मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर, 2019 सत्र


गुरुवार, दिनांक 19 दिसम्बर, 2019


भाग-1
तारांकित प्रश्नोत्तर



रीवा जिलान्‍तर्गत खरीफ फसल का सर्वे

[राजस्व]

1. ( *क्र. 1242 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) रीवा जिले में कंडो रोग से धान की फसल व भारी बारिश से दलहनी फसलों को हुये नुकसान का सर्वे कार्य क्‍यों नहीं कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में फसलों की नुकसानी का सर्वे तीन माह बीत जाने के बावजूद क्‍यों नहीं कराया गया? स्‍पष्‍ट करें कि क्‍या फसल नुकसानी का सर्वे कराया जावेगा? यदि हाँ, तो सर्वे की समयावधि सहित विवरण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले में कंडो रोग से धान की फसल व भारी बारिश से दलहनी फसलों के हुए नुकसान का सर्वे कार्य कराया गया। फसल नुकसानी 25 प्रतिशत से कम पायी गयी। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में फसलों की नुकसानी का सर्वे रीवा जिले में कराया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उदभूत नहीं होता।

बैरसिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्‍त हुई फसल का मुआवजा

[राजस्व]

2. ( *क्र. 24 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019 में अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति का आंकलन किया गया अथवा नहीं? कितनी राशि का आंकलन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित आंकलन का मुआवजा वितरण कितने कृषकों को प्रश्‍न दिनांक तक किया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत कुल राशि रूपये 80,75,18,766/- का आंकलन किया गया है, (ख) विधानसभा अंतर्गत कुल 13072 कृषकों को मुआवजा वितरण 10.12.2019 तक किया गया है।

तत्‍कालीन अनुभागीय अधिकारी पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

3. ( *क्र. 1286 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1019, दिनांक 10.07.2019 को खाद्य मंत्री द्वारा उत्‍तर दिया था कि तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी पर सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा प्रकरण में विभागीय कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त विभाग द्वारा उक्‍त अधिकारी पर विभागीय कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो संपूर्ण दस्‍तावेजों की प्रति उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या प्रशासनिक अधिकारी द्वारा पद एवं शक्ति का दुरूपयोग कर अधिकारिता विहीन आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के प्रावधान हैं? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग तत्‍कालीन अनुविभागीय अधिकारी पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) क्‍या प्रश्‍न क्रमांक 1019, दिनांक 10.07.2019 के संबंध में प्रेम गुप्‍ता के नाम से सूचना के अधिकार का आवेदन लोक सूचना अधिकारी प्रमुख सचिव, मध्‍यप्रदेश शासन (क‍ार्मिक) सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय भोपाल में विचाराधीन है? यदि हाँ, तो क्‍या आवेदक को जानकारी प्रदाय कर दी गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। सामान्‍य प्रशासन विभाग में प्रकरण प्रचलित है। (ख) जी नहीं, मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश, 2009 में ऐसा प्रावधान नहीं था। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। सामान्‍य प्रशासन विभाग (कार्मिक) द्वारा मूल आवेदन पर आदेश दिनांक 07.11.2019 को पारित कर आवेदक को दिनांक 08.11.2019 को अवगत कराया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खण्‍डवा जिले में अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्‍त फसलों का मुआवजा

[राजस्व]

4. ( *क्र. 142 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के कितने जिलों में इस वर्ष औसत से अधिक वर्षा होने से अतिवृष्टि की स्थिति निर्मित हुई है? (ख) क्या अतिवृष्टि प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में आती है? यदि हाँ, तो खण्डवा जिले में अतिवृष्टि से प्रभावित खरीफ फसलों का रकबा कितना है एवं कितने किसानों की फसलों के नुकसान का सर्वे शासन द्वारा कराया गया है? (ग) किसानों को फसल नुकसान के सर्वे में कितनी राशि का मुआवजा शासन द्वारा अब तक भुगतान किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रदेश के किसानों को अतिवृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा एवं गत वर्ष के देय गेहूँ का बोनस का भुगतान कब तक किया जाएगा? (ड.) क्या किसानों ने कर्जा माफ होने के भ्रम में फसलों का मुआवजा नहीं कराया एवं जिन किसानों ने बीमा कराया है उन्हें बीमा राशि आज दिनांक तक प्राप्त नहीं हुई है? इन किसानों को कब तक राहत दी जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मानसून वर्ष 2019-20 में बाढ़/अतिवृष्टि से 41 जिले प्रभावित हुए हैं। (ख) जी हाँ। खण्‍डवा जिले में खरीफ फसल का कुल 233845.97 हेक्‍टेयर रकबा प्रभावित है एवं समस्‍त प्रभावित क्षेत्र के किसानों की फसल का सर्वे कराया गया।                               (ग) खण्‍डवा जिले में किसानों को नुकसान के सर्वे में राशि रूपये 44,38,84,575/- (रूपये चवालीस करोड़ अड़तीस लाख चौरासी हजार पाँच सौ पिचहत्‍तर) का भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) अतिवृष्टि से हुए नुकसान के मुआवजा वितरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। गत वर्ष गेहूँ का बोनस का प्रावधान नहीं था। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। फसल बीमा एवं राहत का मुआवजा भुगतान पृथक प्रक्रिया है। मुआवजा भुगतान फसल बीमा से संबंधित नहीं है। अतिवृष्टि से प्रभावित समस्‍त पात्र किसानों को राहत स्‍वीकृत है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

शिवपुरी सीवर प्रोजेक्‍ट कार्य में अनि‍यमित भुगतान

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

5. ( *क्र. 145 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी नगर में सीवर प्रोजेक्‍ट के तहत 47 डब्‍लू.बी.एम. सड़कों एवं समतलीकरण का मूल्‍यांकन माप पुस्तिका क्र. एल 105 में वर्ष 2015-16 में अंकित किया गया था? यदि हाँ, तो वह 47 सड़कें कौन सी हैं, इनका कितनी राशि का बिल तैयार किया गया, उसमें से कितना भुगतान एजेंसी को किया गया? कितना भुगतान शेष है? उस दौरन कार्यपालन यंत्री कौन थे? (ख) क्‍या बिल क्र. 25 माप पुस्तिका 524 में दर्ज उक्‍त कार्य का मूल्‍यांकन 2 करोड़ 56 लाख का अंकित किया गया है? जिसमें से 01 करोड़ 12 लाख का भुगतान निर्माण एजेंसी को किया है? यदि हाँ, तो शेष भुगतान किया गया है अथवा नहीं और कार्यपालन यंत्री द्वारा               किन-किन सड़कों का निरीक्षण भुगतान से पूर्व किया गया है? (ग) क्‍या माप पुस्तिका क्र. एल 456 में भी प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में वर्णित उक्‍त 47 सड़कों का वर्ष 2014-15 में मूल्‍यांकन दर्ज किया जा चुका था तथा निर्माण एजेंसी को 1 करोड़ 97 लाख रूपये का भुगतान किया जा चुका है? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित 47 सड़कें जो कि बनाई ही नहीं गई हैं, का 1 करोड़ 12 लाख रूपये का एक ही कार्य का दो बार भुगतान बिल क्र. 25 द्वारा निर्माण एजेंसी को कैसे एवं क्‍यों किया गया? (घ) क्‍या माप पुस्तिका क्र. एल 105 में जिस अधिकारी की हैण्‍ड राईटिंग में मूल्‍यांकन अंकित किये गये हैं वह अधिकारी वर्ष 2015-16 में सीवर प्रोजेक्‍ट में पदस्‍थ थे अथवा नहीं? यदि पदस्‍थ थे तो आदेश की छायाप्रति संलग्‍न कर जानकारी दें? यदि पदस्‍थ नहीं थे तो मूल्‍यांकन किसके आदेश पर किया गया?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) सीवर परियोजना में अमले की कमी के कारण उपखण्ड शिवपुरी के दो उपयंत्रियों को स्थानीय स्तर पर परियोजना का कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया था, पत्रों की छायाप्रतियाँ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 के अनुसार है।

रायरू डिस्‍लरी का निरीक्षण

[वाणिज्यिक कर]

6. ( *क्र. 242 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्‍वालियर ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत रायरू डिस्‍लरी का डी.एम. द्वारा किस-किस दिनांक को निरीक्षण किया गया? निरीक्षण के दौरान कौन-कौन सी कमी पाई गई जिस पर डी.एम. द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या डी.एम. के निरीक्षण के बाद विभागीय मंत्री द्वारा निरीक्षण किया गया? यदि हाँ, तो उस पर मंत्री जी द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) ग्‍वालियर ग्रामीण क्षेत्र अंतर्गत रायरू डिस्‍लरी प्‍लांट (विस्‍तार भाग) की अद्यतन स्थिति क्‍या है? क्‍या जमीन के आवंटन के संबंध में एवं प्‍लांट से संबंधित कोई धोखाधड़ी हुई व एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? यदि हाँ, तो किस थाने में? प्रकरण की पूर्ण जानकारी दें। (ग) क्‍या रायरू डिस्‍लरी का नया प्‍लांट स्‍थापित किया गया? नये प्‍लांट की भूमि का आवंटन विशेष क्षेत्र साडा द्वारा किया गया? साडा द्वारा कितने हेक्‍टेयर भूमि की अनुमति किस दिनांक को दी गई? अनुमति के पूर्व भूमि के लैण्‍ड यूज चेंज करने की प्रक्रिया किस दिनांक को की गई? परिवर्तन पूर्व भूमि किस प्रयोजन के लिए सुरक्षित थी?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जिला मजिस्‍ट्रेट, ग्‍वालियर द्वारा खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दल के साथ दिनांक 30.04.2019 को रायरू डिस्‍टलरी का भ्रमण किया गया। खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दल द्वारा देशी मदिरा मसाला, राइस फ्लोर (लूज) कापी मीस्‍ट (पेक्‍ड) Novazyme Saczyme plus (लूज) Mash of rice flour (लूज) के विहित विधि से 05 सेम्‍पल लिये गये। उपरोक्‍त सेम्‍पल राज्‍य परीक्षण, प्रयोगशाला खाद्य एवं औषधि प्रशासन, भोपाल मध्‍यप्रदेश को प्रेषित किये गये। प्रयोगशाला से प्राप्‍त रिपोर्ट अनुसार देशी मदिरा मसाला मिथ्‍या छाप की बतायी गयी एवं राइस फ्लोर लूज अवमानक प्रतिवेदित की गई। इस आधार पर न्‍याय निर्णयन, अधिकारी ग्‍वालियर के न्‍यायालय में प्रकरण दायर किया गया है। जो प्रकरण क्रमांक 50/2019 पर दर्ज होकर प्रचलित है। माननीय मंत्री, वाणिज्यिक कर विभाग, मध्‍यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 21.06.2019 को उपरोक्‍त इकाई का भ्रमण किया गया था। (ख) ग्‍वालियर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित रायरू डिस्‍टलरी प्‍लांट (विस्‍तार भाग) का कोई नया विस्‍तार नहीं किया गया है। शासन की ओर से इकाई को कोई भूमि आवंटन नहीं की गई है। प्‍लांट के संबंध में धोखाधड़ी/एफ.आई.आर. की कोई सूचना, विभाग के पास नहीं है। (ग) रायरू डिस्‍टलरी का कोई नया प्‍लांट स्‍थापित नहीं किया गया है। विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण की ओर से उपरोक्‍त इकाई को कोई भूमि आवंटन नहीं की गई है। लैंड यूज के परिवर्तन की कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। शेष अंश के उत्‍तर का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित वेतनमान का भुगतान

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

7. ( *क्र. 1000 ) श्री बनवारीलाल शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय नई दिल्‍ली के पारित आदेश दि. 21-1-2015 के परिपालन हेतु 151 कर्मचारियों के आदेश मुख्‍य अभियंता लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग ग्‍वालियर परिक्षेत्र ग्‍वालियर को जारी हो चुके हैं? क्‍या मा. उच्‍च न्‍यायालय के परिपालन से 152 कर्मचारियों के आदेश के अलावा लगभग 511 कर्मचारियों के नियमित वेतनमान एवं वेतन अंतर राशि फर्जी तरीके से प्रदाय की गई है? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार छोड़कर शेष न्‍यायालयीन प्रकरणों में पारित आदेशों के संबंध में कर्मचारियों की जानकारी श्रम न्‍यायालय/औद्योगिक न्‍यायालय/उच्‍च न्‍यायालय/अवमानना के प्रस्‍ताव पृथक-पृथक दिनांक 31-3-2016 की स्थिति में उपलब्‍ध कराने हेतु अधीक्षण यंत्री लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग ग्‍वालियर-मण्‍डल को निर्देशित किया गया था? (ग) क्‍या प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्‍त वांछित जानकारी आज दिनांक तक विभाग द्वारा नहीं दी गई है? इसमें दोषी अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ क्‍या कार्यवाही कब तक प्रस्‍तावित की जावेगी? (घ) क्‍या अधीक्षण यंत्री (तत्‍कालीन) द्वारा जो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नहीं थे, उन्‍हें नियमित वेतनमान देकर उन्‍हें नियमित कर दिया गया था? यदि हाँ, तो तत्‍कालीन अधीक्षण यंत्री के खिलाफ क्‍या कार्यवाही कब तक प्रस्‍तावित कर दी जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं, अपितु, मान. उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 21.01.2015 के अनुपालन में मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र ग्वालियर द्वारा 150 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के स्थायी वर्गीकृत आदेश दिनांक से न्यूनतम वेतनमान एवं वेतन अंतर की राशि के भुगतान के आदेश दिनांक 31.03.2016 को जारी किये गए। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) एवं (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, कल्याणमल नर्सिंग होम का निर्माण

[चिकित्सा शिक्षा]

8. ( *क्र. 1181 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आँखों के इलाज हेतु सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, कल्याणमल नर्सिंग होम, इन्दौर का निर्माण प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो प्रोजेक्ट की कुल लागत कितनी है? सिविल एवं उपकरणों की अलग-अलग बतावें। (ख) क्या इस हेतु चिकित्सकों का चयन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो क्या इनकी नियुक्ति एमसीआई के मापदंडानुसार की गई है? क्या सहायक प्राध्यापकों के चयन में सीनियर रेसीडेंसी करना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो क्या चयनित सहायक, एसोसिएट या प्राध्यापकों द्वारा पूर्व में सीनियर रेसीडेंट के पद पर कार्य किया गया है? (ग) क्या अभी सिविल निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है? यदि नहीं, तो चयनित चिकित्सकों से अभी विभाग द्वारा क्या कार्य लिया जा रहा है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (‍क) जी हाँ। प्रोजेक्‍ट की कुल लागत राशि रूपये 39.69 करोड़ है। सिविल कार्य हेतु राशि रूपये 20.06 करोड़ एवं उपकरण हेतु राशि रूपये 19.63 करोड़ है। (ख) जी हाँ। शैक्षणिक संवर्ग के 12 स्‍वीकृत पदों में से 10 चिकित्‍सकों का चयन नियमानुसार संभागायुक्‍त की अध्‍यक्षता में गठित समिति द्वारा कर लिया गया है। स्‍कूल ऑफ एक्‍सीलेंस फॉर आई संस्‍था का उद्देश्‍य उच्‍च स्‍तरीय नेत्र रोग से संबंधित सुविधायें उपलब्‍ध कराना व फेलोशिप कोर्स प्रारम्‍भ करना है, जिसके लिए एम.सी.आई. अर्हताओं की आवश्‍यकता नहीं है। फेलोशिप कोर्स हेतु चिकित्‍सा शिक्षकों को सीनियर रेसीडेंसी की अनिवार्यता नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। चयनित चिकित्‍सकों द्वारा अभी कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है।

अतिवृष्टि से प्रभावित फसल/जनधन की हानि का सर्वे

[राजस्व]

9. ( *क्र. 652 ) श्री रमेश मेन्‍दोला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) क्‍या शासन ने अतिवृष्टि/बाढ़ से नष्ट हुई फसलों तथा जनधन की हानि की स्थिति जानने हेतु प्रदेश में कोई जमीनी सर्वेक्षण करवाया है? (ख) यदि हाँ, तो ये सर्वे प्रदेश के कितने जिलों में करवाया गया है तथा जिन जिलों में सर्वे हुआ है वहां सर्वेक्षण का कार्य किस विभाग के अधिकारियों द्वारा किया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रदेश में फसल नुकसान के आंकलन हेतु 41 जिलों में सर्वे कराया गया है। जिलों में राजस्‍व, कृषि विभाग, उद्यानिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा सर्वेक्षण किया गया।

चिन्हित ग्रामों को राजस्‍व ग्राम का दर्जा

[राजस्व]

10. ( *क्र. 1126 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) दिनांक 22.03.2018 को प्रश्न 148 (क्र. 5159) प्रश्नकर्ता द्वारा पूछे गये प्रश्न के उत्तर (ग) में दर्शाये गये घसोई पंचायत के बागरीखेड़ा एवं सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के अन्य गांव राजस्व गांव घोषित करने की कार्यवाही प्रचलित बताया गया था तथा (घ) में अमले की कमी की जानकारी दी गई थी, उसके उपरांत तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही की गई थी?                                                              (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु मापदण्ड अनुसार कौन-कौन से ग्राम चिन्हित किये गये हैं? ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) शासन द्वारा चिन्हित ग्रामों को राजस्व ग्राम घोषित करने हेतु क्या कार्यवाही की गई है? (घ) शासन की योजना के लाभ हेतु चिन्हित ग्रामों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सुवासरा के अंतर्गत घसोई पंचायत के मजरा बागरीखेड़ा में जो कमियां/त्रुटियां पाई गईं थीं, उनकी पूर्णता करवाई गई है। उक्‍त सहित कुल 7 मजरा टोला से राजस्‍व ग्राम घोषित करने के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए हैं, जिनका परीक्षण कर आगामी कार्यवाही प्रचलित है। (ख) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में राजस्‍व ग्राम घोषित करने हेतु कुल 7 ग्राम चिन्हित किये गये हैं। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) चिन्हित ग्रामों की जानकारी प्राप्‍त होने पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) नियमानुसार पात्र पाये जाने पर समस्‍त मजरे टोलों को राजस्‍व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - "एक"

ब्यावरा में नल-जल पाईप लाईन कार्य को पूर्ण किया जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

11. ( *क्र. 1104 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में बांकपुरा परियोजना अंतर्गत 126 ग्रामों में शामिल              नल-जल योजना ग्रामों की सूची उपलब्ध करवाएं, शेष ग्रामों को कब तक जोड़ा जायेगा, उसकी क्या कार्ययोजना बनी है? (ख) उक्त ग्रामों में कितनी पानी की टंकिया पूर्ण हो चुकी हैं व कितनी प्रगतिरत हैं एवं कितनी शेष हैं? सूची उपलब्ध करवाएं। (ग) जिन ग्रामों में नल-जल हेतु पाईप लाईन डाली गई है उन ग्रामों में जो सीसी रोड व मार्ग खराब हुए हैं, उन्हें यथास्थिति में लाने हेतु कौन जिम्मेदार है व कब तक मार्ग यथावत होंगे। (घ) नल-जल योजना अंतर्गत किये गये टेंडर किस आधार पर किये गये व विभाग द्वारा ठेकेदार से कार्य की समय-सीमा कितनी रखी गई?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में बांकपुरा-कुशलपुरा परियोजना में शामिल 126 ग्रामों की सूची पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा के शेष 202 ग्रामों में से 82 ग्राम पहाड़गढ़ समूह जलप्रदाय योजना में सम्मिलित हैं तथा 120 ग्रामों को नरसिंहगढ़ समूह जलप्रदाय योजना (रिंसी डेम आधारित) से जोड़ना प्रस्तावित है, जिसकी डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगतिरत है, निश्चित                  समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) बांकपुरा-कुशलपुरा परियोजना के अंतर्गत 39 उच्च स्तरीय टंकियां पूर्ण हो चुकी हैं एवं शेष 19 के कार्य प्रगतिरत हैं। सूची पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) अनुबंध अनुसार पाइप लाइन बिछाने के लिये खोदे गये सड़क के हिस्से को पूर्ववत करने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है। पाइप लाइन की हाइड्रो टेस्टिंग होने एवं सभी घरों में नल कनेक्शन का कार्य पूर्ण होने पर ठेकेदार द्वारा सड़कों के खोदे गये हिस्से को पूर्ववत किया जायेगा, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) समूह जलप्रदाय योजना बांकपुरा-कुशलपुरा का टेण्डर टर्न की जॉब (एकमुश्त दर) पद्धति पर किया गया है। बांकपुरा-कुशलपुरा परियोजना में ठेकेदार से कार्य की समय-सीमा 24 माह रखी गई है।

बायोमेट्रिक प्रणाली से राशन का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

12. ( *क्र. 1429 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राशन वितरण केन्‍द्रों में सही समय में राशन नहीं पहुंच पाने की शिकायतें निरंतर प्राप्‍त हो रही हैं तथा नियत समय पर कोटा वि‍तरण केन्‍द्रों पर नहीं पहुंच पाने के लिए कौन जिम्‍मेदार है?                                                               (ख) उपरोक्‍त प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या बायोमेट्रिक मशीन के माध्‍यम से राशन वितरण प्रणाली लागू कर दी गयी है, किन्‍तु ग्रामीण अंचलों में नेटवर्क की समस्‍या और हमेशा सर्वर की समस्‍या बनी रहती है, लोग पेड़ों पर चढ़कर अंगूठा लगा रहे हैं? बिना नेटवर्क और अन्‍य अधोसरंचना के यह व्‍यवस्‍था लागू करने के लिए कौन जिम्‍मेदार है? (ग) जब तक नेटवर्क की समस्‍या और सर्वर की समस्‍या ठीक नहीं होती तब तक राशन वितरण की वैकल्पिक व्‍यवस्‍था क्‍या है?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) उचित मूल्‍य दुकानों पर द्वार प्रदाय योजना के तहत समय-सीमा में राशन प्रदाय का प्रयास किया जाता है तथापि विभिन्‍न स्रोतों से MDM, ICDS आदि से उपयोगिता एवं नवीन मांग लेकर आवंटन जारी करने में, नवीन परिवहन निविदाओं का अंतिमिकरण, दुकानों पर स्‍थानाभाव आदि जैसे कारणों से कुछ दुकानों पर माह प्रारंभ से पूर्व पूर्ण आवंटन नहीं पहुंच पाता है। इन तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए किसी की जिम्‍मेदारी तय की जाना सम्‍भव नहीं है। पात्र हितग्राहियों को राशन वितरण हेतु उचित मूल्‍य दुकानों पर राशन उपलब्‍ध रहे, इस हेतु माह जनवरी एवं फरवरी, 2020 का (दो माह का) एक साथ अग्रिम खाद्यान्‍न आवंटन जारी किया गया है। (ख) माह अक्‍टूबर, 2019 से प्रदेश में आधार आधारित राशन वितरण व्‍यवस्‍था (AePDS) लागू की गई है। जिन पात्र हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन किन्‍हीं कारणों से सफल नहीं हो पाते हैं, उनके सही आधार नंबर दर्ज कर अथवा नामिनी के माध्‍यम से राशन वितरण किया जाता है। उल्‍लेखनीय है कि उचित मूल्‍य दुकान से परिवार का कोई भी सदस्‍य राशन प्राप्‍त कर सकता है। प्रदेश की जिन 1909 उचित मूल्‍य दुकानों पर नेट कनेक्टिविटी उपलब्‍ध नहीं है, उनमें आंशिक ऑफलाईन (बिना बायोमेट्रिक सत्‍यापन) राशन वितरण की व्‍यवस्‍था की गई है। सर्वर की समस्‍या आने पर वैकल्पिक व्‍यवस्‍था की जाती है। किसी भी पात्र परिवार को तकनीकी कारणों से राशन प्राप्‍त करने से वंचित नहीं किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार।

शहपुरा ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना की स्‍वीकृति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

13. ( *क्र. 1560 ) श्री संजय यादव : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या बरगी विधान सभा क्षेत्र शहपुरा के 137 ग्रामों को जल प्रदाय हेतु शहपुरा ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना स्‍टेज-1 को रिपोर्ट एवं प्राक्‍कलन महाप्रबंधक म.प्र. जल निगम पी.आई.यू. जबलपुर द्वारा परियोजना निर्देशक को अपने पत्र क्र. 219, दिनांक 06.07.2019 के द्वारा प्रेषित की गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त जल प्रदाय योजना की प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति हेतु अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? परियोजना कब तक स्‍वीकृत की जायेगी? (ख) बरगी विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पड़वार पड़रिया जल प्रदाय योजना की स्‍वीकृति हेतु शासन द्वारा अब तक क्‍या कार्यवाही की गई? उक्‍त योजना कब तक स्‍वीकृत होगी? (ग) बरगी विधान सभा क्षेत्र में निर्माणाधीन पायली समूह जल प्रदाय योजना का कार्य अत्‍यन्‍त धीमी गति से चल रहा है, उक्‍त कार्य                        समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु विभागीय अधिकारियों को शासन द्वारा कब तक निर्देशित किया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने हेतु निविदा प्रक्रिया प्रगतिरत है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार होने के उपरांत वित्तीय संयोजन प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) पड़वार-पड़रिया समूह जलप्रदाय योजना की डी.पी.आर. तैयार की गई है। वित्तीय संयोजन प्राप्त होने पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) योजना के कार्यों का सतत् अनुश्रवण मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा किया जा रहा है एवं कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु ठेकेदार को समय-समय पर निर्देशित किया जा रहा है।

सिवनी मेडिकल कॉलेज का निर्माण

[चिकित्सा शिक्षा]

14. ( *क्र. 789 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शासकीय मेडिकल कॉलेज की घोषणा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो किसके द्वारा कब और कहाँ? प्रशासकीय स्‍वीकृति कब प्रदाय की गई? उक्‍त मेडिकल कॉलेज हेतु कब और कहाँ पर कितनी भूमि आवंटित की गई? क्‍या उक्‍त भूमि को शासन ने मेडिकल कॉलेज निर्माण हेतु विभाग को प्रदाय कर दी है? यदि हाँ, तो कब, नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्‍या मेडिकल कॉलेज के निर्माण हेतु निविदा आमंत्रित की गई? यदि हाँ, तो कब? कितना बजट शासन द्वारा विभाग को आवंटित किया गया? कब प्रदाय किया गया? कार्य की वर्तमान स्थिति क्‍या है? (घ) नवीन मेडिकल कॉलेज खोले जाने के संबंध में राज्‍य सरकार और भारत सरकार के किन-किन विभागों की अनुमति, अनापत्तियां आदि आवश्‍यक होती हैं, सिवनी मेडिकल कॉलेज के संबंध में उक्‍त में से कितनी अनुमतियां, अनापत्तियॉ, प्राप्‍त हो चुकी हैं कितनी शेष हैं? (ड.) मेडिकल कॉलेज खोले जाने के विभिन्‍न क्रम में चरण एवं प्रक्रिया क्‍या होती है? सिवनी मेडिकल कॉलेज हेतु उक्‍त प्रक्रिया एवं चरण किस स्थिति में है? शासन ने सिवनी मेडिकल कॉलेज किस योजना या मद से खोले जाने का निर्णय लिया है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (‍क) जी हाँ। (ख) तत्‍कालीन मान. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा सिवनी में दिनांक 05.05.2018 को घोषणा की गई। दिनांक 04 अक्‍टूबर 2018 को प्रशासकीय स्‍वीकृति जारी की गई। दिनांक 24.09.2018 द्वारा शासकीय चिकित्‍सा महाविद्यालय की स्‍थापना हेतु ग्राम कंडीपार जिला सिवनी में कुल 14.78 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित की गई है। जी हाँ, शासन द्वारा आवंटित भूमि विभाग को प्रदाय कर दी है। (ग) जी हाँ। दिनांक 24.12.2018 को निविदा जारी की गई। मेडिकल कॉलेज के निर्माण हेतु राशि रूपये 26.03 लाख का आवंटन लोक निर्माण विभाग (पी.आई.यू.) को वर्ष 2019-20 में उपलब्‍ध कराया गया। मेडिकल कॉलेज हेतु आवंटित भूमि पर बॉउन्‍ड्रीवाल का निर्माण किया गया। (घ) नवीन मेडिकल कॉलेज खोले जाने हेतु भारत शासन से प्राप्‍त की जाने वाली अनुमतियां संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। राज्‍य शासन से विभिन्‍न विभागों से प्राप्‍त की जाने वाली अनुमतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। वर्तमान में अनुमतियां प्राप्‍त नहीं की गईं हैं।                                                            (ड.) मेडिकल कॉलेज खोले जाने की प्रक्रिया के संबंध में एम.सी.आई. द्वारा जारी की गई गाइडलाईन संबं‍धी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। निर्माण के लिए डीपीआर पश्‍चात् निविदा आमंत्रित की जाती है। मेडिकल कॉलेज हेतु आवंटित भूमि पर बॉउन्‍ड्रीवाल का निर्माण किया गया है। सिवनी मेडिकल कॉलेज का निर्माण मांग संख्‍या 52 अंतर्गत वर्ष                         2019-20 राज्‍य योजना अंतर्गत योजना क्रमांक 9077 में स्‍वीकृत है।

विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत पेयजल योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

15. ( *क्र. 634 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रदाय हेतु नल-जल योजना शुरू की गई है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के अंतर्गत आने वाले किन-किन ग्रामों में उक्त योजना द्वारा जल प्रदाय किया जाना है? ग्रामवार नाम बतावें (ख) क्या प्रश्नांश (क) में प्रश्नगत उक्त समस्त ग्रामों में पेयजल योजना द्वारा जल प्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो कब तक समस्त ग्रामों में पेयजल योजना द्वारा जल प्रदाय प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी में पेयजल योजना अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लाईन बिछाते समय मार्गों में पक्की सड़क को तोड़कर पाईप लाईन डाली गयी है? यदि हाँ, तो पाईप डालने एवं टेस्टिंग उपरांत सड़कों को पूर्ववत फर्म द्वारा मरम्मत करने का प्रावधान होने के बाद भी उक्त मार्गों की मरम्मत न करने के लिए कौन दोषी है एवं उक्त मार्गों की मरम्मत कब तक कर दी जायेगी।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, निवाड़ी समूह जलप्रदाय योजना में निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के 32 ग्राम एवं निवाड़ी-पृथ्वीपुर-1 समूह जलप्रदाय योजना में निवाड़ी विधानसभा क्षेत्र के 94 ग्राम सम्मिलित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' एवं 'दो' के अनुसार है। (ख) निवाड़ी समूह जलप्रदाय योजना के 32 ग्रामों में जल प्रदाय प्रारम्भ कर दी गई है। निवाड़ी-पृथ्वीपुर-1 समूह जलप्रदाय योजना में लगभग 84 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है, जिससे अप्रैल, 2020 तक जलप्रदाय प्रारम्भ किया जाना लक्षित है। (ग) जी हाँ, सड़कों में ट्रेन्च खोदकर पाइप लाइन बिछाई जा रही है, कार्य उपरांत ठेकेदार द्वारा पूर्ववत किये जाने का प्रावधान है। जैसे-जैसे पाइप लाइनों की हाइड्रो टेस्टिंग एवं घरेलू कनेक्शन का कार्य पूर्ण होता जा रहा है, वैसे-वैसे सड़कों को पूर्ववत किया जा रहा है, अतः कोई दोषी नहीं है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

आबकारी नीति में संशोधन

[वाणिज्यिक कर]

16. ( *क्र. 1299 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष आबकारी नीति में संशोधन किया गया है? यदि हाँ, तो                    क्या-क्या नवीन प्रावधान किये गये हैं? (ख) क्या सरकार द्वारा सिर्फ राजस्व बढ़ाने के लिए ही इस वर्ष ऑफ-शॉप को ऑन-शॉप में बदला गया है? यदि हाँ, तो कितना अतिरिक्त राजस्व अभी तक प्राप्त हुआ? (ग) सरकार द्वारा ऑन-शॉप हेतु जो अहाता की स्वीकृति दी जावेगी उसके लिए                                            क्या-क्या शर्तों का प्रावधान किया गया है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 125 दिनांक 16.03.2019 द्वारा वर्ष 2019-20 के लिये आबकारी नीति का प्रकाशन कराया गया है, जिसके अनुसार, (1) देशी/विदेशी मदिरा दुकानों का निष्पादन गत वर्ष                          2018-19 के वार्षिक मूल्य में 20 प्रतिशत की वृद्धि कर प्रथमतः नवीनीकरण एवं लॉटरी आवेदन पत्र के माध्यम से, शेष रही देशी/विदेशी मदिरा की दुकानों का निष्पादन ई-टेण्डर (क्लोज बिड एवं ऑक्‍शन) के माध्यम से किया गया है। (2) वर्ष 2019-20 में प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मात्र रिसोर्ट बार (एफ.एल.-3-क) लायसेंस में फीस में कमी एवं शर्तों का सरलीकरण किया गया है। (3) शासकीय राजस्व में वृद्धि एवं मदिरा दुकान के आसपास मदिरा के अवैध उपभोग पर अंकुश लगाये जाने के प्रयोजन से ऑफ श्रेणी की देशी/विदेशी मदिरा की दुकानों को अतिरिक्त मूल्य प्रभारित किये जाने पर शॉपबार का लायसेंस दिये जाने का प्रावधान, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 454 दिनांक 14.11.2019 अनुसार किया गया है। (4) शासन आदेशानुसार मदिरा के न्यूनतम विक्रय मूल्य पर लगने वाले वैट की दर को दिनांक 21.09.2019 से 5 प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत किया गया है। तद्नुक्रम में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 453 दिनांक 14.11.2019 में प्रकाशित व्यवस्था अनुसार वर्ष 2019-20 के लिये देशी मदिरा की प्रत्येक किस्म एवं धारिता की बोतल के परिगणित न्यूनतम फुटकर विक्रय मूल्य में 20 प्रतिशत के बजाय 25 प्रतिशत तथा विदेशी मदिरा (स्पिरिट, वाईन तथा बीयर) के परिगणित न्यूनतम फुटकर विक्रय मूल्य में 15 प्रतिशत के बजाय 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाकर अधिकतम विक्रय मूल्य परिगणित किया गया। (5) प्रत्येक लेबल के अधीन, उसके प्रत्येक रूपांतर (Variant) का पंजीकरण 10% अतिरिक्त फीस के साथ किया जाना प्रावधानित किया गया है। (ख) शासकीय राजस्व में वृद्धि के साथ-साथ, मदिरा दुकान के आसपास मदिरा के अवैध उपभोग पर अंकुश लगाये जाने के प्रयोजन से ऑफ श्रेणी की देशी/विदेशी मदिरा की दुकानों को नियमानुसार पात्रता होने पर अतिरिक्त मूल्य प्रभारित किये जाने पर शॉपबार का लायसेंस दिया जाना प्रावधानित किया गया है। प्रदेश में शॉपबार लायसेंस से राशि रूपये 6,03,87,174/- का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। (ग) शॉपबार का लायसेंस दिये जाने संबंधी शर्तों का प्रकाशन, मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 454, दिनांक 14.11.2019 में कराया गया है, उक्त राजपत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "दो"

प्रदेश में अतिवृष्टि से फसलों को नुकसान

[राजस्व]

17. ( *क्र. 1035 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्‍या इस वर्ष समूचे प्रदेश में माह जुलाई से प्रश्‍न दिनांक तक अतिवृष्टि से किसानों की फसल बर्बाद हुई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो शासन के सर्वे अनुसार समूचे प्रदेश में कितना नुकसान अतिवृष्टि से हुआ है? (ग) शासन/प्रशासन द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक अतिवृष्टि से हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में कितनी मुआवजा राशि किसानों को दी गई? जिलेवार राशि की जानकारी दें।                            (घ) क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक सभी किसानों को मुआवजा राशि का वितरण हो गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? कब तक मुआवजा राशि का वितरण हो जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मानसून सत्र 2019 में प्रदेश के 41 जिलों में अतिवृष्टि से किसानों की फसलें प्रभावित हुईं हैं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सर्वे अनुसार वर्षाकाल में लगभग कुल 65.83 लाख हेक्‍टेयर फसल की क्षति हुई है। (ग) जिलेवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, आंकलित लगभग 7041 करोड़ फसल मुआवजा के विरूद्ध लगभग 1400 करोड़ का मुआवजा दिया गया है। शेष राशि वितरण हेतु समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तीन"

राशन वितरण हेतु वैकल्पिक व्‍यवस्‍था

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

18. ( *क्र. 1579 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या परासिया ब्‍लॉक में स्थि‍त सभी शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों में पी.ओ.एस. मशीन लगाई जा चुकी है? जहां मशीन ऑन-लाइन है, क्‍या वहां सर्वर की समस्‍या के कारण मशीन नहीं चलती है और सर्वर की समस्‍या ठीक होने के कोई निश्चित समय निर्धारित नहीं है? क्‍या एक दिन में केवल 20-25 कार्डों का राशन वितरण हो पा रहा है और बाकी लोग बिना राशन लिए लौट रहे हैं? क्‍या एक महीने का राशन लेने के लिए लगभग 5 बार राशन दुकान आना पड़ रहा है। अगर पी.ओ.एस. मशीन खराब हो जाती है तो क्‍या उसके ठीक होने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है, जिसके कारण राशन प्राप्‍त करने के लिए पूरे दिन हितग्राही परेशान होते रहते हैं। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो क्‍या हितग्राहियों को अन्‍य माध्‍यम से राशन वितरण करने की वैकल्पिक व्‍यवस्‍था शासन/विभाग द्वारा तुरंत ही की जावेगी, जिससे हितग्राहियों को समय पर राशन प्राप्‍त हो सके? यदि हाँ, तो वैकल्पिक व्‍यवस्‍था कब तक बनाई जायेगी? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) स्‍थान पर अनेक बी.पी.एल. कार्डधारी एवं अन्‍य विभिन्‍न श्रेणी में पात्र उपभोक्‍ताओं को राशन की पात्रता पर्ची विभाग द्वारा समय पर जारी नहीं की जा रही है, जिससे हितग्राहियों को राशन नहीं मिल पा रहा है? समय पर पात्र हितग्राहियों को पात्रता पर्ची प्रदान नहीं किये जाने का क्‍या कारण है? कब से हितग्राहियों को समय पर पात्रता पर्ची प्रदान किये जाने हेतु विभाग द्वारा व्‍यवस्‍था बना दी जायेगी? (घ) जिन हितग्राहियों के आधार नम्‍बर ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों द्वारा समग्र पोर्टल में पहले से फीड हैं, विभाग द्वारा उनका बार-बार आधार नम्‍बर मशीन में फीड कराया जाता है और आधार नं. एक बार में फीड नहीं होता है, जिसके कारण उपभोक्‍ता निरंतर परेशान हो रहे हैं। उक्‍त संबंध में भी विभाग द्वारा कब तक व्‍यवस्‍था बना दी जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। परासिया विकासखण्‍ड की कुल 93 उचित मूल्‍य दुकानों में से 42 नेट कनेक्टिविटी उपलब्‍ध वाली दुकानों पर ऑनलाईन एवं 51 दुकानों पर नेट कनेक्टिविटी उपलब्‍ध न होने के कारण आंशिक ऑफलाईन राशन का वितरण किया जा रहा है। उचित मूल्‍य दुकानों की पी.ओ.एस. मशीन खराब रहने या अन्‍य कोई तकनीकी समस्‍या होने पर पात्र हितग्राहियों को वितरण पंजी से राशन वितरण के निर्देश दिये गये हैं। उचित मूल्‍य दुकान के विक्रेता द्वारा पी.ओ.एस. मशीन खराब होने की शिकायत कॉल सेन्‍टर पर दर्ज करने के 48 घंटे में पी.ओ.एस. मशीन का सुधार करने की समय-सीमा निर्धारित है, निर्धारित समयावधि में सुधार न कराने पर सेवाप्रदाता को खराब मशीन का किराया भुगतान नहीं किया जाता है। वर्तमान में परासिया विकासखण्‍ड में कोई पी.ओ.एस. मशीन खराब नहीं है। (ख) उचित मूल्‍य दुकानों की पी.ओ.एस. मशीन खराब रहने या अन्‍य कोई तकनीकी समस्‍या होने पर पात्र हितग्राहियों को वितरण पंजी से राशन वितरण के निर्देश दिये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75% आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। वर्तमान में परिवारों के सत्‍यापन के अभियान की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा रही है। (घ) जिन पात्र हितग्राहियों के डाटाबेस में पूर्व से सही आधार नंबर दर्ज हैं, उन हितग्राहियों से पुन: आधार नंबर मांगे जाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं हैं। पात्र हितग्राही जिनके डाटाबेस में आधार नंबर दर्ज नहीं हैं अथवा त्रुटिपूर्ण दर्ज हैं, उनके सही आधार नंबर उचित मूल्‍य दुकानों पर पी.ओ.एस. मशीन के माध्‍यम से दर्ज किये जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा अधिनियम के अंतर्गत सम्मिलित समस्‍त पात्र हितग्राहियों की पहचान सुनिश्चित करने हेतु e-KYC सभी हितग्राहियों के किये जा रहे हैं।

बुरहानपुर जिले में अतिवृष्टि/आंधी तूफान से नष्‍ट हुई फसलों का सर्वे

[राजस्व]

19. ( *क्र. 1227 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला बुरहानपुर में वर्ष 2019 में प्राकृतिक आपदा/अतिवृष्टि से कृषकों की नष्‍ट हुई फसलों के सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है? यदि हाँ, तो ग्रामवार कितनी प्रतिशत फसल नष्‍ट हुई है, की सूची प्रदान करें। यदि सर्वे पूर्ण नहीं हुआ है तो कब तक सर्वे पूर्ण होकर सूची प्रदान की जावेगी? (ख) उक्‍त पीड़ि‍त किसानों को कितनी मुआवजा राशि का अब तक वितरण किया गया? यदि नहीं, किया गया तो कब तक भुगतान किया जायेगा? साथ ही विलम्‍ब का कारण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिला बुरहानपुर अंतर्गत वर्ष 2019 में प्राकृतिक आपदा/अतिवृष्टि से नष्‍ट हुई फसलों के सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार हैअत: शेष प्रश्‍न उदभूत नहीं होता है। (ख) जिला बुरहानपुर में कुल राहत राशि 1,61,72,656/- (एक करोड़ इकसठ लाख बहत्‍तर हजार छ: सौ छप्‍पन रूपये) का वितरण प्रभावित कृषकों को किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। राशि प्राप्ति के अनुसार भुगतान किया गया है। विलम्‍ब नहीं हुआ है।

प्राकृतिक प्रकोपों से हुई क्षतियों पर आर्थिक सहायता

[राजस्व]

20. ( *क्र. 293 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड छः क्रमांक 4 यथा संशोधित करते हुए 01 मार्च, 2018 से प्रभावशील की गई है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019 की अवधि में प्रदेश में हुई अतिवृष्टि से कितने हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई है तथा किसानों को कितनी धनराशि आर्थिक सहायता के रुप में भुगतान करने का आंकलन किया गया है? (ख) प्रश्नाधीन अवधि में नीमच जिले के कौन-कौन से ग्राम प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावित हुए हैं और उन्‍हें किन-किन कारणों से हुई क्षतियों के लिये आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु सूचीबद्ध किया गया है? तहसीलवार/ग्रामवार संख्‍यात्‍मक सूची उपलब्‍ध कराई जावे। स्‍वीकृत आर्थिक सहायता राशि का भुगतान किन मानदण्‍डों के आधार पर किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित प्रभावितों को कितनी राशि आर्थिक सहायता के रुप में भुगतान की गई है तथा कितनी राशि का अब भी भुगतान किया जाना शेष है? तहसीलवार/ग्रामवार संख्‍यात्‍मक सूची उपलब्‍ध कराई जावे। (घ) प्रश्नांश (ग) में भुगतान हेतु लंबित दर्शाये गये ग्रामों/कस्बों के प्रभावितों को कब तक आर्थिक सहायता राशि का भुगतान किया जा सकेगा? क्या इस संबंध में कोई शिकायतें शासन को प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उस पर अब तक की गई कार्यवाही से अवगत करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2019 की अवधि में प्रदेश में हुई अतिवृष्टि से लगभग 65.82 लाख हेक्‍टेयर फसल प्रभावित हुई है तथा प्रभावित कृषकों को लगभग राशि 7041 करोड़ रूपये भुगतान किये जाने का आंकलन किया गया है। (ख) नीमच जिले के समस्‍त ग्राम/कस्‍बे प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावित हुए हैं। फसल, मकान/दुकान, पशु हानि, जनहानि, पशु घर हानि, कुंआ हानि, खाद्यान्‍न इत्‍यादि क्षतियों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु सूचीबद्ध किया गया है। तहसीलवार/ग्रामवार संख्‍यात्‍मक सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। स्‍वीकृत आर्थिक सहायता राशि का भुगतान राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र खण्‍ड छ: क्रमांक 4 के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है। (ग) नीमच जिले में प्रभावितों को जो राशि आर्थिक सहायता राशि के रूप में भुगतान की गई है एवं भुगतान किया जाना शेष है। उसकी तहसीलवार/ग्रामवार संख्‍यात्‍मक सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। आवेदिका श्रीमती रचना कुवर निवासी महागढ़ तहसील मनासा जिला नीमच की सोयाबीन की फसल नष्‍ट हो जाने के कारण मुआवजा राशि के संबंध में शिकायत प्राप्‍त हुई तदानुसार संबंधित शिकायतकर्ता को नियमानुसार राहत राशि 43,024/- (तिरतालिस हजार चौबीस) रूपये आर्थिक राहत राशि स्‍वीकृत कर ई-पेमेन्‍ट के माध्‍यम से संबंधित के खाते में जमा की जा चुकी है।

आयुर्वेद/होम्‍यो तथा यूनानी में चिकित्‍सकों के स्‍वीकृत/रिक्‍त पद

[आयुष]

21. ( *क्र. 133 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुर्वेद/होम्‍यो तथा यूनानी में चिकित्‍सा अधिकारियों के कितने-कितने पद स्‍वीकृत हैं, कितने-कितने पद रिक्‍त हैं एवं कितने-कितने पद भरे हैं। भरे हुए एवं रिक्‍त पदों की संख्‍या अलग-अलग बताएं। (ख) केन्‍द्र सरकार एवं अन्‍य राज्‍यों में सभी पैथी के चिकित्‍सकों की सेवानिवृत्ति की आयु एक समान करके सेवानिवृत्ति की आयु में भेदभाव समाप्‍त किया जा चुका है, उसी तरह प्रदेश के आयुष चिकित्‍सकों की सेवानिवृत्ति की आयु, एलोपैथिक चिकित्‍सकों के समान 65 वर्ष कब तक की जावेगी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।                                                 (ख) परीक्षण कर कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चार"

'किसान सम्‍मान निधि' अंतर्गत किसानों का पंजीयन

[राजस्व]

22. ( *क्र. 81 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रारंभ 'किसान सम्‍मान निधि' के अंतर्गत म.प्र. में कितने किसानों को इस योजना में पात्र माना गया है? देवास जिले के कुल कितने किसानों को इस योजना की हितग्राही सूची में शामिल किया गया है? (ख) प्रश्‍न दिनांक तक देवास जिले में कितने किसानों के खातों में प्रथम, द्वितीय, तृतीय किश्‍त जमा हो चुकी है? तहसीलवार किसान संख्‍या का उल्‍लेख करें। (ग) क्‍या कारण है कि कन्‍नौद एवं खातेगांव तहसील के लगभग 50 गांवों के किसानों के खातों में अभी तक प्रथम किश्‍त की राशि भी जमा नहीं हो पाई है? क्‍या इसमें पटवारियों की लापरवाही प्रतीत होती है? (घ) क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक जिन किसानों के नाम पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाये हैं, उनके समाधान हेतु विभाग कोई कार्यवाही शीघ्र करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 05.12.2019 की स्थिति में केन्‍द्र सरकार द्वारा प्रारंभ किसान सम्‍मान निधि के अंतर्गत म.प्र. में 5237289 किसानों को इस योजना में पात्र माना गया है। पी.एम. किसान पोर्टल अनुसार देवास जिले के 129921 किसानों को इस योजना की हितग्राही सूची में शामिल किया गया है। (ख) पी.एम. किसान पोर्टल अनुसार प्रश्‍न दिनांक तक देवास जिले में 99138 कृषकों को प्रथम किश्त, 76127 कृषकों को दूसरी किश्त का लाभ दिया जा चुका है। ग्रामवार हितग्राहियों की जानकारी www.pmkisan.gov.in पोर्टल पर उपलब्ध है। (ग) जिला देवास के तहसील कन्नौद के 66 ग्रामों में से 64 ग्रामों के 6922 किसानों को प्रथम किश्त एवं 5416 किसानों को द्वितीय किश्त एवं तहसील खातेगांव के 168 ग्रामों में से 164 ग्रामों के 11603 किसानों को प्रथम किश्त एवं 8126 किसानों को द्वितीय किश्त का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खाते में किया जा चुका है। पटवारियों द्वारा पी.एम. किसान सम्मान निधि सम्बन्धी कार्य किया जाता है। (घ) पात्रता परीक्षण कर कृषक परिवारों को चिन्हित करने हेतु कार्यवाही की जाती है।

वि.स. क्षेत्र चांचौड़ा में स्थित ऐतिहासिक किले का संरक्षण

[संस्कृति]

23. ( *क्र. 1370 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र चांचौड़ा में स्थित ऐतिहासिक किले के संरक्षण और जीर्णोद्धार हेतु विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किया जा रहा है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) विधानसभा क्षेत्र चांचौड़ा स्थित प्राचीन किले को विभाग द्वारा संरक्षित घोषित किया गया है। किले के अनुरक्षण एवं विकास कार्यों के लिए राशि रूपये 490.97 लाख की स्‍वीकृति जारी की जा चुकी है। निविदा कार्यवाही प्रचलन में है।

बड़नगर तहसील में ग्रामीण नल-जल योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

24. ( *क्र. 470 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्न दिनांक से विगत 03 वर्षों में कितनी नल-जल योजना स्वीकृत की गई, कितनी नल-जल योजना पूर्ण होकर चालू है तथा कितनी नल-जल योजना अपूर्ण होकर बंद है? किस-किस नल-जल योजना पर कितना व्यय किया गया है? योजनावार राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। कौन-कौन सी नल-जल योजना अनुबंध अवधि में पूर्ण हुई एवं कौन-कौन सी नल-जल योजना अनुबंध अवधि के बाद बंद हुई? समय अवधि में पूर्ण नहीं होने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? नल-जल योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बंद पड़ी नल-जल योजनाओं को चालू करने हेतु किस-किस नल-जल योजना पर               कितना-कितना व्यय किया गया? स्थानवार जानकारी उपलब्ध करावें। वर्तमान में कितनी नल-जल योजनाएकिस कारण से बंद हैं? विभाग द्वारा चालू करने हेतु क्या प्रयास किये गये? जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में नल-जल योजना के निर्माण में भारी अनियमितता हुई है एवं शासन को करोड़ों रूपये की क्षति हुई है, क्या शासन द्वारा इस गंभीर अनियमितता की जांच प्रदेश स्तरीय कमेटी बनाकर की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 08 नल-जल योजनाएं स्वीकृत की गईं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्तमान में एक ग्राम नरसिंगा की नल-जल योजना पावर पंप फंसने के कारण बंद है, जिसको चालू करने हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

पंजीकृत फर्मों से कर की वसूली

[वाणिज्यिक कर]

25. ( *क्र. 1661 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के निर्वाचन क्षेत्र ब्‍यौहारी अंतर्गत 01 जनवरी, 2018 से अब तक कुल क‍ितनी रजिस्‍टर्ड फर्म हैं, जिनका पंजीयन विभाग में दर्ज है एवं किन-किन फर्मों से कितनी-कितनी कर वसूली की गयी है? सूची उपलब्‍ध करायी जाये। (ख) विभाग में जो फर्म पंजीकृत हैं, किन्‍तु आज दिनांक तक उनकी फर्म कहीं संचालित नहीं है, उनके बिल का भुगतान किस आधार पर किया जाता है? (ग) वर्ष 2018-19 में शहडोल जिलान्‍तर्गत समस्‍त रजिस्‍टर्ड फर्म की आय कितनी निर्धारित थी एवं विभाग द्वारा कितनी कर के रूप में प्राप्‍त हुई। राशि का विवरण, फर्म सहित सूची उपलब्‍ध कराई जाये। (घ) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ब्‍यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायत के अंतर्गत कितने फर्म एवं टिन नंबर जारी किये गये थे? उनसे कुल कितनी कर वसूली की गयी? 01 जनवरी, 2015 से 31.12.2018 तक जानकारी उपलब्‍ध करायी जाये।

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) निर्वाचन क्षेत्र ब्यौहारी अंतर्गत 01 जनवरी, 2018 से दिनांक 30.11.2019 तक कुल 158 करदाता पंजीयत हैं। जी.एस.टी. के अन्‍तर्गत पंजीयन केन्‍द्र सरकार एवं राज्‍य सरकार के अधिकारियों द्वारा जारी किये जाते हैं। केन्‍द्र सरकार के अधीन 86 करदाता एवं राज्‍य सरकार के अधीन 72 करदाता पंजीयत हुए हैं। इन पंजीयत करदाताओं से उक्‍त अवधि के लिये कुल 2.24 लाख का एस.जी.एस.टी. (राज्‍य कर) प्राप्‍त हुआ है। करदाताओं की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) ब्‍यौहारी क्षेत्र से पंजीयत करदाताओं में से एक करदाता का व्‍यवसाय स्‍थल होना नहीं पाया गया। करदाता द्वारा जारी विक्रय बीजकों की जानकारी उन्‍हें प्रतिमाह प्रस्‍तुत की जाने वाली विवरणी में देना होता है। विभाग द्वारा फर्म के द्वारा जारी किये गये बिलों का भुगतान नहीं किया जाता है। (ग) वर्ष 2018-19 में शहडोल वृत्‍त के अन्‍तर्गत केन्‍द्र सरकार के अधीन 1027 तथा राज्‍य सरकार के अधीन 1035 करदाता पंजीयत रहे हैं। शहडोल वृत्‍त के अन्‍तर्गत पंजीयत उक्‍त करदाताओं से राज्‍य कर (एस.जी.एस.टी.) रूपये 84.15 करोड़ प्राप्‍त हुए, इन्‍हीं करदाताओं के द्वारा केन्‍द्रीय कर (सी.जी.एस.टी.), एकीकृत कर (आई.जी.एस.टी.) एवं जी.एस.टी. सेस की राशि 669.25 करोड़ जमा की गई। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) ब्यौहारी एवं जयसिंहनगर जनपद पंचायत के अंतर्गत मध्‍यप्रदेश वेट अधिनियम के अन्‍तर्गत 01 जनवरी, 2015 से 30.06.2017 तक 440 करदाता पंजीयत रहे हैं। 01 जुलाई, 2017 से जी.एस.टी. अधिनियम लागू होने के पश्‍चात 31.12.2018 तक 239 पंजीयन जी.एस.टी. के अन्‍तर्गत जारी किए गए। इन करदाताओं से अवधि 01 जनवरी 2015 से 30 जून 2017 तक 13.89 लाख का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ तथा अवधि 01.07.2017 से 31.12.2018 तक 14.09 लाख एस.जी.एस.टी. (राज्‍य कर) प्राप्‍त हुआ। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

 

 

 

 








भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


गरीब भूमिहीन परिवारों को पट्टा देना

[राजस्व]

1. ( क्र. 5 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या विगत 3 वर्षों में जबलपुर जिलांतर्गत शासन द्वारा गरीब भूमिहीन परिवारों को आवास बनाने हेतु पट्टे दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो नगर निगम जबलपुर के वार्ड क्रमांक 79 में पचासों वर्ष से निवासरत 90 परिवारों को पट्टे क्यों नहीं दिये गये? (ग) क्या इन परिवारों को पट्टे दिये जावेगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) विधानसभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में कितने हितग्राहियों को पट्टे देने हेतु चयन किया गया है? सूची देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जिले के नगर निगम क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 79 में सभी पात्र हितग्राहियों को पट्टे दिये गये है। (ग) प्रश्न उद्भूत नहीं होता है।                 (घ) जिले की विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत पूर्व में ही पात्र हितग्राहियों को पट्टे दिये जा चुके है।

अतिवर्षा के कारण गिर गये मकानों की क्षतिपूर्ति

[राजस्व]

2. ( क्र. 6 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत इस वर्ष हुई अतिवर्षा के कारण करमेता, मड़ई, अमखेरा, महाराजपुर, सुहागी में गिर गये 19 मकानों के पुनर्निर्माण हेतु हितग्राहियों को सहायता राशि दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो हितग्राहिवार दी गई राशि की जानकारी देवें एवं राशि किन मापदण्डों के आधार पर दी गई है बतावें? (ग) यदि राशि नहीं दी गई है तो क्या कारण है? कब तक राशि दी जायेगी।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिले की पनागर विधानसभा क्षेत्रांतर्गत इस वर्ष अतिवर्षा के दौरान ग्राम करमेता, मड़ई, अमखेरा, महाराजपुर, सुहागी के कुल 81 मकान क्षतिग्रस्‍त हुए। क्षतिग्रस्‍त मकानों के प्रकरण तैयार कर आर.बी.सी 6-4 के मापदण्‍डों के आधार पर रू. 326500/- राहत राशि स्‍वीकृत की जाकर 68 हितग्राहियों को 294000/- रूपये वितरित कर दी गयी है। (ख) हितग्राहीवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। राशि आर.बी.सी. 6-4 के मापदण्‍डों के आधार पर दी गई है। (ग) प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

प्रश्‍नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही

[राजस्व]

3. ( क्र. 28 ) श्री विष्‍णु खत्री : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत जगदीशपुर के लिये भारत शासन गृह मंत्रालय द्वारा मुख्‍य सचिव, म.प्र. शासन को संबोधित पत्र क्रमांक 11/9/2008 M&G प्राप्‍त हुआ था? यदि हाँ, तो इस संबंध में की गयी कार्यवाही से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में प्रश्‍नकर्ता द्वारा मुख्‍य सचिव, म.प्र. शासन को संबोधित पत्र क्रमांक 292, दिनांक 09.09.2019 पर क्‍या कार्यवाही की गयी? पत्राचार/निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार। (ख) पत्र अप्राप्‍त। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "पाँच"

अशासकीय स्कूलों में संचालित स्कूल बसें
[परिवहन]

4. ( क्र. 39 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) अशासकीय स्कूलों में विद्यार्थियों के आवागमन हेतु स्कूल बसों एवं निजी वाहनों के संचालन का क्या प्रावधान है एवं क्या परिवहन विभाग द्वारा इन स्कूल बसों एवं वाहनों को परमिट प्रदान किये जाते हैं? यदि हाँ, तो इन बसों को परमिट प्रदान करने का क्या मापदण्ड है एवं इसकी समयावधि क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार, क्या विभाग द्वारा बस एवं वाहन मालिकों को परमिट जारी करते समय वाहन की फिटनेस की जाँच की जाती है? (ग) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अशासकीय स्कूलों में संचालित निजी स्कूल बसों को परमिट किस आधार पर प्रदान किये गये हैं? प्रत्येक अशासकीय स्कूलों में कितनी-कितनी स्कूल बसें संचालित हैं? वाहन मालिकों के नाम सहित जानकारी प्रदान करें। (घ) क्या इन वाहनों द्वारा मानक संख्या से अधिक संख्या में विद्यार्थियों को लाने-ले जाने के सम्बंध में आर.टी.ओ. द्वारा समय-समय पर जाँच की जाती है? यदि हाँ, तो दोषी पाये गये वाहन मालिकों के विरुद्ध कब-कब क्या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) अशासकीय स्कूल में स्कूल के स्वामित्व की/स्कूल द्वारा अनुबंधित की गई निजी बसों द्वारा विद्यार्थियो का आवागमन किया जाता है। स्कूल के स्वामित्व/अनुबंधित बसों को मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 72 एवं 87 के अधीन परमिट स्वीकृत किए जाते हैं। परमिट स्वीकृत करते समय माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्कूल बसों के लिये निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करने संबंधी समस्त शर्तें परमिट पर अधिरोपित की जाती है। स्कूल बसों को, स्कूल बस हेतु निर्धारित मापदण्डों की पूर्ति करने पर ही परमिट स्वीकृत किये जाते है। स्थाई परमिट की अवधि 05 वर्ष तथा अस्थाई परमिट की अवधि 04 माह होती है। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 72 एवं 87 के प्रावधानों की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों की प्रति प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '' अनुसार है। (ख) जी हाँ, फिटनेस वैध होने पर ही परमिट जारी किये जाते हैं। (ग) तेन्दूखेडा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अशासकीय स्कूलों में संचालित निजी स्कूल बसों को मोटरयान अधिनियम की धारा 72 एवं 84 में वर्णित शर्तों के अनुसार परमिट प्रदान किये जाते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '' अनुसार  है। (घ) जी हाँ। विद्यार्थियों को लाने-ले जाने के संबंध में आर.टी.ओं द्वारा समय-समय पर जाँच की जाती है। दोषी वाहन मालिकों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार  है।

प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही

[संस्कृति]

5. ( क्र. 55 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर धार को धार की विरासत व ऐतिहासिक धरोहर धार-राजवाड़े को संरक्षित करने तथा कतिपय व्यक्तियों द्वारा अतिक्रमण करने के प्रयास को रोकने विषयक पत्र लिखे गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा इस संबंध में कब-कब पत्र लिखे गये तथा उन पत्रों पर जिला प्रशासन द्वारा क्या-क्या कार्रवाई की गई एवं इस संबंध में कृत कार्रवाई से विधायक को कब-कब अवगत करवाया? (ग) क्या जनप्रतिनिधियों के पत्रों के जवाब दिये जाने के संबंध में शासन द्वारा समय-समय पर निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र के उत्तर कलेक्टर द्वारा न दिये जाने पर शासन कोई दिशा-निर्देश देगा। (घ) आम जनमानस से जुड़े धार राजबाड़े को संरक्षित करने हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ. (ख) मान. विधायक श्रीमती नीना विक्रम वर्मा द्वारा प्रस्‍तुत पत्र क्रमांक 40 दिनांक 08.07.2019 के संबंध में कलेक्‍टर कार्यालय, धार द्वारा पत्र क्रमांक 7030/व.लि./2019 दिनांक 16.07.2019 अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) धार एवं मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका धार को पत्र जारी कर कार्यवाही हेतु पत्र लिखा जाकर मान. विधायक को पृष्‍ठांकन क्रमांक 7031/व.लि./2019 दिनांक 16.07.2019 द्वारा अवगत कराया गया. पत्र दिनांक 16.07.2019 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार. (ग) जी हाँ. शासन द्वारा जनप्रतिनिधियों के पत्रों के जवाब दिये जाने के परिप्रेक्ष्‍य में माननीय विधायक श्रीमती नीना विक्रम वर्मा को कलेक्‍टर कार्यालय, धार द्वारा उनके पृष्‍ठांकन क्रमांक 7031 दिनांक 16.07.2019 से अवगत कराया गया. पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार. (घ) कलेक्‍टर, धार के पत्र क्र. 2396/व‍.लि/2015 दिनांक 02.03.2015 द्वारा यह अवगत कराया कि भवन स्‍वामिनी श्रीमती मृणालनी देवी का निधन हो चुका है तथा उनका कोई वैध उत्‍तराधिकारी नहीं है. जिला प्रशासन, धार द्वारा राजवाड़ा को सील कर कार्यवाही प्रारंभ की गई. कलेक्‍टर, धार से राजवाड़ा के स्‍वामित्‍व के संबंध में तथा मान. उच्‍च न्‍यायालय में वाद की अद्यतन स्थिति की जानकारी संचालनालय पुरातत्‍व के पत्र दिनांक 06.06.2016 एवं 01.08.2018 द्वारा चाही गई जानकारी अद्यतन अपेक्षित है. पत्रों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र '' अनुसार.

मंदसौर में बाढ़ से हुये नुकसान एवं मुआवजा

[राजस्व]

6. ( क्र. 56 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जुलाई 2019 के पश्‍चात मंदसौर जिले में विभिन्‍न विभागों के अंतर्गत बाढ़ से कितनी शासकीय एवं अशासकीय एवं अन्‍य संपत्ति का नुकसान हुआ? क्या नुकसान का आंकलन विभाग द्वारा तैयार कर लिया गया है? यदि हाँ, तो कितना? विभागवार जानकारी देवें। (ख) शासन द्वारा मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍न दिनांक तक बाढ़ राहत हेतु कितनी राशि का किन-किन पंचायतों में मुआवजा दिया गया? क्‍या यह मुआवजा आंकलन के अनुरूप है या कम? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अंतर्गत जिन विभागों में मुआवजा अभी तक प्रदान नहीं किया गया है इनकी अद्यतन स्थिति क्‍या है, कब तक आंकलन अनुसार मुआवजा प्रदान कर दिया जायेगा? (घ) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने  मंदसौर जिले के भ्रमण के दौरान बाढ़ प्रभावित लोगों को 6 माह तक 50 किलो गेहूँ दिये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये थे? यदि हाँ, तो क्या बाढ़ पीड़ित परिवारों को वर्तमान में भी 50 किलो गेहूँ दिए जा रहा है? यदि हाँ, तो मंदसौर विधान सभा क्षेत्र के परिवारों की सितम्बर-अक्टूबर माह की सूची उपलब्ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर जिले में 1 जुलाई 2019 के पश्‍चात विभिन्‍न विभागो के अंतर्गत बाढ़ से शासकीय एवं अन्‍य संपत्ति का 70.80 करोड़ रूपये का नुकसान आंकलित है। फसल हानि, मकान क्षति, पशुहानि में नुकसान के आंकलन के आधार पर 793 करोड़ रूपये मुआवजा निर्धारित है। जी हाँ आंकलन तैयार किया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। (ख) शासन द्वारा मंदसौर विधान सभा क्षेत्र की 74 ग्राम पंचायत, 1 मंदसौर नगरपालिका, 1 नगरपंचायत नगरी, कुल 76 में प्रश्‍न दिनांक तक रू 57.82 करोड़ राशि वितरित की गई है। जो राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के आंकलन के अनुरूप है। पंचायतवार सूची  संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। (ग) उत्‍तरांश '’'' अनुसार जिले में फसल क्षति हेतु शेष राहत राशि भुगतान बजट में राशि प्राप्‍त होने पर की जावेगी। विभागीय शासकीय अधोसंरचना को हुये नुकसान का सुधार कार्य कराया जाता है, मुआवजा नहीं दिया जाता है। (घ) जी हाँ, माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने मंदसौर जिले के भ्रमण के दौरान बाढ़ प्रभावित लोगों को 6 माह तक 50 किलो गेहूँ दिये जाने के निर्देश दिये गये थे। जिसके पालन में स्‍वीकृति प्रक्रियाधीन है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छ:"

उपार्जित खाद्यान्‍न का भण्‍डारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

7. ( क्र. 64 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 एवं रबी विपणन वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में कितनी मात्रा में कौन-कौन से खाद्यान्‍न का उपार्जन संस्‍थावार किया गया? उपरोक्‍त उपार्जन किये गये खाद्यान्‍न में से कितनी-कितनी मात्रा में किन-किन वेयर हाउसों में भंडारण किया गया? कितना खाद्यान्‍न कम क्‍यों जमा हुआ? (ख) प्रश्नांश (क) में उपार्जन किये गये खाद्यान्‍न में से कितना खाद्यान्‍न अन्‍य जिले के वेयरहाउसों में भंडारण हेतु भेजा गया तथा क्‍यों? रायसेन जिले के वेयर हाउस के स्‍थान पर अन्‍य जिलों में परिवहन पर कितना अतिरिक्‍त व्‍यय हुआ? (ग) कितने किसानों को कितनी राशि का भुगतान बकाया है? कब तक राशि का भुगतान किया जायेगा? राशि भुगतान न होने के लिए कौन-कौन अधिकारी जवाबदार हैं? शासन ने क्‍या-क्या कार्यवाही की?                   (घ) दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभाग क्‍या-क्‍या कार्यवाही करेगा क्‍या किसानों को शासन ब्‍याज सहित राशि देगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) रायसेन जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 तथा 2018-19 एवं रबी विपणन वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित खाद्यान्‍न (गेहूं एवं धान) की समितिवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उपार्जित खाद्यान्‍न (गेहूं एवं धान) की गोदामवार भंडारित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उपार्जित मात्रा के विरूद्ध गोदामों में कम जमा होने का कारण उपार्जन केन्‍द्रों पर सूखत एवं परिवहन में हुई कमी है। कम जमा हुए खाद्यान्‍न (गेहूं एवं धान) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) रायसेन जिले में रबी विपणन वर्ष 2018-19 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूं का भंडारण जिले के समस्‍त भंडारण केन्‍द्रों में संग्रहण करने के उपरांत शेष मात्रा 67770.60 मे.टन तथा रबी विपणन वर्ष 2019-20 में 50490 मे.टन अन्‍य जिलों के गोदामों में भंडारण कराया गया। विकेन्‍द्रीकृत उपार्जन योजनांतर्गत उपार्जित खाद्यान्‍न के सुरक्षित भंडारण का दायित्‍व राज्‍य सरकार का है। जिले में उपार्जित गेहूं अनुसार रिक्‍त भंडारण क्षमता उपलब्‍ध न होने पर जिन जिलों में रिक्‍त भंडारण क्षमता उपलब्‍ध होती है, उन जिलों में भंडारण कराया जाता है। उपार्जन केन्‍द्र से प्रथम भंडारण स्‍थल तक खाद्यान्‍न के परिवहन का व्‍यय भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है। रायसेन जिला गेहूं का सरप्‍लस जिला है, इस कारण सरप्‍लस मात्रा को अन्‍य कमी वाले जिलों में अथवा केन्‍द्रीय पूल में परिदान किया जाता है, इस कारण अन्‍य जिलों में परिवहन कर भंडारण करने पर अतिरिक्‍त व्‍यय होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूं एवं धान का समस्‍त किसानों को भुगतान किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राहत राशि का भुगतान

[राजस्व]

8. ( क्र. 65 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जून 2019 से 30 नवंबर 2019 तक की अवधि में बाढ़, अतिवृष्टि, अफलन से रायसेन जिले में कितने किसानों की फसलों को नुकसान हुआ? तहसीलवार,ग्रामपंचायतवार संख्‍या बतायें। उनको किस-किस योजना में कितनी रा‍हत रा‍शि का भुगतान हुआ? यदि नहीं, तो कारण बतायें तथा कब तक राशि का भुगतान होगा? (ख) 1 जून, 2019 से 30 नवम्‍बर 2019 तक की अवधि में बाढ़ अतिवृष्टि, आंधी से रायसेन जिले में कितने के मकान गिरे, कितने के घरों में पानी भरने से सामग्री, अनाज खराब हुआ? उनकों किस-किस योजना में कितनी रा‍हत राशि का भुगतान हुआ? (ग) 1 जून 2019 से 30 नवंबर 2019 तक की अवधि में सर्पदंश, पानी में डूबने, कुआं में गिरकर मृत्‍यु होने के कितने आवेदन प्राप्‍त हुये तथा उनकों भारत सरकार तथा राज्‍य सरकार की किस-किस योजना में कितनी राशि का भुगतान हुआ कितने को भुगतान नहीं हुआ तथा क्‍यों? (घ) 1 जून 19 से 30 नवंबर 2019 तक की अवधि में आर.बी.सी. 6-4 के अन्‍तर्गत राहत राशि का भुगतान के संबंध में प्रश्‍नकर्ता विधायक के क्‍या पत्र प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या कार्यवाही की गई? पत्रों के जबाब दिये गए? यदि नहीं, तो कारण बताएं। कितने को राशि का भुगतान किया, कितने को राशि का भुगतान नहीं किया तथा क्‍यों? कब तक राशि का भुगतान करेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 88365 किसानों की फसलों का नुकसान हुआ है। तहसीलवार, ग्राम पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। जिन किसानों का नुकसान हुआ है उनको आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के अनुसार स्‍वीकृत राशि 91,44,22,905/- रूपये में से 16,92,54,238/- रूपये का भुगतान हुआ है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) 9222 मकान क्षतिग्रस्‍त हुये हैं। 40 घरों में पानी भरने से सामग्री अनाज खराब हुआ है। प्रभावितों को आर.बी.सी. 6-4 के तहत 3,34,85,608/- रूपये राहत राशि का भुगतान हुआ है। (ग) जिले में सर्पदंश से 51, पानी में डूबने से 50, कुएं में गिरने से 04 व्‍यक्तियों की मृत्‍यु होने के आवेदन प्राप्‍त हुए तथा उनको राज्‍य शासन द्वारा आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के अनुसार 4 लाख प्रति व्‍यक्ति के मान से कुल 4,20,00,000/- रूपये का भुगतान किया गया है। 10 आवेदनों में भुगतान प्रचलित है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। 09 पत्र प्राप्‍त हुए थे। 3 आवेदन पत्र पात्र होने से राशि स्‍वीकृत की गई। शेष 06 आवेदन पत्र जांच में अपात्र होने से अस्‍वीकृत किये गये। जी हाँ माननीय विधायक महोदय जी को जानकारी प्रे‍षित की गई। पात्र पाये गये 03 कृषकों को 27020/- रूपये की राशि स्‍वीकृत की गई। 02 कृषक भुगतान हेतु शेष है। भुगतान की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

मंदसौर में बाढ़ से हुये नुकसान एवं मुआवजा

[राजस्व]

9. ( क्र. 86 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग द्वारा मंदसौर जिले में 1 जुलाई 19 के बाद वर्षा ऋतु में अत्यधिक वर्षा एवं बाढ़ से कितनी फसलों का एवं अन्य नुकसान का आंकलन किया गया? आंकलन रिपोर्ट की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) नुकसान आंकलन से मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में कितना मुआवजा किस-किस पंचायत में दिया गया? (ग) मा. मुख्यमंत्री जी के निर्देशानुसार मंदसौर विधान सभा क्षेत्र में कितने कृषकों के 2 लाख तक के कर्जे पूर्ण रूप से माफ़ हो गये हैं, कितनों के शेष हैं? कितने कर्जे माफ़ होने के कारण बैंकों से डिफाल्टर हो गये हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर जिले मे सोयाबीन, मक्‍का, उड़द, मूंग, तुअर, मूंगफली एवं अन्‍य नुकसान जनहानि, पशुहानि, मकान हानि, रोड, ब्रिज इत्‍या‍दि का नुकसान हुआ है। आंकलन रिर्पोट पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''', '''', '''', '''' अनुसार है। (ख) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र की 74 ग्राम पंचायतों, 1 मंदसौर नगर पालिका एवं 1 नगर पंचायत नगरी कुल 76 में नुकसानी आंकलन अनुसार मकान हानि पर 14.00 करोड़, पशु हानि पर 0.48 करोड़, जन-हानि पर 0.56 करोड़, एवं फसल हानि पर 65.91 करोड़ कुल रूपये 80.95 करोड़ की राहत राशि दी गई है। विस्‍तृत जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) मंदसौर जिले में 10361 कृषकों के 2.00 लाख तक के कर्जे पूर्ण रूप से माफ किये है एवं 38319 कृषक शेष है। कर्जा माफ होने के कारण कोई कृषक बैंक डिफाल्‍टर नहीं होता है।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाना

[राजस्व]

10. ( क्र. 127 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) जिला अनूपपुर की तहसील अनूपपुर के ग्राम फुनगा तथा भालूमाड़ा (पसान) में कौन-कौन व्‍यक्तियों द्वारा राजस्‍व की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण करा लिया गया है। प्रशासन द्वारा उक्‍त अतिक्रमण को हटाये जाने हेतु अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? अतिक्रमणकर्ताओं के नाम पता सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि पर अतिक्रमण होने के कारण शासकीय अस्‍पताल में ग्रामीणों को आने जाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है तथा उक्‍त भूमि पर से अवैध अतिक्रमण हटाये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा बार-बार जिला प्रशासन से अनुरोध करने के उपरांत भी अभी तक अतिक्रमण न हटाये जाने का क्‍या कारण है? कारण सहित बतावें तथा उक्‍त अतिक्रमण कब तक हटा लिया जायेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला अनूपपुर की तहसील अनूपपुर के ग्राम फुनगा तथा भालूमाडा (पसान) के अन्तर्गत शासकीय भूमि में अतिक्रमणकर्ताओं के नाम, पता तथा बेदखल किये जाने की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। अतिक्रमण हटाने के संबध में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत प्रकरण दर्ज कर बेदखली की कार्यवाही संबंधित तहसीलदार द्वारा की गई है। (ख) ग्राम फुनगा की आ.ख.न. 441/1/ख/4 रकवा 1.000 हे. के अंश रकवा में निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाने हेतु 02 रास्ते निर्मित है जो लगभग 12-15 फिट चौड़ा है, जिसमे ग्रामीणों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जाने हेतु किसी भी प्रकार की कोई भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ रहा है एवं तीसरे रास्ते हेतु मांग की जा रही है, जो स्वास्थ्य केन्द्र के ठीक सामने मुख्य सड़क से लगी हुई भूमि खसरा नम्बर 436/1/क/1/2 रकवा 0.032 हेक्टेयर आदिवासी भूमि स्वामी के स्वत्व की भूमि है, यह भूमि खाली है, मुख्य मार्ग से अस्पताल तक इस खाली भूमि से होकर आवागमन होता है। यह भूमि स्वामित्व की भूमि होने के कारण वैधानिक रूप से रास्ता नहीं बनाया जा सकता है। इस भूमि में कोई अतिक्रमण नहीं है।

कोयला उत्‍खनन हेतु जमीन का अधिग्रहण

[राजस्व]

11. ( क्र. 128 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या जिला अनूपपुर में एस.ई.सी.एल. (साउथ ईस्‍टर्न कोल्‍ड फील्‍ड लिमिटेड) जमुना-कोतमा क्षेत्र में आमाडाड में खुली खदान (ओपन काष्‍ट) कोयला उत्‍खनन हेतु किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। यदि हाँ, तो कौन-कौन से ग्रामों के कितने किसानों की कितनी जमीन अधिग्रहित की गई थी? जमीन अधिग्रहण के समय एस.ई.सी.एल. द्वारा जमीन अधिग्रहण संबंधी क्‍या समझौता किया गया था? जमीन अधिग्रहित किये गये किसानों के नाम, भूमि का क्षेत्र, समझौते की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या जमीन अधिग्रहित करने संबंधी यह भी समझौता हुआ था कि जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जायेगी उसके परिवार से एक सदस्‍य को जमीन का मुआवजा एवं नौकरी प्रदान की जायेगी? यदि हाँ, तो किन-किन किसानों को कितना मुआवजा तथा नौकरी प्रदान की गई? नामवार, ग्रामवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या कुछ व्‍यक्तियों द्वारा अवैध तरीके से सांठगांठ कर फर्जी वसीयतनामा बनाकर फर्जी तरीके से अपने परिवार के लोगों को एस.ई.सी.एल. में नौकरी प्राप्‍त करा चुके हैं? यदि हाँ, तो ऐसे लोगों के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही करेगा? क्‍या फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने एवं फर्जी वसीयतनामा बनाने वालों के खिलाफ चौकी रामनगर, थाना बिजुरी एवं थाना कोतमा, जिला अनूपपुर में प्रकरण पंजीबद्ध किये गये थे? यदि हाँ, तो किन-किन लोगों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? नाम, पता सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जिला अनूपपुर के कोतमा अनुभाग अंतर्गत ग्राम आमाडांड खुली खदान परियोजना हेतु ग्राम आमाडांड एवं कुहका की 702.379 हे. भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2004, 2006 एवं 2014 में किया गया है। भूमि का विवरण एवं विस्‍तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र- 1, 2 एवं 3 अनुसार  है। (ग) एस.ई.सी.एल. के प्रतिवेदन अनुसार अनुभाग अंतर्गत माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश दिनांक 25.01.2018 के परिपालन में जिला स्तरीय पुनर्वास समिति द्वारा कलेक्टर अनूपपुर की अध्यक्षता में रोजगार की स्क्रूटनी की जा रही है, माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार सी. आई.एल. नीति 2008 पैकेज डील के तहत स्वीकृत रोजगार की स्क्रूटनी की कार्यवाही प्रकियाधीन है। स्क्रूटनी के दौरान फर्जी पाये जाने पर प्रावधानों के अनुसार एस.ई.सी.एल द्वारा कार्यवाही की जावेगी। थाना एस.ई.सी.एल.जमुना कोतमा क्षेत्र द्वारा कोई प्रकरण दर्ज नहीं हैं।

रेल्‍वे द्वारा अधिग्रहीत भूमि का मुआवजे एवं शासकीय सेवा का लाभ

[राजस्व]

12. ( क्र. 134 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या रीवा से सीधी एवं सिंगरौली रेल मार्ग हेतु भू‍मि अधिग्रहण का कार्य विगत 5 वर्षों से प्रारंभ है? यदि हाँ, तो चुरहट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में से किन-किन                भू-स्‍वामियों की भूमि का अधिग्रहण हुआ है और इन्‍हें कितना मुआवजा दिया गया है? उसकी सूची वर्षवार, ग्रामवार, भूमि स्‍वामीवार पृथक-पृथक वर्तमान स्थिति तक बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भूमि अधिग्रहण के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा रेल्‍वे मंत्रालय के अधिकारियों से किन-किन शर्तों पर अधिग्रहण की सहमति दी गयी थी? (ग) क्‍या अधिग्रहित भू-स्‍वामी के परिवारजनों को रेल्‍वे में शासकीय सेवा में लिए जाने हेतु प्रक्रिया की गयी है? यदि हाँ, तो गांववार वर्षवार, भूमि स्‍वामीवार विवरण दें। (घ) क्‍या 1 वर्ष पूर्व 2018-19 एवं सितम्‍बर 19 तक के अधिग्रहित भू-स्‍वामी के परिवारजनों को शासकीय सेवा में रेल्‍वे द्वारा नहीं लिया गया है जिसकी शिकायत प्रश्‍नकर्ता द्वारा जिलाधीश सीधी से की गयी है? यदि हाँ, तो जिला प्रशासन एवं शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा-सीधी-सिंगरौली रेल मार्ग हेतु भूमि अधिग्रहण का कार्य वर्ष 2011-12 से प्रारंभ है। चुरहट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रभावित ग्रामों के भूमिस्वामियों के भूमि का मुआवजा दिया गया हैजानकारी  संलग्न परिशिष्ट पर है(ख) जिले में भूमि अधिग्रहण के संबंध में भू-अर्जन अधिकारी के द्वारा भूमि-अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के धारा-23 के अनुरुप अर्जित भूमि का प्रतिकर निर्धारण कर अवार्ड पारित किया गया। रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों को किसी विशिष्ट शर्त पर अधिग्रहण की सहमति नहीं दी गई है बल्कि अधिनियम के शेड्यूल 2 (4) के तहत प्रभावित परिवारों को उनके आवेदन पत्र के आधार पर रेलवे में नियोजन हेतु प्रमाण पत्र जारी किए गए है। (ग) अधिग्रहण से प्रभावित परिवारजनों को पश्चिम मध्य रेलवे के द्वारा भू-अर्जन अधिकारियों द्वारा जारी प्रमाण पत्रों के आधार पर सेवा में लिया गया है। पश्चिम मध्य रेलवे से प्राप्त जानकारी अनुसार रीवा सीधी रेल लाईन हेतु वर्ष 2015 में 118 वर्ष 2016 में 52 वर्ष 2017 में 103 वर्ष 2018 में 180 वर्ष 2019 में 88 इस प्रकार कुल 541 लोगों को रेलवे सेवा में नियुक्ति की गई है। (घ) वर्ष 2018 में एवं वर्ष 2019 में रेलवे के द्वारा नियोजन की कार्यवाही की गई है। शिकायत के अनुक्रम में पश्चिम मध्‍य रेलवे को निर्देशित किया गया है।

परिशिष्ट - "सात"

नलकूप खनन में भ्रष्‍टाचार

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

13. ( क्र. 146 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी एवं पोहरी विकासखण्‍ड में जनवरी 2016 से नवम्‍बर 2019 तक किन-किन ग्रामों में विभाग एवं ठेकेदार द्वारा नलकूप खनन किये गये? खनित नलकूपों की लोकेशन सहित सूची दें? (ख) उक्‍त खनन किये गये नलकूपों में से किन-किन नलकूपों का किस-किस मद से भुगतान किया गया? विभाग एवं ठेकेदारों की पृथक-पृथक जानकारी दें? (ग) शिवपुरी जिले में वर्ष 2016 से नवम्‍बर 2019 तक खनन कार्य हेतु लगाई गई निविदाओं में किन-किन ठेकेदारों द्वारा भाग लिया गया? ठेकेदारों द्वारा प्रस्‍तुत रिग मशीन के पंजीयन की प्रति एवं उक्‍त मशीन का भौतिक सत्‍यापन प्रमाण पत्र की प्रति सहित जानकारी दें। (घ) उक्‍त अवधि में शिवपुरी एवं पोहरी उपखण्‍ड के अंतर्गत ठेकेदारों द्वारा नलकूप खनन किये गये है? खनन किये गये समस्‍त नलकूपों के कार्यादेश का विवरण देवें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) एवं (ख) ठेकेदार द्वारा खनित नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार एवं विभागीय रिग मशीनों द्वारा खनित नलकूपों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 एवं 4 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।

खण्डवा जिले में कुपोषण

[महिला एवं बाल विकास]

14. ( क्र. 158 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विगत दिनों खण्डवा जिले में आंगनवाड़ी केन्द्रों का पोषण आहार कहाँ और कितनी मात्रा में नाले में होना पाया गया था? इसमें कौन जिम्मेदार है? (ख) क्या प्रदेश सरकार कुपोषण दूर करने के लिये प्रतिबद्ध है? यदि हाँ, तो लोकायुक्त की कार्यवाही प्रचलित होने पर भी जिला कार्यक्रम अधिकारी की पदस्थापना खण्डवा जिले में किस आधार पर की गई है? (ग) जिले में विगत पाँच वर्षों में कुपोषण दूर करने के उपायों पर वर्षवार कितनी राशि व्यय की गई है? (घ) क्या वर्तमान में निलंबित जिला अधिकारी द्वारा स्थानान्तरण नीति के विरुद्ध मान. प्रभारी मंत्री की अनुशंसा के विपरित स्वेच्छाचारिता से विभाग में स्थानान्तरण आदेश कलेक्टर को भ्रमित कर जारी कराये गये है? (ड.) यदि हाँ, तो क्या ऐसे अधिकारी के विरुद्ध कुपोषण को कम करने की योजना में गंभीर लापरवाही बरतने एवं मनमाने ढंग से स्थानान्तरण करने की उच्चस्तरीय जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) खण्डवा जिले की आदिवासी परियोजना खालवा के ग्राम मल्हारगढ़ के पास 15 बैग (228 किलोग्राम) पोषण आहार लावारिस अवस्था में वर्षा से खराब पाये गये। इसके लिये अनुबंधित परिवहनकर्ता चावला रोड लाईन्स कहारवाड़ी खण्डवा प्रोपराइटर मोहम्मद निजामुद्दीन जाटू जिम्मेदार थे, जिनका अनुबंध निरस्त कर पूरक पोषण आहार की क्षतिपूर्ति राशि रू. 13839/- की वसूली की गई है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विगत पाँच वर्षों में कुपोषण बचाव के कार्यों पर व्यय की गई राशि का वर्षवार विवरण निम्नानुसार है :-

क्र.

वर्ष

(राशि लाख रूपयों में) व्यय राशि

1

2014-15

1210.41

2

2015-16

1227.37

3

2016-17

1179.76

4

2017-18

1069.80

5

2018-19

1032.53

 

कुल योग

5719.87

(घ) नहीं। शासन के निर्देशानुसार जिला स्तर पर गठित स्थानांतरण बोर्ड मा. प्रभारी मंत्रीजी, जिला कलेक्टर, जिला कार्यक्रम अधिकारी की नस्ती पर लिए गए निर्णय/अनुमोदन अनुसार जिला स्तर के कर्मचारियों का एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरण किया गया है। किसी को भ्रमित करने की स्थिति नहीं है। (ड.) प्रश्नांश (घ) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "आठ"

आवंटन एवं व्‍यय की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

15. ( क्र. 173 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा सत्र जुलाई 2019 के प्रश्न क्र.1569 दिनांक 17.07.2019 को प्रस्तुत जानकारी अनुसार (कॉलम 3) राशि आहरण देयक क्र. 38, 54, 69, 92, 93, 137, 152, 184, 185, 190, 200, 206, 207, 208, 215, 231, 255, 288, 299, 300, 310, 322, 232, 324, 333, 340, 379, 403, 409, 429, 435, 436, 437, 441, 442, 467, 485, 486, 511, 523, 524, 527, 531, 567, 577, 578, 579, 584, 585, 589, 590, 607, 610, 612,620, 629, 630, 641, 642, 649, 651, 661, 665, 666, 667, 668, 672, 673, 674, 687, 688, 689, 690, 697, 698, 703, 704707, 710, 712, 713, 719, 720, 721, 722, 723, 724, 725, 726, 727, 728, 729, 730, 731, 732, 733, 734, 735, 736, 744, 745, 747, 748, 749, 750, 757, 758, 759, 760, 761, 762, 576, की राशि का व्यय किन योजनाओं के लिए, किन किन दिशा निर्देशों के रूप में किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के उक्त देयकों के व्यय से पूर्व किस प्रक्रिया को अपनाया गया है? राशि का भुगतान किस रूप में किस फर्म/व्यक्ति आदि को किया गया है? योजनाओं के क्या दिशा निर्देश थे?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के उक्त देयकों के व्यय हेतु संचालनालय से समय-समय पर प्राप्त निर्देशों एवं म.प्र. कोषालय संहिता, म.प्र. वित्तीय संहिता एवं भंडार क्रय नियम अनुसार कार्यवाही की गई है। राशि का भुगतान जिला कोषालय उज्जैन द्वारा ई-पेमेंट के माध्यम से किया गया है। राशि भुगतान जिन फर्म/व्यक्तियों को किया गया है उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के कॉलम 8 में अंकित है। योजनाओं के संबंध में दिशा निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के कॉलम 7 में अंकित है विस्तृत निर्देश  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

डामर से संबंधित संयंत्र की भूमि का डायवर्सन

[राजस्व]

16. ( क्र. 186 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नियामतखेड़ी में डामर से संबंधित एक संयंत्र स्थापित है? यदि हाँ, तो क्या इस हेतु जिला प्रशासन से विधिवत समस्त अनुमतियां प्राप्त की गई थी? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? क्या ग्राम पंचायतों से भी एन.ओ.सी. प्राप्त की गई है? (ख) यह संयंत्र जिस भूमि पर निर्मित हुआ है उसका खसरा नम्बर क्या है तथा इस भूमि को कृषक से कौन से वर्ष में क्रय किया गया एवं भूमि का कितने वर्ष पश्चात् डायवर्सन स्वीकृत किया गया? क्या डायवर्सन नियम विरूद्ध हुआ है? यदि नहीं, तो स्पष्ट करें। (ग) क्या प्रदूषण बोर्ड व जिला प्रशासन द्वारा उक्त संयंत्र पर माह नवम्बर 2019 में कार्रवाई करते हुए इसे बंद करवाया है? यदि हाँ, तो संयंत्र में क्या विसंगतियां पायी गयी तथा प्रकरण में किन-किन धाराओं में किसे आरोपी बनाया गया? (घ) क्या इस प्रकार प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों को औद्योगिक क्षेत्र से दूर ग्रामीण रहवासी क्षेत्र में स्थापित किये जाने पर जिला प्रशासन विवेचना कर कोई कार्रवाई करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) यह संयंत्र ग्राम उटावद की भूमि खसरा नम्बर 535/4/1/2 रकवा 0.862 हेक्टेयर पर निर्मित है। इस भूमि को वर्ष 2017 में जुगल किशोर पिता वल्लभजी जायसवाल जाति कलाल निवासी           ग्राम-मालीपुरा तहसील व जिला धार, हा.मु. आष्टा जिला सिहोर द्वारा क्रय किया गया है। उपरोक्त भूमि का डायवर्सन नहीं किया गया है, बल्कि पटवारी रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी, धार द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक 113/अ-2/2019-20 आदेश दिनांक 24/08/2019 में म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 59 (9) के अंतर्गत असेसमेंट एवं अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया है। (ग) जी, नहीं। प्रश्नांश के शेष भाग का उत्तर ही उत्पन्न नहीं होता है। (घ) प्रदूषण फैलाने वाले संयंत्र के विरूद्ध तहसीलदार, तहसील धार द्वारा अनावेदक जुगल किशोर पिता वल्लभजी जायसवाल, जाति कलाल, निवासी ग्राम मालीपुरा तहसील व जिला धार, हा.मु. आष्टा जिला सीहोर के विरूद्ध धारा 133 पब्लिक न्यूज के तहत कार्यवाही किये जाने हेतु न्यायालय तहसीलदार, धार के प्रकरण क्रमांक 487/बी-121/19-20 दिनांक 06/11/19 द्वारा प्रस्ताव अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अनुभाग- धार को प्रेषित किया गया। जिस पर अनावेदक के विरूद्ध न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी धार में अपराधिक प्रकरण क्रमांक 02 दर्ज कर अनावेदक के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 (1) के अंतर्गत प्रारंभिक आदेश दिनांक 15/11/2019 जारी किया जाकर, जवाब प्रस्तुत करने हेतु प्रकरण में पेशी दिनांक 10/12/2019 नियत है।

अवैध शराब का परिवहन वाहन

[वाणिज्यिक कर]

17. ( क्र. 188 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार नगर व आस-पास के क्षेत्र में शासकीय शराब की दुकानों के अतिरिक्त छोटी-छोटी किराना दुकानों पर भी शराब की अवैध बिक्री होती है? (ख) यदि हाँ, तो क्या दिनांक 3 नवम्बर 2019 को नौगांव (धार) थाना क्षेत्र में अवैध रूप से शराब परिवहन करते हुए एक बोलेरो वाहन को क्षेत्रवासियों द्वारा पकड़ कर पुलिस को सुपुर्द किया था? (ग) यदि हाँ, तो उक्त वाहन से कितनी पेटी शराब किस-किस ब्राण्ड की जब्त की गई तथा उक्त वाहन किस शराब दुकान/फेक्ट्री से शराब भरकर किस प्रयोजन से किन स्थानो/व्यक्तियों को आपूर्ति करने जा रहा था? (घ) अवैध परिवहन करने वाली बोलेरो का मालिक कौन है, उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई तथा इस प्रकरण में किन्हे आरोपी बनाया गया है? एवम्‌ विभाग द्वारा तत्संबंधी क्या कार्रवाई की गई है(ड.) क्या धार विधानसभा के इण्डोरामा क्षेत्र में भी इसी प्रकार अवैध वाहनों द्वारा अवैध शराब का परिवहन किया जाकर आस-पास के गांवों में अवैध विक्रय किया जा रहा है, विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी नहीं। धार नगर व आस-पास के क्षेत्र में शासकीय शराब की दुकानों के अतिरिक्‍त छोटी-छोटी किराना दुकानों पर भी शराब की अवैध बिक्री नहीं होती है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्‍नांश के बारे में थाना प्रभारी थाना नौगांव, जिला धार से प्राप्‍त जानकारी अनुसार दिनांक 03.11.2019 को सूचना के आधार पर मायापुरी कालोनी रेती मंडी धार के पास खड़ी बोलेरो वाहन क्रमांक एमपी-11 सीसी-2077 से अवैध रूप से 132 लीटर अंग्रेजी शराब जप्‍त की गई, जिसे क्षेत्रवासियों द्वारा पकड़कर सुपुर्द नहीं किया गया था। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में जप्‍त वाहन बोलेरो वाहन क्रमांक एमपी-11-सीसी-2077 से जिसमें मेजिक मूमेन्‍ट 1 पेटी, मेक्‍डावल 1 पेटी, रॉयल चैलेन्‍ज 2 पेटी, रॉयल स्‍टेज 2 पेटी, ऑफीसर च्‍वाइस ब्‍लू 2 पेटी, फाक्‍स 3 पेटी तथा मेक्‍डावल 5 पेटी, इस प्रकार विभिन्‍न ब्राण्‍ड की 16 पेटी विदेशी मदिरा जप्‍त की गई है तथा आरोपी चालक की तलाश की जा रही है एवं प्रकरण पुलिस थाना नौगांव, जिला धार के अधीन विवेचनाधीन है। (घ) थाना प्रभारी थाना नौगांव से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार वाहन स्‍वामी की जानकारी परिवहन विभाग की वेबसाईट के आधार पर सुरजीत सिंह पिता मोहनसिंह सलूजा, निवासी 207, होल्‍कर अपार्टमेंट माणिकबाग रोड इन्‍दौर होना पाई गई। पुलिस थाना नौगांव जिला धार द्वारा प्रकरण क्रमांक 363/2019 पंजीबद्ध किया जाकर, विवेचनाधीन होकर वाहन स्‍वामी की तलाश जारी है। (ड.) सहायक जिला आबकारी अधिकारी वृत्‍त सागौर द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदन अनुसार धार विधानसभा के इंडोरामा क्षेत्र में अवैध वाहनों द्वारा अवैध शराब का परिवहन एवं विक्रय के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं।

शासकीय भूमि पर निर्माण

[राजस्व]

18. ( क्र. 193 ) श्री संजय शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा दिनांक 17 जुलाई 2019 को प्रश्न क्र. 1210 द्वारा तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायतलिंगा के ग्राम खामघाट की शासकीय भूमि के सम्बंध में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में 1975-76 राजस्व पुस्तक परिपत्र 4 (अ) के तहत पट्टा आवंटित किया जाना प्रतीत होता है की जानकारी दी है? तो पट्टा आवंटित किया जाना प्रतीत होता है से क्या तात्पर्य है? (ख) जब पट्टेधारियों को बिना शासन की अनुमति के भूमि विक्रय का अधिकार नहीं है, तो 12 व्यक्तियों के नाम से शासकीय भूमि कैसे भूमि स्वामी हक में दर्ज हुई? क्या अभिलेखों की विस्तृत जाँच कर ली गई है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें इसके लिये कौन-कौन लोग दोषी हैं एवं उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्न के उत्तर में जानकारी दी गई है कि 134.565 हेक्टेयर भूमि राजस्व विभाग के नाम दर्ज होकर सुरक्षित है, जानकारी सत्‍य है, क्या वर्तमान में इस 134.565 हेक्टेयर भूमि का भी विक्रय कर भूमि स्वामी हक भू-माफियाओं को दे दिया गया है? यदि हाँ, तो भूमि स्वामियों के नाम एवं रकवा सहित जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में बतावें कि उक्त जाँच किस अधिकारी द्वारा की गई है? जाँच में क्या-क्या तथ्य उजागर हुये? जाँच के तथ्यों सहित जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विस्‍तृत जांच की कार्यवाही प्रचलित है। जांच पश्‍चात ही सुनिश्चित होगा कि उक्‍त पट्टा राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 4 (अ) के अनुसार ही पात्रों को आवंटित हुए है अथवा नहीं। इस कारण प्रतीत शब्‍द लिखा गया है। (ख) विस्‍तृत जांच की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्‍नांकित भूमि राजस्‍व विभाग के पास सुरक्षित है। (घ) कलेक्‍टर न्‍यायालय में 08 प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है। जांच में दोषी पाए जाने पर दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।

राजस्‍व भूमि की उपलब्‍धता

[राजस्व]

19. ( क्र. 197 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की कन्‍नौद एवं खातेगांव तहसील में किन-किन ग्राम पंचायतों में विभिन्‍न विभागीय निर्माण कार्यों के लिये राजस्‍व भूमि उपलब्‍ध कराने हेतु मांग पत्र/आवेदन संबंधित तहसीलदार के पास लंबित है? प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी देवें। (ख) क्‍या अधिकांश गांवों में निर्माण कार्यों के लिये शासकीय भूमि उपलब्‍ध नहीं है? यदि हाँ, तो उन ग्रामों के नाम उपलब्‍ध करायें, जहां शासकीय जमीन शेष नहीं है। (ग) वर्ष 2018 एवं 2019 में क्षेत्र की किन ग्राम पंचायतों में शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्‍त करवाकर स्‍कूल, हॉस्पिटल का निर्माण करवाया गया? ग्राम पंचायतों का नाम एवं कार्य बतायें। (घ) वर्तमान में सर्वाधिक रिक्‍त शासकीय भूमि किस ग्राम पंचायत में उपलब्‍ध है? रकवा बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कोई मांग पत्र लंबित नहीं है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जिला देवास की तहसील कन्नौद में वर्ष 2018 एवं 2019 में शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त करवाकर स्कूल, हॉस्पिटल का निर्माण नहीं करवाया गया। वर्ष 2019 में तहसील खातेगांव की ग्राम पंचायत विक्रमपुर में हायर सेकेण्डरी स्कूल, ग्राम पंचायत हरणगांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेतु शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त कराई जाकर निर्माण कार्य प्रचलित है। (घ) तहसील कन्नौद के ग्राम ननासा में सर्वाधिक सर्वे नम्बर 36/1 रकवा 33.53 हेक्टेयर उपलब्ध है। तथा तहसील खातेगांव की ग्राम पंचायत पुरोनी, विक्रमपुर एवं सोमगांव में 10 हेक्टेयर तक भूमि उपलब्ध है।

ओव्‍हरलोड एवं बिना नंबर प्‍लेट वाहन

[परिवहन]

20. ( क्र. 198 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) परिवहन विभाग द्वारा कितने दिनों में आकस्मिक चैकिंग इस मार्ग पर की जाती है वर्ष 2019 में कितनी बार भारी वाहनों, ओव्‍हरलोड डंपरों एवं बिना नंबरों के डंपरों पर कार्यवाही की गई है?   (ख) क्‍या प्रत्‍येक वाहन के अगले एवं पिछले हिस्‍से में गाड़ी का नंबर स्‍पष्‍ट अक्षरों में दिन एवं रात्रि‍ में आसानी से दिखना चाहिये एवं डंपरों की बाडी में अतिरिक्‍त क्षमता वृद्धि हेतु शटर लगाई जा सकती है? (ग) यदि नियमों में अस्‍पष्‍ट नंबर प्‍लेट और अतिरिक्‍त भार क्षमता वृद्धि हेतु बनावट परिवर्तन करना अपराध है, तो विभाग ने ऐसे मामलों में क्‍या कार्यवाही विगत 3 वर्षों में की है?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिवहन विभाग द्वारा राष्‍ट्रीय राजमार्ग 59-A इन्‍दौर-बैतूल की समय-समय पर आकस्मिक चैकिंग की जाती है। वर्ष 2019 में विभाग द्वारा ओव्‍हरलोड डंपरों एवं बिना नंबरों के डंपरों सहित अन्‍य वाहनों की चैकिंग करते हुये 12 वाहनों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही की गई हैं। (ख) जी हाँ। केन्‍द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 50 में दिये गये प्रावधान अनुसार वाहनों पर नंबर अंकित किया जाता है। जिसमें वाहन के पिछले एवं आगे भाग पर स्‍पष्‍ट रूप से वाहन का नंबर उपदर्शित हो सकें। वाहन निर्माता द्वारा विनिर्मित वाहन पर किसी भी प्रकार से अतिरिक्‍त भाग का निर्माण नहीं किया जा‍ सकता। (ग) जी हाँ। विभाग द्वारा गत तीन वर्षों में ऐसे वाहनों पर निम्‍नानुसार कार्यवाही की गई :-

स.क्र.

वर्ष

चालान संख्‍या

राशि (रूपये में)

01

2017-18

157

1902100

02

2018-19

129

1681840

03

2019-20 (31-10-2019 तक)

12

117900


राजस्‍व अभिलेखों में विभिन्‍न मदों में दर्ज शासकीय भूमि के संदर्भ में

[राजस्व]

21. ( क्र. 208 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्‍व अभिलेखों में विभिन्‍न मदों में दर्ज शासकीय भूमि के मद परिवर्तन करने के क्‍या नियम प्रक्रिया है? नियमों की छायाप्रति देवें एवं क्‍या राजस्‍व अभिलेखों में पानी की निकासी हेतु नाला मद में दर्ज शासकीय भूमि का मद परिवर्तित कर उसे निजी भूमि स्‍वामी दर्ज किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत किसके द्वारा किन वैधानिक प्रक्रियाओं से? (ख) ग्राम निमास तहसील बहोरीबंद (नवीन तहसील स्‍लीमनाबाद) जिला कटनी का खसरा 686 (छ: सौ छयासी) वित्‍त वर्ष 2000-2001 तक राजस्‍व अभिलेखों में किस मद पर किसके नाम पर दर्ज था तथा वर्तमान में किसके नाम पर किस मद में कब से दर्ज है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्‍या खसरा नम्‍बर 686 का स्‍वामित्‍व शासकीय अभिलेखों में नाला मद म.प्र. शासन के स्‍थान पर निजी भूमि स्‍वामी के नाम पर दर्ज होना विधि सम्‍मत है? अगर नहीं तो क्‍या शासन इस प्रकरण की जांच कर, उपरोक्‍त भूमि पुन: मध्‍यप्रदेश शासन के नाम पर दर्ज करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 237 में वर्णित प्रावधानों के तहत शासकीय भूमि का मद परिवर्तन किया जा सकता है। संलग्न परिशिष्ट पर है। शासकीय नाला मद में दर्ज शासकीय भूमि का मद परिवर्तित कर उसे निजी भूमिस्वामी हक में दर्ज नहीं किया जा सकता है। (ख) ग्राम निमास रा.नि.मं. स्लीमनाबाद जिला कटनी स्थित भूमि ख.नं. 686 वर्ष 2000-2001 तक राजस्व अभिलेखों में म.प्र.शासन मद पानी में दर्ज था। वर्तमान में उक्त ख.नं. प्रभाष कुमार पिता स्व. विश्वनाथ राजगढ़िया साकिन कटनी के नाम पर भूमिस्वामी मद में दर्ज है। लगातार उक्त भूमिस्वामी के नाम पर दर्ज है। (ग) ग्राम निमास के खसरा क्रमांक-686 के स्वामित्व के संबंध में न्यायालय तहसीलदार स्लीमनाबाद के प्रकरण क्रमांक/0740/बी-121/19-20 संस्थापित कर जांच प्रारंभ कर दी गई है। इस हेतु वर्तमान भूमिस्वामी से स्वत्व संबंधी दस्तावेजों का परीक्षण किया जाना अनिवार्य है। वर्तमान भूमिस्वामी को सुनवाई का अवसर प्रदाय किये जाने के उपरांत गुण-दोषों के आधार पर एवं दस्तावेजों के परीक्षण उपरांत प्रकरण का निराकरण न्यायालीन प्रक्रिया के अनुसार किया जावेगा। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "नौ"

स्‍टाम्‍प ड्यूटी की राशि का गबन अतिक्रमणकारी के विरूद्ध कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

22. ( क्र. 255 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अतारांकित प्रश्‍न क्र. 780 दिनांक 14.03.2018 के प्रश्नांश (क) एवं (ग) में कॉलोनाईजर को पार्क की भूमि पर हॉस्‍टल का अवैध निर्माण किया जाना एवं हर हाल में रिक्‍त छोड़ी जाने वाली भूमि पर रिक्‍त भूखण्‍डों की रजिस्‍ट्री करवाते हुये पूरा बना बनाया मकान बनाकर बेच दिया जाना पाया गया है? (ख) क्‍या कार्यवाही 14.03.2018 के पश्‍चात कलेक्‍टर एवं जिला दण्‍डाधिकारी सतना के द्वारा प्रश्‍नतिथि तक अपने ही आदेश दिनांक 09.02.2017 के बाद की है? क्‍या प्रश्‍नतिथि तक पार्क पर बने अवैध हॉस्‍टल को तोड़ा गया? अगर नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित कलेक्‍टर एवं जिला दण्‍डाधिकारी सतना से रिक्‍त भूखण्‍डों की रजिस्‍ट्री करवाकर पूरा बना बनया मकान बेच दिये जाने के आरोपी कॉलोनाइजर को स्‍टाम्‍प ड्यूटी चोरी करने पर उसके विरूद्ध संबंधित थाना क्षेत्र में अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करवाते हुये स्‍टाम्‍प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्‍क की वसूली प्रश्‍नतिथि तक की है? अगर नहीं की तो कारण दें एवं बतायें कि कब तक कितनी राशि की वसूली कब तक की जायेगी? (घ) क्‍या राज्‍य शासन अवैधानिक कार्य करने वाले कालोनाईजर को संरक्षण प्रदान कर रहा है? अगर नहीं तो प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में स्‍पष्‍ट रूप से दोषी पाये जाने एवं कलेक्‍टर सतना के आदेश के बाद भी उक्‍त अवैधानिक निर्माण को कलेक्‍टर सतना/कमिश्‍नर नगर निगम/एस.डी.एम. रघुराजनगर कब तक तोड़ेंगे?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ। पार्क की भूमि एवं रिक्‍त छोड़ी जाने वाली भूमि पर अवैध आवासीय निर्माण किया जाना पाया गया है जिसके संबंध में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग एवं नगर निगम सतना द्वारा संबंधित कॉलोनाइजर के विरूद्ध माननीय न्‍यायालय मुख्‍य न्‍यायिक दण्‍डाधिकारी सतना की कोर्ट में दिनांक 28/02/2019 एवं दिनांक 26/08/2019 को पृथक-पृथक परिवाद दायर किये जा चुके है। रिक्‍त 15 भूखण्‍डों की रजिस्ट्रियां कालोनाइजर द्वारा विभिन्‍न क्रेतागण को फरवरी 2004 से फरवरी 2005 के मध्‍य की है जिनमें से 05 भूखण्‍डों का रजिस्‍ट्री के समय तत्‍कालीन उप पंजीयक द्वारा स्‍थल निरीक्षण के समय मौके पर सभी भूखण्‍ड रिक्‍त ही पाये गये थे। स्‍थल निरीक्षण की टीप तत्‍कालीन उप पंजीयक उप पंजीयक द्वारा तत्‍समय की मिनिट बुक में भी की गई है। चूंकि उप पंजीयक के स्‍थल निरीक्षण के समय नवम्‍बर 2004 एवं फरवरी 2005 में भी भूखण्‍ड रिक्‍त की पाये गये थे इस कारण मकान की जगह भूखण्‍ड की रजिस्‍ट्री कराया जाना नहीं पाया गया तथा मुद्रांक व पंजीयन शुल्‍क (कर) अपवंचन नहीं पाया गया अत: पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग द्वारा इस मामले में कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।                  (ख) कालोनाइजर द्वारा माननीय म.प्र. उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में याचिका क्रमांक 3413/2017 दायर की थी, जिसमें माननीय मध्‍यप्रदेश उच्‍च न्‍यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 09/01/2018 के पालन में कलेक्‍टर, सतना ने अपने प्रकरण क्रमांक 184/अ-74/2017/2017-18 में दिनांक 01/02/2018 का आदेश पारित करते हुये नगर निगम सतना तथा नगर एवं ग्राम निवेश विभाग सतना को संबंधित कॉलोनाईजर के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु आदेशित किया गया। शेष कार्यवाही पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग से संबंधित नहीं है। (ग) प्रश्‍नाधीन भूखण्‍ड/मकान की रजिस्‍ट्री के समय मौके पर भूखण्‍ड ही थे। जैसा कि प्रश्‍नांश () के उत्‍तर में अंकित है। स्‍टाम्‍प व पंजीयन शुल्‍क (क‍र) अपवंचन का कोई मामला न होने से स्‍टाम्‍प एवं पंजीयन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। (घ) राज्‍य शासन अथवा किसी शासकीय अधिकारी/कर्मचारी द्वारा उक्‍त कॉलोनाईजर को कोई संरक्षण आदि नहीं दिया गया है।

परिवहन चेक पोस्‍टों पर अवैध वसूली

[परिवहन]

23. ( क्र. 256 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कार्यालय कलेक्‍टर जिला नीमच के पत्र क्रमांक 731/शिकायत/15 दिनांक 28.08.2015 से आयुक्‍त म.प्र. परिवहन विभाग को पत्र लिखा था? उक्‍त पत्र की एक प्रतिलिपि, प्रमुख सचिव, परिवहन म.प्र./आयुक्‍त वाणिज्‍य कर म.प्र. इंदौर/आयुक्‍त उज्‍जैन संभाग उज्‍जैन/डी.आई.जी. लोकायुक्‍त संगठन, भोपाल/पुलिस अधीक्षक जिला नीमच/क्षे. परिवहन अधिकारी नीमच/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) जावद को भेजी गयी थी? उक्‍त पत्र पर प्रश्‍नतिथि तक किस-किस सक्षम कार्यालयों के द्वारा किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से कब व क्‍या कार्यवाही की गयी? जारी सभी आदेशों/पत्रों की एक-एक प्रतिलिपि उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के द्वारा रीवा जिले के हनुमना बैरियर पर आम जनमानस के साथ जाकर देखा गया तो पाया गया कि बैरियर पर अवैध रूप से विभिन्‍न स्‍टीकरों/पर्चियों के माध्‍यम से वाहन चालाकों से अवैध वसूली की जा रही है? क्‍या प्रश्‍नकर्ता/विधायक के द्वारा उक्‍त पर्चियों को मीडिया के माध्‍यम से सैकड़ों जनमानस के साथ राजस्‍व एवं पुलिस अधिकारियों के सामने बैरियर पर हो रही अवैध वसूली को उजागर किया था? (ग) पूरे प्रदेश में परिवहन चौकियों पर हो रही अवैध वसूली को रोके जाने एवं परिवहन व्‍यवसायियों के हितों के लिये राज्‍य शासन द्वारा क्‍या-क्‍या निर्णय प्रश्‍नतिथि तक लिये गये हैं? बिन्‍दुवार विवरण उपलब्‍ध करायें। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित घटनाओं के फलस्‍वरूप क्‍या-क्‍या कार्यवाही प्रमुख सचिव परिवहन/परिवहन आयुक्‍त म.प्र. द्वारा प्रश्‍नतिथि तक किस-किस नाम/पदनाम के विरूद्ध किस-किस जारी आदेश क्रमांकों/दिनांकों से की गयी है की एक प्रति उपलब्‍ध कराते हुये दें। अगर नहीं की गयी है तों क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर नीमच द्वारा पत्र क्रमांक 731 शिकायत 15 दिनांक 28.08.2015 परिवहन आयुक्त को लिखा गया था। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय विधायक हनुमना बैरियर पर उपस्थित हुये थे। ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है। शेष प्रश्नांश की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) यह कहना सही नहीं है कि परिवहन जाँच चौकियों पर अवैध वसूली होती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश () एवं () में उल्लेखित घटना के संबंध में प्रतिवेदन प्राप्त होने पर तदनुसार अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।

अवैध निर्माण को तोड़ा नहीं जाना एवं अवैध संरक्षण देना

[राजस्व]

24. ( क्र. 259 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या नगर पालिक निगम सतना के भरहुत नगर स्थित घनश्‍याम बिहार कालोनी के संबंध में दिनांक 14.03.2018 को अतारांकित प्रश्‍न क्र. 780 के भाग (ग) में सदन में दिये उत्‍तर में शासन ने स्‍वीकार किया है कि उक्‍त कालोनाईजर के द्वारा पार्क की भूमि पर हॉस्‍टल का निर्माण किया एवं जो भूमि कालोनी बनाने के समय अनिवार्य रूप से रिक्‍त छोड़ी जानी अत्‍यावश्‍यक थी उस पर अवैध रूप से मकान बनाकर बेच दिये गये हैं? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित कालोनी के संबंध में भी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) तहसील रघुराजनगर ने भी अपनी रिपोर्ट में लेख किया है कि रिक्‍त भूखण्‍डों की रजिस्‍ट्री करवाकर पूरा बना बनाया मकान बेचा गया एवं स्‍टाम्‍प ड्यूटी की चोरी कर ली गई? (ग) क्‍या दिनांक 14.03.2018 को सदन में अतारांकित प्रश्‍न क्र. 780 के प्रश्‍नांश (ख) में भी यह स्‍पष्‍ट लेख है कि उक्‍त कॉलोनाईजर ने नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने नियमों के विपरीत गड़बड़ी पाई? दिनांक 18.03.2019 को घनश्‍याम बिहार कॉलोनी भरहुत नगर सतना का जो जांच प्रतिवेदन उप/सहायक/कार्यपालन यंत्री/कमिश्‍नर नगर निगम सतना एवं संयुक्‍त संचालक वास्‍ते उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश सतना जो तैयार किये उस प्रतिवेदन की एक प्रति दें।               (घ) राज्‍य शासन/जिला प्रशासन/कमिश्‍नर नगर निगम सतना कब तक पार्क की भूमि पर बने अवैध हास्‍टल को एवं रिक्‍त पड़ी भूमि पर बनाये गये मकानों को तोड़ेगा? कब तक कालोनाईजर के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण सक्षम थाने में किन-किन धाराओं में दर्ज करवायेगा? अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। जाँच प्रतिवेदन  पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) विधि अनुसार कार्यवाही की गई है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। कालोनाईजर के विरूद्ध परिवाद पत्र अन्तर्गत धारा 291, 292, 292, 396, 398 एवं 440 म.प्र. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के अन्तर्गत माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

प्रदेश में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि दिया जाना

[राजस्व]

25. ( क्र. 276 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों, बाढ़ पीड़ि‍तों को समय-सीमा में राहत राशि उनके खाते में जमा किये जाने के आदेश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रदेश में कितने प्रतिशत किसानों की फसलें नष्‍ट हुई हैं? (ग) क्‍या माह अगस्‍त-सितम्‍बर 2019 में मंदसौर दौरे के दौरान माननीय मुख्‍यमंत्री द्वारा किसानों, बाढ़ प्रभावितों को दी जाने वाली राशि का उल्‍लेख करते हुए कहा गया है कि आर.बी.सी. 6 (4) के प्रावधानों के अनुसार सभी प्रभावित किसानों को 33 से 50 प्रतिशत तक की फसल क्षति पहुँचने पर 08 हजार रूपये से लेकर 26 हजार रूपये प्रति हेक्‍टेयर तथा 50 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होने पर 16 हजार से लेकर 30 हजार रूपये तक प्रति हेक्‍टेयर मुआवजा दिया जावेगा? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हाँ, तो अभी तक कुल कितनी राशि कितने किसानों के खाते में जमा कराई जा चुकी है? जिन किसानों की फसलें 100 प्रतिशत नष्‍ट हो गई है, उन प्रभावित किसानों को कितनी राशि दिये जाने का निर्णय लिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जन-हानि, पशु हानि, मकान हानि के दर्ज प्रकरणों में संपूर्ण स्‍वीकृत राशि का भुगतान के निर्देश दिये गये है। फसल हानि से प्रभावित 41 जिलों में से 14 जिलों में 100% राशि वितरण एवं 27 जिलों में कुल स्‍वीकृत राशि का प्रथम किस्‍त के रूप में 25% राशि का वितरण के निर्देश दिनांक 27/11/2019 के पत्र द्वारा दिये गये है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रदेश में कुल 5536517 कृषकों की फसलें नष्‍ट हुई है।             (ग) मंदसौर जिले में राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के अनुसार मुआवजा राशि दिये जाने के निर्देश है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के प्रकाश में मंदसौर जिले में राशि रूपये 288.47 करोड़ 161912 किसानों को वितरित कर दी गई है। 100% फसल नष्‍ट हुए किसानों को आर.बी.सी. के प्रावधान के अनुसार 520 करोड़ राशि जारी करने का निर्णय लिया गया है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अतिवृष्टि से किसानों की फसलें नष्‍ट होना

[राजस्व]

26. ( क्र. 277 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में अतिवृष्टि, बाढ़ से प्रदेश के कितने जिलों में किसानों की फसलें वर्ष 2019 में नष्‍ट हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रभावित किसानों को कितना मुआवजा/राहत राशि दी गई? कितनी शेष है? क्या यह राशि किसानों के खाते में जमा कराई जा चुकी है, तो कितनी? कितनी जमा होना शेष है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में मानसून वर्ष 2019 में अतिवृष्टि, बाढ़ से 41 जिलों के किसानों की फसल क्षति हुई है। (ख) प्रश्‍नांश ()  के प्रकाश में प्रभावित कृषकों को फसल एवं अन्‍य क्षति के लिये उत्‍तर दिनांक तक लगभग 1400 करोड़ राशि वितरित की गई है एवं लगभग रूपये 6000 करोड़ राशि का वितरण शेष है। जी हाँ, राशि का कोषालय से सीधा भुगतान संबंधित कृषक के बैंक खाते में किया जाता है। जिलों से प्राप्‍त पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि प्रदाय करना

[राजस्व]

27. ( क्र. 317 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्‍या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत किसानों को 01.12.18 से पात्र हितग्राहि‍यों को प्रत्येक चार माह के अन्तराल से तीन बराबर किश्तों में सम्मान निधि प्रदाय किये जानें के नियम हैं? यदि हाँ, तो विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कितने पात्र हितग्राहि‍यों को प्रथम किश्तों की सम्मान निधि प्रदाय की गई? कितने हितग्राही शेष है? ग्रामवार जानकारी से अवगत करायें। पात्र हितग्राहि‍यों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की प्रथम किस्‍त न मिलने के क्या कारण हैं? अवगत करावें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार पात्र हितग्राहि‍यों को किसान सम्मान निधि समय पर नहीं प्रदाय करने हेतु जिला प्रशासन को अधोहस्ताक्षरकर्ता द्वारा पत्राचार किया गया है? यदि हाँ, तो प्रशासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित कारणों से किसानों को समय पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि नहीं मिलने हेतु कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? हितग्राहियों के परिवार की गिरदावरी पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने हेतु कितनी राशि व्यय की गई? व्यय की जानकारी से अवगत करावें। (घ) क्या भारत सरकार द्वारा योजना के पर्यवेक्षण हेतु गठित जिला स्तरीय/विकासखण्ड स्तरीय समिति की बैठक कब-कब आयोजित की गई? बैठक की कार्यवाही से अवगत करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र सांरगपुर अंतर्गत कुल 192 ग्रामों के कुल 38106 किसानों के डाटा अपलोड हुए हैं। उपरोक्त 192 ग्रामों के किसानों में से प्रथम किश्‍त 21720 एवं द्वितीय किश्‍त 14191 को भुगतान किया जा चुका है। पात्रतानुसार योजना का लाभ देने हेतु सतत् कार्यवाही की जाती है। शेष किसानों को भुगतान नहीं होने के कारण (1) तकनीकी कारणों से (2) किसानों के बैंक खाते बन्‍द होने से (3) आधार नम्‍बर सही नहीं होने से। (ख) जी हाँ। जिला राजगढ़ द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक 1237,1238 दिनांक 08.11.2019 को अनुविभागीय अधिकारी सांरगपुर की ओर प्रेषित की गई है, अनुभाग स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) तकनीकी कारणों से या किसानों के आधार नम्‍बर सही नहीं होने से या बैंक खाते बन्द होने से विलम्ब हुआ है। अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं हैं। हितग्राहियों के परिवार की गिरदावरी पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने हेतु प्रश्‍न दिनांक तक 715934 राशि व्यय की गई है। (घ) जिला स्तरीय/विकासखण्ड स्तरीय समिति द्वारा समय-समय पर पर्यवेक्षण किया जाकर बैठक आयोजित की जा रही है तथा कार्यवाही सतत् की जाती है।

नियम विरूद्ध भूमि का डायवर्सन

[राजस्व]

28. ( क्र. 320 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक किन कालोनियों एवं व्यवसायी प्रयोजन हेतु भूमि को डायवर्सन की स्वीकृति प्रदान की गई? सर्वे नं. रकवा तथा किस प्रयोजन हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है? अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन निर्देशानुसार क्‍या सभी संबंधित विभागों से अनापत्ती प्राप्त की गई? यदि हाँ, तो विवरण देवें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार डायवर्सन की स्वीकृति प्रदान करने हेतु राजस्व अधिकारी नजूल, राजस्व एवं भू-राजस्व अधिकारी की आपत्ति को नजर अंदाज कर सक्षम अधिकारी द्वारा डायवर्सन की स्वीकृति प्रदान की गई? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा सांरगपुर अंतर्गत वर्ष 2017-18 में कालोनी प्रयोजन हेतु किसी भी भूमि की डायवर्सन की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है। राजस्व वर्ष 2017-18 में व्यवसायिक प्रयोजन हेतु 06 प्रकरणों में डायवर्सन की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसका सर्वे नम्बर रकवावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' पर है। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) दिनांक 27 जुलाई 2018 में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के नवीन संशोधन अनुसार धारा 59 तथा म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता (भू-राजस्‍व का निर्धारण तथा पुनर्निर्धारण) नियम 2018 तथा जो मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 28 सितम्बर 2018 अनुसार स्वयं भूमिस्वामी द्वारा भूमि उपयोग व व्यपवर्तन तथा स्वनिर्धारण की सूचना दिए जाने का प्रावधान होने से वर्ष 2018-19 से प्राप्‍त दिनांक तक स्वयं भूमिस्वामी द्वारा भूमि उपयोग के व्यवसायिक व्यपवर्तन तथा स्वनिर्धारण की कुल 18 सूचनाए दी गई है निर्धारित प्रारूप में जिन्हें पावती प्रदान की गई है, जिनका सर्वे नं. रकवावार जानकारी  संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जी हाँ, विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में वर्ष 2017-18 में भूमि की स्थिति अनुसार संबंधित स्थानीय नगर पालिका/नगर पंचायत/ग्राम पंचायत/लोक निर्माण विभाग/भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग तथा जहा लागू हो वहा नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनापत्ति प्राप्त की गई। मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधरण) दिनांक 27 जुलाई 2018 में म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के नवीन संशोधन अनुसार धारा 172 का लोप किया गया है। तथा मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 28 सितम्बर 2018 अनुसार स्वयं भूमिस्वामी द्वारा भूमि उपयोग के व्यपवर्तन तथा स्वनिर्धारण की सूचना दिए जाने का प्रावधान होने से वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक स्वयं भूमिस्वामी द्वारा भूमि उपयोग के व्यपवर्तन तथा स्वनिर्धारण की दी गई सूचना की पावती दिए जाना प्रावधानित होने से संबंधित विभागों से अनापत्ति प्राप्त करने का प्रश्‍न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी नहीं।

परिशिष्ट - "दस"

पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसी के विरूद्ध अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

29. ( क्र. 332 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मुंगावली विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत कौन-कौन से पेट्रोलपंप एवं गैस एजेन्‍सी किस-किस स्‍थान के लिए स्‍वीकृत की गई है। (ख) वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से पेट्रोलपंप एवं गैस एजेन्‍सी की अनयमितता की शिकायत विभाग को प्राप्‍त हुई है? कौन-कौन से पेट्रोलपंप एवं गैस एजेन्‍सी पर कब-कब और क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में स्‍थापित सभी पेट्रोलपंप एवं गैस एजेन्‍सी संचालकों द्वारा निर्धारित समय पर विभाग को मासिक एवं पाक्षिक पत्रक उपलब्‍ध कराकर वर्तमान भौतिक स्थिति से अवगत कराया जाता है? यदि नहीं, तो उन पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार है।                 (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में मोतीश्री सेल्‍स, अथाईखेड़ा एवं एस.जी.पी. गैस एजेंसी मुंगावली की शिकायतें प्राप्‍त हुई थी। पेट्रोल/डीजल के नमूने लिये जाकर विश्‍लेषण हेतु भोपाल प्रयोगशाला में भेजे गये। प्रयोगशाला की रिपोर्ट अनुसार नमूने मानक अनुरूप पाये गये हैं। एस.जी.पी. गैस एजेंसी मुंगावली की जांच अनुविभागीय अधिकारी, मुंगावली द्वारा की गई थी। इंडियन ऑयल कार्पोरेशन द्वारा उक्‍त गैस एजेंसी की आपूर्ति निलंबित कर जय बाबा गैस एजेंसी अशोकनगर के माध्‍यम से गैस वितरण की व्‍यवस्‍था कराई गई थी। दिनांक 07.11.2019 को एस.जी.पी. इंडेन की आपूर्ति पुन: बहाल की गई है। एस.जी.पी. इण्‍डेन गैस एजेंसी के विरुद्ध प्रकरण कलेक्‍टर न्‍यायालय में प्रचलित है। वर्ष 2017-18 में जवाहर फिलिंग सेल्‍स पिपरई के पेट्रोल पंप संचालक द्वारा बिना वैध अनुज्ञप्ति के पंप संचालन करने के कारण प्रकरण निर्मित किया गया था। उक्‍त प्रकरण की अपील में संभागायुक्‍त ग्‍वालियर संभाग द्वारा 50,000 रुपये की राशि दंडारोपित किया गया था। उक्‍त राशि जमा होने के पश्‍चात् उक्‍त फर्म को नवीन अनुज्ञप्ति जारी की गई। (ग) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र में स्‍थापित 21 पेट्रोल पंपों में से 07 पंपों के मासिक पत्रक नियमित प्राप्‍त हो रहे हैं। शेष 14 पेट्रोल पंपों के मासिक पत्रक प्राप्‍त न होने के कारण उन्‍हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

यात्री बसों के रूट एवं फिटनेस

[परिवहन]

30. ( क्र. 333 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) परिवहन विभाग द्वारा अशोकनगर जिले में कौन-कौन सी यात्री बसों को कौन-कौन से रूट पर संचालन की स्‍वीकृति प्रदान की गई है? वाहन क्रमांक अनुसार रूट की जानकारी देवें। (ख) क्‍या विभाग द्वारा वाहन के फिटनेस का प्रमाण-पत्र देने के पूर्व मोटरयान अधिनियम अनुसार शर्तों को जांचा जाता है वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी यात्री बस दुर्घटना ग्रस्‍त हुई हैं? कारण सहित जानकारी देवें। (ग) क्‍या बस संचालकों द्वारा मोटरयान अधिनियम की शर्तों के अधीन बसों में रूट की जानकारी, अग्निशमन यंत्र, इमरजेंसी दरवाजा, महिलाओं एवं विकलांगों के लिए सीट आरक्षण संबंधी निर्देश एवं यात्री किराया पर्ची प्रदान की जाती है? यदि नहीं, तो उन पर कब-कब क्‍या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिवहन विभाग द्वारा अशोक नगर जिले में प्रश्न दिनांक तक 270 अस्थायी अनुज्ञापत्र स्वीकृत किये गये हैं। वाहन क्रमांक अनुसार रूट की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  '' अनुसार है। (ख) जी हाँ। पुलिस अधीक्षक कार्यालय जिला अशोक नगर के पत्र क्रमांक 22 दिनांक 04.12.2019 के अनुसार वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक 17 यात्री बस दुर्घटनाएं हुई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।              (ग) जी हाँ। जिन वाहनों में चैकिंग के दौरान मोटरयान अधिनियमों की शर्तों का उल्‍लंघन पाया गया उनके विरूद्ध वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक की अवधि में 84 वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर रू. 3,59,600/- का समझौता शुल्क वसूल किया गया है।

आदिवासियों की भूमि का क्रय-विक्रय

[राजस्व]

31. ( क्र. 386 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला होशंगाबाद के विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अन्तर्गत आदिवासियों की भूमि के क्रय-विक्रय की स्वीकृति हेतु कुल कितने प्रकरण विगत 01 वर्ष में प्राप्त हुये? (ख) प्रश्नांश ()  अन्तर्गत प्राप्त प्रकरणों में से कितने प्रकरण स्वीकृत किये गये एवं कितने प्रकरण अस्वीकृत किये गये? सूची प्रदान करें। (ग) क्या प्रश्नांश () अन्तर्गत अस्वीकृत प्रकरणों में पुन: विचार कर प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं यदि हाँ, तो सूची प्रदान करें तथा पूर्व में इन प्रकरणों को किन कारणों से अस्वीकृत किया गया एवं पुन: विचार कर किस आधार पर स्वीकृत किये गये?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला होशंगाबाद के विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत आदिवासियों की भूमि क्रय-विक्रय की स्‍वीकृति हेतु कुल 14 प्रकरण (आवेदन) प्राप्‍त हुए। (ख) विगत वर्ष 19-20 में पिपरिया विधानसभा क्षेत्र में 14 प्रकरण स्‍वीकृत किये गये है, कोई भी प्रकरण अस्‍वीकृत नहीं किया गया है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मेडिकल कॉलेज का नियम विरूद्ध संचालन

[चिकित्सा शिक्षा]

32. ( क्र. 394 ) डॉ. मोहन यादव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) साक्षी मेडिकल कालेज एण्ड रिसर्च सेंटर गुना द्वारा नियम विरूध मेडिकल कालेज संचालन करने पर की गई कार्यवाही का सम्‍पूर्ण ब्‍यौरा प्रस्तुत करें। (ख) उक्त कालेज सत्र के मध्य में बंद हो जाने से छात्र-छात्राओं के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए प्रवेशरत छात्र-छात्राओं को होने वाले नुकसान एवं पुन: प्रवेश के संबंध में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ग) साक्षी चिकित्सा महाविद्यालय गुना के बंद होने से कितने छात्र-छात्राएं प्रभावित हुए? उनमें से कितने छात्र-छात्राओं द्वारा फीस जमा की गई थी? उस फीस को छात्र-छात्राओं को किस प्रक्रिया के तहत वापस किया जावेगा एवं कब तक? (घ) यदि सबंधित महाविद्यालय द्वारा उक्त जमा राशि वापस नहीं की जाती है तो संबंधित महाविघालय के संचालकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा सकती है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावे?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) साक्षी मेडिकल कालेज, गुना सत्र 2016-17 में प्रवेशित 125 छात्रों को भारत सरकार से अनुमति प्राप्‍त कर राज्‍य के 05 निजी चिकित्‍सा महाविद्यालयों, चिरायु मेडिकल कालेज, भोपाल,एल.एन.मेडिकल कालेज, भोपाल, पी.सी.एम.एस. मेडिकल कालेज,  भोपाल,  आर.डी.गार्डी मेडिकल कालेज, उज्‍जैन तथा इण्‍डेक्‍स मेडिकल कालेज, इंदौर में समायोजित किए जा चुके हैं।               (ग) साक्षी मेडिकल कालेज, गुना सत्र 2016-17 में सभी प्रवेशित 125 छात्रों द्वारा संस्‍था में फीस जमा की गई थी। फीस वापिस किए जाने के संबंध में कार्यवाही प्रवेश एवं शुल्‍क विनियामक समिति द्वारा की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्‍यप्रदेश निजी व्‍यावसायिक शिक्षण संस्‍था (प्रवेश का विनियामक एवं शुल्‍क का निर्धारण) अधिनियम 2007 अध्‍याय दो के अध्‍याय की धारा 4 (9) के अनुसार राशि वापिस नहीं किए जाने की ‍स्थिति में नियत रकम               भू-राजस्‍व के बकाए के तौर पर वसूल की जा सकती है। नियमों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

ई-पंजीयन योजना

[वाणिज्यिक कर]

33. ( क्र. 396 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ई-पंजीयन योजना के सॉफ्टवेयर में क्रय-विक्रय एवं अन्य पंजीकृत दस्तावेजों की प्रविष्टि उपरांत ऑनलाईन सूची क्रमांक 02 जनरेट होने का प्रावधान रखा गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाईन होने के पश्चात भी सूची क्रमांक 02 मेन्यूअल क्यों रखे जा रहे है?                   (ख) यदि नहीं, तो क्या विभाग द्वारा भविष्य में सूची क्रमांक 02 ऑनलाईन करने के संबंध में सॉफ्टवेयर में अपडेशन करवाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) यदि प्रश्नांश (क) की जानकारी हाँ है तो ऑनलाईन सूची क्रमांक 02 की जांच किस प्रकार की जा सकती है प्रक्रिया बतावें?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी नहीं। ई-पंजीयन के पूर्व पंजीबद्ध दस्‍तावेजों की सूची नियमानुसार कार्यालय में search हेतु उपलब्‍ध है। (ख) जी हाँ, समय-सीमा बताया जाना अभी संभव नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश ()  उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनु.जनजाति वर्ग के लोगों को पट्टे का वितरण

[राजस्व]

34. ( क्र. 424 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) इछावर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत ग्राम आबिदाबाद (चार मण्‍डली) एवं ग्राम वीरपुर में राजस्‍व विभाग द्वारा वर्ष 2002 से प्रश्‍न दिनांक तक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचति जनजाति वर्ग के कितने हितग्राहियों को कब-कब, कहां-कहां पट्टे दिये गये? (ख) उक्‍त दिये गये पट्टों के हितग्राही इन क्षेत्रों में कब से निवास कर रहे हैं? (ग) क्‍या यह सही है कि पट्टे वितरण में भेदभावपूर्ण नीति अपनाकर, जो नये लोग बसे हैं, उन्‍हें पट्टे प्रदान कर दिये गये हैं एवं पूर्व से निवासरत कई परिवार इससे वंचित रहे गये हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) इछावर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम आबिदाबाद (चार मण्डली) में कुल 85 पट्टे वर्ष 2002 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को दिये गये है। ग्राम वीरपुर (लावाखेडी) में पट्टे प्रदाय नहीं किये गये है।। (ख) वर्ष 2002 के पूर्व से। (ग) जी नहीं।

बंदोबस्‍त रिकार्ड का प्रदाय

[राजस्व]

35. ( क्र. 428 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के पटेरा विकासखण्‍ड के ग्राम छेवला दुबे प.ह.नं. 13/21 में वर्ष 1985 से वर्ष 1999 तक का राजस्‍व रिकार्ड, बंदोबस्‍त की मिशल तथा रीनंबरिंग सूची एवं निस्‍तार पत्रक सहित छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) हटा विधानसभा क्षेत्र में गौचर भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी? समय-सीमा बतायें? नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) हटा विधानसभा क्षेत्र में गोचर भूमि पर हटा एवं पटेरा तहसील अंतर्गत आने वाले ग्रामों में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रचलित हैं। हटा विधानसभा के तहसील दमोह के अंतर्गत आने वाले ग्रामों में गोचर भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गयी हैं।

जीन मोहल्‍ला इटारसी के भूखण्‍डों का नवीनीकरण

[राजस्व]

36. ( क्र. 441 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) होशंगाबाद जिले के इटारसी नगर में स्थित शीट नं. 3 एवं 6 प्‍लाट नं. 3/1,7/1 क्षेत्रफल 307810 वर्गफुट भूमि के पट्टे का शासन द्वारा नवीनीकरण कब से किन कारणों से नहीं हो पाया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित भूमि पर काबिज कितने नागरिकों द्वारा विगत चार वर्षों में पट्टा नवीनीकरण हेतु अनुविभागीय अधिकारी, इटारसी के यहां आवेदन दिये गये? (ग) इनमें से कितने लोगों के भूखण्‍डों का नवीनीकरण किया जा चुका है एवं कितने लोगों के आवेदनों का निराकरण किन कारणों से नहीं किया गया है? (घ) क्‍या शब्‍बीर अली राजा आ. हातिम अली निवासी खंडवा एवं आरिफ सैफी आ. अब्‍बास अली निवासी बाम्‍बे बाजार, खंडवा द्वारा प्रमुख सचिव, राजस्‍व विभाग को संबोधित आवेदन दिनांक 24.10.2019 को राजस्‍व विभाग (शाखा-1) वल्‍लभ भवन भोपाल को प्राप्‍त हुआ? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्‍या कार्यवाही की गयी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) पट्टाधारी एवं उनके वारिसानों द्वारा विवादित रकबे के भूमि का छोटे-छोटे भूखण्‍ड में विक्रय करने के कारण नामांतरण न हो पाने से पट्टा वर्ष 1988 के बाद से नवीनीकृत नहीं हो सका है। (ख) 7 व्‍यक्तियों द्वारा नवीनीकरण का आवेदन दिया गया है। (ग) 2 व्‍यक्तियों के आवेदन का निराकरण किया गया है। शेष में कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी हाँ। जिला कलेक्‍टर होशंगाबाद से जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है।

बैतूल जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा खाद्यान्न वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

37. ( क्र. 467 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) मध्यप्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कितने जिलों में ऑनलाईन एवं कितने जिलों में ऑफलाईन व्यवस्था लागू की गई है? ऑफलाईन व्यवस्था लागू किये जाने का दिनांक भी बतावें। (ख) बैतूल जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की ऑनलाईन व्यवस्था लागू किये जाने के क्या कारण थे, जबकि लगभग समान सामाजिक एवं भौगोलिक स्थिति वाले समीपस्थ छिंदवाड़ा जिले में ऑफलाईन व्यवस्था ही लागू रखी गई? (ग) बैतूल जिले में ऑनलाईन आपूर्ति व्यवस्था के लागू होने के बाद जिले में कितने दिनों तक खाद्यान्न वितरण नहीं हो सका? उचित मूल्य दुकानवार जानकारी देवें। साथ ही पात्रता कूपन के अभाव कितने पात्र हितग्राहियों को खाद्यान्न का वितरण नहीं हो सका, यह भी बतावें। (घ) बैतूल जैसे आदिवासी बाहुल्य एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए जिले में ऑनलाईन आपूर्ति सिस्टम में आ रही परेशानियों के दृष्टिगत यहाँ भी छिंदवाड़ा की भांति ऑफलाईन आपूर्ति प्रक्रिया द्वारा खाद्यान्न वितरण की कोई योजना है? यदि हाँ, तो उसे कब तक लागू कर दिया जाएगा, यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) वर्तमान में प्रदेश के सभी जिलो में ऑनलाईन व्‍यवस्‍था चालू है। 1881 उचित मूल्‍य दुकानों पर नेट कनेक्टिविटी उपलब्‍ध न होने पर आंशिक ऑफलाईन वितरण व्‍यवस्‍था लागू की गई है। (ख) उत्‍तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) बैतूल जिले में आधार आधारित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (AePDS) व्‍यवस्‍था लागू होने के पश्‍चात पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न वितरण किया जा रहा है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्र श्रेणियों के भारत सरकार द्वारा निर्धारित सीमा में ही, वैध पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) परिवारों को ही राशन वितरण किये जाने का प्रावधान है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

उज्जैन जिले के बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में नलकूप खनन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

38. ( क्र. 471 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक कितने नलकूप खनन विभागीय मशीन द्वारा एवं ठेका पद्धति से किय गये? किन-किन ग्रामों में खनन कार्य किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में खनन किये गये बोर में कितने प्लेट फार्म का निर्माण कार्य किया गया एवं कितने बोर में हैंडपम्प मय बॉडी के स्थापित किये गये है। जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में किये गये बोर खनन की गहराई का सत्यापन किसके द्वारा किया जाता है किये गये सत्यापन की बोर खननवार, स्थानवार प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। क्‍या बोर खनन के मामले में पाया गया है कि मौके पर गहराई और किये गये भुगतान में भारी अंतर रहता हैं। क्या शासन बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में इस मामले को संज्ञान में लेकर किये गये भुगतान एवं मौके पर नल-कूप की गहराई का राज्य स्तरीय जांच दल बनाकर जांच करावेगें। यदि हाँ, तो कब तक।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 231 नलकूप। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) खनित किये गये नलकूप की गहराई का सत्यापन संबंधित सहायक यंत्री द्वारा किया जाता है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली में धांधली

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

39. ( क्र. 489 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्या वर्ष 2018-19 में प्राथमिक कृषि शाख सहकारी समिति गुना प्रबंधक जमना यादव एवं शासकीय उचित मूल्य की दुकान देवपुर के विक्रेता छिमाधर यादव एवं मैसर्स मानिक चंद, उत्तम चंद, कैरोसिन (मिट्टी तेल) डीलर के विरूद्ध तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बल्देवगढ़, जिला-टीकमगढ़ द्वारा कोई दण्डात्मक कार्यवाही का आदेश पारित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त व्यक्तियों/फर्मों के विरूद्ध क्या कोई दण्डात्मक कार्यवाही की गई? (ग) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों और कब तक की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी के आदेश के विरूद्ध श्री छिमाधर यादव तनय पारीक्षत यादव निवासी ग्राम देवपुर के द्वारा अपील प्रस्‍तुत की गई थी जिसे कलेक्‍टर न्‍यायालय के आदेश दिनांक 23/09/2019 द्वारा खारिज किया गया। कलेक्‍टर न्‍यायालय में अपील लंबित होने के कारण दिनांक 23/09/2019 तक अनुविभागीय अधिकारी के आदेशानुसार कार्यवाही नहीं की जा सकी। वर्तमान में अनुविभागीय अधिकारी के आदेशानुसार कार्यवाही प्रचलन में है। कार्यवाही कार्यवाही पूर्ण किये जाने की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

मंदिर की भूमि पर अवैध कब्जे

[राजस्व]

40. ( क्र. 491 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) टीकमगढ़ जिले के खरगापुर नगर में शासन द्वारा बाबा हरिदास हनुमान जी मंदिर को कितनी जमीन का आवंटन किया गया था? (ख) खरगापुर नगर में उक्त मंदिर के लिए आवंटित की गई जमीन में से कितनी जमीन पर मंदिर का कब्जा है और कितनी जमीन पर अवैध लोगों ने कब्जा किया हुआ है। नाम बताये? (ग) यदि मंदिर की जमीन पर अन्य लोगों का अवैध कब्जा है तो शासन द्वारा अभी तक अवैध कब्जा हटाने के लिए क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (घ) क्या भविष्य में शासन द्वारा मंदिर की जमीन से अवैध कब्जे को खाली करवाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ जिले के खरगापुर नगर में शासन द्वारा हरिदास मंदिर को भूमि रकवा 0.590 हेक्‍टेयर भूमि आवंटित है। (ख) खरगापुर नगर में मंदिर के लिए आवंटित की गई भूमि में से 0.490 हेक्‍टेयर भूमि पर मंदिर का कब्‍जा है शेष रकवा 0.100 हेक्‍टेयर पर 92 व्‍यक्तियों द्वारा अस्‍थायी रुप से गुमटी रखकर अवैध कब्‍जा किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) मंदिर की जमीन पर अवैध कब्‍जाधारियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश () के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बारह"

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

41. ( क्र. 568 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के प्रावधान अंतर्गत सार्वजनिक वितरण के प्राथमिकता परिवार के श्रेणी में प्रदेश के समस्‍त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/कर्मकार मण्‍डल के तहत पंजीकृत श्रमिक बी.पी.एल. कार्डधारी एवं अन्‍य योजना से लाभ प्राप्‍त करने वाले कितने हितग्राहियों को खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्‍ध कराकर खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराया जा रहा है यदि हाँ, तो वर्ष 2017से प्रश्‍नांश दिनांक तक का रीवा संभाग की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला सिंगरौली, सीधी, रीवा जिले में कितने अनुसूचित जाति/जनजाति परिवार की खाद्य पर्चियां जारी की गई कितनों की खाद्य पर्चियां जारी नहीं की गई तथा क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के संदर्भ में उपरोक्‍त अवधि एवं संभाग में कितनी दुकानों में खाद्यान्‍न की चोरी की शिकायतें थानों में दर्ज करायी गई? चोरी गये खाद्यान्‍न की पूर्ति कर क्‍या खाद्यान्‍न उपभोक्‍ताओं को उपलब्‍ध कराया गया? यदि हाँ, तो किस माध्‍यम से और कहां से? अगर नहीं तो क्‍यों? क्‍या रीवा जिले में खाद्यान्‍न की चोरी एवं वितरण की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत एडवोकेट श्री मयंकधर द्विवेदी द्वारा चाही गई थी? क्‍या उन्‍हें जानकारी नहीं दी गई यदि हाँ, तो क्‍यों एवं इस पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) (ग) में उल्‍लेखित तथ्‍यों अनुसार कार्यवाही न करने, खाद्यान्‍न की पर्ची न जारी करने से खाद्यान्‍न से वंचित करने के लिये कौन-कौन दोषी है? साथ ही खाद्यान्‍न की चोरी एवं काला बाजारी कर खाद्यान्‍न उपभोक्‍ताओं को न देने एवं चाही गई जानकारी न देने, उसमें उल्‍लेखित बिन्‍दुओं अनुसार कार्यवाही न करने के लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है इन जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित पात्रता श्रेणी के परिवारों जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति, कर्मकार मंडल के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिक, बी.पी.एल. एवं अन्‍य श्रेणी के कुल वैध पात्रता पर्चीधारी परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है, जिनके लिए खाद्यान्‍न का आवंटन जारी किया गया है। (ख) अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी अंतर्गत कुल अनुसूचित जाति/जनजाति 69802 परिवार के पास पात्रता पर्ची है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75% आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है, तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। इस वित्‍तीय वर्ष में कुल 1,40,988 नवीन हितग्राहियों को जोड़कर पात्रता पर्ची जारी की गई है, जिसमें जिला रीवा में 1911, सीधी में 1527 एवं सिंगरौली में 1418 हितग्राही सम्मिलित हैं तथा इन तीनों जिलों में 5744 अनुसूचित जाति/जनजाति सीमा से बाहर हैं। (ग) जिला सिंगरौली एवं सतना में उचित मूल्‍य दुकानों से खाद्यान्‍न चोरी संबंधी कोई प्रकरण थाना में दर्ज नहीं किया गया है। रीवा जिले की 19 एवं सीधी जिले की 07 उचित मूल्‍य दुकानों से राशन वितरण चोरी की शिकायतें दर्ज कराई गई। चोरी गये खाद्यान्‍न की मात्रा अनुसार दुकान के विक्रेताओं द्वारा बाजार से क्रय कराया जाकर उपभोक्‍ताओं को वितरण कराया गया है। श्री मयंकधर द्विवेदी द्वारा रीवा जिले में खाद्यान्‍न की चोरी एवं वितरण की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत चाही गई थी। आवदेक को जानकारी प्राप्‍त करने हेतु कार्यालय खाद्य शाखा रीवा द्वारा दिनांक 16.10.2019 को सूचित किया गया, किन्‍तु उनके द्वारा आज तक जानकारी प्राप्‍त नहीं की गई है। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। रीवा जिले में दोषी विक्रेताओं के विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज कराई जा चुकी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

42. ( क्र. 569 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्‍या जिला सिंगरौली में कंम्‍पनियों/फैक्ट्रियों के निर्माण बाबत कितनी शासकीय एवं कितनी निजी कास्‍तकारों की जमीनें अधिग्रहित कर कंपनियों/फैक्ट्रियों को दी गई। इनमें से किन किसानों के वारिसानों को नौकरी दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अधिग्रहित की गई शासकीय एवं निजी कास्तकारों की जमीनों के मुआवजे का भुगतान किस दर पर किया गया? शासकीय भूमियों के मुआवजे भी तैयार कर क्‍या संबंधित अधिकारियों द्वारा मुआवजे की राशि का बंदरवाट किया गया? निजी भूमियों को कई बार एक ही आराजी का भूमि स्‍वामी बदल-बदल कर मुआवजे दिये गये? इनमें मुआवजा आवंटन बाबत। अधिकृत किये गये अधिकारियों द्वारा अपने सगे संबंधितों के नाम फर्जी तरीके से मुआवजे तैयार कर उन्‍हें लाभान्वित किया गया क्‍या उसकी जांच कराकर उन पर क्‍या कार्यवाही करेगे? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निजी भूमि स्‍वामियों के वारिसानों को कंपनियों द्वारा नौकरी नहीं देने तथा जबरन जमीन अधिग्रहित कर करने पर तथा पुनर्वास नीति 2002 के तहत विस्‍थापितों को मिलने वाली सुविधायें न देने के लिये जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेगे एवं इस बावत् निर्देश जारी करेंगे तो कब तक? अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) के कंपनियों को दी गई भूमियों का गलत एवं मनमानी तरीके से मुआवजा वितरित किये जाने का जांच कराकर कार्यवाही बावत् निर्देश कब तक जारी करेंगे व निजी भूमि स्‍वामियों के वारिसानों को रोजगार दिलाये जाने बावत् क्‍या कंपनियों को निर्देश जारी करेंगे तो कब तक बतावें? अगर नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जिला सिंगरौली में निजी एवं शासकीय भूमि का अधिग्रहण/आवंटन किया गया है। जिनका  विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट में दिया गया है।   (ख) भू-अर्जन अधिनियम के प्रावधान अंतर्गत शासकीय गाईड लाईन के आधार पर मुआवजा निर्धारण किया जाकर संबंधित भूमिस्‍वामियों को भुगतान किया गया है। मुआवजा वितरण के अनियमितता के तथ्‍य प्रकाश में नहीं आये हैं। अत: जाँच कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता।             (ग) भू-अर्जन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार भूमियों का अर्जन किया गया है। जिन प्रकरणों में पुनर्वास नीति 2002 लागू है, उन प्रकरणों में विस्‍थापितों को कंपनियों द्वारा पुनर्वास सुविधाएं प्रदाय कराई जा रही है। परियोजनाओं से विस्‍थापित परिवारों के 18 वर्ष या उससे अधिक के वारिसों को नियमानुसार रोजगार उपलब्‍ध कराया गया है। अत: कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कंपनियों को दी गई भूमियों का गलत/मनमानी तरीके से मुआवजा वितरण नहीं किया गया है। अत: जाँच कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं उठता।

परिशिष्ट - "तेरह"

बड़ा श्रीराम मंदिर झारडा की चल-अचल संपत्ति की जानकारी

[राजस्व]

43. ( क्र. 601 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) क्‍या कार्यालय कलेक्‍टर जिला उज्‍जैन के पत्र क्रमांक 1254/6/संस्‍कृति/2019 दिनांक 14.10.2019 के अनुसार बड़ा श्रीराम मंदिर झारडा की चल-अचल संपत्ति शासन हित में कब्‍जा नहीं कराने वाले दोषी अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही करने संबंधी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) अनुविभाग महिदपुर को निर्देशित किया गया था एवं इस पत्र पर मान. कलेक्‍टर उज्‍जैन द्वारा सर्वोच्‍च प्राथमिकता देते हुए समय-सीमा में कार्यवाही करने के लिये उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार बड़ा श्रीराम मंदिर झारडा की चल-अचल संपत्ति पर शासन हित में कब्‍जा रिक्‍त नहीं कराने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है? कार्यवाही नहीं करने के लिये कौन दोषी है? शासन द्वारा इन दोषी अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जाएगी? (ग) क्‍या माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय में बड़ा श्रीराम मंदिर झारडा की चल-अचल संपत्ति शासन हित में कब्‍जा रिक्‍त कराने का राजस्‍व विभाग के तत्‍कालीन अधिकारियों द्वारा हलफनामा लिया गया है? (घ) माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय को असत्‍य जानकारी देने के लिये दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? कार्यवाही नहीं करने के लिये उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन क्‍या कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक महोदय के पत्र दिनांक 10.10.2019 के आधार पर आवश्‍यक कार्यवाही हेतु लिखा गया था। (ख) माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर के आदेश दिनांक 06.08.18 के पालन में बड़ा श्री राम मंदिर झारडा की माननीय न्यायालय के आदेश में वर्णित समस्त चल-अचल सम्पत्ति का कब्जा दिनांक 11.08.2018 को प्राप्त किया गया था। प्रकरण में संपूर्ण कार्यवाही न्‍यायोचित की गई थी अतः कोई भी अधिकारी दोषी नहीं होने से कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई (ग) माननीय उच्चतम न्यायालय में दिनांक 08.12.2018 को प्रति शपथ पत्र में दर्शाया है कि उच्च न्यायालय के आदेश उपरांत राज्य सरकार ने प्रश्‍नाधीन भूमि एवं मंदिर की व्यवस्था को अपने कब्जे में लिया गया। (घ) उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 06.08.18 में श्री राम मंदिर झारडा की सम्पत्ति सर्वे नंबर 594,595,596,603,878 कुल रकवा 5.39 हे. का वर्णन है। उपरोक्त संपूर्ण रकबे का कब्जा लेने उपरांत दिनांक 26.11.2019 को रबी फसल 2019 हेतु निलाम किया गया है। इसके साथ ही मंदिर की व्यवस्था शासन हित में शासकीय देवस्थान श्री विष्णु मंदिर, झारडा के पुजारी श्री मुकेशदास पिता सुंदरदास को अस्थाई रूप से सौंप दी गई। दिनांक 11.08.18 को कब्जे लिये जाने की कार्यवाही में मंदिर की माननीय उच्च न्यायालय के आदेश में वर्णित भूमि के अतिरिक्त ग्राम झारडा की आबादी खसरा नंबर 871 में स्थित ग्राम पंचायत अभिलेख अनुसार बड़ा श्री राम मंदिर की सम्पत्ति का भी अधिपत्य शासन हित में लेते हुए पंचायत को सपुर्दगी दी गई थी। उक्त कार्यवाही से व्यथित होकर तत्कालीन कब्जेदारों द्वारा माननीय व्यवहार न्‍यायाधीश वर्ग-1, महिदपुर में वाद दिनांक 06.09.18 को प्रस्तुत किया, जिसे माननीय न्यायालय द्वारा आदेश दिनांक 03.05.19 को खारिज किया गया। इसके उपरांत उक्त आदेश के विरूद्ध माननीय द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश महोदय, महिदपुर में अपील दिनांक 13.05.19 को प्रस्तुत की गई, जिसमें आदेश दिनांक 29.05.19 पारित किया गया। इस आदेश में प्रतिवादीगण (शासन पक्ष) के विरूद्ध अस्थाई आदेश जारी किया गया जिसमें वादीगण (तत्कालीन कब्जेदारियों) को विधि की सम्यक प्रक्रिया के बगैर बेदखल न करने के लिये आदेशित किया गया। इसके अनुक्रम में तहसील न्यायालय झारडा में प्रकरण क्रमांक 01/अ-68/2019-20 म.प्र. भू-राजस्व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत है। माननीय उच्चतम न्यायालय को तत्समय पदस्थ अधिकारियों द्वारा कोई भी असत्य जानकारी नहीं दी गई है, चूंकि कार्यवाही न्यायोचित की गई अतः संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही करने का कोई आधार नहीं है।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

44. ( क्र. 620 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) विकासखण्ड जवा अंतर्गत प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के सत्र 2017 से 2019 तक कुल कितने कनेक्‍शन आबंटित किये गए? (ख) विकासखण्ड जवा अंतर्गत ऐसे कितने पात्र हितग्राही शेष हैं, जिनको इस योजना का लाभ अभी तक प्राप्त नहीं हो सका? ऐसे छूटे हुए वंचित पात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ कब तक दिया जा सकेगा? (ग) क्या सूची में उल्लेखित नामों क्रमश: राजकुमारी वर्मा, शांति वर्मा, सियादुलारी वर्मा, कुसमी वर्मा, देवती वर्मा, मुन्नी बाई, तिजिया वर्मा, रेखा वर्मा, आशा देवी वर्मा, बिटोल वर्मा, समनी वर्मा, नथिया वर्मा के नाम से फर्जी तरीके से गैस सिलेंडर अन्य लोगों को बेच दिये गये? पात्र हितग्राहियों को उसका लाभ नहीं मिला, क्या इन गंभीर शिकायतों पर संबंधित गैस एजेंसी की जाँच की जावेगी? क्या दोषी एजेंसी एवं जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी? उक्त उल्लेखित वंचित हितग्राहियों को कब तक वास्तविक रुप से गैस सिलेण्डर प्राप्त हो सकेंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रधानमंत्री उज्जवला योजना केन्‍द्र शासन की योजना है, जिसके नियम, स्‍वीकृति आदि केन्‍द्र शासन की पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन तेल एवं गैस एजेंसियां करती हैं। राज्‍य शासन द्वारा मात्र इन कंपनियों के कार्य को facilitate किया जाता है। रीवा जिले के जवा विकासखण्‍ड में कुल 21,060 पात्र हितग्राहियों को गैस कनेक्‍शन प्रदाय किये गये हैं। (ख) विकासखण्‍ड जवा अंतर्गत आवेदन करने वाला कोई पात्र हितग्राही योजना का लाभ लेने से शेष नहीं है। वर्तमान में योजना का क्रियान्‍वयन केन्‍द्र शासन की एजेंसियों द्वारा नहीं किया जा रहा है। (ग) वितरकों के अनुसार जिन हितग्राहियों का नाम प्रश्‍न में दिये गये है उनके नाम से कोई गैस कनेक्‍शन नहीं है और न ही उनका कोई आवेदन प्राप्‍त हुआ है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

समयमान वेतनमान का लाभ

[आयुष]

45. ( क्र. 629 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्‍यप्रदेश में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को 16 वर्ष की सेवा के पश्‍चात द्वितीय समयमान वेतनमान दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या उनके द्वितीय समयमान वेतनमान की कार्योत्तर स्वीकृति प्रमुख सचिव आयुष विभाग म.प्र. शासन से प्रदान की गई? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक प्रदान की जा सकेगी? (ख) क्या मध्‍यप्रदेश के आयुष विभाग में कार्यरत कम्पाउण्डरों व अन्य तृतीय/चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जो कि समयमान वेतनमान की पात्रता रखते हैं को समयमान वेतनमान दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक प्रदान कर दिया जावेगा?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। शेष प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। शेष प्रक्रियाधीन है।

अतिवृष्टि के कारण खराब फसलों का मुआवजा वितरण

[राजस्व]

46. ( क्र. 668 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अधिक वर्षा के कारण विधानसभा क्षेत्र बड़वानी में किसानों की खडी फसल ख़राब हुई है? (ख) यदि हाँ, तो विभाग के द्वारा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया गया हैं? सर्वे में कितने किसानों की फसल खराब होने की जानकारी प्राप्त हुई? प्रभावित किसानों की संख्‍या बताये? (ग) क्या प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित किसानों को शासकीय नियमानुसार मुआवजा प्रदान किया गया है? यदि हाँ, तो संख्‍या बताये। यदि नहीं, तो कब तक किसानों को मुआवजा प्रदान किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला बड़वानी अंतर्गत मौसम खरीफ 2019 में अतिवृष्टि/बाढ़ से फसल क्षति का सर्वे कार्य कृषि विभाग, राजस्‍व विभाग, पंचायत ग्रामीण विकास विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले के संयुक्‍त दल से कराया गया है जिसमें विधानसभा क्षेत्र बड़वानी अंतर्गत तहसील बड़वानी में 58 किसान एवं तहसील पाटी में 87 किसानों की फसल खराब हुई है। (ग) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र बड़वानी के प्रभावित 145 किसानों को आर.बी.सी. 6-4 के तहत राहत राशि का वितरण किया जा चुका है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

धान खरीदी घोटाले में कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

47. ( क्र. 712 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या भोपाल एवं भोपाल रायसेन जिले में धान खरीदी में घोटाले होने की जानकारी प्राप्‍त हुयी है? यदि हाँ, तो इन जिलों में हुए धान खरीदी घोटाले में किसानों को उनकी राशि कब तक मिलेगी? घोटालों के दोषियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : रायसेन एवं भोपाल जिले में किसानों से समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन में किसी प्रकार के घोटाले की जानकारी संज्ञान में नहीं आई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

राज्य परिवहन निगम कि बसों का संचालन

[परिवहन]

48. ( क्र. 734 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान व्यवस्था में निजी बस आपरेटरों की मनमानी एवं सवार यात्रि‍यों से व्यवहार ठीक से न करने की शिकायतों के स्थाई समाधन हेतु शासन के परिवहन विभाग द्वारा कोई योजना बनाई गई है? यदि हाँ, तो वह क्या है तथा नहीं तो क्या कारण है? (ख) क्या अन्य राज्यों की तरह यात्रि‍यों को परिवहन सेवा देने हेतु पुनः मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम द्वारा बसों का संचालन सभी मार्गों पर किया जा सकता है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्या कारण है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश मोटरयान नियम 1994 के नियम 95 में स्‍टेट कैरिज वाहनों में शिकायत पुस्‍तिका रखे जाने का प्रावधान विद्यमान है। जिसमें प्राप्‍त शिकायतों को दर्ज कर उनका निराकरण करते हुए एक माह के भीतर उस अधिकारी को जिसने परमिट दिया है रिपोर्ट करने के लिए वाहन स्‍वामी/परमिट धारक बाध्‍य है। इस प्रावधान के विद्यमान होने से पृथक से कोई योजना बनाई जाना अपेक्षित नहीं है। शिकायत हेतु हेल्‍पलाईन नम्‍बर निम्‍नानुसार है:- 0751-2971008, 2970363, 2970963 (ख) जी नहीं। राज्‍य शासन द्वारा मध्‍यप्रदेश सड़क परिवहन निगम को बंद करने का सैद्धांतिक निर्णय लिया जा चुका है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्‍थित नहीं होता है।

समर्थन मूल्‍य पर बोनस का निर्धारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

49. ( क्र. 774 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में समर्थन मूल्‍य पर ई-उपार्जन सिस्‍टम कब से प्रारंभ हुआ है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में            ई-उपार्जन वर्ष से गेहूँ एवं धान का समर्थन मूल्‍य केन्‍द्र सरकार द्वारा क्‍या निर्धारित किया गया था? इस समर्थन मूल्‍य पर राज्‍य सरकार द्वारा वर्षवार कितना-कितना बोनस दिया जाता रहा है वर्ष 2009 से अब तक पृथक-पृथक बतावें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में समर्थन मूल्‍य पर किस वर्ष से धान एवं गेहूँ में बोनस दिया जाना बन्‍द किया गया है वर्षवार कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। (घ) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा उप चुनाव के समय गेहूँ के बोनस देने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्‍या किसानों को बोनस राशि दी गई है? यदि हाँ, तो रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत कितने किसानों को कितनी राशि कब दी गई है एवं यदि नहीं, दी गई है तो क्‍यों।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में ई-उपार्जन परियोजनांतर्गत किसान पंजीयन किया जाकर समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन का कार्य विपणन वर्ष 2012-13 से प्रारंभ किया गया है। (ख) वर्ष 2009 से भारत सरकार द्वारा गेहूँ एवं धान का घोषित समर्थन मूल्‍य एवं देय बोनस की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) राज्‍य सरकार द्वारा धान एवं गेहूं उपार्जन पर विपणन वर्ष 2014-15 एवं धान उपार्जन पर विपणन वर्ष 2013-14 के पश्‍चात् के वर्षों में समर्थन मूल्‍य के अतिरिक्‍त बोनस नहीं दिया गया है। क्‍योंकि भारत सरकार द्वारा विकेन्‍द्रीकृत उपार्जन योजना के तहत बोनस पर दिए जाने वाले सरप्‍लस की केन्‍द्र शासन द्वारा प्रतिपूर्ति न करने के निर्देश है। (घ) प्रश्‍न में की गई घोषणा की अवधि एवं स्‍थान का उल्‍लेख न होने के कारण जानकारी दी जाना सम्‍भव नहीं है। उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "चौदह"

रामलीला महोत्‍सव का विकास

[संस्कृति]

50. ( क्र. 775 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले में नगर निगम रीवा क्षेत्रान्‍तर्गत घोघर में नृत्‍य राघव मंदिर में सन् 1840 से तत्‍कालीन रीवा रियासत द्वारा रामलीला महोत्‍सव का आयोजन किया जा रहा है। सन् 1947 के पश्‍चात राज्‍याश्रय समाप्‍त हो जाने पर नृत्‍य राघव शरण मंदिर में होने वाली रामलीला धर्मानुरागियों, प्रबुद्ध वर्गों एवं आमजनमानस के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक सहयोग से अबाध गति से चल रही है। क्‍या रीवा शहर की इस प्राचीनतम एवं प्रतिष्ठित रामलीला महोत्‍सव को शासन स्‍तर से सहयोग न मिलने के कारण उपेक्षा का शिकार हो रही है। यदि हाँ, तो क्‍या सरकार द्वारा इस सांस्‍कृतिक विरासत के अस्तित्‍व को बनाये रखने हेतु बजट उपलब्‍ध करवाया जायेगा। (ख) क्‍या सरकार इस प्राचीनतम एवं प्रतिष्ठित रामलीला महोत्‍सव को युनेस्‍को में शामिल कराने हेतु सम्‍यक कार्यवाही कर प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य का पत्र जो कि माननीय मुख्‍यमंत्री जी एवं माननीय संस्‍कृति मंत्री जी को सम्‍बोधित था के अनुक्रम में प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य को भी कृत कार्यवाही से अवगत कराएगी? (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्‍या सरकार इस रामलीला महोत्‍सव को अत्‍याधुनिक एवं सर्व सुविधायुक्‍त बनाने हेतु शासन स्‍तर से अतिरिक्‍त आवंटन उपलब्‍ध कराएगी?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) रीवा जिले में नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत नृत्‍यराघव शरण मंदिर घोघर में रामलीला महोत्‍सव का आयोजन जन सहयोग से किया जाता है. विभाग द्वारा इस सांस्‍कृतिक विरासत के अस्तित्‍व को बनाये रखने के लिए विभाग द्वारा सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों के लिए यथोचित राशि उपलब्‍ध करायी जा सकती है. (ख) मान. विधायक का इस रामलीला महोत्‍सव को युनेस्‍को में सम्‍मलित कराने संबंधी माननीय मुख्‍यमंत्री जी एवं संस्‍कृति मंत्री को संबोधित पत्र विभाग को अप्राप्‍त है. (ग) विभाग द्वारा सांस्‍कृतिक/साहित्यिक कार्यक्रमों के लिए समयानुकूल यथोचित सहयोग उपलब्‍ध कराया जा सकता है.

किसानों की नष्‍ट हुई फसल की मुआवजा राशि का भुगतान

[राजस्व]

51. ( क्र. 776 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रीवा जिले में अतिवृष्टि से किसानों की खरीफ की फसल खासकर मूंग, उड़द, तिल, सोयाबीन एवं धान में कण्‍डो लगने से पूरी तरह से नष्‍ट हो गई है? यदि हाँ, तो क्‍या सरकार इस अतिवृष्टि से हुई नुकसानी में गंभीर होकर किसानों के फसल का सर्वे कराएगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में क्‍या प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के पत्र क्र. 189 दिनांक 11.10.2019 जो कि कलेक्‍टर रीवा को संबोधित था के अनुक्रम में किसानों की हुई नुकसानी का सर्वे करवाकर सरकार उन्‍हें उनकी नुकसानी की क्षतिपूर्ति/मुआवजा राशि स्‍वीकृति करेंगी उक्‍त संदर्भ में आयुक्‍त, रीवा संभाग रीवा को दिये गये ज्ञापन में भी आयुक्‍त द्वारा भी आश्‍वासन दिया गया था कि सर्वे करवाकर नुकसानी/क्षतिपूर्ति दिलाई जायेगी, परन्‍तु अभी तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के प्रकाश में यदि हाँ, तो किसानों का हित चिन्‍तन करते हुये उन्‍हें उनकी हुई नुकसानी का कब तक मुआवजा राशि दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। रीवा जिले में अतिवृष्टि से खरीफ एवं धान फसल में मूंग, उड़द, तिल, सोयाबीन एवं धान में कण्‍डो लगने से पूरी तरह नष्‍ट नहीं हुई है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सर्वे कराया गया। फसल नुकसानी 25 प्रतिशत से कम पायी गयी। आर.बी.सी 6-4 के तहत 25 प्रतिशत से कम क्षति होने पर अनुदान राशि दिये जाने का प्रावधान नहीं है। अत: शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

मुआवजा एवं क्षतिपूर्ति का भुगतान

[राजस्व]

52. ( क्र. 787 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्या यह घोषित है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष भर में तीन बार दो-दो हजार रु. के रूप में किसान सम्मान निधि दी जाएगी? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम जिलान्‍तर्गत  कुल कितने कृषकों में से कितने कृषकों को किसान सम्‍मान निधि केन्‍द्र द्वारा प्राप्‍त हुई? (ग) वर्ष 2018-19 के इस वर्षाकाल में अतिवृष्टि के कारण डूब में आए मकान, दुकान, इत्यादि प्रकार की क्षति का तहसीलवार स्‍वीकृत राशि एवं भुगतान की गई राशि की जानकारी देवें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिलान्‍तर्गत कुल 290384 कृषकों में से 128488 कृषकों को किसान सम्‍मान निधि केन्‍द्र द्वारा प्राप्‍त हुई। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

अंग्रेजी शराब दुकान का संचालन

[वाणिज्यिक कर]

53. ( क्र. 842 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले में प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र केवलारी में संचालित पलारी तिगड्डा अंग्रेजी शराब दुकान पलारी तिगड्डा (खैरा पलारी) के लिये स्‍वीकृत है? यदि हाँ, तो क्‍या वह राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल पलारी तह. केवलारी क्षेत्र में स्थित है यदि नहीं, तो क्‍यों? क्‍या कान्‍हीवाड़ा में अग्रेजी शराब दुकान संचालित है? जो राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल भोमा तहसील सिवनी के अंतर्गत आती है? क्‍या ग्राम डूडा सिवनी/मानेगांव राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल भोमा में अंग्रेजी शराब दुकान संचालित है? यदि हाँ, तो इस प्रकार राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल भोमा में दो-दो अंग्रेजी शराब दुकान संचालित की जा रही है, जो शासन/विभाग द्वारा जिले में घोषित अंग्रेजी शराब दुकानों के अनुसार है यदि नहीं, तो ऐसा करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन/विभाग क्‍या कार्यवाही कब तक करेगा? (ख) क्‍या श्री प्रणय कुमार श्रीवास्‍तव सहायक जिला आबकारी अधिकारी सिवनी द्वारा आवंटित शासकीय 12 बोर पम्‍प एक्‍शन एवं 0.32 बोर रिवाल्‍वर की चोरी होने संबंधी घटना की सूचना न दिये जाने के संबंध में उनके विरूद्ध अनुशनात्‍मक कार्यवाही करने बाबत दिनांक 17/06/2015 कलेक्‍टर सिवनी के द्वारा पत्र आयुक्‍त आबकारी म.प्र. ग्‍वालियर को लिखा गया था? यदि हाँ, तो उक्‍त पत्र के बिन्‍दु क्रमांक 10 में श्री प्रणय श्रीवास्‍तव को अपने पदीय कर्तव्‍य के प्रति घोर लापरवाही का दोषी मानते हुए इनके पास से चोरी हुए शस्‍त्रों की कीमत तय कर उसकी वसूली करते हुए उनके विरूद्ध नियमानुसार सख्‍त अनुशासनात्‍मक कार्यवाही प्रस्‍तावित की गई थी। किन्‍तु विभाग ने इनसे सिर्फ 0.32 बोर रिवाल्‍वर की कीमत रू. 85652 चलान क्रमांक/84 दिनांक 27/05/2016 को जमा कराई गई, किंतु इनके विरूद्ध प्रस्‍तावित सख्‍त अनुशासनात्‍मक कार्यवाही नहीं की गई क्‍या यह सही है? यदि हाँ, तो ऐसा न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन/विभाग के द्वारा क्‍या कार्यवाही की जावेगी और साथ ही दोषी अधिकारी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी। (ग) सिवनी जिला मुख्‍यालय के बारापत्‍थर क्षेत्र में संचालित अंग्रेजी शराब दुकान में ग्राहकों द्वारा शराब क्रय कर दुकान के सामने ही दुकान परिसर में शराब का सेवन किया जा रहा है। तथा दुकान संचालक के द्वारा दुकान से बिकने वाली शराब की मूल्‍य सूची सूचना फलक में अंकित नहीं है, जिससे संचालक द्वारा ग्राहकों को शराब मनमाने दाम में बिक्री की जा रही है, जिसकी शिकायत होने पर विभाग शिकयत की जांच को अपने तरह से जांच कर बंद कर दी जाती है। क्‍या उपरोक्‍त बिन्‍दुओं की आकस्मिक एवं गोपनीय तरीके से जांच स्‍थानीय जनप्रतिनिधि/नागरिकों की उपस्थिति में की जा सकती है यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी।

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) सिवनी जिले में विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विदेशी मदिरा दुकान खैरापलारी तिहड्डा (डूडा सिवनी) के नाम से संचालित है, जो राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल भोमा के अंतर्गत आती है। जी हाँ। कान्‍हीवाड़ा में अंग्रेजी शराब दुकान संचालित है, जो राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल भोमा के अंतर्गत आती है। जी हाँ। डूडासिवनी/मानेगांव राजस्‍व निरीक्षक मण्‍डल भोमा में 02 विदेशी मदिरा दुकानें संचालित है, जो शासन/विभाग द्वारा घोषित नीति के अनुरूप ही है। अत: किसी भी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ख) जी हाँ। 12 बोर पम्‍प एक्‍शन एवं 0.32 बोर रिवाल्‍वर की चोरी होने के संबंध में श्री प्रणय कुमार श्रीवास्‍तव, सहायक जिला आबकारी अधिकारी, सिवनी के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही किये जाने का प्रस्‍ताव दिनांक 17.06.2015 को कलेक्‍टर सिवनी के माध्‍यम से प्राप्‍त हुआ था। उक्‍त तारतम्‍य में पत्र क्रमांक-2 (ब)/विजां./2016/248, दिनांक 06.04.2016 से आबकारी आयुक्‍त के द्वारा राशि वसूली किये जाने का निर्णय लिया गया। निर्णय के अनुक्रम में 0.32 बोर रिवाल्‍वर की कीमत रूपये 85,652/- एवं बारह बोर पंप एक्‍शन गन की कीमत रूपये 44,153.38 जमा कराने हेतु आदेशित किया गया। जिसके अनुसार 0.32 बोर रिवाल्‍वर की कीमत रूपये 85,652/- चालान क्रमांक 84 दिनांक 27.05.2016 से जमा करायी गई। बारह बोर पम्प एक्शन गन बरामद होने से गन की कीमत जमा कराने की आवश्यकता नहीं रही। अतः शस्त्र चोरी से संबधित समस्त कार्यवाही पूर्ण होने से किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किया जाना शेष नहीं है। (ग) जिला सिवनी मुख्‍यालय बारापत्‍थर क्षेत्र में संचालित शराब दुकान में विदेशी मदिरा दुकान के लायसेंसी द्वारा ग्राहकों को दुकान परिसर में मदिरा का उपभोग करने की सुविधा नहीं दी गई है तथा मदिरा दुकान से विक्रय की जाने वाली मदिरा की मूल्‍य सूची सूचना फलक पर प्रदर्शित की गई है। अधिकतम विक्रय मूल्‍य पर मदिरा विक्रय की शिकायत प्राप्‍त होने पर नियमानुसार जांच की गई। जांच में मदिरा का विक्रय नियमानुसार शासन द्वारा निर्धारित मूल्‍य पर होना पाया गया। नियमानुसार प्राप्‍त शिकायत की आकस्मिक एवं गोपनीय तरीके से जांच की जा सकती है।

प्राकृतिक आपदा से पशुओं की मृत्‍यु पर मुआवजा

[राजस्व]

54. ( क्र. 856 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) इछावर विधान सभा क्षेत्रातर्गत ग्राम मोनपुर में विगत पाँच वर्षों में प्राकृतिक आपदा (बिजली गिरना/बाढ़ के कारण/सर्पदंश) से कितने पशुओं की मृत्‍यु हुई है? (ख) उक्‍त आपदाओं में मृत पशुओं के स्‍वामियों में से कितने लोगों को मुआवजा राशि वितरित की गई? कितने हितग्राही मुआवजा राशि पाने से वंचित रह गये एवं क्‍यों? (ग) उन्‍हें कब तक मुआवजा राशि प्रदाय कर दी जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) इछावार विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत ग्राम मोनपुर नामक ग्राम नहीं है। (ख) एवं (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

शिवपुरी में की गई भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच

[चिकित्सा शिक्षा]

55. ( क्र. 873 ) श्री के.पी. सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या चिकित्‍सा शिक्षा विभाग के आदेश क्र. एफ 10-03/2019/1/55, दिनांक 05.03.2019 के द्वारा शासकीय स्‍वशासी चिकित्‍सा महाविद्यालय, शिवपुरी में की गई भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं की जाँच हेतु जाँच समिति का गठन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या जाँच समिति द्वारा जाँच कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करावें? (ग) उपरोक्‍त जाँच में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी पाये गये? दोषियों के विरूद्ध क्‍या शासन कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) जाँच समिति द्वारा प्रथम चरण में प्रक्रियात्‍मक त्रुटि सम्‍बन्‍धी बिन्‍दुओं पर जाँच कर प्रक्रिया सही पायी गयी। द्वितीय चरण में व्‍यक्तिगत शिकायतों की विस्‍तृत जाँच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जाँच की कार्यवाही पूर्ण होने पर ही दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के बारे में निर्णय लिया जावेगा। समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।

कार्यरत नल-जल योजना की जांच

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

56. ( क्र. 878 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी, जिला मुरैना में नवीन नल-जल योजना स्‍वीकृत होकर कार्य प्रारंभ है, परन्‍तु कार्य अत्‍यधिक घटिया किस्‍म का होकर सामग्री भी गुणवत्‍ता विहीन है, जिससे जहां कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहां योजना ठप हो चुकी है, जिससे जनसमुदाय को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्‍या (क) के प्रश्‍नांश में जो कार्य घटिया किस्‍म का किया गया है, उसकी प्रश्‍नकर्ता के समक्ष विशेषज्ञों द्वारा (स्‍थानीय अधिकारियों के अतिरिक्‍त) उच्‍च स्‍तरीय जाँच करायी जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक कराई जाएगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, योजनाओं में निर्धारित मानक की सामग्री का उपयोग किया जाकर गुणवत्तापूर्वक कार्य किया जा रहा है, योजनाओं के कार्य प्रगतिरत हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश  () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

आपदा प्रकोप के तहत बाढ़ पीड़ि‍तों को सहायता

[राजस्व]

57. ( क्र. 879 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) आपदा प्रकोप (सभी प्रकार के) से किसानों की खड़ी फसल में जनहानि, पशुहानि, पेड़ पौधे बर्बाद होने पर राज्‍य शासन द्वारा क्षतिपूर्ति हेतु क्‍या-क्‍या राहत सहायता क्षतिपूर्ति आदि दिये जाने का प्रावधान है? नवीन नीतियों की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) अगस्‍त, सितम्‍बर 2019 में चंबल नदी में बाढ़ व अति‍वृष्टि से विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में किन-किन ग्राम, मजरे-टोले प्रभावित हुए कृषक संख्‍या, कुल रकवा, जनहानि, पशुहानि, पेड़-पौधे आदि का नुकसान की जानकारी दी जावे। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित कृषकों को प्रश्‍न प्रस्‍तुत दिनांक तक कितनी राशि की मदद् की गई। (घ) यदि सहायता नहीं दी गई तो कारण बताते हुए कब तक सहायता उपलब्‍ध करा दी जायेगी।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आपदा प्रकोप (सभी प्रकार के) से किसानों की खड़ी फसल में जनहानि, पशुहानि, पेड़ पौधे बर्बाद होने पर राज्‍य शासन द्वारा राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के मानदण्‍डों के अनुसार आपदा प्रभावितों को राहत सहायता प्रदाय की जाती है। राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्‍ट के प्रपत्र '’'' है। (ख) अगस्‍त, सितम्‍बर 2019 में चंबल नदी में बाढ़ अतिवृष्टि से विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में ग्राम/मजरे टोले, के प्रभावित हुये कृषक संख्‍या कुल रकवा  पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। उक्‍त ग्रामों में कोई जनहानि, पशुहानि, पेड़-पौधों के नुकसान की सूचना प्राप्‍त नहीं हुई है। (ग) प्रश्‍नांश () में उल्‍लेखित प्रभावित 4640 कृषकों में से 250 कृषकों को राशि 23,43,063 रूपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

भूमि का हस्‍तान्‍तरण एवं सीमांकन

[राजस्व]

58. ( क्र. 897 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) जिला शहडोल के तहसील ब्‍यौहारी, ग्राम ब्‍यौहारी स्थित शासकीय पशु चिकित्‍सालय किस खसरा नं. की भूमि में कब से संचालित है? (ख) क्‍या प्रश्‍नाधीन भूमि शासकीय पशु चिकित्‍सालय के नाम हस्‍तांतरित करने हेतु कलेक्‍टर/तहसीलदार को कोई आवेदन पत्र पशुपालन विभाग से प्राप्‍त हुआ है? यदि हाँ, तो भूमि कब हस्‍तांरित की गई और यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं हस्‍तांतरित की जा रही है? (ग) क्‍या प्रश्‍नाधीन भूमि का सीमांकन करने बाबत् पशुपालन विभाग द्वारा तहसीलदार ब्‍यौहारी को आवेदन पत्र प्रस्‍तुत किया गया है? यदि हाँ, तो सीमांकन किया गया अथवा नहीं? यदि नहीं, तो सीमाकंन नहीं करने का कारण बताएं। (घ) क्‍या प्रश्‍नाधीन भूमि के किसी अंश भाग में अवैध अतिक्रमण भी है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (‍क) वर्ष 1984 से संचालित है। (ख) जी हाँ। भूमि हस्‍तांतरण हेतु न्‍यायालय तहसीलदार ब्‍यौहारी में प्रकरण क्र. 0002/अ-19 (3) 2019-20 में दर्ज है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। आवेदन प्राप्‍त है एवं सीमांकन किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। आवेदित भूमि के अंश भाग 0.016 हेक्‍टेयर पर अतिक्रमण पाया गया है।

कलेक्‍टर शहडोल के आदेश का पालन कराना

[राजस्व]

59. ( क्र. 898 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) कलेक्‍टर शहडोल के आदेश क्रमांक 426/16/नजूल/भूमि हस्‍त./2001 शहडोल दिनांक 30 अप्रैल 2001 द्वारा ग्राम शहडोल ज.नं. 949 तहसील सोहागपुर की भूमि खसरा नं. 125/1 रकवा 0.328 हेक्‍टे. म.प्र. शासन पशुपालन विभाग को जिला पशु चिकित्‍सालय के संचालन हेतु हस्‍तांतरित किये जाने के आदेश होने के उपरांत अभी तक खसरे के कालम नं.3 में भूमि स्‍वामी बतौर अंकित नहीं करने का कारण बतायें तथा इसके लिए कौन जिम्‍मेवार है? (ख) पशु चिकित्‍सालय बुडवा के भूमि खसरा नं. 422/1 ख रकवा 0.065 हे. की मुआवजा राशि कलेक्‍टर शहडोल के पास कब जमा की गई? वादी अपीलार्थीगण/प्रि‍त./प्रत्‍यार्थीगण को माननीय उच्‍च न्‍यायालय के आदेश अनुसार अभी तक मुआवजा रा‍शि का भुगतान नहीं करने का कारण बताईये? (ग) प्रश्‍नांश (ख) की जमा मुआवजा राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्‍टर शहडोल के आदेश क्रमांक 426/16/नजूल/भूमि/हस्‍ता./2001 शहडोल दिनांक 30 अप्रैल 2001 द्वारा ग्राम शहडोल ज.न. 949 तहसील सोहागपुर की भूमि ख.न. 125/1 रकवा 0.328 हे. पशुपालन विभाग को आवंटित की गई थी जिसे पूर्व में खसरा नं. 125/1 के कालम नं. 12 में दर्ज किया गया था। वर्तमान में खसरा के कालम नं. 3 में बतौर भूमि स्‍वामी पशुपालन और डेयरी फार्मिंग विभाग शहडोल के रूप में दर्ज कर दिया गया है। (ख) उप संचालक पशुचिकित्‍सा सेवायें जिला शहडोल के द्वारा बैंकर्स चेक क्रमांक 168105 दिनांक 27/3/2010 दवारा रूपये 3,40,057.00  रूपये जमा किया गया है। प्रश्‍नाधीन भूमि ख.न. 422/1 ख रकवा 0.065 हे. भूमि वर्ष 2009-10 के खसरा में मध्‍यप्रदेश पशुचिकित्‍सालय दर्ज है। प्रश्‍नाधीन भू‍मि सन् 1955-56 से दान से प्राप्‍त होकर विभाग के अधिपत्‍य में है इस स्थि‍ति में भूमि स्‍वामी का अधिकार शून्‍य हो गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

जल प्रदाय योजनान्तर्गत डाली गई पाइप लाइन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

60. ( क्र. 915 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्रामों में पेयजल पहुँचाने हेतु कौन-कौन सी समूह जल प्रदाय योजनाएं प्रगतिरत या प्रस्तावित हैं? (ख) मंझगाय बांध आधारित मंझगाय समूह जल प्रदाय योजनान्तर्गत कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं अभी तक कितनी राशि खर्च की जा चुकी है तथा कितना कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं कितना कार्य अधूरा है? उक्त योजना का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा? (ग) क्या इस योजना के तहत ग्रामों की सी.सी. रोड खोदकर पाइप-लाइन डाली गई है? यदि हाँ, तो मरम्मत कार्य किसके द्वारा किया जाएगा? क्या इसके लिये शासन अलग से भुगतान करेगा या स्वीकृत लागत राशि में ही समाहित किया जावेगा? खोदी गई सी.सी.रोड का निर्माण कब तक पूर्ण करेगें?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) मंझगाय ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजना प्रगतिरत है तथा सिघोरा-II समूह जलप्रदाय योजना प्रस्तावित है। (ख) स्वीकृत राशि (प्रशासकीय स्वीकृति) रूपये 196.37 करोड़। माह नवंबर 2019 तक व्यय रू. 128.97 करोड़, 76 प्रतिशत कार्य पूर्ण, शेष 24 प्रतिशत कार्य प्रगति पर है। योजना दिनांक 31.03.2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। (ग) जी हाँ, गांव के भीतर जल वितरण प्रणाली के कार्य के लिये सी.सी.रोड की कटिंग के उपरांत पाइप लाइन डाली गई है। अनुबंध अनुसार ठेकेदार द्वारा। स्वीकृत राशि में ही समाहित है। खोदी गई सी.सी.रोड को पूर्ववत् करने का कार्य प्रगतिरत है, दिनांक 31.03.2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

मजरा, टोलों को राजस्‍व ग्राम बनाए जाना

[राजस्व]

61. ( क्र. 916 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा कलेक्टर पन्ना को प्रेषित किये गये पत्र क्रमांक 67 दिनांक 10.06.19 एवं पत्र क्रमांक 118 दिनांक 01.08.2019 में वर्णित मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने के संबंध में क्या कार्यवाही की गई? पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत निर्धारित मापदण्डों को पूरा करने वाले मजरे टोलों को कब तक राजस्व ग्राम घोषित किया जाएगा? (ख) क्या म.प्र. राजपत्र दिनांक 28 जून 2013 में प्रकाशित पन्ना विधानसभा क्षेत्र के 21 ग्रामों का अभिलेख निर्माण किये जाने हेतु अधीक्षक भू-अभिलेख पन्ना को अधिकृत किया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक कितने ग्रामों का अभिलेख तैयार किया जाकर प्रशासन को सौंपा जा चुका है एवं कितने ग्रामों का अभिलेख तैयार करने हेतु शेष है? शेष ग्रामों का अभिलेख कब तक तैयार किया जाकर प्रशासन को सौंपा जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माननीय प्रश्‍नकर्ता के पत्र क्रमांक 67 दिनांक 10.06.19  एवं पत्र क्रमांक 118  दिनांक  01.08.2019 में वर्णित मजरा टोलों को राजस्‍व ग्राम घोषित करने हेतु प्रस्‍ताव तहसीलदार अजयगढ़ से  दिनांक 30/11/2019 को प्राप्‍त हुये है। म.प्र.            भू-राजस्‍व संहिता 1959 (संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 71 में निहित प्रावधानों के अनुसार मजरा टोलों को राजस्‍व ग्राम बनाये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ, म.प्र. राजपत्र दिनांक  28  जून 2013  में प्रकाशित पन्ना विधानसभा  क्षेत्र के  21  ग्रामों का अभिलेख निर्माण किये जाने हेतु अधीक्षक भू-अभिलेख  पन्ना को अधिकृत किया गया था। पन्‍ना  विधानसभा के  08  ग्रामों का अभिलेख संबंधित तहसीलदारों को सौंपा जा चुका है  तथा  10  ग्रामों का अभिलेख तैयार कर लिया गया है, 03 ग्रामों का अभिलेख  तैयार करने हेतु शेष है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

नल-जल योजना का जीर्णोद्धार

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

62. ( क्र. 922 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जबेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विगत तीन वर्षों में नल-जल जीर्णोद्धार योजना का कार्य ठेकेदारों द्वारा किया गया था जिसमें से अधिकतर नल-जल योजनाएँ बंद पड़ी है, पाइप लाइन विस्तार प्राक्कलन अनुसार नहीं किया है और सभी नल-जल योजनाएँ अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा पूर्ण बताकर चालू दिखा दी गई, जबकि आधे से अधिक ग्रामों की नल-जल योजनाए बंद है लोगों को पेयजल प्राप्त नहीं हो रहा है यदि हाँ, तो क्‍या शासन द्वारा जांच कमेटी बनाकर उसमें क्षेत्रीय विधायक को सम्मिलित कर उक्त योजना की जांच कर कब तक दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी। (ख) जबेरा विधानसभा क्षेत्र की नल-जल योजनाओं, हैंडपंप खनन एवं अन्य कार्यों के प्रस्तावों के जो पत्र प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभाग को भेजे गए है उन पर कब-कब क्या कार्यवाही की गई है, की गई तथा कार्यवाही से प्रश्‍नकर्ता को अवगत क्यों नहीं कराया गया।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं, सभी योजनाएं चालू हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।                (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में करोड़ का घोटाला

[चिकित्सा शिक्षा]

63. ( क्र. 934 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महालेखाकार के ऑडिट में वर्ष 2007 से 2018 के बीच 7 मेडिकल कॉलेज सहित 21 अस्पतालों में 1661 करोड़ का घोटाला प्रकाश में आया है? यदि हाँ, तो उक्त मामले में गड़बड़ी करने वाले सभी कॉलेजों/अस्पतालों की सूची तथा प्रकरणवार सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या उक्त अनियमितताओं की जाँच किसी विशेष एजेंसी से करायी जाएगी?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (‍क) जी नहीं। प्रश्‍नांश () का संबंध में कार्यालय अभिलेख अनुसार महालेखाकार कार्यालय द्वारा संचालनालय चिकित्‍सा शिक्षा को प्रेषित निरीक्षण प्रतिवेदनों में इस प्रकार की कोई कंडिका अभी तक संज्ञान में नहीं है। महालेखाकार कार्यालय के पत्र क्रमांक GAD (M)/चिकित्‍सा शिक्षा/विधानसभा प्रश्‍न/D-152 दिनांक 03.12.2019 से भी पुष्टि की है। (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है) शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।               (ख) उत्‍तरांश () के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं () के प्रकाश में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

नल-जल योजनाओं की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

64. ( क्र. 1008 ) श्री जजपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनायें संचालित हैं, कितनी बंद हैं, कितने के स्‍त्रोत सूख गये है? योजनावार बतायें। (ख) अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी नलजल योजनायें निर्माणाधीन है? लागत सहित बतायें। यह योजनायें कब तक पूर्ण की जाना संभावित है? (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में पिछले एक वर्ष में कितने हैण्‍डपम्‍प का खनन विभाग द्वारा किया गया है? ग्रामवार संख्‍या बतायें। कितने हैण्‍डपम्‍प स्‍थायी रूप से बंद है? कारण सहित जानकारी देंवे। (घ) प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र में कितने ग्रामों में  पेयजल समस्‍या होती है? ग्रामों के नाम एवं समस्‍या निवारण हेतु क्‍या योजना बनाई गई है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 43 योजनाएं संचालित हैं वर्तमान में 8 योजनाएं बंद हैं, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 04 योजनाएं। रांवसल खालसा रूपये 84.70 लाख, शंकरपुर रूपये 109.23 लाख, झीला रूपये 91.23 लाख एवं खजुरियाकला रूपये 51.27 लाख। मार्च 2020 तक। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 एवं 3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।

खाद्यान्‍न वितरण का प्रावधान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

65. ( क्र. 1019 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या शासन द्वारा वितरण प्रणाली में फिंगर प्रिंट एवं मशीन में उपभोक्‍ता का विवरण आने पर ही राशन प्रदाय करने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो फिंगर प्रिंट न मिलने एवं सर्वर/नेटवर्क न मिलने की स्थिति में राशन उपभोक्‍ताओं को उचित मूल्‍य राशन दुकान द्वारा वितरण करने हेतु कोई छूट प्रदान की गई है? (ग) यदि नहीं, तो विगत एक वर्ष में नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कई ग्रामों में जहां सर्वर/नेटवर्क की उपलब्‍धता नहीं है उन उचित मूल्‍य राशन दुकानों के नाम एवं कई बुजुर्ग व्‍यक्तियों के फिंगर प्रिंट न मिलने पर जिन उपभोक्‍ताओं को राशन प्राप्‍त नहीं हुआ है की सख्‍ंया कितनी है? (घ) फिंगर प्रिंट एवं नेटवर्क की उपलब्‍धता न मिलने पर उचित मूल्‍य राशन दुकानों में शेष बचा राशन क्‍या उपभोक्‍ताओं को अगले माह वितरण किये जाने का प्रावधान है?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। (ख) फिंगर प्रिंट न मिलने एवं सर्वर/नेटवर्क न मिलने की स्थिति में भी पात्र उपभोक्‍ताओं को उचित मूल्‍य राशन दुकान द्वारा वितरण किया जाता है। जिन पात्र हितग्राहियों के बायोमेट्रिक सत्‍यापन किन्‍हीं कारणों से सफल नहीं हो पाते है, उनके सही आधार नंबर दर्ज कर अथवा नामिनी के माध्‍यम से राशन वितरण किया जाता है। उल्‍लेखनीय है कि उचित मूल्‍य दुकान से परिवार का कोई भी सदस्‍य राशन प्राप्‍त कर सकता है। माह अक्‍टूबर, 2019 में दिव्‍यांग/वृद्धजनों के नामि‍नी बनने में समय लगने के कारण ऐसे परिवारों को वितरण पंजी से राशन वितरण निर्देश दिये गये। साथ ही, विशेष परिस्थितियों में पात्र परिवारों को वितरण पंजी के माध्‍यम से भी राशन वितरण कराया जाता है। (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र की उचित मूल्‍य दुकान रिछोड़ा एवं कुल्‍हाड़ी में नेटवर्क की समस्‍या होने के कारण पी.ओ.एस. मशीन/वितरण पंजी से भी ऑफलाईन राशन वितरण कराया गया ताकि पात्र परिवारों को राशन वितरण सुनिश्चित किया जा सके। (घ) उचित मूल्‍य दुकान पर राशन प्राप्‍त करने हेतु आने वाले सभी पात्र हितग्राहियों को राशन का वितरण किया जाता है, यदि कोई पात्र परिवार चालू माह में अपने पात्रता की राशन सामग्री किसी कारण से प्राप्‍त नहीं कर पाता है तो आगामी माह की पात्रता के साथ विगत माह की शेष पात्रता पी.ओ.एस. मशीन में वितरण हेतु प्रदर्शित कराई जा रही है।

वेयर हाउस से बी-शराब बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

66. ( क्र. 1020 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत किन-किन वेयर हाउस से अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक बी-शराब की बिक्री की गई? माहवार, दुकानवार का नाम, प्रदाय की गई मात्रा, दर सहित जानकारी देवें।                (ख) विभाग द्वारा बी-शराब की बिक्री के संबंध में क्‍या मानक/नियम निर्धारित हैं? (ग) विभाग द्वारा नरयावली विधानसभा क्षेत्र के विभिन्‍न स्‍थानों पर अवैध बिक्री के संबंध में विगत 06 माह से प्रश्‍न दिनांक तक कितने स्‍थानों पर विभाग द्वारा कार्यवाही की गई? (घ) विभाग द्वारा जप्‍त की गई अवैध शराब बिक्री के संबंध में आरोपियों के विरूद्ध कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये गये एवं कितने प्रकरण न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये गये है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) सागर जिला अंतर्गत वेयर हाउस से बी-शराब की बिक्री किये जाने से जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। (ग) नरयावली विधानसभा क्षेत्र के विभिन्‍न स्‍थानों पर अवैध बिक्री के विगत 06 माह से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 175 स्‍थानों पर कार्यवाही करते हुये, विभाग द्वारा अवैध मदिरा विक्रेताओं के विरूद्ध 193 प्रकरण कायम किये जाकर, 141 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है, जिसमें आरोपियों को माननीय न्‍यायालय द्वारा अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया है। (घ) वर्ष 2019-20 के दौरान प्रश्‍न दिनांक तक नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभाग द्वारा अवैध शराब की बिक्री के कुल 193 प्रकरण कायम किये गये, जिनमें से 141 प्रकरणों को माननीय न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किया गया है।

पेट्रोल पंप संचालन में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

67. ( क्र. 1051 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) देवास जिले के कन्‍नौद नगर में संचालित भारत पेट्रोल एवं डीजल पम्‍प आर.सी. कुण्‍डल एण्‍ड सन्‍स कन्‍नौद का संचालन कब से किन के द्वारा किया जा रहा है? उक्‍त पेट्रोल पम्‍प की लीज रिन्‍यूअल कब होना था? यदि लीज रिन्‍यूअल हो गई है, तो अब किसके द्वारा संचालन किया जा रहा है? (ख) क्‍या प्रश्‍नांकित पम्‍प कन्‍नौद बस स्‍टैण्‍ड के निकट स्‍थापित है? साथ ही पम्‍प की पूर्व दिशा में सेंट जोरेंस स्‍कूल, आदर्श शिशु मंदिर हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल, 03 बैंक संचालित हो रहे हैं? पेट्रोल पम्‍प पर यातायात का दबाव व आकस्मिक आग लगने की घटना पर आवश्‍यक सुरक्षा व्‍यवस्‍था नहीं होने से व्‍यापक जनहानि होने की संभावना है? (ग) पेट्रोल पम्‍प के संचालन में भी कई कमियाँ, जैसे पेट्रोल-डीजल भाव सूची का सूचना पटल बोर्ड न होना, कर्मचारियों को ड्रेस कोड नहीं होना, फिल्‍टर पेपर उपभोक्‍ताओं को उपलब्‍ध न कराया जाना, पेयजल हेतु आर.ओ. मशीन बंद होना, महिला पुरूषों के लिये पृथक-पृथक स्‍वच्‍छ शौचालय की व्‍यवस्‍था न होना, आदि कमियों की ओर विभाग की ओर ध्‍यान नहीं दिये जाने से उपभोक्‍ताओं में नाराजगी है? (घ) क्‍या शासन उपरोक्‍त कमियाँ पर पेट्रोल पम्‍प संचालक के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सार्वजनिक स्‍थलों के पास शराब दुकानों का संचालन

[वाणिज्यिक कर]

68. ( क्र. 1084 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या राज्‍य शासन ने मध्‍यप्रदेश में शराब दुकानें सार्वजनिक स्‍थलों, जैसे बीच बाजार में धार्मिक स्‍थलों एवं शैक्षणिक संस्‍थानों के पास संचालित करने की अनुमति दी है? यदि हाँ, तो ऐसा क्‍यों? (ख) यदि नहीं, तो विदिशा जिले में कहां-कहां पर नियम विरूद्ध शराब दुकानें संचालित हैं? नाम एवं स्‍थान बतावें। (ग) क्‍या गंजबासौदा शहर में सार्वजनिक स्‍थानों के पास संचालित शराब दुकानों को हटाने के लिये आबकारी अधिकारियों से आग्रह किया है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो कारण स्‍पष्‍ट बतावें? (घ) क्‍या विभाग गंजबासौदा नगर की इन सार्वजनिक स्‍थलों पर संचालित दुकानों को नगर सीमा के बाहर स्‍थानांतरित करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो स्‍पष्‍ट कारण बतावें।

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत सामान्‍य प्रयुक्ति नियम-(1) में वर्णित प्रावधानों का प्रकाशन मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 209, दिनांक 31.03.2018 में कराया गया है। उक्‍त प्रावधानों के अनुरूप मध्‍यप्रदेश के जिलों में मदिरा दुकानों का संचालन किया जा रहा है। (ख) विदिशा जिले में कोई भी मदिरा दुकान नियम विरूद्ध संचालित नहीं है। मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत सामान्‍य प्रयुक्ति नियम- (1) में वर्णित प्रावधानों के अनुरूप ही विदिशा जिले की सभी मदिरा दुकानों का संचालन किया जा रहा है। (ग) वर्तमान में गंजबासौदा शहर में मदिरा दुकानों को हटाने के संबंध में कोई आग्रह अथवा प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं हुआ है। गंजबासौदा शहर में 02 विदेशी मदिरा दुकानें तथा 04 देशी मदिरा दुकानें संचालित हैं, जो मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत सामान्‍य प्रयुक्ति नियम- (1) के अधीन आपत्ति रहित स्‍थल पर संचालित है। (घ) गंजबासौदा शहर में 02 विदेशी मदिरा दुकानें व 04 देशी मदिरा दुकानें, जिनका मूल्‍य राशि रूपये 19,85,01,595/- शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों के अनुरूप संचालित है। अत: राजस्‍व हित में उक्‍त दुकानों का स्‍थल परिवर्तन उचित नहीं है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका की भर्ती प्रक्रिया

[महिला एवं बाल विकास]

69. ( क्र. 1108 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वानी में वर्ष 2015 से 2017 के मध्य कितने आंगनवाड़ी केन्द्रों पर रिक्त पदों पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की नियुक्ति की गई है? विकासखंडवार, नाम सहित सूची उपलब्ध करावें? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के अनुसार नियुक्त की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की नियुक्ति पश्चात उनके द्वारा लगभग 01 वर्ष कार्य करने के उपरान्त वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया नियमानुसार नहीं होने सम्बन्धी लेख कर की गई नियुक्तियां निरस्त की गई है? यदि हाँ, तो निरस्त की गई नियुक्तियों की सूची विकासखंडवार नाम, केन्द्रवार सहित उपलब्ध करावेंl (ग) क्या नियुक्त की गई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की नियुक्ति‍ ही निरस्त की गई है? जबकि इसमें दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई है? क्या दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब-तकl

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र बड़वानी के अन्तर्गत वर्ष 2015 से 2017 के मध्य विकासखंड बड़वानी में 25 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 18 सहायिकाओं तथा विकासखंड पाटी में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 23 एवं 16 सहायिकाओं के रिक्त पदों पर नियुक्ति की कार्यवाही की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार  है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में नियुक्ति पश्चात लगभग 01 वर्ष कार्य करने के उपरान्त किसी भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति निरस्त नहीं की गई है। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (ख) में दी गई जानकारी के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

नामांतरण/बंटवारे की कार्यवाही में प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में

[राजस्व]

70. ( क्र. 1109 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण आवेदन प्रस्तुत करने के उपरान्त कितनी समय-सीमा में प्रकरण के निराकरण करने का प्रावधान है? नियम की प्रति उपलब्ध करावे? (ख) वर्ष जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र बड़वानी में कितने प्रकरण सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण हेतु प्राप्त हुए, कितने निराकृत हुए तथा कितने लंबित हैं? प्रकरणों की सूची लंबित रहने के कारण सहित उपलब्ध करावें l (ग)  क्या सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के प्रकरणों में सम्बंधित पटवारियों के विरुद्ध प्रकरणों को अनावश्यक लंबित रखे जाने की शिकायतें प्रश्‍नांश (ख) अवधि में प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों का विवरण एवं उन पर की गई कार्यवाही का ब्यौरा देवें l

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के प्रावधानानुसार सीमांकन हेतु 30 दिवस, आविवादित नामांतरण हेतु 30 दिवस, अविवादित विभाजन हेतु 90 दिवस का समय निर्धारित है। म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता के संशोधित प्रावधानानुसार धारा 110 (4) में नामांतरण हेतु 30 दिवस व विवादित नामांतरण हेतु 5 माह की समय-सीमा निर्दिष्‍ट है। नियम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) वर्ष जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र बड़वानी अन्‍तर्गत सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के दर्ज, निराकृत, लंबित प्रकरणों का विवरण निम्‍नानुसार है-

वि.स.क्षेत्र क्रं.

तहसील

मद

दर्ज

निराकृत

लंबित

190-बड़वानी

बड़वानी

सीमांकन

78

74

4

बंटवारा

243

211

32

नामांतरण

771

607

164

पाटी

सीमांकन

10

9

1

बंटवारा

160

124

36

नामांतरण

312

259

53

कुल

सीमांकन

88

83

5

बंटवारा

403

335

68

नामांतरण

1083

866

217

लंबित प्रकरणों की जानकारी तहसील बड़वानी एवं पाटी की क्रमश: पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में सीमांकन, बंटवारा एवं नामांतरण के प्रकरणों में सम्बंधित पटवारियों के विरुद्ध प्रकरणों को अनावश्यक लंबित रखे जाने की शिकायतें प्राप्त नहीं हुई होने से जानकारी निरंक है l

लीज भूमि की जानकारी

[राजस्व]

71. ( क्र. 1127 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) मंदसौर जिले में शासन द्वारा कितने व्यक्तियों को व्यवसाय एवं अन्य कार्य हेतु शासकीय भूमि लीज अथवा किराया (रेन्ट) पर उपलब्ध कराई गई है? लीज होल्डर का नाम, स्थान और कार्य के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार शासन की ओर से लीज होल्‍डरों को भूमि किस वर्ष प्रदान की गयी थी तथा कितने समय तक के लिए दी गयी है वर्ष 1950 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी भूमि लीज पर दी गयी जानकारी देवें? (ग) उपरोक्त लीज भूमि जिन व्यक्तियों को प्रदान कि गई है उसका किस प्रकार उपयोग किया जा रहा है? (घ) उपरोक्त होल्डरों में से कितने व्यक्तियों से भूमि शासन द्वारा वापस ली गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले में 9 व्‍यक्तियों को व्‍यवसाय एवं अन्‍य कार्य हेतु भूमि लीज पर दी गई है। संलग्‍न परिशिष्‍ट पर  है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार  सूची संलग्‍न  परिशिष्‍ट पर है। (ग) लीज भूमि जिस प्रयोजन हेतु ली गई है उस अनुसार उपयोग किया जा रहा है। (घ) उपरोक्त व्यक्तियों से भूमि वापस नहीं ली गई है।

परिशिष्ट - "सोलह"

बसो के परिमिट के संबंध में

[परिवहन]

72. ( क्र. 1141 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले से विगत 5 वर्षों में कितने बसों को विभिन्‍न स्‍थानों पर चलाने हेतु कितने समय के लिये परमिट दिए गये? ऐसी कितनी बसे हैं जो कि बिना परमिट के जिले में चल रही हैं?                 (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में परिवहन अधिकारी द्वारा कब-कब बसों की जांच की गई क्‍या बसें शासन के मापदंड अनुसार चल रही हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) हरदा जिले में विगत 05 वर्षों में 2699 बसों को विभिन्‍न स्‍थानों पर चलाने हेतु परमिट दिये गये है। जिसकी  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र '' अनुसार  है। बिना परमिट संचालित बसों की जानकारी संधारित नहीं रहती हैचैकिंग के दौरान बिना परमिट पाई जाने पर बसों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (ख) प्रश्‍नांश '' के संबंध में बसों की जाँच की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

महाविद्यालय भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटन

[राजस्व]

73. ( क्र. 1177 ) श्री बीरेन्‍द्र रघुवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्या शिवपुरी जिला अंतर्गत शासकीय विधि महाविद्यालय शिवपुरी सहित शासकीय महाविद्यालय बदरवास एवं रन्नौद में नवीन महाविद्यालय भवन निर्मित किए जाने हेतु भूमि आवंटित की जाना है? क्या उक्त भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित की जा चुकी है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि उक्त महाविद्यालयों के भवन निर्माण हेतु भूमि आवंटित की जा चुकी है तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो अब तक भूमि आवंटन क्यों नहीं हो सका है? भूमि आवंटन की कार्यवाही में क्या कठिनाईयां आ रही हैं? क्या भूमि आवंटन में हो रहे विलंब के कारण निर्माण कार्य में भी विलंब हो रहा है? कब तक प्रश्‍नांकित भवनों के निर्माण हेतु भूमि आवंटन की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। शासकीय महाविद्यालय बदरवास तहसील बदरवार जिला शिवपुरी हेतु भूमि आवंटित है। रन्‍नौद एवं शिवपुरी में भूमि आवंटन हेतु प्रकरण दर्ज है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट  पर  है। भूमि आवंटन में कोई कठिनाई नहीं है। न्‍यायालयीन प्रक्रिया में समय लगता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। चूंकि न्‍यायालयीन प्रक्रिया है समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "सत्रह"

आंगनवाड़ि‍यों में अग्नि से बचाव हेतु सुरक्षा

[महिला एवं बाल विकास]

74. ( क्र. 1182 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में कुल कितनी आंगनवाड़ी संचालित हैं एवं इनमें कितने बच्चे हैं? क्या मध्यप्रदेश में संचालित आंगनवाड़ी में अग्नि से बचाव हेतु उपाय किए गए हैं? (ख) क्या अग्नि से सुरक्षा हेतु कोई उपकरण आंगनवाड़ी में उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं हैं। (ग) अग्नि से बचने हेतु सुरक्षा उपकरण कब तक उपलब्ध करा दिए जावेंगे?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) मध्‍यप्रदेश में कुल 84465 आंगनवाड़ी केन्‍द्र एवं 12670 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित है। इनमें 0 से 6 वर्ष तक के 80.25 लाख बच्‍चे दर्ज हैं। प्रदेश में आई.सी.डी.एस. योजना का भारत सरकार के दिशा निर्देश एवं मापदण्‍ड अनुरूप संचालन किया जाता है। वर्तमान प्रचलित दिशा निर्देशों में आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में अग्नि से बचाव हेतु उपाय का प्रावधान नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित भारत सरकार के मापदण्‍ड में प्रावधान न होने से अग्नि से बचाव के उपकरण उपलब्‍ध नहीं कराये गये है। (ग) भारत सरकार के मापदण्‍ड के अनुसार योजना क्रियान्वित की जाने से वर्तमान में समय-सीमा दिया जाना सम्‍भव नहीं है।

आर्थिक सहायता अनुदान राशि की स्वीकृति

[राजस्व]

75. ( क्र. 1187 ) श्री गिरीश गौतम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) रीवा जिले की तहसील मऊगंज, नईगढ़ी, मनगवां, रायपुर कर्चु. में अक्टूबर 2017 से अक्टूबर 2019 तक सर्पदंश, पानी में डूबने एवं आकाशीय बिजली से हुई मृत्यु के लिए मृतकों के वारिसों द्वारा आर्थिक सहायता अनुदान के लिए कितने आवेदन किये? उसमें से कितने प्रकरणों में राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र के प्रावधान के अनुसार राशि स्‍वीकृत की गयी? नाम पते सहित जानकारी दें?                (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित प्रकरणों में कितने लोगों को आर्थिक सहायता अनुदान का भुगतान किया गया कितने प्रकरण अभी भी स्‍वीकृत एवं भुगतान हेतु लम्बित है? प्रकरण लम्बित होने के क्‍या कारण है? सभी लंम्बित प्रकरणों को कब तक निराकृत कर भुगतान कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले के तहसील मऊगंज में अक्‍टूबर 2017 से अक्‍टूबर 2019 तक प्राकृतिक आपदा में सर्वे के आधार पर प्रकरण तैयार किये गये है। सर्पदंश के 10, आकाशीय बिजली के 03, पानी में डूबने से 17, तहसील नईगढ़ी में सर्पदंश के 12, आकाशीय बिजली के 05, पानी में डूबने से 14, तहसील मनगंवा में सर्पदंश के 08, पानी में डूबने से 05, तहसील रायपुर कर्चु. सर्पदंश के 07, आकाशीय बिजली के 02, पानी में डूबने से 14 प्रकरण तैयार किए गए है जो राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानानुसार 97 प्रकरणों में राशि स्‍वीकृत की गई है। मृतक के वारिसों के सूची तहसीलवार/मदवार  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) मृतक के वारिसों को भुगतान का विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। 79 प्रकरणों में भुगतान किया गया। शेष प्रकरण लंबित हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

म.प्र.भू राजस्‍व संहिता 1959 की धाराओं के विपरीत शासकीय भूमि का आवंटन

[राजस्व]

76. ( क्र. 1197 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 (7-ख) की उपधारा (1) में स्‍पष्‍ट प्रावधान है कि अं‍तर्विष्‍ट किसी बात के होते हुये भी कोई भी ऐसा व्‍यक्ति जो भूमि राज्‍य शासन से धारण करता है या कोई भी ऐसा व्‍यक्ति जो धारा 158 की उपधारा (तीन) के अधीन भूमि स्‍वामी अधिकार में भूमि धारण करता है अथवा जिसे कोई भूमि सरकारी पट्टेदार के रूप में दखल में रखने का अधिकार राज्‍य सरकार या कलेक्‍टर द्वारा दिया जाता है और तत्‍पश्‍चात ऐसी भूमि का भूमि स्‍वामी बन जाता है, ऐसी भूमि का अन्‍तरण कलेक्‍टर की पद श्रेणी, अनिम्‍न पद श्रेणी के किसी भी राजस्‍व अधिकारी की अनुज्ञा जो लेखबद्ध किये जाने वाले कारणों से दी जायेगी, के बिना नहीं करेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत यदि हाँ, तो क्‍या तहसीलदार, तहसील रघुराज नगर, सतना के द्वारा 18/09/2019 को प्रकरण क्र. 0017A70/19-20 में आदेश पारित किया है? (ग) क्‍या तहसीलदार तहसील रघुराजनगर के आदेश के पश्‍चात उसके आधार पर क्र. 3912/1/आ.क./तह.रघु./2019 दिनांक 20/09/2019 से 6 लोगों को नोटिस जारी की गई है? अगर हाँ, तो एक प्रति उपलब्‍ध करायें।              (घ) क्‍या प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) में उल्‍लेखित प्रकरण में कलेक्‍टर की अनुम‍ति के बगैर आवंटित भूमि का नामांतरण नहीं किया जा सकता है? उक्त आराजी को म.प्र.शासन कब तक दर्ज किया जायेगा? प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) में उल्‍लेखित नोटिसों की तरह ग्राम रामस्‍थान में शासकीय भूमि दर्ज किये जाने के आदेश क्‍या कलेक्‍टर सतना कर चुके हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। रा.प्र.क्र. 0017/अ-70/2019-20 में आदेश पत्रिका पर 18/09/2019 को अंतरिम आदेश पारित कर ग्राम बेला की आरजी नं 49 रकवा 112.08 एकड़ पर अंकित वर्तमान भूमि स्वामियों को नोटिस जारी कर भूमि उनके नाम पर किस तरह से अंकित हुई की जानकारी देने बावत् जारी किया गया है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट  अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) व (ग) के परिप्रेक्ष्य में मध्‍यप्रदेश           भू-राजस्‍व संहिता, 1959 के प्रावधानों के अनुसार आवश्‍यक कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। जी हाँ।

किसानों को मुआवजा

[राजस्व]

77. ( क्र. 1202 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अगस्‍त 2019 से प्रश्‍न दिनांक की अवधि में विधानसभा क्षेत्र, सिवनी मालवा के कितनी एकड़ रकवा में अति बरसात, ओलावृष्टि से कौन-कौन सी फसल का कितना-कितना नष्‍ट/नुकसान हुआ? विकासखण्‍डवार रकवावार, फसलवार बतावें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में नष्‍ट हुई फसलों का सर्वे कार्य पूर्ण कर लिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? सर्वे में कितने किसान प्रभावित पाये गये एवं क्‍या सभी प्रभावित किसानों को रकवा के अनुसार मुआवजा वितरण कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? प्रभावित किसानों की संख्‍यावार जानकारी देवें। (ग) सर्वे कार्य हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी नियुक्‍त किये गये थे? क्‍या सर्वे कार्य संबंधित प्रभावित किसान की मौजूदगी में किया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों यदि हाँ, तो कहां-कहां संबंधित प्रभावित किसान सर्वे के दौरान मौजूद थे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले की विधानसभा सिवनीमालवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत अतिवृष्टि एवं बाढ़ से 17859.18 एकड़ में लगी खरीफ फसल सोयाबीन, मक्‍का, उड़द, मूंग एवं धान को नुकसान हुआ है। रकवावार/फसलवार  जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  अनुसार  है(ख) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। सर्वे अनुसार 51467 कृषक पात्रता अनुसार प्रभावित पाये गये। प्रभावित कृषकों को राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) के नवीन निर्देशानुसार राशि 2,39,04,187/- (दो करोड़ उन्‍चालीस लाख चार हजार एक सौ सतयासी रूपये) का 8245 कृषकों को भुगतान किया जा चुका है। प्रभावित किसानों को प्रभावित रकबे के अनुसार एवं बजट उपलब्‍धता के अनुसार ही भुगतान किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) संबंधित क्षेत्र के हल्‍का पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव एवं कृषि विभाग के कृषि विस्‍तार अधिकारी का संयुक्‍त दल गठन किया जाकर सर्वेक्षण किया गया है। सर्वे कार्य यथा संभव कृषक की जानकारी में किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अठारह"

कोल माइन्‍स के विस्‍थापितों को प्रदाय की गई सुविधा

[राजस्व]

78. ( क्र. 1214 ) श्री राम लल्लू वैश्‍य : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) शासन द्वारा रिलायंस पावर के लिये किस-किस ग्रामों की भूमि अधिग्रहण की गयी है? उन पट्टेधारी एवं मकान से हुये विस्‍थापितों की संख्‍या सहित जानकारी दें जैसे ग्राम-सिद्धीखुर्द सि‍द्धीकला, हर्रहवां, झांझी टोला, शासन, पिपरा, पावर हेतु अधिग्रहित किया गया है? यहां के लोगों को विस्‍थापन हेतु क्‍या सुविधा दी जा रही है? सूची सहित उपलब्‍ध करायें। शासन द्वारा पावर के माइन्‍स क्षेत्र में ग्राम-मुहेर, अमलोरी, अर्जित एवं क्रय द्वारा भूमिस्‍वामियों की विस्‍थापित होने से उन्‍हें क्‍या-क्‍या सुविधा दी जा रही है? इस हेतु हुये इकरारनामा के अनुसार लाभ देने या सुविधा देने की जानकारी देवें उपरोक्‍त सभी ग्राम वर्ग के विस्‍थापितों की संख्‍या सूची उपलब्‍ध करायें?                     (ख) एन.टी.पी.सी. शक्तिनगर, (उ.प्र.) के पावर प्‍लांट के द्वारा गड़हरा ग्राम शासन के भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है जो एस.डाईक बनाने जाने की प्रक्रिया चल रही है? सन 2012 के पूर्व भूमि पर प्रतिबंधित कर दिया गया है जो कब तक खुलेगा? क्‍या भूमि सिंचित व घनी आबादी के बीच की भूमि है जो एस.डाईक हेतु उचित है, यदि नहीं, है तो भूमि अर्जन की प्रक्रिया को बंद कर जमीन के ऊपर लगे प्रतिबंध को समाप्‍त किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सासन पावर लिमिटेड के लिये शासन द्वारा निम्नानुसार निजी कृषि भूमि का अर्जन किया गया हैः-

क्र.

ग्राम

खाता संख्या

अर्जित रकवा

1

सिद्धीखुर्द

604

322.67 हे.

2

सिद्धीकला

217

64.81 हे.

3

तियरा

58

70.33 हे.

4

झांझीटोला

12

9.72 हे.

5

हर्रहवा

500

235.05 हे.

6

सिद्धीखुर्द (कोल कन्वेयर से प्रभावित)

31

2.00 हे.

7

गड़हरा खुर्द

64

7.43 हे.

क्र.

ग्राम

खाता संख्या

अर्जित रकवा

8

काम

37

2.87 हे.

9

धतुरा बरवा

63

7.11 हे.

10

बिलौजी भटवा

21

3.89 हे.

11

हिर्रवाह

111

5.74 हे.

12

पचैर

26

3.20 हे.

13

नौगढ़

76

9.46 हे.

14

अमलोरी

82

8.27 हे.

                                योग

752.55 हे.

 

क्र.

ग्राम

अर्जित रकवा हे.

1

मुहेर

250.81 हे.

2

अमलोरी

34.693 हे.

3

नौगढ़

16.15 हे.

4

क्रय भूमि अमलोरी, नौगढ़

261.344 हे.

 

                योग

562.997 हे.

ग्राम पिपरा तथा ग्राम सासन की किसी भूमि का अर्जन सासन पावर लिमिटेड के लिये नहीं किया गया है। चरण क्रमांक 01 में अंकित खाता धारकों में से कुल 2550 (पावर प्लांट एवं कोल माइंस को मिलाकर) व्यक्ति पुनर्वास लाभ के पात्र माने गये है, जिनमें से वर्तमान समय में कुल 2092 हितग्रहियों को पुनर्वास सुविधा यथा आवासीय भवन, भू-खण्ड इत्यादि दी जा चुकी है। 1. रोजगार/निर्वाह भत्ता-2041 2. डी.ए.व्ही. स्कूल निःशुल्क शिक्षा-2767  3. छात्रवृत्ति-414  4.वृद्धावस्था पेंशन -542  5. दिव्यांग पेंशन-17  6 .विधवा पेंशन -13  7. क्रय भूमि के भूमिस्वामी की संख्या-894  8 .क्रय भूमि से गृहविस्थापित की संख्या-449  9. 12 विस्थापित समितियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भू-अर्जन एवं विस्थापितों को देय पुनर्वास सुविधा के लिये म.प्र. शासन द्वारा कलेक्टर जिला सीधी/सिंगरौली तथा सासन पावर लिमिटेड द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी के मध्य निष्पादित करारनामा की छाया प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) एन.टी.पी.सी. शक्तिनगर (उ.प्र.) पावर प्‍लांट के द्वारा पूर्व में ग्राम गड़हरा खुर्द की भूमि अधिग्रहण हेतु प्रस्‍तावित थी, जो समय वाह्य होने से लैप्‍स हो चुकी है। एन.टी.पी.सी. द्वारा पुन: ऐश डाईक निर्माण हेतु ग्राम गड़हरा खुर्द की भूमि के अधिग्रहण हेतु प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किया गया है। एन.टी.पी.सी. का प्रस्‍ताव भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत सभी घटकों पर प्रारंभिक कार्यवाही विचाराधीन है। प्रतिबंध समाप्‍त करने का प्रश्‍न नहीं उठता है।

 

गेहूं उपार्जन केन्‍द्र के संबंध में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

79. ( क्र. 1220 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में गत वर्ष कितने गेहूं उपार्जन केन्‍द्र बनाये गये? उसमें कितने किसानों के रजिस्‍ट्रेशन व कितना गेहूं बेचने के लिए कराये गये एवं कितने किसानों ने अपना गेहूं बेचा?                (ख) शिवपुरी विधान सभा के ग्राम गुरूकुदवाया के किसानों को गेहूं (अनाज) बेचने के लिए किस उपार्जन केन्‍द्र पर रजिस्‍ट्रेशन किये गए? (ग) गेहूं उपार्जन केन्‍द्र के क्‍या नियम थे? किसी किसान का कितनी दूरी पर उपार्जन केन्‍द्र होना चाहिए था? (घ) क्‍या गुरूकुदवाया के किसानों की किसी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो क्‍या कार्यवाही की गई?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्‍य पर गेहूं उपार्जन हेतु शिवपुरी जिले में 95 उपार्जन केन्‍द्र बनाए गए थे। ई-उपार्जन पोर्टल पर जिले के 69,594 किसानों द्वारा समर्थन मूल्‍य पर गेहूं विक्रय हेतु पंजीयन कराया गया था, जिसमें से 26,713 किसानों द्वारा गेहूं का विक्रय उपार्जन केन्‍द्रों पर किया गया। (ख) शिवपुरी जिले में ग्राम गुरूकुदवाया के किसानों को समर्थन मूल्‍य पर गेहूं विक्रय करने हेतु सेवा सहकारी संस्‍था, पिपरौदा ऊवारी-राजपुरा केन्‍द्र-2 पर मैप किया गया था। (ग) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में जारी उपार्जन नीति के अनुसार उपार्जन केन्‍द्र के स्‍थल चयन के संबंध में प्रावधान इस प्रकार किए गए हैं- सामान्‍यत: उपार्जन केन्‍द्र गोदाम परिसर पर खोले जाएंगे। केन्‍द्र पर पूर्ण पंचायत ही टैग की जाएगी। एक उपार्जन केन्‍द्र पर यथासम्‍भव 200 से 750 तक किसान संलग्‍न किए जाएंगे। साथ ही, किसी भी उपार्जन केन्‍द्र पर 5000 मे.टन से अधिक मात्रा का उपार्जन नहीं किया जाएगा तथा यथासम्‍भव सम्‍बद्ध ग्राम पंचायतों के केन्‍द्र बिन्‍दु में उपार्जन केन्‍द्र होगा जिससे किसानों को अपनी उपज विक्रय करने हेतु लगभग 25 कि.मी. से अधिक दूरी तय न करना पड़े। (घ) जी हाँ। ग्राम गुरूकुदवाया के किसानों द्वारा समर्थन मूल्‍य पर गेहूं विक्रय करने हेतु उपार्जन केन्‍द्र ग्राम आकाझिरी से संलग्‍न करने की मांग की गई थी किन्‍तु, केन्‍द्र पर निर्धारित संख्‍या तक किसानों को मैप किए जाने के कारण ग्राम गुरूकुदवाया के किसानों को उपार्जन केन्‍द्र आकाझिरी से मैप नहीं किया जा सका है।

नल-जल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

80. ( क्र. 1222 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनी नल-जल योजनायें संचालित हैं? उनमें से कितनी नज-जल योजनाएं चालू हैं? (ख) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनाएं बंद हैं? उन्‍हें कब तक चालू किया जायेगा? (ग) ग्रामीण अंचलों में संचालित ऐसी कितनी नल-जल योजनाएं हैं? जिनके बोर का जल स्‍तर नीचे चले जाने से बंद हो गये हैं? ऐसे स्‍थलों पर नल-जल योजना को चालू किये जाने हेतु विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) आगामी ग्रीष्‍म काल में पेयजल संकट और बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल उपलब्‍ध कराने हेतु विभाग द्वारा क्‍या व्‍यवस्‍था की जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 17 नल-जल योजनाएं। 15 नलजल योजनाएं चालू हैं। (ख) 02 नल-जल योजनाएं। बंद योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है, स्त्रोत विकसित करने का दायित्व विभाग का है। निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती। (ग) वर्तमान में एक भी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) ग्रीष्मकाल में पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु विभागीय कार्य योजना के अंतर्गत आवश्यकता अनुसार नवीन नलकूपों का खनन, जलस्तर नीचे जाने से बंद हैण्डपंपों में राइजर पाईप बढ़ाने एवं सिंगलफेस मोटरपंप स्थापित करने एवं नलकूपों में हाइड्रो फ्रैक्चरिंग के कार्य करवाये जाते हैं।

आंगनवाड़ी केन्‍द्र

[महिला एवं बाल विकास]

81. ( क्र. 1223 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शिवपुरी नगर में 128 आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं? यदि हाँ, तो वहां क्‍या 13 समूह भोजन वितरण कर रहे हैं। (ख) यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों में विभाग द्वारा इन्‍हें कितनी राशि का भुगतान किया गया? (ग) क्‍या एक स्‍व-सहायता समूह को दो या उससे अधिक आंगनवाड़ि‍यों में भोजन प्रदान देने का प्रावधान है। (घ) यदि नहीं, तो इन समूहों को एक से अधिक आंगनवाड़ी में भोजन का कार्य क्‍यों दिया गया? (ड.) क्‍या शिवपुरी नगर में इन 13 समूहों के अलावा अन्‍य समूहों के आवेदन विभाग में प्राप्‍त हुए थे? यदि हाँ, तो उन्‍हें भोजन प्रदाय का कार्य क्यों दिया गया?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। शिवपुरी नगर में 126 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 02 उप आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। शिवपुरी नगर के इन आंगनवाड़ी केन्द्रों पर 05 महिला स्व-सहायता समूह एवं 08 महिला मण्डल भोजन वितरण का कार्य कर रहे हैं। (ख) विगत 02 वर्षों में विभाग द्वारा 05 स्व-सहायता समूह एवं 08 महिला मण्डलों को राशि रू. 2,12,71,675/- (राशि दो करोड़ बारह लाख इकहत्तर हजार छः सौ पचहत्तर मात्र) का भुगतान किया गया है। (ग) जी हाँ। विभाग के पत्र क्र. 2103/2830/2018/50-2/ए.एन. दिनांक 12.09.18 के माध्यम से प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी उप आंगनवाड़ी केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार प्रदाय के संबंध में जारी निर्देश अनुसार शहरी क्षेत्रों में दो या दो से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर एक स्थानीय संस्था को पूरक पोषण आहार प्रदाय कार्य देने के प्रावधान हैं। (घ) () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी हाँ। वर्ष 2016-17 में 15 महिला स्व-सहायता समूहों/महिला मण्डल के आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से कलेक्टर शिवपुरी द्वारा गठित समिति की अनुशंसा के आधार पर 08 महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल को शिवपुरी नगर में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार प्रदाय का कार्य दिया गया है तथा शेष 07 महिला स्व-सहायता समूह महिला मण्डल के संबंध में समिति द्वारा प्रतिकूल टीप अंकित किए जाने के कारण पूरक पोषण आहार प्रदाय का कार्य नहीं दिया गया है। इस प्रकार शिवपुरी नगर में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार का प्रदाय पूर्व से कार्यरत 05 महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल सहित कुल 13 महिला स्व-सहायता समूह/महिला मण्डल द्वारा किया जा रहा है। विस्तृत जानकारी  संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

बुरहानपुर जिले के ग्राम पंचायत एमागिर्द में निर्मित पानी की टंकी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

82. ( क्र. 1228 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुरहानपुर जिले के ग्राम पंचायत एमागिर्द के आजाद नगर में मीठा मौला के पास निर्मित पानी की टंकी का निर्माण कार्य किस सन् में, कितनी लागत से, किस योजना के माध्‍यम से पूर्ण किया गया? (ख) उक्‍त निर्माण कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुआ? साथ ही पूर्ण होने के पश्‍चात् आज दिनांक तक टंकी से ग्रामवासियों को पानी वितरण क्‍यों नहीं किया जा रहा है? क्‍या टंकी के निर्माण कार्य की गुणवत्ता में खामियां हैं या अन्‍य किसी कारण से आज दिनांक तक पानी का वितरण नहीं किया गया? यदि खामियां हैं तो उन दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही का जावेगी? (ग) कब तक उक्‍त पानी की टंकी से ग्रामवासियों को पानी वितरण प्रारंभ कर दिया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2013-14 में रूपये 20.15 लाख लागत से नलजल योजना मद में निर्माण किया था। (ख) एवं (ग) दिनांक 15.03.2018। वर्तमान में टंकी के माध्यम से ग्राम में पेयजल प्रदाय किया जा रहा है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।

खाद्यान खरीदी केन्‍द्र की स्‍थापना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

83. ( क्र. 1258 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिला एवं विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में कितने नवीन खरीदी केन्‍द्र प्रस्‍तावित किए गए हैं? (ख) क्‍या पूर्व से कॉटी में संचालित खरीदी केन्‍द्र बंद कर दिया गया है? जिससे किसानों को कृषि उपज विक्रय करने में पन्‍द्रह से बीस किलोमीटर दूरस्‍थ आना-जाना पड़ता है? विक्रय करने जिन्‍स को लेकर जाने में साधन नहीं मिल पाते जिसके कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है? (ग) विक्रय केन्‍द्र कॉटी को बंद करने का कारण क्‍या बतलाया गया है? उसकी प्रति उपलब्‍ध कराई जाये। (घ) कॉटी विक्रय केन्‍द्र के भौगोलिक दृष्टि से लगे हुये 18 ग्राम हैं, उन ग्रामों के किसान अतिरिक्‍त भाड़ा देकर जिन्‍स की विक्रय करते है? जिससे उन्‍हें लाभ की बजाय हानि हो रही है? क्‍या इस विक्रय केन्‍द्र को फिर से प्रारंभ करने का आदेश देगें? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन हेतु जिला कटनी-04 एवं विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में 01 नवीन खरीदी केन्‍द्र प्रस्‍तावित किए गए हैं। (ख) जी नहीं। पूर्व वर्ष में कांटी में स्‍वतंत्र खरीदी केन्‍द्र संचालित नहीं था। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में कांटी में धान खरीदी हेतु उपार्जन केन्‍द्र स्‍थापित किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्राम कांटी में उपार्जन केन्‍द्र स्‍थापित करने के कारण किसानों को अपनी उपज विक्रय करने के लिए अतिरिक्‍त भाड़ा भुगतान आवश्‍यकता नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

नल-जल प्रदाय योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

84. ( क्र. 1259 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या डी.एम.एफ. योजना (खनिज मद) से वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में नल-जल प्रदाय योजना हेतु किन-किन ग्रामों में योजना स्‍वीकृत की गई एवं कितने ग्रामों में कार्य प्रारंभ किया गया? कितने जल प्रदाय योजना का कार्य प्रगति पर है एवं कितनी जल प्रदाय योजनाओं कार्य प्रारंभ नहीं हुआ? (ख) क्‍या स्‍वीकृत कार्य योजनाओं के कार्य पूर्ण कर गांव की पेयजल समस्‍या का तत्‍काल निराकरण किया जायेगा? नहीं तो क्‍यों? कार्य में हो रहे विलम्‍ब के लिए कौन-कौन अधिकारी उत्‍तरदायी हैं? नाम एवं पदनाम का उल्‍लेख करें। दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 07 ग्रामों में योजनाएं स्वीकृत, सभी योजनाओं के कार्य अप्रारंभ हैं। शेष जानकारी  संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी हाँ, निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। उपरोक्तानुसार किसी अधिकारी के दोषी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बीस"

सांस्‍कृतिक, धार्मिक एवं अन्‍य आयोजन

[संस्कृति]

85. ( क्र. 1268 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर में संस्‍कृति विभाग द्वारा विगत पाँच वर्षों में कुल कितने सांस्‍कृतिक, धार्मिक एवं अन्‍य आयोजन/महोत्‍सव आयोजन किये गये? विधान सभा क्षेत्रवार आयोजन दिनांक, आयोजन का नाम, स्‍थान तथा व्‍यय की गई राशि सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या पुष्‍पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत माँ नर्मदा की उद्गम स्‍थली, अमरकंटक में विगत वर्षों से महाशिवरात्रि के पर्व पर नर्मदा जयंती के अवसर पर नर्मदा महोत्‍सव का आयोजन विभाग द्वारा कराया गया? यदि हाँ, तो इस महोत्‍सव पर किस कार्य हेतु कितना व्‍यय किया गया? विगत तीन वित्‍तीय वर्ष की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) आगामी वर्ष में इस महोत्‍सव को कराये जाने हेतु शासन द्वारा क्‍या कोई कार्य योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो आगामी महोत्‍सव हेतु किस-किस विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या आयोजन किये जायेंगे? क्‍या कलेक्‍टर, अनूपपुर के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 5111 दिनांक 15.10.2019 के माध्‍यम से विभाग के अपर मुख्‍य सचिव को इस आयोजन हेतु बजट आवंटन की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो प्रस्‍तावित राशि कब तक आवंटित कर दी जावेगी?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) संस्‍कृति विभाग द्वारा विगत 05 वर्षों में जिला अनूपपुर में कुल 07 सांस्‍कृतिक/धार्मिक एवं अन्‍य आयोजन/महोत्‍सव आयोजित किये गये हैं. जिन पर कुल व्‍यय राशि रू. 23,23,307.00 लाख हुआ है. विस्‍तृत विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार. (ख) जी नहीं. शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता. (ग) यह योजना है कि साहित्यिक/सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों में यथोचित समयानुकूल सहयोग प्रदान किया जा सकता है. वर्ष 2020 में इस महोत्‍सव के संबंध में जिला कलेक्‍टर, अनूपपुर से प्राप्‍त प्रस्‍ताव का परीक्षण किया जा रहा है.

भूमिहीन व्‍यक्तियों के नाम फसलों का उपार्जन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

86. ( क्र. 1271 ) श्री राकेश गिरि : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) टीकमगढ़ जिले के विकासखण्‍ड टीकमगढ़ के अन्‍तर्गत प्राथमिक कृषि साख स‍हकारी समिति मबई, लार, दरगुवां उपार्जन केन्‍द्रों में वर्ष 2019-20 में कितने कृषकों का कितना अनाज (चना, मसूर, सरसो, गेहूँ) उपार्जन हेतु पंजीकृत हुआ? (ख) क्‍या उक्‍त केन्‍द्रों पर दर्ज रकवा  से अधिक तथा भूमिहीन व्‍यक्तियों के नाम फसलों का उपार्जन किया गया है? यदि हाँ, तो अनाधिकृत/अनुचित उपार्जन पंजीकृत करने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है, इनके विरूद्ध कया कार्यवाही कब तक की जावेगी तथा सुनियोजित रूप से आहरित शासकीय राशि कब तक वसूल की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) रबी विपणन वर्ष 2019-20 में प्राथमिक कृषि साख स‍हकारी समिति मबई, लार में पंजीकृत किसान एवं पंजीयन में उल्‍लेखित रकबे अनुसार उपज की मात्रा की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। प्राथमिक कृषि साख स‍हकारी समिति, दरगुंवा द्वारा किसान पंजीयन नहीं किया गया है। (ख) उक्‍त केन्‍द्रों पर ई-उपार्जन पोर्टल पर दर्ज भू-रकबे से अधिक एवं भूमि किसानों से फसल का उपार्जन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

फर्जी तरीके से भूमि की अदला बदली

[राजस्व]

87. ( क्र. 1272 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला टीकमगढ़ की तहसील टीकमगढ़ अंतर्गत ग्राम सापौन खास में राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 61/अ-19 (4)/95-96 आदेश दिनांक 24/08/1996, द्वारा भूमि खसरा नम्‍बर 1495 में से अंश रकवा 2.000 हेक्‍टेयर का पट्टा अरूण पुत्री बृजलाल सोनी के नाम पर प्रदान किया गया था? यदि हाँ, तो किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा पट्टा जारी किया गया था? पट्टा जारी करने में पात्रता की शर्तों का उल्‍लंघन तो नहीं किया गया एवं पट्टा के वैध/अवैध होने की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित भूमि की अदला बदली ग्राम नचनवारा की शासकीय भूमि खसरा नम्‍बर 235,237 रकवा क्रमांक 0.7813.140 में से 1.219 कुल 2.000 है का प्रकरण क्रमांक 204/बी-121/95-96 दिनांक 24/07/1996 को प्रारंभ किया गया था, तो क्‍या पट्टा जारी होने के पूर्व प्रत्याशा में ही भूमि की अदला बदली का प्रकरण चालू कर दिया गया जो कि पूर्व योजना के तहत फर्जी कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त कूट रचना में कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? उन पर अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक जांच कर कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या ग्राम नचनवारा की भूमि खसरा नम्‍बर 233,234 को हथियाने के लिये तत्‍कालीन सरपंच मोहन सिंह ठाकुर ने प्रस्‍ताव क्रमांक 3 दिनांक 12/06/1996 की स्‍वयं कूटरचना कर नायब तहसीलदार टीकमगढ़ के न्‍यायालय में पेश किया था, जिसके आधार पर प्रकरण क्रमांक 46/अ:59/95-96 आदेश दिनांक 28/06/1996 से अदला बदली स्‍वीकृत की गई थी? प्रस्‍ताव क्रमांक 3 दिनांक 12/06/1996 के संबंध में जांच कब तक की जावेगी? यदि उक्‍त प्रस्‍ताव कूटरचित पाया जाता है तो दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) में कूटरचित फर्जी दस्‍तावेज तैयार करने में दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? यदि तथ्‍य सही है तो पात्रता शर्तों सहित प्रतिवेदन उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : क) जी हाँ, सक्षम प्राधिकृत अधिकारी द्वारा पट्टा जारी किया गया था, पट्टा जारी करने वाले अधिकारी एवं पट्टा के वैध/अवैध होने के संबंध में विस्‍तृत जांच हेतु डिप्‍टी कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता में समिति का गठन किया गया है। (ख) जी हाँ, पट्टा जारी होने के पूर्व दिनांक 24.07.1996 को अदला बदली हेतु प्रकरण क्रमांक 204/बी-121/1995-96 दर्ज हो गया था परन्‍तु खसरा नंबर 1495 के अंश रकवा 2.000 हेक्‍टेयर का पट्टा अरुण पुत्री बृजलाल सोनी के पट्टा का प्रकरण क्रमांक 61/अ-19-4/95-96 दिनांक 01.08.1996 को दर्ज हुआ एवं अंतिम आदेश 24.08.1996 को पारित किया गया। प्रकरण की विस्‍तृत जांच अपेक्षित है। (ग) प्रकरण की विस्‍तृत जांच अपेक्षित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

काबिज लोगों को पट्टे का प्रदाय

[राजस्व]

88. ( क्र. 1278 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) होशंगाबाद जिले के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में कितने ग्रामों में बड़े झाड़ की जमीन आरक्षित है? ग्रामवार एवं रकबे की जानकारी देवें। (ख) क्‍या राजस्‍व एवं वन विभाग में बड़े झाड़ के नाम से जमीन दर्ज है और विगत 100 वर्षों से उक्‍त जमीन पर लोग खेती का कार्य करते आ रहे हैं, जिस पर पेड़ नहीं लगे हैं, उन्‍हें पट्टे नहीं मिल पाये हैं, जिसके कारण उन्‍हें शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है? इन लोगों को उक्‍त जमीन के पट्टे कब तक दिये जायेंगे? (ग) शासन द्वारा विगत कई वर्षों से बड़े झाड़ की जमीन पर काबिज लोगों को पट्टे दिये जाने हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) होशंगाबाद‍ जिले के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर के तहसील सोहागपुर अन्‍तर्गत 22 ग्रामों में एवं तहसील इटारसी अन्‍तर्गत 10 ग्रामों में तथा तहसील बाबई अन्‍तर्गत 22 ग्रामों में बड़े झाड़ का जंगल मद में जमीन राजस्‍व अभिलेख में दर्ज है ग्रामवार एवं रकबे की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। (ख) जी हाँ। राजस्‍व विभाग अन्‍तर्गत राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज है। बड़े झाड़ के जंगल मद की भूमि पर पट्टे नहीं बांटे गए। वन विभाग में बड़े झाड़ के नाम से जमीन दर्ज नहीं है। वन क्षेत्र में स्थित वनग्रामों के ग्रामीणों को पूर्व में वन अधिकार पट्टे प्रदाय किये जा चुके हैं। (ग) वन की परिभाषा अंतर्गत आने वाली भूमि पर वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत वन अधिकार पट्टा दिये जाने की कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - "बाईस"

जांच प्रतिवेदन पर कार्यवाही

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

89. ( क्र. 1290 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 3549, दिनांक 24/07/2019 को उत्‍तर दिया गया था कि प्रकरण के संबंध में मूल दस्‍तावेज एवं नस्‍ती का परीक्षण करने हेतु कलेक्‍टर को लिखा गया है तो कब किसके द्वारा कलेक्‍टर को लिखा गया था? क्‍या कलेक्‍टर द्वारा उक्‍त प्रकरण के मूल दस्‍तावेज एवं नस्‍ती का परीक्षण कर कार्यवाही को पूर्ण कर लिया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त प्रकरण से संबंधित सम्‍पूर्ण नस्‍ती की प्रति उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) क्‍या श्री प्रेम गुप्‍ता द्वारा प्रश्‍न क्रमांक 3549 दिनांक 24/07/2019 के संबंध में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण संचालनालय भोपाल को सूचना का अधिकार आवेदन रजिस्‍टर्ड डॉक द्वारा भेजा गया था? (ग) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त व्‍यक्ति को उक्‍त विभाग द्वारा जानकारी प्रदाय कर दी गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

पोषण आहार वितरण की विकेन्द्रीकृत नीति

[महिला एवं बाल विकास]

90. ( क्र. 1302 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या प्रदेश की आंगनवाड़ियों में पोषण आहार वितरण को लेकर सरकार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दाखिल पुनरीक्षण याचिका 21 नवम्बर 2019 को वापिस ले ली गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो प्रदेश में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से पोषण आहार वितरण की विकेन्द्रीकृत नीति क्या बनाई गई है? नई व्यवस्था के तहत कब से पोषण आहार वितरण प्रारंभ कर दिया जायेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ, मा. उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रचलित RP 1145/17 दिनांक 21.11.19 को वापस हो गई है। (ख) मंत्री परिषद् के निर्णयानुसार प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं 11-14 वर्ष तक की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत संचालित म.प्र.राज्य ग्रामीण आजीविका फोरम के तहत गठित महिला स्व सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा, प्रदेश के 07 चिन्हित स्थानों क्रमशः देवास, धार, होंशगाबाद, सागर, मण्डला, रीवा एवं शिवपुरी में स्थापित किए जा रहे पोषण आहार संयंत्रों के माध्यम से पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का प्रदाय करने की नीति है। माह मार्च 2019 से आजीविका मिशन द्वारा स्थापित संयंत्रों में से क्रमबद्ध रूप से क्रमशः देवास, धार, होशंगाबाद, सागर एवं मण्डला जिलों में स्थापित संयंत्रो से टेकहोम राशन का उत्पादन एवं वितरण प्रारम्भ कर दिया गया हैं।

नियम विरूद्ध सामग्री क्रय करने वालों पर कार्यवाही

[चिकित्सा शिक्षा]

91. ( क्र. 1309 ) श्री संजय शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज इन्दौर में भण्डार क्रय नियमों के अंतर्गत पिछले 05 वर्षों में क्याक्या सामग्री क्रय की गई? लोकल पर्चेसिंग एवं जे.एम. पोर्टल के माध्यम से क्रय की गई सामग्रियों का भण्डारण/स्टॉक रिकार्ड किस-किस के द्वारा कब-कब रखा गया? (ख) पूर्व अतारांकित प्रश्न क्र. 1599 दिनांक 17/07/19 के अनुसार लोकल पर्चेसिंग भण्डार क्रय नियमों के माध्यम से कैंसर चिकित्सालय, चाचा नेहरू चिकित्सालय, मानसिक चिकित्सालय इन्दौर में क्या-क्या पर्चेसिंग की गई? 05 वर्षों में किन-किन फर्मों के द्वारा सामग्री सप्लाई की गई? भुगतान आदि की जानकारी उपलब्ध करावें (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में सामग्री क्रय का भुगतान किस-किस दिनांक को किया गया? किस-किस फर्म को कितनी राशि दी गई? भुगतान की स्वीकृति किन के द्वारा की गई? (घ) पूर्व अ.ता. प्रश्‍न क्र. 1599 दिनांक 17/07/2019 (घ) के संदर्भ में नियमों के विपरीत सामग्री क्रय करने वाले कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी हैं? उनके नाम स्पष्ट करें। उनके विरूद्ध क्या जांच की जा रही है? जांच कब तक पूर्ण की जायेगी व दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? जांच की समय-सीमा बतायें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (‍क) महाराजा यशवंतराव चिकित्‍सालय इन्‍दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। चिकित्‍सा महाविद्यालय में लोकल पर्चेस नहीं की जाती है। जे.एम. पोर्टल के माध्‍यम से क्रय की गई साम्रगी का भण्‍डारण/स्‍टॉक रिकार्ड महाविद्यालय के क्रय विभाग एवं भण्‍डार शाखा एवं उपयोगकर्ता द्वारा साम्रगी का रिकार्ड रखा जाता है। (ख) कैंसर चिकित्‍सालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। चाचा नेहरू बाल चिकित्‍सालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। मानसिक चिकित्‍सालय इन्‍दौर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। (ग) महाराजा यशवंतराव चिकित्‍सालय की साम्रगी क्रय भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। कैंसर‍ चिकित्‍सालय के कार्यकर्ता अधिकारी अधीक्षक है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 05 अनुसार है। चाचा नेहरू बाल चिकित्‍सालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 03 अनुसार है। मानसिक चिकित्‍सालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र 04 अनुसार है। (घ) भण्‍डार क्रय नियमों के विपरीत साम्रगी क्रय करने के संबंध में सात अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध आरोप पत्र जारी किये गये थे, जिनके नाम 1. डॉ. रामगुलाम राजदान 2. डॉ. सिद्धार्थ गौतम 3. डॉ. जे. के. वर्मा 4. श्री संजय उपाध्‍याय 5. श्री शैलेष राठौर 6. श्री राजेश व्‍यास 7. श्री घनश्‍याम पवार। जी हाँ। जांच उपरांत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बालाघाट जिले में संचालित समूह नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

92. ( क्र. 1311 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में समूह नल-जल योजना से कितने गाँव तक पानी प्रदाय किया जा रहा है? सूची प्रदाय करें। कितने ग्राम में पानी प्रदाय नहीं कर पा रहे हैं? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) जल समिति बालाघाट जिले के समूह नल-जल योजना में कितने बने? ग्रामवार जानकारी देवें। क्‍या जल समिति कार्यरत है? ग्रामवार जानकारी देवें। यदि कार्यरत नहीं है तो कारण सहित बतावें। (ग) जल समिति बनाने का कार्य किसे दिया गया था? क्‍या‍ निविदा शर्तों का पालन किया गया? यदि नहीं, तो क्‍या कार्यवाही की? (घ) क्‍या जल समिति कागज में बताकर जल समिति के कार्य को पूर्ण बताकर राशि भुगतान कर लिया गया? यदि हाँ, तो दोषी कौन है? वर्तमान में स्‍थल का निरीक्षण कर जल समिति की जांच करेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? बतावें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) समूह नल-जल योजनाओं में सम्मिलित सभी 182 ग्रामों में, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) म.प्र. जल निगम द्वारा क्रियान्वित 04 समूह जलप्रदाय योजनाओं में मेसर्स अनुपमा एजुकेशन सोसायटी सतना (एन.जी.ओ.) को दिया गया था, विभाग द्वारा क्रियान्वित लालबर्रा समूह जलप्रदाय योजना अंतर्गत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के द्वारा ग्राम सभा में अनुमोदन पश्चात समितियों का गठन किया गया था। जी हाँ, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

कृषकों की भूमि का अधिग्रहण

[राजस्व]

93. ( क्र. 1313 ) श्री मनोज चावला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले से निकल रही मुंबई-दिल्ली 8 लाइन एक्सप्रेस-वे में कुल कितने कृषकों की कितने हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई है? कृषक, गाँव, खसरा नंबर तथा रकवा सहित सूची उपलब्ध करावें तथा बतावें कि भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के अनुसार किस-किस कृषक को कितना मुआवजा दे दिया गया है या दिया जावेगा? (ख) क्या अधिकार अधिनियम 2013 के अनुसार कलेक्टर गाइड-लाइन से मात्र 2 गुना मुआवजा दिया जा रहा है जबकि आसपास के राज्यों में 4 से 6 गुना मुआवजा दिया जा रहा है? क्या शासन अधिनियम में संशोधन कर 6 गुना मुआवजा देगी? अधिनियम की प्रति देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जमीन पर मुआवजे में 12% ब्याज किस-किस दिनांक से देय हैं तथा मुआवजे के विरोध में उच्च न्यायालय इंदौर में कितने परिवाद दायर किए गए हैं? उनके क्रमांक तथा दिनाँक बतावें। (घ) क्या पूर्व सरकार ने सड़कों के निर्माण में लगे ठेकेदारों को लाभ देने के लिए अधिनियम में दोगुना मुआवजा तय किया था? शासन किसानों को 6 गुना मुआवजा दिलाने के लिए कोई कदम उठाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मुम्बई-दिल्ली 8-लेन एक्सप्रेस-वे में रतलाम जिले के अन्तर्गत कुल 58 ग्रामों की भूमि प्रभावित हो रही है। ग्राम के नाम, कृषकों की संख्या तथा अधिगृहित किये जाने वाला क्षेत्रफल की विस्तृत जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के अन्तर्गत पारित किये गये अवार्ड की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पारित किये गये अवार्ड के विरूद्ध वर्तमान तक 50 ग्रामों के कुल 1371 कृषकों को 8, 66, 45, 055 रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष कृषकों को भुगतान की प्रकिया जारी है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) अधिनियम के प्रावधानों तथा राज्‍य शासन द्वारा निर्धारित कारक के आधार पर मुआवजा भुगतान किया जा रहा है। अधिनियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

मुआवजा वितरण एवं पुनर्वास कार्य में लापरवाही

[राजस्व]

94. ( क्र. 1314 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीतानगर बांध जिला दमोह के डूब क्षेत्र में डूब रही सैड़ारा तिन्‍दुआ समिति के सदस्‍यों को भूमि को मुआवजा वितरण सूची में क्‍यों शामिल नहीं किया गया है? (ख) इस समिति के सदस्‍यों कि जमीन डूब जाने के उपरांत शासन ने इन परिवारों के पुनर्वास की क्‍या योजना बनाई है? (ग) यदि इन्‍हें मुआवजा और इनके पुनर्वास के कार्य में लापरवाही हुई है तो क्‍या दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सीतानगर मध्‍यम सिंचाई परियोजना में रा.प्र. क्रमांक 05अ-82 वर्ष 2017-18 में भू-अर्जन हेतु अवार्ड पारित करने की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) एवं (ग) अंतिम निर्णय पारित न होने के कारण प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

जिला भिण्‍ड अंतर्गत हैण्डपंप एवं नल-जल योजनाओं की स्थिति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

95. ( क्र. 1333 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में विधान सभा क्षेत्र भिण्‍ड में कितने हैण्डपंप स्‍थापित हैं? कितने चालू एवं कितने बंद एवं कितने स्‍थाई बंद है? कितनी नल-जल योजनाएं संचालित हैं? योजनावार बताएं। कितनी चालू कितनी बंद है? कितनी योजनाएं निर्माणाधीन है? बंद का कारण सहित बताएं। (ख) क्‍या स्‍थाई बंद हैण्डपंप के स्‍थान पर नीवन हैण्डपंप खनन किया जाएगा तथा निर्माणाधीन योजनाएं कब तक पूर्ण की जाकर जल प्रदाय चालू कर दिया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 3280 हैण्डपंप स्थापित, 3141 चालू, 12 हैण्डपंप साधारण खराबी से एवं 127 हैण्डपंप स्थायी रूप से बंद हैं। 39 नल-जल योजनाएं संचालित हैं, जिसमें से 19 चालू एवं 20 योजनाएं बंद हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 02 योजनाएं निर्माणाधीन हैं। (ख) निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मान से कम जल प्रदाय होने पर वित्तीय संयोजन के अनुसार नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का प्रावधान है। दिनांक 31.03.2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

परिशिष्ट - "तेईस"

एन.आर.आई. कोटे में भर्ती अभ्‍यर्थियों की जांच

[चिकित्सा शिक्षा]

96. ( क्र. 1349 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र.3358 दिनांक 24 जुलाई 2019 के संदर्भ में बतावें कि एन.आर.आई. कोटे में प्रवेश विद्या‍र्थी की पात्रता की जांच शासन द्वारा किस-किस वर्ष में की गई? यदि नहीं, तो बतावें कि इस संदर्भ में मा. सर्वोच्‍च न्‍यायालय के प्रकरण क्र. 4060/2007 के निर्देशों का पालन क्‍यों नहीं किया गया कि निजी महाविद्यालय से योग्‍य एवं पात्र विद्यार्थी चयनित हैं, यह देखना शासन का दायित्‍व है। (ख) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 3358 के खण्‍ड (ग) के उत्‍तर के संदर्भ में बतायें कि जांच करने के संबंध में निर्देश देने का दायित्‍व तथा अधिकार किस विभाग द्वारा अधिकारी का है? क्‍या प्रश्‍नकर्ता विधायक के कहने पर जांच नहीं की जा सकती है? यदि हाँ, तो क्‍या 2008 में 2018 में एन.आर.आई. कोटे में भर्ती की जांच की जाएगी? (ग) चिकित्‍सा शिक्षा संचालनालय द्वारा 2017 के 114 एन.आर.आई. कोटे में भर्ती अभ्‍यर्थियों की जांच संबंधी समस्‍त दस्‍तावेज तथा जांच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्‍ध करायें। (घ) राज्‍य स्‍तरीय ऑनलाईन Councelling के माध्‍यम से एन.आर.आई. कोटे में आवंटन की प्रक्रिया की सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराएं।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) प्रश्‍नकर्ता का प्रश्‍न क्रमांक 3358 के स्‍थान पर 3558 प्राप्‍त हुआ था। वर्ष 2017 में एन.आर.आई. कोटे में प्रवेश विद्यार्थियों की पात्रता की जांच शासन द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर में दायर याचिका क्रमांक 14836/2017 में पारित निर्णय दिनांक 10.11.2017 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-01 अनुसार है।), के परिपालन में संचालनालय, चिकित्‍सा शिक्षा द्वारा की गई। इसी क्रम में माननीय उच्‍च न्‍यायालय के निर्देश पर जांच प्रवेश एवं शुल्‍क विनियामक आयोग, भोपाल द्वारा की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) प्रवेश एवं शुल्‍क विनियामक आयोग एक्‍ट के तहत निजी चिकित्‍सा महाविद्यालयों द्वारा अपने स्‍तर से एन.आर.आई. अभ्यर्थियों को प्रवेश दिए जाने पर उनके विरूद्ध जांच/कार्यवाही के अधिकार प्रवेश एवं शुल्‍क विनियामक आयोग को है। अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत प्रवेश एवं शुल्‍क विनियामक आयोग द्वारा ही निजी चि‍कित्‍सा महाविद्यालयों की जांच की जा सकती है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                 (ग) चिकित्‍सा शिक्षा संचालनालय द्वारा 2017 के 114 एन.आर.आई. कोटे में भर्ती अभ्‍यर्थियों की जांच संबंधी समस्‍त दस्‍तावेज तथा जांच प्रतिवेदन का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) राज्‍य स्‍तरीय ऑनलाईन काउंसलिंग के माध्‍यम से एन.आर.आई. कोटे में आवंटन की प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-04 अनुसार है।

उचि‍त मूल्‍य की दुकानों के संदर्भ में

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

97. ( क्र. 1350 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 4001 दिनांक 24 जुलाई 2019 के खण्‍ड (ख) का उत्‍तर दिलाया जाए तथा बतावें कि सिंहस्‍थ 2016 में विभाग द्वारा किस-किस मद से कितना-कितना व्‍यय किया गया तथा क्‍या वह बजट 2016 में अनुमोदित था? (ख) प्रदेश में उचि‍त मूल्‍य की दुकानों पर POS मशीन किस वर्ष में किस मद से लगाई गई है तथा अक्‍टूबर 2019 तक कुल कितने किराया दिया जा चुका है तथा POS मशीन लगाने के बाद से प्रदेश में किसी भी दुकान पर राशन वितरण में कोई भी अनियमितता नहीं पाई गई तथा POS मशीन लगाने के पीछे क्‍या उद्देश्‍य है? (ग) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 4001 दिनांक 24 जुलाई, 2019 के खण्‍ड (ग) के उत्‍तर के संदर्भ में बताएं कि राशन वितरण में अनियमितता पर FIR दर्ज करने के संदर्भ में क्‍या दिशा-निर्देश हैं तथा कौन सक्षम अधिकारी FIR दर्ज करने का निर्णय लेता है, उसका पद बतावें तथा बतावें की वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक प्रदेश की कितनी राशन दुकानों पर अनियमितता के कुल कितने प्रकरण पाये गये तथा कितने प्रकरण में FIR दर्ज की गई? (घ) रतलाम में काल्‍पनिक परिवारों को राशन वितरण में मात्र 8 दुकानों में 10 करोड़ का घोटाला पाये जाने के बाद शेष 55 दुकानों पर उसी तर्ज पर उस अवधि का हितग्राहियों की संख्‍या की जांच क्‍यों नहीं की गई जबकि 8 दुकानों की जांच रेंडम पद्धति से की गई थी, जिसका यह अर्थ होता हैं कि रेंडम जांच में अनियमितता पाई जावे तो शेष सभी दुकानों की जांच की जावेगी। शेष दुकानों की जांच नहीं करने के वाले अधिकारियों के नाम बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

कार्य का भौतिक सत्‍यापन

[महिला एवं बाल विकास]

98. ( क्र. 1356 ) श्री सुनील सराफ : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या दिनांक 01.01.2016 से 30.01.2018 तक महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयरन फ्रेम बोर्ड लगाने का कार्य जनसम्‍पर्क विभाग को दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो जनसम्‍पर्क विभाग में कार्य किस एजेंसी फर्म के द्वारा कराया? फर्म का नाम, भुगतान राशि, दिनांक लंबित राशि सहित वर्षवार जानकारी देवें (ग) उक्‍त कार्य हेतु महिला बाल विकास विभाग द्वारा जनसम्‍पर्क विभाग को कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई? क्‍या जनसम्‍पर्क विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग ने इसका भौतिक सत्‍यापन करवाया? यदि हाँ, तो इनकी सत्‍यापन की प्रमाणित प्रति देवें।       (घ) क्‍या सत्‍यापन की जवाबदेही जनसम्‍पर्क विभाग की थी? यदि हाँ, तो किस विभाग के जिला अधिकारी ने सत्‍यापन किया? नाम, पदनाम, पदस्‍थापना सहित देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) हाँ (ख) जनसंपर्क विभाग के अनुसार एजेंसी-नीलम ट्रेडर्स, उदय इंटरप्राईजेस, प्रथम पब्लिसिटी प्रा.लि. वर्ल्ड विजन इंटरप्राईजेस से कार्य कराया गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 में जनंसपर्क विभाग द्वारा कुल राशि रूपये 5, 36, 97, 572/- भुगतान किया गया। (ग) उक्त कार्य हेतु महिला बाल विकास विभाग द्वारा जनसंपर्क विभाग को राशि रूपये 5, 54, 62, 854/- का बजट आवंटन दिया गया। जी हाँ जनसम्पर्क संचालनालय द्वारा कार्य उपरांत पावतियों की छायाप्रतियां संचालनालय को प्रेषित की गई जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जनसम्पर्क संचालनालय द्वारा कार्य उपरांत प्रेषित पावतियों की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, जिसमें सत्यापन करने वाले अधिकारियों का विवरण अंकित है।

उज्जैन आर.टी.ओ. द्वारा जारी परमिट और एन.ओ.सी. की जानकारी

[परिवहन]

99. ( क्र. 1376 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्या दिनांक 30/10/2019 को उज्जैन आर.टी.ओ. से बस क्रमांक MP13P2151, MP13P2251, MP13P2351, MP13P2451, MP13P2551, MP13P2651, MP13P2751, MP13P2851, MP13P2951, MP13P3051 को एन.ओ.सी. जारी की गयी थी? यदि हाँ, तो एन.ओ.सी. जारी करने की कौन-कौन सी शर्तों के सत्यापन के बाद एन.ओ.सी. जारी की गयी थी? पूर्ण सत्यापित जानकारी देवें। (ख) क्या निगम द्वारा 6 माह पहले से उक्त बसों के लिए परमिट उज्जैन आर.टी.ओ. से मांगा जा रहा था? यदि हाँ, तो नगर निगम उज्जैन द्वारा परमिट के लिए आवेदन कब प्रस्तुत किया गया? उक्त आवेदन पर जांच कब तक चली और उज्जैन आर.टी.ओ. द्वारा परमिट और एन.ओ.सी. कब जारी की गयी? यदि जांच की है तो सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करें। (ग) क्या अमृत मिशन योजना के अंतर्गत 10 हाइटेक बसें विभिन्न मार्गों पर चलाने के लिए उज्जैन आर.टी.ओ. द्वारा परमिट दिया गया था? यदि हाँ, तो नगर निगम के किस आवेदन पर, किस मार्ग के लिए, कब-कब अनुमति प्रदान की गयी? (घ) क्या उज्जैन आर.टी.ओ. द्वारा एन.ओ.सी. जारी करने के बाद उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट के सी.ई.ओ., महाप्रबंधक, डिप्टी जनरल मैनेजर, ए.जी.एम. की निगरानी में सिटी बस की चोरी की घटना घटित होने से क्या आर.टी.ओ. से सांठगांठ होना संदेह के घेरे में नहीं आता है? यदि आता है तो एन.ओ.सी. जारी कराने में किन्होंने सहमति दी? क्‍या इसकी जांच की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 48 की शर्तों के अंतर्गत प्रश्नांश में उल्लेखित वाहनों की एन.ओ.सी. पंजीकृत वाहन स्वामी के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र दिये जाने पर जारी की गई है। जानकारी  संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है(ख) प्रश्नांश क में उल्लेखित वाहनों के 06 माह पूर्व निगम द्वारा परमिट हेतु कोई आवेदन आर.टी.ओ. कार्यालय में प्रस्तुत नहीं किये गये हैं, अतः परमिट के लिए आवेदन की जांच का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। हाँ यह अवश्य है कि उक्त बसों के पंजीकृत वाहन स्वामी आर्या ई कनेक्ट इंटरसिटी प्रा.लि. द्वारा परमिट एवं एन.ओ.सी. के लिए आवेदन प्रस्तुत किये गये थे, प्रश्नांश (क) में वर्णित वाहनों के पंजीकृत वाहन स्वामी द्वारा परमिट हेतु जो आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये थे, उन पर जिन-जिन मार्गों पर परमिट स्वीकृत किये गये हैं, उनकी  जानकारी  संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ग) नगर निगम द्वारा अमृत मिशन योजनांतर्गत किसी भी वाहन अथवा मार्ग के लिए कोई आवेदन आर.टी. ओ. उज्जैन को प्रस्तुत नहीं किये गये हैं, अतः अनुमति प्रदाय किये जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (घ) मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 48 में प्रावधानों का पालन करते हुये अपने कर्तव्‍यों का पालन करते हुये एन.ओ.सी. जारी की गई है। उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट के सी.ई.ओ., महाप्रबंधक, डिप्टी जनरल मैनेजर ए.जी.एम. की निगरानी में सिटी बस की चोरी की घटना से परिवहन विभाग का संबंध नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "चौबीस"

कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी के प्रकरण

[वाणिज्यिक कर]

100. ( क्र. 1377 ) श्री महेश परमार : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आबकारी आयुक्त ग्वालियर द्वारा इंदौर जिले में अगस्त 2017 में हुए शराब घोटाले में 41, 73, 73, 670 रु. की राशि कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी के द्वारा जमा राशि को बढ़ाकर कम जमा होना परिगणित किया गया था? यदि हाँ, तो राजकोषीय क्षति पहुँचाने के लिए आबकारी विभाग के कुल कितने अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाये गए? ब्यौरा देवें। (ख) मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 के अंतर्गत कितने लायसेंस निरस्त किए गए तथा वैधानिक कार्यवाही की गयी? (ग) वर्तमान स्थिति में आबकारी विभाग के कितने सहायक आयुक्त/आबकारी अधिकारी विभागीय जांच प्रकरणों में आर्थिक अनियमितताओं के दागी हैं जिन पर जांच चल रही है और वर्तमान में पदस्थ हैं? उनके नाम, पद और प्रकरण की जानकारी प्रदान करें। (घ) विभाग में आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त/आबकारी अधिकारी के खिलाफ कुल कितनी शिकायत दर्ज हैं तथा कितने अधिकारियों को जांच उपरांत ब्लैक लिस्टेड किया गया है?   (ड.) विभाग में आबकारी विभाग से संबंधित समस्त घोटालों की सूची उपलब्ध कराएं।

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) विभागीय जांच समिति की जांच में कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी कर जमा राशि को बढ़ाकर रूपये 41, 73, 73, 630/- कम शासन के पक्ष में जमा होना परिगणित किया गया। कलेक्‍टर, जिला इन्‍दौर के पत्र दिनांक 12.02.2018 से प्राप्‍त जानकारी अनुसार कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी के प्रकरण में वास्‍तविक राशि रूपये 41, 65, 21, 890/- परिगणित की गयी। कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी के संबंध में अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन द्वारा 08 अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध शासन आदेश दिनांक 23 जून 2018 से विभागीय जांच संस्थित की गयी है। जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। विभागीय जांच आयुक्‍त के स्‍तर पर विभागीय जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) इन्‍दौर जिले में वित्‍तीय वर्ष 2017-18 में कोषालयीन चालानों पर कूटरचना एवं हेराफेरी का प्रकरण प्रकाश में आने से मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 के अंतर्गत कलेक्‍टर, जिला इन्‍दौर के द्वारा 07 समूहों में संचालित 12 देशी मदिरा दुकानों एवं 11 विदेशी मदिरा दुकानों कुल 23 मदिरा दुकानों के लायसेंस निरस्‍त किये गये थे। उक्‍त मदिरा दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों के विरूद्ध पुलिस थाना रावजी बाजार, इन्‍दौर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया है। जिसकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) वर्तमान स्थिति में विभाग के किसी भी सहायक आयुक्‍त आबकारी एवं आबकारी अधिकारी पर आर्थिक अनियमितताओं के आधार पर विभागीय जांच प्रचलित नहीं है। (घ) आबकारी विभाग में अद्यतन दिनांक तक सहायक आबकारी आयुक्‍त की 48 तथा जिला आबकारी अधिकारी की 48 कुल 96 शिकायतें दर्ज की गई। विभागीय अधिकारियों को ब्‍लेक लिस्‍टेड किये जाने का नियमों में प्रावधान नहीं है। (ड.) आबकारी विभाग में घोटालों से संबंधित जानकारी निरंक है।

अति‍वृष्टि से खराब हुई फसलों का मुआवजा

[राजस्व]

101. ( क्र. 1391 ) श्री कमल पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) हरदा जिले सहित संपूर्ण म.प्र. के किस-किस जिले में किस-किस जिले कितने हेक्‍टेयर भूमि में कितने किसानों की कितने प्रतिशत फसल नष्‍ट हुई? जिलेवार जानकारी देवें? (ख) हरदा जिले सहित म.प्र. के किस जिले में कितने किसानों की अतिवृष्टि से नष्‍ट हुई फसलों का मुआवजा/राहत राशि कितनी-कितनी प्रदान की गई? यदि अभी तक किसानों को मुआवजा/राहत राशि प्रदान नहीं की गई तो क्‍यों नहीं की गई? इसके लिए कौन जवाबदार है? (ग) क्‍या किसानों को आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों अनुसार राहत राशि प्रदान की जाना थी? यदि हाँ, तो अभी तक राशि क्‍यों नहीं प्रदान की गई? (घ) आर.बी.सी. 6-4 में क्‍या-क्‍या प्रावधान है? क्‍या किसानों को आर.बी.सी. 6-4 के अनुसार राहत राशि प्रदान की जाएगी? यदि हाँ, तो समय अवधि बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिला हरदा में 195549.244 हेक्‍टेयर भूमि मे 98205 कृषकों की 33% से अधिक फसलें नष्‍ट हुई थी। शेष जिलों से प्राप्‍त पृथक-पृथक जानकारी  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ  अनुसार है। (ख) जिला हरदा में 35.70 करोड़ राहत राशि का वितरण किया गया है। शेष जिलों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जिला हरदा में राहत राशि 35.70 करोड़ का वितरण किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता (घ) जी हाँ। आर.बी.सी. 6-4 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स  अनुसार है। जी हाँ। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में दूध पावडर का प्रदाय

[महिला एवं बाल विकास]

102. ( क्र. 1392 ) श्री कमल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्‍यप्रदेश के हरदा जिले सहित किस-किस जिले में मध्‍यान्‍ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत प्रदेश में आंगनवाड़ी एवं स्‍कूलों में दूध वितरण हेतु 01 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने दूध पावडर की मांग विभाग द्वारा दुग्‍ध संघ/शासन से की गई थी? जिलेवार, माहवार जानकारी दें। (ख) म.प्र. के सभी जिलों में विभाग द्वारा दुग्‍ध संघ/शासन से की गई दूध पावडर की डिमाण्‍ड के बदले जिलों को कितना दूध पावडर प्राप्‍त हुआ? जिलेवार, माहवार जानकारी दें।                  (ग) म.प्र. के सभी जिलों के विभाग से प्राप्‍त डिमाण्‍ड पत्र की प्रति एवं जिलों को प्राप्‍त दूध पावडर की पावती की प्रति उपलब्‍ध कराएं। जिलेवार जानकारी दें। (घ) क्‍या म.प्र. के सभी जिलों को डिमाण्‍ड अनुसार दूध पावडर प्राप्‍त हुआ है? यदि नहीं, तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) प्रदेश के समस्‍त जिलों में संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में सप्‍ताह में 03 दिन दूध वितरण के लिए दूध पावडर का प्रदाय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत मध्‍यान्‍ह भोजन परिषद् द्वारा किया जाता है। मध्‍यप्रदेश दुग्‍ध महासंघ भोपाल द्वारा संबंधित जिले के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत की मांग के आधार पर आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के लिये दूध पावडर का प्रदाय किया जाता है। विभाग द्वारा दुग्‍ध महासंघ से सीधे दूध पावडर की मांग एवं दूध पावडर प्राप्‍त करने की कार्यवाही नहीं की जाती है। जानकारी विस्‍तृत स्‍वरुप की होने के कारण एकत्रित की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय नाले पर अवैध अतिक्रमण

[राजस्व]

103. ( क्र. 1416 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना नगर मुख्यालय में कौन-कौन से शासकीय नालों में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण है? क्या शेरगंज से अमौधा होते हुये महदेवा क्षेत्र में सार्थक हॉस्पिटल होते हुये संजय अग्रवाल के राजस्व के बीच से होते हुये इसाईयों के बांध के बीच से शासकीय नाले में अतिक्रमण कर लिया गया है? अगर हाँ तो अतिक्रमण हटाकर वार्ड 29 के गंदे पानी की निकासी कब तक कराई जावेगी, जिससे फैल रही गन्दगी दूर की जा सके? (ख) भरहुत नगर से खेरमाई होते हुये नजीराबाद जाने वाले नाले में अतिक्रमण किया गया है, जिसकी जानकारी शासन प्रशासन को है? यदि है तो अभी तक अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया है? कब तक हटायेंगे? बतायें। कार्ययोजना बतायें। अतिक्रमणकारियों की जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना नगर मुख्यालय (नगर पालिक निगम सतना क्षेत्र अन्तर्गत) में दो नालों में अतिक्रमण है। 1. मौजा अमौधा से महादेवा, शासकीय भूमि से नाला गया है तथा मौजा शेरगंज की अराजी नं. 122 भूमि स्वामी स्वत्व में दर्ज है। खसरे के कालॅम नं. 10 में नाला भी दर्ज है। मौके में नाला निकलता है, उसमें मुख्यतः प्रबंधक क्रिस्टकुला स्कूल के रेवटेन्ट जनरल सेकेट्री ईसाई आ. उन्नाव (महोदवा) द्वारा चारों तहफ से बाउण्ड्री बनाकर नाले के पानी की निकासी को अवरूद्ध कर दिया गया है जो अतिक्रमण है। अतिक्रामक के विरूद्ध धारा 248 म.प्र.भू.रा.. 1959 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) भरहुत नगर से खेरमाई रोड होते हुए नजीराबाद जाने वाले नाले में सीमांकन के दौरान अतिक्रमण पाया गया था। उक्त नाले में अतिक्रमण की संख्या कुल 98 रही है जिसे आज दिनांक तक में 96 अतिक्रामकों को मौके से बेदखल कर दिया गया है दो अतिक्रामक एस..बी.एच. इन्जीनरिंग एण्ड बिल्‍डर्स एवं कश्‍यप पैलेस द्वारा माननीय न्यायालय द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश सतना से स्थगन प्राप्त कर प्रस्तुत किये जाने के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका।

सी.एम. मानिट प्रकरण में लापरवाही

[राजस्व]

104. ( क्र. 1419 ) श्री जुगुल किशोर बागरी, श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन राजस्व विभाग मंत्रालय के आदेश क्रमांक 3386/2184/2019/सात-एक भोपाल, दिनांक 23/7/2019 से कलेक्टर सतना को जारी पत्र में लेख है कि प्रकरण सी.एम. मानिट में हैं? क्या उक्त प्रकरण की जांच प्रश्‍नतिथि तक पूर्ण हो चुकी है? अगर हाँ तो जांच प्रतिवेदन की प्रति दें। अगर नहीं तो किस नाम एवं पदनाम के अधिकारी दोषी हैं? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आदेश के बाद कलेक्टर सतना के द्वारा 5/8/2019 को एस.डी.एम. रघुराजनगर को पत्र जारी किया? क्या कलेक्टर के पत्र के बाद भी एस.डी.एम. रघुराजनगर नें तहसीलदार रघुराजनगर को 7/8/19 को पत्र जारी कर जांच प्रतिवेदन सौंपने के निर्देश दिये? (ग) क्या तहसीलदार रघुराजनगर/आर.आई./संबंधित पटवारियों ने प्रश्‍नतिथि तक शिकायतकर्ता से बयान एवं दस्तावेज एकत्रित कर जांच पूरी कर जांच प्रतिवेदन एस.डी.एम. रघुराजनगर को दिये? अगर नहीं तो सी.एम. मानिट के इस प्रकरण में जांच समय पर पूर्ण नहीं करने वाले किन-किन नाम, पदनाम वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को राज्य शासन कब तक निलंबित कर उनके विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग द्वारा पत्र जारी हुआ था, उक्‍त पत्र के परिप्रेक्ष्‍य में सी.एम. मानिट में उठाये गये प्रकरण की जांच की जा चुकी है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं होता है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जांच पूर्ण की जाकर जांच प्रतिवेदन अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर को प्रदाय किया जा चुका है। शेष प्रश्‍नांश लागू नहीं होता है।

मदिरा दुकानों में गद्दीदारों/सेल्समैन की नियुक्ति

[वाणिज्यिक कर]

105. ( क्र. 1435 ) श्री राकेश गिरि : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में क्या टीकमगढ़ जिले में मदिरा की दुकानों को संचालित करने का ठेका या पूर्व ठेका में वृद्धि की गई है? यदि हाँ, तो ठेकेदारों के नाम सहित दुकानों की सूची दें। क्या सभी दुकानों पर रेट सूची तथा स्टॉक सूची लगाई गई है? (ख) ठेकेदारों द्वारा संचालित मदिरा दुकानों में गद्दीदार/सेल्समैन नियुक्त करने का शासन का कोई आदेश/नियम प्रभावशील है? यदि हाँ, तो क्‍या गद्दीदारों द्वारा किये गये नौकरनामों को आबकारी विभाग में पंजीकृत कराया गया है? (ग) मदिरा दुकानों में यदि गद्दीदार/सेल्समैन नियुक्त नहीं किये गये हैं तो संबंधित ठेकेदारों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी?             (घ) प्रश्नांश (क) अन्‍तर्गत मदिरा दुकानों के ठेकेदारों द्वारा मदिरा भण्डारण के लिए गोदाम बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो गोदामों के स्थानों की सूची दें। गोदामों में आबकारी विभाग किस चालान (परमिट) के आधार पर कितना-कितना मदिरा का भण्डारण किया गया? क्या भण्डारण का सत्यापन किसी अधिकारी के द्वारा किया गया है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) वर्ष 2019-20 में टीकमगढ़ जिले में देशी व विदेशी मदिरा के कुल 15 समूह हैं, इनमें 13 समूह में मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 125 दिनांक 16.03.2019 में प्रकाशित व्‍यवस्‍थाओं के अंतर्गत प्रथमत: नवीनीकरण के माध्‍यम से 20 प्रतिशत वृद्धि पर निष्‍पादित की गई है। शेष 02 समूह का निष्‍पादन ई-टेण्‍डर (क्‍लोज बिड एवं ऑक्‍शन) द्वारा किया गया है। गत वर्ष की अपेक्षा ठेके में वृद्धि की गई की सूची ठेकेदारों के नाम सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। देशी मदिरा दुकानों पर विक्रय मूल्‍य प्रदर्शित किया जाना प्रावधानित है। इस नियम के तहत जिला टीकमगढ़ की सभी देशी मदिरा दुकानों पर विक्रय मूल्‍य प्रदर्शित किया गया है। स्‍टॉक सूची एवं विदेशी मदिरा दुकान पर विक्रय मूल्‍य प्रदर्शित किया जाना प्रावधानित नहीं होने से जानकारी निरंक है। (ख) जी हाँ। आबकारी अधिनियम 1915 के सामान्‍य अनुज्ञप्ति नियम 7 में मदिरा दुकानों पर अभिकर्ता और नौकरों की नियुक्ति किये जाने के प्रावधान हैं। जिला टीकमगढ में वर्ष 2019-20 में 54 नौकरनामा स्‍वीकृत किये गये हैं। स्‍वीकृत नौकरनामा की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। नौकरनामा को आबकारी विभाग में पंजीकृत किये जाने के उपरांत स्‍वीकृत किया गया है।              (ग) जिन दुकानों में गद्दीदार/सेल्‍समैन नियुक्‍त नहीं किये गये हैं, उनके विरूद्ध मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के सामान्‍य अनुज्ञप्ति नियम-7 के अंतर्गत विधिवत कार्यवाही कर कुल 67 प्रकरण कायम कर 65650/- रूपये की शास्ति अधिरोपित की गई है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता है। (घ) जिला टीकमगढ की मदिरा दुकानों के लिये पृथक से कोई गोदाम स्‍वीकृत नहीं किया गया है। अत: जानकारी निरंक है।

राजस्‍व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

106. ( क्र. 1436 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या‍ रीवा जिले की तहसील गुढ, मनगवां, हुजूर अंतर्गत वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक सर्किल गोविन्दगढ़ में राजस्व प्रकरणों के निपटारे हेतु शिविर लगाये गये हैं? यदि हाँ, तो लगाये गये शिविरों के दिनांक व स्थान बतायें व कितने नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों का निपटारा शिविर में किया गया है व कितने प्रकरण लंबित हैं? जिन कृषकों के प्रकरणों का निपटारा नहीं किया गया है उनके भी नाम बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार शिविर के दौरान कितने कृषकों को ऋण पुस्तिका का वितरण किया गया है तथा कितने कृषकों को ऋण पुस्तिका वितरण करना शेष है? (ग) क्या नामान्तरण, बंटवारा, सीमांकन के प्रकरणों के निपटारा हेतु म.प्र.शासन द्वारा समय-सीमा निश्चित की गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करायें। (घ) क्या राजस्व अभिलेखीय (खसरा) अनुसार नक्शों में तरतीम किये गये हैं? यदि नहीं, किये गये हैं तो दोषी राजस्व अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ, 1. दिनांक 27.09.2014 को राजस्व शिविर ग्राम बजरंगपुर पटवारी हल्का सुपिया में की गई जिसमें कुल आवेदन पत्र 36 प्राप्त हुए थे जिनका निराकरण मौके पर किया गया था। वारिसाना नामाँतरण के तीन प्रकरण प्राप्त हुए थे जिनका निराकरण पटवारी द्वारा नामांतरण पंजी के द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अंदर कर दिया है। 2. राजस्व शिविर दिनांक 20.05.2015 को ग्राम चैरा पटवारी हल्का खैरा में आयोजित की गई। जिनमें कुल 24 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। आवेदन पत्रों का निराकरण मौके पर कर दिया गया था। 3. राजस्व शिविर दिनांक 30.05.2015 को ग्राम अमिलिकी पटवारी हल्का अमिलिकी में आयोजित की गई आवेदन पत्र 10 प्राप्त हुए थे, जिनका निराकरण मौके पर किया गया था। 4. राजस्व शिविर दिनांक 13.06.2015 को ग्राम बजरंगपुर पटवारी हल्का सुपिया में आयोजित की गई। आवेदन पत्र 14 प्राप्त हुए थे जिनका निराकरण मौके पर किया गया था जिनमें 03 आवेदन पत्र वारिसाना व एक सीमांकन के प्राप्त हुए थे। जिनका नामांतरण व सीमांकन कर दिया गया है। (ख) आयोजित राजस्व शिविर दिनांक 21.06.201427.09.201420.05.2015 एवं 30.05.2015 को ऋण पुस्तिका हेतु आवेदन पत्र प्राप्त नहीं हुए थे। बल्कि पटवारी हल्का द्वारा पुरानी ऋण-पुस्तिका जीर्ण-क्षीर्ण होने से पटवारी हल्कावार नवीन ऋण पुस्तिका जारी की गई है। (ग) जी हाँ। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) राजस्व अभिलेख में खसरा सुधार एक सतत प्रक्रिया है। नक्शा तरमीम के आवेदन पत्र प्राप्त होने पर प्रस्ताव मंगाकर विवाद की स्थिति निर्मित होने पर न्यायालीन प्रक्रिया के तहत निराकरण किया जाता है।

पैरामेडिकल कॉलेज की मान्यता में अनियमितता

[चिकित्सा शिक्षा]

107. ( क्र. 1449 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या चिकित्सा शिक्षा विभाग के नियमानुसार पैरामेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु आवेदक के स्वामित्व तथा प्रबंधन में एक अस्पताल होना चाहिए? यदि हाँ, तो विगत वर्ष 2018-19 में ऐसे कितने अशासकीय पैरामेडिकल महाविद्यालयों को मान्यता दी गयी जिनके पास स्वयं के स्वामित्व एवं प्रबंधन में अस्पताल नहीं था? सभी की जिलेवार सूची देवें तथा जिला स्तर निरिक्षण समिति द्वारा की गयी तत्सम्बंध में अनुशंसा के दस्तावेज देवें। (ख) पैरामेडिकल कौंसिल मध्यप्रदेश के रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्ति हेतु क्या-क्या अर्हताएं होनी चाहिए? वर्तमान रजिस्ट्रार के योग्यता सम्बन्धी दस्तावेज भी देवें। (ग) क्या वर्तमान रजिस्ट्रार आवश्यक अहर्ता पूर्ण करते हैं? यदि नहीं, तो 6 वर्षों से किसी योग्य व्यक्ति को नियुक्त क्यों नहीं किया गया है? (घ) वर्ष 2019-20 हेतु जबलपुर जिले में कितनी संस्थाओं द्वारा पैरामेडिकल कॉलेज संचालन की मान्यता हेतु आवेदन किया गया है? सभी की सूची तथा सभी संस्थाओं के आवेदन की प्रति देवें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का अपूर्ण भवन निर्माण कार्य

[महिला एवं बाल विकास]

108. ( क्र. 1453 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 835 दिनांक 10 जुलाई 2019 के उत्‍तर में माननीय विभागीय मंत्री महोदय द्वारा बताया गया था कि राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अन्तर्गत संचालित परियोजना नरसिंहगढ़ के 105, परियोजना कुरावर के 58 एवं परियोजना पचोर के 66 कुल 229 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं एवं परियोजना नरसिंहगढ़ के 44, परियोजना कुरावर के 27 एवं परियोजना पचोर के 25 भवन पूर्ण/निर्माणाधीन हैं, तो प्रश्‍न दिनांक तक भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के भवन निर्माण एवं अपूर्ण/निर्माणाधीन भवनों का कार्य पूर्ण कराये जाने हेतु कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक आंगनवाड़ी भवनों को समय-सीमा में पूर्ण करने हेतु महिला बाल विकास विभाग एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की शासन स्‍तर पर संयुक्‍त बैठक का आयोजन किया जा चुका है? यदि हाँ, तो उक्‍त बैठक में लिए गए निर्णयों से अवगत करावें। यदि नहीं, तो कब तक संयुक्‍त बैठक का आयोजन कर अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराया जावेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी, हाँ। विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत 229 आंगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन हैं। विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत परियोजना नरसिंहगढ़ के 44 आंगनवाड़ी भवनों में से 12 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो गये हैं, 32 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं एवं परियोजना कुरावर के 27 आंगनवाड़ी भवनों में से 03 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो गये है, 24 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं। परियोजना पचोर के 25 आंगनवाड़ी भवनों में से 03 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण हो गये है, 22 आंगनवाड़ी भवन निर्माणाधीन हैं। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत होने से निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है। निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण करने के लिये जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं राज्य स्तर पर पंचायत राज संचालनालय से समय-समय पर समन्वय किया जाता है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। (ख) भवन विहीन आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण करने हेतु शासन स्तर पर                समय-समय पर आवश्यकतानुसार बैठक का आयोजन किया जाता है एवं इस क्रम में आपसी चर्चा कर अनुसारण की कार्यवाही भी की जाती है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

मजरा-टोला को राजस्‍व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

109. ( क्र. 1454 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत किन-किन ग्राम पंचायतों में कौन-कौन से राजस्‍व ग्राम एवं मजरा-टोला सम्मिलित हैं? सूची सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त वर्णित मजरा-टोला में से कौन-कौन से मजरा-टोला नवीन राजस्‍व ग्राम बनने की पात्रता रखते हैं? प्रश्‍न दिनांक तक ऐसे सभी मजरा-टोला को नवीन राजस्‍व ग्राम घोषित करने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्‍या? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन की नीति अनुसार ऐसे सभी मजरा-टोला को राजस्‍व ग्राम घोषित किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत निम्न ग्राम पंचायतों के राजस्व ग्राम में मजरा-टोला सम्मिलित है:-

ग्राम पंचायत का नाम

ग्राम का नाम

मजरा टोला

बड़नगर

बड़नगर

बन्जारापुरा

कोटरा

कोटरा

बांकपुरा

बिजोरी

बिजोरी टीला

शेरपुरा

बडोदिया तालाब

बडोदिया तालाब

काछीपुरा

तिन्दोनिया

तिन्दोनिया

इन्दरगढ़

बिहार

बिहार

रूकन्याखेडी पीपलठोन

जामोन्या गणेष

जामोन्या गणेष

गणेषपुरा

हिनोत्या

हिनोत्या

भरतगढ़

(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्त वर्णित मजरा-टोला में से हिनोत्या ग्राम का भरतगढ़ मजरा पृथक राजस्व ग्राम बनाने के संबंध में विभागीय अधिसूचना क्रमांक एफ 15-15/2017/1138/सात-6, दिनांक 24.10.2017 को मजरा टोला भरतगढ़ को पृथक नवीन राजस्‍व ग्राम घोषित किया जा चुका है। (ग) नियमानुसार पात्र पाये जाने पर समस्त मजरे टोलों को राजस्व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही की जाती है।

प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि योजना में पंजीयन

[राजस्व]

110. ( क्र. 1458 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन संभाग में कुल कितने खाते कृषि भूमि के हैं, इनमें से कितने खातों का पंजीयन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किया गया है तथा कितने खातों का पंजीयन किया जाना शेष है? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शेष रहे कृषकों का पंजीयन क्यों नहीं किया गया? इस योजना में कार्य करने वाले कर्मचारियों को भारत सरकार द्वारा कितनी राशि का मानदेय दिए जाने का प्रावधान है? यदि मानदेय राशि दिए जाने का प्रावधान है तो फिर इस योजना का क्रियान्वयन ठीक ढंग से क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार जिन कृषकों का पंजीयन हुआ है, उनमें से कई कृषकों की विभिन्न प्रकार की त्रुटीयां पाई गई हैं? यदि हाँ, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी है? कृषकों के पंजीयन में त्रुटी से किसान सुधार हेतु राजस्व अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं परंतु सुधार नहीं किया जा रहा है, क्‍या शासन द्वारा पोर्टल पर त्रुटी सुधार हेतु निर्देश जारी किए गए अथवा नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 05/12/2019 की स्थिति में उज्जैन संभाग में जिलेवार कुल खाता की जानकारी निम्‍नानुसार है, जिसमें पात्रता परीक्षण हेतु कार्यवाही की जाती है।

जिला

कुल खाता

अद्यतन खाता

शेष खाता

उज्जैन

367365

273537

93828

देवास

302124

255053

47071

रतलाम

290384

287425

2959

शाजापुर

226279

192889

33390

आगरमालवा

162538

132761

29777

मन्दसौर

352831

340026

12805

नीमच

191855

182727

9128

योग

1893376

1664418

228958

खातानुसार जानकारी अद्यतन कर पात्रता परीक्षण अनुसार पात्र कृषकों की जानकारी पी.एम. किसान पोर्टल की ओर आगामी कार्यवाही हेतु सतत रूप से प्रेषित की जाती है। (ख) प्रश्नांश '''' अनुसार शेष रहे कृषकों का पात्रता परीक्षण उपरांत पंजीयन कार्य किया जाता है। म.प्र.शासन, राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक एफ 03-08/2019/सात/शा-6 दिनांक 18/02/2019 द्वारा प्रशासनिक व्यय हेतु प्रति खाता 18/- रूपये के मान से पटवारियों को मानदेय दिए जाने का प्रावधान है। पात्रता परीक्षण एवं पी.एम. किसान पोर्टल पर कृषकों की जानकारी भेजने का कार्य किया जाता है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन कृषकों का पंजीयन हुआ है, उसमें सुधार का कार्य पोर्टल के माध्यम से किया जाता है जिसकी लगातार समीक्षा कर निर्देश समय-समय पर जारी किए गए हैं।

पोषण आहार में अण्‍डे देने का प्रावधान

[महिला एवं बाल विकास]

111. ( क्र. 1459 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शासन द्वारा प्रदेश में आंगनवाड़ियों के माध्यम से बच्चों को पोषक आहार के रूप में सप्‍ताह में तीन दिन अण्डा दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्‍या सरकार द्वारा मांसाहर को मध्‍यप्रदेश में अनिवार्य किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित व्‍यवस्‍था में छोटे बच्‍चे अण्‍डे व फल में से चयन कैसे करेंगे? क्‍या लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होंगी? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पोषण आहार में अण्‍डा सबसे सर्वश्रेष्‍ठ है, यह सरकार को किस डॉक्‍टर्स की रिपोर्ट में बताया है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विभाग द्वारा प्रदेश में आंगनवाडियों के माध्यम से 1 से 5 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री महिलाओं को पूरक पोषण आहार के रूप में सप्ताह में तीन दिन अण्डा दिये जाने संबंधी प्रस्ताव विचाराधीन है। जी नहीं, अण्डे का वितरण केवल इच्छुक हितग्राहियों को ही किया जाना प्रस्तावित है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यवस्था के संबंध में परिवार से सहमति लेकर संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका द्वारा 1 से 5 वर्ष के बच्चो को अण्डे या फल का वितरण किया जाना प्रस्तावित है। अण्डे/फल का वितरण परिवार की सहमति उपरांत किये जाने से धार्मिक भावनाएं आहत नहीं होंगी। (ग) Indian Council of Medical Research (ICMR) के अनुसार मानव विशेषकर शिशु शरीर के वृद्धि एवं विकास के लिये आवश्यक सभी प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले अमीनो एसिड, पशु स्त्रोत से प्राप्त प्रोटीन में वनस्पति स्त्रोत से प्राप्त प्रोटीन की अपेक्षा ज्यादा श्रेष्ठ होते हैं। Dietary guideline for Indian foods, National Institute of Nutrition (NIN) and Indian Council of Medical Research (ICMR), 2011 के अनुसार अण्डा एक सम्पूर्ण सर्वोत्म आहार है जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले सभी प्रकार के अमीनो एसिड युक्त प्रोटीन सही अनुपात में पाये जाते हैं।

खाद्यान्न पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

112. ( क्र. 1462 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बदनावर विधानसभा में कितने परिवारों को हितग्राही खाद्यान्न पर्ची नहीं दी गई है और कब तक दे दी जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75% आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। बदनावर विधानसभा क्षेत्र में कुल 2, 915 आवेदकों को पात्रता पर्ची की demand है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है।

जनकार्य हेतु भूमि आवंटन

[राजस्व]

113. ( क्र. 1465 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्या ग्राम बोरदा, बन्नाखेड़ा तहसील जावरा जिला रतलाम अंतर्गत सर्वे न. 224, 225 एवं 226 की भूमियां रियासतकालीन होकर देश के विभाजन के पश्चात शासनाधीन हुई और आजादी के पूर्व एवं पश्चात भी विभिन्न प्रयोजनों हेतु अनुबंधित कर कतिपय फर्मों/व्यक्तियों को दी गयी थी?              (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त सर्वे क्र. की भूमियां तत्कालीन समय में जिन विभिन्न कार्यों के प्रयोजनों हेतु अनुबंधित कर दी गयी थी, उन समस्त का कार्य एवं प्रयोजन प्रश्न दिनांक के विगत कई वर्षों पूर्व समाप्त हो चुका है? (ग) यदि हाँ, तो क्या उक्त सर्वे में से जिन-जिन कार्यों के प्रयोजनों हेतु भूमिया तत्कालीन समय में कार्य करने हेतु दी गयी थी, उन सब का या तो कार्य पूर्ण होकर बंद हो चुका या समाप्त हो चुका? (घ) यदि हाँ, तो अवगत कराएं कि तत्कालीन विगत वर्षों में किये गये भूमि के अनुबंधों के समस्त प्रयोजन वर्तमान में बंद होकर समाप्त हो चुके हैं, ऐसी दशा में क्षेत्र की बढती जन आवश्यकता को दृष्टिगत रख शासनाधीन कार्यों हेतु आवंटित/अधिग्रहित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक किया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। सर्वे क्रं. 224 कभी भी शासकीय नहीं रहा। जी हाँ। सर्वे क्रं. 225, 226 समय समय पर शासनाधीन रहे हैं। शेष जानकारी  संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) प्रश्नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पच्चीस"

समूह जल प्रदाय योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

114. ( क्र. 1466 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र/राज्य प्रवर्तित योजना अंतर्गत जल निगम के माध्यम से समूह जल प्रदाय योजनाए प्रस्तावित की जा रही है, जिसके माध्यम से प्रत्येक गाँव के प्रत्येक घरों में शुद्ध पेयजल मिल सके? (ख) यदि हाँ, तो रतलाम नगर एवं रतलाम जिला अंतर्गत आने वाले समस्त विकासखंडों में क्या माही डेम (माही नदी) तथा गांधीसागर डेम के पर्याप्त जल भराव के माध्यमों से पूर्ण किये जाने हेतु योजना बनाई जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो क्‍या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पिपलोदा तहसील एवं जावरा तहसील को माही डेम अथवा गांधीसागर डेम से जोड़कर योजना प्रस्तावित की गई है? (घ) यदि हाँ, तो गांधीसागर डेम जावरा विधानसभा क्षेत्र की उल्लेखित तहसीलों के अंतर्गत आने वाले समस्त ग्रामों के स्थानों से दूरी के मान से काफी निकट होने से क्‍या प्रस्तावित योजना में इन्हें सम्मिलित किया जायेगा? योजना से अवगत कराएंl

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम नगर हेतु मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। माही नदी स्त्रोत आधारित रतलाम जिले के 5 विकासखंड क्रमशः पिपलोदा, रतलाम, जावरा, सैलाना व बाजना के कुल 640 ग्रामों तथा गांधीसागर डेम स्त्रोत से आलोट विकासखण्ड के 191 ग्रामों के लिए जलप्रदाय योजना प्रस्तावित है। (ग) जी हाँ, पिपलोदा एवं जावरा तहसील को माही नदी स्त्रोत आधारित योजना प्रस्तावित की गई है।               (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिवहन चेक पोस्ट पर अवैध वसूली

[परिवहन]

115. ( क्र. 1469 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या सितम्बर 2015 में तहसीलदार जावद, जिला नीमच ने परिवहन चेक पोस्ट पर अवैध वसूली के सम्बन्ध में नयागाँव के कर्मचारियों/अधिकारियों के खिलाफ थाना जावद में एफ.आई.आर दर्ज करायी गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त एफ.आई.आर. तथा उससे सम्बंधित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रतियाँ प्रस्तुत करें। (ख) उक्त एफ.आई.आर के दर्ज होने के दिनांक से लेकर प्रश्न दिनांक तक इस प्रकरण में किस-किस स्तर पर कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) यदि इस प्रकरण में अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी है, तो कारण बतायें और नाम, पदनाम और पदस्थापना की जानकारी सहित उन अधिकारियों/कर्मचारियों की सूची प्रदान करें, जो कार्यवाही नहीं करने के लिये प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष तौर पर जिम्मेदार है। (घ) नयागाँव आकस्मिक निरीक्षण के पश्चात तात्कालिक कलेक्टर के द्वारा आयुक्त मध्यप्रदेश परिवहन विभाग को शिकायत क्रमांक 73/शिकायत/15 दिनांक 28/08/2015 को नयागाँव जिला नीमच स्थित बैरियर पर वसूली विषयक कार्यवाही हेतु भेजा गया, इस सम्बन्ध में आयुक्त मध्यप्रदेश परिवहन विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी? कार्यवाही में विलम्ब के लिए कौन जवाबदार है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दिनांक 09-09-2015 को तहसीलदार जावद द्वारा एफ.आई.आर दर्ज कराई गई थी। जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।               (ख) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।

एकीकृत महिला बाल विकास परियोजना

[महिला एवं बाल विकास]

116. ( क्र. 1478 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) अतारांकित प्रश्‍न क्र. 3966 सदन में उत्तर देने का दिनांक 24.07.2019 द्वारा प्रश्नकर्ता को दी गई जानकारी में अनुलग्नक (अ) के परिशिष्ट (अ) में अनुबंधित समूहों को आवंटि‍त आंगनवाड़ी केन्‍द्रों अनुसार अनुलग्नक (ब) में जिन बच्चों, धात्री, गर्भवती महिलाओं को नाश्ता व भोजन देने का भुगतान, समूहों को किया गया है। उन समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों में दर्ज हितग्राहियों के नाम, पता सहित जानकारी दी जाये। (ख) एकीकृत महिला बाल विकास रीवा शहरी में पदस्थ परियोजना अधिकारी द्वारा एवं सेक्टर पर्यवेक्षकों द्वारा किन-किन आंगनवाड़ी केन्द्रों में वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब निरीक्षण किया गया? निरीक्षण प्रतिवेदन दें। क्या‍ कागजों में निरीक्षण किया जाता है और अनियमितताओं में समूहों व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाती? यदि हाँ, तो बताएं कि किस-किस आंगनवाड़ी केन्द्रों में क्या अनियमितताएं पाई गई हैं? वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक जानकारी दें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) अतारांकित प्रश्न क्र. 3966 सदन में उत्तर देने का दिनांक 24.07.2019 के प्रेषित उत्तर में दी गई जानकारी में अनुलग्नक (ब) में स्वसहायता समूहों को जुलाई 2017 से जनवरी 2019 तक माहवार किये गये भुगतान की जानकारी दी गई थी। रीवा शहरी परियोजना में 183 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं। आंगनवाड़ी केन्द्रों में जिन बच्चों, धात्री महिलाओं एवं गर्भवती महिलाओं को नाश्ता एवं भोजन दिया जाता है उनके नाम की जानकारी आंगनवाड़ी केन्द्रों में संधारित की जाती है। गर्भवती महिला को पंजीयन दिनांक से प्रसव तक तथा धात्री महिला को प्रसव से 6 माह तक प्रति मंगलवार ताजा पका हुआ पोषण आहार प्रदान किया जाता है। उक्त पात्रता अनुसार माहवार हितग्राही परिवर्तित होते रहते है। रीवा शहरी परियोजना में कई हितग्राही किराये के मकानों में रहते हैं तथा मकान परिवर्तन पर उनका पता तथा सेवा का आंगनवाड़ी केन्द्र भी परिवर्तित हो जाता है। इस प्रकार बच्चों तथा अन्य हितग्राहियों का पता परिवर्तित होता रहता है। शासन द्वारा अस्थाई निवासियों को भी पात्रता अनुसार लाभान्वित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। शहर में कई परिवार मजदूरी जैसे रोजगारों के लिए अस्थाई रूप से आ कर रहते हैं तथा कुछ घुमन्तु समुदाय के परिवार भी समय-समय पर आकर रहते हैं। अतः सभी हितग्राहियों का नाम तथा पता स्थाई नहीं होता है। यह जानकारी परियोजना कार्यालय स्तर पर उपलब्ध नहीं होती है। (ख) महिला एवं बाल विकास परियोजना रीवा शहरी में वर्ष 2015 से वर्तमान तक पदस्थ विभिन्न पर्यवेक्षकों एवं परियोजना अधिकारियों द्वारा जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण किया गया, उनका निरीक्षण प्रतिवेदन आंगनवाड़ी केन्द्रों में संधारित निरीक्षण पंजियों में दर्ज किया जाता रहा है। आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण प्रणाली को अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए शासन द्वारा सम्पर्क ऐप के माध्यम से निरीक्षण व्यवस्था प्रारम्भ की गई है। परियोजना अधिकारियों तथा पर्यवेक्षकों के द्वारा निरीक्षण का भ्रमण पत्रक सम्पर्क ऐप में दर्ज किया जाता है। सम्पर्क ऐप में दर्ज भ्रमण पत्रक का प्रिन्ट आउट पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। अतः निरीक्षण कागजों में नहीं किया जाता है। निरीक्षण में पाई गई अनियमितताओं पर कार्यवाही भी की जाती है। प्रश्न अवधि में 121 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मानदेय कटौती, 01 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को पद से पृथक किया जाना तथा 01 पर्यवेक्षक के निलम्बन की कार्य की गई है। साथ ही 06 स्वसहायता समूहों के देयक कटौती की कार्यवाही भी की गई है। वर्ष 2015 से की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

डायवर्सन के प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

117. ( क्र. 1485 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के अंतर्गत डायवर्सन हेतु कितने आवेदन वर्ष 2017 से प्रश्न दिनांक तक प्राप्त हुए? प्राप्त आवेदनों में से कितने प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है एवं कितने प्रकरण लंबित हैं? लंबित रहने का क्या कारण है? (ख) निराकृत प्रकरणों में कितने प्रकरणों में टाउन कंट्री प्लानिंग की अनुमति ली गयी है तथा कितने प्रकरणों में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की अनुमति नहीं ली गयी है? (ग) भू-खण्ड एवं बड़े रकबों के डायवर्सन के लिए टाउन कंट्री प्लानिंग की अनुमति आवश्यक है या नहीं? (घ) प्रश्नांश (ग) का उत्तर यदि हाँ, तो डायवर्सन के प्रकरण जिनमें टाउन कंट्री प्लानिंग की अनुमति ली गई है, सही माने जाएंगे या जिन प्रकरणों में टाउन कंट्री प्लानिंग की अनुमति नहीं ली गई है क्या वे सही माने जावेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कुल 1945 निराकृत, 1822 लंबित, 123 आवेदकगणों द्वारा न्‍यायालयों में आवश्‍यक दस्‍तावेज प्रस्‍तुत नहीं करने तथा शेष राशि का कोषालय में दाखिल चालान प्रस्‍तुत नहीं करने के कारण डायवर्सन प्रकरण लंबित है। (ख) निराकृत प्रकरणों में से वर्ष 2017-18 में 14 प्रकरणों में ग्राम तथा नगर निवेश की अनुमति ली गई है। अन्‍य प्रकरण विकास योजना के बाहर है। भूमि उपयोग परिवर्तन के लिये स्‍वनिर्धारण कर राजपत्र के पुनर्निर्धारण की व्‍यवस्‍था होने से ग्राम तथा नगर निवेश की अनुमति नहीं ली गई है। (ग) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश            भू-राजस्‍व संहिता, 1959 की धारा 59 के तहत प्रकरणों में सिर्फ प्रीमियम निर्धारण/भू-राजस्‍व का पुनर्निर्धारण किया जाता है। (घ) प्रश्‍नांश '''' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

यात्री बसों एवं स्‍कूल बसों का आकस्मिक निरीक्षण

[परिवहन]

118. ( क्र. 1493 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह जनवरी 2019 से 15 नवम्‍बर 2019 तक भोपाल आर.टी.ओ. द्वारा ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से यात्री बसों एवं स्‍कूल बसों का आकस्मिक निरीक्षण किस-किस दिनांक को किस-किस स्‍थल पर किया गया? निरीक्षण में पाये गये दोषी वाहन का क्रमांक दोष का प्रकार एवं उनके स्‍वामी का नाम बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में दोषी पाये गये वाहनों पर क्‍या कार्यवाही की गई? वाहनवार विवरण दिया जाये। (ग) दोषी पाये गये वाहनों में कितने वाहन आदतन ऐसे कृत्‍य करने के आदी हैं? क्‍या उनका रिकॉर्ड आर.टी.ओ. द्वारा रखा जाता है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो ऐसी व्‍यवस्‍था क्‍यों नहीं है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) माह जनवरी 2019 से 15 नवम्बर 2019 तक आर.टी.ओ. कार्यालय भोपाल एवं ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी/कर्मचारियों के सहयोग से यात्री बसों एवं स्कूल बसों का आकस्मिक निरीक्षण समय-समय पर किया गया है। निरीक्षण के दौरान 67 यात्री बसों पर की गई कार्यवाही के फलस्वरूप वाहन स्वामी से शास्ति एवं समझौता शुल्क की राशि रूपये 805664/- वसूल की गई तथा 20 स्कूल बसों पर कार्यवाही कर राशि रूपये 47509/-वसूली की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ग) दोषी पाये गये वाहनों में आदतन कृत्य करने वाली कोई वाहन नहीं पाई गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बुन्‍देलखण्‍ड मेडिकल कॉलेज सागर में सुपरस्‍पेशिलिटी सुविधाएं

[चिकित्सा शिक्षा]

119. ( क्र. 1497 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या संभागीय मुख्‍यालय सागर के बुन्‍देलखण्‍ड मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी, न्‍यूरोलॉजी एवं कैंसर के विषय विशेषज्ञ तथा अन्‍य सुपरस्‍पेशिलिटी सुविधायें उपलब्‍ध नहीं है, जिस कारण मरीजों को अन्‍यत्र रिफर किया जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र के मरीजों को इस मेडिकल कॉलेज का लाभ नहीं मिल पा रहा है? (ख) क्‍या शासन चिकित्‍सा जैसे इस महत्‍वपूर्ण विषय पर विचार करते हुये, विषय विशेषज्ञ तथा अन्‍य सुपरस्‍पेशिलिटी सुविधायें उपलब्‍ध करायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?            (ग) क्‍या शासन प्रधानमंत्री स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजनातंर्गत बुन्‍देलखण्‍ड मेडिकल कॉलेज सागर में चिकित्‍सा सुविधा उपलब्‍ध कराये जाने हेतु प्रस्‍ताव स्‍वीकृत कराये जाने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (‍क) वर्तमान में बुन्‍देलखण्‍ड मेडिकल कॉलेज सागर में कॉर्डियोलॉजी, न्‍यूरोलॉजी, कैंसर के विषय विशेषज्ञो में से मात्र कैंसर के विषय विशेषज्ञ उपलब्‍ध है। चिकित्‍सा महाविद्यालय के जिन विभागों में विषय विशेषज्ञ उपलब्‍ध नहीं है उन विभागों से संबंधित मरीजों को ही आवश्‍यकतानुरूप अन्‍य चिकित्‍सा महाविद्यालयों में रेफर किया जाता है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। (ग) भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजनांतर्गत नये सुपरस्‍पेशिलिटी अस्‍पताल के प्रस्‍ताव मांगने पर सागर का प्रस्‍ताव भी भेजा जायेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।

बुन्‍देलखण्‍ड मेडिकल कॉलेज में स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं की जानकारी

[चिकित्सा शिक्षा]

120. ( क्र. 1498 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न क्र. 1419 दिनांक 24.07.2019 के उत्‍तरांश (क) में बताया गया था कि ऑडिटोरियम को सर्वसुविधायुक्‍त बनाये जाने हेतु निर्माण एवं अन्‍य उपकरणों के प्रस्‍ताव स्‍वीकृति की प्रक्रिया प्रचलन में है तो क्‍या उक्‍त प्रस्‍ताव की स्‍वीकृति हो चुकी है? यदि हाँ, तो कब तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) क्‍या शासन के समक्ष बुन्‍देलखण्‍ड मेडिकल कॉलेज सागर में ट्रामा सेन्‍टर स्‍थापित किये जाने हेतु कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो प्रश्‍न दिनांक तक इसकी क्‍या प्रगति है? (ग) यदि नहीं, तो क्‍या शासन चिकित्‍सा के इस महत्‍वपूर्ण विषय पर विचार कर शीघ्र ही कार्यवाही करेगा तथा कब तक? (घ) क्‍या शासन बुन्‍देलखण्‍ड मेडिकल कॉलेज सागर में कैंसर के इलाज हेतु रेडियेशन थैरेपी की महत्‍वपूर्ण सुविधा उपलब्‍ध कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (‍क) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रस्‍ताव दिनांक 07.04.2018 को भारत शासन को स्‍वीकृति हेतु भेजा गया। भारत शासन से स्‍वीकृति आज दिनांक तक अपेक्षित है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता। (घ) जी हाँ। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं।

राजस्‍व हानि की जांच

[वाणिज्यिक कर]

121. ( क्र. 1506 ) श्री कमलेश जाटव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अम्‍बाह विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत उप पंजीयक कार्यालय अम्‍बाह एवं पोरसा द्वारा               01 अप्रैल 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी रजिस्ट्रियां की गई हैं? (ख) क्‍या उप पंजीयक कार्यालय अम्‍बाह एवं पोरसा द्वारा सिंचित भूमि को असिंचित एवं बहुमंजिला एवं मारबलयुक्‍त मकान को एक मंजिला व जीर्ण-शीर्ण माटी गारे का दर्शाकर शासन को लाखों रुपये की हानि पहुंचाई जा रही है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी के विरुद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी एवं कब तक?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) अम्‍बाह विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उप पंजीयक कार्यालय अम्‍बाह एवं पोरसा द्वारा 01 अप्रैल 2017 से प्रश्‍न दिनांक तक क्रमश: 4821 एवं 5027 रजिस्ट्रियां की गई है। (ख) ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है, अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

टोल टैक्‍स बैरियर व आर.टी.ओ. ऑफिस की स्‍थापना

[परिवहन]

122. ( क्र. 1509 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) क्‍या आर.टी.ओ. ऑफिस एवं टोल टैक्‍स बैरियर नगर निगम मुरैना सिटी में आगरा ग्‍वालियर मार्ग पर स्‍थापित होने से आए दिन घन्‍टों तक जाम बना रहता है, जिसके कारण विगत वर्षों में अनेक मरीजों की जान जा चुकी है? यदि हाँ, तो उसके लिए जिम्‍मेदार कौन है? (ख) क्‍या आर.टी.ओ. ऑफिस एवं टोल टैक्‍स बैरियर मुरैना में असामाजिक तत्‍वों द्वारा शा. कार्यालय व बैरियर पर बैठकर अवैधानिक वसूली की जा रही है तथा विगत माह में फायरिंग भी की जा चुकी है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है? दोषी के प्रति क्‍या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्‍या शासन जनहित को दृष्टिगत रखते हुए शहर को प्रदूषण मुक्‍त बनाने के उद्देश्‍य से व जाम से निजात दिलाने हेतु टोल टैक्‍स बैरियर मुरैना व आर.टी.ओ. ऑफिस मुरैना को मुरैना नगर निगम सीमा से बाहर स्‍थापित करने की कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक नहीं तो क्‍यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। आर.टी.ओ. ऑफिस मुरैना के कारण किसी प्रकार का जाम नहीं लगता है। टोल टैक्‍स बैरियर से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी नहीं। आर.टी.ओ ऑफिस मुरैना में परिवहन विभाग के नियुक्‍त शासकीय कर्मचारियों द्वारा कार्य किया जाता है। आर.टी.ओ ऑफिस में फायरिंग से संबंधित कोई घटना घटित नहीं हुई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। टोल टैक्‍स बैरियर से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। टोल टैक्‍स बैरियर से संबंधित जानकारी एकत्रित की जा रही है।

रिक्‍त पदों की पूर्ति एवं नामान्तरण प्रक्रिया

[राजस्व]

123. ( क्र. 1528 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिला राजगढ़ के तहसील कार्यालय के सुठालिया में कुल कितने पद स्वीकृत हैं, जिनमें से कितने पद भरे हुये हैं व कितने पद रिक्त हैं? क्या भरे हुये पद पर्याप्त हैं? यदि नहीं, तो कब तक उक्त पदों की पूर्ति की जावेगी? (ख) क्या पूर्व में नामांतरण की प्रक्रिया जो पंचायत के माध्यम से की जाती थी, उसे बदलकर नवीन व्यवस्था अनुरूप नामांतरण लोकसेवा केन्द्रों के माध्यम से तहसील में पेशी अनुसार की जाती है, जिससे नामान्तरण में अधिक समय लगता है? क्या पूर्व की भांति नामान्तरण शुरू किया जा सकता है? यदि नहीं, तो नवीन प्रक्रिया में कम समय का कोई प्रावधान है? (ग) क्या ऋण पुस्तिका के लिए कोई समय-सीमा तय की गयी है? यदि हाँ, तो क्या रहेगी? वर्तमान में किसानों को ऋण पुस्तिका समय पर प्राप्त नहीं हो पाने का क्‍या कारण है? (घ) क्‍या पूर्व में नामान्तरण बंटवारे की पंजी बनती थी जो किसानों को पटवारी द्वारा प्राप्त हो जाती थी, अब राजस्व विभाग ने नामांतरण बंटवारे की पंजी बंद कर दी है, जिससे भविष्य में किसानों को नामांतरण बंटवारे का प्रमाणीकरण लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है? यदि हाँ, तो इस सन्दर्भ में नवीन प्रकिया क्या होगी? भविष्‍य की कार्य योजना बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील सुठालिया के लिये राज्‍य शासन अपने आदेश क्रमांक एफ 4-8/2012/सात/4ए दिनांक 30.04.2019 द्वारा 20 पदों की स्‍वीकृति दी गई थी। वर्तमान में 04 पद भरे हैं। शेष रिक्‍त हैं। पदों की पूर्ति के लिये पी.ई.बी. एवं लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्ति कराने हेतु मांगपत्र भेजा गया है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) नामांतरण की प्रक्रिया का कम्‍प्‍यूटीकरण किया गया हैं। नामांतरण की प्रक्रिया आर. सी.एम.एस. (Revenue case managemen system) के माध्‍यम से समय-सीमा अविवादित (एक माह) विवादित 5 माह में करने के प्रावधान हैं। पूर्व की व्‍यवस्‍था वापस लाना युक्ति संगत नहीं है। (ग) ऋण पुस्तिका बनाए जाने हेतु लोक सेवा केन्‍दों के माध्‍यम से आवेदन प्राप्‍त किये जाते हैं जिसकी समय-सीमा 45 दिवस है। ऋण पुस्तिका उक्‍त नियत समयावधि में प्रदान की जाती है। (घ) नामांतरण पंजी का संधारण कम्‍प्‍यूटीकृत रूप से होता हैं। आर.सी.एम.एस. के माध्‍यम से नामांतरण प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण कराया जा रहा है। वर्तमान व्‍यवस्‍था में नामांतरण आदेश के साथ अभिलेख दुरुस्‍त कर उसकी प्रमाणित प्रतिलिपि आवेदक को प्रदाय करना अनिवार्य कर दिया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

अतिवृष्टि से हुई क्षति की आर्थिक सहायता

[राजस्व]

124. ( क्र. 1529 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मध्‍यप्रदेश में 1 जुलाई, 2019 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक अतिवृष्टि से कौन-कौन से जिले में जनहानि, पशु/पक्षी हानि, नष्‍ट हुए मकान एवं क्षतिग्रस्‍त मकान, कपड़ों, बर्तनों एवं खाद्यानों की क्षति, कुम्‍हारों के ईंट के भट्टों की हानि, कुंआ एवं नलकूप क्षतिग्रस्‍त, फसलों का कितना नुकसान हुआ है तथा कितनी राशि वितरण की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या विदिशा जिले में प्रशासन द्वारा अतिवृष्टि से नुकसान एवं खराब हुई फसलों का कोई आंकलन तैयार किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राहत राशि बाढ़ पीड़ितों एवं किसानों को स्‍वीकृत की गई है? कितनी राशि वितरण की गई है तथा कितनी राशि वितरण के लिए शेष है? राहत राशि का वितरण कब तक कर दिया जावेगा? जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रशासन द्वारा अतिवृष्टि से नुकसान एवं खराब हुई फसलों का सर्वे किस मापदण्‍ड के तहत किया गया है? कितने प्रतिशत नुकसान हुआ है? (‍घ) सिरोंज एवं लटेरी तहसील कार्यालयों में बाढ़ पीड़ितों, कृषकों एवं नागरिकों, जनप्रतिनिधियों के कितने-कितने आवेदन प्राप्‍त हुए है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश के 41 जिलों में 65.82 लाख हेक्‍टयर में फसल हानि प्रतिवेदित है। शेष जिले में पशुहानि, आकाशीय बिजली, अतिवृष्टि, डूबने से मृत्‍यु आदि से नुकसान हुआ है। फसल हानि में लगभग 7041 करोड़ का नुकसान का मुआवजा एवं अन्‍य में करीब 600 करोड़ का नुकसान का मुआवजा आंकलित है। लगभग 1400 करोड का वितरण किया गया है (ख) जी हाँ। जिला विदिशा में रूपये 2, 87, 15, 11, 881/- राहत राशि स्‍वीकृत की गई है। जिसमें से 04/12/2019 तक रूपये 10, 94, 46, 004/- का भुगतान किया जा चुका है। रूपये 276.20 करोड़ वितरण हेतु शेष है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) सर्वे राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 के निर्धारित मापदण्‍डों के तहत किया गया है। किसानों की सोयाबीन, उड़द एवं मूंग फसल में 33 प्रतिशत से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है। (घ) व्‍यापक नैसर्गिक आपदाओं में प्रभावित व्‍यक्ति द्वारा आवेदन देना अनिवार्य नहीं है। राजस्‍व अधिकारी द्वारा स्‍वप्रेरणा से प्रभावित क्षेत्र का क्षति का आकंलन कराया जाता है। अत: सर्वे के आधार पर बाढ़/अतिवृष्टि से पीड़ित कृ‍षकों को राहत राशि स्‍वीकृत की गई है।

 

सिरोंज-लटेरी विकासखण्‍ड में संचालित नल-जल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

125. ( क्र. 1530 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिरोंज-लटेरी विकासखण्‍ड अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जहां इस वर्ष ग्रीष्‍म ऋतु में पेयजल संकट व्‍याप्‍त रहा है? सिरोंज-लटेरी विकासखण्‍ड अंतर्गत कितने हैण्‍डपंप खनित हैं तथा कितनी नल-जल योजनाएं कहाँ-कहाँ स्‍थापित हैं? ग्रामवार जानकारी देंवे। प्रश्‍नांकित दिनांक की स्थिति में इनमें से कितने हैण्‍डपंप एवं नल-जल योजनाएं क्रियाशील हैं तथा कितने हैण्‍डपंप एवं नल-जल योजनाएं किन कारणों से कब से बंद है? ग्राववार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या विभाग द्वारा विदिशा जिले में वर्ष 2014 से हैण्‍डपंप सुधार एवं पेयजल की सुचारु आपूर्ति हेतु ठेकेदारी प्रथा के तहत निविदा आमंत्रित की गई थी? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्यों का ठेका किस दर पर किसे प्रदान किया गया है? उल्‍लेखित ठेकेदारों को प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन कार्यों हेतु           कब-कब कितना भुगतान किया गया तथा किन-किन कार्यों का भुगतान शेष है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित पेयजल संकट वाले ग्राम में अगले वर्ष होने वाले पेयजल संकट से निपटने हेतु क्‍या कार्य योजना है? 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍नकर्ता द्वारा कितने-कितने पत्र हैण्‍डपंप खनन हेतु प्रेषित किये गये है एवं उन पर क्‍या कार्यवाही की गई तथा बंद हैण्‍डपंप एवं नल-जल योजनाओं को किस प्रकार से कब तक क्रियाशील कर दिया जावेगा? (घ) जल निगम एवं विभाग को प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रस्‍तावित गरेठा लघु सिंचाई परियोजना, नरेन नदी सिंचाई परियोजना, सगढ़ मध्‍यम सिंचाई परियोजना, संजय सागर (बांध) सिंचाई परियोजना समूह नल-जल योजनाओं की स्‍वीकृति कब तक प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) किसी भी ग्राम में पेयजल संकट व्याप्त नहीं रहा। कुल 2669 हैंडपंप, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है, कुल 66 नल-जल योजनाएं स्थापित हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।              (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2 एवं 4 अनुसार है। (घ) गरेठा लघु सिंचाई परियोजना, नरेन नदी सिंचाई परियोजना आधारित म.प्र. जल निगम अंतर्गत वर्तमान में समूह नल-जल योजना प्रस्तावित नहीं है, अतः इनकी स्वीकृति प्रदान किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। संजय सागर (बांध) सिंचाई परियोजना आधारित समूह नल-जल योजना की डी.पी.आर. तैयार की गई है, वित्तीय संयोजन उपंरात आगामी कार्यवाही की जा सकेगी, सगढ़ सिंचाई परियोजना आधारित समूह नल-जल प्रदाय योजना स्वीकृत की जा चुकी है।

पेयजल योजना के निर्माण में अनियमितताएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

126. ( क्र. 1533 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा प्रश्‍न 7 (क्रं.185) दिनांक 10 जुलाई 2019 में बताया था कि 16 टंकी का कार्य पूर्ण, 4 प्रगतिरत व पाइप-लाइन बिछाने का 55 प्रतिशत कार्य पूर्ण व 45 प्रतिशत प्रगतिरत है, तो प्रश्‍न दिनांक तक कहाँ-कहाँ कार्य पूर्ण हो चूका है व कहाँ-कहाँ अपूर्ण है? स्‍थान व कार्य सहित संपूर्ण विवरण दें। (ख) क्‍या पी.एच.ई. द्वारा बनाई गयी योजना में जो प्रावधान किये गये हैं, उसी अनुरूप निर्माण कार्य किये जा रहे हैं? यदि नहीं, तो उसका विवरण कारण सहित बतायें (ग) क्‍या संपूर्ण योजना में भगतपुरी टंकी से पानी का वितरण होना है? भगतपुरी में 500 केएल की टंकी बनाना थी, उसकी स्‍थान पर 100 के.एल. की टंकी का निर्माण किया है जिसमें करोड़ों की योजना फैल हो जायेगी? (घ) पी.सी. स्‍नेहल कंपनी पर कार्य समय पर पूर्ण न करने, शर्तों का उल्‍लंघन करने, योजना में घटिया सामग्री के उपयोग पर, कितनी राशि का जुर्माना किया है? (ड.) प्रश्‍नकर्ता द्वारा उक्‍त योजना में बीच में छूटे गाँव खुरमुडी को सम्मिलित करने की मांग पर क्‍या इस योजना में सम्मिलित कर लिया गया है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) नागदा समूह जलप्रदाय योजनान्तर्गत प्रस्तावित सभी 20 टंकियाँ निर्मित की जा चुकी हैं तथा पाइप-लाइन का 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। स्थानवार सम्पादित व शेष कार्य का विवरण  संलग्न परिशिष्ट  अनुसार है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। जी नहीं। (घ) योजनांतर्गत अनुबंध की शर्तों तथा मानकों के अनुरूप उचित गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। योजना अंतर्गत समस्त कार्य पूर्ण होने के पश्चात कुल विलंब अवधि की गणना, गुणदोष के आधार पर की जावेगी तथा अनुबंध की शर्तों अनुसार दण्ड राशि का आकलन कर कार्यवाही की जावेगी। (ड.) जी नहीं, स्वीकृत योजना अंतर्गत प्रावधानित 22 ग्रामों में ही कार्य किया जा रहा है।

परिशिष्ट - "छब्बीस"

मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल में स्‍थानीय युवाओं को रोजगार

[चिकित्सा शिक्षा]

127. ( क्र. 1536 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध 750 बिस्‍तरों वाला अस्‍पताल कब से प्रारंभ होगा? (ख) क्‍या यह अस्‍पताल केंद्र सरकार की ''आयुष्‍मान भारत योजना'' से संबद्ध होगा? इस योजना के तहत मरीजों का इलाज हो पायेगा अथवा नहीं? (ग) क्‍या इसके सभी चिकित्‍सकीय और गैर चिकित्‍सकीय पदों पर नियुक्तियां हो चुकी है? रिक्‍त पदों की जानकारी दें। कितनी नियुक्तियां नियमित रूप में और कितनी संविदा पर हुई हैं या भविष्‍य में की जायेंगी? (घ) मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल की नियुक्तियों में 50 प्रतिशत स्‍थानीय युवाओं को नियुक्तियां दी गई अथवा नहीं? स्‍थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्‍ध कराने के लिये क्‍या नीति है? मेडिकल कॉलेज और अस्‍पताल की स्‍थापना के समय तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री ने डॉक्‍टरों और विशेषज्ञों को छोड़कर गैर चिकित्‍सकीय नियुक्तियों में 50 प्रतिशत पदों की पूर्ति स्‍थानीय बेरोजगार युवाओं से करने का आश्‍वासन मेरी मांग पर रतलाम की जनता को दिया था। इस दिशा में शासन ने क्‍या नीति निर्देश तैयार किये है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) शासकीय चिकित्‍सा महाविद्यालय, रतलाम से संबंधित अस्‍पताल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। उपकरणों का क्रय एवं स्‍थापना प्रगति पर है। अस्‍पताल में सभी सुविधाओं की पूर्ति होने पर प्रारंभ किया जाएगा। (ख) जी हाँ। जी हाँ, आयुष्‍मान भारत योजना के तहत इलाज हो पाएगा। (ग) जी नहीं। चिकित्‍सा महाविद्यालय, रतलाम में आज दिनांक तक चिकित्‍सकीय एवं गैर चिकित्‍सकीय के भरे एवं रिक्‍त पदों की तथा नियमित एवं संविदा पर हुई नियुक्तियों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है, रिक्‍त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रचलन में है। रिक्‍त पदों की भर्ती की प्रक्रिया निरंतर जारी है। (घ) रिक्‍त पदों पर भर्ती ''मध्‍यप्रदेश स्‍वशासी चिकित्‍सा महाविद्यालय गैर शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम 2018'' नियमों के तहत की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

आंगनवाड़ि‍यों में अण्‍डा वितरण का विरोध

[महिला एवं बाल विकास]

128. ( क्र. 1537 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सर्व समाज के तीव्र विरोध के बावजूद सरकार प्रदेश की आंगनवाड़ि‍यों में मध्‍यान्‍ह भोजन के तहत बच्‍चों को पोषण आहर के रूप में अण्‍डा वितरण पर क्‍यों अड़ी हुई है?               (ख) देश में कौन-कौन से राज्‍यों में अण्‍डा वितरण किया जा रहा है और कौन से राज्‍य में नहीं? जिन राज्‍यों में अण्‍डा वितरण हो रहा है, उनके क्‍या परिणाम सामने आये हैं? तुलनात्‍मक जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) किन विशेषज्ञों ने सरकार को अण्‍डा वितरण की सलाह दी है? इनकी पृष्‍ठ भूमि क्‍या है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) प्रदेश में 01-05 वर्ष तक के बच्चों के परिवार की सहमति एवं गर्भवती एवं धात्री माताओं की सहमति से इन हितग्राही वर्ग के पोषण स्तर में सुधार के दृष्टिगत आंगनवाड़ी केन्द्र के माध्यम से सप्ताह में 03 दिन अण्डे/फल का वितरण पूरक पोषण आहार के रूप में करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। (ख) उपलब्ध जानकारी अनुसार देश के 10 राज्यों यथा - असम, त्रिपुरा, उड़ीसा, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखण्ड, बिहार, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को अण्डा वितरण किया जा रहा है। इन राज्यों में अण्डा वितरण के परिणाम वर्तमान में उपलब्ध नहीं होने से तुलनात्मक जानकारी उपलब्ध कराया जाना संभव नहीं है। (ग) Indian Council of Medical Research (ICMR) के अनुसार मानव विशेषकर शिशु शरीर के वृद्धि एवं विकास के लिये आवश्यक सभी प्रकार के उच्च गुणवत्ता वाले अमीनो एसिड, पशु स्त्रोत से प्राप्त प्रोटीन में वनस्पति स्त्रोत से प्राप्त प्रोटीन की अपेक्षा ज्यादा श्रेष्ठ होते है। Dietary guideline for Indian foods, National Institute of Nutrition (NIN) and Indian Council of Medical Research (ICMR), 2011के अनुसार अण्डा एक सम्पूर्ण सर्वोत्म आहार है जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले सभी प्रकार के अमीनो एसिड युक्त प्रोटीन सही अनुपात में पाये जाते हैं। शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

मध्‍यप्रदेश में किसान सम्‍मान निधि योजना

[राजस्व]

129. ( क्र. 1540 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) क्‍या मध्‍यप्रदेश में किसान सम्‍मान निधि योजना लागू की जा रही है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से? आगर विधानसभा क्षेत्र के कितने किसानों को योजना का लाभ दिया जाकर उनके खाते में राशि जमा की गई है। पटवारी हल्‍कावार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार आगर विधानसभा क्षेत्र के ऐसे कितने पटवारी हल्‍के हैं जहां अभी तक किसानों के बैंक खातों एवं भूमि की जानकारी पोर्टल पर दर्ज नहीं हुई है।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) :  (क) जी हाँ। योजना दिनांक 01/12/2018 से प्रभावशील है। आगर विधानसभा क्षेत्र में 48815 कृषकों को योजना का लाभ दिया जाकर उनके खातों में राशि हस्‍‍‍‍‍‍‍‍‍तांतरित कर दी गयी है। पटवारी हल्कावार सूची संलग्‍न परि‍शिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में जिला आगर-मालवा में कोई हल्का पोर्टल पर दर्ज करने से शेष नहीं है। शेष रहे कृषकों के सत्यापन एवं पोर्टल पर दर्ज करने की कार्यवाही की जाती है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत राशि का भुगतान

[राजस्व]

130. ( क्र. 1541 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019 में आगर विधानसभा क्षेत्र में कितने किसानों की कितनी-कितनी हेक्‍टेयर में बोई सोयाबीन एवं अन्‍य खरीफ फसले अतिवृष्टि से प्रभावित हुई एवं कितने प्रतिशत नुकसान हुआ? ग्रामवार जानकारी देवें तथा कितने किसानों को राहत राशि दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ दिया गया एवं कितनी-कितनी राशि किसानों के खाते में डाली गई? तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) आगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अतिवृष्टि से प्रभावित फसलों का सर्वे किन-किन अधिकारियों द्वारा किस-किस दिनांक को दिया गया तथा तहसीलवार जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) आगर विधानसभा क्षेत्रार्न्‍तगत अतिवृष्टि से 72, 915 कृषकों की 83, 551 हेक्‍टेयर में फसल क्षति हुई है। जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। ग्रामवार नुकसानी की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। 37564 किसानों को राहत राशि का भुगतान हो गया है। (ख) वर्तमान में फसल बीमा योजना का लाभ किसी भी किसान को प्राप्‍त नहीं हुआ है। (ग) जिले में कृषि विस्‍तार अधिकारी, राजस्‍व निरीक्षक, हल्‍का पटवारी, सचिव/रोजगार सहायकों द्वारा दल के रूप में सर्वेक्षण का कार्य किया गया। जिले में सर्वेक्षण का कार्य 09.09.2019 से नियमीत रूप से किया गया।

पर्यवेक्षकों का स्‍थानांतरण

[महिला एवं बाल विकास]

131. ( क्र. 1545 ) श्री रघुराज सिंह कंषाना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मुरैना जिले में माह जुलाई 19 में किन-किन पर्यवेक्षकों के स्‍थानांतरण प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन से किये गये? सूची दें। (ख) किन-किन पर्यवेक्षकों के स्‍थानांतरण निरस्‍त/संशोधन हेतु मा. प्रभारी मंत्री जी ने कब-कब क्‍या-क्‍या निर्देश दिये उक्‍त निर्देशों के पालन में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) जिला कार्यक्रम अधिकारी मुरैना द्वारा किन-किन पर्यवेक्षकों के स्‍थानांतरण मान. प्रभारी मंत्री जी के बिना अनुमोदन के संशोधित निरस्‍त क्‍यों किये गये? कारण बतायें इसके लिये कौन-कौन दोषी है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) मुरैना जिले में माह जुलाई, 2019 में माननीय प्रभारी मंत्री जी के अनुमोदन से किये गये पर्यवेक्षकों के स्थानांतरण की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "" अनुसार है। (ख) पर्यवेक्षकों के स्थानांतरण एवं संशोधन माननीय प्रभारी मंत्री जी की निर्देशों पर ही किये गये हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र "" अनुसार है। (ग) जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला मुरैना द्वारा पर्यवेक्षकों के स्थानांतरण मान. प्रभारी मंत्री जी के बिना अनुमोदन के संशोधित एवं निरस्त नहीं किए गए हैं।

आंगनवाड़ियों का भवन निर्माण एवं संचालन की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

132. ( क्र. 1548 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र जिला धार में कितनी आंगवा‍ड़ियां दिनांक 01.01.2014 से 30.10.2018 तक निर्माण की गई और कहाँ पर? जगह सहित जानकारी देवें। (ख) अभी तक वि.स. क्षेत्र धरमपुरी में कितनी आंगनवाड़ी कहाँ-कहाँ पर हैं और अभी कितनी संचालित की जा रही हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जिला धार में धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत दिनांक 01.01.2014 से 30.10.2018 तक 27 आंगनवाड़ी भवन निर्माण किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

शासकीय भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

133. ( क्र. 1550 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अनूपपुर जिले के अनूपपुर तहसील अंतर्गत अनूपपुर पटवारी हल्‍का के खसरा नंबर 1082/1 रकवा 0.081 हेक्‍टेयर के अंश भाग जो म.प्र. शासन की भूमि पर अतिक्रमण किया था जिस पर तहसील न्‍यायालय के निर्णय के पालन में दोषी जनों को अर्थदण्‍ड से दंडित करते हुये अतिक्रमण मुक्‍त कराया गया है? यदि हाँ, तो उत्‍तर दिनांक की स्थिति में भौतिक सत्‍यापन कर अतिक्रमण भूमि के मुक्‍त होने की जानकारी देते हुये नजरी नक्‍शा खसरा व फोटोग्राफ्स उपलब्‍ध करायें (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अतिक्रमणकारी का नाम, पति का नाम, शासकीय सेवक का पद, पदस्‍थापना स्‍थान की स्‍पष्‍ट जानकारी देतु हुये बतायें कि शासकीय सेवक द्वारा अतिक्रमण करने पर म.प्र. सेवा आचरण संहिता के तहत कार्यवाही का प्रावधान है? यदि हाँ, तो विभाग प्रमुख कलेक्‍टर एवं पुलिस अधीक्षक ने उत्‍तर दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की है? (ग) क्‍या अतिक्रमण हटाने के बाद पुन: अतिक्रमणकारियों ने बहुमूल्‍य शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर लिया हैं? (घ) क्‍या विंध्‍य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्‍यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रश्नांश (क) भूमि पर पुन: अतिक्रमण करने व पक्की बाउण्‍ड्रीवॉल बनाने की शिकायत कलेक्‍टर एस.डी.एम व तहसीलदार अनूपपुर को अगस्‍त/सितम्‍बर 2019 में किया हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्‍ध कराते हुये उत्‍तर दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी, हाँ। वर्तमान स्थिति में भूमि के अतिक्रमण मुक्‍त होने का भौतिक सत्‍यापन कराकर वस्‍तुस्थिति का नजरी नक्‍शा, खसरा व फोटोग्राफ्स पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) अतिक्रामक श्रीमती बेलावबाई पति रमेश सिंह, अध्‍यापक, सहायक आयुक्‍त जनजातीय कार्य विभाग अनूपपुर तथा श्रीमती बिन्‍दा मार्को पति शिवराम सिंह मार्को, श्रीमती बिन्‍दा मार्को गृहणी हैं, जिसके पति पुलिस अधीक्षक अनूपपुर में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्‍थ हैं। (1) श्रीमती बेलावती सिंह, अध्‍यापक शा.उ.मा.वि. खांडा द्वारा शासकीय सेवा में रहते हुये शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया जाना सिद्ध पाये जाने के कारण म.प्र. अध्‍यापक संवर्ग (नियोजन एवं सेवा की शर्तें) नियम 2008 के तहत प्रदत्‍त अधिकारों का प्रयोग करते हुये कार्यालय कलेक्‍टर जनजातीय कार्य विभाग) अनूपपुर (म.प्र.) के आदेश क्रमांक/5329/शि. स्‍था.3/ज.का.वि./2017 अनूपपुर, दिनांक 19.12.2017 द्वारा श्रीमती बेलावती सिंह, अध्‍यापक शा.उ.मा.वि. खांडा की दो वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गयी है।                     (2) कार्यालय पुलिस अधीक्षक जिला अनूपपुर (म.प्र.) के आदेश क्र. पु.अ./अनू./निस/सजा/625/ 2017 अनूपपुर, दिनांक 16.06.2017 द्वारा प्र.आ. 24 शिवराम सिंह मार्को को '’निन्‍दा'' के दण्‍ड से दण्डित किया गया है। (ग) अतिक्रमण हटाने के बाद पुन: अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण नहीं किया गया हैं। (घ) जी, हाँ। आवेदन पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। तहसीलदार अनूपपुर द्वारा आवेदन पत्र के अनुसार मौके से राजस्‍व निरीक्षक अनूपपुर से जांच रिपोर्ट ली गई है, जिसमें प्रतिवेदित किया गया है कि आ..नं. 1081/1क/1/2 रकवा 0.105 हे. भूमि पर बाउण्‍ड्रीवॉल का निर्माण कराया गया है, जो खसरों के भूमि स्‍वामी स्‍वत्‍व में दर्ज है।

आदिवासी परिवारों को बी.पी.एल. सूची में सम्मिलित किया जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

134. ( क्र. 1551 ) श्री सीताराम : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जिला श्‍योपुर शिवपुरी, ग्‍वालियर दतिया गुना एवं अशोकनगर जिलों में सहरिया आदिवासी समूह के छूटे हुए परिवारों को बी.पी.एल. सूची में जोड़कर कार्ड कब तक उपलब्‍ध कराये जाएंगे, जिससे राशन से वंचित परिवारों को शासन की योजना से लाभ मिल सके?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 24 श्रेणी के परिवारों को प्राथमिकता श्रेणी के अंतर्गत किया गया है, जिसमें प्रदेश में निवासरत समस्‍त अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (सहरिया आदिवासी) के परिवारों (परिवार का मुखिया या सदस्‍य आयकरदाता है या भारत या राज्‍य सरकार के किसी कार्यालय, शासकीय/अर्द्धशासकीय/ सार्वजनिक या स्‍वायत्‍त उपक्रम, जिसमें राष्‍ट्रीयकृत बैंक एवं सहकारी संस्‍था शामिल है, में प्रथम, द्वितीय या तृतीय श्रेणी के कर्मचारी के रूप में नियुक्‍त हैं, को छोड़कर) भी सम्मिलित है। इस प्रकार, रियायती दर का राशन प्राप्‍त करने हेतु सहरिया आदिवासी परिवारों को बी.पी.एल. सूची में सम्मिलित होने की अनिवार्यता नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75% आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। तद्नुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जिले में जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्या में संबंधित जिले के नवीन सत्यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। इस वित्‍तीय वर्ष में कुल 1, 40, 988 नवीन हितग्राहियों को जोड़कर पात्रता पर्ची जारी की गई है, जिसमें श्‍योपुर 2058, शिवपुरी 2157, ग्‍वालियर 11970, गुना 2743, दतिया 1820 एवं अशोकनगर 607 हितग्राही सम्मिलित है।

राजस्‍व के पट्टे का प्रदाय

[राजस्व]

135. ( क्र. 1552 ) श्री सीताराम : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र विजयपुर क्र. 2 जिला श्‍योपुर (म.प्र.) में राजस्‍व विभाग के द्वारा पिपरानी, कलमी, देवपुरा, गोरस, कोतागढ़ खेडा खडी, खूतका सिमरोनिया, पातालगढ़ झरेर डावली में राजस्‍व विभाग द्वारा यहां के निवासियों को पट्टे दिये गये थे और यह लोग 60 वर्ष से निवास कर रहे थे, उनको खारिज कर दिया गया है, जिससे आवास एवं आजीविका का संकट खड़ा हो गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या इनके आवास एवं खेती के पट्टे बहाल करेगें और कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। वन विभाग द्वारा आपत्ति लगाने से राजस्व विभाग व वन विभाग द्वारा संयुक्त सर्वे करने पर भूमि वन विभाग की होने से तत्कालीन कलेक्टर द्वारा प्रकरण क्रमांक 28/2000-01 अ-39 दिनांक 21.12.2000 से पट्टे खारिज किये गये हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

कुपोषित/अतिकुपोषित बच्‍चों की की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

136. ( क्र. 1559 ) श्री मनोज चौधरी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला देवास में वर्ष 2013-14 से वर्ष 2018-19 में कितने बच्‍चे कुपोषण एवं अतिकुपोषण से जूझ रहे थे? विश्‍व हेल्‍थ ऑर्गेनाईजेशन (W.H.O.) की रिपोर्ट के आधार पर विधान सभा क्षेत्रवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) अनुसार कुपोषण का मापदण्‍ड विश्‍व हेल्‍थ ऑर्गेनाईजेशन (W.H.O.) के मान से न होकर सामान्‍य स्‍तर के मानकों के मान से किया जाकर कुपोषण/अतिकुपोषण की संख्‍या दर्शाई है? क्‍या विभाग द्वारा कुपोषित/अतिकुपोषित बच्‍चों की संख्‍या कम अथवा ज्‍यादा कर शासकीय आंकड़े दर्शाये जाते हैं? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला देवास में कुपोषण/अतिकुपोषण की रोकथाम हेतु उपरोक्‍तानुसार अवधि में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? मदवार जानकारी प्रदान करें। आवंटित राशि का उपयोग जिला द्वारा कैसे किया गया? वर्षवार आवंटित एवं उपयोग की गई राशि की जानकारी विकासखण्‍डवार देवें। (घ) विगत 3 वर्षों में विभाग द्वारा देवास जिले की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में मानदेय एवं भवन किराये में अतिरिक्‍त कितनी-कितनी राशि वर्षवार डाली गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जिला देवास में प्रश्नांकित अवधि में कम वजन एवं अतिकम वजन के बच्चों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) की उक्त संबंध में कोई भी रिपोर्ट विभाग में प्राप्त नहीं हुई है। (ख) जी नहीं, विश्‍व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) मानकों के आधार पर ही कम वजन/अति कम वजन के बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा प्रतिमाह बच्चों का वजन लेने के उपरान्त पोषण स्तर वर्गीकरण के आंकड़े मासिक प्रगति प्रतिवेदन में भेजे जाते हैं, जिसकी प्रविष्टि विभागीय ऑन-लाईन एम.आई.एस. में की जाती है। अतः आंकड़े कम/ज्यादा करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार देवास जिले में कुपोषण/अतिकुपोषण की रोकथाम हेतु वर्षवार आंवटित एवं उपयोग की गई राशि की जानकारी विकासखण्डवार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। आवंटित राशि के उपयोग संबंधी विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।             (घ) विगत 03 वर्षों में विभाग द्वारा देवास जिले की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/सहायिका एवं मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खाते में मानदेय एवं भवन किराये के अतिरिक्त डाली गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत संचालित दुकानें

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

137. ( क्र. 1561 ) श्री संजय यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कितनी राशन दुकानें कहाँ-कहाँ स्‍थापित हैं? कितनी एवं कौन-कौन सी दुकानें संबंधित ग्रामों से बाहर अन्‍य ग्रामों में स्‍थापित हैं। क्‍या क्षेत्र की उपरोक्‍त राशन दुकानों में एक ही व्‍यक्ति के नाम से एक से अधिक राशन दुकानें संचालित हैं एवं कब से हैं? दुकान, संचालक का नाम, स्‍थान सहित जानकारी दें। (ख) बरगी विधान सभा की राशन दुकानें प्रतिदिन नहीं खुलने, उपभोक्‍ताओं को नियमानुसार राशन प्रदान नहीं करने पर जिला प्रशासन द्वारा विगत एक वर्ष में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? क्षेत्र की दुकानों में व्‍याप्‍त अनियमिततायें कब तक दूर की जा सकेंगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 143 उचित मूल्‍य की दुकानें स्‍थापित हैं। सभी दुकानें संबंधित ग्राम पंचायत के अंतर्गत ही स्‍थापित हैं। उचित मूल्‍य दुकानें व्‍यक्ति के नाम से आवंटित न होकर संस्‍थाओं के नाम से आवंटित हैं। दुकान संचालक संस्‍था, दुकान संचालन का स्‍थान एवं विक्रेता के नाम की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। विक्रेताओं द्वारा एक से अधिक दुकानों का संचालन भी किया जाता है।            (ख) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राशन दुकानों में पृथक विक्रेता न होने के कारण दुकानें प्रतिदिन न खुलकर सप्‍ताह में निर्धारित दिवस में खुलती हैं। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के परिवारों को नियमानुसार राशन सामग्री प्रदाय नहीं करने पर विगत एक वर्ष में 4 उचित मूल्‍य दुकानों के विरूद्ध प्रकरण निर्मित किये जाकर सभी दोषी विक्रेता को वितरण कार्य से पृथक किया जाकर प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय में विचाराधीन है। विगत एक वर्ष में की गई कार्यवाही की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। राज्‍य शासन द्वारा अनियमितताओं को रोकने के लिए प्रदेश में आधार आधारित वितरण व्‍यवस्‍था लागू की गई है। जबलपुर जिले में उक्‍त व्‍यवस्‍था अक्‍टूबर-2019 से शुरु हुई है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ अंतर्गत शुद्ध पेयजल व्‍यवस्‍था

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

138. ( क्र. 1564 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पुष्‍पराजगढ़ अंतर्गत शुद्ध पेयजल उपलब्‍ध कराने हेतु नल-जल योजना, समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत किन-किन ग्रामों में पेयजल उपलब्‍ध कराया जा रहा है? उक्‍त कार्य किससे कराया जा रहा है? समूह में शामिल ग्रामों की सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) उक्‍त विधानसभा क्षेत्र में कितनी नल-जल योजनायें संचालित हैं? कितनी योजना किन कारणों से कब से बंद पड़ी हैं? इन्‍हें कब तक सुचारू रूप से चालू करवा दिया जायेगा? कितने गाँव नल-जल योजना विहीन हैं, ग्रामवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) उक्‍त विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन सी समूह जल योजना विगत पाँच वर्ष में स्‍वीकृत हुई? कौन-कौन सी योजनायें स्‍वीकृति के अभाव में अभी लंबित हैं? कब तक स्‍वीकृत कर दी जायेगी? योजना में शामिल ग्राम की जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) क्‍या उक्‍त विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नल-जल योजना, समूह जल प्रदाय योजना का पी.एफ.आर. कार्यपालन यंत्री, पी.एच.ई., खंड अनूपपुर के द्वारा तैयार किया जाकर के कार्यालय मुख्‍य अभियंता, जबलपुर परिक्षेत्र को भेजा गया है? यदि हाँ, तो कब तक उसको स्‍वीकृत किया जायेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। किरगी समूह जलप्रदाय योजना का कार्य फर्म मेसर्स गोंडवाना इंजीनियर्स नागपुर द्वारा किया जा रहा है। हस्तांतरित नल-जल योजनाओं में संबंधित ग्राम पंचायतों द्वारा एवं अहस्तांतरित में ठेकेदार/विभाग द्वारा कार्य कराया जा रहा है। (ख) 70 योजनाएं। 06 योजनाएं बंद हैं जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। 247 ग्राम, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) किरगी एवं दमेहड़ी ग्रामीण समूह जलप्रदाय योजनाएं। कोई भी योजना लंबित नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 के अनुसार है। (घ) जी हाँ, समूह नल-जल प्रदाय योजनाओं के पी.एफ.आर. भेजे गये हैं। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।

नर्मदा महोत्‍सव के आयोजन की जानकारी

[संस्कृति]

139. ( क्र. 1565 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिला स्थित मां नर्मदा के उद्गम स्‍थल अमरकंटक में मां नर्मदा जयंती के अवसर पर नर्मदा महोत्‍सव प्रतिवर्ष मनाये जाने हेतु क्‍या शासन स्‍तर पर स्‍वीकृति प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो उक्‍त कार्यक्रम के आयोजन हेतु कितनी राशि प्रावधानित की गई है एवं किस माह में आयोजन किया जाना प्रस्‍तावित है? यदि नहीं, तो क्‍या शासन जीवनदायिनी मां नर्मदा के उद्गम स्‍थल एवं लोकप्रिय हिंदुओं के तीर्थस्‍थल अमरकंटक में मां नर्मदा महोत्‍सव आयोजन कराये जाने की स्‍वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो स्‍पष्‍ट कारण बतावें। (ख) क्‍या आगामी वर्ष 2020 में मां नर्मदा महोत्‍सव के आयोजन में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं एवं सांस्‍कृति कार्यक्रमों आदि पर होने वाले व्‍यय हेतु राशि के आवंटन हेतु प्रभारी मंत्री, जिला अनूपपुर द्वारा नोटशीट क्रमांक 3181 दिनांक 07.11.2019 एवं कलेक्‍टर, जिला अनूपपुर के अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 5112 दिनांक 15.10.2019 के द्वारा विभाग के प्रमुख सचिव, संस्‍कृति को इस महोत्‍सव में होने वाले व्‍यय हेतु राशि आवंटित करने हेतु लिखा गया था? यदि हाँ, तो प्रस्‍तावित राशि कब तक स्‍वीकृ‍त कर दी जायेगी? (ग) आगामी 31 जनवरी से 2 फरवरी 2020 तक होने वाले महोत्‍सव हेतु शासन द्वारा क्‍या कोई कार्य योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो उसकी विस्‍तृत जानकारी उपलब्‍ध करावें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं. विभाग द्वारा कुछ साहित्यिक/सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों में समयानुकूल यथोचित सहयोग किया जा सकता है. (ख) 2020 में इस कार्यक्रम के लिए प्रभारी मंत्री अनूपपुर एवं कलेक्‍टर अनूपपुर से प्राप्‍त पत्र के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है. (ग) योजना है कि विभाग द्वारा कुछ साहित्यिक/सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों में यथोचित सहयोग का कार्य किया जा सकता है.

नज-जल कार्यों की तकनीकी स्‍वीकृति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

140. ( क्र. 1572 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पंचायत विभाग के पास चूंकि नल-जल के कार्य के लिये तकनीकी अमला नहीं है, इसलिये पंचायत द्वारा किये जाने वाले नज-जल के कार्यों की तकनीकी स्‍वीकृति (टी.एस.) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग द्वारा जारी की जाती है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता विधायक के प्रश्‍न क्र.3190 के जवाब में विभाग का यह उत्‍तर कहाँ तक उचित है कि विभाग द्वारा दी गयी राशि से नल-जल योजना के विस्‍तार और संधारण जिसकी तकनीकी स्‍वीकृति (टी.एस.) विभाग ने जारी की है, का सुपरविजन ग्राम पंचायत करेंगी, जिसके पास नल-जल योजना का तकनीकी अमला नहीं है? (ग) प्रश्‍न क्र. 3190 के जवाब में दी गयी सूची में वर्णित कार्य जो लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग के द्वारा दी गयी राशि से होना थे, उसके पूर्णता प्रमाण पत्र विभाग ने पंचायतों से प्राप्‍त किये या नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? क्‍या विभाग की यह जवाबदारी नहीं है कि वह जाने कि उसके द्वारा दी गयी राशि का पूर्ण सदुपयोग हुआ है या नहीं? (घ) क्‍या विभाग भविष्‍य में यह सुनिश्चित करेगा कि नल-जल योजनाओं से संबंधित जो कार्य पंचायत द्वारा कराये जा रहे हैं, उनका सुपरविजन भी लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग ही करेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) नल-जल योजना अथवा पेयजल योजना के कार्य के प्राक्कलन विभागीय एस.ओ.आर. के आधार पर बनाये जाते हैं एवं तकनीकी स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की जाती है। (ख) पंचायत द्वारा क्रियान्वित कार्यों का सुपरविजन एवं मूल्यांकन सामान्यतः पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत पदस्थ तकनीकी अमले द्वारा किया जाता है तथा कार्य का मूल्यांकन कराने का दायित्व निर्माण एजेंसी के रूप में संबंधित ग्राम पंचायत का होता है। (ग) विभाग द्वारा पूर्णता प्रमाण-पत्र पंचायतों से प्राप्त किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बी.पी.एल. श्रेणी के उपभोक्‍ताओं को राशन पर्ची का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

141. ( क्र. 1573 ) श्री अजय विश्नोई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) अगस्‍त 2019 से अक्‍टूबर 2019 तक कितने नये बी.पी.एल. श्रेणी के उपभोक्‍ताओं को राशन पर्ची जारी की गयी है और सस्‍ता राशन उपलब्‍ध कराया गया है? (ख) क्‍या दिनांक 24.07.2019 को प्रश्‍नकर्ता विधायक के ध्‍यानाकर्षण प्रश्‍न पर चर्चा के दौरान आसंदी से माननीय अध्‍यक्ष महोदय द्वारा विभाग को इस कार्य को नवम्‍बर 2019 तक पूरा करने के निर्देश दिये गये थे? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो विभाग ने निर्देश के पालन में प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कदम उठाये हैं और भविष्‍य में इस पर विभाग की क्‍या कार्ययोजना है?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) माह अगस्‍त 2019 से अक्‍टूबर 2019 तक 3446 नवीन बी.पी.एल. परिवारों को राशन पर्ची जारी की गयी है। (ख) जी हाँ। (ग) विभाग द्वारा सत्‍यापन अभियान प्रारंभ कर दिया गया है।

नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की स्‍वीकृति

[महिला एवं बाल विकास]

142. ( क्र. 1580 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शासन/विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों/जनसंख्‍या के आधार पर परासिया विधान सभा क्षेत्र की परियोजना-01 एवं परियोजना 02 के अंतर्गत नगरीय/ग्रामीण क्षेत्रों में जितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित किये जाने की आवश्‍यकता है? क्‍या वर्तमान में विभाग द्वारा उतने केन्‍द्र संचालित किये जा रहे हैं? अगर नहीं किये जा रहे है तो इसका क्‍या कारण है? कारण सहित प्रत्‍येक परियोजनावार अलग-अलग जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍डों/जनसंख्‍या के आधार पर परासिया विधान सभा क्षेत्र की परियोजना-01 एवं परियोजना-02 के अंतर्गत नगरीय/ग्रामीण क्षेत्रों में कितने नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की आवश्‍यकता है? प्रत्‍येक परियोजनावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की आवश्‍यकता है तो क्‍या ऐसे केन्‍द्रों को खोले जाने के संबंध में शासन/विभाग द्वारा सर्वेक्षण कार्य कराते हुये, इन केन्‍द्रों को खोले जाने के संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही कराते हुए, इन केन्‍द्रों की स्‍वीकृति प्रदान किये जाने हेतु प्रस्‍ताव प्राप्‍त कर, आवश्‍यक कार्यवाही की जायेगी? अगर हाँ तो कब तक और शासन द्वारा कब तक स्‍वीकृति प्रदान कर दी जायेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं। समय-समय पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित जनसंख्‍या मापदण्‍ड के आधार पर नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने की स्‍वीकृति प्रदान की जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की स्‍वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है। विधानसभा क्षेत्र परासिया की एकीकृत बाल विकास परियोजना परासिया क्रमांक 01 अंतर्गत नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने हेतु आवश्‍यक जनसंख्‍या के मापदण्‍ड अनुसार कुल 165 आंगनवाड़ी केन्‍द्र एवं 16 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र होने चाहिए जिसके विरुद्ध 152 आंगनवाड़ी केन्‍द्र एवं 16 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं। एकीकृत बाल विकास परियोजना परासिया क्रमांक 02 अंतर्गत नगरीय/ग्रामीण क्षेत्र में आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने हेतु आवश्‍यक जनसंख्‍या के मापदण्‍ड अनुसार कुल 184 आंगनवाड़ी केन्‍द्र एवं 20 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र होने चाहिए जिसके विरुद्ध 175 आंगनवाड़ी केन्‍द्र एवं 20 मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं। (ख) नगरीय/ग्रामीण क्षेत्रों हेतु विधानसभा परासिया की एकीकृत बाल विकास परियोजना परासिया क्रमांक 01 में कुल 13 आंगनवाड़ी केन्‍द्र तथा एकीकृत बाल विकास परियोजना परासिया क्रमांक 02 में कुल 09 आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोले जाने की आवश्‍यकता है। (ग) प्रश्‍नांश '’'' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में जिले से प्राप्‍त नवीन आंगनवाड़ी/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने के प्रस्‍ताव को अन्‍य जिलों से प्राप्‍त प्रस्‍तावों के साथ संकलित कर भारत सरकार को स्‍वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने की स्‍वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की स्‍वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है। अत: नवीन आंगनवाड़ी केन्‍द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

उड़द एवं मूंग की फसलों का भुगतान

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

143. ( क्र. 1590 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या दिनांक 11 जून 2019 को किसान संघर्ष समिति द्वारा अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी गोटेगाँव को उड़द एवं मूंग के सम‍र्थन मूल्‍य पर भुगतान करने हेतु ज्ञापन दिया गया था? उक्‍त ज्ञापन पर क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) 11 जून 2019 को ज्ञापन अनुसार गोटेगाँव के किन-किन किसानों को कितना भुगतान किया गया? नामवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) क्‍या उड़द एवं मूंग की फसल नवम्‍बर 2018 से जनवरी 2019 तक नरसिंहपुर जिले के गोटेगाँव तहसील में खरीदी की गई थी जानकारी दें। (घ) क्‍या उड़द एवं मूंग की फसलों का भुगतान अभी तक नहीं किया गया? जानकारी दें।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। किसान संघर्ष समिति द्वारा अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी गोटेगाँव को उड़द एवं मूंग के समर्थन मूल्‍य का भुगतान करने हेतु ज्ञापन दिया गया था, जिस पर नियमानुसार भुगतान की कार्यवाही की गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।               (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। गोटेगाँव तहसील में समर्थन मूल्‍य पर उड़द एवं मूंग का उपार्जन किया गया। (घ) गोटेगाँव तहसील अंतर्गत उड़द एवं मूंग का विक्रय करने वाले किसानों को भुगतान किया गया है।

 

म.प्र. में नशाबंदी पर प्रतिबंध

[वाणिज्यिक कर]

144. ( क्र. 1591 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. में बार के लायसेंस शुल्‍क में कमी की गई है? क्‍या इससे प्रदेश में नशे की प्रवृत्ति में वृद्धि नहीं होगी? (ख) क्‍या पूर्व की सरकार द्वारा नशाबंदी के उद्देश्‍य पर उठाए गए कदमों में नई दुकान खोलने पर प्रतिबंध लगाया गया था? (ग) क्‍या वर्तमान सरकार का नशाबंदी को लेकर कोई प्रोग्राम है या जिस तरह शराब दुकानों में बाहर अहाते खोलने की प‍रमिशन दी जा रही है? उससे सरकार शराब बिक्री को प्रदेश में प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍यों को लेकर चल रही है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) वर्ष 2019-20 में प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्‍य से मात्र रिसोर्ट बार (एफ.एल.-3-क) लायसेंस में फीस में कमी की गयी है, शेष बार लायसेंसों यथा- रेस्‍तरां बार (एफ.एल.-2) लायसेंस, होटल बार (एफ.एल.-3) लायसेंस, सिविलियन क्‍लब बार (एफ.एल.-4) लायसेंस एवं व्‍यवसायिक क्‍लब बार (एफ.एल.-4-क) लायसेंस हेतु फीस में कमी नहीं, अपितु वृद्धि की गयी है। प्रदेश में वर्तमान में रिसोर्ट बार (एफ.एल.-3-क) लायसेंस की संख्‍या मात्र 07 है, इससे प्रदेश में नशे की प्रवृत्ति में वृद्धि होना प्रतीत नहीं होता है। (ख) जी हाँ। पूर्व की सरकार में माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा अनुसार, नई दुकान खोलने पर प्रतिबंध लगाया गया था। उक्‍त घोषणा के अनुक्रम में, मध्‍यप्रदेश में कोई भी नवीन मदिरा की दुकान नहीं खोली गई है। (ग) जी नहीं, प्रश्‍नांश के शेष भाग के संबंध में उल्‍लेखनीय है कि मदिरा उपभोक्‍ताओं की एक बड़ी संख्‍या हेतु अहाते मदिरा के उपभोग के लिये एक सुरक्षित व विनियमित स्‍थान के रूप में संचालित थे। ऐसे उपभोक्‍ता, जो बारों में अथवा अपने घर में मदिरा का उपभोग नहीं कर सकते, उनके, लिये शॉप बार एक विकल्‍प था। शॉप बारों के बंद किये जाने के कारण उपरोक्‍त उपभोक्‍ताओं के द्वारा सावर्जनिक स्‍थानों पर मदिरापान किये जाने की समस्‍या उत्‍पन्‍न हुई है, जिस कारण जनसामान्‍य, विशेषकर महिलाओं, को असुविधा का सामना करना पड़ता है। उपभोक्‍ताओं के सार्वजनिक एवं अनियंत्रित रूप से मदिरापान के कारण कतिपय स्‍थानों पर कानून व व्‍यवस्‍था की समस्‍या को देखते हुये उपरोक्‍त कारणों से अतिरिक्‍त राजस्‍व जमा कराकर शॉप बार लायसेंस दिया जाना प्रावधानित किया गया है।

सोम डिस्‍टलरीज के लायसेंस का नवीनीकरण

[वाणिज्यिक कर]

145. ( क्र. 1607 ) श्री संजीव सिंह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्‍या आपराधिक प्र.क्र.1066/2006, 1069/2006 एवं प्र.क्र.1070/2006 में मा. सक्षम न्‍यायालय जिला मुरैना द्वारा पारित निर्णय दिनांक 27.09.2019 द्वारा मेसर्स सोम डिस्‍टलरीज प्रा.लि. सेहतगंज जिला रायसेन एवं उसके तत्‍कालिक मैनेजिंग डायरेक्‍टर जगदीश अरोरा को दोष सिद्ध ठहराकर कारावास एवं अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया है? (ख) क्‍या उपरोक्‍त पारित निर्णय के परिप्रेक्ष्‍य में मेसर्स सोम डिस्‍टलरीज प्रा.लि. को जारी डी-1, सी एस 1, सीएस-1बी, एल एल-9, लायसेंस को म.प्र.आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 31 के प्रावधानों के तहत निरस्‍त करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र आबकारी आयुक्‍त द्वारा अपने पत्र क्र. 5 (1) 19-20/7395 दि. 16/10/2019 के द्वारा जारी कर पत्र प्राप्ति से 7 दिवस के अंदर प्रस्‍तुत करने का आदेश/निर्देश दिया गया था? (ग) क्‍या सोम डिस्‍टलरीज को जारी उपरोक्‍त कारण बताओ सूचना पत्र का उत्‍तर दि.24.10.2019 तक प्रस्‍तुत करना था? परन्‍तु उसके द्वारा निर्धारित अवधि निकलने के पश्‍चात उत्‍तर दिनांक 25.10.2019 को प्रस्‍तुत किया गया? सोम डिस्‍टलरीज को जारी उपरोक्‍त कारण बताओ सूचना पत्र पर शासन द्वारा क्‍या निर्णय लिया गया? यदि नहीं, तो क्‍यों? सोम डिस्‍टलरीज को उपरोक्‍त न्‍यायालयीन आदेश के परिप्रेक्ष्‍य में शासन उसको जारी समस्‍त लायसेंस निरस्‍त करेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) (1) सोम डिस्‍टलरीज को कलेक्‍टर धार द्वारा वर्ष 2007-08 से अब तक काली सूची में प्रत्‍येक वर्ष डाला गया है, उसके उपरांत भी प्रत्‍येक वर्ष उसके जारी समस्‍त लायसेंसों का नवीनीकरण किया जाता रहा है ऐसा क्‍यों? (2) मान. उच्‍च न्‍यायालय द्वारा प्र.क्र. W.A.238/18 अमन जायसवाल विरूद्ध म.प्र.शासन में पारित आदेशों में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख है सोम डिस्‍टलरीज पर शासन का वर्ष 2006 से 16 करोड़ बकाया है? फिर भी किस आधार पर लायसेंस नवीनीकरण किया जाता रहा है? जानकारी देवें।

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) आपराधिक प्रकरण क्रमांक 1066/2006, 1069/2006 एवं प्रकरण क्रमांक 1070/2006 में माननीय सक्षम न्‍यायालय, जिला मुरैना द्वारा पारित निर्णय दिनांक 27.09.2019 द्वारा अभियुक्‍त श्री जगदीश अरोरा, चेयरमेन एवं मैनेजिंग डायरेक्‍टर, सोम डिस्‍टलरीज प्रायवेट लिमिटेड, सेहतगंज, जिला रायसेन को कारावास एवं अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया है। जबकि अन्‍य अभियुक्‍त फरार होने से जप्‍त विदेशी मदिरा एवं वाहन ट्रक का निराकरण नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। (ग) मेसर्स सोम डिस्‍टलरीज प्रायवेट लिमिटेड को आबकारी कार्यालय द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 16.10.2019 द्वारा जारी किया जाकर पत्र प्राप्ति के सात दिवस के भीतर उत्‍तर प्रस्‍तुत करने हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके अनुक्रम में इकाई द्वारा दिनांक 22.10.2019 (आबकारी कार्यालय में प्राप्ति दिनांक 24.10.2019) को प्रस्‍तुत किया गया था। सोम डिस्‍टलरीज को जारी उपरोक्‍त कारण बताओ सूचना पत्र पर निर्णय लिया जाना प्रक्रियागत है। (घ) (i) धार जिले की फुटकर देशी/विदेशी मदिरा दुकानों के लिये अपात्र घोषित व्‍यक्तियों की काली सूची में मेसर्स सोम डिस्‍टलरीज प्रायवेट लिमिटेड, सेहतगंज जिला रायसेन को सम्मिलित किया गया है। काली सूची मात्र फुटकर मदिरा दुकानों के निष्‍पादन की व्‍यवस्‍था के लिये ही प्रभावशील है। उक्‍त सूची में मेसर्स सोम डिस्‍टलरीज प्रायवेट लिमिटेड, सेहतगंज जिला रायसेन को वर्ष 2004-05 में धार जिले में मदिरा का समुचित प्रदाय नहीं किये जाने के कारण, वैकल्पिक स्‍त्रोतों से क्रय की गई मदिरा की कीमत एवं इस अनियमितता के लिये आरोपित शास्ति राशि का संदाय नहीं किये जाने के कारण सम्मिलित किया गया है। माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा रिट याचिका क्रमांक 9443/2006 में पारित आदेश दिनांक 25.07.2006 से मेसर्स सोम डिस्‍टलरीज प्रायवेट लिमिटेड, सेहतगंज जिला रायसेन पर प्रमुख सचिव, मध्‍यप्रदेश शासन, वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा बकाया राशि के पुनर्निर्धारण के संबंध में पारित आदेश दिनांक 01.05.2006 पर स्‍थगन जारी किया गया है। यह स्‍थगन आदेश अद्यतन दिनांक तक प्रभावशील है। इस कारण से मेसर्स सोम डिस्‍टलरीज प्रायवेट लिमिटेड, सेहतगंज जिला रायसेन को स्‍वीकृत लायसेंसों का नवीनीकरण किया जाता रहा है। (ii) माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा प्रकरण क्रमांक 238/18 अमन जायसवाल विरूद्ध मध्‍यप्रदेश शासन में पारित आदेशों में सोम डिस्‍टलरीज पर शासन का वर्ष 2006 से 16 करोड़ बकाया के संबंध में कोई उल्‍लेख नहीं है।

पोषण आहार की खराब गुणवत्‍ता एवं वेतन वृद्धि की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

146. ( क्र. 1610 ) श्री लक्ष्‍मण सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विभाग द्वारा जो पोषण आहार वितरित किया जाता है उसे छात्र-छात्राओं द्वारा खराब गुणवत्‍ता होने के कारण अस्‍वीकार किया जाता है? (ख) गुणवत्‍ता में सुधार हेतु विभाग द्वारा क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं? अवगत करायें। (ग) विगत 2 वर्षों में पोषण आहार के खरीद एवं वितरण में अनियमितताओं की कितनी सूचनाएं प्राप्‍त हुई? इस विषय में वस्‍तुस्थिति एवं उन पर की गई कार्यवाही से अवगत करवायें। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की वेतन वृद्धि हेतु क्‍या कार्य योजना बनाई जा रही है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रदेश में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं (11-14 वर्ष) को विटामिन्स-मिनरल्स युक्त फोर्टीफाइड टेकहोम राशन (पूरक पोषण आहार) आहार के रूप में दिया जा रहा है। प्रदाय टेकहोम राशन (पूरक पोषण आहार) में कैलोरी/प्रोटीन का गुणवत्ता परीक्षण खाद्य एवं पोषण आहार बोर्ड भारत सरकार नई दिल्ली की प्रयोगशाला में तथा विटामिन्स-मिनरल्स का गुणवत्ता परीक्षण भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत अधिकृत नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज में नियमित रूप से कराया जा रहा है। 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को सांझा चूल्हा व्यवस्था अन्तर्गत मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में संलग्न महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से ताजा पका नाश्ता एवं भोजन प्रदाय किया जाता हैं। आंगनवाड़ी केन्द्र में प्रतिदिन नाश्ते एवं भोजन की गुणवत्ता की जांच आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ-साथ ग्राम सभा, स्वस्थ ग्राम तदर्थ समिति के सदस्यों एवं बच्चों की माताओं तथा अन्य पालकों के द्वारा किये जाने का प्रावधान है, वे आहार चखकर उसकी गुणवत्ता देखते हैं तथा चखने के उपरांत ही नाश्ता/भोजन का वितरण किया जाता है। (ग) विगत 02 वर्षों में पोषण आहार व्यवस्था के संबंध में 2101 शिकायतें प्राप्त हुई, इनमें से 2021 शिकायतों का संतोषप्रद निराकरण किया गया है। विस्तृत जानकारी  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का पद मानसेवी होने से उन्हें मानदेय प्रदाय किया जाता है। वर्तमान में मानदेय वृद्धि हेतु कोई प्रस्ताव प्रचलित नहीं है।

परिशिष्ट - "तीस "

पट्टा वितरण एवं शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी

[राजस्व]

147. ( क्र. 1611 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना शहर में सिंधी कैम्‍प में लगभग 40 वर्षों से रह रहे लोगों को शासन-प्रशासन द्वारा मौके पर जांच कराकर कैम्‍प के माध्‍यम से पट्टा वितरण की कार्यवाही कब तक की जावेगी, जिससे सिंधी कैम्‍प में रह रहे लोगों को शासन-प्रशासन की सुविधा मुहैया कराकर स्‍थाई तौर पर पट्टा मिल सके इसी तहर घूरडांग, नई बस्‍ती, टिकुरिया टोला, महादेवा ऐसे जगहों को शासन द्वारा जांच कराकर कैम्‍प के माध्‍यम से पट्टा वितरण की कार्यवाही शासन द्वारा कब तक की जावेगी? (ख) सतना जिले की रघुराज नगर तहसील अंतर्गत नजूल की एवं म.प्र. शासन की कितनी आराजी (आबादी, तालाब, गौचरण अन्‍य उपयोग हेतु सुरक्षित है रकवा सहित एवं उक्‍त भूमियों का कितना रकवा अतिक्रमण में है? अतिक्रमण की गई भूमि के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जा रही है? यदि कार्यवाही की जा रही है तो जानकारी उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं की जा रही है तो क्‍यों? (ग) सतना शहर से लगे सोनौरा ग्राम में नगर निगम द्वारा निर्मित प्रधानमंत्री आवास बनाये गये हैं? क्‍या निर्मित आवास जिस भूमि/आराजी में हैं उसमें सरकार भूमि के आलावा अन्‍य पट्टाधारियों की आराजी भी अधिग्रहित की गई है? अगर की गई है तो आराजी नम्‍बर, रकवा नम्‍बर और भूमि स्‍वामियों के नाम सहित सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें (घ) सतना जिले में कितनी शासकीय भूमि वर्तमान में बिना उपयोग की है? रिक्‍त पड़ी भूमि के संबंध में जिला प्रशासन में क्‍या कार्यवाही लंबित है एवं सतना जिले में वर्ष 2000 के आसपास राखौंधा जंगल राजस्‍व रिकार्ड में पहाड़ दर्ज था किंतु जंगल खत्‍म हो जाने के कारण पहाड़ खुदाई के लिये शासन द्वारा लीजें आवंटित की गई? ऐसे जंगल पहाड़ में अगर लीजें आवांटित की गई हैं तो शासन द्वारा लीजों का निरस्‍तीकरण कर ऐसी जमीनों पर फिर से वृक्षारोपण कराकर शासन द्वारा आम नागरिकों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा सकेगा? अत: लीजों की निरस्‍तीकरण की कार्यवाही कब तक की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील रघुराजनगर अंतर्गत सतना शहर में सिंन्धी कैम्प में लगभग 40 वर्षों से रह रहे 335 सिंन्धी विस्थापित परिवारों को पट्टा वितरण किये जाने के संबंध में शासन द्वारा निर्धारित पात्रता अनुसार सिंन्धी विस्थापित परिवारों को छाेडकर एवं मौजा घूरडांग, नई बस्ती, टिकुरियाटोला, महदेवा की शासकीय भूमि में बिगत वर्षों से बगैर आवांटित किये अतिक्रमण के रूप में आवास बनाकर रह रहें परिवारों को पट्टा देने के संबंध में कोई कार्यवाही प्रचलित नहीं है। (ख) तहसील रघुराजनगर/कोठी अंतर्गत आवादी हेतु 275.247 हेक्टयर, तालाब हेतु 617.105 हेक्टयर गोचरण हेतु 123.136 हेक्टयर एवं अन्य उपयोग हेतु 98.214 हेक्टयर भूमि सुरक्षित है। उक्त भूमियों में अस्थाई रूप से किये गये अतिक्रमणों को समय-समय पर हटाया जाता है। (ग) सतना शहर से लगे सोनौरा ग्राम में नगर पालिक निगम सतना द्वारा 9.000 हेक्टयर में कुल 1200 प्रधानमंत्री आवास बनाये गये है उक्त आवास शासकीय भूमि में है। पट्टाधारियों की आराजियां अधिग्रहित नहीं की गई है जिससे भूमिस्वामियो की जानकारी दी जा सके। (घ) सतना जिले में 81541.200 हेक्टेयर शासकीय भूमि बिना उपयोग की रिक्त पड़ी है। रिक्त पड़ी भूमि का समय-समय पर उपयोग किया जाता है। राजस्व अभिलेख में वर्तमान में राखौंधा पहाड़ दर्ज है। उप संचालक खनिज प्रशासक द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार तहसील कोटर के ग्राम बिहरा के राखौंधा पहाड़ में तीन व्यक्तियों को लीज नियमानुसार स्वीकृत है। अत: निरस्‍तीकरण का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आवासीय पट्टों का प्रिंटिंग कार्य एवं वितरण की जानकारी

[राजस्व]

148. ( क्र. 1616 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संत हिरदाराम नगर एवं गांधीनगर के आवासीय पट्टों के प्रिंटिंग का कार्य किस एजेन्‍सी के माध्‍यम से कराया गया? पट्टों के प्रिंटिंग के लिए कुल कितना भुगतान एवं किस मद में किया गया?                     (ख) भोपाल के गांधीनगर एवं संत हिरदाराम नगर में आवासीय पट्टों का वितरण किन कारणों से लंबित है एवं पट्टों का वितरण कब तक करया जाएगा? प्रिंट किये गए आवासीय पट्टे की प्रति व प्रारूप उपलब्‍ध कराएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्‍यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदान किया जाना) अधिनियम 1984 अंतर्गत प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आवासीय पट्टों के वितरण हेतु पट्टों के प्रिटिंग का कार्य शासन की एजेंसी मध्‍यप्रदेश माध्‍यम द्वारा कराया गया है। पट्टों की प्रिटिंग के देयक प्राप्‍त न होने से वर्तमान में कोई भुगतान नहीं किया गया है। (ख) विधानसभा निर्वाचन-2018 एवं लोकसभा निर्वाचन 2019 के कारण पट्टा वितरण की कार्यवाही लंबित थी। विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 1-6/2017/18-3 दिनांक 31.08.2019 द्वारा निर्धारित समय-सारणी अनुसार कार्यवाही की जाती है। प्रिंट कराये गये स्‍थाई एवं अस्‍थाई पट्टों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है

आवंटित भूमि की लीज समाप्ति

[राजस्व]

149. ( क्र. 1619 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्‍या मैहर नगर में नगरीय क्षेत्र में चूना उद्योगों हेतु पूर्व में शासकीय भूमि लीज पर आवंटित की गई थी? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी भूमि किन शर्तों व किस उद्देश्‍य हेतु आवंटित की गई थी? (ख) क्‍या मैहर नगर में उक्‍त भूमियों पर अब कहीं भी चूना भट्टी इत्‍यादि संचालित नहीं है और न ही उक्‍त भूमियों का उपयोग लीज जारी करते समय लक्षित उद्देश्‍यों के अनुसार ही किया जा रहा है? (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) एवं (ख) उल्‍लेखित उक्‍त लीज पर आवंटित भूमियों की लीज समाप्‍त की जावेगी, ताकि उक्‍त भूमि का उपयोग अन्‍य अत्‍यावश्‍यक शासकीय प्रयोजनों हेतु किया जा सके? यदि हाँ, तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) एवं (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

एन.आर.आई. कोटे में चयनित विद्यार्थियों की पात्रता की जांच

[चिकित्सा शिक्षा]

150. ( क्र. 1623 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 1993 दिनांक 17 जुलाई 2019 के खण्‍ड (क) के अनुसार मा. सर्वोच्‍च न्‍यायालय के सिविल अपील क्रमांक 4060/2009 के 27 मई 2009 के आदेश की प्रति देवें तथा बतावें कि क्‍या यह अंतरिम आदेश था? यदि हाँ, तो इसके किस पृष्‍ठ पर एन.आर.आई. कोटे के लिये ऐसा उल्‍लेख है तथा उक्‍त प्रश्‍न के खण्‍ड (ग) तथा (घ) का उत्‍तर दिलावें। (ख) बतावें कि प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अंतरिम आदेश पर बाद में कोई आदेश 2017 तक नहीं हुआ? यदि हाँ, तो पूर्व के वर्षों में एन.आर.आई. कोटे में चयनित विद्यार्थियों की पात्रता की जांच शासन द्वारा नहीं की गई है? (ग) वर्ष 2008 से 2016 तक यदि निजी चिकित्‍सा महाविद्यालयों ने अपात्र को एन.आर.आई. कोटे में प्रवेश दिया तो उसकी जांच हेतु किस संस्‍था में आवेदन देना होगा तथा 2017 से 2019 तक एन.आर.आई. कोटे में चयनित विद्यार्थियों की जांच क्‍या शासन स्‍तर पर की गई है? यदि हाँ, तो उसकी रिपोर्ट देवें। (घ) वर्ष 2017 में एन.आर.आई. कोटे में चयनित 114 विद्यार्थियों की चिकित्‍सा शिक्षा संचालनालय/विश्‍वविद्यालय द्वारा की गई जांच की विद्यार्थी अनुसार रिपोर्ट देवें तथा इस संबंध में समस्‍त दस्‍तावेज, विद्यार्थियों द्वारा प्रस्‍तुत सहित उपलब्‍ध करावें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं, प्रश्‍नकर्ता का प्रश्‍न क्रमांक 1993 के स्‍थान पर 1933 प्राप्‍त हुआ था, माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आदेश की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जी हाँ अंतरिम आदेश के पृष्‍ठ क्रमांक 10 एवं 11 पर इसका उल्‍लेख है। '''' तथा '''' का उत्‍तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) अंतरिम आदेश के उपरांत 2 मई 2016 को सिविल अपील 4060/2019 पर माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने निर्णय पारित किया। आदेश से पूर्व अंतरिम आदेश दिनांक 27 मई 2009 के अनुसार 15 प्रतिशत एन.आर.आई. कोटे की सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया निजी महाविद्यालयों द्वारा अपने स्‍तर पर की जाती थी। (ग) निजी चिकित्‍सा महाविद्यालयों में प्रवेश एवं फीस से संबंधित प्रकरणों में जांच हेतु प्रवेश एवं शुल्‍क विनियामक आयोग अधिकृत है, जिसका गठन मध्‍यप्रदेश निजी व्‍यावसायिक संस्‍था (प्रवेश का विनियमन एवं शुल्‍क का निर्धारण) अधिनियम 2007, के अंतर्गत किया गया है तथा निजी मेडिकल कॉलेजों में वर्ष 2008 से 2016 तक एन.आर.आई. कोटे में प्रवेश की जांच आयोग द्वारा ही की जा सकती है। वर्ष 2017 में प्रवेशित एन.आर.आई छात्रों की जांच माननीय उच्‍च न्‍यायालय, जबलपुर के निर्देशानुसार संचालनालय चिकित्‍सा शिक्षा (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार) एवं पुन: प्रवेश एवं शुल्‍क विनियामक आयोग (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-4 अनुसार) द्वारा कराई गई। (घ) वर्ष 2017 में एन.आर.आई कोटे में चयनित 114 विद्यार्थियों की चिकित्‍सा शिक्षा संचालनालय द्वारा की गई जांच की विद्यार्थी अनुसार रिपोर्ट तथा इस संबंध में समस्‍त दस्‍तावेज अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।

हितग्राहियों की संख्‍या की जांच में अनियमितता

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

151. ( क्र. 1624 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्ष 2017 में रतलाम की 09 उचित मूल्‍य दुकानों की हितग्राहियों की संख्‍या की जांच में काफी अनियमितता पाये जाने पर 08 दुकानों पर 10 करोड़ रूपये के घोटाले का प्रकरण दर्ज किया गया? यदि हाँ, तो बतावें कि इन 08 दुकानों में मिलाकर कुल कितने हितग्राही थे तथा उसमें फर्जी हितग्राही कितने थे? (ख) क्‍या रतलाम शहर की 63 दुकानों में से प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित 08 दुकानों की जांच रेण्‍डम सर्वे के रूप में की गई थी? यदि हाँ, तो उनमें घोटाला पाये जाने पर शेष 55 दुकानों की उसी अवधि के हितग्राहियों की संख्‍या की जांच कब की गई तथा उसकी जांच रिपार्ट से अवगत करायें (ग) क्‍या रेण्‍डम सर्वे इसलिए किया जाता है कि उसमें कोई अनियमितता पाई जाये तो संपूर्ण सर्वे किया जाये? यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्नांश (क) के रेण्‍डम सर्वे के अनुसार उसी प्रक्रिया से उसी अवधि की रतलाम जिले की सारी दुकानों के हितग्राहियों की जांच की जाएगी। (घ) क्‍या रतलाम शहर की प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित 08 दुकानों को छोड़कर शेष दुकानों की जांच न करने में खाद्य विभाग के अधिकारियों ने जमकर अनियमितता की है? क्‍या शेष दुकानों की जांच न करने पर खाद्य विभाग के जिम्‍मेदार अधिकारियों को बर्खास्‍त कर शेष 55 दुकानों के हितग्राहियों की संख्‍या की जांच प्रश्नांश (क) अनुसार 08 दुकानों के अनुसार की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2017 में रतलाम शहर की 8 दुकानों के हितग्राहियों की जांच में अनियमितता पाये जाने से प्रकरण दर्ज कराया गया। इन 8 दुकानों में कुल 6416 हितग्राही थे, जिनमें 2846 हितग्राही सत्‍यापित नहीं पाये गये। (ख) जी हाँ। शेष 55 दुकानों की उसी अ‍वधि के हितग्राहियों की संख्‍या की जांच नहीं कराई गई है। रेण्‍डम सर्वे के आधार पर अनुगामी कार्यवाही करते हुए 6 माह से राशन न लेने वाले 21202 परिवारों को मार्च 2018 से पात्रता से हटाया गया है। (ग) जी नहीं। रेण्‍डम सर्वे के भिन्‍न-भिन्‍न प्रयोजन होते है। रेण्‍डम सर्वे के आधार पर अनुगामी कार्यवाही करते हुए 6 माह से राशन न लेने वाले 21202 परिवारों को मार्च 2018 से पात्रता से हटाया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। अपात्र परिवारों की पहचान कर उन्‍हें पात्रता से हटाने हेतु शासन द्वारा लाभार्थी सत्‍यापन अभियान के अंतर्गत घर-घर जाकर सत्‍यापन किया जा रहा है।

अनैतिक तरीके से ड्रग ट्रायल

[चिकित्सा शिक्षा]

152. ( क्र. 1634 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 2004 से 2012 के मध्‍य किये गये ड्रग ट्रायल्‍स की विस्‍तृत रिपोर्ट दें तथा बतावें कि किस-किस डॉक्‍टर ने कितने-कितने मरीजों पर ड्रग ट्रायल किये तथा उन्‍हें किस तरह दण्डित किया गया? (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित डॉक्‍टर अभी कहां पदस्‍थ हैं तथा क्‍या 2012 के बाद भी उनके द्वारा या अन्‍य डॉक्‍टरों द्वारा ड्रग ट्रायल करने के प्रकरण शासन के संज्ञान में आये हैं? यदि हाँ, तो जानकारी दें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में 2365 मरीजों पर ड्रग ट्रायल किये गये जिनमें से 100 से अधिक मृत हो गये तथा शेष गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गए जिनमें से अभी तक 1000 से ज्यादा मर चुके हैं? यदि हाँ, तो इसके लिये जिम्‍मेदार शासकीय चिकित्‍सकों को सेवा से बर्खास्‍त क्‍यों नहीं किया गया तथा उन पर फौजदारी प्रकरण क्‍यों नहीं दर्ज किया गया?              (घ) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि में मनोरोगियों, बच्‍चों, भोपाल गैस पीड़ि‍तों, किशोर बालि‍काओं पर अनैतिक ड्रग ट्रायल किया गया? यदि हाँ, तो बतावें कि उन्‍हें कितना मुआवजा दिया गया या दिया जावेगा? (ड.) क्‍या शासन अनैतिक ड्रग ट्रायल से पीड़ित व्‍यक्तियों की वर्तमान स्थिति की जानकारी के लिये कोई कमेटी गठित करेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आदिवासियों की जमीन का विक्रय

[राजस्व]

153. ( क्र. 1635 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 (6) की तहत आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को विक्रय करने की अनुमति दिये जाने के आंकड़ों का जिलेवार संग्रह परीक्षण किया जाता है? यदि हाँ, तो बतावें कि वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक उज्‍जैन संभाग में कुल कितने हेक्‍टेयर आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी को बेची गई? (ख) रतलाम जिले में 2014 से अक्‍टूबर 2019 तक धारा 165 (6) के तहत कितने हेक्‍टर आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासी को बेची गई तथा इस संदर्भ में किस-किस जमीन के विक्रय में अनियमितता की जांच किस-किस अधिकारी स्‍तर पर की गई तथा की जा रही है? जिस जांच का अंतिम प्रतिवेदन प्राप्‍त हो गया है, उसकी प्रतिलिपि देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित जमीन के विक्रेता तथा क्रेता का नाम तथा पता एवं जमीन का गाँव सर्वे नंबर, रकवा तथा धारा 165 (6) में दिये गए आवेदन की दिनांक तथा आदेश की दिनांक बतावें तथा सक्षम अधिकारी द्वारा दिये गये आदेशों की प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्‍लेखित अवधि में रतलाम जिले में किस-किस आदिवासी की किस गाँव की किस सर्वे नंबर तथा रकवा की जमीन का किस दिनांक को डायवर्सन किया गया तथा वह जमीन किस दिनांक को गैर आदिवासी को बेच दी गई? क्‍या इस तरह धोखाधड़ी कर आदिवासियों की जमीन ओने-पोने दामों पर खरीदने वाले भू-माफियाओं पर प्रकरण दर्ज किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 (6) के तहत दर्ज प्रकरणों का विवरण परीक्षण करके सम्‍यक निराकरण किया जाता है। उज्‍जैन संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) रतलाम जिले में 2014 से वर्तमान तक 150 प्रकरणों में 117-758 हेक्‍टेयर रकबे में विक्रय की अनुमति जारी की गई। वर्तमान में 55 प्रकरणों में अनियमितता पाई जाने पर आयुक्‍त उज्‍जैन संभाग के यहां जांच प्रचलित है। उक्‍त प्रकरणों में संबंधित अपर कलेक्‍टर पर विभागीय जांच की कार्यवाही शासन स्‍तर से प्रचलित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) जांच की कार्यवाही पूर्ण होने के उपरांत ही जानकारी दी जा सकेगी।

जनजातीय समाज की भूमि का अर्जन

[राजस्व]

154. ( क्र. 1640 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले की कौन सी तहसील एवं कौन सा ब्‍लाक संविधान की पाँचवी अनुसूची के तहत अधि‍सूचित है? उसमें आदिवासी की निजी भूमि उद्योग के लिए क्रय किए जाने या अर्जित किए जाने के संबंध में क्‍या-क्‍या नियम एवं प्रक्रिया किस दिनांक से लागू की गई है? प्रति सहित बताएं। (ख) मनावर एवं गंधवानी तहसील में अल्‍ट्राटेक कंपनी के लिए किस ग्राम के किस आदिवासी एवं किस गैर-आदिवासी की कितनी सिंचित भूमि एवं कितनी गैर सिंचित भूमि किस आदेश दिनांक से किस दर पर अर्जित की गई? उसमें से किस किसान के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन के लिए प्रश्‍नांकित दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्य किया? कितना-कितना अतिरिक्‍त भुगतान किया गया?              (ग) अल्‍ट्राटेक कंपनी को किस ग्राम की कितनी शासकीय भूमि, कितनी गैर-आदिवासियों की भूमि, कितनी आदिवासियों की भूमि पर किस आदेश क्रमांक दिनांक से किस खनिज की खदान आवंटित की गई? भूमि अर्जन एवं खदान आवंटन की अनुमति किस ग्रामसभा ने किस दिनांक के प्रस्‍ताव से प्रदान की? उस ग्रामसभा में कितने सदस्‍यों में से कितने सदस्‍य उपस्थित थे? (घ) उक्‍त अल्‍ट्राटेक कंपनी द्वारा स्‍थापना दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक सी.एस.आर. फण्‍ड के तहत कितनी राशि किस कोष में जमा की गई एवं उक्‍त राशि को किन प्रयोजनों हेतु कहाँ-कहाँ कितना खर्च किया गया? प्रति सहित बताएं। (ड.) क्‍या जुलाई 1997 में सुप्रीम कोर्ट के समता जजमेंट के अनुसार अनुसूचित क्षेत्रों में जल संसाधनों के रख-रखाव, विद्यालयों, अस्‍पतालों, सफाई कार्यों तथा परिवहन व सड़क निर्माण इत्‍यादि के लिए औद्योगिक इकाइयों/कंपनियों द्वारा शुद्ध लाभ का 20 प्रतिशत एक स्‍थाई कोष में जमा करने का प्रावधान है, जो जंगल लगाना, पर्यावरण संभारण एवं सी.एस.आर. फण्‍ड से अलग होगा? जनवरी 2016 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक मनावर विधानसभा क्षेत्र की किस-किस इकाइयों/कंपनियों ने उक्‍त राशि किस कोष में जमा किया एवं उसे कहाँ-कहाँ खर्च किया गया? प्रति सहित जानकारी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) धार जिले की धार, पीथमपुर, सरदारपुर, मनावर, गंधवानी, धरमपुरी, कुक्षी एवं डही तहसील तथा धार, तिरला, नालछा, सरदारपुर, मनावर, उमरबन, गंधवानी, धरमपुरी, कुक्षी, निसरपुर, डही एवं बाग ब्लाक संविधान की पाँचवी अनुसूची के तहत अधिसूचित है। भू-अर्जन का कार्य भूमि अर्जन पुनर्वासन और पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 के अनुसार किया जाता है। (ख) (1) मनावर तहसील में अल्ट्राटेक कंपनी के लिए भू-अर्जन हेतु 08 ग्राम तथा सतही अधिकार के अंतर्गत खनन हेतु 06 ग्रामों की भूमि अर्जित की गई। भू-अर्जन अधिनियम के तहत अधिग्रहित भूमि 90.611 हेक्टर:- आदिवासी कुल कृषक संख्या क्षेत्रफल गैर आदिवासी कुल कृषक संख्या क्षेत्रफल 100 46.898 28 43.713 सिंचित/गैर सिंचित सिंचित गैर सिंचित कुल क्षेत्रफल 47.988 42.263 90.611 - तहसील मनावर अंतर्गत सतही अधिकार के तहत अधिग्रहित भूमि 676.618 हेक्टर:- आदिवासी कुल कृषक संख्या क्षेत्रफल गैर आदिवासी कुल कृषक संख्या क्षेत्रफल 537 661.814 21 14.804 सिंचित/गैर सिंचित सिंचित गैर सिंचित कुल क्षेत्रफल 291.627 384.991 676.618 (2) तहसील गंधवानी अंतर्गत सतही अधिकार के तहत अधिग्रहित भूमि 98.007 हेक्टरः- आदिवासी कुल कृषक संख्या क्षेत्रफल गैर आदिवासी कुल कृषक संख्या क्षेत्रफल 83 91.131 03 6.876 सिंचित/गैर सिंचित सिंचित गैर सिंचित कुल क्षेत्रफल 97.798 0.209 98.007 (3) म.प्र. शासन पुनर्वास विभाग मंत्रालय, भोपाल का ज्ञाप क्रमांक एफ-531/2013/28, भोपाल दिनांक 21.03.2014 के अनुपालन में कुल प्रभावित परिवार को 127 पुनर्वास नीति बिन्दु क्रमांक 6.21 अंतर की राशि रू. 10001475/- तथा बिन्दु क्रमांक 7.2 तीन प्रभावित परिवारों के 25 सदस्यों को भू-खण्ड दिये गये। बिन्दु क्रमांक 7.13.1 रोजगार एकमुश्त अनुदान के रूप में प्रति परिवार तीन लाख के मान से 100 परिवारों को तथा 09 लोगों को रोजगार दिया गया। बिन्दु क्रमांक 7.17 के अंतर्गत 128 को पेंशन के रूप में रूपये 50, 000/- एक मुश्त एवं आदेश दिनांक से आज दिनांक तक रूपये 1, 000/- प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। बिन्दु क्रमांक 9 अंतर्गत 39 छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति दी जा रही है। उपरोक्तानुसार पारित अवार्ड एवं सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) धार जिले में मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट प्रा.लि. को ग्राम घुरसल, करोदिया, बडिया, चाकड़ूद, अत्तरसुमा, साली, सोयला, मोहनपुरा, चिकली, बोरघाटा में रकवा 1026 हेक्टर पर खनिज चूना-पत्थर का खनिपट्टा शासन के आदेश क्रमांक 3-30/09/12-1 भोपाल दिनांक 28.12.2011 द्वारा स्वीकृत किया गया है, जिसमें शासकीय भूमि 224 हेक्टर तथा निजी भूमि (आदिवासियों की) 802 हेक्टर है। इसी प्रकार ग्राम सीतापुरी, बोरलाई, अवराल, अंडियाव, चीराखान, उदियापुरा तहसील मनावर में रकवा 965 हेक्टर पर खनिज चूना-पत्थर का खनि पट्टा शासन आदेश क्रमांक 3-46/2006/12-2 भोपाल दिनांक 03.05.2014 द्वारा स्वीकृत किया गया है, जिसमें शासकीय भूमि 192.25 हेक्टर तथा निजी भूमि (आदिवासियों की) 772.75 हेक्टर है तथा मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट को ग्राम देवरा-सीतापुरी-उदियापुरा में रकवा 344.73 हेक्टर क्षेत्र पर नीलाम ब्लाक नियमानुसार उच्चतम बोली पर प्रदान किया गया है, जिसके संबंध में शासन द्वारा आशय-पत्र क्रमांक एफ-3-32/2018/12/1 भोपाल दिनांक 20.06.2018 को जारी किया गया है, जिसमें शासकीय भूमि 51.169 हेक्टर तथा निजी भूमि (आदिवासियों की) 293.614 हेक्टर है। ग्राम सभा के ठहराव प्रस्ताव की छायाप्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) अल्ट्राटेक कम्पनी के पत्र दिनांक 05.12.2019 द्वारा प्रस्तुत जानकारी अनुसार निम्नानुसार राशि सी.एस.आर. फण्ड के निम्नानुसार कार्यों हेतु विकास खण्ड मनावर एवं गंधवानी के अंतर्गत खर्च की गई है, पत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है:- (राशि लाख रूपयों में)

विवरण

2016-17

2017-18

2018-19

2019-20

शिक्षा

1.63

3.91

11.66

1.22

स्‍वास्‍थ्‍य

3.72

4.14

11.38

29.03

क्रमिक विकास

1.87

3.06

13.75

14.68

अधोसंरचना विकास

30.00

8.25

8.41

121.10

सामाजिक दक्षता

1.05

31.82

2.90

7.13

योग

38.27

51.18

48.10

173.16

 (ड.) राजस्‍व विभाग के अंतर्गत कोई कोष संधारित नहीं होता है।

सह-प्राध्‍यापक/प्राध्‍यापक एवं अधीक्षकों की नियुक्ति

[चिकित्सा शिक्षा]

155. ( क्र. 1641 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कि गांधी चिकित्‍सा महाविद्यालय भोपाल के पैथालाजी विभाग में कॉलेज स्‍थापना दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक सह-प्राध्‍यापक एवं प्राध्‍यापक पद के लिए एस.टी., एस.सी., ओ.बी.सी. के सदस्‍य के लिए कोई भी पद अधिकृत नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कारण बताएं। यदि नहीं, तो उक्‍त विभाग के सह-प्राध्‍यापकों, प्राध्‍यापकों की सूची उपलब्‍ध कराएं। (ख) क्‍या म.प्र. सामान्‍य प्रशासन विभाग पत्र क्र. एफ-6-1/2002/आ.प्र./एफ भोपाल, दिनांक 10 जुलाई 2017 पत्र में गांधी चिकित्‍सा महाविद्यालय में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्‍य पिछड़ा वर्ग के बैकलॉग पदों को अनदेखा कर आदर्श सेवाभर्ती नियम बनाकर जी.एम.सी. विज्ञप्ति क्रमांक 9938 एम.सी./स्‍था./विज्ञप्‍त/4/2018 दिनांक 23/03/2018 में उक्‍त पद पर सामान्‍य वर्ग को नियुक्ति दी गई? क्‍या उक्‍त पद पर सामान्‍य वर्ग को नियुक्ति देते समय संविधान के आरक्षण नियमों का पालन किया गया? (ग) क्‍या हमीदिया, सुल्‍तानिया जनाना अस्‍पताल एवं टी.बी. अस्‍पताल का अधीक्षक का पद स्‍वीकृत है? यदि हाँ, तो वर्तमान में नियु‍क्‍त अधीक्षकों की नियुक्ति किस आधार पर हुई है? (घ) एस.सी.आई. नियमों अनुसार अधीक्षकों की नियुक्ति के लिए क्‍या नियम है? क्‍या अधीक्षक नियमित पद पर रहते हुए दो शासकीय पद पर कार्य कर सकता है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं, प्राध्‍यापक तथा सह प्राध्‍यापक पदोन्‍नत पद होने के कारण महा‍विद्यालय की स्‍थापना दिनांक के पश्‍चात राज्‍य शासन द्वारा पदोन्‍नत पद पर लागू किए गए आरक्षण नियम की दिनांक से आरक्षण रोस्‍टर का पालन किया गया है। विभाग के अधीन कार्यरत प्राध्‍यापक एवं सह प्राध्‍यापकों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी हाँ। वर्तमान में हमीदिया चिकित्‍सालय में अधीक्षक का पद मध्‍यप्रदेश स्‍वशासी चिकित्‍सा महाविद्यालयीन शैक्षणिक आदर्श सेवा नियम, 2018 अनुसार प्राध्‍यापक के पद से स्‍थानांतरण द्वारा भरा गया है। सुल्‍तानिया जनाना चिकित्‍सालय में अधीक्षक के पद को प्रभार पर दिया गया है। अधीक्षक, हमीदिया चिकित्‍सालय, भोपाल को अपने वर्तमान दायित्‍वों के साथ-साथ क्षय चिकित्‍सालय, भोपाल के अधीक्षक पद का कार्यभार अस्‍थाई रूप से आगामी आदेश तक सौंपा गया है। (घ) एम.सी.आई. नियमों की प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। अधीक्षक पद पर रहते हुए विभागाध्‍यक्ष का पद धारण नहीं किया जा सकता है।

आयुष कर्मचारियों की 10 सूत्रीय मांगों पर कार्यवाही

[आयुष]

156. ( क्र. 1644 ) कुँवर प्रद्युम्न सिंह लोधी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आयुष कर्मचारी संघ भोपाल म.प्र. के द्वारा मांगों के निराकरण हेतु 10 सूत्रीय ज्ञापन पत्र (आवेदन पत्र) दिये गये हैं? अगर हाँ, तो कब-कब और किस-किस को दिये गये? दिनांकवार, अधिकारीवार, जनप्रतिनिधिवार बतायें। विभाग के द्वारा, संचालनालय के द्वारा उस पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? बिन्‍दुवार बतावें। क्‍या तत्‍कालीन मा. आयुष मंत्री एवं अन्‍य लोगों के द्वारा लिखा गया था अगर हाँ, तो उस पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) क्‍या संचालनालय आयुष के आदेश क्र. 526-31 दिनांक 11.03.2010 के द्वारा एवं आदेश क्र/319-23 दिनांक 15/11/2016 के द्वारा प्रदेश के कुछ कर्मचारियों को उनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित किया गया है? अगर हाँ, तो बाकी शेष कर्मचारियों को कब तक उनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित कर दिया जावेगा? (ग) जिन कर्मचारियों को संचालनालय के आदेश क्र/2/स्‍था/09/1182-1199 दिनांक 27/02/09 के द्वारा संविदा से नियमित किया गया था, क्‍या उसी आदेश के दो कर्मचारियों को उनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित किया गया है? अगर हाँ, तो बाकी शेष बचे 12 कर्मचारियों को संचालनालय/विभाग कब तक उनकी प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित कर देगा? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित मांगों के सम्‍बन्‍ध में विभाग द्वारा जो भी कार्यवाही की गई (प्रश्‍न दिनांक तक) उन सभी की विवरण उपलब्ध करावें और कब तक विभाग 9 मांगों के संबंध में आदेश जारी करेगा? नहीं तो कारण सहित बतावें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। मांग पत्र पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। संघ की 10 मांगों के संबंध में समिति की अनुशंसा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' पर है। आयुष कम्‍पाउण्‍डरों का पदनाम परिवर्तित करने फार्मासिस्‍ट करने एवं महिला स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ताओं के ग्रेड-पे समान के करने के संबंध में प्रकरण विचाराधीन है। शेष मांगों के संबंध में समिति द्वारा अमान्‍य करने की अनुशंसा की गई है। (ख) संविदा पर नियुक्ति कंपाउण्‍डरों को नियुक्ति दिनांक से नियमितीकरण के बारे में सामान्‍य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 16.05.2007 में किये गये उल्‍लेख अनुसार संविदा नियुक्ति दिनांक से नियमितीकरण संभव नहीं है। पूर्व में संविदा नियुक्ति दिनांक से किये गये नियमितीकरण नियमानुसार नहीं होने पर उनको पुनरीक्षण में लिया जाकर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है (ग) जी हाँ। उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थ्ति नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिवहन विभाग की जांच चौकियों की जानकारी

[परिवहन]

157. ( क्र. 1645 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) मध्‍यप्रदेश से लगे अन्‍य प्रदेश को जाने वाले मार्ग पर विभाग की जांच चौकियों के नाम एवं उन पर पदस्‍थ स्‍टाफ की पदस्‍थी दिनांक सहित जानकारी दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित जांच चौकियों पर क्‍या वाहनों के कम या ज्‍यादा पहियों के अनुसार टैक्‍स लिया जा रहा है? यदि नहीं, तो इस संबंध में 01 जनवरी 2019 से 31 अक्‍टूबर 2019 तक कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई एवं इन पर क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) क्‍या इन जांच चौकियों पर आर.टी.ओ. द्वारा एक विशेष प्रकार की सील लगाई जाती है जिसे चौकी पर दिखाने से टैक्‍स नहीं लगता तथा विभाग को इससे करोड़ों की राजस्‍व की हानि हो रही है? (घ) इन जांच चौकियों से 01 जनवरी 2019 से 31 अक्‍टूबर 2019 तक की अवधि में कुल कितने वाहनों का आना जाना हुआ है एवं उनसे कितने राजस्‍व की प्राप्ति हुई है? माहवार विवरण दिया जावे।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश से लगे अन्य प्रदेश को जाने वाले मार्ग पर विभाग की जांच चौकियों के नामों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। इन जांच चौकियों पर पदस्थ स्‍टाफ की पदस्थी दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जांच चौकियों पर वाहनों का टैक्स वाहन के RLW के अनुसार लिया जाता है। इस संबंध में 01 जनवरी 2019 से 31 अक्टूबर 2019 तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। फलस्वरूप कार्यवाही का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी नहीं। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों द्वारा इन जांच चौकियों पर ऐसी कोई सील नहीं लगाई जाती जिसे दिखाने से टैक्स में कोई छूट प्राप्त हो। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) इन जांच चौकियों पर आने-जाने वाले वाहनों की संख्या संधारित नहीं की जाती है। परिवहन जांच चौकियों पर चैक किए गए वाहनों का ही अभिलेख संधारित किया जाता है। परिवहन जांच चौकी पर आने वाले वाहनों के दस्तावेजों का परीक्षण करने पर मोटरयान अधिनियम 1988 एवं इसके सहपठित अन्य नियमों/अनुदेशों के प्रकाश में कमी पाये जाने पर चालानी कार्यवाही की जाती है एवं इसी के अभिलेख संधारित किए जाते है। इन जांच चौकियों से 01 जनवरी 2019 से 31 अक्टूबर 2019 तक की अवधि में चालानी कार्यवाही करते हुए कुल राजस्व रूपये 63, 85, 45, 515/- की प्राप्ति हुई है। माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।

देशी/अंग्रेजी शराब की दुकानों की नीलामी एवं अवैध शराब बिक्री

[वाणिज्यिक कर]

158. ( क्र. 1646 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में 2019-20 के वित्‍तीय वर्ष में कुल कितनी देशी एवं अंग्रेजी शराब की दुकानें नीलाम की गई? जिलेवार एवं दुकानवार जानकारी दी जावे। (ख) राज्‍य शासन द्वारा क्‍या शराब दुकानों में अहाता स्‍वीकृत कर उसी स्‍थान पर शराब पीने की सुविधा दी गई हैं? यदि हाँ, तो प्रदेश में स्‍वीकृत अहातों की जिलेवार संख्‍या बताई जाए। (ग) विभाग द्वारा स्‍वीकृत शराब दुकानों के अलावा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री एवं होम डिलेवरी बंद करने के विरूद्ध विभाग की क्‍या नीति है एवं इस संबंध में रोकथाम हेतु अभी तक विभाग ने क्‍या कार्यवाही की है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्‍यप्रदेश में 2019-20 के वित्‍तीय वर्ष में देशी मदिरा की 2544 एवं विदेशी मदिरा की 1061 दुकानें निष्‍पादित की गई है। जिलेवार एवं दुकानवार जानकारी का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार हैं। (ख) ऑफ श्रेणी की देशी/विदेशी मदिरा की दुकानों को नियमानुसार पात्रता होने पर अतिरिक्‍त मूल्‍य प्रभारित किये जाने पर शॉप-बार का लायसेंस दिया जाना प्रावधानित किया गया है। मध्‍यप्रदेश के जिलों में वर्ष 2019-20 की अवधि में प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वीकृत शॉप-बार लायसेंस का जिलावार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा स्‍वीकृत शराब दुकानों के अलावा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री की रोकथाम हेतु विभाग सघन गश्‍त, भ्रमण, सामूहिक छापामार कार्यवाही, आकस्मिक वाहन चैकिंग, मुखबिरों से प्राप्‍त सूचना और शिकायतों के आधार पर मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की विभिन्‍न धाराओं के तहत् प्रभावी कार्यवाही समय-समय पर की जाती है। अवैध शराब परिवहन, संग्रहण, विक्रय एवं अवैध आसवन तथा होम डिलेवरी संबंधी अपराध संज्ञान में आने पर संबंधितों के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के प्रावधानों के तहत् प्रभावी कार्यवाही की जाती है। प्रदेश के जिलों में वर्ष 2019-20 में माह अक्‍टूबर 2019 अंत तक 61511 न्‍यायालयीन प्रकरण कायम किये जाकर, 339817.8 प्रूफ लीटर देशी मदिरा, महुआ लाहन 4350416 किलोग्राम, 56780.71 प्रूफ लीटर विदेशी मदिरा स्पिरिट तथा 14414.06 बल्‍क लीटर बीयर जप्‍त की जाकर अवैध विक्रय में संलिप्‍त व्‍यक्तियों के विरूद्ध न्‍यायालयीन कार्यवाही की गई है। उक्‍त जानकारी का जिलेवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।

देशी शराब का अवैध व्यापार

[वाणिज्यिक कर]

159. ( क्र. 1649 ) श्री तरबर सिंह : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जो शासकीय देशी शराब की दुकानें हैं, उन्हें शराब बेचने का अधिकार दुकान से है या दुकान के बाहर दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में गाँव-गाँव ले जाकर? यदि नहीं, तो देशी शराब दुकान के ठेकेदार गाँव-गाँव शराब का अवैध व्यापार क्यों कर रहें हैं? (ख) क्या आबकारी विभाग इन पर कोई कार्यावाही नहीं कर सकता है? (ग) क्या ऐसे देशी शराब ठेकेदारों के लायसेंस निरस्त नहीं किये जा सकते? यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र. में जिन देशी शराब दुकानों के ठेकेदारों के द्वारा गाँव-गाँव में अवैध शराब का जो व्यापार कराया जा रहा है। क्‍या इन सभी देशी शराब दुकानों के ठेकेदारों के लायसेंस निरस्त किये जावेंगे?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) देशी मदिरा के फुटकर अनुज्ञप्तिधारियों को अनुज्ञप्‍त परिसर से ही मदिरा विक्रय का अधिकार है। देशी मदिरा दुकान के अनुज्ञप्तिधारी के अनुज्ञप्‍त परिसर के अलावा अन्‍यत्र स्‍थान से शराब के विक्रय के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये हैं। (ख) अनुज्ञप्तिधारी द्वारा अनुज्ञप्‍त परिसर से भिन्‍न स्‍थान पर शराब का विक्रय करते पाये जाने पर आबकारी विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अधीन कार्यवाही किये जाने के प्रावधान हैं। (ग) किसी अनुज्ञप्तिधारी द्वारा अनुज्ञप्‍त परिसर से भिन्‍न स्‍थान पर शराब का विक्रय करते पाये जाने पर आबकारी विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अधीन कार्यवाही किये जाने का प्रावधान हैं। बण्‍डा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत संचालित मदिरा दुकानों के लायसेंसियों द्वारा अवैध रूप से मदिरा विक्रय किये जाने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। गाँव-गाँव मदिरा के अवैध विक्रय की सूचनायें प्राप्‍त होने पर विभाग द्वारा मदिरा के अवैध कारोबार में संलिप्‍त व्‍यक्तियों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाकर प्रकरण न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते हैं।

भूमि के नामांतरण एवं फौती दर्ज करने की समय-सीमा

[राजस्व]

160. ( क्र. 1650 ) श्री तरबर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) भूमि के नामांतरण एवं फौती दर्ज करने की कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? यदि हाँ, तो कितनी? (ख) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बण्डा एवं शाहगढ़ दो तहसीलें आती हैं, बण्डा एवं शाहगढ़ में ऐसे नामांतरण एवं फौती के कितने प्रकरण हैं जो 6 माह, 12 माह, 18 माह से लंबित हैं? (ग) यदि इतने समय से प्रकरण लंबित हैं और इन प्रकरणों का निराकरण आज तक नहीं किया गया, तो इसका दोषी कौन है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा सकती है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : क) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता नवीन संशोधन दिनांक  25.09.2018 की धारा 110 के तहत अविवादित नामांतरण एवं फौती के मामले में 01 माह तथा विवादित नामांतरण के मामले में 05 माह की समय-सीमा निर्धारित है। (ख) तहसील बाण्‍ड/शाहगढ़ अन्‍तर्गत नामान्‍तरण एवं फौती के प्रकरण जो लम्बित है:-

तहसील

0सेमाह के अन्‍दर

06 से 12 माह

12 से 18 माह

कुल

बाण्‍डा

625

196

0

821

शाहगढ

378

183

62

623

कुल

1003

379

62

1444

(ग) राजिस्‍टर्ड नामांतरण के प्रकरण संपदा पोर्टल के माध्‍यम से प्राप्‍त हो रहे हैं, जिनमें मूल अभिलेख के साथ आवेदकों की उपस्थिति समय-सीमा में नहीं हो पाने के कारण निर्धारित               समय-सीमा से निराकरण में विलम्‍ब हो रहा है। उपरोक्‍त प्रकरणों की प्रकृति एवं स्‍वरूप के कारण निराकरण में विलम्‍ब हो रहा है, जिस हेतु कोई अधिकारी कर्मचारी दोषी नहीं है।

पट्टेधारियों द्वारा अनुबंध का पालन न करना

[राजस्व]

161. ( क्र. 1654 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नगरपालिका भिण्‍ड अंतर्गत कितने स्‍थाई, अस्‍थाई पट्टेधारी (सामाजिक पंजीकृत ट्रस्‍टों, पत्रकारिता कंपनी एक्‍ट धारा-25 के तहत बनी कंपनी शैक्षणिक संस्‍थायें) हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त पट्टेधारियों की समय-सीमा समाप्‍त होने पर कितने वर्षों की वृद्धि की गयी? क्‍या समय-सीमा वृद्धि के पूर्व संस्‍थाओं का भौतक सत्‍यापन कराया गया था कि संस्‍था अनुबंध (जिस कार्य के लिए पट्टा लिया गया है) का पालन कर रही है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त पट्टे‍धारियों की समय-सीमा समाप्‍त होने पर कितने वर्षों की वृद्धि की गई? क्‍या समय-सीमा वृद्धि के पूर्व संस्‍थाओं का भौतिक सत्‍यापन कराया गया था कि संस्‍था अनुबंध (जिस कार्य के लिए पट्टा लिया गया है) का पालन कर रहीं है या नहीं? यदि हाँ, तो किस अधिकारी द्वारा निरीक्षण किया गया? निरीक्षण टीप की प्रति उपलब्‍ध करावें। यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या तत्‍कालीन कलेक्‍टर श्री इलैया राजा टी. द्वारा कुछ पट्टे‍धारियों के द्वारा अनुबंध का पालन न करने के कारण उनके विरूद्ध कार्यवाही की थी? यदि हाँ, तो किस-किस के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? क्‍या श्री इलैया राजा टी. तत्‍कालीन कलेक्‍टर के स्‍थानांतरित होते ही पट्टे‍धारियों द्वारा अनुबंध का पालन नहीं किया जा रहा है? क्‍या शासन/प्रशासन जांच कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) नगरपालिका भिण्‍ड में कंपनी एक्‍ट धारा 25 के तहत 1- श्री गिरजेश दुबे प्रधान संपादक दैनिक ऋ‍तुराज प्रेस लगाने हेतु म.प्र. शासन के आदेश क्रमांक/एफ-6-79/सात/सा2बी/85 दिनांक 15.05.1986 को प्रेस लगाने हेतु सर्वे न.914 में से 3600 वर्गफीट रकवा प्रीमियम रू.8280 एवं वार्षिक भू-भाटक रू.621 की दर पर स्‍थाई पट्टे पर दिया गया। 2- शासन के आदेश क्रमांक/एफ-6-373/सात/नजूल/95 दिनांक 10.01.1996 को प्रेस हेतु 3600 वर्गफीट में से 1800 वर्गफीट भूमि को प्रीमियम रू. 19800 एवं वार्षिक भू-भाटक‍ रू. 1485 की दर पर प्रयोजन परिवर्तन कर होटल, लोज एवं दुकाने बनाने हेतु आदेश जारी किया गया। 3- पण्डित जबर सिंह दीक्षित लोक कल्‍याण न्‍यास के लिये शासकीय भूमि सर्वे न. 914 में 3325 वर्गफीट शासन के आदेश क्रमांक/6-153/सात2बी/83 भोपल दिनांक 21.11.1984 को प्रीमियम राशि              रू. 7331.62 तथा वार्षिक भू-भाटक रू.183.80 पर स्‍थाई पट्टे पर दी गई। 4- अस्‍थाई पट्टा विषयक जानकारी निरंक है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में तत्‍समय प्रचलित निर्देशों के आधार पर भूमियां आवंटित की गयी। उपर्युक्‍त पट्टेधारियों द्वारा विधिवत अनुबंध का पालन किया जा रहा है। (ग) उपर्युक्‍त संस्‍थाओं का स्‍थाई पट्टा होने से समय-सीमा पट्टा समाप्‍त होने का प्रश्‍न ही नहीं उठता। लीज नवीनीकरण की कार्यवाही प्रचलित नियमों के अनुसार होती है। (घ) तत्‍कालीन कलेक्‍टर श्री इलैया राजा टी. के कार्यकाल में इस प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है। पट्टेधारियों द्वारा अनुबंध के उल्‍लंघन की स्‍थिति नहीं पायी गई। अत: पट्टेधारियों के विरूद्ध कार्यवाही का प्रश्‍न ही नहीं होता है।

 

प्रदेश में अतिवर्षा से हानि

[राजस्व]

162. ( क्र. 1655 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक अतिवर्षा एवं नदियों की बाढ़ से              कितनी-कितनी हेक्‍टेयर फसलों, जन, पशु, सम्‍पत्ति की हानि हुई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन प्रशासन द्वारा नुकसान (हानि) का आंकलन तैयार कर लिया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस विधानसभा क्षेत्र में कितना-कितना नुकसान हुआ? यदि आकलन नहीं किया गया है तो कारण बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शासन प्रशासन द्वारा अटेर विधानसभा क्षेत्र में कोई राहत राशि प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो किस मापदण्‍ड के तहत प्रदान की है? यदि नहीं, तो कारण बतावें। कितने पीड़ित किसानों एवं कितने पीड़ित परिवारों को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई? (घ) शासन प्रशासन द्वारा भविष्‍य में बाढ़ के नुकसान से बचाव हेतु अटेर विधानसभा क्षेत्र हेतु कोई कार्य योजना बनाई गयी है? यदि हाँ, तो किस प्रकार की कार्ययोजना बनाई गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जन, पशु हानि नहीं हुई है। शेष जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '’'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '’'' अनुसार है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। प्रश्‍नांश क के परिप्रेक्ष्‍य में अटेर विधानसभा क्षेत्र में आर.बी.सी 6-4 के मापदण्‍डों के अनुसार अंतर्गत कुल 803 किसानों को राशि 7059376/- एवं मकान क्षति से प्रभावित कुल 266 परिवारों को 2442500 रू. की राहत राशि प्रदाय की गई एवं बाढ़ से प्रभावित कुल 280 चिन्हित परिवारों को 50 किलोग्राम प्रति परिवार के मान से कुल 140 क्विंटल गेहूं दिया गया है। अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रत्‍येक जिले में जिला आपदा प्रबंधन योजना बनाया गया है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

बरघाट एवं कुरई विकासखण्‍ड के आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

163. ( क्र. 1658 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सिवनी जिले के बरघाट एवं कुरई विकासखण्‍ड के आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का ग्रामवार विकासखण्‍डवार विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र शासन के स्‍वयं के हैं तथा उनके निर्माण का वर्ष, कार्य करने वाली एजेंसी तथा इन भवनों की वर्तमान स्थिति का विवरण दें। क्‍या कारण है कि पक्‍के आर.सी.सी. भवन एक दशक से कम समय में ही जर्जर हो गए, इसके लिये कौन जिम्‍मेदार है? (ग) क्‍या कारण है कि बरघाट विधानसभा क्षेत्र में अधिकांश आंगनवाड़ी केन्‍द्र निजी परिसरों में दयनीय स्थिति में और अस्‍वच्‍छ माहौल में संचालित की जा रही है? इस स्थिति के लिये कौन जिम्‍मेदार है तथा शासन इस दुरावस्‍था को ठीक करने के लिए क्‍या करने जा रहा है? (घ) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के संचालन और उपकरण क्रय हेतु बरघाट एवं कुरई विकासखण्‍डों को पिछले पाँच वर्षों में विभिन्‍न योजनाओं के तहत प्राप्‍त आवंटन और उसके मदवार व्‍यय का विवरण देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) सिवनी जिले के विकासखण्ड बरघाट में 219 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 33 मिनी केन्द्र इस प्रकार कुल 252 केन्द्र संचालित है तथा विकासखण्ड कुरई में 168 आंगनवाड़ी केन्द्र एवं 13 मिनी केन्द्र इस प्रकार कुल 181 केन्द्र संचालित हैं। ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सिवनी जिले के विकासखण्ड बरघाट में 177 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में तथा 30 आंगनवाड़ी केन्द्र अन्य विभागीय भवनों में संचालित है। विकासखण्ड कुरई में 160 आंगनवाड़ी केन्द्र विभागीय भवनों में संचालित है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण का वर्ष, निर्माण एजेंसी तथा वर्तमान स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत होने से निर्माण की गुणवत्ता का दायित्व निर्माण एजेंसी का है। (ग) बरघाट विधानसभा क्षेत्र में 45 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवन न होने से किराये के भवनों में स्वच्छ वातावरण में संचालित है। अन्य शासकीय भवन उपलब्ध होने पर किराये के भवनों को अन्य शासकीय भवनों में स्थानांतरित किया जावेगा।             (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

रजिस्‍ट्रार पैरामेडिकल काउंसिल की नियुक्ति

[चिकित्सा शिक्षा]

164. ( क्र. 1659 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्तमान में रजिस्‍ट्रार पैरामेडिकल काउंसिल डॉ. पूजा शुक्‍ला की नियुक्ति शासन के नियमानुसार की गयी थी? यदि हाँ, तो नियम क्‍या थे एवं डॉ. पूजा शुक्‍ला ने उन नियमों के मापदण्‍ड किस प्रकार पूर्ण किया? (ख) डॉ. पूजा शुक्‍ला की शैक्षणिक योग्‍यता के दस्‍तावेजों की प्रतियां सदन के पटल पर रखें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में वर्णित पद पर नियुक्ति हेतु डॉ. पूजा शुक्‍ला को खास रियायतें दी जाकर नियुक्ति की गयी? (घ) नियुक्ति दिनांक से डॉ. पूजा शुक्‍ला के चल अचल संपत्ति के वार्षिक विवरण पत्रकों की प्रतियां उपलब्‍ध करायें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राजस्‍व रिकार्ड में सुधार की समय-सीमा

[राजस्व]

165. ( क्र. 1662 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्‍व विभाग द्वारा नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, फौती नामांतरण का रिकार्ड सुधार की समय-सीमा क्‍या है एवं शासन द्वारा निर्धारित की गयी समय-सीमा का पालन कितना किया जाता है? (ख) विभाग द्वारा नियमों का पालन व शासन के निर्देशों का पालन किया जा रहा है तो निर्धारित समयावधि के अंदर कार्यवाही क्‍यों नहीं की जाती? (ग) विभाग प्रमुख, अनुविभागीय अधिकारी व तहसीलदार के द्वारा किये गये आदेशों के उपरांत रिकार्ड सुधार करा दिया जाना चाहिए किंतु भूमि स्‍वामियों के द्वारा पुन: रिकार्ड सुधार हेतु अलग से आवेदन क्‍यों लिये जाते हैं? (घ) विभाग भूमि का क्रय विक्रय एवं रजिस्‍ट्री (पंजीयन) के उपरांत नामांतरण क्‍यों नहीं कराई जाती बल्कि क्रयकर्ता से पुन: नामांतरण किये जाने का आवेदन क्‍यों लिया जाता है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व विभाग द्वारा नामांतरण हेतु दो श्रेणियों में अविवादित नामांतरण हेतु 30 दिन विवादित नामांतरण हेतु 5 माह, बंटवारे हेतु दो श्रेणियों में आविवादित बंटवारे हेतु 90 दिवस विवादित बंटवारे हेतु 6 माह सीमांकन हेतु 30 दिवस की           समय-सीमा तय की गई है। जी हाँ, यथा संभव पालन किया जाता है। (ख) यथा संभव समय-सीमा का पालन किया जाता है। (ग) रिकार्ड सुधार हेतु पुन: आवेदन लिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। रिकार्ड में किसी प्रकार की त्रुटि कारित हो जाने पर ही रिकार्ड सुधार के आवेदन प्राप्‍त किए जाने का प्रावधान है। (घ) क्रय-विक्रय के पंजीयन के उपरान्‍त ऑनलाइन आवेदन संबंधित तहसीलदार/नायब तहसीलदार को आर.सी.एम.एस. (Revenue Case Management system) में स्‍वत: दर्ज कराने की व्‍यवस्‍था की जा चुकी है।

राजस्‍व विभाग में विभागीय पदोन्‍नति

[राजस्व]

166. ( क्र. 1669 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) राजस्‍व विभाग में विभागीय पदोन्‍नति दिये जाने हेतु शासन ने क्‍या-क्‍या नियम बनाए और किस पद से किस पद पर प्रमोशन दिये जाने का प्रावधान है? ऐसे सभी आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि विभाग में अधीक्षक भू-अभिलेख एवं तहसीलदार के पदों पर पदोन्‍नति कब से नहीं की गई है? प्रश्‍न दिनांक तक पदोन्‍नति न किये जाने के क्‍या-क्‍या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि अधीक्षक भू-अभिलेख एवं तहसीलदार के पदों पर पदोन्‍नति दी जावेगी तो कब तक और नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक             11 जून 2002 में प्रकाशित म.प्र. लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 है। राजस्व विभाग अंतर्गत (1) म.प्र. भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त राजपत्रित सेवा भर्ती नियम 2008 (2) भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त तृतीय श्रेणी अराजपत्रित (लिपिकीय) सेवा भर्ती नियम 2009 (3) भू-अभिलेख और बन्दोबस्त तृतीय श्रेणी अराजपत्रित (कार्यपालिक एवं तकनीकी) सेवा भर्ती नियम 2012 (4) म.प्र. जूनियर प्रशासकीय सेवा (भर्ती तथा सेवा शर्तें) नियम 2011 उपरोक्त भर्ती नियमों की अनुसूची चार में निर्धारित प्रावधान अनुसार एक पद से दूसरे पद पर पदोन्नति की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) पदोन्नतियों पर आरक्षण के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका विचाराधीन होने से वर्ष 2016 से पदोन्नतियां नहीं की गई है। (ग) पदोन्नति एक निर्धारित सतत प्रक्रिया के तहत की जाती हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

आयुष कर्मचारियों की मांगों का निराकरण

[आयुष]

167. ( क्र. 1670 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आयुष कर्मचारियों की मांगों के निराकरण हेतु प्रश्‍‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 4222 दिनांक 24 जुलाई, 2019 के उत्‍तर के (क) में संबंध कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, (ख) में जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, बताया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि 24 जुलाई, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग के उच्‍च अधिकारियों द्वारा कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है तथा आयुष कर्मचारियों की मांगों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा और नहीं तो क्‍यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के आधार पर बताएं कि इसमें कौन-कौन सी मांगों का निराकरण आयुष संचालनालय से एवं कौन-कौन सी मांगों का शासन से निराकरण होना था? प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन मांगों का निराकरण किया जा चुका है और कौन-कौन सी शेष हैं? शेष मांगों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) औषधि संयोजक (कम्पाउंडर) का पदनाम परिवर्तन की कार्यवाही प्रकियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है 2. महिला आयुर्वेद स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के ग्रेड-पे में संशोधन का प्रस्ताव शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है।     (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

बाण सागर परियोजना से प्रभावित लोगों की समस्‍या

[राजस्व]

168. ( क्र. 1927 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन विभाग के द्वारा निर्मित बाणसागर परियोजना से प्रभावित 336 ग्राम जिला शहडोल के अंतर्गत हैं, जिनकी बसाहट ब्‍यौहारी तहसील अंतर्गत निम्‍नानुसार न्‍यू आदर्श ग्राम सपटा, लिखवा, टिकुरी टोला, न्‍यू बरौंधा व बाणसागर कॉलोनी (खांड) के नाम से बसाहट है? (ख) विस्‍थापित ग्रामों की नई बसाहट जिन स्‍थानों पर करायी गई है, उन स्‍थानों पर राजस्‍व रिकार्डों में आज भी बाणसागर परियोजना के नाम दर्ज है, जिससे शासन की अन्‍य योजनाओं का लाभ मिल पाना संभव नहीं है। (ग) अगर शासन की मंशा सभी को लाभान्वित करने की है तो विस्‍थापन से आज दिनांक तक संबंधित प्रभावितजनों के राजस्‍व रिकार्डों का सुधार क्‍यों नहीं किया गया? क्‍या प्रभावित लोगों को किसी भी योजनाओं का लाभ मिल पाना संभव नहीं है। (घ) जल संसाधन विभाग के द्वारा आवंटित न्‍यू आदर्श ग्रामों में बसाहट, प्रभावित लोगों को बसाया है तो उनके राजस्‍व रिकार्डों में दर्ज किये जाए बाणसागर परियोजना का नाम खारिज कर नयी बसाहट के लोगों के जमीन व प्‍लाट को राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज करने की कार्यवाही की जाए अगर नहीं किया गया है तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 237 (2) के तहत प्रश्‍नगत भूमि आबादी भूमि है। जी नहीं। (ग) उत्‍तर (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उदभूत नहीं होता। (घ) राजस्‍व अभिलेख में न्‍यू आदर्श ग्रामों में बसाहट प्रभावित लोगों के लिए मध्‍यप्रदेश शासन, जल संसाधन विभाग बाणसागर परियोजना के नाम से आबादी दर्ज है।

 

 




 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

भाग-3

अतारांकित प्रश्नोत्तर


बिना डॉक्टर के संचालित हो रहे क्लीनिक

[आयुष]

1. ( क्र. 9 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले में आयुर्वेद चिकित्सा के 41 क्लीनिक खोले गये हैं? (ख) क्या इनमें से 11 क्लीनिक बिना डॉक्टर के संचालित हो रहे हैं? (ग) क्या बजट एवं चिकित्सकों के अभाव के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है? (घ) यदि हाँ, तो कब तक इलाज की व्यवस्था की जावेगी? यदि नहीं, तो बिना डॉक्टर के क्लीनिक संचालित करने का क्या औचित्य है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी नहीं। आयुर्वेद के 34 औषधालय संचालित है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। (घ) उत्‍तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में उत्‍तर अपेक्षित नहीं।

दस्तावेजों का समय पर प्रदाय

[राजस्व]

2. ( क्र. 14 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) क्या शासन ने खसरा, खतौनी सहित अन्य दस्तावेज निकालने हेतु ऑनलाइन व्यवस्था की है? (ख) क्या ऑनलाइन आवेदन करने के बाद उसी दिन दस्तावेज देने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो जबलपुर तहसील में यह व्यवस्था क्यों नहीं लागू है? (घ) इसके लिये कौन जवाबदार है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) लोक सेवा केन्द्र एवं ई खसरा में आवेदन करने पर खसरा, बी-1, नक्शा प्रकरण में आदेश की नकल एक दिन में दिये जाने की समय-सीमा है तथा सम्‍पूर्ण प्रकरण की नकल निकालने हेतु 15 दिवस की समय-सीमा निर्धारित है।                 (ग) तहसील जबलपुर अंतर्गत लोक सेवा केन्द्र एवं ई खसरा के माध्यम से नकलें प्रदाय की जाती है। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

लंबित सीमांकन प्रकरण

[राजस्व]

3. ( क्र. 17 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                      (क) क्या पनागर तहसील में 500 से अधिक सीमांकन प्रकरण लंबित हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या विभागीय स्‍तर पर सभी लंबित प्रकरणों पर रोक लगाई गई? यदि नहीं, तो इतनी अधिक संख्या में प्रकरण लंबित क्यों हैं? (ग) लंबित प्रकरण रखने की घोर लापरवाही के लिये कौन जिम्मेवार है?                                             (घ) क्या शासन जनता को राहत पहुंचाने के लिये कोई कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील पनागर में वर्तमान में 79 प्रकरण प्रक्रियाधीन है। शेष प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। (ख) सीमांकन के प्रकरणों पर विभागीय स्तर पर रोक नहीं लगायी गयी है। लंबित 79 प्रकरणों के निराकरण हेतु तत्परता से कार्यवाही की जा रही है। (ग) उक्त सम्बन्ध में पूर्व में तत्कालीन राजस्व निरीक्षक श्री सुन्दरलाल वर्मा के विरूद्ध विभागीय जांच प्रचलित है। तथा उनका स्थानान्तरण अन्यत्र तहसील में किया गया है।                                       (घ) तहसील पनागर में पदस्थ राजस्व निरीक्षकों एवं पटवारियों को तत्परता पूर्वक सीमांकन करने हेतु निर्देशित किया गया है।

नामांतरण प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

4. ( क्र. 60 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर विधानसभा क्षेत्र में 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने नामांतरण एक माह से अधिक समय से किन-किन कारणों से पेंडिंग है? सूची उपलब्ध करायें। (ख) नामान्तरण प्रकरणों में देरी को लेकर कब-कब किस-किस व्यक्ति ने किन-किन शिकायत केन्द्रों पर शिकायत की? कितनों के निराकरण उक्त अवधि में हुए। सूची देवें। इनमे ऐसे कितने नामान्तरण हैं जिनमें जिलाधीश के निर्देश के पश्चात् भी पटवारी द्वारा नामान्तरण नहीं किये गये? ऐसे पटवारियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ग) क्या न्यायालय तहसीलदार, तहसील मंदसौर के प्रकरण क्र.116/अ-6 (2)/2017-18 तथा 117/अ-6 (2)/2017-18 (आवेदनकर्ता निवासी ग्राम सोंनगिरी) के नामान्तरण प्रकरण में जिलाधीश, मंदसौर द्वारा दिनाँक 20/10/19 को जनसुनवाई अंतर्गत उक्त नामान्तरण प्रकरण के सन्दर्भ में स्पष्ट निर्देश तहसीलदार मंदसौर को जारी किये थे? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनाँक तक आवेदनकर्ता का नामान्तरण हो गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नामान्तरण आदेश पश्चात राजस्व रिकॉर्ड में अमल में देरी होने पर शिकायतकर्ता जमील खान निवासी सोनगरी के द्वारा जनसुनवाई दिनांक 22/10/2019 एवं 12/11/2019 को शिकायत की गई। शिकायतकर्ता द्वारा चाहा गया नामांतरण न्यायालय तहसीलदार मंदसौर द्वारा दिनांक 29/07/2019 को किया गया। webGIS में तकनीकी त्रुटि होने से अमल करने में देरी हुई। वर्तमान में आदेश का अमल राजस्व रिकॉर्ड में किया जा चुका है। संबंधित पटवारी को भविष्य के लिए चेतावनी दी गई है। (ग) नामान्तरण प्रकरण क्रमांक 116/अ-6 (2)/2017-18 तथा प्र.क्र. 117/अ-6 (2)/2017-18 (आवेदनकर्ता निवासी ग्राम सोनगरी) प्रकरणों में दिनांक 29/7/2019 को आदेश पारित किया गया एवं आदेश का अमल दरामद किया गया है।

राशि का भुगतान

[राजस्व]

5. ( क्र. 74 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                     (क) एस.डी.एम. गैरतगंज, बरेली, गौहरगंज, रायसेन एवं बेगमगंज जिला रायसेन के कार्यालय में बांध, नहर, सड़क, पुल निर्माण में जिन किसानों की भूमि अर्जित की गई है उनको राशि भुगतान के किन-किन के प्रकरण कब से एवं क्‍यों लंबित हैं? उनको कब तक राशि का भुगतान होगा।                                                            (ख) एस.डी.एम. गैरतगंज, बरेली, गौहरगंज, रायसेन एवं बेगमगंज के किन-किन बैंकों के खाते में मुआवजा वितरण की राशि जमा है उक्‍त राशि पर प्रश्‍न दिनांक तक कितना ब्‍याज प्राप्‍त हुआ ब्‍याज की राशि का क्‍या-क्‍या उपयोग हुआ अथवा उपयोग होगा पूर्ण विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एस.डी.एम. बरेली, गोहरगंज, रायसेन एवं बेगमगंज जिला रायसेन के कार्यालय में बांध, नहर, सड़क, पुल निर्माण में जिन किसानों की भूमि अर्जित की गयी है, उनमें मुआवजा राशि भुगतान हेतु लंबित प्रकरणों की सूची, मुआवजा राशि भुगतान न हो पाने के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। मुआवजा राशि का भुगतान निरंतर प्रचलित है। एस.डी.एम. गैरतगंज के कार्यालय में मुआवजा राशि भुगतान का कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) भू-अर्जन मुआवजा राशि हेतु शासकीय पी.डी. खाता संधारित है, जिस पर ब्याज देय नहीं है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना हेतु एस.डी.एम. रायसेन, बरेली एवं गोहरगंज के साथ संबंधित परियोजना प्रबन्धक के संयुक्त बैंक खाते संधारित हैं, जिस पर ब्याज राशि का हिसाब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन के पास रहता है। अनुविभाग एवं जिला स्‍तर पर उक्त ब्याज राशि का कोई उपयोग नहीं किया जाता है।

हर घर नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

6. ( क्र. 75 ) श्री रामपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक हर घर में नल-जल योजना के माध्‍यम से पेयजल सुविधा उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य तय किया गया है, इस संबंध में विभाग द्वारा रायसेन जिले में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) रायसेन जिले में समूह जल प्रदाय योजना  का कार्य किन-किन एजेंसी द्वारा कहाँ-कहाँ किया जा रहा है? अभी तक उनको किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि का भुगतान किया गया? अनुबंध अनुसार कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्‍या-क्‍या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? प्रश्‍नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्‍यों नहीं दिये गए? पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण हुआ, किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) भारत सरकार द्वारा जल जीवन मिशन की घोषणा की गई है एवं योजना की गाईडलाईन अपेक्षित है। गाईडलाईन जारी होने के बाद कार्यवाही की जाएगी। (ख) रायसेन जिले में समूह जलप्रदाय योजना का कार्य मेसर्स जय वरूड़ी इंफ्राकॉन प्रा.लि. अहमदाबाद द्वारा विकासखण्ड बेगमगंज एवं गैरतगंज में एवं मेसर्स एल.एण्ड टी. कंस्ट्रक्शन चेन्नई द्वारा विकासखण्ड उदयपुरा में किया जा रहा है। दिनांक 30.11.2019 तक संबंधित समूह जलप्रदाय योजना के कार्यों हेतु मेसर्स जय वरूड़ी इंफ्राकॉन प्रा.लि. अहमदाबाद को राशि रूपये 11.47 करोड़ एवं मेसर्स एल.एण्ड टी. कंस्ट्रक्शन चेन्नई को राशि रूपये 152.58 करोड़ का भुगतान किया गया है। अनुबंधानुसार बेगमगंज-गैरतगंज समूह जलप्रदाय योजना का कार्य जुलाई 2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है तथा उदयपुरा समूह जलप्रदाय योजना में क्रियान्वयन का कार्य लगभग पूर्ण किया जाकर जलप्रदाय प्रारंभ कर दिया गया है। (ग) एवं (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

शराब की बोतलों पर अंकित मूल्‍य एवं एक्‍सपायरी डेट

[वाणिज्यिक कर]

7. ( क्र. 85 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में बिकने वाली शराब की बोतल पर अंकित मूल्‍य एवं एक्‍सपायरी डेट लिखी होने के बावजूद ग्राहक की मांग पर उसे बिल नहीं दिया जाता तथा अधिक मूल्य पर शराब बेची जाती है और दुकानों पर रेट लिस्ट भी नहीं होती? यदि हाँ, तो क्‍यों? (ख) क्‍या उपभोक्‍ता संरक्षण के अंतर्गत ग्राहक को प्रदेश एवं केन्‍द्र सरकार को दिये जाने वाला जी.एस.टी. एवं कर की जानकारी होना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो शराब की बोतल खरीदने वाला उपभोक्‍ता बिल नहीं होने पर कैसे अपने द्वारा खरीदी गई बोतल पर कर की जानकारी प्राप्‍त करेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अंतर्गत उपभोक्‍ता को शराब खरीदी पर बिल नहीं मिलने के कारण उपभोक्‍ता के अधिकारों को हनन नहीं है? यदि हाँ, तो क्‍या विभाग पूरे प्रदेश के विभिन्‍न शराब दुकानों से ग्राहक को बिल प्राप्‍त हो, इस हेतु कोई कार्यवाही करेगा? (घ) क्‍या किसी भी दुकान से उपभोक्‍ता को यदि जहरीली, प्रदूषित या कम अर्क वाली शराब प्राप्‍त होती है तो उसका बिल नहीं होने के कारण वह किस प्रकार उपभोक्‍ता न्‍यायालय में प्रकरण दर्ज करायेगा? क्‍या यह भी उपभोक्‍ता के अधिकारों का हनन नहीं है?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) प्रदेश में बिकने वाली प्रत्‍येक बोतल के लेबल पर न्‍यूनतम विक्रय दर एवं अधिकतम विक्रय दर अंकित होता है। मदिरा के बोतल के लेबल पर एक्‍सपायरी डेट नहीं लिखी होती है, केवल बीयर की बोतलों पर चस्‍पा लेबल पर (Best Before 6 Month) मुद्रित होता है। मदिरा विक्रय किए जाने पर आम उपभोक्‍ता को बिल दिए जाने संबंधी प्रावधान आबकारी नीति में नहीं है। प्रदेश में देशी मदिरा दुकानों पर रेट लिस्‍ट प्रदर्शित होती है और त्रुटिकर्ता लायसेंसी के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। विदेशी मदिरा दुकान पर विक्रय दरें प्रदर्शित करने का प्रावधान नियमों में नहीं है। (ख) आबकारी नियमों के अंतर्गत न्‍यूनतम विक्रय दर एवं अधिकतम विक्रय दर का निर्धारण विभाग द्वारा किया जाता है, जिसमें मदिरा की कीमत एवं उस पर लगने वाले समस्‍त कर को सम्मिलित कर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार गणना की जाती है। यह मूल्‍य प्रत्‍येक बोतल के लेबल पर अंकित रहता है। मदिरा पर जी.एस.टी. प्रभारित किया जाना प्रावधानित नहीं है। (ग) आबकारी नीति में इस प्रकार का प्रावधान न होने से विचारणीय नहीं है। (घ) मदिरा विनिर्माणी इकाइयों में स्‍थापित रासायनिक लैब द्वारा मदिरा के प्रत्‍येक बैच का रासायनिक परीक्षण किया जाकर, मदिरा की गुणवत्‍ता एवं मानक स्‍तर पाये जाने पर ही बोतलों में मदिरा की भराई की जाती है। प्रत्‍येक मदिरा विनिर्माणी इकाइयों में शासन द्वारा पदस्‍थ अधिकारी के नियंत्रणाधीन ही समस्‍त कार्यवाहियां संचालित होती हैं। तदोपरांत शासन द्वारा निष्‍पादित की जाने वाली समस्‍त देशी/विदेशी मदिरा दुकानों को मदिरा प्रदाय किये जाने से मदिरा जहरीली, प्रदूषित या कम अर्क वाली होने का प्रश्‍न ही उत्‍पन्‍न नहीं होता। न ही प्रदेश में इस प्रकार का कोई प्रकरण प्रकाश में आया है।

ग्रामीण क्षेत्र की बसाहटों में पेयजल व्‍यवस्‍था

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

8. ( क्र. 105 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान समय में खातेगांव विधानसभा क्षेत्र के कितने ग्रामों में पेयजल योजना सुचारू रूप से चल रही है, कितने गांवों में योजनाएं बंद पड़ी है एवं कितने गांवों में नवीन स्‍वीकृत योजनाओं पर कार्य चल रहा है? प्रत्‍येक का नाम एवं लाभान्वित ग्रामों का नाम बतायें। (ख) वर्ष 2018-19 में कितने नवीन हैण्‍डपंप खनन करवाये जाने का लक्ष्‍य विभाग की बोरवेल मशीन को दिया गया था और उसके विरूद्ध कितने कार्य पूर्ण कर दिये गये? खातेगांव विधानसभा क्षेत्र की जानकारी देवें। (ग) आगामी वर्ष हेतु कितनी बसाहटों में हैण्‍डपंप खनन करवाये जाने के प्रस्‍ताव विभाग को प्राप्‍त हुये हैं एवं कितना लक्ष्‍य आगामी वित्‍तीय वर्ष के लिये कन्‍नौद एवं खातेगांव तहसील के लिये निर्धारित किया गया है? (घ) आगामी ग्रीष्‍मऋतु में जलसंकट से निपटने हेतु कितने सिंगल फेस पंप विधान सभा क्षेत्र में प्रदाय किये जायेंगे?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 76 ग्रामों में। किसी भी ग्राम में योजना बंद नहीं है। वर्तमान में किसी भी नवीन स्वीकृत योजना पर कार्य नहीं चल रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में देवास जिले को विभागीय मशीन से 30 बसाहटों में नलकूप खनन का लक्ष्य दिया गया था, जिसके विरूद्ध सभी 30 नलकूप खनित किये गये हैं। खातेगांव विधानसभा क्षेत्र में 12 नलकूप खनित किये गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आगामी वित्तीय वर्ष हेतु वर्तमान में कोई प्रस्ताव विभाग को प्राप्त नहीं हुए हैं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) तत्कालीन आवश्यकता का आंकलन करके कार्यवाही की जाती है।

पदस्‍थ उपयांत्रियों, सहायक यांत्रियों एवं कार्यपालन यंत्री की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

9. ( क्र. 150 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी नगर में निर्माणाधीन सीवर प्रोजेक्‍ट के अंतर्गत वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन उपयंत्री कब से कब तक पदस्‍थ थे? इनके कार्यकाल की अवधि कितनी एवं कब से कब तक थी? (ख) शिवपुरी नगर के सीवर प्रोजेक्‍ट में वर्ष 2014 से नवम्‍बर 2019 तक कौन-कौन कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री कब से कब तक पदस्‍थ रहे? (ग) क्‍या पी.एच.ई. केन्‍द्रीय भण्‍डार शिवपुरी में पदस्‍थ तत्‍कालीन उपयंत्री एम.डी. गोड द्वारा वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक रिफन्‍ड का कोई भुगतान प्राप्‍त किया है? (घ) यदि हाँ, तो किस-किस रिफन्‍ड का कितना-कितना भुगतान           कब-कब प्राप्‍त किया।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार

कार्यपालन यंत्रियों के खिलाफ प्राप्‍त शिकायतें

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

10. ( क्र. 151 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी खण्‍ड शिवपुरी में कार्यपालन यंत्री के प्रभार पर वर्तमान में कौन, कब से पदस्‍थ है? इनके विरूद्ध वर्तमान में कौन-कौन सी शिकायतों की जांच किस-किस जांच एजेंसी एवं विभाग द्वारा की जा रही है? शिकायतों की प्रति संलग्‍न कर जानकारी देवें कि शिकायतों की जांच एवं कार्यवाही की अद्यतन/वर्तमान स्थिति क्‍या है? (ख) खण्‍ड कार्यालय शिवपुरी में वर्तमान में जो कार्यपालन यंत्री पदस्‍थ है, उनका स्‍थानांतरण कर इनके द्वारा एवं पूर्व कार्यपालन यंत्री व्‍ही.के. छारी द्वारा भुगतान किये जा चुके कार्य का बगैर कार्य कराये पुन: 1 करोड़ 12 लाख रूपये का प्रमाणित फर्जी भुगतान करने की जांच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या खण्‍ड कार्यालय शिवपुरी में प्रभारी कार्यपालन यंत्री के स्‍थान पर पूर्णकालिक कार्यपालन यंत्री की पदस्‍थापना की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या वर्तमान कार्यपालन यंत्री द्वारा सीवर प्रोजेक्‍ट शिवपुरी में पूर्व में भुगतान किये जा चुके 47 डब्‍ल्‍यू.बी.एम. सड़कों एवं समतलीकरण का पुन: बगैर निर्माण किये भुगतान कर दिया है? इसको दबाने के लिये शासन इनका स्‍थानांतरण नहीं कर रहा है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड शिवपुरी में श्री एस.एल.बाथम, सहायक यंत्री (सिविल) प्रभारी कार्यपालन यंत्री के पद पर दिनांक 16.08.2016 से पदस्थ हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) शिकायतों की जांच लोकायुक्त कार्यालय, रा.आ.अ.ब्यूरो एवं विभाग द्वारा की जा रही है। जाँच प्रतिवेदन के गुण-दोष पर कार्यवाही की जाएगी। (ग) वर्तमान में पदोन्नति पर प्रतिबंध होने के कारण नियमित कार्यपालन यंत्री आवश्यकता की तुलना में अल्प संख्या में हैं, अतः नियमित कार्यपालन यंत्री उपलब्ध होने पर पदस्थापना की जाएगी। निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जी नहीं। शिकायतों की जांच की जा रही है। जांच प्रतिवेदन के गुण-दोष पर कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही

[महिला एवं बाल विकास]

11. ( क्र. 159 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश भर में महिला एवं बाल विकास विभाग के कितने अधिकारी जिला मुख्यालय में पदस्थ है जिन पर भ्रष्टाचार एवं लोकायुक्त के प्रकरण प्रचलित एवं विचाराधीन है? (ख) क्या खण्डवा जिले में पोषण आहार सामग्री बड़ी मात्रा में नाले में फेंके जाने के खबर के पश्चात जिला कार्य़क्रम अधिकारी द्वारा प्रकरण को दबाने की पूरी कोशिश की गई है? यदि हाँ, तो क्यों? इसमें कौन दोषी है एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या जिले में विगत दिनों रिश्वतखोरी के प्रकरण में जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं उनके अधीनस्थ अधिकारी को निलंबित किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त अधिकारियों पर पूर्व में रिश्‍वत लेते हुए पकड़े जाने के लोक आयुक्त के प्रकरण लंबित है? उक्त प्रकरण में दोषी अधिकारियों को कब तक दण्डित किया जाएगा? (घ) क्या निलंबित अधिकारी द्वारा पदस्थापना दिनांक से अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों के यात्रा देयकों का भुगतान आवंटन की उपलब्धता के बावजूद नहीं किया गया है? य़दि हाँ तो क्यों? ऐसे लंबित देयकों का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) भ्रष्टाचार एवं लोकायुक्त के कुल 5 प्रकरण प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। जी हाँ। लोकायुक्त द्वारा पंजीबद्ध प्रकरण वर्तमान में विचाराधीन है। आरोपी अधिकारी को दोषी पाये जाने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) अधीनस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा यात्रा देयक कोषालय IFMIS से ऑनलाइन प्रस्तुत नहीं किये गये, इस कारण यात्रा देयकों का भुगतान नहीं किया जा सका। प्रकिया अनुसार यात्रा देयक प्राप्त होने पर तत्काल भुगतान कर दिया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

धनराशि आवंटन व व्यय की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

12. ( क्र. 169 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) माह मार्च 2018 से मार्च 2019 तक डी.डी.ओ.कोड 4305002001 में किस-किस मद में कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ था तथा माह जुलाई 2018 से माह मार्च 2019 तक किस-किस मद में किस-किस देयक का कितना-कितना व्यय हुआ है? (ख) कार्यालय में संधारित प्रश्‍नांश (क) के आहरित देयकों की मय एम.पी.टी.सी.34 के (वेतन को छोड़कर) छायाप्रति सहित जानकारी देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) माह मार्च 2018 से मार्च 2019 तक डी.डी.ओ.कोड 4305002001 में प्राप्त आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 1-अ अनुसार है। माह जुलाई 2018से माह मार्च 2019 तक व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।

दोषी अधिकारी पर कार्यवाही

[आयुष]

13. ( क्र. 170 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 24 जुलाई 2019 के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 3958 के अनुसार शासन द्वारा संयोजन पर प्रतिबंध के उपरान्त भी श्री अमित चंहादे को बिना किसी आदेश के दूरभाष पर कार्य करने हेतु बुलाने पर एवं प्रश्‍नांश (ग) अंतर्गत प्रतिबंध का पालन नहीं करने पर तत्कालीन संयुक्त आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन को दोषी माना गया है, जिस कारण संबंधित अधिकारी पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का उल्लेख किया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में किस नियम के अंतर्गत कार्यवाही प्रस्तावित की गई तथा संबंधित अधिकारी पर क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 14 अंतर्गत तत्कालीन संयुक्त आयुक्त (विकास) के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित करने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।

आयुष अस्‍पताल का संचालन

[आयुष]

14. ( क्र. 204 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के अंतर्गत कन्‍नौद एवं खातेगांव तहसील में कितने आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्‍योपैथिक चिकित्‍सालय संचालित किये जा रहे हैं? स्‍थान एवं स्‍वीकृत स्‍टॉफ की जानकारी उपलब्‍ध करवायें? स्‍वीकृत पदों में से कितने पद वर्तमान में रिक्‍त हैं? (ख) क्‍या विभाग के द्वारा कन्‍नौद आयुर्वेदिक चिकित्‍सालय में पंचकर्म चिकित्‍सा प्रारंभ करने की भविष्‍य में कोई योजना है? क्‍या इसके लिए आवश्‍यक जगह कन्‍नौद औषधालय के पास मौजूद है। (ग) क्‍या विभाग के पास औंकारा, कलवार, राजौर, कंवलासा एवं कोलारी में आयुष के अस्‍पताल खोलने की विभाग की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्षेत्र के और कितने स्‍थानों पर अन्‍य पैथी में चिकित्‍सा की सुविधा दिये जाने की संभावना है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) आयुष चिकित्सालय नहीं अपितु आयुष औषधालय संचालित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में योजना नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) वर्तमान में नहीं।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

बिना प्रतिभूति लायसेंस जारी होना

[वाणिज्यिक कर]

15. ( क्र. 265 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आबकारी विभाग ठेकेदारों से बिना प्रतिभूति राशि के बिना बैंक गारंटी लिये लायसेंस जारी कर सकता है? क्‍या लायसेंस देने के पूर्व उपरोक्‍त राशि शासन के खाते में जमा कराना अनिवार्य है? (ख) विदिशा जिले में वर्ष 2003 से 2005 के दौरान ठेकेदारों से बिना प्रतिभूति राशि के, बिना बैंक गारंटी के जिले में 8 दुकानें आवंटित की गयी थी? क्‍या राज्‍य शासन को 40 लाख रूपयों से ज्‍यादा राशि की क्षति हुयी थी? क्‍या प्रश्‍नतिथि तक उक्‍त राशि की वसूली शासन कर पाया है? अगर हां तो कब-क‍ब एवं कितनी-कितनी एवं किस-किस से? अगर नहीं तो क्‍या कार्यवाही राज्‍य शासन द्वारा कार्य में घोर लापरवाही बरतने वाले किस नाम के अधिकारियों पर प्रश्‍नतिथि तक की गयी है? सूची दें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित प्रकरण के समान क्‍या जिला रतलाम में भी जावरा वेयर हाउस की 10 दुकानों पर 16 लाख, आलोट वेयर हाउस की 9 दुकानों पर 20 लाख एवं रतलाम वेयर हाउस की 10 दुकानों में 40 लाख रूपयों के शासकीय राजस्‍व धन की क्षति भी पहुँचाई गयी? उक्‍त क्षति विदिशा जिले में 2003-2005 तक पदस्‍थ अधिकारी द्वारा अपनी रतलाम पदस्‍थापना के दौरान पहुँचाई गयी? (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) में जिस अधिकारी के द्वारा अपनी विदिशा एवं रतलाम पदस्‍थापना के दौरान शासकीय राजस्‍व धन की क्षति पहुँचाई उसके विरूद्ध इंदौर जिले में पदस्‍थापना के दौरान राज्‍य शासन द्वारा किस-किस प्रकार की जॉंच के आदेश प्रश्‍नतिथि तक जारी किये जा चुके हैं? जारी सभी आदेशों की एक-एक प्रति दें।

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी नहीं। आबकारी विभाग ठेकेदारों से बिना प्रतिभूति राशि के रूप में बिना बैंक गारंटी लिये लायसेंस जारी किया जाना प्रावधानित नहीं है। प्रतिभूति धरोहर के रूप में जमा की जाती है आवश्‍यकता पड़ने पर उस प्रतिभूति की राशि का उपयोग किया जाता है। (ख) विदिशा जिले में वर्ष 2004-05 के दौरान 13 एकल समूहों की बैंक गारंटी प्रतिभूति राशि की तुलना में कम राशि की बैंक गारंटी लेकर 09 एकल समूहों की प्रतिभूति लिये बगैर दुकानें आवंटित की गई थी। उपरोक्‍तानुसार प्रतिभूति न लिये जाने के परिणाम स्‍वरूप कुल रूपये 38,47,379/- बतौर लायसेंस फीस बकाया रह गई थी। जिसमें से रूपये 3,96,323/- की वसूली की जा चुकी है। वसूल की गई राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। रूपये 34,51,056/- अवशेष है। जिसकी वसूली के लिये कलेक्‍टर, विदिशा द्वारा संबंधित लायसेंसी के विरूद्ध भू-राजस्‍व की बकाया की भांति वसूली के लिये कलेक्‍टर, सागर को आर.आर.सी. जारी की गई है। राशि अवशेष रहने पर तत्‍कालीन जिला आबकारी अधिकारी एवं सहायक जिला आबकारी अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई थी। जिला आबकारी अधिकारी के प्रकरण में अंतिम निर्णय दिनांक 18.01.2011 को लिया जाकर, प्रकरण समाप्‍त किया गया है। सहायक जिला आबकारी अधिकारी को दोषी पाये जाने पर आदेश दिनांक 06.05.2008 से एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकी गई है। (ग) जी नहीं। प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित प्रकरण के समान जिला रतलाम में शासकीय राजस्‍व धन की क्षति नहीं पहुंचाई गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जिला इन्‍दौर में देशी/विदेशी मदिरा दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा जमा चालानों में कूटरचना तथा हेराफेरी कर, माह दिसम्‍बर 2015 से माह जुलाई 2017 की अवधि में कुल रूपये 41,73,73,670/- आबकारी राजस्‍व की क्षति कारित हुई है। जिला इन्‍दौर में पदस्‍थ जिम्‍मेदार अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अपने पदीय कर्तव्‍यों के निष्‍पादन में बरती गई अत्‍यंत गंभीर लापरवाही के फलस्‍वरूप राज्‍य शासन को हुई आर्थिक क्षति प्रकाश में आने पर शासन आदेश दिनांक 06.09.2017 से तत्‍कालीन सहायक आबकारी आयुक्‍त, इन्‍दौर एवं अन्‍य अधिकारी/कर्मचारियों को तत्‍काल प्रभाव से निलंबित किया गया। शासन आदेश दिनांक 29.09.2017 से मध्‍यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 14 के अंतर्गत विभागीय जांच हेतु आरोप पत्र जारी किया गया। साथ ही शासन आदेश दिनांक 23 जून 2018 से तत्‍कालीन सहायक आबकारी आयुक्‍त, जिला इन्‍दौर एवं अन्‍य के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की गई है। जिसमें आयुक्‍त, विभागीय जांच, भोपाल द्वारा जांच की जा रही है।

शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाया जाना

[राजस्व]

16. ( क्र. 266 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या भोपाल के हमीदिया रोड स्थित सोनाली होटल के सामने की प्‍लॉट (भूमि) शासकीय स्‍वामित्‍व की है? उसका आराजी क्रमांक एवं रकबा बतायें। उक्‍त भूमि कब से शासकीय/अन्‍य की है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत वर्तमान में उक्‍त प्‍लॉट (भूमि) पर किस-किस का अवैध कब्‍जा है? क्‍या अवैध कब्‍जाधारियों ने निर्माण कार्य भी किया है? अवैध कब्‍जाधारियों के नाम, पते सहित जानकारी दें। बतायें कि कब्‍जा कब से है? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के तहत अवैध कब्‍जाधारियों के कब्‍जे हटाने के कब-कब, क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये? दिनांक सहित जानकारी दें। यदि नहीं, किये तो क्‍यों नहीं किये गये? (घ) क्‍या उक्‍त प्‍लॉट का अवैध कब्‍जा हटाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण दें। नियम बतायें। कब्‍जा हटाने कार्यालय कलेक्‍टर/एस.डी.एम. एवं नजूल विभाग द्वारा किस-किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से जो आदेश जारी किये, उनकी एक-एक प्रतिलिपि उपलब्‍ध करायें।
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सोनाली होटल के सामने हमीदिया रोड स्थित भूमि खसरा नं. 457 के अंश भाग पर प्रतिस्थापित होती है। खसरा नं. 457 शासकीय खसरा अभिलेख 1959 से शासकीय मद गांवठान एवं अशासकीय भूमि के रूप में दर्ज है। प्रश्नाधीन सोनाली होटल के सामने स्थित प्लाट रकबा 2500 वर्गफुट खसरा नं. 457 का अंश भाग है जिस पर हरदीप सिंह लब्बु पिता स्वर्गीय महेन्द्र सिंह, जवाहरी लाल बसोड, स्वदेश सूरी, सोनाली होटल तथा शिवशक्ति मंदिर का कब्जा है तथा उक्त खसरा नं. 457 में नक्शा में बंटान नहीं होने से यह बताया जाना संभव नहीं है, कि कौन सा अंश भाग शासकीय है। म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 के पूर्व विधि अनुसार अर्जित वैधानिक दस्तावेज एवं कब्जा सत्यापित होने पर भूमि को अशासकीय माना जाता है। (ख) से (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा

[राजस्व]

17. ( क्र. 305 ) श्री राकेश गिरि : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) टीकमगढ़ जिले में अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुई हानि का शासकीय सर्वे पर आधारित प्रतिशत का विकासखण्‍डवार ब्‍यौरा उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या फसलों को हुई हानि के कारण शासकीय सर्वे के आधार पर किसानों को आंकलित हानि के अनुपात में शत-प्रतिशत राहत राशि प्रदान की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में यदि हाँ, है तो विकासखण्‍डवार वितरित मुआवजा राशि का ब्‍यौरा दें। यदि नहीं, तो क्‍यों और कब तक शत-प्रतिशत राहत राशि वितरित की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) टीकमगढ़ जिले में अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुई हानि का शासकीय सर्वे पर आधारित प्रतिशत का विकासखण्‍डवार ब्‍यौरा संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जिला अन्‍तर्गत अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को आर.बी.सी 6-4 के प्रावधानों के अनुसार राहत राशि स्‍वीकृत की गई है। म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. सात शा-8-2019 दिनांक 27.11.2019 के द्वारा अति‍वृष्टि से प्रभावित कृषकों को कुल स्‍वीकृत राशि का 25 प्रतिशत प्रथम किस्‍त के रूप में भुगतान किया जा रहा है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। प्रथम किस्‍त की राशि का भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

बंद एवं अपूर्ण नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

18. ( क्र. 307 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रत्‍येक ग्राम को पेयजल उपलब्‍ध कराने की शासन की योजना के तहत टीकमगढ़ जिले के टीकमगढ़ विकासखण्‍ड के ग्राम अस्‍तौन, पठा, भडरा, चरपुआ, हजूरीनगर, दुर्गापुर, जसवंतनगर, सुनौनी, पपावनी, सुकवाहा, नगारा एवं दरी ग्रामों को सम्मिलित किया गया है? यदि हाँ, तो कार्यकरण योजना (वर्किंग प्‍लान) के तहत टेण्‍डर आमंत्रण व स्‍वीकृति तथा अनुबंध की तिथियां उपलब्‍ध करायें?                                 (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार अनुबंध निष्‍पादन उपरांत जारी कार्यादेशों की छायाप्रतियां उपलब्‍ध करायें? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार कार्यादेश में दी गई समयावधि में कौन-कौन से ग्राम के कार्य पूर्ण हो चुके है तथा कौन-कौन से ग्राम के कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होंगे?                                   (घ) अनुबंध/कार्यादेश में अंकित समयावधि में कार्यपूर्ण न होने पर ऐसे अपूर्ण कार्यों के लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध कब तक और क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) किसी भी कार्य में दोषी का निर्धारण, यदि कोई हो, प्रक्रिया एवं अनुबंध अनुसार किया जाता है तथा निश्चित समयावधि नहीं बताई जा सकती है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में परिवर्तन

[महिला एवं बाल विकास]

19. ( क्र. 308 ) श्री राकेश गिरि : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केन्‍द्र के रूप में परिवर्तित करने हेतु शासन द्वारा क्‍या मापदण्‍ड निर्धारित किए गये है? निर्धारित मापदण्‍डों की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) वर्ष 2017-18 में टीकमगढ़ जिले में कितने आदर्श आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का चयन हुआ तथा कितनी राशि का आवंटन प्राप्‍त हुआ केन्‍द्रवार ब्‍यौरा दें? (ग) चयनित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में निर्धारित मापदण्‍डों के अनुसार कार्य पूर्ण उपरांत संपूर्ण भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो केन्‍द्रवार भुगतान सूची उपलब्‍ध करायें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में यदि संपूर्ण चयनित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में मापदण्‍डों के अनुसार कार्य नहीं हुआ या कार्य अपूर्ण है? तो इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी, हाँ। निर्धारित मापदण्ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 104 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों का चयन किया गया। केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) केन्द्रवार भुगतान एवं शेष राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) में चयनित 104 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 23 आंगनवाड़ी केन्द्रों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 81 आंगनवाड़ी केन्द्रों में मापदण्ड अनुसार कार्य प्रगति पर है। स्थानीय स्तर पर प्रक्रियागत विलंब के कारण कार्य पूर्ण नहीं हुए है। जिसके लिये कोई दोषी नहीं है।

शराब दुकानों का संचालन

[वाणिज्यिक कर]

20. ( क्र. 342 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कितनी अंग्रेजी एवं देशी शराब दुकान संचालित हैं? नाम एवं स्वीकृति सहित जानकारी देवें। (ख) मुंगावली विधान सभा क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा अवैध शराब बिक्री के कितने प्रकरण पंजीबद्ध किये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत दुकानें निर्धारित स्‍थान पर ही संचालित हैं एवं अनुबंध की शर्तों के अधीन संचालित की जा रही हैं? (घ) क्‍या विभाग को अवैध दुकान संचालन एवं शर्तों के उल्‍लंघन संबंधी सूचना समाचार पत्र एवं आवेदन के माध्‍यम से प्राप्‍त हुई है? यदि हाँ, तो उन पर विभाग ने कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 07 देशी एवं 02 विदेशी मदिरा दुकानें कुल 09 मदिरा दुकानें संचालित हैं। वर्ष 2019-20 के लिये निम्‍नानुसार मदिरा दुकानें मुंगावली विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत निष्‍पादित की गई है :- देशी मदिरा दुकानें- (1) मुंगावली (2) सेहराई (3) मल्‍हारगढ़ (4) बहादुरपुर (5) घाटबमूरिया (6) अथाईखेड़ा (7) पिपरई एवं विदेशी मदिरा दुकानें- (1) मुंगावली (2) बंगलाचौराहा (ख) मुंगावली विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 01 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा अवैध शराब बिक्री के कुल 351 प्रकरण पंजीबद्ध किये है। (ग) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 07 देशी एवं 02 विदेशी मदिरा दुकानें कुल 09 मदिरा दुकानें अनुबंध की शर्तों के अधीन निर्धारित स्‍थान पर ही संचालित की जा रही है। (घ) अशोकनगर जिले में समाचार पत्र एवं आवेदन पत्र के द्वारा मात्र 01 शिकायत प्राप्‍त हुई, जिसका निराकरण विभाग द्वारा समयावधि में ही किया गया है।

शासकीय भूमि का हस्‍तांतरण

[राजस्व]

21. ( क्र. 343 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) क्‍या शासकीय भूमि का धर्मार्थ/चेरिटेबिल ट्रस्‍ट एवं सामाजिक संस्‍थाओं को आवंटित/हस्‍तांतरित किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो किस-किस प्रयोजन के लिए कौन-कौन सी अनुज्ञा/ अनुबंध की शर्तों के अधीन, आवंटन/हस्‍तांतरण संबंधी आदेश उपलब्‍ध करावें। (ग) अशोकनगर जिले में वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में धर्मार्थ/चेरिटेबिल ट्रस्‍ट एवं सामाजिक संस्‍थाओं को शासकीय भूमि आवंटित/हस्‍तांतरित की गई है? अगर हां, तो किस प्रयोजन एवं किस संस्‍था/ट्रस्‍ट का किस पटवारी हल्‍का नंबर में कितनी भूमि आंवटित/हस्‍तान्‍तरित की गयी है? (घ) क्‍या संबंधित संस्‍थाओं/ट्रस्‍टों द्वारा आवंटन की शर्तों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो उन पर कब-कब, क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) शासन द्वारा जारी आदेशों में निहित अनुबन्ध, शर्तों के अधीन भूमि हस्तांतरण आदेश जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

तालाबों की भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

22. ( क्र. 376 ) श्री विक्रम सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना एवं रीवा जिलों में तालाबों की भूमि पर अतिक्रमण कर तालाबों की भूमि के दस्‍तावेजों में कूटरचना कर निजी भूमियों में तब्‍दील करने के कितने प्रकरण जिला कलेक्‍टर एवं जिले के समस्‍त राजस्‍व अनुविभागीय अधिकारियों एवं तहसीलदारों की जानकारी में प्रश्‍न तिथि तक आये हैं? (ख) क्‍या तालाबों की आराजियों पर किसी प्रकार का निर्माण एवं अति‍क्रमण माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्देशों के बाद पूरी तरह प्रतिबंधित है? (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित तालाबों का नाम अनुविभागवार देते हुये अतिक्रमणों की सूची उपलब्‍ध करावें? (घ) क्‍या राज्‍य शासन/जिला प्रशासन तालाबों की भूमि पर हो चुके अतिक्रमणों को हटाने प्रतिबद्ध है? अगर हां तो प्रश्‍न तिथि तक हटाये गये अतिक्रमणों की प्रकरणवार/अनुविभागवार जानकारी दें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 1- रीवा जिले अन्तर्गत किसी भी तहसील में तालाबों की भूमि के दस्तावेजों में कूटरचना कर निजी भूमि में तब्‍दील करने के प्रकरण नहीं पाये गये है। सतना जिले के तहसील रामनगर, रघुराजनगर तथा नागौद में स्थिति पाँच तालाबों के कुल रकबा 3.797 हे. में 89 व्‍यक्तियों का अतिक्रमण के मामले प्रकाश में आये हैं। (ख) जी हाँ। शासकीय तालाब की आराजियों पर निर्माण एवं अतिक्रमण पाये जाने पर मध्‍यप्रदेश भू राजस्‍व संहिता की धारा 2008 के तहत कार्यवाही की जाती है। (ग) 1- रीवा जिले में प्रश्‍नांश (क) अनुसार निरंक। 2- सतना जिले के तहसील रामनगर, रघुराजनगर तथा नागौद में स्थिति पाँच तालाबों के कुल रकबा 3.797 हे0 में 89 व्‍यक्तियों का अतिक्रमण के मामले निम्‍नानुसार प्रकाश में आये हैं

तहसील

ग्राम का नाम

तालाब की संख्‍या

अतिक्रमित रकबा हे. में

अतिक्रामकों की संख्‍या

अतिक्रामकों का नाम

रामनगर

गुलवार गुजारा

01

2.631

01

सुमेर सिंह

रघुराजनगर

मटेहना

01

0.405

01

सुखेन्‍द्र तनय पुनउवा कोल

धवारी

01

0.298

32

अतिक्रामकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–अ अनुसार है।

कृपालपुर

01

0.355

46

अतिक्रामकों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–ब अनुसार है।

नागौद

सिंहपुर

01

0.108

09

अतिक्रामकों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र–स अनुसार है।

योग-

05

3.797

89

 

(घ) 1- जिला रीवा की जानकारी निरंक है। 2- जिला सतना- जी हॉं। उत्‍तरांश (ख) अनुसार अतिक्रमणकर्ताओं के विरूद्ध नियमानुसार भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत करते हुये नोटिस जारी कर विधि संगत कार्यवाही दर्ज की गई है।

आदिवासियों की भूमि के क्रय-विक्रय के नियम

[राजस्व]

23. ( क्र. 387 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आदिवासियों की भूमि के क्रय-विक्रय के क्या नियम व प्रावधान हैं एवं क्रय-विक्रय की प्रक्रिया में किन-किन सक्षम अधिकारियों की स्वीकृति आवश्यक होती हैं? (ख) क्या होशंगाबाद जिले में विगत 5 वर्षों में आदिवासियों की भूमि के क्रय-विक्रय के सभी प्रकरणों में सभी सक्षम अधिकारियों की अनुमति ली गयी हैं? यदि हाँ, तो अधि‍कारियों के नाम व पद सहित जानकारी प्रदान करें।                          (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें नियमानुसार सक्षम अधिकारियों की बिना स्वीकृति लिये प्रकरण स्वीकृत किये गये हैं? सूची प्रदान की जावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) म.प्र. भू राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 में वर्णित प्रावधानों के तहत अधिसूचित क्षेत्रों को छोड़कर आदिवासियों की भूमि के क्रय विक्रय की अनुमति हेतु कलेक्‍टर की पद श्रेणी से अनिम्‍न पद श्रेणी का कोई राजस्‍व अधिकारी सक्षम है। (ख) जी हाँ। समय समय पर जारी कार्य विभाजन आदेश अनुसार तत्समय पदस्‍थ अपर कलेक्‍टरों द्वारा अनुमति दी गई है। नाम व पद सहित जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट पर है। (ग) ऐसा कोई प्रकरण नहीं है जिनमें बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के प्रकरण स्‍वीकृति किये गये है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

ई पंजीयन योजना

[वाणिज्यिक कर]

24. ( क्र. 395 ) डॉ. मोहन यादव : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ई पंजीयन योजना लागू होने के पश्‍चात पंजीयन संबंधित समस्त कार्य ऑनलाईन किये जा रहे है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) ई पंजीयन योजना के साफ्टवेयर में बैंक शाखा से प्राप्त प्रारूप 5 (बंधक विलेख) ऑन लाईन जमा कराने का समावेश किया गया है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो बैंकों से मेन्यूअली प्रारूप 5 (बंधक विलेख) क्यों प्राप्त किये जा रहे है? किस प्रकार प्रारूप 5 (बंधक विलेख) ऑन लाईन जमा किये जा सकते है? प्रक्रिया बतावें? (ग) यदि नहीं, तो बैंक शाखा से प्राप्त प्रारूप 5 (बंधक विलेख) ऑनलाईन जमा कराने का समावेश ई पंजीयन साफ्टवेयर में कब तक करा दिया जावेगा? (घ) उक्त समावेश ई पंजीयन योजना में नहीं कराने के लिए कौन अधिकारी अथवा ठेकेदार दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                                   (ख) ई-पंजीयन सॉफ्टवेयर में बैंक द्वारा कृषकों को प्रदत्‍त किए जाने वाले ऋण के संबंध में बंधक विलेख (प्रारूप 5) के ई-पंजीयन का प्रावधान है, जो पंजीयन अधिनियम की धारा 60 के अंतर्गत संपादित किया जाता है। बंधक विलेखों के ई-फाईलिंग की प्रक्रिया की विस्‍तृत जानकारी संपदा पोर्टल www.mpigr.gov.in पर देखी जा सकती है। दस्‍तावेजों के अत्‍यधिक संख्‍या में होने एवं कर्मचारियों की संख्‍या कम होने से कम्‍प्‍यूटर में प्रविष्टि कर ई-फाईलिंग किया जाना संभव नहीं होता है। बंधक विलेख (प्रारूप 5) के दस्‍तावेज जो फाईलिंग हेतु प्रस्‍तुत होते है उनकी मेन्‍युअल फाईलिंग पंजीयन अधिनियम की धारा 89 के प्रावधानों के तहत की जा रही है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्‍नांश '''' उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्‍नांश (घ) उपस्थित नहीं होता।

समयमान, वेतनमान एवं वेतन वृद्धि

[राजस्व]

25. ( क्र. 397 ) डॉ. मोहन यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के पश्चात समयमान, वेतनमान एवं वेतन वृद्धि किये जाने हेतु सहायक ग्रेड 1, सहायक ग्रेड 2, सहायक ग्रेड 3 के कर्मचारियों के कितने आवेदन उज्जैन जिले की राजस्व स्थापना शाखा में कब से लंबित है? (ख) उपरोक्त आवेदन लंबित होने के क्या कारण है? लंबित आवेदनों का निराकरण कर कब तक समयमान, वेतनमान लागू कर वेतन वृद्धि कर दी जावेगी? समयावधि बतावे? (ग) आवेदनों को लंबित रखने के लिए कौन अधिकारी दोषी है? दो‍षी अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) विभाग की गलती के कारण से हुए विलंब की अवधि की वेतनवृद्धि का लाभ संबंधित कर्मचारी को दिया जावेगा अथवा नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) परिवीक्षा अवधि समाप्‍त होने के पश्‍चात सहायक ग्रेड 01- निरंक, सहायक ग्रेड 02- 10, सहायक ग्रेड 03-18 कुल 28 कर्मचारियों के समयमान, वेतनमान प्रदाय किये जाने हेतु विचाराधीन है एवं वेतनवृद्धि से संबंधित कोई आवेदन लंबित नहीं हैं।                                            (ख) यह निरंतर चलने की प्रक्रिया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) सभी पात्र कर्मचारियों को वेतनवृद्धि का लाभ मिलता हैं।

किसान सम्‍मान निधि की राशि का भुगतान

[राजस्व]

26. ( क्र. 408 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जबेरा विधान सभा क्षेत्र में कितने किसानों के खातों में किसान सम्‍मान निधि की राशि नहीं पहुँची है? संबंधित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर इस लापरवाही के लिये क्‍या कार्यवाही की जायेगी एवं शेष किसानों की खाता फिडिंग कर, कब तक किसान सम्‍मान निधि की राशि उनके खातों में पहुँचेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : पात्रता परीक्षण एवं पी.एम. किसान योजना के तहत भुगतान का कार्य सतत जारी है, जिसमें शेष कृषकों की संख्‍या बताया जाना संभव नहीं है। इस प्रकार कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता एवं पी.एम. किसान योजना के तहत पात्रता परीक्षण कर भुगतान की कार्यवाही सतत जारी होने से समय-सीमा बताया जाना सम्‍भव नहीं है।

 

भावांतर एवं अतिवृष्टि की राशि का प्रदाय

[राजस्व]

27. ( क्र. 418 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दमोह में वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि के कारण नष्‍ट हुई खरीफ की फसलों की कितने किसानों को शासन द्वारा कितनी राशि मुआवजे के रूप में प्रदाय की गई? (ख) जिला दमोह में विगत वर्ष भावांतर की राशि किसानों को क्‍यों प्रदाय नहीं की गई? किसानों के द्वारा बेची गई फसलों में किसानों को रूपये 5000 से 5500 रू.प्रति क्विंटल की रसीदें प्रदाय की गई लेकिन किसानों को 3000 रू. से लेकर 3500 रू. प्रति क्विंटल ही प्राप्‍त हुये, भावांतर की राशि एवं बोनस की राशि प्राप्‍त नहीं हुई ऐसा क्‍यों? समस्‍त जानकारियॉं प्रदाय करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) दमोह में वर्ष 2019-20 में अतिवृष्टि के कारण नष्‍ट हुई फसल हेतु 45073 किसानों को कुल रू. 13.71 करोड़ राहत राशि का मुआवजा दिया गया है। (ख) जिला दमोह में विक्रय की गई सोयाबीन के लिए फ्लैट भावांतर योजना लागू है जिसका भुगतान प्रचलित है। अत: शेष प्रश्‍न उदभूत नहीं होता।

ग्राम चूनाभट्टी (भोपाल) के डायवर्टिड नाला के संबंध में

[राजस्व]

28. ( क्र. 421 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अपर कलेक्‍टर भोपाल के प्रकरण क्र.-07/ए-3/86-87 में पारित त्रुटिपूर्ण भूमि विनिमय आदेश दिनांक 21.03.1991 को प्रभावहीन करने संबंधी नोटिस न्‍यायालय आयुक्‍त, भोपाल संभाग से दिनांक 01.07.2013 को क्र.-1103/प्रवा.-1/2012-13 से जारी हुआ है? (ख) क्‍या उक्‍त नोटिस में केवल ग्राम चूनाभट्टी स्थित शासकीय नाला खसरा क्र.-70/2 रकबा 0.37 एकड़ की भूमि का ही उल्‍लेख है तथा इस कारण केवल इसी भूमि के संबंध में माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में डब्‍ल्‍यू.पी. नम्‍बर-12216/13 में पारित स्‍थगन आदेश दिनांक 17.07.2013 प्रभावशील है? (ग) क्‍या दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति ने ग्राम चूनाभट्टी स्थित अमलतास फेस-2 कॉलोनी में से प्रवाहित खसरा क्र.-70/2 के नाला का डायवर्टिड (स्‍थान परिवर्तित) किया है जो सार्वजनिक उपयोग में आ रहा होकर वर्तमान में भी प्रवाहित है एवं अब सामान्‍य स्थिति में इसका अस्तित्‍व समाप्‍त होना संभव नहीं है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) दानिश गृह निर्माण सहकारी समिति द्वारा शासकीय नाला की भूमि के अंश भाग को परिवर्तित किया गया है। वर्तमान में नाले की कनेक्टीविटी एवं प्रवाह भूमिगत होने से शेष प्रश्नांश की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है।

संचालित दुकानों की जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

29. ( क्र. 451 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) क्‍या कलेक्‍टर कार्यालय होशंगाबाद को (1) इटारसी के वार्ड क्र. 10, 13 एवं 19 की शासकीय राशन दुकान के संचालकों द्वारा फर्जी एन्‍ट्री कर गरीबों का राशन बेचने, इटारसी के वार्ड क्र. 10, 13 एवं 19 की सहकारी संस्‍थाओं के चुनाव में फर्जी दस्‍तावेजों का प्रयोग कर शासन को गुमराह करने और केरोसिन के अवैध परिवहनकर्ता पर कार्यवाही करने संबंधी शिकायत दिनांक 30.09.2019 को प्राप्‍त हुई थी। (ख) उक्‍त शिकायतों की जांच किन अधिकारियों द्वारा की गयी। इसमें जांच में कौन से लोग दोषी पाये गये नाम सहित जानकारी दें। (ग) प्रकाश में आये तथ्‍यों के आधार पर किन लोगों के खिलाफ क्‍या कार्यवाही की गयी।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी नहीं। कलेक्‍टर कार्यालय होशंगाबाद को दिनांक 01/10/2019 को एक शिकायती पत्र प्राप्‍त हुआ है जिसमें इटारसी के वार्ड क्रमांक 10, 13 एवं 19 की शासकीय उचित मूल्‍य दुकान के संचालकों द्वारा फर्जी एन्‍ट्री कर गरीबों का राशन बेचने की शिकायत की गई है परंतु इस शिकायती पत्र में वार्ड क्रमांक 10, 13 एवं 19 की सहकारी संस्‍थाओं के चुनाव में फर्जी दस्‍तावेजों का प्रयोग कर शासन को गुमराह करने एवं केरोसीन के अवैध परिवहनकर्ता पर कार्यवाही करने संबंधी कोई उल्‍लेख नहीं है। (ख) उक्‍त शिकायत की जांच कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी इटारसी द्वारा की गई। उक्‍त जांच में कोई दोषी नहीं पाया गया। (ग) शिकायत की जांच में कोई दोषी नहीं पाए जाने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

30. ( क्र. 483 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विधान सभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर शासकीय भवन में संचालित हैं तथा कितने निजी भवन में संचालित हैं तथा निजी भवन में किराये का क्या मापदण्‍ड हैं? ग्राम एवं नगर व आंगनवाड़ी केन्द्रों की जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु वर्ष 2016-17 से 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक कितने-कितने आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य हेतु प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर राशि प्रदाय की गई? नगर, ग्राम में केन्द्रवार वर्षवार जानकारी से अवगत करावें?                                            (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार कितने भवनों के निर्माण कार्य पूर्ण होकर उनमें आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं तथा कितने भवनों के निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण हैं? केन्द्रवार जानकारी देते हुये भवन कार्य अपूर्ण का कारण स्पष्‍ट करें? (घ) प्रश्नांश (ग) में दर्शित अपूर्ण भवनों के कारण निजी भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित हैं, निजी भवनों में संचालित केन्द्रों को शासन द्वारा किराये की राशि प्रदाय की जा रही है? उक्त राशि के दुरूपयोग हेतु कौन दोषी है? क्या दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अन्तर्गत नगरीय क्षेत्र में 87 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 289 आंगनवाड़ी केन्द्र स्वीकृत होकर शहरी क्षेत्र के 30 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 246 केन्द्र शासकीय भवन में तथा शहरी क्षेत्र के 57 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 43 केन्द्र निजी भवन में किराये से संचालित है। आंगनवाड़ी केन्द्र का भवन किराया उपलब्ध सुविधाओं अनुसार शहरी क्षेत्र के लिये राशि रू. 4000/- (रू.चार हजार मात्र) एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिये राशि रू. 1000/- (एक हजार मात्र) अधिकतम का प्रावधान है। (ख) वर्ष 2016-17 से 2019-20 में प्रश्‍न दिनांक तक 73 आंगनवाड़ी भवन की स्वीकृति जारी हुई है। नगर/ग्रामवार एवं वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार स्वीकृत भवन में से 14 आंगनवाड़ी भवन पूर्ण होकर उनमें आंगनवाड़ी संचालन प्रारंभ हो गया है। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत होने से निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है। अपूर्ण/अप्रारंभ आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण करने के लिये जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं राज्य स्तर पर पंचायत राज संचालनालय से समय-समय पर समन्वय किया जाता है। अपूर्ण भवनों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अनुसार है।                                                (घ) प्रश्नांश (ग) में अपूर्ण भवनों में से 4 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवन में संचालित है, शेष 55 केन्द्र अन्य शासकीय भवन में संचालित है। उपरोक्त 4 किराये के भवनों का शासन निर्देशानुसार एवं नियत मापदंड अनुसार किराये की राशि का भुगतान भवन स्वामी को किया जा रहा है। राशि का उपयोग नियमानुसार किया जा रहा है अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।

नक्शाविहीन ग्राम एवं नगर की जानकारी

[राजस्व]

31. ( क्र. 484 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत कितने ग्राम एवं नगर नक्शावि‍हीन हैं? तहसीलवार ग्राम तथा नगर के नाम बताऐं तथा कितनें वर्षों से नक्शाविहीन है? (ख) प्रश्नांश '''' अनुसार ग्राम/नगर के नक्शा तैयार करनें हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक नक्शा तैयार करवा लिया जावेगा? (ग) नगर सारंगपुर में नजूल की शासकीय भूमि का कितना रकबा है? कितने रकबा पर शासकीय निर्माण कार्य किया गया है, कितनें पर पट्टे वितरित किये गये हैं तथा कितनी भूमि‍ पर अवैध कब्जा है? वितरित पट्टेधारी एवं कब्जेधारी की संख्‍यात्‍मक जानकारी रकबे सहित बतावें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) ''निरंक'' शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।                                       (ख)  उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) नगर सारंगपुर शासकीय भूमि का कुल रकबा 214.109 हेक्टर है रकबा 18.269 हेक्टेयर भूमि पर शासकीय निर्माण कार्य किया गया है व 14 व्यक्तियों को पट्टे वितरित किये गये है। नजूल भूमि पर कोई अवैध कब्जा नहीं है। नजूल पट्टे वितरित किये जाने वाले व्यक्तियों का नाम एवं कब्जेधारी का नाम निम्नानुसार है:- 1-बापूसिंह पिता यशवन्त सिंह, राजेन्द्र सिंह पिता छतरसिंह 2000 वर्गफिट। 2-घीसालाल पिता बापूलाल 1575 वर्गफिट 3- बनेसिंह पिता बापू सिंह 1700 वर्गफिट 4- मोहनसिंह पिता मदन सिंह 1700 वर्गफिट 5-शोकत अली पिता लियाकत अली 1200 वर्गफिट 6-मुकन्दराम पिता धूलजी 2040 वर्गफिट 7- लक्ष्मीनारायण पिता राधाकिशन 1976 वर्गफिट 8- कैलाश सिंह पिता प्रताप सिंह 1200 वर्गफिट 9-युग निर्माण गायत्री परिवार ट्रस्ट 6553 वर्गफिट 10- गयुरखां पित हकीम खां जुबेदाबी पति गयुर खां 1700 वर्गफिट 11- अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी 1200 वर्गफिट 12-जनपद पंचायत सांरगपुर 630 वर्गफिट 13- प्रबंधक कृषि शाख सहकारी समिति जयनगर गोपालपुरा 10000 वर्गफिट 14-ब्लाक अध्यक्ष भाजपा सारंगपुर 2000 वर्गफिट।

 

पर्यटन स्‍थल का विकास

[संस्कृति]

32. ( क्र. 496 ) श्री अनिल जैन : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत ग्राम गढ़कुण्डार में ऐतिहासिक भव्य किला स्थित है? यदि हाँ, तो इसके रख-रखाव के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये हैं? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित गढ़कुण्डार में पर्यटन के क्षेत्र में अनेक सम्भावनायें है? यदि हाँ, तो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये क्या प्रयास किये गये हैं? (ग) क्या गढ़कुण्डार को पर्यटन नक्शे में जोड़े जाने के लिये कोई कार्य योजना प्रस्तावित हैं, तो बतायें कि गढ़कुण्डार को कब तक पर्यटन नक्शे में जोड़ा जायेगा और यदि नहीं, तो गढ़कुण्डार को पर्यटन नक्शे में जोड़े जाने के लिये कार्ययोजना कब-तक तैयार की जावेगी?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ, 13वें वित्‍त आयोग के अंतर्गत भारत शासन से वर्ष 2012-13 में प्राप्‍त राशि रू. 94.20 लाख से गुढ़कुण्‍डार किले में अनुरक्षण एवं विकास कार्य कराया गया हैं एवं वर्ष 2018-19 में राशि रू. 4,03,451/- के विकास कार्य कराये गये।                                                     (ख) पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पहुंच मार्ग, पार्किंग, प्रसाधन व्‍यवस्‍था, पेयजल व्‍यवस्‍था एवं विद्युत व्‍यवस्‍था आदि कार्य सम्‍पादित किये गये है. (ग) गढ़कुण्‍डार किले को पर्यटन नक्‍शें में जोड़े जाने के लिए अभी तक कोई योजना नहीं हैं।

योजनाओं का क्रियान्‍वयन न कराने वालों पर कार्यवाही

[राजस्व]

33. ( क्र. 570 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) क्‍या म.प्र.शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा राजस्‍व विभाग के कार्य आवंटन के तहत कृषि श्रमिकों की बेरोजगारी या अपूर्ण रोजगार संबंधी विषय को समावेशित किया गया है?                                                (ख) प्रश्नांश (क) हां तो इस बावत् सरकार (राजस्‍व विभाग) द्वारा क्‍या कार्य योजना तैयार की गई है? अगर योजना तैयार नहीं की गई है तो क्‍यों? इस बाबत् सरकार की क्‍या नीति एवं नियम है बतावें?                    (ग) प्रश्नांश (क) के तारतम्‍य में अगर सरकार द्वारा कृषि श्रमिकों को बेरोजगार या अपूर्ण रोजगारी बावत् कोई योजना तैयार नहीं की है, कृषि तथा श्रमिक योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं तो इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? साथ ही योजना के क्रियान्‍वयन बावत् क्‍या नीति व नियम हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) राज्‍य शासन के अन्‍य विभागों में कृषि श्रमिकों को आवश्‍यकता होने पर रोजगार उपलब्‍ध कराने की योजना प्रचलित है। इसी प्रकार कृषि श्रमिकों को अन्‍य विभागों की हितग्राही मूलक योजनाओं में भी शामिल किया गया है। अत: कोई जिम्‍मेदार नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही

[महिला एवं बाल विकास]

34. ( क्र. 579 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रीवा संभाग में वर्ष 2014 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में कितने बच्‍चे जन्‍म से कुपोषित पैदा हुये एवं कितने जन्‍म के बाद कुपोषण का शिकार हुये? जिलावार, जनपदवार एवं वर्षवार जानकारी देवें। साथ ही कुपोषण की जांच कब-कब, किन-किन माहों एवं वर्षों में की गई?                                    (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जन्‍म से कुपोषित बच्‍चे पैदा न हो इस बाबत् सरकार द्वारा क्‍या योजना तैयार कर गर्भवती माताओं को किस तरह की सुविधा/उपचार मुहैया कराये जा रहे हैं? जन्‍म के बाद कुपोषण कितने प्रतिशत बढ़ा? माहवार उपरोक्‍त (क) अवधि से जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार कुपोषण से मुक्ति बाबत् अपनाये गये उपायों में शासन द्वारा कितनी राशि व्‍यय की गई, का वर्ष 2014 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का जिलेवार, जनपदवार रीवा संभाग का विवरण देवें। (घ) रीवा संभाग में संचालित 8779 आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में 4431 भवनविहीन एवं 2401 में शौचालय की सुविधा नहीं है जबकि सरकार द्वारा समग्र स्‍वच्‍छता एवं शौचालय युक्‍त शासकीय भवनों की जानकारी दी जा रही है, इसका असर क्‍या आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में आने वाले छोटे-छोटे बच्‍चों पर नहीं पड़ रहा। इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार है? इन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे?                    (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) अनुसार उल्‍लेखित बिन्‍दुओं के अनुसार कार्यवाही न करने, कुपोषण की मात्रा आये दिन बढ़ने, फर्जी बिल वाउचर तैयार कर शासकीय राशि का गबन करने कुपोषित बच्‍चों को लाभ से वंचित रखने के लिये किन-किन को जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं, तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) रीवा संभाग में प्रश्नांकित अवधि में जनपदवार जन्म से कुपोषित पैदा हुये (2.5 किलो ग्राम मानक वजन से कम) बच्चों की वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जन्म के बाद कुछ बच्चें समय-समय पर कुपोषित होते है तथा कुछ समय बाद कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ जाते है, इन बच्चों की कोई स्थाई संख्या नहीं है अतः जन्म के बाद कुपोषण का शिकार हुये बच्चों की संख्या नहीं बताई जा सकती। आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण स्तर का निर्धारण प्रतिमाह किया जाता है। (ख) बच्चे जन्म से कुपोषित न हो इसके लिये शासन द्वारा प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना अन्तर्गत तीन किश्तों में आर्थिक सहायता, आई.सी.डी.एस. योजना अंतर्गत पूरक पोषण आहार, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, संदर्भ सेवायें, प्रसव पूर्ण जांच की सेवायें दी जाती है। जिले की विशेष आवश्यकतानुसार अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अंतर्गत कार्य योजना बनाकर भी आवश्यक सेवायें दी जाती है। जन्म के बाद कुपोषण का तुलनात्मक संकलन नहीं किया जाता है ऐसी स्थिति में जन्म के बाद कुपोषण कितने प्रतिशत बढ़ा, की जानकारी नहीं दी जा सकती है। (ग) कुपोषण से मुक्ति बाबत् चलाई जा रही योजनाओं में प्रश्नांकित अवधि में व्यय की गई राशि संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जनपदवार व्यय का संधारण नहीं किया जाता। (घ) रीवा संभाग से संचालित 8779 आंगनवाड़ी केन्द्रों में से 2988 शासकीय भवन विहीन तथा 1398 शौचालय विहीन हैं। स्वयं के शौचालय विहीन तथा किराये के भवनों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों द्वारा समीप के शौचालयों का उपयोग किया जाता है अतः उनके स्वास्थ्य पर विपरीत असर नहीं पड़ रहा है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) संभाग अन्तर्गत प्रश्नांश (क) से (घ) में उल्लेखित बिन्दुओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं अनियमित्ता की सूचना/शिकायत प्रतिवेदित नहीं हुई है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "छ्त्तीस"

 

नवीन बी.पी.एल. व अंत्‍योदय कार्ड बनाया जाना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

35. ( क्र. 610 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                            (क) विधानसभा क्षेत्र महिदपुर के अंतर्गत दिनांक 01.01.2019 से दिनांक 20.11.2019 तक बी.पी.एल. व अंत्‍योदय कार्ड के कुल कितने नवीन कार्ड बनाये गये हैं? दुकानवार जानकारी देवें।                            (ख) दिनांक 01.01.2019 से 20.11.2019 तक बनाये गये बी.पी.एल. व अंत्‍योदय कार्डो में कई अपात्र लोगों के कार्ड भी बनाये गये हैं? इन पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है और अपात्र कार्डो को निरस्‍त करने की क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) दिनांक 01.01.2019 से 20.11.2019 तक अपात्र लोगों के बी.पी.एल. व अंत्‍योदय कार्ड बनाने वाले उत्‍तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्‍ध करावें व इन अपात्र लोगों के कार्डो की जांच कब तक करा ली जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्‍नांकित अवधि में निर्मित नवीन बी.पी.एल. एवं नवीन अंत्‍योदय कार्ड की दुकानवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांकित अवधि में अपात्रों के कार्ड बनाने का कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश 'के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

स्वीकृत किये गए हैण्डपंप खनन कार्यों की पूर्णता

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

36. ( क्र. 625 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2017-18 से सत्र 2019-20 तक विधानसभा क्षेत्र सिरमौर अंतर्गत विधायक निधि एवं सांसद निधि (लोकसभा एवं राज्यसभा) एवं विभागीय कार्य योजना से कुल कितने हैण्डपंप खनन कार्य स्वीकृत किये जा चुके हैं? ग्राम पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या विभागीय कार्ययोजना से स्वीकृत हैण्डपंप खनन हेतु क्षेत्रीय विधायक की अनुशंसा मांगी जाती है? यदि हाँ, तो क्या अनुशंसा के आधार पर चिन्हित स्थल में ही हैण्डपंप खनन कार्य कराया जाता है? यदि नहीं, तो क्षेत्रीय विधायक की अनुशंसा प्राप्त करने का क्या औचित्य है? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम के क्या 2017-18 से 2019-20 तक स्वीकृत सभी हैण्डपंप खनन कार्यों का पूर्णता प्रमाण पत्र विभाग द्वारा प्राप्त कर लिया गया है? यदि नहींतो क्या अपूर्ण हैण्डपंप खनन कार्यों का भुगतान विभाग के द्वारा कर दिया गया है अथवा नहीं?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) कुल 158 नलकूप खनन कार्य, शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सामान्यतः हैण्डपंप खनन किए जाने वाले ग्रामों की प्राथमिकता मान. क्षेत्रीय विधायक द्वारा अनुशंसा के आधार पर निर्धारित करते हुए संबंधित ग्राम पंचायत की सहमति एवं भूजलविद् द्वारा चिन्हित स्थान पर नलकूप खनन करवाया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। विभाग द्वारा पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के उपरांत ही अंतिम देयक का भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

पैतृक भूमि का त्रुटिपूर्ण सीमांकन

[राजस्व]

37. ( क्र. 627 ) श्री दिव्‍यराज सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) क्या जिला रीवा की हुजूर तहसील अंतर्गत हल्का पटवारी अमवा ग्राम अटरिया निवासी राजेन्द्र नारायण श्रीवास्तव आत्मज श्री गोपाल नारायण श्रीवास्तव तथा अभिषेक श्रीवास्तव ने अपनी पैतृक भूमि खसरा क्रं 69,75,88,89 एवं खसरा क्रमांक 32,33,90 के सीमांकन का आवेदन लोक सेवा पोर्टल के माध्यम से दिनांक 02.06.2018 आवेदन क्रमांक आरएस/430/0736/790/2018 तथा आवेदन क्रमांक आरएस/430/0736/791/2018 को दिया था? यदि हाँ, तो क्या यह सही है कि आवेदकगणों के द्वारा कई बार आग्रह करने पर दिनांक 13.07.2019 को राजस्व निरीक्षक के द्वारा गलत तरीके से त्रुटिपूर्ण सीमांकन कर दिया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में त्रुटिपूर्ण सीमांकन की शिकायत संबंधितजनों के द्वारा जन सुनवाई पोर्टल पर दिनांक 16.07.2019 को की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि शिकायत को 04 माह व्यतीत हो जाने के पश्‍चात भी निराकृत नहीं किया जा सका? (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित शिकायत का निराकरण कर पुनः सही सीमांकन उच्च अधिकारियों की उपस्थिति में कराया जावेगा? क्या दोषी राजस्व निरीक्षक के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त बनकुइंया के प्रकरण क्रमांक 171/अ.12/2017-18 पंजीबद्ध कर राजस्व निरीक्षक को सीमांकन हेतु आदेशित किया गया। सीमांकन हेतु राजस्व निरीक्षक व पटवारियों का दल गठित कर विहित अवधि के अंदर दिनांक 13/07/2019 को म.प्र. भू.राजस्व संहिता 1959 की धारा 129 के नियमों के अंतर्गत सीमांकन कराया गया था। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सीमांकन के संबंध में आवेदक द्वारा आपत्ति प्रस्तुत की गई थी जिसका निराकरण न्यायालयीन प्रक्रिया के अंतर्गत विधिवत सुनवाई उपरांत दिनांक 24/10/2019 को न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त बनकुइंया द्वारा किया जा चुका है।                                  (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित शिकायत आपत्ति का निराकरण न्यायालीन प्रक्रिया के तहत विधिवत सुनवाई उपरांत म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 129 के नियमों के अंतर्गत दिनांक 24/10/2019 को न्यायालय नायब तहसीलदार वृत्त बनकुइंया द्वारा निराकृत किया जा चुका है। यदि आवेदक सीमांकन से संतुष्ट नहीं है तो म.प्र. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 129 के तहत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पुनः सीमांकन कराये जाने हेतु अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकता है।

अतिवृष्टि/बाढ़ से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा

[राजस्व]

38. ( क्र. 653 ) श्री रमेश मेन्‍दोला : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि/बाढ़ से नष्ट हुई फसलों तथा जनधन की हानि से जो लोग और किसान प्रभावित हुए हैं क्या उन्हें राज्य शासन द्वारा मुआवजा दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कृपया बताएं कि कितने लोगों और किसानों को कितनी राशि का मुआवजा दिया गया है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी जहां। (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है।

दोषी के विरूद्ध जांच का निष्‍कर्ष

[महिला एवं बाल विकास]

39. ( क्र. 680 ) श्री कमलेश जाटव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या विधायक अम्‍बाह द्वारा कार्यालयीन पत्र क्रमांक/क्‍यू.5/शिकायत/जांच/2019 एवं स्‍मरण पत्र क्रमांक 121/शिकायत/जांच/2019 दिनांक 16-11-2019 के द्वारा महिला बाल विकास परियोजना मुरैना के संबंध में कलेक्‍टर जिला मुरैना को जांच कराने हेतु लिखा गया था? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्‍त जांच का निष्‍कर्ष क्‍या निकला? जांच रिपोर्ट का विवरण देवें। यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं? जांच कब तक करा ली जावेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। (ख) उक्त शिकायत की जांच जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास मुरैना से कराई गई। माननीय विधायक महोदय अम्बाह द्वारा शिकायती पत्र में लिखा गया है कि ''श्रीमती रेखारानी माहौर, परियोजना मुरैना ग्रामीण का स्थानान्तरण मुरैना से नवीन पदस्थापना बाल विकास परियोजना अम्बाह के लिए माननीय प्रभारी मंत्री महोदय के अनुमोदन से किया गया था। उक्त आदेश के क्रम में संबंधित पर्यवेक्षक को परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास मुरैना द्वारा अपने आदेश क्र.361 दिनांक 10.07.2019 द्वारा भारमुक्त भी किया जा चुका था, किन्तु उक्त महिला पर्यवेक्षक ने नवीन पदस्थापना स्थान पर उपस्थिति नहीं दी एवं तत्कालीन परियोजना अधिकारी मुरैना से सांठ-गांठ कर 10.07.2019 में भारमुक्त होने के बाद पुनः न जाने किस आधार पर 28.07.19 तक उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर दिये। जांच में पाया गया कि श्रीमती रेखारानी माहौर ने दिनांक 10 एवं 11 जुलाई 2019 को आकस्मिक अवकाश का आवेदन देकर दिनांक 29.07.19 तक चिकित्सा अवकाश पर रहीं है। इनके द्वारा उपस्थिति पंजी में दिनांक 28.07.2019 तक हस्ताक्षर नहीं किये हैं। लेकिन दिनांक 30.07.2019 से 24.08.2019 तक संबंधित पर्यवेक्षक के द्वारा उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर किये गये हैं। इस संबंध में श्रीमती रेखारानी माहौर पर्यवेक्षक एवं तत्कालीन परियोजना अधिकारी श्रीमती विमला दोहरे पोरसा एवं डॉ. श्री मनोज गुप्ता परियोजना अधिकारी मुरैना ग्रामीण को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये गए हैं।

बारिश के दौरान क्षतिग्रस्‍त हुये मकानों का मुआवजा

[राजस्व]

40. ( क्र. 696 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                               (क) क्‍या केन्‍ट विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019-2020 वर्षा ऋतु में अत्‍याधिक बारिश के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के मकानों को काफी क्षति पहुंची है, यदि हाँ, तो क्‍या क्षति पूर्ति हेतु शासन स्‍तर पर कोई कार्यवाही के प्रयास किये गये है? यदि हाँ, तो क्‍या, यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्षतिग्रस्‍त मकानों के लिये मुआवजा राशि हेतु शासन स्‍तर पर कितनी राशि स्‍वीकृत की गई है? प्रशासन स्‍तर पर कितने क्षतिग्रस्‍त मकानों का सर्वे कराया गया है एवं कितने लोगों को मुआवजा राशि प्रदान की गई? यदि मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई तो क्‍यों? इसके लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है यदि राशि प्रदान करना प्रस्‍तावित है तो कब तक की जायेगी समय-सीमा बताई जाये?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। क्षतिग्रस्‍त मकान हेतु राहत राशि स्‍वीकृत की गई है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता। (ख) क्षतिग्रस्‍त 244 मकान की सर्वे कराया है एवं मुआवजा राशि 19,06,000 स्‍वीकृत की गयी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। समस्‍त प्रभावित 244 मकान के हितग्राही को E-PAYMENT के माध्‍यम से किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

अतिवृष्टि से नष्ट हुई खरीफ़ फसलों पर मुआवजा

[राजस्व]

41. ( क्र. 713 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                             (क) मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि से कितने जिलों की फसल प्रभावित हुई है? भोपाल सहित मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि से नष्ट हुई खरीफ की फसल की मुआवजा राशि कब तक दी जाएगी? विभाग द्वारा प्रति हेक्टेयर कुल कितनी राशि दी जाएगी? (ख) किसानों की 2 लाख रूपये की कर्ज माफी के अंतर्गत क्या प्रावधान रखे गए हैं? नवम्बर 2019 तक प्रदेश के कुल कितने किसानों का 2 रूपये लाख तक का कर्जा माफ किया गया वर्ष 2016 से 2019 तक वर्षवार मध्यप्रदेश में डिफाल्टर किसानों की सूची उपलब्ध कराएँ?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश में अतिवृष्टि से कुल 39 जिलों की फसले प्रभावित हुई है। भोपाल सहित प्रदेश में राहत राशि वितरण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शासन द्वारा राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र खण्‍ड छ: क्रमांक 4 पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट में निहित प्रावधानों के अनुसार क्षति के आंकलन के आधार पर प्रति हेक्‍टेयर अनुसार राहत राशि दी जाती है। (ख) नवम्‍बर 2019 तक प्रदेश के कुल 2022731 लाख किसानों के 2.00 लाख रूपये तक के कर्जे माफी की स्‍वीकृति दी गई है। डिफाल्‍टर किसानों की सूची संकलित की जा रही है।

शुद्ध पेयजल की व्‍यवस्‍था

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

42. ( क्र. 790 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सिवनी जिले में विभिन्‍न नलजल पेयजल योजनाएं ग्रामीण क्षेत्र में शुद्ध पेयजल की व्‍यवस्‍था हेतु क्रियान्वित की जा रही है एवं नवीन योजना विभागीय रूप से शासन को अग्रेषित की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कितनी नलजल योजनाएं शासन से स्‍वीकृत होकर पूर्ण हुई, अपूर्ण रहीं, अप्रारंभ रहीं तथा उक्‍त वर्षों में कितने प्रस्‍तावत भेजे? उनमें से कितने स्‍वीकृत हुये कितने अस्‍वीकृत हुये तथा कितने प्रस्‍ताव शासन के पास लंबित है? क्‍या स्‍वीकृत योजनाओं से पूर्ण होने के पश्‍चात योजनाएं विभिन्‍न कारणों से पेयजल वितरण करने में सफल नहीं हुईं? यदि हाँ, तो जानकारी दें? (ग) उपरोक्‍त वर्षों में उपरोक्‍त योजनाओं के माध्‍यम से अथवा अन्‍य माध्‍यमों से भी क्‍या कोई और प्रस्‍ताव ग्राम पंचायतों, विभिन्‍न जनप्रतिनिधियों एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी तब से लेकर अब तक की गई विभिन्‍न मांगों पर नये प्रस्‍तावों पर स्‍वीकृति दी गई? शेष रहे प्रस्‍तावों की जानकारी दें। (घ) सिवनी विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी में से कितने प्रतिशत आबादी को शुद्ध पेयजल प्राप्‍त नहीं हो रहा है। शुद्ध पेयजल किसे कहा जाता है तथा उसका पैरामीटर क्‍या-क्‍या है? जितनी आबादी को शुद्ध पेयजल दिया जा रहा है उसका परीक्षण आखिर में किस दिनांक को किया गया?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जी हाँ, 16 प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई है, 5 प्रस्तावों में विभागीय मापदंडों के अंतर्गत पात्रता नहीं पाई गई, प्रश्न दिनांक को कोई प्रस्ताव कार्यवाही हेतु शेष नहीं है। (घ) शत-प्रतिशत आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध है। निर्धारित पैरामीटर्स की पूर्ति करने वाला जल शुद्ध पेयजल होता है। पैरामीटर्स की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। पेयजल नमूनों का परीक्षण विभागीय प्रयोगशाला द्वारा सतत प्रक्रिया के तहत निरंतर किया जाता है।

परिशिष्ट - "अड़तीस"

बसों के संचालन हेतु चिन्हित मार्ग

[परिवहन]

43. ( क्र. 791 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) सिवनी जिले के अंतर्गत विभाग द्वारा कितने मार्ग बसों के परिचालन हेतु चिन्हित किये गये हैं? (ख) सिवनी, छपारा एवं लखनादौन विकासखण्‍ड में परिवहन विभाग द्वारा चिन्हित मार्गों पर प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कौन-कौन सी बसे, किन-किन कंपनियों की संचालित हैं? बस नम्‍बर, बस संचालकों के नाम/पता व समय-सारणी सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ग) पि‍छले एक वर्ष में उपरोक्‍त विकासखण्‍डों में कितने बस एक्‍सीडेंट हुए? कितने लोग म़ृत हुए, कितने लोग घायल हुए, क्‍या उनको मुआवजा राशि उपलब्‍ध कराई गई? यदि हाँ, तो कितनी राशि उपलब्‍ध कराई गई? यदि नहीं, तो क्‍यों? घटनावार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्‍तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में बसों के परिचालन के संबंध में कितनी शिकायतें प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त हुई तथा कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया व कितनी शिकायतों का निराकरण नहीं किया गया? वित्‍तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में कितनी बसें बगैर लायसेंस के संचालित पाई गई और उन पर क्‍या कार्यवाही हुई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) 136. (ख) सचिव राज्य परिवहन प्राधिकार जबलपुर द्वारा 71 स्थाई परमिट जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '1' अनुसार है। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार सिवनी द्वारा 19 अस्थाई परमिट जारी किये गये हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '2' अनुसार है। (ग) पुलिस अधीक्षक सिवनी के पत्र क्रमांक 21 दिनांक 07.12.2019 से प्राप्त  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '3' अनुसार है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में परिचालन के संबंध में 03 शिकायतें प्राप्त हुई थी। जिनका निराकरण किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में बगैर लायसेंस के कोई बस संचालित नहीं पाई गई। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

किसान सम्‍मान निधि का लाभ

[राजस्व]

44. ( क्र. 839 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी जिले में किसानों को किसान सम्‍मान निधि का लाभ मिला है? विधान सभावार बताएं। (ख) क्‍या कृषकों के बैंक खाते एकत्रित कर सारणीकरण कार्य करा लिया गया है? (ग) यदि हाँ, तो कितने-कितने किसानों के खातों में उक्‍त राशि जमा कराई गई? विस्‍तृत जानकारी दें। यदि खाते में राशि जमा नहीं कराई गई है, तो क्‍यों और कब तक राशि जमा करा दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दिनांक 05/12/2019 की स्थिति में जिला शिवपुरी में 173231 पात्र हितग्राहियों को भुगतान किया गया है। पी.एम.किसान पोर्टल www.pmkisan.gov.in पर ग्रामवार जानकारी प्रदर्शित है। (ख) पात्रता परीक्षण का कार्य सतत किया जाता है। (ग) दिनांक 05/12/2019 की स्थिति में जिला शिवपुरी में 173231 पात्र हितग्राहियों को भुगतान किया गया है। शेष कार्यवाही सतत की जाती है। भुगतान संबंधी विस्‍तृत जानकारी www.pmkisan.gov.in पर है। पात्रता परीक्षण उपरांत पी.एम. किसान पोर्टल के माध्यम से भुगतान की कार्यवाही की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

भूमि का व्‍यवसायिक व्‍यपवर्तन एवं सीमांकन

[राजस्व]

45. ( क्र. 844 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                    (क) क्‍या सिवनी जिले में आबकारी विभाग के अन्‍तर्गत ठेकेदारों के द्वारा जिले में संचालित लगभग 73 देशी/अंग्रेजी मदिरा दुकानों का स्‍थल व्‍यवसायिक व्‍यपवर्तन मद में दर्ज है? यदि नहीं, तो इस हेतु जिले में राजस्‍व अधिकारी की अगुवाई में दल बनाकर उक्‍त स्‍थलों की सूक्ष्‍म जांच कर उन्‍हें, व्‍यवसायिक व्‍यपवर्तन मद में परिवर्तन करने एवं अभी तक की राशि की वसूली की कार्यवाही की जावेगी। (ख) सिवनी जिले के विकासखण्‍ड सिवनी के ग्राम कान्‍हीवाड़ा में संचालित अंग्रेजी शराब दुकान स्‍थल की ग्राम कान्‍हीवाड़ा मुख्‍यालय से गुजरने वाली राज्‍य की राजमार्ग (स्‍टेट हाइवे) की मध्‍य की दूरी एवं ग्राम नगझर में स्थित देशी शराब दुकान स्‍थल का राजकीय राज्‍य मार्ग के मध्‍य की दूरी का सीमांकन राजस्‍व अधिकार तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग सिवनी की संयुक्‍त टीम से करवाकर जानकारी देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जिले में आबकारी विभाग के अन्‍तर्गत ठेकेदारों के द्वारा जिले में संचालित देशी/अंग्रेजी मदिरा दुकानों का स्‍थल व्‍यवसायिक मद में व्‍यपवर्तन कर, मदिरा दुकान संचालित होने की दिनांक से वर्तमान वर्ष तक की परिवर्तित भू-राजस्‍व, प्रीमियम, अर्थदण्‍ड एवं ब्‍याज की राशि सहित वसूली हेतु नियमानुसार जांच की कार्यवाही प्रचलन में है।                (ख) सिवनी जिले के विकासखण्‍ड सिवनी के ग्राम कान्‍हीवाड़ा में संचालित अंग्रेजी शराब दुकान स्‍थल एवं ग्राम नगझर में स्थित देशी मदिरा दुकान स्‍थल का राजस्‍व अधिकारियों के मार्गदर्शन में राजस्‍व विभाग एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों के संयुक्‍त दल द्वारा सीमांकन कार्य कराया गया है। सीमांकन संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार

ग्रामीण जल समूह प्रदाय योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

46. ( क्र. 845 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में म.प्र. जल निगम मर्यादित द्वारा संचालित कार्यालय महाप्रबंधक परियोजना इकाई सिवनी में पदस्‍थ समस्‍त कर्मचारी की सूची एवं उन कर्मचारियों की मूल पदस्‍थापना विभाग का नाम, इस कार्यालय द्वारा ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना हेतु जिले में चल रहे निर्माण कार्य में किस-किस निर्माण कार्य हेतु आज दिनांक तक कितना भुगतान किस-किस एजेंसी को किया गया? जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) सिवनी जिले में सिद्धघाट सकरी मार्चाघाट ग्रामीण समूह जन प्रदाय योजना में संबंधित निर्माण ठेकेदार, विभाग द्वारा प्राक्‍कलन में निर्धारित मापदण्‍डों के अनुरूप निर्माण सामग्री, पाईप-लाईन बिछाने का कार्य एवं पेयजल टंकी का निर्माण नहीं किया जा रहा है, इस बात की‍ शिकायत प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान ग्रामीणजनों एवं स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा मौखिक रूप से की गई है। इसका विभाग के तकनीकी अधिकारियों (लोक स्‍वा. विभाग खण्‍ड सिवनी के कार्यपालन यंत्री) द्वारा निराकरण कर की गई कार्यवाही से अवगत करायें। (ग) म.प्र. में लोक स्‍वा. विभाग के जोन/वृत्‍त में पदस्‍थ मुख्‍य अभियंता/प्रभारी मुख्‍य अभियंता की जानकारी जोनवार नाम/पदस्‍थापना अवधि सहित देवें। क्‍या उक्‍त जोनों में पदस्‍थ मुख्‍य अभियंता के विरूद्ध विभागीय, निर्माण कार्य एवं अन्‍य जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई शिकायत की जांच लंबित है? यदि हाँ, तो उनकी जानकारी देवें। क्‍या उक्‍त जांच में इन अधिकारियों के विरूद्ध आरोप है? यदि हाँ, तो क्‍या इसके उपरांत भी उन्‍हें जोन/वृत्‍त का प्रभार दिया जा सकता है? यदि नहीं, तो जिन आरोपित अधिकारियों को जोन का प्रभार दिया गया है, उन्‍हें विभाग/शासन द्वारा प्रभार से पृथक करने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। परियोजना क्रियान्वयन इकाई सिवनी के तहत सिवनी जिले में 03 समूह जलप्रदाय योजनाएं निर्माणाधीन हैं, भुगतान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्वक व अनुबंध के मापदण्डों के अनुरूप कराया जा रहा है। कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जी हाँ, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार। जाँच प्रक्रियाधीन है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परिशिष्ट - "उनतालीस"

कृषि उपज का संग्रहण, मिलिंग/भण्‍डारण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

47. ( क्र. 854 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                   (क) सिवनी जिले में जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा वर्ष 2017 से आज दिनांक तक समर्थन मूल्‍य पर कृषि उपज गेहूं/धान का कितना संग्रहण किया गया एवं आसपास के जिलों से अधिसूचित कृषि उपज धान/गेहूं की कुल मात्रा कितनी प्राप्‍त हुई। उक्‍त संग्रहित एवं प्राप्‍त कृषि उपजों को कहां-कहां (गोदाम/खुले स्‍थान) भण्‍डारित कराया गया है मात्रा सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) सिवनी जिले में जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा वर्ष 2017 से आज दिनांक तक संग्रहित कृषि उपज धान मिलिंग हेतु जिले में अन्‍य कार्यरत राईस मिलों को वर्षवार कितनी-कितनी मात्रा में दी गई। क्‍या उक्‍त धान की मिलिंग का मापदण्‍ड अनुसार सम्‍पूर्ण चावल मिलवार जमा हो गया है या लेना शेष है साथ ही यह भी बतायें की धान मिलिंग में देने के बाद आज दिनांक तक कितनी धान कहां-कहां किस स्थिति में भण्‍डारित हैं।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) सिवनी जिले में रबी विपणन वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक गेहूं एवं खरीफ विपणन वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान एवं अन्‍य जिलों में उपार्जित एवं अन्‍य जिलों से गेहूं तथा धान लाकर सिवनी जिले में संग्रहित मात्रा की गोदाम/केपवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में वर्ष 2017 से आज दिनांक तक वर्षवार धान मिलिंग हेतु प्रदाय धान एवं मिलिंग उपरांत प्राप्‍त जमा एवं शेष चावल की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है एवं शेष भंडारित धान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।

परिशिष्ट - "चालीस"

दोषी पटवारी पर कार्यवाही

[राजस्व]

48. ( क्र. 866 ) श्री अजय विश्नोई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) क्‍या अनूपपुर जिला अंतर्गत न्‍यायालय कलेक्‍टर ने प्रकरण क्र. 06/स्‍वमेव निगरानी/10-11 म.प्र. शासन के प्रकरण में तत्‍कालीन हल्‍का पटवारी अनूपपुर को अपनी पत्नि की भूमि खसरा नं. 1081/1 क/1 ब रकबा 0.105 हेक्‍टे. के नक्‍शा तरमीम प्रस्‍ताव को विधि विरूद्ध व स्‍वेच्‍छाचारिता के कारण तहसीलदार का आदेश निरस्‍त किया है? यदि हाँ, तो पटवारी का नाम व प्रश्‍न दिनांक तक दोषी होने पर क्‍या कार्यवाही की गई है? (ख) क्‍या कलेक्‍टर न्‍यायालय व राजस्‍व मण्‍डल न्‍यायालय के निर्णय के बावजूद श्री‍मती बेलावती पति श्री रमेश सिंह ने खसरा नं. 1082/1 जुज रकबा 4800 वर्ग फुट पर तहसील न्‍यायालय ने अतिक्रमण का दोषी पाया है? यदि हाँ, तो निर्णय की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये प्रश्‍न दिनांक तक अतिक्रमण मुक्‍त होने का भौतिक सत्‍यापन उपरांत जानकारी देवें? (ग) क्‍या खसरा नं. 1082/1 जिस पर राजस्‍व न्‍यायालय के निर्णय पर अतिक्रमण हटाया गया? यदि हाँ, तो पुन: स्‍थायी बाउण्‍ड्रीवॉल बनाकर अतिक्रमण करने की शिकायत विंध्‍य विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्‍यक्ष ने कलेक्‍टर/तहसीलदार को किया है? यदि हाँ, तो उसकी छायाप्रति उपलब्‍ध कराते हुये पुन: अतिक्रमण पर सक्षम कार्यवाही कर अतिक्रमण हटवाने व सिविल सेल की प्रक्रिया की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) न्‍यायालय कलेक्‍टर द्वारा निगरानी स्‍वीकार किया जाकर तहसीलदार अनूपपुर के प्रकरण क्र. 04/अ-3/08-09 में पारित आदेश दिनां18.12.08 द्वारा स्‍वीकृत नक्‍शा तरमीम की कार्यवाही को निरस्‍त कर दिया गया है। न्‍यायालय कलेक्‍टर ने प्रकरण क्र. 06/स्‍वमेव निगरानी/10-11 म.प्र. शासन की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी, हां। श्री‍मती बेलावती पति श्री रमेश सिंह ने खसरा नं. 1082/1 जुज रकबा 4800 वर्ग फुट पर तहसील न्‍यायालय ने अतिक्रमण का दोषी पाये जाने पर रा.प्र.क्र. 10/’68/14-15 दिनांक 1.1.16 द्वारा 1500/- रूपये के अर्थदण्‍ड आरोपित किया गया है। आदेश की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है प्रश्‍न दिनांक तक भूमि अतिक्रमण मुक्‍त होने का भौतिक सत्‍यापन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है।                                            (ग) आवेदन पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-द अनुसार है। तहसीलदार अनूपपुर द्वारा आवेदन पत्र के अनुसार मौके से राजस्‍व निरीक्षक अनूपपुर से जॉच रिपोर्ट ली गयी, जिसमें प्रतिवेदित किया गया है कि आ.ख.नं. 1081/1क/1/2 रकबा 0.105 हे. भूमि पर बाउण्‍ड्रीवाल का निर्माण कराया गया है, जो उसके भूमिस्‍वामी स्‍वत्‍व खसरा दर्ज अभिलेख है।

हितग्राही मूलक योजनायें

[महिला एवं बाल विकास]

49. ( क्र. 867 ) श्री अजय विश्नोई : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) महिला एवं बाल विकास विभाग जिला जबलपुर को संचालित किन-किन योजनाओं के तहत किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है एवं कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई तथा कितनी-कितनी राशि का उपयोग नहीं किया गया एवं क्‍यों वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक की जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांकित किन-किन योजनान्‍तर्गत योजनाओं के प्रचार, प्रसार, शिविरों का आयोजन, मुद्रण व सामग्री का क्रय, पोषण आहार, प्रशिक्षण, कम्‍प्‍यूटर, वाहनों के सुधार, मरम्‍मत कार्य पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? इसका सत्‍यापन कब-कब किसने किया है? (ग) प्रश्‍नांकित हितग्राही मूलक किन-किन योजनाओं के तहत कितने-कितने हितग्राही लाभांवित हुये है एवं उन्‍हें अनुदान की कितनी-कितनी राशि दी गई है? कितनी-कितनी राशि का भुगतान नहीं किया गया एवं क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांकित किन-किन योजनान्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों को कब-कब कितनी-कितनी राशि पोषण आहार, पूरक आहार प्रदाय किया गया? गोद भराई कार्यक्रम, किशोरी शक्ति योजना, महिला स:शक्तिकरण प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रम आदि पर माहवार कितनी-कितनी राशि व्‍यय हुई? विकासखण्‍डवार जानकारी देवें, क्‍या शासन योजनाओं में किये गये भ्रष्‍टाचार राशि का दुरूपयोग की जांच कराकर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रचार प्रसार, शिविरों का आयोजन, मुद्रण व साम्रगी का क्रय, पोषण आहार, प्रशिक्षण, कम्पूटर, वाहनों के सुधार, मरम्मत कार्य पर पर हुई व्यय जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। व्यय की गई राशि का सत्यापन समय-समय पर परियोजना अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा किया गया है। (ग) हितग्राहीमूलक योजनान्‍तर्गत लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। हितग्राहियों की दी जाने वाली राशि का कोई भुगतान लंबित नहीं है। (घ) आंगनवाड़ी केन्द्रों को प्रदाय पोषण आहार, गोद भराई कार्यक्रम, किशोरी शक्ति योजना, महिला सशक्तिकरण, प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रम आदि के व्यय की विकासखंडवार एवं माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र--01एवं -02 अनुसार है। विभाग की योजनाओँ में भ्रष्‍टाचार संबंधी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अतः कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।

संस्‍कृति विभाग की गतिविधियां

[संस्कृति]

50. ( क्र. 888 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्‍कृति विभाग के क्‍या-क्‍या उद्देश्‍य होकर उनके क्रियान्‍वयन एवं संचालन हेतु क्‍या-क्‍या प्रक्रिया, निर्देश मार्गदर्शिका निर्मित है, की प्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विगत 5 वर्ष (नवम्‍बर 2019 तक) में जिला मुरैना को कितनी राशि दी जाकर, कहाँ-कहाँ, क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये की जानकारी, कार्य विवरण, स्‍थान का नाम, देयक राशि, क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी का नाम, मांग संख्‍या, लेखा शीर्ष आदि सहित दी जावे व कार्यों की वर्तमान स्थिति (पूर्ण-अपूर्ण) क्‍या है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) राज्‍य की सांस्कृतिक धरोहर, पुरातात्विक संपदा एवं ऐतिहासिक महत्‍व का यथा स्थिति संरक्षण एवं विरूपण, विनाश, अपक्षरण, व्‍ययन या निर्यात से संरक्षण करना विभाग के मुख्‍य उद्देश्‍य है। संस्‍कृति विभाग, मध्‍यप्रदेश की कला, संस्‍कृति, साहित्‍य, राज्‍य भाषा, स्‍वाधीनता संग्राम से संबंधित एवं पुरासंपदा के संरक्षण, संवर्धन तथा उनके गुरूत्‍तर विकास के लिए उद्देश्‍य अनुरूप सक्रिय है। इनके क्रियान्‍वयन एवं संचालन संबंधी प्रक्रिया/मार्गदर्शिका (मेन्‍युअल) की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।                                   (ख) विभाग द्वारा विगत 05 वर्ष में (नवम्‍बर 2019 तक) जिला मुरैना को कुल राशि रू.2,35,00,403/- करोड़ विभिन्‍न कार्यों के लिये प्रदाय की गयी. प्रदत्‍त राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

51. ( क्र. 889 ) श्री गिर्राज डण्‍डौतिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के ता.प्रश्‍न क्र. (541) 10.07.2019 उत्‍तरांश (क) में पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के सरल क्र. 01 से 07 संस्‍थानों में संयमों से मुरैना में सामग्री उपलब्‍ध करायी जाएगी व राशि प्रदाय का भी उल्‍लेख किया। यदि हाँ, तो जिला मुरैना में किस संयम से सामग्री सप्‍लाई उपलब्‍ध करायी जाएगी? (ख) क्‍या इस हेतु कोई मार्गदर्शिका प्रचलन में है? यदि हाँ, तो प्रति दी जावे। विधान सभा क्षेत्र 07 दिमनी जिला मुरैना में कितनी राशि व सामग्री उपलब्‍ध करायी जाकर किन-किन केन्‍द्रों में कितनी-कितनी राशि व सामग्री दी गई? दी गई राशि के व्‍यय की जानकारी कैशबुक, वाउचर आदि में विवरण सहित दी जावे। जानकारी में कार्यक्रम प्रारम्‍भ से नवम्‍बर 2019 शामिल है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) मंत्रि-परिषद् की बैठक दिनांक 13.03.2018 के निर्णय अनुसार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में संचालित म.प्र. राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों के माध्यम से शिवपुरी जिले में टेकहोम राशन संयंत्र की स्थापना की जा रही हैं, इस संयंत्र से माह जनवरी 2020 तक मुरैना जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन का प्रदाय प्रारंभ होना संभावित है। (ख) म.प्र. राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत गठित महिला स्व सहायता समूहों के परिसंघों के माध्यम से टेकहोम राशन प्रदाय व्यवस्था संबंधी आदेश की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में म.प्र. राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों के माध्यम से शिवपुरी में स्थापित होने वाले संयंत्र से टेकहोम राशन का उत्पादन/वितरण प्रारम्भ नहीं हुआ हैं। अतः शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

महाराजा छत्रसाल जयंती का आयोजन

[संस्कृति]

52. ( क्र. 914 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में 06-07 जून के बीच नगर पालिका के माध्यम से मनाई जा रही महाराजा छत्रसाल जंयती संस्कृति विभाग द्वारा बंद कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) क्या संस्कृति विभाग द्वारा महाराजा छत्रसाल जयंती का आयोजन अगले वर्ष से हर वर्ष की भांति पुनः कराया जावेगा?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) महाराजा छत्रसाल जयंती का आयोजन नगर पालिका परिषद, पन्‍ना द्वारा ही किया जाता है। (ख) विभाग द्वारा महाराजा छत्रसाल जयंती का आयोजन किये जाने की कोई योजना नहीं है।

खाद्यान्न पर्ची जारी न होना

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

53. ( क्र. 917 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने हितग्राही हैं जिन्हें खाद्यान्न वितरण का लाभ मिल रहा है? तहसीलवार संख्या बतावें। (ख) ऐसे कितने हितग्राही है जिनको खाद्यान्न पर्ची जारी न होने के कारण खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा है? खाद्यान्न पर्ची जारी न होने का क्या कारण है? खाद्यान्न पर्ची कब तक जारी की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) पन्‍ना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत तहसील अजयगढ़ में 27,845 एवं तहसील पन्‍ना में 29,522 परिवारों को राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत खाद्यान्‍न का वितरण किया जा रहा है। (ख) पन्‍ना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत उक्‍त आवेदकों को पात्रता पर्ची जारी कर खाद्यान्‍न वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75% आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है, तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। इस वित्‍तीय वर्ष में कुल 1,40,988 नवीन हितग्राहियों को जोड़कर पात्रता पर्ची जारी की गई है, जिसमें पन्‍ना जिले के 1,545 हितग्राही सम्मिलित हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आंगनवाड़ी केन्‍द्र के भवन संबंधी जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

54. ( क्र. 921 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं उनमें से कितने निजी भवनों में एवं कितने किराये के भवनों में संचालित है। (ख) क्‍या आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के अनेकों निर्माणाधीन भवन कई बर्षों से अधूरे पड़े है अधूरे पड़े भवनों पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है और आंगनवाड़ी केन्‍द्रों को किराये के भवनों में संचालित किया जा रहा है, जिससे शासन का लाखों रूपये किराये में अपव्‍यय हो रहा है। (ग) यदि हाँ, तो इसमें लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित परियोजनाओं में कुल 490 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। निजी भवनों में एक भी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित नहीं है। 79 आंगनवाड़ी केन्द्र किराये के भवनों में संचालित है। (ख) जी हाँ, जबेरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 24 आंगनवाड़ी केन्द्र निर्माणाधीन है। जिनकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत है। ग्राम पंचायत को शीघ्र आंगनवाड़ी भवन निर्माण कराये जाने हेतु समय-समय पर पत्र प्रेषित किये गये है। निर्माणाधीन आंगनवाड़ी भवनों को पूर्ण करने के लिये जिला स्तर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं राज्य स्तर पर पंचायत राज संचालनालय से समय-समय पर समन्वय किया जाता है। स्वीकृत आंगनवाड़ी केन्द्रों का नियमित रूप से संचालन किये जाने हेतु शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार किराये के आंगनवाड़ी भवनों का भुगतान किया जा रहा है। अतः शासकीय राशि का अपव्यय नहीं हुआ है। (ग) आंगनवाड़ी भवन निर्माण हेतु निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत होने से निर्माण कार्य को पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है। अतः विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।

खाद्यान्न पर्ची वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

55. ( क्र. 923 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा उचित मूल्य की कितनी दुकानें किन-किन स्थानों पर संचालित है उन दुकानों में प्रतिमाह के मान से कौन-कौन सा प्रति व्यक्ति कितना खाद्यान्न प्रदाय करने का प्रावधान है एवं वर्तमान में कितना वितरण किया जा रहा है। (ख) शासन ने जबेरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 व 2019-20 में कितने पात्र परिवारों के नाम जोड़कर खाद्यान्न देने के लिए आदेशित किया है उनमें से कितनों को खाद्यान्न पर्ची जारी कर दी गई है तथा कितने शेष हैं, जारी की गई खाद्यान्न पर्ची में पात्र परिवारों को खाद्यान्न क्यों नहीं मिल रहा है एवं पूर्व में जारी खाद्यान्न पर्चियों में खाद्यान्न क्यों नहीं दिया जा रहा है जिस पर सम्बंधित अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई है।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍नांकित विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 121 उचित मूल्‍य दुकानें संचालित हैं। दुकान संचालन स्‍थल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। उक्‍त दुकानों के माध्‍यम से प्रतिमाह अंत्‍योदय परिवारों को 30 किग्रा. गेहूं एवं 05 किग्रा. चावल कुल 35 किग्रा. खाद्यान्‍न (प्रावधान अनुसार) प्रति परिवार के मान से वर्तमान में आवंटित कर वितरण कराया जा रहा है। इसी प्रकार प्राथमिकता परिवारों को 04 किग्रा. गेहूं एवं 01 किग्रा. चावल कुल 05 किग्रा. खाद्यान्‍न प्रति सदस्‍य के मान से आवंटित कर वितरण कराया जा रहा है।                             (ख) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्‍नांकित अवधि में क्रमश: 771 एवं 17 कुल 788 नवीन परिवारों को पात्र परिवारों के अंतर्गत शामिल कर पात्रता पर्ची जारी की गई है। प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार 75 प्रतिशत आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को करने का प्रावधान खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की धारा 3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, महिला हितग्राही के विवाह होने, अन्‍य स्‍थान में आवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है। जिले में जितने अपात्र परिवारों को पोर्टल पर विलोपित किया जायेगा, उतनी ही संख्‍या में संबंधित जिले के नवीन सत्‍यापित परिवारों को सम्मिलित किया जाता है। वर्तमान में परिवारों के सत्‍यापन अभियान की कार्यवाही प्रचलित होने के कारण नवीन पात्रता पर्ची जारी नहीं की जा रही है।

शराब परिवहन हेतु जारी परमिट

[वाणिज्यिक कर]

56. ( क्र. 949 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आबकारी विभाग द्वारा शराब परिवहन हेतु ऑफ लाईन (मेन्यूअल) व ऑन लाईन दोनों प्रकार के परमिट जारी किये जाते है? इस संबंध में क्या नियम है? (ख) क्या पारदर्शिता को देखते हुए ऑन लाईन परमिट व्यवस्था लागू की गई है? यदि हाँ, तो क्या कारण व समस्याएं थी जिस हेतु शराब परिवहन के ऑफलाईन (मेन्यूअल) परमिट भी जारी किये जाते है? (ग) क्या शराब की एक दुकान से अन्य शहर/गांव की दूसरी शराब दुकान तक शराब परिवहन हेतु भी ऑफलाईन परमिट जारी किये जाते है? (घ) यदि हाँ, तो धार विधानसभा क्षेत्र स्थित डिस्टलरि‍यों के निकटस्थ शराब की दुकान यथा बगदुन तथा घाटाबिल्लोद (डेहरीसराय) शराब की दुकान से मार्च 2019 से दिसम्बर 2019 तक तारीखवार कुल कितने ऑफलाईन (मेन्यूअल) शराब परिवहन परमिट जिले की किस-किस दुकानों हेतु किस प्राधिकारी द्वारा जारी किये गये? (ड.) क्या एक शराब दुकान से दूसरी शराब की दुकान तक शराब के ऑफ लाईन (मेन्यूअल) परमिट जारी करने के पूर्व क्या परमिट जारीकर्ता दुकान के स्टाक का मिलान किया जाता है तथा एक दुकान से किसी अन्य दूसरी दुकान के लिये अधिकतम कितनी मात्रा तक का शराब परिहवन परमिट जारी किये जाने का प्रावधान है तथा इस संबंध में कोई नियम निर्धारित है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) जी हाँ। आबकारी विभाग द्वारा शराब परिवहन हेतु ऑनलाईन व ऑफ लाईन (मेन्‍यूअल) परमिट जारी किये जाते है। यह परमिट मध्‍यप्रदेश देशी स्प्रिरिट नियम 1995 एवं मध्‍यप्रदेश विदेशी मदिरा नियम 1996 के प्रावधानों के अंतर्गत एवं समय-समय पर जारी निर्देशों के अध्‍यधीन जारी किये जाते है। (ख) जी हाँ। विभाग के कम्‍प्‍यूटराईजेशन एवं पारदर्शिता को देखते हुए ऑनलाईन परमिट व्‍यवस्‍था लागू की गई है। मुख्‍यालय की कम्‍प्‍यूटराईजेशन शाखा के वरिष्‍ठ सलाहकार से दिनांक 02.05.2018 को प्राप्‍त मत एवं कार्यालयीन अभिलेखों के अनुसार वस्‍तुस्थिति निम्‍नानुसार है:- (1) ऑनलाईन पारपत्र हेतु एप्‍लीकेशन सॉफ्टवेयर का फ्रेमवर्क Sender और Receiver के अनुरूप बनाया गया है, जिसमें मदिरा दुकानों को हर हाल में Receiver के रूप में ही दर्शाया गया है। इस कारण से मदिरा दुकानों का Sender/Issuer के रूप में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। (2) मदिरा दुकानों पर नेटवर्क कनेक्टिविटी व हार्डवेयर उपलब्‍ध नहीं है। (3) मदिरा दुकानों के संचालन की व्‍यवस्‍था मौ‍जूदा एप्‍लीकेशन सॉफ्टवेयर के दायरे से बाहर है, जिसके कारण एप्‍लीकेशन सॉफ्टवेयर द्वारा मदिरा दुकानों के स्‍टॉक, रूट आदि की जानकारी नहीं रखता है। अत: ऑनलाईन पारपत्र जारी करने में कठिनाई को दृष्टिगत रखते हुए, राजस्‍व हित में संपूर्ण मध्‍यप्रदेश में ऑफलाईन परिवहन पारपत्र जारी करने के निर्देश आबकारी आयुक्‍त कार्यालय के पत्र दिनांक 02.05.2018 एवं वाणिज्यिक कर विभाग के पत्र दिनांक 24.05.2019 द्वारा दिये गये हैं। उक्‍त पत्रों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ग) एक मदिरा दुकान से दूसरी मदिरा दुकान पर मदिरा परिवहन हेतु ऑफ लाईन परिवहन परमिट जारी किये जाते है। (घ) प्रश्‍नागत अवधि मार्च 2019 से दिसंबर 2019 तक विदेशी मदिरा दुकान बगदुन तथा घाटाबिल्‍लोद (डेहरीसराय) से अन्‍य दुकानों को जारी किये गये 05 ऑफ लाईन परिवहन परमिटों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। उक्‍त परिवहन परमिट सहायक जिला आबकारी अधिकारी एवं आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा जारी किये गये हैं। (ड.) एक मदिरा दुकान से दूसरी मदिरा दुकान तक ऑफ लाईन (मेन्‍यूअल) परमिट जारी करने के पूर्व संबंधित मदिरा दुकान के प्रभारी आबकारी उपनिरीक्षक द्वारा अनुशंसा के आधार पर जिसमें मदिरा दुकान पर संग्रहित स्‍टॉक की जानकारी के आधार पर अनुशंसा की जाती है। तदोपरांत परमिट जारी करने हेतु अधिकृत अधिकारी द्वारा परिवहन परमिट जारी किया जाता है। एक मदिरा दुकान से अन्‍य मदिरा दुकान में अधिकतम कितनी मात्रा की मदिरा परिवहन करने हेतु कोई सीमा निर्धारित नहीं है। अनुज्ञप्तिधारी की मांग का परीक्षण कर आवश्‍यकता होने पर ही विभाग उक्‍त प्रकृति के परिवहन परमिट जारी करता है।

छिन्‍दवाड़ा जिले को संभाग का दर्जा

[राजस्व]

57. ( क्र. 978 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या छिन्‍दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने के संबंध में शासन/विभाग में लगभग 2 वर्षों से कार्यवाही प्रचलित है परंतु फिर भी छिन्‍दवाड़ा जिले को संभाग का दर्जा प्रदान किये जाने में विभाग द्वारा काफी विलम्‍ब किया जा रहा है? कारण सहित जानकारी उपलब्‍ध कराये। (ख) छिन्‍दवाड़ा जिले को संभाग बनाये जाने के संबंध में विभाग द्वारा अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? संपूर्ण दस्‍तावेजों के विवरण सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ग) छिन्‍दवाड़ा जिले को संभाग का दर्जा प्रदान किये जाने की स्‍वीकृति शासन/विभाग द्वारा कब तक प्रदान कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। कलेक्‍टर छिंदवाड़ा से प्राप्‍त प्रस्‍ताव प्रक्रियाधीन है। छिंदवाड़ा जिला जबलपुर संभाग के अंतर्गत आने से कलेक्‍टर जबलपुर से भी प्रतिवेदन/अभिमत प्राप्‍त किया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

लिपिकीय कर्मचारी की परीक्षा

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

58. ( क्र. 989 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) नियंत्रक नाप तौल विभाग में म.प्र. में विभागीय परीक्षा के माध्‍यम से लिपिकवर्गीय कर्मचारी के निरीक्षक नाप तौल के पदों की रिक्‍त संख्‍या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभागीय परीक्षा लिये जाने के क्‍या नियम है तथा पात्र कर्मचारियों की संख्‍या क्‍या है? (ग) वर्तमान में परीक्षा आयोजित कब हुई? यदि परीक्षा लंबित है तो कारण बतायें।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) 07 पद रिक्‍त हैं। (ख) मध्‍य प्रदेश नाप-तौल तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय) सेवा भर्ती नियम, 1990 तथा विधिक मापविज्ञान (सामान्‍य) नियम, 2011 में प्रावधान है। कार्यालयीन अभिलेखों अनुसार 14 कर्मचारी वर्तमान में पात्र हैं। (ग) पूर्व में वर्ष 2013 में परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। पदोन्‍नति में आरक्षण के बिन्‍दु पर स्‍पष्‍टता के अभाव में परीक्षा लंबित हैं।

केन्‍द्र सरकार द्वारा राज्य के किसानों को राहत पैकेज

[राजस्व]

59. ( क्र. 994 ) श्री मनोज चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पिछले 3 वर्षों में केन्‍द्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार को प्रदेश के किसानों को राहत के लिए कोई विशेष पैकेज दिया गया, यदि हाँ, तो कितनी राशि दी गयी तथा नहीं तो नहीं देने के क्‍या कारण है? (ख) 2016 से अब तक केन्‍द्र की सरकार ने कितना अतिरिक्‍त गेहूँ राज्‍य की सरकार से लिया गया तथा इस वर्ष क्‍या केन्‍द्र की सरकार ने अतिरिक्‍त गेहूं लेने से मना कर दिया यदि हाँ, तो उसके क्‍या कारण बताये गये। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार प्राप्‍त राहत पैकेजों को किस प्रकार से उपयोग कर म.प्र. के किसानों को राहत पहुँचाई गयी। (घ) क्‍या वर्तमान में प्रदेश में हुई भारी वर्षा से प्रदेश के किसानों के नुकसान को केन्‍द्र सरकार को अवगत करवाया गया? यदि हाँ, तो केन्‍द्र सरकार ने मदद का क्‍या भरोसा दिलाया है तथा क्‍या राज्‍य सरकार ने कोई विशेष पैकेज की मांग की हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : जी हॉं। पिछले तीन वर्षों में केन्‍द्र सरकार द्वारा NDRF से प्रदेश के लिए निम्‍नानुसार राहत राशि प्रदान की गई है- वर्ष 2016-17 में - 863.81 करोड़ वर्ष 2017-18 में - 502.09 करोड़ वर्ष 2018-19 में - 334.00 करोड़ वर्ष 2019-20 में - 1000.00 करोड़ जिसमें किसानों को दी जाने वाली राहत राशि भी सम्मिलित है। (ख) वर्ष 2016 से वर्ष 2018 तक भारत सरकार द्वारा सम्‍पूर्ण उपार्जित गेहूं लिया गया है। जी हाँ। आवं‍टित अतिरिक्‍त गेहूं लेने से मना किया गया है। राज्‍य सरकार द्वारा सम्‍पूर्ण उपार्जित गेहूं लेने हेतु लेख किया गया है।                      (ग) उत्‍तरांश '’'' के परिप्रेक्ष्‍य में लेख है कि प्राप्‍त राहत पैकेज का उपयोग राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6-4 में निर्धारित मानदण्‍डों के तहत प्रभावित कृषक जिनका फसल नुकसान हुआ है, हितग्राही जिनका मकान एवं पशु हानि हुई है, जहां जनहानि हुई है वहां वारिसानों को पात्रता अनुसार मुआवजा राशि दी गई है। (घ) जी हाँ। प्रदेश में हुई भारी वर्षा से प्रदेश के किसानों को हुई क्षति हेतु राज्‍य सरकार द्वारा केन्‍द्र सरकार दिनांक 30.09.2019 को मेमोरेण्‍डम प्रेषित कर राशि 6621.28 करोड़ की मांग की गई है जिसमें से केन्‍द्र सरकार द्वारा राशि 1000.00 करोड़ रूपये का आवंटन NDRF से प्रदान किया गया है।

लोकायुक्‍त द्वारा की गई कार्यवाही

[महिला एवं बाल विकास]

60. ( क्र. 1022 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सागर जिला अंतर्गत विभाग में पदस्‍थ तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के किन-किन कर्मचारियों पर लोकायुक्‍त द्वारा विगत 4 वर्ष (चार वर्ष) से प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाही की गई है? नाम, पदनाम सहित सम्‍पूर्ण जानकारी देवें। (ख) विभाग में पदस्‍थ कर्मचारियों जिनके विरूद्ध लोकायुक्‍त द्वारा कार्यवाही की गई, उन कर्मचारियों पर मूल विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) यदि मूल विभाग द्वारा उन कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों एवं कार्यवाही नहीं किये जाने का क्‍या कारण है? (घ) लोकायुक्‍त द्वारा जिन कर्मचारियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गये हैं, उन कर्मचारियों के विरूद्ध मूल विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) सागर जिला अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग की एकीकृत बाल विकास परियोजना, सागर क्र. 02 में पदस्थ श्री विजय कुमार चौधरी, भृत्य, के विरुद्ध कार्यालय पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त संगठन सागर संभाग सागर के द्वारा अपराध क्र. 222/17 धारा 7,13 (1) डी, 13 (2) पी.सी. एक्ट 1988 के तहत् दिनांक 10.10.2017 को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। (ख) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्र. एफ-11-19/2011/1-10 भोपाल दिनांक 23.02.2012 द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ट्रेप/छापे के प्रकरणों में आरोपी अधिकारियों/कर्मचारियों के संबंध में किसी भी माध्यम से सूचना प्राप्त होने अथवा संज्ञान में आने के 03 कार्य दिवस के भीतर उस पद पर रहते हुए ट्रेप/ छापे की कार्यवाही हुई है, से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जावे। तदनुसार श्री विजय कुमार चौधरी, भृत्य, एकीकृत बाल विकास परियोजना सागर ग्रामीण क्र. 02 को तत्काल प्रभाव से कार्यालय कलेक्टर, एकीकृत बाल विकास सेवा, जिला सागर के आदेश क्र. 2970/स्था/एबाविसे/2017 दिनांक 17 अक्टूबर 2017 के द्वारा स्थानांतरित करते हुए संभागीय बाल भवन, सागर में भृत्य के रिक्त पद पर पदस्थ किया गया है। (ग) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्नांश (ख) में दिये गये उत्तर के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है।

तहसीलदार की शिकायती जांच

[राजस्व]

61. ( क्र. 1023 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) मध्‍यप्रदेश शासन राजस्‍व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 1764, 1765/1108/2018/सात (एक) दिनांक 28.12.2018 में पदस्‍थ तत्‍कालीन तहसीलदार रा.परि.टी.टी. नगर भोपाल की शिकायत जांच हेतु कलेक्‍टर जिला भोपाल को भेजी गई है? क्‍या तहसीलदार की शिकायत की जांच समान स्‍तर के अधिकारियों को दिया जाना न्‍यायोचित है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या प्रश्‍नाधीन शिकायत में विधानसभा प्रश्‍न क्र. 7002 सत्र मार्च 2017 का तत्‍कालीन तहसीलदार द्वारा गलत जबाव दिये जाने संबंधी शिकायत का उललेख है? क्‍या उक्‍त शिकायत की तहसील टी.टी. नगर भोपाल के पत्र 443/तह./ टी.टी.नगर/2019 दिनांक 18.10.2019 से आयुक्‍त भोपाल संभाग भोपाल को प्रेषित प्रतिवेदन में अंकित तथ्‍यों से पुष्टि होती है? यदि हाँ, तो क्‍या त्रुटिकर्ता के विरूद्ध कोई कार्यवाही होगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन राजस्‍व विभाग मंत्रालय भोपाल के पत्र क्र. 4722 दिनांक 15.10.2019 से कलेक्‍टर भोपाल को प्रकरण की जिला कलेक्‍टर स्‍तर से जांच कराकर जांच प्रतिवेदन शीघ्र भेजने हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो उक्‍त आदेश के अनुक्रम में क्‍या कार्यवाही हुई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। अनुविभागीय अधिकारी स्‍तर से जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जांच की कार्यवाही प्रचलित होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलित है।

वर्ष 2019-20 अतिवृष्टि का मुआवजा

[राजस्व]

62. ( क्र. 1066 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला छतरपुर की विधान सभा चंदला में अतिवृष्टि का सर्वे वर्ष 2019-20 का कराया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कब-कब किस-किस के द्वारा किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ग) क्‍या अतिवृष्टि से प्रभावित किसानों को शासन द्वारा मुआवजा का निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो किस-किस फसल का कितना मुआवजा निर्धारित किया गया है? उक्‍त किसानों को कब तक निर्धारित मुआवजा प्रदाय कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) छतरपुर जिले में वर्ष 2019 में अतिवृष्टि/असामयिक वर्षा से किसानों की खरीफ की फसलें नष्‍ट हुई है। क्षति का सर्वे कृषि विभाग के ग्रामीण विस्‍तार अधिकारी एवं संबंधित हल्‍का पटवारी द्वारा किया गया है। मूल पद एवं नाम पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। शेष प्रश्‍न उदभूत नहीं होता। (ग) जी हाँ। आर.बी.सी. 6-4 में निहित प्रावधान अनुसार राहत राशि का निर्धारण किया गया है। जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अतिवृष्टि एवं बाढ़ से हुआ नुकसान

[राजस्व]

63. ( क्र. 1089 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या इस वर्ष माह जुलाई से अक्‍टूबर 2019 तक जिला विदिशा के तहसील बासौदा, त्‍योंदा एवं ग्‍यारसपुर में बाढ़ एवं अतिवृष्टि से कुल कितना-कितना नुकसान किसानों एवं आम लोगों को हुआ है? तहसीलवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्‍तर में हुए नुकसान से कुल कितने लोग प्रभावित हुये हैं? संख्‍या तहसीलवार बतावें। क्‍या इन पीडि़त हितग्राहियों को पर्याप्‍त मुआवजा का वितरण हो चुका है? यदि नहीं, तो कितने शेष हैं? संख्‍या बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर में वर्णित शेष बचे लोगों को मुआवजा का वितरण कब तक कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) माह जुलाई से अक्‍टूबर 2019 तक जिला विदिशा की तहसील बासौदा, त्‍योदा एवं ग्‍यारसपुर से बाढ़/अतिवृष्टि से नुकसान की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र '’'' पर है। (ख) प्रभावित हितग्राही संख्‍या तहसीलवार संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '’'' पर है। इन पीडि़त हितग्राहियों को पर्याप्‍त मुआवजा आर.बी.सी 6-4 के तहत स्‍वीकृत है एवं वितरण हेतु शेष हितग्राही की संख्‍या संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '’'' पर है। (ग) समय- सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

धान खरीदी के संबंध में जानकारी

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

64. ( क्र. 1112 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्या 25-01-2019 तक धान खरीदी की आखिरी तिथि थी? यदि हाँ, तो क्या बालाघाट‍ जिले में अंतिम तिथि के बाद भी सेवा सहकारी समिति द्वारा खरीदी की गयी है? यदि हाँ, तो किसके आदेश पर जानकारी देवें। (ख) क्या बालाघाट कलेक्टर ने भुगतान करने के लिए केन्द्रीय बैंक को आदेश किया है? यदि हाँ, तो क्या भुगतान किया गया यदि नहीं, तो क्यों? (ग) जिला केन्द्रीय बैंक बालाघाट के किन-किन बैंक शाखा से 1400/- प्रति क्विंटल से किसान को धान का भुगतान किया गया है? (घ) क्‍या कार्यालय सेवा सहकारी मर्यादित बहेला के पत्र क्रमांक 621 द्वारा शाखा साडरा में हिरादास ग्राम बहेला, 110 प्रति 1400 - 61600 2. प्रमोद पिता दयाराम ग्राम ठेमा 9.60 x 1400/- = 13440/- ऐसे सैकड़ों किसान हैं जिन्हें 350/- प्रति क्विंटल भुगतान करना है? यदि हाँ, तो इस हेतु दोषी कौन है? जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राजस्‍व विभाग में पदों की पूर्ति

[राजस्व]

65. ( क्र. 1124 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) वर्तमान में मंदसौर जिले के तहसील कार्यालयों में कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पदो की पूर्ति हो चुकी है तथा कितने पद रिक्त हैं? पदनाम सहित तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) मंदसौर जिले की तहसीलों में कितने तहसीलदार पदस्थ हैं तथा कितने पद तहसीलदार के रिक्‍त हैं? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार प्रश्नकर्ता की मांग अनुसार रिक्त पदपूर्ति हेतु प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) तहसील कार्यालयों में तहसीलदार सहित अन्य रिक्त पदों की पूर्ति कब तक पूरी की जावेगी?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर जिले में कुल 09 तहसीलें स्‍वीकृत है। उक्‍त तहसीलों के स्‍वीकृत भरे व रिक्‍त पदों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट पर है। (ख) जिलों में कुल 09 तहसीलें हैं जिसमें से 03 तहसीलों में तहसीलदार पदस्‍थ हैं, शेष 06 तहसीलों में तहसीलदार के रिक्‍त पद होने से नायब तहसीलदार को प्रभारी तहसीलदार बनाया गया है। (ग) तहसीलदार संवर्ग के 100 प्रतिशत पद पदोन्‍नति से भरे जाने का प्रावधान है। वर्तमान में पदोन्‍नति पद पर रोक होने से पद रिक्‍त हैं। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

मुख्‍यमंत्री नलजल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

66. ( क्र. 1128 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री नलजल योजना अंतर्गत विगत दो वर्षों में प्रथम एवं दूसरे चरण में सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित किये गये? ग्रामों के नाम एवं ग्रामवार राशि की जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त ग्रामों में किये गये कार्य की दिनाँक एवं प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध करावें। (ग) क्‍या प्रश्नांश (क) में दर्शाये गये ग्रामों में विभाग द्वारा योजना प्रारम्भ कर जनता को सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है? (घ) मुख्यमंत्री नलजल योजना में वंचित कार्य को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जिन योजनाओं के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उनसे पेयजल प्रारंभ कर जनता को पेयजल सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

फसल एवं मकान हेतु जारी मुआवजा राशि

[राजस्व]

67. ( क्र. 1129 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) मंदसौर जिले में वर्ष 2019 में हुई बाढ़ एवं अतिवृष्टि से हुए नुकसान पर प्रदेश सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा फसल एवं मकान हेतु कितना मुआवजा वितरण किया गया है? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में कितने व्यक्तियों को फसल एवं मकान हेतु मुआवजा स्वीकृत किया गया है? राशि एवं संख्‍या बतावें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की तहसीलों में प्रश्न दिनाँक तक फसल मुआवजा एवं मकान क्षतिपूर्ति की राशि से वंचित किसान हितग्राहियों की संख्‍या देवें। (घ) मंदसौर एवं नीमच जिले के बाढ़ एवं अतिवृष्टि से फसल एवं मकान मुआवजा से वंचित व्यक्तियों को कब तक मुआवजा वितरित कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मंदसौर जिले में वर्ष 2019 में हुई बाढ़ एवं अतिवृष्टि से हुये नुकसान पर फसल हेतु 235.58 करोड़ रूपये एवं मकान हेतु 37.64 करोड़ रूपये राहत राशि वितरण की गई है। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में फसल हेतु 44288 व्‍यक्तियों को राशि रूपये 173.07 करोड़ एवं मकान हेतु 13551 व्‍यक्तियों राशि रूपये 18.70 करोड़ राहत राशि स्‍वीकृत किया गया है। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की तहसीलों में कोई भी पात्र हितग्राही वंचित नहीं है। समस्‍त पात्र हितग्राहियों को राहत राशि स्‍‍‍वीकृत है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

डी. मेट की निरस्‍त परीक्षा शुल्क की वापसी

[चिकित्सा शिक्षा]

68. ( क्र. 1136 ) श्री रमेश मेन्‍दोला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 2016 में प्रदेश के प्रायवेट मेडिकल कोलेजों में एम.बी.बी.एस. में प्रवेश हेतु डी.मेट द्वारा प्रवेश परीक्षा का आयोजन हेतु विज्ञापन निकला था जिसमें 3000/- परीक्षा शुल्क रखा था और आवेदन हेतु अंतिम तिथि 10 मई 2016 तथा उसके बाद 500/- लेट फीस सहित 12 मई 2016 तक तय की गई थी? यदि हाँ, तो डीमेट का आयोजन किस संस्था द्वारा किया गया था? इसमें कुल कितने आवेदकों ने आवेदन किया था और परीक्षा शुल्क के रूप में कुल कितनी राशि प्राप्त हुई थी? (ख) क्यानीटद्वारा एम.बी.बी.एस. परीक्षा की घोषणा के कारण 'डी-मेटकी परीक्षा निरस्त कर दी गई थी? (ग) यदि हाँ, तो क्या आवेदकों को डी-मेटपरीक्षा हेतु जमा राशि वापिस की गई? यदि हाँ, तो कितने आवेदकों को और कितनी राशि वापस की गई? अगर नहीं तो वापिस न करने का कारण बतायें और कब तक ब्याज़ सहित राशि वापिस की जाएगी?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) डी-मेट परीक्षा का आयोजन संचालनालय, चिकित्‍सा शिक्षा विभाग द्वारा नहीं किया जाता है। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। वर्ष 2016 से प्रायवेट निजी मेडिकल कॉलेजों में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु नीट की परीक्षा अनिवार्य थी। (ग) डी-मेट परीक्षा निजी चिकित्‍सा एवं दन्‍त चिकित्‍सा महाविद्यालयों की एसोसिऐशन (ए.पी.डी.एम.सी.) द्वारा कराई जाती थी। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नेशनल हाईवे हेतु जमीन अधिग्रहण

[राजस्व]

69. ( क्र. 1140 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या हरदा जिले में इन्‍दौर बैतूल नेशनल हाईवे स्‍वीकृत हुआ है? यदि हाँ, तो स्‍वीकृत की दिनांक व आदेश की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें। (ख) उक्‍त नेशनल मार्ग पर हरदा जिला मुख्‍यालय से ग्राम टेमागांव तक किन-किन किसानों की कितनी जमीन अधिग्रहण की गई व किसानों को मुआवाजा राशि दी गई की जानकारी उपलब्‍ध कराई जावे।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हॉं। भारत का राजपत्र दिनांक 08 मार्च 2019 में उल्लेखित अधिसूचना क्रमांक-का.आ. 3290 (अ) दिनांक 04 जुलाई 2018 के असाधारण भाग-2 खण्ड-3 प्रकाशन अनुसार राजपत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) प्रकरण में भूमि अर्जन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अत: मुआवजा की राशि नहीं दी गई है।

इन्‍दौर में EYE सेन्टर खोले जाने की अनुमति

[चिकित्सा शिक्षा]

70. ( क्र. 1169 ) श्री संजय शुक्ला : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य‍प्रदेश शासन द्वारा इन्दौर में EYE सेन्टर खोलने की अनुमति कब प्रदान की गई? क्या EYE सेन्टर खोलने हेतु भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है या निर्माणाधीन है? क्या इन्दौ‍र M.G.M. कॉलेज डीन द्वारा EYE सेन्टर पर डॉक्टरों कि नियुक्तियां कर दी गई है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या‍ EYE सेन्टर के निर्माण के पूर्व या पश्‍चात उक्त नियुक्तियां की गई? किन-किन डॉक्टरों की नियुक्तियां किस दिनांक से की गईं व इन्हें प्रश्‍न दिनांक तक कितना वेतन दिया जा चुका है? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मेडिकल कॉलेज इन्दौर में वर्तमान डीन के कार्यकाल में प्रश्‍न दिनांक तक कितनी सामग्रि‍यां क्रय की गई? सामग्री की राशि किस मद से कितनी व्यय की गई? क्रय की जाने वाली सामग्री की मंजूरी किसके द्वारा प्रदाय की गई? किन फर्मों से क्रय किया गया व कितनी राशि का भुगतान किन फर्मों को किया गया वर्तमान डीन के कार्यकाल में भुगतान किये गये केशबुक की प्रमाणिक प्रति उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में वर्तमान डीन के शासकीय आवास पर रिनोवेशन के नाम पर कितनी राशि व्‍यय कि गई? क्या-क्या कार्य कराये गये? क्‍या PWD विभाग से रिनोवेशन के लिए भौतिक सत्यापन कराया गया था?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन चिकित्‍सा शिक्षा के आदेश क्रमांक एफ 1-10/18/2-55 दिनांक 11.09.2018 के द्वारा इंदौर में स्‍कूल ऑफ एक्‍सीलेंस फॉर आई की स्‍थापना की अनुमति प्रदान की गई। स्‍कूल ऑफ एक्‍सीलेंस फॉर आई का भवन अभी निर्माणाधीन है। शैक्षणिक संवर्ग के 12 स्‍वीकृत पदों में से 10 चिकित्‍सकों का चयन नियमानुसार संभागायुक्‍त की अध्‍यक्षता में गठित समिति द्वारा किया गया है। (ख) आई सेन्‍टर के निर्माणाधीन अवधि में विभिन्‍न पदों पर नियुक्तियां की गई है। उक्‍त नियुक्तियों में कार्यभार ग्रहण करने की समयावधि माह अप्रैल 2020 अंकित है। किसी ने भी कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है। अत: वेतन देने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में अधिष्‍ठाता कार्यालय द्वारा कोई सामग्री क्रय नहीं की गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) अधिष्‍ठाता कार्यालय द्वारा डीन के शासकीय आवास पर कोई राशि व्‍यय नहीं की गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

डीजल की बिक्री से प्राप्त राजस्व

[वाणिज्यिक कर]

71. ( क्र. 1183 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में विक्रय किए जाने वाले डीजल पर प्रति लीटर कर लिया जाता है? यदि हाँ, तो क्या मध्यप्रदेश में आस-पास के राज्यों से अधिक कर होने से डीजल अधिक महंगा मिलता है और भारी वाहनों/ट्रकों द्वारा मध्यप्रदेश के पेट्रोल पम्पों से डीजल न लेते हुए पड़ोसी राज्यों में भरवाया जाता है? (ख) क्या विभाग द्वारा इस बात का ऑकलन किया गया है कि डीजल पर पूर्व में कितना राजस्व मिलता था एवं दर वृद्धि के उपरांत डीजल की प्रति लीटर कम खपत होने से कितना राजस्व मिलता है? इन दोनों स्थितियों के मध्य कितना राजस्व का अंतर आ रहा है?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्‍यप्रदेश राज्‍य में विक्रय होने वाले डीजल के विक्रय मूल्‍य पर वर्तमान में 23 प्रतिशत की दर से वेट वसूल किया जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त वर्तमान में 2 रूपये प्रति लीटर अतिरिक्‍त कर तथा कुल विक्रय मूल्‍य पर 1 प्रतिशत की दर से सेस वसूल किया जा रहा है। राज्‍य में राज्‍य की वित्‍तीय आवश्‍यकताओं की पूर्ति के अनुरूप कर की दरें निर्धारित की जाती हैं। वित्‍तीय जरूरत के अनुक्रम में राज्‍य सरकार द्वारा प्रदेश में विक्रय होने वाले डीजल के विक्रय मूल्‍य पर उपरोक्‍त कर दरें निर्धारित कर वेट, अतिरिक्‍त कर एवं सेस वसूल किया जा रहा है। वाहनों/ट्रकों में उनके स्‍वामी/वाहन चालकों द्वारा किस पेट्रोल पम्‍प से डीजल भराया जाता है, इस प्रकार की कोई जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ख) डीजल पर दिनांक 21.09.2019 से वेट की दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 23 प्रतिशत की गई है। कर की दर में की गई वृद्धि का प्रभाव माह अक्‍टूबर, 2019 में किये गये डीजल विक्रय से आंकलित हुआ है। माह अक्‍टूबर, 2019 में किये गये डीजल विक्रय के आधार पर राज्‍य शासन को माह नवम्‍बर, 2019 में रूपये 558 करोड़ का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। दिनांक 21.09.2019 के पूर्व डीजल पर वेट की दर 18 प्रतिशत थी। माह सितम्‍बर, 2019 में विक्रय हुए डीजल पर माह अक्‍टूबर, 2019 में रूपये 309 करोड़ का राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है। इस प्रकार डीजल पर वेट की दर में वृद्धि करने के बाद राज्‍य को डीजल से रूपये 249 करोड़ का अधिक राजस्‍व प्राप्‍त हुआ है।

बैतूल ज़िले के निस्तार पत्रक में दर्ज जमीन

[राजस्व]

72. ( क्र. 1193 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले के 1303 राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों में से वन विभाग ने 680 ग्रामों की भूमि संरक्षित वन सर्वे एवं 1299 ग्रामों की भूमि नारंगी भूमि सर्वे में शामिल कर वर्किंग प्लान में शामिल कर ली है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी भूमि सरंक्षित वन सर्वे एवं नारंगी भूमि सर्वे में शामिल की गई, कितनी भूमि वर्किंग प्लान में शामिल कर वन विभाग के कब्जा कर लिया? यह भूमि निस्तार पत्रक में किन-किन प्रयोजन के लिए एवं खसरा पंजी में किन-किन मदों में दर्ज हैं? (ग) निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों के संबंध में भू-राजस्व संहिता 1959, संविधान की 11वीं अनुसूची वन अधिकार कानून 2006, पैसा कानून 1996 में क्या प्रावधान दिया है? सर्वोच्च अदालत ने या.क्र.202/95 में 12 दिसम्बर 1996 एवं आई.ए.क्रमांक 791-792 में दिनांक 01 अगस्त 2003 को क्या आदेश दिया है? (घ) निस्तार पत्रक की भूमि सर्वे एवं वर्किंग प्लान में शामिल करने पर राज्य शासन क्या कार्यवाही कर रहा है या कब तक करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

आई.सी.डी.एस. योजनान्‍तर्गत ड्राप आउट बालिकाएं

[महिला एवं बाल विकास]

73. ( क्र. 1198 ) श्री विश्वास सारंग : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रश्‍न दिनाँक को प्रदेश में आई.सी.डी.एस. योजना के तहत 11 से 14 साल की ड्राप आउट कितनी बालिकाओं को पोषण आहार दिया जा रहा है? जिलावार, संख्‍यावार जानकारी दें?                       (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्‍या उक्‍त में से अधिकांश लड़कियाँ बालश्रम करने को मजबूर हैं या फिर मानव तस्‍करी का शिकार हो रही है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तहत इस प्रकार की रोकथाम के लिए प्रश्‍न दिनाँक तक क्‍या-क्‍या उपाय किये गये हैं? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं किये गये हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) प्रदेश में प्रश्‍न दिनांक को आई.सी.डी.एस. सेवा योजना के तहत पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत 11 से 14 वर्ष तक की कुल 181963 शाला त्‍यागी किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) प्रदाय किया जा रहा है। विस्‍तृत जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

आर.टी.ओ. कार्यालय को नये भवन का निर्माण

[परिवहन]

74. ( क्र. 1199 ) श्री विश्वास सारंग : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                        (क) भोपाल के कोकता में कितनी लागत से आर.टी.ओ. का नया भवन बनकर तैयार हुआ है?                              (ख) प्रश्नांश (क) के तहत जनता की गाढ़ी कमाई जो सरकार को टैक्‍स के रूप में होती है से तैयार उक्‍त भवन में प्रश्‍न दिनांक तक कार्यालय की शिफ्टिंग क्‍यों नहीं हुई है? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तहत उक्‍त कार्यालय को कब तक शिफ्ट कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल के नवीन एकीकृत भवन के निर्माण हेतु राशि रूपये 9.99 करोड़ स्वीकृत की गई एवं कार्यालय के नवीन भवन के अतिरिक्त कार्य यथा ड्रायविंग ट्रेक का निर्माण, फिटनेस ट्रेक का निर्माण, पार्किंग, कैम्पस रोड का निर्माण, लाईटिंग नेटवर्किग ई.पी.ए.बी.एक्स. एवं सड़क निर्माण के लिये राशि रूपये 7.64 करोड़ स्वीकृत की गई। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय भोपाल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य प्रारम्भ किये गये है जो लगभग समाप्ति की ओर है। सभी कार्य पूर्ण न होने के कारण कार्यालय की शिफ्टिंग नहीं हो सकी है। (ग) कार्यालय भवन के अतिरिक्त जो कार्य शेष बचे है उक्त कार्य पूर्ण होते ही लगभग आगामी दो माह में कार्यालय शिफ्टिंग की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी जायेगी।

आपराधिक विवाद के मामले

[महिला एवं बाल विकास]

75. ( क्र. 1207 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में माता-पिता के आपसी विवाद में उनके बच्‍चों की मानसिकता पर विपरित असर व आपराधिक गतिविधियों की तरफ बढ़ने के प्रकरणों को रोकने के लिये कोई योजना है? यदि हाँ, तो स्‍वरूप से अवगत करावें? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) हेतु म.प्र. हाईकोर्ट के द्वारा शासन को कोई गाइड लाइन दी गई? यदि हाँ, तो क्‍या? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के क्रियान्‍वयन हेतु होशंगाबाद जिले में किस स्‍वरूप में पालन किया जा रहा है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) प्रदेश में माता पिता के आपसी विवाद में उनके बच्चों की मानसिकता पर विपरीत असर व आपराधिक गतिविधियों की तरफ बढ़ने के प्रकरणों को रोकने के लिये पृथक से कोई योजना संचालित नहीं है। लेकिन विभाग की अन्य प्रचलित योजनाओं एवं गतिविधियों में पति-पत्‍नी के आपसी विवादों के निराकरण का कार्य किया जाता है जिससे अप्रत्यक्षतः बच्चों की मानसिकता पर विपरीत असर एवं आपराधिक गतिविधियों की तरफ बढ़ने से रोकने में सहयोग मिलता है। 0- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 अंतर्गत पत्‍नी के साथ मानसिक, शारीरिक प्रताड़ना में हुऐ विवादों का विभाग, जिला स्तर पर वन स्टॉप सेंटर अंतर्गत पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं परामर्शदाताओं द्वारा प्रकरण से संबंधित पक्षकारों को संबंधित विभागों द्वारा त्वरित प्रक्रिया के तहत् आपसी विवादों का निराकरण किया जाता है। 0- विभाग की समेकित बाल संरक्षण योजनातंर्गत बाल कल्याण समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड द्वारा विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों अथवा आपराधिक गतिविधियों में संलग्न बालकों को संरक्षण एवं परामर्श की सुविधा उपलब्ध कर उचित पुनर्वास किया जाता है। (ख) जी नहीं। (ग) प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।

अनुसूचित जनजाति के व्‍यक्तियों को पट्टे की भूमि

[राजस्व]

76. ( क्र. 1224 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में अनुसूचित जनजाति के व्‍यक्तियों को पट्टे पर दी गई शासकीय भूमि एवं भूदान यज्ञ बोर्ड के अंतर्गत आवंटित भूमि पर किन-किन व्‍यक्तियों द्वारा कब्‍जा किया गया है? कब्‍जेधारी का नाम, पता एवं भूमि सर्वे नं. सहित जानकारी दें। (ख) पट्टे पर दी गई शासकीय भूमि एवं भूदान यज्ञ बोर्ड के अंतर्गत आवंटित भूमि के कितने प्रकरण जिला प्रशासन द्वारा निगरानी में लेकर किस न्‍यायालय में विचाराधीन हैं? (ग) शासन की करोड़ों रूपये की जमीन पर कब्‍जा संबंधी प्रकरणों को शीघ्र क्‍यों नहीं निपटाया जा रहा है? () पट्टे पर दी गई शासकीय भूमि एवं भूदान यज्ञ बोर्ड के अंतर्गत आवंटित भूमि में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें अवैध नामांतरण/ स्‍वामित्‍व परिवर्तन संबंधी कार्यवाही की गई है? नाम एवं अधिकारी का नाम सहित जानकारी दें एवं उस पर क्‍या कार्यवाही की गई? बतायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) शिवपुरी जिले में अनुसूचित जनजाति के व्‍यक्तियों के पट्टे पर एवं भू-दान यज्ञ बोर्ड द्वारा दी गई भूमि पर तहसील कोलारस के ग्राम केलधार स्थित सर्वे नम्‍बर 387, 458 पर रातरतन, रामगोपाल, रामअवतार पुत्रगण बलबीर गुर्जर द्वारा एवं तहसील बैराड में सर्वे नम्‍बर 491/1/1, 495/1, 497/1, 1565, 1852/1, 1856/1, 2036/1, 2043, 2060/1 और 2031 पर सुखलाल पुत्र जीवनलाल आदिवासी द्वारा कब्‍जा किया गया है। बेदखली की कार्यवाही न्‍यायालय में प्रचलित है। (ख) न्‍यायालय कलेक्‍टर में तत्‍समय भू-दान यज्ञ बोर्ड भूमि के 487 प्रकरण निगरानी में लिये गये जो अंतरण हो कर अपर कलेक्‍टर न्‍यायालय में विचाराधीन थे।               (ग) विधि अनुसार कार्यवाही की गई है। (घ) न्‍यायालय अपर कलेक्‍टर में प्रचलित 487 प्रकरणों में से 479 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। शेष 8 प्रकरण न्‍यायालय में विचाराधीन है।

मजरे-टोलों को राजस्‍व ग्राम घोषित करना

[राजस्व]

77. ( क्र. 1225 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत ऐसे मजरे-टोले हैं, जो पात्रता रखने के बाद भी राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं हो पाये हैं? तहसीलवार संख्‍या बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित मजरे-टोलों को कब तक राजस्‍व ग्राम घोषित किया जावेगा? (ग) उक्‍त मजरे-टोले राजस्‍व गांव न होने के किन-किन योजनाओं से वंचित हैं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। ''निरंक'' (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) ग्रामवासी किसी योजना से वंचित नहीं है।

लिपिक वर्ग से निरीक्षक के पद की परीक्षा

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

78. ( क्र. 1248 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) नियंत्रक नापतोल विभाग में म.प्र. में विभागीय परीक्षा के माध्‍यम से लिपिक वर्गीय कर्मचारी से निरीक्षक नापतोल के पदों की रिक्‍त संख्‍या कुल कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभागीय परीक्षा लिये जाने के क्‍या नियम हैं तथा पात्र कर्मचारियों की कितनी संख्‍या है? (ग) पूर्व में विभागीय परीक्षा कब आयोजित की गयी थी? अब आगामी परीक्षाएं कब होगी? नहीं तो कारण बताएं? (घ) प्रश्नांश (क) पात्रता रखने वाले कर्मचारियों के होते हुए भी निरीक्षक पद पर परीक्षा आयोजित क्‍यों नहीं करायी गई? इसके नियमों सहित कारण बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) 07 पद रिक्‍त हैं। (ख) मध्‍य प्रदेश नाप-तौल तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय) सेवा भर्ती नियम, 1990 तथा विधिक मापविज्ञान (सामान्‍य) नियम, 2011 में प्रावधान है। कार्यालयीन अभिलेखों अनुसार 14 कर्मचारी वर्तमान में पात्र हैं। (ग) पूर्व में वर्ष 2013 में परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। पदोन्‍नति में आरक्षण के बिन्‍दु पर स्‍पष्‍टता के अभाव में परीक्षा लंबित हैं। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सामुहिक इन्‍दवार जल प्रदाय योजना का विस्‍तार

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

79. ( क्र. 1262 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) समूह नल-जल प्रदाय योजना इन्‍दवार में विधान सभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ के कितने एवं कौन-कौन से ग्राम सम्मिलित किये गये हैं? क्‍या सम्मिलित ग्रामों में बरनमहगंवा विकासखण्‍ड ग्राम बड़वारा को सम्मिलित किया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां, तो सम्मिलित ग्राम बरनमहगंवा के आस-पास के अन्‍य ग्रामों को समूह नल-जल प्रदाय योजना अंतर्गत क्‍या कार्य कराया जायेगा? (ग) क्‍या समूह नल-जल प्रदाय योजना का भौ‍गोलिक एवं लेबल सर्वे किया गया है? (घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) हां, तो सम्मिलित विकासखण्‍ड विजयराघवगढ़ के ग्राम बंजारी, परसवाड़ा लुकामपुर, कारीतलाई, दुर्जनपुर, बम्‍हौरी, कुसमा एवं अन्‍य ग्राम जो योजना से लगे हुये हैं, जिनका लेबल सामान्‍य है, ऐसे ग्रामों को क्‍यों सम्मिलित नहीं किया गया? (ड.) यदि प्रश्नांश (क) के अंतर्गत समूह नल-जल योजना में छूटे ग्रामों को सामूहिक नल-जल प्रदाय योजना में सम्मिलित करने की कोई योजना है, तो बताएं।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 53 ग्राम सम्मिलित हैं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के अनुसार है। जी हाँ। (ख) तकनीकी व्यवहार्यता एवं वित्तीय संयोजन अनुसार कार्य किया जाता है। (ग) जी हाँ। (घ) केवल ग्राम लुकामपुर, इंदवार समूह जलप्रदाय योजना में सम्मिलित है, शेष ग्राम स्वीकृत योजना में प्रस्तावित नहीं होने के कारण सम्मिलित नहीं किये गये।                                  (ड.) तकनीकी व्यवहार्यता एवं वित्तीय संयोजन अनुसार कार्य किया जाता है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

भवनविहीन आंगनवाड़ी एवं रिक्‍त पदों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

80. ( क्र. 1265 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) कटनी जिले की विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में महिला बाल विकास विभाग में कितने पद सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका के रिक्‍त हैं व ऐसी कितनी आंगनवाड़ि‍यां है जो भवनविहीन हैं? (ख) उक्‍त रिक्‍त पदों एवं भवनविहीन संचालित आंगनवाड़ी केन्‍द्रों को कब तक पूर्ण करा लिया जायेगा? क्‍या भवन निर्माण हेतु विभाग के पास पर्याप्‍त आवंटन है? (ग) यदि आवंटन के अभाव में भवनविहीन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का निर्माण नहीं कराया गया है, तो विशेष आवंटन प्रस्‍तावित कर क्‍या भवनों का निर्माण कराया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) कटनी जिले की विधानसभा क्षेत्र विजयराघवगढ़ में एकीकृत बाल विकास परियोजना विजयराघवगढ़ एवं एकीकृत बाल विकास परियोजना बड़वारा संचालित है, जिनमें 02 सुपरवाइजर, 03 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं 02 आंगनवाड़ी सहायिका के पद रिक्त हैं। उक्त विधानसभा क्षेत्र में 158 आंगनवाडि़या भवनविहीन है। (ख) प्रदेश में आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करता है। अतः सीमित वित्तीय संसाधन होने के कारण आंगनवाड़ी भवन निर्माण की स्वीकृति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (ग) आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु सीमित वित्तीय संसाधन होने से उपरोक्त भवन निर्माण स्वीकृत नहीं किये गये हैं। भवन विहीन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण हेतु राज्य आयोजना मद में राशि की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। स्वीकृति प्राप्त होने पर बजट आवश्‍यकतानुसार भवन निर्माण की कार्यवाही की जावेगी।

म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के नियम व निर्देश

[राजस्व]

81. ( क्र. 1292 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के पूर्व शासन के नियम व निर्देशों के तहत भूमि स्‍वामी का नाम परिवर्तन किया जाता था? यदि हाँ, तो किस नियम व निर्देशों के तहत उल्‍लेख करें। उक्‍त नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) जिला छतरपुर तहसील छतरपुर मौजा छतरपुर एवं पठापुर में बन्‍दोबस्‍त से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन खसरा नं. में शासन दर्ज था? उक्‍त किन-किन खसरा नम्‍बरों से शासन विलोपित कर कब-कब, किस-किस के नाम दर्ज की गयी थी? सूची उपलब्‍ध करायें। क्‍या शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार सक्षम अधिकारी के आदेश से उक्‍त खसरा नम्‍बरों से शासन वि‍लोपित कर नाम दर्ज करने के आदेश जारी किये गये थे? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो उक्‍त नियम निर्देशों एवं आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। यदि नहीं, तो उक्‍त खसरा नम्‍बरों से शासन क्‍यों विलोपित किया गया था? कारण स्‍पष्‍ट करें। (घ) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार उक्‍त किन-किन खसरा नम्‍बरों के संबंध में किस-किस न्‍यायालय में प्रकरण विचाराधीन है एवं किस-किस न्‍यायालय में प्रकरण की कार्यवाही को पूर्ण कर निराकरण कर दिया गया है? सूची उपलब्‍ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिले में म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता, 1959 लागू होने के पूर्व THE REWA LAND REVENUE AND TENANCY CODE 1935 के प्रावधानों के अंतर्गत भूमिस्‍वामी का नाम परिवर्तन किया जाता था। नियम निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) तहसील छतरपुर के मौजा छतरपुर एवं पठापुर में बंदोबस्‍त के समय विद्यमान शासकीय खसरा नम्‍बरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार एवं वर्तमान में शासकीय खसरा नम्‍बरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। बंदोबस्‍त के पश्‍चात शासकीय भूमि के बंटन आदि के परिणामस्‍वरूप सक्षम प्राधिकारियों के द्वारा तत्‍समय प्रचलित विधियों एवं प्रावधानों के अधीन मौजा छतरपुर में कुल 103 खसरा नम्‍बरों के 488.41 एकड़ (197.652 है.) रकबे को शासकीय से निजी किया गया है। मौजा पठापुर के कुल 244 खसरा नम्‍बरों के 462.47 एकड़ (187.156 है.) रकबे को शासकीय से निजी किया गया है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के प्रकाश में जिन खसरा नम्‍बरों को शासन से निजी दर्ज किया गया है, के आदेश पृथक-पृथक समय में पृथक-पृथक तहसीलदारों के द्वारा किये गये हैं। उपलब्‍ध अभिलेख खसरे में अंकित टीप अनुसार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश (ख) के अनुसार वर्तमान में किसी भी न्‍यायालय में कोई प्रकरण प्रचलित नहीं है। पूर्व निराकृत प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

खण्‍ड लेखकों की सहा.ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति

[राजस्व]

82. ( क्र. 1293 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में राजस्‍व विभाग के अंतर्गत किन-किन जिलों में किन-किन खण्‍ड लेखकों की सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति की गयी है। नियुक्ति आदेश का क्रमांक व दिनांक क्‍या है? (ख) क्‍या छिन्‍दवाड़ा जिले में खण्‍ड लेखकों की नियुक्ति सहायक ग्रेड-3 के पद पर की गयी है? यदि हाँ, तो किस नियम, निर्देशों एवं आदेशों के तहत? उक्‍त नियम, निर्देशों एवं आदेशों की प्रति उपलब्‍ध करायें। क्‍या अन्‍य जिलों में खण्‍ड लेखकों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति की गयी है? यदि नहीं, तो  कारण स्‍पष्‍ट करें। क्‍या शासन द्वारा खण्‍ड लेखकों को सहा.ग्रेड-3 के पद पर नियुक्‍त करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट करें। (ग) क्‍या राजस्‍व मंत्रालय में लंबित नोटशीट क्रमांक आर-3276/सात/4 ए/ 2015 व एफ-6-17/2010/सात/4-ए का निराकरण नरेश कुमार याज्ञनिक खण्‍ड लेखक अशोक नगर की तरह प्रमुख सचिव द्वारा नहीं किया जा रहा है? (घ) राजस्‍व विभाग के किन-किन खण्‍ड लेखकों द्वारा वर्ष 2007 से माननीय उच्‍च न्‍यायालय में याचिका प्रस्‍तुत की गयी है? प्रस्‍तुत की गयी याचिका का क्रमांक, खण्‍ड लेखक का नाम व आदेश दिनांक तथा जिले का नाम बतायें। (ड.) क्‍या शासन जिला छतरपुर में भी अन्‍य जिलों की भांति खण्‍ड लेखकों की सहा.ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्‍पष्‍ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"ब" अनुसार है। (ग) श्री नरेश कुमार याज्ञनिक विरूध्द मध्‍यप्रदेश शासन एवं अन्‍य (या.क्र. 582/2011) में दायर माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय नई दिल्‍ली के विधि अभिमत आधार पर सहायक ग्रेड 03 के पद पर नियुक्ति के संबंध में राजस्‍व मंत्रालय की नोटशीट क्रमांक आर 3276/2015/सात/4ए व एफ 6-17/ 2010/सात/4ए के निराकरण के संबंध में नियुक्ति आदेश जारी करने की अनुमति सामान्‍य प्रशासन विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुये आदेश जारी करने हेतु कलेक्‍टर जिला अशोकनगर को लिखा गया। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ड.) खण्डलेखकों की, से संबंधित विषय सामान्य प्रशासन विभाग के विचारण में है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं है।

वन विभाग द्वारा कब्जा की गई निस्तारी भूमि

[राजस्व]

83. ( क्र. 1303 ) श्री निलय डागा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में राजस्व ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों पर वन विभाग ने कब्जा कर उन जमीनों का नियंत्रण वनोपज का विदोहन एवं आवंटन कलेक्टर बैतूल की अनुमति के बिना किया जा रहा है? (ख) कितने ग्रामों के निस्तार पत्रक में दर्ज कितनी भूमि वन विभाग के कब्जे में ली जाकर वन विभाग उनका नियंत्रण, प्रबंधन वनोपज का विदोहन एवं भूमि का आवंटन कर रहा है? इसकी कलेक्टर बैतूल या म.प्र. शासन राजस्व विभाग ने किस दिनांक को अनुमति प्रदान की है? प्रति सहित बतावें। (ग) निस्तार पत्रक में दर्ज जमीनों के संबंध में भू-राजस्व संहिता 1959, भारतीय वन विभाग अधिनियम 1927 की किस धारा में वनमंडलाधिकारी एवं कार्य योजना अधिकारी को क्या-क्या अधिकार एवं शक्तियां प्रदान की गई है? (घ) राज्य शासन निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों के अधिकार, नियंत्रण एवं प्रबंधन ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपे जाने के संबंध में क्या कार्यवाही कर रहा है? समय-सीमा सहित बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) निस्‍तार पत्रक में दर्ज भूमियों पर प्रश्‍न में वर्णित अधिनियमों में वन मण्‍डलाधिकारी को अधिकार प्राप्‍त नहीं है। (घ) निस्‍तार पत्रक में दर्ज भूमियों पर ग्रामवासियों को म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 के प्रावधानों के तहत अधिकार रहते हैं।

दोषी लोगों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

84. ( क्र. 1312 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्या एस.डी.एम. नागदा द्वारा तहसीलदार रमेश सिसौदिया की विभागीय जांच किये जाने के संबंध में प्राप्त पत्र पर जाँच संस्थित कर कार्यालय कलेक्टर उज्जैन के पत्र क्र. स्था./2019/6122 उज्जैन दिनांक 7/6/2019 को तहसीलदार सिसौदिया के विरूद्ध की गई जाँच के वांछित आरोप पत्र, आधार पत्र, अभिलेख सूची एवं साक्ष्य सूची प्रस्तुत कर विभागीय जाँच किये जाने का प्रस्तावित किया था? यदि हाँ, तो क्या आयुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन द्वारा दोषी अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जाँच की गई है? यदि हाँ, तो संपूर्ण विवरण दें तथा जांच उपरांत दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई? यदि जाँच नहीं की गई तो क्यों? (ख) क्या एस.डी.एम. नागदा द्वारा दस्तावेजों की कूटरचना, धोखाधड़ी करने के संबंध में पटवारी किशनलाल परमार को पत्र क्रमांक/री-1/17/736 नागदा दिनांक 28/10/2017 को सूचना पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो एस.डी.एम. द्वारा इसकी पुलिस शिकायत थाने में की गई है? यदि हाँ, तो कब? कार्यवाही सहित सम्पूर्ण विवरण दें। यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। विभागीय जांच संबंधी कार्यवाही कार्यालय आयुक्‍त उज्‍जैन संभाग उज्‍जैन द्वारा की जा रही है। (ख) जी हाँ। विभागीय जांच के परिणाम के आधार पर अग्रिम कार्यवाही की जा सकेगी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आदेशित वन ग्राम

[राजस्व]

85. ( क्र. 1319 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या म.प्र. शासन वन विभाग राज्‍य मंत्रालय भोपाल के आदेश/अधिसूचना क्रमांक 3263/10/62 दिनांक 26/04/1962 से आदेशित वन ग्रामों का प्रभाव प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी राजस्‍व विभाग ने वन विभाग से प्राप्‍त नहीं किया है? (ख) वर्ष 1962 में कितने ग्रामों के अंतरण का आदेश हुआ? उसमें से कितने ग्रामो के चालू खसरे/नक्‍शे राजस्‍व विभाग में संधारित है? (ग) हकूम रजिस्‍टर, पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी में दर्ज कृषि उपयोग का कितना रकबा किस अधिसूचना क्रमांक दिनांक से आरक्षित वन या संरक्षित वन अधिसूचित किया गया? (घ) शासन द्वारा आदेशित सभी वन ग्रामों का नियंत्रण राजस्‍व विभाग वन विभाग से कब तक प्राप्‍त करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश शासन वन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 3263/10/62, दिनांक 28.04.1962 से आदेशित 477 वन ग्रामों में से 431 वनग्रामों का अधिपत्‍य राजस्‍व विभाग द्वारा प्राप्‍त किया गया है। (ख) 477 ग्रामों का। उनमें से 431 ग्रामों के चालू खसरे/नक्‍शे राजस्‍व विभाग में संधारित है। (ग) भारतीय वन अधिनियम, 1927 के प्रावधानों अनुसार निजी, कृषि उपयोग भूमि को आरक्षित/संरक्षित वन घोषित नहीं किया जा सकता है। (घ) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अशोकनगर में संचालित नल-जल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

86. ( क्र. 1327 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्राम पंचायत कदवाया वि.ख. ईसागढ़ जिला अशोकनगर में सन् 1983 से नल-जल योजना संचालित है, समय अधिक हो जाने के कारण यह जगह-जगह टूट गई है एवं वर्तमान समय में पूर्ण रूप से बंद है? (ख) यदि हाँ, तो क्‍या ग्राम कदवाया में नवीन नल-जल योजना स्‍वीकृत की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक की जावेगी? (ग) यदि नवीन नल-जल योजना स्‍वीकृत नहीं की जावेगी तो क्‍या इसकी कार्य-योजना पर शासन द्वारा कोई विचार किया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी नहीं, योजना केवल आंशिक रूप से बंद है। (ख) एवं (ग) पुरानी योजना के जीर्णोद्धार हेतु रूपये 16.17 लाख की योजना स्वीकृत की जाकर कार्य प्रगतिरत है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

तहसील ईसागढ़ में कदवाया वृत्‍त के कार्य

[राजस्व]

87. ( क्र. 1328 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अशोकनगर तह. ईसागढ़ में कदवाया वृत्‍त के कार्य किये जाते हैं जिस कारण किसानों को आवागमन में अत्‍याधिक समस्‍या का सामना करना पड़ता है। किसानों की समस्‍याओं को दृष्टिगत रखते हुए क्‍या तहसील ईसागढ़ के स्‍थान पर ग्राम कदवाया में ही राजस्‍व से संबंधित कार्य (कदवाया वृत्‍त) किये जावेंगे? यदि हाँ, तो यह प्रक्रिया कब से आरंभ होगी। (ख) यदि नहीं, तो इस संबंध में विभाग द्वारा विचार कर कोई कार्य योजना बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक बनाई जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।              (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

महिला बाल विकास द्वारा संचालित योजनाएं

[महिला एवं बाल विकास]

88. ( क्र. 1336 ) श्री संजीव सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) शासन का आंगनवाड़ी केन्‍द्र प्रारंभ करने का क्‍या उदे्दश्‍य है? (ख) महिला बाल विकास विभाग में कितनी योजनाएं संचालित हैं? (ग) भिण्‍ड विधान सभा क्षेत्र में जनसंख्‍या के अनुपात में कितने बच्‍चे आंगनवाड़ी जाते हैं? ग्रामवार, संख्‍यावार जानकारी देवें। (घ) आंगनवाड़ी में बच्‍चों को भोजन देने, टीकाकरण आदि कार्य करने के साथ शिक्षा देने का भी कोई प्रावधान है या नहीं? यदि हाँ, तो किस स्‍तर तक की शिक्षा दी जा सकती है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) आंगनवाड़ी सेवाएं अम्ब्रैला समेकित बाल विकास सेवा स्कीम के तहत आंगनवाड़ी केन्द्र निम्न उदे्दश्‍यों की पूर्ति हेतु प्रारंभ किये गये है:- (1) 0 से 6 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों की पोषाहारीय स्थिति एवं स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाना। (2) बच्चे के समुचित मनोवैज्ञानिक, शारीरिक तथा सामाजिक विकास की आधारशिला रखना। (3) मृत्यु दर रूग्णता दर,कुपोषण तथा बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की दर में कमी लाना।          (4) बाल विकास को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न विभागों के बीच नीतियों तथा कार्यान्वयन में प्रभावी समन्वयन स्थापित करना। (5) समुचित पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से सामान्य स्वास्थ्य तथा पोषाहारीय जरूरतों की देखभाल करने के लिये माताओं की क्षमता का विकास करना। (ख) विभाग अन्तर्गत निम्नानुसार योजनाएं संचालित की जा रही है:- (1) समेकित बाल विकास सेवाएं, (2) उदिता योजना, (3) लालिमा योजना, (4) प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, (5) पोषण अभियान (6) राष्ट्रीय झूला घर योजना, (7) लाड़ली लक्ष्मी योजना, (8) लाडो अभियान, (9) शौर्या दल,                        (10) मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना, (11) बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ (12) बेटी बचाओ अभियान, (13) स्वागतम लक्ष्मी योजना, (14) समेकित बाल संरक्षण योजना, (15) मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम (16) वन स्टॉप सेंटर (17) किशोरी बालिका योजना (18) उषा किरण योजना (19) जाबाली योजना (20) उज्ज्वला योजना (21) स्वाधार योजना। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। आंगनवाड़ी केन्द्रों में प्रारम्भिक बाल्यकाल देखभाल एवम शिक्षा (Early Chilidhood Care & Education) प्रदान की जाती है।

कला मंडलियों को शासन द्वारा आवंटित राशि

[संस्कृति]

89. ( क्र. 1352 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में भजन कला मंडलियों को शासन की योजना का प्रचार-प्रसार करने के लिए किस-किस जिले में कितनी-कितनी राशि का आवंटन सन् 2016-17, 2017-18 में किया गया? जिलेवार राशि बतावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार स्‍वीकृत राशि को किस मद के अनुसार जारी किया गया तथा संबंधित भजन कला मं‍डलियों को राशि देने के लिए क्‍या प्रक्रिया थी? आदेश की प्रति देवें तथा भजन कला मंडलियों का चयन किस प्रक्रिया के तहत किया गया था, संबंधित आदेश की प्रति भी देवें। (ग) शाजापुर, देवास, बड़वानी जिलों में किन-किन भजन कला मंडलियों को कितनी-कितनी राशि प्रचार-प्रसार करने के लिए दी गई विधान सभा क्षेत्र अनुसार भजन कला मण्‍डली का नाम, लाभार्थी का नाम, पता, अकाउंट नं. व स्‍वीकृत राशि की सूची देवें। (घ) जिन भजन कला मंडलियों को राशि दी गई उनके उपयोगिता प्रमाण-पत्र की प्रति भी देवें तथा भजन मंडली के प्रत्‍येक व्‍यक्ति को दी गई राशि की दर तथा कितने दिनों तक इनका उपयोग किया गया बतावें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) मध्यप्रदेश में कला मण्‍डलियों को शासन की योजना का प्रचार-प्रसार करने के लिए वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में किसी भी जिले को कोई भी राशि का आवंटन नहीं किया गया है। (ख) से (घ) प्रश्‍नाधीन अवधि में किसी भी राशि का आवंटन ही नहीं किया गया है। इसलिए शेष जानकारी का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन में खर्च राशि

[संस्कृति]

90. ( क्र. 1353 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में सन् 2015-2016 में विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन में कुल कितना खर्च किन-किन कार्यों के लिए किस मद से किया गया था? (ख) विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन में किन किन अतिथियों को आमंत्रित किया गया था? अतिथियों के नाम, पता तथा पद व आने जाने के लिए संसाधनों के लिए कौन से ट्रेवलर्स का उपयोग किया गया तथा उनको भोपाल में किस जगह पर ठहरने की व्‍यवस्‍था की गई? स्‍थान का नाम बतावें। उनको प्रदान किये गये स्‍मृति चिन्‍हों पर कितना-कितना व्‍यय किया गया? (ग) विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन के दौरान सभी उपस्थित व्‍यक्तियों के खान-पान में कुल कितना खर्च किया गया तथा किस केटरिंग के द्वारा यह व्‍यवस्‍था करवाई गई थी? प्रति व्‍यक्ति के नास्‍ते, भोजन की दर ब‍तावें तथा उक्‍त केटरिंग को किये गये भुगतान के बिल व वाउचर्स बतावें। (घ) विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन के लिए बनाये गये पांडाल, मंच व उपयोग में की गई सभी व्‍यवस्‍थाओं का कार्य किसे दिया गया था तथा किस प्रक्रिया से कार्य किये जाने वाले का चयन किया गया था? कार्य करने वाले संबंधित फर्म/केटरर का नाम, बिल, भुगतान की कुल राशि व उपयोग में की जाने वाले साधनों की दर बतावें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन में कुल राशि                रू. 10,79,97,746.00 खर्च किये गये। विभिन्‍न कार्यों के लिये किया गया मदवार व्‍यय विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार (ख) विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन में आमंत्रित अतिथियों एवं उनके विवरण की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-'अनुसार। ट्रेवलर्स की व्‍यवस्‍था संस्‍कृति विभाग द्वारा नहीं की गई। अतिथियों को प्रदान किये गये स्‍मृति चिन्‍हों पर कोई व्‍यय नहीं किया गया है। (ग) सम्‍मेलन के दौरान सभी उपस्थित व्‍यक्तियों के खान पान में कुल  रू. 70,49,194.00 खर्च किया गया. केटरिंग की व्‍यवस्‍था मध्‍यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के द्वारा करायी गई. प्रति व्‍यक्ति के नास्‍ते, भोजन की दर रू. 600 प्रति व्‍यक्ति थी. उक्‍त केटरिंग को किये गये भुगतान की बिल व वाउचर्स की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'' अनुसार (घ) सम्‍मेलन के लिए बनाये गये मंच, पंडाल, साज सज्‍जा आदि की व्‍यवस्‍था मध्‍यप्रदेश शासन के उपक्रम मध्‍यप्रदेश माध्‍यम से कराई गई. कार्य करने वाले संबंधित फर्म/केटरर का नाम भोपाल ग्‍लास एण्‍ड टेंट स्‍टोर है. राशि रू. 7,83,56,687.00 एवं सर्विस टेक्‍स रू. 1,17,53,503.00 इस प्रकार कुल राशि रू. 9,01,10,190 का भुगतान मध्‍यप्रदेश माध्‍यम को किया गया. वाउचर्स/विवरणकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार

विभिन्‍न यात्राओं में हुए व्‍यय की जानकारी

[संस्कृति]

91. ( क्र. 1354 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से 2018 के मध्‍य आयोजित नर्मदा यात्रा, सेवा यात्रा, एकात्‍म यात्रा पर हुए कुल व्‍यय की जानकारी दें तथा बतावें कि यह खर्च वित्‍त के किस शीर्ष में किया गया तथा इसका प्रावधान किस मुख्‍य बजट या अनुपूरक बजट में किया गया था? (ख) वर्ष 2016 में आयोजित सिंहस्‍थ में किस-किस विभाग द्वारा वित्‍त के किस शीर्ष मद से कुल कितनी राशि खर्च की गई तथा सम्‍पूर्ण सिंहस्‍थ पर कुल कितना खर्च हुआ? (ग) सिंहस्‍थ में आर्थिक अनियमितता एवं घोटाले से संबंधित किस-किस विभाग में किस प्रकार की जांच प्रचलन में है तथा कितने प्रकरण लोकायुक्‍त, ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. तथा पुलिस में दर्ज हुए हैं? (घ) सिंहस्‍थ के दौरान किराये से क्‍या-क्‍या वस्‍तु कितनी मात्रा में किस दर से किस फर्म से ली गई तथा सभी विभागों द्वारा किराये के मद में कुल मिलाकर कितना भुगतान किया गया तथा जो वस्‍तु खरीदी गई, उन वस्‍तुओं की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) नर्मदा सेवा यात्रा में राशि रूपये 1,55,73,196/- तथा एकात्‍म यात्रा पर राशि रूपये 8,90,14,868/- क्रमश: संस्‍कृति संचालनालय के समारोह मद लेखा शीर्ष मांग संख्‍या-26, संस्‍कृति विभाग से संबंधित 102-कला और संस्‍कृति का संवर्धन 5753-समारोह के आयोजन हेतु अनुदान 51-अन्‍य प्रभार-9999-आयोजनेत्‍तर से तथा वेदान्‍त पीठ की स्‍थापना के पुर्नविनियोजन तथा अनुपूरक से किया गया है। (ख) म.प्र. संस्‍कृति परिषद् एवं अनुषंगों द्वारा सिंहस्‍थ- 2016 में कुल व्‍यय रूपये 81,18,41,033/- है। अन्‍य विभागों से जानकारी प्राप्‍त की जा रही है। (ग) संस्‍कृति विभाग से संबंधित जानकारी निरंक है। अन्‍य विभागों से जानकारी प्राप्‍त की जा रही है। (घ) संस्‍कृति विभाग द्वारा किराये पर ली गई समाग्री का विस्‍तृत चार्ट संलग्‍न परिशिष्‍ट पर है। अन्‍य विभागों से जानकारी प्राप्‍त की जा रही है।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

रेल्‍वे ओव्‍हर ब्रिज हेतु भूमि का अधिग्रहण

[राजस्व]

92. ( क्र. 1379 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्या प्रश्न क्र. 842, दिनांक 10.07.2019 के बिंदु (क) से (घ) के संबंध में पीड़िता द्वारा दिनांक 08/07/2013 एवं दिनांक 15/03/2013 को आवेदन प्रस्तुत कर समस्या से अवगत कराया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा जानकारी क्यों छुपाई गयी? (ख) दिनांक 09/07/2013 को अनु.अधि. राजस्व नागदा को आयुक्त उज्जैन द्वारा एक सप्ताह में तथ्यों की जांच कर एवं स्थल निरीक्षण कर प्रतिवेदन देने के लिए पदमुद्रा के साथ हस्ताक्षर कर आवेदन फॉरवर्ड किया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई? नोटशीट सहित विवरण उपलब्ध कराऐं। (ग) क्या नगर पालिका नागदा इंजीनियर से तात्कालिन तहसीलदार, एस.डी.एम. ने मिलीभगत कर 449/19 शासन द्वारा अधिग्रहित सर्वे भूमि को मुआवजा देने के बाद भी व्यावसायिक धारणा से 7 फीट उल्टी दिशा में अप्रोच रोड बनाने में मदद नहीं की? यदि मदद नहीं की तो पीड़िता द्वारा चालान क्रमांक 42 राशि 50 रु शासन के खाते में सीमांकन हेतु जमा करने एवं 15/03/2013 को आवेदन प्रस्तुत किए जाने के बाद भी सीमांकन नहीं किये जाने तथा अप्रोच रोड में अभिन्यास परिवर्तन के लिए उत्तरदायी कौन है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 842 दिनांक 10.07.2019 के बिन्दु (क) से (घ) के संबंध में उपलब्ध अभिलेख के आधार पर ही उत्तर प्रेषित किया गया था। इस संबंध में विभाग द्वारा कोई जानकारी नहीं छुपाई गई थी। (ख) दिनांक 09.07.2013 को अनुविभागीय अधिकारी नागदा को जो आवेदन पत्र आयुक्त महोदय, उज्जैन द्वारा जांच हेतु फारवर्ड किया गया था, उसका केवल कार्यालय में आवेदन पत्र ही उपलब्ध है एवं आवेदन पत्र पर क्या कार्यवाही हुई इसके संबंध में कार्यालय में कोई नस्ती उपलब्ध नहीं इसीलिए वर्तमान राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी नागदा को दिनांक 07.12.2019 को पुनः मौके पर पीड़िता की भूमि का सीमांकन करने हेतु आदेशित किया गया। पीड़िता ने दिनांक 11.01.1983 को भूमिस्वामी श्री अयोध्यादास गुरू शंकरदास जी (साधु) से पंजीयन क्रमांक 2098 से भूमि सर्वे नं0 449/1, 449/2, 449/3, 449/4/2, 449/7, 449/8, शामिल नम्बर कुल रकबा 0.442 हे0 में से 0.010 हे0 (1075 वर्गफीट) क्रय की गई थी। 0.010 हे0 (1075 वर्गफीट) भूमि में से दिनांक 25.07.1983 को पीड़िता ने मदनलाल सोनी पिता गब्बालाल नि0 नागदा को पंजीयन क्रमांक 1181 से पंजीकृत दस्तावेज 50X11=550 वर्गफीट भूमि विक्रय की थी। इस प्रकार पीड़िता के पास शेष बची भूमि 525 वर्गफीट थी जिसका पीड़िता के द्वारा राजस्व विभाग में वर्ष 1983 में नामांतरण नहीं कराया गया था। उक्त भूमि पर पूर्व भूस्वामी श्री अयोध्यादास गुरू श्री शंकरदासजी (साधु) का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज होने से वर्ष 1992-93 में लोक निर्माण विभाग एवं राजस्व विभाग के भू-अर्जन की कार्यवाही में पीड़िता का नाम दर्ज नहीं होने से पूर्व भूमिस्वामी के नाम से मुआवजा दिया गया। पीड़िता द्वारा धारा 04, 06, 09 के तहत तत्समय कोई आपत्ति प्रस्तुत नहीं करने के कारण मुआवजा राशि पीड़िता को नहीं दी गई। शिकायतकर्ता शकुंतलादेवी पति बटनलाल के द्वारा 11.01.1983 को पंजीयन क्रमांक 2098 से भूमि सर्वे नं0 449/1, 449/2, 449/3, 449/4/2, 449/7, 449/8, शामिल नम्बर कुल रकबा 0.442 हे0 में से 0.010 हे0 (1075 वर्गफीट) की रजिस्ट्री राजस्व विभाग में प्रस्तुत कर वर्ष 2002-03 में पूर्व में अर्जित की गई भूमि का पटवारी नामांतरण पंजी क्रमांक 28 आदेश दिनांक 08.04.2002 से तहसीलदार नागदा से करवा लिया गया। जो नियमविरूद्ध हुआ है। उक्त भूमि पूर्व में ही अर्जित की जाकर मुआवजा का वितरण किया जा चुका था। उक्त नियम विरूद्ध नामांतरण को पुनर्विलोकन की अनुमति ली जाकर निरस्त करने की कार्यवाही की जा रही है और संबंधित प्रमाणितकर्ता अधिकारी के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित की जा रही है। उक्त नामांतरण के पूर्व मौके पर सड़क निर्माण हो चुका था एवं कोई भूमि रिक्त नहीं थी। वर्ष 1992-93 में नियमानुसार भू-अर्जन की कार्यवाही की जा चुकी थी और मुआवजा दिया जा चुका था। राजस्व रिकार्ड में पीड़िता का नाम दर्ज नहीं होने से मुआवजा नहीं दिया गया। राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी नागदा ने दिनांक 07.12.2019 को की गई मौका जांच प्रतिवेदन में प्रतिवेदित किया कि पीड़िता की मदनलाल सोनी को विक्रय पश्‍चात शेष भूमि (525 वर्गफीट) पर मौके पर वर्तमान में नाली व सड़क निर्माण हो चुका है एवं कोई भूमि रिक्त नहीं है जिसकी पुष्टि सी.एम.ओ. नगर पालिका नागदा के प्रतिवेदन दिनांक 08.12.2019 से भी होती है। दिनांक 22.11.1996 को अनुविभागीय एवं भू-अर्जन अधिकारी खाचरोद द्वारा सहायक यंत्री लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण संभाग उज्जैन के प्रस्ताव पर 8 व्यक्तियों की कुल 0.772 हे0 भूमि ओव्हरब्रिज निर्माण हेतु अधिग्रहित की गई थी उक्त अधिग्रहित की गई भूमि के अवार्ड दिनांक 22.11.1996 में शकुंतला पति बटनलाल की भूमि का अधिग्रहण का कोई उल्लेख नहीं है। (ग) प्रश्‍न (ग) के प्रथम प्रश्‍नांश के संबंध में सी.एम.ओ. न.पा. नागदा से प्रतिवेदन लिया गया जिसमें उनके द्वारा प्रतिवेदित किया कि मौके पर सड़क निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा हस्तांतरित किये गये क्षतिग्रस्त रोड पर ही नगर पालिका नागदा द्वारा रोड़ का निर्माण गया है एवं एप्रोचरोड अभिन्यास में कोई भी उल्टी दिशा में परिवर्तन नहीं किया गया है। साथ में एक नजरी नक्षा प्रस्तुत किया, जिसमें सड़क एवं नाली निर्माण दर्शाया गया है। अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग उज्जैन द्वारा प्रस्तुत कर पत्र क्र. 406 दिनांक 07.12.2019 से प्रतिवेदित किया कि मौके पर रोड का निर्माण भू-अर्जित भूमि के अनुसार ही किया गया है। चूंकि अभिन्यास परिवर्तन नहीं किया गया। अतः उत्तरदायी निर्धारण करने का प्रश्‍न ही उत्पन्न नहीं होता है। शेष प्रश्‍नांश का जवाब उत्‍तरांश (ख) अनुसार है।

महिला बाल विकास द्वारा संचालित योजनाएं

[महिला एवं बाल विकास]

93. ( क्र. 1381 ) श्री रमेश मेन्‍दोला : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कितनी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? इन सभी की सूची सहित जानकारी दें। प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए विगत 2 वर्षों में क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) विभाग की किन योजनाओं का लाभ प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र के नागरिकों को दिया गया है? लाभार्थियों की सूची प्रदान करें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक’ अनुसार है। योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिये विगत दो वर्षों में कराये गये कार्यों का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो’ अनुसार है। (ख) जिले अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 205, 02, इंदौर अंतर्गत हितग्राही मूलक योजनाओं के माध्‍यम से पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'तीन’ अनुसार है।

हरदा एवं होशंगाबाद जिले की अंकेक्षण रिपोर्ट

[महिला एवं बाल विकास]

94. ( क्र. 1397 ) श्री कमल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या जिला कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग जिला हरदा एवं जिला होशंगाबाद में किये गये अंकेक्षण की विस्‍तृत रिपोर्ट अपेक्षित है? यदि हाँ, तो रिपोर्ट कब तक प्राप्‍त हो जाएगी? (ख) जिला-हरदा एवं जिला होशंगाबाद में विगत पाँच वर्षों में कब-कब, कौन-कौन अधिकारी पदस्‍थ रहे? इन अधिकारियों की जिला कलेक्‍टर कार्यालय एवं वरिष्‍ठ मुख्‍यालय में कितनी-कितनी शिकायतें कब-कब प्राप्‍त हुई? शिकायतों का विवरण दें। (ग) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश (ख) अनुसार प्राप्‍त अधिकारियों की शिकायतों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा क्‍या-क्‍या कार्यवाही अपेक्षित है? (घ) उपरोक्‍त अधिकारियों के विरूद्ध प्राप्‍त शिकायतों पर समय-सीमा में कार्यवाही नहीं होने के लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला हरदा एवं जिला होशंगाबाद में विगत पाँच वर्षों में पदस्थ अधिकारियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र के प्रपत्र '''' अनुसार है। कलेक्टर कार्यालय में जिला होशंगाबाद की शिकायत से संबंधित जानकारी निरंक है। जिला हरदा की शिकायत से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। संचालनालय स्तर (वरिष्ठ मुख्यालय) पर जिला हरदा एवं जिला होशंगाबाद की शिकायत से संबंधित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।                   (ग) होशंगाबाद जिले की जानकारी निरंक है। कलेक्टर हरदा के आदेश क्रं-3720 दिनांक 13.04.2017 से जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास जिला हरदा का वित्तीय प्रभार श्रीमती शांति बेले, जिला कार्यक्रम अधिकारी से हटाकर श्रीमती प्रियंका गोयल, संयुक्त कलेक्टर जिला हरदा को सौंपा गया। संचालनालय स्तर (वरिष्ठ मुख्यालय) पर श्रीमती शांति बेले, जिला कार्यक्रम अधिकारी जिला हरदा के विरूद्ध प्राप्त शिकायत के सम्बन्ध में विभाग के ज्ञाप क्रं-एफ 2-27/2017/50-1 दिनांक 04.12.2017 द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है, जिस पर विभाग स्तर से कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष कार्यवाही निरंक है।

परिशिष्ट - "अड़तालीस"

पोषण माह अभियान के कार्यक्रमों पर व्‍यय

[महिला एवं बाल विकास]

95. ( क्र. 1398 ) श्री कमल पटेल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. पोषण माह अभियान अंतर्गत हरदा जिले को 01 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक किस खाते में कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्‍त हुई? (ख) उपरोक्‍त प्राप्‍त राशि का भुगतान किन-किन कर्मचारियों के खातों में कब-कब कितना-कितना किया गया? (ग) हरदा जिले में पोषण माह अभियान अंतर्गत कौन-कौन से कार्यक्रम कब-कब, कहाँ-कहाँ आयोजित किए गए?                  (घ) हरदा जिले में माह पोषण अभियान अंतर्गत किए गए कार्यक्रमों में कितने-कितने राशि का व्‍यय हुआ? व्‍यय की गई राशि में से कितनी राशि नगद एवं कितनी राशि चेक या आर.टी.जी.एस. द्वारा भुगतान की गई? कार्यक्रम अनुसार व्‍यय की जानकारी देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जिला हरदा को पोषण माह अभियान अंतर्गत प्रश्नांकित अवधि में किसी खाते में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई है। हरदा जिले को पोषण माह अभियान माह सितम्बर 2019 के लिये संचालनालय से रू. 52500 का बजट आवंटन प्राप्त हुआ। (ख) प्राप्त आवंटन के विरुद्ध जिला एवं परियोजना स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में व्यय राशि से संबधित भुगतान निम्न कर्मचारियों के खातों में दिनांक 06/11/2019 को किया गया।

1

प्रीति शर्मा पर्यवेक्षक परि. खिरकिया

रू. 9575.00

2

छुटटन वर्मा सहायक ग्रेड-3 टिमरनी

रू. 5244.00

3

प्रमोद गरेवाल सहायक ग्रेड-3 हरदा

रू. 400.00

 

कुल राशि

रू. 15,219.00

(ग) हरदा जिले में पोषण माह अभियान अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रमों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (घ) हरदा जिले में पोषण माह अभियान अंतर्गत किये गये कार्यक्रमों में व्यय राशि एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-  अनुसार है।

प्रदेश में अवैध शराब विक्रय पर रोक लगाना

[वाणिज्यिक कर]

96. ( क्र. 1406 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या म.प्र. में नर्मदा नदी के किनारे बसे ऐसे शहरों को एवं ऐसे जिले को जिन्‍हें पवित्र घोषित किया गया है और 05 कि.मी. दायरे के अंदर शराब बिक्री पर प्रतिबंध भी लगाया गया है। लेकिन नियमों को ताक पर रखकर शराब माफियाओं द्वारा अवैध शराब बिक्री करवायी जा रही है, जिससे शासन को राजस्‍व की हानि हो रही है? (ख) क्‍या जिला मण्‍डला में आजाद वार्ड-सब्‍जी मार्केट, बस स्‍टैण्‍ड, डिण्‍डौरी नाका, कटरा बाई पास एवं पड़ाव वार्ड कन्‍या हाई स्‍कूल के सामने वाली गली में किराना दुकान, चाय नास्‍ता एवं पान शॉप से अवैध शराब की बिक्री हो रही है? यदि हाँ, तो संबंधित विभाग के द्वारा बेचने वालों के विरूद्ध कितने मामले दर्ज किये गये हैं? कब तक अवैध विक्रय पर पूर्णत: रोक लगाई जायेगी?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) मध्‍यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 27 दिनांक 18.01.2017 की कंडिका क्रमांक 4 (3) अनुसार, दिनांक 01 अप्रैल, 2017 से नर्मदा किनारे के शहरों में 5 किलोमीटर तक की दूरी में स्थित देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानों को बंद किया जाना प्रावधानित किया गया है एवं इस परिप्रेक्ष्‍य में प्रदेश के जिलों में बंद की गई मदिरा दुकानों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। नर्मदा नदी के किनारे स्थित उन परिक्षेत्रों जहाँ पूर्व में मदिरा दुकानें संचालित थी, उस परिक्षेत्र में मदिरा का अवैध विक्रय एवं व्‍यवसाय न हो सके, इस हेतु विभाग सतत् कार्यवाही करता है एवं उन क्षेत्र हेतु विशेषज्ञ कार्य योजना बनाकर अभियान के रूप में मदिरा के अवैध व्‍यवसाय में संलिप्‍त व्‍यक्तियों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करता है। नर्मदा किनारे स्थित क्षेत्रों में अवैध मदिरा से जुड़े व्‍यक्तियों पर मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किये जाते हैं। उक्‍त क्षेत्रों में मदिरा के अवैध विक्रय से शासन के राजस्‍व में कोई हानि नहीं हुई, क्‍योंकि मदिरा दुकानें बंद करते समय उन मदिरा दुकानों की वार्षिक मूल्‍य की राशि को अन्‍य मदिरा दुकानों पर स्‍थानांतरित किया गया। (ख) मण्‍डला जिले के प्रश्‍नांकित क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री की सूचना पर आबकारी विभाग द्वारा सतत् उपलम्‍भन कार्यवाही की जा रही है। मण्‍डला जिले में प्रश्‍नांकित क्षेत्रों एवं नर्मदा नदी के किनारे के क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के तहत वर्ष 2017-18 में 242 न्‍यायालयीन प्रकरण वर्ष 2018-19 में 262 न्‍यायालयीन प्रकरण एवं वर्ष 2019-20 की अवधि में माह नवम्‍बर 2019 अंत तक 216 न्‍यायालयीन प्रकरण कायम किये गये हैं। प्रश्‍नांकित क्षेत्रों में मदिरा के अवैध विक्रय पर रोक लागये जाने हेतु विभाग द्वारा निरंतर प्रभावी कार्यवाही की जा रही है।

परिशिष्ट - "उन्चास"

स्‍वच्‍छ पेयजल की व्‍यवस्‍था

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

97. ( क्र. 1407 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मंडला जिला फलोराइड जोन है तथा अधिकांश जगहों पर (हार्डवाटर) कठोर पानी होने की वजह से लोगों को हड्डी संबंधित बीमारी, दांतों का हिलना, पेट संबंधी बीमारी, पेट के अल्‍सर, पाईल्‍स से ग्रसित मरीजों की संख्‍या बहुतायत में पायी गयी है? (ख) क्‍या मंडला जिले में दिनांक 07/11/19 से 14/11/19 तक आयोजित रोटरी राहत का समापन हुआ जिसमें इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्‍या सब से ज्‍यादा पायी गई है? क्‍या मंडला जिले के सभी ग्रामों में स्‍वच्‍छ पेयजल की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था है? (ग) यदि नहीं, तो कब तक सभी ग्रामों में स्‍वच्‍छ पेयजल की पर्याप्‍त व्‍यवस्‍था की जायेगी? स्‍वच्‍छ पेयजल योजना के तहत कितने ग्राम पंचायतों में कार्य पूर्ण हो चुका है? इस योजना हेतु पूरे मंडला जिले के कितनी राशि आवंटित है? कितनी राशि खर्च की जा चुकी है?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। गुणवत्ता प्रभावित बसाहटों में वैकल्पिक व्यवस्था से स्वच्छ पेयजल सहित सभी ग्रामों में न्यूनतम 40 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से पेयजल व्यवस्था है। स्वच्छ पेयजल की निर्धारित मात्रा/मापदंड के अनुसार प्रदाय करना एक सतत प्रक्रिया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रूपये 1761.52 लाख आवंटित की गई है जिसमें से राशि रूपये 1624.77 लाख व्यय की जा चुकी है।

परिशिष्ट - "पचास"

बंद पड़ी नलजल योजना को चालू किया जाना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

98. ( क्र. 1417 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक सतना जिले में नलजल योजना के तहत कार्य कराये गये, अगर हाँ तो रैगाँव विधानसभा अंर्तगत किन ग्रामों में उक्त योजना से कितनी-कितनी लागत के कार्य कराये गये, कार्य एजेन्सियों एवं कराये गये कार्यों के विवरण सहित जानकारी दें तथा वर्तमान में कितने ग्रामों में उक्त योजना का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है तथा किन-किन ग्रामों की योजनायें बंद पडी हैं? (ख) क्या बंद पड़ी नलजल योजनाओं को पुनः प्रारंभ कराने की कार्यवाही की जावेगी? अगर हाँ तो कब तक? नहीं तो क्या उक्त योजना के बंद होने का कारण गुणवत्ताविहीन होना था, तो कार्य एजेन्सियों से वसूली की कार्यवाही एवं संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध नियमानुसार क्‍या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) क्‍या सिंहपुर की नलजल योजना विगत 1 वर्ष से ट्रान्‍सफार्मर जले होने के कारण बंद पड़ी है, जिसके कारण 4-5 हजार लोग परेशान हैं, कब तक ट्रान्‍सफार्मर बदल दिया जावेगा एवं लंबे समय तक बंद रही योजना के लिये उत्‍तरदायी को कब तक निलंबित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्‍यों?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संधारण एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, स्त्रोत के अलावा अन्य कारणों से बंद हस्तांतरित योजनाओं को चालू करने का दायित्व संबंधित ग्राम पंचायतों का है, स्त्रोत के कारण बंद योजनाओं को विभाग द्वारा नवीन स्त्रोत निर्माण कर चालू किया जाता है। निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती। जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। सिंहपुर की नलजल योजना ट्रांसफार्मर जले होने के कारण बंद हुई, जिसका सुधार कार्य कराकर योजना से जल प्रदाय चालू किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

तहसील भवन का निर्माण

[राजस्व]

99. ( क्र. 1418 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रैगाँव तहसील कार्यालय/न्यायालय हेतु शासकीय भवन नहीं है? अगर हाँ है तो उक्त कार्यालय कहाँ संचालित हो रहा है तथा अन्यत्र होने से जनता को परेशानी नहीं उठानी पड़ रही है? अगर हाँ तो रैगाँव तहसील का कार्यालय/न्यायालय शासकीय भवन कब तक बनवाया जावेगा? अगर नहीं तो क्यों? (ख) क्या रैगाँव मुख्यालय में शासकीय आराजी इस कार्य हेतु उपलब्ध है? अगर हाँ तो क्या शासन द्वारा इसे तहसील/न्यायालय भवन हेतु आवंटित किया गया है या नहीं? कब तक आवंटित किया जाकर भवन निर्माण कराया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) सतना जिले में रैगांव पृथक तहसील नहीं है, तहसील रघुराजनगर का राजस्व निरीक्षक मण्डल है। इस कारण पृथक से कार्यालय भवन नहीं है व वर्तमान में रैगांव सर्किल तहसील रघुराजनगर के भवन में संचालित है। (ख) रैगांव पृथक तहसील नहीं होने एवं तहसील रघुराजनगर का राजस्व निरीक्षक मण्डल होने से वर्तमान में पृथक रैगांव तहसील न्यायालय भवन की आवश्यकता नहीं है।

छात्रवृति गबन पर कार्यवाही

[चिकित्सा शिक्षा]

100. ( क्र. 1424 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सत्र 2011-12 एवं 2013-14 में मेलखेड़ा गरोठ जिला मंदसौर के 3 छात्रों ने भानपुरा के नीमथूर कॉलेज श्रीमती धैर्यप्रभा देवी सौजतिया के संस्थान पैरामेडिकल कॉलेज के खिलाफ छात्रवृति में गबन की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) एवं जिला कलेक्टर मंदसौर को तत्कालीन समय में की गयी है यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत कराये? नाम सहित सूची प्रदान करे। (ख) क्या प्रश्नांश (क) संदर्भित छात्रों ने उक्त महाविद्यालय में कभी अध्ययन किया था यदि हाँ, तो कितने दिन/वर्ष तक जानकारी देवे, यदि नहीं, तो विभाग द्वारा क्या छात्रों को छात्रवृति दी गयी हाँ तो कितनी? महाविद्यालय द्वारा हस्ता‍क्षरित विभाग को छात्रवृति के लिए प्रेषित की गयी सूची उपलब्ध कराये? (ग) क्या जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त प्रकरण पर महाविद्यालय के खिलाफ कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है यदि हाँ, तो प्रकरण की जांच से अवगत कराये? यदि प्रकरण समाप्त किया गया है तो किस आधार पर?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जांच अनुविभागीय अधिकारी, पुलिस गरोठ द्वारा करवाई गई थी। उक्‍त शिकायत जांच में कोई संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। अध्‍ययन अवधि तथा छात्रवृत्ति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उक्‍त शिकायत जांच से कोई संज्ञेय अपराध घटित न होने से कोई अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इक्यावन"

आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा को प्राप्‍त बजट

[आयुष]

101. ( क्र. 1434 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में आयुष ग्राम योजनांतर्गत लगाये गये शिविरों की संख्या एवं प्राप्त बजट व शिविरों पर खर्च की गई राशि के बिल व्हाउचर के विवरण सहित जानकारी दें। (ख) शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय रीवा में संचालित समस्त योजनाओं की जानकारी व वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना बजट महाविद्यालय को प्राप्त हुआ व किस कार्य में कितना खर्च किया गया? खर्चे का विवरण बिल व्हाउचर सहित दें। (ग) क्या शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय चिकित्सालय रीवा में आई.पी.डी में भर्ती हुये मरीजों को नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था है? यदि हाँ, तो भोजन किसके द्वारा प्रदान किया जाता है। भोजन व्यवस्था में खर्च की गई राशि के देयक का विवरण बिल व्हाउचर सहित दें क्या मरीजों की भोजन व्यवस्था के लिए टेण्डर प्रणाली का उपयोग किया गया है? यदि हाँ, तो टेण्डर में शामिल एजेंसियों के तुलनात्मक पत्रक व एजेंसी का नाम व आयुर्वेदिक महाविद्यालय चिकित्सालय रीवा में भर्ती हुये मरीजों की संख्या, नाम, पता सहित दें। (घ) क्या शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय में चिकित्सकीय व लिपिकीय संवर्ग के कई कर्मचारी पद विरूद्ध पदस्थ हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब-कब से पदस्थ है? नाम पद सहित दें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार(ग) जी हाँ। पप्‍पू दा ढाबा, अपराजिता इंटरप्राइजेस गुडविल बेकर्स, वेदांत इंटरप्राइजेज। टेंडर प्रणाली का उपयोग किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' एवं '''' अनुसार(घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को द्वितीय समयमान वेतनमान

[आयुष]

102. ( क्र. 1447 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों को 16 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के उपरांत द्वितीय समयमान वेतनमान दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या द्वितीय समयमान वेतनमान के कार्योंत्तर की स्वीकृति प्रमुख सचिव म.प्र. शासन आयुष विभाग से प्रदान की गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक प्रदान की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या उसके विरुद्ध कार्यवाही की गई? स्पष्ट करें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। दिनांक 24.012017, 11.01.2018, 24.09.2018, 06.10.2018, 28.02.2019, 02.03.2019, 05.03.2019, 28.05.2019, 31.07.2019, 09.09.2019, 26.11.2019 शेष प्रक्रियाधीन है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

पैरामेडिकल महाविद्यालयों में वर्ष 2008 से 2015 में प्रवेशित छात्र

[चिकित्सा शिक्षा]

103. ( क्र. 1451 ) श्री विनय सक्सेना : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले के पैरामेडिकल महाविद्यालयों में वर्ष 2008 से 2015 की समयावधि में कितने छात्रों द्वारा प्रवेश लिया गया? प्रवेशित छात्रों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने छात्रों का नामांकन, मध्यप्रदेश पैरामेडिकल कौंसिल भोपाल में कराया गया? कॉलेजवार छात्रों की सूची देवें। (ग) वर्ष 2008 से 2015 की समयावधि में कितने-कितने छात्र परीक्षाओं में सम्मिलित हुए? कॉलेजवार छात्रों की सूची देवें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) पैरामेडिकल कौंसिल द्वारा पिछले पाँच वर्षों से पूर्व के समस्‍त रिकार्ड अपलेखित करने का निर्णय लिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार, जिसके संदर्भ में पैरामेडिकल कौंसिल के निर्णय दिनांक अनुसार पाँच वर्ष के पूर्व के अभिलेख अपलेखित किए गए हैं। अत: वर्ष 2008 से 2014 तक की प्रवेशित छात्रों सूची प्रदान किया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार, उपलब्‍ध अभिलेखों के आधार पर वर्ष 2014-15 में कुल 1597 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-3 अनुसार, संधारित वर्ष 2014-15 में जबलपुर जिले के पैरामेडिकल महाविद्यालयों में प्रवेशित छात्र-छात्राओं की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में पैरामेडिकल कौंसिल में 9867 छात्रों का नामांकन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) वर्ष 2008 से 2015 तक की समयावधि में 6417 छात्र परीक्षा में सम्मिलित हुए जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-6 अनुसार है।

भुगतान में हुई अनिय‍मितता की जांच

[महिला एवं बाल विकास]

104. ( क्र. 1452 ) श्री विनय सक्सेना : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या विगत वर्षों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं और कर्मचारियों के यात्रा भत्ता और चिकित्सा बिल तथा भवनों के किराए भुगतान में हुई अनियमितता की जांच शासन द्वारा करायी गयी है? यदि हाँ, तो उक्त जांच की अद्यतन रिपोर्ट देवें। (ख) क्या जिलेवार जिम्मेदार अधिकारियों पर एफ.आई.आर. करायी गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या दोहरे भुगतान तथा अनियमित व्यय की राशि वापस वसूल की जाएगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के सन्दर्भ में जानकारी निरंक। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के सन्दर्भ में जानकारी निरंक।

बंद नलजल योजनाओं को प्रारंभ करना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

105. ( क्र. 1455 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन सी नलजल योजना चालू एवं कौन-कौन सी योजना किन कारणों से कब से बंद हैं? योजनावार बतावें तथा उक्‍त योजनाओं को प्रारंभ करने हेतु प्रश्‍न दिनांक तक विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विधान सभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत कितने हैण्‍डपंप किन कारणों से बंद हैं तथा उनको कब तक सुधारकर प्रारंभ कराया जावेंगा? साथ ही 1 जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन स्‍थानों पर ट्यूबवेल खनन कराये गए जिनमें कितने ट्यूबवेल खनन सफल व असफल रहे?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) 19 हैण्डपंप साधारण खराबी से बंद हैं, साधारण खराबी से बंद हैण्डपंप का सुधार कार्य अधिकतम 7 दिन की समयावधि में कराया जाता है। कुल 28 नलकूप, जिनमें 23 सफल तथा 5 असफल रहे, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

अपात्र व्‍यक्तियों को पट्टा की स्‍वीकृति

[राजस्व]

106. ( क्र. 1456 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 834 दिनांक 10 जुलाई, 2019 के उत्‍तर में माननीय विभागीय मंत्री जी द्वारा बताया गया था कि राजगढ़ जिले के नगर नरसिंहगढ़ अंतर्गत वार्ड क्र. 4 सूरजपोल मोहल्ला में 36 व्यक्तियों को पट्टा, संजय नगर में 02 व्यक्तियों को पट्टा एवं वार्ड क्र.15 बलवटपुरा में 90 व्यक्तियों को पट्टा योजना का लाभ दिया गया हैं? यदि हाँ, तो उक्‍त व्‍यक्तियों की सूची पट्टे का आकार (क्षेत्रफल) सहित पट्टे की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन द्वारा पट्टा स्‍वीकृत किये जाने के क्‍या नियम है? क्‍या प्रश्नांश (क) वर्णित सूची में कई अपात्र हितग्राहियों, को नियम विरूद्ध पट्टा स्‍वीकृत कर दिया गया है तथा पात्र व्‍यक्ति प्रश्‍न दिनांक तक योजना के लाभ से वंचित हैं? यदि हाँ, तो क्‍या शासन उपरोक्‍तानुसार पट्टा स्‍वीकृति की जांच करवाकर दोषी व्‍यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत आवासीय पट्टे हेतु कितने          आवेदन-पत्र किन कारणों से कब से लंबित है तथा उनका कब तक निराकरण कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले की नरसिहगढ़ तहसील अंतर्गत शासन निर्देशानुसार वर्ष 1984 में 139 पट्टे वितरित किए गए तथा राजीव गांधी आवास योजनांतर्गत वर्ष 1998 में 31 पट्टे वितरित किए गये। वितरित किये गये पट्टे हितग्राहियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 1998 के पश्‍चात पट्टा वितरण नहीं किये गये है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सूची में किसी भी अपात्र हितग्राही को नियम विरूद्ध पट्टा स्वीकृत नहीं किया गया है। सर्वे में निकाय क्षेत्रान्तर्गत हितग्राहियों के मकान सड़क किनारे होने से धार्मिक स्थल के नजदीक होने तथा मेला लगन से भूमि उपयोगी होने के कारण 06 हितग्राहियो को अपात्र की श्रेणी में रखा गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बंधक भूमि के पंजीयन

[वाणिज्यिक कर]

107. ( क्र. 1457 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में भूमि क्रय-विक्रय किए जाने हेतु किन-किन अभिलेखों की अनिवार्यता है? इन अभिलेखों में खसरों का क्‍या मापदंड रखा गया है जिससे भूमि का क्रय-विक्रय नहीं किया जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित अभिलेखों में जो भूमि बैंक बंधक है उसका क्रय-विक्रय किया जा सकता है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो पंजियन उपरांत इनका नामांतरण राजस्‍व रिकार्ड में नहीं किया जा रहा है, फिर पंजीयन विभाग द्वारा जानबूझकर बंधक भूमि का पंजीयन क्‍यों किया जा रहा है?                      (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित भूमि के पंजीयन उपरांत नामांतरण नहीं होने से किसानों को होने वाली परेशानी को देखते हुए क्‍या सरकार इसके लिए पंजीयकों को कोई निर्देश जारी किए जायेगे?

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) भूमि के क्रय-विक्रय के दस्‍तावेज के पंजीयन हेतु मध्‍यप्रदेश रजिस्‍ट्रीकरण नियम, 1939 के नियम 19 में यथावर्णित अभिलेखों की अनिवार्यता है। खसरे का मापदण्‍ड नियम 19 (ढ) में वर्णित है। संगत नियम की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। बैंक में बंधक भूमि के क्रय-विक्रय के दस्‍तावेज के पंजीयन पर रजिस्‍ट्रीकरण अधिनियम, 1908 के अंतर्गत कोई रोक नहीं है। नामांतरण की कार्यवाही पंजीयन विभाग से संबंधित नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

भूमि के व्यपवर्तन कराये जाने की प्रक्रिया

[राजस्व]

108. ( क्र. 1460 ) श्री इन्‍दर सिंह परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में भूमि व्यपवर्तन किए जाने की क्या प्रक्रिया है? भूमि व्‍यपवर्तित कराए जाने हेतु                       किन-किन अभिलेखों की अनिवार्यता होगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रक्रिया में भूमि व्यपवर्तन हेतु आवेदक को ऑनलाईन पंजीयन करना तथा उसी पोर्टल से खसरा, बी-1 एवं अक्‍श की डाउनलोड प्रति संलग्‍न की जाना अनिवार्य है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि हाँ, तो जिन आवेदकों के अक्श उपलब्‍ध नहीं है उनके आवेदन भी जमा हो रहे तथा ऑनलाईन भूमि परिवर्तन की राशि भी जमा की जा रही है, परंतु इन आवेदकों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार क्या आवेदक को अक्श बटांकन स्‍वयं करवाना होगा? यदि हाँ, तो किसी एक सर्वे नंबर में से पूर्व में विभिन्‍न व्यक्तियों को उसका हिस्‍सा विक्रय किया गया था वर्तमान में अक्‍श बटांकन हेतु किसी भू-स्वा‍मी द्वारा सहमति‍ नहीं दी जाने पर आवेदक के हिस्‍से की भूमि का बटांकन होगा अथवा नहीं? यदि नहीं, तो इस प्रकार की समस्‍या उत्‍पन्‍न न हो इस हेतु शासन द्वारा भूमि                क्रय-विक्रय/बंटवारे के समय अक्‍श बटांकन किए जाने के क्‍या निर्देश जारी किए गए हैं? यदि निर्देश जारी किए गए हैं तो इसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है जिसके कारण भूमि स्‍वामियों में विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू-राजस्व का निर्धारण एवं पुनर्निर्धारण) नियम, 2018 से प्रदेश में भूमि व्यपवर्तन किए जाने की प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है। इन नियमों में निर्धारित आवेदन पत्र प्रारूपएक के अन्त में आवश्यक संलग्नक का उल्लेख है वे हैं:- पहचान के प्रमाण के लिए दस्तावेज़ की प्रति, पता के प्रमाण के लिए दस्तावेज़ की प्रति, चालू वर्ष के खसरा की प्रति, व्यपवर्तन स्केच प्रीमियम एवं पुनर्निर्धारण भू-राजस्व के भुगतान के रसीद की प्रति, विधिक व्यक्ति के मामले में, ऐसे विधिक व्यक्ति की और से कार्यवाही करने के लिए सक्षम निकाय या व्यक्ति द्वारा जारी किया गया अधिकार पत्र। (ख) जी नहीं। परन्तु आमजन की सुविधा के लिए व्यपवर्तन की सूचना घर बैठे ऑनलाईन प्रस्तुत करने की सुविधा भू-लेख पोर्टल पर प्रदाय की गई है। (ग) प्रश्नांश का उत्तर नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

तहसील स्तर पर आर.टी.ओ. कर्मचारी

[परिवहन]

109. ( क्र. 1461 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या पूर्व में माह में एक बार तहसील स्तर पर आर.टी.ओ. कर्मचारी आकर लाइसेंस व परिवहन संबंधी अन्य कार्य करता था। (ख) यदि हाँ, तो वह व्यवस्था क्यों बंद हुई और भविष्य में क्या वह शुरू हो पाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) वर्तमान में केवल भिण्‍ड जिले की तहसील- लहार में व्‍यवस्‍था प्रचलन में है। अन्‍य जिलों में परिवहन संबंधी समस्‍त कार्य ऑनलाईन कम्‍प्‍यूटर पर संपादित होने से यह व्‍यवस्‍था बंद हो चुकी है।

पायलट प्रोजेक्ट की कार्ययोजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

110. ( क्र. 1468 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जल अतिदोहित होने के कारण केंद्र व राज्य सरकार प्रवर्तित रतलाम जिले की तहसील पिपलोदा एवं सतना जिले की तहसील रामपुर बघेलान को पायलट प्रोजेक्ट कार्ययोजना में सम्मिलित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो तत्कालीन विगत कई वर्ष पूर्व योजना की स्वीकृति के दिनांक, योजना हेतु स्वीकृत बजट एवं किये गये व्यय की स्थिति से प्रश्न दिनांक तक अवगत कराएं। (ग) साथ ही योजना की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति किस-किस दिनांक को किस वर्ष में प्रदान की गयी तथा सम्पूर्ण योजना हेतु कुल कितना बजट प्रावधानित किया गया है? (घ) बताएं कि स्वीकृत एवं प्रस्तावित जल संरक्षण एवं जल संवर्धन की यह अत्यंत महत्वपूर्ण कार्ययोजना अतिदोहित पिपलोदा तहसील में कितनी किन-किन स्थानों पर किस प्रकार क्रियान्वित हुई, उस पर कितना व्यय हुआ? आगे क्या किया जाएगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ। (ख) पायलट प्रोजेक्ट पिपलोदा एवं रामपुर बघेलान की योजना स्वीकृति दिनांक 5.11.2012, लागत क्रमशः रूपये 186.35 लाख एवं रूपये 285.735 लाख, प्रश्न दिनांक तक व्यय क्रमशः रूपये 202.30 लाख एवं रूपये 267.735 लाख।                (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार, केवल सर्वेक्षण कर पायलट प्रोजेक्ट की डी.पी.आर. बनाने की स्वीकृति दी गई। (घ) कार्ययोजना में प्रस्तावित कार्यों का क्रियान्वयन विभिन्न विभागों के अभिसरण से किया जाना प्रस्तावित है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिवहन चेक पोस्ट की जानकारी

[परिवहन]

111. ( क्र. 1470 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मध्यप्रदेश के सड़क मार्गों की अंतर्राज्‍यीय सीमाओं पर वर्तमान में कहाँ-कहाँ परिवहन चेक पोस्ट स्थापित है तथा वहा पर कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी कब से पदस्थ है उनके नाम, पदनाम तथा मूल विभाग की जानकरी सहित पूरी सूची प्रस्तुत करें। (ख) क्या पूर्व में मध्यप्रदेश शासन ने इन परिवहन चौकियों को बंद कर दिया था? यदि हाँ, तो बंद करने के कारण बताने वाले प्रस्ताव एवं आदेश से सम्बंधित समस्त दस्तावेज का छायाप्रतियाँ प्रस्तुत करें। (ग) उन कारणों का पूर्ण दस्तावेजी विवरण दें जिनके परिप्रेक्ष्य में इन परिवहन चौकियों को पुनः प्रारम्भ किया गया है? संबंधित आदेश सहित समस्त दस्तावेजों की छायाप्रतियों सहित जानकारी प्रस्तुत करे। (घ) सरकार द्वारा परिवहन चौकियों पर अवैध वसूली बंद करने के लिये अन्य राज्यों की तरह परिवहन चौकी बंद करने की कोई योजना हो तो सदन को इसकी जानकारी उपलब्ध कराये और नहीं तो कारण स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्यप्रदेश के सड़क मार्गों की अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर वर्तमान में स्थापित परिवहन चैक पोस्ट की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ”अनुसार है। इन चैक पोस्ट पर पदस्थ कर्मचारियों के नाम, पदनाम पदस्थी दिनांक सहित पूरी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ”अनुसार है। वर्तमान में पदस्थ सभी कर्मचारियों का मूल विभाग परिवहन विभाग है। (ख) विभागीय पत्र क्रमांक 2538/5710/2014/आठ भोपाल दिनांक 12.09.2017 के द्वारा कम्प्यूटरीकृत/एकीकृत् जांच चौकियों को छोड़कर शेष मेन्युअल जांच चौकियों को बंद किया गया था। पत्र दिनांक 12.09.2017 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) विभागीय पत्र क्रमांक 1946/3991/2017/आठ दिनांक 07.09.2018 के पालन में परिवहन जांच चौकियां प्रारंभ की गई है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) यह कहना सही नहीं है कि मध्य प्रदेश की परिवहन जाँच चौकियों पर अवैध वसूली की जाती है। इन्हें बन्द करने की कोई योजना नहीं है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली की व्‍यवस्‍था

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

112. ( क्र. 1472 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) प्रदेश में खाद्य विभाग द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्य सामग्री के वितरण हेतु वर्तमान में शासन द्वारा AePDS व्यवस्था लागू कर दी गई है। (ख) क्या 2013 से शासन द्वारा विक्रेताओं को कमीशन के रूप में जो राशि दी जा रही है वह इस महंगाई में उनके लिए पर्याप्त है? आज दिनांक तक उनका कमीशन क्यों नहीं बढ़ाया गया है? (ग) AePDS व्यवस्था को चलाने के लिए विक्रेता के साथ एक तुलावटी की आवश्यकता भी होती है, क्या उस तुलावटी का वेतन शासन द्वारा दिया जाता है? यदि नहीं, दिया जाता तो क्यों नहीं दिया जाता? (घ) विक्रेताओं द्वारा खाद्य विभाग के नीचे रहकर AePDS व्यवस्था का संचालन किया जाता है तो क्या विक्रेताओं को खाद्य विभाग का कर्मचारी बनाया जा सकता है? यदि नहीं, बनाया जा सकता है तो क्यों? (ड.) क्या शासन द्वारा विक्रेताओं के लिए वेतन सम्बन्धी कोई नीति बनाई गई या नहीं? स्पष्ट करें। (च) क्‍या शासन द्वारा इस व्‍यवस्‍था को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रश्‍नांश (ख) से (घ) में उल्‍लेखित कार्यवाही की जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में माह अक्‍टूबर, 2019 से आधार आधारित (AePDS) लक्षित सार्वजनिक वितरण व्यवस्था लागू कर दी गई है। (ख) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत वितरण होने वाले खाद्यान्‍न पर कमीशन भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। जो कि रूपये रू. 70 प्रति क्विंटल है। दुकान संचालन करने वाली संस्‍था को इसके अतिरिक्‍त कमीशन की वृद्धि हेतु राज्‍य शासन से शक्‍कर, नमक, केरोसीन वितरण पर कमीशन एवं खाली बारदाने की राशि भी प्राप्‍त होती है। (ग) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्‍य दुकानों से राशन वितरण हेतु मात्र विक्रेता रखे जाने का प्रावधान है। (घ) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्‍य दुकानों का संचालन सहकारी संस्‍थाऐं एवं महिला स्‍व-सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है। विक्रेता की नियुक्ति, सेवा-शर्तों का निर्धारण एवं मानदेय भुगतान की कार्यवाही संबंधित संस्‍था द्वारा किए जाने के कारण विक्रेताओं को खाद्य विभाग का कर्मचारी बनाए जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) आयुक्‍त, सहकारिता द्वारा मध्‍यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा-55 (1) के अंतर्गत प्रदेश की प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्‍था, वृहत्‍ताकार साख सहकारी संस्‍था, कृषक सेवा सहकारी संस्‍था, आदिम जाति सेवा सहकारी संस्‍था के कर्मचारी सेवा (नियोजन, प्रबंधन तथा कार्य स्थिति) संशोधन नियम दिनांक 01.11.2019 को जारी किए गए है।             (च) प्रश्‍नांश (ख) से (घ) के उत्‍तर के अनुसार।

उचित मूल्य की दुकानों की जाँच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

113. ( क्र. 1476 ) श्री राजेश कुमार शुक्‍ला : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या कार्यालय कलेक्टर (खाद्य) छतरपुर के पत्र क्र.710/पीडीएस/खाद्य/2019 दिनांक 30/6/2019 को शा. उचित मूल्य की दुकानों की जाँच हेतु दल गठित किया गया था? यदि हाँ, तो किन के द्वारा कौन सी उचित मूल्य की दुकान की जाँच की गई? जाँचकर्त्ता के नाम, पदनाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या उक्त उचित मूल्य की दुकान की जाँच दल द्वारा पूरी कर ली गई है? यदि हाँ, तो प्रतिवेदन के आधार पर सक्षम अधिकारी द्वारा दुकानों पर शासन के नियमों एवं निर्देशों के अनुसार क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से सम्बंधित सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (ग) जबलपुर उच्च न्यायलय में दायर याचिका क्र 16421/11, 16422/11, 16423/11 में किन-किन संस्थानों एवं भंडारों को स्थगन आदेश प्राप्त हुआ था? संस्थानों के नाम बताये। क्या उक्त याचिका को जबलपुर उच्च न्यायालय द्वारा 26.4.2017 को समाप्त कर दिया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त संस्थानों एवं प्राथमिक उपभोक्ता भंडारों को जबलपुर उच्च न्यायालय द्वारा पुनः स्थगन आदेश दिए गए थे? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में क्या याचिका समाप्त होने पर जनहित प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार राजनगर के द्वारा खाद्य विभाग को आवेदन दिया था? यदि हाँ, तो कब? क्या कार्यवाही की गई. यदि नहीं, तो विभाग ने अपने स्तर पर क्या कार्यवाही की?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ख) जी हाँ। जांच में जिन दुकानों पर अनियमितता प्रतिवेदित की गई है, में सक्षम अधिकारी द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित याचिकाओं में अन्‍नपूर्णा प्राथमिक उपभोक्‍ता भंडार राजनगर, श्रद्धा महिला प्राथमिक उपभोक्‍ता भंडार राजनगर तथा अन्‍नपूर्णा प्राथमिक उपभोक्‍ता भंडार राजनगर के संबंध में पारित आदेश के विरुद्ध माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा स्‍थगन आदेश पारित किये गये थे। जी हाँ, याचिका क्रमांक 16421/11 को दिनांक 26.04.2017 को माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा खारिज किया गया है, परंतु उस याचिका को एम.सी.सी. क्रमांक 41/2018 में दिनांक 28.02.2018 को पारित आदेश द्वारा री-स्‍टोर किया गया है। इसी प्रकार याचिका क्रमांक 16423/11 को माननीय न्‍यायालय द्वारा याचिका क्रमांक 16421/11 के साथ क्‍लब कर सुनवाई करते हुए दिनांक 26.04.2017 को खारिज किया गया है, परंतु एम.सी.सी. क्रमांक 535/2018 में दिनांक 06.03.2018 को पारित आदेश के माध्‍यम से उसे री-स्‍टोर किया गया है। याचिका क्रमांक 16422/11 में माननीय न्‍यायालय द्वारा स्‍थगन आदेश दिया गया था, परंतु उक्‍त याचिका को समयावधि में याचिकाकर्ता की ओर से रिजॉईन्‍डर प्रस्‍तुत न करने के कारण निष्‍फल (Infructuous) हो जाने से याचिका निराकृत की गई है। (घ) जी हाँ, उक्‍त आवेदन दिनांक 18.09.2018 को जिला खाद्य कार्यालय में दिया गया था, जिसे जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला छतरपुर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजनगर को कार्यालयीन पत्र 885/खाद्य/शिकायत/2018 दिनांक 22.09.2018 द्वारा अनुवर्ती कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया।

आर.टी.ओ. के विरूद्ध कार्यवाही

[परिवहन]

114. ( क्र. 1479 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के आर.टी.ओ. उडनदस्ता में प्रायवेट व्यक्तियों द्वारा वाहनों की चेकिंग के कार्य किये जाते हैं? यदि हाँ, तो किस आदेश के तहत? आदेश की प्रति दें। (ख) क्या रीवा जिले में वाहनों/बसों में यात्री किराया सूची, परमिट, फिटनेस, पी.यू.सी., बीमा कितने वाहनों में अंकित है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है व विगत दो वर्षों में संबंधितों पर कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो वाहन मालिक का नाम, वाहन नं. एवं रसीद क्रंमाक व दिनांक दें। (ग) क्या प्रभारी आर.टी.ओ. रीवा मुख्यालय में न रहकर जिले से बाहर निवास करते हैं और परिवहन कार्यालय रीवा में नहीं बैठते हैं? यदि बैठते हैं तो बैठने का समय बतायें व प्रभारी आर.टी.ओ. रीवा द्वारा उपयोग किये जाने वाले वाहन की लॉग बुक, प्रभार लेने के दिनांक से प्रश्‍नांश दिनांक तक दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। रीवा जिले के आर.टी.ओ. उड़नदस्ता में प्रायवेट व्यक्तियों द्वारा वाहनों की चेकिंग के कार्य नहीं किये जाते हैं। चेकिंग का कार्य शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा किया जाता है। (ख) रीवा जिले में वाहनों/बसों में यात्री किराया सूची, परमिट, फिटनेस, पी.यू.सी., बीमा अंकित है। विगत दो वर्षों में वाहनों की समय-समय पर जांच कर संबंधित वाहनों पर कार्यवाही की गई है। वाहन मालिक का नाम, वाहन नम्बर एवं रसीद क्रमांक व दिनांक सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है। (ग) प्रभारी आर.टी.ओ. द्वारा मुख्यालय में रहकर शासकीय कार्यों का कार्यालयीन समय पर कार्य सम्पादित किया जाता है तथा वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिये गये निर्देशानुसार वाहनों की चेकिंग समय-समय पर की जाती है। प्रभारी आर.टी.ओ द्वारा उपयोग में किये गये वाहन की लॉग बुक प्रभार दिनांक से प्रश्न दिनांक तक की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' अनुसार है।

राशन कार्ड से अधिक आवंटन की जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

115. ( क्र. 1480 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कटनी जिले में राशन कार्ड से अधिक आवंटन के अब तक कितने प्रकरण और कौन-कौन से मामले विभाग को किस प्रकार एवं कब से ज्ञात हैं? इन सब पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही प्रचलन में हैं? प्रकरणवार बतायें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न क्रमांक– 828, दिनांक 10/07/2019 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जी नहींएवं प्रश्नांश (ख) के अंशभाग का उत्तर जी हाँदिया गया था? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत दिये गए उत्तर पर क्या कोई कार्यवाही की जा रही हैं? यदि हाँ, तो क्या? विवरण बतायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में लगातार शिकायतें होने और कई बार जांच होने तथा जांच में की गयी शिकायत के तथ्य सही पाये जाने पर भी क्या कारण हैं, कि अब तक ज़िम्मेदारी तय नहीं हो सकी हैं और किसी पर भी कार्यवाही नहीं हो सकी हैं? यदि हाँ, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या करोड़ों रुपये की सामग्री का अपयोजन के जिम्मेदारो पर कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो किस प्रकार और कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) कटनी जिले में राशन कार्ड से अधिक आवंटन से अब तक 2 प्रकरण ज्ञात है, जिनका विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जांच दल द्वारा प्रस्‍तुत किए गये प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) शिकायत के संबंध में जांच दल का अंतिम प्रतिवेदन दिनांक 19/11/2019 एवं 07/12/2019 को प्राप्‍त हुआ है। प्रतिवेदन का परीक्षण किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जांच दल द्वारा प्रस्‍तुत अंतिम प्रतिवेदन के परीक्षण किया जा रहा है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "बावन"

विभागीय एवं शासकीय सेवकों के कार्य

[राजस्व]

116. ( क्र. 1481 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजस्व विभाग के शासकीय सेवकों के द्वारा किए जाने वाले शासकीय/विभागीय कार्यों के वर्तमान में क्या शासनादेश एवं विभागीय निर्देश हैं? (ख) कटनी जिले में विगत 02 वर्ष में विभाग के कौन-कौन शासकीय सेवक कब से प्रश्न दिनांक तक कहाँ-कहाँ पदस्थ/कार्यरत हैं? शासकीय सेवकवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या सभी शासकीय सेवकों द्वारा शासनादेशों/ विभागीय निर्देशों के पालन में दौरा कार्यक्रम तैयार किए गए और अपने अधिकारिता क्षेत्र में निरीक्षण/दौरा कर निरीक्षण प्रतिवेदन सक्षम प्राधिकारी को प्रस्तुत किए गए हैं? यदि हाँ, तो शासकीय सेवकवार विवरण बताएं? (घ) खनि पट्टों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज किए जाने के क्या शासनादेश और विभागीय निर्देश हैं और क्या शासनादेश और विभागीय निर्देश के पालन में कटनी जिले में स्वीकृत सभी खनि पट्टों की राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जा चुका हैं? यदि हाँ, तो खनि पट्टावार विवरण बताएं, यदि नहीं, तो कारण बताएं? (ड.) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक – 2882, दिनांक – 19/07/2019 के प्रश्नांश (ग) के दिये गए उत्तरानुसार कटनी जिले में               कौन-कौन खनि पट्टा कब-कब स्वीकृत किए गए और क्या सभी खनि पट्टों को राजस्व अभिलेखों में दर्ज किया जा चुका है? यदि हाँ, तो विवरण बताएं, यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्‍व विभाग के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता 1959 एवं राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र के अधीन न्‍यायालयीन एवं अन्‍य राजस्‍व संबंधी कार्य साथ ही मध्‍यप्रदेश शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग/राजस्‍व विभाग एवं अन्‍य विभागों द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों/परिपत्रों के अधीन कार्य किये जाते है। (ख) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुक्रम में प्रश्‍नांश (ख) के परिशिष्ट में सरल क्रमांक 01 से 51 तक के शासकीय सेवकों द्वारा निरीक्षण रोस्‍टर एवं भ्रमण डायरी सक्षम अधिकारी द्वारा अनुमोदित कराकर दौरा किया जाता हैं।                  (घ) खनिज पटटों को राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज किये जाने के लिये सभी तहसीलदारों को विभागीय निर्देश हैं। खसरा के कालम नंबर 12 में खनिज पटटें दर्ज कराये गये है। पूर्व में जारी किये गये 24 खनिज पटटों को खसरे के कालम नंबर 12 में दर्ज किया गया हैं। (ड.) पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार।

बालाघाट जिले में राजस्‍व विभाग की जानकारी

[राजस्व]

117. ( क्र. 1482 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा बालाघाट कलेक्‍टर एवं राजस्‍व विभाग को कितने पत्र लिखे गये, कितनों का निराकरण किया गया? (ख) बालाघाट जिले के ग्राम नवेगांव कालोनाईजर द्वारा कौन-कौन से प्रोजेक्‍ट बनाये हैं क्‍या कार्य नियमानुसार हो रहा है? यदि नहीं, तो क्‍या-क्‍या कार्यवाही प्रस्‍तावित करेगें? (ग) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में अतिवर्षा से कितने खेती, मकान एवं अन्‍य को नुकसान हुआ है? क्‍या सर्वे कर मुआवजा दिया गया? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ? (घ) क्‍या बालाघाट जिले में ऋण पुस्तिका की कमी है? यदि हाँ, तो क्‍यों और कितनी ऋण पुस्तिका बनाना वर्तमान में शेष है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा बालाघाट कलेक्‍टर एवं राजस्‍व विभाग को 26 पत्र लिखे गए एवं पत्रों का निराकरण किया गया। (ख) बालाघाट जिले के ग्राम नवेगांव कालोनाईजर मेसर्स स्‍मार्ट होम्‍स पंजीयत भागीदारी फर्म श्री आशीष कांकरिया द्वारा कॉलोनीयों का निर्माण नियमानुसार किया जा रहा है। (ग) परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में अतिवर्षा से 278.323 हेक्‍टेयर खेती, 1134 मकान एवं 01 पशु का नुकसान हुआ है। जी हाँ, सर्वे कर मुआवजा दिया गया है। ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "तिरेपन"

सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत खाद्य परिवहन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

118. ( क्र. 1483 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को बालाघाट‍ जिले की लॉजी तहसील में संचालित मो एग्रो वेयर हाउस की शिकायत पत्र के माध्यम से की गई थी? यदि हाँ, तो इस पत्र पर अब तक क्या कार्यवाही हुई है? (ख) बालाघाट जिले में वर्ष 2014 से लेकर अब तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्य सामग्री के परिवहन हेतु निविदा कब बुलाई गई? निविदा में किन-किन परिवहनकर्ताओं ने भाग लिया? (ग) वर्ष 2014 से लेकर अब तक विपणन संघ व नागरिक आपूर्ति निगम के अंतर्गत कौन-कौन परिवहनकर्ता ब्लैक लिस्टेड हुये?                (घ) क्या विगत समय के विपणन संघ से ब्लैक लिस्ट हुये परिवहनकर्ता को नागरिक आपूर्ति निगम में परिवहन कार्य दिया गया है? बालाघाट जिले में विगत वर्ष 2018-19 के धान उपार्जन के दौरान जिस धान का समर्थन मूल्य 1750 रू. ना देकर किसानों को 1400रू. दिये गये थे, उस धान को किसने खरीदा था? क्या उक्त धान को समर्थन मूल्य पर ना खरीद कर बाहर बेचा गया? यदि हाँ, तो बाहर बेचने के लिये किस नियम और प्रक्रिया का पालन किया गया था और उक्त धान को किसके द्वारा खरीदा गया था?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जी हाँ। संचालनालयीन आदेश क्रमांक 7475-76/शिकायत/2019 दिनांक 25/09/2019 द्वारा प्राप्‍त शिकायत की जांच हेतु संयुक्‍त संचालक, खाद्य की अध्‍यक्षता में 03 सदस्‍यीय जांच दल का गठन किया गया है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट के प्रपत्र-'अनुसार है। मध्‍यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के अंतर्गत बालाघाट जिले में किसी भी परिवहनकर्ता को ब्‍लैक लिस्‍टेड नहीं किया गया है। (घ) जी हाँ। बालाघाट जिले में निर्धारित खरीदी अवधि में ई-उपार्जन पर दर्ज जो टोकन जारी किए गए थे और जिनका धान FAQ ग्रेड का था उनसे समर्थन मूल्‍य रूपये 1750/- प्रति क्विंटल पर धान क्रय किया गया था। जिन कृषकों के टोकन दिनांक 25/01/2019 तक जारी नहीं किए गए थे एवं जिनका धान नॉन FAQ ग्रेड का था उस धान को सहकारी संस्‍थाओं द्वारा अपने स्‍तर पर निष्‍पादित किया गया है।

परिशिष्ट - "चउवन"

आंगनवाड़ी भवन का निर्माण

[महिला एवं बाल विकास]

119. ( क्र. 1486 ) श्री मनोज चावला : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) रतलाम जिले में आंगनवाड़ी भवन निर्माण या भवन उन्नयन में अनियमितता की जांच ई.ओ.डब्ल्यू. या अन्य किसी एजेंसी से की जा रही है? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी से अवगत करावें। (ख) वर्ष 2013 से 2018 तक रतलाम जिले के किस-किस ब्लॉक में कितने-कितने भवन बनाए गए तथा उस पर कितनी राशि व्यय की गई तथा बताएं कि उन भवनों का भौतिक सत्यापन किस अधिकारी द्वारा किस दिनांक को किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भवन निर्माण में अनियमितता की क्या विभागीय स्तर पर जांच की गई? यदि हाँ, तो उस जांच प्रतिवेदन की प्रति देवें। (घ) क्या वर्ष 2007 से 2018 तक में लगभग 1000 आंगनवाड़ी भवनों में से 400 आज भी अधूरे हैं? यदि हाँ, तो बताएं कि उन्हें पूर्ण क्यों नहीं किया गया?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ। रतलाम जिलें में आंगनवाड़ी भवन उन्नयन में अनियमितता की जाँच ई.ओ.डब्ल्यू. उज्जैन द्वारा की जा रही है। वित्तीय सलाहकार एकीकृत बाल विकास सेवा संचालनालय भोपाल के पत्र क्रमांक 1231 दिनांक 03.02.14 के द्वारा रतलाम जिले को योजनान्तर्गत राशि रूपये 3,52,35,900/- (अक्षरी रूपये तीन करोड़ बावन लाख पैतीस हजार नौ सो रूपये मात्र) का बजट आवंटन प्रदाय किया गया। उक्त राशि कलेक्टर के अनुमोदन से आहरित कर अटल बाल मिशन योजना के बैक खाते में जमा की गई। उक्त प्राप्त राशि 35235900/- में से परियोजना अधिकारी बाजना, सैलाना, आलोट, जावरा ग्रामीण, पिपलौदा, जावरा शहर, रतलाम ग्रामीण, नामली (रतलाम ग्रामीण क्र0 2) एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रतलाम को चेक के माध्यम से प्रदाय की गई। परियोजना अधिकारी, द्वारा उक्त कार्यों की राशि संबंधित ग्राम पंचायत की तदर्थ समितियों के बैंक खाते में जमा की गई। उक्त आवंटित आंगनवाड़ी भवन उन्‍नयन की राशि के व्यय के संबंध में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की शिकायत होने पर ई.ओ.डब्ल्यू. (राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो प्रकोष्ठ इकाई उज्जैन) में जाँच प्रचलित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जाँच प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (घ) रतलाम जिले में वर्ष 2007-08 से 2017-18 तक विभिन्न योजनाओं में कुल 859 भवन निर्माण कार्य स्वीकृत हुए है। जिसमें से 585 आंगनवाड़ी केन्द्र पूर्ण एवं 274 भवन अपूर्ण है। 274 अपूर्ण आंगनवाड़ी केन्द्र भवनों में से 241 भवन में निर्माण एजेंसी पंचायत द्वारा कार्य समय पर नहीं करने से एवं 33 भवन मनरेगा योजना अंतर्गत होने से भवन निर्माण कार्य की प्रथम किश्त की राशि प्रति केन्द्र 2.00 लाख के मान से निर्माण एजेंसी को प्राप्त हुई है। किन्तु संचालनालय पंचायत राज म.प्र. भोपाल से 33 आंगनवाड़ी केन्द्र निर्माण की द्वितीय किश्त की राशि रूपये प्रति केन्द्र 4.00 लाख के मान से प्राप्त नहीं होने से निर्माण कार्य अपूर्ण है। ग्राम पंचायत निर्माण एजेंसी होने से निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है।

शुद्ध पेयजल की योजना का क्रियान्‍वयन

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

120. ( क्र. 1487 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जायका (जापान) के सहयोग से मंदसौर आलोट नीमच तथा सीतामऊ के गांवों को गांधी सागर बांध से पीने का पानी देने की कोई योजना प्रचलन में है या प्रस्तावित है?               (ख) यदि हाँ, तो योजना की क्रियान्वयन एजेंसी, लागत तथा कार्य प्रारंभ करने तथा पूर्ण करने की अवधि बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) की योजना में आलोट विधानसभा क्षेत्र के कितने गांवों को इस योजना का लाभ मिलेगा? उन गांवों के नाम बतावें तथा यह भी बतावें की शेष गांवों का चयन क्यों नहीं किया गया? (घ) आलोट विधानसभा क्षेत्र के कितने गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध हैं तथा कितने गांव में नहीं हैं तथा कितनी-कितनी नलजल योजनाएं अभी तक पूर्ण नहीं हुई है? गांव के नाम बतावें। (ड.) आलोट विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी की कितने प्रतिशत आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं है कब तक उपलब्ध कराया जाएगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी हाँ, योजना प्रस्तावित है। (ख) योजना स्वीकृति के उपरांत क्रियान्वयन की कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।              (ग) कुल 191 ग्राम। सम्मिलित ग्रामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है, शेष ग्राम अन्य जलप्रदाय योजना में प्रस्तावित है।। (घ) एवं (ड.) सभी ग्रामों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध है एवं किसी भी ग्राम की नलजल योजना का कार्य अपूर्ण नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

वनवासी ग्राम पंचायतों में पेयजल सुविधा

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

121. ( क्र. 1489 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा क्षेत्र टिमरनी अन्‍तर्गत वनवासी ग्राम पंचायतो में गर्मी में भीषण जल संकट व्‍याप्‍त है यदि हाँ, तो इस समस्‍या के निदान हेतु शासन द्वारा क्‍या ठोस कदम उठाये जा रहे हैं? (ख) क्‍या विभाग द्वारा पेयजल के संकट के स्‍थायी समाधान हेतु कोई योजना तैयार की गई है? यदि हाँ, तो जमीनी स्‍तर पर योजना का क्रियान्‍वयन कब तक किया जावेगा?         (ग) क्‍या प्रत्‍येक वनवासी ग्राम पंचायतो में नलजल योजनाओं के क्रियान्‍वयन हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो इस समस्‍या के निराकरण हेतु क्‍या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (घ) प्रश्‍न (क) संबंध में वनवासी ग्राम पंचायतो में पेयजल समस्‍या के निदान हेतु यदि शासन ने कोई योजना नहीं बनाई है तो क्‍या भविष्‍य में वनवासी ग्राम पंचायत पेयजल की कोई योजना बनाई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) से (घ) विधानसभा क्षेत्र टिमरनी के ग्रामों को शामिल करते हुए हरदा जिले के सभी 511 आबाद ग्रामों की सतही स्त्रोत आधारित समूह नलजल प्रदाय योजना की डी.पी.आर. बनाने का कार्य प्रगतिरत है, निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

स्‍वीकृत समूह नलजल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

122. ( क्र. 1491 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र जैतपुर अन्तर्गत समूह नलजल योजना किस-किस ग्राम पंचायत में स्वीकृत की गई? उनकी स्थिति क्या है? (ख) क्या अप्रारंभ नलजल योजनाओं का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है? यदि नहीं, तो कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा? (ग) अपूर्ण नलजल योजनाओं को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) किसी भी ग्राम पंचायत में नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

शिशु गृह एवं बाल कल्‍याण समितियों का संचालन

[महिला एवं बाल विकास]

123. ( क्र. 1495 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) भोपाल जिले में कुल कितने शिशु गृह एवं बाल कल्‍याण समितियां संचालित हैं? उनके नाम एवं पता बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) से संबंधित किन-किन संस्‍थाओं द्वारा जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कब-कब प्री-एडाप्‍शन की कार्यवाही की गई? जानकारी देते हुए बच्‍चे का नाम, लिंग, प्राप्ति का स्‍थान एवं दिनांक एवं प्री-एडाप्‍शन प्राप्‍त करने वाले दम्‍पत्तियों के नाम बताये जाये? (ग) क्‍या किसी प्री-एडाप्‍शन वाले दम्‍पत्ति से कोई शिकायत प्राप्‍त हुई है या प्री-एडाप्‍शन वाला बच्‍चा पुन: वापिस आया है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) भोपाल जिले में 02 शिशु गृह संचालित हैं। 1. मातृछाया सेवा भारती, पता- स्वामी रामतीर्थ नगर, मैदा मिल के सामने, होशंगाबाद रोड, भोपाल। 2. उडान सोशल वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन सोसायटी (किलकारी कुंज), पता- 71 अमलताश फेज-2, चूनाभट्टी भोपाल। जिले में 1 बाल कल्याण समिति संचालित है। पता- नेहरू नगर, पुलिस लाईन, भोपाल। (ख) 1. सेवाभारती मातृछाया भोपाल द्वारा 09 बच्चों को प्री-एडॉप्शन पर दिया गया है। 2. उडान सोशल वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन सोसायटी द्वारा 04 बच्चों को को प्री-एडॉप्शन पर दिया गया है। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 74 (1) अनुसार ˝किसी जांच या अन्वेषण या न्यायिक प्रक्रिया के बारे में किसी समाचार पत्र, पत्रिका या समाचार पृष्ठ या दृश्य-श्रव्य माध्यम या संचार के किसी अन्य रूप में की गई किसी रिपोर्ट में ऐसे नाम, पते या विद्यालय या किसी अन्य विशिष्ट को प्रकट नहीं किया जाएगा, जिससे विधि का उल्लंघन करने वाले बालक या देखरेख और संरक्षण के जरूरतमंद बालक या किसी बाल पीड़ित या किसी अपराध के साक्षी की, जो तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन ऐसे मामले में अन्तर्वलित है, पहचान हो सकती है और न ही ऐसे बालक का चित्र प्रकाशित किया जाएगा एवं दत्तक ग्रहण विनियम 2017 के नियम 3 (ग) अनुसार ˝सभी दत्तक ग्रहण बालक दत्तक ग्रहण संसाधन सूचना और मार्गदर्शक पद्धति पर रजिस्ट्रीकृत किये जाएंगे और प्राधिकारी द्वारा उनकी गोपनीयता रखी जाएगी।˝ अतः बच्चों के नाम, लिंग, प्राप्ति का स्थान एवं प्री-एडॉप्शन प्राप्त करने वाले दंपतियों के नाम का उक्त प्रावधान अनुसार उल्लेख नहीं किया जा सकता है। (ग) कार्यालय जिला बाल संरक्षण अधिकारी, भोपाल को एक सूचना ईमेल द्वारा प्राप्त हुई थी जिसका निराकरण माननीय न्यायालय में दत्तकग्रहण न्यायिक कार्यवाही के रूप में प्रचलन में है एवं प्री-एडॉप्शन से पुनः वापिस आये बच्चों की संख्या 2 है।

खनन किये गये हैण्‍ड पंपों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

124. ( क्र. 1531 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा जिले में 1 जनवरी, 2016 से विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक कितने हैण्‍डपंप खनन किये गये हैं? विकासखण्‍डवार व ग्रामवार जानकारी दें तथा हैण्‍डपंप खनन हेतु कब-कब, कितने-कितने हैण्‍डपंपों के खनन हेतु निविदा आमंत्रित की गई? कितनी बार कौन-कौन सी निविदाएं ऑनलाईन व ऑफलाईन आमंत्रित की गई? किन-किन ठेकेदारों से कितनी-कितनी दरों पर कार्य किये जाने हेतु निविदाएं प्राप्‍त हुई हैं तथा किन-किन ठेकेदारों को कार्य आदेश प्रदाय किये गये हैं? इस हेतु किन-किन ठेकेदारों को कितने हैण्‍डपंप खनन का भुगतान किया गया है? जानकारी, फर्म, ठेकेदार के नामवार, वर्षवार, विकासखण्‍डवार उपलब्‍ध करावें। हैण्‍डपंप खनन की निविदा आमंत्रण के          क्‍या-क्‍या नियम निर्देश हैं? नियमों की प्रति उपलब्‍ध करावें। क्‍या उक्‍त सभी नियम, निर्देश का विदिशा जिले में पालन किया गया है अथवा नहीं तथा कितने विभागीय हैण्‍डपंप खनन किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्‍या सभी ठेकेदारों ने कार्य आदेश के अनुसार कार्य पूर्ण कर लिया है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो किन-किन ठेकेदारों ने कौन-कौन से कार्य पूर्ण नहीं किये? उक्‍त ठेकेदारों के विरुद्ध क्‍या कार्यवाही की गई है? उक्‍त अपूर्ण कार्य किसके द्वारा पूर्ण किये गये हैं तथा इस हेतु कितना-कितना भुगतान किया गया है वर्ष 2016 से वर्षवार, विकासखण्‍डवार सूची उपलब्‍ध करें।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 एवं 4 अनुसार है। जी हाँ। प्रश्नांकित अवधि में 297 नलकूप विभागीय मशीनों द्वारा खनित किये गये। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

125. ( क्र. 1532 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विदिशा जिले में कुल कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र, मिनी आंगनवाड़ी केन्‍द्र संचालित हैं? कितने केन्‍द्रों के भवन निर्मित हैं? संख्‍यात्‍मक जानकारी दें। विदिशा जिले में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र शासकीय भवनों में संचालित हैं? विकासखण्‍डवार सूची दें। कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्‍द्र किराये के भवनों में संचालित हैं? भवन मालिक का नाम, पता मासिक किराया सहित सूची दें।                      (ख) सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से आंगनवाड़ी केन्‍द्र भवन विहीन हैं? उनके भवन निर्माण की क्‍या योजना है? किन-किन आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण का कार्य कब से चल रहा है? उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण होंगे? किन-किन आंगनवाड़ी भवनों के पास हैण्‍डपंप हैं तथा किन भवन के पास हैण्‍डपंप नहीं हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) आंगनवाड़ी केन्‍द्रों का साप्‍ताहिक मेन्‍यू क्‍या-क्‍या है? सिरोंज विधान सभा क्षेत्र में जनवरी, 2014 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक किन-किन आंगनवाड़ी केन्‍द्रों, मिनी आगनवाड़ी केन्‍द्रों का कब-कब निरीक्षण किया गया है? उनमें क्‍या-क्‍या कमिंयां पाई गई हैं? केन्‍द्रवार जानकारी देवें। (घ) वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक विदिशा जिले में क्‍या-क्‍या सामग्री कहां-कहां से क्रय की गई है तथा उसका उपयोग कहां हुआ है? विकासखण्‍ड जानकारी देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विदिशा जिला अन्तर्गत 1930 आंगनवाड़ी एवं 441 मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें से 591 आंगनवाड़ी केन्द्रों के भवन निर्मित है। जिलें में 1320 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित है। विकासखण्डवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। किराये से संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र से संबंधित भवन मालिक का नाम, पता मासिक किराया की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) सिरोंज विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। भवन विहीन आंगनवाड़ी केन्द्रों के लिये भवन निर्माण की स्वीकृति वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर करती है। आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण कार्य प्रारंभ होने की अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत होने से निर्माण कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने का दायित्व निर्माण एजेंसी का है। अतः आंगनवाड़ी भवन पूर्ण किये जाने की समय-सीमा विभाग द्वारा बताया जाना संभव नहीं है। आंगनवाड़ी भवनों के पास हैण्डपंप होने एवं नहीं होने की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। (ग) आंगनवाड़ी केन्द्रों के साप्ताहिक मेन्यू की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। सिरोंज विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक आंगनवाड़ी केन्द्रों के निरीक्षण एवं उनमें पाई गई कमियों संबंधी जानकारी विस्तृत होने से एकत्रित की जा रही है। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

 

सघन बस्तियों को राजस्‍व ग्राम का दर्जा

[राजस्व]

126. ( क्र. 1535 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाचरौद व नागदा तहसील में कितने राजस्‍व ग्राम हैं? नाम सहित विवरण दें। (ख) ग्रामीण क्षेत्रों की सघन बस्तियों को राजस्‍व ग्राम का दर्जा देने के शासन के क्‍या नियम, प्रक्रिया हैं? नियमों की प्रमाणित छायाप्रति उपलब्‍ध करायें। (ग) खाचरौद तहसील के ग्राम नरेडी हनुमान, फर्नाजी, डेरा को राजस्‍व ग्राम का दर्जा देने की प्रश्‍नकर्ता की मांग पर क्‍या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) खाचरौद तहसील में 110 व नागदा तहसील में 114, विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) नियम प्रक्रिया पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) राजस्‍व ग्राम बनाने के निर्धारित मापदण्‍ड पूरा नहीं करने से राजस्‍व ग्राम नहीं बनाया गया।

म.प्र. में कुपोषण की स्थिति

[महिला एवं बाल विकास]

127. ( क्र. 1538 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) म.प्र. में कितने कुपोषित और कितने अति कुपोषित बच्‍चे हैं? जिलेवार और विधानसभा क्षेत्रवार उनकी जानकारी दें। पिछले वर्ष की तुलनात्‍मक दृष्टि से स्थिति क्‍या है? क्‍या कुपोषण जड़ से समाप्‍त करने के लिये व्‍यापक नीति बनाई जा रही है? (ख) रतलाम में पिछले वर्ष मई से अक्‍टूबर तक जनभागीदारी से कुपोषण मुक्‍त अभियान चलाया गया है यह अभियान अभी भी संचालित है। इसके क्‍या नतीजे रहे? क्‍या सरकार ने इस अभियान के नतीजों का अध्‍ययन किया और समुचित कदम उठाये? यदि हाँ, तो कौन-कौन से कदम उठायें?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) अक्टूबर 2019 माह में आंगनवाड़ी सेवा अंतर्गत मध्यप्रदेश में 10,45,559 बच्चे कम वजन तथा 1,20,865 बच्चे अतिकम वजन श्रेणी में वर्गीकृत किये गये है। जिलेवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी तथा पिछले वर्ष की तुलनात्मक स्थिति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में पोषण अभियान क्रियान्वित किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। पिछले वर्ष चेतन्या काश्यप फॉउण्डेशन द्वारा रतलाम शहर में स्नेह सरोकार योजना अंतर्गत ''कुपोषण मुक्त रतलाम'' अभियान माह मई 2018 से माह अक्टूबर 2018 तक चलाया गया। उक्त अभियान अगस्त 2019 से वर्तमान तक संचालित है। पिछले वर्ष संचालित अभियान में 1485 कम वजन के बच्चों तथा 197 अति कम वजन बच्चों की श्रेणी में सुधार हुआ है। अभियान की सफलता को देखते हुए रतलाम जिले के प्रस्ताव पर प्रोजेक्ट ''आकृति दूत'' का क्रियान्वयन अटल बाल मिशन अंतर्गत किए जाने संबंधी दिशा-निर्देश विभाग द्वारा जारी किए गए हैं।

नल-जल योजनाओं की स्थिति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

128. ( क्र. 1539 ) श्री चेतन्‍य कुमार काश्‍यप : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में कितने गांवों में नल-जल योजना लागू हो चुकी है और कितने गांव इससे वंचित हैं? (ख) इनमें से कितनी नल-जल योजनायें नलकूप और कुंओं पर आधारित हैं और कितनी सरफेस वॉटर (सतह पर संग्रहित जल, जैसे नदी, तालाब बांध आदि) पर? (ग) ग्रीष्‍मकाल में नलकूप और कुंओं के जल स्‍त्रोत सूख जाते हैं। इस कारण इन पर आधारित योजनाओं से पानी की आपूर्ति अवरूद्ध हो जाती है और पानी का भारी संकट खड़ा हो जाता है। इस त्रासदी से बचाने के लिये क्‍या सरकार प्रदेश के सभी गांवो में वॉटर सरफेस आधारित नलजल योजनायें शुरू करेगी? क्‍या सरकार संग्रहित जल पर आधारित नलजल योजनायें संचालित करने के लिये समग्र योजना बनायेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 17,187 ग्रामों में नलजल योजना लागू हो चुकी है, शेष गाँवों में हैंडपंप कुआँ आदि स्त्रोतों से जल उपलब्ध होता है। (ख) 14026 नलकूप, 1618 कुआँ एवं 55 योजनाएं सतही स्त्रोत आधारित हैं। (ग) वित्तीय उपलब्धता एवं सतही स्त्रोत से जल की उपलब्धता के आधार पर आवश्यकता अनुसार सतही स्त्रोत आधारित योजनाएं बनाई जाती हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

आंगनवाड़ी केंद्रो एवं कुपोषित बच्‍चों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

129. ( क्र. 1542 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला आगर-मालवा में कुल कितने आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं तथा कितने आंगनवाड़ी केंद्रो को आदर्श आंगनवाड़ी केंद्रो के रूप में स्‍थापित किया गया है? विकासखण्‍डवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवे? (ख) आगर विधानसभा क्षेत्र में कितने कुपोषित बच्‍चे हैं ग्रामवार संख्‍यात्‍मक जानकारी देवे तथा उक्‍त कुपोषित बच्‍चो के पोषण हेतु प्रति बच्‍चे शासन द्वारा कितनी राशि खर्च की जा रही है? (ग) जिला आगर मालवा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के वर्तमान स्थिति में कितने पद रिक्‍त हैं तथा रिक्‍त पदो पर कब तक भर्ती की जायेगी?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) आगर मालवा जिलें में 753 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। जिनमें से 40 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र स्थापित किये गये है। संचालित आंगनवाड़ी केन्द्र एवं आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्रों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) आगर विधानसभा क्षेत्र में कुल 6235 बच्चें कुपोषित है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रति कुपोषित बच्चा नाश्‍ता हेतु 2/- रूपये एवं भोजन हेतु 4/-- रूपये कुल 6/- रूपये प्रतिदिन प्रति बच्चा एवं अतिकुपोषित बच्चों को थर्डमील हेतु 3/- रूपये प्रतिदिन प्रति बच्चा व्यय (पूर्व प्रचलित दर अनुसार) किया जा रहा है। (ग) आगर मालवा जिले में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के 5 पद एवं सहायिका के 6 पद रिक्त है। भर्ती प्रक्रिया नियमित रूप से नियमानुसार प्रचलित है। अतः आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की नियुक्ति की समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।

संचालित हैण्‍डपंप एवं नलजल योजना

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

130. ( क्र. 1543 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में विधानसभा क्षेत्र आगर में कितने हैण्‍डपंप स्‍थापित हैं, कितने चालू एवं कितने बंद है? कितनी नलजल योजनाएँ संचालित है? योजनवार बतावें कि कितनी चालू कितनी बंद है कितनी योजनाएँ निर्माणाधीन है? बंद का कारण सहित बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जो हैंडपंप बंद या स्‍थाई रूप से है के स्‍थान पर नवीन हैंडपंप खनन किया जायेगा तथा निर्माणाधीन परियोजनाएँ कब तक पूर्ण कर ली जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 2005 हैंडपंप स्थापित हैं वर्तमान में सभी चालू हैं। 55 नलजल योजनाएं संचालित हैं, जिनमें वर्तमान में 49 चालू, 6 बंद हैं तथा वर्तमान में कोई योजना निर्माणाधीन नहीं है, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उपरोक्त (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "पचपन"

कुपोषित बच्‍चों हेतु योजना

[महिला एवं बाल विकास]

131. ( क्र. 1555 ) श्री सीताराम : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जिला श्‍योपुर, शिवपुरी, ग्‍वालियर, गुना, अशोकनगर एवं दतिया के सहरिया आदिवासी बच्‍चे कुपोषण के शिकार हैं, सरकार द्वारा कुपोषण को रोकने के लिए क्‍या कदम उठाए गए हैं? कुपोषण को रोकने के लिए कितनी समितियां का गठन किया गया है? गठित समितियों की सूची उपलब्‍ध करायें। (ख) सरकार द्वारा जिला श्‍योपुर की कराहल परियोजना एवं जिला शिवपुरी की खनियादाना परियोजना के अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया आदिवासी बच्‍चों के कुपोषण को दूर करने के लिए कितने बजट का प्रावधान किया गया है एवं क्‍या विशेष कदम उठाए गए हैं?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) विभाग द्वारा कुपोषण की रोकथाम के लिये पूरक पोषण आहार का प्रदाय, थर्ड मील का प्रदाय, पोषण पुर्नवास केन्द्र (एन.आर.सी.) की सेवाएं, अटल बिहारी वाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन का संचालन तथा स्नेह सरोकार योजना संचालित की जा रही है। उपरोक्तानुसार कार्यक्रम के अतिरिक्त श्योपुर जिले में डे-केयर सेन्टर, पुरूष ग्रोथ मॉनिटर की नियुक्ति तथा स्वच्छता किट का वितरण एवं शिवपुरी जिले में नवाचार के रूप में प्रोजेक्ट किरण का संचालन किया जा रहा है। कुपोषण की रोकथाम हेतु सभी जिलो में निम्नानुसार समितियां गठित है:-1. जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला अटल बार आरोग्य एवं पोषण मिशन समिति 2. पोषण अभियान अन्तर्गत जिला स्तरीय अभिसरण समिति 3. पोषण अभियान अन्तर्गत खण्ड स्तरीय अभिसरण समिति, उपरोक्त समितियों के अतिरिक्त कुपोषण को नियंत्रित करने के लिये जिला श्योपुर में निम्नानुसार अतिरिक्त समितियां गठित की गई हैः-1. आंगनवाड़ी स्तर पर 2. परियोजना स्तर पर 3. जिला स्तर पर। (ख) जिला श्योपुर की कराहल परियोजना अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया आदिवासी बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रू. 3245000/- (रू. बत्तीस लाख पैंतालीस हजार मात्र) का बजट स्वीकृत किया गया है एवं 18440 सहरिया परिवारों की महिला मुखिया के खाते में 1000/- की राशि प्रतिमाह जमा की जा रही है। शिवपुरी जिले की खनियादाना परियोजना में विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया आदिवासी बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए हेतु पृथक से कोई प्रावधान नहीं किये गये हैं। जिला श्योपुर की कराहल परियोजना अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया आदिवासी बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए डे-केयर सेंटर संचालन, पुरूष ग्रोथ मॉनीटर की नियुक्ति एवं जिले के आंगनवाड़ी केन्द्र पर दर्ज अति कमवजन के बच्चों के सुधार किये जाने हेतु 49 अधिकारियों की आंगनवाड़ी केन्द्रों की निगरानी हेतु ड्यूटी लगायी गई है। जिला शिवपुरी की खनियादाना परियोजना में विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया आदिवासी बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए पृथक से कोई योजना संचालित नहीं है।

हैंडपम्‍प खनन बोर एवं सिंगल फैस मोटर की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

132. ( क्र. 1556 ) श्री सीताराम : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 में एवं 2019-20 में श्‍योपुर जिले में कितने हैण्‍डपम्‍प खनन किये गये? कितने निजी बाउण्‍ड्री में किये गये? नल योजना के कितने बोर खनन किये? कितनी सिंगल फैस मोटर पम्‍प प्राप्‍त हुई और कितनी किस-किस स्‍थान पर डाली गई? (ख) क्‍या जहां पेय जल की आवश्‍यकता है वहां हैण्‍डपम्‍प खनन किये जायेंगे? अगर हाँ तो कब तक कितने और कितनी सिंगल फैस मोटर पम्‍प प्रदाय की जावेंगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में क्रमशः 194 एवं 45 नलकूप खनन कर हैंडपंप स्थापित किये गये। एक भी नहीं। वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में क्रमशः 26 एवं 12 नलकूप खनन। क्रमशः 140 एवं 85 सिंगलफेस मोटरपंप, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) निर्धारित मापदंड 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से कम जलप्रदाय होने पर वित्तीय संयोजन के अनुसार नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना की जाती है। आवश्यकता अनुसार सिंगल फैस मोटरपंप प्रदाय की जाती हैं।

ड्रायवर इंस्‍टीट्यूट की स्‍थापना

[परिवहन]

133. ( क्र. 1562 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा बरगी विधान सभा क्षेत्र में ड्रायवर इंस्‍टीट्यूट की स्‍थापना हेतु प्रस्‍ताव बना कर केन्‍द्र सरकार को भेजने के संबंध में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी जबलपुर को पत्र लिखा था?                  (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त ड्रायवर इंस्‍टीट्यूट स्‍थापना के संबंध में एवं प्रस्‍ताव केन्‍द्र सरकार को प्रेषित करने के संबंध में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं शासन द्वारा अब तक क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) केन्द्र सरकार की योजना में वांछित अपेक्षाओं की पूर्ति नियमानुसार न होने से प्रस्ताव केन्द्र शासन को प्रेषित नहीं किया गया है। कलेक्टर जबलपुर से योजना के अंतर्गत प्रावधानों की पूर्ति करते हुये, युक्ति युक्त प्रस्ताव प्राप्त होने पर केन्द्र शासन को अग्रेषित किया जा सकेगा।

तहसील एवं अनु. दण्‍डाधिकारी की स्‍थापना

[राजस्व]

134. ( क्र. 1563 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) जबलपुर जिले के बरगी में नवीन तहसील के गठन की अब तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? तहसील कब तक राजस्‍व कार्य प्रारम्‍भ कर देगी? (ख) जबलपुर जिले की बरगी एवं शहपुरा में राजस्‍व अनुविभागीय (एस.डी.एम.) कार्यालय कब तक स्‍थापित हो कर कार्य प्रारम्‍भ करेगा? साथ ही उक्‍त दोनों अनुविभागीय दण्‍डाधिकारी कार्यालय भवनों की स्‍वीकृति कब तक प्रदान कर निर्माण प्रारम्‍भ किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जबलपुर जिले की बरगी तहसील सृजन हेतु प्रारम्भिक अधिसूचना क्रमांक एफ 01-01/2019/सात-7, दिनांक 17 अक्‍टूबर, 2019 जारी कर 30 दिवस के भीतर आपत्ति सुझाव चाहे गए है। तहसील गठन का कार्य निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाता है समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) शाहपुरा अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व कार्यालय दिनांक 01.03.2019 से कार्यशील है। बरगी अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व कार्यालय बरगी तहसील के गठन नहीं होने के कारण आरंभ नहीं हो सकता है शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पोषण आहार की व्‍यवस्‍था

[महिला एवं बाल विकास]

135. ( क्र. 1566 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश स्‍तर पर आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में पोषण आहार की क्‍या व्‍यवस्‍था है? पोषण आहार किस कंपनी/किस ठेकेदार से क्रय किया जा रहा है? आंगनवाड़ी केन्‍द्रों के माध्‍यम से जिला अनूपपुर में प्रदाय किया जा रहा पोषण आहार हितग्राही को किस रूप में वितरित किया जाता है। इसके लिये क्‍या प्रतिदिन का मीनू निर्धारित किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्‍ध करावें। (ख) अनूपपुर जिले की समस्‍त आंगनवाड़ी में दर्ज हितग्राहियों की संख्‍या/सूची आंगनवाड़ी अनुसार उपलब्‍ध करावें। क्‍या हितग्राहियों की दर्ज संख्‍या के अनुसार ही पोषण आहार वितरित किया जा रहा है। आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में हितग्राहियों की औसत उपस्थिति की क्‍या स्थिति है? विगत तीन वर्षों की जानकारी उपलब्‍ध करावें। विगत तीन वर्ष के पोषण आहार के आहरित/भुगतान का विवरण उपलब्‍ध कराते हुये बतावें कि प्रति हितग्राही पोषण आहार प्रदान की दर क्‍या है?                          (ग) आंगनवाड़ी केन्द्र पर ग्रामीण एवं शहरी लोगों में क्‍या-क्‍या पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है? इसमें बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य एवं उनकी रूची को ध्‍यान में रखते हुये क्‍या गुणवत्‍ता का मापदंड निर्धारित हैं? उसमें कितनी प्रो‍टीन एवं कैलोरी होना चाहिये तथा महिलाओं एवं बच्‍चों को दिन में कितनी बार पोषण आहार दिया जाता है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) प्रदेश में संचालनालय स्तर से 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती धात्री माताओं एवं शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं (11-14 वर्ष) को टेकहोम राशन के प्रदाय की व्यवस्था आजीविका मिशन द्वारा स्थापित किए जा रहे 07 संयंत्रों क्रमशः देवास, धार, होशंगाबाद, सागर, मण्डला, रीवा एवं शिवपुरी से, भोपाल संभाग के जिलों में एमपी एग्रो से एवं मंत्री परिषद के निर्णय अनुसार आजीविका मिशन के संयंत्रों के पूर्णतः क्रियाशील होने के अवधि (15 दिसम्बर 2019) तक के लिए विभाग द्वारा आमन्त्रित अल्पकालिन निविदा में सफल/चयनित निविदाकारों के माध्यम से की जा रही है। साथ ही जिला स्तर से 03 वर्ष से 06 वर्ष तक के बच्चों को ग्रामीण क्षेत्रों में सांझा चूल्हा कार्यक्रम तहत् मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम अंतर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में स्व-सहायता समूह एवं महिला मण्डल के माध्यम से पूरक पोषण आहार व्यवस्था का क्रियान्यन किया जा रहा हैं। ग्रामीण आजीविका मिशन के मण्डला संयंत्र के पूर्णतः क्रियाशील नहीं होने की स्थिति में वर्तमान में अनूपपुर जिले में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों में विभाग द्वारा अल्पकालिन निविदा के तहत् चयनित मेसर्स बिहारीजी एग्रो फ़ूड नई दिल्ली के माध्यम से टेकहोम राशन का प्रदाय किया जा रहा है तथा 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को ''सांझाचूल्हा कार्यक्रम'' के तहत् प्रतिदिन के निर्धारित मीनू अनुसार सुबह का नाश्ता एवं दोपहर का भोजन महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से प्रदाय किया जाता है। मीनू पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) अनूपपुर जिले की समस्त आंगनवाड़ी में दर्ज हितग्राहियों की संख्या/सूची आंगनवाड़ी केन्द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। हितग्राहियों की उपस्थिति के आधार पर पोषण आहार वितरण किया जाता है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में हितग्राहियों की 70 प्रतिशत बच्चे एवं 90 प्रतिशत महिलाओं की औसतन उपस्थिति है। विगत तीन वर्षों में जिलों स्तर से पोषण आहार मद में आहरित/भुगतान की गई राशि का विवरण निम्नानुसार है :-

क्र.

वर्ष

आहरित राशि (रू)

भुगतान राशि (रू)

1

2016-17

18641300/-

18641300/-

2

2017-18

1233059/-

1233059/-

3

2018-19

34859441/-

34859441/-

पूरक पोषण आहार हेतु प्रति हितग्राही प्रतिदिवस दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (ग) ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों पर पूरक पोषण आहार प्रदाय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। बच्चों के स्वास्थ्य एवं उनकी रूचि को ध्यान में रखकर भारत सरकार द्वारा निर्धारित कैलोरी एवं प्रोटीन के गुणवत्ता मानक अनुरूप पूरक पोषण आहार का वितरण आंगनवाड़ी केन्द्रों पर किया जाता है। गुणवत्ता मानकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। आंगनवाड़ी केन्द्र पर गर्भवती/धात्री महिलाओं को एवं 06 माह से 03 बच्चों को साप्ताहिक रूप से टेकहोम राशन एवं मंगलवार को गर्भवती/धात्री महिलाओं को ताजा पका भोजन, 06 माह से 03 बच्चों को नाश्ता एवं भोजन तथा 03 से 06 वर्ष तक के बच्चों को प्रतिदिन सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं गंभीर कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन थर्डमील उपलब्ध कराया जाता है।

कलाकारों को राशि का भुगतान

[संस्कृति]

136. ( क्र. 1567 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) संस्‍कृति विभाग द्वारा सरकारी कार्यक्रमों, विभागीय आयोजनों में कलाकारों को आमंत्रित किये जाने के प्रचलित नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) विगत 5 वर्षों में शहडोल संभाग में किन-किन कलाकारों को शासकीय, विभागीय, अकादमियों के आयोजन में आमंत्रित किया गया। उनके कार्यक्रम संपन्‍न हुए एवं आंमत्रित कलाकारों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया। आयोजन, कार्यक्रम स्‍थल और किये गये भुगतान की राशि किन कलाकारों/दलों के नाम दी गई। (ग) क्‍या अनूपपुर जिले की पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत मां नर्मदा की उद्गम स्‍थली, अमरकंटक में मां नर्मदा जयंती के अवसर पर मां नर्मदा महोत्‍सव मनाया जाता है। यदि हाँ, तो आगामी वर्ष 2020 में मनाये जाने वाले इस उत्‍सव में किन-किन कलाकारों को आमंत्रित किया जायेगा। (घ) उक्‍त महोत्‍सव को मनाये जाने हेतु जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा दिनांक 07.11.2010 को प्रमुख सचिव, संस्‍कृति विभाग को इस आयोजन हेतु बजट आवंटन की मांग की गई है यदि हाँ, तो कितनी व प्रस्‍तावित राशि कब तक स्‍वीकृति कर दी जावेगी।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) संस्‍कृति विभाग द्वारा सरकारी कार्यक्रमों, विभागीय आयोजनों में कलाकारों को आमंत्रित किये जाने के कोई प्रचलित नियम नहीं है। समारोह एवं उत्‍सवों की प्रकृति एवं मांग अनुसार कलाकारों के नाम प्रस्‍तावित किये जाते हैं, जिसे कार्यक्रम समिति/आयुक्‍त से अनुमोदन प्राप्‍त होने पर आगामी प्रक्रिया अपनायी जाती है। (ख) विगत 5 वर्षों में शहडोल संभाग में अमांत्रित कलाकारों को राशि रू. 52,19,577/- लाख का भुगतान किया गया है। आयोजन, स्‍थल और किये गये भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार                     (ग) जिला कलेक्‍टर अनूपपुर से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार अमरकंटक में नर्मदा जयंती के अवसर पर नर्मदा महोत्‍सव मनाया जाता है. कलाकारों को जिला कलेक्‍टर के द्वारा आमंत्रित किया जाता है। (घ) जी हाँ, राशि रू. 2.00 करोड़ बजट आवंटन की मांग की गई है। वर्ष 2020 में इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रभारी मंत्री, अनूपपुर से प्राप्‍त पत्र पर कार्यवाही प्रचलन में है। परीक्षण उपरांत साहित्यिक/सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों में समयानुकूल यथोचित सहयोग प्रदान किया जा सकता है।

स्‍थापित नलजल योजनाएं

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

137. ( क्र. 1568 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकासखण्‍ड में वर्ष जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी नजजल योजनायें कहाँ-कहाँ पर स्‍थापित की गई हैं? उनमें से कितनी योजनायें पूर्ण रूप से और कितनी आंशिक रूप से बंद हैं और इसके क्‍या कारण हैं? योजनावार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) अनूपपुर और जैतहरी विकासखण्‍ड में कितनी बसाहट में पीने के पानी के लिये कितने हैंडपंप हैं? कितने हैंडपंपों में पानी का स्‍तर कम होने से स्‍थाई तौर पर बंद हैं, कितने,           कौन-कौन से गांव/बसाहट हैंडपंप विहीन हैं वहां पेयजल की विभाग ने क्‍या-क्‍या व्‍यवस्‍थायें की हैं? (ग) उक्‍त विधानसभा क्षेत्र में विभाग द्वारा पूर्ण की गई कितनी नलजल योजनायें ग्राम पंचायतों को हस्‍तांतरित की गई हैं? ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित कितनी योजनायें पूर्ण और आंशिक रूप से बंद हैं। जनवरी, 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक सिविल और मैकेनिकल डिवीजन में कितनी राशि  किन-किन कार्यों पर व्‍यय की गई है? (घ) क्‍या विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर अंतर्गत ग्राम परासी, पडौर, कांसा, केल्‍होरी, छोहरी, धनगवां, देवरी, बीड, पयारी नंबर-दो एवं ग्राम हरद में पेयजल की समस्‍या को देखते हुये नवीन नलजल योजना के प्रस्‍ताव और प्राक्‍कलन कार्यपालन यंत्री, पी.एच.ई. अनूपपुर के द्वारा विभाग को भेजा जा चुके हैं। यदि हाँ, तो उक्‍त प्रस्‍ताव कब तक स्‍वीकृत कर दिये जायेंगे?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 8 नलजल योजनाएं, प्रश्न दिनांक तक सभी चालू हैं, शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) अनूपपुर विकासखंड की 388 बसाहटों में 2209 हैंडपंप तथा जैतहरी विकासखंड की 668 बसाहटों में 3096 हैंडपंप स्थापित हैं। कोई भी हैण्डपंप जलस्तर की कमी होने से स्थाई तौर पर बंद नहीं है, कोई बसाहट हैण्डपंप विहीन नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) 58 योजनाएं पूर्ण की जाकर ग्राम पंचायतों को हस्तांतरित की गई हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित कोई भी योजना वर्तमान में बंद नहीं हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जी हाँ। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "छप्पन"

आदर्श आंगनवाड़ियों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

138. ( क्र. 1569 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श आंगनवाड़ी बनाये जाने का कोई प्रावधान है? यदि हाँ, तो विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में विगत पाँच वर्षों में कितनी आंगनवाड़ियों को आदर्श आंगनवाड़ी बनाया गया? सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) आदर्श आंगनवाड़ी बनाये जाने में कितनी राशि विभाग के द्वारा संबंधित आंगनवाड़ी को प्रदाय की गई? अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में समस्‍त आदर्श आंगनवाडि़यों को विगत पाँच वर्षों में प्रदाय की गई राशि व व्‍यय का विवरण उपलब्‍ध करावें। (ग) अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में संचालित आंगनवाड़ियों में कितनी सहायिका/कार्यकर्ता कार्यरत हैं तथा कितने पद रिक्‍त हैं? इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया क्‍या है? रिक्‍त पद कब तक भर दिये जायेंगे? (घ) जनसंख्‍या के मान से आंगनवाड़ी केन्‍द्र खोलने का क्‍या मापदंड है? उक्‍त विधानसभा क्षेत्र में कितने आंगनवाड़ी केन्‍द्र वर्तमान में संचालित हैं? कितने नवीन केन्‍द्र खोले जाना प्रस्‍तावित हैं? सूची प्रदाय करें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी, हाँ। विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर अन्तर्गत 26 आदर्श आंगनवाड़ी केन्द्र बनाये गये है। वर्षवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में राशि रू. 13,66,000/- जिला कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से संबंधित आंगनवाड़ी केन्द्रों हेतु प्रदाय की गई। आदर्श आंगनवाड़ियों को विगत 5 वर्षों में प्रदाय की गई राशि व उसके व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत संचालित 275 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 270 आंगनवाड़ी सहायिका एवं 274 कार्यकर्ता कार्यरत है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का 01 पद एवं सहायिका के 05 पद रिक्त है। इनकी नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी कर स्थानीय महिला अभ्यार्थियों से आवेदन प्राप्त कर विकासखण्ड स्तरीय चयन समिति द्वारा मेरिट के आधार पर अनंतिम सूची का प्रकाशन किया जाता है। प्रकाशित अनंतिम सूची पर दावा आपत्तियाँ प्राप्त की जाती है। जिला स्तरीय दावा आपत्ति निराकरण समिति द्वारा प्राप्त दावा आपत्तियों के निराकरण पश्चात् अंतिम चयन सूची का प्रकाशन किया जाता है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के रिक्त पदों की पदपूर्ति एक निरंतर प्रक्रिया है। अतः रिक्त पदों की पदपूर्ति हेतु समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है। (घ) ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में 400 से 800 की जनसंख्या पर 1 आंगनवाड़ी केन्द्र तथा आदिवासी क्षेत्र में 300 से 800 की जनसंख्या पर 1 आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने का मापदण्ड है। विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल 275 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है एवं 46 नवीन आंगनवाड़ी एवं मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोले जाने का प्रस्ताव जिले से प्राप्त हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र खोलने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा नवीन आंगनवाड़ी केन्द्र/मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र की स्वीकृति प्रदान नहीं की जा रही है। अतः समय-सीमा दिया जाना संभव नहीं है।

नवीन नलजल योजनाओं की स्‍वीकृति

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

139. ( क्र. 1584 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में कौन-कौन से ग्रामों/ग्राम पंचायतों में नलजल योजनायें संचालित की जा रही है और संचालित नलजल योजनाओं में से कितनी नलजल योजनाएं चालू अवस्‍था में है और कितनी नलजल योजनायें बंद है? नलजल योजना के बन्‍द होने का क्‍या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्‍ध करायें। नलजल योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभिन्‍न ग्राम/ग्राम पंचायतों में बंद पड़े नलजल योजनाओं को पुन: प्रारंभ किये जाने हेतु शासन/विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? अगर कार्यवाही नहीं की जा रही तो इसका क्‍या कारण है? बंद पड़ी नलजल योजनाओं को कब तक विभाग द्वारा प्रारंभ करा दिया जायेगा? (ग) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्राम/ग्राम पंचायत हैं जहां पेयजल की वर्तमान में अत्‍यधिक समस्‍या उत्‍पन्‍न हो रही है और पेयजल की समस्‍या के निदान हेतु नलजल योजना प्रस्‍तावित की जा सकती है? क्‍या विभाग द्वारा ऐसे ग्राम/ग्राम पंचायतों में सर्वेक्षण का कार्य कराकर नलजल योजनाओं की स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍ताव/कार्ययोजना तैयार कर शासन स्‍तर पर स्‍वीकृति हेतु भेजा जायेगा। अगर हाँ तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 140 नलजल योजनाएं संचालित हैं, अद्यतन स्थिति में 138 चालू एवं 2 बंद हैं। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) स्त्रोत के अतिरिक्त अन्य कारणों से बंद योजनाओं के संचालन-संधारण का दायित्व संबंधित पंचायतों का है। विद्युत अभाव के कारण 02 योजनाएं बंद हैं, जिन्हें चालू करने हेतु विद्युत वितरण कंपनी को विभाग द्वारा पत्र लिखा गया है, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किसी भी ग्राम/ग्राम पंचायत में वर्तमान में अत्यधिक पेयजल समस्या नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सत्तावन"

(टी.एच.आर.) टेक टू होम राशन की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

140. ( क्र. 1585 ) श्री सोहनलाल बाल्‍मीक : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में स्थित विभिन्‍न आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में वितरित होने वाला (टी.एच.आर.) टेक टू होम राशन कौन-कौन सी कम्‍पनी द्वारा प्रदान किया जा रहा है? कम्‍पनी का नाम व पता सहित जानकारी उपलब्‍ध कराये। (ख) क्‍या विभिन्‍न आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में (टी.एच.आर.) टेक टू होम राशन वितरण करने का कार्य स्‍व-सहायता समूहों को विभाग द्वारा प्रदान किया जाना है? अगर हाँ तो यह कार्य स्‍व-सहायता समूहों को कब तक व कौन-कौन से समूहों/संगठन को प्रदान किया जावेगा? नाम व पता सहित जानकारी उपलब्‍ध कराये। (ग) छिन्‍दवाड़ा जिले की परासिया परियोजना-01 एवं परियोजना-02 में माह जनवरी 2019 से माह नवम्‍बर 2019 तक कितना टेक टू होम राशन प्रत्‍येक माह आया व प्रत्‍येक माह प्रति आंगनवाड़ी केन्‍द्र व प्रति हितग्राही को कितना वितरण किया गया? जानकारी आंगनवाड़ी केन्‍द्र हितग्राहियों की संख्‍या प्रत्‍येक ग्राम एवं नगर के अनुसार आंगनवाड़ी केन्‍द्रवार उपलब्‍ध करायें। (घ) परासिया परियोजना-01 एवं परियोजना-02 की आंगनवाड़ी केन्‍द्रों में (टी.एच.आर.) टेक टू होम राशन महिला हितग्राहियों को किस मात्रा में माह में कितने दिन प्रदान किया जा रहा है? क्‍या महिला हितग्राहियों को टेक टू होम राशन समय पर प्रदान नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो समय पर टी.एच.आर. राशन प्रदान नहीं किये जाने का क्‍या कारण है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) छिन्दवाड़ा जिले की आंगनवाड़ी केन्द्रों में टेकहोम राशन (टी.एच.आर.) का प्रदाय विभाग द्वारा आमंत्रित अल्पकालिन निविदा में संभागवार सफल निविदाकार मेसर्स कोटा दाल मील 8 लार्ज स्केल इन्डस्ट्रीयल एरिया, कोटा (राजस्थान) के द्वारा किया जा रहा है। (ख) मंत्री परिषद की बैठक दि. 13.03.2018 के निर्णयानुसार प्रदेश के आंगनवाड़ी केन्द्रों में 06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती/धात्री माताओं एवं 11-14 वर्ष तक की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत संचालित म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका फोरम के तहत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा प्रदेश के 07 चिन्हित स्थानों क्रमशः देवास, धार, होशंगाबाद, सागर, मण्डला, रीवा एवं शिवपुरी में स्थापित किए जा रहे पोषण आहार संयंत्रों के माध्यम से पूरक पोषण आहार (टेकहोम राशन) का प्रदाय किया जाना है। माह मार्च 2019 से आजीविका मिशन द्वारा स्थापित संयंत्रों में से क्रमबद्ध रूप से क्रमशः देवास, धार, होशंगाबाद, सागर एवं मण्डला जिलों में स्थापित संयंत्रो से टेकहोम राशन का उत्पादन एवं वितरण प्रारम्भ कर दिया गया हैं। (ग) छिन्दवाड़ा जिले की परासिया परियोजना-01 एवं 02 में प्राप्त टेकहोम राशन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"अ" एवं "ब" अनुसार एवं हितग्राहियों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-"स" अनुसार है। (घ) जिले की परासिया परियोजना-01 एवं परियोजना-02 की आंगनवाड़ी केन्द्रों में (टी.एच.आर.) टेक टू होम राशन महिला हितग्राहियों को निम्नांकित मात्रा में प्रदाय किया जाता है:- गर्भवती/धात्री माताऐं :-

क्र.

खाद्य सामग्री का नाम

प्रतिदिन की मात्रा (ग्राम में)

1

गेहूँ सोयाबर्फी प्रिमिक्स (750ग्राम की पैकिंग में)

150 ग्राम

2

आटा बेसन लड्डू प्रिमिक्स (750ग्राम की पैकिंग में)

150 ग्राम

3

खिचड़ी प्रिमिक्स (750ग्राम की पैकिंग में)

150 ग्राम

06 माह से 03 वर्ष तक के बच्चें :-

क्र.

खाद्य सामग्री का नाम

प्रतिदिन की मात्रा (ग्राम में)

1

हलुआ प्रिमिक्स (600 ग्राम की पैकिंग में)

120 ग्राम

2

बाल आहार प्रिमिक्स (600 ग्राम की पैकिंग में)

120 ग्राम

3

खिचड़ी प्रिमिक्स (625 ग्राम की पैकिंग में)

120 ग्राम

किशोरी बालिकायें (11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी) :-

क्र.

खाद्य सामग्री का नाम

प्रतिदिन की मात्रा (ग्राम में)

1

गेहूँ सोया बर्फी प्रिमिक्स (900ग्राम की पैकिंग में)

150 ग्राम

2

खिचड़ी प्रिमिक्स (900ग्राम की पैकिंग में)

150 ग्राम

उक्त खाद्य सामग्री प्रत्येक मंगलवार को आंगनवाड़ी केन्द्र से उक्त हितग्राहियों को समय पर टी.एच.आर. प्रदाय किया जाता है। अतः शेष जानकारी निरंक हैं।

भरे-पटे हैण्‍डपंपों की जानकारी

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

141. ( क्र. 1608 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकीय जिला भिण्‍ड में वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक‍ कितना बजट किन-किन मदों में, किस-किस कार्य के लिए प्राप्‍त हुआ और उसका व्‍यय कितना, किन-किन कार्यों में किया गया? (ख) लोक स्‍वा.यां. जिला भिण्‍ड के माध्‍यम से वर्ष 2019-20 में कौन-कौन सी योजनाओं में कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से कौन-कौन से क्षेत्र/ग्राम में प्रारंभ हैं एवं प्रारंभ होना शेष है? सूची प्रदान करें। (ग) भिण्‍ड विधान सभा क्षेत्र में कितने भरे-पटे हैण्‍ड पम्‍प हैं जो बंद पड़े हैं? (घ) क्‍या बंद पड़े या भरे-पटे नलकूपों के स्‍थान पर विभाग द्वारा नवीन हैण्‍ड पम्‍प लगाए हैं?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) कुल 127 हैण्डपंप। (घ) निर्धारित मापदण्ड 55 लीटर प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन के मान से कम जल प्रदाय होने पर वित्तीय संयोजन के अनुसार नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपंप स्थापना का प्रावधान है।

मदिरा दुकानों को अनयंत्र हटाने की कार्यवाही

[वाणिज्यिक कर]

142. ( क्र. 1612 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या वाणिज्यिक कर मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना में कितनी देशी एवं विदेशी मदिरा हेतु दुकानें संचालित है? इन संचालित दुकानों के ठेकेदार कौन-कौन हैं? इनके द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार क्‍या अंतिम स्‍कंध पर वैट की राशि कब-कब जमा की गई है? वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक की सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में सहायक आबकारी आयुक्‍त एवं जिला अधिकारी आयुक्‍त द्वारा वर्ष 2014 से 2018 तक के बीच कितनी मदिरा दुकानों को निरीक्षण किया गया? क्‍या निरीक्षण के दौरान दुकानों में देशी विदेशी मदिरा एवं अन्‍य बिक्री हेतु अन्‍य बिक्री किये जा रहे मदिराओं से रेट सूची या दुकानों के बाहर क्‍या ठेकेदारों द्वारा चस्‍पा की गई सूची का सत्‍यापन जिले में जिम्‍मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया? दिनांक, समय, वाहन, क्रमांक एवं वाहन लॉगबुक का विवरण देवें। (ग) क्‍या शासन उन देशी विदेशी मदिरा दुकानों को अन्‍यत्र हटाने की कार्यवाही कर रहा है? जो कि मंदिर स्‍कूल एवं घन बस्तियों के बीच दुकानें संचालित है? जिससे धार्मिक एवं बच्‍चों एवं सामाजिक व्‍यक्तियों का आत्मिक भावना आहत होती है? यदि हाँ, तो शहर की ऐसी दुकानों को शासन द्वारा चिन्हित कर कब तक हटाने की कार्यवाही की जावेगी? (घ) सतना जिले में देशी-विदेशी मदिरा का अवैध तरीके से जिले में लगातार पिछले शासनकाल से अवैध नशे का कारोबार संचालित है? इस पर रोक लगाने की कार्यवाही शासन द्वारा कब तक की जावेगी? समय एवं दिनांक सहित स्‍पष्‍ट करें

वाणिज्यिक कर मंत्री ( श्री बृजेन्द्र सिंह राठौर ) : (क) सतना जिले में वर्तमान वित्‍तीय वर्ष                2019-20 में 45 देशी एवं 26 विदेशी मदिरा दुकानें कुल 71 मदिरा दुकानें संचालित हैं। वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक अर्थात नवम्‍बर 2019 तक सतना जिले में संचालित देशी/विदेशी मदिरा दुकानों की सूची एवं उपरोक्‍त दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों का विवरण विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। फुटकर बिक्री की मदिरा दुकानों पर 31 मार्च को अवशेष स्‍कंध पर वैट कर की राशि लिया जाना प्रावधानित नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में सहायक आबकारी आयुक्‍त एवं जिला आबकारी अधिकारी द्वारा वर्ष 2014-15 से 2018-19 के बीच कुल 31 मदिरा दुकानों का निरीक्षण किया गया है एवं निरीक्षण के दौरान दुकानों से की जा रही देशी मदिरा की बिक्री की दर का दुकानों के बाहर ठेकेदारों द्वारा चस्‍पा की गई सूची का सत्‍यापन जिलों में पदस्‍थ सहायक आबकारी आयुक्‍त/जिला आबकारी अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान किया जाता है, निरीक्षण की गई दुकान, दिनांक, समय इत्‍यादि का विवरण विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) आबकारी विभाग, जिला सतना में संचालित समस्‍त देशी/विदेशी मदिरा दुकानें मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 के अंतर्गत बनाये गये सामान्‍य प्रयुक्ति के नियम-1 में दिए गए प्रावधानों अनुसार आपत्तिरहित स्‍थल पर संचालित होने एवं स्‍थान परिवर्तन किए जाने की कोई शिकायत लंबित न होने से स्‍थान परिवर्तन प्रस्‍तावित नहीं है। (घ) सतना जिले में देशी/ विदेशी मदिरा के अवैध कारोबार पर रोक लगाने हेतु सतत् प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक आबकारी विभाग, सतना द्वारा कायम किये गए प्रकरणों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।

शिक्षा मंत्री के पत्रों पर कार्यवाही

[राजस्व]

143. ( क्र. 1614 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) क्‍या माननीय प्रभुराम जी चौधरी स्‍कूल शिक्षा मंत्री ने कलेक्‍टर रायसेन को पत्र क्रमांक 7970 दिनांक 08/08/2019 एवं पत्र क्रमांक 960 दिनांक 06/09/19 लिखकर रायसेन जिले के वनग्रामों के संबंध में श्री फजल निवासी दीवानगंज सांची ब्‍लॉक रायसेन के पत्र संलग्‍न कर दिए गए निर्देशों का प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी पालन नहीं किया जा सका है। (ख) रायसेन जिले के 1980 तक अंतरित किस वनग्राम एवं वर्तमान में शेष किस वनग्राम के जिला अभिलेखागार एवं तहसील अभिलेखागार में 194 के पहले और 1947 के बाद के किस किस वर्ष में बनाए हुकुक रजिस्‍टर खसरा पंजी पटवारी मानचित्र एवं संशोधन पंजी उपलब्‍ध है। उनमें कितनी खाते एवं गैर खाते की भूमियों के ब्‍यौरा दर्ज है? (ग) माननीय मंत्री जी द्वारा लिखे गये किस दिनांक के पत्र में दिए किस निर्देश का पालन किए जाने के संबंध में रायसेन जिले में किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस के द्वारा की गई कब तक जिले के वनग्रामों से संबंधित अभिलेखागार में उपलब्‍ध अभिलेखी की जानकारी संकलित करवा ली जावेगी समय-सीमा सहित बतायें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कार्यवाही प्रचलित है। (ख) रायसेन जिले में 1980 तक अंतरित वन ग्राम जो राजस्व विभाग को हस्तांतरित किये गये है। उन ग्रामों में से केवल 13 ग्रामों के वर्ष 1947 के पूर्व के हुकुक रजिस्टर उर्दू भाषा में संधारित है जो अभिलेखागार में उपलब्ध है। वर्ष 1947 के पूर्व खसरा पंजी, पटवारी मानचित्र एवं संशोधन पंजी उपलब्ध नहीं है। वर्ष 1947 के बाद वर्ष 1965 से वन विभाग द्वारा हस्तांतरित वनग्रामों का ग्राम खसरा, पंजी पटवारी नक्‍शा, संशोधन पंजी जिला अभिलेखागार में उपलब्ध है। शेष प्रश्‍नांश विस्तृत की जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) माननीय मंत्री जी द्वारा लिखे गये पत्र दिनांक 08/08/19 एवं 06/09/19 के पत्रो पर रिकार्ड परीक्षण करने हेतु अधीक्षक भू अभिलेख को क्रमश: दिनांक 13/8/19 एवं दिनांक 11/09/19 को निर्देशित किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

म.प्र. उज्‍ज्वला योजना  के अंतर्गत गैस चूल्‍हों का वितरण

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

144. ( क्र. 1618 ) श्री रामेश्‍वर शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मध्‍यप्रदेश में प्रधानमंत्री उज्‍ज्वला योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में कुल कितना लक्ष्‍य रखा गया है? (ख) वर्ष 2018-19 में पात्र आवदेकों के विरूद्ध कुल कितने गैस चूल्‍हों का वितरण किया गया? (ग) प्रदेश में किन कारणों से कुल कितने पात्र आवेदकों को गैस चूल्‍हों का वितरण नहीं किया गया? कृपया जिलेवार संख्‍या उपलब्‍ध कराएं। (घ) जिलेवार बताएं कि पात्र आवेदकों को कब तक गैस चूल्‍हों का वितरण कर दिया जाएगा?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्‍ज्वला योजनांतर्गत वर्ष           2018-19 में कोई लक्ष्‍य निर्धारित नहीं किया गया था। (ख) वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री उज्‍ज्वला योजनांतर्गत 30,75,481 पात्र हितग्राहियों को गैस कनेक्‍शन का वितरण किया गया है। (ग) प्रदेश में उज्‍ज्‍वला योजना के पात्र हितग्राही जिन्‍होंने गैस कनेक्‍शन के लिए आवेदन किया था उन समस्‍त पात्र हितग्राहियों को गैस कनेक्‍शन का वितरण किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।              (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

विभागीय परीक्षा का आयोजन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

145. ( क्र. 1620 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि             (क) प्रदेश में नियंत्रक नाप-तौल विभाग में विभागीय परीक्षा के माध्‍यम से लिपिक वर्गीय कर्मचारी से निरीक्षक नाप तौल के पदों की संख्‍या कितनी है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार विभागीय परीक्षा लिये जाने के क्‍या नियम है तथा पात्र कर्मचारियों की संख्‍या क्‍या है? (ग) वर्तमान में परीक्षा आयोजित कब हुई? यदि परीक्षा लंबित है तो कारण बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में उल्‍लेखित परीक्षा पात्रता धारक कर्मचारियों के होते हुए भी निरीक्षक पद हेतु क्‍यों नहीं कराई गई? नियमानुसार इसके कारण बतावें।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) 28 पद नियत हैं। (ख) मध्‍य प्रदेश नाप-तौल तृतीय श्रेणी (अलिपिक वर्गीय) सेवा भर्ती नियम, 1990 तथा विधिक मापविज्ञान (सामान्‍य) नियम, 2011 में प्रावधान है। कार्यालयीन अभिलेखों अनुसार 14 कर्मचारी वर्तमान में पात्र हैं। (ग) पूर्व में वर्ष 2013 में परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। पदोन्‍नति में आरक्षण के बिन्‍दु पर स्‍पष्‍टता के अभाव में परीक्षा लंबित हैं। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

PSC में महिलाओं के साथ पक्षपात पर न्‍यायालयीन कार्यवाही

[महिला एवं बाल विकास]

146. ( क्र. 1628 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्‍या राज्‍य महिला आयोग के संज्ञान में यह है कि लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में महिलाओं के अपने ही वर्ग में पुरूषों से ज्‍यादा अंक लाने पर भी साक्षात्‍कार में नहीं बुलाया गया यदि हाँ, तो बतावें कि राज्‍य महिला आयोग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? यदि पत्राचार किया गया तो उसकी प्रति देवें। (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में राज्‍य महिला आयोग में वर्ष 2012 में 13 प्रकरण दर्ज थे? यदि हाँ, तो प्रत्‍येक प्रकरण अनुसार लिये गए निर्णय की जानकारी देवें? (ग) क्‍या राज्‍य महिला आयोग के संज्ञान में है कि 2008 से 2019 तक लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित विभिन्‍न 18 से अधिक परीक्षाओं में 200 से अधिक महिला परीक्षार्थीयों को अपने वर्ग में पुरूषों से ज्‍यादा अंक लाने के बाद भी साक्षात्‍कार के लिए नहीं बुलाया गया? क्‍या राज्‍य महिला आयोग इस संदर्भ में लोक सेवा आयोग के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही करेगा तथा इस संदर्भ में उच्‍च न्‍यायालय में वाद दायर किया जायेगा? (घ) क्‍या राज्‍य महिला आयोग, लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में पिछले 10 से अधिक वर्षों से महिला परीक्षार्थियों से की जा रही अनियमितता के खिलाफ किसी जांच कमेटी का गठन कर लोक सेवा आयोग की परीक्षा के परिणामों की जांच करवाई जावेगी? (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के संदर्भ में राज्‍य महिला आयोग को लोक सेवा आयोग पर कार्यवाही करने के क्‍या-क्‍या अधिकार प्राप्‍त है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) जी हाँ, तद्संबंध में राज्य महिला आयोग द्वारा किये गये पत्राचार की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रत्येक प्रकरण में लोक सेवा आयोग को लिखे गये पत्रों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर है। (ग) जी हाँ, आवेदिकों को न्याय प्रदान कर उन्हें सूची अनुसार आगामी नियत साक्षात्कार हेतु सूची में शामिल करने हेतु राज्य महिला आयोग द्वारा अध्यक्ष म.प्र. लोक सेवा आयोग इन्दौर को पत्र क्रमांक 5898 दिनांक 01.05.14 प्रेषित किया गया। लोक सेवा आयोग के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर करने संबंधी विषय वस्तु राज्य महिला आयोग से संबंधित नहीं है। (घ) आयोग के संज्ञान में आये प्रकरणों के संबंध में आयोग द्वारा लोक सेवा आयोग को पत्र प्रेषित करते हुये प्रकरणों का निराकरण करने की कार्यवाही की गई वर्तमान में आयोग का गठन नहीं होने के कारण तदसंबंध में निर्णय लिया जाना संभव नहीं है। (ड.) म.प्र. राज्य महिला आयोग को लोक सेवा आयोग पर कार्यवाही करने हेतु आयोग के अधिनियम 1995 की धारा 10 (1) (ग) के अंतर्गत (महिलाओं के संबंध में किये गए उपबंधो के उल्लघंन के मामलों को समुचित प्राधिकारियों तक ले जाना) का उल्लेख किया गया है।

एन.आर.आई. कोटे में फर्जीवार्डों की जांच

[चिकित्सा शिक्षा]

147. ( क्र. 1636 ) श्री प्रताप ग्रेवाल, श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 3041 दिनांक 24 जुलाई 2019 का उत्‍तर दिलाया जाय तथा प्रश्‍न क्र. 961 दिनांक 17 जुलाई 2019 के संदर्भ में बतावें कि उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में लंबित 06 प्रकरण में अंतिम सुनवाई कब हुई थी शीघ्र सुनवाई हेतु आवेदन किस दिनांक को लगाया गया तथा क्‍या निजी चि‍कित्‍सा महाविद्यालय में भर्ती विद्यार्थियों की पात्रता की जांच क्‍या सिर्फ न्‍यायालय के निर्देश पर ही की जाती है अन्‍यथा नहीं की जाती है। (ख) क्‍या वर्ष 2008 से लेकर 2019 तक निजी चिकित्‍सा महाविद्यालय में एन.आर.आई. कोटे में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा एवं भ्रष्‍टाचार हुआ हैं? क्‍या सरकार उसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच करवाएगी? (ग) वर्ष 2008 से 2015 तक निजी चिकित्‍सा महाविद्यालय में स्‍टेट कोटे व डी-मेट कोटे की भर्ती में हुए फर्जीवाड़ों में क्‍या सरकार एस.आई.टी. गठित कर इसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच करवाएगी। (घ) निजी चिकित्‍सा महाविद्यालय में यू.जी. परीक्षा के अंतिम वर्ष में उत्‍तीर्ण होकर एम.बी.बी.एस. की डिग्री प्राप्‍त करने वाले 2013 से 2019 के विद्यार्थियों की सूची उनके नाम, पिता का नाम, प्रवेश वर्ष सहित उपलब्ध करावें। (ड.) निजी चिकित्‍सा महाविद्यालय 2008 से 2018 तक एन.आई.आर. कोटे में चयनित विद्यार्थियों के नाम तथा पिता के नाम, निवास का पता, संबंधित परीक्षा के प्राप्‍तां‍क तथा रेंक, 12वीं की परीक्षा के प्राप्‍तांक सहित सूची उपलब्‍ध करायें।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क)  से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

करोड़ों के राशन घोटाले की जांच

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

148. ( क्र. 1637 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 3038 दिनांक 24 जुलाई, 2019 के खण्‍ड (घ) का उचित उत्‍तर दिलाया जाय कि रतलाम की क्‍या शेष दुकानों पर इस प्रकार का घोटाला जांच में नहीं पाया गया? यदि हाँ, तो जांच रिपोर्ट की प्रति देवें। (ख) क्‍या रतलाम में आठ शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों की रेण्‍डम पद्धति से जांच में 10 करोड़ रूपयों का घोटाला पाये जाने के बाद भी शेष दुकानों में काल्‍पनिक परिवारों को राशन वितरण किये जाने अनियमतता की जांच की नहीं की गई? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें तथा इनकी जांच कब तक कर ली जायेगी। (ग) क्‍या वर्ष 2014 से 2018 के मध्‍यप्रदेश के दस शहरों में राशन वितरण में अनियमितता पाये जाने पर 08 शहरों में पुलिस में प्रकरण दर्ज किये गये? यदि हाँ, तो बतावे कि शेष किन दो शहरों में प्रकरण क्‍यों दर्ज नहीं किये गये। (घ) क्‍या वर्ष 2014 से 2017 के मध्‍य रतलाम में काल्‍पनिक परिवारों के राशन वितरण करने का घोटाला अन्‍य शहरों में भी पाया गया हैं? यदि हाँ, तो जानकारी देवें तथा क्‍या रतलाम की तरह के घोटाले के पेटर्न की तरह अन्‍य शहरों में काल्‍पनिक परिवारों को राशन वितरण किये जाने की जांच की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) प्रश्‍न क्रमांक 3038 (घ) के परिशिष्‍ट-ई में दी गई जांच रिपोर्ट अनुसार 8 दुकानों के संबंध में प्रतिवेदित किया गया है। शेष दुकानें उक्‍त जांच में सम्मिलित नहीं हैं। (ख) जी हाँ। रतलाम शहर अंतर्गत 6 माह से राशन न लेने वाले 21,202 परिवारों को मार्च 2018 से NFSA पोर्टल से हटाया गया है। माह अक्‍टूबर 2019 से AePDS व्‍यवस्‍था अंतर्गत बायोमेट्रिक सत्‍यापन के उपरांत ही राशन वितरण लागू किया गया है। इसके साथ ही अभियान के अंतर्गत  घर-घर जाकर परिवारों/सदस्‍यों के सत्‍यापन का कार्य पूर्ण राज्‍य में संचालित है। (ग) जी हाँ। शेष 2 शहरों कटनी एवं उज्‍जैन में म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश 2015 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किये गये है। कटनी जिले में वर्ष 2009 से 2018 के मध्‍य शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान गणेश प्राथमिक उपभोक्‍ता सहकारी भण्‍डार में सामग्री का अपयोजन पाये जाने से रूपये 3,847 की वसूली अधिरोपित की गई है। इसी प्रकार उज्‍जैन जिले में 10 उपभोक्‍ता भण्‍डारों की जांच में 71 परिवार उल्‍लेखित पते पर न पाये जाने से भण्‍डार के संचालकों के विरूद्ध राशि 11,65,825 रूपये की वसूली की कार्यवाही की गई है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। शासन द्वारा लाभार्थी सत्‍यापन अभियान के अंतर्गत घर-घर जाकर सत्‍यापन किया जा रहा है।

धार‍ जले में दर्ज दखल रहित भूमि

[राजस्व]

149. ( क्र. 1642 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) म.प्र.भू-राजस्‍व संहिता 1959 धार जिले में किस दिनांक को लागू की गई, संहिता के अध्‍याय 18 में वर्णित कितनी दखल रहित जमीन धार जिले में दर्ज थी, उसमें से कितनी दखल रहित जमीन वर्ष 2014 से 2018 मार्च तक की अवधि में किस-किस मद एवं किस-किस प्रयोजन के लिए दर्ज है? (ख) भू-राजस्‍व संहिता की किस-किस धारा में दखल रहि‍त भूमियों को निजी उद्योगों, निजी परियोजनाओं, निजी संगठनों एवं निजी संस्‍थाओं को किन-किन शर्तों पर आवंटित करने का      क्‍या-क्‍या प्रावधान है, धार जिले में भू-राजस्‍व संहिता की किस धारा के अनुसार वर्ष 2014-15 से मार्च 2019 तक कितनी भूमि निजी क्षेत्र को आवंटित की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 धार जिले में 02.10.1959 को लागू की गयी है। संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता में दखल रहित भूमियों को आवंटित करने का कोई प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अट्ठावन"

आदिवासी की जमीन का डायवर्सन

[राजस्व]

150. ( क्र. 1643 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या आदिवासी की जमीन का डायवर्सन होने के उपरांत उसे गैर-आदिवासी को बिना किसी अनुमति के बेचा जा सकता है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आदिवासी जमीन का डायवर्सन होने के कितने दिन बाद उसे गैर-आदिवासी को बेचा जा सकता है, चाहे वह डायवर्सन किसी भी मकसद से किया गया हो? (ग) 01.01.2014 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला धार, झाबुआ, रतलाम में आदिवासी की किस-किस जमीन का डायवर्सन किया गया तथा क्‍या उक्‍त जमीनों की हेरा-फेरी करने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही की गई? (घ) रतलाम के खंजली (बड़बड़) ग्राम की मेडिकल कॉलेज के सामने खसरा नं. 352/1, 352/4 इत्‍यादि कितनी आदिवासी जमीन का डायवर्सन किस दिनांक को किया गया तथा वह जमीन किस दिनांक को गैर आदिवासी को बेची गई? क्‍या उस क्षेत्र की 6 बीघा सरकारी जमीन गायब हो गई तथा 6 बीघा काटकर नया बटा नं. दे दिया गया? क्‍या नक्‍शे में परिवर्तन किया गया? क्‍या उक्‍त सभी गैर-आदिवासी को बेच दी गई तथा नामान्‍तरण भी कर दिया गया? यदि हाँ, तो क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच की जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं‍। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) डायवर्सन के संबंध में जातिगत आंकड़ा पृथक से संधारित नहीं किया जाता है। (घ) रतलाम जिले के बंजली (बड़बड़) मेडिकल कालेज के सामने खसरा नंबर 352/1 राजस्‍व रिकार्ड में शासकीय दर्ज है एवं सर्वे क्रमांक 352/4 भूमि स्‍वामी नारायण पिता वीजल भील, ग्राम बंजली के नाम राजस्‍व रिकार्ड में दर्ज है। वर्तमान दोनो 352/1, 352/4 गैर परिवर्तित है। जी हाँ 2017 में शासकीय भूमि के नक्‍शे में अनियमितता पायी गयी जिसे जुलाई, 2018 तत्‍कालीन तहसीलदार द्वारा पुनर्विलोकन की कार्यवाही कर यथावत पुर्नस्‍थापित किया गया। उक्‍त भूमि के नामांतरण नहीं किये गये है तथा वर्तमान में यथावत शासकीय दर्ज है। संबंधित पटवारी के विरूद्ध विभागीय जांच प्रचलित है तथा इस कार्यालय से तत्‍कालीन एस.डी.एम. तहसीलदार के विरूद्ध कार्यवाही के प्रस्‍ताव आयुक्‍त, उज्‍जैन को भेजे गये है।

निजी मेडिकल कॉलेजों में आरक्षण का लाभ

[चिकित्सा शिक्षा]

151. ( क्र. 1647 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या चिकित्सा शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ केवल शासकीय कॉलेजों में दिया जा रहा है एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो इस विसंगति को दूर कर सभी मेडीकल कॉलेजों में इसका लाभ दिया जाएगा? (ग) क्‍या चिकित्‍सा शिक्षा विभाग ने एम.बी.बी.एस. के 7 निजी मेडीकल कॉलेज की 3429 सीटों पर एलाटमेण्‍ट लिस्‍ट जारी की जिसके 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ सवर्णों को नहीं दिया गया है?

चिकित्सा शिक्षा मंत्री ( डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ) : (क) जी हाँ। (ख) निजी चिकित्‍सा महाविद्यालयों द्वारा माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय, नई दिल्‍ली में एस.एल.पी. क्रमांक 19773/2019 दायर है, जो कि वर्तमान में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय में विचाराधीन है। (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

आंगनवाड़ियों में कुपोषित बच्‍चों का स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण

[महिला एवं बाल विकास]

152. ( क्र. 1648 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) प्रदेश में कुल कितनी आंगनवाड़ियां संचालित हैं एवं क्‍या सभी निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार शासकीय भवनों में संचालित हैं? इनमें स्‍वीकृत स्‍टॉफ की संख्‍या कितनी है? पदवार बताएं एवं इनको समय पर वेतन दिया जा रहा है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो क्‍यों? (ख) इन आंगनवाड़ियों में बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण के मापदण्‍ड क्‍या हैं एवं क्‍या मापदण्‍ड अनुसार समय-समय पर इनका परीक्षण किया जाता है? (ग) इन आंगनवाड़ियों में कुपोषित बच्‍चों की संख्‍या जिलेवार कितनी है? इतनी बड़ी संख्‍या में बच्‍चों के कुपोषण दूर करने के लिए विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) भविष्‍य में बच्‍चे कुपोषण का शिकार न हो, इस हेतु विभाग के क्‍या प्रयास व योजना है?

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) :(क) प्रदेश में कुल 84465 आंगनवाड़ी केन्द्र संचालित है। इनमें से 66050 आंगनवाड़ी केन्द्र शासकीय भवनों में संचालित है। प्रदेश में 84465 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा 84465 आंगनवाड़ी सहायिका के पद स्वीकृत है। इन्हें मानदेय का भुगतान समय पर किया जाता है। अतः शेष का कोई प्रश्न नहीं। (ख) राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अन्तर्गत मोबाईल हेल्थ टीम में पदस्थ आयुष चिकित्सकों द्वारा रोस्टर अनुसार आंगनवाड़ी केन्द्र पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण वर्ष में 02 बार किये जाने का प्रावधान है। जी हाँ।           (ग) जानकारी  संलग्न  परिशिष्ट  अनुसार है। विभाग द्वारा बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु विभिन्न/कार्यक्रम योजना संचालित किये जा रहे है। वृद्धि निगरानी के माध्यम से कम वज़न के एवं अति कम वज़न वाले बच्चों का चिन्हांकन किया जाता है तथा चिन्हांकित गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण प्रबंधन हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में संदर्भित किया जाता है। एकीकृत बाल विकास योजना अन्तर्गत नियमित पूरक पोषण आहार प्रदाय तथा मापदण्ड अनुसार चिन्हित बच्चों को थर्ड मील उपलब्ध कराया जाता है। अटल बिहारी बाजपेयी बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन अन्तर्गत जिलों की आवश्यकता अनुसार कार्ययोजना तैयार की जाकर क्रियान्वयन किया जाता है। स्नेह सरोकार कार्यक्रम अन्तर्गत समुदाय द्वारा कुपोषित बच्चें की देखभाल की जिम्मेदारी ली जाती है। चिन्हित जिलों में डे-केयर सेंटर का संचालन किया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित गतिविधियों के अतिरिक्त पोषण अभियान का क्रियान्वयन सभी जिलों में किए जाने की योजना है।

परिशिष्ट - "उनसठ"

फ्लोराईड ग्रसित क्षेत्र के बचाव

[लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी]

153. ( क्र. 1652 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी जिला धार में ऐसे कितने गांव हैं तो फ्लोराईड से ग्रसित हैं तथा उनके बचाव हेतु क्‍या किया गया तथा ऐसे कौन से गांव जो फ्लोराईड से मुक्‍त हुए?                  (ख) कब तक इससे निपटने की योजना बनाई जाएगी? इस हेतु कोई ठोस कार्यवाही नहीं किए जाने के क्‍या कारण हैं? इस हेतु संबंधित विभाग/अधिकारी पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी?

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री ( श्री सुखदेव पांसे ) : (क) 143 ग्राम। बचाव हेतु सतही स्त्रोत आधारित 02 समूह नलजल योजना, 20-कूप आधारित नलजल योजना एवं 25 इलेक्ट्रोलिटिक डिफ्लोरीडेशन संयंत्र स्थापित कर, पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

बंटवारा, सीमांकन नामांतरण के प्राप्‍त आवेदनों पर कार्यवाही

[राजस्व]

154. ( क्र. 1656 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले की अटेर विधान सभा क्षेत्र में 01 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक विवादित, अविवादित बंटवारे, नामांतरण, सीमांकन, डायवर्सन नक्‍शा सुधार के कुल कितने-कितने, किस-किस के आवेदन प्राप्‍त हुए? उपरोक्‍त प्राप्‍त आवेदनों में कितने प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण कर दिया गया तथा कितने शेष हैं? (ख) उपरोक्‍त प्राप्‍त आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण नहीं होने के क्‍या कारण हैं? इसके लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्‍यों? उपरोक्‍त प्राप्‍त आवेदनों में जिन प्रकरणों का निराकरण आज तक नहीं हुआ? उनका निराकरण कब तक कर दिया जायेगा? (ग) अटेर विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 01 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राकृतिक आपदा के कारण कितने मकान गिरे, जले या क्षतिग्रस्‍त हुए हैं? पीड़ितों को कितनी-कितनी राहत राशि शासन द्वारा दी गई है एवं अटेर विधान सभा क्षेत्र में कितनी जनहानि व मवेशी व पालतू जानवर आकाशीय बिजली गिरने से मरे, कितने की पानी में डूबने से सर्पदंश या किसी जहरीले कीड़े या जंगली जानवरों को काटने से मृत्‍यु हुई? ग्रामवार संख्‍या बताई जावें। (घ) उपरोक्‍त में उनके परिवारों को शासन द्वारा दी गई राहत राशि की जानकारी भी नामवार दी जावें? यदि राशि नहीं दी गई तो कब तक दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) भिण्‍ड जिले में अटेर विधानसभा क्षेत्र में 01.01.2018 से प्रश्‍न दिनांक तक प्राप्‍त आवेदनों की जानकारी निम्‍नानुसार है-

मद

प्राप्‍त आवेदन

निराकृत

कुल निराकृत

शेष

समय-सीमा में

समय-सीमा बाह्य

विवादित बटवारा

533

66

209

275

258

अविवादित बटवारा

145

68

77

145

0

अविवादित नामांतरण

1513

1063

450

1513

0

विवादित नामांतरण

2624

1293

310

1603

1021

सीमांकन

460

137

191

328

133

डायवर्सन

50

50

0

50

0

नक्‍सा सुधार

89

37

0

37

52

 

(ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में नहीं किये जाने का कारण विगत वर्ष में विधान सभा एवं लोक सभा चुनाव होने तथा तहसीलदारों की निरंतरता में नियुक्ति न रहने एवं नवीन नियुक्‍त नायब तहसीलदारों द्वारा विभागीय परीक्षा उत्‍तीर्ण न होना रहे हैं। उपरोक्‍त परिस्थितियों में कोई दोषी नहीं है। लंबित प्रकरणों का निराकरण प्रचलित है। (ग) अटेर विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत 01.01.2018 से प्रश्‍न दिनांक तक-

·         जहरीले कीड़े काटने से 1 व्‍यक्ति की मृत्‍यु होने से 400000 रू. राहत राशि प्रदान की गई।

·         आर.बी.सी. 6 (4) में निहित प्रावधानों के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। ग्रामवार एवं नामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।

(घ) राहत राशि प्रदाय करने की जानकारी नामवार ग्रामवार एवं राहत राशि की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

राजस्‍व ग्रामों की जानकारी

[राजस्व]

155. ( क्र. 1657 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अटेर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितनी ग्राम पंचायत हैं उनमें कितने ग्राम सम्मिलित हैं? (ख) उपरोक्‍त ग्रामों में से कितने ग्राम ऐसे हैं जिन्‍हें राजस्‍व ग्राम घोषित नहीं किया गया है एवं उनके ग्रामवार जनसंख्‍या बतावें। (ग) ग्रामों को राजस्‍व ग्राम घोषित करने हेतु क्‍या नियम है?                  (घ) अटेर विधान सभा क्षेत्र के वंचित ग्राम को कब तक राजस्‍व ग्राम घोषित किया जावेगा जिससे कि ग्रामों का विकास हो सके? ग्राम पंचायतवार ग्रामवार पृथक जानकारी दें?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कुल 102 ग्राम पंचायतें है उनमें 221 ग्राम सम्मिलित है। (ख) ''निरंक'' शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) किसी ग्राम को ग्रामीणों की सुविधा तथा प्रशासनिक आवश्यकता होने एवं निम्‍नानुसार शर्तें पूरी करने पर राजस्‍व ग्राम घोषित किया जाता है- (1) न्‍यूनतम 200 एकड़/80 हे. रकबा (2) कम से कम 200 की आबादी (3) मूल राजस्‍व ग्राम से 2 कि.मी. की दूरी l (घ) ग्रामों को राजस्‍व ग्राम घोषित करने की कार्यवाही ग्रामीणों की सुविधा तथा प्रशासनिक आवश्यकता की दृष्टि से समय-समय पर की जाती है। वर्तमान में इस प्रकार का प्रस्ताव लंबित नहीं होने से बताने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।

 

भूमि नामांतरण की प्रक्रिया का सरलीकरण

[राजस्व]

156. ( क्र. 1660 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) क्‍या भू-स्‍वामी की मृत्‍यु होने पर पूर्व में यह व्‍यवस्‍था थी की पटवारी स्‍वयं ग्राम में आते थे व ग्राम सभा में फौती दर्ज हो जाती थी और नामांतरण भी आसानी से हो जाता था, क्‍या इस व्‍यवस्‍था को, खत्‍म करके अब एक जटिल प्रक्रिया तय कर दी गयी है जिसके कारण किसानों को तहसीलों के चक्‍कर काटने को मजबूर होना पड़ा है यदि हाँ, तो क्‍यों न वर्तमान व्‍यवस्‍था को पूर्व व्‍यवस्‍था की तरह सरलीकृत कर दिया जाये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विभाग फौती दर्ज करने की प्रक्रिया के सरलीकरण की क्‍या योजना अपनाने की मंशा रखता है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। प्रक्रिया जटिल नहीं की गई है। प्रक्रिया का कम्‍प्‍यूटरीकरण किया गया है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

उपार्जन केंद्रों से गेहूं का परिवहन

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

157. ( क्र. 1664 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन, बड़वानी एवं अनूपपुर जिले में वर्ष 2015 से 2017 तक कितने उपार्जन केंद्रों से गेहूँ का परिवहन किया गया। जिलावार जानकारी देवें। (ख) उपार्जन केंद्र से गेहूँ कहाँ तक पहुँचाया गया प्रत्येक उपार्जन केंद्र का नाम, ग्राम स्तर, नाम, फर्म का नाम जिलेवार देवें। (ग) परिवहन समय पर न करने के कितने प्रकरण सामने आए। इनमें कितनी पेनल्टी वसूली गई। कितनी पेनल्टी निर्धारित है। पेनल्टी लगाने के दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें। प्रकरणवार फ़ॉर्म का नाम सहित जानकारी देवें। (घ) समय पर परिवहन न करने पर शासन को उपार्जन समितियों को कितना किराया व ब्याज अधिक देना पड़ा जिला वार, समिति का नाम, स्थान सहित वर्षवार देवें। इस नुकसान की निगरानी के जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई। पत्राचार की छाया प्रति देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के       प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जिला खरगौन, बड़वानी एवं अनूपपुर में उपार्जित गेहूं को समय-सीमा में परिवहन न करने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नियुक्तियों की जानकारी

[महिला एवं बाल विकास]

158. ( क्र. 1665 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या महिला एवं बाल विकास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) सन 2008 से सन 2018 तक महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत खरगोन एवं बड़वानी जिले में कितनी नियुक्तियां की गई नियुक्तिवार नाम, पता, नियुक्ति स्थान, पदस्थापना वर्तमान पदस्थापना सहित सूची देवें। (ख) यदि कोई प्रकरण अभी भी विवाद की स्थिति में लंबित है तो कारण सहित सूची नाम, पता, स्थान, आवेदन की छायाप्रति संलग्न दस्तावेजों सहित देवें। नियुक्तियों के विभागीय नियम नीति-निर्देश की छायाप्रति देवें। क्या यह सभी नियुक्तियां शासन के नियमानुसार हुई है। (ग) नियुक्तियां यदि मेरिट के आधार पर की गई तो प्रत्येक नियुक्ति के टॉप 3 आवेदकों के आवेदनों की छायाप्रति संलग्न दस्तावेजों सहित देवें।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ( श्रीमती इमरती देवी ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खाद्यान पर्ची का प्रदाय

[खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

159. ( क्र. 1671 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) प्रदेश में जनवरी 2017 से जनवरी 2019 के मध्‍य टीकमगढ़ जिले में कितने-कितने अंत्‍योदय, गरीबी रेखा के राशन कार्ड बने थे? इन राशन कार्ड बनाए जाने के क्‍या-क्‍या नियम हैं? ऐसे नियमों की छायाप्रति प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताऐं कि इनमें कितने-कितने कार्डधारकों को खाद्यान पर्ची दी गई थी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जनवरी 2017 से प्रश्‍न दिनांक के मध्‍य कितने राशन कार्ड निरस्‍त कर दिये गये हैं एवं क्‍यों? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के आधार पर बताएं कि कितने ऐसे कार्डधारक हैं जिनको खाद्यान पर्ची नहीं दी गई है़? इनको खाद्यान पर्ची कब तक दी जावेगी और नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ) : (क) टीकमगढ़ जिले में माह जनवरी, 2017 से जनवरी, 2019 तक अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजनांतर्गत नवीन निरंक तथा BPL अंतर्गत 1391 पात्रता पर्ची जारी की गई हैं। भारत सरकार द्वारा निर्धारित सीमा के अधीन अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना एवं राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 में तय सीमा के अधीन प्राथमिकता परिवार सदस्‍यों जिसमें राज्‍य शासन द्वारा बी.पी.एल. को सम्मिलित किया गया है, के नियम हैं। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) नवीन 1,391 बी.पी.एल. परिवारों को पात्रता पर्ची (ई-राशनकार्ड) जारी किया गया है। (ग) टीकमगढ़ जिले में अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के राशनकार्ड निरस्‍त नहीं किए गए हैं। बी.पी.एल. श्रेणी के 3,837 राशनकार्ड जांच में अपात्र पाए जाने के कारण निरस्‍त किए गए हैं। (घ) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत प्रदेश की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 75% आबादी की सीमा तक ही लाभ दिया जा सकता है। इस सीमा से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने का प्रावधान अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत नहीं है। वर्तमान में सम्मिलित पात्र परिवारों में से हितग्राही की मृत्‍यु होने, विवाह होने से, अन्‍य स्‍थान पर निवास करने एवं पात्रता श्रेणी में न रहने के कारण हितग्रा‍ही की पात्रता में परिवर्तन होना एक निरंतर प्रक्रिया है, तदनुसार नवीन पात्रता पर्ची निर्धारित सीमा में जारी की जाती है। जुड़ने वाले नवीन परिवारों में बी.पी.एल. एवं अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी को प्राथमिकता दी जाती है। इस वित्‍तीय वर्ष में कुल 1,40,988 नवीन हितग्राहियों को जोड़कर पात्रता पर्ची जारी की गई है, जिसमें टीकमगढ़ जिले के 1,268 हितग्राही सम्मिलित हैं। पात्रता पर्चीधारियों को रियायती दर पर खाद्यान्‍न उपलब्‍ध कराया जा रहा है।

रिकार्ड सुधार हेतु तहसीलदारों को अधिकार

[राजस्व]

160. ( क्र. 1672 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्या म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा-115 भूमि राजस्‍व रिकार्ड सुधार से संबंधित है?                  (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि क्‍या उक्‍त धारा के अंतर्गत पूर्व में रिकार्ड सुधार के अधिकार तहसीलदार के पास हुआ करते थे? अगर हां तो ऐसे अधिकार के आदेश की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि शासन ने ऐसा आदेश कब जारी किया कि अब रिकार्ड सुधार के अधिकार तहसीलदार से हटाकर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) को दिये जाते हैं? आदेश की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (घ) क्‍या रिकार्ड में छोटी सी गलती के कारण किसानों एवं जनता को अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के पास सुधार हेतु चक्‍कर लगाने पड़ते हैं। इस आदेश को शासन निरस्‍त कर पुन: तहसीलदार को आदेशित करेगा हाँ तो कब तक और यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"क" अनुसार। (ग) मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व संहिता यथा संशोधित दिनांक 25/9/2018 में धारा 115 के अधिकार अनुविभागीय अधिकारी को प्रदाय किये गये है। संलग्न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-"ख" अनुसार। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

परिशिष्ट - "साठ"

ओरियन्‍टल पेपर मिल को विक्रय का अधिकार

[राजस्व]

161. ( क्र. 1739 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्या ओरियन्ट पेपर मिल अमलाई द्वारा संस्था स्थापना के समय जो अनुबंध शासन के साथ किया गया था, उन शर्तों के तहत संस्था द्वारा जो भूमि प्राप्त की गई है, उसका रकवा कितना है? (ख) क्‍या प्रश्नांश (क) में प्राप्त भूमि में से कुछ भूमि विक्रय कर दी गयी है? यदि हाँ, तो क्या ओरियन्ट पेपर मिल को विक्रय का अधिकार था? यदि नहीं, तो शासन द्वारा उक्त संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या अनुबंध की शर्तों के तहत् 50-60 प्रतिशत् स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया था, तो क्या नियत सीमा में स्थानीय लोगों को रोजगार दिया गया? यदि नहीं, तो क्यों? पदस्थ कर्मचारियों के श्रेणी में ठेके के मजदूरों को उस दायरे से बाहर रखा जाकर जानकारी दी जावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) कार्यालयीन अभिलेखों अनुसार 273.62 हे. भूमि कंपनी द्वारा लीज पर प्राप्‍त की गई। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) स्‍थापना दिनांक से लेकर आज दिनांक तक ठे‍के के मजदूरों को छोड़कर लगभग 60-70 प्रतिशत स्‍थानीय लोगों को आवश्‍यकतानुसार व्‍यवसाय प्रदान किया गया है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

किसानों की नष्‍ट हुई फसलों का मुआवजा

[राजस्व]

162. ( क्र. 1858 ) श्री विजयपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) क्‍या होशंगाबाद जिले के सोहागपुर विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2018-19 में आई बाढ़ एवं आपदा से अनेकों घर क्षतिग्रस्त हो गये, मवेशी, गाय, भैस, बकरी आदि बहकर मर गये तथा किसानों के घरों में रखी सोयाबीन, गेहूँ, सरसों, चना आदि की फसलें नष्‍ट हो गई, यदि हाँ, तो इस पर विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई? (ख) क्‍या अतिवर्षा के कारण इस क्षेत्र की मुख्‍य फसलों में सोयाबीन, मक्‍का, मूंग, उड़द व सब्जियों की खेतों में पड़ी फसलें नष्‍ट हो चुकी हैं? इन सभी का सर्वे कराकर उसका शत-प्रतिशत नुकसान मानकर किसानों को आर.बी.सी. की पुस्तिका में उल्‍लेखित मुआवजा प्रति हेक्‍टेयर 40 हजार रूपये दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्‍नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र सोहागपुर में नर्मदा किनारे निवासरत गरीब मछुआरे के भी जाल एवं डोंगे बाढ़ में बह गये हैं क्‍या शासन द्वारा उनका भी सर्वे कराया गया है? यदि हाँ, तो ऐसे कितने हितग्राही हैं जिन्‍हें नुकसान हुआ है? उनकी नामवार तथा ग्रामवार जानकारी देवें। (घ) अतिवर्षा के कारण किसानों की नष्‍ट हुई फसलों को नुकसानी के एवज में शासन द्वारा क्‍या निर्णय लिया गया है? क्‍या इन्‍हें मुआवजा राशि से हटकर बीमा राशि का भुगतान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। होशंगाबाद जिले की सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बाढ़/अतिवृष्टि क कारण मकान क्षति, पशुहानि, फसल हानि हुई है। इन्‍हे आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्‍वीकृत की गई है। (ख) जी हाँ। होशंगाबाद जिले की सोहागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत सोयाबीन, मक्‍का, मूंग, उड़द व सब्जियों की फसलें प्रभावित हुई है। संबंधित क्षेत्र के हल्‍का पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव एवं कृषि विभाग के कृषि अधिकारी का संयुक्‍त दल गठन किया जाकर सर्वेक्षण किया गया है एवं राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र 6 (4) में दिए मापदण्‍डों के आधार पर मुआवजा तय की गई। वास्‍तविक नुकसान के आधार पर मुआवजा तय की गई है। निर्धारित मुआवजा के आधार पर भुगतान की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। राशि भुगतान की जा चुकी है। (ग) नर्मदा किनारे निवासरत गरीब मछुआरे के जाल एवं डोंगे के बहने के संबंध में कोई सूचना प्राप्‍त नहीं हुई है। शेष प्रश्‍न उदभूत नहीं है। (घ) किसानों की नष्‍ट हुई फसलों के नुकसान पर राजस्‍व पुस्‍तक परिपत्र के खण्‍ड 6-4 में निहित प्रावधानों के तहत सहायता राशि प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है। राजस्‍व विभाग में बीमा संबंधित कोई योजना संचालित नहीं है।