मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च-अप्रैल, 2020 सत्र
शुक्रवार, दिनांक 20 मार्च, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
सेंधवा
अंतर्गत
संचालित सिंचाई
योजनाएं
[जल संसाधन]
1. ( *क्र. 788 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बड़वानी के विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत कितनी–कितनी सिंचाई योजनाएँ संचालित हैं तथा उनके द्वारा कितने-कितने हेक्टेयर में सिंचाई की जा रही है? योजनावार सिंचित रकबे की जानकारी से अवगत करावें एवं कितनी योजनाएँ निर्माणाधीन एवं कितनी योजनाएँ स्वीकृत हैं तथा कितनी योजनाएं स्वीकृति हेतु लंबित हैं? योजनाओं की नामवार जानकारी से अवगत करावेंl (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विधानसभा क्षेत्र सेंधवा का कृषि क्षेत्र हेतु कितना रकबा है? उसके विरुद्ध सिंचाई योजनाओं से कितना रकबा सिंचित किया जा रहा है? उसके प्रतिशत से अवगत करावेंl (ग) प्रश्नांक (ख) के अनुसार दर्शित सिंचित रकबे को और अधिक बढ़ाने हेतु क्या विभाग द्वारा कोई योजना प्रस्तावित की जा रही है? (घ) सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी बड़ी नदियाँ एवं कितने बड़े नाले निकल रहे हैं? उन पर विभाग द्वारा सिंचाई योजनाएँ क्यों प्रस्तावित नहीं की जा रही हैं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। कोई परियोजना स्वीकृति हेतु लंबित नहीं है। (ख) विकासखण्ड सेंधवा का निराबोया क्षेत्र 53,943 हेक्टर है। जल संसाधन विभाग द्वारा इस वर्ष 13094 हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई की गई, जिसका प्रतिशत 24.27 है। (ग) वर्तमान में कोई परियोजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) विधानसभा क्षेत्र सेंधवा अंतर्गत डेब नदी, गोई नदी, अनेर नदी, कनेर नदी, इन्द्रावती नदी एवं टोरी नाला के अतिरिक्त अनेक नाले बहना प्रतिवेदित है। चिन्हित परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
नागदा में जल एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम
[पर्यावरण]
2. ( *क्र. 1930 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1337, दिनांक 10.01.2020 द्वारा नागदा एवं उसके आसपास हो रहे जल एवं वायु प्रदूषण को लेकर जानकारी प्रमुख सचिव से चाही गई थी? प्रश्न दिनांक तक उत्तर नहीं दिये जाने के क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र के बिन्दु क्रमांक 01 से 06 तक की जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जायेगी? (ग) प्रदूषण के उत्तरदायी औद्योगिक इकाइयों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है? यदि अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है तो कब तक की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। पत्र में चाही गई जानकारी अत्यंत विस्तृत स्वरूप की होने के कारण क्षेत्रीय कार्यालय, मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उज्जैन से एकत्रित कराई गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नागदा स्थित औद्योगिक इकाइयों मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. (स्टेपल फाईबर डिवीजन), मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लि. (केमिकल डिवीजन) एवं मेसर्स लेक्सेस इंडिया प्रा.लि. के विरूद्ध न्यायालयीन वाद दायर किये गये हैं, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विद्युत ट्रांसफार्मर बदलने की कार्यवाही
[ऊर्जा]
3. ( *क्र. 1489 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ के ट्रांसफार्मर कब-कब जले/खराब हुये तथा इनमें से किस-किस ट्रांसफार्मर को कब-कब बदला गया? स्थानवार, दिनांकवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मरों को बदला जाना शेष है? शेष रहने का क्या कारण है? स्थानवार जानकारी देवें। (ग) ट्रांसफार्मर बदलने की क्या प्रक्रिया है? क्या इनके परिवहन का व्यय हितग्राहियों से लिया जाता है? 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा ट्रांसफार्मर बदलने में कितनी राशि, किस मद से किस-किस एजेंसी/व्यक्ति को भुगतान की गई है? माहवार, मदवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक जले/खराब हुए 635 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 632 वितरण ट्रांसफार्मर बदल दिये गये हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्न दिनांक तक प्रश्नाधीन क्षेत्रांतर्गत कुल 3 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर संबद्ध उपभोक्ताओं द्वारा नियमानुसार विद्युत बिल की बकाया राशि जमा नहीं करने के कारण बदलने हेतु शेष हैं, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर जला/खराब होने की दशा में उस ट्रांसफार्मर से संबद्ध 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने के उपरान्त इन जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है। उक्तानुसार पात्र होने पर शहरी क्षेत्रों में अधिकतम 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सूखे मौसम में 3 दिन तथा वर्षा ऋतु में माह जुलाई से सितम्बर तक की अवधि में 7 दिन में जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने के निर्देश हैं। वितरण ट्रांसफार्मर खराब होने की दशा में उसको स्थापित स्थान से ले जाना और नवीन वितरण ट्रांसफार्मर के लाने की जवाबदारी विद्युत वितरण कंपनियों की है। विद्युत वितरण कंपनियों में इस कार्य हेतु वाहन उपलब्ध रहता है, जिसके माध्यम से उक्त कार्य सम्पादित कराया जाता है। विशेष परिस्थितियों में जब विद्युत वितरण कंपनी का वाहन उपलब्ध नहीं होता है, ऐसी दशा में फेल ट्रांसफार्मर के परिवहन हेतु संबंधित उपभोक्ता/ग्रामवासी द्वारा वाहन उपलब्ध कराने पर, उसे परिवहन कार्य हेतु परिवहन व्यय का भुगतान एम.पी. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के परिपत्र क्रमांक 158, दिनांक 05.03.2018 जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है, के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा उत्तरांश (क) में उल्लेखित ट्रांसफार्मरों को बदले जाने का कार्य कंपनी के स्वयं के संसाधनों से किया गया है, अतः किसी एजेन्सी/व्यक्ति को भुगतान नहीं किया गया है।
किसानों के खेतों में विद्युत ट्रांसफार्मर की स्थापना
[ऊर्जा]
4. ( *क्र. 118 ) श्री संजय शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा किसानों को विद्युत प्रदाय करने के उद्देश्य से उनके खेतों में विद्युत ट्रांसफार्मर रखने हेतु योजनायें संचालित हैं? यदि हाँ, तो वर्तमान में शासन द्वारा कौन-कौन सी योजनायें चलाई जा रही हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार, क्या इन योजनाओं में सरकार द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं में कितना-कितना अनुदान प्रदान किया जा रहा है? (ग) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन किसानों के खेतों में कौन-कौन सी योजनाओं से विद्युत ट्रांसफार्मर रखे गये हैं? योजनावार, ग्रामवार लाभान्वित कृषक के नाम एवं प्रदान की गई अनुदान की राशि सहित जानकारी प्रदान करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) वर्तमान में शासन द्वारा किसानों को वितरण ट्रांसफार्मर रखकर पम्प कनेक्शन प्रदान करने की कोई योजना संचालित नहीं हैं। राज्य शासन द्वारा वितरण ट्रांसफार्मर रखकर पम्प कनेक्शन प्रदान करने हेतु पूर्व प्रचलित ''मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना'' की अवधि योजना लागू करते समय दिनांक 31.03.2019 तक निर्धारित थी। निर्धारित अवधि के पूर्ण होने पर उक्त योजना बन्द हुई है एवं इस योजना के बन्द होने के उपरान्त राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय के अनुसार प्रदेश में नवीन ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' आरंभ की गई है, जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार वर्तमान में प्रचलित ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' के अंतर्गत कृषक द्वारा 7.5 अश्व शक्ति तक के पम्प कनेक्शन हेतु अंश राशि जमा करने पर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार शेष राशि राज्यांश एवं केन्द्रांश से अनुदान के रूप में प्रदान करने का प्रावधान है। (ग) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से दिनांक 29.02.2020 तक मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजनान्तर्गत 176 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गये हैं, जिनसे लाभान्वित कृषकों को प्रदान की गई छूट की राशि सहित नामवार/ग्रामवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
बाघिन नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
5. ( *क्र. 1699 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में ग्राम खोरा एवं भदईया के ग्रामवासियों की समस्याओं से अवगत कराते हुए बाघिन नदी पर पुल निर्माण किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग म.प्र. भोपाल को भेजे गये पत्र क्रमांक 06 पन्ना, दिनांक 07.01.2020 पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु मण्डल ग्वालियर द्वारा मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण परिक्षेत्र भोपाल को प्रशासकीय स्वीकृति हेतु भेजे गये पत्र क्रमांक 1268/कार्य/23/2015 ग्वालियर, दिनांक 14.10.2019 के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) उक्त नदी पर पुल निर्माण कब तक करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) प्रकरण परीक्षणाधीन है। (ग) वर्तमान में सीमित वित्तीय संसाधन होने से विभाग की किसी भी योजना में स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है, अत: निश्चित तिथि बताना संभव नहीं है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विद्युत करन्ट से हुई मृत्यु की क्षतिपूर्ति राशि का प्रदाय
[ऊर्जा]
6. ( *क्र. 1336 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के ऊर्जा विभाग द्वारा विद्युत करेंट से मृत्यु एवं घायल जन की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत किये जाने के शासन ने क्या-क्या नियम बनाए हैं? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएँ कि टीकमगढ़ जिले में विद्युत करेंट लगने से जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक कहां-कहां कब-कब किस-किस की मृत्यु हुई है? नाम, पिता/पति, जाति, पता सहित बताएँ। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएँ कि प्रश्न दिनांक तक विद्युत एवं राजस्व विभाग द्वारा इसमें से किस-किस को कब-कब कितनी-कितनी राशि की सहायता दी जा चुकी है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएँ कि जिनकी मृत्यु हुई थी, उनके उत्तराधिकारी को सहायता राशि स्वीकृत हेतु प्रश्न दिनांक की स्थिति में कब से किस कार्यालय में फाईल लंबित रखी है। ऐसे केसों का निराकरण कर दिया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) राजस्व विभाग, म.प्र. शासन द्वारा जारी राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-6, क्रमांक-4 (आर.बी.सी. 6-4) की कंडिका-2, 5 (1) एवं 6 (1) जो कि क्रमश: दुर्घटना में पशु हानि होने पर, व्यक्ति के मृत होने पर एवं शारीरिक अंग हानि होने पर आर्थिक अनुदान सहायता राशि के भुगतान के संबंध में है, में निर्धारित किए गए प्रावधानों के अनुसार वितरण कंपनियों द्वारा विद्युत दुर्घटना में पीड़ित परिवारों को आर्थिक अनुदान सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। तद्नुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा आर्थिक अनुदान सहायता राशि दिये जाने से संबंधित बनाए गए नियमों/जारी किये गये निर्देशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल 68 घातक विद्युत दुर्घटनायें घटित हुईं हैं, जिनकी प्रश्नावधि चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन विद्युत दुर्घटनाओं में मृतक के परिवार के सदस्य/निकटतम वारिस को प्रदान की गई आर्थिक अनुदान सहायता की राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन विद्युत दुर्घटनाओं में लागू नियमों के अनुसार प्रकरण पात्र/पूर्ण पाये जाने पर संबंधित को अनुदान राशि प्रदान कर दी गई है। अत: अन्य कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
सारणी महाविद्यालय के प्राचार्य पर कार्यवाही
[उच्च शिक्षा]
7. ( *क्र. 1694 ) श्री सुनील सराफ : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 4212, दिनांक 25.07.2019 के (क) उत्तर में बताया गया है कि विभाग के पत्र क्रमांक 1374/2126/2017/38-1, दिनांक 19.07.2017 द्वारा प्राचार्य को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है? प्रश्न दिनांक तक किये गये समस्त पत्र व्यवहार की जानकारी देवें। (ख) क्या कारण है कि 2.5 वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस जांच प्रतिवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? (ग) जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही न करने, संबंधित व्यक्ति को संरक्षण देने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें की शासन इन पर कब तक कार्यवाही करेगा? (घ) जांच प्रतिवेदन के अनुसार प्राचार्य पर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संबंधित को पत्र क्र. 1374/2126/2017/38-1, दिनांक 19.07.2017 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। प्राप्त जवाब संतोषप्रद नहीं होने से संबंधित के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही अंतर्गत आरोप पत्र जारी किये गये हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विभागीय जांच की कार्यवाही अंतर्गत नियमानुसार उचित कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
8. ( *क्र. 1765 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मनावर विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय की मंजूरी देने के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय, मुख्यमंत्री कार्यालय को पत्र सं. 649/एम.पी.-एम.एल.ए./2019, दिनांक 19 सितंबर, 2019 एवं माननीय उच्च शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा विभाग पत्र सं. 653/एम.पी.-एम.एल.ए./2019, दिनांक 19 सितंबर, 2019 को लिखा गया? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या उक्त पत्र के प्रस्तावित बिंदुओं के अनुसार मनावर विधानसभा क्षेत्र में शासकीय महाविद्यालय की मंजूरी के लिए उच्च शिक्षा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा परीक्षण कराया गया? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो कारण बताएं। (ग) प्रदेश में राज्य शासन द्वारा महाविद्यालय की मंजूरी के लिए क्या मानक एवं नियम, निर्देश, शर्त स्थापित किए गए हैं? यदि कोई मानक, नियम, शर्त स्थापित नहीं किए गए तो कारण बताएं। प्रदेश के अन्य शासकीय महाविद्यालयों को किन मानक, नियम, शर्त के अधीन स्थापित किया गया है? (घ) आदिवासी अंचल–धार, झाबुआ, बड़वानी, अलीराजपुर, खरगोन एवं खण्डवा जिले के अंतर्गत शासकीय महाविद्यालयों में ग्रेजुएट एवं पोस्ट-ग्रेजुएट प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले कितने आवेदक प्रवेश से वंचित रह गए? तहसीलवार, श्रेणीवार पृथक-पृथक सूची उपलब्ध कराएं।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन महाविद्यालय खोले जाने में कठिनाई है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। महाविद्यालय की मंजूरी के लिये नियम, निर्देश स्थापित किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
9. ( *क्र. 1434 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अति. परियोजना संचालक लो.नि.वि. पी.आई.यू. ग्वालियर द्वारा दिनांक 27.01.2020 पत्र क्रमांक एफ-4/2019/परफारमेंस गारन्टी/सा./ए.पी.डी./पी.आई.यू./314 में एन.के. बाथम (तात्कालीन संभागीय परियोजना यंत्री, लो.नि.वि., पी.आई.यू., टीकमगढ़) द्वारा नियम विरूद्ध परफारमेंस गारन्टी की राशि समय से पूर्व जारी करने का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया? (ख) यदि हाँ, तो क्या मंत्री जी सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 (2) का उल्लंघन कर रहे अधिकारी पर जांच कार्यवाही पूर्ण होने तक टीकमगढ़ जिले से अन्यत्र संलग्न करने की कार्यवाही करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उक्त अधिकारी द्वारा लोक निर्माण विभाग (भ/स), टीकमगढ़ के कार्यपालन यंत्री के पदभार के पश्चात् किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितनी विभागीय सामग्री क्रय की गई? (निविदा आमंत्रण से भुगतान तक की समस्त कार्यवाही की प्रतियाँ वांछनीय) (घ) विगत तीन वर्षों में लोक निर्माण विभाग (भ/स) एवं पी.आई.यू. मध्यप्रदेश में सागर संभाग अन्तर्गत ऐसे कितने प्रकरण आये हैं, जिनमें परफारमेंस गारन्टी अवधि समाप्त होने के पूर्व ठेकेदार के पक्ष में राशि जारी कर दी गई है? (ड.) उक्त अधिकारी द्वारा संभागीय परियोजना यंत्री लो.नि.वि. पी.आई.यू. टीकमगढ़ एवं कार्यपालन यंत्री लो.नि.वि. टीकमगढ़ के पद पर रहते हुऐ समयावधि से पूर्व कितने कार्यों की परफारमेंस गारन्टी जारी कर दी गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, इस संबंध में श्री बाथम का स्पष्टीकरण चाहा गया है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' अनुसार है। (ख) स्पष्टीकरण का उत्तर अभी प्राप्त नहीं हुआ है एवं अन्य कार्य की परफारमेंस गारंटी भी तत्कालीन संभागीय परियोजना यंत्री द्वारा परफारमेंस गारंटी की अवधि खत्म होने के पहले ही जारी की गई, जिसकी जांच प्रक्रियाधीन है, अतः वर्तमान में कार्यवाही करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जांच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (घ) लोक निर्माण विभाग पी.आई.यू. मध्यप्रदेश सागर संभाग के अंतर्गत टीकमगढ़ जिले में 04 नग प्रकरण पाये गये हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
त्योंथर उद्वहन सिंचाई परियोजना अंतर्गत माइनरों का निर्माण
[जल संसाधन]
10. ( *क्र. 1496 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) त्योंथर उद्वहन सिंचाई परियोजना में कुल कितने माइनर (वितरिकायें) स्वीकृत हैं? उनके नाम तथा प्रत्येक के कमांड एरिया में आने वाले ग्रामों के नाम सहित लाभान्वित कृषि भू-भाग की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (ख) में वर्णित माइनर (वितरिकाओं) में से किन-किन का कार्य पूर्ण है? कितनों का कार्य अपूर्ण है तथा कितनी वितरिकाओं का कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है? (ग) उपरोक्त अपूर्ण माइनर (वितरिकाओं) का कार्य अब तक पूर्ण न होने का क्या कारण है? उपरोक्त कार्य कब तक पूर्ण किए जायेंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) त्योंथर उदवहन सिंचाई योजना के अंतर्गत फेस-I एवं फेस-II में स्वीकृत माईनरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) फेस-I के अंतर्गत स्वीकृत माईनर नहरों के कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित हैं। फेस-II अंतर्गत माईनर क्रमांक-9 का विस्तार कार्य प्रारंभ है। माईनर क्रमांक-12 के विस्तार एवं माईनर क्रमांक-13 के कार्य भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत प्रारंभ किया जाना संभव होगा। (ग) फेस-II अंतर्गत अपूर्ण माईनरों का कार्य भू-अर्जन एवं खेतों में फसल खड़ी होने के कारण पूर्ण नहीं होना प्रतिवेदित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
शहडोल व रीवा में कार्यों को री-शेड्यूल किये जाने की जांच
[लोक निर्माण]
11. ( *क्र. 201 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं रीवा राजस्व संभाग में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता किस-किस स्थान पर पदस्थ हैं? दिनांक 01.04.2018 से प्रश्नतिथि तक किस-किस स्थान पर पदस्थ हैं? दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मुख्य अभियंता कार्यालय के द्वारा, अपने अधीनस्थ किस नाम एवं स्थान वाले कार्यपालन यंत्रियों (बी. एण्ड आर.) के किस-किस कार्य हेतु स्वीकृत एन.आई.टी की दर से दस प्रतिशत से ज्यादा की राशि को एक्सटेंड (री-शेड्यूल) किया गया? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मुख्य अभियंता कार्यालयों की अनुमति के बगैर किस-किस अधीक्षण यंत्रियों एवं कार्यपालन यंत्रियों के द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार किन-किन बी. एण्ड आर. के कार्यों को स्वीकृत एन.आई.टी. की दर से दस प्रतिशत से ज्यादा कितने दर पर री-शेड्यूल (कार्य का एक्सटेंशन) किया गया? माहवार/वर्षवार/कार्यवार/कितने प्रतिशत कार्य बढ़ाया गया वार/स्थलवार/स्वीकृत एन.आई.टी. की दर वार जानकारी दें? जारी सभी आदेशों की एक प्रति दें। (ग) क्या स्वीकृत एन.आई.टी. की दर से 10 प्रतिशत से ज्यादा की दर री-शेड्यूल (कार्य का एक्सटेंशन) की जा सकती है? अगर हाँ तो नियमों की एक प्रति देते हुए बतायें कि किस सक्षम कार्यालयों की अनुमति के बाद? (घ) राज्य शासन किस-किस मुख्य अभियंता/अधीक्षण/कार्यपालन यंत्रियों को प्रश्नांश (क) (ख) में की गई अनियमितताओं पर कब तक निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) शहडोल व रीवा राजस्व संभाग में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता रीवा में पदस्थ हैं। दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक रीवा परिक्षेत्र कार्यालय में ही पदस्थ हैं। दिनांक 01.04.2018 से प्रश्न दिनांक तक अधीनस्थ कार्यपालन यंत्रियों को स्वीकृत एन.आई.टी. की 10 प्रतिशत से ज्यादा राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं '1' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। आदेशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ, नियमों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) वर्तमान में प्रकरण परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत गुण दोषों के आधार पर नियमानुसार निर्णय लिया जा सकेगा।
शास. महाविद्यालय चंदला में स्वीकृत/भरे/रिक्त पदों की संख्या
[उच्च शिक्षा]
12. ( *क्र. 1604 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के शासकीय महाविद्यालय चंदला में श्ौक्षणिक एवं अशैक्षणिक के कितने पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे हैं तथा कितने रिक्त हैं? भरे गये पदों की भर्ती का प्रकार एवं दिनांक सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त महाविद्यालय के भवन निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? हाँ या नहीं। यदि नहीं, तो उक्त कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त महाविद्यालय में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? संकाय एवं विषयवार सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या उक्त महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को शासन की हितग्राही योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो लाभांवित विद्यार्थियों की सत्र 2019-20 की नाम एवं राशिवार सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था हेतु क्या कक्ष, फर्नीचर तथा पुस्तकालय में पुस्तकें पर्याप्त हैं? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जिला छतरपुर के शासकीय महाविद्यालय चंदला में शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत कुल स्वीकृत पद 09, कार्यरत 03 तथा 06 पद रिक्त हैं एवं अशैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत कुल स्वीकृत पद 10 कार्यरत 01 तथा 09 पद रिक्त हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) कला संकाय-प्रथम वर्ष 322, द्वितीय वर्ष 240 तथा तृतीय वर्ष 222, कुल 784 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। लाभान्वित विद्यार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। पर्याप्त है।
केवटन नदी पर केशरी बैराज का निर्माण
[जल संसाधन]
13. ( *क्र. 1050 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के विकासखण्ड बासौदा में राज्य शासन द्वारा केवटन नदी पर केशरी बैराज स्वीकृत है? यदि हाँ, तो इस बैराज के निर्माण के लिए कितनी राशि स्वीकृत है तथा इससे किन-किन ग्रामों की कितनी हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी? इस बैराज की लंबाई भी बतावें। (ख) क्या उक्त बैराज निर्माण के टेंडर हुए हैं? यदि हाँ, तो कितनी बार? क्या टेंडर होकर बार-बार निरस्त हो रहे हैं? यदि हाँ, तो कारण बतावें? (ग) क्या उक्त बैराज के टेंडर बावत् प्रश्नकर्ता ने ई.एन.सी. जल संसाधन विभाग म.प्र. भोपाल को पत्र क्र. 216, दिनांक 06.06.2019 एवं मान. जल संसाधन मंत्री को पत्र क्र. 17, दिनांक 14.01.2020 के माध्यम से आग्रह किया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। केशरी बैराज की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 04.07.2018 को रू. 1172.07 लाख की 981 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई। परियोजना से डिडोली, खरपरी, आकाडोडा एवं कथरी ग्राम लाभांवित होना प्रावधानित है। बैराज की लंबाई 181.20 मीटर है। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन कार्य की निविदा आमंत्रण सूचना एक बार जारी कर निरस्त की गई। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। दिनांक 06.07.2019 को केशरी बैराज के निर्माण हेतु राशि रू. 1095.00 लाख की निविदा पोर्टल पर प्रसारित कर निरस्त की गई।
त्योंथर तहसील में लोनी बांध का निर्माण
[जल संसाधन]
14. ( *क्र. 594 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के त्योंथर तहसील अंतर्गत प्रस्तावित जल बहाव बाणसागर योजना नहर को लोनी बांध तक जोड़े जाने एवं लोनी बांध का गहरीकरण व जीर्णोद्धार का कार्य शासन द्वारा स्वीकृत किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या लोनी बांध के गहरीकरण व जीर्णोद्धार कार्य कराये जाने की शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या मुख्य नहर को भुआरा इंदौर होते हुए चन्द्रपुर पनासी तक बढ़ाये जाने व मुख्य नहर से माइनर व सब माइनर नहर निकाले जाने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक? क्या दो वर्ष पूर्व ठेकेदार को राशि का भुगतान किया गया था? यदि हाँ, तो कब-कब और कितना? सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या ठेकेदार द्वारा राशि आहरित किये जाने के बाद भी नहरों का निर्माण कार्य नहीं कराया गया? यदि हाँ, तो संबंधित दोषियों पर कब-कब और क्या कार्यवाही की गई? सत्य प्रतिलिपि उपलब्ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) लोनी बांध के जीर्णोद्धार के कार्य का प्रस्ताव परीक्षणाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। भू-अर्जन की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात् कार्य प्रारंभ कराया जाना संभव होगा। ठेकेदार को अभी तक कोई भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) नहरों का निर्माण कार्य कराए बिना किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
छात्रों को स्मार्ट फोन का वितरण
[उच्च शिक्षा]
15. ( *क्र. 622 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले सत्र में प्रश्नकर्ता के प्रश्न के जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बावजूद कॉलेज छात्रों को अब तक उच्च गुणवत्ता वाले स्मार्ट फोन का वितरण क्यों नहीं हुआ? छात्रों को फोन कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे? (ख) क्या पिछले वर्षों में सरकार द्वारा वितरित स्मार्ट फोन की गुणवत्ता की जांच करा ली गई है? यदि हाँ, तो जांच की क्या रिपोर्ट आई है और उस पर सरकार ने क्या कार्यवाही की है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) सत्र जुलाई 2019 में प्रश्नकर्ता माननीय विधायक के प्रश्न क्र. 2804 के संदर्भ में स्मार्ट फोन की गुणवत्ता की जांच कराये जाने के संबंध में ''आपकी भावनाओं के अनुरूप होगा, जांच होगी'' का आश्वासन दिया गया था। जांच प्रतिवेदन वर्तमान में परीक्षणाधीन है, वर्तमान में स्मार्ट फोन वितरण के संबंध में समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण
[उच्च शिक्षा]
16. ( *क्र. 705 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार में कई वर्षों से सेवा दे रहे अतिथि विद्वान सरकार की नियमितीकरण वादाखिलाफी के कारण राजधानी भोपाल में कई महीनों से धरना दे रहे थे? (ख) क्या प्रदेश सरकार द्वारा फालन आउट कर लगभग 2700 से अधिक अतिथि विद्वानों को नियमितीकरण के बजाए बेरोजगार कर दिया है? (ग) क्या उमरिया में पदस्थ अतिथि विद्वान स्व. संजय कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन दोषी है? (घ) सरकार अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण की कार्यवाही कब तक पूर्ण करेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) अतिथि विद्वान अपनी विभिन्न मांगों के साथ धरना दे रहे हैं, परंतु नियमितीकरण वादाखिलाफी का प्रश्न वर्तमान में उपस्थित नहीं होता। (ख) विदित नियमानुसार नियमित पदस्थापना के उपरांत उक्त पद पर कार्यरत अतिथि विद्वान को फालन आउट किया गया है तथा फालन आउट अतिथि विद्वान को अन्य महाविद्यालय में रिक्त पद पर आमंत्रित करने की कार्यवाही सतत् है। अतः बेरोजगार किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रचलित नियमों एवं न्यायालयीन निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में परीक्षण एवं अभिमत के लिये प्रकरण कर्मचारी आयोग को प्रेषित किया गया है।
क्षिप्रा नदी को प्रदूषणमुक्त किया जाना
[जल संसाधन]
17. ( *क्र. 1012 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कान्ह का गंदा पानी राघौपिपलिया स्टॉप डेम से ओवरफ्लो होकर त्रिवेणी घाट से नरसिंह घाट, रामघाट, मंगलनाथ घाट, भैरवगढ़ पल से आगे तक प्रदूषित काला पानी फैलने का समाचार प्रकाशित हुआ था? इस मामले में कितने आई.ए.एस. अधिकारियों पर F.I.R. दर्ज हुई? (ख) किन-किन अफसरों के कार्यकाल में कान्ह डायवर्सन का कार्य किया गया और किस लापरवाही और उदासीनता के कारण आई.ए.एस. अफसरों पर F.I.R. हुई? (ग) क्या प्रश्न क्रमांक 1600, दिनांक 20.12.2019 में प्राप्त उत्तर के दृष्टिगत क्षिप्रा नदी के पानी के प्रदूषण में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है? क्या क्षिप्रा नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए सिंहस्थ 2016 को ध्यान में रखकर कोई प्रयास करने के लिए योजनाएँ नहीं चलाई गयी? यदि चलाई गयी तो प्रश्न दिनांक तक 5 वर्ष पूरे होने के बाद भी क्षिप्रा नदी प्रदूषण मुक्त क्यों नहीं हो रही है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ऑफलाईन/ऑनलाईन टेण्डर जारी करने की गाईड लाईन
[लोक निर्माण]
18. ( *क्र. 1377 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा ऑफलाईन और ऑनलाईन टेण्डर जारी करने की क्या गाईड लाईन है? क्या 2 लाख रूपये से अधिक राशि वाले कार्यों की ऑफलाईन निविदा जारी की जा सकती है? यदि हाँ, तो बतावें। (ख) क्या किसी विशेष ठेकेदार या स्वयं को लाभ दिये जाने की मंशा से कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग टीकमगढ़ संभाग टीकमगढ़ द्वारा संक्षिप्त निविदा आमंत्रण सूचना क्रमांक 12/2019-20/टे.लि. टीकमगढ़ दिनांक 01.02.2020 निविदा कार्य की लागत एक करोड़ बत्तीस लाख रूपये ऑफलाईन निविदा निकाली गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निविदा निर्धारित गाईड लाईन के अंतर्गत है अथवा नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित निविदा यदि निर्धारित गाईड लाईन के अंतर्गत नहीं है, तो इसके लिए कौन उत्तरदायी है तथा उत्तरदायी अधिकारी व कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। जी हाँ। म.प्र. शासन लो.नि.वि. मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 602/706/19/यो, दिनांक 13.02.2020 से अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 एवं 4 अनुसार है। ए.डी.बी. वित्त पोषित परियोजना एम.पी.डी.आर. II एस.पी. में ए.डी.बी. द्वारा ऑफलाईन निविदा आमंत्रण प्रक्रिया को अनुमोदित किया गया था। अत: ए.डी.बी. वित्त पोषित परियोजना एम.पी.डी.आर.II एस.पी. के अंतर्गत पैकेजों की निविदाएं ऑफलाईन आमंत्रित की जा रही हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अधिकारियों से राशि की वसूली
[लोक निर्माण]
19. ( *क्र. 314 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्रमांक 565, दिनांक 20.12.2019 के उत्तर में संलग्न प्रपत्रों में दी गई जानकारी में संभाग के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण बावत् वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक के दौरान कब-कब कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई, वर्षवार, मार्गवार विवरण देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण बावत् कार्यादेश संभाग के अंतर्गत किन-किन संविदाकारों एवं ठेकेदारों को अनुबंध की किन शर्तों पर दिये गये? (ग) प्रश्नांश (क) के उत्तर में संलग्न प्रपत्रों में जिन मार्गों के निर्माण बावत् प्राक्कलन तैयार कर वरिष्ठ कार्यालयों को भेजे जाने की जानकारी दी गई है, उनमें से कितने कार्य स्वीकृत किये गये? स्वीकृत उपरांत कार्यादेश कब, किन संविदाकारों को किन शर्तों पर कितने अवधि पर कार्य पूर्ण करने हेतु दिये गये? साथ ही संलग्न प्रपत्र अनुसार जिन संविदाकारों द्वारा समय पर कार्य पूर्ण नहीं किये उन किन संविदाकारों के ऊपर कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित की गई? प्रपत्रों में दी गई जानकारी अनुसार किन जिलों की कितनी रोडों/मार्गों की शिकायतें लंबित हैं, उन पर जांच उपरांत कार्यवाही की स्थिति क्या है? जांच की प्रति देते हुये बतावें। अगर जांच पूरी नहीं हुई तो उन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) अनुसार कार्यों की गुणवत्ता की जांच न करने, अनुबंध अनुसार कार्य न होने, मार्गों के क्षतिग्रस्त होने, मौके पर कार्य न कर फर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि आहरित करने एवं करवाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ','ब' एवं 'स' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। (घ) कोई अधिकारी जिम्मेदार नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लैक्सेस इण्डस्ट्री प्रायवेट लिमिटेड में उत्पादन विस्तार
[पर्यावरण]
20. ( *क्र. 1034 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित लैंक्सेस इण्ड.प्रा.लि. द्वारा उत्पादन विस्तार हेतु कोई प्रस्ताव पर्यावरण विभाग की मंजूरी हेतु दिया गया है? यदि हाँ, तो वर्तमान उत्पादन क्षमता से कितने प्रतिशत क्षमता का विस्तार प्रस्तावित है? (ख) उपरोक्त विस्तार से होने वाले जल प्रदूषण हेतु वर्तमान ई.टी.पी. की क्षमता को कितने प्रतिशत बढ़ाया जाना प्रस्तावित है? (ग) विस्तार से होने वाले वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु क्या उपाय किए जाने प्रस्तावित हैं? (घ) विस्तार से होने वाले खतरनाक अपशिष्ट की मात्रा में कितना-कितना विस्तार होगा तथा उसके निस्तारण की क्या व्यवस्था होगी? (ड.) विस्तार के कारण कितने स्थानीय नागरिकों को रोजगार मिलने की संभावना है? क्या यह संख्या वर्तमान में नियोजित संख्या के अनुसार किए जा रहे विस्तार समान अनुपात में है? यदि नहीं, तो शासन स्तर पर इस हेतु उद्योगों से कोई आश्वासन दिया गया है या लिए जाने का कोई प्रस्ताव है? (च) लैंक्सेस इण्ड. लिमि. में अत्यंत खतरनाक श्रेणी के रसायनों का निर्माण होता है और क्षमता विस्तार से नागदा एवं आस-पास के क्षेत्र में खतरा बढ़ने की संभावना के मद्देनजर विस्तार में क्या सावधानी रखने का प्रस्ताव है? (छ) विस्तारीकरण के कारण लगने वाली अतिरिक्त जल की मात्रा का प्रबंध किस प्रकार से किया जाना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) से (छ) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अटेर विधान सभा क्षेत्र में ग्राम/मजरे टोलों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
21. ( *क्र. 1856 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण हेतु राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, पं. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, फीडर विभक्तीकरण योजना, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत भिण्ड जिले की अटेर विधान सभा क्षेत्र में सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं? ग्राम/मजरे-टोले एवं उनमें कनेक्शनों की संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या अटेर विधान सभा क्षेत्र में सभी ग्राम/मजरों-टोलों में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि नहीं, तो इतनी योजनायें होने के उपरांत भी कितने ग्राम एवं उनके मजरे-टोले विद्युतविहीन हैं? संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने मजरे टोले हैं, जिनमें विद्युत लाईन बिछी है, लेकिन घरों में मीटर नहीं लगे हैं? ऐसे कितने मजरे टोले हैं, जिनमें विद्युत लाईन बिछी है, मीटर भी लगे हैं, लेकिन महीनों से विद्युत कनेक्शन नहीं किये हैं, फिर भी हर माह विद्युत के बिल भेजे जा रहे हैं? (तीनों केटेगिरी की ग्राम एवं मजरे-टोलेवार संख्यात्मक जानकारी दें) (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या उपरोक्त कारणों के लिये उपरोक्त योजनाओं में ठेकेदारों के द्वारा उपभोक्ताओं से अनैतिक मांग करना है या विभागीय उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री के द्वारा सही रूप से मॉनिटरिंग न करना है? इसके लिये कौन दोषी है? दोषी अधिकारी/कर्मचारी/ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, भिण्ड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण हेतु 11वीं एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, फीडर विभक्तीकरण योजना एवं प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के अंतर्गत प्रावधानित कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उक्त योजनाओं में प्रश्नाधीन क्षेत्र में विद्युतीकृत/सघन विद्युतीकृत किए गए ग्रामों/मजरों/टोलों की सूची एवं उनमें प्रदाय किये गये विद्युत कनेक्शनों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब', 'स', 'द' एवं 'ई' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अटेर विधानसभा क्षेत्र में सभी चिन्हित राजस्व ग्रामों/मजरों/टोलों का विद्युतीकरण विभिन्न योजनाओं में पूर्ण किया जा चुका है, किन्तु 27 नई बसाहटें खेतों में या आबादी से दूर स्थित होने के कारण विद्युतविहीन हैं। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में विभिन्न योजनाओं में सम्मिलित समस्त ग्रामों/मजरों/टोलों में दिये गये विद्युत कनेक्शनों पर मीटर लगाये गये हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर मीटर खराब होने/जलने/उपभोक्ता द्वारा निकाल लिये जाने के कारण निरीक्षण के दौरान मीटर स्थापित नहीं पाये जाने पर उन्हें बदलने/स्थापित करने की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया के तहत नियमित रूप से की जा रही है। प्रश्नांश में उल्लेखित अन्य बिन्दुओं संबंधी कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है और न ही इस संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई, अतः तत्संबंधी जानकारी निरंक है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नांश में उल्लेखित बिन्दुओं के संबंध में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता तथापि तत्संबंध में यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो जाँचोपरान्त नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जावेगी।
कटनी जिलांतर्गत संचालित महाविद्यालय
[उच्च शिक्षा]
22. ( *क्र. 1985 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में कहां-कहां, कौन-कौन से महाविद्यालय संचालित हैं? इनमें स्वीकृत संकाय व पद संरचना के तहत कौन-कौन से कितने पद भरे/रिक्त हैं? किन-किन महाविद्यालय में नियमित प्राचार्य पदस्थ नहीं हैं? रिक्त पदों की पद पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? महाविद्यालयवार पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांकित किन-किन महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं के बैठने के लिए पर्याप्त कमरे, संसाधन, लेब, पुस्तकालय, खेल सामग्री, अन्य बुनियादी सुविधाएं नहीं है एवं क्यों? इस संबंध में शासन की क्या योजना है? (ग) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान समय में किन-किन महाविद्यालयों में कौन-कौन सी कक्षाओं में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं? इन महाविद्यालयों के उन्नयन, विस्तारीकरण व नवीन संकाय खोलने तथा बहोरीबंद व स्लीमनाबाद में विज्ञान संकाय खोलने हेतु शासन ने क्या योजना बनाई है? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या शासन रीठी तहसील निवासियों की वर्षों पुरानी मांग के अनुरूप यहाँ पर शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) कटनी जिला अंतर्गत 10 शासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। सभी महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्य पदस्थ हैं। निश्चित समयावधि बताया जाना सम्भव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। सीमित संसाधनों के कारण सुविधाएं विकसित करने में कठिनाई है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन संकाय खोलने में कठिनाई है। (घ) जी नहीं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण नवीन महाविद्यालय खोलने में कठिनाई है।
रीवा सोलर पॉवर प्लांट से उत्पादित बिजली
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
23. ( *क्र. 1692 ) श्री संजय उइके : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा में विश्व का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट स्थापित है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इससे उत्पन्न हो रही बिजली राज्य को मिल रही है? (ग) यदि नहीं, तो उत्पादित बिजली का उपभोक्ता कौन है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी नहीं, अपितु रीवा परियोजना विश्व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। (ख) परियोजना से उत्पन्न बिजली राज्य को मिल रही है। (ग) परियोजना से उत्पादित 750 मेगावाट क्षमता बिजली में से 651 मेगावाट बिजली राज्य की विद्युत वितरण कंपनी की ओर से म.प्र. पॉवर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को तथा 99 मेगावाट बिजली दिल्ली मेट्रो कंपनी को विक्रय की जा रही है।
विकासखण्ड जवा अंतर्गत विद्युतीकरण कार्यों को पूर्ण किया जाना
[ऊर्जा]
24. ( *क्र. 832 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कारण है कि जवा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत घूमन, ग्राम पंचायत जनकहाई के सोनापोखर, ग्राम पंचायत बड़ाछ के झिन्ना एवं ग्राम पंचायत पटेहरा के लोहारन टोला में छूटे हुए स्थानों को चिन्हित कर प्रश्नकर्ता के कार्यालय के पत्र क्रमांक 782, दिनांक 16.07.2018 पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में चिन्हित स्थलों पर कब तक विद्युतीकरण कार्य करा दिया जावेगा? (ग) विद्युतीकरण कार्य में लगातार शिथिलता आने का क्या कारण है? विभाग के द्वारा जवा विकासखण्ड के समस्त ग्रामों का पुनः सर्वे करा कर छूटी हुई बस्तियों एवं टोलों मजरों में विद्युतीकरण कार्य कब तक कराया जा सकेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा प्रेषित पत्र क्रमांक 782, दिनांक 16.07.2018 में उल्लेखित ग्राम पंचायत घूमन के कैलाशपुरी नहीं अपितु ग्राम खांधू के बिछिया टोले में विद्युतीकरण का कार्य वन विभाग की अनुमति अपेक्षित होने के कारण अपूर्ण है। उक्त विद्युतीकरण कार्य हेतु 25 के.व्ही.ए. क्षमता के एक वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 1.30 कि.मी. निम्न दाब लाईन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, वन विभाग से अनुमति प्राप्त होने पर 0.28 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन का कार्य पूर्ण कर उक्त टोले का विद्युतीकरण किया जाना संभव हो सकेगा। ग्राम पंचायत घूमन के वार्ड क्रमांक 06 में निम्नदाब लाईन की केबिल दिनांक 15.07.2019 को जल गई थी, जिसे दिनांक 20.08.2019 को आवश्यक सुधार कार्य कर विद्युत प्रदाय सुचारू रूप से चालू कर दिया गया है। ग्राम पंचायत जनकहाई के सोनापोखर टोला में 0.30 कि.मी. निम्नदाब लाईन विस्तार का कार्य माह मई 2019 में पूर्ण कर 2 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। ग्राम पंचायत बड़ाछ के झिन्ना टोला में 1.0 कि.मी. 11 के.व्ही. लाईन विस्तार, 25 के.व्ही.ए. क्षमता के एक वितरण ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 0.30 कि.मी. निम्नदाब लाईन विस्तार का कार्य माह मई 2019 में पूर्ण कर 8 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। ग्राम पंचायत पटेहरा के लोहारन टोला में 1.50 कि.मी. निम्नदाब लाईन का विस्तार कार्य माह मई 2019 में पूर्ण कर 25 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। उक्तानुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्नाधीन पत्र पर कार्यवाही कर विद्युतीकरण कार्य करवाये गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार ग्राम पंचायत घूमन के ग्राम खांधू के बिछिया टोले में वन विभाग की अनुमति उपरान्त दिनांक 31.05.2020 तक कार्य पूर्ण किया जाना संभावित है तथा प्रश्नाधीन शेष चिन्हित स्थलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण करा दिया गया है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) में दर्शाए अनुसार माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा इंगित विद्युतीकरण के कार्य तत्परता पूर्वक किये गये/किये जा रहे हैं, अतः प्रश्न नहीं उठता। प्रश्नाधीन क्षेत्र में पूर्व में लागू योजनाओं के प्रावधानों/दिशा-निर्देशों के अनुरूप विद्युतीकरण के कार्य किये गये हैं तथापि जवा विकासखण्ड की अन्य नवीन निर्मित बसाहटों सहित संज्ञान में आए शेष आबाद क्षेत्रों में विद्युतीकरण का कार्य तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धतानुसार भविष्य में किया जायेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
परिसंकटमय अपशिष्ट का परिवहन
[पर्यावरण]
25. ( *क्र. 1973 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1631, दिनांक 20 दिसम्बर, 2019 के संदर्भ में बतावें कि बोर्डिया केमिकल्स का परिसंकटमय अपशिष्ट जिन उद्योगों, व्यापारियों तथा केरियर्स ट्रांसपोर्टस ने उठाया (दी गई सूची अनुसार) वह कानूनी रूप से वैध था तथा अनुमति प्राप्त कर उठाया था? यदि नहीं, तो परिसंकटमय अपशिष्ट उठाने वालों पर आपराधिक प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किया गया? (ख) प्रश्नाधीन परिसंकटमय अपशिष्ट से रतलाम शहर के कितने वार्ड, औद्योगिक क्षेत्र तथा कौन-कौन से गांव का भूमिगत जल प्रभावित है? प्रभावित कुल क्षेत्रफल तथा कुल जनसंख्या बतावें तथा जानकारी दें कि 7 गांव तथा 1442 हेक्टेयर जमीन का उल्लेख किस सर्वे पर किया गया वह दस्तावेज उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नाधीन अपशिष्ट का सुरक्षित तरीके से भंडारण किया गया है? यदि नहीं, तो उससे बीस वर्षों में मानव स्वास्थ्य, जमीन एवं पर्यावरण पर हुये प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) के प्रश्न अनुसार जिन्होंने अपशिष्ट उठाया उनका पता, उठाये गये अपशिष्ट की मात्रा, दिनांक तथा उपयोग किस उत्पाद में किया गया? आदि संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मेसर्स बोर्डिया केमिकल लि. का परिसंकटमय अपशिष्ट का परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर द्वारा बोर्ड से परिसंकटमय अपशिष्ट (प्रबंधन एवं हथालन) नियम-1989 यथा संशोधित नियम-2003 में परिसंकटमय अपशिष्ट ट्रांसपोर्ट करने हेतु पृथक से प्राधिकार प्राप्त करने का प्रावधान नहीं होने के कारण बोर्ड से प्राधिकार प्राप्त नहीं किया गया था इसलिये परिसंकटमय अपशिष्ट परिवहनकर्ताओं एवं उपयोगकर्ताओं पर पृथक से न्यायालयीन वाद दायर करने की आवश्यकता नहीं थी। (ख) मेसर्स बोर्डिया केमिकल लि. का कोई परिसंकटमय अपशिष्ट परिसर में विद्यमान नहीं है। प्रश्नाधीन उद्योग के आसपास के गांव के भूमिगत् जल स्त्रोत प्रभावित नहीं हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नाधीन मेसर्स बोर्डिया केमिकल लि. का परिसंकटमय अपशिष्ट दिनांक 22.05.2008 के पूर्व ही स्थल से उठाया जा चुका था, अतः वर्तमान में अपशिष्ट भण्डारित नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
ट्रांसफार्मर
क्षमता
वृद्धि के
संबंध में
[ऊर्जा]
1. ( क्र. 10 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं बरेली संभाग में कितने ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं? मांग अनुसार कितने ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त ट्रासंफार्मर लगाये जाना आवश्यक है तथा कब तक लगाये जायेंगे? (ख) अस्थायी पम्प कनेक्शनों को स्थायी पम्प कनेक्शन में परिवर्तित करने हेतु शासन की क्या-क्या योजनाये हैं तथा किसानों को इस हेतु क्या-क्या करना पड़ता है? रायसेन एवं बरेली संभाग में फरवरी 2020 की स्थिति में कितने अस्थायी पम्प कनेक्शन हैं? इनकों कब तक स्थायी कर दिया जायेगा? (ग) क्या रायसेन एवं बरेली संभाग में 48 फीडरों के विभक्तिकरण कार्य अपूर्ण तथा अप्रांरभ हैं? यदि हाँ, तो क्यों तथा उक्त कार्य कब तक पूर्ण होगा। (घ) रायसेन एवं बरेली संभाग में वोल्टेज समस्या के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) रायसेन वृत्त के अंतर्गत रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग में 24 एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग में 5 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभारित हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में आवश्यकतानुसार रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग में 12 एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग में 3 इस प्रकार कुल 15 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि तथा रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग में 12 एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग में 2 इस प्रकार कुल 14 अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्यों को अनुमोदित किया गया है। वित्तीय उपलब्धतानुसार ऐसे ही अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में प्रश्नाधीन नवीन वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना/विद्यमान वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमतावृद्धि का कार्य किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों में कोई भी पावर ट्रांसफार्मर अतिभारित नहीं है। (ख) अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने हेतु वितरण कंपनी द्वारा 45 मीटर की दूरी तक के अस्थाई पंप कनेक्शन के आवेदकों से 5 रू. आवेदन शुल्क की राशि प्राप्त कर, स्थाई कनेक्शन प्रदान किये जाते है। कनेक्शन प्रभार/सुरक्षा निधि की राशि रू. 1500/- एवं अनुबंध प्रभार की राशि रू. 500/- उपभोक्ता के प्रथम देयक में जोड़ दी जाती है। इस हेतु कृषकों को ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर निर्धारित आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करना होती है। फरवरी 2020 की स्थिति में संचालन एवं संधारण संभाग रायसेन में 1586 एवं संचालन एवं संधारण संभाग बरेली संभाग में 220 अस्थाई कृषि पंप कनेक्शन है। उक्तानुसार विद्यमान विद्युत लाईनों से 45 मीटर की परिधि वाले प्रकरणों में कृषकों से आवेदन प्राप्त होने पर तकनीकी साध्यता एवं आवेदक द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने पर स्थाई पंप कनेक्शन प्रदान करने की कार्यवाही की जा सकेगी। जिन अस्थाई पंप कनेक्शनों को स्थाई करने में लाईन विस्तार आवश्यक है, उनके कार्य कृषक स्वयं का ट्रांसफार्मर योजना (OYT) के अंतर्गत ऑनलाईन पोर्टल पर आवेदन कर, लाईन विस्तार का कार्य नियमानुसार स्वयं संपादित करवा सकते हैं। उक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन अस्थाई पम्प कनेक्शनों को स्थाई पंप कनेक्शन में परिवर्तित करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों में पूर्व में 48 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य अपूर्ण/अप्रारंभ था वर्तमान में इनमें से 1 फीडर का कार्य दिनांक 11.12.2019 को पूर्ण हो चुका है तथा 19 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य प्रगति पर है जिसे शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास है। शेष 28 फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य वित्तीय उपलब्धता अनुसार किया जा सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों के अंतर्गत वोल्टेज समस्या के निराकरण हेतु प्रश्नाधीन क्षेत्र में 132/33 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना, 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना एवं 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्रों में 11 के.व्ही. केपेसिटर बैंक की स्थापना तथा कैपेसिटर बैंकों की क्षमता वृद्धि के कार्य कराए गए हैं, जिनका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
वन अनुमति एवं विद्युत पोल की समस्या
[लोक निर्माण]
2. ( क्र. 11 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में लोक निर्माण विभाग एवं एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा स्वीकृत किन-किन सड़कों, पुलों तथा अन्य कार्यों में वन विभाग की अनुमति तथा विद्युत तार एवं पोल हटवाने की समस्या है? (ख) उक्त कार्य स्वीकृत दिनांक से प्रश्न दिनांक तक उक्त समस्याओं के निराकरण हेतु प्रबंध संचालक एम.पी.आर.डी.सी. एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग तथा विभाग के अन्य अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? किन-किन अधिकारियों से कब-कब पत्र व्यवहार किया? (ग) प्रश्नांश (क) की समस्याओं के निराकरण के संबंध में विगत एक वर्ष में रायसेन जिले के किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र कब-कब मान.मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब मिले तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वन विभाग की अनुमति तथा विद्युत तार एवं पोल हटवाने की क्या प्रक्रिया है तथा इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 1 एवं 2 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
बीना नदी संयुक्त परियोजना
[जल संसाधन]
3. ( क्र. 44 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले की बीना संयुक्त सिंचाई परियोजना में किन-किन कार्यों की निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है? उक्त कार्यों की फरवरी 2020 तक में क्या स्थिति है? (ख) उक्त परियोजना का किसानों द्वारा विरोध क्यों किया जा रहा है? किसानों की क्या-क्या मांगें हैं? किसानों की मांगें शासन द्वारा क्यों नहीं मानी जा रही है? इसमें क्या-क्या कठिनाईयां है? (ग) उक्त परियोजना में रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों तथा बेगमगंज शहर की कितनी-कितनी भूमि डूब में आयेगी? किसानों को किस दर से मुआवजा राशि दी जायेगी? (घ) उक्त परियोजना से रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों की कितनी भूमि सिंचित होगी तथा समूह जलप्रदाय योजना के माध्यम से किन-किन ग्रामों में पीने के पानी की व्यवस्था की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) किसानों की कृषि भूमि एवं अन्य परिसंपत्तियों के डूब से प्रभावित होने के कारण। मांगों का सार संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। किसानों की मांगें शासन आदेशों एवं प्रचलित नियमानुसार नहीं होने के कारण उनकी मांगें माना जाना संभव नहीं है। (ग) परियोजना अंतर्गत मढि़या बांध से प्रभावित डूब क्षेत्र का विस्तृत सर्वेक्षण नहीं हो पाने के कारण प्रश्नांश की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। डूब प्रभावित किसानों को ''भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिनियम 2013'' के तहत विभिन्न ग्रामों की नियमानुसार गणित दर से मुआवजा राशि दिया जाना प्रावधानित है। (घ) परियोजना के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन अनुसार रायसेन जिले के किसी भी ग्राम की कोई भी भूमि परियोजना से सिंचित होना प्रस्तावित नहीं है। परियोजना प्रतिवेदन में पेयजल हेतु 43 मि.घ.मी. जल का प्रावधान है। समूह जल प्रदाय योजना के माध्यम से पीने के पानी की व्यवस्था लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी/जल निगम द्वारा की जाने से ग्रामों की जानकारी विभाग द्वारा दी जाना संभव नहीं है।
स्वीकृत सड़कों एवं पुलों की निविदा आमंत्रण
[लोक निर्माण]
4. ( क्र. 45 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य बजट एवं अनुपूरक बजट में स्वीकृत सड़कों एवं पुलों की निविदा आमंत्रण के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है उनकी प्रति दे तथा किस-किस अधिकारी को क्या-क्या अधिकार है? (ख) रायसेन जिले में वर्ष 2015-16 से दिसम्बर 18 तक स्वीकृत किन-किन सड़कों तथा पुलों के कार्य क्यों अप्रारंभ है सड़कवार कारण बताये क्या यह सत्य है कि अधिकांश कार्य निविदा आमंत्रण न होने के कारण अप्रारंभ है यदि हां, तो क्यों? (ग) रायसेन जिले में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन जिले में कहाँ-कहाँ सड़कें एवं पुल स्वीकृत किये गये उक्त स्वीकृत कार्यों में से किन-किन की निविदा कब-कब आमंत्रित की गई तथा क्यों एवं प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत कार्यों की निविदायें क्यों आमंत्रित नहीं की गई कारण बतायें? (घ) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत सड़कों की निविदा आमंत्रण के संबंध में मान. मंत्री जी एवं प्रमुख सचिव, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए है तथा उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता विधायक को कब-कब अवगत कराया गया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1', अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 3, 4 एवं 5 अनुसार है।
सड़कों को बजट में सम्मिलित कर निर्माण कराया जाना
[लोक निर्माण]
5. ( क्र. 89 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग अंतर्गत आने वाले मार्गों तथा डीघी से खिरवाखुर्द, बकेली से सिघनपुरा, टीकर से खजुरा मार्गों का निर्माण विगत 20-25 वर्षों से नहीं कराया गया है? (ख) क्या कटनी जिले के विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग अंतर्गत मार्ग इटौरा से घुड़हर, पथरहटा से चहला टोला एवं खिरवा से चहला टोला, बिल्हा नाला (बरही मार्ग) से बुजबुजा, रोहनिया से गोइंदरा होकर नड़ेरी, करौंदिया (नन्हवारा) से गौरहा होकर जिजनौड़ी मार्गों का निर्माण भी प्रश्नांश (क) वर्षों से नहीं कराया गया है? (ग) क्या कैमोर झुकेही रोड एवं विजयराघवगढ़ खरखरी रोड को आपस में जोड़ने का कार्य भी प्रश्नाधीन वर्षों में नहीं कराया गया? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) यदि हाँ, तो किन-किन विभागों के अंतर्गत ये सड़कें आती हैं? प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाली इन सड़कों को निर्माण न किये जाने के लिए कौन-कौन दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) क्या प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग द्वारा इन प्रमुख सड़कों के प्राक्कलन तैयार कराकर वर्ष 2020-21 के बजट में सम्मिलित कर प्रश्नाधीन सड़कों का निर्माण कराया जायेगा? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विभाग के अंतर्गत आने वाले मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। डीघी से खिरवाखुर्द, बकेली से सिघनपुरा, टीकर से खजुरा मार्गों विभाग के अधीन नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधीन है उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित मार्ग विभाग के अधीन नहीं है, अपितु म.प्र. ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अधीन है उनसे प्राप्त उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) कैमारे झुकेही मार्ग एवं विजयराघवगढ़ खरखरी मार्ग को आपस में जोड़ने हेतु नन्हवाराकला होकर लम्बाई 4.00 कि.मी. का मार्ग का नवीनीकरण का कार्य वर्ष 2017-18 में कराया गया। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 1 अनुसार है। कोई दोषी नहीं, कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। (ड.) प्रश्नांश 'क', 'ख' में वर्णित मार्ग नई सड़कें विभाग के अधीन नहीं है, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विभाग के अधीन मार्गों के निर्माण हेतु उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार निर्णय लिया जा सकेगा। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
परियट नदी के रपटा पर पुल निर्माण
[लोक निर्माण]
6. ( क्र. 130 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 20-12-2019 के प्रश्न क्रमांक 18 में प्राप्त उत्तर के अनुसार पनागर बेलखाडू सड़क के साथ परियट नदी पर स्वीकृत पुल का कार्य किस कंसल्टेंट की किस प्रकार की अनुशंसा पर किस सक्षम अधिकारी द्वारा किस दिनांक को निष्पादित अनुबंध से विलोपित किया गया है? (ख) क्या विभाग द्वारा किसी तकनीकी विशेषज्ञ से स्थल का परीक्षण कराया है? यदि हाँ, तो किससे, कब कराया गया और क्या पाया गया है? (ग) क्या माननीय मंत्री जी द्वारा प्रश्नांश (ख) के आधार पर अपनी सहमति से विलोपित किया गया है? (घ) क्या वर्षा ऋतु में रपटा जलमग्न होने पर यातायात सुचारू रूप से चल सकता है? यदि नहीं, तो पुल का निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मेसर्स आरव्ही एसोसियेटस आर्किटेक्ट्स इंजीनियर्स एण्ड कंसल्टेंट प्रा.लि. हैदराबाद की अनुशंसा पर मुख्य अभियंता (एन.डी.बी.) एम.पी. आर.डी.सी. भोपाल द्वारा दिनांक 31.12.2018 को विलोपित किया गया है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। मान. मंत्रीजी की सहमति आवश्यक नहीं। (घ) जी नहीं। परियोजना के अंतर्गत किये गये प्रावधान एवं तकनीकी कारणों से लागत वृद्धि एवं अनुबंध में वेल अथवा पाइल फाउंडेशन हेतु आवश्यक आइटमों का समावेश न होने, ठेकेदार द्वारा अनुबंधित दरों पर कार्य करने हेतु तैयार न होने के कारण पुल निर्माण कार्य नहीं किया जा रहा है।
मरम्मत कार्य की जाँच
[लोक निर्माण]
7. ( क्र. 140 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह अंतर्गत दमोह-हटा-गैसावाद मार्ग लम्बाई 62.66 किमी कब कितनी राशि से किस कार्य एजेंसी के द्वारा निर्मित की गई थी? क्या वर्तमान में मार्ग की स्थिति जर्जर होने के कारण आवागमन योग्य नहीं है, क्या मार्ग की मरम्मत हेतु रूपये 29.04 लाख की राशि मेसर्स कलश इण्टरप्राईजेज भोपाल को दिनांक 05.01.19 को जारी की गयी थी? मरम्मत में व्यय राशि के बिल-व्हाऊचरों का विवरण व मूल्यांकनकर्ता अधिकारी के नाम सहित जानकारी बतायें। (ख) क्या कार्य एजेंसी के द्वारा उक्त लागत से जो मरम्मत कार्य कराया जाना था वह नहीं कराया गया है, जिसकी शिकायत प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर दमोह को की गई थी? यदि हाँ, तो उच्च स्तरीय जाँच कराकर संबंधित कार्य एजेंसी पर कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) विधानसभा क्षेत्र हटा जिला दमोह में कुछ मार्ग विहीन ग्रामों जैसे- रनेह -कौशलपुर मार्ग, मांदो-चंदेना, खमरियाकलांर-भटदेवा मार्ग, शिवपुर-पुरानाखेडा मार्ग ऐसे 28 मार्ग का कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं मार्ग आवागमन योग्य है, मार्ग के मरम्मत हेतु रू. 29.04 लाख की स्वीकृति दी गई है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं, मरम्मत कार्य कराया गया, कलेक्टर को की गई शिकायत इस कार्यालय के संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) 28 मार्गों में से सीमित वित्तीय संसाधन होने से स्वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है। अत: कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
जलाशयों/स्टापडेम का निर्माण
[जल संसाधन]
8. ( क्र. 141 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त कितने जलाशय/स्टापडेम हैं जिनका कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? नामवार, पतावार, राशिवार जानकारी उपलब्ध करायी जावे। (ख) विगत 1 या 2 वर्ष बीत जाने के उपरांत हटा विधान सभा क्षेत्र के स्टापडेम व जलाशयों का कार्य क्यों प्रारंभ नहीं किया गया? हटा विधानसभा क्षेत्र के जलाशयों की जो नहरें क्षतिग्रस्त हैं, किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है? उनकी मरम्मत कब तक करायी जावेंगी? हटा नगर के पास शक्ति सागर जलाशय जो कि वर्ष 2008 में स्वीकृत किया गया था एवं प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई थी, उसका कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विगत 02 वर्षों में हटा विधानसभा क्षेत्र में कोई भी स्टापडेम/जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई, अतः कार्य प्रांरभ किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। हटा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत निर्मित जलाशयों की क्षतिग्रस्त नहरों का सुधार/मरम्मत कार्यजल उपभोक्ता संथाओं के माध्यम से कराते हुए कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाना प्रतिवेदित है। जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ। कृषकों द्वारा मा. न्यायालय में याचिका लगाये जाने तथा डूब क्षेत्र निर्धारित मापदंड 20 प्रतिशत से अधिक होने (कमांड क्षेत्र का 37.75 प्रतिशत) एवं परियोजना की वर्तमान लागत रू.08.00 लाख प्रति हेक्टर होने से परियोजना तकनीकी मापदंड पर असाध्य है। अत: कार्य प्रांरभ कराया जाना संभव नहीं है।
निर्मित पुल के एप्रोच का कार्य पूर्ण किया जाना
[लोक निर्माण]
9. ( क्र. 166 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र में देहरदा-ईसागढ़ मार्ग पर ग्राम पचावली में सिंध नदी के ऊपर मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है अथवा नहीं? क्या उक्त पुल के एप्रोच का कार्य भी पूर्ण हो चुका है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों व किस कारण से कार्य पूर्ण नहीं हो सका? निविदा शर्तों के अनुसार उक्त मार्ग तथा पुल का निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने हेतु क्या अवधि निर्धारित की गई थी तथा निर्माण कार्य किस दिनांक को प्रारंभ किया गया था? ठेकेदार द्वारा पुल के एप्रोच निर्माण में की जा रही लापरवाही हेतु विभाग कब तक ठोस कार्यवाही करेगा? उक्त सड़क सहित सम्पूर्ण निर्माण कार्य की लागत राशि का भी उल्लेख करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या देहरदा-ईसागढ़ मार्ग पर बना यह पुल शिवपुरी-अशोकनगर जिलों के यात्री परिवहन को जोड़ता है? क्या बारिश के दिनों में सिंध नदी में अत्यधिक पानी होने पर वर्तमान में चालू पुराने पुल के ऊपर पानी आ जाने से उक्त मार्ग अवरूद्ध हो जाता है जिसके फलस्वरूप शिवपुरी-अशोकनगर जिलों का सम्पर्क टूट जाता है? यदि हाँ, तो ऐसे महत्वपूर्ण पुल का निर्माण कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा तथा पुल यात्रियों के आवागमन हेतु प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। एप्रोच निर्माण हेतु (लंबाई 900 मी) भू-अर्जन किया गया था। अर्जित भूमि पर लगभग 150 मीटर लंबाई में कुछ व्यक्तियों के मकान बने हुये है। यह कब्जा हटाया जाना शेष है। इसके साथ ही शेष उपलब्ध (750 मीटर) भूमि पर एप्रोच निर्माण में कंसेशनायर द्वारा विलंब किया जा रहा है। इस कारण एप्रोच का निर्माण नहीं हो सका है। निविदा शर्तों के अनुसार उक्त मार्ग एवं पुल निर्माण की अवधि दिनांक 18.10.2013 निर्धारित थी। भू-अर्जन में विलंब के कारण कंसेशनायर को दिनांक 31.03.2019 तक समयवृद्धि प्रदान की गई थी। सड़क निर्माण का कार्य दिनांक 19.11.2011 से प्रारंभ किया गया था। मुख्यालय कार्यालय म.प्र. सड़क विकास निगम भोपाल में इस संबंध में आयोजित विशेष बैठक दिनांक 03.03.2020 में कंसेशनायर को एप्रोच का कार्य उपलब्ध भूमि पर शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिये गये हैं निर्माण कार्य की लागत राशि रूपये 50.57 करोड़ है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। पुल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। एप्रोच का कार्य शीघ्र प्रांरभ करने हेतु कंसेशनायर को निर्देशित किया गया हैं। एप्रोच का कार्य पूर्ण होने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। एप्रोच के निर्माण पश्चात पुल आवागमन हेतु प्रारंभ किया जावेगा।
शासकीय आई.टी.आई. भवन का निर्माण
[लोक निर्माण]
10. ( क्र. 169 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ आई.टी.आई भवन पी.आई.यू. के सुपर विजन में निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो निर्माण एजेंसी का नाम बताते हुऐ शासन को सौंपने का दिनांक बताए? (ख) यदि हाँ, तो आई.टी.आई. भवन का पीरियोडिकल मेंन्टेनेंस किसके द्वारा किया जाना था? मेंन्टेनेंस करने वाली संस्था तथा सुपरविजन करने वाले अधिकारी का पद नाम तथा किये गये कार्य की जानकारी दिनांक सहित दें। (ग) क्या राजगढ़ आई.टी.आई. भवन वर्तमान में लोक निर्माण विभाग के मापदण्ड़ों अनुरूप समस्त अर्हताएं पूर्ण करता है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। मेसर्स शशीन कंस्ट्रक्शन, अहमदाबाद (गुजरात) द्वारा निर्माण कार्य किया गया। उक्त कार्य दिनांक 30.04.2015 तक पूर्ण कर सम्बंधित विभाग को दिनांक 14.10.2015 को सौंपा गया। (ख) जी नहीं। अत: शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) भवन कार्य लोक निर्माण विभाग में प्रचलित स्पेसिफिकेशन अनुसार ही पूर्ण कराया गया था।
लंबित सिंचाई परियोजना
[जल संसाधन]
11. ( क्र. 174 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ अन्तर्गत जल परियोजनाओं की साध्यता हेतु जल संसाधन विभाग राजगढ़ द्वारा ऑनलाईन प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है तथा क्या प्रश्नकर्ता ने भी पत्र क्र. 2261 दिनांक 09.12.2019 को माननीय मंत्री महोदय जल संसाधन को पत्र प्रेषित किया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जल संसाधन विभाग राजगढ़ द्वारा प्रेषित ऑनलाईन प्रस्ताव तथा प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र के आधार पर शासन राजगढ़ विधान सभा की 14 सिंचाई परियोजनाओं की साध्यता की स्वीकृति कर सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण करने संबंधी आवश्यक आदेश कर देगा? हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विभाग में लघु सिंचाई परियोजनाओं की फिजीबिलिटी रिपोर्ट विभागीय वेब साइट में अपलोड करने की व्यवस्था है। जी हाँ। (ख) राजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत साध्यता प्राप्त लघु सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष परियोजनाओं की साध्यता स्वीकृति का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
जे.सी.बी का करोड़ों रूपये का किराये का भु्गतान
[लोक निर्माण]
12. ( क्र. 202 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग रीवा के अंतर्गत आने वाले किन-किन अधीक्षण यंत्री कार्यालयों एवं कार्यपालन यंत्रियों (बी एण्ड आर) तथा कार्यपालन यंत्री (पी.आई.यू) के द्वारा दिनांक 01.04.2018 से प्रश्नतिथि के दौरान जे.सी.बी. मशीन/ट्रेक्टर-ट्रालियों/चार-छ:-आठ-दस पहिया वाहनों/अन्य किराये पर ली गई मशीन/वाहनों का कितना-कितना भुगतान किस-किस नाम/फार्म/अन्य को किया गया? भुगतान की गई राशि की/मशीन या वाहन वार/फार्मवार/नामवार/माहवार/वर्षवार/किरायावार की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार एवं कार्यपालन यंत्रियों के कार्यालयों के द्वारा किस-किस स्थान पर, कब से कब तक, क्या-क्या कार्य करने के लिये राशि व्यय की गई? किराये पर ली गई मशीनरी/वाहनों के लिए कब-कब निविदायें किन-किन अखबारों में प्रकाशित कराई गई? विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार कार्यपालन यंत्रियों (बी.एण्ड आर) एवं (पी.आई.यू.) ने किस-किस नाम/फार्म/अन्य को किराये की मशीनरी/वाहनों के लिए वर्क आर्डर जारी किये? सभी वर्ग आर्डरों का विवरण देवें। (घ) क्या प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग एवं प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रश्नांश (क) एवं (ख) में हुये भुगतान को वैध मानते है कि अवैध?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं परियोजना क्रियान्वयन इकाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा परियोजना क्रियान्वयन इकाई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
अवैध कालोनियों में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
13. ( क्र. 225 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विद्युत विभाग द्वारा वर्ष 2019 में ग्वालियर के स्थानीय समाचार पत्रों में 109 अवैध कालोनियों की जानकारी का विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया था? (ख) क्या अवैध कालोनियों में विद्युत आपूर्ति/व्यवस्था हेतु प्रकाशित विज्ञापन में लेख किया गया था कि सांसद, विधायक निधि से, राज्य मद व केन्द्र की लोक कल्याणकारी मद से यह व्यवस्था की जा सकती है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा क्षेत्र की गुलाबपुरी, सांईनगर, शीतलापुरम आदि की विद्युत व्यवस्था हेतु अपनी निधि से कराये जाने हेतु विद्युत विभाग को प्रस्ताव भेजे थे? यदि हाँ, तो कब-कब और किस-किस दिनांक को? उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, जनहित याचिका क्रमांक 11977/2019 - महेन्द्र सिंह भदौरिया विरुद्ध म.प्र. शासन व अन्य में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर द्वारा पारित आदेश दिनांक 30.09.2019 के परिपालन में ग्वालियर शहर की 109 नहीं अपितु 106 अवैध कॉलोनियों में म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के विनियम (पुनरीक्षण प्रथम) 2009 (आर.जी. 31 (I) ) एवं विद्युत प्रदाय संहिता 2013 के अनुक्रम में समाचार पत्रों में अवैध कॉलोनियों की जानकारी का विज्ञापन प्रकाशित करवाया गया था। (ख) जी हाँ, म.प्र. विद्युत नियामक आयोग के विनियम (पुनरीक्षण प्रथम) 2009 (आर.जी 31 (1) ) की कंडिका 4.5.1 एवं 4.5.2 के प्रावधान अनुसार माननीय सांसद/विधायक निधि अथवा भारत सरकार/म.प्र. शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं के मद में आवंटित राशि से अवैध कॉलोनियों में सुरक्षात्मक विद्युतीकरण हेतु अधोसंरचना निर्मित करने बाबत् लेख उक्त प्रकाशित विज्ञापन में किया गया था। (ग) जी हाँ, माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्र हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्रेषित प्रश्नाधीन प्रस्तावों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामों में रायरू डिस्टलरी के प्रदूषण से उत्पन्न स्थिति
[पर्यावरण]
14. ( क्र. 227 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला ग्वालियर ग्राम पंचायत मिलावली क्षेत्रान्तर्गत रायरू डिस्टलरी स्थापित होने के कारण वहां से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों से क्षेत्र में वायु, मुद्रा व जल पूरी तरह प्रदू्षित हो चुका है? (ख) क्या जिला ग्वालियर अंतर्गत संचालित रायरू डिस्टलरी के कारण क्षेत्रीय किसानों की उपजाऊ भूमि बंजर होने के साथ-साथ आस-पास क्षेत्रीय निवासी बीमार हो रहे हैं व पालतू मवेशियों/पशु व पक्षियों द्वारा दूषित पानी पीने के कारण मौत के मुंह में जा रहे हैं विगत कुछ समय में ही राष्ट्रीय पक्षी मोरों की मौत रायरू डिस्टलरी के प्रदूषित पानी पीने के कारण हुई है? (ग) रायरू डिस्टलरी के प्रदूषण के कारण आस-पास के किसान अपनी खेती सस्ते दामों में बेचने को मजबूर हो रहे हैं उस जमीन को रायरू डिस्टलरी फैक्ट्री के मालिक द्वारा बहुत ही सस्ते दामों में खरीदा जाने के कारण क्षेत्रीय निवासियों के पलायन की स्थिति निर्मित हो रही है? क्या क्षेत्रीय निवासियों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु सरकार द्वारा फैक्ट्री बंद करने हेतु कोई कार्यवाही की गई? अथवा नहीं? (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी को उक्त संबंध में दिनांक 11.11.2019 को पत्र लिखा गया था? पत्र पर की गई कार्यवाही की जानकारी बतायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्गों के निर्माण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 242 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 603 दिनांक 20.12.2019 के प्रश्नांश (ग) के उत्तर में बताया गया है कि गुणवत्ता की जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है तो क्या जाँच की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो इसके विलम्ब के लिये उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) दोनों निर्माणाधीन सड़कों में प्रश्न दिनांक तक कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है? प्रश्न दिनांक तक ठेकेदार को कुल कितना भुगतान किया गया? (ग) दोनों निर्माणाधीन सड़कों में कार्यरत श्रमिकों की सूची, उनके पी.एफ. व ई.एस.आई. कटौत्रे की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) निर्माणाधीन मार्गों में कार्यरत श्रमिकों के सूची उनके पी.एफ. एवं ई.एस.आई. कटौत्रों की जानकारी का संधारण विभाग के द्वारा नहीं किया जाता है। अनुबंधित एजेन्सी से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शासकीय महाविद्यालय झारड़ा के भवन निर्माण के लिए भूमि आवंटन
[उच्च शिक्षा]
16. ( क्र. 243 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 611 दिनांक 20.12.2019 के उत्तर में बताया गया है कि अपर कलेक्टर न्यायालय उज्जैन ने पत्र क्रमांक टी.एल./1071/रीडर/अपर कलेक्टर/19, दिनांक 01.11.2019 द्वारा एस.डी.एम. महिदपुर एवं प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय झारड़ा को महाविद्यालय के लिये भूमि आवंटन की प्रक्रिया तत्काल करने हेतु पत्र लिखकर कार्यवाही की है? तो क्या भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है? (ख) यदि हां, तो जानकारी उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो भूमि आवंटन की कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जावेगी? (ग) इसके विलम्ब के लिये दोषी उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। (ख) महाविद्यालय भवन हेतु चिन्हांकित भूमि के आवंटन की कार्यवाही हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मुख्य अभियंता जबलपुर के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की जाँच
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 270 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एम.पाण्डे दमोह नाका द्वारा मुख्य अभियंता जबलपुर द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से संबंधित 6 पृष्ठ की शिकायत की गई है जो कि कम्पनी कार्यालय में दिनांक 25/1/2020 में पावती पुस्तिका में दर्ज है। हाँ/नहीं, हाँ तो उक्त शिकायत का बिन्दुवार प्रतिवेदन दें? (ख) इनके विरूद्ध जो पुरानी जाँच 3 सदस्यीय समिति द्वारा किया जाना बताया गया था उस जाँच का प्रतिवेदन दें तथा अभी तक जाँच नहीं होनें का कारण स्पष्ट करें। उत्तरदायी के विरूद्ध अभी तक दण्डात्मक कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या माननीय विधायक डिंडौरी द्वारा मण्डला एवं डिंडौरी जिले की सौभाग्य योजना में भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी एवं उक्त शिकायत पर मुख्य अभियंता जबलपुर एवं मुख्य महाप्रबंधक मानव संसाधन/प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। क्या इसी प्रकार अधीक्षण यंत्री कटनी ने अपने अधीनस्थ द्वारा एक परिसर में दो उच्च दाब कनेक्शन देकर उपभोक्ता को लाभ पहुंचाने एवं कम्पनी को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से कनेक्शन देने के उद्देश्य से मुख्य अभियंता को शिकायत की गई थी इस शिकायत में मुख्य अभियंता द्वारा क्या कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो इनके विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित अहस्ताक्षरित शिकायत प्राप्त हुई है। उक्त शिकायत म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र क्रमांक 240 दिनांक 30.01.2020 द्वारा जाँच समिति को जाँच हेतु सौंपी गयी। जाँच समिति द्वारा पत्र क्रमांक मु.म.प्र./ग्रा.परि./जाँच/254 दिनांक 29.02.2020 से जाँच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। जाँच समिति द्वारा जाँच प्रतिवेदन में लिखा गया कि, शिकायतकर्ता श्री सीएम पाण्डे, दमोह नाका, जबलपुर के शिकायत पर हस्ताक्षर नहीं हैं एवं पत्र व्यवहार का पूर्ण पता भी नहीं है। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के परिपत्र क्रमांक प्र.सं./पूर्व क्षेत्र/मुमप्र (मा.संसा. एवं प्रशा.) VIP- 321-2014/7861 दिनांक 15.12.2014 तथा सामान्य प्रशासन विभाग, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल के पत्र क्र. एफ.11-40/2014/01/09 दिनांक 20.11.2014 में दिये गये निर्देशानुसार गुमनाम, अहस्ताक्षरित, बिना पता लिखी शिकायतों पर कार्यवाही न करते हुये नस्तीबद्ध किया जाना है। अत: समिति द्वारा उक्त निर्देशों के तारतम्य में शिकायत जाँच योग्य नहीं पाई गई। (ख) समस्त विद्युत अधिमणी एवं कर्मचारी जबलपुर की ओर से अध्यक्ष एम.पी.पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, जबलपुर को संबोधित शिकायत जो कि श्री रामकुमार राठौर, 34, नयागांव रामपुर जबलपुर द्वारा प्रेषित की गई है, में श्री प्रकाश दुबे मुख्य अभियंता (ज.क्षे.) जबलपुर के विरूद्ध कार्यों में अनियमितता, अवैध वसूली, सरकारी संसाधनों का दुरूपयोग एवं अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रताड़ित करने संबंधी शिकायत दिनांक 21.06.2019 को प्राप्त हुई थी। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर के आदेश क्र. 5366-67 दिनांक 10.07.2019 द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन कर जाँच सौंपी गई। जाँच उपरांत उक्त जाँच समिति के पत्र क्र. मुमहा (आरपी)/जाँच समिति/253 दिनांक 29.02.2020 द्वारा जाँच प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। उक्तानुसार जाँच पूर्ण हो चुकी है, अत: जाँच नहीं किये जाने जैसी स्थिति नहीं होने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है। (ग) जी नहीं तथापि मंडला एवं डिंडौरी जिले में सौभाग्य योजना अंतर्गत किये गये विद्युतीकरण कार्यों में अनियमितताओं संबंधी प्राप्त शिकायतों की जाँच, जाँच समिति गठित कर कराई गयी है एवं प्राप्त अंतरिम प्रतिवेदन के आधार पर दोषी पाए गए अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की गयी है। अधीक्षण यंत्री कटनी द्वारा कार्यपालन अभियंता कटनी श्री नीरज कुचया द्वारा एक परिसर में दो उच्च दाब कनेक्शन देकर उपभोक्ता को लाभ पहुँचाने एवं कंपनी को क्षति पहुँचाने संबंधी अनियमितता हेतु अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव मुख्य अभियंता जबलपुर को भेजा गया था। मुख्य अभियंता जबलपुर द्वारा श्री नीरज कुचया के विरूद्ध आरोप पत्र, पत्र क्रमांक 1571 दिनांक 02.03.2020 द्वारा जारी किया गया है।
श्रमिकों की जानकारी
[श्रम]
18. ( क्र. 315 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 564 दिनांक 20.12.2019 के प्रश्नांश (घ) में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 5 अनुसार जिन मृतक श्रमिकों के नाम दिये गये है उनमें से अधिकाश: प्रकरणों का लंबित होना बताया गया है, इन लंबित प्रकरणों की वर्तमान में क्या स्थिति है? इनमें से कितने का निराकरण कर श्रमिकों को लाभांवित किया गया? साथ ही उल्लेखित अधिनियमों का पालन कर क्षतिपूर्ति की राशि नियमानुसार न देकर कम देना बताया गया है? क्या इन पर पुन: विचार कर क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में अधिकांश श्रमिकों को अर्धकुशल एवं ठेकेदारी प्रथा पर कार्य करने की जानकारी प्रश्न क्र. 564 दिनांक 20.12.2019 के संलग्न परिशिष्टों में दी गई है, इन श्रमिकों को नियमितीकरण एवं कुशल श्रमिक व उच्च कुशल श्रमिक बनाया जाने बाबत्। विधि प्रक्रिया अपनाकर इनको लाभांवित कर क्या उच्च वेतनमान निर्धारित करेंगे तो कब तक? साथ ही इन श्रमिकों के नियमितीकरण बाबत् क्या कार्यवाही करेंगे एवं कब तक संलग्न परिशिष्ट के कर्मचारियों का नियमितीकरण कर नियमित वेतन एवं अन्य सुविधायें दिलायेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) में उल्लेखित तथ्यों एवं नियमों एवं अधिनियमों का पालन न करने श्रमिकों को नियमितीकरण न करने, ठेके पर श्रमिकों को शोषण करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं? इन पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं श्रमिकों के हित में अधिनियमों का पालन कर शोषण बन्द कराने बाबत् क्या विधि प्रक्रिया व आदेश निर्देश जारी करेगे? अगर नहीं तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) प्रश्नांक क्रमांक 564 दिनांक 20/12/2019 के प्रश्नांक (घ) में संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित लंबित प्रकरण दुर्घटना के फलस्वरूप कारखाना अधिनियम, 1948 एवं सहपठित नियमों में पाये गये उल्लंघनों के संबंध में कारखाना अभियोगी एवं प्रबंधक के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में दायर किये गये है जो वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। क्षतिपूर्ति संबंधी प्रकरण माननीय क्षतिपूर्ति आयुक्त, न्ययालय अथवा केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा निराकृत किये जाते है एवं तद्नुसार क्षतिपूर्ति की राशि का निर्धारण कर भुगतान किया जाता है। अत: राज्य के श्रम विभाग के क्षेत्राधिकार में नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) ठेका श्रमिकों के नियमितिकरण का श्रम कानूनों में प्रावधान नहीं है। अर्द्धकुशल श्रमिकों को कुशल एवं उच्च कुशल श्रमिक बनाये जाने के संबंध में श्रमिक की कुशलता अनुसार श्रेणीकरण किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उपर्युक्त प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। श्रमिकों के हित में अधिनियमों का पालन करने में वैधानिक कार्यवाही की जाती है। इस संबंध में सुस्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किये गये है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आर्थिक अनियमितता के दोषी कार्यपालन यंत्री से शासन द्वारा वसूली
[लोक निर्माण]
19. ( क्र. 332 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-17-47/2015/स्था./19 भोपाल दिनांक 25.05.2017 से नाबार्ड योजना के अंतर्गत डिंडोरी बायपास मार्ग के निर्माण में हुई अनियमित्ताओं की जाँच हेतु आयुक्त विभागीय जाँच को नियुक्त किया गया था? अगर नहीं तो किस प्रकरण में उक्त आदेश जारी किया गया था? पूर्ण विवरण जारी आदेशों की एक प्रति सहित दें? (ख) क्या डिंडोरी बायपास निर्माण में स्वीकृत एन.आई.टी शेड्यूल के अनुसार मिट्टी का कार्य स्वीकृत मात्रा 7508.26 घन मीटर थी? क्या तात्कालीन कार्यपालन यंत्री डिंडोरी ने 85430.03 घन मीटर का कार्य जो स्वीकृत मात्रा से 77921.77 घन मीटर अधिक सक्षम अधिकारी से स्वीकृति के बगैर कराया? तत्कालीन कार्यपालन यंत्री एवं उसके अधीनस्थों के द्वारा जो आदेश या अनुशंसा उक्त अधिक कराये गये कार्य के लिये जारी किये उनकी एक-एक प्रति उपलब्ध करायें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित बिना सक्षम कार्यालय की लिखित अनुमति के विपरीत कराये गये कार्य से राज्य शासन को 35,92,259.00 रूपयों की राशि का अनाधिकृत व्यय हुआ? अगर हाँ तो राज्य शासन ने प्रश्नतिथि तक उक्त 35,92,259.00 रूपयों की राशि तत्कालीन कार्यपालन यंत्री डिंडोरी एवं उनके अधीनस्थों से क्यों वसूल नहीं की है? कब तक वसूल की जायेगी? (घ) प्रश्नतिथि तक उक्त कार्यपालन यंत्री की विभागीय जाँच क्यों पूरी नहीं की गई है? कैसे/किन नियमों से उसे पुन: कार्यपालन यंत्री बी एण्ड आर सतना पदस्थ किया है? शासन तत्काल अमानत में खयानत का प्रकरण आई.पी.सी की धारा 420 के तहत सक्षम थाना में दर्ज करवायें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। आदेश दिनांक 25.05.2017 को नहीं वरन दिनांक 23.05.2017 द्वारा नियुक्त किया गया है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। विभागीय जाँच आयुक्त द्वारा जाँच दिनांक 15.10.2018 को पूरी कर जाँच प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत किया गया। शासन के आदेश क्रमांक एफ 1-24/2019/स्था/19 भोपाल दिनांक 05.07.2019 द्वारा प्रशासनिक आवश्यकतानुसार पदस्थ किया गया है। प्रकरण में शासकीय राशि रूपये 35,92,259/- की हानि प्रमाणित न पाये जाने से आई.पी.सी की धारा 420 के अंतर्गत कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।
नियमों के विपरीत स्वीकृत दर से ज्यादा राशि का कार्य
[लोक निर्माण]
20. ( क्र. 333 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 2018 से प्रश्नतिथि तक कार्यपालन यंत्री बी.एण्ड आर. संभाग सतना/रीवा/सीधी एवं सिंगरौली के कार्यालयों के द्वारा किस-किस स्थान की, कितनी राशि की स्वीकृत एन.आई.टी. में दस प्रतिशत से ज्यादा राशि का कार्य किन-किन दिनांकों को किस-किस कार्यालयों के द्वारा जारी आदेशों के तहत कब-कब कराया? संभागवार/कार्यवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार स्वीकृत एन.आई.टी. की दर से दस प्रतिशत की राशि का कार्य अधिक कराये जाने पर किस किस पदनाम कार्यालयों से लिखित में अनुमति ली जाना नियमानुसार है? किस-किस स्थान के, कितनी-कितनी राशि (प्रतिशतवार दें) के किन-किन कार्यों की अनुमति किन-किन पदनामों के कार्यालयों से क्या कारण बताते हुये ली गई एवं नहीं ली गई? संभागवार/कार्यवार/स्थानवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध करायें? (ग) सतना-सेमरिया मार्ग की कुल लागत एन.आई.टी. के समय कुल कितनी थी? कार्य की राशि के अलावा प्रश्नतिथि तक कितने प्रतिशत एवं कुल कितनी राशि का कार्य बढ़ाया गया? प्रश्नतिथि तक कुल कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार को हो चुका है? (घ) कब तक राज्य शासन नियमों के विपरीत कार्य करने वाले कार्यपालन यंत्री बी एण्ड आर सतना एवं अन्य जिलों को निलंबित कर विभागीय जाँच संस्थित कर ओवर पेमेंट नियम विरूद्ध करने पर राशि की वसूली के आदेश जारी करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 01 अप्रैल 2018 से प्रश्न तिथि तक कार्यपालन यंत्री बी. एण्ड आर. संभाग सतना/रीवा/सीधी एवं सिंगरौली के कार्यालयों के द्वारा 10 प्रतिशत अधिक का कार्य का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) सतना सेमरिया मार्ग की कुल लागत एन.आई.टी. के समय अनुमानित लागत राशि रू.433.96 लाख थी, कार्य की राशि के अलावा लगभग 17.92 प्रतिशत राशि रू. 77.78 लाख का कार्य बढ़ाया गया एवं संविदाकार को प्रश्न तिथि तक रू. 214.80 का लाख का भुगतान किया गया है। (घ) प्रकरण परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरान्त गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जायेगा।
पुल/पुलियाओं का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 400 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम लुकवासा से गणेशखेड़ा की ओर मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क मार्ग का निर्माण कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग के निर्माण हेतु कुल कितनी लंबाई व लागत राशि निर्धारित की गई है? मार्ग के किन-किन स्थानों पर कुल कितने पुल/पुलिया आदि का निर्माण निविदा शर्तों के अनुसार किया जाना है? उक्त मार्ग पर निर्माण कार्य पूर्ण होने की अवधि क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या प्रश्नकर्ता द्वारा उक्त निर्माणाधीन सड़क मार्ग पर ग्राम लुकवासा से गणेशखेड़ा के बीच निविदा अनुसार स्वीकृत पुल/पुलिया आदि का निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाने की मांग की गई थी? क्या उक्त मांग के उपरांत इस हेतु कोई कार्यवाही की गई तथा कार्य प्रारंभ हो चुका है? (ग) यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों व कार्य प्रारंभ करने में क्या परेशानी आ रही है? कब तक उक्त मार्ग पर पुल/पुलिया आदि का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। पुल-पुलिया की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। चार स्थानों पर पुल/पुलिया का कार्य प्रारंभ किया जाना है। (ग) चार स्थानों पर कार्य प्रारंभ होना है। कोई परेशानी नहीं आ रही है। कार्य की प्रगति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार कार्य शीघ्र प्रारंभ किये जाना है। निश्चित दिनांक बताना संभव नहीं है।
जनभागीदारी अध्यक्ष पर दर्ज प्रकरण
[उच्च शिक्षा]
22. ( क्र. 425 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा, म.प्र.शासन द्वारा अपने पत्र क्र. एफ.23-9/2017/38-2 दिनांक 22.10.2019 से कतिपय गणमान्य नागरिकों को महाविद्यालयों को जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद पर मनोनित करते हुए कलेक्टर, होशंगाबाद से पुलिस सत्यापन कराने एवं प्रतिवेदन तत्काल उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था? (ख) पुलिस सत्यापन हेतु कलेक्टर द्वारा किन-किन तारीखों में किस-किस अधिकारी को लिखा गया? प्रत्येक की जानकारी देते हुए बतावें कि क्या सभी गणमान्य नागरिकों का पुलिस सत्यापन हो चुका है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण है? (ग) यदि नहीं, तो बिना पुलिस सत्यापन के जनभागीदारी अध्यक्ष की हैसियत से कार्य करना नियमानुकूल है? (घ) पुलिस सत्यापन में कौन से तथ्य प्रकाश में आये? (ड.) क्या इटारसी के जनभागीदारी अध्यक्ष राजकुमार उपाध्याय पर वर्ष 2001 में इटारसी थाने में धारा 307, 353,332,336, 323, 452 सहित अनेक धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध है? (च) क्या शासन इटारसी के जनभागीदारी अध्यक्ष को पद पर बनाये रखेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (च) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नेक मूल्यांकन में महाविद्यालयों के ग्रेड में गिरावट
[उच्च शिक्षा]
23. ( क्र. 426 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने शासकीय/अशासकीय स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालय है। जिलावार संख्या बतायें। (ख) वर्ष 2019 एवं 2020 में प्रदेश के कितने शासकीय महाविद्यालयों का 'नेक' टीम द्वारा मूल्यांकन किया गया। (ग) 'नेक' द्वारा किये गये मूल्यांकन में कितने महाविद्यालयों की ग्रेडिंग में कमी आई एवं कितने महाविद्यालयों की ग्रेडिंग में बढ़ोतरी हुई। जिलावार जानकारी देते हुए होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र के महाविद्यालयों की नाम सहित जानकारी दें? (घ) प्रदेश के महाविद्यालयों में 'नेक' मूल्यांकन में ग्रेडिंग में कमी के क्या कारण है? होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में संचालित महाविद्यालयों की ग्रेडिंग में कमियों को दूर करने हेतु शासन क्या उपाय करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) वर्तमान में प्रदेश में कुल 413 शासकीय स्नातक एवं 104 स्नातकोत्तर महाविद्यालय तथा 816 अशासकीय महाविद्यालय संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) वर्ष 2019 एवं वर्ष 2020 में प्रदेश में कुल 86 शासकीय महाविद्यालयों का नैक टीम द्वारा मूल्यांकन किया गया। (ग) कुल 11 महाविद्यालयों में ग्रेडिंग में कमी आई है और 01 महाविद्यालय में ग्रेडिंग में बढ़ोत्तरी हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) ग्रेडिंग में आई कमी का एक प्रमुख कारण नैक बैंगलौर द्वारा नैक के पूर्व मापदण्डों को उन्नत किया जाना है। होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में संचालित महाविद्यालयों की ग्रेडिंग में कमियों को दूर करने के संबंध में किये जा रहे उपायों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
ट्रांसफार्मरों एवं मीटरों की जानकारी
[ऊर्जा]
24. ( क्र. 465 ) श्री संजीव सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में फीडर सेपरेशन के तहत एम.डी.पी. इन्फ्रा.लि. कम्पनी द्वारा किन-किन फीडरों पर कार्य किया गया है? कम्पनी के निविदा में कौन-कौन से कार्य सम्मिलित थे? (ख) कम्पनी के द्वारा फीडरवार कितने ट्रांसफर्मर एवं फीडरवार कितने मीटर लगाए हैं? ''एल.टी'' डिस्ट्रीब्यूशन बाक्स की संख्यात्मक जानकारी देंवे। उक्त कम्पनी द्वारा जो भी ट्रासफार्मर लगाए है वहां किसके द्वारा चेक किए गए है? (ग) क्या विभाग द्वारा या कम्पनी द्वारा भौतिक सत्यापन कराया गया यदि हाँ, तो भौतिक सत्यापन में पाये गये विवरण की संख्यात्मक जानकारी देवें एवं सम्पूर्ण जिले में उक्त कार्य हेतु कितनी राशि खर्च की गई एवं कितना शेष भुगतान है का विवरण बताएँ?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत मेसर्स एम.डी.पी.इन्फ्रा. लिमिटेड कंपनी द्वारा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' दर्शाए अनुसार 11 के.व्ही. के कुल 48 फीडरों पर कार्य किया गया है। उक्त ठेकेदार कंपनी को निविदा अनुसार जारी कार्यादेश में सम्मिलित कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) भिण्ड जिले में प्रश्नाधीन कार्य के अंतर्गत मेसर्स एम.डी.पी. इन्फ्रा. लिमिटेड कंपनी द्वारा लगाये गये फीडरवार ट्रांसफार्मरों एवं मीटरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। उक्त ठेकेदार कंपनी को जारी कार्यादेश में एल.टी. डिस्ट्रीब्यूशन बॉक्स लगाने का प्रावधान नहीं था। ठेकेदार कंपनी द्वारा लगाए गए ट्रांसफार्मर, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म मेसर्स एस.जी.एस. इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड एवं म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के संबंधित नोडल अधिकारी (उपमहाप्रबंधक-संचालन-संधारण) द्वारा चेक किये गये हैं। (ग) जी हाँ। भिण्ड जिले हेतु फीडर विभक्तिकरण योजनान्तर्गत दिनांक 31.03.2019 तक क्रियान्वित किये जा रहे कार्यों का शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म मेसर्स एस.जी.एस. इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया। उक्त प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म के कॉन्ट्रेक्ट की अवधि समाप्त होने के पश्चात् उक्त योजनान्तर्गत ठेकेदार कंपनी द्वारा किये गये कार्यों का शत्-प्रतिशत भौतिक सत्यापन विभागीय तौर पर म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के नोडल अधिकारी (उपमहाप्रबंधक-संचालन-संधारण) द्वारा कराया गया। सम्पूर्ण भिण्ड जिले में फीडर विभक्तिकरण योजना के तहत् मेसर्स एम.डी.पी. इन्फ्रा. लिमिटेड कंपनी द्वारा कराये गये कार्यों के भौतिक सत्यापन में पाये गये विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। सम्पूर्ण भिण्ड जिले में उक्त योजना के तहत् मेसर्स एम.डी.पी. इन्फ्रा. लिमिटेड कंपनी द्वारा किये गये कार्यों में कुल रूपये 61.28 करोड़ की राशि व्यय हुई है, जिसमें से राशि रू. 0.65 करोड़ का भुगतान शेष है।
निर्माण कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 466 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा भिण्ड से पोरसा मार्ग का जो निर्माण कराया जा रहा है? क्या वह कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा में हो रहा है यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त कार्य एस.जी.आई. फर्म द्वारा किया जा रहा है? (ख) क्या उक्त अनुबंध में मार्ग का रिन्यूवल व रफनेस की रीडिंग चेक करने का प्रावधान है यदि है तो कब रिन्यूवल किया गया? रफनेस की रीडिंग कब-कब चैक की गई एवं क्या रीडिंग आई? (ग) मार्ग सोन्ड कितनी चौड़ाई के किस मटेरियल से बनाए गए उनको कब-कब चैक किया गया एवं क्या परिणाम आए? (घ) मार्ग के निर्माण में किस-किस खनिज का उपयोग किया जा रहा है किस खदान से निकाला जा रहा है क्या उसके टेस्ट किए गए? टेस्ट करने पर क्या परिणाम प्राप्त हुए? मार्ग के निर्माण में किस-किस मशीन व प्लांट का उपयोग किया जाता है एवं कहां स्थापित किया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ, जी हाँ, अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 06.06.2020 है एवं कार्य समय-सीमा के अंतर्गत प्रगति पर है। यह कार्य टी.आर.जी. कन्स्ट्रक्शन कंपनी, जम्मू द्वारा किया जा रहा हैं। (ख) जी नहीं, इस परियोजना में रिन्यूवल का कोई प्रावधान नहीं है, किन्तु कार्य पूर्ण होने के उपरान्त ऊपरी सतह की गुणवत्ता की जाँच व्हील वम्प इन्ट्रीग्रेटर से करवाये जाने का प्रावधान है वर्तमान सतह का रिन्यूवल नहीं किया गया है। कार्य पूर्ण होने के उपरांत उपरी सतह की रफनेस चेक व्हील वम्प इन्ट्रीग्रेटर से की जावेगी। अतः रीडिंग अभी बताना संभव नहीं है। (ग) मार्ग के दोनों ओर 2.00-2.00 मीटर के मिट्टी के शोल्डर का कार्य प्रगति पर है, जिसकी ऊपरी सतह पर 15 सेन्टीमीटर मोटाई के ग्रेन्यूवल मटेरियल से शोल्डर बनाये जायेंगे। मिट्टी के शोल्डर का कार्य पूर्ण होने पर टेस्ट करवाये जायेंगे। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मार्ग के निर्माण में मिट्टी, गिट्टी एवं रेत खनिज का उपयोग किया जा रहा है, खदान संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। उक्त खनिज नियमानुसार टेस्ट किए जा रहे है, जो कि निर्धारित मापदण्डानुसार हैं। मार्ग के निर्माण में उपयोग की जा रही मशीनरी एवं प्लान्ट की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
सीमेन्ट फैक्ट्री को नगर निगम सीमा से हटाये जाना
[पर्यावरण]
26. ( क्र. 482 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर निगम सतना के वार्ड क्रमांक 11-12 में लगभग 500 एकड़ जमीन में बिड़ला कार्पोरेशन सीमेन्ट फैक्ट्री संचालित है, नगर निगम सीमा से लगे भाग में फैली फैक्ट्री की खदानों से उत्पन्न प्रदूषण, भारी वाहनों के आवागमन, असुरक्षा से क्या शहरी जनजीवन प्रभावित है? (ख) क्या नैना (सगमनिया) स्कूल, अस्पताल से 20 फिट पर संचालित फैक्ट्री के गहरे खदानों में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं जिससे आमजनता, मवेशियों को खतरा उत्पन्न हो गया है साथ ही प्रदूषण से आमजनता प्रभावित है क्या मौके का निरीक्षण किया गया है यदि हाँ, तो निरीक्षणकर्ता का नाम पदनाम एवं रिपोर्ट देवें? सामुदायिक भवन, इंदिरा आवास के तहत निर्मित भवन भूखंड आराजी 243,233/2 पर लीज किस नियम के तहत दी गई है? (ग) क्या आम जनता के हितार्थ शहर के प्रदूषण, यातायात व्यवस्था को सुधारने हेतु स्टोनक्रेशरों, लकड़ी के टाल, आरामशीन, डेयरी, ट्रासपोर्ट आदि उद्योगों को शहर से बाहर किया गया है एवं किया जा रहा है उसके बावजूद उक्त सीमेंट फैक्ट्री नगर निगम सीमा में किस प्रकार अभी तक संचालित है? (घ) शहरवासियों के बेहतर जनजीवन, सुरक्षा, प्रदूषण की दृष्टि से उक्त सीमेंट फैक्ट्री को कब तक शहर से बाहर शिफ्ट कर दिया जावेगा यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। फैक्ट्री की खदानें नगर नगर सीमा से 3-4 किलोमीटर दूरी पर है। खदान संचालन से उत्पन्न धूल कणों के प्रदूषण की रोकथाम हेतु जल छिड़काव एवं प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित हैं, खदानों से फैक्ट्री तक लाईम स्टोन परिवहन हेतु कन्वेयर बेल्ट स्थापित है तथा वायु गुणवत्ता मानकों के अनुरूप है। (ख) मेसर्स बिरला सीमेंट फैक्ट्री के सगमनियाँ खदान नैना (सगमनिया) स्कूल से लगभग 50 फीट की दूरी पर स्थित है एवं खदानों में सुरक्षा व्यवस्था हेतु सुरक्षा गार्ड की निगरानी के साथ मिट्टी के 10-12 फिट ऊँचे बण्ड बनाये गये हैं। समीप में कोई अस्पताल नहीं है। क्षेत्र आमजन एवं मवेशियों के आवागमन के लिये प्रतिबंधित है एवं वायर फेंसिंग भी की जा रही है। मौके का निरीक्षण दिनांक 03/03/2020 को क्षेत्रीय कार्यालय, सतना के श्री सुधांशु तिवारी, सहायक यंत्री एवं डॉ. राहुल द्विवेदी, वैज्ञानिक द्वारा किया गया, रिपोर्ट संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम नैना (सगमनिया) के आराजी क्रमांक 243, 233/2 को रीवा दरबार आदेश एवं खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 की धारा 16 के तहत स्वीकृति प्रदान की गई है। (ग) सतना विकास योजना,2021 अनुसार शहर के सौन्दर्यीकरण एवं व्यवस्था सुधारने हेतु सतना नगर क्षेत्रान्तर्गत संचालित स्टोन क्रेशरों को सेमरिया मार्ग पर निवेश क्षेत्र के बाहर स्थानांतरित किया जाना प्रस्तावित है। लकड़ी के टाल एवं आरा मशीन सेमरिया मार्ग पर बदखर में इस हेतु 13.0 हेक्टेयर भूमि प्रस्तावित है। डेयरी उद्योगों के स्थानांतरण हेतु ग्राम बेलहटा एवं अन्य कृषि उपयोग क्षेत्रान्तर्गत प्रस्तावित है। ट्रांसपोर्ट नगर (यातायात नगर) की स्थापना रीवा रोड पर की जा चुकी है। पन्ना नाके के आगे एक अतिरिक्त यातायात नगर 30 हेक्टर क्षेत्र में विकसित किया जाना प्रस्तावित है। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विभागीय कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
27. ( क्र. 668 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में वर्ष 2014-15 से लेकर प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत किन-किन विकासखण्डों में किस-किस प्रकार के कितनी-कितनी लागत के कितने कार्य स्वीकृत हुए? उनमें से कितने प्रारंभ, पूर्ण, अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं? स्थलवार, कार्यवार, ब्लॉकवार जानकारी दें। (ख) उक्त स्वीकृत उल्लेखित कार्यों में से अपूर्ण एवं अप्रारंभ कार्यों के लंबित रहने के क्या कारण रहे? (ग) विगत कई वर्षों पूर्व स्वीकृत एवं प्रारंभ किये गये कार्यों की गति इतनी धीमी एवं लापरवाही पूर्ण किन कारणों से रही? शासन/विभाग ने क्या-क्या त्वरित कार्यवाही की? उन परिणामों से किन कार्यों में तेजी आई? स्पष्ट करें। (घ) बताएं कि उपरोक्त उल्लेखित कार्यों को किये जाने हेतु कार्य एजेंसियों का समयावधि में कार्यों को पूर्ण करना स्पष्ट है तो इस हेतु क्या प्रयास किया गया? जावरा रेल्वे फाटक फ्लाई ओवर ब्रिज, सुखेडा-पचेवा-कललिया फंटा-रिगंनोद, पॉलिटेक्निक कॉलेज रोड रोजाना-अरनियायी मंडी रोड इत्यादि अपूर्ण कार्य कब पूर्ण होंगे?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है।
सुदृढ़ीकरण एवं संधारण हेतु विभाग की योजना
[जल संसाधन]
28. ( क्र. 669 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019-20 के वर्षाकाल में अत्यधिक वर्षा होने से अनेक स्थानों पर अतिवृष्टि एवं अत्यधिक जल भराव के साथ ही बाढ़ सी स्थितियां निर्मित हुई, जिससे आमजन, पशुधन, खाद्यान्न की क्षति के साथ ही अनेक विभागीय तालाब, नहरें, डेम इत्यादि भी क्षतिग्रस्त हुए? (ख) यदि हाँ, तो जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत संपूर्ण क्षेत्र के किन-किन स्थानों को अत्यधिक क्षतिग्रस्त पाया गया? इस हेतु विभाग द्वारा किस प्रकार की योजना बताई जाकर प्रश्न दिनांक तक सुदृढ़ीकरण, संधारण हेतु क्या-क्या किया गया? (ग) संपूर्ण क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुए अथवा संवेदनशील माने गये डेम, तालाब इत्यादि की प्रस्तावित योजना के अलावा उनके सुदृढ़ीकरण हेतु वर्षभर में तत्परता से क्या-क्या किया गया? (घ) उल्लेखित वर्ष में समस्त प्रकार के कार्यों को किये जाने हेतु कितनी बजट राशि स्वीकृत होकर किन-किन स्थानों पर किस कार्य एजेंसी के माध्यम से क्या-क्या कार्य पूर्ण हुए? उन पर कितना व्यय हुआ? शेष अपूर्ण कार्य कब पूर्ण होंगे?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र जावरा अंतर्गत क्षतिग्रस्त परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण विभाग की क्षतिग्रस्त संरचनाओं के सुधार कार्य के लिए नेशनल डिजास्टर रेंसपोंस फण्ड (NDRF) से सहायता प्राप्त करने हेतु रू.6733.13 लाख का प्रस्ताव दिनांक 16.09.2019 द्वारा राहत आयुक्त, मध्यप्रदेश शासन भोपाल को प्रेषित किया गया है। आवंटन अप्राप्त। (घ) आवंटन प्राप्त नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
लालपानी जलाशय के गुणवत्ताहीन कार्य
[जल संसाधन]
29. ( क्र. 783 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के उपसंभाग तेंदूखेड़ा में वर्ष 2012 में लालपानी जलाशय का निर्माण हुआ था परन्तु निर्माण एजेंसी द्वारा गुणवत्ता पूर्ण कार्य न किये जाने से जलाशय में सीपेज बना हुआ है जलाशय निर्माण के 8 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसानों को सिंचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है। (ख) विभाग द्वारा मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को आर.आर.आर योजना के तहत सुधार कार्य के लिए प्राक्कलन भेजा गया था जिसे यह बताकर वापस कर दिया गया कि तालाब निर्माण के अभी 10 वर्ष पूर्ण नहीं हुए है इसलिए सुधार कार्य नहीं कराया जा सकता। (ग) अगर जलाशय निर्माण के समय सीपेज था व गुणवत्ताहीन कार्य किया गया था तो 8 वर्षों में निर्माण एजेंसी एवं सम्बंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गयी है एवं सम्बंधित निर्माण एजेंसी द्वारा जलाशय का सुधार कार्य क्यों नहीं कराया गया तथा जलाशय का सुधार कार्य कब तक कराया जावेगा बतावें?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, अपितु विगत 03 वर्षों से तालाब से सीपेज परिलक्षित होना प्रतिवेदित है। जलाशय से की गई सिंचाई की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। प्रश्नाधीन जलाशय से प्रारंभिक वर्षों में रूपांकित सिंचाई क्षमता से अधिक रकवे में कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है, अत: अधिकारियों पर कार्यवाही किए जाने की स्थिति नहीं है। लालपानी जलाशय के सुधार कार्य विशेष मरम्मत अंतर्गत किए जाने हेतु प्रस्ताव मैदानी कार्यालयों में तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
अधिकारियों के भ्रष्टाचार
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 795 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में पदस्थ अधिकारी श्री राजीव सक्सेना मुख्य वित्त अधिकारी एवं दीपक सूद उप महाप्रबंधक भोपाल के भ्रष्टाचार के संबंध में मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग का पत्र क्रमांक 2280/1989/2019/ई-4 भोपाल दिनांक 28.09.2019 तथा मंत्री ऊर्जा विभाग का पत्र क्रमांक 2718/मंत्री-ऊर्जा दिनांक 26.10.2019 को प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र वि.वि.क्रं. लिमिटेड भोपाल को जाँच हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ख) क्या उक्त अधिकारियों का स्थानांतरण अन्यत्र कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारियों के विरूद्ध भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर लोकायुक्त, ई.ओ.डब्लू. से जाँच करायी जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) क्या उक्त अधिकारियों द्वारा वर्ष 2018-19 में पर्याप्त बजट न होने के बाद भी अन्य मद से नियम विरूद्ध तरीके से चहेते ठेकेदारों को बिलों का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत्? यदि नियम विरूद्ध तरीकों से बिलों का भुगतान किया गया है तो क्या उसकी उच्च स्तरीय जाँच कराई जावेगी एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, प्रश्नांश में उल्लेखित संदर्भों के माध्यम से शिकायत प्राप्त होने पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 02.11.19 से डॉ. राजीव सक्सेना, तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी एवं वर्तमान में नियंत्रक (वित्त), प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल से शिकायत पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं पर स्पष्ट टीप/अभिमत चाहा गया था। तत्संबंध में उनका प्रति उत्तर दिनांक 13.11.19 को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को प्राप्त हो गया है, जो कि विचाराधीन है। चूंकि श्री दीपक सूद, संयुक्त निदेशक (वित्त) डॉ. राजीव सक्सेना के अधीनस्थ कार्यरत थे, अतः उनके विरुद्ध प्राप्त शिकायत में उल्लेखित बिन्दुओं पर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 10.12.19 द्वारा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी को जाँच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। जाँच अधिकारी द्वारा पत्र दिनांक 03.01.2020 के माध्यम से प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया जिसके अनुसार प्रथम दृष्टया अनियमितताएं पाये जाने पर प्रकरण में विस्तृत जाँच हेतु म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश दिनांक 12.02.2020 द्वारा तीन वरिष्ठ अधिकारियों की जाँच समिति का गठन किया गया है। समिति का जाँच प्रतिवेदन अभी अप्राप्त है एवं जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त जाँच समिति की रिपोर्ट प्राप्त होने एवं डॉ. राजीव सक्सेना, तत्कालीन मुख्य वित्तीय अधिकारी से प्राप्त प्रति उत्तर पर विचारोपरांत, पाये गये तथ्यों के आधार पर दोनों अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायत पर निर्णय लिया जाकर समुचित कार्यवाही की जावेगी। (ख) राज्य शासन के आदेश क्रमांक 2303/2253/2019/ई/चार, दिनांक 28.09.2019 से डॉ राजीव सक्सेना, मुख्य वित्तीय अधिकारी, म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, भोपाल का स्थानान्तरण वित्त नियंत्रक, प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल के पद पर किया जा चुका है। म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्र. 10299-300 दिनांक 31.10.2019 से श्री दीपक सूद, संयुक्त निदेशक (वित्त) कार्यालय प्रबंध संचालक (म.क्षे.) भोपाल का स्थानान्तरण कार्यालय मुख्य महाप्रबंधक (भो.क्षे.) भोपाल के अंतर्गत किया गया था तथा इसके उपरांत पुनः म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के आदेश क्र. 16734-35 दिनांक 22.02.2020 से श्री दीपक सूद, संयुक्त निदेशक (वित्त) को कार्यालय प्रबंध संचालक (म.क्षे.) भोपाल के अंतर्गत पदस्थ किया गया है। प्रश्नाधीन उक्त दोनों अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों के संबंध में उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार जाँच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। चूँकि प्राप्त शिकायत पर वितरण कंपनी स्तर पर जाँच की जा रही है, अतः वर्तमान में लोकायुक्त या ई.ओ.डब्ल्यू. से जाँच कराने की आवश्यकता नहीं है। (ग) वर्ष 2018-19 में बजट प्रावधानों के अनुसार ही भुगतान किया गया है। अनुमोदित बजट के विलंब से आहरण के दौरान कंपनी के आंतरिक वित्तीय संसाधनों से भुगतान किया जाता है, जिस हेतु मुख्य वित्तीय अधिकारी को म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के डेलिगेशन ऑफ पावर के पार्ट ''ब'' सेक्शन 8 ''फाइनेंस एण्ड ऑडिट'' के सरल क्रमांक 4 से शक्तियाँ प्रदत्त हैं। उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' में उल्लेखानुसार शिकायत के सभी बिन्दुओं पर जाँचोपरांत प्राप्त तथ्यों के आधार पर प्रश्नाधीन प्रकरण में समुचित कार्यवाही की जावेगी।
कबूलपुर परियोजना का निर्माण
[जल संसाधन]
31. ( क्र. 809 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले की कबूलपुर परियोजना हेतु वर्ष 2019-20 के प्रथम अनुपूरक बजट में रु.100 का प्रावधान रखा गया है? यदि हाँ, तो कबूलपुर परियोजना में बजट आवंटन के विरुद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या क्या कार्य करवाए गए हैं? कार्य वार जानकारी देवें। (ख) क्या कबूलपुर परियोजना की साध्यता शासन से प्राप्त हो चुकी है एवं उक्त परियोजना निर्माण से कितने हेक्टेयर में सिंचाई रकबा हेतु कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई है? प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) उक्त परियोजना से राजगढ़ जिले एवं शाजापुर जिले के कौन-कौन से ग्रामों की कितनी कितनी भूमि का रकबा डूब में आ रहा है? ग्रामवार भूमि का रकबा से अवगत कराएं तथा उक्त परियोजना से जिला राजगढ़ एवं जिला शाजापुर के कौन-कौन से ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि सिंचित की जाएगी? ग्रामवार प्रस्तावित सिचिंत रकबे से अवगत कराएं। (घ) क्या कबूलपुर परियोजना निर्माण हेतु कितनी राशि की निविदा आमंत्रित की गई है? यदि हां, तो किस दिनांक को निविदा खोली जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। परियोजना की निविदा आमंत्रित की जाना प्रतिवेदित है। कार्य अप्रारंभ होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता हैं। (ख) जी नहीं। मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के लिए साध्यता आवश्यक नहीं है। परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.03.2020 को रूपये 129.53 करोड़ की 4090 हेक्टर सैंच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) परियोजना में जिलेवार डूब प्रभावित ग्रामों एवं रकबा की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। परियोजना से जिलेवार लाभान्वित होने वाले ग्रामों एवं प्रस्तावित सिंचित क्षेत्र की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) रु.8368.58 लाख। दिनांक 17 मार्च 2020 निर्धारित है।
अधूरी परियोजनाओं के सम्बन्ध में
[जल संसाधन]
32. ( क्र. 827 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत ऐसी कौन सी विभागीय परियोजना, कार्य हैं जिनका निर्माण कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरा या बंद है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त कार्य किन कारणों से बंद या अधूरे हैं? विभाग ने इन्हें प्रारम्भ करवाने हेतु क्या-क्या प्रयास किये? कब तक और कैसे परियोजना पूर्ण होगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत तेन्दुआ नाला तालाब का कार्य अधूरा होकर वर्तमान में बंद होना प्रतिवेदित है। (ख) तेन्दुआ नाला तालाब का कार्य वन भूमि प्रभावित होने के कारण बंद है। विभाग द्वारा वन प्रकरण तैयार कर वन विभाग को प्रेषित किया गया है, जिसकी स्वीकृति अपेक्षित है। प्रथम स्तरीय स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत कार्य प्रांरभ कराया जाना संभव होगा। अतः समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
हाईटेंशन विद्युत लाईन के सम्बन्ध में
[ऊर्जा]
33. ( क्र. 830 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर शहर आबादी वाले क्षेत्रों से मकानों एवं दुकानों के ऊपर से हाईटेंशन विद्युत लाईन निकलती है? (ख) प्रश्नांश (क) हाँ है, तो आमजनों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए इन लाईन को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत छतरपुर जिले के शहरी क्षेत्रों में पूर्व से विद्यमान 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों के नीचे/निकट कालान्तर में भवनों एवं दुकानों का निर्माण किया गया है। (ख) उल्लेखनीय है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 177 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय के लिये विनियम दिनांक 20.09.2010 को अधिसूचित एवं तत्पश्चात संशोधित किये गये है, जिनके अनुसार विद्युत लाईनों के नीचे एवं लाईनों से असुरक्षित दूरी पर निर्माण करना अवैधानिक है। उक्तानुसार अवैधानिक निर्माण के लिये संबधितों को समय-समय पर विद्युत लाईनों से सुरक्षित दूरी रखने हेतु सूचित किया जाता है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के विद्युत आपूर्ति और सुरक्षा से संबंधित उपाय विनियम के अनुसार विद्युत लाईनों के समीप निर्माण के पूर्व निर्माणकर्ताओं को इसकी जानकारी विद्युत आपूर्तिकर्ता को देना आवश्यक है। लाईन में फेरबदल की आवश्यकता होने तथा तकनीकी रूप से विस्थापन साध्य पाए जाने एवं मार्ग के अधिकार (आर.ओ.डब्ल्यू) की आवश्यकता पूरी होने की स्थिति में फेरबदल की आपूर्तिकर्ता द्वारा आंकी गई लागत की राशि आवेदक द्वारा जमा करने पर अथवा आवेदक द्वारा लाईन विस्थापित करने हेतु स्वीकृत प्राक्कलन की 5 प्रतिशत राशि सुपरविजन चार्ज के रूप में वितरण कंपनी में जमा करते हुए स्वयं 'अ' श्रेणी के ठेकेदार से, इन विद्युत लाईनों के विस्थापन हेतु कार्यवाही की जा सकती है।
महाविद्यालय भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
34. ( क्र. 850 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में संचालित लामता महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु क्या राशि उपलब्ध करा दी गई है तथा जमीन आवंटित करा दी गई है? यदि हां, तो सम्पूर्ण जानकारी भूमि के खसरा नक्शा सहित देवें। (ख) क्या परसवाड़ा महाविद्यालय में एम.एस.सी. खोलने हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्यमंत्री एवं प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग को पत्र लेख किया गया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई कब तक एम.एस.सी. की क्लास खोलने के आदेश जारी करेगें? (ग) क्या परसवाड़ा महाविद्यालय में महात्मा गांधी जी की मूर्ति का अनावरण किया गया? यदि हाँ, तो क्षेत्रीय विधायक को क्यों आंमत्रित नहीं किया गया? क्या प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं किया? यदि किया तो उल्लंघन करने वाले अधिकारी पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा से शासकीय अरण्य भारती महाविद्यालय, बैहर 30 कि.मी. की दूरी पर है, जहाँ एम.एस-सी. की कक्षायें संचालित हैं, जिसमें विद्यार्थी अध्ययन कर सकते हैं वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण शासकीय महाविद्यालय, परसवाड़ा में एम.एस-सी. की कक्षायें प्रारंभ करने में कठिनाई है। (ग) जी हाँ। यद्यपि महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा मध्यप्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग मंत्रालय के आदेश क्र. 79/शाखा-2/38/2020, दिनांक 10.01.2020 के बिन्दु क्र. 04 में दिये गये निर्देशानुसार गांधी स्तंभ का उद्घाटन 30.01.2020 को प्रतीकात्मक रूप से किया जाकर इस अवसर पर जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों सहित गांधीवादी विचारकों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को आमंत्रित किया गया तथापि सामान्य प्रशासन विभाग के स्थायी निर्देशों के अनुसार माननीय विधायक महोदय को आमंत्रित नहीं करने के संबंध में प्राचार्य से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
कृषि कार्य हेतु संचालित स्थायी कनेक्शनों पर भार वृद्धि
[ऊर्जा]
35. ( क्र. 874 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत कृषि कार्य हेतु संचालित स्थायी कनेक्शनों पर भार वृद्धि की गयी हैं? यदि हाँ, तो विगत 2 वर्षों से कितने स्थायी कनेक्शन धारियों के कनेक्शनों पर भार वृद्धि की गयी? (ख) भार वृद्धि किये जाने के संबंध में शासन के क्या नियम निर्देश हैं? (ग) क्या स्थायी कनेक्शनों पर भार वृद्धि होने के कारण कई ट्रांसफार्मर ओवरलोड की श्रेणी में आ गये हैं? यदि हाँ, तो ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की सूची स्थान सहित उपलब्ध करायी जावे। (घ) भार वृद्धि होने के कारण ओवरलोड हुये ट्रांसफार्मर कब तक अंडरलोड कर दिये जावेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत कृषकों के स्थायी पम्प कनेक्शनों के भार में वृद्धि उपभोक्ता द्वारा स्वेच्छानुसार घोषणापत्र दिये जाने पर अथवा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार मौके पर विद्युत पम्प का संयोजित भार चैक कर तैयार किये गये पंचनामा/स्थल निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर की गई है। उक्तानुसार प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में दिनांक 29.02.2020 तक 17217 स्थाई पम्प कनेक्शनों के भार में वृद्धि की गई है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार उपभोक्ता द्वारा स्वेच्छानुसार घोषणा पत्र दिये जाने अथवा विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका-6.35 से 6.39 जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है, के प्रावधानों के अनुरूप उपभोक्ता के विद्युत कनेक्शन के संयोजित भार में वृद्धि की जाती है। उक्त नियमों के अंतर्गत राज्य शासन द्वारा स्थाई पम्प कनेक्शनों के संयोजित भार की जाँच किये जाने के संबंध में जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में चैक किये गये स्थाई कृषि पम्प कनेक्शनों का संयोजित भार, स्वीकृत भार से अधिक पाए जाने के कारण की गई भार वृद्धि के तारतम्य में 32 वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड की श्रेणी में आ गये हैं, जिनका स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन अतिभारित ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की स्थापना का कार्य इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में वित्तीय उपलब्धतानुसार किया जाना संभव हो सकेगा, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि कनेक्शनों पर की गयी भार वृद्धि
[ऊर्जा]
36. ( क्र. 875 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत आने वाले कृषकों के कृषि कार्य के स्थायी कनेक्शनों की भार में वृद्धि पंचनामा के आधार पर की गयी हैं? (ख) क्या पंचनामा मौका स्थल पर तैयार न किये जाकर अन्य जगह तैयार किये गये हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं? क्या उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जावेगा। (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, है तो स्थायी कनेक्शनों में की गयी भार वृद्धि के कितने पंचनामें मौका स्थल पर बनाये गये की 1 अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनांक तक की संख्यात्मक जानकारी देंवे? (घ) क्या पंचनामा के आधार पर स्थायी कनेक्शनों में भार वृद्धि किया जाना नियम संगत हैं? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के अंतर्गत कृषकों के स्थायी पम्प कनेक्शनों के भार में वृद्धि उपभोक्ता द्वारा स्वेच्छानुसार घोषणा पत्र दिये जाने पर अथवा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार मौके पर विद्युत पम्प का संयोजित भार चैक कर तैयार किये गये पंचनामा/स्थल निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर की गई है। (ख) जी नहीं, पंचनामा मौका स्थल पर ही तैयार किये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में स्थायी पम्प कनेक्शनों का स्थल निरीक्षण कर पाए गए संयोजित भार के अनुसार मौका पंचनामा बनाकर 12976 पंप कनेक्शनों एवं उपभोक्ताओं द्वारा दिये गये स्वघोषणा पत्र के आधार पर 4241 पंप कनेक्शनों के भार में वृद्धि की गई है। (घ) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों द्वारा स्थाई पंप कनेक्शनों का निर्धारित प्रक्रिया अनुसार स्थल निरीक्षण कर मौका पंचनामा/स्थल निरीक्षण रिपोर्ट बनाकर पाये गये संयोजित भार अनुसार एवं स्थायी पंप कनेक्शन उपभोक्ताओं द्वारा दिये गये स्वघोषणा पत्र के आधार पर भार वृद्धि करना नियम संगत है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
असीर से धूलकोट एवं बसाद फाटे से नेपानगर रोड निर्माण
[लोक निर्माण]
37. ( क्र. 887 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्डेकर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बसाड फाटा खण्डवा रोड से नेपानगर तक तथा असीर खण्डवा रोड से धुलकोट मार्ग निर्माण की सीमा निश्चित की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या यह दोनों मार्ग निर्माण समय-सीमा में पूर्ण होने की स्थिति में है? यदि नहीं, तो क्या निर्माण ठेकेदारों पर विभाग द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) उपरोक्त दोनों मार्ग के निर्माण में क्या वित्तीय कठिनाई उत्पन्न हुयी है? यदि हाँ, तो क्या इस वित्तीय वर्ष में मार्ग निर्माण हेतु बजट प्रावधान किया जाएगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। अनुबंध में निहित प्रावधानों के तहत कार्यों की समानुपातिक प्रगति नहीं होने के कारण ठेकेदार के चलित देयकों से क्षतिपूर्ति राशि रोकी गई है। (ख) आंशिक रूप से वित्तीय कठिनाई हुई, कार्यों के लिए पृथक से बजट आवंटन उपलब्ध नहीं कराया जाता है। संयुक्त रूप से आवंटन उपलब्ध कराया जायेगा।
बुरहानपुर एवं नेपानगर में ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
38. ( क्र. 888 ) श्रीमती
सुमित्रा
देवी कास्डेकर
: क्या
लोक निर्माण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
नेपानगर व
बुरहानपुर
में
निर्माणाधीन
रेल्वे ओवर
ब्रिज के
निर्माण की समय-सीमा
निश्चित की
गयी थी? यदि
हाँ, तो
क्या दोनों
ब्रिज समय-सीमा
में पूर्ण न
होने के क्या-क्या
कारण हैं? ठेकेदारों
को कार्य
पूर्ण न करने
की स्थिति में
विभाग द्वारा
ठेकेदारों के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
गयी? (ख) क्या
उपरोक्त
ब्रिज
निर्माण में
विभागीय वित्तीय
राशि का अभाव
है? यदि
हाँ, तो
क्या विभाग
इस वित्तीय
वर्ष में
ब्रिज निर्माण
हेतु बजट
प्रावधान
करेगा? यदि
नहीं, तो
कारण स्पष्ट
करें।
(ग) क्या
विभाग दोनों
ब्रिज के पुन:
निर्माण
समाप्ति की
समय-सीमा
निश्चित
करेगा?
लोक
निर्माण
मंत्री ( श्री
सज्जन सिंह
वर्मा ) : (क)
जी
हाँ। नेपानगर
आर.ओ.बी. में
रेल्वे हिस्से
का कार्य
पूर्ण न होना
तथा
बुरहानपुर
आर.ओ.बी. में
ठेकेदार
द्वारा धीमी
गति से कार्य
करना, न्यायालयीन
प्रकरण होना, रेल्वे
द्वारा कार्य
प्रारंभ न
करने के कारण
कार्य में
विलंब हुआ है।
नेपानगर
आर.ओ.बी. में
ठेकेदार
द्वारा
समानुपातिक
प्रगति दी है
अत: उसके
विरूद्ध
कार्यवाही का
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता है।
बुरहानपुर
आर.ओ.बी. में
धीमी गति से
कार्य करने के
कारण ठेकेदार
के चलित
देयकों से
अनुबंधानुसार
राशि रोकी गई
है एवं
ठेकेदार का
पंजीयन दिनांक
11.03.2019 को
दो वर्ष के
लिये निलंबित
किया गया है। (ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्नांश
का प्रश्न ही
उपस्थित नहीं
होता।
(ग) (1) नेपानगर
में रेल्वे
ओव्हर ब्रिज
का कार्य माह
जून 2020 तक
पूर्ण करने का
लक्ष्य है। (2) बुरहानपुर
निर्माणाधीन
रेल्वे ओव्हर
ब्रिज लोक
निर्माण
विभाग ब्रिज
के आंशिक भाग
का भू-अर्जन
प्रकरण
माननीय न्यायालय
में
विचाराधीन
होने से एवं
रेल्वे
विभाग का
कार्य लंबित
होने से
निश्चित समय-सीमा
निर्धारित
करना संभव
नहीं हो पा
रहा है।
अविवादित लोक
निर्माण
विभाग के हिस्से
का कार्य माह
जून 2020 तक
पूर्ण किये
जाने का लक्ष्य
है।
विद्युत विहीन क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
39. ( क्र. 934 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कितने गांव विद्युत विहीन हैं? नाम प्रदाय करें। (ख) क्या प्रदेश के विद्युत विहीन गांव में सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत व्यवस्था Decentral ize Distributions Generation (DDG) योजना अंतर्गत म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा चिन्हित ग्रामों में की जाती है? यदि हाँ, तो बिजावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों को उक्त योजना से चिन्हित किया गया है या चिन्हित किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सन् 2011 की जनगणना अनुसार विधानसभा क्षेत्र बिजावर सहित जिला छतरपुर के कुल 1085 ग्रामों में से 7 वीरान ग्रामों को छोड़कर शेष सभी 1078 आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ, प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा चिन्हित विद्युत विहीन मजरों/टोलों/बसाहटों में सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत व्यवस्था Decentral ized Distributed & Generation (DDG) योजना के अंतर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र.शासन द्वारा की जाती है वर्तमान में बिजावर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी मजरा/टोला/बसाहट उक्त योजना में चिन्हित नहीं किया गया है।
सड़कों के पैच वर्क
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 947 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत कितनी सड़कें डामरीकृत हैं तथा कितनी सडकों का डामरीकरण करना शेष है तथा कितनी और किन-किन डामरीकृत सड़कों में पैच वर्क कराना आवश्यक है? कब तक उपरोक्त पैच वर्क सड़कों पर कराये जावेंगे अगर नहीं तो क्यों? (ख) लोक निर्माण विभाग अन्तर्गत रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कौन-कौन से गाँव हैं जो अभी तक सड़क विहीन हैं तथा अभी तक मुख्य मार्ग से नहीं जुड़े हैं? ऐसे गांवों को चिन्हित कर सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ कब तक सड़क विहीन गाँवों को मुख्य मार्ग से जोड़ा जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों कारण बतावें। (ग) रैगाँव विधानसभा क्षेत्र अंर्तगत लोक निर्माण विभाग की कितनी और कहाँ-कहाँ की सड़कें हैं जिनमें अतिक्रमण कर या सड़क क्षेत्र में कचरा डालकर जैसे सितपुरा में या अन्य प्रकार से रोड को अवरोधित कर दिया गया या रोड को संकीर्ण कर दिया गया गया है? इन रोडों को स्वच्छ बनाने तथा अतिक्रमण हटाने की क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या रैगाँव विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग की सड़कों के किनारे ग्रामों के नाम की पटि्टकायें एवं कि.मी. के पत्थर लगे हुये हैं? अगर नहीं तो कब तक लगवाये जावेंगे? सड़कों के दोनों ओर सफाई कब तक कराई जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है, शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) सड़क विहीन ग्रामों की जानकारी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण पी.आई.यू. 01 सतना से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश सम्बंधी विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' के कॉलम 6 एवं 7 में दर्शायें अनुसार है। कार्यवाही विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' के कॉलम 7 में दर्शायें अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' के कॉलम-8 में दर्शायें अनुसार है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। समय-समय में आवश्यकता अनुसार सड़क की पटरी की सफाई विभागीय संसाधनों पर सतत् की जाती है।
टोल नाके से अवैध वसूली
[लोक निर्माण]
41. ( क्र. 976 ) श्री संदीप श्री प्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय-जिला परिवहन अधिकारी कटनी का कार्यालय किस स्थान पर स्थापित एवं संचालित हैं और क्या कटनी नगर एवं अन्य स्थानों से आर.टी.ओ. कार्यालय जाने वाले नागरिकों को 04 चका एवं अन्य बड़े वाहनों का टोल टैक्स देना होता हैं, यदि हाँ, तो किस नियम और आदेश से आर.टी.ओ. कटनी के कार्यालय जाने वाले वाहनों से टोल टैक्स लिया जा रहा हैं। (ख) कटनी-दमोह मार्ग पर टोल टैक्स नाका कहाँ-कहाँ पर स्थित हैं और कटनी की ओर निर्मित टोल टैक्स नाका कार्यालय-जिला परिवहन अधिकारी कटनी से कितनी दूरी पर स्थित हैं तथा टोल टैक्स नाका किस सक्षम अधिकारी के किस आदेश से यहाँ स्थापित किए गये थे? (ग) क्या आर.टी.ओ. कार्यालय जाने वाले वाहनों से टोल टैक्स लिए जाने की कई शिकायतें शासन/प्रशासन को पूर्व में प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो इस विषय पर प्राप्त शिकायतों का क्या निराकरण किया गया एवं क्या कार्यवाही की गयी हैं? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या आर.टी.ओ. कार्यालय जाने वाले वाहनों से अनुचित तरीके से टोल टैक्स वसूलने का संज्ञान लेते हुये, टोल टैक्स नाके को आर.टी.ओ. कार्यालय से आगे स्थापित कर संचालित किए जाने अथवा आर.टी.ओ. जाने वाले वाहनों से टोल टैक्स न लिए जाने के समुचित आदेश किये जायेंगे? यदि हाँ, तो क्या आदेश कब तक किये जायेंगे बतायें। यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) कार्यालय जिला परिवहन अधिकारी, कटनी कार्यालय दमोह-कटनी मार्ग पर स्थित टोल नाके कि.मी. 177/10 कटनी जिले के ग्राम मझगवां से लगभग 200 मीटर से दूर स्थित है। जी हाँ। कन्सेशन अनुबंध के प्रावधान के अनुसार टोल नाका पार करने वाले वाहनों से निर्धारित टोल टैक्स लिया जा रहा है। (ख) कटनी दमोह मार्ग पर दो टोल नाके कि.मी. 177/10 कटनी जिले के ग्राम मझगवां में तथा दमोह जिले में कि.मी. 96/10 पर ग्राम बिलथरा में स्थित है। कटनी की ओर निर्मित टोल नाका जिला परिवहन अधिकारी के कार्यालय कटनी से लगभग 200 मीटर की दूरी पर है। टोल टैक्स नाका कंसेशन अनुबंध के प्रावधान अनुसार स्वतंत्र सलाहकार की स्वीकृति पर स्थापित हुआ। (ग) इस संभाग में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। कंसेशनायर द्वारा टोल टैक्स कंसेशन अनुबंधानुसार लिया जा रहा है। टोल टैक्स नाके का स्थान कंशेसन अनुबंध के प्रावधानानुसार होने के कारण आगे स्थापित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
इंदौर-इच्छापुर मार्ग के संबंध में
[लोक निर्माण]
42. ( क्र. 995 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर को महाराष्ट्र (इच्छापुर) से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्ग को क्या नेशनल हाईवे घोषित कर दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो इसकी स्वीकृति एवं भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? (ग) आरंभिक आंकलन अनुसार इसमें कुल कितने नये पुल एवं फ्लाई ओवर का प्रावधान रखा गया है? (घ) क्या इस मार्ग के मध्य आने वाले प्रमुख नगरों जैसे- बड़वाह, सनावद एवं बुरहानपुर के आस पास महंगी भूमि अधिग्रहण के स्थान पर इन नगरों के वर्तमान मुख्य मार्ग पर बिना अधिग्रहण के फ्लाई ओवर का निर्माण प्रस्तावित किया जाएगा? (ङ) यदि हाँ, तो लोक निर्माण विभाग इस प्रकार के प्रस्ताव भारत सरकार के एन.एच.ए.आई. को भेजने पर विचार करेंगी? यदि हाँ, तो कब तक? (च) क्या प्रदेश सरकार अपने नागरिकों के जानमाल की रक्षा के लिये प्रतिबद्ध है? यदि हाँ, तो किलर हाईवे कहे जाने वाल इस मार्ग पर फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य कब से आरंभ किया जाएंगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रश्नाधीन मार्ग लोक निर्माण विभाग के कार्य क्षेत्रान्तर्गत नहीं, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) वर्तमान में कोई योजना नहीं है। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (च) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
संबंल योजना में अपात्रों का चिन्हांकन
[श्रम]
43. ( क्र. 1013 ) श्री महेश परमार : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20/12/2019 के तारांकित प्रश्न क्रमांक 1606 के उत्तर में भौतिक सत्यापन के दौरान संबल योजना में 7706606 अपात्र चिन्हांकित पाये गए है जिसमें 31371 आयकरदाता पाया जाना स्वीकारा गया है तो क्या विभाग द्वारा चिन्हांकित करते समय सूचियों का क्रॉस वेरीफिकेशन नहीं किया गया और न ही पात्र-अपात्र होने की जाँच की गयी? क्या इसे विभाग की सजगता की कमी और अकुशलता के कारण में सम्मिलित नहीं किया जाएगा? यदि हाँ, तो उन्हें निलंबित क्यों नहीं किया जा रहा है? अवैध संरक्षण क्यों दिया जा रहा है? (ख) क्या असंगठित श्रमिकों द्वारा पंजीयन करते समय दिये गए शपथ पत्रों के लिए जवाबदेही आवेदकों की मानी गयी है? क्या अपात्रों का चिन्हांकन सख्त कानून बनाने की आवश्यकता का प्रमाण नहीं है?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। स्व घोषणा. पत्र के आधार पर पंजीयन की कार्यवाही की गई। पंजीयन के संबंध में जारी दिशा. निर्देश में यह स्पष्ट उल्लेख था कि आवेदन पत्र भरने में चूंकि मूलत: स्व घोषणा का आधार रखा गया है इसलिए त्रुटिपूर्ण जानकारी देने की स्थिति में सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित आवेदक का ही माना जाएगा तथा इसके लिए केवल उसी के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। अनुशंसाकर्ता अधिकारी/कर्मचारी इसके लिए उत्तारदायी नहीं होगा। (ख) जी हाँ।
दोषी के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
44. ( क्र. 1031 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 21 फरवरी 2019 के प्रश्न क्रमांक 678 में अवगत कराया गया है कि सेमरिया- बिरसिंहपुर-मानिकपुर तिराहे में संचालित टोल प्लाजा अनुबंध अनुसार मार्ग के किलोमीटर 0 से 02 के मध्य प्रस्तावित है? साथ ही क्या संभागीय प्रबंधक, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम लिमिटेड संभाग क्रमांक-1 रीवा द्वारा अपने पत्र क्रमांक 2123/विविध/206/2109/रीवा दिनांक 26.11.2019 द्वारा कलेक्टर जिला रीवा को भी अवगत कराया गया है कि अनुबंध की सूची सी एवं कंडिका 1.0 (ए) के अनुसार टोल प्लाजा परियोजना के किलोमीटर 0 से 02 के मध्य प्रस्तावित है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्या प्रस्तावित स्थान से आगे 2.70 किलोमीटर पर संचालित टोल प्लाजा को हटाकर टोल द्वारा अवैध रूप से वसूली की गई राशि को टोल प्लाजा से वसूलकर शासन के खाते में जमा कराई जायेगी? (ग) यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी नहीं। अनुबंध के प्रावधानों के अनुसार निवेशकर्ता मेसर्स रीवा पाथवे प्रा.लि., रीवा द्वारा नियमानुसार टोल प्लाजा स्थापित कर टोल का संचालन किया जा रहा है। अतः टोल प्लाजा हटाने एवं अवैध वसूली का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। क्योंकि टोल प्लाजा में नियमानुसार ही वसूली की जा रही है।
संबल योजना का क्रियान्वयन
[श्रम]
45. ( क्र. 1033 ) श्री
विनय सक्सेना
: क्या
श्रम मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
पूर्ववर्ती
सरकार द्वारा
वित्तीय प्रावधान
के बिना ही
वर्ष 2018 में
"संबल" योजना
लागू की गई थी? यदि हाँ, तो क्या
इस पर वित्त
विभाग ने
आपत्ति उठाई
थी? (ख) क्या
सरकार
उपरोक्त
अनियमितता की जाँच
तथा इसके लिए
जिम्मेदार
अधिकारियों
पर कार्यवाही
करेगी? (ग) क्या
हजारों
अपात्र
व्यक्तियों
द्वारा उक्त
योजना का अवैध
लाभ प्राप्त
किया गया है? यदि हाँ, तो
जिलेवार संख्यात्मक
विवरण देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के
परिप्रेक्ष्य
में अपात्र
व्यक्तियों
के विरुद्ध
क्या-क्या
कार्यवाही की
गयी?
श्रम
मंत्री ( श्री
सुखदेव पांसे )
: (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
(ग) जी नहीं। (घ) प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रदेश के पर्यावरण को बचाने हेतु सख्त कानून बनाना
[पर्यावरण]
46. ( क्र. 1035 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नागदा क्षेत्र अंतर्गत तथा उज्जैन जिले में एसिड माफिया चंबल नदी, क्षिप्रा नदी व अन्य क्षेत्रों में लगातार एसिड बहाकर शासन के लिए चुनौती बने हुए है? यदि हाँ, तो शासन इन पर क्या कठोर कार्यवाही करने जा रहा है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, पर्यावरण मंत्री से प्रदेश के पर्यावरण को बचाने हेतु गुजरात के प्रदूषण विभाग के सख्त कानून रूल-9 से भी सख्त नियम बनाने संबंधी पत्र दिया गया था? यदि हाँ, तो पत्र के परिपालन में शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? क्या नियम लागू कर दिये गये है? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब से? बनाये गये नियमों की प्रति सहित सम्पूर्ण विवरण दें। (ग) क्या गुजरात, उत्तरप्रदेश सहित अन्य प्रदेशों से भी वेस्ट एसिड लाकर म.प्र. की धरती पर ढोलकर बंजर व पीने के पानी को जहरीला किया जा रहा है? पर्यावरण दूषित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो एसिड माफियाओं के विरूद्ध क्या शासन प्रदेश में चल रहे अन्य माफियाओं की तरह काई अभियान चलायेगा? यदि हाँ, तो कब से?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा परिसंकटमय रसायनों एवं अपशिष्टों के उपयोग, भंडारण, परिवहन, आयात आदि से संबंधित वर्तमान केन्द्रीय नियमों के संशोधन हेतु संयुक्त सचिव, भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली को विभागीय पत्र क्रमांक 67/475/2019/32-3, दिनांक 1/2/2020 द्वारा अनुरोध किया गया है। जी नहीं। उक्त नियम केन्द्रीय अधिनियम होने के कारण उसमें संशोधन की कार्यवाही भारत सरकार, पर्यावरण मंत्रालय द्वारा की जायेगी, अतः समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिले में सिंचाई परियोजनाओं का क्रियान्वयन
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 1065 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी वृहद, मध्यम तथा लघु सिंचाई परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं? परियोजनावार/क्षमता सहित विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2015-16 से स्वीकृत संचालित सिंचाई परियोजनाओं की वर्तमान प्रगति की स्थिति क्या है? इन परियोजना में सिंचाई हेतु जो निर्माण कार्य किये गये या वर्तमान में प्रगतिरत हैं, किस व्यक्ति/फर्म को आवंटित किये गये है? कार्यादेश की प्रति और उनके द्वारा जो निर्माण कार्य हुये हैं उनकी स्वीकृत कार्य/वर्तमान उपलब्धि की जानकारी देवें। उक्त कार्य को किस एजेंसी द्वारा प्रमाणित किया गया है? प्रमाणिकरण की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) इन परियोजना से बैतूल जिले में कितने गांव लाभांवित हुये हैं, कितने हेक्टेयर भूमि सिंचित हो रही है वर्ष 2015-16 से प्रश्नांश दिनांक तक की जानकारी परियोजनावर एवं रकवे की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) वर्ष 2015-16 से संचालित सिंचाई परियोजना प्रांरभ तो हुई पर बीच में ही किस कारण से कौन-कौन सी परियोजनाएँ बंद हो गयी? जो परियोजनाएँ बीच में बंद हुई हैं इसके लिए कौन कौन-कौन अधिकारी दोषी है एवं इन अधिकारियों पर प्रश्नांश दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। अनुबंधित एजेंसी को अलग से कार्यादेश प्रदाय करने की व्यवस्था नहीं होने से कार्यादेश की प्रति दिया जाना संभव नहीं है। जी नहीं। कार्यों को किसी एजेंसी से प्रमाणित कराने का प्रावधान नहीं होने से प्रति उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) घाटपिपरिया लघु जलाशय का निर्माण कार्य बंद होना प्रतिवेदित है। शेष कार्य की निविदा आमंत्रित करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अनुबंधित एजेंसी द्वारा निर्धारित कार्य योजना अनुसार कार्य नहीं करने के कारण अनुबंध विखण्डन की कार्यवाही की गई। किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। अत: कार्यवाही किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
लॉ कालेज की संबंद्धता पर रोक
[उच्च शिक्षा]
48. ( क्र. 1134 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला मुख्यालय पर कितने लॉ कालेज हैं तथा उनमें से शिकायत की जाँच उपरांत किन-किन कॉलेजों की संबंद्धता विभाग द्वारा रोकी गई है? (ख) जिन कॉलेज की संबंद्धता रोकी गई है उसमें कितने विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश लिया गया था तथा उन विद्यार्थियों की परीक्षा व आगामी अध्ययन हेतु क्या व्यवस्था की जा रही है? (ग) क्या उक्त लॉ कॉलेजों में बार कौंसिल ऑफ इण्डिया के मापदण्ड़ अनुसार पढ़ाने वाले लॉ प्रोफेसर्स है? विषयवार उनके नाम व पते बतावें। (घ) जिले के जिन लॉ कॉलेजों की संबंद्धता विभाग द्वारा रोकी गई है, उन कॉलेजों में क्या गड़बड़िया पायी गयी? क्या कुछ कॉलेजों द्वारा बार कौंसिल ऑफ इण्डिया की फर्जी मान्यता युनिवर्सिटी को प्रस्तुत की गई थी? (ड.) यदि हाँ, तो संबंधित कॉलेज व उसके संचालकों के खिलाफ कोई एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गयी है? यदि हाँ, तो किस थाने में तथा किन-किन धाराओं में प्रकरण बनाया गया? (च) यदि नहीं, तो जाँच किस स्तर पर लंबित है तथा जाँच हेतु क्या कोई समय-सीमा का निर्धारण किया गया है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) धार जिला मुख्यालय पर 2 लॉ कालेज क्रमशः अशासकीय एल.एस.ए. महाविद्यालय धार तथा अशासकीय एस.आई.सी. महाविद्यालय धार है। इनमें से एस.आई.सी. अशासकीय महाविद्यालय धार की संबद्धता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा रोकी गई है। (ख) जिस कालेज की संबद्धता रोकी गई है उसमें 77 विद्यार्थियों द्वारा प्रवेश लिया गया था तथा उन विद्यार्थियों की परीक्षा व आगामी अध्ययन हेतु निकट के महाविद्यालय में विद्यार्थियों को स्थानांतरित करने की कार्यवाही की जा रही है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जिले के एक लॉ कालेज एस.आई.सी. धार की संबद्धता देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा रोकी गई है। जाँच समिति द्वारा उल्लेखित कमियाँ:- जैसे कॉलेज कोड 28 में प्राचार्य एवं शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होना, बी.सी.आई. नई दिल्ली के मापदण्डों के अनुसार पुस्तकालय में पुस्तकें एवं जर्नल्स उपलब्ध नहीं होना पाया गया है। एस.आई.सी. कॉलेज धार द्वारा प्रस्तुत बी.सी.आई. का मान्यता पत्र बार कौंसिल ऑफ इण्डिया को सत्यापन हेतु देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा पत्र क्र. Academic/2020/106 Date 16.01.2020 प्रेषित किया गया है। (ड.) अशासकीय एस.आई.सी. महाविद्यालय धार व उसके संचालक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की गई है। कॉलेज द्वारा प्रस्तुत बी.सी.आई. का मान्यता पत्र देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर द्वारा उनके पत्र क्र. Academic/2020/106 Date 16.01.2020 बार कौंसिल ऑफ इण्डिया नई दिल्ली को सत्यापन हेतु भेजा गया है। बी.सी.आई. नई दिल्ली से जवाब प्राप्त होने के बाद अनुवर्ती कार्यवाही की जावेगी। (च) अशासकीय एस.आई.सी. महाविद्यालय धार की जाँच का प्रकरण बी.सी.आई. नई दिल्ली से उत्तर प्राप्त नहीं होने के कारण लम्बित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरण विभाग के दर्ज प्रकरण
[पर्यावरण]
49. ( क्र. 1164 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग के औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरण विभाग ने 1 जनवरी 2015 के पश्चात कितने प्रकरण किस-किस उद्योग के खिलाफ, किस-किस अनियमितता के लिए दर्ज किये तथा उन प्रकरणों की वर्तमान स्थति क्या है? कितनों के खिलाफ कितनी राशि का जुर्माना किया गया, कितने प्रकरणों में उद्योगों को सील किया गया? (ख) दिनांक 1 जनवरी 2015 के पश्चात नागदा (उज्जैन) औद्योगिक क्षेत्र के लिए पर्यावरण विभाग एवं क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड में जल, भूमि, वायु प्रदूषण को लेकर कितनी शिकायत प्राप्त हुई? क्या शिकायतों की जाँच के लिए कोई कमेटी का गठन किया गया? यदि हाँ, तो कमेटी में कौन-कौन सदस्य हैं? उनके द्वारा क्या रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी? शिकायतकर्ता के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) पर्यावरण विभाग, प्रदूषण बोर्ड उज्जैन एवं भोपाल ने संयुक्त रूप से कब-कब नागदा का दौरा कर क्या-क्या खामिया पायी? क्या उद्योगों के कारण नागदा शहर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जल, भूमि, वायु प्रदूषण के कारण लगातार किडनी, कैंसर, फेफड़ों के गम्भीर रोग बढ़ रहे हैं? स्वास्थ विभाग एवं पर्यावरण विभाग ने कब-कब संयुक्त रूप से बैठक आयोजित कर इसका अध्ययन किया? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) 1 जनवरी, 2015 के पश्चात उज्जैन एवं मंदसौर जिले में पर्यावरण एवं प्रदूषण बोर्ड विभाग के किन-किन अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ कब-कब, किस-किस व्यक्ति, संस्था ने शिकायत की? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) दिनांक 01/01/2015 से 29/02/2020 की अवधि में नागदा (उज्जैन) औद्योगिक क्षेत्र के लिये जल, भूमि, वायु प्रदूषण को लेकर 51 शिकायतें प्राप्त हुई। 11 शिकायतों हेतु जाँच कमेटी का गठन किया गया, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। प्रश्न में उल्लेखित बीमारियों की जानकारी निरंक होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उज्जैन एवं मंदसौर जिले के 01/01/2015 के पश्चात् मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी/कर्मचारी की प्राप्त शिकायत की जानकारी निरंक होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
धौरा से सुड्डी पहुँच मार्ग का निर्माण
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 1176 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के ग्राम पंचायत धौरा से सुड्डी जाने हेतु कोई पहुँच मार्ग नहीं है जिसके कारण स्थानीय बाजार जाने में धौरा एवं धौरा से लगे हुये ग्रामों के किसान एवं अन्य लोग घूमकर लम्बी रोड से जाकर बाजार करते है? (ख) यदि हाँ, तो बाजार जाने हेतु एवं आवागमन हेतु धौरा से सुड्डी मार्ग का निर्माण कराये जाने कि कोई योजना है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक मार्ग का निर्माण कराया जाएगा? अभी तक क्यों नहीं कराया गया? इसके लिये कौन दोषी है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
दोषी पर पुलिस प्रकरण दर्ज कराया जाना
[उच्च शिक्षा]
51. ( क्र. 1198 ) श्री कमलेश जाटव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. पी.के. पटैरिया और नौगांव नवीन कॉलेज के असिस्टेन्ट प्रोफेसर डॉ. धर्मेश खरे को पी-एच.डी. की डिग्री फर्जी होने एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर नौकरी लेने-देने के आरोप में निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो निलम्बन आदेश एवं आरोप पत्र तथा जाँच प्रतिवेदन की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या निलंबित रजिस्ट्रार एवं प्रोफेसर के विरूद्ध कूटरचित दस्तावेज तैयार करने तथा पी.एच.डी. की उपाधि लेने के आधार पर नियुक्ति लेने तथा वेतन का लाभ लेकर शासन को हानि पहुँचाने का अपराध धारा 420, 467, 468, 409, 120-बी का दर्ज करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) के निलंबित रजिस्ट्रार एवं प्रोफेसर को दिया गया वेतन वसूल करने की कार्यवाही करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के निलंबित रजिस्ट्रार एवं प्रोफेसर की नियुक्ति के समय अभ्यावेदन में लगाये गये सभी सहपत्रों की गहन जाँच कराते हुए समस्त सहपत्र उपलब्ध करायें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। निलम्बन आदेश एवं आरोप-पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख), (ग) एवं (घ) विभागीय जाँच संस्थित की जाने की कार्यवाही प्रचलित है। सभी बिन्दुओं पर जाँच की जाना है। जाँच उपरांत ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। विभागीय जाँच अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया है। अत: समयावधि बताना संभव नहीं है।
महाविद्यालय में प्राचार्य की पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
52. ( क्र. 1199 ) श्री कमलेश जाटव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पोरसा महाविद्यालय जिला मुरैना में कौन-कौन से संकाय संचालित हैं? संकायवार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय सेमेस्टर में कुल कितने छात्र-छात्रायें अध्ययनरत हैं तथा विषयवार उनके पठन-पाठन कराने के लिये कितने सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक महाविद्यालय में पदस्थ हैं? संकायवार, विषयवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के महाविद्यालय में क्या एक भी शैक्षणिक स्टॉफ नहीं है तथा प्राचार्य का प्रभार लिपिक के पास है? तो विद्यालय के पठन-पाठन का संचालन कैसे और कौन करा रहे हैं? समय चक्र के साथ जानकारी उपलब्ध करावें। साथ ही यह भी बतावें कि कब तक शैक्षणिक स्टॉफ एवं प्राचार्य उपलब्ध करा दिये जायेंगे? (ग) प्रश्नांश (क) के महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं यू.जी.सी. तथा अन्य मदों से किस-किस प्रयोजन हेतु कितनी राशि वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुई है? मदवार, वर्षवार आय-व्यय की जानकारी उपलब्ध कराते हुये बैंक पासबुक स्वीकृति आदेश के साथ जानकारी देवें। (घ) यदि प्रश्नांश (क) के महाविद्यालय में क्या शासन के नियम निर्देशों के विरूद्ध राशि व्यय की गई है तो कौन दोषी है? उसके ऊपर कब, क्या कार्यवाही करेंगे?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासकीय महाविद्यालय पोरसा में मात्र कला संकाय संचालित है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "01" एवं ''02" अनुसार है। (ख) जी नहीं। अतिथि विद्वानों द्वारा किया जा रहा है। समय चक्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "03" अनुसार है। पूरे प्रदेश में नियमित प्राचार्यों की कमी होने के कारण समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "04" अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
53. ( क्र. 1212 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा रीवा क्षेत्र की पूर्व स्वीकृत बजट में (1) सिलपरा भटलो मार्ग (2) लोही लक्ष्मणपुर मार्ग अपूर्ण है, इनके पूर्ण होने की समयावधि क्या होगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रधानमंत्री सड़क से सोनौरा पहुँच मार्ग बजट में सम्मिलित होगी? अगर हाँ तो समयावधि तय करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) विस्तृत विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रीवा जिले की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 1213 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कों का बरसात उपरांत मरम्मत एवं नवीनीकरण का प्रावधान है? स्थलवार मार्गों की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किन-किन सड़कों के मरम्मत नवीनीकरण हेतु बजट उपलब्ध कराया जा रहा है? निर्माण की समयावधि क्या होगी? विवरण सहित स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) मरम्मत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-।' अनुसार एवं नवीनीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है।
एस.एस.ए. कॉलेज सिहोरा में बाउंड्रीवाल का निर्माण
[उच्च शिक्षा]
55. ( क्र. 1276 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल कालेज सिहोरा के नवीन कन्या छात्रावास के लिये कितने पद शासन द्वारा स्वीकृत किये गये हैं? पदवार सूची उपलब्ध करावें तथा यह भी बतायें कि स्वीकृत पदों के अनुरूप कितने अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ किये गये हैं? पदस्थापना आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। कितने पद रिक्त है तथा रिक्त पद कब तक भर दिये जावेंगे? (ख) प्रश्नांश (क) छात्रावास में बाउण्ड्रीवाल का निर्माण अभी तक क्यों नहीं कराया गया? कब तक बाउण्ड्रीवाल का निर्माण करा दिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शासकीय श्याम सुंदर अग्रवाल कॉलेज, सिहोरा में छात्रावास हेतु शासन द्वारा हॉस्टल मैनेजर-1 पद, भृत्य-1 पद तथा आउटसोर्स से चौकीदार-2 और स्वीपर का 1 पद स्वीकृत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छात्रावास की बाउण्ड्रीवाल के निर्माण हेतु तकनीकी स्वीकृति का प्रस्ताव स्थायी वित्त समिति को भेजा गया है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
विद्युत शुल्क की राशि में हेरा-फेरी
[ऊर्जा]
56. ( क्र. 1297 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम संभाग में ऊर्जा विभाग द्वारा वर्ष 2016-17 में मेसर्स एग्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स प्रायवेट लिमिटेड एक्वा पाईन्ट ग्राम बंजली सहित अन्य उच्चदाब उपभोक्ताओं को विद्युत सुरक्षा विभाग द्वारा विद्युत शुल्क/उपकर/ब्याज की गणना कर बिल जारी किए थे? यदि हाँ तो किन-किन उपभोक्ताओं को देयक जारी किए थे वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक वर्षवार उपभोक्तावार बताएँ कि कितनी राशि के देयक जारी किए गये एवं कितनी राशि वसूल की? (ख) क्या मेसर्स एग्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स प्रायवेट लिमिटेड एक्वा पाईन्ट बंजली से विद्युत शुल्क बकाया राशि रू. 3591898/-की वसूली हेतु आर.आर.सी. दर्ज करने हेतु जिलाधीश रतलाम को पत्र क्रमांक 1-ए/76/2016-17 लिखा था? यदि हाँ तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराये? (ग) क्या आर.आर.सी. दर्ज होने के पश्चात किसी भी उपभोक्ता का विद्युत देयक सक्षम स्वीकृति के बिना संशोधित किया जा सकता है? यदि नहीं, तो वर्ष 17-18 में प्रश्नांश (ख) में अंकित फर्म की बकाया राशि रू.3591898/- का देयक संशोधित कर रू.2311414/- कम क्यों किया? क्या बकाया राशि कम करने से शासन को रू.1280484/-की राजस्व हानि नहीं हुई? (घ) क्या आर.आर.सी. दर्ज होने के पश्चात नियम विरूद्ध देयक की राशि संशोधित करने वाले दोषी अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो कब? संभाग रतलाम के अन्तर्गत अन्य कितने प्रकरण हैं जिनमें आर.आर.सी. दायर करने के पश्चात बगैर सक्षम स्वीकृति विद्युत शुल्क की राशि में कमी की गयी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं, म.प्र. विद्युत शुल्क अधिनियम, 2012 की धारा 3 के तहत उच्चदाब उपभोक्ताओं सहित सभी विद्युत संस्थापनाओं के परिसर में स्थापित जनरेटर्स से उत्पादित विद्युत के उपभोग पर देय विद्युत शुल्क की राशि की नियमानुसार गणना कर उसका भुगतान उत्पादक द्वारा स्वयं किया जाना होता है। विद्युत निरीक्षकालय द्वारा बिल जारी करने के नियम नहीं है, अत: प्रश्न नहीं उठता तथापि दिनांक 04.06.2015 को तत्कालीन कार्यपालन यंत्री (वि.सु.) रतलाम द्वारा मेसर्स एग्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स प्रायवेट लिमिटेड ''एक्वा पाईण्ट'' ग्राम बंजली जिला रतलाम का स्थल निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान उक्त परिसर में एक 200 के.व्ही.ए. एवं एक 25 के.व्ही.ए. का जनरेटर उपयोग में पाया गया था, परन्तु उत्पादक द्वारा उत्पादित विद्युत खपत पर विद्युत शुल्क का भुगतान नहीं किया जा रहा था एवं उक्त विद्युत खपत की माप हेतु एनर्जी मीटर भी स्थापित नहीं था। अत: अधीक्षण यंत्री (वि.सु.), उज्जैन के पत्र क्रमांक-163 दिनांक 30.06.2015 द्वारा खपत का आंकलन कर बकाया विद्युत शुल्क की राशि का मांग-पत्र उक्त उत्पादक को भेजा गया था। उपरोक्त प्रकरण के अतिरिक्त वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक की अवधि में विद्युत निरीक्षकालय द्वारा रतलाम संभाग के किसी भी अन्य उपभोक्ता को विद्युत शुल्क संबंधी देयक जारी नहीं किये गये। (ख) जी हाँ। पत्र की प्रतिलिपि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, अपितु वर्तमान प्रकरण में विद्युत उत्पादक के आवेदन पर विद्युत शुल्क की गणना में त्रुटि (Error Apparent) पाये जाने के आधार पर जारीकर्ता अधिकारी, जो स्वयं सक्षम हैं द्वारा विद्युत शुल्क की बकाया मांग राशि में संशोधन करते हुए संशोधित विवरण कलेक्टर, रतलाम को उपलब्ध कराया गया है। त्रुटिपूर्ण बकाया मांग राशि में शुद्धि करने से शासन को कोई राजस्व हानि नहीं हुई। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। रतलाम संभाग के अंतर्गत आर.आर.सी. दायर करने के पश्चात् बगैर सक्षम स्वीकृति विद्युत शुल्क की राशि में कमी करने के प्रकरणों की संख्या निरंक है।
प्राध्यापकों के स्वीकृत पद
[उच्च शिक्षा]
57. ( क्र. 1305 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय महाविद्यालय तेन्दूखेडा एवं जबेरा में कितने पद किस-किस विषय के प्राध्यापकों के स्वीकृत है? उनके विरूद्ध कितने पदों की पद पूर्ति हुई हैं एवं कितने रिक्त है तथा कब तक रिक्त पदों की पूर्ति की जावेगी? (ख) तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत पदों पर वर्तमान में कितने पदों की पद पूर्ति हुई है एवं कितने रिक्त है? (ग) शासकीय महाविद्यालय तेन्दूखेडा एवं जबेरा में आउटसोर्स से कितने पदों की पद पूर्ति की गई है विवरण सहित बातावें?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) शैक्षणिक संवर्ग अंतर्गत शासकीय महाविद्यालय तेंदूखेड़ा एवं जबेरा में प्राध्यापक संवर्ग का कोई भी पद स्वीकृत नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) आउटसोर्स से किसी भी पद की पूर्ति नहीं की गई है। अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मार्ग निर्माण के संबंध में
[लोक निर्माण]
58. ( क्र. 1385 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निवाड़ी बायपास तिराहे से घुघुवा मार्ग तक 04 करोड़ 60 लाख की लागत राशि से सड़क मार्ग का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त मार्ग पर स्वीकृत लंबाई से कितने मार्ग पर निर्माण कार्य किया गया है एवं कितना मार्ग शेष है? यदि स्वीकृत लंबाई पर मार्ग का निर्माण नहीं किया गया है तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या उक्त मार्ग पर घटिया निर्माण कार्य किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त निर्माण कार्य की जाँच करायी जाकर एजेंसी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। मार्ग की कुल लंबाई 4.60 कि.मी. है जबकि वास्तविक लंबाई 4.28 कि.मी. मापी गई, जिसमें से 3.90 कि.मी. का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष 0.38 कि.मी. का कार्य शेष है। मार्ग के शेष बचे हुए भाग में भूमि विवाद का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण पूर्ण नहीं कराया जा सका। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सड़कों एवं पुलों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 1391 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में जबलपुर जिले में किन-किन सड़कों एवं पुल के निर्माण का प्रावधान किया गया है? किस-किस कार्य के लिये कितनी-कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? इनमें प्रश्न दिनांक तक क्या प्रगति हुयी है? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता विधायक ने माननीय मुख्यमंत्री जी और माननीय लोक निर्माण मंत्री जी से पाटन विकासखंड में दो साल से क्षतिग्रस्त डूंडी पुल एवं उडना सड़क के निर्माण का अनुरोध किया है? क्या विभाग वर्तमान बजट में इन दोनों के निर्माण का प्रावधान करेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। विभाग में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश के बांधों से विद्युत उत्पादन विषयक
[ऊर्जा]
60. ( क्र. 1392 ) श्री अजय विश्नोई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सभी बांधों में पर्याप्त जलस्तर उपलब्ध है परन्तु उनसे बहुत कम विद्युत का उत्पादन किया जा रहा है? इस वर्ष के माहवार उपलब्ध क्षमता और विद्युत उत्पादन के आंकड़े प्रदान करें। यह भी बतलायें कि किस बांध से कितने रू प्रति यूनिट पर विद्युत उत्पादन होता है? (ख) क्या शासन ने जम्मू एवं काश्मीर में NHPC के स्थापित जल विद्युत गृहों से एक करोड़ यूनिट विद्युत 6 रू. प्रति यूनिट की दर पर खरीदी है और उत्तरी क्षेत्र तथा पश्चिमी क्षेत्र का ट्रांसमीशन चार्ज अतिरिक्त दिया है? (ग) जब मध्यप्रदेश के में पानी भरा है, उनसे सस्ती बिजली एक रू. प्रति यूनिट उपलब्ध है फिर भी विभाग ने प्रदेश के बाहर से मंहगी जल विद्युत क्यों खरीदी है? इससे प्रदेश को कितने रू. की हानि हुयी है? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रणाली की आवश्यकता के अनुरूप विद्युत उत्पादन किया जाता है। मध्यप्रदेश में वर्ष 2019-20 (माह जनवरी 2020 तक) के दौरान जल विद्युत संयंत्रों की उपलब्ध क्षमता एवं विद्युत उत्पादन की माहवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। जल विद्युत संयंत्रों की प्रति इकाई विद्युत उत्पादन लागत की गणना वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर अंकेक्षित वार्षिक लेखों के आधार पर की जाती है, जो वित्तीय वर्ष 2019-20 की समाप्ति के उपरान्त दी जा सकेगी तथापि जल विद्युत गृहों से वर्ष 2018-19 के संधारित आंकड़ों के अनुसार प्रति इकाई विद्युत उत्पादन लागत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं, वर्ष 2019-20 के दौरान माह जनवरी 2020 तक एन.एच.पी.सी. के जम्मू एवं काश्मीर में स्थापित चार (4) विद्युत गृहों से, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के आवंटन अनुसार केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर के अनुरूप 1.0479 करोड़ यूनिट विद्युत रूपये 6 नहीं अपितु रूपये 4.58 प्रति यूनिट की औसत दर से प्राप्त हुई। इस हेतु केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा उत्तरी एवं पश्चिमी क्षेत्र के लिये निर्धारित किये गये ट्रांसमिशन चार्ज का भुगतान भी किया गया है। (ग) म.प्र. को जम्मू एवं काश्मीर में एन.एच.पी.सी. के स्थापित संयंत्रों से विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विद्युत का आवंटन किया गया था। जल विद्युत केन्द्र ए.बी.टी. (उपलब्धता आधारित दर) के अंतर्गत नहीं आते, अपितु उनसे Must Run आधार पर विद्युत प्राप्त की जाती है। ऐसे विद्युत संयंत्र से उत्पादन के दौरान आवंटित विद्युत को समर्पित किये जाने का प्रावधान इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड कोड/अन्य विनियम के अन्तर्गत नहीं है वर्ष 2019-20 (माह जनवरी-2020 तक) उक्त आवंटन अनुसार एवं केन्द्रीय विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर पर एन.एच.पी.सी. के जम्मू एवं काश्मीर स्थित सयंत्रों से उत्तरांश (ख) अनुसार एवं प्रदेश स्थित जल विद्युत संयंत्रों से 545.782 करोड़ यूनिट (औसत दर रूपये 2.40 प्रति यूनिट) प्राप्त हुई है। प्रदेश के बाहर से प्राप्त जल विद्युत प्रदेश में उत्पादित जल विद्युत का मात्र 0.18 प्रतिशत है। आवंटित जल विद्युत विनियामक आवश्यकता अनुसार प्राप्त करने की दशा में प्रदेश को कोई आर्थिक हानि पहुँचाने का प्रश्न ही नहीं उठता। अत: दोषी अधिकारी अथवा उसके विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्न ही नहीं है।
विभागीय योजनायें एवं विद्युतीकरण के कार्य
[ऊर्जा]
61. ( क्र. 1405 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा प्रश्न क्रमांक-3526, दिनांक-25/07/2019 के उत्तरानुसार योजना के कार्यों के प्रस्ताव, स्वीकृत प्राक्कलन एवं कार्य की स्वीकृति एवं श्री आर के शर्मा, सहायक अभियंता द्वारा किए गये निरीक्षण, भौतिक सत्यापन एवं गुणवत्ता परीक्षण का विवरण बतायें एवं दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ख) मुख्यमंत्री कृषि पंप कनेक्शन योजना क्या थी और इस योजना को कब से और क्यों बंद किया गया हैं? (ग) पन्ना एवं कटनी जिलों में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत कौन-कौन से कार्यों को किन-किन विभागीय अधिकारियों के प्रभार में कितनी लागत से कराये गये है एवं योजना के तहत विद्युत अधोसरंचना विकास के कौन-कौन से कार्य, किस आधार पर किस नाम/पदनाम के अधिकारियों द्वारा प्रस्तावित किए गए और कार्यों की स्वीकृति किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा प्रदान की गयी थीं? (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित योजना के कार्यों का किन-किन अधिकारियों द्वारा निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किया गया एवं कितनी राशि का व्यय किन सक्षम प्राधिकारियों द्वारा किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय द्वारा पूछे गए विधानसभा प्रश्न क्रमांक-3526, दिनांक 25.07.2019 के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी का विवरण एवं श्री आर.के.शर्मा, सहायक अभियंता द्वारा किए गये निरीक्षण/भौतिक सत्यापन एवं गुणवत्ता परीक्षण के विवरण सहित दस्तावेज पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पंप कनेक्शन योजना कृषकों को सिंचाई पंप हेतु स्थायी विद्युत कनेक्शन देने की योजना थी जिसमे कृषकों द्वारा निर्धारित अंश राशि जमा करने पर शेष राशि राज्य शासन द्वारा अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाती थी। उक्त योजना लागू करते समय इसकी अवधि मार्च, 2019 तक निर्धारित की गई थी। निर्धारित अवधि के पूर्ण होने पर उक्त योजना बंद हुई है एवं इस योजना के बंद होने उपरान्त राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार ''मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना'' आरम्भ की गई है जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा किया जा रहा है। (ग) पन्ना एवं कटनी जिलों में सौभाग्य योजना अंतर्गत कराये गये कार्यों एवं कार्य हेतु प्रभारी अधिकारी तथा प्राक्कलन अनुसार व्यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त योजना के तहत् योजना के प्रावधानों के अनुसार विद्युत अद्योसंरचना विकास के कार्य यथा-11 के.व्ही. विद्युत लाईन विस्तार कार्य, वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के कार्य एवं निम्न दाब विद्युत लाईन का विस्तार कर अविद्युतीकृत घरों को विद्युत कनेक्शन प्रदाय किये गये। प्रश्नाधीन कार्य सर्वे के आधार पर संबंधित सहायक अभियंता (संचालन-संधारण) द्वारा प्रस्तावित कर प्राक्कलन कार्यपालन अभियंता (संचालन-संधारण) को नियमानुसार स्वीकृति हेतु प्रेषित किए गए। डी.ओ.पी. (डेलीगेशन ऑफ पॉवर) के अनुसार राशि रू. 20 लाख तक के प्राक्कलन में कार्यपालन अभियंता (संचालन-संधारण) द्वारा, राशि रू. 1 करोड़ तक के प्राक्कलन में अधीक्षण अभियंता (संचालन-संधारण) द्वारा एवं राशि रू. 1 करोड़ से ऊपर के प्राक्कलन में क्षेत्रीय मुख्य अभियंता द्वारा तकनीकी स्वीकृति प्रदान की जाती है। कार्यवार, प्राक्कलनवार प्रस्तावकर्ता अधिकारी के नाम/पदनाम एवं सक्षम स्वीकृतिकर्ता अधिकारी के नाम/पदनाम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सौभाग्य योजनान्तर्गत किये गये कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन करने वाले अधिकारियों के नाम/पदनाम तथा सक्षम स्वीकृति उपरान्त किये गये अनुमानित व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल में यूनिट की हेर-फेर
[ऊर्जा]
62. ( क्र. 1435 ) डॉ. मोहन यादव : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पश्चिम क्षे.वि.वि. कं.लि. इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत माह दिसम्बर 2019 तक कि स्थिति में कुल कितने घरेलू उपभोक्ता हैं? इन्दिरा गृह ज्योति योजना लागू होने के माह से माह दिसम्बर-2019 तक 100 या 100 से कम यूनिट बिजली खपत वाले कितने उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिला है माहवार जानकारी देवें? इन उपभोक्ताओं में से कितने उपभोक्ताओं के बिजली बिल में आंकलित खपत जोड़कर 100 यूनिट राउण्ड ऑफ कर इस योजना का लाभ दिया गया? माह दिसम्बर-2019 तक इन्दिरा गृह ज्योति योजना अंतर्गत कुल कितनी राशि सब्सिडी के रूप में शासन से म.प्र.पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर को प्राप्त हो चुकी है अथवा प्राप्त होने वाली हैं की माहवार जानकारी उपलब्ध करावें (ख) घरेलू उपभोक्ताओं की खपत में आंकलित खपत जोड़ने के सम्बन्ध में क्या नियम है? क्या आंकलित खपत का संबंध खराब मीटर से है? यदि हाँ तो म.प्र. पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर क्षेत्रान्तर्गत माह दिसम्बर-2019 की स्थिति में कुल कितने विद्युत मीटर खराब है? उन्हें कब तक बदला जावेगा? यदि नहीं, तो प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आंकलित खपत क्यों जोड़ी जा रही है? (ग) क्या म.प्र.पश्चिम क्षे.वि.वि.कं.लि. इन्दौर द्वारा इसके तहत राज्य शासन से आंकलित खपत के नाम से मीटर खपत के अलावा जो सब्सिडी प्राप्त की जा रही है, क्या यह नियमानुसार है? अगर नहीं तो शासन पर सब्सिडी के नाम से जो आर्थिक भार आ रहा है इसके लिए जिम्मेदार कौन है तथा जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत माह दिसम्बर-2019 तक की स्थिति में कुल 3750691 घरेलू उपभोक्ता हैं। इन्दिरा गृह ज्योति योजना राज्य शासन के आदेश दिनांक 07.09.2019 के अनुसार अपने वर्तमान स्वरूप में माह सितम्बर, 2019 से प्रदेश में लागू की गई है। माह सितम्बर-2019 से माह दिसम्बर-2019 तक 100 या 100 से कम यूनिट बिजली की खपत वाले हितग्राहियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी मध्यप्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कंडिका-8.35 के प्रावधानों के अनुसार जिस अवधि में उपभोक्ता के परिसर पर स्थापित मीटर कार्यरत नहीं रहता है, उस अवधि में उपयोग की गई विद्युत का आंकलन निर्धारित प्रक्रिया अनुसार करके आंकलित खपत का बिल जारी किया जाता है। प्रश्नाधीन इन्दिरा गृह ज्योति योजना से लाभान्वित हितग्राहियों में से माहवार 100 यूनिट की आंकलित खपत पर बिल किये गये हितग्राहियों की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। माह सितंबर-2019 से माह दिसंबर-2019 तक की अवधि में राज्य शासन से म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड को इंदिरा गृह ज्योति योजना अंतर्गत अनुदान के रूप में रू. 105.23 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है एवं रू. 366.04 करोड़ की राशि प्राप्ति योग्य है, जिसका माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार घरेलू उपभोक्ता के परिसर में स्थापित मीटर त्रुटिपूर्ण होने/स्थापित नहीं होने की दशा में म.प्र.विद्युत प्रदाय संहिता, 2013 की कंडिका-8.35 जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है, के प्रावधानों के अनुसार उपभोक्ताओं को आंकलित खपत के बिल जारी किये जाते हैं। म.प्र.पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत माह दिसम्बर-2019 तक की स्थिति में कुल 1825483 मीटर बंद/खराब है। चूंकि मीटरों का खराब होना एवं बदलना एक सतत् प्रक्रिया है, अत: शत्-प्रतिशत मीटर बदलने हेतु निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। उक्तानुसार आंकलित खपत की गणना वैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत की जा रही है। (ग) जी हाँ। अत: किसी के जिम्मेदार होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
छात्राओं को रियायती ब्याज दर पर दोपहिया वाहन उपलब्ध कराना
[उच्च शिक्षा]
63. ( क्र. 1436 ) डॉ. मोहन यादव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वचनपत्र के अनुसार कितनी महाविद्यालयीन छात्राओं को रियायती ब्याज दर पर दोपहिया वाहन उपलब्ध कराया गया है? उज्जैन जिले में कितनी छात्राओं को रियायती ब्याज दर पर दोपहिया वाहन उपलब्ध कराया गया है? सूची महाविद्यालयवार, छात्राओं के नाम एवं राशि सहित उपलब्ध करावें। (ख) इस योजना में रियायती दर कितने प्रतिशत है अथवा होगी? (ग) यदि उपरोक्त योजना लागू नहीं कराई गई है तो किस सत्र से छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा? क्या वचनपत्र की इस योजना का लाभ शासन के शपथ ग्रहण समारोह के पश्चात जिन छात्राओं ने प्रवेश ले लिया है उन सभी छात्राओं को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा अथवा नहीं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) निरंक। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) रियायती दर के निर्धारण हेतु दिनांक 29/08/2019 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अन्तर्विभागीय समिति का गठन किया गया है। (ग) उत्तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
लोक निर्माण विभाग, PIU, MPRDC द्वारा निर्माणधीन कार्य
[लोक निर्माण]
64. ( क्र. 1440 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में लोक निर्माण विभाग, पी.आई.यू. एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा निर्माण कार्य वर्तमान में कराये जा रहे है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ पर कितने कितने लागत के कराये जा रहे हैं? (ख) उक्त कार्य कब स्वीकृत हुये? किस एजेंसी को निर्माण हेतु ठेका दिया गया? उक्त कार्य कब प्रारंभ हुये तथा कार्य पूर्ण अनुबंधानुसार कब तक कराये जाने थे? अनुबंध अवधि में कौन-कौन से कार्य पूर्ण नहीं हुये? ठेकेदार का नाम मापांकन एवं मूल्यांकन करने वाले इंजीनियर का नाम व पद सहित जानकारी दें। (ग) वर्तमान में जो कार्य निर्माणाधीन हैं, उन कार्यों में से किन-किन कार्यों का गुणवत्ता विहीन निर्माण किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई? निर्माण अवधि में प्राप्त शिकायतों की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि शिकायतों पर क्या कार्यवाही की? (घ) प्रश्नाधीन वर्णित ऐसे कौन से कार्य हैं जिनका कार्य विगत एक वर्ष से अधिक अवधि से बंद है? एजेंसी/ठेकेदारों के विरूद्ध क्या-क्या ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही की गई? जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-2' एवं 'ब' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 व 2 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-2', 'ब-1' अनुसार है।
खेल मैदानों एवं खेल गतिविधियों की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
65. ( क्र. 1441 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि पर खेल मैदान निर्मित हैं? जिले में कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि खेलों के लिये सुनिश्चित की गई है? भूमि का समस्त विवरण जैसे ग्राम, ग्राम पंचायत हल्का नम्बर व तहसीलवार सहित उपलब्ध करायें। (ख) शिवपुरी जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ व कब-कब कौन-कौन सी खेल आधारित गतिविधियां कराई गई व इन खेलों व खेल आधारित गतिविधियों से खेलों की किस-किस विधाओं में खिलाड़ियों ने जिला, संभाग व प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन किया? प्रत्येक खिलाड़ी का विवरण दें। (ग) जिले में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि प्राप्त हुई व कब-कब किस-किस खेल या गतिविधि व अन्य कार्यों में व्यय की गई? वर्षवार आय-व्यय के विवरण के साथ बिल वाउचरों का विवरण उपलब्ध करायें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सौभाग्य योजनांतर्गत कराये गये कार्य
[ऊर्जा]
66. ( क्र. 1482 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सौभाग्य योजना के तहत म.प्र. मध्य क्षेत्र वि.वि.कं.लि. के अन्तर्गत विदिशा जिले में विभागीय स्तर से कितने ठेकेदारों एवं प्रोजेक्ट के द्वारा कौन-कौन सी कंपनियों ने विदिशा जिले में कार्य किये गये हैं? योजनान्तर्गत कितनी संख्या में प्राक्कलन स्वीकृत कर कुल कितनी राशि का व्यय प्रश्नांकित अवधि तक हुआ है? क्या विदिशा जिले में सौभाग्य योजना फेस-2 प्रारंभ की जा रही है? (ख) सौभाग्य योजना में अभी तक कुल कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार/ऐजेन्सियों को किया जा चुका है? क्या निर्माण एजेन्सियों द्वारा गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया है, जिससे कुछ समय में पोल एवं तार सहित अन्य उपकरण नष्ट हो गये हैं? इसके लिये कौन दोषी हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में अधिकारियों द्वारा इन निर्माण एजेंसियों के कार्य पर समय पर निरीक्षण, परीक्षण भी नहीं किया। विभागीय अधिकारियों व निर्माण एजेंसियों की भारी मिलीभगत से शासन को करोड़ों रूपयों का नुकसान हुआ है। इसके लिए दोषी कौन है? क्या वरिष्ठ अधिकारियों का दल बनाकर दोषियों की जांच कराकर दोषियों को दण्डित कर धन की वसूली की जावेगी? यदि हाँ, तो कब-तक? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या लटेरी-तहसील के ग्राम आरी, ताजपुरा, चंदेरी और फतेहगढ़ ग्रामों की विद्युत लाइन मधुसूदनगढ़ के स्थान पर लटेरी सब-स्टेशन से जोड़ने का प्रस्ताव विभाग के पास आया था? यदि हां तो स्वीकृत न किये जाने हेतु कौन दोषी है? सौभाग्य योजना फेस-2 अंतर्गत सिरोंज-लटेरी विकासखण्डों के कौन-कौन से प्रस्ताव स्वीकृत किये जाना है? स्वीकृति की प्रक्रिया क्या रहेगी? क्या जनप्रतिनिधियों के सुझाव लिये जावेंगे? विभाग द्वारा जारी निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध कराते हुए संपूर्ण जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सौभाग्य योजना के तहत म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विदिशा जिले में विद्युत अधोसंरचना निर्माण एवं घरेलू विद्युत कनेक्शन प्रदान करने का कार्य विभागीय स्तर पर पंजीकृत 41 ''अ'' श्रेणी विद्युत ठेकेदारों के माध्यम से पूर्ण कराया गया है। उक्त योजनांतर्गत विदिशा जिले में प्रोजेक्ट (टर्न-की ठेकेदार एजेंसी) के द्वारा कोई भी कार्य नहीं कराया गया है। उक्त योजनान्तर्गत स्वीकृत प्राक्कलनों की संख्या एवं व्यय राशि का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सौभाग्य योजना फेस-2 जैसी कोई योजना नहीं हैं एवं न ही प्रस्तावित है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा विदिशा जिले में सौभाग्य योजना में पंजीकृत अ-श्रेणी के ठेकेदारों के माध्यम से विभागीय स्तर पर कराए गए कार्यों हेतु कुल रू. 9.96 करोड़ की राशि का भुगतान किया जा चुका है। उक्त ठेकेदारों को आवंटित कार्य हेतु मुख्य सामग्री म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के मुख्यालय द्वारा क्रय करने एवं नियमानुसार एन.ए.बी.एल. प्रमाणित लैब में टेस्टिंग कराने पर निर्माण मानकों के अनुरूप पाए जाने के उपरांत ही उपलब्ध कराई गई है। अत: यह कहना सही नहीं है कि ठेकेदारों द्वारा गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया गया है। प्रश्नाधीन कार्य हेतु उपयोग में लाए गए पोल, तार एवं अन्य उपकरण नष्ट होने संबंधी कोई भी प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में किये गये कार्यों का निरीक्षण/परीक्षण म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी एवं आर.ई.सी. लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किया गया है। प्रश्नाधीन कार्य में किसी प्रकार की अनियमितता का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है तथापि तत्संबंधी प्रकरण विशेष संज्ञान में लाए जाने पर जांच कर जांच निष्कर्ष के आधार पर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, प्राप्त प्रस्ताव की तकनीकी साध्यता का परीक्षण किया जा रहा है। तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप उक्त कार्य स्वीकृत किया जा सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता। सौभाग्य योजना फेस-2 जैसी कोई योजना नहीं है एवं न ही प्रस्तावित है। अत: प्रश्न नहीं उठता।
विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यों में अनियमिततायें
[जल संसाधन]
67. ( क्र. 1483 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले के गंजबासौदा एवं विदिशा संभागों के कार्यालयों के अंतर्गत कौन-कौन सी वृहद, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म जल परियोजनायें परिसंचालित हैं? इनमें कौन-कौन से निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं? परियोजनावार, स्थानवार सूची उपलब्ध कराते हुए संपूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विगत तीन वित्तीय वर्षों में प्रश्नांकित अवधि तक कौन-कौन सी लघु, मध्यम, वृहद योजनायें (तालाब, स्टॉप डेम, बांध, बैराज आदि) स्वीकृत की गई हैं एवं किन-किन के द्वारा तकनीकी स्वीकृति, प्रशासकीय स्वीकृति एवं कार्यादेश जारी किये गये हैं? योजना की स्वीकृत राशि, कार्यादेश की दिनांक, योजना का स्वरूप, कार्य पूर्ण होने की समयावधि सहित कार्यों की अद्यतन स्थिति सहित समग्र जानकारी योजनानुसार दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितना निर्माण कार्य पूर्ण होकर कितनी-कितनी राशि का भुगतान किस-किस कार्य के लिये कितना कार्य पूर्ण होने पर किया गया है? निर्माण एजेंसियों के भुगतान राशि व तिथि भी बतलावें। (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में कोठा बैराज विकासखण्ड कुरवाई संभाग गंजबासौदा के कार्यादेश किस तिथि में जारी हुए? किस एजेंसी के द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है? मौके पर आज की स्थिति में कितना निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? निर्माण एजेंसी को किस-किस प्रयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि का भुगतान आज की स्थिति में किया गया है? जब मौके पर निर्माण कार्य एजेंसी द्वारा किया ही नहीं गया है तो कंपनी को मटेरियल सप्लाय/कलेक्शन के नाम पर बहुत बड़ा भुगतान प्रभारी कार्यपालन यंत्री, गंजबासौदा द्वारा कैसे कर दिया गया है? क्या इस प्रकरण की संपूर्ण जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराया जाकर दोषियों को दण्डित किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। कोठा बैराज के निर्माण हेतु अनुबंध दिनांक 22-07-2019 को किया गया। समस्त भुगतान अनुबंध के पेमेंट शेड्यूल में निहित प्रावधान अनुसार किया जाना प्रतिवेदित होने से वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराने अथवा दण्डित करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
निर्माणाधीन सड़कों पर माप संधारण
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 1490 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़कों पर माप संधारण रजिस्टर संधारित किया जाता है? यदि हाँ, तो आदेश जारी दिनांक से प्रश्न दिनांक तक नवीन प्रगतिरत कार्यों के उपयंत्री व अधीक्षण यंत्री द्वारा किस-किस कार्य के कितने-कितने प्रतिशत माप सत्यापित किये गए? अभियंता के नामवार, पैकेजवार, माहवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस कार्य के लिए कितना-कितना भुगतान कब-कब किया गया? जानकारी उपलब्ध कराई जावे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। माप पुस्तिका संधारित की जाती है। माप संधारण रजिस्टर संधारित नहीं किया जाता। उपयंत्री व अधीक्षण यंत्री द्वारा माप सत्यापित करने का प्रावधान नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
माइक्रो सिंचाई परियोजना अंतर्गत लाभान्वित ग्राम
[जल संसाधन]
69. ( क्र. 1497 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नईगढ़ी माइक्रो सिंचाई परियोजना स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृत क्रमांक दिनांक सहित स्वीकृति लागत राशि बतायें। (ख) उपरोक्त नईगढ़ी माइक्रो सिंचाई परियोजना के कमांड क्षेत्र में त्योंथर तहसील के कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित हैं तथा उन ग्रामों का प्रस्तावित सिंचित रकबा क्या होगा? (ग) उपरोक्त नईगढ़ी माइक्रो सिंचाई परियोजना के कार्य की भौतिक स्थिति क्या है? परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। प्रश्नाधीन परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 03.11.2016 को रू. 856.04 करोड़ की 50,000 हेक्टर सैच्य क्षेत्र हेतु प्रदान की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) परियोजना की भौतिक प्रगति 20 प्रतिशत प्रतिवेदित है। परियोजना दिसम्बर 2020 तक पूर्ण करना निर्धारित है।
म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी के श्रमिकों को सुरक्षा लाभ
[ऊर्जा]
70. ( क्र. 1501 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी अंतर्गत अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई जिले अनूपपुर में कार्य कर रहे ठेका श्रमिक, संगठित श्रेणी में आते हैं तथा ठेका श्रमिकों को नियमित रूप से मासिक मजदूरी एम्प्लायमेंट कार्ड, सामाजिक सुरक्षा आदि सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई अंतर्गत मे. धीरेन्द्र सिंह एवं ए.के.एस. कंस्ट्रक्शन कंपनी के विरूद्ध स्थानीय ठेका श्रमिकों को गेटपास एवं वेतन पर्ची उपस्थिति से भुगतान करने के संबंध में की गई शिकायत पर मुख्य अभियंता (उत्पादन) चचाई को शिकायतों की जांच कर प्रकरण का निराकरण कर मजदूरी का भुगतान किये जाने हेतु क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 13.02.2020 को पत्र लिखा गया था? उक्त जांच के क्या निष्कर्ष सामने आये? क्या कंपनी द्वारा आर्थिक गबन पाया गया? यदि हाँ, तो उसमें कितनी राशि का गबन हुआ और दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई या प्रचलित है? इस मामले में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या इस संबंध में दिनांक 05 फरवरी 2020 को विधान सभा की पी.यू.सी. समिति के चचाई के प्रवास के दौरान ठेका श्रमिकों द्वारा समिति के समक्ष मजदूरी के भुगतान संबंधी शिकायत की गई थी, उस पर क्या समिति द्वारा मुख्य अभियंता को उचित मजदूरी भुगतान बाबत् निर्देश दिये गये थे? यदि हाँ, तो प्रकरण का अभी तक निराकरण न करने और निर्देशों का पालन न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा और कंपनी द्वारा अनुबंध का पालन न करने पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जांच के निष्कर्ष में शिकायतकर्ता सहित सभी मजदूरों को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान बैंक के माध्यम से एवं ई.पी.एफ. का निर्धारित दर पर भुगतान संबंधित यूनिव्हर्सल अकाउन्ट नंबर में किया जाना पाया गया। शिकायतकर्ता के चाहे अनुसार ठेकेदार के माध्यम से सभी ठेका कर्मियों को वेतन पर्ची उपलब्ध करा दी गई है। तत्संबंध में शिकायतकर्ता द्वारा जांच अधिकारी के सम्मुख प्रस्तुत होकर उक्त आशय का पत्र दिनांक 28.02.2020 भी जांच अधिकारी को सौंपा गया है, जो कि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जांच के उक्त निष्कर्षों के आधार पर कंपनी द्वारा कोई गबन अथवा भुगतान संबंधी विसंगति नहीं पाई गई है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं है। (ग) जी हाँ, विधानसभा की पी.यू.सी. समिति के चचाई प्रवास के दौरान ठेका श्रमिकों द्वारा समिति के समक्ष मजदूरी भुगतान के संबंध में मौखिक शिकायत करने की जानकारी संज्ञान में है तथा समिति द्वारा उचित मजदूरी के भुगतान के मौखिक निर्देश मुख्य अभियंता को दिये गये थे। अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में पूर्व से ही न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 के तहत श्रमायुक्त, मध्यप्रदेश शासन, इन्दौर द्वारा जारी/पुनरीक्षित न्यूनतम मजदूरी दरों पर, पूर्ण पारदर्शी तरीके से बैंक के माध्यम से, ठेका श्रमिकों को उचित मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्नांश लागू नहीं है।
सड़क विकास निगम द्वारा मार्गों का निर्माण
[लोक निर्माण]
71. ( क्र. 1502 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा किन-किन मार्गों का निर्माण किया गया है/किया जा रहा है? मार्ग का नाम, लंबाई, प्रशासकीय स्वीकृति की राशि व दिनांक, अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि, व्यय, ठेकेदार की गारंटी अवधि, कार्य की वर्तमान स्थिति, कार्यपूर्ण करने की तिथि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या कोतमा-जैतहरी-राजेन्द्रग्राम मार्ग का कार्य म.प्र. सड़क विकास निगम द्वारा ए.बी.डी. योजना के अंतर्गत किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या डी.पी.आर. में कोतमा व जैतहरी शहर को मुख्य मार्ग से जोड़ने का उल्लेख न करना, शासन को अधूरी जानकारी देकर प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त करना उचित है? यदि नहीं, तो किसकी जिम्मेदारी है? (ग) क्या उक्त मार्ग से कोतमा व जैतहरी शहर को जोड़े जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम को दिनांक 09.10.2019 को पत्र लिखकर उक्त मार्ग में त्रुटि होने तथा त्रुटि सुधार कर दोनों शहरों को उक्त मार्ग से जोड़ने का अनुरोध किया गया था? (घ) यदि हाँ, तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई और दोनों शहरों को इस मार्ग से जोड़े जाने हेतु विभाग कब तक दिशा-निर्देश जारी कर देगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। डी.पी.आर. में कोतमा व जैतहरी शहर को जोड़ने के प्रस्ताव सहित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त की गई है। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) विभाग द्वारा इस सम्बंध में माननीय विधायक महोदय को विभाग के पत्र दिनांक 8.11.2019 द्वारा वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया था। प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 1516 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा में रजहा-अकौरी-मौहरिया मार्ग का कार्य योजना से स्वीकृति के बाद प्रारंभ नहीं होने की शिकायत कलेक्टर रीवा को की गयी जिसकी जांच का आदेश अधीक्षण यंत्री लो.नि.वि. रीवा को दिया गया, जिसके द्वारा निरीक्षण टीप कलेक्टर रीवा/प्रमुख अभियंता/मुख्य अभियंता/ कार्यपालन यंत्री/अनुविभागीय अधिकारी लो.नि.वि. रीवा को दी गयी? टीप की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या निरीक्षण टीप में ABCPQR का रेखण श्मशान भूमि, देवस्थान, जल भराव के कारण अन्तिम छोर में 300 मीटर परिवर्तिन कर पूर्व की छोर PQR Alignment पर शिफ्ट करने का प्रतिवेदन दिया गया जिस पर कलेक्टर रीवा द्वारा दिनांक 30.08.2017 धारा 11 (संशोधित) पुनर्वास एवं पुनः व्यवस्थापन अधिनियम के तहत तथा धारा 19 के तहत दिनांक 22.01.2018 को प्रकाशन कर दिया गया? कलेक्टर रीवा के पत्र दिनांक 30.08.2017 एवं प्रकाशन की प्रतिलिपियां उपलब्ध करायें। (ग) क्या कार्यपालन यंत्री रीवा द्वारा 02.07.18 को Letter of Acceptance (LOA) Ms. Krishna Construction Company को जारी किया गया? प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। संशोधित आधार पर सड़क का कार्य कब तक शुरू होगा? जिम्मेदार अधिकारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही होगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। निरीक्षण टीप की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश पत्र एवं धारा-11 एवं धारा-19 के प्रकाशन की तिथियां क्रमशः 30.08.2017 एवं 22.01.2018 तथा कलेक्टर रीवा के पत्र दिनांक 30.08.2017 की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, संभाग क्रमांक 1 रीवा द्वारा दिनांक 02.07.2018 को जारी एल.ओ.ए. की प्रतिलिपि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। संशोधित आधार पर मार्ग के एलाइनमेन्ट ABCPQR पर मार्ग निर्माण संविदाकार द्वारा दिनांक 17.09.2019 से प्रारंभ कर दिया गया है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न नहीं उठता।
किसान हितग्राहियों के मोटर पम्प कनेक्शन की जानकारी
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 1519 ) श्री गिरीश गौतम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के म.प्र.पू.क्षे.वि.वि.कं.लि. के संभाग, मऊगंज, त्योंथर, पश्चिम एवं पूर्व संभाग अन्तर्गत कितने किसान हितग्राहियों के 2, 3 एवं 5 हार्स पावर के मोटर पम्प कनेक्शन हैं? संभागवार हार्स पावर सहित अलग-अलग संख्या बताने का कष्ट करें। (ख) प्रश्नांक (क) में वर्णित संभागों के अन्तर्गत 01 जनवरी 2018 से 31 दिसम्बर 2019 तक कितने किसान हितग्राहियों को 2 के स्थान पर 3 के स्थान पर 5 हार्स पावर और 5 के स्थान पर ज्यादा हार्स पावर के बिल जारी किये गये हैं? उनकी संख्या संभागवार बतावें। (ग) प्रश्नांक (ख) में वर्णित विभाग द्वारा दिये गये कनेक्शन से ज्यादा हार्स पावर का बिजली बिल दिये जाने के क्या कारण हैं? क्या ज्यादा दिये गये बिलों को निरस्त किया जायेगा तथा लिए गये कनेक्शन के अनुसार ही बिलिंग की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) रीवा जिले में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत संचालन एवं संधारण संभाग मऊगंज, त्योंथर, रीवा पश्चिम एवं रीवा पूर्व में 2, 3 एवं 5 अश्वशक्ति के विद्युत पंप कनेक्शनों की संचालन एवं संधारण संभागवार संख्या निम्नानुसार है:-
क्र. |
संचालन एवं संधारण संभाग का नाम |
2 अश्वशक्ति के पंप कनेक्शन (नंबर) |
3 अश्वशक्ति के पंप कनेक्शन (नंबर) |
5 अश्वशक्ति के पंप कनेक्शन (नंबर) |
1 |
मऊगंज |
7097 |
3752 |
2396 |
2 |
त्योंथर |
10135 |
3091 |
2410 |
3 |
रीवा पश्चिम |
4155 |
5125 |
4911 |
4 |
रीवा पूर्व |
7339 |
5157 |
5871 |
|
योग |
28726 |
17125 |
15588 |
(ख) प्रश्नांक (क) में वर्णित किसी भी कृषक हितग्राही को 2 के स्थान पर 3, 3 के स्थान पर 5 एवं 5 के स्थान पर ज्यादा अश्वशक्ति के कनेक्शन का बिल नहीं दिया गया है, अपितु कृषक उपभोक्ताओं को उनके आवेदित भार/स्थल निरीक्षण के दौरान पाए गए वास्तविक भार के आधार पर ही बिल जारी किये गये हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता।
रिक्त पदों की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
74. ( क्र. 1533 ) श्री ग्यारसी लाल रावत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय स्नातकोत्तर महविद्यालय सेंधवा में विगत 15 वर्षों से भी अधिक समय से प्राचार्य का पद रिक्त हैं? महाविद्यालय में 3000 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिसमें 95 प्रतिशत आदिवासी वर्ग के विद्यार्थी हैं, उक्त महाविद्यालय में स्थाई प्राचार्य की पदपूर्ति कब पूर्ण की जाएगी? (ख) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में अंग्रेजी 02, भौतिकी शास्त्र 01, भूगोल 01, वनस्पति शास्त्र 01 विषयों के सहायक प्राध्यापक के पद रिक्त हैं, उक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में नियमित प्राचार्यों की कमी है। अतः स्थाई प्राचार्यों की पद पूर्ति करने की निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (ख) म.प्र. लोक सेवा आयोग से चयनित सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना की कार्यवाही प्रचलन में है। रिक्त पदों के विरूद्ध अतिथि विद्वान आमंत्रित हैं। पद पूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
श्रमिकों/कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश का लाभ
[श्रम]
75. ( क्र. 1538 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या निजी फर्म, अर्द्धशासकीय, नगरीय प्रशासन (कचरा वाहन व अनुबंधित ऐजेंसी सहित) या शासकीय विभागों अथवा एजेंसियों में कार्यरत अथवा अनुबंधित कर्मियों को वैतनिक साप्ताहिक अवकाश देने का प्रावधान है? यदि हाँ तो इसके क्या नियम व निर्देश हैं? क्या श्रम विभाग द्वारा इसके संबंध में समय समय पर निरीक्षण या निगरानी की जाती है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इन कर्मियों को वर्ष भर में किस-किस प्रकार के कौन-कौन से अवकाश दिये जाते हैं? इन्हें न्यूनतम मजदूरी/वेतन को लेकर क्या नियम और प्रावधान हैं? क्या इसका पालन हो रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? भविष्य में नियम के पालन करने को लेकर नियमित निरीक्षण/परीक्षण को लेकर क्या योजना है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के परिप्रेक्ष्य में बतावें कि प्रति दिवस कर्मी से कितने घंटे का कार्य लिया जाता है और कितना कार्य लिया जाना चाहिए तथा इन्हें चिकित्सा सुविधा देने के क्या नियम हैं?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। म.प्र. दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 की धारा 13, कारखाना अधिनियम, 1948 की धारा 52 एवं न्यूनतम वेतन अधिनियम, 1948 की धारा (1) एवं न्यूनतम वेतन (म.प्र.) नियम, 1958 के नियम 24 के अनुसार सवैतनिक साप्ताहिक अवकाश देने का प्रावधान है। शासकीय विभागों में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नियमों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार सवैतनिक साप्ताहिक अवकाश देने का प्रावधान है। श्रम विभाग द्वारा समय-समय पर इस संबंध में श्रम कानूनों के अंतर्गत निरीक्षण एवं निगरानी की जाती है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
निदेशक पद पर नियुक्ति हेतु निर्धारित योग्यता
[उच्च शिक्षा]
76. ( क्र. 1539 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उच्च शिक्षा विभाग म.प्र. से महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक वि.वि. उज्जैन में निदेशक का पद स्वीकृत है? क्या अनुदान आयोग नई दिल्ली तथा म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निदेशक पद पर नियुक्ति के लिए योग्यताएं/अर्हताएं निर्धारित की गई हैं? यदि हाँ तो पूर्ण विवरण देवें। (ख) क्या वर्तमान में यहां पर डॉ. मनमोहन उपाध्याय निदेशक के पद पर पदस्थ हैं? यदि हाँ तो इनकी नियुक्ति किस आधार पर की गई है? श्री उपाध्याय इस पद के लिए कौन-कौन सी योग्ताएं/अर्हताएं पूर्ण करते हैं? क्या इनके पास शासकीय महाविद्यालय/विश्वविद्यालय से 10 वर्षों का प्रोफेसर के पद का अध्यापन व शैक्षणिक का अनुभव है? यदि नहीं, तो श्री उपाध्याय की नियुक्ति का क्या कारण है? क्या इनकी नियुक्ति अवैध है? क्या अवैध नियुक्तिकर्ता पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ तो क्या और कब तक? (ग) प्रश्नांक (क) अनुसार निदेशक के लिए विज्ञापन, विज्ञप्ति जारी करने से पूर्व क्या पद पूर्ति की स्वीकृति शासन से प्राप्त की गई है? यदि हाँ तो विवरण देवें। डॉ. उपाध्याय की नियुक्ति के संबंध किस-किस के द्वारा शिकायत की गई और शिकायत की जाँच में क्या निष्कर्ष मिला? शिकायतकर्ताओं की सूची देवें।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। जी नहीं। (ख) जी हाँ। विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर स्वीकृत आचार्य के 05 पद में से 01 निदेशक के पद के रूप में भरने पर विभाग की सहमति दी गई है। तदानुसार विश्वविद्यालय द्वारा आचार्य पद के विरूद्ध निदेशक के रूप में पदस्थापना की गई है। वर्तमान में पदस्थ निदेशक के पास विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित योग्यता/अर्हताएं हैं। जी नहीं। यह नियुक्ति नहीं है अपितु विभाग की सहमति के आधार पर आचार्य पद के विरूद्ध निदेशक को पदस्थ किया गया है। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। नियुक्ति/पदस्थापना के संबंध में कुल 04 शिकायतें प्राप्त हुई, जिन पर विश्वविद्यालय के पत्र दिनांक 09.05.2018 द्वारा राजभवन को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है कि शिकायतें मिथ्या तथा वास्तविकता से परे है तथा नस्तीबद्ध करने योग्य है। विभाग स्तर पर प्राप्त शिकायत की जांच हेतु प्रकरण संभागायुक्त उज्जैन को पत्र क्रमांक 411/461/2019/38-3 दिनांक 29/4/2019 द्वारा प्रेषित किया गया तथा वर्तमान में जांच प्रतिवेदन अपेक्षित है। शिकायतकर्ताओं की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युतीकरण की योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 1552 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के अंतर्गत ऊर्जा विभाग द्वारा ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु संचालित राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण/दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत चिन्हित ग्रामों के नाम बतावें। इनमें से कितने ग्रामों में कार्य पूर्ण कर लिये गए हैं? कितने शेष हैं, की जानकारी देवें। योजना के क्रियान्वयन बाबत् किन-किन संविदाकारों/ठेकेदारों को वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कार्य आदेश दिये गए? कितनों ने कार्य पूर्ण? किये कितनों ने नहीं किये? बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) की योजना में कितने ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए वर्तमान में कितने ट्रांसफार्मर जिले में किन विद्युत वितरण केन्द्रों के जले हुए हैं? इनके जलने की तिथि के साथ-साथ इन्हें कब तक बदल दिया जावेगा? बताएं। नहीं तो क्यों? कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) योजनाओं के विद्युतीकरण कार्य समय पर नहीं कराये गये। संविदाकर व जिम्मेवार अधिकारी आपस में सांठ-गांठ कर राशि आहरित कर ली प्रश्नांश (ख) अनुसार ट्रांसफार्मर जलने के बाद भी समय पर नहीं बदले गये, जिससे किसानों की सिंचाई प्रभावित हो रही है। विद्युत आपूर्ति बाधित होने के बाद भी बिजली बिल की वसूली जबरन की जा रही है। जबरन वसूली बंद करने व ट्रांसफार्मर सुधारने के लिये क्या निर्देश देवेंगे व कब? साथ ही किसको दोषी मानकर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जिला सतना के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित योजनाओं में विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण कार्य हेतु चिन्हित ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ-1, अ-2 एवं अ-3 अनुसार है। उक्त योजनाओं के अंतर्गत जिला सतना में सभी चिन्हित ग्रामों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है, कहीं भी कार्य शेष नहीं हैं। 11 वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के कार्यों हेतु मेसर्स एलटेल, नई दिल्ली को एवं 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के कार्यों हेतु मेसर्स विध्या टेलीलिंक, नई दिल्ली को प्रश्नाधीन अवधि में कार्यादेश जारी किये गए। उक्त ठेकेदार एजेंसियों द्वारा योजना के प्रावधान अनुसार कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। (ख) जिला सतना में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत 713 वितरण ट्रांसफार्मर, 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत 275 वितरण ट्रांसफार्मर एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना अन्तर्गत 450 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित किये गए वर्तमान में जिला सतना में उक्त योजनाओं के अंतर्गत स्थापित किया गया कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं हैं। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ग) नोडल एजेंसी आर.ई.सी. लिमिटेड के दिशा-निर्देशानुसार प्रश्नाधीन योजनाओं में किये गये समस्त कार्यों का भौतिक सत्यापन थर्ड पार्टी एजेंसी से करवाया गया है। कार्य पूर्ण होने पर भौतिक सत्यापन उपरांत ही संबंधित प्रभारी अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों के बिलों की राशि के भुगतान हेतु देयक पारित किये जाते है। सतना जिले में 11वीं पंचवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजनांतर्गत विद्युतीकरण कार्य समय पर नहीं कराने के कारण अवार्ड की शर्तों के अनुसार ठेकेदार एजेंसियों के देयकों से क्रमशः रू 1.46 करोड़ एवं रू 1.10 करोड़ की राशि लिक्विडेटेड डैमेज के रूप में काटी गई है। उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नाधीन क्षेत्र में वर्तमान में कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। अत: कृषि कार्य प्रभावित होने, नियम विरूद्ध बिल की वसूली किये जाने एवं किसी के दोषी होने का प्रश्न नहीं उठता।
टोल नाके का स्थल परिवर्तन
[लोक निर्माण]
78. ( क्र. 1557 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नयागाँव जावरा टोल रोड पर टोल नाके मूल योजना में कहाँ-कहाँ और कितनी दूरी पर प्रस्तावित थे और वर्तमान में कहाँ-कहाँ और कितनी दूरी पर स्थित हैं? टोल से टोल की दूरी के क्या नियम हैं? उल्लेख करें। (ख) पिपलिया मंडी स्थित टोल वर्तमान में जहाँ स्थित है, क्या वह अन्यत्र स्थान पर प्रस्तावित था? अगर उक्त टोल नाका अन्यत्र से स्थान्तरित कर वर्तमान स्थान पर स्थापित किया गया तो उसके मूल कारण क्या थे और इस स्थान परिवर्तन से शासन को क्या अतिरिक्त लाभ मिला? अगर मिला है तो उसको उल्लेखित करें। (ग) अगर इस स्थान परिवर्तन से शासन को लाभ नहीं मिला तो फिर किस लिए उक्त स्थान परिवर्तन किया गया? क्या ठेकेदार को अतिरिक्त लाभ पहुंचाने के लिए उक्त निर्णय लिया गया और नहीं तो फिर स्थान परिवर्तन नियमों को तोड़कर किस मजबूरी में किया गया? (घ) अगर इस से किसी तरह का अतिरिक्त लाभ शासन को नहीं मिला तो फिर पिपल्या मनासा गांधी सागर मार्ग मंदसौर जाने वाले वाहनों पर टोल का अतिरिक्त बोझ क्यों बढ़ाया गया और जनता के जेब पर अनावश्यक भार क्यों बढ़ाया गया क्या यह नियम विरुद्ध किया गया? अगर हाँ तो क्या मूल योजना अनुसार उक्त टोल नाका मूल प्रस्तावित स्थान पर लगाया जावेगा? अगर हाँ तो कब तक और नहीं तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जावरा-नयागाँव मार्ग पर अनुबन्ध के भाग III के पृष्ठ क्र.-131 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार कि.मी. 125 से 173 के प्रथम सेक्शन का टोल नाका कि.मी. 141 से 144 के मध्य, कि.मी. 173 से 222 के दूसरे सेक्शन का टोल नाका कि.मी. 201 से 204 के मध्य एवं कि.मी. 222 से 253 तृतीय सेक्शन का टोल नाका कि.मी. 251 में बनना था। अनुबन्ध में टोल से टोल दूरी का कोई नियम उल्लेख नहीं है वर्तमान में टोल नाका क्रमशः माननखेड़ा टोल कि.मी. 148.600, पिपलिया मण्डी टोल कि.मी. 193.950 एवं नयागाँव टोल कि.मी. 251.750 पर स्थित है। (ख) जी हाँ। अनुबन्ध की शर्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार टोल नाके का स्थल परिवर्तन करने का अधिकार एम.पी.आर.डी.सी. को है। यह एम.पी.आर.डी.सी. द्वारा अनुबन्ध के भाग III की कण्डिका 6.11 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' के सन्दर्भ में पिपलिया मण्डी पर टोल नाका, पिपलिया मण्डी मनासा के लीकेज पाईंट पर चेक पोस्ट निर्माण संभव नहीं होने के कारण एम.पी.आर.डी.सी. के पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार टोल नाके का स्थान कि.मी. 201 से 204 के मध्य के स्थान पर वर्तमान कि.मी. 193+800 पर स्वीकृत किया गया। टोल नाके के स्थल परिवर्तन का शासन के लाभ या हानि का कोई प्रश्न ही नहीं है। (ग) टोल स्थल परिवर्तन का कम्पनी या शासन को लाभ या हानि से संबंध नहीं है। यह स्थल परिवर्तन अनुबन्ध की उक्त वर्णित शर्तों के अनुरूप पिपलिया मण्डी मनासा के लीकेज पाईंट पर चेक पोस्ट निर्माण संभव नहीं होने के कारण किया गया है। नियम तोड़ने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) पिपलिया मनासा गांधी सागर मार्ग मन्दसौर जाने वाले वाहनों पर टोल नियमानुसार लिया जा रहा है। अतिरिक्त बोझ का कोई प्रश्न ही नहीं है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न ही नहीं उठता है।
लैबर सप्लाई में कंपनी द्वारा की गयी अनियमितता की जांच
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 1559 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 1763 दिनांक 20/12/2019 के जवाब में बताया गया कि फर्म वर्ल्ड क्लास कंपनी से 4, 01, 806 रुपये की रिकवरी की गई जबकि उक्त जांच सिर्फ 3 वितरण केन्द्रों की की गई थी और सिर्फ छ: माह की जांच थी जबकि उक्त फर्म अन्य 4 वितरण केन्द्रों पर भी कार्य कर रही थी एवं उसका कार्यकाल 36 माह का था तो फिर सम्पूर्ण जांच कर पूर्ण कार्यकाल में की गई आर्थिक चोरी की रिकवरी क्यों नहीं की गई? क्या सम्पूर्ण कार्यकाल 36 माह की एवं सभी वितरण केन्द्रों की जांच कराई जावेगी और पूर्ण रिकवरी कराई जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बताये और यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ख) म.प्र.प.श्रे.वि.वि. कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत लैबर सप्लाई के भुगतान के लिए कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी अधिकृत हैं? क्या उन सभी के द्वारा अनुमोदन के उपरांत ही भुगतान किया जाता है या नहीं? अगर हाँ तो किसी भी प्रकार का गलत भुगतान होने पर सभी अधिकृत अधिकारी/कर्मचारियों की क्या जवाबदेही है? (ग) प्रश्नांश (क) प्रश्न के जवाब में इससे सम्बंधित दोषी एक कर्मचारी को बताया जबकि वितरण केन्द्रो के प्रभारी इसके लिए जिम्मेदार हैं जिनके अनुमोदन पश्चात ही भुगतान होता है तो क्या उन कथित दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें नहीं तो कारण दर्शाया जावे।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, तारांकित विधानसभा प्रश्न क्रमांक 1763 दिनांक 20.12.2019 के उत्तर में आउटसोर्स मेनपॉवर प्रदाता फर्म मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस, इंदौर से पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा राशि रु. 4, 01, 806 की वसूली किये जाने की जानकारी दी गई थी। उक्त वसूली तत्समय प्राप्त शिकायत की जाँचोपरांत जांच निष्कर्ष के आधार पर की गई थी। संचालन-संधारण संभाग जावद के अंतर्गत कुल 9 वितरण केन्द्र कार्यालय कार्यरत हैं जिनमें से प्राप्त शिकायत के आधार पर 5 वितरण केन्द्र कार्यालयों की, शिकायत में उल्लेखित अवधि हेतु जांच की गई थी। उक्त जांच में 5 वितरण केन्द्र कार्यालयों में से 3 वितरण केन्द्र कार्यालयों में अनियमितता पाई गई थी। संचालन-संधारण संभाग जावद के अन्य 4 वितरण केन्द्र कार्यालयों के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई थी एवं न ही कोई अनियमितता का प्रकरण प्रकाश में आया है तथापि संचालन-संधारण संभाग जावद के सभी वितरण केन्द्रों में प्रश्नाधीन आउटसोर्स मेनपावर प्रदाता फर्म मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस, इन्दौर के संपूर्ण कार्यकाल की जांच आगामी 4 माह में करवा ली जाएगी। (ख) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत आउटसोर्स मेनपॉवर प्रदाता फर्म के मासिक बिलों के भुगतान के लिए संबंधित संचालन-संधारण संभाग के कार्यपालन अभियंता अधिकृत हैं। भुगतान हेतु संबंधित वितरण केन्द्र प्रभारी द्वारा ऑउटसोर्स मेनपॉवर प्रदाता फर्म के माध्यम से उपलब्ध कराए गए श्रमिकों की प्रत्येक माह की उपस्थिति का उपस्थिति पत्रक सत्यापित कर संबंधित संचालन-संधारण संभाग को प्रेषित किया जाता है। संचालन-संधारण संभाग कार्यालय में पदस्थ कार्यालय सहायक द्वारा प्राप्त उपस्थिति पत्रक के आधार पर ऑउटसोर्स मेनपॉवर प्रदाता फर्म द्वारा प्रस्तुत बिल की जांच कर उक्त देयक को कार्यपालन यंत्री के माध्यम से पारित कर संबंधित वरिष्ठ लेखाधिकारी को भुगतान हेतु प्रेषित किया जाता है। संबंधित वरिष्ठ लेखाधिकारी द्वारा संभाग से पारित प्राप्त बिलों के आधार पर संबंधित फर्म को भुगतान किया जाता है। प्रकरण विशेष में गलत भुगतान होने की स्थिति में जाँचोपरांत पाई गई अनियमितताओं के आधार पर जिम्मेदारी तय की जाती है। (ग) प्रश्नाधीन प्रकरण में संचालन-संधारण संभाग जावद कार्यालय में तत्समय क्रय शाखा में पदस्थ कर्मचारी श्री भास्कर प्रसाद करहे (सहायक मानचित्रकार) के द्वारा आउटसोर्स मेनपॉवर प्रदाता फर्म मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेस, इन्दौर के बिल सत्यापित करने का कार्य किया गया था। श्री भास्कर प्रसाद करहे को कार्य में गंभीर लापरवाही के दृष्टिगत दिनांक 30.06.2016 से निलंबित कर विभागीय जांच की जा रही थी किन्तु दिनांक 27.07.2017 को उनका आकस्मिक निधन हो जाने से कार्यपालन यंत्री संचालन-संधारण संभाग जावद के आदेश क्रमांक 08 दिनांक 31.08.2017 से नियमानुसार विभागीय जांच तत्काल प्रभाव से समाप्त की गई तथापि प्रकरण में अन्य कर्मचारियों/अधिकारियों की जबावदेही निर्धारित करने हेतु विस्तृत जांच आगामी 4 माह में करवा ली जाएगी तथा जांच निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
सड़क निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 1562 ) श्री सीताराम : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र क्र. 02 विजयपुर में टेटरा से धोवकी तक रोड बहुत खराब हो गया है, उसमें 2 से 3 फुट के गड्ढे बन गये हैं। प्रश्नकर्ता द्वारा कई बार अनुरोध भी किया गया है। उसके बाद भी सड़क का निर्माण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ख) क्या टेटरा से धोवकी का सड़क निर्माण/मरम्मत कार्य चालू होगा? यदि हाँ, तो कब तक चालू किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, मार्ग आंशिक क्षतिग्रस्त है। मार्ग का 4.3 कि.मी. भाग में निर्माण प्रगति पर है। शेष मार्ग के संधारण का कार्य प्रगतिरत है। (ख) जी हाँ, निर्माण/मरम्मत कार्य प्रगति पर है।
विद्युत पोल एवं विद्युत लाइन के कार्य
[ऊर्जा]
81. ( क्र. 1569 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के सागर संभाग के अंतर्गत अप्रैल, 2019 से अभी तक अतिरिक्त विद्युत पोल लगाए जाने, पोल क्षतिग्रस्त होने पर नया लगाए जाने एवं तार (लाइन) चोरी होने अथवा टूट जाने पर नया लगाया जाने की मांग का ब्यौरा क्या है? जिलेवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार विभाग द्वारा उक्त के निराकरण हेतु की गई कार्यवाही का जिलेवार ब्यौरा क्या है? (ग) क्या सागर जिला अंतर्गत विद्युत संभागों में पिछले 8-10 माह से विद्युत तार (लाइन) एवं पोल के कार्य न होने से कृषकों एवं उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? (घ) क्या सागर जिला अंतर्गत विद्युत संभागों में कई माह से तार (लाइन) एवं पोल लगाए जाने के अनेक प्राक्कलन स्वीकृति हेतु लंबित हैं? यदि हाँ, तो कार्य न कराए जाने के क्या कारण हैं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रांतर्गत सागर संभाग में माह अप्रैल 2019 से प्रश्न दिन तक विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत अतिरिक्त पोल लगाए जाने, पोल क्षतिग्रस्त होने पर नया पोल लगाए जाने एवं तार (लाइन) चोरी होने अथवा टूट जाने पर नया तार लगाये जाने संबंधी प्रश्नाधीन चाही गई जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा माँग निराकरण हेतु की गई कार्यवाही की जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। सागर जिले के अंतर्गत कृषक/अन्य सभी उपभोक्ताओं को सुचारू रुप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। वर्तमान में जिन स्थलों के पोल अथवा लाइन क्षतिग्रस्त है, वहां तकनीकी साध्यता अनुसार वैकल्पिक व्यवस्था कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। (घ) जी नहीं, वर्तमान में कोई भी प्राक्कलन स्वीकृति हेतु लम्बित नहीं है। प्राक्कलन स्वीकृति उपरांत शेष कार्यों को पूर्ण किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है।
सूक्ष्म, लघु एवं वृहद सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
82. ( क्र. 1572 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दिसम्बर 2018 की स्थिति में सूक्ष्म, लघु एवं वृहद सिंचाई परियोजनाओं से सिंचित क्षेत्र का कुल रकबा कितने हेक्टेयर था? दिसम्बर 2018 में निर्माणाधीन सूक्ष्म, लघु एवं वृहद सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने की स्थिति में कुल सिंचित क्षेत्र का रकबा कितना हो जायेगा? (ख) जनवरी 2019 से अभी तक सरकार द्वारा प्रदेश की निर्माणाधीन एवं जनवरी 2019 के बाद नवीन स्वीकृत सूक्ष्म, लघु व वृहद परियोजनाओं हेतु कुल कितना आवंटन प्रदान किया गया? योजनावार बतायें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदेश में दिसम्बर 2018 की स्थिति में लघु, मध्यम एवं वृहद सिंचाई परियोजनाओं से सिंचित क्षेत्र का कुल रकवा 33 लाख हेक्टर था। दिसम्बर 2018 में निर्माणाधीन लघु, मध्यम एवं वृहद सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने की स्थिति में कुल सिंचित रकवा लगभग 51.75 लाख हेक्टर हो जाएगा। सूक्ष्म परियोजनाओं का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
खेल और युवा कल्याण विभाग में भर्ती
[खेल और युवा कल्याण]
83. ( क्र. 1573 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खेल विभाग में वर्ष 2017 में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारियों के पद पर भर्ती में कुछ अधिकारियों के खेल प्रमाण-पत्र फर्जी होने की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस अधिकारी के खिलाफ शिकायत प्राप्त हुई थी? शिकायत का विवरण उपलब्ध कराया जावें। (ग) क्या प्राप्त शिकायत की जांच को रफा-दफा करने हेतु सी.आई.डी. को जांच सौंपी गई, जबकि खेल प्रमाण-पत्रों की जांच खेल विभाग स्वयं कर सकता था? (घ) क्या वर्ष 2017 में नियुक्त समस्त जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारियों की शैक्षणिक व खेल प्रमाण-पत्रों की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से करवाकर योग्य उम्मीदवारों को न्याय प्रदान करने की कार्यवाही विभाग द्वारा की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ड.) क्या फर्जी प्रमाण-पत्र के माध्यम से नौकरी जाने वाले अभ्यर्थी के प्रमाण-पत्रों की जांच के चलते प्रतीक्षा सूची के योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं मिल पा रही है? यदि हाँ, तो फर्जी प्रमाण-पत्रों के आधार पर नियुक्ति पाने वाले अधिकारियों की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही कर योग्य उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान की जावेगी। यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय आवास गृहों की जानकारी
[लोक निर्माण]
84. ( क्र. 1605 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर के नगरपालिका छतरपुर क्षेत्र के अंतर्गत लोक निर्माण विभाग के कितने शासकीय आवास गृह कहाँ-कहाँ एवं किस-किस टाइप के हैं? उक्त आवास गृह वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस को आवंटित किये गये हैं? मूल पद एवं नाम सहित बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त आवास गृहों में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक लो.नि.वि. द्वारा कौन-कौन से कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी है? उक्त विभाग को कितनी राशि कब किस आवासगृहों के लिए प्राप्त हुई है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त आवास गृहों में किये गये कार्यों की सक्षम अधिकारी द्वारा तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति दी गयी है? यदि हाँ, तो कब किसके द्वारा मूल पद एवं नाम सहित उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या उक्त कार्यों का सक्षम अधिकारी द्वारा निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण कर कार्य पूर्णता प्रमाण-पत्र दिया गया है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा मूल पद एवं नाम उल्लेख करें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ड.) प्रश्नांश (ख) के अनुसार क्या उक्त आवास गृहों में निवासरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों से कार्य पूर्ण होने की सहमति एवं संतुष्टि प्रमाण-पत्र लिया जाता है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) जी नहीं, मरम्मत कार्यों का पूर्णता प्रमाण-पत्र दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ड.) जी नहीं, मरम्मत कार्यों के पूर्ण होने पर संतुष्टि प्रमाण-पत्र लिये जाने का प्रावधान नहीं है।
बदले गये ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
85. ( क्र. 1634 ) श्री तरबर सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र बण्डा अंतर्गत माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने ट्रांसफार्मर बदले गये? (ख) बदले गये ट्रांसफार्मरों में कितने नये और कितने सुधार करके रखे गये? (ग) जो नये ट्रांसफार्मर रखे गये उनके क्रय बिल की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) यदि इसमें नये ट्रांसफार्मर की विलिंग कर सुधार वाले ट्रांसफार्मर विद्युत मण्डल द्वारा रखे गये हैं तो क्या संबंधित अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बण्डा के अंतर्गत माह जनवरी-2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 471 फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले गये हैं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार सभी फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को सुधारे गये वितरण ट्रांसफार्मरों से बदला गया है। कोई भी नया वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित नहीं किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (घ) जी नहीं। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्न नहीं उठता।
नवीन मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
86. ( क्र. 1639 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अलीराजपुर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत नवीन मार्ग स्वीकृत किये जाने हेतु पत्र क्रं/449/2019, दिनांक 27.07.2019 द्वारा आपको प्रस्ताव भेजे गए थे। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार भेजे गए मार्गों को मुख्य बजट 2019-20 में जोड़ा गया है? यदि जोड़ा गया है तो स्वीकृति कब तक जारी की जावेगी? (ग) यदि मुख्य बजट 2019-20 में नहीं जोड़ा गया है, तो नहीं जोड़ा जाने का कारण बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) विभाग में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता सीमित होने से कार्यवाही संभव नहीं हो सकी।
स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[लोक निर्माण]
87. ( क्र. 1661 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा आपको पत्र क्रं. 101 दिनांक 01.02.2019, क्र. 442 दिनांक 15.07.2019, क्र. 715 दिनांक 30.10.2019 के द्वारा श्योपुर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत सड़क निर्माण विकास कार्य स्वीकृत कराये जाने हेतु अनुशंसा की गयी है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त अनुशंसित कार्यों में से कितने कार्य स्वीकृत किये गये? (ग) यदि नहीं, तो क्यों स्वीकृत नहीं किये गये? यदि स्वीकृत किये जायेंगे तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। पत्र क्रमांक 101 दिनांक 01.02.2019 एवं क्रमांक 442 दिनांक 15.07.2019 प्राप्त तथा पत्र क्रमांक 715 दिनांक 30.10.2019 प्राप्त नहीं हुआ। (ख) कोई नहीं। (ग) प्रश्नांक (क) में उल्लेखित प्राप्त पत्रों के समस्त कार्यों के प्रस्ताव मुख्य बजट वर्ष 2020-21 के अपरिक्षित मद में सम्मिलित करने हेतु वित्त विभाग को प्रेषित। बजट में सम्मिलित होने के उपरांत स्वीकृति जारी करना संभव हो सकेगा।
विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा
[उच्च शिक्षा]
88. ( क्र. 1666 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित विश्वविद्यालयों को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने बाबत् शासन की क्या नीति है? इसका क्या प्रावधान है? (ख) क्या रानी दुर्गावाती विश्वविद्यालय जबलपुर को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने बाबत् अशासकीय संकल्प विधान सभा में पारित हो चुका है। यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन ने कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की है। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) शासन रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने हेतु कब तक आवश्यक कार्यवाही करेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) प्रदेश में संचालित विश्वविद्यालयों को केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनाने बाबत् राज्य शासन की कोई नीति नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। विश्वविद्यालय द्वारा विभाग के माध्यम से प्रस्ताव मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली को प्रेषित किया गया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा अवगत कराया गया है कि संसाधनों की अत्यधिक कमी को ध्यान में रखते हुए रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान करना संभव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बी.ई. पाठ्यक्रम की फीस
[उच्च शिक्षा]
89. ( क्र. 1693 ) श्री संजय उइके : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवी अहिल्याबाई विश्वविदयालय इन्दौर द्वारा बी.ई. पाठ्यक्रम हेतु वर्ष 2018-19 में ट्यूशन फीस 60000/- रूपये एवं वर्ष 2019-20 में उक्त पाठ्यक्रम हेतु ट्यूशन फीस बढ़ाकर 80000/- रूपये कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. शासन की फीस नियामक आयोग के दिशा/निर्देश/नियम की स्वच्छ सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फीस वृद्धि वर्तमान सत्र में प्रवेशित छात्र/छात्राओं से ही ली जावेगी या पूर्व में प्रवेशित छात्र/छात्राओं से भी ली जावेगी।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्नांक (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
एप्रोच कैनाल का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
90. ( क्र. 1700 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में मध्यम सिंचाई परियोजना अन्तर्गत बनने वाले मंझगाय बांध में केन नदी से पानी लाए जाने हेतु बनने वाली एप्रोच कैनाल की भूमि का आधिपत्य उ.प्र. सरकार के पास है? (ख) यदि हाँ, तो उक्त एप्रोच कैनाल के निर्माण कार्य की स्वीकृति प्राप्त करने हेतु शासन द्वारा पत्राचार के साथ-साथ क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की प्रति उपलबध करावें एवं उक्त स्वीकृति कब तक प्राप्त कर ली जावेगी? (ग) उक्त स्वीकृति के बिना बांध से पेय जल पानी गाँव-गाँव तक पहुँचाने हेतु पूर्व से ही पाइप लाइन डाले जाना का क्या औचित्य है जबकि बांध में पानी आने की स्थिति ही संदेहास्पद है? इसको कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सिटी पोर्शन मार्ग की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 1707 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1712 दिनांक 20 दिसम्बर 2019 के उत्तर की कंडिका (ग) में बताया गया था कि सिटी पोर्शन नरसिंहगढ़ सड़क निर्माण कार्य के संबंध में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों के अनुरूप एवं प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति की कार्यवाही की जावेगी? क्या उक्त सिटी पोर्शन मार्ग निर्माण कार्य विभाग की प्राथमिकता में दर्ज है? यदि हाँ, तो क्या मुख्य बजट 2020-21 में उक्त सड़क निर्माण कार्य हेतु बजट प्रावधान किया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्यों तथा उक्त मार्ग निर्माण हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में महज 4.40 कि.मी. लंबाई के उक्त सिटी पोर्शन मार्ग की वर्तमान जीर्ण-शीर्ण अवस्था एवं निरंतर अवरूद्ध आवागमन की समस्या के स्थाई निराकरण हेतु विभाग द्वारा प्रेषित प्राक्कलन अनुरूप प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति मुख्य बजट 2020-21 में ही प्रदान करेगा? यदि नहीं, तो उक्त मार्ग निर्माण हेतु विभाग की क्या कार्य योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। जी नहीं। प्राक्कलन परीक्षणाधीन है, वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता अनुसार कार्यवाही की जा सकेगी। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार।
तालाबों का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
92. ( क्र. 1708 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार अंतर्गत विधान सभा धरमपुरी में नालछा ब्लॉक में जल के साधन बहुत कम हैं, यहां की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यहां पर तालाब की अत्यधिक आवश्यकता है। विभाग द्वारा सर्वे करवाकर यहां की समस्या को कब तक हल किया जायेगा? (ख) धरमपुरी वि.स. अंतर्गत कितने हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता वाले तालाब किस-किस वर्ष में बनाये गये? इन तालाबों में पानी की भराव क्षमता क्या है? तालाबवार जानकारी देवें और कितने तालाबों का काम प्रश्न दिनांक तक संचालित है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार किन-किन तालाबों में सीपेज हो रहा है और किन-किन तालाबों में मरम्मत हेतु कितनी राशि किस वर्ष स्वीकृत की गई? तालाबवार, राशिवार, वर्षवार जानकारी देवें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति उपलब्ध वित्तीय संसाधनों पर निर्भर होती है। अत: समय-सीमा बताना संभव नहीं है। प्रश्नाधीन ब्लॉक में 22 सिंचाई परियोजनाएं निर्मित होकर रूपांकित सिंचाई क्षमता 2309 हेक्टर है। साध्यता स्वीकृति प्राप्त परियोजना की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) असामान्य सीपेज की जानकारी निरंक। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
विद्युत विहिन क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
93. ( क्र. 1709 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार अंतर्गत विकासखण्ड धरमपुरी में जनगणना-2011 के अनुसार राजस्व ग्रामों के चिन्हित ऐसे कितने मजरे टोले हैं, जो विद्युतविहीन हैं? क्या इन क्षेत्रों में सौभाग्य योजना संचालित है? यदि हाँ, तो कौन-कौन से मजरे टोले शामिल किये गये और कौन-कौन से शेष हैं और इन्हें कब तक शामिल किया जायेगा? संख्यात्मक जानकारी धरमपुरी विकासखण्ड की उपलब्ध करावें। (ख) क्या धरमपुरी वि.स. अंतर्गत धामनौद और सराय वितरण केन्द्र में अत्यधिक लोड होने के कारण ग्रिड अलग करने की आवश्यकता हैं? यदि हाँ, तो कब तक यह कार्य किया जायेगा और नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जिला धार के अंतर्गत विकासखण्ड धरमपुरी में जनगणना-2011 के अनुसार कोई भी राजस्व ग्राम विद्युत विहीन नहीं हैं। जनगणना-2011 में राजस्व ग्रामों के मजरों/टोलो की जानकारी संकलित नहीं की गई है तथापि वर्तमान में धार जिले के धरमपुरी विकासखण्ड क्षेत्र के समस्त राजस्व ग्रामों के अंतर्गत चिन्हित सभी मजरों/टोलों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में सौभाग्य योजना का क्रियान्वयन पूर्ण हो चुका है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत धामनौद (ग्रामीण) वितरण केन्द्र कार्यालय है तथा ग्राम सराय में वितरण केन्द्र कार्यालय नहीं है अपितु यह ग्राम नालछा वितरण केन्द्र के अंतर्गत आता है। वर्तमान में धामनौद (ग्रामीण) वितरण केन्द्र कार्यालय के अंतर्गत किसी भी ग्राम में एवं ग्राम सराय में किसी भी फीडर पर वोल्टेज की समस्या नहीं है। सभी 11 के.व्ही. फीडरों पर विद्युत भार एवं फीडरों के अंतिम छोर पर वोल्टेज रेग्यूलेशन निर्धारित मानकों के अनुरूप होने से वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में नये 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र की स्थापना की तकनीकी रूप से आवश्यकता नहीं है। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में तत्संबंध में कोई कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
ऑडिटोरियम भवन की स्वीकृति
[उच्च शिक्षा]
94. ( क्र. 1712 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिलांतर्गत शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नरसिंहगढ़ में 2896 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं एवं महाविद्यालय में वार्षिक महोत्सव, युवा उत्सव विषयवार सेमीनार एवं विभिन्न कार्यशालाओं का अयोजन प्रतिवर्ष ऑडिटोरियम भवन के अभाव में कॉलेज परिसर में रिक्त व खुली भूमि पर टेन्ट स्टेज आदि लगाकर किया जाता रहा है, जिसमें प्रतिवर्ष लाखों रूपये का व्यय होकर महाविद्यालय पर वित्तीय भार आता है? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त महाविद्यालय में सर्वसुविधा युक्त ऑडिटोरियम भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है अथवा की जा रही है? यदि हाँ, तो बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में उक्त महाविद्यालय परिसर में खेल मैदान भूमि के अलावा रिक्त भूमि पर ऑडिटोरियम भवन निर्माण की स्वीकृति हेतु समय-समय पर महाविद्यालय प्राचार्य सहित जनप्रतिनिधियों द्वारा तथा हाल ही में माननीय विभागीय मंत्री जी के राजगढ़ प्रवास के दौरान उक्त मांग की गई थी? यदि हाँ, तो क्या शासन महाविद्यालय अंतर्गत होने वाले सांस्कृतिक एवं वार्षिक अयोजनों के दृष्टिगत 500 सीटर क्षमता वाले ऑडिटोरियम भवन के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नरसिंहगढ़, जिला राजगढ़ में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या 2897 है। सीमित संसाधनों के कारण सभी महाविद्यालयों में ऑडिटोरियम का निर्माण संभव नहीं है, अत: ऐसे महाविद्यालयों में वर्ष में एक बार आयोजित होने वाले कार्यक्रम नियमानुसार परिसर में खुले उपलब्ध स्थान पर संपन्न कराए जाते हैं। विभाग द्वारा ऑडिटोरियम निर्माण हेतु मापदंड निर्धारित किए गए हैं एवं तद्नुसार महाविद्यालय को प्रस्ताव भेजने हेतु लिखा गया है। (ख) जी हाँ। महाविद्यालय से पूर्ण प्रस्ताव प्राप्त होने पर इसे स्थाई वित्त समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जाएगा। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।
निर्माणाधीन अस्पताल की जानकारी
[लोक निर्माण]
95. ( क्र. 1716 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर में एक हजार बिस्तर का अस्पताल निर्माणाधीन है? यदि हाँ, तो उक्त अनुबंध के अनुसार कब तक कार्य पूर्ण होना है? (ख) अनुबंध के अनुसार प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य हो जाना चाहिये था? क्या उतना कार्य पूर्ण हुआ है? यदि नहीं, तो उसके क्या कारण हैं? इस हेतु उत्तरदायी ठेकेदार और अधिकारियों पर क्या कार्यवाही हुई? निर्धारित कार्य कब तक पूर्ण हो जाएगा? (ग) निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच किस अधिकारी द्वारा कब-कब की गई एवं सत्यापन में क्या-क्या कमी पायी गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। अनुबंधानुसार उक्त कार्य दिनांक 16.06.2021 तक पूर्ण होना है। (ख) अनुबंधानुसार प्रश्न दिनांक तक 37.50 प्रतिशत कार्य हो जाना चाहिये था लेकिन वर्तमान में 24.50 प्रतिशत तक कार्य हुआ है। उक्त कार्य परिवहन विभाग की भूमि में करना प्रस्तावित था। यह भूमि विलंब से दिनांक 25.01.2019 को प्राप्त हुई एवं वित्तीय वर्ष 2019-20 में आवंटन की कमी भी रही। उक्त दोनों कारणों के कारण अनुबंध की धारा 15 के अनुसार 37.50 प्रतिशत समानुपातिक प्रगति प्राप्त नहीं हुई। अत: कम प्रगति हेतु ठेकेदार एवं कोई भी अधिकारी जवाबदार नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता। आवंटन में कमी के कारण यह कार्य कब पूर्ण होगा उसकी तिथि बताना संभव नहीं है। (ग) निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच सहायक परियोजना यंत्री, परियोजना यंत्री एवं संभागीय परियोजना यंत्री द्वारा की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मार्गों का नवीनीकरण एवं मजबूतीकरण
[लोक निर्माण]
96. ( क्र. 1717 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की नाहरगढ-बिल्लौद रोड, अरनिया-बसई रोड का निर्माण (नवीनीकरण/मजबूतीकरण) कौन से वर्ष में किस विभाग द्वारा कराया था तथा उसका रख-रखाव (मेंटीनेन्स) वर्तमान में किस विभाग द्वारा किया जा रहा है? दोनों मार्गों की पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त दोनों मार्गों पर कितनी-कितनी पुलियाएं निर्मित हैं? प्रत्येक पुलिया की पृथक-पृथक वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त दोनों मार्गों का नवीनीकरण/मजबूतीकरण का कार्य किस विभाग द्वारा किया जाना है? विभाग का नाम और मार्ग की लंबाई एवं प्रस्तावित राशि की जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त सड़कों एवं पुलियाओं का निर्माण कार्य कब तक प्रारम्भ कर दिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) नाहरगढ़ से बिल्लोद मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
सिंचाई योजना की जानकारी
[जल संसाधन]
97. ( क्र. 1718 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतामऊ-कयामपुर सिंचाई योजना के तहत सिंचाई हेतु अनुमानित कितनी हेक्टयर भूमि को योजना में सम्मिलित किया जा रहा है? (ख) सीतामऊ-कयामपुर सिंचाई योजना के तहत अनुमानित कितने ग्रामों को योजना का लाभ मिलेगा? ग्रामों के नाम सहित जानकारी देवें। (ग) सीतामऊ-कयामपुर सिंचाई योजना की वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें। (घ) उपरोक्त योजना को वर्तमान बजट सत्र में शामिल कर क्या किसानों को इसका लाभ मिल पाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (घ) सीतामऊ-कयामपुर सिंचाई परियोजना का डी.पी.आर. तैयार करने की कार्यवाही प्रगतिरत होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। अतः शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
संबल योजना में सम्मिलत परिवारों की जानकारी
[श्रम]
98. ( क्र. 1719 ) श्री संजय यादव : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की संबल योजना में जबलपुर जिले में कितने परिवार शामिल किए गए हैं? (ख) उपरोक्त में से कितने परिवारों को कितनी राशि की बिजली की सब्सिडी दी गई? (ग) उपरोक्त में से कितने परिवार श्रम विभाग की जांच में अपात्र पाये गए हैं?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) संबल योजना के अंतर्गत जबलपुर जिले में 6, 54, 067 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भौतिक सत्यापन/जांच उपरान्त 161310 पंजीकृत श्रमिक अपात्र पाये गये।
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को प्रारंभ कराया जाना
[उच्च शिक्षा]
99. ( क्र. 1724 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्री श्री लक्ष्मीनारायण शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय परासिया में विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ कराये जाने एवं विभिन्न विषयों के शैक्षणिक एवं अन्य अशैक्षणिक पदों के सृजन किए जाने के संबंध में प्राचार्य द्वारा प्राप्त पत्र पर आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा श्रीमान प्रमुख सचिव महोदय, उच्च शिक्षा विभाग को पत्र क्र.वि.स./ परासिया/127/2019/1941 दिनांक 14.10.2019 एवं अनुस्मरण पत्र क्र. वि.स./परासिया/127/2020/239 दिनांक 10.02.2020 के माध्यम से प्राचार्य का पत्र संलग्न कर अवगत कराया गया था, जिन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ कराये जाने एवं विभिन्न विषयों के शैक्षणिक एवं अन्य अशैक्षणिक पदों का सृजन किए जाने के संबध में विभाग द्वारा कब तक आवश्यक कार्यवाही करते हुए, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ एवं विभिन्न विषयों के शैक्षणिक एवं अन्य अशैक्षणिक पदों के सृजन की स्वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। प्रकरण पर की गई कार्यालयीन कार्यवाही के परीक्षणोपरांत पाया गया कि शासकीय पेंचव्हेली स्नातकोत्तर महाविद्यालय, परासिया से शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, छिंदवाडा 30 कि.मी. तथा शासकीय कन्या महाविद्यालय, छिंदवाडा 25 कि.मी. की दूरी पर संचालित हैं, जहां पर शासकीय महाविद्यालय, परासिया के विद्यार्थी स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्ययन कर सकते हैं। वर्तमान में सीमित संसाधनों के कारण परासिया में नवीन विषय/पाठ्यक्रम खोले जाने में कठिनाई है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 1725 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा परासिया विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत दो मार्ग 1. मानकादेही से कन्हरगाँव मार्ग लंबाई 1.9 कि.मी. राशि रूपये 218.65 लाख, 2. मानकादेही गौमुख से दमुआ रैययत मार्ग लंबाई 4.10 कि.मी. राशि 447.12 लाख रूपये का प्राक्कलन बजट में शामिल कर प्रशासकीय स्वीकृति हेतु शासन को भेजा गया था? म.प्र. शासन लोक निर्माण विभाग मंत्रालय का पत्र क्र. एफ-43/08/2019/19/यो-3497 भोपाल दिनांक 25/11/2019 के माध्यम से सरल क्र. 88 एवं 93 में मानकादेही से कन्हरगाँव मार्ग की त्रुटिवश पुनरावृत्ति हो गई है एवं उसकी प्रशासकीय स्वीकृति भी एक ही नाम से दो बार प्रदान कर दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार त्रुटिवश हुई पुनरावृत्ति को सुधार कर उसके स्थान पर मानकादेही गौमुख से दमुआ रैययत मार्ग लंबाई 4.10 कि.मी. राशि रूपये 447.12 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान किए जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2019/2395 दिनांक 16/12/2019 एवं प्रमुख अभियंता महोदय लो.नि.वि. को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2019/2394 दिनांक 16/12/2019 के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है किन्तु अभी तक स्वीकृति प्रदान नहीं हो पाई है, जिसका क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार त्रुटिवश हुई पुनरावृत्ति को सुधार कर उसके स्थान पर मानकादेही गौमुख से दमुआ रैययत मार्ग लंबाई 4.10 कि.मी. राशि रूपये 447.12 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रश्नांकित कार्य लम्बाई 4.10 कि.मी. लागत रू. 439.79 लाख का स्थाई वित्तीय समिति की 184वीं बैठक में अनुमोदित। प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
हण्डिया से गुल्लास मार्ग का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
101. ( क्र. 1731 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में लोक निर्माण विभाग द्वारा हण्डिया से गुल्लास मार्ग का निर्माण कार्य कब, कितनी राशि का स्वीकृत हुआ था? निर्माण कार्य कब प्रारंभ किया गया था? (ख) उक्त मार्ग के निर्माण कार्य में कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान ठेकेदार को किया गया? क्या ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य समय अवधि में पूर्ण नहीं किया गया? यदि हाँ, तो ठेकेदार पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों? इसके लिये कौन दोषी है? (ग) क्या हण्डिया गुल्लास मार्ग पर हण्डिया से भमौरी तक नवीन टेण्डर कर सीमेंट रोड बनाया गया? यदि हाँ, तो कब एवं किस एजेंसी द्वारा बनाया गया? हण्डिया से भमौरी तक कितनी राशि का भुगतान कब-कब हण्डिया गुल्लास मार्ग के ठेकेदार निर्माण एजेंसी को किया गया तथा कितना भुगतान कब-कब हण्डिया से भमौरी तक सीमेंट रोड निर्माण एजेंसी को दिया गया? (घ) क्या हण्डिया से गुल्लास मार्ग पर पुन: निर्माण कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या निर्माण कार्य भमौरी से गुल्लास तक पूर्ण किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक एवं नहीं तो क्यों? पुन: कार्य कितनी राशि का कब स्वीकृत हुआ?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' एवं 'द' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। पूर्व से ही निर्मित होने के कारण। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
श्रम विभाग की संचालित योजनाएं
[श्रम]
102. ( क्र. 1732 ) श्री कमल पटेल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्रम विभाग के अंतर्गत प्रसूती सहायता, विवाह हेतु सहायता, शिक्षा हेतु प्रोत्साहन राशि, मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार, चिकित्सा सहायता योजना संचालित है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में म.प्र. के किस-किस जिले में कितने-कितने हितग्राहियों को उक्त योजनाओं में लाभान्वित किया गया? किस-किस वर्ष कितनी-कितनी राशि उपरोक्त योजनाओं पर खर्च की गई? योजनावार, वर्षवार जिलेवार जानकारी देवें। (ग) उपरोक्त योजनाओं में किन-किन योजनाओं में कितने-कितने प्रकरण किस-किस वित्तीय वर्ष के लंबित हैं? प्रकरण लंबित होने के क्या कारण हैं? (घ) उपरोक्त योजनाओं में लंबित प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण क्यों नहीं किया गया? इसके लिये कौन जिम्मेवार है? कब तक सभी प्रकरणों का निराकरण कर लिया जाएगा?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। योजनांतर्गत प्रस्तुत आवेदन पत्रों में दस्तावेजों की कमी, त्रुटिपूर्ण आवेदन, परिचय पत्र में त्रुटिपूर्ण प्रविष्टि लम्बित होने के मुख्य कारण है। (घ) योजनाओं अंतर्गत प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करने के लिये जिम्मेवार संबंधित पदाभिहित अधिकारी है। समस्त पदाभिहित अधिकारियों को प्रकरणों का समय.सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये जा चुके हैं।
ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की जानकारी
[ऊर्जा]
103. ( क्र. 1742 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड हैं? विद्युत वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में क्या ओवरलोड के कारण विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर खराब होते हैं? वर्तमान में कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर खराब/जले हुए हैं की संख्यात्मक जानकारी विद्युत वितरण केन्द्रवार उपलब्ध करायें। जले हुए विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर को कितने दिन में और कितनी राशि जमा होने के बाद दिये जाने का नियम है? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र पर स्थापित पॉवर ट्रांसफार्मर ओवरलोड चल रहे हैं? क्या ओवरलोड चल रहे पॉवर ट्रांसफार्मर की क्षमता वृद्धि किये जाने अथवा नवीन 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र बनाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) उज्जैन जिले में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 115 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर इस रबी सीजन में आंशिक अवधि के दौरान ओवरलोड हुए हैं, जिनकी वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर ओवरलोड होने के कारण भी खराब होते है। वर्तमान में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 29.02.2020 की स्थिति में कोई भी जला/खराब विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है। जले/खराब विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से जुड़े 50 प्रतिशत उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान करने पर अथवा कुल बकाया राशि की 10 प्रतिशत राशि जमा होने के उपरांत इन जले/खराब विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को बदला जाता है। विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों से संबंद्ध उपभोक्ताओं द्वारा विद्युत बिल की उक्तानुसार निर्धारित राशि जमा करने के उपरांत म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा दिनांक 12.11.2012 को अधिसूचित वितरण अनुपालन मापदण्ड (द्वितीय पुनरीक्षण) विनियम-2012 में निर्धारित मापदण्ड के अनुसार वितरण ट्रांसफार्मर के जलने/खराब होने पर संभागीय मुख्यालयों में 12 घंटे के अंदर, संभागीय मुख्यालयों को छोड़कर अन्य शहरी क्षेत्रों में 24 घंटे के अंदर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में शुष्क मौसम के दौरान 72 घंटे तथा मानसून के मौसम के दौरान माह जुलाई से सितम्बर तक 7 दिवस के अंदर बदले जाने के नियम हैं। (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 33/11 के.व्ही. के 4 विद्युत उपकेन्द्रों पर स्थापित 4 पॉवर ट्रांसफार्मर इस रबी सीजन में आंशिक अवधि के दौरान ओवरलोड हुए हैं। इन ओवरलोड हुए पॉवर ट्रांसफार्मरों का भार कम करने के लिए 2 पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि 3.15 एम.व्ही.ए. से 5.0 एम.व्ही.ए. किए जाने एवं 3.15 एम.व्ही.ए. क्षमता के 2 अतिरिक्त पॉवर ट्रांसफार्मर स्थापित करने का कार्य प्रस्तावित है। इसके अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में एक नवीन 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र असावता, जो पीरझालर वितरण केन्द्र के अंतर्गत आता है, का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। उपरोक्त प्रस्तावित कार्यों का तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है। तकनीकी परीक्षण के उपरांत तकनीकी रुप से साध्य पाये जाने वाले प्रकरणों में वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता एवं इसी प्रकार के अन्य कार्यों की प्राथमिकता के क्रम में प्रकरणों का चयन करते हुए आगामी कार्यवाही की जा सकेगी। उक्त प्रस्तावित कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है।
पुलों के निर्माण कार्य की जानकारी
[लोक निर्माण]
104. ( क्र. 1748 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत गुड़ियारी से खड्डा रोड एवं बरहा से पटना रोड में पुल निर्माण न होने से आस-पास के करीब 20 ग्रामों के लोगों का आवागमन प्रभावित हो रहा है? (ख) क्या उपरोक्त सड़कों में स्थित पुलों का निर्माण बरसात पूर्व कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) उपरोक्त सड़कों में पुल निर्माण न होने के लिये कौन दोषी है? क्या संबंधितों पर कार्यवाही की जायेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में पुल कार्य किसी योजना अंतर्गत न तो स्वीकृत है और न ही प्रस्तावित है। इसके लिये कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच
[लोक निर्माण]
105. ( क्र. 1752 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 18 जुलाई 2019 के विधान सभा प्रश्न क्रमांक 2989 के उत्तर में अवगत कराया गया है कि शिवपुरी विधान सभा के अंतर्गत आने वाले पिछोर से ए.बी.रोड पड़ोरा बाया खोड़ गौराटीला सड़क का निर्माण दिनांक 17.05.19 तक पूर्ण होना था जो समय पर पूर्ण नहीं हो सका, जिसकी समयावधि बढ़ाते हुये दिनांक 31.03.2020 तक कार्य पूर्ण होना संभव है? (ख) उक्त सड़क निर्माण में प्रश्न दिनांक तक कितना कार्य पूर्ण हो गया है? (ग) क्या उक्त सड़क मार्ग में खोड़ बाजार वाले एरिया में दोनों साईड नाली एवं डिवाइडर भी बनाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त सड़क के निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच किसके द्वारा कराई गई? क्या कार्य की कोई मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई है? उसमें कौन-कौन है? क्या किसी जनप्रतिनिधि को भी रखा गया है? यदि हाँ, तो किसे और नहीं रखा गया तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं, 18 जुलाई 2018 के विधानसभा प्रश्न के उत्तरांश (ख) में ठेका तीन अन्य सड़कों के साथ पैकेज-4 में मेसर्स गेनन डंकरले एण्ड कंपनी लि. मुम्बई को दिया गया है। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण करने की तिथि 17.05.2019 है, परन्तु समय पर कार्य पूर्ण न होने पर एजेन्सी द्वारा दिनांक 31.03.2020 तक की समयावधि चाही गई है, जो विचाराधीन है जानकारी दी गई थी। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) जी नहीं, अनुबंधानुसार नाली बनवाई जावेगी, डिवाइडर बनाने का प्रावधान नहीं है। नाली निर्माण हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भुगतान की जानकारी
[जल संसाधन]
106. ( क्र. 1753 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोअर उर सिंचाई परियोजना में किस फर्म द्वारा कार्य किया जा रहा है? प्रश्न दिनांक तक कितनी लागत का कार्य हो गया है? (ख) क्या जिस कंपनी के खिलाफ ई.ओ.डब्ल्यू. में जांच चल रही है, उस कंपनी को करोड़ों रूपये का भुगतान किया है? (ग) यदि हाँ, तो किन अधिकारियों की सहमति से यह भुगतान किया गया है? (घ) क्या इस परियोजना में रखे हुए पाइप एवं अन्य सामग्री का उपयोग के बिना ही भुगतान हुआ है? यदि हाँ, तो कितनी राशि का भुगतान किया है? ऐसा करने का क्या कारण है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) बांध का निर्माण कार्य मेसर्स सारथी कंस्ट्रक्शन कंपनी ठाठीपुर ग्वालियर एवं नहर का कार्य मेसर्स मन्टेना मैक्स प्रा.लि. हैदराबाद द्वारा किया जा रहा है। कार्य में प्रश्न दिनांक 28.02.2020 तक क्रमश: रू.118.61 करोड़ एवं रू.985.38 करोड़ भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) से (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होते हैं।
सहायक प्राध्यापक के पदों पर भर्ती
[उच्च शिक्षा]
107. ( क्र. 1766 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक प्राध्यापक पद के भर्ती हेतु राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) 2017 में अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों को कितना प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है? (1) अनुसूचित जनजाति के कितने आवेदकों (परीक्षार्थी) नें पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है? सूची उपलब्ध कराएं। (2) क्या आरक्षण नियमों का पालन हुआ है? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या महाविद्यालयों में जनभागीदारी समिति द्वारा संचालित पाठ्यक्रम के संचालन के लिए छात्रों से शुल्क लिया जाता है? (1) छात्रों की पढ़ाई पर कितना प्रतिशत शुल्क की राशि व्यय होता है? (2) यदि हाँ, तो क्या अध्यापन के अतिरिक्त प्रयोगशाला व पुस्तकों पर राशि व्यय की गई है? (3) यदि राशि व्यय नहीं की गई तो क्या प्रावधान है? (4) क्या जनभागीदारी मद से प्राचार्य, प्रभारी प्राध्यापक, लेखापाल व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को वेतन के अतिरिक्त मानदेय देने का प्रावधान है? प्रति सहित बताएं।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) यू.जी.सी. द्वारा जारी निर्देशों तथा राज्य पात्रता परीक्षा 2017 के विज्ञापन में दी गई परिणाम घोषित करने की प्रक्रिया अनुसार आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को न्यूनतम अंको में छूट प्रदान करते हुए श्रेणीवार कुल पात्र अभ्यर्थियों में से 15 प्रतिशत अभ्यर्थियों को पात्रता प्रमाण-पत्र जारी किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (1) राज्य पात्रता परीक्षा 2017 के अन्तर्गत 19 विषयों में अनुसूचित जनजाति के 210 पात्र अभ्यर्थियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (2) सेट एक पात्रता परीक्षा है। जारी विज्ञापन अनुसार आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए प्रथम प्रश्न पत्र में 35 प्रतिशत, द्वितीय प्रश्न पत्र में 35 प्रतिशत तथा तृतीय प्रश्न पत्र में 40 प्रतिशत न्यूनतम अंक अर्जित किया जाना निर्धारित किया गया। (ख) जी हाँ। (1) आय के आधार पर प्रत्येक जनभागीदारी समिति के द्वारा व्यय का निर्धारण किया जाता है। (2) जी हाँ। (3) प्रश्नांश (ख) के बिन्दु क्रमांक एक व दो के परिप्रेक्ष्य में अध्यापन के साथ प्रयोगशाला व पुस्तकों पर राशि व्यय किये जाने का प्रावधान है। (4) जी नहीं।
बायपास/रिंग रोड निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 1814 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 1503 दिनांक 20.12.2019 के उत्तरांश में संलग्न परिशिष्ट अनुसार बताया गया था कि, भोपाल तिराहे से नरसिंहपुर रोड पर बम्हौरी बीका तक जोड़ने वाले नये बायपास/रिंग रोड निर्माण का कार्य विचाराधीन है एवं डी.पी.आर. सलाहकार द्वारा एक रेखण रिपोर्ट जमा की गई है। जिसकी स्वीकृति प्रक्रिया प्रगतिरत् है। यह डी.पी.आर. कितनी राशि की है एवं क्या स्वीकृत हो गई है? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस कार्य की निविदा जारी हो गई है तथा कब तक कार्य पूर्ण कराया जाना प्रावधानित है? यदि नहीं, तो वर्तमान तक क्या कार्यवाही प्रचलन में है तथा इसकी निविदा कब तक स्वीकृत करा ली जायेगी? (ग) प्रश्नकर्ता के अतारांकित प्रश्न क्र. 1503 दिनांक 20.12.2019 के उत्तरांश (क) में बताया गया था कि भोपाल, विदिशा, सागर रा.रा. क्र. 146 को चौड़ीकरण एवं फोर लाइन कार्य में एक पैकेज भोपाल रोड पर बैरखेड़ी से सागर नगर बायपास करते हुये गढ़पहरा के पास झांसी रोड तक का निर्माण कार्य प्रगति पर है? यह कब तक पूर्ण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लोक निर्माण विभाग के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के अधीन है। प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के अधीन है। प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के अधीन है। प्राधिकरण से प्राप्त उत्तर संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
हितग्राही मूलक योजनाओं का संचालन एवं क्रियान्वयन
[श्रम]
109. ( क्र. 1827 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन कब से किया जा रहा हैं और क्या किन्ही योजनाओं को जनवरी-2019 के पश्चात स्थगित अथवा बंद किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं को किन कारणों एवं किन सक्षम आदेशों से स्थगित अथवा बंद किया गया हैं? (ख) प्रश्नांश (क) विभाग तथा शासन/विभाग के सहयोग से पूर्व में संचालित कई योजनाओं के स्थगित/बंद होने से नागरिकों को क्या-क्या लाभ मिलना बंद हो गये हैं और क्या इन योजनाओं को पुनः प्रारम्भ किया जायेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कैसे एवं कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) नगरीय-निकायों के कार्यालय में कार्यरत श्रमिकों, दैनिक वेतन, फिक्स वेतन एवं स्थायी कर्मियों को न्यूनतम कितना-कितना वेतन दिये जाने के नियम हैं और क्या श्रमिकों/कर्मियों के वेतन/कार्य से संबन्धित जानकारी श्रम विभाग को नियमित तौर पर दिये जाने के प्रावधान लागू हैं? यदि हाँ, तो क्या प्रावधान हैं? यदि नहीं, तो निकायों में श्रम कानूनों के पालन की जानकारी किस प्रकार ज्ञात होती हैं, (घ) कार्यालय-नगर पालिक निगम कटनी में विगत 03 वर्षों में श्रमिक, दैनिक-वेतन, फिक्स-वेतन एवं स्थायीकर्मी के तौर पर कितने व्यक्तियों को कब से कब तक क्या-क्या कार्य हेतु भर्ती किया गया? इन श्रमिकों/कर्मियों को कितना-कितना मासिक/दैनिक वेतन का भुगतान किया गया/किया जा रहा हैं?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जनवरी 2019 के पश्चात किसी भी योजनाओं को बंद नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत ''किसी स्थानीय प्राधिकरण में नियोजन''' अधिसूचित है तथा श्रमिकों को उनकी श्रेणी अनुसार वेतन दर से भुगतान करने के प्रावधान है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। श्रमिकों/कर्मियों के वेतन/कार्य से संबंधित जानकारी श्रम विभाग को नियमित तौर पर दिये जाने के प्रावधान नहीं है। शिकायत के आधार पर जानकारी प्राप्त होती है। (घ) कार्यालय नगर पालिका निगम कटनी में विगत 03 वर्षों में श्रमिक दैनिक-वेतन, फिक्स-वेतन एवं स्थायीकर्मी संबंधी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
विभागीय योजनाओं का संचालन एवं क्रियान्वयन
[ऊर्जा]
110. ( क्र. 1828 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग द्वारा वर्तमान में कौन-कौन सी योजनाओं का संचालन कब से किया जा रहा है और क्या किन्हीं योजनाओं को जनवरी 2019 के पश्चात स्थगित अथवा बंद किया गया हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी योजनाओं को किन कारणों से स्थगित अथवा बंद किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्थगित एवं बंद की गयी योजनाओं के लाभ से उपभोक्ताओं को वंचित होने की प्रतिपूर्ति किस प्रकार की जा रही हैं? क्या इन योजनाओं के स्थान पर कोई अन्य योजनायें लागू किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो तत्सबंधी जानकारी बताएं। (ग) नगरीय क्षेत्रों में निम्नदाब विद्युत लाइनों को लगाए जाने के क्या प्रावधान और नियम हैं? कार्य को कराये जाने का दायित्व किस शासकीय कार्यालय/विभाग का होता हैं? (घ) कटनी नगर/ग्रामीण क्षेत्र तथा कटनी जिले में, विगत 03 वर्षों में किन-किन योजनाओं के तहत कितनी–कितनी लागत से निम्नदाब विद्युत लाइनों को किन-किन स्थानों पर लगाया/स्थापित किया गया है? (ड.) क्या कार्यालय नगरपालिक निगम कटनी द्वारा निविदा क्रमांक – 1577, दिनांक 19/06/2019 से कटनी नगर के 04 वार्डों में विद्युतीकरण कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गयी थी और दिनांक 28/11/2019 को स्वीकृति-पत्र (LOA) जारी किए गए थे? यदि हाँ, तो किन कार्यों को प्रारंभ किया जाकर पूर्ण किया गया है एवं किन कार्यों को नहीं? कार्य प्रारम्भ न करने का कारण बताएं। शेष रहे कार्यों को कब तक कराया जाएगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विभाग द्वारा वर्तमान में इंदिरा गृह ज्योति योजना एवं इंदिरा किसान ज्योति योजना का संचालन माह फरवरी, 2019 से किया जा रहा है। जनवरी 2019 के पश्चात् मुख्य मंत्री स्थाई कृषि पंप कनेक्शन योजना, जिसे लागू करते समय इसकी अवधि मार्च, 2019 तक निर्धारित की गई थी, निर्धारित अवधि पूर्ण होने पर मार्च 2019 में बंद हो गई है। इसके अलावा फीडर विभक्तिकरण, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं आई.पी.डी.एस. योजना का कार्य समाप्ति पर है तथा सौभाग्य योजना का कार्य पूर्ण होने के कारण बंद हो गई है। (ख) मुख्यमंत्री स्थायी कृषि पम्प कनेक्शन योजना की अवधि मार्च 2019 में समाप्त होने के पश्चात राज्य शासन द्वारा दिनांक 11.12.2019 को लिये गये निर्णय अनुसार नवीन ''मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना'' आरंभ की गई है, जिसका क्रियान्वयन नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र. शासन द्वारा किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त नवीन योजना के अंतर्गत कृषकों को प्रदान किये जाने वाली अनुदान की राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) नये कनेक्शन हेतु निम्नदाब विद्युत लाइन के विस्तार का कार्य आवेदक के स्वयं के व्यय पर किया जाता है, इसके अलावा स्थानीय निकाय द्वारा किन्हीं शासकीय योजनाओं के तहत यदि विद्युतीकरण आदि कार्य हेतु प्रस्ताव दिया जाता है तो उक्त कार्य संबंधित स्थानीय निकायों द्वारा विद्युत वितरण कम्पनी में 5 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा कर स्वयं के व्यय पर ''अ'' श्रेणी विद्युत ठेकेदार के माध्यम से कराया जाता है। (घ) कटनी जिले में विगत 3 वर्षों यथा - वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 (माह जनवरी-20 तक) में विभिन्न योजनाओं के तहत किये गये निम्नदाब लाइन के कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ड.) जी हाँ। प्राप्त जानकारी अनुसार नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा तीन वार्डों में विद्युतीकरण कार्यों के लिए दिनांक 28.11.2019 को एल.ओ.ए. जारी किये गये हैं एवं एक वार्ड में विद्युतीकरण कार्य हेतु जारी निविदा निरस्त की गई है। उक्त एल.ओ.ए. जारी किये जाने उपरांत संबंधित निविदाकारों से अनुबंध की कार्यवाही प्रचलन में है। तदुपरान्त नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा उक्त विद्युतीकरण के कार्य नियमानुसार म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सुपरविजन में कराये जायेंगे, जिस हेतु वर्तमान में निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सौभाग्य योजनांतर्गत किये गये कार्यों की जांच
[ऊर्जा]
111. ( क्र. 1830 ) श्री विनय सक्सेना : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सौभाग्य योजना अंतर्गत किये गए विद्युतीकरण कार्यों में करोड़ों रूपये की गड़बड़ी सामने आई है? यदि हाँ, तो जबलपुर संभाग अन्तर्गत जिलेवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रथम दृष्ट्या जांच में कौन-कौन अधिकारियों की भूमिका सामने आई है तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? जिलेवार बतावें। (ग) क्या उक्त मामले की जांच किसी एजेंसी/स्वतंत्र समिति से करायी जावेगी? (घ) क्या उच्च स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जबलपुर संभाग अंतर्गत मंडला, डिंडौरी, छिन्दवाड़ा एवं बालाघाट जिलों में सौभाग्य योजना अंतर्गत किए गए विद्युतीकरण के कार्यों में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने पर विभागीय जांच दल गठित कर उक्त शिकायतों की जांच कराई गई है। जांच दलों से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार छिंदवाड़ा जिले की शिकायत आधारहीन एवं असत्य पाई गई एवं बालाघाट जिले में योजनान्तर्गत वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई तथापि मंडला एवं डिंडौरी जिलों में सौभाग्य योजना अंतर्गत विद्युतीकरण कार्यों में वित्तीय अनियमितताएं पाई गई है, जिनकी प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उक्त जाँचों में प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए गए अधिकारियों एवं उन पर की गई कार्यवाही की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) उक्त शिकायतों की जांच विभागीय जांच दलों द्वारा की गई है। उक्त विभागीय जांच उपरांत संबंधित दोषी अधिकारियों पर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। अत: वर्तमान में उक्त शिकायतों की जांच किसी बाह्य एजेन्सी/स्वतंत्र समिति से कराये जाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (घ) जांच प्रतिवेदन के आधार पर दोषी पाए गए वरिष्ठ अधिकारियों पर की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
जबलपुर में नवीन शासकीय कॉलेज की स्थापना
[उच्च शिक्षा]
112. ( क्र. 1831 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर में फरवरी 2019 में हुई केबिनेट की बैठक में विजय नगर, शहपुरा व चरगवां में नवीन शासकीय महाविद्यालय को मंजूरी दी गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त महाविद्यालयों को खोले जाने हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गयी वस्तुस्थिति बतावें। (ख) उक्त महाविद्यालयों हेतु पदों का सृजन एवं अमले की पदस्थापना कब तक की जावेगी? (ग) क्या उक्त क्षेत्र में अन्य अस्थायी भवन में महाविद्यालय प्रारंभ कर पाठ्यक्रम संचालन का कार्य आने वाले नवीन सत्र से प्रारंभ किया जावेगा? यदि नहीं, तो ऐसा करने में क्या अड़चनें हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। इन स्थानों पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा महाविद्यालय खोले जाने की घोषणा की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। डी.पी.आर. तैयार कर कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। पद सृजन एवं पद स्वीकृति बिना कक्षाएं आरंभ करने में कठिनाई है।
उच्च शिक्षा केन्द्रों की जानकारी
[उच्च शिक्षा]
113. ( क्र. 1838 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चुरहट विधान सभा क्षेत्र में कितने उच्च शिक्षा के केन्द्र हैं जिसमें इस क्षेत्र के छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं? इन केन्द्रों में कौन-कौन से विषय प्रारंभ हैं तथा इन विषयों के कौन-कौन प्रोफेसर (H.O.) एवं सहायक प्राध्यापक हैं? पृथक-पृथक बतावें। (ख) सीधी जिले में लॉ कॉलेज की मांग कब से की जा रही है? अभी तक इस संबंध में शासन एवं प्रशासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) चुरहट विधानसभा के ग्राम भितरी में संस्कृत महाविद्यालय की वर्तमान में क्या स्थिति है? कहाँ संबद्ध है? कौन-कौन सी कक्षाएं प्रारंभ हैं? वर्तमान स्टॉफ की क्या व्यवस्था है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार प्राचीन महाविद्यालय जो भितरी में है, उसके अस्तित्व की दृष्टि से इसे रीवा विश्वविद्यालय से संबद्ध कर अन्य कक्षाएं संस्कृत के अलावा कला, वाणिज्य, विज्ञान की प्रारंभ की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) 03 उच्च शिक्षा के केन्द्र हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2013 में सीधी में शासकीय विधि महाविद्यालय प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की जा चुकी है। (ग) शासकीय संस्कृत महाविद्यालय भितरी में संचालित है। यह महाविद्यालय महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन से संबद्ध है। महाविद्यालय में पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री एवं आचार्य पाठ्यक्रम की कक्षाएं संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं। भितरी में शासकीय संस्कृत महाविद्यालय की संबद्धता महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन से होने के कारण अन्य विषयों की सम्बद्धता अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा से नहीं हो सकती है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत सड़कों का रख-रखाव
[लोक निर्माण]
114. ( क्र. 1839 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में चुरहट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2017-18, 2018-19 2019-20, 2020-21 (मार्च) तक कौन-कौन सी सड़क, पुल, पुलिया, राजमार्ग, राष्ट्रीय मार्ग स्वीकृत हुये? उनकी वर्तमान स्थिति क्या है? पृथक-पृथक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों में कितने कार्यों के टेण्डर न होने एवं ठेकेदार के द्वारा कार्य शुरू न करने अथवा भू-अर्जन के कारण कार्य प्रभावित है? कार्यवार अलग-अलग बतावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य अभियंता रीवा/कार्यपालन यंत्री सीधी से उक्त संबंध चर्चा कर निराकरण कराने का अनुरोध किया गया था? सड़कों का कार्य क्यों प्रारंभ नहीं हुआ? कब तक होगा? (घ) क्षेत्र की स्वीकृत सड़क जो पांच वर्ष पूर्व बनी है, उनके संधारण रख-रखाव हेतु क्या प्रबंध है? जो सड़क उखड़ गई हैं उन्हें कब तक ठीक किया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ख) प्रश्नांक (क) के उत्तरांश अनुसार विभाग की सभी कार्यों की निविदाएं आमंत्रित कर स्वीकृति उपरांत ठेकेदार द्वारा कार्य शुरू करा दिये गये हैं। शेष का प्रश्न नहीं है। कार्यवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) में विषयांकित प्रकरणों में निराकरण समय-समय पर किये गये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) (1) पांच वर्ष पूर्व बनी सड़कों के वार्षिक संधारण अंतर्गत रख-रखाव जैसे पैंच रिपेयर्स, विशेष मरम्मत तथा नवीनीकरण के अंतर्गत वार्षिक कार्ययोजना स्वीकृति कर, प्रबंधन की व्यवस्था की जाती है। ऐसी सड़कों के सुधार हेतु जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। इसके अतिरिक्त म.प्र. सड़क विकास निगम अंतर्गत विगत 05 वर्ष पूर्व चुरहट विधानसभा अंतर्गत केवल एक बेला-गोविन्दगढ़-चुरहट मार्ग का निर्माण किया गया था जो कि अमरपाटन, रीवा एवं चुरहट विधानसभा क्षेत्र से होकर गुजरता है। अनुबंध दिनांक 27.10.2014 अनुसार उक्त मार्ग ओ.एम.टी. योजनांतर्गत प्रचलन में है एवं अनुबंध की शर्तों के अनुरूप उक्त मार्ग का संधारण एवं रख-रखाव निवेशकर्ता मेसर्स उदित पाथवे प्रा.लि. रीवा द्वारा किया जाता है। वर्तमान में मार्ग की स्थिति संतोषजनक है।
अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण
[उच्च शिक्षा]
115. ( क्र. 1849 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल के शाहजहानी पार्क में विगत लगभग 70 दिवस से अनेक अतिथि विद्वान उनकी की सेवायें समाप्त किए जाने के कारण धरने पर बैठे हैं? (ख) क्या वचन पत्र के बिन्दु क्रमांक 17.22 में यह उल्लेख है कि ''अतिथि विद्वानों को रोस्टर के अनुसार नियमित करने की नीति बनायेंगे? पी.एस.सी. में चयन न होने की स्थिति में उनको निकाला नहीं जायेगा? भविष्य के लिए अतिथि शिक्षकों का पैनल महाविद्यालय में अध्ययन किये विद्यार्थियों में से बनाया जायेगा'', तो फिर वचन पत्र के अनुसार इनका नियमितीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या एक अतिथि विद्यान श्री संजय पासवान ने सेवायें समाप्त होने के कारण एवं अपनी मांगें पूरी नहीं होने के कारण आर्थिक तंगी के कारण विगत दिनों आत्महत्या कर ली है? यदि हाँ, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है तथा क्या परिवार के एक व्यक्ति को शासकीय नौकरी दी जाएगी? (घ) क्या विभागीय मंत्री ने दिसम्बर 2019 सत्र के दौरान सदन को आश्वस्त किया था कि एक भी अतिथि विद्वान को निकाला नहीं जायेगा? यदि हाँ, तो अभी कितने अतिथि विद्वान की सेवायें समाप्त कर दी गयी हैं तथा विभाग इनकी मांगों की पूर्ति की दिशा में क्या कार्यवाही कर रहा है एवं कब तक इनकी मांगों का उचित निराकरण कर दिया जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। नियमितीकरण की नीति विचाराधीन है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। अतिथि विद्वानों के संबंध में शासन के नीति निर्देश दिनांक 17.12.19 अनुसार फॉलन आउट हुये अतिथि विद्वानों को महाविद्यालय में रिक्त पदों पर आमंत्रित करने की चरणवार कार्यवाही सतत् है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनांतर्गत सिंचाई कार्यों की स्वीकृति
[जल संसाधन]
116. ( क्र. 1850 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले के विकास खण्ड रेहली में किन-किन योजनाओं को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत् विकासखण्ड स्तरीय सिंचाई कार्यों की स्वीकृति हेतु जिला स्तरीय आयोजना में शामिल कर स्वीकृति दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या कलेक्टर सागर के पत्र क्रं/टीएस/7/प्रामंकृसिंयो /2015-16/1375 सागर दिनांक 08.03.2015 के तहत देवरी विकासखण्ड के ग्राम सहजपुर के पास सोनपुर से पतई घाट नर्मदा नदी तक नहर निर्माण कार्य की स्वीकृति हेतु प्रश्नकर्ता सदस्य के प्रेषित पत्र क्रमांक 9316 भोपाल दिनांक 12.03.2016 के तारतम्य में डी.पी.आर तैयार कराकर राज्य शासन को प्रेषित कर दी गई है? यदि हाँ तो शासन को प्रेषित डी.पी.आर. कब तक प्राप्त हुई? प्राप्ति दिनांक बताएं तथा उक्त योजना की स्वीकृति कब तक दी जायेगी? (ग) सागर जिले की रहली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ऐसी कितनी सिचांई योजनायें हैं, जिनका भूमि पूजन होने के बाद अभी तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? उक्त योजनाओं के प्रारंभ होने में विलम्ब का क्या कारण है एवं कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) विकासखण्ड रहली अंतर्गत 02 मध्यम एवं 12 लघु सिंचाई परियोजनाओं को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जिला स्तरीय आयोजना में शामिल करने हेतु प्रस्ताव उपसंचालक कृषि विभाग सागर ने उनके पत्र क्रमांक टीएस/7 प्रामंकृसिंयो/2016-17/4070 दिनांक 27.07.2016 द्वारा संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास संचालनालय भोपाल को प्रेषित किया गया, जिसकी स्वीकृति प्रदान नहीं की जाना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य का प्रश्नाधीन पत्र शासन के संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता है। (ग) 05 परियोजनाएं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। उक्त परियोजनाओं में औपचारिकताएं पूर्ण न होने से निविदा आंमत्रित नहीं की गई। परियोजनाओं के भू-अर्जन अवार्ड एवं वन प्रकरण स्वीकृति के उपरांत कार्य प्रारंभ कराने की कार्यवाही किया जाना संभव होगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
मुख्य एवं माइनर नहरों की जानकारी
[जल संसाधन]
117. ( क्र. 1857 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले की अटेर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत कौन-कौन सी मुख्य एवं माइनर नहर कहाँ से कहाँ तक हैं? इन नहरों पर कौन-कौन से राजस्व ग्राम आते हैं? इन नहरों को कब-कब पक्का किया गया था? स्वीकृत कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक एवं राशि, ठेकेदार का नाम, कार्यादेश दिनांक, कार्य पूर्ण करने की दिनांक, कुल व्यय एवं परफॉरमेंस गारण्टी की अवधि सहित मुख्य, माइनर नहर एवं राजस्व ग्रामवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में निर्माण कार्य के दौरान इस अवधि में इन कार्यों पर कौन-कौन उपयंत्री, सहायक यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री कब से कब तक पदस्थ रहे? क्या इन नहरों के पक्के निर्माण कार्य के समय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारी के द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? क्या निरीक्षण में यह कार्य मानक अनुसार पाये गये? यदि नहीं, तो अमानक स्तर के कार्य के लिये कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में इन नहरों पर विगत 05 वर्षों में कब-कब सुदृढ़ीकरण, वार्षिक मरम्मत एवं नहरों की सफाई इत्यादि कार्य कराया गया है? इस अवधि में इन कार्यों की कौन-कौन उपयंत्री, सहायक यंत्री के मार्गदर्शन में कराया गया? स्वीकृत कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक एवं राशि ठेकेदार का नाम, कार्यादेश दिनांक, कार्य पूर्ण करने की दिनांक, कुल व्यय एवं परफॉरमेंस गारण्टी की अवधि सहित मुख्य, माइनर नहर एवं राजस्व ग्रामवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में विगत 05 वर्षों में कौन-कौन सी नहरे पानी छोड़ने पर फूट गई? इससे कौन-कौन से ग्रामों में फसलें कितने हेक्टेयर में खराब हुई? फसलों का सर्वे किस स्तर के अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया? किसानों को कितना मुआवजा दिया गया? नहरवार, खराब हुई फसल की राशि एवं मुआवजे की सहित विस्तृत जानकारी दें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) अटेर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत निर्मित नहरों एवं राजस्व ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। नहरों का पक्कीकरण का कार्य वर्ष 2013 से 2015 के मध्य कराया जाना प्रतिवेदित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। जी हाँ। निरीक्षण के समय समस्त कार्य मानक स्तर के पाए जाने से किसी के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। परफॉरमेंस गांरटी की अवधि कार्य पूर्णता दिनांक तक होना प्रतिवेदित है। (घ) अटेर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विगत 05 वर्षों में कोई भी नहर न तो फूटी ओर न ही किसी कृषक की फसल खराब हुई। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं।
शासनादेशों की अवहेलना पर कार्यवाही
[लोक निर्माण]
118. ( क्र. 1864 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग में शासन द्वारा जुलाई 2017 से अब तक मुख्य अभियंताओं के विभिन्न स्थानो हेतु कितने स्थानान्तरण आदेश जारी किये गये हैं? उनका नाम, पदनाम, पदस्थ संस्था/कार्यालय का नाम, स्थानान्तरित संस्था/कार्यालय का नाम, आदेश क्रमांक एवं दिनांक सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्थानांतरित किये गये कितने मुख्य अभियंताओं द्वारा अपने नवीन पदस्थापना कार्यालय में उपस्थिति नहीं दी गई? नाम सहित बतायें। शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर मनमानी कर रहे ऐसे मुख्य अभियंताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? समय-सीमा बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार क्या शासन ऐसे अधिकारियों को शासकीय आदेशों की अवहेलना तथा कार्यों में व्यवधान/क्षति का दोषी मानते हुये 20 वर्ष की सेवा/50 वर्ष की आयु के आधार पर सेवा से पृथक करने संबंधी आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) एक मुख्य अभियंता। श्री राजीव शर्मा। श्री राजीव शर्मा दिनांक 06.06.2019 से लगातार अवकाश पर हैं, जिसके कारण विभागीय पत्र दिनांक 23.01.2020 द्वारा श्री राजीव शर्मा, मुख्य अभियंता, का अवकाश अमान्य किया जाकर उन्हे कार्य पर उपस्थित होने के निर्देश दिये गये हैं। कार्य पर उपस्थित नहीं होने के कारण पुनः अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 13.03.2020 को जारी किया गया है। (ग) जी नहीं। नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है, अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
टेण्डर आमंत्रण में अनियमितता
[लोक निर्माण]
119. ( क्र. 1865 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग (भवन पथ) द्वारा सम्पन्न किये जाने वाले निर्माण कार्यों की टेण्डर आमंत्रण प्रक्रिया के लिये कौन-कौन से निर्धारित नियम एवं प्रावधान हैं? ऑफ-लाइन एवं ऑन-लाइन टेण्डर्स की निर्धारित लागत राशि की सीमा का ब्यौरा प्रदान करते हुए, यह भी बतायें कि ऑन-लाइन टेण्डर्स आमंत्रण सूचना स्थानीय प्रदेश स्तर राष्ट्रीय स्तर के कितने समाचार पत्रों में प्रकाशित कराना आवश्यक है? (ख) टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों में वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक की अवधि में कौन-कौन से कार्यों के लिये ऑफ-लाइन एवं ऑन-लाइन टेण्डर आमंत्रित किये गये? निर्माण कार्यों के नाम, लागत राशि सहित कार्यपूर्ति तिथि बतायें। क्या इन निर्माण कार्यों के लिये टेण्डर आमंत्रण में नियमों का उल्लंघन हुआ है? (ग) प्रश्नांश (ख) अवधि के निर्माण कार्यों हेतु टेण्डर आमंत्रण में ऑन-लाइन के स्थान पर कितने कार्यों के ऑफ-लाइन टेण्डर आमंत्रित किये गये हैं? सूची दें। यदि ऑफ-लाइन आमंत्रण हुआ है तो इस हेतु सक्षम स्वीकृति ली गई है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार यदि निर्माण कार्यों के लिए ऑन-लाइन के स्थान पर ऑफ-लाइन टेंडर आमंत्रित किये गए हैं तो इस अनियमितता के लिये कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4 एवं 5 अनुसार है। म.प्र. सड़क विकास निगम लिमि. अंतर्गत ए.डी.बी. वित्त पोषित परियोजना, एम.पी.डी II एस.पी. के पैकेजों की निविदाएं ए.डी.बी. द्वारा अनुमोदनानुसार ऑफ-लाइन आमंत्रित की जा रही है। ऑन-लाइन टेंडर्स आमंत्रण सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशित करने हेतु शासनादेश दिनांक 26.12.2014 द्वारा श्रेणीवार निर्धारण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। निविदा आमंत्रण में नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के परिशिष्ट-7 अनुसार है। (घ) शासन से अनुमति उपरांत ऑफ-लाइन निविदा आमंत्रित की गई है। कोई दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रेल्वे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन ओवर ब्रिज
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 1867 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) होशंगाबाद जिले में धरमकुण्डी रेल्वे क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन ओवर ब्रिज की निविदा कब आमंत्रित की गई थी? कार्य की लागत कार्य पूर्ण होने की अवधि, कार्य की लागत, निर्माण एजेंसी सहित बतावें। (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में ओवर ब्रिज निर्माण की भौतिक स्थिति क्या है? क्या निर्माण कार्य समय अवधि में पूर्ण होगा? यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन जिम्मेदार है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) दिनांक 29.03.2016 को। अनुबंधानुसार कार्य पूर्ण होने की अवधि दिनांक 31.10.2017 तक थी, कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 1797.93 लाख, पी.ए.सी. राशि रू. 1335.64 लाख, अनुबंधित राशि रू. 1335.64 लाख है एवं निर्माण एजेन्सी मेसर्स भारत स्पून पाइप कंस्ट्रक्शन कंपनी, जयपुर (राजस्थान) है। (ख) प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कार्य 40 प्रतिशत पूर्ण हो गया, जिसमें दोनों अबटमेंट 90 प्रतिशत पूर्ण आर.ई.वॉल दोनों ओर ग्राउण्ड लैबल से 1.00 मी. ऊपर तक पूर्ण। जी नहीं। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण निर्माण एजेन्सी जिम्मेदार है। कार्य जून-2020 तक पूर्ण होने की संभावना है।
पी.क्यू.सी. एवं डी.एल.सी. कार्य का प्राक्कलन
[लोक निर्माण]
121. ( क्र. 1917 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बम्होरी बीका तिराहा से गढ़पहरा तक निर्माणाधीन सड़क मार्ग (पुराना एन.एच. 26) के कार्य में सम्पूर्ण सड़क मार्ग सी.सी. रोड से निर्मित हो रहा है, जिसमें डी.एल.सी. एवं पी.क्यू.सी. कार्य का प्राक्कलन में क्या प्रावधान है? डी.एल.सी. एवं पी.क्यू.सी. कार्य के विभागीय मानक/नियम क्या हैं? (ख) निर्माणाधीन सड़क मार्ग में मकरोनिया चौराहा से रजाखेडी एवं रजाखेडी से छावनी बेरियल तक तथा पुलिस थाना से मकरोनिया चौराहे तक का डी.एल.सी. कार्य एजेंसी द्वारा कब किया गया था? दिनांकवार जानकारी देवें। डी.पी.सी. कार्य एवं पी.क्यू.सी. कार्य एवं पी.क्यू.सी. कार्य की माप पुस्तिका के विवरण छायाप्रति सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में निर्माणाधीन सड़क में डी.एल.सी. कार्य के बाद पी.क्यू.सी. कार्य कब-कब किया गया? (घ) यदि डी.एल.सी. एवं पी.क्यू.सी. कार्य के दिनांकों में काफी अंतराल है एवं डी.एल.सी. कार्य के बाद सड़क पर आवागमन निरंतर चलता रहा उसके बाद कार्य एजेंसी द्वारा पी.क्यू.सी. कार्य किया गया तो क्या सड़क की गुणवत्ता प्रभावित नहीं हुई होगी? विभाग द्वारा प्रावधान अनुसार कार्य नहीं करने के लिए कौन-कौन उत्तरदायी है तथा कार्य एजेंसी एवं दोषी अधिकारियों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। एम.ओ.आर.टी.एच. स्पेसिफिकेशन क्लाज 601 के अनुसार डी.एल.सी. लेयर के कार्य का एम.ओ.आर.टी.एच. स्पेसिफिकेशन क्लाज 602 के अनुसार पी.क्यू.सी. लेयर के कार्य का विभागीय मानक नियत है। इसके अतिरिक्त कार्य आई.आर.सी.15-2011 के अनुसार कराया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार कार्य की माप पुस्तिका की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। माप पुस्तिका में दर्ज माप के आधार पर निर्माण कार्य में डी.एल.सी. लेयर एवं पी.क्यू.सी. लेयर के कार्य में कुल 7 मीटर चौड़ाई में से 3.50 मीटर चौड़ाई में एक साइड में एक बार में कार्य किया जा रहा है, ताकि मार्ग के दूसरे साइड की प्रस्तावित 3.50 मीटर चौड़ाई की पी.क्यू.सी. लेयर एवं सोल्डर की चौड़ाई में से यातायात नियमित चलता रहें। चूंकि कार्य के दौरान किसी भी एक साइड की बनाई गई डी.एल.सी. लेयर के कार्य के बाद उसके ऊपर से यातायात आवागमन हेतु अनुमति नहीं दी गई है। कार्य की गुणवत्ता प्रभावित नहीं हुई। प्रावधान के अनुसार कार्य कराया गया है, अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत सिंचाई योजनाओं की निविदा
[जल संसाधन]
122. ( क्र. 1918 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिले में विभाग की वर्ष 2018-19, 2019-20 में कितनी सिंचाई योजनाओं को विभाग से स्वीकृति प्राप्त हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत योजनाओं में किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा विभाग द्वारा जारी की गई? निविदा आमंत्रण उपरांत किन-किन योजनाओं में कार्य एजेंसी द्वारा अनुबंध किये गये? (ग) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत जसराज जलाशय, टिपरिया जलाशय, तिंसुआ जलाशय भी वर्ष 2019-20 में स्वीकृत हुई थी, विभाग को केवल निविदा जारी करना था तो विभाग द्वारा इन सिंचाई योजनाओं के निविदा जारी क्यों नहीं की गई? (घ) जसराज जलाशय एवं टिपरिया जलाशय सिंचाई योजनाओं की निविदा जारी न करने के लिए कौन उत्तरदायी है? इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? निविदा कब तक जारी की जावेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) हनौता वृहद एवं आपचंद मध्यम सिंचाई परियोजना, कालीपठार, पडरिया, पठालघु सिंचाई एवं ईश्वरपुर वियर की निविदा जारी की गई। हनौता वृहद सिंचाई परियोजना एवं ईश्वरपुर वियर लघु परियोजना में एजेंसी द्वारा अनुबंध किया जाना प्रतिवेदित है। (ग) एवं (घ) जसराज जलाशय में वन भूमि प्रभावित होने के कारण वन प्रकरण में स्टेज-I की स्वीकृति प्राप्त होने के उपरांत एवं टिपरिया जलाशय में भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण होने के पश्चात निविदा जारी किया जाना संभव होगा। तिन्सुआ जलाशय के प्रशासकीय स्वीकृति का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। अत: अधिकारियों पर कार्यवाही की जाने की स्थिति नहीं है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
संबल योजनांतर्गत बिजली की सब्सिडी
[श्रम]
123. ( क्र. 1933 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की संबंल योजना में ग्वालियर जिले में कितने परिवार शामिल किये गये हैं व कितने परिवारों को कितनी राशि की बिजली की सब्सिडी दी गई? (ख) उपरोक्त में से कितने परिवार श्रम विभाग की जांच में अपात्र पाये गये हैं?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) संबल योजना के अंतर्गत ग्वालियर जिले में कुल 4, 79, 829 श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। पंजीकृत 4, 79, 829 श्रमिकों में से 1, 47, 179 श्रमिकों को योजनांतर्गत विद्युत सब्सिडी के लिये शामिल किया गया है। जिनकी विद्युत सब्सिडी की राशि रूपये 137.08 करोड़ है। (ख) पंजीकृत श्रमिकों में से जांच उपरांत 187337 श्रमिक अपात्र पाये गये हैं।
खातेगांव नगर में स्टेडियम निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
124. ( क्र. 1940 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले में खातेगांव नगर के नागरिकों द्वारा लंबे समय से विभिन्न खेलों के लिये एक सर्वसुविधा संपन्न स्टेडियम निर्माण की मांग सरकार से की जा रही है। (ख) क्या जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप स्थित लगभग 6 एकड़ भूमि नगर पंचायत परिषद् खातेगांव को स्टेडियम निर्माण हेतु प्रदान की है? (ग) क्या विभाग द्वारा इस स्थान पर स्टेडियम निर्माण के लिये राशि स्वीकृत करने की संभावना है? यदि हाँ, तो कब तक विभाग इस बारे में निर्णय करेगा? (घ) क्या विभाग अपनी ओर से 50% राशि प्रदान करके शेष 50% की व्यवस्था नगर पंचायत परिषद् द्वारा करने पर स्वीकृति प्रदान कर सकता है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) विभागीय नीति अनुसार विभाग के नाम भूमि उपलब्ध होने पर भूमि की स्थिति, प्रचलित खेल, खेलों की पृष्ठभूमि तथा बजट की उपलब्धता अनुसार स्टेडियम निर्माण हेतु निर्णय लिया जाता है। अतः समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं, क्योंकि विभागीय नीति में 50 प्रतिशत राशि स्वीकृत करने का कोई प्रावधान नहीं है।
मार्ग का संधारण
[लोक निर्माण]
125. ( क्र. 1941 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत NH59 (A) बिजवाड़ से ग्राम दिपगांव तक निर्मित MDR की लागत कितनी थी इस मार्ग को बनाने वाली कंपनी के पास इस मार्ग का कितने वर्षों के लिये संधारण (मेन्टेनेंस) का कार्य हैं? क्या सड़क का निर्माण निर्धारित तकनीकी स्वीकृति के अनुसार हुआ हैं? (ख) क्या इस मार्ग से ग्राम थूरिया, कुसलानिया, हरणगांव, जियागांव एवं कोकरिया में कई जगहों पर कीचड़ एवं गड्ढे होने के कारण नागरिकों एवं वाहन चालकों को भारी असुविधा हो रही है? (ग) क्या कारण है कि नागरिकों की लगातार मांग के बाद भी विभाग द्वारा अभी तक न तो सड़क रिपेयर की गई है न ही बायपास एवं नालियों का निर्माण करने की कोई कार्यवाही की है? (घ) क्या भविष्य में इस कीचड़, गंदगी एवं आवागमन की बाधा से आम जनता को निजात मिलने की संभावना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। उल्लेखित ग्रामों से निकलने वाले इस मार्ग पर गढ्ढे नहीं है। मार्ग पर कीचड़ के कारण मार्ग संकरा होना एवं घरों से निकलने वाले अनुपयोगी पानी का अविरल बहना है। (ग) इस मार्ग का रिपेयर कार्य समय समय पर किया जाता है। परियोजना में यथासंभव स्थान की उपलब्धता के अनुसार नाली का निर्माण किया गया है एवं बायपास का प्रावधान न होने के कारण निर्माण की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। (घ) जी हाँ। नाली निर्माण के पश्चात।
संबल योजना का क्रियान्वयन
[श्रम]
126. ( क्र. 1955 ) श्री कुणाल चौधरी, श्री संजय यादव : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूववर्ती सरकार द्वारा वित्तीय प्रावधान के बिना ही वर्ष 2018 में ''संबल'' योजना लागू की गई थी? यदि हाँ, तो क्या इस पर वित्त विभाग ने आपत्ति उठाई थी? (ख) क्या सरकार उपरोक्त अनियमितता की जांच तथा इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) शासन की ''संबल'' योजना में उज्जैन संभाग के अलग-अलग जिलों में कितने परिवार शामिल किए गए हैं? उपरोक्त में से कितने परिवार श्रम विभाग की जांच में अपात्र पाये गए हैं। (घ) शासन की ''संबल'' योजना में उज्जैन सभाग के अलग-अलग जिलों में कितने परिवारों को कितनी राशि की बजली की सब्सिडी दी गई? उपरोक्त में से कितने परिवार श्रम विभाग की जांच में अपात्र पाये गए हैं।
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासन की ''संबल'' योजना में उज्जैन संभाग के सभी जिलों को मिलाकर कुल 26, 97, 016 पंजीकृत हितग्राही शामिल किए गए हैं। उपरोक्त में से 7, 18, 141 हितग्राही श्रम विभाग की जांच में अपात्र पाए गए। जिसकी जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) संबल योजना के अंतर्गत देय बिजली की सब्सिडी संबधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'', ''स'', ''द'' एवं ''ई'' अनुसार है। आपात्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
फोरलेन मार्ग पर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
127. ( क्र. 1975 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लैबड़-जावरा, जावरा-नयागाँव फोरलेन तथा रतलाम सैलाना बांसवाडा टू लेन के डी.पी.आर. की प्रति देवें तथा बतावें कि डी.पी.आर. के किस पृष्ठ पर वित्तीय व्यवहार्यता का आंकलन कर टोल अवधि तय की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग पर यातायात की गणना तथा भविष्य में यातायात का अनुमान किस ऐजेन्सी द्वारा किया गया तथा शासन स्तर पर उसका परीक्षण और मूल्यांकन किसके द्वारा किया गया? क्या वर्ष 2019-20 के लिए जो आंकलन किया गया था उससे फोरलेन पर तीन गुना यातायात रहा? यदि नहीं, तो आंकलन तथा वास्तविक आंकड़े बतावें। (ग) क्या वर्ष 2016-17 तक प्रश्नाधीन फोरलेन पर लागत राशि से ज्यादा टोल वसूला जा चुका था? यदि हाँ, तो फिर 2033 तक टोल क्यों वसूला जायेगा? अनुबन्ध में यदि अधिकारिक स्तर पर गलत आंकड़े पेश कर गोलमाल हुआ तो क्या शासन राज्य धन ओर जनधन को लूट से बचाने के लिए कोई कानूनी अधिकार नहीं रखता है? (घ) प्रश्नाधीन फोरलेन पर प्रारम्भ से जनवरी 2020 तक वसूले गए टोल की राशि बतावे तथा निवेशकर्ता की लागत बतावें। क्या टोल राशि की प्राप्ति डी.पी.आर. के अनुसार है? यदि नहीं, तो क्या डी.पी.आर. बनाने वाली फर्म पर कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) लैबड़-जावरा मार्ग की डी.पी.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार, जावरा-नयागाँव मार्ग की डी.पी.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार एवं रतलाम-सैलान-बासवाडा मार्ग की डी.पी.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। वित्तीय व्यवहार्यता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है वर्ष 2019-20 में यातायात का आंकलन नहीं किया गया है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। सड़क निर्माण के साथ निवेशकर्ता कंपनी को सड़क का रख-रखाव एक निश्चित तय समय-सीमा अनुसार करना होता है। इसके अतिरिक्ति प्रीमीयम राशि, लोन भुगतान, ऑपरेशन एवं मेंटेनेन्स व्यय इत्यादि मार्ग निर्माण लागत के अतिरिक्त होता है। निविदा आमंत्रित करते समय अनुबंध की समयावधि 25 वर्ष रखी गई थी, जिसके अनुसार ही निविदाकर्ता द्वारा प्रतिस्पर्धा निविदा द्वारा भरी जाती है, जो शासन द्वारा स्वीकृत की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) लैबड़ जावरा फोरलेन पर प्रांरभ से जनवरी 2020 तक वसूले गये टोल की राशि चोकला टोल रू. 675, 80, 32, 432.00 चिकलिया (बिलपांक) टोल पर रू. 561, 85, 68, 065.00 है। लैबड़-जावरा फोरलेन की निवेशकर्ता द्वारा बताई गई निर्माण लागत रू 901.00 करोड़ है। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जावरा-नयागाँव फोलेन पर प्रारंभ से जनवारी 2020 तक वसूले गये टोल की राशि माननखेड़ा टोल पर रू. 531, 64, 41, 638.00 पिलयामण्डी टोल पर रू. 492, 82, 72, 333.00 एवं नयागाँव टोल पर रू. 330, 17, 78, 843.00 है। जावरा-नयागाँव मार्ग की निवेशकर्ता द्वारा बताई गई निर्माण लागत रू. 907.00 करोड़ है। निविदा आमंत्रित करते समय अनुबंध की समयावधि 25 वर्ष रखी गई थी, जिसके अनुसार ही निविदाकर्ता द्वारा प्रतिस्पर्धा निविदा द्वारा निविदा भरी जाती है। जो शासन द्वारा स्वीकृत की जाती है। डी.पी.आर. में आंकलित राशि से अधिक या कम वूसली होने पर डी.पी.आर. बनाने वाली कंपनी पर कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति
[जल संसाधन]
128. ( क्र. 1986 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन सी नवीन सिंचाई योजना निर्माण एवं पुरानी सिंचाई योजना के सुधार कार्य के प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रेषित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कौन-कौन सी योजनायें किस स्तर पर कहाँ-कहाँ लंबित हैं? जिन चिन्हित योजनाओं को साध्यता स्वीकृति के लिए अपलोड किया गया था, उनकी साध्यता स्वीकृति कब तक प्राप्त होगी? सम्पूर्ण सूची देवेंl (ग) क्या प्रस्तावित सिहुड़ी जलाशय निर्माण के टेंडर हो चुके हैं? यदि हाँ, तो इस जलाशय का निर्माण किसके द्वारा, अनुबंध की किन शर्तों के अनुरूप कितनी लागत से कब तक पूर्ण होना है तथा जलाशय निर्माता को अनुबंध के अनुसार किस दर से कौन-कौन से निर्माण कार्य करने हैं? अनुबंध की छायाप्रति देवें। (घ) क्या वर्तमान समय में निर्मित हो रही नहरों में पानी के अपव्यय को रोकने हेतु नहरों के निर्माण के साथ उसमें सी.सी. लाईनिंग का प्रावधान होता है तथा शासन ने पूर्व में कई पुराने जलाशय की नहरों में लाईनिंग करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है? यदि हाँ, तो क्या विभाग बहोरीबंद जलाशय की नहरों में लाईनिंग कार्य की योजना प्रस्तावित कर स्वीकृति प्रदान करेगा ताकि पानी के अपव्यय को रोका जा सके? उत्तर में यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। पुरानी सिंचाई परियोजनाओं के सुधार कार्य एवं साध्यता स्वीकृति का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) जी हाँ। एजेंसी निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से वर्तमान में जानकारी दी जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते हैं। (घ) जी हाँ। पूर्व में जल संसाधन संभाग, कटनी अंतर्गत पुराने जलाशय क्रमश: सकरवाड़ा एवं रूपनाथ जलाशय की नहरों में लाईनिंग कार्य आर.आर.आर. अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई, जिसका कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित है। बहोरीबंद जलाशय की नहरों में लाईनिंग कार्य कराने हेतु ई.आर.एम. मद अंतर्गत प्रस्ताव तैयार करने की कार्यवाही कार्यपालन यंत्री स्तर पर प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कर्मचारियों की छटनी
[श्रम]
129. ( क्र. 2130 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के औद्योगिक नगरी पीथमपुर में स्थित मेसर्स एपटेक लिमिटेड कम्पनी द्वारा कम्पनी के 217 स्थाई कामगारों की छंटनी के लिए दिनांक 25 अक्टूबर, 2019 को श्रम आयुक्त को आवेदन दिया था, जिस पर श्रम आयुक्त द्वारा फैसला देते हुए कम्पनी के छंटनी संबंधी आवेदन को खारिज कर दिया था? क्या श्रम कानून के तहत प्रस्ताव खारिज होने के बाद एक वर्ष तक किसी भी कामगार की छंटनी नहीं की जा सकती है? (ख) एक बार प्रस्ताव खारिज होने के बाद कम्पनी प्रबंधन द्वारा दिनांक 23 दिसम्बर, 2020 को किस आधार पर 217 स्थाई कर्मचारियों की छंटनी के लिए पुन: श्रम आयुक्त के पास आवेदन लगाया तथा श्रम आयुक्त ने किस आधार पर समुचित छानबीन/विचार किए बगैर बहुत ही जल्दी में आवेदन को स्वीकार कर छंटनी संबंधी एक आत्मघाती आदेश पारित कर दिया? तो क्या आदेश पारित करने से पहले श्रम आयुक्त द्वारा आवेदन की पूर्ण रूप से विधिक जांच की गई? यदि हाँ, तो किन-किन बिन्दुओं पर, बिन्दुवार जांच रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) क्या श्रम आयुक्त के द्वारा लिये गए इस फैसले से पूर्व दोनों पक्षों की सुनवाई की गयी? यदि हाँ, तो कितनी बार, सुनवाई हेतु कर्मचारियों को कब-कब नोटिस जारी की गई? नोटिस की प्रति तारीख सहित देवें। (घ) श्रम आयुक्त द्वारा दिये गये फैसले की प्रति औद्योगिक न्यायाधिकरण (ट्रिब्युनल कोर्ट) को अभी तक क्यों नहीं भेजी गई? क्या ट्रिब्युनल को न भेजने के पीछे एक षड़यंत्र है, क्या इसकी पूरी निष्पक्ष जांच की जाएगी? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) यदि सही है तो पुन: प्रकरण की जांच कराकर प्राकृतिक न्याय के विरूद्ध किए गए इस निर्णय/फैसले को रद्द करते हुए पुन: श्रमिकों की वापसी की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) श्रमायुक्त द्वारा नियोजक के आवेदन दिनांक 25.10.2019 में औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25-एन (2) में प्रावधानित प्रक्रिया का पालन नहीं होने संबंधी तकनीकी एवं प्रक्रियागत त्रुटि को अमान्य किया गया था, न कि औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25-एन (5) के प्रावधानानुसार अनुज्ञा देने से इंकार संबंधी आदेश पारित किया गया था। (ख) कंपनी प्रबंधन द्वारा तकनीकी एवं प्रक्रियागत त्रुटि को दूर करते हुए पुनः छटनी की स्वीकृति हेतु आवेदन दिनांक 23.12.2019 को प्रस्तुत किया गया। जिस पर सक्षम प्राधिकारी श्रम आयुक्त द्वारा आवेदक नियोजक पक्ष तथा अनावेदक श्रम संघ एवं अन्य श्रमिक प्रतिनिधियों की समक्ष में सुनवाई करने तथा उनके द्वारा प्रस्तुत तर्कों तथा प्रस्तुत दस्तावेजों का परीक्षण करने के पश्चात् ही औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 की धारा 25-एन (3) के प्रावधान अनुसार दिनांक 03.02.2020 को विधिसम्मत स्पीकिंग आदेश जारी किया गया। शेष प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। श्रमायुक्त द्वारा आदेश दिनांक 03.02.2020 पारित करने के पूर्व दोनों पक्षों की समक्ष में सुनवाई दिनांक 17.01.2020 एवं दिनांक 27.01.2020 को की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) श्रम आयुक्त द्वारा जारी फैसले की प्रति औद्योगिक न्यायाधिकरण (ट्रिब्युनल कोर्ट) को प्रेषित किये जाने संबंधी कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'', ''ख'', ''ग'' एवं ''घ'' के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
राष्ट्रीय
राजमार्ग
निर्माण हेतु
केन्द्र
सरकार से
प्राप्त
राशि
[लोक निर्माण]
1. ( क्र. 20 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015-16 से फरवरी 2020 तक की अवधि में प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले किन-किन मार्गों को भारत सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया वर्तमान में उक्त मार्गों की मरम्मत एवं संधारण का कार्य कौन कर रहा है? (ख) वर्ष 2015-16 से फरवरी 2020 तक की अवधि में प्रदेश के किन-किन मार्गों को सैद्धांतिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु भारत सरकार ने सहमति दी वर्तमान में उक्त मार्गों की मरम्मत एवं संधारण का कार्य कौन कर रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) मार्गों के निर्माण हेतु उक्त अवधि में भारत सरकार से कब-कब कितनी राशि प्राप्त हुई? उक्त राशि से क्या-क्या कार्य कहाँ-कहाँ कराये गये? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के किन-किन राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण हेतु भारत सरकार से राशि प्राप्त करने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास कार्य एवं कार्यवाही की?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा मार्गों के उन्नयन निर्माण हेतु एन.एच. (ओ.) - 5054 के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों पर एकजाई आवंटन प्रदाय किया जाता हैं। मार्गवार आवंटन पृथक से प्रदाय नहीं किया जाता वर्षवार प्राप्त आवंटन विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। वर्ष 2015-16 से फरवरी 2020 तक की अवधि में घोषित रा.रा. मार्गों से कराये गये कार्यों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है। प्रश्नांश (ख) अंतर्गत मार्गों के निर्माण हेतु कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रश्नांश (क) अंतर्गत जिन मार्गों के उन्नयन के कार्य भारत सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से स्वीकृत कराये गये उनका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'इ' अनुसार है। प्रश्नांश (ख) अंतर्गत मार्गों के राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के बाद ही राशि प्राप्त की जा सकती है। यह मार्ग अभी तक राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित नहीं हुये हैं।
बिजली बिल की शिकायतों का निराकरण
[ऊर्जा]
2. ( क्र. 21 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन एवं बरेली संभाग में गरीबों के बढ़े हुए बिजली बिलों की शिकायतों के निराकरण हेतु क्या-क्या व्यवस्था की गई है 1 जनवरी 19 से फरवरी 20 तक की अवधि में बढ़े हुए बिजली के बिल में सुधार हेतु कितने उपभोक्ताओं एवं किन-किन जनप्रतिनिधियों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) कितने उपभोक्ताओं के बिल कम हुए तथा क्यों? उक्त उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिल क्यों दिये गये? (ग) इन्दिरा गृह ज्योति योजना में क्या-क्या प्रावधान है? घरेलू कनेक्शन में बिजली के बिल में कितने रूपये प्रति यूनिट का प्रावधान है? इसके अतिरिक्त बिल में अन्य कौन-कौन से शुल्क कितनी-कितनी राशि के बिल में क्यों जोड़े जाते हैं? कारण बतायें। उक्त शुल्क तथा मीटर किराया उपभोक्ता एक मुश्त देना चाहे तो क्या प्रावधान है? (घ) निर्धारित तिथि तक बिल जमा न करने की स्थिति में पेनाल्टी या सरचार्ज किस दर से कितना एवं क्यों लगाया जाता है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र.मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रायसेन वृत्त के रायसेन एवं बरेली संचालन/संधारण संभागों के सभी 14 वितरण केन्द्रों में, वितरण केन्द्र स्तर पर बिजली बिल सुधार समिति का गठन किया गया हैं। प्रत्येक मंगलवार को उक्त समिति की बैठक वितरण केन्द्रों पर आयोजित की जाती है जिसमें प्राप्त, उपभोक्ताओं की त्रुटिपूर्ण बिल संबंधी शिकायतों का वितरण कंपनी नियमानुसार निराकरण किया जाता है। दिनांक 01 जनवरी 2019 से फरवरी 2020 तक की अवधि में बिजली का बिल अधिक आने के कारण बिल में सुधार हेतु उपभोक्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों के माध्यम से रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग में प्राप्त 45 शिकायतों (05 पत्रों के माध्यम से प्राप्त) एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग में प्राप्त 46 शिकायतों की सूची एवं उन पर की गई कार्यवाही की पत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उक्त दर्शित बिल संबंधी शिकायतों की सूची में से रायसेन संचालन एवं संधारण संभाग अंतर्गत 8 एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभाग अंतर्गत 46 उपभोक्ताओं की शिकायतों की जांच/विवेचना उपरांत बिलों की राशि में आवश्यक सुधार कर बिल संशोधित किये गये हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। रायसेन एवं बरेली संचालन एवं संधारण संभागों के अंतर्गत उपभोक्ताओं को सामान्यत: मीटर रीडिंग अनुसार बिल प्रदाय किये गये हैं तथापि मीटर रीडिंग में त्रुटि, बिल अस्पष्ट छपना, आंकलित खपत त्रुटिपूर्ण गणना के आधार पर होना इत्यादि कारणों से प्रश्नाधीन कतिपय देयकों में त्रुटि पाई गई। (ग) राज्य शासन द्वारा दिनांक 07.09.2019 को जारी आदेशानुसार प्रदेश में लागू इन्दिरा गृह ज्योति योजना को संबल योजना से असम्बद्ध करते हुए इन्दिरा गृह ज्योति योजना के लाभ का विस्तार प्रदेश के ऐसे सभी घरेलू उपभोक्ताओं हेतु किया गया है, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है। ऐसे सभी पात्र उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम राशि रु. 100/- का बिल दिया जाने एवं 100 यूनिट खपत हेतु म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर से गणना किए गए बिल तथा राशि रु. 100/- के अन्तर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रुप में दिये जाने का प्रावधान किया गया है। 100 यूनिट से अधिक एवं पात्रता यूनिट की सीमा तक शेष यूनिटों के लिए म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित दर के अनुसार बिल देय होगा। किन्तु किसी माह में पात्रता यूनिट से अधिक खपत होने पर उपभोक्ता को उस माह में योजना का लाभ नहीं मिलेगा एवं उसकी पूरी खपत पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित दर के अनुसार बिल देय होगा। म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश दिनांक 08.08.2019 जो 17.08.2019 से लागू हैं के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं हेतु प्रति यूनिट बिलिंग का प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उक्त के अलावा विद्युत शुल्क प्रथम 100 यूनिट तक ऊर्जा प्रभार का 9 प्रतिशत एवं 100 यूनिट से अधिक पर ऊर्जा प्रभार का 12 प्रतिशत जोड़ा जाता है तथा सिंगल फेज का 10/- रूपये प्रतिमाह एवं थ्री फेज का 25/- रूपये प्रतिमाह मीटर किराया लिया जाता है। साथ ही उपभोक्ता को ईंधन प्रभार शुल्क भी देय होता है जिसका निर्धारण तिमाही आधार पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार किया जाता है। उक्त सभी शुल्क राज्य शासन द्वारा अधिसूचित नियमों एवं म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विनियमों के अनुसार जोड़ा जाता है। उक्त शुल्क तथा मीटर किराया उपभोक्ता द्वारा एक मुश्त जमा करने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि उपभोक्ता द्वारा बिलों का अग्रिम भुगतान किया जाता है तो 1 प्रतिशत की दर से प्रतिमाह रिबेट दिये जाने का प्रावधान है। (घ) म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी विद्युत टैरिफ के आदेशानुसार निर्धारित तिथि तक बिल जमा न करने की स्थिति में 1.25 प्रतिशत अधिभार, विद्युत देयक की राशि 500 रूपये तक के लिये न्यूनतम 5 रूपये प्रतिमाह एवं 500 रूपये से अधिक पर न्यूनतम 10 रूपये प्रतिमाह की दर से लगाया जाता है।
सांसद तथा विधायकों से प्राप्त पत्रों पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
3. ( क्र. 69 ) श्री रामपाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक अधीक्षण यंत्री एवं कार्यपालन यंत्री संभाग रायसेन एवं बरेली को किन-किन सांसद तथा विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए? (ख) उक्त पत्रों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा किन-किन को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये संबंधितों द्वारा उक्त निर्देशों के पालन में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) के अधिकारियों द्वारा सांसद तथा विधायकों से प्राप्त पत्रों के जवाब कब-कब दिये? यदि नहीं, तो क्यों कारण बताये तथा पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्याओं को अभी तक निराकरण नहीं हुआ? कारण बतायें। कब तक निराकरण होगा? (घ) सांसद विधायक से प्राप्त पत्रों में उल्लेखित समस्याओं का सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुरूप समय-सीमा में निराकरण क्यों नहीं हो रहा है? कारण बतायें तथा इसके लिये कौन-कौन दोषी है? समस्याओं का निराकरण कब तक होगा।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) दिनांक 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक रायसेन वृत्त के अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग रायसेन एवं बरेली हेतु प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उल्लेखित पत्रों पर कार्यवाही करने हेतु संबंधित वितरण केन्द्र/कार्यालय के प्रभारी को निर्देशित किया गया। प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नाधीन पत्रों के उत्तर दिये जाने के संदर्भों सहित पत्रों में उल्लेखित समस्याओं के किये गये निराकरण एवं शेष समस्याओं के निराकरण के संबंध में वस्तुस्थिति की प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) रायसेन वृत्त के अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग रायसेन एवं बरेली में माननीय सांसदों/विधायकों से प्राप्त पत्रों पर यथासम्भव नियमानुसार त्वरित कार्यवाही की जा रही है, अत: शेष प्रश्न नहीं उठता है।
बारना बांध की नहर का विस्तार
[जल संसाधन]
4. ( क्र. 70 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में बारना बॉंध की नहर का विस्तार किन-किन ग्रामों में किया जा रहा है वर्तमान में कहां-कहां नहर विस्तार का क्या-क्या कार्य चल रहा है? (ख) जनवरी 2019 से फरवरी 2020 के मध्य मान.मंत्री जी रायसेन जिले की जनपद पंचायत उदयपुरा के ग्राम पचामा में बारना नहर का विस्तार एवं अन्य कौन-कौन सी घोषणायें करके आये थे? पूर्ण विवरण दें। (ग) मान.मंत्री जी की उक्त घोषणाओं के पालन में विभाग के अधिकारियों द्वारा आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा ग्राम पचामा में बारना नहर का पानी कब तक पहुंच जायेगा? निश्चित दिनांक बतायें? (घ) प्रश्नांश (क) के कार्यों में अनियमितताओं एवं गड़बड़ी के संबंध में जनवरी 19 से फरवरी 20 की अवधि में किन-किन ग्रामों के किसानों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा ज्ञापन दिये एवं शिकायतें की गई उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में तहसील उदयपुरा के ग्राम खिरिया एवं पचामा में बारना बॉंध की पचामा नहर (अनुज माइनर) के विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है। (ख) विस्तारीकरण परियोजना के अंतर्गत ग्राम पचामा में पचामा नहर (अनुज माइनर) के निर्माण की घोषणा। (ग) घोषणा के परिपालन में पचामा नहर (अनुज माइनर) का निर्माण कार्य किया जा रहा है। पचामा नहर (अनुज माइनर) का कार्य मई-2020 तक पूर्ण कराए जाने के पश्चात। निश्चित दिनांक बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्राप्त ज्ञापन एवं शिकायतों की संख्या शून्य अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अल्पसंख्यक कॉलेजों में ऑनलाईन एडमिशन से छूट
[उच्च शिक्षा]
5. ( क्र. 81 ) श्री
महेन्द्र
हार्डिया : क्या
खेल और युवा
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) इन्दौर
शहर में कितने
कॉलेज
अल्पसंख्यक
वर्ग में आते
हैं? क्या
अल्पसंख्यक
कॉलेजों को
ऑनलाईन
एडमिशन से छूट
प्राप्त है? क्या यह
छूट सिर्फ
मध्यप्रदेश
में ही दी जा
रही है? (ख) क्या
वहां पर अन्य
महाविद्यालयों
की तरह ही पाठ्यक्रम
संचालित किए
जा रहे हैं और
कोई विशेष
धार्मिक
पाठ्यक्रम
नहीं चलाया जा
रहा है? यदि
हाँ तो
सामान्य
पाठ्यक्रमों
में प्रवेश हेतु
आनलाईन से छूट
दिए जाने का
क्या औचित्य है? (ग) सामान्य
पाठ्यक्रम जैसे
बीए, बीकॉम, बी.एस.सी.
में प्रवेश
हेतु
अल्पसंख्यक
कॉलेजों को
मिल रही
आनलाईन
प्रवेश
प्रक्रिया
छूट को कब
समाप्त किया
जावेगा?
खेल
और युवा
कल्याण
मंत्री ( श्री
जितू पटवारी ) : (क) 46, जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-01 अनुसार
है। जी
हाँ। मध्यप्रदेश
में
अल्पसंख्यक
महाविद्यालयों
को ऑनलाईन
एडमिशन में
छूट है। अन्य
राज्यों के संबंध
में बता पाना
संभव नहीं है। (ख) जी
हाँ। जी नहीं।
माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय द्वारा
याचिका
क्रमांक 317/1993
टी.एम.ए.पाई.
फाउंडेशन
विरूद्ध
कर्नाटक
राज्य एवं
अन्य तथा
याचिका क्रमांक
350/1993
इस्लामिक
अकादमी ऑफ
एजुकेशन एण्ड
अदर विरूद्ध
कर्नाटक
राज्य व अन्य
में पारित
निर्णय के
अनुक्रम में
अल्पसंख्यक
महाविद्यालयों
को सामान्य
पाठ्यक्रमों
में प्रवेश
हेतु ऑनलाईन
प्रक्रिया
में छूट
प्रदान की गई
है। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-02 अनुसार
है। (ग) माननीय
सर्वोच्च
न्यायालय के
निर्देश के अनुपालन
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण
[श्रम]
6. ( क्र. 85 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कार्यालय इन्दौर में कुल कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? इनमें से कितने कर्मचारी नैमेत्तिक दर/कलेक्टर दर पर कब से कार्यरत हैं? इन्हें प्रतिमाह कितना वेतन मिलता है? कर्मचारीवार बतावें। (ख) इतने लम्बे समय से एवं इतनी कम वेतन पर नैमेत्तिक दर/ कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को कब स्थायी किया जावेगा?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) संचालक औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कार्यालय इंदौर में कुल 18 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से एक कर्मचारी अंशकालीन (पार्टटाईम) सफाई कर्मचारी दिनांक 16/01/2003 से कार्य कर रहे हैं। इन्हें नैमेत्तिक व्यय (कलेक्टर द्वारा निर्धारित दर) से रूपये 3662/- प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। (ख) नैमेत्तिक दर/कलेक्टर दर पर कार्य करने वाले अंशकालीन (पार्टटाईम) कर्मचारी को स्थाई किये जाने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है।
नर्मदा नदी को प्रदूषण से मुक्त करना
[पर्यावरण]
7. ( क्र. 131 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले की गौर, परियट नदी में डेयरी से निकलने वाले गोबर, मूत्र एवं नर्मदा नदी के खारीघाट, दरोगाघाट, उमाघाट एवं गौमुख मंदिर के पास से बस्ती के सीवेज की नालियों का पानी मिलने के कारण खतरनाक स्तर पर प्रदूषित हो रही है? (ख) क्या श्रृद्धालु नर्मदा नदी के पानी को पवित्र जल मानते हुये सेवन करते हैं? (ग) यदि हाँ, तो क्या प्रदूषित जल के सेवन से विभिन्न बीमारियों के संक्रमण से इनकार किया जा सकता है? (घ) यदि नहीं, तो क्या नदियों के किनारे स्थापित डेयरी एवं सीवेज की नालियों पर रोक लगाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) नर्मदा नदी के जल की गुणवत्ता भारतीय मानक 2296-1982 के अनुसार 'ए' श्रेणी की पायी जाती है जो कि डिसइंफेक्शन (कीटाणुशोधन) उपरांत सेवन हेतु उपयुक्त है परन्तु बिना कीटाणुशोधन जल के सेवन से जल जनित बीमारियों की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। (घ) उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें जबलपुर द्वारा डेयरी स्टेट परियोजना के निर्माण का कार्य नगर पंचायत बरेला के अंतर्गत ग्राम खमरिया में किया जा रहा है जो लगभग एक वर्ष में पूर्ण होना संभावित है जिसमें नदियों के किनारे स्थापित इच्छुक डेयरी व्यवसायी भी विस्थापन कर सकेंगे। सीवेज की नालियों के पानी के उपचार एवं नर्मदा नदी में मिलने से रोकने के संबंध में नगर पालिक निगम जबलपुर से प्राप्त जानकारी अनुसार गौमुख मंदिर के समीप 30 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता का एक नये मल-जल शोधन संयंत्र की स्थापना के कार्य हेतु एजेन्सी नियुक्त की जा चुकी है एवं शीघ्र निर्माण किया जावेगा। म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नदियों में प्रदूषण फैलाने के कारण कुल 139 डेयरियों को जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1974 की धारा 33 'क' के अंतर्गत डेयरियों को बंद करने के निर्देश जारी किये गये थे तथा निर्देशों का उल्लंघन करने के कारण समस्त 139 डेयरियों के विरूद्ध माननीय न्यायालय में वाद दायर किये गये हैं जो माननीय न्यायालय में विचाराधीन है।
परफारमेंस गारंटी वाली सड़कों की जानकारी
[लोक निर्माण]
8. ( क्र. 211 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक को भोपाल जिले की कौन-कौन सी सड़कें परफारमेंस गारंटी वाली है? परफारमेंस गारंटी कब से कब तक है? सड़कवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत परफारमेंस गारंटी वाली सड़कों की स्थिति प्रश्न दिनांक को कैसी है? प्रश्न दिनांक तक भौतिक सत्यापन किस पदनाम व नाम के अधिकारी ने किया है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत परफारमेंस गारंटी वाली सड़कों का पेंचवर्क/ मरम्मत कार्य ठेकेदारों द्वारा कब-कब किया गया है? किस पदनाम व नाम के अधिकारी ने सत्यापन किया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है।
आर्थिक अनियमितताओं की प्राप्त शिकायतें
[ऊर्जा]
9. ( क्र. 212 ) श्री विश्वास सारंग : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड सारनी में कितने उद्यान शास्त्री प्रश्न दिनांक तक पदस्थ हैं? कौन उद्यान शास्त्री किस-किस स्थान पर कौन-कौन सा कार्य देख रहे हैं? इनकी योग्यताएं किस पद के समकक्ष है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उत्पादन विंग में सिविल के कार्य हेतु कौन-कौन उद्यानशास्त्री कब से पदस्थ हैं? किस-किस स्थान पर यह सिविल के कार्य देख रहे हैं? क्या यह इस पद के लिए योग्यता रखते हैं? यदि नहीं, तो इनको पदस्थ क्यों किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत उत्पादन विंग में पदस्थ उद्यानशास्त्री की आर्थिक अनियमितताओं की क्या-क्या गंभीर शिकायतें विभाग और माननीय मुख्यमंत्री जी को कब-कब प्राप्त हुई हैं? शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक संबंधितों ने क्या-क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, की है तो क्यों? क्या अब की जायेगी? यदि हां, तो क्या और कब तक? जानकारी दें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड, सारनी में प्रश्न दिनांक तक एक (1) उद्यानशास्त्री पदस्थ है। उक्त उद्यानशास्त्री, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में परिसर के समस्त बगीचों के रखरखाव एवं वृक्षारोपण, विद्युत गृह परिसर के अंदर की घास, झाड़ी, अनावश्यक पौधों की साफ-सफाई का कार्य देख रहे हैं। उक्त कार्य के अलावा उद्यानशास्त्री, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में राखड़ बांध से सिनोस्फियर संग्रहण एवं विक्रय तथा पाथाखेड़ा नाला से सिल्ट, सेंड, डेबरीज आदि निकलवाकर फेकने का कार्य भी देख रहे थे। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी के साथ-साथ उक्त उद्यानशास्त्री अन्य ताप जल विद्युत गृहों में भी उद्यानों के रखरखाव एवं देखभाल का कार्य चक्रानुक्रम (मासिक कार्य अवधि) में देख रहे हैं। इनकी योग्यतायें कंपनी में द्वितीय श्रेणी पद के समकक्ष है। (ख) उत्तरांश ''क'' के तहत उत्पादन विंग में उद्यानिकी के कार्य हेतु उक्त उद्यानशास्त्री श्री डी.के.एस.तोमर, सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में दिनांक 08 फरवरी, 2016 से पदस्थ है तथा सिविल वृत्त के अंतर्गत कार्यरत है। यह उद्यानशास्त्री अपने कार्य के अतिरिक्त केवल सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में आदेश दिनांक 10.11.2017 द्वारा सौंपे गये कुछ सिविल संबंधित सामान्य कार्य देख रहे थे। उद्यानशास्त्री, सिविल कार्य की योग्यता नहीं रखते हैं तथापि कार्यस्थल की तत्समय की परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में उनको सिविल संबंधित कुछ सामान्य स्वरूप के कार्य सौंपे गये थे, जिन्हें आदेश दिनांक 06.03.2020 के द्वारा वापस ले लिया गया है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के तहत उत्पादन विंग में पदस्थ उद्यानशास्त्री के संबंध में प्राप्त शिकायतों तथा कार्यवाही अद्यतन स्थिति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
नागदा स्थित उद्योगों के सी.एस.आर. मद में व्यय
[पर्यावरण]
10. ( क्र. 256 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जंक्शन जिला उज्जैन स्थित ग्रेसिंग इडण्ट्रीज लेंग्सेस प्रा.लि. गुल ब्राण्डसन केमिकल, ग्वालियर केमिकल, केमिकल डिवीजन आदि केमिकल उद्योगों द्वारा सी.एस.आर. मद में दिनांक 01/01/2015 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि कहाँ-कहाँ व्यय की गयी है। (ख) क्या इन कम्पनियों द्वारा नियमानुसार 2% राशि सी.एस.आर. मद में व्यय की जा रही है यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करें यदि नहीं, की जा रही है तो शासन द्वारा इन कम्पनियों से कब तक यह राशि व्यय कराई जायेगी। (ग) 2% प्रतिशत व्यय के नियम का पालन नहीं कराने वाले उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी व इन कम्पनियों से इस फण्ड की राशि की भरपाई कब तक सुनिश्चित की जायेगी।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) कार्पोरेट सोशल रेसपॉन्सिबिलिटी के प्रावधान लागू करने की जिम्मेदारी पर्यावरण विभाग की नहीं है तथापि संबंधित उद्योगों से प्राप्त की गई जानकारी अनुसार मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन एवं केमीकल डिवीजन) द्वारा दिनांक 01/01/2015 से 31/03/2018 तक सी.एस.आर. के अंतर्गत खर्च की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार, मेसर्स लैन्सेक्स इंडिया प्रा.लि. द्वारा व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार एवं मेसर्स गुल बारण्डसन केटालिस्ट प्रा.लि. नागदा द्वारा व्यय की गई राषि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ग' अनुसार है। ग्वालियर केमिकल नाम का कोई उद्योग कार्यरत् नहीं है। (ग) कम्पनियों में सी.एस.आर. का प्रावधान कम्पनीज (कार्पोरेट सोषल रिस्पॉन्सीबिलिटी पॉलिसी) नियम-2014 के अंतर्गत है जिसके प्रावधानों को लागू करने के उत्तरदायित्व विभाग का नहीं हैं। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सौर एवं पवन ऊर्जा कम्पनियों के सी.एस.आर. मद का व्यय
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
11. ( क्र. 257 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमाक 1289 दिनांक 28/11/2017 में वर्णित सौर व पवन ऊर्जा कम्पनी द्वारा इकाई प्रारंभ होने के एक वर्ष बाद से प्रश्न दिनांक तक सी.एस.आर.फण्ड से कितनी-कितनी राशि, कहॉ-कहॉ व्यय की गयी जानकारी देवें। (ख) क्या इन कम्पनियों द्वारा नियमानुसार 2% राशि सी.एस.आर. मद में व्यय की जा रही है यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी प्रस्तुत करें यदि नहीं, की जा रही है तो शासन द्वारा इन कम्पनियों से कब तक यह राशि व्यय कराई जायेगी। (ग) 2% प्रतिशत व्यय की नियम का पालन नहीं कराने वाले उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी व इन कम्पनियों से इस फण्ड की राशि की भरपाई कब तक सुनिश्चित की जायेगी स्पष्ट करें।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) कंपनी अधिनियम 2013 की धारा-135 की उपधारा (1) में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार निम्न श्रेणियों की कंपनियों पर सी.एस.आर. के प्रावधान लागू होते है:- (1) पांच सौ करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली। (2) एक हजार करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली। (3) पाँच करोड़ रूपये या अधिक के शुद्ध लाभ वाली। अधिनियम की धारा 135- (5) के अंतर्गत उक्त श्रेणियों की कंपनियों को पिछले तीन वित्तीय वर्षों के शुद्ध लाभ के औसत के 2% प्रतिशत की राशि सी.एस.आर. पर व्यय करनी होती है। उक्तानुसार व्यय न करने पर अधिनियम की धारा 135- (5) का द्वितीय परन्तुक लागू होता है, जिसके अनुसार कंपनी को व्यय न करने का कारण का अधिनियम की धारा 134- (3) अंतर्गत तैयार रिपोर्ट में उल्लेख करना होता है। राज्य में इन कंपनियों द्वारा सी.एस.आर. पर किए गए व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
देयकों के भुगतान एवं जांच पर कार्यवाही
[ऊर्जा]
12. ( क्र. 271 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के अंतर्गत सतना सहित कई जिलों में सौभाग्य योजना चल रही थी? अगर हाँ तो इस मद में कितनी राशि किन-किन जिलों को स्वीकृत थी तथा कितनी- कितनी राशि व्यय की गई तथा शेष राशि का विवरण देवें। (ख) क्या इस योजना के तहत कराये गये कार्य का संबंधित वरिष्ठ लेखाधिकारी कार्यालयों से पूर्ण भुगतान कार्य एजेन्सियों को अब तक नहीं किया गया है? कार्य एजेन्सियों को उक्त लंबित भुगतान कब तक कराया जावेगा? अगर नहीं तो कारण बतावें। (ग) क्या कई जिलों में सौभाग्य योजना से संबंधित शिकायतों की जांच कराई जा रही है? अगर हाँ तो जांच कार्यवाही पूर्ण कर कब तक निर्णय लिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के क्षेत्रान्तर्गत सतना जिले सहित सभी जिलों में सौभाग्य योजना संचालित थी। म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के क्षेत्रान्तर्गत सभी जिलों यथा-जबलपुर, कटनी, मण्डला, डिण्डौरी, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी (टीकमगढ़ की विस्तृत कार्य योजना में सम्मिलित), रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया हेतु उक्त योजना में रू. 1018.76 करोड़ की राशि स्वीकृत थी, जिसके विरूद्ध प्रावधिक रूप से रू. 922.01 करोड़ की राशि व्यय की गई है। योजनान्तर्गत परियोजना पूर्णता प्रतिवेदन तैयार किये जाने व व्यय से संबंधित आंकड़ों का अंतिम निर्धारण होने के उपरान्त ही अवशेष राशि की जानकारी दिया जाना संभव हो सकेगा। (ख) जी हाँ, योजना अंतर्गत केन्द्र शासन से प्राप्त आंशिक राशि व्यय हो जाने तथा योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता की प्राप्त शिकायतों की जांच प्रचलन में होने के कारण उक्त योजनान्तर्गत कराये गये कार्यों का संबंधित वरिष्ठ लेखाधिकारी कार्यालयों से पूर्ण भुगतान, कार्य एजेन्सियों को नहीं किया गया है। योजना हेतु आवंटित राशि के विरूद्ध शेष राशि आर.ई.सी.लिमिटेड, नई दिल्ली से प्राप्त होने के उपरांत कार्य एजेन्सियों को शेष राशि के भुगतान हेतु कार्यवाही की जानी संभव हो सकेगी। उक्त परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में शेष भुगतान हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ वर्तमान में जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांच पूर्ण किये जाने की निश्चित समय-सीमा बता पाना वर्तमान में संभव नहीं है।
हरसी हाईलेविल नहर से सिंचित कृषि भूमि
[जल संसाधन]
13. ( क्र. 300 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरसी हाईलेविल नहर से 14 ग्वालियर ग्रमीण विधानसभा क्षेत्र के किसानों की कृषि भूमि को सिंचित करने के लिए विभाग कितने हेक्टेयर भूमि का रकवा सिंचाई के लिए प्रस्तावित किया था वर्तमान में इस क्षेत्र का कितना रकवा सिंचिंत हो रहा है। (ख) हरसी हाईलेविल नहर से मुरार क्षेत्र के कौन-कौन से ग्रामों के किसानों को सिंचाई का लाभ मिल रहा है? इन ग्रामों की कृषि भूमि का रकवा कितने-कितने हेक्टेयर है और कितने प्रतिशत कृषि भूमि नहर के मध्यम से सिंचिंत की जा रही है तथा कितने प्रतिशत शेष भूमि रकवा है। ग्रामवार जानकारी बतायें। (ग) क्या स्थानीय उपभोक्ता समिति या विभाग के माध्यम से ग्राम बार असिंचिंत भूमि को नहर प्रणाली के माध्यम से सिंचिंत करने की कोई कार्ययोजना विभाग द्वारा बनाई गई है? यदि हाँ, तो शेष भूमि को कब तक सिंचाई का लाभ मिलने लगेगा। (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा इस सबंध में मा.मुख्यमंत्री जी को कोई पत्र लिखा गया है? पत्र पर क्या कार्यवाही हुई?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) 23854.65 हेक्टर। 23854.65 हेक्टर। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जन-प्रतिनिधियों के पत्रों का शासन द्वारा संधारण नहीं किया जाता है।
मुख्यमंत्री संबल योजना में पात्रता का मापदण्ड
[श्रम]
14. ( क्र. 301 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र में मुख्यमंत्री संबल योजना के प्रारम्भ से परिवर्तित नाम नया सवेरा योजना के प्रारम्भ दिनांक तक संबल योजना में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया? संख्या व राशि तथा नया सवेरा योजना प्रारम्भ दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्रहियों को लाभान्वित किया गया? जिलेवार संख्या व राशि सहित बतायें। (ख) नया सवेरा योजना में पात्र होने के लिए क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं? मुख्यमंत्री संबल योजना में पात्र होने के लिए क्या मापदण्ड रखे गये थे? दोनों योजना का सर्वे ग्रामीण एवं शहरी में किस-किस ऐजेन्सी से कराया गया? अलग-अलग योजना अनुसार विस्तार से बतायें। (ग) म.प्र. में मुख्यमंत्री संबंल योजना में कितने हितग्राहियों का चयन हुआ? नया सवेरा योजना में कितने हितग्राहियों को जोड़ा गया? क्या नया सवेरा योजना के हितग्राहियों की सूची ग्रामीण अंचल में पंचायत मुख्यालय शहरी क्षेत्र में वार्ड कार्यालय पर प्रकाशन की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी? (घ) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना अन्तर्गत 50 वर्ष से नीचे की आयु के सामान्य मृत्यु व दुर्घटना मृत्यु के प्रकरण स्थनीय स्तर पर स्वीकृत होकर पोर्टल पर दर्ज एवं विचाराधीन प्रकरण की संख्या अलग-अलग एवं जिलावार जानकारी विस्तार से बतायें। स्वीकृत प्रकरणों की कितनी राशि दी जाना शेष है? कब तक दी जावेगी?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) मुख्यमंत्री जन कल्याण (नया सवेरा) की अधिसूचना जारी नहीं की गई है। अत: वर्तमान में भी संबल योजना ही निरंतरित है। मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना के अन्तर्गत प्रारंभ से प्रश्न दिनांक तक 161105 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। जिलेवार लाभान्वित श्रमिकों एवं दी गई सहायता राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल में पात्रता संबंधी दिशा निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। योजना का सर्वे ग्रामीण क्षेत्र में सचिव, ग्राम पंचायत एवं शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय के वार्ड प्रभारियों के माध्यम से कराया गया था। (ग) मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना में 21624312 हितग्राहियों का पंजीयन किया गया था। हितग्राहियों की सूची प्रकाशित नहीं की गई है। नया सवेरा के संबंध में प्रश्न ''क'' में दिये गये उत्तर के संदर्भ में कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) नया सबेरा योजना अधिसूचित नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोड का चौड़ीकरण कराये जाने के निर्देश
[लोक निर्माण]
15. ( क्र. 322 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के मुख्य जिला मार्ग परसौना माडा मार्ग के निर्माण बाबत एस्सार पावर लि. बैढ़न के द्वारा अनुबंध किये जाने का उत्तर विधान सभा प्रश्न क्रमांक 565 दिनांक 20/12/2019 में दिया गया है तो परसौना माडा मार्ग से रजमिलान पहुंच मार्ग जिससे एस्सार पावर प्लांट हेतु कोयले का परिवहन सड़क मार्ग से किया जाता है जिसके निर्माण व चौड़ीकरण बाबत क्या एस्सार पावर लि. बैढ़न को निर्माण बाबत निर्देश जारी करेंगे? जिससे आये दिन हो रही दुर्घटनाओं पर रोक लग सके? (ख) प्रश्नांश (क) की तरह ही क्या गोरबी कोलयार्ड से एस्सार पावर प्लांट बंधौरा तक की रोड/सड़क जिससे कंपनी द्वारा कोयले का परिवहन कराया जाता है, रोड के चौड़ीकरण न होने से आये दिन दुर्घटना हो रही है क्या इसके चौड़ीकरण बाबत एस्सार पावर प्लांट को निर्देश जारी करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के रोडो/सड़कों के निर्माण एवं चौड़ीकरण न किये जाने से दुर्घटना/एक्सीडेंट कारित हो रहे है जिनको कंपनी द्वारा मुआवजा भी नहीं दिया जाता है जिले के जिम्मेदारों द्वारा इस पर कार्यवाही नहीं की जाती ऐसी स्थिति में रोडों के निर्माण एवं चौड़ीकरण बाबत कंपनी को निर्देश जारी करेंगे? अथवा कंपनी वाहनों के आवगमन पर रोक लगाकर दुर्घटनाओं को रोकने बाबत निर्देश जारी करेंगे।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है।
श्रमिकों का पंजीयन न करने वालों पर कार्यवाही
[श्रम]
16. ( क्र. 323 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा अधिनियम 1996 की धारा 12 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये असंगठित क्षेत्र के भवन एवं अन्य संनिर्माण में संलग्न श्रमिकों के पंजीयन हेतु अधिकृत अधिकारी नियत किये गये है? (ख) यदि हाँ, तो रीवा संभाग के विभिन्न जिलों के जनपद पंचायतों द्वारा वर्ष 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितने असंगठित श्रमिकों का पंजीयन कर कार्ड संबंधित जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा जारी किये गये एवं कितना शुल्क पंजीयन बाबत् हितग्राहियों से लिये गये। उपरोक्त अवधि का वर्षवार, जिलेवार जनपद पंचायतों का संख्यात्मक विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के संदर्भ में जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के द्वारा पंजीकृत श्रमिको के कितने कार्डों का नवीनीकरण वर्ष 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक में किये? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्य में पंजीबद्ध कर्मकार मण्डल के श्रमिकों को खाद्य श्रमिकों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभांवित किया जा रहा है वर्ष 2017 से प्रश्नांश दिनांक तक जिलेवार, जनपदवार पंचायतवार हितग्रहियों का संख्यात्मक विवरण देवें? अगर लाभांवित नहीं किया जा रहा है तो क्यों? इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं कब तक श्रमिकों को लाभांवित करावेंगे। (ड.) प्रश्नांश (ख), (ग) एवं (घ) के पंजीबद्ध श्रमिकों को मिलने वाले लाभ से वंचित किये जाने वाले समय पर आवेदन प्राप्त कर पंजीयन न किये जाने स्वप्रमाणित शपथ पत्र को न मानकर नोटरी द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र को जबरन लिये जाने के जिम्मेदारों की पहचान कर इन पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? साथ ही लंबित आवेदन पत्रों के लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे एवं इनके पंजीयन करा कर कब तक परिचय पत्र/कार्ड जारी करवायेंगे बतावें? अधिनियम 1996 की धारा 12 का पालन न करने वाले जिम्मेदारों पर अगर अधिनियम का पालन न कर श्रमिकों का पंजीयन नहीं किये श्रमिक लाभ से वंचित हुये इसके लिये जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी हाँ। श्रमिकों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभान्वित हितग्राहियों की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रिज्म जानसन सीमेंट कम्पनी से बिजली बिल की वसूली
[ऊर्जा]
17. ( क्र. 358 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में मनकहरी में स्थापित प्रिज्म जानसन सीमेंट कंपनी/या अन्य नाम के ऊपर 100 करोड़ रूपयों के लगभग बिजली का बिल प्रश्नतिथि तक बकाया है? अगर नहीं तो कितने रूपयों का बिल बकाया है? दिनांक 01.01.2018 से प्रश्नतिथि तक प्रतिमाह कितना-कितना बिजली का बिल उक्त कंपनी को दिया गया? कितना-कितना भुगतान प्रतिमाह कंपनी द्वारा दिया गया? राशिवार/बिलवार/भुगतान की गई राशिवार/माहवार/वर्षवार दें? (ख) रीवा संभाग में किस-किस स्थान की, किस नाम की सीमेंट कम्पनियों एवं 150 अश्वशक्ति से अधिक भार वाले उद्योगों पर 01.01.2018 से प्रश्नतिथि के दौरान कितनी-कितनी राशि का बिजली का बिल वर्षवार बकाया है? सूची उपलब्ध कराएं। बतायें कि किस-किस पर कितनी-कितनी दंड राशि (पेनाल्टी) ऊपर दिये समयानुसार बनती है? कितनी पेनाल्टी कितने राशि की प्रश्नतिथि तक वसूल की गई है? कितनी राशि की पेनाल्टी की प्रश्नतिथि तक वसूल किया जाना बाकी है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) व (ख) में उल्लेखित समयानुसार बिजली का जो बिल दिया गया उससे कम राशि का बिजली का बिल उन्होंने जमा किया? अगर नहीं तो बिजली के बिल की बकाया राशि कैसे बढ़ गई? कारण बताएं। (घ) करोड़ों रूपयों के बकाया बिजली का बिल हो जाने एवं पेनाल्टी राशि को जमा नहीं कराने तथा अधिभार (पेनाल्टी) में नियमों के विपरीत छूट दिये जाने के कौन-कौन से प्रकरण प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के अनुसार शासन के समक्ष आये हैं? कब तक शासन संबंधित मुख्य/अधीक्षण तथा सभी कार्यपालन यंत्रियों को करोड़ों रूपयों की राशि (शासकीय धन राशि) को वसूल ना करने पर निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित करेगा? अगर नहीं तो कारण व नियम दें?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सतना जिले के ग्राम मनकहरी में प्रिज्म जॉनसन सीमेंट कम्पनी के नाम से दो उच्चदाब कनेक्शन विद्यमान हैं। (1) प्रिज्म जॉनसन लिमिटेड, सर्विस कनेक्शन क्रमांक 7732832000 (2) प्रिज्म जॉनसन लिमिटेड सीमेंट डिवीजन यूनिट-2, सर्विस कनेक्शन क्रमांक 3472832000। उक्त दोनों कनेक्शनों के विरूद्ध दिनांक 01.01.2018 से माह जनवरी 2020 तक जारी बिल, भुगतान एवं बकाया राशि का प्रश्नाधीन चाहा गया विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) रीवा संभाग अन्तर्गत माह जनवरी 2020 की स्थिति में बकाया राशि वाले 150 अश्वशक्ति से अधिक भार वाले उद्योगों को जारी बिजली का बिल, उनके द्वारा भुगतान की गई राशि, सरचार्ज एवं बकाया राशि का उपभोक्तावार एवं माहवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब-1', 'ब-2', 'ब-3', 'ब-4', 'ब-5', 'ब-6', 'ब-7', 'ब-8', 'ब-9' एवं ब-10 अनुसार है। भुगतान की गई राशि में से बिल एवं अधिभार की राशि का पृथक-पृथक विवरण दिया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (क) में दर्शायी गई सीमेंट कम्पनी के अतिरिक्त प्रश्नाधीन क्षेत्र में अन्य सीमेंट कम्पनियों पर बकाया राशि निरंक है। (ग) बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं को प्रतिमाह बिल जारी किये गये। कुछ उपभोक्ताओं द्वारा बिल की सूपर्ण राशि जमा नहीं करने/किश्तों में भुगतान करने तथा कुछ उपभोक्ताओं द्वारा न्यायालयीन प्रकरणों के लंबित होने के कारण विवादित राशि को कम करते हुए बिलों का भुगतान किये जाने के कारण बकाया राशि में क्रमशः वृद्धि हुई है। (घ) उत्तरांश (ग) में दर्शाए अनुसार प्रश्नाधीन कुछ प्रकरणों में विवादित राशि के विरूद्ध न्यायालय में प्रकरणों के विचाराधीन होने के कारण उपभोक्ताओं द्वारा विवादित राशि को छोड़कर भुगतान किये जाने तथा कुछ प्रकरणों में किश्तों में भुगतान करने के कारण बकाया राशि में वृद्धि हुई है। किसी भी उपभोक्ता को अधिभार में किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई है। उच्चदाब उपभोक्ताओं से प्रतिमाह बिल की वसूली की कार्यवाही की जाती है। मासिक बिल की राशि निर्धारित तिथि तक प्राप्त नहीं होने पर नियमानुसार 15 दिवसीय विद्युत विच्छेदन का सूचना पत्र जारी कर भुगतान प्राप्त न होने पर विद्युत विच्छेदन की कार्यवाही की गई है। न्यायालयीन प्रकरणों में सक्षम न्यायालय का विवादित राशि के विरूद्ध स्थगन आदेश होने की स्थिति में वसूली की कार्यवाही नहीं की जा सकी है। उक्त परिप्रेक्ष्य में किसी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
वित्तीय अनियमितताओं पर कार्यवाही
[जल संसाधन]
18. ( क्र. 359 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सत्य कार्यालय परियोजना प्रशासक, कमाण्ड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन प्रकोष्ठ, रीवा म.प्र. के पत्र क्रमांक 06/तक./केडवम/निरी/2017 रीवा दिनांक 01.01.2018 से अन्य किसी दिनांक या पत्र क्रमांकों से परियोजना प्रशासक सी.एल.आरख ने मुख्य अभियंता, गंगा कछार, जल संसाधन विभाग, रीवा म.प्र. को पत्र भेजा था? पत्र की एक प्रति उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र में किस-किस नाम/पद नाम के व्यक्तियों से क्या-क्या आर्थिक अनियमितताएं, किस-किस स्थान पर, कब-कब करने पर कितनी-कितनी राशि की वसूली किये जाने का उल्लेख है? क्या प्रश्नतिथि तक राशि की वसूली हो चुकी है? अगर नहीं तो क्यों? क्यों विभाग द्वारा आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग (ई.ओ.डब्ल्यू.) में प्रकरण को दर्ज नहीं कराया है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र में क्या 57,79,794=00 रूपयों की राशि की वसूली प्रस्तावित की गई थी? क्या वर्तमान जल उपभोक्ता अध्यक्ष से भी राशि वसूली की जाना प्रस्तावित थी? अगर हाँ किस नाम के अध्यक्ष से कितनी राशि वसूली किया जाना प्रस्तावित थी? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्र के विवरण अनुसार प्रकरण की वर्तमान स्थिति क्या है? कब तक सभी संबंधितों के विरूद्ध अमानत में ख्यानत का प्रकरण पंजीबद्ध करवाकर राशि की वसूली की जायेगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित विवरण संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित है, वसूली नहीं की गई है। मुख्य अभियंता, गंगा कछार रीवा द्वारा समग्र निरीक्षण कर विस्तृत जांच प्रतिवेदन हेतु अधीक्षण यंत्री, बाणसागर नहर मण्डल रीवा को निर्देशित किया गया है। विस्तृत जांच प्रतिवेदन अंतिम नहीं होने के कारण। विस्तृत जांच प्रतिवेदन के निष्कर्षों के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील नियम-1966 के अंतर्गत अनुशासनिक कार्यवाही करने के अधिकार विभाग को प्रावधानित होने से आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो में प्रकरण दर्ज कराए जाने की स्थिति नहीं है। (ग) जी हाँ। जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित है। (घ) वर्तमान स्थिति प्रश्नांश ''ख'' में उल्लेखित है। विस्तृत जांच प्रतिवेदन के उपरांत गुण-दोष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्यवाही प्रावधानित होने से अमानत में ख्यानत का प्रकरण पंजीबद्ध कराए जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भूजल स्तर बढ़ाने की योजना
[जल संसाधन]
19. ( क्र. 427 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जिलावार भूजल कितने वर्गफुट पर है। (ख) विगत दस वर्षों में भूजल के स्तर में कितनी कमी आई है। (ग) भूजल स्तर में कमी के क्या कारण है। (घ) शासन भूजलस्तर को यथावत रहने देने या बढ़ोतरी के लिए क्या कोई योजना संचालित की जा रही है। यदि हाँ, तो कौन-कौन सी।
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) भूजल रीचार्ज की तुलना में भूजल का अत्यधिक मात्रा में दोहन किए जाने के कारण। (घ) जी हाँ। पंचायत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार महात्मा गॉंधी नरेगा एवं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-वॉटर शेड विकास के अंतर्गत जल संरक्षण एवं जल संवर्धन के कार्य किये जा रहे हैं।
महाविद्यालयों में गांधी प्रतिमा लगाये जाने पर व्यय राशि
[उच्च शिक्षा]
20. ( क्र. 439 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालयों में महात्मा गांधी की प्रतिमा/गांधी स्तम्भ लगाये जाने के निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) गांधी प्रतिमा/स्तम्भ कितनी राशि से किस धातु की, किस साइज की प्रतिमा, किस संस्था से क्रय की जाना है? (ग) प्रदेश के महाविद्यालयों में गांधी प्रतिमाएं लगाये जाने पर कुल कितनी राशि व्यय होगी? (घ) क्या उक्त राशि का भुगतान जनभागीदारी समिति के खाते में किया जाना है? यदि हाँ, तो क्यों? (ड.) शास.म.गांधी स्मृति महा.इटारसी में उक्त कार्य लोक निर्माण विभाग से कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) गांधी प्रतिमा/स्तम्भ के निर्माण के संबंध में गांधी स्तम्भ के आकार-प्रकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। गांधी प्रतिमा की धातु, साइज एवं किस स्थान से क्रय की जाना है, के संबंध में कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं हुए हैं। (ग) अनुमानित कुल व्यय राशि बताया जाना सम्भव नहीं है। क्योंकि प्रतिमाएं महाविद्यालयों में पृथक-पृथक खरीदी गई हैं। (घ) जी हाँ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर विद्यार्थियों को उनके अविस्मरणीय योगदान से अवगत कराने हेतु। (ड.) जी नहीं। महाविद्यालय द्वारा प्रेषित प्राक्कलन की राशि का चैक लोक निर्माण विभाग द्वारा वापस कर देने के कारण गांधी प्रतिमा/स्तंभ का निर्माण कार्य नहीं कराया जा सका।
ग्वालियर इटावा मार्ग का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
21. ( क्र. 467 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्वालियर इटावा मार्ग का निर्माण एम.पी.आर.डी.सी. भोपाल के द्वारा बी.ओ.टी. पद्धति से कराया गया था? यदि हाँ, तो किस अवधि में? (ख) क्या ग्वालियर इटावा मार्ग के अनुबंध में रिन्यूवल कितने वर्ष में कब कराया गया? (ग) मार्ग का निर्माण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् मार्ग की लम्बाई व चौड़ाई क्या है? मार्ग का सरफेस के लिए रफनेस चैक की जाती है यदि हां, तो कब एवं किस अवधि में? क्या रीडिंग आई? मापदण्ड के अनुसार रीडिंग आई या नहीं? (घ) क्या मार्ग का सरफेस के लिए रफनेस चैक की जाती है तो कब और किस अवधि तक? (ड.) चैक करने पर जांच में ठीक परिणाम नहीं आने पर संबंधित ठेकेदार एवं अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई है? यदि हां, तो क्या विवरण सहित बताएं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। मार्ग का निर्माण वर्ष 2011 से 2013 की अवधि में कराया गया था। (ख) अनुबंधानुसार मार्ग पर रिन्यूवल कार्य हेतु समयावधि अथवा वर्ष निर्धारित नहीं है। निवेशकर्ता द्वारा वर्ष 2019-20 में मार्ग का 46 कि.मी. रिन्यूवल कार्य किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। प्रत्येक छ: माह की अवधि में वर्ष मार्च-2019 में 46 कि.मी. एवं वर्ष दिसम्बर 2019 में 9 कि.मी. की कुल 55 कि.मी. चिन्हित किये गये जिनकी रफनेस वैल्यू निर्धारित मापदण्ड से अधिक पाई गई। (घ) जी हाँ। अनुबंधानुसार प्रत्येक 6 माह की अवधि में रफनेस टेस्ट द्वारा रफनेस वैल्यू चैक की जाती है। (ड.) जी नहीं। क्योंकि रफनेस टेस्ट में निर्धारित मापदण्ड से अधिक रफनेस वैल्यू आने पर निवेशकर्ता द्वारा अनुबंध में प्रदत्त समयावधि अंतर्गत चिन्हित किलोमीटरों में रिन्यूवल कार्य किया गया है इसलिए ठेकेदार एवं अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाने का प्रश्न ही नहीं है। अत: शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मार्गों का निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
22. ( क्र. 468 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग क्षेत्र ग्वालियर में ए.डी.बी. एवं एन.डी.बी. योजना के तहत कौन-कौन से मार्ग किस जिले में निर्माणाधीन है? संख्यावार बताएं? मार्ग के निर्माण में जिस मिट्टी का उपयोग किया जाता है वह कहां-कहां से निकाली गई है उसकी एस.डी.डी. व सी.आर. है? (ख) मार्ग के निर्माण में मिट्टी का लेवल कितने से.मी. डाला जाता है उसकी डेनसिटी भी चैक की जाती है यदि हां, तो कितनी-कितनी डेनसिटी किस चेंज पर प्राप्त हुई? (ग) मार्ग के निर्माण किस-किस खनिज का उपयोग किया जा रहा है? किस खदान से निकाला जा रहा है क्या वह टेस्ट किया जा रहा है? यदि हाँ, तो टेस्ट में परिणाम प्राप्त हुए? (घ) मार्ग के निर्माण में किस-किस मशीन व प्लॉट का उपयोग किया जाता है, कहां स्थापित किया गया है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विस्तृत विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'अ-1' अनुसार है। जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। जी हाँ। जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है।
ऊर्जा विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति
[ऊर्जा]
23. ( क्र. 477 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 1526 दिनांक 20/12/19 के तारतम्य सन् 2009-10 में कठिन वित्तीय स्थिति का आंकड़ा क्या था? जिसके कारण केवल विद्युत मण्डल में अनुकम्पा नियुक्ति बंद करनी पड़ी? (ख) विद्युत मण्डल में पूर्व/शासन की भांति अनुकम्पा नियम में परिवर्तन क्यों किया गया जबकि इस विभाग में जोखिम भरा काम लिया जाता है तथा 1/9/2000 के बाद 2013 तक जिनकी मृत्यु बीमारी से हुई हैं उन्हे अनुकम्पा नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही अनुकंपा का अर्थ बतावें? (ग) अनुकम्पा नियुक्ति नीति 2018 में नियुक्ति के पद बतावें इस नियम में भृत्य/फर्राश एवं अन्य तृतीय चतुर्थ श्रेणी पदों पर नियुक्ति करनें का प्रावधान क्यों नहीं किया गया तथा बार-बार कर्मचारी से अनुबंध क्यों कराया जा रहा है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय के प्रश्न क्रमांक 1526 दिनांक 20.12.2019 के उत्तर में वर्ष 2009-10 की कठिन वित्तीय स्थिति का नहीं अपितु पूर्ववर्ती म.प्र.विद्युत मंडल के परिपत्र क्रमांक 01-07/छ:/45, जबलपुर दिनांक 01.09.2000 से कठिन वित्तीय स्थिति के कारण आगामी आदेश तक अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करना बंद किया गया था, का उल्लेख किया गया है। म.प्र.विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों के वित्तीय वर्ष 2009-10 की वित्तीय स्थिति के आंकड़े संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार पूर्ववर्ती म.प्र.विद्युत मंडल के परिपत्र दिनांक 01.09.2000 से कठिन वित्तीय स्थिति के कारण आगामी आदेश तक अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करना बंद किया गया था। म.प्र. विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों द्वारा दिनांक 10.04.2012 से स्वतंत्र रूप से कार्य प्रारंभ किया गया। राज्य शासन से प्राप्त प्रशासनिक अनुमोदन उपरांत सभी उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों में अनुकंपा नियुक्ति नीति 2013, सशर्त, जारी की गई थी तथा उक्त नीति में यथावश्यक संशोधन करते हुए ''संशोधित अनुकंपा नियुक्ति नीति, 2013'' लागू की गई थी, जिसके अंतर्गत दिनांक 10.04.2012 के उपरांत कंपनियों में अंतिम रूप से अंतरित एवं आमेलित म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल के कार्मिक एवं कंपनियों द्वारा नियुक्त कार्मिक की कंपनी सेवाकाल में मृत्यु होने पर एवं ऐसे कार्मिक, जिनकी मृत्यु दिनांक 15.11.2000 के पश्चात् किन्तु 10.04.2012 के पूर्व म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल/कंपनी का कार्य करते समय, आकस्मिक दुर्घटना, विद्युत दुर्घटना, हमलावरों द्वारा हत्या अथवा कार्य करते समय वाहन दुर्घटना के कारण हुई हो तो आश्रित परिवार के एक सदस्य को उक्त नीति के प्रावधानों के अन्तर्गत अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया जाना प्रारंभ किया गया। उक्त अनुकंपा नियुक्ति नीति में, दिनांक 15.11.2000 के पश्चात् किन्तु 10.04.2012 के पूर्व म.प्र. राज्य विद्युत मण्डल/कंपनी में कार्य करते समय सामान्य मृत्यु (बीमारी से हुई मृत्यु भी शामिल) के प्रकरणों में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान न होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी गई। राज्य शासन के अनुमोदन उपरांत वितरण कंपनियों के संचालक मंडल द्वारा लिये गये निर्णयानुसार वर्तमान में सभी विद्युत वितरण कंपनियों में अनुकंपा नियुक्ति नीति, 2018 लागू की गई एवं तदानुसार अनुकंपा नियुक्तियां प्रदान की जा रही हैं। (ग) अनुकंपा नियुक्ति नीति, 2018 के अंतर्गत म.प्र.राज्य विद्युत मण्डल की उत्तरवर्ती विद्युत कंपनियों की स्वीकृत संगठनात्मक संरचना में संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' में दर्शाए पदों पर अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है एवं तद्नुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। विद्युत कंपनियों की संगठनात्मक संरचना एवं अनुकंपा नियुक्ति हेतु चिन्हित रिक्त पदों की उपलब्धता अनुसार भृत्य एवं अन्य तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भी अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। चिन्हित नियमित पद रिक्त नहीं होने पर संविदा पद पर आवेदन द्वारा विकल्प के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान है। उक्तानुसार संविदा पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त होने के उपरान्त संबंधित कर्मचारी ''संविदा सेवा (अनुबंध तथा सेवा की शर्तें) संशोधन नियम, 2018'' से शासित होते हैं, जिसके अन्तर्गत प्रत्येक 03 वर्ष में नये अनुबंध का प्रावधान है जिसके अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है।
नया सवेरा योजना में हितग्राहियों की पात्रता
[श्रम]
24. ( क्र. 530 ) श्री संजय शर्मा : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश शासन द्वारा संचालित नया सबेरा योजना (आयुष्मान भारत) के हितग्राहियों की पात्रता के क्या-क्या मापदंड हैं? (ख) इस योजना के अंतर्गत कितनी राशि से कौन-कौन सी बीमारियों को उपचार हेतु चिन्हित किया गया है? (ग) इस योजना में उपचार हेतु चिन्हित अस्पतालों की जानकारी प्रदान करें।
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्र की जा री है।
रेल्वे फाटक फ्लाई ओवर ब्रिज का कार्य
[लोक निर्माण]
25. ( क्र. 680 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वर्षों से चल रहे जावरा नगर मध्य स्थित रेल्वे फाटक पर फ्लाई ओवर ब्रिज का कार्य सपूर्ण कार्य योजना के अनुसार क्या समयावधि में पूर्ण कर लिया जाएगा? (ख) यदि हाँ, तो इस हेतु यथा लाईट शिफ्टिंग, साईड रोड वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था, क्षतिग्रस्त होने वाले स्थलों को चिन्हित कर मुआवजा दिया जाना, शासकीय भूमियों का उपयोग में आना इत्यादि कार्य किये जा चुके है? (ग) यदि हाँ, तो किन-किन कार्यों को किये जाने हेतु कार्यों से संलग्न विभिन्न विभागीय संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या आदेश/निर्देश कब-कब दिये गये? क्या कोई उन कार्यों को किये जाने की समयावधि रही? (घ) फ्लाई ओवर के निर्माण संबंधी तेजी से एवं शीघ्रता से इसे पूर्ण किये जाने हेतु वर्ष 2019-20 के प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या किया गया? कार्य में तेजी कब आएगी एवं कब पूर्ण किया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) लाईट शिफ्टिंग का कार्य प्रगति पर, वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था कर दी गई है। क्षतिग्रस्त होने वाले स्थलों को चिन्हित कर भू-अर्जन आवार्ड की प्रक्रिया प्रगति पर है। (ग) विद्युत लाईन शिफ्टिंग हेतु विभाग द्वारा कार्यादेश दिनांक 16.10.2019 को जारी किया गया। भू-अर्जन हेतु राशि रूपये 11.00 करोड़ क्रमश: दिनांक 23.04.2019 एवं दिनांक 31.07.2019 को कलेक्टर रतलाम को जमा की गई। आवार्ड की प्रक्रिया प्रगति पर है। (घ) फ्लाई ओव्हर के सर्विस रोड एवं रिटेनिंग वाल का कार्य प्रगति पर है। भू-अर्जन एवं विद्युत लाईन शिफ्टिंग के पश्चात कार्य की गति बढ़ेगी एवं मार्च-2021 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।
खिलाड़ियों के लिये खेल स्टेडियम की आवश्यकता
[खेल और युवा कल्याण]
26. ( क्र. 681 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जावारा नगर एवं पिपलौदा नगर में खिलाड़ियों को उचित वातावरण सहित खेल स्टेडियम की आवश्यकता विगत कई वर्षों से अपेक्षित है? (ख) यदि हाँ, तो क्षेत्र में विभिन्न खेलों में भाग लेने वाली प्रादेशिक एवं राष्ट्रीय प्रतिभाएं भी यहां से निकली हैं? यहां राष्ट्रीय खेल गतिविधियां संपन्न होकर खिलाड़ियों को राष्ट्रीय चयन भी यहीं से हुआ है? (ग) यदि हाँ, तो जावरा नगर एवं पिपलौदा नगर की खिलाड़ी प्रतिभाओं को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु मूलभूत सुविधाओं से पूर्ण स्टेडियम आवश्यक है? (घ) यदि हाँ, तो विगत कई वर्षों से लंबित खिलाड़ियों एवं खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किये जाने हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण इन स्टेडियमों को बनाए जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा कब तक स्वीकृति दी जा सकेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, जी हाँ। (ग) जी हाँ। (घ) पिपलौदा नगर की आबादी लगभग 12000 है, यहां स्टेडियम निर्माण किये जाने का वर्तमान में कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है। जिला मुख्यालय रतलाम में विभाग का कोई स्टेडियम नहीं है, अतः विभागीय स्टेडियम नीति अनुसार पहले जिला मुख्यालय पर स्टेडियम निर्माण किये जाने की योजना है। जावरा नगर में खेल मैदान (स्टेडियम) निर्माण हेतु विभाग के नाम भूमि आवंटित नहीं है, भूमि आवंटन उपरांत, बजट उपलब्धता के आधार पर तत्समय निर्माण किया जाना संभव हो सकेगा।
मंदसौर में नवीन सिंथेटिक एथेलेटिक ग्राउंड निर्माण
[खेल और युवा कल्याण]
27. ( क्र. 791 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र खेल युवक कल्याण विभाग द्वारा केंद्र शासन से प्रदेश में नवीन सिंथेटिक एथेलेटिक ग्राउंड निर्माण को लेकर बजट की मांग की गयी है यदि हाँ, तो किन-किन शहरों में नवीन सिंथेटिक एथेलेटिक ग्राउंड के लिए नाम विभाग द्वारा प्रस्तावित किये गये हैं? (ख) क्या मंदसौर में विभाग के पास नवीन सिंथेटिक एथेलेटिक ग्राउंड को लेकर प्रस्ताव लंबित है यदि हाँ, तो क्या केंद्र को भेजे गये प्रस्ताव में मंदसौर भी शामिल है क्या केंद्र शासन से प्रस्तावित नवीन सिंथेटिक एथेलेटिक ग्राउंड की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है? (ग) क्या प्रश्नकर्ता विधायक द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को उक्त नवीन सिंथेटिक एथेलेटिक ग्राउंड हेतु पत्र प्रेषित कर विभाग के नवीन बजट में मंदसौर में भी नवीन ग्राउंड की मांग की गयी थी उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नगर पचोर में लिंक रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
28. ( क्र. 815 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ के नगर पचोर में राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 56 से नेवज नदी के किनारे होते हुये शुजालपुर, बोड़ा मार्ग होते हुये राष्ट्रीय राजमार्ग क्रं. 56 को जोड़ने वाले लिंक रोड़ का निर्माण कार्य कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होकर लिंक रोड का कार्यादेश कब दिया गया? कार्य प्रारम्भ करने की दिनांक से अवगत कराते हुये कार्य पूर्ण करने की अवधि क्या थी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण हेतु ठेकेदार द्वारा दिनांक 31.01.2020 तक कितना कार्य किया गया एवं कितनी राशि का भुगतान किया गया है तथा शेष कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
अनियमितता की जांच एवं कार्यवाही
[श्रम]
29. ( क्र. 816 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अद्योहस्ताक्षरकर्ता का प्रश्न क्र. 486 दिनांक 20.12.2019 के भाग (ख) के उत्तर में अवगत कराया गया था कि नोडल कार्यालय को वर्ष 2017-18 में राशि रू.3,43,00,000 आवंटित की गयी है? जिसमें नोडल कार्यालय के द्वारा प्रदाय किये गये उपयोगिता प्रमाण पत्रों में राशि खाते में होना दर्शाया गया है? क्या योजनान्तर्गत पूर्व के स्वीकृत प्रकरणों में हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं प्रदाय किया गया? उक्त राशि अन्य प्रायोजन में उपयोग की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2018-19 से विभाग द्वारा विभिन्न योजनान्तर्गत प्रकरणों को ऑनलाईन स्वीकृत कर योजना का लाभ प्रदाय किया जा रहा है? यदि हाँ तो नोडल कार्यालयों में विगत तीन वर्षों से राशि खातों में उपलब्ध होने का क्या औचित्य है? (ग) श्रम विभाग द्वारा नोडल कार्यलयों को शेष राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं देने पर क्या कार्यवाही की गई? पत्र क्रमांक, दिनांक से अवगत करावें। (घ) प्रश्न के उत्तर में जिला राजगढ़ अन्तर्गत नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतों के द्वारा प्रदाय किये गये उपयोगिता प्रमाण पत्रों में मात्र हितग्राहियों की संख्या की जानकारी से अवगत कराया है? लभान्वित हितग्राहीयों का नाम पता तथा किस योजना में कितनी प्रोहत्साहन राशि प्रदाय की गई?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। श्रम पदाधिकारी कार्यालय जिला राजगढ़ द्वारा पदाभिहित अधिकारी कार्यालयो को आवंटित राशि रू 34300000/-. में से उपयोग की गई राशि रू 31420550/-.का उपयोगिता प्रमाण.पत्र विभाग को प्रस्तुत किया गया है। योजनांतर्गत स्वीकृत प्रकरणों में हितग्राहियों को योजना का लाभ प्रदान किया गया है। शेष राशि रू 2879450/- अन्य प्रयोजन में उपयोग नहीं की जाकर पदाभिहित अधिकारी कार्यालयों के खातो में शेष है। (ख) जी हाँ। नोडल अधिकारियों को योजना मद के समस्त खाते बंद कर शेष राशि मण्डल के खाते में अंतरित किये जाने के निर्देश दिये जा चुके हैं। (ग) शेष राशि को मण्डल के खाते में अंतरित करने के लिये नोडल कार्यालयों को श्रम पदाधिकारी राजगढ़ के पत्र क्रमांक 951 दिनांक 27/09/2019, पत्र क्रमांक 1082 दिनांक 04/11/2019 एवं पत्र क्रमांक 1198 दिनांक 09/12/2019 के माध्यम से निर्देश दिये जा चुके हैं। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विद्युत विहीन क्षेत्रों में विद्युत प्रदाय
[ऊर्जा]
30. ( क्र. 825 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत कितने गांव, विद्युत विहीन हैं? नाम प्रदाय करे। (ख) क्या प्रदेश के विद्युत विहीन गांव में सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत व्यवस्था Decentral ize Distributions Generation (DDG) योजना अंतर्गत म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा चिन्हित ग्रामों में की जाती है? यदि हाँ, तो छतरपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों को उक्त योजना से चिन्हित किया गया है या चिन्हित किया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सन् 2011 की जनगणना अनुसार विधानसभा क्षेत्र छतरपुर के कुल 1085 ग्रामों में से, 7 वीरान ग्रामों को छोड़कर शेष सभी 1078 आबाद ग्रामों के विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। अत: प्रश्न नहीं उठता। (ख) जी हाँ, प्रदेश में विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा चिन्हित विद्युत विहीन मजरों/टोलों/बसाहटों में सौर ऊर्जा के द्वारा विद्युत व्यवस्था Decentral ized Distributed & Generation (DDG) योजना के अंतर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, म.प्र.शासन द्वारा की जाती है वर्तमान में छतरपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी मजरा/टोला/बसाहट उक्त योजना में चिन्हित नहीं किया गया है।
छतरपुर अंतर्गत क्षतिग्रस्त सड़कें
[लोक निर्माण]
31. ( क्र. 826 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत लोक निर्माण विभाग की कौन-कौन सी सड़कें हैं? प्रश्न दिनांक को कौन-कौन सी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं कहाँ-कहाँ पर गड्ढे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त सड़कों में जनवरी दिसंबर 2018 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कितनी राशि का पेंचवर्क, साइड सोल्डर आदि का कार्य किया गया? कार्य एजेंसी कौन थी? उक्त कार्यों की निगरानी और मूल्यांकन किस अधिकारी ने किया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
संबल योजना के तहत बिजली बिल में दी गई छूट
[ऊर्जा]
32. ( क्र. 867 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की ''संबल'' योजना के तहत मण्डला जिले के क्षेत्रान्तर्गत कितने परिवारों को कितनी राशि की बिजली बिल में सब्सिडी दी गई? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विभागीय जांच में मण्डला जिले में कितने अपात्र परिवार पाये गये? संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मंडला जिले के क्षेत्रान्तर्गत राज्य शासन की मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना-2018 के तहत् पंजीकृत श्रमिकों को सरल बिजली बिल स्कीम एवं इंदिरा गृह ज्योति योजना के अंतर्गत घरेलू श्रेणी के मासिक विद्युत देयकों में दी गई सब्सिडी तथा घरेलू कनेक्शनों पर माह जून, 2018 की स्थिति में बकाया बिजली बिल की राशि माफ करने हेतु लागू की गई मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम 2018 के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या एवं दी गई सब्सिडी की जानकारी निम्नानुसार है :-
योजना का नाम |
अवधि |
लाभान्वित हितग्राहियों की संख्या |
राज्य शासन की सब्सिडी राशि (रू. लाख में) |
वितरण कंपनी द्वारा माफ की गई राशि (रू. लाख में) |
सरल बिजली बिल स्कीम एवं इंदिरा गृह ज्योति योजना |
बिल माह जुलाई 18 से अगस्त 19 तक |
96649 |
1203.14 |
निरंक |
मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम |
बिल माह जून-18 में घरेलू कनेक्शन पर बकाया राशि माफी |
79761 |
569.50 |
1) मूल बकाया राशि का 50 % रू. 569.50 लाख 2) सरचार्ज राशि रू. 277.32 लाख |
(ख) उक्त योजनाओं में हितग्राहियों का चयन श्रम विभाग, म.प्र.शासन द्वारा चिन्हित एवं उपलब्ध कराये गए श्रमिकों की सूची के आधार पर किया गया है। 334 उपभोक्ताओं को अपात्र पाये जाने पर इन योजनाओं का लाभ नहीं दिया गया।
आवंटित जमीन को मौके पर कब्जा दिलाना
[जल संसाधन]
33. ( क्र. 920 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत जरमोरा बांध है इस बांध के डूब क्षेत्र को जमीन को ग्राम कराई के आदिवासियों को रबी फसल की बोनी हेतु विभाग द्वारा आवंटित किया जाता है? क्या विभाग मात्र कार्यालयीन दस्तावेजों में इन्हें जमीन आवंटित करता है परन्तु मौके पर इन आदिवासियों को जमीन कृषि कार्य हेतु नहीं दिला पाता? क्या सरकार आदिवासी हित चिन्तन को दृष्टिगत रखते हुए कराई के आदिवासियों को जल संसाधन विभाग द्वारा आवंटित जमीन को कृषि कार्य करने हेतु मौके पर उपलब्ध कराएगी? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, तो कब तक इन आदिवासियों को जमीन उपलब्ध करा दी जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, विभाग द्वारा जमीन आवंटन की कार्यवाही हेतु राजस्व विभाग द्वारा अनुमोदित कृषकों के आवेदन पत्र पर ही विचार किया जाता है एवं जमीन आवंटन उपरांत कृषकों को नियमानुसार मौके पर जमीन उपलब्ध कराई जाती है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) सभी पात्र कृषकों को भूमि उपलब्ध करा दी गई है।
क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
34. ( क्र. 935 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत विभाग की कौन-कौन सी सड़कें है? प्रश्न दिनांक को कौन-कौन सी सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और कहाँ-कहाँ पर गड्ढे है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त सड़कों में दिसंबर 2018 से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कितनी राशि का पेंचवर्क, साइड सोल्डर आदि का कार्य किया गया? कार्यों एजेंसी कौन थी? उक्त कार्यों की निगरानी और मूल्यांकन किस अधिकारी ने किया?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
टेण्डर आमंत्रित करने व डेम की ऊंचाई बढ़ाने की स्वीकृति
[जल संसाधन]
35. ( क्र. 970 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री से प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त पाडसुत्या बैराज (334.71 लाख) व बागेडी बैराज (223.23) के निर्माण हेतु टेण्डर आमंत्रित करने की मांग करने पर मुख्यमंत्री द्वारा पत्र क्रं. 3447/सीएमएस/बीसीएस/2019 दि. 28/11/2019 (ए) व पत्र क्रं. 3369/ सीएमएस/बीसीएस/2019 दि. 25/11/2019 (ए) द्वारा प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग स्वीकृति प्रदान करने हेतु निर्देश प्रदान किए गए थे? यदि हाँ तो क्या टेण्डर आमंत्रित करने हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि हाँ तो टेण्डर कब आमंत्रित किए गए है? (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा ग्राम राजगढ़ में चंबल नदी पर निर्मित राजगढ़ बैराज की 2 फीट ऊंचाई बढ़ाने का साध्यता प्रस्ताव जो विभागीय वेबसाईट पर दर्ज है की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर टेण्डर आमंत्रित करने हेतु 128.10 लाख स्वीकृत करने की मांग माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं जल संसाधन मंत्री से की गई है? यदि हाँ तो क्या स्वीकृति प्रदान कर दी गई है? यदि नहीं, तो कब तक कर दी जाएगी?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। प्रश्नकर्ता द्वारा पाड़सुत्या तथा बागेड़ी बैराज के टेण्डर आमंत्रित करने की स्वीकृति प्रदान करने के संबंध में प्रश्नांश में उल्लेखित माननीय मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्रों के परिप्रेक्ष्य में कार्यालय मान. मुख्यमंत्री द्वारा अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे। जी नहीं। टेण्डर आमंत्रित करने हेतु स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जी नहीं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अन्तरराष्ट्रीय बस स्टॉप की स्थापना
[लोक निर्माण]
36. ( क्र. 979 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी नगर में एवं आसपास से होकर कहां से कहां तक के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्य राजमार्ग गुजरते है एवं इन मार्गों से होकर प्रदेश एवं देश के किन-किन प्रमुख शहरों एवं प्रदेश की और आवागमन किया जा सकता है? (ख) कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टॉप की स्थापना हेतु क्या प्रस्ताव कब तैयार किया गया एवं उपरोक्त प्रस्ताव को स्वीकृति हेतु राज्य शासन किस माध्यम से कब भेजा गया? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत अंतर्राज्यीय बस स्टॉप की स्थापना की स्वीकृति के प्रस्ताव पर राज्य शासन एवं क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक किया जाना शेष है? (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या भौगोलिक स्थिति एवं संसाधनों की उपलब्धता और आवश्यकता को दृष्टिगत कर कटनी में अंतर्राज्यीय बस स्टॉप की स्थापना की स्वीकृति तत्परता से प्रदान की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) रा.रा.क्र. 7 (नया रा.रा.क्र. 30) पर कटनी बायपास मार्ग लंबाई 17.65 कि.मी. का भाग है। यह बायपास मार्ग एक ओर जबलपुर शहर को एवं दूसरी ओर रीवा को जाने वाले रा.रा. क्र. 7 (नया रा.रा.क्र. 30) को जोड़ता है एवं कटनी शहर के आसपास पन्ना मोड से पवई-अमानगंज-गुलगंज रा.रा. क्र. 43 विस्तार गुजरता है। इस रा.रा.मार्ग से कटनी जिले से पन्ना जिला की ओर आवागमन किया जा सकता है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है। (घ) लोक निर्माण विभाग से संबंधित नहीं है।
अनियमितता एवं संसाधन के अभाव की पूर्ति
[उच्च शिक्षा]
37. ( क्र. 1011 ) श्री महेश परमार : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विक्रम वि.वि. से संबंधित छात्रों के लिए कितने खेल मैदान वर्तमान में सही हालत में हैं और कितने सही हालत में नहीं हैं? जो मैदान सही हालत में नहीं हैं उसके क्या कारण हैं? खेल विभाग द्वारा उनकी हालत सुधारने के लिए विगत 5 वर्षों में क्या प्रयास किए गए? (ख) विक्रम वि.वि. द्वारा विगत 5 वर्षों में वर्षवार कुल कितनी राशि खेल विभाग के लिए प्राप्त हुई है? वि.वि. प्रशासन द्वारा प्राप्त राशियों को खेल विभाग के किन-किन कार्यों और उद्देश्यों के लिए खर्च किया गया है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) विक्रम विश्वविद्यालय से संबंधित छात्रों के लिए वर्तमान में 01 खेल मैदान है, जो पूरी तरह सही हालत में है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) खेल विभाग के लिए विगत 05 वर्षों में कुल शुल्क रूपये 123.57 लाख जमा हुआ है वर्षवार विवरण निम्नानुसार है- वर्ष 2015–16 में रूपये 28.43 लाख, वर्ष 2016-17 में रूपये 31.42 लाख, वर्ष 2017-18 में रूपये 19.80 लाख, वर्ष 2018-19 में रूपये 26.17 लाख तथा वर्ष 2019-20 में रूपये 17.75 लाख। विश्वविद्यालय द्वारा खेल विभाग के अंतर्गत खेलकूद एवं छात्रों को प्रोत्साहित करने के उददेश्य से किट/खेल उपकरण सामग्री उपलब्ध कराने के साथ-साथ विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन पर व्यय किया गया।
जहरीले रसायनों से सुरक्षा हेतु सख्त कानून बनाना
[पर्यावरण]
38. ( क्र. 1014 ) श्री महेश परमार : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा स्थित उद्योगों के विरूद्ध वाद दायर किए जाना स्वीकार किया गया है, जिसमें दूषित जल का औद्योगिक परिसर से बाहर पाये जाना एवं सम्मति शर्तों का उल्लंघन करने का कारण दर्शाया गया है, उक्त दोनों स्थितियां कब और कैसे पायी गयी एवं शासन के मध्य उद्योगों की सम्मति की शर्तें क्या-क्या हैं और उद्योग परिसर के बाहर प्रदूषण फैलने पर क्या-क्या कार्यवाही किसके द्वारा किए जाने का प्रावधान है? (ख) क्या इस संबंध में विभाग द्वारा पूर्व में कोई कार्यवाही की गयी है? यदि हां, तो पूर्ण दस्तावेजी जानकारी प्रस्तुत करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) नागदा स्थित उद्योगों के दूषित जल का औद्योगिक परिसर से बाहर पाया जाना, सम्मति शर्त के उल्लंघन करने का कारण एवं उद्योगों की दी गई शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है। उद्योग परिसर के बाहर प्रदूषण फैलाने पर जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974, वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 एवं पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। उत्तरांश 'क' के संबंध में बोर्ड द्वारा पूर्व में की गई न्यायालयीन कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'क' अनुसार है एवं उद्योगों को जारी नोटिस/पत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ख' अनुसार है।
म.प्र. राज्य कर्मचारी बीमा निगम के अस्पतालों की जानकारी
[श्रम]
39. ( क्र. 1018 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य कर्मचारी बीमा निगम द्वारा कुल कितने बीमित कर्मचारी हैं तथा उनके इलाज के कुल कितने अस्पताल एवं डिस्पेंसरियां चल रही है? संख्या एवं स्थान बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्पताल में इलाज के कितने-कितने बिस्तर स्वीकृत है? अस्पतालवार जानकारी दी जाये। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्लेखित अस्पतालों में कितने डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टॉफ पदस्थ है? स्पेशलाइजेशन का वर्गीकरण करते हुये संख्या बताई जाये। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अस्पतालों एवं डिस्पेंसरियों के लिये वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में दवाइयों पर कितना व्यय हुआ वर्षवार जानकारी बताई जाये।
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) म.प्र. कर्मचारी राज्य बीमा निगम में बीमित व्यक्तियों की संख्या 10,47,260 है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत 01 अस्पताल आदर्श चिकित्सालय इन्दौर में संचालित है एवं 02 डिस्पेंसरी क्रमश सनावद जिला खरगोन एवं बीना जिला सागर में संचालित है। (ख) प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित एक अस्पताल में 300 बिस्तर स्वीकृत है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अस्पताल एवं डिस्पेसरियों के लिये वित्तीय वर्ष 2018-19 में 5,73,29,691/- एवं 2019-20 में 4,17,89,404/- (जनवरी तक) दवाइयों पर व्यय हुआ है।
प्रश्न क्रमांक 1811 दिनांक 20/12/2019 की जानकारी
[लोक निर्माण]
40. ( क्र. 1021 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1811 दिनांक 20/12/2019 के उत्तर में यह नहीं बताया गया है कि कलियासोत से न्यू बायपास रोड तक लम्बाई 12.10 कि.मी. जिसका अधिकांश भाग गोविंदपुरा विधान सभा क्षेत्र में होकर जाता है। उसकी क्या स्थिति है? जानकारी न दिये जाने का कारण बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित कार्य के लिये प्राक्कलन एवं कार्यादेश की प्रति उपलब्ध कराई जायें। यदि कार्य प्रारंभ नहीं कराया गया है तो उसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश क्रमांक 1811 दिनांक 20/12/2019 के उत्तर में शासकीय पी.जी. कॉलेज भेल बी.एच.ई.एल. उल्लेखित है, इसका प्राक्कलन एवं कार्यादेश की प्रति उपलब्ध कराई जावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) कलियासोत से न्यू बायपास निर्माणाधीन रोड जिसकी स्वीकृत कुल लम्बाई 12.10 कि.मी. है उक्त मार्ग के कि.मी. 5, 6, 7, 8 इस प्रकार 4.00 कि.मी. भाग गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस भाग पर संविदाकार द्वारा अभी तक सर्वेक्षण कार्य के अतिरिक्त कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया है। संविदाकार द्वारा कि.मी. 12 से प्रारंभ कर कि.मी. 9 तक मिट्टी का कार्य एवं पुल-पुलियों का कार्य किया गया है। कार्य की समानुपातिक प्रगति संविदाकार द्वारा नहीं दिये जाने के फलस्वरूप अनुबंध की धारा 27 के अंतर्गत ठेका विखण्डित किया जाकर अन्य एजेन्सी से कार्य कराने हेतु निविदा आमंत्रित की गई है। तत्समय की स्थिति अनुसार जानकारी प्रस्तुत की गई थी। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्राक्कलन एवं पूर्व संविदाकार को जारी कार्यादेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 अनुसार है। संविदाकार को दोषी मानते हुये अनुबंध की धारा 27 के अंतर्गत ठेका विखण्डित किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है।
वृहत/मध्यम लघु सिंचाई योजनाओं की जानकारी
[जल संसाधन]
41. ( क्र. 1049 ) श्री
निलय विनोद
डागा : क्या
जल संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) बैतूल
जिले में
कितनी
वृहत/मध्यम/लघु
सिंचाई योजनाएं
क्रियान्वित
हैं जिनसे
नहरों के माध्यम
से सिंचाई की
जाती है?
परियोजनावार/नहरों
की
लंबाई/सिंचाई
क्षेत्र का
विवरण दें। (ख) प्रश्नांश
(क) की किन-किन
परियोजनाओं
की
कितनी-कितनी
नहरों की
लाईनिंग की
जाना है,
जिनसे
सिंचाई जल का
अपव्यय हो रहा
है? नहरवार
लंबाई बताएं? (ग) उपरोक्त
लाईनिंग हेतु
प्रस्ताव/प्राक्कलन
स्वीकृत है या
नहीं? यदि
नहीं, तो
कब तक कार्य
पूर्ण कर लिया
जावेगा?
स्वीकृत
प्राक्कलन की
जानकारी परियोजनावार
उपलब्ध
करावें। (घ) यदि
उपरोक्त
लाईनिंग हेतु
प्रस्ताव/
प्राक्कलन
तैयार नहीं है
तो कब तक
प्राक्कलन
स्वीकृत कर
लिये जावेंगे? विवरण
परियोजनावार
बताएं।
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
हुकुम सिंह
कराड़ा ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ''
अनुसार
है। (ख)
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब''
अनुसार
है। (ग) जी
नहीं।
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है। स्वीकृत
प्राक्कलन
की जानकारी
निरंक। (घ) सापना
मध्यम
परियोजना की
लाइनिंग के
प्रस्ताव की
स्वीकृति की
कार्यवाही
प्रक्रियाधीन
है तथा साईंखेड़ा
लघु जलाशय की
लाइनिंग का
प्रस्ताव
मैदानी स्तर
पर
परीक्षणाधीन
है। प्राक्कलन
स्वीकृत किए
जाने की
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
अधिग्रहित भूमि का मुआवजा
[जल संसाधन]
42. ( क्र. 1055 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विदिशा जिले के विकासखण्ड बासौदा में बघर्रू बांध निर्मित है? यदि हाँ, तो उक्त बॉंध से किन-किन ग्रामों का कितना-कितना रकबा सिंचित होता है? (ख) क्या उक्त बांध निर्माण के लिए किसानों की भूमि डूब में आयी थी? यदि हाँ, तो किन-किन ग्रामों की कितनी-कितनी भूमि का अधिग्रहण किया गया था? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के अनुसार अधिग्रहण की गई भूमि का मुआवजा किसानों को दिया गया है? यदि हाँ, तो कितनों को दिया गया है और कितनों को नहीं दिया गया है? ग्रामवार संख्या बतावें। जिन किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया उन्हें नहीं देने का कारण एवं कब तक दे दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के 'प्रपत्र-1' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के 'प्रपत्र-2' अनुसार है। (ग) जी हाँ। 431 कृषक। किसी को मुआवजा दिया जाना शेष नहीं है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के 'प्रपत्र-3' अनुसार है। सभी प्रभावित किसानों को मुआवजा भुगतान किए जाने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
खेल प्रतियोगिताओं में अनियमितता की जांच
[खेल और युवा कल्याण]
43. ( क्र. 1064 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि का आवंटन हुआ है? मदवार, वर्षवार, व्यय सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार मदवार आवंटित राशि से जो व्यय हुआ है और जो सामग्री क्रय की गयी है, क्रय आदेश एवं बिल की प्रति तथा उसकी स्टाक पंजी में प्रविष्टि की गयी है तो स्टाक पंजी की सत्यापित छायाप्रति भी उपलब्ध करावें। (ग) बैतूल जिले के अंतर्गत वर्ष 2015-16 से प्रश्नांश दिनांक तक किन-किन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया है? प्रतियोगिता के आयोजन में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि प्राप्त/व्यय की गयी? सम्पूर्ण ब्यौरा मदवार उपलब्ध करावें। (घ) क्या वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक किन-किन प्रतियोगिताओं में अनियमितता की शिकायत प्राप्त हुई एवं पाई गयी, जिसमें भौतिक सत्यापन कराए गये एवं बिना अनुमति के फर्म को उच्च दर पर क्रय आदेश जारी किये गये? इसकी अगर कोई जांच की गयी हो तो वर्षवार जांच प्रतिवेदन की प्रति एवं भौतिक सत्यापन की प्रति उपलब्ध करावें। उक्त जांच में दोषी अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरूद्ध आज दिनांक तक कोई कार्यवाही नहीं होने का कारण क्या है और दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी नहीं वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक प्रतियोगिताओं में अनियमितता के संदर्भ में कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक श्रमिकों के लंबित प्रकरण
[श्रम]
44. ( क्र. 1165 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के उद्योगों में कार्य के दौरान स्थाई, अस्थाई, ठेकदार श्रमिकों की मृत्यु अथवा घायल होने के उपरान्त की स्थिति में श्रमिक परिवार को क्या-क्या लाभ उद्योगों से प्रदान किये जाने के नियम है? (ख) प्रदेश के उद्योगों में 1 जनवरी 2015 के पश्चात कार्य के दौरान कितने श्रमिकों की मृत्यु होने की स्थिति में उद्योगों द्वारा मृतक परिवार को नियमानुसार पूर्ण लाभ नहीं दिए जाने की कितनी शिकायत श्रम विभाग के पास लंबित है? (ग) नागदा ग्रेसिम एवं इफ्का रतलाम में 1 जनवरी 2015 के पश्चात कार्य के दौरान कितने श्रमिकों की मृत्यु होने के उपरांत दोनों उद्योगों के खिलाफ किस-किस व्यक्ति/मृतक परिवार ने क्या-क्या शिकायत की,श्रम विभाग ने उस पर क्या कार्यवाही की? (घ) प्रदेश में 1 जनवरी 2015 के पश्चात कितने सीमेंट उद्योगों में कुल कितने श्रीमिकों की मृत्यु थेलिसिमिया बिमारी से हुई? कितने श्रमिकों का वर्तमान में इलाज चल रहा है? संख्यात्मक जानकारी देवें।
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) नागदा ग्रेसिम एवं इफ्का रतलाम के कारखानें में 1 जनवरी 2015 के पश्चात कार्य के दौरान कुल 04 प्राणांतक दुर्घटनाएं घटित हुई है। इन कारखानों के खिलाफ किसी भी मृतक परिवार की ओर से कोई शिकायत विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रदेश में 1 जनवरी 2015 के पश्चात किसी भी सीमेंट उद्योग में श्रमिकों की थेलिसिमिया बीमारी से मृत्यु या बीमार होने संबंधी कोई सूचना विभाग को प्राप्त नहीं है।
खेल प्रशिक्षण के लिये कोच की व्यवस्था
[खेल और युवा कल्याण]
45. ( क्र. 1180 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खेल और युवा कल्याण द्वारा खेल के प्रोत्साहन हेतु कौन-कौन से खेल लिये गये हैं? उन खेलों के व्यवस्थित प्रशिक्षण हेतु क्या कोच की समुचित व्यवस्था हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कटनी जिले में किन-किन स्टेडियम एवं मैदानों में कोच युवकों को खेल का प्रशिक्षण देते हैं और क्या समय है? सूची प्रदान करें। (ग) यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है और दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा खेलों के प्रोत्साहन हेतु खेलों को चिन्हित नहीं किया गया है। जी हाँ खेलों के व्यवस्थित प्रशिक्षण हेतु कोच की समुचित व्यवस्था है। (ख) कटनी जिले में पदस्थ प्रशिक्षकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश 'ख' के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को सिंचाई कार्य हेतु विद्युत का प्रदाय
[ऊर्जा]
46. ( क्र. 1181 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिंचाई कार्य हेतु शासन द्वारा किसानों को पर्याप्त विद्युत प्रदाय नहीं किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में कितने घंटे किस अवधि से किस अवधि तक विद्युत सप्लाई की जाती है? विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में क्या ट्रांसफार्मर पर्याप्त मात्रा में लगे हुये हैं और वह सभी कार्य कर रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों? ट्रांसफार्मर की संख्या जो बिगड़े हुये हैं, बताई जाये। उन्हें कब तक सुधार दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक सिंचाई कार्य एवं घरेलू कनेक्शनों हेतु पृथक-पृथक कितने ट्रासंफार्मर लगाये गये हैं? सूची दें तथा कितने ऐसे ट्रांसफार्मर हैं जो संयुक्त रूप से लगे हैं, उसकी सूची दें। (घ) विद्युत व्यवस्था को सुचारू संचालन हेतु क्या योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) सिंचाई कार्य हेतु कृषकों को कतिपय अवसरों पर आँधी/ अत्याधिक वर्षा के कारण आए आकस्मिक/तकनीकी व्यवधानों एवं अत्यावश्यक सुधार कार्य हेतु अपरिहार्य होने जैसी स्थितियों को छोड़कर औसतन प्रतिदिन 10 घंटे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है, जोकि पर्याप्त है। (ख) विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई कार्य हेतु फीडरों को दो भागों में विभक्त कर, ग्रुप-'अ' में रात्रि 10:00 बजे से रात्रि 2:00 बजे तक 4 घंटे एवं सुबह 6:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक 6 घंटे इस प्रकार कुल 10 घंटे तथा ग्रुप 'ब' में रात्रि 2:00 बजे से प्रात: 6:00 बजे तक 4 घंटे एवं दोपहर 12:00 से शाम 6:00 बजे तक 6 घंटे, इस प्रकार कुल 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। ग्रुप 'अ' एवं ग्रुप 'ब' के विद्युत प्रदाय की अवधि प्रत्येक 15 दिवस में आपस में परिवर्तित किये जाने का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र सहित कटनी जिले में कृषि कार्य हेतु माह दिसम्बर 2019 में औसतन प्रतिदिन 9:35 घंटे, माह जनवरी 2020 में औसतन प्रतिदिन 9:28 घंटे एवं फरवरी 2020 में औसतन प्रतिदिन 9:42 घंटे विद्युत प्रदाय किया गया है। विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित है एवं सभी वितरण ट्रांसफार्मर चालू हैं वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी बिगड़े/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदलने हेतु शेष नहीं है एवं समस्त वितरण ट्रांसफार्मर सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं। (ग) विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में दिनांक 29.02.2020 तक कृषि कार्य हेतु 111 वितरण ट्रांसफार्मर एवं गैर-कृषि कार्य हेतु 10 वितरण ट्रांसफार्मर, इस प्रकार कुल 121 वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित हैं। प्रश्नाधीन क्षेत्र में समस्त 11 के.व्ही. फीडरों के विभक्तिकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, वर्तमान में कोई भी मिश्रित भार वाला फीडर नहीं है। प्रश्नाधीन क्षेत्र में स्थापित वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार/क्षमतावार उपयोग की श्रेणी सहित सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) वर्तमान में गैर-कृषि फीडरों पर 24 घंटे एवं कृषि फीडरों पर 10 घंटे प्रतिदिन विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। विद्युत व्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन हेतु वर्षा पूर्व तथा वर्षा पश्चात् प्रत्येक वर्ष ट्रांसफार्मरों एवं लाईनों सहित संपूर्ण विद्युत अद्योसंरचना के रख-रखाव का कार्य किया जाता है। वितरण कंपनी में पर्याप्त मात्रा में वितरण ट्रांसफार्मर उपलब्ध कराए जाते हैं ताकि वितरण ट्रांसफार्मर जलने/खराब होने पर नियमानुसार निर्धारित अवधि में ट्रांसफार्मर को बदल कर निर्बाध विद्युत प्रदाय उपलब्ध कराया जा सके। इसके अतिरिक्त आवश्यकतानुसार प्रत्येक वर्ष कार्ययोजना तैयार कर वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाने/अतिरिक्त वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित करने सहित विद्युत अद्योसंरचना विकसित करने के कार्य भी सतत् रूप से किये जाते हैं।
डोकरीखेड़ा जलाशय परियोजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
47. ( क्र. 1290 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला होशंगाबाद अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित डोकरीखेड़ा बांध से सिंचाई हेतु प्रस्तावित परियोजना का प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु अभियंता जल संसाधन विभाग होशंगाबाद द्वारा वरिष्ठ कार्यालय को भेजा गया हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रकरण स्वीकृति की प्रत्याशा में कहां लंबित हैं? लंबित रहने का क्या कारण हैं एवं वर्तमान में प्रकरण की क्या वास्तविक स्थिति हैं? कार्य कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। तवा परियोजना के सुदृढ़ीकरण, विस्तारीकरण एवं आधुनिकीकरण (ई.आर.एम.) परियोजना हेतु शासन से कुल राशि रू.947.92 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति से शेष बची राशि में से प्रस्तावित परियोजना के कार्य के लिए प्रमुख अभियंता के पत्र क्रमांक-3441056/ईआरएम/2012, दिनांक 19.09.2019 द्वारा अनुमति प्रदान की गई है। प्रस्तावित परियोजना की तकनीकी स्वीकृति मुख्य अभियंता, जल संसाधन विभाग, होशंगाबाद द्वारा दिनांक 29.01.2020 को राशि रू.52.32 करोड़ की प्रदान की गई है वर्तमान में परियोजना के निर्माण के लिए निविदा स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विभाग द्वारा संचालित हेतु प्राप्त आवंटन एवं व्यय
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
48. ( क्र. 1291 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत विकासखण्ड पिपरिया एवं बनखेड़ी में रेशम विभाग को एवं विभाग द्वारा संचालित योजनाओं हेतु वर्ष 2018-19 एवं 19-20 में कितना आवंटन प्राप्त हुआ? मदवार बतायें। (ख) प्राप्त आवंटन के विरूद्ध व्यय की जानकारी मदवार, कार्यवार एवं हितग्राहीवार सम्पूर्ण विवरण सहित उपलब्ध करायी जावें। (ग) क्या विभाग अन्तर्गत जिन फर्मों से सामग्री का क्रय किया गया हैं क्या वास्तव में वे फर्म उस सामग्री के विक्रेता हैं? यदि हाँ, तो फर्मों व दुकानों की सूची प्रदान करने का कष्ट करें। यदि नहीं, तो इन्हें किस नियम व उद्देश्य से भुगतान किया गया?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) एवं (ख) विकासखण्डवार आवंटन नहीं किया जाता है। होशंगाबाद जिले में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में आवंटन की जानकारी तथा पिपरिया एवं बनखेड़ी विकासखण्ड में मदवार, कार्यवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सामग्री का क्रय शासन की अधिकृत एजेन्सियों से किया गया है जो सामग्री उक्त संस्थाओं में उपलब्ध नहीं थी उसे भण्डार क्रय नियमों का पालन करते हुए संबंधित प्रदायकर्ताओं से क्रय किया गया। क्रय की गयी सामग्री की फर्मो की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विकास हेतु बजट का आवंटन
[खेल और युवा कल्याण]
49. ( क्र. 1311 ) श्री संजय उइके : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जनजातियों के विकास हेतु आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के लिए अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति योजना (सब स्कीम) के प्रावधान के तहत विभाग को बजट आवंटन प्राप्त होता है? (ख) यदि हाँ, तो खेल अकादमियों की स्थापना, स्टेडियम एवं खेल अधोसंरचना निर्माण, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन एवं खेल संधि को अनुदान हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? (ग) विभाग को प्राप्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना/मद/कार्य हेतु प्राप्त राशि किन-किन जिलों में किन-किन कार्य/योजना/मद में आवंटित की गई एवं कहाँ-कहाँ खेल अकादमियों की योजना और स्टेडियम एवं खेल अधोसंरचना निर्माण प्राप्त राशि से कहाँ-कहाँ, कितना-कितना व्यय किया गया?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है तथा आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
निवाड़ी जिले में लोक निर्माण द्वारा कराया गया कार्य
[लोक निर्माण]
50. ( क्र. 1357 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में दिसंबर 2018 से लोक निर्माण विभाग द्वारा कितने निर्माण कार्य कराए गए? कार्य एजेंसीवार, लागत, कार्य की वर्तमान स्थिति सहित जानकारी देवें। (ख) क्या निवाड़ी जिले की विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में दिसंबर 2018 से कोई नया निर्माण कार्य स्वीकृत कराया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि कोई भी नया निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है तो इसके क्या कारण हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'क' एवं 'ख' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
खराब सड़कों की मरम्मत हेतु आवंटित बजट
[लोक निर्माण]
51. ( क्र. 1378 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला निवाड़ी में लोक निर्माण विभाग अंतर्गत सड़कों की स्थिति खराब हो चुकी है? यदि हाँ, तो जुलाई 2019 से प्रश्न दिनांक तक उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु शासन/प्रशासन स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) विगत 3 वर्षों में जिला निवाड़ी में सड़कों के मरम्मत हेतु लोक निर्माण विभाग को कितनी राशि आवंटित की गई है एवं आवंटित राशि के विरूद्ध कितनी राशि, किन-किन सड़कों की मरम्मत में व्यय की गई है? सड़कवार, राशिवार एवं एजेन्सीवार जानकारी बतावें। (ग) निवाड़ी जिले में किन-किन सड़कों की मरम्मत होना शेष है? सड़कवार बतायें। सड़कों की मरम्मत का कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। खराब नहीं अपितु आंशिक क्षतिग्रस्त है। विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत हेतु कार्य योजना बनाई गई। कार्य योजना अनुसार जिला निवाड़ी अंतर्गत खराब सड़कों का मरम्मत कार्य कराया गया है वर्तमान में मार्ग की स्थिति अच्छी है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) सड़कों के मरम्मत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं मजबूतीकरण/ध्वस्त मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रदेश से बाहर की बिजली खरीदने पर वसूली
[ऊर्जा]
52. ( क्र. 1393 ) श्री अजय विश्नोई : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कम्पनी के द्वारा निजी उद्योगों एवं रेलवे विभाग द्वारा, प्रदेश के बाहर से बिजली खरीदने के ऐवज में जो क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज एवं एडीशनल सरचार्ज की वसूली की जाना है? उस राशि की जानकारी उद्योगवार बतलावें। (ख) प्रश्नांश (क) की वर्णित राशि कब से लंबित है? पावर मैनेजमेंट कम्पनी ने कब-कब, कितनी-कितनी राशि के बिल दिये है तथा कितनी राशि की वसूली की गयी है? उद्योगवार जानकारी प्रदान करें। (ग) क्या पावर कम्पनी ने उक्त सरचार्ज और एडीशनल सरचार्ज की वसूली के लिये प्रकरण मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग में दायर किये हैं? यदि हाँ, तो आयोग किस शक्ति अथवा नियम के आधीन इस प्रकरण में फैसला करने हेतु अधिकृत हैं? (घ) क्या ऊर्जा विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि जब तक जो उद्योग एवं रेलवे विभाग पुरानी बकाया राशि का भुगतान नहीं करता है, उसे तब तक प्रदेश से बाहर से बिजली खरीदने की अनुमति नहीं देगा? यदि हाँ, तो कब से, यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) एवं (ख) उपभोक्ताओं द्वारा म.प्र. राज्य के बाहर से खुली पहुँच से बिजली क्रय करने पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग, द्वारा समय-समय पर जारी खुदरा विद्युत प्रदाय दर आदेश अनुसार निर्धारित दर पर क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज एवं एडीशनल सरचार्ज की राशि, प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा वसूलने का प्रावधान है। उक्त मदों में विगत वर्षों यथा 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 (माह फरवरी तक) में म.प्र. राज्य के बाहर से खुली पहुँच से प्राप्त की गयी विद्युत पर क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज एवं एडीशनल सरचार्ज की वितरण कंपनियों द्वारा बिल की गई राशि एवं प्राप्त राशि का उपभोक्तावार एवं वर्षवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-1', 'अ-2', 'अ-3' एवं 'ब' अनुसार है। उल्लेखनीय है कि रेलवे द्वारा म.प्र. राज्य में खुली पहुँच से प्राप्त विद्युत पर देय क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज एवं एडीशनल सरचार्ज की वसूली हेतु पृथक से मांग पत्र, म.प्र. की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, जबलपुर द्वारा नियमानुसार जारी किये गये हैं, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। प्रश्नाधीन राशि कतिपय प्रकरणों में लंबित है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ-3' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) जी हाँ। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा भारतीय रेलवे के विरूद्ध लंबित क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज एवं एडीशनल सरचार्ज की वसूली हेतु म.प्र.विद्युत नियामक आयोग, भोपाल के समक्ष संयुक्त याचिका क्रमांक 11/2020 दायर की गयी है। विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 42, 33 (4), 86 (1) (a), 86 (1) (c), 86 (1) (f) 86 (1) (k) तथा म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी (म.प्र. राज्य में खुली पहुंच प्रणाली की निबंधन तथा शर्ते) विनियम 2005 संशोधनों सहित की धारा 18.15, 18.16, 18.18, 18.19 एवं 18.20 के अनुसार म.प्र. विद्युत नियामक आयोग इस प्रकरण में सुनवाई एवं आदेश हेतु अधिकृत है। (घ) ऊर्जा विभाग द्वारा अनुमति दिये जाने अथवा नहीं दिये जाने का कोई वैधानिक प्रावधान नहीं हैं, अत: प्रश्न नहीं उठता।
प्रदेश में वायु का प्रदूषण
[पर्यावरण]
53. ( क्र. 1394 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वायु प्रदूषण की क्या स्थिति है? कौन-कौन से जिले अत्यधिक प्रदूषित हैं? इनमें जबलपुर जिले की स्थिति क्या है? AQI का लेबिल कितना है? AQI का सामान्य लेबिल कितना होना चाहिये? पी.एम. सामान्य 2.5 की मात्रा से अधिक बढ़ जाने से कौन-कौन सी समस्यायें, बीमारियां व परेशानियां बढ़ जाती हैं? (ख) क्या जबलपुर शहर को प्रदूषित करने में शहर की बदहाल सडकें, गंदगी, पुराने खटारा वाहन, कचरा परिवहन व अपशिष्ट प्रबंधन की समुचित व्यवस्था न होना प्रमुख कारण है? यदि हाँ, तो शासन ने इसके लिये उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रदेश शासन व जिला प्रशासन ने जबलपुर शहर को स्वच्छ व प्रदूषण से मुक्त रखने हेतु व ए.क्यू.आई. का लेबिल सामान्य बनाये रखने हेतु क्या ठोस प्रयास/उपाय किये हैं? प्रदूषण मापन की क्या व्यवस्था है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जबलपुर की स्थिति संतोषजनक स्तर (50 से 100 के मध्य ए.क्यू.आई.) पाई गई है। अत्यधिक प्रदूषण स्तर (ए.क्यू.आई.झ500) किसी भी जिला मुख्यालय में नहीं पाया गया है। ए.क्यू.आई. की सीमा 0-50 अच्छी श्रेणी स्तर की तथा 50 से 100 संतोषजनक स्तर की है। पी.एम.-2.5 की मात्रा लगातार सामान्य मानक सीमा से अधिक होने पर श्वास से संबंधित समस्यायें, बीमारियां हो सकती है। (ख) एवं (ग) जबलपुर शहर की सड़के बदहाल नहीं है, सड़कों की मरम्मत का कार्य निरंतर कराया जाता है। विभिन्न चैराहों में फ्री लेफ्ट टर्न बनाये गये है एवं ट्रेफिक सिग्नल लगाये गये है,जिससे ट्रेफिक जाम की स्थिति नहीं होती है। कचरा परिवहन में पुरानी गाड़ी का उपयोग नहीं किया जाता है, कचरे का परिवहन ढककर किया जाता है। सड़क परिवहन एवं राज्य मार्ग मंत्रालय, नई दिल्ली की अधिसूचना दिनांक 2/11/2018 द्वारा वाहन प्रदूषण की जांच अनिवार्य की गई है, जबलपुर जिले में 22 प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापित किये गये है, साथ ही 10 वर्ष पुराने डीजल आटो रिक्शा को नगरीय सीमा का परमिट प्रदान नहीं किया जा रहा है एवं नवीन डीजल चलित आटो रिक्शा के परमिट को प्रतिबंधित किया गया है। कलेक्टर, जबलपुर द्वारा शहर को स्वच्छ बनाये रखने एवं प्रदूषण के नियंत्रण हेतु संबंधित विभागों को एडवायजरी जारी की गई है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जबलपुर शहर की परिवेशीय वायु मापन हेतु मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दो स्थानों पर एन.ए.एम.पी. परियोजना के अंतर्गत मैन्यूअल मॉनिटरिंग स्टेशन एवं एक स्थान पर सतत् वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग केन्द्र स्थापित किया गया है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा भवनों/सड़कों की मरम्मत
[लोक निर्माण]
54. ( क्र. 1410 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना और कटनी जिले में विगत 03 वर्षों में लोक निर्माण विभाग की किन-किन भवनों एवं सड़कों की मरम्मत का कार्य विभाग द्वारा कितनी-कितनी लागत से किया गया है और मरम्मत के कार्यों की स्वीकृति किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब प्रदान की गयी? क्या मरम्मत के कार्यों का निरीक्षण एवं परीक्षण और भौतिक सत्यापन किया गया? (ख) पन्ना और कटनी जिले में विगत 03 वर्षों में विभाग के किन-किन भवनों एवं सड़कों के निर्माण का कार्य विभाग द्वारा कितनी-कितनी लागत से किया गया हैं? निर्माण के कार्यों की स्वीकृति किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब प्रदान की गयी? निर्माण के कार्यों का निरीक्षण एवं परीक्षण और भौतिक सत्यापन कब किया गया? (ग) लोक निर्माण द्वारा पवई विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी-कितनी लागत से किन-किन सड़कों के निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगतिरत हैं और इन कार्यों के कार्यादेश कब-कब किए गए थे? निर्माण कार्यों के पूर्ण होने की समयावधि क्या थी और सड़कों के निर्माण का कार्य-कार्यक्रम (WORK PROGRAMME) क्या था? निर्माण/सड़कवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ख) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में बतायें, कि क्या भवनों एवं सड़कों का निर्माण नियत अवधि में पूर्ण नहीं हुआ हैं और निर्माण कार्य नियत कार्य-कार्यक्रम (WORK PROGRAMME) से विलम्ब से चल रहे हैं? (ड.) यदि हॉ, तो कौन-कौन से निर्माण कार्यों में किन कारणों से विलम्ब हुआ हैं और इस पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी है एवं की जा रही है? यदि नहीं, तो क्या ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-3, 'ब', 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-3', 'ब-2' एवं 'स' अनुसार है। (ड.) अनुबंधानुसार विलंब हेतु देयकों से राशि रोकी गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-3' एवं 'स' अनुसार है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
मूल कार्यों में स्वीकृत पूरक कार्य
[लोक निर्माण]
55. ( क्र. 1433 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष मार्च-2015 से अप्रैल-2019 तक जिला-टीकमगढ़ में मूल कार्यों में कोई पूरक कार्य स्वीकृत किये गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) यदि हाँ, तो इन सभी कार्यों को किन अधिकारियों द्वारा कब-कब स्वीकृत किया गया है? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन के नियमानुसार पूरक कार्य स्वीकृत किये गये? शासनादेश की प्रति दें। (घ) टीकमगढ़ जिले में आज दिनांक तक स्वीकृत कार्यों में कितने कार्य ऐसे हैं जिनकी समयावधि समाप्त होने के बाद भी कार्य प्रगतिरत है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है।
उज्जैन संभाग की सड़कों का निर्माण
[लोक निर्माण]
56. ( क्र. 1437 ) डॉ. मोहन यादव : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन संभाग में 01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में कितनी सड़कों का निर्माण किया गया? कितनी सड़कों का निर्माण होना शेष है? कितनी सड़कें निर्माण के लिये प्रस्तावित हैं? समस्त जानकारी जिलेवार, तहसीलवार, ग्रामवार उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार निर्मित, निर्माणाधीन, प्रस्तावित सड़कों के लिये कौन–कौन से शासकीय सर्वे नंबर में से सड़कें निकाली गई या निकाली जाना है? कितने निजी कृषकों की भूमि सर्वे नंबर का अधिग्रहण किया गया अथवा किया जाना है? अधिग्रहित की गई भूमि के कितने भूमिधारकों को मुआवजा प्रदान किया गया? कितने भूमिधारकों को मुआवजा देना बाकी है? समस्त जानकारी जिलेवार, तहसीलवार, ग्रामवार, सर्वे क्रमांकवार उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) की जानकारी अनुसार क्या कृषकों को समय पर मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया है जिसके कारण कृषकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन अधिकारी दोषी है और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी राजस्व विभाग से सम्बंधित होने के कारण सात जिलों के कलेक्टरों को इस विभाग के सम्बंधित कार्यपालन यंत्रियों द्वारा पत्र लिखे गये है जानकारी एकत्रित की जा रही है। इस विभाग में उपलब्ध जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) उत्तरांश 'ख' अनुसार। जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बेरोजगारों के लिये संचालित योजनायें
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
57. ( क्र. 1469 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत ग्रामीण बेरोजगारों के लिये कोन कौन सी योजनायें व कार्यक्रम संचालित हैं? शासन स्तर पर शिवपुरी जिले में किस-किस योजना व कार्यक्रम के तहत कितने ग्रामीण बेरोजगार को किस रूप में लाभान्वित किया गया है? (ख) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं व कार्यक्रमों के लिये लाभार्थियों के लिये क्या-क्या मापदण्ड, पात्रता व योग्यतायें निश्चित हैं? दिशा-निर्देश उपलब्ध करायें। (ग) क्या विभाग द्वारा संचालित योजनायें व कार्यक्रम जिले में बेरोजगारों की संख्या के आधार पर पर्याप्त है? या कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये क्या योजना है? यदि नहीं, तो कब तक योजना बनाई जावेगी?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) विभाग द्वारा संचालित योजनाएं एवं उनके शिवपुरी जिले में लाभान्वित हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) योजनाओं के नियम निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) योजनाओं में लक्ष्यों का निर्धारण बजट उपलब्धता के आधार पर किया जाता है। इन्हीं योजनाओं के अंतर्गत कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना प्रस्तावित है। पृथक से योजना बनाने की आवश्यकता नहीं है।
उज्जैन जिले में निजी उद्योगों को पानी प्रदाय का नियम
[जल संसाधन]
58. ( क्र. 1475 ) डॉ. मोहन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में संचालित निजी उद्योगों द्वारा उद्योग संचालन के लिए पानी किन शर्तों पर, किस नियम के तहत, किस दर पर, कहाँ से प्राप्त किया जा रहा है? उद्योगवार, नियम व शर्तों की प्रति सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार क्या निजी उद्योगों द्वारा कम दर पर विभाग से पानी प्राप्त कर नियम व शर्तों के विपरीत अधिक दर पर अन्य उद्योगों को पानी बेचा जा रहा है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के 'प्रपत्र-1' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) ऐसी कोई जानकारी प्रतिवेदित नहीं है।
सदस्यों एवं अधिकारियों के आवासों पर कराये गये निर्माण कार्य
[लोक निर्माण]
59. ( क्र. 1481 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण विभाग द्वारा 17 दिसम्बर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक प्रदेश के मंत्रिमण्डलों के सदस्यों, मुख्यमंत्री निवास, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के शासकीय आवासों पर क्या-क्या निर्माण कार्य, मरम्मत कार्य, उपकरण आदि लगाये जाने के कार्य करवाये गये हैं? इन पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? आवासवार आवंटितों के नाम पद सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त आवासों में ऐसे कितने आवास हैं? जिन पर वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में भी कार्य कराये गये हैं? इन अतिरिक्त निर्माण कार्यों हेतु किन के आदेश पर कार्य किये गये हैं? कितनी-कितनी राशि व्यय हुई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'ब', 'ब-1', 'स' एवं 'द' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1', 'ब', 'ब-1', 'स' एवं 'द' अनुसार है।
अधिकारियों द्वारा सिंचाई परियोजनाओं का निरीक्षण
[जल संसाधन]
60. ( क्र. 1484 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्य अभियंता चंबल, वेतवा, कछार भोपाल, विदिशा-रायसेन जिलों द्वारा 1 अप्रैल 2016 से प्रश्नांकित अवधि तक किन-किन वृहद्, मध्यम, लघु सिंचाई परियोजनाओं, तालाबों, बैराजों, स्टापडेमों का निरीक्षण किन-किन तिथियों, में किया? निरीक्षण के दौरान क्या कमियाँ पाई गईं? कमियों के लिए कौन दोषी पाया गया और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या मुख्य अभियंता चंबल विदिशा जिले के अंतर्गत, वेतवा, कछार ने केथन मध्यम परियोजना, नरेन मध्यम परियोजना, सगड़ मध्यम परियोजना, संजय सागर बाह्य मध्यम परियोजना, संजय सागर मध्यम परियोजना आरी, सेमलखेड़ी तीर्थ तालाब, सेमरखेड़ी लटेरी तालाब, अहमदाबाद खिल्ली तालाब, जबारी तालाब, सांकलोन तालाब, रूसिया तालाब, रूसल्ली साहू तालाब, गरेंठा तालाब, केथन डेम, भगवंतपुर, गोपालपुर बैराज का निरीक्षण किया गया? यदि हां, तो निरीक्षण किन-किन दिनांकों पर किया गया एवं निरीक्षण में क्या-क्या कमियॉ पाई गईं? इसके लिए दोषी कौन है? तिथि एवं माहवार जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, किया तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या मुख्य अभियंता एवं कार्यपालन यंत्री संजय सागर परियोजना बाह्यनदी संभाग गंजबासौदा ने केथनडेम की डूब भूमि पर अवैध खेती एवं अवैध अतिक्रमण का निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो कब-कब? क्या निरीक्षण के दौरान केथन डेम में अवैध रूप से खेती तथा अवैध अतिक्रमण पाए गये? यदि हां, तो अवैध खेती एवं अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए क्या कार्यवाही की गई? निर्देश एवं आदेशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या प्रश्नकर्ता का पत्र क्र.747/एस.आर.जे./2019,दिनांक 24.12.2019 श्रीमान प्रमुख अभियंता महोदय को प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही गई? यदि नहीं, तो क्यों?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। किसी प्रकार की कमियां नहीं पाई गईं। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश में उल्लेखित परियोजनाओं में से सगड़ मध्यम परियोजना का निरीक्षण किया गया। दिनांक 26.12.2019। किसी प्रकार की कमी नहीं पाई गई। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। केवल कार्यपालन यंत्री संजय सागर परियोजना बाह्य नदी संभाग, गंजबासौदा द्वारा निरीक्षण किया गया। दिनांक 04.12.2019। जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी, जल संसाधन उपसंभाग, सिरौंज के पत्र दिनांक 17.12.2019 द्वारा अतिक्रमण कर्मियों पर प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही हेतु थाना प्रभारी सिरौंज तथा प्रतिलिपि द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), सिरौंज से प्रशासनिक सहयोग करने हेतु अनुरोध किया गया। कार्यपालन यंत्री, संजय सागर परियोजना बाह्य नदी संभाग, गंजबासौदा के पत्र दिनांक 20.01.2020 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), सिरौंज को अतिक्रमण कर्मियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने का लेख किया गया। छायाप्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रमुख अभियंता के पत्र दिनांक 24.01.2020 द्वारा मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार को प्रकरण के परीक्षणोंपरांत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने का लेख किया गया। मुख्य अभियंता के पत्र दिनांक 01.02.2020 से प्राप्त तथा प्रश्नांश ''ग'' के उत्तर में उल्लेखित कृत कार्यवाही के विवरण से प्रमुख अभियंता के पत्र दिनांक 06.03.2020 द्वारा प्रश्नकर्ता को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
नहरों, सब-माइनर नहरों एवं वितरिकाओं का निर्माण कार्य
[जल संसाधन]
61. ( क्र. 1491 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों का निर्माण कराया गया है वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन नहरों एवं सब-माइनर नहरों एवं वितरिकाओं का निर्माण कार्य किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? कौन-कौन से संविदाकारों को कौन से कार्य करने हेतु कार्यादेश जारी किये गए? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार क्या नहरों एवं सब-माइनर नहरों एवं वितरिकाओं का निर्माण कार्य अनुबंध की शर्तों के अधीन न करते हुए गुणवत्ताहीन कराई जाने अथवा क्षतिग्रस्त होने की शिकायत विभाग को प्राप्त हुई है? यदि हुई है तो विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) से (ग) जी हाँ वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक मुंगावाली विधान सभा क्षेत्र में किसी भी योजना में नहरों, सब माइनर नहरों एवं वितरिकाओं का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
सिंचाई हेतु जलाशयों का निर्माण
[जल संसाधन]
62. ( क्र. 1492 ) श्री
बृजेन्द्र
सिंह यादव : क्या जल
संसाधन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जल
संसाधन विभाग
द्वारा अशोक
नगर जिले में सिंचाई
हेतु कितने
बांध एवं
जलाशयों का
निर्माण
कराया गया है? योजनावार
जानकारी
उपलब्ध कराई
जावे।
(ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
वर्ष 2014-15 से
प्रश्न
दिनांक तक कौन-कौन
से कार्य
कितनी-कितनी
राशि के
कहाँ-कहाँ
स्वीकृत किये
गए हैं? (ग) प्रश्नांश
(क) एवं (ख) अनुसार
क्या सभी
स्वीकृत
कार्य पूर्ण
कर लिए गए है? यदि
नहीं, तो
क्यों? (घ) प्रश्नांश
(ख) एवं (ग) अनुसार
कौन-कौन से
कार्य के लिए
कितनी राशि भुगतान
की गयी?
जल
संसाधन
मंत्री ( श्री
हुकुम सिंह
कराड़ा ) : (क) 02
बॉंध, 31
जलाशय एवं 18 स्टॉप
डैम/वियर कुल 51
योजनाएं।
योजनावार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''अ''
अनुसार
है। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब''
अनुसार
है। (ग) जी
नहीं। बजट की
उपलब्धता से
आबद्ध होने के
कारण।
(घ)
जानकारी
संलग्न परिशिष्ट के
प्रपत्र-''ब''
अनुसार
है।
बिजली बिल में न्यूनतम एवं अधिकतम बिल का प्रावधान
[ऊर्जा]
63. ( क्र. 1503 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में वर्तमान में गरीबों को घरेलू बिजली उपयोग करने पर न्यूनतम एवं अधिकतम कितनी राशि के मासिक बिल दिये जाने का प्रावधान है? (ख) मध्यप्रदेश में घरेलू बिजली के बिलों को प्रदाय करने एवं वसूली हेतु किस प्रायवेट एजेंसी को अधिकृत किया गया है? क्या अनूपपुर जिले में कार्यरत एजेंसी द्वारा बिना मीटर के रीडिंग के एवरेज बिल प्रदाय किये जा रहे हैं जिससे बिजली उपभोक्ता परेशान हैं? यदि हाँ, तो क्या इसकी जांच कराई जाकर संबंधित एजेंसी पर कार्यवाही की जायेगी? (ग) अनूपपुर जिले में बिजली विभाग द्वारा सामान्य मकानों में ज्यादा बिलिंग की वजह से कुछ गरीब परिवार उक्त बिल निर्धारित समय पर भुगतान न करने की वजह से उनकी विद्युत लाईन काट दी जाती है, ऐसे गरीब एवं सामान्य उपभोक्ताओं के संबंध में शासन इनके निराकरण के लिये क्या व्यवस्था कर रही है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) प्रदेश में वर्तमान में घरेलू बिजली उपयोग हेतु मीटर युक्त 100 वाट तक 30 यूनिट तक मासिक खपत (टैरिफ श्रेणी एल.व्ही.-1.1) करने वाले उपभोक्ताओं को प्रतिमाह न्यूनतम रू. 55 की बिलिंग किये जाने एवं इंदिरा गृह ज्योति योजना के अंतर्गत मीटर युक्त 100 वाट तक के 30 यूनिट तक मासिक खपत करने वाले गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति श्रेणी के उपभोक्ताओं को मात्र रू.25/- प्रतिमाह की बिलिंग किये जाने का प्रावधान है वर्तमान में प्रभावशील इंदिरा गृह ज्योति योजना के अंतर्गत समस्त घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक है, उन्हें प्रथम 100 यूनिट तक खपत के आधार पर 100 रू. तक एवं शेष यूनिटों के लिए म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश अनुसार भुगतान करना होता है। किसी माह में 150 यूनिट से अधिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ता को उस माह में योजना का लाभ नहीं दिये जाने एवं उसकी पूरी खपत पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों से बिल दिये जाने का प्रावधान है, जिसमें ऊर्जा प्रभार के अतिरिक्त फिक्सड चार्ज, मीटर किराया, विद्युत शुल्क एवं एफ.सी.ए. चार्ज का भी समावेश रहता है। उक्तानुसार विद्युत उपभोग एवं उपभोक्ता की श्रेणी के अनुसार घरेलू उपयोग हेतु न्यूनतम रू. 25 प्रतिमाह का बिल दिये जाने एवं उपभोक्ता को विद्युत की वास्तविक खपत के आधार पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर अनुसार बिल दिए जाने का प्रावधान है जिसकी कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है। (ख) मध्य प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों में बिल वितरण हेतु अधिकृत प्रायवेट एजेंसियों का कंपनीवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बिल वसूली हेतु वर्तमान में कोई प्रायवेट एजेंसी अधिकृत नहीं है। वर्तमान में अनूपपुर जिले में किसी भी प्राईवेट एजेन्सी को बिजली के बिलों को बांटने एवं बिल की राशि वसूल करने हेतु अधिकृत नहीं किया गया है।अनूपपुर जिले में बिलों का वितरण, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों एवं बाह्य सेवा प्रदाता एजेंसियों के माध्यम से रखे गए कार्मिकों द्वारा कराया जा रहा है। बिल वसूली का कार्य म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों के माध्यम से कराया जा रहा है। अनूपपुर जिले में मीटर युक्त उपभोक्ताओं को मीटर वाचन के अनुसार ही बिल प्रदाय किये जा रहे हैं तथा मीटर खराब/बंद होने की स्थिति में म.प्र. विद्युत प्रदाय संहिता 2013 की कण्डिका 8.35 (ब) में निहित प्रावधानों के अनुसार औसत खपत के बिल जारी किये गए हैं। बिल संबंधी शिकायतों का निराकरण समय-समय पर शिविर लगाकर एवं वितरण केन्द्र स्तर पर गठित समिति के माध्यम से किया जा रहा है। उक्त परिप्रेक्ष्य में अनूपपुर जिले में किसी प्रकार की जांच की आवश्यकता नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) में दर्शाए अनुसार अनूपपुर जिले में घरेलू उपभोक्ताओं को नियमानुसार बिल जारी किये जा रहे है तथा विद्युत बिल की बकाया राशि का भुगतान नहीं होने की दशा में नियमानुसार बकाया राशि की वसूली हेतु कनेक्शन विच्छेदन की कार्यवाही की जा रही है। उत्तरांश (क) में वर्णित अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर/सामान्य वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना के अंतर्गत लाभान्वित किया जा रहा है।
ताप वि़द्युत गृहों हेतु कोयले की उपलब्धता
[ऊर्जा]
64. ( क्र. 1504 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के सभी ताप विद्युत गृहों में कोयला की कमी होने के कारण ताप विद्युत गृह बंद होने की स्थिति में आ गये हैं? (ख) वर्तमान में मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड में औसतन प्रतिदिन किन-किन ताप विद्युत केन्द्रों पर कितने-कितने मैट्रिक टन कोयले की आवश्यकता है व औसतन प्रतिदिन कितने मैट्रिक टन कोयला, कोल इंडिया द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है? (ग) वर्तमान में कोल इंडिया को मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा कितनी राशि का भुगतान किया जाना शेष है? (घ) वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी मांग के अनुसार केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को कितना-कितना मैट्रिक टन कोयला उपलब्ध कराया गया है वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विगत कुछ माहों से कोयला कंपनियों द्वारा म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को अनुबंध अनुसार मात्रा एवं खपत से काफी कम कोयला प्रदाय किया गया हैl ताप विद्युत गृहों में पूर्व से उपलब्ध कोयले के भंडार के कारण विद्युत गृहों को पूर्ण रूप से बंद करने की स्थिति तो निर्मित नहीं हुई हैं, परंतु कुछ ईकाइयों को बंद रखा गया अथवा कम भार पर चलाना पड़ा है। (ख) कोयला कंपनियों द्वारा कोयले का प्रदाय ताप विद्युत गृहों की आवश्यकता नहीं अपितु “फ्यूल सप्लाई अनुबंध” के प्रावधानों के अनुसार किया जाता है वर्तमान वित्तीय वर्ष में कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों हेतु त्रैमासिक आधार पर निर्धारित कोयला प्रदाय की मात्रा एवं दिनांक 29.02.2020 तक विद्युत गृहवार प्रतिदिन कोयले का औसत प्रदाय निम्नानुसार है:-
ताप विद्युत गृह |
कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा कोयला प्रदाय हेतु निर्धारित औसत मात्रा (मी.टन/प्रतिदिन) |
दिनांक 01.04.2019 से 29.02.2020 तक प्रदाय कोयले की औसत मात्रा (मी.टन/प्रतिदिन) |
अमरकंटक ता.वि.गृ.,चचाई |
2465 |
2922 |
संजय गांधी ता.वि.गृ.,बिरसिंहपुर |
19178 |
12087 |
सतपुड़ा ता.वि.गृ.,सारनी |
16565 |
11675 |
श्री सिंगाजी ता.वि.परि.,खंडवा |
28627 |
18707 |
कुल |
66835 |
45391 |
(ग) म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियों को कोयला प्रदाय के देयकों के विरूध्द, दिनांक 29.02.2020 की स्थिति में, लगभग रू 432.82 करोड़ का भुगतान किया जाना शेष है। (घ) उत्तरांश “ख” में दर्शाए अनुसार कोयला कंपनियों द्वारा विद्युत गृहों को कोयले की आपूर्ति “फ्यूल सप्लाई अनुबंध” के प्रावधानों के अनुसार की जाती है। इन अनुबंधों के अनुसार, म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत् गृहों हेतु कोयले की वार्षिक अनुबंधित मात्रा एवं इनके विरूद्ध वर्ष 2016-17 से दिनांक 29.02.2020 तक, किया गया कोयला प्रदाय (वर्षवार) निम्नानुसार है:-
वित्तीय वर्ष |
म.प्र.पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड को कोयला प्रदाय (लाख मी. टन में) |
|
मांग/वार्षिक अनुबंधित मात्रा |
प्राप्त कोयला |
|
2016-17 |
200.4 |
93.01 |
2017-18 |
200.4 |
129.26 |
2018-19 |
206.16 |
190.47 |
2019-20 (29.02.2020 तक) |
218.64 |
152.06 |
उच्च शिक्षा एवं संस्कृत उच्चतर माध्यमिक महाविद्यालय का संचालन
[उच्च शिक्षा]
65. ( क्र. 1520 ) श्री गिरीश गौतम : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कुल कितने संस्कृत महाविद्यालय संचालित हैं? अलग-अलग पूर्ण विवरण, स्थान, महाविद्यालय संचालन की अवधि तथा महाविद्यालयों में शिक्षकों की संख्या सहित बतावें। (ख) प्रदेश के कितने ऐसे संस्कृत महाविद्यालय संचालित हैं जिनमें रचनाक्रम के अनुसार शास्त्री/ संस्कृत व्याख्याता/लेक्चरर/प्रोफेसर नहीं हैं? क्या रिक्त पदों की पूर्ति के लिए विभाग द्वारा कोई प्रयास किया गया? कितने संस्कृत महाविद्यालय शिक्षकों के आभाव में पिछले 3 वर्ष में बन्द कर दिये गये हैं? (ग) क्या संस्कृत विषय के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए बन्द हुए कालेजों को आवश्यक शिक्षकों की पूर्ति करते हुए पुनः संचालित किया जायेगा? महाविद्यालयीन संस्कृत विषय के संरक्षण के लिए शासन की क्या योजनाएं हैं?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) कुल 09 संस्कृत महाविद्यालय संचालित हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) प्रदेश में संचालित संस्कृत महाविद्यालयों जहाँ व्याख्याता/लेक्चरर/प्रोफेसर नहीं हैं की सूची महाविद्यालयवार, विषयवार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है। पद पूर्ति हेतु समय-सीमा बतायी जाना सम्भव नहीं है। निरंक। (ग) उत्तरांश ''ख'' के सन्दर्भ में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
66. ( क्र. 1541 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं के संचालन के क्या-क्या नियम निर्देश हैं? उज्जैन जिले में 1 जनवरी 2016 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी योजना के लिए किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? उज्जैन जिले में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराये गये? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों की प्रगति क्या है? स्वीकृत कार्यों में किन-किन कार्यों की शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत किसके द्वारा की गई है? शिकायत का क्या निष्कर्ष निकला है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओं के नियम निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 1 जनवरी 2016 से योजनावार आवंटन एवं विधानसभावार व्यय एवं कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब के (1), (2), (3), (4) एवं (5) अनुसार है। (ख) स्वीकृत कार्यों की प्रगति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। स्वीकृत कार्यों के विरूद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
संचालित योजनाओं की जानकारी
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
67. ( क्र. 1542 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौनसी योजनाएं संचालित हैं? योजनाओं के संचालन के क्या-क्या नियम निर्देश हैं? उज्जैन जिले में 1 जनवरी 2016 से आज दिनांक तक कौन-कौन सी योजना के लिए किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? उज्जैन जिले में किस-किस विधानसभा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य स्वीकृत कराये गये? प्राप्त आवंटन के विरूद्ध किस-किस कार्य पर कितना-कितना व्यय किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत कार्यों की प्रगति क्या है? स्वीकृत कार्यों में किन-किन कार्यों की शिकायत प्राप्त हुई है? शिकायत किसके द्वारा की गई है? शिकायत का क्या निष्कर्ष निकला है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) एवं (ख) विभाग के अधीनस्थ म.प्र.ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा 01 जनवरी 2016 से आज दिनांक तक उज्जैन जिले व सम्पूर्ण प्रदेश में लागू योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। इसके अतिरिक्त, राज्य शासन, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, लघु जल आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 एवं बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 लागू की गई है। नीति के प्रावधानों के अंतर्गत निज विकासक/सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा परियोजनाएं स्थापित की जाती है। उज्जैन जिले में 01 जनवरी 2016 से आज दिनांक तक के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा संबंधी योजनाओं के सभी कार्य पूर्ण किये जा चुके है, जिनकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। हितग्राही से उज्जैन जिले में, सी.एम. हेल्पलाईन अंतर्गत कुल 38 शिकायतें प्राप्त हुई है, जिनमें से 37 शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। शेष 01 शिकायत का निवारण हितग्राही कृषक से पूर्ण राशि प्राप्त कर सोलर पम्प स्थापित करने की कार्यवाही प्रक्रिया में है।
इंदौर इच्छापुर मार्ग निर्माण संबंधी प्रक्रिया
[लोक निर्माण]
68. ( क्र. 1545 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले के समस्त सड़क मार्ग का पेंचवर्क कब तक पूर्ण किया जायेगा? बुरहानपुर जिले के किन-किन रोडों का नवीनीकरण उन्नयन किया जाना हैं, सूची प्रदान करें? (ख) इंदौर-इच्छापुर रोड का फोरलेन निर्माण संबंधी प्रक्रिया की क्या स्थिति है? यह रोड कितने फेस में कितना-कितना कहां से कहां तक बनाया जाना है? (ग) क्या उक्त रोड बुरहानपुर से बायपास किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शहर के मध्य से जाने वाले इंदौर-इच्छापुर रोड के लिये क्या योजना बनाई गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) पेंच रिपेयर कार्य पूर्ण कर लिया गया है, आवश्यकता अनुसार नवीन पेंच रिपेयर का कार्य सतत प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) इन्दौर-इच्छापुर मार्ग का निर्माण कार्यलो.नि.वि. के कार्यक्षेत्र अंतर्गत नहीं है, अपितु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधीन है उनके क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ। बुरहानपुर बायपास एन.एच.ए.आई. द्वारा प्रस्तावित है। उक्त मार्ग निर्माण होने के उपरांत शहर के मध्य से जाने वाले इन्दौर इच्छापुर रोड की कार्य योजना बनाई जा सकेगी।
विद्यार्थियों से बकाया फीस प्राप्त करना
[उच्च शिक्षा]
69. ( क्र. 1547 ) श्री सुरेन्द्र सिंह नवल सिंह : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों से महाविद्यालय की बकाया फीस प्राप्त करने संबंधी नियम एवं प्रक्रिया से अवगत करावें। (ख) स्नातक एवं स्नातकोत्तर में अध्ययनरत विद्यार्थी की प्रथम/द्वितीय वर्ष की महाविद्यालय की बकाया फीस तृतीय वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थी से क्या परीक्षा पूर्व फीस लेना अनिवार्य है? क्या विद्यार्थी महाविद्यालय की परीक्षा पूर्व फीस नहीं जमा करने की स्थिति में क्या उन्हें मुख्य परीक्षा से वंचित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (ग) प्रदेश में अशासकीय महाविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा फीस जमा नहीं करने से महाविद्यालयों को संचालन में काफी कठिनाई आ रही है इस हेतु क्या कोई नये नियम या प्रक्रिया योजना लागू हो रही है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) अशासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों से महाविद्यालय की बकाया फीस प्राप्त करने संबंधी निर्णय महाविद्यालय प्रबन्धन द्वारा ही छात्र हित को ध्यान में रखते हुए लिया जाता है। आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों से बकाया फीस प्राप्त करने हेतु किश्तों में फीस भरने की सुविधा प्रदान की जाती है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश 'क' अनुसार।
रीवा संभाग अंतर्गत शासकीय/स्वशासी महाविद्यालयों में अनियमितता
[उच्च शिक्षा]
70. ( क्र. 1553 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में कितने शासकीय/स्वशासी महा. विद्यालय संचालित है? इन महाविद्यालयों में कितने पद किन-किन विषयों के स्वीकृत हैं? उनमें से कितने पद कब से रिक्त हैं जानकारी वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक की देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित महाविद्यालयों में जनभागीदारी समितियों के द्वारा कितने महाविद्यालय में रिक्त पड़े पदों पर प्राध्यापकों/अन्य कर्मचारियों के पदों की पूर्ति किन-किन शर्तों पर की गयी? उनके नाम व पते के साथ इनकी नियुक्ति की अवधि सहित जानकारी देवें। इनकी नियुक्ति बावत् क्या विधि एवं प्रक्रिया अपनायी गयी। जिन महाविद्यालयों में जनभागीदारी के तहत नियुक्तियाँ की गयी है? उनमें कितनी राशि वेतन, भत्ते एवं अन्य निर्माण कार्य में व्यय की गयी वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) महाविद्यालयों में कितने ऐसे महाविद्यालय हैं जिनमें प्रभारी प्राचार्यों की नियुक्ति की गयी है? नियुक्तियाँ किन आधारों पर की गयी है? क्या संबंधित महाविद्यालय में इन प्रभारी प्राचार्यों से वरिष्ठ प्राध्यापक नहीं है? अगर हैं तो कनिष्ठों को प्रभारी प्राचार्य का दायित्व क्यों सौपा गया? कनिष्ठों को प्रभारी प्राचार्य के दिये गये दायित्व से कब तक मुक्त करेंगे? बतावें यदि नहीं, तो क्यों?। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) में उल्लेखित कथन की तथ्यों के अनुसार कार्यवाही न करने व मनमानी तरीके से नियुक्ति करने के साथ ही जनभागीदारी मद से प्राप्त राशि का फर्जी बिल व व्हाउचर के आधार पर आहरण करने एवं नियम विरूद्ध प्रभारी प्राचार्यों का उत्तरदायित्व सौंपने के दोषियों पर क्या कार्यवाही करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कंपनी अधिनियम का पालन
[श्रम]
71. ( क्र. 1554 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के कार्य आवंटन नियम 2017 में श्रम विभाग द्वारा प्रशासनिक नियम और अधिनियम तैयार किये गये हैं? जिनके तहत न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 कारखाना अधिनियम 1948, मजदूरी भुगतान अधिनियम 1936, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 एवं सामान्य पारिश्रमिक अधिनियम 1971 का पालन संबंधित कंपनी/फैक्ट्री द्वारा किया जा रहा है तो अधिनियमों की प्रति देते हुये बतावें कि इनके पालन में कितने श्रमिकों को रीवा संभाग में संचालित कंपनी/फैक्ट्रियों में लाभांवित किया गया है, का विवरण 2013 से प्रश्न दिनांक तक का देवें।
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : जी हाँ। राज्य के श्रमायुक्त संगठन द्वारा प्रशासित प्रश्नांकित श्रम अधिनियमों की उपलब्ध प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। रीवा संभाग में वर्ष 2013 से प्रश्नांश दिनांक तक लगभग 30,678 श्रमिकों को निम्नानुसार लाभांवित किया गया है- रीवा - 4630 सतना - 6868 सीधी - 541 सिंगरोली - 18639।
नयागॉव जावरा टोल रोड के लिए स्वीकृत डी.पी.आर.
[लोक निर्माण]
72. ( क्र. 1561 ) श्री अनिरुध्द (माधव) मारू : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नयागॉव जावरा टोल रोड के लिये स्वीकृत डी.पी.आर. की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें और रोड पर लगाए गए टोल किन नियम एवं शर्तों तहत लगाए गये हैं उनका उल्लेख करें। (ख) नयागॉव जावरा टोल रोड बनाने एवं टोल नाके लगाने के लिये किये गए अनुबंध की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जावरा-नयागांव मार्ग की स्वीकृत डी.पी.आर. पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। टोल के नियम एवं शर्तों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
बिजली कटौती पर लगाया जाना
[ऊर्जा]
73. ( क्र. 1564 ) श्री सीताराम : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विजयपुर विधान सभा क्षेत्र क्र.2 में बिजली विभाग द्वारा हर्रा, वलावनी, सुकवास, धनाचा एवं ग्रामीण क्षेत्र में आबादी की लाईन काट दी जाती है, इस पर रोक लगाई जायेगी या नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : श्योपुर जिले के विजयपुर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 02 के अंतर्गत ग्राम टर्रा (हर्रा नहीं), बलावनी, सुखवास (सुकवास नहीं), धनायचा (धनाचा नहीं) एवं आस-पास के अन्य ग्रामीण क्षेत्र को 11 के.व्ही. रघुनाथपुर आबादी फीडर से सुचारू रूप से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। कतिपय अवसरों पर आंधी/अत्याधिक वर्षा एवं अत्यावश्यक मेन्टेनेंस कार्यों हेतु अपरिहार्य होने जैसी स्थितियों को छोड़कर म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित कहीं भी विद्युत लाईन नहीं काटी जाती, अत: तत्संबध में किसी प्रकार की कार्यवाही किया जाना अपेक्षित नहीं है।
महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु बजट का प्रावधान
[उच्च शिक्षा]
74. ( क्र. 1565 ) श्री सीताराम : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिला के ग्राम ढोढर कराहल में 2 वर्ष पूर्व में महाविद्यालय की स्थापना की गई थी किन्तु भवन अभी तक सरकार द्वारा निर्माण का कार्य नहीं किया गया है क्या सरकार भवन का निर्माण करायेगी या नहीं? करायेगी तो कब तक निर्माण कार्य शुरू किया जावेगा? (ख) क्या भवन निर्माण के बजट का प्रावधान आगामी सत्र में रखा जाएगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय ढोढर जिला श्योपुर के लिए दिनांक 28/03/2018 को तथा शासकीय महाविद्यालय कराहल जिला श्योपुर के लिए दिनांक 23/01/2018 को भूमि आवंटित की गई है। भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति अभी जारी नहीं की गई है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) महाविद्यालयवार बजट प्रावधान नहीं रखे जाते हैं। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
चेटीखेड़ा बांध का निर्माण
[जल संसाधन]
75. ( क्र. 1566 ) श्री सीताराम : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या विधानसभा बजट सत्र 2018 में चेटीखेड़ा बांध विजयपुर जिला श्योपुर का निर्माण हेतु रूपये चार सौ करोड़ अट्ठाईस लाख का बजट में प्रावधान किया था? अगर हाँ तो उसका कार्य निर्माण कहाँ तक चालू किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राहतगढ़-खुरई-मालथौन मार्ग की मरम्मत
[लोक निर्माण]
76. ( क्र. 1570 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत म.प्र. सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित राहतगढ़-खुरई-खिमलासा-मालथौन मार्ग के मरम्मतीकरण हेतु जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक किए गए व्यय का ब्यौरा क्या है? (ख) क्या राहतगढ़-खुरई-खिमलासा-मालथौन मार्ग वर्तमान में मरम्मत के अभाव में अत्याधिक जर्जर स्थिति में पहुँच गया है? यदि हाँ, तो इसकी मरम्मत अथवा निर्माण हेतु विभाग की क्या योजना है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) राहतगढ़-खुरई-खिमलासा मार्ग तथा बीना-खिमलासा-मालथौन के मरम्मत कार्य पर जनवरी 2020 से प्रश्न दिनांक तक कोई व्यय नहीं किया गया। (ख) विगत वर्षाकाल में राहतगढ़-खुरई-खिमलासा मार्ग में क्षति हुई थी। जिसकी मरम्मत हेतु कार्य प्रचलित है। उक्त मार्ग के निर्माण की वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के अंतर्गत लाभान्वित घर
[ऊर्जा]
77. ( क्र. 1571 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सहज बिजली हर-घर योजना (सौभाग्य) के तहत प्रश्न दिनांक तक सागर राजस्व संभाग अन्तर्गत लाभान्वित घरों की जिलेवार संख्या की जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजनांतर्गत शेष छूटे क्षेत्रों में कब तक योजना का लाभ पहुँचा दिया जावेगा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री सहज बिजली हर-घर योजना (सौभाग्य) के तहत सागर संभाग के अंतर्गत लाभान्वित घरों की जिलेवार संख्या निम्नानुसार है :-
जिले का नाम |
लाभान्वित घरों की संख्या |
सागर |
52076 |
दमोह |
34215 |
छतरपुर |
50016 |
पन्ना |
32375 |
टीकमगढ़ (निवाड़ी सहित) |
26419 |
(ख) उक्त योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी पात्र हितग्राहियों को योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जा चुका है। अत: प्रश्न नहीं उठता तथापि कोई प्रकरण विशेष संज्ञान में आने पर तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
गोपनीय चरित्रावली के प्रतिवेदन
[खेल और युवा कल्याण]
78. ( क्र. 1579 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसी अधिकारी की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली में प्रतिवेदन अधिकारी अथवा समीक्षक अधिकारी एक से अधिक बार अभिमत नहीं दे सकता? (ख) यदि हाँ, तो किसी अधिकारी की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली में प्रतिवेदन अथवा समीक्षक अधिकारी द्वारा एक से अधिक बार अभिमत देने अर्थात 2 बार वार्षिक गोपनीय चरित्रावली लिखने वाले अधिकारियों के खिलाफ किस प्रकार की कार्यवाही की जा सकती है? (ग) क्या खेल विभाग में पदस्थ युवक कल्याण अधिकारी की वर्षान्त 31/03/2012, 31/03/2013 एवं 31/03/2014 की गोपनीय चरित्रावली में प्रतिवेदक अधिकारी की हैसियत से संयुक्त संचालक, क्षेत्र और युवा कल्याण म.प्र. द्वारा दो बार अभिमत दिया गया है तथा यह नियमों के विरूद्ध है? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) अनुसार अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही नियमों के विरूद्ध है? यदि हाँ, तो क्या प्रकरण से जांच कर दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
विद्युत विहीन ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
79. ( क्र. 1580 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परि.अता प्रश्न संख्या 58 (क्र. 880) दिनांक 20.12.2019 के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के अनुसार विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में ऐसे कार्यों की संख्या 168 है, तो क्या दिमनी विधान सभा क्षेत्र की 168 बसाहटों के सघन विद्युतीकरण हेतु कार्य योजना तैयार की जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कार्य योजना कब तैयार की गई व कार्य की स्थिति क्या है? क्या इस हेतु कोई योजना केन्द्र या प्रदेश सरकार में है तो बताया जावे। कार्य कब तक प्रारंभ हो जायेंगे?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) जी हाँ, विधानसभा प्रश्न क्रमांक 880 दिनांक 20.12.2019 के उत्तर में विधानसभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में ऐसी 168 बसाहटों, जो कि ग्रामों के बाहर खेतों में निर्मित की गई है अथवा प्रश्नाधीन क्षेत्र में सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण होने के पश्चात् निर्मित हुई है, के सघन विद्युतीकरण का कार्य शेष होने की जानकारी दी गई थी। उक्त बसाहटों के विद्युतीकरण हेतु आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना की आवश्यकता का आंकलन कर कार्ययोजना तैयार की गई है। (ख) म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा दिनांक 20.06.2019 को प्रश्नाधीन कार्यों में आवश्यक विद्युत अद्योसंरचना की आवश्यकता का आंकलन कर कार्ययोजना तैयार की गई वर्तमान में प्रदेश में इन कार्यों हेतु कोई योजना उपलब्ध नहीं है। भविष्य में केन्द्र/राज्य शासन की कोई योजना उपलब्ध होने पर तकनीकी साध्यता एवं वित्तीय उपलब्धता के अनुरूप इन कार्यों को किया जा सकेगा। उक्त परिप्रेक्ष्य में कार्य प्रारंभ किये जाने हेतु निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
मुआवजा राशि का प्रदाय
[लोक निर्माण]
80. ( क्र. 1588 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में श्री भगवानदास वर्मा कृषक ग्राम भोंरासा तहसील कुरवई जिला विदिशा के द्वारा निजी कृषि भूमि जो कि भोरासा से मुगावली मार्ग में लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वे क्रमांक-854 रकवा 0.921 हेक्टेयर भूमि का मुआवजा राशि प्राप्त करने हेतु कलेक्टर विदिशा, लोक निर्माण विभाग विदिशा एवं मध्यप्रदेश शासन या विभाग को सड़क निर्माण से आज दिनांक तक कितने आवेदन प्रदाय किये गये? समस्त आवेदनों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायी जावे। साथ ही विभाग के द्वारा उक्त व्यक्ति को मुआवजा हेतु क्या कार्यवाही की गई? उसकी छायाप्रतियों को भी प्रदाय कराया जावे। (ख) उक्त व्यक्तियों को मुआवजा राशि कब तक प्रदाय की जावेगी? उसकी समय-सीमा बतायी जावे। साथ ही विलंब के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) श्री भगवानदास वर्मा कृषक द्वारा कुल 20 आवेदन प्राप्त हुये। आवेदनों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार तथा आवेदनों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार। प्रस्तावित सड़क का निर्माण लगभग 50 वर्ष पूर्व करवाया गया था। तत्समय किसी भी कृषक/भूमि-स्वामी द्वारा मुआवजे की मांग नहीं की गई थी। आवेदक श्री भगवानदास वर्मा के अनुसार उनके द्वारा जमीन वर्ष-2013 में क्रय की गई है एवं वर्तमान में उनकी स्वामित्व की भूमि में सड़क निर्माण का कार्य नहीं किया जा रहा है। अतः उन्हें मुआवजा देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
नीमच के सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
81. ( क्र. 1600 ) श्री आरिफ मसूद : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नीमच में देश का सबसे बड़ा 135 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट स्थापित किया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो इसकी मालिक कंपनी कौन है? क्या इससे उत्पादित ऊर्जा प्रदेश को मिल रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो उत्पादित बिजली का उपभोक्ता कौन है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) नीमच जिले में वर्ष 2014 में स्थापित 135 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट तत्समय देश का सबसे बड़ा सोलर प्लांट था। पिछले कुछ वर्षों में देश में नीमच से बड़े सोलर प्लांट स्थापित हो चुके है। (ख) इसकी मालिक कंपनी मेसर्स वालवाहन सोलर एमपी लिमिटेड (पूर्व में मेसर्स वेल्सपन सोलर एमपी प्रा.लि.) है, इस संयंत्र से उत्पादित ऊर्जा प्रदेश को मिल रही है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश लागू नहीं।
रीवा सोलर प्लांट से प्राप्त बिजली का वितरण
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
82. ( क्र. 1601 ) श्री आरिफ मसूद : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा में विश्व का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट स्थापित है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि हाँ, तो क्या इससे उत्पन्न हो रही बिजली राज्य को मिल रही है? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो उत्पादित बिजली का उपभोक्ता कौन है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी नहीं, अपितु रीवा परियोजना विश्व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है। (ख) जी हाँ। (ग) परियोजना से उत्पादित 750 मेगावाट क्षमता बिजली में से 651 मेगावाट बिजली राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को तथा 99 मेगावाट बिजली दिल्ली मेट्रो कंपनी को विक्रय की जा रही है।
कुटीर उद्योग लगाने का प्रावधान
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
83. ( क्र. 1608 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले की चंदला विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत शासन द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने कुटीर उद्योग लगाये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर किस-किस प्रकार के कितने कुटीर उद्योग चल रहे हैं? प्रतिवर्ष कितने नये कुटीर उद्योग लगाये जाने का प्रावधान है? (ग) क्या शासन द्वारा उक्त कुटीर उद्यमियों को लाभ दिया जाता है? यदि हाँ, तो उक्त कुटीर उद्यमियों को कब, क्या लाभ दिया गया है? नामवार सूची उपलब्ध करायें।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) छतरपुर जिले के चांदला विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक 23 कुटीर उद्योग स्थापित करने हेतु ऋण/अनुदान सहायता स्वीकृत की गयी है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कुटीर उद्योग के स्थान एवं प्रकार की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। बजट उपलब्धता अनुरूप प्रतिवर्ष लक्ष्यों का निर्धारण किया जाता है। (ग) जी हाँ। उपलब्ध लाभ की नामवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसानों के खेतों में नाली निर्माण
[जल संसाधन]
84. ( क्र. 1609 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहाँ-कहाँ, जल संसाधन सिंचाई विभाग द्वारा काड़ा नाली का निर्माण विधान सभा क्षेत्र चंदला में किया गया है? संथावार सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त निर्माण कार्य हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गयी है? उक्त काड़ा नाली से किसानों को सिंचाई का लाभ दिया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों किसानों से सिंचाई की राशि वसूली जा रही है? (घ) विधान सभा चंदला क्षेत्रान्तर्गत जिन किसानों के खेतों में नाली नहीं बनाई गयी है तो उक्त किसानों के खेतों में कब तक काड़ा नाली का निर्माण किया जायेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी एवं संथावार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) स्वीकृत राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जून-2020 तक।
विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
85. ( क्र. 1636 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 1 जनवरी, 2015 से 22 फरवरी, 2020 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा कितनी सडकों, भवनों एवं अन्य निर्माण कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है? समस्त निर्माण कार्यों के नाम, राशि, सड़कों की लम्बाई, कार्यादेश की स्वीकृति, कार्य की पूर्णता दिनांक सहित सम्पूर्ण विवरण पृथक-पृथक उपलब्ध कराये तथा कितने कार्य अप्रारंभ है? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा 01/04/2019 से प्रश्न दिनांक तक क्षेत्र की कितनी सड़कों के निर्माण, किन-किन गांवों के मार्गों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव माननीय लोक निर्माण मंत्री, मुख्यमंत्री को प्रेषित किए गए हैं? प्रेषित पत्रवार संपूर्ण विवरण दें। (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित सड़कों के प्रस्तावों पर विभाग द्वारा कब तक स्वीकृति प्रदान कर दी जाएगी?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' एवं 1 व 2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार एवं उज्जैन जावरा मार्ग की चार लेन में चौड़ीकरण का कार्य वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
ट्रांसफार्मरों के रख-रखाव पर व्यय
[ऊर्जा]
86. ( क्र. 1638 ) श्री मुकेश रावत (पटेल) : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत संचालन संधारण संभाग अलीरापुर में विगत 03 वर्षों, वित्तीय विर्ष 2016-17 से 2018-19 तक कितने 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्रों, कितने 33 के.व्ही. लाईन, 11 के.व्ही. लाईन एवं कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों का रख-रखाव कार्य किया गया? संख्यात्मक जानकारी देवें। उक्त रख-रखाव पर कितनी राशि व्यय की गई वर्षवार जानकारी देवें। (ख) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत संचालन संधारण संभाग अलीराजपुर में विगत 03 वर्षों, वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक विद्युत लाईनों के रख-रखाव (मेंटेनेंस) कार्य हेतु कितने कर्मियों को विगत 03 वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 में आउटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराया गया? कर्मियों की संख्यावार वर्षवार जानकारी देवे। (ग) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत संचालन संधारण संभाग अलीराजपुर में विगत 03 वर्षों, वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक विद्युत लाईनों के रख-रखाव (मेन्टेनेंस) कार्य में क्या-क्या कार्य संपादित करवाए गये एवं इस हेतु मेनपावर प्रदाता कंपनी को विगत 03 वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 में कितनी राशि का भुगतान किया गया वर्षवार जानकारी देवें? (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड इन्दौर के अन्तर्गत संचालन-संधारण संभाग अलीराजपुर में विगत 03 वर्षों वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 में विद्युत लाइनों के रख-रखाव (मेन्टेनेंस) कार्य मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा किया गया तथा इन कर्मियों द्वारा किये गये रख-रखाव कार्यों का सत्यापन किस स्तर के अधिकारी (पद श्रेणी) द्वारा किया गया?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग अलीराजपुर में वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक 33/11 के.व्ही. वि़द्युत उपकेन्द्रों, 33 के.व्ही. लाईन, 11 के.व्ही. लाईन एवं विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों के किये गये रख-रखाव के कार्यों की वर्षवार संख्यात्मक जानकारी एवं उक्त रख-रखाव कार्यों पर व्यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) आऊटसोर्स के माध्यम से मेनपॉवर प्रदाता कंपनी द्वारा कार्य विशेष हेतु नहीं अपितु वर्षभर विभिन्न प्रकृति के समस्त कार्यों हेतु विद्युत वितरण कंपनी को श्रमिक उपलब्ध करवाये जाते हैं। विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारियों द्वारा उपरोक्त श्रमिकों की मदद से विद्युत अधोसंरचना के रख-रखाव का कार्य भी किया जाता है। तद्नुसार म.प्र. पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग, अलीराजपुर में प्रश्नाधीन अवधि यथा- वित्तीय वर्ष 2016-17 में 39 श्रमिक, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 34 श्रमिक एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में 34 श्रमिक आऊटसोर्स के माध्यम से मेनपावर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध कराये गये है। (ग) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग अलीराजपुर में वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक रख-रखाव (मेन्टेनेंस) कार्य के तहत पेड़ों की छँटाई, पिन इन्सुलेटर एवं डिस्क बदलना, क्षतिग्रस्त वी क्रॉस आर्म बदलना, क्षतिग्रस्त विद्युत पोलों को बदलना, जम्पर बदलना, केबल बदलना, अर्थिंग इत्यादि कार्य संपादित करवाए गये। मेनपावर प्रदाता कंपनी को वित्तीय वर्ष 2016-17 में राशि रु. 38.81 लाख, वित्तीय वर्ष 2017-18 में राशि रु. 40.94 लाख एवं वित्तीय वर्ष 2018-19 में राशि रु. 42.75 लाख इस प्रकार प्रश्नाधीन अवधि में कुल राशि रू. 122.50 लाख का भुगतान किया गया है। (घ) मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड के अंतर्गत संचालन-संधारण संभाग अलीराजपुर में वित्तीय वर्ष 2016-17 से वित्तीय वर्ष 2018-19 तक में विद्युत लाइनों के रखरखाव (मेन्टेनेंस) कार्य मेनपावर प्रदाता कंपनी के द्वारा उपलब्ध करवाये गये श्रमिकों की मदद से संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री के पर्यवेक्षण में कराया गया एवं मेनपॉवर प्रदाता कंपनी द्वारा उपलब्ध करवाये गये श्रमिकों की उपस्थिति पत्रक का सत्यापन संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री/कनिष्ठ यंत्री द्वारा किया गया।
विधि महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना
[उच्च शिक्षा]
87. ( क्र. 1659 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के शासकीय विधि महाविद्यालयों में लोक सेवा आयोग से चयनित सहायक प्राध्यापकों की पदस्थापना उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिनांक 13-12-2019 को जारी किये गए आदेश से की गई है, जारी आदेश में ऐसे सहायक प्राध्यापकों के नाम एवं उनके पदस्थापना के कॉलेजों के नामों का विवरण उपलब्ध कराएँ जिनकी पदस्थापना ऐसे विधि महाविद्यालयों में की गई है जो वर्तमान में बन्द हैं तथा जहाँ वर्तमान में कोई कक्षाएँ संचालित नहीं हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या बन्द विधि महाविद्यालयों में पदस्थ सहायक प्राध्यापकों को बिना कोई शैक्षणिक कार्य किये वेतन का भुगतान किए जाने से क्या लोकवित्त को अनुचित क्षति नहीं होगी? यदि नहीं, तो उस नीतिगत निर्णय से अवगत कराएँ कि इन बन्द विधि महाविद्यालयों को प्रारम्भ कराने के लिए विभाग द्वारा क्या सक्रिय प्रयास किये जा रहे हैं और इन महाविद्यालयों को कब तक प्रारम्भ करा लिया जाएगा? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त बन्द विधि महाविद्यालयों में पदस्थ किये गए सहायक प्राध्यापकों को विभाग द्वारा उन विधि महाविद्यालयों में डिप्लॉय/स्थानान्तरित किया जाएगा जिन महाविद्यालयों में अभी पद रिक्त हैं? इस संबंध में विभाग की क्या नीति है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रकरण विचाराधीन है। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' के आलोक में ऐसी आवश्यकता वर्तमान में नहीं है।
तीन एवं पांच वर्षीय विधि पाठयक्रमों के एक्सटेंशन फॉर एप्रूवल ऑफ एफिलिएशन
[उच्च शिक्षा]
88. ( क्र. 1660 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में लॉ कोर्स (एल.एल.बी. तीन वर्षीय एवं एल.एल.बी. पाँच वर्षीय पाठ्यक्रम) का संचालन करने वाले कुल कितने शासकीय एवं अशासकीय विधि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों में विधि पाठ्यक्रम संचालित हैं? जिलेवार महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों के नाम एवं इन महाविद्यालयों में नियुक्त नियमित सहायक प्राध्यापकों/सह प्राध्यापकों/प्राध्यापकों/प्राचार्यों की संख्या एवं उनका महाविद्यालयवार नाम सहित विवरण उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश में संचालित शासकीय/अशासकीय विधि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में संचालित विधि पाठ्यक्रमों को बार काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा प्राप्त एक्सटेंशन फ़ॉर एप्रूवल ऑफ एफिलिएशन की अद्यतन जानकारी महाविद्यालय/विश्वविद्यालयवार पृथक-पृथक उपलब्ध कराएँ। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों के लॉ कोर्स को बी.सी.आई. से एक्सटेंशन फ़ॉर एप्रूवल ऑफ एफिलिएशन दिलाने के लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बी.सी.आई. से समन्वय स्थापित कर क्या सक्रिय प्रयास किए गए हैं? इस संबंध में किए गए समस्त पत्राचार की छायाप्रतियां उपलब्ध कराएं।
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जबलपुर से भोपाल हाईवे निर्माण
[लोक निर्माण]
89. ( क्र. 1672 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी.आर.डी.सी. जबलपुर द्वारा एन.एच. 12 जबलपुर से भोपाल फोरलेन पहला हिस्सा 55 कि.मी. तक कराये जा रहे निर्माण कार्य की मूल योजना क्या है? इनकी निर्माणाधीन अवधि व लागत क्या है? इसका निर्माण कार्य कब से किस एजेंसी से किन शर्तों पर कराया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में कहाँ से कहाँ तक कितने-कितने कि.मी. तक का कौन-कौन सा कार्य पूर्ण है तथा कौन-कौन सा कितना कार्य कब से अपूर्ण व निर्माणाधीन है? उक्त कार्य समयावधि में पूर्ण न कराने का क्या कारण है? दोषी एजेंसी पर कब क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में अंधमूक चौराहे से भेड़ाघाट तक फोरलेन व भेड़ाघाट चौराहे तक सर्विस रोड बनाने की वर्तमान में क्या स्थिति है? उक्त निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जावेगा? निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच कब-कब, किसने की है तथा निर्माण एजेंसी को किन-किन कार्यों से संबंधित कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं कितनी राशि रोकी गई है?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 12 (मध्यप्रदेश) जबलपुर-हिरण नदी, पैकेज-1 के कि.मी. 10.400 से कि.मी. 66.000 तक खण्ड का पुर्नवास एवं उन्नयन का कार्य फोरलेन पेव्हड शोल्डर सहित, एन.एच.डी.पी.-3, ई.पी.सी. पद्धति पर उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य। योजना की निर्माण अवधि 730 दिवस है एवं निर्माण की लागत रू. 391.50 करोड़ है। योजना का निर्माण कार्य मेसर्स बांगड़ इन्फ्रा प्रा.लि. बांसवाड़ा (राजस्थान) के द्वारा दिनांक 23.01.2018 से कराया जा रहा है। निर्माण कार्य सड़क परिवहन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किये गये स्पेसिफिकेशन के अनुसार कराया जा रहा है। (ख) जबलपुर-भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 12 के चैनेज 10+400 से चैनेज 66+000 तक किये गये पूर्ण कार्य, अपूर्ण कार्य एवं निर्माणाधीन कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। अधिग्रहित भूमि पर विभिन्न स्थानों पर स्थानीय निवासियों द्वारा अतिक्रमण हटाने में काफी विलंब हुआ तथा तेवर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के नये भवन निर्माण के लिये शासकीय भूमि के आवंटन में विलंब हुआ चूंकि विलंब के लिये एजेंसी दोषी नहीं है अतः कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ग) अंधमूक चौराहे से भेड़ाघाट चौराहा तक कांक्रीट फोरलेन का कार्य ब्रिज की एप्रोच छोड़कर पूर्ण हो गया है एवं सर्विस रोड का कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। उक्त निर्माण कार्य स्वीकृत समय 14 सितम्बर 2020 तक पूर्ण होने की संभावना है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा नियुक्त अथॉरिटी इंजीनियर द्वारा नियमित रूप से की जाती है। निर्माण कार्य की जांच समय-समय पर एम.पी.आर.डी.सी. जबलपुर एवं भोपाल के अधिकारियों के द्वारा की जाती है। चीफ टेक्निकल एग्जामिनर (बिजलेंस), म.प्र. शासन भोपाल द्वारा कार्य की गुणवत्ता की जांच 3 मई 2019 को की गई थी। कार्य में इस्तेमाल की गई सामग्री जैसे सीमेंट, सरिया, गिट्टी, बालू, पानी आदि की जांच एन.ए.बी.एल. भारत सरकार द्वारा स्वीकृत प्रयोगशाला में भी कराई जाती है। निर्माण एजेंसी को भुगतान की गई राशि एवं रोकी गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
उपभोक्ताओं को नया सवेरा योजना दिया गया लाभ
[ऊर्जा]
90. ( क्र. 1673 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश शासन ने निम्न वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं के हितार्थ नया सवेरा योजना के तहत उपभोक्ताओं द्वारा 150 यूनिट तक बिजली की खपत करने पर रूपये 150/- बिजली बिल जमा करने की योजना लागू की है? (ख) म.प्र. विद्युत मंडल पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी जबलपुर द्वारा इसका लाभ विधान सभा क्षेत्र केन्ट जबलपुर के अंतर्गत निम्न वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को न देने का क्या कारण है? इस संबंध में विभाग को कितनी शिकायतें मिली हैं एवं कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है वर्ष 2019-20 मार्च 2020 तक की माहवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में कितने उपभोक्ताओं को नया सवेरा योजना का लाभ दिया गया है एवं कितने उपभोक्ता लाभ से वंचित है एवं क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) राज्य शासन द्वारा 150 यूनिट तक की खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिये नया सवेरा नहीं अपितु दिनांक 07.09.2019 को आदेश जारी करते हुए प्रदेश में इन्दिरा गृह ज्योति योजना लागू की गई है। संबल योजना से असम्बध्द करते हुए इस योजना के लाभ का विस्तार प्रदेश के 150 यूनिट तक की मासिक खपत वाले सभी घरेलू उपभोक्ताओं हेतु किया गया है। ऐसे सभी पात्र उपभोक्ताओं को 150 यूनिट पर 150 रूपये नहीं अपितु प्रथम 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम राशि रु. 100/- का बिल दिया जाने एवं 100 यूनिट खपत हेतु मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर से गणना किए गए बिल तथा राशि रु. 100/- के अन्तर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रुप में दिये जाने का प्रावधान किया गया है। 100 यूनिट से अधिक एवं पात्रता यूनिट की सीमा तक शेष यूनिटों के लिए म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित दर के अनुसार बिल देय होगा। किन्तु किसी माह में पात्रता यूनिट से अधिक खपत होने पर उपभोक्ता को उस माह में योजना का लाभ नहीं मिलेगा एवं उसकी पूरी खपत पर म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी टैरिफ आदेश में निर्धारित दर के अनुसार बिल देय होगा। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार उक्त योजना विद्युत खपत पर आधारित है तथा योजना का लाभ प्रश्नाधीन क्षेत्र सहित प्रदेश के सभी श्रेणी के पात्र उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। जबलपुर शहर के केन्ट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत उक्त योजना का लाभ नहीं मिलने संबंधी कोई भी शिकायत वितरण कंपनी के संबंधित कार्यालयों में प्रश्न दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जबलपुर शहर के केन्ट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विगत तीन माहों यथा नवम्बर, 2019, दिसम्बर, 2019 एवं जनवरी, 2020 में क्रमश: 56040, 56493 एवं 56977 कुल घरेलू उपभोक्ताओं में से इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत क्रमश: 42359, 43321 एवं 42596 उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। चूंकि उक्त योजना विद्युत खपत पर आधारित है, अत: योजना के प्रावधानों के अनुसार मासिक विद्युत खपत 150 यूनिट से अधिक होने के कारण शेष उपभोक्ता योजना के अंतर्गत लाभान्वित नहीं हो सके। उल्लेखनीय है कि प्रतिमाह विद्युत खपत के अनुसार उक्त योजना के अंतर्गत लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या में परिवर्तन होता है।
श्योपुर जिले में सड़कों का निर्माण की स्वीकृति
[लोक निर्माण]
91. ( क्र. 1680 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2019 की स्थिति में श्योपुर जिले में किन-किन योजनान्तर्गत लोक निर्माण विभाग की कितने कि.मी. की कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण कराना स्वीकृत व प्रस्तावित है? विगत चार वर्षों में कौन-कौन से सड़क मार्गों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि की प्रशासकीय स्वीकृत कब-कब जारी की गई तथा निर्माण कार्य पूर्ण करने हेतु कितनी समयावधि निर्धारित की गई तथा कौन-कौन से सड़क मार्गों के निर्माण के प्रस्ताव कहाँ-कहाँ भेजे गए? इनमें से कितने स्वीकृत हो चुके हैं? कितने किस स्तर पर लंबित हैं? सूची सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार स्वीकृत सड़क निर्माण कार्य किस-किस एजेंसी से कराए गए? कितना भुगतान किया गया एवं किन-किन सड़कों का निर्माण अपूर्ण है एवं क्यों? निविदा की शर्तों अनुसार समयावधि में कार्य पूर्ण न करने वाली एजेंसी के विरूद्ध क्या कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है व अभी तक इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार मार्गों के पूर्ण होने के बाद निर्माण कार्य घटिया होने से कौन-कौन से सड़क मार्गों के डामर उखड़ जाने, गड्ढे पड़ने एवं निर्माण घटिया होने के संबंध में कितनी शिकायतें प्राप्त हुईं? प्राप्त शिकायतों की जांच किस अधिकारी से कराई जाकर जांच प्रतिवेदनानुसार क्या कार्यवाही की गई? यदि जांच नहीं कराई गई तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार और प्रस्तावित कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ग) कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अत: जांच एवं कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि
[ऊर्जा]
92. ( क्र. 1686 ) श्री मनोज चावला : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण वृत्त रतलाम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-2018 से वित्तीय वर्ष 2019-20 में माह जनवरी-2020 तक कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई? संचालन-संधारण संभागवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) संचालन-संधारण वृत्त रतलाम के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2019-20 में माह जनवरी-2020 तक कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई? संचालन-संधारण संभागवार, वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें?। (ग) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र आलोट के अंतर्गत कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि किया जाना प्रस्तावित है? क्षमतावार, वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? उक्त प्रस्तावित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों में से कितने विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है एवं इन स्वीकृत विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों को कब तक स्थापित कर दिया जायेंगाl
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) संचालन-संधारण वृत्त रतलाम के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2019-20 में माह जनवरी-2020 तक, संचालन-संधारण संभाग रतलाम में 256 संचालन-संधारण संभाग जावरा में 84 एवं संचालन-संधारण संभाग आलोट में 80, इस प्रकार कुल 420 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शाए अनुसार संचालन-संधारण वृत्त रतलाम के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 से वित्तीय वर्ष 2019-20 में माह जनवरी-2020 तक कुल 420 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि की गई, जिसकी संचालन-संधारण संभागवार, वितरण केन्द्रवार एवं वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) वर्तमान में विधानसभा क्षेत्र आलोट के अंतर्गत कुल 6 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि किया जाना प्रस्तावित है, जिनकी क्षमतावार, वितरण केन्द्रवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। उपरोक्त प्रस्तावित विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि के सभी 6 कार्यों हेतु प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है तथा इन सभी 6 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का कार्य माह मार्च-2020 तक पूर्ण किया जाना संभावित है।
लेबड नयागांव पर टोल वसूली
[लोक निर्माण]
93. ( क्र. 1687 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लेबड नयागांव फोरलेन पर दुर्घटना के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाए गए ब्लैक स्पॉट की सूची देवें तथा फोरलेन निर्माण के बाद 1 जनवरी, 2018 से जनवरी 2020 तक उन स्थानों पर हुई दुर्घटना की सूची देवें। (ख) प्रश्नाधीन फोरलेन पर वित्तीय वर्ष 2016-2017 से 2019 -2020 में पांचों टोल बूथ पर कितने किलोमीटर के लिए कितने वाहनों से कितना शुल्क वसूला गया तथा उसकी गणना किस अनुसार की गई? (ग) प्रश्नाधीन फोरलेन में टोल राशि में से राज्य शासन को किस नियम से कितने प्रतिशत राशि प्रदान की जाती है उसकी प्रति देवें तथा बतावें की प्रारंभ से जनवरी 2020 तक शासन का हिस्सा कितना बनता है तथा कितनी राशि मिल चुकी है? (घ) प्रश्नाधीन फोरलेन के पांचों बूथ पर प्रारंभ से जनवरी 2020 तक टोल संग्रहण की राशि बूथ/टोल अनुसार बतावें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) लेबड़-जावरा फोरलेन पर दो सेक्शन (1) 0.000 से 66.250 लम्बाई 66.250 कि.मी. (टोल प्लाजा छोकला गाँव कि.मी. 41.500 पर स्थित) एवं (2) 66.250 से 124.150 लम्बाई 57.90 कि.मी. (टोल प्लाजा चिकलिया गाँव कि.मी. 79.000 पर स्थित) पर वित्तीय वर्ष 2016-17 से फरवरी-2020 तक 2,04,59,175 वाहनो से राशि 6,22,05,33,174/- का शुल्क वसूल किया गया है एवं जावरा-नयागाँव फोरलेन पर तीन सेक्शन (1) 125.000 से 173.000 लम्बाई 48.00 कि.मी. (टोल प्लाजा माननखेड़ा कि.मी. 148.600 कि.मी. पर स्थित) (2) 173.000 से 222.000 लम्बाई 49.00 कि.मी. (टोल प्लाजा पिपलियामण्डी कि.मी. 193.950 पर स्थित) एवं (3) 222.000 से 253.812 लम्बाई 30.812 (टोल प्लाजा नयागाँव कि.मी. 251.750 पर स्थित) पर वित्तीय वर्ष 2016-17 से फरवरी-2020 तक 3,62,72,933 वाहनो से राशि 7,32,07,30,652/- का शुल्क वसूल किया गया है। लेबड़-जावरा मार्ग में शेड्युल-आर तथा जावरा-नयागाँव मार्ग पर शेड्युल-सी अनुसार पथकर की दरें म.प्र. शासन, लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल द्वारा दिनांक 30.12.2006 को जारी अधिसूचना दर प्रति किलोमीटर अनुसार प्रतिवर्ष तय की जाती है। उपरोक्त दरे प्रत्येक वर्ष के अप्रैल माह में 7 प्रतिशत की दर से बढ़ाई जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) लेबड़-जावरा मार्ग पर अनुबन्ध के क्लॉज-26.2 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार टोल प्रारम्भ दिनांक से टोल राशि का 4.762 प्रतिशत प्रीमियम जमा करना था, जिसमें 1.00 प्रतिशत बढ़ौत्री प्रतिवर्ष की दर से की जाती है। कन्सेशनायर द्वारा प्रीमीयम दिया जाता है। कन्सेशनायर द्वारा 136.11 करोड़ जमा किया गया। जावरा-नयागाँव मार्ग पर अनुबन्ध के भाग III की कंडिका 22.6 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'3' अनुसार निर्धारित राशि शासन को प्रदान की जाती है। यह राशि कार्य पूर्णता पर रू. 15.39 करोड़ प्रथम वर्ष तथा 5 प्रतिशत बढ़ोत्री के साथ प्रतिवर्ष आगामी वर्षों में दी जाती है। जावरा-नयागांव मार्ग पर जनवरी-2020 तक शासन का रू. 1,67,48,74,434/- हिस्सा बनना है तथा रू. 1,67,48,74,434/-की राशि शासन को मिल चुकी है। इसके अतिरिक्त अनुबन्ध के भाग III की कण्डिका 6.10.3 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'4' अनुसार टोल आरम्भ के प्रथम 10 वर्ष तक प्रोजेक्ट मानिटरिंग फीस के रूप में टोल कलेक्शन की 1 प्रतिशत राशि तथा 11 से 15 वर्ष तक 2 प्रतिशत एवं 16 से टोल समाप्त होने तक 3 प्रतिशत राशि शासन को देय होगी। इस माह में अभी तक राशि रू. 10,82,12,177/- शासन को जमा कराई जा चुकी है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'5' अनुसार है।
संबल योजना में वित्त विभाग द्वारा ली गई आपत्ति
[श्रम]
94. ( क्र. 1691 ) श्री संजय उइके : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वित्तीय प्रावधान के बगैर ही वर्ष 2018 में ''संबल'' योजना लागू की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस पर वित्त विभाग द्वारा आपत्ति उठाई थी? वित्त विभाग द्वारा ली गई आपत्ति की स्वच्छ एवं सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या सरकार उपरोक्त अनियमितता की जांच तथा इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
फ्लाय ऐश के विक्रय संबंधी नियम
[पर्यावरण]
95. ( क्र. 1695 ) श्री सुनील सराफ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फ्लाय-ऐश का विक्रय तथा मुफ्त या कम दरों पर उपलब्ध कराने सम्बंधित नियमों की जानकारी देवें। (ख) उज्जैन जिले में किन-किन उद्योगों द्वारा फ्लाय-ऐश का विक्रय किस दर पर किया जा रहा हैं? (ग) विगत 03 वर्ष में उज्जैन जिले के उद्योगों द्वारा कितनी फ्लाय-ऐश का विक्रय किस दर पर किया गया है एवं कितनी मात्रा विक्रय की गई है? उ़द्योगवार, महावार दर, मात्रा सहित वर्षवार बतावें। यदि विक्रय दर घटी या बड़ी हो तो उसकी भी जानकारी माहवार देवें। (घ) क्या फ्लाय-ऐश स्थानीय उद्योगों/इकाईयों को मुफ्त उपलब्ध करायें जाने के नियम हैं? यदि हाँ, तो उज्जैन जिले के उद्योगों द्वारा किन-किन उद्योगो/इकाईयों को इस नियम के तहत लाभ दिया गया? विगत दो वर्षों की जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) (फ्लाय एश अधिसूचना,1999 (यथा संशोधित) की कंडिका 2 (1) में फ्लाई एश का मुफ्त प्रदाय करने संबंधी प्रावधान वर्णित है। (ख) एवं (ग) मेसर्स ग्रेसिक इण्डस्ट्रीज लिमिटेड (स्पेटल फाईबर डिवीजन), नागदा के 03 केप्टिव ताप विद्युत गृहों द्वारा विगत तीन वर्षों में 459509 टन फ्लाय एश विक्रित की गई है एवं 18930 टन फ्लाय एश मु्फ्त प्रदान की गई। रूपये 50/- प्रतिटन से रूपये 1000/- प्रतिटन की दर से फ्लाय एश विक्रित की गई। (घ) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। विगत दो वर्षों में किसी उद्योग/इकाई को फ्लाय एश मुफ्त प्रदान नहीं की गई है।
ग्रेसीम उद्योग द्वारा फ्लाय-ऐश का विक्रय
[पर्यावरण]
96. ( क्र. 1696 ) श्री सुनील सराफ : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के नागदा जंक्शन स्थित ग्रेसिम इन्डस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा दिनांक 01.06.2018 से 31.01.2020 तक कितनी फ्लाय-ऐश का विक्रय किया गया? फर्म नाम, विक्रय मात्रा, दर सहित माहवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त जानकारी 16 मेगावॉट, 25 मेगावॉट एवं 40 मेगावॉट के संयंत्रों के संबंध में पृथक-पृथक देवें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) अनुसार जिन फर्मों को फ्लाय-ऐश विक्रय किया गया उनका कितना टी.डी.एस. काटा गया? उनका फर्मवार, बिलवार/इनवाईसवार, माहवार जानकारी देवें। समस्त बिलों/इनवाईस की प्रमाणित प्रतियां माहवार देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) उद्योग मेसर्स ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लि., (स्टेपल फाइबर डिवीजन) द्वारा प्रदत्त जानकारी अनुसार 1.6.18 से 31.1.2020 तक उद्योग द्वारा 279642 टन फ्लाई एष का विक्रय किया गया। शेष विवरण उद्योग द्वारा व्यवसायिक गोपनीयता को आधार बताकर प्रदान नहीं किया गया। (ग) विवरण उद्योग द्वारा व्यवसायिक गोपनीयता को आधार बताकर प्रदान नहीं किया गया।
पन्ना-सतना बायपास मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
97. ( क्र. 1701 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अजयगढ़ से सतना जिले जाने हेतु भारी वाहन पन्ना शहर के अन्दर से होकर गुजरते हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या इन वाहनों के कारण पन्ना शहर में होने वाली यातायात समस्या व प्रदूषण को देखते हुए अजयगढ़ रोड से सतना-कटनी जाने हेतु बायपास मार्ग का निर्माण किये जाने हेतु कोई योजना बनाई गयी है? यदि हाँ, तो? बतावे। यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) संबंध में म.प्र. सड़क विकास निगम को प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये पत्र क्रमांक 05 दिनांक 07.01.2020 में क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्तमान में अजयगढ़ रोड़ से सतना-कटनी जाने हेतु बायपास मार्ग के निर्माण के लिये सीमित वित्तीय संसाधन होने से विभाग द्वारा कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
शासकीय आवासों में कराये गये कार्य
[लोक निर्माण]
98. ( क्र. 1702 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिला अन्तर्गत कुल कितने एफ टाईप, एच टाईप, जी टाईप,आई टाईप शासकीय आवास हैं जिनका रख-रखाव लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है? (ख) पन्ना जिले में वर्ष 2019-20 (ए.आर. व एस.आर.) मद अन्तर्गत शासकीय आवासों में मरम्मत कार्य, निर्माण कार्य एवं पुताई के कार्य हेतु कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ था एवं उक्त आवंटन के विरूद्ध क्या-क्या कार्य शासकीय आवासों में कराये गये हैं अथवा प्रचलन में है? कार्य अनुसार आवासवार जानकारी देवें एवं कार्यपूर्ण उपरान्त कर्मचारी से लिया जाने वाला कार्यपूर्णता प्रपत्र की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) पन्ना जिला अन्तर्गत वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक शासकीय आवासों के मरम्मत हेतु कितने शासकीय कर्मचारियों के आवेदन प्राप्त हुए थे एवं उनमें से कितने आवेदनों पर कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। मरम्मत कार्यों का पूर्णता प्रमाण-पत्र दिये जाने का प्रावधान नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार।
खेल स्टेडियम बनाने योजना
[खेल और युवा कल्याण]
99. ( क्र. 1710 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला धार अंतर्गत धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र में धामनौद एवं धरमपुरी खेल स्टेडियम की कई बार मांग की जा चुकी है, यहाँ पर युवाओं में खेल के प्रति प्रतिभा है, जो देश विदेश में जा सकती है, इस शहरी क्षेत्र में विभाग की खेल स्टेडियम बनाने की क्या योजना है और कब तक बनाया जायेगा? (ख) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी में ग्रामीण क्षेत्रों में कबड्डी और वॉलीबाल खेल के क्षेत्र में अच्छी प्रतिभा हैं, इनको आगे बढ़ाने के लिये विभाग की क्या योजना है? (ग) खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी में प्रश्न तारीख तक ग्रामीण क्षेत्रों में किस खेल की कितनी सामग्री किन-किन ग्राम पंचायतों में उपलब्ध कराई गई वर्षवार, पंचायतवार, खेल सामग्रीवार, राशिवार जानकारी देवें। (घ) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी में ग्रामीणों द्वारा जिम के लिये कई बार विभाग से मांग की जा चुकी है और अभी तक किन ग्राम पंचायतों में जिम उपलब्ध कराई गई है वर्षवार, पंचायतवार, जिम सामग्रीवार, राशिवार जानकारी देवें और जिन पंचायतों में नहीं है वहां कब तक उपलब्ध कराई जायेगी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। विभागीय नीति अनुसार विभाग के नाम भूमि आवंटन होने पर बजट की उपलब्धता अनुसार स्टेडियम निर्माण पर विचार किया जाता है वर्तमान में प्रश्नाधिन स्थानों पर विभाग के नाम भूमि आवंटित नहीं होने के कारण कार्यवाही की जाना संभव नहीं है। इस संबंध में निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) विभाग द्वारा समय-समय पर मुख्यमंत्री कप, विधायक कप, प्रांतीय ओलंपिक, प्रतियोगिताओं का आयोजन कर खेल प्रतिभाओं को उभारने का प्रयास किया जाता है। धरमपुरी हेतु विभाग द्वारा कबड्डी खेल हेतु 2 सेट प्रदाय किये गये है। (ग) ग्राम पंचायत स्तर पर खेल सामग्री उपलब्ध करायी जाने की विभाग की कोई योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्राम पंचायत स्तर पर जिम सामग्री उपलब्ध करवाने की विभाग की कोई कार्य योजना नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता की जांच
[लोक निर्माण]
100. ( क्र. 1713 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम रूनाहा से नरसिंहगढ़ सड़क क्या लोक निर्माण विभाग की है एवं उक्त सड़क का निर्माण कार्य कब पूर्ण हुआ? कार्य की लागत, लंबाई, निर्माण एजेन्सी का नाम तथा उक्त मार्ग निर्माण की सतत निगरानी करने का दायित्व किन-किन अधिकारियों का था? नाम पद नाम सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में सड़क निर्माण कार्य में मार्ग के दोनों ओर साईड पटरी भराई कार्य में किस मटेरियल का उपयोग किये जाने का प्रावधान होता है? क्या उक्त मटेरियल का उपयोग ही प्रश्नांश (क) वर्णित मार्ग की साईड पटरी भराई में कराये जाने का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो क्या निर्माण एजेन्सी एवं जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत के कारण उक्त मार्ग की साइड पटरी भराई कार्य में मुरम अथवा प्रावधान अनुसार मटेरियल के स्थान पर कई जगह काली मिट्टी का उपयोग किया गया है, जिससें वर्षाकाल में अत्यधिक फिसलन होने से दुर्घटनाएं एवं कीचड़ होने की शिकायतें आई थी तथा आगामी वर्षाकाल में भी उक्त स्थिति निर्मित होगी? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा उक्त संबंध में कोई कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्तानुसार शासन क्या प्रश्नांश (ख) वर्णित कार्य की वास्तविक स्थिति से अवगत होने एवं बरती गई अनियमितताओं के विरूद्ध कार्यवाही हेतु उक्त कार्य की जांच करवाएगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) रूनाहा-नरसिंहगढ़ एन.डी.बी. योजना में निर्मित नरसिहंगढ़-बैरसिया मार्ग एवं बैरसिया-नरसिंहगढ़ मार्ग का हिस्सा हैं, कार्य पूर्णता की तिथि 20.05.2019 है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सड़क निर्माण कार्य में मार्ग के दोनों ओर पटरी भराई कार्य में 12 एवं उससे अधिक सी.बी.आर. की मिट्टी के उपयोग का प्रावधान है। जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता हैं। (ग) जी नहीं, कार्य में अनियमितता नहीं हुई है। कार्य में अनियमितता नहीं होने के कारण जांच का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
वैकल्पिक ऊर्जा की कार्ययोजना
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
101. ( क्र. 1714 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत विभाग द्वारा नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई अथवा बनाई जा रही है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत कई ऊंची-ऊंची पहाडियां स्थित है, जो कि पवन चक्की जैसे संयंत्र स्थापित कर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने के उत्तम विकल्प सिद्ध हो सकते हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा नरसिंहगढ़ के प्राकृतिक स्वरूप का उपयोग करने तथा वैकल्पिक ऊर्जा को बढावा देने के लिये प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्तानुसार क्या शासन विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिये विभागीय स्तर पर कोई कार्ययोजना तैयार करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) विभाग के अधीनस्थ म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ सहित सम्पूर्ण प्रदेश में वर्तमान में लागू योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त, राज्य शासन, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, लघु जल आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 एवं बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 लागू है। नीति के प्रावधानों के अंतर्गत निज विकासक/ सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा परियोजनाएं स्थापित की जाती है। राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ में किसी भी विकासक द्वारा परियोजना स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) ''पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012'' के प्रावधानों के अंतर्गत निजी इकाइयों द्वारा परियोजनाओं की स्थापना की जाती है। निजी ईकाइयां स्वयं स्थल का चयन कर पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की अनुकूलता/साध्यता जानने हेतु यथा आवश्यक सर्वेक्षण करती हैं एवं परियोजना की साध्यता सुनिश्चित होने के पश्चात ही परियोजना स्थापना करती है। पवन चक्की संयंत्र स्थापना हेतु राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ में किसी भी विकासक द्वारा परियोजना स्थापित करने का प्रस्ताव शासन को प्राप्त नहीं हुआ है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग के अधीनस्थ म.प्र. ऊर्जा विकास निगम लि. द्वारा राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ सहित सम्पूर्ण प्रदेश में वर्तमान में लागू योजनाओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। इसके अतिरिक्त, राज्य शासन, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग द्वारा पवन ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, सौर ऊर्जा परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012, लघु जल आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2012 एवं बायोमास आधारित परियोजना क्रियान्वयन नीति-2011 लागू है। नीति के प्रावधानों के अंतर्गत निज विकासक/सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा परियोजनाएं स्थापित की जाती है। विभाग स्तर पर कार्ययोजना तैयार नहीं की जाती है।
सोलर पावर प्लांट से उत्पादित बिजली
[नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा]
102. ( क्र. 1720 ) श्री संजय यादव : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा में विश्व का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट स्थापित है? यदि हाँ, तो क्या इससे उत्पन्न हो रही बिजली राज्य को मिल रही है? (ख) यदि नहीं, तो उत्पादित बिजली का उपभोक्ता कौन है?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जी नहीं, अपितु रीवा जिले में सोलर पॉवर परियोजना विश्व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक है, परियोजना से उत्पादित 750 मेगावाट क्षमता बिजली में से 651 मेगावाट बिजली राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों के लिए म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को विक्रित की जा रही है। (ख) परियोजना से उत्पादित 750 मेगावाट क्षमता बिजली में से 651 मेगावाट बिजली राज्य की विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को तथा 99 मेगावाट बिजली दिल्ली मेट्रो कंपनी को विक्रय की जा रही है।
सड़कों एवं पुलियाओं के निर्माण की जानकारी
[लोक निर्माण]
103. ( क्र. 1722 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 में आई बाढ़ में राजस्थान और मध्यप्रदेश को जोड़ने वाला पुल सीतामऊ से चैमहला गंगधार मार्ग एवं पिपलिया जागिर में निर्मित पुल क्षतिग्रस्त हुए थे उनकी वर्तमान स्थिति से अवगत करावें। (ख) उपरोक्त नवीन पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद भी विभाग द्वारा ठेकेदारो से प्रश्न दिनांक तक पुनः कार्य प्रारम्भ क्यों नहीं कराया गया? (ग) उपरोक्त पुल एवं मार्गों के निर्माण के ठेकेदारो का नाम बतावे तथा विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी देवें। (घ) कब तक उपरोक्त पुलियाओं का कार्य प्रारम्भ कर आवागमन प्रारम्भ हो जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) सीतामऊ से चैमहला गंगधार मार्ग से चंबल नदी पर पुल क्षतिग्रस्त हुआ है एवं पिपलिया जागिर में निर्मित पुल क्षतिग्रस्त नहीं हुआ वर्तमान में यथास्थिति है। (ख) क्षतिग्रस्त पुल नवीन नहीं था, अपितु वर्ष 2009 में निर्मित पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। अतः ठेकेदार से प्रश्न दिनांक तक पुनः कार्य प्रारंभ करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पिपलिया जागिर मार्ग पर आलोट बरखेड़ा दीपाहेड़ा निर्माणाधीन मार्ग में ग्राम पिपलिया जागीर के पास कि.मी. 26/8 में स्थित पुल के आलोट तरफ की निर्माणाधीन पहुँच मार्ग अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त हुई है, क्षतिग्रस्त पहुँच मार्ग का मरम्मत कार्य प्रगति पर है। (ग) क्षतिग्रस्त पुल नवीन नहीं था, अपितु वर्ष 2009 में निर्मित पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। क्षतिग्रस्त पुल के पुनर्निर्माण हेतु कार्य स्वीकृत नहीं है अत: ठेकेदार चयनित नहीं है। कि.मी. 26/8 में क्षतिग्रस्त पहुँच मार्ग का मरम्मत कार्य प्रगति पर है, ठेकेदार का नाम मेसर्स लटाला कन्स्ट्रक्शन कम्पनी, जयपूर (राजस्थान)। कार्यपालन यंत्री के पत्र क्र. 2643 दिनांक 10.10.2019 के द्वारा ठेकेदार को क्षतिग्रस्त पहुँच मार्ग के मरम्मत करने हेतु निर्देशित किया गया है। (घ) सीतामऊ से चैमहला गंगधार मार्ग के कि.मी. 13/6 में चंबल नदी पर क्षतिग्रस्त पुल मरम्मत योग्य नहीं है, अत: आवागमन प्रांरभ करने की निश्चित समय बताया जाना संभव नहीं है। उत्तरांश (ख) के उत्तर अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
खेल विभाग से प्राप्त राशि की जानकारी
[खेल और युवा कल्याण]
104. ( क्र. 1723 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक खेल विभाग द्वारा म.प्र. में स्टेडियम एवं खेल मैदान निर्माण तथा टूर्नामेंट के आयोजन हेतु कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी राशि दी गई? (ख) विभाग द्वारा मंदसौर जिले को जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितनी राशि उपरोक्त कार्यों हेतु प्रदान की गई है? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) दिनांक 30.11.2019 को खेल मंत्री के मंदसौर जिले में प्रवास के दौरान क्या-क्या घोषणाएं की गई थी? (घ) उपरोक्त घोषणाओं एवं प्रश्नकर्ता द्वारा की गई मांगों को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय प्रारंभ किये जाने में विलंब का कारण
[श्रम]
105. ( क्र. 1727 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ किये जाने हेतु लगभग 5 एकड़ शासकीय भूमि नगर परिषद चांदमेटा अन्तर्गत आवंटित की जा चुकी हैं? (ख) यदि हाँ तो फिर विभाग द्वारा श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय की स्वीकृत प्रदान किये जाने एवं विद्यालय को प्रारंभ किए जाने में काफी विलंब किये जाने का क्या कारण हैं? (ग) नगर चांदामेटा में श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति हेतु विभागीय औपचारिकताओं व आवश्यक कार्यवाही को पूर्ण कर कब तक श्रमिक आई.टी.आई. विद्यालय को प्रारंभ कर दिया जायेगा?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भवन एवं अन्य संनिर्माण (सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 1996 की धारा 60 के अंतर्गत जारी आदेश दिनांक 07 जून, 2016 एवं श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आदेश दिनांक 11 जुलाई, 2017 के प्रावधानांतर्गत आई.टी.आई. निर्माण अनुमत्य नहीं होने से आई.टी.आई. की स्वीकृति विभाग द्वारा नहीं दी गई है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
चम्बल नदी पर धुरेरी बैराज की स्वीकृति
[जल संसाधन]
106. ( क्र. 1729 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत चम्बल नदी पर प्रस्तावित धुरेरी बैराज के संबंध में पत्राचार कब-कब किया पत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के सदंर्भ में प्रस्तावित बैराज के प्रस्ताव किस स्तर पर किस कारण से लंबित हैं प्रस्ताव लंबित रखने वाले अधिकरी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत लगभग 20-25 ग्रामों की पेयजल पूर्ति एवं सिचाई हेतु अति उपयोगी धुरेरी बैराज को कब तक स्वीकृति दी जावेगी? (घ) बड़नगर विधानसभा में बालोदा हसन बैराज, चिचोडिया बैराज, चामलेश्वर बैराज की ऊँचाई बढ़ाने का प्रस्ताव किस स्तर पर लंबित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) धुरेरी बैराज का परियोजना प्रतिवेदन मैदानी स्तर पर परीक्षणाधीन है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ग) धुरेरी बैराज से पेयजल का प्रावधान नहीं है। बैराज से केवल सिंचाई प्रस्तावित है। परियोजना की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव शासन स्तर पर प्राप्त होने पर परीक्षणोपरांत गुण-दोष के आधार पर स्वीकृति के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। परियोजनाओं की स्वीकृति बजट की उपलब्धता से आबद्ध होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) बड़नगर विधान सभा में बालोदाहसन बैराज सर्वेक्षणाधीन है। चिचोडिया बैराज एवं चामलेश्वर बैराज की ऊँचाई बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
राजस्व ग्रामों का विद्युतीकरण
[ऊर्जा]
107. ( क्र. 1730 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संचालन-संधारण संभाग बड़नगर के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं वित्तीय वर्ष 2019-20 में माह जनवरी-2020 तक जनगणना-2011 के अनुसार राजस्व ग्रामों का कौन-कौन सी योजना में विद्युतीकरण का कार्य किया गया है वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? कितने ग्रामों के चिन्हित मजरे टोलो में विद्युतीकरण का कार्य शेष हैं? पूर्ण किये गये ग्रामों की मजरे टोलो सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) जिन ग्रामों अथवा मजरे टोले में विद्युतीकरण का कार्य शेष है। इनमें कब तक विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा? ग्रामवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) ग्रामीण क्षेत्र में अपनी कृषि भूमि पर मकान बनाकर रह रहे किसानों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति के संबंध में विभाग की क्या योजना है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) संचालन-संधारण संभाग बड़नगर के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में माह जनवरी-2020 तक जनगणना-2011 के अनुसार 128 राजस्व ग्रामों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना एवं सौभाग्य योजना के अंतर्गत विद्युत अद्योसंरचना निर्माण का कार्य किया गया है, जिसकी वर्षवार एवं योजनावार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। संचालन-संधारण संभाग बड़नगर में उक्त 128 राजस्व ग्रामों के समस्त चिन्हित मजरों/टोलो में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिनकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि पर बने मकानों को तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता अनुसार विद्युत कनेक्शन प्रदान कर विद्युत प्रदाय किया जाता है। फीडर विभक्तिकरण के पश्चात् कृषि फीडरों को 10 घंटे एवं आबादी फीडरों को 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाता है। यदि उपभोक्ता का घरेलू कनेक्शन निकटस्थ कृषि फीडर से संबद्ध है तो उसे नियमानुसार 10 घंटे तथा यदि कनेक्शन आबादी फीडर/मिश्रित फीडर से संबद्ध है तो उसे नियमानुसार 24 घंटे विद्युत प्रदाय किया जाता है वर्तमान में लागू उक्त व्यवस्था के अतिरिक्त अन्य कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
हरदा छीपानेर रोड पर नर्मदा नदी पर ब्रिज निर्माण
[लोक निर्माण]
108. ( क्र. 1736 ) श्री कमल पटेल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले में हरदा छीपानेर रोड पर नर्मदा नदी पर चिचोट कुटी के पास ब्रिज निर्माण का कार्य चल रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो उक्त ब्रिज निर्माण की स्वीकृति कब हुई तथा कितनी राशि की लागत से ब्रिज निर्माण कराया जा रहा है? (ग) ब्रिज निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जाना था? विलंब होने के क्या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी है? (घ) उक्त ब्रिज का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जाएगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। (ख) ब्रिज निर्माण की स्वीकृति दिनांक 25.01.2012 एवं पुनरीक्षित स्वीकृति दिनांक 26.03.2015 जारी की गई है एवं लागत राशि रूपये 3866.92 लाख से निर्माण कराया जा रहा है। (ग) ब्रिज निर्माण कार्य दिनांक 14.02.2016 को पूर्ण हो जाना था। ठेकेदार द्वारा धीमी गति से कार्य करने के कारण ठेकेदार से विलंब के लिये चल देयकों से राशि रोकी जा रही है कोई दोषी नहीं है। (घ) जून 2020 तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।
हरदा जिले में खेलों को बढ़ावा देने हेतु प्राप्त राशि
[खेल और युवा कल्याण]
109. ( क्र. 1737 ) श्री कमल पटेल : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में खेलों को बढ़ावा देने के लिए शासन/विभाग द्वारा किस-किस मद में वित्तीय वर्ष 2019-2020 में कितनी राशि जारी की गई? (ख) विभाग द्वारा हरदा जिले में उक्त प्राप्त राशि से अब तक क्या-क्या कार्य, किस-किस संस्था से कराए गए है? (ग) वित्तीय वर्ष 2015-2016, 2016-2017, 2017-2018 एवं 2018-2019 में खेलों को बढ़ावा देने हेतु विभाग द्वारा कितनी राशि प्राप्त हुई थी? (घ) विभाग द्वारा हरदा जिले में वित्तीय वर्ष 2019-2020 में प्राप्त राशि का उपयोग समय-सीमा में कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता
रीवा जिले के मझियार से सथिनी रोड का निर्माण
[लोक निर्माण]
110. ( क्र. 1749 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा विधान सभा क्षेत्र के सेमरिया अंतर्गत मझियार से सथिनी जर्जर रोड का मरम्मत कार्य कब कराया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) उपरोक्त सड़क के मरम्मत कार्य न किये जाने हेतु कौन दोषी है? (ग) क्या बरसात पूर्व उक्त जर्जर सड़क का मरम्मत कार्य कर दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 1 अनुसार है। शेष प्रश्न का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) सड़क का प्रश्नांश भाग जो गिट्टीकृत विद्यमान सतह है, जिसका मरम्मत कार्य विभागीय संसाधनों से किया जायेगा तथा मार्ग के मजबूतीकरण का प्राक्कलन तैयार किया जा रहा है वर्तमान में समय-सीमा बताना संभव नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सिंचाई योजनाओं एवं जलाशयों की योजनाएं
[जल संसाधन]
111. ( क्र. 1758 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कौन-कौन सी सिंचाई योजनाएं जलाशयों के प्रस्ताव विभाग द्वारा शासन स्तर पर स्वीकृति हेतु भेजे गए हैं? ऐसी सभी सिंचाई योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विभाग को भेजे गए प्रस्तावों में से शासन द्वारा अभी तक कितनी प्रस्तावित सिंचाई योजनाएं निर्माण करने की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है एवं कितनी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति किया जाना बाकी हैं? ऐसी सभी सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति कब तक प्रदान कर दी जायेगी? (ग) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के लिए शासन द्वारा जिन सिंचाई योजनाओं के प्रस्तावों की स्वीकृति अभी तक प्रदान नहीं की गई है, वह कौन-कौन सी हैं? क्या इसमें ऐर नदी पर सनघटा डेम की स्वीकृति भी प्रस्तावित है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) 02 लघु सिंचाई योजनाओं की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है एवं 01 मध्यम सिंचाई परियोजना को स्वीकृत किया जाना बाकी है। परियोजनाओं की स्वीकृति बजट की उपलब्धता से आबद्ध होने के कारण निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) सनघटा (ऐर) मध्यम सिंचाई परियोजना। जी हाँ।
दरौंनी सिंचाई परियोजना की स्वीकृति
[जल संसाधन]
112. ( क्र. 1759 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी विधानसभा के लिए दरौंनी सिंचाई परियोजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो योजना के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? दरौंनी सिंचाई परियोजना की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) दरौंनी सिंचाई परियोजना के अंतर्गत शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र की कितनी भूमि को सिंचित किया जावेगा और योजना से कौन-कौन से ग्राम लाभान्वित होगें? (ग) दरौंनी सिंचाई परियोजना की स्वीकृति की कार्यवाही पूर्ण होकर निविदा कब आमंत्रित की जायेगी एवं कार्य कब तक प्रारंभ किया जावेगा?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) जी नहीं। दरौनी सिंचाई परियोजना की प्रति हेक्टर लागत शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड से अधिक होने के कारण वित्तीय समिति की बैठक दिनांक 05.09.2018 में प्राप्त अनुशंसा के अनुक्रम में दरौनी सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति का प्रस्ताव, संलग्न परिशिष्ट में दर्शित शासन के आदेश दिनांक 20.09.2018 द्वारा निरस्त किया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग निर्माण
[लोक निर्माण]
113. ( क्र. 1767 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग के निर्माण कार्य का टेंडर गुजरात की कंपनी M/s Vel ji Ratna Sorathiya को दिया गया है? कंपनी को रोड निर्माण का यह टेंडर कब दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित टेंडर के तहत मनावर-उमरबन-कालीबावड़ी-धामनोद मार्ग निर्माण का कार्य कब तक पूर्ण करने की समय-सीमा तय की गई थी? क्या मार्ग निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा दें। यदि नहीं, तो मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण करने की नई समय-सीमा क्या निर्धारित की गई है? (ग) मार्ग-निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा में संपन्न करने के लिए क्या विशेष प्रयास किए जा रहे हैं? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) उक्त मार्ग निर्माण कार्य में विलंब के लिए किसकी जवाबदेही तय कर क्या कार्रवाई की गई है? जवाबदेही तय न करने की स्थिति में कारण स्पष्ट करें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी हाँ। दिनांक 26.09.2018 दिया गया है। (ख) अनुबंध अनुसार कार्य पूर्ण करने हेतु वर्षाकाल सहित 18 माह अर्थात दिनांक 25.03.2020 तक समय-सीमा तय की गई है। जी नहीं, कार्य प्रगति पर है। कार्य दिनांक 30.11.2020 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। (ग) मार्ग निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा में संपन्न करने हेतु ठेकेदार को कार्य की प्रगति बढ़ाने हेतु निर्देशित किया गया है। अनुबंध में निहित प्रावधान के तहत दण्ड स्वरूप रू. 54.94 लाख की राशि रोकी गई है ठेकेदार को अनुबंध की धारा 27, 27.1, 27.2 एवं 27.3 के तहत कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मार्ग निर्माण में विलम्ब के लिये ठेकेदार जिम्मेदार है। समय-सीमा में कार्य सम्पन्न नहीं करने से ठेकेदार के विरूद्ध अनुबंध के प्रावधान अनुसार उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यवाही की जा रही है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की योजनाएं
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
114. ( क्र. 1768 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में कुटीर एवं ग्रामोद्योग का वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 का लक्ष्य क्या था एवं क्या है? जनसंख्या-अनुपात में हितग्राहियों का प्रतिशत, संख्या, राशि समेत पृथक-पृथक तत्संबंधी समस्त ब्यौरा दें। (ख) कुटीर एवं ग्रामोद्योग योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को वर्ष 2018-19, 2019-20 में लाभान्वित किया गया? नाम, पता एवं योजनावार पृथक-पृथक प्रति उपलब्ध कराएं। (ग) विभाग के विभिन्न योजनाओं के तहत अप्रैल 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने व्यक्तियों, उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों एवं अशासकीय संस्थाओं को किस दर से कितनी राशि ऋण-स्वरूप प्रदान की गई? इसमें से कितने व्यक्ति, उद्यमी अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग से थे? योजनावार, वर्गवार, राशिवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बेरोजगारी खत्म करने एवं पलायन रोकने के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी विशेष योजनाओं का संचालन हो रहा है? यदि नहीं, हो रहा है तो कारण बताएं। क्या इस तरह की योजनाओं को शुरू करने का प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो योजना का नाम बताएं। (ङ) लघु वनोपज के संग्रहण, विपणन, भण्डारण एवं परिवहन के लिए विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हो रही हैं?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) एवं (ग) लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' प्रपत्र 1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (घ) बेरोजगारी समाप्त करने हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना, मलबरी रेशम विकास हेतु एकीकृत क्लस्टर विकास योजना संचालित है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ड.) लघु वनोपज अंतर्गत मलबरी/टसर ककून के विपणन, भण्डारण एवं परिवहन हेतु सिल्क फेडरेशन द्वारा ककून बैंक, यार्न बैंक संचालित है।
विभागीय योजनाओं में विद्युतीकरण के कार्य
[ऊर्जा]
115. ( क्र. 1826 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में विगत 03 वर्ष की अवधि में किन-किन शासकीय/विभागीय योजनाओं के क्या प्रावधानों के तहत घरेलू, व्यवसायिक, कृषि एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों को कहाँ-कहाँ लगाया/स्थापित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) कार्यों को किस आवश्यकता/मांग/जानकारी के आधार पर कराया गया एवं इन कार्यों का प्रस्ताव तैयार करने एवं कार्यों की स्वीकृति प्रदान करने का कार्य तथा कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा किया गया था? (ग) प्रश्नांश (क) कार्यों के प्रस्ताव में क्या संभावित उपभोक्ताओं की संख्या का आंकलन किया गया था? यदि हाँ, तो प्रस्ताव क्या था? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) विद्युत लाइनों को लगाए जाने के कार्य किस ठेकेदार फर्म/कंपनी द्वारा किन कार्यदेशों से कब-कब किए गए एवं कार्यों में कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी एवं लगाई गयी नवीन विद्युत लाइनों से कितने उपभोक्ताओं को विद्युत मिलना होना प्रारम्भ हुआ हैं? (ङ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में विद्युतीकरण के किन-किन कार्यों में क्या अनियमितताओं के चलते क्या जांच/कार्यवाही की गयी एवं किस स्तर पर वर्तमान में प्रचलन में हैं और इन अनियमितताओं के लिए किन अधिकारियों, कर्मचारियों/ठेकेदार को प्रथम दृष्टया जिम्मेदार पाया गया हैं? इन अनियमितताओं से कितना आर्थिक नुकसान किसे वहन करना पड़ा?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) कटनी जिले में विगत 3 वर्ष की अवधि यथा-वर्ष 2017-18, वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 (जनवरी-2020 तक) में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, आई.पी.डी.एस., फीडर विभक्तिकरण, सौभाग्य योजना, मुख्यमंत्री स्थाई कृषि पम्प कनेक्शन योजना, जमा योजना एवं अन्य विभागीय योजनाओं में प्रावधानों के तहत घरेलू, व्यवसायिक, कृषि एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों को कटनी शहर एवं 17 वितरण केन्द्रों यथा-बड़वारा, रीठी, निवार, बरही, विजयराघौगढ़, खलवारा, बहोरीबंद, बाकल, स्लीमनाबाद, उमरियापान, सिलौंडी, खितौली, अमादी, देवंगाव, तिवरी, ढीमरखेड़ा एवं बचैया में स्थापित किया गया है, जिसका कार्यवार एवं स्थानवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) बढ़ते विद्युत भार एवं समयानुसार विद्यमान विद्युत प्रणाली के क्षय को देखते हुए सतत् विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने के लिये प्रणाली सुदृढ़ीकरण हेतु कार्य योजना तैयार की जाती है एवं तद्नुसार नये कनेक्शनों की मांग/आवेदनों के अनुरुप सक्षम अधिकारी द्वारा कार्य स्वीकृत कर पूर्ण कराये जाते हैं। स्वीकृत कार्यों को संचालन-संधारण संकाय द्वारा कार्यादेश जारी कर निर्माण संकाय द्वारा पंजीकृत अधिकृत ठेकेदारों/कंपनी से कराया जाता है। कार्यों का निरीक्षण एवं भौतिक सत्यापन संबंधित कार्यपालन अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता द्वारा किया गया हैं। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (क) के कार्यों के प्रस्ताव में संभावित उपभोक्ताओं की संख्या का आंकलन किया गया था। प्रश्नांश (क) के तारतम्य में विभिन्न योजनाओं में प्रस्ताव अनुसार लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) ठेकेदार/कंपनी द्वारा किए गए 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. विद्युत लाईनों के कार्य, कार्यादेश क्रमांक एवं दिनांक, व्यय की गई राशि एवं लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में 33 के.व्ही. एवं 11 के.व्ही. लाईनों के कार्यों के संबंध में अनियमितता एवं आर्थिक नुकसान संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः प्रश्न नहीं उठता।
पर्यावरण संरक्षण हेतु कार्ययोजना
[पर्यावरण]
116. ( क्र. 1829 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में पर्यावरण-संरक्षण/सुधार के लिए वर्तमान में किन-किन स्थानों पर किस योजना में कितनी-कितनी लागत से कौन-कौन से कार्य किए गए हैं और कौन-कौन से कार्य/कार्यक्रम किस प्रकार एवं कहाँ-कहाँ संचालित हैं? (ख) क्या कटनी-जिले में पर्यावरण संरक्षण/ सुधार के लिए कोई योजना विभाग एवं शासन स्तर पर प्रस्तावित हैं? यदि हाँ, तो किन योजनाओं/ कार्यों को प्रस्तावित किया गया हैं, यदि नहीं, तो क्या कटनी नगर एवं जिले में पर्यावरण संरक्षण/ सुधार के लिए कोई कार्ययोजना बनाई जाएंगी? यदि हाँ, तो क्या एवं कब तक? (ग) क्या पर्यावरण संरक्षण/सुधार के कार्य स्थानीय निकायों द्वारा भी किए जाते हैं? यदि हाँ, तो विगत 02 वर्षों में कटनी जिले की नगरीय निकायों एवं ग्राम/जनपद एवं जिला पंचायत द्वारा कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य किन-किन स्थानों पर कब-कब किए गये? (घ) कटनी जिले से होकर कौन-कौन सी नदियाँ प्रवाहित होती हैं एवं वर्तमान में इन नदियों के जल में प्रदूषण की क्या स्थिती हैं एवं प्रदूषण का क्या स्तर हैं? कटनी नगर में प्रवाहित होने वाली नदियों में कौन-कौन से नालों का पानी किन-किन स्थानों पर मिलता हैं? (ङ) प्रश्नांश (घ) के परिप्रेक्ष्य में कटनी नगर की नदियों में नालों के पानी को न मिलने देने के लिए कार्यालय नगर पालिक निगम, कटनी एवं जिला प्रशासन और विभाग द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गयी हैं? यदि हाँ, तो क्या? नहीं तो क्यों?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) अमृत योजनांतर्गत नगर निगम सीमा में स्थित 03 पार्को क्रमशः सुरम्य पार्क, मंगल नगर पार्क तथा अम्बेडकर पार्क में सघन वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है जिनमें कुल राशि रूपये 3.00 करोड़ का व्यय स्वीकृत है। सड़क पर बने डिवाइडरों पर शहर में स्थित स्कूलों एवं शहर के अन्य पुराने पार्कों पर वृक्षारोपण कराया गया है। पार्कों में हरी घास भी लगाई गई है। उक्त कार्य शहर में स्थित पार्को, सड़क, स्कूल के मैदान एवं रोड डिवाइडर पर संचालित किया गया है। (ख) नगर पालिक निगम सीमांतर्गत कटनी नदी संरक्षण एवं पर्यटन विकास योजना हेतु प्रस्ताव राशि रूपये 28.50 करोड़ की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति पर्यटन विकास मद में प्रदान करते हुए राशि आवंटित करने हेतु प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम मर्यादित, भोपाल की ओर प्रशासक, नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा दिनांक 29/2/2020 को प्रेषित किया गया है। नगरपलिक निगम सीमांतर्गत महात्मा गांधी वार्ड स्थित तिलक राष्ट्रीय विद्यालय परिसर से लगे हुए शासकीय रिक्त भूखण्ड में पार्क विकास हेतु राशि रूपये 3.72 करोड़ का डी.पी.आर. तैयार कराया गया है, जिसकी प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति दिनांक 20/2/2020 द्वारा प्रदान की गई है। उक्त कार्य को अमृत मिशन द्वितीय चरण अथवा मुख्यमंत्री शहरी अद्योसंरचना योजनांतर्गत स्वीकृति एवं राशि आवंटन हेतु कलेक्टर एवं प्रशासक, नगरपालिक निगम, कटनी द्वारा नगरीय विकास एवं आवास विभाग को दिनांक 28/2/2020 को भेजा गया है। (ग) नगरपालिक निगम कटनी में जन निजी भागीदारी योजनांतर्गत क्षेत्रीय लैंड अपधारित योजना संचालित है, जिसकी कुल लागत रूपये 35.40 करोड़ है। इस योजनांतर्गत घर-घर कचरे का संग्रहण परिवहन एवं वैज्ञानिक रीति से कचरे का प्रसंस्करण किया जाकर खाद निर्माण का संयंत्र पूर्णतः क्रियाशील है। पर्यावरण संरक्षण/सुधार हेतु नगर निगम, कटनी द्वारा विगत दो वर्षों में सड़क पर 14 किमी. लंबाई के डिवाइडर सहित शहरी क्षेत्र के स्कूलों एवं पार्को पर वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है, जिसमें लगभग राशि रूपये 3.96 लाख का व्यय हुआ है। (घ) कटनी जिले में नगर निगम सीमा में कटनी नदी, सिमसर नदी, निवार नदी प्रवाहित होती है। कटनी नदी में दुगाड़ी नाला, गाटरघाट नाला, मोहन घाट नाला, आदर्श कालोनी नाला, चक्की घाट नाला मिलते है। इसी प्रकार माई नदी में बजाज कालोनी के पास मुख्य नाला नदी में मिलता है। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कटनी, सिमरार एवं महानदी की जल गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है। विगत एक वर्ष के विश्लेषण परिणामों के आधार पर नदियों की जल गुणवत्ता भारतीय मानक 2296 के तहत बी श्रेणी (बाह्य स्नान) योग्य है। प्रदूषण स्तर के परिणाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) सीवरेज योजना अंतर्गत 3 नग एटीपी. तैयार किये जाने का कार्य प्रचलन में है जिससे डोमेस्टिक वेस्ट वाटर को ट्रीट कर नदी में छोड़ा जायेगा, जिससे उक्त पानी नालियों के माध्यम से सीधे नदी में प्रवाहित नहीं हो सकेगा। कटनी नदी में मिलने वाले नालों के गंदे पानी को फिल्टर करने हेतु रिवर फ्रंट डेव्हलपमेंट प्लान तैयार करने की आवश्यक कार्यवाही नगर निगम द्वारा की जा रही है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
लोक सेवकों की प्रतिनियुक्ति से मूल विभाग में वापसी
[उच्च शिक्षा]
117. ( क्र. 1832 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों में किन-किन लोक सेवकों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें वापस मूल विभाग लौटने हेतु आदेशित किया गया? सूची मय आदेश के पटल पर रखें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने लोक सेवक उपरोक्त आदेश के पालन में मूल विभाग में वापस हुए? सूची देवें। (ग) कितने लोक सेवकों का प्रतिनियुक्ति से मूल विभाग वापसी का आदेश निरस्त किया गया? प्रकरणवार कारण वतावें। (घ) किन-किन लोक सेवकों द्वारा मूल विभाग वापसी के आदेश की अवहेलना करते हुए आज दिनांक तक मूल विभाग में उपस्थिति नहीं दी गयी है एवं उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही कि गयी?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) कुल 34 लोक सेवक वापस हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) प्रशासकीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये शासन के आदेश अनुसार निरंतर प्रतिनियुक्ति पर हैं। किसी भी अधिकारी द्वारा विभाग के आदेशों की अवहेलना नहीं किये जाने से कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
खेल ग्राउण्ड निर्माण शासन को प्रेषित डी.पी.आर.
[खेल और युवा कल्याण]
118. ( क्र. 1851 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.एम.ओ. नगर पालिका परिषद् गढ़ाकोटा जिला सागर द्वारा जिला खेल अधिकारी खेल परिसर सिविल लाईन सागर को प्रेषित पत्र क्रमांक 154/58/लो.नि.वि./2016-17 गढ़कोटा दिनांक 30.05.2016 के अनुसार गढ़ाकोटा खेल ग्राउण्ड निर्माण हेतु 44.40 लाख रूपये की डी.पी.आर. तैयार कराकर शासन को प्रेषित की गई है? (ख) यदि हाँ, तो खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से निकाय को खेल परिसर की भूमि पर खेल ग्राउण्ड निर्माण हेतु अनुदान राशि कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय नीति अनुसार विभाग के नाम भूमि उपलब्ध होने पर ही भूमि की स्थिति, प्रचलित खेल, खेलों की पृष्ठभूति तथा बजट की उपलब्धता अनुसार स्टेडियम निर्माण हेतु निर्णय लिया जाता है। स्टेडियम/खेल मैदान हेतु निकाय का अनुदान उपलब्ध नहीं कराया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना
[श्रम]
119. ( क्र. 1852 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सबेरा) योजना कब से लागू है एवं इसमें पंजीकृत व्यक्तियों को क्या-क्या लाभ दिये जाने का प्रावधान है? आदेश की प्रति दें। (ख) उक्त योजना के अंतर्गत पंजीयन सदस्यों की जिलेवार पुरूष/महिला की संख्या बतायी जावे तथा पंजीकृत हेतु कितने आवेदन लंबित है? (ग) क्या दिनांक 01 जनवरी, 2019 से 31 जनवरी, 2020 की अवधि में मृत व्यक्तियों की अंत्येष्टि हेतु एवं सामान्य मृत्यु एवं दुर्घटना में मृत व्यक्तियों के सभी परिवारों को अनुदान की राशि का भुगतान किया जा चुका है या शेष है और यदि शेष है तो उनकी संख्या बताएं एवं उन्हें कब तक अनुदान की राशि का भुगतान कर दिया जाएगा?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना के लागू होने संबंधी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। दिनांक 01 जनवरी, 2019 से 31 जनवरी, 2020 की अवधि में पात्र मृत व्यक्तियों की अंत्येष्टि हेतु एवं सामान्य मृत्यु एवं दुघर्टना मृत्यु में व्यक्तियों के सभी परिवारों को अनुदान की राशि का भुगतान किया जा चुका है। कोई प्रकरण शेष नहीं हैं।
राष्ट्रीय मार्गों पर स्पीड ब्रेकर बनाये जाना
[लोक निर्माण]
120. ( क्र. 1858 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय मार्गों (N.H.) पर स्पीड ब्रेकर बनाये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो यह स्पीड ब्रेकर कहाँ-कहाँ/किन-किन विशेष स्थानों पर बनाये जाने का प्रावधान है? प्रावधान एवं मानक की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भिण्ड जिले में कितने राष्ट्रीय मार्ग (N.H.) हैं? इन मार्गों पर किन-किन स्थानों/कि.मी. पर कितने-कितने स्पीड ब्रेकर हैं? मार्गवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मानक अनुसार स्पीड ब्रेकर कितनी लम्बाई एवं ऊंचाई के होना चाहिये? क्या इन मार्गों पर बनाये गये स्पीड ब्रेकर मानक अनुसार है? क्या ग्वालियर इटावा राष्ट्रीय मार्ग पर पुलिस थानों के पास बने स्पीड ब्रेकर मानक अनुसार है? इन स्पीड ब्रेकर की लम्बाई एवं ऊंचाई कितनी है? ऐसे स्पीड ब्रेकर भिण्ड जिले में कहाँ-कहाँ पर बनाये गये हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में इन्हीं स्पीड ब्रेकरों के कारण इन मार्गों पर दुर्घटनायें अधिक हो रही हैं? क्या बनाये गये इन स्पीड ब्रेकरों का विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी के द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया? क्या निरीक्षण में यह स्पीड ब्रेकर मानक अनुसार पाये गये? यदि नहीं, तो अमानक स्तर के स्पीड ब्रेकरों के लिये कौन-कौन दोषी हैं? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जी नहीं। अपितु वाहनों की उच्च गति को नियंत्रित करने हेतु स्पीड ब्रेकर के स्थान पर रम्बल स्ट्रीप बनाये जाने का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी, राज्य सड़क सुरक्षा समिति, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा प्रदत्त निर्देशो के अनुपालन में एवं उनके द्वारा चिन्हित संभावित दुर्घटना स्थलों पर एवं संलग्न आई.आर.सी. 99:2018 में वर्णित स्थलों पर रम्बल स्ट्रीप बनाये जाने का प्रावधान है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ख) भिण्ड जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्ग है। उक्त राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्मित रम्बल स्ट्रीप की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में रम्बल स्ट्रीप की लम्बाई केरीजवे विडथ के बराबर, चौड़ाई 200 से 300 मिमी एवं ऊंचाई 20 से 30 मिमी निर्धारित है। जी हाँ। जी नहीं। पुलिस थानों के पास बने स्पीड ब्रेकर पुलिस प्रशासन द्वारा स्वत: ही बनाये गये है जिनके माप बताये जाना संभावित नहीं है। पुलिस थाना मालनपुर, बरोही एवं फूप पर स्पीड ब्रेकर निर्मित है। (घ) जी नहीं। अपितु उत्तरांश (ख) के अनुसार चिन्हित ब्लैक स्पॉट एवं संभावित दुर्घटना स्थल पर यातायात/वाहनो की गति नियंत्रित करने हेतु आई.आर.सी. 99 : 2018 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में विहित रम्बल स्ट्रीप बनाये गये है। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट प्रपत्र-ब अनुसार है। जी हाँ। अमानक स्तर के स्पीड ब्रेकर हेतु कोई दोषी नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित ही नहीं होता है।
अटेर विधानसभा में स्वीकृत सड़क कार्य
[लोक निर्माण]
121. ( क्र. 1859 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक लोक निर्माण विभाग के बजट एवं अनुपूरक बजट में कहाँ-कहाँ, कब-कब सड़क एवं पुल कार्य स्वीकृत हुए? विधानसभावार पृथक-पृथक जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में अटेर विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत कार्यों में कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गये हैं? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण एवं अप्रारंभ हैं? अनुबंधानुसार उक्त कार्य कब तक पूर्ण होना थे? वास्तविक रूप से कब तक पूर्ण होगें? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कौन-कौन से कार्यों में वन व्यवधान, भू-अर्जन, सीमांकन आदि की आवश्यकता है? इस हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या प्रयास किये वर्तमान में अटेर विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य कराये जाने प्रस्तावित है? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन मार्गों के घटिया/मानक अनुसार कार्य कराये जाने की कहाँ-कहाँ से किस-किस की शिकायत प्राप्त हुई? विभाग द्वारा इन प्राप्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? क्या प्राप्त शिकायतों की जांच कराई गई? यदि हाँ, तो क्या शिकायतें गलत पाई गई? यदि नहीं, तो किन-किन ठेकेदारों एवं अन्य किनके विरूद्ध कार्यवाही की गई? शिकायतवार जानकारी दें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'अ-1' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ-1' व 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ', 'ब-1' एवं 'ब-2' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब-1' व 'स' अनुसार है।
तालाबों एवं नहरों का रख-रखाव तथा संरक्षण
[जल संसाधन]
122. ( क्र. 1869 ) श्री राकेश गिरि : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में सिंचाई हेतु कुल कितने बाँध हैं? उनके क्षेत्रफल सहित जल भराव क्षमता की सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन तालाबों एवं उनकी नहरों के रख-रखाव कार्य/मरम्मत कार्य एवं संरक्षण हेतु शासन से विगत तीन वर्षों में कितनी-कितनी राशि का आवंटन प्राप्त हुआ है तथा प्राप्त राशि से किन-किन तालाबों/नहरों पर क्या-क्या कार्य कराये गये? व्यय की गई राशि सहित ब्यौरा दें? (ग) क्या टीकमगढ़ जिले के विकासखण्ड टीकमगढ़ स्थित राजेन्द्र सागर (नगदा) बाँध एवं महेन्द्र सागर तालाब के कुल क्षेत्रफल सहित जल भराव क्षेत्र में लोगों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर खेती/निर्माण कार्य किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो अवैध कब्जाधारियों के नाम पता सहित सूची दें तथा उनके विरूद्ध विभाग द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है, तो उसके लिए कौन दायित्वाधीन है?
जल संसाधन मंत्री ( श्री हुकुम सिंह कराड़ा ) : (क) 89। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' एवं ''द'' अनुसार है। कब्जाधारियों के विरूद्ध नियमानुसार नोटिस जारी किए गए एवं अनाधिकृत खेती न करने हेतु सार्वजनिक सूचना बांटी गई। अनाधिकृत रूप से डूब क्षेत्र में किए गए कब्जे को हटाने के लिए तहसीलदार टीकमगढ़ एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) टीकमगढ़ को कब्जाधारियों की सूची प्रेषित की गई। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
मकरोनिया में खेल स्टेडियम की स्वीकृति
[खेल और युवा कल्याण]
123. ( क्र. 1923 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नगर पालिका परिषद मकरोनिया में खेल मैदान/स्टेडियम की मुख्यमंत्री की घोषणा की स्वीकृति विभाग द्वारा प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब? लागत सहित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) क्या खेल स्टेडियम मकरोनिया हेतु खेल विभाग को राजस्व विभाग द्वारा भूमि आवंटित की गई है? यदि हाँ, तो स्थान/आरक्षित भूमि का रकबा सहित जानकारी देवें। (ग) क्या विभाग द्वारा उक्त भूमि का अधिपत्त/अधिग्रहण विभाग ने कर लिया है? यदि नहीं, तो क्यों? जानकारी देवें। (घ) खेल मैदान/स्टेडियम का निर्माण कार्य विभाग द्वारा कब तक कराया जायेगा तथा विभाग द्वारा निर्माण के संबंध में प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। जिला प्रशासन द्वारा नगर परिषद् मकरोनिया के अन्तर्गत ग्राम गंभीरिया के प.ह.नं. 76 में स्थित खसरा नं. 561/1 में से 3.000 हेक्टेयर भूमि खेल और युवा कल्याण विभाग को आरक्षित की गई है। (ग) जी नहीं। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया, निरीक्षण में पाया गया कि भूमि गांव से बहुत अधिक दूरी पर होने तथा सेना परिसर से लगी हुई होने के कारण स्टेडियम निर्माण हेतु भूमि उपयुक्त नहीं होने के कारण आधिपत्य नहीं लिया गया है। (घ) प्रश्नोत्तर (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नरयावली में शासकीय महाविद्यालय भवन निर्माण
[उच्च शिक्षा]
124. ( क्र. 1924 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत क्या शासकीय महाविद्यालय नरयावली भवन की स्वीकृति विभाग द्वारा क्या स्वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कब तक प्रदान की जावेगी? (ख) क्या राजस्व विभाग द्वारा महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु भूमि आरक्षित कर दी गई है? स्थान, रकबा सहित जानकारी देवें। यदि नहीं, तो भूमि आवंटन की प्रक्रिया कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) क्या विभाग द्वारा महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु आरक्षित भूमि का अधिग्रहण/अधिपत्य प्राप्त कर लिया गया है एवं जन भावनाओं एवं छात्र-छात्राओं के अनुरूप भूमि आरक्षित की गई है? (घ) क्या महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही की गई है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी नहीं। समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। न्यायालय कलेक्टर सागर, जिला सागर (म.प्र.) के आदेश क्रमांक 1685, दिनांक 23/02/2019 द्वारा भूमि आवंटित कर दी गई है। भूमि का विवरण, ग्राम नगना, पटवारी हल्का नं. 9, ख.नं. 224, कुल आवंटित रकबा 8 हेक्टेयर। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। (घ) जी हाँ। कार्यवाही की गई है। किन्तु सीमित संसाधनों के कारण वर्तमान में भवन निर्माण के प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान करना संभव नहीं है।
संबल योजना का क्रियान्वयन
[श्रम]
125. ( क्र. 1934 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वित्तीय प्रावधान के बिना ही वर्ष 2018 में संबल योजना लागू की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या इस पर वित्त विभाग ने आपत्ति उठाई थी? (ग) क्या सरकार उपरोक्त अनियमितता की जांच तथा इसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही करेगी?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सदलपुर बस स्टैण्ड पर नाली निर्माण
[लोक निर्माण]
126. ( क्र. 1942 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नेशनल हाईवे 59A पर संदलपुर के बस स्टैण्ड पर गंदे पानी की निकासी नहीं होने से गंदगी एवं आवागमन में असुविधा उत्पन्न हो रही है? (ख) गंदा पानी सड़क पर आने के कारण बार-बार सड़कों पर गड्ढे हो रहे है एवं जाम की स्थिति निर्मित हो रही है? (ग) क्या विभाग संदलपुर बस स्टैण्ड पर सड़क के दोनों तरफ नाली निर्माण कराना आवश्यक समझता है? यदि हाँ, तो कुल कितने मीटर नाली बनाना जरूरी है? (घ) क्या विभाग शीघ्र संदलपुर बस स्टैण्ड पर नाली निर्माण की कार्यवाही करेगा?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ, संदलपुर बस स्टैण्ड पर मार्ग के दोनों और नाली बनाना आवश्यक है, लगभग 300 मीटर लंबाई में पक्की नाली का निर्माण आवश्यक है वर्तमान में कच्ची नाली बनाई गई है। (घ) जी हाँ।
उद्योगों से निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ
[पर्यावरण]
127. ( क्र. 1956 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1821 दिनांक 20.12.2019 के संदर्भ में बतावें कि प्रदूषणकारी प्रकृति के प्रमुख उद्योगों के निर्धारित मानकों की जांच हेतु कैलेण्डर क्यों नहीं है? क्या उनकी जांच अधिकारियों की इच्छा और अनिच्छा पर निर्भर रहेगी। (ख) क्या प्रदूषणकारी उद्योगों से आस-पास की भूमि की उर्वरकता प्रभावित होती है? यदि हाँ, तो बतायें कि पर्यावरणीय अधिनियम की जांच का प्रावधान क्यों नहीं है? क्या शासन ऐसा प्रावधान करेगा? (ग) पानी, वायु तथा कचरें में पाये जाने वाले तत्व की लिमीट क्या-क्या है? किसी लिमीट का पानी पीने योग्य है तथा नहीं है तथा कौन सी लिमीट की वायु स्वास्थ्य के लिये हानिकारक नहीं है वर्तमान में जो टेस्टिंग की रेंज अपनाई जा रही है क्या वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्य है? (घ) क्या उज्जैन संभाग के प्रमुख उद्योगों के पानी में पिछले 05 वर्षों में कितनी बार मछली डालकर परीक्षण किया गया तथा उसके क्या परिणाम आये?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) प्रदूषणकारी प्रकृति के उद्योगों के लिए निर्धारित मानकों की जांच हेतु ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत कलेण्डर निर्धारित नहीं है, परन्तु प्रदूषण की स्थिति पाये जाने पर मानकों की जांच किये जाने का प्रावधान है। उल्लेखनीय है कि अत्यन्त प्रदूषणकारी प्रकृति के उद्योगों से होने वाले प्रदूषण की जांच हेतु सतत् ऑन लाईन जल एवं वायु गुणवत्ता मापन यंत्र स्थापित कराये गये है, जिसके माध्यम से नियमित रूप से प्रदूषको की मॉनिटरिंग की जाती है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जल प्रदूषणकारी उद्योगों द्वारा अनुपचारित दूषित जल कृषि भूमि में छोड़े जाने की स्थिति में भूमि की उर्वरकता प्रभावित हो सकती है। प्रदेश के जल प्रदूषणकारी प्रकृति के उद्योगों द्वारा प्रभावी दूषित जल उपचार व्यवस्थाएं की गई है। उपचारित दूषित जल का उपयोग उद्योग परिसर में ही पुनः उपयोग किया जाकर शून्य निस्त्राव की स्थिति रखी जाती है। उर्वरकता की जांच पर्यावरण विभाग के दायित्वाधीन नहीं है, अपितु मृदा प्रदूषण की स्थिति में प्रदूषकों की जांच आवश्यकतानुसार की जाती है। (ग) पेयजल एवं परिवेशीय वायु गुणवत्ता हेतु निर्धारित मानक (लिमिट) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-(अ) एवं (ब) अनुसार है। इन्हें क्रमश: भारतीय मानक ब्यूरो तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। नगरीय ठोस अपशिष्ट (कचरे) में पाये जाने वाले तत्वों के मानक निर्धारित नहीं है। (घ) पिछले पांच वर्षों में उज्जैन संभाग के 08 उद्योगों के 10 दूषित जल नमूनों में मछली डालकर परीक्षण (बायोऐसे टेस्ट) किया गया। परिणाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है।
यातायात के संबंध में
[लोक निर्माण]
128. ( क्र. 1957 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1822, दिनांक 20/12/19 के संदर्भ में BOT सड़कों की सूची में से क्रमांक 3,5,6,10,13,14,16,19,23 की सड़कों की गणना एवं भविष्य में यातायात का अनुमान किस-किस पृष्ठ पर किया गया हैं? (ख) क्या प्रश्नाधीन 59 BOT की सड़कों पर संग्रहित टोल राशि में राज्य शासन को हिस्सा प्राप्त होता हैं? यदि हाँ, तो किस सड़क पर किस नियम से कितना प्रतिशत हिस्सा संग्रहण का मिलता हैं। (ग) क्या प्रश्नाधीन सड़क के निवेशकर्ता संग्रहित टोल राशि की दैनिक/मासिक जानकारी शासन को देते हैं? यदि नहीं, तो क्यों? क्या अनुबंधो में इस संदर्भ में कोई उल्लेख नहीं हैं? (घ) क्या डी.पी.आर. में यातायात की गणना तथा भविष्य के आकलन में गलत आंकड़े दिये गये हैं? इसकी जांच परीक्षण तथा मूल्यांकन किस स्तर पर की गयी हैं? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़कों पर वर्ष 2019 की स्थिति में यातायात की संख्या का परीक्षण कर बतावें कि डी.पी.आर के उल्लेख से वह कितने प्रतिशत भिन्न हैं?
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। सरल क्रमांक 3, 21, 22, 23, 27, 29, 30, 31, 32, 33, 34, 38, 39, 42, 43, 44, 45, 47, 49, 52, 54, 55, 57, 58 में 01 प्रतिशत तथा शेष में टोल राशि का कोई भी हिस्सा शासन को प्राप्त नहीं होता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। (ग) जी हाँ। निवेशकर्ता द्वारा संग्रहित टोल राशि की मासिक जानकारी शासन को उपलब्ध कराता है। अनुबंध की कंडिका 19.5 एवं शेड्यूल ''एम'' अनुसार निवेशकर्ता द्वारा टोल राशि की मासिक जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। (घ) जी नहीं। डी.पी.आर. में यातायात गणना का परीक्षण शासन स्तर पर राज्य स्तरीय समिति एवं संस्थागत वित्त संचालनालय द्वारा किया जाता है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
श्रमिकों की मृत्यु की सहायता राशि
[श्रम]
129. ( क्र. 1958 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत जतारा जिला टीकमगढ़ के ग्राम पंचायत रतनगुंवा की आदिवासी बीमार श्रमिक महिला श्रीमती गीता पति श्री परशुराम आदिवासी की दिनांक 25.08/2019 को इलाज के अभाव में मृत्यु हो गयी थी, जबकि उसका संबल योजना (नया सवेरा) में नाम था? (ख) क्या उसके पति श्री परशुराम आदिवासी पिता दक्खी आदिवासी ने अपनी पत्नी की मृत्यु उपरांत अनुग्रह राशि की मांग जनपद पंचायत जतारा में इस योजना का फार्म भरकर मांग की थी जो प्रश्न दिनांक तक नहीं मिली? (ग) क्या वह भी कार्यालयों का चक्कर काटते-काटते स्वयं बीमार हो गया था और वह श्री परशुराम आदिवासी इलाज के अभाव में दिनांक 21.01.2020 में उसकी मृत्यु हो गई थी और उसकी मृत्यु उपरांत उसके सगे भाई बंसी ने भी 03 घंटे बाद दम तोड़ दिया था, जबकि मृतक श्री परशुराम का नाम भी इस योजना में था? मृतक गीता एवं परशुराम के वारिसों को राशि न मिलने के प्रश्न दिनांक तक के क्या-क्या कारण हैं? स्पष्ट बताएँ कि इसमें दोषी अधिकारी एवं कर्मचारी कौन-कौन हैं? उनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताऐं कि जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक के टीकमगढ़ जिले की जनपद पंचायतों में एवं नगरीय निकायों में ऐसे कौन-कौन, कहाँ-कहाँ के केस लंबित हैं और कहाँ-कहाँ रखे हैं? मृतकों के नाम, पिता/पति का नाम, जाति, पता एवं आवेदक (उत्तराधिकारी) के नाम सहित जानकारी दें एवं यह निश्चित समय-सीमा सहित बताएँ कि इनके निराकरण हो जाऐंगे तो कब तक और नहीं तो क्यों?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। (ख) पदाभिहित अधिकारी द्वारा रूपये 2.00 लाख की स्वीकृति दी गई थी स्वीकृत राशि का आवंटन पदाभिहित अधिकारी को दिनांक 07/01/2020 द्वारा प्रदाय किया जा चुका है। (ग) जी नहीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत द्वारा दिनांक 20/02/2020 को अनुग्रह सहायता राशि रूपये 2.00 लाख स्वीकृत किया जा चुका है। बजट के अभाव में राशि वितरित नहीं की गई। (घ) दिनांक 31/01/2020 तक पात्रतानुसार स्वीकृत सभी प्रकरणों में राशि का भुगतान किया जा चुका है। दिनांक 01 फरवरी, 2020 से 29 फरवरी, 2020 के मध्य स्वीकृत प्रकरण जो भुगतान हेतु लंबित है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
परीक्षा केन्द्र को यथावत रखने
[उच्च शिक्षा]
130. ( क्र. 1959 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय महाविद्यालय लिधौरा जिला टीकमगढ़ का परीक्षा केन्द्र गत वर्ष 2019 में लिधौरा किया गया था और छात्र-छात्राओं की वार्षिक परीक्षा शांतिपूर्व ढंग से संचालित हुई थी और किसी भी प्रकार से कोई परेशानी नहीं हुई थी? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि क्या महाराज छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर द्वारा आगामी परीक्षाओं (नियमित विरोध ए.टी.के.टी. एवं व्यवसायिक) हेतु परीक्षा केन्द्र लिधौरा से हटाकर शासकीय महाविद्यालय जतारा कर दिया गया है तथा इसके विरोध में छात्र-छात्राओं द्वारा आंदोलन करने हेतु ज्ञापन भी दिए जा रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि महाविद्यालय लिधौरा में कुल किस-किस वर्ष के कितने छात्र-छात्राओं की संख्या है? क्या ऐसे विद्यार्थियों का आने-जाने में समय एवं धन की बरबादी नहीं होगी? अगर हाँ तो परीक्षा केन्द्र लिधौरा गत वर्ष की भांति यथावत किया जावेगा तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जतारा महाविद्यालय में वर्तमान में छात्र-छात्राओं की संख्या क्या है और दो अशासकीय कॉलेज की संख्या क्या-क्या है? शासकीय महाविद्यालय जतारा द्वारा नवीन भवन निर्माण हेतु राशि की मांग शासन से कब से की जा रही है? संपूर्ण जानकारी देते हुए बताएं कि छात्र-छात्राओं के समय एवं धन की बरबादी रोकने हेतु शासकीय महाविद्यालय लिधौरा का परीक्षा केन्द्र यथावत लिधौरा किया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जी हाँ। वार्षिक परीक्षा शांतिपूर्ण संचालित हुई तथा किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। (ख) जी नहीं। ए.टी.केटी. परीक्षा में छात्र संख्या कम होने के कारण छात्रों का परीक्षा केन्द्र शासकीय महाविद्यालय, जतारा किया गया। वार्षिक परीक्षा हेतु शासकीय महाविद्यालय, लिधौरा को परीक्षा केन्द्र निर्धारित किये जाने संबंधी विश्वविद्यालय के निर्णय से अनभिज्ञ होने के कारण छात्रों द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य को एक ज्ञापन दिनांक 24.02.2020 को दिया। (ग) सत्र 2019-20 में विद्यार्थियों की संख्या स्नातक प्रथम वर्ष में 276, द्वितीय वर्ष में 262, कुल छात्र संख्या 538 है। वार्षिक परीक्षा हेतु परीक्षा केन्द्र लिधौरा गतवर्ष की भांति यथावत है। (घ) वर्तमान में शासकीय महाविद्यालय, जतारा में कुल छात्र संख्या 941 है। श्री जगत नारायण अशासकीय महाविद्यालय, जतारा में छात्र संख्या 120 है। ब्रिलियंट अशासकीय महाविद्यालय जतारा में छात्र संख्या 368 है। शासकीय महाविद्यालय जतारा द्वारा महाविद्यालय भवन के प्रथम तल निर्माण हेतु पूर्ण प्रस्ताव प्राक्कलन राशि रु. 124.25 लाख तकनीकी स्वीकृति के साथ प्राचार्य के पत्र क्र. 748, दिनांक 13.11.2019 द्वारा प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'1' अनुसार है। महाराजा छत्रसाल बुन्देलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर के पत्र क्र. 6, दिनांक 03.03.2020 द्वारा जारी परीक्षा केन्द्रों की सूची में शासकीय महाविद्यालय, लिधौरा को वर्ष 2020 में आयोजित परीक्षा हेतु केन्द्र बनाया गया तथा शासकीय महाविद्यालय, लिधौरा का नाम क्र. 56 पर परीक्षा केन्द्र क्र. 169 अंकित है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'2' अनुसार है।
खराब ट्रांसफार्मर को अतिशीघ्र बदले जाना
[ऊर्जा]
131. ( क्र. 1960 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के जतारा (अ.जा.) विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत सौभाग्य योजना/अन्य विद्युत प्रदाय योजनाओं से कितने ग्राम अभी प्रश्न दिनांक तक नहीं जुड़े हैं? सूची दें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर कितने ग्राम पात्रता रखते हैं, उसकी भी सूची प्रदाय करें? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर शेष बचे मजरा/टोले कब तक इस योजना से जोड़ दिये जावेंगे? इससे संबंधित विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक बनाई गई कार्य योजना से अवगत कराएं? (घ) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहाँ-कहाँ के खराब ट्रांसफार्मर बदले जा चुके है और कहाँ-कहाँ के बदले जाना शेष हैं? गणेशपुरा (विजयपुरा) एवं अन्य शेष ग्रामों के ट्रांसफार्मर बदले जावेंगे तो कब तक और नहीं तो क्यों?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) टीकमगढ़ जिले के जतारा (अ.जा.) विधानसभा क्षेत्र के सभी 111 राजस्व ग्रामों में पूर्व में संचालित विभिन्न ग्रामीण विद्युतीकरण योजनाओं (यथा-राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना) एवं सौभाग्य योजना के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत क्रमश: विद्युतीकरण/सघन विद्युतीकरण एवं अविद्युतीकृत घरों को विद्युतीकृत करने का कार्य किया जा चुका है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न नहीं उठता। (ग) प्रश्नाधीन क्षेत्र में उत्तरांश (क) में उल्लेखित योजनाओं के प्रावधानों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वीकृत सभी कार्यों को पूर्ण किया जा चुका है। अत: प्रश्न नहीं उठता तथापि कोई प्रकरण विशेष संज्ञान में आने पर तकनीकी एवं वित्तीय साध्यता एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुरूप नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। (घ) टीकमगढ़ जिले के जतारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत माह जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 361 वितरण ट्रांसफार्मर जले/खराब हुये हैं। उक्त जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों के फेल होने की दिनांक एवं बदले जाने की दिनांक की ग्राम एवं स्थान के नाम सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है वर्तमान में प्रश्न दिनांक तक उक्त विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कोई भी जला/खराब वितरण ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु शेष नहीं है। गणेशपुरा (विजयपुर) में स्थापित 25 के.व्ही.ए. क्षमता का ट्रांसफार्मर दिनांक 16.02.2020 को खराब हो गया था। उक्त ट्रांसफार्मर से संबद्ध 7 उपभोक्ताओं पर विद्युत बिल की रू. 18129/- की राशि बकाया थी। उक्त उपभोक्ताओं में से एक उपभोक्ता द्वारा दिनांक 22.02.2020 को रूपये 500 एवं 4 उपभोक्ताओं द्वारा दिनांक 03.03.2020 को रूपये 4620 संबंधित वितरण केन्द्र कार्यालय में जमा कराये गये हैं। तदुपरान्त उक्त ट्रांसफार्मर नियमानुसार बदलने हेतु पात्र होने पर दिनांक 03.03.2020 को बदल दिया गया है। प्रश्न दिनांक तक जतारा विधानसभा क्षेत्र के किसी भी ग्राम का वितरण ट्रांसफार्मर खराब/बदले जाने हेतु शेष नहीं है।
खेल विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम
[खेल और युवा कल्याण]
132. ( क्र. 1968 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक बालाघाट जिले में खेल विभाग द्वारा किन-किन जगह कार्यक्रम खेल आयोजित किया गया एवं कितना खर्च किया गया? खर्च के विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) क्या खेल विभाग से विधायक कप हेतु 5 लाख रूपये देने की घोषणा खेल मंत्री द्वारा की गई, बालाघाट जिले में कितने विधायक कप प्रतियोगिता कराये गये? (ग) खेल विभाग से 2015 से अब तक कितना बजट बालाघाट को प्राप्त हुआ और किन-किन कार्यक्रमों में खर्च किया? सम्पूर्ण नियम, निविदा की जानकारी सहित छायाप्रति देवें। (घ) 2015 से अब तक खेल सामग्री बालाघाट जिले में कहां कहां वितरण की गई?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। विधायक कप हेतु राशि रू 55,000/- से बढ़ाकर राशि रू. 1.00 लाख करने की घोषणा की गई है तथा रू. 5.00 लाख विधायकों के क्षेत्र में खेल प्रोत्साहन हेतु देने का प्रावधान किया गया है। बालाघाट जिले में 06 विधानसभा क्षेत्र आते है। इन सभी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में विधायक कप आयोजित किए गए है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। कार्यक्रम आयोजन पर भण्डार क्रय नियम के अंतर्गत व्यय किया गया है। सम्बन्धित कार्यक्रमों/प्रतियोगिता आदि से सम्बन्धित दिशा-निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार
[उच्च शिक्षा]
133. ( क्र. 1974 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किस वर्ष से महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू हुई थी तथा उसे किस वर्ष में क्यों बंद कर दिया गया था? पुनः सेमेस्टर प्रणाली लागू करने के कारण बतावें। (ख) उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार हेतु क्या-क्या प्रयास किसकी अनुशंसा पर वर्ष 2019 में किये गये? महाविद्यालयों में रोजगार मूलक शिक्षा के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं? (ग) 2010-11 से 2019-20 तक शासकीय एवं निजी महाविद्यालयों में स्नातक तथा स्नातकोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की संख्या कक्षावार वर्ष अनुसार बतावें। (घ) महाविद्यालयों विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास हेतु क्या-क्या गतिविधियां नियमित रूप से की जा रही हैं तथा विद्यार्थियों की विभिन्न कला में प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें किस तरह प्रोत्साहित किया जाता है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) महाविद्यालयों में सत्र 2008-09 से सेमेस्टर प्रणाली लागू की गई है (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है)। सत्र 2017-18 में मंत्रि-परिषद के निर्णय अनुसार स्नातक स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली बन्द करते हुए वार्षिक प्रणाली प्रारंभ की गई (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-'ब' अनुसार है)। स्नातकोत्तर स्तर पर वर्तमान में सेमेस्टर प्रणाली लागू है। पुन: स्नातक स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली लागू करने का निर्णय नहीं लिया गया है। (ख) उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार हेतु उच्च शिक्षा विभाग की अनुशंसा पर विश्व बैंक द्वारा पोषित ''उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना'' (जानकारी पुस्तुकालय में रखे परिशिष्टि के प्रपत्र-'स' अनुसार है) तथा ''राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) '' (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है) के अंतर्गत कार्य किये जा रहे है। स्वामी विवेकानन्द कॅरियर मार्गदर्शन योजना के माध्यम से अल्पावधि रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण, कॅरियर अवसर मेलों, प्लेसमेन्ट ड्राइव, उद्यमिता शिविरों, औद्योगिक भ्रमण तथा वर्चुअल कक्षाओं के द्वारा कॅरियर संबंधी जानकारी के माध्यम से रोजगारमूलक शिक्षा के लिये कदम उठाये गये हैं। (ग) प्रश्नांश में चाही गई जानकारी का स्वरूप अत्यंत वृहद होने के कारण जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के अंतर्गत निर्धारित वार्षिक कैलेण्डर अनुसार सत्र के दौरान व्याख्यान, संवाद, महापुरूषों की जयंती, राष्ट्रीय पर्वो का महत्व तथा बौद्धिक व रचनात्मक कार्यक्रमों के माध्यम से व्यक्तित्व विकास व विभिन्न कलाओं में प्रतिभा को निखारने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
नवकरणीय ऊर्जा की खरीदी में अनियमितता
[ऊर्जा]
134. ( क्र. 1976 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पांच वर्षों में विण्ड सोलर इत्यादि से वर्षवार कितनी-कितनी मिलियन यूनिट ऊर्जा प्राप्त हुई तथा उसका औसत प्रति यूनिट दर क्या रहा तथा प्राप्त मात्रा उस वर्ष की कुल ऊर्जा का कितना प्रतिशत रहा? (ख) प्रश्नाधीन अवधि में नवकरणीय ऊर्जा किस-किस फर्म तथा व्यक्ति से किस दर से खरीदी गई तथा इस अवधि में अनुबंधित किये गये पावर पर्चेस अनुबंध की सूची तथा अलग-अलग प्रकार के एक-एक अनुबंध की प्रति दी जावे। (ग) क्या रतलाम, मंदसौर तथा नीमच जिले में विन्ड एनर्जी तथा सोलर एनर्जी को लेकर काफी उंची दर पर PPA लंबी अवधि के बनाये गये तथा खरीदी में भी विद्युत की मात्रा का जमकर गोलमाल किया गया? शासन को विद्युत दी ही नहीं गई और करोड़ों के बिलों का भुगतान हुआ? क्या इसकी उच्च स्तरीय जांच की जावेगी? (घ) जनवरी 2020 को नवकरणीय ऊर्जा से कितने मिलियन यूनिट प्राप्त हुये वह लक्ष्य के अनुकूल है या नहीं?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) विगत पाँच वर्षों में विण्ड सोलर इत्यादि से वर्षवार प्राप्त ऊर्जा, औसत प्रति यूनिट दर, प्राप्त मात्रा तथा उस वर्ष की कुल ऊर्जा के प्रतिशत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'क' अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में क्रय की गयी नवकरणीय ऊर्जा प्रदायकर्ता फर्म तथा दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख-1, ख-2, ख-3 अनुसार है। इस अवधि में अनुबंधित किए गए पॉवर पर्चेस अनुबंधों की सूची ख-4, ख-5 एवं ख-6 में संकलित है तथा इस अवधि में अनुबंधित किए गए अलग-अलग प्रकार के एक-एक अनुबंध की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ख' अनुसार है। (ग) रतलाम, मंदसौर तथा नीमच जिले में विंड एनर्जी के PPA नियमानुसार मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर निर्धारित अवधि के लिये किये गए है तथा सोलर एनर्जी के PPA नियमानुसार प्रतिस्पर्धात्मक निविदा प्रक्रिया से प्राप्त न्यूनतम दरों पर निर्धारित अवधि के लिये किये गए है। उक्तानुसार निष्पादित PPA के प्रावधानों के तहत विद्युत की खरीदी की गयी है जिसके लिये खरीदी गयी विद्युत की वास्तविक मात्रा एवं निर्धारित दर के आधार पर भुगतान किया गया है, अत: इस संदर्भ में जांच की आवश्यकता नहीं है। (घ) जनवरी 2020 में नवकरणीय ऊर्जा से 489.559 मिलियन यूनिट विद्युत ऊर्जा प्राप्त हुई है। मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा नवकरणीय ऊर्जा क्रय करने का लक्ष्य वित्तीय वर्षवार निर्धारित किया जाता है तथा माहवार लक्ष्य निर्धारित न होने की वजह से जनवरी 2020 में प्राप्त नवकरणीय ऊर्जा को लक्ष्य के परिप्रेक्ष्य में बताया जाना संभव नहीं है।
बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत विद्युत व्यवस्था
[ऊर्जा]
135. ( क्र. 1987 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या ऊर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी क्षमता के ट्रांसफार्मर किन-किन कारणों से फेल हुए तथा कब-कब, कहाँ-कहाँ की जलने की शिकायतें प्राप्त हुई? सूची देवें एवं उल्लेखित फ़ेल ट्रांसफार्मर एवं जली केवलों को कब बदला गया है तथा कहाँ-कहाँ प्रश्न दिनांक तक बदला जाना शेष है? सूची देवें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा 12 फरवरी को ऊर्जा मंत्री जी को लिखे पत्र क्र. B/94-02-452 के द्वारा विभिन्न ग्रामों में ख़राब ट्रांसफार्मर बदलने एवं ट्रांसफार्मर लगाने एवं केवल बदलने आदि विद्युत समस्या के निराकरण की मांग की थी? यदि हाँ, तो उल्लेखित पत्र पर कब किसके द्वारा कब कार्यवाही की गई? (ग) क्या बहोरीबंद तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बासन के ग्राम कटरा में घरेलू विद्युत लाइन न होने के करण लगभग दो वर्ष पूर्व को घरेलू विद्युत पोल गड़ गए परन्तु न 25 केवी का ट्रांसफार्मर लगाया गया न ही 11 केवी लाईन से ग्राम तक केवल लगाये गए, परंतु ग्राम कटरा के ग्रामीण उपभोक्ताओं के विद्युत बिल आ रहे हैं तथा इन ग्रामीण घरेलु उपभोक्ताओं को 24 घंटे के स्थान पर कृषि फीडर से 8 से 10 घंटे ही घरेलु कनेक्शन में विद्युत प्रदाय हो रही है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है?
ऊर्जा मंत्री ( श्री प्रियव्रत सिंह ) : (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2019-20 में दिनांक 29.02.2020 तक 538 वितरण ट्रांसफार्मर फेल/खराब हुये हैं, जिनके फेल होने की दिनांक एवं बदले जाने की दिनांक सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। प्रश्नाधीन क्षेत्रान्तर्गत केबिल जलने की प्राप्त शिकायतों एवं उन्हें बदलने की दिनांक सहित प्रश्नाधीन चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है वर्तमान में प्रश्नाधीन क्षेत्र में कोई भी फेल/खराब वितरण ट्रांसफार्मर व केबिल बदलने हेतु शेष नहीं है। (ख) जी हाँ। माननीय प्रश्नकर्ता विधायक महोदय से प्राप्त पत्र पर नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु मुख्य महाप्रबंधक, जबलपुर क्षेत्र, म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को निर्देशित किया गया। उक्त पत्र में उल्लेखित कार्यों हेतु म.प्र. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ग) कटनी जिले के ग्राम पंचायत बासन के ग्राम कटरा की समीपस्थ 11 के.व्ही. सिहुड़ी घरेलू विद्युत फीडर से दूरी 3 कि.मी. होने से तकनीकी रूप से साध्य नहीं पाए जाने के कारण उक्त ग्राम को 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र बाकल से निर्गमित 11 के.व्ही. कृषि फीडर पर स्थापित 63 के.व्ही.ए. क्षमता के कटराहार वितरण ट्रांसफार्मर से 0.8 कि.मी. निम्नदाब लाईन का विस्तार कर विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। उक्त ग्राम में 19 रहवासी मकान हैं, जिनमें से 13 मकानो को विद्युत कनेक्शन प्रदाय कर दिया गया था। शेष 6 मकानो का निर्माण कार्य उक्त विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने के उपरांत होना पाया गया है तथा इन नवनिर्मित आवासों हेतु प्रश्न दिनांक तक विद्युत कनेक्शन हेतु कोई भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। उक्त विद्युतीकृत मकानो में खपत के आधार पर बिजली के बिल प्रदान किये जा रहे हैं एवं वर्तमान में नियमानुसार निर्धारित कृषि फीडर पर 10 घण्टे के प्रावधान अनुसार विद्युत प्रदाय किया जा रहा है।
कटनी जिला अंतर्गत सड़क निर्माण
[लोक निर्माण]
136. ( क्र. 1988 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक निर्माण (भ/स) विभाग संभाग कटनी को किन-किन योजनाओं/परियोजनाओं में लोक निर्माण विभाग की सड़को के निर्माण, संधारण, सुधार मरम्मत पुन: निर्माण नवीनीकरण, चौड़ीकरण हेतु किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी, किन-किन कार्यों में व्यय हुई वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समय अवधि में विधानसभा क्षेत्र बहोरीबंद अंतर्गत किन-किन योजनाओं/परियोजनाओं में कहाँ से कहाँ तक कितनी किलोमीटर नवीन सड़कों का निर्माण करने हेतु कब कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी गई? (ग) प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत कहाँ से कहाँ तक कितने-कितने किलोमीटर सड़कों का निर्माण कब किस एजेंसी से किन शर्तों पर कितनी-कितनी राशि से कराया गया है? कहाँ-कहाँ की सड़कों का निर्माण कार्य अपूर्ण, निर्माणाधीन या अप्रारंभ है एवं क्यों? (घ) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से मार्ग विभागाधीन है? इनमें से कौन-कौन से मार्ग कब तक गारंटी अवधि में हैं तथा कौन-कौन से मार्गों का पुन: निर्माण या पीस वर्क अंतर्गत सुधार कार्य प्रस्तावित है तथा कौन-कौन से नवीन मार्गों का निर्माण प्रस्तावित है? सम्पूर्ण सूची मार्गों के नाम सहित देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं 'अ-1' अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' एवं 'ब-1' अनुसार है। (घ) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' एवं 'स-1' एवं 'द' अनुसार है।
कुटीर उद्योगों का संचालन
[कुटीर एवं ग्रामोद्योग]
137. ( क्र. 1989 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में विगत तीन वर्षों में कितने कुटीर एवं ग्रामोद्योग स्थापना हेतु कितना अनुदान/सहायता उपलब्ध कराया गया हैं। (ख) विगत तीन वर्षों में प्रारंभ कुटीर उद्योग की वर्षवार, हितग्राहीवार उद्योग के नाम एवं उपलब्ध रोजगार की जानकारी दें। (ग) क्या कुटीर एवं ग्रामोद्योग प्रारंभ करने हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था है यदि हाँ, तो विगत तीन वर्षों में किस उद्योग से सबंधित प्रशिक्षण दिया गया उद्योग का नाम, प्रशिक्षण स्थान एवं प्रशिक्षित हितग्राहियों की नामवार जानकारी दें। (घ) कुटीर एवं ग्रामोद्योग हेतु यदि केंद्र सरकार द्वारा कितनी सहायता उपलब्ध करायी जाती है। राज्य एवं केन्द्र सरकार का कितना हिस्सा है। विगत तीन वर्षों में सीधी जिले हेतु प्राप्त सहायता की जानकारी देवें? (ड.) आगामी वर्षों में सीधी जिले में क्या कोई नवीन कुटीर या ग्रामोद्योग शुरू किया जाना है? यदि हाँ, तो कहाँ और किस प्रकार का?
कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री ( श्री हर्ष यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' 1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में शत-प्रतिशत मार्जिनमनी सहायता खादी ग्रामोद्योग आयोग (केन्द्र सरकार) द्वारा सीधे हितग्राहियों के बैंक खातों में उपलब्ध कराई जाती है। सीधी जिले में विगत तीन वर्ष में 3 हितग्राहियों को रूपये 4.84 लाख की मार्जिनमनी सहायता उपलब्ध कराई गयी। (ड.) आगामी वर्ष में बजट उपलब्धता अनुरूप सीधी जिले के कुटीर ग्रामोद्योग की स्थापना हेतु सीधी जिले के लिये लक्ष्य निर्धारित किये जावेगे।
सीधी जिले में खेल प्रोत्साहन योजना
[खेल और युवा कल्याण]
138. ( क्र. 1990 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा पिछले 5 वर्षों में किन-किन खेलों के प्रोत्साहन के लिए क्या-क्या कार्य किये गए हैं? क्या कोई आयोजन किया गया है? यदि हाँ, तो कब एवं किस खेल में ऐसा आयोजन विभाग द्वारा किया गया है? खेल अनुसार जानकारी दें। (ख) सीधी जिले के खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की क्या व्यवस्था है? क्या उन्हें खेल हेतु किट दी जाती है? यदि हाँ, तो पिछले 5 वर्षों में कितने खिलाड़ियों, टीमों या क्लबों को यह किट प्रदान की गई है? (ग) खेल मैदानों के निर्माण एवं नवीनीकरण हेतु सीधी जिले में पिछले 5 वर्षों में क्या-क्या किया गया है? खेल अनुसार, स्थान अनुसार जानकारी दें। (घ) आगामी वर्षों में सीधी जिले में खेल एवं खिलाड़ियों के विकास हेतु क्या कोई योजना है? यदि हाँ, तो विस्तार से खेल अनुसार जानकारी दें। (ड.) खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की क्या व्यवस्था है? पिछले 5 वर्षों में कितने खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया गया है?
खेल और युवा कल्याण मंत्री ( श्री जितू पटवारी ) : (क) वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) सीधी जिले में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाता है। संविदा प्रशिक्षक द्वारा वूशु खेल का वर्षभर प्रशिक्षण पुलिस लाईन व्यायाम शाला में खिलाडि़यों को प्रदान किया जाता है। जी हाँ। विगत पाँच वर्षों में खिलाड़ियों, टीमों व क्लबों को प्रदान की गई किट की जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विभाग का कोई भी खेल मैदान निर्मित व निर्माणाधीन नहीं है। अतएव शेष जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (घ) जी हाँ, योजनाएँ जिलेवार एवं खेलवार नहीं बनाई जाती। विभागीय योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार है। खिलाड़ियों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
सड़कों का निर्माण एवं स्वीकृति
[लोक निर्माण]
139. ( क्र. 1991 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक निर्माण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें कहाँ से कहाँ कितने किमी. स्वीकृत की गई हैं? (ख) वर्ष 2017-18, 2018-19 में स्वीकृत कितनी सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, कितनी सड़कें अधूरी हैं एवं कितनी सड़कों का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? (ग) नरसिंहपुर जिले में प्रश्नांश (क) वर्णित कितनी सड़कों का निर्माण कार्य समय-सीमा में नहीं हुआ है? समय-सीमा में निर्माण न होने के क्या कारण है? (घ) वर्ष 2019-20 में नरसिंहपुर जिले में लोक निर्माण विभाग की कितनी सड़कें किस-किस स्थान से, कितनी किमी. और कितनी लागत में स्वीकृत की गई हैं एवं कितनी सड़कों के निर्माण चालू हो गये हैं? (ड.) वर्ष 2019 में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण के लिये ठेकेदारों द्वारा कितनी सड़कों में स्वीकृत दर से अधिक रेट एवं कम रेट पर टेन्डर लिये गये हैं? सड़कवार कम रेट एवं अधिक रेट की संपूर्ण जानकारी देवें। अधिक रेट एवं कम रेट पर सड़क निर्माण होने के क्या कारण हैं? सड़कवार संपूर्ण जानकारी देवें।
लोक निर्माण मंत्री ( श्री सज्जन सिंह वर्मा ) : (क) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' एवं 'स-1' अनुसार है। (घ) विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है। (ड.) वर्ष 2019 में दो सड़क निर्माण कार्य हेतु प्राप्त निविदा दर विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” के सरल क्रमांक 17 एवं 26 में अंकित है। सरल क्रमांक 17 जिसकी निविदा दर 4.41% कम है, गाडरवारा विधानसभा क्षेत्र में स्थित है, जहां निर्माण सामग्री कि उपलब्धता निर्माण स्थल से अधिक दूरी पर है, मार्ग 6.98 कि.मी. डामरीकृत एवं 1.12 कि.मी. सी.सी. मार्ग का निर्माण किया जाना है एवं सरल क्रमांक 26 जिसकी निविदा दर 15.90% कम है, गोटेगांव विधानसभा क्षेत्र में स्थित है, जहां निर्माण सामग्री सुगमता से उपलब्ध हो जाती है एवं मात्र 900 मीटर लम्बाई में मात्र डामरीकृत का निर्माण कार्य करना है, दोनों कार्यों कि प्रकृति एवं मात्रा में अंतर होने के कारण निविदा दर में अंतर है, निविदा में प्राप्त दर वर्केबल है, इससे निर्माण कार्य कि गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी।
नया सवेरा कार्यक्रम
[श्रम]
140. ( क्र. 1993 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या श्रम मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कांग्रेस के वचन पत्र के अनुसार श्रमिकों एवं गरीबों के लिये नया सवेरा कार्यक्रम शुरू किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन जिलो में इस कार्यक्रम के तहत कितने-कितने श्रमिकों गरीबों को लाभ पहुँचाया गया है? यदि नहीं, तो कारण सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) नया सवेरा कार्यक्रम के तहत असंगठित श्रमिकों जैसे- हाथठेला, साइकिल रिक्शा चालकों, बंद कपड़ा मिलों के मजदूरों, बीड़ी मजदूरों के कल्याण हेतु क्या-क्या कार्य योजना लागू की गई है? (ग) नया सवेरा कार्यक्रम के तहत उक्त मजदूरों के लाभ हेतु किन-किन जिलों में योजनायें लागू कर दी गई हैं? (घ) उक्त कार्यक्रम के तहत कितने जिलों में कितने-कितने श्रमिकों को लाभ पहुंचाया गया है? (ड.) नरसिंहपुर जिले के कितने श्रमिकों को लाभ पहुँचाया गया है?
श्रम मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं वर्तमान में मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना ही निरंतरित है। (ख) से (ड.) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।