोटाले में दर्ज प्रकरण में इलेक्ट्रानिक उपकरणों की जप्ती
13. ( *क्र. 1183 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्राईम ब्रान्च इंदौर के द्वारा पी.एम.टी. घोटाले में दर्ज प्रकरण क्रं. 593/13 दिनाँक 07.07.2013 में जब्त की गई कम्प्यूटर हार्ड डिस्क किस दिनाँक को, किस स्थान से एवं किस समय जब्त की गई है तथा उक्त हार्डडिस्क किसके पास से जब्त की गई है? नाम बतावें? (ख) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित हार्डडिस्क को जब्त करने गये अधिकारी एवं कर्मचारी क्या इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्ती के संबंध में इलेक्ट्रानिक्स साक्ष्य कानून के बारे में ज्ञान रखते थे? यदि हाँ, तो क्या जब्ती के समय उपरोक्त कानून का पालन किया गया? (ग) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित कम्प्यूटर को अधिकारियों द्वारा कैसे पहचाना गया? उक्त पी.सी. का आयडेन्टीफिकेशन क्रं. या सीरियल क्रं. क्या है? (घ) यह कैसे तय किया गया कि जब्त की गई हार्डडिस्क प्रश्न (क) में उल्लेखित व्यक्ति के पी.सी. की ही है? (ड.) एस.आई.टी. द्वारा प्रस्तुत चार्ज शीट में हार्डडिस्क जब्त करने की दिनाँक, स्थान एवं समय का क्या उल्लेख किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) क्राईम ब्रांच इंदौर द्वारा थाना राजेन्द्र नगर, जिला इंदौर में पी.एम.टी. घोटाले में दर्ज प्रकरण क्रमांक 593/13 नहीं, अपितु 539/13 है। अपराध क्रमांक 539/13 में जब्त की गई कम्प्यूटर हार्डडिस्क का जब्ती विवरण इस प्रकार है कि (1) आरोपी अजय सेन से दिनाँक 18.07.2013 के 14.00 बजे आरोपी के मकान शिवाजी नगर, भोपाल से (2) आरोपी नितिन मोहिन्द्रा से दिनाँक 18.07.2013 के 16:30 बजे व्यापम कार्यालय भोपाल आरोपी के आफिस से (3) आरोपी नितिन मोहिन्द्रा से दिनाँक 18.07.2013 के 19:00 बजे आरोपी के मकान चूना भट्टी रोड, भोपाल से, (4) व्यापम के कर्मचारी अशोक देवनानी से दिनाँक 18.07.2013 के 21:05 बजे व्यापम कार्यालय भोपाल सर्वर रूम से (5) आरोपी नितिन मोहिन्द्रा से दिनाँक 26.07.2013 के 13:00 बजे व्यापम कार्यालय भोपाल आरोपी के आफिस से (6) आरोपी नितिन मोहिन्द्रा से दिनाँक 26.07.2013 के 13:30 बजे व्यापम कार्यालय भोपाल सर्वर रूम से। (ख) इलेक्ट्रॉनिक्स साक्ष्य कानून नामक कोई भी कानून नहीं है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हार्डडिस्क को जब्त करने में अधिकारियों द्वारा निर्धारित कानूनी प्रक्रिया के अनुसार जब्ती कार्यवाही की गई। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कम्प्यूटर को आरोपियों की निशानदेही पर विधिवत् जब्ती कार्यवाही की गई है तथा जब्ती की गई हार्डडिस्क का सीरियल नम्बर व पहचान नम्बर जब्ती पंचनामें में लेख किया गया है। (घ) हार्डडिस्क विधिवत् आरोपी की निशानदेही से उसी के कम्प्यूटर से समक्ष गवाहान जब्त की गई है। (ड.) एस.आई.टी. द्वारा इस प्रकरण में कोई भी चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत नहीं की गई है।
रीवा जिलांतर्गत किसानों को मुआवजा भुगतान
14. ( *क्र. 596 ) श्री सुखेन्द्र सिंह (बन्ना) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में अतिवृष्टि, ओला एवं पाला से फसल नष्ट होने के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा दिनाँक 25.04.2015 को सिरमौर चौक रीवा में धरना देकर रीवा जिले के किसानों को मुआवजा प्रदान करने की मांग की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो इस संदर्भ में अब तक क्या-क्या कार्यवाही हुई? इस अनुक्रम में विकासखण्ड हनुमना एवं मउगंज के कितने किसानों को कब-कब, कितनी-कितनी मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है? विवरण सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिवनी जिलांतर्गत विभाग की संचालित योजनाएँ
15. ( *क्र. 224 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले में वर्तमान में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं, इनके संचालन हेतु वर्ष 2013-14 से मार्च 2015 तक की अवधि में जिले को कितनी राशि प्राप्त हुई? राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई, योजना/कार्य/वर्षवार बतावें? (ख) वर्तमान में किन-किन योजनाओं के तहत कितने हितग्राहियों के आवेदन विभाग को वर्ष 2014-15 से वर्तमान तिथि तक प्राप्त हुए, उसमें से कितने आवेदन निराकृत हुए, कितने आवेदन लंबित है? इनका निराकरण कब तक किया जावेगा? (ग) विभागीय योजनाओं के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा का क्रियान्वयन
16. ( *क्र. 1133 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा क्रमांक 2709 दिनाँक 19.01.2015 कुशलपुरा बांध से ग्राम खजूरिया एवं मोर्चाखेड़ी की जनता के लिये सिंचाई एवं पेयजल योजना बनाई जावेगी के परिपालन में उक्त दोनों ग्रामों को सम्मिलित करते हुये विकासखण्ड ब्यावरा के पेयजल संकट ग्रस्त 45 ग्रामों में पेयजल के स्थायी/पर्याप्त व्यवस्था हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग राजगढ़ द्वारा सतही कुशलपुरा बांध आधारित समूह नल जल योजना का स्टेज-1 प्रस्ताव राशि रुपये 48.40 करोड़ का तैयार कर अग्रिम कार्यवाही हेतु शासन को प्रेषित किया गया था? क्या उक्त प्रस्तावित योजना की म.प्र. जल निगम मर्यादित द्वारा डी.पी.आर. तैयार करा ली गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त प्रस्तावित योजना को लेकर जल संसाधन विभाग एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मध्य किसी तकनीकी समस्या के कारण योजना की कार्यवाही अवरूद्ध हो रही है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इसके निराकरण हेतु प्रश्न दिनाँक तक क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) क्या माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा होने से उक्त योजना की तकनीकी समस्या के निराकरण हेतु विभाग द्वारा उक्त प्रकरण माननीय मुख्यमंत्री जी के संज्ञान में लाते हुये शीघ्र ही निराकरण कराया जाकर स्वीकृति प्रदान की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (डी.पी.आर.) तैयार कराई जा रही है। (ख) जी नहीं। जल संसाधन विभाग से निरंतर समन्वय कर पेयजल हेतु आवश्यक जल मात्रा के आवंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवलखा बीज कंपनी महिदपुर पर दर्ज प्रकरण
17. ( *क्र. 1155 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवलखा बीज कंपनी महिदपुर जिला उज्जैन पर दर्ज प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें? (ख) इस प्रकरण में जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा जाँच लंबित रखने का कारण स्पष्ट करें? (ग) जाँच लंबित रहने पर जाँचकर्ता अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) जाँच कब तक पूरी की जाकर संबंधितों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जावेगी? समय-सीमा बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) थाना महिदपुर जिला उज्जैन में अप.क्रं. 35/15 धारा 420 भादवि एवं 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम के अधीन नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के विरूद्ध दर्ज होकर वर्तमान में विवेचनाधीन है। (ख) उक्त आपराधिक प्रकरण में नवलखा बीज कंपनी महिदपुर के विरूद्ध अभियोजन किये जाने हेतु बीज प्रमाणीकरण संस्था से दस्तावेज एवं विभाग से प्रमाणित साक्ष्य की आवश्यकता है, जिसके लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। अनुसंधानकर्ता अधिकारी द्वारा प्रकरण में विवेचना लंबित नहीं रखी गई है। (ग) प्रकरण की विवेचना प्रगति पर है, अतः विवेचना अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही हेतु कोई आधार नहीं है। (घ) आरोपियों की गिरफ्तारी, साक्ष्य एवं विवेचना के आवश्यकतानुसार की जायेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
उज्जैन जिले में राजस्व के लंबित प्रकरण
18. ( *क्र. 1012 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग में उज्जैन जिले में जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक कितने प्रकरण पटवारी रिपोर्ट/राजस्व निरीक्षक की रिपोर्ट के लिए लंबित हैं? ग्रामवार, तहसीलवार सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा नियमानुसार एवं निश्चित समय-सीमा में व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते जानबूझ कर प्रकरणों में प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया जाता है? जिसके कारण आमजन सामान्य एवं संबंधित व्यक्तियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है? (ग) यदि हाँ, तो प्रकरणों में देरी से रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही के क्या प्रावधान हैं एवं कितने पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षकों के विरूद्ध उक्त संबंध में कार्यवाही की गई है यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मेकेनिकल डिवीजन जबलपुर के कर्मशाला उपखण्ड का हस्तांतरण
19. ( *क्र. 1079 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपने विगत जबलपुर प्रवास में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के किसी भी उपखंड कार्यालय का स्थानांतरण जबलपुर से अन्यत्र न किये जाने की घोषणा की थी? एवं इस संबंध में उन्हें क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों ने ज्ञापन देकर कर्मशाला उपखण्ड कार्यालय का जबलपुर से सिंगरौली स्थानान्तरण का विरोध किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में यदि हाँ, तो यह बतलावें कि P.H.E. मेडिकल डिवीजन जबलपुर के अधिनस्थ कर्मशाला उपखंड कार्यालय जबलपुर का सिंगरौली स्थानांतरण किन कारणों से किया गया? (ग) कर्मशाला उपखंड कार्यालय जबलपुर में कितने स्थाई एवं अस्थाई कर्मचारी तैनात थे? इस उपखंड कार्यालय में कितनी-कितनी कीमत की कौन-कौन सी मशीनरी वाहनों के मेंटिनेंस एवं बोरिंग में लगने वाले कैसिंग पाइपों की ट्रेडिंग कटिंग एवं स्लाइडिंग हेतु लगी थी? (घ) मेकेनिकल उपखंड कार्यालय जबलपुर द्वारा कौन-कौन से कार्य किये जाते थे एवं इस कार्यालय का सिंगरौली स्थानान्तरण किन कार्यों को करने हेतु किया गया है? क्या इस कार्यालय का स्टाफ इन कार्यों को करने हेतु प्रशिक्षित है? क्या शासन उक्त उपखंड कार्यालय का सिंगरौली स्थानान्तरण रद्द कर इसे पुन: जबलपुर में स्थापित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) दिनाँक 20.06.2015 को कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में विद्युत मंडल की शाखाएं अन्यत्र स्थानांतरण के संदर्भ में यह घोषणा की थी कि जबलपुर से किसी भी विभाग के किसी भी कार्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। जी हाँ। (ख) शासन की नीति के अनुसार प्रत्येक जिले में विभागीय मैकेनिकल उपखंड स्थापित होना चाहिए। नवनिर्मित सिंगरौली जिले में मैकेनिकल उपखंड न होने के कारण जबलपुर में स्थापित दो उपखंडो में से एक उपखंड को मा. मुख्यमंत्रीजी की घोषणा दिनाँक 20.06.2015 के पूर्व ही दिनाँक 29.04.2015 को स्थानांतरित किया गया है। (ग) 16 अस्थायी कर्मचारी, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मैकेनिकल उपखंड जबलपुर द्वारा विभागीय मशीनों से नलकूप खनन, हैण्डपंप स्थापना तथा मशीनों के रखरखाव आदि कार्य का संपादन किया जाता है। इस कार्यालय का सिंगरौली स्थानांतरण नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - ''तीन'' (पृष्ठ क्रमांक 14)
तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के स्वीकृत पद
20. ( *क्र. 1101 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार की कितनी संख्या है? क्या यह संख्या पर्याप्त है? जिलेवार कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने पद रिक्त है? (ख) प्रश्नांश (क) की कमी को कब तक पूरा कर लिया जायेगा? इन पदों की नियुक्ति हेतु कोई योजना लंबित है? यदि हाँ, तो क्या? (ग) क्या इन अधिकारियों की कमी के कारण शासकीय कार्यों का क्रियान्वयन सही तरीके से समय पर पूरा हो पा रहा है? क्या आम नागरिकों को इस कमी से कार्यों में कठिनाई नहीं हो रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्योगों हेतु कृषि भूमि का अर्जन
21. ( *क्र. 1179 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या औद्योगिक प्रयोजन हेतु किसानों से ली जाने वाली भूमि का कोई न्यूनतम मूल्य तय है? औद्योगिक समूह द्वारा सीधे किसानों से क्रय की जाने वाली भूमि के संबंध में शासन के क्या प्रावधान/नियम प्रचलित हैं? क्या इस हेतु कोई न्यूनतम दर तय है? (ख) विगत पांच वर्षों के दौरान सतना जिले के मैहर स्थित के.जे.एस. व रिलायंस सीमेंट समूह द्वारा किसानों से कितनी-कितनी भूमि किन दरों में क्रय की है? क्या किसानों से भूमि लेने और संबंधित उद्योग में प्रभावित परिवार के सदस्य को रोजगार देने संबंधी कोई अनुबंध कृषको भू-स्वामियों और उद्योग समूह के मध्य हुआ है? यदि हाँ, तो इस अनुबंध का पालन कराने हेतु कौन उत्तरदायी है? भू-स्वामियों को उनकी भूमि का वाजिब दाम मिले इस हेतु क्या शासन का कोई विभाग किसी स्तर का नियंत्रण रखता है? (ग) मैहर स्थित उक्त उद्योगों द्वारा किसानों से क्रय की गई भूमि और रोजगार देने संबंधी अनुबंधों को लेकर किसी वरिष्ठ अधिकारी से परीक्षण कराया जाकर कार्यवाही की जावेगी, ताकि प्रभावित किसानों को न्याय मिल सके? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फल एवं सब्जियों में कीटनाशक रसायनों का उपयोग
22. ( *क्र. 251 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग द्वारा उज्जैन, इंदौर संभाग में कीटनाशकों व रसायनों के प्रयोग से फल व सब्जियों में जहर फैलने की आशंका संबंधी प्रयोग करवाया जाना प्रस्तावित है? (ख) क्या अधिकांश सब्जियों में कीटनाशक व रसायन रिपोर्ट में पाया गया है, जो घरेलू उपयोग में लाए जाते हैं? इनकी बिक्री के लिये क्या मापदण्ड निर्धारित है? (ग) क्या विभाग सभी प्रकार के कीटनाशक व रसायनों का न्यूनतम प्रयोग करने पर विचार कर रहा है? (घ) उज्जैन/इंदौर संभागों में उद्योगों के नालों से निकलने वाले रसायनयुक्त पानी से उगाई गई सब्जियों पर प्रतिबंध लगाने पर विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। (घ) माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भोपाल द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में कार्यवाही किये जाने हेतु दिनाँक 05.06.2014 द्वारा समस्त कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारियों को निर्देश जारी किये जा चुके हैं।
आयुक्त संभाग इंदौर द्वारा की गई जाँच
23. ( *क्र. 104 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग, मध्यप्रदेश शासन के पत्र दिनाँक 04.09.2014, आयुक्त संभाग इंदौर को जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराये जाने हेतु पत्र भेजा गया था हाँ, तो उस पर आयुक्त संभाग इंदौर द्वारा जाँच कर जाँच प्रतिवेदन राजस्व विभाग को उपलब्ध कराया गया है हाँ, तो बतायें नहीं तो राजस्व विभाग द्वारा इस संबंध में किस-किस दिनाँक को स्मरण पत्र भेजे और अग्रिम कार्यवाही पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया दिनाँकवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित जाँच प्रतिवेदन में कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। राजस्व विभाग द्वारा स्मरण पत्र दिनाँक 28.05.2015 को आयुक्त इन्दौर को भेजा गया। आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर द्वारा कलेक्टर जिला इन्दौर से जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त होना बताया है। (ख) कलेक्टर जिला इन्दौर से जाँच प्रतिवेदन अपेक्षित है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
प्राकृतिक आपदा में वितरित मुआवजा राशि की दर
24. ( *क्र. 1113 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2013-14 व 2014-15 में भिण्ड जिले के गोरमी और अमायन क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से फसलों का नुकसान हुआ था? यदि हाँ, तो किस पद्धति से आंकलन कर किस दर से मुआवजा राशि को वितरित किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित क्षेत्र वर्ष में किसानों से फसल बीमा का प्रीमियम जमा कराया गया था? यदि हाँ, तो किस दर से जमा कराया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत बीमा कंपनी ने फसलों के नुकसान का आकलन किस पद्धति से किया है और प्रति एकड़ किस दर से राशि वितरित की है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ राजस्व विभाग, कृषि विभाग तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त दल के आंकलन के आधार पर आर.बी.सी. 6-4 में अंकित दर अनुसार मुआवजा राशि वितरित की गई। (ख) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना अन्तर्गत तहसील गोरमी एवं मेहगांव तहसील के अन्तर्गत अमायन पटवारी हल्का नंबर 63 की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) प्रश्नांश “क“ एवं “ख“ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2 एवं 3 अनुसार है।
परिशिष्ट - ''चार'' (पृष्ठ क्रमांक 15)
तहसील पुनासा में नामांतरण के लंबित प्रकरणों पर कार्यवाही
25. ( क्र. 1206 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले की तहसील पुनासा एवं आर.आई सर्कल किल्लौद के अन्तर्गत वर्ष 2013 से जून 2015 तक कितने किसानों की मृत्यु के बाद उनके बारसानों के नाम से तहसीलदार द्वारा नामान्तरण कर दिये गए हैं? कितने फौती नामान्तरण के प्रकरण तहसीलदार कार्यालय में लंबित हैं? लंबित रहने का क्या कारण है? लंबित फौती नामांतरण वाले आवेदकों के नाम, पटवारी हल्कावार, ग्राम के नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आर.आई.सर्कल व तहसील पुनासा के अंतर्गत जमीन खरीदी के बाद खरीददारों द्वारा कब-कब नामांतरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किये गए थे? कितने नामांतरण कर दिये गए एवं कितने शेष हैं? आवेदन प्राप्ती के बाद नामातंरण कितने दिवस में कर दिया जाता है? नामांतरण के कितने आवेदन तहसीलदार के न्यायालय में लंबित हैं? लंबित रहने का कारण क्या है? समय-सीमा में नामातंरण नहीं करने वाले तहसीलदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी? खरीदी के बाद नामांतरण के आवेदकों के लंबित प्रकरणों की सूची, ग्रामवार व पटवारी हल्कावार तथा लंबित रहने के कारण सहित दें? (ग) क्या कोई कारण नहीं होने के बाद यदि प्रकरण पुनासा तहसीलदार द्वारा लंबित किये जा रहे हैं तो पुनासा तहसीलदार के खिलाफ क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भाग-2
नियम
46
(2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मूल अभिलेख से कम्प्यूटरकृत किये जाने बाबत्
1. ( क्र. 8 ) श्रीमती सरस्वती सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के राजस्व विभाग में भूमिस्वामियों एवं गैर भूमिस्वामियों के नाम खसरा अभिलेख से कम्प्यूटरीकृत डाटा इन्ट्री करने का क्या प्रावधान है? (ख) क्या सिंगरौली जिले की चितरंगी तहसील अंतर्गत हल्का पटवारियों को कम्प्यूटरीकृत सत्यापित अभिलेख वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक वर्षवार कम्प्यूटरीकृत खसरा अभिलेख दिये गये हैं? यदि हाँ, तो चितरंगी तहसील अंतर्गत मूल अभिलेख एवं कम्प्यूटरीकृत अभिलेख में खातेदारों और गैर खातेदारों के नामों में बहुत भिन्नता होने का क्या कारण है? (ग) क्या भूमि स्वामियों और गैर भूमि स्वामियों का नाम मूल अभिलेख से मिलान कराकर कम्प्यूटर में डाटा इन्ट्री कराएंगे और क्या कृषकों को भूमि की सत्यापित खसरा नकल वितरित कराएंगे? यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कैश वालेट सुविधा देने वाली कंपनियों के खिलाफ की गई शिकायतों पर कार्रवाई
2. ( क्र. 17 ) श्री विश्वास सारंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक प्रदेश में कैश वालेट सुविधा देने वाली किन-किन कंपनियों की कितनी-कितनी शिकायतें सायबर सेल को प्राप्त हुई हैं? कंपनियों के नामवार, शिकायतवार, वर्षवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनाँक तक कितनी कंपनियों की जाँच की गई है? जाँच प्रतिवेदन सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत जाँच उपरांत किन-किन के ऊपर किस-किस धाराओं के तहत मुकदमें दर्ज किए गए हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से प्रदेश में कैश वालेट की सुविधा देने वाली कम्पनियों की जानकारी प्राप्त की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कुल 37 कम्पनियों को कैश वालेट की सुविधा मुहैया कराने हेतु लायसेंस प्रदान किया गया है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’अ’ के सरल क्रमांक 22 से 58 तक है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उपरोक्त 37 कम्पनियों को जिन नियम व शर्तों के तहत कैश वालेट की सुविधा मुहैया कराने के लायसेंस दिये है। उन नियम व शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’अ’ अनुसार है। कैश वालेट सुविधा देने वाली जिन कम्पनियों के विरूद्ध सायबर सेल को शिकायतें प्राप्त हुई उनकी नामवार, शिकायतवार, वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’ब’ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रश्न दिनाँक तक कुल 672 शिकायतें, 04 कैश वालेट कम्पनियों (1) Mobikwik-293, (2) Vodafone Mpesa-46, (3) Airtel M-26, (4) One97 Communication-307, शिकायतें प्राप्त हुई थी। जिन शिकायतों में जाँच पूर्ण हो चुकी है, उनमें 05 अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में है। शेष शिकायतों में जाँच प्रगति पर है। अपराधों का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’स’ अनुसार है। (ग) सायबर सेल में दिनाँक 01.01.2014 से प्रश्न दिनाँक तक कैश वालेट की सुविधा देने वाली कम्पनियों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों में जाँच उपरांत अपराध एवं आरोपियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’द’ अनुसार है।
अनूपपुर जिले में संचालित नल/जल योजनाएं
3. ( क्र. 42 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनूपपुर जिले में कुल कितनी नल-जल योजनाऐं संचालित है, संचालित योजनाओं में वर्ष 2013-14 एवं 2014-2015 में कुल कितनी राशि खर्च हुई है? वर्तमान में चालू-बंद की क्या स्थिति हैं? बन्द होने का कारण क्या है? (ख) क्या यह सही है कि नल-जल योजनाओं के निर्माण में गुणवत्ताविहीन सामग्री का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) अनूपपुर विधान सभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों में घरेलू कनेक्शन कर दिया गया है? विकास खण्डवार ग्राम का नाम बताऐं? (घ) विकासखण्ड जैतहरी के औढ़ेरा पंचायत में घरेलू कनेक्शन में कुल कितना खर्च किया गया है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) अनूपपुर जिले में कुल 166 नलजल योजनायें संचालित हैं, संचालित योजनाओं में वर्ष 2013-14 में रूपये 1079.80 लाख एवं वर्ष 2014-15 में रूपये 1029.90 लाख इस प्रकार प्रश्नाधीन अवधि में कुल रूपये 2109.70 लाख की राशि खर्च हुई। वर्तमान में 150 योजनायें चालू एवं 16 योजनायें बंद हैं। योजनाओं के बद होने का कारण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी नहीं। कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ग) अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के 20 ग्रामों में घरेलू कनेक्शन कर दिया गया है। विकास खण्डवार, ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) विकासखण्ड जैतहरी के औढेरा पंचायत में घरेलू कनेक्शन में कोई राशि खर्च नहीं की गई है।
ग्रामों के नालों का गुणवत्ताविहीन कार्य
4. ( क्र. 44 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2007-08 से 2013-14 के मध्य जिला-अनूपपुर विकास खण्ड पुष्पराजगढ़, जैतहरी, कोतमा, अनूपपुर के विभिन्न ग्रामों के नालों में ठेकेदारों द्वारा अनेक अनुबंधों एवं कार्यादेशों के तहत गुणवत्ता विहीन कार्य एवं कूट रचित तरीके से दस्तावेज संधारित किए जाने की शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो शिकायत का आधार क्या है? (ख) मुख्यमंत्री कार्यालय का पत्र क्रमांक 2898/सी.एम.एस./एम.एल.ए./087/2014 दिनाँक 21.11.2014 (सी.एम.मांनिट-बी) के अनुपालन में म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद भोपाल के द्वारा प्रमुख सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सम्बोधित पत्र क्रमांक 8886/एन.आर.-3/मनरेगा/2014 भोपाल दिनाँक 05.12.2014 के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) विभाग द्वारा कार्यवाही न करने का कारण क्या है? क्या यह सही है कि विभाग भ्रष्ट ठेकेदारों एवं अधिकारियों को संरक्षण प्रदान कर रहा है? यदि नहीं, तो भौतिक सत्यापन कराने की समय सीमा बतायें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। शिकायत के आधार की जानकारी विभाग को नहीं है। (ख) अधीक्षण यंत्री, नर्मदा परियोजना मंडल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जाँचदल गठित किया गया है। इस जाँच दल द्वारा जाँच किये जाने के पश्चात् अनुशंसा अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) उत्तरांश-''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, निश्चित समय सीमा नहीं बताई जा सकती है।
सीताराम बाग जावरा के भूमि बंटन की जाँच
5. ( क्र. 53 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेडा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या 39 (क्रं.708) दिनाँक 23.11.2011 तथा 2 मार्च 2015 के परि. अता. प्रश्न संख्या 22 (क्र.1138) के संदर्भ में बताए कि- जब आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर व आयुक्त उज्जैन ने जिलाधीश को एस.डी.ओ. को आदेश निरस्त कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही का निर्देश दिया था तो इस संबंध में क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नकर्ता ने उपरोक्त संबंध में आयुक्त उज्जैन, जिलाधीश रतलाम को पिछले 5 वर्षों में कितने पत्र किस-किस तिथि में लिखे व उन पत्रों पर क्या कार्यवाही हुई है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त म.प्र. ग्वालियर के पत्र क्र.2187/11/भू-प्रबं/2011 दि. 12/09/2011 में दोषी कर्मचारी/अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश प्रदान किये गये थे, जिसके अनुक्रम में अनुविभागीय अधिकारी, जावरा के आदेश क्र. 1444/स्था./13 दि. 18/2/2013 के द्वारा दोषी तत्कालीन पटवारी श्री विरेन्द्र सिंह सोलंकी पटवारी कस्बा जावरा की एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोके जाने के दण्ड से दण्डित किया गया है। दोषी तहसीलदारों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन को भिजवाया गया है। अनुविभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु पत्र क्र. 3088/स्था./12 दि.7/7/2012 को म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा गया है। (ख) संबंधित प्रकरण में प्रश्नकर्ता द्वारा दि. 7/12/10, 2/10/2011 एवं 19/6/2012 को पत्र लिखे गये जिन पर समय-समय पर कार्यवाही की गई। प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2015 में जिलाधीश को लिखे पत्र पर अनुविभागीय अधिकारी जावरा को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया है।
नल जल योजना का क्रियान्वयन
6. ( क्र. 116 ) श्री सचिन यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुख्यमंत्री नल-जल योजना के क्रियान्वयन संबंधी नियम क्या है? मुख्यमंत्री नल जल योजना किन ग्रामों में कितनी आबादी वाले ग्रामों में क्रियान्वित की जा सकती है? (ख) उक्त योजना प्रारंभ से योजनान्तर्गत कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कितने ग्रामों में कितनी योजनाओं में कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? कितनी योजनाएं पूर्ण हो गई? कितनी प्रगतिरत होकर अपूर्ण है एवं कितनी अप्रारंभ है? अप्रारंभ एवं अपूर्ण रहने का कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित ग्रामों में से पेयजल समस्या को दृष्टिगत रखते हुये उक्त विधानसभा क्षेत्र में किन-किन ग्रामों में मुख्यमंत्री पेयजल नल जल योजना की स्वीकृति हेतु ग्राम चिन्हांकन किये गये हैं क्या उनकी कार्ययोजना तैयार कर विभाग को प्रस्तुत कर दी गई है? यदि हाँ, तो किस स्तर पर लंबित है ? कब तक स्वीकृति प्रदाय की जावेगी समय सीमा बतावें नहीं तो कारण बतावें ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मुख्यमंत्री नलजल योजना की स्वीकृति से संबंधित नियम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। उल्लेखनीय है वर्ष 2010 में संकल्प क्रमांक-13 के अंतर्गत मुख्यमंत्री पेयजल योजना का क्रियान्वयन आगामी 03 वर्षों के लिये स्वीकृत किया गया था, जिसकी अवधि 01 अप्रैल, 2014 को समाप्त हो चुकी है। (ख) मुख्यमंत्री पेयजल योजना के प्रारंभ वर्ष 2010-11 से वर्ष 2013-14 तक कसरावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 11 ग्रामों की योजनाऐं स्वीकृत हो कर सभी पूर्ण की जा चुकी हैं। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) मुख्यमंत्री पेयजल योजना 01.04.2014 से बंद होने के कारण ग्रामों का चिन्हांकन नहीं किया गया है अतः स्वीकृति का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
निजी कॉलोनी को ग्राम पंचायतों को सौंपा जाना
7. ( क्र. 128 ) श्री हितेन्द्र सिंह ध्यान सिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न संख्या 16 (क्रमांक-2196) दिनाँक 16.7.14 पर मौखिक चर्चा के दौरान माननीय मंत्री जी द्वारा निजी कॉलोनीयों को ग्राम पंचायतों को सौंपे जाने के दौरान की गई अनियमितताओं के संबंध में भोपाल से उच्च अधिकारी जाँच कराये जाने का आश्वासन सदन में दिया था? तो वर्तमान तक किस अधिकारी को क्षेत्र में भेजकर जाँच कराई गई है? यदि जाँच नहीं की गई हो तो कब तक कर ली जावेगी? (ख) क्या यह सही है कि निजी कॉलोनी को ग्राम पंचायतों को सौपते समय क्या सीमेंन्टीकृत सड़क, अण्डर ग्राउण्ड ड्रेनेज, ओव्हर हेड टंकी से पीने की पानी की सुविधा होनी चाहिये? क्या शासन के कोई मापदण्ड है, यदि है तो नियम बताएं। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) के अनुसार सीमेंटीकृत सड़क, अण्डर ग्राउण्ड ड्रेनेज, पीने की पानी के लिये ओव्हर हेड टंकी का निर्माण न कर कॉलोनी सौंपी गई है तो इन कॉलोनाइजर के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? समय सीमा बताई जावे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पीपलरावाँ में टाप्पा तहसील का निर्माण
8. ( क्र. 135 ) श्री राजेन्द्र फूलचन्द वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पीपलरावाँ नगर में टप्पा तहसील की कार्यवाही प्रचलित है? यदि है तो क्या कार्यवाही चल रही है यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या पीपलरावाँ को भविष्य में टप्पा तहसील प्राप्त हो सकेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्यापम प्रकरण में क्राइम ब्रांच/एस.टी.एफ
9. ( क्र. 147 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्राइम ब्रांच, इंदौर द्वारा पीएमटी 2013 परीक्षा घोटाले में प्रकरण क्र.593/13 में नितिन महिन्द्रा का कम्प्युटर पूरा मय हार्ड डिस्क क्यों नहीं जब्त किया गया? उसमें हार्ड डिस्क एक थी या दो किस दिनाँक को कितनी-कितनी हार्ड डिस्क किसके द्वारा निकाली गयी? (ख) क्राइम ब्रांच इंदौर ने 13 अगस्त 2013 को पत्र लिखकर व्यापम से रोल नंबर आवंटन का लॉजिक फार्मूला क्यों मांगा? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जब्त हार्ड डिस्क से उस लॉजिक फार्मूले को निकालने का प्रयास क्यों नहीं किया गया? उसे शासन द्वारा अधिकृत किसी लेब में क्यों नहीं भेजा गया? (ग) क्राइम ब्रांच इंदौर/एस.टी.एफ ने यह जानने का प्रयास किया कि रोल नंबर आवंटन में पीएमटी 2013 में उपयोग किये गये लाजिकल फार्मूले का उपयोग कितनी-कितनी बार हुआ, इस्तेमाल करने की शुरूआत किस दिनाँक से हुई, तथा उसकी अनुमति किस अधिकारी ने किस आधार पर दी? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पत्र का उत्तर किस दिनाँक को प्राप्त हुआ? प्राप्त उत्तर के अनुसार क्या कार्यवाही की गई? लाजिक फार्मूले के संबंध में लिखे पत्र तथा प्राप्त उत्तर की प्रतिलिपि देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) थाना राजेन्द्रनगर, जिला इंदौर में दिनाँक 07.07.2013 को अपराध क्रमांक 593/13 नहीं अपितु 539/13 पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना के दौरान दिनाँक 08.07.2013 को साक्ष्य की आवश्यकता अनुसार आरोपी नितिन मोहिन्द्रा के आफिस के कम्प्यूटर की एक हार्डडिस्क जब्त की गई थी। उसमें दो हार्डडिस्क थी, जिसमें से एक हार्डडिस्क दिनाँक 18.07.2013 को तथा एक हार्डडिस्क दिनाँक 26.07.2013 को विवेचना टीम द्वारा निकालकर जब्त की गई थी। (ख) क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा पत्र क्रमांक/निरी/अप/539/1140/13 दिनाँक13.08.2013 को डायरेक्टर व्यावसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल से रोल नम्बर आवंटन का लॉजिक फार्मूला नहीं मांगा गया था, अपितु व्यापम से उक्त पत्र के माध्यम से पी.एम.टी. वर्ष 2013 की परीक्षा में रोल नम्बर आवंटन हेतु अपनाये गये लॉजिक से भिन्न, किन-किन छात्रों के रोल नम्बर आवंटित किये गये थे, उनकी जानकारी मांगी गई थी। जब्त हार्डडिस्क मान. न्यायालय की अनुमति उपरांत जाँच हेतु गांधीनगर, गुजरात भेजी गई थी। (ग) पी.एम.टी. परीक्षा 2013 में रोल नम्बर आवंटन में प्रयोग किये गये लॉजिक को विशेषज्ञों की समिति द्वारा ज्ञात किया गया है। इस लॉजिक का प्रयोग केवल वर्ष 2013 में व्यापम द्वारा आयोजित पी.एम.टी. परीक्षा में ही हुआ है। पी.एम.टी. 2013 में दिनाँक 30.06.2013 को लॉजिक का इस्तेमाल कर रोल नम्बर का जनरेशन किया गया था। पी.एम.टी. परीक्षा 2013 के लॉजिक का इस्तेमाल ज्ञात जानकारी के अनुसार किस अन्य परीक्षा में नहीं किया गया है। विवेचना के दौरान प्राप्त जानकारी के अनुसार रोल नम्बर किस लॉजिक के आधार पर आवंटित किये जायेंगे इसका निर्धारण प्रभारी कम्प्यूटर शाखा प्रिंसीपल सिस्टम एनालिस्ट नितिन मोहिन्द्रा के द्वारा किया जाता था। प्रकरण की विवेचना सी.बी.आई. को सौंपी गई है। (घ) व्यापम से उक्त पत्र के माध्यम से पी.एम.टी. वर्ष 2013 की परीक्षा में रोल नम्बर आवंटन हेतु अपनाया गया लॉजिक फार्मूला नहीं मांगा गया था। अतः प्रश्नांश ’ख’ में दिये गये उत्तर के संदर्भ में लागू नहीं है।
व्यापम प्रकरण में क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा जाँच
10. ( क्र. 148 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्राइम ब्रांच इंदौर द्वारा 13 अगस्त 2013 को व्यापम को पत्र लिखकर रोल नंबर आवंटन का लाजिक फार्मूला मांगा था/पूछा था? यदि हाँ, तो बतावें कि व्यापम ने लाजिक फार्मुला किस दिनाँक को भेजा पत्र व्यवहार की प्रतिलिपि देवे? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लॉजिक फार्मूला आज दिनाँक तक एसटीएफ को प्राप्त नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो एसटीएफ ने उसे प्राप्त करने के लिये नितिन महिन्द्रा के कम्प्युटर से जब्त हार्ड डिस्क को किसी लेब में भेजकर वांछित फार्मूला आज तक प्राप्त क्यों नहीं किया? (ग) एस.टी.एफ के पास आज दिनाँक तक पीएमटी 2008 से 2013 की परीक्षा में रोल नंबर आवंटन का लाजिक फार्मूला ही नहीं है, तो उसने किस आधार पर अभ्यर्थियों को आरोपी बनाया? व्यापम जाँच के घेरे में है, तो फिर उसके द्वारा निकाले गये मिस मैच को पुन: परीक्षण क्यो नहीं किया? (घ) एस.टी.एफ की टेक्निकल टीम जब दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा प्रदत्त पेन ड्राइव का परीक्षण कर सकती है तो फिर उसने 2008 से 2013 की पीएमटी परीक्षा के मिस मैच रोल नंबर क्यों नहीं निकाले?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) क्राइम ब्रांच इन्दौर द्वारा पत्र क्रमांक/निरी./अप/539/1140/13, दिनाँक 13.08.2013 को डायरेक्टर व्यवसायिक परीक्षा मण्डल भोपाल से रोल नम्बर आवंटन का लॉजिक फार्मूला नहीं मांगा गया था, अपितु व्यापम से उक्त पत्र के माध्यम से पी.एम.टी. वर्ष 2013 की परीक्षा में रोल नम्बर आबंटन हेतु अपनाये गये लॉजिक से भिन्न, किन-किन छात्रों के रोल नम्बर आवंटित किये गये थे, उनकी जानकारी मांगी गई थी। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लॉजिक फार्मूला ज्ञात करने हेतु एसटीएफ द्वारा नितिन मोहिन्द्रा के कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क का परीक्षण कराया गया है। व्यापम द्वारा बनाई गई विशेषज्ञों की टीम द्वारा पी.एम.टी. परीक्षा 2013 का फार्मूला उपलब्ध कराया गया है। (ग) व्यापम द्वारा पी.एम.टी. परीक्षा वर्ष 2012 एवं 2013 का फार्मूला उपलब्ध कराया गया था, जिसके आधार पर एसटीएफ द्वारा जाँच की गई है। व्यापम द्वारा पी.एम.टी. परीक्षा 2012 एवं 2013 के जो मिसमैच रोल नम्बर उपलब्ध कराये गये थे, वह एसटीएफ की टेक्निकल टीम द्वारा पुनः परीक्षण किये गये है। (घ) व्यापम से संबंधित समस्त अपराधों की विवेचना माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनाँक 09.07.15 के पालन में सीबीआई को हस्तांतरित की गई है।
हत्या के अपराधियों को पकड़ने बाबत्
11. ( क्र. 159 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के नागौद विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत जयमंगल सिहं ग्राम पवैया के निवासी की हत्या 15 माह पहले हुई थी एवं मंकू s/o तनय कोमल चौधरी ग्राम पोड़ी की हत्या एक माह के अंदर हुई तथा विनोद पाल s/o श्यामलाल पालग्राम चँन्द्रकुइया ग्राम पंचायत चँन्द्रकुइया की हत्या लगभग एक माह के आस-पास हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) की हत्याओं का पता पुलिस द्वारा अभी तक क्यों नहीं लगाया गया? शासन विशेष जाँच दल गठित कर हत्या के अपराधियों को पकड़ने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) सतना जिले में नागौद विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत स्व. जयमंगल सिंह निवासी ग्राम पवैया की हत्या दिनाँक 10/11.01.2014 की दरम्यानी रात्रि, स्व. अनूप उर्फ मन्कू चौधरी निवासी ग्राम पोडी की हत्या दिनाँक 26.05.2015 के शाम 06:00 बजे से दिनाँक 28.05.2015 के सुबह 05:00 बजे के मध्य एवं स्व.विनोद गड़ारी निवासी चनकुईया की हत्या दिनाँक 23.05.2015 को कारित की गई थी। (ख) उक्त तीनों घटनाओं के संबंध में थाना नागौद में क्रमशः अप.क्र. 16/14 धारा 302 भादवि, अप.क्र. 226/15 धारा 320, 201 भादवि एवं अप.क्र. 211/15 धारा 302 भादवि अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध होकर विवेचना में है। अज्ञात आरोपियों के संबंध में अभी तक कोई महत्वपूर्ण सूत्र नहीं मिलने से गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। पुलिस अधीक्षक, सतना द्वारा तीनों अपराधों के अज्ञात आरोपियों की सूचना देने हेतु पृथक-पृथक रूपये 5000/- 5000/- का ईनाम आदेश जारी किया गया है। पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा अप.क्र. 211/15 व 226/15 की विवेचना हेतु अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) नागौद के नेतृत्व में एवं पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन द्वारा अप.क्र. 16/14 की विवेचना हेतु अति. पुलिस अधीक्षक, सतना के नेतृत्व में विशेष विवेचक दल गठित किये गये है, जिनके द्वारा अज्ञात आरोपियों की तलाश एवं गिरफ्तारी हेतु विधि अनुरूप प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि पर अवैध कालोनी निर्माण
12. ( क्र. 161 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के तहसील नागौद के शहपुर गाँव में शासकीय भूमि कितनी है? उक्त भूमि में से कितनी भूमि विद्युत मण्डल को आवंटित की गई? खसरा, रकवा सहित बताएं। शेष भूमि क्या रिक्त पड़ी है? क्या रिक्त भूमि पर पटवारी से मिली भगत कर कोई व्यक्ति अवैध कालोनी का निर्माण कर रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो ग्राम की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध कालोनी का निर्माण तत्काल बंद कराते हुये शासन द्वारा सीमांकन कराते हुये पटवारी को निलंबित कर जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बताएं।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नजूल भूमि के पट्टा वितरण
13. ( क्र. 168 ) श्री यादवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्ना जिले की उचेहरा नगर परिषद के क्षेत्रान्तर्गत नजूल भूमि पर कौन-कौन कब से काबिज है नाम, पता सहित विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) के नजूल भूमि के कब्जा धारियों को शासन की गाईड लाईन के तहत पट्टा प्रदाय कर दिया जाना चाहिये था, किंतु अब तक पट्टा प्रदाय न करने के क्या कारण थे और नजूल भूमि के कब्जे धारियों को कब तक पट्टे प्रदाय कर दिये जायेंगे? (ग) पट्टे प्रदाय किए जाने हेतु किन-किन के द्वारा कब-कब आवेदन दिए गए हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) नजूल भूमि पर काबिज व्यक्तियों के नाम व पता सर्वे उपरांत बताये जा सकते है। (ख) 31 पात्र व्यक्तियों को पट्टा दिया जा चुका है। (ग) कोई आवेदन प्राप्त नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नजूल भूमि पर काबिजों को पट्टों का प्रदाय
14. ( क्र. 184 ) श्री कुंवर सौरभ सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. के जबलपुर संभाग में नजूल भूमि हैं? नजूल भूमि पर काबिजों को पट्टा दिये जाने के क्या प्रावधान है? प्रति उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के कब्जाधारियों के व्यवस्थापन हेतु उन्हें इतनी लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी पट्टे क्यों प्रदाय नहीं किये गये? क्या पट्टा न मिलने से उनका उस भूमि पर अधिकार पत्र न होने से उन्हें अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ग) कटनी जिले में नजूल भूमि में पट्टा प्राप्त किये जाने हेतु कितने लोगों ने विगत तीन वर्षों में आवेदन किया गया है? उन्हें पट्टे क्यों प्रदाय नहीं किये गये? कब तक प्रदाय किये जावेगें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पोषण आहार वितरण बाबत्
15. ( क्र. 185 ) श्री कुंवर सौरभ सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास कटनी को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 403 दिनाँक 14.03.2015 से जानकारी चाही गई थी जो प्रश्न दिनाँक तक उपलब्ध नहीं कराई गई? क्या सामान्य प्रशासन विभाग म.प्र.शासन के द्वारा विधानसभा सदस्य को निर्धारित समय सीमा में जानकारी देना अनिवार्य है? समय सीमा में जानकारी न देने के लिये दोषी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर अवगत करायें तथा वांछित जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) कटनी जिले के शहरी योजना के अंतर्गत 0 वर्ष से 3 वर्ष के कितने बच्चे आंगनवाडी केन्द्रों में दर्ज है केन्द्रवार पृथक-पृथक सूची 1 जुलाई 2013 से प्रश्न दिनाँक तक की दें तथा सूची में दर्शित आंगनवाडी केन्द्रों से बच्चों के लिये ताजा भोजन एवं नाश्ता के लिये उक्त अवधि में केन्द्रवार दिये गये पत्रक की प्रति उपलब्ध करायें? (ग) उक्त आंगनवाडी केन्द्रों में ताजा पका भोजन नाश्ता प्रदान करने के लिये कितने समूहों को अनुबंधित किया गया है? तथा समूहवार सदस्यों की सूची पृथक-पृथक दें तथा कब तक के लिये उक्त समूहों को अनुबंधित किया गया है? (घ) पोषण आहार वितरण में स्व-सहायता समूहों द्वारा की जा रही अनियमितताओं की शिकायतें कब-कब शासन प्रशासन को प्राप्त हुई है शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी, कटनी को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 403 दिनाँक 14.3.2015 से कोई जानकारी नहीं मांगी गई अपितु उनके पत्र क्र.709,दिनाँक 11.5.2015 द्वारा जानकारी चाही गई थी जो कि अत्यंत विस्तृत थी जिसे तैयार कर कार्यालय के पत्र क्र.1502/आईसीडीएस/पोआ/2015,दिनाँक 2.7.2015 द्वारा मान. विधायक महोदय के कार्यालय में उपलब्ध करा दी गई है। अतः किसी प्रकार की कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) कटनी जिले के शहरी योजना के अंतर्गत 0 वर्ष से 03 वर्ष तक के केन्द्रवार दर्ज बच्चों की पृथक-पृथक सूची 01 जुलाई 2013 से प्रश्न दिनाँक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘क’’ अनुसार है। ताजा भोजन एवं नाश्ता के लिए उक्त अवधि में केन्द्रवार दिये गये पत्रक की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ख’’ अनुसार है। (ग) उक्त आंगनवाडी केन्द्रों में ताजा पका भोजन, नाश्ता प्रदान करने के लिये 04 समूहों को अनुबंधित किया गया है? समूहवार सदस्यों की सूची पृथक-पृथक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ग’’ अनुसार है। उक्त 04 समूहों को 19 जुलाई 2015 तक के लिए अनुबंधित किया गया है। (घ) पोषण आहार वितरण में स्व सहायता समूहों द्वारा किसी भी अनियमितता की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः जानकारी निरंक है।
जाति प्रमाण पत्र की वैधता
16. ( क्र. 207 ) श्री संजय पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नामदेव हेडाऊ, जानराव हेडाऊ दोनों पिता का जाति प्रमाण पत्र एक ही जावक क्रमांक 554 दिनाँक 25.03.1992 द्वारा तहसीलदार हुजूर जिला भोपाल से जारी किया गया है? तहसीलदार द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र की वैधता अवधि क्या है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां, तो क्या दो व्यक्तियों के एक ही जावक से जाति प्रमाण पत्र जारी किये जा सकते हैं तथा यह भी बतलायें कि संबंधितों द्वारा जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु क्या-क्या अभिलेख प्रस्तुत किये? (ग) क्या उप पुलिस अधीक्षक अजाक्स भोपाल शहर ने अपने पत्र दिनाँक 23.01.2015 से यह अवगत कराया है कि स्थायी निवास प्रमाण पत्र जिला भोपाल का बना है? यह किस अधिकारी द्वारा जारी किया गया? (घ) क्या संबंधितों ने जिला छिन्दवाड़ा से दसवीं की परीक्षा पास की है? यदि हाँ, तो भोपाल से किस नियम के तहत स्थाई निवास प्रमाण पत्र दिया गया? (ड.) फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज के आधार पर जाति प्रमाण पत्र एवं स्थाई निवास प्रमाण पत्र जारी करने के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या विभाग दोनों प्रकार के प्रमाण पत्र निरस्त करने की कार्यवाही करेगा? नहीं तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जाँच प्रक्रिया के संबंध में
17. ( क्र. 208 ) श्री संजय पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 924 दिनाँक 23.02.2015 में मुद्रित प्रश्न संशोधित (क) का उत्तर जी हाँ (ख) का उत्तर जी हाँ उपलब्ध कराई गई जानकारी का विवरण संलग्न परिशिष्ट पत्र में दिया गया है (ग) से (ड.) विषयान्तर्गत जाँच पूर्ण न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर जी हाँ तो (ख) में जाँच दल को भेजे गये समस्त अभिलेखों की छायाप्रति देवें? क्या (ग) से (ड.) के संबंध में विभाग द्वारा जाँच कराई गई? (ग) क्या यह सही है कि संबंधित शाखा प्रबंधक पावती/संतुष्टि प्रमाण पत्र संस्था से जारी नहीं कर प्रदाय संस्था के अभिलेखों के आधार पर बिना सामग्री के सत्यापन के कूट रचित ढंग से फर्जी देयक तैयार कर राशि नियम विरूद्ध प्राप्त की गई? (घ) यदि प्रश्नांश (ग) हां तो दोषी अधिकारियों के ऊपर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? नहीं तो क्यों बतायें? (ड.) वर्ष 2013-14 से 2014-15 में कृषि विभाग को क्या-क्या सामग्री चालान से प्रदाय की गई?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) :(क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश ’ग’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।
चल पशु चिकित्सालय के माध्यम से पशुओं का उपचार
18. ( क्र. 239 ) श्री मेंव राजकुमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पशुओं के उपचार हेतु चल पशु चिकित्सालय कहां-कहां स्वीकृत है एवं उसमें किस-किस वर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारी पदस्थ है एवं उपचार किये जाने के क्या नियम है? किस तरह की कार्ययोजना पर पशुओं का उपचार किया जाता है? (ख) खरगोन जिले में विधानसभा वार कहां-कहां चल पशु चिकित्सालय स्वीकृत होकर संचालित किये जा रहे है? कौन-कौन चिकित्सक एवं स्टॉफ पदस्थ है एवं कब से अथवा अन्य कोई व्यवस्था की गई है? (ग) खरगोन जिले में चल पशु चिकित्सालय वार चिकित्सों द्वारा कितने भ्रमण किये गये एवं किस-किस ग्राम में कितने पशुओं का उपचार किया गया एवं किस-किस पशुपालक के पशुओं के उपचार हेतु कितनी राशि की दवाईयों का वितरण किस-किस ग्राम किया गया? (घ) क्या महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में चल पशु चिकित्सालय संचालित होकर पदस्थ चिकित्सक एवं स्टाफ द्वारा नियमित भ्रमण कर पशुओं का उपचार नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार है। चल पशु चिकित्सालय में द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी तथा चतुर्थ श्रेणी के अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ है। कार्यालय उप संचालक में किसी भी माध्यम से यह जानकारी प्राप्त होने पर कि ग्राम में अचानक पशुओं की मृत्यु हो रही है, संक्रामक रोग का प्रकोप है, ओलावृष्टि या अन्य प्राकृतिक आपदा अथवा दुर्घटना होने पर चल पशु चिकित्सालय द्वारा ग्राम में पहुंच कर रोगी पशुओं का उपचार, टीकाकरण तथा अन्य कार्य किए जाते है। इसी प्रकार की कार्य योजना पर कार्य किया जाता है। (ख) खरगोन जिले में विधानसभा क्षेत्र खरगोन में 01 चल पशु चिकित्सालय खरगोन संचालित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) चल पशु चिकित्सालय खरगोन के पशु चिकित्सा दल द्वारा 2014-15 में कुल 167 भ्रमण किए गए, ग्रामवार किए गए पशुओं के उपचार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''स'' अनुसार है, पशुपालक के पशुओं के उपचार हेतु दवाईयों के वितरण एवं राशि की ग्राम वार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''द'' अनुसार है। (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में चल पशु चिकित्सालय नहीं अपितु चल विरूजालय संचालित होकर पदस्थ चिकित्सक एवं स्टाफ द्वारा नियमित भ्रमण कर पशुओं का उपचार किया जा रहा हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन
19. ( क्र. 240 ) श्री मेंव राजकुमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कुटीर एवं ग्रामोंद्योग के माध्यम से कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही है? एवं उनके क्या नियम एवं मापदण्ड है? (ख) खरगोन जिले में विधानसभा क्षेत्रवार वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनाँक तक कौन-कौन सी योजना का संचालन किया जा रहा है? एवं किस-किस योजना में किसका-किसका चयन किया गया? (ग) प्रमुख (ख) के संदर्भ में विधानसभावार चयनित हितग्राहियों को किस योजना में कितनी राशि का कौन-कौन से ग्राम में लाभ दिया गया है? सूची उपलब्ध करावें? (घ) महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में हस्थकरघा/बुनकरों के विकास हेतु कोई विशेष कार्ययोजना तैयार की गई? यदि हाँ, तो विवरण देवें एवं उसके तहत किस-किस को कितनी राशि से लाभान्वित किया गया है अथवा किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -’‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''ब'' प्रपत्र एक, दो, तीन, चार एवं पांच अनुसार है। (ग) भारत सरकार की स्फूर्ति योजना में 865 खादी बुनकरों/ कत्तिनों का क्लस्टर विकसित करने हेतु राशि रू. 311.62 लाख की कार्ययोजना खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग को भेजी गयी है। स्वीकृति पश्चात् आगामी कार्यवाही की जावेगी।
राजस्व विभाग द्वारा नामांतरण सीमांकन में देरी
20. ( क्र. 267 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर-रतलाम-नीमच जिले में 01 जनवरी 2013 के पश्चात् कितने आवेदन नामांतरण, सीमांकन के राजस्व विभाग को प्राप्त हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने सीमांकन के आवेदन पर अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा संबंधित व्यक्ति किसान को नियत तिथि दी गई? कितने कर्मचारियों ने नियत तिथि पर स्थल पर पहुंच कर सीमांकन कार्य पूर्ण किया माहवार, वर्षवार, तहसीलवार जानकारी देवें? (ग) नामांतरण, सीमांकन को लेकर कितने अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ किस-किस व्यक्ति ने कब-कब शिकायत दर्ज कराई उस पर उक्त अवधि में क्या-क्या कार्यवाही की गई, जिलेवार जानकारी देवें? (घ) वर्ष 2014-15 में राजस्व विभाग द्वारा प्राकृतिक आपदा, ओलावृष्टि, असामयिक वर्षा से फसल नष्ट होने को लेकर किस-किस ग्राम में कितना मुआवजा बांटा गया, उक्त जिलों की जानकारी देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पशुओं के एन्टी बॉयोटिक इंजेक्शन में क्रिस्टल
21. ( क्र. 268 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि उज्जैन इंदौर संभाग में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनाँक तक पशुओं में संक्रमण खत्म करने के लिये लगाये जाने वाले एंटी बॉयोटिक इंजेक्शन में क्रिस्टल पाया जा रहा है? यदि हाँ, तो इस संबंध में कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारी द्वारा इसकी जाँच की गई, जानकारी देवें? (ख) क्या विभाग दोषी निर्माता कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने का विचार रखती है, यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? जानकारी दें। (ग) क्या विभाग पशुओं की रक्षार्थ उन्हें लगाये जाने वाले इंजेक्शन एवं दवाईयों की सतत् निगरानी की पुख्ता व्यवस्था लागू करने का विचार रखता है। यदि हाँ, तो कब से? जानकारी दें। (घ) विभाग द्वारा 1 जनवरी 2011 से प्रश्न दिनाँक तक कब-कब, किस-किस नकली पशु दवाई कंपनी एवं विक्रेता के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की? संपूर्ण जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग द्वारा 12 जून 2012 औषधि क्रय नीति जारी की गई। जिसके अंतर्गत कंडिका क्रमांक 8.6, 8.7, 8.8, 8.9, 8.10 एवं 8.11 के तहत प्रदाय की गई इन्जेक्शन एवं दवाईयों की सतत् निगरानी एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक प्रावधान किए गए है। (घ) प्रश्नांश अवधि में विभाग द्वारा मैसर्स क्वालिटी फार्माक्युटिकल्स अम़ृतसर को 3 वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया है।
मृत प्राय: हेण्डपम्पों का भौतिक सत्यापन
22. ( क्र. 358 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या ग्रामीण अंचलों में कई हैण्डपम्पों का वॉटर लेवल नीचे होने से या अन्त तकनीकी खराबी के कारण मृत प्राय: हो चुके है? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हां तो जिला विदिशा अन्तर्गत विभाग के अभिलेख/रिकार्ड में मृत (Dead) प्राय: हैण्डपम्पों की गिनती आंकी जा रही है? तहसीलवार जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मृत हैण्डपम्पों का संधारण करने से ग्रामों में जनसंख्या के मान से नवीन हैण्डपम्प स्वीकृत करना संभव नहीं हो पा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर हां है तो प्रश्नकर्ता द्वारा दिनाँक 02.06.15 को लिखे गये पत्र के क्रम में विभाग द्वारा ग्रामों में मृत प्राय: हैण्डपम्पों का भौतिक सत्यापन कराकर इन्हें मृत घोषित करते हुये अभिलेख से विलोपित करते हुये नवीन हैण्डपम्प स्वीकृति पर विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? (ड.) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन स्थानों पर वर्तमान वित्तीय वर्ष में हैण्डपम्प का खनन किया जाना प्रस्तावित है? ग्रामवार जानकारी देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) हैण्डपंप के संधारण योग्य न होने पर ही उन्हें मृत घोषित किया जाता है। जी नहीं। (घ) जी हाँ। जिन ग्रामों में निर्धारित मापदण्ड के अनुसार पेयजल प्रदाय नहीं हो पा रहा है उन ग्रामों में आवंटन की उपलब्धता के अनुसार पेयजल स्त्रोतों का निर्माण करवाया जायेगा। समय सीमा नहीं बताई जा सकती है। (ड) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शमशानघाट निर्माण हेतु जगह/स्थान चिन्हित किया जाना
23. ( क्र. 359 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता ने कलेक्टर जिला विदिशा को पत्र लिखकर (पत्र क्रमांक 556 दिनाँक 26.07.2014, स्मरण पत्र 1026 दिनाँक 13.11.14, द्वितीय स्मरण पत्र क्र. 1417 दिनाँक 13.04.15) विधानसभा क्षेत्र गंजबसौदा की तहसील बासौदा, ग्यारसपुर एवं त्यौंदा के ग्रामों में शमशानघाट मय टीनशेड के निर्माण हेतु जगह/स्थान चिन्हित कराकर जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जानकारी प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करा दी गई है या नहीं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? दोषी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुये चाही गई जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जावेगी? (ग) क्या ग्रामों में शमशानघाट मय टीनशेड के न होने से नागरिको/ग्रामवासियों द्वारा दाह संस्कार खुले मैदान में करना पड़ता है? यदि हाँ, तो किस-किस ग्रामों में शमशानघाट मय टीनशेड के उपलब्ध नहीं है तो शासन की निर्माण कराने की क्या योजना है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। तहसीलदार ग्यारसपुर के पत्र क्र-1086-88 दिनाँक 4.7.2015 से प्रश्नकर्ता को जानकारी प्रेषित की गई है। (ग) जी हाँ। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ पर है। शमशानघाट/चबूतरा निर्माण के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद बसौदा/ग्यारसपुर को पत्र क्रं-5697 दिनाँक 15.6.2015 लिखा जाकर जानकारी से प्रश्नकर्ता को अवगत कराया गया है।
सुमावली विधानसभा में वर्ष 2015 में ठेकेदारों को अवैध भुगतान
24. ( क्र. 401 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले के जौरा, मुरैना विकास खण्डों में वर्ष 2014, 2015 में नलकूप खनन हेतु निविदाओं का प्रकाशन निविदाओं की स्वीकृति किन-किन दिनाँक को की गई जगदीश शर्मा, सत्यराम शर्मा को कितने हैण्डपंप खनन के आदेश किस अधिकारी द्वारा कार्य आदेश स्थल के नाम सहित जारी किये गये पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी दी जावें। (ख) मार्च 2015 में जगदीश शर्मा, सत्यराम शर्मा को कितने नलकूप खनन की कितनी राशि का भुगतान किया गया? इनकी निविदायें कब प्रकाशित, स्वीकृत हुई, किस अधिकारी द्वारा स्वीकृत की गई? इन ठेकेदारों को कार्य आदेश कब जारी किये गये? अधिकारी के नाम दिनाँक सहित पूर्ण जानकारी दी जावें? (ग) क्या उक्त ठेकेदारों द्वारा निजी रूप से नलकूप खनन किया गया था, जिसका भुगतान शासकीय राशि से अधिकारियों की सांठ-गांठ कर प्राप्त किया है, जिन अधिकारियों द्वारा नीचे से सत्यापन किया है उक्त अधिकारी उस क्षेत्र में पदस्थ ही नहीं थे? क्या शासन उक्त अवैध कार्य की जाँच कर संबंधितों के विरूद्ध आपराधिक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मुरैना जिले के जौरा, मुरैना विकासखण्डों में वर्ष 2014 एवं 2015 में नलकूप खनन की निविदाओं का प्रकाशन एवं स्वीकृति का जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार। जगदीश शर्मा को हैण्डपंप खनन हेतु जारी कार्यादेश स्थल के नाम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। सत्यराम शर्मा को हैण्डपंप खनन के कार्यादेश नहीं दिये गये हैं। (ख) मार्च 2015 में जगदीश शर्मा को नलकूप खनन की राशि के भुगतान की जानकारी एवं शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। उत्तरांश-''क'' के परिप्रेक्ष्य में सत्यराम शर्मा को भुगतान का प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है। (ग) जी नहीं। सत्यापन करने वाले अधिकारी संबंधित क्षेत्र में ही पदस्थ थे। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
मुरैना जिले के विभिन्न थानों में जमा शस्त्रों की वापिसी
25. ( क्र. 402 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले के विभिन्न थानों में वर्ष 2014-15 के पंचायत चुनाव में कितने शस्त्र जमा कराये गये थे? थानावार जानकारी दी जावे। (ख) क्या चुनाव संपन्न हुए 6 माह से भी अधिक समय गुजरने के बाद भी शस्त्र धारकों को शस्त्र वापस नहीं दिये हैं, क्यों? उन्हें कब तक वापस किया जावेगा? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्रों के शस्त्र धारकों के शस्त्र वापस नहीं देने की स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में अपराधों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है? (घ) शासन द्वारा लाइसेंस शस्त्र धारियों को शस्त्र वापस दिलाने हेतु आदेश कब तक किया जावेगा ताकि अपराधों को नियंत्रित किया जा सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) पंचायत चुनाव 2014-15 में जिला मुरैना के थानों में जमा कराये गये शस्त्रों की थानावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शस्त्र लायसेंस धारकों को शस्त्र वापस किये जाने के संबंध में जिला दण्डाधिकारी, मुरैना द्वारा जारी किये गये आदेश दिनाँक 20.03.2015 के पालन में शस्त्र वापस किये गये हैं। केवल ऐसे शस्त्र लायसेंसधारी जिनके द्वारा उपरोक्त आदेश में निहित शर्तों का पालन नहीं किया गया है अथवा जो अपने शस्त्र वापस प्राप्त हेतु संबंधित थाने में उपस्थित नहीं हुए हैं, उन्हीं के शस्त्र थाने से वापस नहीं किये जा सके हैं। वे उपरोक्त आदेश में विनिर्दिष्ट शर्तों का पालन कर थाना पहुंचकर स्वयं का शस्त्र प्राप्त कर सकते हैं। (ग) डकैती, लूट, बलवा, गृहभेदन की घटनाओं में वर्ष 2015 में वर्ष 2014 के 1 जनवरी से 30 जून तक की अवधि की तुलना में आंशिक वृद्धि परिलक्षित हुई है। तथापि लायसेंसी शस्त्र जमा करने से इस अपराध वृद्धि का कोई संबंध नहीं है। (घ) प्रश्नांश ’ख’ के उत्तर में समाहित है।
अपराधियों की गिरफ्तारी
26. ( क्र. 452 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना नागौद अंतर्गत गिंजारा निवासी निर्मला अहिरवार पिता गोपाल अहिरवार उम्र 17 वर्ष (नाबालिक) के साथ दिनाँक 22/04/2015 को सामूहिक बलात्कार की घटना की रिपोर्ट 25/04/2015 को गोपाल अहिरवार पिता S/o सिपहिया द्वारा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो नामजद आरोपीगण क्रमश: दीपकबागरी पिता तुलसीराम लल्ला बागरी पिता श्यामलाल एवं विजय बागरी पिता मिठाईलाल निवासी सभी गिंजारा के विरूद्ध कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई? (ग) क्या उक्त सभी आरोपी प्रश्न दिनाँक तक गिरफ्तार कर लिये गये हैं या नहीं विवरण सहित बताएं? (घ) क्या यह सही है कि अपराधियों को प्रश्न दिनाँक तक पुलिस द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया है, यदि नहीं, किया गया तो क्यों? क्या थाना प्रभारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई? कब तक अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा, समय-सीमा बताएं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) दिनाँक 25.04.2015 को फरियादी गोपाल अहिरवार पिता सिपहिया अहिरवार उम्र 42 वर्ष निवासी गिन्जारा, थाना नागौद, जिला सतना द्वारा नागौद में दिनाँक 22.04.2015 को अपनी पुत्री निर्मला अहिरवार, उम्र 17 साल के गुमने संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया जिस पर गुम इंसान क्रमांक 17/15 कायम किया गया एवं जाँच पर से आरोपी दीपक बागरी पिता तुलसीराम बागरी निवासी गिन्जारा के विरूद्ध अपराध पाये जाने पर अपराध क्रमांक 169/15, धारा 363 भा.द.वि. पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। (ख) अनुसंधान दौरान अपहृता निर्मला अहिरवार को दस्तयाब कर अपहृता के धारा 164 द.प्र.सं. कथन के आधार पर आरोपीगण दीपक बागरी पिता तुलसीराम बागरी, झल्ला बागरी एवं विजय पिता मिठाई लाल बागरी के विरूद्ध धारा 363, 376 (2) जी, भा.द.वि. 7,8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं नियम 2012 का अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान किया जा रहा है। (ग) उपरोक्त आरोपीगण घटना दिनाँक से फरार हैं। अतः प्रश्न दिनाँक तक गिरफ्तारी संभव नहीं हो सकी है। गिरफ्तारी के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) अभी घटना के आरोपी गिरफ्तार नहीं हो पाये हैं। फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
गुमशुदा ए.एस.आई. (रेडियो) जयलाल वर्मा के परिवार को पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति
27. ( क्र. 453 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन गृह विभाग में पदस्थ मझगवां जिला सतना निवासी जयलाल वर्मा पिता दसुआ उम्र 58 वर्ष जो शहडोल जिले में सहायक उप निरीक्षक रेडियो के पद पर कार्यरत थे, जिनकी गुमशुदगी की सूचना उनके परिजनों द्वारा दिनाँक 17.6.14 को पुलिस लाईन रीवा में प्रथम सूचना दर्ज कराई गई थी? (ख) क्या इतना लम्बा अर्सा गुजर जाने के बाद विभाग द्वारा इनहें मृत मान लिया गया है? यदि हाँ, तो इनके परिवार के भरण पोषण हेतु कोई राशि उपलब्ध कराई गई या नहीं? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या इनकी पत्नी प्रेमाबाई द्वारा पारिवारिक पेंशन की मांग की गई है, यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अभी तक पारिवारिक पेंशन स्वीकृत क्यों नहीं की गई, जबकि इनके परिजन डी.जी.पी. म.प्र. शासन, भोपाल को कई बार पत्राचार एवं मुख्यालय पहुंचकर अनुरोध किया गया लेकिन अंतिम निष्कर्ष क्यों नहीं लिया जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। श्री जयलाल सतनामी (वर्मा) उप निरीक्षक (रेडियों) आपरेटर की गुमशुदगी की सूचना उनके परिवार जनों द्वारा थाना सिविल लाईन जिला रीवा में दिनांक 23/06/2014 को गुम इंसान क्रमांक 47/2014 पर दर्ज कराई गई है। (ख) जी नहीं। उप निरीक्षक (रेडियों) आपरेटर के पतासाजी हेतु जाँच कार्यवाही थाना सिविल लाईन जिला रीवा में की जा रही है। उक्त के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। उप निरीक्षक (रेडियो) आपरेटर की गुमशुदगी दिनाँक 23/06/2014 से 01 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत पत्नि श्रीमती प्रेमा बाई को नियमानुसार पेंशन एवं अन्य देय स्वत्वों के भुगतान की कार्यवाही पुलिस अधीक्षक (रेडियो) रीवा द्वारा की जा रही है।
उज्जैन रोड पर अधूरी पड़ी जेल का निर्माण
28. ( क्र. 472 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र में स्थित उज्जैन रोड पर जेल निर्माण की स्वीकृति किस वर्ष में प्रदान की गई थी? क्यों उक्त जेल का निर्माण कार्य आज दिनाँक तक अधूरा पड़ा हुआ है? इसका क्या कारण है व इस पर कितना व्यय किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सांवेर रोड स्थित जेल का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो पाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो वर्तमान में इंदौर में स्थित जेल है उसमें कैदियों की संख्या कितनी है? क्या जेल के बेरेको में क्षमता से अधिक कैदियों को डाला गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में इंदौर संभाग के जिलों में किस-किस जेल पर किस-किस अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्य निरीक्षण कब-कब किया गया? क्या-क्या कमियां पाई गयीं? इनका क्या निराकरण किया गया व संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) उज्जैन रोड पर केन्द्रीय जेल निर्माण हेतु शहर के पुनर्घनत्वीकरण की योजना में अक्टूबर, 2002 में मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल एवं जिलाध्यक्ष, इन्दौर के मध्य अनुबंध किया गया था। जी हाँ निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। गृह निर्माण मण्डल की धीमी प्रगति को दृष्टिगत रखते हुए दिनाँक 21/07/2008 को राज्य मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन जेल का शेष कार्य जननिजी भागीदारी से कराये जाने का निर्णय लिया गया, किन्तु जननिजी भागीदारी के अंतर्गत ट्रांजेक्शन एडवाईजर की रिपोर्ट के अनुसार निर्माण संभव नहीं हो सका। मध्यप्रदेश गृह निर्माण मण्डल द्वारा कराये गए निर्माण कार्यों के विरूद्ध स्थाई वित्त समिति द्वारा लिये गए निर्णय अनुसार राशि रूपये 8,83,27,062/- का भुगतान किया गया। (ख) जेल के शेष निर्माण कार्यों को पूरा कराने हेतु 14 वें वित्त आयोग में भारत शासन से राशि की मांग की गई, किन्तु हाल ही में भारत शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि राशि की पूर्ति राज्य के स्तर से की जावे। आलोच्य जेल के निर्माण हेतु पी.आई.यू., इन्दौर से प्राप्त प्राक्कलन पर कार्यवाही प्रचलन में है। वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुरूप शीघ्र कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है। (ग) उत्तर-'क' के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान केन्द्रीय जेल इन्दौर में दिनाँक 11/07/2015 को 2324 कैदी परिरूद्ध हैं। जी हाँ, केन्द्रीय जेल इन्दौर में क्षमता से अधिक कैदी परिरूद्ध हैं। माननीय न्यायालयों के आदेशानुक्रम में कैदियों को केन्द्रीय जेल इन्दौर में रखा गया है। (घ) इन्दौर संभाग की जेलों के निर्माण कार्यों का विभिन्न अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण, पाई गई कमियों एवं संबंधितों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है।
ओला प्रभावित कृषकों को राहत राशि बंटन में अनियमितता
29. ( क्र. 487 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में रवी की फसल पर इसी वर्ष मार्च-अप्रैल 2015 में ओलावृष्टि/अतिवृष्टि हुई थी, ग्वालियर जिले में कुल कितनी राहत प्रभावित कृषकों को बांटी गई थी, राशि बतावें? इस राशि में से भितरवार, चीनौर एवं घाटीगांव में कितनी-कितनी राशि बांटी गई? अलग-अलग स्पष्ट करें? (ख) क्या ओला प्रभावित कृषकों को राहत राशि बांटने में राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 6 क्रमांक 4 के बिन्दु क्रं. 1 से 10 तक का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त खण्ड 6 क्रमांक 4 के बिन्दु 1 से 10 तक क्या नियम हैं? साथ ही क्या बिन्दु क्रमांक 4,5 एवं 6 के अनुसार तहसील चीनौर एवं भितरवार में इन बिंदुओं का पालन करते हुये राहत राशि बांटी गई है, उन कृषकों की संख्या तथा कितनी राहत राशि बांटी गई है? स्पष्ट करें? (ग) माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा किस दिनाँक को चीनौर तहसील के ग्राम पचौरा में ओला प्रभावित कृषकों को राहत देने हेतु दौरा (भ्रमण) किया गया था तथा उक्त ग्राम को 100 प्रतिशत मान कर मंच से घोषणा की गई थी कि यहां तो 100 प्रतिशत नुकसान है यहां कोई सर्वे का औचित्य ही नहीं है? क्या उक्त ग्राम में 100 प्रतिशत मुआवजा दिया गया है? कृषकों के नाम, सर्वे क्रं., रकवा प्रदाय कराई गई राहत राशि स्पष्ट करें, तथा इस गांव के कितने कृषक राहत राशि मिलने से वंचित रहे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) ग्वालियर जिले में कुल 4829 लाख राहत राशि प्रभावित कृषकों को बांटी गई। उक्त राशि में से भितरवार में 1703 लाख, चीनौर में 554 लाख तथा घाटीगांव में 68 लाख राहत राशि वितरित की गई। (ख) जी हाँ। राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ”अ” अनुसार है। तहसील चीनोर/भितरवार में खण्ड 6 क्रमांक 4 के बिन्दु क्रमांक 4,5 एवं 6 के अनुसार पालन करते हुए तहसील चीनौर में कुल 4917 कृषकों को कुल 554 लाख एवं भितरवार में 11716 कृषकों को 1703 लाख राहत राशि वितरित की गई है। (ग) माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा दिनाँक 19/03/2015 को दौरा (भ्रमण) किया गया था। उक्त ग्राम में गठित संयुक्त दल द्वारा सर्वे उपरान्त पात्र पाए गए समस्त प्रभावित कृषकों को राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड 6 क्रमांक 4 के प्रावधानों के अनुसार राहत राशि का वितरण किया गया है। विस्तृत विवरण सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ”ब” अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
व्यवस्था संबंधी चूक
30. ( क्र. 514 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनाँक 17 फरवरी 2015 को सागर जिले के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के अंतर्गत राहतगढ़ नगर में उपद्रवियों के द्वारा शिव बारात को रोककर पत्थरबाजी तथा बाजार की दुकानों को जलाया जाना, क्या पुलिस प्रशासन की व्यवस्था संबंधी चूक नहीं है? (ख) घटना के दौरान कौन-कौन से जिम्मेदार पुलिस अधिकारी राहतगढ़ जैसे संवेदनशील मुख्यालय पर अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित थे? (ग) प्रश्नांश कंडिका (क) एवं (ख) में वर्णित लापरवाही एवं घटना की जाँच प्रशासन के द्वारा किस सक्षम अधिकारी से करायी गयी है अथवा नहीं? यदि जाँच करायी गयी है, तो जाँच में क्या परिणाम प्राप्त हुये और परिणामों के आधार पर किस-किस अधिकारी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) यह घटना तात्कालिक थी, पुलिस प्रशासन की व्यवस्था संबंधी चूक नहीं है। त्यौहार के अवसर पर पर्याप्त समुचित पुलिस व्यवस्था लगी थी। घटना के पश्चात तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों एवं पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया। (ख) घटना के समय थाना प्रभारी, राहतगढ़ निरीक्षक संजय द्विवेदी, चिकित्सा अवकाश पर थे एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) राहतगढ़ शैलेन्द्र सिंह बेस, अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित थे। (ग) (क) एवं (ख) में वर्णित लापरवाही बाबत् जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सागर के द्वारा की गई है, परिणाम के आधार पर शैलेन्द्र सिंह बेस, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) राहतगढ़ के विरूद्ध प्राथमिक जाँच पूर्ण कर लापरवाही बाबत आरोप पत्र दिया जाना प्रस्तावित किया गया है एवं तत्कालीन थाना प्रभारी राहतगढ़ निरीक्षक, संजय द्विवेदी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु प्राथमिक जाँच कराई जा रही है।
करैरा जिला शिवपुरी में नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन की समस्याएं
31. ( क्र. 551 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से जून 2015 तक विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुरी में नामान्तरण बंटवारा एवं सीमांकन आवेदनों के निराकरण को लेकर कितने आवेदन संबंधित अधिकारियों को प्राप्त हुये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदनों को समय-सीमा में निराकृत कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताते हुये कितने प्रकरण शेष हैं व शेष होने के क्या कारण हैं, व उन्हें कब तक निराकृत कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र 23 करैरा जिला शिवपुर में नामांतरण के 1862, बंटवारा के 754 एवं सीमांकन के 1311 आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उल्लेखित नामांतरण आवेदनों में 92 एवं बंटवारा में 100 तथा सीमांकन के 162 आवेदन पत्र निराकरण के लिए शेष हैं। बंटवारा एवं नामांतरण प्रकरणों में विवादित स्थिति होने से साक्ष्य अभिभाषकों की बहस आदि होना है, इस कारण लंबित हैं। सीमांकन प्रकरणों के निराकरण के लिए टीम गठित कर निराकरण कराया जा रहा है। सीमांकन के सभी प्रकरण आगामी 15 दिवस में निराकृत कर दिये जावेंगे।
अनियमित पट्टों पर कार्यवाही
32. ( क्र. 575 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मेंवाड़ा के अंतर्गत मेंवाड़ा मालियों के टपरे, भसुन्दर के टपरे, कछार व कछार के टपरों की भूमि सर्वे क्रमांक 1433 मिन1, 1433मिन6, 1433मिन7 व 8 सहित लगभग 5 दर्जन सर्वे क्रमांकों की शासकीय बीहड़ भूमि के पट्टे वर्ष 2000-01 से वर्तमान तक की अवधि में किस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कब-कब किस-किस व्यक्ति के नाम किये? नाम, पते बतायें? (ख) क्या उक्त सभी पट्टे नियमानुसार किये गये हैं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं, के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) इस संबंध में प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या 23 (क्रमांक 1204) दिनाँक 02.03.2015 के प्रश्नांश (क) से (घ) में जानकारी एकत्रित की जा रही है, अवगत कराया गया है। यदि जानकारी एकत्रित कर ली गई हो, तो उपलब्ध करावें। (घ) इसी संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माह अक्टूबर 2014 में कलेक्टर श्योपुर को भेजे गये पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों, कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जानकारी निम्नवत हैः- (1) वर्ष 2000-2001 के बाद सर्वे क्रमांक 1433 मि 1, मि 7, मि 8, एवं सर्वे क्रमांक-1323/1324/1 में कोई पट्टा जारी नहीं किया गया है। वर्ष 2000-2001 के बाद प्रकरण क्रमांक-128/2001 -02/अ-19, आदेश दिनाँक 25.9.2003 एवं प्रकरण क्र-1251/2002-03/बी-121, आदेश दिनाँक 30.9.2003 प्रकरण क्रमांक-12/2001-2002/अ-19 आदेश दिनाँक 21.3.2002 एवं प्रकरण क्रमांक 953/2001-02/बी-121 आदेश दिनाँक 28.1.2003 से जिन व्यक्तियों को पट्टे जारी किये गये हैं उनकी सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। 2/-प्रकरण क्रमांक 128/2001-02/अ-19 को निगरानीकर्ता सोनेराम पुत्र गोपाल जाति माली निवासी ग्राम मेंवाडा तहसील श्योपुर के आवेदन पत्र क आधार पर अपर कलेक्टर श्योपुर के निगरानी प्रकरण में पारित आदेश क्रमांक-20/07-08 दिनाँक 5.7.2008, में निगरानी आंशिक रूप से स्वीकार की गई। निगरानीकर्ता सोनेराम को दिये गये पट्टे की जाँच हेतु न्यायालय नायब तहसीलदार मानपुर को प्रकरण प्रत्यावर्तित किया गया। निगरानी के आदेश के क्रम में नायब तहसीलदार मानपुर द्वारा जाँच की कार्यवाही प्रारंभ की गयी। जाँच के प्रचलित रहने के दौरान अवर सचिव राजस्व मंडल ग्वालियर द्वारा न्यायालयीन प्रकरण क्रमांक-आर-1801/9/2014 दिनाँक- 9.3.2014 से कलेक्टर न्यायालय का प्रकरण क्रमांक-228/11-12/बी-121 आहूत किया गया था जिसे न्यायालय नायब तहसीलदार मानपुर की रिकार्ड पास बुक क्रमांक- 102 दिनाँक 19.8.2014 से माननीय राजस्व मंडल को भेजा गया है। अतः कलेक्टर न्यायालय द्वारा आगामी कार्यवाही नहीं की जा सकी है। संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित व्यक्तियों के नाम पट्टे जारी करने की अवधि में तत्कालीन पटवारी श्री विनोद यादव व तत्कालीन नायब तहसीलदार श्री अजय शर्मा पदस्थ थे (ख) उपरोक्त संलग्न परिशिष्ट की सूची की जाँच राजस्व मंडल ग्वालियर में प्रकरण क्रमांक-आर-1801/9/2014 से प्रचलित है। शेष पट्टेधारियों की जाँच नायब तहसीलदार वृत मानपुर के प्रकरण क्रमांक 6/14-15बी-121 में प्रचलित होकर नोटिस जारी कर जवाब हेतु प्रकरण नियत है। (ग) जी नहीं, जाँच माननीय राजस्व मंडल ग्वालियर एवं नायब तहसीलदार मानपुर के न्यायालय में प्रक्रियाधीन होने से जानकारी अप्राप्त है। (घ) जी हाँ, प्रश्नाधीन पत्र के संबंध में नायब तहसीलदार वृत-1 मानपुर के न्यायालय में पट्टों की जाँच बावत प्रकरण क्रमांक-6/14-15/बी-12, संस्थित किया जाकर पट्टा धारियों को सूचना पत्र जारी किये गये हैं। जिन पट्टाधारियों ने सूचना पत्र प्राप्त कर लिया है उन्होंने पक्ष समर्थन हेतु अधिवक्ता का वकालतनामा प्रस्तुत किया है। शेष पट्टाधारियों को पुनः नोटिस जारी किया गया है।
सांवेर विधान सभा क्षेत्र में नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना से पेयजल आपूर्ति
33. ( क्र. 629 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सांवेर विधानसभा जो कि वर्षों से भू-जल पर ही आश्रित है, क्या भू-जल स्तर लगातार गिरने से सांवेर विधानसभा को सूखा ग्रस्त घोषित किया जाकर बोरिंग, खनन पर बेन लगाया गया है? यदि हाँ, तो सांवेर विधानसभा क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था हेतु शासन/प्रशासन द्वारा कोई पेयजल हेतु योजना प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शासन योजना अंतर्गत सांवेर विधानसभा में आम नागरिकों को पेयजल, सुविधा हेतु नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना जो कि सांवेर विधानसभा से ही होकर जा रही है, से पेयजल मुहैया कराये जाने कि योजना भविष्य में प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में उक्त योजना को कब तक स्वीकृति प्रदान की जायेगी व कब तक योजना पर अमल किया जा सकेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित, परियोजना क्रियान्वयन ईकाई, इन्दौर द्वारा नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना पर आधारित इन्दौर, देवास, उज्जैन जिले के 331 ग्रामों की समूह जल प्रदाय योजना प्रस्तावित की है जिसमें सांवेर विधानसभा क्षेत्र के 151 ग्रामों को सम्मिलित किया गया है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में नर्मदा क्षिप्रा लिंक सिंहस्थ परियोजना पर आधारित इंदौर, देवास, उज्जैन जिले के 331 ग्रामों की समूह जलप्रदाय योजना प्रस्तावित है जिसमें सांवेर विधानसभा क्षेत्र के 151 ग्राम सम्मिलित हैं। योजना की शासन द्वारा सैद्धान्तिक स्वीकृति दी जा चुकी है। (ग) योजना निजी जन-भागीदारी आधारित पद्धति पर प्रस्तावित है एवं योजना स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
सावेर विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत नल-जल योजना विषयक
34. ( क्र. 630 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वर्ष 2012-13 से प्रश्न दिनाँक तक सांवेर विधान सभा क्षेत्र में नल जल योजना अन्तर्गत कितने नलकूप/हेण्डपम्प खनन कराये जाने की स्वीकृति किन-किन गांवो को दी गई एवं कहाँ-कहाँ कार्य पूर्ण कराये गये? (ख) उक्त हेण्डपम्पों/नलकूपों में से कितने चालू है व कितनों से जल वितरण लाईन बिछाई गई है? सांवेर विधान सभा क्षेत्र में ऐसे कितने ग्राम है जहाँ पर जल का संकट अधिक है व भूजल स्तर भी कम है उन स्थानों पर क्या व्यवस्था विभाग द्वारा की जा रही है? (ग) वर्तमान में सांवेर विधान सभा क्षेत्र में कम वर्षा के कारण जल संकट होने से गांवों में जल संकट दूर करने की क्या योजना है? कितने हेण्डपम्प/नलकूप खनन कराये जाने की योजना प्रस्तावित है? उन्हें कब पूर्ण किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में सांवेर विधान सभा क्षेत्र में नलजल योजनांतर्गत कुल 42 नलकूप खनन एवं हैण्डपंप योजनांतर्गत 355 नलकूप खनन कार्य की स्वीकृति दी जाकर कार्य पूर्ण कराये। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-एक एवं परिशिष्ट-दो के अनुसार है (ख) विधानसभा क्षेत्र में खनित 366 सफल नलकूपों में से 19 नलकूपों पर मोटर पम्प स्थापित कर जल वितरण पाईप लाइन बिछाकर किया गया है तथा शेष 347 नलकूपों पर हैण्डपंप स्थापित कर पेयजल उपलब्ध करवाया गया है। उपरोक्त के अतिरिक्त 32 बसाहटों के 32 नलकूपों पर जहाँ पर जल स्तर में कमी आई थी, सिंगलफेस मोटर पम्प स्थापित कर पेयजल उपलब्ध कराया गया है। कम जल आवक क्षमता वाले 75 नलकूपों में हाइड्रोफेक्चरिंग करवाया जाना भी प्रस्तावित है। (ग) संपूर्ण इंदौर जिले हेतु अनुमानित लागत रूपये 596.55 लाख के सूखा राहत प्रस्ताव बनाये गये थे जिसमें सांवेर विधानसभा क्षेत्र के लिये प्रस्तावित सूखा राहत कार्यों, लागत रूपये 149.14 लाख में 25 नवीन नलकूप खनन कार्य करवाया जाना भी प्रस्तावित था, परन्तु सूखा राहत मद में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में आवंटन उपलब्ध नहीं होने से प्रस्तावित कार्यों के क्रियान्वयन नहीं हो सका है।
गुना जिले में महिला बाल विकास विभाग की संचालित योजनाओं में अनियमितता
35. ( क्र. 657 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) गुना जिले में ब्लॉकवार कितनी आंगनवाडि़याँ स्वीकृत हैं, कितने पद स्वीकृत हैं, कितने पद रिक्त हैं, कितने ऐसे पदाधिकारी हैं जिनको पद से जाँच के बाद हटा दिया किन्तु उनके स्थान पर वहां नवीन पदस्थापना नहीं की कब तक पूर्ण करेगें बतायें? (ख) गुना जिले में आंगनवाड़ी केन्द्र में खाद्यान एवं अन्य सामग्री तथा बच्चों को दी जाने वाली दवा, भोजन का ब्लॉकवार कौन और किस नीति से वितरण करते है उसमें कौन सी अनियमितता हुई? विगत 2 वर्ष की जानकारी दी जाये। (ग) गुना एवं बमोरी ब्लॉक में विभाग की कौन-कौन सी योजनाऐं संचालित है उनका लक्ष्य और बजट अनुसार गत दो वर्षों में कितना खर्च किया क्या उनका अंकेक्षण कराया सत्यापन कराया विवरण दें? (घ) बमोरी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है नवीन केन्द्र खोलने की क्या कार्य योजना है? कितने प्रस्तावित है रिक्त पद कब तक भरे जायेगे?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) गुना जिले में 1125 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत है । ब्लॉकवार स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्र एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘‘एक‘‘ पर है। गुना जिला अन्तर्गत तीन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जांच उपरान्त पृथक किया गया था । जिसमें से दो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पद पर पूर्ति की जा चुकी है । शेष एक पद पर पद पूर्ति हेतु विज्ञप्ति जारी कर दी गई वर्तमान में रिक्त पद पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है । समय सीमा दिया जाना संभव नही है। (ख) गुना जिले में संचालित समस्त परियोजनाओं के आंगनवाड़ी केन्द्रों में खाद्यान 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों तथा गर्भवती एवं धात्री माताओं को (टेक होम रॉशन) एम.पी.एग्रो के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को सांझा चूल्हा अन्तर्गत ताजा गरम भोजन का प्रदाय किया जाता है । आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्री-स्कूल किट, मेडिसिन किट वज़न मशीन, बर्तन आदि का प्रदाय म.प्र. लघु उद्योग के माध्यम से क्रय कर प्रदाय किया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्रों पर स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अमले के माध्यम से दवाओं का वितरण किया जाता है। अनियमितता संबंधी जानकारी निरंक है। (ग) गुना एवं बमोरी ब्लॉक में विभाग की संचालित योजनाओं, लक्ष्य, बजट तथा गत दो वर्षो में किये गये व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘‘दो‘‘ पर है। महालेखाकार ग्वालियर के अंकेक्षण दल द्वारा वित्तीय वर्ष 2013-14 तक योजनाओं में व्यय का अंकेक्षण किया जा चुका है । (घ) बमोरी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 329 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 66 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। बमोरी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 56 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा 99 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किये गये है। नये आंगनवाड़ी केन्द्र संचालन की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होती है। वर्तमान में रिक्त पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रचलन में है । रिक्त पदों पर पदपूर्ति हेतु समय सीमा दिया जाना संभव नही है।
चरनोई भूमि का आवासीय भूमि बनाया जाना
36. ( क्र. 686 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर हल्का के खसरा नं. 3350, 3355, 3356, 3358, 3359, 3363, 3364 3367 वर्ष 1955-56 बंदोबस्त में किसके नाम दर्ज थी? खसरा नं. का रकवा सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में 1955-56 के बाद उक्त खसरा नं. किस-किस के नाम किसके आदेश से बदले गये? आदेश की प्रति, खसरा नं. सहित पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में अगर उक्त खसरा नं. चरनोई के हैं तो क्या यह किसी के नाम किये जा सकते है? अगर हां तो किस प्रकार बतायें? अगर नहीं तो नाम परिवर्तित करने वाले अधिकारियों व भू-स्वामी के नाम कोई कार्यवाही की जायेगी? अगर हां तो क्या? (घ) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न दिनाँक को क्या यहां कॉलोनी बनाई जा रही है? अगर हां तो किस नाम से और भू-स्वामी कौन-कौन हैं और उनके खिलाफ क्या कोई कार्यवाही लंबित है? अगर हां तो क्या बतायें? अगर नहीं तो क्या यह मामला धोखाधड़ी का नहीं है? अगर है, तो अब तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्यवाही
37. ( क्र. 687 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर शहर सहित छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में शासकीय जमीन पर कितने अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनाँक तक सिविल जेल की कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में तहसीलदार व अनुविभागीय अधिकारी के यहां कितने अतिक्रमणकारियों के खिलाफ सिविल जेल की कार्यवाही लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने अतिक्रमणकारियों के द्वारा किये गये अतिक्रमण प्रशासन द्वारा हटाये गये हैं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कुल 29 प्रकरण दर्ज किए गए जिनमें से दो व्यक्तियों को सिविल जेल भेजा गया। (ख) उपरोक्त 29 प्रकरणों में से 04 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। 25 प्रकरण प्रक्रियाधीन हैं। (ग) कुल 04 अतिक्रमणकारियों द्वारा स्वतः अतिक्रमण हटा लिये गये हैं।
जुआ/सट्टा संचालकों एवं ब्याज पर पैसा बाटने वालों के विरूद्ध कार्यवाही
38. ( क्र. 711 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिला सिवनी के विभिन्न थाना क्षेत्रों में असामाजिक तत्वों द्वारा जुओं/सट्टा कराने एवं ब्याज पर पैसा बाटने वालों की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो पुलिस द्वारा समय पर जुआ/सट्टाधरों/स्थानों में दबिश डालकर जुआरियों/सटोरियों व उनके संचालकों एवं ब्याज पर पैसा बांटने वालों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2014 में प्रश्न दिनाँक की स्थिति में सिवनी जिले के किन-किन थाना क्षेत्रों में कब-कब, कहां-कहां, किन-किन जुआ/सट्टा संचालकों के द्वारा जुआ/सट्टा कराया जा रहा था? उनके नाम, पता सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने जुआरी/सटोरियों के विरूद्ध जिला बदर एवं धारा 110 की कार्यवाही की गई, थानेवार नाम व पता बतावें? (घ) सिवनी जिले में गत दो वर्षों में ब्याज पर पैसे बांटने वालों के विरूद्ध किन-किन थानों में कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए? ब्याज पर पैसा बांटने वालों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों में से किस-किस थानों में किस धारा में अपराध पंजीबद्ध किय गया? किस-किस पर किन कारणों से अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया? कारण बतावें।
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ, सिवनी जिले में असामाजिक तत्वों द्वारा जुआ, सट्टा खेलने एवं ब्याज पर पैसा बांटने वालों की शिकायत प्राप्त होने पर पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही की गई है। (ख) जुआरियों तथा सट्टा संचालकों के विरूद्ध की गई वैधानिक कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’ब’ अनुसार है। (घ) सिवनी जिले में गत दो वर्षों में ब्याज पर पैसे बांटने वालों के विरूद्ध मात्र एक शिकायत आवेदन थाना कोतवाली में प्राप्त हुई है। उपरोक्त शिकायत पर थाना कोतवाली में अप.क्र. 36/15, धारा 384 ता.हि. एवं 4 म.प्र. ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 पंजीबद्ध किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’स’ अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र सिंगरौली में पटवारियों की पदस्थापना
39. ( क्र. 735 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र सिंगरौली के अंतर्गत पटवारियों की कमी है तथा एक पटवारी के पास एक से अधिक गांवों के प्रभार होने के कारण लोगों का कार्य समय पर नहीं हो पाया रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में कितने पटवारियों के पद रिक्त है, इनकी पूर्ति कब तक में की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) नहीं (ख) सिंगरौली विधान सभा क्षेत्रार्न्तगत पटवारी पद रिक्त नहीं है।
ओला प्रभावित किसानों को राहत राशि के भुगतान में लापरवाही
40.
( क्र.
751
) श्रीमती
इमरती देवी :
क्या राजस्व
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) ग्वालियर
जिले में वर्ष
2015
में हुई
ओलावृष्टि से
रबी की फसलें
नष्ट होने से
मध्यप्रदेश
शासन से
कृषकों को
राहत हेतु कुल
कितनी राशि
प्राप्त हुई।
डबरा, भितरवार
विकासखण्ड
में कितनी
राशि आवंटित
की गई? विकासखण्ड
डबरा एवं
भितरवार में
ओला प्रभावित
कुल कितने
कृषकों का चयन
किया गया? जिनमें
से 30
जून 2015 तक
कितने कृषकों
को कुल कितनी
राशि वितरित
की गई? शेष
कितने कृषकों
को कितनी राहत
राशि वितरित
नहीं की जा
सकी हैं? यह कब तक
कृषकों को वितरित
की जावेगी? (ख)
प्रश्नांश
(क) अनुसार क्या
विकासखण्ड
डबरा एवं
भितरवार में
ओला प्रभावित
किसानों को
राहत
पहुंचाने में
लापरवाही
बरतने की शिकायत
में दोषी पाये
गये किस-किस
पटवारी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गई?
राजस्व
मंत्री ( श्री
रामपाल सिंह ) : (क)
शासन से
कृषकों को कुल
रू.4829
लाख राहत राशि
प्राप्त हुई।
डबरा, भितरवार
विकासखण्ड को
रू.4526
लाख राहत राशि
आवंटित की गई।
विकासखण्ड
डबरा एवं
भितरवार में
कुल 42072
कृषक सर्वे
उपरान्त
पात्र पाए गए
जिसमें से 30
जून,
2015
तक 37085
कृषकों को रू.4356
लाख राहत राशि
का वितरण किया
गया है तथा
शेष 2980
कृषकों को रू.278
लाख राहत राशि
का वितरण
कृषकों के
बैंक खाते प्राप्त
कर किया जा
रहा है। (ख)
प्रभावित
कृषकों को
राहत राशि
वितरण में लापरवाही
बरतने के कारण
विकासखण्ड
भितरवार के पटवारी
श्री शैतान
सिंह
बदरेठिया, श्री
डालचन्द्र
आर्य तथा मनोज
श्रीवास्तव तथा
विकासखण्ड
डबरा के
पटवारी श्री
मनोज कोली, श्री
विजेन्द्र
वर्मा व श्री
दीवान सिंह
राजपूत को
निलम्बित
किया गया।
मुआवजे के रूप में राशि का विवरण
41. ( क्र. 777 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सेंवढ़ा के कुल कितने ग्रामों में ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि के कारण फसलों को नुकसान हुआ हैं, एवं उनमें से कितने ग्रामों में कितनी-कितनी राशि मुआवजे के रूप में वितरित की गई? (ख) ओलावृष्टि के बाद सर्वे दल द्वारा जो प्रथम सर्वे किया उसमें सर्वे दल द्वारा ग्रामों का कितने प्रतिशत (नुकसान) सर्वे का पंचनामा बनाया गया? (ग) क्या प्रथम सर्वे में जो ग्राम 70 से 80 प्रतिशत नुकसान की श्रेणी में थे बाद में उन ग्रामों को नुकसान की श्रेणी में ही नहीं लिया गया, जैसे भड़ौल, सिकरी, दोहर, सिलोरी, रूरा आदि? (घ) क्या तहसीलदार की अनुपस्थिति में उस समय ओलावृष्टि का कार्य देख रहे अधिकारी श्री अनूप सिंह द्वारा यह निर्देश दिये गये कि किस ग्राम के 0-25 एवं किस ग्राम को 25-50% में रखा जाये यदि हाँ, तो क्यों? जबकि सर्वे दल द्वारा उन्ही ग्रामों की सर्वे रिपोर्ट अलग दी गई है, यदि नहीं, तो उच्च स्तरीय टीम भेज कर इसकी सत्यता की जाँच कराने एवं उसमें मुझे (प्रश्नकर्ता) को सम्मिलित किये जाने के निर्देश दिए जायेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) 57 ग्रामों में ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। उनमें से 49 ग्रामों में कुल रूपये 12,20,56,010/- (रू. बारह करोड़ बीस लाख छप्पन हजार दस ) सहायता राशि वितरित की गई है। शेष विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट ”अ” पर संलग्न है। (ख) तहसील सेंवढ़ा के 8 ग्रामों में 15 प्रतिशत तक नुकसान होने का पंचनामा बनाया एवं तहसील इंदरगढ़ में ग्रामीणों द्वारा बताये अनुसार 70-80 प्रतिशत नुकसान का पंचनामा बनाया गया था। (ग) प्रथम सर्वे आलोवृष्टि के तत्काल बाद किया गया था, जब ग्राम भडौल, सिकरी, दोहर, सिलोरी, रूरा का विस्तृत सर्वे राजस्व, कृषि एवं पंचायत विभाग के संयुक्त दल द्वारा किया गया तो नुकसानी 25 प्रतिशत से कम प्रदर्शित हुई। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
दतिया जिले में शस्त्र लायसेंसधारियों की संख्या
42. ( क्र. 778 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दतिया जिले में ऐसे कितने शस्त्र थानों में जमा हैं, जिनमें लायसेंसधारी की मृत्यु हो चुकी है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध कराई जावें? (ख) क्या कारण रहा कि इतने समय व्यतीत होने के बाद भी उनके वारिसों द्वारा आवेदन किये जाने के बाद भी शस्त्र लायसेंस उनके नाम नहीं बनाये गये, जबकि उन पर कोई अपराधिक प्रकरण भी दर्ज नहीं है? (ग) क्या शासन से इस प्रकार के लायसेंस (फौती लायसेन्स) बनाये जाने पर कोई रोक लगी है या फिर स्थानीय स्तर पर ही रोक लगाई गई है, यदि शासन से रोक लगाई गई है तो आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जावें? (घ) क्या शासन द्वारा इस संबंध में कोई पृथक से दिशा निर्देश जारी किये जायेंगे, ताकि जिनके शस्त्र वर्षों से थानों में जमा है उन्हें लायसेंस सुलभ हो सकें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) दतिया जिले में ऐसे 937 शस्त्र लायसेंसधारी हैं, जिनकी मृत्यु होने से शस्त्र थाने में जमा हैं। विकास खण्डवार जमा शस्त्रों की संख्या की जानकारी निम्नानुसार हैः- (1) दतिया 267, (2) सेवढ़ा 432, (3) भाण्डेर 238 (ख) शस्त्र लायसेंस पर अचल संपत्ति के समान वारिसान अधिकार प्राप्त नहीं होते हैं। अतः वारिसों को लायसेंस का निर्णय प्रकरणवार गुण दोष के आधार पर किया जाता है। (ग) जी नहीं। (घ) गृह विभाग द्वारा इस संबंध में विभागीय पत्र क्रमांक एफ 16-282/2014/ बी-1/दो, दिनाँक 06.09.2014 को परिपत्र जारी किया गया है। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रदेश में हुई आत्महत्याओं की जानकारी
43. ( क्र. 785 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के ता.प्रश्न संख्या 12 (क्र. 735) दि. 23.02.15 के उत्तर में पुस्तकालय परिशिष्ट में दिनाँक 11.11.14 से 31.01.15 तक प्रदेश में कुल 1506 आत्महत्यायें जिसमें से 268 कृषक तथा कृषि मजदूर की जानकारी दी गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में दिनाँक 01 फरवरी 2015 से प्रश्न दिनाँक तक प्रदेश के किस-किस जिले में कितनी-कितनी आत्महत्यायें, आत्महत्या के प्रयास एवं पुलिस निरोध में मृत्यु की घटनाऐं घटित हुई, जिलेवार योग सहित बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) की घटनाओं के क्या-क्या कारण रहे? आत्महत्या के मामले में आत्महत्या करने वालों का व्यवसाय क्या था? (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार आत्महत्या करने वाले लोगों में से कितने कृषक व कृषि मजदूर थे? कृपया नाम व पते सहित बतावें? प्रदेश में बढ़ रही आत्महत्याओं (विशेषकर कृषक वर्ग में) को रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे हैं? (ड.) कृषकों की सहायता हेतु संचालित कृषक जीवन कल्याण योजना के तहत वर्ष 2014-15 में जिलेवार कितने-कितने कृषकों की कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? श्योपुर जिले में उक्त योजना के तहत प्रदाय की गई राशि की संख्यात्मक जानकारी दें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्राइम ब्रान्च इंदौर में दर्ज प्रकरण क्रं. 593/93 में जब्त की गई सामग्री
44. ( क्र. 786 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्राइम ब्रान्च इंदौर द्वारा दिनाँक 07.07.13 को दर्ज प्रकरण क्र. 593/13 में नितिन महिन्द्रा के कम्प्यूटर को नेटवर्क सर्वर, पेरेन्ट कम्प्यूटर तथा लेपटॉप घटनास्थल से जब्त किया गया या नहीं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कम्प्यूटर में क्या एक ही हार्ड डिस्क थी या दो हार्ड डिस्क थी? कितनी हार्ड डिस्क जब्त की गई एक या दो? दोनों एक ही दिन जब्त की गई या अलग-अलग दिन? दिनाँक बतावें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कम्प्यूटर/सी.पी.यू्. के शेष हिस्से कहां है तथा उनको कैसे प्रमाणित किया जावेगा? (घ) इलेक्ट्रानिक इविडेन्स एक्ट की धारा 15 के अनुसार एक्जीबीट को डिजीटल साइन से सुरक्षित क्यों नहीं किया गया तथा संपूर्ण डिस्क कन्टेन्टस (5HA&MD5) की एक्जेट हेंस वेल्यू को जनरेट क्यों नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) थाना राजेन्द्र नगर, जिला इन्दौर में दिनाँक 07.07.2013 को अपराध क्रमांक 593/13 नहीं, अपितु 539/13 पंजीबद्ध किया गया था। प्रकरण की विवेचना के दौरान नितिन मोहिन्द्रा के कम्प्यूटर तथा नेटवर्क सर्वर को जब्त किया गया था। पैरेन्ट कम्प्यूटर की आवश्यकता उस समय न होने से तथा लैपटाप नहीं मिलने से जब्त नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आरोपी नितिन मोहिन्द्रा के आफिस के कम्प्यूटर में दो हार्डडिस्क थी, जो दोनों हार्डडिस्क जब्त की गई है। एक हार्डडिस्क दिनाँक 18.07.2013 को एवं एक हार्डडिस्क दिनाँक 26.07.2013 को जब्त की गई है। (ग) प्रश्नांश (क) में कम्प्यूटर, सी.पी.यू. विवेचना के दौरान जब्त किये जा चुके हैं। प्रकरण वर्तमान में विवेचनाधीन होकर, सी.बी.आई. को हस्तांतरित। (घ) इलेक्ट्रानिक एविडेंस एक्ट नामक कोई भी एविडेंस एक्ट नहीं है। जब्तसुदा हार्डडिस्क को गवाहों के समक्ष जब्त किया गया है।
परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मंधान डेम का निर्माण
45. ( क्र. 819 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मंधान डेम का कार्य अप्रारंभ है जबकि मंधान डेम निर्माण कार्य अतिशीघ्र प्रारंभ किये जाने हेतु कार्यपालन यंत्री परियोजना खंड छिन्दवाड़ा का पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें डेम के निर्माण कार्य की औपचारिकता पूर्ण कर कार्य प्रारंभ होना बताया गया है जबकि कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? इस प्रकार की गलत जानकारी देने पर संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) मंधान डेम का कार्य कब तक प्रारंभ कराया जायेगा और मंधान डेम का कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? (ग) कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु विभाग द्वारा जो समय-सीमा तय की गई है तथा विभाग एवं ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारंभ नहीं किया गया तो तत्संबंध में अभी तक क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थिति नहीं होता। (ख) मंधान डेम का कार्य प्रगति पर है एवं स्वीकृत समयावधि माह दिसम्बर 2017 तक कार्य पूर्ण होना संभावित है। (ग) कार्य प्रारंभ है अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
छिन्दवाड़ा जिले में ट्रकों की चोरी के संबंध में दोषियों की गिरफ्तारी
46. ( क्र. 822 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छिन्दवाड़ा जिले में लगभग 3 से 4 माह पूर्व लगभग 200 ट्रकों की चोरी के प्रकरण में पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही थी और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया परंतु पुलिस द्वारा अब इस कार्यवाही को बिना अंजाम दिये रोक दिया गया? यदि नहीं, तो इस प्रकरण में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) इस प्रकरण में कितने दोषियों को गिरफ्तार किया गया और किन दोषियों की गिरफ्तारी होना बाकी है दोषियों की गिरफ्तारी में विलंब का क्या कारण है? प्रकरण से संबंधित कार्यवाही क्यों बंद कर दी गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी नहीं, जिला छिन्दवाड़ा में 01.01.2015 से 30.06.2015 की अवधि में 200 ट्रकों की चोरी का प्रकरण नहीं बल्कि 03 ट्रकों के चोरी होने के संबंध में कुल 03 अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। इन प्रकरणों में से 01 प्रकरण में कुल 04 आरोपियों को गिरफ्तार करके तथा चोरी गये एक ट्रक को बरामद करके अंतिम प्रवितेदन सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त एक अन्य अपराधिक प्रकरण में चोरी गया वाहन ट्रक लावारिस हालत में बरामद किया गया है। शेष प्रकरण में वाहन बरामद करने तथा आरोपी गिरफ्तार करने के प्रयास किये जा रहे हैं। विवेचना जारी है। (ख) उक्त अवधि में पंजीबद्ध 03 अपराधों में से 01 अपराध में कुल 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। शेष 02 प्रकरणों में अज्ञात आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रभावी प्रयास विवेचना में किये जा रहे हैं। प्रकरण में कार्यवाही बन्द नहीं की गई है, बल्कि विवेचना जारी है।
राहत राशि का भुगतान
47. ( क्र. 838 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास एवं रायसेन जिले में वर्ष 2014 में ओला वृष्टि एवं अति वृष्टि से हुए नुकसान के कारण कितने किसानों को कुल कितनी राहत राशि स्वीकृत की गई तहसीलवार किसानों की संख्या व राशि बतायें? (ख) जून 2015 की स्थिति में किन-किन किसानों को उक्त राहत राशि प्राप्त नहीं हुई तथा क्यों? कारण बतायें तथा ग्रामवार सूची दें कब तक राशि का भुगतान होगा? (ग) तहसीलदार द्वारा किस-किस बैंक को कितनी राशि भुगतान हेतु किस माध्यम से किस खाते में दी गई? 20 जून 2015 की स्थिति में उक्त खाते में कितनी राशि शेष है? (घ) किसानों को राहत राशि भुगतान न होने की किन-किन माध्यमों से शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर आज दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बन्द पेयजल योजनाओं को चालू किया जाना
48. ( क्र. 839 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले के विकास खण्ड बेगमगंज एवं सिलवानी के किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना चालू हैं तथा किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना बन्द हैं तथा क्यों? योजनावार कारण बतायें? उक्त योजनायें चालू करवाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही, प्रयास विभाग ने किये? (ख) किन-किन ग्रामों में नलजल योजनाओं का कार्य अपूर्ण है तथा क्यों? योजनावार कारण बतायें? उक्त नलजल योजनाओं का कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) उक्त विकास खण्डों में विगत 3 वर्षों में किस-किस नलजल योजना में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये तथा किस व्यक्ति संस्था को कितनी राशि का भुगतान किया गया? (घ) उक्त विकास खण्डों में विभाग द्वारा स्थापित हैण्ड पम्पों में से 20 जून, 2015 की स्थिति में किन-किन ग्रामों में कितने हैण्डपम्प बन्द/खराब हैं तथा उनको कब तक सुधार दिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
भिण्ड जिले के मालनपुर औद्योगिक क्षेत्र की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किया जाना
49. ( क्र. 863 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के परि. अतारांकित प्रश्न संख्या 24 (क्रमांक 722) दिनाँक 23 फरवरी 2015 के (ग) के उत्तर में बताया गया कि रिट याचिका क्रमांक 5001/2014 में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनाँक 25.06.2014 को यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिये जाने से जाँच की कार्यवाही नहीं की गई? यदि स्थगन आदेश में थाना मालनपुर में एफआईआर दर्ज न करने तथा दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही न करने, एवं अवैध कब्जा धारियों का अतिक्रमण न हटाने का आदेश माननीय उच्च न्यायालय ने दिया था तो फिर कलेक्टर भिण्ड ने माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध दिनाँक 12.12.2014 को प्रश्न क्र. 722 दि. 23.02.2015 (क) में वर्णित सर्वे क्रमांकों की भूमि नजूल घोषित किस प्रकार की? माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति दें? (ख) संदर्भित प्रश्नांश के (घ) के उत्तर में तत्कालीन तहसीलदार श्री आर.के.दुबे राजस्वनिरीक्षक श्री बिनोदसिंह तोमर, पटवारी श्री बदनसिंह कौरव के अनेकों बार स्थानान्तर करने के बाद भी असत्य जानकारी देने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त तीनों ने कब-कब माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर से स्थानान्तर पर स्थगन आदेश प्राप्त किये? आदेशों की प्रतियां दें? राजस्व निरीक्षक श्री तोमर एवं पटवारी श्री कौरव का पुन: माह मई जून 2015 में मेंहगांव स्थानान्तर का कारण बतायें? (ग) श्री बदनसिंह कौरव पटवारी मालनपुर हल्के में पदस्थ होने के बाद भी चार्ज न दिलाकर दूसरे सर्किल ग्राम खितौली में 40 कि.मी. दूर पदस्थ श्री उदयसिंह नरवरिया को मालनपुर हल्के का चार्ज क्यों दिया गया? क्या यह भी सच हैं कि श्री नरवरिया को रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा है? यदि हाँ, तो ऐसे भ्रष्ट पटवारी की पदस्थापना मालनपुर औद्योगिक हल्का का प्रभार देने वाले अधिकारी को दण्डित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उपरोक्त भूमि की हेराफेरी करने वाले एवं कराने वालों की उच्चस्तरीय जाँच कराई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भिण्ड जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में अनियमितताएं
50. ( क्र. 864 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनाँक तक भिण्ड जिले में कितने-कितने नवीन हैण्डपंप खनन किये, पेयजल योजनाऐं स्वीकृत कर कहां-कहां संचालित की गई? प्रत्येक हैण्डपंप का खनन तथा योजनाओं पर भुगतान किन-किन ऐजंसियों को किया गया प्रत्येक का अलग-अलग विवरण दें? (ख) उक्त अवधि में हैण्डपंप, पेयजल योजनाओं के संधारण एवं सुधार हेतु तथा पुराने कार्यों के भुगतान हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब किस-किस ऐजेन्सी को भुगतान की गई? अलग-अलग दिनाँकवार बतायें? (ग) विधान सभा क्षेत्र लहार में कितनी-कितनी पेयजल योजना में कहां-कहां संचालित हैं? कौन-कौन सी बंद है? ग्राम अंधियारी नं. 2, बीसनपुरा, विस्बारी, रायपुरा नं. 1 पेयजल की टंकियां 2 वर्ष पूर्व बनने के बाद भी लाईनें पूर्ण न करने से बिना कनेक्शन के बंद है? कब तक पेयजल उपलब्ध कराया जावेगा? (घ) लहार विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मटियावली बुजुर्ग एवं मड़ोरी आवास में पत्थर होने से पेय जल का भीषण संकट है? कब तक हैण्डपंप खनन कराकर पेयजल उपलब्ध होगा? समय सीमा बतायें? (ड.) 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भिण्ड जिले में अनियमितताओं एवं फर्जी तथा बिना कार्य कराये भुगतान करने की शिकायतें कब-कब किन-किन के द्वारा की गई? उन शिकायतों की जाँच कब और किस अधिकारी से कराई गई? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 1 अप्रैल 2014 से प्रश्न दिनाँक तक की अवधि में पेयजल योजनाएं (नलजलयोजनायें) स्वीकृत नहीं हुई है। नवीन हैण्डपंपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ख-1'' एवं ''ख-2'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ग'' एवं ''घ'' अनुसार है। (घ) ग्राम मटियावली बुजुर्ग की जनसंख्या 2011 के अनुसार 512 है। ग्राम में पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु स्थापित किये गये 05 हैण्डपम्पों में से 3 हैण्डपंप चालू एवं 2 हैण्डपंप असुधार योग्य होने से बंद हैं। चालू 3 हैण्डपंपों में से 2 हैण्डपंपों में जल आवक क्षमता कम है। ग्राम आंशिक पूर्ण श्रेणी में होने के कारण प्रस्तावित 01 नलकूप इस वित्तीय वर्ष में खनन करवाया जावेगा। ग्राम मड़ोरी की वर्ष 2011 की जनसंख्या 496 है एवं पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु ग्राम में 25 हैण्डपंप स्थापित हैं जो कि चालू हैं। ग्राम पूर्ण श्रेणी में होने के कारण नलकूप खनन करवाया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ड.'' अनुसार है।
तहसील पिपलौदा अंतर्गत पायलेट प्रोजेक्ट के संबंध में
51. ( क्र. 871 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत तहसील पिपलौदा में भूजल स्तर अत्यधिक नीचे जाकर पेयजल एवं पानी का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है? (ख) क्या म.प्र. अति दोहित अत्यधिक जल संकटग्रस्त पानी के अभाव की चयनित दो तहसीलों में से एक पिपलौदा तहसील होकर पायलेट प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया हैं? (ग) यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब होकर इस हेतु कितना बजट स्वीकृत किया जाकर प्राप्त बजट में से कितना बजट किन-किन कार्यों पर किस-किस प्रयोजन हेतु कब-कब व्यय किया गया है? (घ) साथ ही स्वीकृत प्राप्त बजट में से कितना कार्य पूर्ण होकर कितना अपूर्ण रहा, कृपया कार्यवार एवं ग्रामवार स्पष्ट जानकारी से अवगत कराएं?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) पायलेट परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति शासन द्वारा एफ- 16-52/2011/2/34 भोपाल दिनाँक 05.11.2012 से प्राप्त हुई। इस हेतु रूपये दो करोड़ दो लाख तीस हजार नौ सौ मात्र स्वीकृत की जाकर प्राप्त बजट में से विभिन्न कार्यों पर व्यय किया गया। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्यवार एवं ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ठ के अनुसार है।
पिप्लोदा एवं जावरा तहसील अंतर्गत टप्पा तहसीलों/कार्यालयों की स्थापना
52. ( क्र. 872 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा एवं पिपलौदा अत्यधिक बड़ी तहसीलें होकर इनके अंतर्गत क्रमश: 68 एवं 52 ग्राम पंचायत होकर लगभग दो सौ से अधिक ग्राम एवं क्षेत्रीय जनसंख्या लगभग दो लाख तक है? (ख) यदि हाँ, तो क्या क्षेत्रीय प्रशासनिक एवं जनकार्य हेतु मात्र जावरा नगर एवं पिपलौदा नगर स्थित तहसील कार्यालयों से कार्य संपादित किया जाता है? (ग) यदि हाँ, तो क्या दोनों तहसील मुख्यालय की अपने-अपने अधीन पटवारी हलको/लगने वाले ग्रामों से अत्यधिक दूरी एवं आवागमन में कठिनाईयां महसूस की जा रही है? (घ) यदि हाँ, तो क्या शासन/विभाग पिपलौदा तहसील अंतर्गत ग्राम सुबेडा एवं ग्राम कालूखेड़ा में तथा जावरा तहसील अंतर्गत ग्राम ढोढर एवं ग्राम रिंगनोद में टप्पा तहसील/कार्यालय निरंतर प्रारंभ किये जाने हेतु निर्देशित करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज प्रकरण एवं कार्यवाही
53. ( क्र. 886 ) श्री सुन्दर लाल तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एस.टी.एफ. वर्ष 2006 से वर्ष 2012 तक पदरूप धारण के 296 प्रकरणों में अभ्यार्थियों के अलावा इम्पर सोनेटर पर प्रकरण दर्ज किया या नहीं? (ख) एस.टी.एफ. ने उक्त प्रकरणों में शामिल गिरोह, सरगना, दलाल अध्यक्ष व्यापम कांउसलिंग कमेंटी, महाविद्यालयों के अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की जाँच की अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ग) एस.टी.एफ. ने वर्ष 2004 से 2012 तक व्यापम द्वारा आयोजित पी.एम.टी. परीक्षा में पद रूप धारण में चयनित फर्जी अभ्यार्थियों की अपने स्तर से जाँच की अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कॉलेज/व्यापम के कौन-कौन से दस्तावेजों का मिलान किया गया? फर्जी जाति प्रमाण पत्र अथवा मूल निवासी प्रमाण पत्र द्वारा चयनित अभ्यार्थियों की जाँच हेतु निर्धारित बिन्दु व परिणाम सहित जानकारी दें? (घ) एस.टी.एफ ने वर्ष 2004 से 2014 तक व्यापम द्वार आयोजित विभिन्न भर्ती परीक्षा तथा पी.एम.टी परीक्षा में आंसरशीट खाली छोड़कर बाद में भरे जाने की संभावनाओं की जाँच की अथवा नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एस.टी.एफ. एवं एसआईटी द्वारा वर्ष 2006 से 2012 तक पररूपधारण के प्रकरणों अभ्यर्थियों के अलावा 132 इम्परसोनेटर पर प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ख) हां, इन प्रकरणों में दलाल, रेकेटियर, अध्यक्ष व्यापम एवं अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका के संबंध में जाँच की गई है। (ग) वर्ष 2004 से 2012 तक व्यापम द्वारा आयोजित पीएमटी परीक्षा में पररूपधारण कर चयनित/भर्ती अभ्यर्थियों के संबंध में एसटीएफ को शिकायत प्राप्त होने पर जाँच की गई है। उक्त जाँच उपलब्ध दस्तावेजों एवं प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर की गई है। चयनित अभ्यर्थियों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र अथवा मूल निवासी प्रमाण पत्र के बारे में विवेचना में साक्ष्य मिलने या शिकायत मिलने पर उस पर जाँच कर उन्हें अपराध की विवेचना में शामिल किया गया है। (घ) एसटीएफ द्वारा वर्ष 2012 व 2013 में विभिन्न भर्तियों एवं पीएमटी परीक्षा में आंसरशीट खाली छोड़कर बाद में गोले भरे जाने के तथ्य पाए जाने पर जाँच कर अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं। जाँच पर एसआईटी ग्वालियर द्वारा पीएमटी एवं प्रीपीजी परीक्षा में छात्रों को परीक्षा में ज्यादातर गोले खाली छोड़ने और बाद में व्यापम में खाली गोलों को भरकर उन्हें पास कराने के संबंध में एसआईटी ग्वालियर द्वारा भी अपराध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरणों की विवेचना जारी है।
लंबित पड़े दाखिल खारिज प्रकरणों की संख्या
54. ( क्र. 909 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में तहसील राजनगर, छतरपुर, लवकुशनगर में दाखिल खारिज के 01.01.14 से जून 2015 तक कुल कितने प्रकरण लंबित है? तहसीलवार जानकारी दें? (ख) म.प्र. शासन राजस्व विभाग के निर्देशानुसार प्रकरणों की कितनी समय सीमा में कार्यवाही की जाना चाहिए गाइड लाईन दें? (ग) राजस्व मण्डल ग्वालियर तथा सचिव राजस्व विभाग को लंबित प्रकरणों की सूची प्रत्येक माह भेजी जाती है यदि हाँ, तो सूची दें? (घ) क्या तहसील न्यायालय में कई प्रकरण वर्षों से लंबित है यदि हाँ, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
गरीबी रेखा में नाम शामिल किया जाना
55. ( क्र. 910 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में 01.01.2014 से प्रश्न दिनाँक तक कितने आवेदन पत्र गरीबी रेखा में नाम शामिल हेतु प्राप्त हुए, तहसीलवार कितनी संख्या है? (ख) विभाग द्वारा कितने आवेदन पत्रों को मान्य किया गया और कितनों को निरस्त किया गया? निरस्त के क्या कारण रहे? (ग) क्या यह सच है कि कई पात्र लोगों के नाम गरीबी रेखा में शामिल नहीं किये गये? (घ) क्या पात्र लोगों के नाम हल्का पटवारी द्वारा अपात्र श्रेणी में किये गये? यदि हाँ, तो क्या जाँच कर कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रभारी अधिकारियों के स्थान पर नियमित पदस्थापना
56. ( क्र. 940 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिले में कितने पद कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री/उपयंत्रियों के स्वीकृत हैं? (ख) वर्तमान में सागर जिले में कितने पदों पर कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री/प्रभारी अधिकारी एवं एक प्रभार के साथ-साथ अन्य प्रभार के रूप में कार्य कर रहे हैं? (ग) उक्त पदों पर प्रभारी अधिकारी एवं कब प्रभार के साथ-साथ अन्य प्रभारों के रूप में कार्य कर रहे कार्यपालन यंत्री/सहायक यंत्री कब तक प्रभार में रहेंगे? प्रभारी अधिकारी के स्थान पदस्थापना कब की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) लोक स्वास्थ्य यात्रिकी जिला सागर में कार्यपालन यंत्री के 02, सहायक यंत्री के 07 एवं उपयंत्री के 30 पद स्वीकृत हैं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
पटवारियों को शासकीय आवासगृह का आवंटन
57. ( क्र. 984 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पटवारियों को अपने हल्के में सह परिवार निवास करने संबंधी नियमों का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या उज्जैन संभाग में उक्त नियमों का पालन किया जा रहा है? (ग) रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर एवं देवास में कितने हल्कों में अब तक शासन ने योजनानुसार पटवारियों के लिए भवन बना कर आवंटित किये है? व किन-किन स्थानों पर नहीं? तहसीलवार ब्यौरा क्या है? (घ) हल्को में पटवारियों के उपलब्ध रहने संबंधी क्या नियम निर्धारित किये गये है? क्या उनका पालन उज्जैन संभाग में हो रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश पुलिस बल के रिक्त पदों की पूर्ति
58. ( क्र. 985 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्तमान समय में पुलिस अधिकारियों के व पुलिस सेवकों के स्वीकृत पदों एवं इसके विरूद्ध रिक्त पदों का ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त (क) अनुसार अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के रिक्त पदों का ब्यौरा क्या है? (ग) रतलाम जिलान्तर्गत थानावार स्वीकृत पुलिस बलकर्मी का ब्यौरा क्या है? व किस कारण यह कमी पूरी नहीं की जा सकी है? (घ) रतलाम जिले के पुलिस थानों में कहाँ-कहाँ वाहनों, कम्प्यूटर एवं आधुनिक हथियारों की कमी है? जिसे कब तक पूरा कर दिया जाएगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स‘ अनुसार है। प्रदेश में बल की कमी रहने के कारण। (घ) जिला रतलाम के यातायात थाना, महिला थाना एवं नव निर्मित थाना दीनदयाल नगर में वाहन एवं कम्प्यूटर की कमी है, इस कमी को पूरा करने मौजूदा वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर प्रयास किये जा रहें हैं। निश्चित अवधि बताई जाना संभव नहीं है। जिले के सभी थानों पर आधुनिक हथियार वितरित किये गये है, हथियारों की कमी नहीं है।
वरिष्ठ अधिकारियों को जिला स्तर पर भ्रमण
59. ( क्र. 1013 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को जिला स्तर पर तहसील एवं ग्रामीण क्षेत्र में भ्रमण हेतु जनवरी 2010 के पश्चात कब-कब क्या-क्या आदेश जारी किये गये, प्रति उपलब्ध करावें? (ख) माननीय मुख्यमंत्री महोदय/शासन के आदेश के पालन में उज्जैन संभाग के किन-किन कलेक्टरों द्वारा जनवरी 2010 से प्रश्न दिनाँक तक कब-कब, कहां-कहां, पर भ्रमण किया गया? भ्रमण के दौरान किन-किन ग्रामों में रात्रि विश्राम किया गया? किन-किन ग्रामीण क्षेत्रों में चौपाल लगाई गई? भ्रमण के दौरान किन-किन विभागों में क्या-क्या कमियाँ पाई गई? एवं किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई जानकारी प्रदान करें? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का जवाब नहीं है तो शासन के आदेश का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही के प्रावधान है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तमरादेश जिला रीवा की भूमि की जाँच
60. ( क्र. 1017 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा के ग्राम तमरादेश वृत्त दुआरी तहसील गुढ़ की सैकड़ों एकड़ भूमि के घोटाले की शिकायत कमिश्नर रीवा को दिनाँक 07.10.2014 को तथा कलेक्टर रीवा को दिनाँक 09.10.2014 को सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा प्राप्त हुर्इ है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही हुई बताएँ? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तहसीलदार तहसील गुढ़ का आदेश क्र. 97/बी-121/14-15 दिनाँक 24.03.2015 एवं आदेश दिनाँक 31.03.2015 द्वारा उक्त भूमियों के घोटाले को ठीक करने का आदेश पारित हआ है? यदि हाँ, तो प्रतिलिपि देवे। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में आज दिनाँक को कलेक्टर, कमिश्नर एवं तहसीलदार द्वारा क्या कार्यवाही की गई बताएँ? (घ) इस घोटाले के प्रमुख जिम्मेदार कौन राजस्व अधिकारी दोषी हैं? दोषी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) नायब तहसीलदार गुढ द्वारा प्रकरण क्रमांक 07/बी-121/14-15 में जाँच कर दिनाँक 24.3.2015 को आदेश पारित किया गया था। जिसके आधार पर पंचायत सचिव ग्राम पंचायत तमरादेश द्वारा अधिकार रहित नामांतरण प्रमाणित किये गये थे, तथा हल्का पटवारी ने अवैध नामांतरण के आधार पर अमल किया गया था जो निरस्त किया जाकर भूमियां पूर्व भूमिस्वामियों के नाम यथावत दर्ज कराई गई हैं। (ख) आदेश प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) कलेक्टर/कमिश्नर के द्वारा जाँच कराने पर तहसीलदार गुढ द्वारा अवैध नामांतरण निरस्त किया जाकर पूर्व भूमिस्वामियों के नाम भू-अभिलेख में यथावत दर्ज कराये गये। (घ) तत्कालीन पटवारी श्री रामायण प्रसाद पाण्डेय एवं पंचायत सचिव राजकुमार पटेल दोषी हैं। पटवारी श्री पाण्डेय का स्थानांतरण सतना जिले में हो जाने के कारण उनके विरूद्ध अनुशासनात्क कार्यवाही हेतु कलेक्टर सतना को लिखा गया है, तथा सचिव राजकुमार पटेल के विरूद्ध पंचायत राज अधिनियम 1995 की धारा 59 (1) के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जा रही है।
स्नेह सरोकार अभियान का संचालन
61. ( क्र. 1057 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि विभाग द्वारा प्रदेश में स्नेह सरोकार अभियान संचालित है एवं अभियान के तहत विभागीय अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों एवं समाज के गणमान्य नागरिकों, संस्थाओं से संपर्क कर सहयोग प्राप्त करने की योजना है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत बताये कि कटनी जिले में विभागीय अधिकारियों द्वारा अब तक किन-किन जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं, गणमान्य नागरिकों से कब-कब, किस-किस माध्यम से संपर्क किया गया एवं इसके क्या परिणाम रहे? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत बताये कि मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी केन्द्र स्तर पर स्नेह शिविरों का कब-कब आयोजन किया गया? इन शिविरों में किन-किन जनप्रतिनिधियों को किस-किस माध्यम से आमंत्रित किया गया, शिविर में कौन-कौन उपस्थित रहे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में विभाग की महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में विभागीय निर्देशों की अवहेलना एवं लापरवाही पूर्ण कार्यशैली तथा जिले में अभियान का संचालन गंभीरता से ना होने का कौन-कौन जिम्मेदार है? क्या इसका संज्ञान लेते हुये, कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ ! विभाग द्वारा प्रदेश में स्नेह सरोकार अभियान संचालित है एवं अभियान के तहत् विभागीय अधिकारियों को जन प्रतिनिधियों एवं समाज के गणमान्य नागरिकों, संस्थाओं से संपर्क कर सहयोग प्राप्त करने की योजना है। (ख) कटनी जिले में विभागीय अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं, गणमान्य नागरिकों से सम्पर्क किया जाता है तथा अभियान से उन्हें जोड़ा गया है। फलस्वरूप पूरे कटनी जिले में अतिकम वजन के 1834 बच्चे सक्षम व्यक्तियों, जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं, गणमान्य नागरिकों की देखरेख एवं संरक्षण में हैं। इन बच्चों के कुपोषण स्तर की नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (ग) के तहत् मुड़वारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आंगनवाड़ी स्तर पर आयोजित स्नेह शिविरों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में विभाग की महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में पूर्ण गंभीरता से कार्य किया गया है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है अतः किसी के विरूद्ध कार्यवाही की जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
भूमि सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण
62. ( क्र. 1058 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विभाग द्वारा भूमि सीमांकन कार्य को लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत अधिसूचित किया गया है? यदि हाँ, तो सीमांकन आवेदनों के निराकरण के नियम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत बताये कि अधिसूचना/आदेश जारी होने से प्रश्न दिनाँक तक कटनी जिले में कितने-कितने आवेदन तहसील/वृतवार, कब-कब प्राप्त हुये एवं इनके निराकरण की नियत तिथि क्या थी तथा इन्हें कब निराकृत किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बताये कि कितने आवेदनों का निराकरण समय-सीमा में किया गया, कितने आवेदन नियत समयावधि समाप्त होने के बाद निराकृत किये गये। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बताये कि कितने आवेदन किन-किन कारणों से निरस्त/अमान्य किये गये, प्रकरण/आवेदनवार बतायें। (ड.) प्रश्नांश (ख) से (घ) तक बताये कि राजस्व विभाग एवं लोक सेवा प्रबंधन विभाग के नियमों/निर्देशों के विपरीत कार्यवाही करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चरनोई भूमि पर अतिक्रमण
63. ( क्र. 1080 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील मझौली, जिला जबलपुर में कुल कितनी भूमि चरनोई/घास मद में दर्ज है? एवं उक्त भूमि में अतिक्रमण के कुल कितने प्रकरण राजस्व रिकार्ड में दर्ज है? (ख) क्या प.ह.न.39 ग्राम सेलहटी, ग्राम पंचायत टिकरी, तहसील मझौली का खसरा नम्बर 02 (दो) राजस्व अभिलेख में चरनोई मद में दर्ज है? (ग) यदि हाँ, तो उक्त चरनोई भूमि में वर्तमान समय में किसका बेजा कब्जा है उक्त चरनोई मद में दर्ज भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? उक्त भूमि कब तक बेजा कब्जे से मुक्त करा ली जावेगी? यदि नहीं, कराई जावेगी तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कुल रकबा 3398.42 है. भूमि चरनोई घास मद में दर्ज है। अतिक्रमण के कुल 37 प्रकरण दर्ज हैं। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नाधीन शासकीय भूमि खसरा नं. 02 पर किसी का बेजा कब्जा नहीं है। भूमि मौके पर रिक्त पडी है। अतिक्रमण हटाने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
छात्र की संदेहास्पद मृत्यु की उच्च स्तरीय जाँच
64. ( क्र. 1100 ) श्री तरूण भनोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जबलपुर स्थित थाना गोरखपुर के अंतर्गत फ्लेट न. 206 अमृत अपार्टमेंट हाउबाग चर्च के सामने नर्मदा रोड़ निवासी छात्र अनुभव साहू आत्मज संजय कुमार साहू की मृत्यु संदेहास्पद स्थितियों में दिनाँक 04.06.2015 को हुई थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हां तो क्या अनुभव साहू की संदेहास्पद मृत्यु के संबंध में मृतक के परिजनों द्वारा किन-किन संदेहियों के नाम बताये हैं? क्या उन संदेहियों के बयान लिये गये हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई? क्या यह सत्य है कि संदेहियों द्वारा पुलिस को भ्रामक जानकारी देकर गुमराह करते हुये प्रकरण को आत्महत्या देने की कोशिश की जा रही है? (ग) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) वर्णित छात्र की मृत्यु उपरांत किये गये पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सक द्वारा मृत्यु का कारण कठोर वस्तु से बलपूर्वक मारने का उल्लेख कर गर्दन में 1 X 1 c.m. की चोट दर्शायी गई है एवं गिरने से गर्दन में चोट लगना अंसभव है? (घ) यदि प्रश्नांश (ख) (ग) तथ्य सही तो क्या उक्त प्रकरण की उच्च स्तरीय जाँच करवा कर संबंधित दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) मर्ग क्र. 28/15 धारा 174 दं.प्र.सं. की जाँच में मृतक के परिजनों द्वारा दिये गये कथनों में सुश्री रितिका अय्यर एवं श्रीमती रजनी अय्यर पर संदेह व्यक्त किया गया है। संदेहियों के विस्तृत कथन लेख कर सभी तथ्यों एवं परिस्थितियों पर जाँच की जा रही है, किंतु अभी तक मर्ग की जाँच में उक्त संदेहियों के विरूद्ध कोई प्रमाणिक साक्ष्य न होने से उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है। पुलिस को संदेहियों द्वारा भ्रामक जानकारी नहीं दी जा रही है। (ग) मृतक स्वर्गीय अनुभव साहू की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सक द्वारा मृत्यु कठौर बल के प्रभाव से मृतक के सिर, छाती एवं पेट में आई मृत्यु पूर्व चोटों से कोमा के कारण होना उल्लेख किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक के शरीर पर कुल 04 मृत्यु पूर्व चोटों का उल्लेख है, जिसमें एक चोंट गले के पीछे की तरफ एक सेमी. बाई एक सेमी. सम्मिलित है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वार्णित चोटों के संबंध में की गयी क्योरी पर चिकित्सक द्वारा उक्त चोटें दूसरी मंजिल से गिरने पर आना संभावित है, प्रतिवेदन दिया है। (घ) मर्ग की जाँच पुलिस अधीक्षक, जबलपुर के आदेशानुसार नगर पुलिस अधीक्षक गोरखपुर के नेतृत्व में गठित एक विशेष टीम जिसमें थाना प्रभारी गोरखपुर एवं अन्य शामिल हैं, के द्वारा विधि अनुरूप गंभीरता पूर्वक की जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
महिलाओं के विरूद्ध पंजीबद्ध अपराध
65. ( क्र. 1102 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में महिलाओं के साथ कितने अपराध घटित हुए एवं कितने पंजीकृत हुए? इन अपराधों में कितने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं पर घटित हुए? (ख) म.प्र. का स्थान देश में महिलाओं के साथ घटित हुए अपराधों के पंजीकरण में कौन सा है? (ग) अपराधों की रोकथाम के लिये विभाग ने कौन-कौन सी योजनाओं की शुरूआत की? क्या इन योजनाओं से अपराध की दर में कमी आई? इन योजनाओं के क्रियान्वयन पर किनती राशि खर्च हुई? (घ) सीहोर जिले में 2013-14 एवं 2014-15 में कितने अपराध पंजीकृत हुए? अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं पर कितने अपराध घटित हुए?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) महिला अपराध शाखा, पुमु भोपाल द्वारा संधारित आंकड़ों के आधार पर म.प्र. में वर्ष 2013 में महिलाओं के विरूद्ध 43351 अपराध घटित हुये, जिनमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के विरूद्ध 3659 एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के विरूद्ध 4138 अपराध घटित हुये हैं। म.प्र. में वर्ष 2014 में महिलाओं के विरूद्ध 58257 अपराध घटित हुये, जिनमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के विरूद्ध 4879 एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के विरूद्ध 4965 अपराध घटित हुये हैं। म.प्र. में वर्ष 2015 (जन. से मई तक) में महिलाओं के विरूद्ध 24544 अपराध घटित हुय, जिनमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के विरूद्ध 6171 एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के विरूद्ध 1842 अपराध घटित हुये हैं। (ख) म.प्र. का वर्ष 2013 में महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराध में 11वां स्थान है। (ग) महिला अपराध में अपराधों की रोकथाम हेतु विभाग द्वारा नये कदम उठाये गये है, जैसे महिला अपराध हेल्प लाईन, 1090 प्रारम्भ की गई है, जिसमें रू. 1,22,59,900/- राशि खर्च हुई है। महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने हेतु संवेदनशील स्थानों पर पेट्रोलिंग की जाती है। इसके अलावा स्कूल कॉलेजों में तथा अन्य स्थानों पर छात्राओं को सुरक्षित वातावरण देने के उद्देश्य से निर्भया पेट्रोलिंग की शुरूआत की गई है एवं इस हेतु उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम प्रयोग किया जा रहा है। स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं को आत्मरक्षा से अवगत कराने हेतु निःशुल्क जूडो-कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस ओर नई पहल में नेत्रहीन बालिकाओं को भी आत्मरक्षार्थ निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिलाओं पर होने वाले अपराधों की सही कार्यवाही एवं परिवार के विघटन को रोकने के लिये कुल 212 परिवार परामर्श केन्द्र एवं 141 महिला डेस्क भी संचालित हैं तथा जन जागरूकता बढ़ाने के लिये थाना स्तर पर जन-जागृति शिविर आयोजित किये जाते हैं। अपनी ड्यूटी के दौरान पुलिस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा अपराधों की रोकथाम हेतु हरसंभव प्रयास किया जाता है जिस पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आता है। (घ) सीहोर जिले में वर्ष 2013 में कुल 592 अपराध पंजीकृत किये गये हैं जिनमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के विरूद्ध 26 अपराध घटित हुये हैं एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के विरूद्ध 10 अपराध घटित हुये हैं। वर्ष 2014 में कुल 937 अपराध पंजीबकृत किये गये है, जिनमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के विरूद्ध 49 अपराध घटित हुये हैं एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के विरूद्ध 15 अपराध घटित हुये हैं। वर्ष 2015 (जन. से मई तक) में कुल 375 अपराध पंजीकृत किये गये हैं, जिनमें अनुसूचित जाति की महिलाओं के विरूद्ध 14 अपराध घटित हुये है एवं अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के विरूद्ध 02 अपराध घटित हुये हैं।
विभागीय योजनाओं के तहत हुए कार्यों की जानकारी
66. ( क्र. 1114 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) 1 अप्रैल 2013 से प्रश्न दिनाँक तक भिण्ड जिले में समग्र स्वच्छता अभियान/जल आवर्धन/नल जल/हैण्डपंप फाउंडेशन स्थल सहित हितग्राही मूलक योजनाओं में कितनी-कितनी राशि विकासखण्डवार, किस-किस योजना के मद में आवंटित करते हुये व्यय की गई? वर्षवार, योजनावार, राशिवार, मदवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार उक्त योजनाओं में कितना व्यय हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं में हुये कार्यों की गुणवत्ता/उपयोगिता प्रमाण पत्र किस-किस नाम/पदनाम के अधिकारियों ने जारी किये? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यों में से किस-किस कार्यों की क्या-क्या शिकायतें राज्य शासन/जिला प्रशासन के समक्ष आई? उन पर कब व क्या कार्यवाही प्रश्नतिथि तक की गई? प्रकरणवार जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पेयजल योजनाओं के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों के लिये राशि जिलेवार आवंटित की जाती है, विकास खण्डवार नहीं। पेयजल हेतु आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। समग्र स्वच्छता अभियान के अंतर्गत विकासखण्डवार आवंटित राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क-1'' अनुसार है। (ख) पेयजल योजनावार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' एवं समग्र स्वच्छता अभियान के अंतर्गत व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क-1'' अनुसार है। (ग) पेयजल योजनाओं में किये गये कार्यों की गुणवत्ता का सत्यापन जिन अधिकारियों के द्वारा किया गया है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार तथा समग्र स्वच्छता अभियान के अंतर्गत उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख-1'' में दिया गया है। (घ) पेयजल से संबंधित शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ग'' अनुसार तथा समग्र स्वच्छता अभियान से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशष्टि ''ग-1'' में दिया गया है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सरंक्षण करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
67. ( क्र. 1126 ) पं. रमेश दुबे : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका की नियुक्ति हेतु नियमों निर्देशों में किसे पात्र माना गया है? नियुक्ति हेतु कौन सक्षम है? अपीलीय अधिकारी कौन-कौन है? कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के विरूद्ध शिकायतों की जाँच करने, कार्यवाही करने अथवा सेवा से पृथक करने हेतु कौन-कौन नियमों में सक्षम है? आदेश निर्देश की संपूर्ण प्रति संलग्न करें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता को आंगनवाड़ी केन्द्र बोरिया विकास खण्ड विछुवा जिला छिन्दवाड़ा के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के विरूद्ध ग्राम में निवास नहीं करने, केन्द्र में नियमित उपस्थित नहीं होने की शिकायत प्राप्त होने पर प्रश्नकर्ता ने जाँच कार्यवाही हेतु परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विछुवा को पत्र क्रमांक 256 दिनाँक 22/01/2014 प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो क्या इस पत्र पर समय सीमा में जाँच कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या यह सही है कि ग्रामवासियों के बार-बार शिकायत करने तथा प्रश्नकर्ता के द्वारा भी निरंतर पत्रों के माध्यम से सक्षम अधिकारियों को अवगत कराने तथा विधान सभा में मामला उठाने के पश्चात् परियोजना अधिकारी के द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बोरिया को जाँच में दोषी पाया तथा उन्हें सेवा से पृथक किया गया? (घ) क्या ऐसे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्रश्रय देने वाले परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास विछुवा को शासन दोषी मानता है? यदि हाँ, तो क्या शासन उनके विरूद्ध कार्यवाही का आदेश देगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘एक ‘ एवं ‘दो‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। पत्र क्र/256/ दिनाँक 22.1.2014 परियोजना अधिकारी बिछुआ को प्राप्त हुआ था। जाँच में शिकायत सत्य पाई गई। महिला एवं बाल विकास विभाग भोपाल के पत्र क्र/एफ 3-2/06/50-2/दिनाँक 10.07.2007 कंडिका द के बिन्दु क्र. 01 में उल्लेखित है कि यदि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र का संचालन नियमानुसार नहीं किया जाता है अथवा उनके द्वारा अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही की जाती है तो परियोजना अधिकारी/महिला एवं बाल विकास के अन्य उच्च अधिकारी द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका को सुनवाई का अवसर देते हुए जाँच में दोषी पाये जाने पर पद से पृथक किया जा सकेगा। अतः आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को परियोजना अधिकारी द्वारा समझाई देकर कार्य सुधार करने का अवसर दिया गया। सुधार नहीं होने पर परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास सेवा बिछुआ के आदेश क्र. 294/दिनाँक 25.10.2014 द्वारा पद से पृथक किया गया। परियोजना अधिकारी कु. ज्योति पाण्डे द्वारा दिनाँक 12.03.2014 को पदभार ग्रहण किया गया। वे 03.09.2014 से अवकाश पर चली गई। उक्त प्रकरण की कार्यवाही परियोजना स्तर पर लम्बित रही जिसके कारण विलम्ब हुआ। जानबूझकर अधिकारी द्वारा विलम्ब नहीं किया गया। (ग) माननीय विधायक जी के पत्र एवं ग्रामीणों की शिकायत पर जाँच की गई। शिकायत के सही पाये जाने पर नियम निर्देश की कंडिका ‘द‘ अनुसार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात सेवा से पृथक किया गया। (घ) प्रश्नांश ‘ख‘ एवं ‘ग‘ में दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
एस.टी.एफ. में प्राप्त शिकायतों की जाँच
68. ( क्र. 1129 ) श्री मधु भगत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 3384 दिनाँक 14 जुलाई, 2014 के उत्तर में स्वीकार किया था कि एस.टी.एफ. की विभिन्न मेडीकल कॉलेज (प्राइवेट) द्वारा राज्य के कोटे की 42 प्रतिशत सीट्स को अपात्र छात्रों से, मेनेजमेंट द्वारा, सरकारी अधिकारियों के संरक्षण में भरवाने बाबत्, प्राप्त शिकायत की जाँच जारी है? क्या यह सही उत्तर था? यदि हाँ, तो शिकायत पर तिथि के क्रम में बतावें कि किस-किस प्राधिकारी द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) अभी तक जाँच में क्या तथ्य पाये गये? किस प्राधिकारी ने किस-किस को गिरफ्तार किया, बयान लिया गया तथा कब-कब कहां से रिकार्ड जब्त किया? गिरफ्तारी के लिये कब-कब पुलिस गई? (ग) क्या अभी तक प्रथम दृष्टया किसी को दोषी नहीं पाया है? यदि हाँ, तो इसका क्या प्रमाण है? यदि नहीं, तो कौन-कौन संदेह के दायरे में पुलिस की निगाह में है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) हाँ। शिकायत की जाँच की जा रही है। उप पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ श्री अन्तर सिंह कनेश एवं जिला एसआईटी ग्वालियर द्वारा विभिन्न शिकायतों में जाँच की जा रही है। शिकायत कार्यवाही का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) शिकायतों की जाँच की जा रही है। आवेदक श्री आशीष चतुर्वेदी की शिकायत पर एसआईटी जिला ग्वालियर ने थाना झांसी रोड में अपराध क्रमांक 271/14 धारा 420, 467, 468, 471, व 120-बी भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। इसमें कुल 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। प्रकरण में 8 साक्षियों के कथन लेखबद्ध किये गये है, साक्षियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘स’’ अनुसार है। जप्त रिकार्ड का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘द’’ अनुसार है। (ग) विभिन्न शिकायतों में जाँच प्रक्रियाधीन है। एसटीएफ मुख्यालय के पर्यवेक्षण में कार्यरत एसआईटी जिला ग्वालियर द्वारा एक अन्य आवेदक श्री आशीष चतुर्वेदी की शिकायत पर थाना झांसी रोड ग्वालियर में अपराध क्रमांक 271/14 धारा 420,467,468,471 व 120-बी भादवि. का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण में विवेचना जारी है, अन्य आरोपियों के संबंध में अनुसंधान जारी है।
महिला बाल विकास की संचालित योजनाएं
69. ( क्र. 1130 ) श्री मधु भगत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बालाघाट जिले के अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं कब से चलाई जा रही हैं? इनके संचालन के लिये कौन-कौन लोक सेवक, नियुक्त/संलग्न कहां-कहां पर किस हैसियत से हैं तथा पिछले 3 वित्तीय वर्षों में शासन से केन्द्र शासन से या अन्य विभागों से कितनी राशि प्राप्त हुई? (ख) विभाग की योजनाओं में आंगनवाड़ी तथा कार्यालय कहां-कहां पर है उनमें कौन-कौन किस पद पर कब से कार्यरत हैं, इनमें से कौन-कौन स्थानीय निवासी हैं तथा किस-किस के विरूद्ध शिकायतें उक्त अवधि में प्राप्त हुई हैं? (ग) क्या आंगनवाड़ी से जो रिपोर्ट-रिजल्ट प्राप्त होते है वे क्या प्राप्त हुए? प्रत्येक वर्ष का अलग-अलग बताये तथा विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की, दस्तावेजी प्रमाण सहित बताये? (घ) विभाग को कौन-कौन सी सामग्री कितनी मात्रा में किस एजेन्सी फर्म द्वारा कितनी राशि की प्रदाय की गई? (ड.) जिले में माता तथा शिशु के कुपोषण की स्थिति अन्य जिलों की तुलना में कैसी है? अधिकारियों ने कब-कब निरीक्षण किये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) बालाघाट जिले में एकीकृत बाल विकास सेवा अन्तर्गत निम्नलिखित योजनायें वर्तमान में चलाई जा रही है 1 आई.सी.डी.एस. योजना वर्ष 1986 से 2 मंगल दिवस वर्ष 2007 से 3 राजीव गाँधी किशोरी बालिका सशक्तिकरण योजना ‘सबला‘ वर्ष 2011 से 4 अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन वर्ष 2011 से उपरोक्त योजनाओं के संचालन हेतु नियुक्त /संलग्न लोक सेवकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘ अनुसार है तथा पिछले 3 वित्तीय वर्षों में शासन से केन्द्र शासन से या अन्य विभाग से प्राप्त राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘ब‘ अनुसार है। (ख) बालाघाट जिले में 11 बाल विकास परियोजना कार्यालय विकास खण्ड स्तर पर संचालित है। इन परियोजनाओं के तहत 2374 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 110 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘स‘ अनुसार है। इनमें कौन किस पद पर कब से कार्यरत है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘अ‘ एवं परिशिष्ट ‘स‘ अनुसार है। प्रश्नाधीन अवधि में प्राप्त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द‘ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘इ’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रचो परिशिष्ट ‘ई‘ अनुसार है। (ड.) जिलेवार शिशु कुपोषण की स्थिति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -‘उ‘ अनुसार है। माताओं के कुपोषण से जानकारी विभाग द्वारा नहीं रखी जाती है। अधिकारियों के निरीक्षण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -‘ऊ‘ अनुसार है।
स्थाई राजस्व कार्यालय एवं टप्पा सुठालिया को तहसील का दर्जा प्रदान किया जाना
70. ( क्र. 1134 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता की शून्यकाल सूचना क्रमांक 82 दिनाँक 12 दिसम्बर 2014, अस्थायी राजस्व अनुविभाग कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित किये जाने के संबंध में कलेक्टर जिला-राजगढ़ द्वारा अपने पत्र क्रमांक/405/3 बी.स्था/2015 राजगढ़ दिनाँक 21.01.2015 से समुचित उपयोगिता दर्शाते हुये सचिव, मध्यप्रदेश शासन, राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल को विभागीय प्रस्ताव पत्र अग्रिम कार्यवाही हेतु तथा प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 2713 दिनाँक 2 मार्च, 2015 अंतर्गत टप्पा सुठालिया को तहसील का दर्जा प्रदान करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या कलेक्टर जिला राजगढ़ द्वारा प्रेषित विभागीय प्रस्ताव पत्रों के संदर्भ में प्रश्न दिनाँक तक कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या और कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन व्यापक जनहित को दृष्टिगत रखते हुये विगत 27 वर्षों से संचालित अस्थायी राजस्व अनुविभाग कार्यालय ब्यावरा को स्थाई घोषित किये जाने तथा टप्पा सुठालिया को तहसील का दर्जा प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मर्जर एग्रीमेंट के बिना शासकीय भूमिया का निराकरण
71. ( क्र. 1145 ) श्री आरिफ अकील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मर्जर एग्रीमेंट की शासकीय भूमियों के हस्तांतरण, नामान्तरण, रजिस्ट्रीकरण एवं एन.ओ.सी के प्रकरणों को भोपाल जिला राजस्व विभाग द्वारा निराकृत किया है? यदि हाँ, तो यह अवगत करावें कि वर्ष 2000 से प्रश्न दिनाँक तक कुल कितने प्रकरणों को निराकृत किया है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता के अतां. प्रश्न 11 (क्र. 784) दिनाँक 10 मार्च 2008 की कण्डिका (ग) के उत्तर में अवगत कराया है कि मूल मर्जर एग्रीमेंट भारत सरकार के आधिपत्य में होने से जानकारी देना संभव नहीं है? (ग) यदि हाँ, तो यह अवगत करावें कि प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिन प्रकरणों का निराकरण किया है वह किस आधार पर किए गए है? क्या शासन ऐसे अधिकारियों पर जिन्होनें मर्जर एग्रीमेंट का अवलोकन किए बगैर मर्जर एग्रीमेंट की शासकीय भूमियों के नामान्तरण, हस्तांतरण, रजिस्ट्रीकरण एवं एन.ओ.सी इत्यादि के जो प्रकरण निराकृत किए है उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या तथा कब तक यदि नहीं, तो क्यों कारण सहित बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में लड़के, लड़कियों के गुम होने पर कार्यवाही
72. ( क्र. 1146 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2010 से प्रश्न दिनाँक की स्थिति में प्रदेश के भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, और जबलपुर संभागों के लड़के व लडकियाँ गुम हुए हैं? यदि हाँ, तो जिलेवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल जिले से वर्ष 2012 से प्रश्न दिनाँक तक की स्थिति में कितने, लड़के-लड़कियाँ गुम होने की सूचनाएं प्राप्त हुई और वापिस कब-कब मिले? यदि नहीं, तो नहीं मिलने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्य में यह अवगत करावें कि निरंतर लड़के-लडकियों के गुम होने की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पाने के क्या कारण हैं? इस लापरवाही के लिए कौन-कौन दोषी पाये गये और उनके विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) गुमशुदगी की सूचना पर तत्काल विधि अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। दोषियों की गिरफ्तारी तथा उनके विरूद्ध अभियोजन करवाये जा रहे है। शीघ्र बरामदगी हेतु विशेष अभियान भी संचालित किये गये है। पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा सजगता एवं तत्परता से कार्यवाही की जा रही, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
बैतूल जिले के नामांतरण प्रकरणों का निराकरण
73. ( क्र. 1152 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में सीमांकन, नामांतरण, फौती नामांतरण एवं अविवादित बंटवारे के कितने-कितने प्रकरण कब से लंबित है, तहसीलवार बतावें? (ख) इनमें से बैतूल एवं आठनेर तहसील के प्रकरणों का कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? (ग) क्या यह सही है कि कई आवेदन काफी समय से लंबित हैं, तथा कई आवेदनों का निराकरण आवेदन प्राप्ति के कुछ ही समय में कर दिया गया है? यदि हाँ, तो लंबित आवेदनों के निराकरण के लिए विभाग क्या प्रयास कर रहा है? (घ) क्या शासन पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर इन आवेदनों के निराकरण के संबंध में कोई निर्देश जारी करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
महिदपुर बस स्टैंड निर्माण का सीमाकंन कार्य
74. ( क्र. 1156 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर नगर पालिका सी.एम.ओ. के दिनाँक 27.05.2015 के बस स्टैंड के सीमांकन संबंधी पत्र पर विभाग में अब तक क्या कार्यवाही की है? (ख) सीमांकन कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) किस कारण एवं आदेश से अभी तक सीमांकन कार्य नहीं किया गया जबकि बस स्टैंड निर्माण के लिये दिनाँक 11.05.2015 को वर्कआर्डर जारी हो चुका है? आदेश की छायप्रति देवें? (घ) समय पर सीमांकन कार्य न होने के जिम्मेदार एवं इस ओर ध्यान न देने वाले जिले के उच्च अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? समय सीमा बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पट्टे की भूमि पर कब्जा
75. ( क्र. 1162 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालापीपल तहसील ग्राम खजूरी अलाहदाद के भूमिहीन ग्रामीण को वर्ष 1988-89 में पट्टे पर जमीन प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो किस-किस को कितनी-कितनी भूमि प्रदान की थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गांव के ग्रामीणों को पट्टे की जमीन पर क्या कब्जा प्रदान किया गया था, यदि हाँ, तो कब? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्राम की सर्वे न. 1090/11, 1090/2, 1090/3, 1090/5, 1090/13, 1090/16, 1089, 1090/9, 1090/4, 1090/15 भूमि पर वर्तमान में किसका कब्जा है? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित भूमि सर्वे नं. पर दिये पट्टे को लेकर क्या कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है? यदि हाँ, तो क्या न्यायालय से स्थगन दिया गया हैं, यदि हाँ, तो न्यायालय के स्थगन की प्रति देवें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शुजालपुर विकासखण्ड में उद्यानिकीय खेती पर अनुदान
76. ( क्र. 1163 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शुजालपुर विकासखण्ड के अंतर्गत फल, सब्जी, मसाला एवं औषधि खेती होती है यदि हाँ, तो उक्त उपजों के उत्पादन करने वाले किसानों को क्या-क्या अनुदान में दिया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फसलों के उत्पादन करने वाले किसानों को वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक कितने किसानों को अनुदान में पेक हाऊस, प्याज भण्डार हाऊस, पोली हाऊस, नेट हाऊस, प्लास्टिक किरयेट (क्रेट) एवं खाद-बीज आदि दिये गये वर्षवार सूची देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। कृषकों को योजना में प्रावधानित अनुदान राशि के अन्दर निम्नानुसार अनुदान सहायता दी जाती है :- 1. फल क्षेत्र विस्तार योजनाः- विभाग द्वारा पौधे प्रदाय कर पौधों की राशि काट कर शेष राशि कृषक के बैंक खाते में दी जाती है। 2. सब्जी एवं मसाला क्षेत्र विस्तार योजनाः- विभाग द्वारा बीज खाद एवं दवाये प्रदाय की जाती है। 3. औषधीय एवं फसल क्षेत्र विस्तार योजनाः- विभाग द्वारा बीज/पौध रोपण सामग्री तथा शेष अनुदान राशि कृषक के बैंक खाते में दी जाती। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’अ’ अनुसार है।
चैक पोस्ट की जाँच
77. ( क्र. 1164 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र जून-जुलाई 2014 के प्रश्न सरल क्र. 25 (777) तारा. दिनाँक 07.07.2014 के उत्तर (ख) में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रतिवेदन अनुसार अंत के दो बिंदुओं में जाँच अधिकारी (सी.एस.पी. मुरैना) द्वारा चैक पोस्ट बैरियल पर जाकर पूछताछ की तो पता चला कि 26.04.2014 को बैरियल पर इस प्रकार की कोई घटना घटित नहीं हुई है, व अंतिम बिन्दु में शिकायतकर्ता अपने ट्रकों का टैक्स अदा न करने के लिये दबाव बनाना चाहेते है? उत्तर दिया है, तो शिकायत की जाँच जाँचकर्ता द्वारा किस दिनाँक, समय, स्थान पर जाँच की व जाँच में पूछताछ हेतु किन-किन व्यक्तियों की साक्ष्य लिये, नाम पता आदि सहित बतावें व शिकायतकर्ताओं द्वारा कितना टैक्स कब-कब नहीं लिया? (ख) क्या इस प्रकार की असत्य भ्रामक जानकारी प्रतिवेदन में देकर विधानसभा को गुमराह करना व शिकायतकर्ताओं के सम्मान को ठेस नहीं पहुँचाना है? यदि हाँ, तो जाँचकर्ता के खिलाफ कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) आवेदक रमेशदत्त पुत्र श्री रामनाथ शर्मा द्वारा दिये गये आवेदन पत्र के संबंध में तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक, मुरैना, श्री प्रवीण कुमार भूरिया द्वारा थाना प्रभारी से कराई गई जाँच के दौरान शिकायतकर्ता रमेशदत्त शर्मा साक्षीगण रामसहाय नि. थाना सराय छौला, मुरैना, जमना प्रसाद नि. रामनगर मुरैना, रामबाबू अग्रवाल नि. गोपालपुरा, मुरैना के कथन लिये गये थे। जाँच रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’अ’ अनुसार है। तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक प्रवीण कुमार भूरिया द्वारा आर.टी.ओ. ए.वी. रोड मुरैना पर दिनाँक 24.05.2014 को इलाका भ्रमण के दौरान शिकायत की जाँच की गई। जाँच रिपोर्ट की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’ब’ अनुसार है। जिला परिवहन अधिकारी,मुरैना से जानकारी प्राप्त करने पर ट्रक क्र. एम.पी.-06 एचसी-1574 के विरूद्ध दिनाँक 24.04.2014 को कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’स’अनुसार है। (ख) यह सही नहीं है कि भ्रामक जानकारी जाँच प्रतिवेदन देकर विधानसभा सचिवालय को गुमराह कर शिकायतकर्ताओं के सम्मान को ठेस पहुंचाया गया है। जाँच अधिकारी द्वारा पारदर्शिता से जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है तथा जाँच विधि अनुरूप की गई है।
विभाग में परामर्श/सलाह आदि के लंबित प्रकरण
78. ( क्र. 1180 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधि और विधायी कार्य विभाग में प्रदेश में कार्यरत राजपत्रित अधिकारी व इससे उच्च श्रेणी के अधिकारियों द्वारा कदाचरण, अनियमितता, भ्रष्टाचार आदि के मामलों में कितने प्रकरण प्रश्न दिनाँक तक परामर्श/विधिक सलाह/अभिस्वीकृति/अभिमत आदि के लिए लंबित हैं? अधिकारी का नाम, वर्तमान पदस्थापना, विभाग का नाम, प्रकरण का संक्षिप्त विवरण, कब विधि विभाग के पास प्रकरण आया तथा किस कारण प्रकरण लंबित है? जानकारी दें? (ख) क्या विभिन्न प्रशासकीय विभागों द्वारा भेजे गए उपरोक्त वर्णित प्रकरणों में विभाग द्वारा असाधारण विलंब किया जाता है? जिससे दोषी दण्ड से बचे रहते है? शीघ्र निराकरण हेतु विभाग क्या प्रयास करेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 4 प्रकरण लंबित हैं। सूची संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) जी नहीं। प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में किया जाता है प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जौरा विधानसभा में जनहानि एवं पशुधन हानि
79. ( क्र. 1187 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधानसभा क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से वर्ष 2013 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी जनहानि एवं पशुधन हानि हुई है? ग्रामवार बतायें? (ख) प्राकृति आपदा के दौरान हुई जनहानि एवं पशुधन हानि में शासन द्वारा मुआवजा राशि कितनी-कितनी निर्धारित है और विधानसभा जौरा में वर्ष 2013 से अब तक कितने प्रकरणों में मुआवजा राशि प्रदान कर दी गई है एवं कितने प्रकरण विचाराधीन है? उन्हें कब तक मुआवजा राशि प्रदान कर दी जावेगी? (ग) क्या सर्पदंश/विषैले जीवों के काटने से हुई जनहानि, पशुहानि को प्रशासन प्राकृतिक आपदा नहीं मानता है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो मुआवजा राशि में अंतर क्यों किया जाता है? (घ) सर्पदंश/विषैले जीवों के काटने से विधानसभा क्षेत्र जौरा में वर्ष 2013 से अब तक कितनी जनहानि एवं पशुहानि हुई है? उन्हें कितना-कितना और किस-किस को मुआवजा दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कूटरचित दस्तावेजों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति
80. ( क्र. 1188 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जनपद पंचायत पहाड़गढ़ की ग्राम पंचायत कुकरोली में नियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लक्ष्मी की नियुक्ति में कूटरचित दस्तावेज उपयोग में लाए गये संबंधी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो शिकायत पर अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में पद की पूर्ति के लिए नियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य कौन-कौन आवेदक सम्मिलित थे और उनकी क्या-क्या योग्यताएं थी? समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराये जावेंगे? (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति प्रक्रिया में कौन-कौन अधिकारी सम्मिलित थे? उन्होनें उम्मीदवारों के शैक्षणिक एवं अन्य दस्तावेज सत्यापन का क्या आधार अपनाया? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में ग्राम कुकरोली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लक्ष्मी की नियुक्ति में कूटर०चित दस्तावेजों की जाँच कराकर संबंधितों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी नहीं। ग्राम पंचायत कुकरोली के मजरा हमीरपुर में श्रीमती लक्ष्मी कार्यकर्ता के पद पर नियुक्त हो कर वर्तमान में कार्यरत है। श्रीमती लक्ष्मी द्वारा नियुक्ति में कूटरचित दस्तावेज उपयोग में लाने संबंधी कोई शिकायत कार्यालय को प्राप्त नहीं हुई है। (ख) ग्राम पंचायत कुकरोली के मजरा हमीरपुर में कार्यकर्ता पद पर नियुक्ति हेतु कार्यकर्ता श्रीमती लक्ष्मी सहित दो अन्य आवेदिकायें क्रमशः कुमारी सपना सिकरवार एवं श्रीमती मधु सिकरवार सम्मिलित थी। श्रीमती लक्ष्मी की शैक्षणिक योग्यता हाई स्कूल, कुमारी सपना की शैक्षणिक योग्यता आठवी पास तथा श्रीमती मधु सिकरवार की शैक्षणिक योग्यता नौ वी पास थी दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘क‘‘ अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नियुक्ति प्रक्रिया में शासन के नियुक्ति निर्देश क्रमांक एफ 3-2/60/50-2/भोपाल दिनाँक 10.07.2007 के अनुसार गठित खण्ड स्तरीय चयन समिति जिसमें एस.डी.एम. जौरा, बाल विकास परियोजना अधिकारी पहाड़गढ़ मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पहाड़गढ़, जनपद पंचायत पहाड़गढ़ स्वास्थ्य महिला बाल विकास समिति की सभापति एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष पहाड़गढ़ द्वारा नामांकित एक महिला जनपद सदस्य सम्मिलित थे। उन्होने उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता एवं अन्य दस्तावेजों के सत्यापन हेतु आवेदिकाओं द्वारा आवेदन के संलग्न प्रस्तुत दस्तावेजों को आधार बनाया। खण्ड स्तरीय चयन समिति द्वारा तैयार वरीयता सूची की छाया प्रति पुस्तकालय में परिशिष्ट ‘‘ख‘‘ अनुसार है। (घ) ग्राम पंचायत कुकरोली (हमीरपुर) में पदस्थ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती लक्ष्मी के दस्तावेज कूटरचित होने बाबत् कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई थी अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
गौशालाओं में गोवंश की समुचित व्यवस्था
81. ( क्र. 1193 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अनुभाग लवकुशनगर एवं गौरिहार (जनपद) जिला-छतरपुर में हजारों की संख्या में जो गौवंश के पशु लावरिस रूप से घूर रहे हैं, इनके लिए शासन द्वारा क्या व्यवस्था की गई? (ख) यदि कोई शासकीय व्यवस्था है तो इस व्यवस्था की जिम्मेदारी किसकी है तथा समुचित व्यवस्था नहीं करने वाले अधिकारी व गौशाला के प्रबंधकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) जनपद लवकुशनगर एवं गौरिहार में कितनी गौशालाएं हैं जिन्हें कि अनुदान प्राप्त होता है, उन गौशालाओं के नाम, उनमें संरक्षित पशुओं की संख्या तथा उन्हें दिए जाने वाली अनुदान की राशि बतलावें? (घ) प्रति पशुपालन कितना अनुदान दिया जाता है इसकी जानकारी भी प्रदाय करें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नांकित क्षेत्र में घूम रहे लावारिस गौवंश अधिकाशत: उसी क्षेत्र के पशु पालकों के है जो अनुत्पादक होने पर छोडा गया गौवंश है। स्थानीय स्तर पर अशक्त, असहाय गौवंश हेतु क्षेत्रान्तर्गत गौशालाऐं संचालित हैं जो इस प्रकार के गौवंश के लिए आसरा स्थल का काम करती है तथा जिन्हें भरण-पोषण हेतु म.प्र. गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के माध्यम से आथर्कि सहायता उपलब्ध कराई जाती है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (घ) गौशाला के गौवंश को रू. 10/- प्रति दिवस के अनुमान से अनुदान का प्रावधान है, जो बजट की उपलब्धता के आधार पर दिया जाता है।
नल-जल योजनाओं की प्रगति
82. ( क्र. 1212 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हुजूर विधानसभा क्षेत्र के किन ग्रामों में विभाग की नल-जल योजनाओं का काम प्रस्तावित या प्रगतिरत है? कार्य की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए सूची उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रगतिरत योजनाओं में कार्य पूर्ण होने की समय सीमा क्या थी और क्या समय सीमा में काम पूरा हो गया है, यदि नहीं, हुआ है तो कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ग) प्रस्तावित नल-जल परियोजनाओं में कब तक काम शुरू हो जाएगा? वर्तमान में प्रक्रिया किस स्तर पर लंबित है और लंबित होने का कारण क्या है? (घ) होशंगाबाद एवं भोपाल संभाग के संदर्भ में बताएं कि चेक डेम के कितने ऐसे काम हैं जिनके टेंडर हो चुके हैं, लेकिन विभाग द्वारा कार्यादेश जारी नहीं किए गए हैं? कार्यादेश जारी नहीं करने का कारण उल्लेख करते हुए बताएं कि इन कार्यों के लिए कब तक कार्यादेश जारी कर दिए जाएंगे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
भूमि के काबिजों को भू-स्वामियों के पट्टे दिये जाना
83. ( क्र. 1213 ) श्री रामेंश्वर शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा आबादी भूमि के काबिजों को भूस्वामित्व के पट्टे दिए जाने का नियम क्या है? (ख) क्या भोपाल जिले में नियमानुसार पात्र सभी काबिजों को पट्टा वितरण किया जा चुका है? पूरी सूची उपलब्ध करवाएं। (ग) जो व्यक्ति आबादी भूमि के अतिरिक्त किसी अन्य मद की भूमि पर 20 से 50 वर्षों से काबिज हैं, क्या उन्हें काबिज भूमि का पट्टा दिए जाने का कोई नियम है? यदि नियम नहीं है तो क्या इस पर विभाग द्वारा ऐसे काबिजों के हित में नियम बनाने का विचार किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा
84. ( क्र. 1225 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के तहसील राजगढ़ में वर्ष 2014-15 में रबी फसल के मौसम में भारी ओलावृष्टि हुई थी? उनमें किन-किन ग्रामों में कृषकों की फसल पूरी नष्ट हो गई थी, सूची उपलब्ध करावें। (ख) यदि हाँ तो क्या उक्त सभी प्रभावित ग्रामों के कृषकों को शासन द्वारा मुआवजा दिया गया था तथा क्या उक्त रबी फसलों का बीमा भी करवाया गया था? (ग) यदि हाँ तो राजगढ़ विधान सभा के वृत्त 2 खुजनेर के पटवारी हल्का नं. 51 कोलूखेड़ी एवं 52, खैरासी ग्रामों की सिंचित फसल नष्ट होने पर किसान मुआवजे से वंचित रहे है तथा क्या उन्हें फसलों के बीमें की राशि का भुगतान भी नहीं किया गया है? (घ) उक्त वृत्त के दोनों ग्रामों के किसानों को नष्ट फसलों के बीमें की राशि का भुगतान नहीं होने का क्या कारण रहा है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी अधिकारी/कर्मचारी का नाम बतावें तथा उनके विरूद्ध कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट के किरनापुर में फटाका फैक्ट्री में विस्फोट
85. ( क्र. 1277 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनाँक 13/05/2015 को बालाघाट की किरनापुर फटाका फैक्ट्री में जो विस्फोट हुआ उसमें कौन सा विस्फोटक प्रयोग हुआ था तथा उसकी संभावित मात्रा कितनी थी? (ख) फटाका फैक्ट्री में अधिकतम कितना विस्फोटक रखने की अनुमति दी गयी थी और कौन सा विस्फोटक रखने की अनुमति दी गयी थी? (ग) क्या किरनापुर में पूर्व में भी फटाका फैक्ट्री में विस्फोट की घटना हो चुकी है? घटना के लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है उन पर क्या कार्यवाही हुई? (घ) फटाका फैक्ट्री वालों द्वारा बड़ी मात्रा में विस्फोट नक्सलवादियों को सप्लाई करने की आशंका के चलते क्या शासन पूरे प्रकरण की न्यायिक जाँच करायेंगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) विस्फोटक एफ.एस.एल. सागर को जाँच हेतु भेजा गया है। जाँच रिपोर्ट अप्राप्त है। जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर विस्फोटक की पहचान हो सकेगी। निश्चित तौर पर संभावित मात्रा का आंकलन नहीं हो सका। विस्फोट उपरांत लगभग 46 किलो विस्फोटक जप्त किया गया। (ख) 05 कि.ग्रा. बारूद से भरे फटाखे एवं आतिशबाजी निर्माण के लिये अनुमति दी गई थी। (ग) पूर्व में दिनाँक 16.01.2003 को विस्फोटक घटना के संबंध में श्री महेन्द्र उर्फ लिट्टू पिता मंगलप्रसाद तारान के विरूद्ध अप.क्र.14/2003 धारा 427,436 ताहि एवं 3,4 विस्फोटक अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया जाकर चालान प्रस्तुत किया गया। माननीय न्यायालय द्वारा अपराधी को दोषमुक्त किया गया। (घ) फटाका फैक्ट्रीवालों के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। नक्सलवादियों को सप्लाई संबंधी कोई साक्ष्य आने पर कार्यवाही की जा सकेगी। न्यायिक जाँच नहीं कराई जा रही है।
प्राकृतिक आपदा ग्रस्त पान बरेजे को राहत प्रदान करना
86. ( क्र. 1606 ) श्री मोती कश्यप : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा के किन्हीं ग्रामों में परम्परागत रूप से पान बरेजा कृषि होती है? (ख) क्या वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 में प्रश्नांश (क) के किन्हीं ग्रामों में ओला, अतिवृष्टि, आंधी-तूफान और अग्नि दुर्घटनाओं से किन्हीं पान बरेजों की क्षति हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) क्षति का सर्वेक्षण व मूल्यांकन किन अधिकारियों द्वारा किया गया है और कब कहां क्या पाया गया है? (घ) क्या प्रश्नांश (क), (ख) के पीडि़त पान बरेजा कृषकों को कभी कोई राहत राशि वितरित की गई है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ तहसील ढीमरखेड़ा के अंतर्गत उमरियापान, मूडियापूरवा एवं ग्राम बम्हनी, कुदवारी, पचमेंढ़ी, पकरिया, धौरेसर में पान बरेजा की कृषि होती है। (ख) जी हाँ, आंधी तूफान एवं अग्नि से क्षति पायी गई है। (ग) राजस्व निरीक्षक एवं हल्का पटवारी द्वारा सर्वेक्षण किया गया था जिससे आंधी तूफान एवं अग्नि से पान बरेजों में क्षति की घटना प्रकाश में आई। (घ) जी हाँ।
मछुआ आवास एवं किश्तों का आवंटन
87. ( क्र. 1609 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विभाग के द्वारा वर्ष 2013-14, 2014-15 तथा 2015-16 की अवधि में जिला कटनी के लिये कोई मछुआ आवास कितनी लागत के आवंटित किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) आवास किस अधिकारी के द्वारा कटनी जिले के किन विकासखण्डों के कितने मछुआ हितग्राहियों को आवंटित किये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) की राशि कब कितनी किस्तों में आवंटित की गई है और किनसे पूर्णता प्रमाणपत्र प्राप्त हो गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) (ग) के आगामी किस्तों के आवंटन न किये जाने का कारण क्या है और कब तक आवंटित की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में कटनी जिले के लिये 50 मछुआ आवास लागत राशि रूपये 27.50 लाख के आवंटित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला स्तरीय कमेंटी के अनुमोदन पश्चात् मछुआ आवास आवंटन सहायक संचालक मत्स्योद्योग कटनी द्वारा किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) की राशि वर्ष 2013-14 के आवास की दो किश्तें तथा वर्ष 2014-15 की एक मुस्त राशि हितग्राहियों के खातों में जमा की गई। पूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (घ) आगामी किश्तों का आवंटन मछुआ आवास के निर्माण की प्रगति (मूल्यांकन) प्रस्तुत न करने के कारण नहीं किया गया। प्रगति (मूल्यांकन) प्राप्त होते ही आवंटन किया जावेगा।
भाग - 3
अतारांकित प्रश्नोत्तर
मुंगावली
चंदेरी जिला
अशोक नगर के
गांवों में
पेयजल संकट
1. ( क्र. 2 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेडा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि प्रश्नकर्ता द्वारा मुंगावली चंदेरी तहसील में पिछले 1⅟2 वर्ष में जिला अशोक नगर के किस-किस गांव में पेयजल कष्ट के आवेदन पत्र द्वारा व टेलीफोन से एस.एम.एस द्वारा जिलाधीश अशोकनगर, कार्यकारी अभियंता व एस.डी.ओ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व मुख्य अभियंता ग्वालियर व प्रमुख अभियंता भोपाल को सूचित किया था? उक्त गांवों में कहां-कहां पर हैंडपंप सुधार या नये हैंडपंप लगाने या पेयजल उपलब्ध कराने के क्या प्रयास शासन ने किये विवरण देवे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : पिछले डेढ़ वर्ष में प्रश्नकर्ता से मुंगावली/चन्देरी तहसील के अंतर्गत नवीन हैण्डपंप लगाने एवं हैण्डपंप सुधार कर पेयजल उपलब्ध कराने हेतु कार्यालयीन अभिलेख के अनुसार 23 पत्र विभाग को प्राप्त हुये हैं। विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार है।
निगरानीशुदा बदमाशों की जिलेभर के थानों में निगरानी न किया जाना
2. ( क्र. 26 ) श्री विश्वास सारंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजधानी भोपाल में प्रश्न दिनाँक तक कितने निगरानीशुदा बदमाशों के नाम विभिन्न थानों में दर्ज है? थानेवार, नामवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्ष 2013, 2014 में यह संख्या कितनी-कितनी थी? क्या वर्ष 2015 में यह संख्या बढ़ी है? क्यों? कारण दें? सबसे अधिक संख्या किन-किन थाना क्षेत्रों में है और क्यों है? थानावार, संख्यावार व कारण सहित जानकारी दें? क्या यह सच है कि इनकी संख्या बढ़ने से अपराध भी बढ़े हैं? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या यह सच है कि जो निगरानीशुदा बदमाश जिस थाने में दर्ज है उस पर निगरानी सिर्फ उसी थाने में रखी जाती है? यदि हाँ, तो क्या अब जिलेभर के निगरानीशुदा बदमाशों पर सभी थानों में निगरानी रखी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण दें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला भोपाल के थानों में दिनाँक 30.06.15 की स्थिति में पंजीकृत कुल निगरानी बदमाशों की थानेवार एवं नामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’अनुसार है। (ख) वर्ष 2013 में कुल निगरानी बदमाशों की संख्या 834 एवं वर्ष 2014 में 909 थी। वर्ष 2015 में वृद्धि के बाद कुल संख्या 30.06.15 की अवधि में 928 है। अपराध नियंत्रण एवं अपराधियों की नियमित निगरानी हेतु पुलिस रेग्युलेशन के प्रावधानों के अनुरूप निगरानी खोली गई है। थानावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। सबसे अधिक संख्या के तीन थाने (1) बैरसिया-56, (2) निशातपुरा-54, (3) शाहजहानाबाद-44 है। यह सही नहीं है कि निगरानी बदमाशों की संख्या बढ़ने से अपराधों में वृद्धि हुई है। अपराधों में नियंत्रण के लिये ही निगरानी खोली जाती है। (ग) जी हाँ। निगरानीशुदा बदमाश जिस थाना क्षेत्र में पंजीकृत है, उसी थाने के द्वारा निगरानी रखी जाती है। यदि निगरानी बदमाश अपने निवास स्थान थाना क्षेत्र से अन्य थानों में जाता है तो उसकी सूचना संबंधित थाने को दी जाती है, तथा आवश्यकतानुसार उस थाने के द्वारा निगरानी रखी जाती है।
शासकीय जमीन पर अतिक्रमण पर कार्यवाही
3. ( क्र. 54 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेडा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 16 मार्च 2015 परिशिष्ट चार परिवर्तित तारांकित प्रश्न संख्या 18 (क्र.1144) के भाग ख की जानकारी के संदर्भ में व दिनाँक 10.12.2014 के ता. प्रश्न संख्या 7 (क्र.45) तथा 2 मार्च 2015 के परि. अता. प्रश्न संख्या 44 (क्र. 1810) के संदर्भ में बताए कि अशोक नगर शहर के मध्य सर्वे नम्बर 555/2 मिन 1 रकबा 1.045 हेक्टर शासकीय भूमि पर लगभग 10-12 वर्ष से ग्राम खानपुर के गजराज सिंह का कब्जा चला आ रहा है उसमें न्यायालय के स्थगन पर सरकार वकील से स्थगन हटा कर अतिक्रमण हटाने के बारे में क्या कब-कब प्रयास किये गये हैं? (ख) उक्त भूमि पर जब अशोकनगर गुना जिले का भाग था तब तत्कालीन जिलाधीश नीलम राव गुना ने पुलिस की मदद से कब्जा हटा दिया था तब यह भूमि किसके कब्जे में थी तथा यदि कब्जा हटाया तो दोबारा कब्जा क्यों होने दिया गया व इसके लिए कौन जिम्मेदार है व उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की है? (ग) क्या उक्त भूमि पर यादवेन्द्र सिंह नामक व्यक्ति का बोर्ड लगा है तथा यादवेन्द्र सिंह व उसके पिता वहाँ निर्माण कार्य कर इस भूमि का उपयोग कर रहे हैं उनके विरूद्ध कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है? (घ) अथाईखेड़ा में शासकीय भूमि पर कब्जा है वहाँ राजस्व मंडल का यदि स्थगन है तो उसे हटाने के लिये क्या कार्यवाही की है व स्थगन नहीं है तो अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया जा रहा है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिनिंग फैक्ट्री पिपलौदा के संबंध में
4. ( क्र. 66 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि अतारांकित प्रश्न संख्या 6 (क्रं. 54) दिनाँक 10.12.2014 तथा 2 मार्च 2015 के प्रश्न संख्या 13 (क्रं. 782) के संदर्भ में बताए कि जब रियासत रिकार्ड में 1929-30 में सर्वे क्रं. 1820 रकबा 0.92 सर्वे क्रं. 1821 रकबा 0.74 खसरा कालम नम्बर सात में खास सरकार यानि शासकीय भूमि दर्ज है, तो जिनिंग फैक्ट्री पिपलौदा में किसी व्यक्ति का नाम कैसे लिख दिया गया तथा 1957-58 के खसरे में पक्का कृषक दर्ज करने वालों की पहचान कर उन्हें दंडित कर राजस्व रिकार्ड में सुधार कब तक करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जुबली बोर्डिंग हाउस ट्रस्ट झाबुआ का निराकरण
5. ( क्र. 67 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि 13 मार्च 2015 के अता. प्रश्न संख्या 9 (1150) के संदर्भ में बताएं कि जुबली बोर्डिंग हाउस ट्रस्ट झाबुआ के अध्यक्ष ने उच्च न्यायालय के प्रकरण क्र. एस.एफ 8/2012 में समझौता पेश के बारे में 8 जुलाई 2014 को ट्रस्ट के सदस्यों ने माननीय राजस्व मंत्री जी को जो आवेदन दिया था उस पर क्या कार्यवाही हुई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : प्रश्नांश "क" में ट्रस्ट के संदस्यों का पत्र दिनाँक 08 जुलाई 2014 माननीय मंत्रीजी के कार्यालय में प्राप्त नहीं हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिपरई की दुकानों से अतिक्रमण हटाया जाना
6. ( क्र. 68 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि 9 जुलाई 2014 के पुस्तकालय परिशिष्ट अतारांकित प्रश्न 1 (क्र.105) तथा 5 मार्च 2014 के संलग्न परिशिष्ट अतारांकित प्रश्न संख्या 14 (क्र. 100) तथा 13 मार्च, 2015 के प्रश्न संख्या 23 (क्र. 1143) के संदर्भ में बताए कि पिपरई ग्राम तहसील मुंगावली की शासकीय भूमि पर कब्जा करने वाले व दुकान बनाने वाले पर जब सब कुछ प्रमाणित हो गया है तो अतिक्रमण कब तक तोड़ेंगे व अतिक्रमण करने वाले को सिविल जेल भेजने की कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं की तथा कब तक की जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : ग्राम पिपरई की शासकीय भूमि पर कब्जा व दुकान निर्माण करने वाले पर मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कब्जा हटाने की कार्यवाही किये जाने पर माननीय राजस्व मण्डल मध्यप्रदेश, ग्वालियर के प्र.क्र. 4155/2014 आदेश दिनाँक 16.02.2014 द्वारा स्थगन आदेश दिया गया है। स्थगन आदेश समाप्ति के पश्चात् वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
मुंगावली के ग्राम भटोली में सीमांकन
7. ( क्र. 69 ) श्री योगेन्द्र सिंह (बाबा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुंगावली क्षेत्र में क्या सुल्तान ग्राम भटोली पिछले 10 वर्ष से प्रतिवर्ष सीमांकन का आवेदन करता आ रहा है, पर सीमांकन नहीं हो रहा है, वस्तु स्थिति बताएं? (ख) मुंगावली क्षेत्र में श्री श्याम बिहारी श्रीवास्तव ने क्या ग्राम मोजा कदवाया पंचायत अमनचार में 2011 से 4 वर्ष से भूमि के सीमांकन हेतु प्रतिवर्ष पैसा जमा कर आवेदन कर रहे हैं व सीमांकन नहीं हो रहा है? (ग) मुंगावली क्षेत्र में बलवीर अहिरवार ग्राम कुकरेटा भी कई बार सीमांकन का आवेदन दे चुका है, पर सीमांकन नहीं हो रहा है। कारण बताएं? (घ) मुंगावली क्षेत्र में ग्राम जारोली में धुविपाई में जीवनलाल रतनसिंह आदि ने 2 वर्ष से सीमांकन का आवेदन किया है लेकिन सीमांकन क्यों नहीं हो रहा है? (ड.) मुंगावली जिला अशोक नगर में कितने प्रकरण सीमांकन नामांतरण तथा अविवादित बंटवारे के कब से लंबित है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सुल्तान पुत्र भूरा अहिरवार निवासी भटोली द्वारा विगत 10 वर्षों से सीमांकन का आवेदन न देकर वर्ष 2014-15 में सीमांकन का आवेदन दिया गया है, जिसके संदर्भ में राजस्व निरीक्षक वृत-2 एवं ग्राम पटवारी द्वारा दिनाँक 14-05-2015 एवं 21-05-2015 को सीमांकन की पूर्व सूचना एवं पुलिस बल की मांग करते हुए मौके पर पहुंचे. मौके पर कब्जेधारियों द्वारा विवाद करने एवं पुलिस बल उपलब्ध न होने से सीमांकन होना सम्भव नहीं हो पाया है। अत: शीघ्र सीमांकन की तिथि नियत कर सीमांकन की कार्यवाही की जावेगी। (ख) श्री श्यामबिहारी श्रीवास्तव का ग्राम कदवाया ग्राम पंचायत अमनघार की भूमि के सीमांकन हेतु वर्ष 2011 से 2014 तक के दायरा रजिस्टर के अवलोकन से सीमांकन का आवेदन होना नहीं पाया गया है। वर्ष 2015 में दिनाँक 5-06-2015 को राजस्व निरीक्षक को सीमांकन हेतु आवेदन प्राप्त हुआ है। जिसमें आवेदक सर्वे नं. 105 रकवा 0.334 हैक्टर भूमि का सीमांकन कराना चाहता है। आवेदक की भूमि के सीमांकन हेतु दिनाँक 10-07-2015 को राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी सीमांकन हेतु मौके पर गये सीमांकन के दौरान बारिश हो जाने के कारण सीमांकन की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी। आवेदक की सहमति से सीमांकन हेतु दिनाँक 14.07.2015 नियत की गई है। उक्त दिनाँक आवेदक का सीमांकन कर दिया जावेगा। (ग) तहसील चन्देरी के ग्राम कुकरेठा में बलवीर अहिरवार नाम के तीन व्यक्ति हैं, जिनके नाम क्रमश: बलवीर पुत्र हरलाल अहिरवार, बलवीर पुत्र मिश्रा अहिरवार एवं बलवीर पुत्र चिंटा अहिरवार हैं। उक्त तीनों व्यक्तियों के नाम कोई भी भूमि अभिलेख में दर्ज नहीं है। (घ) ग्राम जारोली में घुवधाई के जीवनलाल रतनसिंह आदि नाम से सीमांकन हेतु कोई आवेदन पत्र लंबित नहीं है। (ड.) तहसील मुंगावली जिला अशोकनगर में अविवादित नामान्तरण तथा अविवादित बंटवारा का एक भी प्रकरण लंबित नहीं है। माह जून में तहसील मुंगावली के 49 सीमांकन प्रकरण लंबित हैं।
अनूपपुर जिले को आवंटित राशि
8. ( क्र. 98 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) वित्तीय वर्ष 2014-15 एवं 15-16 में अनूपपुर जिले को कुल कितनी राशि किन-किन मदों में प्राप्त हुई है? प्राप्त आवंटन में से कुल कितना खर्च किया गया है? शीर्षवार जानकारी प्रदान करें? (ख) जिला-अनूपपुर में साग, सब्जी, मसाला, प्रमुख फलों का एक वित्तीय वर्ष में कितना उत्पादन होता है? विकास खण्डवार विवरण दें? (ग) विभाग में अनुदान प्राप्त कितनी योजनाऐं हैं तथा पात्र हितग्राही की श्रेणी क्या हैं? इस वित्तीय वर्ष में कितने हितग्राही को लाभ पहुंचाया गया है? नाम, जाति, पता आदि का विवरण देवें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) अनूपपुर जिले को कुल राशि 234.56 लाख दी गई है जिसका मदवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिट-’अ’ अनुसार है। प्राप्त आबंटन में से कुल 208.85 लाख खर्च किया गया है। शीर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिट- ‘ब’ अनुसार है। (ख) जिला अनूपपुर में साग, सब्जी, मसाला, प्रमुख फलों का एक वित्तीय वर्ष में 2, 02, 624 मैट्रिक टन उत्पादन होता है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिट- ‘स’ अनुसार है। (ग) विभाग में अनुदान प्राप्त 19 योजनाएं हैं तथा पात्र हितग्राही की श्रेणी सामान्य, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति होती है। इस वित्तीय वर्ष में अभी किसी हितग्राही को लाभ नहीं पहुंचाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला अनूपपुर में पदस्थापना
9. ( क्र. 99 ) श्री रामलाल रौतेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला-अनूपपुर में कितने तहसीलदार, अपर तहसीलदार, नायब तहसीलदार के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पद के विरूद्ध कितने अधिकारी कार्यरत हैं? (ख) वित्तीय वर्ष 2015-16 में अनूपपुर जिले के लिए कितने तहसीलदार का स्थानांतरण किया गया है? क्या उक्त अधिकारी ने पद भार ग्रहण किया है? यदि नहीं, तो क्यों? अधिसूचित क्षेत्र होने के कारण तत्काल प्रभार दिलाने का निर्देश जारी करेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्तमान में अनूपपुर जिले में तहसीलदार, अपर तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के स्वीकृत पदों की स्थिति निम्नानुसार है :- तहसीलदार के स्वीकृत पद 04, भरे पद 04, रिक्त निल तथा अपर तहसीलदार के पद स्वीकृत नहीं है। नायब तहसीलदार के स्वीकृत पद 08, भरे पद 03 रिक्त 05। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में 2 तहसीलदार का स्थानान्तरण किया गया है। जिसमें से एक के द्वारा कार्यभार ग्रहण कर लिया गया है तथा एक के द्वारा भारमुक्त होने के बाद किया जायेगा।
मजरे टोलो की बसाहट को आबादी ग्रामों से जोड़ा जाना
10. ( क्र. 120 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कसरावद विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत कितने नये मजरे-टोलों की बसाहट हुई है उनमें से ऐसे कितने मजरे-टोले ऐसे है जिनको आबादी ग्रामों में नहीं जोड़ा गया है कारणों सहित उल्लेख कर जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त मजरे टोलों का सर्वे किया जायेगा यदि हाँ, तो कब और इन्हें कब तक आबादी ग्रामों से जोड़ा जायेगा? समय सीमा बतायें नहीं तो कारणों का उल्लेख करें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) कसरावद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कुल 94 आबाद मजरे टोले हैं। उक्त सभी मजरे टोले कच्चे-पक्के रास्तों से मुख्य ग्राम से जोड़े गये हैं। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
व्यापम अध्यक्ष श्रीमती रंजना चौधरी की गिरफ्तारी
11. ( क्र. 152 ) श्री बाला बच्चन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मा. उच्च न्यायालय जबलपुर के फैसले दिनाँक 16 अप्रैल 2014 के तहत एस.टी.एफ., व्यापम द्वारा आयोजित किस-किस परीक्षा के प्रकरण दर्ज कर चुका है? परीक्षा का नाम, प्रकरण क्रमांक, दर्ज दिनाँक, आरोपियों के नाम, उनका पता, गिरफ्तारी की दिनाँक, आरोपियों की केटेगिरी, कोर्ट में चालान प्रस्तुत करने की दिनाँक, सहित जानकारी दें. सप्लीमेंट्री प्रस्तुत करने की भी दिनाँक बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में किस-किस प्रकरण में किस-किस को सरकारी गवाह बनाया गया है, प्रकरण अनुसार उनका नाम, उम्र, पद (यदि कोई है) की जानकारी दें तथा बतावें कि उनको गवाह किस आधार पर बनाया गया? (ग) क्या आरोपी पंकज त्रिवेदी ने अपने बयान में पूर्व व्यापम अध्यक्ष रंजना चौधरी को रूपये 42 लाख देने का उल्लेख किया था? यदि हाँ, तो रंजना चौधरी से मई 2015 में हुई पूछताछ के दौरान उनको पंकज त्रिवेदी से रूबरू क्यों नहीं करवाया गया? पूछताछ के निष्कर्ष से अवगत करावें? (घ) सचिव तकनीकी शिक्षा संजय सिंह से 22.06.2014 को पूछताछ किस स्थान पर, किन बिंदुओं पर की गई। उनकी किन-किन आरोपियों से मुलाकात करवाई गई? पूछताछ का निष्कर्ष क्या है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजना के अधूरे कार्य
12. ( क्र. 187 ) कुंवर सौरभ सिंह : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले के बहोरीबंद एवं रीठी विकास खण्ड एवं सतना जिले के विकास खण्ड मझगवां के किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना लागू की गई है। विकास खण्डवार, ग्रामवार विवरण दें तथा किन-किन ग्रामों में नल-जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। पृथक-पृथक विवरण दें? (ख) प्रश्नांश (क) की योजना को लागू करने हेतु कितनी राशि के कार्य कराए गए हैं? (ग) क्या नल-जल योजना का लाभ आधे-अधूरे कार्य एवं घटिया निर्माण और ट्रांसफार्मर चालू न करने के कारण तथा प्रत्येक घर में पाईप लाईन डालकर कनेक्शन नहीं दिए जाने के कारण पेयजल नहीं मिल पा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में शासन सत्यता की जाँच निष्पक्ष एजेन्सी से प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में काराकर धन के दुरूपयोग को बचायेगी, यदि हाँ, तो कब तक बताएँ? (ड.) प्रश्नांश (क) के ग्रामों में बन्द पड़ी, नल-जल योजनाओं को कब तक चालू किया जावेगा? बताएँ और अब-तक क्यों चालू नहीं, इसके लिए कौन दोषी हैं? उत्तरदायित्व निर्धारित कर बताएँ?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) कटनी जिले के बहोरीबंद एवं रीठी विकासखण्ड तथा सतना जिले के मझगवां विकासखण्ड के ग्रामों में लागू की गई नलजल योजना की ग्रामवार, विकासखण्ड वार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है एवं जिन ग्रामों में नलजल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) की योजनाओं को लागू करने के लिए व्यय की गई राशि का योजनावार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी नहीं। चालू नलजल योजनाओं से पेयजल का लाभ मिल रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्तरांश (क) के ग्रामों में स्थापित नलजल योजनाओं में से विभिन्न कारणों से बंद योजनाओं को विभाग द्वारा चालू कराने के प्रयास किये गये हैं। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
भ्रष्टाचार के संबंध में
13. ( क्र. 213 ) श्री संजय पाठक : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 928 दिनाँक 23/2/2015 के प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर में जो परिशिष्ट (अ) प्रस्तुत की गई है उसमें वर्ष 2011-12 से 14-15 तक 3, 58, 52, 971-00 रूपये प्राप्त, समायोजित राशि 1, 00, 0, 3, 047-00 रूपये वापिसी 18, 22, 236-00 रूपये असमायोजित शेष राशि 2, 40, 27, 688-00 रूपये शेष बतलाई गई है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो प्रश्न दिनाँक के बाद शेष राशि का किस देयक के विरूद्ध समायोजन किया गया? अग्रिमवार वर्षवार समायोजन की जानकारी देवें? (ग) वर्ष 2014 में दिनाँक 26/12/2014 को 40, 87, 213-00 रूपये के विरूद्ध प्रदाय आदेशों की कापी एवं प्रदाय सामग्री की कापी तथा समायोजित देयकों की सत्यापित कापी देवें तथा उक्त दिनाँक के प्राप्त अग्रिम में कितनी असमायोजित राशि है बताये? (घ) प्राप्त अग्रिम की ऐसी कितनी राशि है जो तीन माह के बाद समायोजन की गई अथवा वापिस की गई तथा अभी भी शेष है? क्या दण्ड ब्याज संबंधित शाखा प्रबंधक से वसूल की जायेगी? (ड.) क्या यह सही है कि उपरोक्त अग्रिम राशि प्रोफार्मा बिल से अथवा शाखा प्रबंधक की सहमति से निकाली गई है? यदि हाँ, तो दोषी पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं। प्राप्त राशि व समायोजित राशि का सही विवरण निम्नानुसार है - * वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक प्राप्त राशि रू. 35852971-, * समायोजित राशि रू. 9667355/-, * वापिस की गई राशि रू. 2157928/-, * असमायोजित शेष राशि रू. 24027688/- (ख) अग्रिमवार राशि का समायोजन देयकवार वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। प्राप्त अग्रिम में असमायोजित राशि रू. 4483/- है। (घ) समायोजित राशि वापस की गयी राशि तथा शेष राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। वित्तीय नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है, अतः दण्ड ब्याज की वसूली का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी हाँ मांग अनुसार राशि के आरहण के लिए प्रोफार्मा बिल/कोटेशन जारी किया जाता है शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मत्स्य पालन तथा मत्स्याखेट हेतु शास. तालाबों का आवंटन
14. ( क्र. 229 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या मत्स्यपालन तथा मत्स्याखेट हेतु शासकीय तालाब आवंटित किये जाते हैं? यदि हाँ, तो किन नियम एवं शर्तों के आधार पर? विभागीय नियम एवं परिपत्रों की प्रति देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिवनी जिले में वर्तमान में कितने तालाबों को किन-किन को, कितनी-कितनी अवधि के लिए कितनी पट्टे की राशि जमा कराकर आवंटित किया गया? (ग) क्या सिवनी जिले में पट्टों के आवंटन की प्रक्रिया में विभागीय नियमों को तोड़-मरोड़कर आवंटन की कार्यवाही की गई है? क्या स्थानीय समितियों को तालाब का पट्टा दिया गया है? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। विभागीय मत्स्य पालन नीति - 2008 से जारी निर्देश अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सिवनी जिले में कुल 659 तालाबों को मछुआ सहकारी समितियों, मछुआ समूहों एवं व्यक्तिगत मछुओं को मत्स्य पालन नीति के अनुसार 10 वर्षीय पट्टे पर लीज राशि निर्धारित कर आवंटित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। स्थानीय समितियों को उनके कार्यक्षेत्र में तालाब उपलब्ध होने पर पट्टे पर दिये गये है।
ओलावृष्टि/अतिवृष्टि का मुआवजा वितरण
15. ( क्र. 230 ) श्री दिनेश राय (मुनमुन) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी, जिला सिवनी में गत् 2 वर्षों में हुई ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से सिवनी विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्राम प्रभावित हुए हैं? कितने ग्रामों में कृषकों की फसलों का आंकलन कर मुआवजा राशि प्रदान की गई हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कृषकों को फसलों की क्षति का मुआवजा दिया जा चुका है? यदि नहीं, तो कारण बतावें? (ग) सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अनेकों कृषक जिनकी फसल ओलावृष्टि एवं अतिवृष्टि से वास्वतिक रूप से क्षति हुई है और उनका नाम मुआवजा सर्वे सूची में दर्ज नहीं किया गया है। क्या वास्तविक पीडि़त कृषकों की पूरक सूची तैयार करवाकर क्षतिपूर्ति/मुआवजा दिलाया जावेगा? (घ) वास्तविक पीडि़त कृषकों का नाम न जोड़ने के दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) वर्ष 2013 में अतिवृष्टि से 288 ग्रामों में एवं ओलावृष्टि से 40 ग्रामों में फसल क्षति हुई है, एवं वर्ष 2014 में 64 ग्राम प्रभावित हुए तथा 2015 में 59 ग्राम प्रभावित हुए। प्रभावित सभी ग्रामों के कृषकों को फसल क्षति का आंकलन कर आर्थिक सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। (ख) जी हाँ। समस्त प्रभावित कृषकों को सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश “ख“ की जानकारी के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जलाशयों में छोड़े जा रहे मत्स्य बीजों में अनियमितता
16. ( क्र. 286 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मन्दसौर नीमच जिले में 1 जनवरी 2012 के पश्चात मत्स्य विभाग द्वारा कितने-कितने मत्स्य बीज क्रय कर जलाशयों में छोड़े गये? (ख) क्या उक्त अवधि में मन्दसौर जिले के गांधी सागर तालाब में मत्स्य बीज को लेकर अधिकारियों की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई थी? क्या उक्त अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज करा दिया गया है? (ग) उक्त जिले में मत्स्य विभाग के कितने कर्मचारी कहां-कहां पर कार्यरत हैं, कितने पद रिक्त हैं? तहसीलवार जानकारी देवें। (घ) 1 जनवरी 2010 के पश्चात उक्त जिलों में मत्स्य विभाग के किस-किस अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ क्या-क्या शिकायतें प्राप्त हुई थीं, उन पर क्या कार्यवाही की गई थी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मंदसौर, नीमच जिले में 01 जनवरी 2012 के पश्चात मत्स्य महासंघ द्वारा गांधीसागर जलाशय में 14.228 लाख मत्स्यबीज तथा सहायक संचालक मत्स्योद्योग नीमच द्वारा एम.पी.डब्ल्यू.एस.आर.पी. योजना अंतर्गत बनी जलाशय में 0.313 लाख तथा मालगढ जलाशय में 0.15 लाख मत्स्यबीज क्रय कर संचयन किया गया। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में गांधी सागर जलाशय में मत्स्यबीज संचयन को लेकर अधिकारियों से संबंधित 2 शिकायत प्राप्त हुई थी। अधिकारियों के विरूद्ध पुलिस में प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया। शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश जिले में मत्स्य विभाग के 09 कर्मचारी पदस्थ हैं तथा 21 पद रिक्त हैं। तहसीलवार पदस्थापना नहीं होती है कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) एक जनवरी 2010 के पश्चात उक्त जिलों में मत्स्य महासंघ के 09 अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त हुई तथा उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
कारागृह (जेल) में क्षमता से अधिक कैदी
17. ( क्र. 287 ) श्री यशपालसिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन इंदौर संभाग में किस-किस कारागृह में कैदियों को रखे जाने की क्षमता कितनी-कितनी है एवं वर्तमान में किस-किस कारागृह में कितने-कितने कैदी है? (ख) क्या उक्त संभागों की जेलों में क्षमता से अधिक बंदी है? यदि हाँ, तो क्या सरकार नये कारागृह निर्माण का विचार कर रही है? यदि हाँ, तो कहां-कहां पर कब तक, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त संभागों की जेलों में मूलभूत सुविधा व सुरक्षाकर्मियों की कमी है? यदि हाँ, तो किस-किस जेल में? क्या सरकार इस हेतु कोई कारगर कदम उठाने का विचार रखती है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) उक्त संभागों में 1 जनवरी 2013 के पश्चात किस-किस जेल को कितनी-कितनी राशि विभाग की ओर से किन-किन कार्यों के लिये दी गई, जेलवार जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) क्षमता से अधिक परिरूद्ध बंदियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कॉलम-5 अनुसार है। पर्सपेक्टिव प्लान के द्वितीय चरण में रतलाम, झाबुआ, जोबट, सेंधवा, जावरा, महीदपुर में नवीन जेल के निर्माण का प्रस्ताव भारत सरकार के विचाराधीन है। भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत कार्यवाही संभव हो सकेगी। (ग) उज्जैन एवं इन्दौर संभाग की जेलों में नियमानुसार बंदियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं एवं सुरक्षा अमले के रिक्त पदों की जेलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के कॉलम-6 अनुसार है। सुरक्षा कर्मियों के पदों की पूर्ति की कार्यवाही प्रचलन में है। वर्ष, 2014-15 में 05 उप जेल अधीक्षक, 36 सहायक जेल अधीक्षक, 185 मुख्य प्रहरी एवं 670 प्रहरी के पद तथा 06 उप जेलों के उन्नयन के फलस्वरूप 04 उप जेल अधीक्षक, 02 सहायक जेल अधीक्षक, 06 मुख्य प्रहरी एवं 60 प्रहरी के नवीन पद स्वीकृत किये गए हैं। (घ) उज्जैन एवं इन्दौर संभाग में 01 जनवरी, 2013 के पश्चात् कराये गए कार्यों की जेलवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पेयजल समस्याग्रस्त ग्रामों में पेयजल परिवहन
18. ( क्र. 310 ) श्री जतन उईके : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या पेयजल समस्याग्रस्त ग्रामों में पेयजल परिवहन कर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराए जाने के प्रावधान राज्य शासन द्वारा निर्धारित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2011-12 में वर्तमान तक कितने ग्रामों में पेयजल परिवहन कराया गया है? क्या पेयजल समस्याग्रस्त ग्रामों में उनकी मांग के अनुरूप पेयजल परिवहन कराया जाता है? उस पर होने वाला व्यय किस मद से किया जाता है? (ग) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा भी इस समस्याग्रस्त ग्रामों में कोई कार्य योजना तैयार कर पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु कार्यवाही की गयी है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। आंशिक पूर्ण श्रेणी के ग्रामों में विभागीय कार्य योजना के अनुसार पेयजल उपलब्ध करवाने की कार्यवाही की जा रही है।
नियम विरूद्ध की गई नियुक्ति की जाँच
19. ( क्र. 342 ) श्री सचिन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगोन कलेक्टर कार्यालय द्वारा दिनाँक 30.09.2008, को किस कर्मचारी की नियुक्ति निरस्त करने के आदेश जारी किये गये थे, कारण बतायें? (ख) क्या ग्राम पंचायत बामंदी जनपद पंचायत कसरावद जिला खरगोन द्वारा पंचायत सचिव की नियुक्ति के लिये दिनाँक 10 सिंतबर, 2007 को कोई ज्ञापन जारी किया गया था, यदि हाँ, तो चयन प्रक्रिया के मापदण्ड, आर्हताएं आदि की पूर्ति किस-किस आवेदनकर्ताओं द्वारा पूरी की गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शित आदेश के उपरांत उक्त पद पर किस कर्मचारी को किस प्रक्रिया के तहत नियुक्ति दी गई और क्या प्रथम परीक्षा भर्ती में कितने आवेदक किस-किस अर्हताओं को पूर्ण कर उनकी योग्यताओं का क्रम क्या था? उक्त प्रकरण की जाँच कर प्रतिवेदन से अवगत कराये साथ ही इस संबंध में कितनी-कितनी शिकायत किस-किस आवेदक द्वारा कब-कब की गई और उस पर प्रश्न दिनाँक तक क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
थानों में दर्ज लंबित अपराधिक प्रकरणों का निराकरण
20. ( क्र. 368 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में दिनाँक 01 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनाँक तक हत्या, डकैती, लूटपाट, बलात्कार, छेड़खानी, आवासीय मकानों में चोरी, वाहन चोरी जैसे अन्य कितने अपराध की सूचना प्राप्त हुई हैं? इन अपराधों में से कितने की एफ.आई.आर. एवं अदाम चैक काटे गये, कितने प्रकरणों में आवेदन प्राप्त हुये? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्ज कितने प्रकरणों/मामलों का पुलिस समाधान कर पाई है? कितने लंबित है? (ग) जिले में बढ़ते अपराध का कारण क्या पुलिस बल की कमी है? यदि हाँ, तो शासन क्या विदिशा जिले में पुलिस बल की संख्या बढ़ाने, अतिरिक्त चौकी थाना खोलने के लिये कोई योजना बना रहा है? (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित लंबित अपराधों का समाधान कब तक किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश ‘‘ख’’ में उल्लेखित लंबित अपराधों में विवेचना होने पर अंतिम प्रतिवेदन सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जायेगा। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शिकायती आवेदन पत्र पर कार्यवाही
21. ( क्र. 369 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जवाहरसिंह पुत्र श्री हिम्मतसिंह रघुवंशी निवासी गंजबासौदा जिला विदिशा ने दिनाँक 9.8.14 को आयुक्त राजस्व भोपाल को दो शिकायती आवेदन पत्र लिखकर फर्जी बंटवारा कराने, स्टाम्प शुल्क की चोरी करने, नाबालिग को बालिका घोषित कराने के संबंध में जाँच कराने का अनुरोध किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है, तो शिकायती आवेदन पत्रों की जाँच किस आदेश से, किस अधिकारी को सौंपी गई, जाँच अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता पक्ष प्रस्तुत करने हेतु किस दिनाँक को बुलाया गया? जाँच प्रतिवेदन कब प्रस्तुत किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर नहीं तो इसके लिए दोषी कौन है? शिकायती आवेदन पत्रों की जाँच कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पटवारियों के स्थानांतरण में अनियमितता
22. ( क्र. 425 ) श्री नरेन्द्र सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख जिला भिण्ड के आदेश क्रमांक 1095 दिनाँक 19.06.2014 के अनुसार सतेन्द्र सिंह भदोरिया रमा से उमरी कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी अनुभाग भिण्ड क्रमांक 356 दिनाँक 04.04.2015 के अनुसार उमरी पद पदस्थ किया गया? क्या प्रभारी मंत्री महोदय से अनुमोदन लिया गया है? किस जन प्रतिनिधि ने किस पटवारी के स्थानांतरण हेतु 2015-16 में पत्र दिया? (ख) कार्यालय कलेक्टर भू-अभिलेख जिला भिण्ड के आदेश क्रमांक 881 दिनाँक 30.05.2015 के अनुसार श्री संजय रमन के ककहरा से उमरी पदस्थ किया गया यदि हाँ, तो सतेन्द्रसिंह भदोरिया और संजय रमन दोनों पटवारियों की नियुक्ति उमरी में किस नियम के तहत की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के आदेश में दो पटवारियों की पदस्थापना स्वयं के व्यय पर की गई शेष प्रशासनिक पदस्थापना पर की गई, किन पटवारियों ने स्वयं के व्यय पर स्थानांतरण हेतु आवेदन पत्र दिया पटवारियों के स्थानांतरण हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं, क्या मापदण्डों का पालन किया गया है? (घ) क्या यह सही है कि पटवारियों के स्थानांतरण नियमों के प्रतिकूल किए गए हैं, पटवारियों से अनैतिक लाभ न मिलने के कारण संबंधित पटवारियों के स्थानातरण किए गए हैं, बिना शिकायत और जनप्रतिनिधि की अनुशंसा के बिना पटवारियों के स्थानांतरण किए गए हैं। मा. प्रभारी मंत्री भिण्ड का नाम जारी होने के पश्चात् पटवारी का अकारण निलंबित किया गया ऐसा क्या विगत 5 वर्ष में कितने पटवारी निलंबित किए गए कितने बहाल किए गए किनको क्या दण्ड आरोपित किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
निजी भूमि से जाने वाले आम रास्ता को शासकीय आम रास्ता दर्ज किया जाना
23. ( क्र. 460 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सतना जिले की सभी तहसीलों के अधिकतर गांव टोला एवं मजरों में विगत 50 वर्ष या इससे अधिक वर्षों से चले आ रहे पुश्तैनी आम रास्ता में निजी भूमि स्वामियों द्वारा मार्ग अवरूद्ध कर आवागमन पर रोक लगा रहे हैं, जिसकी शिकायत कलेक्टर सतना के पास लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ऐसे ग्रामों/टोला एवं मजरों की सूची देंगे जहां पर निजी भूमि से आम रास्ता पुश्तैनी चले आ रहे हैं? क्या राजस्व विभाग को निर्देश देंगे कि इन आम रास्ता में पड़ने वाली निजी भूमि को शासकीय अभिलेख दर्ज कराकर निर्माण कार्य की स्वीकृति दी जाए?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं, इस तरह की कोई शिकायत कलेक्टर, सतना के पास लंबित नहीं है। (ख) प्रश्नांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उद्यानिकी विभाग द्वारा कराए गए कार्य
24. ( क्र. 471 ) श्री रामेंश्वर शर्मा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) हुजूर विधानसभा क्षेत्र के फंदा ब्लॉक में वर्ष 2013 से वर्तमान तक उद्यानिकी विभाग द्वारा विभागीय योजनाओं के तहत किस-किस स्थान पर क्या कार्य किया गया है वर्तमान स्थिति सहित सूची उपलब्ध करवाएं? (ख) विभाग में कौन सी हितग्राहीमूलक योजनाएं चल रही है और फंदा ब्लॉक में जनवरी 2013 से वर्तमान तक कितने हितग्राहियों को क्या लाभ दिया गया है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट- अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकायल में रखे गये परिशिष्ट-ब एवं स अनुसार है।
विस्थापितों का पुर्नवास
25. ( क्र. 522 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले के जैसीनगर विकासखंड में ग्राम पंचायत तालचिरी अंतर्गत क्या सेना द्वारा भूमि अधिग्रहीत की है अथवा अधिग्रहीत किया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या उक्त ग्राम पंचायत अंतर्गत विस्थापितों को उक्त अधिग्रहीत भूमि से हटाया जाना भी प्रस्तावित है अथवा सेना द्वारा हटवा दिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो इन विस्थापितों के पुर्नवास हेतु क्या शासन द्वारा किसी जगह का सर्वे करा लिया गया है और यदि नहीं, तो कब तक सर्वे कराया जावेगा? (घ) प्रश्नांश कंडिका (ख) विस्थापितों के लिये नये स्थान पर कब तक पुर्नवास की प्रक्रिया पूर्ण की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। सेना द्वारा सागर जिले के जैसीनगर विकासखंड में ग्राम पंचायत तालचिरी के ग्राम तालचिरी की भूमि वर्ष 1990-91 में अधिग्रहित की जा चुकी है। (ख) से (घ) जी नहीं। तहसील सागर के ग्राम तालचिरी में विस्थापितों के बेदखल करने एवं पुनर्वास के संबंध में कोई प्रकरण प्रचलित नहीं है।
किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
26. ( क्र. 560 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 99/एमएलए/2015 परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग नरवर, जिला शिवपुरी को प्रस्तुत पत्र के बिन्दु क्रमांक 07 में चाही जानकारी के अनुसार संचालित 170 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 59 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो किराये के भवनों में संचालित मकान मालिकों के नाम, पता, भवन का किराया, किराये का अनुबंध पत्र, किराये की दर, केन्द्र संचालित दिनाँक आदि सहित जानकारी दी जावे? (ग) क्या भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु संबंधित अधिकारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को केन्द्र निर्माण से संबंधित पत्र व्यवहार किया गया? यदि हाँ, तो उन पत्रों की प्रतिलिपि उपलबध करावें? व उन की गई कार्यवाही से भी अवगत करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) किराये के भवनों में संचालित मकान मालिकों के नाम, पता, भवन का किराया, किराये की दर, केन्द्र संचालित दिनाँक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 01 अनुसार है। शासन, के आदेश क्रमांक/आई.सी.डी.एस./3138 दिनाँक 08.06.2015 द्वारा जारी निर्देशों में किराये पर लिये जाने वाले आंगनवाड़ी केन्द्र के भवन मालिक से अनुबंध किये जाने का प्रावधान न होने से जानकारी निरंक है। (ग) हाँ किये गये पत्राचार की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 02 अनुसार है। संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा द्वारा वित्तीय वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में कुल 149 आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति जारी की गई है।
आंगनवाड़ी भवन विहीन केन्द्र
27. ( क्र. 561 ) श्रीमती शकुन्तला खटीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 99/एमएलए/2015 परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास करैरा, जिला शिवपुरी को प्रस्तुत पत्र के बिन्दु क्रमांक 07 में चाही जानकारी के अनुसार संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में लगभग 50 प्रतिशत आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन है? (ख) यदि हाँ, तो भवन विहीन केन्द्र किन-किन जगह संचालित हैं? क्या भवन विहीन केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं? यदि हाँ, तो उनकी जानकारी मकान मालिक का नाम, भवन किराया आदि से अवगत करावें? (ग) क्या भवन विहीन केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु संबंधित अधिकारियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को केन्द्र निर्माण से संबंधित पत्र व्यवहार किया था? यदि हाँ, तो उन पत्रों का विवरण उपलब्ध करावें? व उन पर की गई कार्यवाही से भी अवगत करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘एक‘ अनुसार है। (ग) जिले द्वारा किये गये पत्राचार की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘दो‘ अनुसार है। शिवपुरी जिले को संचालनाय एकीकृत बाल विकास द्वारा वित्तीय वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 में कुल 149 आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृत जारी की गई।
मजरे टोलों को राजस्व गांव बनाना
28. ( क्र. 586 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले के 26 मजरे टोलों को चिन्हित कर पृथक राजस्व ग्राम बनाने संबंधी आदेश कब जारी किये गये प्रति उपलब्ध करावें? (ख) क्या उक्त मजरे टोलों के अधिकार अभिलेख बनवा लिये गये हैं? यदि नहीं, तो वर्तमान तक किन-किन मजरे टोलों के अधिकार अभिलेख बनाये जा चुके हैं? किन-किन के नहीं व क्यों? कारण बतावें? कब तक बनवा लिये जावेंगे? (ग) क्या विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों की उदासीनता के कारण उक्त अधिकार अभिलेखों को बनाये जाने की कार्यवाही में विलम्ब किये जाने के कारण उक्त 26 मजरे टोले वर्तमान में भी मूल ग्राम पर आश्रित बने हुए हैं, इस कारण इन्हें शासन की समस्त योजनाएं/सुविधाओं का लाभ पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन इस कार्यवाही को एक निश्चित समय सीमा में पूर्ण करवायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) नहीं वर्तमान में भोजका, केरका, सारसल्ला, सावडी के अधिकार अभिलेख बनाये जा चुके हैं। माधौ का डेरा, दीवान चन्द्र का डेरा, तिली डेरा, मेंवाडाकछार, भ्सून्दर का टपरा, दौला का पुरा, रामबाडी, गॉंधीनगर, कौथ, मण्डी, हीरापुर, ककरधा, पीपलबावडी, मेंघपुरा जखेदा, किरवारा, माना का पुरा, सिरथरिया का पुरा, मकना का पुरा, पांच्यापुरा, ठेर का पुरा, वीरमपुर का अधिकार अभिलेख बनाये जाने का कार्य आउट सोर्स से कराया जा रहा है। सेवानिवृत्त अधिकारी व कर्मचारी श्योपुर जिले के स्थानीय नहीं होने के कारण बाहर जिला भिण्ड या मुरैना के रहने वाले हैं। घर की परिस्थितियां बताकर बार-बार घर को चले जाते हैं, जिसके कारण एवं शासकीय अमला की कमी होने के कारण कार्य धीमी गति से हो रहा है। अभिलेख निर्माण का कार्य चरणबद्ध होने से समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उक्त अधिकार अभिलेखों को बनाये जाने का कार्य आउट सोर्स से किया जा रहा है। विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों की उदासीनता एवं विलंब का कारण ही नहीं बनता। उक्त 26 मजरे टोले वर्तमान में भी शासनकी समस्त योजनाओं एवं सुविधाओं का लाभ पूर्ण रूप से मिल रहा है। अधिकार अभिलेख निर्माण का कार्य चरणबद्ध होने से समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
29. ( क्र. 587 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में कितने आंगनवाड़ी केंद्र कहां-कहां संचालित हैं कौन-कौन से केन्द्र किराये के भवन में अथवा अन्य शासकीय भवनों में संचालित हो रहे हैं? (ख) उक्त केन्द्रों हेतु क्या नवीन भवन स्वीकृत किये गये हैं? यदि हाँ, तो कार्य का नाम, कार्य/ऐजेन्सी का नाम, स्वीकृत राशि, योजना का नाम व कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या है? इनमें से कौन-कौन से कार्य पूर्ण/अपूर्ण पड़े हैं व क्यों कब तक पूर्ण होंगे? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न संख्या - 09 (क्रमांक-174) दिनाँक 03.03.2014 पर सदन में चर्चा के दौरान आपने श्यापुर जिले में वर्ष 2009 से 2012-13 तक की अवधि में बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत 170 अपूर्ण भवनों व 2013-14 के 30 अप्रारंभ भवनों का निर्माण कार्य 30 जून 2014 तक तथा 2009-10 से 2012-13 तक के बी.आर.जी.एफ. एवं 13वें वित्त के अन्तर्गत 104 एवं 7 भवनों का निर्माण जल्दी से पूर्ण कराने का आश्वासन दिया था। (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) में वर्णित स्वीकृत भवनों तथा आश्वासन अनुसार उक्त भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं? यदि नहीं, तो इन कार्यों के अपूर्ण रहने के कारणों की जाँच व दोषियों के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) श्योपुर जिले में वर्तमान में कुल 894 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। इनमें से कुल 110 केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हैं व 278 अन्य शासकीय भवनों में एवं शेष 506 विभागीय भवनों में संचालित हैं। (ख) वर्तमान में कोई नवीन भवन स्वीकृत नहीं किया गया है। (ग) प्रश्नांश ‘ग‘ में अंकित श्योपुर जिले में अपूर्ण व अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराने का आश्वासन दिया गया था। (घ) वर्ष 2009-10 से वर्ष 2012-13 तक की अवधि में बीआरजीएफ योजनान्तर्गत 170 अपूर्ण आंगनवाड़ी भवनों में से 87 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो गए हैं, 65 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं एवं भूमि उपलब्ध न होने व एक ही स्थान पर एक से अधिक आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हो जाने के कारण 18 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य निरस्त किये गये हैं। वर्ष 2013-14 के 20 अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों में से 01 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो गया है, 16 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं एवं भूमि उपलब्ध न होने व एक ही स्थान पर एक से अधिक आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हो जाने कारण 03 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य निरस्त किये गये हैं। वर्ष 2009-10 से वर्ष 2012-13 तक की अवधि में बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत 104 अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों में से 33 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो गए हैं, 28 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं एवं भूमि उपलब्ध न होने व एक ही स्थान पर एक से अधिक आंगनवाड़ी भवन स्वीकृत हो जाने के कारण 26 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य निरस्त किये गये हैं एवं 17 आंगनवाड़ी भवन का निर्माण अप्रारंभ हैं। वर्ष 2009-10 से वर्ष 2012-13 तक की अवधि में 13वें वित्त आयोग अंतर्गत 07 अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों के लिए जगह उपलब्ध करा दी गई है व निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया गया है। जिले में आंगनवाड़ी भवन निर्माण का कार्य बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत ग्राम पंचायतों द्वारा एवं 13वें वित्त आयोग के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा हैं। 04 पंचायतों द्वारा कार्य नहीं करने के कारण उन्हें पृथक से कारण बताओ सूचना पत्र, धारा 40 का नोटिस एवं धारा 92 का प्रकरण न्यायालय में दर्ज कर वसूली की कार्यवाही की जा रही हैं।
दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
30. ( क्र. 605 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न संख्या-62 (क्र.4500) दिनाँक 20.03.2015 के उत्तर में जानकारी एकत्रित किया जाना बताया गया था? उक्त प्रश्नों की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में फसलों का रकबा इन्द्राज नहीं किये जाने वाले कर्मचारियों/अधिकारियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दोषियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही
31. ( क्र. 606 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अधोहस्ताक्षरकर्ता के विधान सभा सत्र फरवरी-मार्च 2015 के अतारांकित प्रश्न क्र. 2456 के उत्तर दिनाँक 02.03.2015 के प्रश्न (क), (ख) एवं (ग) की उत्तरपुस्तिका में जानकारी एकत्रित की जा रही है बताया गया था। उक्त प्रश्न के उत्तर के परिपालन में जानकारी एकत्रित की गई है? अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिपालन में यदि जानकारी हाँ में है तो दोषियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा स्पष्ट करें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री अशोक कुमार जैन, उप संचालक, म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड के विरूद्ध बोर्ड के आदेश दिनाँक 07.11.2014 से विभागीय जाँच संस्थित की गई है।राज्य शासन स्तर से जिन अधिकारियों पर कार्यवाही अपेक्षित है उसका प्रस्ताव बोर्ड द्वारा पत्र दिनाँक 30.5.15 से प्रेषित किया है, प्रस्ताव सक्षम विभाग को भेजा गया है। प्रदायकर्ता संस्था के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड को दिए गए।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने बाबत्
32. ( क्र. 607 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा विधान सभा सत्र माह फरवरी-मार्च 2015 का अतारांकित प्रश्न क्र. 2457 के उत्तरपुस्तिका में जानकारी एकत्रित किये जाना बताया गया था? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? यदि नहीं, तो कब तक प्रश्न का जवाब विभाग द्वारा दिया जावेगा? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उज्जैन स्थित एम्पोरियम द्वारा फर्जी देयक जारी कर स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से करोड़ों रूपये गबन करने वाले दोषियों के विरूद्ध शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उज्जैन एम्पोरियम का संचालन अशासकीय व्यक्ति (एजेन्ट) श्री प्रफुल्ल कुमार शिन्दे आत्मज श्री चन्द्रसेन शिन्दे निवास 320, कस्तुरी मार्ग रतलाम के माध्यम से किया जा रहा था। विसंगतियों हेतु एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश जारी किये किये गये। (ख) अशासकीय व्यक्ति (एजेन्ट) का अनुबंध दिनाँक 31.3.15 को समाप्त कर दिया गया है तथा जानकारी नहीं देने एवं की गई अनियमित्ताओं के कारण बोर्ड द्वारा पुलिस थाना माधवनगर उज्जैन को एफ0आई0आर0 दर्ज करने हेतु लिखा है। आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश भोपाल को भी कार्यवाही हेतु बोर्ड द्वारा पत्र दिनाँक 7.7.15 से लिखा गया है। बोर्ड के तत्कालीन उप संचालक (विपणन) के विरूद्ध आदेश दि. 7.11.2014 से विभागीय जाँच संस्थित की गई है। शासन स्तर से अपेक्षित कार्यवाही का प्रस्ताव सक्षम विभाग को भेजा गया है।
पी.एच.ई. विभाग की योजनाओं अन्तर्गत स्वीकृत कार्य
33. ( क्र. 640 ) श्री राजेश सोनकर : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या सांवेर विधान सभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2014-15 में अल्प वर्षा को देखते हुए पी.एच.ई. विभाग ने पेयजल के लिए सूखा राहत कोष से कोई योजना प्रस्तावित की थी? (ख) यदि हाँ, तो उस योजना में कितने बोरिंग/हेण्डपंप होना प्रस्तावित है तथा कितने प्रस्ताव स्वीकृत हो चुके है? क्या कुछ प्रस्ताव अभी भी लंबित पड़े है? क्या लंबित प्रस्तावो को आगामी वित्तीय वर्ष में स्वीकृत प्रदान की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में योजना में प्रस्तावित बोरिंग/हेण्डपंप स्वीकृति में विलम्ब हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार है? क्या उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्रस्तावित बोरिंग/हेण्डपंप कब तक स्वीकृत होंगे व आगामी वित्तीय वर्ष में पेयजल हेतु विधान सभा क्षेत्र में कितनी-कितनी राशि के प्रस्तावों को मंजूर किया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) सांवेर विधानसभा क्षेत्र इंदौर जिले के अंतर्गत आता है वित्तीय वर्ष 2014-15 में इंदौर जिले की सूखा राहत कोष के अंतर्गत एक कार्य योजना अनुमानित लागत रूपये 596.55 लाख की प्रस्तावित की गई थी। (ख) सूखा राहत प्रस्ताव में सांवेर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 25 नग नवीन नलकूप खनन कराया जाना प्रस्तावित किये गये थे किंतु उपरोक्त सूखा राहत प्रस्ताव के अंतर्गत सूखा राहत मद में वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में आवंटन उपलब्ध नहीं होने से स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव लम्बित नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश-''ख'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
म.प्र. लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अधीक्षक जेल के पद पर पदस्थापना
34. ( क्र. 666 ) श्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन क्र./05/परीक्षा/2009 दिनाँक 21.12.2009 की परीक्षा से चयनित होकर वर्ष 2012 में चयन श्री वीरेन्द्र धाकड़ पुत्र श्री अमर सिंह धाकड़ का अधीक्षक जेल के पद पर पदस्थापना आदेश जेल विभाग को प्राप्त हुआ था? (ख) जेल विभाग द्वारा वर्ष 2009-10 में लोक सेवा आयोग को अधीक्षक जेल के पद पर हेतु कितने पदों का मांग पत्र भेजा था? कौन-कौन से वर्ग हेतु भेजा था, म.प्र. में कितने पद जेल अधीक्षक के स्वीकृत है किस-किस वर्ग के कितने पद है? आरक्षण की नीति से पदों में विभाजित है कारण सहित जानकारी बतायें? (ग) क्या जेल विभाग ने वर्ष 2010 में भी अधीक्षक जेल के पद भर्ती हेतु लोक सेवा आयोग को मांग पत्र भेजा था? किन वर्गो की भर्ती होनी थी। वर्ष 2009 से एवं 2010 के मांग पत्र अनुसार लोक सेवा आयोग से कितने अधीक्षक जेल के पद पर चयन होकर जेल विभाग को प्राप्त हुये है? कितने चयनितों को पदस्थापना कर दी हैं। कितने चयनित शेष हैं? (घ) क्या वीरेन्द्र धाकड एवं मनोज कुमार शाह का चयन जेल अधीक्षक के पद पर हुआ था? इनमें से कौन की पदस्थापना कर दी गई कारण बताये क्या अधीक्षक के पद पर चयन होने के बाद जेल विभाग को यह अधिकर है की पी.एस.सी चयनित उम्मीदवार का पद समाप्त कर दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष, 2009 में सीधी भर्ती के अंतर्गत अधीक्षक, जिला जेल के 03 पद (अनारक्षित श्रेणी-02 एवं 01 अन्य पिछड़ा वर्ग) हेतु मांग पत्र लोक सेवा आयोग को भेजा गया था तथा वर्ष, 2010 में अधीक्षक, जिला जेल हेतु मांग पत्र मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग को नहीं भेजा गया। वर्तमान में अधीक्षक, जिला जेल के 40 पद स्वीकृत हैं। मध्यप्रदेश राजपत्रित सेवा भर्ती नियम, 2002 में 40 प्रतिशत सीधी भर्ती, 50 प्रतिशत उप जेल अधीक्षक एवं 10 प्रतिशत वरिष्ठ परिवीक्षा एवं कल्याण अधिकारी संवर्ग से पदोन्नति द्वारा भरे जाने का प्रावधान है। वर्तमान में सीधी भर्ती के अंतर्गत अधीक्षक, जिला जेल के 16 पद निर्धारित हैं। आरक्षण रोस्टर अनुसार अनारक्षित श्रेणी 08, अनुसूचित जाति-03, अनुसूचित जनजाति-03 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के 02 पद निर्धारित हैं। (ग) जी नहीं। वर्ष, 2009 में अनारक्षित श्रेणी के 02 एवं अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के 01 पद हेतु भर्ती होनी थी। वर्ष, 2009 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से 03 उम्मीदवारों (02 अनारक्षित एवं 01 अन्य पिछड़ा वर्ग) की चयनित सूची प्राप्त हुई थी। वर्ष, 2010 में जेल अधीक्षक पद हेतु मांग पत्र न भेजे जाने के कारण कोई चयनित सूची प्राप्त नहीं हुई थी। वर्ष, 2009 की चयनित सूची से अनारक्षित श्रेणी के 02 उम्मीदवारों को अधीक्षक, जिला जेल के पद पर पदस्थापना की गई है। 01 चयनित शेष है। (घ) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक-4035/2009 (एस) में पारित निर्णय के अनुपालन में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के पत्र दिनाँक 28/09/2011 के निर्देशानुसार श्री मनोज साहू को अन्य पिछड़ा वर्ग से अधीक्षक, जिला जेल के पद पर शासन आदेश दिनाँक 22/11/2011 द्वारा नियुक्ति दी गई। श्री मनोज साहू अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी को अधीक्षक, जिला जेल के पद पर नियुक्ति देने के कारण तथा विभाग में चयन सूची की वैधता अवधि के दौरान अन्य पिछड़ा वर्ग का पद रिक्त न होने के कारण श्री वीरेन्द्र धाकड़ की नियुक्ति की कार्यवाही नहीं की गई है। श्री धाकड़ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर में अपने नियुक्ति के संबंध में याचिका डब्ल्यू.पी.नं. 5411/2013 दायर की गई है जो विचाराधीन है।
गौशाला की भूमि का बंटन
35. ( क्र. 692 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर छतरपुर में पूर्व रियासत के राजा के नाम के साथ गौशाला भूमि राजस्व रिकार्ड में कितनी दर्ज थी? उसका खसरा नं. एवं रकवा सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में दर्ज भूमि को किन-किन व्यक्तियों के नाम किस-किस के आदेश से दर्ज की गई? खसरा नं., रकवा, व्यक्ति का नाम, वर्षवार आदेश की प्रति सहित पृथक-पृथक बतायें। (ग) गौशाला भूमि को किस-किस अधिकारी के आदेश से गौशाला में दर्ज भूमि को काटा गया? आदेश की प्रति सहित बतायें।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी नहीं। छतरपुर जिले के नगर छतरपुर में पूर्व रियासत के राजा के नाम के साथ गौशाला भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश-क के प्रकाश में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
शासकीय जमीन का प्रयोजन बदलने पर कार्यवाही
36. ( क्र. 693 ) श्रीमती ललिता यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर तहसील के अंतर्गत छतरपुर, धमौरा, सौंरा, गठेवरा, बगौता हल्का में वर्ष 2003 में गौशाला, इमारती लकड़ी जलाऊ, बाजार हाट, गौ उठान, श्मशान, कब्रिस्तान, खाद, चमड़ा निकालने के लिये कितनी-कितनी जमीन आरक्षित थी? खसरा नं. रकवा सहित पृथक-पृथक बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न दिनाँक में कितनी जमीन है? उसका खसरा नं., रकवा सहित पृथक-पृथक बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में वर्ष 2003 के बाद उक्त जमीनें किस-किस के नाम दर्ज की गई? खसरा नं., रकवा नं., दिनाँक आदेश सहित पृथक-पृथक बतायें? (घ) आरक्षित शासकीय जमीन को अनियमितता कर प्रयोजन बदलने वालों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की जावेगी बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील छतरपुर के मौजा छतरपुर में गौठान, गौशाला, इमारती लकड़ी, खाद् के गढढे, चमड़ा निकालने के लिए कोई भूमि आरक्षित नहीं है। बाजार हेतु खसरा नम्बर 1970, 1971 रकबा क्रमशः 0.024 एवं 0.061 हे. भूमि दर्ज है। श्मशान हेतु भूमि खसरा नम्बर 767/1, 767/2, 1068, 1384/2 रकबा क्रमशः0.202, 0.380, 0.529, 0, 336 कुल रकबा 2.573 हे. भूमि दर्ज है। कब्रिस्तान हेतु भूमि खसरा नम्बर 745, 985, 2279/2, 2945/3, 2951 रकबा क्रमशः 0.421, 0.316, 2.388 (0.004), 1.270, 1.659 हे. दर्ज है। ग्राम धमौरा में गौशाला, इमारती लकड़ी, जलाऊ लकड़ी, बाजार हाट, गौठान एवं खाद के गढढे हेतु कोई भूमि आरक्षित नहीं है। श्मशान, कब्रिस्तान हेतु भूमि खसरा क्रमांक 886, 901 किता 02 रकबा क्रमशः0.061, 0.028 हे. भूमि एवं चमड़ा निकालने हेतु भूमि खसरा क्रमांक 996/2 में से रकबा 0.341 हे. भूमि आरक्षित है एवं कब्रिस्तान हेतु भूमि खसरा क्रमांक 886 रकबा 0.061 हे. एवं खसरा क्रमांक 901 रकबा 0.028 एवं खसरा क्रमांक 996/2 रकबा 1.797 हे. आबादी दर्ज है। ग्राम सौरा में गौशाला, इमरती लकड़ी, जलाऊ लकड़ी, बाजार हाट, चमड़ा निकालने हेतु कोई भूमि आरक्षित नहीं है। श्मशान, कब्रिस्तान हेतु भूमि खसरा क्रमांक 445, 482, 2360, 2361 रकबा क्रमशः 2.100, 0.500, 0.130, 0.130 हे. भूमि एवं खाद के गढढे हेतु भूमि खसरा नम्बर 479 रकबा 0.520 हे. एवं गौठान हेतु भूमि खसरा नम्बर 293, 491, 581, 833 रकबा क्रमशः 3.260, 0.690, 0.290, 0.910 हे. भूमि आरक्षित है। ग्राम गठेवरा में गौशाला, इमारती लकड़ी, बाजार हाट, श्मशान, कब्रिस्तान, खाद के गढढे, चमड़ा निकालने हेतु कोई भूमि आरक्षित नहीं है। गौठान हेतु भूमि खसरा क्रमांक 489, 940, 950, 982, 1003 रकबा क्रमशः 1.388, 1.736, 0.186, 0.053, 4.901 हे. भूमि दर्ज है। ग्राम बगौता में गौशाला एवं हाट बाजार हेतु कोई भूमि आरक्षित नहीं है। इमारती एवं जलाऊ लकड़ी हेतु खसरा क्रमांक 2669 रकबा 34.256 हे. आरक्षित है। गौठान हेतु भूमि खसरा क्रमांक 799/1, 2276/1, 2277/1 रकबा क्रमशः 1.215, 0.704, 0.764 हे. भूमि एवं श्मशान, कब्रिस्तान हेतु भूमि खसरा क्रमांक 601/2, 796, 632 में से 1842 एवं 1998/10 में से रकबा क्रमशः 2.618, 0.101, 1.215, 0.809, 0.405 एक. रकबा 5.148 हे. खाद के गड्ढे हेतु खसरा क्रमांक 632 में से रकबा 1.620 हे. एवं चमड़ा हेतु खसरा क्रमांक 2218 में से 0.809 हे. भूमि आरक्षित है। (ख) उत्तरांश-क अनुसार। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश- क- के प्रकाश में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
म.प्र. के नियुक्त संविदा हेण्डपंप मेंकेनिकों का मानदेय
37. ( क्र. 703 ) श्री गिरीश भंडारी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश में सन् 2010 में नियुक्त संविदा हेण्डपंप मेंकेनिक आई.टी.आई. प्रशिक्षित है या नहीं? अगर आई.टी.आई. प्रशिक्षित है तो इनको जो मानदेय दिया जा रहा है वह प्रशिक्षित का मानदेय है? अगर नहीं तो मानदेय में श्रम कानून का उल्लंघन हो रहा है? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) की उपलब्ध जानकारी अनुसार अगर मानदेय अप्रशिक्षित का दिया जा रहा है तो इनको प्रशिक्षित का मानदेय कब से दिया जावेगा और कितना मानदेय दिया जायेगा? (ग) क्या संविदा हेण्डपंप मेंकेनिको द्वारा अप्रैल, 2015 में 9 दिवसीय हड़ताल की थी? क्या मंत्री महोदय ने हड़ताल समाप्ति के लिये कोई आश्वासन दिया था? क्या जो आश्वासन दिया गया था वहां प्रश्न दिनाँक तक पूरा किया गया? नहीं तो क्यों नहीं? कब तक पूरा किया जावेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। संविदा हेंडपंप मेंकेनिकों को संविदा पर नियुक्ति पर शासन द्वारा नियत मानदेय दिया जा रहा हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। मॉगों का परीक्षण कर कार्यवाही की जा रही हैं। समयसीमा बताना संभव नहीं है।
इन्दौर जिले में थानों पर रिक्त पदों की पूर्ति
38. ( क्र. 718 ) श्री राजेश सोनकर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले के थानों में कहां-कहां पर व कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कितने भरे हुये है तथा कितने पद रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांक (क) के संदर्भ में सांवेर विधान सभा क्षेत्र में कितने थानों/चौकी की स्वीकृति दी गई हैं व इनमें से कितना-कितना बल वर्तमान में पदास्थ किया गया है या इनमें से कुछ पर रिक्त हैं? (ग) यदि हाँ, तो रिक्त पदों को कब तक पूर्ण किया जायेगा? क्या सांवेर विधान सभा क्षेत्र में थाना प्रभारियों के पद रिक्त होने से प्रभारियों से ही कार्य कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब तक इन पर पदस्थापना की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ’अ’ अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट ’ब’ अनुसार। जी हाँ, कुछ पद रिक्त है। (ग) रिक्त पदो की पूर्ति नयी भर्ती तथा स्थानान्तरण से बल उपलब्धता के आधार पर की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। अतः पद पूर्ति की समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
मुरैना जिले में विधिक सहायता के लंबित प्रकरण
39. ( क्र. 770 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2014 से एवं जून 2015 तक विधिक सहायता हेतु कितने प्रकरणों में आर्थिक सहायता दी गई उनकी संख्या तहसीलवार दी जावें? (ख) उक्त अवधि में कितने आवेदन विधिक सहायता हेतु लंबित है उनके निराकरण न होने के क्या कारण है? उनका कब तक निराकरण कर दिया जावेगा? (ग) क्या शासन की मंशा गरीब, अनुसूचित लोगों को विधित सहायता उपलब्ध कराकर उनके प्रकरणों का त्वरित निराकरण हो लेकिन विधि विभाग के कार्यालय की अनदेखी के कारण लोग चक्कर लगाकर सहायता प्राप्त नहीं कर पाते है? क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 2014 से एवं जून 2015 तक कुल 93 विधिक सहायता प्रकरणों में आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। तहसीलवार विवरण निम्नानुसार है- मुरैना-80, अम्बाह-06, जौरा-01 एवं सबलगढ-06 कुल 93 (ख) विधिक सहायता हेतु कोई आवेदन लंबित नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियामानुसार कार्यवाही की जा रही है।
अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग की पट्टे की जमीन को बिक्री की अनुमति
40. ( क्र. 771 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2013-14 से जून 2015 तक अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग के पट्टे की जमीन बिक्री अनुमति हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए, कितनों में अनुमति दी गई कितने निरस्त हुए तहसीलवार जानकारी दी जावें? (ख) उक्त प्रकरणों में अनुमति की क्या शर्ते रखी गई तथा आवेदन निरस्ती के क्या कारण रहे, प्रकरणों में शर्तों के उल्लंघन पर क्या कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे? (ग) क्या उक्त बिक्रीत भूमि में शर्तों के उल्लंघन पर बिक्री शून्य घोषित करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उनकी निगरानी की जिम्मेदारी किन-किन अधिकारियों को दी गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शस्त्र लायसेंस की स्वीकृति
41. ( क्र. 781 ) श्री प्रदीप अग्रवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनाँक 2 मार्च 2015 के परि.ता.प्रश्न संख्या 72 (क्रं. 2326) के उत्तर में संलग्न प्रपत्र ब में जानकारी दी गई कि सभी 15 व्यक्तियों के खिलाफ अपराध क्र. 34/13 में धारा 307, 147, 148, 149 एवं 35/13 में धारा 307, 323, 294, 147, 148, 149 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध है, तो उक्त FIR में 15 व्यक्तियों के खिलाफ अभी तक क्या-क्या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है की गई कार्यवाही से अवगत कराया जाये? (ख) क्या उक्त 15 व्यक्तियों में से सिर्फ दो व्यक्तियों के नाम ही FIR दर्ज है शेष 13 व्यक्तियों के नाम, कोई FIR नहीं है यदि हाँ, तो गलत जानकारी देकर सदन को गुमराह क्यों किया गया, यदि नहीं, तो किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रश्नकर्ता समक्ष इसकी जाँच कराई जावेगी? (ग) यदि जानकारी गलत दी गई है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी एवं निलंबित किये गये शस्त्र लायसेंस कब तक बहाल किये जायेंगे? अवधि सहित जानकारी उपलब्ध कराई जावे।
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
क्राइम ब्रान्च इंदौर में दर्ज प्रकरण 593/13 में इलेक्ट्रानिक इविडेन्स एक्ट का पालन
42. ( क्र. 789 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्राइम ब्रान्च इंदौर द्वारा प्रकरण क्र. 593/13 दिनाँक 07.07.13 में नितिन महिन्द्रा की हार्ड डिस्क जब्त करने में इलेक्ट्रानिक इविडेन्स एक्ट का पालन किया गया या नहीं? (ख) यह कैसे पता लगा कि नितिन महिन्द्रा का कम्प्यूटर कौन सा है? उसका विधिवत पंचनामा बनाया गया या नहीं? उस कम्प्यूटर को जब्त किया गया या नहीं? (ग) क्राइम ब्रान्च इंदौर ने क्या प्रमाण जुटाए कि जो यह सिद्ध करें कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित हार्ड डिस्क नितिन महिन्द्रा के कम्प्यूटर की ही है तथा साथ ही नेटवर्क सर्वर, पेरेन्ट कम्प्यूटर तथा लेपटॉप जब्त क्यों नहीं किया गया? (घ) नितिन महिन्द्रा के कम्प्यूटर से कितनी हार्ड डिस्क किस-किस दिनाँक को जब्त की गई तथा हार्ड डिस्क में संभावित छेड़छाड़ रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) इलेक्ट्रानिक ऐविडेन्स एक्ट नामक कोई भी एक्ट नहीं है। थाना राजेन्द्र नगर, जिला इंदौर में दिनाँक 07.07.2013 को अपराध क्रमांक 593/13 पंजीबद्ध किया गया था। उक्त प्रकरण में हार्ड डिस्क जब्त करते समय कानूनी प्रक्रिया के तहत विधिक प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। (ख) आरोपी की निशादेही पर उसका कम्प्यूटर गवाहों के समक्ष विधिवत जब्त किया गया है। (ग) जब्तशुदा हार्ड डिस्क विधिवत समक्ष गवाहों के आरोपी की निशादेही पर आरोपी से ही जब्त किया गया है। साथ ही सर्वर हार्ड डिस्क की भी विधिवत जब्ती की गई है। पैरेन्ट कम्प्यूटर जब्त करने की आवश्यकता नहीं थी तथा लैपटॉप नहीं मिला था इस कारण जब्त नहीं किया गया है। (घ) आरोपी नितिन मोहिन्द्रा के कम्प्यूटर से दो हार्ड डिस्क दिनाँक 18.07.2013 को तथा एक हार्ड डिस्क 26.07.2013 को जब्त की गई थी तथा हार्ड डिस्क में संभावित छेड़छाड़ रोकने के लिए मौके पर ही गवाहों के समक्ष हार्ड डिस्क विधिवत जब्त कर सील बंद की गई थी।
पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा STF को दिये गए आवेदन पर कार्यवाही
43. ( क्र. 790 ) श्री रामनिवास रावत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एस.टी.एफ. को पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा 12 जून 2015 को किन-किन से पूछताछ की जाये, ऐसा आवेदन प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो बतावें कि आवेदन में किन-किन से पूछताछ का उल्लेख किया गया है उनके नाम व पद की सूची प्रस्तुत करें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन के साथ क्या दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए? यदि हाँ, तो दस्तावेज की सूची प्रस्तुत करें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन की विवेचना किस अधिकारी द्वारा की जा रही है? विवेचना की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? (घ) जिन बिन्दुओं पर प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन प्राप्त हुआ, उन बिन्दुओं पर पिछले दो वर्षों में क्या-क्या जाँच अथवा परीक्षण किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया तथा प्रस्तुत दस्तावेजों में से कौन-कौन से दस्तावेज पूर्व से ही एस.टी.एफ की जाँच, परीक्षण अथवा विवेचना में शामिल हैं? उनकी सूची प्रस्तुत करें? (ड.) क्या पूर्व विधायक पारस सकलेचा द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज का परीक्षण कर लिया है यदि हाँ, तो परीक्षण उपरांत तैयार निष्कर्ष से अवगत करावें? यदि नहीं, तो परीक्षण कब तक कर लिया जावेगा? समयावधि बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ, एस.टी.एफ. को पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा 12.06.2015 को, किन-किन से पूछताछ की जाए, ऐसा आवेदन प्राप्त हुआ था जिसमें निम्न पदाधिकारियों से पूछताछ हेतु लेख किया गया है- 1-आवेदन पत्र अनुसार माननीय मुख्यमंत्री जी से व्यक्तिगत या लिखित में पूछताछ हेतु वर्ष 2000 से 2014 तक निम्न पद पर रहे अधिकारियों से पूछताछ की जाये। 2-मुख्य सचिव, म.प्र.शासन, 3-पुलिस महानिदेशक, 4- प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा (2000 से 2013), अवर सचिव तथा उप सचिव इत्यादि, 5- संचालक, चिकित्सा शिक्षा (2000 से 2013) तथा इस अवधि में पी.एम.टी. परीक्षा के कार्य से जुड़े सह संचालक, उप संचालक इत्यादि। 6- काउंसलिंग कमेंटी के चेयरमेंन/सदस्य, (2000 से 2013), 7- सारे शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाता (2000 से 2014) तथा इस प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी, कर्मचारीगण। 8-व्यापम अध्यक्ष (2000 से 2014) इस अवधि में संचालक, परीक्षा नियंत्रक, प्रभारी कम्प्यूटर शाखा, प्रभारी परीक्षा शाखा, परीक्षा कमेंटी रिजल्ट प्रोसेसिंग का कार्य करने वाले आंसर शीट को स्केनिंग करने वाले, रोल नंबर आवंटन करने वाले, परीक्षा के दस्तावेजों रद्दी का नष्ट करने की प्रक्रिया के अधि./कर्म., 9- व्यापम द्वारा नियुक्त सेंट्रल ऑव्हजर्वर। 10- इंविजिलेटर तथा परीक्षा केन्द्र अधिकारी। 11- 2000 से 2013 तक जिन-जिन पुलिस थानों में पी.एम.टी. व्यापम घोटाले की एफ.आई.आर. दर्ज की गई है उन थाना प्रभारी तथा उस जिले के पुलिस अधीक्षक। 12- प्रदेश गुप्तचर शाखा प्रमुख। (ख) प्रश्नांश ’क’ में उल्लेखित आवेदन के साथ दस्तावेजों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उक्त आवेदन की जाँच सहायक पुलिस महानिरीक्षक, एस.टी.एफ., श्री राजेश सिंह चंदेल एवं श्री आशीष खरे द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही है। जाँच में आवेदन के तथ्यों पर वांछनीय जानकारी प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग व संचालक, चिकित्सा शिक्षा से मांगी गई है। आवेदन पत्र जाँच में तथ्यों का संकलन किये जाने के स्तर पर लंबित है। (घ) प्रश्नांश ’क’ में उल्लेखित आवेदन के बिन्दुओं पर तथ्यों का संकलन प्रक्रियाधीन है। अतः प्रक्रियाधीन जाँच पर निष्कर्ष देना उचित नहीं होगा। (ड.) आवेदन के साथ प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण अभी पूर्ण नहीं हुआ है। परीक्षण तथ्यों के संकलन स्तर पर है। समयावधि के संबंध में लेख है कि, व्यापम संबंधी समस्त मामलों के अनुसंधान माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार सी.बी.आई. को दिनाँक 13.07.2015 को हस्तांतरित होने हैं।
आबादी की जमीन में बसे गरीबों को पट्टा दिया जाना
44. ( क्र. 799 ) श्रीमती ऊषा चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन द्वारा दिनाँक 21 मई 2010 को सदन के अन्दर यह घोषणा की गई थी कि गांव में जो आबादी के मकान है उन मकानों का भी पट्टा देने का हम काम करेंगे ताकि उस पट्टे के आधार पर वह लोन ले सकें, बाकी काम कर सकें? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हां है तो म.प्र. के किन-किन जिलों में घोषणा अनुसार आबादी की जमीन में बने मकानों के पट्टा देने का कार्य प्रारंभ किया गया है? जिलेवार/तहसीलवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) क्या यह सही है कि सतना जिले की तहसील रधुराजनगर के अन्तर्गत ग्राम बस्ती एवं इस तरह और भी तहसील रधुराज नगर के अन्य ग्रामों के आवासीय पट्टे अभी तक तहसीलदारों द्वारा बनाकर नहीं दिये गये? क्यों? (घ) यदि हाँ, तो इन ग्रामों में आबादी की जमीन में बने मकानों के पट्टे कब तक दिये जायेगें? समय सीमा बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
परासिया वि.स. क्षेत्र के बड़कुही में प्रकरण में कार्यवाही
45. ( क्र. 828 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बड़कुही में दिनाँक 22/03/2015 को श्री रविन्द्रदास उर्फ बाबू की हत्या की गई। इस हत्या प्रकरण में अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) इस हत्याकांड प्रकरण में किन-किन व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है और हत्याकांड में शामिल कितने व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई और कितने व्यक्तियों की गिरफ्तारी होना बाकी है? (ग) हत्या प्रकरण की संपूर्ण जाँच कर कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जायेगी समय सीमा बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ, दिनाँक 22.03.2015 को परासिया विधान सभा क्षेत्र के थाना चॉदामेंटा के अंतर्गत श्री रविन्द्र दास उर्फ बाबू निवासी ग्राम बड़कुही की हत्या की घटना घटित हुई थी। घटना के संबंध में अभियोगी श्री नरेन्द्र उर्फ विक्की पिता श्री टोप बहादुर राणा उम्र 25 वर्ष निवासी बड़कुही की रिपोर्ट पर थाना चॉदामेंटा में अप.क्रं. 87/15, धारा 147, 148, 149, 307, 302, भा.द.वि. एवं 25/27 आयुध अधिनियम के अंतर्गत दिनाँक 22.03.2015 को पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण की विवेचना में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर कुल 08 व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया। प्रकरण में कुल 04 आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध अभियोग पत्र क्रमांक 153/15, दिनाँक 22.06.2015 को सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है तथा शेष 04 आरोपियों के विरूद्ध धारा 173 (8) दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत विवेचना की जा रही है। (ख) प्रश्नांकित घटना में कुल 08 व्यक्तियों 1. अमित पिता श्री राकेश रजक उम्र 22 वर्ष निवासी बड़कुही, 2. विजय पिता श्री मधू प्रसाद कन्नोजिया उम्र 45 वर्ष निवासी बड़कुही, 3. सुनील पिता श्री चरण लाल यदुवंशी उम्र 28 वर्ष निवासी मरकाढाना, 4. पवन पिता श्री झीना उइके उम्र 28 वर्ष निवासी बड़कुही, 6. रिप्पी उर्फ रूपेश पिता श्री मनेश मर्सकोले उम्र 29 वर्ष, 7. संदीप मर्सकोले उम्र 27 वर्ष, 8. राहुल पिता श्री राकेश रजक उम्र 25 वर्ष निवासीगण बड़कुही को विवेचना में आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी बनाया गया है। प्रकरण में कुल 04 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, तथा 04 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है। (ग) प्रकरण की विवेचना में विधि अनुरूप प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
रायसेन जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध सुविधाएं
46. ( क्र. 830 ) श्री संजय शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रायसेन जिले में कहां-कहां आंगनबाड़ी/मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं? उनमें छात्र-छात्राओं तथा गर्भवती महिलाओं को क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है? (ख) किन-किन ग्रामों में आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं है? आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने के संबंध में शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) भवन विहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों की सूची दें तथा उनके भवन निर्माण के संबंध में शासन की क्या-क्या योजनायें हैं? (घ) कुपोषित बच्चों की तहसीलवार संख्या बतायें तथा उनके उपचार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है, पूर्ण विवरण दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) रायसेन जिले में 1379 आंगनवाड़ी केन्द्र एंव 369 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (अ) अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार प्रदाय, शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा तथा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से टीकाकरण एवं स्वास्थ्य जाँच, तथा गर्भवती/धात्री महिलाओं को पूरक पोषण आहार प्रदाय, स्वास्थ्य एंव पोषण शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से टीकाकरण, स्वास्थ्य जाँच, की सुविधा दी जाती है। (ख) जिले में कुल 76 ग्रामों में आंगनवाड़ी केन्द्र नहीं है। केन्द्र विहीन ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (ब) अनुसार है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने के संबंध में जिलो से प्राप्त प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किय जाते है। (ग) भवन विहीन केन्द्रों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (स) अनुसार है। वर्तमान में विभाग अन्तर्गत 13वें वित्त आयोग एवं आईसीडीएस मिशन आदि योजनाओं के अन्तर्गत भवन निर्माण किये जा रहे हैं। (घ) कुपोषित बच्चों की तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘द‘ अनुसार है। कुपोषित बच्चों के उपचार हेतु रायसेन जिले में जिला चिकित्सालय रायसेन, मण्डीदीप, बरेली, सिलवानी, बेगमगंज एंव उदयपुरा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पोषण पुर्नवास केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है जिसमें कुपोषित बच्चों को भर्ती कर उनका पोषण प्रबंधन किया जाता है। भर्ती अवधि के दौरान उन बच्चों को विशेष पोषण आहार प्रदान किया जाता है साथ ही भर्ती बच्चों के अभिभावकों को पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की जाती है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से भी अति कुपोषित बच्चों को समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य प्रबंधन हेतु सुपोषण अभियान अन्तर्गत स्नेह शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। अति कुपोषित बच्चों को अतिरिक्त पोषण आहार प्रदान (थर्ड मील) किया जाता है। स्नेह सरोकार कार्यक्रम के अंतर्गत अति कम वज़न वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार करने हेतु समाज के सम्मानित व्यक्ति, जन-प्रतिनिधि, शासकीय अशासकीय संस्था, इत्यादि के द्वारा गोद दिया जाकर समुचित देखभाल किये जाने का प्रावधान किया गया है।
गौ शालाओं को भूमि का आवंटन
47. ( क्र. 831 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गौशाला को भूमि आवंटन के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं उनकी प्रति दें? गौ शालाओं से भूमि आवंटन का आवेदन पत्र प्राप्त होने के कितने दिन के भीतर निराकरण होना चाहिए? (ख) 25 जून, 2015 की स्थिति में भोपाल संभाग की किन-किन गौ शालाओं के भूमि आवंटन के आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित है? (ग) उक्त लंबित आवेदन पत्रों का निराकरण कर कब तक गौ शालाओं को भूमि आवंटित कर दी जायेगी समयावधि बतायें? (घ) विलम्ब के लिए कौन-कौन जबावदार है तथा शासन द्वारा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लंबित फौती नामांतरण के प्रकरण
48. ( क्र. 844 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फौती नामांतरण, अविवादित नामांतरण/बँटवारा के प्रकरणों के निराकरण के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं, उनकी प्रति दें? (ख) पटवारी के हस्तलिखित अभिलेख तथा कम्प्यूटर में दर्ज रिकार्ड में अंतर होने पर उसके सुधार के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं, उनकी प्रति दें? (ग) 25 जून, 2015 की स्थिति में रायसेन एवं देवास जिले में प्रश्नांश (क) एवं (ख) श्रेणी के कितने प्रकरण क्यों लंबित है, तहसीलवार संख्या बतायें? (घ) उक्त प्रकरणों का शीघ्र निराकरण हो इस संबंध में विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई उक्त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण
49. ( क्र. 845 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राकृतिक प्रकोपों से मकान क्षति, जनहानि, पशुहानि, अग्नि दुर्घटना, सर्पदंश, पानी में डूबने से मृत्यु, आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु तथा घायल होने से आर. बी. सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? (ख) रायसेन एवं देवास जिले में उक्त श्रेणी के कितने प्रकरण कब से एवं क्यों लंबित हैं? तहसीलवार जानकारी दें कब तक पीडि़त के परिजनों को राशि का भुगतान होगा? (ग) क्या शासन द्वारा राशि आवंटित न करने के कारण उक्त प्रकरण लंबित हैं? यदि हाँ, तो शासन द्वारा राशि आवंटित क्यों नहीं की गई कारण बतायें? (घ) 25 जून, 2015 की स्थिति में उक्त जिलों को कितनी राशि की आवश्यकता है तथा शासन द्वारा कब तक राशि आवंटित की जायेगी समयावधि बतायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 (4) की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कोई प्रकरण लंबित नहीं हैं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश “ख“ की जानकारी के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (घ) 25 जून 2015 की स्थिति में अतिरिक्त बजट की आवश्यकता नहीं है।
राष्ट्रीय सुरक्षा अध्यादेश के तहत कार्यवाही
50. ( क्र. 867 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के थाना मिहोना के अपराध क्रमांक 74/13 के अपराध में किन-किन अपराधियों को किस-किस धारा में गिरफ्तार कर कब चालान प्रस्तुत किया गया? प्रधान आरक्षक श्री देवेन्द्र सिंह जिला पुलिस भिण्ड, दीपक सिंह द्वारा फर्जी पिता श्री देवेन्द्र सिंह को बनाकर प्राप्त की शिक्षा की डिग्री, उ.मा.वि. की परीक्षा निरस्त करने सुरेन्द्र सिंह की पेंशन बंद करने की कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) माननीय उच्च न्यायालय बैंच ग्वालियर M.CR.C.N0/11030/2014 के तहत पुलिस अधीक्षक भिण्ड एवं थाना प्रभारी मिहोना को 60 दिन में कार्यवाही करने का निर्देश दिया था? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही का विवरण दें? (ग) 8 दिसम्बर 2014 के अंतारांकित प्रश्न संख्या-2 (क्रमांक 19) के उत्तर में राष्ट्रीय सुरक्षा अध्यादेश की कार्यवाही फरार अपराधी प्रदीप सिंह पुत्र हरीमोहन सिंह निवासी रोहानी सींगपुरा थाना लहार की गिरफ्तारी करने का प्रयास का उत्तर दिया था तो पुलिस द्वारा अभी तक अपराधी की सम्पत्ति जप्त करने, ईनाम घोषित करने की क्या कार्यवाही की? (घ) यदि हाँ, तो क्या यह सच है कि प्रदीप सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अध्यादेश का फरार अपराधी होने के बाद भी उसने माननीय न्यायालय लहार में उपस्थित होकर पुलिस की सांठगांठ से जमानत कराई थी। सांठगांठ में शामिल पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कार्यवाही न करने का कारण बतायें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला भिण्ड के थाना मिहोंना के अपराध क्रमांक 74/13 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, 201 भादवि में 03 आरोपियों (1) दीपक सिंह पुत्र श्री सुरेन्द्र सिंह को दिनाँक 05/11/2013 (2) सुरेन्द्र सिंह पुत्र श्री शंकर सिंह को दिनाँक 13/11/2013 एवं (3) देवेन्द्र सिंह पुत्र श्री शंकर सिंह को दिनाँक 08/04/2015 को प्रकरण में गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में चालान क्रमांक 15/15 दिनाँक 06/07/2015 को सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जा चुका है। प्रकरण में आरोपी दीपक सिंह के फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के सम्बन्ध में सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल, मध्यप्रदेश भोपाल को अंकसूची निरस्त कराने हेतु पत्र दिनाँक 06/07/2015 एवं 07/07/2015 जिला शिक्षाधिकारी जिला भिण्ड को अंकसूची निरस्त कराने हेतु पत्र दिनाँक 07/07/2015 एवं श्री सुरेन्द्र सिंह की पेंशन बन्द करने के संबंध में प्रभारी जिला सैनिक कल्याण बोर्ड जिला भिण्ड को पत्र दिनाँक 03/07/2014 एवं 07/07/2015 को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु भेजे गये है। (ख) जी हाँ, M.CR.C.No/11030/2014 में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के द्वारा जारी आदेश का पालन निर्धारित समय सीमा में किया गया है। देवेन्द्र सिंह को धारा 120बी, 201 भादवि के अधीन आरोपी बनाया जाकर उसके विरूद्ध भी चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। (ग) राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रकरण में फरार आरोपी प्रदीप सिंह पुत्र श्री हरिमोहन सिंह राजावत को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में निरूद्ध करने का आदेश 19/11/13 को जारी हुआ था। जिसकी गिरफ्तारी नहीं होने से दिनाँक 09/02/15 को माननीय न्यायालय लहार से धारा 82 जा.फौ. के तहत इश्तहार जारी कराये गये एवं माननीय न्यायालय में उपस्थित नहीं होने से धारा 83 जा.फौ. के तहत सम्पत्ति जप्ती की कार्यवाही के संबंध में पुन: जे.एम.एफ.सी. न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिस पर माननीय न्यायालय लहार द्वारा दिनाँक 18/07/15 को कार्यवाही हेतु नियत की गई है। फरार आरोपी प्रदीप सिंह पर पुलिस अधीक्षक भिण्ड द्वारा 5000 रूपये का ईनाम घोषित किया गया है। (घ) यह सच नहीं है कि, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अन्तर्गत फरार अपराधी होने के बाद भी प्रदीप सिंह ने मजिस्ट्रेट न्यायालय लहार में उपस्थित होकर पुलिस की सॉठ-गॉठ से जमानत कराई थी। बल्कि सच यह है कि दिनाँक 25/11/14 को थाना लहार के अप.क्रं. 193/13 धारा 308, 534, 506बी, ताहि 25, 27 आर्म्स एक्ट में माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ, ग्वालियर से जमानत आदेश के पालन में प्रदीप सिंह ने सीधे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी लहार के समक्ष समर्पण किया था। जहाँ से उसे उक्त न्यायालय द्वारा जमानत-मुचलके पर रिहा किया गया था। इस जमानत आदेश की सूचना थाने को नहीं थीं तथापि थाना पभारी लहार निरीक्षक श्री एस.एस.यादव को सेवा पुस्तिका में निंदा के दण्ड से दण्डित किया गया है।
राजस्व विभाग की शासकीय भूमियों का अतिक्रमण हटाया जाना
51. ( क्र. 868 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की कृषि उपजमण्डी समिति लहार भिण्ड के सचिव ने तहसीलदार लहार को माह मई 2015 में मण्डी समिति की भूमि का सीमांकन कराने के आवेदन दिये थे? यदि हाँ, तो दिनाँक 3 जून 2015 को राजस्व निरीक्षक लहार, पटवारी लहार ने कृषि उपजमण्डी समिति के कर्मचारियों के समक्ष सीमांकन कर पंचनामा पर हस्ताक्षर कराये थे? यदि हाँ, तो अभी तक सीमांकन रिपोर्ट प्रस्तुत न करने का कारण बतायें? (ख) क्या यह सच हैं कि नगर लहार में लोक निर्माण विभाग के विश्रामगृह से लेकर कृषि विज्ञान केन्द्र लहार तक नाले के साथ-साथ भिण्ड भाण्डेर सड़क के दोनों ओर तथा लहार सेवढ़ा मार्ग एवं कृषि उपजमण्डी की करोड़ों की भूमि राजस्व अधिकारियों एवं भूमिमाफियों ने सांठगांठ कर हड़प ली है? यदि नहीं, तो अनेकों बार विधान सभा में प्रश्नकर्ता द्वारा मामला उठाने के बाद भी सीमांकन न कराकर अतिक्रमण न हटाने का कारण बतायें? अतिक्रमण कब तक हटाया जावेगा? समयावधि बतायें? (ग) भिण्ड जिले की लहार तहसील के ग्राम मड़ोरी में स्थित शिव भगवान नारदेश्वर मंदिर की राजस्व भूमि गोहद तहसील जिला भिण्ड के ग्राम इटायदा, दतिया जिले की तहसील सेवढ़ा के ग्राम गुमानपुरा, ग्राम बिजौरा, ग्राम कुँअरपुरा में अनेक वर्षों से राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से कब्जा कर लिया? यदि हाँ, तो कब-कब मंदिर की शासकीय भूमि कब्जे से मुक्त कराकर मंदिर के पुजारी को कब्जा दिलाया गया? अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कब-कब पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई तथा शस्त्र लायसेंस निरस्त की कार्यवाही क्यों नहीं की गई, बतायें? (घ) प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न संख्या-10 (क्रमांक 1061) दिनाँक 2 मार्च 2012 के उत्तर में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही जारी होने की जानकारी दी थी? तो क्या अतिक्रमण हटा दिया गया है? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनाँक तक अतिक्रमण न हटाने के जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर अतिक्रमण हटाया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अटल बाल हदय उपचार योजना कुपोषण मुक्ति हेतु स्वीकृत राशि
52. ( क्र. 879 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि शासन/विभाग द्वारा केन्द्र /राज्य प्रवर्तित योजना अंतर्गत नन्हें शिशुओं के स्वास्थ्य हेतु अटल बाल हदय उपचार योजना एवं कुपोषण मुक्ति हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे है? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिला अंतर्गत वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 के प्रश्न दिनाँक तक कुपोषित बच्चों की संख्या एवं अटल बाल हदय उपचार योजना अंतर्गत उपचारित शिशुओं की संख्या से अवगत कराएं? (ग) साथ ही उक्त वर्षों में उक्त उल्लेखित जिला अंतर्गत उपरोक्त दोनों प्रकार के कार्य हेतु कितना बजट स्वीकृत होकर कितना व्यय किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) अटल बाल हृदय उपचार योजना नाम की कोई योजना शासन द्वारा नहीं चलाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग अन्तर्गत मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अन्तर्गत अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का संचालन किया जा रहा है। (ख) रतलाम जिले में प्रश्नांकित अवधि में कुपोषित बच्चों की संख्या एवं मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजनांतर्गत उपचारित शिशुओं की संख्या संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रतलाम जिला अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में उपरोक्त दोनों कार्यों में स्वीकृत बजट एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्राप्त आवंटन तथा सामग्री क्रय पर व्यय
53. ( क्र. 911 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर संभाग अंतर्गत विभिन्न जिलों में महिला बाल विकास को वर्ष 14-15 एवं 15-16 में कितना आवंटन दिया गया? आवंटन की प्रमाणित छायाप्रतियां दें? (ख) वर्ष 14-15 एवं 15-16 में सामग्री क्रय पर जिलेवार कितना व्यय किया गया? विकासखण्डवार विवरण दें? (ग) जिलेवार कितनी शिकायतें जनसुनवाई केन्द्रों पर प्राप्त हुई जाँच में क्या परिणाम प्राप्त हुए स्पष्ट करें? (घ) सांझा चूल्हा कार्यक्रम हेतु कितने देयकों की राशि वर्षवार स्वीकृत की गई? जिलेवार सूची दें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (1) अनुसार है। (ख) वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में दिये गये सामग्री क्रय पर व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (2) अनुसार है। (ग) जिलेवार जनसुनवाई केन्द्रों पर प्राप्त हुई शिकायतें की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (3) अनुसार है। (घ) सांझा चूल्हा कार्यक्रम हेतु वर्ष 2014-15 2015-16 में देयको की राशि स्वीकृत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट (4) अनुसार है।
अपात्र व्यक्तियों को वंटित भूमि निरस्त कर पात्र को बंटन
54. ( क्र. 959 ) श्री सुखेन्द्र सिंह (बन्ना) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विकासखण्ड हनुमना अंतर्गत ग्राम पंचायत मुनहाई (अमहटा) में खसरा क्रमांक 185, 186, 198/1, 198/2 शासकीय जमीन का बंटन किया गया है? (ख) क्या खसरा क्र. 185 में बंटन के पूर्व मकान बना था? यदि हाँ, तो शीतला प्रसाद तिवारी आत्मज भाईलाल तिवारी के नाम बंटन किया गया है? क्या शीतला प्रसाद तिवारी आत्मज भाईलाल तिवारी आत्मज शोभनाथ तिवारी के नाम पहले से ग्राम अमहटा में भूमि का पट्टा था एवं क्या शीतला प्रसाद तिवारी की औरत तापेश्वरी तिवारी के नाम ग्राम पांचर में पूर्व से जमीन का पट्टा है? (ग) क्या अमहटा खसरा क्र. 198/2 सोसायटी गोदाम बंटन के पूर्व बना था? क्या गोदाम के सामने खसरा क्र. 198/1 में रमाकांत गुप्ता आत्मज श्यामचंद्र गुप्ता के नाम बंटन किया गया एवं ये मूल निवासी मनिगड़ा उ.प्र. के हैं जो वर्तमान में अमहटा में घर बना लिये हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) का उत्तर यदि जी हाँ तो इन्हें भूमि बंटन का लाभ क्यों दिया गया? क्या इसकी जाँच कराई जावेगी? यदि हाँ, तो जाँच उपरांत सही पाये जाने पर इन्हें वंटित भूमि से बेदखल कर पुस्तैनी भूमिहीनों को जमीन बंटित की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट बतावें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन हैण्डपंप उत्खनन की कार्य योजना
55. ( क्र. 960 ) श्री सुखेन्द्र सिंह (बन्ना) : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग रीवा में कार्ययोजना एवं विधायक निधि से हैण्डपंप उत्खनन कार्य के टेण्डर माह मई-जून में लगाए गए हैं? यदि हाँ, तो टेण्डर की प्रक्रिया माह अप्रैल में ही क्यों प्रारंभ नहीं की गई, कारण बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि इस जनहित से जुड़े मुद्दे को अप्रैल में ही कर लिया जाता तो आज रीवा जिले में पेयजल की गंभीर स्थिति उत्पन्न नहीं होती? हैण्डपंप उत्खनन की निविदा क्यों निरस्त की गई? विलंब से निविदा बुलाने एवं फिर निविदा निरस्त करने के लिये कौन दोषी हैं? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी बतावें? क्या शासन के पास बजट का अभाव है? कारण स्पष्ट बतावें? (ग) क्या कार्य योजना एवं निधि के हैण्डपंपों का संपूर्ण उत्खनन चालू वित्तीय वर्ष में कर लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी नहीं, निविदा की प्रक्रिया माह अप्रैल 2015 में हीं प्रारंभ की गई है। (ख) उत्तरांश-''क'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, चालू वित्तीय वर्ष में कार्य योजना एवं अन्य डिपाजिट कार्य में स्वीकृत हैण्डपंपों का उत्खनन पूर्ण कर लिया जायेगा।
प्रदेश के पटवारियों का वेतन/भत्ते वेतनमान बढ़ाया जाना
56. ( क्र. 969 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में प्रदेश के पटवारियों का वेतनमान बढ़ाये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक उक्त संबंध में निर्णय लिया जावेगा? समय-सीमा बतावें? (ग) राजस्व विभाग के लिपिक एवं पटवारी संघो द्वारा अगले पदक्रम हेतु विभागीय परीक्षा कराये जाने हेतु लंबे समय से मांग की जा रही है तो क्या विभागीय परीक्षा आयोजित कराये जाने संबंधी कोई निर्णय विभाग द्वारा लिया गया है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक विभागीय परीक्षा आयोजित कर ली जावेगी? समय-सीमा बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रकरण विचाराधीन है। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्राम कोटवारों के वेतन/भत्ते
57. ( क्र. 970 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम कोटवारों को वर्तमान में कितना मासिक वेतन/भत्ता दिया जा रहा है एवं वेतन/भत्तों के अतिरिक्त उन्हें और क्या-क्या सुविधाएं शासन स्तर से दिये जाने का प्रावधान है? (ख) क्या ग्राम कोटवारों को दिये जा रहे मासिक वेतन/भत्ते उनके तथा उनके परिवार के जीविकोपार्जन के लिये पर्याप्त है? (ग) यदि नहीं, तो क्या उनके वेतन/भत्ते बढ़ाये जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव लिया जावेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जिनके पास कोई सेवा भूमि नहीं है रू. 2000/- प्रतिमाह जिनके पास 3 एकड़ तक सेवा-भूमि है रू. 1000/- प्रतिमाह जिनके पास 3 एकड़ से 7.5 एकड़ सेवा-भूमि है रू. 600/- प्रतिमाह जिनके पास 10 एकड़ तक सेवा भूमि है। रू. 400/- प्रतिमाह वर्ष में एक बार 2 जोड वर्दी, 1 जोड (बरसाती) गम्बूट, किसान टार्च तथा तीन वर्ष में 1 बार गर्म कोट एवं 5 वर्ष में एक बार बल्लम और बेल्ट प्रदाय किया जाता है। (ख) जी हाँ। कोटवार अधिकांशतः अपने ग्राम में रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है। इसके साथ-साथ वह अपने निजी कार्य भी करता है। जो उसकी आजीविका के अन्य स्त्रोत होते हैं। (ग) जी नहीं। चूंकि वर्ष 2009 में ही वृद्धि की गई। (घ) प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
बाल कल्याण समितियों का गठन
58. ( क्र. 989 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या शासन के निर्देशानुसार उज्जैन संभाग के सभी जिलों में बाल कल्याण समितियों का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ख) वर्ष 2013-2014 में किन-किन समितियों के संज्ञान में कितने-कितने लावारिस, प्रताडि़त, गुमशुदा बच्चों को सूचीबद्ध किया गया एवं उन्हें किन-किन परिवारों को पराश्रय-पालन-पोषण हेतु दिया? ब्यौरा क्या है? (ग) कितने ऐसे बच्चे हैं, जिनके पालन-पोषण-शिक्षा की व्यवस्था अब तक नहीं की जा सकी एवं किस कारण?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। विस्तृत जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) किशोरन्याय (बालकों की देखरेख तथा संरक्षण) अधिनिय, 2000 की धारा 21 के अधीन किसी कार्यवाही में अन्तर्वलित विधि का उल्लंघन करने वाले किशोर या देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालक के नाम आदि के प्रकाशन का प्रतिषेध हैं। (ग) जानकारी निरंक।
आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य
59. ( क्र. 990 ) श्री जितेन्द्र गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्द्र वर्तमान में संचालित है? तथा कितनी आंगनवाड़ी शासन के भवनों में एवं कितनी निजी भवनों में संचालित है? तहसीलवार ब्यौरा क्या है? (ख) उपरोक्त आंगनवाडि़यों हेतु वर्ष 2012 से अब तक कितने भवन कहाँ-कहाँ स्वीकृत हुए? कितनी राशि आवंटन की गई? कितने भवन निर्माणाधीन होकर किस कारण से अधूरे हैं? तहसीलवार ब्यौरा दें? (ग) जिले में कितने आंगनवाड़ी भवन स्वीकृति उपरांत पिछले वर्ष से अब तक किस कारण से निर्माण प्रारंभ होने से वंचित है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) रतलाम जिले में कुल 1672 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमें से 1152 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में एवं 520 निजी भवनों (किराये के भवनों) में संचालित है। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘क‘ पर है। (ख) प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘ख‘ पर है। (ग) जिले में पिछले वर्ष से अब तक कुल 36 आंगनवाड़ी भवन स्वीकृति उपरांत अप्रारंभ है। जिसमें 05 आंगनवाड़ी भवन जमीन विवाद के कारण एवं 31 आंगनवाड़ी भवन निर्माण व्यय अधिक होने से अप्रारंभ है।
अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निपटारा
60. ( क्र. 1009 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण नियमानुसार कितनी समय सीमा में किया जाना चाहिए तथा उक्त नामांतरण पश्चात् उक्त प्रविष्टि पटवारी रिकार्ड में एवं कम्प्यूटर रिकार्ड में कितनी समय सीमा में दर्ज होना चाहिए? (ख) उज्जैन जिले की विभिन्न तहसीलों में वर्ष 2013-14, 2014-15 में कुल कितने अविवादित नामांतरण आवेदन प्राप्त हुए? इनमें से कितने प्रकरणों का निराकरण नियत समयावधि में किया गया? कितने प्रकरणों का निराकरण नियत समयावधि पश्चात् किया गया? कितने प्रकरण अभी तक लंबित हैं तथा निराकृत प्रकरणों में से कितने प्रकरणों की प्रविष्टि समय सीमा में पटवारी रिकार्ड एवं कम्प्यूटर रिकार्ड में कर नि:शुल्क खसरा बी-1 एवं भू अधिकार पुस्तिका संबंधित को प्रदान की गई है? (ग) क्या अविवादित नामांतरण प्रकरणों में भी पटवारियों, राजस्व अधिकारियों द्वारा जानबूझकर विलंब किया गया है? यदि हाँ, तो जानबूझकर विलंब करने वाले किन-किन राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? अधिकारी का नाम, पद सहित सम्पूर्ण विवरण दें? (घ) यदि प्रश्नांश (क) लगायत (ग) का जबाव जानकारी एकत्रित की जा रही है तो क्या यह सही है कि बजट सत्र के दौरान प्रश्नकर्ता के ता. प्रश्न संख्या 15 (क्र. 1173) दिनाँक 02.03.15 में भी विभाग द्वारा यही जवाब दिया गया था किन्तु प्रश्नकर्ता को आज दिनाँक तक उक्त जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई उक्त लापरवाही के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति
61. ( क्र. 1018 ) श्रीमती शीला त्यागी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा, सतना, शहडोल एवं उमरिया जिले में 2012 से 2015 तक किन-किन अधिवक्ताओं को शासकीय अधिवक्ता बनाया गया है, वर्गवार एवं प्रैक्टिस के अनुभव वर्ष के सहित जानकारी देवें? (ख) प्रशनांक (क) के संदर्भ में क्या आरक्षित वर्ग के अधिवक्ताओं को भी (अनु.जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग) नियुक्ति दी गई है जिलावार बताएँ? (ग) क्या शासकीय अधिवक्ताओं के नियुक्ति में आरक्षण का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या भविष्य में आरक्षण की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) रीवा जिले में श्री पवन कुमार दुबे, शासकीय अधिवक्ता अनुभव 22 वर्ष श्री अरूण कुमार शर्मा, शासकीय अधिवक्ता अनुभव 15 वर्ष, सतना में शासकीय अधिवक्ता पद रिक्त है, शहडोल में श्री सुरेश कुमार जेठानी, शासकीय अधिवक्ता विधि अनुभव 26 वर्ष, उमरिया में दिनेश कुमार त्रिपाठी अनुभव 20 वर्ष (ख) जी नहीं। (ग) जी नहीं। शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति राज्य शासन द्वारा एक वर्ष के लिये की जाती है। शासकीय अधिवक्ता का पद स्थायी नहीं है। जी नहीं प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हैण्डपंपों का खनन
62. ( *क्र. 1026 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि प्रतिवर्ष लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा हैण्डपंपों का खनन किया जा रहा है? यदि हां, तो पिछले वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में गुना जिले में कितने हैण्डपंपों का खनन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार खनन किये गये हैण्डपंपों में से कितने हैण्डपंप चालू हैं तथा कितने खराब हैं? खराब हैण्डपंपों की मरम्मत किन कारणों से नहीं हो रही है? (ग) क्या जितने हैण्डपंप लगाये गये हैं उनके अनुपात में मैकेनिक है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2013-14 में 448 एवं 2014-15 में 261 कुल 709 नलकूपों का खनन हैण्डपंप स्थापना हेतु किया गया। (ख) उत्तरांश ''क'' के अनुसार खनित नलकूपों में से 673 सफल नलकूपों पर हैण्डपंप स्थापना का कार्य किया गया। इनमें से सभी हैण्डपंप चालू हैं। साधारण खराबी से बन्द होने पर तत्काल मरम्मत का कार्य कर हैण्डपंप को चालू कर दिया जाता है। हैण्डपंपों की मरम्मत कार्य एक सतत् प्रक्रिया है। (ग) जी हाँ।
ओला वृष्टि से पीडि़त कृषकों को सहायता राशि
63. ( क्र. 1032 ) श्री पन्नालाल शाक्य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि ओला वृष्टि से हुई हानि की पूर्ति हेतु कृषकों का मूल्यांकन कर पीडि़तों को सहायता राशि स्वीकृत करने के निर्देश है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो गुना जिले के ग्राम रिछेरा में पड़त व बंजर भूमि होने पर भी सर्वे क्रमांक 280/2, 24, 63/3, 14/11, 63/2, 296, 321/1, 321/2, 1/8, 62/2/1, 62/3/2क, 270/2/क, 280/1, 27/2, 62/3 ख, 317, 270/ख, 304/1, 298, 299 एवं 307 में राशि रूपये 386292/- का पटवारी व राजस्व कर्मचारी द्वारा मिलकर जिन किसानों की फसल का नुकसान नहीं हुआ उन्हें अनुचित लाभ दिया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम रिछेरा में पड़त भूमि का अनुचित लाभ नहीं दिया गया। सर्वे नम्बर 24, 62/1/2, 63, 380 एवं 317 में पुनः जाँच में फसल इन्द्राज में आंशिक गलती पाई गई थी, जिसमें तत्कालीन पटवारी को तत्काल निलंबित किया गया था, जिसकी विभागीय जाँच प्रचलित है।
आश्रय स्थलों का संचालन
64. ( क्र. 1063 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला सशक्तिकरण विभाग के अंतर्गत कटनी जिले में कितने आश्रय स्थल, किन-किन अशासकीय संस्थाओं द्वारा किन-किन के लिये, कहां-कहां, कब से संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत बताये कि इन आश्रय स्थलों के संचालन हेतु कब, किन शर्तों के आधार पर विभाग द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी, संस्थाओं के पास उपलब्ध सुविधाओं, संसाधनों के ब्यौरों सहित विभाग से किये गये अनुबंध की प्रतियां प्रदत्त करें एवं बताये कि इन संस्थाओं को आश्रय स्थल के संचालन हेतु शासन/विभाग द्वारा क्या-क्या सुविधायें एवं कितनी अनुदान राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है? संस्थावार बतायें। (ग) कटनी जिले में चाइल्ड हेल्प लाइन का संचालन किस अशासकीय संस्था द्वारा किया जा रहा है, इनके द्वारा क्या कार्य किये जाते हैं, संस्था में कौन-कौन व्यक्ति कार्यरत हैं एवं विभाग द्वारा दी गई सुविधायें एवं प्रतिवर्ष दी जा रही अनुदान राशि का ब्यौरा देवें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संदर्भ में बताये कि इन संस्थाओं द्वारा संचालित आश्रय स्थलों एवं कार्यों की मॉनीटरिंग एवं निरीक्षण के क्या प्रावधान हैं। वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनाँक तक किन-किन के द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) स्वीकृति आदेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। संस्थाओं के पास उपलब्ध सुविधाएं पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'स' अनुसार है। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'द' अनुसार है। संस्थावार जारी अनुदान राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'य' अनुसार है। (ग) कटनी जिले में चाइल्ड हेल्प लाइन का संचालन भारत ज्ञान विज्ञान समिति जबलपुर द्वारा किया जा रहा है। चाइल्ड हेल्प लाइन 24x7 घन्टे विपत्ति ग्रस्त बालकों के कल्याण हेतु कार्य करती है। संस्था में कार्यरत व्यक्तियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'र' अनुसार है। चाइल्ड हेल्प लाइन को विभाग द्वारा कोई सुविधा/अनुदान प्रदान नहीं की जा रही है। (घ) किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2000 एवं मध्यप्रदेश नियम 2003/ केन्द्रीय नियम 2007 के प्रावधानों के तहत संचालनालय एवं जिला स्तर से मानिटरिंग एवं निरीक्षण किये जाते है। वर्ष 2013-14 से किये गये निरीक्षणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ल' अनुसार है।
धुलकोट नवीन तहसील का गठन
65. ( क्र. 1067 ) श्री राजेन्द्र श्यामलाल (राजू भैया) दादू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन तहसील के गठन हेतु क्या-क्या मापदंड है? (ख) जिला बुरहानपुर की तहसील नेपानगर का कुल क्षेत्रफल, ग्राम संख्या एवं जनसंख्या कितनी है। (ग) क्या तहसील नेपानगर से पृथक धुलकोट को तहसील बनाये हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (घ) नहीं तो धुलकोट क्षेत्र से नेपानगर की अधिक दूरी एवं तहसील नेपानगर के विस्तृत क्षेत्रफल, प्रशासकीय कार्य के आधिक्य के दृष्टिगत धुलकोट को तहसील बनाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? अवधि बतावें।
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) तहसील के गठन हेतु मापदण्ड निर्धारण हेतु कोई नीतिगत निर्णय नहीं है। (ख) जिला बुरहानपुर की तहसील नेपानगर का कुल क्षेत्रफल 38.491 हैक्टर है। ग्रामों की संख्या 89 है। जिसमें राजस्व ग्रामों की संख्या 66 व वनग्रामों की संख्या 23 है एवं कुल जनसंख्या 190999 है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्नांश 'ग' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पाटन विधानसभा अंतर्गत संचालित नल जल योजनाएं
66. ( क्र. 1082 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी नल जल योजनाएं स्वीकृत हैं? ग्रामवार सूची देवें। इन स्वीकृत कितनी नल-जल योजनाओं का कार्य पूर्ण होकर पंचायतों को सौंप दिया गया है एवं कितनी किन-किन कारणों से अपूर्ण हैं एवं ये कब तक पूर्ण की जायेगी? (ख) ग्राम पंचायतों को सौंपी गई नल-जल योजनाओं में से कितनी संचालन में हैं एवं कितनी, किन कारणों से बंद हैं? उनको कब तक चालू कर दिया जाएगा? (ग) वित्त वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 की कार्ययोजना में पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने नल कूप (हैण्ड पंप) कहां-कहां पर प्रस्तावित थे? वर्षवार सूची देवें। (घ) प्रश्नांक (ग) में प्रस्तावित नल कूपों (हैण्ड पंप) में से कहां-कहां पर खनन किया गया एवं कितने प्रस्तावित नल कूपों (हैण्ड पंप) का खनन किन कारणों से नहीं हो पाया है? वर्षवार सूची देवें।
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 102 नलजल योजनाएं स्वीकृत है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -1 के अनुसार है। इन स्वीकृत नलजल योजनाओं में से 93 योजनाओं का कार्य पूर्ण कर पंचायतों को सौंप दिया गया है एवं शेष 9 प्रगतिरत नलजल योजनाओं (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -2) के कार्य वित्तीय वर्ष 2015-16 में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। (ख) ग्राम पंचायतों को सौपी गयी 93 नलजल योजनाओं में से 73 नलजल योजनाएं संचालन में है एवं 20 नलजल योजनाएं बंद है। 20 बंद नलजल योजनाओं में से 9 नलजल योजनाएं मोटर पंप की खराबी एवं 11 नलजल योजनाएं पाईप लाईन क्षतिग्रस्त होने से बंद है। नलजल योजनाओं को ग्राम पंचायतो द्वारा चालू किया जाना है। विभाग द्वारा समय सीमा नहीं बताई जा सकती है। (ग) पाटन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 में 44 एवं 2015-16 में 64 इस प्रकार कुल 108 नलकूप खनन कार्य योजनाओं में प्रस्तावित थे। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -3 के अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में प्रस्तावित 108 नलकूपों (हैण्डपंप) में से 66 नग नलकूपों (हैण्डपंप) खनन कार्य किया जा चुका है एवं शेष 42 नलकूपों का खनन वित्तीय वर्ष 2015-16 में किया जाना प्रस्तावित है। वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -3 के अनुसार है।
पाटन विधान सभा अंतर्गत घटित अपराधों पर कार्यवाही
67. ( क्र. 1086 ) श्री नीलेश अवस्थी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पाटन विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनाँक तक कहां-कहां पर कौन-कौन से अपराध घटित हुये एवं किस थाने में पंजीबद्ध कर F.I.R. दर्ज की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन प्रकरणों में गिरफ्तारी करना शेष हैं? थानावार बताएं कि वित्तीय वर्ष में कितने प्रकरण विवचना उपरांत न्यायालय में प्रस्तुत हुए कितने प्रकरण विवचनाधीन है? (ग) पाटन विधान सभा अंतर्गत आने वाले थानों में कुल कितना बल स्वीकृत है एवं स्वीकृत बल के विरूद्ध कितना बल पदस्थ है? (घ) प्रश्नांक (ग) में उल्लेखित पदस्थ बल के विरूद्ध कब-कब किसके द्वारा क्या-क्या शिकायतें शासन को की गई? इन शिकायतों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’ब’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’स’ अनुसार है।
सीहोर जिले की पेयजल व्यवस्था
68. ( क्र. 1107 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सीहोर जिले में किन-किन ग्रामों में नलजल योजना के माध्यम से जलप्रदाय की व्यवस्था की गयी है? किन-किन ग्रामों में यह व्यवस्था किन-किन कारणों से ठप्प पड़ी हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) ठप्प पड़ी योजना के सुचारू संचालन हेतु विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है? कब तक इन ग्रामों में यह व्यवस्था सुचारू रूप से पुन: संचालित होने लगेगी? (ग) क्या सीहोर जिले के इछावर विधान सभा के प्रत्येक ग्रामों में पेयजल की व्यवस्था हेतु पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो कब तक संसाधन उपलब्ध कर पेयजल उपलब्ध हो पायेगा? (घ) क्या सीहोर जिले के इछावर विधानसभा में सभी ग्रामों में उपलब्ध पेयजल हेतु पानी उचित गुणवत्ता का है? कितने ग्रामों में इसकी जाँच की गयी? यदि कमी पायी तो क्या कदम उठाये गये?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। सीहोर जिले के इछावर विधानसभा क्षेत्र के कुल 271 ग्रामों में से ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के वर्तमान मापदण्डानुसार 180 ग्राम ''पूर्ण आच्छादित'' श्रेणी के तथा 91 ग्राम ''अंशतः आच्छांदित'' श्रेणी के हैं। ''अंशतः आच्छांदित'' श्रेणी के ग्रामों में से चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में 51 ग्रामों में पेयजल संसाधन उपलब्ध कराना लक्षित है, जिसमें से 23 ग्रामों में इस वित्तीय वर्ष में पेयजल संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। शेष 68 ग्रामों में से चालू वित्तीय वर्ष में 28 ग्रामों में तथा 40 ग्रामों में अगले वित्तीय वर्षों में विभागीय कार्य योजनान्तर्गत आवश्यकतानुसार पेयजल संसाधन उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। (घ) जी हाँ। इछावर विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों के समस्त पेयजल स्त्रोतों की जाँच की जा चुकी है। सीहोर जिले के विधानसभा क्षेत्र इछावर के 271 ग्रामों में से 58 ग्रामों के पेयजल स्त्रोत गुणवत्ता प्रभावित पाये गए थे। गुणवत्ता प्रभावित ग्रामों में गुणवत्ता प्रभावित स्त्रोतों के स्थान पर वैकल्पिक शुद्ध पेयजल स्त्रोत विकसित किए गए हैं। गुणवत्ता प्रभावित ग्रामों में विभिन्न प्रकार के उपलब्ध कराए गए वैकल्पिक शुद्ध पेयजल स्त्रोतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
डायल-100 योजना वाहनों का क्रय
69. ( क्र. 1108 ) श्री शैलेन्द्र पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) डॉयल 100 योजना के अंतर्गत सरकार ने कितने वाहन किस कंपनी के क्रय करने की योजना बनायी है? इन वाहनों की क्या कीमत है? किस फर्म द्वारा यह वाहन प्रदाय किये जायेंगे? (ख) क्या वाहन क्रय हेतु खुली निविदायें आमंत्रित की गयी थी और कौन-कौन से संसाधनों की क्रय करने की योजना विभाग की है? (ग) इस योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक वाहन पर कितने और किस रैंक के पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे? क्या इस योजना हेतु पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जायेगी? यदि हाँ, हो किस श्रेणी के कितने पुलिसकर्मी नियुक्त किये जायेंगे? (घ) सीहोर जिले में जनसंख्या के मान से कितने पुलिसकर्मी कार्यरत हैं और क्या ये पुलिसकर्मी जनसंख्या के मान से पर्याप्त हैं? यदि नहीं, तो पूर्ति हेतु क्या प्रयास किये जा रहे है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) डायल-100 योजना के अंतर्गत वाहन क्रय किये जाने की कोई योजना नहीं है। वाहन किराये पर लिये जाने की योजना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश ’क’ के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रत्येक वाहन पर प्रति पाली न्यूनतम 2 पुलिस कर्मचारी के मान से 3 पालियों हेतु कुल 6 पुलिस कर्मचारी तैनात किये जावेंगे। इस योजना हेतु पृथक से पुलिस कर्मियों की नियुक्ति नहीं की गयी है। जिलो में उपलब्ध पुलिस बलों से ही योजना का क्रियान्वयन किया जावेगा। (घ) सीहोर जिले में 838 पुलिस अधिकारी (आरक्षक से लेकर पुलिस अधीक्षक तक) कार्यरत है। मई 2015 में निम्नानुसार अतिरिक्त बल स्वीकृत किए गए हैः-1. निरीक्षक-04, 2.सुबेदार-01, 3. स्टेनो-01, 4. उप निरीक्षक-01, 5. सहा. उप निरीक्षक-09, 6. सहा. उप निरीक्षक (अ) -01, 7. प्रधान आरक्षक-12, 8. आरक्षक-21, 9. आरक्षक (बालक) -01, कुल योग-51 वित्तीय संसाधनो की उपलब्धता के अनुसार बल वृद्धि के निरन्तर प्रयास किये जा रहे है।
भिण्ड जिले में संचालित नल-जल योजनाएं
70. ( क्र. 1119 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भिण्ड जिले में कितनी नल-जल योजनाएं प्रश्न दिनाँक तक संचालित की जा रही हैं? ग्रामवार जानकारी दें? 1 जनवरी 2013 से प्रश्न दिनाँक तक कितने-कितने हैण्डपंप लगाए गए? तहसीलवार, संख्यावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिले में किन-किन ग्रामों में 1 जनवरी, 2013 से प्रश्न दिनाँक तक नवीन नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गयी हैं? ग्रामवार, लागतवार जानकारी दें? किन-किन स्थानों पर कार्य शुरू हो गया है? कहां-कहां नहीं हुआ है? क्यों नहीं हुआ है? कारण सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत ऐसे कितने ग्राम हैं जहां पर पूर्व से नल-जल योजनाएं संचालित थी और उसी ग्राम में नवीन योजना भी स्वीकृत की गई है? कारण सहित ग्रामवार लागतवार जानकारी दें? प्रश्न दिनाँक तक कितने हैण्डपंप सूख गये हैं, कितने चल रहे हैं? ब्लाकवार, संख्यावार जानकारी दें।
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 207 नलजल योजनायें संचालित की जा रही हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ख'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ग'' अनुसार है। (ग) जी नहीं, जनसंख्या वृद्धि के कारण जल की बढ़ी हुई मांग की आपूर्ति हेतु आवर्धन योजना तैयार की गई हैं, जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''घ'' एवं ''ड.'' अनुसार है।
आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण
71.
( क्र.
1120
) चौधरी
मुकेश सिंह
चतुर्वेदी :
क्या महिला
एवं बाल विकास
मंत्री
महोदया यह बताने
की कृपा
करेंगी कि (क)
भिण्ड जिले
में प्रश्न
दिनाँक तक कुल
कितनी
आंगनवाड़ी
संचालित की जा
रही है? कितनी
आंगनवाडियों
के पास स्वयं
के भवन हैं? कितनी
आंगनवाड़ी
किराये के भवन
में संचालित की
जा रही हैं? आंगनवाड़ी
केन्द्र के
लिए किराए पर
लिए भवन का
कितना किराया दिया
जाता है? ग्रामीण
/ शहरी की
अलग-अलग
जानकारी दें।
(ख) प्रश्नांश
(क) के तहत
आंगनवाड़ी
भवनों के
निर्माण के
लिए वित्तीय
वर्ष 2013-14, 14-15 में
केन्द्र /
राज्य / अन्य
से
कितनी-कितनी
राशि प्राप्त
हुई है? (ग) प्रश्नांश
(ख) के तहत
एजेंसियों से
आवंटित बजट से
विभाग ने
कितने
आंगनवाड़ी
भवनों का
निर्माण करा
लिया है, कितने
अधूरे हैं, कितने
भवनों का
निर्माण
कार्य शुरू
नहीं हुआ है? क्यों
नहीं हुआ है? कारण
दें।
महिला
एवं बाल विकास
मंत्री (
श्रीमती माया
सिंह ) : (क)
भिण्ड़ जिले
में प्रश्न
दिनाँक तक कुल
2022
आंगनवाड़ी
संचालित की जा
रही है। इनमें
से 382
आंगनवाडियों
के पास स्वयं
के भवन है एवं 635
आंगनवाड़ी
किराये के
भवनों में
संचालित की जा
रही है। शेष 1005
आंगनवाड़ी
केन्द्र अन्य
शासकीय भवनों
में संचालित
है।
आंगनवाड़ी
केन्द्र के
लिये किराये
पर लिये गये
भवन का किराया
ग्रामीण
क्षेत्रों
में रू. 750/- प्रतिमाह
एवं शहरी
क्षेत्र में
रू. 3000/-प्रतिमाह
का प्रावधान
है। (ख) भिण्ड
जिले को वित्तीय
वर्ष 2013-14 एवं 2014-15
में
निम्नानुसार
राशि प्राप्त
हुई हैः-वर्ष प्राप्त
राशि योजना का
नाम स्वीकृत
भवनों की संख्या
2013-14
18720000 13वां
वित्त 64 2013-14 133890750
आईसीडीएस
मिशन 321 2013-14 23048091
एमपीएचएसआरपी
40
2014-15 2743909
अन्य (ग)
वित्तीय वर्ष 2013-14
एवं 2014-15
में जिले में
प्राप्त राशि
से 425
आंगनवाड़ी
भवनों की
स्वीकृति
प्रश्नांश ‘ख ‘ अनुसार
दी गई है।
इनमें से
निर्माण
ऐजेंसियों
द्वारा कुल 02
आंगनवाड़ी
भवन पूर्ण
किये गये 68
आंगनवाड़ी
भवन
निर्माणाधीन
है एवं 355
आंगनवाड़ी
भवन भूमि
विवाद/भूमि की
अनुपलब्धता
एवं पंचायत
चुनाव के कारण
अप्रारंभ है।
कृत्रिम गर्भाधान से नस्ल सुधार
72. ( क्र. 1127 ) पं. रमेश दुबे : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में विगत तीन वर्षों में कृत्रिम गर्भाधान में प्रयुक्त होने वाला सांड़ बीज अथवा कृत्रिम बीर्य की मात्राएं कब-कब, कहां-कहां से कितनी प्राप्त हुई अथवा प्राप्त की गयी जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्राप्त सांड़ बीज अथवा कृत्रिम बीर्य कहां-कहां पर उपयोग किया गया नस्लवार, ग्रामवार, विकासखण्डवार पशुमालिकों के नाम पता सहित जानकारी दें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में शेष बचे सांड़ बीज अथवा कृत्रिम बीर्य की जानकारी देते हुए यह बतावें कि यह कहां पर सुरक्षित रखा गया है तथा अब तक उपयोग नहीं करने के क्या कारण है? (घ) यह भी बतावें कि क्या प्रत्येक पशुमालिक अपने पशुओं के लिए सांड़ बीज अथवा कृत्रिम बीर्य की मांग कर सकता है अथवा इसके लिए कोई पात्रता निर्धारित की गयी है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अ एवं 1 ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है। हिमीकृत वीर्य का उपयोग आवश्यकतानुसार कृत्रिम गर्भाधान हेतु संस्थाओं द्वारा किया जाता है एवं शेष वीर्य की मात्राएं तरल नत्रजन में तकनीकी विधि से सुरक्षित रखी जाती है। (घ) जी हाँ। हिमीकृत वीर्य का उपयोग पशुमालिक की मांग पर उसके पशु में कृत्रिम गर्भाधान हेतु किया जाता है।
छात्रावासों में पेयजल व्यवस्था
73. ( क्र. 1128 ) पं. रमेश दुबे : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग छिन्दवाड़ा को सर्व शिक्षा अभियान के तहत छिन्दवाड़ा जिले के किन-किन शालाओं, छात्रावासों में पेयजल की व्यवस्था हेतु विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि उपलब्ध करायी गयी? उपलब्ध राशि से क्या संबंधित शालाओं अथवा छात्रावासों में पेयजल सुविधा विधिवत् उपलब्ध करा दी गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? विलंब के लिए कौन लोग जिम्मेदार है? (ख) बालिका छात्रावास चौरई के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत कितनी राशि कब लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को उपलब्ध करायी गयी थी? क्या इस राशि से छात्रावास परिसर में बोर करा दिया गया है? यदि हाँ, तो कब और कितने फुट गहरा बोर करवाया जाकर कितनी राशि खर्च की गयी? (ग) क्या उक्त बोर के साथ मोटर पंप एवं पाईप लाईन बिछाकर छात्रावास में पेयजल व निस्तार का पानी पहुँचाने का भी प्रावधान था? यदि हाँ, तो अब तक मोटर पंप नहीं डालने, पाईप लाईन नहीं बिछाने तथा पेयजल/निस्तार का पानी छात्रावास में नहीं पहुँचाने के क्या कारण है? (घ) क्या शासन उक्त के संबंध में जिम्मेदारी नियत कर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करने तथा छात्रावास परिसर में किये गये बोर में मोटर पंप स्थापित करवाकर पाईपलाईन बिछाकर छात्राओं को पेयजल/निस्तार का पानी शीघ्र उपलब्ध कराने का आदेश देगा यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। कोई दोषी नहीं है। (ख) बालिका छात्रावास चौरई के लिये सर्व शिक्षा अभियान के तहत् माह जून 2013 में रूपये 1.685 लाख की धनराशि स्वीकृति प्राप्त हुई थी। स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत माह जून 2013 में 703 फिट (213 मीटर) गहरा नलकूप का खनन करवाया गया। इस कार्य पर रूपये 1.685 लाख की धनराशि व्यय हुई। (ग) जी हाँ। खनित नलकूप में मोटर पम्प हेतु पर्याप्त जलक्षमता प्राप्त न हो पाने के कारण मोटर पंप डालने तथा पाईप लाईन बिछाने का कार्य सम्पन्न नहीं कराया गया है। (घ) प्रश्नांश-''ग'' के परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। नगर पालिका परिषद चौरई के ग्राम लक्खापिपरिया स्थित नलकूप स्रोत से पाईप लाईन द्वारा, छात्रावास परिसर में स्थापित एच.डी.पी.ई. टैंक भरकर पेयजल व्यवस्था की गई है।
पशुपालन विभाग में संचालित योजनाएं
74. ( क्र. 1131 ) श्री मधु भगत : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) पशुपालन विभाग के अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य, दायित्व तथा योजनाएं प्रचलित है, इनके लिये वित्तीय वर्ष 01.04.2013 से 30.03.2015 तक कितनी राशि, केन्द्र सरकार से कितनी राशि म.प्र. शासन ने किस-किस योजना, कार्य, मद, शीर्ष, निर्माण कार्य हेतु प्रदाय की? (ख) बालाघाट जिले में प्राप्त बजट से क्या-क्या कार्य कहां किये गये, तथा प्रदेश स्तर से कितनी दवाईयां, सामग्री इत्यादि प्रदाय की गई, उसकी मात्रा गुणवत्ता, कीमत तिथि सहित बतायें? (ग) प्रदेश स्तर पर जो दवाईयां, उपकरण सामग्री, खरीदी गई है? कहां-कहां से कब, किस फर्म से कितनी मात्रा में खरीदी गई? उसकी गुणवत्ता तथा स्पेसिफिकेशन से होने का क्या प्रमाण है? (घ) क्या क्रय में भंडार उप नियमों का पालन किया गया? (ड.) क्या कार्य में गुणवत्ता में अनियमितता के प्रकरण सामने आये? यदि हाँ, तो बतायें क्या-क्या?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''अ'' एवं ‘‘ब’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''स'' अनुसार है। मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ द्वारा डेयरी गतिविधियों के अंतर्गत 15 दुग्ध समिति गठित की गई एवं 16 दुग्ध समितियों में पशु उपचार शिविर आयोजित किए गए। जिले को प्रदेश स्तर से प्रदाय की गई सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–''द'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-''इ'' अनुसार है। मध्यप्रदेश शासन, पशुपालन विभाग द्वारा 12 जून 2012 को जारी औषधि क्रय नीति की कंडिका 8.6, 8.7, 8.8, 8.9, 8.10 एवं 8.11 के अंतर्गत औषधि की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाती है। अनुमोदित किए जा रहे उपकरण स्पेसिफिकेशन अनुसार हो इस हेतु संचालनालय द्वारा गठित समिति द्वारा सैम्पल एवं कैटलॉग से मिलान किया जाता है तदुपरांत ही दरों का अनुमोदन किया जाता है तथा उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदाय सामग्री का मिलान दिए गए स्पेसिफिकेशन से कर देयकों को सत्यापित करने के उपरांत ही भुगतान हेतु संचालनालय को प्रेषित किए जाते है। मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम द्वारा क्रय की गई सामग्री निविदा प्रक्रिया द्वारा अनुमोदित दरों तथा समितियों द्वारा तकनीकी गुणवत्ता के परीक्षण एवं स्पेसिफिकेशन के अनुरूप पाए जाने पर ही क्रय की गई है। (घ) जी हाँ। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन पशु औषधालय की स्वीकृति
75. ( क्र. 1141 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राजगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत तहसील मुख्यालय ब्यावरा से सुठालिया के मध्य 26 कि.मी. एवं सुठालिया से लखनवास के मध्य 40 कि.मी. की परिधि में आने वाले लगभग 75-80 ग्रामों के पशुपालकों को अपने पशुओं के उपचार हेतु पशु चिकित्सालय ब्यावरा एवं सुठालिया में पदस्थ चिकित्सकों को अपने ग्रामों में लाकर उपचार कराना पड़ता है तथा अधिकतर रोगी पशुओं की त्वरित चिकित्सक के अभाव में मृत्यु हो जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ब्यावरा से सुठालिया के मध्य ग्राम गिन्दौरहाट तथा सुठालिया से लखनवास के मध्य ग्राम सेमलापार में नवीन पशु औषधालय की स्वीकृति हेतु क्षेत्रीय पशुपालकों एवं प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी एवं माननीय विभागीय मंत्री जी से निरंतर आग्रह किया गया है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन पशुपालकों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुये उनकी पुरजोर मांग पर उक्त स्थानों पर नवीन पशु औषधालयों की स्वीकृति इसी सत्र में प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राजगढ जिले के विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के अंतर्गत तहसील मुख्यालय ब्यावरा से सुठालिया के मध्य पशु औषधालय नापानेरा संचालित है जो कि पशु चिकित्सालय ब्यावरा से लगभग 14 कि.मी.तथा पशु चिकित्सालय सुठालिया से लगभग 12 कि.मी. दूरी पर स्थित है। पशु चिकित्सालय सुठालिया से 40 कि.मी. की परिधि में पशु औषधालय लखनवास तथा पशु औषधालय टोडी संचालित है। पशु औषधालय टोडी पशु चिकित्सालय सुठालिया से 12 कि.मी. तथा पशु औषधालय लखनवास से 28 कि.मी.दूरी पर स्थापित है। संबंधित क्षेत्रों में पशुओं में बीमारी की सूचना प्राप्त होने पर चल पशु चिकित्सालय के माध्यम से उपचार की सुविधा प्रदान की जाती है। आवश्यकता पडने पर निकटस्थ संस्था के चिकित्सा दल द्वारा तत्काल सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। (ख) प्रश्नांक (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी विभाग को नहीं है। (ग) विभागीय मापदण्ड अंतर्गत एवं वंटन उपलब्धता की दशा में नवीन पशु औषधालय की स्थापना की जाती है। समय सीमा निर्धारित नहीं है।
ब्यावरा देहात थाना में भवन की स्वीकृति
76. ( क्र. 1144 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1186 दिनाँक 23 फरवरी 2015 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि पुलिस आधुनिकीकरण योजना वर्ष 2014-15 के अंतर्गत थाना देहात ब्यावरा भवन की स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति की प्रति सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त स्वीकृति अनुसार प्रथम अनुपूरक बजट 2015-16 में भवन निर्माण हेतु आवश्यक स्वीकृत राशि का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों तथा क्या प्रस्तावित थाना भवन निर्माण हेतु भूमि का आवंटन प्राप्त हो चुका है? (ग) क्या देहात ब्यावरा के अंतर्गत 60-65 ग्राम आते है एवं उक्त थाना वर्तमान में अस्थाई हाईवे चेक पोस्ट के दो पुराने कमरों में संचालित हो रहा है तथा जिसमें विभागीय सामग्री व कार्यालयीन कामकाज भी ठीक प्रकार से नहीं हो पा रहा है? यदि हाँ, तो क्या शासन इसी अनुपूरक बजट में देहात थाना ब्यावरा भवन निर्माण कार्य हेतु आवश्यक राशि की स्वीकृति प्रदान कर निर्माण करवाऐगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’अ’ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में गये परिशिष्ट ’ब’ अनुसार। निर्माण कार्य हेतु भूमि उपलब्ध है। (ग) जी हाँ। प्रावधान प्रश्नांश ’ख’ अनुसार।
प्रदेश में अपराधों की संख्या में वृद्धि
77. ( क्र. 1147 ) श्री आरिफ अकील : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में गोली चालन, अपहरण, हत्या व हत्या के प्रयास, बलवा, लूट जान से मारने की धमकी, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो बढ़ रहे अपराधों पर नियंत्रण करने हेतु शासन द्वारा क्या योजना बनाई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2004 से प्रश्न दिनाँक की स्थिति में यह अवगत करावें कि किस-किस वर्ष में अपराधों में वृद्धि हुई और वृद्धि के क्या कारण रहे? क्या यह सही है कि शासन द्वारा दिन-ब-दिन अपराधों पर नियंत्रण करने हेतु अत्याधुनिक संसाधनों की पूर्ति की जाती रही है? (ग) यदि हाँ, तो अपराधों पर नियंत्रण करने हेतु उपलब्ध संसाधनों का समय पर उपयोग नहीं कर पाने के लिए कौन-कौन दोषी है और अपराधों में वृद्धि के मुख्य क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) प्रदेश में प्रश्नांकित अपराध गोली चालन, बलवा, अपहरण, हत्या, लूट, बलात्कार, सामूहिक बलात्कार के मामलें में वर्ष 2004 की तुलना में बाद में कुछ वर्षों में आंशिक वृद्धि एवं अन्य वर्षों में कमी परिलक्षित हुई है जबकि हत्या के प्रयास के प्रकरणों में क्रमशः कमी परिलिक्षित हुई है। विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अपराधों पर नियंत्रण हेतु विगत वर्षों में पुलिस बल में वृद्धि की गयी है। नये पुलिस थानों और पुलिस चौकियों को स्वीकृत किया गया है, एवं पुलिस बल को आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। (ख) प्रश्नांश का उत्तर परिशिष्ट में समाहित है। प्रदेश में विगत कुछ वर्षों में प्रश्नांकित अपराध शीर्षों में वृद्धि के मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विधिक न्याय दृष्टांतों में अपराध पंजीयन संबंधी दिये गये आदेशों एवं विगत वर्षों में हुए भारतीय दण्ड संहिता संशोधन का क्रियान्वयन करने से अपराधों के पंजीकरण में वृद्धि परिलक्षित होती है। जी हाँ, संसाधनों का समुचित उपयोग अपराधों के नियंत्रण हेतु किया जा रहा है। (ग) प्राप्त संसाधनों का अपराधों के नियंत्रण हेतु प्रभावी उपयोग किया जा रह है, अतः इस संबंध में दोष निर्धारण के कोई आधार नहीं है। प्रश्नांश ’ग’ के शेष भाग का उत्तर प्रश्नांश ’ख’ के उत्तर में समाहित है।
बैतूल विकासखंड की पेयजल योजना की स्वीकृति
78. ( क्र. 1153 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या बैतूल जिले के बैतूल विकासखंड में 35 ग्रामों से संबंधित पेयजल योजना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो योजना कितनी लागत की है तथा कब तक इस योजना की स्वीकृति दी जाकर कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। बैतूल विकासखण्ड के कुल 38 ग्रामों के लिये समूह जलप्रदाय योजना प्रस्तावित है। (ख) प्रस्तावित योजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अतः लागत एवं योजना को स्वीकृत कर प्रारंभ करने की समय सीमा नहीं बताई जा सकती है।
बैतूल जिले में थाने एवं चौकियों की स्वीकृति
79. ( क्र. 1154 ) श्री हेमन्त विजय खण्डेलवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में पुलिस विभाग के कितने नए थाने एवं पुलिस चौकी खोला जाना प्रस्तावित है, स्थलवार जानकारी देवें? (ख) यदि हाँ, तो इन पुलिस थानों एवं पुलिस चौकियों को कब तक स्वीकृत कर दिया जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) बैतूल जिले में निम्नानुसार थानें एवं पुलिस चौकियाँ खोली जाना प्रस्तावित है- (1) नवीन यातायात पुलिस चौकी सदा प्रसन्नघाट, ग्राम गौनापुर। (2) नवीन पुलिस चौकी ग्राम दुनावा। (ख) विभागीय आदेश दिनाँक 18.08.2013 द्वारा यातायात पुलिस चौकी सदा प्रसन्नघाट, ग्राम गौनापुर एवं विभागीय आदेश दिनाँक 18.05.2015 द्वारा ग्राम दुनावा में नवीन पुलिस चौकियों की स्वीकृति जारी की गयी है।
महिदपुर वि.स. क्षेत्र की संचालित नलजल योजनाएं
80. ( क्र. 1157 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर वि.स.क्षेत्र में विभाग द्वारा संचालित नल जल योजनाओं की अद्यतन स्थिति बतावें? (ख) यह भी बतावें की वर्तमान में कितने स्थानों पर अपूर्ण कार्य है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 45 नलजल योजनायें विभाग द्वारा क्रियान्वित होकर ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित हैं। जिनमें से 39 योजनाऐं चालू एवं 6 योजनाऐं बंद है। 6 बंद योजनाओं में से 5 योजनाएं पंचायत द्वारा संचालित न करने के कारण एवं 1 योजना मोटर पंप नलकूप में फंसे होने के कारण बंद है। (ख) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में 6 नलजल योजनाओं का कार्य प्रगतिरत हैं। (ग) उपरोक्त प्रगतिरत 6 नलजल योजनाओं में से 4 योजनाएं वित्तीय वर्ष 2015-16 में एवं 2 योजनाएं वित्तीय वर्ष 2016-17 में पूर्ण कर ली जावेंगी।
सुपरवाइजर के रिक्त पदों की पूर्ति
81. ( क्र. 1158 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में परियोजना क्रं-1 एवं 2 में सुपरवाइजर के कितने पद रिक्त हैं? (ख) इनकी पूर्ति कब तक कर ली जावेगी? समय सीमा बतावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में परियोजना क्रमांक 01 में सुपरवाइजर के 03 पद एवं परियोजना क्रमांक 02 में सुपरवाजर के 02 पद रिक्त है (ख) शासकीय सेवको की सेवानिवृत्ति, पदोन्नति इत्यादि से पद रिक्त होते है तथा सीधी भर्ती एवं पदोन्नति के माध्यम से इनकी निरन्तर पूर्ति होती है। इस प्रकार पदो की रिक्ति एवं पूर्ति निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। अतः पदों की पूर्ति हेतु समय सीमा दिया जाना संभव नहीं हैं।
बड़वानी जिले की फत्यापुर नर्सरी में अनुदान राशि में अनियमितता
82. ( क्र. 1159 ) श्री बाला बच्चन : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) बड़वानी जिले की फत्यापुर नर्सरी से दिनाँक 01.01.2013 से 15.06.2015 तक कितने हितग्राहियों ने किस प्रकार के पौधे के लिए, अनुदान राशि प्राप्त की? (ख) यह भी बतावें कि उपरोक्त समयावधि में निजी फर्मों के बैंक खातों में विभाग द्वारा कितने हितग्राहियों के लिए अनुदान राशि आवंटित की गई? (ग) ग्राम-नलवाय तह: अंजड जिला-बड़वानी के मोहब्बत सिंह पिता गणपत सिंह को किस आधार पर 15, 000 रू. अनुदान राशि दी गई जबकि उन्हें पात्रता 45, 000रू. की थी? (घ) बिलों में हेर-फेर करके अनुदान राशि में भ्रष्टाचार करने वाले संबंधित अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही कर हितग्राहियों को अनुदान की पूरी राशि दिलवाएगा?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) 226 हितग्राहियो को आम कलमी, अमरूद कलमी, अमरूद बीजू, नीबू बीजू, केला टिश्यू कल्चर, पपीता ताईवान पौधों के लिये अनुदान दिया गया। (ख) 137 हितग्राहियों के लिए अनुदान राशि आवंटित की गई। (ग) जी नहीं। योजना के प्रावधान अनुसार स्वीकृत अनुदान राशि रूपये 37500/- का भुगतान किया गया। (घ) प्रश्नांश ’ग’ में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आंगनवाड़ी केन्द्रों पर देयक सुविधायें
83. ( क्र. 1171 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्द्रों में क्या-क्या सुविधायें जैसे-पेयजल, शौचालय आदि दी जाती हैं, की सूची उपलब्ध करावें? (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी 07 जिला मुरैना के अंतर्गत क्या-क्या सुविधाऐं दी जा रही हैं व क्या-क्या शेष हैं? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सुविधा हेतु महिला बाल विकास मुरैना द्वारा सुविधायें प्राप्त हेतु शासन स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही की, व शासन के द्वारा क्या-क्या निर्णय लिये गये?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विभागीय/शासकीय/अन्य शाला भवन/पंचायत भवन/किराये के भवन में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पेयजल एवं शौचालय की सुविधा प्रदान की जाती है। इस के अतिरिक्त आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से निम्नानुसार सुविधायें उपलब्ध कराई जाती है - (1) 06 माह से 03 वर्ष के बच्चों के लिये नाश्ता एवं गर्म पका हुआ पोषण आहार (2) 03 से 6 वर्ष के बच्चों के लिये टेक होम रॉशन। (3) गर्भवती, धात्री माताओं को टेक होम रॉशन (4) शाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा (5) मेंडिसिन किट (6) प्री-स्कूल किट (7) खाना खाने हेतु बर्तन, वाटर फिल्टर एवं दरी (8) स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से टीकाकरण (9) स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से गर्भवती महिलाओं को आयरन की टेबलेट (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी 07 जिला मुरैना के अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों पर उपरोक्त सुविधायें उपलब्ध है। आईसीडीएस योजना अन्तर्गत निर्धारित मापदण्डों एवं उपलब्ध राशि अनुसार समस्त जिलों को वर्णित सुविधाएं संचालनालय स्तर से उपलब्ध कराई जाती है। अतः शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्र
84. ( क्र. 1172 ) श्री बलवीर सिंह डण्डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र दिमनी 07 जिला मुरैना में भवन विहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु प्रश्न प्रस्तुत दिनाँक तक महिला बाल विकास मुरैना के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा कार्यवाही किस-किस स्तर पर की गई? (ख) कार्यवाही उपरांत कितने भवन विहीन आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण किये गये, व कितने शेष है?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा मुरैना जिले के विधान सभा क्षेत्र दिमनी 07 के भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु संचालनालय एकीकृत बाल विकास सेवा से समय-समय पर भवन स्वीकृति की मांग की गई तथा संचालनालय से पृथक-पृथक समय पर प्राप्त आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृतियों के आधार पर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से तकनीकी स्वीकृति प्राप्त कर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना के माध्यम से, कलेक्टर मुरैना से प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी करने की कार्यवाही की गई एवं परिणामस्वरूप विधान सभा क्षेत्र दिमनी में 76 आंगनवाड़ी भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन स्वीकृत किये गये। (ख) विभागीय अधिकारी/कर्मचारी द्वारा प्रश्नांश ‘क‘ अनुरूप की गई कार्यवाही उपरांत विधान सभा क्षेत्र दिमनी में भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु स्वीकृत 76 आंगनवाड़ी भवनों में से से 42 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है, 01 आंगनवाड़ी भवन का निर्माण छत स्तर तक व 03 आंगनवाड़ी भवन का निर्माण नींव स्तर तक किया गया तथा शेष 30 आंगनवाड़ी केन्द्रों के अप्रारंभ भवन की राशि आर.ईएस. को प्रदाय की गई है जिसके टेंडर हो चुके है।
सागर जिले के मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करना
85. ( क्र. 1177 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के कितने और कौन-कौन से मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 73 के अंतर्गत प्रकरण प्रचलित और लंबित हैं? (ख) बंदोबस्त अधिकारियों को इस संबंध में अधिकार प्राप्त होने के बावजूद भी इन प्रकरणों के निराकरण में असाधारण समय लगने के क्या-क्या कारण हैं? किन-किन तहसीलों के किन-किन अधिकारियों के समक्ष कितने-कितने प्रकरण कब से लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) वर्णित प्रकरणों के निराकरण में असाधारण विलंब हेतु कौन-कौन उत्तरदायी हैं? कब तक इन प्रकरणों का निराकरण कर दिया जाएगा? (घ) सागर जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन राजस्व ग्रामों के नक्शे जीर्ण-शीर्ण व अनुपयोगी हैं? इन्हें पुन: तैयार करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक नवीन नक्शे तैयार कर लिये जावेंगे?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सागर जिले के 13 मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाकर अभिलेख तैयार कराया जा चुका है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश 'क' एवं 'ख' अनुसार जानकारी निरंक है। (घ) सागर जिले की देवरी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 50 ग्रामों के नक्शे जीर्ण-शीर्ण हैं। जिन्हें वर्षाकाल में तैयार कराये जाने की योजना है।
उद्यानिकी योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता
86. ( क्र. 1178 ) श्री हर्ष यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या उद्यानिकी विभाग की विभिन्न योजनाओं का लाभ देने हेतु विभाग द्वारा हितग्राही कृषकों का पंजीयन कर लाटरी पद्धति से उनका चयन किया जाता है? संपूर्ण प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दें? (ख) सागर जिले में वर्ष 2013-14 व 2014-15 में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विकासखण्डवार कितने-कितने कृषकों का पंजीयन किया गया? हितग्राहियों के चयन हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई? लाटरी ड्रा कहां-कहां, कब-कब, किन-किन की उपस्थिति में निकाले गये? क्या इस प्रक्रिया में पंजीकृत कृषकों को शामिल किया गया? नहीं तो क्यों? (ग) क्या ड्रा प्रक्रिया का कोई पंचनामा/रिपोर्ट आदि तैयार की गई थी? यदि हाँ, तो प्रति दें? नहीं तो किस आधार पर चयन किया गया? हितग्राही चयन में की गई अनियमितताओं की जाँच क्या कराई जावेंगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -’ब’ अनुसार है। (ख) चयनित किये गये हितग्राहीयों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’अ’ अनुसार है। विकास खंडवार दिये गये लक्ष्यों से अधिक आवेदन प्राप्त होने से अब कम्प्यूट्रीकृत लाटरी पद्धति से हितग्राहीयों का चयन किया जाता है। लाटरी पद्धति का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ’ब’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’ब’ अनुसार है। हितग्राहियों के चयन में किसी प्रकार की अनियमितता नहीं की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मजरे-टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किया जाना
87. ( क्र. 1181 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले की मैहर तहसील में कौन-कौन से ऐसे मजरे-टोले हैं, जो अब तक राजस्व ग्राम घोषित नहीं हैं? इनकी जनसंख्या, क्षेत्रफल आदि का विवरण दें? (ख) मैहर तहसील के कौन-कौन से मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 73 के अंतर्गत प्रकरण प्रचलित या लंबित हैं? किस मजरे-टोले का प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? (ग) उक्त प्रकरणों के निराकरण के संपूर्ण अधिकार बंदोबस्त अधिकारी के पास होने के बाद भी इनके निराकरण में असाधारण समय लगने के क्या-क्या कारण हैं और कौन-कौन अधिकारी इस हेतु उत्तरदायी है? (घ) मैहर तहसील के मजरे-टोलों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) सतना जिले की मैहर तहसील अन्तर्गत ग्राम सोनवारी में मजरा झण्डहा टोला राजस्व ग्राम घोषित है। जिसकी जनसंख्या 1176 तथा क्षेत्रफल 227.449 हे. है। (ख) मैहर तहसील में अन्य कोई भी मजरा-टोला राजस्व ग्राम घोषित किये जाने हेतु प्रकरण लंबित नहीं है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नल जल योजनाओं का निर्माण व क्रियान्वयन
88. ( क्र. 1182 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र के किन-किन ग्रामों की नल जल योजनाओं मुख्यमंत्री पेयजल योजनाओं के प्रस्ताव अब तक तैयार किये गये है? कितनी-कितनी लागत के? इनमें से कितनी योजनायें स्वीकृत कर दी गई है? कितने प्रस्ताव कब से किस स्तर पर लंबित हैं और क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित योजनाओं में से किन-किन का निर्माण कार्य पूर्ण/प्रचलित है? इनकी वर्तमान भौतिक स्थिति क्या है? (ग) मैहर विकासखण्ड की पूर्व में निर्मित कौन-कौन सी नलजल योजनायें वर्तमान में किस-किस कारण से बंद हैं? इन्हें पुन: आरंभ कराये जाने की क्या योजना है? (घ) नल जल योजनाओं के लंबित प्रस्तावों को कब तक स्वीकृत किया जावेगा? स्पष्ट समय सीमा बतावें?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मुख्यमंत्री पेयजल योजना 31 मार्च 2014 को समाप्त हो चुकी है। अतः अब उक्त योजना के तहत प्रस्ताव तेयार करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। नवीन दिशा-निर्देशों के तहत् मैहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 13 ग्रामों, जिनकी सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, की नलजल योजनायें बनाई गई हैं। नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार बनाई गई योजनाओं में स्वीकृति हेतु ग्राम पंचायतों को जनभागीदारी की राशि 3 प्रतिशत सामान्य बसाहटों के लिये एवं 1 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य बसाहटों के लिये जमा कराना होती है। जनभागीदारी की राशि उक्त किसी भी योजना में जमा नहीं होने से योजनाएं स्वीकुत नहीं हो सकी हैं। (ख) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मैहर विकास खण्ड की नलजल योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सभी बंद नलजल योजनाएं स्त्रोत समाप्त होने के अलावा अन्य कारणों से बंद होने के कारण इन नलजल योजनाओं को चालू करने का दायित्व ग्राम पंचायतों का है। विभाग द्वारा आवश्यक तकनीकी सहयोग दिया जाता है। (घ) जनभागीदारी की राशि जमा होने पर स्वीकृत की कार्यवाही की जायेगी। समय सीमा बताना संभव नहीं है।
पी.एम.टी. परीक्षा के आरोपियों की सूची
89. ( क्र. 1185 ) श्री जितू पटवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले के उमरावगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत सड़क दुर्घटना में मारे गये व्यापम की पी.एम.टी. परीक्षा के आरोपी मंडला निवासी अनुज उरके, होशंगाबाद निवासी अंशुल सचान एवं ग्वालियर निवासी श्यामवीर यादव के सड़क हादसे की जानकारी, एफ.आई.आर. प्रति, वाहन क्रं., वाहन मालिक के नाम सहित प्रदान करें? (ख) उपरोक्त प्रकरण में एस.आई.टी. के रिपोर्ट की छायाप्रति भी देवें? (ग) व्यापम तथा पीएमटी की परीक्षाओं में आरोपी, गवाह एवं संदिग्ध लोगों के नाम एवं पते की सूची, दर्ज प्रकरण क्रमांक सहित देवें? इनमें से कितने लोगों की मृत्यु किन कारणों से हो चुकी है? मृत आरोपी के नाम, पते, प्रकरण क्रं. की छायाप्रति देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सर्पदंश से हुई मृत्यु पर मुआवजा दिया जाना
90. ( क्र. 1189 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रचना पुत्री देवी प्रसाद धाकड़, निवासी ग्राम पिपरोनियां, तह. कैलारस की मृत्यु सर्पदंश/विषैले जीव के काटने से हुई लेकिन जाँच अधिकारी ने जाँच के दौरान बिना उचित आधार के उस मृत्यु को सामान्य मृत्यु बताकर पीडि़त परिवार को मुआवजा से वंचित किया है? (ख) क्या प्रथम दृष्टया ग्राम के ग्राम पंचायत द्वारा एवं आम लोगों द्वारा एवं पत्रकारों द्वारा रचना की मौत को सर्पदंश/विषैले जीवों के काटने से हुई मानी गई? (ग) प्रश्नांश (क) के विषय में जाँच अधिकारी कौन-कौन थे और उनके जाँच करने का आधार क्या था? जाँच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जावेगी? (घ) क्या जाँच अधिकारियों द्वारा मानवीय पहलू भूलकर जाँच के दौरान बिना तथ्य, बिना आधार के पीडि़त परिवार के प्रति अमानवीय कृत्य कर उसे मुआवजा से वंचित करने का प्रयास किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो पीडि़त परिवार के पक्ष में पुन: किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जाँच कराया जाकर मुआवजा दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग की योजनाओं से हितग्राहियों को लाभांवित किया जाना
91. ( क्र. 1190 ) श्री सूबेदार सिंह रजौधा : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या यह सही है कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग के कार्यालय मुरैना में पदों के विरूद्ध कर्मचारियों की कमी है? यदि हाँ, तो क्या विभाग की योजनाओं पर कर्मचारियों की कमी के कारण विपरीत प्रभाव पड़ रहा है? (ख) जौरा विधानसभान्तर्गत विभाग द्वारा कुटीर एवं ग्रामोद्योग के तहत कौन-कौन सी योजनाऍं क्रियान्वित की गई है और कौन-कौन हितग्राही लाभान्वित हुये है? ग्राम एवं नाम सहित विवरण देवें? (ग) वर्ष 2013-14 एवं 14-15 में विभाग द्वारा मुरैना जिले की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं अन्य मदों में कितनी-किनती राशि का खर्च किया गया है एवं जिला मुरैना के लिये कुल बजट क्या था और क्या ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर आयोजित किये गये? यदि हाँ, तो विधानसभावार विवरण दिया जावेगा? (घ) कुटीर एवं ग्रामोद्योग मुरैना में वर्तमान में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं और उनका विभाग में दायित्व क्या है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) मुरैना जिले में हाथकरघा संचालनालय अंतर्गत कर्मचारियो की कमी है। म.प्र. खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड का पर्याप्त अमला पदस्थ है। योजनाओ के संचालन पर विपरीत प्रभाव परिलक्षित नहीं हुआ है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ प्रपत्र - 1 एवं 2 अनुसार है। (ग) वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में मुरैना जिले में आवंटित एवं व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘ब’’ अनुसार है। (घ) हाथकरघा संचालनालय अन्तर्गत श्री रामराव जाधव, वरिष्ठ निरीक्षक हाथकरघा एवं म.प्र. खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड अन्तर्गत श्री नरेन्द्र कुमार खरे, सहायक प्रबन्धक एवं श्री मोहन शर्मा, सहायक ग्रेड तीन पदस्थ है। इन्हे विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन का दायित्व सौंपा गया है।
जेलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव
92. ( क्र. 1199 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में ऐसी कितनी जेलें हैं जिनमें उनकी क्षमता से अधिक कैदी विद्यमान हैं? विवरण प्रदाय करें तथा जेल का नाम भी बताये? (ख) छतरपुर जिले की जेलों में ऐसे कितने कैदी हैं, जो मात्र जमानत ना मिलने के कारण कैद में हैं। (ग) प्रदेश की जेलों में कैदियों की मूलभूत सुविधाओं के लिए शासन की क्या गाईड लाईन है? क्या सभी जेलों में शासन द्वारा दी गई गाईड लाईन के अनुसार ही मूलभूत सुविधायें प्रदान की जा रही हैं? यदि नहीं, तो जिन जेलों में अभाव है, उनका विवरण देवें। (घ) यदि जेलों में शासन की गाईड लाईन के अनुसार कैदियों को मूलभूत सुविधायें? नहीं दी जा रही हैं, तो इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। परिशिष्ट-स में उल्लेखित अनुसार कैदियों को सुविधायें दी जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तर-'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कॉक्स डिस्टलरी कंपनी की लीज एवं रजिस्टर्ड लेटर का उपयोग
93. ( क्र. 1200 ) श्री आर.डी. प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला छतरपुर अंतर्गत नौगांव में कॉक्स डिस्टलरी कंपनी स्थापित है? यदि हाँ, तो कब से? क्या उक्त कंपनी को म.प्र.शासन के किसी विभाग द्वारा लीज प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किस विभाग द्वारा व कब कितने वर्षों के लिये व कितने संचालकों को? संचालकों के नाम व कंपनी का नाम पता सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त कंपनी को म.प्र.शासन द्वारा लीज प्रदान करते समय कोई शर्तों व नियम से अवगत कराया गया था? यदि हाँ, तो नियम व शर्ते क्या थी बतायें? तथा संचालकों द्वारा जिस रजिस्टर्ड लेटर का प्रयोग किया जा रहा है उसकी प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या कंपनी के संचालकों द्वारा रजिस्टर्ड लेटर के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नाम से? क्या संचालकों द्वारा राज्य शासन से अनुमति ली गई है? यदि हाँ, तो कब? क्या कंपनी द्वारा अन्य किसी के नाम हस्तांतरण किया गया? यदि हाँ, तो कब व किसके नाम पर तथा अवैध रूप से नामातंरण करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या कॉक्स डिस्टलरी कंपनी को वृक्षारोपण हेतु राजस्व विभाग या अन्य किसी विभाग द्वारा भूमि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब व किस विभाग द्वारा व कितनी पटवारी हल्का नं., खसरा नं. व ग्राम पोस्ट सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
तहसील पुनासा व सर्कल किल्लौद के सीमांकन की स्थिति
94. ( क्र. 1211 ) श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले की तहसील पुनासा एवं आर.आई. सर्कल किल्लौद के अन्तर्गत वर्ष 2013 से जून 2015 तक सीमांकन के कितने आवेदन पत्र चालान सहित जमा हुए हैं? (ख) क्या आवेदक के चालान रसीद सहित प्राप्त आवेदन पर, कितने दिवस में सीमांकन कार्य किया जाता है? निर्धारित अवधि में सीमांकन नहीं करने पर, संबंधित अधिकारी के खिलाफ कौन सी कार्यवाही की जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने आवेदनों के सीमांकन कार्य पूर्ण किये गए हैं? कितने आवेदनों पर सीमांकन किया जाना शेष है? इनके सीमांकन समय सीमा में नहीं किये जाने का क्या कारण है? इसमें कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के खिलाफ क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी? शेष आवेदकों की भूमि का कब तक सीमांकन किया जाएगा?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) खंडवा जिले की तहसील पुनासा एवं आर.आई.सर्कल किल्लोद के अंतर्गत वर्ष 2013 से जून-2015 तक सीमांकन के 428 आवेदन पत्र चालान सहित प्राप्त हुए। (ख) आवेदक के द्वारा आवेदन पत्र के साथ चालान सहित प्राप्त होने पर सीमांकन कार्य 30 दिवस की समयावधि में सीमांकन कार्य किया जाता है। निर्धारित समयावधि में सीमांकन कार्य नहीं होने पर दोषी अधिकारी के विरूद्ध म0प्र0 सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 एवं लोक सेवा गारंटी अधिनियम, 2010 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (ग) प्रश्नांश 'क' के अनुसार सीमांकन के कुल 428 में से 355 आवेदनों को सीमांकन कर निराकरण किया गया है तथा शेष 71 आवेदन पत्रों का मौके पर सीमांकन किया जाना है। ई.टी.एस. मशीन की सीमित उपलब्धता के कारण सीमांकन कार्य में देरी हुई है। कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। शेष 71 आवेदन पत्रों का सीमांकन 15 दिवस के भीतर कर दिया जावेगा।
पुलिस थानों में अधिकारियों की पदस्थापना
95. ( क्र. 1217 ) श्री रामेंश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल महानगर में जनसंख्या के हिसाब से पर्याप्त संख्या में पुलिस थाने हैं? थाना क्षेत्र गठित करने हेतु क्या नियम हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर नहीं है तो बताएं भोपाल के किन-किन क्षेत्रों में नवीन थाने बनाएं जाना प्रस्तावित है और कब तक बना दिए जाएंगे? (ग) भोपाल महानगर में कौन-कौन पुलिस अधिकारी 5 से अधिक वर्षों से भोपाल में ही पदस्थ हैं? सूची उपलब्ध करवाएं। (घ) भोपाल में किन-किन क्षेत्रों में पुलिस की आवासीय कॉलोनियां बनाएं जाने का काम प्रगतिरत या प्रस्तावित हैं? काम की वर्तमान स्थिति क्या है।
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) प्रश्नांश ’क’ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पुलिस जिला भोपाल मुख्यालय, भोपाल दक्षिण तथा भोपाल उत्तर में कोई भी पुलिस अधिकारी 5 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ नहीं है। (घ) (1) 78 एन.जी.ओ. आवास और 208 आरक्षक/प्रधान आरक्षक आवास पुलिस लाईन नेहरू नगर फिनिसिंग कार्य प्रगति पर। (2) 12 एन.जी.ओ. 48 आरक्षक/प्रधान आरक्षक आवास 25वीं वाहिनी का फलोरिंग एवं विकास कार्य प्रगति पर। (3) 12 एन.जी.ओ. 48 आरक्षक/प्रधान आरक्षक आवास आर.आर.पी. लाईन भोपाल फलोरिंग, दरवाजे, खिड़की एवं विकास कार्य प्रगति पर। (4) 12 एन.जी.ओ. 48 आरक्षक/प्रधान आरक्षक आवास रेडियों कालोनी जोड़ाई एवं छत का कार्य प्रगति पर। (5) 128 आरक्षक/प्रधान आरक्षक आवास ईदगाह हिल्स खुदाई कार्य प्रगति पर। (6) 82 एन.जी.ओ. 304 आरक्षक/प्रधान आरक्षक आवास निर्माण प्रस्तावित।
राजगढ़ विधान सभा में आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण
96. ( क्र. 1226 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी/मिनी ऑगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने के शासन के क्या नियम निर्देश हैं? शासन के निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं? उक्त आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर कौन-कौन कार्यकर्ता एवं सहायिका कब से कार्यरत हैं? (ग) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में ऐसी कितनी आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जहाँ पर कार्यकर्ता एवं सहायिका के पद रिक्त हैं? साथ ही ऐसी कितनी आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र हैं जिनके पास विभाग का भवन नहीं हैं? (घ) उक्त भवन विहीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों में कब तक आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण करवाया जावेगा?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘एक‘‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘दो‘‘ अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘तीन‘‘ अनुसार है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ‘‘चार‘‘ अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण का कार्य वित्तीय संसाधनों पर निर्भर है। सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण समय सीमा दिया जाना संभव नहीं है।
राजगढ़ विधान सभा में हितग्राहियों को स्वीकृत अनुदान
97. ( क्र. 1227 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) उद्यानिकी विभाग की हितग्राहियों हेतु शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनाऐं संचालित हैं? निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के विकासखण्ड राजगढ़ एवं खिलचीपुर में विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में आज दिनाँक तक किन-किन हितग्राही को कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? उन्हें किस कार्य के लिये कितना अनुदान दिया गया है? (ग) क्या सभी स्वीकृत किये गये कार्य पूर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो क्या उनको पूर्ण भुगतान हो चुका है? (घ) यदि नहीं, तो ऐसे कितने स्वीकृत कार्य है जो आज दिनाँक तक अपूर्ण है? अपूर्ण का कारण बतावें तथा कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’अ’ अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड राजगढ़ एवं खिचलीपुर में विगत 3 वर्षों से आज दिनाँक तक हितग्राहियों को स्वीकृत किये गये कार्य एवं दिये गये अनुदान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-’ब’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। स्वीकृत कार्यों में से जो पूर्ण हो चुके है, उनका भुगतान किया जा चुका है। (घ) 12 स्वीकृत कार्य अपूर्ण है। हितग्राही द्वारा स्वयं कार्य पूर्ण किया जाना है। हितग्राही को शीघ्र कार्य पूर्ण करने हेतु आवश्यक समझाइश दी गई है।
नोटरी एवं शपथ आयुक्त की नियुक्ति
98. ( क्र. 1229 ) श्री अमर सिंह यादव : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) राज्य शासन द्वारा नोटरी एवं शपथ आयुक्त नियुक्त करने के क्या नियम है? शासन के आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? (ख) राजगढ़ जिले के जिला न्यायालय एवं विभिन्न न्यायालयों में नोटरी एवं शपथ आयुक्त के कितने पद स्वीकृत है? उनमें वर्तमान में कौन-कौन पदस्थ हैं नाम एवं नियुक्ति दिनाँक सहित बतावें? (ग) उक्त स्वीकृत पदों में से किस स्थान पर कौन सा पद कब से रिक्त है? (घ) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) राज्य शासन द्वारा नोटरी एवं शपथ आयुक्त की नियुक्ति नोटरी अधिनियम 1952 एवं नोटरी नियम 1956 तथा शपथ आयुक्त अधिनियम 1969 एवं शपथ आयुक्त नियम 1976 में विहित प्रावधान के अनुसार की जाती है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ख एवं ग की चाही जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर उपलब्ध है। (घ) नियुक्ति की प्रक्रिया शासन के विचाराधीन है निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
इन्दौर जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र
99. ( क्र. 1263 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) इंदौर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत कितने आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, तहसीलवार जानकारी देवें? (ख) उक्त आंगनवाड़ी केन्द्र किन भवनों में संचालित किये जा रहे है? ये भवन शासकीय हैं या अन्य भवनों में संचालित हैं तथा इनमें कितने छात्र/छात्रा दर्ज हैं? (ग) इंदौर जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों के कुल कितने भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है? तहसीलवार जानकारी देवें? (घ) निर्माणाधीन भवनों की वर्तमान में क्या स्थिति है तथा ये कब तक पूर्ण होंगे अवगत करावें?
महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) इंदौर जिले में 1582 आंगनवाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। जिनकी तहसीलवार सूची संलग्न परिशिष्ट ‘अ’ पर है। (ख) जिलें के 1582 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 453 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में, 148 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य शासकीय भवनों में तथा 981 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित हो रहे है। इन केन्द्रों में 166275 बालक एवं 165177 बालिकाओं सहित कुल 331452 हितग्राही दर्ज है। (ग) जिलें में कुल 755 आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है। तहसीलवार सूची संलग्न परिशिष्ट ‘ब’ पर है। (घ) जिले में स्वीकृत 755 आंगनवाड़ी भवनों में से 365 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हे। इनमें से 66 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण नीव स्तर तक, 217 - आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण खिडकीस्तर तक, 82 - आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण छतस्तर तक होकर निर्माणकार्य प्रगति पर है। निर्माणाधीन भवनो को शीघ्र ही पूर्ण कराया जाएगा।
ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम
100. ( क्र. 1270 ) श्री मनोज निर्भय सिंह पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के तहत ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम हेतु इन्दौर जिले के अंतर्गत पिछले तीन वर्षों में क्या कार्यवाही की गई? ब्यौरा देवे नाम सहित? (ख) ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम हेतु डी.जे. और लाउड स्पीकर के प्रयोग पर नियंत्रण हेतु क्या-क्या प्रावधान हैं और इसके देख-रेख हेतु क्या प्रबंध है? (ग) ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता फेलाने के लिए क्या-क्या किया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) जिला इंदौर में ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम हेतु मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के अंतर्गत दिनाँक 01.07.12 से 30.06.13 की अवधि में 11 प्रकरणों, 01.07.13 से 30.06.14 की अवधि में 247 प्रकरणो, 01.07.14 से 30.06.15 की अवधि में 09 प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। इसके अतिरिक्त मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 01.07.12 से 30.06.13 की अवधि में 38 प्रकरणों, 01.07.13 से 30.06.14 तक 150 प्रकरणों, 01.07.14 से 30.06.15 तक 200 प्रकरणों में कार्यवाही की गई है। विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश कोलाहल नियंत्रण अधिनिमय 1985 इसी उद्देश्य के लिए बनाया गया है। पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के अंतर्गत बनाये गये ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) अधिनियम 2000 तथा मोटर व्हीकल एक्ट आदि के प्रावधानों के द्वारा ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के पर्याप्त प्रावधान शासन द्वारा किये गये है। जिला दण्डाधिकारी, इंदौर द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये आदेश पारित किये है, जो वर्तमान में प्रभावशील है। उनके द्वारा न्यायालयों, शासकीय कार्यालयों, महत्वपूर्ण चिकित्सालयों एवं विश्वविद्यालय कैम्पस इत्यादि को ’’शांत क्षेत्र’’ घोषित किया गया है। (ग) ध्वनि प्रदूषण से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए घोषित शांत परिक्षेत्रों में तथा सभी ऐसे स्थान जहाँ सार्वजनिक कार्यक्रम समारोह आयोजित किये जाते है, वहाँ पर स्पष्ट रूप से पठित होने वाले सूचनापट लगाये गये है।
शिकायतों की जाँच संबंधी
101. ( क्र. 1276 ) श्री मुकेश नायक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सत्य है कि श्रीमती पार्वती जाटव पूर्व पार्षद वार्ड क्रमांक 04 नगर पालिका पन्ना द्वारा आवेदन दिनाँक 15.06.15 द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी पन्ना एवं पुलिस अधीक्षक जिला पन्ना को शिकायत प्रस्तुत की थी कि श्री कमल कुशवाहा ने उनके फर्जी हस्ताक्षर एवं शील से मकान का नामांतरण कराया है? (ख) यदि हाँ, तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी पन्ना एवं पुलिस अधीक्षक पन्ना द्वारा जाँच कराई गई है, जाँच के क्या परिणाम रहे एवं दोषी कौन है उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी? (ग) क्या यह सत्य है मुख्य नगर पालिका अधिकारी पन्ना एंव पुलिस अधीक्षक पन्ना द्वारा शिकायतों की जाँच नहीं कराई गई है यदि हाँ, तो इन अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाबूलाल गौर ) : (क) यह सही नहीं है बल्कि वस्तुस्थिति यह है कि आवेदिका श्रीमती पार्वती जाटव, पूर्व पार्षद, वार्ड क्रमांक 4, नगर पालिका, पन्ना के नाम से दिनाँक 16.06.2015 को पुलिस अधीक्षक, पन्ना को प्राप्त शिकायत की जाँच दिनाँक 18.06.2015 को थाना प्रभारी, पन्ना कोतवाली को देकर करवाई गई। जाँच के दौरान आवेदिका पार्वती जाटव के कथन लिये गये जिसने उक्त शिकायत नहीं देना बताया और न ही शिकायत पत्र में उसके हस्ताक्षर होना बताया। किसी गुमनाम व्यक्ति द्वारा उनके नाम से शिकायत की है जो गलत है। शिकायत पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’अ’ अनुसार है। कथन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’ब’ अनुसार है। एवं श्रीमती पार्वती जाटव द्वारा थाना प्रभारी को दिया गया लेखी पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’स’ अनुसार है। (ख) बिन्दु क्रमांक (क) के अनुसार पुलिस अधीक्षक, पन्ना द्वारा शिकायत पत्र की जाँच थाना प्रभारी कोतवाली द्वारा कराई गई है। साथ ही मकान नामान्तरण के संबंध में मुख्य नगर पालिका अधिकारी, पन्ना द्वारा प्रमाणित किया है कि श्री कमल कुशवाहा पुत्र दीनदयाल कुशवाह निवासी मोहल्ला टिकुरिया, पन्ना के भवन का नामान्तरण दिनाँक 04.07.2015 की स्थिति में नहीं हुआ है। प्रमाणित पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ’द’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। जाँच में पार्वती जाटव के नाम से गुमनाम आवेदन पत्र देना पाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं।
प्राकृतिक आपदाग्रस्त पान बरेजा कृषकों को सहायता
102. ( क्र. 1610 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या जिला कटनी की तहसील ढीमरखेड़ा के ग्रामों में परम्परागत रूप से पान बरेजा कृषि की जाती है? (ख) वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 की अवधि में ओला, अतिवृष्टि, आंधी-तूफान और अग्नि दुर्घटनाओं आदि से किन ग्रामों के कितने कृषकों के बरेजे और फसल नष्ट हुई है और उनसे किस प्रकार की क्षति हुई है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के पीडि़त पान बरेजा कृषकों के पुनरूद्धार हेतु विभाग के द्वारा कौन से उपकरण व अन्य क्या सहायता व सुविधा कब प्रदान की गई है? (घ) विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में पान के अधिकाधिक उत्पादन की दिशा में कब क्या प्रयत्न किये गये हैं?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन अवधि में ग्राम उमरियापान के 26 कृषक, हरदुवा के 1 कृषक, मुडि़या पुरवा के 2 कृषक कुदवारी के 1 कृषक व बम्हनी के 9 कृषक कुल 39 कृषक एवं अग्नि-दुर्घटना से ग्राम मुडि़या पुरवा के 18 कृषक तथा 2014 में आंधी तूफान से ग्राम उमरियापान के 16 कृषक एवं ग्राम बम्हनी के 7 कुल 23 कृषकों के पान बरेजा की क्षति हुई है। (ग) प्रशनांश (ख) के 2013 के पीडि़त 39 कृषकों के पान बरेजा क्षतिग्रस्त होने पर दिनाँक 13.02.2013, द्वारा राशि रू. 30500/-, दिनाँक 27.02.2013 द्वारा राशि रू.28050/-, दिनाँक 7.05.2013 द्वारा राशि रू. 53250/- की आर्थिक अनुदान सहायता स्वीकृत किया गया है। तथा वर्ष 2014 में 23 कृषकों के पान बरेजा क्षतिग्रस्त होने पर दिनाँक 1.3.2014 द्वारा राशि रू. 22500/-, दिनाँक 1.3.2014 द्वारा राशि रू. 9750/- की आर्थिक अनुदान सहायता स्वीकृत किया गया है। (घ) कृषकों को पान खेती की नवीन तकनीक की जानकारी दी जाकर ʺउच्च तकनीक से पान की खेतीʺ परियोजनान्तर्गत वर्ष 2010-11 में 22 एवं वर्ष 2011-12 में 61 पान बरेजा कृषकों को परियोजना के प्रावधान अनुसार लाभान्वित किया गया है। वर्ष 2015-16 में संशोधित परियोजना राज्य स्तरीय मंजूरी समिति से स्वीकृत करायी गई है, जिसमें प्रति पान बरेजा कृषक 500 वर्गमीटर में पान खेती हेतु राशि रू.42000/- अनुदान सहायता का प्रावधान है।
मछुआ क्रेडिट कार्डों का आवंटन व ऋण सुविधा
103. ( क्र. 1611 ) श्री मोती कश्यप : क्या पशुपालन मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या वर्ष 2013-14 से 15-16 की अवधि में राज्य में मछुआ कल्याणकारी कार्यक्रम हेतु जिलों में मछुआ क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में जिला जबलपुर एवं कटनी में किन ग्रामों के कितने मछुओं को मछुआ क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हैं? (ग) मछुआ क्रेडिट कार्ड पर किस संस्था से ऋण प्रदान कराया जाता है और उसमें जिला स्तरीय विभागीय अधिकारियों की क्या भूमिका रहती है? (घ) प्रश्नांश (ख) के कितने मछुओं द्वारा ऋण हेतु आवेदन किया है और उन्हें वर्ष 2013-14, 2014-15 एवं 2015-16 की अवधि में कितना ऋण प्राप्त हुआ है? (ड.) क्या विभाग द्वारा राज्य व जिला स्तर पर ऋण प्रदाता संस्था के साथ किन तिथियों में समीक्षा बैठकें कर ऋण प्रदान कराया गया है?
पशुपालन मंत्री ( सुश्री कुसुम सिंह महदेले ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) अवधि में जिला जबलपुर एवं कटनी के 464 मछुआ को मछुआ क्रेडिट कार्ड जारी किये गये। (ग) क्रेडिट कार्ड पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से ऋण प्रदाय कराया जाता है जिला स्तरीय अधिकारी प्रकरण तैयार कर संबंधित सहकारी बैंक को प्रेषित करता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के 890 मछुओं द्वारा ऋण हेतु आवेदन किया है और उन्हें प्रश्नांश अवधि में राशि रूपये 26.43 लाख ऋण प्राप्त हुआ। (ड.) विभाग द्वारा ऋण प्रदाता के साथ संस्था के साथ तीन माह में आयोजित जिला स्तरीय समन्वय समिति में समीक्षा की जाती है तथा ऋण प्रदाय की प्रगति से अवगत कराया जाता है।
ओलावृष्टि की राशि का वितरण
104. ( क्र. 1825 ) श्रीमती संगीता चारेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखाओं में तहसीलदार/राजस्व विभाग द्वारा 01-01-2014 से आज दिनाँक तक अतिवृष्टि/ओलावृष्टि की कितनी-कितनी राशि बैंकों में जमा हुई? (ख) उक्त राशि वितरण में अनियमितताओं की कितनी शिकायतें शासन तथा विभागों को प्राप्त हुई तथा उक्त शिकायतों पर आज दिनाँक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या रतलाम जिले में जाँच दल का गठन कर जाँच करवाई गई? यदि हाँ, तो उक्त जाँच दल ने अपनी रिपोर्ट में क्या प्रतिवेदन दिया? (घ) उक्त प्रतिवेदन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री रामपाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।