मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2021 सत्र


सोमवार, दिनांक 22 मार्च, 2021


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर



नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्या. द्वारा उपलब्‍ध कराये गये भूखण्‍ड

[सहकारिता]

1. ( *क्र. 4068 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विषयांकित संस्‍था में उपलब्‍ध भूमि में से कितने सदस्‍यों को भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराये जा चुके हैं, उन सदस्‍यों की सूची तथा संस्‍था में कुल कितने सदस्‍य हैं, जिन्‍हें भूखण्‍ड उपलब्‍ध नहीं कराये गये हैं? उनके लिये भूमि की व्‍यवस्‍था की जावेगी या उनकी सदस्‍यता समाप्‍त की जावेगी?                                                   (ख) संस्‍था में भूमि उपलब्‍ध न होने के कारण अधिक सदस्‍य बनाये जाने का क्‍या औचित्‍य है? वर्ष 2008 से 2020 तक कितने भूखण्‍डों का पंजीयन कराया गया है तथा री-सेल में कितना पंजीयन कराया गया है? (ग) आयुक्‍त सहकारिता, म.प्र. भोपाल द्वारा तत्‍कालीन श्री विनोद कुमार सिंह, उपायुक्‍त, सहकारिता जिला भोपाल को नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्यादित, भोपाल के विरूद्ध रहवासियों द्वारा की गई शिकायत की जाँच नियत समय में न किये जाने के कारण दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी अथवा नहीं? स्‍पष्‍ट करें। (घ) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 तथा 2020-21 में उक्‍त संस्‍था में नियुक्‍त जाँच अधिकारियों द्वारा जाँच प्रतिवेदन कार्यालय में प्रस्‍तुत किया गया है तो उस पर कार्यालय द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करावें?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्या. भोपाल में उपलब्‍ध भूमि में से 93 सदस्‍यों को भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराये जा चुके हैं। पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार तथा संस्‍था में 54 सदस्‍य हैं, जिन्‍हें भूखण्‍ड उपलब्‍ध नहीं कराये गये हैं, उनके लिये संस्‍था के पास 2.49 एकड़ भूमि की व्‍यवस्‍था है, परन्‍तु भूमि मास्‍टर प्‍लान में रोड प्रस्‍तावित है। संस्था द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार यदि शासन के द्वारा उक्‍त भूमि छोड़ी जाती है तो शेष सदस्‍यों को भूखण्‍ड उपलब्‍ध करा दिये जायेंगे या शासन मुआवजा देती है तो उनको भूखण्‍ड के मान से राशि वापस कर सदस्‍यता समाप्‍त की जावेगी। (ख) संस्था द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार संस्था के पास 2.49 एकड़ भूमि थी, इसलिये उस भूमि पर भूखण्‍ड देने हेतु सदस्‍य बनाये गये थे, परंतु उत्‍तरांश (क) अनुसार यह भूमि मास्‍टर प्‍लान में रोड प्रस्‍तावित होने से शेष सदस्‍यों को भूखण्‍ड नहीं दिये जा सके। संस्‍था द्वारा 2001 से वर्तमान तक 93 सदस्‍यों को भूखण्‍ड का पंजीयन कराया गया है, परंतु वर्ष 2008 से 2020 तक पंजीयन कराये गये भूखण्‍डों की पृथक से जानकारी नहीं है। संस्‍था द्वारा रीसेल में कोई पंजीयन नहीं कराया गया है। (ग) आयुक्‍त सहकारिता म.प्र. भोपाल द्वारा तत्‍कालीन उपायुक्‍त सहकारिता जिला भोपाल श्री विनोद सिंह को नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. भोपाल की शिकायत की जाँच दी गई थी। श्री विनोद कुमार सिंह, उपायुक्‍त, सहकारिता जिला भोपाल द्वारा जाँच नहीं की गई। तत्‍कालीन उपायुक्‍त द्वारा उपरोक्‍त विषयांकित जाँच प्राप्‍त होने के पूर्व वही शिकायत जाँच हेतु श्री विलीन खटावकर सहकारी निरीक्षक को दी गई थी, जिसका जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होकर उपायुक्‍त सहकारिता जिला भोपाल के यहां दिनांक 01.02.2020 से विचाराधीन है। इस पर शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। (घ) वर्ष 2018-19 में कोई शिकायत प्राप्‍त न होने से जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त नहीं हुआ है। वर्ष 2019-20 में एक शिकायत का जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त हुआ है एवं 2020-21 में एक शिकायत का जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त हुआ जो परीक्षणाधीन है।

रेरा के नियमों का पालन न करने वाले कॉलोनाइजरों पर कार्यवाही

[राजस्व]

2. ( *क्र. 5956 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मे. मंगलम डेवलपर्स व आदिनाथ एवेन्‍यू महिदपुर वि.स. क्षेत्र के द्वारा कितनी भूमि विकसित करने की अनुमति अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) से ली गई? इसके अनुमति से संबंधित समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रमाणित प्रति पृथक-पृथक देवें। (ख) उपरोक्‍त द्वारा नियत नियमों व शर्तों का उल्‍लंघन कर प्‍लाट विक्रय करने पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की है? (ग) क्‍या कारण है कि इन कॉलोनाइजरों द्वारा रेरा के नियमों का पालन नहीं करने पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? (घ) कब तक नियम विरूद्ध कार्य करने वाले ऐसे कॉलोनाइजरों पर कार्यवाही की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मे. मंगलम डेव्लपर्स द्वारा ग्राम ताजपुरा तहसील महिदपुर में आदिनाथ ऐवेन्यू कॉलोनी कुल 3.991 हेक्टर रकबे पर विकसित करने की अनुमति ली गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मे. मंगलम डेव्लपर्स द्वारा नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन कर प्लाट विक्रय करने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं होने से कार्यवाही नहीं की गई। (ग) म.प्र. ग्राम पंचायत (कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निबंधन तथा शर्तें) नियम 1999 अन्तर्गत कॉलोनी की विकास अनुमति दिनांक 23.06.2014 को जारी की गई है। उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खरगोन जिलांतर्गत नदियों को पुनर्जीवित किया जाना

[जल संसाधन]

3. ( *क्र. 4315 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले की बोराड, वंसावली, अम्‍बक, साटक, कुंदा, वेदा और निमगुल प्रमुख नदियां हैं? इन नदियों में ग्रीष्‍म काल के समय में पूर्ण रूप से पानी उपलब्‍ध नहीं होने के कारण नदियों किनारे बसे गांवों के किसानों और ग्रामीणों को भारी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? इस संबंध में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) उक्‍त नदियों से पूर्व में किसान सिंचाई, पेयजल एवं पशुओं को भी 24 घंटे पानी उपलब्‍ध होना था, किन्‍तु अब क्‍यों नहीं हो रहा है? इस संबंध में उक्‍त ग्रामों के लिए पानी उपलब्‍ध कराने हेतु क्‍या कार्ययोजना बनाई गई है?                                                       (ग) विधानसभा क्षेत्र कसरावाद के अंतर्गत कितनी नदियां कितने ग्रामों से बहती हैं, उनकी                                   जानकारी दें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित नदियों पर उपयुक्‍त स्‍थल पर सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कराया जाकर सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) अत्‍यधिक नदी के जल के दोहन के कारण ऐसी स्थिति उत्‍पन्‍न होती है। जल संसाधन विभाग द्वारा उपयुक्‍त स्‍थानों पर जलाशय/बैराजों का निर्माण ग्रामों के लिए सिंचाई कार्य हेतु कराये जाते हैं। जल संसाधन विभाग के अंतर्गत स्‍वीकृत/प्रस्‍तावित परियोजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है।                                                   (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "स" अनुसार है।

परिशिष्ट - "एक"

वि.स. क्षेत्र परासिया में श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ किया जाना

[श्रम]

4. ( *क्र. 3778 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के गरीब व श्रमिक वर्ग के छात्र/छात्राओं को तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें, इसलिए शासन द्वारा श्रमोदय विद्यालय संचालन समिति भोपाल द्वारा श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को परासिया (चांदामेटा) में प्रारंभ किये जाने हेतु प्रस्तावित कर स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है? अगर हाँ तो उपरोक्त संबंध में अभी तक विद्यालय को प्रारंभ किए जाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ख) श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ किये जाने हेतु लगभग 5 एकड़ शासकीय भूमि नगर चांदामेटा में आवंटित कर उपलब्ध करा दी गई है, जिसका प्रस्ताव राजस्व विभाग द्वारा शासन स्तर पर प्रेषित भी किया जा चुका है, परंतु फिर भी विभाग द्वारा श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को परासिया (चांदामेटा) में प्रारंभ किये जाने में काफी विलंब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? (ग) श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को परासिया (चांदामेटा) में प्रारंभ किये जाने हेतु संबंधित विभागीय एवं अन्य सभी औपचारिकताओं को कब तक पूर्ण कर श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ कर दिया जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) आई.टी.आई. की स्‍वीकृति न होने के कारण प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनि निरीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही

[खनिज साधन]

5. ( *क्र. 4658 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तत्कालीन कलेक्टर भिण्ड द्वारा दिनांक 31.05.2017 को खनिज शाखा भिण्ड का औचक निरीक्षण करने के पश्‍चात जाँच कराने पर खनिज संदेश पिपलोदिया के विरूद्ध क्या अनियमितताएं पायी गईं तथा क्या कार्यवाही की गई? आरोप पत्र कब जारी किए गए, उनसे उत्तर कब प्राप्त किए गए? प्रस्तुतकर्ता अधिकारी द्वारा प्राप्त उत्तर पर अपनी टीप/अनुशंसा विभागीय जाँच अधिकारी को कब प्रेषित की गई? (ख) क्या उक्त खनि निरीक्षक/खनिज सर्वेयर अभी भी खनिज शाखा में पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में कहां पदस्थ हैं? (ग) क्या विभागीय जाँच का अंतिम रूप से निराकरण हो गया है? यदि नहीं, तो विभागीय जाँच प्रकरण का कब तक निराकरण कर लिया जायेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। खनि निरीक्षक श्री संदेश पिपलोदिया के विरूद्ध रेत/गिट्टी के अवैध परिवहन से संबंधित प्रकरणों में जप्‍त वाहनों में अधिकारिता न होते हुए भी अपने हस्‍ताक्षरों से उक्‍त वाहनों में अर्थदण्‍ड राशि चालान द्वारा शासकीय मद में जमा कराकर पुलिस अभिरक्षा से मुक्‍त करने के आदेश दिये जाने की अनियमितताएं पाए जाने से दिनांक 07.07.2017 को आरोप पत्र जारी किये गये। जबाव प्राप्‍त न होने पर कलेक्‍टर, भिण्‍ड के आदेश क्रमांक क्‍यू/2ख/स्‍था/2017/8311, दिनांक 07.09.2017 से विभागीय जाँच संस्थित की गई। श्री संदेश पिपलोदिया द्वारा दिनांक 22.10.2018 को जबाव प्रस्‍तुत किया गया एवं प्रस्‍तुतकर्ता अधिकारी द्वारा विभागीय जाँच पर अभिमत दिनांक 28.01.2021 को विभागीय जाँच अधिकारी को प्रेषित किया गया। (ख) श्री संदेश पिपलोदिया, खनि निरीक्षक वर्तमान में जिला धार में पदस्‍थ है तथा खनिज सर्वेयर श्री विजय कुमार चक्रवर्ती वर्तमान में खनिज शाखा जिला भिण्‍ड में ही पदस्‍थ है। (ग) जी नहीं। जाँच प्रकरण निराकरण किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

मनावर वि.स. क्षेत्रांतर्गत सीमांकन, नामंतरण, बंटवारे के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

6. ( *क्र. 5934 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) मनावर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न-दिनांक तक तहसील कार्यालय में भूमि सीमांकन, नामंतरण, बंटवारे के कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए? सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त आवेदनों में से कितने आवेदनों का निराकरण कर दिया गया है और कितने आवेदन लंबित हैं? तत्संबंधी समस्त ब्यौरा दें। आवेदनों के लंबित होने के कारण-सहित प्रकरणवार ब्यौरा दें। (ग) क्या राजस्व विभाग के राजस्व ग्रामों के नक्शे गुम हो गये हैं, नष्ट हो गये हैं और इनका अद्यतीकरण लंबे समय से नहीं किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो इस भारी विसंगति के लिए किसकी जवाबदेही तय कर किस दिनांक को किस के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो विधिसम्मत कारण बताएं 

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले में तहसील मनावर अन्तर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक सीमांकन, नामांतरण, बंटवारे के निम्नानुसार आवेदन-पत्र प्राप्त हुए हैं :- सीमांकन-323, नामांतरण-5075, बंटवारा-950 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) धार जिले में तहसील मनावर अन्तर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक सीमांकन, नामांतरण, बंटवारे के निराकृत व लंबित आवेदन पत्रों का विवरण निम्‍नुसार है :- मद निराकृत (शेष/लंबित) सीमांकन 302 (21) नामांतरण 4504 (571) बंटवारा 816 (134) शेष/लंबित प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है तथा समय-सीमा में उनका निराकरण किया जा रहा है। (ग) धार जिले के अन्तर्गत राजस्व ग्रामों के नक्‍शे गुम, नष्ट नहीं हुए हैं और इनका अद्यतीकरण समय से किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में लागू नहीं होता।

इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी को दिये गये बस परमिट

[परिवहन]

7. ( *क्र. 5801 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी को दिनांक 31 जनवरी, 2021 के अनुसार दिये गये परमिट की प्रति देवें तथा बतावें कि इस कंपनी द्वारा यात्री के साथ-साथ यात्री बसों में माल परिवहन की भी अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो उस अनुमति की प्रति देवें। (ख) इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनी को इंदौर से अन्‍य शहर के लिये बस चलाने का परमिट देते वक्‍त उसी रूट पर चलने वाली अन्‍य निजी बसें जो शासकीय बस स्‍टैण्‍ड से चलती हैं, उनके समय के अनुसार उनको अनुमति दी जाती है? यदि नहीं, तो बताएं कि नियमों की अवहेलना क्‍यों की जाती है? (ग) इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट के द्वारा चलाई जा रही बसों का किराया क्‍या कंपनी स्‍वयं तय करती है या शासन के नियमों से तय होता है? यदि नियमों से होता है तो कंपनी के गठन से लेकर अभी तक किराया तय करने संबंधी नियमों की प्रति देवें              (घ) शासकीय कार्यक्रमों में तथा चुनाव में कार्य के लिये कलेक्‍टर द्वारा पिछले पांच वर्ष में                                 कितनी-कितनी इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट क. की बसें अधिग्रहित की गईं? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। म.प्र. मोटरयान नियम 1994 के नियम 78 एवं 80 में मंजिली गाड़ी पर माल परिवहन किये जाने के प्रावधान विहित किये गये हैं। पृथक से अनुमति प्राप्त किये जाने का प्रावधान विहित नहीं किया गया है। (ख) मंजिली गाड़ी (यात्री बस) को अनुज्ञा पत्र (परमिट) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 70, 71, 72 एवं 80 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत स्वीकृत/जारी किये जाते हैं। अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड, इन्दौर की यात्री बसों को भी इन्हीं प्रावधानों के अंतर्गत अनुज्ञा पत्र (परमिट) स्वीकृत/जारी किये गये हैं। यह सही नहीं है कि नियमों की अवहेलना की जाती है। (ग) जी नहीं। मंजिली गाड़ी (यात्री बस) के किराए का निर्धारण मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 67 के अंतर्गत शासन द्वारा किया जाता है, जिसके क्रम में ही मंजिली गाड़ी (यात्री बसों) में यात्रियों से किराया लिया जाना निर्धारित होता है। जो कि सभी मंजिली गाड़ी यात्री बसों पर लागू होता है। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 67 की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड इन्दौर द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार शासकीय कार्यक्रमों में बसों के अधिग्रहण संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उनके स्वामित्व की बसों का चुनाव कार्य हेतु अधिग्रहण नहीं किये जाने का उल्लेख किया गया है।

प्रदूषण की रोकथाम हेतु वाहनों का पी.यू.सी. कराया जाना

[परिवहन]

8. ( *क्र. 6079 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                           (क) क्‍या प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिये सड़कों पर संचालित वाहनों का पी.यू.सी. कराना अनिवार्य किया है? यदि हाँ, तो इसके संबंध में संपूर्ण जानकारी दें कि पी.यू.सी. क्‍या है, क्‍यों कराना है? कितनी-कितनी राशि का व्‍यय किस-किस प्रकार से किस-किस कार्य पर होगा? प्रमाण पत्र कितनी अवधि के लिये मान्‍य होगा? यदि पी.यू.सी. नहीं कराई जाती है, तो किस-किस प्रकार की कार्यवाही वाहनों के चालकों, मालिकों पर की जायेगी? (ख) क्‍या पी.यू.सी. प्रमाण पत्र जनरेट होने पर कोई जानकारी परिवहन विभाग को प्राप्‍त होती है? यदि हाँ, तो किस प्रकार से, कितनी अवधि में क्‍या-क्‍या? (ग) क्‍या भोपाल में संचालित शासकीय वाहनों (एम.पी. 02) का रजिस्‍ट्रेशन विभाग द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो कितने वाहन किस-किस प्रकार के विभागीय कार्यालय में रजिस्‍टर्ड हैं? (घ) उपरोक्‍त के संबंध में क्‍या शासकीय वाहनों की पी.यू.सी. की जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो विगत एक वर्ष में कितने वाहनों द्वारा पी.यू.सी. करायी गयी, बतायें यदि नहीं, तो क्‍यों? पी.यू.सी. नहीं कराने के लिये कौन जिम्‍मेदार है, जिम्‍मेदारों पर कब तक क्‍या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र प्रत्येक वाहन के लिये अनिवार्य है। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र से तात्पर्य है कि ऐसा निरीक्षण प्रमाण पत्र जो केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 115 के उपनियम 7 के अधीन प्राधिकृत जांच केन्द्र द्वारा मोटरयान के स्वामी को जारी किया जाता है। प्रदूषण प्रमाण पत्र की फीस निम्नानुसार है :-                                                          (क) दो पहिया यान हेतु रूपये 100/- (ख) तीन पहिया यान हेतु रूपये 150/- (ग) चार पहिया यान हेतु रूपये 250/- (घ) मध्यम मोटरयान हेतु रूपये 300/- (ड.) भारी मोटरयान हेतु रूपये 500/- नई वाहन के लिये प्रथम पंजीयन दिनांक से एक वर्ष तक की अवधि के लिये तथा तत्पश्चात प्रत्येक 06 माह के लिये प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण न लेने की स्थिति में मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 190(2) के तहत किसी वाहन पर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र न पाये जाने पर प्रथम अपराध के लिये रूपये 10,000/- जुर्माने के साथ-साथ 03 महीने के कारावास या दोनों ही दण्ड अधिरोपित किये जा सकते हैं और वह तीन महीने के लिये चालक लायसेंस धारण करने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है। द्वितीय अपराध होने पर छह माह तक की सजा या 10,000/- रूपये जुर्माना या दोनों ही दण्ड अधिरोपित किये जा सकते हैं। (ख) जी नहीं। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं है।                                              (ग) जी हाँ, वाहनों के पंजीयन का श्रेणीवार विवरण वृहद स्‍वरूप का होने के कारण जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार विभागीय सर्वर की लिंक न होने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

मढ़ीखेड़ा बांध की उकायला कैनाल की खुदाई में अनियमितता

[जल संसाधन]

9. ( *क्र. 6090 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के मढ़ीखेड़ा बांध से निकली उकायला कैनाल किस वर्ष खोदी गई एवं इसकी लम्‍बाई क्‍या है? कैनाल की खुदाई का कितना हिस्‍सा मिट्टी-मुरम एवं कितना हिस्‍सा हार्डरोक (पत्‍थर) खोदा गया एवं किस मान से खुदाई का भुगतान किया गया? पृथक-पृथक प्राक्‍कलन सहित बतायें। (ख) कैनाल की खुदाई किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारियों की देख-रेख में किस ठेकेदार द्वारा की गई? योजना की लागत क्‍या है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खोदी गयी कैनाल की लम्‍बाई कम है, भुगतान ज्‍यादा लम्‍बाई का किया है, हार्डरॉक (पत्‍थर) की खुदाई हुई ही नहीं, सिर्फ मिट्टी मुरम की हुई है? यदि हाँ, तो खोदा गया पत्‍थर कहां है? (घ) क्‍या कैनाल की खुदाई में भारी तादाद में भ्रष्‍टाचार हुआ तथा शासन को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है, तो क्‍या इसकी जाँच लोकायुक्‍त या उच्‍च स्‍तर से कराई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) उकायला नहर वर्ष 2002 से 2013 के मध्‍य खोदी गई। नहर की लम्‍बाई 43.17 कि.मी.। चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उकायला नहर की लागत रू. 19,974.64 लाख है। (ग) जी नहीं। कार्य के अनुरूप ही ठेकेदार को भुगतान किया गया है। नहर की खुदाई के दौरान प्राप्‍त हार्डरॉक को अनुबंध में निर्धारित दरों पर ठेकेदार को प्रदाय किया गया है। शेष हार्डरॉक कार्यस्‍थल पर उपलब्‍ध होना प्रतिवेदित है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

सीधी जिले में घटित बस दुर्घटना की जाँच

[परिवहन]

10. ( *क्र. 5798 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) क्‍या सीधी जिले में हाल ही में हुई त्रासदीपूर्ण बस दुर्घटना प्रशासन के अदूरदर्शिता एवं असंवेदनशीलता के कारण हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) क्‍या परीक्षार्थियों का केन्‍द्र रीवा, सीधी, सिंगरौली में नहीं बनाया जा सकता था? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध गैर इरादन हत्‍या का प्रकरण क्‍यों दर्ज नहीं किया गया? (ग) क्‍या संबंधित बस सतना जिले में रजिस्‍टर्ड है, फिटनेस, परमि‍ट भी वहीं से जारी हुआ होगा? यदि हाँ, तो सीधी जिले के अधिकारियों के निलंबन का क्‍या औचित्‍य है? (घ) रीवा/सीधी/सिंगरौली मार्ग बंद होने की जवाबदेही किस विभाग की थी, दोषियों के ऊपर की गई कार्यवाही एवं मृत परीक्षार्थियों के परिवार को शासकीय नौकरी दिये जाने की व मुआवजा राशि में वृद्धि की क्‍या कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो क्‍या? नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। यह कहना सही नहीं है कि सीधी जिले में हुई बस दुर्घटना प्रशासन की अदूरदर्शिता एवं असंवेदन शीलता के कारण हुई है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। फिटनेस सतना से एवं परमिट रीवा से जारी हुआ है। घटना सीधी जिले में घटित होने के कारण लापरवाही के कारण सीधी जिले के अधिकारी का निलंबन किया गया है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पंचम नगर परियोजना का विस्‍तार

[जल संसाधन]

11. ( *क्र. 63 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में पंचम नगर परियोजना कब कितनी राशि से स्‍वीकृत हुई थी, उक्‍त योजना का कार्य किस कार्य एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है एवं इस योजना से कितने किसान लाभांवित होंगे? (ख) पंचम नगर परियोजना से हटा विधानसभा के किन-किन ग्रामों को लाभ प्राप्‍त होगा एवं कितने किसानों की भूमि सिंचित होगी तथा क्षेत्रीय भ्रमण उपरांत किसानों के द्वारा प्रदाय किये गये ज्ञापनों के माध्‍यम से उक्‍त योजना का विस्‍तार हटा व पटेरा विकासखण्‍ड के ग्रामों में भी किये जाने का विभाग को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो हटा एवं पटेरा विकासखण्‍ड के किसानों को लाभ दिये जाने के उद्देश्‍य से योजना का विस्‍तार कब तक किया जावेगा।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला दमोह में पंचमनगर परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 31.03.2012 को रू. 263.10 करोड़ की तथा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.01.2017 को रू. 674.90 करोड़ की प्रदान की गई। एजेंसियों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। परियोजना से 97 ग्रामों के लगभग 59,500 किसान लाभान्वित होना प्रतिवेदित है। (ख) पंचमनगर परियोजना से हटा विधान सभा क्षेत्र के किसी भी ग्राम को लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। परियोजना के मूल प्रस्ताव में सम्मिलित ग्रामों की सिंचाई एवं पेयजल हेतु जल आवंटन के उपरांत कोई जल शेष नहीं होने के कारण प्रश्‍नाधीन विकासखण्‍ड के अन्य ग्रामों को सम्मिलित किया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दो"

विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत राजस्व ग्राम घोषित किया जाना

[राजस्व]

12. ( *क्र. 4962 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत तहसील पनागर एवं बरेला क्षेत्र में राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु मजरा-टोला चिन्हित किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन से मजरा-टोला चिन्हित किये गये हैं? नाम बतावें (ग) यदि नहीं, तो राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्या मापदण्ड हैं? (घ) चिन्हित मजरा-टोला कब तक राजस्व ग्राम घोषित किये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ग) मजरा-टोला राजस्‍व ग्राम घोषित किये जाने के आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 1195/11, भू-प्र/मा.चि.शा./म.टो./2012 दिनांक 14.06.2012 में निर्धारित मापदण्‍ड निम्‍नानुसार है :- (1) मूल राजस्व ग्राम से मजरे टोले की दूरी लगभग 2 कि.मी. या अधिक होनी चाहिये। (2) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम का क्षेत्रफल 200 एकड़ से कम न हो तथा पृथक हुये उक्त ग्राम की आबादी 200 या अधिक होनी चाहिये। (3) पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की चतुर्सीमाएं मूल ग्राम से एवं अन्य सीमावर्ती ग्राम से मिलनी चाहिये, मजरे टोले से पृथक बनाये जा रहे राजस्व ग्राम की सीमाएं मूल ग्राम की सीमाओं के अंदर ही स्थित न रहें। (घ) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।

सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत भू-राजस्व के उपलब्‍ध नक्शे

[राजस्व]

13. ( *क्र. 5932 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 1. तहसील सिवनी मालवा                                            2. डोलरिया 3. इटारसी तथा 4. केसला में सभी ग्रामों के पटवारी हल्के के भू-राजस्व के नक्शे उपलब्ध हैं? (ख) यदि नहीं, तो कहां-कहां के नक्शे नहीं हैं? (ग) विवादित मामलों में खेत, आबादी व लगानी भूमि एवं रास्तों का सीमांकन नक्शे के अभाव में कैसे किया जाता है? (घ) अभी तक कितने नपाई के प्रकरण लंबित हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विवादित मामलों में पुरानी मिसल बन्‍दोबस्त एवं पुराने नक्‍शे से स्‍थाई सीमा चिन्‍ह, बन्‍दोबस्‍ती मेड़ों का मिलान कर खेतआबादीलगानी भूमि, रास्‍तों का सीमांकन किया जाता है।                                        (घ) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कुल 99 नपाई के प्रकरण लंबित हैं।

परिशिष्ट - "तीन"

सतना जिलांतर्गत अवैध खनन/ परिवहन/भण्‍डारण के विरूद्ध कार्यवाही

[खनिज साधन]

14. ( *क्र. 5990 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत 05 वर्षों में सतना जिले में खनिज विभाग द्वारा अवैध खनन, परिवहन व भण्‍डारण के विरुद्ध कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो वाहनों, क्रेशरों व वैध लीज़धारकों व संरक्षित खनिज क्षेत्रों से मिलने वाले सभी प्रकार के खनिजों से कितनी वसूली की गई?                                                   (ख) जिला अंतर्गत कितने क्रेशर संचालित हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) विगत 5 वर्षों से आज दिनांक तक किन क्रेशरों में क्या कार्यवाही हुई, अगर कार्यवाही हुई तो क्या दण्‍ड दिया गया? अगर दण्‍ड दिया गया तो क्या संचालकों द्वारा कार्यवाही के दौरान पाई गई कमियों में सुधार किया गया? (घ) सतना जिले के सभी प्रकार के भण्‍डारण की सूची प्रस्तुत करें और क्या सभी भण्‍डारण सही तरीके से संचालित हैं? ऐसे भण्‍डारण की सूची पृथक से देवें, जिनकी कोई भी खदान नहीं हो, वह सिर्फ भण्‍डारण का काम कर रहे हों? (ड.) गौण खनिज के अन्तर्गत आने वाले खनिज के सतना जिले में कितनी खदानें स्वीकृत हैं, कितनी क्रियाशील हैं, अभी तक कितना राजस्व प्राप्त हुआ है, किस खदान पर कितना डेड रेन्ट बकाया है, कितनी खदानें निरस्त की गईं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्‍नानुसार विगत पांच वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पर दर्शित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पर दर्शित है।                                                (घ) प्रश्‍नानुसार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं 'पर दर्शित है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'पर दर्शित है। इस परिशिष्‍ट में कार्यशील एवं अकार्यशील खदानों की जानकारी दर्शित है। चालू वित्‍तीय वर्षों में गौण खनिज से 11,61,13,298/- रूपये का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं 'पर दर्शित है।

सागर जिलांतर्गत नहरों का निर्माण

[जल संसाधन]

15. ( *क्र. 5715 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की सोनपुर मध्यम परियोजना द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने हेक्टेयर तथा किन ग्रामों के किसानों को सिंचाई सुविधा दी जा रही है? (ख) क्या जल संसाधन संभाग क्र. 02 जिला सागर द्वारा सोनपुर मध्यम परियोजना के तहत विकासखण्ड देवरी अंतर्गत उपनहरों के निर्माण हेतु भू-अर्जन प्रकरण गठित किये गये थे? यदि हाँ, तो अब तक इस हेतु क्या कार्यवाही प्रचलन में है? (ग) क्या शासन प्रश्नांश (क) वर्णित परियोजना अंतर्गत उपनहरों एवं माइनर नहरों के निर्माण हेतु गठित प्रकरणों में शीघ्र भू-अर्जन कर नहरों का निर्माण कार्य करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सोनपुर मध्यम परियोजना से प्रश्न दिनांक तक 3500 हेक्टर क्षेत्र में कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जाना प्रतिवेदित है। लाभाविन्त ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ख) जी हाँ, सोनपुर मध्यम परियोजना के तहत विकासखण्ड देवरी अंतर्गत 03 उपनहरों के निर्माण हेतु भू-अर्जन प्रकरण तैयार किये गये थे। भू-अर्जन प्रकरणों की स्थिति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। (ग) मुख्य नहर की आर.डी. 0 किमी. से 29.70 किमी. के मध्य आने वाली 07 उपनहरों के भू-अर्जन प्रकरणों में प्रक्रिया पूर्ण कर अवार्ड पारित होने के उपरांत निर्माण कराया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। अनुबंध के अनुसार निर्माण कार्य 30.06.2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

परिशिष्ट - "चार"

सार्वजनिक वितरण प्रणाली अन्‍तर्गत की जाने वाली खरीदी हेतु राशि का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

16. ( *क्र. 5730 ) श्री संजय उइके : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या केन्‍द्र सरकार के द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्‍तर्गत की जाने वाली खरीदी हेतु राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि का भुगतान केन्‍द्र सरकार द्वारा नहीं किया गया है? केन्‍द्र सरकार द्वारा भुगतान नहीं किये जाने के क्‍या कारण हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुख्‍यमंत्री सम्‍मान निधि‍ की राशि का भुगतान

[राजस्व]

17. ( *क्र. 763 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) बैतूल जिले में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना में कितनी राशि का वितरण किया गया है? उक्‍त राशि में से मुलताई तहसील के कितने किसानों के खाते में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना की कितनी राशि डाली गई है? (ख) क्‍या मुलताई तहसील के किसानों के खाते में प्रश्‍न दिनांक तक मुख्‍यमंत्री सम्‍मान निधि की राशि का भुगतान नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो इसके क्‍या कारण हैं एवं किसानों के खाते में राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा?  

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल जिले में मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजनांतर्गत राशि रु. 29.93 करोड़ का वितरण किया गया है। मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजनांतर्गत मुलताई तहसील में 20846 हितग्राहियों के खातों में राशि रु. 4.1692 करोड़ डाली गई है। (ख) जी नहीं। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना में अपात्र किसानों से वसूली

[राजस्व]

18. ( *क्र. 5969 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) दिनांक 01.01.2021 की स्थिति में भोपाल, इन्‍दौर तथा ग्‍वालियर संभाग के अलग-अलग जिलों में कितने किसानों को अपात्र मानकर प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना के अंतर्गत दी गई सहायता वापस जमा करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं? (ख) दिनांक 01.01.2021 की स्थिति में उपरोक्‍त में से कितने किसानों से राशि वसूल की जा चुकी है तथा कितने किसानों से राशि अभी वसूल की जाना शेष है?  

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                                                    (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पात्र-अपात्र का निर्धारण नहीं होने से शेष वसूली की संख्‍या बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पांच"

इंदौर में सहकारी संस्‍थाओं द्वारा भूमि का अवैध विक्रय

[सहकारिता]

19. ( *क्र. 5944 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2009 में राज्‍य सरकार द्वारा भू-माफियों के विरूद्ध अभियान चलाया गया था?                                                                   (ख) यदि हाँ, तो इंदौर जिले की किन-किन गृह निर्माण सहकारी समितियों के घोटाले संज्ञान में आये और उनमें क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या इंदौर की 45 समितियों ने लगभग 252 एकड़ जमीन की हेराफेरी कर जमीन बेची थी? यदि हाँ, तो उन समितियों का ब्‍यौरा दें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) इंदौर जिले की गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं में अनियमितताओं के लिए चिन्हित संस्थाओं पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (ग) इंदौर जिले की गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं द्वारा की गई भूमि विक्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है।

शीघ्रलेखकों का पदनाम परिवर्तित कर सेवा भर्ती नियमों में संशोधन

[राजस्व]

20. ( *क्र. 3375 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग (वेतन आयोग प्रकोष्ठ) के आदेश क्र. एफ-1-6/1/वेआप्र/91, दिनांक 11 नवम्बर, 1997 द्वारा शासन के सभी विभागों, समस्त संभागीय आयुक्तों एवं कलेक्टरों को सचिवालयेत्तर शीघ्रलेखकों के पदनाम परिवर्तित कर परिवर्तित पदनामों को सेवा भर्ती नियमों में संशोधन करने की कार्यवाही एक माह में करने के आदेश जारी किए गए थे? यदि हाँ, तो उक्त आदेश के परिपालन में राजस्‍व विभाग द्वारा निर्देशानुसार कार्यवाही कर अपने विभाग के शीघ्रलेखकों के पद नाम परिवर्तित कर सेवा भर्ती नियमों में पद नाम संशोधित कर दिए गए हैं? (ख) राजस्‍व विभाग द्वारा यदि उक्‍त कार्यवाही नहीं की गई है, तो उसके क्‍या कारण हैं? उक्‍त कार्यवाही कब तक पूर्ण करा ली जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है। (ख) जी नहीं। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बाणसागर के पथन्‍डा नहर से खेत में नाली निर्माण

[जल संसाधन]

21. ( *क्र. 6482 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र सतना के तहसील रघुराजनगर, विकासखण्‍ड सोहावल, रामस्‍थान से पूर्वा और पथन्‍डा नहर की निकासी हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों के खेतों से हुई है? सदस्‍य शुल्‍क जमा करने वाले व्‍यक्तियों के नाम सहित बतायें। (ख) क्‍या सदस्‍य शुल्‍क जमाकर्ता एवं किसानों के खेतों से होकर निकली नहर का पानी का उपयोग करने दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो नामजद किसानों को नहर से खेत तक सिंचाई करने हेतु आईकट नाली का निर्माण कराकर पानी छोड़ा जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) यदि नाली का निर्माण किया जाता है तो सिंचाई सुविधा का लाभ किसानों को मिल सकेगा?  

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी, हाँ। किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। किसी भी कृषक से सदस्यता शुल्क जमा नहीं कराना प्रतिवेदित है। (ख) एवं (ग) कमाण्ड एरिया में आने वाले समस्त कृषकों को सिंचाई हेतु पानी का उपयोग करने दिया जा रहा है। ग्राम रामस्थान में 250 हेक्‍टर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। काडा कार्य के अंतर्गत 5820 मीटर नाली का निर्माण किया जा चुका है। नाली के माध्यम से 194 हेक्‍टर क्षेत्र में कृषक सिंचाई कर रहे हैं, शेष 56 हेक्‍टर में कृषकों द्वारा उनकी जमीन नहर तल से ऊपर होने के कारण सीधे लिफ्ट के माध्यम से सिंचाई हेतु पानी लिया जाना प्रतिवेदित है। लिफ्ट हेतु कृषक निजी पंप रखे हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "ब" अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

डूब क्षेत्र प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा वितरण

[जल संसाधन]

22. ( *क्र. 5885 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती सिंचाई परियोजना का कार्य प्रगतिरत है? यदि हाँ, तो परियोजना की लागत निर्माण एजेंसी एवं अनुबंध शर्तों सहित कार्य पूर्ण करने की समयावधि आदि पूर्ण विवरण सहित बतावें (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त परियोजना के वर्तमान डूब क्षेत्र/वर्षाकाल में जल स्‍तर बढ़ने से डूब क्षेत्र तथा बाढ़ आने की स्थिति में ड़ूब क्षेत्र से कितने ग्रामों में कितनी चल-अचल संपत्ति पूर्ण व आंशिक रूप से प्रभावित हो रही है एवं प्रश्‍न दिनांक तक कितने प्रभावित लोगों को कितनी राशि का मुआवजा दिया जा चुका है तथा कितने लोगों को मुआवजा दिया जाना किन कारणों से कब से शेष है? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या परियोजना के ड़ूब क्षेत्र में पूर्व में हुये सर्वेक्षण के दौरान कई खामियां होने से प्रभावित किसानों की चल-अचल संपत्ति का सही आंकलन नहीं हो पाया है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त संबंध में किस-किस स्‍तर पर कब-कब क्‍या-क्‍या शिकायतें प्राप्‍त हुईं तथा उनमें क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब-कब की गई? क्‍या शासन डूब क्षेत्र विसंगति को दूर करने के लिये पुन: सर्वेक्षण करवाकर मुआवजा वितरण की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। परियोजना की लागत रू. 1815.54 करोड़ है। बांध के निर्माण हेतु कार्य की एजेंसी मेसर्स एल.सी.सी. प्रोजेक्‍ट प्रा.लि. भुज गुजरात। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि 03 वर्ष। नहर कार्य हेतु निर्माण एजेंसी मेसर्स पी.ई.एल. पार्वती (जे.व्‍ही.) हैदराबाद। अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि 05 वर्ष। अनुबंध की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "1" एवं "2" अनुसार है। (ख) परियोजना के डूब क्षेत्र से 41 ग्रामों की 3048.042 हेक्‍टर भूमि प्रभावित हो रही है। डूब क्षेत्र में 04 ग्राम पूर्ण एवं 12 ग्राम आंशिक रूप से प्रभावित होना प्रतिवेदित है। 296 व्‍यक्तियों को रू. 43.59 करोड़ का मुआवजा दिया जा चुका है एवं 2917 व्‍यक्तियों को मुआवजा दिया जाना शेष है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "अ" अनुसार है। (ग) जी नहीं। अभिलेख अनुसार शासन स्‍तर पर कोई शिकायती पत्र प्राप्‍त होना नहीं पाया गया। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

तहसीलदार द्वारा मान. न्‍यायालय के आदेशों का पालन न करने पर कार्यवाही

[राजस्व]

23. ( *क्र. 4860 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                           (क) क्‍या सक्षम शासकीय अधिकारियों द्वारा न्‍यायालयीन प्रकरणों में माननीय न्‍यायालय द्वारा पारित निर्णय/आदेश का पालन नहीं करना कदाचार की श्रेणी में आता है? (ख) यदि हाँ, तो नगर खिलचीपुर में स्थित पटवारी हल्‍का क्रमांक 57 (18) सर्वे क्र. 465/40 रकबा 2.023 हे. के विवादित प्रकरण में अपर आयुक्‍त भोपाल संभाग के प्र.क्र. 250/अपील/2018-19, आदेश दिनांक 09.09.2020 के द्वारा जो आदेश पारित किया गया? क्‍या उसका पालन किया जा चुका है? यदि नहीं, तो किन कारणों से पालन नहीं किया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित अपर आयुक्‍त भोपाल संभाग तथा माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेशों की अवहेलना करने पर तहसीलदार खिलचीपुर के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जाएगी? समय-सीमा बतायें 

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के प्रकरण क्रमांक डब्‍ल्‍यू.पी. 15591/2020 में पारित आदेश दिनांक 19.01.2021 अनुसार अपर आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल द्वारा अपील प्रकरण क्रमांक 250/अपील/2018-19 में पारित आदेश दिनांक 09.09.2020 निरस्त किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के आदेश के अनुक्रम में कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

खदानों का सीमांकन कर चिन्‍हांकित स्‍थानों पर बोर्ड लगवाया जाना

[खनिज साधन]

24. ( *क्र. 6129 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रश्‍न क्रमांक 280, दिनांक 22.09.2020 के उत्‍तर के (ग) में बताया गया था कि चिन्‍हांकित रेत खदानों पर शासन की ओर से किसी प्रकार का बोर्ड नहीं लगाया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) संदर्भित प्रश्‍नांश (ग) में यह भी बताया गया कि निविदा प्रपत्र की कंडिका 28 के अनुसार सूचना पटल पर कतिपय जानकारी ठेकेदार द्वारा प्रदर्शित किया जाना प्रावधानिक है, अगर है तो प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस खदान पर उनका सीमांकन करके चिन्‍हांकित स्‍थानों पर कब-कब बोर्ड लगवा दिये गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने उपरोक्‍त कार्य कराने में प्रश्‍न दिनांक तक लापरवाही की है, उनके विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि संबंधित जिले के उन ठेकेदारों ने प्रश्‍न दिनांक तक उपरोक्‍त कार्यों को नहीं कराया तो क्‍यों? ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही विभाग द्वारा की गई है? क्‍या ऐसे ठेकेदारों के विरूद्ध ठेका निरस्‍त करने की कार्यवाही की जावेगी तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। चिन्‍हांकित रेत खदानों पर शासन की ओर से बोर्ड लगाये जाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में दिये गये उत्‍तर अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छ:"

कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सिंध नदी पर स्वीकृत रेत खदानें

[खनिज साधन]

25. ( *क्र. 3635 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में सिंध नदी पर वर्तमान स्थिति में किन-किन स्थानों पर रेत खदानों की स्वीकृति कब-कब जारी की गई? क्या उक्त स्वीकृत खदानों से रेत निकालने की विधिवत अनुमति प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो किन-किन खदानों से कितनी-कितनी मात्रा में रेत निकालने की अनुमति प्राप्त हुई है? स्वीकृत समस्त रेत खदानों के सर्वे नंबर, रकवा सहित समस्त जानकारी उपलबध करावें (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या सिंध नदी पर स्टॉप डेमों के निर्माण होने के उपरांत ही उक्त सभी रेत खदानों की स्वीकृति पहली बार हुई है तथा पूर्व में कभी भी उक्त स्थानों पर रेत खदान स्वीकृत नहीं थीं? क्या उक्त नदी पर रेत खदान क्षेत्र में स्टॉप डेम होने से पानी भरा हुआ है, जो किसानों की कृषि सिंचाई हेतु उपयोग किया जा रहा है? क्या नियमानुसार जहां पानी भरा हुआ है, उस स्थान से रेत का खनन किया जा सकता है अथवा नहीं? (ग) यदि नहीं, तो फिर वर्षभर में 08 माह से अधिक समय तक खदान स्वीकृति क्षेत्र में पानी भरा होने पर रेत का खनन नियमानुसार कैसे हो सकता है? (घ) क्‍या जल भराव क्षेत्र से रेत खनन किए जाने हेतु असामाजिक तत्वों द्वारा स्टॉप डेमों के गेट तोड़कर रेत खनन हेतु पानी निकालने का लगातार प्रयास किया जा रहा है? ऐसी स्थिति में जबकि नियमानुसार उक्त खदानें संचालित नहीं हो सकती तो उक्त सभी खदानों की स्वीकृति को कब तक निरस्त कर दिया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधानसभा क्षेत्र में सिंध नदी पर स्‍वीकृत खदानों की प्रश्‍नानुसार जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। पूर्व में दिनांक 30.01.2013 को नीलामी के माध्‍यम से 4 खदानें स्‍वीकृत की गईं थीं, परन्‍तु नियत समय-सीमा में वैधानिक अनुमतियां प्राप्‍त न होने के कारण खदान का संचालन नहीं किया गया। प्रश्‍नाधीन नदी पर 5 स्‍टॉप डेम बने हुए हैं, जिसके पानी का उपयोग सिंचाई हेतु किसानों द्वारा किया जा रहा है। रेत खदानें नियमानुसार स्‍टॉप डेम से 200 मीटर दूरी छोड़कर चिन्हित की गई हैं, जिन स्‍थानों पर पानी भरा है, उस स्‍थल से रेत का खनन नहीं किया जा सकता है। (ग) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण एवं व्‍यापार) नियम 2019 के प्रारूप-पांच की कंडिका 17 के अनुसार रेत का खनन नदी, नाले के भीतर प्रतिबंधित है। (घ) कुछ अज्ञात व्‍यक्तियों द्वारा गेट हटाकर पानी निकाला गया था। तत्‍समय सूचना मिलने पर जल संसाधन विभाग द्वारा गेट बन्‍द कर दिये गये हैं। स्‍टॉप डेम से नियमानुसार 200 मीटर की दूरी छोड़कर खदानें चिन्हित की गई हैं एवं विधिवत अनुमतियां प्राप्‍त होने के उपरांत ही रेत खदानों का संचालन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में सभी खदानों को निरस्‍त किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सात"

 

 

 

 








भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


श्रम कानूनों का पालन

[श्रम]

1. ( क्र. 1656 ) श्री राकेश मावई : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कुल कितनी औद्योगिक इकाईयां खोली गई है? उन औद्योगिक इकाईयों में क्‍या स्‍थानीय लोगों को रोजगार देने का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो किस श्रेणी अथवा श्रमिकों के कितने प्रतिशत लोगों को रोजगार दिये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) के औद्योगिक इकाईयों में श्रम नीति क्‍या है? श्रम नीति की प्रति दें तथा उक्‍त इकाईयों में स्‍‍थानीय स्‍तर के युवाओं अथवा बेरोजगारों के कितने-कितने लोगों को कुशल, अकुशल, श्रमिक अथवा अर्द्ध श्रमिक व अन्‍य पदों पर रखा गया है? नाम, पद, स्‍थायी पता के साथ औद्योगिक इकाईवार जानकारी देवें। (ग) यदि प्रश्नांश (क) के औद्योगिक इकाईयों में स्‍थानीय लोगों का अनुबंध के अनुसार रखे गये (ख) के पदों की संख्‍या कम है? तो कौन-कौन दोषी है? उन पर कब क्‍या कार्यवाही करेंगे तथा अनुबंध मापदण्‍ड के अनुसार कब तक पदों की पूर्ति कर दी जायेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के औद्योगिक इकाईयों में से मयूर यूनी कोटर्स लिमिटेड एवं विक्‍टस में क्‍या एक भी स्‍थानीय एवं जिले के लोगों को किसी तरह के पदों में नहीं रखा गया है? तो क्‍यों? क्‍या इसे यह माना जायेगा कि उक्‍त औद्योगिक इकाई अपने अनुबंधों एवं श्रम कानून के विपरीत कार्य कर रही है? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध कब क्‍या कार्यवाही करेंगे तथा कब तक स्‍थानीय लोगों को मापदण्‍डों के अनुसार पदों पर रखवा देंगे।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्र की जा रही है।

प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की जानकारी

[सहकारिता]

2. ( क्र. 1756 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) सारंगपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली कौन-कौन सी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति विधानसभा क्षेत्र के बाहर स्थित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक (सीसीबी) की किन-किन शाखाओं में सम्मिलित है? बैंक की शाखावार उनमें सम्मिलित समितियों की जानकारी देवें?                   (ख) क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित विधानसभा क्षेत्र से बाहर स्थित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की शाखा छापीहेड़ा, खुजनेर एवं तलेन से पृथक कर विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कार्यरत सी.सी.बी. की शाखाओं में सम्मिलित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. राजगढ़ अंतर्गत सारंगपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाली 12 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां निम्न शाखाओं में सम्मिलित है :- बैंक शाखा, पचोर अंतर्गत समिति-सुल्तानिया, पचोर, पटाडिया धाकड़ एवं उदनखेड़ी बैंक शाखा छापीहेड़ा अंतर्गत समिति-सिमरोल, बैंक शाखा तलेन अंतर्गत समिति- टिकोद एवं पाडल्या आंजना बैंक शाखा तलेन अंतर्गत समिति- पाटक्या, चिडलावनिया, धामन्दा, सांडावता एवं भ्याना। (ख) नियमानुसार निर्धारित मापदण्ड अनुसार प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यवाही की जा सकेगी।

सिविल न्यायालय हेतु भूमि का आंवटन

[राजस्व]

3. ( क्र. 1758 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) राजगढ़ जिले में पचोर नगर में सिविल न्यायालय के निर्माण हेतु किस दिनांक को किस सर्वे नं. की कितनी हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया गया है एवं क्या उक्त भूमि का कब्जा न्यायालय के संबंधित अधिकारी को सौंप दिया गया है? यदि हाँ, तो, कब्जा सौंपने की दिनांक से अवगत करावें? यदि नहीं तो कब तक सौंपा जावेगा? (ख) क्या 4 दिसंबर 2020 को अपर कलेक्टर राजगढ़ के नेतृत्व में राजस्व अधिकारी, न्यायालय प्रतिनिधि व राजस्व अमले की उपस्थिती में जो पंचनामा बनाया गया था, उस पर क्या कार्यवाही की गयी है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले में पचोर नगर में सिविल न्यायालय के निर्माण हेतु दिनांक 12.10.2012 को सर्वे नंबर 249 रकवा 1.556 हेक्टेयर भूमि का आवंटन किया गया है। भूमि का कब्जा दिनांक 27.05.2017 को न्यायालय के संबंधित अधिकारी को सौंप दिया गया। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

श्रमिक सुविधाओं की अद्यतन स्थिति

[श्रम]

4. ( क्र. 1917 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा श्रमिकों को क्या-क्या सुविधाएं देने के प्रावधान हैं व इस हेतु क्या-क्या नियम प्रक्रिया प्रचलन में है? (ख) श्रम विभाग द्वारा किस-किस वर्ग के श्रमिक शासकीय योजनाओं के लाभ के हकदार है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विगत दो वर्ष में विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 32, अशोकनगर में किस-किस वर्ग के कितने श्रमिकों को क्या-क्या लाभ दिये गये?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाओं एवं योजनाओं का लाभ प्राप्‍त करने हेतु प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 2. मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना असंगठित क्षेत्र के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को मिलने वाली योजनाओं एवं उनका लाभ प्राप्‍त करने हेतु प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। 3. म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल  योजना संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाओं एवं योजनाओं का लाभ प्राप्‍त करने हेतु प्रक्रिया की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र अ-2 अनुसार है। (ख) 1. म.प्र.भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कार्यों में संलग्‍न पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्‍त करने की पात्रता है। 2. मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल योजना अंतर्गत प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र अ-1 अनुसार है। 3. म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल योजनांतर्गत संगठित क्षेत्र के श्रमिक योजनाओं का लाभ प्राप्‍त करने के हकदार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र क्र. 32 अशोकनगर में विगत 02 वर्षों में- 1. म.प्र.भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल  पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को मण्‍डल द्वारा संचालित योजनाओं में दिये गये हितलाभ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। 2. मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण संबल  योजना अंतर्गत प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब-1 अनुसार है।

अशोकनगर जिले में खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

5. ( क्र. 1924 ) श्री जजपाल सिंह जज्‍जी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में खनिज विभाग द्वारा कितनी रेत, मुरम, गिट्टी खदानें वर्तमान में किन-किन ठेकेदारों द्वारा कब से संचालित की जा रही है और किस अवधि तक की जावेंगी?               (ख) इनकों किस दर से खदानें दी गई खदान स्‍वीकृति के लिये शासन द्वारा वर्तमान में प्रचलित जारी दिशा निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अशोकनगर जिले में पत्‍थर, मुरूम व रेत की खदानें जो वर्तमान में स्‍वीकृत व संचालित हैं, उनका विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। शेष जानकारी भी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्‍थर व मुरूम की खदानें मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत उत्‍खननपट्टों पर स्‍वीकृत हैं तथा रेत की खदानें मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत समूह के ठेकेदारों को निविदा से ठेके पर स्‍वीकृत है। उक्‍त दोनों नियम अधिसूचित है।

चालक प्रशिक्षण स्‍कूल खोलने के निर्देश

[परिवहन]

6. ( क्र. 2303 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) चालक प्रशिक्षण स्‍कूल खोलने के संबंध में राज्‍य सरकार तथा भारत सरकार के क्‍या-क्‍या निर्देश है उनकी प्रति दें। (ख) मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को चालक प्रशिक्षण स्‍कूल बेगमगंज में खोलने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र 1 दिसम्‍बर 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब प्राप्‍त हुए? (ग) उक्‍त पत्रों पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा प्रश्‍नकर्ता विधायक को की गई कार्यवाही से कब अवगत कराया? (घ) चालक प्रशिक्षण स्‍कूल बेगमगंज में कब तक प्रारंभ हो जायेगा पूर्ण विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) चालक प्रशिक्षण स्कूल खोलने के संबंध में भारत सरकार द्वारा जारी स्कीम की वांछित प्रतियां  पुस्तकालय  में रखे  परिशिष्ट अनुसार  है।            (ख) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक ने माननीय मुख्यमंत्री म.प्र. शासन को पत्र क्रमांक 676 दिनांक 12.12.2019 को लिख कर बेगमगंज जिला रायसेन में ''चालक प्रशिक्षण स्कूल खोले जाने के संबंध में भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में माननीय श्री नितिन गड़करी जी को लिखे उनके पत्र क्रमांक 512 दिनांक 19 जुलाई 2019 के अनुसरण में माननीय केन्द्रीय मंत्री भारत सरकार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा उनके पत्र क्रमांक 12017/18/2019/आरएस दिनांक 18 नवंबर 2019 के अनुसरण में चालक प्रशिक्षण स्कूल बेगमगंज जिला रायसेन में खोले जाने का प्रस्ताव पत्र भारत सरकार को भेजने का उल्लेख किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय म.प्र. के पत्र क्रमांक 111/CMS/MLA/143/2020 भोपाल दिनांक 02.01.2020 से माननीय विधायक श्री रामपाल सिंह का पत्र विभाग को भेजा गया। जिस पर म.प्र. शासन परिवहन विभाग ने परिवहन आयुक्त म.प्र. ग्वालियर को उपरोक्त संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही करने हेतु लेख किया। इसी अनुसरण में परिवहन विभाग म.प्र. शासन ने पत्र क्रमांक एफ 22-28/2020/आठ/300 दिनांक 04.02.2020 पत्र क्रमांक एफ 22-28/2020/आठ भोपाल दिनांक 12.02.2020 एवं पत्र क्रमांक 22-28/2020/आठ भोपाल दिनांक 06.03.2021 परिवहन आयुक्त कार्यालय को प्रेषित किये गये।  (ग) माननीय श्री नितिन गड़करी जी, परिवहन मंत्री भारत सरकार को माननीय विधायक द्वारा संबोधित पत्र, परिवहन आयुकत कार्यालय में भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पत्र दिनांक 28 अक्टूबर, 2019 के साथ 31.10.2019 को प्राप्त हुआ था। जिसके क्रम में माननीय विधायक जी को पत्र क्रमांक 04/तक/टीसी/2019 दिनांक 01.1.2020 से केन्द्र सरकार की स्कीम अनुसार बेगमगंज में चालक प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने के विषय में अवगत कराकर प्रस्ताव संबंधी प्रक्रिया का अनुरोध किया गया था। परिवहन आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 3833/निज सचिव/टीसी/2020 ग्वालियर दिनांक 05.09.2020 के द्वारा समस्त जिला परिवहन कार्यालयों को केन्द्र सरकार की स्कीम No. RT-25044/03/2017-RS के तहत चालक प्रशिक्षण स्कूल खोलने जाने हेतु जारी किया गया था। किन्तु उक्त स्कीम के तहत चालक प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने हेतु निर्धारित मापदंडों का बेगमगंज में चालक प्रशिक्षण स्कूल खोलने का प्रस्ताव किसी संस्था/व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया; इस कारण बेगमगंज में चालक प्रशिक्षण स्कूल खोलने का प्रस्ताव भारत सरकार को नहीं भेजा गया है। जिला परिवहन अधिकारी, रायसेन ने इस स्कीम के तहत पत्र क्रमांक 22/जि.प.अ./2021 रायसेन दिनांक 20.01.2021 से कलेक्टर द्वारा आवंटित भूमि पर ड्रायविंग ट्रेनिंग स्कूल स्थापित करने हेतु प्रस्ताव परिवहन आयुक्त कार्यालय में प्राप्त हुआ था जो परिवहन आयुक्त द्वारा अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 521/टीसी/2021 दिनांक 23.01.2021 से संयुक्त सचिव, भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को स्वीकृति हेतु अग्रेषित किया जा चुका है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

रामपुरटोला के निवासियों का व्‍यवस्‍थापन

[जल संसाधन]

7. ( क्र. 2304 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रायसेन जिले के विकासखण्‍ड सिलवानी के अन्‍तर्गत नगरपुरा नगझिरी जलाशय के निर्माण में ग्राम सनाईडार के रामपुरटोला का बांध के पानी भर जाने के कारण मूल ग्राम सनाईडार से विभाजन हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम सनाईडार के रामपुरटोला के निवासियों का व्‍यवस्‍थापन क्‍यों नहीं किया जा रहा है तथा इस संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश है? उनकी प्रति दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में माननीय मंत्री जी, विभाग के अधिकारियों तथा कलेक्‍टर रायसेन को 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुये उक्‍त पत्रों में उल्‍लेखि‍त बिन्‍दुओं पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा प्रश्‍नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम सनाईडार का रामपुरटोला डूब प्रभावित नहीं है, परन्‍तु तीन तरफ पानी से घिरा होने एवं पहुंच मार्ग बाधित होने के कारण प्रभावित 17 मकानों के मुआवजा प्रदान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) पत्रों पर की गई कार्यवाही से माननीय सदस्‍य को अवगत कराया गया है। पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "आठ"

माथनी लघु जलाशय के क्षतिग्रस्‍त नहर गेट

[जल संसाधन]

8. ( क्र. 2338 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या जल संसाधन संभाग मुलताई अंतर्गत निर्मित लघु जलाशय माथनी नहर का गेट वर्षों से क्षतिग्रस्‍त है तथा नहर गेट के लोहे की चादरें व सामग्री स्‍थायी रूप से क्षतिग्रस्‍त है। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के संबंध में ग्रामवासियों द्वारा लगातार मांग करने पर अस्‍थायी रूप से वर्षाकाल में मिट्टी डाल कर प्रवाह बंद किया जाता हैं। (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (ख) के संबंध में 20 हा.पा. का जल प्रवाह गेट बंद होने के बाद भी चालू रहता हैं, जिससे कि जल का अपव्‍यय होता हैं।            (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में व्‍यापक जनहित में नहर गेट की क्षति का मरम्‍मत कार्य शासन शीघ्र पूर्ण करायेगा और कब तक।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) इस वर्ष गेट को बंद करते समय कुछ छोटे पत्‍थरों के टुकड़े गेट के नीचे फस जाने से संपूर्ण गेट बंद नहीं होने के कारण वर्षाकाल में मिट्टी डालकर प्रवाह बंद किया जाना प्रतिवेदित है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) गेट क्षतिग्रस्‍त नहीं होने से मरम्‍मत कराने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

मुलताई में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना

[जल संसाधन]

9. ( क्र. 2341 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) मुलताई विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मरकालढोडा, जामुनडोर, झिरी, पावल एवं सोमगढ़ विकासखण्‍ड पट्टन के कृषकों हेतु शासन की ओर से फसलों की सिंचाई के लिए कौन-कौन से संसाधन उपलब्‍ध है एवं इससे कितने हेक्‍टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध हो रही है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए शिवझिरी नदी पर बांध बनाने की शासन की कोई योजना है, यदि हाँ, तो प्रगति से अवगत कराएं यदि नहीं तो क्‍या शिवझिरी नदी पर बांध बनाया जाकर उक्‍त ग्राम के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मुलताई विधान सभा क्षेत्र के ग्राम मरकालढोडा, जामुनडोर एवं सोमगढ़ ग्राम में जल संसाधन विभाग की कोई परियोजना निर्मित नहीं है। झिरीग्राम में झिरी बांध से एवं पावल ग्राम में पावल बांध से क्रमश: 110 हेक्‍टेयर एवं 240 हेक्‍टेयर रकबे में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जाना प्रतिवेदित है। (ख) जी नहीं, अपितु शिवझिरी नदी पर पूर्व से ही झिरी बांध निर्मित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ

 [राजस्व]

10. ( क्र. 2486 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अलीराजपुर जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अन्तर्गत किसानों को लाभ दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितने किसानों को लाभ दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार पात्र किसानों में से कितने किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदाय की गई है और कितने किसानों को सम्मान निधि का लाभ नहीं दिया गया हैं? जिले की संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि भुगतान नहीं हुई भुगतान न होने के क्या करण है? यदि किसानों का सत्यापन नहीं होने से भुगतान नहीं हुआ है तो सत्यापन हेतु जिम्मेदार अधिकारी कौन-कौन है नाम व पदनाम सहित सूची देवें? क्या दोषी अधिकारी पर कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक। (घ) सत्यापन नहीं होने के कारण जिन किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना अन्तर्गत राशि भुगतान नहीं हुई है उन्हें कब तक सत्यापन कर राशि भुगतान की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। 85976 किसानों को योजना का लाभ दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार 85976 किसानों के खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि की राशि प्रदाय की गई है। पात्र किसानों द्वारा वांछित दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराने पर योजना का लाभ दिया जाता है। जिले में 85976 किसानों को योजना का लाभ दिया गया है। किसानों की संख्‍या परिवर्तन शील होने के कारण शेष संख्‍या बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) पात्र किसानों द्वारा वांछित दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराने पर योजना का लाभ दिया जा रहा है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

181 सी.एम. हेल्‍पलाईन में शिकायत का निराकरण

[लोक सेवा प्रबन्धन]

11. ( क्र. 2682 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 181 सी.एम. हेल्‍पलाईन में एक मार्च 2020 से 05 फरवरी, 2021 तक कितनी शिकायतें  नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में दर्ज की गईं? संख्‍यात्‍मक जानकारी देवें? (ख) क्‍या यह सही है कि 181 सी.एम. हेल्‍पलाईन में शिकायत करने के पश्‍चात् संबंधित क्षेत्र के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा शिकायतकर्ता पर दबाव डालकर व झूठा आश्‍वासन देकर उससे शिकायत वापस करवा ली जाती है तथा निराकरण की सूचना शासन को प्रेषित कर शासन को गुमराह किया जाता है? जबकि शिकायतें यथास्थिति में रहती हैं जिससे शासन की छवि खराब होती है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) 181 सीएम हेल्‍पलाईन में 01 मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में कुल 8037 शिकायतें दर्ज की गई है, जिसमें से 6285 संतुष्टि के साथ बंद, 952 शिकायतें फोर्स क्‍लोज, 207 शिकायतें आंशिक रूप से बंद, 28 शिकायते cpgrams के अंतर्गत बंद, 18 शिकायतें मर्ज की गई एवं 547 शिकायतें लंबित है। (ख) जी नहीं, 181 सीएम हेल्‍पलाईन पोर्टल पर शिकायतकर्ता की संतुष्टि परिक्षण पश्‍चात उसकी सहमति के आधार पर 181 कॉल सेंटर द्वारा बंद की जाती है। अत: शेष प्रश्‍नांश के उत्‍तर का प्रश्‍न नहीं उठता।

उज्जैन संभाग में अनावरी रिर्पोट की जानकारी

[राजस्व]

12. ( क्र. 3179 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्या उज्जैन संभाग में वर्ष 2018 से 2021 प्रश्‍न दिनांक तक फसलों का नुकसान हुआ है? यदि हाँ तो कितने किसानों की कौन-कौनसी फसल को किस कारण से नुकसान हुआ है? क्या इसकी अनावारी कराई गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उज्जैन संभाग में कलेक्टर के द्वारा पटवारियों के दल बनाकर कब-कब और कहाँ-कहाँ पर अनावारी कराई गई? फसलों की नुकसानी की अनावारी की रिर्पोट का तहसीलवार, आंकड़ा देवें। (ग) किसानों ने उज्जैन संभाग में कौन-कौनसी फसल बोई थी? पटवारी की निरीक्षण रिर्पोट तहसीलवार किसानों की संख्‍या सहित देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। फसल नुकसान की कृषकों की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जिलों द्वारा आनावारी कराई गई है। (ख) उज्जैन संभाग में कलेक्टर द्वारा राजस्‍व विभाग एवं कृषि विभाग का संयुक्‍त दल गठित कर फसल क्षति का सर्वे कराया गया। आनावारी रिपोर्ट का तहसीलवार आंकड़ा  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) उज्जैन संभाग में मुख्‍यत: सोयाबीन, गेंहू, चना, आलू, लहसन, प्‍याज, मक्‍का, कपास, उड़द, मसूर, धनिया, राई-सरसौं, मूंग, मूंगफली, मेथी, इसबगोल आदि फसले बोई गई थी। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

ऋण पुस्तिका जारी न करने वालों पर कार्यवाही

[राजस्व]

13. ( क्र. 3221 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) जिला सिंगरौली में तहसीलों द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में कितने भू-अधिकर पत्र/ऋण पुस्तिकाएं किसानों को आवंटित की गई तथा कितने ऐसे आवेदन तहसीलों में ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र कब से लंबित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऋण पुस्तिका आवंटित की गई उनमें से कितने पुराने ऋण पुस्तिका  जमा कराकर नई ऋण पुस्तिका जारी की गई की यह भी बतावें कि द्वितीय ऋण पुस्तिका जारी किये जाने के पूर्व किसानों से कौन-कौन सी औपचारिकताएं पूरी कराई जाती है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी ऋण पुस्तिकाओं में से कितनी ऋण पुस्तिकाएं द्वितीय प्रति किसानों की गुम हो जाने या नष्‍ट हो जाने से आवेदन प्राप्‍त कर जारी की गई इस बाबत् कितने आवेदन किन तहसीलों में कब से लंबित हैं इस बाबत् क्‍या निर्देश जारी करेंगे एवं इन किसानों को कब तक ऋण पुस्तिका उपलब्‍ध करा देवेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तारतम्‍य में किसानों के नवीन ऋण पुस्तिका एवं द्वितीय प्रति ऋण पुस्तिका बाबत् जो आवेदन दिये गये उनमें से कितने आवेदन लोक सेवा के माध्‍यम से तहसीलदारों को प्राप्‍त हुये एवं कितने आवेदन सीधे तहसील कार्यालय में जमा कराये गये की जानकारी पृथक-पृथक देवें? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार ऋण पुस्तिका किसानों को समय पर उपलब्‍ध नहीं करायी गई किसानों के आवेदन तहसीलों में लंबित हैं थानों में आवेदन दर्ज कराने एवं शपथ पत्र के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है इसके लिये किसको जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे एवं जिन किसानों के आवेदन ऋण पुस्तिका बाबत् लंबित हैं कब तक दिलवा देगें बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला सिंगरौली की तहसीलों द्वारा वर्ष 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में 23476 भू-अधिकार पत्र/ऋण पुस्तिकायें किसानों को आवंटित की गई तथा 811 आवेदन तहसीलों में भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका के समय-सीमा में लंबित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र जो आवंटित की गई उनमें से 3243 पुराने ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र जमा कराकर नई ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र जारी की गई। द्वितीय ऋण पुस्तिका जारी किये जाने के पूर्व किसानों से आवेदन पत्र, थाना की प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति, शपथ पत्र, स्‍थानीय बैंकों के नोड्यूज आदि औपचारिकतायें पूरी कराई जाती है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी ऋण पुस्तिकाओं में से 703 ऋण पुस्तिकायें द्वितीय प्रति किसानों की गुम हो जाने या नष्‍ट हो जाने से आवेदन प्राप्‍त कर जारी की गई। इस बावत तहसील सिंगरौली नगर में         05 आवेदन ऋण पुस्तिका के लंबित है, जो समय-सीमा के अन्‍दर के है एवं इन किसानों को  समय-सीमा में ऋण पुस्तिकाये उपलब्‍ध करा दी जावेंगी। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तारतम्‍य में किसानों के नवीन ऋण पुस्तिका एवं द्वितीय प्रति ऋण पुस्तिका बावत जो आवेदन दिये गये उनमें से सभी आवेदन लोक सेवा के माध्‍यम से तहसीलदारों को प्राप्‍त हुये। तहसीलो में कोई भी आवेदन जमा नहीं कराया गया है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार ऋण पुस्तिका किसानों को समय पर उपलब्‍ध कराई गई है। किसानों के आवेदन तहसीलो में जो लंबित है उन्‍हें समय-सीमा में निराकृत कर ऋण पुस्तिका/अधिकार पत्र उपलब्‍ध करा दी जावेंगी। थानों में आवेदन दर्ज कराने एवं शपथ पत्र के नाम पर किसानों को परेशान नहीं किया जा रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरचनाओं की स्थिति

[जल संसाधन]

14. ( क्र. 3342 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) खंडवा जिले के ग्रामीण किसानों के हित में विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कितनी जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है? वर्षवार उनकी संख्या एवं उनपर किये गये व्यय की स्थिति बताएँ? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में खण्डवा विधानसभा क्षेत्र में कितने तालाब, स्टॉप डेम एवं नहरों का निर्माण किया गया है? सूची उपलब्ध कराये? (ग) क्या विभाग द्वारा शासन की योजनाओं को केवल कागज पर क्रियान्वित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इनके लिये कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) क्या विभाग की निष्क्रिय कार्यप्रणाली के कारण आवश्यक जलसंरचनाओं की सुविधा से वंचित ग्रामीण किसानों के हित में विभाग द्वारा जिला/शासन स्तर से निर्णय लिये जाएगे? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खण्‍डवा जिला अंतर्गत जल संसाधन संभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में 02 लघु सिंचाई तथा 02 मध्‍यम सिंचाई परियोजनाओं का कार्य कराया जा रहा है, जो निर्माणाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) खण्‍डवा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा विगत 03 वर्षों में किसी तालाब अथवा स्‍टॉप डैम का निर्माण नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।          (घ) परियोजनाओं का निर्माण कार्य उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों पर निर्भर होती है। खण्‍डवा जिले में प्रस्‍तावित एवं चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। सर्वेक्षित परियोजनाओं की डी.पी.आर. शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने के उपरांत गुण-दोष के आधार पर स्‍वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "नौ"

गौण खनिज के मामलों में कार्यवाही

[खनिज साधन]

15. ( क्र. 3368 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विभाग जिला जबलपुर में किस-किस पद पर कब से कौन-कौन पदस्थ हैं एवं कौन-कौन से पद कब से रिक्त हैं एवं क्यों? सूची दें। (ख) जबलपुर जिले में स्वीकृत व पट्टे पर आवंटित  गौण खनिज क्षेत्रों में क्या अनियमितताएं व शिकायतें पाई गई हैं और इस सम्बंध में किन-किन खदान संचालकों पर कब किसने क्या कार्यवाही की है? वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक की जानकारी दें। (ग) प्रश्नांकित किन कर्मचारियों/अधिकारियों ने गौण खनिज का अवैध रूप से उत्खन्न, परिवहन व भण्डारण से सम्बंधित कितने प्रकरण पंजीकृत किये हैं एवं कहाँ-कहाँ से कितनी मात्रा में कितनी राशि गौण खनिज और कितने वाहनों को जब्त किया है? तथस कितने-कितने वाहनों को किसके आदेश से छोड़ा गया है? (घ) प्रश्नांश (क) में पंजीकृत किन प्रकरणों में अभियोजना की कार्यवाही हेतु न्यायालय कलेक्टर जबलपुर में कब प्रस्तुत किया गया है एवं किन प्रकरणों को प्रस्तुत नहीं किया है एवं क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है।              (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं होने से शेष जानकारी निरंक है।

सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी

[सहकारिता]

16. ( क्र. 3888 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में बैतूल विकासखण्‍ड क्षेत्रांतर्गत कितने कर्मचारी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में किस-किस पद पर कार्यरत है? कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी उनके नाम पते, पद तथा उक्‍त सहकारी समितियों के नाम सहित उपलब्‍ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के कर्मचारियों द्वारा सभी सह.समि.दुकानें बंद कर प्रदेश भर में नियमितीकरण एवं अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन कलम बंद आंदोलन किया जा रहा है? क्या कर्मचारियों ने इस संबंध में सरकार को कोई ज्ञापन सौंपा है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा ज्ञापन पर की गई कार्यवाही से अवगत करावे। (ग) शास.उचित मूल्य की दुकानें बंद कर कर्मचारियों द्वारा हड़ताल पर चले जाने से गरीब उपभोक्ताओं पर क्या असर होगा? इस संबंध में शासन द्वारा क्या व्यवस्था की जावेगी? (घ) कर्मचारियों के मांगों के अनुरूप उनके ज्ञापन बिन्दुओं पर क्या शासन द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की जावेगी। यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जावेगी एवं कब की जावेगी।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  पर है। (ख) जी नहीं, जी हाँ, प्राप्त ज्ञापन परीक्षणाधीन है। (ग) शासकीय उचित मूल्‍य दुकानें यथावत संचालित हो रही हैं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्‍तरांश '' अनुसार समायवधि बताना संभव नहीं।
परिशिष्ट - "दस"

खनिज रायल्‍टी का समायोजन

[खनिज साधन]

17. ( क्र. 4005 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी एवं सतना जिलों की सीमेन्‍ट फैक्‍टरियों को एवं प्रदेश के बाहर के संयत्रों को रेल्‍वे के माध्‍यम से भी सप्‍लाई किए गए लाईम स्‍टोन, लेटेराईट बिना रायल्‍टी चुकाए विगत वर्षों में विक्रय किया था। जिनके प्रकरण कलेक्‍टर कटनी एवं सतना कलेक्‍टर के न्‍यायलय से जुर्माना किए गए है ऐसी जानकारी प्राप्‍त हुई है और कुछ प्रकरण अभी भी इन्‍हीं न्‍यायालयों में चल भी रहे है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विगत 3 वर्षों में किन-किन के प्रकरणों में किन-किन फर्मों के विरूद्ध कलेक्‍टर न्‍यायालय सतना एवं कटनी से कितना-कितना जुर्माना किया गया है प्रकरणवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) क्‍या ट्रेडर्सों द्वारा सप्‍लाई किए चूना पत्‍थर, लेटेराईट मैहर सीमेन्‍ट वर्तमान में अल्‍ट्राटेक सीमेन्‍ट लिमिटेड सतना के प्रकरणों में कलेक्‍टर सतना (खनिज शाखा) जिला सतना द्वारा पत्र क्रमांक 185/खनिज/2020 दिनांक 21/01/2020 से 27,75,97,677 रूपये चूना पत्‍थर कुल देय रायल्‍टी में से समायोजित किया गया है आगे भी कोई राशि और भी समायोजित करने के निर्देश शासन से प्राप्‍त हुए है यदि हाँ, तो उन आदेशों का विवरण उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में कटनी के ट्रेडर्सों के प्रकरण में भी समान कार्यवाही को दृष्टिगत रखते हुए अल्‍ट्राटेक की भांति रायल्‍टी की वापसी या समायोजन किया जावेगा। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्न अनुसार न्यायालय कलेक्टर कटनी में दर्ज/निराकृत/विचाराधीन प्रकरणों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। जिन प्रकरणों में न्यायालय कलेक्टर कटनी द्वारा जुर्माना अधिरोपित किया गया है वह जानकारी भी  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। सतना जिले में इस प्रकार का कोई भी प्रकरण न्यायालय कलेक्टर सतना में दर्ज नहीं है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।           (ख) विगत 05 वर्षों में न्यायालय कलेक्टर कटनी द्वारा जिनके विरूद्ध जुर्माना अधिरोपित किया गया हैउसकी प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। जहाँ तक सतना जिले का प्रश्न हैप्रश्नांश (क) में दिए गए उतर के परिप्रेक्ष्य में सतना जिले की जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं। (घ) कलेक्टर खनिज शाखा सतना से प्राप्त जानकारी अनुसार ट्रेडर्स द्वारा सप्लाई किए गए चूना पत्थर/लेटेराइट मैहर सीमेंट वर्तमान में अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेडसतना के प्रकरणों में कलेक्टर सतना द्वारा कोई रायल्टी समायोजित नहीं की गई है। पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ  अनुसार ट्रेडर्सों के प्रकरण न्यायालय कलेक्टर कटनी में दर्ज किए गए थे जिनमें से कुछ प्रकरणों में निर्णय लिया जाकर जुर्माना अधिरोपित किया गया है। 01 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया हैशेष प्रकरण न्यायालय कलेक्टर कटनी में विचाराधीन है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

खनिज निरीक्षक के संबंध में

[खनिज साधन]

18. ( क्र. 4006 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के खनिज साधन विभाग में कुल कितने खनिज निरीक्षक कब से कार्यरत है? नाम सहित बताएं तथा कार्यरत खनिज निरीक्षकों को क्‍या-क्‍या कार्य सौंपे गए है? (ख) क्‍या            श्री पवन कुशवाहा खनिज निरीक्षक के कार्य क्षेत्र में भारी मात्रा में अवैध उत्‍खनन किया जा रहा है? जिससे शासन को भारी क्षति हो रही है? उक्‍त निरीक्षक ने खनन माफियाओं को भारी लाभ पहुँचाया और स्‍वयं भी लाभ प्राप्‍त किया? (ग) प्रश्नांश (ख) के निरीक्षक की चल अचल संपत्ति का क्‍या विवरण विभाग को प्रस्‍तुत किया है? विगत पाँच वर्षों की वर्षवार जानकारी दें। (घ) उक्‍त खनिज निरीक्षक के सतना कार्यकाल में उनके कार्यक्षेत्र की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, शिकायतवार कार्यवाहीवार विवरण दें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में संबंधित खनिज निरीक्षक को सतना से अन्‍यंत्र स्‍थानांतरित कर उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के खनि निरीक्षक की चल सं‍पत्ति की जानकारी उपलब्‍ध नहीं है। अचल संपत्ति की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-द अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) में दिये गये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

घोघरी डेम का निर्माण कार्य

[जल संसाधन]

19. ( क्र. 4037 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल में क्या घोघरी डेम का निर्माण कार्य प्रारंभ है? इस डेम के लाभान्वित ग्रामों में क्या कमांड क्षेत्र से लगे ग्राम सोनारखापा, गौंडीगौला तथा बघोली को भी सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या इन ग्रामों के सभी किसानों को सिंचाई हेतु डेम का पानी प्राप्त होगा? ऐसे किसान जो लाभ से वंचित है, ग्रामवार संख्‍या देते हुए लाभ नहीं मिलने का कारण सहित पूरी जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या ग्राम बघोली में कई किसानों के खेतों की मेड़ से डेम की नहर जा रही है किन्तु उन्हे डेम के पानी से वंचित रखा गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कृषकों की संख्‍या लाभ से वंचित रखे जाने के कारण सहित उपलब्ध करावे। क्या इन किसानों को प्रश्नाधीन डेम से लाभान्वित किया जावेगा? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नाधीन डेम के लाभान्वित ग्रामों में क्या प्रश्नांश (क) में दर्शित ग्रामों को सम्मिलित किया जाकर सभी किसानों को लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बैतूल जिले में घोघरी बांध का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। ग्राम बघोली पूर्णता सम्मिलित किया गया है, जिससे सभी किसानों को सूक्ष्‍म सिंचाई पद्धति से पानी प्राप्‍त होगा। सोनारखापा एवं गौड़ी-गौला ग्राम का पूर्ण रकबा घोघरी बांध के प्रस्‍तावित सिंचित रकबे से बाहर होने से शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। ग्राम बघोली के अंतर्गत आने वाला सम्‍पूर्ण जी.सी.ए. की भूमि सिंचित होगी। अत: शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। केवल बघोली ग्राम सम्मिलित है। शेषांश का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

रेत के अवैध उत्‍खनन, परिवहन एवं भण्‍डारण के लंबित प्रकरण

[खनिज साधन]

20. ( क्र. 4075 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में शहडोल जिले में अवैध रेत उत्‍खनन, परिवहन एवं अवैध भण्‍डारण के कितने-कितने प्रकरण कहाँ-कहाँ पकड़े गये हैं?                           (ख) प्रश्‍नाधीन पकड़े गये प्रकरणों में किस-किस व्‍यक्ति के कौन-कौन से वाहन तथा कितनी-कितनी मात्रा में रेत जप्‍त की गई? विवरण सहित जानकारी प्रदान करें। (ग) किन-किन प्रकरणों में सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णय पारिय कर दण्डित किया गया और किन-किन प्रकरणों को दण्‍ड देने योग्‍य नहीं पाया गया तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) एवं (ख)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के कॉलम क्रमांक 8 पर दर्शित अनुसार है।

वैध एवं अवैध केसर खादनों की जानकारी

[खनिज साधन]

21. ( क्र. 4209 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्‍डला जिले में कितने क्रेसर खदान आदिवासी एवं गैर आदिवासियों के नाम से संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) क्‍या उक्‍त खदानें जिस व्‍यक्ति या फर्म के नाम से ली गई लीज भूमि/खदानों पर वास्‍तविक मालिक द्वारा संचालित हैं या किसी अन्‍य व्‍यक्ति द्वारा संचालित की जा रही है। लीज अवधि, स्‍थल का नाम व खसरा नं. एवं रकबा सहित नामजद क्रेसर खदानों की जानकारी प्रदान करें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मण्‍डला जिले में 06 क्रेशर खदानें आदिवासी के नाम पर संचालित है एवं 50 खदानें गैर आदिवासियों के नाम से संचालित है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है।

भू-दान से प्राप्‍त भूमि का आवंटन

[राजस्व]

22. ( क्र. 4243 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) बाबा विनोवाभावे द्वारा चलाया गया भू-दान आन्दोलन मध्यप्रदेश में भी चला था यदि हाँ, तो कब से कब तक? (ख) भू-दान आन्दोलन के आरम्भ से नवगठित मध्यप्रदेश में (छत्तीगढ़ छोड़कर) कितनी भूमि दान में प्राप्त हुई जिलेवार जानकारी देवें? (ग) भू-दान से प्राप्त भूमि कितने लोगों को आवंटित की गई जिलेवार जानकारी देवें? (घ) भू-दान से प्राप्त भूमि जिसका आवंटन शेष है उस भूमि की जिलेवार जानकारी देवें। (ङ) क्या भू-दान की शेष भूमि के आवंटन की कोई योजना शासन स्तर पर बनी है अथवा विचाराधीन है यदि हाँ, तो जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भू-दान आन्‍दोलन वर्ष 1951 से प्रारम्‍भ होकर मध्‍यप्रदेश के गठन दिनांक 1/11/1956 के पूर्व से भू-दान आन्‍दोलन प्रचलित था, जो मध्‍यभारत, विंध्‍यप्रदेश आदि द्वारा लागू विभिन्‍न अधिनियमों के अंतर्गत प्रचलित था तथा राज्‍य पुनर्गठन उपरान्‍त इन अधिनियमों को निरसित करते हुए म.प्र. भू-दान यज्ञ अधिनियम, 1968 पारित किया गया जो कालान्‍तर में मध्‍यप्रदेश भूदान यज्ञ (निरसन) अधिनियम, 1992 के द्वारा निरसित किया गया। (ख) जिलेवार प्राप्‍त भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भूदान में प्राप्‍त भूमि कितने लोगों को आवंटित की गई इसकी जिलेवार जानकारी संधारित नहीं है।            (घ) भूदान में प्राप्‍त भूमि जिनका आवंटन शेष है उसकी जिलेवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

किसानों को चने की उपज का भुगतान

[सहकारिता]

23. ( क्र. 4371 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष जून 2020 में किसानों द्वारा शासकीय उपार्जन केन्द्रों पर तौली गई चने की उपज में खरई उपार्जन केन्द्र के 15 किसानों को उनकी कुल उपज 1226.50 राशि रू. 5979187 तथा कोलारस में 12 किसानों को कुल उपज 616.00 की राशि रू. 3002997.00 का भुगतान आज दिनांक तक किन कारणों से नहीं हो सका है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सभी किसानों के पास उपार्जन केन्द्र पर कराई गई तौल की कम्प्यूटर की रसीद उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो क्या बिना उपज की तौल कराए किसी किसान को कम्प्यूटर से निकली तौल रसीद प्रदाय की जा सकती है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं तो फिर तौल कराने की रसीद होते हुए भी किन-किन आधारों पर उक्त किसानों को ही चिन्हित कर उनका भुगतान रोका गया है? स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या उपार्जन केन्द्र के कर्मचारियों की लापरवाही से हुई शार्टेज को इन किसानों पर थोपकर उपज का समायोजन किए जाने की योजना है? विभाग द्वारा इस पहलू पर अब तक क्या कोई जाँच की गई है? यदि नहीं तो क्यों? उक्त सभी 27 किसानों के प्रकरण में अब तक की गई जाँच के समस्त दस्तावेज/प्रतिवेदनों का विवरण उपलब्ध करावें तथा स्पष्ट करें कि कब तक उक्त सभी किसानों को उनकी उपज के मूल्य का भुगतान कर दिया जावेगा?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) कोलारस केन्द्र के 15 किसानों की मात्रा 1226.50 क्विंटल राशि 5979187.00 रूपये एवं खरई केन्‍द्र के 12 कृषकों की मात्रा 616.00 क्विंटल राशि 3002997.00 रूपये के कृषकों का भुगतान अनुविभागीय स्‍तर की जाँच में पंजीयन/खरीदी पावती रसीद फर्जी पाई जाने से, हम्मालों, केन्‍द्र प्रभारी से जाँच करने पर पाया गया कि उक्‍त कृषकों के द्वारा जिंस केन्‍द्र पर लाना नहीं पाया गया। जिला उपार्जन कमेटी में लिए गये निर्णयानुसार उक्‍त किसानों को भुगतान नहीं किया गया। (ख) जी हाँ। उत्‍तरांश "क" में उल्‍लेखित किसानों के पास तौल की रसीद उपलब्‍ध है, बिना उपज प्रदाय किये तौल पर्ची प्रदाय किया जाना पाया गया है, जाँच के आधार पर तत्‍कालीन समिति सहायक द्वारा मिली भगत कर आपरेटर से फर्जी रसीद जारी करवाना पाया गया है। संस्‍था प्रबंधक/हम्मालों के बयान के आधार एवं हम्मालों द्वारा उक्‍त कृषकों की तौल नहीं कराई गयी है। संस्था कर्मचारियों से मिली भगत कर फर्जी पावती प्राप्‍त की गयी। (ग) उपार्जन केन्‍द्र के कर्मचारियों की लापरवाही के लिये तत्कालीन समिति सहायक एवं प्रशासक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, संस्था सहायक एवं प्रशासक दोनों को निलंबित भी किया गया है। शार्टेज को कृषकों पर नहीं थोपा जा रहा है बल्कि लापरवाही के लिये कर्मचारियों पर कार्रवाई कर फर्जी खरीदी को रोका जा रहा है। शार्टेज की जाँच अनुविभागीय स्‍तर पर कराई गई।  2 प्रकरण में कुल मात्रा 520 क्विंटल राशि रूपये 25.35 लाख का किसी अन्य की भूमि में फर्जी पंजीयन होना सिद्ध पाया गया है तथा शेष प्रकरणों में फर्जी खरीदी (पंजीयन) की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण जिला उपार्जन कमेटी के समक्ष रखा जाकर जिला उपार्जन कमेटी के‍ निर्णय अनुसार उक्‍त कृषकों को भुगतान नहीं किया गया। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

समर्थन मूल्य पर उपार्जित अनाज का भंडारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

24. ( क्र. 4579 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में अनाज भंडारण हेतु कितनी-कितनी भंडारण क्षमता के कितने और कौन-कौन से एवं किन-किनके भंडारगृह एवं ओपन-कैप और सायलों बैग कहाँ-कहाँ,कब से स्थापित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) विगत 03 वर्षों में मार्कफेड एवं विभागीय ओपन-कैपों के निर्माण और मरम्मत के कितनी-कितनी लागत के क्या-क्या कार्य किन शासकीय सेवकों के पर्यवेक्षण में किस-किस ठेकेदार कंपनी से कब-कब कराये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) कैपवार अनाज के सुरक्षित भंडारण हेतु क्या-क्या व्यवस्था की गयी एवं क्या-क्या सामग्री क्रय की गयी और कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी तथा कैपों में कितने और कौन-कौन कर्मचारियों की किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा किन कार्यों हेतु कब-कब नियुक्ति की गयी? नियुक्त कर्मचारियों के क्या दायित्व नियत थे? (घ) कटनी जिले में वर्ष 2019-20 से रबी, खरीफ और दलहन फसलों का समर्थन मूल्य पर किन-किन खरीदी केन्द्रों से कितना-कितना अनाज कब-कब खरीदा गया और उपार्जित अनाज को किन-किन शासकीय/अनुबंधित भंडार ग्रहों एवं विभागीय कैंपों/सायलों बैगों में कब-कब भंडारित किया गया?             (ङ) प्रश्नांश (घ) ओपन-कैपों में भंडारित कितना-कितना और किस-किस अनाज का कब-कब उठाव किया गया और भंडारित कितना-कितना कौन सा अनाज किन कारणों से खराब होना पाया गया? खराब हुये अनाज का मूल्य कितना था? (च) प्रश्नांश (क) से (ड़) के परिप्रेक्ष्‍य में अनाज भंडारण में अत्याधिक राशि व्यय होने के बाद भी बहुमूल्य अनाज के खराब होने का संज्ञान लिया जाकर कार्यवाही की जायेंगी? हाँ, तो किस प्रकार से कब तक नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मछलीपालन हेतु पट्टों का आवंटन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

25. ( क्र. 4644 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा मछलीपालन हेतु पट्टे आवंटित किये जाते हैं? यदि हां, तो पट्टा आवंटन हेतु क्या मापदण्ड-प्रक्रिया एवं शर्तें हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत विभाग द्वारा कौन-कौन से जलाशयों को पट्टे पर कितनी-कितनी राशि पर किन-किन शर्तों के अधीन किस-किसकों कितनी समयावधि के लिये मछलीपालन हेतु दिया गया? संस्थाओं/समितियों के पंजीयन दिनांक, पंजीयन क्रमांक, पंजीयन की अवधि, नाम पता सहित सम्पूर्ण सूची देवें? (ग) क्या पट्टा आवंटन हेतु जलाशय क्षेत्र के लोगों को प्राथमिकता देने संबंधी कोई नियम है? यदि हां, तो प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पट्टा आवंटन में नियम का पालन किया गया है? (घ) विगत 5 वर्षों में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पट्टा आवंटन में कब-कब किस-किसके द्वारा किस-किस प्रकार की शिकायतें कहाँ-कहाँ पर दर्ज कराई एवं इन शिकायतों पर कब किसके द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या कुछ संस्थाओं/समितियों द्वारा जलाशय पट्टे पर लेकर मछलीपालन एवं निकालने का काम बड़े साधन-सम्पन्न ठेकेदारों को देने से स्थानीय मछुआरों का रोजगार प्रभावित होता है? यदि हां, तो क्या शासन इस प्रवृत्ति को रोकने हेतु कोई प्रयास करेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार।              (ग) जी हाँ। पालन किया गया। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स अनुसार।

भिण्ड जिले में नाकों पर तैनात कर्मचारियों की जानकारी

[खनिज साधन]

26. ( क्र. 4659 ) श्री संजीव सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला भिण्ड में कार्यरत रेत कंपनी पॉवरमैक कम्पनी/खनिज विभाग के द्वारा कितने अधिकृत चैक पोस्ट किन-किन स्थानों पर लगाए गए हैं? क्या उन नाकों पर खनिज विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस विभाग के कर्मचारी तैनात हैं? नामवार बताएं। (ख) क्या उक्त नाकों पर पॉवरमैक कम्पनी द्वारा निजी कर्मचारी भी तैनात किए गए हैं? यदि हाँ, तो उक्त नाकों पर कर्मचारियों को तैनात करने से पहले कर्मचारियों का पुलिस वेरीफिकेशन किया गया था? उक्त कर्मचारियों पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हैं? यदि हाँ, तो किस कर्मचारी पर कितने और किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं? नामवार विवरण देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला प्रशासन द्वारा खनिज के अवैध उत्‍खनन/अवैध परिवहन की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए 11 जाँच केन्‍द्र स्‍थापित किये गये हैं। जाँच केन्‍द्र स्‍थल की जानकारी, तैनात किये गये कर्मचारियों के नाम  संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी नहीं।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

कार्य प्रारंभ किए बिना करोड़ों रूपए भुगतान की जाँच

[जल संसाधन]

27. ( क्र. 4678 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रतनगढ़ कैनाल प्रोजेक्‍ट कार्य प्रारंभ किये बिना निर्माण एजेंसी को भुगतान करने की जाँच कराने एवं अन्‍य जानकारी देने हेतु प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य ने अधीक्षण यंत्री/मुख्‍य अभियंता जल संसाधन विभाग ग्‍वालियर को पत्र क्र. 175/2021 दिनांक 10/02/2021 दिया गया? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक पत्रानुसार चाही गई जानकारी क्‍यों नहीं दी गई? कारण सहित बतायें। (ख) रतनगढ़ कैनाल प्रोजेक्‍ट में किस तरह की नहर कहाँ बनाई जा रही है उसकी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति कितनी-कितनी राशि की है तथा निर्माण एजेंसी कौन है, कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा एवं वर्तमान में कार्य की भौतिक स्थिति क्‍या है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार निर्माण एजेंसी को कार्य प्रारंभ किये बिना कितनी राशि का भुगतान कब किया गया? कार्य प्रारंभ किये बिना लागत राशि का कितने प्रतिशत तक राशि आहरण करने का प्रावधान है? (घ) क्‍या रतनगढ़ कैनाल प्रोजेक्‍ट कार्य को प्रारंभ किये बिना निर्माण एजेंसी को करोड़ों रूपये के भुगतान की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, माननीय प्रश्‍नकर्ता द्वारा पत्र लिखा गया था। पत्र में चाही गई जानकारी अतिरिक्‍त परियोजना संचालक के पत्र क्रमांक 183/तक/20 दिनांक 01.03.2021 द्वारा माननीय सदस्‍य को भेजी गई है। पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) माँ रतनगढ़ नहर परियोजना के अंतर्गत प्रेशराइज्‍ड पाइप माइक्रो नहर सिंचाई प्रणाली दतिया,ग्वालियर एवं भिण्ड जिलों में प्रस्तावित है। माँ रतनगढ़ परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 2244.97 करोड़ एवं नहर कार्य की तकनीकी स्वीकृति रूपये 1185.39 करोड़ है। निर्माण एजेन्सी मंटेना वशिष्ठा माइक्रो जे.व्ही. हैदराबाद है। निर्माण कार्य जुलाई 2024 तक पूर्ण करना लक्षित है। वर्तमान में परियोजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है व डिजाइन ड्राइंग तैयार की जाकर मुख्य अभियंता बोधी भोपाल में परीक्षणाधीन है। (ग) एवं (घ) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि कम्‍पनी को सामग्री के विरूद्ध रू. 412.50 करोड़ का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। शासन के आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जाँच हेतु समिति का गठन किया गया है। नियम विरूद्ध भुगतान हुआ अथवा नहीं के संबंध में जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर जाँच निष्‍कर्षानुसार प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगा। परियोजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है व डिजाइन ड्राइंग तैयार की जाकर मुख्य अभियंता बोधी भोपाल में परीक्षणाधीन है। कार्य प्रारंभ किए बिना राशि आहरण का कोई प्रावधान नियमों में नहीं है।

परिशिष्ट - "बारह"

अवैध उत्‍खनन के प्रकरण

[खनिज साधन]

28. ( क्र. 4689 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्ष में एन.टी.पी.सी. पावर प्लांट सेल्दा जिला खरगोन से सम्बंधित/क्षेत्र में चोरी अवैधानिक/अवैध उत्खनन/अन्य प्रकरण किन-किन स्तर पर कब-कब दर्ज हुए प्रकरणवार विभाग,विषय, दिनांक तथा वर्तमान स्थिति सहित सूची देवें। (ख) N.T.P.C. पावर प्लांट सेल्दा में विगत 5 वर्षों में क्या कोई अवैध खनिज (रेत गिट्टी मुरम) की जब्ती की गई है? जप्त/सिज खनिज के मापन संबंधित विभागीय गाइडलाइन क्या है। तथा प्लांट से जप्त खनिज की मात्रा कितनी है। मूल्यांकन एवं सत्यापन संबंधी दस्तावेजों का विवरण देवें। (ग) बिंदु () वाले प्रकरण में जप्त खनिज की क्या स्थिति है। यह किसकी अभिरक्षा में रखा गया है। इसकी मात्रा को कब-कब निरीक्षण किया गया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्‍नाधीन पावर प्‍लांट से संबंधित क्षेत्र अंतर्गत खनिजों के अवैध उत्‍खनन, परिवहन के कोई प्रकरण दर्ज नहीं किये गये हैं। तहसील सनावद में दर्ज अवैध उत्‍खनन एवं परिवहन की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  में दर्शित है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खाद्यान्न का वितरण हेतु दिशा-निर्देश

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

29. ( क्र. 4710 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) म.प्र. शासन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा कोविड 19 में शासकीय उचित मूल्य राशन विक्रेताओं को पी.ओ.एस. मशीन को स्थगित कर हितग्राही उपभोक्ताओं के अंगूठें लेने की अनिवार्यता को समाप्त कर वितरण पंजी से खाद्यान्न का वितरण करने हेतु कब क्या दिशा निर्देश जारी किये गये थे? आदेश की छायाप्रति दें। (ख) क्या प्रश्‍नांकित जारी दिशा निर्देश के तहत शासकीय उचित मूल्य राशन विक्रेताओं ने हितग्रहियों उपभोक्ताओं को वितरण पंजी के आधार पर खाद्यान्न का वितरण किया हैं जिसका समायोजन पोर्टल पर अभी तक नहीं किया गया है। यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या शासन ने दिनांक 22/12/2020 को आदेश जारी कर अक्टूबर 2019 से फरवरी 2021 तक वितरण पंजी के माध्यम से उपभोक्ताओं को वितरित खाद्यान्न का पी.ओ.एस. मशीन से समायोजित करने हेतु निर्देशित किया गया है एवं इस सम्बंध में                 मा. म.प्र.उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रस्तुत रिट याचिका क्र. 531/2021 में दिये गये निर्देश का पालन कराने हेतु शासन ने कब क्या कार्यवाही की हैं? आदेश की छायाप्रति दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुआवजा राशि का प्रदाय

[राजस्व]

30. ( क्र. 4814 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या खरीफ 2020-21 की फसलों की क्षति के लिए प्रदेश के केवल 20 जिलों में मुआवजा राशि प्रदान की गई हैं यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन जिलों में मुआवजा राशि कितनी कितनी दी गई है सूची उपलब्ध कराएं? (ख) क्या प्रदेश के शेष जिलों में खरीफ 2020-21 की फसलों की क्षति हेतु राशि जमा क्यों नहीं की गई है क्या शेष जिलों में फसलों का नुकसान नहीं हुआ है (ग) रतलाम जिले में खरीफ 2020-21 की फसलों में अल्प वृष्टि एवं पीले मौजेक के कारण कुल कितनी क्षति हुई है रकबा तहसीलवार बताएं। (घ) क्या नुकसान के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट जिले द्वारा शासन को भेजी गई है यदि हाँ, तो भेजी गई रिपोर्ट का विवरण उपलब्ध कराएं और यदि नहीं तो क्यों?  (ड.) रतलाम जिले में खरीफ 2020-21 की फसलों की क्षति हेतु मुआवजा राशि कब तक प्रदान कर दी जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। प्रदेश में बाढ/अतिवृष्टि एवं कीट प्रकोप से प्रभावित कुल 32 जिलों में मुआवजा राशि आवंटित/आहरण की अनुमति दी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ख) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति होने पर सहायता देने का प्रावधान नहीं है तद्नुसार जिले द्वारा आवंटन की मांग नहीं की गई। (ग) उत्‍तरांश "घ" के परिप्रेक्ष्‍य में निरंक। (घ) जी हाँ। फसल क्षति के संबंध में जिले द्वारा प्रेषित की गई रिर्पोट प्रारूप 4 (ए), 5 (ए), 14 एवं 15 पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) उत्‍तरांश "ग" एवं "घ" के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनूपपुर जिले में गौण खनिज मद से स्‍वीकृत कार्य

[खनिज साधन]

31. ( क्र. 4842 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक गौण खनिज मद से कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं? उक्‍त मद से कौन-कौन से कार्य कराये जा सकते हैं। कुल स्‍वीकृत किये गये कार्य एवं पूर्ण कार्य की जानकारी वर्षवार उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या नगर परिषद जैतहरी द्वारा खनिज प्रतिष्‍ठान मद से जैतहरी के वार्ड क्रमांक-एक में सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो भूमि का खसरा नक्‍शा तथा भूमि स्‍वामी का नाम सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या उक्‍त भवन के निजी भूमि पर होने की शिकायत जिला प्रशासन को दी गई थी यदि हाँ, तो शिकायत का विवरण उपलब्‍ध कराते हुये की गई कार्यवाही से भी अवगत करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला अनूपपुर में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनाँक तक गौण खनिज मद से आज दिनाँक तक कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किए गए हैं। शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। (ग) नगर परिषद जैतहरी में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: शेष जानकारी का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नर्मदा जयंती महोत्‍सव में व्‍यय राशि

[खनिज साधन]

32. ( क्र. 4907 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 एवं 2021 में डिस्ट्रिक्‍ट मारनिंग फंड की कितनी राशि नर्मदा जंयती महोत्‍सव में अनूपपुर जिले में व्‍यय की गई वर्षवार बतावें। (ख) उपरोक्‍तानुसार कार्य नाम, स्‍थान, व्‍यय राशि की जानकारी देवें। इसके लिए जिन्‍हें भुगतान किया गया उनके नाम, फर्म नाम, G.S.T नंबर सहित देवें। यदि बिना G.S.T. नबर वाली फर्म को भुगतान किया गया है तो उसका कारण भी बतावें। (ग) इसके लिए कितना T.D.S. काटा गया फर्मवार, व्‍यक्तिवार जानकारी देवें। यदि T.D.S. नहीं काटा है तो उसके जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) यदि नहीं तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नामांतरण, सीमांकन, बटवारा के लंबित प्रकरण की जानकारी

[राजस्व]

33. ( क्र. 4963 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिले में नामांतरण, सीमांकन, बटवारा आदि के अनेक प्रकरण 1 वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं? (ख) क्या शासन द्वारा प्रश्नांश (क) के अनुसार समय-सीमा निर्धारित की गई है?           (ग) यदि हाँ, तो कार्य के अनुसार समय-सीमा बतायें? (घ) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत गत 1 वर्ष में नामांतरण, सीमांकन, बटवारा के लंबित प्रकरणों की जानकारी देवें

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हाँ। (ग) मध्‍यप्रदेश लोकसेवाओं की गारंटी अधिनियम 2010 के अनुसार अविवादित नामांतरण एवं सीमांकन की समय-सीमा 30 कार्य दिवस तथा अविवादित बटवारा की समय-सीमा 90 कार्य दिवस तथा विवादित नामान्‍तरण के मामले में 5 माह निर्धारित है। (घ) जानकारी निरंक है।

मृतक के परिवारजनों को मुआवजा का प्रदाय

[राजस्व]

34. ( क्र. 4997 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री जन कल्याण नया सवेरा योजना 2018 में पंजीकृत असंगठित श्रमिक मजदूर जितेन्द्र सिंह पुत्र श्री विजय सिंह निवासी ग्राम पचेखा हाल निवास अशोक गली कैलारस जिला मुरैना की कैलारस के पास क्वादी नदी में डूबने से दिनांक 15.08.2020 को मृत्यु हो गयी है और आकस्मिक मृत्यु मुआवजा हेतु प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सबलगढ़ के यहां लम्बित है? यदि हाँ, तो कब से और क्यों? (ख) क्या मृतक के परिवारजन को मुआवजा प्रदाय हेतु पटवारी तहसीलदार, गिरदावल व पंचायत द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सबलगढ़ को अभिमत भेजे गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में मुआवजा प्रदाय न करना क्‍या एक अमानवीय व्यवहार नहीं है यदि हाँ, तो जिम्मेदारों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो विलम्ब के कारणों का निदान कर मुआवजा प्रकरण का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) अनुभाग सबलगढ़ के न्‍यायालयीन प्र.क्र. 0070/2020-21/बी-121 आदेश दिनांक 16.02.2021 के द्वारा राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 में निहित प्रावधानों के अनुसार मृतक जितेन्‍द्र सिंह के वारिसान पिता विजय सिंह पुत्र गरसिंह सिकरवार निवासी ग्राम पचेखा को राशि 4.00 लाख रूपये आर्थिक सहायता स्‍वीकृत की गयी है। (ख) जी हाँ। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

ओलावृष्टि का मुआवजा का लाभ

[राजस्व]

35. ( क्र. 5071 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत 16 एवं 17 फरवरी 2021 में हुई ओलावृष्टि-अतिवृष्टि से रबी फसलों की हुई क्षति की भरपाई सरकार करेगी? यदि हाँ, तो सर्वे कराकर मुआवजा कब तक दिला दिया जायेगा, मुआवजा दिलाये जाने की समयावधि बताएं? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान हुई ओलावृष्टि-अतिवृष्टि से हुई क्षति को संज्ञान में लेते हुये माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने निर्देश देते हुये ओलावृष्टि-अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों के सर्वे के साथ फोटोग्राफी और विडियोग्राफी कराते हुये मुआवजा देने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो कितने किसानों को इसका लाभ दिया जावेगा? किसान संख्‍यावार, तहसीलवार जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। आर.बी.सी.6-4 के प्रावधान अनुसार भरपाई की जावेगी। जी हाँ सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है। राशि वितरण की अनुमति दी गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) विडियोग्राफी, फोटोग्राफी की कोई घो‍षणा नहीं की गई है। असामायिक वर्षा एवं ओलावृष्टि से प्रभावित तहसील छपारा के 503 कृषक तथा तहसील सिवनी के 63 कृषक इस प्रकार कुल 566 प्रभावित कृषकों को राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के मानदण्‍डों के तहत राहत राशि स्‍वीकृत किया गया है।

बीना नदी परियोजना एवं हनौता सिंचाई परियोजना

[जल संसाधन]

36. ( क्र. 5084 ) श्री महेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) बीना नदी परियोजना एवं हनौता सिंचाई परियोजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) बीना नदी परियोजना एवं हनौता सिंचाई परियोजना से विधानसभा क्षेत्र बीना के कितने ग्रामों के किसानों को लाभ मिलेगा ग्रामवार सूची उपलब्ध करावें? (ग) परियोजना का कार्य किस वर्ष पूर्ण होना है एवं वर्तमान मै किस स्तर पर लंबित है? कार्य पूर्णता की समय-सीमा बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बीना सिंचाई परियोजना की वर्तमान स्थिति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। हनौता सिंचाई परियोजना की पर्यावरणीय स्‍वीकृति प्राप्‍त है। परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित ग्रामों के भू-अर्जन की कार्यवाही प्रचलन में है तथा बांध के नींव की खुदाई का कार्य प्रगति पर है। नहर से संबंधित सर्वेक्षण कार्य पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है। हनौता परियोजना के भू-अर्जन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) बीना परियोजना एवं हनौता परियोजना से विधानसभा क्षेत्र बीना के लाभान्वित ग्रामों की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स एवं द अनुसार है।            (ग) बीना परियोजना का कार्य वर्ष 2025-26 एवं हनौता परियोजना का कार्य फरवरी 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। दोनों परियाजनाएं लंबित न होकर निर्माणाधीन प्रतिवेदित है।

शासन द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति

[राजस्व]

37. ( क्र. 5098 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी स्‍थानांतरण नीति एक ही स्‍थान/कार्यालय में 03 वर्षों से अधिक समय से पदस्‍थ लोक सेवकों को स्‍थानांतरण करने का प्रावधान है, अगर है उसका पालन क्‍यों नहीं किया गया? (ख) क्‍या म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग के ज्ञाप क्र. एफ-2-71/2016/5926/सात/4-एफ-भोपाल दिनांक 09.08.2016 द्वारा तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को एक शाखा में 5 वर्ष तक पदस्‍थ होने पर उनके शाखा परिवर्तन करने के निर्देश दिये गये हैं। अगर निर्देश हैं तो क्‍या उनकी शाखाओं का परिवर्तन किया गया अगर नहीं तो क्‍यों? कब तक शाखाओं का परिवर्तन किया जायेगा। (ग) क्‍या कटनी-सतना जिला अंतर्गत राजस्‍व विभाग में अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय/तहसील कार्यालय तथा राजस्‍व न्‍यायालय एवं जिला कार्यालय में पदस्‍थ लिपिक/प्रवाचक पिछले 3 वर्ष से अधिक समय से एक ही शाखा/कार्यालय/न्‍यायालय में पदस्‍थ हैं तथा पूर्व में भी उसी कार्यालय में पदस्‍थ रहे हैं। विवरण उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या  कटनी-सतना जिला अंतर्गत राजस्‍व विभाग में 10 वर्षों से एक ही शाखा/कार्यालय में तृतीय श्रेणी कर्मचारी पदस्‍थ हैं? ऐसे कितने कर्मचारी हैं सूची उपलब्‍ध कारयें? क्‍या ऐसे कर्मचारियों का शासन के स्‍थानांतरण नीति के तहत स्‍थानांतरण नहीं किया जाएगा? अगर किया जायेगा तो कब तक?                  (ङ) क्‍या शासन के स्‍थानांतरण नीति एवं राजस्‍व विभाग भोपाल के निर्देश दिनांक 09.08.2016 के निर्देशों की अवहेलना की गई? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या शासन के स्‍थानांतरण नीति एवं राजस्‍व विभाग भोपाल के निर्देश के तहत 3 वर्ष एवं 5 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्‍थ तृतीय श्रेणी लिपिकों का स्‍थानांतरण किया जायेगा अगर हाँ तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2019/एक/9, दिनांक 04 जून, 2019 को जारी स्‍थानांतरण नीति की कंडिका 11.4 के अनुसार जिलों में पदस्‍थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्‍थान पर तीन वर्ष की पदस्‍थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्‍यत्र प्राथमिकता पर स्‍थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्‍थान पर सामान्‍यत: 03 वर्ष या उसके अधिक पदस्‍थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्‍थानांतरण किया जा सकेगा। यह अनिवार्य नहीं है कि तीन वर्ष पूर्ण होने पर स्‍थानांतरण किया ही जावे। वर्क्‍स एवं रेगुलेटरी विभागों को छोड़कर अन्‍य विभागों में मात्र 03 वर्ष की अवधि को ही स्‍थानांतरण का आधार न बनाया जाये। (ख) जी नहीं। राजस्‍व स्‍थापना अंतर्गत पदस्‍थ तृतीय श्रेणी कर्मचरियों को कार्यालयीन व्‍यवस्‍था एवं प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से आवश्‍यकतानुसार कार्यालय/शाखा परिवर्तन किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) राजस्‍व स्‍थापना अंतर्गत पदस्‍थ तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को कार्यालयीन व्‍यवस्‍था एवं प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से आवश्‍यकतानुसार कार्यालय/शाखा परिवर्तन किया जाता है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। स्‍थानांतरण नीति के अनुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताई जाना सम्‍भव नहीं है। (ड.) जी नहीं। शासन द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति के मापदण्‍डों के अनुसार कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताई जाना सम्‍भव नहीं है।

सिंचाई तालाब की नहर पक्‍कीकरण हेतु स्‍वीकृत राशि

[जल संसाधन]

38. ( क्र. 5122 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की गंधवानी विधानसभा के विकासखण्‍ड बाग में निर्मित खनिअंबा सिंचाई तालाब की नहर पक्‍कीकरण हेतु विभाग द्वारा शासन स्‍तर पर प्रस्‍ताव प्रेषित किया गया है?                           (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार यदि हाँ, ता खनिअंबा सिंचाई तालाब की नहर पक्‍कीकरण हेतु राशि स्‍वीकृत कब तक कर दी जावेगी? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि प्रश्‍नांकित कार्य के नहर पक्‍कीकरण का प्रस्‍ताव राज्य आपदा राहत कोष के अंतर्गत प्रस्‍तावित होकर राजस्‍व विभाग को प्रेषित किया गया है, जिसकी स्‍वीकृति अपेक्षित है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

ग्राम मोयदा के सीमांकन का आदेश

[राजस्व]

39. ( क्र. 5178 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के बड़वाह अनुविभागीय अधिकारी ने आदेश क्रमांक 4431/री-1/20, दिनांक 27/10/2020 को ग्राम मोयदा के सीमांकन हेतु किस-किस का दल गठित किया है उस दल के द्वारा प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी सीमांकन नहीं किए जाने का क्‍या-क्‍या कारण रहा है। (ख) ग्राम मोयदा की खतौनी पंजी एवं पटवारी मानचित्र वर्ष 1980-81 एवं ऑनलाईन खसरा पंजी एवं पटवारी मानचित्र वर्ष 2019-2020 में कितनी खाते की भूमि किस-किस किसान के नाम पर दर्ज है, कितनी गैर खाते की भूमि किस-किस मद एवं प्रयोजन के लिए दर्ज है। (ग) पटवारी मानचित्र किस-किस अक्षांश, देशांश पर बनाया गया है उसमें दर्ज कितनी भूमियों से किस-किस किसान को वन विभाग ने किस दिनांक को बेदखल किया उन किसानों की भूमि का सीमांकन कर कब्‍जा दिलवाने के संबंध में विभाग क्‍या कार्यवाही कर रहा है कब तक करेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (‍क) खरगोन जिले के अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह के आदेश क्रमांक 4431/री-1/20, दिनांक 27/10/2020 के द्वारा वन एवं राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन/सर्वेक्षण हेतु तहसीलदार, वन परिक्षेत्र अधिकारी, राजस्व निरीक्षक बड़वाह, हल्का पटवारी बड़वाह का दल गठित किया गया है। वनग्राम मोयदा के सम्पूर्ण वन ग्राम अथवा शिकायतों के संबंध में सीमांकन किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। (ख) खरगोन जिले की तहसील बड़वाह वन मंडल बड़वाह के वनग्राम मोयदा की वर्ष 1980-81 में वन एवं राजस्व विभाग द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई मिसल बन्दोबस्त में आरक्षित वन की वनग्राम मोयदा के 59 खसरो की 21 कृषकों के नाम 137.091 हे. भूमि दर्ज है। सूची संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। निस्तार पत्रक में निस्तार मद की भूमि (नाला-3.145 हे., रास्ता- 3.196 हे., आबादी 0.053 हे.) जंगल मद की 70.390 हे. भूमि दर्ज है। सूची  संलग्न  परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) वन ग्राम मोयदा का पटवारी मानचित्र वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। आरक्षित वन भूमि को अवैध रूप से रजिस्ट्री कर क्रय करने वाले 8 व्यक्तियों, रकबा 71.075 हेक्टेयर से बेदखल किया गया है। सूची  संलग्न  परिशिष्‍ट के  प्रपत्र-ब अनुसार है। वन ग्राम मोयदा के किसानों की भूमि के सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तेरह"

पत्‍थर की स्‍वीकृत खदानें

[खनिज साधन]

40. ( क्र. 5218 ) श्री बाबू जण्‍डेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना, श्योपुर जिले में मुरम एवं पत्थर की कितनी खदानें स्वीकृत होकर कार्यरत हैं? पट्टेदार का नाम, पता एवं स्थल का नाम एवं स्वीकृत एरिया का रकबा की जानकारी बतावें? (ख) क्या पूर्व में स्वीकृत कई खदानों के पट्टेदारों के पास सिया डिया एवं क्षेत्रीय कार्यालय पर्यावरण की अनापत्ति न होने के बाद भी अवैध उत्खनन किया जा रहा है? क्या प्रशासन इन अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ क्या कानूनी कार्यवाही करेगा? (ग) क्या कई स्थानों पर शासन के मापदंड पूर्ण न करने वाले पट्टेदार/ठेकेदार द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही एवं कब तक की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मुरैना जिले में विभिन्न गौण खनिजों की स्वीकृत खदानों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। इस परिशिष्ट  में मुरूमखण्डा पत्थरक्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर की स्वीकृत खदानों की जानकारी व शेष जानकारी भी दर्शित है। श्योपुर जिले में पत्थरमुरूमक्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर के स्वीकृत खदानों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित हैजिसमें शेष जानकारी भी दर्शित है। (ख) पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ से स्पष्ट है कि मुरैना जिले में खण्डा पत्थरक्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर व मुरूम की खदानें जो पूर्व से स्वीकृत होकर कार्यशील हैं वे खदानें वर्तमान में ''सिया''/''डिया'' एवं क्षेत्रीय कार्यालय मध्यप्रदेश प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड की अनापत्ति प्राप्त होने के उपरांत ही कार्यशील हैं। पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब  से स्पष्ट है कि श्योपुर जिले में पत्थरमुरूम व क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर की जो खदानें पूर्व से स्वीकृत होकर कार्यशील हैंवे खदानें वर्तमान में ''सिया''/''डिया'' से अनापत्ति प्राप्त होने के उपरांत ही कार्यशील हैं। मुरैना/श्योपुर जिले में अवैध उत्खनन करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  अनुसार मुरैना जिले के जिन खदान धारकों द्वारा खदानें शिथिल रखी गई हैं उन्हें सूचना पत्र जारी किया गया है तथा बकाया राशि जमा करने हेतु मासिक पत्रक जमा करने हेतुकर निर्धारण हेतु नोटिस भी जारी किए गए हैं। इस  परिशिष्ट  में खण्डा पत्थरक्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर एवं मुरूम की जिन खदान धारकों को नोटिस जारी किए गए हैं वह भी दर्शित है। पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-द अनुसार श्योपुर जिले में क्रशर से गिट्टी निर्माण हेतु पत्थर उत्खनन पट्टाधारियों के विरूद्ध अनुबंध शर्तों के उल्लंघन के फलस्वरूप जो कार्यवाही की गई है, वह दर्शित है।

ग्राम कोटवारों को प्रदाय वेतन

[राजस्व]

41. ( क्र. 5240 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या प्रदेश में ग्राम कोटवार पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो इनका क्या-क्या कार्य है? इन्हें किस मद से और कितना मासिक वेतन/पारिश्रमिक दिया जाता है और क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं? जिन्हें शासकीय कृषि भूमि भी दी जाती है उन्हें कितना वेतन/पारिश्रमिक दिया जाता है और जिन्हें शासकीय कृषि भूमि नहीं दी जाती है उन्हें कितना वेतन/पारिश्रमिक दिया जाता है? (ख) वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुवे म.प्र.शासन कोटवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए क्या-क्या उपाय कर रहा है? जिन कोटवारों की आर्थिक, सामाजिक व पारिवारिक स्थिति अत्यधिक दयनीय है उनकी उक्त स्थितियों को सुधारने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं? इन्हें इससे कब तक राहत मिल जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कोटवारों के कर्तव्‍य  संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहित-1959 की धारा-231 के प्रावधानानुसार मजदूरी मद से पारिश्रमिक दिया जाता है। जिन्‍हें शासकीय कृषि भूमि प्रदान की गई है, उन्‍हें क्रमश: 1000/- रूपये (3 एकड़ से कम भूमि होने पर) 600/- रूपये (3 एकड़ से एकड़ भूमि होने पर) 400/- रूपये (10 एकड़ तक भूमि होने पर) पारिश्रमिक दिया जाता है। जिनके पास कोई भूमि नहीं है, उन्‍हें 4000/- रूपये पारिश्रमिक दिया जाता है। (ख) कोटवारों को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहित-1959 की धारा-231 के प्रावधानानुसार पारिश्रमिक दिया जा रहा है। कोटवारों की सेवा शर्तें/पारिश्रमिक आदि की व्‍यवस्‍था भू-राजस्‍व संहिता-1959 के तहत प्रावधानित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चौदह"

किसान सम्मान निधि से संबंधित लंबित शिकायतें

[राजस्व]

42. ( क्र. 5362 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत सी.एम किसान सम्मान निधि से संबंधित कितनी शिकायतें सी.एम. हेल्पलाईन पर लम्बित हैं? (ख) क्‍या पी.एम. किसान निधि से संबंधित शिकायतें सीएम हेल्पलाईन में लम्बित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत कुल कितनी शिकायतें नियत समय-सीमा में निराकृत नहीं की गयी है? (घ) निराकरण न होने का क्या-क्या कारण है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत सी.एम.हेल्‍पलाइन पर मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना से सबंधित 110 शिकायतें लंबित है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत केवल डिन्डौरी जिले में कुल 9 शिकायतें समय-सीमा में निराकृत नहीं की गयी हैं। (घ) पी.एम. किसान निधि केंद्र शासन की योजना है राज्य स्तर पर पात्रता संबंधी कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत ही भुगतान की कार्यवाही की जाती है।

सीधी जिले की दुर्घटनाग्रस्‍त बस का परमिट/फिटनेस

[परिवहन]

43. ( क्र. 5391 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) सीधी में हुई दुर्घटना में विभाग की क्‍या-क्‍या लापरवाही हुई? परमिट फिटनेस रूट टाईम आदि क्‍या बराबर था? यदि नहीं तो किस-किस में क्‍या-क्‍या कमी या गलती थी? (ख) सीधी-सतना मार्ग पर कुल कितनी बसों को परमिट दिया गया है? उनकी संख्‍या बतावें। इस मार्ग पर वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक परमिट शुल्‍क के रूप में कितनी राशि प्राप्‍त की गई है? (ग) क्‍या शासन शासकीय कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने के लिये बसों के उपयोग पर रोक लगायेगा वर्ष 2014-15 से 2017-18 तक सीधी एवं सतना जिले के ऐसे कितने बस मालिक हैं? जिनके बिलों का भुगतान वर्तमान में लंबित है? नाम सहित सूची देवें और जिनका भुगतान किया जा चुका है उनकी भी नाम सहित सूची देवें? (घ) सीधी की बस जिससे दुर्घटना हुई वह अप्रैल, 2020 से जनवरी, 2021 तक कितनी बार शासकीय कार्यक्रम/मुख्‍यमंत्री की सभा के लिये भीड़ जुटाने के लिये प्रवासी मजदूर के लिये अनुबंधित की गई सूची देवें तथा बतावें कि सीधी में पिछले वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक कितनी निजी बसों को (चुनाव छोड़कर) अधिग्रहित कर कुल कितना किराया भाड़ा दिया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रकरण में मैजिस्ट्रियल जांच की जा रही है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर जानकारी दी जाना संभव हो सकेगा। (ख) जानकारी  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार  है। वर्ष 2014-2015 से 2019-20 तक परमिट शुल्क के रूप में प्राप्त हुई राशि का विवरण  पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार  है। (ग) एवं (घ) परिवहन अधिकारियों द्वारा संबंधित जिला कलेक्टर के आदेश से वाहनों को अधिग्रहित किये जाने पर उन्हें उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है। भुगतान भी संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय से ही किया जाता है। शेषांश का जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जिला अधिकारी द्वारा नियम विरूद्ध कार्यवाही

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

44. ( क्र. 5432 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या त्रिस्‍तरीय पंचायत राज व्‍यवस्‍था के तहत मछली पालन विभाग के जिला अधिकारी द्वारा कार्यों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्‍वयन हेतु धनराशि का आहरण जिला पंचालय के नियंत्रण एवं निर्देशन में करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो जिला भोपाल में मछली पा‍लन विभाग के जिला अधिकारी द्वारा कौन से नियम में बिना जिला पंचायत के नियंत्रण एवं निर्देशों के करोड़ों रूपया का अनुदान भ्रष्‍टाचार कर सीधे  दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत मछली विभाग के जिला अधिकारी द्वारा अनुदान राशि के देयकों को कोषालय आहरण हेतु भेजने के लिए बजट नियंत्रण अधिकारी मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भोपाल के काउंटर हस्‍ताक्षर कराने के स्‍थान पर उप संचालक मत्‍सयोद्योग भोपाल संभाग के हस्‍ताक्षर कौन से नियम के तहत कराये जा रहे हैं। क्‍या यह नियमानुकूल है? (ग) यदि नहीं तो शासन द्वारा मछली विभाग के संबंधित संभागीय अधिकारी एवं जिला अधिकारी के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही कब तक की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश मत्‍स्‍य पालन की नीति एवं त्रिस्‍तरीय पंचायतों को मत्‍स्‍योद्योग के अधिकारी/कार्यक्रमों का विकेन्‍द्रीकरण से जारी निर्देश की कंडिका 11 बजट व्‍यवस्‍था एवं वित्‍तीय अधिकार अंतर्गत जिला अधिकारी पंचायत को अंतरित कार्यों/कार्यक्रमों के क्रियान्‍वयन हेतु धनराशि का आहरण जिला पंचायत के नियत्रंण एवं निर्देशानुसार करेंगें। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार(ख) जी हाँ। (ग) प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता।

प्रदेश के उद्योगों में श्रमिकों की मृत्यु

[श्रम]

45. ( क्र. 5513 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न उद्योगों में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक उद्योगों में कार्य करने के दौरान कितने श्रमिकों की मृत्यु किन-किन कारणों से हुई, उद्योग मालिक द्वारा मृतक परिवार को क्या-क्या, किस-किस तरह की मद्द दी गयी? इनमें कितने प्रकरण परिवार द्वारा उद्योग मालिक की शिकायत के रूप में विभाग के समक्ष आये विभाग ने उद्योग मालिक के खिलाफ क्या कार्यवाही की? (ख) उद्योगों में श्रमिक की मृत्यु होने पर उद्योग संचालक द्वारा मृतक परिवार को क्या-क्या मदद देने का संवैधानिक नियम है उस पर अमल नहीं करने पर श्रम विभाग द्वारा उद्योगों पर क्या कार्यवाही का संवैधानिक नियम है श्रम विभाग ने उक्त अवधि में इस सम्बन्ध में किन-किन उद्योगों पर क्या-क्या कार्यवाही की? (ग) क्या गत 10 वर्षों में रतलाम की इप्‍का लेबोरेटरी में कुएं में विषैली गैस, सैफ्टी उपकरण के अभाव के कारण लगातार श्रमिकों की मृत्यु हो रही है श्रम अधिकारी की सांठ-गांठ के चलते श्रमिक परिवारों को न्याय नहीं मिल पा रहा है श्रम अधिकारों द्वारा फैक्ट्री संचालक के पक्ष में प्रकरण रफा-दफा कर दिया जाता है यदि नहीं तो गत 10 वर्षों में प्लांट के खिलाफ क्या-क्या कठोर कार्यवाही की गयी और किन-किन मृतक परिवारों को बड़ी मद्द दिलाई गयी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश के कारखाना अधिनियम 1948 के अतंर्गत पंजीकृत कारखानों में दिनांक 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कारखानों में कार्य करने के दौरान घटित दुर्घटनाओं में श्रमिक की मृत्‍यु होने, मृत्‍यु का कारण, कारखाना प्रबंधन द्वारा मृतक के परिवार को दी गई सहायता तथा इन प्रकरणों में विभाग द्वारा कारखाना प्रबंधन के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ख) कारखानों में कार्य के दौरान श्रमिक की मृत्‍यु होने पर मृतक श्रमिक के आश्रितों को कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम द्वारा नियमानुसार पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। यदि श्रमिक कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम के प्रावधानों के अंतर्गत बीमित नहीं है, ऐसी स्थिति में कर्मकार क्षतिपूर्ति अधिनियम 1923 के प्रावधानों के अंतर्गत श्रमिक के आश्रितों को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। श्रमिक के कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम के अंतर्गत बीमित नहीं होने की स्थिति में विभाग द्वारा संबंधित क्षेत्र के माननीय क्षतिपूर्ति आयुक्‍त, श्रम न्‍यायालय में दुर्घटना की सूचना देते हुए कारखाना प्रबंधन को क्षतिपूर्ति राशि माननीय क्षतिपूर्ति आयुक्‍त श्रम न्‍यायालय में जमा किए जाने के लिए निर्देशित किया जाता है। साथ ही मृतक श्रमिक के आश्रितों को क्षतिपूर्ति संबंधी दावा माननीय श्रम न्‍यायालय के समक्ष प्रस्‍तुत करने की सलाह दी जाती है। क्षतिपूर्ति राशि का निर्धारण एवं वैध आश्रितों को क्षतिपूर्ति राशि वितरण की कार्यवाही माननीय क्षतिपूर्ति आयुक्‍त श्रम न्‍यायालय द्वारा की जाती है। इस संबंध में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। (ग) रतलाम की इप्‍का लेबोरेटरीस लिमिटेड में विगत 10 वर्षों में विभिन्‍न कारणों से हुई 3 दुर्घटनाओं में 4 श्रमिकों की प्राणांतक दुर्घटना हुई है। कारखाने में घटित इन दुर्घटनाओं की जाँच विभाग द्वारा की जाकर कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के उल्‍लंघन फलस्‍वरूप कारखाना प्रबंधन के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है। इन दुर्घटनाओं का विवरण, विभाग द्वारा कारखाना प्रबंधन के विरूद्ध की गई कार्यवाही तथा मृतक के परिवारों को प्रदान की गई सहायता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है।

सहकारी समि‍तियों को घाटे से निकालने की योजना

[सहकारिता]

46. ( क्र. 5518 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितनी सहकारिता समि‍तियां घाटे में चल रही हैं? (ख) क्‍या सरकार घाटे को समाप्‍त करने की दिशा में कोई प्रयास कर रही है? अगर हां, तो अवगत करावें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी एकत्र की जा रही है (ख) सहकारी संस्थायें स्वायत्तशासी संस्थायें हैं इनके लाभ/हानि के लिये वे स्वयं उत्तरदायी हैं। शासन के समक्ष हानि समाप्त करने की कोई योजना नहीं है।

सड़क निर्माण हेतु उपयोग की जाने वाली खनिज खदानें

[खनिज साधन]

47. ( क्र. 5524 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) यातायात वाली सड़कों के 100 से 200 मीटर की दूरी पर जो खदानें आंवटित की गई है उस पर कार्य समाप्त हो जाने के बाद सुरक्षा के हिसाब से क्या-क्या कार्यवाही की जाना चाहिए। (ख) खण्ड (क) के सन्दर्भ में बताएं की उन गड्डों पर नियमानुसार सुरक्षा हेतु कार्यवाही हुई हैं या नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित इन खदानों में ठेकेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी तथा अधिकारियों की जवाबदारी तय की जायगी क्या यह सही है कि रतलाम के पास नामली में ऐसे ही एक गड्डे में बस के गिर जाने से 12 लोग की मौत हुई थी तथा आज तक उस गड्डे पर सुरक्षा हेतु कोई कदम नहीं उठाए गए। (घ) क्या नामली की घटना तथा सीधी में 16 फरवरी को नहर में बस के गिर जाने के मुद्दे नजर क्या ऐसे सारे गड्डों पर जो मौत के गड्डे बन चुके है जनहानि रोकने के लिये सरकार  कोई कदम उठाएगी यदि हाँ, तो  की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 42 (ञ) (3) में अंतिम खान बंद करने की योजना के प्रावधान दिये गये हैं। खदान समाप्ति उपरांत खदान क्षेत्र के पुर्नभरण, वृक्षारोपण, तार फेंसिंग आदि चरणबद्ध तरीके से किया जाना उल्‍लेखित है। खदान में खनन कार्य के दौरान एवं खनन कार्य समाप्ति उपरांत खदान क्षेत्र की सुरक्षा हेतु अनुबंध की शर्तों भाग 07 की कंडिका (5) में प्रावधान दिये गये हैं। जिसके अनुसार पट्टेदार द्वारा खदान क्षेत्र में सीमाचिन्‍ह की स्‍थापना, कटिले तारों की बाड़, इत्‍यादि की व्‍यवस्‍था किया जाना होता है।  (ख) जानकारी प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। रतलाम जिले के पास नामली में हुई बस दुर्घटना के बाद सड़क व गड्डे के मध्‍य सुरक्षा हेतु क्रास बेरियर लगाये गये हैं। (घ) जानकारी प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार है।

माचलपुर को तहसील घोषित करना

[राजस्व]

48. ( क्र. 5548 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) जिला राजगढ़ के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र खिलचीपुर की विकासखण्‍ड जीरापुर को अनुभाग (राजस्‍व) एवं माचलपुर को तहसील घोषित किये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा विगत दो वर्षों में कब एवं किसको लेख किया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पत्रों पर शासन तथा विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाहियां की गई हैं? दिनांकवार पत्र का विवरण उपलब्‍ध करायें। (ग) क्‍या शासन जीरापुर को अनुभाग (राजस्‍व) एवं माचलपुर को तहसील घोषित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

भगवंत सागर तालाब में मछली पालन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

49. ( क्र. 5553 ) श्री राम दांगोरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या खंडवा जिले के भगवंत सागर तालाब में मत्स्य पालन का प्रतिवर्ष ठेका दिया जाता है? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में किस व्यक्ति अथवा संस्था को कितनी-कितनी राशि पर दिया गया? (ख) क्या इस जलाशय में कागजों पर साधारण मछली पालन दिखाया जाकर वास्तव में समुद्री मछली (बड़े झींगे) का उत्पादन अवैध रूप से कराया जा कर लाखों रुपए की अवैध कमाई की जा रही है? (ग) क्या जिला मत्स्य पालन अधिकारी का पद रिक्त होने से प्रभारी मत्स्य पालन अधिकारी के संरक्षण में होने वाले मछली के अवैध पालन एवं व्यवसाय से विभाग को लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है? (घ) यदि हाँ, तो प्रभारी मत्स्य पालन अधिकारी की विवादास्पद कार्यप्रणाली के कारण स्थानीय मछुआरों में उत्पन्न रोष को दूर करने के लिए उच्च स्तरीय जाँच कराई जा कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक क्या जाँच में दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी को निलंबित कर उनसे शासन को हुई लाखों रुपए की राजस्व की वसूली की जाएगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं । शेष का प्रश्‍न ही नहीं उपस्थित होता । (ख) जी नहीं। (ग) जिला अधिकारी का पद रिक्‍त नही है और न ही किसी प्रकार की राजस्‍व हानि हो रही है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के आलोक में उच्‍च स्‍तरीय जांच एवं अनुशासनात्‍मक कार्यवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नही होता।

सी.एम. हेल्पलाईन में की गई फर्जी शिकायतें

[लोक सेवा प्रबन्धन]

50. ( क्र. 5558 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूरभाष क्रमांक 181 सी.एम. हेल्पलाईन में सिवनी जिले के विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिये जनता द्वारा शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? विभागवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) शिकायतों में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतों का निराकरण एल-1, एल-2, एल-3 एवं एल-4 में किया गया सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने शिकायतकर्ता है जिनके द्वारा प्रश्नांश (क) अवधि के दौरान 10 या इससे ज्यादा शिकायतें की गई हैं, जो निराधार, झूठी तथा शासन प्रशासन का समय खराब करने और संबंधित विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों को ब्लैक मैलिंग करने के उद्देश्य से की गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो शासन झूठी शिकायतकर्ता को चिन्हित कर विभागवार सूची तैयार कर संबंधित शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने पर विचार कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बतावें। (ड.) क्या ले‍बल-1,23 स्‍तर के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा फोर्स क्लोज करने के बाद भी लेबल-4 अधिकारी द्वारा अनेक शिकायतों को बंद नहीं किया जा रहा है जिससे एल-4 स्तर पर अनेक शिकायतें लंबित रहती है? यदि हाँ, तो क्यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ, सीएम हेल्‍पलाईन दूरभाष क्रमांक 181 पर सिवनी जिले के विभिन्‍न विभागों की समस्‍याओं के निराकरण के लिए जनता द्वारा 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक (01.04.2019 से 28.02.2021) में कुल 84802 शिकायतें प्राप्‍त हुई। विभागवार  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जिला सिवनी अंतर्गत प्राप्‍त कुल 84802 शिकायतों में से कुल 82104 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। एल-1, एल-2, एल-3 एवं एल-4 में किये गये निराकरण की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रब अनुसार(ग) वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक (01.04.2019 से 28.02.2021) कुल 84802 शिकायतों में दर्ज मोबाइल नम्‍बर के आधार पर 223 (शिकायतकर्ता) मोबाइल नम्‍बर से 10 या इससे ज्‍यादा शिकायतें की गई है। शेष प्रश्‍नांश के संबंध में लेख है कि सीएम हेल्‍पलाइन पर आम नागरिक शिकायत दर्ज कराते हैं, जिसे शिकायत से संबंधित विभाग को कार्यवाही हेतु ऑनलाईन अग्रेषित किया जाता है। संबंधित विभाग द्वारा शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। अत: की गई शिकायत झूठी है अथवा शासन-प्रशासन का समय खराब करने अथवा संबंधित अधिकारी/कर्मचारी को ब्‍लैकमैलिंग करने के उद्देश्‍य से की गई है यह जानकारी संबंधित विभाग के पास ही उपलब्‍ध हो सकती है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के संदर्भ में लेख है कि यदि की गई शिकायत झूठी है तो उस पर नियमानुसार प्रचलित कानून के अनुसार कार्यवाही करने का दायित्‍व संबंधित विभाग का है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं, सीएम हेल्‍पलाईन 181 पोर्टल अंतर्गत लेवल-1 एवं लेवल-2 स्‍तर के अधिकारियों को शिकायत फोर्स क्‍लोज करने की सुविधा प्रदत्‍त नहीं है। शिकायत को फोर्स क्‍लोज करने का अधिकार लेवल-3 एवं लेवल-4 स्‍तर के अधिकारियों को ही प्रदत्‍त है, लेवल 3 अधिकारी द्वारा शिकायत फोर्स क्‍लोज करने के उपरांत शिकायत लेवल-4 स्‍तर पर प्रेषित नहीं होती है। दिशा-निर्देश की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्रस अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाओं को आवंटित भूमि

[राजस्व]

51. ( क्र. 5568 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) भोपाल जिले के कोलार (पूर्व हुजूर तहसील) के ग्राम महावड़ि‍या, पटवारी हल्‍का नं. 31, की भूमि खसरा क्र. 297, रकबा 26.67 हेक्‍टेयर में किन-किन गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाओं को भूमि आवंटित किए जाने का प्रस्‍ताव शासन के पास विचाराधीन है? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्‍नांकित रकबे में से किसे-किसे, कितनी-कितनी, कब-कब भूमि आवंटित की गई है? (ग) क्‍या प्रश्‍नांकित रकबे में आवंटन हेतु प्राप्‍त प्रस्‍तावों में सभी को भूमि आवंटित कर दी गई है? या कोई शेष है? शेष समितियों को भूमि आवंटन हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है एवं कब तक भूमि आवंटित कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।     (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्‍नांकित रकबे में कोई भी भूमि किसी को भी आवंटित नहीं की गई है।             (ग) जी नहीं। आवंटन शेष है। उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनुविभागीय अधिकारी द्वारा वकीलों से दुर्व्‍यवहार

[राजस्व]

52. ( क्र. 5588 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर अभिभाषकों के साथ दुर्व्‍यवहार करते हैं बोर्ड पर नहीं बैठते हैं, किसानों के साथ भी अच्छा व्यवहार नहीं है तथा क्‍या इस संबंध में अभिभाषक संघ बड़नगर भी हड़ताल कर धरने पर बैठ गए थे यदि हाँ, तो शासन ऐसे अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा? (ख) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी बड़नगर द्वारा स्वयं अपने निवास के लिए लोक निर्माण विभाग से 5 लाख रूपये की राशि व्यय करवाई गई जबकी उक्त निर्माण कार्य पर लगभग 15 लाख रूपये का खर्च हुआ, शेष राशि शासन के किस विभाग से प्रदान की गई? (ग) उक्त निर्माण कार्य की प्रतिनिधि मण्डल से जांच कब करवाई जावेगी दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश '''' के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खनन पर प्रतिबंध

[खनिज साधन]

53. ( क्र. 5607 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनों से 250 मीटर तक खनन की अनुमति प्रतिबंध लगाने का वैधानिक आधार क्‍या है इसका तकनीकी एवं वैज्ञानिक आधार क्‍या है पृथक-पृथक बतावें। (ख) वनों से दूरी के आधार पर राज्‍य में खनन की अनुमति किस दिनांक से प्रतिबंधित की गई है उसे लेकर किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या आदेश निर्देश जारी किए है सभी की प्रति सहित बतावें। (ग) वनों से 50 मीटर तक खनन प्रतिबंध से संबंधित निर्णय वर्तमान में किस स्‍तर पर लंबित है उसे लागू किन कारणों से नहीं किया जा रहा यह निर्णय कब तक लागू किया जाकर 50 मीटर तक प्रतिबंध के आदेश कब तक जारी किए जावेंगे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वन सीमा से 250 मीटर तक की दूरी खनन हेतु प्रतिबंधित नहीं है। परंतु इस सीमा के भीतर खनिजों के उत्‍खनन हेतु खनिपट्टा स्‍वीकृत करने की अनुशंसा करने के लिये सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक एफ 19-71/2012/ 1/4 दिनांक 31/07/2012 द्वारा संभागायुक्‍त की अध्‍यक्षता में गठित समिति सक्षम है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) में दिये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लॉकडाउन की अवधि में राजस्‍व न्‍यायालयों का संचालन

[राजस्व]

54. ( क्र. 5608 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लॉकडाउन की अवधि में राजस्‍व न्‍यायालय में प्रकरणों की सुनवाई एवं आदेश‍ किए जाने से संबंधित क्‍या क्‍या छूट शासन ने प्रदान की थी। (ख) बैतूल जिले में वर्ष 2020 में किस दिनांक से किस दिनांक तक पूर्ण लॉकडाउन रहा, किस दिनांक से किस दिनांक तक राजस्‍व न्‍यायालयों में प्रकरणों की सुनवाई एवं आदेशों की कार्यवाही प्रतिबन्धित रखी गई, लॉकडाउन की अवधि में किन प्रकरणों की सुनवाई एवं आदेशों की छूट तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार ओर अनुविभागीय अधिकारियों को प्रदान की गई पृथक-पृथक बतावें। (ग) बैतूल जिले की बैतूल तहसील, शाहपुर तहसील में मार्च 2020 से मई 2020 तक की अवधि में किस प्रकरण में सुनवाई की गई, आदेश किए गए, रेत खदानों पर छापामार कर कितने प्रकरण बनाए गए।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासन द्वारा कोई छूट प्रदान नहीं की गई थी। (ख) बैतूल जिले में वर्ष 2020 में दिनांक 22/3/2020 से दिनांक 08/05/2020 तक, अत्‍यावश्‍यक कार्यों एवं सेवाओं हेतु शिथिलता के साथ लॉकडाउन रहा है। दिनांक 09/05/2020 से कन्‍टेनमेंट एरिया को छोड़कर, समय-समय पर कतिपय गतिविधियां को लॉकडाउन से सशर्त शिथिलता प्रदान की गई और राजस्‍व न्‍यायालयों में प्रकरणों की सुनवाई एवं आदेशों की कार्यवाही, प्रतिबंधित रखी जाने संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। (ग) बैतूल जिले की तहसील बैतूल में लॉकडाउन की अवधि में आदेशार्थ लगे प्रकरणों में आदेश किये गये। तहसील के न्‍यायालयों में निम्‍नानुसार प्रकरणों में आदेश किये गये है:- बैतूल (ग्रामीण) - 275, खेडी सावलीगढ़- 225, बैतूल (वृत-2) - 170, बैतूल बाजार- 194। तहसील शाहपुर में नामान्‍तरण- 49, बंटवारा-08, सीमांकन-45, अतिक्रमण-10 एवं अन्‍य विविध-23 की सुनवाई की गई तथा रेत खदानों पर छापामार कर 11 प्रकरण बनाए गये।

पटवारी मानचित्र एवं निस्‍तार पत्रक में दर्ज भूमि

[राजस्व]

55. ( क्र. 5616 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) बैतूल तहसील के ग्राम टिकारी, झगड़ि‍या एवं सोनाघाटी और घोड़ाडोंगरी तहसील के ग्राम कटंगी, डुल्‍हारा एवं सिवनपाट के पटवारी मानचित्र में कितनी भूमि दर्ज है इसमें से कितनी भूमि निस्‍तार पत्रक में किस-किस मद एवं प्रयोजन के लिए दर्ज है। (ख) पटवारी मानचित्र एवं निस्‍तार पत्रक में दर्ज कितनी भूमियों को वन विभाग ने वर्किंग प्‍लान, पी.एफ. एरिया रजिस्‍टर एवं वनकक्ष मानचित्र में शामिल कर लिया है इनमें से कितनी भूमि पर वन विभाग ने कब्‍जा भी कर लिया है वनखण्‍ड में शामिल कितनी भूमि की सीमा लाईन पटवारी मानचित्र में दर्ज की गई है। (ग) पटवारी मानचित्र में वनखण्‍ड की सीमा लाईन भू-राजस्‍व संहिता 1959 की किस धारा के अनुसार दर्ज की गई सीमा लाईन में शामिल भूमियों की प्रविष्टि ग्राम की संशोधन पंजी, निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में किन कारणों से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी दर्ज नहीं की गई।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) बैतूल तहसील के ग्राम टिकारी, झगड़ि‍या एवं सोनाघाटी के पटवारी मानचित्र में ग्राम टिकारी में खाते की भूमि 594.803 हे. एवं गैर खाते की भूमि रकबा 398.293 हे. दर्ज है, ग्राम सोनाघाटी में खाते की भूमि 274.573 हे. एवं गैर खाते की भूमि रकबा 686.653 हे. दर्ज है एवं ग्राम झगड़ि‍या में खाते की भूमि 435.447 हे. एवं गैर खाते की भूमि रकबा 306.983 हे दर्ज है। तहसील बैतूल अंतर्गत निस्‍तार पत्रक में दर्ज भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  “अनुसार है। तहसील घोडाडोंगरी के ग्राम कटंगी में खाते की भूमि 403.359 हे. एवं गैर खाते की भूमि 433.889 हे. दर्ज है, ग्राम डुल्‍हारा में खाते की भूमि 455.295 हे. एवं गैर खाते की भूमि 629.859 हे. दर्ज है एवं ग्राम सिवनपाट में खाते की भूमि 344.295 हे. एवं गैर खाते की भूमि 368.011 हे. दर्ज है। तहसील घोड़ाडोंगरी अंतर्गत निस्‍तार पत्रक में दर्ज भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  “अनुसार है। (ख) भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) के तहत 98 वनखंडों का अधिसूचित रकबा 15291.761 हे. एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 (1) हेतु प्रस्‍तावित 51 वनखंडों का 1425.778 हे. रकबा भारत सरकार की स्‍वीकृति से कार्य आयोजना में वैज्ञानिक प्रबंधन की दृष्टि से शामिल किया गया है। मानचित्र एवं निस्‍तार पत्रक में दर्ज भूमि में से ग्राम टिकारी की भूमि 197.866 हे. एवं ग्राम झगड़ि‍या की भूमि 115.295 हे. भूमि पर वन विभाग का कब्‍जा है। ग्राम टिकारी में खसरा नंबर 138 एवं 141, ग्राम सोनाघाटी में खसरा नंबर 60, 70, 57, 156/1, 1, 2, 3,5, 6,22, 26,31,30 एवं 137 के कुछ भाग में से वनखंड की सीमा लाईन मानचित्र में अंकित है एवं ग्राम झगड़ि‍या में कोई सीमा लाईन अंकित नहीं है। ग्राम कटंगी की 99.411 हे. एवं ग्राम सिवनपाट की 58.118 हे., भूमि वन विभाग द्वारा वर्किंग प्‍लान, पी.एफ. एरिया रजिस्‍टर में दर्ज कर कब्‍जे में ली गई है एवं पटवारी मानचित्र में लाईन डालकर सीमा दर्ज की गई है। (ग) म.प्र.शासन वन विभाग का ज्ञाप क्रमांक एफ/25/83/2004/10-3 भोपाल दिनांक 18/10/2005 के निर्देशानुसार राजस्व नक्शों में वन सीमा लाइन के निर्देश हैं।

निस्‍तार पत्रक में दर्ज भूमि

[राजस्व]

56. ( क्र. 5617 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) बैतूल तहसील के ग्राम सोनाघाटी, टिकारी एवं झगड़ि‍या और घोड़ाडोंगरी तहसील के ग्राम डुल्‍हारा, कटंगी एवं सिवनपाट के निस्‍तार पत्रक में किस मद में दर्ज किस खसरा क्रमांक का कितना रकबा वर्तमान खसरा पंजी में किसके नाम पर दर्ज है? यह भूमि किस आदेश क्रमांक, दिनांक से आवंटित की गई? (ख) निस्‍तार पत्रक में किस मद में दर्ज, किस ग्राम के, किस खसरा नंबर का, कितना रकबा वन विभाग ने संरक्षित वन सर्वे एवं वनखण्‍ड में शामिल किया, सर्वे में शामिल किस ग्राम की समस्‍त भूमि 15 सितम्‍बर 1972 को राजपत्र में डि‍नोटिफाईड की गई इनमें से कितनी भूमि पर वन विभाग का कब्‍जा है? (ग) डि‍नोटिफाईड भूमियों के संबंध में सर्वोच्‍च अदालत की याचिका क्रमांक 202/95 आई.ए. क्रमांक 2619-2621/2009 आदेश दिनांक 2 सितम्‍बर 2013 में क्‍या आदेश दिए है, डि‍नोटिफाईड भूमियों पर वन सरंक्षण कानून 1980 के किन प्रावधानों को न्‍यायालय ने लागू माना है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क)  बैतूल तहसील के ग्राम सोनाघाटी, टिकारी एवं झगड़ि‍या बैतूल तहसील के ग्राम सोनाघाटी, टिकारी एवं झगड़ि‍या दर्ज खसरा नंबर रकबा मद एवं वर्तमान खसरे में दर्ज प्रविष्टि तथा आवंटन की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है । घोडाडोंगरी तहसील के ग्राम डुल्‍हारा, कटंगी एवं सिवनपाट की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है(ख)  वनमंडलाधिकारी उत्‍तर बैतूल (सा.) वनमंडल से प्राप्‍त प्रतिवेदन अनुसार जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ग)  मा. सर्वोच्‍च न्‍यायालय की याचिका क्रमांक-202/95 आई.ए. क्रमांक 2619-2621/2009 में पारित आदेश दिनांक 02/09/2013 में केवल कक्ष क्रमांक 385-386 (नया 342-343) की 10.190 हेक्‍टेयर के संबंध में आदेश दिया गया है कि संबंधित भूमि को वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के संबंध में गैर वन भूमि माना जाए।

ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार

[राजस्व]

57. ( क्र. 5623 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बैतूल जिले के ग्राम टिकारी, सोनाघाटी, झगड़ि‍या, डुल्‍हारा, कटंगी एवं सिवनपाट के पटवारी मानचित्र और निस्‍तार पत्रक में दर्ज सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों की जमीनों का अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी ग्रामसभा और पंचायत को नहीं सौंपा गया। (ख) इन ग्रामों के निस्‍तार पत्रक में किस-किस मद में किस-किस प्रयोजन के लिए कितनी भूमि दर्ज है इनमें से कितनी भूमि वन विभाग ने वर्किंग प्‍लान में शामिल कर अपने कब्‍जे में ले ली है। (ग) पटवारी मानचित्र एवं निस्‍तार पत्रक में सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज भूमि के संबंध में संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में ग्रामसभा और ग्राम पंचायत के संबंध में क्‍या-क्‍या प्रावधान दिए है उनका प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी पालन नहीं किए जाने का क्‍या कारण रहा है। (घ) कब तक निस्‍तार पत्रक में दर्ज संसाधनों का अधिकार नियंत्रण एवं प्रबंधन ग्राम सभा और ग्राम पंचायत को सौंपा जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

जिला उपभोक्‍ता आयोग में रिक्‍त पद की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

58. ( क्र. 5647 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग तथा प्रदेश के जिला उपभोक्‍ता आयोगों में बड़ी संख्‍या में पद रिक्‍त होने के कारण उपभोक्‍ताओं के प्रकरणों के निराकरण में विलम्‍ब हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग तथा प्रदेश के जिला उपभोक्‍ता आयोगों में रिक्‍त पद भरने में विलम्‍ब का क्‍या कारण है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य आंशिक रूप से प्रभावित हो रहा है। अन्‍य जिलों के अध्‍यक्ष/सदस्‍यों को रिक्‍त जिलों का अतिरिक्‍त चार्ज सौंपकर कार्य पूर्ण कराया जा रहा है। (ख) नवीन अधिनियम के प्रावधान अनुसार नियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, तदउपरांत पदपूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी।

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 का क्रियान्‍वयन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

59. ( क्र. 5648 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के लागू के बाद भी राज्‍य सरकार द्वारा अभी तक इसके क्रियान्‍वयन के लिए नियम नहीं बनाए गए हैं? (ख) यदि हाँ, तो राज्‍य के उपभोक्‍ता के संरक्षण के लिए नियम बनाने में विलम्‍ब का क्‍या कारण है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 2019 प्रदेश में जुलाई, 2020 से लागू हुआ है। इसके उपरांत नियम बनाने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) अधिनियम के राज्‍य में लागू होने के उपरांत कोविड-19 की विषम परिस्थिति एवं आवश्‍यक स्‍वीकृति की प्रक्रिया के कारण नियम बनाने में समय लग रहा है।

कृ‍षकों की भूमि को शासकीय अभिलेख में अंकित एवं कम्‍प्‍यूटरीकृत किया जाना

[राजस्व]

60. ( क्र. 5666 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या पूर्ववर्ती राज्‍य सरकार द्वारा 2001-02, 2002-03 में अनुसूचित जाति वर्ग के भूमिहीन कृषक/मजदूर जो कि शासकीय भूमि पर काबिज होकर काश्‍तकारी कर रहे थे उन्‍हें उस भूमि का पट्टा दिया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त भूमि का खसरा-खतौनी, अक्‍स को कम्‍प्‍यूटरीकृत किया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या उक्‍त किसान जिन्‍हें पट्टा दिया गया है कम्‍प्‍यूटरीकृत न होने से सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है एवं प्राकृतिक आपदा से किसानों की फसलों को हुये नुकसान का मुआवजा नहीं मिल पाता है? यदि हाँ, तो भिण्‍ड जिले की गोहद तहसील के अंतर्गत किस-किस ग्राम के कितने किसानों को शासकीय भूमि के उक्‍त अवधि में पट्टे दिये गये थे? क्‍या यह सभी पट्टे शासकीय अभिलेख में अंकित है? यदि नहीं तो क्‍यों? यदि अंकित हैं तो उन किसानों के पट्टे की सूची दें तथा कब तक किसानों की पट्टे की भूमियों को कम्‍प्‍यूटरीकृत किया जायेगा बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्‍त भूमि का खसरा-खतौनी, अक्‍स का समस्‍त पट्टों का कम्‍प्‍यूटरीकृत अमल नहीं हो पाया है। शेष पट्टों की अमल करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) शासकीय पट्टेधारी जिनका कम्‍प्‍यूटर रिकॉर्ड में नाम है उन्‍हें नियमानुसार सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है एवं प्राकृतिक आपदा से हुयी फसल हानि के नुकसान का पात्रता के अनुसार मुआवजा भी मिल रहा है। ऐसे शासकीय पट्टेधारी जिनका कम्‍प्‍यूटर रिकॉर्ड में अमल नहीं है उनको सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ‍मिल पा रहा है। उनमें से कुछ पट्टेधारियों को हस्‍तलिखित रिकॉर्ड के आधार पर प्राकृतिक आपदा से हुयी फसल हानि का मुआवजा पात्रता के आधार पर दिया गया है। भिण्‍ड जिले की गोहद तहसील के अंतर्गत किसानों को शासकीय भूमि के उक्‍त अवधि में दिये गये पट्टे की ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार  है। शासकीय पट्टों का हस्‍तलिखित खसरे में तत्‍समय अमल कराया गया था किन्‍तु कम्‍प्‍यूटरीकृत अभिलेख में समस्‍त पट्टों का अमल नहीं हो पाया है। कम्‍प्‍यूटरीकृत अभिलेख में दर्ज पट्टों की सूची  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अमल से शेष पट्टों को दर्ज करने के लिए नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है।

किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ

[जल संसाधन]

61. ( क्र. 5667 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भिण्‍ड जिले की गोहद विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सिलोहा से अंगसोली एवं ग्राम केशवपुरा, महुहरी, इटायली होते हुये मौ तक नहर के लिये भूमि अधिग्रहण की गई थी? यदि हाँ, तो यह नहर कहाँ से कहाँ तक बनायी गई है तथा इस नहर के कितने क्षेत्र में सिंचाई हो रही है?     (ख) क्‍या उक्‍त नहर से टेल तक पानी नहीं पहुंचने से किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है? यदि हाँ, तो टेल तक नहर का पानी पहुंचाने की क्‍या योजना है? (ग) क्‍या सिंचाई की सुविधा की दृष्टि से नहर की मुख्‍य ब्रांच ग्राम सिलोहा से मौ तक उप-नहर बनाई जाकर सिंचाई की सुविधा उपलब्‍ध कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ, वर्ष 1966 में टेल राईट डिस्‍ट्रीब्‍यूटरी के निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण प्रस्ताव बनाया गया था, लेकिन तत्समय नहर निर्माण की स्वीकृति प्राप्त न होने के कारण भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया और न ही निर्माण कार्य कराया गया। शेष प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होते हैं। (ग) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थि‍त नहीं होता हैं।

कर्मचारी राज्‍य बीमा योजना में पंजीकृत कर्मचारी

[श्रम]

62. ( क्र. 5675 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कर्मचारी राज्‍य बीमा योजना में रतलाम नगरीय क्षेत्र के कितने कर्मचारी पंजीकृत हैं? ई.एस.आई.सी. को उनसे कितनी वार्षिक राशि प्राप्‍त होती है? (ख) रतलाम के ई.एस.आई.सी. में पंजीकृत कर्मचारियों को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा प्रदान करने हेतु कितने अस्‍पताल एवं डिस्‍पेंसरी सेवा प्रदान कर रहे हैं तथा इसमें निजी क्षेत्र के कितने अस्‍पतालों को सम्‍बद्ध किया गया है?                     (ग) कर्मचारियों को सेकेण्‍डरी उपचार देने की क्‍या योजना है? (घ) ई.एस.आई.सी. के पास स्‍वयं के अस्‍पतालों और डिस्‍पेंसरी की कुल कितनी भूमि उपलब्‍ध है और उनके भवनों की वर्तमान स्थिति क्‍या है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रतलाम नगरीय क्षेत्र में दिनाक 31-03-2020 की स्थिति में 21, 603 कर्मचारी पंजीकृत हैं एवं वित्‍तीय वर्ष अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक कुल राशि रूपये 98, 58, 856 प्राप्‍त है। (ख) रतलाम के पंजीकत बीमितों/आश्रितों को 02 डिस्‍पेंसरी के माध्‍यम से स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा प्रदान की जा रही है तथा चिकित्‍सालय कार्यरत नहीं है। वर्ष 2019-20 हेतु किसी भी निजी चिकित्‍सालय को केशलेस सुविधा हेतु अनुबंधित नहीं किया गया है।                (ग) विभाग के रतलाम स्थित औषधालयों में जो द्वितीयक उपचार सुविधा उपलब्‍ध नहीं है, उसके लिये उज्‍जैन के विभागीय चिकित्‍सालय एवं निजी क्षेत्र के अनुबंधित चिकित्‍सालयों में मरीजों को केशलेस सुविधा के अंतर्गत संदर्भित कर द्वितीयक उपचार प्रदान किया जा रहा है। (घ) प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "सोलह"

अधिग्रहित वाहनों का भुगतान

[राजस्व]

63. ( क्र. 5679 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) लॉक डाउन के दौरान भोपाल व इंदौर जिला प्रशासन द्वारा कितने मैजिक व अन्‍य वाहन अधिग्रहित किये थे? जिलावार संख्‍या देवें। (ख) क्‍या कारण है कि इन्‍हें इनके किराए का प्रश्‍न दिनांक तक भुगतान नहीं किया गया है? (ग) कब तक इन्‍हें किराए का संपूर्ण भुगतान कर दिया जाएगा? (घ) कई महीनों बाद भी इन्‍हें किराए का भुगतान न करने वाले अधिकारियों का नाम, पदनाम देकर बतावें कि इसके लिए शासन उन पर कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लॉक डाउन के दौरान जिला भोपाल में 432 मैजिक वाहन एवं 30 अन्‍य वाहन अधिग्रहित किये गये तथा जिला इंदौर में 308 वाहन अधिग्रहित किये गये। (ख) जिला भोपाल में भुगतान प्रारंभ किया गया है। जिला इन्‍दौर में अधिग्रहित 308 वाहनों में से 273 वाहनों का भुगतान किया जा चुका है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                        (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

रीवा एवं सतना आर.टी.ओ. का निलंबन

[परिवहन]

64. ( क्र. 5693 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 5 दिसम्‍बर (या अन्‍य तारीख को) 2019 को प्रधान सर्विस बस क्रमांक एम.पी. 17 पी 0851 बिना नियमित परमिट के हादसे का शिकार हुई? कितने यात्रियों की मौत हुई? पन्‍ना जिले के भैरव घाटी में 18 नवम्‍बर, 2016 के अनूप ट्रेवल्‍स की एम.पी. 19 पी 0533 खाई में गिरी? कितने यात्रियों की मौत किस कारणों से हुई? 07 जनवरी, 2021 को गोविन्‍दगढ़ की छुहिया घाटी में बस क्रमांक एम.पी. 17 पी 1170 के हुए एक्‍सीडेंट में कितने लोगों की मृत्‍यु हुई? (ख) प्रश्‍न तिथि तक रीवा आर.टी.ओ. मनीष त्रिपाठी एवं सतना आर.टी.ओ. संजय श्रीवास्‍तव प्रश्नांश (क) में उल्‍ल‍ेखित एक्‍सीडेंटों के समय किस-किस स्‍थान पर किस पद पर पदस्‍थ रहे? एक्‍सीडेंटवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित दोनों अधिकारियों की प्रथम पदस्‍थापना से लेकर प्रश्‍नतिथि तक किस-किस स्‍थान पर     किस-किस पद पर कब तक पदस्‍थापना रही? उसकी जानकारी उपलब्‍ध करायें। बतायें कि उक्‍त दोनों अधिकारियों के द्वारा विभाग को 01.04.2015 से 31.03.2020 तक अपनी क्‍या-क्‍या चल एवं अचल संपत्तियों का विवरण लिखित में जमा की है? अगर शासन के नियमों के अनुरूप जमा नहीं की है तो क्‍यों? कारण दें। शासन उपरोक्‍तों के विरूद्ध कब व क्‍या कार्यवाही करेगा? (घ) क्‍या सीधी जिले में हुये बस हादसे (फरवरी 2021) की बस सतना आर.टी.ओ. में रजिस्‍टर्ड थी? प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रधान बस सर्विस रीवा में रजिस्‍टर्ड थी, पन्‍ना हादसे की बस सतना में रजिस्‍टर्ड थी, गोविन्‍दगढ़ हादसे की बस सतना में रजिस्‍टर्ड थी? शासन द्वारा दोनों आर.टी.ओ. को क्‍यों प्रश्‍नतिथि तक निलंबित नहीं किया है? कब तक इन्‍हें निलंबित किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, वाहन क्रमांक एम.पी. 17 पी 0851 दुर्घटना दिनांक 05.12.2019 को बिना नियमित परमिट के हादसे का शिकार हुई थी। जिसमें 10 यात्रियों की मृत्यु हुई तथा 28 यात्री घायल हुए थे। जी हाँ। इस दुर्घटना में 22 यात्रियों की मृत्यु हुई तथा 14 यात्री घायल हुए थे। दिनांक 07.01.2021 को गोविन्दगढ़ की छुहिया घाटी में वाहन क्रमांक एम.पी. 17 पी 1170 के दुर्घटनाग्रस्त होने पर 3 यात्रियों की मृत्यु हुई तथा 6 यात्री घायल हुए थे।                   (ख) दिनांक 05.12.2019 को वाहन क्रमांक एम.पी. 17 पी 0851 की दुर्घटना के समय श्री संजय श्रीवास्तव प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी पन्ना एवं श्री मनीष त्रिपाठी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी रीवा के पद पर पदस्थ थे। दिनांक 04.05.2015 को भैरव घाटी पन्‍ना में हुई दुर्घटना के समय    श्री संजय श्रीवास्तव परिवहन निरीक्षक के रूप में जिला परिवहन कार्यालय सतना में पदस्थ थे। दिनांक 07.01.2021 को गोविन्दगढ़ की छुहिया घाटी की दुर्घटना के समय श्री संजय श्रीवास्तव प्रभारी जिला परिवहन अधिकारी सतना एवं श्री मनीष त्रिपाठी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, रीवा के पद पर पदस्थ थे। (ग) दोनों अधिकारियों के द्वारा प्रथम पदस्थापना से लेकर दिनांक 31.03.2020 तक लिखित में प्रस्तुत किये गये सम्पत्ति पत्रकों का विवरण एवं पदस्थापनाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। यह सही नहीं है कि गोविन्दगढ़ हादसे की बस सतना में पंजीकृत थी। प्रश्न में उल्लेखित दोनों परिवहन अधिकारी श्री मनीष त्रिपाठी एवं श्री संजय श्रीवास्तव के उत्तरदायी न होने के कारण निलंबित नहीं किये गये हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सहकारी संस्‍थाओं में अनियमितताओं की जानकारी

[सहकारिता]

65. ( क्र. 5694 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) इंदौर जिले की न्‍याय गृह निर्माण सह. संस्‍था श्री राम गृह निर्माण सह. संस्‍था, जागृति गृह निर्माण सह. संस्‍था, देवी अहिल्‍या श्रमिक कामगार गृह निर्माण सह. संस्‍था, मजदूर पंचायत गृह निर्माण सह. संस्‍था, सारथी गृह निर्माण सह. संस्‍था, हरियाणा गृह निर्माण सह. संस्‍था, शताब्‍दी गृह निर्माण सह. संस्‍था, जय हिन्‍द गृह निर्माण सह. संस्‍था, डायमंड गृह निर्माण सह. संस्‍था एवं हिना पैलेस कालोनियों में क्‍या-क्‍या शिकायतें/अनि‍यमिततायें विगत 5 वर्ष से प्रश्‍नतिथि तक विभाग को प्राप्‍त हुई? उन पर प्र‍श्‍न ति‍थि तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही किन-किन आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से                    किस-किस सक्षम कार्यालयों के द्वारा की गई? जानकारी आदेशों के विवरण सहित जानकारी उपलब्‍ध कराते हुये दें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित सहकारी संस्‍थाओं में सदस्‍यों के साथ हुई धोखाधड़ी पर इंदौर के थाना खजराना में अपराध क्रमांक 159/2021, 160/2021, 161/2021, 162/2021 दिनांक 17.02.2021 को एवं थाना एम.आई.जी. इंदौर में अपराध क्रमांक 131/2021, 132/2021, दिनांक 18.02.2021 को दर्ज हुये? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित सहकारी संस्‍थाओं में अनियमिततायें करने पर किस-किस सहकारी गृह निर्माण संस्‍था को शासन द्वारा आम जनमानस के हितार्थ प्रश्‍नतिथि तक अधिगृहण कर संस्‍था के सभी वास्तविक सदस्‍यों को उनका वाजिब हक कब तक दिलवाया जायेगा? (घ) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित संस्‍थाओं में सदस्‍यों का नाम बढ़ाने/घटाने एवं सीमा से ज्‍यादा लोगों को सदस्‍य बनाने की अनुमति देने वाले सहकारिता विभाग के किस पदनाम/नाम को शासन ने प्रश्‍न तिथि तक चिन्हित कर उनके विरूद्ध कब व क्‍या कार्यवाही की है? जारी सभी आदेशों का विवरण दें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) इंदौर जिले में न्याय गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर एवं हिना पैलेस गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर के नाम से गृह निर्माण सहकारी संस्थायें पंजीकृत नहीं है। सारथी, शताब्दी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर के संबंध में कार्यालयीन रिकार्ड अनुसार शिकायतें प्राप्त होना नहीं पाई गई। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) इंदौर के थाना खजराना से प्राप्त जानकारी अनुसार अपराध क्रमांक 159/2021, 160/2021, 161/2021, 162/2021 दिनांक 17.02.2021 को दर्ज हुए है एवं थाना एम.आई.जी इंदौर से प्राप्त जानकारी अनुसार अपराध क्रमांक 131/2021, 132/2021, दिनांक 18.02.2021 को दर्ज हुए है। (ग) प्रश्नांश '' में वर्णित सहकारी संस्थाओं में से 1. श्रीराम गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर 2. जागृति गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर 3. देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर के संचालक मण्डल को अनियमितताओं के कारण म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 के अंतर्गत अधिक्रमित कर प्रशासकों की नियुक्ती की गई है। गृह निर्माण सहकारी संस्थायें निगमित निकाय है तथा सहकारी सोसायटी अधिनियम, नियम तथा उपविधियों में वर्णित प्रावधानों के अनुसार संदस्यों के संबंध में समस्त कार्यवाही संबंधित संस्थाओं द्वारा ही की जानी है। (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित संस्‍थाओं में सदस्‍य बढ़ाने संबंधित उपविधि संशोधन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। जानकारी का परीक्षण कर पाए गए तथ्यों के आधार पर आवश्यकता होने पर उत्तरदायित्व निर्धारित कर चिन्हित अधिकारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

परिशिष्ट - "सत्रह"

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

66. ( क्र. 5703 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) टीकमगढ़ जिला मुख्यालय से टीकमगढ़-सागर मार्ग स्थित, अंतौरा तिराहा के समीप, ग्राम जमुनियाखेरा, पटवारी हल्का बड़ागाँव धसान, खसरा नम्बर 616/3, 617/1, 186/1, 187/1 एवं 188/1 क्या शासन के स्वामित्व की भूमि है? यदि हाँ, तो खसरावार रकबा बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, उक्त खसरा नम्बरों की सम्पूर्ण/आंशिक भू-भाग पर कृषि/आवासीय/वाणिज्यिक प्रयोजन हेतु पट्टे दिये गये हैं? यदि हाँ, तो खसरावार, क्षेत्रफल, प्रयोजन तथा पट्टाधारी का नाम बतायें?                                (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित खसरा नम्बरों की भूमि पर क्या अतिक्रमण किया जाकर, मकान निर्माण तथा मोबाइल टावर लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकर्ताओं का नाम, पता, क्षेत्रफल सहित टावर स्थापित करने वाली कम्पनी का नाम बतायें। क्या उक्त भूमि पर मोबाइल कम्पनियों द्वारा शासन/राजस्व विभाग या व्यक्ति विशेष की स्वीकृति/सहमति से टावर स्थापित किये गये हैं? यदि हाँ, तो मोबाइल कम्पनियों और शासन के बीच निष्पादित अनुबंध की प्रति दें। यदि नहीं तो, किसकी सहमति से मोबाइल टावर स्थापित किये गये हैं? दोषी का नाम बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) अनुसार, शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के लिये कौन अधिकारी/व्यक्ति दोषी है? शासकीय भूमि पर से अनाधिकृत अतिक्रमण सहित टावर कब तक हटाये जायेंगे? अतिक्रमणकर्ताओं/मोबाइल कम्पनियों तथा दोषियों पर कब तक और क्या कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। खसरा नंबर 616/3, 617/1, 186/1, 187/1, 188/1 रकवा क्रमश: 0.217, 0.243, 0.073, 0.061, 0.016 हेक्टेयर म.प्र. शासन पठार मद में दर्ज है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ग) ग्राम जमुनियाखेरा भूमि खसरा नंबर 616/3 रकवा 0.271 हे. में से अंश रकवा 0.139 हे. पर जमना प्रसाद तनय हल्कू यादव एवं इसी खसरा के अंश रकवा 0.089 हे., खसरा नंबर 188/1 रकवा 0.016 हे. पर प्रकाश तनय हल्कू यादव का मकान एवं बाउण्ड्रीवॉल बनाकर कब्जा किये। इसी भूमि पर जियो कंपनी का मोबाइल टावर लगा हुआ है।  (घ) शासकीय भूमि पर अतिक्रमण होने पर न्यायालय अतिरिक्त तहसीलदार बड़ागाँव धसान के रा.प्र.क्र./108/अ-68/12-13 एवं रा.प्र.क्र./109/अ-68/12-13 आदेश दिनांक 06.05.2013 के द्वारा बेदखली आदेश पारित किया गया था। जिसकी प्रथम अपील न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ प्रकरण क्र. 158/अपील/12-13, प्र.क्र./159/अपील/12-13 आदेश दिनांक 10.07.2013 के विरूद्ध अपील कमिश्नर सागर, संभाग सागर के समक्ष प्रस्‍तुत की गई जिसमें प्र.क्र. 771/अ-68/ 2012-13, प्र.क्र. 772/अ-68/12-13 आदेश दिनांक 24.03.2015 द्वारा अतिरिक्त तहसीलदार बड़ागाँव धसान का आदेश दिनांक 06.05.2013 एवं अनुविभागीय अधिकारी टीकमगढ़ का आदेश दिनांक 10.07.2013 निरस्त करते हुये आदेशित किया गया कि विधिवत सीमांकन कराने के पश्चात् आगामी कार्यवाही की जावे। सीमांकन आदेश जारी किये जाने के बाद संबंधित प़क्षों द्वारा माननीय व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 के न्यायालय में स्थाई निषेधाज्ञा व कब्जा की घोषणा हेतु प्रकरण संस्थित किया गया जिनके प्रकरण क्र. 17/ए/2021 एवं 20/ए/2021 प्रचलन में है नोटिस तामील है। जबाब हेतु 4 मार्च, 2021 नियत है। न्यायालय के आदेशानुसार मामले में अग्रेषित कार्यवाही की जावेगी। जिओ कंपनी के द्वारा अतिक्रमण कर मोबाइल टावर लगाये जाने पर धारा 248 के तहत अतिक्रमण प्रकरण क्रमांक 211/अ-68/2020-21 तहसीलदार बड़ागाँव धसान के न्यायालय में दर्ज किया जाकर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।

अनुचित रूप से क्रशर संचालन

[खनिज साधन]

67. ( क्र. 5707 ) श्री राकेश गिरि : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले की टीकमगढ़ जनपद की ग्राम पंचायत श्रीनगर सीमा में स्थित इमलिया खान (मवई-कारी रोड पर, वन विभाग की भूमि के समीप) पर स्टोन क्रेशन लगाने की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो क्रशर के स्वामी/कम्पनी का नाम पता तथा अवधि बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या मौके पर क्रशर संचालन का निरीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो निरीक्षणकर्ता अधिकारी का नाम, पदनाम बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या मौके पर इमलिया खान के समीप स्थित पहाड़ी पर लगे वृक्षों को काटकर, पहाड़ी खोदने एवं वन विभाग की भूमि पर क्रशर संचालन की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो ऐसे नियमों की प्रति दें। यदि नहीं तो पहाड़ी खोदने एवं हरित क्षेत्र नष्ट करने के लिये कौन दोषी है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार, क्या पहाड़ी एवं वन विभाग की भूमि को संरक्षित किया जायेगा एवं अनुचित रूप से क्रशर संचालन के विरूद्ध क्या क्रशर लगाने की अनुमति निरस्त कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम 1996 में स्‍टोन क्रशर लगाने की अनुमति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। मध्‍यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भण्‍डारण का निवारण) नियम 2006 के अंतर्गत मेसर्स ओम स्‍टोन क्रशर प्रो. श्री हरीश उप्‍पल ग्राम श्रीनगर भाटा, मवई-कारी रोड जिला टीकमगढ के पक्ष में खनिज व्‍यापारी अनुज्ञप्ति स्‍वीकृत की गई है। इस क्षेत्र पर क्रशर स्‍थापित है, जिसमें क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सागर द्वारा अवधि दिनांक 31.08.2021 तक प्रदूषण संबंधी सम्‍मति प्रदान की गई है। (ख) जी हाँ। प्रदूषण नियंत्रण मण्‍डल के अधिकारी श्री सतीश चौकसे, उपयंत्री द्वारा निरीक्षण किया गया है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति

[जल संसाधन]

68. ( क्र. 5711 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर संभाग के दतिया जिले की जल संसाधन विभाग की माँ रतनगढ परियोजना की प्रशासनिक एवं वित्‍तीय स्‍वीकृत कब प्राप्‍त हुई? अनुमा‍नित लागत कब बनाई? वर्ष, माह, तिथि बतायें। (ख) उक्‍त परियोजना के टेण्‍डर कब हुए? विज्ञप्ति कब जारी हुई? कितनी कम्‍पनियों ने टेण्‍डर डाले? कम्‍पनियों के नाम, पते, वर्ष, माह, तिथि सहित किस कम्‍पनी का टेण्‍डर स्‍वीकृत हुआ, पूर्ण जानकारी दी जावे। (ग) क्‍या मोटेना विशिष्‍ठा माइक्रोजेबी हैदराबाद की कम्‍पनी को जल संसाधन विभाग द्वारा 412 करोड़ 50 लाख का बिना कार्य प्रारंभ किये, अग्रिम भुगतान किया गया था? जनवरी 2021 तक की स्थिति में भी कार्य नहीं चल रहा है। (घ) उक्‍त कम्‍पनी को विभाग द्वारा कार्य आदेश कब जारी किया गया था? कार्य पूर्ण होने की अंतिम तिथि क्‍या थी? जुलाई 2019 से परियोजना का कार्य प्रारंभ होना जो जनवरी 2021 तक प्रारंभ नहीं हो सका है, इतनी बड़ी राशि की वसूली कम्‍पनी से कैसे होगी? इस प्रक्रिया के दोषी लोगो के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की जावेगी? तथ्‍यों सहित पूर्ण जानकारी दी जावे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) माँ रतनगढ़ बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 26.03.2018 को रू. 2244.97 करोड़ की प्रदान की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि कम्‍पनी को सामग्री के विरूद्ध            रू. 412.50 करोड़ का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। शासन के आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जाँच हेतु समिति का गठन किया गया है। नियम विरूद्ध भुगतान हुआ अथवा नहीं के संबंध में जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर जाँच निष्‍कर्षानुसार प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगा। परियोजना का सर्वे कार्य पूर्ण हो चुका है व डिजाइन ड्राइंग तैयार की जाकर मुख्य अभियंता बोधी भोपाल में परीक्षणाधीन है। (घ) कम्पनी के साथ दिनांक 22.07.2019 को अनुबंध किया गया था। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि 60 माह अर्थात दिनांक 21.07.2024 तक अनुबंधित है। उत्‍तरांश '' अनुसार।

परिशिष्ट - "अठारह"

निर्धारित शुल्क से अधिक राशि की वसूली

[लोक सेवा प्रबन्धन]

69. ( क्र. 5716 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या लोक सेवा केन्द्र निजी क्षेत्र द्वारा संचालित है? (ख) क्या लोक सेवा केन्द्रों में विभिन्न विभाग की सेवा प्राप्त करने के लिये शुल्क निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितना? विभागवार एवं सेवावार बताएं। (ग) लोक सेवा केन्द्र निर्धारित शुल्क से अधिक राशि न ले पाये, इसके लिये क्या व्यवस्था है? क्या सेवा देय शुक्ल बड़े अक्षरों में ध्यानाकर्षी स्थान पर बोर्ड द्वारा प्रदर्शित है? यदि हाँ, तो सागर जिले में कहाँ-कहाँ? (घ) अधिक शुल्क लिये जाने की शिकायत आवेदक कहाँ कर सकता है? क्या यह भी केन्द्रों में लिखा है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क जी हाँ। (ख) लोक सेवा केन्‍द्रों के माध्‍यम से आवेदन दर्ज किये जाने के समय राशि रू. 40/- का सेवा शुल्‍क निर्धारित है। विभिन्‍न विभागों की चिन्‍हित सेवाओं में विभागीय शुल्‍क विभागों द्वारा निर्धारित किया जाता है जो कि सेवा शुल्‍क से पृथक होता है। लोक सेवा पोर्टल के माध्‍यम से प्रदाय सेवाओं के संबंध में विभागवार एवं सेवावार शुल्‍क की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) लोक सेवा केन्‍द्र द्वारा निर्धारित शुल्‍क से अधिक राशि ली जाती है तो उसके विरूद्ध आर.एफ.पी./अनुबंध के अनुसार कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। सागर जिले के समस्‍त लोक सेवा केन्‍द्रों पर सेवा संबंधी विभागवार एवं सेवावार देय शुल्‍क की जानकारी चस्‍पा है। (घ) लोक सेवा केन्‍द्रों पर अधिक शुल्‍क लिए जाने की शिकायत आवेदक द्वारा सी.एम. हेल्‍पलाइन 181 एवं सागर जिले में जिला लोक सेवा प्रबंधन कार्यालय के दूरभाष क्रमांक 8770422338 पर की जा सकती है। शिकायत किये जाने के संबंध में जानकारी सागर जिले के समस्‍त लोक सेवा केन्‍द्रों पर चस्‍पा है।

वाहनों के फिटनेस की जाँच

[परिवहन]

70. ( क्र. 5761 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) इन्‍दौर, भोपाल, ग्‍वालियर एवं जबलपुर आर.टी.ओ. द्वारा माह जनवरी, 2021 में कितने वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया गया? प्रत्‍येक आर.टी.ओ. की जानकारी तिथिवार एवं वाहन के प्रकार सहित दी जाये 1 (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित आर.टी.ओ. में फिटनेस जाँच करने हेतु कितने कर्मचारी/श्रमिक नियुक्‍त हैं? प्रत्‍येक आर.टी.ओ. की जानकारी पृथक-पृथक नाम एवं पद सहित दी जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में अंकित कर्मचारी/श्रमिक विभाग के कर्मचारी हैं अथवा बाहर से लगाये गये हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी निम्नानुसार है:- 1- आर.टी.ओ. इन्दौर में सुश्री ज्योति मुवैल, परिवहन उप निरीक्षक 2- आर.टी.ओ. भोपाल में श्री अंकुर गुप्ता, परिवहन उप निरीक्षक एवं सुश्री शिवानी मुकाती, परिवहन उप निरीक्षक 3- आर.टी.ओ. ग्वालियर में श्री राजेन्द्र कुमार स्वर्णकार, परिवहन निरीक्षक                4- आर.टी.ओ. जबलपुर में श्री संतोष पॉल, सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अनुसार जाँच अधिकारी परिवहन विभाग के कर्मचारी हैं। वाहनों के फिटनेस हेतु जाँच के लिये परिवहन विभाग के अतिरिक्त कोई अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ नहीं किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

किसानों को बकाया राशि का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

71. ( क्र. 5772 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) फरवरी, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में समर्थन मूल्‍य पर क्रय धान, गेहूँ, मूंग चना एवं अन्‍य फसलों के उपरांत कितने किसानों को राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया? कारण बतायें। (ख) समर्थन मूल्‍य पर फसल क्रय के उपरांत किसानों को राशि भुगतान के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें तथा किस-किस अधिकारी की क्‍या-क्‍या जवाबदारी है।              (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में मान. मुख्‍यमंत्री जी, मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण हुआ तथा की गई कार्यवाही से संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया गया? पूर्ण विवरण दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पंजीकृत श्रमिकों को सुविधायें

[श्रम]

72. ( क्र. 5773 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल पंजीकृत श्रमिकों को क्‍या-क्‍या सुविधायें मिलती हैं? रायसेन जिले में कितने श्रमिकों का पंजीयन हुआ है? जनपद पंचायतवार संख्‍या बतायें। (ख) श्रमिकों के पंजीयन हेतु क्‍या-क्‍या शर्तें हैं तथा पंजीयन करने का अधिकार किसको है? (ग) फरवरी, 2021 की स्थिति में किस-किस योजना में कितने प्रकरण राशि भुगतान हेतु किस स्‍तर पर कब से एवं क्‍यों लंबित है? सूची देवें। (घ) उक्‍त लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। रायसेन जिले में अब तक 25706 निर्माण श्रमिकों का पंजीयन हुआ है। पंजीकृत श्रमिकों की जनपद/नगरीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत निर्माण श्रमिक पंजीयन हेतु निम्‍न शर्तें है:- 1. श्रमिक की आयु 18 से 60 वर्ष के मध्‍य होनी चाहिए। 2. श्रमिक ने विगत 1 वर्ष में 90 दिवस भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कार्य किया हो। निर्माण श्रमिक पंजीयन का अधिकार ग्रामीण क्षेत्र में मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र में आयुक्‍त/मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगरीय निकाय को है। (ग) फरवरी 2021 की स्थिति में मण्‍डल की योजनाओं में कोई भी प्रकरण भुगतान हेतु लंबित नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश '' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राशन कार्डधारियों को राशन का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

73. ( क्र. 5822 ) श्री सुरेश राजे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) ग्‍वालियर जिले में 31 मार्च, 2020 को कुल कितने न्‍यूतम दर पर प्राप्‍त करने वाले राशन कार्ड जारी थे? कितने इन कार्डधारियों को राशन पर्ची देकर राशन दिया जाता था? विकासखण्‍डवार बतायें। (ख) एक अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक कितने राशन कार्डधारी थे? कितनों की राशन पर्ची जनरेट की गई/दी गई? विकासखण्‍डवार बतायें। (ग) डबरा विधानसभा क्षेत्र के गरीब, पात्र राशन कार्डधारियों को राशन क्‍यों नहीं दिया जा रहा है? उनके नाम की राशन पर्ची क्‍यों नहीं बन रही है? क्‍या इनके नाम पात्रता से हटा दिये गये हैं? पात्र गरीबों के नाम हटाने के दोषियों की जाँच कर उन्‍हें दंडित किया जायेगा? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) क्‍या गरीब को राशन नहीं देना पड़े इसलिए उनकी पर्ची नहीं बन रही है? गरीब का नाम काटने से पहले उसे व्‍यक्तिगत सुनवाई का अवसर क्‍यों नहीं दिया गया? गरीब को अनाज से वंचित रखने के दोषियों पर क्‍या कार्यवाही होगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्‍वालियर जिले में 31 मार्च, 2020 की स्थिति में जारी पात्रता पर्ची एवं राशन प्राप्‍त करने वाले परिवारों की विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) एक अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक पात्रता पर्चीधारी परिवारों तथा नवीन पात्र परिवारों हेतु जारी पात्रता पर्ची की विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ग) डबरा विधानसभा क्षेत्र के सभी वैध पात्र परिवारों को राशन प्रदाय किया जा रहा है। विवाह उपरांत परिवार से पृथक हो जाने, मृत्‍यु, दोहरे होने आदि कारणों से अपात्र हुए परिवारों का जिले में स्‍थानीय निकायों द्वारा चिन्‍हांकन कर उनकी पात्रता पोर्टल से अस्‍थाई रूप से स्‍थगित की गई है, स्‍थगित परिवारों की सूची उचित मूल्‍य दुकानों पर प्रदर्शित किए जाने के निर्देश थे। स्‍थगित परिवारों द्वारा आवश्‍यक वैध दस्‍तावेजों सहित पुन: आवेदन प्रस्‍तुत करने पर उसकी पात्रता व दस्‍तावेजों का परीक्षण, सत्‍यापन उपरांत पात्रता पर्ची एवं सामग्री आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा दी गई है। डबरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माह सितम्‍बर 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक 2136 नवीन पात्र परिवारों को राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत जोड़ा जाकर पात्रता पर्ची एवं राशन प्रदाय किया जा रहा है। विभिन्‍न कारणों से चिन्‍हांकित अपात्र हितग्राहियों को पृथक कर उनके स्‍थान पर नवीन वैध पात्र परिवारों को जोड़ा जाना एक सतत प्रक्रिया है, इनमें किसी के दोषी न होने से दण्डित करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर अनुसार।

पत्‍थर खनिज पट्टा धारकों के विरूद्ध कार्यवाही

[खनिज साधन]

74. ( क्र. 5823 ) श्री सुरेश राजे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) प्रदेश में राज्‍य शासन द्वारा गौण खनिज अधिनियम के तहत उत्‍खनिपट्टे प्राप्‍त अनुज्ञा धारियों को पत्‍थर खनिज के निश्‍चत गहराई तक खनन एवं विस्‍फोटकों के प्रयोग हेतु क्‍या गाईड-लाइन जारी की गई है? इस संबंध में जारी आदेश एवं अधिसूचना की प्रति सहित बतावें।                (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विगत 3 वर्षों में शासन द्वारा ग्‍वालियर जिले में नियमों का उल्‍लंघन करने वाले पत्‍थर खनिज पट्टा धारकों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? प्रकरणवार, तिथिवार ब्‍यौरा दें। (ग) क्‍या शासन द्वारा उत्‍खनिपट्टों से गौण खनिज पत्‍थर निकालने में विस्‍फोटकों की तीव्रता सीमा निर्धारण एवं प्रशिक्षित व्‍यक्ति के निर्देशन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो उनका पूरा ब्‍यौरा दें। यदि नहीं तो खदानों में उच्‍च क्षमता के विस्‍फोटों से होने वाली हानि को रोकने के लिए सरकार क्‍या कदम उठा रही है? (घ) क्‍या ग्‍वालियर जिले में उत्‍खनिपट्टों से गौण खनिज पत्‍थर निकालने में विस्‍फोटकों के प्रयोग से रिहायशी इलाकों के घरों, वन संपदा, जलस्‍त्रोतों एवं राज्‍य मार्गों को नुकसान संबंधी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? यदि हाँ, तो विगत 3 वर्षों में प्राप्‍त शिकायतों एवं कार्यवाही की जानकारी उपलब्‍ध करायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज 1996 के नियम 30 (24) में यदि खदानों की गहराई 6 मीटर से अधिक हो जाती है तब इसकी जानकारी खान सुरक्षा महानिदेशालय को दिये जाने के प्रावधान है। विस्‍फोटक के संबंध में विस्‍फोटक अधिनियम 1884 के तहत कार्यवाही की जाती है। य‍ह भारत सरकार का अधिनियम है। उल्‍लेखित नियम एवं अधिनियम अधिसूचित है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार ग्राम बिलौआ, रफादपुर एवं समीपस्‍थ क्षेत्रों में स्‍वीकृत पत्‍थर खदानों में ब्‍लास्टिंग की वैधानिक अनुमति न होने के कारण 52 क्रशर आधारित खदानों में कलेक्‍टर ग्‍वालियर द्वारा आदेश दिनांक 12.04.2019 से उत्‍खनन एवं परिवहन तथा क्रशर संचालन आगामी आदेश तक निलंबित किया था। खदानों में ब्‍लास्टिंग की वैधानिक अनुमति प्राप्‍त होने पर कलेक्‍टर ग्‍वालियर द्वारा आदेश दिनांक 22.04.2019 से 27 क्रशर आधारित खदानों का निलंबन बहाल कर दिया गया तथा इन्‍हें उत्‍खनन, परिवहन तथा क्रशर संचालन की अनुमति प्रदान की गई। प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ में दर्शित है। (ग) विस्‍फोटक अधिनियम 1884 भारत सरकार का विषय है। इसके तहत ही भारत सरकार निर्देश जारी करती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नानुसार 02 शिकायतें प्राप्‍त हुई थी। शिकायत एवं उस पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब में दर्शित है।

मुख्‍यमंत्री कोविड योद्धा योजना

[राजस्व]

75. ( क्र. 5857 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों के ड्यूटी निर्वाहन के दौरान कोरोना से पीड़ित होने से मृत्‍यु होने पर आर्थिक लाभ देने हेतु कोरोना युद्ध योजना लागू की गई थी।            (ख) क्‍या इस योजना की अवधि तय की गई थी? यदि हाँ, तो क्‍या? क्‍या उक्‍त अवधि समाप्‍त हो गई है? (ग) अवधि समाप्‍त होने के बाद ड्यूटी निर्वहन करने से कोरोना से पीड़ित एवं मृत शासकीय कर्मचारियों के परिवार को कोई लाभ दिया जायेगा या नहीं? अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मुख्‍यमंत्री कोविड योद्धा योजना के          दिशा-निर्देश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार लागू किये गये हैं। (ख) जी हाँ। योजना की अवधि दिनांक , 31 अक्‍टूबर 2020 तक थी। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में योजना की वैधता अवधि 31/10/2020 तक थी। कोरोना पीड़ित मृत शासकीय कर्मचारियों को, दिवंगत शासकीय सेवक को देय समस्‍त स्‍वत्‍वों का भुगतान पात्रतानुसार, शासन नियमानुसार किया जाता है।

संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही

[सहकारिता]

76. ( क्र. 5867 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छतरपुर के निर्वाचित संचालक मंडल के सदस्यों की समितियां कब से कालातीत हैं? (ख) यदि संचालकों की समितियां बारह माह से अधिक किसी भी ऋण के लिए कालातीत है तो उनके विरूद्ध सहकारी अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत क्या कार्यवाही की जाती है? क्या इस नियमानुसार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक छतरपुर के संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही कर पद से पृथक कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।            (ख) जी हाँ। सहकारी अधिनियम की धारा 50-ए में ऐसे संचालकों को अपात्र घोषित कर पद रिक्त घोषित किया जाता है। संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी संस्थाएं सागर संभाग सागर के द्वारा संचालको के पद रिक्त किये गये थे, विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

राजस्व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

77. ( क्र. 5877 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर जिले की तहसील भितरवार, चीनोर एवं घाटीगाँव के अंतर्गत 01 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक राजस्व प्रकरणों के निपटारे हेतु शिविर लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो लगाये गये शिविरों के दिनांक व स्थान बतावें। कितने नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणें का निपटारा शिविर में किया गया है? कितने प्रकरण लंबित हैं? जिन कृषकों के प्रकरणों का निपटारा किया गया है तथा नहीं किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार शिविर के दौरान कितने कृषकों को ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया है तथा कितने कृषकों को ऋण पुस्तिका वितरण करना शेष है? सूची दें। (ग) क्या नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों के निपटारा हेतु म.प्र.शासन द्वारा समय-सीमा निश्चित की गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या राजस्व अभिलेखीय (खसरा) अनुसार नक्‍शों में तरतीम किये गये हैं? यदि नहीं किये गये हैं तो इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी है? उनक नाम, पद बतायें। क्या दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या और कब? यदि नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। तहसील चीनोर में दिनांक 21.01.2019 को चीनोर एवं करहिया में राजस्‍व शिविर लगाकर, शिविर में प्राप्‍त 92 नामांतरण, 02 बंटवारा,          0 सीमांकन प्रकरणों का निराकरण किया गया। तहसील भितरवार में मण्‍डी प्रांगण भितरवार में शिविर लगाकर, शिविर में प्राप्‍त 36 नामांतरण, 12 बंटवारा, 09 सीमांकन प्रकरणों का निराकरण किया गया। तहसील घाटीगाँव में दिनांक 12.07.2019 को ग्राम दौरार व दिनांक 14.02.2020 को ग्राम चराई श्‍यामपुर में शिविर लगाये गये उक्‍त दोनो शिविरों में नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरण प्राप्‍त नहीं हुये। शिविरों में प्राप्‍त प्रकरणों में से कोई प्रकरण निराकरण हेतु शेष नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शिविरों के दौरान 151 कृषकों को ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया है। ऋण पुस्तिका वितरण हेतु शेष नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) जी हाँ, आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। (घ) जी हाँ, नक्‍शों में तरमीम किये गये हैं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। ।

यात्री बसों के रूट एवं वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र की जानकारी

[परिवहन]

78. ( क्र. 5878 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परिवहन विभाग द्वारा ग्वालियर जिले में वर्तमान स्थिति में कौन-कौन सी यात्री बसों को कौन-कौन से रूट पर संचालन की किस-किस दिनांक को स्वीकृति प्रदान की गई है? वाहन क्रमांक एवं मालिक का नाम अनुसार रूट की जानकारी देवें। (ख) क्या विभाग द्वारा वाहन के फिटनेस का प्रमाण-पत्र देने के पूर्व मोटरयान अधिनियम अनुसार शर्तों को जाँचा जाता है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर जिले में कौन-कौन सी यात्री बस कब-कब दुर्घटना ग्रस्त हुई है एवं कितने यात्रियों की मृत्यु हुई है? कितने यात्री घायल हुए हैं? यात्रियों का नाम, पता तथा दुर्घटना स्थल एवं दुर्घटना दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) क्या बस संचालकों द्वारा मोटरयान अधिनियम की शर्तों के अधीन बसों में रूट की जानकारी, अग्निशमन यंत्र, इमरजेन्सी दरवाजा, महिलाओं एवं विकलांगों के लिए सीट आरक्षण संबंधी निर्देश एवं यात्री किराया पर्ची प्रदाय की जाती है? यदि नहीं, तो किन-किन बस संचालकों एवं मालिकों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जी हाँ। बस मालिकों द्वारा उक्‍त शर्तों/मापदण्‍डों का उल्‍लंघन करने पर की गयी कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

अतिवृष्टि से नष्‍ट हुई फसलों का मुआवजा

[राजस्व]

79. ( क्र. 5881 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिवनी में 1617 फरवरी 2021 में अतिवृष्टि से फसलें नष्‍ट हुई थीं? क्‍या फसलों को हुये नुकसान का मुआवजा किसानों को दिया गया है? यदि नहीं, तो इसका क्‍या कारण है? कृषकों को मुआवजा कब तक दिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत सिवनी विधानसभा क्षेत्र के जिन किसानों की ओलावृष्टि से फसलें नष्‍ट हुई? उन्‍हें कितना मुआवजा दिया जा रहा हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 में दिये प्रावधान अनुसार सर्वे कार्य पूर्ण किया जा चुका है। प्रभावित कृषकों को राहत राशि वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में सिवनी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ओलावृष्टि से फसल क्षति होने पर कुल 566 प्रभावित कृषकों को राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 में दिये मानदण्‍ड अनुसार रूपये 73, 42, 120/- की राहत राशि स्‍वीकृत की गई है।

संचालित राशन की दुकानें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

80. ( क्र. 5882 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सिवनी अंतर्गत कुल कितनी शासकीय उचित मूल्‍य की राशन दुकानें किस-किस ग्राम में किन-किन के द्वारा संचालित की जाती है? सूची देवें। संचालित राशन दुकानों को माह में कितने दिन खोले जाने का नियम है? क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में प्रत्‍येक माह खाद्यान्‍न का वितरण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब-कब इस राशन दुकानों का खाद्यान्‍न वितरण का भौतिक सत्‍यापन कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया? (ख) क्‍या ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित राशन दुकानें दो-तीन माह में एक बार खुलती हैं जिससे क्षेत्र के गरीब आदिवासियों को राशन उपलब्‍ध नहीं हो पाता हैं? यदि हाँ, तो शेष एक-दो माहों का राशन को किसे वितरण किया जाता है? क्‍या इसकी जाँच सक्षम अधिकारी द्वारा की जाती हैं? यदि हाँ, तो जांचकर्ता अधिकारी का नाम बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) में संचालित राशन दुकानों में की जा रही अनियमितता की जाँच कब की जावेगी? क्‍या अनिमितता बरतने वाली राशन दुकानों को बंद किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक बतावें। समय पर संचालित न होने वाली दुकानों के जांचकर्ता अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर आर्थिक अपराध के प्रकरण

[सहकारिता]

81. ( क्र. 5889 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2019 पश्‍चात कहाँ-कहाँ पर सहकारिता विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर आर्थिक अपराध के कितने प्रकरण प्रकाश में आये? जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) सं‍दर्भित प्रकरणों में कितने प्रकरणों को पुलिस विभाग विभाग को सौंप कर एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई तथा कितने प्रकरणों में विवेचना विभागीय स्‍तर पर चल रही है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

गबन के आरोप पर कार्रवाई

[सहकारिता]

82. ( क्र. 5893 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला छतरपुर सेवा सहकारी समिति मर्यादित छठी बम्हौरी में पदस्थ अयोध्या प्रसाद सोनी पर गबन के आरोप में कार्रवाई की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्या अयोध्या प्रसाद सोनी द्वारा सेवा सहकारी समिति मर्यादित छठी बम्हौरी एवं सक्षम अधिकारी को नियुक्ति प्रदान करने के संबंध में आवेदन दिया था? यदि हाँ, तो आवेदक द्वारा किन प्रमाणों के आधार पर पुनः नियुक्ति के संबंध में आवेदन दिया था। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त आवेदन पर सक्षम अधिकारी द्वारा क्‍या कार्रवाई की गई थी? विवरण उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें। क्या शासन सक्षम अधिकारी द्वारा विधिसम्मत कार्रवाई न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी लोडी जिला छतरपुर द्वारा अपराधिक प्रकरण क्रमांक 844/09 में पारित निर्णय दिनांक 25.01.2010 से दोषमुक्त किये जाने एवं अपर न्यायाधीश लवकुश नगर जिला छतरपुर में दायर क्रिमिनल अपील क्रमांक 102/10, न्‍यायालय द्वारा निरस्‍त करने के आधार पर। (ग) सेवा सहकारी समिति छठी बम्हौरी के प्रशासक द्वारा प्रशासक की बैठक दिनांक 10.02.2021 के निर्णय क्रमांक 01 में श्री अयोध्या प्रसाद सोनी को माननीय न्‍यायालय के निर्णय के परिप्रेक्ष्‍य में पुन: ज्वाईनिंग कराने का निर्णय लिया गया, श्री अयोध्या प्रसाद सोनी द्वारा दिनांक 22.02.2021 को समिति में ज्वाईन कर लिया गया है। (घ) संबंधित कर्मचारी को कार्य पर उपस्थित करा लिया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

समय-सीमा में विभागीय जाँच

[सहकारिता]

83. ( क्र. 5894 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्रमांक 648 दिनांक 9/7/2019 को माननीय मंत्री जी द्वारा दिया था कि कार्यवाही प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो उक्त कार्यवाही किस अधिकारी पर प्रक्रियाधीन थी? मूल पद एवं नाम बताएं। उक्त अधिकारी की किस-किस संबंध में विभागीय जाँच कब से कौन अधिकारी कर रहा है? उक्त अधिकारी का मूल पद एवं नाम बताएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार क्या विभागीय जाँच करने वाले अधिकारी द्वारा शासन के नियम के अनुसार उक्त अधिकारी को विभागीय जाँच के पूर्व या उपरांत निलंबित किया गया था? यदि नहीं तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। क्या शासन के नियम के अनुसार निर्धारित समय पर जाँच को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। क्या शासन निर्धारित समय पर जाँच अधिकारी द्वारा जाँच न करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) जिला छतरपुर उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं विभाग को वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई थीं?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) से (ड.) तक जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भूमि का हस्‍तांतरण

[राजस्व]

84. ( क्र. 5899 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्या ग्राम सुआतला वि.खं. सागर की वन भूमि राजस्व विभाग को हस्तांतरित की गई थी? यदि हाँ तो कब, कितनी तथा वर्तमान में उक्त भूमि पर कितने रकबे पर कौन-कौन काबिज है एवं कितनी शेष है? (ख) क्या वन भूमि को राजस्व भूमि घोषित करते समय शासन के कोई               दिशा-निर्देश/वन अधिनियम के तहत दिशा-निर्देश प्रदान किये गये थे? यदि हाँ, तो क्या इन नियमों का राजस्व विभाग द्वारा पालन किया जा रहा है? (ग) क्या राजस्व विभाग द्वारा भूमि विक्रय हेतु अनुमति प्रदान की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या वन अधिकार अधिनियम 1977 के प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या उक्त भूमि का विक्रय न हो इसके लिए वर्ष 1993 की स्थिति में रिकार्ड पूर्ववत कर खसरे के कॉलम नं. 12 की कैफियत में अहस्तांतरणीय अंकित किया जाना संभव है? यदि हाँ तो शासन कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दक्षिण वन मण्डल अन्तर्गत वन परिक्षेत्र सागर के वन ग्राम सुआतला आरक्षित वनखण्ड सुआतला एवं वनखण्ड आमेट के कुल रकबा में से 129.904 हे. भूमि राजस्व विभाग को हस्तांतरित की गई है। उक्त भूमि पर कुल कृषक 92 कुल रकबा 86.62 हे. पर काबिज है एवं गैर खाते का रकबा 43.28 हे. शासकीय भूमि है। इस प्रकार कुल रकबा 129.90 हे. है। शेष भूमि निरंक है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। (ग) ग्राम सुआतला में भूमि विक्रय की अनुमति नहीं दी जा रही है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) तहसीलदार तहसील सागर को उनके क्षेत्रांतर्गत आने वाले राजस्व ग्राम सुआतला के 92 कृषकों को न्यायालय में आहूत कर स्वत्व संबंधी दस्तावेज प्राप्त कर राजस्व नियामावली अनुरूप विधिसंगत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।

ग्रामों से सहकारी बैंकों की दूरी

[सहकारिता]

85. ( क्र. 5901 ) श्री संजय यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कितनी सहकारी सोसायटियां जिला सहकारी बैंक गोहलपुर के अंतर्गत आती हैं? प्रत्येक सोसायटियों से जिला सहकारी बैंक की दूरी कितनी-कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सहकारी सोसायटियों के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक ग्राम से जिला सहकारी बैंक की दूरी कितनी-कितनी है? ग्रामों से सहकारी बैंक की अधिकतम दूरी कितनी है? क्या यह अधिकतम दूरी किसानों के लिए उचित है? यदि हाँ तो स्पष्ट करें। यदि नहीं तो जिला सहकारी बैंक का मुख्यालय सिवनीटोला बरगी में अभी तक स्थापित क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा उक्त के संबंध में प्रश्न दिनांक तक किये गये पत्राचरों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? विभाग द्वारा आज तक उक्त संबंध में की गई कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करायें। (घ) जिला सहकारी बैंक को गोहलपुर से सिवनीटोल बरगी में कब तक स्थानांतरित की जावेगी?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार। बैंक का एन.पी.ए. 31/03/2020 की स्थिति में 76 प्रतिशत होने के कारण बैंक प्रशासक द्वारा वर्तमान में शाखा स्‍थानांरित नहीं करने का निर्णय पारित किया गया है। (ग) बैंक द्वारा पत्र क्र. 2329 दिनांक 23/10/2020 से माननीय विधायक श्री संजय यादव जी को बैंक प्रशासक कमेटी की बैठक के विषय क्र. 2 में लिये गये निर्णय से अवगत कराया गया। (घ) उत्‍तरांश (ख) अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

राजस्‍व अधिकारियों द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेशों की अवहेलना

[राजस्व]

86. ( क्र. 5918 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) सतना नगर निगम क्षेत्रांतर्गत कवाड़ी टोला मौजा कोलगंवा रा.नि.क्षेत्र कोलगंवा तह. रघुराज नगर जिला सतना स्थित नजूल की शासकीय भूमि आराजी नं. 502/0.142 हे., 506/11.921 हे., 507/10.332 हे., 508/0.178 हे., 532/0.279 हे., 533/0.275 हे. कुल किता 06 कुल रकबा 13.0498 हे. की वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ख) क्‍या माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर रिट पिटीशन नं. 740/1984 आदेश दिनांक 01.10.1999 को इसे म.प्र. शासन घोषित किया गया था? (ग) मान. उच्‍च न्‍यायालय के इस फैसले को छिपाकर पिटिश्नर के वंशज एवं राजस्‍व अधिकारियों ने दुरभिसंधि कर इस बाजारू मूल्‍य रू. 500 करोड़ से अधिक मूल्‍य की भूमि को व्‍यक्तिगत स्‍वामित्‍व में दर्ज कराने की साजिश की गई। क्‍या शासन इसकी उच्‍च स्‍तरीय जाँच करायेगा? (घ) क्‍या दोषी व्‍यक्तियों एवं राजस्‍व अधिकारियों, कर्मचारियों के विरूद्ध दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करते हुए उक्‍त भूमि खण्‍डों को पुन: म.प्र. शासन नजूल को सौंपा जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना नगर निगम क्षेत्रांतर्गत कोलगवां की आराजी नं. 502 रकवा 0.142 हे., 506 रकवा 11. 921 हे., 507 रकवा 0.332 हे., 508 रकवा 0.178 हे., 532 रकवा 0.279 हे. 533, रकवा 0.275 हे. कुल किता 6 कुल रकबा 13.0498 हे. खसरे के कालम नं. 3 में वर्तमान समय में म.प्र. शासन दर्ज अभिलेख है। (ख) जी नहीं, मान. उच्‍च न्‍यायालय याचिका क्रमांक 740/1984 में पारित आदेश दिनांक 01-10-1999 में इसे गैर हकदार काश्‍तकार माना गया था। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित आराजियों के संबंध में दुरभिसंधि नहीं की गयी है। उक्‍त भूमि का शासकीय गाइड-लाइन के आधार पर मूल्‍य रूपये 10, 78, 16000/- (दस करोड़ अठहतर लाख सोलह हजार) रूपये मात्र है। मान. उच्‍च न्‍यायालय द्वारा दितीय अपील 1913/05 में पारित निर्णय दिनांक 23-02-2017 में इस फैसले पर विस्‍तृत विवेचना की गई है। फैसले को छुपाया नहीं गया है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

भूमियों की लीज और उनका नवीनीकरण

[राजस्व]

87. ( क्र. 5926 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्‍या विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्‍यमंत्री मध्‍यप्रदेश ने अपने अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 158 भोपाल दिनांक 3 फरवरी, 2021 के माध्‍यम से नगरीय क्षेत्रों में स्थित भूमियों की लीज और उनके नवीनीकरण के संबंध में माननीय मुख्‍यमंत्री जी को पत्र लिखा था? (ख) यदि हाँ, तो माननीय नेता प्रतिपक्ष के उक्‍त पत्र में उल्‍लेखित किन-किन बिंदुओं में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्‍त पत्र में उल्‍लेखित बिन्‍दुओं का नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा परीक्षण किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भुगतान की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

88. ( क्र. 5933 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी-मालवा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में विभाग द्वारा कितना गेहूँ, चना, धान, मक्का का उपार्जन किया गया? वर्षवार बतावें। (ख) क्‍या उपार्जन के पश्चात कृषकों, समितियों खरीदी केन्द्रों एवं परिवहन व हम्मालों का भुगतान कर दिया? (ग) यदि भुगतान शेष है तो कितने व्‍यक्तियों का कितना भुगतान देना शेष है? (घ) क्‍या परिवहन के बाद अनाज के वजन में कमी आई है? यदि हाँ तो कितनी? जिम्मेदार कौन है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भूमि का फर्जी नामांतरण

[राजस्व]

89. ( क्र. 5935 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्या ग्राम-पिपलिया, पटवारी-हल्का-नंबर 19, तहसील-बुदनी, जिला-सीहोर भूमि-खसरा-नंबर 51/2, 52/2, 53, 54, 55/2, 55/4, 55/6 कृषि मद में दर्ज जनजातीय भूमि को गैर-जनजातीय को फर्जी तरीके से नामांतरित की गई है? (ख) क्या ग्राम करवाही, तहसील गोपदबनास, जिला-सीधी, खसरा नंबर 1055 रकबा 0.50 हेक्टेयर जनजातीय भूमि फर्जी तरीके से नामांतरित की गई है? इस संबंध में जनवरी 2020 से प्रश्न-दिनांक तक मुख्यमंत्री, मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों को प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) की भूमि किस जाँच एवं फैसले में किसके द्वारा फर्जी नामांतरण पाया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) की भूमि की प्रकृति बदलकर संबंधित अधिकारी ने फर्जी नामांतरण में सहयोग के लिए दोषी है? (ङ) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) की भूमि का फर्जी नामांतरण/निष्पादन करने के लिए किसके खिलाफ कब एफ.आई.आर. दर्ज की गई? यदि नहीं तो विधिसम्मत कारण बताएं। कब तक दोषियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर क्या कार्यवाही होगी? समय-सीमा सहित ब्यौरा दें। (च) यदि सरकार जनजातीय भूमियों के फर्जीवाड़ों को रोकना चाहती है तो कब तक प्रश्नांश (क) एवं (ख) की भूमि के मूल-रैयतों/रैयतों के आश्रितों को देगी? (छ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) भूमि के मूल-रैयतों/रैयतों के आश्रितों को वर्षों से हो रही आर्थिक-मानसिक-सामाजिक क्षति की भारपाई हेतु सरकार क्या कार्यवाही कर रही है? यदि नहीं तो विधिसम्मत कारण बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क)  अपर कलेक्टर सीहोर के प्रकरण क्र. 01/अ-21/2005-06 मे पारित आदेश दिनांक 18.10.2005 से अनुमति उपरांत विक्रय पत्र के आधार पर भूमि का नामांतरण स्वीकृत किया गया है। (ख)  सीधी जिले के ग्राम करवाही तहसील गोपद बनास की भूमि के विक्रेता बांकेलाल पिता दलवीर बादी, के अनुसूचित जनजाति के सदस्‍य होने के कारण कलेक्टर के अनुमति के बगैर भूमि का विक्रय सामान्य वर्ग को नहीं की जा सकती थी। प्रकरण में अनुमति नहीं ली गई है। अत: इस प्रकरण में सामान्य वर्ग के पक्ष में निष्पादित पंजीयन विधि अनुसार नहीं है। प्रकरण में सामान्य वर्ग के पक्ष में किए गए नामान्तरण को पुनर्विलोकन मे लिया जाकर नामान्तरण निरस्तगी की कार्यवाही एवं म.प्र.भू-राजस्व संहिता, 1959 की धारा 170 (ख) के प्रावधान अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। कार्यालयीन अभिलेख अनुसार प्रश्‍नकर्ता मा. विधायक के इस विषयक कोई पत्र प्राप्‍त होना नहीं पाए गए हैं। (ग)  सीहोर जिले के संबंध में प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (घ)  सीहोर जिले के प्रश्‍नांश (क) एवं सीधी जिले के प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है। (ड.) सीहोर जिले के प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है तथा सीधी जिले के प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रकरण में विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (च)  एवं (छ) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार विधिक कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

आर्थिक अनियमितताओं की जाँच

[सहकारिता]

90. ( क्र. 5942 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी विपणन संघ मार्कफेड के खण्‍डवा मुख्‍यालय के अंतर्गत नेपानगर एवं बुरहानपुर में गोदाम प्रभारी द्वारा की गई आर्थिक अनियमितताएं की जाँच के लिए क्‍या भोपाल मुख्‍यालय मार्कफेड के एम.डी. ने कड़ी जाँच के लिए दो टीम बनाकर पादरर्शी कार्यवाही के आदेश माह दिसम्‍बर 2020 में दिए थे? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त प्रकरण की जाँच कर ली गई है? यदि हाँ, तो जाँच निष्‍कर्ष के आधार पर किस-किस के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अधिग्रहित बसों का भुगतान

[राजस्व]

91. ( क्र. 5954 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) दिनांक 01.06.2020 से 31.12.2020 तक इंदौर में किन-किन कार्यक्रमों के लिए कितनी-कितनी बसें अधिग्रहित की गईं? (ख) बस नंबर, बस स्‍वामी नाम, कार्यक्रम सहित बतावें। (ग) इन्‍हें अब तक कितना भुगतान किया गया? कितना लंबित है की जानकारी बस स्‍वामी नाम, अकाउंट नंबर, बस नंबर सहित देवें। इसके लिए जिन पेट्रोल पंपों को भुगतान किया/भुगतान लंबित है की जानकारी भी पेट्रोल पंप नाम, बिल राशि, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि सहित देवें। (घ) लंबित भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? भुगतान लंबित रहने के कारण भी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 26-09-2020 को सांवेर माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना के शिलान्‍यास कार्यक्रम हेतु 534 बसें अधिग्रहित की गई थीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) अब तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गृह निर्माण संस्‍थाओं के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायतों पर कार्यवाही

[सहकारिता]

92. ( क्र. 5955 ) श्री बाला बच्चन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) इंदौर जिले में कुल कितनी गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाएं पंजीकृत हैं? नाम, पता, सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित संस्‍थाओं में से विगत 3 वर्षों में किन-किन गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाओं के द्वारा ऑडिट नहीं कराया गया है, उनकी सूची देवें। (ग) जिन संस्‍थाओं ने विगत 3 वर्षों से ऑडिट नहीं कराया है, उन पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) वर्षों से ऑडिट न होने हेतु कौन उत्‍तरदायी हैं एवं उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें। कार्यवाही हेतु शेष रही संस्‍थाओं पर विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) इंदौर जिले में कुल 878 गृह निर्माण सहकारी संस्थाएं पंजीकृत हैं। नाम एवं पते की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश '''' में उल्लेखित संस्थाओं में सें जिन संस्थाओं द्वारा विगत 03 वर्षों से ऑडिट नहीं कराया गया है, उन गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिन गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं ने विगत 03 वर्षों से ऑडिट नहीं कराया है, उन संस्थाओं पर म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत की गई कार्यवाहियों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।                 (घ) म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (1) के अनुसार ऑडिट कराने हेतु सहकारी संस्थायें उत्तरदायी है। कार्यवाही का विवरण उत्तरांश '''' के परिशिष्ट-2 के कालम 05 में दर्शित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

उज्‍जैन जिले में पंजीकृत गृह निर्माण संस्‍थाएं

[सहकारिता]

93. ( क्र. 5957 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन जिले में कितनी गृह निर्माण संस्‍थाएं प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में पंजीकृत हैं? संस्‍था नाम, पंजीयन दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) इन संस्‍थाओं के नाम जिन्‍होंने तीन वर्षों से ऑडिट नहीं कराया है, की जानकारी देवें। (ग) दि.01.01.13 से दिनांक 31.12.17 तक इन संस्‍थाओं द्वारा जिन्‍हें प्‍लाट आवंटित किए गए, उनकी सूची, रकवा नंबर सहित संस्‍थावार देवें। संस्‍था के सदस्‍यों की सूची एवं वरीयता सूची भी संस्‍थावार देवें। (घ) जिन संस्‍थाओं ने ऑडिट नहीं कराया उन पर विभाग ने प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं की है तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) उज्‍जैन जिले में दिनांक 01.03.21 की स्थिति पर 160 गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाएं पंजीकृत हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) उज्‍जैन जिले में ऐसी कोई भी संस्‍था नहीं है जिसने 03 वर्षों का ऑडिट नहीं कराया है। (ग) प्रश्‍नांश से संबंधित संकलित की जा रही है। (घ) श्री गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित उज्‍जैन द्वारा 01 वर्ष का ऑडिट नहीं कराने के कारण अध्‍यक्ष को पद से हटाने की कार्यवाही की गयी है। इसी तरह श्‍याम गृह निर्माण सहकारी समिति उज्‍जैन द्वारा 01 वर्ष का ऑडिट नहीं कराने के कारण मध्‍यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 56 (3) के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

माइक्रो सिंचाई परियोजना में बिना कार्य के अग्रिम भुगतान

[जल संसाधन]

94. ( क्र. 5960 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या श्‍योपुर जिले में माइक्रो सिंचाई परियोजना (Mirco Irrigation) स्‍वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो कितनी लागत की एवं कितनी अवधि में परियोजना का कार्य पूर्ण किया जाना है तथा परियोजना की सिंचाई क्षमता क्‍या है? कंपनी के संचालक एवं सदस्‍यों के नाम पता सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) उक्‍त परियोजना हेतु कब-कब निविदा आमंत्रित की गई एवं किस कंपनी/फर्म की निविदा स्‍वीकृत कर कब-कब कार्यादेश जारी किया गया तथा योजना का कार्य कब प्रारंभ हुआ तथा योजना की अद्यतन स्थिति क्‍या है? (ग) उक्‍त योजना हेतु कितनी-कितनी राशि के पाइप कब-कब खरीदे गए एवं कितने पाइप योजना में उपयोग किए गए तथा कितने पाइप शेष हैं? कंपनी द्वारा सप्‍लाई किए गए पाईपों का स्‍थल पर भौतिक सत्‍यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-‍कब किया गया? (घ) क्‍या उक्‍त योजना में विभाग में पाइप आपूर्ति किए जाने के पूर्व ही कंपनी को एडवांस (अग्रिम) भुगतान कर दिया गया? यदि हाँ, तो किस कंपनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किन नियमों प्रावधानों के तहत किया गया? क्‍या नियम विरूद्ध किए गए भुगतान की जाँच कराई जाकर जाँच निष्‍कर्षों के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। चंबल माइक्रो सिंचाई परियोजना की लागत रू. 167.58 करोड़ है। अनुबंध अनुसार कार्य दिनांक 10.10.2021 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। परियोजना की सिंचाई क्षमता 12, 000 हेक्टर है। कम्पनी के संचालकों के नाम निम्‍नानुसार है :- (1) श्री देवराज रॉय वाईस प्रेसीडेन्ट (2) श्री पंकज चौधरी डी.जी.एम (3) श्री दिग्यविजय प्रताप सिंह ए.जी.एम. (4) श्री सुशील गन्तयान्त सीनियर मैनेजर (5) श्री नागेन्द्र सिंह डिप्टी जनरल मैनेजर। कम्पनी का पता :- मेसर्स डब्ल्यू.पी.आई.एल.-सारथी (जे.व्ही.) ट्रिनिटी प्लाजा, 84/1-, टॉपसिया रोड (पश्चिम) कोलकाता (पश्चिम बंगाल) -700046 (ख) निविदा दिनांक 10.08.2018 को आमंत्रित की गई थी। न्‍यूनतम निविदाकार मेसर्स डब्ल्यू.पी.आई.एल.-सारथी (जे.व्ही.) कोलकाता की निविदा स्वीकृत की जाकर दिनांक 10.10.2018 को कार्यादेश जारी किया है। परियोजना का कार्य भी इसी दिनांक से प्रारंभ होकर वर्तमान में 65 प्रतिशत पूर्ण है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, योजना में विभाग के द्वारा पाइप आपूर्ति किये जाने के पूर्व कंपनी को कोई एडवांस (अग्रिम) भुगतान नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते हैं।

परिशिष्ट - "बीस"

नियम विरूद्ध किये गए अग्रिम भुगतान की उच्‍च स्‍तरीय जाँच

[जल संसाधन]

95. ( क्र. 5961 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) ग्‍वालियर संभाग के दतिया जिले में (माँ रतनगढ़ सिंचाई परियोजना) एवं शिवपुरी जिले के बामौर कलां में चल रही लोअर-केनाल परियोजना कितनी लागत की कब-कब स्‍वीकृत की गई थी एवं इन परियोजनाओं से कितने-कितने हेक्‍टेयर क्षेत्र में सिंचाई करने का लक्ष्‍य है? कंपनी के संचालक एवं सदस्‍यों के नाम पता सहित पूर्ण विवरण दें। (ख) उक्‍त परियोजनाओं हेतु कब-कब निविदा आमंत्रित की गई तथा किस फर्म/कंपनी की निविदाएं किन शर्तों/अनुबंध के साथ स्‍वीकृत की गई तथा कब-कब वर्क-ऑर्डर जारी किए और कार्य पूर्ण होने की अवधि अनुबंधानुसार क्‍या थी? किए गए अनुबंध का विवरण देवें। (ग) क्‍या परियोजनाओं में जमीन के अन्‍दर पाइप लाइन डालकर सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध कराया जाने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो पाइप सप्‍लाय हेतु किस-किस कंपनी को कितनी-कितनी राशि का वर्क-ऑर्डर कब-कब किया गया और कितनी-कितनी राशि का भुगतान कब-कब, किस-किस कंपनी को किया गया? कितने-कितने पाइप किस-किस योजना में उपयोग किए गए तथा कितने पाइप विभाग के पास शेष हैं एवं उक्‍त पाईपों का स्‍थल पर भौतिक सत्‍यापन किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? परियोजनाओं के कार्य की अद्यतन स्थिति क्‍या है तथा कितना कार्य शेष है? (घ) क्‍या विभाग द्वारा पाइप सप्‍लाई के पूर्व ही कंपनियों को अग्रिम (एडवांस) भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि का भुगतान  किस-किस कपंनी को कब-कब किस नियम/प्रावधान के तहत किया गया एवं क्‍या नियम विरूद्ध किए गए भुगतान की उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जाकर जाँच निष्‍कर्षों के आधार पर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के "प्रपत्र-अ" अनुसार है। (ग) जी हाँ। पाइप सप्लाई हेतु किसी भी कंम्पनी को वर्क-ऑर्डर नहीं दिया गया है। सम्पूर्ण कार्य टर्नकी पद्धति पर निविदा प्रक्रिया अनुसार मॉ रतनगढ़ नहर परियोजना का कार्य मंटेना वशिष्ठा माइक्रो जेव्ही हैदराबाद एवं लोअर ओर नहर परियोजना का कार्य मंटेना मैक्स जेव्ही हैदराबाद को दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के "प्रपत्र-ब" अनुसार है। (घ) शासन के आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जाँच हेतु समिति का गठन किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर जाँच निष्‍कर्षानुसार प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगा।

गेहूँ की अफरा-तफरी के मामले में वसूली तथा कार्यवाही

[सहकारिता]

96. ( क्र. 5996 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में वर्ष 2014-15 में गेहूँ परिवहन में गड़बड़ी के मामले में नर्मदा इंटरप्राईजेज से 753500/- एवं रामेश्वरम ट्रांसपोर्ट कंपनी से 9985200/- वसूली का आदेश हुआ था? यदि हाँ, तो यह राशि कब वसूल की गयी? यदि वसूल नहीं की गयी तो कारण बतावें। (ख) क्या निविदा की शर्त अनुसार अफरा-तफरी/गड़बड़ी के मामले में ठेकदार को 10 वर्ष के लिए ब्लैक लिस्ट कर उसके विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करायी जानी चाहिये थी? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरणों में           किसे-किस को ब्लैक लिस्ट किया गया? किस-किस के विरूद्ध एफ.आई.आर. करायी गयी? यदि नहीं करायी गयी तो क्यों? (ग) नर्मदा इंटरप्राईजेज जबलपुर, नर्मदा रोडवेज, रामेश्वरम ट्रांसपोर्ट कंपनी, तिरुपति कार्गो, पंकज इंटरप्राइजेज के अफरा-तफरी के कितने मामले हैं एवं कितनी राशि की वसूली शेष है? (घ) प्रश्नांश (घ) में उल्लेखित परिवहनकर्ताओं के क्रॉस मूवमेंट से शासन को कितनी हानि हुई? क्या इसकी जाँच की जाएगी? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्यों? (ङ) वर्ष 2014-15 कितने बारदाने की अफरा-तफरी हुई? कितनी कितनी दर से कितने कितने पैसे काटे/वसूल किये गये और यदि राशि वसूल नहीं हुई है तो कौन जिम्मेदार है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) विपणन संघ के पत्र क्र./उपा.एवं.मि./गेहूँ उपार्जन 2014-15/5666/2017 भोपाल दिनांक 29.10.2017 से कलेक्‍टर जबलपुर को लिखे गए पत्रानुसार रबी विपणन वर्ष 2014-15 में नर्मदा इंटरप्राईजेज को 480.00 क्विंटल गेहूँ की               अफरा-तफरी करने के कारण राशि रू. 7, 53, 600.00 एवं मेसर्स रामेश्‍वरम ट्रांसपोर्ट जबलपुर को 6360.00 क्विंटल गेहूँ की अफरा-तफरी करने के कारण राशि रू. 99, 85, 200.00 की वसूली प्रस्‍तावित की गई थी, जिसमें से नर्मदा इंटरप्राईजेज से दिनांक 31.08.2014 को राशि रू.                   4, 71, 000.00 की एवं दिनांक 20.11.2018 को राशि रू. 2, 82, 600.00 की वसूली की गई है, मेसर्स रामेश्‍वरम ट्रांसपोर्ट जबलपुर के विरूद्ध वसूली की कार्रवाई प्रचलन में है। (ख) निविदा अनुबंध अनुसार परिवहनकर्ता द्वारा जानबूझकर परिवहन किए जाने वाले स्‍कंध की अफरा-तफरी, मिलावट या अन्‍य कपटपूर्ण आचरण करने पर उसके विरूद्ध अन्‍य कार्रवाईयों के अलावा उसे अनिवार्यत: काली सूची में दर्ज कर भविष्‍य में आयोजित की जाने वाली विपणन संघ की परिवहन निविदाओं में किसी भी हैसियत से भाग लेने हेतु 03 वर्षों तक के लिए अनुपयुक्‍त/अयोग्‍य घोषित किये जाने का प्रावधान है, संघ द्वारा निविदा अनुबंध अनुसार ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। विपणन संघ को निविदा अनुबंध के अनुसार कार्रवाई करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) विपणन संघ के अनुसार विवरण निम्‍नानुसार है :- (1) नर्मदा इंटरप्राईजेज- रबी विपणन वर्ष 2014-15 से 480.00 क्विंटल गेहूँ की अफरा-तफरी करने के कारण राशि रू. 7, 53, 600.00 की वसूली प्रस्‍तावित की गई एवं राशि           रू. 7, 53, 600.00 राशि वसूली की गई कोई राशि वसूली हेतु शेष नहीं है। (2) नर्मदा रोडवेज - अफरा-तफरी का कोई मामला नहीं : न ही कोई वसूली की गई है। (3) रामेश्‍वरम ट्रांसपोर्ट कं.- रबी विपणन वर्ष 2014-15 में 6360.00 क्विंटल गेहूँ की अफरा-तफरी करने के कारण राशि रू. 99, 85, 200.00 राशि की वसूली प्रस्‍तावित की गई जिसकी वसूली की कार्रवाई प्रचलन में है, संपूर्ण राशि वसूली हेतु शेष है। (4) तिरूपति कार्गो - अफरा-तफरी का कोई मामला नहीं : न ही कोई वसूली की गई है। (5) पंकज इंटरप्राईजेज - अफरा-तफरी का कोई मामला नहीं : न ही कोई वसूली की गई है। (घ) मेसर्स तिरूपति कार्गो जबलपुर से वर्ष 2016-17 में गेहूँ के परिवहन में क्रास मूवमेंट के कारण राशि रू. 47, 68, 000.00 का कटौत्रा देयकों से किया गया। विपणन संघ को जाँच कर प्रतिवेदन प्रेषित करने हेतु आयुक्‍त सहकारिता के स्‍तर से निर्देशित किया गया है। (ड.) विपणन संघ के अनुसार वर्ष 2014-15 में बारदाने की अफरा-तफरी का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते।

गेहूँ की कालाबाजारी पर नियमानुसार कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

97. ( क्र. 5997 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली का पालन न होने पर कलेक्टर/खाद्य विभाग को कार्यवाही का अधिकार है या सिर्फ पुलिस विभाग को है? (ख) क्या जबलपुर में अक्टूबर 2020 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का 82 क्विंटल गेहूँ जब्त होने पर सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन जो लीड समिति है उसके प्रबंधक, परिवहनकर्ता के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गयी? (ग) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के गेहूँ की कालाबाजारी के उपरोक्त मामले में कलेक्टर/खाद्य विभाग जबलपुर द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं की गयी, तो क्यों? (घ) सार्वजनिक वितरण प्रणाली के 82 क्विंटल गेहूँ की कालाबाजारी में परिवहनकर्ता कौन व्यक्ति हैं? आज तक कोई कार्यवाही उन पर नहीं की गयी है? (ङ) क्या जबलपुर कलेक्टर/खाद्य विभाग ने ई.सी. एक्ट एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रकरण न बनाकर स्वयं एक अपराध नहीं किया है? (च) क्या शासन सिविल सप्लाई के प्रबंधक, परिवहनकर्ता एवं कलेक्टर के विरुद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब और यदि नहीं तो, क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र

[खनिज साधन]

98. ( क्र. 6005 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विषयांकित आदेश के तहत दिनांक 01.04.2018 के पश्‍चात प्रदेश के विभिन्‍न निर्माण विभागों द्वारा उपयोग में लाए गए खनिज पर ऑनलाइन ''रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र'' देना आवश्‍यक कर दिया गया है? क्‍या विषयांकित आदेश के बावजूद निर्माण विभाग बिना ऑनलाइन रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र के केवल ऑफलाइन रॉयल्‍टी पर ठेकेदारों के बिलों का भुगतान बिना पेनाल्‍टी लिये कर रहा है? क्‍या इस संबंध में विभाग को कोई जानकारी है? (ख) यदि नहीं तो क्‍या शासन विभिन्‍न निर्माण विभागों में 01.04.2018 के बाद विषयांकित आदेश के परिपालन की जाँच करायेगा? (ग) क्‍या विभाग विगत पाँच वर्षों में निर्माण विभागों में जो ऑफलाइन रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र ठेकेदारों द्वारा जमा किए गए हैं? वह राशि विभाग को प्राप्‍त हुई है या नहीं या ठेकेदारों द्वारा फर्जी प्रमाण-पत्र देकर बिलों का भुगतान करा लिया गया है? इसकी जाँच कराएगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। संदर्भित निर्देश में यह भी प्रावधान है कि निर्माण विभाग तकनीकी स्‍वीकृति में निर्धारित मात्रा को ध्‍यान में रखते हुए प्रत्‍येक बिल से एक निश्चित राशि काट कर रख सकते हैं और अंतिम बिल भुगतान के पूर्व रॉयल्‍टी का समायोजन कर सकते हैं। खनिजों पर रॉयल्‍टी अग्रिम रूप से जमा होने पर ऑनलाइन ई-टी.पी. जारी किये जाने की व्‍यवस्‍था की गई है। ऑफलाइन रॉयल्‍टी जमा किये जाने का प्रावधान नहीं है। न ही संदर्भित निर्देश में पेनाल्‍टी लिये जाने का प्रावधान है। प्रश्‍नानुसार कोई प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं आया है। (ख) प्रकरण संज्ञान में न आने के कारण किसी प्रकार की कोई जाँच किया जाना संभव नहीं है। (ग) विभाग द्वारा वर्ष 2018 के पूर्व अग्रिम रूप से रॉयल्‍टी जमा कर जारी किये गये अभिवहन पारपत्रों के सत्‍यापन उपरांत रॉयल्‍टी चुकता प्रमाण-पत्र जारी किये जाने की व्‍यवस्‍था थी। निर्माण विभाग द्वारा ठेकेदारों के देयकों से काटोती की गई रॉयल्‍टी राशि जमा करनें के उपरांत ही अंतिम देयकों का भुगतान किया जाता है। यह राशि विभाग को प्राप्‍त होती है। फर्जी प्रमाण-पत्र के संबंध में कोई प्रकरण विभाग के संज्ञान में नहीं है। अत: जाँच किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न आवंटन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

99. ( क्र. 6006 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत वर्तमान में ऐसे कितने पात्र परिवार हैं जिन्‍हे खाद्यान्‍न पर्चियां जारी नहीं की गयी हैं? पात्रता श्रेणी अनुसार पात्र परिवारों की संख्‍या की जानकारी दें। (ख) भारत सरकार के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रदेश को अधिकतम कितनी आबादी के लिए रियायती दर का अनाज प्राप्‍त हो सकता है? (ग) खाद्य सुरक्षा अधिनियम की सीमाओं की जानकारी होते हुए भी विभाग ने पात्र परिवारों की संख्‍या में हो रही वृद्धि को अंकुश लगाने का प्रयास क्‍यों नहीं किया? यदि प्रयास किया गया तो इसकी जानकारी दें। (घ) क्‍या शासन बचे हुए पात्र परिवारों को पूरी कीमत का अनाज वितरित करेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो इसके लिए दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत समस्‍त वैध पात्र पाए गए आवेदक परिवारों को पात्रता पर्ची उपलब्‍ध करा दी गई है, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। आवेदक परिवारों द्वारा आवश्‍यक वैध दस्‍तावेजों सहित आवेदन प्रस्‍तुत करने पर उसकी पात्रता व दस्‍तावेजों का परीक्षण, सत्‍यापन उपरांत हितग्राही हेतु पात्रता पर्ची व खाद्यान्‍न आवंटन जारी करना एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत भारत सरकार द्वारा राज्‍य हेतु निर्धारित जनसंख्‍या सीमा वर्ष 2011 की जनगणना की 75% आबादी (5.46 करोड़ हितग्राही) तक ही वैध पात्रताधारी लाभार्थियों को खाद्यान्‍न प्रदाय किए जाने का प्रावधान है। (ग) विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित जनसंख्‍या सीमा का पालन किया जा रहा है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 अंतर्गत राज्‍य में लाभान्वित हो रहे परिवारों में से विवाह उपरांत परिवार से पृथक हो जाने, मृत्‍यु, दोहरे होने आदि कारणों से अपात्र हितग्राहियों का स्‍थानीय निकायों द्वारा चिन्‍हांकन, उन्‍हें पृथक कर उनके स्‍थान पर नवीन वैध पात्र परिवारों को जोड़ने की कार्यवाही माह सितम्‍बर 2020 से की जा रही है। (घ) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत आवेदक परिवार द्वारा आवश्‍यक वैध दस्‍तावेजों सहित आवेदन प्रस्‍तुत करने पर उसकी पात्रता व दस्‍तावेजों का परीक्षण, सत्‍यापन उपरांत हितग्राही हेतु सामग्री आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा दी गई है। प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में सभी वैध पात्र पाए गए परिवारों को राशन प्रदाय किया जा रहा है। किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी न होने से कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

मध्यप्रदेश में हर्बल प्लान्ट मेडिसिनल बोर्ड का गठन

[सहकारिता]

100. ( क्र. 6009 ) श्री सुनील उईके : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या म.प्र. से अलग हुए छत्तीसगढ़ राज्य ने हर्बल छत्तीसगढ़ एवं उसके स्वास्‍थ्‍य सुधार हेतु पृथक छत्तीसगढ़ राज्य मेडिसिनल प्लान्ट बोर्ड रायपुर का पृथक से गठन किया है? (ख) म.प्र. में मध्यप्रदेश राज्य मेडिसिनल प्लांट बोर्ड भोपाल का गठन कर पृथक से बोर्ड के माध्यम से हर्बल औषधि, वृक्षों की खेती एवं प्रसंस्करण का काम लघुवनोपज समितियों के माध्यम से कराने की कार्य योजना विचाराधीन है? (ग) औषधि पदार्थों का लोक जैव विविधता रजिस्टर का निर्माण कराकर पौधों को संरक्षित करने की योजना है? (घ) म.प्र. में लघुवनोपज के प्रसंस्करण केन्द्रों चुरहटा रीवा एवं भरतादेव छिन्दवाड़ा में आज तक कुल कितनी राशि वर्षवार खर्च की गई एवं कुल कितनी राशि की वर्षवार आय हुई? मदवार जानकारी से अवगत करावें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) प्रश्नांश (क) मध्यप्रदेश से संबंधित नहीं है। अत: उत्‍तर देना सम्भव नहीं है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

छिन्दवाड़ा जिले में संचालित परियोजनाएं

[जल संसाधन]

101. ( क्र. 6010 ) श्री सुनील उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) छिन्दवाड़ा जिले में स्वीकृत सिंचाई विभाग में कौन-कौन सी परियोजनाएं संचालित हो रही हैं? स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि भुगतान हेतु लंबित राशि की जानकारी उपलब्ध करायें।                    (ख) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत एवं प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी भुगतान हेतु लंबित राशि की जानकारी दें। (ग) दुधी नदी, पेंचनदी का सर्वे कराकर स्टॉप डेम जनहित में स्वीकृत करवाने हेतु मंत्री जी कब तक सर्वे करवाने हेतु विचार करेंगे? (घ) सिंचाई हेतु विधानसभा क्षेत्र के नालों एवं नदियों के तालाब, स्टा‍पडेमों की डी.पी.आर. बनाने हेतु क्या बजट में प्रावधान किया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) छिदंवाडा जिले में स्‍वीकृत होकर संचालित परियोजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के "प्रपत्र-अ" अनुसार है। भुगतान हेतु कोई भी राशि लंबित नहीं होना प्रतिवेदित है। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के "प्रपत्र-ब" अनुसार है। (ख) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के "प्रपत्र-स" एवं "द" अनुसार है। भुगतान हेतु कोई भी राशि लंबित नहीं होना प्रतिवेदित है। (ग) समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं, उत्‍तरांश '' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

बैंक शाखाओं का नवीनीकरण

[सहकारिता]

102. ( क्र. 6013 ) श्री महेश परमार : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) वर्ष 2020 की गेहूँ खरीदी में उज्जैन जिले के अंतर्गत कितने टेग, धागे और रील की खरीदी हुई? सामग्रियों की सप्लाई क्या सीधे सेवा सहकारी संस्थाओं को की गयी या अलग से वाहन किराये पर लेकर अलग से माल पहुंचाया गया? दोनों स्थितियों में किए गए खर्च और परिवहन के संबंध में समुचित विवरण प्रदान करें। (ख) क्या विगत 05 वर्षों में बैंक शाखाओं का नवीनीकरण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या नवीनीकरण के दौरान क्रय किए गए फर्नीचर, जारी किए गए टेंडर सम्‍बन्धित कार्यों की MB और भुगतान किए गए बिलों की पारदर्शिता पूर्ण कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो उपरोक्त सभी क्रियाकलापों के प्रमाणित दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं। (ग) क्या विगत 05 वर्षों में बैंक शाखाओं के हैड ऑफिस के कम्‍प्यूटर और कैमरे के रख-रखाव में राशि खर्च की गयी है? यदि हाँ, तो कितनी राशि, किस कार्य के लिए, किस एजेंसी को कब और किस दिनांक को भुगतान की गयी? पूर्ण विवरण देवें। (घ) क्या विगत 05 वर्षों में सेक्यूरिटी का ठेका किसी को दिया गया है? यदि हाँ, तो अनुबंध, अनुबंधित एजेंसी और उसकी सेवा शर्तें बताते हुए कितने कर्मचारियों को कब-कब और कहाँ-कहाँ रखा गया? उनका पूर्ण विवरण देवें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। उज्जैन जिले में सेवा सहकारी समितियों/विपणन समितियों द्वारा 15858780 नग टेग एवं 72582 कोन धागा की खरीदी की गई है। सामग्री प्रदायकर्ताओं द्वारा सीधे संस्थाओं को सामग्री प्रदाय कर दी गई है। कोविड-19 में वाहन उपलब्ध नहीं होने के कारण आवश्‍यकतानुसार सामग्री प्रदाय करने हेतु बैंक वाहन का उपयोग किया गया। वाहन किराये से लेकर सामग्री प्रदाय नहीं की गई। अतः शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। 03 शाखाओं का फर्नीचर बनवाया गया शाखाओं में फर्नीचर नवीनीकरण हेतु बैंक द्वारा निविदाएं आमंत्रित कर न्यूनतम दर की निविदाओं पर कार्य सक्षम कमेटी में स्वीकृति उपरांत कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। बैंक की शाखा महिदपुर के भवन निर्माण से संबंधित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. उज्जैन से सम्बद्ध शाखाओं एवं प्रधान कार्यालय में स्थित कम्प्यूटरों के रिपेयरिंग कार्य स्थानीय एजेंसियों से करवाया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से सम्बद्ध शाखाओं एवं प्रधान कार्यालय में स्थापित कैमरे के रख-रखाव (ए.एम.सी.) के भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 05 अनुसार है।

खोडाना तालाब नहर परियोजना

[जल संसाधन]

103. ( क्र. 6018 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मंदसौर - रतलाम जिला स्थित तहसील पिपलोदा की सीमा से लगा खोडाना निम्मज्जिद तालाब होकर आसपास के क्षेत्रों हेतु कृषि सिंचाई कार्यों और पेयजल के उपयोग में आ रहा है?               (ख) यदि हाँ, तो क्या नर्मदा ताप्ती कछार जल संसाधन विभाग इंदौर के पत्र क्रमांक 335/कार्य/डी-22/2006 दिनांक 20/4/2006 द्वारा 4.41 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति सर्वेक्षण कार्य हेतु प्रदान की गई तथा सर्वेक्षण कार्य में सिंचाई हेतु साध्य पाया गया? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग के विभागीय पत्र क्रमांक 1741/1742/08/लघु/अ दिनांक 22 जुलाई 2008 के द्वारा 8.19 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की गई? (घ) यदि हाँ, तो बताएं कि पिपलोदा एवं जावरा तहसील के साथ ही इस क्षेत्र से लगे मंदसौर तहसील के ग्राम जो खोडाना तालाब के आसपास है वहां सदैव भीषण जलसंकट होकर जल अभाव बना रहता है, तो क्यों न पुनः परीक्षण कर पूर्व में स्वीकृत खोडाना तालाब नहर परियोजना को स्वीकृति दी जाए? इस हेतु शासन विभाग द्वारा क्या किया जा रहा है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खोडाना एक निमज्जित तालाब है। निमज्जित तालाब का मुख्‍य उद्देश्‍य वर्षा ऋतु उपरांत तालाब के पानी को खाली कर रिक्‍त भूमि में भू-स्‍वामियों द्वारा रबी की खेती करना है। खोडाना तालाब पेयजल हेतु नहीं है। (ख) जी हाँ, सर्वेक्षण कार्य हेतु स्‍वीकृति जारी की गई थी। सर्वे उपरांत डी.पी.आर. तैयार किया गया। (ग) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि शासन के आदेश क्र. 373/8/168/07/ल.सि./31 दिनांक 07.08.2007 द्वारा रू. 819.18 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति दी गई। (घ) परियोजना तकनीकी एवं वित्‍तीय मापदण्‍डों पर असाध्‍य होने से इसकी प्रशासकीय स्‍वीकृति शासन के आदेश दिनांक 16.06.2011 द्वारा निरस्‍त की गई। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मिलर्स के चावल की जाँच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

104. ( क्र. 6029 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक किस-किस मिलर्स द्वारा शासन को कितना-कितना चावल बेचा गया? मिलर्स का नाम/पता/मालिक/भागीदार का नाम, बेची गई मात्रा, दर, कुल राशि, दिनांक सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में उक्त चावल में से किस-किस मिलर्स का कितना-कितना चावल किस-किस जिले में भेजा गया तथा उस जिले में कितना चावल हितग्राहियों को वितरित किया गया? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में केन्द्र सरकार के निर्देश पर फूड कार्पोरेशन ऑफ इंण्डिया ने किस-किस मिलर्स के चावल को जाँच में अमानक स्तर का पाया? उन मिलर्स पर किस थाने में किन धाराओं में प्रकरण दर्ज कराया गया? यदि नहीं कराया गया तो बतावें कि कब तक कराया जावेगा? (घ) क्‍या शासन द्वारा मिलीभगत कर घटिया चावल सप्लाई करने वाले मिलर्स को ब्लैक लिस्टेड किया या नहीं? यदि नहीं तो क्यों? (ड.) क्या जिन हितग्राहियों को उन मिलर्स का चावल वितरित किया गया जो अमानक स्तर का था उस हितग्राही परिवार को बीस हजार रूपये प्रति परिवार मुआवजा दिया जायगा? यदि नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कनिष्ठ संविदा विक्रेता भर्ती में लापरवाही

[सहकारिता]

105. ( क्र. 6030 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) सहकारिता विभाग अंतर्गत वर्ष 2018 में आयुक्त सहकारिता विभाग मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक/साख/विधि/2018/24995 भोपाल दिनांक 14.09.2018 के द्वारा विज्ञप्ति प्रकाशन कर एम.पी. ऑनलाइन के माध्यम से कनिष्ठ संविदा विक्रेता नियुक्ति के आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये थे जिनके निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्‍या माह फरवरी 2021 में जारी मैरिट सूची में आदेश में दिये गये निर्देशों के विपरित केवल ऑनलाइन जानकारी मात्र से कई अभ्यर्थियों को कम्प्यूटर डिप्लोमा के 15 अंक एवं कम्प्यूटर डिग्री के भी 25 अंक प्रदाय किये गये हैं? आवेदकों की मूल अंकसूचियों का ऑनलाइन पोर्टल पर जारी मैरिट सूची में अंकित अंकों से बिना किसी भौतिक सत्यापन किये अंक प्रदाय किये गये हैं? (ग) एम.पी. ऑनलाइन पोर्टल पर जारी मैरिट सूची/वेटिंग सूची की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। क्या सरकार उक्त मैरिट सूची की जाँच करेगा तथा मैरिट सूची में गलत अंक प्रदाय किये गये अभ्यर्थियों को मैरिट सूची से बाहर करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) कनिष्ठ संविदा विक्रेता भर्ती की पूर्ण जाँच की जाएगी तथा भर्ती में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर सरकार कोई कार्यवाही करेगी?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। प्रकाशित विज्ञापन की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। माह फरवरी 2020 में चयन सूची एम.पी. ऑनलाइन द्वारा अभ्‍यर्थियों के ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किये गये दस्‍तावेजों के आधार पर अंक दिये गये हैं। सूची में चयनित अभ्यर्थियों के ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड दस्‍तावेजों का संबंधित जिले में नियुक्ति हेतु सक्षम प्राधिकारियों द्वारा भौतिक सत्‍यापन कर नियुक्तियाँ की जा रही है, तथा दस्‍तावेजों के सत्‍यापन में पाई गई विसंगतियों के प्रकरण पर पृथक से निर्णय लिया जावेगा। (ग) एम.पी. ऑनलाइन पोर्टल पर जारी चयन सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। अभ्यर्थियों की मूल दस्‍तावेजो का सत्‍यापन करते समय पायी गयी विसंगतियों का परीक्षण कर यदि गलत अंक प्रदाय किये जाना पाया जायेगा, तो चयन सूची में तदानुसार संशोधन किया जायेगा। समयावधि बताया जाना संभव नहीं। (घ) कनिष्‍ठ संविदा विक्रेता नियुक्ति की समस्‍त भर्ती प्रक्रिया एम.पी. ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड दस्‍तावेजों के आधार पर चयन सूची एम.पी. ऑनलाइन द्वारा ऑनलाइन तैयार की गयी है। अत: किसी लापरवाही का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। जहां तक जाँच का प्रश्‍न है, संबंधित अभ्यर्थियों के भौतिक दस्‍तावेजों की जाँच प्रक्रिया जारी है।

बण्डा विधानसभा क्षेत्र में संचालित राशन दुकानें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

106. ( क्र. 6031 ) श्री तरबर सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन के नियमानुसार एक राशन दुकान का संचालन एक विक्रेता के माध्यम से किया जायेगा? यदि हाँ, तो क्‍या बण्डा विधानसभा में राशन दुकानें अतिरिक्त प्रभार से संचालित हो रही है?           (ख) बण्डा विधानसभा क्षेत्र में ऐसी कितनी राशन दुकानें हैं जो अतिरिक्त प्रभार के विक्रेताओं के माध्यम से संचालित हो रही हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में अतिरिक्त प्रभार कब से किसको और किस कारण से दिया गया? अतिरिक्त प्रभार से संचालित राशन दुकानों की जानकारी दुकानवार विक्रेतावार देवें। (घ) विक्रेताओं को अतिरिक्त प्रभार से कब मुक्त कर दिया जावेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में प्रत्‍येक उचित मूल्‍य दुकान पर एक विक्रेता नियुक्‍त करने परन्‍तु, 400 से कम पात्र गृहस्थियों की संख्‍या वाली पंचायतों में यदि नई दुकान खोली गई है तो किसी अन्‍य समीप की उचित मूल्‍य दुकान के विक्रेता द्वारा संयुक्‍त रूप से संचालित किए जाने का प्रावधान है। जी हाँ। (ख) बण्‍डा विधानसभा क्षेत्र में 6 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्‍था द्वारा संचालित उचित मूल्‍य दुकानें विक्रेता के अतिरिक्‍त प्रभार में हैं। (ग) बण्‍डा विधानसभा क्षेत्र में विक्रेता के अतिरिक्‍त प्रभार में संचालित उचित मूल्‍य दुकान का नाम, विक्रेता का नाम, दिनांक एवं कारण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) सहकारिता विभाग द्वारा विक्रेता की नियुक्ति करने के उपरांत अतिरिक्‍त प्रभार में संचालित उचित मूल्‍य दुकान का संचालन पृथक विक्रेता से कराया जा सकेगा।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

नियुक्तियों में अनियमितता

[सहकारिता]

107. ( क्र. 6033 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में सहकारिता विभाग द्वारा नियम विरुद्ध कर्मचारियों की नियुक्ति के संबंध में कोई जाँच चल रही है? दोषियों पर अर्थदंड की कार्रवाई हुई है? इस संबंध में हुए समस्त कार्यवाही का विवरण उपलब्‍ध करावें। (ख) खरगोन जिले में सहकारिता विभाग में जो कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं वह सभी नियमित रूप से भर्ती हुए हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2005 से प्रश्न दिनांक तक समस्त भर्तियों की विज्ञप्ति, भर्तियों के नियमावली व भर्ती हुए कर्मचारियों की नाम, पता पद, मासिक वेतन सहित सूची देवें। यदि नहीं तो दोषियों पर क्या कार्रवाई कब तक की जाएगी?            (ग) जिन कर्मचारियों की नियम विरुद्ध नियुक्ति हुई थी उनको हटाने के संबंध में जो पत्र जारी किया गया था उसमें प्रश्नकर्ता के नाम का उल्लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्नकर्ता के नाम का उल्लेख पत्र में किया जा सकता है? यदि नहीं किया जा सकता तो जिस अधिकारी ने प्रश्नकर्ता का उल्लेख किया उस पर क्या कार्यवाही की जावेगी और आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1307 दिनांक 12-10-2019 के परिप्रेक्ष्‍य में तत्‍समय जाँच की गई थी जिसमें की गई कार्यवाही का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। अर्थदण्‍ड की कार्यवाही नहीं हुई अपितु दोषियों से क्षति की वसूली की कायर्वाही प्रक्रिया में है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। कोई भी निर्देश जारी करने हेतु संदर्भ का उल्‍लेख किया जाता है, इसलिए तत्‍कालीन विधानसभा प्रश्‍न तथा प्रश्‍नकर्ता मान. विधायक का नाम संदर्भ में दिया गया था।

परिशिष्ट - "बाईस"

पटवारी द्वारा किये गये भ्रष्‍टाचार की जाँच

[राजस्व]

108. ( क्र. 6041 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 31/12/2020 में मनीष यादव पिता टीकाराम यादव निवासी किरोला तहसील बण्‍डा जिला सागर पेशा खेती ने अनुविभागीय अधिकारी बण्‍डा के समक्ष जाकर पटवारी अनुराग पाण्‍डे के खिलाफ शपथपूर्वक 9000 रू. भ्रष्‍टाचार के तहत लेने का आरोप लगाया था? (ख) यदि हाँ, तो अनुविभागीय अधिकारी बण्‍डा ने तत्‍काल पटवारी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की? (ग) पटवारी को किस-किस आरोप में निलंबित किया जा सकता है। क्‍या अनुविभागीय अधिकारी बण्‍डा के समक्ष शपथपूर्वक दिये गये कथन में रिश्‍वत लेने और कदाचरण का आरोप इस श्रेणी में है? क्‍या अनुविभागीय अधिकारी बण्‍डा ने प्रश्नांश (क) मामले में शिथिलता बरती है? यदि हाँ, तो उनके खिलाफ क्‍या कार्यवही की जायेगी? (घ) क्‍या शासन प्रश्नांश (क) मामले की जाँच कर पटवारी के ऊपर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, (ख) अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बण्डा द्वारा दि. 31.12.2020 के बाद प्रकरण में निम्नानुसार कार्यवाही की गई :– 1. शिकायतकर्ता              श्री मनीष यादव पिता टीकाराम यादव निवासी किरोला के कथन अंकित किये गये।                 2. दि. 01.01.2021 को श्री अनुराग पाण्डे पटवारी मौजा पिपरिया इल्लाई तहसील बण्डा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। जिसमें दिनांक 05/1/2021 पेशी नियत की गई थी, तथा नियत दिनांक को श्री अनुराग पाण्‍डेय पटवारी द्वारा अपना जबाव प्रस्‍तुत किया गया। प्रस्‍तुत जबाव संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर श्री अनुराग पाण्‍डेय पटवारी के विरूद्ध दिनांक 15/1/2021 को तहसीलदार बण्‍डा से उनके प्रभार के हल्‍को की विस्‍तृत जाँच कर आरोप पत्र आदि की जानकारी प्राप्‍त की गई, दिनांक 16/2/2021 को तहसीलदार बण्‍डा से प्रतिवेदन प्राप्‍त होते ही कार्यालयीन पत्र क्रमांक/209/एस.टी./2021, बण्‍डा दिनांक 17/2/2021 द्वारा म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 14 अंतर्गत विभागीय जाँच प्रस्‍तावित करते हुए आरोप आदि जारी किये गये। (ग) म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 में शासकीय सेवक निलंबित किया जाना प्रवाधानित किया गया है। म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 09 (2) कोई शासकीय सेवक नियुक्ति प्राधिकारी के आदेश द्वारा (क) उसके विरूद्ध किये जाने के दिनांक से यदि उसे या तो किसी दाण्डिक आरोप पर या अन्यथा, अड़तालीस घंटे से अधिक की कालावधि के लिये अभिरक्षा के लिये निरूद्ध किया गया है। (ख) उसे दोषसिद्ध ठहराये जाने के दिनांक से यदि वह, किसी अपराध के लिये दोष सिद्ध ठहराये जाने की दशा में अड़तालीस घंटे से अधिक की अवधि के लिये दंडादिष्ट किया हो, और ऐसी दोष-सिद्धि के परिणाम स्वरूप तत्काल पदच्‍युत न कर दिया हो या सेवा से हटा न दिया गया हो अनिवार्यतः सेवानिवृत न कर दिया हो। निलंबित कर दिया गया समझा जायेगा। मामले में किसी भी प्रकार की शिथिलता नहीं बरती गई है। श्री अनुराग पाण्डे पटवारी के विरूद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत विभागीय जाँच संस्थित करके कार्यवाही की जा रही है। (घ) श्री अनुराग पाण्डे पटवारी के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 तहत विभागीय जाँच संस्थित करके कार्यवाही की जा रही है।

मुआवजा की राशि का भुगतान न करने वालों पर कार्यवाही

[राजस्व]

109. ( क्र. 6042 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शहडोल जिले के ब्‍यौहारी विधान सभा क्षेत्र में कुछ भाग को डूब प्रभावित क्षेत्र घोषित किया जाकर किसानों एवं आम जनों को विस्‍थापित किया गया? यदि हाँ, तो वह कौन-कौन से क्षेत्र व गाँव डूब प्रभावित क्षेत्र में थे, का विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के डूब प्रभावित क्षेत्रों के कितने किसानों को मुआवजे की राशि से क्‍यों वंचित हैं? कारण सहित बतावे। (ग) प्रश्नांश (क) के डूब प्रभावित क्षेत्रों में से प्रश्नांश (ख) अनुसार किसानों एवं आमजनों को मुआवजे का भुगतान समय पर नहीं किया गया। इसके लिये किनको जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही प्रस्‍तावित करेंगे? उनके पदनाम सहित का विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के डूब प्रभावित क्षेत्रों के किसानों एवं आमजनों के मुआवजे का भुगतान समय पर न किये जाने से उनके ब्‍याज की हुई हानि की क्षतिपूर्ति कराते हुये ब्‍याज सहित मुआवजे की राशि दिलाये जाने बाबत् क्‍या निर्देश जारी करेंगे? यदि हाँ, तो बतावें। नहीं तो क्‍यों? (ड.) प्रश्नांश (क) के डूब प्रभावित किसानों एवं आमजनों को मुआवजे का भुगतान समय पर न करने और न करवाने वाले जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे एवं मुआवजे की राशि का भुगतान कब तक करवा देंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। बाणसागर जलाशय से शहडोल जिले के ब्योहारी विधानसभा क्षेत्र में 22 पूर्ण एवं 47 आंशिक रूप से डूब प्रभावित हुये है। डूब प्रभावित ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। पूर्ण रूप से डूब प्रभावितों को विभाग द्वारा विकसित किये गये आदर्श ग्रामों में सभी नागरिक सुविधायें उपलब्ध कराते हुये विस्थापित कर बसाया गया है। ब्योहारी तहसील अंतर्गत विस्थापितों हेतु न्यू बरौंधा, तिखवा, न्यू सपटा टिकुरी टोला, न्यू सरसी आदर्श ग्राम विकसित किये गये थे जहां पर डूब प्रभावितों को प्लाट आवंटन कर बसाया गया था। शासन के निर्देशानसुार डूब प्रभावितों हेतु विकसित किये गये सभी आदर्श ग्रामों को उनसे संबंधित ग्राम पंचायतों/नगर पंचायतों को नवंबर 2011 तक हस्तांतरित किया जा चुका है। (ख) उत्‍तरांश '''' के अनुसार डूब प्रभावित ग्रामों की सूची के अनुसार डूब प्रभावित भूमियों एवं उस पर स्थित परिसंपत्तियों का मुआवजा भुगतान कलेक्टर शहडोल एवं आयुक्त भू-अर्जन एवं पुनर्वास बाणसागर परियोजना रीवा के अधीनस्थ भू-अर्जन यूनिटों के द्वारा उनके द्वारा पारित अवार्ड राशि के अनुसार किया गया था। ब्योहारी तहसील अंतर्गत सभी डूब प्रभावितों का मुआवजा भुगतान किया चुका है। ऐसी भूमियां जो अर्जन के समय शासकीय भूमियां थी परन्तु आगे चलकर उसे किसी प्रकार से निजी भूमि में परिवर्तित करा ली गई है उनके अर्जन हेतु शासनादेश नहीं है। वर्तमान में अपर जिला सत्र न्यायालय ब्योहारी में विचाराधीन श्री रामराज मिश्रा ग्राम ओदारी की भूमि, खसरा नंबर 187/2, रकवा 0.40 हे. जो डूब क्षेत्र से बाहर है के मुआवजा हेतु एवं इस पर तत्समय के धारा 4 के प्रकाशन उपरांत निर्मित कराये गये मकान के मुआवजा भुगतान हेतु तथा ग्राम जमुनी के श्री केदार प्रसाद मिश्रा खसरा नंबर 1481, 1482, 1483, 1453/1 कुल रकवा 0.600 हे., जिसके अवार्ड की कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ब्योहारी जिला शहडोल द्वारा पूर्ण किया जाकर आयुक्त भू-अर्जन एवं पुनर्वास बाणसागर परियोजना रीवा द्वारा अनुमोदित भी किया जा चुका है, की दर में बढ़ोत्तरी हेतु दायर याचिका को छोड़कर कोई भी मुआवजा भुगतान की कार्यवाही शेष नहीं है।           (ग) प्रश्नांश '''' एवं '''' के अनुसार ब्योहारी तहसील अंतर्गत बाणसागर बांध से डूब प्रभावित सभी भूमियों एवं उस पर स्थित परिसंपत्तियों का मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। अतः प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता (घ) प्रश्नांश '''', '''' एवं '''' के अनुसार डूब प्रभावित समस्त भूमियों एवं उस पर स्थित परिसंपत्तियों का मुआवजा भुगतान की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है। अतः हानि की क्षतिपूर्ति का प्रश्न ही नहीं उठता। (ड.) उपरोक्त उत्‍तरांश '''' '''' एवं '''' के अनुसार डूब प्रभावित समस्त भूमियों एवं उस पर स्थित परिसंपत्तियों का मुआवजा भुगतान पूर्व में ही किया जा चुका है। अतः प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "तेईस"

राजस्‍व प्रकरणों के संबंध में

[राजस्व]

110. ( क्र. 6053 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) शासन के निर्देशानुसार राजस्‍व संबंधी सभी प्रकरण पंजीबद्ध होकर कितने समय में उनका निराकरण होने हेतु क्‍या कोई नियम है? यदि हाँ, तो प्रति दी जावे। (ख) तहसील कैलारस एवं सबलगढ़ जिला मुरैना में वर्ष जनवरी 2018 से फरवरी 2021 तक कितने राजस्‍व प्रकरण पंजीकृत हैं। वर्षवार बतावें। जानकारी में तहसील एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व सबलगढ़ भी शामिल है। (ग) क्‍या उपरोक्‍त उल्‍लेखित सभी प्रकरण समय-सीमा में निराकृत हो चुके हैं अथवा नहीं? कब तक इनका निराकरण हो जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ राजस्व संबंधी सभी प्रकरणों को रेवन्यू कोर्ट मैनेजमेन्ट सिस्टम ( RCMS) में पंजीबध किया जाता है। अविवादित नामांतरण, विवादित नामांतरण, अविवादित बंटवारा एवं सीमांकन प्रकरणों के निराकरण के लिये समय-सीमा तय की गई है। प्रति पुस्‍कालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष जनवरी 2018 से फरवरी 2021 तक तहसील कैलारस एवं सबलगढ़ तथा अनुविभाग सबलगढ़ में पंजीकृत राजस्व प्रकरण निम्नानुसार हैः-

वर्ष

तहसील कैलारस

तहसील सबलगढ़

अनुविभाग सबलगढ़

कुलयोग

2018

2690

2429

404

5523

2019

3138

2669

295

6102

2020

4560

3768

638

8966

2021

5365

1364

608

7337

योग

15753

10230

1945

27928

(ग) प्रश्न में उल्लेखित प्रकरणों की स्थिति निम्नानुसार हैः-

तहसील/अनुविभाग

कुल दर्ज प्रकरण

निराकृत प्रकरण

शेष प्रकरण

06 माह तक

08 माह से अधिक

कैलारस

15753

14323

1332

98

सबलगढ़

10230

8861

1330

39

अनुविभाग सबलगढ़

1945

1852

61

32

योग

27928

25036

2723

169

शेष प्रकरणों में से 2723 प्रकरण समय-सीमा के हैं जिनका निराकरण समय-सीमा में किया जावेगा। 06 माह से अधिक के लम्बित 169 प्रकरणों न्यायालयीन कार्यवाही में प्रचलित है जिनका शीघ्र निराकरण किया जायेगा।

फर्जी विक्रय पत्र की जांच

[राजस्व]

111. ( क्र. 6054 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या राजस्‍व विभाग म.प्र. के ज्ञापन क्रमांक F-30/18/2007/सात/2A दिनांक 21/01/2003 से भूमि बंटन/व्‍यवस्‍थापन रोक लगाई है? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम सेमई के सर्वे नं. 620-623-1133-1130-1134-549-1442-1489-350 + 1563-1498-563-1395-1496/02 एवं ग्राम गुलपुरा में सर्वे नं. 15-23-24/2 ग्राम कुटरावली में सर्वे नं. 1472 आदि पर अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा भूमि विक्रय कर दी है? विक्रयकर्ता के स्‍थान पर फर्जी विक्रेता है व फोटो भी है व पंजीयन पूर्व ही नामांतरण कर दिये हैं व क्‍या उक्‍त प्रकरण में कलेक्‍टर मुरैना की स्‍वीकृति प्रदान की है, तो प्रति उपलब्‍ध कराई जावें। (ग) क्‍या (क) वर्णित फर्जी प्रकरण को जाँच प्रश्‍नकर्ता के समक्ष वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या पूर्ण सर्वे नंबर में से कुछ अंश की रजिस्‍ट्री कर पूरे भू-भाग का नामांतरण कर दिया गया है? क्‍या इसकी जाँच की जावेगी व कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) एवं (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

नागदा को जिला बनाने हेतु गजट नोटिफिकेशन कर दावे आपत्ति प्राप्‍त करना

[राजस्व]

112. ( क्र. 6063 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय थावरचंद गेहलेात सामाजिक न्‍याय मंत्री भारत सरकार द्वारा दिनांक 22 जुलाई 2020 को पत्र द्वारा 18 मार्च 2020 को मध्‍यप्रदेश शासन की मंत्रि-परिषद् की बैठक में नागदा को जिला बनाने के प्रस्‍ताव की स्‍वीकृति प्रदान की गई थी? उक्‍त विषय में नागदा को जिला बनाने की अधिसूचना जारी कराये जाने के संबंध में कार्यवाही करने की मांग माननीय मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की थी? (ख) क्‍या मुख्‍यमंत्री के निर्देश पर उप सचिव मुख्‍यमंत्री द्वारा पत्र              क्र.19/सीएमएस/एनकेटी/2020 दिनांक 10/11/2020 द्वारा नागदा को जिला बनाने की अधिसूचना जारी करने हेतु आवश्‍यक कार्यवाही हेतु मुख्‍य सचिव/प्रमुख सचिव राजस्‍व विभाग को पत्र द्वारा निर्देश प्रदान किये गये थे? (ग) महिदपुर, आलोट, खाचरौद को मिलाकर नागदा को जिला बनाने हेतु सन 2008 से 24 फरवरी 2021 तक क्‍या-क्‍या प्रस्‍ताव पत्र शासन द्वारा कलेक्‍टर उज्‍जैन/रतलाम को प्रेषित किये गये हैं? कलेक्‍टर उज्‍जैन/रतलाम द्वारा प्रेषित प्रस्‍ताव का परीक्षण कर क्‍या-क्‍या उत्‍तर दिये गये तथा क्‍या-क्‍या पत्र जिले बनाने हेतु प्रेषित किये गये? वर्षवार सम्‍पूर्ण हुए पत्र व्‍यवहारों का विवरण उपलब्‍ध कराते हुए पृथक-पृथक विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय थावरचंद गेहलोत सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्री का पत्र दि. 14.08.2019 मुख्‍य सचिव (कार्यालय की टीप क्र. 6695/2019 दिनांक 03.09.2019 द्वारा आवश्‍यक कार्यवाही करने हेतु प्राप्‍त हुआ था।) (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण

[राजस्व]

113. ( क्र. 6064 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नागदा जिला उज्‍जैन नगर पालिका सीमा क्षेत्र में पुराना बस स्‍टेण्‍ड नागदा के समीप स्थित ग्राम पाडल्‍या कलां भूमि सर्वे क्र. 462, 474/1, 474/2/1 रकबा 0.0940 हेक्‍टेयर मध्‍यप्रदेश शासन की भूमि का दिनांक 24.01.2020 को राजस्‍व निरीक्षक एवं पटवारी मौजा द्वारा मौके पर सीमांकन का कार्य किया गया था? (ख) सीमांकन दिनांक 24.01.2020 अनुसार मध्‍यप्रदेश शासन की भूमि पर कितने रकबे पर अतिक्रमण मौके पर पाया गया? अतिक्रमणकारी का नाम, रकबा सहित सम्‍पूर्ण विवरण दें। (ग) सीमांकन दिनांक 24.01.2020 अनुसार किन-किन अतिक्रमणकारियों पर तहसील न्‍यायालय नागदा में धारा 248 मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता के तहत प्रकरण दर्ज किये गये? प्रकरण क्र. अतिक्रमणकर्ता का नाम सहित सम्‍पूर्ण विवरण दें। (घ) तहसीलदार नागदा द्वारा प्रकरण क्र.0081/अ-68/19-20 में अतिक्रमणकर्ता के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? (ड.) सर्वे नं. 462 ग्राम पाडल्‍या कलां की भूमि पर भू-माफियाओं द्वारा किये गये पक्‍के निर्माण को हटाने हेतु शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? मौके पर से कब तक अतिक्रमण हटा दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 24.01.2020 को सर्वे नम्बर 474/1, 474/2/1 की भूमि का कोई सीमांकन राजस्व निरीक्षक व मौजा पटवारी द्वारा नहीं किया गया। उक्त दिनांक को राजस्व निरीक्षक व मौजा पटवारी द्वारा शासकीय भूमि सर्वे नम्बर 462 के सीमांकन की कार्यवाही की गई। (ख) दिनांक 24.01.2020 को सर्वे नम्बर 462 की भूमि पर दिनेश पिता बाबूलाल भारतीय का 7630 वर्गफीट अर्थात 0.0708 हे. पर तथा ओमप्रकाश पिता जगनप्रसाद अग्रवाल का 4446 वर्गफीट अर्थात 0.0413 हे. भूमि पर अतिक्रमण पाया गया। (ग) सीमांकन दिनांक 24.01.2020 के आधार पर अतिक्रामक दिनेश पिता बाबूलाल भारतीय निवासी जवाहर मार्ग नागदा के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 83/अ-68/2019-20 दर्ज किया गया तथा ओमप्रकाश निवासी जवाहर मार्ग नागदा के विरूद्ध प्रकरण क्रमांक 81/अ-68/2019-20 दर्ज किया गया। (घ) न्यायालय तहसीलदार, तहसील-नागदा द्वारा प्रकरण क्रमांक 81/अ-68/2019-20 का विचारण दिनांक 12.02.2020 को प्रारंभ किया गया। उक्त प्रकरण में अनावेदक द्वारा उपस्थित होकर अपना जवाब व दस्तावेज प्रस्तुत किये गये। प्रकरण के दस्तावेजों में शासकीय भूमि सर्वे नम्बर 462 का रकबा 0.0940 हे. होना दर्ज है, पटवारी द्वारा प्रस्तुत अतिक्रमण रिपोर्ट में अतिक्रामक दिनेश भारतीय का लगभग 0.0708 हे. तथा अतिक्रामक ओमप्रकाश का लगभग 0.0413 हे. भूमि पर अवैध आधिपत्य वर्णित किया गया है। इस प्रकार अतिक्रमण का कुल क्षेत्रफल लगभग 0.1121 हे. होता है जबकि सर्वे नम्बर 462 की भूमि का कुल रकबा 0.0940 हे. है। इसके अतिरिक्त सर्वे नम्बर 462 की वर्ष 2013 के पूर्व के नक्शा आकृति में तथा वर्तमान नक्शा आकृति में गंभीर विरोधाभास है। वर्तमान नक्शा आकृति में क्षेत्रफल 0.0940 हे. की अपेक्षा लगभग 0.350 हे. की आकृति निर्मित है। प्रकरण में प्रस्तुत दस्तावेजों व भिन्नता के आधार पर उक्त प्रकरण आदेश दिनांक 18.09.2020 से निराकृत कर समाप्त किया गया। (ड.) सीमांकन दिनांक 24.01.2020 के अनुसार सर्वे नम्बर 462 पर अतिक्रमण पाया गया। अतिक्रमण रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण दर्ज कर विधिवत विचारण उपरांत निराकृत कर समाप्त किया जा चुका है। ग्राम पाड्ल्याकलां सर्वे नम्बर 462 की वर्तमान नक्शा आकृति तथा वर्ष 2013 के पूर्व की नक्शा आकृति में गंभीर अंतर होना पाया गया। इस संबंध में ओमप्रकाश, जगनप्रसाद आदि द्वारा नक्शा आकृति के संशोधन का प्रकरण न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी नागदा के समक्ष प्रस्तुत किया गया जो प्रकरण क्रमांक 0498/बी-121/20-21 पर दर्ज होकर विचाराधीन है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

गेहूँ का उपार्जन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

114. ( क्र. 6069 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 15/03/2020 से 30/06/2020 तक धार जिले में कितना गेहूँ कहाँ-कहाँ उपार्जित किया गया? अर्जन केन्‍द्र का नाम सहित मात्रा देवें? (ख) इस अवधि में भंडारण केन्‍द्रों पर कितना गेहूँ भंडारित किया गया कि जानकारी भंडारण केन्‍द्रवार गेहूँ की मात्रा सहित देवें। (ग) इस भंडारित गेहूँ और उपार्जित गेहूँ की मात्रा में अन्‍तर कहाँ-कहाँ पर है? सूची देवें। इसके लिए जिम्‍मेदारों के नाम पदनाम सहित देवें। (घ) उपरोक्‍त हानि के लिये जिम्‍मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) धार जिले में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में दिनांक 15.03.2020 से 30.06.2020 की अवधि में उपार्जन केन्‍द्रवार समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'' अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ की भण्‍डारण की केन्‍द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'' अनुसार है।       (ग) समर्थन मूल्‍य पर केन्‍द्रवार उपार्जित गेहूँ, भंडारित गेहूँ एवं अंतर मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -'अनुसार है। रबी विपणन वर्ष 2020-21 में कोविड-19 के संक्रमण के कारण समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन का कार्य माह मार्च के स्‍थान पर अप्रैल से प्रारम्‍भ किया जा सका। समस्त पंजीकृत किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूँ विक्रय का अवसर प्रदान करने हेतु उपार्जन एवं परिवहन का कार्य माह जून, 2020 में भी जारी रहा। माह मई के अंतिम सप्ताह में 'निसर्ग' चक्रवात के कारण पूरे प्रदेश में भारी बारिश हुई। साथ ही, मानसून समय से पूर्व आने के कारण धार जिले में 597 मे.टन गेहूँ वर्षा से प्रभावित हुआ है। प्राकृतिक आपदा से गेहूँ खराब होने के लिए किसी व्‍यक्ति का दायित्‍व निर्धारित नहीं किया जा सकता है। परिवहन तथा उपार्जन समिति स्‍तर पर सूखत आदि कारणों से 406.503 मे.टन गेहूँ में कमी आई है, जिसकी उपार्जन नीति के तहत कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) असामयिक वर्षा एवं अन्‍य कारणों से हुई कमी के लिए किसी व्‍यक्ति का दायित्‍व निर्धारित नहीं किया जा सकता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

गेहूँ/धान फसल खरीदी में तुलाई के नियम

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

115. ( क्र. 6072 ) श्री संजय यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबलपुर जिले के खरीदी केन्‍द्रों पर गत 3 वर्षों में तुलाई, पल्‍लेदारी, सिलाई हेतु कोई राशि सहकारी समितियों और केन्‍दों को जारी की गई है? यदि हाँ, तो कब-कब, कितनी-कितनी राशि दी गई है? खरीदी क्रेन्‍द्रवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या जबलपुर जिले के किसानों से तुलाई पल्‍लेदारी सिलाई हेतु कोई राशि वसूली गई है? इसका दोषी कौन है और उन दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या भविष्‍य में शासन द्वारा तुलाई पल्‍लेदारी सिलाई की राशि किसानों के खाते में सीधे आंतरित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो यह योजना क्‍या है एवं कब तक लागू की जावेगी?

 खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : प्रश्‍नांश (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासन को राजस्‍व की क्षति

[खनिज साधन]

116. ( क्र. 6075 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश सरकार ने दिनांक 22.01.2020 को राजपत्र (गजट) में प्रकाशन कर कौन-कौन से खनिजों की रॉयल्‍टी दर लागू की है? इसमें मॉर्बल स्‍टोन (Marbal Stone)/संगमरमर को आकारीय किस श्रेणी में रखा गया है एवं जबलपुर संभाग के किन-किन जिलों में संगमरमर/अकारीय पत्‍थरों की खदानों को खनन हेतु किन-किन तिथियों से किन-किन व्‍यक्तियों/संस्‍थाओं को लीज पर दिया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या डोलोमाईट पत्‍थर जिसका उपयोग वॉल पुट्टी बनाने में किया जाता है? पूर्व में मेजर मिनरल्‍स की श्रेणी में था जिसको माइनर मिनरल्‍स की श्रेणी में रख कर इसकी रॉयल्‍टी 100 प्रति मेट्रिक टन कर डीएमएफ 30 रूपये प्रति मेट्रिक टन कर डोलोमाईट पर कुल 130 रूपये प्रति मेट्रिक टन किया गया है वहीं मॉर्बल अकारीय पत्‍थर जिसकी रॉयल्‍टी 1000 रूपये प्रति घन मीटर तय है? क्‍या खनन कार्य प्रारम्भ करने से लेकर अब तक खदान लीजधारियों द्वारा अकारीय पत्‍थर की निकासी (डिस्‍पेंच) नहीं किया गया है? ज‍बकि खदान संगमरमर/अकारीय पत्‍थरों की खनन हेतु स्‍वीकृत की गई है उसके स्‍थान पर बेस्‍ट मॉर्बल के नाम से (डोलोमाईट के स्‍थान पर से) खदान वॉल पुट्टी बनाने के उपयोग हेतु बेचा जा रहा है एवं रद्दी पत्‍थर (बेस्‍ट मॉर्बल) जिसकी रॉयल्‍टी मात्र 200 रूपये प्रति घनमीटर है। इस प्रकार शासन को अनेक वर्षों से मॉर्बल स्‍टोन की रॉयल्‍टी 370 रूपये प्रति मेट्रिक टन के स्‍थान पर बेस्‍ट मॉर्बल की रॉयल्‍टी मात्र 74 रूपये ही चुकाई जा रही है? इसके कारण शासन को प्रति मेट्रिक टन 296 रूपये की हानि पहुँचाई जा रही है? इस कारण शासन को करोड़ों रूपयों की राजस्‍व की हानि हो रही है? इसके लिए दोषी कौन है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में खनिज लीजधारियों द्वारा अकारीय पत्‍थर की निकासी नहीं की गई है, उसके लिए दोषी व्‍यक्तियों/संस्‍थाओं पर शासन क्‍या-क्‍या कार्यवाही करेगा और क्‍या इसमें अधिकारियों/कर्मचारियों के संलिप्‍तता की जाँच भी की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश सरकार ने दिनांक 22.01.2020 को खनिजों की रॉयल्‍टी दर लागू करने के संबंध में राजपत्र (गजट) में प्रकाशन नहीं किया है। जबलपुर संभाग के जबलपुर एवं कटनी की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ख) डोलोमाईट खनिज का उपयोग मात्र वाल पुट्टी निर्माण में नहीं होता है। भारत सरकार खान मंत्रालय द्वारा अधिसूचना दिनांक 10/02/2015 से डोलोमाईट खनिज को गौण खनिज घोषित किया गया है। डोलोमाईट एवं मॉर्बल खनिज की रॉयल्‍टी दरें अधिसूचित है। जी नहीं। मॉर्बल खनिज की खदानों से अकारीय पत्‍थर का डिस्‍पेंच किया गया है। मॉर्बल की रॉयल्‍टी राशि रूपये 57930895/- और वेस्‍ट से राशि रूपये 2992984/- की रॉयल्‍टी वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्‍त हुई है। अनुपयोगी वेस्‍ट के उपयोग से शासन को 2992984/- रॉयल्‍टी प्राप्‍त हुई है। अत: हानि का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मॉर्बल स्‍टोन की खदानों से मॉर्बल स्‍टोन व वेस्‍ट मॉर्बल न निकालना

[खनिज साधन]

117. ( क्र. 6076 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में संगमरमर ( Marble stone) की खदानें किन-किन जिलों में किन-किन स्‍थानों पर हैं एवं वर्तमान स्थिति में किन-किन लोगों को संगमरमर ( Marble stone) की खदानें आवंटित की गई हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या उक्‍त मॉर्बल की खदानें प्राप्‍त कर अभी तक संगमरमर की बिक्री नहीं की गई है और न ही अभी तक Marble stone को निकाले जाने हेतु कोई मशीन स्‍थापित की गई है और न ही Gang saw लगाया गया है इसके बाद भी मॉर्बल वेस्‍ट कहाँ से आ रहा है? दिनांक 22/01/2021 से राजपत्र में डोलोमाईट की रॉयल्‍टी 75/- रूपये बढ़ाकर 100/- प्रति मीट्रिक टन कर दी गई है? इसके अतिरिक्‍त 30/- प्रति मीट्रिक टन का DMF भी लगा दिया गया किन्‍तु मॉर्बल स्‍टोन/आकारीय पत्‍थर पर कोई रॉयल्‍टी नहीं बढ़ाई गई है इस कारण शासन को लाखों रूपयों के राजस्‍व की हानि हो रही है और खनिज माफियाओं को फायदा पहुंचाया जा रहा है। ऐसा क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में मॉर्बल वेस्‍ट पर रॉयल्‍टी दर बढ़ाने एवं मॉर्बल की आवंटित खदानों पर मॉर्बल स्‍टोन न निकालने हेतु एवं खनन मशीन स्‍थापित न करने हेतु खनिज लीजधारियों तथा उक्‍त कृत्‍य करने वाली कम्‍पनि‍यों, संस्‍थाओं, व्‍यक्तियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी तथा उक्‍त त्रुटी के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जबलपुर संभाग के जबलपुर एवं कटनी जिलों में संगमरमर (मॉर्बल स्‍टोन) की वर्तमान स्थि‍ति में स्‍वीकृत खदानों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  पर दर्शित है। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ख) मॉर्बल ब्‍लॉक के उत्‍खनन से वेस्‍ट मटेरियल प्राप्‍त होता है। डोलोमाईट एवं मॉर्बल खनिज की रॉयल्‍टी दरें अधिसूचित है। मॉर्बल खनिज की खदानों से आकारीय पत्‍थर का डिस्‍पेंच किया गया है। मॉर्बल की रॉयल्‍टी राशि रूपये 57930895/- और वेस्‍ट से राशि रूपये 2992984/- की रॉयल्‍टी वित्‍तीय वर्ष 2020-21 में प्राप्‍त हुई है। अनुपयोगी वेस्‍ट के उपयोग से शासन को 2992984/- रॉयल्‍टी प्राप्‍त हुई है। अत: हानि का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विकास कार्यों हेतु भूमि उपलब्‍ध कराया जाना

[राजस्व]

118. ( क्र. 6080 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्‍या जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा में आयोजित विभिन्‍न शासकीय आयोजनों में विकास कार्यों के संबंध में घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो कब किस स्‍थान, किस-किस प्रकार के कितने विकास कार्यों के संबंध में? विकास कार्यवार पृथक-पृथक संपूर्ण जानकारी का ब्‍यौरा गौशवारा बनाकर दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में क्‍या घोषणा के फलस्‍वरूप विकास कार्यों के क्रियान्‍वयन हेतु शासकीय भूमि की आवश्‍यकता है? यदि हाँ, तो किस-किस विकास कार्य के लिये, कितनी भूमि किस-किस स्‍थान पर दिया जाना है? कार्यवार पृथक-पृथक बतायें। (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या पृथक-पृथक विभाग ने विकास कार्यों के लिये शासकीय भूमि आवंटन करने हेतु प्रस्‍ताव कार्यालय कलेक्‍टर, जिला गुना को प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो किस-किस कार्यालय ने, कब किस कार्य के लिये, उसकी अद्यतन स्थिति क्‍या है, कितने कार्य पूर्ण है, कितने कार्य किस कारण से अपूर्ण है? कार्यालयवार पृथक-पृथक बतायें। क्‍या उपरोक्‍त के संबंध में नगर पालिका आरोन द्वारा हाट बाजार एवं आश्रय स्‍थल हेतु भूमि आवंटन के लिये प्रकरण प्रस्‍तुत किया है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई, यदि नहीं तो कब तक की जायेगी?    (घ) उपरोक्‍त के संबंध में शासकीय भूमि आवंटित कर दी गई है? यदि नहीं तो क्‍यों? विलंब के लिये कौन जिम्‍मेदार है? जिम्‍मेदारों पर कब तक क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि किसके द्वारा की गयी घोषणाओं की जानकारी चाही गयी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रॉयवेट जमीन को शासकीय घोषित करने के नियम

[राजस्व]

119. ( क्र. 6091 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 में प्रॉयवेट जमीन को शासकीय घोषित करने के संबंध में क्‍या नियम/प्रावधान हैं? (ख) क्‍या एम.पी.एल.आर.सी. में संशोधन 2019 से पूर्व में धारा 57 (2) के अन्‍तर्गत प्रॉयवेट भूमि को शासकीय घोषित करने के संबंध में शासन को अधिकार प्राप्‍त थे? यदि हाँ, तो वर्तमान में क्‍या प्रावधान हैं? (ग) क्‍या एम.पी.एल.आर.सी. में धारा 57 (2) में दिये गये प्रावधान का उल्‍लंघन कर मध्‍यप्रदेश शासन के निर्देश उक्‍त धारा पर प्रभावशील हो सकते हैं? यदि हाँ, तो नियम/कानूनों का उल्‍लेख करें। क्‍या दतिया गिर्द का वर्ष 1943-44 से 1961-62 का रिकार्ड नहीं होते हुये भी वर्ष 1962-63 के राजस्‍व रिकार्ड (खसरा-खतौनी) में खातेदारों के नाम दर्ज/निजी होते हुए भी विलुप्‍त/निरस्‍त करने का दतिया तहसीलदार को अधिकार प्राप्‍त है? यदि हाँ, तो मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता के नियम/कानून/धाराओं का उल्‍लेख करें। क्‍या नियम विरूद्ध आदेश पारित करने वाले तहसीलदार के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या शासन द्वारा मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व की धारा 57 (2) में प्रकरण को अमान्‍य करने के पश्‍चात् एस.डी.एम. एवं तहसीलदार को प्रॉयवेट/निजी भूमियों को शासकीय घोषित करने का अधिकार प्राप्‍त है? यदि हाँ, तो कृपया किन-किन धाराओं एवं नियमों के अन्‍तर्गत प्राप्‍त है? धाराओं/नियमों का उल्‍लेख करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 में प्रॉयवेट जमीन को शासकीय घोषित करने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। (ख) जी नहीं। एम.पी.एल.आर.सी. “1959 की धारा 57 (2) में प्रावधान थे कि किसी अधिकार के संबंध में राज्य सरकार तथा किसी व्यक्ति के बीच कोई विवाद उत्पन्न हो जाये तो विवाद राज्य सरकार द्वारा निश्चित किया जायेगा। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2018 के पश्‍चात धारा 57 (2) विलोपित हो गई है। अत: धारा 57 (2) का लोप हो जाने से शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में उल्‍लेखित विवरण अनुसार धारा 57 (2) विलोपित हो जाने से प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

सोना मत्‍स्‍योद्योग सहाकरी संस्‍था घोड़ा पछाड़ की जांच

[सहकारिता]

120. ( क्र. 6094 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सोना मत्‍स्‍योद्योग सहकारी संस्‍था घोड़ा पछाड़ की जाँच कलेक्‍टर भोपाल द्वारा की गई? यदि हाँ, तो उक्‍त जाँच में क्‍या पाया गया? जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्‍ध करावें।      (ख) क्‍या जाँच रिपोर्ट के आधार पर उप पंजीयक सहकारी संस्‍थायें भोपाल द्वारा संस्‍था को सहकारिता अधिनियम 1960 की धारा 53 (2) अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था? उत्‍तर प्राप्‍त न होने की दशा में अधिनियम की धारा 53 (1) के अंतर्गत संस्‍था के संचालक मण्‍डल को भंग कर दिया गया था? (ग) क्‍या उक्‍त संस्‍था द्वारा संचालक मण्‍डल को भंग किये जाने संबंधी आदेश के विरुद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर से 2019 में स्‍थगन प्राप्‍त किया गया, जिस पर आज दिनांक तक सहकारिता विभाग द्वारा माननीय न्‍यायालय को जानबूझकर उत्‍तर प्रस्‍तुत नहीं किया गया ताकि संस्‍था को अप्रत्‍यक्ष रूप से लाभांवित किया जा सके? (घ) क्‍या विभाग द्वारा अवैधानिक रूप से उच्‍च न्‍यायालय के स्‍थगन के बाद भी संस्‍था का निर्वाचन अधिकारी नियुक्‍त कर निर्वाचन कराया जा रहा है, जो कि सहकारिता विधान के विपरीत है? क्‍या विभाग इस मामले की विस्‍तृत जाँच कराकर दोषियों को दण्डित करेगा? नहीं तो क्‍यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं, सोना मत्‍स्‍य उद्योग सहकारी संस्‍था घोड़ा पछाड़ की जाँच कलेक्‍टर भोपाल द्वारा नहीं कराई गई थी बल्कि मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जिला भोपाल के आदेश क्रमांक/1712/मत्‍स्‍य/2019-20 भोपाल दिनांक 26.04.2019 से जाँच दल गठित कर जाँच कराई गई थी जाँच प्रतिवेदन  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी हां, उप पंजीयक सहकारी संस्‍था जिला भोपाल के कार्यालयीन आदेश क्र./ विधि/ 2019/1711 दि. 28.6.2019 के द्वारा संस्‍था को म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (2) के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था। उप पंजीयक सहकारी संस्‍थाएं भोपाल के आदेश क्रमांक/विधि/2019/2401, दिनांक 07.10.2019 के द्वारा म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (1) अंतर्गत संचालक मंडल को भंग कर दिया गया था। (ग) जी हां, उक्‍त संस्‍था द्वारा संचालक मंडल को भंग किए जाने के विरूद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक - 22690/2019 में दिनांक 6.11.2019 को स्‍थगन प्राप्‍त किया गया है। प्रकरण में म.प्र. शासन सहकारिता विभाग मंत्रालय के आदेश क्र./एफ-6/366/2019/15-1 दिनांक 19.12.2019 के द्वारा उप पंजीयक सहकारी संस्‍थाएं भोपाल को प्रभारी अधिकारी नियुक्‍त किया गया है। जिसके कारण शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं, विभाग द्वारा अवैधानिक रूप से उच्‍च न्‍यायालय के स्‍थगन के वाद निर्वाचन अधिकारी नियुक्‍त नहीं कराया गया है। संस्‍था में माननीय उच्‍च न्‍यायालय के द्वारा स्‍थगन आदेश म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा-53 (1) के अंतर्गत पारित आदेश पर दिया गया था। चूंकि संस्‍था पूर्व से ही म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा - 49 (7) (क-ख) में अधिक्रमित थी जो सहकारिता विधान के अनु‍कूल है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग में रिक्‍त पदों की पूर्ति

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

121. ( क्र. 6100 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग तथा प्रदेश के जिला उपभोक्‍ता आयोगों में बड़ी संख्‍या में पद रिक्‍त होने के कारण उपभोक्‍ताओं के प्रकरणों के निराकरण में विलंब हो रहा है? (ख) यदि हाँ, तो राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग तथा प्रदेश के जिला उपभोक्‍ता आयोगों में रिक्‍त पद भरने में विलंब का क्‍या कारण है

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। कार्य आंशिक रूप से प्रभावित हो रहा है। अन्‍य जिलों के अध्‍यक्ष/सदस्‍यों को रिक्‍त जिलों का अतिरिक्‍त कार्य सौंपकर कार्य पूर्ण कराया जा रहा है। (ख) नवीन अधिनियम के प्रावधान अनुसार नियम बनाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, तदोपरांत पदपूर्ति की कार्यवाही की जा सकेगी।

अतिक्रमण हटाये जाना

[राजस्व]

122. ( क्र. 6101 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जून 2020 से जनवरी 2021 तक सागर जिले में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने के कितने मामले हुए? तहसीलवार बतायें। (ख) क्‍या शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने का अभियान जिलें में बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब से? यदि हाँ, तो कितने अतिक्रमण चिन्हित कर हटाने की कार्यवाही की जावेगी, तहसीलवार बतायें? (ग) देवरी तहसील में शासकीय भूमि से अतिक्रमण क्‍यों नहीं हटाया जा रहा है? कितनी भूमि अतिक्रमण में है? कितनी भूमि मुक्‍त कराई गई? ग्राम एवं अतिक्रमणकारी का नाम सहित बतायें। (घ) क्‍या जिला में अतिक्रमण हटाने में पक्षपात हो रहा है? अतिक्रमण हटाने के नाम से अवैध वसूली हो रही है? मात्र गरीबों को निशाना बनाया जा रहा है? यदि नहीं तो भूमि अतिक्रमणकारियों के कब्‍जे में क्‍यों है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सागर जिला अन्तर्गत जून 2020 से जनवरी 2021 तक शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के मामलों की जानकारी तहसीलवार  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही न्यायालयीन प्रक्रिया अनुसार की जाती है। प्रकरणों की संख्या  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) तहसील देवरी के अन्तर्गत शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के 262 प्रकरण दर्ज हुए जिसमें से 66 प्रकरणों में अतिक्रमणकारियों से 40.88 हेक्टेयर शासकीय भूमि मुक्त कराई जा चुकी है। शेष में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। ग्राम एवं अतिक्रमणकारियों की सूची  पुस्‍तकालय  में  रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। जी नहीं। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के मामले संज्ञान में आने पर म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 248 के प्रावधानों अंतर्गत सतत कार्यवाही की जाती है तथा विधिक प्रक्रिया अनुसार अतिक्रमण हटाया जाता है।

नरसिंहपुर जिले में अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

123. ( क्र. 6110 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में अवैध उत्‍खनन की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? विधानसभा क्षेत्रवार विगत तीन वर्ष की जानकारी दें। (ख) उक्‍त शिकायतें किस-किस के द्वारा कब-कब की गई हैं? नामवार जानकारी दें। (ग) उक्‍त शिकायतों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? शिकायतवार जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में प्रश्‍नानुसार प्राप्‍त शिकायतों का विवरण संलग्‍न  परिशिष्‍ट  में दर्शित है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  में दर्शायी गई है।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

फर्जी पट्टों की जांच

[राजस्व]

124. ( क्र. 6111 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पन्‍ना में दिनांक 14.01.1992 से 25.06.1994 के मध्‍य तत्‍कालीन तहसीलदार आर.के. शर्मा द्वारा फर्जी पट्टे जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो कितने? (ख) क्‍या उन फर्जी पट्टों के संबंध में शासन स्‍तर पर जाँच कराई गई? (ग) क्‍या उपरोक्‍त फर्जी पट्टों में कुछ सुरक्षित भूमि के पट्टे भी जारी किये गये? उपरोक्‍त पट्टों की वर्तमान स्थिति तथा मौके की स्थिति एवं खसरों की स्थिति क्‍या है? (घ) उक्‍त फर्जी पट्टों में लिप्‍त लोगों के विरूद्ध जाँच प्रतिवेदन के आधार पर आज दिनांक तक क्‍या कार्यवाही हुई? (ड.) यदि कोई प्रमाणक कार्यवाही नहीं हुई तो क्‍यों एवं कब तक होगी?    (च) शासन की भूमि पर फर्जी पट्टाधारियों से कब तक कब्‍जा हटाया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) श्री आर.के. शर्मा, तत्‍कालीन तहसीलदार, तहसील पन्‍ना, की जिला पन्‍ना में पदस्‍थी के दौरान की राजस्‍व प्रकरण पंजी वर्ष 1992-93 एवं वर्ष 1993-94 माननीय विशेष न्‍यायाधीश जिला पन्‍ना के सत्र प्रकरण क्रमांक 78/2009 शासन विरूद्ध नाथूराम बगैरह, धारा 420 में माननीय न्‍यायालय के सूचना पत्र क्रमांक क्‍यू/2017 दिनांक 21/11/2017 के पालन में तहसीलदार पन्‍ना के पत्र क्रमांक 171/प्रवाचक/2017 पन्‍ना दिनांक 21/11/2017 द्वारा भेजी गई है। माननीय न्‍यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। श्री आर.के. शर्मा, तत्‍कालीन तहसीलदार पन्‍ना द्वारा जारी किये गये पट्टे फर्जी है या नहीं, इस विषय में माननीय न्‍यायालय द्वारा निर्णय पारित होने पर स्‍पष्‍ट हो सकेगा। (ख) प्रकरण माननीय न्‍यायालय में विचाराधीन होने से अन्‍य कोई जाँच किये जाने संबंधी तथ्‍य प्रकाश में नहीं आया है। (ग) श्री आर.के. शर्मा, तत्‍कालीन तहसीलदार पन्‍ना द्वारा जारी किये गये पट्टे फर्जी है या नहीं, माननीय न्‍यायालय से निर्णय पारित होने पर स्‍पष्‍ट हो सकेगा। (घ) प्रकरण माननीय न्‍यायालय में प्रचलित है। न्‍यायालय द्वारा निर्णय करने के पूर्व कार्यवाही का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ड.) एवं (च) वस्‍तुस्थिति उत्‍तरांश '''' अनुसार है।

गजरथ महोत्‍सव एवं पाण्‍डु शिला की मूर्ति समिति को सौंपा जाना

[राजस्व]

125. ( क्र. 6130 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) राजस्‍व विभाग द्वारा किस-किस प्रयोजनार्थ भूमि आवंटित एवं लीज पर देने का अधिकार है? इसकी वर्तमान नीति एवं जनवरी 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक समय-समय पर जारी किय गये विभागीय आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले के नगर जतारा में वर्षों पूर्व से आज तक शासकीय उद्यान के प्रखण्‍ड जुबली बाग 0.774 हेक्‍टेयर भूमि में से खसरा नं. 1682 का रकबा 0.174 हेक्‍टेयर भूमि पर कब्‍जे के आधार पर     श्री दिगम्‍बर जैन समाज समिति को प्रदाय हेतु जहां गजरथ महोत्‍सव एवं पाण्‍डु शिला का कार्य किया जाता है। उपरोक्‍त भूमि समिति को प्रदाय हेतु श्री दिगम्‍बर जैन समाज समिति, जतारा द्वारा उपरोक्‍त भूमि प्राप्त करने का कब-कब मांग की गई? मंत्रालय कृषि विभाग द्वारा दिनांक 26.08.2003, 27.08.2003 एवं उसके बाद शासन, संभागीय कार्यालय, जिला प्रशासन, जिला योजना समिति, अनुवि‍भागीय अधिकारी, तहसीलदार जतारा, नगर पंचायत जतारा, लोक निर्माण विभाग जतारा द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि क्‍या वर्षों से कब्‍जे वाली भूमि पर चारों ओर से वर्षों से बाउंड्रीवॉल बनी है? क्‍या श्री दिगम्‍बर जैन समाज समिति जतारा द्वारा उपरोक्‍त भूमि की स्‍थाई लीज लेने अग्रिम प्रोसेस शुल्‍क 2500.00 रूपये लेखा शीर्ष 0029 भू-राजस्‍व एवं अन्‍य प्राप्‍तीय हेतु चालान के माध्‍यम से राशि जमा कराई गई थी तो कब? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि वर्षों पूर्व से कब्‍जे की भूमि पर जिस पर गजरथ महोत्‍सव एवं पाण्‍डु शिला के कार्यक्रम हमेशा किए जा रहे हैं, उपरोक्‍त भूमि कब तक क्‍या-क्‍या प्रक्रिया पूर्ण करवाकर भूमि समि‍ति को प्रदाय की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शासकीय भूमि आवंटन के संबंध में राजस्‍व विभाग द्वारा परिपत्र क्रमांक एफ 6-75/2019/सात-3 दिनांक 24.09.2020 से मध्‍यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 लागू किया गया है, जिसे विभागीय वेबसाइट  www.govtpressmp.nic.in  पर डाउनलोड किया जा सकता है। निर्देश की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब अनुसार है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। दिनांक 22.10.2010 को चालान द्वारा राशि जमा करायी गयी थी। (घ) शासकीय भूमि आवंटन के संबंध में मध्‍यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश, 2020 के अनुसार संस्‍था द्वारा जिला कलेक्‍टर को आवेदन प्रस्‍तुत करने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

नये जिले बनाने की प्रक्रिया

[राजस्व]

126. ( क्र. 6133 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) पिछली सरकार द्वारा घोषित किए गए 3 नए जिले बनाने की प्रक्रिया कहाँ तक पहुंची है?     (ख) इन जिलों के गठन की प्रक्रिया कब तक पूरी कर ली जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 3 नये जिलों के गठन हेतु सैद्धांतिक सहमति    मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 18.03.2020 में दी गई थी। मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 18.03.2020 में लिये गये निर्णयों के संदर्भ परीक्षण एवं अनुशंसा हेतु गठित मंत्रि-परिषद् उप समिति की बैठक दिनांक 20.08.2020 में की गई अनुशंसा, कि, ''3 जिले के गठन के प्रस्‍ताव पर विभाग द्वारा पुन: परीक्षण कर आवश्‍यकता होने पर वर्तमान मंत्रि-परिषद् के समक्ष पुन: प्रस्‍ताव लाए। '' के अनुक्रम में कोई अग्रेत्‍तर कार्यवाही नहीं की गई है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

बटाईदार के अधिकारों की सुरक्षा

[राजस्व]

127. ( क्र. 6135 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) बटाईदार के अधिकारों की सुरक्षा हेतु वर्तमान में क्‍या कोई कानून है? (ख) यदि कोई कानून है तो क्‍या वह बटाईदारों को पर्याप्‍त संरक्षण देने में सक्षम हैं? (ग) यदि नहीं तो क्‍या सरकार ऐसा कोई कानून बनाने की योजना बना रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) बटाईदार के अधिकारों की सुरक्षा हेतु वर्तमान में ''मध्‍यप्रदेश भूमि-स्‍वामी एवं बटाईदार के हितों का संरक्षण अधिनियम, 2016'' मध्‍यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 09.05.2018 से लागू है, जो बटाईदारों को पर्याप्‍त संरक्षण देने में सक्षम है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

अनुदान राशि का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

128. ( क्र. 6196 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिला अंतर्गत नाबार्ड की योजना के माध्यम से ऋण प्राप्त कर वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 वर्ष में कितने वेयर हाउस बनाये गये? (ख) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में बनाये गये वेयर हाउस उद्यमियों को नियमानुसार अनुदान राशि का 50 प्रतिशत एवं फायनल निरीक्षण उपरांत अनुदान की संपूर्ण राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं तो कारण सहित जानकारी दें कि अनुदान राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा? (ग) क्या शासन कृषि उपज के सुरक्षित भण्डारण की व्यवस्था सुनिश्चित करने वाले वेयर हाउस उद्यमियों को समय पर अनुदान राशि भुगतान हेतु विलम्ब के कारण अनुदान राशि का भुगतान नहीं होने के कारण उस पर लगने वाले ब्याज भुगतान की स्थिति से मुक्त रखे जाने हेतु सहयोगात्मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से  (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना

[राजस्व]

129. ( क्र. 6203 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना म.प्र शासन द्वारा संचालित की गई है। ऐसे फ्रंटलाईन के योद्धा कौन है, जिनकी कोविड- 19 में ड्यूटी लगाई थी? जिन कर्मचारियों की कोविड-19 में ड्यूटी लगाई गई थी? उनमें से कितने लोगों ने कोविड योद्धा के लिये आवेदन किया?         (ख) कोविड-19 में ड्यूटी के दौरान मृत्‍यु होने के बाद किन-किन कर्मचारियों के आश्रित परिवारों को ''मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण'' योजना का लाभ प्रदान कर 50 लाख रूपयें की राशि प्रदान की जा चुकी है? (ग) कोविड-19 में ड्यूटी के दौरान मृत होने वाले कर्मचारियों के ऐसे कितने आश्रित परिवार है, जिन्हें मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ प्रदान किया जाना अभी शेष है? उन्हें अभी तक योजना का लाभ प्रदान नहीं किये जाने का क्या कारण है? ऐसे मृतक कर्मचारियों के आश्रित परिवारों को कब तक योजना का लाभ प्रदान कर दिया जायेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कोविड योद्धा को योजना के निर्देश में परिभाषित किया गया है। योजना की प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट अनुसार है।  आवेदन की जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी संकलित की जा रही है ।

 

पंचायतों को रेत की सप्लाई

[खनिज साधन]

130. ( क्र. 6317 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क)  क्या  बैतूल, धार एवं मंडला जिले में मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 30 अगस्त 2019 को प्रकाशित रेत नियम 2019 के नियम 4 में दी गई छूट के अनुसार कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) नियम 4 में क्या-क्या छूट किन-किन को दी गई थी, इसके अनुसार जिला पंचायत एवं जिले की जनपद पंचायतों के द्वारा ग्राम पंचायत और ग्राम के गरीबों को रेत उपलब्ध कराने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई। (ग) यदि नहीं की गई तो कारण बताएं। (घ) ग्राम पंचायतों के द्वारा 30 अगस्त 2019  से प्रश्नांकित दिनांक तक रेत क्रय करने पर कितनी राशि का भुगतान किया गया। इसके लिए शासन किसे जिम्मेदार मानता है।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क)  से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

ओलावृष्टि से किसानों को हुई क्षतिपूर्ति

[राजस्व]

131. ( क्र. 6412 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र में 16 फरवरी से 21 फरवरी के बीच या उसके आस-पास अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में हुई भीषण ओलावृष्टि से किसानों को बड़ी क्षति हुई है, जिसकी जानकारी क्षेत्र के किसानों के साथ पत्र के माध्यम से जिला कलेक्टर को दी गई थी (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्य में ओलावृष्टि से हुई क्षति की पूर्ति हेतु शासन की ओर से किसानों के हित में कोई कदम उठाया है? (ग) यदि हाँ, तो क्षति का उचित आंकलन कब तक कर लिया जायेगा और किसानों को मुआवजा कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?

 राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हॉं, क्षति की जानकारी प्राप्‍त है। (ख) उत्‍तरांश (क) के तारतम्‍य में जिला प्रशासन द्वारा ओलावृष्टि से हुई क्षति का राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के तहत सर्वे कराया गया। सर्वे उपरांत ओलावृष्टि से फसल क्षति निरंक है। (ग) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

बीमा राशि/मुआवजा राशि का भुगतान

[राजस्व]

132. ( क्र. 6476 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरोद तहसील में वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से सोयाबीन फसल क्षति हेतु आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के तहत कितनी राशि स्‍वीकृत की थी? शासन द्वारा प्रथम किश्‍त के रूप में 25 प्रतिशत राशि का भुगतान किसानों को किया शेष 75 प्रतिशत राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया? कब तक कर दिया जायेगा? (ख) क्‍या स्‍वीकृत प्रथम किश्‍त की 25 प्रतिशत राशि तहसील खाचरौद के 1625 किसानों को 46,09,231/- व नागदा तहसील में 570 किसानों को 34,26,986/- रूपये का भुगतान किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो किसानों के नाम, ग्राम व राशि बताते हुए उन्‍हें कब तक भुगतान कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से सोयाबीन फसल क्षति हेतु आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के तहत नागदा तहसील में रू. 797704345/- एवं खाचरौद तहसील में रू. 836624920/- राहत राशि स्वीकृत की थी। बजट उपलब्‍धता के आधार पर प्रभावित कृषकों को 25% राहत राशि का वितरण किया गया। (ख) जी हाँ। तहसील खाचरौद में 1625 कृषकों व तहसील नागदा में शेष 570 कृषकों के मामले में संयुक्त बैंक खाता क्रमांक अथवा नामित व्यक्ति का एक खाता क्रमांक उपलब्ध न हो पाने के कारण राहत राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। संबंधित कृषकों को उक्त संबंध में अवगत करा दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

गुना जिले में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी

[राजस्व]

133. ( क्र. 6490 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क)  मार्च, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले में जिला पंचायत तथा जनपद पंचायतों में  कितने-कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्‍थ है? नाम पदनाम बताएं।  (ख) प्रश्‍नांश (क)  के परिप्रेक्ष्‍य में कितने पद स्‍वीकृत हैं एवं कितने रिक्‍त हैं? रिक्‍त पदों पर कब तक पूर्ति कर दी जायेगी(ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में लोकसेवा केन्‍द्र से कितने-कितने आवेदन किस-किस कार्य के कब-कब प्राप्‍त हुये है? उसके निराकरण की अद्यतन स्थिति क्‍या है(घ)  क्‍या स्‍टॉफ की कमी के कारण तय समय-सीमा में निराकरण नहीं हो पाने की स्थितियां निर्मित हो रही हैं? यदि नहीं तो प्रकरणों के निराकरण में विलंब के क्‍या कारण हैं? (ड.) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में  आऊटसोर्स से कितने कर्मचारी किस एजेंसी से कार्यरत हैं ? नाम,पदनाम बतायें।

 

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क)  जानकारी राजस्‍व विभाग द्वारा संधारित नही की जाती है। (ख)  उत्‍तर प्रश्‍नांश (क)  अनुसार।  (ग)  जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में राजस्‍व विभाग से संबंधित नहीं है।

 

मुख्‍यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्‍याण योजना का लाभ प्रदान किया जाना

[राजस्व]

134. ( क्र. 6613 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल अस्‍पताल चांदामेटा में पदस्‍थ स्‍टॉफ नर्स शहनाज खान पति अन्‍नु खान, निवासी चांदामेटा की मृत्‍यु कोराना पॉजीटिव सं‍क्रमित होने के कारण दिनांक 02.09.2020 को हुई है जिनका अंतिम संस्‍कार कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत किया गया और शासन द्वारा संचालित ''मुख्‍यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्‍याण योजना'' का लाभ राशि 50 लाख रूपये स्‍टॉफ नर्स के आश्रित परिवार को प्रदान किए जाने हेतु विभाग द्वारा संपूर्ण कार्यवाही भी की जा चुकी हैं। किन्‍तु अभी तक आश्रित परिवार को योजना का लाभ प्रदान नहीं किया गया है? कारण बतायें। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा शहनाज खान के आश्रित परिवार को योजना का लाभ प्रदान किये जाने के संबंध में जिलाध्‍यक्ष छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2020/470 दिनांक 12.09.2020 एवं मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी छिंदवाड़ा को पत्र क्र.वि.स/परासिया/127/2020/597 दिनांक 20.10.2020 प्रेषित किये जा चुके हैं? जिन पत्रों पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) परिवार के आश्रित सदस्‍यों द्वारा योजना का लाभ प्राप्‍त करने हेतु कई बार अधिकारियों के समक्ष जाकर निवेदन भी किया जा चुका है परन्‍तु फिर भी योजना का लाभ प्रदान किए जाने में विलम्‍ब किया जा रहा है, स्‍टॉफ नर्स के आश्रित परिवार को योजना का लाभ कब तक प्रदान कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना अंतर्गत सम्मिलित कर्मियों को मुख्‍यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्‍याण योजना अंतर्गत अपात्र माना गया है (स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के कर्मचारी प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना अंतर्गत शामिल है) अत: मुख्‍यमंत्री कोविड-19 योद्धा अंतर्गत प्रकरण स्‍वीकृत नहीं किया गया है। (ख) प्रश्‍नकर्ता से प्राप्‍त पत्र पर शहनाज खान के आश्रित परिवार को योजना का लाभ प्रदान करने के लिये बीमा राशि 50.00 लाख भुगतान हेतु संभागीय न्‍यू इंडिया इंश्‍योरेंस कंपनी लिमि. भोपाल को प्रेषित किया गया है।       (ग) प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण पैकेज अंतर्गत लाभ प्रदान करने हेतु संभागीय न्‍यू इंडिया इंश्‍योरेंस कंपनी लिमि. भोपाल को पत्र प्रेषित किया गया है। अत: इंश्‍योरेंस कंपनी से स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के उपरांत ही लाभ दिया जा सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

खुली खदान में कार्यरत 56 लोगों को नौकरी से निकालना

[खनिज साधन]

135. ( क्र. 6616 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की जमुना (कोतमा विधान सभा ) क्षेत्र की आमाढ़ान खुली खदान में 56 लोगों को नौकरी से निकाले जाने पर कलेक्‍टर अनूपपुर ने क्‍या कार्यवाही की? (ख) यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो कारण बतावें। (ग) कब तक जिला अनूपपुर कलेक्‍टर हस्‍तक्षेप करके इन्‍हें वापस नौकरी पर रखेंगे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  पर दर्शित है।
परिशिष्ट - "छब्बीस"

कोविड-19 योद्धा कल्‍याण योजना की अवधि में वृद्धि किया जाना

[राजस्व]

136. ( क्र. 6645 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में कोरोना आपदा काल में प्रदेश के शासकीय कर्मियों हेतु कोविड-19 योद्ध कल्‍याण योजना प्रांरभ की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त योजना किस दिनांक से प्रारंभ की गई एवं योजना का उद्देश्‍य क्‍या था? (ग) उक्‍त योजना के अंतर्गत कोविड-19 की महामारी की रोकथाम/उपचार में कार्यरत किन किन शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की मृत्‍यु होने पर उनके निकटतम आश्रितों को कितने-कितने रूपयों की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है और कितने शासकीय सेवक हैं जिन्‍होंने आवेदन किया पर उन्‍हें आर्थिक सहायता किन कारणों से नहीं की गई? (घ) क्‍या उक्‍त योजना को बंद कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्‍यों? क्‍या वर्तमान में प्रदेश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप विद्यमान नहीं है? यदि है तो उक्‍त योजना को बंद करने के क्‍या कारण है तथा जो शासकीय सेवक उक्‍त कार्य में लगे हुये है, उनकी मृत्‍यु हो जाने पर उन्‍हें क्‍या आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो बताये? यदि नहीं तो क्‍यों? (ड.) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के संबंध में क्‍या विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्‍यमंत्री मध्‍यप्रदेश शासन माननीय श्री कमलनाथ जी ने अपने अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 251 दिनांक 26 फरवरी 2021 को प्रदेश के माननीय मुख्‍यमंत्री जी को पत्र लिखा था? यदि हाँ, तो उक्‍त पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्‍त योजना दिनांक 17 अप्रैल 2020 से प्रारंभ की गई थी। योजना का उद्देश्‍य मध्‍यप्रदेश राज्‍य के कोविड-19 प्रभावित रोगियों/नागरिकों को अपनी सेवा प्रदान कर रहे कर्मियों को सुरक्षा कवच के रूप में यह योजना लागू की गई थी। (ग) जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) जी हाँ। योजना की अवधि 31/10/2020 तक थी। जी हाँ। कोरोना पीड़ि‍त मृत शासकीय कर्मचारियों को, दिवंगत शासकीय सेवक को देय समस्‍त स्‍वत्‍वों का भुगतान पात्रता अनुसार, शासन नियमानुसार किया जाता है। (ड.) जी हाँ। वर्तमान में स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों हेतु बीमा योजना लागू है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता ।

कोहेफिजा आबादी क्षेत्र को ग्राम के नाम से संबोधित किया जाना

[राजस्व]

137. ( क्र. 6648 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्‍या भोपाल शहर के कोहेफिजा जैसे पॉश इलाके को ग्राम राजस्‍व अभिलेखों में ग्राम कोहेफिजा के नाम से संबोधित किया जाता है? यदि हाँ, तो शहरी आबादी को ग्राम के नाम संबोधित किये जाने के क्‍या कारण हैं? (ख) क्‍या राजस्‍व अभिलेखों में कोहेफिजा आबादी क्षेत्र को ग्राम संबोधित करने के कारण भवन निर्माण व भूमि से संबंधित कार्यों के लिये नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालयों के चक्‍कर काटने पड़ते हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? (ग) प्रश्‍नांश (क) (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या कोहेफिजा आबादी क्षेत्र को भू-अभिलेखों में ग्राम शब्‍द विलोपित किया जाकर शहरी आबादी अंकित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

 राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, भोपाल जिला अन्‍तर्गत वर्तमान तहसील हुजूर के नजूल वृत्‍त बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) अन्‍तर्गत कोहेफिजा एक राजस्‍व ग्राम के रूप में अभिलिखित है। उक्‍त ग्राम वर्तमान में नगरीय क्षेत्र में स्थित है। उक्‍त क्षेत्र का प्रचलित नाम भी कोहेफिजा है अत: शहरी आबादी को ग्राम के नाम से संबोधित किया जाता है। (ख) जी नहीं।    (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

माननीय सदस्‍य के पत्र पर कार्यवाही

[सहकारिता]

138. ( क्र. 6681 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्‍य शासन द्वारा राज्‍य/जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के कर्मचारियों का सहकारी बैंकों/समितियों में संविलियन किये जाने संबंधी योजना के तहत जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक, विदिशा के कितने कर्मचारी संविलियन किये जाने हेतु पात्र पाये गये कितने कर्मचारियों का संविलियन किया गया, कितने शेष है तथा किन कारणों से? (ख) क्‍या कार्यालय आयुक्‍त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्‍थाएं मध्‍यप्रदेश भोपाल के आदेश क्रमांक 1/भू.वि.अ/ 2019/528, दिनांक 05.12.2019 द्वारा श्री दौलतराम भृत्‍य का संविलियन जिला सहकारी बैंक विदिशा में किये जाने संबंधी आदेश पारित किया गया परंतु उक्‍त आदेश के पूर्व ही दिनांक 29.11.2019 को उनका आकस्‍मात देहावासन हो जाने से उक्‍त कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी तथा इस कारण उनके पुत्र का अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई? (ग) क्‍या उनके पुत्र श्री जितेश को अनुकंपा दिये जाने हेतु क्षेत्रीय विधायक श्री रामेश्‍वर शर्मा एवं श्री दौलतराम की पत्‍नी द्वारा भी माननीय मंत्री सहकारिता को पत्र प्रेषित कर अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त पत्रों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किये जाने की कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या.विदिशा के 103 कर्मचारी संविलियन हेतु पात्र पाये गये थे एवं 103 कर्मचारियों के संविलियन करने के आदेश प्राप्त हुये थे। जिसमें से 21 कर्मचारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. खण्डवा में माननीय उच्च न्यायालय से स्थगन होने से एवं 10 कर्मचारी दुग्ध संघ मर्या. उज्जैन में प्रशासनिक कारणों के कारण पदस्थ नहीं होने से कुल 31 कर्मचारी शेष है। वर्तमान में 03 कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने एवं 01 कर्मचारी द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के कारण 04 कर्मचारी सेवा से बाहर होने से 27 कर्मचारी शेष है। (ख) जी हाँ। यह सही है कि उक्त आदेश के क्रियान्वयन के पूर्व श्री दौलतराम का देहावसान हो गया। यह सत्य है कि दर्शित कारणों से अनुकंपा नियुक्ति संभव नहीं हो सकी। (ग) जी हाँ। प्रकरण में आवेदनकर्ता को नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं आती है। (घ) परिसमापित संस्था जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्या. विदिशा में परिसमापन की वजह से कोई भी अनुकंपा नियुक्ति विभागीय परिपत्र क्रमांक/ भूविअ/ 1/11/500, दिनांक 22.07.2011 के आधार पर संभव नहीं है।

 

 


 

 


भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


फसल बीमा की राशि का भुगतान

[राजस्व]

1. ( क्र. 371 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) रायसेन जिले में 1 अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक की अवधि में अतिवृष्टि, बाढ़, तूफान, वर्षा एवं अन्‍य प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को नुकसान हुआ यदि हाँ, तो किस-किस तहसील में                             किन-किन फसलों का नुकसान हुआ? (ख) सर्वे अनुसार किस-किस तहसील में कितने कृषकों की कौन-कौन सी फसलों का नुकसान हुआ तथा कितने कृषकों को कितनी राहत राशि दी गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसीलवार जानकारी  संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है (ख) तहसीलवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

लेखपालों को क्रमोन्नति का लाभ

[राजस्व]

2. ( क्र. 1525 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) राजगढ़ जिले में राजस्व एवं विकासखण्‍ड में पदस्थ लेखपालों को क्रमोन्नति कलेक्टर राजगढ़ द्वारा स्वीकृत की गई है यदि हाँ, तो किन-किन लेखावालों को क्रमोन्नति का लाभ दिया गया है सूची सहित जानकारी उपलब्ध करवायें? (ख) कलेक्टर कार्यालय राजगढ़ में क्रमोन्‍नति और कितने प्रकरण लंबित है लंबित रहने का कारण क्या है उनके क्रमोन्नति का लाभ अभी तक क्यों नहीं दिया गया? उनकी क्रमोन्नति कब तक स्वीकृत की जाएगी? (ग) अभी तक क्रमोन्नति स्वीकृत नहीं करने का कारण व संबंधित शाखा कर्मचारी के विरुद्ध रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करने पर क्या कोई कार्रवाई की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                        (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कलेक्‍टर कार्यालय राजगढ़ में क्रमोन्‍नति के कोई प्रकरण वर्तमान में लंबित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

खाद्यान्न पर्ची के सबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

3. ( क्र. 2132 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा में वर्तमान में कई पात्र हितग्राहियों के खाद्यान्न पर्ची निरस्त कर दी या काटी गई है? क्या कारण रहा पात्र हितग्राहियों का लाभ किस प्रकार मिलेगा क्या शासन स्तर पर इन हितग्राहियों के लिए और कोई कार्य योजना बनाई जा रही है? यदि हाँ, तो क्या यदि नहीं तो पात्र हितग्राहियों को लाभ दिलाने के लिए सरकार क्या कदम उठाएगी?                                                                                                 (ख) वर्तमान में खाद्यान्न पर्ची बनवाने के क्या नियम है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा में पात्र हितग्राहियों की पात्रता पर्ची निरस्त नहीं की गई है। विवाह उपरांत परिवार से पृथक होना, मृत्‍यु, दोहरे होने आदि कारणों से चिन्‍हांकित अपात्र परिवारों की पात्रता अस्‍थाई रूप से स्‍थगित की गई है। स्‍थगित परिवारों द्वारा आवश्‍यक वैध दस्‍तावेजों सहित पुन: आवेदन प्रस्‍तुत करने पर उनकी पात्रता व दस्‍तावेजों का परीक्षण, सत्‍यापन उपरांत हितग्राहियों हेतु पात्रता पर्ची एवं राशन आवंटन जारी कर प्रदाय किए जाने की सुविधा उपलब्‍ध कराई गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत अधिसूचित प्राथमिकता परिवार की श्रेणियों एवं अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना श्रेणी के लाभार्थियों को चिन्‍हांकित कर लाभान्वित किये जाने का प्रावधान है। उक्‍त श्रेणियों में पात्रताधारी परिवार द्वारा ग्राम पंचायत/वार्ड कार्यालय में पात्रता संबंधी आवश्‍यक दस्‍तावेज सहित आवेदन प्रस्‍तुत करने पर दस्‍तावेजों का परीक्षण, सत्‍यापन उपरांत वैध पात्र पाए गए हितग्राहियों हेतु मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची जारी की जाती है।

श्रमिक शेड किश्‍त का भुगतान

[श्रम]

4. ( क्र. 2313 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन श्रमिक शेड का निर्माण कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है क्‍यों? कार्यवार कारण बतायें। (ख) किन-किन श्रमिक शेडो का कार्य द्वितीय किश्‍त प्राप्‍त न होने के कारण अपूर्ण है द्वितीय किश्‍त भुगतान के संबंध में विभाग के क्‍या-क्‍या निर्देश है तथा रायसेन जिले में द्वितीय किश्‍त का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया। (ग) दिनांक 01 जनवरी 2019 प्रश्‍न दिनांक तक माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को श्रमिक शेड स्‍वीकृत करने तथा स्‍वीकृत श्रमिक शेडो में द्वितीय किश्‍त के भुगतान के संबंध में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए? (घ) उक्‍त पत्रों पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को कब-कब अवगत कराया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) फरवरी 2021 की स्थिति में मण्‍डल की ''पं. दीनदयाल उपाध्‍याय निर्माण पीठा श्रमिक आश्रय (शेड) योजना 2013'' अंतर्गत रायसेन जिले में 11 श्रमिक शेडो का निर्माण कार्य अपूर्ण है। कार्यवार सूची कारण सहित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्माणकर्ता एजेंसी द्वारा प्रथम किश्‍त का उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत करने पर द्वितीय किश्‍त दिए जाने का प्रावधान है। स्‍वीकृत समस्‍त 11 निर्माण श्रमिक शेडो में निर्माण एजेन्‍सी द्वारा प्रथम किश्‍त का उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्रस्‍तुत नहीं करने से द्वितीय किश्‍त का भुगतान नहीं किया गया, जिससे निर्माण अपूर्ण है। म.प्र.राजपत्र दिनांक 15.02.2019 द्वारा पूर्व में संचालित शेड योजना को अधिक्रमित करते हुए नवीन योजना ''निर्माण पीठा श्रमिक आश्रय (शेड) योजना 2019'' प्रभावशील है। उक्‍त योजनांतर्गत जिन क्षेत्रों में शेड निर्माण पूर्व योजना के अनुसार स्‍वीकृत तथा प्रथम किश्‍त की राशि जारी उपरांत निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है, उनमें श्रम विभागीय अधिकारी के माध्‍यम से प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर शेष राशि दिए जाने की अनुमति दिये जाने का प्रावधान है। रायसेन जिले में जिन ग्राम पंचायतों द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्‍तुत नहीं किए गए उन्‍हें द्वितीय किश्‍त का भुगतान नहीं हो सका है। (ग) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक माननीय विधायक महोदय द्वारा माननीय मंत्री जी को रायसेन जिले के विकासखण्‍ड सिलवानी में नवीन श्रमिक शेड स्‍वीकृत करने के संबंध में पत्र क्रमांक 160 दिनांक 27-07-2020 प्राप्‍त हुआ है। माननीय विधायक महोदय द्वारा द्वितीय किश्‍त के भुगतान के संबंध में मण्‍डल कार्यालय को कोई पत्र प्राप्‍त नहीं हुआ। (घ) माननीय मंत्री महोदय द्वारा श्रमायुक्‍त म.प्र. इंदौर को पत्र क्रमांक 325 दिनांक 28.08.2020 नवीन श्रमिक शेड की स्‍वीकृति के संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया। श्रमायुक्‍त कार्यालय म.प्र.इंदौर ने सचिव म.प्र.भ.स.क.क. मण्‍डल को पत्र क्र. 1214/अन्‍वे/पांच/2020/33277 दिनांक 09.09.2020 नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया। मण्‍डल कार्यालय द्वारा श्रम पदाधिकारी मण्‍डीदीप को पत्र क्रमांक 5002 दिनांक 18.12.2020 द्वारा ''निर्माण पीठा श्रमिक आश्रय (शेड) योजना 2019'' प्रावधानानुसार कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। श्रम पदाधिकारी कार्यालय मण्‍डीदीप द्वारा अनुवर्ती कार्यवाही करते हुये म.प्र.राजपत्र दिनांक 15.02.2019 के प्रावधान अनुसार भूमि आवंटन हेतु राजस्‍व विभाग से समन्‍वय किया जा रहा है। माननीय विधायक जी को मण्‍डल के पत्र क्र. भसकम/यो./30/2020/5002 दिनांक 18.12.2020 द्वारा कृत कार्यवाही से अवगत कराया गया।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

ग्राम का नाम परिवर्तन

[राजस्व]

5. ( क्र. 2314 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) शहर, ग्राम मजरा-टोला के नाम परिवर्तन के संबंध में शासन के क्‍या-क्‍या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ख) ग्राम के नाम परिवर्तन के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को दिनांक 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उक्‍त पत्रों पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) उक्‍त पत्रों पर की गई कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया गया? (घ) आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त ग्‍वालियर को कलेक्‍टर रायसेन का पत्र क्रमांक 1611, दिनांक 03-10-2020 कब प्राप्‍त हुआ तथा उक्‍त पत्र पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) रायसेन जिले की तहसील सिलवानी के ग्राम चोर पिपलिया का नाम बदलकर राम पिपलिया करने संबंधी माननीय प्रश्‍नकर्ता विधायक का पत्र क्र. 255, दिनांक 30.08.2019 विभाग में दिनांक 05.12.2019 को प्राप्‍त हुआ था जिसके अनुक्रम में कलेक्‍टर रायसेन से प्रतिवेदन चाहा गया है।                                (ग) कार्यवाही अंतरिम होने से अभी अवगत नहीं कराया गया है। (घ) कलेक्टर रायसेन का पत्र क्रमांक 1611, दिनांक 03.10.2020 आयुक्त भू-अभिलेख ग्वालियर को दिनांक 20.10.2020 को प्राप्त हुआ। उक्त पत्र के माध्‍यम से प्रेषित प्रस्ताव शासन के मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुरूप नहीं होने से कार्यालय आयुक्‍त भू-अभिलेख के पत्र दिनांक 23.10.2020 द्वारा, निर्धारित प्रारूप में जानकारी भेजने हेतु कलेक्टर, जिला रायसेन को लेख किया गया है।

सी.एम. हेल्पलाईन में लंबित शिकायतें

[लोक सेवा प्रबन्धन]

6. ( क्र. 2380 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दूरभाष क्रमांक 181 सी.एम. हेल्पलाईन में रायसेन जिले के विभिन्न विभागों की समस्याओं के निराकरण के लिए जनता द्वारा शिकायत की गई यदि हाँ, तो रायसेन जिले में 1 जनवरी, 2020 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्त हुई विभाग बार जानकारी दें?                                             (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त शिकायतों में प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतों का निराकरण एल1, एल2, एल3 एवं एल4 में किया गया? (ग) क्या एल1, एल2 एवं एल3 द्वारा समस्याओं का निराकरण न करने के कारण अधिकांश शिकायतें एल4 पर पहुँच जाती हैं? यदि हाँ, तो इस समस्या के निराकरण हेतु शासन द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में कितनी शिकायतों का (फोर्सली क्लोज) अर्थात शिकायतकर्ता की सहमति के बिना शिकायत को बंद कियाक्यों? शिकायतवार कारण बतायें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। रायसेन ‍जिले में 01 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक (28.02.2021) तक सीएम हेल्‍पलाइन के पोर्टल अनुसार कुल 45924 शिकायतें विभागवार प्राप्‍त हुई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में प्राप्त शिकायतों में प्रश्न दिनांक तक कुल 40771 शिकायतों का निराकरण एल 1, एल 2, एल 3 एवं एल 4 द्वारा किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हां, एल 1, एल 2, एल 3 अधिकारी द्वारा शिकायत का निराकरण करने के उपरांत शिकायतकर्ता के संतुष्‍ट न होने के कारण शिकायतें एल-4 पर पहुंच जाती है। सी.एम. हेल्‍पलाईन 181 के संबंध में विस्‍तृत दिशा-निर्देश पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।                                        (घ) प्रश्नांश (क) की अवधि में 7603 शिकायतों का (फोर्सली क्लोज) अर्थात शिकायतकर्ता की सहमति के बिना शिकायत को बंद किया गया है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं  4 अनुसार है।

गौण खनिज मद से स्‍वीकृत कार्य एवं स्‍वीकृत राशि

[खनिज साधन]

7. ( क्र. 2715 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंडला एवं कटनी जिले में वर्ष 2019-20 में गौण खनिज मद से कौन-कौन से कार्य कहां-कहां पर स्‍वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्‍या? राशि स्‍वीकृत करने के लिए कौन सक्षम है। क्‍या इसके लिए प्रभारी मंत्री का अनुमोदन आवश्‍यक है। यदि हाँ, तो क्‍या अनुमोदन प्राप्‍त किया गया?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नियमों में प्रावधान नहीं होने से विभाग द्वारा गौण खनिज मद से कोई कार्य स्‍वीकृत नहीं किये जाते हैं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नगर पालिका पसान के अंतर्गत शासकीय भूमि पर अवैध कब्‍जा

[राजस्व]

8. ( क्र. 3074 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनूपपुर जिला अन्‍तर्गत नगर पालिका पसान अन्‍तर्गत शासकीय भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्‍जा है? यदि हाँ, तो अवैध कब्‍जाधारियों के नाम, खसरा नंबर सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्‍या म.प्र. विधानसभा तारांकित प्रश्‍न क्र. 1216 दिनांक 19.03.2020 के उत्‍तर में प्रश्‍नांश                                           (ग) एवं (घ) के अवैध कब्‍जाधारियों पर समय-सीमा में अतिक्रमण हटाकर मुख्‍यमंत्री जी के विशेष अभियान व आदेश को सफल करेंगे? (ग) क्‍या वन एवं राजस्‍व विभाग संयुक्‍त अभियान में म.प्र. में सुराज स्‍थापना के लिए पेशेवर अतिक्रमणकारियों पर सख्‍त कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो प्रमाणित व वर्षों से लंबित अतिक्रमण हटाने की तिथि बताएं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी निम्‍नानुसार है:-

कब्जा धारियों के नाम

.नं.

अंश रकबा

विजय/दयाराम अहीर

1284/1

0.032

कयालुदीन/सहादत अली

1219/1

0.032

छबिलाल/सीधे केवट

1248/1

0.040

कमलेश कुमार/विनय प्रजापति

1204/1

0.308

फलमती/सीधे केवट

1248/1

0.016

रुपेशकुमार/रामचंद ठाकुर

39/1

0.040

गंगादीन/सोनई केवट

1277/1

0.020

अनीता/रेवाराम गाडा

1284/1

0.020

मीनाक्षी/राधेश्याम

1248/1

0.020

आंनदराम/सोनई केवट

1277/1

0.202

रोहितदास/कांशी प्रसाद लोधी

1284/1

0.202

इस्फानुल हक/समसुल हक

1248/1

0.320

राममनोहर/चुन्नीलाल सोनकर

1078/1

0.035

दिनेश/दशरथ सिंह

1075

2.405

(ख) जी हाँ। (ग) शासकीय राजस्‍व भूमि पर अवैध अतिक्रमण के मामले में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता, 1959 की धारा 248 के प्रावधानों अंतर्गत सतत कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

 

रेत के जारी परमिट

[खनिज साधन]

9. ( क्र. 3205 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2020 से प्रश्नांकित दिनांक तक मण्डला जिले में किस रेत खदान एवं किस रेत भण्डारण से कितनी रेत के परिवहन की अनुमति किन-किन शर्तों पर किसे प्रदान की गई, अनुमति का आदेश क्रमांक दिनांक सहित बतावें। (ख) उपरोक्त अवधि में किस रेत खदान का संचालन किस दिनांक को किए अनुबन्ध के तहत किसके द्वारा किया जा रहा था, अनुबन्धकर्ता को किस स्थान पर कितने रेत के भण्डारण की अनुमति दी गई थी। (ग) उपरोक्त अवधि में किन कार्यों के लिए रेत के परिवहन की अनुमति दिए जाने के संबंध में किस दिनांक को शासन ने क्या-क्या निर्देश जारी किए, किस निर्देश के तहत रेत के अनुज्ञा किस अधिकारी के द्वारा जारी की गई।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख)  जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) प्रश्‍नांश अवधि में रेत खनिज के भण्‍डारण के निवर्तन के संबंध में म.प्र. शासन के परिपत्र क्रमांक 1950 भोपाल दिनांक 26.05.2020 के तहत् निर्देश के पालन में जिला कलेक्‍टर द्वारा जारी किया गया है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

नजूल की शासकीय भूमि का सीमांकन

[राजस्व]

10. ( क्र. 3206 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्न संख्या 31, प्रश्न 484, दिनांक 19.12.2019 के भाग (ग) में नजूल की शासकीय भूमि 214.109 हेक्टेयर रकबे की जानकारी से अवगत कराया गया था? किस-किस पटवारी हल्के में किन-किन सर्वे नम्बर पर कितने-कितने हेक्टेयर भूमि है अवगत करावे तथा क्‍या उक्‍त भूमि का सीमांकन कर पंजी में इन्द्राज कर आरक्षित कर दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार नजूल की शासकीय भूमि के पट्टा आवंटित किये जाने पर कितनी आय शासन को प्राप्त हुई है? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सक्षम अधिकारी द्वारा शासकीय नजूल की रिक्त भूमि का सीमांकन कर यदि अवैध अतिक्रमण है तो उनको पृथक करने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? अवगत करावें। यदि नहीं तो क्यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँl जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। नजूल भूमि हेतु सीमांकन पंजी नामक पंजी संधारित किये जाने के प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) नगरीय क्षेत्र सांरगपुर, संडावता व नगर पचोर में आवंटित किये गये पट्टों से शासन को कुल आय रूपये 2,80,909/- ( दो लाख अस्सी हजार नौ सौ नौ रूपये) प्राप्त हुई। (ग) अतिक्रमण की जानकारी संज्ञान में आने पर मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता की धारा 248 के प्रावधानों के अनुसार सतत् कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

 

शासकीय भूमियों को लीज पर देना

[राजस्व]

11. ( क्र. 3223 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) सिंगरौली जिलों में शासकीय भूमियों पर वृक्षारोपण कराये जाने बावत् शासन के क्या निर्देश है? क्या इन आराजियों को किसी किसान को लीज पर दिये जाने बावत् नीति व निर्देश जारी किये गये हैं? अगर नहीं तो क्या इस बावत् आदेश जारी करेंगे कि शासकीय भूमियों पर वृक्षारोपण किये जाने बावत् निश्चित अवधि के लिये भूमियों को लीज पर किसानों को दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जो शासकीय भूमियां अनुपयोगी हैं जिन पर पूर्व से भी जंगल हैं उन भूमियों को किसानों को देकर शासन की मंशा अनुसार वृक्षारोपण के कार्य कराने के साथ वृक्षों के देखरेख व सुरक्षा हेतु शासकीय अनुदान के प्रावधान क्या निहित करेंगे बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शासन से सिंगरौली जिले के लिए पृथक से कोई निर्देश नहीं है। धारा 239 मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 के तहत दखल रहित भूमियों पर वृक्ष लगाये जाने की अनुज्ञा के प्रावधान पूर्व में थे। वर्तमान भू-राजस्‍व संहिता (संशोधन) अधिनियम 2018 द्वारा प्रावधान को समाप्‍त कर दिया गया हैं। वर्तमान में किसानों को उक्‍त प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि लीज पर दिये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। जी नहीं। (ख) राजस्‍व विभाग अंतर्गत शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण करने हेतु किसानों को शासकीय अनुदान देने की कोई योजना नहीं है।

आपराधिक प्रकरण दर्ज करना

[राजस्व]

12. ( क्र. 3227 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) क्‍या तहसील सरई के ग्राम पिड़रवाह में स्थित आराजी खसरा क्र. 366 रकवा 2.02 के भूमि स्वामी श्री राधेश्‍याम साहू वर्ष 1975 से काबिज दाखिल होकर भूमि स्‍वामित्‍व के रूप में काबिज थे? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो वर्ष 2015 में राजस्‍व अधिकारियों व पटवारी की मिली भगत से प्रश्नांश (क) की आराजी की भूमि स्‍वामी देवेन्‍द्र पाठक पिता श्री शंकराचार्य पाठक निवासी ग्राम बंधा को अभिलेखों में हेराफेरी कर बना दिया जबकि उक्‍त आराजी के भूमि स्वामी श्री राधेश्‍याम साहू वास्‍तविक रूप से है, राजस्‍व अभिलेखों में हेराफेरी करने वाले राजस्‍व अधिकारी व पटवारी का नाम व पद सहित जानकारी देते हुये बतावें कि इन पर क्‍या कूट रचित दस्‍तावेज तैयार करने का दोषी मानते हुये आपराधिक प्रकरण दर्ज करावेंगे? तो कब तक बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के श्री देवेन्‍द्र पाठक राजस्‍व अभिलेखों में हेराफेरी करवाकर अपना नाम राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज कराने के बाद कोल माईन्‍स टी.एच.डी.सी. के द्वारा प्रश्नांश (क) की आराजी का मुआवजा भी प्राप्‍त कर लिया जिस पर क्‍या कार्यवाही करेंगे बतावें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के आधार पर अभिलेखों में हेराफेरी करने वाले राजस्‍व अभिलेखों में श्री पाठक का नाम दर्ज करने व करवाने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुये मुआवजे की प्राप्‍त राशि श्री देवेन्‍द्र पाठक से श्री राधेश्‍याम साहू को दिलाने बावत् निर्देश जारी करेंगे अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में लागू नहीं होता। (ग) श्री देवेन्‍द्र पाठक के नाम प्रश्नांश (क) की आराजी नम्‍बर 366 रकवा 2.02 हे. के राजस्‍व/अभिलेखों में दर्ज न होने से कोई मुआवजा राशि नहीं दी गई। अत: शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

गृह निर्माण समितियों की जाँच

[सहकारिता]

13. ( क्र. 3505 ) श्री विशाल जगदीश पटेल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल की मंदाकिनी, गौरव, गुलाबी, महाकाली, हेमा, लाला लाजपत राय एवं न्यू मित्र मंडल गृह निर्माण समितियों में हुई गड़बड़ियों की जाँच के लिए कलेक्टर भोपाल द्वारा जाँच के लिए सहकारिता विभाग को निर्देश दिए गए हैंl (ख) यदि हाँ, तो क्या निर्धारित समयावधि में जाँच करके रिपोर्ट भेज दी गई है? (ग) यदि जाँच नहीं की गई तो इसका क्या कारण है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) कलेक्टर जिला भोपाल के जाँच आदेश पर जाँच की कार्यवाही पूर्ण होने के पहले ही माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर की डब्ल्यू.पी.705/2021 में पारित आदेश दिनांक 01.02.21 द्वारा जाँच पर स्‍थगन आदेश जारी होने से जाँच पूर्ण नहीं की जा सकी।

सहकारी समितियों के कर्मचारी

[सहकारिता]

14. ( क्र. 3514 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) क्या सहकारी समितियों के प्रभारी प्रबंधक सहायक प्रबंधक विक्रेता और लेखापाल लिपिक कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर भृत्‍य चौकीदार को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जा सकता है, यदि हाँ, तो कब तक देंगे यदि नहीं तो क्या कारण है? (ख) क्या उक्त कर्मचारियों को वेतन भत्ता बीमा एवं अन्य सुविधाओं का लाभ दिया जा सकता है, यदि हाँ, तो कब तक आदेश पारित किए जाएंगे यदि नहीं तो क्यों? (ग) राजगढ़ जिले में प्रशासन द्वारा सहकारी समितियों के कर्मचारियों पर कितने मामले दर्ज है, जानकारी उपलब्ध करावें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। क्योंकि सहकारी समिति स्वायत्त इकाई है। जिनके कर्मचारी शासन के कर्मचारी नहीं होते है। (ख) सहकारी समितियों के कर्मचारियों के वेतन भत्ते एवं अन्य सुवधाओं का लाभ उनके सेवा-नियम के अनुसार तथा सहकारी समितियों की आर्थिक सक्षमता के आधार पर दिये जाते है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्‍ट अनुसार है।

पुनर्वास अनुदान सहायता राशि स्वीकृत करना

[राजस्व]

15. ( क्र. 3679 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                              (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में कुण्डालिया वृहद परियोजनान्तर्गत योजना प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक पुनर्वास अनुदान सहायता हेतु किन-किन गांवों में प्लाट के बदले नगद राशि का भुगतान किया गया? ग्रामवार, हितग्राही का नाम एवं राशि की जानकारी से अवगत करावें? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार कुण्‍डालिया वृहद परियोजनान्‍तर्गत डूब क्षेत्र के गावों में धारा 11 के प्रकाशन होने के कारण मतदाता सूची में नवीन नाम जोड़ने पर रोक लगा दी गई थी? इसके पश्‍चात भी डूब क्षेत्र के गांवों में मतदाता सूची नवीन नाम जोड़े गये नामों में से किन-किन हितग्राहियों को प्‍लाट के बदले पुनर्वास अनुदान सहायता राशि स्‍वीकृत कर राशि का भुगतान किया गया? ग्रामवार हितग्राही के नाम की जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार कुण्डालिया वृहद परियोजनान्तर्गत डूब क्षेत्र के गांवों में धारा 11 के प्रकाशन होने के कारण मतदाता सूची में नवीन नाम जोड़ने पर रोक लगा दी गई थी? इसके पश्चात् भी डूब क्षेत्र के गांवों में मतदाता सूची में नवीन नाम जोड़े गये तथा नवीन जोड़े गये नामों में से किन-किन हितग्राहियों को प्लाट के बदले पुनर्वास अनुदान सहायता राशि स्वीकृत कर राशि का भुगतान किया गया? ग्रामवार हितग्राही के नाम की जानकारी देवें? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार नियम विरुद्ध स्वीकृत करने वाले सक्षम अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में कुण्डालिया वृहद परियोजना अंतर्गत, योजना प्रारम्भ होने से प्रश्न दिनांक तक जिन ग्रामों में प्‍लॉट के बदले नगद राशि का भुगतान किया गया है, उनके नाम हैं- टोलीघाटा, कडलावद, खेरखेडी, कालापीपल, तीतरी एवं श्यामगीघाटा। ग्रामवार हितग्राही का नाम, मतदाता सूची क्रमांक एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कुण्डालिया वृहद परियोजनान्तर्गत डूब क्षेत्र के ग्रामों में धारा 11 के प्रकाशन होने के कारण मतदाता सूची में नवीन नाम जोड़ने पर रोक लगाने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया। धारा 11 के प्रकाशन पश्चात डूब क्षेत्र के ग्रामों में मतदाता सूची में कुल 351 नवीन नाम जोड़े गए हैं जिनकी ग्रामवार नामवार एवं प्लाट के बदले पुनर्वास अनुदान सहायता राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जानकारी उत्‍तरांश (ख) अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर के परि‍प्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

रिक्‍त सदस्‍यों के पद की पूर्ति

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

16. ( क्र. 3807 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग तथा प्रदेश के जिला उपभोक्‍ता फोरम में सदस्‍यों के पद रिक्‍त है। इन रिक्‍त पदों को कब तक भरा जाएगा? (ख) राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग तथा जिला उपभोक्‍ता फोरम में पद रिक्‍त होने पर प्रकरणों की सुनवाई नहीं हो पा रही है तथा निर्णय होने में काफी विलम्‍ब क्‍यों हो रहा है? (ग) म.प्र. राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग तथा जिला उपभोक्‍ता फोरम में सदस्‍यों की नियुक्ति कब तक की जाएगी? (घ) हाँ तो कब तक? नहीं तो क्‍यों नहीं?

 खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ आंशिक रूप से। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी हाँ आंशिक रूप से। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

धान का उपार्जन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

17. ( क्र. 3824 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) प्रदेश में समर्थन मूल्‍य पर कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का धान का उपार्जन किया गया है? लक्ष्‍य पूर्ति बतलावें। वर्ष 2018-19 से 2020-21 तक की जिलावार जानकारी दें।                                                (ख) प्रश्‍नांकित किन-किन जिलों में कितनी-कितनी मात्रा में उपार्जन एवं भण्‍डारित धान किस कारण से खराब, सड़गल गया एवं नष्‍ट हुआ है? कितनी मात्रा में चोरी हुआ है? इससे शासन को कितनी राशि की आर्थिक क्षति हुई है? शासन ने इसके लिये दोषी अधिकारियों पर कब क्‍या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्‍नांकित किन-किन जिलों में कितनी-कितनी मात्रा में धान की मिलिंग कराई है। जाँच में कहां-कहां पर कितनी-कितनी मात्रा में चावल घटिया, अमानक स्‍तर का पाया गया है एवं कितनी-कितनी मात्रा में रिजेक्‍ट किया गया है? मिलर्स को कितनी-कितनी मात्रा में कितनी राशि का घटिया, रिजेक्‍ट चावल वापिस किया गया है? (घ) कटनी एवं बालाघाट जिले में कब से कौन-कौन खाद्य गुणवत्‍ता नियंत्रक के पद पर पदस्‍थ ने कब-कब, कहां-कहां पर धान व चावल के नमूनों की जाँच की है? जाँच में कहां-कहां के कितने-कितने नमूने घटिया व अमानक पाये हैं एवं कितनी-कितनी मात्रा में चावल को रिजेक्‍ट किया गया है? रिजेक्‍ट, घटिया व अमानक चावल का क्‍या उपयोग किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कुशल-अकुशल श्रमिकों की जानकारी

[श्रम]

18. ( क्र. 3988 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत संभावित बाक्‍साइड, खदानों के क्रेशरों तथा अन्‍य व्‍यवसायिक संस्‍थाओं में जनवरी 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने कुशल-अकुशल श्रमिक किन-किन संस्‍थाओं में कार्यरत है (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित श्रमिकों को क्‍या-क्‍या सुविधाएं देने का प्रावधान हैं इसके लिये श्रम विभाग द्वारा कौन-कौन से नियम प्रचलन में है। क्‍या उल्‍लेखित संस्‍थानों के प्रबंधकों द्वारा श्रमिकों को प्राप्‍त मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखे जाने की शिकायतें प्राप्‍त हुई है। शिकायतों का विवरण उपलब्‍ध कराते हुये बताएं कि विभाग द्वारा उन शिकायतों का निराकण कब तक किया जायेगा। (ग) जिला अनूपपुर में कार्यरत संस्‍थाओं में जनवरी 2017 में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी श्रमिकों संबंधी शिकायतें प्राप्‍त हुई, शिकायतों के निराकण हेतु कब-कब अधिकारियों द्वारा संस्‍थाओं के दौरे किये गये तथा क्‍या-क्‍या निर्देश जारी किये गये? क्‍या विभाग श्रमिकों को हो रही परेशानी के संबंध में जाँच संबंधी जिला स्‍तरीय समिति गठित करके श्रमिकों को हो रही परेशानी से मुक्‍त करने हेतु प्रयास करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? जिन फैक्‍ट्री प्रबंधकों द्वारा शासन के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा उनके खिलाफ क्‍या विभाग कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित खदानों के क्रशरों, स्‍टोन क्रशरों एवं अन्‍य व्‍यवसायिक संस्‍थानों में कार्यरत कुशल, अकुशल श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) क्षेत्र के बॉक्‍साइड खदानों में खान अधिनिमय 1952 की सेवा शर्तें प्रभावी की गई है। इनमें श्रम कानूनों का प्रवर्तन केन्‍द्रीय शासन के श्रम विभाग के अंतर्गत आता है। अन्‍य संस्‍थानों में नियोजित श्रमिकों को श्रम कानूनों के अंतर्गत न्‍यूनतम वेतन, बोनस, अवकाश, ग्रेच्‍यूटी, मातृत्‍व हितलाभ आदि सुविधायें नियमानुसार एवं पात्रतानुसार दिए जाने का प्रावधान है। प्राप्‍त शिकायतों एवं उनके निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिला अनूपपुर में संचालित संस्‍थाओं में जनवरी 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक श्रमिकों से प्राप्‍त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत पंजीकृत कारखानों के श्रमिकों से प्राप्‍त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। श्रमिकों की समस्‍याओं के लिए जिला अनूपपुर में श्रम पदाधिकारी कार्यालय स्‍थापित है जहां श्रमिकों की समस्‍याओं का नियमानुसार निराकरण अधिकारियों द्वारा किया जाता है। जिन कारखाना प्रबंधकों एवं अन्‍य संस्‍थानों द्वारा श्रम कानूनों का पालन नहीं किया जाना पाया जाता है, उनके विरूद्ध श्रम कानूनों के तहत नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही की जाती है

उद्योग से संबंधित क्रय की गई भूमि

[राजस्व]

19. ( क्र. 4057 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) क्‍या राजगढ़ जिले में मेसर्स अल्‍पाईन पॉवर सिस्‍टम लिमिटेड कम्‍पनी के नाम से कृषि भूमि क्रय की गई है? (ख) यदि हाँ, तो किस प्रयोजन या उद्देश्‍य से क्रय की गई है? क्‍या उक्‍त भूमि का कृ‍षि से हटकर किसी अन्‍य कार्य हेतु डायवर्सन हुआ है, हाँ तो किस कार्य हेतु?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में कृषि भूमि क्रय की गई है। उक्त भूमि का कृषि से हटकर किसी अन्य कार्य हेतु डायवर्सन नहीं कराया गया है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटरों के सम्बन्ध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

20. ( क्र. 4110 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) राजगढ़ जिले में एंड टू एंड योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 से कितने-कितने ऑपरेटर आउटसोर्स से रखे गए हैं नाम व सूची उपलब्ध करावें? (ख) साथ ही ऑपरेटरों को वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना मानदेय का भुगतान किया गया है इनवॉइस की प्रति उपलब्ध कराएं (ग) राजगढ़ जिले में वर्ष 2018-19 में कार्यरत कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटरों का मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है यह भी बताएं कि ऑपरेटरों को कब तक भुगतान कर दिया जाएगा? समय-सीमा बतावें? (घ) यदि समय-सीमा से भुगतान नहीं किया जाता है तो इसके लिए कौन अधिकारी कर्मचारी जवाबदार है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

सीमांकन-बटवारा व नक्‍शा तरमीम में लापरवाही

[राजस्व]

21. ( क्र. 4246 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) जैतहरी तहसील में पदस्‍थ तहसीलदार अनूपपुर जिले में कब से पदस्‍थ हैं? पूर्व में भी अनूपपुर जिले में कहां-कहां पदस्‍थ रहे हैं स्‍पष्‍ट करें। (ख) लोक सेवा केन्‍द्र जैतहरी द्वारा 2019 से फरवरी-2021 तक जैतहरी तहसील की सेवा में रजिस्‍ट्री, नामांतरण, फौती नामांतरण के कितने आवेदन प्राप्‍त हुए तथा कितने खारिज किये गये, प्रकरणों की जानकारी से अवगत करायें तथा नक्‍शा तरमीम एवं सीमांकन के प्रकरण में राजस्‍व निरीक्षकों द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदन या प्रस्‍ताव की पुष्टि होना शेष है जानकारी दें। (ग) क्‍या शासन द्वारा नक्‍शा तरमीम, सीमांकन एवं नामांतरण के निराकरण की कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो जैतहरी में लंबित प्रकरणों की जानकारी देते हुये तहसीलदार पर लापरवाही नियत की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों नहीं? (घ) क्‍या प्रश्नांश (ख) एवं (ग) में की गई लापरवाही में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों नहीं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जैतहरी तहसील में पदस्थ तहसीलदार अनूपपुर जिले में दिनांक 30/05/2017 से पदस्थ हैं। पूर्व में अनूपपुर जिले के तहसील अनूपपुर, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ थे। (ख) वर्ष 2019 से फरवरी-2021 तक तहसील जैतहरी में कुल रजिस्ट्री नामांतरण 508, फौती नामान्तरण के 624 तथा सीमांकन के 398 एवं नक्शा तर्मीम के 239 प्रकरण प्राप्त हुए। जिसमें से रजिस्ट्री नामान्तरण 478, फौती नामांतरण 557, सीमांकन 394 एवं नक्शा तर्मीम 207 प्रकरण में आदेश पारित किया गया है। रजिस्ट्री नामान्तरण 30, फौती नामान्तरण 67, सीमांकन 04 एवं नक्शा तर्मीम के 32 प्रकरण निराकरण हेतु शेष हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हाँ। रजिस्ट्री नामान्तरण 30, फौती नामांतरण 67, सीमांकन 04 एवं नक्शा तर्मीम के 32। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के उत्‍तर के अनुक्रम में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तीस"

खनिज उत्‍खनन से नदियों पर दुष्‍प्रभाव के संबंध में

[खनिज साधन]

22. ( क्र. 4251 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितनी नदियों पर शासन के द्वारा उन्‍नयन की अनुमति/पट्टा प्रदान किया गया है एवं विभाग द्वारा नियमों के अनुरूप कितनी नदियों पर नदी पर्यावरण सुरक्षित रखते हुये किन शर्तों के अधीन खनिज उत्‍खनन की अनुमति दी है? अधिरोपित शर्तों की जानकारी देवें। (ख) विभाग द्वारा वर्ष में कितनी बार जल की शुद्धता, जल जीवों की प्रजातियों एवं वनस्‍पतियों पर उत्‍खनन के फलस्‍वरूप पड़ने वाले दुष्‍प्रभावों का अध्‍ययन करवाया जाता है? (ग) क्‍या नदियों से अत्‍याधिक खनिज उत्‍खनन के कारण जलजीव मछली, घडि़याल, सीप, शंख, घोंघा जैसी कई प्रजातियां विलुप्‍त हो चुकी हैं या विलुप्‍त होने की कगार पर हैं? क्‍या यह ऐसी कोई विस्‍तृत रिपोर्ट विभाग ने तैयार करवाई है? (घ) क्‍या विभाग को लगता है कि नदियों के पर्यावरण के संरक्षण के लिये कुछ वर्षों तक खनन पर रोक लगनी चाहिये?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भण्‍डारण एवं व्‍यापार) नियम 2019 के अंतर्गत प्रदेश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में उल्‍लेखित नदियों के समीप रेत खनिज के ठेके दिये गये हैं। जिन खदानों में पर्यावरण एवं प्रदूषण संबंधी सम्‍मति प्राप्‍त है, उन खदानों में रेत खनन का कार्य संचालित है। पर्यावरण अनुमति भारत सरकार वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 14 सितम्‍बर 2006 में विहित शर्तों के अधीन राज्‍य पर्यावरण समाघात आंकलन प्राधिकरण द्वारा जारी अनुमति में वि‍हित शर्तों के अनुसार खनिज उत्‍खनन की अनुमति दी जाती है। संदर्भित भारत सरकार की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना है। (ख) खनिज साधन विभाग द्वारा प्रश्‍नानुसार अध्‍ययन नहीं कराया जाता है। (ग) विभाग द्वारा स्‍वीकृत रेत खदानों में उत्‍खनन पर्यावरण अनुमति में दी गई उत्‍खनन मात्रा के अनुरूप किया जाता है। प्रश्‍नानुसार उल्‍लेखित जीव जन्‍तुओं के विलुप्‍त होने के संबंध में जानकारी प्रकाश में नहीं आई है। विभाग द्वारा प्रश्‍न में उल्‍लेखित कोई रिपोर्ट तैयार नहीं कराई गई है। (घ) रेत खनिज का उत्‍खनन पर्यावरण अनुमति प्राप्‍त होने के पश्‍चात किया जाता है। अत: खनन पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्‍ताव नहीं है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया जाना

[राजस्व]

23. ( क्र. 4310 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                 (क) क्या स्टेट हाइवे क्रमांक 14 ग्राम मेहलुआ तहसील कुरवाई जिला विदिशा की करोड़ों रूपये की शासकीय भूमि सर्वे नं. 373/1 रकबा 0.627 हेक्टेयर पर भू-माफियाओं द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर लिया है? यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारियों के नाम पता सहित बताएं। (ख) यदि हाँ, तो क्या राजस्व अधिकारियों द्वारा भू-माफियाओं से सांठगांठ कर करोड़ों रूपये मूल्य की शासकीय भूमि हड़पने हेतु भू-माफिया को संरक्षण दिया जा रहा है? (ग) यदि नहीं तो अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? अतिक्रमण कब तक हटा दिया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तर (क) के अनुक्रम में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

शासन की योजनाओं से मिलने वाले लाभ

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

24. ( क्र. 4487 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन द्वारा मत्‍याखेट (मतस्‍याखेट) करने वाले एवं मछली पालन को आजीविका का माध्‍यम बनाने वाले समाज के कल्‍याण हेतु कौन-कौन सी योजनाएं चालाई जा रही है? जानकारी प्रदाय करें। (ख) देवास जिले के अंतर्गत कितनी मछुआरा समितियां पंजीकृत की गई है। इन्‍हें शासन के द्वारा क्‍या-क्‍या सुविधाएं प्रदान की गई है क्‍या विभाग द्वारा प्रत्‍येक मछुआरे का परिचय पत्र बनाया गया है? (ग) कन्‍नौद, खातेगांव सत्‍वास क्षेत्र में मछुआरों को मत्‍स्‍याखेट के लिये क्‍या-क्‍या जाल, नांव आदि सामग्री प्रदान की गई है एवं वर्ष 2013 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितने परिवार/ हितग्राहियों को विभाग की योजनाओं अनुसार प्रसूती सहायता/छात्रवृत्ति, विवाह सहायता, मृत्‍यु उपरांत सहायता एवं घायल होने पर सहायता प्रदान की गई केवल स्‍थान/संख्‍या राशि बतायें। (घ) क्‍या मछुआरा समितियों में निर्वाचन की प्रक्रिया तहसील स्‍तर/जिला स्‍तर पर होती है यदि हां, तो कब निर्वाचन कराया जाता है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रत्‍येक मछुआरे का परिचय पत्र नहीं बनाया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) प्राथमिक मत्‍स्‍य सहकारी संस्‍थाओं के निर्वाचन संस्‍था स्‍तर पर सम्‍पन्‍न होते है एवं संस्‍था के उप‍विधि अनुसार प्रबंध समिति का कार्यकाल 05 वर्ष का होता है एवं कार्यकाल समाप्ति पर निर्वाचन कराया जाता है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

रेत से संबंधित छूट

[खनिज साधन]

25. ( क्र. 4509 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राजपत्र में दिनांक 30 अगस्त, 2019 को प्रकाशित रेत नियम के नियम 4 के किस उप नियम में क्या-क्या छूट दी गई है। (ख) नियम 4 में दी गई छूट के अनुसार बैतूल जिले की ग्राम पंचायतों को प्रश्नांकित दिनांक तक भी रेत खनन, परिवहन की अनुमति नहीं दिए जाने, ग्राम के गरीबों के लिए खदानों का सीमांकन नहीं किए जाने का क्या-क्या कारण रहा है।                 (ग) जिला पंचायत बैतूल एवं जनपद पंचायतों के नियम 4 के अनुसार रेत से संबंधित खनन एवं परिवहन की अनुमति दिए जाने, रेत खदानों का सीमांकन किए जाने के संबंध में क्या कार्यवाही की है यदि नहीं की तो कब तक की जावेगी बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्‍यापार) नियम, 2019 अधिसूचित हैं। (ख) नियम 4 अनुसार ग्राम पंचायतों को रेत के खनन परिवहन की अनुमति दिये जाने के कोई प्रावधान नहीं हैं। शेष प्रश्‍न के संबंध में भी नियम में कोई प्रावधान नहीं है। (ग) नियम 4 अनुसार जिला पंचायत/जनपद पंचायत को रेत के खनन/परिवहन की अनुमति दिये जाने के नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

योजनाओं का क्रियान्वन और बाजार स्थल का निर्माण

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

26. ( क्र. 4581 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा हितग्राही मूलक कौन-कौन सी योजनाओं का वर्तमान में कब से किन-किन प्रक्रियाओं के अध्यधीन संचालन किया जा रहा हैं और क्या इनमें मछली विक्रेताओं, मछुआ कृषकों, छोटी सहकारी समितियों की योजनायें और जलाशय के आसपास के क्षेत्र के व्यक्तियों/ समितियों को प्राथमिकता देने के प्रावधान भी हैं? यदि हाँ, तो विवरण दीजिये? नहीं तो क्यों? क्या शासन/विभाग इस विषय पर कोई नीतिगत निर्णय करेगा? (ख) कटनी-जिले में किन-किन शासकीय विभागों के कौन-कौन से जलाशयों/तालाबों में किन-किन सहकारी समितियों द्वारा मछली पालन का कार्य किया जा रहा हैं? इन समितियों को किन निर्देशों के तहत कब से कब तक मछली पालन का कार्य आवंटित किए गए हैं? (ग) कटनी-जिले में विगत-03 वर्षों से कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं संचालित रही? कितने हितग्राहियों को किन योजनाओं का किस प्रकार लाभ दिया गया? सामान्य प्रशासन विभाग, म.प्र.शासन के निर्देशानुसार विभागीय योजनाओं और कार्यों का तृतीय पक्ष से परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो क्या परिणाम रहे? नहीं तो क्यों? (घ) कटनी नगर में किन-किन स्थानों पर सामूहिक तौर पर मछली विक्रय की जाती हैं और क्या इन मछली विक्रेताओं को सुविधायुक्त मछली बाजार/मार्केट उपलब्ध करने की कोई योजना प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो क्या? विवरण दीजिये, नहीं तो क्यों और क्या कटनी नगर में मछली विक्रय हेतु बाजार/मार्केट उपलब्ध कराया जायेगा? हाँ, तो किस प्रकार और कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।                                    (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। विभागीय योजनाओं में तृतीय पक्ष से परीक्षण कराये जाने का प्रावधान नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-च अनुसार है।

उचित मूल्य दुकानों से वितरित सामग्री/अनाज का परीक्षण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

27. ( क्र. 4582 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राशन दुकानों से वर्तमान में हितग्राहियों को क्या-क्या खाद्यान्‍न/सामग्री प्रदाय की जा रही हैं और पी.डी.एस. अनाज/सामग्री के भंडार गृहों/ओपन-कैपो से उठाव के पूर्व जांच/परीक्षण के क्या शासनादेश एवं विभागीय निर्देश वर्तमान में लागू हैं? (ख) प्रश्नांश (क) पी.डी.एस. सामग्री परीक्षण और सामग्री को वितरण हेतु प्रदाय करने की जिम्‍मेदारी किस अधिकारी कर्मचारी की होती हैं और किस प्रक्रिया से वितरण हेतु प्रदाय किए जाने वाले अनाजों का मानकानुरूप/गुणवत्तापूर्ण होने अथवा ना होने की जानकारी दी जाती हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) क्या कटनी जिले में इन नियमों/निर्देशों का पालन किया जा रहा हैं और जनवरी 2021 से पी.डी.एस. सामग्री/अनाज के वितरण के पूर्व सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जाँच की गयी हैं? हाँ, तो विवरण दीजिये? नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) कटनी जिले में जनवरी 2021 से किसकिस कार्यालय/विभाग एवं नाम/पदनाम के अधिकारी/कर्मचारी द्वारा वितरित होने वाली पी.डी.एस. सामग्री/अनाज की गुणवत्ता/मानकानुरूप होने का कब-कब परीक्षण किया गया और क्या परीक्षण प्रतिवेदन/संतुष्टि प्रमाण पत्र सामग्री उठाववार दिये गए? (ड.) क्या प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना में अमानक चावल वितरण के प्रकरण विभाग को ज्ञात हुये हैं? हाँ, तो किस प्रकरण में क्या कार्यवाही की गयी? प्रकरणवार बताइये कि यह अमानक चावल किस प्रकार एवं क्यों जमा एवं भंडारित हो गया एवं इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं? क्या इसकी भी जाँच की गयी? यदि हाँ, तो क्या और किस प्रकार? नहीं तो क्यों? कारण बताइये?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उचित मूल्‍य की दुकान से वर्तमान में पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न, शक्‍कर, नमक एवं केरोसीन का प्रदाय किया जा रहा है। प्रदेश के 30 जिलों में ज्‍वार/ बाजरा का वितरण भी कराया जा रहा है। पी.डी.एस. अनाज/सामग्री के भंडार गृह/ओपन कैप से उठाव के पूर्व वितरण एजेंसी द्वारा परीक्षण करवाया जाता है। गुणवत्‍ता परीक्षण के संबंध में जारी निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट में उल्‍लेखित अधिकारी/कर्मचारी की जिम्‍मेदारी होती है। प्रदाय हेतु स्‍टैक के परीक्षण उपरांत राशन सामग्री उचित मूल्‍य दुकानों को प्रदाय की जाती है। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में जाँच नहीं की गई है। इस संबंध में जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त कर नियमानुसार आवश्‍यक कार्यवाही की जायेगी। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्‍तर अनुसार। (ड.) जी नहीं। प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना में अमानक चावल वितरण के प्रकरण प्रतिवेदित नहीं किये गये हैं। कटनी जिले में अमानक चावल वितरण के प्रकरण प्राप्‍त नहीं हुये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अतिक्रमण संबंधी जानकारी

[राजस्व]

28. ( क्र. 4730 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) क्‍या मौजा नूराबाद तहसील बानमौर (मुरैना) की शासकीय भूमि सर्वे क्र 1928, 1929, 1930, 1931 पर कुछ दबंगो द्वारा अतिक्रमण किया गया, फरवरी 2021 में भू‍मि की क्‍या स्थिति है?                    (ख) क्‍या उक्‍त शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत 2018 में प्राप्‍त हुई थी, उस पर राजस्‍व अधिकारियों द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई, तथ्‍यों सहित कार्यवाही की जानकारी जनवरी 2021 तक की दी जावे। (ग) क्‍या अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ ठोस दण्‍डात्‍मक कार्यवाही नहीं होने से बार-बार अतिक्रमण कर लिया जाता है, क्‍या वर्ष जनवरी 2021 में भी उक्‍त अतिक्रमण की शिकायत की गई है, उस पर क्‍या कार्यवाही हुई? पूर्ण जानकारी दी जावे।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मौजा नूराबाद तहसील बामौर (मुरैना) की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1928, 1929, 1930 एवं 1931 पर सरसों की फसल बोकर अतिक्रमण किया गया था, जिस पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर संबंधित अतिक्रामकों पर अर्थदण्ड अधिरोपित कर बेदखली की कार्यवाही की गई है। (ख) वर्ष 2018 में उक्त शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिस पर प्रकरण पंजीबद्ध कर अर्थदण्ड अधिरोपित कर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था। (ग) मौजा नूराबाद तहसील बामौर (मुरैना) की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 1928, 1929, 1930 एवं 1931 पर सरसों की फसल बोकर अतिक्रमण किया गया था, जिस पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर संबंधित अतिक्रामकों पर अर्थदण्ड अधिरोपित कर बेदखली की कार्यवाही की गई है तथा सरसों की फसल नष्ट कर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया।

मर्जर भूमि के संबंध में

[राजस्व]

29. ( क्र. 4741 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) मध्‍य प्रदेश शासन राजस्‍व विभाग ने पत्र क्रमांक 6-77/07/नजूल/2016 भोपाल दिनांक 12/04/2016 द्वारा कलेक्‍टर भोपाल को मर्जर भावित भूमि के संबंध में पत्र जारी किया गया था यदि हाँ, तो पत्र की प्रति दी जायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जारी पत्र पर कलेक्‍टर भोपाल ने क्‍या कार्यवाही की है कलेक्‍टर द्वारा किस-किस अधिकारी को कार्यवाही हेतु निर्देश जारी किये गये का विवरण देवें। (ग) मर्जर प्रभावित बोरवन लाउखेड़ी और हलालपुरा में कौन-कौन की सम्‍पत्ति शत्रु सम्‍पत्ति के दायरे में आती है शत्रु सम्‍पत्ति के मुम्‍बई कार्यालय में सम्‍पत्ति से संबंधित भेजी गई सूची की प्रति देवें। (घ) बोरवन, लाउखेड़ी और हलालपुरा में मर्जर प्रभावित जमीनों में नजूल अधिकारी और तहसीलदारों ने कितने नामांतरण अब तक किये गये है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित नस्‍ती की विषयवस्‍तु मर्जर भूमि से संबंधित नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्‍तंराश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) मर्जर प्रभावित बोरवन लाउखेड़ी और हलालपुरा में शत्रु सम्‍पत्ति नहीं है। अत: जानकारी निरंक है। शेष प्रश्‍न की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) भोपाल में मर्जर प्रभावित जमीनों में नजूल अधिकारी और तहसीलदारों द्वारा 03 ग्रामों में 149 नामांतरण अब तक किये गये है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

मत्‍स्‍य शिकार पर रोक लगाना

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

30. ( क्र. 4742 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल जिले के कलिया सोत डेम में नेशनल ग्रीन ट्रीबनल कोर्ट के आदेश के विपरीत बाघ (शेर) के भ्रमण वाले क्षेत्र में अवैध रूप से मछली का शिकार किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों और कब से क्‍या शासन अवैध मछली शिकार पर रोक लगायेगी यदि नहीं तो क्‍यों? (ख) अवैध शिकार से पर्यावरण को भी क्षति हो रही है क्‍या सरकार की इस पर रोक लगाने की कोई योजना है।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय भूमि को निजी नाम पर करना

[राजस्व]

31. ( क्र. 4816 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) मंदसौर जिला अंतर्गत सीतामऊ की भूमि सर्वे नंबर 272 जो कि शासकीय गोचर की भूमि थी को निजी व्यक्ति के नाम हस्तांतरित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो बताएं यह किसके आदेश से हुआ है और किस व्यक्ति को हस्तांतरित की गई है? (ख) कस्बा सीतामऊ की शासकीय भूमि सर्वे नंबर 272 के सीमांकन हेतु तहसीलदार तहसील सीतामऊ द्वारा गठित दल में कौन-कौन से अधिकारी कर्मचारी शामिल थे और उक्त भूमि वर्तमान में किसके आधिपत्य में है? (ग) क्या शासकीय रिकॉर्ड में हेराफेरी करके उक्त सर्वे भूमि पर कॉलोनी काटकर, प्लाट बेचे जा रहे हैं?                       (घ) उक्त सर्वे की भूमि को माफियाओं से मुक्त करवाने के संबंध में क्या कलेक्टर जिला मंदसौर को कन्हैया लाल परमार उर्फ कांजीभाई द्वारा जनसुनवाई में आवेदन पत्र दिया गया है यदि हाँ, तो बताएं कि उक्त संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सीतामऊ स्थित शासकीय भूमि सर्वे क्र 272 रकबा 3.642 मद चरनोई वर्ष 1979-80 से वर्ष 1982-83 तक खसरा में दर्ज है। उक्त भूमि में से वर्ष 1983-84 में न्यायालय तहसीलदार सीतामऊ के प्रकरण क्रमांक 171/19/1981-82 में आदेश दिनांक 29.9.1983 से सर्वे क्र. 272/2 रकबा1.151 रहीम बक्ष पिता कासमजी कागदी निवासी सीतामऊ के नाम पट्टा स्वीकृत किया गया तथा उक्त भूमि का शेष रकबा सर्वे 272/1 रकबा 2.491 शासकीय चरनोई दर्ज है। (ख) कस्बा सीतामऊ की भूमि सर्वे क्रमांक 272/1 एवं 272/2 के सीमांकन हेतु गठित दल में नायब तहसीलदार सुश्री मृणालिनी तोमर, राजस्व निरीक्षक श्री राजेश खरे, सुश्री ज्योत्सना भाटी, श्री तेजकरण वर्मा एवं पटवारी श्री समरथदास बैरागी, श्री नितेश घाटिया, श्री मदनलाल मालवीय, श्री जगदीश पाटीदार, श्री कचरुलाल बरगद, श्री योगेश पाटीदार, श्री ब्रजमोहन चौहान सम्मिलित थे, जिनके द्वारा सीमांकन किया गया। उक्त सीमांकन में पाया गया कि, शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 272/1 रकबा 2.491 में से रकबा 0.266 पर नरेन्द्र, जगदीश पिता मुरलीधर, प्रदीप पिता किशन चंदवानी, तनीष पिता अनिल गुप्ता व निधी पति सुनील गुप्ता के कब्जे में हैं एवं शेष भूमि रिक्त है तथा खाता भूमि सर्वे क्रमांक 272/2 रकबा 1.151 नरेन्द्र, जगदीश पिता मुरलीधर के आधिपत्य में है। (ग) शासकीय रिकार्ड में हेराफेरी करके शासकीय सर्वे नं. 272/1 की भूमि पर कालोनी काटकर प्लाट नहीं बेचे जा रहे है। सर्वे नं. 272/1 रकबा 0.266 भूमि पर अतिक्रमण किया गया है, जिसका अतिक्रमण प्रकरण क्रमांक 78/68/2019-20 दर्ज होकर प्रचलित है। खाता भूमि सर्वे नं 272/2 में प्‍लाट बेचे गये हैं। (घ) सर्वे नं 272/1 की भूमि को मुक्त करवाने हेतु कांजी भाई द्वारा जन सुनवाई में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था जिस पर से उक्त भूमियों का सीमांकन करवाया गया तथा रकबा 0.266 हैक्टर भूमि पर अतिक्रमण पाये जाने से प्रकरण क्रमांक 78/68/2019-20 दर्ज किया जाकर वर्तमान में कार्यवाही प्रचलित है।

अवैध तरीके से भूमि विक्रय करना

[राजस्व]

32. ( क्र. 4817 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 189 दिनांक 29/12/2020 के संबंध में भाग (क) का स्पष्ट उत्तर दिलाया जाए। (ख) प्रश्न क्रमांक 189 दिनांक 29/12/2020 अंतर्गत कलेक्टर महोदय के न्यायालय में प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराए और ए.डी.एम.के प्रतिवेदन अनुसार उक्त भूमि के किए गए विक्रय पत्रों को निरस्त करने कि कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) प्रश्न में संबंधित क्रेता अनुसूचित जनजाति का सदस्य है ऐसी जानकारी शासन को नहीं है जबकि इस संबंध में भी स्थानीय प्रशासन को संबंधित व्यक्ति के अनुसूचित जनजाति का होने बावत् दस्तावेज प्रस्तुत किए गये हैं इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देवें। (घ) उक्त प्रकरण के संबंध में प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई है? उन शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही हुई हैं? अवगत करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ग्राम मगजपुरा की भूमि खसरा क्रमांक 29/1, 29/2 की भूमि उप-खण्डों में विभाजित कर विक्रय करने के कारण अपर कलेक्टर के प्रतिवेदन दिनांक 07/07/2020 के आधार पर न्यायालय कलेक्टर, जिला धार, म.प्र. में राजस्व प्रकरण क्रमांक 0140/ बी-121/2020-21 स्थापित किया जाकर भू-राजस्व संहिता कि धारा-165 (6) (क) की अनुमति लिये बिना विक्रय करने एवं नगर पालिका अधिनियम-1961 की धारा-339 (क) लगायत 339 (च) एवं म.प्र. नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण तथा शर्तों) नियम-1998 के उपबंधों के अधीन कॉलोनी लायसेंस विकास की अनुमति अभाव में कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया जाकर प्रारंभिक जवाब एवं तर्क उपरांत प्रकरण प्रारंभिक आपत्ति पर आदेश हेतु क्लोज किया गया है। इस प्रकरण में अनुसूचित जनजाति का मुद्दा विचाराधीन नहीं है। (ख) अपर कलेक्टर के प्रतिवेदन दिनांक 07/07/2020 पर से न्यायालय कलेक्टर, जिला धार, म.प्र. में प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार प्रकरण स्थापित किया जाकर कार्यवाही की जा रही है तथा कथित विक्रय पर निरस्त करने की अधिकारिता राजस्व न्यायालय को नहीं है। (ग) प्रश्न क्रमांक 189 दिनांक 29/12/2020 का के उत्तर दिनांक 16/12/2020 तक क्रेता सुधीरदास अनुसूचित जनजाति का सदस्य है ऐसी जानकारी प्रश्नाधीन भूमि के राजस्व अभिलेख अनुसार नहीं थी। दिनांक 18/01/2021 को अमरजीत सोलंकी द्वारा एक अन्य शिकायती आवेदन पत्र संहिता की धारा- 165 (6), 182 एवं नगर पालिका अधिनियम-1961 की धारा 187 (7) (8), 339 में प्रस्तुत किया गया, जिस पर न्यायालय कलेक्टर, जिला धार, म.प्र. में प्रकरण क्रमांक 0001/अ-39/2020-21 में स्थापित किया जाकर आवेदकगण को शिकायती आवेदन का जवाब प्रस्तुत करने एवं पक्ष समर्थन हेतु सूचना पत्र जारी किये गये है। जिसमें क्रेता बनीदास उर्फ सुधीरदास जाति गौंड (आदिवासी) होने के 02 विक्रय पंजीयन पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत की है। अन्‍य 04 अनावेदकगण को सूचना पत्र तामिल होना है तथा शेष अनावेदकगण के जवाब हेतु पेशी नियत है। उक्त शिकायत प्रकरण में जवाब, प्रमाण एवं पक्ष समर्थन आदि कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात ही विनिश्चय होगा की कथित बनीदास उर्फ सुधीरदास पिता रत्नाकरदास गौंड (आदिवासी) वर्ग जाति का है अथवा नहीं। (घ) उक्त प्रकरण के संबंध में प्रश्न दिनांक तक 02 शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें प्रश्नांश (क) एवं (ग) के उत्‍तर अनुसार कार्यवाही प्रचलित है।

विस्‍थापितों को पुनर्वास अधिकार व मुआवजा

[जल संसाधन]

33. ( क्र. 4840 ) श्री उमंग सिंघार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में बन रही बरखेड़ा मध्‍यम सिंचाई परियोजना से हो रहे विस्‍थापितों को भू-अर्जन कानून 2013 के तहत क्‍या-क्‍या पुनर्वास के अधिकार दिये जाने हैं? क्‍या यह पुनर्वास के अधिकार दिये जा चुके हैं? यदि नहीं तो कब तक दिये जायेंगे? (ख) धार जिले में बन रही बरखेड़ा मध्‍यम सिंचाई परियोजना से कितने परिवारों को जमीन व घर डूब रहे है? (ग) क्‍या धार जिले में बन रही बरखेड़ा मध्‍यम सिंचाई परियोजना से डूब में आ रहे घरों का भू-अर्जन कानून 2013 के तहत मुआवजा दिया जा चुका है? यदि नहीं तो कब तक दिया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बरखेड़ा मध्‍यम सिंचाई परियोजना के विस्‍थापितों को भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शित का अधिकार अधिनियम, 2013 की दूसरी अनुसूची के अनुसार पुनर्वास के अधिकार दिए जाने हैं। जी नहीं, प्रक्रियाधीन है। शासन द्वारा दिनांक 16.05.2018 को प्रश्‍नांकित परियोजना के डूब प्रभावितों हेतु उनकी लिखित सहमति उपरांत विशेष पुनर्वास पैकेज स्‍वीकृत किया गया है किंतु विस्‍थापितों द्वारा इस पैकेज से असहमति प्रस्‍तुत की गई है एवं उनके द्वारा अधिनियम, 2013 की दूसरी अनुसूची के अनुसार लाभ प्राप्‍त करने की मांग की जा रही है। परियोजना से प्रभावितों द्वारा मान. उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ इंदौर में 02 याचिकाएं लगाई गई हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव न‍हीं है। (ख) परियोजना से 05 ग्रामों के 234 परिवारों की कुल 228.342 हेक्‍टेयर जमीन तथा 02 ग्रामों के 279 परिवारों के 135 घर डूब रहे हैं। (ग) जी नहीं, डूब प्रभावित समस्‍त 05 ग्रामों की कुल 228.342 हेक्‍टेयर भूमि एवं 01 ग्राम के 80 मकानों का अवार्ड पारित किया जा चुका है। शेष 01 ग्राम के 55 मकानों का सर्वे पूर्ण किया जा चुका है। भू-अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

लपटी जलाशय का कार्य

[जल संसाधन]

34. ( क्र. 4843 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ अंतर्गत लपटी जलाशय का कार्य किस वर्ष में कितनी लागत से कराया गया तथा कितने हेक्‍टेयर भूमि सिंचित किया जाना प्रस्‍तावित था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त जलाशय में जनवरी 2018 से कितने हेक्‍टेयर भूमि को सिंचित किया गया? कौन-कौन से गांव इससे लाभान्वित हुये? वर्षवार, ग्रामवार, सिंचाई के रकवा की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) लपटी जलाशय का कैचमेंट एरिया कितने हेक्‍टेयर का है, किन-किन वर्षों में यह भरा गया तथा इस जलाशय का निर्माण किस उद्देश्‍य से कराया गया था? क्‍या उक्‍त बांध का दरवाजा (सुलुस) खराब होने से पानी का रिसाव होने से बांध में ग्रीष्‍म ऋतु में पानी कम हो जाता है विभाग पानी के सीपेज को रोकने के लिये क्‍या कदम उठा रहा है? बांध की सुरक्षा, देखरेख, मरम्‍मत हेतु प्रश्‍नाधीन अवधि में कितनी राशि किस कार्य हेतु खर्च की गई? वर्षवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) लपटी जलाशय का कार्य 1992 में राशि रू.139.89 लाख की लागत से कराया गया। इस जलाशय से रबी 170 हेक्‍टेयर एवं खरीफ 150 हेक्‍टेयर भूमि सिंचित किया जाना प्रस्‍तावित था। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है।                       (ग) कैचमेंट एरिया 282 हेक्‍टेयर है। जलाशय में वर्ष 2012-13, 2015-16 एवं 2019-20 में पूर्ण भराव हुआ। जलाशय का निर्माण सिंचाई के उद्देश्‍य से कराया गया था। बाँध के स्लूस गेट में नवम्बर-2018 में रिसाव देखा गया, जिसके कारण ग्रीष्म ऋतु में बाँध के संग्रहित पानी में कमी हुई परंतु इसके उपरांत भी जलाशय में वर्ष 2019 में ग्रीष्म ऋतु में औसत 0.215 मि.घ.मी. एवं वर्ष 2020 में 0.208 मि.घ.मी. पानी उपलब्ध था। जिसके कारण तत्समय स्लूस गेट का सुधार कार्य संभव नहीं हो पाया। इस वर्ष गेट से ज्यादा रिसाव होने के कारण दिनांक 06.03.2021 को बाँध में मात्र 0.09 मि.घ.मी. पानी उपलब्ध था तथा रिसाव के कारण 30 अप्रैल 2021 तक जलाशय के खाली होने की संभावना है। बाँध के खाली होने के पश्‍चात गेट का सुधार कार्य सम्पन्न कराया जाना प्रतिवेदित है। प्रश्नाधीन अवधि में बाँध की सुरक्षा, देख-रेख एवं मरम्मत पर कोई भी राशि खर्च नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तैंत्तीस"

तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्‍व निरीक्षक, पटवारी के पद

[राजस्व]

35. ( क्र. 4859 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में समूचे मध्‍यप्रदेश में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्‍व निरीक्षक एवं पटवारी के जिलेवार कितने पद स्‍वीकृत हैं एवं इन पदों के विरूद्ध कितने पद विभिन्‍न तहसीलों में रिक्‍त हैं स्‍वीकृत पद एवं उनमें रिक्‍त की जानकारी जिलेवार उपलब्‍ध कराएं। (ख) देवास जिले की कन्‍नौद, खातेगांव तहसीलों में उक्‍त में से कितने पद रिक्‍त है। क्‍या पद रिक्‍त होने से राजस्‍व संबंधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। (ग) दोनों तहसीलों में पटवारियों के रिक्‍त पदों पर कब तक पूर्ति कर दी जावेगी। (घ) क्‍या जिला मुख्‍यालय पर पटवारियों की संख्‍या अन्‍य तहसीलों की अपेक्षा अधिक है।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) देवास जिले की तहसील कन्‍नौद में तहसीलदार का प्रभार नायब तहसीलदार को सौंपा गया है। तहसील खातेगांव में तहसीलदार पदस्‍थ होकर वर्तमान में कार्यरत है। तहसील कन्‍नौद में पटवारियों के 06 पद रिक्‍त एवं तहसील खातेगांव में पटवारियों के 12 पद रिक्‍त है। जी नहीं। (ग) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ। जिला मुख्‍यालय तहसील में स्‍वीकृत पद अन्‍य तहसील से अधिक है।

तालाब एवं बांध के पट्टे दिया जाना

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

36. ( क्र. 4897 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल, होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले में नियमों के विरूद्ध किन-किन मृत, फर्जी एवं गैर मछुआरों वाली मत्‍स्‍य पालन सोसायटी को किस-किस जिले के कौन-कौन से तालाब और बांध के पट्टे कितनी-कितनी अवधि के लिये दिये गये हैं? इन सोसायटी के संचालकों के नाम, पते एवं पंजीयन क्रमांक सहित ब्‍यौरा दें? (ख) क्‍या भोपाल जिले के चंदेरी जलाशय से सहकारी संस्‍था मत्‍स्‍योद्योग सहकारी संस्‍था ईटखेड़ी के मृतक है? इसके सदस्‍य मछुआरे लापता है को ठेका/पट्टा दिया गया था? इस संस्‍था की जाँच वर्ष 2020 में करायी गई थी जिसमें संस्‍था के 27 सदस्‍यों में से 18 सदस्‍य फर्जी थे और दो सदस्‍यों की मृत्‍यु हो गई है। इसकी शिकायत संचालक मत्‍स्‍योद्योग एवं भोपाल कलेक्‍टर को की गई थी तथा माननीय उच्‍च न्‍यायालय ने भी इस संस्‍था में हुई अनियमितता की जाँच के निर्देश देकर कलेक्‍टर भोपाल को एक माह में जाँच कराने का निर्देश दिया था? यदि हाँ, तो क्‍या जाँच करा ली गई? यदि हाँ, तो जाँच निष्‍कर्ष के आधार पर क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) भोपाल जिले में ईटखेडी मत्‍स्‍योद्योग सहकारी संस्‍था मर्यादित भोपाल पंजीयन क्रमांक ए.आर.बी 293 दिनांक 01.08.1988 को 30.06.2020 तक के लिए 10 वर्षीय पट्टे पर दिया गया था। समिति के संचालक मुन्‍नालाल है। जिला होशंगाबाद की जानकारी निरंक। जिला हरदा की जानकारी निरंक। जिला बैतूल में मत्‍स्‍योद्योग सहकारी समिति सेमझिरा के सदस्‍यों की मछुआ होने संबंधी जाँच कराई जाने पर सदस्‍य गैर मुछआ पाये गये। समिति को देहगुड जलाशय 23.08.2018 से 30.06.2028 तक 10 वर्षीय पट्टे पर दिया गया है। समिति के संचालक श्री लील सिंह सिसोदिया एवं समिति का पंजीयन क्रमांक 2148 दिनांक 08.03.2019 है। (ख) जी हाँ। संस्‍था की जाँच कलेक्‍टर भोपाल द्वारा कराई जाकर उपायुक्‍त सहकारिता को संस्‍था का रिकार्ड जप्‍त कर सहकारिता अधिनियम के अनुसार संस्‍था का पंजीयन निरस्‍त कर संबंधित एकल व्‍यक्ति श्री जलील मोहम्‍मद खान उर्फ नीलू मियां के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने हेतु निर्देशित किया गया है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है।

शास्ति आरोपित राशि का विवरण

[राजस्व]

37. ( क्र. 4908 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) दिनांक 01-01-2018 से 15-02-2021 तक शहडोल संभाग में कितने अधिकारियों/कर्मचारियों पर कितनी राशि शास्ति आरोपित की गई? विभागवार, विधानसभावार, राशि, नाम, पदनाम सहित वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार कितनी राशि की वसूली हो गई है, कितनी लंबित है? प्रश्नांश (क) अनुसार देवें। (ग) वसूली राशि लंबित रहने के जिम्‍मेदार अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) कब तक लंबित राशि की वसूली की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शहडोल संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के अनुक्रम में शहडोल जिले में संपूर्ण राशि 20,000/-रूपये की वसूली हो गई है। उमरिया जिले में 3500/- रूपये की वसूली हो गई है। शेष 14,000/- रूपये की राशि लंबित हैं। अनूपपुर जिले में संपूर्ण राशि 1,11,700/- रूपये की वसूली की गई है। (ग) वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

सहकारी समिति पर कार्यवाही

[सहकारिता]

38. ( क्र. 4910 ) श्री सुनील सराफ : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) नेताजी सुभाष चंद्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्यादित, पंजीकृत कार्यालय 1 (एक) आदर्श नगर, जी-14 मिडटाउन प्‍लाजा आदर्श नगर इंदौर का पूर्व में क्‍या-क्‍या व कब-कब नाम परिवर्तन किया गया? इसके अध्‍यक्ष व सदस्‍यों की सूची देवें। (ख) इस संस्‍था ने प्रारंभ से अब तक कितनी भूमि कहां-कहां क्रय की? इस अवधि में कितने सदस्‍यों को प्‍लाट विक्रय किये गये की सूची देवें। खसरा नंबर सहित नाम बतावें। (ग) ऐसे कितने सदस्‍य हैं जिन्‍हें प्रश्‍न दिनांक तक प्‍लाट नहीं दिए गए? प्रारंभ से अब तक की सूची देवें। संस्‍था के पास प्रश्‍न दिनांक की अवधि में कितने प्‍लाट शेष है? खसरा नंबर सहित बतावें। (घ) संस्‍था का बार-बार नाम परिवर्तित कर व वरीयता सूची को नकारकर प्‍लाट विक्रय में मनमानी करने वाले संस्‍था के संचालकों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो इन्‍हें संरक्षण देने का कारण स्‍पष्‍ट करें?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार नेताजी सुभाष चन्द्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, पता 1, आदर्श नगर, जी-14 मिडटाउन प्लाजा आदर्श नगर इन्दौर पंजीयन क्रमांक/डी.आर./आय.डी.आर./126 दिनांक 23.03.1971 के पूर्व में नाम परिवर्तन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। इसके अध्यक्ष श्री कुणाल मोहनलाल है। सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) उपलब्ध अभिलेखों अनुसार प्रारंभ से अब तक कुल 135 एकड़ भूमि ग्राम अहिरखेडी जिला इंदौर में क्रय की। संस्था के उत्तर एवं प्रदत्त जानकारी अनुसार इस अवधि में किसी भी सदस्य को प्लाट विक्रय नहीं किये गये है। (ग) उपलब्ध अभिलेखों अनुसार किसी भी सदस्य को प्लाट नहीं दिये गये है। सदस्यों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। संस्था की धारित भूमि का अभिन्यास स्वीकृत नहीं होने से शेष बचे प्लाटों की जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं। (घ) संस्था द्वारा उपलब्ध कराये अभिलेखों के अनुसार सदस्यों को प्लाटों के विक्रय नहीं किये गये है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

किसान सम्मान निधि

[राजस्व]

39. ( क्र. 4964 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील क्षेत्र पनागर के अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि की राशि जमा नहीं हुई है? (ख) यदि नहीं तो केन्द्र सरकार द्वारा प्रारंभ किसान सम्मान निधि के अंतर्गत जबलपुर जिले के कितने किसान इस योजना में पात्र पाये गये हैं? तहसीलवार जानकारी देवें? (ग) प्रश्न दिनांक तक पनागर तहसील एवं जबलपुर तहसील के बरेला में कितने किसानों को राशि स्‍वीकृत हो चुकी है तथा कितने किसानों के खाते में राशि जमा हो चुकी है संख्‍या बतायें? (घ) कितने किसान शेष हैं? कारण बतावें? कब तक इनके खाते में राशि जमा की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) दिनांक 12.03.2021 की स्थिति में पी.एम.किसान पोर्टल के आधार पर जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दिनांक 12.03.2021 की स्थिति में पी.एम. किसान पोर्टल के आधार पर पनागर तहसील में 13326 हितग्राहियों को राशि स्‍वीकृत होकर उनके खातों में राशि जमा हो चुकी है। जबलपुर तहसील का बरेला नगरीय क्षेत्र है तथा नगरीय क्षेत्र होने के कारण पी.एम. किसान पोर्टल पर लाभार्थी कृषकों की संख्‍या प्राप्‍त नहीं की जा सकती है। (घ) पात्र किसानों द्वारा वांछित जानकारी उपलब्‍ध कराने पर योजना का लाभ दिया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

नवीन पंजीयन केन्द्र ओर नवीन उपार्जन केन्द्रों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

40. ( क्र. 5031 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                             (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2020 में समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन हेतु केन्द्र बनाये गये थे? उन्हें ही वर्ष 2021 में भी इन केन्द्रों को यथावत उपार्जन केन्द्र रखे गये है? यदि नहीं तो क्या जो केन्द्र बन्द कर दिये गये है उन केन्द्र के किसानों को पंजीयन की क्या व्यवस्था की गई है? तथा उपार्जन केन्द्रों को बन्द करने के कारण स्पष्ट करे। (ख) किसानों के गेहूँ उपार्जन हेतु कितने नवीन खरीदी केन्द्र तथा कितने नवीन पंजीयन केन्द्र बनाये गये है? उन उपार्जन केन्द्रों के नाम, स्थान तथा उनमें कितने किसानों के पंजीयन की व्यवस्था की गयी है? उपार्जन केन्द्रवार जानकारी देवे तथा नवीन खरीदी केन्द्र निर्धारण किये जाने हेतु शासन द्वारा निर्धारित नियमों-प्रक्रिया की जानकारी देवें?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कृषि भूमि का बटवारा

[राजस्व]

41. ( क्र. 5055 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) श्री रतनलाल पिता श्री जगन्नाथ निवासी ग्राम कारोदा ज.पं.बदनावर जिला धार की कृषि भूमि सर्वे नं.79/2, 227, 237, 241/1, 260, 271, 272569 कुल 8 सर्वे की कुल रकवा 7.475 हेक्टेयर भूमि का बटवारा किस-किस के मध्य होकर उनके नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज हैं? इसके संबंध में किस-किस न्यायालय में विगत वर्ष 2010 से प्रकरण प्रचलित हैं? प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या मृतक की दो पत्नियां थीं और उनकी 5+4 कुल 9 सभी संतानों के मध्य बटवारा किया गया है? यदि हाँ तो इसका सम्पूर्ण राजस्व रिकार्ड देवें। यदि नहीं तो मृतक की प्रथम पत्नि श्रीमती भग्गुबाई की बड़ी संतान सुन्दरलाल को ही भूमि में हिस्सेदार बनाया गया है? शेष चार संतानों को उक्त सर्वे नं. में से इनका हिस्सा क्यों नहीं दिया गया? (ग) क्या प्रश्नांश '' '' अनुसार मृतक की प्रथम पत्नी श्रीमती भग्गुबाई की शेष चारों संतानों को कृषि भूमि में से हिस्सा दिलाने हेतु कार्यवाही की जावेगी।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) उपलब्ध राजस्व अभिलेख अनुसार श्री रतनलाल पिता जगन्नाथ निवासी ग्राम कारोदा ज.पं. बदनावर, जिला-धार की कृषि भूमि सर्वे नम्बर 79/2, 227, 237, 241/1, 260, 271, 272569 कुल 8 सर्वे नम्बर 7.475 हेक्टयर भूमि का बटवारा भूमि स्वामी रतनलाल के जीवनकाल में नामांतरण पंजी क्रमांक 33 आदेश दिनांक 14.09.2010 के द्वारा भूमि स्वामी रतनलाल की सहमति अनुसार किया गया है, जिसमें रतनलाल पिता जगन्नाथ को रकबा 0.430 हेक्टयर कन्हैयालाल पिता रतनलाल को रकबा 1.910 हेक्टयर, दुर्लभराम पिता रतनलाल को रकबा 2.011 हेक्टयर एवं सुन्दरलाल पिता रतनलाल को रकबा 1.391 हेक्टयर एवं गोवर्धनलाल पिता रतनलाल को रकबा 1.733 हेक्टयर भूमि हिस्से में आई होकर राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। वर्ष 2010 से वर्तमान तक विभिन्न न्यायालयों में प्रचलित प्रकरण की स्थिति निम्नानुसार है:- 1. अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय में कैलाश पिता रतनलाल द्वारा नामांतरण पंजी 33 आदेश दिनांक 14.09.2010 के विरूद्ध अपील प्रस्तुत की गई जो प्रकरण क्रमांक 0017/अपील/2011-12 पर दर्ज हुई जिसमें तत्कालीन पीठासीन अधिकारी द्वारा दिनांक 19.02.2013 को अवधि विधान की धारा 5 का आवेदन निरस्त किया गया। 2. उक्त आदेश के विरूद्ध अपीलांट कैलाश द्वारा न्यायालय अपर आयुक्त संभाग इन्दौर के समक्ष अपील प्रस्तुत की जो उनके न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 386/अपील/2012-13 पर दर्ज होकर पारित आदेश दिनांक 17.02.2017 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी का आदेश एवं नामांतरण पंजी के आदेश को निरस्त किया गया। 3. उक्त आदेश के विरूद्ध तत्समय गोवर्धनलाल पिता रतनलाल द्वारा माननीय न्यायालय राजस्व मण्डल ग्वालियर के समक्ष निगरानी प्रस्तुत की गई, जो प्रकरण क्रमांक 730/पी.बी.आर./2017 पर दर्ज होकर माननीय न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 10.01.2018 से अपर आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर के आदेश एवं अनुविभागीय अधिकारी बदनावर के आदेश को निरस्त किया जाकर प्रकरण गुण-दोष के आधार पर निराकरण किये जाने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बदनावर को प्रत्यावर्तित किया गया। 4.उक्त आदेश के विरूद्ध याचिकाकर्ता कैलाश द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर के समक्ष याचिका प्रस्तुत की जो माननीय न्यायालय में प्रकरण क्रमांक एम.पी नम्बर 553/2018 पर दर्ज होकर माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 31.09.2018 से याचिका निरस्त करते हुए राजस्व मण्डल द्वारा पारित आदेश अनुसार अनुविभागीय अधिकारी को सुनवाई का अधिकार होने से आवेदक का आवेदन निरस्त किया गया। 5. राजस्व मण्डल के उक्त निर्णय के पालन में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के न्यायालय में पुनः प्रकरण क्रमांक 0017/अपील/2011-12 में सुनवाई की जाकर सम्पूर्ण सुनवाई उपरान्त पारित आदेश दिनांक 31.12.2018 से अपीलांट कैलाश की अपील निरस्त की जाकर अधीनस्थ न्यायालय की नामांतरण पंजी क्रमांक 33 में पारित आदेश दिनांक 14.09.2010 को स्थिर रखा गया। 6.उक्त आदेश के विरूद्ध अपीलांट कैलाश द्वारा माननीय न्यायालय अपर आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर के समक्ष द्वितीय अपील प्रस्तुत की गई जो प्रकरण क्रमांक 156/अपील/2018-19 पर दर्ज हुई होकर न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 15.10.2019 द्वारा तहसीलदार की नामांतरण पंजी के आदेश एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बदनावर के आदेश को स्थिर रखा जाकर अपील निरस्त की गई। 7.उक्त आदेश के विरूद्ध किसी भी पक्षकार द्वारा वरिष्ठ न्यायालय में कोई अपील/निगरानी/याचिका प्रस्तुत नहीं हुई होने से वर्तमान में न्यायालय अपर आयुक्त संभाग इन्दौर का आदेश अंतिम है। (ख) जी नहीं। धार जिले के अनुभाग बदनावर अंतर्गत मौजा पटवारी ग्राम कारोदा से प्राप्त प्रतिवेदन पंचनामा रिपोर्ट अनुसार भूमि स्वामी रतनलाल के 4 पुत्र 1 पुत्री एवं पत्नि गीताबाई है। रतनलाल द्वारा अपने जीवनकाल में लिखित लेख अनुसार बटवारा कर दिया था, जिसमें सुन्दरलाल को भूमि रकबा 1.391 हेक्टेयर दिया गया है। ग्राम पंचान अनुसार रतनलाल की 1 ही पत्नि गीताबाई है। रतनलाल की भग्गुबाई नाम से कोई पत्नि नहीं है। सुन्दरलाल का बड़ा पुत्र है, जिसे हिस्सेदार बनाया गया है। शेष चार संतानों के संबंध में उल्लेख है, कि रतनलाल द्वारा उनके जीवनकाल में अपने 4 विधिक पुत्रों के मध्य बटवारा किया है। शेष संतान के संबंध में प्रश्नांश '''' में वर्णित न्यायालयों में किसी भी वारिस द्वारा (कैलाश द्वारा रतनलाल की संतान होने के संबंध में कोई भी साक्ष्य, दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये जिससे प्रमाणित हो कि रतनलाल की दूसरी पत्नि रही है, अथवा उसके और भी वारिस है)। कोई आपत्ति/दावा प्रस्‍तुत नहीं किया गया। इस संबंध में रतनलाल द्वारा वर्ष 2006 में अर्थात अपने जीवनकाल में एक यादी लेख भी लिखा है। पटवारी प्रतिवेदन, पंचनामा की प्रति एवं यादी लेख की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रतनलाल के जीवनकाल में हुए, बटवारा एवं विभिन्न न्यायालयों में प्रचलित प्रकरणों में यह कही प्रमाणित नहीं हुआ है, कि श्रीमति भग्गुबाई रतनलाल की प्रथम पत्नि रही है, अत: शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

सही-सही सीमांकन कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

42. ( क्र. 5108 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कटनी जिले की तहसील कटनी में रा.प्र.क्र. 0232/अ-12/2020-21 आदेश दिनांक 18/01/2021 में राजस्‍व निरीक्षक एवं पटवारी द्वारा मनगढ़ंत तथ्‍यों पर आधारित प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करने पर असत्‍य सीमांकन आदेश दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो भू स्‍वामी सुनील कुमार गंगवानी निवासी शांतीनगर कटनी ने जनसुनवाई में शिकायत क्रमांक 71 दिनांक 07/02/2021 देकर पावती प्राप्‍त की गई तथा दिनांक 15/02/2021 को पुन: कलेक्‍टर को पत्र देकर एवं एस.डी.एम. कटनी को तथ्‍यात्‍मक पत्र लिखकर सही सीमांकन करने का आग्रह किया है                                               (ग) दिनांक 14/05/2006 को राजस्‍व निरीक्षण मुडवारा क्रमांक 2 ने जो नक्‍शा तैयार किया है जिसमें नायाब तहसीलदार के भी हस्‍ताक्षर जिसमें बटांकन नक्‍शे में स्‍पष्‍ट दर्शाया गया है जो प्रश्नांश (ख) की उल्‍लेखित शिकायत में संलग्‍न किया गया है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उल्‍लेखित भूस्‍वामी की भूमि श्री हरिनारायण तिवारी द्वारा अतिक्रमण किया जाकर बाउण्‍ड्रीवाल का निर्माण कर लिया है। जिसको लाभ पहुंचाने के लिए बार-बार पटवारी, राजस्‍व निरीक्षक द्वारा असत्‍य सीमांकन किया जाता है। ऐसे पटवारी एवं राजस्‍व निरीक्षकों के विरूद्ध कब और क्‍या कार्यवाही की जावेगी वर्तमान उक्‍त पटवारी एवं राजस्‍व निरीक्षकों के विरूद्ध कब और क्‍या कार्यवाही की जावेगी वर्तमान में उक्‍त पटवारी एवं राजस्‍व निरीक्षक जिले से कब हटाया जायेगा? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन भूस्‍वामी के पत्रों के अनुसार अभिलेख अनुसार सीमांकन कराकर भू-स्‍वामी को उसकी भूमि पर कब्‍जा दिलाएगा? यदि हाँ, तो कब तक बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) सुनील कुमार गंगवानी के द्वारा जनसुनवाई में शिकायत क्रमांक 71 दिनांक 07.02.2021 को तथा दिनांक 16.02.2021 को कलेक्टर कटनी के समक्ष पुनः सीमांकन किये जाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किया गया है। (ग) जी हाँ।                             (घ) भूमि स्वामी की भूमि पर हरिनारायण तिवारी द्वारा अतिक्रमण कर बाउंड्रीवाल का निर्माण कर लिया गया था, जिसे सीमांकन करके राजस्‍व निरीक्षक एवं हल्‍का पटवारी के द्वारा सीमा चिन्‍ह से अवगत कराया गया है तथा हरिनारायण तिवारी के द्वारा अतिक्रमण हटा लिया गया है एवं भूमि स्वामी को उनकी भूमि में कब्‍जा प्राप्‍त हो चुका है। राजस्‍व निरीक्षक एवं हल्‍का पटवारी के द्वारा किसी पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिये अवैध सीमांकन नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्‍तर के परिपेक्ष्य में भूमि पर अतिक्रमण न होने से प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

आदिवासी की भूमि खुर्दबुर्द किया जाना तथा अवैध विक्रय

[राजस्व]

43. ( क्र. 5109 ) श्री विजयराघवेन्द्र सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले की तहसील बड़वारा के ग्राम बड़वाराकला हल्‍का बड़वारा में खसरा क्रमांक 45/3 में वर्तमान में किस भूमि स्‍वामी का नाम दर्ज हैं तथा उक्‍त के पूर्व यह भूमि किस-किस नाम में विगत पांच वर्षों में क्रय-विक्रय की गई। विगत पांच वर्ष के खसरों की प्रति दें। उक्‍त भूमि क्‍या कभी किसी आदिवासी की थी, यह भी बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) की भूमि के संबंध में न्‍यायालय कलेक्‍टर कटनी के राजस्‍व प्रकरण क्र.39/अ-21/2011-12 के आदेश दिनांक 16.08.2013 के अनुसार भूमि विक्रय की अनुमति दी गई है। यदि हाँ, तो उक्‍त आदेश की प्रति उपलब्‍ध करावें। तथा उक्‍त प्रकरण किस नाम से प्रचलित था यह भी बताएं। (ग) न्‍यायालय तहसीलदार बड़वारा के रा.प्र.क्र.20/अ-6/2019-20 आदेश पारित दिनांक 01.08.2019 के अनुसार क्रय से नामांतरण प्रकरण क्रमांक 1077 आदेश दिनांक 20.09.2019 एवं धारा संख्‍या 54 के अनुसार क्षेत्रफल 500 (वर्ग मीटर) व्‍यपवर्तित किया गया है।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कटनी जिले के तहसील बड़वारा के ग्राम बड़वाराकलां हल्‍का बड़वारा में खसरा क्रमांक 45/3 में वर्तमान वर्ष 2020-21 में आशीष कुमार वल्‍द महेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता सा. देह भूमि स्वामी के नाम पर दर्ज है तथा उक्‍त से पूर्व वर्ष 2015-16 से भी प्रश्‍नाधीन भूमि आशीष कुमार वल्‍द महेन्‍द्र कुमार गुप्‍ता के ही नाम पर दर्ज चली आ रही है। खसरे की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्‍त भूमि वर्ष 2012-13 में गोपाली राम वल्‍द ठाकुरराम गोंड़ सा. बरगवां भूमि स्वामी के नाम पर अभिलिखित है। (ख) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्‍त प्रकरण गोपालीराम वल्‍द ठाकुर राम गोंड सा. बरगवां के नाम से प्रचलित था। (ग) न्‍यायालय तहसीलदार बड़वारा के रा.प्र.क्र./ 20/अ-6/2019-20 में आदेश दि. 01.08.2019 के अनुसार आशीष कुमार गुप्‍ता द्वारा खसरा नंबर 320 रकवा 0.13 हे. भूमि धर्मेन्‍द्र वल्‍द महेन्‍द्र गर्ग से क्रय की गई है। इस प्रकरण का खसरा नंबर 45/3 से कोई संबंध नहीं है। Webgis में रिकार्ड अद्यतन के कारण उक्‍त कैफियत भूमि स्वामी के सभी खसरा नंबर में दर्ज हो गई है।

तहसील से अनुविभाग में उन्‍नयन करना

[राजस्व]

44. ( क्र. 5126 ) श्री उमंग सिंघार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) गंधवानी तहसील को तहसील से अनुविभाग में उन्‍नयन करने हेतु क्‍या कार्यवाही की गई?                         (ख) प्रश्‍नांकित (क) अनुसार गंधवानी तहसील को तहसील से अनुविभाग में उन्‍न्‍यन करने की स्‍वीकृति कब तक दी जावेगी।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के प्ररिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता I

ई.एस.आई.सी. योजना का लाभ दिया जाना

[श्रम]

45. ( क्र. 5148 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई के मेगावाट एवं सी.टी.डी. में कार्यरत ठेका श्रमिक, कुशल अर्द्धकुशल, अकुशल कर्मचारियों को दिसम्‍बर, 2020 तक न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अनुसार प्रतिमाह कितना मजदूरी मासिक दिया जाना था तथा कितना दिया गया है? (ख) क्‍या ताप विद्युत गृह के श्रमिकों को मध्‍यप्रदेश राजपत्र क्रमांक 41 दिनांक 10/10/2014 में घोषित कुशल, अर्द्धकुशल, अकुशल कर्मचारियों को वेतन भत्‍ते एवं साप्‍ताहिक अवकाश के भुगतान की राशि का भुगतान किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्‍यों और नियोक्‍ता के कार्यादेश संख्‍या 001-04/ser/chp/wo-288/3283 date 09/10/2019 तथा 001-04/ser/chp/wo259/ 1533 date 29/06/2019 तथा 001-04/ser/chp/wo-278/259 date 30/08/2019 तथा ठेकेदारों के द्वारा किए जा रहे भुगतान की जाँच कब तक की जावेगी? (ग) एक जनवरी, 2017 से दिनांक 20 जनवरी, 2021 तक जिला कलेक्‍टर अनूपपुर एवं श्रम पदाधिकारी अनूपपुर के समक्ष अमरकंटक ताप विद्युत केन्‍द्र चचाई में कार्यरत श्रमिकों के उत्‍पीड़न के विरूद्ध अधिकारियों, कर्मचारियों एवं ठेकेदारों द्वारा किए जा रहे नियम विरूद्ध कार्य के संबंध में जाँच कर कार्यवाही हेतु कितने आवेदन/ज्ञापन प्राप्‍त हुए हैं। प्राप्‍त आवेदनों के विषयवार एवं उस पर की गयी कार्यवाही का ब्‍यौरा क्‍या है? (घ) क्‍या दिसम्‍बर, 2020 तक ताप विद्युत गृह चचाई के श्रमिकों को ई.एस.आई.सी. योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है, यदि हाँ, तो क्‍यों एवं उक्‍त योजना का लाभ कब दिया जायेगा?

 खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में कार्यरत समस्‍त ठेका श्रमिकों को न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत् श्रमायुक्‍त मध्‍य प्रदेश शासन के द्वारा समय समय पर निर्धारित वेतन के अनुसार न्‍यूनतम मजदूरी दरों का भुगतान किया जाता है, जो निम्‍नानुसार है -

क्र.

दि. से

कुशल

(प्रति दिन )

कुशल

(प्रति माह )

अर्द्धकुशल (प्रति दिन )

अर्द्धकुशल (प्रतिमाह)

अकुशल

(प्रति दिन)

अकुशल (प्रति माह )

1

1-4-18

368

9560

315

8182

282

7325

2

1-10-18

370

9610

317

8232

284

7375

3

1-4-19

382

9935

329

8557

296

7700

4

1-10-19

392

10185

339

8807

306

7950

5

1-4-20

404

10510

351

9132

318

8275

6

1-10-20

409

10635

356

9257

323

8400

 (ख) म.प्र.पावर जनरे‍टिंग कंपनी लिमि. अन्‍तर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर के सी.एच.पी. 210 मेगावाट के कार्यादेश क्रमांक-001-04/ser/chp/wo-288/3283 date 09-10-2019 तथा 001-04/ser/chp/wo-259/1533 date 29-06-2019 तथा 001-04/ser/chp/wo-278/259 date 30-08-2019 के द्वारा सप्‍ताहिक अवकाश की राशि के भुगतान के संबंध में लेख है कि श्रमिकों को न्‍यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत् 67 अनुसूचित नियोजन की अनुसूची (अ) के अनुसार श्रमायुक्‍त म.प्र. शासन इंदौर द्वारा समय-समय पर जारी पुनरीक्षित न्‍यूनतम वेतन दरों के आधार पर भुगतान किया जाता है जो 26 दिन के मान से है इसमें सप्‍ताहिक अवकाश का वेतन शामिल है। ठेकेदारों के द्वारा किये जा रहे भुगतान की जाँच तथा प्राप्‍त अन्‍य शिकायतों के निराकरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में ई.एस.आई.सी. योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है चूंकि कर्मचारी राज्‍य बीमा आयोग के परिपत्र क्रमांक x-11/14/6/2015-p and d, dated 12-12-2017 के अनुसार ई.एस.आई.सी. योजना अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई क्षेत्र में लागू नहीं है भविष्‍य में यदि चचाई क्षेत्र में उक्‍त योजना का विस्‍तार किया जावेगा तो नियमानुसार योजना का लाभ अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में कार्यरत् श्रमिकों को दिया जावेगा।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

पावरलूम फेडरेशन के संबंध में

[सहकारिता]

46. ( क्र. 5179 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारी बैंक, खण्‍डवा द्वारा पावरलूम फेडरेशन को कितना ऋण एवं साख सीमा कब-कब स्‍वीकृत की गयी। (ख) साख सीमा के नवीनीकरण/पुन: स्‍वीकृति के समय आवश्‍यक कवरेज को सत्‍यापित किया गया या नहीं, इस संबंध में क्‍या दस्‍तावेज पावरलूम फेडरेशन द्वारा दिये गये एवं बैंक द्वारा क्‍या जाँच की गयी विवरण उपलब्‍ध करायें। (ग) पावरलूम फेडरेशन को स्‍वीकृत की गयी साख सीमाएं नियमानुसार थी, यदि नहीं तो इसके लिये कौन-कौन उत्‍तरदायी हैं और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गयी है। (घ) क्‍या इस ऋण के संबंध में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जाने के निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो दिये गये निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। क्‍या आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये गये हैं?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सहकारी बैंक खण्‍डवा द्वारा पावरलूम फेडरेशन को ऋण एवं साख सीमा की स्‍वीकृति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हां, साख सीमा के नवीनीकरण/पुन: स्‍वीकृति के समय आवश्‍यक कव्‍हर स्‍टेटमेंट प्राप्‍त किए जाकर, संबंधित शाखा से दस्‍तावेजों का आवश्‍यक परीक्षण किए जाने के पश्‍चात ही बैंक की सक्षम समिति द्वारा स्‍वीकृति दी गई है। (ग) जी हां, पावरलूम फेडरेशन को स्‍वीकृत की गई साख सीमाएं नियमानुसार थी, शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

कर्मचारियों की जानकारी

[श्रम]

47. ( क्र. 5258 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में स्‍थापित जे.पी. एसोसिएट कंपनी में दिनांक 01/03/2020 की स्थिति में किन-किन पदों में कितने कर्मचारी पदस्‍थ थे? कर्मचारियों के नाम, पदनाम एवं पदस्‍थापना स्‍थल की विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न प्रस्‍तुति दिनांक में कितने कर्मचारी किन पदों में कार्यरत हैं? कर्मचारियों के नाम, पदनाम एवं पदस्‍थापना स्‍थल की विवरण सहित जानकारी देवें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) रीवा जिले में स्‍थापित जे.पी. एसोसिएट कंपनी में दिनांक 01/03/2020 की स्थिति में 897 कर्मचारी कार्यरत थे। पदस्‍थ कर्मचारियों के नाम, पदनाम एवं पदस्‍थापना स्‍थल का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्‍न प्रस्‍तुति दिनांक 25.02.2021 की स्थिति में 822 कर्मचारी कार्यरत है। कर्मचारियों के नाम पदनाम एवं पदस्‍थापना स्‍थ‍ल का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

 

नहरों के कमाण्‍ड/निर्माण के संबंध में

[जल संसाधन]

48. ( क्र. 5286 ) श्री पंचूलाल प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मनगवां विधानसभा क्षेत्रांतर्गत क्‍योंटी एवं बहुती नहर की कमाण्‍ड एरिया तथा दोनों मुख्‍य नहरों की वितरिका नहरों की सिंचित/असिंचित कमाण्‍ड एरिया कितनी है तथा कुल कितने निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं एवं कराये गये निर्माण कार्यों में कितने कार्य पूर्ण/अपूर्ण हैं? किस एजेंसी के द्वारा कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कराये जा रहे हैं? क्षेत्रवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍योटी नहर संभाग में विगत वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक कराये गये कार्यों का रख-रखाव (मेन्‍टीनेंस) में कितनी राशि कौन-कौन सी माइनर नहर में कहां-कहां खर्च की गई है? माइनर नहर एवं उपनहरों में शामिल ग्रामों की सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या नियमित आवागमन के मार्गों में नहर निर्माण के समय डिवाइडर बनाया जाना आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो कहां-कहां डिवाइडर बनाये गये? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) मनगवां विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी जल उपभोक्‍ता संस्‍था हैं? कहां-कहां कितनी नालियों/पुल/पुलियों का निर्माण कार्य चल रहा है तथा कितनी निर्माणाधीन है? निर्माण कार्य किस एजेंसी के माध्‍यम से कितनी लागत राशि से कराया जा रहा है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मनगवां विधान सभा क्षेत्रांतर्गत क्‍योटी नहर का कमाण्‍ड एरिया 13,352 हेक्‍टेयर है जो क्‍योटी नहर एवं उसकी वितरिका नहरों से पूर्ण रूप से सिंचित है। बहुती नहर का कमाण्‍ड एरिया 15,785 हेक्‍टेयर है। जिसमें से 2,000 हेक्‍टेयर बहुती नहर एवं उसकी वितरिका नहरों से सिंचित है तथा 13,785 हेक्‍टेयर असिंचित है। मनगवां विधान सभा क्षेत्रांतर्गत कराए गए एवं कराए जा रहे निर्माण कार्यों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार है। (ख) बहुती नहर के निर्माणाधीन होने के कारण नहर के रख-रखाव पर कोई राशि व्‍यय नहीं की गई। क्‍योटी नहर के रख-रखाव के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक जल उपभोक्‍ता संथाओं के माध्‍यम से कराए गए कार्यों तथा व्‍यय राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। बहुती नहर एवं क्‍यो‍टी नहर के कमाण्‍ड में शामिल ग्रामों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' तथा '''' अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) 07 जल उपभोक्‍ता संथा हैं। कहीं भी नालियों/पुल/ पुलियों का निर्माण कार्य नहीं चल रहा है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मिट्टी की ईंट बनाने की जानकारी

[खनिज साधन]

49. ( क्र. 5301 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर, मुरैना जिलों में मिट्टी की ईंट बनाने की कितनी, चिमनी, भट्टा पंजीकृत हैं उनके मालिकों के नाम, स्‍थान, संख्‍या जनवरी 2021 की स्थिति में पूर्ण जानकारी दी जावें। (ख) इन ईंट भट्टों, चिमनियों पर कितने मजदूर कार्य कर रहे है, उनकी संख्‍या तथा कितनी अवधि से काम कर रहे है। जानकारी देवें। (ग) ईंट भट्टों, चिमनियों पर मिट्टी से कहां से लाई जा रही है, खनिज विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों में इनकी कब-कब जाँच की, क्‍या मिट्टी लेने पर भी रॉयल्‍टी ली जाती है, शासन के नियमों का पालन किया जा रहा है, पूर्ण जानकारी दी जावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में मिट्टी से ईंट बनाने के लिये चिमनी भट्टा पंजीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं है। अपितु मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में चिमनी भट्टों/भट्टों में ईंट और कवेलू (टाईल्‍स) बनाने के लिये गौण खनिज साधारण मिट्टी का उत्‍खननपट्टा स्‍वीकृत किये जाने का प्रावधान है। चिमनी भट्टों में साधारण मिट्टी की ईंट बनाने के लिये ग्‍वालियर तथा मुरैना जिले में स्‍वीकृत उत्‍खननपट्टों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं '''' पर है। शेष जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ''''  पर है। (ख) कलेक्‍टर, खनिज शाखा, ग्‍वालियर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ग्‍वालियर जिले में चिमनियों में लगभग 165 श्रमिक कार्यरत हैं, जो कि पट्टा संचालन दिनांक से कार्यरत हैं। कलेक्‍टर, खनिज शाखा, मुरैना से प्राप्‍त जानकारी अनुसार मुरैना जिले में वर्तमान में स्‍वीकृत चिमनी भट्टों पर 750 मजदूर अस्‍थाई रूप से कार्यरत हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर है।

प्रवासी मजदूरों हेतु बसों की व्‍यवस्‍था

[राजस्व]

50. ( क्र. 5393 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमाक 582 दिनांक 23.09.2020 के संदर्भ में बतावें कि जब 14 लाख प्रवासी मजदूर आये तथा उनके लिये 29 हजार बसों की व्‍यवस्‍था की, की गई तो फिर उन्‍हें मुख्‍यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना 2020 के तहत् 1000/- की राशि का भुगतान क्‍यों नहीं किया गया? (ख) मुख्‍यमंत्री प्रवासी मजदूर योजना किस दिनांक को लागू की गई तथा जिन 14 लाख प्रवासी मजदूरों को आईडेन्‍टीफाय किया गया उसमें से मात्र 1,50000/- मजदूर ही अन्‍य राज्‍यों में थे तथा 12,50,000/- वापस मध्‍यप्रदेश आ चुके थे? (ग) मेप आई.डी. द्वारा एकत्रित की गई प्रवासी मजदूरों की संख्‍या एवं जिलों को भेजे गये मजदूरों की जिलेवार संख्‍या बतायें? (घ) वितरित राशि की जिलेवार संधारित जानकारी परिपत्र की कंडिका 07 के अनुसार किया गया है अथवा नहीं? (ड.) क्‍या प्रवासी मजदूर योजना का प्रचार-प्रसार जोरशोर से किया तथा मात्र 10 प्रतिशत मजदूरों को भी लाभ नहीं दिया? क्‍या इन घोटाले की शासन द्वारा उच्‍च स्‍तरीय जाँच की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मुख्‍यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना 2020 के तहत पात्रतानुसार लगभग 1.50 लाख प्रवासी मजदूरों को 1000/- रू. के मान से आर्थिक सहायता दी गयी है। (ख) मुख्‍यमंत्री प्रवासी मजदूर योजना दिनांक 17 अप्रैल 2020 से लागू की गई थी। जी नहीं। योजना लागू होने के पूर्व जो मजदूर मध्‍यप्रदेश वापस आये थे उन्‍हें एवं योजना अनुसार अन्‍य अपात्र मजदूरों को लाभ नहीं दिया गया। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशि‍ष्‍ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। परिपत्र की कंडिका 07 के अनुसार जानकारी संधारित की गयी है। (ड.) प्रवासी मजदूर सहायता योजना के संबंध में राज्‍य स्‍तर पर संधारित कॉल सेन्‍टर, पटवारी, सचिव आदि के माध्‍यम से जानकारी दी गयी । अत: उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिपेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

गेहूं गोदामों में खराब हो जाने की जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

51. ( क्र. 5454 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                              (क) क्‍या वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्‍य पर खरीदा गया गेहूं उज्‍जैन, नीमच, खरगौन, खण्‍डवा, रायसेन, मुरैना, हरदा, होशंगाबाद एवं नरसिंहपुर जिले के गोदामों में रखा गया गेहूं खराब हो गया है जो कि मनुष्‍य के खाने योग्‍य नहीं है? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस जिले में कितने-कितने मैट्रिक टन गेहूं खराब किन-किन कारणों से हुआ है गोदामों में गेहूं के रख-रखाव एवं देखरेख में की गई लापरवाही एवं कुप्रबंधन के लिए कौन-कौन उत्‍तरदायी हैं, उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है बतायें? (ग) क्‍या यह सही है कि उक्‍त खराब हुये अमानक गेहूं की बिक्री के लिए मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहकारी विपणन संघ ने माह-दिसम्‍बर, 2020 में निविदाएं आमंत्रित की थीं, यदि हाँ, तो उक्‍त अमानक गेहूं कितने-कितने मीट्रिक टन किस-किस के द्वारा किस-किस दर पर खरीदा गया है, खराब हुये गेहूं खरीदी के समय कितना मूल्‍य था एवं अमानक हो जाने पर कितनी राशि पर बिका है इससे सरकार को कितनी राशि की हानि हुई है, बतायें? (घ) क्‍या यह सही है कि उक्‍त गेहूं को जानबूझकर भिगाया गया है ताकि शराब माफियों को मौलासिस बनाने के लिए सस्‍ती दरों पर खराब गेहूं बेचा जा सके, यदि नहीं तो क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

उचित मूल्य की दुकानों पर अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

52. ( क्र. 5511 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर रतलाम जिले में कौन-कौन सी ग्राम पंचायतों/नगर पालिका/नगर निगमों में कौन-कौन राशन डीलर्स कार्य कर रहे हैं? (ख) क्‍या सरकार द्वारा बड़ी ग्राम पंचायतों में जनसंख्‍या के आधार पर दो राशन डीलर्स नियुक्‍त करने का विचार कर रही है यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्‍यों? (ग) मंदसौर रतलाम जिले के कौन-कौन से डीलर्स/राशन डिपो के खिलाफ अनियमिततायें एवं गबन की शिकायतें 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्‍त हुई है? अब तक इन डीलरों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है, उक्त जिलों में ऐसे कितने डीलर है जिन्हें 1 से अधिकबार गबन एवं अनियमितता के बावजूद उन्हें पुन: किस कारण से डीलरशिप दे दी गयी? विवरण देवें?                                               (घ) प्रदेश में राशन डीलर नियुक्त करने के क्या नियम है इन्हें डीलरशिप कितने वर्षों के लिए दी जाती है 1 जनवरी 2015 के पश्चात उक्त जिलों में कहाँ-कहाँ, किस-किस नियम के आधार पर डीलर नियुक्त किये गये? क्या जिलों में डीलर नियुक्त करने में काफी अनियमितता की जा रही है यदि हाँ, तो दिसम्‍बर 2016 से प्रश्न दिनांक तक उक्त डीलर नियुक्ति की कितनी शिकायत, किस-किस व्यक्ति द्वारा, कहाँ-कहाँ की गयी, उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जी नहीं, वर्तमान में म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 7 (2) में यह प्रावधानित है कि किसी पंचायत में पात्र परिवारों की संख्‍या 800 से अधिक होने पर एक अतिरिक्‍त दुकान खोली जा सकेगी। वर्तमान में उक्‍त प्रावधान अनुसार ही उचित मूल्‍य दुकानों के आवंटन की कार्यवाही की जाती है। (ग) मंदसौर जिले में प्रश्‍नांकित‍ अवधि में कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है परंतु नियमित जाँच के दौरान अनियमितता पाये जाने पर 19 प्रकरण निर्मित किये गये हैं। 03 विक्रेताओं के विरुद्ध गंभीर अनियमितता पाये जाने पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। गंभीर अनियमितता पाये जाने वाले विक्रेताओं को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कार्य से अलग कर दिया गया है एवं उन्‍हें पुन: कार्य नहीं दिया गया है। रतलाम जिले में विक्रेताओं के खिलाफ प्राप्‍त शिकायत/नियमित जाँच के दौरान अनियमितता पायी जाने पर 216 प्रकरण निर्मित किये गये एवं 16 विक्रेताओं के विरुद्ध गंभीर अनियमितता पाये जाने के कारण एफ.आई.आर दर्ज की गई। जिन विक्रेताओं के विरुद्ध गंभीर अनियमितता पाये जाने पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कार्य से अलग कर दिया गया, उन्‍हें राशन वितरण का कार्य नहीं दिया गया है। (घ) म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 की कंडिका 8 (1) के अंतर्गत पात्र संस्‍थाओं को उचित मूल्‍य दुकान आवंटित की जाती है। प्रश्‍नांकित अवधि में पात्र संस्‍थाओं को आवंटित दुकानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '' अनुसार है। उचित मूल्‍य दुकान का प्राधिकार पत्र 03 वर्षों के लिए जारी किया जाता है जिसके बाद उसे नवीनीकृत किये जाने का प्रावधान है। उक्‍त संस्‍थाओं द्वारा नियुक्‍त विक्रेताओं की शैक्षणिक योग्‍यता ट्राइबल क्षेत्रों में 10वीं उत्‍तीर्ण एवं अन्‍य क्षेत्रों में 12वीं उत्‍तीर्ण है। महिला संस्‍थाओं की दुकानों के लिए विक्रेता की योग्‍यता 10वीं उत्‍तीर्ण है। रतलाम जिले में ग्राम पंचायत आलनिया को आवंटित दुकान के विरुद्ध शिकायत प्राप्‍त हुई थी जिसकी जाँच उपरांत उक्‍त दुकान का आवंटन निरस्‍त कर दिया गया था। मंदसौर जिले में विक्रेता की नियुक्ति संबंधी कोई शिकायत जिला कार्यालय को प्राप्‍त नहीं हुई है।

कंपनियों से कर वसूली

[श्रम]

53. ( क्र. 5512 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा प्रदेश में बिल्डर्स, श्रम ठेकेदारों व निर्माण कम्पनियों से कर के रुप में निर्माण श्रमिकों के कल्याण हेतु आय का एक निश्चित हिस्सा वसूला जा रहा है? यदि हाँ, तो योजना किस नियम के अन्तर्गत संचालित की जा रही हैं? योजना का पूर्ण विवरण देवें? (ख) प्रदेश में निर्माण श्रमिकों के कल्याण हेतु उक्त योजना कब से प्रारम्भ की गई? उक्त योजनान्तर्गत किन-किन को लाभार्थी की श्रेणी में माना गया हैं? उन्हें किस प्रकार लाभान्वित किया जाता है तथा कौन-कौन सी सुविधायें प्रदान की जाती हैं? (ग) उक्त योजनान्तर्गत कर की राशि किस प्रकार की श्रम संस्थाओं, ठेकेदारों, बिल्डर्स, निर्माण कम्पनियों पर लगाये जाने की व्यवस्था है? उक्त से किस रूप में एवं किस प्रकार उक्त कर राशि वसूल किये जाने की व्यवस्था है? (घ) उक्त योजनान्तर्गत योजना के लागू होने से अब तक कितनी कर राशि वसूल की गई है तथा वसूल की गयी राशि में से अब तक कितने श्रमिकों को लाभान्वित किया गया व उक्त योजना में कौन-कौन से श्रम संगठन पंजीकृत हैं? विधान सभा क्षेत्र मंदसौर में गैर संगठित क्षेत्र मजदूर बीमा योजना में कितने श्रमिक पंजीकृत हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण उपकर अधिनियम 1996 सहपठित नियम 1998 के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में संचालित निर्माण कार्यों की कुल निर्माण लागत की एक प्रतिशत (1%) राशि उपकर के रूप में लिये जाने का प्रावधान है। प्राप्‍त उपकर राशि से मण्‍डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिये कल्‍याणकारी योजनायें संचालित की जाती हैं। जिनका विवरण पुस्तकालय  में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।                                          (ख) प्रदेश में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के कल्‍याण हेतु वर्ष 2004 से योजनाएं संचालित की जा रही है। निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीकृत श्रमिकों को संचालित योजनाओं में  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार हितलाभ पाने की पात्रता है। (ग) भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण उपकर अधिनियम 1996 के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में संचालित समस्‍त शासकीय निर्माण कार्यों एवं निजी (रहवासी भवन निर्माण जिनकी लागत 10 लाख रूपये से कम हो को छोड़कर) निर्माण कार्यों की कुल निर्माण लागत पर 1 प्रतिशत उपकर राशि लिये जाने का प्रावधान है। उपकर राशि संग्रहण संबंधी विधिक प्रावधानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है।                                      (घ) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल को प्रारंभ से 31 जनवरी 2021 तक राशि रू. 3345.22 करोड़ उपकर के रूप में प्राप्‍त हुई है। प्राप्‍त उपकर राशि से प्रारंभ से अब तक कुल 45,17,998 निर्माण श्रमिकों को लाभान्वित किया गया है। मण्‍डल अंतर्गत श्रम संगठनों को पंजीकृत करने का कोई प्रावधान नहीं है। मण्‍डल द्वारा गैर संगठित क्षेत्र मजदूर बीमा योजना संचालित नहीं की जाती है।

हितग्राहियों के नाम जोड़ना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

54. ( क्र. 5521 ) श्री रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में कितने बी.पी.एल. कार्डधारी हितग्राही हैं। क्‍या पात्र हितग्राहियों के नाम काटे जा रहे हैं एवं उन्‍हें राशन सामग्री प्रदान नहीं की जा रही हैं। (ख) यदि हाँ, तो पात्र हितग्राहियों के नाम जोड़ने हेतु शासन द्वारा कोई प्रयास किये जा रहे हैं? यदि हां, तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सड़क निर्माण किया जाना

[जल संसाधन]

55. ( क्र. 5523 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी में सोन नदी पर बने बाणसागर बांध की मुख्य नहर के किनारे पर सड़क क्या डी.पी.आर. अनुसार है तथा नहर के दोनों और दीवार क्यों नहीं बनाई गई। इस लापरवाही से 16.02.2021 को हुये दर्दनाक हादसों के लिये क्या विभाग की जिम्मेदारी तय की जावेगी। (ख) प्रदेश में किस-किस बांध की मुख्य नहर के किनारों पर सड़क है। उनकी कुल लंबाई कितनी है? क्या सारी सड़के डी.पी.आर. के अनुसार बनाई गई है तथा किस नहर के दोनों और दिवार है. यदि नहीं है तो क्यों? (ग) क्या ठेकेदार अपनी सुविधा के लिये नियम विपरीत सड़क बनाता है। यदि हाँ, तो क्या सीधी के दर्दनाक हादसे के लिये विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों तथा नहर बनाने वाले ठेकेदार पर प्रकरण दर्ज कराने हेतु लिखा जायगा। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) की सारी नहरों के दोनों और यदि सड़क है तो दिवार बनाई जावेगी. यदि नहीं तो क्या सड़क को तोड़ दिया जायगा. यदि नहीं तो क्या फिर किसी दुर्घटना इंतजार किया जावेगा।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पेट्रोल पम्प की अनुमति

[राजस्व]

56. ( क्र. 5525 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र के सरवन गांव में एस.आर. पेट्रोल पम्प हेतु आवेदन किस दिनांक को किया गया तथा अनुमति किस दिनांक को दी गई। (ख) पेट्रोल पम्प जिस जमीन पर खोला गया उसका नजरी नक्‍शा, खसरा, खाता की नकल, रकबा तथा डायवर्सन का विवरण देवें क्या पेट्रोल पम्प के दायें-बायें अथवा पीछे पड़ी शासकीय जमीन पर नक्शे में हेराफेरी कर पम्प का कुछ हिस्सा शासकीय जमीन पर बना लिया गया है। (ग) क्या नियम विपरीत शासकीय जमीन में हेराफेरी कर पेट्रोल पम्प की अनुमति दी गई है क्या इसकी जांच करवाएंगे।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र के सरवन गांव में एस.आर. पेट्रोल पम्प हेतु दिनांक 13 सितम्बर 2017 को आवेदन किया गया था, अनुमति दिनांक 11.09.2018 को दी गई। (ख) तहसील सैलाना अन्तर्गत ग्राम सरवन में स्थित एस.आर. पेट्रोल पम्प का नजरी नक्शा, खसरा, खाता नकल, रकवा एवं डायवर्सन आदेश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। नक्‍शा में कोई हेरा-फेरी नहीं किया है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

हाईटेंशन लाईन के नीचे उत्‍खनन किया जाना

[खनिज साधन]

57. ( क्र. 5538 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हाईटेंशन लाईन के नीचे उत्खनन किये जाने की अनुमति दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विद्युत विभाग से एन.ओ.सी. ली जाती हैं? (ग) यदि नहीं तो हादसा होने की स्थिति में किसकी जवाबदारी होगी? (घ) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत जबलपुर जिले में गत 3 वर्षों में कहां कहां अनुमति दी गई हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खनिज नियमों में प्रश्‍नानुसार अनुमति दिये जाने के संबंध में कोई प्रतिबंधात्‍मक प्रावधान नहीं है। (ख) उत्‍खनन की अनुमति दिये जाने के पूर्व समस्‍त जाँच प्रतिवेदन प्राप्‍त किये जाते है। (ग) यदि हाईटेंशन लाईन के नीचे किसी व्‍यक्ति द्वारा खनन किया जाता है तो दुर्घटना होने की स्थिति में खननकर्ता की जवाबदारी होगी।                                            (घ) प्रश्‍नानुसार जानकारी संधारित किये जाने का खनिज नियमों में प्रावधान नहीं है।

अवैध उत्‍खनन की शिकायतें

[खनिज साधन]

58. ( क्र. 5567 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरोनिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भाण्‍डेर विधान सभा क्षेत्र में 13 स्‍वीकृत रेत उत्‍खनन खदानें हैं। (ख) क्‍या उक्‍त 13 स्‍वीकृत उत्‍खनन खदानों के अतिरिक्‍त अन्‍य स्‍थानों से उत्‍खनन की शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या स्‍वीकृत रेत उत्‍खनन खदानों पर तहसीलदार, राजस्‍व निरीक्षक एवं पटवारी द्वारा सीमांकन कर मुढियां/बाढ़ लगवाई गई? यदि नहीं तो क्‍यों?                                       (घ) पनडुब्बियां द्वारा अवैध उत्‍खनन पर क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। भाण्‍डेर तहसील अंतर्गत प्राप्‍त उत्‍खनन की शिकायतों के संबंध में ग्राम सालोन-ए में पहुज नदी के पास 01 जे.सी.बी. एवं छान खिरियाघाट पहुज नदी से 01 जे.सी.बी. जप्‍त कर कुल 02 अवैध रेत उत्‍खनन के प्रकरण दर्ज किये गये हैं। (ग) जी हाँ। (घ) जिले में पनडुब्‍बी द्वारा पहुज नदी में अवैध रेत उत्‍खनन किया जाना पाया गया था, जिस पर वैधानिक कार्यवाही की गई है।

राशन की दुकानों से अनाज वितरण में पारदर्शिता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

59. ( क्र. 5591 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) उज्‍जैन जिले के कितने शहरों और गांवों में उचित मूल्य की दुकान संचालित हो रही हैं और गरीब परिवारों के लिए प्रति दुकान कितना-कितना अनाज प्रत्येक दुकान पर भेजा जा रहा है?         (ख) क्या प्रत्येक उचित मूल्य की दुकान पर स्थानीय विकासखण्‍ड स्तर पर जिले स्तर पर निगरानी और सफलता के लिए समितियां बनी हुई है? यदि हाँ, तो उन समितियों द्वारा राशन की दुकानों पर विगत 2 वर्ष में कब-कब निरीक्षण किया गया और क्या कमियां पाई गई? निरीक्षणवार माहवार दिनांकवार जानकारी देवें। (ग) क्या उचित मूल्य की सभी दुकानों में इमानदारी से समितियों का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन शासकीय और विभागीय अधिकारियों ने कब-कब उन समितियों का सत्यापन किया है? क्‍या सभी समिति के सदस्य सही पाए गए हैं, कोई सदस्य गलत तो नहीं पाया गया? इस संबंध में पूर्ण विवरण सहित दुकानवार जानकारी देवें। (घ) क्या प्रत्येक उचित मूल्य की दुकानों पर भंडार पंजी और वितरण पंजी और हस्ताक्षर पंजी रखी जाती है? यदि हाँ, तो उन का अवलोकन करने के लिए उनकी जाँच के लिए कौन-कौन सा विभागीय अमला और कौन-कौन सी समितियां उनका कब का निरीक्षण करती है? स्टॉक के अनुसार भेजा गया बांटा गया और बचा हुआ माल वस्तुएं या अनाज का हिसाब कैसे रखा जाता है? पूर्ण विवरण दीजिए।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

वाहनों को राजसात किया जाना

[खनिज साधन]

60. ( क्र. 5606 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में अवैध रेत उत्‍खनन में लिप्‍त 3812 से अधिक ट्रेक्‍टर-ट्राली एवं 1509 से अधिक डंपर और ट्रक तथा 182 जे.सी.बी. जब्‍त की गई है? जैसा कि दिनांक 13 फरवरी 2021 को प्रदेश के समाचार-पत्रों में माफिया एवं अपराध मुक्‍त मध्‍य प्रदेश का संकल्‍प के सरकारी विज्ञापन में उल्‍लेख किया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के किस-किस जिले में किन-किन माफियाओं के ट्रेक्‍टर-ट्राले, डंपर, ट्रक एवं जे.सी.बी. जप्‍त की गई है? उक्‍त वाहनों के मालिकों के नाम, पते एवं वाहन क्रमांक सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ग) उक्‍त वाहनों में से कितने वाहनों को राजसात किया गया है और कितने वाहनों को चालानी कार्यवाही कर छोड़ा गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में किन-किन के विरूद्ध प्रदेश के किन-किन आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं तथा कितने मामलों में चालान माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया है बतायें?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राजस्‍व भूमियों का आवंटन

[राजस्व]

61. ( क्र. 5611 ) श्री धरमू सिंग सिरसाम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (1) में आरक्षित धारा 234 के तहत बनाए गए निस्‍तार पत्रक में दर्ज जमीनों को वन विभाग को आवंटित करने, वन विभाग के वर्किंग प्‍लान में शामिल करने की अनु‍मति देने एवं वन विभाग को कब्‍जा सौंपे जाने का अधिकार एवं प्रावधान संहिता की किस धारा में दिया जाकर कलेक्‍टर को क्‍या अधिकार दिए हैं। (ख) धारा 237 (1) में आरक्षित भूमियों को पटवारी मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी से संरक्षित वन भूमि बताकर पृथक करने का अधिकार भू-राजस्‍व संहिता की किस धारा में किसे दिया गया है।                (ग) बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद जिले में धारा 237 (1) में आरक्षित कितनी भूमि वन विभाग ने किसकी अनुमति से वर्किंग प्‍लान में शामिल कर भूमि पर कब्‍जा भी कर लिया है अनुमति की प्रति सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 यथा संशोधित वर्ष 2018 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। (ग) वन विभाग की धारा 237 (1) में आरक्षित भूमि पर कब्‍जा करने की अनुमति नहीं दी गई है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

पट्टों का वितरण नहीं करना

[राजस्व]

62. ( क्र. 5626 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                         (क) क्‍या बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्‍लाक में बनाई गई सामूहिक कृषि सहकारी समितियों को निस्‍तार पत्रक में दर्ज आवंटित भूमि का काबिजों एवं समिति सदस्‍यों को पट्टों पर प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी आवंटन नहीं किया गया। (ख) यदि हाँ, तो किस समिति को निस्‍तार पत्रक में किस मद में दर्ज कितनी भूमि किस आदेश क्रमांक दिनांक से आवंटित की गई, निस्‍तार पत्रक में दर्ज किस मद की कितनी भूमि कृषि उपयोग, गैर कृषि उपयोग, वानिकी उपयोग के लिए किस दिनांक को आवंटित की गई पृथक-पृथक बतावें। (ग) निस्‍तार पत्रक में दर्ज कृषि सहकारी समिति को प्रदाय भूमि सदस्‍यों एवं काबिजों को पट्टे पर आवंटित नहीं करने का क्‍या कारण रहा है, निस्‍तार पत्रक में ही दर्ज भूमि कृषि उपयोग, गैर कृषि उपयोग एवं वानिकी उपयोग के लिए आवंटित करने का क्‍या कारण रहा है पृथक-पृथक बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं '''' अनुसार है। (ग) तहसील घोड़ाडोंगरी के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में बनाई गई सामूहिक सहकारी समितियों को आवंटित भूमि मूल मद बड़े झाड़ के जंगल में दर्ज होने से, शासन के आदेशानुसार समितियों के भंग होने पर, काबिजों को पट्टे वि‍तरित नहीं किए गए।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

सार्वजनिक प्रयोजनों के संसाधन

[राजस्व]

63. ( क्र. 5632 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला पंचायत बैतूल एवं जिले की 10 जनपद पंचायतों के द्वारा राजस्‍व ग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं निस्‍तार पत्रक में दर्ज सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों के दर्ज संसाधनों का नियंत्रण, प्रबंधन एवं अधिकार ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपे जाने के संबंध में प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है। (ख) जिले के कितने ग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं निस्‍तार पत्रक में सार्वजनिक एवं निस्‍तारी प्रयोजनों के लिए कितनी भूमि दर्ज है इनमें से कितनी भूमि वन विभाग ने वर्किंग प्‍लान में शामिल कर अपने कब्‍जे में ले ली है, विकासखण्‍डवार बतावें। (ग) जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत ने निस्‍तार पत्रक में दर्ज संसाधनों का नियंत्रण प्रबंधन एवं अधिकार ग्रामसभा और ग्राम पंचायत को सौंपे जाने के संबंध में किस दिनांक को क्‍या कार्यवाही की यदि नहीं की तो कारण बतावें कब तक कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अधिकार नियंत्रण एवं प्रबंधन

[राजस्व]

64. ( क्र. 5633 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बै‍तूल जिले के 1303 राजस्‍व ग्रामों के पटवारी मानचित्र एवं निस्‍तार पत्रक में सार्वजनिक, निस्‍तारी प्रयोजनों के लिए दर्ज जमीनों का अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपे जाने की कार्यवाही प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं की गई। (ख) सार्वजनिक, निस्‍तारी प्रयोजन के लिए दर्ज जमीनों के संबंध में संविधान की 11 वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, म.प्र. पंचायती राज एवं ग्राम स्‍वराज अधिनियम 1993 वन अधिकार कानून 2006 एवं सर्वोच्‍च अदालत की या.क्र. 19869/2010 आदेश दिनांक 28 जनवरी 2011 में क्‍या प्रावधान दिया गया है। (ग) निस्‍तार पत्रक में दर्ज प्रयोजनों की जमीनों के वास्‍तविक अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को नहीं सौंपे जाने का क्‍या कारण रहा है कब तक यह सौंपा जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

केन्‍द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

65. ( क्र. 5653 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) क्‍या राज्‍य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्‍तर्गत की जाने वाली खरीदी के लिए केन्‍द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि का आंशिक भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो 31 जनवरी 2021 तक कितनी राशि का भुगतान नहीं मिला है? (ग) केन्‍द्र सरकार द्वारा भुगतान नहीं किए जाने का क्‍या कारण है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

गृह तहसील में पटवारियों की पदस्‍थापना की जानकारी

[राजस्व]

66. ( क्र. 5695 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शाखा राजस्‍व विभाग भोपाल के परिपत्र क्रमांक 1642/1842/11/सात (4बी) दिनांक 25.07.2011 द्वारा समस्‍त कलेक्‍टरों को यह निर्देश प्रसारित किये गये थे कि गृह तहसीलों में पदस्‍थ पटवारियों को स्‍थानांतरित कर उन्‍हें जिले के अंतर्गत ही अन्‍य तहसीलों में पदस्‍थ किया जाये? (ख) यह कि प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये परिपत्र दिनांक से किस-किस जिले के कलेक्‍टरों के द्वारा पटवारियों के स्‍थानांतरण पर प्रतिवर्ष नियमित रूप से पालन किया जा रहा है? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या परिपत्र दिनांक 25.07.2011 का पालन न कराये जाने की दशा में मध्‍यप्रदेश शासन राजस्‍व विभाग भोपाल के द्वारा क्‍या अन्‍य कोई परिपत्र पटवारियों के पदस्‍थापना/स्‍थानांतरण किये जाने में संशोधित परिपत्र जारी किये गये हैं यदि जारी किये गये हैं तो प्रति उपलब्‍ध करायी जायें? (घ) यदि पटवारी अपने गृह तहसील में पदस्‍थ है तो उसे तब तक जिले के अंदर ही अन्‍य तहसील में पदस्‍थ किया जायेगा समय-सीमा क्‍या होगी अब तक गृह तहसील में बनाये रखने का क्‍या कारण है? क्‍या शासन पालन न करने वाले शासकीय सक्षम अधिकारी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2013/एक/8 पार्ट दिनांक 8-5-2013 से उक्त कंडिका 9.5 को विलोपित किया जाने के फलस्वरूप शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। म.प्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2013/एक/8 पार्ट दिनांक 8-5-2013 से उक्त कंडिका 9.5 को विलोपित किये जाने के फलस्वरूप उक्त प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।                (घ) उत्‍तरांश (ख) के प्रकाश में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नियमों के विपरीत अधिकार न होने पर भी खाद्यान्‍न, दलहन, जब्‍त करना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

67. ( क्र. 5696 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई.सी. एक्‍ट/या अन्‍य प्रावधानों के तहत कोरोना समय में 01.04.2020 से 31.12.2020 तक कितने प्रकरणों में खाद्यान्‍न, दलहन जब्‍त किया गया? जिलेवार जब्‍त करने वाले अधिकारियों के नाम व पद/तत्‍कालीन पदस्‍थापना दें? (ख) बिन्‍दु (क) अनुसार कितनी-कितनी मात्रा की जप्‍ती की गई? की गई जप्‍ती में क्‍या इन अधिकारियों को अधिकार जप्‍ती के शासन द्वारा दिये गये है या इन अधिकारियों का वसूली के लिए दबाव बनाने के लिए गैर कानूनी जप्‍ती की गई है? शासन द्वारा इन अधिकारियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी? नाम/पदनाम दें (ग) खाद्य विभाग में प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के किस नाम/पदनाम के अधिकारियों की विभागीय जाँच के प्रकरण प्रश्‍नतिथि तक प्रचलित है? ये प्रकरण कब से चल रहे हैं? प्रकरणवार जानकारी दें (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित विभागीय जांचों के निराकरण की क्‍या सीमा नियमों में निर्धारित है? नियमों की एक प्रति दें तयशुदा समय-सीमा में विभागीय जाँच पूर्ण न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध राज्‍य शासन कब व क्‍या कार्यवाही प्रकरणवार चिन्हित कर सकेगा? अगर हाँ तो किन-किन के विरूद्ध? सूची प्रकरणवार दें

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भूमि का मालिकाना हक देने

[राजस्व]

68. ( क्र. 5755 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभिन्न ग्रामों में पदस्थ कोटवारों के द्वारा अपनी सेवाएं कई वर्षों से शासन को कम मानदेय में प्रदान की जा रही है। कोटवारों द्वारा नियमित किये जाने के संबंध में निरंतर ज्ञापन देकर व धरना प्रदर्शन कर मांग की जा रही है परंतु फिर भी कोटवारों को नियमित नहीं किया गया है, क्या कारण है? (ख) कोटवारों को नियमित किये जाने की शासन द्वारा कार्यवाही की जायेंगी? अगर हाँ तो कब तक? इनका नियमितीकरण कर दिया जायेगा अगर नियमितीकरण नहीं किया जाता है तो क्या इन्हें क्लेक्टर दर के अनुसार वेतन प्रदान किया जायेगा? (ग) कोटवारों को जो सेवा भूमि प्रदान की गई है उस भूमि पर कोटवारों द्वारा कई वर्षों से निरंतर कृषि की जा रही है। क्या शासन द्वारा कोटवारों को प्रदान की गई सेवा भूमि का मालिकाना हक प्रदान किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है? अगर हाँ तो कब तक सेवा भूमि का मालिकाना हक कोटवारों को दे दिया जायेगा? (घ) कोटवारों की ड्यूटी तहसील कार्यालय, थाना चौकी, चुनाव प्रक्रिया व अन्‍य स्‍थानों पर लगाई जाती है परंतु कोटवारों को मानदेय के अलावा अलग से कोई किराया भत्ता या अन्य राशि प्रदान नहीं की जाती हैं। क्या कोटवारों को भत्ते की राशि प्रदान की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहित-1959 के प्रावधानानुसार पारिश्रमिक दिया जाता है। कोटवारों को सेवा शर्तें/पारिश्रमिक संहिता के प्रावधानों अनुसार निर्धारित है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्‍न (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) कोटवारों को पारिश्रमिक के रूप में भू-राजस्‍व संहित-1959 की धारा-231 के प्रावधानानुसार सेवा भूमि दी जाती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कोटवारों को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहित-1959 के प्रावधान/नियम अनुसार ही कार्य लिए जाते है। चुनाव ड्यूटी हेतु पृथक से भत्‍ता दिया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

राशन वितरण की  शिकायतें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

69. ( क्र. 5756 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा अलीराजपुर जिले को वर्ष 2019-20 से 2020-21 प्रश्न दिनांक तक प्रतिमाह कितना-कितना राशन (गेहूँ, चावल, नमक, दाल, केरोसीन आदि) का आवंटन प्राप्त हुआ है? राशनवार और माहवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त आवंटन अनुसार अलीराजपुर जिले की प्रत्येक उचित मूल्य की दुकानों को कितना-कितना आवंटन जारी किया गया आवंटन अनुसार प्रदाय की गई खाद्यान्न की मात्रा (गेहूँ, चावल, नमक, दाल, केरोसीन आदि) की पहुँचाई गई मात्रा की प्रतिमाह की जानकारी देवें। (घ) क्या अलीराजपुर जिले में वर्ष 2019-20 से 2020-21 प्रश्न दिनांक तक ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों में राशन नहीं मिलने की शिकायतें विभाग को प्राप्त हुईं हैं। प्राप्त शिकायतों के निराकरण हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है, की गई कार्यवाही से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करें। (ग) यदि विभाग द्वारा प्राप्त शिकायत का निराकरण किया जाना बताये जाने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में राशन प्राप्त नहीं हुआ है तो क्या उक्त शिकायत निराकृत मानी जावेगी। (ड.) विभाग के जवाबदेह अधिकारी द्वारा प्राप्त शिकायतों को मौका परीक्षण किये बिना शिकायत का निराकरण करना पाया जाता है तो शासन उस पर क्या कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (घ) सामान्‍यत: नहीं। (ड.) जवाबदेह अधिकारी द्वारा त्रुटिपूर्ण निराकरण का तथ्‍य संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

अधिकारी-कर्मचारि‍यों की पदोन्नति

[राजस्व]

70. ( क्र. 5758 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) राजस्‍व विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारीगण राजस्‍व विभाग के अभिन्‍न अंग है या नहीं यदि है तो पटवारी, आर.आई. ए.एस.एल.आर., डी.एल.आर. व नायाब तहसीलदार, तहसीलदार, लिपि‍कवर्गीय बाबू एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदोन्‍नति के लिए विभाग की क्या योजना है? (ख) कर्मचारि‍यों के कितने पद रिक्त हैं एवं कितने कर्मचारि‍यों की पदोन्नति‍ रूकी है? यदि पदोन्नति‍ रूकी है तो कब तक की जावेगी विभागीय पदोन्नति‍ क्यों नहीं हो रही है? (घ) 25 वर्ष की सेवा की अवधि या 50 वर्ष की उम्र के कर्मचारि‍यों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का क्या प्रावधान है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मध्‍यप्रदेश शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक सी-3-18/2001/3/एक दिनांक 14 जून, 2002 के द्वारा पदोन्‍नति से भरे जाने वाले पदों की पूर्ति हेतु मध्‍यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्‍नति) नियम 2002 बनाये गए है। माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा मध्‍यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्‍नति) नियम 2002 को शून्‍य घोषित किए जाने के कारण वर्तमान में पदोन्‍नति पर प्रतिबंध है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्नांश (क) के उत्‍तर के अनुक्रम में समय-सीमा बताई जाना सम्‍भव नहीं है। (घ) म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन नियम) 1976 के नियम 42 '''' में स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति के प्रावधान है। उक्‍त प्रावधान मध्‍यप्रदेश शासन, वित्‍त विभाग क्रमांक एफ-1/2002/नियम/चार, दिनांक 05-04-2006 के परिपत्र द्वारा प्रावधानित किये गए।

भोपाल जिले में मत्‍स्‍य पालन हेतु जलाशयों का आवंटन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

71. ( क्र. 5763 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में वर्ष 2019-20 एवं 2021 में समूहों को कौन-कौन से जलाशय आवंटित किये गये? उनके नाम, क्षेत्रफल लाभान्वित समूह एवं मछुआ सहकारी समिति को एवं लाभान्वित सदस्‍य संख्‍या बताई जाये। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित हितग्राहियों द्वारा आवं‍टित जलाशयों का गहरीकरण अथवा अन्‍य समस्‍या को लेकर कोई शिकायत विभाग में की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार(ख) जी नहीं।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

नहर तथा बैराज में गेट लगाये जाने

[जल संसाधन]

72. ( क्र. 5777 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग रायसेन द्वारा 15 सितम्‍बर, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में किन-किन स्‍टॉप डेम तथा बैराज में किन-किन दिनांकों में गेट लगवाये गये(ख) उक्‍त स्‍टॉप डेम तथा बैराज से कितने किसानों की भूमि सिंचित हुई? (ग) क्‍या रायसेन जिले में क्षतिग्रस्‍त स्‍टॉप डेम तथा बैराज में भी गेट लगवाये गये परन्‍तु उनमें पानी नहीं रूका, न ही किसानों की फसल सिंचित हुई? यदि हाँ, तो गेट लगाने का क्‍या औचित्‍य है? (घ) क्षतिग्रस्‍त स्‍टॉप डेम तथा बैराज की मरम्‍मत हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा इस संबंध में मान. मंत्री जी को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाधीन संभागीय कार्यालय द्वारा रायसेन जिले में 01 क्षतिग्रस्‍त ''खेरूआ रपटा कम बैराज'' में गेट लगाए गए हैं जिसकी किनारे से थोड़ी मिट्टी कट गई थी उसमें बोरी बंधान कर गेट लगाकर कृषकों को 188 हेक्‍टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है। शेष किसी भी क्षतिग्रस्‍त स्‍टॉप डेम तथा बैराज में गेट नहीं लगाए गए हैं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) क्षतिग्रस्‍त स्‍टॉप डेम तथा बैराज की मरम्‍मत हेतु की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा प्रश्‍नांकित अवधि में मान. मंत्रीजी को प्रेषित एक भी पत्र विभाग में प्राप्‍त नहीं होना प्रतिवेदित है। अत: पत्रों पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नहर का निर्माण कार्य

[जल संसाधन]

73. ( क्र. 5778 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी, 2021 की स्थिति में रायसेन जिले में किन-किन बांधों की नहर निर्माण का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है तथा क्‍यों? बांधवार कारण बतायें। (ख) अनुबंध अनुसार उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होना था? उक्‍त नहरों का कार्य शीघ्र पूर्ण हो इस हेतु प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) रायसेन जिले में किन-किन बांध की नहरें कच्‍ची हैं उनको पक्‍की क्रांकीट कार्य करवाने हेतु विभाग की क्‍या-क्‍या योजना है? पूर्ण विवरण दें। (घ) प्रश्‍नांश            (ग) का कार्य शीघ्र स्‍वीकृत हो इस हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही तथा प्रयास किये गये?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। कार्य शीघ्र स्‍वीकृत कराने हेतु प्राक्कलन में ली गई आपत्तियों का निराकरण संभागीय कार्यालय स्‍तर पर किया जा रहा है।

शाखा प्रबंधक के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायतें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

74. ( क्र. 5789 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दतिया में पदस्‍थ शाखा प्रबंधक श्री जी.पी. जाटव के संबंध में जानकारी उपलब्‍ध कराने बाबत् प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य ने प्रबंधक संचालक मध्‍यप्रदेश वेयर हाउसिंग एण्‍ड लॉजिस्टिक कारर्पोरेशन भोपाल को पत्र क्रमांक 127/2021 दिनांक 21.01.2021 को लिखा था? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक जानकारी क्‍यों उपलब्‍ध नहीं करायी गयी? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मध्‍यप्रदेश वेयर हाउसिंग लॉजिस्‍टक कारर्पोरेशन में श्री जाटव की पदस्‍थापना कहाँ पर किस पद पर हुई? श्री जी.पी. जाटव की पदस्‍थापना से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक इनके विरूद्ध कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्‍त हुई तथा उन शिकायतों पर क्‍या कार्यवाही की गयी? जाँच प्रतिवेदन सहित सम्‍पूर्ण जानकारी देवें। (ग) दतिया में पदस्‍थ शाखा प्रबंधक श्री जी.पी. जाटव के मूल निवासी, प्रमाण-पत्र जाति प्रमाण-पत्र रोजगार कार्यालय का प्रमाण-पत्र एवं सभी शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की सत्‍यापित प्रतियां कब तक उपलब्‍ध करायी जायेगी? श्री जाटव के मूल निवासी एवं जाति प्रमाण-पत्र किस आधार पर कहाँ से बनाये गये? गांव का नाम एवं जिला सहित जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

नहर के पास सड़क की जानकारी

[जल संसाधन]

75. ( क्र. 5800 ) श्री जितू पटवारी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी में बांध की प्रमुख नहर के पास सड़क किस विभाग ने बनाई विभाग ने सड़क के बनाने पर आपत्ति क्‍यों नहीं ली क्‍या यह सड़क विभाग द्वारा बनवाई गई यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) क्‍या प्रदेश में जितने भी बांध की प्रमुख नहर है उनके दोनों ओर सड़क है यदि हाँ, तो किस-किस बांध की प्रमुख नहर के पास कितनी-कितनी लम्‍बी सड़क है? सूची देवें। (ग) क्‍या इन नहरों कि पास वाली सड़कों पर प्रति वर्ष कई दुर्घटनाएं हो रही हैं उसके बाद भी सुरक्षा के कोई कदम नहीं उठाये गये क्‍या विभाग की 16 फरवरी को सीधी में हुई घटना की जिम्‍मेदारी नहीं बनती? (घ) क्‍या प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित नहरों के दोनों और 4 फिट ऊंची और 2 फिट चौड़ी दीवार बनाई जायगी, यदि नहीं तो क्‍यों? (ड.) क्‍या सीधी में 16 फरवरी 2021 को हुई दुर्घटना में मृतकों को मंदसौर गोली-काण्‍ड की तरह एक-एक करोड़ का मुआवजा तथा परिवार के एक व्‍यक्ति को नौकरी दी जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राशन घोटाले की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

76. ( क्र. 5806 ) श्री जितू पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 694 दिनांक 23/09/2020 के परिप्रेक्ष्‍य में राशन दुकानों की हितग्राहियों की संख्‍या में घोटाले का समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है या नहीं तथा अगर किसी राशन दुकान में काल्‍पनिक हितग्राहियों के नाम पर करोड़ों रूपये की सामान वितरित कर दी गई हो तो उस दुकानदार पर क्‍या कार्यवाही होगी? (ख) जनवरी 2018 से जनवरी 2021 तक प्रत्‍येक वर्ष के जनवरी माह में जिलेवार राशन प्राप्‍त वृद्धि तथा कमी के कारण बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित माह में जिलेवार वितरीत की गई सामग्री की मात्रा बताएं तथा इस में होने वाली वृद्धि और कमी के कारण बताएं। (घ) वर्ष 2018 से 2020 तक राशि कि दुकानों के हितग्राहियों में से कितने संख्‍या में काल्‍पनि‍क हितग्राही पाये गये तथा उनके नाम किस वर्ष में हटाये गये सूची देवें कुल हटाये गये की संख्‍या बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राशि भुगतान की जानकारी

[राजस्व]

77. ( क्र. 5807 ) श्री जितू पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 917 दिनांक 29.12.2020 के खण्‍ड (क) के संदर्भ में बताएं कि बसों के बारे में जानकारी संधारित नहीं की गई है तो बसों की संख्‍या कैसे बताई गई तथा राशि की गणना कैसे की गई तथा राशि का भुगतान कैसे लिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित राशि में से कितनी राशि का भुगतान कर दिया गया है तथा कितनी राशि का शेष है? जिलेवार बतायें।           (ग) बजट की मांग संख्‍या 58 योजना शेष 5504 से इस खर्च का भुगतान कैसे संभव है जबकि यह शीर्ष ऐसे किसी कार्य के भुगतान के लिये नहीं है? प्रदेश के जिस जिले में बसों के किरायों का भुगतान किया गया उनकी सूची देवें। (घ) प्रश्‍नाधीन प्रश्‍न (घ) में संदर्भ में बतायें कि रजिस्‍टर संधारित नहीं किया जाता है तो जिस कागज पर जहां भी एन्‍ट्री की जाती है उसकी प्रति देवें तथा बतावें कि भुगतान किसे करना है, कितना करना है, बिना एंट्री के तय किये जाने का सूत्र बतावें। (ड.) प्रदेश में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक शासकीय कार्यक्रम में लाने के लिये कितनी बसे अधिग्रहित की गई तथा उसका भाड़ा कितना दिया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित प्रश्‍न क्रमांक 917 के खण्‍ड (क) में अन्‍य राज्‍यों से लाने, राज्‍य के सीमा से शहर/गांव तक भिजवाने/अन्‍य राज्‍य के श्रमिकों को गंतव्‍य तक भिजवाने आदि की जानकारी मांगी गई है। इस प्रकार का वर्गीकरण नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत स्‍वीकृत ऐसी प्राकृतिक आपदा जिनका उल्‍लेख अन्‍य किसी योजना शीर्ष में नहीं है उनका भुगतान योजना शीर्ष 5504 (राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के अंतर्गत आपदा में आर्थिक सहायता) से किया जाता है। बसों के किराया भुगतान की जानकारी उत्‍तरांश (ख) अनुसार है। (घ) प्रश्‍नाधीन प्रश्‍न (घ) के संदर्भ में जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ड.) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत की जाने वाली खरीदी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

78. ( क्र. 5820 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत की जाने वाली खरीदी के लिए केन्‍द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि का आंशिक भुगतान नहीं किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो 31 जनवरी 2021 तक कितनी राशि का भुगतान नहीं मिला है? (ग) केन्‍द्र सरकार द्वारा भुगतान नहीं किए जाने का क्‍या कारण है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

भोपाल नगर निगम अंतर्गत कोटवारों को आवंटित भूमि

[राजस्व]

79. ( क्र. 5836 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्‍या शासन द्वारा ऐसे आदेश दिए गए हैं कि नगर निगम सीमा के अन्‍तर्गत पूर्व में आवंटित कोटवारों (चौकीदारों) से भूमि वापस ले ली गई है यदि हाँ, तो भोपाल नगर निगम सीमा के अन्‍तर्गत कितने कोटवारों को भूमि आवंटित की गई थी और वर्तमान में अभी कितने कोटवारों के पास भूमि अधिपत्‍य में है? (ख) कोलार रोड स्थित राजहर्ष कालोनी/विक्‍टोरिया कॉलेज के पास स्थित खसरा क्र. 348 रकबा 1.200 हे. पर क्‍या चौकीदार द्वारा आज दिनांक तक उपयोग किया जा रहा है? (ग) उक्‍त भूमि को क्‍या शासन अपने अधिपत्‍य में लेते हुए अन्‍य शासकीय भवन/अन्‍य कार्य के लिए उपयोग करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। भोपाल नगर निगम सीमा के अन्‍तर्गत 49 कोटवारों को पूर्व में भूमि आवंटित की गई थी, वर्तमान में तहसील हुजूर के 04 कोटवारों के आधिपत्‍य में भूमि है, जिनकी जानकारी इस प्रकार है :ग्राम भौरी में 01 श्री कामता प्रसाद आत्‍मज हजारी लाल, 02 श्री हरीप्रसाद उर्फ अमरसिंह आत्‍मज थानसिंह, 03 ग्राम जमौनिया छीर में श्री रमेश आत्‍मज रामप्रसाद 04, ग्राम मीरपुर में श्री कनीराम आत्‍मज देवबक्‍श। उक्‍त चारो की भूमि अभिलेखों में नजूल होकर कोटवारो के ही आधिपत्‍य में है। शेष सेवा भूमि को राजस्‍व अभिलेखों में नजूल भूमि घोषित कर दिया गया है। (ख) जी नहीं। वर्तमान में भूमि रिक्‍त पड़ी हुई है। (ग) जी हाँ। समय-सीमा बताया सम्‍भव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शिल्‍पी गृह निर्माण समिति

[सहकारिता]

80. ( क्र. 5837 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगर निगम भोपाल के वार्ड क्रमांक 82-83 में स्थित शिल्‍पी गृह निर्माण समिति का पंजीयन किस वर्ष किया गया उसका पंजीयन क्रमांक, दिनांक तथा समिति पंजीयन के सदस्‍य कुल कितने सदस्‍य थे? क्‍या समिति समस्‍त आवश्‍यक स्‍वीकृतियाँ प्राप्‍त करने के उपरांत ही सदस्‍यों को भूखण्‍ड उपलब्‍ध कराये गये है? क्‍या समिति द्वारा सदस्‍यों से ली गई विकास शुल्‍क के आधार पर बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध कराई गई है अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्‍यो नहीं? कब तक मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जावेगी? (ख) समिति के पास विकास शुल्‍क की कितनी राशि जमा है? जमा राशि के आधार पर मूलभूत सुविधा हेतु सड़क, पानी, बिजली आदि उपलब्‍ध कराने हेतु क्‍या समिति को निर्देशित करेंगा?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) शिल्पी गृह निर्माण समिति का पंजीयन वर्ष 1983 में किया गया जिसका पंजीयन क्रमांक डी.आर.बी. 383 दिनांक 12.12.83 है। समिति में पंजीयन के समय कुल 20 सदस्यत थे। संस्था द्वारा वार्ड क्रमांक 82-83 में स्थित भूमि का डायवर्सन अनुविभागीय अधिकारी से कराया जाकर भूमि का अभिविन्यास तत्समय स्वीकृत कराया गया था। इसके उपरांत सदस्यों को भूखण्ड उपलब्ध कराये गये थे। संस्था में एकत्र विकास शुल्‍क संस्था द्वारा डब्‍ल्‍यू.बी.एम. रोड सीवेज लाईन एवं सेप्टिक टैंक की सुविधा तत्समय उपलब्ध कराई गई थी, परन्तु सदस्यों द्वारा पूर्ण विकास शुल्क जमा न कराने से विकास कार्य पूर्ण नहीं हुआ था। संस्था के सदस्य द्वारा शेष विकास राशि जमा करने पर शेष विकास कार्य व मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ख) संस्था के पास विकास शुल्क के रूप में रूपये 4505773.04/- बैंक में जमा है, परन्तु जमा राशि से सड़क, पानी की पूर्ण सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकती है। अत: संस्था पर जमा राशि से शेष विकास कार्य पूर्ण न होने से उक्त जमा राशि का व्यय किया जाना सदस्य एवं संस्था हित में नहीं है।

 

आवंटन निरस्त किया जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

81. ( क्र. 5864 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) नगर पालिका क्षेत्र छतरपुर में कितनी उचित मूल्य की दुकानें संचालित है। इनमें किस समिति/दुकान के द्वारा राशन वितरण किया जा रहा है? इनके संचालन मंडल में कौन-कौन है? कितनी समिति/दुकान के द्वारा अपने कार्य क्षेत्र के बाहर कार्य किया जा रहा है? किस नियम एवं किसके आदेश से? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कितनी दुकानों में कालाबजारी की या अन्य शिकायत आई? इस पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में शिकायत सही पाये जाने के बाद भी समिति/दुकान की कार्यक्षेत्र एवं उसके बाहर आवंटित दुकाने निरस्त की गई? यदि नहीं तो क्यों? किस नियम से। प्रश्न दिनांक तक दुकान आवंटन निरस्तीकरण कार्यवाही लंबित होने के क्या कारण है? नियमानुसार तय समय-सीमा में कार्यवाही नहीं करने पर कौन दोषी है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

बकाया ऋण के संबंध में

[सहकारिता]

82. ( क्र. 5868 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छतरपुर के निर्वाचित संचालक सदस्यों के परिजनों, सगे संबंधियों पर ऋण बकाया है? यदि हाँ तो किन सदस्यों के किन लोगों पर कितना एवं कब से बकाया है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में ऋण वसूली के लिए क्या-क्या प्रयास किए गए? ऋण वसूली नहीं हो पाने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में ऐसे संचालको जिनके परिजनों एवं सगे संबंधियों पर कालातीत ऋण बकाया है उनके विरूद्ध सहकारी अधिनियम के अनुसार कब तक कार्यवाही की जावेगी?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) चालू ऋण की वसूली ड्यू डेट पर की जावेगी। (ग) ऋण कालातीत नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चालीस"

पेट्रोल पम्प एवं गैस एजेन्सी की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

83. ( क्र. 5879 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) ग्वालियर जिले के भितरवार विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में कहाँ-कहाँ पर पेट्रोल पम्प एवं गैस एजेन्सी स्वीकृत की गई है? पेट्रोल पम्प एवं गैस एजेन्सी का नाम, संचालक/मालिक का नाम, स्थान/पता, स्वीकृति दिनांक सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) क्या प्रश्न (क) के अनुसार पेट्रोल पम्प एवं गैस एजेन्सी की अनियमितताओं संबंधी शिकायतें 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो किन-किन शिकायतकर्ताओं द्वारा कब-कब शिकायतें की गई है? शिकायत पत्रों की छायाप्रति दें। क्या शिकायतों पर जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो किस-किस कर्मचारी/अधिकारी द्वारा जाँच की गई? उनका नाम, पद,  बतावें। शिकायत में क्या कार्यवाही की गई? विवरण दें। (ग) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्थापित पेट्रोल पम्प एवं गैस एजेन्सी संचालकों द्वारा निर्धारित समय पर मासिक एवं पाक्षिक पत्रक उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो माह दिसम्बर 2020 एवं जनवरी तथा फरवरी 2021 (कुल तीन माह) की अवधि का भौतिक पत्रक का विवरण दें। यदि नहीं कराया जा रहा है? तो इसके लिये कौन-कौन दोषी है? उनके नाम एवं पता बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ग्‍वालियर जिले के प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत स्‍वीकृत पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसी का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' एवं ''अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसी की अनियमितता संबंधित शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई। अत: शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। वर्तमान में प्रचलित नियंत्रण आदेशों के तहत् डीजल, पेट्रोल पंप एवं एल.पी.जी. के व्‍यवसायी द्वारा मासिक पत्रक देने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

नहरों के किनारे की रोडों पर हो रही दुर्घटनाएं

[जल संसाधन]

84. ( क्र. 5880 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में क्या नहरों के किनारे पर जो रोड है जिन पर सवारी ट्रैफिक, हेवी ट्रैफिक या अत्यधिक वाहन चलते है और उन रोडों के किनारों पर गहरी-गहरी नहरें है जिसमें आये दिन दुर्घटना होकर सेकड़ों लोगों की मृत्यु नहरों में वाहनों के गिरने से हो रही हैं उन रोडों को नहरों के किनारे से हटाकर आवागमन की कोई वैकल्पिक रोडों की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ख) ग्वालियर जिले में ऐसी कौन-कौन सी नहरे है जिनके किनारे-किनारे पर रोड है और उन रोडों पर दुर्घटनायें होती रहती है या हमेशा दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है? कहाँ से कहाँ तक कितनी लम्‍बाई की कौन-कौन सी रोडे हैं? नामवार जानकारी देवें। क्या इन रोडों को क्या नहर के किनारे से हटाकर नया रोड बनवाया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

धान/गेहूँ के परिवहनकर्ताओं में गंभीर अनिमितताएं

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

85. ( क्र. 5883 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत खरीब 2019-20 एवं रबी 2020-21 सीजन में कुल कितने कृषकों से कितनी मात्रा में खरीदी की गई है? खरीदी गई मात्रा में से कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितने किसानों का भुगतान नहीं हुआ है? कब तक भुगतान किया जायेगा? नहीं तो क्‍यों? किसानों का भुगतान नहीं होने से कौन दोषी है? दोषी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही होगी? खरीदी केन्‍द्रवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला अंतर्गत उपार्जित धान/गेहूँ के भण्‍डारण की क्‍या योजना थी? जिले में कुल कितने भण्‍डारण केन्‍द्र, कितनी-कितनी क्षमता के निर्मित है? इन गोदामों में किन-किन खरीदी केन्‍द्रों का धान/गेहूँ भण्‍डारित कराया गया है, क्‍या तहसील के बाहर के खरीदी केन्‍द्रों का भी धान भण्‍डारित किया गया है और तहसीलों के खरीदी केन्‍द्रों का धान/गेहूँ जिले के अन्‍य गोदामों जिले के बाहर भण्‍डारित कराया गया है तो किन-किन गोदामों कितनी-कितनी मात्रा में? गोदामवार बतावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार खरीदी एजेन्‍सी द्वारा कितने परिवहनकर्ता नियुक्‍त किये गये थे? परिवहनकर्ता का नाम, उनके द्वारा लगाये ट्रकों/वाहनों की संख्‍या बतावें। क्‍या तहसील के खरीदी केन्‍द्रों का धान/गेहूँ परिवहनकर्ताओं को लाभ पहुँचाने के दृष्टिकोण से जिले के अन्‍य गोदामों में भण्‍डारित कराया गया हैं, तो कितना किन-किन गोदामों में? इससे परिवहनकर्ता को कितनी अधिक राशि भुगतान की गई बतावें?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

विस्‍थापन/पुनर्वास के संबंध में

[जल संसाधन]

86. ( क्र. 5887 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र से पूर्ण प्रभावित ग्रामों का विस्‍थापन/पुनर्वास किया जाना प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो विस्‍थापन/पुनर्वास हेतु कुल कितने हेक्‍टेयर भूमि की आवश्‍यकता है तथा प्रश्‍न‍ दिनांक तक विभाग को कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि प्राप्‍त हो चुकी हैं एवं कितनी भूमि प्राप्‍त होना किन कारणों से शेष हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन प्रभावित परिवारों का       कहाँ-कहाँ विस्‍थापन/पुनर्वास किया गया हैं? क्‍या विस्‍थापन/पुनर्वास हेतु अत्‍याधिक दूर स्थित क्षेत्र में भूमि आवंटित की जा रही है, जिसमें किसानों द्वारा अस‍हमति/आपत्ति प्रकट की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या शासन प्रभावित क्षेत्र के निकटतम स्‍थान पर विस्‍थापन/पुनर्वास हेतु भूमि आवंटित करेगा, यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। डूब प्रभावितों के विस्‍थापन/पुनर्वास हेतु कुल 80.497 हेक्‍टेयर भूमि की आवश्‍यकता है। प्रश्‍न दिनांक तक विभाग को राजगढ़ जिले में 30.375 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित हो चुकी है। राजगढ़ जिले में 11.625 तथा सीहोर जिले में 38.497 कुल 50.122 हेक्टेयर भूमि प्राप्‍त होना शेष है। शेष भूमि के आवंटन की कार्यवाही तहसील कार्यालय नरसिंहगढ़ एवं कार्यालय जिला कलेक्‍टर सीहोर में प्रक्रियाधीन है। (ख) परियोजना से प्रभावित किसी भी परिवार का विस्‍थापन अभी नहीं हुआ है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जी नहीं, निकटम उपलब्‍ध भूमि में आवंटन एवं विस्‍थापन का कार्य किया जा रहा है। किसानों द्वारा अस‍हमति/आप‍त्ति की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

मुआवजा सर्वेक्षण से वंचित परिसंपत्ति

[जल संसाधन]

87. ( क्र. 5888 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजगढ़ जिले के जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती सिंचाई परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित किसानों के संतरे के बगीचे, टीन शेड, पी.एम. आवास/शौचालय, पाईप लाइन का मुआवजा दिया जाने हेतु कलेक्‍टर गाईड लाइन में कोई निर्देश नहीं होने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा हैं? साथ ही डूब क्षेत्र प्रभावित लोगों के मकान का निचला हिस्‍सा पक्‍का निर्माण होने एवं छत कच्‍ची, कबेलु, तिरपाल की होने से पूर्ण संरचना को कच्‍चा मानकर मुआवजा निर्धारित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपने पत्र दिनांक 06.01.2021 से माननीय मुख्‍यमंत्री जी एवं विभागीय मंत्री जी से उक्‍त समस्‍या के संबंध में निराकरण हेतु अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त संबंध में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई?                                (ख) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन प्रभावित किसानों की संपूर्ण संपत्ति का मुआवजा प्राप्‍त हो सके, इस हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्‍या और कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित भूमि एवं परिसंपत्तियों का मुआवजा भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शित का अधिकार अधिनियम, 2013 के अनुसार दिया जा रहा है। मान. सदस्‍य के प्रश्‍नांकित पत्र के संबंध में पृथक से शासन स्‍तर पर कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। प्रभावित किसानों को भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शित का अधिकार अधिनियम, 2013 के अनुसार मुआवजा दिए जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करने

[सहकारिता]

88. ( क्र. 5895 ) सुश्री कलावती भूरिया : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंजीयन क्र. 834/94 से पंजीकृत संस्था चन्द्रशेखर आजाद गृह निर्माण समिति च.षे.आ.नगर (भाभरा) ने 2.420 हेक्टेयर भूमि सर्वे नं.49/2 एवं 25/2 का भू-अर्जन रजिस्ट्री के माध्यम से करती तो म.प्र. शासन को मुद्रा शुल्क से कितना राजस्व प्राप्त होता? क्या उक्त भूमि का बिना रजिस्ट्री के नामान्तरण उचित है? (ख) क्‍या दिनांक 14.09.2002 को भूमिहीन उक्त संस्था द्वारा मनमाने नक्शे के आधार पर सदस्यों को पेपर पर प्लाट काट कर लॉटरी सिस्टम से वितरित कराये थे तथा प्रत्येक सदस्य से रू. 8500/-प्राप्त कर रजिस्ट्री में दर्शाने का अधिकार संस्था को है क्या? नियम सहित जानकारी देवें। (ग) उक्त संस्था द्वारा दो बार भंग होने पर भी बॉयलॉज का पालन नहीं किया, प्रशासन द्वारा अनदेखी क्यों की जा रही हैं? उक्त संस्था कब-कब भंग हुई थी? उसमें प्रशासन द्वारा कब-कब, क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो किस नियम से नहीं की गई?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) पंजीयन क्र. 834/94 से पंजीकृत संस्‍था चन्‍द्रशेखर आजाद गृह निर्माण सहकारी समिति चन्द्रशेखर आजाद नगर ने 2.420 हेक्टेयर भूमि सर्वे नं. 49/2 एवं 25/2 का भू-अर्जन रजिस्ट्री के माध्यम से करती तो शासन को रूपये 4511/- का मुद्रा शुल्क प्राप्त होता। न्यायालय अपर आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर के आदेश दिनांक 03.12.2008 को पारित निर्णय अनुसार उक्त नामांतरण विधिवत माना गया है। (ख) जी नहीं, कार्यालय संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश झाबुआ के पत्र क्रमांक/नग्रानि/एल.पी./2011/92 झाबुआ दिनांक 08.02.2011 से संस्था का नक्शा पास होने के उपरांत ही संस्था द्वारा प्लाट काटकर लॉटरी सिस्टम से वितरित कराये गये एवं रजिस्ट्री शुल्‍क उप पंजीयक (मुद्रांक) द्वारा निर्धारित कर वसूल किया जाकर रजिस्ट्री पर दर्ज किये जाते है। (ग) जिला अलीराजपुर गठन के उपरांत संस्था एक बार अधिग्रहित हुई है। बॉयलॉज में उल्लेखित समयावधि में संस्था का संचालक मण्डल का निर्वाचन नहीं होने से म.प्र. सहकारिता अधिनियम 1960 की धारा 49 (7) के अंतर्गत संचालक मण्‍डल को कार्यालयीन आदेश क्रमांक/विधि/738/2019 दिनांक 09.07.2019 को अधिग्रहित किया गया। उक्त कार्यवाही प्रशासन द्वारा ही की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करने

[राजस्व]

89. ( क्र. 5896 ) सुश्री कलावती भूरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) पंजीयन क्र. 834/94 से पंजीकृत संस्था चन्द्र शेखर आजाद गृह निर्माण समिति च.षे.आ.नगर (भाभरा) ने 2.420 हेक्टेयर भूमि सर्वे नं. 49/2 एवं 25/2 का भू-अर्जन रजिस्ट्री के माध्यम से करती तो म.प्र. शासन को मुद्रा शुल्क से कितना राजस्व प्राप्त होता? क्या उक्त भूमि का बिना रजिस्ट्री के नामान्तरण उचित है? (ख) दिनांक 14.09.2002 को भूमि हीन उक्त संस्था द्वारा मनमाने नक्शे के आधार पर सदस्यों को पेपर पर प्लाट काट कर लॉट्री सिस्टम से वितरित कराना होता है क्या? नियम सहित जानकारी देवें। (ग) प्रत्येक सदस्य से रू 8500/-प्राप्त कर रजिस्ट्री में दर्शाना और उसका दुरूपयोग करने का अधिकार संस्था को है क्या? नियम सहित जानकारी देवें। (घ) उक्त संस्था का दो बार भंग होने पर भी बॉयलॉज का पालन नहीं किया, प्रशासन द्वारा अनदेखा क्यों किया जाता है? उक्त संस्था कब-कब भंग हुई थी? उसमें प्रशासन द्वारा कब-कब क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो किस नियम से नहीं की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पंजीयन क्र. 834/94 से पंजीकृत संस्‍था चन्‍द्रशेखर आजाद गृह निर्माण समिति च.शे.आ. नगर (भाभरा) ने 2.420 हेक्‍टेयर भूमि सर्वे नं. 49/2 एवं 25/2 का भू-अर्जन रजिस्‍ट्री के माध्‍यम से करती तो शासन को रूपये 4511/- का मु‍द्रा शुल्‍क प्राप्‍त होता। न्‍यायालय अपर आयुक्‍त इन्‍दौर संभाग इन्‍दौर के आदेश दिनांक 03.12.2008 को पारित निर्णय अनुसार उक्‍त नामांतरण विधिवत माना गया हैं। (ख) कार्यालय संचालय, नगर तथा ग्राम निवेश झाबुआ के पत्र क्रमांक/नग्रानि/एल.पी./2011/92 झाबुआ दिनांक 08.02.2011 से संस्‍था के पास नक्‍शे अनुसार प्‍लाट काटकर लॉटरी सिस्‍टम से एवं रजिस्‍ट्री शूल्‍क उप पंजीयक (मुद्रांक) द्वारा निर्धारित कर वसूल किया जाकर रजिस्‍ट्री पर दर्ज किये जाते है। (ग) कलेक्‍टर गाइड लाइन अनुसार प्‍लाट के बाजार मूल्‍य के आधार पर पंजीयन शुल्‍क का निर्धारण उप पंजीयक (मुद्रांक) द्वारा किया जाकर तदनुसार शुल्‍क जमा होने पर पंजीयन दर्ज किया जाता है। (घ) जिला अलीराजपुर गठन के उपरांत संस्‍था एक बार टेक-ओवर हुई है, क्‍योंकि बॉयलाज में उल्‍लेखित समया‍वधि में संस्‍था का संचालक मण्‍डल का निर्वाचन नहीं होने से म.प्र. सहकारिता अधिनियम 1960 की धारा 49(7) के अंतर्गत संचालक मण्‍डल को कार्यालयीन आदेश क्रमांक/विधि/738/2019 दिनांक 09.07.2019 को अधिग्रहित किया गया। उक्‍त कार्यवाही प्रशासन द्वारा ही की गई।

भिण्ड में खरीदी केन्द्रों की प्राप्त शिकायतें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

90. ( क्र. 5897 ) श्री संजीव सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में ज्वार, बाजरा खरीदी केन्द्र खरीफ 2020-21 कहाँ-कहाँ पर बनाए गए? क्या किसान की पंजीकृत जानकारी तहसीलदार द्वारा सत्यापित की जाती है? वर्ष 2020-21 में ज्वार, बाजरा खरीदी केन्द्रों के पंजीयन की कोई शिकायतें प्राप्त हुई थी? (ख) क्या सेवा सहकारी संस्था अकोड़ा पर किसानों के पंजीयन के समय रकवा बढ़ाने के लिए एक ही किसान के साथ कई किसानों के सर्वे नंबरों को जोड़ा गया था? यदि हाँ, तो ऐसे कितने मामले सामने आए है, कितने लोग दोषी पाए गए? कितने लोगों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही हुई? (ग) भिण्ड जिले में ऐसे कितने खरीदी केन्द्र है जिनके विरूद्ध शिकायतें प्राप्त हुई हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में भिण्‍ड जिले में समर्थन मूल्‍य पर ज्‍वार एवं बाजरा की खरीदी के लिए स्‍थापित केन्‍द्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। खरीफ उपार्जन के लिए पंजीकृत किसानों में से ऐसे किसान जिनके द्वारा बोए गए रकबे में वर्ष 2019-20 की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो, 4 हेक्‍टेयर से अधिक बोये गए रकबे वाले पंजीकृत किसान, सिकमी एवं बटाईदार किसान, पंजीयन में शासकीय भूमि के रकबे वाले किसान, वन पट्टाधिकारी किसान एवं मोबाईल एप से पंजीयन कराने वाले किसानों के रकबे एवं बोई गई फसल का सत्‍यापन तहसीलदार/एस.डी.एम. लॉगिन से कराये जाने का प्रावधान किया गया। वर्ष 2020-21 में ज्‍वार एवं बाजरा पंजीयन केन्‍द्रों पर पंजीयन की असुविधा के संबंध में एक शिकायत प्राप्‍त हुई है। (ख) जी हाँ। सेवा सहकारी संस्‍था अकोड़ा पर एक किसान द्वारा अपने पंजीयन में अन्‍य किसानों की भूमि के खसरे जोड़ने का प्रकरण सामने आया था। संबंधित व्‍यक्ति के विरूद्ध पुलिस थाना उमरी में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। (ग) खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में भिण्‍ड जिले में एक पंजीयन केन्‍द्र की शिकायत प्राप्‍त हुई है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

कनेरा योजनांतर्गत किये गये कार्य

[जल संसाधन]

91. ( क्र. 5898 ) श्री संजीव सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्या जिला भिण्ड के अटेर क्षेत्र में कनेरा योजना संचालित है? यह योजना कितनी लागत की है? कितने प्रतिशत कार्य इस योजना के अंतर्गत पूर्ण किया जा चुका है? (ख) कार्य के एवज में कितना भुगतान निर्माण एजेंसी को किया जा चुका है? तिथिवार एवं राशिवार अवगत करावें

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि भिण्‍ड जिले की अटेर तहसील के कनेरा ग्राम के पास निर्माणाधीन कनेरा उद्वहन सिंचाई परियोजना की शासन द्वारा दिनांक 16.01.1980 को राशि रू. 397.59 लाख की प्रशासकीय स्‍वीकृति तथा दिनांक 07.08.2007 को राशि रू.4695.39 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना से चंबल घडियाल संरक्षण के अंतर्गत चंबल घडियाल अभ्‍यारण्य की 4.14 हेक्‍टेयर वन भूमि प्रभावित होने के कारण भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग से वन भूमि एवं पर्यावरणीय स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं होने के कारण परियोजना का कार्य मार्च-2010 से बंद है। परियोजना का कार्य 35 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। परियोजना पर अद्यतन राशि रू. 2502.10 लाख व्‍यय की गई है। परियोजना हेतु अनुबंधित निर्माण एजेंसियों को किए गए भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

तहसील विजयपुर में चेंटीखेड़ा बांध की प्रशासकीय स्‍वीकृति

[जल संसाधन]

92. ( क्र. 5912 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला श्‍योपुर की तहसील विजयपुर में सिंचाई सेवाओं में वृद्धि हेतु बजट सत्र मार्च 2018 में प्रस्‍तुत, वर्ष 2017-18 के तृतीय अनुपूरक बजट में चेंटीखेड़ा मध्‍यम सिंचाई परियोजना लागत 400.28 करोड़ के लिए राशि का प्रावधान किया गया था? (ख) क्‍या विधानसभा ध्‍यानाकर्षण सूचना क्र. 150 पर दिनांक 08.03.18 को चर्चा के दौरान मान. जल संसाधन मंत्री जी द्वारा अप्रैल माह 2018 तक समस्‍त औपचारिक अनुमतियां प्राप्त कर दो माह के अंदर चेंटीखेड़ा बांध की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी करने का कथन किया था? यदि हाँ, तो अभी तक उक्‍त क्रम में क्‍या-क्‍या कार्यवाही हो चुकी है? चेंटीखेड़ा बांध की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी करने में विलंब के क्‍या कारण है व कब तक स्‍वीकृति जारी कर दी जावेगी? (ग) क्‍या विजयपुर में गांवड़ी गांव के पास ईडर नदी पर लौड़ी बांध निर्माण हेतु डी.पी.आर. तैयार कर ली गई है? यदि हाँ, तो डी.पी.आर. तैयार होने के पश्‍चात् उक्‍त बांध की प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी किये जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है? कब तक समस्‍त औपचारिकताएं पूर्ण कर प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी कर दी जावेगी? (घ) क्‍या विभाग विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं की वृद्धि हेतु- 1. बेहरदे तालाब कदवई 2. धमनद तालाब धामिनी 3. कुण्‍डा नाला पिपरवास 4. डोकरका तालाब ओछापुरा 5. रीछी तालाब 6. कदवाल तालाब, गोरस 7. वर्धा तालाब कराहल की साध्‍यता का परीक्षण कर डी.पी.आर. तैयार कराने के निर्देश प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) बजट सत्र मार्च-2018 के तृतीय अनुपूरक बजट में चेंटीखेड़ा मध्‍यम सिंचाई परियोजना के लिए राशि रू. 400.28 करोड़ का प्रावधान नहीं किया गया था। (ख) जी हाँ। चेंटीखेड़ा बांध की डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) लौड़ी बांध का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से डी.पी.आर. बनाए जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित योजनाओं में से बेहरदे कदवई तालाब का डी.पी.आर. प्रमुख अभियंता स्‍तर पर परीक्षणाधीन है। रीछी, कदवाल, पिपरवास एवं वर्धा तालाब विभागीय मापदण्‍डानुसार साध्य नहीं पाए गए। धमनद धामनी तालाब एवं डोकरका तालाब योजनाएं विचाराधीन नहीं है।

शिकायतों पर जाँच करने

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

93. ( क्र. 5921 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में जुलाई 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कलेक्‍ट्रेट की शाखा शिकायत विभाग, अनुभाग अधिकारी एवं जिला आपूर्ति विभागों को किस-किस शास. उ.मूल्‍य दुकानों की शिकायतें की गयी थी? क्‍या सक्षम अधिकारी द्वारा उक्‍त शिकायती बिन्‍दु पर जाँच की गयी थी? यदि नहीं तो क्‍यों? कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) प्रश्न (क) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्‍त दुकानों द्वारा अनियमितताएं करने के संबंध में किस-किस शा.उ.मूल्‍य दुकानों के संचालक एवं जिला आपूर्ति अधिकारी को दोषी मानते हुए आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे? विवरण उपलब्‍ध कराएं।           (ग) प्रश्‍न (ख) के अनुसार क्‍या उक्‍त मूल्‍य की दुकानों हेतु क्षेत्रीय अधिकारी दोषी एवं जवाब देय होता है? यदि हाँ, तो पी.डी.एस. कंट्रोल आर्डर 2015 के अनुसार किस-किस विभाग के कौन-कौन अधिकारी का क्‍या-क्‍या कार्यक्षेत्र था? मूल पद एवं नाम बताएं। (घ) क्‍या उक्‍त क्षेत्रिय अधिकारियों पर भी आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (ङ) प्रश्‍न (ख) के अनुसार क्‍या जिला आपूर्ति नियंत्रक एवं जिला आपूर्ति अधिकारी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के नियम हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त नियम की प्रति उपलब्‍ध कराएं? यदि नहीं तो क्‍यों? क्‍या उक्‍त अधिकारी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे? यदि नहीं तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में जुलाई 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कलेक्‍ट्रेट की शिकायत शाखा को अनुभाग अधिकारी एवं जिला आपूर्ति विभागों को जिन शास. उ.मूल्‍य दुकानों की शिकायतें की गयी थी उनकी सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। जी हाँ। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उक्‍त दुकानों द्वारा अनियमितताएं करने के संबंध में शा.उ.मूल्‍य दुकानों के दोषी संचालकों के विरूद्ध दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। अनियमितताओं के लिए प्रथम दृष्‍टया दुकान संचालक दोषी एवं जवाबदेह होता है। संलिप्‍तता अथवा दुष्‍प्रेरण की स्थिति में अन्‍य संबंधित व्‍यक्ति दोषी एवं जवाबदेह हो सकता है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रकरणों में शासकीय उचित मूल्‍य दुकान के संचालक को ही दोषी पाया गया है। (ङ) संलिप्‍तता अथवा दुष्‍प्रेरण की स्थिति में अन्‍य संबंधित व्‍यक्ति दोषी एवं जवाबदेह हो सकता है। आवश्‍यक वस्‍तु अधिनियम 1955 की धारा 8 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, संलिप्तिता एवं दुष्‍प्ररेण न पाए जाने से।

स्‍टॉक रजिस्‍टर एवं POS मशीन में खाद्यान्‍न के मिलान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

94. ( क्र. 5922 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर संभाग में कौन-कौन सी POS मशीन ऑन लाईन है? सूची उपलब्‍ध कराएं। उक्‍त POS मशीन से 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रत्‍येक माह विक्रताओं द्वारा 95% से अधिक वितरण करने वाली दुकानों की जाँच करायी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बताएं। यदि नहीं तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें? (ख) प्रदेश में किस-किस POS मशीनें आफ लाईन संचालित करने वाले विक्रेताओं द्वारा माह जनवरी से मार्च तक का खाद्यान्‍न लैप्‍स करने के लिये आवेदन दिया था? क्‍या लैप्‍स कराने वाले विक्रेताओं एवं समितियों को सम्‍मानित किया जाएगा? यदि नहीं तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें? (ग) प्रदेश की किन-किन ऑन लाईन शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों की POS मशीन एवं स्‍टॉक रजिस्‍टर में किस-किस योजना का मिलान नहीं हो रहा है। दुकानवार सूची उपलब्‍ध कराएं। (घ) क्‍या प्रदेश की POS मशीन में सी.एफ. में केरोसिन प्रदर्शित होता है? यदि नहीं तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें? म.प्र. में POS मशीन से वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस योजना का कितनी मात्रा में खाद्यान्‍न पात्रता धारी को दिया गया था? क्‍या उक्‍त खाद्यान्‍न आर.सी. डिटेल में देखा जा सकता है? यदि नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

प्राथमिक सहकारी समितियों द्वारा ऋण

[सहकारिता]

95. ( क्र. 5924 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या प्राकृतिक आपदा के कारण प्राथमिक सहकारी समिति द्वारा (टैक्‍स) 0% ब्‍याज अल्‍पावधि कृषि ऋण को मध्‍यावधि ऋण में तीन वर्ष हेतु परिवर्तित करते हैं तो ब्‍याज दर में कोई परिवर्तन किया गया है? वर्ष 2015 में तीन वर्ष हेतु परिवर्तित मध्‍यावधि ऋण की प्रथम किश्‍त समय पर जमा करने पर परंतु द्वितीय किश्‍त ड्यू दिनांक के पश्‍चात करने पर किस दर से ब्‍याज की गणना की जावेगी? (ख) मध्‍यावधि ऋण की प्रथम किश्‍त ड्यू दिनांक से द्वितीय किश्‍त की ड्यू दिनांक तक कितने प्रतिशत की दर से ब्‍याज लिया जाएगा? (ग) मध्‍यावधि ऋण की द्वितीय किश्‍त की ड्यू दिनांक से ऋण अदायगी दिनांक तक कितने प्रतिशत की दर से ब्‍याज लिया जाना तय किया गया है? (घ) वर्ष 2015 में प्राथमिक सहकारी समिति द्वारा (टैक्‍स) 0% ब्‍याज अल्‍पावधि कृषि ऋण को मध्‍यावधि ऋण में परिवर्ति‍त ऋणों की कुल संख्‍या कितनी है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2015 में तीन वर्ष हेतु परिवर्तित मध्यावधि ऋण की प्रथम किश्त समय पर जमा करने, परन्तु द्वितीय किश्‍त डयूडेट के पश्चात जमा करने पर 11 प्रतिशत ब्याज तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा निर्धारित दण्ड ब्याज को मिलाकर ब्याज की गणना की जावेंगी। (ख) प्रथम किश्‍त समय पर जमा करने पर द्वितीय किश्‍त की डयू दिनांक तक ऋण अदायगी पर शून्य प्रतिशत तथा डयूडेट के पश्‍चात ऋण अदायगी पर 11 प्रतिशत एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा निर्धारित दण्ड ब्याज की दर से ब्याज की गणना की जावेगी। किसी कृषक द्वारा एक भी किश्‍त की अदायगी डयूडेट के पश्‍चात की जाती है तो शेष अवधि के लिये शून्य प्रतिशत ब्याज सहायता का लाभ नहीं होगा। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुसार। (घ) खरीफ 2015 में प्राकृतिक आपदा के कारण प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के 10.43 लाख कृषकों के अल्पावधि ऋण मध्यावधि ऋण में परिवर्तित किये गये थे।

पांचवीं अनुसूची एवं सहकारिता कानून

[सहकारिता]

96. ( क्र. 5936 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संविधान के अनुच्छेद 244 (1) एवं पेसा कानून 1996 के अंतर्गत क्षेत्रों में सहकारी संस्थाओं के संबंध में क्या-क्या नियम है? प्रदेश में सहकारी संस्थाओं के संबंध में अनुच्छेद 244 (1) से संगत एवं पेसा कानून से संगत कौन-कौन से नियम/कानून वर्तमान में प्रचलित है? पृथक-पृथक ब्यौरा दें।  (ख) संविधान के अनुच्छेद 244 (1) एवं पेसा कानून 1996 के अंतर्गत क्षेत्रों में किस प्रकार के सहकारी संस्थाओं में संचालकों के कितने पद किस नियम के तहत अजजा वर्ग से आरक्षित रखने का प्रावधान है? (ग) अनुच्छेद 244 (1) अनुसूचित क्षेत्रों में आदिम जाति सेवा सहकारी (लेम्प्स) संस्थाओं में सदस्य संख्या के अनुपात में जनजाति वर्ग से संचालक पद आरक्षित नहीं करने का क्या कारण है? विधिसम्मत कारण बताएं। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या जनजाति वर्ग को प्रतिनिधित्व से वंचित रखने की योजना पर विभाग कार्य कर रहा है? क्या यह संविधान का उल्लंघन नहीं है? (ङ) अनुच्छेद 244 (1) अनुसूचित क्षेत्रों में प्रदेश में वर्तमान के प्रचलित सहकारिता के नियम पांचवीं अनुसूची एवं पेसा कानून 1996 से असंगत होने का क्या कारण है? क्या यह संविधान का उल्लंघन है? (च) प्रदेश में सहकारी संस्थाओं से संबंधित वर्तमान में प्रचलित कानून जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों एवं उनके समुचित प्रतिनिधित्व विरुद्ध क्यों है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) संविधान के अनुच्‍छेद 244 (1) एवं पेसा कानून 1966 के अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्रों में सहकारी संस्‍थाओं के संबंध में कोई नियम नहीं है।        (ख) संविधान के अनुच्‍छेद 244 (1) एवं पेसा कानून 1996 के अन्तर्गत शिडयूल्‍ड ऐरिया में कार्यरत सहकारी संस्‍थाओं के संचालकों के लिए आरक्षण प्रावधान नहीं है अपितु मध्‍यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 48 की उपधारा (3) में प्रावधान है कि "यदि सोसाइटी में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के वैयक्तिक सदस्य हो, तो एक स्थान, उस प्रवर्ग के सदस्य के लिये आरक्षित रखा जायेगा जिसके अन्य की अपेक्षा अधिक सदस्य हो" (ग) मध्‍यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 में आरक्षण का प्रावधान सभी क्षेत्रों के लिये समान रूप से किया गया है, वह भी 97 वें संविधान के परिप्रेक्ष्‍य में किया गया है। इसलिए अनुसूचित क्षेत्रों में आदिम जाति सेवा सहकारी संस्‍थाओं में पृथक से आरक्षण का प्रावधान न होने के कारण सदस्‍य संख्‍या के अनुपात में अनुसूचित जनजाति वर्ग से संचालक पद आरक्षित करने का प्रावधान नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। (ड.) मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 के प्रावधान, अनुच्‍छेद 244 (1) एवं पेसा कानून 1996 के प्रावधानों से असंगत नहीं है। जी नहीं। (च) वर्तमान में प्रदेश में सहकारी संस्थाओं से संबंधित प्रचलित कानून में जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों एवं उनके समुचित प्रतिनिधित्‍व का प्रावधान किया गया है।

दखल रहित भूमियों का आवंटन एवं कब्जा

[राजस्व]

97. ( क्र. 5937 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) धार, मंडला एवं बैतूल जिले के अभिलेखागार में जिले के कितने राजस्व ग्रामों में से कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख उपलब्ध है, उनमें कुल कितनी भूमि किस-किस गैरखाते की मद में दर्ज है? (ख) निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज गैर खाते की कितने ग्रामों की कितनी भूमि कलेक्टर धार, मंडला, डिंडोरी एवं बैतूल ने किस आदेश क्रमांक दिनांक से वन विभाग को आवंटित की है, कितनी भूमियों पर वन विभाग को कब्जा किस दिनांक को सौंपा है वन विभाग ने कितनी भूमि वर्किंग प्लान में शामिल कर कब्जे में ले ली है। (ग) गैरखाते की दखल रहित भूमियों को वर्किंग प्लान में शामिल कर कब्जा किए जाने पर कलेक्टर धार, मंडला, डिंडोरी एवं बैतूल ने वन विभाग के विरुद्ध क्या कार्यवाही प्रश्नांकित दिनांक तक की है, यदि नहीं की तो कारण बताएं। कब तक की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले में अभिलेखागार में 488 ग्रामों बैतूल जिले के अभिलेखागार में 1303 ग्रामों का व मंडला जिले में 1185 ग्रामों का अधिकार अभिलेख व निस्‍तार पत्रक उपलब्‍ध है। धार जिले में आरक्षित वन 85788 हे., संरक्षित वन 31380 हे., राजस्व वन 2710 हे., ऊसर गैर मुमकिन 70771 हे. कृषि को छोड़कर अन्य कार्य में उपयोग में लायी गई भूमि 56359 हे., कृषि योग्य भूमि 8768 हे., चारागाह 45136 हे., दीगर झाड़ो के झुण्ड 32 हे. इस प्रकार कुल 300944 हेक्टेयर भूमि गैर खाते की मद में दर्ज है I बैतूल जिले में आबादी मद में 3057 हे. अमराई, 23 हे., बड़े झाड़ का जंगल 112018 हे., छोटे झाड़ का जंगल 27603 हे., पानी के अंतर्गत 29307 हे., पहाड़ चट्टान 22374 हे. एवं सड़क व ईमारत 14525 हे., कुल 208907 हे. भूमि गैर खाते मद में है। मण्‍डला जिला में आबादी में 3882 हे. अमराई व अन्‍य फलोद्यान में 64 हे. आरक्षित वन में 59125 हे. संरक्षित वन में 21529 हे. राजस्‍व वन में 14267 हे. घास में 20686 हे. पानी में 32018 हे. पहाड़ चट्टान में 10793 हे. एवं इमारत, सड़क बगैरह में 7289 हे. दर्ज है। (ख) धार जिले में निस्तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज गैर खाते की भूमि - 1. कलेक्टर कार्यालय जिला धार के प्र.क्र. /00172/अ-19(3)/2020-21 आदेश दिनांक 16.12.2020 द्वारा ग्राम फिफेडा की 56.799 हेक्टेयर चरनोई मद की भूमि वन विभाग को वैकल्पित वृक्षा रोपण हेतु आवंटित की गई। 2. कलेक्टर कार्यालय जिला धार के प्र.क्र. /00165/अ-19(3)/2017-18 आदेश दिनांक 02.01.2020 द्वारा ग्राम मोयाखेडा की 16.200 हेक्टेयर। 3. कलेक्टर कार्यालय जिला धार के प्र.क्र. /001/अ-19(3)/2016-17 आदेश दिनांक 06.10.2016 द्वारा ग्राम नाहरपुरा की 54.168 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को हस्तांतरित की गई। उक्त समस्त भूमि का कब्जा वन विभाग को सौंपा जा चुका है। इस प्रकार कुल 127.167 हेक्टेयर भूमि का कब्जा वन विभाग को दिया गया है। बैतूल मंडला एवं डिण्‍डौरी जिले में निस्‍तार पत्रक एवं अधिकार अभिलेख में दर्ज गैर खाते की भूमि वन विभाग को आवंटित नहीं कि गई है और न ही कब्‍जा सौंपा गया है। (ग) बैतूल जिले में वर्किंग प्‍लान में शामिल भूमियों को वनखंड बनाये जाने की धारा 5 से 19 तक की कार्यवाही प्रचलित है। धार, मंडला एवं डिण्डौरी जिलों को वर्किंग प्‍लान में शामिल नहीं किया गया था।

खाद्यान्न वितरण के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

98. ( क्र. 5938 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा राशन वितरण प्रणाली में फिंगरप्रिंट व मशीन में उपभोक्ता का विवरण आने पर ही राशन प्रदाय करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो फिंगरप्रिंट न मिलने एवं सर्वर/नेटवर्क न मिलने की स्थिति में राशन उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर राशन दुकानों द्वारा राशन वितरण की छूट प्रदान की गई है हाँ अथवा नहीं? (ग) यदि नहीं तो विगत 1 वर्ष में जबेरा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों में जहां पर भी सर्वर/नेटवर्क उपलब्ध नहीं है उन उचित मूल्य राशन दुकानों के नाम तथा कितने उपभोक्ताओं को फिंगरप्रिंट न मिलने या अन्य कारण से राशन प्राप्त नहीं हुआ है ऐसे उपभोक्ताओं की राशन दुकानवार संख्या कितनी है? (घ) क्या फिंगरप्रिंट व नेटवर्क न मिलने पर या अन्य कारणों से उचित मूल्य राशन दुकानों में बचा शेष खाद्यान्न उपभोक्ताओं को अगले माह वितरित किए जाने का प्रावधान है अथवा नहीं? (ड.) जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 1 वर्ष में किन-किन उचित मूल्य राशन दुकानों को कौन-कौन सा कितना खाद्यान्न आवंटन प्राप्त हुआ है तथा किस माह में कितना वितरण हुआ तथा कितना खाद्यान्न शेष है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सीमांकन की अवधि

[राजस्व]

99. ( क्र. 5939 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) लोक सेवा प्रबंधन अधिनियम के तहत भूमि के सीमांकन हेतु आवेदन दिए जाने के कितने दिन बाद सीमांकन होना चाहिए सीमांकन की अवधि कितनी बार कितने कितने दिन के लिए बढ़ाई जा सकती है? यदि उस अवधि‍ में भी सीमांकन नहीं हो तो किस पर कितने जुर्माने का प्रावधान है? (ख) मण्‍डला, बैतूल एवं अनूपपुर जिलों में गत एक वर्ष में सीमांकन हेतु प्राप्‍त कितने आवेदनों का निश्चित अवधि में सीमांकन नहीं किया गया उनमें से कितने आवेदनों में सीमांकन की अवधि कितने बार बढाई गई। इनमें से कितने आवेदनों में सीमांकन होना शेष है? (ग) सीमांकन नहीं होने पर किस-किस के विरूद्ध कितने जुर्माना किया गया सीमांकन की कार्यवाही कब तक पूरी की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत भूमि के सीमांकन हेतु समय-सीमा 45 दिवस निर्धारित है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में समय-सीमा बढ़ाने का प्रावधान नहीं है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के तहत निर्धारित समय अवधि में सेवा प्रदान न किये जाने पर न्‍यूनतम राशि 250 रू. प्रतिदिवस एवं अधिकतम रूपये 5000 जुर्माने का प्रावधान है। (ख) मण्‍डला जिले में गत एक वर्ष में सीमांकन हेतु प्राप्‍त आवेदनों में से 36 आवेदनों का निश्चित अवधि में सीमांकन नहीं किया जा सका इनमें से 24 प्रकरणों में वर्षाकाल एवं फसल खड़ी होने पर दो बार एवं 12 प्रकरणों में पक्षकार के उपस्थित न रहने के कारण सीमांकन की तिथि बढ़ाई गई। प्रश्‍नांश दिनांक तक कुल 36 प्रकरण (आवेदन) शेष है। बैतूल जिले में गत एक वर्ष में सीमांकन हेतु प्राप्‍त आवेदनों में से 143 आवेदनों का निश्चित अवधि में सीमांकन नहीं किया गया। उक्‍त 143 आवेदनों में तिथि बढ़ाई गई। इनमें से चार आवेदनों में सीमांकन होना शेष है। अनूपपुर जिले में गत एक वर्ष में सीमांकन हेतु प्राप्‍त आवेदन में से 157 आवेदनों को निश्चित अवधि में सीमांकन नहीं किया जा सका इनमें से 157 प्रकरणों में सीमांकन की तिथि एक बार बढ़ाई गई। प्रश्‍नांश दिनांक तक उपरोक्‍त प्रकरण मे से कोई प्रकरण/आवेदन शेष नहीं है।               (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में जुर्माना अधिरोपित किए जाने की कार्यवाही नहीं की गई। शेष सीमांकन प्रकरणों में कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय सीमा बताना संभव नहीं है।

नगर सर्वेक्षकों की नियुक्ति एवं रिक्‍त पदों की जानकारी

[राजस्व]

100. ( क्र. 5941 ) श्री केदारनाथ शुक्ल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 104 की उपधारा (3) के अनुसार प्रदेश में कुल कितने सेक्‍टर हैं? साथ ही मध्‍य प्रदेश भू-राजस्‍व संहिता संशोधित अधिनियम 2018 की धारा 104 की उपधारा (2) के अनुसार किन-किन जिलों में कितने सेक्‍टरों में नगर सर्वेक्षकों को नियुक्‍त किया गया है? अभी तक कितने पद रिक्‍त हैं? (ख) नगर सर्वेक्षक की न्‍यूनतम योग्‍यताएं क्‍या निर्धारित की गई हैं? यदि निर्धारित नहीं है तो कब तक की कर दी जावेगी? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र भू राजस्व संहिता 1959 यथा संशोधित नियम 2018 की धारा 104 की उप धारा 3 के अनुसार नगरीय क्षेत्र में सेक्टर की विरचना होने तक म.प्र भू राजस्व संहिता संशोधन अधिनियम 2018 में प्रवृत्त होने के ठीक पूर्व इसमें विद्यमान प्रत्येक ग्राम एक सेक्टर के रूप में समझा जायेगा। इस आधार पर प्रदेश के नगरीय क्षेत्र का प्रत्येक ग्राम एक सेक्टर हैं। उप धारा-2 के अनुसार नगर सर्वेक्षक की विशिष्ट रूप से कोई नियुक्ति नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) इस संबंध में पृथक से कोई निर्देश जारी नहीं किए गए है। वर्तमान पटवारी ही नगरीय क्षेत्र के सेक्‍टर में पदस्‍थापना के बाद नगर सर्वेक्षक कहलाएगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भोपाल की सोसायटी का ऑडिट न कराकर आर्थिक अनियमितताएं

[सहकारिता]

101. ( क्र. 5943 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राजधानी भोपाल के गृह निर्माण सहकारी समिति, उपभोक्‍ता भण्‍डार और प्राथमिक सहकारी समितियों को उपार्युक्‍त सहकारिता भोपाल द्वारा लंबे समय से ऑडिट नहीं कराये जाने पर नोटिस जारी कर एक सप्‍ताह में जवाब मांगा था एवं जवाब नहीं देने की स्थिति में संचालक मंडल भंग कर प्रशासक नियुक्‍त किये जाने का लेख किया था? (ख) यदि हाँ, तो किन-किन गृह निर्माण सहकारी समिति, उपभोक्‍ता भण्‍डार और प्राथमिक सहकारी समितियों को नोटिस जारी किये गये थे, उनमें किन-किन ने नोटिस का समय-सीमा में जवाब दिया है एवं जवाब न देने की स्थिति में किन-किन समितियों के संचालक मंडल को भंग कर प्रशासक नियुक्‍त किया गया है। (ग) क्‍या उपरोक्‍त समितियों में व्‍यापक स्‍तर पर हुई अनियमितताओं की जाँच कराकर संबंधित के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।          (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

भोपाल गृह निर्माण सहकारी समितियों में अनि‍यमितताओं की जांच

[सहकारिता]

102. ( क्र. 5945 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल शहर की गृह निर्माण सहकारी समितियों में गौरव, महाकाली, गुलाबी नगर, हेमा, मंदाकिनी एवं आदर्श गृह निर्माण सहकारी समिति में लंबे समय से अनियमितताएं की गई हैं एवं संस्‍थापक और पूर्व के सदस्‍यों को भू-खण्‍ड नहीं दिये जाकर नये सदस्‍य बनाये जाकर रजिस्‍ट्री की गई है एवं विकास अनुबंध को निरस्‍त/स्थगित नियम विरूद्ध किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इसकी जाँच कराकर संस्‍थापक एवं पूर्व सदस्‍यों को भू-खण्‍ड उपलब्‍ध करवाये जायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) भोपाल शहर की गौरव, महाकाली, गुलाबी नगर, हेमा, मंदाकिनी एवं आदर्श गृह निर्माण समितियों के विरूद्ध अनियमितताओं, संस्थापक एवं पुराने सदस्यों को भूखण्ड न दिये जाने, नये सदस्य बनाये जाकर उन्‍हें रजिस्‍ट्री करने, विकास अनुबंध को निरस्‍त/स्‍थगित करने शिकायतें प्राप्‍त हुई है जाँच प्रचलित है। (ख) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन के निष्‍कर्षों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

गृह निर्माण सहकारी संस्‍था द्वारा नियम विरूद्ध प्‍लाट आवंटन

[सहकारिता]

103. ( क्र. 5953 ) श्री सुनील सराफ : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्या. पंजीकृत कार्यालय 1 (एक) आदर्श नगर जी-14 मिडटाउन प्‍लाजा माणिकबाग रोड इंदौर के विगत 4 वर्षों की आडिट रिपोर्ट की प्रमाणित प्रति देवें। (ख) दि. 01.01.15 से 31.12.18 तक संस्‍था द्वारा सदस्‍यों को कितने प्‍लाट किस खसरा नंबर के विक्रय किए गए, की सूची सदस्‍य नाम, खसरा नंबर, सदस्‍य की वरीयता सहित देवें। (ग) क्‍या कारण है कि वरीयता सूची के परे जाकर प्‍लाट आवंटित किए गए? प्रकरणवार देवें। (घ) प्रश्‍न (ग) अनुसार ऐसा करने वाले संस्‍था के पदाधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) संस्‍था द्वारा प्रश्‍न में उल्‍लेखित अवधि में किसी भी सदस्य को भूखण्ड विक्रय नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

उज्‍जैन संभाग में जारी परमिट

[परिवहन]

104. ( क्र. 5958 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन संभाग में दिनांक 01/09/2020 के बाद से प्रश्‍न दिनांक तक कितने परमिट कहाँ-कहाँ के जारी किए गए? दिनांक, परमिट दूरी, कब तक, किस समय के हैं की जानकारी देवें। (ख) क्‍या कारण है कि 510 मिनट के अंतराल में भी एक ही मार्ग पर परमिट जारी किए गए? इसके नियम/आदेश की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) नियम विरूद्ध जारी किए प्रश्नांश (ख) अनुसार परमिट कब तक निरस्‍त किए जाएंगे? (घ) उपरोक्‍तानुसार ऐसे परमिट जारी करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ख) वाहन स्वामी द्वारा परमिट स्वीकृति हेतु आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर आवेदन पत्र का निराकरण अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाता है। जहाँ तक 510 मिनिट के अंतराल में एक ही मार्ग पर परमिट जारी किये जाने का प्रश्न है, मार्ग पर यातायात के दवाब अनुसार उस पर उपलब्ध आवृति (फ्रिकेन्सी) के अनुरूप परमिट दिये जाते है। परमिट स्वीकृत करने से संबंधित मोटरयान अधिनियम 1988 की विभिन्न धाराओं की प्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) परमिट नियम विरूद्ध जारी नहीं किये गये है। अतः शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसी का विभाग निरीक्षण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

105. ( क्र. 5959 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र के पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी का विभाग के अधिकारियों ने दिनांक 01/01/2018 से 31/12/2021 तक कब-कब निरीक्षण किया? (ख) प्रत्‍येक निरीक्षण की प्रमाणित प्रति देवें। (ग) इस निरीक्षण रिपोर्ट पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसी का विभाग के अधिकारियों के द्वारा दिनांक 0101.2018 से 31.12.2020 तक किए गए निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) निरीक्षण की प्रमाणित प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में 01 पेट्रोल पंप के विरूद्ध निर्मित प्रकरण में सक्षम न्‍यायालय द्वारा 10,000 रूपये की प्रतिभूति राशि राजसात की गई है। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

फर्जी निवासी प्रमाण-पत्र जारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

106. ( क्र. 5963 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) प्रश्‍नकर्ता के परिवर्तित अतारांकित प्रश्‍न क्रमांक 566 दिनांक 23.09.2020 के उत्‍तर में बताया गया था कि प्रकरण क्रमांक 9795/2020 में 24.07.2020 माननीय उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर ने निर्देशित किया है कि याचिकाकर्ता के विरूद्ध कोई उत्‍पीड़न की कार्यवाही न की जाय? यदि हाँ, तो क्‍या न्‍यायलय के यह भी निर्देश है कि संबंधित एजेन्‍सी प्राप्‍त करने हेतु नगर परिषद् दबोह तथा राजस्‍व अधिकारियों की सांठ-गांठ से फर्जी मूल निवासी प्रमाण-पत्र राजस्‍व अधिकारी द्वारा निरस्‍त करने के बाद भी अपराध दर्ज कराने पर रोक लगाई है? यदि हाँ, तो न्‍यायालय आदेश की प्रति उपलब्‍ध कराएं? (ख) क्‍या प्रश्‍न क्रमांक 566 दिनांक 23.09.2020 प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर में दोषी अधिकारी के विरूद्ध 03 माह में नियमानुसार कार्यवाही कर अवगत कराने हेतु कलेक्‍टर भिण्‍ड को संचालक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍त संरक्षण द्वारा लिखा गया है? यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) राजस्‍व अधिकारी द्वारा फर्जी निवासी प्रमाण-पत्र कब निरस्‍त किया? प्रमाण-पत्र निरस्‍त करने के बाद अवैधानिक कृत्‍य करने वाली एजेन्‍सी के विरूद्ध कार्यवाही न करने के क्‍या कारण हैं? (घ) माननीय उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर में एजेंसी द्वारा प्रस्‍तुत याचिका में शासन द्वारा न्‍यायालय में पक्ष प्रस्‍तुत करने हेतु किस अधिकारी को अधिकृत किया? नाम-पद सहित बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

दबोह की शासकीय भूमि का विक्रय

[राजस्व]

107. ( क्र. 5965 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्‍या भिण्‍ड जिले की तहसील लहार के ग्राम दबोह के सर्वे क्रमांक 2592, 2596, 2600, 2602, 2603, 2605, 2607, 3016, 3017 तथा ग्राम वरथरा का सर्वे क्रमांक 471 की भूमि माननीय सिविल न्‍यायालय लहार के आदेश दिनांक 26.02.1976 द्वारा विक्रय से प्रतिबंध कर श्री हनुमान जी की सेवा हेतु ह‍नुमान मंदिर से संलग्‍न करने का निर्णय दिया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में किस-किस सर्वे क्रमांक की शासकीय भूमि किस-किस को बेची गई? खरीददार का नाम पता सहित बताएं तथा क्‍या कलेक्‍टर भिण्‍ड द्वारा दिनांक 24.09.2019 को तहसीलदार लहार को उपरोक्‍त सर्वे नम्‍बरों की भूमि/बेची गई भूमि की रजिस्ट्रियां शून्‍यवत कराने हेतु सिविल न्‍यायालय में वाद प्रस्‍तुत करने की कार्यवाही हेतु भी निर्देशित किया गया था? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या कलेक्‍टर भिण्‍ड के निर्देश के पालन में तहसीलदार लहार द्वारा सिविल न्‍यायालय में वाद प्रस्‍तुत किया? यदि नहीं तो क्‍यों तथा क्‍या संबंधित तहसीलदार के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित आराजी कस्बा दबोह एवं बरथरा की भूमि सर्वे क्रमांकों की स्थिति निम्‍नानुसार है:-

 

ग्राम का नाम

चकबंदी पूर्व वर्ष 1975 के सर्वे नंबर

नये सर्वे नंबर

रकबा (हे.)

कस्‍बा दबोह

2592,

431

0.627

2596

427

1.087

2600

443

0.941

2602, 2603, 2605, 2607

440

2.258

3016, 3017

798

0.575

ग्राम का नाम

बन्दोवस्त वर्ष 1994 से पूर्व सर्वे नम्‍बर

नया सर्वे नंबर

रकबा (हे.)

बरथरा

471

951

1.85

विक्रय किये जाने के संबंध में उप पंजीयक लहार से पत्र क्रमांक 93 दिनांक 11.3.2021 अनुसार कस्बा दबोह एवं ग्राम बरथरा के संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार सूची में अंकित भूमि सर्वे क्रमांकों के अतिरिक्‍त बिक्री नहीं की गई है। जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार निर्देशों का पालन एवं वाद सिविल न्‍यायालय में प्रस्‍तुत न करने के कारण तहसीलदार लहार को पत्र क्रमांक 2717 दिनांक 12/03/2021 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

 

प्रदेश में संचालित कोयला खदानों के एससमेंट

[खनिज साधन]

108. ( क्र. 5970 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में संचालित कोयला खदानों का वर्ष 2019-20 तक का एससमेंट प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया? (ख) कोयला खदानों के एससमेंट के क्‍या-क्‍या प्रावधान हैं? एसेसमेंट के दौरान किन-किन विषयों पर रिपोर्ट तैयार की जाती है? एसेसमेंट किए जाने के संबंध में क्‍या समयावधि निर्धारित है? (ग) बैतूल एवं छिंदवाड़ा जिले में संचालित किस कोयला खदान का किस-किस वर्ष का एसेसमेंट प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं किया गया? यह एसेसमेंट कब तक किया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) कोयला खदानों के एसेसमेंट प्रतिवर्ष दो अवधियों के लियेदिनांक 01 जनवरी से 30 जून तक तथा 01 जुलाई से 31 दिसंबर तक के लिये किये जाते हैं। जिसे किये जाने की कोई समयावधि निर्धारित नहीं है। एसेसमेंट की प्रक्रिया में खनिज कोयला के उत्‍पादनप्रेषणखपतदेय अनिवार्य भाटकदेय रॉयल्‍टीदेय ब्‍याज की राशि व बकाया राशि आदि पर रिपोर्ट तैयार की जाती है। रिपोर्ट तैयार करते समय पट्टाधारी द्वारा प्रस्‍तुत विवरणियाँअभिलेखों एवं अन्‍य विविध जानकारियों को ध्‍यान में रखा जाता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है।

गृह निर्माण सोसायटियों द्वारा रहवासियों को उपलब्‍ध मूलभूत सुविधायें

[सहकारिता]

109. ( क्र. 5971 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य शासन का सहकारिता विभाग द्वारा निजी हाउसिंग सोसायटी जिनके द्वारा पंजीकृत आवेदकों को भूखण्‍ड/भवन उपलब्‍ध नहीं कराये गये उन्‍हें भवन/भूखण्‍ड दिलवाने हेतु क्‍या कार्यवाही कर रहा है? (ख) क्‍या भोपाल में पंजीकृत शिल्‍पी गृह निर्माण समिति वार्ड क्रमांक 82, 83 में स्थित है, के द्वारा आवासियों को मूलभूत सुविधायें उपलब्‍ध कराई गई हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी मूलभूत सुविधायें सोसायटी द्वारा रहवासियों को उपलब्‍ध कराई गई है? यदि नहीं तो रहवासियों को प्रश्‍न दिनांक तक मूलभूत सुविधायें जैसे बिजली, पानी सड़क उपलब्‍ध नहीं कराये जाने के क्‍या कारण हैं? क्‍या शासन द्वारा संबंधितों पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) क्‍या गृह निर्माण मण्‍डल भोपाल द्वारा निशातपुरा पन्‍ना नगर बैरसिया रोड भोपाल में वर्ष 2009 से 2012 तक पंजीकृत आवेदकों को प्रश्‍न दिनांक तक भवन/भूखण्‍ड उपलब्‍ध नहीं कराये गये हैं? यदि हाँ, तो इसके क्‍या कारण हैं?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) सहकारिता विभाग को निजी हाउसिंग सोसायटी के संबंध में कोई क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। (ख) भोपाल में पंजीकृत शिल्‍पी गृह निर्माण सहकारी संस्‍था मर्यादित भोपाल की भूमि वार्ड क्रमांक 82-83 में स्थि‍त है, संस्‍था द्वारा रहवासियों को आंशिक सुविधायें उपलब्‍ध कराई गई थी। वर्ष 1987-88 से वर्ष 2009 तक तत्कालीन पदाधिकारियों द्वारा रहवासियों के लिये डब्ल्यू.बी.एम. रोड, सीवेज लाईन, सेप्टिक टैंक का कार्य कराया गया था। सदस्‍यों द्वारा पूर्ण विकास राशि जमा नहीं करने के कारण संस्‍था रहवासियों को मूलभूत सुविधायें बिजली, सड़क, पानी उपलब्‍ध नहीं करा सकी। यदि सभी भूखण्‍ड क्रेता सदस्‍य सम्‍पूर्ण विकास राशि संस्था में जमा कर देते हैं तो संस्था के द्वारा शेष विकास कार्य कराना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) म.प्र. गृह निर्माण मण्‍डल एवं अधोसंरचना विकास मण्‍डल भोपाल के उत्तर अनुसार निशातपुरा पन्‍ना नगर बैरसिया रोड भोपाल में 2009 में 195 एम.आई.जी. स्‍वतंत्र भवनों की योजना प्रस्‍तावित की गई। मास्टर प्लान में भूमि यातायात भूमि उपयोग होने के कारण शासन द्वारा गतिविधियां स्वीकार नहीं किये जाने के कारण मण्‍डल द्वारा उक्‍त योजना 22.08.2009 को निरस्‍त की गई।

भोपाल जिले में पंजीकृत संस्‍थाएं

[सहकारिता]

110. ( क्र. 5973 ) श्री बाला बच्चन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) भोपाल जिले में कुल कितनी गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाएं पंजीकृत हैं? नाम, पता, पंजीयन क्रमांक सहित जानकारी देवें। (ख) इन संस्‍थाओं पर वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई है, उक्‍त शिकायतों में कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है एवं कितनी शिकायतें लंबित हैं? (ग) शिकायतों के लंबित रहने का क्‍या कारण है, लंबित शिकायतों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा? (घ) भोपाल जिले की कुल कितनी गृह निर्माण सहकारी संस्‍थाओं के अंकेक्षण लं‍बित है, उक्‍त संस्‍थाओं के अकेक्षण हेतु शेष रही संस्‍थाओं की सूची देवें?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) भोपाल जिले में कुल 581 गृह निर्माण सहकारी संस्‍थायें है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार(ख) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक 1429 शिकायतें प्राप्‍त हुई है। उक्‍त शिकायतों में से 110 शिकायतों का निराकरण किया गया है। 1319 शिकायतें लंबित है। (ग) शिकायतों के लंबित रहने का मुख्‍य कारण जांचकर्ता अधिकारियों को संस्‍था का रिकॉर्ड प्राप्‍त न होना रहा है। लंबित शिकायतों का निराकरण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) कुल 176 संस्‍थाओं के अंकेक्षण लंबित है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-02 अनुसार

बांधों की जानकारी एवं लिंक कैनाल से बारहमासी करने की कार्यवाही

[जल संसाधन]

111. ( क्र. 5992 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के मझगवां विकासखण्‍ड स्थित बैरहना, अमुआ व अधराखोह बांध में जलभराव की वार्षिक स्थिति एवं कितना भू-भाग सिंचित है, जानकारी उपलब्ध कराएं। इन बांधों के जल भराव क्षेत्र में किसी प्रकार का कोई अवैध कब्जा, खनन या खेती आदि का कार्य तो नहीं किया जाता? यदि हाँ, तो कब तक मुक्त कराया जाकर इसे संरक्षित किया जाएगा? (ख) उक्‍त बांधो पर विगत 05 वर्षों में जितनी भी राशि खर्च की गई है, सम्पूर्ण ब्यौरा वर्षवार व कब-कब, किस-किस कार्य में कितना खर्च किया गया, जैसे जल रिसाव को रोकने, साफ-सफाई खेतों में पानी पहुँचाने हेतु लिंक कैनालों का निर्माण आदि में होने वाले खर्चों की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या इन बांधों को बारहमासी करने के लिए नहरों से पानी पहुँचाने की सरकार की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक संभव होगा? नहीं तो क्या कोई योजना तैयार कर इस क्षेत्र के किसानों व रहवासियों को कोई राहत प्रदान की जाएगी? (घ) क्या उक्त बांधों के जल रिसाव को रोककर आपस में लिंक कैनाल से जोड़कर भी तीनों बाधों को बारहमासी किया जा सकता है? क्या सरकार के पास इस संबंध में कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो कब तक होगा? यदि नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्‍नांकित बांधों के वार्षिक जल भराव एवं सिंचाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' अनुसार है। प्रश्‍नांकित बांधों के जल भराव क्षेत्र में किसी प्रकार का अवैध कब्‍जा, खनन या खेती आदि का कार्य नहीं किया जाता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''2'' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित बांधों को बारहमासी करने के संबंध में कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्‍नांकित बांधों में से केवल अंधरखोह बांध से सीपेज होता है। उक्‍त बांध से बेसिन सीपेज के कारण वर्षा पश्‍चात 4-5 दिन में बांध खाली हो जाता है। अंधरखोह बांध से सीपेज रोकने के लिए राशि रू. 168.64 लाख का प्राक्‍कलन प्रमुख अभियंता स्‍तर पर परीक्षणाधीन है। प्रश्‍नांकित अमुआ बांध एवं बैरहना फीड़र चैनल से जुड़े हैं। बैरहना बांध अमुआ बांध के डाउन स्‍ट्रीम में लगभग 03 कि.मी. दूर स्थित है। अमुआ बांध पूर्ण जल भराव क्षमता तक भरने के पश्‍चात बांध के वेस्‍ट वियर से निकलने वाले पानी से फीडर चैनल द्वारा बैरहना बांध को भरा जाता है। अंधरखोह बांध को अमुआ बांध एवं बैरहना बांध से जोड़ा जाना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में बांधों को आपस में लिंक कैनाल द्वारा जोड़कर बारहमासी नहीं किया जा सकता है।

अदला-बदली नियम की जानकारी एवं कार्यवाही

[राजस्व]

112. ( क्र. 5995 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सतना अन्तर्गत ग्राम पंचायत खरवाही ज.पं. रामपुर बघेलान में वर्ष 2010-11 में मुख्यमंत्री सड़क योजना अन्तर्गत सड़क निर्माणाधीन थी? (ख) क्या उपरोक्त सड़क के निर्माण में निजी पट्टेधारियों की जमीन पड़ने के कारण निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया, यदि उन पट्टेदारों द्वारा अदला-बदली नियम के तहत उक्त सड़क निर्माण कार्य की सहमति दिए जाने के बाद अनुविभाग रामपुर बघेलान में गत 4 वर्षों से कार्यवाही नहीं हुई, नियम एवं कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) यदि उपरोक्त खण्ड स्वीकारात्मक है तो क्या निजी पट्टाधारक अपने निजी आराजी के बदले अदला-बदली के वर्तमान प्रावधान अन्तर्गत निर्माण कराया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) निजी पट्टेधारियों के द्वारा कलेक्टर सतना के न्यायालय में भूमि अदला बदली के संबंध में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था। जिसमें न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी रामपुर बाघेलान के प्रकरण क्र. 28/अ-74/14-15 के द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रकरण कलेक्टर जिला सतना के न्यायालय में प्रचलित है।             (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार प्रकरण न्‍यायालय में विचाराधीन है। प्रकरण में निर्णय उपरांत अदला-बदली की स्‍वीकृति जारी होने तथा तदनुसार रिकार्ड अद्यतन होने के उपरान्‍त विधिक अनुमतियां प्राप्‍त की जाकर निर्माण कार्य कराया जा सकेगा।

अयुक्तियुक्त दूरियों के परिवहन कार्य से शासकीय क्षति

[सहकारिता]

113. ( क्र. 5998 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में वर्ष 2016-17 में गेहूँ परिवहन कार्य में दरें कितनी-कितनी स्वीकृत थी?             (ख) क्या उक्त वर्ष स्थानीय एवं 50 कि.मी. की दूरी पर गोदाम उपलब्ध होने के बावजूद परिवहन कार्य जानबूझकर अधिक दूरियों का कराया गया? (ग) युक्तियुक्त दूरियों के परिवहन होने से शासन को कितनी राशि की बचत होती? अयुक्तियुक्त दूरियों के परिवहन कार्य से कितनी हानि हुई है एवं इस हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है? उनके विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) जबलपुर जिले में वर्ष 2016-17 में क्रास मूवमेंट कर परिवहनकर्ता को कितना-कितना फायदा पहुँचाकर शासन को कितनी आर्थिक क्षति पहुँचाई गयी?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, वर्ष 2017-18 में वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्‍स कार्पोरेशन की गोदामों में रिक्त स्थान की उपलब्धता अनुसार परिवहन कार्य कराया गया है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जबलपुर जिले में वर्ष 2016-17 में क्रास मूवमेंट के कारण तत्समय के परिवहनकर्ता के देयकों से राशि रूपये 47,68,000.00 का कटौत्रा किया गया है।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

डी.एम.ओ. के विरुद्ध विभाग को प्राप्त शिकायतें एवं निराकरण

[सहकारिता]

114. ( क्र. 5999 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ के डी.एम.ओ. द्वारा फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर एक मिलर को धान दी गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण की विस्तृत जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में डी.एम.ओ. के विरुद्ध क्या कोई कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) तत्कालीन डी.एम.ओ. रोहित बघेल के कार्यकाल में विभिन्न अनियमितताओं की          कितनी-कितनी शिकायतें विभाग को मिली तथा उन पर क्या-क्या कर्यवाही की गयी? (घ) क्या तत्कालीन डी.एम.ओ. रोहित बघेल को पूर्ववत अनियमितताएँ करने हेतु जबलपुर जिले में पुन: पदस्थ किया गया है? यदि नहीं तो पूर्व में अनियमितता में लिप्त रहे अधिकारी की पुन: उसी स्थान पर तैनाती का क्या कारण है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 में जबलपुर जिले की धान कस्टम मिलिंग हेतु रीवा जिले के मिलर द्वारा फर्जी बैंक गारंटी जमा कर धान उठाई गई थी। उक्त प्रकरण विपणन संघ के संज्ञान में आने पर मिलर के विरूद्ध अनुबंध के तहत वैधानिक कार्यवाही की गई तथा मिलर से बैंक गारंटी की राशि जिला कार्यालय जबलपुर के खाते में राशि रू. 24.00 लाख जमा कराई गई। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में श्री रोहित बघेल के विरूद्ध म.प्र. राज्‍य सहकारी विपणन संघ के पत्र क्र./जांच/2211/2020 दिनांक 29.07.2020 से विभागीय जाँच प्रचलन में है। (ग) एक ही शिकायत प्राप्त हुई, जिस पर वर्ष 2017-18 में मिलर को मिलिंग हेतु प्रदाय धान के विरूद्ध चावल जमा नहीं कराने के संबंध में म.प्र. राज्‍य सहकारी विपणन संघ के पत्र क्र./जांच/2211/2020 दिनांक 29.07.2020 से विभागीय जाँच प्रचलन में है। (घ) प्रकरण में श्री रोहित बघेल की भूमिका विभागीय जाँच निष्कर्षाधीन विपणन संघ के अनुसार, अधिकारियों की कमी के कारण जबलपुर जिले में खरीफ एवं रबी दोनों उपार्जन की गतिविधियों को दृष्टिगत रखते हुये अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता के कारण पदस्थी की गई।

म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 48 के संबंध में

[सहकारिता]

115. ( क्र. 6007 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या 05 फरवरी 2013 को विषयांकित धारा में जो संशोधन किए गए है उन संशोधनों से म.प्र. जहाँ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्‍य पिछड़े वर्ग की बाहुल्‍यता है के हितों की अनदेखी होती है तथा इन वर्गों को सहकारिता के क्षेत्र में मिलने वाले अवसरों में कटौती होती है? (ख) तत्‍कालीन केन्‍द्र की सरकार ने प्रश्नांश (क) में वर्णित संशोधन संपूर्ण देश के परिप्रेक्ष्‍य में किया था जो संपूर्ण देश की दृष्टि में उपयुक्‍त है किन्‍तु म.प्र. मे अनु.जाति तथा अनु.जनजाति तथा अन्‍य पिछड़े वर्ग को सहकारिता में मिलने वाली प्रतिनिधित्‍व में कटौती के कारण क्‍या शासन 05 फरवरी 2013 को विषयांकित अधिनियम में किए गए संशोधन को रद्द करते हुए इसे पूर्ववत करने पर विचार करेगा? यदि नहीं तो क्‍यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 48 में दिनांक 05 फरवरी, 2013 को जो संशोधन किये गये गये हैं वह 97 वें संविधान संशोधन के परिप्रेक्ष्‍य में किए गये हैं। अत: अब संशोधन संभव नहीं है।

रेत खदानों से रेत की बिक्री के दाम तय करने

[खनिज साधन]

116. ( क्र. 6008 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में जिन रेत घाटो के ठेके दिए गए हैं उन घाटों से क्‍या शासन ने रेत के दाम तय किए हैं या रेत के दाम तय करने का अधिकार ठेकेदारों को ही दिया गया है? (ख) यदि शासन ने रेत के दाम बाजार अनुसार निर्धारित करने की नीति अपनाई है तो क्‍या यह देखते हुए कि रेत की प्रतिघन मीटर बिक्री ने शासन द्वारा दाम तय न करने के कारण ठेकेदार मनमाना तरीके से आम जनता को लूट रहे हैं? शासन प्रतिघन मीटर रेत का शासकीय मूल्‍य निर्धारित करने पर विचार करेगा? (ग) क्‍या म.प्र. राजपत्र खनिज साधन विभाग मंत्रालय, वल्‍लभ भवन भोपाल दिनांक 30 अगस्‍त 2019 द्वारा क्रमांक 4 में दी गयी छूट के क्रमांक 2 में वर्णित वर्गों को एक वर्ष में अधिकतम दस घनमीटर रेत बिना रॉयल्‍टी दिए जाने का ठेकेदारो द्वारा पालन नहीं करने तथा ग्रामीणों को इसका ज्ञान न होने को देखते हुए क्‍या विभाग समस्‍त जिला कलेक्‍टरों से राजपत्र में दी गयी छूट स्‍थानीय नागरिकों को दिलाना सुनिश्चित करने के लिए कहेगा? (घ) क्‍या विभाग पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्‍यम से प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित राजपत्र की जानकारी रेट घाट वाली पंचायतों में ग्रामीणों को देने संबंधी अनुरोध करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 में रेत के विक्रय मूल्‍य निर्धारित किये जाने का प्रावधान नहीं है। इस नियम में रेत समूह की खदान की प्रारंभिक आधार मूल्‍य (अपसेट प्राईज) निर्धारित किये जाने का प्रावधान है। उच्‍चतम निविदाकार के पक्ष में रेत समूह की खदानें स्‍वीकृत की जाती है। स्‍वीकृत ठेकाधन के आधार पर ठेकेदार द्वारा खदान का संचालन किया जाता है। स्‍वीकृत ठेकाधन जमा करने के उपरांत ठेकेदार रेत खनिज के विक्रय के लिये स्‍वतंत्र होता है। (ख) मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 में रेत समूह की खदानों के अपसेट मूल्‍य का निर्धारण किये जाने का प्रावधान है। यह मूल्‍य बाजार अनुसार निर्धारित नहीं है। ठेकेदार द्वारा निर्धारित दर पर देय राशि जमा करने के उपरांत खनन किया जाता है। ठेकेदार द्वारा आमजनता को लूटने के संबंध में कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। रेत खनिज के ठेकों से विक्रय किये जाने वाले मूल्‍य के निर्धारण का नियमों में प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍न में उल्‍लेखित दिनांक से मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 अधिसूचित किये गये हैं। यह अधिसूचना मध्‍यप्रदेश शासन के राजपत्र में प्रकाशित है। राजपत्र में प्रकाशन आमजन हेतु ही होता है। इसको पृथक से अवगत कराये जाने की आवश्‍यकता नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित है। यह आमजन हेतु उपलब्‍ध है। इस पर पृथक से कोई कार्यवाही की आवश्‍यकता नहीं है।

छिन्दवाड़ा को संभाग एवं परासिया को जिला बनाने

[राजस्व]

117. ( क्र. 6011 ) श्री सुनील उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) म.प्र. में वर्तमान में कितने संभाग है? क्षेत्रफल एवं आबादी की दृष्‍टि से सबसे बडा संभाग कौन सा है? (ख) क्या जबलपुर संभाग जिलों में कटनी, जबलपुर, मण्डला, डिंडौरी, नरसिंहपुर जिलों से जबलपुर, सिवनी, बालाघाट एवं छिन्दवाड़ा तीन जिलों को मिलाकर छिन्दवाड़ा संभाग बनाने की घोषणा माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने 2008 में की थी जिस पर संभाग बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी? संभाग बनाने की प्रक्रिया कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) क्या हरदा, बुरहानपुर, निवाडी की तरह परासिया एवं जुन्नारदेव दो विधानसभा की 4 तहसीलों को मिलाकर परासिया जिला बनाने हेतु मंत्री जी विचार करेंगे? (घ) छिन्दवाड़ा जिलें में ग्यारह विकासखण्ड एवं तेरह तहसील का कार्यक्षेत्र क्षेत्रफल में प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है, अत: जनहित में जिला बनाने की मांग पर विचार करेगें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश में वर्तमान में 10 संभाग है। क्षेत्रफल की दृष्टि से जबलपुर एवं आबादी की दृष्टि से इंदौर संभाग सबसे बड़ा है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) एवं (घ) वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं है।

 

 

खनिज से प्राप्त राशि एवं व्यय

[खनिज साधन]

118. ( क्र. 6012 ) श्री सुनील उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में खनिज मद से वर्ष 2019-2020 एवं 2020-2021 में कितनी-कितनी राशि से प्राप्त हुई? (ख) जिले में विधानसभावार खनिज मद से कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि के कार्य स्वीकृत हुये? (ग) खनिज उत्खनन के कितने केस दर्ज हुये हैं? कितनी राशि पेनल्टी से वसूल हुई है? (घ) खनिज उत्खनन में तहसीलवार जब्‍त वाहनों की जानकारी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नाधीन जिले में खनिज मद में वर्ष         2019-20 में राशि रूपये 66,78,00,000/- तथा वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक राशि रूपये 61,19,00,000/- प्राप्‍त हुई। (ख) खनिज मद में प्राप्‍त राशि राज्‍य की संचित निधि में जमा होती है। इस राशि के जिला स्‍तर पर सीधे व्‍यय के प्रावधान नहीं है। (ग) प्रश्‍नाधीन जिले में खनिज के अवैध उत्‍खनन के वर्ष 2019-20 में 40 प्रकरण दर्ज हुए जिसमें राशि रूपये 7,46,250/- का अर्थदण्‍ड वसूला गया। वर्ष 2020-21 में माह फरवरी 2021 तक 41 प्रकरण दर्ज हुए जिसमें राशि रूपये 9,36,563/- का अर्थदण्‍ड वसूला गया। (घ) वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में प्रश्‍नानुसार जप्‍त वाहनों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में दर्शित है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

प्रोजेक्ट परीक्षण एवं गुणवत्ता की प्रमाणित रिपोर्ट

[जल संसाधन]

119. ( क्र. 6016 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्व में प्रश्‍नकर्ता द्वारा तारांकित प्रश्न क्रमांक 1600 बैठक दिनांक 20/12/2019 के अंतर्गत कान्ह डायवर्सन प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट की जाँच की संबंध में पूछे गये प्रश्‍न में तकनीकी कारणों व्यवधान उत्पन्न होना स्वीकार्य किया गया था? यदि हाँ, तो क्या तकनीकी व्यवधान के लिए किसी भी अधिकारी को दोषी नहीं माना जाएगा? क्या शासन का यह प्रोजेक्ट बिना तकनीकी जानकारी के तैयार किया गया था? (ख) क्या विभाग द्वारा दिये गए उत्तरों में सिंहस्थ के दौरान कान्ह नदी का पानी सुचारु रूप से डायवर्ट किए जाने का मूल उद्देश्य था? क्या सिंहस्थ के बाद प्रदूषित पानी नगर की जनता को देने के लिए क्या सिंहस्थ के बाद से कान्ह का जहरीला पानी इसी प्रकार से क्षिप्रा में मिलता रहेगा? (ग) कान्ह प्रोजेक्ट तैयार करते समय शासन प्रशासन ने सिंहस्थ के बाद की जनता के प्रति नैतिक जवाबदारी को क्यों नहीं समझा? क्या इसी कारण उज्जैन की जनता दूषित और गंदा पानी पीने को मजबूर है? क्या इसके लिए कार्यपालिका जवाबदार नहीं है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि क्षिप्रा नदी के पानी के प्रदूषित होने के कारणों के संबंध में उक्‍त प्रश्‍न के उत्‍तर में तकनीकी कारणों से व्‍यवधान उत्‍पन्‍न होने का लेख करते हुए स्थिति स्‍पष्‍ट की गई थी। प्रश्‍नांकित उक्‍त तकनीकी व्‍यवधान के लिए किसी अधिकारी को दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है। जी नहीं, प्रोजेक्‍ट तकनीकी जानकारी के आधार पर ही बनाया गया था। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांकित प्रोजेक्‍ट का मूल उद्देश्‍य ''सिंहस्‍थ-2016'' के दौरान खान नदी के पानी को सुचारू रूप से डायवर्ट किया जाना था एवं यही उत्‍तर विभाग द्वारा दिया जाता रहा है। सिंहस्‍थ के बाद भी योजना द्वारा ग्रीष्‍मकाल में खान नदी में जल की अनुमानित आवक के आधार पर पाइप लाइन की रूपांकित क्षमतानुसार 05 क्‍यमेक प्रदूषित पानी को डायवर्ट किया जा रहा है। खान नदी में इससे अधिक मात्रा में प्रवाह होने पर खान नदी का पानी क्षिप्रा नदी में मिलता है। (ग) खान प्रोजेक्‍ट का निर्माण ग्रीष्‍म काल में खान नदी में प्रवाहित जल की मात्रा को ही राघोपिपलिया से डायवर्ट कर भैरवगढ़ ले जाकर क्षिप्रा नदी में छोड़ने हेतु किया गया था। वर्षाकाल में खान नदी में पानी का प्रवाह बढ़ने पर अतिरिक्‍त पानी राघोपिपरिया स्‍टॉप डेम से ओव्‍हरफ्लो होकर क्षिप्रा नदी में त्रिवेणीघाट में मिलने की संभावना बनी रहती है। प्रश्‍नांकित योजना प्रदूषित पानी को शुद्ध करने के लिए अथवा बारिश के पानी को डायवर्ट करने के लिए रूपांकित व निर्मित नहीं की गई है। योजना अपने निर्माण के मूल उद्देश्‍य को पूर्ण कर रही है अत: कार्यपालिका के जवाबदार होने की स्थिति नहीं है।

शासकीय अशासकीय भूमियों का संधारण

[राजस्व]

120. ( क्र. 6019 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या शासन/विभाग द्वारा आजादी के पश्चात म.प्र. व मध्य भारत प्रांत के समय नजूल विभाग व राजस्व विभाग द्वारा विभिन्न शासकीय अशासकीय भूमियों का संधारण अपनी-अपनी पंजों में नियमानुसार विभागीय पंजीबद्ध कर संधारित करने का कार्य किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या विगत वर्षों में जावरा चौपाटी स्थित ग्राम बोरदा बन्नाखेड़ा की भूमि सर्वे नंबर 222, 223, 224, 225226 की भूमियों का संधारण भी नियमानुसार निश्चित रूप से किया है? (ग) यदि हाँ, तो पंजी संधारण के पूर्व एवं पंजी संधारण के पश्चात भूमियों की वस्तु स्थिति का विवरण भी उल्लेखित कर स्वामित्व के संबंध में विधिवत नियमानुसार कॉलम में दर्शाया जाता है? (घ) यदि हाँ, तो वर्ष 1980 से पूर्व व इसके पश्चात उपरोक्त सर्वे नंबरों पर किन-किन वर्षों में किस आधार पर स्वामित्व का निर्धारण कर नामांतरण एवं विभिन्न प्रकार के निर्माण किए जाने की अनुमति प्रदान की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। नजूल क्षेत्र का रिकार्ड तैयार होने के पश्‍चात्, नजूल भूमि रिकार्ड का संधारण तथा अन्‍य भूमि के रिकार्ड का संधारण नियमानुसार खसरा में संधारित किया जाता है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। राजस्‍व रिकार्ड में दर्शाया जाता है। (घ) ग्राम बोरदा बन्‍नाखेड़ा की भूमि सर्वे नं. 222, 223, 224, 225226, जिसमें परिवर्तित प्रविष्टियों का विवरण संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

उपभोक्ता फोरम के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

121. ( क्र. 6020 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) क्या शासन/विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को नियमानुसार गुणवत्तायुक्त उचित व्यवस्थाऐं प्राप्त हो इस हेतु राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग एवं जिला स्‍तरीय फोरम गठित किये गये है। यदि हाँ, तो इनका गठन कब किया गया है? जानकारी दें (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित आयोग एवं फोरम के कितने- कितने सदस्‍य होते है एवं इनके मनोनयन के मापदंड क्‍या है? (ग) रतलाम जिले में फोरम का गठन कब किया गया और इसमें कौन-कौन सदस्‍य कब-कब से कार्यरत है? फोरम को वर्ष 2015-16 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई है तथा कितनों का निराकरण किया गया, कार्यवाही विवरण सहित जानकारी दे? (घ) अवगत कराएं कि प्रदेश स्तरीय समिति का गठन कब किया गया था और इसमें कौन-कौन कार्यरत हैं तथा रतलाम जिला उपभोक्ता फोरम समिति का गठन कब किया गया? इसमें कौन-कौन सदस्य होकर समिति कब से कार्यरत हैं? वर्ष 2015 -16 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला समिति में कितनी शिकायतें प्राप्त होकर उनका निराकरण किया गया एवं क्या-क्या कार्रवाई की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जिला उपभोक्‍ता फोरम (आयोग) रतलाम का गठन दिनांक 12.04.1991 को किया गया। जिला उपभोक्‍ता फोरम (आयोग) रतलाम में अध्‍यक्ष के पद पर श्री रमेश मावी (सेवानिवृत्‍त न्‍यायिक अधिकारी) दिनांक 21.02.2019 से तथा सदस्‍य के पद पर श्रीमती जयमाला सिंघवी दिनांक 27.05.2016 से कार्यरत हैं। जिला उपभोक्‍ता फोरम (आयोग) रतलाम में वर्ष 2015 से अब तक 996 प्रकरण दर्ज हुए जिसमें से 788 प्रकरणों का निराकरण किया गया। निराकृत प्रकरणों में परिवा‍दियों के पक्ष में रूपये 2,35,92,394/- (दो करोड़ पैंतीस लाख बयानवे हजार तीन सौ चोरानवे) का जुर्माना अधिरोपित किया गया। (घ) प्रदेश स्‍तरीय राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोषण आयोग का गठन दिनांक 10.01.1990 को किया गया। वर्तमान में राज्‍य उपभोक्‍ता (आयोग) में अध्‍यक्ष के पद पर माननीय न्‍यायमूर्ति श्री शान्‍तनु एस.केमकर दिनांक 23.10.2018 से तथा सदस्‍य के पद पर डॉ. श्रीमती मोनिका मलिक दिनांक 04.07.2017 एवं श्री श्‍याम सुन्‍दर बंसल दिनांक 29.08.2019 से कार्यरत हैं। जिला उपभोक्‍ता फोरम (आयोग) रतलाम की जानकारी उत्‍तरांश (ग) अनुसार है।

जिला कार्यालय खोले जाना

[सहकारिता]

122. ( क्र. 6025 ) श्री अनिल जैन : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या विभाग द्वारा निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय खोले जाने एवं आवश्यक पदों के सृजित करने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन स्तर से क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही का पत्र क्रमांक दिनांक एवं विवरण सहित बताते हुए इस बाबत अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) निवाड़ी जिले में स्थित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिये क्या-क्या प्रयास किये जा रहे हैं के विवरण सहित विगत तीन वर्षों के सक्रिय एवं निष्क्रिय सदस्य कृषकों की तुलनात्मक संख्या समितिवार बतायी जाये?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- एक अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

जिला कार्यालय एवं योजनाओं की जानकारी

[श्रम]

123. ( क्र. 6026 ) श्री अनिल जैन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा निवाड़ी जिले में जिला कार्यालय खोले जाने एवं आवश्यक पदों के सृजित करने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो किन-किन स्तर से क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही का पत्र क्रमांक दिनांक एवं विवरण सहित बताते हुए इस बाबत अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) निवाड़ी जिले में विभाग द्वारा चालू वर्ष में कौन-कौन सी योजनायें संचालित है? योजनावार भौतिक एवं वित्तीय प्रगति से अवगत कराया जाये। दिनांक 1.10.2018 से प्रश्न दिनांक तक संचालित प्रमुख हितग्राहीमूलक योजनाओं में कितने लाभान्वितों हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन, श्रम विभाग, भोपाल के पत्र क्रमांक 505/1171/2019/बी-16 दि. 5.10.2020 अनुसार निवाड़ी जिले में श्रम पदाधिकारी कार्यालय खोलने के लिये श्रम पदाधिकारी का 01 पद स्‍वीकृत/सृजित कर अन्‍य पदों की पूर्ति हेतु रिक्‍त पदों की भर्ती कर समायोजन/युक्तियुक्‍तकरण से किये जाने का परामर्श वित्‍त विभाग द्वारा दिया गया। प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से नवगठित निवाड़ी जिले में विभागीय कार्यों हेतु कार्यालयीन आदेश क्रमांक 213/20 दिनांक 29.2.2020 द्वारा सहायक श्रमायुक्‍त, सागर को टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले का अतिरिक्‍त प्रभार तथा श्रम पदाधिकारी, टीकमगढ़ द्वारा श्रम निरीक्षक, टीकमगढ़ को अपने कार्य के अतिरिक्‍त निवाड़ी जिले के विभागीय कार्य संपादन हेतु अधिकृत किया गया है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल तथा म.प्र. असंगठित शहरी/ ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं का संचालन नगरीय क्षेत्र में नगरीय निकायों द्वारा एवं ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायतों के द्वारा किया जा रहा है। निवाड़ी जिले में संचालि‍त योजनाओं एवं प्रमुख हितग्राहीमूलक योजनाओं में लाभान्वितों की जानकारी निम्नवत् है:- (1) म.प्र. श्रम कल्‍याण मंडल द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजनाओं में लाभ प्राप्‍त करने हेतु श्रमिक/हितग्राही को निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना आवश्‍यक है। वर्ष 2020-21 में निवाड़ी जिले से शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजनांतर्गत 11 आवेदन प्राप्‍त हुए है, जिसमें 11 छात्र/छात्राओं को रूपये 12,000/- राशि वितरण किया जाना है। (2) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल की संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। प्रश्‍नांकित अवधि में मंडल की योजनांतर्गत कुल 176 हितग्राहियों को रू. 94,55,600/- का भुगतान किया गया है। लाभांवित हितग्राहियों की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (3) म.प्र. असंगठित शहरी/ ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल की संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्रश्‍नांकित अवधि में मंडल की योजनांतर्गत कुल 1482 हितग्राहियों को रूपये 15,56,90,000/- राशि का भुगतान किया गया है। लाभांवित हितग्राहियों की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है।

अनियमितताओं की जाँच एवं कार्यवाही

[सहकारिता]

124. ( क्र. 6039 ) श्री मेवाराम जाटव : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर जिले में पंजीकृत शहरी साख सहकारी समितियों के पंजीयन नम्‍बर, दिनांक समितियों के संगठक अधिकारी एवं पदाधिकारियों के नाम व पता सहित पूर्व विवरण दें। (ख) क्‍या ग्‍वालियर जिले में पंजीकृत शहरी साख (क्रेडिट) संस्‍थाओं द्वारा रिजर्व बैंक के नियमों/निर्देशों के विपरीत करोड़ों रूपये अवैध रूप से जमा कराये हैं? यदि हाँ, तो 10 फरवरी 2021 तक कितनी-कितनी राशि किन-किन संस्‍थाओं में जमा कराई? प्रत्‍येक संस्‍थाओं का पृथक-पृथक विवरण दें। (ग) ग्‍वालियर जिले में पंजीकृत यूनाइटेड क्रेडिट को-ऑपरेटिव्‍ह सोसायटी, बंधन साख सहकारी सोसायटी, उपकर वैल्‍थ इण्‍डिया निधि लिमिटेड साख सोसायटी में की गई आर्थिक अनियमितताओं की जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) म.प्र सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के तहत जिले में पंजीकृत शहरी साख समितियों के विरूद्ध ऐसी शिकायत प्राप्‍त होना ज्ञात नहीं है। (ग) यूनाईटेड को-ऑपरेटिव्‍ह सोसायटी एवं बंधन साख सहकारी सोसायटी की अनियमितताओं की जाँच करायी जा रही है। उपकर वैल्‍थ इण्डिया निधि लिमिटेड म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 के अंतर्गत पंजीकृत संस्‍था नहीं होने से जाँच करायी जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होते।

धान खरीदी केन्‍द्रों की जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

125. ( क्र. 6043 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा व शहडोल संभाग में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक के दौरान कितने धान खरीदी केन्‍द्र स्‍थापित किये गये हैं? का विवरण वर्षवार एवं जिलावार दिया जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के संचालित धान खरीदी केन्‍द्रों में कितनी-कितनी धान किन-किन खरीदी गई कितनी जमा की गई, कितना अन्‍तर हैं का विवरण वर्षवार, केन्‍द्रवार एवं जिलावार दिया जावे। (ग) प्रश्नांश (क) के अन्‍तर्गत खरीदी केन्‍द्रों पर खरीदे गये स्‍कंध की मात्रा के आधार पर राशि एवं उपार्जन एजेन्सियों से प्राप्‍त राशि के मध्‍य कितना अन्‍तर है का विवरण वर्षवार जिलावार दिया जावे। (घ) प्रश्नांश (क) के अन्‍तर्गत खरीदी केन्‍द्रों द्वारा किसानों की धान की सफाई, तौलाई, भराई में कितनी राशि प्रति किलो या प्रति क्विंटल के मान से किसानों से ली जाती है? इस बावत् शासन के क्‍या निर्देश हैं? प्रति देते हुये बतावें। (ड.) प्रश्नांश (क) के अन्‍तर्गत धान खरीदी केन्‍द्रों में मनमानी धान की तौलाई, उठाई और भरवाई के नाम पर राशि वसूली के संबंध में क्‍या कोई शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

चंबल नहर का रख-रखाव

[जल संसाधन]

126. ( क्र. 6060 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन विभाग द्वारा क्‍या राजस्‍थान को चंबल नहर के रख-रखाव हेतु राशि दी जाती है? यदि हाँ, तो क्‍या इस हेतु शासन प्रशासन के वरिष्‍ठ कार्यालय के आदेश निर्देश हैं? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ख) यह राशि प्रति वित्‍तीय वर्ष में कितनी दी जाती है व इसके व्‍यय हेतु क्‍या प्रक्रिया है व इस राशि से क्‍या म.प्र. या राजस्‍थान सरकार कार्य कराती है? (ग) वित्‍तीय वर्ष 2017-18 से 2020-21 तक कितनी राशि चंबल नहर की रख-रखाव हेतु प्रदाय की गई की जानकारी राशि, व्‍यय विवरण, वर्ष दिनांक, मांग संख्‍या, लेखा शीर्ष आदि सहित बतावें?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, चंबल दांई मुख्‍य नहर के रख-रखाव के संबंध में राजस्‍थान एवं मध्‍यप्रदेश सरकार के मध्‍य दिनांक 25.03.1955 को निष्‍पादित अनुबंधानुसार म.प्र. द्वारा राजस्‍थान को चंबल नहर के रख-रखाव हेतु राशि दी जाती है।           (ख) अनुबंध के अनुसार चंबल दांई मुख्‍य नहर के रख-रखाव पर व्‍यय राशि में से म.प्र. का भागांश 75.40 प्रतिशत एवं राजस्‍थान का भागांश 24.60 प्रतिशत है। रख-रखाव की प्रक्रिया के अंतर्गत दोनों राज्‍यों के अधीक्षण यंत्री स्‍तर के अधिकारियों द्वारा संयुक्‍त निरीक्षण उपरांत कार्यों की प्राथमिकता के अनुसार कार्य का निर्धारण होता है। तत्पश्‍चात राजस्‍थान सरकार द्वारा संबंधित कार्य का प्राक्‍कलन एवं कार्य की अनुमानित लागत से अवगत कराया जाता है। अनुमानित लागत के अनुसार राजस्‍थान द्वारा मध्‍यप्रदेश के अंशानुसार राशि की माँग किए जाने पर म.प्र. द्वारा राजस्‍थान को राशि उपलब्‍ध कराई जाती है। राजस्‍थान सरकार द्वारा प्राक्‍कलन स्‍वीकृत किया जाकर निविदा आमंत्रित की जाती है एवं तद्नुसार रख-रखाव का कार्य कराया जाता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "उनचास"

लोक सेवा प्रबन्‍धन विभाग के उद्देश्‍य व कार्य

[लोक सेवा प्रबन्धन]

127. ( क्र. 6061 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्य किये जाने के उद्देश्‍य है व कार्यों के क्रियान्‍वयन की मार्गदर्शिका से अवगत कराते हुए उसकी प्रति दी जावें? (ख) लोक सेवा प्रबंधन के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की जानकारी जनपद पंचायत/सबलगढ़/कैलारस जिला मुरैना की जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक दी जावें। जानकारी में कार्य विवरण, वर्ष दिनांक, आदि शामिल है।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा कार्य किये जाने के उद्देश्‍य व कार्यों के क्रियान्‍वयन की मार्गदर्शिका विभागीय वार्षिक प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक सेवा प्रबंधन के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों का विवरण जनपद पंचायत सबलगढ़/कैलारस जिला मुरैना की जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक निम्‍न है:- (1) लोक सेवाओं के प्रदाय की गारंटी अधिनियम के तहत जनपद पंचायत सबलगढ़ में 15716 एवं जनपद पंचायत कैलारस में 14212 आवेदकों को सेवाएं समय-सीमा में उपलब्‍ध करायी गई है। (2) समाधान एक दिन 'तत्‍काल सेवा प्रदाय' व्‍यवस्‍था अंतर्गत जनपद पंचायत सबलगढ़ में 6232 एवं जनपद पंचायत कैलारस में 5792 आवेदकों को एक दिवस में सेवाओं का प्रदाय किया गया।           (3) सी.एम. हेल्‍पलाईन 181 पर कुल 9950 शिकायतों का संतुष्टि‍ पूर्ण निराकरण किया गया है।

ऋण माफ, ब्‍याज माफ के संबंध में

[सहकारिता]

128. ( क्र. 6066 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार ने कौन से वर्ष का किस सीजन में लिए ऋण की कितनी राशि का ब्‍याज माफ करने का निर्णय लिया है? (ख) क्‍या वर्ष 2018-192019-20 दो वर्ष का ऋण लिये किसानों का बैंक ब्‍याज माफ करने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या विधानसभा क्षेत्र नागदा-खाचरोद के किसानों का 1 मई 2018 से 31 मार्च 2019 तक कितने किसानों का कितने लाख तक का ऋण माफ हो गया? जिनका माफी नामा विलंब से हुआ है क्‍या उन किसानों का ब्‍याज भी माफ किया गया है? यदि हाँ, तो कितने किसानों का कितना ब्‍याज, किस समयावधि का माफ किया गया है? वर्षवार विवरण दें। (घ) क्‍या सरकार ने एक लाख रूपये तक का ऋण माफ कर दिया है? यदि हाँ, तो खचरौद तहसील के किसानों को इसका लाभ मिला परंतु नागदा तहसील के किसानों को इसका लाभ क्‍यों नहीं दिया गया है? इन्‍हें कब तक लाभ दिया जाएगा? लाभ नहीं दिये जाने के क्‍या कारण हैं? (ड.) क्‍या वर्ष 2021 में समर्थन मूल्‍य पर किसानों से क्रय किए जाने वाले गेहूँ 5 क्विंटल प्रति बीघा ही खरीदने का लक्ष्‍य है? यदि हाँ, तो इतना कम क्‍यों क्रय किया जा रहा है? क्‍या कारण है? उत्‍पादन 10 क्विंटल प्रति बीघा और खरीदी 5 क्विंटल बीघा से किसानों को हानि हो रही है है? इस हानि की भरपाई क्‍या सरकार करेगी या फिर उत्‍पादन के मान से क्रय करने के नियमों में संशोधन करेगी? क्‍या पूर्ववत 9 क्विंटल प्रति बीघा कर दिया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ड.) वर्ष 2021 में समर्थन मूल्य पर किसानों से क्रय किये जाने वाले गेहूँ को 43 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के मान से खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

पात्रता पर्ची के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

129. ( क्र. 6071 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राशन दुकानों में नवीन पात्रता पर्चियों की स्‍वीकृति एवं पुरानी पात्रता पर्चियों के सदस्‍य संख्‍या में सुधार की क्‍या प्रक्रिया निर्धारित है? पूरी प्रक्रिया में कितने दिन का समय लगता है? 2020 की स्थिति में अधिकारिक एवं शासन के निर्देशों का विवरण देवें? (ख) धार जिले में 1 जनवरी 2020 को कौन-कौन राशन दुकान संचालित थी? उन दुकानों में किस श्रेणी की पात्रता पर्चियां थी उनमें कितने सदस्‍य थे? (ग) जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 के बीच प्रश्नांश (ख) में वर्णित दुकान में किस श्रेणी की कितनी पर्चियों में सदस्‍य संख्‍या में सुधार किये गये? अन्‍य सुधार का आधार क्‍या रहा? सुधार में अधिकतम एवं न्‍यूनतम कितने दिन का समय लगा? कितने सदस्‍य घटाये कितने बढ़ायें, स्‍थानीय निकायवार संख्‍यात्‍मक जानकारी बतायें। (घ) 01 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 के बीच किस स्‍थानीय निकायवार कितनी पर्चियां निरस्‍त की गई? निरस्‍त करने का आधार क्‍या रहा? अपात्रता की जाँच किसने की? किस श्रेणी की कितनी पर्चियां जोड़ी गई? नई पात्रता का आधार क्‍या था? 31 जनवरी 2021 की स्थिति में किस दुकान में किस श्रेणी की कितनी पर्चियां एवं कितने सदस्‍य शेष रहे? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) में दर्शित जोड़ी गई नवीन पात्रता पर्चियों के परिवारों की विहित श्रेणी को राशन मिलना कब प्रारंभ हुआ?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत नवीन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी करने तथा पूर्व से प्रचलित पात्रता पर्ची में सदस्‍य संख्‍या में सुधार हेतु संबंधित परिवार द्वारा स्‍थानीय निकाय कार्यालय पर आवेदन प्रस्‍तुत करना, आवेदकों की पात्रता व दस्‍तावेजों का परीक्षण, सत्‍यापन तथा स्‍वीकृति उपरांत मासिक आवंटन के समय पात्रता पर्ची एवं राशन आवंटन जारी किया जाता है। प्रश्‍नांकित अवधि में प्रत्‍येक माह की 10 तारीख तक जिन परिवारों के आवेदनों का जिलों से सत्‍यापन कर दिया जाता है उनके परीक्षणोपरांत पात्र परिवारों को आगामी माह से आवंटन जारी कर वितरण किया जाता है, निर्देशों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) धार जिले में 1 जनवरी 2020 की स्थिति में संचालित 771 उचित मूल्‍य दुकानों में अंत्‍योदय अन्‍न योजना एवं प्राथमिकता परिवार श्रेणी अंतर्गत पात्रता पर्चीधारी परिवार एवं सदस्‍य संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित दुकानों में प्रचलित अंत्‍योदय अन्‍न योजना श्रेणी के 24790 तथा प्राथमिकता परिवार श्रेणी की 150562 पात्र परिवारों के डाटाबेस में सदस्‍य संख्‍या में सुधार किया गया है। जन्‍म/मृत्‍यु/विवाह/डुप्‍लीकेट होने के फलस्‍वरूप डाटाबेस में आवश्‍यक सुधार किए गए हैं। आवेदकों द्वारा आवेदन प्रस्‍तुत करना तथा परीक्षण उपरांत आवश्‍यक सुधार करना एक सतत प्रक्रिया है, प्रकरणवार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 के बीच पृथक किए गए एवं जोड़े गए सदस्‍यों की स्‍थानीय निकायवार संख्‍यात्‍मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (घ) 01 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 की अवधि में निरस्‍त पात्रता पर्चियों की स्‍थानीय निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। विवाह हो जाने से परिवार से पृथक हुई महिला सदस्‍य/मृत्‍यु/दोहरे होने आदि कारणों से स्‍थानीय निकायों के द्वारा चिन्‍हांकित/सत्‍यापित अपात्र हितग्राहियों को पोर्टल से अस्‍थाई रूप से पृथक किया गया है। प्रश्‍नांकित अवधि में प्राथमिकता परिवार श्रेणी अंतर्गत 21774 परिवारों की पात्रता पर्चियां जारी की गई हैं, राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत वैध पात्रताधारी होने के आधार पर उक्‍त परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। 31 जनवरी 2021 की स्थिति में उचित मूल्‍य दुकानवार प्रचलित पात्रता पर्चियों एवं सदस्‍य संख्‍या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर अनुसार।

 

डिफॉल्‍टर सहकारी समितियों के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

130. ( क्र. 6073 ) श्री संजय यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) जबलपुर जिले की कितनी सहकारी समितियों को डिफॉल्‍टर घोषित किया गया हैं? प्रत्‍येक के डिफॉल्‍टर घोषित करने के कारण सहित सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) डिफॉल्‍टर सहकारी समिति के किसानों से फसल खरीदी की क्‍या योजना है? ऐसे समितियों के गैर लाभान्वित किसानों की सूची उपलब्‍ध करावें। भविष्‍य में ऐसे किसानों की सुविधा की क्‍या योजना है? (ग) क्‍या समितियों में गबन के आरोप में समितियों को डिफॉल्‍टर घोषित किया है? यदि हाँ, तो प्रत्‍येक दोषी कर्मचारी पर क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या समितियों में गबन के आरोपी कर्मचारियों को दूसरी अन्‍य समितियों में नियुक्‍त किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के अनुसार किया गया है? प्रति उपलब्‍ध करायें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आदिवासी भूमि का विक्रय

[राजस्व]

131. ( क्र. 6074 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दोनों जनपदों में गत 5 वर्षों में कितनी आदिवासी भूमि, कितने लोगों से कब-कब विक्रय की गई? वर्गवार, ग्रामवार, जनपदवार सूची देवें। इनमें से कितनी आदिवासी भूमि सामान्‍य श्रेणी में विक्रय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी भूमि कलेक्‍टर की अनुमति प्राप्‍त आदिवासी भूमि का एग्रीमेंट सामान्‍य वर्ग के साथ हुआ? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी आदिवासी भूमि का विक्रय आदिवासियों को किया गया? (घ) उक्‍त प्रश्‍न के संदर्भ में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें धोखाधड़ी कर विक्रय करने का प्रकरण प्रचलित है? सूची देवें। इस प्रकार इतनी ज्‍यादा तादाद में आदिवासी भूमि विक्रय होने पर शासन द्वारा जाँच की गई? यदि नहीं तो क्‍या सरकार इसकी जाँच करायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले के बरगी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत दोनों जनपदों में गत 5 वर्षों में आदिवासी भूमि की विक्रय संबधी ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' एवं 'दो' अनुसार है। इनमें से 94 आदिवासियों की भूमि सामान्‍य श्रेणी में विक्रय की गई है। (ख) जिले में वर्ष 2015 से 2021 तक कुल 62 अनुमतियां न्‍यायालय कलेक्‍टर जबलपुर द्वारा प्रदान की गई है। उक्‍त अवधि में आदिवासी भूमिस्‍वामी का सामान्‍य वर्ग के साथ कोई एग्रीमेंट उप पंजीयक कार्यालय पंजीबद्ध नहीं हुआ। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में 664 आदिवासी- भूमि का आदिवासियों को विक्रय किया गया है। (घ) दो प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। आदिवासी से आदिवासी के मध्‍य भूमि के विक्रय पर कोई रोक नहीं है। आदिवासी से गैर-आदिवासी के मध्‍य भूमि का विनियम कलेक्‍टर की लिखित अनुज्ञा उपरांत किये जाने के प्रावधान है। जिन मामलो में गड़बड़ी की शिकायत प्रकाश में आई है, उन पर कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्‍नांश उदभूत नहीं होता।

मुआवजा वितरण के संबंध में

[राजस्व]

132. ( क्र. 6077 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) विदिशा जिले में टेम परियोजना लटेरी, सेमरखेड़ी लघु सिंचाई परियोजना लटेरी, सेमलखेड़ी तीर्थ क्षेत्र लघु सिंचाई परियोजना सिरोंज, बरखेड़ा हरगन सिंचाई परियोजना सिरोंज, सिरोंज-मकसूदनगढ़ मार्ग एन.एच. 752 बी. तथा लटेरी-दपकन-नजीराबाद मार्ग हेतु में किन-किन कृषकों की भूमि एवं संपत्ति का भू-अर्जन किया गया है। किया जा रहा है? सर्वे नंबर, क्षेत्रफल, प्रभावित व्‍यक्ति का नाम सहित परियोजनावार जानकारी उपलब्‍ध करावें तथा कितना-कितना मुआवजा राशि का वितरण किया गया है? ग्रामवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। कितने कृषकों का मुआवजा वितरण होना शेष है? यदि मुआवजा राशि का वितरण नहीं किया गया है? तो कब तक कर दिया जावेगा? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभाग को टेम परियोजना के विशेष पैकेज स्‍वीकृति हेतु कौन-कौन से पत्र प्राप्‍त हुए? बतावें एवं पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की गई? विवरण उपलब्‍ध करावें। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या टेम परियोजना के प्रभावित बैरसिया तहसील के कृषकों के कितना-कितना मुआवजा दिया जा रहा है? ग्रामवार एवं व्‍यक्तिवार जानकारी उपलब्‍ध करावें तथा भोपाल कलेक्‍टर एवं विदिशा जिले की कलेक्‍टर गाईड लाईन की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। क्‍या भोपाल कलेक्‍टर गाईड लाईन के अनुसार ही लटेरी तहसील के प्रभावित कृषकों को मुआवजा वितरण किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍या बैरसिया एवं लटेरी तहसील में मुआवजा वितरण की असमानता को दूर करने के लिए विशेष पैकेज को कब तक कैबि‍नेट में अनुमोदन करवा दिया जावेगा? बतावें। अभी तक विशेष पैकेज अनुमोदन न कराने के लिए दोषी कौन है? बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त परियोजनाओं में कितने-कितने हेक्‍टेयर वन भूमि प्रभावित हुई है? कक्ष एवं ग्रामवार जानकारी उपलब्‍ध करावें तथा वन भूमि के बदले में विभाग द्वारा कितनी-कितनी भूमि किन-किन ग्रामों में दी गई है? ग्रामवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। वन विभाग को कितनी तथा कब भूमि हस्‍तांतरण कर दी गई? बतावें। यदि नहीं की गई है इसके लिए दोषी कौन है एवं कब तक हस्‍तांतरित कर दी जावेगी तथा वन विभाग को दी गई भूमि का निरीक्षण किन-किन अधिकारियों द्वारा किस दिनांक को किया गया है? यदि निरीक्षण नहीं किया गया? तो कब तक किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में कितने कृषक मुआवजा राशि हेतु शेष है शेष कृषकों के नाम, पता सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की गई है? शेष कृषकों को मुआवजा कब तक प्रदान किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 01-विदिशा जिले की तहसील लटेरी अंतर्गत टेम परियोजना में कुल 05 ग्रामों के कृषकों की अर्जित भूमि के सर्वे नंबर, क्षेत्रफल प्रभावित का नाम की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। टेम परियोजना अंतर्गत संपूर्ण कृषकों का मुआवजा राशि वितरण किया जाना शेष है। टेम परियोजना अंतर्गत हितग्राहियों के बैंक खाते एकत्रित कर राशि वितरण का कार्य जारी है। एवं एन.एच. 752 बी का मुआवजा भारत शासन सड़क मंत्रालय से किया जाना है इस संबंध में कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग भोपाल को पत्र जारी किया गया है। 02-तहसील सिरोंज में 01-सेमलखेडी लघु सिंचाई परियोजना सिरोंज में ग्राम सेमलखेडी के 36 कृषकों की कुल 49.820 हे. एवं ग्राम कांजीखेडी के 10 कृषकों की 14.247 हे. इस प्रकार कुल 46 कृषकों की 64.067 हे. भूमि आपसी क्रय नीति से अर्जित की गई है। (सर्वे नंबर क्षेत्रफल, प्रभावित व्यक्ति का नाम की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।) उपरोक्त परियोजना में अवार्ड सूची अनुसार ग्राम सेमलखेडी के सरल क्रमांक 2, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 11, 12, 14, 18, 19, 20, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 33, 34, 35, कुल 26 एवं ग्राम कांजीखेडी के सरल क्रमांक 01, 02, 03, 05, 06, 08 कुल 06 इस प्रकरण कुल 32 कृषकों को 4,57,43596/-रूपये का मुआवजा वितरण किया गया है। उपरोक्त परियोजना में 14 कृषक ग्राम सेमलखेडी अवार्ड सूची अनुसार सरल क्रमांक 01, 03, 10, 13, 15, 16, 17, 21, 32, 36 कुल 10 एवं ग्राम कांजीखेडी के सरल क्रमांक 04, 07, 09, 10 कुल 04 इस प्रकार कुल 14 कृषको को 2,55,09080/- रूपये का मुआवजा वितरण शेष है। 03-बरखेडा हरगन सिंचाई परियोजना सिरोंज में ग्राम बरखेडा हरगन में ग्राम बरखेडा हरगन के 11 कृषको की 8.254 हे. भूमि आपसी क्रय नीति से अर्जित की गई है। (सर्वे नंबर क्षेत्रफल, प्रभावित व्यक्ति का नाम की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।) उपरोक्त परियोजना में सभी 11 कृषकों का 80,94,240/- रूपये मुआवजा राशि का भुगतान शेष है। 04-मकसूदनगढ मार्ग एन.एन.-752 बी परियोजना में ग्राम कल्याणपुर के 04 कृषकों की 0.743 हे. एवं कस्बा सिरोंज के 28 कृषकों की 2.642 हे. इस प्रकार कुल 32 कृषको की कुल 3.385 हे. भूमि का भू-अर्जन किया गया है। (सर्वे नंबर क्षेत्रफल, प्रभावित व्यक्ति का नाम की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।) उपरोक्त परियोजना में किसी भी कृषक को राशि का भुगतान नही हुआ है। संपूर्ण भुगतान शेष है। तहसील लटेरी अंतर्गत सिरोंज मधुसूदनगढ़ मार्ग एन एच 752बी की भूमियों का अर्जन किया जा रहा है, सर्वे नंबर, क्षेत्रफल प्रभावित का नाम की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। एन.एच. 752बी का मुआवजा भारत शासन सड़क मंत्रालय से किया जाना है इस संबंध में कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग राष्ट्रीय राजमार्ग भोपाल को पत्र जारी किया गया है। 05- लटेरी-दपकन-नजीराबाद मार्ग में भू-अर्जन नहीं किया जा रहा है। जिला भोपाल में टेम परियोजना के अंतर्गत भोपाल जिले के बैरसिया अनुविभाग में ग्राम गढाब्राम्‍हण, कोलूखेडी, चंद्रपुरा और खेडली के 74 कृषकों को 90392523/- रू. की मुआवजा राशि वितरित की जा चुकी है। ग्राम मजीदगढ़ का अवार्ड अनुमोदन दिनांक 04.03.21 को किया गया है। शेष 258 कृषकों को भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है, शीघ्र भुगतान कर दिया जावेगा। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय लटेरी में टेम परियोजना के विशेष पैकेज हेतु कोई पत्र प्राप्त न होने से जानकारी निरंक है। विदिशा कलेक्टर गाईड लाईन अनुसार कृषकों को शीघ्र ही मुआवजा प्रदान किया जावेगा। कलेक्टर भोपाल व विदिशा की गाइड लाइन संलग्न है। प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में टेम मध्‍यम परियोजना के प्रभावित बैरसिया तहसील के ग्राम गढाब्राम्‍हण, कोलूखेडी, चंद्रपुरा और खेडली मजीदगढ के कुल 332 कृषकों को भोपाल जिले की तत्‍कालीन वर्ष की कलेक्‍टर गाईड लाईन के अनुसार मुआवजा राशि रू 90392523/- का भुगतान किया जा चुका है एवं 219071893 का भुगतान शेष है। भुगतान हेतु शेष धारको की ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-7 अनुसार है  () 01-विदिशा जिले में टेम परियोजना लटेरी में कक्ष क्रमांक P-324 P-384 P-308 P-309 P-365 में वनभूमि की 9.504 हेक्टेयर वनभूमि का हस्तांतरण किया है। वनभूमि के बदले में विभाग द्वारा 05 ग्रामों में भूमि दी गई है, भूमि का निरीक्षण एवं राजस्व अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-8 अनुसार है। 02-सेमलखेडी लघु सिंचाई परियोजना सिरोंज में रकबा 79.099 हे. वन भूमि प्रभावित हुई है जिसके कक्ष क्रमांक पी-515, पी-517 एवं पी-518 है। जिसके बदले में ग्राम धर्मपुर का रकबा 21.252 हे. एवं ग्राम सांकलोन का रकबा 57.847 हे. कुल रकबा 79.099 हे. राजस्व भूमि, वन विभाग को दिनांक 10.10.2017 से हस्तांतरण की गई है, परंतु वन विभाग द्वारा उक्त भूमि ज्वारी डेम क्षेत्र के पानी भराव क्षेत्र में होने, मौके पर ढलानयुक्त चट्टानी क्षेत्र होने एवं कुछ स्थानो पर वृक्षारोपण की दृष्टि से उपयुक्त नही होना बताया गया है। वन विभाग को दी गई भूमि का निरीक्षण दिनांक 13.12.2020 को तहसीलदार सिरोंज, एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी सिरोंज के द्वारा संयुक्त दल द्वारा निरीक्षण किया गया है। 03-बरखेडा हरगन सिंचाई परियोजना सिरोंज, में रकबा 9.500 हे. वन भूमि प्रभावित हुई है जिसके कक्ष क्रमांक पी-537 एवं पी-538 है। जबकि वन विभाग द्वारा विभाग के पोर्टल पर अपलोड वनकक्षो की सीमाओ के अनुसार परियोजना में लगभग 14.500 हे. वन भूमि प्रभावित होना बताया है। जिसकी वास्तविकता की जांच हेतु कार्यवाही प्रचलित है। जल संसाधन विभाग एवं वन विभाग के अधिकारियों द्वारा दिनांक 29.03.2019 को संयुक्त निरीक्षण किया गया है। 04-मकसूदनगढ मार्ग एन.एन.-752 बी में कोई वन भूमि प्रभावित नही होने से जानकारी निरंक है। 05- लटेरी-दपकन-नजीराबाद मार्ग में भू-अर्जन नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। जिला भोपाल में टेम मध्‍यम परियोजना के अंतर्गत अनुविभाग बैरसिया में जल संसाधन विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ग्राम खेडली में 118.24 है, एवं ग्राम कोलूखेडी में 67.911 हे. वन भूमि प्रभावित हुई है। वन भूमि के बदले जिला विदिशा, शाजापुर एवं गुना में गैर वन भूमि जल संसाधन विभाग द्वारा वन विभाग को दी गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-9 अनुसार है। प्रश्‍नांश का शेष भाग उदभूत नहीं है। (घ) 01- टेम परियोजना के संदर्भ में संपूर्ण कृषकों की मुआवजा राशि वितरण हेतु शेष है टेम परियोजना में ग्रामवार कृषकों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-10 अनुसार है। । कृषकों के बैंक खाते एकत्रित किये जा रहे हैं मुआवजा राशि का वितरण शीघ्र ही किया जाएगा। 02-सेमलखेडी लघु सिंचाई परियोजना सिरोंज में 14 कृषक मुआवजा राशि भुगतान शेष है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-11 अनुसार है। है। 03- बरखेडा हरगन सिंचाई परियोजना सिरोंज 11 कृषक मुआवजा राशि भुगतान हेतु शेष है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-12 अनुसार है। 04- मकसूदनगढ मार्ग एन.एन.-752 बी परियोजना में संपूर्ण मुआवजा राशि भुगतान हेतु शेष है। भुगतान की कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा की जानी है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-13 अनुसार है। 05- लटेरी-दपकन-नजीराबाद मार्ग में भू-अर्जन नहीं किये जाने से जानकारी निरंक है। जिला भोपाल अनुविभाग बैरसिया में ग्राम गढाब्राम्‍हण, कोलूखेडी, चंद्रपुरा और खेडली 74 कृषकों को मुआवजा राशि वितरित की जा चुकी है। मजीदगढ का अवार्ड अनुमोदन 04.03.2021 को दिया गया है प्रभावित 258 भूधारकों को भुगतान शीघ्र ही कर दिया जाऐगा कार्यवाही प्रचलित है।

परिवहन बसों के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायतें

[परिवहन]

133. ( क्र. 6078 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) भोपाल संभाग में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍नांकित अवधि तक कितनी बसे किन-किन मार्गों पर सं‍चालित हो रही है? जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन अधिकारियों द्वारा बसों का औचक निरीक्षण किया गया है? अधिकारी का नाम, पद, दिनांक सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में निरीक्षण के दौरान कितनी बसों के प‍रमिट, फिटनेस, यात्री क्षमता, पीयूसी, फिटनेस मापदण्‍ड, फर्स्‍ट एड बॉक्‍स, अग्नि शमन उपकरण, इमरजेंसी गेट आदि नहीं पाये गये हैं? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? जिलावार उपलब्‍ध करावें।            (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या यात्रियों से अधिक किराया वसूलने की शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो उन प कार्यवाही की गई है? विदिशा, रायसेन, के जिला परिवहन अधिकारी एवं अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी द्वारा कब-कब बसों का निरिक्षण किया गया? दिनांकवार व जिलावार जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) दिनांक 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी भोपाल श्री संजय तिवारी एवं संभाग के जिलों में पदस्थ जिला परिवहन अधिकारियों सर्व श्री रितेश तिवारी-रायसेन, एच के सिंह-राजगढ़, अनुराग शुक्ला-सीहोर एवं गिरिजेश वर्मा-विदिशा के द्वारा संभागीय परिवहन सुरक्षा दल के प्रभारी अधिकारियों श्री टी.पी.एस. भदौरिया, श्री अलीम खॉन एवं श्री अजीत बाथम के साथ यात्री वाहनों का समय-समय पर औचक निरीक्षण किया गया है। (ग) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (घ) दिनांक 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक भोपाल, राजगढ़, सीहोर एवं रायसेन में यात्रियों से अधिक किराया वसूल किये जाने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। केवल जिला विदिशा में जिला परिवहन अधिकारी विदिशा को उनके मोबाईल पर तथा विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों के माध्यम से अधिक किराया वसूल किये जाने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिन पर संज्ञान लेकर जिला परिवहन अधिकारी विदिशा द्वारा 15 बसों के विरूद्ध कार्यवाही की गई।

पंजीबद्ध श्रमिकों की जानकारी

[श्रम]

134. ( क्र. 6081 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले में कितने-कितने श्रमिकों का पंजीयन कराया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में पंजीबद्ध श्रमिकों को क्‍या रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराये जाने की कार्ययोजना है? यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले के श्रम कार्यालय को किस-किस मद में कितनी राशि प्राप्‍त हुई है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) 1. म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत गुना जिले में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ अनुसार है। 2. म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मंडल की मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना अंतर्गत गुना जिले में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  अ-1 अनुसार है। (ख) उपरोक्त मंडलों अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की कोई कार्य योजना नहीं है। मंडलों के अंतर्गत श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रावधान नहीं है। (ग) श्रमायुक्त कार्यालय द्वारा श्रम पदाधिकारी गुना को दिये गये बजट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र ब अनुसार है। म.प्र. भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल कार्यालय द्वारा जिला श्रम कार्यालय गुना को वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में प्रशासकीय एवं अन्य मदों में आंवटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र ब-1 अनुसार है।

लोक सेवा केन्‍द्रों में प्रकरणों का निराकरण

[लोक सेवा प्रबन्धन]

135. ( क्र. 6082 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितने लोक सेवा केन्‍द्र संचालित हैं, उन केन्‍द्रों पर वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदन पत्र प्राप्‍त हुये? प्राप्‍त आवेदनों में से कितने प्रकरण निराकृत एवं कितने निराकृत नहीं हुये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में लोक सेवा केन्‍द्र द्वारा निर्धारित समय-सीमा में प्रकरणों का निराकरण किया जाता है? यदि हाँ, तो समय-सीमा के हिसाब से किस-किस कार्य के कितने-कितने प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया गया है? पृथक-पृथक बतायें। यदि नहीं तो क्‍यों? (ग) समय-सीमा में प्रकरणों के निराकरण नहीं होने की स्थिति में लोक सेवा केन्‍द्र किस स्‍तर के किस अधिकारी द्वारा प्रकरणों की समीक्षा कब-कब की गई? प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु निर्देशों के बावजूद भी निराकरण नहीं होने की स्थिति में कौन जिम्‍मेदार है, जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? य‍दि नहीं तो क्‍यों?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) गुना जिले के राघौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में तीन लोक सेवा केंद्र संचालित हैं। लोक सेवा केंद्र राघौगढ़, लोक सेवा केंद्र आरोन एवं लोक सेवा केंद्र मकसुदनगढ़। उपरोक्त लोक सेवा केन्द्रों पर वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्त आवेदन, निराकृत आवेदन एवं लंबित आवेदनों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  ''' अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रश्‍नांश (क) के संबंध में लोक सेवा केन्द्रों द्वारा सेवावार, समय-सीमा में निराकृत प्रकरणों की पृथक-पृथक  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र '', '' एवं '' अनुसार है। (ग) समय-सीमा में प्रकरणों के निराकरण नहीं होने की स्थिति में संबंधित जिले में कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में मासिक/साप्ताहिक अंतराल पर समीक्षा की जाती है। प्रकरणों के समय-सीमा में निराकरण नहीं होने की स्थिति में लोक सेवा गारंटी कानून की धारा 3 अन्तर्गत सेवा के लिए निश्चित किये गए पदाभिहित अधिकारी जिम्मेदार होते हैं। जिम्मेदार पदाभिहित अधिकारी पर अधिनियम की धारा 6 एवं 7 अन्तर्गत अपील एवं शास्ति की कार्यवाही की जाती है। अपील के निराकरण हेतु भी संबंधित सेवा की जारी अधिसूचना अन्तर्गत समय-सीमा का निर्धारण किया जाता है।

दतिया गिर्द का राजस्‍व रिकार्ड गायब होने से उत्‍पन्‍न समस्‍याएं

[राजस्व]

136. ( क्र. 6092 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश अंतर्गत दतिया जिला स्थित दतिया गिर्द का राजस्‍व रिकार्ड खसरा-खतौनी आदि वर्ष 1944-45 से 1961-62 तक का गायब हो चुका है? यदि हाँ, तो क्‍या जिला प्रशासन ने कोतवाली दतिया में एफ.आई.आर. नं. 0391 दिनांक 3-10-2018 दर्ज कराई है? यदि हाँ, तो आज दिनांक तक उक्‍त मामले में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है?    (ख) क्‍या राजस्‍व रिकार्ड रूम में वर्ष 1962-63 से 1969-70 तक का अधिकांश सर्वे नम्‍बरों का राजस्‍व दस्‍तावेज (खसरा-खतौनी) जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं? यदि हाँ, तो रिकार्ड रूम में रिकार्ड उपलब्‍ध है परन्‍तु क्‍या इसी कारण से नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍यों और यदि नहीं तो कारण सहित बतायें। (ग) क्‍या बिन्‍दु क्रमांक (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित तथ्‍यों के कारण आम जनता परेशान होने के साथ ही अधिकारियों के मनमाने पूर्ण नियम/कानूनों के विरुद्ध दतिया के तहसीलदारों को आदेश पारित करने का अवसर प्राप्‍त हो रहा है? क्‍या शासन उक्‍त आदेशों को जनहित में निरस्‍त/सुधार करेगा? यदि नहीं तो क्‍यों और यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्‍या दतिया गिर्द स्थित राजस्‍व रिकार्ड गायब एवं जीर्ण-शीर्ण होने के कारण जनता को हो रही परेशानियों को देखते हुये शासन जिला प्रशासन जनहित में वर्ष 1962-63 से उपलब्‍ध रिकार्ड में उल्‍लेखित      भू-स्‍वामियों, पट्टेदारों, दुकानदारों तथा मकान मालिकों के स्‍वत्‍व, स्‍वामित्‍व एवं आधिपत्‍य को मान्‍य/स्‍वीकार करते हुये रिकार्ड को दुरुस्‍त कराने की व्‍यवस्‍था करेगा? यदि नहीं तो क्‍यों और यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। मामले की जाँच थाना कोतवाली द्वारा की जा रही है (ख) जी हाँ। जो रिकार्ड में उपलब्‍ध है वह राजस्‍व दस्‍तावेज (खसरा-खतौनी) जीर्ण-शीर्ण होने के कारण नकल दिया जाना संभव नहीं है (ग) दतिया तहसील के तहसीलदारों द्वारा कोई भी आदेश मनमाने ढंग से पारित नहीं किया जा रहा है बल्कि समस्त आदेश विधि अनुसार भू-राजस्‍व संहिता के नियम/कानून के अंतर्गत ही किये जा रहे है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) भू-स्‍वामियों, पट्टेदारों, दूकानदारों तथा मकान मालिकों के स्‍वत्‍व स्‍वामित्‍व एवं अधिपत्‍य के संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही उपलब्‍ध शासकीय दस्‍तावेजों के आधार पर की जा रही है l शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

दतिया गिर्द का राजस्‍व रिकार्ड

[राजस्व]

137. ( क्र. 6093 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) क्‍या दतिया गिर्द का राजस्‍व रिकार्ड, रिकार्ड रूम में वर्ष 1944-45 का उपलब्‍ध नहीं है? यदि हाँ, तो कृपया जानकारी दें। (ख) क्‍या दतिया गिर्द में ही कृषि उपज मंडी समिति दतिया हाउसिंग बोर्ड, बस स्‍टैण्‍ड, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी झांसी रोड़, सिविल लाईन पुलिस लाईन स्थित अधिकारी-कर्मचारी के बंगले, प्राइवेट एवं शासकीय स्‍कूल, कॉलोनियां, स्‍टेडियम मैदान, थानों के भवन, छात्रावास के भवनों तथा अन्‍य शासकीय एवं निजी भवनों को शासन अशासकीय संस्‍थाओं, व्‍यक्तियों को शासन-जिला प्रशासन द्वारा दतिया गिर्द में भूमि आवंटित की गई है? (ग) क्‍या (ख) में आव‍ंटित भूमि/पट्टा को तहसीलदार दतिया द्वारा आदेश दिनांक 08/05/2017, 15/1/2018 एवं 8/5/2018 को निरस्‍त करते हुये शासकीय वन भूमि घोषित की गई है। यदि हाँ, तो उक्‍त शासकीय विभागों को निरस्‍त होने के पश्‍चात् वन भूमि से शासन-प्रशासन हटाने की कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्‍यों? क्‍या कृषि उपज मंडी समिति सहित सभी की पुन: वर्तमान खसरों में प्रविष्‍ट करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। थाना कोतवाली दतिया में एफ.आई.आर क्रमांक 0391 दिनांक 03.10.2018 को कराई गयी है। (ख) दतिया जिले में मौजा दतिया गिर्द में स्थित कृषि उपज मंडी समिति दतिया, हाउसिंग बोर्ड, स्‍टेडियम मैदान, थाना भवन, छात्रावास के भवनों तथा अन्‍य शासकीय भवनों को अन्‍य अशासकीय चैरिटेबल संस्‍था को शासन-जिला प्रशासन द्वारा नियमानुसार शासकीय भूमि आवंटित की गई है, हाउसिंग बोर्ड कालोनी झॉंसी रोड़ के लिए शासकीय भूमि आवंटित नहीं की गयी है। (ग) जी नहीं। न्‍यायालय तहसीलदार दतिया के प्रकरण क्रमांक 02/अ-6 (अ)/2017-18 दिनांक 08.05.2018 एवं प्रकरण क्रमांक 19/‍अ-68/2016-17 आदेश दिनांक 08.05.2017 एवं प्रकरण क्रमांक 06/अ-68/2017-18 दिनांक 15.01.2018 से दतिया गिर्द के सर्वे क्रमांक 257, 2467, 2468, 2460 को तहसीलदार के आदेश द्वारा पूर्ववत जंगल मध्‍यप्रदेश शासन शासकीय दर्ज किया गया है न की घोषित किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

समिति की राशि का दूसरी समिति में समायोजन

[सहकारिता]

138. ( क्र. 6095 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर एवं सतना जिले के संबंध में बतायें कि क्‍या पृथक-पृथक सहकारी समि‍तियों द्वारा पृथक-पृथक अनुबंध जिला उपार्जन (नोडल) एजेन्‍सी द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018 से 2021 तक गेहूं एवं धान की सूची उपलब्‍ध करायी जावे (ख) क्‍या पृथक-पृथक अनुबंध कराये जाने के बाद भी किसी एक समिति के शार्टेज को दूसरी समिति के प्रासंगिक/कमीशन में समायोजित किये जाने की नीति निर्धारित है? यदि नहीं तो सतना जिले में ऐसा किन-किन समितियों में किया गया है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में एक समिति की राशि को दूसरी समिति में अवैध रूप से समायोजित करने वाले अधिकारी के विरुद्ध दण्‍डनीय कार्यवाही की जावेगी? की जाने वाली कार्यवाही की जानकारी उपलब्‍ध करायी जावे और ऐसी अवैध कटौती की गयी राशि, पात्र सहकारी सोसायटियों को क्‍या वापस की जावेगी? समयावधि बतायी जावें।

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हां, उपार्जन कार्य करने वाली सहकारी संस्‍थाओं के द्वारा नोडल एजेंसी से पृथक-पृथक अनुबंध किया जाता है। छतरपुर जिले में गेहूं का तथा सतना जिले में गेहूं एवं धान का उपार्जन किया गया है, उपार्जन करने वाली संस्‍थाओं की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 अनुसार है। (ख) जी नहीं, एक समिति के शार्टेज को दूसरी समिति के प्रासंगिक/कमीशन में समायोजित किये जाने का प्रावधान नहीं है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र 10, 11,12, 13 अनुसार है। (ग) एक समिति के प्रासंगिक/कमीशन दूसरी समिति में समायोजित करने के संबंध में संबंधित नोडल एजेंसी को दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई एवं अवैध कटौती की गई राशि पात्र सहकारी सोसायटियों को वापस किये जाने हेतु लिखा गया है, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

लिपिक द्वारा दोहरा लाभ लिए जाने की जांच

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

139. ( क्र. 6096 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग के जिला भोपाल कार्यालय में पदस्‍थ लिपिक कलेक्‍टर भोपाल द्वारा की गई जाँच में दोहरा लाभ प्राप्‍त करने तथा परिवार को लाभ पहुंचाने के मामले में दोषी पाया गया था? (ख) क्‍या उक्‍त लिपिक अनाधिकृत रूप से एक वर्ष से अधिक अवधि तक शासकीय सेवा से अनुपस्थित रहा? लिपिक का नाम बतायें व इनके विरुद्ध की गई कार्यवाही का विवरण दें।              (ग) क्‍या प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) की जानकारी विभाग के वरिष्‍ठ कार्यालय को दी गई थी? क्‍या जिला पंचायत भोपाल को इस मामले से अवगत कराया गया था? नहीं तो क्‍यों। (घ) कौन-कौन अधिकारी है जो ऐसे अपचारी कर्मचारी को संरक्षण दे रहे हैं? कब तक समुचित कार्यवाही की जाकर दोषियों को दंडित किया जायेगा? नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। कलेक्‍टर द्वारा कोई जाँच नहीं कराई गई। मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा जाँच कराई गई थी। जाँच में समिति के कार्यों में अवैधानिक रूप से लिपिक के संलग्‍न होने एवं दोहरा लाभ प्राप्‍त करने का संदेह व्‍यक्‍त किया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार(ख) उक्‍त लिपिक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित नहीं था बल्कि लिपिक लघुकृत अवकाश पर था। लिपिक का नाम संजय बाथम सहायक ग्रेड-3 है। शेष प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार(ग) प्रश्‍नांश क एवं ख के आलोक में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।  (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आलोक में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रासंगिक व्‍यय में टी.डी.एस. कटौती

[सहकारिता]

140. ( क्र. 6097 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर एवं सतना जिले के संबंध में बतायें कि क्‍या मध्‍यप्रदेश राज्‍य सहाकारी विपणन संघ छतरपुर/सतना द्वारा उपार्जन कार्य से संबंधित सोसायटियों की प्रासंगिक व्‍यय एवं कमीशन के भुगतान में 2% TDS की कटौती का भुगतान किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि हां, तो सहकारी सोसायटी द्वारा किये जाना वाला उक्‍त व्‍यय शासन की नीति अनुसार मजदूरों को भुगतान किये जाने के निर्देंश जारी किये गये है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार यदि हां, तो प्रासंगिक व्‍यय जो कि मजदूरी व्‍यय है उसमें TDS कटौती का प्रावधान क्‍या न्‍याय संगत है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं तो, मजदूरी भुगतान पर TDS कटौती श्रमिक तथा संस्‍था दोनों के हितों के विरुद्ध होने से क्‍या यह कटौती समाप्‍त की जावेगी?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194 (C) अनुसार कॉनट्रेक्टर के भुगतान पर निर्धारित सीमा से अधिक भुगतान होने पर नियमानुसार 2% TDS एवं कमीशन के भुगतान पर धारा 194 (H) के तहत 5% TDS की कटौत्री किये जाने का प्रावधान है। उक्त आयकर नियम अनुसार म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित छतरपुर एवं सतना द्वारा उपार्जन कार्य से संबंधित सोसायटियों के प्रासंगिक व्यय से 2% TDS आयकर की कटौती अधिनियम 1961 की धारा 194 (C) के तहत एवं कमीशन से 5% TDS की कटौत्री आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194 (H) के तहत की जा रही है। (ख) प्रासंगिक व्यय का भुगतान समितियों द्वारा हम्मालों (मजदूरों) का किया जाता है एवं कमीशन की राशि समितियों के व्ययों हेतु समिति स्तर पर रखी जाती है। प्रासंगिक व्यय भारत सरकार द्वारा जारी आर्थिक लागत दरों संबंधी निर्देशों के आधार पर राज्य उपार्जन एजेंसी द्वारा समितियों को एवं समितियों द्वारा हम्मालों (मजदूरों) को भुगतान किया जाता है। (ग) आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194 (C) अनुसार कॉनट्रेक्टर के निर्धारित सीमा से अधिक भुगतान होने पर 2% TDS कटौत्री किया जाना अनिवार्य है। कटौत्री किये गये TDS की राशि समितियों को रिटर्न जमा करने पर उनके कर दायित्‍वों के विरूद्ध समायोजित हो जाती है। चूंकि TDS की कटौत्री आयकर अधिनियम 1961 के प्रावधान के अन्तर्गत किया जाता है इसलिये इसे समाप्त करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सहकारी संस्‍था पर कार्यवाही

[सहकारिता]

141. ( क्र. 6098 ) श्री सुरेश राजे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्‍या सहकारी संस्‍था भगेह के विक्रेता जयकुमार शर्मा द्वारा अपने भाई व पिता के नाम की क्षेत्र के बाहर स्थित जमीन का पंजीयन कर फर्जी तरीके से धान, ज्‍वार, बाजरा का विक्रय समर्थन मूल्‍य पर किया गया? यदि हाँ, तो इस मामले में संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्‍यों? (ख) अनियमितताओं के संबंध में संयुक्‍त पंजीयक द्वारा की गई जाँच पर संस्‍था प्रशासक मेहगांव द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) सहकारी संस्‍था मेहगांव में मृत व्‍यक्ति मनीष शर्मा s/o पूरन के नाम से फर्जी तरीके से ऋण निकालने के मामले में किसे दोषी पाया गया है? इन पर क्‍या कार्यवाही की गई?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) समर्थन मूल्य पर खरीदी में शासन द्वारा जारी निर्देर्शों के अनुसार कोई भी कृषक जिले की किसी भी संस्था के पंजीयन केंन्द्र पर ऑनलाईन पंजीयन कराने के लिये स्वतंत्र है। इसी क्रम में उक्त कृषकों के रकबे का पंजीयन संस्था भगेह में किया गया है। अत: विक्रय में अनियमितता न होने से कार्यवाही का प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।     (ख) अनियमितता के संबध में संयुक्त आयुक्त सहकारिता द्वारा जाँच उपरांत अपने पत्र क्रमांक/शिकायत/2020/299 दिनांक 09.03.2020 से प्रशासक मेहगांव को संस्था का चार्ज श्री वीर सिंह यादव को देने के निर्देश दिये गये, प्रशासक द्वारा दिनांक 15.07.2020 को श्री यादव को संस्था का चार्ज दिया गया एवं अन्य शिकायत की जाँच के आधार पर संयुक्त आयुक्त सहकारिता संभाग ग्वालियर ने अपने पत्र क्रमांक/शिकायत/2020/479 दिनांक 03.06.2020 से श्री दीपक भार्गव को समिति प्रबंधक का प्रभार नियमानुसार देने के निर्देश दिये गये किन्तु कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी डबरा द्वारा दिनांक 11.06.2020 को निरीक्षण के दौरान उपार्जन केन्द्र मेहगांव में अनियमितता होने पर श्री भार्गव के विरूद्ध दिनांक 19.06.2020 को एफ.आई.आर दर्ज कराई गई थी। इस कारण श्री भार्गव को समिति प्रबंधक का चार्ज नहीं दिया गया। (ग) सहकारी संस्था मेहगांव के मृत सदस्य मनीष शर्मा पुत्र श्री पूरन पर दिनांक 31.03.2018 पर संस्था का कोई ऋण शेष नहीं था किन्तु जय किसान ऋण मांफी पोर्टल पर दिनांक 31.03.2018 की स्थिति में रूपये 19676.00 ऋण अंकित पाया गया लेकिन बैंक शाखा से कृषक के भुगतान (ऋण) सिस्टम में कोई खाता अंकित नहीं है। इसके लिये दोषी तत्कालीन समिति प्रबंधक श्री मानसिंह के विरूद्ध थाना गिजोर्रा में एफ.आई.आर दर्ज कर उनकी सेवा समाप्त की गई है।

अवैध रेत खनन

[खनिज साधन]

142. ( क्र. 6102 ) श्री हर्ष यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सागर जिला बीना तहसील बेतवा नदी से रेत अवैध रूप से निकालकर विक्रय की जा रही है? यदि नहीं तो इसे रोकने के लिए क्‍या प्रावधान किये गये हैं? विगत 2 वर्षों में कितने वाहन राजसात कर, जुर्माना वसूला गया है। (ख) बेतवा नदीं से रेत निकालने का ठेका किसे है? कितनी राशि का है? यदि नहीं है तो रेत कैसे निकाली जा रही है? (ग) जिले में बगैर रायल्‍टी के सैकड़ों डम्‍फर अवैध रेत आ रही है, इस पर कार्यवाही हेतु कौन-कौन विभाग संयुक्‍त कार्यवाही कर रहा है? अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 तक अवैध रेत के कितने केश बने हैं? कितना धन शासन को मिला है। (घ) क्‍या जिला में रेत का अवैध भंडारण कर मंहगे दामों में रेत बेची जा रही है? एक बार की रायल्‍टी रसीद से कई बार रेत खनन/परिवहन रोकने के लिए क्‍या प्रावधान किये गये है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) वस्‍तुस्थिति यह है कि, जिले की बीना तहसील में बेतवा नदी से कतिपय लोग द्वारा नियम विरूद्ध रेत उत्‍खनन की शिकायत/जानकारी प्राप्‍त होने पर प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी रखते हुए नियमानुसार कार्यवाही की गई है। उक्‍त संबंध में कलेक्‍टर, जिला सागर द्वारा आदेश दिनांक 13/02/2021 से संयुक्‍त जाँच दल का गठन किया गया है, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। उक्‍त क्षेत्र में विगत 02 वर्षों में की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर है।          (ख) जिले में बेतवा नदी में रेत निकालने हेतु कोई ठेका प्रदान नहीं किया गया है। शेष जानकारी प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार है। (ग) जिला सागर में खनिज रेत के अवैध परिवहन की रोकथाम हेतु राजस्‍व, खनिज एवं पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है। जिले में अप्रैल 2020 से आज दिनांक तक रेत के अवैध उत्‍खनन, परिवहन तथा भंडारण के प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  पर दर्शित है। (घ) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स  अनुसार जाँच के दौरान जिले में रेत के अवैध भंडारण के 06 प्रकरण जारी वित्‍तीय वर्ष में दर्ज किये जाकर कार्यवाही की गई है। शासन द्वारा खनिज की रॉयल्‍टी की दर का निर्धारण किया जाता है। खनिज के विक्रय मूल्‍य का निर्धारण नहीं किया जाता है। खनिज के एक अभिवहन पास पर एक बार से अधिक परिवहन करते पाए जाने पर, खनिज का अवैध परिवहन मान्‍य करते हुए मध्‍यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण एवं व्‍यापार) नियम, 2019 के नियम 20 (2) के अंतर्गत कार्यवाही हेतु प्रावधान किये गये हैं। यह नियम अधिसूचित है।

निजी भूमि पर बने मकानों का अतिक्रमण

[राजस्व]

143. ( क्र. 6103 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या घुवारा नगर में (छतरपुर) निजी जमीन पर वर्षों पहले बने मकान को अतिक्रमण भूमि बताकर गिरा दिया गया है? (जनवरी, फरवरी 2021में) मकान कब बना था? किस खसरा नंबर में था? मकान स्‍वामी भूमि को अपनी बात रहा था? भूमि स्‍वामित्‍व का प्रकरण कब और किस न्‍यायालय में दर्ज किया गया था? प्रकरण कितने दिन चला? कितनी पेशी हुई? कब आदेश पारित हुआ? क्‍या भवन मालिक ने आदेश के खिलाफ अपील की? किस न्‍यायालय में की? (ख) जब मकान शासकीय भूमि पर बन रहा था एवं बन गया था तब अतिक्रमण क्‍यों नहीं नष्‍ट किया गया? इसके लिए राजस्‍व एवं नगरपालिका के कौन-कौन शासकीय सेवक दोषी है? (ग) जिन शासकीय सेवकों के कार्यकाल में अतिक्रमण होता है एवं बना रहा है उन शासकीय सेवकों के खिलाफ दण्‍डात्‍मक कार्यवाही क्‍यों नहीं हो रही है? कार्यवाही नहीं होने का नियम बतायें। (घ) क्‍या शासन इस में पक्षपातपूर्ण कार्यवाही कर रहा है? निजी भूमि पर निर्मित भवन/संरचना को नष्‍ट कर रहा है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेष का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ख) प्रश्‍न में मकान की पहचान स्‍पष्‍ट नहीं है। तहसीलदार द्वारा अतिक्रमणरोधी कार्यवाही म.प्र.     भूराजस्‍व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत न्‍यायालयीन प्रकरण दर्ज कर विधिवत आदेश पारित करने के बाद संपादित की जाती है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ग) अतिक्रमण का मामला संज्ञान में आने पर विधि एवं नियमों के अनुसरण में सुनवाई उपरांत बेदखली की कार्यवाही की जाती है। अत: कोई शासकीय सेवक के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

अतिक्रमण हटाये जाने संबंधी

[राजस्व]

144. ( क्र. 6106 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र सतना के रघुराजनगर में स्‍थापित शमशान में अतिक्रमण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो अतिक्रमणकारी व्‍यक्तियों के नाम पता सहित सूची दें। तथा कब तक अतिक्रमण हटा दिया जायेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में किन किन राजस्‍व अधिकारियों के पदस्‍थी के दौरान अतिक्रमण होना पाया गया है? क्‍या इसकी निगरानी की जाकर संबंधित राजस्‍व निरीक्षक, संबंधित राजस्‍व अधिकारी ने कोई संज्ञान लिया है? यदि नहीं तो क्‍यों? इनके विरूद्ध सिविल सेवा आचरण अधिनियम के तहत कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई अथवा नहीं? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील रघुराजनगर के विधानसभा क्षेत्र सतना अंतर्गत स्‍थापित शमशान भूमियों में से पटवारी हल्‍का घूरडांग के मौजा घूरडांग की आ.क्र. 80 के अंश भाग में स्‍थापित शमशान पर अतिक्रमण है। शेष कहीं शमशान में अतिक्रमण नहीं है।     (ख) अतिक्रमणकारी व्‍यक्तियों की सूची  संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार है। अतिक्रमण हटाये जाने की विधि संगत कार्यवाही तहसीलदार नजूल कार्यालय से की जा रही है। (ग) उत्‍तरांश (क) में वर्णित अतिक्रमण वर्ष 2012-13 से होने के कारण तहसीलदार नजूल द्वारा विभिन्‍न प्रकरणों के माध्‍यम से अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध अर्थदण्‍ड अधिरोपित करते हुये बेदखल किया जा चुका है जिसका विवरण  संलग्न परिशिष्‍ट  अनुसार है। मौके से अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पचास"

भारत सरकार द्वारा घोषित प्रासंगिक व्‍यय/कमीशन की दरें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

145. ( क्र. 6107 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) सतना जिलान्‍तर्गत मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन सतना द्वारा वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक में धान उपार्जन में प्रासंगिक व्‍यय में लोडिंग तथा समितियों द्वारा कराये गये हैंडलिंग, परिदान के व्‍यय का भुगतान क्‍या किया गया है? यदि हाँ, तो प्रासंगिक व्‍यय की परिधि में कौन-कौन से व्‍यय आते हैं? स्‍पष्‍ट करते हुए वर्षवार, समितिवार किये गये भुगतान की जानकारी दी जावें। (ख) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार भारत सरकार द्वारा घोषित प्रासंगिक व्‍यय/कमीशन की दरें क्‍या हैं? मदवार, जिसवार, पृथक-पृथक जानकारी देते हुए यह स्‍पष्‍ट किया जावे, कि क्‍या राज्‍य स्‍तरीय नोडल एजेंसियों द्वारा उक्‍त राशि का सहकारी समितियों को समयबद्ध भुगतान किया जाता है? यदि नहीं तो क्‍यों? क्‍या निकट भविष्‍य में उक्‍त व्‍यय की दरों में मं‍हगाई के अनुपात में वृद्धि करते हुए समयबद्ध भुगतान किये जाने के निर्देश जारी किये जावेंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

लिपिक का नियम विरूद्ध पदस्‍थापना

[परिवहन]

146. ( क्र. 6108 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अतिरिक्‍त क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय जिला सिवनी में श्री शशि शुक्‍ला, सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्‍थ हैं? यदि हाँ, तो कार्यालय परिवहन आयुक्‍त मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 661/स्‍था./ओ.एस./टीसी/2021 ग्‍वालियर दिनांक 29.01.2021 के आदेश में उक्‍त कर्मचारी को निलंबित कर मुख्‍यालय परिवहन आयुक्‍त कार्यालय म.प्र. ग्‍वालियर अटैच किया है? यदि हाँ, तो किस नियम/निर्देशों के तहत? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार श्री शशि शुक्‍ला के विरूद्ध जिला परिवहन अधिकारी सिवनी तथा संभागीय उप परिवहन आयुक्‍त, जबलपुर एवं परिवहन आयुक्‍त म.प्र. ग्‍वालियर द्वारा जो आरोप अधिरोपित किये गये हैं उसके पूर्व संबंधित कर्मचारी की मेडिकल रिपोर्ट, तत्‍पश्‍चात जारी कारण बताओं सूचना पत्र, जाँच प्रतिवेदन किये गये पत्र व्‍यवहार की प्रम‍ाणित प्रति सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या संबंधित लिपिक बहाली के संबंध में आयुक्‍त कार्यालय में कोई आवेदन पत्र प्राप्‍त हुआ? यदि हाँ, तो उक्‍त पत्रों पर विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) क्‍या शशि शुक्‍ला को बिना सुने परिवहन अधिकारी सिवनी द्वारा नियम का उल्‍लंघन करते हुए परिवहन आयुक्‍त को शिकायत की गई? संबंधित अधिकारियों द्वारा बिना जाँच किये, बिना सुने, नियम विरूद्ध तरीके से एक तरफा कार्यवाही की है? यदि हाँ, तो किस नियम/निर्देश के तहत?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। वर्तमान में निलंबित है। मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के अंतर्गत। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र अ, , स अनुसार है। (ग) जी हॉ। जाँच प्रक्रियाधीन है। (घ) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता है।

छिंदवाड़ा जिले में क्रेशर संचालकों की जानकारी

[खनिज साधन]

147. ( क्र. 6109 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिले में खनिज विभाग द्वारा जिन क्रेशर संचालकों को खनिपट्टा स्‍वीकृत किया गया है उनके नाम, पता, भूमि के सर्वे, रकबा तथा क्षेत्रफल सहित क्रेशरों की संख्‍या सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) 01 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त क्रेशरों का खनिज अधिकारी एवं राजस्‍व निरीक्षकों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण के उपरांत क्‍या-क्‍या अनियमिततायें पाई गई? (ग) पांढुर्णा तहसील में निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाये जाने पर कितने क्रेशर संचालकों के क्रेशर को सील किया गया तथा उन पर कितनी कितनी राशि का जुर्माना अधिरोपित किया गया? नाम पते सहित अधिरोपित जुर्माने की राशि सहित संपूर्ण विवरण देवें।   (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार सील किये गये कितने क्रेशरों को जुर्माना राशि जमा करने के पश्‍चात चालू किया तथा कितने क्रेशरों को अभी तक चालू नहीं किया गया है? कब तक चालू कर दिया जावेगा? कितने क्रेशर संचालकों की अपील कलेक्‍टर (खनिज शाखा) जिला छिंदवाड़ा के समक्ष विचाराधीन है? कब तक सुनवाई की जावेगी तथा जिन क्रेशर संचालकों के पास समस्‍त दस्‍तावेज उपलब्‍ध हैं उन्‍हें कब तक चालू कर दिया जावेगा? (ड.) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा छिंदवाड़ा जिले में स्‍वीकृत क्रेशर संचालकों पर लाखों रूपये का राजस्‍व बकाया है? यदि हाँ, तो खनिज अधिकारी एवं राजस्‍व विभाग द्वारा वसूली हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि की वसूली की गई है? यदि नहीं तो क्‍यों? वसूली न करने वाले दोषी अधिकारियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) खनिपट्टा मुख्‍य खनिज हेतु स्‍वीकृत किया जाता है। क्रेशर संचालकों को खनिपट्टा स्‍वीकृत नहीं किया गया है। क्रेशर संचालक को स्‍वीकृत उत्‍खनिपट्टे की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) छिन्‍दवाड़ा जिले में क्रेशरों का निरीक्षण किया गया है। प्रश्‍नांश की शेष  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र में दर्शित है। (ग) प्रश्‍नाधीन तहसील में निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाये जाने पर एक क्रेशर सील किया गया है। इस पर अभी कार्यवाही प्रचलित होने के कारण जुर्माने की कार्यवाही नहीं की गई है। प्रश्‍नानुसार यह उत्‍खनिपट्टा श्री विजय जुनेजा पिता श्री रामशरण दास के पक्ष में ग्राम लव्‍हाना के खसरा क्रमांक 238/4, 239 रकबा 1.432 हेक्‍टेयर क्षेत्र क्रेशर आधारित पत्‍थर खनिज के लिए स्‍वीकृत था। स्‍वीकृत क्षेत्र से बाहर क्रेशर स्‍थापित करनें के कारण क्रेशर सील किया गया है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में दिये उत्‍तर अनुसार जुर्माना अधिरोपित नहीं किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सोना मत्‍स्‍योद्योग सहकारी संस्‍था द्वारा गबन

[सहकारिता]

148. ( क्र. 6112 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल जिले की सोना मत्‍स्‍योद्योग सहकारी संस्‍था द्वारा मछली पालन विभाग से अनुदान प्राप्‍त कर गबन किया गया है? यदि हाँ, तो कितना अनुदान प्राप्‍त किया गया। (ख) क्‍या उप पंजीयक द्वारा कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर संस्‍था के विरूद्ध सहकारिता अधिनियम 1960 की धारा 53 (2) एवं 53 (1) के अंतर्गत कार्यवाही की गई थी। (ग) क्‍या दोषी संस्‍था द्वारा उक्‍त आदेश के विरूद्ध उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर से डब्‍ल्‍यू.पी. नंबर 22690/19 के माध्‍यम से स्‍थगन आदेश प्राप्‍त किया गया है, जिस पर न्‍यायालय द्वारा प्रकरण में सहकारिता विभाग से जवाब चाहा गया था?      (घ) क्‍या न्‍यायालय को जवाब प्रेषित कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं तो क्‍यों नही? इस हेतु कौन दोषी है? (ड.) क्‍या शासन उक्‍त विलम्‍ब की जाँच कराकर विधिवत कार्यवाही सुनिश्चित कर स्‍थगन समाप्‍त कराएगा? साथ ही दोषी संस्‍था के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी नहीं, सहायक संचालक मत्‍स्‍य उद्योग भोपाल के उत्‍तर  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार सोना मत्‍स्‍योद्योग सहकारी संस्‍था द्वारा मछली पालन विभाग से अनुदान प्राप्‍त कर गबन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) जी नहीं। प्रकरण में म.प्र. शासन सहकारिता विभाग मंत्रालय के आदेश दिनांक 19/12/2019 के द्वारा उपायुक्‍त भोपाल को प्रभारी अधिकारी नियुक्‍त किया गया है। प्रभारी अधिकारी को तत्‍काल प्रत्‍यावर्तन प्रस्‍तुत करने हेतु निर्देशित किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

रिक्‍त पदों पर भर्ती

[सहकारिता]

149. ( क्र. 6131 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला स‍हकारी केन्‍द्रीय बैंक टीकमगढ़ से संबद्ध कितनी सहकारी समितियां कार्यरत हैं? इन समितियों के नाम, स्‍थान समिति में कार्यरत समिति प्रबंधक, सहायकों, सेल्‍समैनों का विवरण सहित प्रश्‍न दिनांक तक का प्रदाय करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बताए कि ऐसी समितियां जिनमें समिति प्रबंधक के पद रिक्‍त हैं उनके नाम बताए कि कब से सेल्‍समैन इन रिक्‍त पदों के विरूद्ध कार्य कर रहे है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताए कि इन रिक्‍त पदों को भरने हेतु आयुक्‍त सहकारिता के आदेशा कब-कब जारी हुए थे? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएँ कि जतारा विधानसभा क्षेत्र की प्रत्‍येक ग्राम पंचायत एवं पलेरा, जतारा एवं लिधौरा खास नगरों की खाद्यान्‍न वितरण व्‍यवस्‍था कौन-कौन, कब से देख रहा है तथा उसमें संचालित दुकानों पर खाद्यान्‍न एवं अन्‍य वितरण हेतु प्रतिमाह कितना कितना आवंटन दिया जा रहा है?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जिला स‍हकारी केन्‍द्रीय बैंक मर्या. टीकमगढ़ से संबद्ध टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में कुल 87 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां कार्यरत हैं। इन समितियों में बैंक संवर्ग का कोई भी समिति प्रबंधक कार्यरत नहीं है। इन समितियों के नाम, स्‍थान तथा कार्यरत सहायक समिति प्रबंधकों, विक्रेताओं की जानकारी  पुस्‍तकालय  में रखे  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक मर्या. टीकमगढ़ से संबद्ध सभी 87 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में समिति प्रबंधक के पद रिक्‍त हैं। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ग) आयुक्‍त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्‍थाएं म.प्र. के आदेश क्रमांक/साख/विधि/2019/3635 दिनांक 01-11-2019 के द्वारा जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक के कर्मचारी सेवानियमों में संशोधन जारी कर प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्‍थाओं में संवर्ग के द्वारा समिति प्रबंधकों की पदस्‍थी हेतु नियम जारी किये गये थे तथा पत्र क्रमांक/साख/विधि/2019/4066 दिनांक 25-11-2019 के द्वारा संवर्ग गठन के कार्यवाही के निर्देश दिये गये थे। पत्र क्रमांक/साख/विधि‍/आर-2/2020/3253 दिनांक 10-08-2020 के द्वारा संवर्ग गठन संबंधी कार्यवाही के निर्देश आगामी आदेश तक स्‍थगित किये गये हैं। (घ) जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार है।

ग्रामों को पानी का प्रदाय

[जल संसाधन]

150. ( क्र. 6132 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वान सुजारा बांध की प्रशासकीय स्‍वीकृति कितनी-कितनी लागत की कब-कब शासन ने प्रदाय की? उसकी छायाप्रतियां प्रदाय करें। कुल राशि, कितनी स्‍वीकृत की गई थी प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब, किस-किसको, कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के आधार पर बतायें कि प्रश्‍न दिनांक तक कितने ग्रामों के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराने हेतु कितने हेक्‍टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्‍य था और प्रश्‍न दिनांक तक कितने ग्रामों के किसानों की कितनी भूमि सिंचित की जा रही है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बतायें कि इस वृहद सिंचाई परियोजना से जब 75000 (पचहत्‍तर हजार) हेक्‍टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्‍य था तो प्रश्‍न दिनांक तक कितने ग्रामों के किसानों को खेती के लिये पानी मिलने लगा है और कितने ग्रामों के किसानों को देना शेष है एवं कितने ग्रामों के किसानों को इस योजना में होने के बावजूद भी पानी नहीं मिल पायेगा? संपूर्ण जानकारी कारण सहित प्रदाय करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शासन द्वारा बान सुजारा वृहद सिंचाई परियोजना की दिनांक 04.10.2008 को राशि रू.335.25 करोड़ की प्रशासकीय स्‍वीकृति, दिनांक 20.06.2013 को राशि रू.980.23 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति एवं दिनांक 13.06.2016 को राशि रू.1768.50 करोड़ की पुन: पुनरीक्षित प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई, आदेश की प्रतियां  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1, 2, 3 अनुसार हैं। प्रश्‍न दिनांक तक परियोजना के बांध एवं नहर कार्य हेतु भुगतान की गई राशि का विवरण  पुस्‍तकालय  में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार हैं। (ख) एवं (ग) प्रश्‍न दिनांक तक निर्माणाधीन परियोजना की अद्यतन निर्मित पाइप नहर प्रणाली की टेस्टिंग एवं कमीशनिंग की अवधि में 148 ग्रामों की 50,983 हेक्‍टेयर भूमि सिंचित करने का लक्ष्‍य था जिसके विरूद्ध पाइप नहर प्रणाली से 148 ग्रामों की 44,555 हेक्‍टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई गई। इसके अतिरिक्‍त परियोजना की मुख्‍य बांयी नहर के दोनों तरफ परियोजना के कमाण्‍ड़ क्षेत्र के बाहर के 21 ग्रामों के कृषकों द्वारा उत्‍सिंचन द्वारा 5560 हेक्‍टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई गई। इस प्रकार रबी सिंचाई वर्ष 2020-21 में कुल 50,115 हेक्‍टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई गई। परियोजना का कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण 35 ग्रामों को सिंचाई हेतु जल प्रदाय किया जाना शेष है। परियोजना का कार्य पूर्ण होने पर समस्‍त 183 ग्रामों के किसानों को पानी मिलेगा। ऐसे एक भी ग्राम नहीं हैं जिन्‍हें इस परियोजना में शामिल होने के बावजूद पानी नहीं मिल पाएगा।

गृह निर्माण सहकारी समिति की जानकारी

[सहकारिता]

151. ( क्र. 6151 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल नगर के कोलार क्षेत्र में राजहर्ष गृह निर्माण सहकारी समिति नियमानुसार पंजीबद्ध है? यदि हाँ, तो पंजीयन की छायाप्रति उपलब्‍ध करायें? (ख) क्‍या कोलार में (दामखेड़ा के निकट) राजहर्ष सी-सेक्‍टर हेतु प्रकरण क्रमांक 23/अ-2/86-87 दिनांक 19.12.1986 के अनुसार लगभग 15 एकड़ भमि का आवासीय प्रायोजन हेतु नियमानुसार डायवर्सन कराया गया है? भवन निर्माण की अनुज्ञा ली है? (ग) क्‍या माननीय न्‍यायालय (व्‍यवहार न्‍यायाधीश) के प्रकरण क्रमांक 124-ए/2001 के निर्णय में जो दिनांक 18.10.2001 में प्रशासन ने रहवासियों के उपयोगार्थ उत्‍कृष्‍ठता संस्‍थान की बाउण्‍ड्रीवॉल के किनारे 30 फीट का मार्ग जो चूनाभट्टी को जोड़ता है होने की बात स्‍वीकारी है? (घ) क्‍या जल एवं भूमि प्रबंधन संस्‍थान (वाल्‍मी) ने प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित मार्ग को अनाधिकृत तरीके से बंद कर दिया है जिससे जनसामान्‍य को असुविधा हो रही है? यह मार्ग कब तक खोल दिया जायेगा तथा इसके लिए दोषियों पर शासन क्‍या कार्यवाही करेगा?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है।    (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

परिशिष्ट - "इक्‍यावन"

वेतन सेवा निवृत्त स्वत्वों का भुगतान

[जल संसाधन]

152. ( क्र. 6197 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा प्र.क्रं. डब्ल्यू.पी./2008/2004 के आदेश दिनांक 12.09.07 से श्री केशव गुप्ता अमीन को संभाग सबलगढ़ में निरन्तर कार्यरत मानकर उनका ट्रांसफर निरस्त किया गया था? (ख) उक्त आदेश के पालन में कार्यपालन यंत्री ने श्री गुप्ता को वेतन भुगतान करने की बजाय 33 माह बाद बगैर विधि विभाग की स्वीकृति के शासन का झूठा शपथ पत्र लगाकर रिट अपील क्रमांक डब्ल्यू.ए./372!2010 फाईल की गई थी, जो दिनांक 11.08.10 में निरस्त हुई थी? (ग) उक्त अपील निरस्त होने पर उक्त आदेशों के पालन में श्री गुप्ता को वेतन भुगतान की बजाय दिनांक 12.07.17 में अनिवार्य सेवा निवृत्ति की पेनल्टी लगा दी गई है, इसके उपरांत भी देय दिनांक तक वेतन एवं सेवा निवृत्त कर समस्त स्वत्वों का भुगतान कर पेंशन प्रदान नहीं की जा रही है। तथा दिनांक 06.10.20 में माननीय न्यायालय के आदेशों के पालन में वर्ष अगस्त 2004 से दिनांक 11.08.2010 तक का भुगतान कर देय दिनांक तक का (10 वर्ष) भुगतान फिर शेष छोड़ दिया गया है? (घ) क्या शासन 12.08.10 से देय दिनांक तक का बकाया वेतन की राशि का भुगतान एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यो?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

स्‍वत्‍वों का भुगतान

[सहकारिता]

153. ( क्र. 6486 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या सहकारिता मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य तिलहन उत्‍पादक सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल में आदेश क्रमांक/‍तिसं/कार्मिक/86/9891, भोपाल दिनांक 10.06.1986 द्वारा कितने भृत्‍यों की नियुक्ति की गई? कितने लोगों की सेवा निवृत्ति हो गई है और क्‍या सेवा निवृत्ति के उपरांत स्‍वत्‍वों का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं तो इसके लिए कौन अधिकारी जिम्‍मेदार है? यदि भुगतान नहीं किया गया तो कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (ख) क्‍या श्री आनन्‍दलाल पाण्‍डेय, भृत्‍य पिता श्री ईश्‍वरदीन पाण्‍डेय की मध्‍यप्रदेश राज्‍य तिलहन उत्‍पादक सहकारी संघ मर्यादित, भोपाल में आदेश क्रमांक/तिसं/कार्मिक/86/9891, भोपाल दिनांक 10.06.1986 के क्रमांक 16 पर नियुक्ति की गई है? इनकी सेवा के स्‍वत्‍वों का भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं तो कब तक किया जायेगा?

सहकारिता मंत्री ( डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ) : (क) नियुक्ति नहीं की गई है, अपितु म.प्र. राज्‍य सहकारी तिलहन उत्‍पादक संघ के आदेश दिनांक 10.06.1986 द्वारा कुल 15 भृत्‍यों का नियमितीकरण किया गया है। 06 भृत्‍यों की सेवानिवृत्ति हो गई है एवं सेवानिवृत्ति के उपरांत संपूर्ण स्‍वत्‍वों का भुगतान कर दिया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) नियुक्ति नहीं की गई है अपितु म.प्र. राज्‍य सहकारी तिलहन उत्‍पादक संघ के आदेश दिनांक 10.06.1986 द्वारा श्री आनन्‍दलाल पाण्‍डेय भृत्‍य का नियमितीकरण किया गया है। श्री आनन्‍दलाल पाण्‍डेय वर्ष 2001 से अनाधिकृत अनुपस्थित हैं तथा दिनांक 10.03.2014 को स्‍वयं की बीमारी का उल्‍लेख करते हुए त्‍याग पत्र प्रस्‍तुत किया है, म.प्र. राज्‍य सहकारी तिलहन उत्‍पादक संघ द्वारा त्‍याग पत्र स्‍वीकृति कर नियमानुसार यथाशीघ्र भुगतान किया जावेगा।

परिशिष्ट - "बावन"

नियमितीकरण एवं प्रदाय भूमि

[राजस्व]

154. ( क्र. 6588 ) श्री सुनील उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) मध्यप्रदेश में विभिन्न ग्रामों में पदस्थ ग्राम कोटवारों के द्वारा निरंतर अपनी सेवाएं कई वर्षों से शासन को कम मानदेय में की जा रही है। ग्राम कोटवारों द्वारा उन्हें नियमित किये जाने के संबंध में निरंतर शासन स्तर पर ज्ञापन देकर व धरना प्रदर्शन कर मांग की जा रही है? परंतु फिर भी शासन द्वारा ग्राम कोटवारों को नियमित नहीं किया गया है, नियमित नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) ग्राम कोटवारों को शासन द्वारा जो सेवा भूमि प्रदान की गई है उस सेवा भूमि पर ग्राम कोटवार द्वारा कई वषों से निरंतर खेती की जा रही है फिर भी ग्राम कोटवारों की आर्थिक स्थिति आज भी कमजोर है? क्या शासन द्वारा ग्राम कोटवारों को प्रदान की गई सेवा भूमि का मालिकाना हक प्रदान करने पर विचार करेगी? यदि हाँ, तो कब तक प्रदान की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश में पदस्‍थ कोटवारों को मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 की धारा-230 के अनुसार सेवायें दी जा रही है। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता-1959 की धारा-231 के प्रावधानानुसार पारिश्रमिक दिया जा रहा है। (ख) प्रश्‍न ''''  के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दिये गये ज्ञापन पर कार्यवाही

[श्रम]

155. ( क्र. 6692 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 2 वर्ष में सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय मध्‍यप्रदेश एवं मुख्‍यमंत्री सचिवालय को क्षेत्रीय निदेशक राज्‍य बीमा कर्मचारी श्रम विभाग इंदौर एवं भारतीय मजदूर संघ म.प्र. के द्वारा विभागीय मंत्री एवं विभाग को कितने-कितने मांग पत्र प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त हुये तथा उस पर की गई कार्यवाही की संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) कर्मचारी राज्‍य बीमा चिकित्‍सालय में श्रमिकों/बीमितों को चिकित्‍सकीय सेवा, क.रा.बी. निगम द्वारा राज्‍य शासन द्वारा प्रदान की जाती है? समय-समय पर श्रमिकों के प्रतिनिधियों द्वारा चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था के लिए मांग की जाती है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या पत्र व्‍यवहार प्रश्‍न दिनांक तक नहीं किये जाने के क्‍या कारण हैं? (ग) क्‍या निगम द्वारा इंदौर के चिकित्‍सालय में प्रदेश के चिकित्‍सालयों से अधिक अच्‍छी सुविधायें दी जाती है तो मध्‍यप्रदेश की राजधानी भोपाल के चिकित्‍सालय में इंदौर जैसी सुविधा नहीं दिये जाने के क्‍या कारण हैं? जानकारी देवें तथा अन्‍य प्रदेशों की अपेक्षा मध्‍यप्रदेश में निगम द्वारा संचालित मॉडल चिकित्‍सालय की संख्‍या कम क्‍यों है? जानकारी देवें। (घ) क्‍या भोपाल, रायसेन जिले में अधिक से अधिक कारखाने स्‍थापित हैं, जिसमें श्रमिक मजदूरों की संख्‍या लगभग 3.5 लाख है फिर भी विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल चिकित्‍सालय को मॉडल चिकित्‍सालय नहीं बनाये जाने के क्‍या कारण हैं? जानकारी देवें। निगम/शासन द्वारा भोपाल जिले में मॉडल चिकित्‍सालय स्‍थापित करने हेतु क्‍या-क्‍या प्रक्रिया की गई व उक्‍त संबंध में भारत सरकार को कोई प्रस्‍ताव भेजा है? यदि नहीं तो क्‍यों? यदि भेजा जाएगा तो कब तक?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित कोई भी मांग पत्र विभाग में प्राप्‍त नहीं हुए, अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हां, श्रमिकों के प्रतिनिधियों द्वारा चिकित्‍सा व्‍यवस्‍था के लिये मांग की जाती है, तो विभाग द्वारा उन पर यथा संभव कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, निगम द्वारा निर्धारित सुविधाऍ भोपाल सहित सभी स्‍थानों पर समान रूप से दी जाती है। प्रदेश में निगम द्वारा 2 मॉडल चिकित्‍सालय संचालित किये जा स‍कते है, जिनमें से ए‍क इन्‍दौर में संचालित है तथा दूसरा नागदा चिकित्‍सालय मॉडल अस्‍पताल के रूप में विकसित करने हेतु सहमति दी गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) भोपाल, रायसेन जिले में व्‍यापत बीमितों हितग्राहियों की संख्‍या 2,48,966 है। प्रदेश में 2 मॉडल चिकित्‍सालय निगम द्वारा संचालित किये जा सकते है। जिसमें एक इन्‍दौर में संचालित है तथा दूसरा नागदा चिकित्‍सालय को मॉडल चिकित्‍सालय के रूप में संचालित करने हेतु सहमति दी गई है। इस कारण भोपाल चिकित्‍सालय को माडल चिकित्‍सालय के रूप में स्‍थापित करने हेतु निगम को कोई प्रस्‍ताव नहीं भेजे गये है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।