मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
फरवरी, 2019
सत्र
गुरुवार, दिनांक 21 फरवरी, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
भूमि
नामांतरण के
प्रकरणों का
निराकरण
[राजस्व]
1. ( *क्र. 651 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के चतुर्दश विधान सभा में प्रस्तुत प्रश्न क्रमांक 3707, दिनांक 14.03.2018 के प्रश्नांश (ड.) के उत्तरानुसार किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब एवं क्यों की गई? शासकीय सेवकवार बतायें और कृत कार्यवाही संबंधी आदेश उपलब्ध कराएं। (ख) तहसील कटनी अंतर्गत विगत 03 वर्षों में किन-किन आवेदकों के भूमि नामांतरण के आवेदन किन सक्षम प्राधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों को मान्य अथवा अमान्य कब-कब किया गया? प्रकरणवार एवं वृत्तवार तथा आदेशकर्ता के नाम, पदनाम सहित बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत अमान्य किए गए आवेदनों को अस्वीकृत करने के कारण आवेदनवार बतायें और प्रकरणवार यह स्पष्ट करें कि इन्हीं ख्ासरा नम्बरों के आस-पास की भूमियों के नामांतरण किए गए/किए जा रहे हैं, तो इन आवेदनों को अमान्य/निरस्त करने के आदेश किस प्रकार नियमानुसार हैं? क्या इन अनियमितताओं का संज्ञान लेकर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील कटनी से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3707 एवं प्रश्न क्रमांक 3242, दिनांक 06.12.2017 के उत्तर में उल्लेखित तथ्यों के अनुसार कोई कार्यवाही किया जाना शेष न होने से प्रश्नांश (ड.) के अनुसार किसी सेवक के विरूध्द तहसील कटनी में कार्यवाही नहीं की गई है, अत: कार्यवाही संबंधी आदेश निरंक है। (ख) तहसील कटनी अंतर्गत विगत तीन वर्षों में जिन आवेदकों के द्वारा न्यायालय मुडवारा-1, मुडवारा-2 एवं पहाड़ी वृत्त में नामांतरण हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गए हैं, उनकी सूची, मान्य अथवा अमान्य दर्शित करते हुए पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत अमान्य किए गए प्रकरणों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। अमान्य किये गये प्रकरणों के आदेश में कारण का विवरण है, जिन प्रकरणों में नामांतरण हेतु स्पष्ट दस्तावेज संलग्न किये गये हैं, उनके नामान्तरण किये गये तथा जिसमें दस्तावेज स्पष्ट नहीं हैं, उन्हें अमान्य किया गया है। मान्य किये गये प्रकरणों पर कोई अनियमितता नहीं हुई है, अत: संज्ञान में लेकर कार्यवाही का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
पुरस्कार निर्धारण में त्रुटि
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
2. ( *क्र. 708 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2017-18 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उच्चयंत मद में विगत लगभग 16 वर्षों सें लंबित राशि के समायोजन हेतु की गयी कार्यवाही के संबंध में सुशील चंद्र वर्मा उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या वर्ष 2017-18 में कार्य करने वाले ऐसे अधिकारी को यह पुरस्कार प्रदान किया गया है, जिसने इस वित्तीय वर्ष में लगभग मात्र 10 दिवस विभाग में कार्य किया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 में 11 माह 20 दिवस की अवधि तक जिस अधिकारी ने कार्य किया है, उसे किस आधार पर पुरस्कार से वंचित किया गया? (ग) यदि विभाग इसे त्रुटि मानता है, तो क्या इस त्रुटि का सुधार किया जाएगा? (घ) इस त्रुटि के लिए दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) के अनुसार उच्चयंत मद में लंबित राशि के समायोजन हेतु तत्समय संबंधित शाखा के सभी अधिकारी/कर्मचारियों को सामूहिक तौर पर पुरस्कृत किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही आवश्यक नहीं।
आगर जिला अंतर्गत मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
3. ( *क्र. 341 ) श्री विक्रम सिंह राणा गुड्डू भैया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आगर जिला अंतर्गत कौन-कौन से ग्राम राजमार्ग/मुख्य डामर मार्ग से एकल संबद्धता से छूटे हुए हैं? कौन से मार्ग मुख्य जिला मार्ग के रूप में प्रस्तावित होकर प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में दोहरी सम्बद्धता हेतु कौन-कौन से मार्ग के निर्माण के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? (ग) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत इन्दौर-कोटा से लोलकी, माल्याहेड़ी से टिकोन, बड़ागांव से देहरीपाल, श्यामपुरा से कालवा डुंगरी, निपानियाखिंची से बल्डावदा हनुमान मंदिर मार्ग के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव किस स्तर पर संचालित हैं एवं स्वीकृति कब तक होगी तथा क्या इन्दौर-कोटा रोड से अमरकोट धतुरिया मार्ग के प्रस्ताव प्रक्रियाधीन हैं? यदि हाँ, तो प्रस्ताव किस स्तर पर प्रचलित हैं एवं स्वीकृति कब तक होगी? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि नहीं, है तो क्या स्व-प्रेरणा से उक्तानुसार उल्लेखित मार्गों के जनहित में स्व-प्रेरणा से विधिवत प्रस्ताव तैयार करवा कर साध्य होने पर स्वीकृति पर विचार कर प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई शाजापुर-2 जिला आगर से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विभाग अंतर्गत आगर जिले में प्रस्तावित नवीन मुख्य जिला मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) दोहरी सम्बद्धता हेतु प्रस्तावित मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) उपयोगिता स्थापित होने पर स्वीकृति पर विचार संभव, वर्तमान में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ग्वालियर शहर वृत्त में विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 190 ) श्री मुन्नालाल गोयल (मुन्ना भैया) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहर वृत्त ग्वालियर में म.प्र. वि. नियामक आयोग के विनियम 2009 (जी-31) की कंडिका (घ) पद क्रमांक 4.4.1 से 4.5.2 के अंतर्गत प्रोस्पेटिव कन्जूमर्स से अप्रैल, 2014 से दिसम्बर, 2018 तक कुल उपभोक्ताओं की संख्या एवं उनके द्वारा जमा कराई गई राशि की वर्षवार जानकारी देवें? (ख) क्या शहर वृत्त ग्वालियर में अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण की कोई योजना है? विगत 2 वर्षों (दिनांक 01.04.2017 से 31.01.2019 तक) में ऐसे कुल कितने प्राक्कलन बनाए गये? क्रियान्वयन हेतु धन की व्यवस्था किस योजना से ओर कब तक की जावेगी? (ग) क्या वर्तमान में 2.12 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के यहाँ विद्युत मीटर संयोजित हैं? यदि हाँ, तो फिर भी आंकलित खपत के बिल क्यों दिये जा रहे हैं? (घ) क्या शहर वृत्त ग्वालियर का आंकलित खपत सहित वृत्त बनाने की कोई योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो कब तक पालन हो जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के विनियम, 2009 (आर जी 31 (1) ) की कंडिका (घ) के पद क्रमांक 4.4.1 से 4.5.2 के अन्तर्गत शहर वृत्त ग्वालियर की अवैध कालोनियों/असंगठित बस्तियों/अधिसूचित गन्दी बस्ती क्षेत्र एवं अन्य अधिसूचित क्षेत्रों के विद्युतीकरण कार्य हेतु राशि जमा करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या एवं उनके द्वारा जमा कराई गई राशि का वर्षवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के विनियम, 2009 (आर जी 31 (1) ) के अधिसूचित होने की दिनांक 07.09.2009 की स्थिति में विद्यमान अवैध कालोनियों/असंगठित बस्तियों/अधिसूचित गन्दी बस्ती क्षेत्र एवं अन्य अधिसूचित क्षेत्रों में विद्युतीकरण के कार्य उक्त विनियमों में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार आवेदक द्वारा आवश्यक राशि जमा कराए जाने अथवा नियमानुसार वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय में 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा करवाकर स्वयं अनुज्ञप्ति प्राप्त ठेकेदार से संपादित कराए जाने का प्रावधान है। उक्त विनियमों के अन्तर्गत प्रश्नाधीन अवधि में शहर वृत्त ग्वालियर में कोई प्राक्कलन स्वीकृत नहीं किया गया। उक्त के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में अन्य कोई योजना प्रचलित नहीं है, अत: तत्संबंध में प्रश्नाधीन चाही गई अन्य जानकारी दिये जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) शहर वृत्त ग्वालियर में वर्तमान में कुल 212746 घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनके परिसर में मीटर स्थापित हैं। शहर वृत्त ग्वालियर में मीटरों में दर्ज खपत के अनुसार ही विद्युत बिल जारी किये जा रहे हैं। तथापि विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के प्रावधानों के अनुसार बन्द/खराब मीटर वाले उपभोक्ताओं को नियमानुसार आंकलित औसत खपत के बिल जारी किये जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि उपभोक्ता के परिसर में बिजली की चोरी पाए जाने पर नियमानुसार अतिरिक्त यूनिट की बिलिंग भी की जाती है। (घ) जी नहीं। शहर वृत्त ग्वालियर को आंकलित खपत रहित वृत्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, किन्तु वर्तमान में इस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नल-जल योजना का क्रियान्वयन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
5. ( *क्र. 637 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश की पिछली सरकार ने नल-जल योजना की शुरूआत की थी? यदि हाँ, तो आज भी लोगों को पानी के लिये दूर-दूर क्यों जाना पड़ता है? (ख) प्रदेश में नल-जल योजना के क्या आंकड़े हैं? (ग) दमोह जिले के कितने ग्रामों तक यह योजना पहुँची है? ग्रामवार आंकड़े देवें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। (ख) 15555 नल-जल योजनायें। (ग) 355 ग्रामों तक। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विधानसभा क्षेत्र आमला अंतर्गत संचालित नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
6. ( *क्र. 527 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में आमला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गई हैं? ग्रामवार जानकारी दें। (ख) इन स्वीकृत नल-जल योजनाओं में से कितनी योजनाएं वर्तमान में चालू हैं तथा कितनी योजनाएं पाईप लाईन टूटने तथा नलकूप के सूखने आदि कारणों से बंद हैं? (ग) जिले में अत्यंत कम वर्षा के चलते बंद नल-जल योजनाओं को प्रारंभ करने एवं चालू नल-जल योजनाओं के बन्द न होने के लिये शासन की क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 16 नल-जल योजनाएं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 9 योजनाएं चालू हैं तथा 7 नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य प्रगतिरत एवं प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) हस्तांतरित नल-जल योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। बंद नल-जल योजनाएं यथाशीघ्र चालू की जा सकें, इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को रु. 20.00 लाख प्रति योजना प्रतिवर्ष तक के मरम्मत के कार्यों की स्वीकृति के अधिकार सौपें गये हैं।
एन.एच. 92 पर टोल टैक्स की वसूली
[लोक निर्माण]
7. ( *क्र. 564 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय मार्ग (NH) क्रमांक 92 ग्वालियर-इटावा मार्ग पर P.N.C. कम्पनी द्वारा टोल टैक्स वसूल किया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से? अनुबंधानुसार P.N.C. कम्पनी को कितने वर्षों तक सम्पूर्ण मार्ग का नवीनीकरण करना है? अनुबंध की प्रति देते हुये बतावें। (ख) क्या P.N.C. कम्पनी ने अनुबंधानुसार सम्पूर्ण मार्ग का नवीनीकरण किया है? यदि हाँ, तो कब-कब? MPRDC के किस-किस अधिकारी के द्वारा कब-कब मार्ग का निरीक्षण किया? निरीक्षण प्रतिवेदन देंवे? यदि P.N.C. कम्पनी द्वारा अनुबंधानुसार मार्ग का नवीनीकरण नहीं किया गया है तो उसके विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) P.N.C. कम्पनी द्वारा उपरोक्त मार्ग निर्माण के दौरान कितने पेड़ काटे गये थे? अनुबंधानुसार कम्पनी को एक पेड़ काटने पर कितने पेड़ लगाने थे? क्या कम्पनी द्वारा अनुबंधानुसार पेड़ लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो कितने पेड़ काटे एवं कितने लगाये गये? क्या कम्पनी द्वारा पेड़ लगाये ही नहीं गये? यदि पेड़ लगाये हैं तो प्रश्न दिनांक तक कितने पेड़ जीवित हैं? MPRDC के किस अधिकारी द्वारा पेड़ों का सत्यापन किया गया था? (घ) NH92 राष्ट्रीय मार्ग की भार क्षमता कितने टन की है एवं टोल प्लाजा पर कितने टन तक के भार क्षमता वाले वाहन पास किये जा रहे हैं? ओवर लोडिंग वाहनों को पास करने के क्या नियम हैं? क्या टोल प्लाजा पर निर्धारित भार क्षमता से अधिक भार क्षमता के वाहन पास किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या इसके लिए टोल प्लाजा के कर्मचारियों द्वारा अधिक राशि वसूली जा रही है? यदि हाँ, तो कितनी? यदि नहीं, तो क्यों एवं क्या ओवर लोडेड वाहनों से अधिक क्षमता का भार कम करके टोल प्लाजा के गोदाम में रखने का नियम है? यदि हाँ, तो कब-कब कितना-कितना माल रखा गया, कितनी अतिरिक्त राशि वसूल की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। दिनांक 06.03.2013 से। सम्पूर्ण मार्ग का नवीनीकरण प्रारंभिक डिजाईन पीरियड (10 वर्ष) की समाप्ति पर करना है। अनुबंध की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' पर अनुबंध अनुसार नवीनीकरण आवश्यक नहीं अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
रेत खदानों में उत्खनन
[खनिज साधन]
8. ( *क्र. 656 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कुल कितनी रेत खदानें आज दिनांक तक खनन हेतु स्वीकृत हैं? उनमें से कितनी खदानों में उत्खनन चल रहा है एवं कितनी बंद हैं? स्वीकृत खदानों से उत्खनन की अनुज्ञा किन-किन कम्पनियों को दी गई है? (ख) क्या उक्त स्वीकृत खदानों का सीमांकन (Demarcation) किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि हाँ, तो सीमांकन के अलावा उत्खनन हुआ है या नहीं? (घ) यदि हाँ, तो अवैध उत्खनन के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? क्या कोई अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है? यदि हाँ, तो उसमें से कितनी वसूली शेष है और क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) टीकमगढ़ जिले में आज की स्थिति में मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम के पक्ष में 24 रेत खदानें स्वीकृत हैं। मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम से प्राप्त जानकारी अनुसार उनमें से केवल 02 रेत खदानों में उत्खनन कार्य चल रहा है। शेष 22 खदानों में से 21 खदानों का समर्पण ठेकेदारों द्वारा रेत खनन नीति, 2017 एवं मध्यप्रदेश रेत नियम, 2018 के तहत कर दिया गया है। 01 खदान में वैधानिक अनुमति प्राप्त नहीं होने से खनन कार्य बंद है। निगम की 02 संचालित खदानों में जिन कंपनियों द्वारा कार्य किया जा रहा है, उनका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। इसके अलावा टीकमगढ़ जिले में 09 खदानें संबंधित ग्राम पंचायतों को संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार हस्तांतरित की गईं हैं, जिनमें से 05 खदानें संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा संचालित हैं। (ख) मध्यप्रदेश राज्य खनिज निगम को उपरोक्त 24 खदानें पूर्व से उत्खनिपट्टे पर स्वीकृत हैं। ठेकेदारों द्वारा खनन योजना बनाते समय खदान क्षेत्रफल की सीमायें निर्धारित कराई गईं हैं, जिनके अक्षांश व देशांस का विवरण उनकी खनन योजना में है। (ग) टीकमगढ़ जिले में स्वीकृत खदान क्षेत्रों के बाहर अवैध उत्खनन होना पाया गया है, जिस पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) अवैध उत्खनन के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
राजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाएं
[जल संसाधन]
9. ( *क्र. 95 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की कितनी सिंचाई परियोजनाएं हैं, जो दिनांक 01.04.2013 से प्रश्न दिनांक तक जिले से साध्यता स्वीकृति हेतु वरिष्ठ कार्यालय/शासन को प्रेषित की गई? परियोजना का नाम दर्शाते हुए जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह बतायें कि कितनी योजनाएं स्वीकृत हो गईं, स्वीकृत योजनाओं के नाम दर्शाते हुए जानकारी दें कि प्रश्न दिनांक तक कितनी योजनाओं की निविदा आमंत्रित कर ली गई है? कितनी योजनाओं पर कार्य प्रारंभ हो गया? यदि कार्य प्रारंभ हो गया तो प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य हो गया है? (ग) प्रश्नांश की कंडिका (क) अनुसार उपलब्ध जानकारी के आधार पर कितनी योजनाएं आपत्ति लगाकर जिले को वापिस प्रेषित कर दी गईं? क्या जिला स्तर पर आपत्ति का निराकरण कर पुन: योजनाएं शासन को प्रेषित करने पर स्वीकृति दी जा सकेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विभाग में चिन्हित लघु सिंचाई परियोजनाओं की साध्यता रिपोर्ट विभागीय वेबसाईट पर ऑनलाईन दर्ज करने की व्यवस्था है। परीक्षण किए गए चिन्हित लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) ऑनलाईन प्राप्त लघु सिंचाई परियोजनाएं असाध्य होने की स्थिति में आपत्ति लगाकर वापिस करने की परम्परा नहीं है। तकनीकी मापदण्ड पर असाध्य पाई गईं तथा निरस्तीकरण हेतु प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
तहसील हनुमना में क्रेशरों से गिट्टी उत्पादन
[खनिज साधन]
10. ( *क्र. 288 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की विधान सभा क्षेत्र मऊगंज की तहसील हनुमना में किस-किस ग्राम पंचायतों में किस नाम की फर्म में क्रेशर किस-किस दिनांकों से, किन-किन विभागों की अनुमति लेकर कब से स्थापित किये गये हैं? इन क्रेशरों के द्वारा कितने मीट्रिक टन किस प्रकार की (कितने एम.एम.) गिट्टी प्रतिदिन उत्पादन करने का लायसेंस लिया गया है? जारी सभी विभागों की अनुमति (एन.ओ.सी.) एवं उत्पादन करने का लायसेंस की एक-एक प्रति प्रत्येक क्रेशरवार उपलब्ध करायें। (ख) क्या उक्त क्रेशरों के द्वारा गिट्टी के उत्पादन को उत्तर प्रदेश में भेजा जा रहा है? अगर नहीं तो उक्तों के द्वारा 01 जनवरी, 2016 से 31 दिसम्बर, 2018 तक कितनी-कितनी रॉयल्टी विभाग को जमा की गई है? क्रेशरवार/ग्राम पंचायतवार/स्थानवार/क्रेशर के नामवार उपलब्ध करायें। अगर उ.प्र. गिट्टी भेजी जा रही है, तो क्या राज्य शासन द्वारा इसकी अनुमति दी गई है? (ग) क्या उक्त क्रेशर आदिवासियों के क्षेत्रों में लगाये गये हैं? इनके द्वारा किस-किस स्थान पर कितने-कितने हेक्टेयर की माईनिंग लीज़ कब से ली गई है? माईनिंग लीजों की प्रत्येक क्रेशरवार एक प्रति उपलब्ध करायें। किन-किन क्रेशरों के पास स्वयं की माईनिंग लीज़ नहीं है? क्रेशरवार जानकारी दें। (घ) हनुमना क्षेत्र में स्थापित क्रेशरों के द्वारा प्रतिदिन 1000 ट्रक गिट्टी उ.प्र. जा रही है? पूरी सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं? इनकी माईनिंग लीजों में डायनामाईट लगाकर ब्लास्टिंग से आदिवासियों के घर टूट-फूट रहे हैं? शासन इनके विरूद्ध कब एवं क्या कार्यवाही करेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (गुड्डा) ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। प्रदेश में स्वीकृत उत्खनन पट्टों से गिट्टी प्रदेश के बाहर उत्तरप्रदेश भेजने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उदभूत नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' में उल्लेखित अनुसार 01 क्रेशर आदिवासी के क्षेत्र पर स्थापित है। प्रश्नाधीन क्षेत्र (भूमि) में माईनिंग लीज़ स्वीकृत नहीं है। अपितु प्रश्नाधीन क्षेत्र में गौण खनिज की स्वीकृत लीजों/खनि रियायतों के संबंध में चाही गई जानकारी व अन्य शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' पर दर्शित है। (घ) हनुमना क्षेत्र में स्थापित क्रेशरों के द्वारा प्रतिदिन 1000 ट्रक गिट्टी उत्तरप्रदेश भेजने की बात सही नहीं है। मात्र गिट्टी के वाहनों के कारण से सड़कें क्षतिग्रस्त होने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। ब्लास्टिंग से आदिवासियों के घर टूटने-फूटने का प्रकरण भी प्रकाश में नहीं आया है। अत: शेष का प्रश्न उदभूत नहीं होता है।
खेतों में स्थापित पम्पों के उर्जीकरण कार्यों में विलम्ब
[ऊर्जा]
11. ( *क्र. 498 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत पम्पों के उर्जीकरण हेतु अनुसूचित जनजाति विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में विद्युत मण्डल को कितनी राशि प्रदाय की गई है? (ख) उक्त राशि का कब तक उपयोग किया जाकर हितग्राहियों को लाभांवित किया जाएगा? क्या वर्तमान में कुछ कार्य प्रारंभ हुए हैं? नहीं तो कार्य प्रारंभ नहीं होने के क्या कारण हैं (ग) कार्य प्रारंभ नहीं होने के लिये कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार हैं, इन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी तथा यह कार्य कब तक प्रारंभ होकर पूर्ण हो जाएंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सिंचाई पम्प कनेक्शन हेतु अधोसंरचना विकास कार्य के लिये जनजातीय कार्य विभाग द्वारा म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को वित्तीय वर्ष 2017-18 में रु. 135.98 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में रु. 50.00 लाख की राशि उपलब्ध करवायी गई थी। (ख) उक्त राशि का उपयोग कर माह जून-2019 तक हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने के प्रयास किये जायेंगे। जी नहीं वर्तमान में कोई भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सौभाग्य योजना, मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना एवं एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत विभिन्न कार्य किये जाने लक्षित थे, जिन्हें समय-सीमा में प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाना था। उक्त परिप्रेक्ष्य में वितरण कंपनी के पास प्रश्नाधीन कार्यों को सम्पादित करने हेतु अतिरिक्त संसाधन उपलब्ध नहीं थे एवं तदानुसार अधीक्षण यंत्री (संचालन-संधारण) खरगोन द्वारा पत्र क्रमांक 501/अ.य./ख.वृ./कार्य/ 2017-18 दिनांक 30.01.2018 से सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग, खरगोन को अवगत कराते हुए म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को दी गई राशि लौटाये जाने हेतु लेख किया गया था। उल्लेखनीय है कि सामान्यतः अनुसूचित जाति कल्याण/जनजातीय कार्य विभाग द्वारा इस प्रकार के विद्युतीकरण के कार्य स्वयं ही निविदा आमंत्रित कर अ-श्रेणी के ठेकेदार के माध्यम से टर्न-की आधार पर सम्पादित कराये जाते रहे हैं, जिनके मात्र पर्यवेक्षण का कार्य विद्युत कंपनी के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। उक्त कारणों के दृष्टिगत प्रश्नाधीन कार्य आरंभ नहीं हो सके। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कार्य प्रारंभ नहीं होने के लिए म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का कोई अधिकारी/कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है। वर्तमान में प्रश्नाधीन कार्यों हेतु वर्ष 2017-18 में आवंटित राशि रु. 135.98 लाख के विरूद्ध 80 सिंचाई कृषि पम्पों एवं वर्ष 2018-19 में आवंटित राशि रु. 50.00 लाख के विरुद्ध 34 सिंचाई कृषि पम्पों के कार्य किये जाने के लिए वितरण कंपनी द्वारा प्राक्कलन स्वीकृत कर प्रशासनिक स्वीकृति हेतु सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग खरगोन को प्रेषित किये गये हैं। उक्तानुसार प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात् इन पम्पों के कार्य म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रारंभ कर 6 माह की अवधि में पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जावेंगे।
शासकीय आवास में विद्युत व्यवस्था
[लोक निर्माण]
12. ( *क्र. 3 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग (विद्युत यांत्रिकी) रीवा को शासकीय आवास क्रमांक एम.आई.जी. II 236 में विद्युतीकरण हेतु पत्र क्रमांक 157, दिनांक 21.01.2018, पत्र क्रमांक 1423, दिनांक 30.09.2018 एवं पूर्व में भी वर्ष 2017 में कई पत्र लिखे गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) क्या वर्ष 2017 में प्रश्नकर्ता के पत्र के आधार पर सहायक यंत्री लोक निर्माण विभाग (विद्युत यांत्रिकी) स्वागत भवन रीवा द्वारा प्राक्कलन तैयार कर दो प्राक्कलन क्रमश: आवास क्रमांक एम.आई.जी. II 236 एवं एम.आई.जी. II 238 अनुविभागीय अधिकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विद्युत यांत्रिकी रीवा की ओर भेजा गया था? यदि हाँ, तो क्या विभागीय प्रस्ताव वाले आवास एम.आई.जी. II 238 में वर्ष 2017 में ही कार्य पूर्ण करा दिया गया, लेकिन दूसरे आवास में कोई कार्यवाही नहीं की गयी? उक्त स्थिति के लिये कौन जिम्मेदार है? दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी और कब तक लाईट फिटिंग का कार्य पूर्ण कराया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन पत्र प्राप्त हुए हैं। प्रस्तावानुसार, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (वि./यां.) संभाग रीवा के द्वारा प्राक्कलन अधीक्षण यंत्री, लोक निर्माण विभाग मण्डल रीवा को भेजे गये थे। (ख) जी हाँ। एम.आई.जी. II 238 का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। एम.आई.जी. II 236 में स्वीकृति के अभाव में कार्य नहीं हो सका। उक्त भवन में कार्य के संबंध में नवीन एस.ओ.आर. दर अनुसूची अनुसार पुन: प्रस्ताव तैयार किया जाकर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। जिम्मेदारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शासकीय भूमि का स्वामित्व परिवर्तन
[राजस्व]
13. ( *क्र. 320 ) श्री डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र फरवरी-मार्च 2018 के तारांकित प्रश्न क्र. 757, दिनांक 07 मार्च 2018 को मा. राजस्व मंत्री ने सदन में गड़बड़ी स्वीकार की थी? क्या इस प्रकरण की जांच सदन में मा. मुख्य सचिव महोदय से कराये जाने की घोषणा मा. राजस्व मंत्री ने की थी? प्रश्नतिथि तक उक्त प्रकरण में मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव खनिज साधन के द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रकरणवार बिन्दुवार जानकारी दें। (ख) क्या तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के द्वारा अपने अर्द्ध शा. पत्र क्रमांक 451/ने.प्र./18, दिनांक 10.03.2018 से मुख्य सचिव म.प्र. शासन को सतना जिले के रामस्थान में सैकड़ों एकड़ शासकीय भूमि जिसे अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लोगों को बंटन पर आवंटित की गयी थी, जिसे जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी की आज्ञा/आदेश के विरूद्ध दस्तावेजों में कूट रचना कर निजी स्वामित्व में बदले जाने एवं इसी भूमि पर खनिज लीज़ आवंटित करवा लेने के प्रकरण जांच बाबत पत्र लिखा था, उसकी प्रश्नतिथि तक क्या स्थिति है? सभी जारी पत्रों की एक प्रति एवं की गई कार्यवाही का बिंदुवार विवरण दें? (ग) क्या तहसीलदार रघुराजनगर ने पत्र क्रमांक 306, दिनांक 31.08.2017 एवं पत्र क्रमांक 1885, दिनांक 27.02.2018 के जरिये कारण बताओ नोटिस जारी किये थे? क्या इस प्रकरण में 14.09.2017 को नोटिस के जवाब दिये गये थे? क्या जवाब समाधानकारक ना होने पर तहसीलदार एवं एस.डी.एम. रघुराजनगर ने कलेक्टर सतना को उक्त आराजियों को शासकीय किये जाने की अनुशंसा की है? सभी पत्रों की एक प्रति उपलब्ध करायें? (घ) कब तक कलेक्टर सतना/राज्य शासन द्वारा उक्त भूमियों की खनिज लीज़ तथा उक्त आराजियों को म.प्र. शासन घोषित कर दस्तावेजों (खसरों) में अंकित किया जायेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। विभागीय पत्र क्रमांक 26/1/2019/सात/2, दिनांक 09.01.2019 द्वारा आयुक्त रीवा संभाग, रीवा की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया जाकर जांच प्रचलित है। (ख) जी हाँ। उक्त पत्र के अनुक्रम में कलेक्टर सतना को प्रेषित विभागीय पत्र क्रमांक 429/773/2018/सात/2ए, दिनांक 10.04.2018, पत्र क्रमांक 564/773/2018/सात/2ए, दिनांक 18.05.2018, अ.शास.पत्र क्रमांक 849/773/2018/सात/2ए, दिनांक 12.07.2018, पत्र क्रमांक 1637/773/2018/सात/2ए, दिनांक 27.12.2018 तथा पत्र क्रमांक 137/773/2018/सात/2ए, दिनांक 01.02.2019 द्वारा प्रकरण में जांच उपरान्त प्रतिवेदन आयुक्त रीवा संभाग, रीवा के माध्यम से चाहा गया है, जो अपेक्षित है। जारी पत्रों की छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ, 6 प्रकरणों में अवैधानिक प्रविष्टियां पाये जाने पर न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर द्वारा पारित आदेश दिनांक 02.02.2019 से पुन: म.प्र. शासन दर्ज करने का आदेश पारित किया जा चुका है। शेष प्रकरणों में विधि अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। (घ) आयुक्त रीवा संभाग, रीवा की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया। जाँच पश्चात् विधि अनुकूल कार्यवाही की जावेगी।
विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्थापित नलकूप
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
14. ( *क्र. 104 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्रामवार स्थापित नलकूपों/हैंडपपों में आधे से अधिक नलकूप बंद पड़े हैं? (ख) यदि हाँ, तो इस अचानक आये जलसंकट हेतु कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो उक्त विधान सभा क्षेत्र के ग्रामों में कुल स्थापित हैंडपंप में से चालू एवं बंद पड़े नलकूप/हैंडपंप की सूची उपलब्ध करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं।
''जय किसान फसल ऋण माफी योजना'' का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( *क्र. 367 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ''जय किसान फसल ऋण माफी योजना'' में किन-किन श्रेणी के किसानों का, किन-किन बैंकों का ऋण माफ होगा? किन-किन श्रेणी के किसानों का ऋण माफ नहीं होगा? प्रायवेट बैंकों के किसानों का ऋण माफ क्यों नहीं होगा? (ख) राज्य शासन ने किसानों से ऋण माफी के संबंध में क्या वचन दिया था, वचन पत्र में ऋण माफी के संबंध में क्या-क्या शर्तें थीं? (ग) रायसेन जिले में कितने किसानों का कितनी राशि का ऋण माफ हो रहा है? तहसीलवार संख्या बतायें। (घ) किसानों के नाम फर्जी ऋण धोखाधड़ी, सोसायटी में गबन आदि प्रकरणों के किसानों का ऋण माफ होगा या नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) पोर्टल पर बैंक शाखाओं में आवेदन पत्रों के डाटा का परीक्षण कार्य प्रचलन में है। (घ) किसानों के नाम फर्जी ऋण धोखाधड़ी सोसायटी में गबन आदि प्रकरणों के सूक्ष्मता से परीक्षण एवं जांच हेतु कलेक्टर द्वारा जिला स्तरीय एवं अनुभाग स्तरीय समिति का गठन किया गया है, परीक्षण उपरांत कर्ज माफी हेतु पात्र किसानों को लाभान्वित किया जावेगा।
रतलाम सैलाना टू लेन सड़क निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
16. ( *क्र. 543 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम सैलाना टू लेन की लागत तथा ठेकेदार का नाम बतावें। इसकी कुल 37 किलोमीटर की लम्बाई में टोल नाका रतलाम से कितने कि.मी. की दूरी पर है तथा पहले तथा दूसरे टोल नाके के बीच कितनी दूरी है? दूसरे टोल नाके और अंतिम बिन्दु के बीच कितनी दूरी है? क्या प्रारंभिक D.P.R. अनुबंध में टोल नाका यहीं पर प्रस्तावित था? D.P.R. तथा अनुबंध की प्रतियां दी जायें। (ख) महाराणा प्रताप ब्रिज से बड़बड़ तक फोरलेन किस ठेकेदार द्वारा कितनी राशि में बनाई गई? ठेकेदार को आवंटन किस प्रक्रिया से किया गया? क्या इस फोरलेन पर अनुबंध के अनुसार सारा कार्य कर दिया गया D.P.R. तथा अनुबंध की प्रति देवें? (ग) प्रश्न क्र. 894, दिनांक 04 दिसम्बर, 2017 के उत्तर के संदर्भ में बतावें कि जब पुलिया टूटने, कार्य अपूर्ण रहने, यातायात बाधित रहने को स्वीकार किया गया था तो फिर ठेकेदार पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? पुलिया क्षतिग्रस्त होने पर अनुबंध की किस शर्त के अनुसार मरम्मत की गई? शर्त की प्रति भी देवें तथा बतावें कि क्या 12 से 14 इंच बरसात में पुलिया टूटना स्वाभाविक है, तो उस अवधि में अन्य 8 पुलिया इसी लेन में क्यों नहीं टूटी? (घ) प्रश्न क्र. 894 के खण्ड (ख) के उत्तर में यह क्यों नहीं बताया गया कि पुलिया निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग पर सुपरवाईज़र के कथन पर क्या कार्यवाही की गई? (ड.) क्या प्रश्नाधीन टू लेन सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त है तथा पुलिया अनुबंध के अनुसार उंचाई तथा चौड़ाई की नहीं बनी है? क्या इसका टोल बंद किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) महाराणा प्रताप ब्रिज से बड़बड़ तक फोरलेन का कार्य रतलाम-सैलाना बी.ओ.टी. (टोल+एन्यूटी) के अनुबंध में शामिल है। अत: अलग से आवंटन का प्रश्न नहीं है। जी हाँ। अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं निवेशकर्ता पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कंसेशन अनुबंध शेड्यूल पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पुलिया नहीं टूटी थी, केवल साईट प्रोटेक्शन वर्क एवं पटरीया (शोल्डर) क्षतिग्रस्त हुये थे। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रकरण माननीय जे.एम.एफ.सी. न्यायालय सैलाना के समक्ष विचाराधीन होने के कारण। (ड.) जी नहीं। पुलिया मापदण्डानुसार निर्मित की गई है। अत: टोल बंद किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धर्मश्री-भोपाल बायपास मार्ग निर्माण की प्रगति
[लोक निर्माण]
17. ( *क्र. 680 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्र. 361, दिनांक 27.02.2018 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया था कि एक रेखण परिवर्तन की सैद्धांतिक स्वीकृति का प्रस्ताव परीक्षणाधीन है? तो क्या उक्त परिवर्तन हेतु परीक्षण करा लिया गया है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) क्या उक्त मार्ग के एक रेखण में परिवर्तन की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण्ा है? (ग) क्या शासन शहर में भारी वाहनों के यातायात दवाब को दृष्टिगत रखते हुये उक्त बायपास निर्माण हेतु शीघ्र कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो उक्त अधूरे मार्ग को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में एकरेखण परिवर्तन की सैद्धांतिक स्वीकृति का प्रस्ताव भू-अर्जन की राशि अत्याधिक होने से परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। परीक्षणाधीन है। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
18. ( *क्र. 49 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के तहत प्रदेश के कितने कृषक अभी तक लाभान्वित हो चुके हैं? योजना प्रारंभ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) 01 अप्रैल, 2007 के बाद कृषकों द्वारा लिये गये फसल ऋण जो 31 मार्च, 2018 तक कालातीत हो या रेग्यूलर, क्या उनके कर्ज खाते में सरकार द्वारा राशि जमा करा दी गई है? यदि हाँ, तो कितनी? अद्यतन स्थिति के साथ स्पष्ट जानकारी दें। (ग) उक्त योजना में किन-किन बैंकों को फसल ऋण के संबंध में शामिल किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में क्या अधिकांश किसानों को 2 लाख रूपये तक के ऋण माफी का लाभ नहीं मिल पाया है? यदि हाँ, तो क्यों? इनके लिये कौन दोषी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) योजना अन्तर्गत नियत प्रक्रिया अनुसार ऋण माफी की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) योजना में सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों को शामिल किया गया है। (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
''जय किसान फसल ऋण्ा माफी योजना'' अंतर्गत कृषि ऋण माफी की पात्रता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
19. ( *क्र. 469 ) श्री कमल पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ''जय किसान फसल ऋण्ा माफी योजना'' अंतर्गत 31 मार्च, 2018 को मध्यरात्रि जिन किसानों के ऋण खाते में शेष ऋण राशि थी, उन्हीं को ऋण माफी योजना में पात्र माना गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि नहीं, तो कौन-कौन किसान इसके लिए पात्र हैं? (ग) क्या जिन किसानों ने ईमानदारी से 31 मार्च, 2018 तक अपने ऋण खाते में संपूर्ण ऋण जमा करा दिया, ऐसे किसानों को अपात्र की श्रेणी में रखा गया है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि नहीं, तो ऐसे किसानों के खाते में भी जमा की गई राशि अधिकतम 2 लाख रूपये शासन द्वारा जमा कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
ग्राम पंचायत का नाम परिवर्तन
[राजस्व]
20. ( *क्र. 603 ) श्री विष्णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के बैरसिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनपद पंचायत फंदा की ग्राम पंचायत इस्लामनगर के निवासियों द्वारा इसे इसके प्राचीन नाम ''जगदीशपुर'' किये जाने के संबंध में प्रयास किये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कलेक्टर कार्यालय द्वारा ग्राम पंचायत का नाम प्राचीन नाम जगदीशपुर किये जाने के संबंध में जो पत्राचार किया गया था, उसकी प्रति उपलब्ध करावें एवं इस संबंध में तत्कालीन तहसीलदार द्वारा कोई प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था अथवा नहीं? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करावें? (ग) शासन द्वारा ग्राम पंचायत इस्लामनगर को उसके प्राचीन नाम जगदीशपुर किये जाने के संबंध में शासन द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं? पत्राचार की प्रतियां उपलब्ध करावें। (घ) ग्राम पंचायत का नाम बदले जाने के संबंध में शासन के क्या मार्गदर्शी सिद्धांत/नियम अादि हैं? प्रति उपलब्ध करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर के प्रस्ताव की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। वर्तमान में तहसीलदार का प्रतिवेदन कार्यालय नस्ती में उपलब्ध नहीं है। (ग) राज्य शासन द्वारा प्रयास किये गये हैं। पत्राचार की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) मार्गदर्शी सिद्धांत/नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
जावरा एवं पिपलोदा विकासखण्ड में सड़कों/पुलों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
21. ( *क्र. 493 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय (राजू भैया) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 से लेकर प्रश्न दिनांक तक जावरा एवं पिपलोदा विकासखंड में किन-किन सड़कों व पुलों की स्वीकृतियाँ प्रदान की गयी हैं? (ख) जावरा नगर, पिपलोदा नगर एवं जावरा व पिपलोदा तहसील अंतर्गत प्रश्नांश (क) वर्णित अवधि में लोक निर्माण विभाग द्वारा किन-किन स्थानों पर निर्माण एवं मरम्मत कार्य प्रारम्भ हुए, अप्रारम्भ रहे तथा पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे अवगत कराएँ? (ग) उपरोक्त कार्य कब स्वीकृत होकर कब तक पूर्ण कर लिए जायेंगे? (घ) किन-किन स्वीकृत कार्यों के टेंडर लगना शेष रहे हैं, उन कार्यों की टेंडरिंग की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) स्वीकृत सड़क एवं पुल कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं मरम्मत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) निर्माण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं मरम्मत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) कोई भी स्वीकृत सड़क एवं पुल कार्यों के टेण्डर लगाया जाना शेष नहीं है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सुभाष नगर ओव्हर ब्रिज का निर्माण
[लोक निर्माण]
22. ( *क्र. 720 ) श्री चेतन्य काश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुभाष नगर ओव्हर ब्रिज के निर्माण हेतु टेण्डर की क्या स्थिति है? (ख) टेण्डर प्रक्रिया में विलंब क्यों हो रहा है? (ग) टेण्डर कब तक जारी कर दिये जायेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) टेण्डर आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) रेल्वे विभाग द्वारा रेल्वे पोर्शन पर बनने वाले पुल के हिस्से का फार्मेशन लेबिल एवं लंबाई में परिवर्तन होने से राज्य के हिस्से वाले पुल की जी.ए.डी. में परिवर्तन होने के कारण पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। तत्पश्चात् निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जावेगी। (ग) पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति जारी होने के पश्चात् निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
किसानों की कर्जमाफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( *क्र. 126 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य सरकार की किसानों की कर्जमाफी हेतु क्या योजना है? (ख) कितने कृषकों का कुल कितना कर्ज माफ किया जाना है? (ग) इस हेतु सरकार द्वारा वर्तमान में कितनी राशि का प्रावधान किया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजना अन्तर्गत नियत प्रक्रिया अनुसार ऋण माफी की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु राशि रू. 5000.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
बेतबा एवं जामनी नदी पर प्रस्तावित पुलों की वित्तीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
24. ( *क्र. 387 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत बेतवा एवं जामनी नदियों पर प्रस्तावित पुलों की स्वीकृति शासन के विचाराधीन है? यदि हाँ, तो उक्त पुलों की तकनीकी स्वीकृति विभाग द्वारा कब और किस आदेश के द्वारा की गई है? स्वीकृत राशि सहित बतायें? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी? (ख) क्या उक्त पुलों की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है? यदि हाँ, तो स्वीकृति आदेश, स्वीकृत राशि एवं टेण्डर लगाये जाने की सम्भावित तिथि सहित बताया जाये कि उक्त पुलों पर निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा और यदि स्वीकृति अप्राप्त है, तो बतायें कि कब तक यह स्वीकृति जारी की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लहार रोड से किला रोड तक सी.सी. रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
25. ( *क्र. 112 ) श्री संजीव सिंह (संजू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका सीमा भिण्ड क्षेत्र में लहार रोड से किला रोड तक सी.सी.रोड स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो कितनी लागत की एवं उक्त रोड निर्माण कार्य की कार्य पूर्णता अवधि क्या है? शासन का स्वीकृति आदेश एवं कार्यादेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त रोड निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? विलम्ब का कारण स्पष्ट करते हुये बतावें कि निर्माण एजेन्सी के विरूद्ध विलम्ब के लिये क्या दण्ड रोपित किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधायक
निधि अंतर्गत
हैण्डपंप
उत्खनन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
1. ( क्र. 4 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से वित्तीय वर्ष 2018-19 तक हैण्डपंप उत्खनन एवं स्थापना हेतु जारी प्रशासकीय स्वीकृति आदेश अंतर्गत कितनी राशि योजना एवं सांख्यिकी रीवा संभाग रीवा से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मेकेनिकल विभाग रीवा को जारी की गयी वर्षवार/तकनीकी स्वीकृति/ प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित हैण्डपंपों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मेकेनिकल विभाग रीवा द्वारा कितने हैण्डपपों का उत्खनन एवं स्थापना की गयी? स्थान का नाम सहित बताए तथा शेष हैण्डपम्पों की संख्या बताएं। (ग) उत्खनन एवं स्थापित कितने हैण्डपम्पों में प्लेटफार्म का निर्माण किया गया है तथा कितने शेष हैं? शेष हैण्डपम्पों में पूर्ण राशि आहरित करने के बावजूद प्लेटफार्म का निर्माण क्यों नहीं किया गया, उसके लिए कौन जिम्मेवार है? शेष हैण्डपम्पों का कब तक उत्खनन एवं स्थापित किया जायेगा? जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल रूपये 1,76,34,500 राशि स्वीकृत की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) 162 नलकूपों का उत्खनन कर हैण्डपंपों की स्थापना की गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) स्थापित सभी हैण्डपंपों में प्लेटफार्म निर्माण किया गया है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। खनित नलकूपों में स्थापित किये गये हैण्डपंपों एवं निर्मित प्लेटफार्मों की ही राशि आहरित की गई है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष नलकूपों का खनन स्थल पहुँच विहीन एवं विवादित होने के कारण नहीं किया जा सका, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है, कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय नर्सरी में वृक्षारोपण
[राजस्व]
2. ( क्र. 29 ) श्री सुशील कुमार तिवारी (इंदु भैया) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत ग्राम इमलिया पिपरिया की 55 एकड़ की शासकीय नर्सरी में वृक्षारोपण के स्थान पर धान गेहूं की फसलें बोयी गयी हैं? (ख) यदि हाँ, तो धान, गेहूं की फसलें किसके द्वारा बोयी गयी है? इसका क्या उद्देश्य है? (ग) क्या नर्सरी में वृक्षारोपण नहीं किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत ग्राम इमलिया पिपरिया में 55 एकड़ भूमि शासकीय अभिलेख में नर्सरी के नाम दर्ज नहीं है। ग्राम के चारागाह मद में दर्ज भूमि खसरा नबंर 60 एवं 64 रकवा क्रमश; 2.23 हे. एवं 19.39 है कुल रकवा 21.62 हे. के कुछ भाग पर स्थानीय निकाय द्वारा वृक्षारोपण किया गया है। खसरा नबंर 64 के अंश रकवा 11.60 एकड़ पर धान, गेहूं की फसल बोई गई है। (ख) निम्न स्थानीय ग्राम वासियों द्वारा धान गेहूं, की फसल बोकर अतिक्रमण किया गया है।:-
1- रामजी
काछी,
रकवा
0.60 हे.
2- ईश्वरदास
वर्मन, रकवा 0.40 हे.
3- मनोज काछी, रकवा 0.30 हे.
4- प्रकाश
वर्मन, रकवा 1.00 हे.
5- कंछेदीलाल
गोड़, रकवा
1.60 हे.
6- मंगल सिह
गोड, रकवा
0.80 हे.
(ग)
भूमि
शासकीय
अभिलेख में
नर्सरी दर्ज
नहीं है।
टीसी कनेक्शनों से दुर्घटनाएं
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 30 ) श्री सुशील कुमार तिवारी (इंदु भैया) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत समस्त नियमों की अनदेखी कर टी.सी. कनेक्शन दिये गये हैं? (ख) यदि नहीं, तो नगर निगम जबलपुर के वार्ड क्रमांक 72 में अनेक स्थानों पर जमीन के ऊपर खुली विद्युत लाईन डालकर टी.सी. कनेक्शन क्यों दिये गये है? (ग) क्या यह कृत्य दुर्घटनाओं को खुला निमंत्रण नहीं है? (घ) प्रश्नांश (ख) के अंतर्गत क्या खुली विद्युत लाईन खम्बों के ऊपर शिफ्ट की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) नगर निगम, जबलपुर के वार्ड क्रमांक 72 के अन्तर्गत वर्तमान में कुल 87 अस्थायी विद्युत कनेक्शन चल रहे हैं। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को उक्त अस्थायी विद्युत कनेक्शन विद्युत पोल पर मीटर लगाकर प्रदान किये गये है। नियमानुसार विद्युत मीटर से उपभोक्ता के परिसर तक उपभोक्ता द्वारा उपलब्ध कराई गयी इन्सूलेटेड वायर/केबिल की सर्विस लाईन उपभोक्ता द्वारा ही विद्युत वितरण कंपनी के पंजीकृत ठेकेदार के माध्यम से लगवाई जाती है, जिसकी टेस्ट रिपोर्ट विद्युत वितरण कंपनी को प्रदान की जाती है। कोई भी अस्थायी विद्युत कनेक्शन खुली (बिना इन्सुलेशन की) विद्युत लाईनों से नहीं दिया गया है। (ग) प्रश्नाधीन विद्युत सर्विस लाईन इन्सूलेटेड वायर/केबिल की होने तथा जमीन से सुरक्षित ऊंचाई पर स्थापित होने से विद्युत दुर्घटना होने की संभावना नगण्य है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
पाला पड़ने से खराब हुई फसलों का मुआवजा
[राजस्व]
4. ( क्र. 44 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 दिसम्बर 2018 से 15 जनवरी 2019 तक प्रदेश के किन-किन जिलों में पाला पड़ा? क्या पाला पड़ने से किसानों की फसलें खराब हुई हैं? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत तक फसलें खराब हुई हैं? जिलावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत पाला पड़ने से खराब हुई फसलों को लेकर किसानों को ढांढस बंधाने क्या माननीय मुख्यमंत्री, माननीय मंत्री और कृषि व राजस्व विभाग के उच्च स्तर के अधिकारियों ने पाला ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया था? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ का? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत प्रश्न दिनांक तक पाले से खराब हुई फसलों की कितनी-कितनी मुआवजा राशि किस-किस जिले में वितरित की गयी है? यदि नहीं, की है तो क्यों? नियम बतायें। कब तक कर दी जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, प्रश्नांश ‘क’ में उल्लेखित अवधि में पाला पड़ने से प्रदेश के 11 जिलों में आंशिक फसल क्षति हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार। (ग) प्रभावित फसलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
जय किसान ऋण मुक्ति योजना माफ होना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
5. ( क्र. 45 ) श्री विश्वास सारंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान ऋण मुक्ति योजनांतर्गत सिर्फ 31 मार्च 2018 तक 2 लाख तक के अल्पकालीन फसल ऋण माफ किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो योजना की पात्रता और नियम-शर्त क्या हैं? एक प्रति देते हुए जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत 1 अप्रैल 2018 से 11 दिसम्बर 2018 तक लिये गये अल्पकालीन फसल ऋणों को माफ नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? नियम बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या किसानों के कृषि से संबंधित अन्य ऋणों को माफ नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? नियम बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों का कितनी-कितनी राशि का कर्ज माफ हो गया है? यदि हाँ, तो जिलावार, किसानों की संख्या से अवगत करायें? यदि नहीं, हुआ है तो, कयों नहीं हुआ है? नियम बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) कर्जमाफी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
आबादी की भूमि पर काबिज लोगों के नाम राजस्व अभिलेख में अंकित करना
[राजस्व]
6. ( क्र. 75 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा में दिये गये आश्वासनों की एक निर्धारित समय-सीमा में पूर्ति करने के संबंध में समय-समय पर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन, भोपाल द्वारा राजस्व सहित समस्त विभागों को निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) मा. श्री गिरिजाशंकर शर्मा के प्रश्न क्र. 35 (732) दिनांक 18.11.2009 के प्रश्नांश में राज्य शासन द्वारा दिये गये उत्तर में उल्लेखित निर्देशों का पालन अभी तक किन कारणों से नहीं हो सकी है? क्या इस संबंध में जवाबदेही सुनिश्चित की जावेगी? यदि हाँ, तो किनके खिलाफ? (ग) आबादी की भूमि पर काबिज लोगों के नाम राजस्व अभिलेख में कब तक अंकित किये जावेंगे? इस संबंध में समयबद्ध योजना की जानकारी दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न क्रमांक 35 (732) दिनांक 18.11.2009 के प्रश्नांश के उत्तर में लेख है कि ग्रामों की आबादी का भू-अभिलेख/नक्शे तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। आबादी के अधिकार अभिलेख बनाये जाने का कार्य वृहद स्वरूप का होकर प्रक्रिया धीन है अत: किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। (ग) कार्य वृहद स्वरूप का होने से कार्यवाही निरन्तर प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि कार्य में लगे स्व-सहायता समूहों को ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 76 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2018 में गठित नवनिर्वाचित सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी से संबंधित आदेशों को प्रति उपलब्ध कराते हुए बतावें कि इससे प्रदेश में कितने किसानों की कितनी राशि माफ की गयी? (ख) इसमें से होशंगाबाद जिले के कुल कितने किसानों में से कितने किसानों के राशि के ऋण माफ हुए? तहसीलवार जानकारी दें। (ग) क्या महिलाओं के ऐसे स्व-सहायता समूह जो बैंकों से ऋण लेकर कृषि कार्य करते हैं उनके भी ऋण ऊपर वर्णित योजना में माफ किये जाने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी 2019 में माननीय मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो पत्र के संबंध में शासन महिला स्व-सहायता समूहों के कर्ज भी माफ करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) शासन द्वारा जारी आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रदेश में कृषकों की ऋण माफी की कार्यवाही लगातार जारी है। (ख) ऋण माफी की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हां। (घ) योजनान्तर्गत महिला स्व-सहायता समूहों के कर्ज माफ किए जाने का प्रावधान नहीं है।
पाला प्रभावित किसानों को सहायता
[राजस्व]
8. ( क्र. 88 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में पाला पड़ा है? यदि हाँ, तो प्रदेश में किस-किस जिले में कितने हैक्टे. की फसल पाले से प्रभावित हुई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन/प्रशासन द्वारा सर्वे कार्य कराया गया? यदि हाँ, तो जिलेवार-ग्रामवार सहित जानकारी दें? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी फसल प्रभावित है? फसलों के नाम बतावें? (घ) क्या पाला प्रभावित किसानों को शासन से सहायता राशि/मुआवजा राशि प्रदान की गई? यदि हाँ, तो किस प्रकार से यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां, माह दिसम्बर में पाला पड़ने से प्रदेश में 11 जिलों द्वारा आर.बी.सी. 6-4 के तहत 25 प्रतिशत से अधिक क्षति प्रतिवेदित की गई है। जिलावार प्रभावित फसलों का क्षेत्र (हेक्टे.) में पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। आर.बी.सी. 6-4 के तहत सर्वे कार्य कराया गया है। जिलावार/ग्रामवार सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार है। (ग) जिलावार प्रभावित फसलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ के कॉलम नं. 5 अनुसार है। (घ) जी हाँ। पाला प्रभावित फसलों हेतु शासन द्वारा आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के तहत राहत राशि प्रदान की गई है। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ के कॉलम नं. 6 अनुसार है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
आदिवासियों और अन्य परंपरागत वन्य निवासियों को स्थायी पट्टों का प्रदाय
[जनजातीय कार्य]
9. ( क्र. 90 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक्या वन मंत्री जी यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वनाधिकार कानून 2006 के तहत इन्दौर संभाग में कितने आदिवासियों और अन्य परंपरागत वन्य निवासियों को स्थायी पट्टे दिये गये हैं और कितने लंबित है? जिलावार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) कितने आदिवासियों ने स्थायी पट्टे के लिए आवेदन किया है? (ग) कितने आदिवासियों को वन विभाग द्वारा वनभूमि से बेदखल किया गया है? बेदखल करने के क्या कारण थे? (घ) वन विभाग को वनोपज से पिछले पाँच साल में कितनी राशि प्राप्त हुई और किन-किन मदों में इसे खर्च किया गया? क्या इस राशि में से वनों में निवास करने वाले आदिवासियों को भी हिस्सा मिला? अगर मिला तो कितना मिला? अगर नहीं मिला तो क्यों? (ङ) क्या इस अधिनियम से आदिवासियों की सुरक्षा-संरक्षण के लिए वन-विभाग की कोई नियम या योजना है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) 2006 के तहत आदिवासियों एवं अन्य परम्परागत वन निवासियों को स्थायी पट्टे नहीं दिये जाते है। अपितु वन अधिनियम 2006 के तहत वन भूमि पर काबिज पात्र दावेदारों को वन अधिकार पत्र दिये जाते है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र - 'एक' अनुसार है। (ग) इन्दौर संभाग में 1738 आदिवासियों को वन विभाग द्वारा वन भूमि से बेदखल किया गया है। उक्त आदिवासियों को वनभूमि पर अवैध कटाई कर नवीन अतिक्रमण करने, दिनांक 13.12.2005 के पश्चात् अतिक्रमण करने वल्दियत त्रुटि होने, अभिलेखानुसार वास्तविक अतिक्रामक न होने एवं अपात्र होने के कारण बेदखल किया गया है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र - 'दो' अनुसार है। (ड.) इस अधिनियम में अधिकारिता नहीं होने से आदिवासियों को सुरक्षा - संरक्षण हेतु नियम एवं योजना बनाने की वन विभाग की कोई योजना नहीं है।
राजगढ़ विधानसभा से निकलने वाले राष्ट्रीय राज्य मार्ग के निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 96 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में राजस्थान सीमा से ब्यावरा तक बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लागत कितनी है तथा प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है? (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग के अनुबंध के अनुसार कितने प्रतिशत कार्य करने के बाद ठेकेदार/फर्म टोल टैक्स वसूल कर सकती है? अनुबंध के अनुसार सड़क निर्माण करने वाली एजेन्सी टोल टैक्स वसूल करना प्रारंभ करने के बाद शेष बचा हुआ कार्य कितने समय में पूर्ण करना चाहिए? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा राजगढ़ से निकलने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत कर आपत्ति दी है अथवा जानकारी मांगी है? यदि हाँ, तो क्या आपत्ति दी है? यदि विभाग द्वारा निर्वाचित विधायक को सामान्य प्रशासन विभाग के विधायक के पत्रों के उत्तर देने के नियम के अनुसार जानकारी उपलब्ध करा दी है? तो कब? क्या जानकारी उपलब्ध कराई गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 220.95 करोड़। 100 प्रतिशत कार्य पूर्ण। (ख) परियोजना की कुल लंबाई के 75 प्रतिशत पूर्ण होने पर। प्रोविजनल कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी होने के नब्बे (90) दिवस के अंदर। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
स्वीकृत योजना के अंतर्गत कराये गये कार्य
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 105 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पत्र क्रमांक एफ..08.3./2013/2/34 भोपाल दिनांक 25 जनवरी 2018 के माध्यम से इंदवार.1 समूह जलप्रदाय योजना उमरिया एवं कटनी लागत 291.33 करोड़ रू. की योजना को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो इस योजना के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक क्या क्या कार्य कराये जा चुके हैं? नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) इंदवार-1 समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर, डिजाइन एवं ड्राइंग कार्य प्रगतिरत है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर गौशालाएं खोलने के प्रस्ताव
[पशुपालन]
12. ( क्र. 116 ) श्री संजीव सिंह (संजू) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर गौशालाएं खोलने की कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो क्या? इस संबंध में सरकार द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या गौशालाएं खोलने के हेतु नोटिफिकेशन प्रसारित कर दिया? यदि नहीं, तो कब तक जारी किया जावेगा एवं क्या गौशालाएं खोलने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो क्या?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। इस संबंध में शासन द्वारा ''गौशाला परियोजना'' के प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में दिशा निर्देश तथा गौशालाओं की कार्य विधियां एवं न्यूनतम मानक संहिता प्रदेश में समस्त कमिश्नर, कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जारी कर दिए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। गौशालाएं खोलने हेतु नोटिफिकेशन की आवश्यकता नहीं है किन्तु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. शासन के पत्र दिनांक 06.02.2019 द्वारा प्रदेश में 1000 गौशाला खोले जाने हेतु प्रत्येक जिले को संभावित लक्ष्य दिए गए है। गौशालाएं खोलने हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गेहूं के समर्थन मूल्य पर बोनस
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 127 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के किसानों को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गेहूं के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 265 रूपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस राशि देने का प्रावधान किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो वर्तमान में सरकार की क्या योजना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गेहूं के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त रूपये 265 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बोनस राशि के प्रावधान की कोई योजना नहीं थी। अपितु केवल रबी 2017-18 के लिये गेहूं पर समर्थन मूल्य के अतिरिक्त रूपये 265 प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में गेहूं पर बोनस की योजना विचाराधीन नहीं है।
सोयाबीन पर बोनस राशि का प्रावधान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
14. ( क्र. 128 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्ववर्ती सरकार ने केबिनेट प्रस्ताव के माध्यम से इस वर्ष खरीफ फसल सोयाबीन पर समर्थन मूल्य के अतिरिक्त बोनस राशि देने का प्रावधान किया था? यदि हाँ, तो बोनस राशि क्या है? (ख) प्रदेश के कितने कृषकों को इसका लाभ प्रदान किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) हां। अधिसूचित मंडियों में विक्रय पर सोयाबीन फसल के लिए रू. 500 प्रति क्विंटल तक फ्लेट भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का प्रावधान किया गया था किन्तु प्रति क्विंटल कितनी राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जानी है, इसका निर्णय नहीं लिया गया था। (ख) प्रदेश में फ्लैट भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत वर्तमान सरकार ने रू. 1,500 करोड़ का प्रावधान द्वितीय अनुपूरक बजट में किया है तथा पात्रतानुसार किसानों को नियत की जाने वाली प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।
किसानों का बिजली बिल हाफ किया जाना
[ऊर्जा]
15. ( क्र. 129 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा किसानों का बिजली बिल हाफ (आधा) करने की योजना है? यदि हाँ, तो कब तक किसानों को इसका लाभ प्रदान किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश सरकार द्वारा 10 हार्सपावर तक के स्थाई एवं अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन वाले किसानों का बिजली का बिल आधा किये जाने हेतु 'इंदिरा किसान ज्योति योजना' को दिनांक 07.02.2019 को स्वीकृति दी गई है। आगामी बिलिंग चक्र अर्थात् अप्रैल, 2019 में जारी होने वाले बिलों से किसानों को इस सुविधा का लाभ प्रदान किया जाएगा।
कर्ज से परेशान किसान द्वारा आत्महत्या
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 142 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 11 दिसम्बर के बाद से आज तक प्रदेश में कितने किसानों द्वारा कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की है? (ख) क्या खण्डवा जिले की पंधाना विधानसभा में एक किसान द्वारा कर्जमाफी की घोषणा के बाद भी कर्ज माफ नहीं होने के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या की है? (ग) यदि हाँ, तो किसान पर कितनी राशि का किस बैंक का कर्ज था? क्या किसान हित में सरकार कर्ज से परेशान किसान द्वारा आत्महत्या करने वाले परिवार को कर्जमाफी के साथ बड़ी आर्थिक सहायता देगी? (घ) क्या किसानों को कर्जमाफी के नाम पर विभाग के अधिकारी लाल, पीले, नीले-हरे फार्म भरवाकर भ्रमित किया जा रहा है? किसानों को भावनात्मक रूप से ब्लेकमेल किया जा रहा है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या किसानों के साथ हो रहे इस छलावें को बन्द किया जायेगा ताकि प्रदेश में किसानों की आत्महत्या रोकी जा सके, यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) जी, नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी, नहीं। योजनांतर्गत नियत प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जा रही है। (ड.) उत्तरांश 'घ' अनुसार प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण पद्धति
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 162 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर ग्रामीण एवं बंडा ग्रामीण में एकल ठेका पद्धति लागू की गई है? (ख) क्या एकल ठेका पद्धति में कार्य एजेंसी से 100 प्रतिशत फोटो मीटर रीडिंग का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। क्या कार्य एजेंसी द्वारा अनुबंध का पालन किया गया है? (ग) क्या कार्य एजेंसी के द्वारा अनुबंध का पालन न करने की स्थिति में उपभोक्ताओं को अनुमानित बिल प्रदाय किये गये थे एवं सरल विद्युत योजना के तहत सरकार से भी विद्युत बिल राशि ली गई है? (घ) यदि उपभोक्ताओं को अनुमानित बिल प्रदान किये गये हैं, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं क्या जिम्मेदार अधिकारी/कर्मचारी/कार्य एजेंसी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सागर ग्रामीण एवं बंडा ग्रामीण संचालन एवं संधारण संभागों में मीटर रीडिंग एवं बिल वितरण हेतु एकल ठेका पद्धति जारी है। (ख) प्रश्नाधीन एकल ठेका पद्धति के अन्तर्गत ठेकेदार एजेन्सी को जारी किये गये अवार्ड/अनुबंध की शर्तों के अनुसार कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी निम्नदाब उपभोक्ताओं हेतु मेनुअल मीटर रीडिंग एवं फोटो बेस्ड मीटर रीडिंग, दोनों का प्रावधान रखा गया है। वर्तमान में अनुबंध की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेंसी द्वारा सागर ग्रामीण एवं बंडा ग्रामीण संचालन एवं संधारण संभागों में फोटो बेस्ड मीटर रीडिंग ली जा रही है। इस प्रकार ठेकेदार एजेंसी द्वारा अनुबंध का पालन किया जा रहा है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में जिन उपभोक्ताओं के मीटर बंद अथवा दोषपूर्ण पाये गये हैं उन उपभोक्ताओं को ही ठेकेदार एजेन्सी द्वारा विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के प्रावधानों के अनुसार औसत खपत के विद्युत देयक प्रदान किये गये हैं तथा शेष उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के आधार पर बिल जारी किये गये हैं, अतः अनुबंध का उल्लंघन किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग एवं बंद/खराब मीटरों हेतु वैधानिक प्रावधानानुसार दिये गये औसत खपत के मासिक विद्युत देयकों के आधार पर सरल बिजली बिल स्कीम के तहत नियमानुसार कंपनी द्वारा सब्सिडी का क्लेम किया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के प्रावधानों के अनुसार ही बंद/खराब मीटर वाले उपभोक्ताओं को औसत खपत के बिल दिये गये हैं, अतः किसी अधिकारी/कर्मचारी/कार्य एजेंसी पर कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
कड़ान सतगढ़ परियोजना के निर्माण
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 163 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कड़ान सतगढ़ परियोजना का कार्य वर्तमान में निमार्णाधीन है? लागत सहित जानकारी देंवे। (ख) निर्माणाधीन सतगढ़ परियोजना का कार्य कब से प्रारंभ किया गया एवं विभाग द्वारा कार्य एजेंसी से कब अनुबंध किया गया वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक कार्य एजेंसी द्वारा क्या-क्या कार्य किया गया है? (ग) कार्य एजेंसी को विभाग द्वारा कब-कब किस-किस कार्य/मद का भुगतान किया गया है? भुगतान की जानकारी, राशि एवं दिनांक सहित देंवे।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 01.04.2017 को रू. 385.79 करोड़ की 9990 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई। (ख) परियोजना का कार्य दिनांक 07.09.2018 को अनुबंधित होकर एजेंसी द्वारा कार्य दिनांक 20.09.2018 से प्रारंभ कर दिया गया है, जो प्रारंभिक चरण में है। (ग) एजेंसी को भुगतान नहीं किया गया है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
बरगी विधानसभा में पायली परियोजना में धांधली
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
19. ( क्र. 177 ) श्री संजय यादव (सिवनी टोला) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला जबलपुर के अन्तर्गत जल निगम द्वारा पायली परियोजना के अन्तर्गत आदिवासी बाहुल्य अन्य ग्रामों में पेयजल आपूर्ति हेतु पाईप लाईन पानी की टंकी आदि का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों में पाईप लाईन एवं पानी की टंकी का निर्माण किया जावेगा सूची देवें? यह भी बताया जावे कि योजना में कुल कितनी राशि का व्यय किया जावेगा। (ख) प्रश्नांश (क) में होने वाले कार्यों की कुल लागत कितनी है? किन-किन फर्मों द्वारा निविदा, किस दर पर डाली गई, विवरण सहित बतावें? यह भी बताया जावे कि इस योजना के अंतर्गत किस फर्म को किस दर पर निविदा प्राप्त हुई है? फर्म द्वारा वर्तमान में कितना कार्य कर भुगतान प्राप्त कर लिया है? (ग) क्या जल निगम द्वारा कराये जा रहे पायली परियोजना की कार्य योजना गलत बनी है? जिससे शासन को राजस्व की आर्थिक क्षति हुई है जबकि जल लाभान्वित ग्रामों के पास से अन्य स्त्रोतों से प्राप्त कर राजस्व को बचाया जा सकता था, यदि हाँ, तो कहां? क्या अधिकारियों/ कर्मचारियों ने एक फर्म को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से फर्म द्वारा बताये अनुसार ही कार्यों का अनुमोदन कर निविदा प्रदान कर दी, यदि हाँ, तो क्यों? क्या दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन उच्चस्तरीय जांच कर कार्यवाही करेगी, यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजना में निविदा लागत रूपये 645.46 करोड़ है। (ख) रूपये 645.46 करोड़ है। मेसर्स लार्सन एण्ड टुब्रो कंस्ट्रक्शन लिमिटेड चेन्नई द्वारा रूपये 645.46 करोड़ एवं मेसर्स इंडियन ह्यूम पाईप कंपनी लिमिटेड मुंबई द्वारा रू. 666.20 करोड़ निविदा दर डाली गई। मेसर्स लार्सन एण्ड टुब्रो कंस्ट्रक्शन लिमिटेड चेन्नई को न्यूनतम दर के आधार पर निविदा प्राप्त हुई। अभी तक कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ग) जी नहीं। जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
म.प्र.क.क्षे.वि.वि.कं. में अतिरिक्त रीजन हेतु
[ऊर्जा]
20. ( क्र. 191 ) श्री मुन्नालाल गोयल (मुन्ना भैया) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल रीजन में 23.84 लाख तथा ग्वालियर रीजन में 19.30 लाख निम्न दाब विद्युत उपभोक्ता हैं? यदि हाँ, तो वर्ष 2004 की तुलना में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई? (ख) क्या वर्तमान में 44.14 लाख उपभोक्ताओं की समस्या निराकरण हेतु तृतीय नवीन रीजन की आवश्यकता नहीं हैं? यदि हाँ, तो गुना रीजन बनाए जाने में क्या आपत्ति है? यदि नहीं, तो कब तक बनाये जाने की संभावना है? (ग) क्या वर्तमान में मध्यक्षेत्र के अंतर्गत 15 वृत्त हैं? बढ़ते हुये उपभोक्ताओं की समस्या निराकरण हेतु अतिरिक्त वृत बनाए जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या जिला ग्वालियर और दतिया जिले में डवरा में नवीन वृत बनाया जा सकता है? क्या प्रस्तावित दतिया वृत के स्थान पर डवरा में सर्किल आफिस बनाये जाने में कोई आपत्ति है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2004 की तुलना में निम्न दाब विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या में म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के भोपाल क्षेत्र (रीजन) में 131 प्रतिशत एवं ग्वालियर क्षेत्र (रीजन) में 163 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में विद्यमान विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के निराकरण एवं उन्हें नियमानुसार विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराने हेतु सभी आवश्यक सेवाएँ प्रदान करने के लिये म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत वर्तमान में स्थापित 2 रीजनों में उपलब्ध व्यवस्थाएँ पर्याप्त हैं। अत: गुना सहित अन्यत्र कहीं भी वर्तमान में नवीन रीजन के गठन की आवश्यकता नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में समय-सीमा बताए जाने का प्रश्न नहीं उठता। (ग) जी हाँ, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत 15 वृत्त कार्यालय क्रियाशील है। वर्तमान में दतिया, अशोकनगर एवं हरदा जिलों के अतिरिक्त म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्तर्गत अन्य सभी जिला मुख्यालयों पर वृत कार्यालय कार्यरत हैं। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी क्षेत्रान्तर्गत जिला दतिया, अशोकनगर एवं हरदा में जिला मुख्यालय पर वृत्त कार्यालय की स्थापना के प्रस्ताव कंपनी मुख्यालय में दिनांक 07.02.2019 को प्राप्त हुए हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है। (घ) उत्तरांश 'ग' में दर्शाए अनुसार म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्तर्गत जिला मुख्यालय पर वृत्त कार्यालय स्थापित होने अथवा इस हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने के परिप्रेक्ष्य में, अन्यत्र वृत्त कार्यालय की स्थापना का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
गायों एवं गौवंशों की समुचित व्यवस्था कर किसानों के फसल की सुरक्षा
[पशुपालन]
21. ( क्र. 213 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत बसामन मामा के पास दो हजार बेसहारा गायों एवं गौ वंशों के ठहरने हेतु गौशाला संचालित हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस गौशाला का उन्नयन दो हजार से दस हजार कर गायों एवं गौवंशों के ठहरने एवं भोजन इत्यादि की व्यवस्था की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में क्या इस गौशाला में 22 एकड़ की जमीन एवं अभयारण्य भी लगा है? जिसमें गौवंश चरने भी जाते हैं? क्या इसका उन्न्यन किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। अधोसंरचना की दृष्टि से गौशाला में 600 गौवंश रखने की क्षमता है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। उन्नयन की कार्यवाही विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संबल योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं दिया जाना
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 233 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संबल योजनांतर्गत नागदा खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में कितने हितग्राहियों के पंजीयन हुए हैं? पंजीकृत हितग्राहियों की संख्या तथा उनके विद्युत बिल की माफ की गई कुल राशि बतावें। (ख) नागदा-खाचरौद विधान सभा क्षेत्र में संबल योजना के अंतर्गत विद्युत बिल माफी हेतु कितने लोगों का आवेदन मिलने पर भी पंजीयन नहीं हो पाया है? इसमें दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना, 2018 के तहत् पंजीकृत श्रमिकों तथा मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत पोर्टल पर पंजीकृत संनिर्माण कर्मकारों को लाभान्वित किये जाने हेतु नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में ''सरल बिजली बिल स्कीम'' में 26455 हितग्राहियों एवं ''मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम, 2018'' में 32949 हितग्राहियों के पंजीयन हुए हैं। ''मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम, 2018'' में प्रश्नाधीन क्षेत्र में पंजीकृत किये गए सभी 32949 हितग्राहियों की विद्युत बिलों की कुल राशि रू. 1682.89 लाख माफ की गई है। (ख) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र में ''मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम-2018'' में विद्युत बिल माफी हेतु समस्त पात्र उपभोक्ताओं के आवेदनों का पंजीयन किया गया है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
नल-जल योजना एवं हैण्डपंपों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
23. ( क्र.
234 ) श्री
दिलीप सिंह
गुर्जर : क्या
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नागदा-खाचरौद
विधानसभा
क्षेत्र में
कितनी नल-जल
योजनाएं है? इसमें
कितनी चालू हैं
तथा कितनी बंद
हैं तथा कितनी
निर्माणाधीन है, स्थान
का नाम सहित
विवरण दें? (ख) नागदा-खाचरौद
विधानसभा
क्षेत्र में
कितने हैण्डपंप
चालू हालत में
हैं तथा कितने
बन्द हैं? बंद
पड़े हैण्डपंपों
को चालू करने
हेतु शासन
द्वारा क्या
कार्यवाही की
जा रही है? (ग) नागदा-खाचरौद
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत वर्ष 2015 से 31 दिसम्बर
2018 तक
हैण्डपंप
मरम्मत एवं
संधारण कार्य
ठेके पर दिया
गया था? यदि हाँ, तो
ठेकेदार/एजेन्सी
द्वारा कितने
हैण्डपंपों
की मरम्मत/सुधार
संधारण का
कार्य किया
गया? स्थान
का नाम सहित
विवरण दें तथा
एजेन्सी को
कितनी राशि का
भुगतान किया
गया?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री ( श्री
सुखदेव पांसे )
: (क) 35 नलजल
योजनाएं। 31 चालू
एवं 3
योजनाएं बंद
हैं तथा 1
निर्माणाधीन
है। शेष जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-1
अनुसार है। (ख) 1235
हैण्डपंप
चालू एवं 174
हैण्डपम्प
बन्द हैं। हैण्डपंप
संधारण
प्रक्रिया के
तहत् हैण्डपंपों
का संधारण
निरंतर किया
जाता है। (ग) जी
हाँ। प्रश्नांकित अवधि
में 5733
हैण्डपम्पों
का, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-2
अनुसार है। रूपये
46,14,991.00 का
भुगतान किया
गया।
सर्किल आर्गेनाइजर के रिक्त पदों एवं अध्यापकों के रिक्त पदों को भरे जाना
[जनजातीय कार्य]
24. ( क्र. 242 ) श्री सुनील उईके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनजातीय कार्य विभाग जुन्नारदेव विधान सभा में सर्किल आर्गेनाइजर के कितने पद स्वीकृत है एवं उनमें किस की पदस्थापना कितने समय से है एवं छिन्दवाड़ा जिले में कितने पद स्वीकृत हैं एवं उनमें कितने समय से कौन-कौन पदस्थ है, रिक्त पदों को कब तक भरा जावेगा? (ख) छिन्दवाड़ा जिले के तामिया, बिछुआ, हर्रई, जुन्नारदेव अनुसूचित विकासखण्डों में जनजातिय कार्य विभाग के व्याख्याता, प्रधान अध्यापक वरिष्ठ अध्यापक एवं अध्यापक व सहायक अध्यापक के कितने पद स्वीकृत हैं एवं वर्तमान में कितने पद रिक्त हैं? ये रिक्त पद पदोन्नति एवं सीधी भर्ती से कब तक भरे जावेंगे?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जुन्नारदेव विधानसभा में सर्किल आर्गेनाइजर का पद स्वीकृत नहीं है। छिन्दवाड़ा जिले में मण्डल संयोजक के 07 पद स्वीकृत हैं। निम्नानुसार मण्डल संयोजक पदस्थ हैं:-
क्र. |
मण्डल संयोजक का नाम |
जिले में पदस्थ तिथि |
1 |
श्रीमती रजनी अगामें |
28/07/2006 |
2 |
श्री रवि कनौजिया |
06/10/2008 |
निश्चित अवधि बताना संभव नहीं है। (ख) स्वीकृत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में विशेष अनुमति याचिका माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है तथा सीधी भर्ती की प्रक्रिया प्रारंभ है। निश्चित अवधि बताना संभव नहीं है।
परिशिष्ट - '' सात''
मार्गों के निर्माण में अनियमितता की जांच
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 243 ) श्री सुनील उईके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र जुन्नारदेव जिला छिन्दवाड़ा में मार्ग का निर्माण संधारण, मरम्मत व विस्तारीकरण हेतु वर्ष 2012 से 2018 तक कितनी राशि आवंटित की गई, कितनी राशि व्यय की गई? (ख) प्रश्नांश (क) में किन-किन मार्गों पर निर्माण कराने हेतु कब कितनी राशि की तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति दी गई? इनकी निर्माणाधीन अवधि क्या है? किस एजेंसी को कार्यादेश जारी किया गया? कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हुआ, कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) में किन-किन निर्माण एजेंसियों ने निविदा की स्वीकृति शर्तों के तहत निर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराया क्यों? दोषी एजेंसियों पर क्या कार्यवाही की गई? किस स्तर के अधिकारी द्वारा निरीक्षण, परीक्षण किस दिनांक को किया गया? क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की गई? यदि हाँ, तो छायाप्रति उपलब्ध करा दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
तालाब पर कब्जा से मुक्ति
[राजस्व]
26. ( क्र. 252 ) श्री शिवनारायण सिंह (लल्लू भैया) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बांधवगढ़ तह. नौरोजाबाद राजस्व मण्डल के पटवारी खसरा नं. 120 रकबा 3.43 हे. में जो तालाब विगत तीन दशकों से हैं को रिकार्ड में दर्ज है? यदि हाँ, तो खसरे वार विस्तृत जानकारी देवें और यदि रिकार्ड में नहीं हैं, तो कब्जेदार का नाम एवं विवरण तथा की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सार्वजनिक निस्तार के तालाब को रोककर उक्त तालाब को कब तक मुक्त किया जावेगा? (ग) तालाब निरस्तीकरण के लिये कौन-कौन अधिकारी/ कर्मचारी दोषी है। और उन पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) तालाब को सुरक्षित करने के संबंध में क्या शासन स्तर पर कार्यवाही की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील नौरोजाबाद अंतर्गत कुल 65 ग्राम 15 पटवारी हल्के है। समस्त ग्रामों में प्रश्नांकित आराजी खसरा नं. 120 की जांच कराई गई। किसी भी ग्राम में उक्त आराजी खसरा नं. पर तालाब दर्ज नहीं पाया गया एवं मौके पर भी तालाब नहीं पाया गया है। (ख) से (घ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
खदानों में खनिज उत्खनन के दौरान हुई दुर्घटना
[खनिज साधन]
27. ( क्र. 262 ) श्री विक्रम सिंह (विक्की) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खदानों से खनिज निकालने के दौरान ब्लास्टिंग से कोई दुर्घटना न हो इस हेतु पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी लीज धारक की रहती है? (ख) यदि हाँ, तो सतना जिले के अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में रामपुर बघेलान प्रिज्म जॉनसन सीमेंट प्रा.लि. एवं अल्ट्राट्रेक सीमेंट प्रा.लि. कंपनियों के लिये दी गई लीज क्षेत्र में उत्खनन के दौरान 01 जनवरी 2018 से 20 जनवरी 2019 तक की अवधि में ब्लास्टिंग के दौरान कोई दुर्घटना की एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो उसकी विवरण दें एवं पुलिस विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत करायें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जी हां। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में मेसर्स प्रिज्म जॉनसन सीमेंट लिमिटेड की लीज क्षेत्र में 01 घटना की एफ.आई.आर. दर्ज की गई है। जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है।
बजट की स्वीकृति योजना मण्डल की बैठक द्वारा किए जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 272 ) श्री राकेश गिरि : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2017-18 एवं 18-19 में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग की हितग्राही मूलक योजनाओं का योजनावार आवंटन एवं व्यय राशि तथा लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या उपलब्ध करावें (ख) क्या वर्णित वर्षों में जिला योजना की स्वीकृति हेतु जिला योजना समिति की बैठक आयोजित कर ली गई है? यदि हाँ, तो उपस्थित माननीय अध्यक्ष सहित सदस्यों की उपस्थिति एवं बैठक के विवरण की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या बैठक आयोजित किए बिना बजट आवंटन के विरूद्ध व्यय किया गया है, यदि हाँ, क्यों एवं इसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? पदनाम सहित बतावें। (घ) इस कृत्य में क्या जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तालाब के ग्रीन जोन एवं जलभराव क्षेत्र में सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
29. ( क्र. 273 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ नगर के चन्देल कालीन महेन्द्र सागर तालाब के जल भराव क्षेत्र एवं ग्रीन जोन में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क का निर्माण किया गया है? अगर हां तो क्या टाउन एण्ड कन्ट्री प्लान (टी एण्ड सी.पी.) एवं जल संसाधन विभाग की अनुमति ली गई, अगर नहीं तो क्यों? (ख) जिन अधिकारियों के द्वारा बिना अनुमति के जल भराव क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य किया गया है, क्या उन अधिकारियों के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करेंगा? अगर हां तो क्या और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण के लिये सड़क किनारे से मिट्टी खोदी गई है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों किया गया है? क्या यह नियम के विरूद्ध नहीं है? यदि हाँ, तो ऐसे ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश 'क' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वर्ष 2007-08 में बने जाति-प्रमाण पत्र वर्ष 1997 में नौकरी पाना
[जनजातीय कार्य]
30. ( क्र. 289 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग (राज्य स्तरीय अनुसूचित जनजाति छानबीन समिति) मध्यप्रदेश के पत्र क्रमांक/जा.प्र.समिति/1619/2015/2160 भोपाल दिनांक 24.01.2018 से कलेक्टर दमोह (म.प्र.) को शोभित पिता खूबचंद, तहसील जबेरा जिला दमोह के जाति प्रमाण पत्र की पुष्टि कराये जाने हेतु पत्र लिखा गया गया था? (ख) क्या उक्त पत्र में लिखा है कि श्री शोभित पिता श्री खूबचंद, तहसील जबेरा जिला दमोह के जाति प्रमाण पत्र की जांच के संबंध में उच्च स्तरीय छानबीन समिति की बैठक दिनांक 19.01.2018 में लिये गये निर्णय अनुसार संबंधित को न्यायालय नायब तहसीलदार जबेरा जिला दमोह के पत्र क्रमांक/प्र.वा./ना.तह./08 जबेरा दिनांक 16.09.2008 में अंकित जाति प्रमाण पत्र क्रमांक/रा.प्र.क्र. 492 बी 121/07-08 में जारी किया गया है, प्रति संलग्न है? (ग) जब श्री शोभित का अनुसूचित जन जाति (हल्वा) का जाति प्रमाण पत्र 2007-2008 में जारी हुआ तो उक्त श्री शोभित 1997 में किस सक्षम कार्यालय के द्वारा जारी अनुसूचित जनजाति के जाति प्रमाण पत्र के आधार पर औषधि निरीक्षक के पद पर नियुक्त हुआ? नायब तहसील/तह./एसडीएम/कलेक्टर के द्वारा 1997 या पूर्व में जारी जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध करायें? (घ) क्या छानबीन समिति ने तहसीलदार, तहसील जबेरा जिला दमोह म.प्र. का क्रमांक/ 164/12.10.2018 को सूचना के अधिकार के तहत का पत्र देखा? क्या छानबीन समिति ने देखा कि नौकरी 1997 में पाई? जाति प्रमाण पत्र 2007-08 में जारी हुआ? राज्य शासन उक्त छानबीन समिति के विरूद्ध कब तक एवं क्या कार्यवाही करेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण से जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग खण्ड मुरैना B/R संबंधी कार्य
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 301 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से दिसंबर, 2018 तक की अवधि में विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में पी.डब्लू.डी. विभाग द्वारा कितने रोड मार्ग व भवन निर्माण कार्य स्वीकृति होकर पूर्ण, निर्माणाधीन एवं प्रक्रियाधीन हैं? (ख) क्या विगत 3 वर्ष में पी.डब्लू.डी. खंड मुरैना में विभागीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्य स्वीकृत हेतु आवेदन शासन को प्राप्त हुये? यदि हाँ, तो उनमें से कितने स्वीकृति/प्रक्रियाधीन व अस्वीकृत हैं व प्रक्रियाधीन कार्य कब तक पूर्ण कर दिए जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है।
नल-जल योजनाओं का संचालन
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
32. ( क्र. 302 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी अन्तर्गत जिला मुरैना पी.एच.ई.डी. द्वारा कितनी नल-जल योजनायें स्वीकृत होकर संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित कितनी योजनायें संचालित एवं कार्यरत हैं, कितनी बंद हैं? बंद होने के कारण क्या हैं कब तक प्रारंभ कर दी जायेगी? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2018-19 में पी.एच.ई.डी. म.प्र. शासन द्वारा बंद योजनाओं को प्रारंभ हेतु राशि स्वीकृत की थी? यदि हाँ, तो क्या सभी बंद योजनाओं को प्रारम्भ कर दिया गया है? नहीं तो क्यों? कब तक पूर्ण हो सकेंगी? क्या स्वीकृत राशि का वित्तीय वर्ष में उपयोग हो चुका है या शेष है? यदि हाँ, तो कितनी राशि शेष है? इस हेतु कौन-कौन जिम्मेदार है, क्या शासन उनके खिलाफ कब तक कोई कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 46 योजनाएं। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। राशि का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश में इस मद में रूपये 4502.03 लाख की राशि शेष है। कोई जिम्मेदार नहीं है, कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भवन मरम्मत कार्यों के सत्यापनकर्ता
[लोक निर्माण]
33. ( क्र. 313 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों के कार्यालय, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (भवन एवं पथ) खरगोन, संभाग खरगोन द्वारा मद 67-2216 एवं 67-2059 के अंतर्गत साधारण मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्यों की सूची राशि सहित देवें। इनके मूलयांकनकर्ता/सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम व पद का भी उल्लेख करें। (ख) उक्त कार्यों के कार्य या झोन अनुसार प्राक्कलन तैयार किये गये थे यदि हाँ, तो इन प्राक्कलनों पर कार्यवार जारी या एकमुश्त जारी तकनीकी स्वीकृति की प्रति देवें। (ग) उक्त कार्यों के लिए प्राप्त निविदा/कोटेशनों की जानकारी कार्यवार एवं निविदा उपरांत तय एजेंसियों की कार्यवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। (ख) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है।
राज्य शासन के निर्देशों के बाद भी समय-सीमा में जांच पूरी नहीं किया जाना
[राजस्व]
34. ( क्र. 321 ) श्री डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 773/2018/सात-2ए दिनांक 18.05.2018 से कलेक्टर सतना को पत्र लिखा गया था? पत्र की एक प्रति देते हुये बतायें कि प्रश्नतिथि तक कलेक्टर सतना ने उक्त पत्र पर कब व क्या कार्यवाही की है? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित उक्त पत्र के संदर्भ में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के तारांकित प्रश्न क्रमांक 757 दिनांक 7 मार्च 2018 का उल्लेख है? क्या उक्त पत्र में लेख है कि मुख्य सचिव कार्यालय का मॉनिटरिंग क्रमांक 1780/2018 एवं राजस्व विभाग का पत्र क्रमांक 429/773/2018 दिनांक 10.04.18 से भी कलेक्टर सतना को पत्र लिखा गया था? (ग) क्या उक्त पत्र में 15 दिवस की समय-सीमा जांच हेतु तय की गयी थी? दिनांक 18.05.2018 से प्रश्नतिथि के मध्य कलेक्टर सतना के द्वारा जनहित के इस गंभीर विषय पर जिसे तत्कालीन मा. राजस्व मंत्री ने सदन में गड़बड़ी को स्वीकार कर मुख्य सचिव से जांच के आदेश सदन से जारी किये थे में क्या-क्या कार्यवाही किस आदेश क्रमांकों से किन-किन दिनांकों से कब की गई? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। इस संदर्भ में कलेक्टर कार्यालय सतना के पत्र क्रमांक 381 दिनांक 23/05/2018, पत्र क्रमांक 394/ दिनांक 07/06/2018 द्वारा तहसीलदार रघुराजनगर को जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए गए थे। जिसके पालन में तहसीलदार रघुराजनगर द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन अपूर्ण होने से कलेक्टर कार्यालय के पत्र क्रमांक 476/ दिनांक 27/08/2018 तथा पत्र क्रमांक 11/ दिनांक 03/01/2019 समस्त बिन्दुओं की जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रघुराजनगर जिला सतना को निर्देशित किया गया है। (पत्रों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।) (ख) जी हां। (ग) जी हां। उक्त पत्र में 15 दिवस की समय-सीमा जांच हेतु तय की गई थी। जी हाँ, कलेक्टर सतना द्वारा की गई कार्यवाही उपरोक्त प्रश्नांश (क) में दिए गए विवरण अनुसार है। प्रकरण में म.प्र. शासन राजस्व विभाग के ज्ञाप क्रमांक 26/01/2019//सात-2 दिनांक 09/01/2019 के द्वारा आयुक्त रीवा संभाग रीवा को जांच हेतु लिखा गया है तथा आयुक्त रीवा संभाग रीवा के आदेश दिनांक 02/02/2019 के द्वारा कमेटी गठित कर जांच की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गयी है। (पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।)
सिंहस्थ 2016 में
लोक स्वास्थ्य
यांत्रिकी
विभाग द्वारा
की गई अनियमितताएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
35. ( क्र. 332 ) श्री संजय शुक्ला : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन सिंहस्थ, 2016 के दौरान पेयजल हेतु खरीदी गई पानी की प्लास्टिक टंकियों एवं स्टैंड खरीदी में करोड़ों रूपये के घोटालों को दृष्टिगत रखते हुए किसी-किस विभाग द्वारा जांच कर अपराध दर्ज हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पेयजल टंकिया एवं स्टैंड विभाग ने कितनी-कितनी क्षमता की व कितनी-कितनी राशि की कितनी संख्या में क्रय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में टंकियां व स्टैंड खरीदी के लिये कब-कब निविदाएं आमंत्रित की गईं? निविदा में अंतिम रूप से किस फर्म/कंपनी का चयन हुआ? दर व क्षमतावार विवरण दें? किन-किन ठेकेदारों को कितनी-कितनी राशि भुगतान की गई व कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? शेष राशि का भुगतान कब तक किया जायेगा? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या क्रय की गई टंकियां/ स्टैंड में अनियमितताएं पाई गई थीं? हां या नहीं? यदि हाँ, तो क्या अनियमितताएं थीं?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) उज्जैन सिंहस्थ, 2016 के दौरान पेयजल हेतु खरीदी की गई पानी की टंकियों एवं स्टैण्ड खरीदी में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परियोजना खण्ड उज्जैन के विरूद्ध कोई भी अपराध प्रकरण दर्ज नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’क’’ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परियोजना खंड उज्जैन द्वारा केवल टंकी एवं स्टैण्ड खरीदी के लिए निविदाएँ आमंत्रित नहीं की गईं बल्कि टंकियों के प्रदाय मय एम.एस.स्टैण्ड स्थापना तथा स्टैण्ड पोस्ट निर्माण कार्य संचालन संधारण सहित निविदाएँ की गई थीं। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ख" अनुसार है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संधारण खण्ड नगरपालिक निगम उज्जैन द्वारा आमंत्रित निविदाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ग" अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परियोजना खण्ड उज्जैन के अंतर्गत क्रय की गई टंकियों/स्टैण्ड में कोई अनियमितता नहीं पाई गई, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संधारण खंड नगरपालिक निगम उज्जैन के अंतर्गत टंकी/स्टैण्ड की खरीदी में कथित अनियमितता से संबंधित आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में दर्ज शिकायत क्रमांक 187/18 के अंतर्गत तथा विभागीय जांच अपर कलेक्टर जिला उज्जैन के अंतर्गत जारी है।
अवैध रेत उत्खनन से शासन को होने वाली राजस्व की हानि
[खनिज साधन]
36. ( क्र. 333 ) श्री संजय शुक्ला : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत् 05 वर्षों में नर्मदा नदी में अवैध रेत उत्खनन की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शिकायत पर खनिज अधिकारियों ने रेत उत्खनन क्षेत्र के बाहर खनन करने वाले कितने ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की है? कहाँ-कहाँ पर अवैध रेत उत्खनन कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अवैध रेत उत्खनन करने वाले ठेकेदारों से कितनी राशि रायल्टी के रूप में वसूली की गई? रायल्टी से कितनी आय शासन को प्राप्त हुई वर्षवार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अवैध रेत उत्खनन करने वाले कितने वाहनों को राजसात किया गया?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) अवैध उत्खनन के प्रकरणों में संबंधित सक्षम न्यायालय द्वारा अर्थदण्ड में रॉयल्टी शामिल कर आरोपित किए जाने पर अर्थदण्ड की वसूली की जाती है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। शेष प्रश्न ही उद्भूत नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है।
कुंडालिया परियोजना अन्तर्गत मुआवजा वितरण में अनियमितता
[राजस्व]
37. ( क्र. 342 ) श्री विक्रम सिंह राणा गुड्डू भैया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत कुण्डालिया बांध परियोजना से पूर्णत:/अंशत: प्रभावितों के पुनर्वास एवं मुआवजा वितरण की क्या स्थिति है? लंबित प्रकरणों की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) कुंडालिया परियोजना अंतर्गत सिंचित भूमि को असिंचित एवं इसके विपरीत असिंचित भूमि को सिंचित बनाकर मुआवजा वितरण, डूब क्षेत्र में आने के उपरांत भी मुआवजा वितरण नहीं करने संबंधी कितनी शिकायतें/मांगपत्र जिला अधिकारियों/उपसंभाग अधिकारियों को विगत 01 वर्ष में प्राप्त हुए है? प्राप्त आवेदनों पर क्या कार्यवाही की गई? विवरण देवें। (ग) क्या कुंडालिया परियोजना अंतर्गत अनियमित मुआवजा वितरण की उच्च स्तर से जांच की जावेगी एवं दोषियों पर कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या इसकी समीक्षा कर कार्यवाही पर विचार होगा? (घ) परियोजना अंतर्गत पुनर्वास एवं मुआवजा वितरण के लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु राजस्व विभाग के समन्वय से शीघ्र कोई प्रभावी कार्यवाही की जावेगी? पाक्षिक रूप से कैम्प लगाकर लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण की योजना बनाई जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। सभी प्राप्त प्रकरणों का निराकरण किया गया है। मात्र न्यायालय में विचाराधीन प्रकरणों में भू-अर्जन अधिकारी राजस्व विभाग द्वारा यथा स्थिति रखी गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मुआवजा वितरण की समय-समय पर जिला भू-अर्जन अधिकारी द्वारा समीक्षा की जाती है। तथा जांच में दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की जाती है। (घ) वर्तमान माह जनवरी, फरवरी 2019 में ग्राम-सामरी, रोजड़ी, पटना भिलखेड़ी, लटूरीउमठ, भण्डावद एवं गडि़या में कैंप लगाकर कार्यवाही की गई है। इससे पूर्व भी समय समय पर ग्रामवार कैंप लगाकर आपत्तियों का निराकरण किया जाता रहा है। पाक्षिक रूप से कैम्प लगाने की कोई योजना नहीं है।
विद्युतीकरण का कार्य
[ऊर्जा]
38. ( क्र. 368 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विद्युतविहीन ग्रामों, मजरा, टोला आदि के विद्युतीकरण की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों, मजरा-टोला आदि का विद्युतीकरण कार्य नहीं हुआ तथा क्यों? कब तक होगा? (ख) 23 जनवरी 19 की स्थिति में रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ के ट्रांसफार्मर कब से जले एवं खराब हैं? उक्त ट्रांसफार्मर क्यों नहीं बदले गये? कब तक बदल दिये जायेंगे? (ग) रायसेन जिले में फीडर सेपरेशन का कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ क्यों है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? (घ) मुख्यमंत्री स्थायी पम्प कनेक्शन योजना के अंतर्गत 23 जनवरी,2019 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने किसानों के ट्रांसफार्मर रखवाया जाना शेष है? कब तक रखवायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) रायसेन जिले में अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों आदि के विद्युतीकरण तथा विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों आदि के सघन विद्युतीकरण सहित विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण, मीटरीकरण, फीडर विभक्तिकरण आदि कार्यों हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना संचालित हैं। रायसेन जिले के सभी ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। (ख) दिनांक 23 जनवरी, 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में 3 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदले जाने हेतु शेष थे। तदुपरांत नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा होने पर 2 वितरण ट्रांसफार्मर बदले जा चुके हैं तथा शेष एक वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा करने के उपरांत बदल दिया जायेगा, जिस हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। उक्त ट्रांसफार्मरों की स्थानवार, जलने/खराब होने तथा बदले जाने की दिनांक सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) रायसेन जिले में संबंधित ठेकेदार एजेंसियों द्वारा श्रमिकों की समय पर अनुपलब्धता, वित्तीय समस्या, राईट ऑफ वे की समस्या आदि विभिन्न कारणों से कार्य में विलंब किये जाने के कारण फीडर विभक्तिकरण कार्य कतिपय प्रकरणों में अप्रारंभ/अपूर्ण है। उक्त अप्रारंभ/अपूर्ण कार्यों को दिसम्बर, 2019 तक पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना अंतर्गत दिनांक 23 जनवरी, 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में 1204 कृषकों को स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु विद्युत अधोसंरचना के विस्तार सहित आवश्यकतानुसार वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य शेष है, जिसे योजनान्तर्गत निर्धारित समय-सीमा (कृषक द्वारा अंश राशि जमा करने के उपरांत 6 माह) में पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
किसानों को राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
39. ( क्र. 379 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में जनवरी 2019 की स्थिति में समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना, मूंग, मसूर आदि फसलों की भावांतर भुगतान योजना में कितने किसानों की कितनी राशि का भुगतान बकाया है? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) उक्त किसानों को कब तक राशि का भुगतान किया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) राशि भुगतान न होने के लिये कौन-कौन अधिकारी जवाबदार है? (घ) क्या किसानों को ब्याज सहित राशि का भुगतान किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जनवरी 2019 की स्थिति में खरीफ 2017 में मूंग, उड़द, सोयाबीन, मक्का, तुअर, मूंगफली, तिल एवं रामतिल फसलों को भावांतर योजना के अन्तर्गत कृषकों द्वारा अधिसूचित मंडियों में विक्रय किये जाने वाले 12 कृषकों को तुअर फसल की भावांतर राशि रू. 116793/- का भुगतान शेष है। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एन.आई.सी. भोपाल द्वारा गणना पत्रक सूची प्रदर्शित होने के पश्चात भुगतान की कार्यवाही की जावेगी। (ग) भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत तुअर फसल विक्रय किये जाने वाले 12 कृषकों के भुगतान लंबित होने का कारण नीलामी के दौरान कृषकों के गलत पंजीयन नंबर अंकित है। जिनके विक्रय संव्यवहारों की प्रविष्ट पोर्टल पर समय पर दर्ज नहीं हो सकी है तथा बाद में पोर्टल बंद हो गया। प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड से कलेक्टर रायसेन के पत्र क्रमांक/टीए/भा.भु.यो/2018-19/916-17 रायसेन दिनांक 02.02.2019 द्वारा उक्त शेष कृषकों के भुगतान हेतु मार्गदर्शन चाहा गया था। प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड भोपाल के पत्र क्रमांक/मं.बो./भा.भु.यो./2017/131/3474 भोपाल, दिनांक 04.02.2019 से दी गयी अनुमति अनुसार दिनांक 08.02.2019 को शेष 12 कृषकों की छूटी गई प्रविष्टियों में से 11 कृषकों की प्रविष्ट पूर्ण की जा चुकी है तथा 01 कृषक की प्रविष्ट तकनीकी कारणों से अभी भी शेष है। (घ) भावांतर भुगतान योजना अन्तर्गत कृषकों को अंतर की राशि पर ब्याज देने का कोई प्रावधान नहीं है।
लंबित प्रकरणों का निराकरण कर मुआवजे का भुगतान
[राजस्व]
40. ( क्र. 381 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 19 की स्थिति में रायसेन जिले में सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण तथा आर.बी.सी. 6 (4) के तहत राहत राशि भुगतान के कितने प्रकरण कब से एवं क्यों लंबित है? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) उक्त प्रकरणों का निराकरण कब तक होगा? उक्त लंबित प्रकरणों की समीक्षा किन-किन अधिकारियों ने कब-कब की? परिणाम क्या रहा? (ग) जनवरी 19 की स्थिति में रायसेन जिले में ऐसे कितने किसान हैं जिनकी भूमि पर बांध, नहर, पुल तथा सड़क का निर्माण हो रहा है या हो गया है, परंतु उनकों मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ? भुगतान कब तक होगा? (घ) किसानों की निजी भूमि पर बांध सड़क आदि निर्माण कार्यों की स्थिति में मुआवजा राशि भुगतान के संबंध में क्या गणना सिंचित-असिंचित की परिभाषा के संबंध में क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जनवरी 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में सीमांकन बंटवारा नामांतरण एवं आर.बी.सी. 6 (4) के लंबित प्रकरण तहसीलवार निम्नानुसार है:-
तहसील |
सीमांकन |
बंटवारा |
नामांतरण |
आरबीसी 6 (4) |
रायसेन |
25 |
145 |
377 |
0 |
गैरतगंज |
03 |
46 |
124 |
0 |
बेगमगंज |
01 |
79 |
294 |
132 |
बाड़ी |
03 |
37 |
246 |
0 |
सिलवानी |
130 |
20 |
400 |
0 |
बरेली |
0 |
11 |
88 |
0 |
उदयपुरा |
26 |
71 |
240 |
0 |
गोहरगंज |
09 |
129 |
502 |
0 |
सुल्तानपुर |
0 |
08 |
67 |
0 |
योग |
197 |
546 |
2338 |
132 |
जिले की तहसील
रायसेन में बंटवारा
के 10, नामांतरण
के 5 तथा
तहसील
गैरतगंज में बंटवारा
के 10, नामांतरण
के 7 प्रकरण 01
वर्ष से अधिक
की सीमा में
विवादित होने
के कारण लंबित
है। (ख) अविवादित
प्रकरणों को
राजस्व लोक
अदालत दिनांक 16-02-2019
में निराकरण
हेतु चिन्हाकिंत
किया गया है। लंबित
प्रकरणों की
समीक्षा
प्रतिमाह
कलेक्टर/अपर
कलेक्टर/अनुविभागीय
अधिकारी
राजस्व के
द्वारा
नियमित रूप से
की जा रही है। (ग)
जनवरी 2019
की स्थिति में
रायसेन जिले
में कुल 3017
किसान है
जिनकी भूमि पर
बांध, नहर, पुल
तथा सड़क का
निर्माण हो
रहा है या हो
गया है परंतु 676
किसानों को
मुआवजा राशि
का भुगतान नहीं
हुआ है। स्वत्व
संबंधी विवाद
न्यायालय
में प्रचलित
होने, संयुक्त
रूप से कृषि
भूमि अंकित
होने
सहखातेदारों
के रूप में
उपस्थिति न
होने के कारण
भुगतान लंबित
है। (घ) मुआवजा
राशि का
निर्धारण
भू-अर्जन, पुनर्वासन
और पुर्नव्यवस्थापन
में उचित
प्रतिकर और
पारदर्शिता
अधिकार
अधिनियम, 2013
की धारा 26 की
तहत भूमि के
बाजार मूल्य
के आधार पर
होता है। बाजार
मूल्य का
निर्धारण
वाणिज्य कर
विभाग के अधीन
पंजीयन एवं
मुद्रांक
महानिरीक्षक
द्वारा अंतिम
की गई कलेक्टर
गाईडलाईन के
आधार पर होता
है जिसमें
सिंचित एवं
असिंचित के
लिए पृथक-पृथक
दरें
निर्धारित
रहती है।
मुख्य मंत्री ग्रामीण पेयजल योजना के अंतर्गत पेयजल का प्रदाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
41. ( क्र. 389 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रदाय हेतु नल-जल योजना शुरू की गई है? तो कब तक योजना में शामिल ग्रामों में पेयजल प्रदाय प्रारम्भ कर दिया जायेगा? गांव में सी.सी. युक्त रास्ते/गलियों में पाईप-लाईन बिछाने के लिये सी.सी. को तोड़े जाने का क्या प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या यहां के गांव में लाईन बिछाते समय सड़कें तोड़कर नष्ट कर दिया गया है? उनकी मरम्मत के लिये क्या किसी विभाग के द्वारा कोई कदम उठाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इस विधान सभा क्षेत्र के गांव में प्रश्नगत सड़कें कब तक ठीक कर दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत दो ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजनायें प्रारंभ की गई है। निवाड़ी समूह जलप्रदाय योजना अंतर्गत 32 ग्रामों में से 26 ग्रामों में जल प्रदाय प्रारम्भ कर दिया गया है, शेष ग्रामों में पाईप-लाईन टेस्टिंग का कार्य किया जा रहा है टेस्टिंग का कार्य पूर्ण होने पर नियमित जल प्रदाय प्रारम्भ कर दिया जावेगा तथा निवाड़ी-पृथ्वीपुर-1 समूह जल प्रदाय योजनान्तर्गत योजना के कार्य प्रगतिरत हैं, अनुबंध के अनुसार योजना दिनांक 26.11.2019 तक पूर्ण होना लक्षित है। इस योजना के कार्य पूर्ण होने पर जल प्रदाय प्रारंभ किया जा सकेगा। पाईप-लाईन बिछाने हेतु खोदी गई ट्रैंच को पाईप-लाईन डालने के उपरांत उसी प्रकार पूर्ववत् (पूर्वानुसार) करने का उत्तरदायित्व संबंधित निर्माण एजेंसी का है। (ख) जी नहीं, केवल पाईप लाईन कार्य हेतु सड़क पर ट्रैंच खोदी गई है। जी हाँ, पाईप लाईन बिछाने एवं टेस्टिंग का कार्य प्रगति पर है, टेस्टिंग कार्य पूर्ण होने के उपरांत ग्रामों में पाईप लाईन बिछाने हेतु सड़कों पर खोदी गई ट्रैंच में पाईप लाईन कार्य पूर्ण होने के पश्चात् सड़क को पूर्ववत् कर दिया जाएगा। यह कार्य संबंधित निर्माण एजेंसी द्वारा किया जा रहा है, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
जबलपुर मण्डला सड़क का निर्माण
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 409 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग 12 ए जबलपुर से मण्डला तक कहाँ से कहाँ तक कितने-कितने कि.मी. सड़क का निर्माण कराने की मूल योजना क्या है? इसकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? (ख) प्रश्नांकित सड़क निर्माण कार्य का ठेका कब किस एजेन्सी को किन शर्तों पर दिया गया? एजेन्सी ने कार्य कब प्रारंभ किया? निर्धारित कार्य योजना के तहत एजेन्सी ने कहाँ से कहाँ तक का कौन-कौन सा कितना कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण नहीं कराया है एवं क्यों? कहाँ से कहाँ तक कितने कि.मी. तक का कौन सा कार्य कब से अपूर्ण/निर्माणाधीन है एवं क्यों? इसे कब तक पूर्ण कराया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में डोबीगांव और उससे आगे मण्डला तक का कितने कि.मी. तक का हिस्सा कब से अत्यधिक खराब है एवं क्यों? निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण न कराने के लिए कौन दोषी है? क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषी अधिकारियों व एजेन्सी पर कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) यह सही नहीं है कि डोबीगांव और उसके आगे मंडला तक का हिस्सा अत्यधिक खराब है, मार्ग का यह भाग अपूर्ण होकर निर्माण एजेंसी द्वारा वाहनों के चलने योग्य बनाए रखा जाता है। निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण न करने का कारण वन विभाग की अनुमति में प्रारंभिक विलंब एवं निर्माण एजेंसी के प्रबंधन में कमी होना है। अनुबंधानुसार एजेंसी को नोटिस दिया गया है। कोई अधिकारी दोषी नहीं है अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वन भूमि के ग्रामों को राजस्व विभाग द्वारा राजस्व ग्रामों में व्यवस्थापन
[राजस्व]
43. ( क्र. 423 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह (नातीराजा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में क्या वन विभाग एवं राजस्व विभाग की भूमि का व्यवस्थापन हुआ है? यदि हुआ है तो किस दिनांक से किस दिनांक तक का व्यवस्थापन किया गया है? (ख) क्या पन्ना नेशनल पार्क से विस्थापित किए गए ग्राम मोटाचौकन,रैपुरा,चनारी के रहवासियों को विस्थापित किया गया है? (ग) प्रश्न दिनांक तक क्या इन विस्थापित ग्रामों के लोगों को भूमि स्वामी अधिकार दिए गए? यदि नहीं, तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। व्यवस्थापन वर्ष 2006-2007 से 2009-2010 तक किया गया। (ख) जी हां। (ग) जी नहीं। विस्थापित परिवारों को पन्ना टाईगर रिजर्व पुर्नवसाहट पर आवंटित वन भूमि के अस्थाई भू-अधिकार प्रमाण पत्र प्रदाय किए गए है।
निर्मित निमार्णाधीन गुणवत्ताविहीन कार्यों की जांच
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 427 ) श्री विनय सक्सेना : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्र जबलपुर उत्तर के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक लोक निर्माण विभाग में कितना बजट प्रावधान किस-किस योजनान्तर्गत किया गया था? स्वीकृत योजनाओं में कितनी योजनाएं पूर्ण हैं एवं कितनी अपूर्ण? स्वीकृत राशि सहित विवरण देंवे। (ख) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित स्वीकृत योजनाओं में से अधिकांश कार्य प्रारंभ नहीं हो पायें हैं यदि हाँ, तो क्यों? योजनाओं के क्रियान्वयन में इतना विलंब क्यों हुआ, इसका दोषी कौन है? उन पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों? योजनाओं के विलंब होने से शासन पर कितना अतिरिक्त भार आया? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक निर्मित एवं निर्माणाधीन कार्य गुणवत्ताविहीन थे एवं पूर्ण कार्य वर्तमान में क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, यदि हाँ, तो इनकी जांच प्रश्न दिनांक तक शासन द्वारा क्यों नहीं की गई, शासन पूर्ण एवं निर्माणाधीन कार्यों की जांच कमेटी कब तक गठित करेगा? क्या जांच प्रश्नकर्ता के समक्ष होगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विभाग को विधानसभा क्षेत्रवार बजट प्राप्त नहीं होता है। प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र जबलपुर उत्तर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 तक योजना मद अंतर्गत कोई भी बजट प्रावधान विधानसभा क्षेत्रवार नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु प्रयास
[लोक निर्माण]
45. ( क्र. 432 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मकड़ाई से मसनगांव (जिला-हरदा) सड़क मार्ग पर विगत तीन वर्षों में कितनी सड़क दुर्घटना हुई? इन दुर्घटना में कितने लोगों की मृत्यु हुई? क्या बड़े एवं भारी वाहनों की अनियंत्रित गति से ये दुर्घटना हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या विगत वर्षों से अनुबंधित एजेंसी द्वारा नियमित मेंटेनेंस नहीं करने के कारण सड़कें जर्जर होने की कगार पर है? विभाग द्वारा संबंधित एजेंसी को कब-कब नोटिस जारी किये गए? (ग) इन सड़क दुर्घटनाओं में जन धन की हानि रोकथाम के लिये लोक निर्माण विभाग द्वारा क्या कदम उठाये जा रहे हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लोक निर्माण विभाग में दुर्घटना संबंधित जानकारी संधारित नहीं की जाती है। पुलिस विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मार्ग पर आवश्यकतानुसार सूचना एवं चेतावनी, संकेतक बोर्ड लगाये गये है।
रोडों के निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
46. ( क्र. 433 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.आर.डी.सी. के अधीन निर्मित हो रहे टेमागांव से छिदगांव एवं सिराली से चारवा मार्ग (हरदा जिले अंतर्गत) अनुबंध अनुसार उल्लेखित मार्ग के निर्माण के किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य होने थे? रोडों के कार्य पूर्ण होने का समय बताएँ? (ख) क्या निर्माण कंपनी द्वारा सी.सी. रोड निर्माण में घटिया रेत एवं स्तरहीन गिट्टी का इस्तेमाल किया गया है? यदि हाँ, तो घटिया निर्माण के संबंध में शासन द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ग) प्रश्न क्र. (क एवं ख) अंतर्गत इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता रिपोर्ट की छायाप्रति देवें? (घ) प्रश्न क्र. (क एवं ख) के संदर्भ में साईड सोल्डर भरे जाने में की गई लापरवाही के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) साईड शोल्डर का निर्माण कार्य निर्धारित मापदंड अनुसार कराया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौ-शाला का निर्माण
[पशुपालन]
47. ( क्र. 436 ) श्री पुरुषोत्तम तंतुवाय : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) घोषणानुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौ-शाला का निर्माण कब तक होगा? (ख) गौ-शाला के रख-रखावों संबंधी कार्य किस विभाग का होगा और कार्य संरचना क्या होगी? (ग) क्या आवारा पशुओं के रख-रखाव का भी प्रावधान होगा? यदि होगा तो उसकी कार्य संरचना क्या होगी?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) गौशालाओं का निर्माण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) गौशालाओं के रख-रखाव के कार्य पशु पालन विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से किया जाएगा। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण कराने हेतु कार्यवाही
[लोक निर्माण]
48. ( क्र. 450 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कितने नवीन सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत कार्यों के नाम, लागत कार्य पूर्ण करने की दिनांक, कार्य की भौतिक प्रगति से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित अवधि के सड़क निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण न होने एवं प्रारंभ न करने के कारणों से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शाये गये अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों को पूर्ण एवं प्रारंभ कराने के लिये विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
अपूर्ण एवं प्रगतिरत सड़कों का कार्य समयावधि में पूर्ण कराना
[लोक निर्माण]
49. ( क्र. 451 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत लोक निर्माण विभाग अंतर्गत आने वाली सड़कों के नाम एवं लंबाई की जानकारी से अवगत करावें? उक्त सड़कों की मरम्मत/जीर्णोद्धार अंतिम बार किस वर्ष किया गया था? सड़कों की मरम्मत/जीर्णोद्धार कार्य कितने-कितने अंतराल से कराये जाने के क्या नियम है? नियम की प्रति प्रदान करें? (ख) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) वर्णित किन-किन सड़कों का मरम्मत जीर्णोद्धार कार्य निविदा बुला कर करवाया जा रहा हैं? प्रगतिरत सड़कों की स्वीकृत राशि, ठेकेदार का नाम, उसके विरुद्ध व्यय राशि, सड़क की लंबाई तथा किये गये कार्य की भौतिक स्थिती तथा कितना कार्य शेष है की सड़कवार कार्यों की जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में दर्शित प्रगतिरत कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण न करने हेतु दोषी ठेकेदार, अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी तथा अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण कराये जावेंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' में वर्णित कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण न करने पर संबंधित ठेकेदारों के विरूद्ध अनुबंधानुसार काली सूची में डालने की कार्यवाही प्रचलन में होने के कारण अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्नांश की विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के कल्याण योजना
[विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]
50. ( क्र. 457 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत घुमक्कड़, अर्द्धघुमक्कड़ जातियों के अंतर्गत कितनी जातियों को चिन्हित किया गया है? इन जातियों के नाम एवं जनसंख्या देवास जिले में कितनी है? (ख) कन्नौद एवं खातेगांव तहसील में निवासरत ''गाड़ोत्या'' -''टाकिया'' जातियों को इस श्रेणी में क्या शामिल किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो इन लोगों को सरकार की ओर से आवासीय भूमि का पट्टा प्रदान किया जाने की कोई योजना है एवं रोजगार के लिये ऋण देने का कोई प्रावधान है? (घ) यदि ऋण और आवास या आवासीय पट्टा दिया गया है, तो उसकी संख्या एवं हितग्राही परिवार के कितनों को लाभ मिला है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) देवास जिले के अंतर्गत 11 जातियों को। इन जातियों के नाम इस प्रकार है:- (1) बंजारा (2) बागरी (3) धनगर (4) नट (5) सांसी (6) गारोडीया लोहार (7) बेरागी (8) कालबेलीया (9) सिक्लीगर (10) मोगीया (11) पारधी। अनुमानित जनसंख्या 35475 है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नसरूल्लागंज से संदलपुर फाटा मार्ग पर जामनेर नदी पुलिया पर रेलिंग निर्माण
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 458 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत नसरूल्लागंज से संदलपुर फाटे के मध्य जामनेर नदी के पुल पर रेलिंग नहीं होने से आये दिन वाहन नदी में गिर रहे हैं जिससे लोगों की मृत्यु एवं गंभीर रूप से घायल होने की घटनाएं आम हो चुकी है। (ख) क्या कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में वाहनों की आवाजाही वाले इस मार्ग पर अभी तक रेलिंग लगाने के प्रति विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं है? (ग) क्या रेलिंग लगाने के लिये विभाग के पास वित्तीय संसाधन उपलब्ध नहीं है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) यदि पर्याप्त बजट उपलब्ध है तो यह कार्य कब तक करवा दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) दायित्व निवेशकर्ता एजेंसी का है। निवेशकर्ता एजेंसी द्वारा, हटाने योग्य रेलिंग (कोलेप्सिबल रेलिंग) लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। (ग) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अनुबंधानुसार संधारण का दायित्व निवेशकर्ता एजेंसी का है। उनके द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
हरदा जिले की नहरों का लाइनिंग कार्य
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 470 ) श्री कमल पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले में नहरों की लाइनिंग का कार्य चल रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो हरदा जिले में नहरों की लाइनिंग हेतु निविदा कब निकाली गई? निविदा किस दर पर कितनी राशि की कितनी समय-सीमा के कार्य करने हेतु किस एजेंसी को दी गई? (ग) क्या हरदा जिले में चल रहे नहरों की लाइनिंग का कार्य समय-सीमा में हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या नहरों की लाइनिंग का जो कार्य हुआ है उसमें कहीं कहीं दरारें आ रही हैं? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है।
किसानों की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
53. ( क्र. 477 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले में किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के द्वारा किसानों को कर्जमाफी के लिये किन योजनाओं से कर्ज लिये जाने पर कर्ज माफी का लाभ दिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या किसानों के खाद बीज कृषि यंत्र हार्टीकल्चर एवं कुंआ पम्प आदि के लिये बैंकों से लिये गये कर्ज, कर्ज माफी के लिये पात्र हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने किसानों को कर्ज माफी के लिये चयनित किया गया हैं और कितने किसान शेष हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सेवा सहकारी बैंक/सहकारी समितियों के अन्तर्गत कुसमी, पोड़ी टमसार, मझौली, ताला, मड़वास, टिकरी, गिजवार, निवास, महुआगांव, झारा एवं सरई से कितने किसानों को कर्जमाफी के लिये पात्र बनाया गया है? बैंक/समितिवार संख्या उपलब्ध करावें। अपात्र किसानों की संख्या बैंक/समितिवार संख्या उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) योजना केवल अल्पकालीन फसल ऋण के लिये है। उत्तरांश 'क' अनुसार। (ग) योजना प्रावधान अनुसार एम.पी. ऑनलाईन के पोर्टल पर राष्ट्रीयकृत बैंक, सहकारी बैंक एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक द्वारा अपलोड कराई गई सूची अनुसार जिला सीधी में लगभग 25753 एवं जिला सिंगरौली में लगभग 19525 ऋण खातेदार संभावित है। योजना प्रावधान अनुसार उक्त संख्या के अलावा बैंक ऋण खातों की बैंकों से प्राप्त प्रदर्शित सूची अनुसार किसान शेष नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो एवं तीन अनुसार है।
सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 478 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के विकासखंड कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने सड़कों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितनी सड़कें निर्माणाधीन हैं एवं कौन-कौन सी सड़कें अपूर्ण हैं? अपूर्ण एवं निर्माणाधीन सड़कें क्या समय-सीमा के अन्दर पूर्ण कर ली जावेंगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें। गुणवत्तायुक्त सड़कों के निर्माण हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? सीधी जिले के अन्तर्गत खाम्हघाटी, पथरौला-टिकरी गिजवार मार्ग जर्जर हालत में है, क्या इस सड़क के निर्माण हेतु विभाग के पास प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में विकासखण्ड कुसमी, मझौली एवं देवसर के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में कुल 35 नग सड़कें स्वीकृत हुई है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। गुणवत्तायुक्त सड़कों के निर्माण नियमित पर्यवेक्षण कर शासन के पत्र दिनांक 30.11.2011 के द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार सामग्रियों का परीक्षण मापदण्डानुसार प्रयोगशाला द्वारा आंकलन कर मानकों व विशिष्टताओं के अनुरूप एम.ओ.आर.टी.एच. के पाँचवे संस्करण के अनुसार कराये जाते है। खाम्हघाटी पथरौला टिकरी गिजवार मार्ग लंबाई 26.69 कि.मी. मोटरेबल है। मार्ग उन्नयन का प्रस्ताव लंबित है वित्तीय संसाधन सीमित होने के कारण वर्तमान में स्वीकृति के संबंध में समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषकों की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
55. ( क्र. 482 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता विभाग में गुढ़ विधानसभा क्षेत्र की किन-किन पंचायतों में कितने कृषकों की कितनी कर्ज माफी हुई है? इसके आलावा अन्य बैंकों के पंचायतवार कृषकों की संख्या बताएं। (ख) क्या गुढ़ विधान सभा क्षेत्र में ग्राम पंचायतों में जो सूची भेजी गई है, उसमें उन कृषकों के भी नाम हैं, जिन्होंने कभी कर्ज लिया ही नहीं? या जिन्होंने कर्ज अदायगी कर दिया है? क्या इसकी जांच कराई जा रही है? इसमें दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या ग्राम पंचायत महसांव जनपद पंचायत रीवा के कृषक राममिलन चौरसिया, पिता द्धारिका चौरसिया, नारायण दास चौरसिया,राघवदास चौरसिया,सहित कई कृषकों के नाम कर्ज सूची में हैं जबकि उनके द्वारा कभी कर्ज नहीं लिया गया या जिसने लिया वो अदा कर रसीद रखे हुऐ हैं, इसके बावजूद कृषकों के नाम कर्ज मांफी की जा रही है? इसके लिये कौन जिम्मेदार है? क्या जिम्मेदार अधिकारी,कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) योजनान्तर्गत नियत प्रक्रिया अनुसार कर्जमाफी की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। यदि ऐसे कृषकों के नाम, जिन्होंने कभी कर्ज लिया ही नहीं या जिन्होंने कर्ज अदायगी कर दी है कि शिकायत प्राप्त होगी तो जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनावर में अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी द्वारा जमीन अधिग्रहण
[राजस्व]
56. ( क्र. 487 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले के मनावर में स्थापित अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने जमीन अधिग्रहण के समय सरकार से किन नीतियों और मुद्दों पर करार किया था? अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी का सरकार के साथ हुए करार की कॉपी उपलब्ध करायें। (ख) अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी द्वारा कितना हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है? इसमें कितनी जमीन आदिवासी वर्ग के व्यक्ति की है, कितना गैर-आदिवासी वर्ग के व्यक्ति की है, कितनी हेक्टेयर सिंचित भूमि है और कितनी बंजर भूमि है? (ग) क्या अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने मनावर क्षेत्र के जिन लोगों की जमीन ली है वह अनुसूचित क्षेत्र है तथा वहां पाँचवीं अनुसूची एवं पेसा कानून के प्रावधान लागू होते हैं। यदि हाँ, तो क्या जिन मापदंडों पर अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने 32 गांवों की जमीन अधिग्रहण की, क्या उन मापदंडों को अल्ट्राटेक कंपनी ने अभी तक पूरा किया? (घ) क्या उद्योग के लिए जमीन अधिग्रहण करते समय जमीन जाने से प्रभावित प्रत्येक परिवारों के एक व्यक्ति को नौकरी देने का प्रावधान है, यदि हाँ, तो इसके अंतर्गत अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने कितने प्रभावित परिवारों के व्यक्तियों को नौकरी दी है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले के मनावर तहसील में अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के लिए सरकार के साथ हुए करार (एम.ओ.यू) की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) धार जिले की मनावर तहसील में अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग स्थापित करने हेतु कंपनी द्वारा 90.611 हेक्टर निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया है, उक्त अधिग्रहित भूमि में से अनुसूचित जनजाति के कृषकों की 52.571 हेक्टर तथा गैर आदिवासी वर्ग के कृषकों की 38.040 हेक्टर निजी भूमि अधिग्रहित की गई है। सिंचित भूमि का कुल क्षेत्रफल 47.988 हेक्टर एवं असिंचित भूमि का कुल क्षेत्रफल 42.623 हेक्टर है तथा बंजर भूमि का क्षेत्रफल निरंक है। (ग) अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी ने मनावर के जिस क्षेत्र की जमीन ली है वह अनुसूचित क्षेत्र होकर पाँचवीं अनुसूची लागू नहीं है। अल्ट्राटेक कंपनी द्वारा मापदण्ड अनुसार निरंतर कार्यवाही की जा रही है। (घ) अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी द्वारा प्रभावित प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को योग्यता अनुसार नौकरी दिये जाने का प्रावधान किया है। कंपनी द्वारा 07 व्यक्तियों को स्थायी/अस्थायी रोजगार दिया गया तथा 82 इच्छुक खातेदारों को एकमुस्त रूपये 3,00,000/-प्रति खातेदार को रोजगार अनुदान दिया गया। शेष खातेदारों को कंपनी द्वारा नौकरी हेतु निरन्तर प्रक्रिया प्रचलित है।
कृषक हितेषी योजनाओं के अंतर्गत राशि का आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
57. ( क्र. 494 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय (राजू भैया) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा समस्त किसानों के दो लाख रु. तक के कर्ज माफ़ किये जाने का निर्णय लिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में कितने किसानों के कर्जा माफ़ किये जाने हेतु अब तक क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) कृपया बतायें कि रतलाम मंदसौर एवं नीमच जिले अंतर्गत कुल कितने कृषकों का कर्ज बकाया है? जिलेवार अवगत कराएं l (घ) भावान्तर योजना एवं कृषक समृद्धि योजना अंतर्गत शासन/विभाग द्वारा उज्जैन संभाग के कृषकों को कितनी-कितनी राशि आवंटित की गयी? कुल प्रदेश की राशि एवं उज्जैन संभाग को जिले वार दी गयी राशि पृथकतः अवगत कराएं l
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार योजना लागू की गई है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार कर्ज माफी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) एम.पी. ऑनलाईन के फसल कर्ज माफी पोर्टल पर राष्ट्रीयकृत बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंकों द्वारा अल्पकालीन फसल ऋण की 31.03.2018 की स्थिति में बकाया की राशि निम्नानुसार जय किसान फसल ऋण माफी योजना में सूची (ग्राम पंचायत एवं बैंक शाखा) में प्रदर्शन हेतु उपलब्ध कराई गई है।
जिले का नाम |
बकाया कर्ज की संभावित राशि (करोड़ में) |
संभावित ऋण खातेदारों की संख्या |
रतलाम |
1675.01 |
147148 |
मंदसौर |
1794.35 |
183430 |
नीमच |
842.25 |
90489 |
(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
अनुसूचित जनजाति के परिवारों को शत्-प्रतिशत खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराने की योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
58. ( क्र. 501 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल कितने अ.ज.जा. परिवार है, कितने परिवारों के पास खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध है, कितने परिवार खाद्यान्न पर्ची से वंचित हैं, वंचित परिवारों की सूची ग्रामवार उपलब्ध करावें? (ख) क्या करण है कि वर्तमान में भी इन परिवारों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध नहीं कराई गई है, जबकि नियमानुसार शत्-प्रतिशत अ.ज.जा. परिवार खाद्यान्न लेने हेतु पात्रता रखते हैं, इस प्रक्रिया में कौन दोषी हैं तथा वर्तमान तक क्या इन परिवारों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध नहीं होने पर दोषियों के खिलाफ जांच अथवा कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी? (ग) शत्- प्रतिशत खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराने हेतु भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कोई अभियान चलाया जाएगा? यदि हाँ, तो उसकी समय अवधि क्या होगी तथा नहीं तो वंचित परिवारों को खाद्यान्न पर्ची उपलब्ध कराने हेतु शासन की क्या योजना है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति के कुल 48,544 परिवार हैं, जिनमें से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति की श्रेणी अंतर्गत 25,033 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है। अधिनियम के अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति के अतिरिक्त 23 अन्य श्रेणी के परिवारों को पात्र परिवार के रूप में सम्मिलित किया गया है, इन श्रेणियों में अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों को भी सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची जारी की गई है। समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवारों का डेटा पृथक-पृथक उपलब्ध न होने के कारण अनुसूचित जनजाति श्रेणी अंतर्गत कितने परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की गई है, की जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत अनुसूचित जनजाति के 142 आवेदकों को पात्रता पर्ची जारी किया जाना शेष है, जिसकी ग्रामवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75.26 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर के अनुसार।
कृषकों द्वारा विक्रय की गयी धान का भुगतान
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
59. ( क्र. 510 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला होशंगाबाद अन्तर्गत धान खरीदी हेतु समयावधि निर्धारित कर रजिस्ट्रेशन के लिये आदेश जारी किये गये थे? (ख) पोर्टल पर सर्वर डाउन या विभाग की लापरवाही के कारण जिन कृषकों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है, ऐसे कृषकों को उनकी धान की उपज के क्रय हेतु शासन द्वारा क्या व्यवस्था प्रदान की जावेगी? (ग) क्या रजिस्टर्ड कृषकों द्वारा बेची गयी धान के भुगतान में विसंगति हो रही हैं कि जिन कृषकों की धान का क्रय एक ही दिनांक में किया गया है, उन्हें राशि का भुगतान पृथक-पृथक दिनांकों में किया जा रहा है एवं कई किसानों को प्रश्न दिनांक तक भी भुगतान अप्राप्त हैं, इस अव्यवस्था के लिये कौन उत्तरदायी हैं? क्या संबंधितों के विरूद्ध उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) जी हां। (ख) समर्थन मूल्य पर किसानों से धान उपार्जन हेतु कृषक पंजीयन दिनांक 10.08.2018 से 11.09.2018 तक किया गया, जिसकी अवधि दिनांक 20.09.2018 तक तथा 29.09.2018 तक बढ़ाई गई। इस प्रकार किसानों को अपने पंजीयन के लिए पर्याप्त समय दिया गया। पंजीयन से शेष रहे किसानों का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ग) किसानों द्वारा समर्थन मूल्य पर विक्रय धान का भुगतान सीधे बैंक खाते में जस्ट-इन-टाईम व्यवस्था अंतर्गत करने का प्रावधान किया गया है, इसके अंतर्गत उपार्जित स्कन्ध के परिवहन उपरांत स्वीकृति पत्रक के आधार पर ई-पी.ओ. जारी कर डिजिटल हस्ताक्षर उपरांत भुगतान किया जाता है। किसान की उपज के परिवहन जैसे-जैसे होता है उसी आधार पर स्वीकृति पत्रक एवं ई-पी.ओ. जारी कर भुगतान की कार्यवाही की जाती है, जिसके कारण एक ही दिनांक में उपज विक्रय करने वाले किसानों को भुगतान की अवधि में भिन्नता होना स्वाभाविक है। जिले में किसानों का 39.50 करोड़ का भुगतान शेष है, जिसकी कार्यवाही प्रचलित है। राज्य स्तर से किसानों के खाते में प्रथम बार उक्तानुसार भुगतान व्यवस्था लागू करने में तकनीकी समस्या आई है, जिसके लिए किसी को उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता है।
भावांतर योजना के अंतर्गत फसलों की उपज का क्रय किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
60. ( क्र. 515 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा प्रांरभ की गयी भावांतर योजना के तहत वर्ष 2018-19 में नर्मदापुरम संभाग अंतर्गत कौन-कौन सी फसलें चिन्हित की गयी थीं? चिन्हित फसलों में से किन-किन फसलों की उपज का शासन द्वारा क्रय किया गया था, फसलवार मात्रा बतायें? (ख) क्या क्रय की गयी फसलों की उपज का भुगतान अभी भी शेष हैं? यदि हाँ, तो कितने कृषकों को कितना भुगतान किया जा चुका है एवं कितने कृषकों का कितना भुगतान शेष हैं? (ग) कंडिका (क) का उत्तर यदि हाँ, में है तो शेष रहे कृषकों को फसल की उपज का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा बताये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के आदेश क्र. डी-15/56/2018/14-3 भोपाल दिनांक 04 अक्टूबर, 2018 द्वारा खरीफ 2018 हेतु सोयाबीन एवं मक्का में ''भावांतर भुगतान योजना'' भारत सरकार की Price Deficit Payment Scheme (PDPS) के मापदण्डों के फ्लैट भावांतर भुगतान योजना लागू की गई। उक्त योजना नर्मदापुरम संभाग में लागू थी। राज्य शासन द्वारा योजना में चिन्हित फसलों का क्रय किया जाना प्रावधानित नहीं था तथा इस क्रम में चिन्हित फसलों का क्रय नहीं किया गया। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
शासकीय भूमि की पर शुगर मिल का निर्माण
[राजस्व]
61. ( क्र. 534 ) श्री संजय शर्मा (संजू भैया) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 1992-93 में तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के गाडरवारा तहसील के अंतर्गत, ग्राम पंचायत-लिंगा के ग्राम-खामघाट में सरकारी शुगर मिल का निर्माण शासकीय भूमि पर किया जाना था? यदि हाँ, तो वहाँ पर कितने हेक्टेयर भूमि में शुगर मिल स्थापित की जानी थी? (ख) वर्तमान में उक्त भूमि की क्या स्थिति है? क्या उक्त रकबा राजस्व विभाग के पास सुरक्षित है? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त भूमि के पट्टे प्रदान किये गये हैं? यदि हाँ, तो किस आधार पर कितनी भूमि के पट्टे कौन-कौन हितग्राहियों को प्रदान किये गये हैं? पट्टेदारों के नाम सहित जानकारी प्रदान करें एवं वर्तमान में कितने हेक्टेयर भूमि शेष है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। कुल 87.554 हे. भूमि निजी कंपनी को आवंटित की गई थी। (ख) प्रश्नाधीन भूमि पर कारखाना स्थापित न होने के कारण भूमि आवंटन निरस्त किया जाकर भूमि मध्यप्रदेश शासन दर्ज होकर राजस्व विभाग के पास सुरक्षित है। (ग) उपलब्ध जानकारी के अनुसार प्रश्नाधीन भूमि पर कृषि प्रयोजन हेतु 43 व्यक्तियों को पट्टे जारी किये गये है एवं 12 व्यक्तियों के नाम से भूमिस्वामी हक में दर्ज है जिसकी सूची क्रमश: पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। शेष भूमि वर्तमान में राजस्व अभिलेख में शासन के नाम पर अभिलिखित है।
छतरपुर जिले में स्थाईकर्मी को वेतन का भुगतान नहीं किए जाना
[जनजातीय कार्य]
62. ( क्र.
536 ) श्री
कुँवर विक्रम
सिंह (नातीराजा)
: क्या
जनजातीय
कार्य मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
विभाग
अंतर्गत वर्ष 2016 से
घोषित स्थाईकर्मियों
के वेतन का
भुगतान
दिनांक 30/12/2018 तक का किया
गया है? (ख) क्या
स्थाईकर्मियों
का दिनांक 30/12/2018 तक
का वेतन
भुगतान नहीं
किया गया है, यदि
हाँ, तो
कारण स्पष्ट
करें?
(ग) क्या
दिनांक 29/09/2018 द्वारा
आयुक्त
कार्यालय
भोपाल द्वारा 45 लाख
रु० केवल स्थाईकर्मियों
के वेतन
भुगतान हेतु
आवंटित किया गया
था, जिसका
उपयोग जिला अधिकारी
द्वारा अन्य
मदों के व्यय
पर कर दिया गया
है? यदि
हाँ, तो
इसके लिए दोषी
अधिकारी के
विरुद्ध
कार्यवाही की
जावेगी? यदि हाँ, तो कब
तक?
जनजातीय
कार्य मंत्री
( श्री ओमकार
सिंह मरकाम ) : (क) जी
हाँ। मांग
संख्या 33-0495-12 एवं 33-1398-12 मद
से कार्यरत स्थाई
कर्मियों का
वेतन भुगतान
दिनांक 30/12/2018 तक किया जा
चुका है। मांग
संख्या 33-0494-12 मद
से कार्यरत स्थाईकर्मियों
का वेतन
भुगतान नहीं
किया गया है। (ख) केवल
मांग संख्या 33-0494-12 मद
से कार्यरत स्थाईकर्मियों का
वेतन भुगतान
आवंटन के अभाव
में लंबित है।
(ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
खाद का वितरण किसानों को समय पर न किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
63. ( क्र. 539 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माह दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में किसानों को समय पर खाद/यूरिया का वितरण नहीं हुआ? यदि हाँ, तो प्रदेश के किसानों की कितनी फसलें इससे प्रभावित हुई हैं? (ख) उक्तावधि में प्रदेश के कौन-कौन से जिले में खाद न मिलने के कारण किसानों द्वारा आंदोलन किया गया? क्या खाद का वितरण पुलिस के निगरानी में किया गया व वितरण के दौरान किसानों पर लाठीचार्ज हुआ? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या उक्तावधि में प्रदेश में यूरिया/खाद की कालाबाजारी व खाद वितरण में अनियमितता की शिकायतें शासन/प्रशासन को प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो उन पर आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) माह दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में किसानों को उपलब्धता अनुसार समय पर खाद/यूरिया का वितरण सतत् किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उक्तावधि में प्रदेश के जिलों में खाद न मिलने के कारण किसानों द्वारा आंदोलन नहीं किया गया है। गुना, दतिया, अशोकनगर, भिण्ड, श्योपुरकलां, रायसेन, राजगढ एवं होशंगाबाद में पुलिस की निगरानी में उर्वरक का वितरण करवाया गया। लाठी चार्ज की कोई घटना प्रकाश में नहीं आई। (ग) प्रश्नागत अवधि में प्रदेश में यूरिया/खाद की कालाबाजारी व खाद वितरण में अनियमितता की जानकारी निम्नानुसार है- (1) जिला जबलपुर में वितरण में अनियमितता की एक शिकायत पाई गई, जिसमें संबंधित गोदाम प्रभारी पर निलंबन की कार्यवाही की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (2) जिला सतना में कालाबाजारी की दो शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें संबंधित के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (3) जिला ग्वालियर में कालाबाजारी की चार शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें दो फर्मों के विरूद्ध एफ.आई.आर. की कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया है तथा दो फर्मों के उर्वरक विक्रय प्राधिकार निलंबित किए गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (4) जिला होशंगाबाद में कालाबाजारी की एक शिकायत प्राप्त हुई, जिसमें संबंधित फर्म का लायसेंस निलंबित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (5) जिला दतिया में निरीक्षण के दौरान तीन व्यक्ति बगैर अनुज्ञप्ति के उर्वरक विक्रय करते पाये गये, जिसमें संबंधित के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
किसानों के ऋण माफी के तय मापदण्ड
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
64. ( क्र. 540 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन की प्रदेश के सभी किसानों के लिये दो लाख तक ऋण माफी की योजना है? यदि हाँ, तो प्रदेश के कुल कितने किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) क्या शासन द्वारा किसानों की ऋणमाफी हेतु कोई मापदण्ड तय किये हैं? यदि हाँ, तो किस प्रकार के? (ग) दिनांक 17 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के कितने किसानों के ऋण माफ हो चुके हैं? जिलेवार जानकारी देवें? (घ) दिनांक 17 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के कितने किसानों ने ऋण माफी न होने के कारण आत्महत्या की है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थिति में जिन किसानों पर किसान के नियमित ऋण खाते से मध्यप्रदेश स्थित ऋण प्रदाता संस्था सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा प्रदाय अल्पकालीन फसल ऋण की राशि बकाया है। उन्हें पात्रता अनुसार 2 लाख तक ऋण माफ किया जायेगा। जिलेवार जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हां, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कर्ज माफी की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) इस बाबत् विभाग को कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
रतलाम में बाजना रोड फोरलेन में भारी भ्रष्टाचार
[लोक निर्माण]
65. ( क्र. 544 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम बाजना रोड के ठेकेदार फर्म तथा कुल लागत राशि तथा कार्य प्रारम्भ करने की दिनांक की जानकारी दें। क्या अनुबंध के अनुसार कार्य पूर्ण हुआ? यदि नहीं, तो अनुबंध के अनुसार क्या पेनल्टी लगाई गई? DPR की प्रति तथा ठेकेदार तथा शासन के बीच हुए अनुबंध की प्रतियां देवें। (ख) रतलाम में बाजना बस स्टैण्ड चौराहे से वरोठ माता मंदिर तक निर्माणाधीन फोरलेन की प्रारम्भिक तथा नयी DPR की प्रति देवें तथा बतावे कि प्रारंभिक DPR में उसे 104 फीट चौड़ी बनाने का किसके निर्देश पर लिखा गया था? किसने स्वीकृत किया तथा उस DPR में रोड पर बस स्टैण्ड का झूठा उल्लेख क्यों किया गया? DPR में कार्य हेतु टेण्डर आमंत्रित करने का उल्लेख था, उसके बाद भी टेण्डर न कर रतलाम बाजना टू लेन के ठेकेदार को किसके निर्देश पर कार्य, किस दर से आवंटित कर दिया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रारम्भिक DPR के बाद नयी/परिवर्तित DPR किसके निर्देश पर, क्यों बनाई गई? उसमें किसके निर्देश पर चौड़ाई 104 फीट से 86 फीट की गई? इस फोरलेन के मध्य में 12 फीट चौड़ा रेल्वे ब्रीज की रेल्वे बोर्ड से ड्रांइग स्वीकृत हुए बीना ब्रीज का जीरो पाइंट, मध्य पाइंट, उँचाई कैसे तय की गई? (घ) प्रश्नांश (ख) की फोरलेन में भारी भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की जांच किसी उच्च अधिकारी से कराई जाएगी तथा क्या इस बात की जांच की जायेगी कि पहले 104 फीट के नाम पर 70 मकानों को 15 से 20 फीट तोड़ दिया गया और बाद में उसे 86 फीट बना दिया गया? क्या जिम्मेदारों पर सख्त कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मेसर्स आशीष इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड अहमदाबाद। कुल लागत रू. 10974.07 लाख। दिनांक 12.10.2016 को कार्य प्रारंभ किया गया। वर्तमान में कार्य प्रगतिरत है। कार्य पूर्णता उपरांत अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार निराकरण किया जावेगा। यद्यपि पेनल्टी हेतु 10 लाख रू. की राशि ठेकेदार के देयक से विभाग द्वारा रोकी गई है। डी.पी.आर. की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) एक ही डी.पी.आर. बनाई गई जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रेषित प्राक्कलन में 104 फीट चौड़ाई का प्रावधान नहीं रखा गया था, अपितु 70 फीट चौड़ाई का ही प्रावधान रखा गया था। अतः निर्देश एवं स्वीकृति का प्रश्न ही नहीं है। मार्ग के प्रारम्भिक भाग में पूर्व से बाजना बस स्टैण्ड था, जो कालांतर में अन्य स्थान पर स्थानांतरित हो गया। अतः डी.पी.आर. में बाजना बस स्टैण्ड का उल्लेख किया गया। जी हाँ, रतलाम बाजना कुशलगढ़ मार्ग के निर्माण जिसमें बाजना बस स्टैण्ड से बरोठ माता मंदिर सागौद रोड तक (टू-लेन) का भाग भी सम्मिलित था, इस भाग के फोरलेन कार्य को विभाग में प्रचलित नियमों के अनुक्रम में अनुबंधित संविदाकार द्वारा 24.42 प्रतिशत एस.ओ.आर से कम दर पर प्रचलित अनुबंध अंतर्गत कार्य सम्पादित कराया जा रहा है। (ग) विभाग द्वारा फोरलेन हेतु एक ही डी.पी.आर बनाई गई थी, जिसमें 70 फीट चौड़ाई का ही प्रावधान रखा गया था। रेल्वे ओव्हर ब्रिज की ड्राइंग रेल्वे विभाग द्वारा तैयार नहीं की गई है, रेल्वे विभाग द्वारा ड्राइंग प्राक्कलन तैयार करने हेतु राशि रूपये 18.48 लाख मांगी गई है, राशि जमा की जाना शेष है, तत्पश्चात् वर्किंग ड्राइंग बनाई जावेगी वर्तमान में कोई ऊंचाई तय नहीं की गई। अतः चौड़ाई 104 फिट से 86 फिट करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) फोरलेन निर्माण में किसी भी प्रकार की अनियमितता या भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। अतएवं जांच की आवश्यकता नहीं है। लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग निर्माण हेतु किसी भवन को तोड़ा नहीं गया हैं। अत: शेष प्रश्नांश अनुसार कार्यवाही का प्रश्न नहीं है।
आलोट विधान सभा अंतर्गत शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
66. ( क्र. 547 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट विधान सभा क्षेत्र में पिछले 3 वित्तीय वर्ष में शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने हेतु राज्य आयोजन तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितनी खर्च की गई? (ख) आलोट विधान सभा क्षेत्र में भू-जल स्तर की क्या स्थिति है? क्या यह अतिदोहित श्रेणी में शामिल है? यदि हाँ, तो पिछले 3 वर्षों में भू-जल संवर्धन एवं पुनर्भरण हेतु क्या-क्या कार्य किए गये तथा कितनी-कितनी राशि खर्च की गई? क्या राज्य शासन द्वारा पूर्व में भू-जल संवर्धन योजना के सही क्रियान्वयन न करने के कारण पेयजल एवं स्वच्छ मंत्रालय ने नवीन योजना हेतु राशि देने से इंकार कर दिया? इस हेतु कौन जिम्मेदार है? (ग) विभाग द्वारा पिछले 3 वर्षों में आलोट विधान सभा क्षेत्र में खोदे गये तथा सफल नल-कूप की गाँव अनुसार संख्या बतावें। क्षेत्र की कितनी-कितनी बसाहटों में पेयजल हैण्ड पम्प योजना तथा नल-जल योजना से वितरित किया जा रहा है तथा गुणवत्ता प्रभावित बसाहटें कितनी थीं, उनमें से कितनों में शुद्ध पेयजल व्यवस्था हो गई? (घ) क्या विगत 3 वर्षों में आलोट विधान सभा क्षेत्र में नल-कूप खनन के नाम पर काफी अनियमितताएं हुईं? क्या नल-जल योजना में काफी विलंब हुआ है? यदि हाँ, तो बतावें कि खोदे गये नलकूपों का भौतिक परीक्षण करने पर क्या पाया गया तथा नल-जल योजना में विलंब किन कारणों से हुआ?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) आवंटन जिलेवार दिया जाता है, विधान सभा क्षेत्रवार नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) क्षेत्र का औसत भू-जल स्तर लगभग 48 से 51 मीटर के मध्य है। जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में भू-जल संवर्धन एवं पुनर्भरण हेतु 25 रिचार्ज-पिट लागत रूपये 6.12 लाख एवं 19 रिचार्ज शॉफ्ट लागत रूपये 8.55 लाख के निर्माण कार्य किये गये। जी नहीं। भारत सरकार के संशोधित निर्देश अनुसार रिचार्ज के लिए चिन्हित राशि उपलब्ध नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 190 बसाहटों में हैण्ड पम्प योजना से तथा 95 बसाहटों में नल-जल योजना से पेयजल वितरित किया जा रहा है। 20 गुणवत्ता प्रभावित बसाहटें हैं। सभी बसाहटों में वैकल्पिक पेयजल स्त्रोतों के माध्यम से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कर दी गई है। (घ) जी नहीं। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
गौ-शालाओं हेतु अनुदान की जानकारी
[पशुपालन]
67. ( क्र. 553 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में कितनी-कितनी पंजीकृत गौ-शालाएं संचालित हैं? गौ-शाला का नाम सहित विवरण दिया जाए? (ख) प्रदेश सरकार द्वारा गौ-शालाओं के अनुदान हेतु प्रतिदिन, प्रति गाय के मान से कितनी राशि निर्धारित की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गौ-शालाओं को वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 प्रश्न दिनांक तक गौ-शालाओं को गायों के भरण-पोषण हेतु कितना-कितना अनुदान दिया गया? (घ) क्या तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा रूपये 17/- प्रति गाय प्रतिदिन के मान से गायों के संरक्षण हेतु अनुदान वृद्धि की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो शासन द्वारा घोषणा के पालन में क्या कार्यवाही की गई?
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) 26 पंजीकृत क्रियाशील गौ-शालाएं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) रू. 10/- प्रतिदिन, प्रति गाय के मान से परन्तु बजट की उपलब्धता के आधार पर अनुदान राशि दी जाती है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है।
जय किसान ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
68. ( क्र. 557 ) श्री संजीव सिंह (संजू) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत भिण्ड जिले में कितने किसान योजना में ऋण माफी हेतु पात्र पाये गये? विधान सभा क्षेत्रवार संख्या बतावें। (ख) क्या उक्त योजना में पात्र किसानों से नये बैंक खाते खुलवाये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो क्यों? क्या उनके द्वारा बिना खाता खोले ही बैंक से ऋण प्राप्त कर लिया गया था? (ग) क्या भिण्ड जिले में किसानों द्वारा किसी भी बैंक से ऋण नहीं लिया गया है और उनके नाम पर ऋण बताया गया है की शिकायत दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो कितने किसानों द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई? विधान सभा क्षेत्रवार संख्या बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) योजनान्तर्गत नियत प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों के कर्ज माफी की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 561 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के कितने किसानों ने जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितना कर्ज लिया था? संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर कितने किसानों की कितनी राशि का कर्ज माफ कर दिया गया है? संख्या बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर शेष किसानों का कर्जा माफ क्यों नहीं किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर जिन किसानों ने इसी समयावधि में राशि, डिफाल्टर होने से बचने हेतु जमा कर दी है, वह राशि किसानों को वापिस की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) योजनान्तर्गत नियत प्रक्रिया अनुसार कर्ज माफी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हरपुरा सिंचाई एवं नदी जोड़ो तालाब परियोजना
[जल संसाधन]
70. ( क्र. 562 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में हरपुरा सिंचाई एवं नदी जोड़ो तालाब परियोजना कब और कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से तालाबों में नहर द्वारा पानी भेजने की योजना बनाई गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि व्यय कर कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं और कौन-कौन से कार्य आज दिनांक तक शेष हैं? किस अधिकारी एवं कर्मचारी की देखरेख में किस ठेकेदार द्वारा किस दर पर कितना भुगतान किया जा चुका है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर हरपुरा केनाल एक्सटेंशन द्वारा बराना तालाब का कार्य इस योजना में सम्मिलित था? अगर हाँ तो इस कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति कब और कितनी लागत की थी? यह कार्य प्रश्न दिनांक तक क्यों बंद है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बराना तालाब में नहर द्वारा पानी भेजने का कार्य, बंद पड़े कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) हरपुरा सिंचाई एवं नदी जोड़ो तालाब परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 18.08.2015 को रू. 6091.69 लाख की प्रदान की गई थी। तालाबों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) हरपुरा केनाल एक्सटेंशन द्वारा बराना एवं दिगौड़ा तालाब को भरने के प्रस्ताव की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 12.02.2013 को रू. 3318 लाख की प्रदान की गई। ग्राम दिगौड़ा के आवासीय क्षेत्र एवं 10 ग्रामों की 56 हेक्टर व्यवसायिक भूमि प्रभावित होने के कारण प्रस्ताव का स्थानीय स्तर पर विरोध करने से कार्य बंद है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
भिण्ड जिले में अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
71. ( क्र. 565 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में दिनांक 01.04.2015 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में अवैध उत्खनन एवं परिवहन के कितने प्रकरण बनाये गये हैं? प्रकरणवार, दिनांकवार, कार्यवाहीवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (ख) के प्रकरणों में क्या यह जाँच की गई कि - क्या अवैध उत्खननकर्ता एवं परिवहनकर्ता इस तरह का कृत्य कब से कर रहे हैं और शासन को रॉयल्टी की कितनी आर्थिक क्षति पहुंचाई गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने प्रकरणों में यह सिद्ध हो चुका है कि अवैध उत्खनन हुआ है, उसमें क्या अर्थदण्ड सहित रॉयल्टी की वसूली की गई? (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में अवैध उत्खनन एवं परिवहन एवं ओवर लोडिंग की शिकायतें प्राप्त हुई? शिकायतकर्तावार एवं कार्यवाहीवार जानकारी दें।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऋण माफ़ी के नाम पर गुमराह होते किसान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
72. ( क्र.
607 ) श्री
यशपाल सिंह
सिसौदिया : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) प्रदेश
के कितने
किसानों पर
वर्ष 2018 की
खरीब की फसल
तथा वर्ष 2019 की रबी
की फसल हेतु
सहकारिता एवं
राष्ट्रीयकृत
बैंकों में
कितना ऋण है? कुल
संख्या एव कुल
ऋण राशि बतायें? 17
दिसम्बर 2018 से
प्रश्न दिनांक
तक प्रदेश में
कितने किसानों
के ऋण "जय
किसान फसल ऋण
माफ़ी योजना"
में माफ़ किये
जा चुके हैं, कितने
शेष हैं? (ख) प्रदेश
में शासन
द्वारा
वर्तमान में
ऋण माफ़ी योजना
हेतु कौन-कौन
से कृषक योग्य
हैं?
कौन-कौन से
अयोग्य, अयोग्यता
का कारण एवं
नियम सहित
विवरण देवें? (ग) प्रदेश
के किसानों के
ऋण माफ़ी हेतु
कितनी राशि का
बजट में
प्रावधान किया
गया है? क्या शेष
बची ऋण राशि
के भुगतान
हेतु मंडी बोर्ड
या अन्य
विकल्प लिए
गये हैं? यदि हाँ, तो
कितनी राशि
मंडी बोर्ड या
अन्य विकल्प
से ली जायेगी? (घ) क्या
शासन ऋण माफ़ी
के नाम पर
कृषकों को
गुमराह कर रहा
है तथा
विभिन्न
शर्तें लगाकर किसानों
को परेशान
किया जा रहा
है? जबकि
सहकारी बैंकों
एव
राष्ट्रीयकृत
बैंकों में
किसानों के
कर्ज की पूरी
जानकारी
मौजूद है, फिर भी
सूचियां
ग्राम
पंचायतों में
लगाकर अलग-अलग
रंगों के
फार्म कृषकों
से भरवाए जा
रहे हैं जबकि
कर्ज से ग्राम
पंचायतों का
कोई लेना देना
ही नहीं है, इसके
क्या कारण हैं?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
सचिन
सुभाषचन्द्र
यादव ) : (क) किसानों
पर ऋण की
जानकारी
एकत्र की जा
रही
है।
योजनान्तर्गत
नियत
प्रक्रिया
अनुसार
कार्यवाही प्रचलन
में है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
अनुसार है। (ग)
वित्तीय
वर्ष 2018-19
में राशि
रूपये 5000.00 करोड़ का
प्रावधान
किया गया है। (घ)
शासन द्वारा
नियत
प्रक्रिया
अनुसार
कार्यवाही
प्रचलन में है।
उचित मूल्य की दुकानों पर अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
73. ( क्र. 608 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी, 2017 के पश्चात कितनी-कितनी उचित मूल्य की दुकानों पर कैसी अनियमितताओं के लिए किस-किस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज हुये हैं? कितने के चालान पुलिस द्वारा मा. न्यायालय में दर्ज किये? कितनों के नहीं? (ख) उज्जैन संभाग में उक्त अवधि में कितनी उचित मूल्य की दुकानों के संचालकों की अनियमिताओं के चलते लाइसेंस किस-किस सक्षम अधिकारी ने निरस्त किये तथा क्या कारण रहे की अनियमितताओं के बावजूद पुन: उसी संचालक को दुकान संचालित करने हेतु लाइसेंस दे दिया? ऐसे कितने प्रकरण प्रकाश में आये? (ग) उक्त संभाग में प्रश्न दिनांक तक क्या सभी उचित मूल्य की दुकानों पर थम्ब इम्प्रेशन से राशन का भुगतान किया जा रहा है? क्या वर्तमान में शासन द्वारा सभी दुकानों पर ऑफ-लाइन/बिना थम्ब इम्प्रेशन सामग्री वितरण देने हेतु निर्देश प्रदान किये हैं? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (घ) उज्जैन संभाग में खाद्य सामग्री में मिलावट को लेकर गत 1 जनवरी 2016 के पश्चात कितने व्यक्तियों को किस-किस मिलावट के लिए कितने-कितने वर्षों की मा. न्यायालय द्वारा सजा हुई है? उक्त अवधि में पेट्रोल मिलावट के लिए कितने पेट्रोल पम्पों को कहाँ-कहाँ सील किया गया?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) उज्जैन संभाग में 1 जनवरी 2017 के पश्चात् उचित मूल्य की दुकानों पर पाई गई अनियमितता, दर्ज पुलिस प्रकरण एवं दर्ज चालान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग में उक्त अवधि में उचित मूल्य दुकानों की अनियमितताओं के कारण सक्षम अधिकारी द्वारा कोई लायसेंस निरस्त नहीं किया गया है। इस कारण पुन: उसी दुकान को दुकान संचालन हेतु लायसेंस देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। उज्जैन संभाग में प्रश्न दिनांक तक उचित मूल्य दुकानों पर थंब इम्प्रेशन से राशन के वितरण (भुगतान) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी नहीं, संचालक खाद्य द्वारा हितग्राहियों के फिंगर प्रिंट अस्पष्ट होने, डेटाबेस में सही आधार नंबर दर्ज न होने अथवा परिवार के किसी सदस्य का आधार नंबर डेटाबेस में न होने के कारण बायोमेट्रिक सत्यापन सफल नहीं होने की स्थिति में तथा जिन उचित मूल्य दुकानों को नेट कनेक्टिविटी बेहतर न होने के कारण बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन वितरण हेतु चिन्हांकित नहीं किया गया है, ऐसे समस्त परिवारों को समग्र आई.डी. के आधार पर पी.ओ.एस. मशीन से राशन वितरण करने के निर्देश संचालनालयीन पत्र क्रमांक 6745/एनएफएसए/2018 दिनांक 22 सितम्बर 2018 को दिए गए हैं। पुन: संचालनालयीन पत्र क्रमांक 1199/एनएफएसए/2019 दिनांक 09 फरवरी 2019 द्वारा पात्र हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्यापन में समय लगने एवं राशन वितरण सुनिश्चित करने की दृष्टि से चिन्हांकित उचित मूल्य दुकानों पर माह की 1 तारीख से 15 तारीख तक बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर एवं बायोमेट्रिक सत्यापन सफल न होने की स्थिति में ऐसे परिवारों को माह की 16 से 21 तारीख तक समग्र परिवार आई.डी. के आधार पर पी.ओ.एस. मशीन के माध्यम से राशन वितरण कराने के निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। 1 जनवरी 2016 के पश्चात् उज्जैन संभाग में केवल उज्जैन जिले में एक पेट्रोल पंप मेसर्स आदित्य फिलिंग स्टेशन ग्राम चिकली बड़नगर को पेट्रोल में मिलावट के कारण सील बंद किय गया था। संभाग में अन्य कोई पेट्रोल पंप उक्त अवधि में मिलावट के लिए सील नहीं किया गया है।
किसानों को भू-अर्जन राशि का मुआवजा
[जल संसाधन]
74. ( क्र. 609 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मझगॉय, रूंझ एवं पहाड़ीखेरा सिंचाई परियोजनाओं में किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी निजी भूमियों का भू-अर्जन किया गया है? आज दिनांक तक कितने किसानों को मुआवजा राशि प्रदाय नहीं किये जाने के बावजूद कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? परियोजनावार बतावें। (ख) सम्पूर्ण मुआवजा राशि वितरण किये बिना किसानों की भूमि पर कार्य किन नियमों के तहत प्रारंभ कर दिया गया है? शासन कब तक सभी किसानों को नवीन प्रावधानों के अनुसार मुआवजा राशि का वितरण करवायेगा? (ग) पन्ना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत पहाड़ीखेरा बाँध में वेस्टवियर निर्माण, रमपुरा बाँध के टूटी नहर का सुधार कार्य, बिलखुरा बाँध की नहर अहिरगवाँ तक ले जाने का कार्य, भवानीपुर ग्राम में जमुनहा सेहा बाँध का कार्य जिनकी माँग जनता द्वारा लगातार की जा रही है, शासन कब तक प्रारंभ करेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुआवजा भुगतान किए बगैर भूमि का अनैच्छिक आधिपत्य लिए जाने की स्थिति नहीं है। अवार्ड अनुसार भुगतान हेतु राशि कलेक्टर पन्ना के पास जमा है। विभाग द्वारा समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है। (ग) पहाड़ीखेरा बांध के वेस्टवियर का निर्माण कार्य प्रारंभ है। वर्षाकाल में क्षतिग्रस्त हुई रमपुरा बांध की नहर की जल उपभोक्ता संथा बराछ द्वारा मरम्मत कराकर सिंचाई हेतु पानी प्रदाय किया गया। बिलखुरा बांध की नहर निर्माण के लिए निर्माण एजेंसी नियत की जा चुकी है। जमुनहा सेहा बांध की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से परियोजना स्वीकृति की स्थिति नहीं आई है।
लो-वोल्टेज की समस्या का निराकरण
[ऊर्जा]
75. ( क्र. 610 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र पन्ना अंतर्गत अजयगढ़ तहसील में शासन कब तक 132 के.व्ही. का पावर स्टेशन स्थापित कर क्षेत्र की बिजली समस्या का समाधान करेगा? समय-सीमा बतावें। यदि नहीं, हो क्यों? (ख) क्या विधान सभा क्षेत्र पन्ना अंतर्गत अजयगढ़ तहसील के खोरा एवं धरमपुर क्षेत्र में लो-वोल्टेज की समस्या के कारण सिंचाई न हो पाने से फसलें सूख रही हैं? शासन कब तक इस क्षेत्र में लो-वोल्टेज की समस्या को दूर करेगा? (ग) क्या तहसील अजयगढ़ में एक नवीन प्रभारी अधिकारी कार्यालय धरमपुर स्वीकृत हुआ है, परन्तु उसका संचालन वर्तमान में धरमपुर के स्थान पर अजयगढ़ मुख्यालय से किया जा रहा है? उसे शासन कब तक धरमपुर में संचालित करेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पन्ना की तहसील अजयगढ़ के अन्तर्गत अजयगढ़ में 132/33 के.व्ही. उपकेन्द्र का निर्माण प्रस्तावित है, जिसकी वर्तमान स्थिति में सुनिश्चित समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है। उपकेन्द्र के निर्माण हेतु प्रस्ताव के तकनीकी परीक्षण उपरान्त उपकेन्द्र तथा उपकेन्द्र के लिए अति उच्च दाब लाईन के निर्माण के प्राक्कलन का सक्षम अनुमोदन प्राप्त कर वित्तीय संसाधनों का प्रबंध किया जाता है। वित्तीय संसाधनों का प्रबंध सुनिश्चित होने पर निविदा आमंत्रित कर उपकेन्द्र एवं संबद्ध अति उच्च दाब लाईन का निर्माण कार्य पूर्ण किया जाता है। उक्त चरणबद्ध प्रक्रियाएं शेष होने के कारण प्रस्तावित उपकेन्द्र की स्थापना की समय-सीमा दर्शाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। अजयगढ़ तहसील के खोरा एवं धरमपुर क्षेत्र में लो-वोल्टेज की समस्या के कारण सिंचाई न हो पाने से फसल सूख जाने संबंधी शिकायत संबंधित कार्यालय में प्राप्त नहीं हुई है। वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित मानकों के अनुसार है। (ग) अजयगढ़ तहसील अंतर्गत नवीन प्रभारी अधिकारी, कार्यालय धरमपुर स्वीकृत नहीं हुआ है, अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं है।
उत्खनिपट्टा, खनिपट्टा एवं उत्खनन अनुज्ञा की जानकारी
[खनिज साधन]
76. ( क्र. 613 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खनिपट्टा, उत्खनन, अनुज्ञा बिना स्थल निरीक्षण के दिये गये हैं? रीवा जिले में कितनी खदानें अनुज्ञा प्राप्त कर संचालित की जा रही हैं? नाम पता, स्थान बतायें। क्या खनिज अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध उत्खनन कराया जाकर शासन को लाखों रूपये क्षति पहुँचाई जा रही है? उन पर अब तक क्या कार्यवाही हुई? नहीं तो क्यों? (ख) अवैध खनिज एवं अवैध खनन परिवहन से संबंधित प्रकरण में क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरण दर्ज किये गये? वर्ष २०१४-१५ से दिसम्बर, २०१८ तक रीवा जिले में पदस्थ खनिज अधिकारी की पदस्थापना दिनांक से वर्ष, २०१८ तक इनके द्वारा किये गये कार्यों एवं भ्रमण के दौरान किस-किस स्थान पर निरीक्षण किये? कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) वर्तमान में रीवा जिले में कितने खनिज निरीक्षक पदस्थ हैं? उनके नाम, कार्य व उनका हेडक्वार्टर एवं संबंधित निरीक्षकों के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदनों का विवरण देवें। क्या रामनई, हनुमाना, गड्डी, बनकुइया, में लीज के अतिरिक्त खनिज का दोहन किया जा रहा है? क्या अवैध उत्खनन पर कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? यदि की जावेगी तो कब तक?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जी नहीं। रीवा जिले में स्वीकृत होकर संचालित उत्खनिपट्टों/खनिपट्टों/उत्खनन अनुज्ञा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'ए', 'बी', 'सी' एवं 'डी' पर दर्शित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ख) अवैध उत्खनन/अवैध परिवहन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'ई' पर दर्शित है। वर्ष 2014-15 से दिसंबर 2018 तक रीवा जिले में पदस्थ खनिज अधिकारी की पदस्थापना दिनांक से वर्ष 2018 तक इनके द्वारा किये गये कार्यों एवं भ्रमण के दौरान स्थानों पर किये गये निरीक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'एफ' पर दर्शित है। (ग) रीवा जिले में वर्तमान में 03 खनिज निरीक्षक पदस्थ हैं। उनके नाम, कार्य व मुख्यालय से संबंधित विवरण व प्रस्तुत प्रतिवेदनों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'जी' पर दर्शित है। विगत दो वर्षों में प्रश्नाधीन ग्रामों बनकुइया व गड्डी में लीज क्षेत्र के बाहर अतिरिक्त उत्खनन पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध अवैध उत्खनन का प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'एच' पर दर्शित है।
जल संसाधन विभाग में व्याप्त अनियमितता
[जल संसाधन]
77. ( क्र. 614 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग गंगा कछार रीवा अंन्तर्गत वर्ष २०१३-१४ से वर्ष २०१८ तक वाटर फील्ड चैनल (काडा नाली) निर्माण गुणवत्ता विहीन स्वीकृत अनुसार न होने की जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो सबंधित उपयंत्रियों अनुविभागीय अधिकारियों एवं कार्यपालन यांत्रियों के विरूद्ध कितनी-कितनी शासकीय धन राशि की वसूली पाई गयी? संबंधितों के नाम एवं वर्तमान पदस्थापना सहित की जानकारी उपलब्ध करायें एवं अब तक कितने उपयंत्रियों अनुविभागीय अधिकारियों तथा कार्यपालन यात्रियों से कितनी-कितनी राशि की वसूली की गई है तथा शेष कितनी राशि अभी वसूली हेतु शेष है? (ख) सबंधित उपयंत्रियों अनुविभागीय अधिकारियों एवं कार्यपालन यंत्रियों के विरूध शासकीय राशि वसूली के अलवा क्या विभागीय कोई कार्यवाही की गई? अगर हाँ, तो की गई समस्त कार्यवाही की जानकारी देवें। (ग) क्या वाटर फोर्स फील्ड चैनल निर्माण में शासनादेश के तहत उपयंत्रियों अनुविभागीय अधिकारियों एवं कार्यपालन यंत्रियों को कितने प्रतिशत निर्माण कार्यों की जाँच के आदेश हैं? क्या उपरोक्त के द्वारा शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्माण कार्यों की जाँच की गई है? यदि नहीं, तो शासनादेश की अवहेलना करने पर क्या कार्यवाही की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। दण्डादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उपयंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं कार्यपालन यंत्री को क्रमश: 100 प्रतिशत, 50 प्रतिशत एवं 10 प्रतिशत वाटर कोर्स, फील्ड चैनल निर्माण कार्यों के जाँच करने के आदेश हैं। जी हाँ। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
पेंच परियोजना से वंचित ग्रामों को जोड़ना
[जल संसाधन]
78. ( क्र. 617 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की विधान सभा क्षेत्र सिवनी में माचागौरा बांध (पेंच परियोजना) से निकलने वाली नहरों से लालमाटी (गोपालगंज) क्षेत्र के 37 गाँव सिंचाई सुविधा से वंचित रह गये हैं, जिसके कारण लगभग 02 हजार हेक्टर भूमि सिंचित होने से वंचित होगी? यदि हाँ, तो इसके प्रस्तावित एवं लाभान्वित तथा शेष रह गये गाँव की सूची लालमाटी क्षेत्र सहित दी जाये। शेष रह गये गाँव में नहरों के निर्माण कार्य को अंतिम रूप कब तक दिया जा सकेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें कि उन गाँवों में नहर का निर्माण क्यों नहीं किया जा सकेगा? (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत गाँव में सिंचाई सुविधा हेतु नहर विस्तार के लिये कोई सर्वेक्षण किया गया है? यदि नहीं, तो इन गाँवों का सर्वेक्षण कब तक पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरू किया जा सकेगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) परियोजना का निर्माण कार्य पूर्व में प्रस्तावित प्राक्कलन के आधार पर न किया जाकर, राजनैतिक दबाव के चलते संशोधित कर निर्माण कार्य कराया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। सिवनी विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत लालमाटी क्षेत्र सहित सिंचाई से लाभांवित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा वंचित ग्रामों की सूची लालमाटी क्षेत्र सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वंचित ग्राम निर्माणाधीन सिवनी शाखा नहर से लगभग 08 से 10 कि.मी. दूरी पर कमांड क्षेत्र से बाहर होने तथा वंचित ग्रामों का भू-सतह नहर तल से लगभग 15 से 20 मी. ऊंचा होने एवं परियोजना में उपलब्ध जल सीमित होने से सैच्य क्षेत्र में वृद्धि करना संभव नहीं होने के कारण। (ख) जी हाँ। उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जी नहीं।
ओला प्रभावित किसानों को मुआवजा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
79. ( क्र. 618 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले में दिनांक 24 जनवरी, 2019 को ओलावृष्टि के कारण किसानों की खड़ी फसल चौपट हो जाने के कारण मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है? म.प्र. में ऐसे और कितने जिले हैं जो ओलावृष्टि से प्रभावित हुए हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि में हुई ओलावृष्टि प्रभावित सिवनी जिले के किसानों के बैंकों के कर्जे एवं खाद-बीज के कर्ज माफ किये जाने का सरकार के पास कोई प्रावधान है? क्या किसानों के कर्ज माफ करेंगे? यदि हाँ, तो समयावधि बताएं? यदि नहीं, तो कारण सहित बताएं कि किसानों के कर्ज माफ क्यों नहीं किये जा सकेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) अवधि की सिवनी जिले की कितनी तहसील हैं जो ओलावृष्टि से प्रभावित हैं और उन क्षेत्रों के किसानों द्वारा तहसीलदारों के माध्यम से ज्ञापन देकर मांग की गयी है? किसानों की समस्याओं के निराकरण तथा ओलावृष्टि से निजात पाने हेतु सरकार की कौन सी योजनाएं हैं, जिससे ओलावृष्टि की मार झेलने वाले किसानों के राहत मिल सके?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सिवनी जिले की तहसील सिवनी के 04 ग्राम ओलावृष्टि से प्रभावित हुए हैं तथा प्रदेश के सतना, छिंदवाड़ा, सिंगरौली एवं मुरैना में ओलावृष्टि से आंशिक रूप से फसलें प्रभावित हुई हैं। (ख) म.प्र. शासन राजस्व विभाग द्वारा अतिवृष्टि/ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों की अधिसूचना जारी होने तथा कलेक्टर द्वारा आनावारी प्रमाण-पत्र देने पर सहकारी बैंकों द्वारा अल्पावधि फसल ऋण को मध्यावधि परिवर्तन ऋण में परिवर्तित किया जाता है। इस संबंध में फसल ऋण माफी की कोई योजना नहीं है। (ग) सिवनी जिले की तहसील सिवनी के ओलावृष्टि से प्रभावित 04 ग्राम में फसल क्षति 25 प्रतिशत से अधिक है। किसानों द्वारा तहसीलदार के माध्यम से प्राप्त ज्ञापनों पर समुचित कार्यवाही की गई है। शासन द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदा से फसलों में 25 प्रतिशत से अधिक क्षति पर राहत राशि दिये जाने का प्रावधान है।
वृहद्, मध्यम एवं लघु सिंचाई योजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
80. ( क्र. 621 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में विभाग की कौन-कौन सी वृहद्, मध्यम एवं लघु सिंचाई योजनायें संचालित हैं? कौन-कौन सी योजनायें अभी तक अपूर्ण हैं एवं किन-किन योजनाओं का सर्वेक्षण कराया गया है अथवा सर्वेक्षण कार्य प्रस्तावित हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिरोंज विकासखण्ड के दौलतपुरा, सुगनाखेड़ी, चितावर (तालाब), झण्डवा-तिगरा बांध, कांकरखेड़ी खुर्द (तालाब) एवं लटेरी विकासखण्ड के बरखेड़ा घोषी बांध, मुक्ताखेड़ा-बामोरी बांध, रूसिया (तालाब), उनारसी कलां वृहद तालाब, सेमरखेड़ी बांध, कोलुआ पठार बांधों की स्वीकृति हेतु कोई सर्वेक्षण कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो स्वीकृति हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या आगामी वित्तीय वर्ष में उक्त बांधों को स्वीकृत किया जावेगा? (ग) क्या उक्त अपूर्ण योजनाओं के अंतर्गत लटेरी विकासखण्ड के ग्राम अलीगढ़, कोटरा के सेमरखेड़ी मजरे में लगभग 15 वर्ष पूर्व बांध स्वीकृत किया जाकर प्रथम चरण का निर्माण कार्य किया गया था। यदि हाँ, तो उसकी स्वीकृति की दिनांक, स्वीकृत राशि सहित कितना व्यय किया जाकर कितना निर्माण कार्य हो चुका था? तिथिवार, राशिवार जानकारी दें। (घ) योजनाओं को पूर्ण न करने हेतु कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों पर कार्यवाही कर उक्त अपूर्ण बांध को बनाये जाने हेतु पुनरीक्षित तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति कब तक कर दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नांश में उल्लेखित कोई भी परियोजनाएं शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) वनभूमि के उपयोग की अनुमति भारत सरकार से प्राप्त नहीं होने के कारण किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
राजस्व विभाग के लम्बित प्रकरणों पर कार्यवाही
[राजस्व]
81. ( क्र. 622 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों अंतर्गत विभिन्न राजस्व न्यायालयों में नामांतरण, विवादित नामांतरण, बंटवारे, अतिक्रमण, जाति प्रमाण-पत्र, मजरे-टोलों के नवीन ग्राम बनाने के कितने प्रस्ताव दिनांक 01 फरवरी 2019 तक लंबित हैं? सन् 2017-18 में राजस्व न्यायालयवार नामांतरण के लिये कितने प्रकरण प्रस्तुत हुये? आवेदकों की संख्या सहित हल्कावार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में लंबित नामांतरण, विवादित नामांतरण, बंटवारे, अतिक्रमण, जाति प्रमाण-पत्र, मजरे-टोलों के नवीन ग्राम बनाने के प्रकरण किस तिथि से लंबित हैं? ग्रामवार, तिथिवार, पटवारी हल्के के अनुसार बतावें! (ग) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में शहरिया (ST) मोगिया (ST) एवं खेरवार (खेरूआ) (ST) में आते हैं, किंतु सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड में उक्त जातियों के जाति प्रमाण-पत्र राजस्व विभाग द्वारा नहीं बनाए जा रहे हैं। इसके दोषी कौन हैं? दोषियों पर कार्यवाही कर आवेदकों को जाति प्रमाण-पत्र कब तक उपलब्ध करा दिये जावेंगे? (घ) विदिशा जिले में पिछले चार वर्षों में उपरोक्त SC एवं ST के कितने प्रकरण विचारार्थ प्रस्तुत हुये एवं कितने जाति प्रमाण-पत्र बनाये गये तथा कितने लंबित हैं? उनका निराकरण कब तक कर दिया जायेगा तथा कितने का निराकरण हुआ? राजस्व न्यायालय वार विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 01 फरवरी 2019 तक की स्थिति निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
राजस्व न्यायालय का नाम |
नामांतरण |
बंटवारा |
अतिक्रमण |
जाति प्रमाण पत्र |
मजरे-टोले के नवीन ग्राम बनाने के प्रस्ताव |
1 |
न्या. अनुविभागीय अधिकारी सिरोंज |
0 |
0 |
0 |
1907 |
0 |
2 |
न्या. अनुविभागीय अधिकारी लटेरी |
0 |
0 |
0 |
393 |
0 |
3 |
न्या. तहसीलदार मण्डल-1 सिरोंज |
370 |
70 |
1 |
0 |
0 |
क्रमांक |
राजस्व न्यायालय का नाम |
नामांतरण |
बंटवारा |
अतिक्रमण |
जाति प्रमाण पत्र |
मजरे-टोले के नवीन ग्राम बनाने के प्रस्ताव |
4 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-2 सिरोंज |
357 |
134 |
0 |
0 |
0 |
5 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-3 सिरोंज |
229 |
47 |
0 |
0 |
0 |
6 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-4 सिरोंज |
236 |
91 |
0 |
0 |
0 |
7 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-5 सिरोंज |
238 |
47 |
5 |
0 |
0 |
8 |
न्या. तहसीलदार मण्डल-1 लटेरी |
164 |
84 |
2 |
0 |
0 |
9 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-2 लटेरी |
327 |
102 |
2 |
0 |
0 |
10 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-3 लटेरी |
136 |
43 |
0 |
0 |
0 |
योग |
|
2057 |
618 |
10 |
2300 |
0 |
सन् 2017-18 में सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों अंतर्गत विभिन्न राजस्व न्यायालयों में प्रस्तुत किए गए नामांतरण प्रकरणो का विवरण निम्नानुसार है:-
क्रमांक |
राजस्व न्यायालय का नाम |
प्रकरणों की संख्या |
आवेदकों की संख्या |
हल्कावार जानकारी |
1 |
न्या. तहसीलदार मण्डल-1 सिरोंज |
338 |
431 |
जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार |
2 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-2 सिरोंज |
120 |
160 |
|
3 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-3 सिरोंज |
27 |
79 |
|
4 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-4 सिरोंज |
96 |
130 |
|
5 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-5 सिरोंज |
124 |
276 |
|
6 |
न्या. तहसीलदार मण्डल-1 लटेरी |
118 |
118 |
|
7 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-2 लटेरी |
281 |
281 |
|
8 |
न्या. नायब तहसीलदार मण्डल-3 लटेरी |
57 |
57 |
|
योग |
|
1161 |
1532 |
(ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में लंबित नामान्तरण, विवादित नामान्तरण, बंटवारे एवं अतिक्रमण की ग्रामवार, तिथिवार एवं पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं जाति प्रमाण-पत्र के लंबित प्रकरणों की ग्रामवार, तिथिवार एवं पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। मजरे-टोलों के नवीन ग्राम बनाने का कोई प्रकरण लंबित नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ग) तहसील सिरोंज अंतर्गत सहरिया जाति के एवं तहसील लटेरी अंतर्गत खेरवार (खेरुआ) जाति के जाति प्रमाण-पत्र विधिवत् जाँच उपरांत जारी किए जा रहे हैं। मोगिया जाति के आवेदन प्राप्त नहीं होने से प्रमाण-पत्र जारी नहीं किए गए हैं। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता। (घ) पिछले 4 वर्षों में विकासखण्डवार एससी-एसटी के प्रकरणों का विवरण निम्नानुसार है :-
क्रमांक |
विकासखण्ड का नाम |
प्रस्तुत प्रकरण |
स्वीकृत प्रकरण |
अस्वीकृत प्रकरण |
शेष प्रकरण |
1 |
विदिशा |
30805 |
24095 |
6710 |
0 |
2 |
बासौदा |
25377 |
18777 |
6600 |
0 |
3 |
सिरोंज |
17092 |
14348 |
837 |
1907 |
4 |
लटेरी |
12892 |
7423 |
5076 |
393 |
5 |
नटेरन |
6874 |
5707 |
1125 |
42 |
6 |
कुरवाई |
6369 |
3322 |
2167 |
880 |
7 |
ग्यारसपुर |
1076 |
925 |
151 |
0 |
|
100485 |
74597 |
22666 |
3222 |
योग - लंबित प्रकरणों में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
भूमि को धोखाधड़ी से दूसरे के नाम दर्ज करने पर कार्यवाही
[राजस्व]
82. ( क्र. 625 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले के ग्राम गाडराखेड़ी, तह. कालापीपल टप्पा, अरनिया कलॉ की कृषि भूमि को नामांतरण पंजी क्र 04 दिनांक 30/05/2009 आदेश दिनांक 18/08/2009, खसरा एवं बीवन 2008 - 09 की प्रतिलिपि अनुसार नामांतरण किया गया हैं, यह नामांतरण भू-राजस्व संहिता की किन-किन धाराओं के अंतर्गत किया गया है? विवरण देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि के नामांतरण से हस्तांतरण में भूमि स्वामी हेमराज सिंह पिता उमराव सिंह की सहमति के हस्ताक्षर लिये गये हैं? यदि हाँ, तो नामांतरण पंजी 04 दिनांक 30/05/2009 आदेश दिनांक 18/08/09 की प्रतिलिपि देवें। यदि प्रतिलिपि रिकार्ड में उपलब्ध नहीं है, तो क्या संबंधितों के विरूद्ध FIR दर्ज की गई है? यदि हाँ, तो FIR की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित नामांतरण प्रक्रिया में क्या दस्तावेज रजिस्टर्ड होना अनिवार्य हैं? यदि हाँ, तो प्रकरण में स्टाम्प ड्यूटी की चोरी करने वालों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित प्रकरण में भूमि स्वामी श्री हेमराज सिंह ने क्या कलेक्टर शाजापुर को अपनी भूमि धोखाधड़ी से दूसरे के नाम से करने की शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शाजापुर जिले के ग्राम गाडराखेड़ी टप्पा अरनिया कलॉ, तहसील कालापीपल के कृषक हेमराजसिंह पिता उमराव सिंह आदि का नाम पाँचसाला खसरा वर्ष 2007-08 से 2011-12 में नामांतरण क्रमांक 4 दिनांक 30.05.2009 से खसरा रिकार्ड में दर्ज होना पाया गया है। नामांतरण की कार्यवाही म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109-110 के अंतर्गत की जाती हैं। (ख) तत्कालीन समय के पटवारी श्री रामलाल गणावत द्वारा हल्के के समस्त अभिलेख पटवारी श्री रतनलाल शर्मा को दिनांक 05.04.2009 को चार्ज में दी गई थी। पटवारी श्री रतनलाल शर्मा द्वारा नामांतरण पंजी अभिलेखागार में जमा नहीं करायी गयी। श्री शर्मा की मृत्यु 3-4 वर्ष पूर्व हो चुकी है, ऐसी स्थिति में एफ.आई.आर. दर्ज नहीं करायी गयी। (ग) नामांतरण प्रक्रिया में भूमि क्रय-विक्रय होने से रजिस्टर्ड विक्रय पत्र निष्पादित कराया जाता है। यदि फौती नामांतरण अथवा पारिवारिक हितबद्ध व्यक्तियों के मध्य बगैर रजिस्टर्ड दस्तावेजों के आधार पर भी नामांतरण की कार्यवाही की जा सकती हैं। मूल नामांतरण पंजी की जाँच उपरांत ही स्टाम्प ड्यूटी चोरी हुई अथवा नहीं, की स्थिति संभव हो सकती है। (घ) भूमि स्वामी श्री हेमराज सिंह द्वारा की गयी शिकायत एवं अभिलेख की जाँच की जा रही है।
फसल बीमा दावा राशि की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
83. ( क्र. 626 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले के ग्राम नांदनी एवं हडलायकलां की फसल बीमा दावा राशि के संबंध में कलेक्टर भू-अभिलेख शाजापुर के पत्र क्र./783/भू.अ./सामान्य/2018 शाजापुर दिनांक 06/10/18 से क्षेत्रीय प्रबंधक ICICI Lombard General Insurance Company Limited, Bhopal द्वारा निराकरण कर किसानों को बीमा क्लेम राशि प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो प्रमुख सचिव किसान कल्याण एवं कृषि विकास द्वारा बीमा कंपनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गाँवों के किसानों को खरीफ 2017 सोयाबीन की फसल नुकसान के बीमा क्लेम की राशि कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) शाजापुर जिले के ग्राम नांदनी एवं हडलायकलां की खरीफ वर्ष 2017 अंतर्गत दावों की गणना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार की गई है। जिसके अंतर्गत उक्त पटवारी हल्कों में वास्तविक उपज थ्रेशहोल्ड उपज से ज्यादा होने के कारण कोई दावा नहीं बना है। दावों की गणना का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार सभी पात्र कृषकों के दावों का भुगतान संबंधित बैंक को किया जा चुका है।
नदियों से रेत निकालने हेतु स्वीकृति
[खनिज साधन]
84. ( क्र. 634 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में विभाग द्वारा नदियों से रेत निकालने हेतु कौन से स्थानों की स्वीकृति दी जाकर रॉयल्टी जमा की जाती है? स्थान, ग्राम का नाम, नदी का नाम बतावें। (ख) विगत पाँच वर्षों में विभाग द्वारा जिले के किन स्थानों से रेत निकालने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी? नदी, स्थान का नाम, प्राप्त राशि की वर्षवार जानकारी देवें? (ग) वर्तमान में शासन द्वारा नदियों से रेत निकालने हेतु क्या नीति बनाई है? (घ) मंदसौर जिले में सितम्बर, 2018 से किन-किन व्यक्तियों को रेत निकालने हेतु अनुमति दी गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) मध्यप्रदेश रेत खनन नीति वर्ष 2017 वर्तमान में प्रभावशील है। (घ) मंदसौर जिले में सितम्बर 2018 के पश्चात किसी भी व्यक्ति को रेत निकालने हेतु कोई नवीन अनुमति प्रदान नहीं की गई है।
जय जवान फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 635 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में शासन द्वारा जय जवान फसल ऋण माफी योजना के तहत सुवासरा विधान सभा क्षेत्र की कौन-कौन सी बैंकों एवं संस्थाओं को इस योजनाओं में सम्मिलित किया गया है? (ख) दिनांक 31.03.2018 के पहले जिन किसानों ने अपना ऋण जमा कराकर दिनांक 01.04.2018 को पुनः बैंकों से फसल ऋण लिया है, उन किसानों का ऋण शासन द्वारा माफ होगा या नहीं? जानकारी देवें। (ग) पूर्व में जिन किसानों द्वारा फसल ऋण लिया गया था, उस ऋण को समझौते के तहत बैंकों द्वारा राशि एवं ब्याज कम किया गया था? क्या जय जवान फसल ऋण माफी योजना के तहत कुछ बैंकों द्वारा पुराने ऋण की राशि और ब्याज को पुनः जोड़ा जा रहा है या नहीं? (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में ऋण माफी सूची में कितने किसानों को सम्मिलित किया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंकों को इस योजना में शामिल किया गया है। (ख) योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजना प्रावधान अनुसार कार्यवाही होगी। (ग) जी नहीं। (घ) योजनानुसार नियत प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
बिना मीटर लगे एवरेज बिल का प्रदाय
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 638 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम वासियों के घरों में बिजली के मीटर नहीं लगे हैं, फिर भी बिजली कंपनिया एवरेज बिल जमा करवाती है, जो ग्रामीण कच्चे घरों में रहते हैं, उन्हें भी एवरेज बिल दिया जा रहा है जबकि वो उतनी बिजली उपयोग में नहीं लेते या बिल्कुल भी नहीं है। आखिर बिजली मीटरों के क्या आंकड़े हैं? (ख) एवरेज बिल कैसे दिया जाता है? जिनके पास मीटर नहीं है उन्हें भी मीटर मेन्टेनेंस का काम प्रदेश में किस आधार पर होता है? सरकार करती है या प्राईवेट कंपनी? (ग) एवरेज बिल क्यों दिए जा रहे हैं? अभी तक सभी जगह मीटर लगे हैं या नहीं। यदि लगे हैं, तो प्रदेश में ग्रामीण मीटरों के क्या आंकड़े हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) माह दिसम्बर, 2018 की स्थिति में प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यमान कुल घरेलू कनेक्शनों तथा उनमें से अमीटरीकृत कनेक्शनों की संख्या की जानकारी निम्नानुसार है :-
विद्युत वितरण कंपनी का नाम |
ग्रामीण क्षेत्र में कुल घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या |
अमीटरीकृत कनेक्शनों की संख्या |
मीटरीकृत कनेक्शनों की संख्या |
म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी |
3084983 |
579908 |
2505075 |
म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी |
2011331 |
822207 |
1189124 |
म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी |
2235621 |
19273 |
2216348 |
योग |
7331935 |
1421388 |
5910547 |
ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे घरों सहित सभी अमीटरीकृत विद्युत उपभोक्ताओं को औसत खपत के बिल नहीं अपितु म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी दर आदेश में निर्धारित यूनिट के अनुसार बिल दिये जाते हैं। वर्तमान में लागू टैरिफ आदेश के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में अमीटरीकृत उपभोक्ताओं को प्रतिमाह बिल दिये जाने के लिये म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित की गई यूनिट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) मीटर बंद/खराब होने की स्थिति में मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता-2013 की कंडिका-8.35 के प्रावधान के अनुसार औसत खपत का बिल दिया जाता है। उक्त कंडिका की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। अमीटरीकृत विद्युत उपभोक्ताओं हेतु मीटर मेन्टेनेंस का कार्य किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। तथापि मीटरीकृत विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत मीटरों सहित स्थापित समस्त विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव संबंधी कार्य विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा किया जाता है। (ग) मीटर बंद/खराब होने की स्थिति में उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार मीटरीकृत उपभोक्ताओं को औसत खपत के बिल दिये जाते हैं। जी नहीं। प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्र के कुल 7331935 उपभोक्ताओं में से 5910547 उपभोक्ताओं के परिसर में मीटर स्थापित किये गये हैं तथा शेष 1421388 उपभोक्ताओं के परिसर में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार मार्च, 2020 तक मीटर लगाने का लक्ष्य है।
बाघ परियोजना अंतर्गत लाईनिंग कार्य
[जल संसाधन]
87. ( क्र. 640 ) श्री रामकिशोर (नानो) कावरे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले में तहसील लांजी में बाघ परियोजना के अंतर्गत आने वाली नहरों का लाइनिंग का कार्य किया गया हैं? किन-किन नहरों का लाईनिंग का कार्य किया गया है? वर्तमान में कार्य की क्या स्थिति है? उपरोक्त कार्य कुल कितनी लागत का है और अब तक कितना पैसा खर्च किया जा चुका है? (ख) क्या जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्र. 07 के सम्मानीय सदस्य डॉ. विजय खेरे के द्वारा उपरोक्त निर्माण कार्य में की जा रही अनियमितताओं की शिकायत की गयी थी? यदि हाँ, तो उस शिकायत की जाँच कब हुई है? जाँच प्रतिवेदन में कौन-कौन से बिंदु निकल कर आये। जाँच प्रतिवेदन की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) क्या जाँच प्रतिवेदन में निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता पाई गयी है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारी कर्मचारी एवं ठेकेदार के विरूद्ध अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है और यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यो नहीं की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। शिकायत के आधार पर कार्यों का निरीक्षण दिनांक 19.07.2017 को मुख्य अभियंता बैनगंगा कछार सिवनी द्वारा किया गया। निरीक्षण प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कार्यों में पाई गई कमियों के लिए श्री एन.एस. ठाकुर अनुविभागीय अधिकारी एवं श्री जी.के. मेश्राम उपयंत्री के विरूद्ध जाँच संस्थित की गई। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जाँच में निर्माण कार्यों में पाई गई कमियों के लिए श्री एन.एस. ठाकुर अनुविभागीय अधिकारी एवं श्री जी.के. मेश्राम उपयंत्री के विरूद्ध परिनिंदा की शास्ति अधिरोपित किया गया है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। कार्यों में पाई गई कमियों को ठेकेदार के व्यय पर ठीक करा लिया जाना प्रतिवेदित है। अत: ठेकेदार पर कार्यवाही की स्थिति नहीं है।
हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
88. ( क्र. 645 ) श्री संजय शर्मा (संजू भैया) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले (बी.पी.एल.धारी) हितग्राहियों को खाद्यान्न पर्ची प्राप्त क्यों नहीं हो रही है? (ख) खाद्यान्न पर्ची बनाने की प्रक्रिया ऑन-लाईन होने के उपरांत पोर्टल पर आवेदन तो ऑन-लाईन जमा हो रहे हैं, किंतु कई माह से खाद्यान्न पर्ची जनरेट नहीं हो रही है? इसका क्या कारण है? (ग) क्या जनहित में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए खाद्यान्न पर्ची जनरेट करने हेतु समय-सीमा निर्धारित की जावेगी?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 1,17,42,807 पात्रता पर्ची जारी की जाकर खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है, जिसमें बी.पी.एल. श्रेणी के अंतर्गत 65,44,269 परिवार सम्मिलित है। बी.पी.एल. श्रेणी के 76,571 परिवारों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की गई। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जाता है। उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। (ख) एवं (ग) उत्तर (क) अनुसार है।
सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में 660 मेगावॉट की नवीन इकाई का निर्माण
[ऊर्जा]
89. ( क्र. 646 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा दिनांक 12.09.2018 को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारणी जिला बैतूल एवं अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिला अनूपपुर में 2x660 मेगावाट अर्थात प्रत्येक ताप विद्युत गृह में 660 मेगावाट की एक-एक ताप इकाई स्थापना का प्रस्ताव पारित किया गया था। यदि हाँ, तो पारित प्रस्ताव की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में प्रस्ताव पारित होने के पश्चात् विद्युत इकाई निर्माण के कार्य प्रारंभ कराने हेतु कौन-कौन से चरणों की स्वीकृतियाँ कराना आवश्यक होता है? इनमें से कितने चरणों की स्वीकृतियाँ प्राप्त कर ली गई है? कब तक स्वीकृतियाँ प्राप्त कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया जाएगा? प्राप्त स्वीकृतियों की छायाप्रति उपलब्ध करायें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रस्ताव की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” अनुसार है। (ख) ताप विद्युत इकाई निर्माण कार्य प्रारंभ करने हेतु आवश्यक मुख्य स्वीकृतियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब” अनुसार है। प्रस्तावित इकाइयों हेतु यह सभी स्वीकृतियाँ प्राप्त होना शेष है। आवश्यक स्वीकृतियाँ एवं अनुमोदन प्राप्तकर निर्माण कार्य 18 से 24 माह में प्रारंभ किए जाने की योजना है।
बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित जलाशय
[जल संसाधन]
90. ( क्र. 647 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय (गुड्डू भैया ) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ कितनी भण्डारण क्षमता के कौन-कौन से जलाशय कब निर्मित किये गये एवं निर्माण काल के समय इन जलाशयों द्वारा कितने जल का भण्डारण कर कहाँ-कहाँ की कितने क्षेत्रफल की भूमि सिंचित करना प्रस्तावित थी तथा निर्माण काल के समय इन जलाशयों की कितनी लम्बाई की नहर निर्मित थी एवं क्या नहर के अंतिम छोर तक सिंचाई हो रही थी? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जलाशयों में से किन-किन जलाशयों की भण्डारण क्षमता वर्तमान समय में कम हो गई है एवं किन-किन जलाशयों का पानी नहर के अंतिम बिन्दु तक नहीं पहुँच रहा? विकासखण्डवार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित जलाशयों की भण्डारण क्षमता कम होने एवं नहर के अंतिम छोर तक सिंचाई का पानी न पहुँचने के क्या कारण हैं? उल्लेखित जलाशयों की भण्डारण क्षमता शत्-प्रतिशत करने एवं नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुँचाने हेतु विभाग द्वारा क्या कार्य योजना प्रस्तावित हैं? प्रस्तावित कार्य योजना अनुसार उल्लेखित निर्माण कार्य कितनी लागत से किस प्रकार कब तक निर्मित किये जावेंगे? (घ) बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर नवीन जलाशयों का निर्माण प्रस्तावित है? ये प्रस्ताव किस स्थिति में, किस स्तर पर लंबित हैं तथा बहोरीबंद के प्राचीन जलाशय की क्षतिग्रस्त नहरों का पुनर्निर्माण कर नहरों में सी.सी. निर्माण कार्य क्या कराया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है। कछरगाँव एवं पटनेनाला जलाशय की नहरें क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाना प्रतिवेदित है। क्षतिग्रस्त नहरों का संधारण ग्रीष्मकाल में कराया जाना लक्षित है। निर्मित परियोजना के निर्माण संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-ब'' अनुसार है। बहोरीबंद जलाशय की नहरों के पुनरूद्धार एवं मरम्मत कार्य की परियोजना अंतिम नहीं होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बहोरी बंद विधान सभा अंतर्गत पेय जल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
91. ( क्र. 648 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय (गुड्डू भैया ) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरी बंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट उत्पन्न होता है? बहोरीबंद एवं रीठी तहसीलों के पठार क्षेत्र में पेयजल संकट के संदर्भ में पेयजल आपूर्ती हेतु जिला योजना समिति की आयोजित बैठकों क्रमश: दिनांक 31/8/2017 एवं 24 जनवरी, 2019 को पारित प्रस्तावों पर क्या कार्यवाही की गई? उक्त प्रस्तावों पर हुई प्रगति से अवगत करावें एवं यह बतलावें कि बहोरीबंद एवं रीठी के पठार क्षेत्र एवं पेयजल संकट वाले अन्य क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु शासन के पास कौन-कौन सी योजनायें प्रस्तावित है तथा उन्हें कब तक क्रियान्वित किया जावेगा? (ख) बहोरीबंद विधान सभा अंतर्गत कहाँ-कहाँ पर नजजल योजनायें निर्मित हैं तथा इनमें से कौन-कौन सी प्रश्न दिनांक तक किन कारणों से बंद हैं? बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितने-कितने हैंडपंप खनित हैं? उनमें से कितने प्रश्न दिनांक तक संचालित एवं कितने बंद हैं? इन बंद पड़ी नल-जल योजनाओं एवं बंद पड़े हैण्डपंपों को कब तक चालू कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में ग्रीष्म ऋतु में होने वाले पेयजल संकट से निपटने हेतु विभाग द्वारा कहाँ-कहाँ पर नवीन नल-जल योजनाएं एवं हैंडपंप खन्न प्रस्तावित हैं? इन प्रस्तावित नवीन नल-जल योजनाओं एवं नवीन हैंडपंप खनन किस प्रकार से कितनी लागत से कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिला योजना समिति की बैठकों से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्तमान में शासन के पास कोई योजना प्रस्तावित नहीं है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। 3379 हैण्डपंप स्थापित हैं, जिसमें 3283 चालू एवं 96 बंद हैं। सतत् हैण्डपंप संधारण प्रक्रिया के तहत् हैण्डपंपों को अधिकतम 15 दिवस में सुधार कर चालू किया जाता है। हस्तांतरित नल-जल योजनाओं में स्त्रोत के अभाव में बंद योजनाओं को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) आगामी ग्रीष्म ऋतु में पेयजल संकट के निराकरण के लिए कटनी जिले हेतु आकस्मिक कार्य योजना लागत रूपये 460.75 लाख की बनाई गई है, जिसमें बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र भी सम्मिलित है, योजना अंतर्गत आवश्यकता अनुसार नवीन नल-कूप खनन, हैण्डपंपों में राइजर पाईप बढ़ाना, सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करना, हाइड्रो फ्रैक्चरिंग एवं पेयजल परिवहन आदि कार्य प्रस्तावित हैं, नवीन नल-जल योजना प्रस्तावित नहीं है, ग्रीष्मकाल में आवश्यकता के आधार पर कार्य किए जा सकेंगे, निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
जबलपुर संभाग में जैविक खेती को प्रोत्साहन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
92. ( क्र. 652 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर संभाग में जैविक खेती पर विगत 03 वर्षों में वर्षवार कितनी राशि व्यय की गयी और कितने हितग्राहियों को लाभ दिया गया। जिलेवार बतायें। (ख) उपसंचालक, कृषि कटनी का पत्र क्रमांक/कंपो.नर्स/2018-19/2399, दिनांक 29.09.2018 एवं आयुक्त, जबलपुर संभाग द्वारा परियोजना संचालकों (आत्मा) को जारी पत्र पृ.क्रमांक/समीक्षा/2018-19/3079, दिनांक 11.10.2018 और संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मध्यप्रदेश द्वारा जारी पत्र क्रमांक/पीकेव्हीवाय/2018-19/931, दिनांक 05.12.2018 किस विषय पर जारी किये गये थे? क्या निर्देश दिये गये थे? प्रश्न दिनांक तक क्या जाँच की गयी एवं क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या जबलपुर संभाग के जिलों में जैविक खेती की परम्परागत कृषि विकास योजना में वर्ष 2016-17 से वर्ष 2018-19 में नकली सेस्बानिया रोस्ट्राटा बीज सप्लाई और निरस्त दरों पर स्प्रे पम्प की सप्लाई सहित अन्य अनियमितताओं की शिकायतें, विभाग एवं कृषि संचालनालय और संभाग के जिलों में प्राप्त हुई हैं? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांकित अवधि में प्राप्त हुई? शिकायतों की किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा जाँच की गयी? जाँच के क्या परिणाम रहे? प्रश्न दिनांक तक की गई कार्यवाही का विवरण देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) - (1) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (2) आयुक्त, जबलपुर संभाग द्वारा परियोजना संचालकों (आत्मा) को जारी पत्र पृ.क्र./समीक्षा/2018-19/3079, दिनांक 11/10/2018 में योजना की नियमित समीक्षा हेतु पत्र जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (3) संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास मध्यप्रदेश द्वारा जारी पत्र क्र./पी.के.व्ही.वाय/2018-19/931, दिनांक 05/12/2018 को योजना क्रियान्वयन की जानकारी मंगाने बावत जारी किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ग) - (1) जी नहीं। नकली सेस्बानिया रोस्ट्राटा बीज सप्लाई और निरस्त दरों पर स्प्रे पंप की सप्लाई के संबंध में अनियमितताओं की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। (2) एक शिकायत सामान्य, तत्थहीन निर्वाचन आयोग को आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में की गई थी। शिकायत योजना की विषयवस्तु से संबंधित न होने के कारण तथा योजना का क्रियान्वयन शासन के मार्गदर्शी निर्देशानुसार होने के कारण जाँच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार जाँच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
लघु सिंचाई योजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
93. ( क्र. 657 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सुजानपुरा लघु सिंचाई योजना तहसील बल्देवगढ़ जिला टीकमगढ़ स्वीकृति हेतु शासन/विभाग प्रमुख स्तर पर लंबित है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो क्यों? उक्त योजना कब तक स्वीकृत की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) सुजानपुरा लघु सिंचाई परियोजना की डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने से स्वीकृति दिए जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
खनिज उत्खनन से हुये गड्ढों को तत्काल भरा जाना
[खनिज साधन]
94. ( क्र. 660 ) श्री विक्रम सिंह (विक्की) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खदानों से खनिज निकालने के बाद लीज धारक की जिम्मेदारी रहती है कि खनिज उत्खनन से हुये गड्ढों को तत्काल भरा जाना चाहिए? (ख) यदि हाँ, तो सतना जिले के अंतर्गत प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र रामपुर बघेलान में प्रिज्म जानसन सीमेंट प्रा. लिमि. एवं अल्ट्राटेक सीमेंट प्रा. लिमि., कंपनियों के लिये दी गई लीज क्षेत्र में उत्खनन के बाद उनसे हुये गड्ढों को लीज धारक द्वारा भर दिया गया है, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) इन गड्ढों से यदि कोई दुर्घटना होती है, तो उसके लिये कौन जिम्मेदार है? (घ) उपरोक्त लीज धारकों के विरूद्ध अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है एवं आगे क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जी नहीं। खनिज उत्खनन से हुये गड्ढों को अनुमोदित माईन क्लोजर प्लान के अनुसार भरा जाता है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में खनन गतिविधियां बंद होने के उपरांत ही अनुमोदित माईन क्लोजर प्लान अनुसार गड्ढे भरने की कार्यवाही करना संभव होगा। (ग) पट्टा अवधि में यदि कोई दुर्घटना होती है तो लीजधारक जिम्मेदार होगा। (घ) खनन उपरांत गड्ढों को नहीं भरने के कारण लीजधारियों के विरूद्ध प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं है।
तवा कमाण्ड क्षेत्र की नहरों का सीमेन्टीकरण
[जल संसाधन]
95. ( क्र. 662 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा (बघवाड़ा) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2014 से दिसम्बर 2018 तक होशंगाबाद व हरदा जिले के तवा कमांड क्षेत्र की नहरों के सीमेंटीकरण हेतु कितनी राशि किस वर्ष में स्वीकृत की गई? (ख) प्रश्नांश की राशि से किन-किन माइनर का कितना कार्य हुआ एवं कितना कार्य शेष है? शेष कार्य पूर्ण करने का क्या लक्ष्य है? (ग) प्रश्नांश (ख) के कार्य की गुणवत्ता परीक्षण किन-किन अधिकारियों के द्वारा की गई? क्या सभी कार्य गुणवत्ता युक्त निर्धारित मानक के अनुसार हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) स्वीकृत राशि में माइनर नहरों की लाईनिंग का कार्य नहीं होने से जानकारी निरंक। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
पटवारी के रिक्त पदों की पूर्ति
[राजस्व]
96. ( क्र. 663 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा (बघवाड़ा) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी मालवा विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत तहसीलवार सभी पटवारी हल्कों में पटवारी पदस्थ हैं? यदि नहीं, तो किन पटवारी हल्कों में कब से पटवारी का पद किन कारणों से रिक्त हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के हल्केवार कौन पटवारी कब से डबल हल्के में पदस्थ है एवं इनका मुख्यालय कहाँ है? (ग) क्या प्रदेश में रिक्त पटवारी के पदों की पूर्ति हेतु कोई योजना है? यदि हाँ, तो योजना के स्वरूप से अवगत करावें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील सिवनी मालवा अंतर्गत पटवारियों के कुल 76 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में 73 पदों पर पटवारी पदस्थ हैं। वर्तमान में 03 पद रिक्त हैं। तहसील सिवनी मालवा अंतर्गत पटवारियों के कुल 76 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में 73 पदों पर पटवारी पदस्थ हैं। वर्तमान में 03 पद रिक्त हैं। (ख) कुल स्वीकृत 76 पदों में से 34 पदों पर वर्तमान में प्रशिक्षु पटवारियों के पदस्थ होने से 42 पटवारी हल्कों पर पटवारी डबल में है। 10 फरवरी 2019 को प्रशिक्षु पटवारियों की प्रशिक्षण अवधि समाप्त होने के पश्चात् सभी हल्कों पर पटवारी पदस्थ होकर कार्य करेंगे। पटवारियों का मुख्यालय पदस्थ हल्का मुख्यालय ग्राम पर है। (ग) PEB द्वारा रिक्त पटवारी पदों की पूर्ति हेतु परीक्षा आयोजित कराकर रिक्त पदों की पूर्ति की जा चुकी है। शेष रिक्त पदों की पूर्ति हेतु प्रतीक्षा सूची से कार्यवाही की जा रही है।
शासकीय भूमि का अधिग्रहण
[खनिज साधन]
97. ( क्र. 666 ) श्री सुनील सराफ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के कोतमा विधान सभा क्षेत्र में एस.ई.सी.एल. हसदेव क्षेत्र के अंतर्गत स्थित बिजुरी उप क्षेत्र हेतु किन-किन लोगों की निजी अथवा शासकीय भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही की गई है? अधिग्रहित भूमि किस ग्राम, पटवारी हल्का में स्थित है तथा अधिग्रहित भूमि का खसरा नंबर एवं रकबा क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निजी अथवा शासकीय भूमि के अधिग्रहण के पश्चात शासन के निर्देशानुसार सभी अधिग्रहित भूमि का मुआवजा अथवा रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है? यदि हाँ, तो नाम, पता सहित सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो कब तक अधिग्रहित भूमि का मुआवजा/रोजगार उपलब्ध करा दिया जायेगा? (ग) जिला अनूपपुर के कोरजा एवं बहेराबांध उप क्षेत्र में भी एस.ई.सी.एल. हसदेव द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया गया है। यदि हाँ, तो निजी अथवा शासकीय भूमि के अधिग्रहण के पश्चात शासन के निर्देशानुसार सभी को अधिग्रहित भूमि का मुआवजा अथवा रोजगार उपलब्ध करा दिया गया है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावें, यदि नहीं, तो कब तक अधिग्रहित भूमि का मुआवजा/रोजगार उपलब्ध करा दिया जावेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'अ' पर दर्शित है। (ख) प्रश्नांश अनुसार मुआवजा भुगतान तथा रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - 'ब', 'स', 'द' एवं 'ई' पर दर्शित है। बहेराबांध उप क्षेत्र में एस.ई.सी.एल. हसदेव क्षेत्र द्वारा भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं की गई।
परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
98. ( क्र. 667 ) श्री सुनील सराफ : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले की कोतमा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किन-किन राशन दुकानों से किन-किन ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में कितने परिवारों को राशन प्राप्त हो रहा है? प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कोतमा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कितने परिवारों को किस-किस श्रेणी के अंतर्गत खाद्यान्न पात्रता पर्ची का वितरण किया गया है और कितने परिवारों को किस-किस श्रेणी के अंतर्गत खाद्यान्न पर्ची का वितरण किया जाना शेष है? अभी तक पात्रता पर्ची का वितरण शेष रहने का क्या कारण है? कब तक शेष परिवारों को पात्रता पर्ची का वितरण कर दिया जायेगा। (ग) कोतमा विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत पात्र हुये हितग्राहियों को विगत 6 माह से पात्रता पर्ची विभाग द्वारा प्रदान नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? ऐसे कितने पात्र हितग्राही हैं जिन्हें पात्रता पर्ची प्रदान की जाना शेष है? कब तक पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदान कर दी जायेगी।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कोतमा विधान सभा क्षेत्र की 82 उचित मूल्य दुकानों से संलग्न 36,419 पात्रता पर्चीधारी परिवारों हेतु माह जनवरी, 2019 में खाद्यान्न का आवंटन जारी किया गया है। उचित मूल्य दुकानवार एवं ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायवार पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) कोतमा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 3656 परिवारों को अन्त्योदय अन्न योजना एवं 32763 परिवारों को प्राथमिकता श्रेणी अंतर्गत पात्रता पर्ची जारी की गई है। जिन पात्र परिवारों की पात्रता पर्ची जारी की गई है उनका वितरण किया जा चुका है। कोतमा विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 1309 आवेदकों को पात्रता पर्ची जारी की जाना शेष है, जिनकी श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75.26 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभांवित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्र परिवारों को स्थानीय निकाय द्वारा सत्यापन उपरांत पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) जारी की जाती है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्यु होने, विवाह होने से, अन्य स्थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्राही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जा रही है। जिले में 01 मई, 2017 की स्थिति में परिवारों की संख्या के विरूद्ध जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जा सकेगा। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जा रही है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के अनुसार।
खदानों का आवंटन
[खनिज साधन]
99. ( क्र. 670 ) श्री राम दांगोरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत सिंगोट, बलवाड़ा एवं तलवडिया में डल रही रेलवे लाइन के ठेकेदार को रेत, गिट्टी, मुरूम की कितनी खदानें आवंटित कि गई है और किस-किस जगह पर, किस दर से खदानें उत्खनन हेतु आवंटित की गई हैं? (ख) यदि नहीं, तो किस-किस ठेकेदार द्वारा मुरूम व गिट्टी हेतु लगभग 4-5 पहाड़ियां व सैकड़ों स्क्वायर फिट जमीनें खोदकर गड्ढे कर दिये गये हैं, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? क्या ठेकेदार पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई? (ग) क्या उक्त पहाड़ियां व बड़े-बड़े गड्ढों से जानमाल के नुकसान का आंकलन विभाग द्वारा किया गया है? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार रेलवे लाइन के दो ठेकेदार को मुरूम खनिज की स्वीकृत उत्खनन अनुज्ञा का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। गिट्टी एवं रेत के खनन हेतु कोई अनुज्ञा/उत्खनन पट्टा उक्त ठेकेदारों को स्वीकृत नहीं की गई है। (ख) मुरूम खनिज के अवैध उत्खनन का प्रकरण ठेकेदारों के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया है, जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अवैध उत्खनन के प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन हैं। गिट्टी के उत्खनन संबंधी कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। विभागीय अधिकारियों द्वारा खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 तथा नियमों के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश अनुसार बड़े-बड़े गढ्ढे निर्मित नहीं किए गए हैं तथा जान-माल के नुकसान की स्थिति नहीं होने से आंकलन किए जाने अथवा किसी प्रकार की कार्यवाही किए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध रेत उत्खनन एवं परिवहन
[खनिज साधन]
100. ( क्र. 675 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विधान सभा क्षेत्र में हिर्री नदी एवं धनई नदी में ग्राम पंचायतों द्वारा हैंड लोडिंग की बजाये भारी मशीन पोकलेन द्वारा उत्खनन एवं 10 चका 12 चका डंपर/हाईवा से परिवहन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो, खनिज विभाग द्वारा विगत 3 वर्षों में कब-कब छापा डालकर, कितनी बार पोकलेन मशीन एवं डंपर/हाईवा जब्त किये गये है एवं इन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या सिवनी जिले के अंदर नदी के बाहर लगे हुये क्षेत्र में लाखों क्यूबिक मीटर रेत का भंडारण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या सिवनी जिले के अंतर्गत हिर्री एवं घुनई नदी से बाहर लगे हुये क्षेत्र में रेत भंडारण की नियमानुसार अनुमति ग्राम पंचायतों को दी गई है? यदि नहीं, तो बिना अनुमति रेत भंडारण करने वाली ग्राम पंचायतों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) हिर्री एवं घनई नदी से एक दिन में अधिकतम कितनी गाड़ियों से रेत परिवहन किया जा रहा है? रेत परिवहन हेतु दो वाहनों के बीच रॉयल्टी का समय अंतराल कितना-कितना है? क्या सिवनी जिले से बाहर अन्य जिले एवं प्रांतों में इन खदानों से रेत परिवहन किया गया है? यदि हाँ, तो कितने क्यूबिक मीटर रेत परिवहन की रॉयल्टी जारी की गई है? (घ) शासन द्वारा जबसे ग्राम पंचायतों को रेत उत्खनन के लिए अनुमति दी गई, तब से सिवनी जिले के अंतर्गत कितने क्यूबिक मीटर रेत का उत्खनन पंचायतवार किया गया है? पंचायतों को रेत विक्रय (व्यापार) की शक्तियां किन उद्देश्यों से दी गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जी नहीं। म.प्र. रेत नियम 2018 के तहत प्रश्नाधीन विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायत सकरी स्थित हिर्री नदी में 01 रेत खदान एवं ग्राम पंचायत बागडोगरी में धनई नदी में 01 रेत खदान दिनांक 29.09.2018 को संबंधित ग्राम पंचायत को अंतरित की गई है। विगत 03 वर्षों में ग्राम पंचायत अथवा अन्य द्वारा पोकलेन मशीन से रेत उत्खनन का प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। सिवनी जिले में प्रश्नांश में दर्शित नदी के बाहर लगे हुए क्षेत्र में लाखों क्यूबिक मीटर रेत का भण्डारण नहीं किया गया है। वस्तुस्थिति यह है कि भारी वाहन एवं मशीनें प्रतिबंधित होने से नदी में लगे क्षेत्रों में रेत एकत्र करने की वैकल्पिक व्यवस्था पंचायत द्वारा की जाती है। (ग) प्रश्नाधीन खदानों से प्रतिदिन कितनी गाड़ियों से रेत का परिवहन किया गया है, की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न अनुसार अंतराल का कोई समय निर्धारित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्राम पंचायत सकरी स्थित रेत खदान से 20617 घनमीटर तथा ग्राम पंचायत बागडोगरी स्थित रेत खदान से 18377 घनमीटर रेत की निकासी की गई है। नियमों में पंचायतों को रेत विक्रय (व्यापार) की शक्तियां प्रदान करने के प्रावधान नहीं हैं।
टोल प्लाजा की अनियमितता
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 678 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत सेमरिया-बिरसिंहपुर-मानिकपुर तिराहे में टोल प्लाजा संचालित है? यदि हाँ, तो इस टोल प्लाजे का एग्रीमेन्ट किस कंपनी के साथ है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उक्त टोल प्लाजा किस स्थान पर संचालित होने का एग्रीमेंट है? क्या इस अनुबंध में सेमरिया नगर से बिरसिंहपुर जाने वाले वाहनों से भी टोल वसूलने का अनुबंध है? यदि नहीं, तो सेमरिया से बिरसिंहपुर जाने वाले वाहनों से किस योजना/अनुबंध के तहत टोल वसूला जा रहा है? (ग) क्या सेमरिया लोकल वाहनों से भी टोल वसूली करने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो क्यों वसूली की जा रही है? क्या विधि विरूद्ध वसूली करने के दोषी कंपनी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं यदि नहीं, तो क्यों? इस टोल प्लाजे से अब तक कितनी राजस्व की वसूली की जा चुकी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ मेसर्स रीवा पाथवेज प्रा.लि. महू। (ख) अनुबंध अनुसार टोल प्लाजा मार्ग के कि.मी. 0 से 02 के मध्य प्रस्तावित है। जी हाँ टोल प्लाजा पार करने पर। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ लोकल ट्रेफिक के लिए कन्सेशन अनुबंध के क्लाज 27-3 अनुसार मासिक पास का प्रावधान है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। टोल वसूली अनुबंधानुसार की जा रही है। अतः कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। निवेशकर्ता द्वारा टोल वसूली की राशि रू 92341151/- है।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण छात्रावासों की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
102. ( क्र. 681 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर नगर में कितने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कल्याण छात्रावास संचालित हैं? इनमें कर्मचारियों के कितने-कितने पद स्वीकृत तथा कितने भरे एवं कितने रिक्त हैं? संवर्गवार बताएं। (ख) क्या कर्मचारियों/अधिकारियों के अभाव में छात्रावास अधीक्षक एवं अन्य कर्मचारी डबल-डबल प्रभार में हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन इनकी पूर्ति हेतु नई भर्ती करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या सागर जिले में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग भोपाल से वर्ष 2014-15 में नवीन प्री-मैट्रिक छात्रावासों की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो कितने और कहाँ-कहाँ स्थापित किए जाना प्रस्तावित है? इन छात्रावासों में कर्मचारियों की पूर्ति की क्या व्यवस्था की गई है? (घ) क्या विभाग में वर्षों से रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कोई नई भर्ती नहीं हुई एवं सभी पदस्थ कर्मचारियों की पदोन्नति भी वर्षों से लंबित है? इसका क्या कारण है और रिक्त पदों की पूर्ति कब तक करा दी जायेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। वर्ष 2014-15 में अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा सागर जिले में 03 प्री-मैट्रिक कन्या छात्रावास खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई थी, सागर नगर में ही किराये के भवन अन्तर्गत क्रमश: मोतीनगर-01, रमझिरिया-01 एवं तिली-01 छात्रावास स्थापित किये गये हैं। अधीक्षक की व्यवस्था स्थानान्तरण से 02 सहायक शिक्षक को एवं 01 छात्रावास को अतिरिक्त रूप से संचालन हेतु प्रभार सौंपा गया। चतुर्थ श्रेणी (रसोइया, चौकीदार, जलवाहक एवं भृत्य) कर्मचारियों की व्यवस्था स्वीकृत अनुसार कलेक्टर दर पर एवं स्थानान्तरण से की गई। (घ) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार।
रॉयल्टी एवं खनिज खनन में अनियमितता
[खनिज साधन]
103. ( क्र. 682 ) श्री महेश परमार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में वर्तमान में गौण खनिज की कितनी निजी एवं सरकारी खदानें किन-किन स्थानों पर संचालित हैं? खदान आवंटन के समय खनन हेतु कितना क्षेत्रफल तय किया गया? प्रत्येक खदानवार ब्यौरा देवें। (ख) क्या उक्त खदानों में लीज पर दी गई भूमि के क्षेत्रफल से अधिक भूमि पर खनन किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? ऐसे कितने मामले प्रकाश में आये हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या खदानों पर रॉयल्टी वसूली हेतु रसीद बुक जारी की जाती है? यदि हाँ, तो उक्त किस-किस खदान का किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी रसीद बुक कब-कब जारी की गई? (घ) क्या रॉयल्टी रसीद बुक एवं खदानों से खनन की गई खनिज संपदा में तुलनात्मक समानता है? यदि नहीं, तो अत्यधिक खनन एवं रॉयल्टी रसीदों के कम उपयोग का क्या कारण है? (ड.) क्या प्रश्नांश (घ) की जाँच कराई जाकर दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने से शेष कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
मण्डला जिला अंतर्गत फ्लोराइड युक्त पानी की समस्या से निपटने के उपाय
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
104. ( क्र. 685 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिला, जल-पहाड़ वनों से घिर कर असमतल भू-भाग होने के साथ फ्लोराइड की अधिक मात्रा होने से पीने के पानी की समस्या से निपटने हेतु संबंधित विभाग द्वारा काई कार्य योजना तैयार की गई है? (ख) यदि कोई योजना तैयार नहीं की गई है, तो इसका कारण क्या है? स्पष्ट करें। (ग) क्या पीने के पानी के लिए नदी या बांधों के माध्यम से पानी लाने के लिए लिफ्ट ऐरीकेशन के माध्यम से काई योजनाएं बनाई गई हैं? यदि बनाई गई हैं, तो उन योजनाओं पर क्या-क्या कार्य की प्रगति है? (घ) मण्डला स्थित बड़ी खेरी से जो कि फ्लोराइड क्षेत्र में पानी सप्लाई की योजना कई वर्षों से जारी है, पूरी तरह से चालू न होने के कारण एवं उक्त से संबंधित जिम्मेदार कौन है? स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) योजना अंतर्गत वन विभाग से विलंब से अनुमति प्राप्त होने एवं एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा सड़क निर्माण के दौरान पाईप लाईन के क्षतिग्रस्त होने के कारण योजना पूर्ण रूप से चालू नहीं की जा सकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भू-अर्जन प्रक्रिया अंतर्गत मुआवजे की जानकारी
[राजस्व]
105. ( क्र. 686 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भू-अर्जन प्रक्रिया में सभी जगहों पर दिये जाने वाले मुआवजे की राशि समान होती है? यदि नहीं, तो विस्थापितों को जमीन के बदले जमीन या घर के बदले घर उपलब्ध कराया जाता है? (ख) क्या जो मुआवजा दिया जाता है, उससे जिला मुख्यालय या अन्य स्थानों पर उतनी जमीन खरीद पाना संभव है? यदि नहीं, तो मुआवजे का आंकलन जिले में एक उच्च एवं समान दर पर क्यों नहीं किया जाता? (ग) मण्डला जिले में प्रस्तावित चुटका परियोजना में 3.75 लाख/हेक्टेयर भानपुर मवई जलाशय में 80 हजार/प्रति हेक्टेयर उमरडीही मोहगाँव ब्लाक में गुप्त गंगा जलाशय में 1.50 लाख रू./ हेक्टेयर आदि क्या इतनी कम मुआवजे पर अन्य स्थानों पर भूमि क्रय किया जाना संभव है? यदि नहीं, तो इसके लिये कोई नीति तैयार की जा रही है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भू-अर्जन प्रक्रिया में सभी जगहों पर दिये जाने वाले मुआवजे की राशि समान नहीं होती है। लघु सिंचाई योजनाओं में विस्थापितों को जमीन के बदले जमीन या घर के बदले घर उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान नहीं है। (ख) मुआवजे की दरों का निर्धारण भू-अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 में दिये गये प्रावधानों के आधार पर किया जाता है। मुआवजे का आंकलन जिले में एक उच्च एवं समान दर पर निर्धारित किये जाने का अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है (ग) निर्धारित मुआवजा राशि का अन्य भूमि क्रय हेतु आवश्यक राशि से संबंध नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आर.आर.सी पर कार्यवाही
[राजस्व]
106. ( क्र. 690 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन के विरूद्ध जारी आर.आर.सी पर अब तक क्या कार्यवाही की गई है? तहसीलदार महिदपुर जिला उज्जैन के पत्र क्रमांक/क्यू/रीडर/2018/1097 पत्र दिनांक 06.09.18 के संदर्भ में देवें। (ख) इस पत्र पर कार्यवाही न कर वसूली नहीं करने के क्या कारण हैं? (ग) वसूली न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? इनके नाम, पदनाम भी देवें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर के विरूद्ध श्री बहादुर सिंह चौहान विधायक महोदय महिदपुर द्वारा अवैध उत्खनन की शिकायत खनिज विभाग भोपाल में किये जाने पर जिला खनिज अधिकारी उज्जैन द्वारा जाँच उपरांत न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) महिदपुर में रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने पर माननीय न्यायालय द्वारा प्र. क्र. 30/अ-67/13-14 में पारित आदेश दिनांक 19.02.2016 अनुसार अवैध उत्खनन के प्रकरण में पारित अर्थदण्ड राशि रूपये 30,29,25,600/- अक्षरी रूपये तीस करोड़ उनतीस लाख पच्चीस हजार छः सौ रूपये मात्र/- की वसूली के आदेश दिये गये थे। प्रकरण दर्ज कर अनावेदक दिनेश पिता मांगीलाल जैन के विरूद्ध रूपये 30,29,25,600/- अक्षरी रूपये तीस करोड़ उनतीस लाख पच्चीस हजार छः सौ रूपये मात्र/- की आर.आर.सी. जारी की गई थी एवं अनावेदक एवं उसके परिवार की चल-अचल संपत्ति की जानकारी ली गई थी। अनावेदक द्वारा अपर आयुक्त महोदय उज्जैन संभाग उज्जैन, राजस्व मण्डल ग्वालियर न्यायालय में प्रस्तुत अपील खारिज होने उपरांत माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में याचिका दायर की गई थी। उक्त न्यायालयों में प्रकरण प्रचलित रहने के दौरान समय-समय पर न्यायालय से वसूली पर स्थगन जारी हुये थे। न्यायालयीन उद्घोषणा दिनांक 15.06.2018 द्वारा बकायेदार की ग्राम गोगापुर, बरूखेडी, झुटावद, बपैया में स्थित अचल संपत्ति कुर्क की गई। जिसमें नीलामी की कार्यवाही हेतु दिनांक 15.07.2018 नियत की गई थी। विभिन्न समाचार पत्रों में उद्घोषणा का प्रकाशन करवाया गया था। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में डब्ल्यू.पी. 3056/17 में पारित आदेश दिनांक 17.07.2018 द्वारा तीनों राजस्व न्यायालयों के आदेश निरस्त किये गये एवं अनावेदक को 20 प्रतिशत राशि जमा कराने की शर्त पर प्रकरण माननीय कलेक्टर न्यायालय को प्रति प्रेषित (रिमॉण्ड) किया गया। माननीय कलेक्टर न्यायालय में अनावेदक द्वारा 20 प्रतिशत राशि जमा नहीं कराये जाने पर पुनः न्यायालयीन सूचना पत्र क्रं. 97/रीडर/2018 महिदपुर दिनांक 06.09.2018 अनावेदक को जारी कर 20 प्रतिशत राशि रूपये 60585120/- का अनावेदक को जारी किया गया। जिसमें अनावेदक की ओर से दिनांक 10.09.2018 को जवाब प्रस्तुत किया गया। अनावेदक द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के आदेश दिनांक 20.09.2018 के विरूद्ध माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. क्रं. 28983/18 दायर की गई हैं। (ख) माननीय कलेक्टर न्यायालय द्वारा जारी आदेश दिनांक 06.09.2018 में अनावेदक दिनेश पिता मांगीलाल जैन को सीधे खनिज मद में राशि जमा करने के निर्देश हैं एवं जिला खनिज अधिकारी उज्जैन को प्रतिवेदन हेतु अधिकृत किया गया हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में एस.एल.पी. क्रं. 28983/18 दायर होकर प्रकरण में जिला खनिज अधिकारी प्रभारी अधिकारी नियुक्त हैं। जिला खनिज अधिकारी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दायर एस.एल.पी के उपरांत के नवीन निर्देश जारी किया जाना अपेक्षित हैं। अतः यह स्पष्ट नहीं हैं, कि मूल वसूली आदेश अनुसार राशि रूपये 30,29,25,600/- अक्षरी रूपये तीस करोड़ उनतीस लाख पच्चीस हजार छः सौ रूपये मात्र/- एवं बीस प्रतिशत राशि 60585120/- में से किस राशि की वसूली की आगामी कार्यवाही की जाना हैं। (ग) न्यायालयीन प्रक्रिया होने से वसूली की समय-सीमा निर्धारित नहीं हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रकरण लंबित होने से संसदीय नियमावली के पेरा 8.5 की कंडिका 9 के अनुसार विलोपन किया जाना प्रस्तावित है।
सुप्रीम कोर्ट का प्रकरण क्रमांक 28983/2018 पर कार्यवाही
[खनिज साधन]
107. ( क्र. 691 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड जिला उज्जैन द्वारा दिनांक 11/12/18 को दायर सुप्रीम कोर्ट एस.एल.पी. क्रमांक 28983 पर विभाग द्वारा अब तक अपना पक्ष क्यों नहीं प्रस्तुत किया गया? (ख) यह भी बतावें की इसके जिम्मेदार अधिकारी कौन है? उन पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रकरण क्रमांक 28983/2018 के संदर्भ में विभाग द्वारा मा. सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष कब तक रखा जाएगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रश्नांश की जानकारी प्रेषित की जाना उचित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उद्भूत नहीं होता है। विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की गई है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।
पीक आवर्स पर बिजली की खरीदी एवं बिक्री की दरों की जानकारी
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 694 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विभाग में पीक आवर्स किस समय को माना जाता है? बिजली खरीदने एवं बेचने में पीक आवर्स पर क्या दरें तय होती हैं और इसे कौन, किस आधार पर, किन शर्तों एवं मापदण्डों पर तय किया जाता है? (ख) ऊर्जा विभाग ने दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2018 के दौरान पीक आवर्स में किस-किसको, किस-किस दर पर, कितनी-कितनी बिजली (यूनिट) बेची? इसी समयानुसार किस-किस से, किस-किस दर पर, कितनी-कितनी बिजली (यूनिट) खरीदी? खरीदी एवं बेची जाने वाली बिजली के जो आदेश जारी हुये उसकी एक-एक प्रति दें। (ग) म.प्र. अन्य कौन-कौन से राज्य बिजली खरीदते हैं? दिनांक 01.01.2016 से 31.10.2018 के दौरान किस-किस राज्य को किस दर पर कितनी यूनिट बिजली बेची गई? माहवार, राज्यवार जानकारी दें। (घ) म.प्र. के द्वारा दिनांक 01.01.2016 से 31.12.2018 के दौरान किस-किस सरकारी उपक्रम एवं निजी बिजली उत्पादन कंपनियों से किस दर प्रति यूनिट से बिजली माहवार खरीदी गई? प्रश्न तिथि तक किस-किस निजी बिजली कंपनियों से किस दर पर बिजली खरीदे जाने का करार है? प्रत्येक श्रेणी के विद्युत उत्पादक से किए गए करार (एग्रीमेंट) की एक-एक प्रति दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) ऊर्जा विभाग म.प्र. शासन द्वारा पीक आवर्स निर्धारित नहीं होते हैं, अपितु, पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति (डब्ल्यू.आर.पी.सी.) द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र के विद्युत गृहों से विद्युत के आवंटन के प्रयोजन के लिये शाम 6 से 10 बजे को पीक आवर्स माना जाता है। दीर्घकालिक विद्युत क्रय की दरें संबंधित नियामक आयोग द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 के अन्तर्गत जारी विनियमों के अनुरूप संपूर्ण टैरिफ पीरियड हेतु निर्धारित की जाती है, जिसमें पीक आवर्स की दरें पृथक से नहीं रहती। अल्पावधि विद्युत क्रय हेतु पावर एक्सचेंज के माध्यम से उस दिन की दर बिडिंग के आधार पर पता चलती है, जिसका पूर्व में अनुमान नहीं लगाया जा सकता। (ख) म.प्र. शासन के पूर्ण स्वामित्व वाली एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा पावर एक्सचेंज के माध्यम से दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 31.12.2018 के मध्य क्रय/विक्रय की गई विद्युत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘क’ अनुसार है, जिसमें शाम 6 से 10 बजे की अवधि में किये गये क्रय/विक्रय की जानकारी भी समाहित है। उल्लेखनीय है कि पावर एक्सचेंज के माध्यम से क्रय/विक्रय की गई विद्युत के क्रेता/विक्रेता संबंधी जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। आशय-पत्र के माध्यम से दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 31.12.2018 की अवधि में विक्रित विद्युत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा दिनांक 01.01.2016 से दिनांक 31.12.2018 तक क्रय की गई कुल विद्युत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ग’ अनुसार है। एक्सचेंज के माध्यम से विद्युत क्रय/विक्रय का पृथक से कोई आदेश नहीं रहता है, अपितु, दैनिक ऑब्लीगेशन रिपोर्ट प्राप्त होती है, जिसकी प्रश्नाधीन अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ख-2’ अनुसार है। आशय पत्र के माध्यम से क्रय/विक्रय की जाने वाली विद्युत के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘झ’ अनुसार है। (ग) पॉवर एक्सचेंज के माध्यम से विद्युत विक्रय करने वाले राज्यों का उल्लेख नहीं रहता है। तथापि आशय पत्र के माध्यम से विक्रय की गई विद्युत का राज्य, माह एवं दर का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र –घ अनुसार है। (घ) एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रश्नाधीन अवधि में क्रय की गई विद्युत के उत्पादक, माह एवं दर संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘च-1’ से ‘च-5’ अनुसार है। निजी विद्युत उत्पादन कंपनी से क्रय अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र छ-1 से छ-5 अनुसार है। प्रश्न तिथि तक निजी विद्युत कंपनियों से बिजली खरीदी किये जाने हेतु प्रत्येक श्रेणी के विद्युत उत्पादक विद्युत क्रय के लिये किये गये करार की एक-एक प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ज’ अनुसार है।
खनिज विभाग की जाँच की जानकारी
[खनिज साधन]
109. ( क्र. 695 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा के बजट सत्र फरवरी-मार्च 2018 को 7 मार्च 2018 में तारांकित प्रश्न क्रमांक 757 में सदन में मुख्य सचिव के द्वारा जाँच कराये जाने की घोषणा के बाद खनिज विभाग द्वारा क्या-क्या जाँच प्रश्नतिथि तक की है? सभी आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से जो पत्र जारी हुये हैं उनकी एक-एक प्रतिलिपि दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित दिनांक से जो जाँच के आदेश हुये उस के परिपालन में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के द्वारा अपने अर्ध. शासकीय पत्र क्रमांक 451/ने.प्र./18 दिनांक 10.03.2018 को मा. मुख्य सचिव को 14 बिन्दुओं का एक पत्र जाँच बाबत् एवं तथ्यों के दस्तावेजों सहित लिखा था? (ग) क्या उक्त अवैध माईनिंग/क्वारी तीनों से अवैध उत्खनन एवं परिवहन की दस्तावेजी जानकारी नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य सचिव को खनिज एवं परिवहन विभाग को भी दी थी। खनिज विभाग में प्रश्न दिनांक तक कब व क्या कार्यवाही की उसकी बिन्दुवार/प्रकरणवार जानकारी दें। (घ) क्या राज्य शासन शासकीय भूमि को निजी भूमि में तब्दील कर उस पर माईनिंग लीज लेकर करोड़ों का अवैध उत्खनन करने वालों की लीज समाप्त कर अवैध उत्खनन करने पर वसूली एवं दंडनीय कार्यवाही कर जुर्माना कब तक वसूलेगा?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) प्रश्न में उल्लेखित तारांकित प्रश्न क्रमांक 757 जिला सतना के ग्राम रामस्थान में शासकीय भूमियों का निजी भूमि के रूप में हस्तांतरण के विषय में था एवं प्रश्न राजस्व विभाग से संबंधित था। दिनांक 07.03.2018 के पश्चात खनिज विभाग द्वारा रामस्थान क्षेत्र में प्रश्न दिनांक तक जो जाँच की है, उसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। उक्त परिशिष्ट-अ में दर्शित दिनांक 11.04.2018 एवं 05.02.2019 को किए गए जाँच के प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं 'स' पर दर्शित है। (ख) जी हाँ। प्रश्न में उल्लेखित अर्द्धशासकीय पत्र दिनांक 10.03.2018 तत्कालीन माननीय नेता प्रतिपक्ष द्वारा मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन को 14 बिन्दुओं पर जाँच करने हेतु लेख किया गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर अनुसार तत्कालीन माननीय नेता प्रतिपक्ष द्वारा मुख्य सचिव को दिनांक 10.03.2018 को पत्र लिखा गया है। खनिज विभाग द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रारंभ से लेकर अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई पर दर्शित है। (घ) कलेक्टर, खनिज शाखा, जिला सतना द्वारा दिनांक 15.02.2017 को खनिपट्टाधारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ पर दर्शित है। ग्राम रामस्थान में स्वीकृत खनिपट्टा क्षेत्र के बाहर अवैध उत्खनन का जो खनिपट्टाधारी के विरूद्ध दर्ज किया गया था वह न्यायालय कलेक्टर, सतना के आदेश दिनांक 03.10.2018 से निराकृत कर दिया गया है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
110. ( क्र. 697 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं? उनसे कितने ग्रामों में कितनी हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी? योजनावार एवं ग्रामवार बताये। (ख) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी सिंचाई योजनाएं स्वीकृति हेतु प्रस्तावित है? कौन-कौन सी योजनाएं का सर्वे किया गया है और कौन-कौन सी योजनाओं का सर्वे अभी किया जाना है? (ग) कालापीपल विधान सभा में वर्तमान में विभाग की कितनी योजनाएं संचालित हैं? कितनी योजनाएं 01 जनवरी 2004 के बाद पूर्ण की गई है? सूची प्रदान करें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में मोहम्मदपुर मछनाई बैराज निर्माणाधीन है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) अमसियाखेड़ी वियर II एवं घाटावाला महाराज बैराज। डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुई है। शेष जानकारी निरंक। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित लघु सिंचाई परियोजनाओं से 5024 हेक्टर।
नल-जल योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
111. ( क्र. 698 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? कितनी बंद हैं? कितनों के स्त्रोत सूख गये हैं? योजनावार बताएं। (ख) कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजना निर्माणाधीन हैं? लागत सहित बतायें। यह योजनाएं कब तक पूर्ण की जाना संभावित है? (ग) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में कितने हैण्डपंप हैं? ग्रामवार संख्या बतायें। कितने हैण्डपंप स्थाई रूप से बंद हैं? कारण सहित जानकारी देवें। (घ) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में कितने ग्रामों में गर्मियों के दिनों में पेयजल की समस्या होती है? पेयजल समस्यामुक्त ग्रामों के नाम एवं समस्या से निवारण हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 47 नल-जल योजनाएं संचालित हैं इनमें से वर्तमान में 20 नल-जल योजनाएं बंद हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 10 नल-जल योजनाएं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कुल 1372 हैण्डपंप। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) लगभग 43 ग्रामों में अनुमानित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति में विलम्ब
[जल संसाधन]
112. ( क्र. 705 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत मझगंवा-धनवाही उद्वहन सिंचाई विस्तार योजना, कब से किस स्तर पर लंबित है? क्या यह योजना साध्य पाई गई है? यदि हाँ, तो कब तक इसका कार्य आरंभ किया जावेगा? (ख) मैहर विधान सभा क्षेत्र की धुनवारा तालाब योजना की वर्तमान में क्या स्थिति है? स्वीकृति किस स्तर पर किस कारण लंबित है? कब तक इस योजना का निर्माण आंरभ कराया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) मैहर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत चिन्हित मझगंवा धनवाही परियोजना प्रथम दृष्ट्या असाध्य होने से स्वीकृति दी जाने की स्थिति नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (ख) घुनवारा तालाब परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 28.08.2018 को रू. 903.00 लाख की 275 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। निर्माण कार्य प्रांरभ कराना वन-भूमि के उपयोग की अनुमति भारत सरकार से प्राप्त होने पर निर्भर होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
क्षतिग्रस्त डिवाइडर का मरम्मत कार्य
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 710 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन-इंदौर तक फोर-लेन सड़क के मध्य में बनाये गये डिवाइडर, बीच-बीच में असामाजिक तत्वों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये गये हैं, जिसके कारण से आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं? (ख) यदि हाँ, तो उक्त डिवाइडर के क्षतिग्रस्त होने के पश्चात् भी संबंधित जिम्मेदारों द्वारा कोई भी वैधानिक कार्यवाही नहीं करते हुये टोल राशि की वसूली की जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) यदि हाँ, तो क्या क्षतिग्रस्त डिवाइडर को पुन: रिपेरिंग किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) निवेशकर्ता एजेंसी द्वारा वैधानिक कार्यवाही की गई है। टोल राशि की वसूली कंसेशन अनुबंध अनुसार निवेशकर्ता द्वारा की जा रही है। कोई अधिकारी दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) निवेशकर्ता एजेंसी द्वारा क्षतिग्रस्त डिवाइडर की मरम्मत कंसेशन अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार की जाती है। स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
परिवहन कार्यालय द्वारा लिये जा रहे शुल्क की जानकारी
[परिवहन]
114. ( क्र. 711 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में परिवहन कार्यालय उज्जैन में प्रति व्यक्ति, प्रति आवेदन स्मार्ट कंपनी द्वारा 71 रू. शुल्क लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त विषय में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालय को कैश काउंटर खोले जाने हेतु निर्देशित किया था? यदि हाँ, तो, आदेश की प्रति उपलब्ध कराते हुए माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में विभाग द्वारा प्रदेश में किन-किन कार्यालयों में केश काउंटर खोले गये? (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का जवाब नहीं है तो माननीय उच्च न्यायालय की अवहेलना करने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। विभाग द्वारा जारी की गई अधिसूचना क्रमांक एफ 22-10-2012/आठ दिनांक 05.12.2013 के अनुसार ऑन-लाइन ट्रांजेक्शन में काटी जाने वाली अतिरिक्त राशि वेब आधारित प्रणाली द्वारा कर और फीस का भुगतान प्रति संव्यवहार 27/- रुपये एवं वेब आधारित शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति/वाहन चालक अनुज्ञप्ति/आर.सी/फिटनेस/परमिट/बेव आधारित कोई अन्य सेवा के लिये प्रति संव्यवहार 36/- रुपये निर्धारित की गई हैं, जिसमें कर सम्मिलित नहीं हैं। आवेदक द्वारा ऑन-लाइन ट्रांजेक्शन करने पर यह राशि कम्पनी को देय होती है। ऑन-लाइन ट्रांजेक्शन की सुविधा वाहन स्वामियों को वैकल्पिक रुप से दी गयी हैं। वाहन स्वामी उक्त कार्य के लिए परिवहन कार्यालयों में स्थापित कैश काउन्टर के माध्यम से राशि जमा करा सकते हैं। आवेदक द्वारा परिवहन की सेवा हेतु ऑन-लाइन आवदेन करने पर राजपत्र में उल्लेखित अधिसूचना अनुसार राशि प्राप्त की जाती है। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर म.प्र. द्वारा पारित निर्णय के पालन में कार्यालय परिवहन आयुक्त के परिपत्र क्रमांक 3433/प्रर्व/आधु/टीसी/2016 दिनांक 08.06.2016 के द्वारा समस्त परिवहन कार्यालयों में नगद राशि प्राप्त करने हेतु कैश काउन्टर खोले गये हैं। मा० न्यायालय द्वारा पारित आदेश एवं विभाग से जारी परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' परिप्रेक्ष्य में उत्तर अपेक्षित नहीं है।
पंचामा बांध निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत
[जल संसाधन]
115. ( क्र. 714 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पंचामा बांध निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत एवं निर्माण कार्य के दस्तावेजों की प्रतिलिपि की मांग अधिकारियों से की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो शिकायत की जाँच प्रश्नकर्ता की उपस्थिति में किन कारणों से नहीं की गई? जब कि शिकायत पत्र में शिकायतकर्ता के समक्ष जाँच हेतु पत्र लिखा गया था?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) प्राप्त शिकायती पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) शिकायत की जाँच अधीक्षण यंत्री, जल संसाधन मण्डल, बालाघाट ने मान. सदस्य द्वारा अधिकृत प्रतिनिधि श्री मुन्ना चौहान एवं ग्राम के कृषकगणों की उपस्थिति में दिनांक 03.01.2019 को की गई। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
विशेष केन्द्रीय सहायता से आवंटित राशि की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
116. ( क्र. 715 ) श्री संजय उइके : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता एवं अनुच्छेद 275 (1) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक आई.टी.डी.पी./माढ़ा/लघु/ कलस्टर परियोजनाओं एवं लाईन विभागों को कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों हेतु आवंटित की गई? (ख) क्या वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना के प्रस्ताव बिना परियोजना सलाहकार मण्डल के अनुमोदन के विभाग द्वारा बुलाया गया है? (ग) हाँ, तो किन कारणों से परियोजना सलाहकार मण्डल का अनुमोदन नहीं लिया गया है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) आदिवासी उपयोजना विशेष केन्द्रीय सहायता मद अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक परियोजनाओं एवं विभागों को गतिविधिवार आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘एक‘ एवं ‘दो‘ अनुसार है। संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक परियोजनाओं एवं विभागों को गतिविधिवार आवंटित राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'तीन' अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छिंदवाड़ा जिले में गोदाम निर्माण में की गई अनियमितता
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
117. ( क्र. 717 ) श्री जालम सिंह पटेल (मुन्ना भैया) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा में गोदाम निर्माण हेतु किस कंपनी से किन-किन शर्तों के आधार पर अनुबंध किया गया था? उसकी वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) गोदाम की अनुबंधित क्षमता एवं मूल्य क्या था तथा आज दिनांक तक कितनी क्षमता का निर्माण इस कंपनी से कराया गया एवं कितनी राशि का इस कंपनी को भुगतान किया गया है? वर्तमान में निर्मित क्षमता की उपयोगिता का क्या प्रतिशत है? (ग) क्या यह अनुबंध डबल स्टोरी गोदाम निर्माण हेतु किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो क्या अनुबंध के अनुसार निर्माण कराया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (च) वर्तमान में गोदाम निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) छिंदवाड़ा में नवीनतम गोदाम का निर्माण फर्म वर्घमान प्रीसीजन प्रोफाईल एवं ट्यूब प्रा.लि., नई दिल्ली के द्वारा किया गया। यह कार्य शासन के लोक निर्माण विभाग की शर्तों के अंतर्गत अनुबंध करके संपादित किया गया था। वर्तमान में उक्त निर्माण कार्य पूर्ण किया जाकर गोदाम भण्डारण के उपयोग में लाया जा रहा है। (ख) गोदाम की अनुबंधित क्षमता 3600 मे. टन तथा अनुबंधित लागत राशि रूपये 2,49,50,000/- थी, जिसे पुनरीक्षित कर लागत राशि रूपये 3.35 करोड़ स्वीकृत की गई। वर्तमान में 3600 मे.टन के गोदाम निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अनुबंधकर्ता को राशि रूपये 2,92,49,710/- का भुगतान किया गया है। गोदाम की उपयोगिता का प्रतिशत 86.17 है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। (च) गोदाम का निर्माण पूर्ण हो चुका है।
नरसिंहपुर जिलांतर्गत रेत का अवैध उत्खनन
[खनिज साधन]
118. ( क्र. 718 ) श्री जालम सिंह पटेल (मुन्ना भैया) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिला अंतर्गत ग्राम गंगई सिंहघाट, तहगो, गोटेगाँव से भारी मात्रा में जे.सी.बी. से अवैध उत्खनन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जे.सी.बी. के उत्खनन करने की अनुमति किसने दी है? (ख) क्या गंगई सिंहघाट में अवैध उत्खनन करने के लिए प्रयुक्त किये जा रहे जे.सी.बी. और डम्पर जब्त किये गये हैं। यदि हाँ, तो इस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या रेत का अवैध उत्खनन पानी के अंदर से मशीन लगाकर किया जा रहा है? कितने क्षेत्र से ये अवैध उत्खनन किया जा रहा है? इसकी नपाई कर ली गई है। (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा माँ नर्मदा के पवित्र घाटों से अवैध उत्खनन के संबंध में कलेक्टर नरसिंहपुर को पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लिखित ग्रामों में जे.सी.बी. से उत्खनन की अनुमति नहीं दी गई है। (ख) जी हाँ। अवैध उत्खनन के विरूद्ध दो पोकलेन मशीन तथा एक डम्पर जब्त कर विभागीय कार्यवाही की जा रही है। (ग) जाँच दिनांक को पानी के अंदर अवैध उत्खनन होना नहीं पाया गया। स्वीकृत क्षेत्र से बाहर रकबा 0.615 हेक्टेयर पर अवैध उत्खनन होना पाया गया। (घ) जी हाँ। माननीय सदस्य का पत्र प्राप्त हुआ है, जिस पर उपरोक्त उत्तरांशों अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
रेल्वे ओव्हर ब्रिज का चौड़ीकरण
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 721 ) श्री चेतन्य काश्यप : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में सागोद रोड के रेल्वे ओव्हर ब्रिज के चौड़ीकरण कार्य की क्या प्रगति है? (ख) क्या इसकी स्वीकृत राशि आवंटित कर दी गई है? (ग) इसका कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) रेल्वे के हिस्से की रेल्वे से ड्राईंग डिजाईन प्राक्कलन प्राप्त करने की कार्यवाही प्रगति पर है। (ख) जी हाँ। (ग) रेल्वे से ड्राईंग डिजाईन एवं प्राक्कलन प्राप्त होने पर निविदा की कार्यवाही की जा सकेगी। वर्तमान में निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है।
राष्ट्रीय राजमार्ग-12 भोपाल-जबलपुर मार्ग निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 724 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग-12 भोपाल-जबलपुर मार्ग निर्माण का अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा? 25 जनवरी, 2019 की स्थिति में कितने प्रतिशत कार्य किस-किस एजेन्सी ने किया? (ख) उक्त मार्ग निर्माण में रायसेन जिले में कितनी भूमि मकान, प्लाट, मकान का अधिगृहण किया गया? उनको किस दर से किन-किन नियमों के तहत मुआवजा राशि दी जा रही है? क्या सभी को मुआवजा राशि का भुगतान हो गया? यदि नहीं, तो, क्यों? (ग) क्या अनेक व्यक्तियों को मान. न्यायालय के निर्देश पर दो गुना मुआवजा राशि दी गई है? यदि हाँ, तो सभी प्रभावित को दो-गुना मुआवजा राशि क्यों नहीं दी जा रही है? (घ) किन-किन प्रभावितों को मुआवजा राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? प्रकरणवार कारण बतायें। उक्त राशि कहाँ जमा है? उक्त राशि पर प्राप्त ब्याज राशि का क्या उपयोग किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गौहरगंज जिला-रायसेन से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) गौहरगंज जिला-रायसेन से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
आदिवासियों
को वन भूमि का
पट्टा प्रदान
करना
[जनजातीय कार्य]
1. ( क्र. 12 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत खातेगांव, कन्नौद एवं बिजवाड़ वन परिक्षेत्र में वर्ष 2012 से 2018 तक कितने आदिवासियों ने वनभूमि का पट्टा प्राप्त करने के लिये आवेदन किया? (ख) इन आवेदनों की जाँच उपरांत कितने लोगों को पात्र माना जाकर पट्टा स्वीकृत करने की कार्यवाही की गई? (ग) इस समयावधि के दौरान प्राप्त प्रकरणों में से कितने प्रकरण किन-किन कारणों से किये गये? प्रत्येक का उल्लेख करें। (घ) वर्तमान में कितने आदिवासियों को पट्टा देने के प्रकरण विभाग के पास विचाराधीन हैं? परिक्षेत्रवार बतावें।
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) देवास जिले के खातेगांव, कन्नौद एवं बिजवाड वन परिक्षेत्र में वर्ष 2012 से 2018 तक वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत 974 आदिवासियों ने दावा आवेदन किया। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 57 आदिवासियों के दावों को मान्य किया जाकर वन अधिकार पत्र वितरित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कोई भी प्रकरण निराकरण हेतु लंबित नहीं है।
शमशान घाटों पर अतिक्रमण
[राजस्व]
2. ( क्र. 31 ) श्री सुशील कुमार तिवारी (इंदु भैया) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत सभी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शमशान घाटों के लिये जगह आरक्षित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो नगर निगम वार्ड क्र. 76 के इमलिया, पिपरिया, मड़ई शमशान घाटों के लिए आरक्षित जमीनों में अतिक्रमणों को क्यों अनदेखा किया जा रहा है? (ग) क्या इन अतिक्रमणों को हटाया जायेगा? (घ) यदि हाँ, तो कब तक?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ (ख) जिले की विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत स्थित नगर निगम जबलपुर के वार्ड क्र.76 के ग्राम इमलिया व पिपरिया के लिए शमशान घाट हेतु आरक्षित भूमि में कोई अतिक्रमण नहीं है। ग्राम मढई में शमशान हेतु आरक्षित भूमि में विगत कई वर्षों से रहवासी कच्चे पक्के मकान बने हुए हैं। वर्तमान में ग्राम की ही अन्य शासकीय भूमि को शमशान के रूप में उपयोग किया जा रहा है जिसमें नगर निगम द्वारा शमशान शेड का निर्माण भी करा दिया गया है (ग) एवं (घ) कार्यवाही प्रचलित है।
नलकूपों का पानी सूखने के कारण उत्पन्न जल संकट
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
3. ( क्र. 32 ) श्री सुशील कुमार तिवारी (इंदु भैया) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत ग्राम डूंडी, चौखड़ा, सिलपुरी, चरखी एवं अन्य 34 ग्रामों की घनी बस्तियों के नलकूपों का जलस्तर नीचे जाने के कारण जल संकट उत्पन्न हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन नलकूपों में अतिरिक्त पाईपलाइन डाली जायेगी या नये बोर किये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं वर्तमान में जल संकट नहीं है। (ख) जल स्तर नीचे जाने वाले नलकूपों में आवश्यकता अनुसार राईजर पाईप बढ़ाने अथवा सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने की कार्यवाही की जाती है, आवश्यक होने पर नवीन बोर (नलकूप) खनन किया जाता हैं।
किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
4. ( क्र. 48 ) श्री विश्वास सारंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 11 दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के कितने किसानों ने आत्महत्याएं की हैं? (ख) क्या खंडवा और शाजापुर जिले में दो किसानों ने कर्ज माफ न होने के कारण आत्महत्याएं की हैं? यदि हाँ, तो उन किसानों को आत्महत्या हेतु प्रेरित करने का मामला किस पर दर्ज होगा? यदि नहीं, तो कारण दें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या उक्त दोनों किसानों द्वारा आत्महत्या करने के बाद प्रश्न दिनांक तक उनके कर्ज माफ कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं हुए?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रश्नांश अवधि में कुल 07 कृषकों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाएं प्रकाश में आई हैं। (ख) पुलिस अधीक्षक खण्डवा द्वारा दी गयी जानकारी अनुसार मर्ग जांच में मृतक द्वारा कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने संबंधी कोई भी तथ्य नहीं हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। पुलिस अधीक्षक शाजापुर द्वारा दी गई जानकारी अनुसार मृतक दिनांक 20.12.2018 से ही मृत्यु समय तक अचैतन्य अवस्था में रहा, इस कारण से उसके मरणासन्न कथन नहीं हो सके। इसके अतिरिक्त मृतक द्वारा कोई सुसाईड नोट नहीं छोडा गया संपूर्ण घटना के संदर्भ में नायब तहसीलदार कालापीपल द्वारा भी पृथक से जांच की गई है। जिसमें नायब तहसीलदार द्वारा मृतक की मृत्यु का कारण उसी के गांव के पृथ्वीसिंह रघुवंशी द्वारा मृतक की पत्नि से छेड़छाड़ व मृतक के साथ गाली गलोच करना पाया है। पुलिस द्वारा की गई मर्ग जांच के दौरान जो तथ्य आए है, उसमें पाया गया कि मृतक द्वारा सोसायटी व बैंक से करीब 1 लाख 75000 रूपये का कर्ज लिया गया जिसमें सोसायटी द्वारा दिये गये कर्ज को वापसी करने की अंतिम तारीख 15 मार्च 2019 थी। बैंक व सोसायटी द्वारा किसी भी प्रकार से कर्ज वापसी बावत कोई नोटिस या अन्य प्रकार से कोई भी संपर्क मृतक से नहीं किया गया। वर्तमान में प्रकरण में जांच जारी है जांच उपरांत ही निष्कर्ष निकालकर विधि सम्मत कार्यवाही की जावेगी। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जय किसान फसल ऋण योजना अन्तर्गत पात्रता अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
शैक्षणिक प्रयोजन हेतु दी गयी भूमि का वाणिज्यिक उपयोग की जांच
[राजस्व]
5. ( क्र. 77 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या फ्रेन्ड्स स्कूल, इटारसी को शैक्षणिक प्रयोजन हेतु दी गयी भूमि का वाणिज्यिक उपयोग करने के संबंध में दिनांक 01-04-2010 को कलेक्टर होशंगाबाद को शिकायत प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत में प्राप्त तथ्यों की जांच से अवगत करायें। (ग) यदि जांच नहीं की गयी तो इसके क्या कारण हैं? जांच कब तक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ (ख) जांच प्रचलन में है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के उत्तर अनुसार समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बांध सुरक्षा विधेयक के प्रावधानों पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
6. ( क्र. 78 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बांध सुरक्षा विधेयक, 2019 के प्रावधान अनुसार हर राज्य में एस.डी.एस.ए. (राज्य बांध सुरक्षा प्राधिकरण) की स्थापना की जाना थीं? (ख) यदि हाँ, तो जानकारी दें कि क्या प्रदेश में राज्य बांध सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना की गयी है? यदि हाँ, तो प्राधिकरण के सदस्य कौन-कौन हैं? (ग) जानकारी दें कि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विधेयक के प्रावधानों अनुसार तवा बांध/जलाशय की सुरक्षा के लिए कौन से उपाय कब तक किये जावेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) बांध सुरक्षा विधेयक 2018 लोक सभा में पारित नहीं हुआ है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के निर्माण कार्य की जांच
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 99 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के राजस्थान सीमा से ब्यावरा तक के निर्माण में क्वालिटी कन्ट्रोल के संबंध में क्या-क्या जांच किस-किस अधिकारी के विरूद्ध की गई? नाम व पदनाम तथा जांच कार्यवाही एवं उसके उपरांत क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्न की कंडिका (क) अनुसार क्वालिटी कन्ट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार क्या कार्य उत्कृष्ट हुआ है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) किसी अधिकारी के विरूद्ध जॉंच नहीं की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) क्वालिटी कन्ट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार कार्य निर्धारित मानक अनुरूप हुआ है।
जर्जर मार्गों के संबंध में
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 106 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विजयराघवगढ़ कारीतलाई मार्ग से हर्रैया, धवैया, होते हुये कैमोर भटुरा मार्ग तक का मार्ग विगत 20 वर्षों से जर्जर है? (ख) क्या डीघी से खेरवा, बिचपुरा से जाजागढ., खलैंघा से चहला टोला, कुआं से कुठिया महॅंगवाँ, पॉंचों पहुंच मार्ग भी विगत 20 वर्षों से जर्जर हैं? (ग) क्या खितौली से बरनमहगंवा होते हुए बगैहा पहुंच मार्ग से धनवाही पहुंच मार्ग भी विगत 20 वर्षों से जर्जर है? (घ) क्या प्रश्नाधीन मार्गों का निर्माण अतिशीघ्र कराया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्यों? उक्त मार्गों का निर्माण प्रश्न दिनांक तक नहीं होने के संबंध में दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग विभाग के कार्य क्षेत्रांतर्गत नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अंतर्गत है। महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई कटनी से प्राप्त उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न में उल्लेखित समस्त मार्ग विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण एवं ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अंतर्गत है, महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई कटनी से प्राप्त उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार। (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
प्रदेश में अवैध रेत खनन के विरूद्ध मुहिम
[खनिज साधन]
9. ( क्र. 120 ) श्री संजीव सिंह (संजू) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में सम्पूर्ण प्रदेश में रेत के अवैध खनन के खिलाफ कोई मुहिम चलाई गई है? यदि हाँ, तो प्रश्नाधीन अवधि में किस-किस खदान पर अवैध खनन करते हुये कितनी-कितनी जेसीबी, पोकलेन मशीन/पनडुब्बी आदि पकड़ी गई? जिलावार बतावें? (ख) क्या अवैध खनन वाली खदानों के ठेकेदारों के विरूद्ध खदान निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किस-किस खदान पर? नहीं तो क्यों? (ग) क्या अवैध खनन करते हुई पकड़ाई गई मशीनों की राजसात की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो कितनी मशीनों को राजसात किया गया? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित अनुसार दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक खनिज के अवैध खनन, परिवहन तथा भण्डारण के विरूद्ध विशेष जांच अभियान दिनांक 22.06.2018 से 10.07.2018 एवं दिनांक 02.02.2019 से 17.02.2019 तक चलाया गया था। रेत के अवैध खनन के विरूद्ध पृथक से विशेष रूप से प्रदेश स्तर पर कोई मुहिम नहीं चलाई गई। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपरोक्तानुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीना नदी संयुक्त सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
10. ( क्र. 134 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की बहुप्रतीक्षित बीना संयुक्त सिंचाई एवं बहुउद्देशीय परियोजना की स्वीकृति उपरान्त किस-किस कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। (ख) अनुबंध शर्तों अनुसार कार्य प्रारंभ हुआ कि नहीं? यदि हाँ, तो कब-कब तक कौन-कौन से कार्य पूर्ण होना है? यदि नहीं, तो क्या कारण है? (ग) उक्त परियोजना में शेष निविदा प्रक्रिया कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) परियोजना की स्वीकृति उपरांत मडिया एवं चकरपुर बांध निर्माण कार्य हेतु निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण एजेंसी के साथ अनुबंध किए गये हैं। (ख) चकरपुर बांध का निर्माण कार्य जनवरी 2019 में प्रारंभ हुआ है। मडिया बांध का निर्माण कार्य जन विरोध के कारण प्रारंभ नहीं हो सका है। वित्तीय संसाधन एवं भूमि उपलब्धता पर निर्माण कार्य की निर्भरता होने से पूर्णत: की समय-सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है। (ग) यूनिट-2 की निविदा का आमंत्रण मडिया बांध के निर्माण की प्रगति पर निर्भर होने से समय-सीमा नियत नहीं की जा सकती है।
ग्रामीण पेयजल व्यवस्था-मुख्यमंत्री नल-जल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
11. ( क्र. 143 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में विगत 2 वर्षों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कितनी मुख्यमंत्री नल-जल योजनाओं की स्वीकृति दी गई? उनमें कितने कार्य पूर्ण किये गये एवं लंबित कार्य कितने हैं वर्षवार बतायें? लंबित कार्यों के लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) इस योजनांतर्गत विगत 5 वर्षों में राज्य सरकार द्वारा कितनी कितनी राशि जिले में प्रदान की वर्षवार बतायें? (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्र की जनता को पेयजल उपलब्ध कराने वाली मुख्यमंत्री नल-जल योजना बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या ग्रामीणों की पेयजल समस्या को गंभीरता से लेंगे? यदि हाँ, तो आगामी ग्रीष्मकाल में सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल सुलभ कराने हेतु क्या कार्य योजना है? (ड.) क्या ग्रामीण क्षेत्र की इस पेयजल योजना को पुन: आरंभ करने पर विभाग विचार करेगा? नहीं तो क्या पेयजल की उपलब्धता का सर्वे कार्य आरंभ कराया जायेगा? (च) मुख्यमंत्री नल-जल योजना वाले ग्रामों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु विभागीय स्तर पर क्या कार्ययोजना बनाई जा रही है? क्या पाईप लाईन विस्तार एवं मोटर मरम्मत मद में पंचायतों को आवंटन प्रदाय किया जायेगा, यदि हाँ, तो कब तक? (छ) भूमिगत जलस्तर में भारी गिरावट को देखते हुए विभाग द्वारा सिंगल फेस मोटर के अतिरिक्त आवश्यतानुसार 10 एच.पी. तक की मोटर ग्राम पंचायतों को दिये जाने पर विचार किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2016-17 में शून्य एवं वर्ष 2017-18 में 39 इस प्रकार कुल 39 योजनाओं की स्वीकृति दी गई। इनमें से 14 योजनाएं पूर्ण, 14 योजनाएं प्रगतिरत एवं 11 लंबित हैं। वित्तीय उपलब्धता अनुसार कार्य किये जा रहे हैं, कोई जिम्मेदार नहीं है। (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक शून्य वर्ष 2017-18 में रूपये 856.15 लाख की राशि प्रदान की गई है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था हेतु आकस्मिक कार्य योजना तैयार की गई है जिसके अंतर्गत नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग एवं पेयजल परिवहन आदि कार्य प्रस्तावित हैं। (ड़) उत्तरांश-‘ग‘ के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) जी हां, वित्तीय संयोजन अनुसार स्वीकृत योजनाओं को पूर्ण कर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इस हेतु शासन द्वारा प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को रु. 20.00 लाख प्रति योजना प्रतिवर्ष कार्य स्वीकृति के अधिकार सौपें गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (छ) जी नहीं।
खण्डवा जिले में अवैध उत्खनन एवं परिवहन
[खनिज साधन]
12. ( क्र. 144 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में विगत 3 वर्षों में खनिज विभाग द्वारा अवैध खनिज खनन, परिवहन, बिक्री के कितने प्रकरण बनाये गये वर्षवार बतायें। (ख) क्या खनिज विभाग की गंभीर लापरवाही एवं अधिकारियों की उदासीनता के कारण जिले में विगत दिनों रेल्वे कार्य कर रही एक बड़ी कम्पनी को अवैध खनिज खनन एवं परिवहन का दोषी पाया गया था? (ग) यदि हाँ, तो उस कम्पनी का नाम एवं उस पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें। कम्पनी के द्वारा कितनी मात्रा में अवैध खनन एवं परिवहन किया जाना पाया गया? (घ) क्या क्षेत्र में लम्बे समय से हो रहे इस अवैध खनन, अवैध परिवहन की जानकारी विभागीय अधिकारियों को थी? यदि हाँ, तो समय पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ड.) दोषी कम्पनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? शासन को लाखों रूपये की राजस्व हानि करने वाली कम्पनी से कितनी राशि वसूल की गई? (च) भविष्य में इस प्रकार के अवैध खनन, अवैध परिवहन को रोकने के लिए जिले में विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। नियमों में प्रावधान नहीं होने से विभाग द्वारा अवैध बिक्री के प्रकरण नहीं बनाये जाते हैं। (ख) जी नहीं। विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (घ) जानकारी प्राप्त होने पर अवैध उत्खनन/परिवहन कर्ताओं के विरूद्ध सक्षम कार्यवाही कर प्रकरण दर्ज किये जाते हैं। (ड.) संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार संबंधित कंपनियों के विरूद्ध अवैध उत्खनन के 04 प्रकरण न्यायालय कलेक्टर, खण्डवा में दर्ज कराए गए हैं, जिनमें अर्थदण्ड राशि रूपये 3,81,07,500/- प्रस्तावित की गई है। प्रकरण न्यायालय कलेक्टर, खण्डवा में विचाराधीन है तथा उक्त कंपनियों के विरूद्ध अवैध परिवहन के 04 प्रकरणों में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार आरोपित अर्थदण्ड की राशि रूपये 60,000/- वसूल की जा चुकी है। (च) जिले में समय-समय पर जांच कर अवैध उत्खनन/ परिवहन की कार्यवाही की जाती है। जिले में अवैध उत्खनन/परिवहन की समीक्षा हेतु राज्य शासन द्वारा जिला स्तरीय टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है।
शिवपुरी जिले में स्वीकृत रेत खदान
[खनिज साधन]
13. ( क्र. 150 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्तमान में कितनी रेत खदानों की स्वीकृत की गई हैं? तहसीलवार बताएं? (ख) क्या स्वीकृत खदान के अलावा भी कहीं रेत खनन होना पाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कहाँ पाया गया और उन पर क्या कार्यवाही की गई? अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण बनाये गये?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) शिवपुरी जिले में वर्तमान में स्वीकृत रेत खदानों/ग्राम पंचायतों को आवंटित रेत खदानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। तहसीलवार विवरण भी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी हां। (ग) अवैध उत्खनन स्थल एवं की गई कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है।
सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में
[जल संसाधन]
14. ( क्र. 151 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में कितनी सिंचाई परियोजनाएं प्रस्तावित हैं? (ख) प्रश्न दिनांक तक कितनी सिंचाई परियोजनाओं की डी.पी.आर. बनाई गई एवं उन पर अभी तक क्या कार्यवाही हुई? (ग) क्या शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र की ऐर नदी पर सनघटा डैम की योजना स्वीकृत होनी थी, जिसकी स्वीकृति हेतु अभी तक क्या कार्यवाही की गई है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) प्रस्तावित 03 सिंचाई परियोजनाओं की डी.पी.आर. की स्थिति तथा ऐर नदी पर संघटा डेम की स्वीकृति संबंधी अद्यतन जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शिवपुरी जिले में किसानों की ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 152 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.12.2018 से प्रश्न दिनांक तक शिवपुरी जिले में कितने किसानों की कितनी राशि के ऋण माफ किये गये हैं? (ख) भाग (क) से संबंधित जानकारी में ऋण माफी की विकासखण्डवार हितग्राहियों की संख्या से अवगत कराया जाये? (ग) क्या जिन किसानों के ऋण माफ किये हैं, उनके अलावा भी कोई किसान ऐसे बचेंगे जिनके ऊपर ऋण का भार है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) योजना अन्तर्गत नियत प्रक्रिया अनुसार ऋण माफी की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' अनुसार।
कृषि उपज मण्डी शिवपुरी में नवीन भवन निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 153 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी शिवपुरी में नामकरण के लिए कोई प्रस्ताव पारित किया गया? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) कृषि उपज मण्डी शिवपुरी की नवीन मंडी निर्माण के लिए कितना बजट आवंटन कराया गया एवं उससे अभी तक क्या-क्या कार्य कराये गये?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हां। (ख) कृषि उपज मंडी समिति शिवपुरी द्वारा पारित प्रस्ताव संयुक्त संचालक, आंचलिक कार्यालय ग्वालियर के पत्र क्रमांक 944 दिनांक 7.5.2018 से कलेक्टर जिला शिवपुरी को प्रेषित किया गया है। (ग) प्रश्नांश ''ग'' की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
स्वीकृत एवं निर्माणाधीन सड़क मार्ग
[लोक निर्माण]
17. ( क्र. 164 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2017-18 एवं 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने सड़क मार्गों की स्वीकृति/मजबूतीकरण कार्य/नवीन सड़क मार्ग की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई थी? सड़क मार्ग का नाम, लागत एवं स्वीकृति दिनांक सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कितने सड़क मार्गों के कार्य का अनुबंध विभाग द्वारा कर दिया गया है एवं कितने कार्य प्रश्न दिनांक तक पूर्ण कर लिये है/निर्माणाधीन है/कार्य प्रारंभ होना शेष है। (ग) क्या एजेंसी द्वारा वर्तमान में निर्माणाधीन सड़क मार्गों का कार्य रोक दिया गया है? या धीमी गति से हो रहा है? जानकारी कारण सहित देवें। (घ) निर्माणाधीन सड़क मार्गों के कार्य रोकने/धीमी गति से होने के कारण उन मार्गों पर रहने वाले दुकानदार/निवासी/राहगीरों को हो रही असुविधा के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या विभाग द्वारा इस संबंध में कार्य एजेंसी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
स्वीकृत नल-जल योजना/पेयजल योजना
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
18. ( क्र. 172 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखण्ड सागर एवं विकासखण्ड राहतगढ़ अंतर्गत कितनी कौन-कौन सी नल-जल योजनायें स्वीकृत की गई? (ख) स्वीकृत नल-जल योजनाओं की स्वीकृति उपरांत कितनी पूर्ण हो गई कितनी निमार्णाधीन हैं, कितनों का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, ग्राम सहित जानकारी देवें? (ग) स्वीकृति उपरांत निमार्णाधीन नल-जल योजनायें कब तक पूर्ण होगीं? (घ) क्या स्वीकृति उपरांत परंतु कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? ऐसी नल-जल योजना का कार्य विभाग द्वारा कब प्रारंभ किया जायेगा एवं कार्य प्रारंभ ना करने के लिये कौन जिम्मेदार है एवं क्या जिम्मेदार/अधिकारी/कर्मचारी/कार्य एजेंसी के विरूद्ध विभाग कार्यवाही करेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) विकासखण्ड सागर एवं राहतगढ़ में क्रमशः 05 एवं 01 नल-जल योजना। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। कोई जिम्मेदार नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय चरनोई एवं शमशान भूमि पर अवैध कब्जा
[राजस्व]
19. ( क्र. 181 ) श्री संजय यादव (सिवनी टोला) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत शहपुरा एवं बरगी में शासकीय भूमि, चरनोई भूमि एवं शमशान की भूमि रिक्त पड़ी है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ कितनी-कितनी विवरण? यह भी बताया जावे कि क्या शासन स्तर पर पुन: शासकीय भूमि को चिन्हित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि पर अवैध कब्जा हो गया है एवं वर्तमान में उक्त भूमि रिक्त नहीं है? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, कितनी भूमि पर किन-किन लोगों द्वारा कितने वर्षों से कब्जा किया गया है? यह भी बताया जावे कि कब्जे की भूमि किन-किन अधिकारियों के कार्य क्षेत्र में आती हैं? (ग) क्या शासन अवैध कब्जाधारियों को भूमि से बेदखल कर शासकीय भूमि को रिक्त करावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यह भी बताया जावे कि शासकीय भूमि पर कब्जा किन की सहमति से हुआ? क्या अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रश्न दिनांक तक अवैध कब्जाधारियों की जानकारी नहीं थी? यदि हाँ, तो कब्जामुक्त क्यों नहीं किया गया है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र बरगी में शासकीय चरनोई भूमि 4595.115 हेक्टेयर, शमशान भूमि 63.08 हेक्टेयर एवं शहपुरा में शासकीय चरनोई भूमि 21642.92 हेक्टेयर एवं शमशान भूमि 138.25 हेक्टेयर है। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, रिक्त है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
म.प्र. में विभिन्न संस्थाओं को भूमि लीज पर दिये जाने
[राजस्व]
20. ( क्र. 188 ) श्री मुन्नालाल गोयल (मुन्ना भैया) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गत 10 वर्षों में म.प्र. के ग्वालियर संभाग में विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाओं, पंजीकृत ट्रस्ट एवं कम्पनी एक्ट धारा 25 (ए) के तहत बनी कंपनियों को कब-कब, कहाँ-कहाँ किस दर पर कितनी भूमि लीज पर दी गई? इसकी संख्यावार, जिलेवार वर्षवार सूची प्रदान करें। (ख) उक्त निर्णय किसके आदेश पर लिये गये तथा क्या इन संस्थाओं को दी गई लीज में नियम प्रक्रियाओं का पालन किया गया? (ग) क्या लीज पर दी गई भूमियों में हुई अनियमितताओं की समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर इसकी जांच कराई जायेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिलेवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ" अनुसार है। (ख) आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। जी हां। (ग) उत्तरांश-ख के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
वितरण कंपनी में ऑनलाईन और ऑफलाईन बिजली बिलों में विभिन्नता
[ऊर्जा]
21. ( क्र. 193 ) श्री मुन्नालाल गोयल (मुन्ना भैया) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तीनों वितरण कंपनी में ऑनलाइन और ऑफलाइन बिलों में एक समान कालम न होने का कारण क्या है? (ख) ऑनलाइन और ऑफलाइन बिलों को एक जैसा करने में सॉफ्टवेयर/ तकनीकी में कब तक सुधार हो जावेगा? (ग) बिलों का सही समय पर अपलोड न करने से विलंब के कारण अधिभार की राशि उपभोक्ता से क्यों ली जाती है? (घ) इस विषमता को दूर करने में कितना समय लगेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत ऑनलाईन एवं ऑफलाईन बिलों में बिलिंग से संबंधित सभी पेरामीटर एक समान रखे जाने हेतु समीक्षा कर सुधार हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में उपभोक्ताओं की फोटो मीटर रीडिंग की जाती है तथा उनके बिलों पर मीटर की फोटो भी छापी जाती है। किन्तु वेबसाईट पर उपलब्ध बिलों में मीटर की फोटो अपलोड नहीं होने के कारण बिल अलग-अलग प्रतीत होते हैं। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत भी देयक से संबधित मूल जानकारी एक समान ही प्रदर्शित की जाती है। दोनों तकनीकों में भिन्नता, लागत एवं विज्ञापन के स्थान निर्धारण के कारण प्रारूपों को एक समान बनाये रखना संभव नहीं हो पाता है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत समीक्षा कर सुधार हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जिस हेतु निश्चितसमय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अन्तर्गत उत्तरांश ''क'' में दर्शाये गए व्यवहारिक कारणों से ऑनलाईन एवं ऑफलाईन बिलों के प्रारूपों में भिन्नता होने से प्रारूप एक समान बनाये रखना संभव नहीं है। (ग) प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में बिलों को सामान्यत: समय पर अपलोड किया जाता है, अत: प्रश्न नहीं उठता। तथापि म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत कतिपय अवसरों पर असामान्य परिस्थितियों यथा-सर्वर/नेटवर्क की खराबी इत्यादि से अपलोडिंग में देर होने पर प्रभावित बिलों की अंतिम तारीख को बढ़ाया गया है एवं बिल भुगतान हेतु उपभोक्ता को समय दिया गया है। (घ) उत्तरांश 'ग' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
ग्वालियर रीजन में विदयुतीकरण हेतु योजनाओं की जानकारी
[ऊर्जा]
22. ( क्र. 194 ) श्री मुन्नालाल गोयल (मुन्ना भैया) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण के ग्वालियर रीजन में विद्युतीकरण नवीन उपकेन्द्र स्थापना आदि की कौन-कौन सी योजनाएं चल रही हैं? उनमें संपादित कार्य की वर्तमान स्थिति का विवरण दें। (ख) समय-सीमा में योजना के कार्य पूर्ण न करने वाली टर्न-की कान्ट्रेक्टर्स के अनुबंध निरस्त न करने का कारण एवं संभावना का विवरण प्रदान करावें। (ग) ग्वालियर शहर वृत में विधान सभा क्षेत्रवार कार्य प्रगति एवं प्रस्तावित कार्ययोजना का विवरण प्रदान करावें। (घ) शहर ग्वालियर में अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होने की संभावना है? क्या इसमें तीव्रता लाने हेतु कोई प्रस्ताव है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के ग्वालियर रीजन में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण/विद्युत अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण, नवीन विद्युत उपकेन्द्र स्थापना आदि कार्यों हेतु सौभाग्य योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, आई.पी.डी.एस., एस.एस.टी.डी., फीडर विभक्तिकरण योजना एवं राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना चल रही हैं। उक्त योजनाओं के अंतर्गत संपादित कार्यों की वर्तमान स्थिति का विवरणपुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमश: प्रपत्र-'अ', 'ब', 'स', 'द', 'ई' एवं 'फ' अनुसार है। (ख) समय-सीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने वाले टर्न-की ठेकेदारों के अनुबंध निरस्त करने की कार्यवाही अवार्ड में उल्लेखित शर्तों के अनुसार की जाती है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) ग्वालियर शहर वृत्त में वर्तमान में क्रियाशील योजना के संबंध में प्रश्नाधीन चाही गई विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ज' अनुसार है। (घ) शहर ग्वालियर में उत्तरांश 'ग' में वर्णित आई.पी.डी.एस. योजना के शेष कार्य त्वरित रूप से संपादित करते हुए योजना की निर्धारित समय-सीमा सितम्बर, 2019 तक पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे हैं।
फसल ऋण माफी योजना की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 220 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में किसानों के कल्याण हेतु फसल ऋण माफी योजना लागू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत कितने किसानों की ऋण माफी हेतु कार्यवाही की गयी है? अब तक कितने किसानों को इस योजना का लाभ प्रदाय कर ऋण मुक्ति प्रमाण-पत्र प्रदाय किया गया है एवं कितने का शेष है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हां। (ख) योजना अन्तर्गत नियत प्रक्रिया अनुसार ऋण माफी की कार्यवाही प्रचलन में है।
म.प्र. में स्टेट हाइवे पर टोल नाके, टोल टैक्स मुक्त करने
[लोक निर्माण]
24. ( क्र. 235 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने स्टेट हाईवे रोड हैं? नाम, नंबर व किलोमीटर सहित विवरण दें। (ख) उज्जैन संभाग में स्टेट हाईवे पर कितने टोल टैक्स नाके हैं? क्या शासन के समक्ष निजी चार पहिया वाहनों को टोल टैक्स मुक्त करने का प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव पर कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मध्यप्रदेश में 72 स्टेट हाईवे रोड है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग में स्टेट हाईवे पर कुल 13 टोल टैक्स नाके है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा न्यायालय भवन हेतु स्वीकृत भूमि का चयन
[विधि और विधायी कार्य]
25. ( क्र. 238 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा न्यायालय भवन एवं न्यायधीश आवास एवं कर्मचारी आवास हेतु कौन सी भूमि चयनित की गई है? (ख) न्यायालय भवन एवं न्यायधीश आवास एवं कर्मचारी आवास हेतु शासन द्वारा क्या योजना बनाई गई है? विवरण देते हुए कितनी राशि स्वीकृत की गई है?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) नवीन न्यायालय भवन/न्यायिक अधिकारीगण एवं कर्मचारियों के आवास हेतु डाबरी मेन रोड, उज्जैन, तहसील-नागदा की भूमि आवंटित किये जाने बाबत कलेक्टर जिला उज्जैन से कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) भूमि का आवंटन प्राप्त न होने से न्यायालय भवन एवं न्यायाधीश आवास/कर्मचारियों के आवास की योजना तैयार नहीं की गई है और न ही इस संबंध में शासन द्वारा किसी भी प्रकार की राशि स्वीकृत की गई है।
छिंदवाड़ा जिले को संभाग बनाया जाना
[राजस्व]
26. ( क्र. 248 ) श्री सुनील उईके : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिंदवाड़ा जिला जो संपूर्ण मध्यप्रदेश में क्षेत्रफल में सबसे बड़ा है एवं वर्तमान में 13 तहसील एवं 08 अनुभाग में बटा है एवं शहडोल तथा होशंगाबाद की तरह पृथक लोक सभा क्षेत्र है कब तक संभाग बनाया जावेगा? (ख) जुनारदेव विधानसभा की दमुआ एवं देलाखारी दो तहसीलें क्रमश- जुन्नारदेव एवं तामिया से कब तक पृथक की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छिंदवाड़ा को संभाग घोषित करने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) जुन्नारदेव एवं तामिया तहसीलों से दमुआ एवं देलाखारी को पृथक करने की कार्यवाही विचाराधीन नहीं है।
सड़क निर्माण में ठेकेदार द्वारा की गई अनियमितता
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 277 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ विधान सभा क्षेत्र में सड़क विकास निगम द्वारा ककरवाहा से बल्देवगढ़ तक सड़क निर्माण कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो निर्माण ऐजेन्सी का नाम बतावे, निर्माण ऐजेन्सी द्वारा सड़क बनाने हेतु खनिज विभाग से कहाँ-कहाँ की मुरम (मिट्टी) खदान की लीज, अनुमति ली गई है? खदान की लीज का पट्टा खसरा की नकल, ग्राम पंचायत का नाम एवं सरपंच की अनुमति, निकाली गई मिट्टी की मात्रा का माप पत्रक एवं खनिज विभाग की अनुमति की छायाप्रति बतावें? (ख) निर्माण एजेन्सी द्वारा मुरम परिवहन में कितना व्यय किया गया है? देयक प्रदाय करें। (ग) क्या यह सही है कि निर्माण एजेन्सी द्वारा सड़क सीमा से ही मिट्टी निकाल कर सड़क का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? जिम्मेदार लोगों के विरूद्ध विभाग द्वारा क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (घ) सड़क किनारे जो निर्माण एजेन्सी द्वारा मिट्टी खोद कर गड्ढे किये गये हैं, उनको कब तक भरा जायेगा एवं गड्ढों के कारण जो दुर्घटनायें हो रही है, उनके लिये कौन-कौन दोषी है? दोषी अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एजेंसी द्वारा किए गए व्यय का संधारण विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सड़क किनारे से निर्माण एजेंसी द्वारा मिट्टी नहीं खोदी गई है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। गड्ढों के कारण दुर्घटना निगम के संज्ञान में नहीं है। कोई दोषी नहीं है। अत: अधिकारियों एवं ठेकेदार के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा योजनाओं में की गई अनियमितताऐं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
28. ( क्र. 278 ) श्री राकेश गिरि : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा जिला टीकमगढ़ में कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? इसमें वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में मदवार बजट उपलब्धता एवं हितग्राही मूलक योजनाओं में कौन-कौन कृषक लाभान्वित हुए हैं? (ख) इन दो वर्षों में योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं कृषि प्रशिक्षणों में कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गई एवं किन-किन कृषकों ने प्रशिक्षण में भाग लिया? (ग) विभाग की योजनाओं से गत पाँच वर्षों में उद्यानिकी फसलों/फल वृक्षों/मसालों की खेती में कितनी वृद्धि हुई है? क्या इन योजनाओं में अपात्र लोग लाभान्वित हुए हैं? यदि हाँ, तो जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विगत 5 वर्षों में फलों में-454.12 हेक्टे., सब्जियों में-3587.65 हेक्टे., मसालों में-2620.87 हेक्टे., औषधियों में-4 हेक्टे एवं पुष्पों में 86 हेक्टे, में वृद्धि हुई है। विभाग में योजनाओं में लाभ लेने हेतु MPFSTS Portal पर online पारदर्शी प्रक्रिया लागू है, जिसमें आवेदकों द्वारा online आवेदन किया जाता है। आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों का सत्यापन विकासखण्ड स्तर के उद्यानिकी अधिकारी द्वारा किया जाता है, पात्र पाये जाने पर अनुमोदन हेतु जिला स्तर पर प्रकरण को अग्रेषित किया जाता है। जिला उद्यानिकी अधिकारी द्वारा अनुमोदन के पश्चात आवेदकों को योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है। अभी तक अपात्र आवेदकों को लाभांवित होने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
क्रेशरों के पास पर्यावरण अनुमति न होने के बाद भी अवैध रूप से संचालित होना
[पर्यावरण]
29. ( क्र. 292 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्रांतर्गत हनुमना तहसील में किस-किस स्थान पर किस-किस नाम के व्यक्ति/फर्मों/अन्य का क्रेशर खोलने की एन.ओ.सी. (अनुमति) पर्यावरण विभाग के द्वारा किस दिनांक से क्या-क्या शर्तें पूरी करने पर किस नाम/पदनाम के अधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण कब-कब करने के पश्चात् कब-कब जारी की गई? जारी सभी एन.ओ.सी. (अनुमति) की एक-एक प्रति क्रेशरवार उपलब्ध करायें। (ख) क्या स्थल पर क्रेशरों के द्वारा बाउण्ड्रीवॉल तक नहीं बनवाई गई है? क्या बाउण्ड्री के अंदर एवं बाहर नियमानुसार (प्लाण्टेशन) पौधारोपण तक नहीं कराया गया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित क्रेशरों के इलाके में पर्यावरण विभाग द्वारा एक जनवरी 2016 से 31 दिसम्बर, 2018 के मध्य एस.पी.एम. (सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर) एवं आर.एस.पी.एम. की क्या-क्या मात्रा माहवार/वर्षवार/पाई गई? ऑफिशियल रिपोर्ट की एक प्रति माहवार/वर्षवार/स्थानवार/किस समय ली गई एवं किसके द्वारा ली गई के हस्ताक्षरवार उपलब्ध करायें? (घ) नियम विरूद्ध एन-ओ-सी. जारी करने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के विरूद्ध राज्य शासन कब तक एवं क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ‘‘ अनुसार है। (ख) क्रेशरों द्वारा स्थल पर ईटों तथा टीन शेड से बाउण्ड्रीवाल बनाई गई है,जिसके भीतर एवं बाहर वृक्षारोपण किया गया है। (ग) क्रेशरों के इलाके के ग्रामों अमहटा, सरदमन, अल्वाहाकला, नकवार व गाढ़ा, तहसील हनुमना जिला रीवा में 01 जनवरी, 2016 से 31 दिसम्बर, 2018 के मध्य की गई आर.एस.पी.एम. की मॉनिटरिंग के परिणाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब‘‘ अनुसार है, जिसमें मॉनिटरिंग दल के सदस्यों के नाम तथा परीक्षणकर्ता अधिकारियों के हस्ताक्षर दर्ज है। एस.पी.एम. की मॉनिटरिंग भारत सरकार के राजपत्र में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना क्रमांक बी-29016/20/90/पीसीआई-1,दिनांक 18 नवम्बर, 2009 के अनुसार निर्धारित राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक में शामिल नहीं है। (घ) उत्तरांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक निर्माण विभाग में मरम्मत की धन राशि का दुरूपयोग
[लोक निर्माण]
30. ( क्र. 293 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की विधानसभा क्षेत्र मउगंज के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग का कौन सा संभाग/ उपसंभाग आता है? उक्त संभाग/उपसंभाग में किस-किस नाम के अधिकारी/कर्मचारी किस दिनांक से किस पद नाम पर कब से पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित विधानसभा क्षेत्र में 01 अप्रैल 2016 से 31 दिसम्बर 2018 तक कितनी लागत के क्या-क्या कार्य, किस-किस स्थान पर, कब से कब तक किये गये? कार्यों की सूची कार्यवार/लागतवार/स्थानवार/समयवार दें? कौन से कार्य मरम्मत के तहत हुये, उनकी सूची कुल खर्च की गई राशिवार दें? कौन से कार्य नये हुये, उनकी सूची खर्च की गई राशिवार दें? (ग) मऊगंज विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के संभाग/उपसंभागों में वित्तीय वर्ष 2015-16/2016-17/2017-18 के दौरान कितनी-कितनी राशि मरम्मत हेतु एवं नये कार्यों हेतु शासन एवं ई एण्ड सी के द्वारा किस स्थान पर क्या कार्य हेतु स्वीकृत की गई वर्षवार/ स्थानवार/राशिवार/मरम्मत कार्य की राशिवार/नये कार्य की राशिवार/व्यय की गई राशिवार दें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित लोक निर्माण विभाग के मऊगंज में पदस्थ अमले के द्वारा (ग) में वर्णित वित्तीय वर्षावार कितने रूपयों के आवंटन के विरूद्ध कितनी राशि व्यय की? वित्तीय वर्षवार/आवंटनवार/व्यय वार राशिवार दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लोक निर्माण विभाग (भ/स) संभाग रीवा में उपसंभाग मऊगंज आता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' 'ब' 'ब-1' व 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' 'ब' 'ब-1' व 'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' 'ब' व 'स' अनुसार है।
नवीन, मरम्मत, तालाबों के निर्माण की जानकारी
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 307 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2014 से दिसम्बर 2018 तक माननीय जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर, जिला पंचायत आदि द्वारा विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना में नवीन तालाब/मरम्मत आदि कार्यों हेतु प्रस्तावों/ अनुशंसा की संख्यात्मक जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों की अद्यतन स्थिति क्या है एवं स्वीकृत कार्यों की निविदा/प्राक्कलन कार्य आदेश/कार्यपूर्ण अवधि/क्रियान्वयन एजेंसी आदि की भी जानकारी दी जावे। (ग) क्या स्वीकृत सभी कार्य समयावधि एवं प्रथम प्राक्कलानुसार पूर्ण हो चुके हैं अथवा री-प्राक्कलन बनाया गया?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) प्रश्नाधीन अवधि में विधान सभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत प्राप्त 04 प्रस्तावों तथा उनके निर्माण का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। री-प्राक्कलन की आवश्यकता नहीं पड़ी।
कुटीर उद्योग द्वारा किए जाने वाले कार्य
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
32. ( क्र. 308 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य किये जाने का प्रावधान है, क्या इस हेतु कोई निति निर्देश प्रचलन में हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना (जनपद अम्बाह, मुरैना) में जनवरी, 2014 से दिसम्बर, 2018 तक कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया हितग्राही का नाम, पता, कार्य विवरण, देयक राशि, आदि सहित दी जावे? (ग) प्रश्नांश (ख) में देयक राशि का सदुपयोग हो चुका है, अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' (अ), (ब) एवं (स) अनुसार है। (ग) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पात्रता पर्ची के मानक आधार
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
33. ( क्र. 315 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा राशन कार्ड पर राशन लेने हेतु पात्रता पर्ची के मानक आधार क्या है? प्रति देवें। (ख) खरगोन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत टेमला एवं लिक्खी से प्राप्त विगत 5 वर्षों में पात्रता पर्ची हेतु आवेदनों संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) उक्त आवेदनों में से कितने आवेदकों को पात्रता पर्ची प्रदान की गई तथा कितने आवेदकों को पात्रता पर्ची प्रदान नहीं की गई, कारण सहित बताएं। (घ) खरगोन विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 5 वर्षों में पात्रता पर्ची संबंधी कितनी शिकायतें किसी भी माध्यम से खरगोन विभागीय जिला कार्यालय को प्राप्त हुई? नाम, शिकायत का विषय, निराकरण टिप्पणी सहित सूची देवें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश की 75.26 प्रतिशत आबादी को रियायती दर का खाद्यान्न दिए जाने की सीमा निर्धारित है। प्रदेश में अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित सीमांतर्गत हितग्राहियों को लाभांवित करने हेतु 25 श्रेणियों को पात्र परिवार में सम्मिलित किया गया है। पात्रता श्रेणी के परिवारों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पात्र परिवारों के समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर सत्यापन उपरांत भारत सरकार द्वारा निर्धारित हितग्राहियों की संख्या एवं खाद्यान्न आवंटन सीमांतर्गत पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी की जाती है। (ख) खरगौन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत टेमला में-190 एवं लिक्खी में -73 पात्रता पर्ची हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं। (ग) उक्त आवेदनों में से सभी आवेदकों को पात्रता पर्ची जारी कर दी गई है। (घ) खरगौन विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विगत 5 वर्षों में 90 शिकायतें पात्रता पर्ची से संबंधित प्राप्त हुईं। शिकायतकर्ता, विवरण एवं निराकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
अनुबंध के अंतर्गत विदयुत क्रय
[ऊर्जा]
34. ( क्र. 334 ) श्री संजय शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्ष 2004 से वर्ष 2018 तक पर्याप्त विदयुत उत्पादन होने के उपरांत सरकार ने किन-किन कंपनियों से विदयुत क्रय (गैर-परंपरागत स्त्रोतों को छोड़कर) हेतु अनुबंध किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या परंपरागत विद्युत स्त्रोतों से किये गये विद्युत क्रय के अनुबंध के अनुसार विदयुत क्रय की आवश्यकता नहीं होने पर भी सरकार को निर्धारित राशि का भुगतान करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो वर्ष 2013-14 से जानकारी उपलब्ध कराएं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में परंपरागत विद्युत स्त्रोतों से किये गये विद्युत क्रय अनुबंध के अनुसार क्या करोड़ों की राशि के भुगतान से सरकार/विदयुत उपभोक्ताओं को अतिरिक्त कर्ज का भार वहन करना पड़ रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विद्युत की भविष्य की मांग के दृष्टिगत राज्य में विद्युत क्रय अनुबंध निष्पादित किए गए हैं। वर्ष 2004 से 2018 तक विद्युत क्रय हेतु किए गए अनुबंधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) दीर्घावधि विद्युत क्रय अनुबंध भविष्य की मांग की पूर्ति की आवश्यकता के लिये निष्पादित किये जाते हैं। चूंकि यह अनुबंध विद्युत क्रय प्रक्रिया का ही हिस्सा है, अत: यह कथन सहीं नहीं है कि विद्युत क्रय की आवश्यकता न होने पर भी सरकार को निर्धारित राशि का भुगतान करना पड़ा। परंपरागत स्त्रोतों से किये गये विद्युत क्रय अनुबंध अनुसार वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में विभिन्न प्लांट को सरकार नहीं अपितु एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा भुगतान की गई फिक्स्ड कॉस्ट की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उपरोक्त (क) एवं (ख) में दर्शाये अनुसार दीर्घावधि विद्युत क्रय किये जाने का उद्देश्य प्रदेश की सतत् रूप से बढ़ती विद्युत मांग की पूर्ति सुनिश्चित किया जाना था। इन क्रय अनुबंधों के विरूद्ध किये गये भुगतान निर्धारित एवं वैधानिक प्रक्रिया अनुसार है, अत: प्रश्न नहीं उठता।
राजस्व सेवाओं में उन्नयन
[राजस्व]
35. ( क्र. 347 ) श्री विक्रम सिंह राणा गुड्डू भैया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत टप्पा कार्यालय सोयतकलां को तहसील का दर्जा दिये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है? यदि हाँ, तो प्रस्ताव किस स्तर पर प्रचलित होकर विचाराधीन है? क्या शीघ्र स्वीकृति दी जावेगी? (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत राजस्व अमले यथा पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसील एवं अनुविभागीय अधिकारी कार्यालयों में लिपिकीय पदों की स्वीकृति एवं पदपूर्ति की क्या स्थिति है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में पदपूर्ति हेतु शासन की क्या नीति है? (घ) प्रश्नांश (ख) के संबंध में स्थानान्तरण/पदोन्नति से अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सुसनेर में पदपूर्ति की कार्यवाही करने पर विचार किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं, प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत टप्पा कार्यालय सोयतकलॉं में स्टाफ की जानकारी निम्नानुसार है :-
विधान सभा क्षेत्र सुसनेर अन्तर्गत पदस्थ स्टाँफ की जानकारी |
||||||
पद |
अनुविभागीय का. |
तहसील सुसनेर |
तहसील नलखेडा |
|||
स्वीकृत |
भरे |
स्वीकृत |
भरे |
स्वीकृत |
भरे |
|
पटवारी |
- |
- |
61 |
50 |
54 |
50 |
रा.नि. |
- |
- |
4 |
1 |
4 |
3 |
लिपिक |
5 |
- |
14 |
04 |
8 |
6 |
जमादार |
- |
- |
1 |
1 |
- |
- |
भृत्य |
4 |
1 |
14 |
10 |
7 |
5 |
वाहन चालक |
2 |
- |
- |
- |
- |
- |
(ग) रिक्त पदों की पूर्ति सामान्य प्रशासन विभाग तथा वित्त विभाग द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार भर्ती नियमों के अनुसार की जाती है। (घ) वर्तमान में स्थानीय स्तर पर व्यवस्था की गई है।
शहरी क्षेत्रों में विद्युत वितरण व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 348 ) श्री विक्रम सिंह राणा गुड्डू भैया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी क्षेत्रों में विद्युत वितरण व्यवस्था के सुप्रबंधन हेतु शहरी विद्युतीकरण योजना अभियान संचालित है? यदि हाँ, तो इसके अंतर्गत क्या-क्या प्रावधान हैं? (ख) क्या विधान सभा सुसनेर अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में शहरी विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु आवंटन प्रदान किया गया था? यदि हाँ, तो किस योजना से एवं कितना-कितना? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध क्या-क्या कार्य किये गए? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में अनुबंध अनुसार कार्य पूर्णता की अवधि क्या थी? क्या कार्य समयावधि में पूर्ण नहीं करने पर संबंधित ठेकेदार पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? (घ) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में कौन-कौन से कार्य विभागीय रूप से किये गये या किये जाने वाले हैं एवं कब तक पूर्ण होंगे? क्या क्षेत्रान्तर्गत विद्युत वितरण सुप्रबंधन हेतु स्वप्रेरणा से भेंसोदा ग्रिड में लोड बढ़ोत्तरी की जावेगी या नवीन ग्रिड स्वीकृत किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रदेश के चयनित शहरी क्षेत्रों में विद्युत वितरण व्यवस्था के सुप्रबंधन/ सुदृढ़ीकरण हेतु एकीकृत ऊर्जा विकास योजना (आई.पी.डी.एस. योजना) संचालित है। उक्त योजना के अन्तर्गत सम्मिलित शहरी क्षेत्रों में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना एवं क्षमतावृद्धि, नवीन 11 के.व्ही. लाईन निर्माण, नवीन निम्नदाब लाईन निर्माण, विद्यमान विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, नवीन मीटरों की स्थापना आदि प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन के कार्य प्रावधानित है। (ख) जी हाँ, विधान सभा क्षेत्र सुसनेर के 4 नगरीय क्षेत्रों यथा-सुसनेर, सोयत, नलखेड़ा एवं बडागांव में शहरी विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु स्वीकृत आई.पी.डी.एस. योजना के अन्तर्गत रु. 8.69 करोड़ की राशि का आवंटन किया गया है। उक्त आवंटन के विरुद्ध स्वीकृत कार्यों एवं पूर्ण किये गये कार्यों की मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसारहै। (ग) विधानसभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों यथा-सुसनेर, सोयत, नलखेड़ा एवं बडागांव में विद्युत व्यवस्था के सुदृढीकरण हेतुटर्न-की ठेकेदार एजेंसी से किये गये अनुबंध की शर्तों के अनुसार कार्य पूर्णता की अवधि लेटर ऑफ अवार्ड जारी होने की दिनांक 14.6.2017 से 24 माह है, जिसके अनुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 13.6.2019 निर्धारित है। आई.पी.डी.एस. योजनान्तर्गत सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के उक्त 4 नगरों के कार्य सहित शाजापुर एवं आगर जिलों के कुल 12 नगरों के कार्य हेतु म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी को दिनांक 14.6.2017 को राशि रू. 28.52 करोड़ का अवार्ड जारी किया गया था। किन्तु टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी द्वारा चरणबद्ध अवधि में नियत कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के दृष्टिगत कुल अवार्ड किये गये कार्य का 30 प्रतिशत कार्य टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी से वापिस लेकर उसे म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर संपादित कराया जा रहा है। उक्तानुसार विभागीय तौर पर किये जा रहे कार्य की लागत राशि रू. 8.52 करोड़ है तथा इसके अन्तर्गत सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के नलखेड़ा शहर सहित 5 शहरों का कार्य सम्मिलित है। यद्यपि टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी से किये गये अनुबंध के अनुसार कार्य पूर्ण करने की अंतिम तिथि 13.6.2019 निर्धारित है जो कि अभी पूर्ण नहीं हुई है किन्तु टर्न-की ठेकदार एजेन्सी द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार चरणबद्ध अवधि में नियत कार्य पूर्ण नहीं करने के कारण उक्तानुसार 30 प्रतिशत कार्य वापस लिया गया है जिस पर अनुबंध की शर्तों के अनुरूप क्षतिपूर्ति राशि वसूल की जावेगी। अद्यतन स्थिति में उक्त टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी से कुल रू. 35.39 लाख की राशि क्षतिपूर्ति के रूप में वसूल की जा चुकी है। (घ) प्रश्नांश (ख) के तारतम्य में विधासभा क्षेत्र सुसनेर अंतर्गत आई.पी.डी.एस. योजना में नलखेड़ा नगर का कार्य म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय रूप से सम्पादित करवाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत नवीन 11 के.व्ही. लाईन निर्माण, नवीन निम्नदाब लाईन निर्माण, नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि एवं नवीन मीटर स्थापना के कार्य किये गये एवं करवाये जा रहे हैं। उक्त कार्य माह मार्च-2019 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। वर्तमान में ग्राम भैसोदा में कोई भी 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र स्थापित नहीं है, अत: पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि किये जाने का प्रश्न नहीं उठता। ग्राम भैसोदा को 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र नलखेड़ा से निर्गमित 11 के.व्ही. भैसोदा फीडर द्वारा अपरिहार्य कारणों से हुए आकस्मिक विद्युत अवरोधों को छोड़कर 24 घण्टे सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, अत: ग्राम भैसोदा में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण तकनीकी रूप से आवश्यक नहीं है।
लंबित सिंचाई योजनायें
[जल संसाधन]
37. ( क्र. 369 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 16 से 23 जनवरी 19 की अवधि में रायसेन की कौन-कौन सी सिंचाई योजना कब स्वीकृत हुई योजना की रकबा, राशि, कार्य कब प्रारंभ होगा की जानकारी दी जाय। (ख) जनवरी 19 की स्थिति में रायसेन जिले की कौन-कौन सी सर्वेक्षित सिंचाई योजना, बैराज, स्टापडैम स्वीकृति किस स्तर पर कब से लंबित है? कब तक स्वीकृति दी जायेगी? किन-किन योजनाओं का सर्वे हो रहा है? (ग) सागर जिले की बीना बहुउद्देशीय परियोजना में रायसेन के किन-किन ग्रामों की कितनी भूमि डूब में आ रही है? मुआवजा किस दर पर दिया जायेगा? (घ) जनवरी 19 की स्थिति में रायसेन जिले में कौन-कौन सी योजनायें निमार्णाधीन है? उनका कार्य कब तक पूर्ण होगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) प्रश्नांतर्गत स्वीकृत/पूर्ण/निर्माणाधीन/ सर्वेक्षित एवं सर्वेक्षणाधीन परियोजनाओं का विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ग) सागर जिले की बीना बहुउद्देशीय परियोजनांतर्गत मडिया बांध से रायसेन जिले के 40 ग्रामों की कुल 3688.744 हे. भूमि डूब में आ रही है विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''3'' अनुसार है। मुआवजा पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के अंतर्गत विभागीय पत्र दिनांक 04.10.2018 के अनुसार दिया जाऐगा। विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''4'' अनुसार है। (घ) निर्माणाधीन 04 परियोजनाओं का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''5'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
38. ( क्र. 370 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन के वितरण के संबंध में कौन-कौन सी श्रेणी की महिलायें पात्र है? पात्रता के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (ख) दिनांक 23 जनवरी 19 की स्थिति में रायसेन जिले में उक्त योजना के अंतर्गत कितने परिवारों को गैस कनेक्शन दिये गये? तहसीलवार संख्या बतायें। (ग) कितने आवेदन पत्र स्वीकृति हेतु कब से क्यों लंबित हैं? उनका कब तक निराकरण होगा? (घ) पात्रता उपरांत भी हितग्राहियों को गैस कनेक्शन मिलने में विलंब क्यों हो रहा है? उनको जागरूक करने, प्रेरित करने हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या प्रयास, कार्यवाही की?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना केन्द्र की योजना है। पात्रता निर्देशों की प्रति मय श्रेणी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत रायसेन जिले में दिनांक 23.01.2019 की स्थिति में कुल 1,03,212 परिवारों को गैस कनेक्शन जारी किये गए हैं। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों से प्राप्त केवायसी के आधार पर ऑनलाईन डी-डुप्लीकेशन की कार्यवाही के उपरांत आवेदन क्लीयर होने पर हितग्राही को गैस कनेक्शन जारी किया जाता है, जो एक सतत् प्रक्रिया है। (घ) हितग्राहियों को केवायसी फॉर्म भरने एवं क्लीयर होने के पश्चात हितग्राही को संबंधित गैस वितरक के पास जाकर अपने हस्ताक्षर कर गैस कनेक्शन प्राप्त करना होता है, जिसके पश्चात गैस कनेक्शन स्थापित किया जाता है, जिसमें समय लगना स्वाभाविक है। भारत सरकार द्वारा ऑयल कम्पनी के माध्यम से योजना संचालित की जा रही है। तथापि विभाग एवं ऑयल कंपनी द्वारा योजना एवं पात्र हितग्राहियों से केवायसी भरवाने के लिए समुचित प्रचार-प्रसार किया गया है एवं गैस एजेंसियों के प्रतिनिधियों, उचित मूल्य दुकान के विक्रेताओं एवं स्थानीय निकाय के कर्मचारियों द्वारा पात्र हितग्राहियों के घर-घर जाकर केवायसी आवेदन भरवाए जाते हैं।
जमुनियां से झांसी लिंक रोड तक सड़क एवं पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
39. ( क्र.
391 ) श्री
अनिल जैन : क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
क्या
विधानसभा
क्षेत्र
निवाड़ी के
ग्राम जमुनियां
खास सहित कई
गांवों के
निवासियों को
चिकित्सा
एवं रोज-मर्रा
की जरूरतों के
लिए झांसी जाना
पड़ता है
किंतु झांसी
की मुख्य
सड़क तक लिंक
रोड के अभाव
एवं रास्ते
में एक बड़े
नाले पर बरसात
भर आवागमन
बाधित रहने से
पुल की मांग
की जाती रही
है किंतु विभाग
द्वारा उक्त
कार्य स्वीकृत
नहीं किया गया
है? यदि
हाँ, तो
स्वीकृत न
करने का कारण
बताया जाये? (ख) प्रश्नांश
(क) में की गयी
मांग को स्वीकृत
न करने के लिए
किन-किन स्तर
पर कौन-कौन
अधिकारी दोषी
हैं? क्या
उनके विरूद्ध
शासन द्वारा
कोई
कार्यवाही की
जायेगी? (ग) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
जनहित कार्य
जो वहां के कई
गांवों के
निवासियों के
लिए अत्यंत
महत्वपूर्ण
हैं, उसकी
विभाग द्वारा
कब तक स्वीकृति
जारी की जा
सकेगी?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
सज्जन सिंह
वर्मा ) : (क) प्रश्नांश
मार्ग लोक
निर्माण
विभाग की
पुस्तिका में
अंकित नहीं
होने से किसी
भी प्रकार की
कार्यवाही की
जाना संभव
नहीं। (ख) एवं (ग) उत्तरांश
'क' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
ही उपस्थित
नहीं होता।
मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के निर्माण कार्य पूर्ण करने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
40. ( क्र. 394 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग में विगत दो वर्ष में कितनी मृदा परीक्षण प्रयोगशालायें स्वीकृत की गयी हैं? जिलेवार स्वीकृत, निर्मित, निर्माणाधीन की संख्या तथा प्रत्येक की लागत बतायी जाये? (ख) जिला-टीकमगढ़ एवं जिला-निवाड़ी में कितनी मृदा परीक्षण प्रयोगशालायें कहाँ-कहाँ कितनी लागत से निर्मित हो गयी हैं और जो निर्माणाधीन है उनका निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) उक्त जिलों में निर्माणाधीन प्रयोगशालाओं के निर्माण में विलम्ब के क्या कारण हैं?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
सचिन
सुभाषचन्द्र
यादव ) : (क) सागर
संभाग में
विगत दो
वर्षों में
मृदा परीक्षण
प्रयोगशालाओं
की स्वीकृति
की जानकारी
निरंक है। सागर
संभाग
अंतर्गत वर्ष
2015-16 में
कुल 32
मृदा परीक्षण
प्रयोगशालायें
स्वीकृत की
गई हैं। जिलेवार
स्वीकृत तथा
निर्मित कराई
गई प्रयोगशालाओं
की संख्या
सहित
प्रयोगशालावार
लागत की विस्तृत
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ख)
जिला टीकमगढ़
के अंतर्गत 03
प्रयोगशालायें
तथा जिला
निवाडी में 02
प्रयोगशालायें
निर्मित कराई
गई हैं, जिनके
निर्माण का
कार्य पूर्ण
हैं, लागत
इत्यादि का
विवरण संलग्न
परिशिष्ट अनुसार
है। (ग) उत्तरांश
''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
परिशिष्ट
- ''तैंतीस''
छात्रावासों को आवंटित राशि
[जनजातीय कार्य]
41. ( क्र. 411 ) श्री अशोक ईश्वरदास रोहाणी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिम जाति कल्याण विभाग जिला जबलपुर को संचालित किन-किन योजनांतर्गत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई। किन-किन योजनाओं से संबंधित कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया है एवं क्यों वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक की पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन योजनांतर्गत कौन-कौन सी सामग्री कब-कब, कहाँ-कहाँ से कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि की क्रय की गई एवं कब-कब, किन-किन कार्यों में कितनी राशि व्यय हुई? इसका सत्यापन कब-कब किसने किया है? (ग) प्रश्नांश (क) में संचालित किन-किन छात्रावासों को कब-कब कितनी-कितनी राशि की कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में प्रदाय की गई? किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं किन-किन कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? इसका भौतिक सत्यापन कब किसने किया है? (घ) प्रश्नांशित किन-किन छात्रावासों का कब-कब किस-किस ने औचक निरीक्षण किया ताकि कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या अनियमितताएं, कमियां व क्या-क्या शिकायतें पाई गई हैं? तत्संबंध में कब किसने किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की है?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मध्यप्रदेश शासन, आदिम जाति कल्याण विभाग, मंत्रालय के ज्ञापन क्रमांक/एफ-12-11/2014/25/2 दिनांक 17/06/2014 के परिपालन में वर्ष 2014-15 से वर्ष 2017-18 तक की राशि पालक समिति एवं अधीक्षक के संयुक्त खाते में वर्ष 2018-19 में छात्रों के व्यक्तिगत खाते में सामग्री क्रय हेतु राशि स्थानान्तरण के आदेश है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) विभागीय छात्रावासों की सामग्री क्रय हेतु राशि पालक समिति एवं अधीक्षक के संयुक्त खाते में में स्थानान्तरित की गई है। अधीक्षक एवं पालक समिति द्वारा आवश्यकतानुसार सामग्री क्रय कर छात्र/छात्राओं को प्रदान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक स्वीकृत किये गये निर्माण कार्य, निर्माण एजेंसी एवं सत्यापन संबंधी विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
संचालित राशन दुकानों की जांच एवं अनियमितताएं
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
42. ( क्र. 429 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता की विधानसभा के अंतर्गत वर्तमान में कितनी राशन दुकानें संचालित हो रही हैं? दुकान का नाम, पता एवं संचालक का नाम बतावें? यह भी बताया जावे कि संचालित दुकानों में से किस दुकान में कितने कार्डधारी राशन प्राप्त कर रहे हैं? किस दुकान को माह में कितना राशन प्रदाय किया जा रहा है? (ख) वर्ष 2016 से 2018 तक कितनी दुकानों की जांच सक्षम अधिकारियों के द्वारा कब-कब की गई? जांच में कितनी राशन दुकानों में कौन-कौन सी अनियमिततायें पाई गईं? जांच अधिकारी एवं राशन दुकान का नाम सहित बतावें। जांच उपरांत अनियमितता पाई गई दुकानों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या जांच में पाई गई अनियमितताओं के विरूद्ध जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा मिलीभगत से किसी भी प्रकार की कार्यवाही न कर राशन दुकान को पुन: संचालन हेतु सौंप दी गई? यदि हाँ, तो ऐसी कितनी दुकानें हैं, जिनकी जांच दौरान भी संचालित हो रही हैं? उनकी सूची देवें यह भी बताया जावे कि संचालित दुकाने किस-किस अधिकारी के कार्यक्षेत्र में आती हैं। (घ) प्रश्नांश (क) में पाई गई अनियमितताओं के विरूद्ध सक्षम अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न करने वाले दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा एवं कब तक?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्नकर्ता की विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल 139 राशन दुकानें संचालित हो रही है। दुकान का नाम, पता, संचालक का नाम, राशनकार्ड संख्या एवं माह में आवंटित सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है। (ख) वर्ष 2016 से 2018 तक सक्षम अधिकारियों द्वारा जांच की गई राशन दुकानों एवं जांच में पाई गई अनियमितताओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण की जांच
[लोक निर्माण]
43. ( क्र. 435 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग के अधीन निर्मित हो रहे करताना से टिमरनी मार्ग अन्तर्गत अनुबंध अनुसार उल्लेखित मार्ग के निर्माण में किन-किन स्थानों पर कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से निर्माण कार्य होना थे? कार्य पूर्ण होने का समय बताएं। (ख) क्या निर्माण कंपनी द्वारा सी.सी. रोड निर्माण में घटिया रेत एवं स्तरहीन गिट्टी का इस्तेमाल किया गया है? यदि हाँ, तो घटिया निर्माण के संबंध में शासन द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण देवें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अंतर्गत इस्तेमाल की गई सामग्री की गुणवत्ता रिपोर्ट की छायाप्रति देवें? (घ) प्रश्नांश (क) के संबंध में साईड सोल्डर भरे जाने में की गई लापरवाही के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लोक निर्माण विभाग संभाग हरदा अंतर्गत टिमरनी पोखरनी करताना मार्ग लंबाई 15.30 कि.मी. की अनुबंधित राशि निविदा दर सहित रू. 2377.74 लाख है। मार्ग पर सीमेंट कांक्रीट मार्ग का निर्माण रू. 2080.51 लाख से, 35 नग पुलियों का निर्माण राशि रू. 219.14 लाख से, सी.सी. ड्रेन का निर्माण राशि रू. 26.10 लाख से, प्रोटेक्शन वाल का निर्माण राशि रू. 34.13 लाख से, सर्विस डक्ट का निर्माण राशि रू. 10.88 लाख से तथा अन्य कार्य राशि रू. 6.98 लाख से किया जाना है। कार्य जून-2019 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) सामग्री की गुणवत्ता परिणाम की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (पृ.क्रं. 01 से 8 तक) (घ) साईड सोल्डर भरे जाने में की गयी लापरवाही के संबंध में ठेकेदार को नोटिस जारी किये गये है।
ग्रीष्मकाल में बुन्देलखण्ड में पेयजल व्यवस्था का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
44. ( क्र. 439 ) श्री पुरुषोत्तम तंतुवाय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ग्रीष्मकाल के समय भीषण पेयजल की समस्या से निपटने के लिये विभाग के पास क्या कार्ययोजना है? (ख) क्या जिन क्षेत्रों में जलस्तर 200 फिट के नीचे पहुंच जाता है? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग की क्या व्यवस्था होगी?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु आकस्मिक कार्य योजना तैयार की गई है जिसके अंतर्गत आवश्यकता अनुसार नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग एवं पेयजल परिवहन आदि कार्य प्रस्तावित हैं। (ख) जी हाँ, सिंगलफेस मोटर पंप के माध्यम से व्यवस्था की जाती है।
मोहनपुरा वृहद परियोजना एवं कुण्डालियां वृहद परियोजना से सिंचाई एवं पेयजल सुविधा
[जल संसाधन]
45. ( क्र.
452 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) राजगढ़
जिले की
मोहनपुरा
वृहद
परियोजना एवं
कुण्डालियां
वृहद
परियोजना से सारंगपुर
विधानसभा
क्षेत्र के
कितने ग्रामों
की कितने
हेक्टेयर
कृषि भूमि में
सिंचाई
प्रस्तावित
है? ग्रामों
के नाम, कुल रकबा
तथा उसके
विरुद्ध
प्रस्तावित सिंचाई
का रकबा
परियोजनावार
विस्तृत विवरण
से अवगत
करावें? (ख) प्रश्नांश
(क) में
दर्शित
ग्रामों को सिंचाई
सुविधा का लाभ
कब तक मिल
जावेगा?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
हुकुम सिंह
कराड़ा ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख) उपलब्ध
सिमित वित्तीय
संसाधनों के
मद्देनजर 03 से 04 वर्ष
का समय लगना
संभावित।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनान्तर्गत वितरण ट्रांसफार्मर में अनियमितता
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 453 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र फरवरी मार्च 2018 के अधोहस्ताक्षरकर्ता के ताराकिंत प्रश्न क्रमांक 702 के उत्तर में अवगत कराया है कि वर्ष 2017-18 में वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना, घरों में मीटर लगाये जाने सहित आवंटन प्राप्त किया गया था। कृपया विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के किन-किन ग्रामों में वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं मीटर लगाने का कार्य किया गया है? अवगत करायें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्थापित ट्रांसफार्मर/घरों में मीटर लगाये गये हैं? उनका सत्यापन विभाग के किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया है? दिनांक एवं ग्रामों के विस्तृत विवरण से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्थापित ट्रांसफार्मर चालू करने के पश्चात् कितनी-कितनी अवधि में जले एवं कब-कब बदले गये? ग्रामवार बदले गये ट्रांसफार्मर की जानकारी से अवगत करावें? (घ) क्या कंपनी एवं विभागीय अधिकारीयों की सांठगांठ से ग्रामों में ना तो मीटर स्थापित किये हैं एवं ना ही क्षमता के मान से ट्रांसफार्मर स्थापित किये हैं? इसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के 31 ग्रामों में वितरण ट्रान्सफार्मरों की स्थापना एवं 23 ग्रामों में घरों में मीटर स्थापित करने का कार्य किया गया है। उक्त में से 20 ग्रामों में वितरण ट्रांसफार्मर एवं 23 ग्रामों में घरों में मीटर स्थापित करने का कार्य दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स वोल्टॉस लिमिटेड, मुम्बई द्वारा किया गया है एवं शेष 11 ग्रामों में म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य कराया गया है। उक्तानुसार टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी एवं म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा कराए गए प्रश्नाधीन कार्यों का ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के क्रमशः प्रपत्र “अ“ एवं ‘ब’ अनुसार है। वर्तमान में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के अंतर्गत टर्न-की ठेकदार एजेन्सी द्वारा कार्य प्रगति पर है, जोकि जुलाई 2019 तक पूर्ण होना संभावित है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना एवं घरों में मीटर लगाने का कार्य किया गया है। टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी मेसर्स वोल्टॉस लिमिटेड, मुम्बई द्वारा स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों तथा घरों में लगाये गये मीटरों का सत्यापन मेसर्स आर.ई.सी.पी.डी.सी.एल. भोपाल द्वारा किया गया है। ग्रामवार सत्यापन करने वाले अधिकारी का नामवार एवं निरीक्षण की दिनांक सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है। म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय स्तर पर स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों का सत्यापन एस.टी.सी. संभाग के प्रबंधक/ सहायक प्रबंधक द्वारा किया गया है, जिसका नामवार एवं निरीक्षण की दिनांक सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “द“ अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत टर्न-की ठेकेदार एजेन्सी एवं म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा विभागीय तौर पर स्थापित किये गये वितरण ट्रांसफार्मरों में से वर्तमान में कोई भी वितरण ट्रांसफार्मर जला/खराब नहीं हुआ है। अतः प्रश्न नहीं उठता। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन कार्य किया जा रहा है, अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के वितरण केन्द्र खोलने की व्यवस्था
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
47. ( क्र. 459 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कन्नौद, खातेगांव तहसील में शासकीय उचित मूल्य दुकानों की संख्या कितनी है एवं इनमें से कितनी दुकानें ऐसी हैं, जिनके पास तीन से चार गांवों में राशन बांटने की जिम्मेदारी है? (ख) ऐसी कितनी उचित मूल्य दुकाने हैं, जिन पर राशन लेने के लिये हितग्राही को 5 कि.मी. की दूरी तय करके आना पड़ता है? संख्या एवं दुकान का नाम बतायें। (ग) विभाग द्वारा ग्राम पंचायत अथवा नागरिकों की मांग पर गांवों में उचित मूल्य दुकान का वितरण केन्द्र खोलने की व्यवस्था क्या नियमों में है? (घ) यदि हाँ, तो ऐसे कितने गांव हैं, जहां राशन वितरण उपकेन्द्र खोले जा सकते हैं?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) कन्नौद तहसील में उचित मूल्य दुकानों की संख्या 31 है, जबकि खातेगांव तहसील में उनकी संख्या 74 है। कन्नौद तहसील की 12 एवं खातेगांव तहसील की 31 दुकानें ऐसी हैं, जहां से 3-4 ग्रामों के पात्र परिवारों को राशन का वितरण होता है। (ख) कन्नौद तहसील में 2 एवं खातेगांव तहसील में 11 दुकानों पर राशन सामग्री लेने के लिए पात्र परिवारों को 5 किलोमीटर की दूरी तय करके आना पड़ता है। उक्त दुकानों के नाम की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, प्रत्येक दुकानविहीन ग्राम पंचायत में नवीन उचित मूल्य दुकान खोलने का प्रावधान मध्यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 में है। (घ) प्रश्नांश ‘ग’ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता।
राजस्व विभाग से ग्राम किलोदा (पी) का त्रुटिपूर्ण नक्शा
[राजस्व]
48. ( क्र. 460 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कन्नौद तहसील के ग्राम किलोदा (पी) का कृषि भूमि एवं आबादी का नक्शा विगत कई वर्षों से त्रुटिपूर्ण है, जिसके कारण किसानों एवं ग्रामवासियों को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (ख) इस ग्राम का नक्शा त्रुटिपूर्ण होने का क्या कारण है एवं इसमें त्रुटि होने के पीछे कौन अधिकारी एवं कर्मचारी जिम्मेदार हैं? (ग) क्या इस नक्शे के दुरूस्तीकरण के लिये विशेषज्ञों की टीम को नियुक्त किया जाता है एवं क्या इस बावत् विभाग ने विस्तृत सर्वे करवाया है? (घ) क्या किसान ने रेकार्ड का नक्शे से मिलान नहीं होने पर उत्पन्न विसंगति को विभाग द्वारा त्वरित गति से नक्शा सुधरवाकर ठीक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) बन्दोवस्त कार्ययोजना के दौरान तत्समय कार्यरत कर्मचारी/अधिकारी द्वारा बन्दोवस्त पूर्व के नक्शे अनुसार ध्यान न देने के कारण मौका अनुसार सम्पूर्ण नक्शे में भिन्नता निर्मित हुई है। (ग) जी नहीं। (घ) जी हाँ।
विद्युत विहीन गांवों/मजरे टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
49. ( क्र. 473 ) श्री कमल पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में ऐसे कितने ग्राम/ मजरे टोले/ढाणे हैं, जहां आज तक बिजली नहीं पहुंची है? (ख) उपरोक्त ऊर्जा विहीन ग्रामों/मजरों/ टोलों/ढाणों में कब तक विद्युत व्यवस्था प्रदान कर दी जाऐगी? (ग) उपरोक्त ग्रामों में आज तक बिजली नहीं पहुंचाने के क्या कारण हैं? (घ) उपरोक्त ग्रामों/ मजरों/टोलों/ढाणों में विद्युत विहिन कितने ग्रामों/मजरों/ टोलों/ढाणों के प्रस्ताव बनकर तैयार हैं तथा कितने बाकी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) हरदा जिले के अंतर्गत सभी राजस्व ग्रामों एवं उनके सभी मजरों/टोलों/ढाणों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि विद्यमान विद्युत उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण विद्युत प्रदान करने के उद्देश्य से एवं प्रणाली पर बढ़े हुए भार की पूर्ति हेतु विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण का कार्य विभिन्न योजनाओं में आवश्यकतानुसार एक सतत् प्रक्रिया के अन्तर्गत किया जाता है। (ख) से (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
खराब हेण्डपंपों की मरम्मत
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
50. ( क्र. 474 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा विधानसभा क्षेत्र के किस-किस गांव में कितने-कितने हैण्डपंप/नल-जल योजना कब से खराब है? (ख) उपरोक्त खराब हैण्डपंप/नल-जल योजना को कब तक ठीक कर दिया जाएगा? अभी तक ठीक नहीं करने के क्या कारण हैं। (ग) हरदा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण इलाकों में आगामी ग्रीष्म ऋतु के पेयजल की आपूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना बनाई? नहीं बनाई तो क्यों? (घ) इस वित्तीय वर्ष में हरदा विधानसभा क्षेत्र में कितने नवीन हैण्डपंप/नल-जल योजना प्रस्तावित हैं? जानकारी दें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (ख) हैण्डपंपों का संधारण हैण्डपंप संधारण की प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस में किया जाता है। हस्तांतरित बंद नल-जल योजनाओं में स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल व्यवस्था हेतु आकस्मिक कार्य योजना तैयार की गई है जिसके अंतर्गत नवीन नलकूपों का खनन कर हैण्डपंप स्थापना का कार्य, स्थापित हैण्डपंपों में राइजर पाइप बढ़ाने का कार्य एवं सिंगलफेस मोटर पंप स्थापित करने, कम जल आवक क्षमता वाले नलकूपों में हाइड्रोफ्रैक्चरिंग एवं पेयजल परिवहन आदि कार्य प्रस्तावित हैं। (घ) 26 नवीन हैण्डपंप तथा 12 नल-जल योजनाएं प्रस्तावित की गई हैं।
जावरा व पिपलोदा विकासखण्ड में पेयजल व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
51. ( क्र.
495 ) डॉ.
राजेन्द्र
पाण्डेय (राजू
भैया) : क्या लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) शासन/
विभाग द्वारा
वर्ष 2016-17 से
लेकर प्रश्न
दिनांक तक
जावरा व
पिपलोदा विकासखंड
अंतर्गत किन
ग्रामों में
पेयजल व्यवस्था
हेतु कितनी
पेयजल
योजनाएं
स्वीकृत की हैं? इनमें
से किन-किन
स्थानों की
पेयजल योजनाओं
के कार्य
प्रगतिरत हैं, अप्रारम्भ
हैं? साथ
ही कितने
पूर्ण रहे,कितने
अपूर्ण रहे? (ख) स्वीकृत
पेयजल
योजनाएं कब तक
पूर्ण की जा
सकेंगी तथा
जिन ग्रामों
की पेयजल
योजनाओं की
साध्यता पाई
गयी थी, उन्हें कब
तक स्वीकृति
दी जायेगी?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री ( श्री
सुखदेव पांसे )
: (क) प्रश्नांकित
अवधि में 26 नल-जल
योजनाऐं
स्वीकृत की
गयी हैं तथा 140 नलकूप
खनित किये गये
हैं। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 एवं 2
अनुसार है। (ख) स्वीकृत
योजनाओं में
से प्रगतिरत
योजनाओं को
मार्च 2019 तक पूर्ण
करना लक्षित
है। शेष
स्वीकृत एवं
साध्य पायी
गयी योजनाओं
का क्रमशः
क्रियान्वयन
एवं स्वीकृति
की कार्यवाही वित्तीय
संयोजन के
अनुसार की
जाती है। निश्चित
समय-सीमा
बताया जाना
संभव नहीं है।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
52. ( क्र. 496 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय (राजू भैया) : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा पिपलोदा तहसील अंतर्गत मचून डेम एवं इन्द्रपुरी डेम की साध्यता स्वीकृत होकर लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त अत्यंत महत्वपूर्ण दोनों डेमों की स्वीकृतियां एवं आगामी कार्ययोजना कब तक पूर्ण कर ली जायेगी? (ग) क्या शासन/विभाग द्वारा क्या इन्हें बजट में सम्मिलित किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो बजट की स्वीकृति दी जाकर कार्य कब तक प्रारम्भ कर लिया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) जी हां। दोनों परियोजनाओं के डी.पी.आर. अंतिम नहीं होने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते।
किसानों को ड्रीप, मशीनरी अन्य सामग्री क्रय करने पर प्राप्त होने वाला अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
53. ( क्र. 502 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र में कितने कृषकों को ड्रीप स्प्रींकलर एवं मशीनरी क्रय करने पर विभाग द्वारा अनुदान प्रदाय किया गया है? (ख) वर्तमान में किसानों को ड्रीप व अन्य सामग्री पर अनुदान प्राप्त करने हेतु पंजीयन की क्या प्रक्रिया है? माह में कौन-कौन से दिन/दिनांक पंजीयन हेतु पोर्टल खुला रहता है? क्या जिस दिन/ दिनांक को पंजीयन हेतु पोर्टल पर खुलता है उसकी जानकारी केवल डीलर एवं वरिष्ठ अधिकारियों को होती है, जिसमें आम किसान अपना पंजीयन कराने से वंचित रह जाता है? (ग) क्या इस प्रकार की प्रक्रिया को बदल कर नई व्यवस्था लागू की जाएगी? जिससे किसानों को पंजीयन कराने हेतु भटकना न पड़े तथा उन्हें पोर्टल खुलने का समय आसानी से पता चले, यदि हाँ, तो यह व्यवस्था कब तक लागू की जायेगी? नहीं तो इसके क्या कारण है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) वर्ष 2018-19 में प्रश्न दिनांक तक भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र के 428 कृषकों को ड्रिप स्प्रिंकलर एवं मशीनरी क्रय करने पर अनुदान प्रदाय किया गया है। (ख) ड्रिप व अन्य सामग्री पर अनुदान प्राप्त करने हेतु कृषकों को ई-कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर ऑनलाईन पंजीयन बायो मेट्रिक्स डिवाईस के माध्यम से कराया जाना होता है। पंजीयन हेतु पोर्टल पूरे माह प्रतिदिन 24 घंटे खुला रहता है, लक्ष्य उपलब्ध होने पर कृषक किसी भी समय अपना पंजीयन कर सकता है। सामान्यत: पोर्टल पर लक्ष्य की सूचना पोर्टल पर एक सप्ताह पूर्व से प्रदर्शित होने लगती है। यह कहना सही नहीं है कि पोर्टल खुलने की जानकारी केवल डीलर एवं वरिष्ठ अधिकारी को ही होती है और किसान अपना पंजीयन कराने से वंचित रह जाते हैं। (ग) वर्तमान में प्रचलित पंजीयन करने की व्यवस्था पूर्णता पारदर्शी एवं कृषक हितैषी है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूमि संरक्षण विभाग अन्तर्गत निर्माण कार्यों की जानकारी प्रदाय करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
54. ( क्र. 503 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत विगत 05 वर्षों में भूमि संरक्षण विभाग अन्तर्गत कुल कितनी राशि का आवंटन विभाग को प्राप्त हुआ है? योजनावार प्राप्त राशि का विवरण प्रदाय करें तथा प्राप्त आवंटन में से कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये हैं? योजनावार कार्यों का ब्यौरा प्रदाय करें? (ख) उपरोक्त मदों में कितनी राशि शेष है? इस शेष राशि का उपयोग भविष्य में किन कार्यों पर किया जाना है तथा वर्तमान में कौन-कौन से कार्य प्रगतिरत हैं? कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) भूमि संरक्षण कार्यों के लिये विधानसभावार आवंटन नहीं दिया जाता। विगत 05 वर्षों में उपसंभाग खरगौन को प्राप्त आवंटन तथा व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित वर्षों में भूमि संरक्षण कार्यों हेतु प्राप्त आवंटन के मदों में कोई राशि किसी भी कार्य के लिये शेष नहीं है न ही वर्तमान में कोई कार्य प्रगतिरत हैं।
सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 505 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बिजरौनी से मेघोना, मेघोना से दादूखेड़ी तथा दादूखेड़ी से दीपालखेड़ी सड़क मार्ग की कुल कितनी लंबाई है? इस सड़क मार्ग का निर्माण किए जाने हेतु क्या विभाग के पास कोई प्रस्ताव या कार्ययोजना लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस वित्तीय वर्ष में इसके निर्माण की स्वीकृति को बजट में शामिल कर इसका निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? शिवपुरी एवं अशोकनगर जिलों को जोडने वाले इस महत्वपूर्ण सड़क मार्ग के निर्माण की स्वीकृति की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नांकित कोलारस विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बिजरौनी से मेघोना, मेघोना से दादूखेडी तथा दादूखेडी से दीपालखेडी सड़क नाम के लोक निर्माण विभाग के अधीन कोई भी मार्ग नहीं है और न ही इन सड़क मार्ग का निर्माण किये जाने हेतु विभाग के पास कोई प्रस्ताव व कार्य योजना लंबित है। (ख) प्रश्नांश 'क' के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सूखा राहत राशि के भुगतान की स्वीक़ति
[राजस्व]
56. ( क्र. 506 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल कितने किसानों को सूखा राहत की राशि भुगतान किए जाने की स्वीकृति हुई है? ग्रामवार राशिवार पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन किसानों को सूखा राहत की राशि स्वीकृति हुई है, उनमें से कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है तथा कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? उनको कब तक शेष राशि का भुगतान कर दिया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2017-18 में सूखा प्रभावित तहसील कोलारस अंतर्गत कुल 198 ग्रामों के कुल 37273 कृषकों की फसलों को क्षति हुई है, जिसके संबंध में तहसील कोलारस हेतु कुल रू, 25,68,08,352/- की राशि स्वीकृत की गई है। ग्रामवार/राशिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–‘’अ’’ अनुसार। वर्ष 2017 & 18 में सूखा प्रभावित तहसील बदरवास अंतर्गत कुल 140 ग्रामों के कुल 46262 कृषकों की फसलों को क्षति हुई है जिसके संबंध में तहसील बदरवास हेतु कुल 31,00,11,148/- रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। ग्रामवार/राशिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में तहसील कोलारस क्षेत्रांतर्गत कुल 20803 कृषकों को कुल राशि रू 16,57,78,681/- तथा तहसील बदरवास क्षेत्र अंतर्गत कुल 22783 कृषकों को कुल राशि रू 15,93,22,958/- का भुगतान किया जा चुका है। शेष कृषकों को राहत राशि भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
33 के.व्ही. विद्युत सब स्टेशन की स्वीकृति
[ऊर्जा]
57. ( क्र. 507 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खजूरी वक्सपुर, रैंजाघाट, सींगाखेडी, रिजौदी तथा छोटी घुरवार आदि ग्रामों के लिए पृथक से 33/11 के व्ही विदयुत सब स्टेशन की स्वीकृति का प्रस्ताव प्रचलन में है? यदि हाँ, तो वर्तमान में स्वीकृति संबंधी कार्यवाही की अद्यतन स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें तथा कब तक उक्त ग्रामों हेतु पृथक से 33/11 विदयुत सब स्टेशन की स्वीकृति की जाकर कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि नहीं, तो क्या कुछ समय पूर्व तक ग्राम खजूरी वक्सपुर तथा रैंजाघाट को दूसरे जिले (गुना) के म्याना विदयुत सब स्टेशन से विदयुत आपूर्ती की जा रही थी? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों हेतु पृथक से विदयुत सब स्टेशन के निर्माण की आवश्यकता को कब तक पूरा कर लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत खजूरी वक्सपुर, रैंजाघाट, सींगाखेडी, रिजौदी तथा छोटी घुरवार आदि ग्रामों के लिए पृथक से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्वीकृति का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हां, कुछ समय पूर्व तक ग्राम खजूरी वक्सपुर तथा रैंजाघाट को गुना जिले के म्याना 33/11 के.व्ही.विद्युत उपकेन्द्र से विद्युत आपूर्ति की जा रही थी, परंतु वर्तमान में शिवपुरी जिले के नवनिर्मित 33/11 के.व्ही. अटलपुर विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. मांगरोल फीडर से ग्राम खजूरी वक्सपुर, सींगाखेडी एवं रैंजाघाट को विद्युत प्रदाय किया जा रहा है तथा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित शेष ग्रामों यथा रिजौदी एवं छोटी घुरवार में पूर्व से ही शिवपुरी जिले के 33/11 के.व्ही. श्रीपुर विद्युत उपकेन्द्र से निर्गमित 11 के.व्ही. श्रीपुर आबादी फीडर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में ग्राम खजूरी वक्सपुर, रैंजाघाट, सींगाखेडी, रिजौदी तथा छोटी घुरवार में पृथक से 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना तकनीकी रूप से आवश्यक नहीं है।
बंद हैण्डपम्प/नलकूप व नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
58. ( क्र. 508 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में विभागीय आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में कुल कितने हैंण्डपंप लगे हुए हैं तथा उनमें से कितने हैण्डपंप वर्तमान में चालू स्थिति में हैं? कितने बंद हैं तथा कितने ऐसे हैं जो दुरूस्त होकर चालू हो सकते हैं? हैण्डपंपों की कुल संख्या सहित ग्रामवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) कोलारस विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी नल-जल योजनाऐं स्वीकृत हैं? उक्त नल-जल योजना में कितनी-कितनी योजनाऐं चालू हैं? कितनी नल-जल योजनाऐं किन कारणों से बंद हैं? कुल संख्या सहित ग्रामवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) शासन के नियमानुसार ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में कितनी-कितनी आबादी पर कितनी-कितनी संख्या में हैण्डपंपों का होना अनिवार्य है? क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में शासन द्वारा निर्धारित तय आवादी मानक के हिसाब से हैण्डपंपों का खनन किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक निर्धारित मानक के अनुसार हैण्डपंप लगा दिए जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) व (ख) के अनुसार जिन ग्रामों में हैण्डपंप व नल-जल योजनाऐं बंद हैं, उन्हें कब तक चालू कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 2120 हैण्डपंप। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) ग्रामीण क्षेत्रों में 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से तथा नगरीय क्षेत्र में 60 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से हैण्डपंप के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाये जाने का मापदण्ड है। तय आबादी के मान से नलकूपों का खनन किया गया है, परंतु 10 बसाहटें पर्याप्त जलआवक क्षमता के अभाव में आंशिक पूर्ण श्रेणी में हैं। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) हैण्डपंपों का संधारण सतत् हैण्डपंप संधारण की प्रक्रिया के तहत अधिकतम 15 दिवस में किया जाता है, हस्तांतरित बंद नल-जल योजनाओं में स्त्रोत के अभाव को छोड़कर अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री सोलार पम्प योजना अन्तर्गत स्वीकृत किये गये प्रकरण
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
59. ( क्र. 514 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजनान्तर्गत सोलर ऊर्जा आधारित पम्प संयंत्र स्थापना हेतु वर्ष 2018-19 के अन्तर्गत जिला होशंगाबाद क्षेत्र अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक सोलर पम्प पंजीयन हेतु निर्धारित शुल्क के साथ कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुये? आवेदक के नामवार, ग्रामवार सूची देवें? (ख) कंडिका (क) में वर्णित योजना अन्तर्गत प्रकरणों को कितने दिवस की समय-सीमा में स्वीकृत किये जाने के नियम हैं? (ग) प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदन पत्रों में से कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये? कितने प्रकरण किन कारणों से अस्वीकृत किये गये एवं कितने प्रकरण स्वीकृति हेतु लंबित हैं? (घ) स्वीकृत प्रकरणों का प्राप्त दिनांक एवं स्वीकृति दिनांक प्रकरणवार देवें। लंबित प्रकरणों की सूची नामवार एवं ग्रामवार देवें। प्रकरण लंबित रहने के क्या कारण हैं लंबित प्रकरण कब तक स्वीकृत हो जावेंगे?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जिला होशंगाबाद में मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजनान्तर्गत सोलर ऊर्जा आधारित पम्प संयंत्र स्थापना हेतु वर्ष 2018-19 के अन्तर्गत प्रश्न दिनांक तक कुल 111 आवेदन निर्धारित पंजीयन शुल्क के साथ प्राप्त हुये हैं, नामवार एवं ग्रामवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजनान्तर्गत भारत सरकार एवं राज्य शासन से लक्ष्य व अनुदान की स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात ही सम्पूर्ण प्रदेश में पंजीकृत आवेदनों में से स्वीकृत संख्या अनुसार स्वीकृति प्रदान की जाती है। स्वीकृति प्राप्त हितग्राहीयों द्वारा शेष हितग्राही अंश जमा करने के पश्चात 120 दिन में संयंत्र स्थापना का प्रावधान रखा गया है। विशेष परिस्थितियों में समयावधि बढ़ाई जा सकती है। (ग) होशंगाबाद जिले में योजना के आरंभ (अप्रैल 2017) से प्रश्न दिनांक तक कुल 640 आवेदन प्राप्त हुये हैं, जिसमें से प्रथम चरण में 267 एवं द्वितीय चरण में 154 आवेदकों के पम्प की स्थापना के आदेश जारी किये गये हैं। शेष आवेदकों के प्रकरण, भारत शासन व राज्य शासन द्वारा दिए गए लक्ष्य व अनुदान के अधीन, स्वीकृति हेतु लंबित हैं। अस्वीकृत आवेदनों की संख्या निरंक है। (घ) स्वीकृत आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–ब अनुसार है। लंबित आवेदनों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–स अनुसार है। शेष प्रकरण भारत शासन एवं राज्य शासन के लक्ष्य व अनुदान की स्वीकृति की प्रत्याशा में लंबित हैं। भारत शासन व राज्य शासन में लक्ष्य व अनुदान स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात प्रकरण स्वीकृत किये जा सकेंगे।
लोक निर्माण विभाग अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
60. ( क्र. 516 ) श्री रामकिशोर (नानो) कावरे : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के कितने निर्माण कार्य किस-किस मद से चल रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) वर्णित कितने निर्माण कार्य किस कारण से बंद हैं, कारण सहित जानकारी देवें? (ग) कितने नवीन कार्य प्रस्तावित हैं? जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति हो चुकी है, इसके बाद भी कार्य प्रारंभ नहीं किये गये हैं? (घ) बालाघाट जिले के कितने शासकीय भवन लोक निर्माण विभाग के पास (सरकारी आवास, अधिकारी, कर्मचारी) हैं वर्ष 2016 से अब तक इन भवनों में मरम्मत हेतु क्या-क्या कार्य किया गया एवम् कितना व्यय किया गया और कितना मरम्मत हेतु प्रस्तावित है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) ए.डी.बी. वित्त पोषित परियोजना पैकेज क्रमांक 12 अंतर्गत लालबर्रा-समनापुर मार्ग (लंबाई 8.43 कि.मी.) का निर्माण कार्य अन्य तीन मार्गों सहित प्रगति पर है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) परसवाड़ा विधानसभा के अंतर्गत कोई कार्य बंद नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1', 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। (घ) लोक निर्माण विभाग संभाग बालाघाट के अंतर्गत 746 शासकीय आवासीय भवन है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
सैलाना विधानसभा में फ्लोराइड युक्त पानी
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
61. ( क्र. 546 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सैलाना विधानसभा क्षेत्र के कितने गांव में फ्लोराईड युक्त पानी ट्युबवेल से निकल रहा है? क्या पूर्व में फ्लोराईड युक्त पानी के शुद्धीकरण हेतु योजना बनी थी? यदि हाँ, तो उसकी लागत तथा प्रारंभ करने की दिनांक तथा गांवों के नाम बतावें। क्या योजना अंतर्गत संपूर्ण कार्य हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) सैलाना विधानसभा क्षेत्र के किस-किस गांवों में नल-जल योजना स्वीकृत है तथा उसमें से किस गांव में कार्य पूर्ण हो गया है? किस-किस में कार्य जारी है तथा किसमें कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ है? कितने गांवों में नल-जल योजना नहीं है? (ग) सैलाना विधानसभा क्षेत्र की कितनी प्रतिशत आबादी को शुद्ध पेयजल वितरित किया जा रहा है। पूरी आबादी को शुद्ध पेय जल मिले, इस हेतु कोई योजना प्रस्तावित है या नहीं? अगर नहीं तो क्या इस संदर्भ में कोई योजना बनाई जावेगी? (घ) सैलाना विधानसभा क्षेत्र की कितनी प्रतिशत आबादी पाइप लाइन से एवं कितनी प्रतिशत आबादी हेण्डपंप से पीने का पानी उपयोग कर रही है? आदिवासी क्षेत्र में शुद्ध पेयजल हेतु राशि का प्रावधान क्यों नहीं किया गया?
लोक
स्वास्थ्य
यांत्रिकी
मंत्री ( श्री
सुखदेव पांसे )
: (क) सैलाना
विधानसभा
क्षेत्र में
वर्तमान में किसी
भी ग्राम में
विभागीय
ट्यूबवेल से
फ्लोराइड
युक्त पानी
नहीं निकल रहा
है। जी हाँ, लागत
रू. 3171.41
लाख, जो
दिनांक 11 जनवरी 2012 को
प्रारंभ कर
पूर्णता
उपरांत माह
मार्च 2016 से
जलप्रदाय
प्रारंभ किया
गया है, शेष जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 के
अनुसार है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-2 के
अनुसार है। 371
ग्रामों में। (ग)
शत्-प्रतिशत
आबादी को
पेयजल उपलब्ध
हो रहा है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है। (घ) वर्तमान
में लगभग 17
प्रतिशत
आबादी पाईप
लाइन से एवं 83
प्रतिशत
आबादी
हैण्डपम्प के
माध्यम से
पानी का उपयोग
कर रही है। आवश्यकता
अनुसार राशि
का प्रावधान
किया जाता है।
परिशिष्ट
- ''अड़तीस''
प्रदेश में 20000 करोड का राशन घोटाला
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
62. ( क्र. 549 ) श्री मनोज चावला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिले में राशन के वितरण में पिछले 5-7 सालों में करोड़ों रूपये का घोटाला हुआ है? क्या रतलाम शहर की दस दुकानों में दस करोड़ रूपये से ज्यादा का घोटाला पकड़कर पुलिस में प्रकरण दर्ज किया गया? यदि हाँ, तो बतावें कि जिस प्रक्रिया से दस दुकानों का परीक्षण किया गया, उसी प्रक्रिया से जिले की शेष दुकानों का परीक्षण किया गया या नहीं? यदि हाँ, तो परीक्षण की रिपोर्ट से अवगत करावें, यदि नहीं, तो क्यों? (ख) रतलाम जिले में राशन की कुल कितनी दुकाने हैं तथा उन दुकानों द्वारा पिछले पाँच वर्षों में कुल कितने हितग्राहियों को कितनी मात्रा में सामग्री प्रदान की गई? रतलाम, जावरा, सैलाना तथा आलोट ताल, बाजना तथा नामली में कुल कितनी-कितनी दुकानें हैं तथा उनमें पाँच वर्षों में वितरित सामग्री की कुल मात्रा तथा कुल व्यक्तिगत हितग्राही की संख्या वर्षवार बतावें। (ग) क्या प्रदेश के अन्य जिलो में भी प्रश्नांश (ख) अवधि में राशन घोटाले के प्रकरण शासन के संज्ञान में आये है यदि हाँ, तो किस किस जिले में पुलिस प्रकरण दर्ज किया गया? (घ) क्या रतलाम शहर में शेष दुकानों का परीक्षण नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कारण बताओ? यदि नहीं, तो परीक्षण की रिपोर्ट से अवगत करायें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नल-जल योजनाऐं/मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
63. ( क्र. 558 ) श्री संजीव सिंह (संजू) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत कितनी नल-जल योजनाऐं एवं मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनाऐं संचालित/चिन्हित की गई? कितनी योजनाऐं प्रगतिरत हैं? भिण्ड विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में यह योजना संचालित/चिन्हित की गई हैं? ग्राम पंचायत एवं ग्रामवार सूची प्रदान करें? स्वीकृत योजनाओं का चयन किन आधारों पर किया गया? क्या शासन से कोई दिशा-निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रति दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत की गई योजनाऐं कितनी-कितनी राशि की हैं? क्या उक्त योजनाओं को वर्तमान वित्तीय वर्ष में पूर्ण कर लिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भिण्ड विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितनी नल-जल योजनाऐं/ मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनाऐं प्रगतिरत हैं? उक्त योजना से ग्रामीणों को कब तक जल प्रदाय दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कितनी नल-जल योजनाऐं, किन-किन कारणों से बंद हैं? उक्त योजनाओं को कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 201 नल-जल योजनाएँ संचालित हैं एवं 48 मुख्यमंत्री नल-जल योजनाएँ चिन्हित की गई हैं तथा 4 नल-जल योजनाएँ एवं 12 मुख्यमंत्री नल-जल योजनाएँ प्रगतिरत हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार स्वीकृत मुख्यमंत्री नल-जल योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (ग) प्रगतिरत 2 मुख्यमंत्री ग्राम नल-जल योजनाएँ। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है। (घ) उत्तरांश-‘ग‘ के अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वाहनों के ईधन के संबंध में भौतिक सत्यापन
[परिवहन]
64. ( क्र. 569 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला परिवहन कार्यालय भिण्ड में ऐसे कितने वाहन पंजीकृत हैं, जो सेल सर्टिफिकेट में ईधन डीजल है और पंजीयन में ईधन हाईब्रिड/सी.एन.जी./एल.पी.जी. हैं? वाहनों की सूची एवं वाहनवार पंजीयन के समय लगाये गये समस्त दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (ख) पंजीयन के समय जिन वाहनों का ईधन चेंज डीजल/पेट्रोल से हाईब्रिड/सी.एन.जी./एल.पी.जी. में किया गया है इन वाहनों का भौतिक सत्यापन किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया? क्या इन अधिकारियों को भौतिक सत्यापन करने का अधिकार है? नियम एवं अधिकारी का नाम एवं पद बतावें। (ग) क्या पंजीयन के समय ईधन परिवर्तन करने पर शासन को राजस्व की क्षति हुई है? यदि हाँ, तो कितनी राशि? इस क्षति के लिये कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला परिवहन कार्यालय भिण्ड में प्रश्न दिनांक तक कुल 81 ऐसी वाहनें पंजीकृत हैं, जिनके सैल सर्टिफिकेट में ईधन डीजल/हाईब्रिड अंकित हैं। परन्तु वाहन विक्रय एजेंसी द्वारा वाहन बिक्रय करते समय ईधन में हाईब्रिड अंकित किया गया हैं तथा वाहन का मोटरयान कर भी हाईब्रिड वाहन मॉडल के अनुसार संदत्त कराया गया म.प्र. मोटरयान कराधान अधिनियम की द्वितीय अनुसूची में हाईब्रिड वाहनों के कर में छूट प्रदान की गई है। हाईब्रिड यान ऐसे यान है जो कि यान को चलाने के लिये दो या अधिक भिन्न स्त्रोंतों का उपयोग करता हैं, जिनमें से एक सी.एन.जी/एल.पी.जी/ एन.एल.जी या बैटरी होना चाहिए। सभी 81 वाहनों की सूची तथा पंजीयन के समय तैयार की गई वी.आई.डी तथा सेल्स सर्टिफिकेट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) पंजीयन के समय किसी भी वाहन के ईंधन में परिवर्तन नहीं किया गया है। वाहन विक्रय एजेंसी द्वारा वाहन की व्ही.आई.डी कम्प्यूटर पर तैयार की जाती है, वाहन का जीवनकाल कर कम्प्यूटर में फीड मॉडल के हिसाब से तथा नियत शुल्क बसूल करने के पश्चात् ही व्ही.आई.डी. डीलर द्वारा तैयार कर प्रेषित की जाती है। वाहनों का भौतिक सत्यापन जिला परिवहन अधिकारी श्रीमती अर्चना परिहार, श्री एस.पी.चैहान एवं श्री टी.पी.एस भदौरिया द्वारा किया गया है। म.प्र. मोटरयान नियम 1994- नियम 41 (1) में जिला परिवहन अधिकारी को रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी के रुप में प्राधिकृत किया गया है। (ग) कार्यालय द्वारा पंजीयन के समय किसी भी वाहन के ईधन में परिवर्तन नहीं किया गया है। अतः राजस्व की कोई हानि नहीं हुई हैं।
बांध, जलाशय, नहरों के मजबूतीकरण/सुदृढ़ीकरण
[जल संसाधन]
65. ( क्र. 570 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल संसाधन विभाग द्वारा बांध, जलाशयों एवं नहरों का मजबूतीकरण/सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जाता है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा दिनांक 01.01.2014 से 31.12.2018 तक भिण्ड जिले की अटेर विधान सभा क्षेत्र में किन-किन बांधों, जलाशयों एवं नहरों का मजबूतीकरण/सुदृढ़ीकरण का कार्य किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में विभाग द्वारा अटेर विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नावधि में बांधों, जलाशयों एवं नहरों हेतु किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत हुए हैं? उन कार्यों के नाम, ग्राम का नाम, स्वीकृति का वर्ष, स्वीकृत राशि की जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में उक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं? कितने कार्य अपूर्ण या अप्रारम्भ हैं? कार्यों के अपूर्ण या अप्रारम्भ रहने का क्या कारण है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण कर दिये जावेंगे? निर्माण कार्य एजेंसी/ठेकेदार का नाम सहित जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संबंध में उक्त स्वीकृत कार्यों में से पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों का निरीक्षण किस-किस अधिकारी द्वारा किया गया? उक्त कार्यों का मूल्यांकन एवं भुगतान किस-किस अधिकारी के द्वारा किया गया वर्तमान में कार्य की स्थिति क्या है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) जी हां। प्रश्नाधीन अवधि का विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
भवन विहीन विद्यालय की जानकारी
[जनजातीय कार्य]
66. ( क्र. 573 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा (बघवाड़ा) : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद जिले के आदिवासी ब्लॉक केसला में घाटली गजपुर भरगदा में एक ही भवन में माध्यमिक एवं हाई स्कूल दो शिफ्टों में संचालित हो रहे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो पृथक-पृथक भवन इन विद्यालयों के कब तक बनाये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) भवन के अभाव में शैक्षणिक कार्य की गुणवत्ता प्रभावित होने के लिये दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) होशंगाबाद जिले के आदिवासी विकास ब्लॉक केसला में घाटली में दो शिफ्ट में शाला संचालित है। (ख) गजपुर एवं भरगदा में माध्यमिक में पर्याप्त कक्ष होने के कारण एक शिफ्ट में संचालित है। हाई स्कूल घाटली, गजपुर एवं भरगदा में भवन निर्माण कार्य प्रस्तावित है, जिन्हें राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान द्वारा प्राथमिकता अनुसार स्वीकृत किये जायेंगे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शैक्षणिक कार्य की गुणवत्ता प्रभावित नहीं हो रही है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश द्वारा बेची जा रही एवं खरीदी जा रही बिजली की जानकारी
[ऊर्जा]
67. ( क्र. 583 ) श्री डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश द्वारा किस राज्य को किस दर पर प्रति यूनिट से बिजली दिनांक 1.1.2013 से 31.12.2018 के दौरान विक्रित की गई है? माहवार जानकारी दें? (ख) उपरोक्त अवधि में प्रदेश में किस-किस स्त्रोत से बिजली किस औसत दर पर क्रय की जा रही है? (ग) प्रदेश में विभिन्न स्त्रोतों से कितने मेगावाट बिजली प्रतिदिन (लगभग) उत्पादित की जा रही है? उत्पादन के विरूद्ध मांग कितने मेगावाट है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश शासन के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी, एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा दिनांक 01.01.2013 से 31.12.2018 के दौरान अल्प अवधि में बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं तमिलनाडु को विद्युत विक्रय किया गया है जिसकी विक्रित की गई यूनिटों की वर्षवार एवं माहवार औसत दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'अ-1', 'अ-2' एवं 'अ-3' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में विभिन्न स्त्रोतों से क्रय की गई विद्युत की वर्षवार औसत दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रदेश हेतु माह जनवरी, 2019 के दौरान विभिन्न स्त्रोतों (यथा-ताप, जल, गैर-परंपरागत, आण्विक इत्यादि) से प्रतिदिन औसतन लगभग 13214 मेगावाट बिजली उत्पादन उपरांत उपलब्ध हुई है एवं इसके विरूद्ध मांग 13214 मेगावाट रही है।
3 वर्षों से ज्यादा समय से एक स्थान में पदस्थ अधिकारी
[परिवहन]
68. ( क्र. 584 ) श्री डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/निरीक्षक/ उप निरीक्षकों की जानकारी दें, जो 3 वर्ष से ज्यादा समय से प्रश्नतिथि तक एक स्थान पर पदस्थ हैं? (ख) क्या विभाग में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी है? (ग) किस-किस नाम/पदनाम के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी/निरीक्षक/उप निरीक्षकों के पास अपनी मूल पदस्थापना के अतिरिक्त अन्य किन-किन स्थानों के भी प्रभार कब से है नामवार/पदनामवार/ स्थानवार जानकारी दें?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ'अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
निर्माणाधीन ग्रामीण पेयजल योजना को पूर्ण कराने
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
69. ( क्र. 611 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अजयगढ़ में जल निगम द्वारा निर्माणाधीन ग्रामीण पेयजल योजना में कितने ग्राम लाभान्वित होगें? योजना की लागत राशि, पूर्ण होने का वर्ष एवं अब तक की कार्य प्रगति एवं क्रियान्वयन एजेन्सी को अब तक कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ख) क्या पाईप लाईन बिछाने के दौरान ग्रामों के सी.सी. रोड, डामरीकृत रोड़, डब्लू.बी.एम.रोड़ खोदकर पाईप लाईन बिछाई जा रही है एवं उन्हे वापिस पक्का नहीं किया जा रहा है? किन-किन ग्रामों में कितनी सड़क खोदी गई है? उन्हे क्यों नहीं पक्का किया जा रहा है? ग्रामवार जानकारी देवेंI (ग) संविदा में सड़क खोदने पर उन्हे कितने दिनों में वापिस पक्का करने के लिये संविदा में क्या शर्ते निहित हैं? यदि कोई समय-सीमा नहीं रखी गई है तो क्यों? शासन कब तक खुदी हुई इन सडकों को पक्का करवाकर ग्रामीणों को आवागमन की परेशानी से निजात दिलायेगी? (घ) विधानसभा क्षेत्र पन्ना अंतर्गत कौन-कौन सी नल-जल योजना स्वीकृत होने के बावजूद उनका निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है? इसके लिये कौन दोषी है? कब तक इन पेयजल योजनाओं का कार्य प्रारंभ हो जावेगा?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) पन्ना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अजयगढ़ में मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा निर्माणाधीन मंझगाय समूह जल प्रदाय योजना से कुल 118 ग्राम लाभान्वित होंगे। योजना की प्रशासकीय स्वीकृति लागत राशि रू.196.37 करोड़ है, योजना को वर्ष 2019 में पूर्ण किया जाना लक्षित है, माह जनवरी 2019 के अंत तक योजना की भौतिक प्रगति लगभग 55 प्रतिशत है तथा क्रियान्वयन एजेन्सी को प्रश्न दिनांक तक कुल रूपये 100.87 करोड़ का भुगतान किया गया है। (ख) जी हाँ, ग्रामों में पाईप लाईन बिछाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर सड़कों में ट्रैंच खोदकर पाईप लाईन बिछाई जा रही है, पाईप लाईन का कार्य पूर्ण होने के उपरांत खोदी गई ट्रैंच को निर्माण एजेंसी द्वारा सुधार कर पूर्ववत् किया जाता है। अभी तक 45 ग्रामों में सड़क में ट्रैंच खोद कर पाईप लाईन बिछाने का कार्य प्रगतिरत है, ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पाईप लाईन का कार्य पूर्ण होने पर खोदी गई ट्रैंच को निर्माण एजेन्सी द्वारा वापस पूर्ववत् किया जायेगा। ग्रामवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) संविदा में पाईप लाईन बिछाने के लिए खोदी गई सड़क को पूर्व की स्थिति अनुसार बनाये जाने का प्रावधान है। कार्य पूर्ण करने की अनुबंध की अवधि में खोदी गई सड़क को यथावत कर दिया जाता है। पाईप लाईन बिछाने का कार्य पूर्ण होने पर खोदी गई ट्रैंच को निर्माण एजेंसी द्वारा पूर्ववत् किया जाएगा, कार्य प्रगति पर है, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (घ) विधानसभा क्षेत्र पन्ना के अंतर्गत मध्यप्रदेश जल निगम मर्यादित द्वारा स्वीकृत मंझगाय समूह जल प्रदाय योजना का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। अतः कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अवैध उत्खनन भण्डारण परिवहन रोकने हेतु
[खनिज साधन]
70. ( क्र. 612 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में बालू खदानों से बालू उत्खनन का अधिकार ग्राम पंचायतों को प्रदान करने के बाद से अभी तक ग्राम पंचायतों के लिये प्रति घन मीटर उत्खनन की कोई दर नियत न होने से ग्राम पंचायत द्वारा मनमानी राशि वसूल की जा रही है? ग्राम पंचायत् द्वारा वसूल की जा रही राशि की कोई रसीद क्यों नहीं दी जा रही है? (ख) पन्ना विधानसभा क्षेत्र में कितनी रेत खदान स्वीकृत हैं एवं उनमें किस दर से ग्राम पंचायत द्वारा बालू प्रदाय की जा रही है? क्या ग्राम पंचायत द्वारा ली जा रही सम्पूर्ण राशि का बिल प्रदाय किया जा रहा है? खदानवार अब तक वसूल की गई सम्पूर्ण राशि की जानकारी देवें। (ग) क्या शासन पन्ना विधानसभा क्षेत्र की बालू खदानों में की जा रही मनमानी वसूली को रोकने के लिये खदानवार बालू उत्खनन की दर नियत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन पन्ना विधानसभा क्षेत्र में हो रहे अवैध उत्खनन परिवहन एवं भण्डारण को रोकने के लिये कोई प्रभावी कदम उठाएगा? यदि हाँ, तो शासन कब तक प्रदेश स्तरीय जांच टीम बनाकर कार्यवाही प्रारंभ करेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) रेत खनिज की रॉयल्टी दरें प्रति घनमीटर निर्धारित है। राशि का भुगतान ऑनलाईन करने पर प्रवेश पत्र में भुगतान की गई राशि का उल्लेख रहता है। रसीद दिये जाने के प्रावधान नियमों में नहीं हैं। (ख) विधानसभा क्षेत्र पन्ना में 07 रेत खदानें स्वीकृत है। रेत खदानों से खदानवार प्राप्त राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्नांश उद्भूत नहीं होता है। (ग) जी नहीं। खदानवार बालू उत्खनन की दर नियत करने का वर्तमान नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। (घ) अवैध खनन एवं परिवहन की जांच नियमित/आकस्मिक रूप से जिले में पदस्थ अमले तथा जिला स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा की जाती है। विभाग द्वारा जांच हेतु विशेष अभियान भी आयोजित किए जाते हैं।
पशुपालन विभाग द्वारा गोकुल महोत्सव शिविरों का आयोजन
[पशुपालन]
71. ( क्र. 615 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या पशुपालन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के निर्देशानुसार वर्ष २०१७ एवं वर्ष २०१८ से रीवा जिले के समस्त विकासखण्डों ग्राम में गोकुल महोत्सव अन्तर्गत शिविरों का अयोजन किया गया था? इस महोत्सव से किस-किस मद से क्या-क्या सामग्री कितनी मात्र में खरीदी गई? शिविरों में भाग लिये पशुपालक को दी गई, रीवा व रायपुर कर्चुलियान विकासखण्डों को क्या-क्या सामग्री उपलब्ध कराई गई? जिसको प्रदाय की गई, उसके नाम पद साहित जानकारी दी जाये। (ख) क्या अधिकांश ग्रामों में शिविर लगाए नहीं गये है? पशुपालको के नाम फर्जी पत्रक भरे गये हैं और शिविरों के नाम पर दवा खरीदी, वाहन खरीदी, डीजल खरीदी में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है? राज्य शासन व जिला प्रशासन द्वारा खरीदे गये उपकरण का नाम दिनांक फर्म का नाम कीमत साहित जानकारी देवें। (ग) नस्ल सुधार कार्यक्रम में क्रत्रिम गर्भाधान प्राकृतिक गर्भाधान साहित पशु पालकों के नाम पता एवं क्रत्रिम गर्भाधान में गाय, भैंस के वत्सोत्पादन नर, मादा एवं दिनांक वर्ष की जानकरी देवें वर्ष २०१३ से वर्ष २०१८ तक क्रत्रिम गर्भाधान की राशि जिन पशुपालकों से ली गई है, उनकी जानकारी दी जाए।
पशुपालन मंत्री ( श्री लाखन सिंह यादव ) : (क) जी हाँ। महोत्सव अन्तर्गत मद से कोई सामग्री नहीं खरीदी गई। जिले में संचालित विभागीय सस्थाओं (पशु चिकित्सालय, पशु औषधालय, कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, उपकेन्द्र) हेतु प्राप्त विभागीय बजट से सामग्री/दवाईयों की खरीदी की जाकर संस्थाओं को उपलब्ध कराई गई है। रीवा व रायपुर कर्चुलियान विकासखण्डों को उपलब्ध कराई गई सामग्री/दवा तथा जिन अधिकारियों को शिविर आयोजन तथा संस्था संचालन हेतु प्रदाय की गई उनके नाम पद से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। कोई उपकरण नहीं खरीदा गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री खेती तीर्थ योजना का संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
72. ( क्र. 616 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले में मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना अन्तर्गत वर्ष 2013 से संचालित की गई थी, जिसमें किसान प्रत्यक्ष अनुभव लेकर राज्य के प्रगतिशील कृषकों की उन्नत तकनीक को अधिक से अधिक कृषकों तक पहुँचाने का उद्देश्य था? क्या इस योजना में भारी भ्रष्टाचार किया गया हैं? क्या वर्ष 2013 से संचालित मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना संचालित रीवा जिले के समस्त विकासखण्ड अन्तर्गत मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना से कितने प्रगतिशील कृषकों को कहाँ-कहाँ, किस स्थान में, किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा ले जाया गया भ्रमण के दौरान किस कार्य में कितनी राशि खर्च की गई हैं? जिले को प्राप्त राशि विकासखण्डवार बतायें, मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना शासन के दिशा-निर्देश से संबंधित प्रति उपलब्ध करायें वर्ष 2013 से 2018 तक की जानकारी दी जाये। (ख) अवर सचिव मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषक विकास ने केन्द्र सरकार/राज्य सरकार के विभिन्न संचालित योजनाओं की अनियमितता की जाँच हेतु आदेश क्रमांक ७५७ दिनांक २६ मार्च, २०१५ द्वारा एक दल गठित किया था, जाँच दल द्वारा रीवा जिले के किस तरह की अनियमितता में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? की जायेगी तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। इस योजना में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। ''मुख्यमंत्री खेत तीर्थ योजना'' के दिशा-निर्देश की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्षवार, विकासखण्डवार एवं कृषक संख्यावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। शासन का आदेश क्रमांक 757/ 860/2015/14-1, दिनांक 26 मार्च, 2015 द्वारा एक दल गठित किया था। निम्नानुसार दोषी अधिकारी एवं कर्मचारियों को आरोप-पत्र जारी किये गये। (1) श्री नामदेव हेडाउ तत्कालीन उप संचालक, जिला रीवा। (2) श्री बी.पी. सूत्रकार तत्कालीन अनुविभागीय कृषि अधिकारी मउगंज जिला-रीवा। (3) श्री आर.के. प्रजापति तत्कालीन उप संचालक, जिला-रीवा। (4) श्री पी.के. चौकसे तत्कालीन उप संचालक, जिला रीवा। (5) श्री अमिताभ तिवारी तत्कालीप उप संचालक, जिला रीवा। उपरोक्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर विभागीय जांच की कार्यवाही प्रकियाधीन है। आरोप-पत्र एवं जांचकर्ता अधिकारी के आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी अधिकारियों की जानकारी एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विद्युत बिलों की शिकायतें
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 619 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2017 से सिवनी विधानसभा क्षेत्र में विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग न कर आंकलित (अधिक) खपत के बिल प्रदाय किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावें? (ख) सिवनी विधानसभा क्षेत्र में विगत 01 जनवरी, 2017 से प्रश्न दिनांक तक विद्युत बिलों संबंधी कितनी शिकायतें कितने शिकायतकर्ताओं से प्राप्त हुई? क्या प्राप्त शिकायतों की जाँच कराई गई? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? उनके नाम, पद बतावें। उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) दिनांक से विद्युत बिलों में अत्यधिक वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? इन बढ़े हुये बिलों के निराकरण संबंधी विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई है या की जा रही है? की गई कार्यवाही की जानकारी स्पष्ट करें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्नाधीन क्षेत्र में उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के आधार पर बिल जारी किये गये हैं। तथापि मीटर बंद/खराब होने की स्थिति में विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 के प्रावधान के अनुसार तीन माह की औसत खपत के आधार पर उपभोक्ताओं को बिल दिये गये हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। (ख) सिवनी वृत्त के अंतर्गत सिवनी विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) के अनुसार दिनांक 01 जनवरी, 2017 से दिनांक 6.2.19 तक विद्युत बिलों से संबंधित कुल 266 शिकायतें 266 शिकायतकर्ता से प्राप्त हुई हैं। उक्त सभी शिकायतों की जांच कराई गई एवं उनका निराकरण किया गया है। त्रुटिपूर्ण वाचन करने के लिये प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये 17 मीटर वाचकों से उनके संबंधित कार्यालय द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया एवं स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं पाये जाने पर 4 मीटर वाचकों का ठेका अनुबंध समाप्त किया गया। उक्त दोषी पाए गए 4 मीटर वाचकों का नाम संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में सिवनी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत 211 प्रकरणों में मीटर वाचकों द्वारा त्रुटिपूर्ण मीटर वाचन करने के कारण त्रुटिपूर्ण बिल जारी होने से विद्युत बिलों में वृद्धि परिलक्षित हुई है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा त्रुटिपूर्ण बिलों में आवश्यक सुधार कर सही खपत के बिल जारी किये गये हैं। विद्युत बिलों में अत्याधिक वृद्धि के प्रकरणों की रोकथाम हेतु फोटोमीटर रीडिंग पद्धति से मीटर रीडिंग कराई जा रही है तथा अधिक बिल की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित कार्यालय के द्वारा प्रतिमाह वेलिडेशन कर वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालय स्तर पर शिकायत का निराकरण किया जा रहा है। वितरण कंपनी द्वारा प्रत्येक माह की 12 तारीख को शिविर आयोजित कर त्रुटिपूर्ण बिल संबंधी शिकायतों के निराकरण की कार्यवाही की जाती है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक जिले में विद्युत वितरण कंपनी के वितरण केंद्र स्तर पर त्रुटिपूर्ण बिलों के निराकरण के लिए समिति का गठन किये जाने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
सिवनी जिले में खनिज/गौड़ खनिज
[खनिज साधन]
74. ( क्र. 620 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में विभाग अंतर्गत आने वाली खनिज/गौड़ खनिज का क्षेत्रफल एवं स्थान विवरण की जानकारी सहित खनिज विभाग द्वारा दी गई लीज/स्वीकृति/आदेश की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध करावें? (ख) उक्त वर्षों में सिवनी जिले में नदियों-नालों से रेत एवं स्टोन क्रेशर हेतु पत्थर उत्खनन करने वाली कंपनियों/ठेकेदारों के नाम/पता सहित खनिज उत्खनन करने वाली कंपनियों/ठेकेदारों से विभाग को प्राप्त रॉयल्टी की वर्षवार जानकारी दें? (ग) उक्त वर्षों में स्टोन क्रेशर लगाने के लिये डिया की मीटिंग में स्वीकृति/अस्वीकृति के आदेश सहित कार्यवाही का विवरण उपलब्ध करायें? (घ) क्या उक्त वर्षों में अवैध खनिज उत्खनन में उपयोग की गई जे.सी.बी., पनडुब्बी, पोकलेन मशीनें, डम्पर, ट्रक ट्रेक्टर आदि वाहन की जप्ति की गई? यदि हाँ, तो शासन एवं जनहित में राजसात करने की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ड.) क्या जिले में विभाग द्वारा ब्लास्टिंग की खुली छूट देते हुये प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अवैध खनिज माफिओं से मात्र जुर्माना राशि वसूली कर पुनः अवैध कार्यों में प्रोत्साहन किया गया? यदि हाँ, तो क्यों?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब पर दर्शित है। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक सिवनी जिले में रेत उत्खनन एवं जमा रॉयल्टी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। नदी-नालों से स्टोन क्रशर हेतु पत्थर उत्खनन की अनुमति नहीं दी गई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द पर दर्शित है। (घ) जी हाँ। अवैध उत्खनन में जप्त एक पोकलेन मशीन को न्यायालय कलेक्टर सिवनी के रा.प्र.क्र. 008/अ-67/2017-18 में पारित आदेश दिनांक 22.11.2017 द्वारा राजसात किया गया। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता है।
सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में स्वीकृत नल-जल योजनाएं
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
75. ( क्र. 623 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के अंतर्गत विगत 3 वर्षों में सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में कितनी नल-जल योजनाएं स्वीकृत, कितनी संचालित तथा कितनी निर्माणाधीन हैं? बंद नल-जल योजनाओं को प्रारंभ कराने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? साथ ही इस वित्तीय वर्ष में दोनों विकासखण्डों के मजरों-टोलों, सघन बस्तियों, मोहल्लों एवं शाला भवन परिसरों में कितने नलकूप प्रस्तावित हैं और यह नलकूप खनन कब तक कर दिए जावेगें? विधायक सहित जनप्रतिनिधियों ने जो प्रस्ताव दियें हैं, उन प्रस्तावों के अनुसार खनन कार्य कब तक करा दिये जावेंगे? (ख) क्या उक्त कार्यों के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जिला विदिशा को पत्र क्रमांक 08, 09, 10 दिनांक 03.01.2019 को पत्र लिखकर विभिन्न जानकारियां मांगी थी? क्या प्रश्नकर्ता विधायक को उक्त जानकारियां उपलब्ध करा दी गई हैं? यदि हाँ, तो किस तिथि को? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी? विलंब के लिए दोषी अधिकारी, कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के संबंध में सगड़ बांध एवं संजय सागर बांध शमशाबाद से समूह पेयजल योजना के प्रस्ताव कुछ वर्ष पूर्व जल निगम को प्रस्तावित किये गये थे, उन पर विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 11 नलजल योजनायें स्वीकृत, 64 योजनायें संचालित तथा 9 योजनायें निर्माणाधीन हैं। हस्तांतरित नलजल योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है। बंद नलजल योजनाऐं यथाशीघ्र चालू की जा सके इस हेतु शासन द्वारा जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को रू. 20.00 लाख प्रति योजना प्रतिवर्ष तक के मरम्मत के कार्यों की स्वीकृति के अधिकार सौंपे गये हैं। 52 नलकूप प्रस्तावित, 26 पूर्ण एवं शेष 26 इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण करना लक्षित हैं। प्रस्तावों पर कार्यों हेतु निर्धारित मापदण्ड एवं उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के आधार पर कार्य कराए जाते हैं, निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ख) जी हाँ। जी हाँ, सहायक यंत्री सिरोंज के पत्र क्रमांक 117 एवं 118/दिनांक 1.2.2019 तथा कार्यपालन यंत्री विदिशा के पत्र क्रमांक 603 /दिनांक 13.02.2019 द्वारा जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विदिशा जिले के नटेरन विकासखण्ड के 105 ग्रामों की सगड़ बांध आधारित सगड़-हिनोतिया माली समूह जलप्रदाय योजना लागत रूपये 125.93 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति मध्यप्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पत्र क्रमांक एफ-04-01/2017/2/34 भोपाल दिनांक 17.01.2017 द्वारा प्रदान की गई है एवं योजना के कार्य प्रगतिरत हैं। भोपाल एवं विदिशा जिले के 188 ग्रामों की संजय सागर बांध आधारित नेहरियाई समूह जलप्रदाय योजना लागत रूपये 238.93 करोड़ की डी.पी.आर. तैयार की गई है, योजना हेतु आवश्यक जल आवंटन उपलब्ध होने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी।
सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में विद्युतीकरण कार्य
[ऊर्जा]
76. ( क्र. 624 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों में विगत 2 वर्षों में सौभाग्य योजना के अंतर्गत किन-किन ग्रामों, में विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत किया जाकर विद्युतीकरण किया गया है? ग्रामवार, जानकारी देवें। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घण्टे बिजली उपलब्ध कराए जाने के प्रावधानानुसार उक्त दोनों विकासखण्डों में ऐसे कितने ग्राम, मजरे-टोले, बस्ती हैं जहाँ खंभे टूटने, तार टूटने, तार चोरी होने या ट्रांसफार्मरों की खराबी के कारण विद्युत प्रवाह बंद हैं? विद्युत प्रवाह चालू करने के लिए विभाग क्या कार्यवाही कर रहा है? गंभीर लापरवाही के लिए विभाग के कौन अधिकारी, कर्मचारी दोषी हैं? (ग) सिरोंज विकासखण्ड ग्राम पगरानी एवं लटेरी विकासखण्ड के ग्राम उनारसी कलां एवं नरसिंहपुर में नवीन सब स्टेशन बनाने हेतु क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रबंध संचालक, मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल को पत्र क्रमांक 17, 20, 24 दिनांक 03.01.2019 को पत्र प्रेषित किया गया था। यदि हाँ, तो पत्र के अनुसार अभी तक क्या कार्यवाही की गई और नवीन सब स्टेशन कब तक स्वीकृत किये जावेगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सौभाग्य योजना दिनांक 11.10.2017 से लागू हुई थी, जिसका उद्देश्य योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार शत-प्रतिशत घरों को विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराया जाना था। इस योजनान्तर्गत ग्रामों के विद्युतीकरण का प्रावधान नहीं था, अपितु लास्ट माईल कनेक्टिविटी प्रदान करने हेतु आवश्यकतानुसार विद्युत लाईन के विस्तार के कार्य किये जाने थे। तथापि प्रदेश में अधिक संख्या में अविद्युतीकृत मजरों/टोलों/बसाहटों के दृष्टिगत इन मजरों/टोलों/ बसाहटों में विद्यमान घरों को सौभाग्य योजना में विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इनके विद्युतीकरण हेतु आवश्यक विद्युत अधोसंरचना के विकास का कार्य प्रदेश में चल रही अन्य विद्युतीकरण योजनाओं एवं सौभाग्य योजना में अधोसंरचना विकास कार्य हेतु केन्द्र शासन द्वारा दिनांक 01.10.2018 को स्वीकृत अतिरिक्त राशि से किया गया है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में सौभाग्य योजना के प्रावधान अनुसार योजना आरंभ की तिथि से सिरोंज विकासखण्ड में 3981 तथा लटेरी विकासखण्ड में 7865 घरेलू कनेक्शन प्रदान किये गये है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2017-18 में घरों के विद्युतीकरण हेतु आवश्यक अधोसंरचना विकास कार्य हेतु कोई भी विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है तथा वर्ष 2018-19 में सौभाग्य योजना में विद्युत कनेक्शन प्रदान करने हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में स्वीकृत अधोसंरचना विकास के कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में कुल 40 ग्रामों का विद्युत प्रदाय विद्युत लाईनों के तार चोरी होने के कारण प्रभावित हुआ है, जिनमें से 28 ग्रामों के कार्य हेतु प्राक्कलन स्वीकृत कर कार्यादेश जारी कर दिये गये है तथा कार्य दिनांक 31.03.2019 तक पूर्ण करने के प्रयास किये जा रहे हैं। शेष 12 ग्रामों के कार्यों को वित्तीय उपलब्धतानुसार स्वीकृति प्रदान की जाएगी। उल्लेखनीय है कि विद्युत लाईनों के चोरी होने के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित हुए उक्त सभी 40 ग्रामों में वर्तमान में वैकल्पिक व्यवस्था कर समीपस्थ फीडर/ट्रांसफार्मर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य किसी कारण से प्रश्नाधीन क्षेत्र में किसी भी ग्राम का विद्युत प्रदाय बाधित नहीं है। प्रकरण में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की लापरवाही परिलक्षित नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित नहीं है। (ग) जी हाँ, सिरोंज विकासखंड के ग्राम पगरानी, लटेरी विकासखंड के ग्राम उनारसी कला एवं ग्राम नरसिंहपुर में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र स्थापना के कार्य हेतु माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा क्रमश: पत्र क्रमांक 19, 22 एवं 26 दिनांक 03.01.2019 के द्वारा अनुरोध किया गया है। वर्तमान में ग्राम पगरानी को नवनिर्मित देवपुर 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है जो कि लगभग 08 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वर्तमान में उक्त ग्राम में वोल्टेज संबंधी कोई समस्या नहीं है। तकनीकी रूप से साध्य नहीं होने के कारण ग्राम पगरानी में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य किया जाना वर्तमान में आवश्यक नहीं है। ग्राम उनारसी कला को निकटस्थ स्थित 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र कालादेव से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जो कि लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ग्राम उनारसी कला में निर्बाध एवं उचित वोल्टेज पर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। अत: ग्राम उनारसी कला में वर्तमान में 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र का कार्य किया जाना तकनीकी रूप से आवश्यक नहीं है। ग्राम नरसिंहपुर का विद्युत प्रदाय 33/11 के.व्ही. शमशाबाद उपकेन्द्र से किया जा रहा है, जो कि लगभग 15 कि.मी. की दूरी पर है। नरसिंहपुर ग्राम से मात्र 8 कि.मी. की दूरी पर ग्राम बरोदा में एस.एस.टी.डी. योजना में नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र का कार्य स्वीकृत है। उक्त परिप्रेक्ष्य में ग्राम नरसिंहपुर में तकनीकी रूप से साध्य नहीं होने के कारण वर्तमान में अन्य किसी 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य आवश्यक नहीं है।
खरीफ फसल 2017 नुकसान, सूखा राहत राशि
[राजस्व]
77. ( क्र. 627 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिल में प्रश्न दिनांक तक खरीफ 2017 सोयाबीन की फसल राहत राशि कितनी-कितनी वितरित कर दी गई है? तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में प्रश्न दिनांक तक भी उल्लेखित राहत की राशि तहसील पोलायकलॉ एवं गुलाना के ग्रामों में क्यों प्रदान नहीं की गई हैं? (ग) क्या संयुक्त खातेदारों से सहमति लेकर एक कृषक के खाते में राशि हस्तांतरण करने का प्रावधान RBC (6) 4 में किया गया है? यदि नहीं, तो RBC (6) 4 के परिशिष्ट -1 में क्र 5 के प्रावधान के अनुसार क्या संयुक्त खातों के कल्पित विभाजन के आधार पर अंशधारी खाते पर पृथक खातेदार मान्य करते हुए गणना करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इस आधार पर क्यों भुगतान नहीं किया गया?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शाजापुर जिले में प्रश्न दिनांक तक खरीफ 2017 सोयाबीन की फसल राहत राशि 1,11,44,93,525/- रू. का वितरण किया जा चुका है। तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट है। (ख) प्रश्न दिनांक तक तहसील पोलायकलाँ में स्वीकृत राहत राशि 1,90,93,300/- रू. में से राशि 18,73,60,298/- रू. तथा तहसील गुलाना में स्वीकृत राहत राशि 7,79,16,400/- रू. में से राशि 6,74,69,101/- रू. का वितरण किया जा चुका है। (ग) जी नहीं। अपितु आर.बी.सी. 6-4 के परिशिष्ट-1 में क्र. 5 के प्रावधान के अनुसार संयुक्त खातों के कल्पित विभाजन के आधार पर अंशधारी खाते पर पृथक खातेदार मान्य करते हुए गणना करने का प्रावधान है जिसके अन्तर्गत शेष कृषकों को राहत राशि वितरण की कार्यवाही प्रचलित है।
पाला से हुए नुकसान का सर्वे कर राहत देना
[राजस्व]
78. ( क्र. 628 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन के राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों में पाला को प्राकृतिक आपदा माना है फिर भी शाजापुर जिले में वर्ष 2019 में पाले (ठण्ड) से फसलों को विशेषकर चना, मसूर, अरहर, आलू, टमाटर आदि नुकसान हुआ है, उसका सर्वे राजस्व विभाग, कृषि विभाग एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा क्यों नहीं करवाया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधानों के अंतर्गत राहत प्रकरण बनाने का अधिकार स्थानीय स्तर पर राजस्व अधिकारियों को है अथवा शासन के आदेश की आवश्यकता है? यदि शासन के आदेश की आवश्यकता हैं, तो शासन स्तर पर आदेश जारी क्यों नहीं किये गये और यदि आवश्यकता नहीं है तो RBC (6) 4 का पालन क्यों नहीं किया? क्या दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन के राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों में पाला को प्राकृति आपदा माना है। दिनांक 27/12/2018 से 29/12/2018 तक जिले में पाला से प्रभावित फसले विशेषकर चना, मसूर, अरहर, आलू, टमाटर आदि के नुकसान की सूचना प्राप्त होने पर राजस्व विभाग, कृषि विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के संयुक्त निरीक्षण हेतु दल गठित किया जाकर सर्वे कराया गया है। (ख) जी हाँ, मध्यप्रदेश शासन के राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों में राहत प्रकरण बनाने का अधिकार स्थानीय स्तर पर राजस्व अधिकारियों को है। आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों का पालन किया गया है। अत: शेष प्रश्न उद्भुत नहीं होता है।
अनुसूचित क्षेत्रों में सभी सरकारी कॉन्ट्रेक्ट आदिवासी व्यक्ति/समितियों को देने के नियम
[लोक निर्माण]
79. ( क्र. 631 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर संभाग में कितने टोल टैक्स बूथ हैं और इसका कान्ट्रेक्ट किन-किन कंपनियों को दिया गया है? (ख) इन्दौर संभाग अन्तर्गत अनुसूचित क्षेत्रों में कौन-कौन सी सड़कों पर कितने टोल टैक्स बूथ हैं और वर्तमान में टोल टैक्स वसूलने का कॉन्ट्रेक्ट किन मापदंडों के आधार पर किन कंपनियों को दिया गया? इन टोल बूथों का कॉन्ट्रेक्ट कितने दिनों के लिये है और कब से दिया गया है? टोल-टैक्स से अब तक कितने रुपये वसूले गये और इनको किस मद में खर्च किया गया? (ग) अनुसूचित क्षेत्रों में क्या आदिवासी व्यक्ति वाहनों से टोल टैक्स लिया जाता है? (घ) इन्दौर संभाग अन्तर्गत अनुसूचित क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिये पिछले 05 वर्षों में किन-किन लोगों/ कंपनियों को किन मापदंडों पर कॉन्ट्रेक्ट दिया गया और इसके लिये कितने रुपये आवंटित किये गये? इनमें से कितने कॉन्ट्रेक्ट आदिवासी व्यक्ति/समितियों को दिया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” एव “ब” अनुसार। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” एवं “स” अनुसार।
खनिज उत्खनन में आदिवासी समितियों को प्रायोरिटी देने
[खनिज साधन]
80. ( क्र. 632 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार, झाबुआ, अलिराजपुर, बड़वानी एवं खरगोन में कितने प्रकार की धातु-अधातु खनिज पायी जाती है? पिछले पाँच वर्षों में इन क्षेत्रों की कितनी जमीन का खनिज उत्खनन के लिए अधिग्रहण किया गया है? इसमें कितने पर उत्खनन हो रहा है और कितना खाली पड़ी है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जमीन अधिग्रहण में कितने लोग विस्थापित हुए? इसमें कितने आदिवासी हैं और कितने गैर-आदिवासी? कितने लोगों का पुनर्वास हुआ और कितने शेष रहे? जिनकी जमीन ली गयी, उनमें से कितने परिवारों के सदस्यों को खनन प्लांट में नौकरी दी गई? (ग) क्या अनुसूचित क्षेत्रों में खनिज प्लांटों में उत्खनन के लिए कितने आदिवासी स्वायत्त समिति या किसी आदिवासी व्यक्ति की कंपनी को ठेका या पट्टा दिये गये हैं? यदि हाँ, तो उसका नाम बताएं। यदि नहीं, तो उसका कारण बताएं? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जमीन का अधिग्रहण किन नीतियों के तहत किया गया? उसकी प्रति उपलब्ध करायें। यह भी बताएं कि क्या अनुसूचित क्षेत्रों से निकलने वाली खनिज संपदा से अर्जित आय/राजस्व का हिस्सा क्षेत्रीय ग्राम सभा को गांव के विकास व मूलभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए दिया गया? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत यदि नहीं, दिया गया तो उसका कारण बताएं।
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। खनिज उत्खनन हेतु अधिग्रहण का प्रावधान विभागीय नियमों में नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उदभूत नहीं होता है। (ग) प्रश्नाधीन जिलों में अनुसूचित क्षेत्रों में किसी आदिवासी स्वायत्त समिति या किसी आदिवासी व्यक्ति की कंपनी को ठेका या पट्टा नहीं दिया गया है। खान एवं खनिज अधिनियम में आदिवासी व्यक्ति अथवा उनकी कंपनी के लिये पृथक से प्रावधान नहीं है। (घ) प्रश्नांश (क) में दिए उत्तर अनुसार खनिज उत्खनन के लिए प्रश्नाधीन जिलों में कोई भूमि अधिग्रहण नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता है।
विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
81. ( क्र. 633 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में कौन-कौन से मूल एवं मरम्मत कार्य स्वीकृत किये हैं? स्थान, कार्य का नाम एवं राशि की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों के वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा विगत 3 वर्षों में लोक निर्माण विभाग से चाहे गये प्राक्कलनो (स्टीमेड) पर जिला, सम्भाग, प्रदेश के विभागीय कार्यालयों में की गई कार्यवाही की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (घ) वर्तमान बजट में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत कितनी सड़को का निर्माण हेतु सम्मिलित किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
तालाबों/स्टॉपडेम के निर्माण कार्यों की जानकारी
[जल संसाधन]
82. ( क्र. 636 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कयामपुर, सीतामऊ सिंचाई योजना की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) सेदरा करनाली सहित कितने स्टॉपडेम/तालाब की विभाग में वर्तमान स्थिति में स्वीकृति हेतु कार्यवाही प्रचलित है? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा भविष्य में कौन-कौन सी जगह स्टॉपडेम/तालाब निर्माण कार्य किये जा सकते हैं? चिन्हित स्थानों के नाम की जानकारी देवें। (घ) खण्डेरिया मारू व तुम्बड नदी पर डेम के निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? उसकी वर्तमान स्थिति से अवगत करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की कयामपुर दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुआ है। (ख) सेंदरा करनाली, खेताखेड़ा के निर्माण तथा कोटेश्वर तालाब की ऊँचाई बढाने के डी.पी.आर. अंतिम नहीं हुए हैं। (ग) परियोजनाओं का चिन्हीकरण/परीक्षण/स्वीकृति एवं निर्माण एक सतत् प्रक्रिया होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) खण्डेरिया मारू व तुम्बड़ नदी पर कोई प्रस्ताव स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं होने से प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अवैध रेत का परिवहन कर रहे वाहनों पर कार्यवाही करने के नियम
[खनिज साधन]
83. ( क्र. 641 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. खनिज परिवहन अधिनियम की किस धारा/नियम के तहत अवैध रेत का परिवहन करने वाले वाहनों पर कार्यवाही करने के नियम व दिशा-निर्देश क्या हैं? (ख) क्या कंडिका (क) में वर्णित नियम के तहत वर्तमान वर्ष में भी प्रकरण बनाये जाकर कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) म.प्र. खनिज परिवहन अधिनियम के नाम से कोई कानून वर्तमान में प्रभावशील नहीं है। शेष प्रश्नांश उदभूत नहीं होता है। (ख) प्रश्न उदभूत नहीं होता है।
MPRDC की इंदौर अहमदाबाद फोरलेन सड़क में अनियमितता
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 644 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवनिर्मित फोरलेन इंदौर-अहमदाबाद पर घटाबिल्लोद के समीप मेठ्वाडा में, लेबड-नयागांव फोरलेन के वाहनों को कवर करने के लिए अवैध रूप से टोलनाका निर्माण कंपनी ने लगाया है जहाँ लेबड़-नया गांव फोरलेन पर आने वाले वाहन मालिक (कार, जीप) से मात्र 27km के 120/- रु. की अवैध वसूली की जा रही है जबकि टोल अनुबंध अनुसार इंदौर के समीप नवदा से 60km दूर धार के समीप टोल लगना था, इस अवैध टोल द्वारा अवैध वसूली के क्या कारण है? (ख) क्या इंदौर-अहमदाबाद फोरलेन पर राजगढ़ से दत्तीगांव, जुनापानी, खरमोर रोड सहित घाट की लगभग 20 km की सड़क का सड़क निर्माण कम्पनी द्वारा निर्माण ही नहीं कराया गया है यदि हाँ, तो क्या अधूरे सड़क निर्माण के बावजूद अनुबंध का पालन नहीं करते हुये टोल वसूला जा सकता है? यदि नहीं, तो टोल वसूलने के क्या कारण हैं? (ग) क्या उक्त मार्ग पर मेठ्वाडा टोल से पहले मेठवाडा गाँव में जाने के रास्ते को भी टोल कम्पनी द्वारा बंद कर ग्रामीणों से प्रतिदिन विवाद किया जा रहा है क्या नियमानुसार टोल के पहले किसी भी गाँव के रास्ते को बंद किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम बतायें? मेठ्वाडा टोल से सम्बन्धित कितनी शिकायतें विभाग एव थाने में दर्ज हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है, अपितु भारत सरकार के उपक्रम भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से संबंधित है। परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, परियोजना क्रियान्वयन इकाई इन्दौर से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) उत्तरांश 'क' अनुसार।
रीठी विकासखण्ड अंर्तगत गुणवत्ताहीन बीज का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 649 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय (गुड्डू भैया ) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय कृषि विकास अंतर्गत कम्पोजित नर्सरी हेतु खरीफ वर्ष 2018-19 में कृषि विभाग द्वारा रीठी तहसील के कुल कितने कृषकों को कितने क्षेत्रफल की नर्सरी हेतु कुल कितनी मात्रा में JKRH-3333 धान बीज निशुल्क वितरित किया गया बतलावें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित JKRH-3333 धान किस कम्पनी का उत्पादन था तथा विभाग द्वारा उक्त बीज का क्रय किस दर से किसके द्वारा कुल कितनी मात्रा में किस संस्था से कुल कितना भुगतान कब किया गया? खरीदे गये बीज की गुणवत्ता की जाँच किसके द्वारा कब की गई तथा उल्लेखित बीज की प्रजनन क्षमता भी कितनी थी? (ग) क्या प्रश्नांश में उल्लेखित वितरित बीज बुवाई के एक माह पश्चात से ही पीला पड़ने लगा जिसकी शिकायत कृषकों द्वारा समय-समय पर विभाग को की गई थी दो माह पश्चात रोपित पौधे अपने आप सूखने लगे तथा कई जगह फसल पूर्णत: तथा कई जगह आंशिक नष्ट हो गई तथा जो कुछ थोड़ी बहुत आंशिक उत्पादन हुआ उसका क्रय शासन द्वारा नहीं किया गया? (घ) यदि हाँ, तो इसका उत्तरदायी कौन है? क्या शासन अधिक कीमत पर गलत बीज खरीदी की जॉच कराकर कृषकों को उचित मुआवजा प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक, कितना? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत कम्पोजिट नर्सरी हेतु खरीफ वर्ष 2018-19 में कृषि विभाग द्वारा रीठी तहसील के कुल 103 कृषकों को 40.00 हेक्टेयर क्षेत्रफल की नर्सरी हेतु कुल 120.00 क्विंटल जे.के.आर.एच-3333 धान बीज निशुल्क वितरित किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जे.के.आर.एच-3333 धान बीज जे.के. एग्री जेनेटिक्स लिमिटेड हैदराबाद का उत्पादन था। उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला-कटनी द्वारा उक्त बीज का क्रय 260.00 रूपये प्रति किलो की दर से एम.पी. स्टेट एग्रो इण्डस्ट्रीज डबलपमेन्ट कार्पोरेशन लिमिटेड कटनी के माध्यम से 120.00 क्विंटल क्रय किया गया। संबंधित संस्था को प्रश्नांकित विकासखण्ड को प्रदाय बीज का भुगतान आज दिनांक तक नहीं किया गया है। खरीदे गये बीज जे.के.आर.एच-3333 के दो बीज नमूने लेकर परीक्षण हेतु बीज प्रयोगशाला भोपाल को प्रेषित किये गये थे, जो प्रयोगशाला जांच में मानक स्तर के पाये गये। जिनकी अंकुरण क्षमता क्रमश: 91 प्रतिशत तथा 88.75 प्रतिशत है। (ग) प्रश्नांश में उल्लेखित वितरित बीज बुवाई के एक माह पश्चात पीला पड़ने की कृषकों द्वारा इस धान के संबंध में बाल निकलने (06.10.2018) के बाद कुछ शिकायतें की गई थी। शिकायतें प्राप्त होने के पश्चात उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला-कटनी के कार्यालयीन पत्र क्रमांक/2588 कटनी दिनांक 11.10.2018 के द्वारा कृषि वैज्ञानिक श्री आर.पी. बेन की अध्यक्षता में जांच दल का गठन किया गया। गठित जांचदल द्वारा रीठी विकासखण्ड के प्रभावित ग्रामों का फील्ड भ्रमण कर कृषकों के खेतों में बोयी गयी जे.के.आर.एच-3333 धान फसल के अवलोकन उपरान्त प्रतिवेदित किया गया, कि कीट व्याधि के प्रकोप, मृदा संबंधी कारकों तथा वातावरणी कारकों के कारण फसल की वृद्धि एवं विकास में कमी होना, बाले छोटी आकार की होना, बालों में दानों की कमी के कारण उत्पादन में कमी सम्भावित है। शासन द्वारा धान क्रय न करने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) जांच दल द्वारा अवगत कराया गया कि रीठी विकासखण्ड के प्रभावित ग्रामों का फील्ड भ्रमण कर कृषकों के खेतों में बोयी गयी जे.के.आर.एच-3333 धान फसल के अवलोकन उपरान्त प्रतिवेदित किया गया, कि कीट व्याधि के प्रकोप, मृदा संबंधी कारकों तथा वातावरणी कारकों के कारण फसल की वृद्धि एवं विकास में कमी होना, बाले छोटी आकार की होना, बालों में दानों की कमी के कारण उत्पादन में कमी सम्भावित है। जिससे उत्तरदायी होने का प्रश्न नहीं है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले की धान खरीद का उपार्जन एवं परिवहन
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
86. ( क्र. 650 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय (गुड्डू भैया ) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में धान उपार्जन हेतु जिला उपार्जन समिति द्वारा कितने एवं कहाँ-कहाँ खरीदी केन्द्र स्थापित किये जाने की अनुशंसा की गई थी और किन-किन विभागीय निर्देशों से 15 नवम्बर, 2018 एवं उसके पश्चात कितने और कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन से खरीदी केन्द्र प्रारंभ किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले में उपार्जन प्रारंभ होने, उपार्जन कार्य बंद होने तक किन-किन आदेशों से कितने कहाँ-कहाँ के कौन-कौन से खरीदी केन्द्र कब-कब प्रारंभ और कब-कब किन कारणों से बंद किये गये और फिर कब किन कारणों से पुन: प्रारंभ किये गये? सम्पूर्ण सूची देवें एवं यह भी बतलावें की कौन-कौन समितियाँ किन कारणों से डिफाल्टर घोषित की गई? समितिवार, केन्द्रवार सूची देवें? (ग) प्रश्नांश (क) के तहत कटनी जिले में उपार्जन प्रारंभ होने पश्चात् किन-किन केन्द्रो में किन-किन दिनांकों को बारदाने की कमी अथवा परिवहन में देरी की वजह से खरीद बंद रही? केन्द्रवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें की बारदानों की कमी और परिवहन में देरी के क्या कारण थे? क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जिला उपार्जन समिति, कटनी द्वारा 65 खरीदी केन्द्र स्थापित किये जाने अनुशंसा की गई थी, जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। धान उपार्जन हेतु जारी नीति अनुसार किसान पंजीयन संख्या के आधार पर जिले में 56 उपार्जन केन्द्र स्थापित किये गये हैं, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) कटनी जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन प्रारंभ होने की दिनांक 15.11.2018 से उपार्जन अवधि तक किसी भी खरीदी केन्द्र को बंद नहीं किया गया। समर्थन मूल्य पर उपार्जित स्कन्ध अनुसार गोदामों में जमा न करने वाली संस्थाओं को अपात्रता श्रेणी में रखा गया है। अपात्र संस्थाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। कटनी जिले में खरीफ विपणन मौसम, 2018-19 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का अनुमान 1.80 लाख मे.टन निर्धारित था, जिसके विरूद्ध 2 लाख मे.टन धान उपार्जन अनुसार बारदाना व्यवस्था की गई थी, किन्तु जिले हेतु निर्धारित अनुमान से अधिक (2,02,500 मे.टन) धान का उपार्जन होने के कारण दिनांक 15.01.2019 के पश्चात् बारदाना कमी परिलक्षित हुई, जिसकी निकटवर्ती जिलों में उपलब्ध बारदानों से पूर्ति कराई गई। बारदानों की ऑनलाईन प्रविष्टि एवं मैपिंग की व्यवस्था की गई थी। उपार्जन से शेष कृषकों से धान का उपार्जन किया जा सके, इस हेतु उपार्जन की अवधि दिनांक 25.01.2019 तक बढ़ाई गई। प्रकरण में, जांच कराए जाने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी जिले में मरम्मत, सुधार एवं निर्माण कार्य
[जनजातीय कार्य]
87. ( क्र. 653 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कार्यालय कलेक्टर (आदिम जाति कल्याण) कटनी को कितनी-कितनी राशि किस-किस कार्य हेतु, कब-कब प्राप्त हुई और कटनी जिले के विभागीय छात्रावासों एवं आश्रमों में वर्ष 2016-17 से मरम्मत /सुधार एवं निर्माण के कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य, किस ठेकेदार/एजेंसी द्वारा कब-कब किए गए? कार्यवार ठेकेदारवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्त राशि से किए गए मरम्मत, सुधार, निर्माण एवं अन्य कार्यों का निरीक्षण, माप एवं भौतिक सत्यापन किस नाम, पदानाम के शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया? निरीक्षण, माप एवं भौतिक सत्यापन के दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ग) विभागीय छात्रावासों एवं आश्रमों के निरीक्षण के नवीनतम आदेश कब जारी किए गए और कटनी जिले में संचालित विभागीय छात्रावासों एवं आश्रमों का विगत 03 वर्षों में किस नाम, पदनाम के शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया और बताएं निरीक्षण प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के तहत प्राप्त राशि के उपयोग एवं छात्रावासों/आश्रमों के संचालन में क्या कोई अनियमितता पाई गयी हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है और क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो, क्या ऐसा न होना सत्यापित किया जाएगा।
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्राप्त राशि से किए गए मरम्मत, सुधार, निर्माण एवं अन्य कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन समय-समय पर श्री प्रशांत कुमार श्रीवास्तव विभागीय सहायक यंत्री जबलपुर एवं जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग कटनी द्वारा किया गया। माप दस्तावेज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कटनी शहर-संभाग अंतर्गत एल.टी. विद्युत लाईन लगाया जाना
[ऊर्जा]
88. ( क्र. 654 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बजरंग नगर नई कटनी एवं इन्दा नगर के पास पहरूआ में विगत तीन वर्ष में किन-किन स्थानो पर किन-किन अनुशंसाओं एवं कितनी-कितनी लागत से कब-कब निम्न दाब विद्युत लाईनों के कार्य कराये गए? योजनावार एवं कार्यवार बताएं और कार्यादेश एवं कार्यपूणता प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायें। (ख) क्या बजरंग नगर नई कटनी में और इंद्रा नगर के पास पहरूआ कटनी, में निम्न दाब विद्युत खंबे एवं केबिल लगायी गयी थी? यदि हाँ, तो किस सक्षम प्राधिकारी के किन आदेशों से एवं किस योजना के तहत और इन कार्यों में कितनी-कितनी लागत आयी? कार्य विवरण के दस्तावेज उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) क्या इन कार्यों की नागरिकों द्वारा शिकायतें भी की गयी थी? यदि हाँ, तो किस-किस के द्वारा क्या-क्या शिकायतें कब-कब की गयी? शिकायतों की किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा क्या जांच कब-कब की गयी, जांच के क्या परिणाम रहे? (घ) प्रश्नांश (ख) क्रमश: लगभग आबादीविहीन क्षेत्र और शासकीय वनभूमि के क्षेत्र में जहां अतिक्रमण हटाने पर लगाये गये विद्युत खंबे भी हटा दिये गये, फिर इन स्थानों पर विद्युत खम्बों को स्थापित करने के क्या कारण रहें? क्या इन अनियमितताओं और शासकीय धन के दुरूपयोग की जांच करायी जायेगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मुडवारा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बजरंग नगर नई कटनी एवं इन्द्रा नगर के पास पहरूआ में विगत 3 वर्षों में कराये गये निम्नदाब विद्युत लाइनों के कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। उक्त कार्यों से संबंधित कार्यादेश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1', 'ब-2', 'ब-3' एवं 'ब-4' अनुसार है तथा कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स-1', 'स-2' एवं 'स-3' अनुसार है आई.पी.डी.एस. योजना में इन्द्रानगर बस्ती सहित अन्य स्थानों पर विद्युत अधोसंरचना विस्तार के रू. 41.05 लाख राशि के कार्य स्वीकृत थे तथा इनमें से कुछ कार्य पूर्ण किये जाने शेष हैं, अत: इस योजनान्तर्गत कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र दिया जाना वर्तमान में संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, बजरंग नगर नई बस्ती एवं इंद्रा नगर के पास पहरूआ कटनी में निम्नदाब विद्युत खंबे एवं केबल लगाई गई थी। उक्त कार्यों का योजनावार, सक्षम अधिकारी के आदेश के सन्दर्भ एवं लागत से संबंधित जानकारी सहित विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। कार्य विवरण के दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द-1', 'द-2', 'द-3' एवं 'द-4' अनुसार है। (ग) जी हाँ, बजरंग नगर नई कटनी में सौभाग्य योजनान्तर्गत हुये विद्युतीकरण कार्य में अनियमितता की शिकायत श्री राजेश नायक द्वारा दिनांक 25.08.2018 को की गई थी, जिसकी जांच कार्यपालन अभियंता (शहर) संभाग द्वारा माह अक्टूबर, 18 में की गई। जांच में पाया गया कि चुनकाई मोहल्ला, बजरंग नगर नई कटनी में विद्युत लोकोशेड के सामने सौभाग्य योजनान्तर्गत किया गया 17 खंभों की निम्नदाब विद्युत लाईन का कार्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए निर्धारित मापदण्डों के अनुसार नहीं था। उक्त परिप्रेक्ष्य में संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित क्षेत्र में सौभाग्य योजनान्तर्गत अविद्युतीकृत घरों के विद्युतीकरण हेतु खंबे खडे किए गए थे। कहीं भी आबादी विहीन एवं शासकीय वनभूमि के क्षेत्र में खंबे स्थापित नहीं किये गये हैं। उक्त कार्यों में किसी प्रकार की नियम विरूद्ध/अवैधानिक कार्यवाही परिलक्षित नहीं होने से तत्संबंध में किसी प्रकार की जाँच कराया जाना आवश्यक नहीं है।
मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 658 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कुल कितने विकासखण्डों में मृदा परीक्षा हेतु नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशालायें स्थापित हो चुकी हैं? क्या स्थापित प्रयोगशालाओं में मृदा परीक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है? (ख) क्या नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में कार्यरत मृदा परीक्षकों को प्रतिमाह नियमित वेतनमान दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरण एवं खतरनाक रसायनों से सुरक्षा हेतु सेफ्टी ग्लब (दस्ताने) आदि को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है? (घ) प्रयोगशाला के रख-रखाव हेतु किस अधिकारी को उत्तरदायी किया गया है तथा रख-रखाव पर होने वाले व्यय हेतु क्या प्रबंध किए गये हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा विकासखण्ड स्तर पर स्वीकृत 265 नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित किये जाने के क्रम में 248 नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं शेष प्रयोगशालाओं के भवन निर्माण कार्य प्रक्रिया में हैं। 200 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में बिजली व्यवस्था, 197 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं में पानी व्यवस्था पूर्ण की गई है, नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु आवश्यक अमला, प्रयोगशाला यंत्रों की व्यवस्था कार्यवाही प्रक्रिया में है। नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं हेतु आवश्यक अमला, प्रयोगशाला यंत्र एवं अन्य सहायक सामग्री की व्यवस्था होने पर मिटटी परीक्षण कार्य प्रारंभ हो सकेगा। (ख) एवं (ग) उत्तरांश ''क'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए संबंधित विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारीको प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। प्रयोगशालाओं के रख-रखाव आदि के प्रबंध की कार्यवाही की जा रही है।
खनिज लीज आवंटन में अवैध खनन की शिकायत
[खनिज साधन]
90. ( क्र. 661 ) श्री विक्रम सिंह (विक्की) : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर बाघेलान विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कितने उद्योगों को खनिज लीज आवंटित की गई है? सभी श्रेणी की आवंटित लीज उद्योगवार एवं वर्षवार बताएं? (ख) सतना जिले के रामपुर बाघेलान में ऐसे कौन-कौन से लीजधारक हैं, जिन्होंने आज दिनांक तक उद्योग नहीं लगाया है? कारण बताएं। (ग) क्या लीजधारकों की अवैध खनन की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उनके खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। (ग) लीजधारकों द्वारा अवैध खनन किए जाने की शिकायतों की जानकारी निरंक है।
रबी फसल उपार्जन केन्द्र निर्धारण
[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण]
91. ( क्र. 664 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा (बघवाड़ा) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन पंजीयन केन्द्र एवं विक्रय केन्द्र निर्धारण किये जाने हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत क्या हैं? (ख) सिवनी मालवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में किन स्थानों पर रबी फसल उपार्जन केन्द्र बनाये गये थे वर्ष 2018-19 में इन केन्द्रों को यथावत पंजीयन एवं विक्रय केन्द्र रखा जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अलावा नवीन पंजीयन एवं विक्रय केन्द्र बनाये जाने हेतु स्थानों का चयन किया गया? यदि हाँ, तो विवरण दें।
खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ) : (क) रबी विपणन मौसम 2019-20 में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन हेतु जारी नीति के अनुसार सामान्यत: 20,000 जनसंख्या (2011 ग्रामीण) अथवा रबी विपणन मौसम 2018-19 में जिलेवार समर्थन मूल्य पर उपार्जित गेहूं की प्रति 4,000 मे.टन मात्रा पर एक पंजीयन केन्द्र इनमें जो अधिक हो, के आधार पर जिलेवार पंजीयन केन्द्रों की संख्या का निर्धारण किया गया है। उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण किसान पंजीयन पूर्ण होने के उपरांत किया जाएगा। एक उपार्जन केन्द्र पर यथासम्भव 200 से 750 किसानों को संलग्न किया जाएगा तथा किसी भी उपार्जन केन्द्र पर 5,000 मे.टन से अधिक का उपार्जन नहीं किया जाएगा। यथासम्भव उपार्जन केन्द्र सम्बद्ध ग्राम पंचायतों के केन्द्र बिन्दु में रहेगा, जिससे कृषकों को लगभग 25 कि.मी. से अधिक दूरी तय न करना पड़े। (ख) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत रबी विपणन मौसम 2017-18 में गेहूं उपार्जन हेतु बनाए गए उपार्जन केन्द्र संख्या अनुसार ही रबी विपणन मौसम 2018-19 में भी उपार्जन केन्द्र बनाए गए थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिवनी-मालवा विधानसभा में हैण्ड पम्प सुधार
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
92. ( क्र. 665 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा (बघवाड़ा) : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी-मालवा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामवार किन-किन स्थानों पर हैण्डपम्प बन्द हैं? इन स्थानों पर कितने हैण्डपम्प पेयजल हेतु चालू हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के स्थानों पर क्या वाटर लेविल का परीक्षण कराया गया था? यदि हाँ, तो स्थानवार वाटर लेविल क्या था? (ग) वाटर लेविल को रिचार्ज करने हेतु प्रश्नांश (क) के स्थानों पर कोई कार्ययोजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो स्वरूप से अवगत करावें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। ग्रामवार वाटर लेविल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वाटर टेबल को रिचार्ज करने हेतु चिन्हित ग्रामों में रिचार्ज शाफ्ट निर्माण कराये जाने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 668 ) श्री सुनील सराफ : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामों/मजरे टोलों में विदयुत उपलब्धता हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं शहरी क्षेत्र में आई.पी.डी.एस. योजना संचालित की जा रही है? उक्तानुसार योजना के उद्देश्य, मापदण्ड एवं क्रियान्वयन हेतु क्या दिशा-निर्देश हैं? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं आई.पी.डी.एस. योजना में 1 अप्रैल, 2017 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्यों हेतु कार्यादेश किन-किन फर्मों को जारी किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दोनों योजनाओं हेतु प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति की सत्यापित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें? अनुबंध पत्रक एवं जारी किये गये कार्यादेश की प्रतिलिपि भी उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कार्यों की पूर्णता कब तक होना थी? क्या सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हुये? यदि नहीं, तो लंबित कार्य शीघ्र पूर्ण किये जाने हेतु क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश के सभी जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत वितरण व्यवस्था के सुप्रबंधन/ सुदृढ़ीकरण हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना संचालित है। उक्त योजना के अंतर्गत सम्मिलित प्रदेश के सभी जिलों में स्वीकृत प्रावधानों के अनुसार अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण तथा विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों के सघन विद्युतीकरण सहित विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण, नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना एवं क्षमतावृद्धि, नवीन 11 के.व्ही. लाईन निर्माण, नवीन निम्नदाब लाईन निर्माण, विद्यमान विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, मीटरीकरण, फीडर विभक्तिकरण आदि के कार्य प्रावधानित है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के उद्देश्य, मापदण्ड एवं क्रियान्वयन हेतु जारी दिशा-निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रदेश के चयनित शहरी क्षेत्रों में विद्युत वितरण व्यवस्था के सुप्रबंधन/ सुदृढ़ीकरण हेतु एकीकृत ऊर्जा विकास योजना (आई.पी.डी.एस. योजना) संचालित है। उक्त योजना के अन्तर्गत सम्मिलित शहरी क्षेत्रों में नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों की स्थापना एवं क्षमतावृद्धि, नवीन 11 के.व्ही. लाईन निर्माण, नवीन निम्नदाब लाईन निर्माण, विद्यमान विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि, नवीन विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना, नवीन मीटरों की स्थापना आदि प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं उन्नयन के कार्य प्रावधानित है। आई.पी.डी.एस. योजना के उद्देश्य, मापदण्ड एवं क्रियान्वयन हेतु जारी दिशा-निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) कोतमा विधानसभा क्षेत्र सहित जिला अनूपपुर हेतु दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत स्वीकृत कार्यों के लिए कार्यादेश मेसर्स विन्ध्या टेली लिंक लिमिटेड, नई दिल्ली को दिनांक 2.5.2017 को जारी किया गया था। उक्त योजना अंतर्गत कोतमा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत मुख्यत: कार्य-योग्य 31 ग्रामों में 16.6 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 24 नं. वितरण ट्रांसफार्मर, 79 कि.मी. निम्न दाब लाईन विस्तार का कार्य एवं 11 के.व्ही. बैलीया फीडर के विभक्तिकरण हेतु 33.92 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन, 23 नं. वितरण ट्रांसफार्मर, 1.09 कि.मी. निम्नदाब लाईन विस्तार का कार्य उक्त कार्यादेश में सम्मिलित है। आई.पी.डी.एस. योजना अंतर्गत शहडोल वृत्त के कार्यों हेतु स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसमें जिला अनूपपुर एवं विधानसभा क्षेत्र कोतमा भी शामिल है। आई.पी.डी.एस. योजना अंतर्गत शहडोल वृत्त के स्वीकृत कार्यों हेतु कार्यादेश मेसर्स स्टेप इण्डस्ट्रीज प्रायवेट लिमिटेड, दिल्ली को दिनांक 27.4.2017 को जारी किया गया था। उक्त योजना अंतर्गत कोतमा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत स्वीकृत कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र कोतमा सहित जिला अनूपपुर के कार्यों हेतु आर.ई.सी. लिमिटेड, नई दिल्ली से प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति की सत्यापित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। उक्त योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित जिला अनूपपुर के कार्यों हेतु मेसर्स विन्ध्या टेली लिंक, नई दिल्ली को जारी किये गये कार्यादेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-इ एवं अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है। प्रश्नांश (ख) अनुसार आई.पी.डी.एस. योजनांतर्गत विधानसभा क्षेत्र कोतमा सहित शहडोल वृत्त के कार्यों हेतु पॉवर फायनेंस कारपोरेशन, नई दिल्ली से प्राप्त प्रशासकीय स्वीकृति की सत्यापित छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-च अनुसार है। उक्त योजना अंतर्गत प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित शहडोल वृत्त के कार्यों हेतु मेसर्स स्टेप इण्डस्ट्रीज प्रायवेट लिमिटेड, दिल्ली को जारी किये गये कार्यादेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ज एवं अनुबंध की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-झ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत उल्लेखित कार्यों की पूर्णता हेतु निर्धारित दिनांक 26 मार्च, 2019 है। उक्त योजनांतर्गत सभी कार्य जनवरी-19 में पूर्ण किये जा चुके है। प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित आई.पी.डी.एस. योजना के कार्यों की पूर्णता हेतु निर्धारित दिनांक 27.03.2019 है तथा शेष सभी कार्यों को तय समय-सीमा में पूर्ण कराने के प्रयास किये जा रहे है।
भारिया जनजाति को प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा दिये जाने
[जनजातीय कार्य]
94. ( क्र. 669 ) श्री सुनील सराफ : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारिया जनजाति को प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा प्राप्त है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलों में? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या भारिया जनजाति को अन्य जिलों में भी विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा देने संबंधी कोई कार्यवाही शासन स्तर पर प्रचलित है? यदि हाँ, तो वस्तु स्थिति से अवगत करावें। यदि नहीं, तो शासन कब तक भारिया जनजाति को अन्य जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किये जाने संबंधी कार्यवाही करेगा?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लो.नि.वि. के प्रस्तावित कार्यों स्वीकृति
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 671 ) श्री सचिन बिरला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़वाह विधानसभा क्षेत्रांतर्गत भवन एवं पथ के कितने कार्य वर्तमान में स्वीकृत हैं एवं कितने कार्य प्रस्तावित है? प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब तक हो जावेगी? (ख) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत पुल पुलिया निर्माण के कितने कार्य स्वीकृत एवं कितने कार्य प्रस्तावित है? प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृती कब तक हो जावेगी? (ग) क्या बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में जिन कृषकों की भूमि का उपयोग लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़कों एवं पुल-पुलियाओं के निर्माण में किया गया है, उन भूमिस्वामियों को मुआवजा वितरण किया जाना शेष है? यदि हाँ, तो संबंधित भूमिस्वामियों की सूची एवं विलंब का कारण बतावें। (घ) बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों के पेंचवर्क एवं शासकीय भवनों के मरम्मत व रंगाई पुताई कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि वित्तीय वर्ष 2016-17 व 2017-18 में स्वीकृत की गई है? स्वीकृत राशि के विरूद्ध कितनी राशि उक्त वर्षों में व्यय की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' 'अ-2' एवं 'ब', 'ब-1' तथा 'स' अनुसार है। (ख) एक कार्य भोगावां-निपानी से भोगावां-सिपानी मार्ग के कि.मी. 5/10 में खरकल नदी पर जलमग्नीय पुल का निर्माण स्वीकृत है। छोटे पुल-पुलिया सड़क कार्यों में ही शामिल है। वर्तमान में कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है। स्वीकृति का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। (घ) सड़कों के पेंच वर्क एवं शासकीय भवनों के मरम्मत व रंगाई पुताई कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2016-17 में राशि रू. 38.46 लाख व 2017-2018 में राशि रू. 21.80 लाख स्वीकृति की गई। स्वीकृति राशि के विरूद्ध वित्तीय वर्ष 2016-17 में राशि रू. 38.46 लाख व 2017-2018 में राशि रू. 21.80 लाख व्यय किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-2' अनुसार है।
जल संसाधन विभाग के स्वीकृत कार्य
[जल संसाधन]
96. ( क्र. 672 ) श्री सचिन बिरला : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले में जल संसाधन विभाग अन्तर्गत कौन-कौन से एवं कितने कार्य वर्तमान में स्वीकृत होकर प्रगतिरत हैं एवं कितने कार्य प्रस्तावित हैं? प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब तक हो जावेगी? (ख) खरगोन जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक कितने कार्य स्वीकृत हुए हैं? उन पर कितनी राशि व्यय हुई? कार्य एजेंसीवार विवरण दिया जावे। (ग) क्या संबंधित कार्य एजेन्सियों के द्वारा समय-सीमा में एवं गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं करने पर उनके विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो विवरण दिया जावे? यदि नहीं, तो क्या कार्य पूर्ण गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बड़वाह विधानसभा क्षेत्र हेतु प्रस्तावित कार्यों के संबंध में क्या कार्यवाही की जा रही है एवं प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति कब तक दी जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (घ) खरगौन जिले में स्वीकृत कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उपलब्ध वित्त्तीय संसाधन पूर्व से निर्माणाधीन परियोजनाओं के लिए आबद्ध होने से स्वीकृति हेतु कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) वित्तीय वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक स्वीकृत कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। कार्य पूर्ण गुणवत्ता तरीके से किया गया है।
परिशिष्ट - ''उन्चास''
खनिज साधन विभाग के कार्यों की स्वीकृति
[खनिज साधन]
97. ( क्र. 673 ) श्री सचिन बिरला : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन जिले के खनिज साधन विभाग द्वारा कितनी बालू एवं काली रेत खदानों की कितनी मिट्टी मुरूम खनन की स्वीकृति दी गई है? ग्रामवार व खसरा नंबर व क्षेत्रफल सहित सूची दी जावे। ये खदाने किन किन व्यक्ति/संस्थाओं को स्वीकृत की गई है? (ख) खरगोन जिले में वित्तीय वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक कितनी नवीन गिट्टी क्रेशर मशीनों को स्वीकृति प्रदान की गई है? पूर्व से कितनी संचालित हैं? ग्राम के खसरा नंबर व क्षेत्रफलवार सूची दी जावे। ये खदानें किन-किन व्यक्ति/संस्थाओं को स्वीकृत की गई हैं? (ग) कृषि भूमियों से बालू रेत व अन्य खनिज खनन की कितनी अनुमतियाँ वित्तीय वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक दी गई हैं? ग्राम व खसरा नबंर व क्षेत्रफलवार व भूमिस्वामी के नामवार सूची दी जावे। उक्त अवधि में इनसे रायल्टी के रूप में कितनी आय हुई है? (घ) विगत 5 वर्षों में अवैध उत्खनन के कितने प्रकरण विभिन्न अधिकारियों के द्वारा बनाये गये? इन प्रकरणों में कितनी राशि वसूल की गई?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स पर है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में कृषि भूमि से बालु रेत व अन्य खनिज उत्खनन की कोई अनुमति नहीं प्रदान की गयी है। अतः प्रश्नांश के शेष भाग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्नांकित अवधि में अवैध खनिज उत्खनन के 34 प्रकरण बनाए जाकर पंजीबद्ध किए गए हैं। जिनमें से निराकृत 27 प्रकरणों में रूपए 35.70 लाख अर्थदण्ड की राशि वसूल की गयी है। शेष 07 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं।
नदियों से रेत उत्खनन भंडारण एवं परिवहन के संबंध में
[पर्यावरण]
98. ( क्र. 676 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केवलारी विधानसभा क्षेत्र में हिर्री नदी एवं धनई नदी में अवैध रेत उत्खनन कर ग्राम पंचायतों द्वारा एन.जी.टी. एवं म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों के विरूद्ध कार्यकर पर्यावरण को नुकसान पहुँचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो पर्यावरण विभाग द्वारा इन पंचायतों पर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई एवं नहीं तो क्यों? (ख) क्या एन.जी.टी. के नियमानुसार 7 फिट से ज्यादा खुदाई कर रेत उत्खनन नहीं किया जा सकता? यदि हाँ, तो सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में हिर्री नदी एवं धनई नदी की रेत खदान क्षेत्र में 30-35 फिट के गड्ढे बने हुए हैं, इस पर पर्यावरण विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों एवं संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या ग्राम पंचायतों द्वारा नदियों से अवैध रेत उत्खनन कर जल संरक्षण अधिनियम, 1974 का उल्लघंन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका उल्लघंन करने वाले दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या इन खदानों को पर्यावरण विभाग एवं एन.जी.टी. से सत्यापन किया गया है? क्या नदी के पर्यावरण को संरक्षित करने इन खदानों को बंद किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। रेत उत्खनन स्वीकृत क्षेत्र में किया जा रहा है तथा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सम्मति भी प्राप्त की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रसारित नदियों से रेत उत्खनन करने की गाईड लाईन अनुसार 3 मीटर अथवा जल स्तर जो भी कम हो तक रेत उत्खनन किया जा सकता है। सिवनी जिले के अंतर्गत केवलारी विधानसभा क्षेत्र में हिर्री एवं धनई नदी पर स्थित खदानों में जल स्तर के उपर अथवा 3 मीटर तक ही उत्खनन किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अंर्तराज्यीय परिवहन चैक पोस्ट मेटेवानी खवासा (सिवनी-नागपुर) में व्याप्त भ्रष्टाचार
[परिवहन]
99. ( क्र. 677 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत ग्राम मेटेवानी खवासा में अंर्तराज्यीय परिवहन चैक पोस्ट संचालित है? क्या चैक पोस्ट काउंटर पर सी.सी.टी.व्ही. कैमरे नहीं लगे हैं एवं काउंटर पर प्रायवेट व्यक्ति बैठकर कार्य कर रहे हैं? यदि हाँ, तो क्या ये नियमानुसार है? यदि नहीं, तो प्रायवेट व्यक्ति किस सक्षम अधिकारी की अनुमति से बैठकर कार्य कर रहें हैं? (ख) क्या मेटेवानी (खवासा) परिवहन चैकपोस्ट पर कार्य कर रहे शासकीय कर्मचारियों द्वारा प्रायवेट लोगों की मद्द से अवैध वसूली की जा रही है, जिससे चैकपोस्ट पर लंबी लंबी कतारे लग जाती हैं, जिससे दुर्घटना घटित हुई हैं? यदि हाँ, तो इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों पर क्या कोई कार्यवाही की गई है? क्या अवैध वसूली किये जाने की शिकायतें सक्षम अधिकारी को की गई हैं? यदि हाँ, तो उक्त शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कार्यवाही न किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) मेटेवानी (खवासा) परिवहन चैकपोस्ट के कुछ दूरी पर महाराष्ट्र परिवहन का चैक पोस्ट संचालित है, जिसमें कभी कोई कतार नहीं लगती हैं, इससे स्पष्ट है कि मेटेवानी (खवासा) चैकपोस्ट को भ्रष्टाचार किया जाता है एवं अनाधिकृत रूप से वसूली कर वाहनों को पार कराये जाने का कार्य वहां पदस्थ अमले द्वारा किया जाता है, क्या इस संबंध में दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या मेटेवानी (खवासा) चैकपोस्ट प्रभारी के चैकपोस्ट में उपस्थित न रहने की शिकायतें प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो इन पर क्या कार्यवाही की गई है? क्या चैकपोस्ट प्रभारी माह में 2 दिन उपस्थित रहते हैं एवं चैकपोस्ट का समस्त कार्य वहां के निचले अमले एवं प्रायवेट व्यक्तियों द्वारा संचालित किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, इन पर क्या कार्यवाही की गई?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) यह सही है कि सिवनी जिले के अंतर्गत ग्राम मेटेवानी में अंर्तराज्यीय परिवहन चैक पोस्ट संचालित है। जिसके काउंटर पर सी.सी.टी.व्ही. कैमरे नहीं लगे हैं। खवासा चैकपोस्ट पर शासन द्वारा पदस्थ किये गये कर्मचारी ही कार्य कर रहे हैं जिनकी पदस्थापना सक्षम अधिकारियों द्वारा ही की गई है। (ख) खवासा परिवहन चैक पोस्ट पर केवल शासन द्वारा पदस्थ कर्मचारियों से ही कार्य कराया जा रहा है। प्रायवेट व्यक्तियों की मदद् का प्रश्न ही नहीं है। परिवहन विभाग के कर्मचारियों द्वारा मोटरयान अधिनियम 1988 में विहित प्रावधानों के तहत् जाँच के दौरान कमी पाये जाने पर उपयुक्त धारा में चालानी कार्यवाही कर शासकीय राजस्व प्राप्त किया जाता है एवं उसकी रसीद संबंधित को दी जाती है। जहाँ तक लंबी-लंबी कतारों का प्रश्न है खवासा चैक पोस्ट पर प्रत्येक वाहन के संबंधित दस्तावेजों की भी जाँच की जाती है इस कारण थोड़ा समय अवश्य लगता है परन्तु इस कार्यवाही में इतनी लम्बी कतारें कभी नहीं लगीं हैं, जिससे दुर्घटना जैसी वारदात उत्पन्न हुई हो। खवासा चैक पोस्ट पर अवैध वसूली के संबंध में सी.एम. हेल्पलाइन में समय-समय पर शिकायतें प्राप्त होती हैं, जिनका नियमानुसार निराकरण करने के प्रयास किये जाते हैं। (ग) यह सही है कि मेटेवानी (खवासा) चैकपोस्ट के कुछ दूरी पर महाराष्ट्र परिवहन का चैक पोस्ट संचालित है, जिसमें गुजरने वाले वाहनों का केवल वजन लेकर वाहन छोड़ दिया जाता है जबकि मध्य प्रदेश की सीमांतर्गत खवासा चैक पोस्ट पर कम्प्यूटर द्वारा प्राप्त पर्ची (डोकेट) के आधार पर गुजरने वाले प्रत्येक वाहन का वजन के साथ-साथ उनके सम्पूर्ण दस्तावेजों की भी नियमानुसार जाँच की जाती है। परिवहन जाँच चौकी सम्पूर्ण कम्प्यूटराईज होने के कारण अवैध वसूली एवं कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (घ) मेटेवानी (खवासा) चैकपोस्ट प्रभारी के तथा निचले अमले के संबंध में चैक पोस्ट में उपस्थित न रहने की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, खवासा चैकपोस्ट प्रभारी निरंतर उपस्थित रहकर अपना कार्य संपादित कर रहे हैं। प्रभारी अधिकारी परिवहन चैकपोस्ट खवासा को चैक पोस्ट के अतिरिक्त संभागीय परिवहन सुरक्षा स्क्वॉड़ जबलपुर एवं शहड़ोल संभाग का कार्य भी आवंटित है। यथा संभव रहने के प्रयास हेतु निर्देश दिये गये है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सेमरिया में जनजातीय समाज के कल्याण की योजनाएं
[जनजातीय कार्य]
100. ( क्र. 679 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्र सेमरिया में जनजातीय समाज की संख्या काफी है? (ख) यदि, हां तो इस समाज के कल्याण के लिये अब तक शासन स्तर से क्या-क्या प्रयास/कार्यवाही की गई है।
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लघु सिंचाई एवं जल संरक्षण योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 683 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की लघु सिंचाई एवं जल संरक्षण योजना क्या है? (ख) विगत 05 वर्षों में उज्जैन जिले में कितने बलराम तालाब निर्माण हेतु स्वीकृत किये गये? ग्राम पंचायतवार ब्यौरा देवें। (ग) कितने तालाब निर्माण पूर्ण कर लिये गये हैं? कितने अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के क्या कारण हैं? उक्त तालाबों में कितनी-कितनी राशि वर्षवार व्यय हुई? (घ) उक्त निर्माण में अनियमितता की कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? क्या शिकायतों की जांच कराई गई? यदि हाँ, तो किस के द्वारा? (ड.) वर्तमान में बलराम तालाब योजना की क्या स्थिति है? क्या नवीन तालाब निर्माण स्वीकृत किये जावेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विभागीय लघु सिंचाई योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों को नलकूप खनन हेतु अनुदान दिया जाता है। वर्तमान में विभाग में भू-जल संरक्षण की कोई योजना प्रचलन में नहीं है। (ख) विगत 05 वर्षों में उज्जैन जिला अन्तर्गत 196 बलराम तालाब स्वीकृत किये गये। ग्राम पंचायतवार व्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांकित अवधि में 173 बलराम तालाब पूर्ण किये गये हैं एवं 23 बलराम तालाब कृषकों द्वारा कार्य पूर्ण नहीं किये जाने के कारण अपूर्ण हैं। वर्षवार व्यय राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) बलराम तालाब निर्माण में अनियमितता की 04 शिकायतें प्राप्त हुई, शिकायतों की जांच संयुक्त संचालक उज्जैन संभाग उज्जैन, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी उपसंभाग उज्जैन एवं सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी उपसंभाग बडनगर द्वारा की गई। (ड.) वर्तमान में बलराम तालाब योजनान्तर्गत अपूर्ण बलराम तालाब पूर्ण करने हेतु आवंटन प्रदाय किया गया है। नवीन बलराम तालाब निर्माण के लक्ष्य आवंटित नहीं है।
संबल योजना का कार्य एवं स्वरूप
[ऊर्जा]
102. ( क्र. 684 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/प्रशासन की प्रदेश के सभी परिवारों को 100 यूनिट बिजली, 100 रू. प्रतिमाह यानि 01 रू. प्रति यूनिट की दर से बिजली प्रदाय करने की कोई कार्य योजना विचाराधीन है? यदि हाँ, तो यह योजना कब से प्रारंभ होगी? तिथि व योजना का स्वरूप बतावें। (ख) क्या प्रदेश में शासन की सरल बिजली बिल स्कीम (संबल योजना) वर्तमान में प्रारंभ है? यदि हाँ, तो प्रदेश में कितने पात्र हितग्राहियों को उक्त योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? कारण सहित जिलेवार जानकारी दें। (ग) क्या शासन/प्रशासन स्तर पर सरल बिजली बिल स्कीम (संबल योजना) बंद करने की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) राज्य शासन द्वारा सरल बिजली बिल स्कीम में सम्मिलित सभी उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 100 यूनिट तक खपत हेतु 100 रूपये प्रतिमाह का बिल दिये जाने एवं अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दिये जाने हेतु ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' को दिनांक 07.02.2019 को स्वीकृति प्रदान की गई है। उपभोक्ता द्वारा 100 यूनिट प्रतिमाह से अधिक की गई विद्युत खपत पर इन अधिक यूनिटों के लिये म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित टैरिफ में उल्लेखित दर के अनुसार बिल देय होंगे। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे घरेलू सरल बिजली बिल स्कीम में सम्मिलित उपभोक्ताओं को ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' का लाभ मिलेगा तथा उन्हें वर्तमान में प्राप्त हो रही ऊर्जा प्रभार एवं ईंधन प्रभार की छूट भी जारी रहेगी। उक्त योजना का लाभ उपभोक्ताओं को 25 फरवरी एवं इसके बाद आरंभ होने वाले आगामी बिलिंग चक्र से प्रदान किया जाएगा। (ख) वर्तमान में राज्य शासन द्वारा दिनांक 07.02.2019 को लिये गये निर्णय के अनुरूप सरल बिजली बिल स्कीम को ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' में समाहित कर लिया गया है। तथापि सरल बिजली बिल स्कीम में 75292 आवेदन आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण योजना में सम्मिलित नहीं हो सके थे। उक्त शेष 75292 आवेदनों की वितरण कंपनीवार/ जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ', 'ब' एवं 'स' अनुसार है। पात्रता अनुसार इन आवेदकों को ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के उपभोक्ताओं को और अधिक राहत पहुँचाए जाने के उद्देश्य से सरल बिजली बिल स्कीम को ''इंदिरा गृह ज्योति योजना'' में समाहित कर लिया गया है।
जबलपुर-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 12 -A बरेला से मण्डला का अपूर्ण निर्माण
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 687 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 20 अगस्त, 2015 से शुरू विषयांकित मार्ग बरेला से मण्डला अभी तक अपूर्ण है, दो बार एक्सटेंशन के बाद भी 14/07/18 जो नियत समय था, पूर्ण नहीं किये जाने का क्या कारण है? (ख) इस समयावधि में खुदाई एवं निर्माण की खराब व्यवस्था से हजारों लोगों की ऐक्सीडेंट से एवं मरीजों को अस्पताल ले जाते वक्त मृत्यु हो गई, इसकी जिम्मेदारी किसकी है स्पष्ट करें? (ग) नियत मापदण्डों के अनुसार कार्य नहीं होने से जो डस्ट खेतों में आती है उससे हुई फसलों की बरबादी की भरपाई की जिम्मेदारी किसकी है? इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या कार्यपूर्ण न होने के कारण टेण्डर (निविदा) निरस्त की कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं की जा रही है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, जी नहीं, भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा केवल एक बार दिनांक 14.07.2018 तक समयावृद्धि स्वीकृत की गई है वन विभाग की अनुमति में हुए प्रारंभिक विलंब एवं संविदाकार के प्रबंधन में कमी के कारण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। (ख) जी नहीं, प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) कार्य निर्धारित मापदण्डों के अनुसार किया जा रहा है। अत: शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। विभाग द्वारा अनुबंध निरस्तीकरण का नोटिस संविदाकार को दिया गया है, अनुबंध निरस्तीकरण का निर्णय भारत सरकार, भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किया जाना है।
आदिवासी समाज की धर्म, संस्कृति, रूढ़ी प्रथा के उत्थान के लिए कार्य योजना
[जनजातीय कार्य]
104. ( क्र. 688 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या जनजातीय कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं जिसमें पाँचवी अनुसूची में 10 जिले है एवं अन्य जिलों में भी आदिवासियों की बाहुल्यता है, जिनकी अपनी एक सांस्कृतिक पहचान है, इनकी सांस्कृतिक उत्थान हेतु क्या कार्य किये गये है? (ख) क्या उनके धर्म, भाषा, सांस्कृतिक विरासत को बचाने के लिये शासन के पास विशेष कार्य योजना है? (ग) आदिवासियों के सांस्कृतिक उत्थान में क्या-क्या कार्य किये जा रहे हैं? क्या इन कार्य योजनाओं में आदिवासी सामाजिक संगठनों या उनसे जुड़े लोगों का सहयोग लिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) आदिवासी क्षेत्र मण्डला को विकसित करने के लिए मनेरी एवं उदयपुर में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया है? जिसमें कितने उद्योग आदिवासियों के लिये हैं एवं कुल कार्यरत श्रमिकों में कितने प्रतिशत आदिवासी युवाओं के लिए हैं?
जनजातीय कार्य मंत्री ( श्री ओमकार सिंह मरकाम ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर केस में लगी तारीखों की जानकारी
[खनिज साधन]
105. ( क्र. 692 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनेश पिता मांगीलाल जैन निवासी महिदपुर रोड द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर S.L.P क्रमांक 28983/2018 दिनांक 11-12-18 में अब तक कितनी तारीखें लगी? (ख) इनमें कितने वकील उपस्थिति/अनुपस्िथत रहें? तारीखवार बतावें। (ग) क्या खनिज विभाग ने विधि विभाग को दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए हैं? यदि हाँ, तो इस कारण से कितनी बार तारीखें बढ़ी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री प्रदीप जायसवाल ) : (क) प्रकरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रश्नांश की जानकारी प्रेषित की जाना उचित नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उदभूत नहीं होता है। विभाग द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता है।
स्वीकृत किये गये कार्य
[लोक निर्माण]
106. ( क्र. 693 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा महिदपुर वि.स.क्षेत्र में दिनांक 01.01.17 से 31.12.18 तक कितने मूल एवं मरम्मत के कार्य स्वीकृत किए गए? कार्य का नाम, लागत सहित वर्षवार पृथक-पृथक देवें। (ख) उपरोक्त कार्यों की वर्तमान स्थिति सहित बतावे कि इनके लिए कार्यवार कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? (ग) कार्य समय पर पूर्ण न करने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के पहले दस प्रदूषित शहरों की जानकारी
[पर्यावरण]
107. ( क्र. 696 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में वायु प्रदूषण/ध्वनि प्रदूषण तथा जल प्रदूषण के सबसे ज्यादा दस स्थान कौन-कौन से पर्यावरण विभाग के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रश्नतिथि तक चिन्हित किये है? क्रमवार/प्रदूषणवार जानकारी दें। (ख) प्रदेश में किस-किस प्रकार का वायु प्रदूषण किस-किस मात्रा में पहले दस स्थानों पर है। इसका कारण क्या विभाग में पाया है। स्थानवार/प्रदूषणवार/ मात्रावार जानकारी दें। (ग) क्या यह सत्य है कि प्रदेश में जिन-जिन स्थानों पर जल प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थिति में जा चुका है वहां का जल स्तर धीरे-धीरे नीचे जा रहा है। अगर नहीं तो जल प्रदूषण के क्या कारण प्रश्नांश (क) में वर्णित स्थानों के अनुसार बतायें। (घ) क्या यह सत्य है कि वाहनों की बढ़ती संख्या ध्वनि प्रदूषण का कारण बन रही है। क्या योजना विभाग द्वारा ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने गत तीन वर्षों के दौरान बनाई है योजना की विस्तृत जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदेश के 39 स्थानों पर राष्ट्रीय परिवेशीय वायु गुणवत्ता कार्यक्रम के अंतर्गत तथा प्रदेश के 05 शहरों के 05 स्थानों पर स्थापित सतत् परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन उपकरणों द्वारा किये जा रहे परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन परिणामों के आधार पर 01 जनवरी, 2018 से 31 जनवरी, 2019 में क्रमवार/ प्रदूषणवार 10 वायु प्रदूषित स्थानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मापन कार्यक्रम के अंतर्गत 41 नदियों के 108 स्थानों पर किये जा रहे जल गुणवत्ता मापन परिणामों के आधार पर 01 जनवरी, 2018 से 31 जनवरी, 2019 में क्रमवार/ प्रदूषणवार 10 जल प्रदूषित स्थानों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। ध्वनि प्रदूषण की समस्या प्रदेश में नहीं है,परंतु त्यौहारों जैसे दीपावली एवं अन्य पर्वों के दौरान ध्वनि स्तर निर्धारित मानकों से अधिक हो जाता है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ‘‘ अनुसार है। प्रदेश में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण परिवहन, नरवई का जलाना, मार्गों की स्थिति, उद्योगों आदि से जनित धूल है। (ग) जी नहीं, भू-जल स्तर घटने का संबंध जल प्रदूषण से नहीं है। प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर में उल्लेखित स्थानों पर जल प्रदूषण का मुख्य कारण मुख्यतः नगरीय घरेलू मल-जल व कुछ स्थानां पर औद्योगिक दूषित जल का नदियों में मिलना है। (घ) जी हाँ। वाहनों से ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण हेतु केन्द्रीय मोटर यान नियम, 1989 के अंतर्गत प्रावधान किया गया है।
कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में विद्युतिकरण कार्य
[ऊर्जा]
108. ( क्र. 700 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में कितने ग्राम, टोले, मंजरे विद्युतीकरण से वंचित हैं। कौन-कौन से टोले मंजरों में विद्युतीकरण का कार्य वर्तमान में चल रहा है? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र कालापीपल जिला शाजपुर में कुल कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है? वितरण केन्द्रवार, क्षमतावार संख्या बतायें? (ग) वर्तमान में म.प्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, इन्दौर के अंतर्गत कालापीपल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कौन-कौन सी योजनाओं में कार्य चल रहे है? विभिन्न प्रकार के अधोसंरचना के स्वीकृत कार्यों की योजनावार मात्रा बतावें? (घ) विद्युत प्रदाय में अनिमितताएं की कितनी शिकायतें विगत 01 अप्रैल, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई और उनका क्या निराकरण किया गया है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में कोई भी ग्राम/मजरा/टोला अविद्युतीकृत नहीं है। वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र के सभी ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है। (ख) कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 173 राजस्व ग्रामों में कुल 3492 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है, जिनकी वितरण केन्द्रवार एवं क्षमतावार संख्या संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) वर्तमान में कालापीपल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, आई.पी.डी.एस. योजना एवं एस.एस.टी.डी. योजना के अंतर्गत स्वीकृत विद्युत अधोसंरचना निर्माण के विभिन्न कार्य चल रहे है। कालापीपल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उपरोक्त योजनाओं में स्वीकृत कार्यों की योजनावार मात्रा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) कालापीपल विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत दिनांक 01 अप्रैल-2018 से दिनांक 31 जनवरी-2019 तक विद्युत संबंधी कुल 627 शिकायतें प्राप्त हुई थी। उक्त समस्त शिकायतों का समुचित निराकरण किया जा चुका है।
प्रचलित योजनाएं व स्थापना की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
109. ( क्र. 706 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है? क्या निगम के पास पर्याप्त तकनीकी अमला उपलब्ध है? संचालित ऊर्जा परियोजना के निरीक्षण आदि की क्या व्यवस्था है? (ख) निगम में वर्तमान में कुल कितने अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं? उन्हें सौंपे गये दायित्व व मूल पद सहित विवरण दें। संविदा पर कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी भी दें। (ग) निगम में कौन-कौन से स्वीकृत पद रिक्त हैं? क्या इन पदों के कार्य को कनिष्ठ को प्रभार देकर संपादित कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से किस पद पर प्रभार देकर कार्य लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कब से किस पद पर प्रभार देकर कार्य लिया जा रहा है? किन-किन को?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा वर्तमान में प्रदेश में निम्नलिखित योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है :- 1. सौर फोटोवोल्टेइक पॉवर प्लांट। 2. सोलर पम्प कार्यक्रम। 3. सौर तापीय कार्यक्रम। 4. बायोगैस से ऊर्जा उत्पादन कार्यक्रम। 5. अक्षय ऊर्जा शॉप। 6. नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार का ग्रामीण आजीविका कार्यक्रम। 7. पॉवर मिनिस्ट्री, भारत सरकार के उपक्रम ई.ई.एस.एल. द्वारा संचालित उजाला कार्यक्रम। 8. सूर्यमित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम। 9. ऊर्जा संरक्षण एवं अंकेक्षण कार्यक्रम। जिलों में पदस्थ तकनीकी योग्यता प्राप्त अक्षय ऊर्जा अधिकारियों के माध्यम से उपरोक्त कार्यक्रमों/परियोजनाओं के निरीक्षण की व्यवस्था है। (ख) निगम में वर्तमान में कुल 176 नियमित अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत है, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। निगम के शेष नियमित कर्मचारी उपरोक्त अधिकारियों को सौंपे गये कार्य के अधीनस्थ सहयोगी के तौर पर कार्यरत है। निगम में तीन सेवानिवृत्त अधिकारी संविदा पर है। श्री मुकेश कुमार जैन एवं श्री राजेश कुमार तिवारी, सहायक लेखाधिकारी दिनांक 07.05.2018 से अनुबंध पर कार्यरत है। श्री मुकेश कुमार जैन द्वारा करेन्ट एकाउन्ट से संबंधित कार्य (करेन्ट देयकों के भुगतान संबंधी कार्य) व बेलेन्स शीट के निरीक्षण का कार्य किया जा रहा है, श्री राजेश कुमार तिवारी द्वारा ऑडिट से संबंधित कार्य एवं डी.आर.ई.ओ. के यात्रा भत्ता देयक के निरीक्षण का कार्य किया जा रहा है। श्री पी.सी. पिपलोदे, कनिष्ठ लेखाधिकारी दिनांक 08.05.2018 से अनुबंध पर कार्यरत हैं, इनके द्वारा वेतन एवं वेतन से संबंधित समस्त कार्य किया जा रहा है। तीनों अनुबंधितों के द्वारा नियंत्रक वित्त एवं लेखा द्वारा समय-समय पर सौंपे गये अन्य कार्यों को भी किया जा रहा है। (ग) निगम में सीधी भर्ती का सहायक जनसम्पर्क अधिकारी का 01 (एक) पद तथा वाहन चालक का एक पद रिक्त है। श्री ओ.पी. शर्मा, कनिष्ठ लेखाधिकारी को प्रभारी जन सम्पर्क कक्ष का प्रभार उपलब्ध अभिलेख के अनुसार दिनांक 28.02.2006 को सौंपा गया है।
एम.पी. एग्रो में संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
110. ( क्र. 707 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. कृषि अभियांत्रिकी विभाग निगम, भोपाल द्वारा वर्तमान में क्या-क्या योजनायें संचालित की जा रही हैं? कौन-कौन सी निजी एजेंसियों द्वारा निगम के कार्य संपादित कराये जा रहे हैं? निजी एजेंसियों का विवरण दें व बतावें की इनके द्वारा क्या-क्या कार्य कब से किये जा रहे हैं? इनकी शर्तों का विवरण भी दें। (ख) क्या निगम द्वारा अन्य निकायों प्राधिकरणों योजना मंडलों द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि से आयरन फेब्रिकेटेड यात्री प्रतीक्षालय आदि का कार्य कराया जाता है? इस कार्य हेतु निगम से किन-किन संस्थाओं/एजेंसियों को अनुबंध किन-किन शर्तों पर है? (ग) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित कार्य गत पाँच वर्षों में किन-किन एजेंसियों द्वारा कितनी-कितनी लागत से किये गये है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) एम.पी. एग्रो द्वारा कोई योजना संचालित नहीं की जाती है। एम.पी. एग्रो मध्यप्रदेश शासन का उपक्रम है, जिसके द्वारा कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, कृषकों एवं अन्य विभागों/संस्थाओं को कृषि आदान सामग्री, कृषि उपकरण एवं अन्य उपकरणों/सामग्री का प्रदाय किया जाता है। निगम द्वारा बायोगैस संयंत्रों की स्थापना तथा स्वयं के संयंत्र से पोषण आहार का प्रदाय भी किया जाता है। निगम में पंजीकृत निर्माता/डीलरों से कार्य कराया जाता है। यह कार्य निगम प्रारंभ से ही कर रहा है। वर्तमान में अनुबंधित प्रदायक/निर्माताओं से अनुबंध में प्रमुख शर्त यह रहती हैं कि सामग्री का रेट कान्ट्रेक्ट ऑफर/निविदा आमंत्रित की जाती है, डिलेवरी एफ.ओ.आर. रहती है, विभाग से भुगतान पश्चात की शर्त रहती है, सामग्री का भौतिक सत्यापन उपरान्त भुगतान कराया जाता है। रेट कान्ट्रेक्ट ऑफर की अवधि बढ़ाई जा सकती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) निगम द्वारा आयरन फेब्रीकेटेड यात्री प्रतीक्षालय का कार्य कराया जाता है। इस कार्य हेतु राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (भारत सरकार का संस्थान) से एम.ओ.यू. किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
ऊर्जा उत्पादन हेतु सौर ऊर्जा पार्कों का विकास
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
111. ( क्र. 709 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ऊर्जा विकास निगम द्वारा प्रदेश में कहाँ-कहाँ सौर ऊर्जा पार्क विकसित कर ऊर्जा उत्पादन किया जा रहा है? कहाँ-कहाँ पी.पी.पी. मोड पर ऊर्जा उत्पादन आरंभ हुआ है? कहाँ-कहाँ सोलर पावर प्लांट प्रस्तावित है? (ख) ऊर्जा विकास निगम द्वारा वर्तमान में सोलर स्ट्रीट लाइट स्थापना, सोलर पंप स्थापना, रूफ टॉप सोलर स्थापना आदि के कार्य किन-किन फर्मो से किन-किन शर्तों पर कराये जा रहे हैं? निजी फर्म द्वारा किये जा रहे कार्यों हेतु क्या नियम, नीति, निर्देश हैं? क्या इनका चयन स्वतंत्र प्रतियोगिता द्वारा किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो गत तीन वर्षों में निगम के माध्यम से किन निजी एजेंसियों द्वारा क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत के कहाँ-कहाँ पर किये गये?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) म.प्र. शासन के उपक्रम म.प्र. ऊर्जा विकास निगम एवं केंद्र शासन के उपक्रम, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन के मध्य संयुक्त उपक्रम कंपनी रीवा अल्ट्रा मेगा सौर लिमिटेड द्वारा 750 मेगावाट क्षमता की रीवा सौर परियोजना एवं 250 मेगावाट मंदसौर पार्क का क्रियान्वयन किया जा रहा है। मंदसौर परियोजना से 250 मेगावाट क्षमता तथा रीवा सौर परियोजना से अद्यतन 380 मेगावाट क्षमता का ऊर्जा उत्पादन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, आगर में 550 मेगावाट क्षमता, शाजापुर में 450 मेगावाट क्षमता व नीमच में 500 मेगावाट क्षमता, इस अनुसार कुल 1500 मेगावाट क्षमता की परियोजना क्रियान्वित की जा रही है। मुरैना में 250 मेगावाट की परियोजना प्रस्तावित है। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा पीपीपी मोड के तहत रेस्को (RESCO) मॉडल के अन्तर्गत ग्रिड कनेक्टड सौर फोटोवोल्टेक पावर प्लांट की स्थापनाऍ प्रस्तावित है। अभी तक रेस्को आधारित परियोजनाऐं स्थापित नहीं हुई हैं। रेस्को (RESCO) मॉडल के अन्तर्गत प्रस्तावित परियोजनाओं की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सोलर पम्प स्थापना एवं रूफटॉप सोलर परियोजनाओं की स्थापना करने वाली फर्मों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। इन फर्मों का चयन स्वतंत्र पारदर्शी प्रतियोगिता द्वारा किया गया है। भारत शासन, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा निधारित मापदंडों व निविदा की शर्तों के तहत कार्य कराया जा रहा है। इसके आतिरिक्त, रूफटॉप सोलर परियोजनाओं के अंतर्गत मार्केट मोड में निजी फर्मों को भारत शासन, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा निधारित मापदंडो, दिशा-निर्देशों व पात्रता अनुसार संयंत्र स्थापना करने की स्वतंत्रता है, जिसके उपरान्त हितग्राहियों द्वारा ऊर्जा विकास निगम में आवेदन करने पर पात्र पाई गई स्थापनाओं को लागू केंद्र/राज्य अनुदान विमुक्त किया जाता है। म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा वर्तमान में सोलर स्ट्रीट लाईट स्थापना का कोई भी कार्य संपादित नहीं किया जा रहा है। (ग) विगत तीन वर्षों में, निजी एजेंसियों द्वारा संपादित किये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाओं में रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]
112. ( क्र. 712 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में पेयजल परीक्षण कि कितनी प्रयोगशालाएं है? ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की पृथक-पृथक जानकारी प्रदान करें? (ख) क्या उज्जैन संभाग की समस्त पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाओं में पर्याप्त स्टॉफ है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि स्टॉफ की कमी है तो कब तक पद पूर्ति की जावेगी? (ग) पेयजल परीक्षण प्रयोगशालाओं में रसायनज्ञ एवं प्रयोगशाला सहायकों को संविदा पर रखने के क्या मापदंड हैं? संविदा पर रखे गये रसायनज्ञों एवं प्रयोगशाला सहायकों को नियमित करने के संबंध में विभाग की क्या योजना है? (घ) उज्जैन संभाग में कितने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट हैं? प्रत्येक वॉटर ट्रिटमेंट प्लांट में प्रतिवर्ष कितने केमिकल का उपयोग होता है? पृथक-पृथक जानकारी प्रतिवर्षवार 1 जनवरी, 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्रदान करें?
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) उज्जैन संभाग में कुल 38 प्रयोगशालाऐं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति एवं कर्मचारियों के त्याग पत्र देने के कारण स्टॉफ की कमी है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 अनुसार है। वर्तमान में कोई योजना नहीं है। (घ) कुल 53 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 4 एवं 5 अनुसार है।
विलम्ब से किये गये कार्यों के लिए दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 713 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा उज्जैन जिले में 1 जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक निर्माण संबंधी कितने प्रस्ताव पारित किये? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार पारित प्रस्तावों में से कितने प्रस्तावों पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया तथा कितने प्रस्तावों के कार्य अपूर्ण हैं? पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करते हुए कितने कार्य नियत समयावधि में पूर्ण हुए तथा कितने कार्य नियत समयावधि के पश्चात पूर्ण हुए? (ग) अपूर्ण कार्यों को नियमानुसार एवं अनुबंध अनुसार कब तक पूर्ण हो जाना था? कार्यवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। नियत समयावधि में कार्य पूर्ण नहीं करने के संबंध में कितने ठेकेदारों पर कार्यवाही की गई तथा विलम्ब के लिए कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' व 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' व 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' व 'अ-2' अनुसार है। विलंब के लिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
बेनीफिसरी प्लांट की स्थापना हेतु पर्यावरण स्वीकृति
[पर्यावरण]
114. ( क्र. 716 ) श्री संजय उइके : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ताम्र परियोजना मलाजखण्ड द्वारा बेनीफिसरी प्लांट की स्थापना की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो, बेनीफिसरी प्लांट की स्थापना हेतु पर्यावरण स्वीकृति की आवश्यकता पड़ती है या नहीं? (ग) क्या यह सही है कि बेनीफिसरी प्लांट से उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया है? यदि हाँ, तो उत्पादित सामग्री का नाम उपलब्ध करावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों की समस्याओं का निराकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
115. ( क्र. 719 ) श्री जालम सिंह पटैल (मुन्ना भैया) : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के द्वारा किसानों की समस्याओं के निराकरण के संबंध में दिसम्बर, 2018 में कलेक्टर नरसिंहपुर को पत्र लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो, इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
रायसेन जिले में मुख्य जिला मार्गों के कार्य
[लोक निर्माण]
116. ( क्र. 725 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2015 से दिसम्बर, 2018 तक रायसेन जिले में लोक निर्माण विभाग के बजट, अनुपूरक बजट तथा अन्य योजनाओं में कहाँ-कहाँ सड़क, पुल, भवन स्वीकृत किये गये? उनमें से किन-किन कार्यों की निविदायें क्यों नहीं आमंत्रित की गई? कब तक निविदायें आमंत्रित की जायेगी? (ख) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? अनुबंध अनुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगें? (ग) प्रश्नांश (क) वर्णित किन-किन कार्यों में वन व्यवधान, भू-अर्जन-सीमांकन आदि की आवश्यकता है? इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) रायसेन जिले में वर्तमान में मुख्य जिला मार्गों पर क्या-क्या कार्य, किस-किस योजना में कराया जाना प्रस्तावित है? मार्गवार पूर्ण विवरण दें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।