मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2019 सत्र
बुधवार, दिनांक 18 दिसम्बर, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
नियमित
पद पर पदस्थापना
[वित्त]
1. ( *क्र. 980 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्त विभाग ने वर्ष 2015 में सेवानिवृत्त श्री अजय चौबे, उप सचिव को सा.प्र.वि. के परिपत्र क्रमांक सी-3-12/2011/3/1 दिनांक 03.09.2011 के तहत संविदा पर नियुक्त किया है? (ख) यदि हाँ, तो इसी परिपत्र के साथ संलग्न संक्षेपिका में उल्लेखित अनुसार जिस पद पर संविदा नियुक्ति दी गई है, उस पद को भरने में राज्य शासन को क्या कठिनाई है? वित्त विभाग द्वारा विगत 5 वर्षों में इनके विकल्प तलाशने/तैयार करने से संबंधित अभिलेख उपलब्ध करावें। (ग) क्या श्री अजय चौबे को वित्त विभाग ने निर्माण विभागों से संबंधित बजट कार्य एवं निगम संबंधित कार्य सौंपे हैं? यदि हाँ, तो श्री चौबे निर्माण कार्यों का बजट का कार्य कब से देख रहे हैं? इनके कार्यों में परिवर्तन अभी तक नहीं करने के क्या कारण हैं?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) श्री अजय चौबे को वर्ष 2015 में अपर संचालक, वित्तीय प्रबंध सूचना प्रणाली एवं पदेन उप सचिव के पद पर संविदा नियुक्ति दी गई थी। श्री चौबे को नियमों के विशुद् ज्ञान एवं अनुभव एवं तत्समय फीडर कैडर में समकक्ष अधिकारियों की अनुपलब्धता के दृष्टिगत नियुक्ति प्रदान की गई थी। वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश वित्त सेवा संवर्ग के लिये स्वीकृत पदीय संरचना के युक्तियुक्तकरण पश्चात् अपर संचालक या समकक्ष स्तर के अधिकारी उपलब्ध होने से अब पद पूर्ति में कठिनाई नहीं है। (ग) वित्त विभाग अंतर्गत मूल रूप से 11 शाखायें कार्यरत हैं, जिनमें स्थापना, नियम, आर्थिक विश्लेषण इकाई एवं आठ बजट शाखायें हैं। इन बजट शाखाओं में विभिन्न विभागों एवं उनसे संबंधित निगम/ मण्डल/बोर्ड आदि से संबंधित बजटीय कार्य संपादित होते हैं। सामान्यत: एक उप सचिव को 02 शाखाओं का कार्यभार सौंपा गया है, जो उन शाखाओं के अंतर्गत आवंटित विभागों एवं उनसे संबंधित निगम/मण्डल/बोर्ड संबंधी कार्य संपादित करते हैं। श्री चौबे को वर्ष 2013 में उप सचिव बजट के रूप में नियम शाखा एवं बजट शाखा-9 का कार्य सौंपा गया है। बजट-9 के अंतर्गत कुछ निर्माण विभागों का कार्य संपादित होता है। श्री चौबे द्वारा इन शाखाओं का कार्य कुशलतापूर्वक संपादित किये जाने के परिप्रेक्ष्य में कार्य परिवर्तन की प्रशासनिक आवश्यकता महसूस नहीं किये जाने से परिवर्तन नहीं किया गया है।
मेधावी छात्रवृत्ति योजना का लाभ
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
2. ( *क्र. 279 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री मेधावी छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिये योजना सत्र 2018-19 में कितने विद्यार्थियों की राशि शुल्क के रूप में मध्यप्रदेश शासन ने वहन की है? (ख) लाभार्थियों को देय शुल्क की राशि सहित स्पष्ट जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने विद्यार्थियों का चयन उक्त अवधि में किया गया? कितने आवेदन प्राप्त हुए? उनमें कितने लाभान्वित हुए?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजनांतर्गत मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिये योजना सत्र 2018-19 में 58201 विद्यार्थियों की राशि, शुल्क के रूप में मध्यप्रदेश शासन द्वारा वहन की गई है। (ख) लाभार्थियों को देय शुल्क के रूप में राशि रू. 128,39,64,466/- मध्यप्रदेश शासन द्वारा वहन की गई है। (ग) सत्र 2018-19 में कुल 60005 आवेदन प्राप्त हुये एवं 58201 विद्यार्थी लाभान्वित हुये।
सामु. स्वा. केन्द्र सेमरिया में स्टॉफ की पदपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
3. ( *क्र. 773 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में संरचनागत स्टाफ की कमी है तथा शासन द्वारा जो पद स्वीकृत किये गये हैं, उसके हिसाब से नियुक्तियां नहीं की गईं हैं। (ख) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में दो डॉक्टरों को अटैच किया गया है एवं एक आयुष चिकित्सक की पोस्टिंग की गई है जबकि यहाँ पर मेडिकल स्पेशलिस्ट मिलाकर कुल 7 डॉक्टरों की पदस्थापना होनी चाहिये? (ग) क्या तीन फार्मासिस्ट की जगह एक है, तीन लैब/अटेण्डेंट की जगह दो, तीन वार्ड वाय की जगह एक, दो ड्रेसर की जगह एक, 6 स्टाफ नर्स की जगह 4 ही हैं? क्या पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से मरीजों का समुचित उपचार हो पाना संभव नहीं हो पाता? (घ) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के प्रकाश में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सेमरिया में आमजन को चिकित्सकीय सुविधा प्रदाय कराने हेतु उपरोक्त समस्त पदों को स्वीकृत कर कब तक समस्त नियुक्तियां कर दी जावेंगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। विधानसभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सेमरिया में 02 चिकित्सा अधिकारी, 01 लैब टेक्नीशियन, 01 फार्मासिस्ट (संविदा), 05 स्टाफ नर्स, 01 वार्डवाय, 01 ड्रेसर, 01 स्वीपर (अनुबंध पर) कार्यरत हैं। प्रदेश में विशेषज्ञों की कमी है एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति संबंधी प्रकरण लंबित होने के कारण पदोन्नति संबंधी कार्यवाही नहीं हो सकी है, जिसके कारण भर्ती नियमों में प्रावधानित अनुसार पदोन्नति के पदों की पूर्ति नहीं हो सकी है। (ख) जी हाँ। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सेमरिया में फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के 02 पद के विरूद्ध 01, वार्डवाय के 01 पद के विरूद्ध 01 ड्रेसर के 01 पद के विरूद्ध 01 तथा स्टाफ नर्स के 06 पद के विरूद्ध 05 कर्मचारी पदस्थ हैं एवं लैब अटेण्डेंट का 01 पद स्वीकृत होकर रिक्त है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सेमरिया में पदस्थ स्टाफ द्वारा जन सामान्य को यथा संभव चिकित्सा सेवायें प्रदाय की जा रही हैं। विभाग द्वारा लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, मध्यप्रदेश के माध्यम से सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर चयन उपरांत नियुक्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। साथ ही बंध-पत्र चिकित्सकों एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा आधार पर पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (घ) उत्तरांश (क) एवं (ग) के अनुक्रम में समस्त नियुक्तियों की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
भोजन पकाने वाले समूहों/रसोईयों को प्रशिक्षण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( *क्र. 944 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ़) : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों, आंगनवाड़ी केन्द्रों में अनुबंधित समूहों, महिला मंडलों द्वारा भोजन/नाश्ता वितरण किया जाता है उसमें जिस पानी से भोजन/नाश्ता वितरण किया जाता है, जिस पानी से भोजन पकाया जाता है, क्या उसकी जल प्रशिक्षण रिपोर्ट उपरांत पंजीयन खाद्य औषधि प्रशासन द्वारा पंजीकरण किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो इसके आदेश की प्रति उपलब्ध करायें? (ख) क्या जल प्रशिक्षण खाद्य औषधि विभाग द्वारा प्रदाय किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन समूहों को खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के अधीन पंजीकरण किया गया है? उनके प्रमाण-पत्र के विवरण सहित समूहों के नाम, पता की जानकारी देवें। (ग) क्या भोजन पकाने वाले समूहों/रसोइयों को भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के आदेश के तहत प्रशिक्षण दिलाया गया है? यदि हाँ, तो समूहों से कितनी राशि किस संस्था द्वारा किस आदेश के तहत ली गई और प्रशिक्षण के दौरान क्या-क्या सुविधाएं/सामग्री उपलब्ध कराई गई? परीक्षणार्थियों के नाम, पता की जानकारी देवें। क्या इसमें मात्र खाना पूर्ति की गई है और शासन के रूपयों का अपव्यय हुआ है? यदि हाँ, तो क्या दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शा. चिकित्सालयों में चिकित्सकों की पदपूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
5. ( *क्र. 1365 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी, जिला धार में नालछा, धरमपुरी और धामनोद सरकारी हास्पिटल में कितने डॉक्टर पदस्थ हैं और कितने डॉक्टरों के पद रिक्त हैं? (ख) अगर रिक्त पद हैं तो कब तक इन्हें भरा जायेगा? (ग) क्या इन हॉस्पिटलों में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं, जिसकी वजह से मरीजों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है? यदि हाँ, तो यह कब तक उपलब्ध कराई जायेंगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं में द्वितीय श्रेणी चिकित्सकों के सभी पदों पर चिकित्सक पदस्थ हैं। प्रथम श्रेणी के पद रिक्त हैं, प्रथम श्रेणी के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति के पद हैं वर्ष 2016 से पदोन्नति प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति/पदपूर्ति नहीं की जा सकी। (ग) नालछा, धरमपुरी और धामनोद सरकारी हॉस्पिटल में मूलभूत सुविधायें उपलब्ध हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परासिया विधानसभा क्षेत्रांतर्गत शास. इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्वीकृति
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
6. ( *क्र. 974 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत एकमात्र शास. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) में संचालित होने से आवश्यकता की दृष्टि से विद्यार्थियों की सुविधा हेतु शास. पॉलिटेक्निक महाविद्यालय परासिया (खिरसाडोह) के परिसर में राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से वित्त पोषित शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना कराई जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) में शासकीय इंजीनियर महाविद्यालय की स्थापना कराये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रेषित पत्र पर विभाग द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या विद्यार्थियों की अध्ययन संबंधी सुविधाओं को देखते हुए, उक्त इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान की जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) वर्तमान में कोई प्रस्ताव स्वीकृत नहीं है। (ख) प्रकरण में निर्णय विचाराधीन है। (ग) निर्णय उपरान्त कार्यवाही की जायेगी।
जिला सह. बैंक होशंगाबाद के कालातीत/माफ किए गए ऋण
[सहकारिता]
7. ( *क्र. 530 ) श्री विश्वास सारंग : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न दिनांक को जिला सहकारी बैंक होशंगाबाद का कालातीत ऋण लगभग 243 करोड़ रूपये हो गया है? यदि हाँ, तो इसमें से कृषि ऋण और अकृषि ऋण कितना-कितना है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या पिछले वर्ष 2018 तक लगभग 50 करोड़ रूपये अकृषि ऋण था जिसमें से लगभग 12 करोड़ रूपये की वसूली हो चुकी थी? शेष लगभग 38 करोड़ रूपये ऋण था? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या कालातीत किसानों का वर्ष 2009 से मार्च 2017 तक का कृषि ऋण लगभग 260 करोड़ रूपये था और पिछली सरकार ने वर्ष 2017-18 में ब्याज का लगभग 70 करोड़ रूपया माफ कर समितियों द्वारा किसानों को प्रमाण-पत्र दिये गये थे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत क्या सरकार ने कालातीत किसानों का कर्ज और वित्तीय वर्ष 2018-19 का रेग्युलर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी? यदि हाँ, तो क्या कर्ज माफ हो गया है? यदि हाँ, तो बैंक का वसूली योग्य ऋण प्रश्न दिनांक को कितना है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, होशंगाबाद का दिनांक 31.03.2019 की स्थिति पर कालातीत ऋण राशि रू. 34,279.82 लाख है, जिसमें से कृषि ऋण राशि रू. 24,759.57 लाख, अकृषि ऋण राशि रू. 2840.75 लाख तथा संस्थाओं की साख सीमा राशि रू. 6679.50 लाख है। (ख) जी नहीं। गत वर्ष दिनांक 31.03.2018 की स्थिति पर अकृषि ऋण राशि रू. 3298.68 लाख शेष था, जिसमें से दिनांक 31.03.2019 तक राशि रू. 74.10 लाख की वसूली होकर राशि रू. 3224.57 लाख शेष है। वर्तमान स्थिति दिनांक 29.11.2019 पर अकृषि ऋणों में राशि रू. 204.18 लाख की वसूली होकर राशि रू. 3020.39 लाख बकाया शेष है। (ग) जी नहीं। दिनांक 31.03.2017 पर कुल 30,226 कालातीत कृषक सदस्यों पर राशि रू. 3950.00 लाख कृषि ऋण शेष था। मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 में 14,333 सदस्य किसानों को ब्याज माफी राशि रू. 2724.00 लाख का लाभ दिया गया। (घ) जी नहीं। जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत बैंक कार्य क्षेत्र के कुल 46,606 कृषक सदस्यों का राशि रू. 13258.34 लाख का ऋण माफ हुआ है। दिनांक 30.11.2019 पर राशि रू. 32245.32 लाख का ऋण बकाया है।
प्रदेश में स्थापित उद्योगों की संख्या
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
8. ( *क्र. 1295 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने उद्योग स्थापित हुए हैं? ब्यौरा दें एवं इन उद्योगों में कितने लोगों को रोजगार दिया गया है? (ख) क्या प्रदेश में निवेश लाने की दृष्टि से जनवरी 2019 में मान. मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ प्रदेश के अधिकारियों के साथ दावोस यात्रा पर गए थे? उक्त यात्रा के बाद प्रश्न दिनांक तक इस यात्रा के माध्यम से कितने उद्योग स्थापित हुए एवं कितना निवेश मध्यप्रदेश में आया है? (ग) इंदौर में अक्टूबर 2019 में मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश का इंदौर में आयोजन किया गया था, इस आयोजन में कितनी राशि व्यय हुई एवं इस आयोजन में कितने निवेशकों के एम.ओ.यू. निष्पादित हुए हैं? विवरण दें। एम.ओ.यू. में उद्योग धंधे लगाने की समय-सीमा क्या है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) प्रदेश में 01 जनवरी, 2019 से माह अक्टूबर, 2019 तक कुल 25 वृह्द उद्योग स्थापित हुए हैं एवं इन उद्योगों में कुल 13740 व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, मध्यप्रदेश में निवेश प्रोत्साहन एवं प्रदेश के संसाधनों की देश एवं विदेशों में मार्केटिंग तथा मध्यप्रदेश की ब्रांडिग एवं प्रदेश में उपलब्ध निवेश के अवसरों से निवेशकों को अवगत कराये जाने के उदे्दश्य से जनवरी 2019 में माननीय मुख्यमंत्रीजी के नेतृत्व में उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मण्डल द्वारा दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के वार्षिक सम्मेलन में भाग लिया गया था। माननीय मुख्यमंत्रीजी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मण्डल एवं अन्य की यात्राएं विदेश में मध्यप्रदेश ब्रांड स्थापित करने तथा उद्योग स्थापना के लिए मध्यप्रदेश राज्य को आकर्षक गंतव्य के रूप में प्रचारित करने के प्रयोजन से की जाती है। इसके अंतर्गत सम्भावित निवेशकों के साथ सेमीनार तथा वन टू वन मीटिंग का आयोजन किया जाता है। प्रदेश में पूंजी निवेश आना निरंतर प्रक्रिया है, अत: किसी यात्रा विशेष के परिप्रेक्ष्य में निवेश के बारे में ठोस आंकड़े दिया जाना संभव नहीं है। (ग) मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश 2019 के आयोजन में हुये व्यय के संबंध में नेशनल पार्टनर-सीआईआई द्वारा लेखा परीक्षित विवरण प्रस्तुत किये जा रहे हैं। सीआईआई द्वारा लेखा परीक्षित विवरण प्रस्तुत किये जाने के उपरांत ही आयोजन में हुये व्यय के संबंध में विवरण दिया जा सकेगा। उक्त आयोजन में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा किसी निवेशक के साथ एमओयू निष्पादित नहीं हुये हैं।
विधायक स्वेच्छानुदान राशि का समय-सीमा में उपयोग
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
9. ( *क्र. 899 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक विधान सभा क्षेत्र क्र. 84 जयसिंहनगर द्वारा जिला योजना एवं सांख्यिकीय अधिकारी शहडोल को, वित्तीय वर्ष 2019-20 के विधायक स्वेच्छानुदान योजनांतर्गत हितग्राहियों को स्वेच्छानुदान अनुशंसित कर प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त प्रस्ताव किस तिथि को प्राप्त हुआ और उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) स्वेच्छानुदान की पात्रता का मापदण्ड विवरण सहित बतायें तथा स्वेच्छानुदान राशि स्वीकृत करने की समय-सीमा क्या है? (ग) प्रश्नाधीन स्वेच्छानुदान की राशि हितग्राहियों को किस तिथि तक उपलब्ध करवा दी जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ प्रस्ताव कार्यालय में दिनांक 30.08.2019 एवं 17.10.2019 को प्राप्त हुये, जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) मापदण्ड का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। स्वेच्छानुदान के अंतर्गत प्राप्त प्रकरण पर 07 दिवस की समय-सीमा निर्धारित है। (ग) हितग्राहियों को स्वेच्छानुदान राशि का भुगतान किया जा चुका है।
बुरहानपुर जिले के चिकित्सालयों में रिक्त पदों/संसाधनों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( *क्र. 1226 ) ठाकुर सुरेन्द्र नवल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय जिला चिकित्सालय बुरहानपुर में किस-किस संवर्ग के कितने पद रिक्त हैं? सूची प्रदान करें। साथ ही बुरहानपुर जिले के समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं समस्त चिकित्सालयों में कितने पद रिक्त हैं। संवर्गवार सूची प्रदान करें। (ख) उक्त रिक्त पदों की पूर्ति हेतु क्या योजना है एवं रिक्त पदों की पूर्ति की समय-सीमा क्या है? (ग) बुरहानपुर जिला चिकित्सालय में वर्तमान में कितनी एम्बुलेंस एवं शववाहिनी चालू हालत में कार्यरत हैं? क्या पर्याप्त मात्रा में एम्बुलेंस उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो कब तक एवं कितनी एम्बुलेंस एवं शववाहिनी उपलब्ध कराई जायेंगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, मध्यप्रदेश के माध्यम से सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर चयन उपरांत नियुक्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। साथ ही बंध-पत्र चिकित्सकों एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा आधार पर पद पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) बुरहानपुर जिला चिकित्सालय में 01 शासकीय एम्बुलेंस, 06-जननी एक्सप्रेस तथा 08 एम्बुलेंस 108 योजना के तहत् उपलब्ध हैं जो चालू हालत में हैं। चिकित्सालयों में शववाहिनी की सुविधा स्थानीय प्रशासन द्वारा की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों की पदोन्नति हेतु कमेटी का गठन
[सामान्य प्रशासन]
11. ( *क्र. 1388 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा पिछले विधान सभा सत्र में प्रदेश के अधिकारी/कर्मचारियों के प्रमोशन हेतु शीघ्र ही कमेटी गठित करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो घोषणा के परिपालन में क्या कार्यवाही की गई? (ख) प्रदेश के अधिकारी/कर्मचारियों के प्रमोशन की कार्यवाही कब तक पूर्ण हो जावेगी? (ग) प्रदेश के अधिकारी/कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने हेतु शासन स्तर पर कोई कमेटी गठित की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या सरकार की अध्यापक संवर्ग हेतु 1994 वाला डाइंग केडर पुनर्जीवित कर पदनाम परिवर्तन के साथ शिक्षा विभाग की सभी सेवा शर्तें लागू करने की कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो कब तक लागू कर दी जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) मंत्रि-परिषद द्वारा विभिन्न सेवाओं के वेतनमान में विसंगतियों के संबंध में कर्मचारी आयोग का गठन किये जाने का निर्णय लिया गया है। (घ) अध्यापक संवर्ग को ''मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्तें एवं भर्ती नियम-2018'' के तहत नवीन केडर में उच्च माध्यमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक एवं प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया जाकर स्कूल शिक्षा विभाग के ज्ञाप दिनांक 27.07.2019 द्वारा सेवा शर्तें जारी की गईं हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मंदिरों का जीर्णोद्धार
[अध्यात्म]
12. ( *क्र. 1267 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग के माध्यम से केन्द्र/राज्य बजट एवं शासनाधीन मंदिरों की स्वयं की आय से प्राप्त राशि द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार एवं धर्मावलंबियों हेतु सुविधा दिये जाने के लिये मूलभूत कार्य किये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र जिला अनूपपुर अंतर्गत वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन स्थानों के मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं धर्मावलंबियों की सुविधा हेतु क्या-क्या कार्य किये गये? (ख) उक्त स्थान एवं वर्षों में किन-किन स्थानों पर किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी बजट राशि किस-किस दिनांक को स्वीकृत की गई? स्वीकृत कार्यों एवं स्वीकृत बजट से कितने कार्य पूर्ण हुये, कितने अपूर्ण रहे? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। स्वीकृत राशि उक्त वर्षों में किस-किस एजेंसी को किस-किस कार्य के लिये प्रदान की, उसके माध्यम से हुये कार्यों को व्यय सहित दर्शायें, कार्यस्थल का भौतिक सत्यापन किस सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया? (ग) क्या पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत माँ नर्मदा की उद्गम स्थली अमरकंटक में माँ नर्मदा जयंती के अवसर पर नर्मदा महोत्सव मनाया जाता है? यदि हाँ, तो विभिन्न विभागों द्वारा नर्मदा महोत्सव हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु विगत तीन वर्षों में व्यय की गई वर्ष 2020 में मनाये जाने वाले इस उत्सव हेतु विभिन्न विभाग द्वारा कितनी राशि किस कार्य हेतु व्यय किये जाने की योजना है? क्या जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा नोटशीट क्रमांक 3181 दिनांक 07/11/2019 के माध्यम से संस्कृति विभाग तथा कलेक्टर, अनूपपुर के अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 5111 दिनांक 15.10.2019 के माध्यम से विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस आयोजन हेतु बजट आवंटन की मांग की गई थी? यदि हाँ, तो प्रस्तावित राशि कब तक आवंटित कर दी जावेगी।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। जिला अनूपपुर में शासन संधारित मंदिर नहीं होने से प्रश्नाधीन स्थान पर वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक कोई राशि आवंटित नहीं की गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। माँ नर्मदा के उद्गम स्थली अमरकंटक में स्थानीय आम नागरिकों के सहयोग से माँ नर्मदा जयंती उत्सव मनाया जाता है। पूर्व में धर्मस्व वर्तमान अध्यात्म विभाग एवं संस्कृति विभाग द्वारा अनूपपुर को कोई राशि नहीं दी गई। वर्ष 2020 में मनाये जाने वाले इस उत्सव के लिए जिले के प्रभारी मंत्री माननीय श्री प्रदीप जयसवाल की ओर से नोटशीट क्रमांक 3181 दिनांक 07/11/2019 तथा कलेक्टर अनूपपुर के अर्द्ध शासकीय पत्र क्रमांक 5111 दिनांक 15/10/2019 के माध्यम से बजट आवंटन की मांग हेतु प्रस्ताव संस्कृति विभाग को भेजा गया है। जिस पर कार्यवाही संस्कृति विभाग में प्रचलित है।
जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया
[सामान्य प्रशासन]
13. ( *क्र. 1188 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश अंतर्गत निवासरत नागरिकों के जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाने की क्या प्रक्रिया है? जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाने हेतु किन-किन दस्तावेजों की अनिवार्यता की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रक्रिया में किसी नागरिक के पास वर्तमान तक उसके परिवार के सदस्यों का जाति प्रमाण-पत्र एवं अचल संपत्ति नहीं है तो ऐसी स्थिति में उनके बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाने हेतु क्या-क्या प्रमाण की आवश्यकता है? क्या ऐसे प्रकरणों में प्रमाण प्रस्तुत करने की जवाबदारी आवेदक की होगी? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित नागरिकों के बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र जारी किए जाने हेतु शासन द्वारा कोई निर्देश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो कौन अधिकारी आवेदक के निवास स्थान पर जाकर जाँच करेगा और संतुष्ट होने के लिये क्या-क्या साक्ष्य जुटायेगा? (घ) उज्जैन संभाग अंतर्गत वर्ष 2019-20 में जाति प्रमाण-पत्र बनाये जाने हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं? उसमें से कितने स्वीकृत एवं कितने निरस्त किए गए हैं? निरस्त किए जाने के क्या कारण हैं? वर्गवार (अजा, अजजा, अपिव) की जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जाति प्रमाण जारी किये जाने हेतु जारी परिपत्र दिनांक 13 जनवरी 2014 अनुसार प्रक्रिया निर्धारित है जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर उपलब्ध है। जाति प्रमाण-पत्र जारी किये जाने हेतु दस्तावेजों की अनिवार्यता उक्त परिपत्र की कण्डिका 5.1 से 5.2 के अनुसार है। (ख) इसका प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ की कण्डिका 5.3 में वर्णित है। (ग) जी हाँ। उक्त संबंध में राजस्व अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर जांच करेंगे। साक्ष्य हेतु स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं मोहल्ले के सभ्रांत व्यक्तियों से पूछताछ कर उनके बयान लेंगे व इस आधार पर प्रमाण-पत्र जारी किया जा सकता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्राथ.साख समिति रजौधा के KCC किसान क्रेडिट घोटाले की जाँच
[सहकारिता]
14. ( *क्र. 310 ) श्री बनवारीलाल शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रमुख सचिव सहकारिता द्वारा प्राथमिक (सहकारी) समिति रजौदा जिला मुरैना के अपराधियों के विरूद्ध मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र क्र. 658/C.M.S./ABRTAT, दिनांक 28/2/2016 के संबंध में विधान सभा के 23 जुलाई 2019 के प्रश्न क्रमांक 3266 के संदर्भ में कलेक्टर मुरैना से कार्यवाही हेतु निर्धारित प्रपत्र पर अपराध (आर्थिक) अनुसंधान शाखा को भेजे जाने हेतु निर्धारित प्रपत्र पर प्रस्ताव/प्रतिवेदन प्राप्त कर लिया है? (ख) यदि हाँ, तो वह पत्र क्रमांक व दिनांक बतायें जिसमें प्रमुख सचिव सहकारिता ने कलेक्टर मुरैना से प्रस्ताव/प्रतिवेदन प्राप्त किया है? (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित प्रतिवेदन/प्रस्ताव पर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (E.O.W.) ने प्रकरण पंजीबद्ध किस दिनांक को, किस क्रमांक से किया है? यदि नहीं, तो कब तक प्रकरण दर्ज हो जायेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) कलेक्टर मुरैना के पत्र क्रमांक/सह./2019/2126, दिनांक 07.12.2019 से प्रकरण ई.ओ.डब्ल्यू. को सौंपने हेतु संक्षेपिका के साथ थाना चिन्नौनी जिला मुरैना का प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। कलेक्टर मुरैना द्वारा यह भी बताया गया है कि माननीय लोकायुक्त मध्यप्रदेश के समक्ष जांच प्रकरण क्रमांक 21/2015 भी प्रचलन में है। (ग) कलेक्टर मुरैना का पत्र दिनांक 07.12.2019 ई-मेल के माध्यम से दिनांक 09.12.2019 को प्राप्त हुआ है। प्रकरण में परीक्षण कर आगामी कार्यवाही के संबंध में निर्णय लिया जावेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कृषि उपार्जन केन्द्र पर विक्रय की गई उपज के मूल्य का भुगतान
[सहकारिता]
15. ( *क्र. 180 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत ग्राम लुकवासा, खरई सहित अन्य शासकीय कृषि उपार्जन केन्द्रों पर वर्ष 2018 तथा 2019 में किसानों द्वारा विक्रय की गई चना तथा उड़द सहित अन्य कृषि उपजों के विक्रय मूल्य का भुगतान किया जाना आज दिनांक तक लंबित है? यदि हाँ, तो क्यों तथा उक्त किन-किन कृषि उपार्जन केन्द्रों पर किन-किन किसानों की कौन-कौन सी उपज का कितनी-कितनी मात्रा तथा कितनी-कितनी राशि का भुगतान लंबित है? उपार्जन केन्द्रवार, उपजवार, किसानवार जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त किसानों की कृषि उपजों के विक्रय मूल्य का लंबित भुगतान संबंधितों को कब तक कर दिया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, उपार्जन संस्था स्तर पर शार्टेज होने/कृषि उपज के अमानक होने के कारण। वर्ष 2018-19 में चना, मसूर एवं सरसों के भुगतान हेतु शेष कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार, उड़द के भुगतान हेतु शेष कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार, 2019-20 में चना, मसूर, सरसों के भुगतान हेतु शेष कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार अंकित कृषकों के लंबित भुगतान हेतु रू. 48.21 लाख का प्रतिपूर्ति प्रस्ताव विपणन संघ को प्रेषित किया गया है, प्रस्ताव विचाराधीन है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 में अंकित कृषकों के लंबित भुगतान हेतु संस्था स्तर पर हुई कमी के लिये केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (बी) के तहत प्रकरण दर्ज कराये गये हैं तथा परिवहन स्तर की कमी की वसूली हेतु आर्बीट्रेशन में प्रकरण प्रस्तुत किये गये हैं, निर्णय उपरांत केन्द्र प्रभारियों एवं परिवहनकर्ता से वसूली राशि से किसानों का भुगतान संभव हो सकेगा, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 में अंकित कृषकों के भुगतान हेतु अमानक मात्रा की नीलामी की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, नीलामी से प्राप्त राशि, खरीदी केन्द्र प्रभारियों से वसूली योग्य राशि एवं आर्बीट्रेशन के प्रकरणों के निराकरण पश्चात कृषकों को भुगतान संभव हो सकेगा।
श्योपुर स्थित चिकित्सालय में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करवाने की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
16. ( *क्र. 1134 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों में तथा सरकारी चिकित्सकों को आदिवासी वर्ग के लोगों तथा विधायकों के परिजनों को उपचार तथा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं करवाने के निर्देश जारी किए हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करवाए? यदि नहीं, तो क्या श्योपुर स्थित सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा विजयपुर क्षेत्र के आदिवासी विधायक श्री सीताराम जी आदिवासी की बेटी की प्रसूति नहीं करवाई गई तथा प्रसव पीड़ा से पीड़ित आदिवासी महिला को 8 घंटे इंतज़ार करवाने के बावजूद प्रसव करवाने के लिए कोई डॉक्टर के नहीं पहुँचने का क्या कारण्ा है? (ख) अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों, सिविल सर्जन तथा सी.एम.एच.ओ. का ये कृत्य कर्तव्य पालन में लापरवाही, अनुशासनहीनता है अथवा नहीं? यदि है तो उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? यदि कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जी नहीं, विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से अजजा के विधायक, श्योपुर जिला चिकित्सालय में दिनांक 18.11.2019 को प्रातः 9.30 बजे अपनी बेटी को द्वितीय प्रसव के लिए लेकर पहुंचे थे। डयूटी पर कार्यरत डॉक्टर स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं स्टॉफ के द्वारा प्रसूता की जांच कर मेटरनिटी वार्ड में भर्ती कर ब्लड एवं सोनोग्राफी की जांच कराई गई। सोनोग्राफी रिपोर्ट में प्रसूता को सामान्य प्रसव के दौरान खतरा होने के संबंध में तथा सीजर ऑपरेशन की आवश्यकता एवं प्रेशयस प्रेग्नेंसी के कारण जिला चिकित्सालय शिवपुरी ले जाने हेतु परिजनों को कहा गया, क्योंकि चिकित्सालय में पदस्थ निश्चेतना विशेषज्ञ विजयपुर नसबंदी कैम्प में गए हुए थे एवं दो अन्य विशेषज्ञ अवकाश पर थे। (ख) दो निश्चेतना विशेषज्ञ द्वारा एक साथ अवकाश लेने के संबंध में सिविल सर्जन, श्योपुर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
शासकीय एजेंसी के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
17. ( *क्र. 296 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में विगत पाँच वर्षों में क्षेत्रीय विकास निधि (विधायक निधि) से अनुशंसित प्रि-कॉस्ट स्वागत द्वार, यात्री प्रतीक्षालय, पेयजल हेतु पानी के टेंकर आदि के क्रय हेतु शासकीय एजेंसी एम.पी.एग्रो को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया जाकर योजना क्रियान्वित की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में वर्तमान में शासन द्वारा ऐसे कोई निर्देश जारी किये गये हैं कि, शासकीय एजेंसी के माध्यम से योजना का क्रियान्वयन प्रतिबंधित है? यदि नहीं, तो वित्तीय वर्ष 2019-20 में ऐसे कौन-कौन से विधान सभा क्षेत्र हैं, जहाँ क्षेत्रीय विकास निधि (विधायक निधि) से अनुशंसित कार्यों में एम.पी.एग्रो को क्रियान्वयन एजेंसी मान्य नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि में अनुशंसित कार्यों के संबंध में क्रियान्वयन एजेंसी संबंधी मार्गदर्शन की पृथक से आवश्यकता है? यदि नहीं, तो किन कारणों से नीमच जिले में अनुशंसित एजेंसी के माध्यम से कार्य नहीं कराया जा रहा है। (घ) प्रश्नांश (ख) में अनुशंसित कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जावेगें?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। मा. विधायक से प्राप्त अनुशंसा अनुसार जिलों द्वारा एम.पी. एग्रो को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है। (ग) जी नहीं। जिले में एम.पी. एग्रो को एजेंसी बनाया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) कार्यों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
विधायक निधि द्वारा स्वीकृत कार्यों में अनियमितता की जाँच
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
18. ( *क्र. 385 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा सत्र फरवरी 2019 में प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्न क्र. 102, दिनांक 20 फरवरी, 2019 को विधायक निधि वर्ष 2014-15 एवं 2016-17 में चबूतरा निर्माण में हो रही अनियमितता के संबंध में प्रश्न प्रेषित किया गया था? (ख) क्या प्रश्न की कंडिका (ग) के उत्तर में कार्य के अपूर्ण रहने के लिये संबंधित निर्माण एजेंसी को उत्तरदायी बताया गया था एवं वर्तमान में सभी कार्य प्रगतिरत होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होना बताया गया था? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 274 पिपरिया दिनांक 09/08/2019, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला होशंगाबाद को एवं पत्र क्रमांक 420 पिपरिया दिनांक 30/10/2019 कलेक्टर महोदय, जिला होशंगाबाद को प्रेषित किया गया था? (घ) कंडिका (ग) का उत्तर यदि हाँ, है तो प्रश्नकर्ता द्वारा प्रेषित किये गये पत्रों पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण रहा है एवं इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) से (ग) जी हाँ। (घ) संबंधितों को कारण बताओं नोटिस जारी किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में औद्योगिक निवेश हेतु किये गये प्रयास
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
19. ( *क्र. 119 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2019 से औद्योगिक निवेश हेतु क्या-क्या प्रयास किए गए? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार किन-किन उद्योगों हेतु किन-किन शर्तों के साथ किस-किस कम्पनी से क्या-क्या अनुबंध हुए? पृथक-पृथक बतावें। (ग) प्रश्नांश (क) और (ख) के अनुसार किस-किस जिले में किस-किस स्थान पर कौन-कौन सी कम्पनी अपनी इकाइयां प्रारंभ कर रही हैं तथा प्रदेश के कितने बेरोजगारों को रोजगार देने के संबंध में अनुबंध हुआ है? (घ) अब तक उक्त प्रयास से कितने रूपये का एवं किस औद्योगिक इकाई ने म.प्र. में निवेश किया है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रदेश में औद्योगिक निवेश हेतु किये गये प्रयास निम्नानुसार हैं :-
(ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उद्योगों से अनुबंध निष्पादित नहीं किये गये हैं। (ग) प्रश्नांकित अवधि में निवेशकों द्वारा विभाग अंतर्गत एम.पी.आई.डी.सी. की वेब साईट पर दर्ज जिलेवार वृहद श्रेणी के निवेश आशय प्रस्ताव एवं प्रस्तावित रोजगार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। निवेशकों से रोजगार संबंधी अनुबंध निष्पादित नहीं किया गया है, अपितु उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2019) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य किया गया है। (घ) माह जनवरी 2019 से अक्टूबर 2019 तक प्रदेश में कुल 25 वृहद इकाइयों द्वारा 225273.00 लाख का निवेश किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। माह जनवरी 2019 से अब तक रू. 7589.90 करोड़ के निवेश प्रस्ताव की 12 मेगा औद्योगिक इकाइयों को कस्टमाईज पैकेज स्वीकृत किये गये हैं। उक्त परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 पर है।
डोंगरिया कैप में धान खराब होने की जांच
[सहकारिता]
20. ( *क्र. 175 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा मान. मुख्यमंत्री जी को पत्र क्रमांक/681/जॉच/2019 दिनांक 21-09-2019 को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या अर्पित तिवारी डी.एम.ओ. की लापरवाही से डोंगरिया कैप में धान सड़ रहा है? क्या विभाग द्वारा जांच कराई गई है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन देवें। (ग) क्या अर्पित तिवारी ने अपने करीबी राईस मिलरों को पहले गोदाम से धान प्रदाय किया जिसके कारण डोंगरिया कैप का धान नहीं उठाया गया जो बरसात के कारण भीगने से सड़ गया? यदि हाँ, तो क्या अर्पित तिवारी डी.एम.ओ. पर कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्रमांक/834/2019 दिनांक 16-11-2019 प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल म.प्र. को लेख किया गया था? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा कलेक्टर बालाघाट से जांच कराकर तथ्यात्मक प्रतिवेदन चाहा है। (ख) जी नहीं, बालाघाट जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ से डोंगरिया कैप में 231 मे.टन धान क्षतिग्रस्त हुई। उक्त स्थिति प्राकृतिक कारणों से निर्मित होने से जांच की आवश्यकता नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं, श्री अर्पित तिवारी द्वारा अपने करीबी राईस मिलरों को पहले गोदाम से धान प्रदाय नहीं किया जाकर डोंगरिया कैप क्षेत्र के अन्तर्गत मिलर्स को सर्वप्रथम डोंगरिया कैप से ही धान प्रदाय किया गया। डोंगरिया कैप स्थित क्षेत्र में मिलर्स कम होने के कारण धान का उठाव कम हो रहा है। विगत वर्षों में निकटवर्ती मण्डला जिले एवं गोंदिया (महाराष्ट्र) के मिलर्स द्वारा भी डोंगरिया कैप की मिलिंग की जाती रही है, किन्तु इस वर्ष गोंदिया (महाराष्ट्र) के मिलर्स से मिलिंग कराई जाने की अनुमति खाद्य विभाग से प्राप्त न होने से गोंदिया (महाराष्ट्र) के मिलर्स से मिलिंग नहीं कराई जा सकी, इसी प्रकार मण्डला जिले के 2 राईस मिलर्स से बालाघाट जिले की 48360.00 क्विंटल धान की मिलिंग हेतु अनुबंध निष्पादित किया गया, किन्तु मण्डला जिले में म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन एवं भारतीय खाद्य निगम द्वारा सी.एम.आर. चावल जमा किये जाने हेतु आवश्यकतानुसार स्थान उपलब्ध नहीं कराये जाने से मात्र 2418.00 क्विंटल धान का उठाव डोंगरिया कैप से हो सका एवं मण्डला जिले के मिलर्स से भी मिलिंग नहीं कराई जा सकी, फलस्वरूप मिलिंग में विलंब हुआ है। वर्तमान स्थिति में डोंगरिया कैप में कुल भंडारित धान 32080.70 मे.टन में 23870.80 मे.टन का परिदान मिलर्स को किया जा चुका है, शेष धान की मिलिंग का कार्य प्रगति पर है। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल को लेख किया गया पत्र क्र./834/2019 दिनांक 16.11.2019 विपणन संघ को प्राप्त नहीं हुआ, अत: कार्यवाही का प्रश्न नहीं उठता।
सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
21. ( *क्र. 1159 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ की स्थापना किस वर्ष कितने बिस्तर की स्वीकृति के साथ की गई थी एवं उस समय नरसिंहगढ़ की जनसंख्या एवं अस्पताल में ओ.पी.डी. की संख्या क्या थी? स्वीकृति आदेश की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या अस्पताल स्थापना के बाद से नरसिंहगढ़ की जनसंख्या एवं ओ.पी.डी. की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है, लेकिन उक्त अस्पताल में बिस्तरों की संख्या एवं अन्य सुविधाओं का विस्तार प्रश्न दिनांक तक नहीं किया जा सका है? यदि हाँ, तो इसके क्या मुख्य कारण रहे एवं प्रश्न दिनांक तक बिस्तरों की संख्या 30 से बढ़ाकर 100 करने एवं अन्य सुविधाओं का विस्तार करने हेतु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ में वर्तमान ओ.पी.डी. की संख्या जिले के अन्य सिविल अस्पतालों के समकक्ष है तथा अन्य सभी सिविल अस्पतालों को शासन द्वारा 100 बिस्तर की सुविधा प्रदान की जा चुकी है? यदि हाँ, तो क्या शासन सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ की वर्तमान परिस्थितियों का परीक्षण कर 100 बिस्तर की स्वीकृति सहित अन्य सुविधाएं प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) नरसिंहगढ़ में 37 बिस्तरीय सिविल अस्पताल की स्थापना वर्ष 1986 में हुई थी। जनसंख्या 26 हजार तथा अस्पताल की बाह्य रोगी संख्या लगभग 100 अनुमानित थी। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में नरसिंहगढ़ की बाह्य रोगी संख्या 250-300 एवं भर्ती मरीजों की संख्या 20-23 प्रतिदिन की है। रोगियों की संख्या के अनुसार संस्था की बेड ऑक्यूपेंसी 80 प्रतिशत से अधिक होने पर उन्नयन की पात्रता आती है। सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ की बेड ऑक्यूपेंसी 80 प्रतिशत से कम है। अतः 100 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में उन्नयन की पात्रता नहीं आती है। (ग) जी नहीं। उत्तरांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अधिकारियों/कर्मचारियों के मुख्यालय निवास का सत्यापन
[सामान्य प्रशासन]
22. ( *क्र. 1137 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हरदा जिले में विगत तीन वर्ष से सभी विभाग के अधिकारी/कर्मचारी अपने-अपने पदस्थापना मुख्यालय पर निवासरत हैं? यदि हाँ, तो अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा पदस्थापना मुख्यालय का जो पता दिया गया है, क्या उसका सत्यापन किया गया है व समय-समय पर वह अपने-अपने मुख्यालय पर निवासरत हैं, का सत्यापन किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) अधिकांश अधिकारी/कर्मचारी अपने-अपने पदस्थापना मुख्यालय पर निवासरत् हैं। जिनका समय-समय पर सत्यापन किया गया है। (ख) सत्यापन में अनुपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट पर है।
सिवनी जिलांतर्गत जिला सहकारी बैंक की शाखाओं के सुदृढ़ीकरण में व्यय
[सहकारिता]
23. ( *क्र. 841 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में संचालित जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक एवं जिले में इनकी संचालित शाखाओं में वर्ष 2007 से वर्ष 2015 तक बैंकों के सुदृढ़ीकरण, आधुनिकीकरण एवं अन्य कार्य हेतु व्यय राशि, व्यय प्रक्रिया व उक्त अवधि में क्रय किये गये कम्प्यूटर/सी.सी.टी.वी., कैमरे की क्रय प्रक्रिया सहित बिल वाउचरों व उक्त अवधि में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष/प्रबंधक द्वारा सत्कार/दौर भ्रमण में व्यय की गई राशि की जानकारी विवरण सहित उपलब्ध करायें। (ख) क्या सिवनी जिले में संचालित जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक एवं जिले में इनकी संचालित शाखाओं में वर्ष 2007 से वर्ष 2015 तक की अवधि में बैकों में कम्प्यूटर कार्य, सुरक्षा-कार्य व अन्य कार्य हेतु निर्धारित समयावधि/अधिक समय के लिये कर्मचारियों की भर्ती/नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो क्या उक्त भर्ती प्रक्रिया शासन/विभाग के निर्धारित मापदण्ड अनुसार की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? क्या ऐसा करने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन/विभाग स्तर से कोई कार्यवाही की जावेगी और कब तक। साथ ही उक्त भर्ती/नियुक्ति प्रक्रिया एवं नियुक्ति/भर्ती आदेशों व उस समय नियुक्त कर्मचारियों की अद्यतन स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) सिवनी जिले में संचालित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सिवनी एवं इसकी शाखाओं में वर्ष 2007 से लेकर 2015 तक बैंक के सुदृढ़ीकरण, आधुनिकीकरण एवं अन्य कार्य हेतु व्यय राशि, व्यय प्रक्रिया एवं उक्त अवधि में क्रय किये गये कम्प्यूटर/सी.सी.टी.वी., कैमरे की प्रक्रिया सहित बिल व्हाउचर एवं जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंधक द्वारा सत्कार/दौरा भ्रमण में व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है तथा बिल/व्हाउचर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में संचालित जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं इसकी शाखाओं में 2007 से 2015 तक की अवधि में बैंक में कम्प्यूटर कार्य, सुरक्षा कार्य व अन्य कार्य हेतु निर्धारित समयावधि/अधिक समय के लिए भर्ती का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उक्त भर्ती प्रक्रिया विभाग द्वारा निर्धारित मापदण्ड अनुसार की गई है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
2005 के बाद नियुक्त शास. कर्मचारियों को परिवार पेंशन योजना का लाभ
[वित्त]
24. ( *क्र. 209 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार द्वारा अपने वचन पत्र में 01 जनवरी, 2005 से बंद की गई परिवार पेंशन योजना का लाभ सभी शासकीय कर्मचारियों को प्रदान करने का वचन दिया गया था? यदि हाँ, तो इसका लाभ किस प्रकार से कब तक प्रदान किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) प्रदेश में वर्ष 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों को क्या सेवानिवृत्त या सेवा में रहते हुये मृत्यु होने पर पेंशन का लाभ दिया जाता है? यदि हाँ, तो क्या यह पेंशन 2005 के पूर्व के शासकीय कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन के समान है? (ग) यदि नहीं, तो क्या शासन स्तर पर 2005 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों को 2005 के पूर्व के शासकीय कर्मचारियों के समान पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो इसे कब तक प्रदान किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) वचन पत्र के बिन्दु क्रमांक 47.34 में परिवार पेंशन योजना पर विचार करने का उल्लेख है। राज्य शासन द्वारा कर्मचारियों की सेवा शर्तों हेतु कर्मचारी आयोग का गठन किया गया है। (ख) एवं (ग) दिनांक 01.01. 2005 के पूर्व सेवानिवृत्त/सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर राज्य शासन के कर्मचारियों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम 1976 के प्रावधानों के अंतर्गत पेंशन/परिवार पेंशन का लाभ दिया जाता है। दिनांक 01.01.2005 या उसके पश्चात् नियुक्त कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना के प्रावधानों के अनुसार पेंशन का लाभ दिया जाता है।
रोगी कल्याण समिति की बैठक के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
25. ( *क्र. 1082 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में रोगी कल्याण समिति में कौन-कौन सी स्वास्थ्य संस्थाओं की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक द्वारा की जा सकती है? इन संस्थाओं की इन समितियों की बैठक वर्ष में कितनी बार अनिवार्य है? बासौदा विधानसभा क्षेत्र की इन संस्थाओं की विधिवत रूप से पिछली बैठक कब आयोजित की गई थी? दिनांकवार बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित दिनांक को आयोजित बैठकों की अध्यक्षता किसने की? नाम बतावें तथा कौन-कौन से निर्णय लिये गये थे? उसकी प्रोसीडिंग बतावें। (ग) क्या सिविल अस्पताल गंजबासौदा जिला विदिशा में रोगी कल्याण समिति साधारण सभा की पिछली बैठक जो प्रश्नकर्ता के कार्यकाल प्रारंभ होने से पहले आयोजित की गई थी, उसका सम्पूर्ण रिकॉर्ड प्रोसिडिंग रजिस्टर इत्यादि गायब हैं? यदि हाँ, तो उसके लिये दोषी के विरूद्ध क्या कड़ी कार्यवाही की गई? (घ) क्या प्रश्नकर्ता ने उक्त संबंध में विभाग के जिला एवं राज्य स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र क्र. 468-469 दिनांक 21.10.19 को सूचित किया है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सिविल अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रोगी कल्याण समिति की। साधारण सभा की बैठक वर्ष में एक बार। गंजबासौदा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं की आर.के.एस. की पिछली बैठकों के विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है। जांच पश्चात् जांच प्रतिवेदन के गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। इस संबंध में पूर्व आर.के.एस लेखापाल श्री टी.आर. उच्चरिया के विरूद्ध कार्यवाही हेतु देहात थाना गंजबासौदा को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र लिखा गया है (घ) जी हाँ। देहात थाना प्रभारी गंजबासौदा को कार्यालय राजीव गांधी जन चिकित्सालय गंजबासौदा के पत्र क्र./2019/1300-01 गंजबासौदा दिनांक 28/11/2019 को लेखापाल के विरूद्ध उचित कार्यवाही हेतु लिखा गया है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
शासकीय
कर्मचारियों
को केन्द्र के
समान गृह भाड़ा, गृह
भत्ता एवं
वाहन भत्ते का
प्रदाय
[वित्त]
1. ( क्र. 7 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सितम्बर 2008 में म.प्र. शासन के राजपत्र में म.प्र. शासन के कर्मचारियों को केन्द्र के समान वेतन भत्ते देने हेतु प्रकाशन किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो म.प्र. के कर्मचारियों को केन्द्र के समान गृह भाड़ा, भत्ता एवं वाहन भत्ता क्यों नहीं दिया गया है? (ग) क्या म.प्र. में पदस्थ आई.ए.एस. एवं आई.पी.एस. अधिकारियों को केन्द्र के समान गृह भाड़ा, भत्ता एवं वाहन भत्ता दिया जा रहा है? (घ) यदि हाँ, तो म.प्र. राज्य के अन्य अधिकारियों कर्मचारियों को क्यों नहीं दिया जा रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा छठवें केन्द्रीय वेतन आयोग द्वारा की गई अनुशंसाओं को राज्य शासन के कर्मचारियों को लागू करने संबंधी निर्णय लिया जाकर उक्त विषयक संकल्प का राजपत्र में दिनांक 10.09.2008 को प्रकाशन किया गया था। (ख) (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी अखिल भारतीय सेवायें (गृह भाड़ा भत्ता) नियम 1977 के अनुसार प्रशासित है। इन सेवाओं के लिये वाहन भत्ता के संबंध में कोई निर्देश नहीं है। मध्यप्रदेश शासन के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के लिये वित्त विभाग के आदेश दिनांक 01.09.2012 द्वारा गृह भाड़ा भत्ता स्वीकृत किया गया है तथा सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 11.09.2012 के द्वारा तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वाहन भत्ता स्वीकृत किया गया है।
मार्कफेड द्वारा कराये गये कार्य
[सहकारिता]
2. ( क्र. 26 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में बैरसिया विधान सभा अंतर्गत मार्कफेड के माध्यम से किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? जिलेवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) विपणन संघ से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है।
किसानों की कर्जमाफी
[सहकारिता]
3. ( क्र. 27 ) श्री विष्णु खत्री : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र बैरसिया अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों की कर्ज माफी हो गयी है? संख्या बतायें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों की दो लाख रूपये की राशि की कर्ज माफी हुई है? ग्रामवार, कृषक संख्यावार जानकारी उपलब्ध करावें। शेष कृषकों की कर्ज माफी कब तक हो जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) भोपाल जिले में विधानसभा क्षेत्र बैरसिया के अंतर्गत 21 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कुल 10,930 किसानों की कर्ज माफी हो गई है। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में प्रश्न दिनांक तक कालातीत/एनपीए राशि रू. 2 लाख तक के तथा अकालातीत/पीए राशि रू. 50 हजार तक के ऋण माफ हुये है। बैरसिया विधानसभा क्षेत्र में उपरोक्त मापदण्ड के अनुसार सभी कृषकों पर रू. 2 लाख से कम ऋण शेष होने से किसी भी कृषक के राशि रू. 2 लाख की कर्जमाफी नहीं हुई है। शेष कृषकों की कर्ज माफी प्रक्रियाधीन है।
प्रदेश के जिला मुख्यालयों में चिकित्सकों की नियुक्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( क्र. 57 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 19 के पश्चात किन-किन जिला मुख्यालयों पर कितने-कितने चिकित्सकों की नियुक्ति की गई? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या उज्जैन संभाग के समस्त जिला मुख्यालयों के जिला चिकित्सालयों में शल्य चिकित्सा की जा रही है? यदि हाँ, तो क्या सभी जिला चिकित्सालयों में शल्य चिकित्सा हेतु अनिवार्य एनेस्थीसिया चिकित्सक उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो ऑपरेशन के लिये एनेस्थिसिया चिकित्सक की व्यवस्था कैसे सुनिश्चित की जा रही है? (ग) उज्जैन संभाग के समस्त जिला चिकित्सालयों में एनेस्थीसिया चिकित्सक की पूर्ति कब तक कर दी जायेगी? (घ) गत 1 जनवरी 19 के पश्चात मंदसौर जिला चिकित्सालय में कितने नवीन चिकित्सकों की नियुक्ति की गई तथा कितनों ने नियुक्ति उपरांत त्यागपत्र दे दिया?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन संभाग अंतर्गत जिला चिकित्सालय आगर को छोड़कर अन्य समस्त जिला चिकित्सालयों में सर्जरी कार्य किया जा रहा है। निश्चेतना चिकित्सक उपलब्ध नहीं होने के कारण जिला चिकित्सालय आगर में माइनर सर्जरी कार्य संपादित किया जा रहा है। यथाशीघ्र निश्चेतना योग्यता के चिकित्सक की पदस्थाना की जावेगी। (ग) उज्जैन संभाग में आगर जिला चिकित्सालय के अतिरिक्त समस्त जिला चिकित्सालयों में निश्चेतना विशेषज्ञ/चिकित्सक उपलब्ध है। यथाशीघ्र। (घ) 1 जनवरी 2019 के पश्चात जिला चिकित्सालय मंदसौर में लोक सेवा आयोग से चयनित 03 चिकित्सकों की नियुक्ति/पदस्थापना की गई है इनके अतिरिक्त 03 चिकित्सकों की पदस्थापना स्थानांतरण के माध्यम से, 16 चिकित्सकों की पदस्थापना बंधपत्र के अनुक्रम में तथा 04 चिकित्सकों की पदस्थापना एन.एच.एम. के माध्यम से की गई है। जिला चिकित्सलय मंदसौर में पदस्थ 03 नियमित चिकित्सकों यथा डॉ. विशाल गौड, डॉ.कपिल देव शर्मा, डॉ. दीपक अग्रवाल द्वारा सेवा से त्याग-पत्र दिया गया है।
जन भागीदारी योजना के स्वीकृत कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
5. ( क्र. 62 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये गये? पत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये गये पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ? (ग) जनभागीदारी योजना 25 प्रतिशत अंशदान राशि से कार्य स्वीकृत करने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। कार्य स्थल वाले ग्राम, वार्ड में अ.जा/अ.जा.जा की जनसंख्या कितनी होनी चाहिए तथा इसका प्रमाणीकरण कौन करता है? कार्य स्वीकृति की क्या प्रक्रिया है? (घ) सिलवानी विधानसभा क्षेत्र में योजना प्रारंभ होने से नवंबर 19 की अवधि में स्वीकृत कार्यों की सूची दें। कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ है? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मा. मंत्री जी को प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 22.06.2019 को दो एवं 17.10.2019 को एक पत्र प्राप्त हुये। मा. मंत्री जी द्वारा पत्रवार निम्नानुसार निर्देश दिये गयेः-1. परीक्षण करें। 2. परीक्षण करें। 3. परीक्षण उपरांत आवश्यक कार्यवाही करें। (ख) पत्र में उल्लेखित निर्देशों के पालन में कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है एवं की गई कार्यवाही से मा. विधायक को कार्यालयीन पत्र क्रमांक 926/20.11.2019,871/ दिनांक 07.11.2019 एवं पत्र क्रमांक 787/24.10.2019 द्वारा अवगत कराया गया। पत्र में उल्लेखित समस्याओं पर कार्यवाही किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 25 प्रतिशत जनभागीदारी से कार्य कराये जाने हेतु ग्राम/वार्ड में अ.जा./अजा.जा. की जनसंख्या 50 प्रतिशत होना चाहिये। इसका प्रमाणीकरण ग्राम पंचायत/मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत द्वारा किया जाता हैं कार्यों की स्वीकृति योजना के निर्देशों के अनुरूप की जाती है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। कार्यों के पूर्ण कराये जाने की अवधि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। परिशिष्ट के कालम 9 में उल्लेखित है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
6. ( क्र. 63 ) श्री रामपाल सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सांसद/विधायकों से प्राप्त पत्रों की अलग पंजी बनाने तथा निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही कर की गई कार्यवाही से सांसद/विधायकों को अवगत कराने के निर्देश हैं? (ख) जिला रायसेन में प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन विभागों के अधिकारियों को कब-कब प्राप्त हुए? उक्त पत्रों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता को कब-कब अवगत कराया? (ग) उक्त प्राप्त पत्रों में से किन-किन पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई तथा क्यों तथा किन-किन पत्रों पर की गई कार्यवाही से प्रश्नकर्ता विधायक को अवगत नहीं कराया तथा क्यों? कब-तक अवगत करायेंगे? (घ) क्या प्राप्त पत्रों पर जिला स्तर के अधिकारियों द्वारा एस.डी.एम., तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र भेजने के उपरांत उन पत्रों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई? यदि कार्यवाही की गई तो किन-किन पत्रों पर कितने दिन में क्या-क्या कार्यवाही की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में जोमेटो सहित अन्य खाद्य सामग्री वितरक का रजिस्ट्रेशन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
7. ( क्र. 87 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में खुला खाद्य पदार्थ किसी भी कम्पनी द्वारा कोरियर बाय के माध्यम से वितरित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो नियम की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो जोमेटो कम्पनी द्वारा विभाग की अनदेखी कर कैसे खाद्य सामग्री ग्राहक के घर तक पहुँचाई जा रही है? (ख) प्रदेश में किन-किन शहरों में जोमेटो कम्पनी सहित अन्य खाद्य पदार्थ वितरक कम्पनियाँ विभाग में कहाँ-कहाँ रजिस्टर्ड हैं या कार्य कर रही हैं? सूची देवें? इनके खिलाफ कब-कब किस-किस व्यक्ति ने कहाँ-कहाँ किस-किस तरह की शिकायत की? (ग) क्या जोमेटो जैसी कोरियर कम्पनियों को प्रदेश में कार्य करने हेतु केंद्र शासन से कोई दिशा निर्देश प्राप्त हुए है? यदि हाँ, तो निर्देश की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जी हाँ। जोमेटो कंपनी के संबंध इस प्रशासन को कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। देश सहित प्रदेश में जोमेटो एवं अन्य ई-कामर्स कंपनियों को व्यवसाय करने के संबंध में भारतीय खाद्य संरक्षा मानक प्राधिकरण (भारत सरकार), नई दिल्ली द्वारा आदेश एवं व्यवसाय हेतु गाईड लाईन जारी की गई है जिसकी प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
8. ( क्र. 101 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले की खातेगांव विधान सभा क्षेत्र के कन्नौद, खातेगांव, नेमावर, पानीगांव, अजनास एवं हरणगांव के अस्पतालों में चिकित्सकों के कितने पद रिक्त हैं? प्रत्येक की जानकारी देवें। (ख) क्या राष्ट्रीय राजमार्ग होने के कारण होने वाली एक्सीडेंट की घटनाओं में घायल मरीजों को इंदौर या भोपाल रैफर करना पड़ता है? (ग) क्या कारण है कि इतनी बड़ी जनसंख्या वाले क्षेत्र में अभी तक डॉक्टरों के रिक्त पदों की पूर्ति विभाग द्वारा नहीं की गई है? (घ) खातेगांव में शल्य चिकित्सक एवं कन्नौद में महिला डॉक्टर की पदस्थापना कब तक होने की संभावना है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, केवल गंभीर रूप से घायल मरीजों को ही प्राथमिक उपचार के पश्चात हायर सेंटर पर रेफर किया जाता है। (ग) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है एवं विशेषज्ञ के समस्त पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान होने तथा अप्रैल 2016 से मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञ के पदों को भरे जाने में कठिनाई हो रही है। चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (घ) सा.स्वा.के. कन्नौद में शिशुरोग योग्यता के एक चिकित्सक तथा एक एम.बी.बी.एस. महिला चिकित्सक कार्यरत हैं। सा.स्वा.के. खातेगाँव में 02 नियमित चिकित्सकों की पदस्थापना है एवं सा.स्वा.के. बागली से 02 अधिकारियों को खातेगाँव में कार्य संपादित किए जाने हेतु स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत आदेशित किया गया है। संचालनालय के आदेश दिनांक 05.10.2019 के द्वारा पी.जी. बंधपत्र के अनुक्रम में एक सर्जरी योग्यता के चिकित्सक की पदस्थापना सा.स्वा.के. खातेगाँव में की गई है परंतु उक्त चिकित्सक द्वारा कार्यग्रहण नहीं किया गया है। कार्य ग्रहण नहीं करने वाले चिकित्सकों के मूल शैक्षणिक दस्तावेज संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय में संधारित रहते हैं एवं बंधपत्र अवधि पूर्ण करने अथवा बंधपत्र राशि जमा करने के उपरांत ही मूल शैक्षणिक दस्तावेज संबंधित चिकित्सक को वापस किए जाते है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है।
जिला योजना समिति में विशेष आमंत्रित सदस्यों की नियुक्ति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
9. ( क्र. 111 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला योजना समितियों में विशेष आमंत्रित सदस्यों की नियुक्ति प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो क्या धार जिले में विशेष आमंत्रित दो सदस्यों की नियुक्ति की जा चुकी है? यदि हाँ, तो आदेश किस दिनांक को जारी हुए तथा आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या दिनांक 15/06/2019 को जिला योजना समिति जिला धार की बैठक में समिति सदस्य व अधिकारियों को छोड़कर समस्त पत्रकारगण सहित सभी अर्द्धशासकीय व्यक्तियों को बैठक कक्ष से बाहर जाने के निर्देश दिये गये थे तथा इसका कड़ाई से पालन करवाया गया था? (घ) यदि हाँ, तो दिनांक 15/06/2019 की बैठक में प्रश्नकर्ता विधायक की आपत्ति के उपरांत भी दो व्यक्तियों को विशेष आमंत्रित सदस्य बताकर बैठक में सम्मिलित करवाया गया तथा उनके सुझाव व आपत्तियां प्राप्त की गई जबकी उनके सदस्य के रूप में मनोनयन के आदेश प्रश्न पूछे जाने की दिनांक तक जारी नहीं हुए? (ड.) क्या इस प्रकार दोषपूर्ण व अलोकतांत्रिक तरीके से समिति को भ्रम में रखकर नियम विरूद्ध जिला योजना समिति की बैठक का संचालन करना उचित है? क्या इस पर दोषी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई की जावेगी?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्थानान्तरित स्टाफ नर्स को कार्यमुक्त नहीं किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
10. ( क्र. 124 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अनूपपुर अंतर्गत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर के आदेश क्रमांक पृ.क्र./स्था.नर्सिंग/2019/766-67 दिनांक 09.03.2019 के द्वारा श्रीमती चन्दा शर्मा स्टाफ नर्स का प्रशासनिक स्थानान्तरण सी.एच.सी. कोतमा से सी.एच.सी. पुष्पराजगढ़ के लिये किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, हो तो उक्त स्टाफ नर्स के कार्यमुक्त न होने पर अभी तक एक तरफा कार्यमुक्त न किये जाने हेतु कौन-कौन से अधिकारी दोषी है तथा उनके विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी तथा श्रीमती चन्दा शर्मा स्टाफ नर्स को कब तक स्थानान्तरित स्थान हेतु एक तरफा कार्यमुक्त किया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित श्रीमती चन्दा शर्मा स्टाफ नर्स का स्थानान्तरण आदेश यदि निरस्त किया गया हो तो स्थानान्तरण निरस्त किये जाने वाले आदेश की भी छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या यह सत्य है कि जिला-अनूपपुर अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा जारी आदेशों का पालन अधिनस्थ कर्मचारियों द्वारा नहीं किया जाता है? जिले की प्रशासनिक व्यवस्था ठप्प हो गई है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। माननीय विधायक विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर की अनुशंसा एवं माननीय प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरान्त श्रीमती चन्दा शर्मा, स्टॉफ नर्स का स्थानान्तरण किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला अनूपपुर के आदेश क्र./स्थापना नर्सिंग/2019/3462 दिनांक 03.12.2019 द्वारा चन्दा शर्मा, स्टॉफ नर्स को सी.एच.सी.पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर के लिये एकतरफा कार्यमुक्त किया जा चुका हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं स्थानान्तरण आदेश निरस्त नहीं किया गया है। (घ) जी नहीं। अधिकारियों के आदेशों का पालन पूर्णतः किया जाता है। जिले की प्रशासनिक व्यवस्था शासन के निर्देशानुसार व्यवस्थित रूप से संचालित है।
वर्ष 2018-19 में शासन द्वारा खरीदी गई उड़द एवं मूंग के संबंध में
[सहकारिता]
11. ( क्र. 137 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी बैंक दमोह द्वारा अपनी समितियों के माध्यम से F.C.I. की निगरानी में जिले के किसानों से उड़द एवं मूंग का क्रय किया गया किन्तु माल खरीदने के बाद प्रबंधन की लापरवाही से 5 माह बाद इसको अमानक करार देते हुए इसकी बाजार में नीलामी कर राशि किसानों को दी गई। यदि हाँ, तो इसमें दोषी कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) शासन को किसानों द्वारा बेची गई उड़द एवं मूंग का कितना मूल्य दमोह के कितने किसानों को दिया गया एवं क्रय मूल्य व प्रदाय मूल्य की राशि में प्रत्येक किसान को कितना नुकसान हुआ? (ग) शासकीय कर्मचारियों/व्यवस्था की लापरवाही से किसानों को हुये नुकसान की प्रतिपूर्ति शासन द्वारा अभी तक क्यों नहीं की गई एवं इसे कब तक किया जावेगा? (घ) फसल उपार्जन में लिप्त अधिकारियों/कर्मचारियों पर जिनके कारण किसान को नुकसान एवं शासन की छवि धूमिल हुई उन पर आज तक क्या दंडात्मक कार्यवाही की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक दमोह द्वारा उपार्जन का कार्य नहीं किया जाता। सहकारी सोसायटियों द्वारा उपार्जन एजेंसी म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन के एजेंट के रूप में उपार्जन किया जाता है। सहकारी संस्थाओं द्वारा सर्वेयर की निगरानी में उपार्जन किया गया था, जिसे उत्तरवर्ती समय में उपार्जन एजेंसी म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा अमानक घोषित किया गया। म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा अमानक घोषित की गई जिन्स को नीलाम कर कृषकों को भुगतान किया गया। दोषी समिति प्रबंधकों को बैंक द्वारा नोटिस जारी किया जाकर विभागीय कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। (ख) खरीफ वर्ष 2018-19 में 19,597 कृषकों के द्वारा विक्रय की गई 29,298.75 मे.टन उड़द में से 8,940 कृषकों को समर्थन मूल्य के मान से राशि रू. 65.38 करोड़ का भुगतान किया गया है, शेष 10,651 कृषकों को अमानक घोषित जिन्स 13,626.52 मे.टन जिन्स के नीलामी से प्राप्त राशि रू. 49.00 करोड़ का संस्थावार समान अनुपात में कृषकों को भुगतान किया गया। इस प्रकार 10,651 कृषकों को राशि रू. 37.32 करोड़ की राशि का भुगतान समर्थन मूल्य से कम दरों पर किया गया है। प्रत्येक किसान को समर्थन मूल्य की राशि एवं नीलामी से प्राप्त राशि के अंतर के बराबर की राशि कम प्राप्त हुई है। (ग) विक्रेता कृषकों को उनकी अमानक जिन्स की प्रति नीलामी से प्राप्त राशि का भुगतान किया गया है, जिन्स के अमानक होने के कारण किसानों को कम राशि प्राप्त हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (घ) उपार्जित फसल के अमानक होने के कारण किसानों को कम राशि प्राप्त हुई है तथापि केन्द्र प्रभारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई हेतु बैंक द्वारा जांच अधिकारी नियुक्त किये गये है किन्तु समिति प्रबंधकों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत की गई रिट पिटीशन क्रमांक 6365/2019 में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा याचिकाकर्ताओं के विरूद्ध बलपूर्वक कार्रवाई किये जाने का प्रतिषेध किया गया है।
कर्मचारियों का अटैंचमेंट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
12. ( क्र. 149 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि शिवपुरी जिले में जून 2018 से वर्ष 2019 प्रश्न दिनांक तक ए.एन.एम. नियमित कर्मचारी एवं संविदा कर्मचारियों के अटैचमेंट आदेश जारी किये गये है? यदि हाँ, तो किन-किन के कहाँ-कहाँ पर किस-किस कार्य हेतु कब-कब अटैचमेंट आदेश जारी किये गये, अटैचमेंट आदेश की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि उक्त कर्मचारियों की मूल पदस्थापना कहाँ एवं किस पद पर थी? (ख) उक्त अटैच किये गये नियमित कर्मचारियों, ए.एन.एम. एवं संविदा कर्मचारियों की जिस कार्य हेतु मूल पदस्थापना की गई है वह कार्य किन-किन कर्मचारियों का वर्तमान कौन संपादित कर रहा है? इनके नाम, पद एवं स्थान सहित जानकारी देवें। (ग) जिन कर्मचारियों ए.एन.एम./संविदा/नियमित कर्मचारियों के अटैचमेंट करने के आदेश जारी किये गये है? क्या उसकी अनुमति किसी से ली गई है? यदि हाँ, तो किससे एवं कब ली गई। अनुमति आदेश की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी देवें। (घ) क्या यह सही है कि शासन द्वारा कर्मचारियों के अटैचमेंट करने पर रोक लगा रखी है यदि हाँ, तो रोक के बावजूद अटैचमेंट क्यों एवं कैसे किये गये?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) यह सही है कि प्रशासकीय कार्य सुविधा की दृष्टि से जून 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुछ नियमित ए.एन.एम. के कार्य अनुमति आदेश जारी किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट ''अ'' अनुसार। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शिवपुरी के आदेश क्रं. स्था.नर्सिग/2019/14121 दिनांक 03.12.2019 द्वारा कार्य अनुमति आदेश निरस्त किये गये है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सक्षम अधिकारी है। माननीय जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा के आधार पर प्रसव केन्द्रों को क्रियाशील करने हेतु आदेश जारी किये गये। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। किसी भी ए.एन.एम. का अटैचमेन्ट नहीं किया गया है। केवल व्यवस्था स्वरूप कार्य की अनुमति की गई थी, जिसे आदेश क्र. स्था.नर्सिंग/2019/14121 दिनांक 03.12.2019 द्वारा निरस्त किया जा चुका है।
मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्यवाही में पक्षपात
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
13. ( क्र. 154 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग द्वारा जनवरी 2019 से आज दिनांक तक कितने प्रकरण बनाकर जाँच हेतु राज्य प्रयोग शाला भोपाल भेजे गये है? कितने सैंपल मानक एवं कितने सैंपल अमानक पाये गये है? (ख) क्या यह सही है कि घी में मिलावट के एक प्रकरण में नमूना जाँच रिपोर्ट 15 से 20 दिन में प्राप्त हो गई थी जिसमें जिला प्रशासन द्वारा रासुका की कार्यवाही की गई है? (ग) क्या यह सही है कि अगस्त 2019 में मंछोडी रैयत की एक प्राथमिक शाला में बच्चों के भोजन में जानवर की चर्बी मिलाने वाले स्व. सहायता समूह के विरुद्ध जाँच की रिपोर्ट 3 माह बाद भी अप्राप्त है? जाँच रिपोर्ट कब प्राप्त होगी? (घ) क्या स्व.सहायता समूह द्वारा शाकाहारी बच्चों को चर्बीयुक्त भोजन कराने की पुष्टि होने पर उनके विरुद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत रासुका एवं IPC की धाराओं के तहत कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ङ) क्या राज्य सरकार मिलावटखोरों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु संकल्पित है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में संभाग स्तर पर ऐसी प्रयोग शालाओं की स्थापना किये जाने का प्रयास करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ विक्रेता सुदीप पिता पवन जैन फर्म गणेश दूध डेयरी जलेबी चौक खंडवा से दिनांक 14.08.2019 को जांच हेतु घी एवं मावा का नमूना लिया गया था जिसकी जांच रिपोर्ट कार्यालय अभीहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा प्रशासन जिला खंडवा को दिनांक 28.08.2019 को ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हो गई थी। जिस पर जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। (ग) जी हाँ। दिनांक 22.08.2019 को ग्राम मनछोड़ी रैयत के प्राथमिक स्कूल में संचालित बिस्मिल्लाह स्व-सहायता समूह के घी में जानवर की चर्बी की शिकायत के आधार पर घी और पुलाव के नमूने जांच हेतु लिए गए हैं। जिसके जांच प्रतिवेदन अनुसार पुलाव का नमूना मिथ्या छाप एवं घी का नमूना अवमानक पाया गया है अवमानक एवं मिथ्या छाप पाए गए प्रकरणों में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किए जाने की कार्यवाही की जाती है। (घ) जांच हेतु लिए गए घी एवं पुलाव के नमूनों की जांच प्रतिवेदन अनुसार घी का नमूना अब मानक एवं पुलाव का नमूना मिथ्या छाप स्तर का पाया गया है मिथ्या छाप एवं अमानक पाए गए प्रकरणों में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। (ड) जी हाँ। खाद्य सुरक्षा प्रशासन मध्यप्रदेश द्वारा खाद्य नमूनों की जांच हेतु संभाग स्तर पर प्रयोगशाला इंदौर ग्वालियर जबलपुर सागर एवं उज्जैन में स्थापित करने के प्रशासकीय स्वीकृति आवेदन जारी हो चुके हैं
जिला चिकित्सालय में हो रही अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
14. ( क्र. 155 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिला मुख्यालय के शासकीय चिकित्सालय में मेडिकल कालेज सहित कुल कितने चिकित्सक कार्यरत है? (ख) क्या खण्डवा जिला चिकित्सालय की ओ.पी.डी. एवं भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या के अऩुपात में कार्यरत कुशल चिकित्सकों की संख्या पर्याप्त है? (ग) जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने मरीजों को गंभीर बीमारी/ऑपरेशन के नाम पर इंदौर रैफर किया गया? (घ) क्या यह सही है कि खण्डवा जिला चिकित्सालय का विस्तार होने एवं चिकित्सकों की उपलब्धता के बावजूद मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सिविल सर्जन की लापरवाही के कारण नागरिकों को अपेक्षित स्वास्थ उपचार/सुविधाएं नहीं मिल पा रही है? (ङ) क्या यह सही है कि विगत दिनों श्रीमती क्षमा पति धर्मेन्द्र की बच्ची के उपचार में लापरवाही बरती गई जिससे मरीज की स्थिति खराब होने पर उसे इंदौर रैफर किया गया किन्तु जिला चिकित्सालय की एम्बुलेंस सुविधा नहीं मिलने के कारण बालिका की रास्ते में मौत हुई थी? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (च) यदि हाँ, तो क्या इन दोनों घटनाओं की उच्च स्तरीय जाँच की जाकर दौषियों को दण्डित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खण्डवा जिला मुख्यालय के शासकीय चिकित्सालय में 88 चिकित्सक कार्यरत है। (ख) जिला चिकित्सालय में पर्याप्त चिकित्सक कार्यरत है। (ग) 2340 मरीजों को इन्दौर रेफर किया गया। (घ) जी नहीं। (ङ) जी नहीं, उपचार में लापरवाही नहीं बरती गई। 108 एम्बुलेंस की अनुपलब्धता में जिला चिकित्सालय की शासकीय एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध कराई गयी। जिगित्सा हेल्थ केयर संस्था का वेन्डर मेसर्स साईराम टेक्नों मालिक श्री अमित गर्ग एवं वाहन चालक अमित सुरवे जिम्मेदार पाये गये है। (च) जी हाँ। प्रकरण में विस्तृत जाँच कराई जा रही है। जाँच रिपोर्ट के अनुसार गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
मध्यप्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
15. ( क्र. 157 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में नयी सरकार के गठन के पश्चात मिलावट खोरों के खिलाफ कितने प्रकरण दर्ज किये गये है? कितने प्रकरणों में सेम्पल जाँच हेतु भेजे गये हैं? (ख) जाँच हेतु भेजे गये सेम्पल में कितने प्रकरणों में अमानक खाद्य प्रदार्थ होने की पुष्टि की गई है? प्रदेश में ऐसे कितने व्यापारियों के विरुद्ध रासुका लगाई गई है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी बताएँ? (ग) खण्डवा जिले में अमानक खाद्य सामग्री के कितने प्रकरणों में रासुका लगाई गई? उनके नाम बताएँ? (घ) क्या गत माह खण्डवा में अमानक गुड़ कारखाने पर कार्यवाही की गई थी? जिसमें कई क्विटल अमानक गुड़ मरी हुई छिपकली के साथ बरामद किया गया था। (ड.) यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण की सैंपल जाँच में क्या पाया गया? इस गंभीर प्रकरण में जाँच की कार्यवाही शिथिल क्यों है? कब तक पूर्ण होगी? (च) विभाग द्वारा मिलावटखोरों की कार्यवाही में भेदभाव किया जा रहा है? यदि नहीं, तो ऐसे सभी अमानक खाद्य प्रदार्थ के निर्माता एवं मिलावटखोरों के विरुद्ध सेम्पल जाँच के प्रतिवेदन के आधार पर रासुका की कार्यवाही की जाएँगी? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मध्यप्रदेश में नई सरकार गठन के पश्चात जनवरी 2019 से मिलावट खोरों के खिलाफ 696 प्रकरण दर्ज किये गये है 13681 खाद्य नमूने जांच हेतु भेजे गये है। (ख) जांच हेतु भेजे गये 13681 नमूनों में से 1868 नमूने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 विनियम, 2011 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अवमानक पाये गये। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत विभिन्न जिला कलेक्टर द्वारा की गयी कार्यवाही की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) खंडवा जिले में अवमानक खाद्य सामग्री विक्रय/संग्रह करने पर 01 आरोपी विक्रेता सुदीप जैन पिता पवन जैन मेसर्स गणेश दूध डेयरी जलेबी चौक खंडवा के विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही की गई है। (घ) जी हाँ। दिनांक 06.10.2019 को गुड कारखाने पर कार्यवाही कर 8 क्विटंल गुड़ जप्त किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ड.) दिनांक 06.10.2019 को गुड़ कारखाने पर कार्यवाही करते हुये गुड़ के 02 नमूने जांच हेतु लिये गये है जो कि राज्य खाद्य जांच प्रयोगशाला में विश्लेषणाधीन है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (च) जांच हेतु लिये गये नमूने अवमानक पाये जाने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006, विनियम, 2011 अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत प्रकरण में विचारोपरांत जिला कलेक्टर द्वारा कार्यवाही की जाती है।
कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका के विरूद्ध कार्यवाही करना
[सहकारिता]
16. ( क्र. 176 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाये म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/वि.प./उर्व/ध्या./2019/2327 दिनांक 20-09-2019 को लेख किया यदि हाँ, तो उस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई, यदि नहीं, की गई तो दोषी कौन? (ख) क्या कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित है यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या महाप्रबंधक विजयसिंह कुर्मी के कार्यकाल में बालाघाट में कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका का भुगतान किया गया यदि हाँ, तो महाप्रबंधक विजयसिंह कुर्मी को क्यों निलम्बित नहीं किया गया? (घ) केन्द्रीय मर्यादित बैंक म.प्र. के कितने जिले में रासायनिक खाद कृषकों को बेचती है किस नियम से नियम बतावें? बालाघाट जिले में नियम विरूद्ध कितने रासायनिक खाद बेचे जा रहे है क्या कलेक्टर बालाघाट ने जाँच हेतु पत्र लेख किये थे यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। म.प्र. राज्य सहकारी बैंक द्वारा तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय सिंह कुर्मी एवं श्री पी.एस. धनवाल के विरूद्ध म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित भोपाल के सेवायुक्त के (सेवायुक्तों के नियोजन, निबंधन एवं कार्यस्थिति) सेवानियम के अंतर्गत कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किये गये हैं तथा समान अनुपात में वसूली का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये आदेश जारी कर दिये गये हैं। म.प्र. राज्य सहकारी बैंक द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, बालाघाट को उत्तरदायी शाखा प्रबंधकों एवं समिति प्रबंधकों से कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका को भुगतान की राशि की वसूली हेतु कार्यवाही के निर्देश पूर्व में ही जारी कर दिये गये थे। पुन: बैंक के पत्र दिनांक 07.12.2019 से उत्तरदायी शाखा प्रबंधकों एवं समिति प्रबंधकों के विरूद्ध प्रशासनिक कार्रवाई एवं समान अनुपात में वसूली की कार्रवाई किये जाने बाबत निर्देश दिये गये हैं। उपायुक्त सहकारिता जिला बालाघाट के द्वारा जांच कराई जाकर जांच प्रतिवेदन अनुसार दोषी पाये गये महाप्रबंधक/शाखा प्रबंधक/समिति प्रबंधक एवं शासकीय प्रशासक/अशासकीय प्रशासक के विरूद्ध राशि की वसूली हेतु म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (बी) के तहत प्रकरण जांच अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किये गये है। प्रभारी उपायुक्त सहकारिता द्वारा उत्तरदायी व्यक्तियों की विभागीय जांच के संबंध में प्रस्ताव नहीं भेजे गये है, अत: उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है। (ख) आपराधिक दायित्व के तहत जांच करने के लिये राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से जांच कराये जाने का प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया गया है। (ग) जी हाँ, श्री विजय सिंह कुर्मी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट द्वारा समितियों को कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पत्रिका की सदस्यता के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिये गये। केवल इनके कार्यकाल में पूर्व में जारी निर्देशों के अंतर्गत पत्रिका की सदस्यता की प्रक्रिया जारी थी, अत: श्री कुर्मी को निलंबित नहीं किया गया। (घ) प्रदेश में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा कृषकों को रासायनिक खाद का विक्रय नहीं किया जाता है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अनुसार बालाघाट जिले में समितियों द्वारा नियम विरूद्ध रासायनिक खाद का वितरण नहीं किया जाता है। बालाघाट जिले की सेवा सहकारी समितियों में बिना सक्षम अनुमति के कृषक किंग गोल्ड जाइम लिक्विड का विक्रय किये जाने के संबंध में कलेक्टर जिला बालाघाट द्वारा पत्र क्रमांक/टीए/शिकायत/2019-20/1247 दिनांक 17.07.2019 बैंक को संबोधित कर लिखा गया था जिसके परिपालन में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा श्री ओ.पी. मंडले संस्था प्रबंधक समिति हट्टा एवं श्री राम सिंह धुर्वे संस्था प्रबंधक समिति बोंदा को निलंबित किया गया था। वर्तमान में उक्तानुसार दोनों सेवायुक्तों को बैंक द्वारा बहाल कर दिया गया है। बैंक द्वारा कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका से संबंधित शिकायत की जांच जारी है, जांच उपरांत दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जा सकेगी।
जबेरा विधान सभा में पदस्थ चिकित्सकों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
17. ( क्र. 183 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तेंदूखेड़ा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सर्रा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेजगढ़, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नोहटा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रोंड में वर्तमान में कितने चिकित्सकों के पद स्वीकृत है उनके विरुद्ध कितने चिकित्सक पदस्थ है, कितने पद कितने समय से रिक्त है, रिक्त पदों में चिकित्सकों को पदस्थ करने के लिए शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है एवं कब तक पदस्थ किये जावेंगे। जिन चिकित्सा केन्द्रों में चिकित्सक उपलब्ध नहीं है वहा मरीजों के चिकित्सा हेतु क्या व्यवस्था की गई हैं। अगर नहीं तो क्यों नहीं? (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तेंदूखेड़ा में विगत 05 वर्षों में किन-किन वर्षों में कितने एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध रहे हैं उन पर कितना व्यय हुआ है वर्तमान में कितने वाहन है कितने बंद पड़े है अगर बंद है तो क्यों और कब तक मरीजों को एम्बुलेंस वाहन की सुविधा प्राप्त हो सकेंगी।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। चिकित्सकों के रिक्त पदों की पूर्ती निरंतर जारी है। म.प्र.शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेश क्र.2020 दिनांक 04.11.2019 द्वारा प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 547 चिकित्सकों की नियुक्ति की गई, इनमें से 11 चिकित्सक दमोह जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में पदस्थ किये गये है, इनमें से जबेरा विधानसभा अंतर्गत 02 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तेजगढ़ एवं रोंड में चिकित्सक पदस्थ किये गये है। साथ ही संचालनालय आदेश दिनांक 05.09.2019 द्वारा 07 स्नातक बंधपत्र चिकित्सक दमोह जिले में पदस्थ किये गये है, इनमें से 01 चिकित्सक को जबेरा विधानसभा अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सर्रा में पदस्थ किया गया है। ऐसी संस्थाओं में जहां चिकित्सक उपलब्ध नहीं है, में स्थानीय व्यवस्था अंतर्गत चिकित्सक की ड्यूटी लगाई गई है तथा संस्था में उपलब्ध चिकित्सक/स्टाफ द्वारा आमजन को स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जा रही है। (ख) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तेंदूखेड़ा में 01 एम्बुलेंस वाहन क्र. एम.पी. 02, 0562 स्वराज माजदा वर्ष 2004 में प्रदाय की गई थी, जो विगत 08 वर्षों से बंद है तथा वाहन कंडम स्थिति में है। विगत 05 वर्षों से सुधार कार्य में कोई राशि व्यय नहीं की गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तेंदूखेड़ा में चार 108 एम्बुलेंस वाहनों के माध्यम से एम्बुलेंस सुविधा प्रदान की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सोसायटीयों में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जांच
[सहकारिता]
18. ( क्र. 190 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि सहकारिता मंत्री द्वारा दिनांक 15 या 16 नवंबर 2019 को जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित उज्जैन शाखा नागदा अंतर्गत सेवा सहकारी संस्था रूपेटा, रोहलखुर्द, झांझाखेडी, झिरन्या शेख संस्थाओं में 1 जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक किए गए भ्रष्टाचार व अनियमितता के संबंध में 8 बिन्दुओं की प्राप्त शिकायत में जिले के बाहर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सघन जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध जांच कराने की मांग पर जांच के आदेश दिए गए है? (ख) यदि हाँ, तो जांच किस अधिकारी द्वारा की गयी? जांच में क्या-क्या अनियमितताएं पायी गयी? पृथक-पृथक सोसायटीवार सम्पूर्ण विवरण दें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, शिकायत प्राप्त हुई है, परन्तु शिकायत प्रश्न दिनांक तक जांच हेतु नहीं है, शिकायत में उज्जैन जिले से बाहर के अधिकारियों से जांच का अनुरोध किया है परन्तु जांच आदेश में ऐसे कोई निर्देश नहीं है। (ख) शिकायत जांच हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला उज्जैन को आयुक्त सहकारिता के कार्यालयीन पत्र क्रमांक साख/सीबी-3/यू-35/2019/4043 दिनांक 25.11.2019 से भेजी गई है। जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है।
सेवा सहकारी समिति में कार्यरत सेल्समेन
[सहकारिता]
19. ( क्र. 210 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वृहत्ताकार कृषि साख सेवा सहकारी समिति रीठी, जिला कटनी द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में कहां-कहां पर कौन-कौन से विक्रेताओं द्वारा उचित मूल्य की दुकानों का संचालन किया जा रहा है? ये सेल्समेन किन प्रक्रियाओं के तहत वृहत्ताकार कृषि साख सेवा सहकारी समिति रीठी, जिला कटनी में किसके आदेश से कब से कार्यरत हैं? संपूर्ण सूची देवें। (ख) क्या अनुविभागीय अधिकारी कटनी, जिला कटनी द्वारा सहायक आयुक्त सहकारी, जिला कटनी को लिखे अपने पत्र क्रमांक/1919/अ.वि.अ./खाद्य/10, दिनांक 21/7/2010 के अनुसार। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सेवा सहकारी समिति के सेल्समेन श्री ज्ञानचंद लंहगेर, श्री गंगाराम बर्मन एवं श्री दीपक दास बैरागी को विक्रेता के कार्य से निष्कासित/पृथक करते हुये ये निर्देश भी दिये गये थे कि भविष्य में कभी इनकी समिति में सेल्समेन के पद पर पुनर्नियुक्ति न की जावे? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में श्री गंगाराम बर्मन पुन: वृहत्ताकार साख सेवा सहकारी समिति रीठी द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकान में क्या सेल्समेन का कार्य कर रहे हैं? तो क्या यह विधिसम्मत है? क्या शासन इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वृहत्ताकार कृषि साख सेवा सहकारी समिति रीठी जिला कटनी द्वारा वर्तमान में कुल 14 उचित मूल्य दुकानों का संचालन 7 विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है। संस्था में कार्यरत सेल्समेनों की नियुक्ति तत्कालीन संचालक मंडल द्वारा की गई है। संस्था में कार्यरत विक्रेताओं की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित विक्रेताओं की सेवाएं वृहत्ताकार कृषि साख सेवा सहकारी संस्था रीठी जिला कटनी द्वारा कभी समाप्त ही नहीं की गई, श्री गंगाराम बर्मन वर्तमान में संस्था में विक्रेता के पद पर कार्यरत नहीं होकर, लेखापाल के पद पर कार्यरत है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मांगीलाल चूरिया चिकित्सालय एवं मूसाखेडी में चिकित्सालय बाबत्
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
20. ( क्र. 225 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इन्दौर शहर के मांगीलाल चूरिया चिकित्सालय के निर्माण हेतु बजट आवंटन किया गया था? चिकित्सालय की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें? इतने समय बीतने पर भी आज तक निर्माण कार्य पूर्ण क्यों नहीं हो पाया? कार्य कब तक पूर्ण किया जावेगा? (ख) क्या यह सही है कि लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा इन्दौर शहर के मूसाखेडी क्षेत्र में चिकित्सालय निर्माण हेतु राशि आवंटित की गई थी? क्या यह सही है कि इस निर्माण कार्य का भूमिपूजन भी कर दिया गया था? अभी तक निर्माण कार्य क्यों प्रारंभ नहीं हो पाया है? कार्य कब प्रारंभ किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। पूर्व निर्मित भवन में चिकित्सा संस्था संचालित है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उन्नयन के लिये विभाग द्वारा संशोधित कॉन्सेप्ट प्लान अनुमोदन कर निर्माण एजेन्सी परियोजना संचालक, पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग को भेजा गया है, तदानुसार पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग द्वारा अनुबंध अनुसार कार्य किया जायेगा। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। निर्माण हेतु चयनित भूमि पर विवाद होने के कारण माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर का स्थगन है इस कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बागरी जाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र जारी करना
[सामान्य प्रशासन]
21. ( क्र. 229 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश दिनांक 8 जुलाई 2019 में प्रदेश के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व/समस्त कलेक्टर/समस्त संभाग आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि जिनके परिवार के किसी भी सदस्य पिता/भाई/बहिन को पूर्व में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है उनके परिवार के अन्य सदस्यों को जाति प्रमाण पत्र जारी किये जावें? (ख) प्रश्नांश (क) के निर्देशों के बावजूद भी क्या जबलपुर जिला अंतर्गत निवासरत बागरी जाति के सदस्यों को अनुविभाग अधिकारी राजस्व द्वारा अनु.जाति के लिये प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जा रहे है। क्या यह कृत्य प्रश्नांश (क) निर्देशों का उल्लघंन नहीं है? 1 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय में लंबित हैं? कब तक इन्हें प्रमाण पत्र जारी कर दिये जावेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जबलपुर जिले में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। 01 जनवरी 2016 से प्रश्न दिनांक तक बागरी जाति के प्रमाण-पत्र हेतु कोई आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्ग आरक्षण
[सामान्य प्रशासन]
22. ( क्र. 239 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान में प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से लागू किया गया है? आरक्षण के क्या मापदंड हैं? विवरण दें। (ख) शासन द्वारा 27 प्रतिशत आरक्षण को पिछड़ा/अति पिछड़ा वर्ग हेतु कितने-कितने प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया है? (ग) मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग तथा अति पिछड़े वर्ग में कौन-कौन सी जातियां आती हैं? पिछड़ा वर्ग तथा अति पिछड़ा वर्ग की कुल कितनी जाति तथा उनकी कुल कितनी संख्या प्रदेश में है? क्या अति पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग हेतु एक समान आरक्षण व्यवस्था है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। दिनांक 08 मार्च 2019 से। आवेदक का परिवार क्रीमीलेयर की श्रेणी में नहीं आता हो। क्रीमीलेयर के मापदण्ड पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। अति पिछड़े वर्ग में राज्य शासन द्वारा कोई जाति घोषित नहीं की गयी है।अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्यप्रदेश में वर्तमान में पिछड़ा वर्ग की कुल 93 जाति/उपजाति/वर्गसमूह है। जातियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशष्ट के प्रपत्र 'ब' पर है। अति पिछड़े वर्ग में राज्य शासन द्वारा कोई जाति घोषित नहीं की गयी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों की लंबित मांग
[सामान्य प्रशासन]
23. ( क्र. 240 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों की कौन-कौन सी मांगे विभाग के पास लंबित है, जिनकों सरकार द्वारा स्वीकार किये जाने पर कोई भी आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कर्मचारियों की लंबित मांगों को कब तक पूर्ण कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत मध्यप्रदेश के शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों की किन-किन मांगों पर सरकार सहमत नहीं है? कारण सहित बतावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
चिटफण्ड कंपनियों पर कार्यवाही
[वित्त]
24. ( क्र. 243 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में ग्वालियर जिले में प्रशासन द्वारा कितनी चिटफण्ड कंपनियों पर कार्यवाही की गई? दिनांक सहित पूर्ण विवरण दें। शासन/प्रशासन द्वारा चिटफण्ड कंपनियों की कितनी चल व अचल सम्पत्तियों को कुर्क किया गया और कंपनियों की कितनी सम्पत्तियों पर विक्रय पर प्रतिबंध लगाया गया है? सर्वे नंबर व रकबावार, स्थल नाम सहित जानकारी देवें। (ख) विक्रय पर प्रतिबंध के बाद भी कितनी कंपनियों द्वारा प्रतिबंधित भूमियों के विक्रय की कार्यवाही की गई? कंपनीवार सर्वे नबंरवार जानकारी दें। प्रतिबंधित विक्रयशुदा भूमियों के विक्रय पर संबंधित कंपनियों/संबंधितों उप पंजीयकों तथा राजस्व अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? नाम सहित पूर्ण विवरण दें। (ग) इन भूमियों की पूर्व स्थिति में वापसी के लिये क्या कार्यवाही की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) दि चिट फण्ड्स एक्ट, 1982 (वर्ष 1982 का संख्या 40) की धारा 4 के प्रावधानों के तहत चिट का व्यवसाय करने हेतु राज्य शासन की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करनी होती है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा उक्त अधिनियम के तहत चिट का व्यवसाय करने अथवा संचालित करने हेतु कोई स्वीकृति प्रदान नहीं की गई है और न ही चिट का व्यवसाय करने हेतु किसी के द्वारा कोई चिट अनुबंध पंजीकृत करवाया गया है। अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषकों के नाम पर फर्जी ऋण जारी किया जाना
[सहकारिता]
25. ( क्र. 253 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. शासन के द्वारा कृषकों के लोन माफी की घोषणा के पश्चात् सतना एवं रीवा जिलों में किन-किन पंचायतों के द्वारा लोन लेने वाले कृषकों की सूची पंचायत भवनों में चस्पा एवं जारी की? दिनांक 01.01.2019 से प्रश्नतिथि तक दोनों जिलों में क्या फर्जी लोन जारी करने के प्रकरण सामने आये? माहवार/प्रकरणवार/जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या सहकारिता विभाग के अंतर्गत कार्यरत बैंकों/सोसायटियों द्वारा कृषकों की जानकारी (सहमती) के विरूद्ध उनके नाम से फर्जी ऋण लिया जाना दिनांक 01.01.2019 से प्रश्नतिथि तक सतना एवं रीवा जिले में पाया गया? क्या उक्त फर्जी ऋण लेने की जांच सहकारिता विभाग एवं संबंधित स्थानों के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के द्वारा प्रश्नतिथि तक की गई? अगर हां, तो प्रकरणवार हुई सभी जांच रिपोर्ट की एक-एक प्रति निष्कर्षों सहित उपलब्ध करायें। (ग) किन-किन सहकारी समितियों ने कुल कितने किसानों के नाम पर कितनी राशि का फर्जी ऋण निकाल रखा था? जिलेवार/अनुविभागवार जानकारी दें। जिला कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारियों के द्वारा प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में उल्लेखित के विरूद्ध प्रश्नतिथि तक संबंधित थाना क्षेत्रों से प्रकरणवार एफ.आई.आर. दर्ज करवाते हुये क्या कार्यवाही की? प्रकरणवार/जिलेवार जानकारी दें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजना की घोषणा के पश्चात रीवा एवं सतना जिले की समस्त पंचायत भवनों पर कृषकों का दिनांक 31.03.2018 पर शेष ऋण की सूची जारी कर चस्पा की गई थी। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वरिष्ठ निरीक्षकों के एक स्थान पर तीन वर्षों से ज्यादा पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
26. ( क्र. 254 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2018 से प्रश्नतिथि तक प्रदेश में किस-किस स्थान पर कितनी-कितनी मात्रा में कोरेक्स एवं अन्य प्रतिबंधित दवाओं को पुलिस द्वारा/ड्रग कंट्रोलर के अंतर्गत आने वाले विभाग द्वारा पकड़ा गया? स्थानवार/पकड़ी गई प्रतिबंधित दवावार/उसकी कुल कीमतवार/किसके द्वारा पकड़ी गई (पुलिस/ड्रग कंट्रोलर के मातहत)/माहवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयानुसार इन प्रतिबंधित दवाओं को क्या पुलिस द्वारा ज्यादा जब्त किया? अगर नहीं तो पुलिस द्वारा कितने प्रकरण कायम किये? विभाग द्वारा कितने प्रकरण कायम किये? स्थानवार/प्रकरणवार/माहवार जानकारी दें। (ग) ड्रग कंट्रोलर म.प्र. के अंतर्गत प्रदेश में किन-किन स्थानों पर प्रश्नतिथि तक 3 वर्ष एवं उससे ज्यादा की अवधि से ड्रग इंस्पेक्टर (निरीक्षक) एवं वरिष्ठ ड्रग इंसपेक्टर (निरीक्षक) पदस्थ हैं? नाम/पदनाम/पदस्थापना स्थल/पदस्थापना दिनांक सहित जानकारी दें? 3 वर्ष से ज्यादा एक ही पदस्थापना स्थल पर पदस्थ रहने वाले औषधि निरीक्षकों/वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों के कार्य क्षेत्र में पुलिस द्वारा कोरेक्स एवं अन्य प्रतिबंधित दवाओं को कितनी मात्रा में जब्ती की गई एवं प्रकरण कायम किये गये वहीं औषधि विभाग द्वारा कितनी मात्रा में जब्ती की गई और प्रकरण कायम किये गये? सूची प्रकरणवार उपलब्ध करायें। (घ) क्या विभाग कोरेक्स जैसी दवायें जिन्हें युवा नशे के तौर पर बहुतायत उपयोग कर रहे हैं की बरामदगी 3 वर्ष से ज्यादा एक ही स्थान पर पदस्थ औषधी निरीक्षकों/वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों के कार्य क्षेत्र में होने से उक्त कर्मचारियों की ड्रग माफियाओं से संलिप्तता पाता है? अगर नहीं तो 3 वर्ष से ज्यादा एक स्थान पर पदस्थ अधिकारियों को कब तक हटाया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कोरेक्स नाम की दवा से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। यह दवा प्रतिबंधित दवाओं की श्रेणी में नहीं आती है। अन्य प्रतिबंधित दवाओं के संबंध में जानकारी निरंक है। (ख) प्रतिबंधित दवाओं के संबंध में जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न ही नहीं उठता।
म.प्र.स्थापना दिवस आयोजन में स्थानीय विधायक के विशेषाधिकार का हनन
[सामान्य प्रशासन]
27. ( क्र. 316 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.स्थापना दिवस आयोजित किये जाने हेतु क्या-क्या निर्देश प्रदान किये गये थे? आदेश की प्रति उपलब्ध करावें? विकासखण्ड सारंगपुर में किस सार्वजनिक स्थान पर म.प्र.स्थापना दिवस का आयोजन किया गया? स्थान, समय तथा किन-किन जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति एवं अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया? नाम सहित अवगत करावें। (ख) राजगढ़ जिले के किन-किन विकासखंड मुख्यालयों पर म.प्र.स्थापना दिवस मनाया गया एवं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं अध्यक्षता हेतु किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था? विकासखंडवार नामवार जानकारी देवें। (ग) विकासखंड सारंगपुर में म.प्र. स्थापना दिवस सार्वजनिक स्थल पर नहीं मनाने के कारणों से अवगत करावें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार सारंगपुर विकासखण्ड मुख्यालय पर सार्वजनिक स्थान पर स्थानीय विधायक की अध्यक्षता में म.प्र.शासन का अतिमहत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन नहीं करनें पर तथा स्थानीय विधायक के विशेषाधिकार का हनन करने वाले दोषियों के विरूद्ध शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) निर्देश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासन के निर्देशानुसार समारोह जिला मुख्यालय पर आयोजित किया जाना था इसलिए विकासखंड सांरगपुर में आयोजन नहीं किया गया। (ख) कार्यक्रम जिला मुख्यालय में आयोजित किया गया जिसके कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय मंत्री जी ऊर्जा विभाग थे। उक्त आयोजन में सम्मिलित होने हेतु सभी माननीय विधायक महोदय एवं जनप्रतिनिधि को आमंत्रित किया गया। (ग) शासन के निर्देशानुसार सारंगपुर में कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। (घ) उत्तर (ग) के संदर्भ में विशेषाधिकार हनन का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जय किसान ऋण माफी योजनान्तर्गत किसानों का ऋण राशि की स्वीकृति
[सहकारिता]
28. ( क्र. 319 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत वर्ष 2018-19 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा राशि रू. 2.00 लाख तक की ऋण माफी होना थी? यदि हाँ, तो समितियों द्वारा किसानों के ऋणमाफी के प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजे गये थे? कलेक्टर लॉगिन से जय किसान ऋण माफी के शेष रहे किसानों की जानकारी समितिवार, ग्रामवार, कितनी-कितनी राशि स्वीकृत होना शेष है की जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार समितियों के द्वारा जिन हितग्राहियों के ऋण माफी के प्रकरण कलेक्टर लॉगिन से स्वीकृति से शेष रहे है उन क्या किसानों को डिफाल्टर घोषित किया है? यदि हाँ, तो इसमें किसानों का क्या दोष हैं? यदि नहीं, तो कितने किसानों को कुल कितनी ऋणराशि/खादबीज सामग्री प्रदाय की गई है? पृथक-पृथक संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जयकिसान ऋणमाफी योजनान्तर्गत कलेक्टर लॉगिन से ऋण स्वीकृति से शेष रहे किसानों को कब तक ऋण राशि माफी स्वीकृत की जाकर डिफाल्टर से मुक्त किया जाकर ऋण राशि/खाद बीज प्रदाय किया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक राजगढ़ से संबद्ध 140 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था के अंतर्गत ऋण माफी हेतु 88,167 पात्र कृषक थे, जिसमें से 67,462 कृषकों की ऋण माफी स्वीकृति हेतु कलेक्टर लॉगिन पर भेजे गये, जिसमें से 67,384 प्रकरण कलेक्टर लॉगिन से स्वीकृत हुये, 78 प्रकरण लंबित है, जिनके निराकरण हेतु कार्यवाही प्रचलित है, जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष कृषकों के नाम व ग्राम की जानकारी न होने से वांछित जानकारी देना संभव नहीं है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के अनुसार एम.पी. ऑनलाईन के लॉगिन की तकनीकी समस्या के निराकरण के उपरांत कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
नि:शक्तता प्रमाण पत्र
[वित्त]
29. ( क्र. 323 ) श्री गिरीश गौतम : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव सामाजिक न्याय विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को पत्र क्रमांक/एफ-3-38/2008/26-2 भोपाल, दिनांक 28.05.2008 को लिखा गया, जिसमें उल्लेख किया गया कि शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि ऐसे नि:शक्तजनों को जिनका नि:शक्तता प्रमाण पत्र अस्थायी स्वरूप का जारी किया जाता है की प्रक्रिया में संशोधन किया जाकर नि:शक्तता प्रमाण पत्र स्थायी होगा, जिसके नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होगी? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या संभागीय पेंशन अधिकारी, रीवा संभाग, रीवा, म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/परि.पें./सं.प्र.अ./2019/13 रीवा, दिनांक 09-04-2019 को जिला कोषालय अधिकारी, रीवा को पत्र लिखकर प्रत्येक पाँच वर्ष में सिविल सर्जन द्वारा जारी विकलांगता से ग्रसित रहने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु लिखा गया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शासन के निर्णय अनुसार पेंशन कार्यालय में आदेश/निर्देश जारी किये जायेंगे कि प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्णय अनुसार एक बार जारी किया गया नि:शक्तता प्रमाण पत्र हमेशा के लिए मान्य होगा? यदि नहीं, तो क्यों? आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर है। (ख) जी हाँ। पत्र की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर है। (ग) जी नहीं। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम,1976 के नियम 47 (6) के परन्तुक (ख) (iv) (v) के तहत् प्रत्येक पाँच वर्ष में सिविल सर्जन द्वारा जारी विकलांगता से ग्रसित रहने का प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना विहित है। इस नियम का स्वरूप तथा लक्ष्य विशिष्ट प्रकृति का है।
नि:शक्तता प्रमाण पत्र
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 324 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव सामाजिक न्याय विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा 28.05.2008 प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को पत्र क्रमांक/एफ-3-38/2008/26-2 भोपाल दिनांक 28.05.2008 को लिखा गया जिसमें उल्लेख किया गया कि शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि ऐसे नि:शक्तजनों को जिनका नि:शक्तता प्रमाण पत्र अस्थायी स्वरूप का जारी किया जाता है की प्रक्रिया में संशोधन किया जाकर नि:शक्तता प्रमाण पत्र स्थायी होगा जिसके नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होगी? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ख) क्या संभागीय पेंशन अधिकारी रीवा संभाग म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/परि.पें./सं.प्र.अ./2019/13 रीवा, दिनांक 09.04.2019 को जिला कोषालय अधिकारी रीवा को पत्र लिखकर प्रत्येक पाँच वर्ष में सिविल सर्जन द्वारा जारी विकलांगता से ग्रसित रहने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु लिखा गया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शासन के निर्णय अनुसार पेंशन कार्यालय में आदेश/निर्देश् जारी किये जायेंगे कि प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्णय अनुसार एक बार जारी किया गया नि:शक्तता प्रमाण पत्र हमेशा के लिए मान्य होगा? यदि हाँ, तो आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र' 'ब'' अनुसार है। (ग) पेन्शन, भविष्य निधि एवं बीमा विभाग मध्यप्रदेश शासन की विभागीय नीति अनुसार मान्य नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
31. ( क्र. 330 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में स्थापित सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में किस-किस श्रेणी के कितने-कितने पद स्वीकृत हैं? कितने पद रिक्त हैं? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जावेगी? (ख) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में कौन-कौन से सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के उन्नयन हेतु शासन स्तर पर विभाग द्वारा कब-कब, क्या-क्या प्रस्ताव भेजे गये हैं एवं उन पर क्या कार्यवाही की गई है? (ग) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए शासन स्तर पर कौन-कौन से सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के उन्नयन करने हेतु शासन की क्या योजना है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र स्थापित सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही निरन्तर जारी रहती है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं। (ख) कोई नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में नईसराय, बहादुरपुर को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं कदवासा, मुधुखेड़ी को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन की योजना है।
मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में उद्योग स्थापित करना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
32. ( क्र. 331 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन अंतर्गत म.प्र. में शासन स्तर पर कौन-कौन से क्षेत्र को औद्योगीकरण हेतु चयनित किया गया है? (ख) क्या अशोकनगर जिले को भी नवीन औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के तहत शामिल किया गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) अशोकनगर जिले की मुंगावली विधानसभा क्षेत्र से लगे सागर जिले की बीना तहसील अंतर्गत भारत-ओमान रिफाईनरी, जे.पी.थर्मल पावर प्लांट आदि उद्योग स्थापित है लेकिन मुंगावली तहसील में उद्योग क्षेत्र स्थापित हेतु पर्याप्त यातायात साधन, पानी के लिए पर्याप्त नदी एवं भूमि होने के बावजूद भी औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन अन्तर्गत निजी क्षेत्र की प्रतिभागिता के माध्यम से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की वृद्धि में तेजी लाकर उच्चतर और सुस्थिर आर्थिक वृद्धि प्राप्त करना है। निवेश के सभी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर में वृद्धि तथा थ्रस्ट सेक्टर (कृषि व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण वस्त्र उद्योग आटोमोटिव एवं आटो पुर्जों, पर्यटन, फार्मास्युटिकल, जैव प्रौद्योगिकी, आईटी, स्वास्थ्य सेवाओं और लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग) में निवेश को बढ़ावा देना है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन प्रदेश के सभी भौगोलिक क्षेत्रों हेतु लागू है। (ख) शासन द्वारा उद्योगपतियों और निवेशकों को आकर्षक एवं सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराने के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2019) पूरे प्रदेश में लागू की गई है। नीति अंतर्गत प्रावधानित सुविधाओं का लाभ अशोकनगर जिले में स्थापित होने वाले उद्योगों को भी प्राप्त होगा। (ग) मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के तहसील मुंगावली में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के लिये कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।
सिविल हॉस्पीटल नागदा-खाचरौद में डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
33. ( क्र. 351 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल हॉस्पीटल नागदा/खाचरौद में डॉक्टरों के कितने पद कब से रिक्त हैं? पदवार पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय एवं स्वास्थ्य मंत्री महोदय से 1 जनवरी 2014 से 16 नवंबर 2019 तक क्षेत्र में डॉक्टरों की नियुक्ति/स्थानातंरण हेतु कितने पत्र दिए? दिए गए पत्रों पर कार्यवाही करते हुए कितने डॉक्टरों की नियुक्ति की गयी है? (ग) प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चांपाखेड़ा एवं मडावदा में डॉक्टर/कर्मचारियों के कितने पद रिक्त हैं और उन पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा 1 जनवरी 2014 से 16 नवंबर 2019 तक कितने डॉक्टरों /कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है? नाम सहित विवरण दें। (घ) नागदा शासकीय चिकित्सालय में दान की गई 2 डायलिसिस मशीन हेतु 2 ऑपरेटरों व विशेषज्ञों की नियुक्ति करने एवं डायलिसिस किट शासन के माध्यम से प्रदान करने की प्रश्नकर्ता द्वारा मांग करने पर स्वास्थ्य मंत्री व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन ने अपने पत्र क्रं. 18789 दिनांक 27/08/2019 द्वारा स्वास्थ्य आयुक्त को प्रेषित किया गया था? स्वास्थ्य आयुक्त द्वारा क्या स्वीकृति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जी हाँ। जी नहीं, चिकित्सालय में उपलब्ध 02 डायलिसिस मशीन के संचालन हेतु एक डायलिसिस टेक्नीशियन पर्याप्त है। डायलिसिस हेतु पृथक से चिकित्सक उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है, चिकित्सालय में उपलब्ध चिकित्सकों में से एक चिकित्सक नामांकित कर डायलिसिस में प्रशिक्षित कर कार्य संपादन कराने के निर्देश है।
माननीय विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
34. ( क्र. 361 ) श्री जसमंत जाटव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय विधायकों के पत्रों पर नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु शासन के क्या निर्देश है? (ख) शिवपुरी जिले की विधान सभा करैरा क्षेत्र से संबंधित जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर विभिन्न विभागों को समय-समय पर विधायक करैरा की ओर से लिखे गये पत्रों पर आज दिनांक तक संबंधित विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन विभागों को पत्र लिखे गये हैं उनमें उदाहरणार्थ कुछ पत्र निम्नानुसार है जिन पर विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
क्र. |
विभाग /कार्यालय का नाम |
पत्र क्र. /दिनांक |
1 |
कार्यालय कलेक्टर जिला शिवपुरी |
२३, २५-१-१९ ३४२,३४४,३४५, २४-६-१९ ५२३, ५-८-१९ ९११, ०१-१०-१९ ७४२, ३०-८-१९ ५४१, १९-७-१९ |
2 |
कार्यालय कलेक्टर पंचायत शाखा जिला शिवुपरी |
५८५, २०-९-१९ ५७३, ११-८१९ ५७४, ११-८-१९ ६६७, १७-१-१९ ६६१, १५-११-१९ |
3 |
कार्यालय कलेक्टर खनिज शाखा जिला शिवपुरी |
५८४, १४-१०-१९ |
4 |
कार्यालय कलेक्टर शिक्षा शाखा जिला शिवपुरी |
०९, २५-०१-१९ ३७५, २७-६-१९ २१, २५-१-१९ |
5 |
कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व करैरा जिला शिवपुरी |
८५ १९-०१-१९ ९७, २३-२-१९ ५०७, २७-७-१९ ५०६, २७-७-१९ ५१९, ५-८-१९ |
6 |
कार्यालय तहसीलदार तहसील करैरा/नरवर जिला शिवपुरी |
५६, १०-८-१९ २२९, ७-६-१९५४१, १७-९-१९ |
(ग) यदि विभाग द्वारा कार्यवाही की गई है तो माननीय विधायक को सूचित क्यों नहीं किया गया और अगर कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश क्रमांक 19-76/2007/1/4, दिनांक 19 जुलाई 2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा शिवपुरी जिले की विधानसभा करेरा क्षेत्र से संबंधित जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर विभिन्न विभागों को लिखे गये पत्रों पर संबंधित विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी प्रश्नांश (ख) के उत्तर में उल्लेखित पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शाई गई है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ट्रामा सेंटर पर व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में l
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
35. ( क्र. 368 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय बड़वानी मुख्यालय पर स्थित ट्रामा सेन्टर का निर्माण कब, कितनी लागत से व किस उद्देश्य से किया गया? ब्यौरा देवें l (ख) उक्त सेंटर कब से प्रारम्भ किया गया है और क्या इसके लिए उपयोगी समस्त संसाधनों की उपलब्धता करा दी गई हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) सम्पूर्ण सुविधा कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी तथा अभी तक सुविधा उपलब्ध करा पाने के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला चिकित्सालय बड़वानी मुख्यालय पर स्थित ट्रामा सेन्टर का निर्माण कार्य दिनांक 23.04.2014 को पी.आई.यू. द्वारा पूर्ण किया जाकर दिनांक 05.05.2016 को विभाग द्वारा अधिपत्य में लिया गया, जिसकी लागत राशि रूपये 431.01 लाख है व इसका उद्देश्य आकस्मिक चिकित्सा हेतु उपचार एवं स्वास्थ्य सेवायें प्रदान करना है। (ख) दिनांक 17.08.2016 से प्रारंभ किया गया है, ट्रामा सेंटर से संबंधित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है, शेष रिक्त पदों की पूर्ति एवं पुन: रिक्त हो जाने की स्थिति/भरने की प्रक्रिया जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धानुक जाति को अनु.जाति में सम्मलित कर स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाना
[सामान्य प्रशासन]
36. ( क्र. 388 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. में स्थित धानुक जाति को अनुसूचित जाति में सम्मलित कर स्थायी जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु शासन द्वारा आदेश-निर्देश प्रदान किये गये हैं। (ख) यदि हाँ, तो क्या जिला होशंगाबाद के अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय सोहागपुर द्वारा प्र.क्र.592 बी-121 05-06 दिनांक 27/07/2006 एवं अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय गोहरगंज जिला रायसेन द्वारा प्र.क्र. 39518/बी-121/caste certificate दिनांक 17/08/2015 द्वारा धानुक जाति को अनुसूचित जाति का जाती प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं। (ग) क्या अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय पिपरिया जिला होशंगाबाद द्वारा धानुक जाति को प्र.क्र. 20182बी-121/जाति प्रमाण पत्र दिनांक 28/05/2015 के द्वारा पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र जारी किया गया हैं। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) का उत्तर यदि हाँ, तो क्या/शासन द्वारा प्रत्येक जिले में एवं एक ही जिले के दो अनुविभागों में पृथक-पृथक आदेश जारी किये गये हैं यदि नहीं, तो होशंगाबाद जिले के अनुविभाग पिपरिया में धानुक जाति को अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र जारी न किया जाकर पिछड़ा वर्ग के प्रमाण पत्र जारी किये जाने का क्या कारण हैं, यह विसंगतियां क्यों है, इसके कौन उत्तरदायी हैं?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश राज्य के लिये अधिसूचित अनुसूचित जातियों की सूची के सरल क्रमांक 20 पर ''धानुक'' जाति सम्पूर्ण प्रदेश के लिये अधिसूचित है। भारत सरकार द्ववारा अधिसूचित अनुसूचित जाति/जनजातियों के प्रमाण पत्र जारी किए जाने के शासन के निर्देश है। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिपरिया द्वारा प्र.क्र. 20182/बी-121 दिनांक 28.05.2015 द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची क्र. 24 पर अंकित ''धनका'' जाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया है न कि ''धानुक'' जाति का। (घ) उपरोक्त प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश में संचालित उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
37. ( क्र. 400 ) डॉ. मोहन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में संचालित उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाने के संबंध में क्या-क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। उद्योगों में स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिए जाने के संबंध में विभाग के क्या नियम हैं? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) क्या उज्जैन संभाग में संचालित उद्योगों द्वारा प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने लोगों को उद्योगों द्वारा रोजगार उपलब्ध करवाया गया? उद्योगवार जानकारी प्रदान करें। यदि उद्योगों द्वारा स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है, तो इस संबंध में स्थानीय उद्योगों पर क्या कार्रवाई की जा सकती है? नियमों के प्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को अधिकाधिक संख्या में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निम्न प्रावधान किये गये है- ‘’उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2018) अंतर्गत प्रावधानित वित्तीय तथा अन्य सुविधाओं का लाभ लेने वाली इकाईयों को उनके द्वारा उपलब्ध कराए गये कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के स्थायी निवासियों को दिया जाना अनिवार्य होगा।‘’ आदेश दिनांक 19/12/2018 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 पर है। (ख) उज्जैन संभाग में इस कार्यालय के क्षेत्रांतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों द्वारा रोजगार उपलब्ध कराये जाने की संबंधित जानकारी 01 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। उद्योगों द्वारा मध्यप्रदेश के स्थाई निवासियों कुल रोजगार का 70 प्रतिशत रोजगार मध्यप्रदेश के निवासियों को नहीं दिये जाने पर इकाईयों को उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2018 ) अंतर्गत सुविधाओं का लाभ प्राप्त नहीं होगा। यह आदेश दिनांक 19/12/2018 के बाद उत्पादन प्रारंभ करने वाली इकाईयों पर प्रभावी होगा।
गैसावाद फैक्ट्री की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
38. ( क्र. 409 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में हटा विकासखण्ड के गैसावाद में स्प्रिंगवे माईनिंग प्राईवेट लिमिटेड कंपनी नाम से फैक्ट्री कब स्वीकृत हुई? प्रशासकीय स्वीकृति की छायाप्रति उपलब्ध करावें। कितनी राशि उक्त फैक्ट्री में व्यय होगी? शासन के उक्त फैक्ट्री से क्या अनुबंध है? समस्त दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करायें। (ख) उक्त फैक्ट्री हेतु कितनी भूमि कितनी दर से खरीदी गयी? जिनकी भूमि खरीदी गयी, नाम पतावार जानकारी उपलब्ध करायें तथा यह बतायें कि फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा वहां की आसपास की कृषि भूमि को बंजर होने से बचाने हेतु क्या उपाय किये जावेंगे? इस हेतु क्या प्लानिंग की गई है? साथ ही लोगों की बीमारी से बचाव हेतु भी क्या प्रयास होंगे एवं पर्यावरण प्रदूषण को रोके जाने हेतु क्या प्रबंध किये जावेंगे? क्या स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जावेंगा? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत, आदि समस्त जानकारियां बतायें। उक्त फैक्ट्री का कार्य कब प्रारंभ होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जिला दमोह में हटा विकासखंड के गैसावाद में स्प्रिंगवे माईनिंग प्राईवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा भारत सरकार वाणिज्य उद्योग मंत्रालय में आईईएम क्रमांक 498/एसआईएमओ/2013, दिनांक 11/03/2013 एवं संशोधित आईईएम दिनांक 01/06/2019 को दर्ज किया गया। कंपनी द्वारा एमपीआईडीसी की वेबसाईट में निवेश आशय प्रस्ताव दर्ज किया गया है जिसका क्रमांक 103204118686 दर्ज किया गया है। प्रस्ताव अनुसार 1400 करोड़ का स्थिर पूंजी निवेश प्रस्तावित है। कंपनी के प्रस्ताव पर स्वीकृत सुविधाओं का लाभ इस शर्त पर देय होगा कि कंपनी द्वारा 14/10/2022 के पूर्व उद्योग स्थापनार्थ सभी प्रभावी कदम उठाते हुए 14/10/2023 तक वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ कर लिया जावे (दस्तावेजों के 1-8 पृष्ठ पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उक्त फैक्ट्री हेतु वर्तमान में 67.010 हैक्ट. निजी भूमि रू. 15 लाख प्रति एकड़ की दर से क्रय की गई है। जिनकी भूमि क्रय की गई है के नाम, खसरा क्रमांक, रकबा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा वहॉ के आस-पास की कृषि भूमि को बंजर होने से बचाने हेतु एन्वायरमेंट मैनेजमेंट प्लान के अंतर्गत (एयर मैनेजमेंट, वॉटर मैनेजमेंट, नोईस मैनेजमेंट, सॉलिड एवं हजार्डस मैनेजमेंट, ग्रीन बेल्ट/डेव्हलपमेंट/प्लांटेंशन) कार्य किया जावेगा। लोगों को बीमारी से बचाव तथा पर्यावरण प्रदूषण को रोके जाने हेतु फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा एन्वायरमेंट मैनेजमेंट तथा म.प्र. प्रदूषण निवारण मंडल के अंतर्गत नियम एवं शर्तों का पालन किया जावेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार दिये जाने हेतु यह प्रावधानित है कि म.प्र.शासन की नीति अनुरूप सुविधा/सहायता का लाभ प्राप्त करने हेतु इकाई को न्यूनतम 70 प्रतिशत रोजगार म.प्र. के स्थाई निवासियों को दिया जाना अनिवार्य होगा।
जननी सुरक्षा की गाड़ियों के परिचालन में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
39. ( क्र. 413 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितनी जननी सुरक्षा की गाड़ियां संचालित हैं एवं जिला दमोह में संचालित गाड़ियों के नंबर व मालिक के नाम सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या किसी प्रसूतिका के नाम से जननी एक्सप्रेस को बुलाया जाता है एवं गाड़ियों से बारात अन्य कार्यों में किराये में उपयोग किया जाता है? (ग) जिला दमोह में जननी सुरक्षा योजना की संचालित गाड़ियों के द्वारा विगत एक वर्ष 2019-20 में कितनी प्रसूतिकाओं को उनके स्थल से लाकर किस अस्पताल तक पहुँचाया इसकी पुष्टि किस अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा की गई? साथ ही जिले की कौन सी गाड़ी कितने कि.मी. चली? समस्त जानकारियां उपलब्ध करायीं जावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्तमान में 749 जननी एक्सप्रेस वाहन संचालित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) जी, नहीं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र' 'दो'' अनुसार है। शेष प्रश्न भाग के संबंध में प्रसूतिकाओं को अस्पताल में भर्ती की पुष्टि हेतु चिकित्सालय में पदस्थ अधिकारियों द्वारा ओ.पी.डी./आई.पी.डी. नम्बर दर्ज किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
होशंगाबाद के एसडीएम कलेक्टर विवाद
[सामान्य प्रशासन]
40. ( क्र. 442 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या होशंगाबाद के अनुविभागीय अधिकारी एवं कलेक्टर होशंगाबाद के मध्य विवाद की जांच आयुक्त होशंगाबाद संभाग द्वारा सितम्बर/अक्टूबर 2019 में की गयी थी। (ख) आयुक्त नर्मदापुरम संभाग के जांच प्रतिवेदन किस कर्मचारी/अधिकारी को दोषी पाया गया? (ग) विवाद का क्या कारण था? (घ) दोषी पाये गये अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गयी? (ड.) क्या उक्त विवाद के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र दि. 01.11.2019 के संबंध में कलेक्टर के पत्र क्र. 1039 दि. 07.11.2019 द्वारा मांगी गयी जानकारी के संबंध में प्रश्नकर्ता का पत्र क्र. 467 कलेक्टर कार्यालय में दि. 13.11.2019 को प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता को जानकारी उपलब्ध करायी गयी। यदि नहीं, तो कब तक कराई जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) आयुक्त के जांच प्रतिवेदन में घटनाक्रम से संबंधित परिस्थितियों की वस्तुस्थिति का उल्लेख किया है। अधिकारियों/कर्मचारियों की दोषसिद्धता के संबंध में स्पष्ट निष्कर्ष नही है। (ग) प्रशासकीय कार्यों में संबंधित अधिकारियों के मध्य मतभेद विवाद का मुख्य कारण प्रतीत होता है। (घ) तत्कालीन कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी का प्रशासनिक कारणों से अन्यत्र स्थानांतरण किया जा चुका है। अनुविभागीय अधिकारी को आयुक्त, नर्मदापुरम द्वारा ''कारण बताओं सूचना'' पत्र जारी किया गया है। (ड.) जी हां। माननीय प्रश्नकर्ता सदस्य को उनके पत्र दिनांक 12/11/2019 जो कलेक्टर कार्यालय में दिनांक 13/11/2019 को प्राप्त हुआ, का कलेक्टर, होशंगाबाद के पत्र क्रमांक स्टेनो/2018-19/अन्य/1079 दिनांक 27/11/2019 द्वारा उत्तर प्रेषित किया गया है।
स्वेच्छानुदान राशि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
41. ( क्र. 443 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायकों को प्रदत्त स्वेच्छानुदान राशि किन-किन प्रयोजनों से दी जा सकती है? इस संबंध में नियम कब-कब जारी किये गये? (ख) क्या विधायक स्वेच्छानुदान राशि सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिता, आर्थिक सहायता जैसे प्रयोजन के लिए दी जा सकती है? (ग) क्या होशंगाबाद जिले में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिता, आर्थिक सहायता जैसे प्रयोजन हेतु दिये गये प्रस्ताव अमान्य किये गये हैं, जबकि अन्य जिलों में ऐसे प्रस्ताव स्वीकृत किये जा रहे हैं? (घ) क्या उक्त राशि सिर्फ बी.पी.एल. कार्डधारियों को ही देने के नियम हैं? यदि हाँ, तो नियमों को जानकारी दें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधायक स्वेच्छानुदान के अनुमत प्रयोजन निम्नानुसार हैः- (1) व्यक्ति विशेष के मामले में:- चिकित्सा शिक्षा, ईमानदारी एवं वीरतापूर्ण कार्य के लिये पुरस्कार, पाठशाला योग्य तथा निर्धन बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार विधवा स्त्री एवं मुक्त बन्धुआ मजदूर की लड़की को शादी के लिये आर्थिक सहायता, अत्यन्त गरीब व्यक्ति, अनाथ या अपंग व्यक्ति को सहायता। (2) संस्था के मामले में:- इसके तहत ऐसे सभी सार्वजनिक प्रयोजन शामिल होगें जो जनहित के स्वरूप के हो। 21 सितम्बर 2007, 31 अक्टूबर 2007 (इस निर्देश में सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना क्रमांक 1920/3670/एक (1) 81, भोपाल दिनांक 28 मई 1982 का उल्लेख है) तथा 24 जुलाई 2009, द्वारा निर्देश जारी किये गये। (ख) संस्था के मामले में स्वीकृत करने का प्रावधान है। व्यक्ति विशेष के लिये शासन निर्देश में उक्त प्रयोजन अंकित नहीं है। (ग) जी हाँ। शासन निर्देश 28 मई 1982 में जारी निर्देश के पैरा 62-अ (1) (क) में अंकित टीप (1) एवं (2) में उल्लेखित नहीं होने से स्वीकृत नहीं किया गया। कुछ जिलों में प्रस्ताव स्वीकृत हुए है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
शासकीय कर्मचारियों की पदोन्नति
[सामान्य प्रशासन]
42. ( क्र. 444 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पदोन्नति के संबंध में प्रश्नकर्ता के तारांकित प्रश्न क्रमांक 7 (12) दि. 16.07.2019 के संबंध में समिति गठित की गयी थी? यदि हाँ, तो उक्त समिति सदस्यों की जानकारी देते हुए बतावें कि समिति की कब-कब बैठक की गयी एवं क्या कार्यवाही की गयी। (ख) क्या इस संबंध में शासन द्वारा उच्चतम न्यायालय में कोई पक्ष प्रस्तुत किया गया है? यदि हाँ, तो क्या। यदि नहीं, तो क्यों। (ग) जानकारी दें कि कर्मचारियों को पदोन्नति कब तक मिल सकेंगी।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एवं (ग) मामला उच्च्तम न्यायालय में विचाराधीन है। अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन जिले में संचालित पैथोलॉजी एवं सोनोग्राफी सेन्टर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
43. ( क्र. 468 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन शहर एवं बड़नगर शहर में कितने पैथोलॉजी लैब एवं सोनोग्राफी सेन्टर संचालित हो रहे हैं? स्थानवार संम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) संचालित पैथोलॉजी लैब सोनोग्राफी सेन्टर का विगत एक वर्ष में मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया एवं क्या-क्या कमी पाई गई? सम्पूर्ण जानकारी तारीखवार देवें। (ग) संचालित पैथोलॉजी लैब सोनोग्राफी सेन्टर की जाँच कराने का निर्धारण किसके द्वारा किया जाता है? क्या वर्तमान में सभी पैथोलॉजी सोनोग्राफी सेन्टर की जाँच की दरें समान हैं या अलग-अलग हैं? यदि अलग-अलग हैं तो कारण क्या है? (घ) संचालित पैथोलॉजी लैब एवं सोनोग्राफी सेन्टर में होने वाली जाँच की वर्षवार सूची उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। वर्तमान में सभी पैथालॉजी सोनोग्राफी सेन्टर की जांच की दरें अलग-अलग हैं। दर का निर्धारण सेंटर संचालक द्वारा किया जाता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है।
अखबारों की प्रसार संख्या
[जनसंपर्क]
44. ( क्र. 509 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसंपर्क संचालनालय की विज्ञापन शाखा द्वारा नियमित विज्ञापन सूची के अखबार वालों से प्रतिवर्ष वार्षिक पुनरीक्षण फार्म भरवाया जाता है? यदि हाँ, तो क्या सिवनी जिले से प्रकाशित होने वाले डीएवीपी अखबारों से भी पुनरीक्षण फार्म भरवाए गए हैं। (ख) क्या वार्षिक पुनरीक्षण फार्म के साथ अखबार वालों को समाचार पत्र के मुद्रण के लिये खरीदे गये कागज के बिल, भुगतान के प्रमाण पत्र एवं कागज परिवहन के प्रमाण देने होते हैं? (ग) क्या सिवनी जिले से प्रकाशित होने वाले अखबारों की प्रसार संख्या की जाँच कभी संचालनालय या जिला स्तर से की गई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन देवें। यदि नहीं, तो क्यों नहीं की गई? कारण बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। जिला स्तर पर जांच के लिए कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी सिवनी को आदेशित किया गया है, जांच प्रतिवेदन आना शेष है।
दोषियों के खिलाफ कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 521 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र कहां-कहां पर संचालित हैं? जिला अस्पताल एवं केन्द्रों में किस प्रकार की कौन-कौन सी सुविधायें उपचार हेतु उपलब्ध हैं तथा वर्तमान समय में कौन-कौन सी सुविधायें मरीजों को प्रदान की जा रही हैं? जिला अस्पताल एवं केन्द्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार जिला अस्पताल एवं केन्द्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन हेतु कौन-कौन से पद कब से स्वीकृत हैं एवं इन स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने पद भरे हुये होकर शेष पद कब से रिक्त हैं? केन्द्रवार पदनाम सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित रिक्त पदों की पूर्ति कब तक व किस प्रकार से की जावेगी? (घ) क्या लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा अनूपपुर जिले में 200 बिस्तर का अस्पताल स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृत दिनांक, क्रमांक व स्वीकृत राशि की जानकारी उपलब्ध कराई जावे। उक्त स्वीकृत अस्पताल का कार्य अब तक प्रारंभ न होने का कारण स्पष्ट करें साथ ही स्वीकृत अस्पताल भवन का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कराया जायेगा? अभी तक उक्त कार्य कार्य पूर्ण न कराये जाने पर कौन-कौन दोषी है? क्या दोषियों के खिलाफ विभाग कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) चिकित्सकों के रिक्त पदों पर संविदा नियुक्ति की कार्यवाही एन.एच.एम. के माध्यम से प्रत्येक बुधवार वॉक इन इन्टरव्यू के माध्यम से एवं बंधपत्र के अनुक्रम में भी चिकित्सकों की पदस्थापना की कार्यवाही निरन्तर जारी है। चिकित्सकों के नियमित रिक्त पदों की पूर्ति हेतु लोक सेवा आयोग द्वारा विज्ञापन जारी कर चयन प्रक्रिया की कार्यवाही की जा रही है। इसी प्रकार पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की पूर्ति मध्य प्रदेश प्रोफेशनल बोर्ड द्वारा चयनित उम्मीदवारों की जानकारी प्राप्त होने पर काउंसलिंग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। (घ) जी हाँ। आदेश क्रमांक एफ/12-24/2016/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 24.11.2016 के द्वारा 100 बिस्तरीय जिला चिकित्सालय अनूपपुर का 200 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन किया गया तथा भवन/उन्नयन निर्माण हेतु आदेश क्रमांक एफ 12-8/2018/सत्रह/मेडि-3 दिनांक 14.08.2018 द्वारा राशि रूपये 1729.24 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। जिला चिकित्सालय के लिए नवीन आवंटित भूमि का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन है। अतः कलेक्टर अनूपपुर द्वारा जनप्रतिनिधियों की मांग अनुसार वर्तमान में संचालित जिला चिकित्सालय से लगी हुई अन्य शासकीय भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है, इस भूमि पर भवन निर्माण हेतु पी.आई.यू. द्वारा संचालनालय को कॉन्सेप्ट प्लान मुख्य वास्तुविद् म.प्र. भोपाल के पत्र दिनांक 04.10.2019 द्वारा भेजा गया है। प्रस्तावित स्थल में स्वसहायता भवन विद्यमान है जो अच्छी स्थिति में बताया गया है, ऐसी स्थिति में कॉन्सेप्ट प्लान की पूर्णतः उपयोगिता नहीं हो पा रही है, परियोजना संचालक पी.आई.यू. द्वारा स्वसहायता भवन को भी तोड़ने की सिफारिश कलेक्टर से की गई है ताकि एक कम्पोजिट 200 बिस्तरों का अस्पताल भवन बनाया जा सके। उक्त कारणों से विलंब के लिए कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मिलावट खोरों पर सैम्पल के आधार पर की गयी कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
46. ( क्र. 531 ) श्री विश्वास सारंग : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, कहां-कहां मिलावट खोरी को लेकर सैम्पल लिये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या सभी सैम्पल लैब में जांच के लिए भेजे गये थे? यदि हाँ, तो क्या सभी की जांच रिपोर्ट आ गयी है? यदि नहीं, तो जांच रिपोर्ट अभी तक क्यों नहीं आयी है? कारण दें। नियम बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत जिन सैम्पलों की जांच रिपोर्ट आ गयी है, उन पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
आई.एफ.एम.एस. सॉफ्टवेयर के संबंध में
[वित्त]
47. ( क्र. 548 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन के कर्मचारियों को वेतन, भत्ते एवं अन्य स्वत्वों के निराकरण हेतु आई.एफ.एम.एस. सॉफ्टवेयर प्रारंभ किया गया है? यदि हाँ, तो इस सॉफ्टवेयर को बनाने वाली कंपनी को प्रतिवर्ष मेंटनेन्स के रूप में कितनी राशि भुगतान की जाती है? सॉफ्टवेयर प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है? (ख) क्या आई.एफ.एम.एस. सॉफ्टवेयर से संबंधित हेल्पलाईन पर नियुक्त कर्मचारी शासकीय सेवक है? यदि नहीं, तो क्या कंपनी द्वारा नियुक्त कर्मचारी को क्या समस्त वित्तीय कार्यों का ज्ञान है? यदि नहीं, तो क्या वित्तीय गड़बड़ी अथवा गबन की स्थिति निर्मित होने पर इसके लिए कौन उत्तरदायी होगा? (ग) आई.एफ.एम.एस. सॉफ्टवेयर प्रारंभ होने के दिनांक से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी शिकायतें ऑनलाईन एवं ऑफलाईन प्राप्त हुई है? कितनी शिकायतों का निराकरण पूर्ण रूप से किया जा चुका है तथा कितनी शिकायतें लंबित हैं? क्या शिकायतों के निराकरण हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितनी यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या उक्त सॉफ्टवेयर बनाने के पूर्व सभी विभागों से उनके विभागीय नियम एवं प्रक्रिया संबंधी जानकारी उक्त कंपनी द्वारा ली गई थी? यदि हाँ, तो कितने विभागों के द्वारा लिखित रूप से प्रक्रिया से अवगत कराया गया? यदि नहीं, तो सॉफ्टवेयर तैयार करने का मुख्य आधार क्या है? क्या यह सही है कि वित्तीय नियमों के साथ-साथ प्रत्येक विभाग के विभागीय नियम भी लागू होते है? जिसके कारण तकनीकी समस्या प्राय: बनी रहती है? यदि हाँ, तो इस हेतु आगामी क्या कार्यवाही की जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। भुगतान अनुबंध की शर्तों के अनुसार किया जाता है। वर्षवार अभी तक किया गया भुगतान निम्नानुसार है:- वर्षवार भुगतान की गई राशि (रूपए में) क्रमश: 2014-15 में 19149130, 2015-16 में 8206770, 2017-18 में 70010266, 2018-19 में 82909542 एवं 2019-20 में 46793767 IFMIS साफ्टवेयर के लिये प्रश्न दिनांक तक राशि रूपये 60.50 करोड़ का भुगतान सेवा प्रदाता को किया गया है। (ख) IFMIS साफ्टवेयर से संबंधित हेल्पलाईन में प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिए संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा कोषालय स्तर, संभाग स्तर एवं संचालनालय स्तर पर नोडल अधिकारी नामांकित किये गये है। उक्त सभी शासकीय सेवक है तथा इन्हें तकनीकी एवं वित्तीय कार्यों का ज्ञान है। कम्पनी द्वारा नियुक्त हेल्पडेस्क के कर्मचारी उक्त नोडल अधिकारियों के मार्गदर्शन में समस्याओं का निराकरण करते है। वित्तीय गड़बड़ी या गबन की स्थिति होने पर उत्तरदायित्व निर्धारण शासकीय नियमों, निर्देशों के अनुसार विभाग द्वारा किया जायेगा। (ग) IFMIS साफ्टवेयर प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक 130433 शिकायतें प्राप्त हुई है। 127485 शिकायतें निराकृत की जा चुकी है एवं 2948 लंबित है। अनुबंध (आर.एफ.पी.वॉल्यूम-2 की कंडिका-9.3) में दिये गये सर्विस लेवल एग्रीमेंट के अनुसार सेवा प्रदाता द्वारा प्रीडिफाइंड क्वेरिज का 95 प्रतिशत निराकरण किया जाना प्रावधानित है। (घ) साफ्टवेयर का विकास संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा कराया गया है, इस हेतु सेवा प्रदाता मेसर्स टी.सी.एस.से अनुबंध किया गया है। अनुबंध के अनुसार प्रक्रियाओं की जानकारी तथा प्रकार्यात्मकता (फंक्शनालिटी) के संबंध में सूचनाएं एवं आवश्यक स्पष्टीकरण संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा सेवा प्रदाता को उपलब्ध कराये गये है। उक्त कार्य के लिये मॉडयूलवार समूह संचानलालय कोष एवं लेखा द्वारा बनाये गये है। उक्त समूहों द्वारा विभिन्न स्टेक होल्डर्स, सेवा प्रदाता के संबंधित कर्मचारी, विभागीय अधिकारियों से समन्वय एवं चर्चा, नियमों, शासन निर्देशों, संहिता प्रावधानों का अध्ययन कर सेवा प्रदाता को जानकारी दी गई। संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा साफ्टवेयर का निर्माण मॉडयूलवार समूहों के द्वारा दिये गये सुझावों तथा राज्य शासन के नियमों/निर्देशों/संहिताओं के प्रावधानों के आधार पर किया गया है। वित्तीय या विभागीय नियमों के निर्वचन का प्रश्न उपस्थित होने पर,समस्याएं समय-समय पर आती है, जिनका निराकरण संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा आवश्यकतानुसार संबंधित विभाग एवं वित्त विभाग से परामर्श/मार्गदर्शन प्राप्त कर निरंतर किया जाता है।
दोषियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
48. ( क्र. 560 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग में सांची दुग्ध संघ द्वारा कितनी दुग्ध समितियों का गठन कर दुग्ध का संकलन कराया जा रहा है वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी देवें। किसानों से दूध क्रय करने बाबत् प्रति लीटर रेट क्या निर्धारित किया गया है? इस बाबत् शासन के जारी दिशा एवं निर्देशों की प्रति भी देवें? इनके दूध के भुगतान बाबत् क्या अवधि तय की गई है? उपरोक्त अनुसार संभाग के जिलों की भुगतान की स्थिति बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) की समितियों से खरीदे गये दूध से कौन-कौन सी दुग्ध सामग्रियां दुग्ध संघ द्वारा तैयार कर बिक्री की जा रही है इनमें से कितने लीटर दूध खराब होने या नष्ट होने की जानकारी वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार तैयार दुग्ध सामग्री द्वारा कितनी आमदानी वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक हुई एवं कितनी क्षति किन कारणों से हुई? (घ) प्रश्नांश (क) के दुग्ध संघ द्वारा मनमानी तरीके से रेट तय कर दूध की खरीदी किये जाने, दुग्ध सामग्री को अनुपयोगी बताकर नष्ट कर क्षति पहुंचाने के साथ मनमानी दर तय कर बिक्री किये जाने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इन जिम्मेदारों पर किस तरह की कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार वर्तमान में दूध क्रय की दर गाय के दूध की रू. 228/- प्रति किलोग्राम ठोस पदार्थ एवं भैंस के दूध की रू. 650/- प्रति किलोग्राम फैट है। शासन द्वारा दूध क्रय की दरों के निर्धारण हेतु कोई दिशा निर्देश नहीं हैं। दुग्ध समितियों के दुग्ध बिलों का भुगतान 5 दिवसीय दूध बिल तैयार कर उनके बैंक खातों में आर.टी.जी.एस. के माध्यम से किया जाता है। संभाग के जिलों की समस्त दुग्ध समितियों को संघ स्तर से दिनांक 10.11.2019 तक का भुगतान किया जा चुका है। (ख) दुग्ध समितियों से खरीदे गये दूध से डेयरी संयंत्र रीवा द्वारा लस्सी, श्रीखंड, पनीर, सादा मठ्ठा, नमकीन मठ्ठा, छेना, रबड़ी एवं पाश्चुरीकृत पॉली पैक दूध तैयार किया जा रहा है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कोई दूध नष्ट नहीं किया गया है। (ग) डेयरी संयंत्र रीवा द्वारा तैयार दुग्ध उत्पादों की वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक राशि रू. 35,74,41,952 की बिक्री हुई है। कोई क्षति नहीं हुई है। (घ) दूध खरीदी एवं बिक्री की दरें एम.पी. स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडेरेशन लि. भोपाल के नीतिगत निर्णय एवं प्राधिकृत अधिकारी जबलपुर दुग्ध संघ की स्वीकृति उपरान्त संघ द्वारा लागू की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
त्याग पत्र की स्वीकृति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
49. ( क्र. 582 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डॉ. पुष्पा धुर्वे प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय बालाघाट के अभियोजन स्वीकृति, विभागीय जांच एवं त्याग-पत्र स्वीकृति का प्रकरण विभाग के पास लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो त्याग-पत्र किन कारणों से अभी तक स्वीकृत नहीं किया गया? विभाग में स्वीकृति हेतु त्याग-पत्र देने के बाद किन-किन अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कब-कब प्रकरण नियमानुसार त्याग-पत्र स्वीकृति हेतु बढ़ाया गया? (ग) क्या अनुपस्थिति के कारण प्रश्नांश (क) डॉक्टर पर विभागीय जांच संस्थित कि गयी? यदि हाँ, तो विभागीय जांच आदेश की प्रति देवें। (घ) डॉ. पुष्पा धुर्वे प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ का त्याग-पत्र कब तक स्वीकृत कर लिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है
कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्यादित बैजनाथ में सहायक प्रबंधक की पुन: नियुक्ति
[सहकारिता]
50. ( क्र. 599 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्यादित बैजनाथ तह. महिदपुर जिला उज्जैन के संचालक मण्डल द्वारा बनेसिंह (सहायक प्रबंधक) को पुन: सेवा में रखा गया है। जबकि बनेसिंह के विरूद्ध माननीय न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। (ख) प्रकरण के निराकरण के पूर्व बनेसिंह को सहायक प्रबंधक के पद पर संचालक मण्डल द्वारा नियुक्त किया गया है तो शासन द्वारा संचालक मण्डल एवं बनेसिंह पर दोषी होने के कारण अभी तक क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कार्यवाही नहीं करने के लिये उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा? (ग) अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश में विचारधीन प्रकरण क्र. 499/18 एवं माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में विचाराधीन प्रकरण क्र. 18021/19 में अपील के विरूद्ध शासन के अधिकारियों द्वारा इस अपील को खारिज करवाने के लिये विधि विभाग के अधिवक्ताओं से कब-कब संपर्क किया गया एवं माननीय न्यायालय में शासन द्वारा जो उत्तर पेश किया गया है, का विवरण उपलब्ध करावें। (घ) प्रकरण का निराकरण करवाने में विलम्ब के लिये दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। श्री बनेसिंह सहायक प्रबंधक को कृषक सेवा सहकारी संस्था मर्यादित, बैजनाथ तहसील महिदपुर जिला उज्जैन की वार्षिक साधारण सभा दिनांक 15.09.2017 से निलंबन समाप्त कर सेवा में बहाल किया गया था। श्री बनेसिंह को पुनः सेवा में नहीं रखा गया। जी हाँ, श्री बनेसिंह के विरूद्ध माननीय न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश महिदपुर जिला उज्जैन के विरूद्ध अपराध क्रमांक 499/18 विचाराधीन है। (ख) माननीय न्यायालय के समक्ष प्रकरण के निराकरण के पूर्व श्री बनेसिंह को सहायक प्रबंधक के पद पर संचालक मण्डल के द्वारा पुनः नियुक्त नहीं किया गया। संस्था द्वारा श्री बनेसिंह को निलंबन से बहाल किया गया है इस कारण संस्था के संचालक मण्डल को म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा 53 (2) के अंतर्गत अधिक्रमित करने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र क्रमांक/विधि/2019/1201 दिनांक 22.07.2019 जारी किया गया, जिसके विरूद्ध संचालक मण्डल द्वारा सहकारी अधिनियम की धारा 80-क के अंतर्गत प्रस्तुत निगरानी प्रकरण क्रमांक 80ए/2019/00136 विचाराधीन है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. खण्डपीठ इंदौर के समक्ष याचिका क्रमांक सीआरआर/667/2019 तथा माननीय न्यायालय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तहसील महिदपुर जिला उज्जैन का प्रकरण क्रमांक 499/2018 श्री बनेसिंह के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण है, इनमें सहकारिता विभाग पक्षकार नहीं है, इन प्रकरणों में पक्षकार म.प्र. शासन द्वारा पुलिस विभाग है। अतः अपील खारिज कराने के लिये विभाग के अधिकारियों द्वारा माननीय न्यायालय में उत्तर पेश करने या विधि विभाग के अधिवक्ताओं से संपर्क करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ऑनलाइन में की गई शिकायतों की जाँच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
51. ( क्र. 618 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत सिरमौर में स्थित सिविल अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा स्वयं के मेडिकल स्टोर एवं पैथोलाजी केन्द्र के संचालन के संबंध में मुख्यमंत्री ऑनलाइन व्यवस्था में की गई शिकायत दिनांक 21.04.2017, शिकायत क्रमांक 3710700, दिनांक 30.06.2017, शिकायत क्रमांक 4186881, दिनांक 17.07.2017, शिकायत क्रमांक 4261788, दिनांक 04.08.2017, शिकायत क्रमांक 4360651, दिनांक 14.09.2017, शिकायत क्रमांक 4602814, दिनांक 05.10.2017, शिकायत क्रमांक 4722599, दिनांक 27.03.2018, शिकायत क्रमांक 5751043 जो कि एक ही विषय से संबंधित हैं में क्या कारण है कि लगातार कई शिकायतें प्राप्त होने के बाद भी किसी भी स्तर के अधिकारियों द्वारा इन शिकायतों के संबंध में कोई तथ्यात्मक जानकारी नहीं ली गई, मौका स्थल का न कोई निरीक्षण किया गया तथा न ही शिकायतकर्ता से संपर्क किया गया? (ख) क्या उक्त संबंध में विभाग द्वारा उपरोक्त विषय की जाँच प्रस्तावित कर सरकारी डॉक्टरों द्वारा किये जा रहे इस तरह के कदाचरण पर रोक लगाने हेतु पृथक जाँच दल गठित किया जावेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, मुख्यमंत्री ऑनलाईन में की गई शिकायत- दिनांक 21.04.2017, शिकायत क्रमांक 3710700, दिनांक 30.06.2017, शिकायत क्रमांक 4360651, दिनांक 14.09.2017, शिकायत क्रमांक 4602814, दिनांक 05.10.2017, शिकायत क्रमांक 4722599, दिनांक 27.03.2018, शिकायत क्रमांक 5751043 का विषय एक ही है परन्तु शिकायत क्रमांक 4186881, दिनांक 17.07.2017, शिकायत क्रमांक 4261788, दिनांक 04.08.2017 की विषय वस्तु पृथक-पृथक है, विकासखण्ड सिरमौर अंतर्गत सिरमौर में स्थित सिविल अस्पताल के चिकित्सकों के द्वारा स्वयं के मेडिकल स्टोर एवं पैथोलाजी केन्द्र के संचालन के संबंध में प्रश्नांकित 5 शिकायतों के संबंध में समय-समय पर विभिन्न जांच अधिकारियों द्वारा प्रकरण की जांच की गई तथा शिकायत को निराधार पाया गया। (ख) विषयांकित प्रकरण के संबंध में विभिन्न जांच अधिकारियों द्वारा प्रकरण की जांच कराई जा चुकी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला निवाड़ी में प्रभारी मंत्री द्वारा ली जाने वाली योजना समिति बैठक
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
52. ( क्र. 641 ) श्री
अनिल जैन : क्या
वित्त मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
निवाड़ी में
जिले के
प्रभारी
मंत्री द्वारा
ली जाने वाली
योजना समिति
की कितनी
बैठकें आज
दिनांक तक
निवाड़ी में
हुई हैं?
(ख)
क्या
जिला निवाड़ी
की योजना
समिति की
बैठकें आज
दिनांक तक
जिला निवाड़ी
में आयोजित
नहीं की गई
हैं, यदि
हाँ, तो
कारण बतावें? (ग) क्या
जिला-निवाड़ी
की योजना
समिति की बैठक
न होने से
ग्रीष्मकाल
एवं वर्षाकाल
में आपदाओं से
बचाव हेतु
विभिन्न
विभागों के
दायित्वों का
निर्वहन एवं
मूल्यांकन न
होने एवं
विभागों की मॉनीटरिंग
न होना, जिले
से संबंधित
महत्वपूर्ण
प्रस्ताव
अन्यादि
कार्य लंबित
हैं? यदि
हाँ, तो
इसके लिये कौन
जिम्मेदार
हैं?
वित्त
मंत्री ( श्री
तरूण भनोत ) : (क) नहीं। कोई
बैठक आयोजित
नहीं हुई। (ख) हाँ।
जिला योजना
समिति का गठन
न होने के
कारण बैठके
आयोजित नहीं
की गई। (ग) निमाड़ी
जिले से
संबंधित
ग्रीष्म काल
एवं वर्षा काल
में आपदाओं से
बचाव हेतु
विभागों के
दायित्वों का
निर्वहन एवं
मूल्यांकन
आदि का
वर्तमान में
टीकमगढ़ जिले के
लिए गठित जिला
योजना समिति
के माध्यम से
ही संपादित
किया जा रहा
है। निमाड़ी
जिले से
संबंधित कोई
भी
महत्वपूर्ण
प्रस्ताव
अन्यादि
कार्य
वर्तमान में
जिला योजना
समिति के
निर्णय के
अभाव में
लंबित नहीं है, इसके लिए
कोई
जिम्मेदार
नहीं है।
समझौता योजना का क्रियान्वयन
[सहकारिता]
53. ( क्र. 657 ) श्री महेश परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भाजपा सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में डिफाल्टर किसानों को समझौता योजना के तहत 350 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2018 से वर्तमान तक कुल कितने डिफाल्टर किसानों के अल्पकालीन कर्ज़ चुकाए गए? ज़िलेवार जानकारी एवं सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या डिफाल्टर किसानों की अल्पकालीन कर्ज़ भुगतान के लिए समझौता योजना में शासन द्वारा निर्धारित मापदंड बजट प्रावधान, लक्ष्य एवं चिन्हित किए गए थे? यदि हाँ, तो हितग्राहियों की सूची उपलब्ध कराई जाएँ और 350 करोड़ रुपए के खर्च से क्या परिणाम प्राप्त हुए? रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। (ग) इस योजना के अंतर्गत कितने डिफाल्टर किसानों का कर्ज़ माफ किया गया और कितनों की कर्जमाफ़ी शेष है? पृथक-पृथक जानकारी देवें। (घ) उक्त प्रयोजन को पूर्ण करने के लिए किस विभाग में ज़िला, तहसील एवं स्थानीय स्तर पर कार्यपालक समितियां गठित की गयी थी? सभी शासकीय प्रक्रियाओं का खुलासा करें जो कर्जमाफ़ी के लिए अपनायी गयी थी? (ङ) क्या प्रश्नांश (क) से (घ) में दर्शाये गए वित्तीय एवं भौतिक क्रियाकलापों का भौतिक सत्यापन किस विभाग द्वारा किस-किस स्तर पर किया गया? सम्पूर्ण जानकारी का प्रमाणित दस्तावेज़ उपलब्ध कराएं।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। डिफाल्टर किसानों के लिए समझौता योजना न होकर, समाधान योजना लागू की गई थी। यह सही है कि मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना में वर्ष 2018-19 में ब्याज माफी हेतु रूपये 350 करोड़ के प्रावधान की संपूर्ण राशि सहकारी बैंको को दी जा चुकी है, इस योजना में 5,17,582 कृषकों का रूपये 1021.77 करोड़ ब्याज माफ होना था, जिसके विरूद्ध शासन को रूपये 817.42 करोड़ अनुदान देय था। अभी वर्ष 2019-20 में कुल 309.16 करोड़ का बजट प्रावधान है जिसके विरूद्ध रूपये 68 करोड़ ब्याज अनुदान संस्थाओं को दिया जा चुका है तथा रूपये 105.03 करोड़ ब्याज अनुदान भुगतान की स्वीकृति प्राप्त हो गई है, जिसके आहरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना में निर्धारित मापदण्ड एवं बजट प्रावधान लक्षित एवं चिन्हित किये गये हैं। समाधान योजना के अंतर्गत कालातीत कृषकों द्वारा मूलधन जमा/समायोजन कराने पर ब्याज माफी का प्रावधान था, जिसमें 5,17,582 किसानों का ब्याज माफ कर मूलधन कृषकों से वसूल कराया गया है। (ग) जी नहीं। इस योजना में किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया है, इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। यह योजना कर्जमाफी की नहीं थी इसलिए शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ङ) उत्तरांश (क) से (घ) में दर्शाए गए भौतिक ऋण वित्तीय सत्यापन प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के सांविधिक अंकेक्षकों द्वारा किया जाना है। संपूर्ण ब्याज अनुदान का भुगतान होने पर सत्यापन हो सकेगा।
क्रय की गई सामग्री में घोटाले की जांच
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
54. ( क्र. 676 ) श्री कमलेश जाटव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्राचार्य शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज मुरैना को क्रय की गई सामग्री के कितने रूपयों तक के भुगतान करने के शासन से अधिकार प्राप्त है? शासनादेश की कॉपी उपलब्ध कराई जावे। क्या वर्तमान प्राचार्य द्वारा नियमों को ताक पर रख कर अधिकार से अधिक राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो उनके कार्यकाल के समस्त बिल व्हाउचर, चैकों की एवं कैश बुकों की विवरण उपलब्ध कराया जावे। (ख) क्या दिनांक 14.09.2018 से 30.03.2019 के मध्य आचार संहिता समयावधि में उपरोक्त प्राचार्य द्वारा लगभग 22 करोड़ रूपये की सामग्री क्रय की गई है? यदि हाँ, तो इतनी कम समयावधि में इतनी अधिक राशि की सामग्री क्रय करने का औचित्य क्या था? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में वर्णित समयावधि में अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों के हितार्थ प्राप्त राशि का उपयोग अनियमित तरीके से प्राचार्य द्वारा से अन्य कार्यों में किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों एवं संबंधित के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) क्या दिसम्बर 2016 में BOUND NOTE BOOK COPY 200 PAGES की पेपर साईज 19*29 से.मी. 38 रूपये प्रति नग के हिसाब से क्रय की गई थी, यदि हाँ, तो यही नोटबुक नवम्बर 2018 में 98 रूपयें 75 पैसे में क्यों खरीदी गई? क्या इसमें अनियमितता व भ्रष्टाचार नहीं हुआ है? यदि हाँ, तो इसके लिये जिम्मेदार कौन है? यदि नहीं, तो क्या शासन प्रश्नांश (ख) में वर्णित समयावधि में क्रय की सामग्री एवं अन्य मदों में असीमित मात्रा में किये गये समस्त व्यय की जाँच ई.ओ.डब्लू. से कराने हेतु आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राचार्य द्वारा क्रय की गई सामग्रियों के बिलों का भुगतान किया गया है एवं अधिक राशि के भुगतान की कार्यवाही नहीं की गई है। वर्तमान प्राचार्य के कार्यकाल के समस्त बिल-वाउचर, चैकों की एवं कैश बुकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्राचार्य द्वारा दिनांक 14.09.2018 से 30.03.2019 के मध्य अवधि के क्रय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। क्रय की कार्यवाही ए.आई.सी.टी.ई की कमियों को दूर करने के लिए एवं पदेन उपाध्यक्ष जनभागीदारी समिति के अनुमोदन उपरान्त की गई है। (ग) जी नहीं। जांच कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) जी हाँ। वर्ष 2018 में वर्ष 2016 से भिन्न नोटबुक दो वर्ष पश्चात् शासन के निर्धारित भण्डार क्रय नियम के अनुसार केन्द्र शासन के जेम पोर्टल से न्यूनतम दर पर रूपये 98.75 टैक्स सहित क्रय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। जांच कार्यवाही प्रचलन में है।
विधायकों के पत्रों का जवाब न देना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
55. ( क्र. 677 ) श्री कमलेश जाटव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक अम्बाह द्वारा पत्र क्रमांक/जा.प्र./2019/क्यू 103 दि.13.11.19 द्वारा सी.एम.एच.ओ., मुरैना से जनहित/शासनाहित में जानकारी चाही गई थी, क्या तत्संबंधी जानकारी विधायक अम्बाह को उपलब्ध करा दी गई है। यदि हाँ, तो पावती प्रदाय कराई जावे। (ख) यदि नहीं, तो विधायकों को जानकारी उपलब्ध न कराये जाने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा जानकारी कब तक प्रदाय करा दी जावेगी।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। पावती की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
आई.टी.आई. कॉलेज में प्रशिक्षण हेतु ट्रेंडों का प्रारंभ करना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
56. ( क्र. 728 ) श्रीमती
झूमा डॉ.
ध्यानसिंह
सोलंकी : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) भीकनगांव
विधानसभा
क्षेत्रान्तर्गत
भीकनगांव में
स्थित
आई.टी.आई.
कॉलेजों में
वर्तमान में
कितने
ट्रेंडों का
प्रशिक्षण
दिया जा रहा
है? (ख) क्या
भीकनगांव एवं
झिरन्या में
छात्रों की
मांग अनुसार
आई.टी.आई.
कॉलेज में सभी
06
ट्रेंडों का
प्रशिक्षण
दिया जा सकता
है? (ग) यदि हां, तो
कब तक 06
ट्रेंडों के
प्रशिक्षण
प्रारंभ हेतु
स्वीकृति
प्रदाय की
जायेगी तथा
नहीं तो क्या
कारण है?
मुख्यमंत्री
( श्री कमल नाथ ) : (क) आई.टी.आई.
भीकनगांव में
वर्तमान में
एक इलेक्ट्रीशियन
ट्रेड
संचालित हैं। (ख) जी
हाँ। (ग) समयावधि
बताना सम्भव
नहीं है।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
57. ( क्र. 729 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भीकनगांव आई.टी.आई. कॉलेज में मात्र 01 विषय का ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि भवन की उपलब्धता सम्पूर्ण विषयों के संचालन हेतु पर्याप्त है? क्या इस आदिवासी बाहूल्य क्षेत्रों में 1000 बच्चों को निजी ट्रेनिंग प्रोवाईडर से मुख्यमंत्री कौशल योजनान्तर्गत लघु अवधि प्रशिक्षण हेतु लक्ष्य आवंटित किया जा सकता है? (ख) यदि हाँ, तो कब तक प्रशिक्षण प्रारंभ किया जायेगा? नहीं तो क्या कारण है? (ग) क्या क्षेत्रवासियों की माँग अनुसार 1000 छात्रों को निजी ट्रेनिंग प्रोवाईडर से मुख्यमंत्री कौशल योजनान्तर्गत लघु अवधि प्रशिक्षण हेतु लक्ष्य आवंटित किया जा सकता है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, एक ट्रेड इलेक्ट्रीशियन संचालित है। भीकनगांव, आई.टी.आई. में प्रशासनिक भवन, 6 ट्रेड का वर्कशॉप, 60 सीटर बालक, 60 सीटर बालिका छात्रावास एवं आवासगृह उपलब्ध है। जी नहीं। (ख) मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना अन्तर्गत आर.एफ.पी. के माध्यम से भीकनगांव के लिए कोई भी निजी प्रशिक्षण प्रदाता चयनित नहीं हुआ है। (ग) भविष्य में मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना अन्तर्गत आर.एफ.पी. के माध्यम से यदि कोई निजी प्रशिक्षण प्रदाता भीकनगांव के लिए चयनित होता है तो लक्ष्य आवंटन किया जा सकता है।
लिपिकों की वेतन विसंगति
[वित्त]
58. ( क्र. 736 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कांग्रेस पार्टी द्वारा मध्यप्रदेश विधान सभा चुनाव 2018 वचन पत्र पुस्तिका के बिन्दु क्रमांक 47.20 में लिपिकवर्गीय कर्मचारियों को शिक्षकों के समान वेतनमान/ग्रेड पे देने का वचन दिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त वचन को पूरा करने की दिशा में सरकार ने क्या कदम उठाये हैं। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सरकार की लिपिकवर्गीय कर्मचारियों को शिक्षकों के समान वेतनमान/ग्रेड-पे देने की कोई योजना है यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त सहायक ग्रेड-3 लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को हिन्दी टाइपिंग परीक्षा उतीर्ण किये बिना वेतनवृद्धि स्वीकृत करने की योजना है? यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन की क्या योजना है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) एवं (ख) शासकीय सेवकों की सेवा शर्तों से संबंधित बिन्दुओं पर विचार के लिये कर्मचारी आयोग का गठन किया गया है। (ग) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अनुकम्पा नियुक्ति के लिये जारी परिपत्र दिनांक 29 सितम्बर, 2014 के अनुसार अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त सहायक ग्रेड-3 लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को हिन्दी टायपिंग परीक्षा उत्तीर्ण किये बिना वेतनवृद्धि स्वीकृत करने का प्रावधान नहीं है।
सागर जिला चिकित्सालय को स्थानांतरित किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
59. ( क्र. 745 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिला चिकित्सालय को स्थानातंरित किये जाने की कोई योजना शासन के समक्ष प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो जिला चिकित्सालय को कब तक तथा कहां स्थानांतरित किये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन है? (ख) क्या जिला चिकित्सालय सागर के नये भवन निर्माण की जगह चिन्हित कर ली गई है? यदि हाँ, तो कहां और कितनी। (ग) क्या जिला चिकित्सालय के भवन को बुन्देलखण्ड मेडिकल कॉलेज में मर्ज किये जाने की कोई योजना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो जिला चिकित्सालय सागर को वर्तमान में कहां संचालित किये जाने की योजना बनाई गई है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक क्षेत्र सिदगुवां के जलप्रदाय योजना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
60. ( क्र. 746 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या सागर स्थित औद्योगिक क्षेत्र सिदगुवां में जल प्रदाय योजनांतर्गत औद्योगिक क्षेत्र सिदुगवां में अब निरंतर जल प्रदाय हो रहा है? यदि नहीं, तो निरंतर जल प्रदाय किये जाने हेतु क्या शासन कोई स्थायी व्यवस्था करेगा यदि हाँ, तो कब तक?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : जी नहीं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा निर्मित योजना अंतर्गत बेवस नदी पर बनाये गये एनीकट (जल स्त्रोत) में सामान्यत: माह जुलाई से दिसम्बर तक ही जल संग्रहित रहता है। आस-पास के कृषकों द्वारा भी संग्रहित जल का उपयोग किया जाता है। निरंतर जल प्रदाय की स्थायी व्यवस्था हेतु वैकल्पिक जल स्त्रोत उपलब्ध नहीं होने से स्थायी व्यवस्था हेतु समयावधि निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
बहुमंज़िला होटल एवं भक्त निवास की उच्च स्तरीय भौतिक एवं वित्तीय जांच
[अध्यात्म]
61. ( क्र. 767 ) श्री महेश परमार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माधव सेवा न्यास, उज्जैन द्वारा महाकाल मंदिर के समीप आर.एस.एस. की शाखा लगाने एवं समाज कल्याण के कार्यों के लिए दान में प्राप्त निजी जमीन का बहुमंज़िला होटल भवन का निर्माण कर व्यावसायिक प्रयोजन से उपयोग किया जा रहा है? यदि हाँ, व्यावसायिक उपयोग किए जाने के लिए अनुमति कब और किससे प्राप्त की गयी? यदि अनुमति नहीं ली गयी तो, शासन इस संबंध में क्या कार्यवाही करेगा? दानपत्र की रजिस्ट्री, अनुबंध पत्र एवं न्यास द्वारा उद्देश्य परिवर्तन के लिए की गयी कार्यवाही का रजिस्ट्रार द्वारा प्रमाणित कानूनी दस्तावेज़ सहित विस्तृत जानकारी देवें। (ख) क्या माधव सेवा न्यास उज्जैन को महाकालेश्वर मंदिर में भस्मार्ती के लिए वी.आई.पी. प्रोटोकाल प्राप्त है? यदि हाँ, तो इसका मुख्य कानूनी आधार क्या है? न्यास में कार्यरत पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सूची नाम पते सहित देवें। (ग) क्या न्यास द्वारा वी.आई.पी. प्रोटोकाल का व्यावसायिक लाभ लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत न्यास को यह अधिकार प्राप्त हुए है तथा वी.आई.पी. प्रोटोकाल न्यास को कब, कहाँ और किसके द्वारा दिया गया और क्यों दिया गया? विस्तृत एवं पूर्ण मय दस्तावेज़ जानकारी उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (ग) की जानकारी संकलित की जा रही है।
ज़िला सहकारी केन्द्रीय बैंक का निवेश घोटाला
[सहकारिता]
62. ( क्र. 768 ) श्री महेश परमार : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल ज़िला सहकारी केंद्रीय बैंक के 118 करोड़ रुपए के निवेश घोटाले में कुछ अधिकारियों को जांच में लिया गया है? यदि हाँ, तो उन अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा बैंकों को कितना नुकसान पहुंचाया गया है? गलत निवेश के लिए कौन-कौन से वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी दोषी माने गए हैं? (ख) क्या इस मामले में बैंक के प्रबंध संचालक श्री आरपी हजारी के खिलाफ बैठक में विभाग की ओर से कार्यवाही के निर्देश दिये है? यदि हाँ, तो ऐसी कुल कितनी बैंक है जिन्होंने घाटे में होने के उपरांत भी कर्मचारियों के 20-25 हज़ार तक वेतन में बढ़ोतरी कर दी? घाटे में होने के बावजूद वेतन बढ़ाने का क्या उद्देश्य था? इस वित्तीय अनियमितता के लिए कौन उत्तरदायी है? (ग) क्या विभाग द्वारा भोपाल ज़िला सहकारी केन्द्रीय बैंक के निवेश घोटाले को ध्यान में रखकर प्रदेश की सभी ज़िला सहकारी केंद्रीय बैंकों के निवेश का सत्यापन कराकर बैंकों को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों तक पहुँचने की कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (घ) क्या प्रदेश की सभी सहकारी बैंकों से निवेश करते समय यह सावधानी बरती गई है कि जब बैंकों को जरूरत हो तो निवेश की राशि वापस हो सके? यदि हाँ, तो रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) भोपाल सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव्ह बैंक लि. भोपाल के रू.118 करोड़ निवेश के मामले में कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं के पत्र क्रमांक/साख/सी.बी. 1/2019/2370 दिनांक 27.07.2019 के माध्यम से जांचदल गठित कर जांच कराई गई। जांच प्रतिवेदन के आधार पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी को निलंबित कर, आरोप पत्र जारी करते हुये विभागीय जांच संस्थित की गई है। जांच प्रतिवेदन में निम्न वरिष्ठ अधिकारियों को उत्तरदायी माना है- श्री आर.एस. विश्वकर्मा, उपायुक्त एवं तत्कालीन प्रबंध संचालक, श्री सुभाष शर्मा, बैंक शाखा प्रबंधक एवं श्री अनिल भार्गव, बैंक शाखा प्रबंधक। विभागीय जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरांत अधिकारी/कर्मचारियों के गुण/दोष को स्पष्ट किया जा सकता है। (ख) आलोच्य प्रकरण से बैंक के वर्तमान प्रबंध संचालक श्री आर.पी. हजारी का कोई संबंध नहीं है। भोपाल सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव्ह बैंक के कर्मचारियों को वर्ष 2011 के बाद वेतनमान में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। अतः इस हेतु उत्तरदायी होने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी हाँ। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक के पत्र क्रमांक/साख/एपी/2019/1308 दिनांक 25.04.2019 द्वारा सभी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों को निवेश का सत्यापन कराकर प्रतिवेदन चाहा गया है। यदि किसी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में कोई हानि पहुंचाने का तथ्य संज्ञान में आयेगा तो नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। अभी तक भोपाल बैंक को छोड़कर ऐसा कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया इसलिये कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रदेश के म.प्र. राज्य सहकारी बैंक एवं जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों में निवेश करते समय बरती जाने वाली सावधानियां तथा निवेश राशि वापस प्राप्ति के संबंध में आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक के पत्र क्रमांक/साख/एपी/2019/3291 दिनांक 31.10.2019 से विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। इन निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
63. ( क्र. 816 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में आशा कार्यकर्ताओं को वर्ष 2014-15 से 2018-19 प्रश्न दिनांक तक प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया गया है यदि हाँ, तो उक्त अवधि में कितनी आशा कार्यकर्ता को कितना-कितना भुगतान वर्षवार किया गया? सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रवार जानकारी दें। (ख) उक्त भुगतान कहाँ-कहाँ के कौन-कौन बी.सी.एस., लेखापाल एवं बी.एम.ओ. द्वारा किया गया? इनके विरूद्ध कौन-कौन सी शिकायतें प्राप्त हुई शिकायतों की जानकारी सहित विवरण दें। (ग) क्या शिवपुरी जिले में आशा कार्यकर्ताओं को अत्यधिक कार्य से अधिक प्रोत्साहन राशि भुगतान किये जाने की शिकायतें वर्ष 2017-19 के बीच प्राप्त हुईं? यदि हाँ, तो शिकायतों की प्रति एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति सहित जानकारी दें कि विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही किन-किन के विरूद्ध कब-कब की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (घ) शिवपुरी जिले में वर्तमान में ऐसी कौन-कौन सी आशा कार्यकर्ता है जो दो-दो स्थानों पर कार्यरत है और उन्हें दोनों स्थानों पर प्रोत्साहन राशि भुगतान की जा रही है क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रश्नाधीन वर्णित जानकारी अपने पत्र क्रमांक 397 दिनांक 01/10/2019 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 433 दिनांक 18/10/2019 से चाही गई थी? यदि हाँ, तो उक्त जानकारी क्यों नहीं दी गई तथा कब तक दे दी जायेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार। (ग) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में समाहित है। प्रक्रिया प्रचलन में है। (घ) श्रीमति मीना राजपूत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिछोर के मझरा धकुरई ग्राम पंचायत चंदावनी में दिनांक 15/08/2017 से आशा के पद पर चयनित होकर 31 जुलाई 2018 तक कार्य किया गया। इसके बाद वह अपने मायके के ग्राम सजयाल जागीर, विकासखंड बदरवास चली गई एवं दिनांक 19/9/2018 से विकासखंड बदरवास के ग्राम सजयाल जागीर में कार्यरत है। उक्त आशा का माह जुलाई 2018 तक का भुगतान लंबित रहने के कारण विकासखंड पिछोर से किया गया। शेष आगामी माहों का भुगतान विकासखंड बदरवास से किया गया है। पत्र क्र. 397 दिनांक 01/10/2019 में वर्णित जानकारी वृहद होने के कारण संकलित की जा रही है जो जिले द्वारा शीघ्र प्रेषित कर दी जावेगी।
पंजीकृत इकाईयों को छूट देना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
64. ( क्र. 835 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा औषधि खरीदी की टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने हेतु प्रदेश में (MSME) लघु एवं सूक्ष्म मध्यम उद्यम मंत्रालय में पंजीकृत औषधीय उत्पादन इकाईयों से तीन वर्ष का औसत टर्न ओवर 10 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष होना अनिवार्य कर दिया गया है? (ख) क्या राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उ.प्र., कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि प्रदेशों द्वारा अपने प्रदेश की (MSME) लघु एवं सूक्ष्म मध्यम उद्यम मंत्रालय में पंजीकृत औषधीय उत्पादन इकाईयों को बढ़ावा देने हेतु टेंडर में मांगे गये टर्न ओवर में 80 प्रतिशत छूट का प्रावधान है? क्या म.प्र. में भी इस प्रकार टर्न ओवर में छूट का प्रावधान है? (ग) प्रश्न दिनांक से 10 वर्ष पूर्व म.प्र. में कुल कितनी लघु एवं सूक्ष्म औषधि उत्पादन इकाई हुआ करती थी एवं वर्तमान में इनकी संख्या क्या है? (घ) क्या म.प्र. के (MSME) लघु एवं सूक्ष्य मध्यम उद्यम मंत्रालय में पंजीकृत औषधीय उत्पादन इकाईयों को प्रोत्साहित करने हेतु औषधि खरीद प्रक्रिया में अन्य राज्यों की तरह टेंडर प्रक्रिया में 80 प्रतिशत की छूट दी जायेगी ताकि म.प्र. की औषधीय इकाईयों को बढ़ावा मिल सके?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) हाँ, मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन लि. द्वारा औषधि खरीदी की टेंडरी प्रक्रिया में भाग लेने हेतु प्रदेश में (MSME) लघु एवं सूक्ष्म मध्यम उद्यम मंत्रालय में पंजीकृत औषधि उत्पादन इकाईयों एवं अन्य समस्त इकाईयों से तीन वर्ष का औसत टर्नओवर राशि रुपये 10 करोड़ एवं सर्जिकल कनज्यूमेबल उत्पादन इकाईयों से तीन वर्ष का औसत टर्नओवर राशि रुपये 02 करोड़ होना अनिवार्य है। कार्पोरेशन द्वारा मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 का अनुसरण किया जाता है, जिसके अंतर्गत MSME हेतु टर्नओवर में किसी भी प्रकार की छूट देने का प्रावधान वर्णित नहीं है, किन्तु सेवा उपार्जन नियम-2015 में वर्णित, (MSME) लघु एवं सूक्ष्म मध्यम उद्यम मंत्रालय को अनुभूति राशि (राशि रुपये 2,00,000/-) एवं निविदा दस्तावेज खरीद पर पूर्ण रूप से छूट प्रदाय करने के नियम का कार्पोरेशन द्वारा पालन किया जाता है। (ख) नहीं, मध्यप्रदेश में (MSME) लघु एवं सूक्ष्म मध्यम उद्यम मंत्रालय में पंजीकृत औषधि उत्पादन इकाईयों हेतु टर्नओवर में किसी भी प्रकार की छूट का प्रावधान वर्णित नहीं है। अतः अन्य राज्यों में स्थित कार्पोरेशन द्वारा उनकी पॉलिसी अनुसार निविदा प्रक्रिया संचालित की जाती है एवं मध्यप्रदेश में विद्यमान कार्पोरेशन द्वारा मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 का पालन किया जाता है, जिसके अनुसार किसी भी पंजीकृत औषधि उत्पादन इकाईयों हेतु टर्नओवर में किसी भी प्रकार की छूट का प्रावधान वर्णित नहीं है। (मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 के अंतर्गत बिन्दु क्रमांक 25.3.1 एवं 25.3.2) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्न क्रमांक 3 के अंतर्गत अवगत कराना चाहेंगे कि, मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन लि. का गठन मार्च-2014 में किया गया है, अतः उक्त प्रश्न इस कार्यालय से संबंधित नहीं है। (घ) नहीं, मध्यप्रदेश में (MSME) लघु एवं सूक्ष्म मध्यम उद्यम मंत्रालय में पंजीकृत औषधि उत्पादन इकाईयों हेतु खरीद प्रक्रिया में 80% की छूट का प्रावधान वर्णित नहीं है एवं कार्पोरेशन द्वारा औषधियों हेतु दर अनुबंध किया जाता है, कोई भी खरीद प्रक्रिया का संचालन नहीं होता है। अतः अन्य राज्यों में स्थित कार्पोरेशन द्वारा उनकी पॉलिसी अनुसार क्रय प्रक्रिया का संचालन किया जाता है एवं मध्यप्रदेश में स्थापित कार्पोरेशन द्वारा मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 का पालन किया जाता है। संलग्नः मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 के अंतर्गत बिन्दु क्रमांक 25.3.1 एवं 25.3.2
टेंडर की जांच
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 836 ) श्री मनोज चावला : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा औषधी क्रय हेतु टेंडर नं.-02/MPPHSCL/PHARMA/RC/2019, दिनांक 21/01/2019 द्वारा आयटम नं. 185 ड्रग कोड 120840 नान ई.डी.एल. ग्लुकोज पाउच 75 ग्राम प्रदाय हेतु माइक्रोन फार्मासुटिकल्स, वापी गुजरात को टेण्डर अवार्ड कर ग्लुकोज 75 ग्राम की दर 26 रूपये स्वीकृत कर दी गई, जो कि बाजार मूल्य 13 रूपये से दोगुना है? यदि हाँ, तो पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कम्पनी माइक्रोन फार्मासुटिकल्स, वापी गुजरात को म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन द्वारा उत्पादनुसार COPP के दस्तावेजों के अभाव में और ग्लुकोज पाउडर के निर्माता नहीं होने के बावजूद इतनी ज्यादा दरों को मंजूरी देकर शासन के रूपयों का नुकसान किया जा रहा है। क्या उक्त टेंडर प्रक्रिया की जांच की जायेगी? (ग) क्या म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विस कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा अधिक दरों पर माइक्रोन फार्मासुटिकल्स, वापी गुजरात कम्पनी को फायदा पहुंचाने हेतु दिये गये टेण्डर नं. - 02/MPPHSCL/PHARMA/RC/2019, दिनांक 21/01/2019 द्वारा आयटम नं. 185 ड्रग कोड 120840 नान ई.डी.एल. ग्लुकोज पाउच 75 ग्राम की दरों को निरस्त किया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) हॉ, मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन लि. द्वारा जारी निविदा क्रमांक 02/MPPHSCL/PHARMA/RC/2019 दिनांक 21/01/2019 में नॉन ई.डी.एल. औषधि ग्लुकोज पाउच 75 ग्राम हेतु फर्म माईक्रोन फार्मासुटिकल्स, वापी गुजरात के साथ जो कि मूल्य राशि रूपये 22.50+Tax सहित दर अनुबंध निष्पादित किया गया है। चूंकि यह आईटम औषधि की श्रेणी में आता है। जिसका उपयोग गर्भवती महिलाओं में OGTT oral glucose tolerance test के रूप में Gestational Diabetes Mellitus की पहचान करने हेतु किया जाता है। जिससे माँ और नवजात शिशु को Morbidity से बचाया जा सकें। उक्त हेतु माह जून 2017 में निविदा NIT-142 जारी की गई थी। जिसमें इस औषधि हेतु दर राशि रूपये 45.003 प्राप्त की गयी थी जिसे अमान्य किया गया था। इसके पश्चात माह दिसम्बर 2017 में पुन: निविदा क्रमांक NIT-165 जारी की गई थी जिसमें दर राशि रूपये 26.6+Tax प्राप्त की गई थी जिसे भी अमान्य किया गया। इसके पश्चात तीसरी बार निविदा क्रमांक 02 में इस औषधि हेतु राशि रूपये 22.50+Tax प्राप्त की गयी जिसमें मांगकर्ता द्वारा औषधि की अत्याधिक अवश्यकता को ध्यान में रखते हुये इस दर पर मान्य किया गया। औषधि उत्पादनकर्ता फर्म द्वारा गुणवत्ता मानक WHO-GMP एवं COPP निविदा में दिया गया, अत: दर का अधिक आना स्वाभाविक है। (ख) नहीं, फर्म माईक्रोन फार्मासुटिकल्स, वापी गुजरात का ग्लुकोज पाउडर का निर्माता होना पाया गया एवं उत्पादन अनुसार COPP के दस्तावेज उक्त आईटम के लिए पाए गए जिस आधार पर उक्त औषधि को मान्य किया गया। अत: औषधियों की निविदा क्रमांक 02/MPPHSCL/PHARMA/RC/2019 दिनांक 21/01/2019 की शर्त क्रमांक 2 की कंडिका क्रमांक 2 (b) The manufacturer should have received a valid GMP as per revised Schedule M issued by Licensing Authority and WHO-GMP inspection certificate in line with the WHO certificate scheme, on pharmaceuticals being quoted, from the regulatory authority (RA) in India. Bidder should submit a valid (at the time of bid submission date) product wise COPP/product wise WHO-GMP issued by Regulatory Authority of State/CDSCO, for each item offered. OR Bidders having valid USFDA/MHRA certificate for the pharmaceutical products are eligible to participate provided, such certificate has been issued for the plant where said pharmaceuticals are being produced and is valid as on due date of submission of bids के अनुसार फर्म का आईटम वायस WHO-GMP/COPP/CDSCO/USFDA/MHRA होना अनिवार्य है। जिसमें फर्म द्वारा प्रोडक्ट वायस WHO-GMP एवं COPP जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। तकनीकी बिड में जमा किए गये थे जिस आधार पर उक्त औषधि को मान्य किया गया। (ग) नहीं, मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन लि. द्वारा जारी निविदा क्रमांक 02/MPPHSCL/PHARMA/RC/2019 दिनांक 21/01/2019 गुणवत्ता मानक WHO-GMP/COPP/CDSCO/USFDA/MHRA उच्च स्तर के रखे गए है, अत: नॉन ई.डी.एल औषधि ग्लुकोज पाउच 75 ग्राम हेतु किया गया दर अनुबंध निविदा में उल्लेखित स्पेसिफिकेशन/शर्तानुसार ही किया गया है। अत: किसी भी फर्म को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से परे होकर निविदा प्रक्रिया निष्पादित की गई है।
अधोसंरचना विकास विषयक
[वित्त]
66. ( क्र. 860 ) श्री अजय विश्नोई : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सच है कि वर्तमान सरकार के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अधोसरंचना विकास में विगत वर्षों की तुलना में पिछड़ रहा है? (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 तथा 2019-20 में प्रदेश में अधोसंरचना विकास में प्रदेश की जी.एस.डी.पी. की कितनी प्रतिशत राशि खर्च की गयी है, कृपया वर्षवार तुलनात्मक जानकारी भी दें? (ग) नवीन सड़क निर्माण, नवीन नहर निर्माण, नवीन बांध निर्माण, नगरीय निकायों में नये निर्माणों में कितनी-कितनी राशि पंजीगत व्यय में खर्च की गई है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं वर्तमान सरकार द्वारा प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में अधोसंरचना विकास हेतु पूंजीगत मद में विगत वर्ष की तुलना से अधिक बजटीय प्रावधान किया है। (ख) वित्तीय वर्ष 2016-17 तथा 2017-18 में पूंजीगत मद अंतर्गत प्रदेश की जी.एस.डी.पी. से खर्च का प्रतिशत निम्नानुसार है:-
वर्ष |
कुल जी.एस.डी.पी. (राशि रू. करोड़ में) |
कुल पूंजीगत व्यय (राशि रू. करोड़ में) |
व्यय का जी.एस.डी.पी. से प्रतिशत |
2016-17 |
648849 (P) |
27288 |
4.21 |
2017-18 |
728242 (Q) |
30913 |
4.24 |
(P) Provisional (Q) Quick |
वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 के वित्त लेखे महालेखाकार से प्राप्त नहीं हुए हैं, अतः इन वर्षों के लिये पूंजीगत व्यय (जी.एस.डी.पी. के प्रतिशत के रूप में) का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। (ग) विभिन्न विभागों द्वारा पूंजीगत मद अंतर्गत किये गये व्यय का विस्तृत ब्यौरा महालेखाकार द्वारा तैयार वित्त लेखे में समाहित होता है। वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 के वित्त लेखे महालेखाकार से प्राप्त नहीं होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं है।
प्रश्न क्र. 3489 से संबंधित जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
67. ( क्र. 876 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3489, दिनांक 23 जुलाई 2019 के उत्तर भाग (ख) एवं (ग) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार जानकारी दी है कि दिनांक 09.07.2019 को कार्यालय नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रसाधन द्वारा समस्त औषधि निरीक्षक मध्यप्रदेश प्रबंध संचालक राष्ट्रीय औषधि मूल निर्धारण प्राधिकरण औषधि विभाग भारत सरकार नई दिल्ली को पत्र लिखा है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त पत्र प्रस्तुत दिनाँक से प्रश्न दिनाँक तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्रों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाहियाँ हुई, की जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्या इस हेतु स्मरण पत्र भी भेजे गए हैं? यदि हाँ, तो प्रति दी जावे।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांश (क) के आलोक में स्मरण पत्र जारी किये गये है जो कि जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। औषधि निरीक्षकों द्वारा नियमित निरीक्षणों के दौरान ड्रग प्राइज कंट्रोल आर्डर, 2013 का उल्लंघन प्रकाश में नहीं आया है।
चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
68. ( क्र. 901 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिला चिकित्सालय सहित विभिन्न चिकित्सालयों में संस्थावार चिकित्सकों के प्रवर्गवार कितने-कितने पद स्वीकृत है तथा स्वीकृत पदों में से कितने पद भरे है और कितने पद किस-किस तिथि से रिक्त है? (ख) संस्थावार भरे पदों पर पदांकित चिकित्सकों के नाम बतायें। पदांकित चिकित्सकों में से कौन-कौन चिकित्सक मूल पदस्थापना स्थान से अन्य चिकित्सालयों में किसके आदेश से किस-किस तिथि से कार्य संलग्न है? क्या ऐसे कार्य संलग्न चिकित्सकों की उनके मूल पदस्थापना स्थान में आवश्यकता नहीं है? यदि मूल स्थान में आवश्यकता है तो कार्य संलग्न क्यों किया गया है? औचित्य सहित कारण बतायें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब एवं स अनुसार। चिकित्सकों को मूल पदस्थापना से अन्यत्र कार्य करने संबंधी आदेश प्रशासकीय कार्य व्यवस्था के सुचारू संचालन एवं चिकित्सकीय सेवायें उपलब्ध कराये जाने की दृष्टि से जारी किए गए हैं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
69. ( क्र. 910 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा तांराकित प्रश्न क्रमांक 225 दिनांक 20.2.19 के उत्तर में सदन में हुई चर्चा में पन्ना जिले में अतिशीघ्र इंजीनियरिंग कालेज खोले जाने का कथन किया गया था? (ख) यदि हाँ, है तो लगभग 01 वर्ष के बाद भी आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) कार्यवाही प्रचलित है।
ऑडिट में अनियमितताएं एवं गबन
[सहकारिता]
70. ( क्र. 911 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सी.ए.जी. ग्वालियर द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय अनुसार पन्ना जिला सहकारी बैंक की ऑडिट की जा रही है? यदि हाँ, तो कब से और इसे कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) क्या जिला सहाकारी बैंक पन्ना में पाई गई आर्थिक अनियमितताए एवं राशि गबन के संबंध में पन्ना जिले के थानों, लोकायुक्त व आर्थिक अपराध ब्यूरो में प्रकरण क्रमश: पंजीबद्व हैं? यदि हाँ, तो कब से? क्या शासन अपराधियों को शीघ्र सजा दिलाने हेतु लंबित प्रकरणों के निराकरण में गति लाकर दोषियों को न्यायालय से सजा दिलवायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
71. ( क्र. 924 ) श्री
आकाश कैलाश
विजयवर्गीय : क्या लोक
स्वास्थ्य
परिवार
कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) इन्दौर
जिले में
आयुष्मान
भारत योजना के
अन्तर्गत कौन-कौन
से हॉस्पिटल
किन-किन
बीमारियों के
लिये चिन्हित
किये गये हैं, सूची
उपलब्ध
करायें?
(ख)
क्या
चिन्हित हॉस्पिटलों
में प्रतिमाह
इलाज हेतु
मरीजों की
संख्या
सुनिश्चित की
गई है? यदि
हाँ, तो
कितनी व क्यों
कारण बतायें? (ग) इन्दौर
जिले में
योजना
प्रारंभ होने
से प्रश्न
पूछे जाने तक
कौन-कौन से हॉस्पिटलों
में कितने
मरीजों का
उपचार किया
गया है, नाम, पता सहित
सूची उपलब्ध
करायें?
लोक
स्वास्थ्य
परिवार
कल्याण
मंत्री ( श्री
तुलसीराम
सिलावट ) : (क) इन्दौर
जिले में
आयुष्मान
भारत योजना से
ससम्बद्ध
चिकित्सालयों
की सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र -अ अनुसार
है। (ख) जी नहीं।
शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
(ग) इंदौर
जिले में
उपचारित
मरीजों की
हॉस्पिटल वार
सूची पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट
के प्रपत्र-ब अनुसार है।
प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक लिए गए कर्ज
[वित्त]
72. ( क्र. 930 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा दिसम्बर 2018 से अभी तक कुल कितनी राशि का कब-कब कर्ज लिया गया? क्या वर्तमान सरकार द्वारा प्रतिमाह 1500 करोड़ की राशि कर्ज के रूप में ली गई है? (ख) सरकार द्वारा शुरू की गई किसान कर्जमाफी सहित अन्य योजनाओं के संचालन हेतु कितनी धन राशि वर्तमान में उपलब्ध है? (ग) क्या सरकार द्वारा आकस्मिक निधि, निराश्रित निधि और रिजर्व फण्ड को भी खर्च करने हेतु नियमों में संशोधन किये गये है? यदि हाँ, तो उक्त संशोधन कब किये गये एवं क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) प्रदेश सरकार द्वारा दिसंबर 2018 से 04 दिसंबर 2019 तक कुल रूपये 18810 करोड़ का बाजार ऋण लिया गया है। विवरण संलग्न परिशिष्ट पर अवलोकनीय है। बाजार ऋण के अतिरिक्त अन्य ऋणों के संबंध में महालेखाकार से अंकेक्षित आंकड़े प्राप्त नहीं हुए हैं। (ख) किसान कर्जमाफी सहित सभी योजनाओं हेतु बजट प्रावधान वर्ष 2019-20 के बजट में किया गया है। बजट प्रावधान 2019-20 विधानसभा पुस्तकालय कक्ष में अवलोकन हेतु उपलब्ध हैं। फसल ऋण माफी योजना हेतु रूपये 8000 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है। (ग) आकस्मिक निधि तथा रिजर्व फण्ड के नियमों में हाल में कोई संशोधन नहीं किये गये हैं। निराश्रित निधि में संशोधन करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
प्रदेश में बेरोजगारों का ब्यौरा एवं रोजगार की उपलब्धता
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
73. ( क्र. 933 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अक्टूबर 2018 एवं अक्टूबर 2019 में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों का तुलनात्मक ब्यौरा क्या है? (ख) प्रदेश सरकार द्वारा 15 दिसम्बर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने हेतु कौन-कौन से उपाय किये गये? इस दौरान कितने शिक्षित बेरोजगारों को शासकीय अथवा निजी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराया गया? (ग) प्रदेश में वर्ष 2018-19 एवं चालू वित्तीय वर्ष के दौरान कितनी भर्ती परीक्षाएं आयोजित की गई? इन परीक्षाओं के माध्यम से कितने रोजगार सृजन किये गये?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) प्रदेश में अक्टूबर-2018 में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 20,77,222 एवं अक्टूबर-2019 में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 27,79,725 है। (ख) 15 अक्टूबर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार प्रदाय करने के लिए मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं मुख्यमंत्री युवा स्वाभिमान योजना तथा मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना के अन्तर्गत मेगा स्किल ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना हेतु लघु अवधि के कौशल प्रशिक्षण हेतु निजी प्रशिक्षण प्रदाताओं का चयन किया जा चुका है एवं प्रशिक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षणार्थियों का नियोजन प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा किया जावेगा। पूर्व में संचालित मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री कौशल्या योजना अन्तर्गत निजी क्षेत्रों में 7722 प्रशिक्षणार्थियों का नियोजन किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जॉब फेयर योजनान्तर्गत 15 दिसम्बर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य जॉब फेयर आयोजित कर 17506 शिक्षित बेरोजगारों को निजी क्षेत्रों में नियुक्ति हेतु चयनित करवाया गया। विभिन्न जिलों में नियोजन कंपनी के माध्यम से आई.टी.आई. प्रशिक्षाणार्थियों के लिये प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन कर 15 दिसम्बर 2018 से 15 नवम्बर 2019 के मध्य 2520 आई.टी.आई. उत्तीर्ण छात्रों का विभिन्न कंपनियों द्वारा चयन किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा-2018 में कौशल विकास संचालनालय द्वारा सहायक ग्रेड-3 के 7 पदों पर नियुक्ति की गई।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना
[सामान्य प्रशासन]
74. ( क्र. 936 ) श्री विनय सक्सेना : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) EOW द्वारा दर्ज एफ.आई.आर. किस आदेश/निर्देश के तहत उनकी अधिकारिक वेबसाईट http://eow.mp.gov.in में सार्वजनिक की जा रही हैं? उक्त आदेश की प्रति देवें। (ख) क्या माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा WRIT PETITION क्रमांक 68/2016 में पारित आदेश लोकायुक्त संगठन मध्यप्रदेश की विशेष पुलिस स्थापना पर लागू होता है? यदि हाँ, तो उक्त आदेश का पालन लोकायुक्त मध्यप्रदेश द्वारा क्यों नहीं किया जा रहा है? (ग) लोकायुक्त एवं EOW द्वारा वर्ष 2014 से 2018 तक की समयावधि में ऐसे कितने मामलो की जांच की गयी जिसमें मंत्री/मुख्यमंत्री/वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी आरोपित रहे हो? प्रकरणों की सूची देवें तथा प्रकरणवार अद्यतन स्थिति बतावें। (घ) क्या यह सही है कि राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह द्वारा 24 सितम्बर 2019 को पारित आदेश में, लोकायुक्त को सूचना अधिकार अधिनियम की परिधि से मुक्त रखने संबंधी राज्य सरकार की दिनांक 25 अगस्त 2011 की अधिसूचना को अमान्य किया है?यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मंदसौर गोली काण्ड जॉंच आयोग की रिपोर्ट
[सामान्य प्रशासन]
75. ( क्र. 952 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर गोली काण्ड पर जैन आयोग का गठन किस दिनांक को किया गया तथा उन्हें अपनी रिपोर्ट किस दिनांक तक प्रस्तुत करना थी? कितने दिनों बाद किस दिनांक को शासन को रिपोर्ट सुपुर्द की, विलम्ब का कारण क्या है? (ख) मंदसौर गोली काण्ड पर किस अधिकारी को किस दिनांक को सस्पेंड किया गया था तथा किस दिनांक को बहाल किया गया? (ग) क्या 13 जून 2018 को जैन आयोग की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद 29 जून 2018 को तत्कालीन कलेक्टर तथा एस.पी. को रिपोर्ट के आधार पर बहाल कर दिया गया? यदि हाँ, तो बतावें कि विधान सभा में रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं होने पर उसकी अनुशंसा किस आधार पर मानी गई? (घ) क्या मंदसौर गोली काण्ड पर जैन आयोग की रिपोर्ट विधान सभा में प्रस्तुत न होने पर कोई कार्यवाही नहीं की गई? यदि हाँ, तो बतावें कि रिपोर्ट की विवेचना का कार्य किस अधिकारी को किस दिनांक को सौंपा गया था तथा विवेचना कर विभाग में प्रतिवेदन कब प्रस्तुत किया?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) मंदसौर गोलीकांड में जैन आयोग का गठन मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 12 जून 2017 द्वारा किया गया था। मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से तीन माह के भीतर जांच रिपोर्ट राज्य शासन को प्रस्तुत की जाना थी। जांच आयोग द्वारा राज्य शासन को जांच प्रतिवेदन दिनांक 11/06/2018 को प्रस्तुत किया गया। जांच आयोग द्वारा जांच की कार्यवाही समय-सीमा में पूर्ण नहीं होने से समय-समय पर आयोग के कार्यकाल में वृद्धि की गई है। (ख) तत्कालीन कलेक्टर,जिला-मंदसौर को दिनांक 21/06/2017 को सस्पेंड किया गया एवं दिनांक 29/06/2018 को बहाल किया गया है। श्री ओ.पी. त्रिपाठी, भापुसे (म.प्र.2009) तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मंदसौर एवं श्री सांई कृष्ण एस.थोटा, भापुसे (म.प्र.2014) तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक मंदसौर को दिनांक 21/06/2017 को निलंबित किया गया एवं दिनांक 29/06/2018 को बहाल किया गया। (ग) जी हाँ। प्रशासकीय कारणों से बहाल किया गया है। (घ) जांच आयोग के प्रतिवेदन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
त्योंथर में सौ बिस्तरीय अस्पताल का निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
76. ( क्र. 956 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला रीवा अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र त्योंथर में सौ बिस्तर वाला अस्पताल स्वीकृत है? यदि हाँ, तो स्वीकृत दिनांक, क्रमांक एवं स्वीकृत राशि की जानकारी दें। (ख) उपरोक्त स्वीकृत 100 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र त्योंथर के भवन की स्वीकृति का कार्य क्या विचाराधीन है अथवा स्वीकृत हो चुका है? यदि स्वीकृति है तो, तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति का क्रमांक एवं दिनांक बतायें। (ग) क्या स्वीकृत 100 बिस्तर सामुदायिक चिकित्सालय के भवन निर्माण हेतु कलेक्टर महोदय रीवा द्वारा स्थल का चयन कर मूलत: त्योंथर में ही स्थल आवंटित किया गया है? यदि हाँ, तो आराजी नम्बर एवं रकबा की जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र त्योंथर को 100 बिस्तरीय अस्पताल में पदों के सृजन सहित उन्नयन की प्रशासकीय स्वीकृति शासन आदेश क्रमांक एफ 1-15/07/सत्रह/मेडि-3/दिनांक 09.09.2008 को जारी की गई। (ख) वर्तमान में विचाराधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। भूमि का खसरा नंबर 374, 375 एवं रकवा 1.57 एकड़ पर नवीन भवन निर्माण हेतु कलेक्टर महोदय द्वारा अनुमोदन किया गया है।
परासिया में 100 बिस्तरों के अस्पताल का प्रारंभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
77. ( क्र. 975 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परासिया में 100 बिस्तरों के अस्पताल के उन्नयन की स्वीकृति शासन द्वारा लगभग ढ़ाई वर्ष पूर्व खनिज प्रतिष्ठान मद से प्रदान की जा चुकी है यदि हाँ, तो विभाग द्वारा अभी तक 100 बिस्तरों के अस्पताल को प्रारंभ क्यों नहीं किया गया है, 100 बिस्तरों के अस्पताल को प्रारंभ किये जाने में विभाग द्वारा विलम्ब किये जाने का क्या कारण है? विवरण देवें। (ख) परासिया में स्वीकृत 100 बिस्तरों के अस्पताल से संबंधित विभागीय एवं अन्य सभी औपचारिकताओं को पूर्ण कर शासन/विभाग द्वारा कब तक 100 बिस्तरों के अस्पताल को प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) परासिया में 100 बिस्तरों के अस्पताल हेतु भवन निर्माण कार्य को कब से प्रारंभ कर, कब तक पूर्ण करा दिया जायेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) खनिज प्रतिष्ठान मद से दिनांक 30.03.2017 को राशि रूपये 1000.00 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई परंतु दिनाक 07.03.2019 को प्रशासकीय स्वीकृति निरस्त की गई। आदेश दिनांक 24.09.2019 द्वारा 100 बिस्तरीय अस्पताल हेतु राशि रूपये 1400.00 लाख की पुनः प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है, जिसमें रूपये 177.00 लाख उपकरण एवं फर्नीचर के भी सम्मिलित हैं। (ख) भवन निर्माण का कार्य परियोजना क्रियान्वयन इकाई लोक निर्माण विभाग को आवंटित किया गया, पी.आई.यू द्वारा निविदायें आमंत्रण की कार्यवाही की जावेगी। (ग) निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
कर्मचारियों की पदोन्नति का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
78. ( क्र. 983 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण पोस्ट बेसिक बी.एस.सी. नर्सिंग/एम.एस.सी. नर्सिंग उत्तीर्ण विभागीय कर्मचारियों द्वारा 2008 से 2016 तक पदोन्नति प्रदान करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका पर डबल बैंच द्वारा उक्त प्रकरण को खारिज कर दिया गया था? यदि हाँ, तो संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें द्वारा सचिव भारतीय उपचर्या परिषद् (INC) नई दिल्ली से पदोन्नति/मान्यता के संबंध में किए गये पत्राचारों की जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) के संबंध में प्रकरण खारिज होने के उपरांत भी वर्तमान में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण छात्राओं को पदोन्नति का लाभ दिए जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें। यदि नियम विरूद्ध तरीके से पदोन्नति का लाभ दिए जाने की कार्यवाही की जा रही है तो ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) रजिस्ट्रार म.प्र. नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल द्वारा म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय भोपाल से उत्तीर्ण पोस्ट बेसिक बी.एस.सी. नर्सिंग/एम.एस.सी. नर्सिंग के छात्र-छात्राओं को विभागीय पदोन्नति प्रदान करने के संबंध में आदेश क्र. म.प्र.न.रजि.कौ./2019/1181 दिनांक 26.09.2019 जारी किया गया है। क्या रजिस्ट्रार म.प्र. नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल को उक्त आदेश निकालने के अधिकार हैं? यदि हाँ, तो शासन निर्देशों की जानकारी देवें। यदि नहीं, तो संबंधित रजिस्ट्रार के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
79. ( क्र. 1005 ) श्री जजपाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में ट्रामा सेंटर हेतु विशेषज्ञ चिकित्सकों, मेडिकल ऑफिसरों एवं पैरामेडिकल स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं तथा स्वीकृत पदों के विरूद्ध कितने संवर्गवार भरे हुये हैं तथा कितने पद रिक्त हैं? (ख) ट्रामा सेंटर के शुभारंभ दिनांक 22.07.17 से आज दिनांक तक ट्रामा हेतु उपलब्ध चिकित्सकीय उपकरण एवं आवश्यक संसाधनों की जानकारी प्रदान करें। (ग) जिला चिकित्सालय अशोकनगर में कितने विशेषज्ञ चिकित्सक, मेडिकल ऑफिसर, स्टाफ नर्स एवं अन्य तृतीय श्रेणी पैरामेडिकल स्टाफ के कितने पद स्वीकृत हैं तथा कितने भरे हुये हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (घ) अप्रैल 2018 से आज दिनांक तक रोगी कल्याण जिला चिकित्सालय अशोकनगर की कितनी बैठकें आयोजित की गई? क्या इन बैठकों में रोगी कल्याण समिति से कर्मचारी लगाने के प्रस्ताव अनुमोदित किये गये? यदि हाँ, तो कितने कर्मचारी लगाये गये? नाम सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (घ) दिनांक 25/09/2018 को रोगी कल्याण समिति की बैठक आयोजित की गई। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 1017 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मकरोनिया जिला सागर जिसकी स्वीकृति 07.02.2018 को हुई थी का निर्माण कार्य प्रश्न दिनाँक तक कितना हुआ है एवं कितना शेष है? कब तक पूर्ण किया जाना था? (ख) निर्माण कार्य की धीमी गति होने का क्या कारण है? बतावें। (ग) यदि निर्माण कार्य की धीमी गति का कारण भवन भूमि में अतिक्रमण एवं विद्युत लाईन एवं पोल शिफ्टिंग है, तो विभाग द्वारा इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई है? (घ) निर्माणाधीन कार्य में आ रहे अतिक्रमण, विद्युत लाईन एवं पोल शिफ्टिंग को विभाग द्वारा कब तक दूर किया जाकर कार्य पूर्ण कराया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रश्नाधीन कार्य के अंश भाग का कॉलम फुटिंग का कार्य पूर्ण है एवं 02 आवासों के प्लिंथ का कार्य प्रगति पर है, बाउण्ड्रीवॉल का कार्य लगभग पूर्ण है, प्लिंथ एवं ऊपर का कार्य किया जाना शेष है। अनुबंध अनुसार 31 मार्च 2020 तक कार्य पूर्ण किये जाने का समय निर्धारित है। (ख) निर्माण स्थल के मध्य में हाईटेन्शन लाईन, स्थल पर अतिक्रमण एवं चयनित स्थल ढलान पर होने के कारण। (ग) विभाग द्वारा भूमि अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु कलेक्टर सागर को दिनांक 22.02.2019 एवं दिनांक 29.08.2019 को आवेदन किया गया एवं विद्युत लाइन एवं पोल शिफ्टिंग के लिये म.प्र. विद्युत वितरण कंपनी सागर को दिनांक 22.02.2019 को आवेदन किया गया। (घ) निर्माणाधीन कार्य में आ रहे अतिक्रमण को राजस्व विभाग द्वारा हटाने का कार्य किया जा रहा है एवं विद्युत लाईन एवं पोल शिफ्टिंग का कार्य प्रगतिरत है, निर्माण स्थल अतिक्रमण मुक्त होने के प्रश्चात प्रगति बढ़ाई जावेगी, निर्माण की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
शासकीय चिकित्सकों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
81. ( क्र. 1076 ) श्री महेश राय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय चिकित्सालय बीना में विशेषज्ञ चिकित्सकों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं कितने कार्यरत हैं एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) रिक्त पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की पूर्ति पदस्थापना कब तक कर दी जावेगी? (ग) बीना शहर में मात्र एक शासकीय चिकित्सालय संचालित है जिसमें लगभग प्रतिदिन 2000 से लेकर 5000 मरीज एवं दुर्घटनाओं के मरीज आते हैं, क्या उनके परीक्षण हेतु (ओ.पी.डी.) चिकित्सकों की संख्या पर्याप्त है? यदि नहीं, तो क्या जिले स्तर से कोई अस्थाई व्यवस्था हो सकती है? यदि हाँ, तो कब तक कर ली जावेगी। (घ) यदि नहीं, तो क्यों? शासन के पास उक्त संबंध में कोई योजना है तो कब तक प्रारंभ होगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी है एवं विशेषज्ञ के समस्त पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान होने तथा अप्रैल 2016 से मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञ के पदों को भरे जाने में कठिनाई हो रही है। विभाग द्वारा पी.जी. योग्यता के चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है जो आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। (ग) सि.अ. बीना में प्रतिदिन ओ.पी.डी. लगभग 340 एवं प्रतिमाह लगभग 9000 से 10000 है। सि.अ. बीना में चिकित्सा अधिकारियों के 05 पद स्वीकृत एवं 05 चिकित्सक कार्यरत हैं, इनमें से 02 चिकित्सक पी.जी. योग्यता के हैं। शहरी परिवार कल्याण केन्द्र बीना में 01 पद स्वीकृत एवं 01 चिकित्सक कार्यरत हैं। उपरोक्त पदस्थ समस्त चिकित्सक आमजन को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं निरंतर प्रदान कर रहे हैं। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ख'' एवं ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कौशल विकास केंद्रों की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
82. ( क्र. 1101 ) श्री राम दांगोरे : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना में कौशल विकास केंद्र कब से संचालित हैं? उनके संचालन की क्या प्रक्रिया है? शासन दिशा-निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) वर्तमान में खंडवा जिले में कितने केंद्र संचालित हैं एवं प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र पंधाना में कितने केंद्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं? यदि बंद हैं तो किन कारणों से और किस के आदेश से बंद हैं? बंद करने के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) केंद्रों के संचालन पर प्रतिमाह कितना व्यय हो रहा है एवं इससे कितने प्रतिभागी लाभान्वित हो रहे हैं और अब तक कितने लाभान्वित हुये हैं? (घ) जो कौशल विकास केंद्र बंद किये गये हैं, उनके लाखों के भवनों के जीर्ण-शीर्ण होने पर कौन अधिकारी जिम्मेदार होंगे? क्या केंद्रों को पुन: चालू करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो क्या?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) विभागीय आदेश दिनांक 20 जुलाई 2011 के द्वारा प्रदेश में 113 शासकीय कौशल विकास केन्द्रों को खोलने का निर्णय लिया गया था तथा पंधाना में दिनांक 17.09.2011 से कौशल विकास केन्द्र संचालित किया गया था। शासन के दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) खण्डवा जिले में वर्तमान में कोई भी शासकीय कौशल विकास केन्द्र संचालित नहीं है। पूर्व में खण्डवा जिले में कुल 04 शासकीय कौशल विकास केन्द्र यथा पंधाना, हरसूद, खालवा, छैगांव माखन संचालित थे। विधानसभा क्षेत्र पंधाना में कौशल विकास केन्द्र पंधाना एवं छैगांव माखन संचालित थे। माह जनवरी 2017 से शासकीय कौशल विकास केन्द्रों में प्रशिक्षण संचालित नहीं होने से कौशल विकास केन्द्र बंद है। शासकीय कौशल विकास केन्द्र पंधाना एवं छैगांव माखन में भी प्रशिक्षण संचालित नहीं होने से ये कौशल विकास केन्द्र बंद किये गये। मध्यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, भोपाल के आदेश दिनांक 28/03/2017 के द्वारा शासकीय कौशल विकास विभाग केन्द्रों में संविदा स्तर पर स्वीकृत सभी पद समाप्त किये जा चुके हैं। शासकीय कौशल विकास केन्द्रों की सामग्री हस्तांतरण करने, शासकीय कौशल विकास केन्द्रों को रिक्त करने आदि के संबंध में पत्र जारी किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) वर्तमान में केन्द्र बंद होने से प्रतिमाह व्यय की जानकारी निरंक है। वर्तमान में केन्द्र बंद होने से प्रतिभागी लाभान्वित होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पूर्व में कौशल विकास केन्द्र पंधाना में माह नवम्बर 2011 से मई 2016 तक कुल 598 प्रशिक्षणार्थी लाभान्वित हुए हैं। (घ) खण्डवा जिले में पूर्व में संचालित 04 शासकीय कौशल विकास केन्द्रों के लिए भवन कलेक्टर द्वारा शासकीय बी.आर.सी भवन उपलब्ध कराए गए थे। शासकीय कौशल विकास केन्द्रों में प्रशिक्षण बंद होने के उपरान्त सभी शासकीय बी.आर.सी. भवन संबंधित विभाग को हस्तांतरित करा दिए गए हैं। अत: कौशल विकास केन्द्रों के बंद होने से लाखों के भवनों के जीर्ण-क्षीर्ण होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों से ब्याज वसूली की जानकारी
[सहकारिता]
83. ( क्र. 1107 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र बड़वानी में विगत 05 वर्षों में वितरित किये गए ऋण पर आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं के द्वारा ब्याज राशि वसूल की जा रही है, जबकि उन्हें पूर्व में बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराया गया था? यदि हाँ, तो ऐसे किसानों की संस्थावार संख्या उपलब्ध करावे l (ख) जय किसान ऋण माफ़ी योजना के तहत जिन किसानों का ऋण माफ़ किया गया? क्या उन्हें पुनः मांग अनुसार ऋण उपलब्ध कराया गया है? यदि हाँ, तो ऋण माफ़ किये गए व पुनः ऋण उपलब्ध कराए गये किसानों की संस्थावार संख्या उपलब्ध करावेंl नहीं तो क्यों नहीं कारण बतावेंl (ग) क्या ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिनके द्वारा अनाधिकृत रूप से किसानों से ब्याज राशि वसूली की कार्यवाही की गई हैं? उनके विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन से संबद्ध जिला बड़वानी विधानसभा क्षेत्र में विगत 5 वर्षों में चालू किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जा रहा है। किसानों से अनाधिकृत रूप से किसी प्रकार का ब्याज वसूल नहीं किया जा रहा है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन से संबद्ध बड़वानी में जिन किसानों का कर्ज माफ किया गया है, उन्हें पुनः मांग अनुसार ऋण उपलब्ध कराया गया है, संस्थावार संख्या की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, खरगोन से संबद्ध जिला खरगोन एवं बड़वानी में अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किसानों से कोई अनाधिकृत रूप से ब्याज की राशि वसूल नहीं की गई है।
पत्रों पर कार्यवाही में विलंब
[सामान्य प्रशासन]
84. ( क्र. 1114 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मान. विधानसभा सदस्यों के पत्रों पर कार्यवाही हेतु एक नियत समय में जवाब प्रस्तुत किये जाने हेतु क्या आदेश जारी किये गये हैं? (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत होशंगाबाद को संबोधित पत्र क्रमांक 274 पिपरिया दिनांक 09/08/2019 एवं कलेक्टर होशंगाबाद को संबोधित पत्र क्र. 420 दिनांक 30/10/2019 प्रेषित किया गया था, पर संबंधित अधिकारियों द्वारा जवाब न दिये जाने व पत्रों पर कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण हैं? इसके लिये कौन उत्तरदायी हैं?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्देश क्रमांक एफ 19-76/2007/1/4 दिनांक 17 अगस्त, 2009 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के पत्रों को संज्ञान में लेते हुए जिला योजना कार्यालय, होशंगाबाद ने पत्र क्रमांक 1892, दिनांक 17/09/19 एवं पत्र क्रमांक 2582, दिनांक 15/11/19 द्वारा आवश्यक कार्यवाही एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, पिपरिया को निर्देश दिये गये थे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, पिपरिया ने जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है जिसके अनुसार ग्राम सुरेला किशोर में सार्वजनिक चबूतरा निर्माण कार्य पूर्ण पाया गया तथा कार्य का पूर्णता प्रमाण-पत्र दो दिवस में जारी कर दिया जावेगा। ग्राम काठी का चबूतरा निर्माण कार्य 90 प्रतिशत पूर्ण पाया गया। कार्य प्रगतिरत है, जो तीन दिवस में पूर्ण कराकर पूर्णता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत कर दिया जावेगा। प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के पत्रों को तत्समय ही संज्ञान में ले लिया गया था तथा कार्यवाही की गई थी। यदि संबंधित अधिकारियों द्वारा जवाब नहीं दिया गया तो परीक्षण कराकर गुण-दोष के आधार पर उत्तरदायित्व निर्धारण किया जायेगा।
चिकित्सकों के पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
85. ( क्र. 1122 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वास्थ्य विभाग द्वारा मंदसौर जिले में विगत 1 वर्ष में कितने चिकित्सकों, विशेषज्ञों के पदों की पूर्ति की गई है? नाम पद सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त पदों पर विभाग द्वारा स्थानांतरण/नवीन एवं स्थानांतरण किये गये चिकित्सक द्वारा ज्वाईन कर सेवा प्रारम्भ कर दी गई है? (ग) मंदसौर जिले में विभाग द्वारा किये गये चिकित्सक एवं विशेषज्ञ की नियुक्ति के आदेश की जानकारी विधानसभा क्षेत्रवार प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र की पृथक-पृथक देवें। (घ) विगत तीन माह में क्या सुवासरा नगर चिकित्सकों की पूर्ति हेतु बंद किया गया था? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा नगर बंद के बाद स्थाई तौर पर पदों की पूर्ति हेतु चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विगत 01 वर्ष में 60 एम.बी.बी.एस. चिकित्सकों एवं 25 पी.जी. विशेषज्ञ/पी.जी. योग्यताधारी/चिकित्सक-बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना मंदसौर जिले में की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। (घ) जी हाँ। सुवासरा में विशेषज्ञों के 03 तथा चि.अ. के 02 पद स्वीकृत तथा 02 नियमित चिकित्सकों की पदस्थापना है। स्थानीय स्तर पर 02 चिकित्सकों की ड्यूटी सुवासरा में कार्य संपादित किए जाने हेतु लगाई गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुवासरा में ए.डी.जे. कोर्ट की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
86. ( क्र. 1123 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीतामऊ में ए.डी.जे. कोर्ट एवं सुवासरा में प्रथम श्रेणी न्यायालय प्रारम्भ करने हेतु माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु किसी वर्ष में कोई निर्देश जारी किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) निर्देशों के जारी होने के उपरांत प्रश्न दिनांक तक माननीय कलेक्टर महोदय द्वारा उपरोक्त सुविधाओं हेतु शासन की ओर कौन-कौन से प्रस्ताव प्रेषित किये हैं? (ग) यदि शासन को प्रस्ताव प्राप्त हुए हो तो उन प्रस्तावों के आधार पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु कितनी राशि किस कार्य हेतु स्वीकृत कराई गई? (घ) क्या जनता की सुविधा हेतु सीतामऊ में ए.डी.जे. कोर्ट एवं सुवासरा में प्रथम श्रेणी न्यायालय हेतु माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश अनुसार मूलभूत सुविधाओं हेतु प्राक्कलन तैयार कराकर राशि स्वीकृत कर दी जावेगी?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी हाँ। सीतामऊ, जिला मंदसौर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश का न्यायालय स्थापित किये जाने हेतु पूर्व में प्रमुख सचिव, विधि और विधायी कार्य विभाग, भोपाल से रजिस्ट्री अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक 871, दिनांक 09.05.1995 एवं रजिस्ट्री ज्ञापन क्रमांक सी/9076, दिनांक 01.11.2011 के द्वारा सिद्धांततः निर्णय लिया जाकर न्यायालय स्थापना हेतु मूलभूत सुविधाएं एवं स्टाफ के पदों की स्वीकृति आदि के संबंध में अनुरोध किया गया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मंदसौर से प्राप्त रिपोर्ट दिनांक 14.07.2016 के अनुसार तहसील मुख्यालय सुवासरा, जिला मंदसौर में शासकीय भवन में 06 कमरे तथा विश्रामगृह उपलब्ध होने संबंधी जानकारी प्राप्त हुई थी। (ख) कलेक्टर, जिला मंदसौर से सीतामऊ में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय हेतु मूलभूत सुविधाओं की जानकारी के संबंध में निम्नानुसार प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं:- क्रं. 122/एस.सी-2/2016 दिनांक 30.01.2016, क्रं. 467/सा.लेख/2016 दिनांक 26.03.2016, क्रं. 456/सा.लेख/2017 दिनांक 24.04.2017, क्रं. 1042/एस.सी.2/2017 दिनांक 11.07.2017 एवं क्रं. 1046/एस.सी.2/ 2017 दिनांक 14.07.2017। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) सीतामऊ, जिला मंदसौर में 01 कोर्ट रूम (Child Friendly Court Room) निर्माण संबंधी प्राक्कलन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। सुवासरा में प्रथम श्रेणी न्यायालय हेतु मूलभूत सुविधाओं के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मंदसौर से प्राक्कलन प्राप्त होने पर कार्यवाही की जावेगी।
प्रसव पीड़ा से पीड़ित आदिवासी महिला को प्रताड़ित करने वालों पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
87. ( क्र. 1135 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रसव पीड़ा से पीड़ित आदिवासी महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में प्रसूति करवाने का अधिकार है अथवा नहीं? यदि है तो श्योपुर स्थित सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा विजयपुर क्षेत्र के आदिवासी विधायक श्री सीताराम जी आदिवासी की बेटी की प्रसूति क्यों नहीं करवाई गई? प्रसव पीड़ा से पीड़ित एक आदिवासी महिला जो विधायक की पुत्री है, को 8 घंटे इंतज़ार करवाने के बाद भी प्रसव करवाने के लिए कोई डॉक्टर क्यों नहीं पहुंचा? (ख) प्रसव पीड़ा से पीड़ित इस आदिवासी महिला को प्रताड़ित करने वाले अस्पताल में पदस्थ चिकित्सकों, सिविल सर्जन, सी.एम.एच.ओ. तथा इस हेतु अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई है तो क्यों नहीं की गई है? इसका कारण बताएं।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से आदिवासी विधायक श्री सीताराम जी जिला चिकित्सालय में दिनांक 18.11.2019 को प्रातः 9:30 बजे अपनी बेटी को द्वितीय प्रसव के लिए लेकर पहुंचे थे। ड्यूटी पर कार्यरत डॉक्टर सीमा शाक्य स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं स्टाफ के द्वारा प्रसूता की जांच कर मेटरनिटी वार्ड में भर्ती कर ब्लड एवं सोनोग्राफी की जांच कराई गई। सोनोग्राफी रिपोर्ट में प्रसूता को सामान्य प्रसव के दौरान खतरा होने के संबंध में तथा सीजर ऑपरेशन की आवश्यकता एवं प्रेशियस प्रेग्नेंसी के कारण जिला चिकित्सालय शिवपुरी ले जाने हेतु परिजनों को कहा गया, क्योंकि चिकित्सालय में पदस्थ निश्चेतना विशेषज्ञ विजयपुर नसबंदी कैम्प में गए हुए थे एवं दो अन्य विशेषज्ञ अवकाश पर थे। (ख) दो निश्चेतना विशेषज्ञ द्वारा एक साथ अवकाश लेने के संबंध में सिविल सर्जन, श्योपुर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
88. ( क्र. 1144 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में संचालित चिकित्सालयों में स्वीकृत) एवं रिक्त पदों की जानकारी देवें। रैगांव विधानसभा क्षेत्रार्न्तगत कितने स्थानों पर कौन-कौन से प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? कितने स्वयं के भवन में संचालित हैं? उनमें क्या क्या सुविधायें उपलब्ध हैं? पूर्ण जानकारी देवें। (ख) क्या रैगांव विधानसभा क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में पद रिक्त होने के कारण ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी उपचार हेतु परेशान होना पड़ता है? यदि हाँ, तो कब तक रिक्त पदों की भर्ती/पदस्थापना की जावेगी? (ग) क्या कोठी तहसील हो जाने पर भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोठी में बी.एम.ओ. कार्यालय संचालित नहीं है, जबकि वहां सबसे अधिक आवश्यकता है, इसी प्रकार रोगी कल्याण समिति का गठन एवं बैठक का आयोजन प्रश्नकर्ता के पत्र के बाद भी आज तक क्यों नहीं किया गया? कारण स्पष्ट करें। (घ) बी.एम.ओ. कार्यालय कब तक कोठी में संचालित किया जावेगा? रोगी कल्याण समिति के गठन एवं बैठकों के आयोजन न कराने के लिये उत्तरदायियों पर क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। रैगांव विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत 01 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोठी एवं 05 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (सोहावल, नैना रैगांव, उसरार एवं सिंहपुर) संचालित है। वर्तमान में उक्त सभी स्वास्थ्य केन्द्र शासकीय भवन में संचालित है। शेष भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जी नहीं। संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों से ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार के पश्चात जिला चिकित्सालय रेफर किया जाता है। रैगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सकों के स्वीकृत पद भरे हुये हैं। रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही निरन्तर जारी रहती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोठी में बी.एम.ओ. कार्यालय संचालित है। रोगी कल्याण समिति का गठन एवं बैठक का दिनांक 14.10.2019 को आयोजित की गई थी, कोरम के अभाव में बैठक निरस्त की गई थी। (घ) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोठी में बी.एम.ओ. कार्यालय संचालित है। रोगी कल्याण समिति के गठन हेतु माननीय विधायक एवं एस.डी.एम. सतना से समय प्राप्त कर माह दिसम्बर में बैठक आयोजित की जावेगी।
जनसंपर्क निधि की लेप्स राशि का पुर्नावंटन
[योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी]
89. ( क्र. 1145 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्र.40 दि. 28/2/19 द्वारा जनसंपर्क निधि की राशि स्वीकृत हेतु प्रस्ताव कलेक्टर कार्यालय को 2/3/19 को प्रस्तुत किया था? राशि स्वीकृत न होने, लेप्स हो जाने के लिये उत्तरदायी के विरूद्ध अब तक कार्यवाही न करने का क्या कारण है? कब तक संबंधित को निलंबित कर अवगत कराया जावेगा? (ख) क्या कलेक्टर सतना के पत्र क्रमांक 953 दि. 10/6/19 द्वारा लेप्स राशि के पुर्नावंटन की मांग की गई थी? राशि अभी तक पुर्नावंटित नहीं किये जाने का क्या कारण है? कब तक की जावेगी? (ग) क्या योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय सतना में पदस्थ अमले एवं सेवानिवृत्त कर्मचारी आर.पी. सिंह द्वारा विधायक निधि एवं स्वेच्छानुदान मद के प्रकरणों की प्रशासकीय स्वीकृति में घोर लापरवाही बरती जाती है एवं अनावश्यक सरपंचों को प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने व राशि जारी करने में परेशान कर बिलंब किया जाता है? वर्तमान स्थिति में कौन-कौन सेवानिवृत्त कर्मचारी से किस आधार पर कब से किसके आदेश से कार्य लिया जा रहा है? विवरण देवें। (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) सत्य है तो दोषियों के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी? सेवानिवृत्त कर्मचारी को कब तक हटा दिया जावेगा? अगर नहीं तो क्यों? स्पष्ट करें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) मा. विधायक का पत्र क्रमांक 40 दिनांक 28.02.2019 कलेक्टर सतना को 07.03.2019 को प्राप्त हुआ जनसंपर्क निधि की राशि की स्वीकृति मा. प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के पश्चात स्वीकृति आदेश जारी किये जाते हैं। दिनांक 09.03.2019 के लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने के फलस्वरूप अनुमोदन/स्वीकृति जारी नहीं की जा सकी। अतः राशि लेप्स होने के लिये किसी को उत्तरदायी होने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। इसलिये निलम्बन का भी प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। किन्तु सामान्य प्रशासन विभाग में उक्त पत्र प्राप्त नहीं हुआ। (ग) जी नहीं। कलेक्टर से अनुमोदन उपरांत 89 दिवस के वेतन पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। कार्यालय में अधिकारियों/कर्मचारियों के पदों की पूर्ति के पश्चात संभव है।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना
[सहकारिता]
90. ( क्र. 1147 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–2205, दिनांक–16/07/2019 के प्रश्नांश “ख” का उत्तर– “वर्तमान तक पूर्ण ऋण माफ नहीं हुये, शेष किसानों के ऋण माफ होना शेष हैं, जो प्रक्रियाधीन हैं, ”दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न दिनांक तक सभी शेष किसानों के ऋण माफ हो गए और यदि ऋण माफ नहीं हो पाये हैं, तो क्यों? ऋण माफ न होने के कारणों और प्रचलित प्रक्रिया/कार्यवाही से अवगत कराएं। (ख) विधानसभा प्रश्न क्रमांक–2205, दिनांक–16/07/2019 के प्रश्नांश (ग) के उत्तरानुसार जय किसान फसल ऋण माफी योजना में अनियमितताओं के मामलों/प्रकरणों पर प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं। (ग) क्या योजना के तहत ऋण माफ न होने से वर्तमान में किसानों को बैंकों द्वारा पुनः ऋण प्रदाय नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शासन इस विसंगति पर कोई कार्यवाही करेगा, जिससे किसानों को सुगमता से ऋण प्राप्त हो सके? यदि नहीं, तो क्या विभाग ऐसा न होना सत्यापित करेंगा? (घ) जय किसान फसल ऋण माफी योजना कब लागू की गयी थी एवं किसानों के ऋण किस प्रकार तथा कब तक माफ किए जाने थे? लगभग एक वर्ष पश्चात भी किसानों के ऋण माफ न हो पाने का कारण और कटनी जिले के सभी पात्र किसानों के ऋण कब तक माफ हो जाएँगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित जबलपुर के कार्यक्षेत्र के जिला कटनी से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख संस्थाओं के 17, 880 किसानों का रूपये 5, 369.69 लाख का ऋण माफ हो चुका है तथा 14, 403 कृषकों का ऋण माफ होना प्रक्रिया में है। प्रचलित प्रक्रिया सतत होने से चरणबद्ध तरीके से कार्यवाही जारी है। (ख) प्रश्नांकित विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2205 दिनांक 17.05.2019 के अनुसार पैक्स जरवाही की अनियमितताओं के संबंध में पुलिस थाना माधवनगर जिला कटनी में अपराध क्रमांक 88/2019 तथा पैक्स विलायतकला में पुलिस थाना बड़वारा जिला कटनी में अपराध क्रमांक 58/2019 में दर्ज होकर पुलिस विवेचनाधीन है। (ग) जिला सहकारी बैंकों द्वारा बैंकिंग ऋणनीति के अनुसार पात्र कृषकों को ऋण वितरण किया जा रहा है। कृषकों से यह भी अपेक्षा की गयी है कि जब तक ऋण माफी की स्वीकृति प्राप्त नहीं होती है, तब तक कृषक अपने बैंक से संव्यवहार करते हुये, ऋण खाते को चालू बनाये रखें। (घ) जय किसान फसल ऋण माफी योजना म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय के आदेश क्र./डी-17/16/2018/14-3 दि. 07.01.2019 द्वारा जारी की गई है। अभी तक रू. 2 लाख तक के कालातीत ऋण तथा रू. 50, 000/- तक के अकालातीत ऋण माफ किये जा चुके हैं। शेष ऋण माफी प्रक्रियाधीन है, समयावधि बताना संभव नहीं है।
शासकीय वेबसाइट अद्यतन स्थिति एवं ई-आफिस प्रणाली
[सामान्य प्रशासन]
91. ( क्र. 1148 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–5628, दिनांक–10/03/2017 के संदर्भ में विभाग द्वारा वेबसाईट अद्यतन करने विषयक जारी पत्र क्रमांक–एफ11-1/2019/1/9, दिनांक–18/02/2019 के पालन में क्या वर्तमान में सभी विभागों की वेबसाईट अद्यतन हो गयी हैं? यदि नहीं, तों क्यों? इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ख) क्या विभाग द्वारा पत्र क्रमांक–एफ11-11/2018/1/9, दिनांक–28/06/2019 से प्रदेश के विभागों एवं जिला कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली लागू करने के निर्देश दिये गए हैं? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या हैं और किस प्रक्रिया के तहत ई-आफिस प्रणाली लागू की जायेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले में मप्र शासन के समस्त जिला कार्यालयों में विभाग द्वारा नियत 31/12/2019 से ई-आफिस प्रणाली लागू करने के लिए प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? कार्यालय/विभागवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कटनी जिले के जिला कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली लागू करने के लिए क्या-क्या संसाधनों की आवश्यकता हैं और क्या आवश्यक संसाधन वर्तमान में उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो विवरण बताएं। यदि नहीं, तो ई-ऑफिस प्रणाली नियत समय पर किस प्रकार लागू होगी? कार्यालयवार बतायें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) जी हाँ। निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। प्रक्रिया के संबंध में निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) शासकीय कार्यालयों/विभागों में शासकीय सेवकों की ई-मेल आई.डी. नस्तियों का पी.डी.एफ. बनाये जाकर हार्डवेयर की पहचान कर स्टेटस अद्यतन कराये जाने संबंधी एवं ई-ऑफिस प्रणाली संबंधी प्रशिक्षण की कार्यवाही सतत् जारी है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
92. ( क्र. 1153 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में प्रदेश कौन से स्थान पर है? (ख) क्या नरसिंहपुर जिले की मातृ मृत्यु दर 246 है एवं शिशु मत्यु दर 69 हैं? यदि हाँ, तो मातृ एवं शिशु मृत्यु दर अधिक होने का कारण क्या है? (ग) क्या मृत्यु दर को घटाने के कोई उपाय किये जा रहे हैं। सर्वाधिक मृत्यु का क्या कारण है? क्या मृत्यु के कारणों को जानने के लिए कोई शोध या संयुक्त कारगर उपाय किये गये है? यदि हाँ, तो जानकारी प्रदान करें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मातृ मृत्यु की जानकारी सर्वे रिपोर्ट में संभागवार प्राप्त होती है जिलेवार नहीं। अपितु वार्षिक स्वास्थ्य सर्वे 2012-13 अनुसार जबलपुर संभाग की मातृ मृत्यु दर 246 थी, जो कि राज्य में चौथे स्थान पर है तथा शिशु मृत्यु दर में छब्बीसवें स्थान पर है। (ख) वार्षिक स्वास्थ्य सर्वे 2012-13 अनुसार जबलपुर संभाग की मातृ मृत्यु दर 246 प्रति लाख जीवित जन्म तथा नरसिंहपुर जिले की शिशु मृत्यु दर 62 प्रति हजार जीवित जन्म थी, परन्तु वर्ष 2012-13 के बाद सर्वेक्षण आंकड़े प्राप्त नहीं हुये है एवं प्रदेश की मातृ मृत्यु दर नवम्बर 2019 में प्रकाशित एस.आर.एस. 2015-17 रिपोर्ट के अनुसार 188 प्रति लाख जीवित जन्म तथा एस.आर.एस. 2017 अनुसार शिशु मृत्यु दर 47 प्रति लाख जीवित जन्म है, जो कि वार्षिक स्वास्थ्य सर्वे 2012-13 से कम है। संभवतः जबलपुर संभाग एवं जिला नरसिंहपुर की मातृ मृत्यु दर एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी हुई होगी। (ग) जी हाँ। सर्वाधिक मातृ मृत्यु के कारण एनीमिया, प्री-एक्लेम्शिया/एक्लेम्शिया, पोस्ट पार्टम हेमरेज, गर्भपात से होने वाली जटिलताएं एवं सेप्सिस है तथा शिशु मृत्यु के कारण समय पूर्व जन्म, बर्थ एस्फिक्सीया, सेप्टिसिमिया, कम वजन, जन्मजात विकृति, निमोनिया, दस्त आदि है। जी हाँ, प्रत्येक माह होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु प्रकरणों की समुदाय, संस्था एवं जिला स्तर पर समीक्षा की जाती है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में होने वाली जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में भी मातृ एवं शिशु मृत्यु प्रकरणों की समीक्षा की जाती है। राज्य स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मातृ एवं शिशु मृत्यु के कारणों की विवेचना की जाती है तथा तद्नुसार कार्यवाही की जाती है। भारत सरकार द्वारा दिये गये मातृ मृत्यु निगरानी एवं प्रतिक्रिया के दिशा-निर्देशों भी जिलों में प्रसारित किये गये हैं।
संयुक्त कलेक्टर के रिक्त पदों की पूर्ति
[सामान्य प्रशासन]
93. ( क्र. 1157 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में संयुक्त कलेक्टर के कुल कितने पद रिक्त हैं? जिलेवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति के लिए क्या किया जा रहा है? पदोन्नति एवं क्रमोन्नति की प्रक्रिया पर लगी रोक कब तक हटायी जाएगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में संयुक्त कलेक्टर के कुल 92 पद रिक्त हैं। संयुक्त कलेक्टर का पद केडर पद है, जिसका जिलेवार आवंटन नहीं है। (ख) रिक्त पदों की पूर्ति के लिए पदों की उपलब्धता के आधार पर अर्हता पूर्ण करने वाले डिप्टी कलेक्टरों को क्रमोन्नत करके संयुक्त कलेक्टर के पद पर पदस्थ किया जाता है। पदोन्नति के संबंध में मा. उच्चतम न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है, लेकिन क्रमोन्नति पर कोई रोक नहीं है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सिविल हॉस्पिटल में उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
94. ( क्र. 1163 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बदनावर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल हॉस्पिटल में उन्नयन का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजे जाने के उपरांत भी कार्यवाही आगे क्यों नहीं बढ़ पाई? (ख) बदनावर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कब तक सिविल हॉस्पिटल में पदोन्नत हो पाएगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रस्ताव मंत्री परिषद् द्वारा अमान्य है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन टेक्सटाईल गारमेंट पार्क की स्थापना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
95. ( क्र. 1171 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जावरा शुगर मिल परिसर में शासन द्वारा नवीन टेक्स्टाईल गारमेंट पार्क की स्थापना के संबंध में प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 106 दिनांक 9.07.19 में उत्तरांश (ग) एवं (घ) के तारतम्य में बताएं कि ड्राप्ट डी.पी.आर. बनाए जाने की कार्यवाही किस दिनांक को पूर्ण हुई थी तथा प्रश्न दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा कार्य की प्रगति हेतु क्या-क्या आगामी कार्ययोजना सुनिश्चित की है? (ख) एजेंसी द्वारा जिस दिनांक को ड्राप्ट डी.पी.आर. तैयार कर शासन/विभाग को प्रस्तुत की, उसके बाद आगामी इस हेतु क्या-क्या किया गया? साथ ही क्या शुगर मिल से संलग्न परिसर एवं मिल से ही संलग्न अन्य भूमियों पर भी कोई कार्ययोजना सुनिश्चित की जा रही है? मिल परिसर की भूमियों एवं मिल परिसर की बाहर की भूमियों के संबंध में क्या किया जा रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जावरा शुगर मिल परिसर में टेक्सटाईल-गारमेंट पार्क की स्थापना हेतु ड्राफ्ट डी.पी.आर. दिनांक 13/11/2019 को तैयार हुई। ड्राफ्ट डी.पी.आर. में बताये गये संशोधन के पश्चात अंतिम डी.पी.आर. कन्सलटेंट द्वारा एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर में प्रस्तुत की गयी। जिसका तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है। परियोजना का ले-आउट दिनांक 04/09/2019 को सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। शुगर मिल परिसर में स्थित 500 पेड़ों को काटने की अनुमति के लिये दिनांक 16/10/2019 एवं 29/11/2019 को अनुविभागीय अधिकारी जावरा को पत्र प्रेषित किये गये। (ख) जावरा शुगर मिल परिसर में टेक्सटाईल-गारमेंट पार्क की स्थापना हेतु ड्राफ्ट डी.पी.आर. दिनांक 13/11/2019 को तैयार हुई। ड्राफ्ट डी.पी.आर. में बताये गये संशोधन के पश्चात अंतिम डी.पी.आर. कन्सलटेंट द्वारा एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर में प्रस्तुत की गयी। जिसका तकनीकी परीक्षण किया जा रहा है। परियोजना का ले-आउट दिनांक 04/09/2019 को सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। शुगर मिल परिसर में स्थित 500 पेड़ों को काटने की अनुमति के लिये दिनांक 16/10/2019 एवं 29/11/2019 को अनुविभागीय अधिकारी जावरा को पत्र प्रेषित किये गये। सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्यम विभाग द्वारा दी गई जानकारी अनुसार शुगर मिल की कुम्हारी औद्योगिक क्षेत्र जावरा से लगी हुई 4.527 हेक्टेयर भूमि का विकास किये जाने हेतु राशि रू. 212.50 लाख की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रदान की गई है जिसका कार्य प्रगति पर है।
बकायादार व डिफाल्टर कृषकों की संख्या
[सहकारिता]
96. ( क्र. 1172 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न प्रकार की खेती करने वाले कृषकों की कुल कितनी संख्या है? उनमें से कितने सहकारी बैंकों/सोसायटियों के कर्जदार हैं? कर्जदार कृषकों की संख्यात्मक जानकारी देंl (ख) वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला अंतर्गत आने वाली विभिन्न सोसायटियों तथा, सहकारी बैंक में पंजीबद्ध कितने कृषकों पर कृषि ऋण बकाया है? (ग) वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) वर्णित कुल कितने कृषक कर्जदार होकर उनमें से कितने कृषकों का कितना-कितना कर्ज माफ़ किया गया? संस्थावार, ब्लाकवार माफ़ की गयी कर्जमाफी की राशि सहित स्पष्ट जानकारी देंl (घ) जानकारी दें कि वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वर्तमान में सहकारी बैंकों/सोसायटियों अन्तर्गत कुल कितने कृषक कर्जदार हैं, कितने डिफाल्टर हैं? कर्ज की राशि सहित संस्थावार, ब्लाकवार, कर्जदार एवं डिफाल्टर कृषकों की चिन्हित सूची से अवगत कराएं l
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) रतलाम जिले में विभिन्न प्रकार की खेती करने वाले 2, 33, 920 कृषक हैं, इसमें से 1, 08, 783 कृषक सहकारी संस्थाओं के कर्जदार हैं। सहकारी संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दिनांक 31.10.2019 तक कुल 96, 964 कृषक कर्जदार हैं। ऋण माफी एवं कर्ज की शेष राशि की संस्थावार, ब्लॉकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्न दिनांक 31.10.2019 तक कुल 96, 964 कृषक कर्जदार हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
लिपिकों की वेतन विसंगति
[वित्त]
97. ( क्र. 1176 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों में कार्यरत लिपिक वर्गीय कर्मचारियों द्वारा उनकी वेतन विसंगति का निराकरण किए जाने की मांग की जार ही है? यदि हाँ, तो लिपिक कर्मचारियों की मुख्य वेतन संबंधी विसंगति क्या है? (ख) क्या विधानसभा निर्वाचन 2018 में जारी किए गए वचन पत्र के बिन्दु क्रमांक 47.20 के क्रम में लिपिक वर्गीय कर्मचारियों को शिक्षकों के समान वेतन एवं ग्रेड-पे दिए जाने संबंधी वचन दिया गया है? यदि हाँ, तो इस हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार राज्य शासन द्वारा वचन पत्र अनुसार लिपिकों की वेतन विसंगति दूर किए जाने हेतु वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलन में है? यदि कोई कार्यवाही प्रचलन में है तो इस संबंध में अब तक की गई समस्त कार्यवाही से अवगत कराते हुए इस संबंध में जारी किए गए समस्त दस्तावेजों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें। (घ) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि वचन पत्र के क्रम में लिपिकों को शिक्षकों के समान वेतन व ग्रेड-पे दिए जाने हेतु अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं, तो कब तक कार्यवाही प्रारंभ कर उक्त वचन को पूरा किया जावेगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) से (घ) शासकीय सेवकों की सेवा शर्तों से संबंधित बिन्दुओं पर विचार के लिये कर्मचारी आयोग का गठन किया गया है।
अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
98. ( क्र. 1184 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण लंबित हैं? विभागानुसार नाम सहित जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में उक्त प्रकरण किस कार्यालय में कहाँ पर कितने समय से लंबित है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में प्रत्येक प्रकरण में अनुकम्पा नियुक्ति किस कारणों से नहीं मिल पा रही है? कब तक अनुकम्पा नियुक्ति प्रदाय कर दी जावेगी? (घ) छतरपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के नियमित, संविदा के कितने पद रिक्त है? विभागवार जानकारी प्रदाय करें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
रोगियों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
99. ( क्र. 1189 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना में रोगी को सहायता स्वीकृत अवधि निर्धारित है? यदि हाँ, तो कितने दिवस? यदि नहीं, तो सरकार इस संबंध में क्या कार्यवाही करेगी जिससे रोगियों को अतिशीघ्र योजना का लाभ मिले? स्वीकृति के बावजूद अस्पताल द्वारा अतिरिक्त राशि या स्वीकृति पत्र को अमान्य कर सम्पूर्ण उपचार व्यय लेकर रोगी के आर्थिक शोषण पर अंकुश लगाने के लिए अस्पताल प्रबंधन व इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के लिए क्या नियम निर्धारित है? रोगी से फीडबेक कैसे लेते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला शाजापुर के ग्राम चितोडा तहसील शुजालपुर निवासी बाल रोगी प्रफुल्लित पिता मानसिंह को पत्र क्रमांक/एनएचएम/आरबीएसके/2019/12836 दिनांक 30/09/2109 को 1.60 लाख की सहायता स्वीकृति के बाद रोगी के परिजनों से हॉस्पिटल द्वारा रूपये 2.48 लाख की राशि क्यों ली गई? इस संबंध में क्या कार्यवाही की गई? परिजनों को राशि वापस दिलाने की क्या कार्यवाही की गई? (ग) ग्राम मेहरखेड़ी, तहसील शुजालपुर निवासी बाल रोगी भगवानसिंह पिता बनेसिंह व ग्राम मोहम्मदखेड़ा निवासी मूक-बधिर कनक पिता जितेन्द्र के आवेदन कब सी.एम.एच.ओ. कार्यालय शाजापुर को प्राप्त हुए व इनके निराकरण में अतिरिक्त समय क्यों लगा? आवेदन स्वीकृति में देरी के कारण रोगी को उपचार देरी से मिलने के कारण क्या स्वास्थ्य क्षति हुई? उपचार करने वाले चिकित्सक के अभिमत सहित स्पष्ट बताएं।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी, हाँ। 10 दिवस। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संबंधित अस्पताल से स्पष्टीकरण चाहा गया है। स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने की स्थिति में आवश्यक कार्यवाही की जावेगी। (ग) आवेदन क्रमश: दिनांक 04.11.2019 तथा 10.01.2019 को प्राप्त हुआ एवं स्वीकृति क्रमश: दिनांक 07.11.2019 तथा 15.01.2019 को प्रदाय की गयी। अतिरिक्त समय नहीं लगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उड़द खरीदी में अनियमितता
[सहकारिता]
100. ( क्र. 1190 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018 -2019 में नीमच जिले में उड़द खरीदी में हुई अनियमितता के सम्बन्ध में विधानसभा प्रश्न क्रमांक 2727 दिनांक 23/07/2019 के उत्तर के अनुसार स्कन्द उड़द में तय मानक से 8.40% से अधिक अशुद्धियां पाई गईं, जिसमें प्रबंध संचालक, म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल को अर्धशासकीय पत्र क्रमांक 2856 दिनांक 11/07/2019 से कलेक्टर नीमच को कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था? यदि हाँ, तो उसमें आज दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई एवं आरोपी जगदीश धनगर के विरुद्ध वसूली के सम्बन्ध में क्या कार्यवाही हुई? (ख) प्रश्नांश (क) में दोषी पाये जाने के बाद आरोपी जगदीश धनगर को खरीफ 2019-20 में पुनः खरीदी प्रभारी बनाया गया। गेहूँ खरीदी के दौरान प्रत्येक किसान से तय 50.700 ग्राम मय बारदाना के क्रय की जाना था। जिसमें 51 किलो से ऊपर प्रत्येक बारदाना में खरीदी हुई। जिसमें आरोपी जगदीश धनगर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 व 34 में प्रकरण दर्ज किया गया। उक्त प्रकरण में कलेक्टर महोदय द्वारा पद से बर्खास्त करने की कार्यवाही की गई। जिसमें बाद में उसे पुनः बहाल कर दिया गया। उक्त कर्मचारी द्वारा लगातार किसानों के साथ लूट करने के बाद और जाँच में दोषी पाये जाने के बाद भी आरोपी जगदीश धनगर के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) नीमच जिले में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित मनासा में कलेक्टर नीमच द्वारा गठित जांच टीम द्वारा बालाजी वेयर हाउस मनासा में समर्थन मूल्य पर खरीदे गये उड़द में अपरिपक्व एवं सिकुड़ी दाल का प्रतिशत 7.41 एवं चौधरी वेयर हाउस नीमच में 8.40 प्रतिशत पाया गया था तथा प्रबंध संचालक विपणन संघ को मार्गदर्शन हेतु पत्र लिखा गया। विपणन संघ द्वारा उल्लेख किया गया है कि नेफेड के सर्वेयर द्वारा सेम्पल लेने की विधि को त्रुटिपूर्ण बताया गया है। नेफेड के सर्वेयर द्वारा सेम्पल लेने की विधि को त्रुटिपूर्ण ठहराते हुए सम्पूर्ण स्कंध को एफ.ए.क्यू. माना गया है। स्कंध को नेफेड द्वारा स्वीकार करते हुए ऑनलाइन स्वीकृति पत्रक एवं WHR जारी किये जाने से कार्रवाई किये जाने की स्थिति उद्भूत नहीं हुई। (ख) दोषी नहीं पाये जाने के कारण संस्था द्वारा प्रस्ताव पारित कर श्री जगदीश धनगर को गेहूँ खरीदी हेतु प्रभारी बनाया गया था, खरीदी के दौरान बारदानों में 51 किलो से अधिक की भर्ती पाये जाने के कारण कलेक्टर के निर्देशानुसार प्रकरण में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई तथा प्रशासक द्वारा श्री धनगर की सेवाएं समाप्त की गई। न्यायालय संयुक्त पंजीयक उज्जैन द्वारा दिनांक 21.11.2019 को पारित निर्णय में श्री जगदीश धनगर को दोष मुक्त किये जाने के कारण श्री धनगर को पुन: संस्था की सेवा में रखा गया है। श्री धनगर के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420 व 34 का प्रकरण न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मनासा के न्यायालय में विचाराधीन है।
संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
101. ( क्र. 1191 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संविदा पर अधिकारी-कर्मचारी प्रदेश के समस्त विभाग, राज्य व केंद्र पोषित योजना, परियोजनाओं, मिशन, निगम, मंडल, आयोग, परिषद्, नगर निगम, नगर पालिका में कार्यरत है? (ख) क्या संविदा कर्मचारियों के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमित करने के लिये कोई नीति बनाई है? यदि हाँ, तो उक्त नीति के अनुसार क्या समस्त विभाग के संविदा कर्मचारियों को लाभ दिया जा रहा है? विभागवार जारी शासन आदेश विभाग आदेश की छायाप्रति प्रदाय करे। यदि नहीं, तो कब तक आदेश जारी किये जायेंगे व कब से उक्त नीति लागू की जायेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) शासन के विभिन्न विभाग/उपक्रम/स्थानीय/ संस्थाओं में आवश्यकतानुसार संविदा आधार पर अधिकारी/कर्मचारी की सेवाएं ली जाती हैं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक्स-रे, ई.सी.जी. तथा पैथोलॉजी की सुविधा
रिक्त पदों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
102. ( क्र. 1195 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में एक्स-रे मशीन ई.सी.जी. मशीन तथा पैथोलॉजी सुविधा उपलब्ध है? जिले में कौन सा ऐसा स्वास्थ्य केन्द्र है जहां उक्त सुविधाओं का अभाव है? उपलब्ध सुविधाओं के अनुसार उनके ऑपरेटर लैब टेक्नीशियन की पदस्थापना कौन-कौन से सामुदायिक केन्द्रों में की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, जहां उपर्युक्त सुविधाएं होने के बाद भी ऑपरेटर लैब टेक्नीशियन के अभाव में सुविधाओं को लाभ नहीं मिल पा रहा है? रिक्त स्थानों पर कब तक नियुक्तियां कर दी जावेंगी? साथ ही कौन सा ऐसा स्वास्थ्य केन्द्र हैं जहां पर पद पूर्ति तथा मशीनों की उपलब्धता के बाद भी सुविधाओं का लाभ मरीजों को नहीं दिया जा रहा है? उसके क्या कारण है? (ग) जिन स्वास्थ्य केन्द्रों में एक्स-रे, ई.सी.जी., पैथोलॉजी सुविधा नहीं है, वहां भविष्य में जन सुविधा को ध्यान में रखते हुये कार्ययोजना को मूर्तरूप देने हेतु कोई योजना है? (घ) सिवनी जिले के विधानसभा क्षेत्र सिवनी में किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों में किन-किन पदों के विरूद्ध कौन-कौन चिकित्सक वर्तमान में पदस्थ हैं और कार्यरत हैं? कौन-कौन से चिकित्सकों के पद रिक्त हैं?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक्स-रे, ई.सी.जी. तथा पैथोलॉजी सुविधा का लाभ आमजन को दिया जा रहा है। रिक्त स्थानों पर पदपूर्ति की कार्यवाही निरन्तर जारी है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिशिष्ट ''अ'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
आदिवासी क्षेत्र में पदस्थ स्वास्थ्य अमले
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
103. ( क्र. 1200 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में विभाग में आदिवासी क्षेत्र में पदस्थ स्वास्थ्य से जुड़े महकमे के अधिकारियों/कर्मचारियों को अन्यत्र अटैच, संलग्न करने की शासन की नीति क्या है? क्या आदिवासी क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु कोई विशेष अभियान संचालित है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में आदिवासी विकासखण्ड केसला के अंतर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्रों के किन-किन अधिकारी/कर्मचारी को शहरी क्षेत्र में कब-कब से अटैच, संलग्न किया गया है? नामवार, पदवार बतावें। (ग) क्या विभाग द्वारा आदिवासी विकासखण्ड केसला के अंतर्गत संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उप स्वास्थ्य केन्द्रों के अन्यत्र अटैच, संलग्न अधिकारी/कर्मचारी को वापस आदिवासी विकासखण्ड के अंतर्गत मूल पदस्थापना स्थान पर पुन: पदस्थ किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समयावधि बतावें। यदि नहीं, तो? कारण सहित बतावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) आदिवासी क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों को अन्यंत्र अटैच, संलग्न करने संबंधी पृथक से कोई नीति जारी नहीं की गई है अपितु इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी नियम ही लागू होते हैं। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब’ अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स एवं द’ अनुसार। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
104. ( क्र. 1201 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में दवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु ड्रग टेस्टिंग लैब कहाँ है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक प्रारम्भ की जावेगी? (ख) क्या प्रश्नांश (क) की लैब खुलने के पूर्व ही मशीन एवं अन्य उपकरण क्रय किये गये? (ग) प्रश्नांश (ख) के कौन-कौन से उपकरण एवं मशीन कब किस समिति की अनुशंसा पर किस माध्यम से कितनी राशि के क्रय किए गए? (घ) प्रश्नांश (ग) की सामग्री की गुणवत्ता का परीक्षण कौन से अधिकारी से करवाया? क्या सामग्री उपयुक्त पाई गई?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रदेश में दवाओं की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु ड्रग टेस्टिंग लैब मुख्यालय भोपाल में कार्यालय नियंत्रक, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, मध्यप्रदेश, ईदगाह हिल्स, भोपाल के परिसर में वर्ष 1980 से ही स्थित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एरोड्रम निर्माण की स्वीकृति
[विमानन]
105. ( क्र. 1210 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली में एरोड्रम हेतु क्टौली, खजुरी एवं सिंगरौलिया में 200 एकड़ भूमि कई वर्षों से अर्जित की जा चुकी है? काफी लंबे समय से सिंगरौली क्षेत्रवासियों की सरकार से एरोड्रम बनवाने की मांग है? यदि हाँ, तो सिंगरौली औद्योगिक क्षेत्र को हवाई यात्रा की सुविधा कब तक मिलेगा? (ख) क्या एरोड्रम निर्माण हेतु राशि के साथ सभी तरह की स्वीकृति दी जायेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, कुल 73.28 हेक्टेयर भूमि अर्जित की जा चुकी है। जी हाँ मांग है, परन्तु किसी भी उद्योग ने अपनी ओर से कोई राशि नहीं दी है। औद्योगिक क्षेत्र को हवाई यात्रा की सुविधा प्रदान करने की समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ख) हवाई पट्टी एवं अधोसंरचना का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है। शासन के अनुमोदन अनुसार प्रशासकीय स्वीकृति दी जावेगी।
युवाओं हेतु रोजगार एवं मासिक भत्ते का लाभ
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
106. ( क्र. 1211 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वचन पत्र में दिया गया है कि स्थानीय लोगों को औद्योगिक परियोजना में 70% रोजगार दिया जायेगा तो क्या सिंगरौली जिला में दिया गया? यदि हाँ, तो कंपनीवार 70% रोजगार प्राप्त युवाओं की सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, दिया गया तो कब तक दिया जावेगा? (ख) वचन पत्र में बेरोजगार युवाओं को 4000/- रूपये प्रति माह देने का वादा किया गया है तो क्या दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो सिंगरौली विधान सभा क्षेत्र के युवाओं की सूची उपलब्ध करायें। यदि नहीं, दिया जा रहा है तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उप स्वास्थ्य केन्द्र में ए.एन.एम. के पद की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 1213 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली जिले के सिंगरौली विधान सभा के अंतर्गत कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण हो चुके हैं? कितने निर्माण बाकी है? जिनका निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है तो ए.एन.एम. पद की पूर्ति कर ली गयी है कि नहीं? यदि नहीं की गयी है तो कब तक पूर्ति कर ली जायेगी? (ख) नगर निगम एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की अलग-अलग जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिंगरौली के अंतर्गत कुल 82 उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं, जिनमें से 55 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्मित है, 27 उप स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण कार्य शेष है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
आयुष्मान भारत म.प्र. निरामयन योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
108. ( क्र. 1221 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष्मान भारत म.प्र. निरामयन योजनांतर्गत कितनी-कितनी राशि तक के किस-किस श्रेणी के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि के इलाज किन-किन चिकित्सालयों में किये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजनांतर्गत राज्य शासन एवं भारत सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि प्रदाय किये जाने के नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या योजनांतर्गत मरीजों के उपचार में जो पैकेज दिया जाता है, उसमें जांच की राशि सम्मिलित नहीं की गई है? क्या मरीजों को कैंसर आदि बीमारी हेतु रेडियोथैरेपी/कीमोथैरेपी/ ऑपरेशन हेतु पृथक-पृथक चिकित्सालयों में भेजा जाता है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) आयुष्मान भारत योजना के पैकेज अनुसार, सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना (SECC) वर्ष 2011 में श्रेणी D1-D7 (D-6 छोड़कर), राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक एवं संबल योजना में शामिल प्रति परिभाषित परिवार के सदस्यों को प्रति वर्ष रूपये 5 लाख तक योजना से सम्बंधित चिकित्सालयों में उपचार किये जाने का प्रावधान है। आयुष्मान भारत योजना से संबंद्ध शासकीय/निजी चिकित्सालयों द्वारा प्रदाय की जाने वाली सेवाओं एवं पैकेजेस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा सामाजिक आर्थिक, जातिगत गणना (SECC) में चिन्हांकित लाभार्थियों के उपचार हेतु 60 प्रतिशत राशि भारत शासन द्वारा तथा 40 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा व्यय भार वहन किया जावेगा। राज्य शासन द्वारा उक्त योजना में जोड़े गये सामाजिक आर्थिक, जातिगत गणना (SECC) से इतर खाद्य सुरक्षा अधिनियम में सम्मिलित एवं श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत असंगठित मजदूरों के सभी परिवारों के उपचार पर व्यय होने वाली 100 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जावेगी। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं, पैकेज में जांच की राशि सम्मिलित है। जी हाँ। अनुबंध एवं एन.ए.बी.एच. द्वारा सेवायें प्रमाणीकरण के आधार पर कैंसर मरीजों को अन्य अस्पताल में भेजा जाता है।
जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक एवं कर्मचारियों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
109. ( क्र. 1233 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिला चिकित्सालय में कितने चिकित्सक एवं कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं एवं वर्तमान में कितने चिकित्सक एवं कर्मचारी पदस्थ हैं? कौन-कौन सी बीमारियों के चिकित्सक एवं कौन-कौन कर्मचारियों को क्या-क्या कार्य आवंटित किये गये हैं? वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक वर्गवार जानकारी सूचीक्रम में उपलब्ध करायें। (ख) सतना जिला चिकित्सालय में कौन-कौन सी गंभीर बीमारी के उपकरण उपलब्ध हैं और कितने टेक्नीशियनों द्वारा संचालित किया जा रहा है? नामवार विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्या सतना जिला चिकित्सालय में लम्बे समय से कर्मचारी एवं अधिकारी एक ही स्थान पर पदस्थ हैं? उनको हटाने की क्या कार्यवाही की जा रही है? (घ) सतना जिला चिकित्सालय में रोगी कल्याण में वर्षों से जमे हुए कर्मचारियों द्वारा लगातार गरीब मजदूर मरीजों को निरंतर परेशान किया जा रहा है? ऐसे कर्मचारियों एवं अधिकारियों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ग) जी हाँ। अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होने पर जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है। (घ) जी नहीं। जिला चिकित्सालय सतना में रोगी कल्याण समिति द्वारा नियमित कर्मचारियों की पदस्थापना न की जाकर निर्धारित मानदेय पर कार्यकर्ता के रूप में पदस्थ किया जाता है। यदि इन कार्यकर्ताओं के विरूद्ध शिकायत प्राप्त होती है तो नियमानुसार जांच उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जाती है।
प्रतिनियुक्ति एवं प्रभार पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
110. ( क्र. 1236 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के समस्त विभागों में कौन-कौन से कर्मचारी एवं अधिकारी जिले में अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति एवं प्रभार में कार्य कर रहे हैं? उन समस्त कर्मचारियों का विवरण नामवार, पदवार व समस्त विभागवार उपलब्ध करायें। (ख) क्या सतना जिले में विभाग के उच्च अधिकारी होने के बावजूद भी दूसरे विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को उससे निचले स्तर के कर्मचारियों को प्रभार दिया जाता है, जिसके कारण उच्च अधिकारियों में हीन भावना उत्पन्न होती है व कार्य प्रभावित होता है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें। (ग) सतना जिले में अगर अन्य विभागों के किसी अधिकारी एवं कर्मचारी के द्वारा कार्य लिया जा रहा है। ऐसे कर्मचारी और अधिकारी को कब तक हटाने की कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि शासन के पास विभागवार अधिकारी व कर्मचारी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं तो शासन द्वारा कर्मचारियों को पद अनुसार कार्य का आवंटन कब तक किया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
111. ( क्र. 1238 ) श्री सीताराम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्योपुर जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी है एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी डॉक्टर नहीं है? क्या शासन डॉक्टरों की पूर्ति करेगा अथवा नहीं? अगर हाँ तो कब तक? क्या अस्पतालों में पदस्थ स्टाफ नर्सों का व्यवहार मरीजों से ठीक नहीं हैं, इसमें सुधार करने के लिये क्या कार्यवाही की जाएगी? (ख) जिला चिकित्सालय में मौजूदा उपकरण कमरे में बंद हैं, उन्हें चलाने वाले डॉक्टर नहीं हैं, क्या उनका उपयोग जनहित में हो सके, उसके लिये डॉक्टर पदस्थ होंगे? यदि नहीं, तो क्यों? यदि हाँ, तो कब तक? तारीख बतायें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला चिकित्सालय श्योपुर में ही नहीं प्रदेश में विशेषज्ञों/चिकित्सकों की अत्यधिक कमी है, इस कारण शत्-प्रतिशत पदपूर्ति नहीं है। वर्तमान में जिला चिकित्सालय श्योपुर में 18 विशेषज्ञ/प्रभारी विशेषज्ञ/पी.जी. योग्यता के चिकित्सक/संविदा चिकित्सकों के अतिरिक्त 13 एम.बी.बी.एस. चिकित्सक/संविदा चिकित्सकों की पदस्थापना है। ग्रामीण क्षेत्रों अंतर्गत 11 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से 10 में चिकित्सकों की पदस्थापना है। इसी प्रकार संचालित 03 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में से 02 में 02-02 एवं 01 सा.स्वा.के. में 01 चिकित्सक की पदस्थापना है। विशेषज्ञों की कमी के कारण विशेषज्ञ के स्वीकृत पद रिक्त हैं। विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत् हैं। वर्ष 2019 में एम.बी.बी.एस. बंधपत्र अंतर्गत 08 चिकित्सकों की पदस्थापना ग्रामीण स्वास्थ्य संस्थाओं में, पी.जी. बंधपत्र अंतर्गत 04 चिकित्सकों की पदस्थापना जिला चिकित्सालय एवं 01 पी.जी. बंधपत्र चिकित्सक की पदस्थापना सा.स्वा.के. स्तर की संस्था में किए जाने संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। हाल ही में लोक सेवा आयोग से चयनित चिकित्सकों की पदस्थापना अंतर्गत 10 चिकित्सकों की पदस्थापना जिला श्योपुर में किए जाने संबंधी आदेश जारी किए गए हैं, कार्यभार ग्रहण करने की अंतिम तिथी 26.12.2019 है। विभागीय समीक्षा बैठकों में स्टाफ नर्सों को आमजन से ठीक व्यवहार करने हेतु निर्देश निरंतर दिए जाते हैं एवं शिकायत प्राप्त होने पर नियमानुसार कार्यवाही भी की जाती है। (ख) जिला चिकित्सालय में उपलब्ध समस्त उपकरणों का जिला चिकित्सालय में उपलब्ध विषय विशेषज्ञ/चिकित्सकों द्वारा उपयोग किया जा रहा है। पदपूर्ति उत्तरांश (क) अनुसार निरंतर जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
विपणन सरकारी संस्थाओं की जानकारी
[सहकारिता]
112. ( क्र. 1239 ) श्री सीताराम : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में कितनी विपणन सरकारी संस्थाए हैं एवं वर्तमान में क्या कार्य कर रही हैं? सरकारी संस्थाओं में कितने कर्मचारी कब से कार्यरत हैं? (ख) श्योपुर जिला में विधान सभा क्षेत्रवार किसानों को कितना खाद उपलब्ध कराया गया और कितना-कितना किसानों को दिया गया है? जिले में कितने किसानों को खाद दिया गया? (ग) क्या आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाओं म.प्र. विन्ध्याचल भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक/स्था.4/2018/2170/भो./दि. 24/08/2018 के तहत उप अंकेक्षक के पद पर दिनाँक 05/09/2018 को दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया एवं उक्त भर्ती के संबंध में विभाग द्वारा आदेश क्र./स्था./4/2019/496/भो./दि. 27/02/2019 के तहत विभाग को प्राप्त 56 आवेदन बिना भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण किए बिना निरस्त कर दिए गये? उक्त भर्ती की प्रक्रिया पूर्ण क्यों नहीं की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) श्योपुर जिले में 05 विपणन सहकारी संस्थाएं पंजीकृत है, जिनमें से 03 विपणन संस्थाएं कार्यशील एवं 02 संस्थाएं परिसमापन (अकार्यशील) में है। जिले की 03 विपणन संस्थाएं खाद, पी.डी.एस. एवं उपार्जन का कार्य करती है। जिले की तीन कार्यशील संस्थाओं में 20 कर्मचारी कार्यरत हैं, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) श्योपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र श्योपुर में 12, 134 कृषकों को 14, 575.475 मे. टन तथा विधानसभा क्षेत्र विजयपुर में 3529 कृषकों को 2166.03 मे. टन खाद उपलब्ध कराया गया है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जी हाँ, उप अंकेक्षक का पद कार्यपालिक होने तथा इसका उल्लेख सामान्य प्रशासन विभाग से प्राप्त परामर्श अनुसार उप अंकेक्षक संवर्ग के विशिष्ट दायित्वों को दृष्टिगत रखते हुए आवेदन निरस्त किये गये।
माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के निर्माण कार्य की जानकारी
[जनसंपर्क]
113. ( क्र. 1241 ) श्री
राजेन्द्र
शुक्ल : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) रीवा
के माखनलाल
पत्रकारिता
विश्वविद्यालय
का निर्माण क्यों
बंद है? क्या
पुन: निर्माण
कार्य को चालू
कराया जाएगा? (ख) प्रश्नांश
(क) के संदर्भ
में शिक्षा के
क्षेत्र में
रीवा जिले की
महात्वकांक्षी
योजना के
निर्माण व
भूमि खरीदी
में 30
करोड़ रूपये
व्यय के बाद
विश्वविद्यालय
का निर्माण
कार्य बीच में
रोकना क्या
उचित है?
इस
कार्य को रोका
क्यों गया और
पुन: निर्माण
कार्य कब तक
शुरू किया
जावेगा?
मुख्यमंत्री
( श्री कमल नाथ ) : (क) माखनलाल
पत्रकारिता
विश्वविद्यालय
के रीवा परिसर
में चलाये जा
रहे
पाठ्यक्रमों
में विगत तीन
वर्षों से
निर्धारित
सीटों के
प्रवेश में
कमी आई है एवं
अपेक्षानुरूप
प्रवेश नहीं
हुए हैं,
इस
कारणवश
निर्माण
परियोजना में
संशोधन किया
गया है। निर्माण
एजेंसी मध्यप्रदेश
गृह निर्माण
अधोसंरचना व
विकास मण्डल
को पत्र
क्रमांक 1675/निर्माण/री.प./2019 भोपाल, दिनांक 20 जून 2019
द्वारा अवगत
कर संशोधित
प्रस्ताव
चाहा गया था, प्रथम
प्रस्ताव 29 जुलाई 2019 व दूसरा
पुनरीक्षित
प्रस्ताव 13 नवम्बर 2019 को प्रस्तुत
किया गया, इसे स्वीकृत
कर लिया गया
है। (ख) कार्य
रोका नहीं गया
था। कार्य का
अध्ययन व आंकलन
कर
पुनरीक्षित
आदेश जारी कर
दिया गया है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर निराकरण की कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
114. ( क्र. 1251 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुसार सांसद/विधायकों के पत्रों की पावती दी जाना अनिवार्य है? यदि हाँ, तो प्रश्नकर्ता द्वारा लिखे गये कौन-कौन से पत्र कलेक्टर जिला विदिशा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा, वन मण्डल अधिकारी विदिशा, जिला शिक्षा अधिकारी जिला विदिशा, अनुविभागीय अधिकारी सिरोंज एवं लटेरी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरोंज, तहसीलदार सिंरोज एवं लटेरी को दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्नांकित दिनांक तक प्राप्त हुए? इन पत्रों के निराकरण हेतु क्या कार्यवाही की गई है? पत्रों की पावती एवं कृत कार्यवाही से किस दिनांक को अवगत कराया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या प्रश्नकर्ता के पत्रों पर कार्यवाही हेतु निर्धारित अवधि में उत्तर दिये गये? यदि हाँ, तो पत्र क्रमांक एवं दिनांक सहित जानकारी देवें। प्रश्नकर्ता के कितने पत्रों पर निराकरण की कार्यवाही की गई एवं कितने पत्र निराकरण हेतु अभी भी लंबित है? लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक करवा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्या इनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विभाग के निर्देशों के अनुसार विधायकों एवं सांसदों के प्राप्त पत्रों के लिए पृथक से आवक/जावक पंजी संधारित करने के निर्देश हैं? यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) में वर्णित कार्यालयों की (क) अवधि की आवक/जावक पंजी की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य के पत्रों पर कार्यवाही हेतु निर्धारित अवधि में उत्तर दिए गए हैं, जिसकी जानकारी प्रश्नांश (क) के उत्तर में उल्लेखित परिशिष्ट में दर्शाई गई है। कलेक्टर जिला विदिशा में अभी 07 पत्र लंबित है। पत्रों का निराकरण करना सतत कार्य प्रक्रिया है जिसकी निर्धारित समयावधि बताना संभव नहीं है। शेषांश का उत्तर देने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) इस विभाग के निर्देश क्रमांक 19-76/2007/1/4 दिनांक 19 जुलाई 2019 के अनुसार पृथक से पंजी संधारित करने के निर्देश हैं। माननीय सांसद विधायकों से प्राप्त पत्रों को पृथक-पृथक रूप से जिला कार्यालय के उत्तरा पोर्टल पर दर्ज किया जाता है, जिससे पत्रों की मॉनिटरिंग सतत रूप से की जा सके।
यूनियन कार्बाइड लिमिटेड के कर्मचारियों के संबंध में
[वित्त]
115. ( क्र. 1254 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश के वित्त विभाग के अनुमोदन उपरांत उसके अधीनस्थ कार्यालय पेंशन संचालनालय के परिपत्र क्रमांक सपे/आठ/मार्गदर्शन/2016/1884 दिनांक 23.22.2016 द्वारा संभागीय एवं जिला पेंशन अधिकारीगणों को प्रेषित कर यह बताया गया कि मध्यप्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्रमांक 486/1040/01/(3) 73 दिनांक 19.07.1973 यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों पर लागू नहीं होता है? यदि हाँ, तो अनुमोदन की प्रति उपलब्ध कराई जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) उल्लेखित पेंशन संचालनालय के दिशा-निर्देश के बावजूद संभागीय पेंशन अधिकारी इन्दौर संभाग द्वारा उपादान प्राधिकार पत्र क्रमांक INDDPO12170364 जो यूनियन कार्बाइड इं.लि. पूर्व कर्मचारी से संबंधित है को माह जून, 2019 में संशोधित कर यूनियन कार्बाइड में की गई सेवाओं को जोड़कर पेंशन आदि का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो उसका कारण बताया जाये। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) में की गई कार्यवाही विधिसम्मत है तो क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पेंशन संचालनालय के परिपत्र दिनांक 23.11.2016 को शून्य या अपास्त घोषित करेंगे? यदि नहीं, तो कारण बताया जाये।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। सामान्य प्रशासन विभाग से अभिमत प्राप्त करने के उपरांत वित्त विभाग द्वारा स्थानीय निधि संपरीक्षा को दिनांक 14.12.2015 को अभिमत दिया गया। अभिमत की अनुमोदित प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र.शासन वाणिज्य उद्योग एवं रोजगार विभाग के आदेश दिनांक 12.06.2013 एवं आदेश दिनांक 14.03.2014 के अनुक्रम में एवं माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इंदौर में दायर याचिका क्रमांक 6686/2015 श्री वेद प्रकाश शर्मा विरूद्ध म.प्र.शासन व अन्य के प्रकरण में पारित निर्णय दिनांक 19.08.2018 एवं अवमानना प्रकरण के प्रकाश में दिनांक 14.06.2019 को पुनरीक्षित पी.पी.ओ.जारी किया गया। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कैंसर पीड़ित रोगियों का उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
116. ( क्र. 1255 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में दिनांक जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कैंसर से पीड़ित कुल कितने रोगी पंजीकृत किये गये? पूर्व में उपचारित रोगियों को मिलाकर कुल कितनी संख्या हो गई है? (ख) प्रश्नांश (क) में उपचार प्राप्त कर रहे रोगियों के लिये रेडियो थेरेपी की व्यवस्था किये जाने हेतु कुल कितनी मशीनें स्थापित एवं चालू हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित मशीन के अभाव में इन रोगियों को उपचार हेतु कहाँ भेजा जाता है? भोपाल में उपलब्ध निजी संस्थाओं के नाम बताया जाये।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) कैंसर से पीड़ित कुल 8131 रोगी पंजीकृत किये गये। पूर्व में उपचारित रोगियों को मिलाकर कुल 24979 संख्या हो गई हैं। (ख) रेडियो थेरेपी की व्यवस्था किये जाने हेतु कुल 07 मशीनें स्थापित एवं चालू हैं। (ग) शासकीय गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल शासकीय हमीदिया हॉस्पिटल भोपाल एवं जवाहर लाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर भोपाल भेजा जाता हैं।
बैंक की योजनाओं अंतर्गत ऋण स्वीकृति
[सहकारिता]
117. ( क्र. 1274 ) श्री नारायण पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित खण्डवा द्वारा वर्ष 2015-2016, 2016-17 एवं 2017-18 तक उद्यानिकी प्रकरणों, शासन एवं बैंक की समस्त योजनाओं के अंतर्गत कितनी-कितनी राशि के कितने ऋण स्वीकृत किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उक्त ऋण स्वीकृति के दौरान उप समितियों की बैठकों का क्या कोरम पूर्ण था एवं सभी कार्यवाही विवरणों के अंत में अध्यक्ष के हस्ताक्षर प्राप्त किये गये? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण की प्रतियां उपलब्ध कराई जावे। नहीं तो संबंधित पर उत्तरदायित्व निर्धारित कर, क्या कार्यवाही की जावेगी? नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) में ऋण स्वीकृति के समय ऋण प्रकरणों में क्या अधीनस्थ अधिकारियों की विपरीत टीप दी गई थी? क्या बंधक की जाने वाली भूमियां अन्य संस्थाओं में बंधक थी? क्या दस्तावेज अपूर्ण थे? (घ) उपरोक्त प्रकरणों में से कितने प्रकरण कालातीत हुए तथा इसके लिये कौन उत्तरदायी है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक खण्डवा द्वारा वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 तक उद्यानिकी प्रकरणों, शासन एवं बैंक की समस्त योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत प्रकरणों तथा राशि की योजनावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शित ऋण स्वीकृति के दौरान ऋण उप समितियों की बैठकों में उपस्थिति, कोरम तथा कार्यवाही विवरण के अंत में अध्यक्ष के हस्ताक्षर होने/न होने का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। इन बैठकों की कार्यवाही विवरण की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। जिला बैंक खण्डवा की ऋण उप समिति की बैठकों का परीक्षण कर तदानुरूप कार्यवाही की जावेगी। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (क) में स्वीकृत 73 ऋण प्रकरणों में अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा विपरीत टीप अंकित की गई थी, जिसमें 51 प्रकरणों में राशि रूपये 531.86 लाख में बंधक संपत्ति अन्य बैंक या संस्था में बंधक थी तथा 22 प्रकरणों में राशि रूपये 199.80 लाख में दस्तावेज अपूर्ण थे, तत्संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। (घ) वर्ष 2015-16, 2016-17 एवं 2017-18 में स्वीकृत ऋण प्रकरणों में से 503 प्रकरणों में राशि रूपये 848.63 लाख कालातीत हो गई है, इससे संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है। इसके लिए जिला बैंक खण्डवा के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ए.के. जैन उत्तरदायी हैं, जिन पर कार्यवाही हेतु उनके नियोक्ता अपेक्स बैंक को निर्देशित किया गया है।
अल्कोहल प्लांट की जमीन पर नये औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
118. ( क्र. 1279 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 17 नवम्बर 2018 को भू-रूपांतरित हुई रतलाम अल्कोहल प्लांट की लगुन की जमीन पर नया औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिये विस्तृत कार्य योजना प्रतिवेदन तैयार करने की समय-सीमा क्या थी? (ख) क्या कार्य योजना प्रतिवेदन तैयार हो गया है? इसकी कुल लागत कितनी है? कार्य योजना प्रतिवेदन की एक प्रति प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करवाई जाये। (ग) पिछले विधानसभा सत्र में प्रश्नकर्ता प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने औद्योगिक क्षेत्र के निर्माण के लिये वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने की बात कही थी, तो क्या समुचित वित्तीय प्रावधान कर धनराशि उपलब्ध करा दी गई है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) रतलाम अल्कोहल प्लांट लगुन की जमीन पर नया औद्योगिक क्षेत्र बनाने के लिये विस्तृत कार्य योजना तैयार करने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं थी, अपितु रतलाम अल्कोहल प्लांट के लगुन की भूमि पर नया औद्योगिक क्षेत्र बनाने हेतु विस्तृत कार्य योजना प्रतिवेदन तैयार कराने के लिये कन्सलटेंट की नियुक्ति हेतु दिनांक 05-11-2019 को क्षेत्रीय कार्यालय एम.पी.आई.डी.सी. इन्दौर द्वारा निविदा आमंत्रित की गई है। (ख) जी नहीं, कार्य योजना प्रतिवेदन तैयार करने की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: वर्तमान में लागत एवं कार्य योजना के प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्य योजना तैयार होने के पश्चात वित्तीय प्रावधान से संबंधित राशि की उपलब्धता के लिये कार्यवाही की जावेगी।
प्रशासक द्वारा नियुक्त कर्मचारियों एवं नियुक्तिकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही
[सहकारिता]
119. ( क्र. 1287 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 646 दिनांक 09/07/2019 को माननीय मंत्री महोदय द्वारा उत्तर दिया था कि उपायुक्त सहकारिता जिला छतरपुर द्वारा नियम विरूद्ध नियुक्त कर्मचारियों की सेवायें समाप्त करने एवं नियुक्तिकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश संबंधित समिति के प्रशासक को दिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार नियुक्त कर्मचारियों एवं नियुक्तिकर्ता के विरूद्ध प्रशासक कार्यवाही कर सकता है? यदि हाँ, तो उक्त नियम व निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि नहीं, तो क्यों प्रशासक को नियुक्त कर्मचारियों एवं नियुक्तिकर्ता के विरूद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे? उपरोक्त नियुक्त कर्मचारियों एवं नियुक्तिकर्ता के विरूद्ध कौन किस नियम व निर्देशों के अनुसार कौन अधिकारी कार्यवाही कर सकता है? उल्लेख करें। (घ) क्या शासन उक्त नियुक्त कर्मचारियों एवं नियुक्तिकर्ता के विरूद्ध की गयी कार्यवाही के संबंध में अपीलीय न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में केवियट दायर करेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। सोसायटियों में प्रशासक मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (3) के अनुसार प्रशासक को रजिस्ट्रार के नियंत्रण के तथा ऐसे अनुदेशों के, जो वह समय-समय पर देय, अध्यधीन रहते हुये संचालक मंडल या सोसायटी के किसी अधिकारी की समस्त शक्तियों या उनमें से किसी शक्ति का प्रयोग करने तथा उसके समस्त कृत्यों या उनमें से किसी कृत्य का निर्वहन करने और समस्त ऐसी कार्यवाहियां जो सोसायटी के हित में अपेक्षित है, करने की शक्ति होगी। उक्त प्रावधान अनुसार प्रशासक कार्यवाही कर सकता है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में संस्था के प्रशासक कार्यवाही कर सकते हैं। (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न क्रमांक 646 दिनांक 09.07.2019 में दिये गये उत्तर के संदर्भ में जिन 3 कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई थी, उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष दायर याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 13658/2019 में पारित आदेश दिनांक 17.07.2019 के द्वारा स्थगन दिये जाने के पश्चात वर्तमान में केवियट दायर करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। शासन की ओर से प्रकरण में नियमानुसार प्रतिरक्षण किया जा रहा है।
काउंसलिंग की प्रक्रिया में विलंब
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
120. ( क्र. 1296 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पी.ई.बी.) भोपाल द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1 एवं माध्यमिक शिक्षक वर्ग-2 की ऑनलाइन परीक्षा फरवरी-मार्च 2019 में आयोजित की गई थी एवं उसके परिणाम भी घोषित कर दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो उसकी काउंसिलिंग अभी तक शुरू क्यों नहीं की गयी एवं कब तक शुरू कर दी जाएगी तथा विलंब के क्या कारण हैं? (ग) प्रक्रिया में विलंब के कारण आयु सीमा पार करने वाले छात्रों को इसका लाभ दिया जाएगा? यदि नहीं, तो क्यों? समस्त रिक्त पदों की संख्या प्रश्न दिनांक तक कितनी है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। पी.ई.बी द्वारा उच्च माध्यमिक शिक्षक वर्ग-1 का परीक्षा परिणाम 28.08.2019 एवं माध्यमिक शिक्षा वर्ग-2 का परीक्षा परिणाम 26.10.2019 को घोषित किया गया। (ख) काउंसलिंग की प्रक्रिया नियत समय-सीमा में पूर्ण कर ली जायेगी। (ग) उत्तरांश 'ख' के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। पात्रता परीक्षा उच्च माध्यमिक शिक्षक के 17000 रिक्त पद और माध्यमिक शिक्षक के 5670 रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में आयोजित की गई थी।
नियम विरूद्ध नियुक्तियों पर कार्यवाही
[सहकारिता]
121. ( क्र. 1307 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्था मध्यप्रदेश विन्ध्याचल भवन भोपाल के पत्र क्रमांक/साख/सी.बी./-4/वि.स./2019/2022, भोपाल दिनांक 4/07/2019 को जारी पत्र पर की गई कार्रवाई की जानकारी प्रतिलिपियों सहित देवें। इन कार्यवाही उपरांत निकाले गए/निरस्त की गई नियुक्तियों की जानकारी, निरस्त हुए कर्मचारियों के नाम, पद, नियुक्ति दिनांक, वेतन संस्था का नाम, पता सहित सूची देवें। (ख) उक्त पत्र की कार्यवाही पश्चात क्या सभी नियम विरुद्ध की गई नियुक्तियां निरस्त कर दी गई हैं? (ग) उक्त पत्र की कार्यवाही पश्चात नियम विरुद्ध की गई नियुक्तियों के दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही की जानकारी दोषीवार, नाम, पद, सहित देवें और यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो कारण सहित दोषीवार सूची देवें। कार्यवाही के प्रतिवेदन की आयुक्त सहकारिता विभाग को प्रेषित प्रतिलिपि देवें। आयुक्त द्वारा उक्त पत्र के बाद किए गए फॉलोअप पत्राचार की प्रतिलिपि देवें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, मध्यप्रदेश विन्ध्याचल भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक/साख/सीबी-04/विधानसभा/2019/ 2022 भोपाल दिनांक 04.07.2019 को जारी पत्र पर की गई कार्यवाही पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 एवं 02 अनुसार है। (ख) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र खरगोन के अन्तर्गत आने वाले प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं में नियम विरूद्ध नियुक्तियां निरस्त कर दी गई हैं। (ग) नियम विरूद्ध की गई नियुक्तियों के लिए दोषी तत्कालीन संचालक मण्डल के सदस्यों के विरूद्ध मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा 58 (बी) के तहत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 एवं 04 अनुसार है। उप आयुक्त सहकारिता खरगोन के पालन प्रतिवेदन पर आयुक्त सहकारिता द्वारा फॉलोअप हेतु पत्र क्रमांक/साख/सी.बी.-4/ वि.स./2019/4467 दिनांक 08.12.2019 द्वारा दिये गये निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
आयुक्त सहकारिता विभाग द्वारा निरस्त नियुक्तियां
[सहकारिता]
122. ( क्र. 1308 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 2047 दिनांक 16/07/2019 का उल्लेख कर आयुक्त सहकारिता विभाग द्वारा नियुक्तियां निरस्त करने संबंधित जारी पत्र की प्रतिलिपि देवें। क्या प्रश्न एवं प्रश्नकर्ता द्वारा नियुक्ति निरस्त करने की जानकारी चाही गई थी? क्या प्रश्न करता को बदनाम/छवि धूमिल/दोष मढ़ने के उद्देश्य से पत्र में प्रश्नकर्ता का नाम उल्लेखित किया गया है? (ख) क्या प्रश्नों को पटल पर आने के पूर्व प्रश्न का हवाला देकर कार्यवाही की जा सकती है? यदि हाँ, तो गाइड-लाइन दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें। यदि नहीं, तो इस प्रकार का कार्य करने वाले पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (ग) क्या विगत 10 वर्षों में खरगोन जिले की सहकारी समितियों में हुई ऑडिट में अवैधानिक नियुक्तियों पर कोई टिप्पणी लिखी गई? यदि हाँ, तो ऑडिट रिपोर्ट की छाया प्रति देवें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं, म.प्र. के पत्र क्रमांक/साख/सी.बी.-4/वि.स./2019/2022 दिनांक 04.07.2019 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जी नहीं। (ख) किसी प्रश्न के उत्तर में यदि कोई अवैधानिक कार्यवाही संज्ञान में आती है तो उत्तर प्रस्तुत करने के पूर्व अवैधानिक कार्यवाही पर समुचित कार्यवाही करने की स्थापित परम्परा है। इस संबंध में पृथक से कोई गाइड-लाइन या दिशा-निर्देश नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
युवाओं को रोजगार
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
123. ( क्र. 1316 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नवम्बर-दिसम्बर, 2018 विधानसभा चुनाव में शासन ने अपने वचन-पत्र में एक लाख बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजगार देने का वादा किया था? (ख) यदि हाँ, तो जनवरी, 2019 में प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कितने बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध हुआ? (ग) इनमें से प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा क्षेत्र आगर (166) में कितने युवाओं को रोजगार मिला है? जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं कौशल्या योजना अन्तर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक आई.टी., आई.टी.एस. सेक्टर में 1255 युवाओं का नियोजन का डाटा प्रशिक्षण प्रदाताओं द्वारा पोर्टल पर अपलोड किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। जॉब फेयर योजनान्तर्गत जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक 28.11.2019 तक प्रदेश में 367 बेरोजगार युवाओं को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में चयन की कार्यवाही की गई है। (ग) विधानसभा क्षेत्र आगर में आई.टी., आई.टी.एस सेक्टर में नियोजन की कार्यवाही निरंक है।
संविलियन कर्मचारियों को वेतनमान का लाभ
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
124. ( क्र. 1325 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर आये एवं तत्पश्चात संविलियन हुये उन कर्मचारियों को 5वें, 6वें एवं 7वें वेतनमान का लाभ दे रहा है, जिन्होंने मान. उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है और निर्देश प्राप्त किये हैं? (ख) क्या विभाग मान. उच्च न्यायालय के आदेशों के संदर्भ में तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर आये एवं तत्पश्चात संविलियन हुये अन्य कर्मचारियों को भी 5वें, 6वें एवं 7वें वेतनमान का लाभ देने पर विचार करेगा, जिन्होंने मान. उच्च न्यायालय में याचिका दायर नहीं की है? (ग) म.प्र. राज्य तिलहन संघ से प्रतिनियुक्ति पर आये एवं तत्पश्चात संविलियन हुये किन-किन कर्मचारियों को 5वें, 6वें एवं 7वें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है एवं कितनों को नहीं?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) शेष कर्मचारियों का वेतन नियमन सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र.सी 3-06/2016/1/3, दिनांक 23.08.2016 अनुसार किया जा रहा है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। एवं शेष 29 कर्मचारियों को सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र.सी 3-06/2016/1/3, दिनांक 23.08.2016 अनुसार वेतन नियमन किया जा रहा है।
बेरोजगारी दूर करने हेतु उद्योग नीति
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
125. ( क्र. 1331 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भिण्ड विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत बेरोजगारी को दूर करने के लिए कोई भारी उद्योग नीति बनाई गई है? यदि हाँ, तो उसकी जानकारी देवें। (ख) यदि नहीं, तो क्या कोई बड़ी उद्योग नीति भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के लिए बनाई जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक बनाई जाएगी एवं अंतिम रूप देने के लिए कितना समय लगेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी नहीं। सुस्थिर औद्योगीकरण, रोजगार निर्माण और कौशल समूह उन्नयन के माध्यम से मध्यप्रदेश के लोगों को आर्थिक समृद्धि और समग्र वृद्धि प्राप्त करने के दृष्टिगत म.प्र.शासन की उद्योग संवर्धन नीति 2014 (यथा संशोधित 2019) लागू की गई है। जो कि दिनांक 01/10/2014 से संपूर्ण मध्यप्रदेश में प्रभावशील है। उक्त नीति अंतर्गत भिंड विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थापित होने वाले उद्योगों को सुविधा के लाभ की पात्रता होगी। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
126. ( क्र. 1332 ) श्री संजीव सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वर्तमान में कितने प्रा.स्वा.केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र कहाँ-कहाँ संचालित हैं एवं कितने नवीन प्रा.स्वा.केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र स्वीकृत हैं? अगर स्वीकृत हैं तो कितनी नवीन बिल्डिंग में संचालित हैं? (ख) संचालित प्रा.स्वा.केन्द्र/उप स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों एवं अन्य कर्मचारियों के स्वीकृत रिक्त पदों की पूर्ति कब तक हो जाएगी? (ग) भिण्ड जिला चिकित्सालय में कितने डॉक्टर्स व कर्मचारी पदस्थ हैं? कितने पद स्वीकृति हैं एवं कितने डॉक्टर एवं कर्मचारियों की कमी है? अगर कमी है तो कब तक पूर्ति हो जाएगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) भिण्ड जिले में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी निम्नवत हैः-
क्र. |
संस्था का नाम |
पूर्व से स्वीकृत |
नवीन स्वीकृत |
कुल स्वीकृत |
1 |
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र |
22 |
02 |
24 |
2 |
उप स्वास्थ्य केन्द्र |
189 |
15 |
204 |
संचालित संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। नवीन स्वीकृत 02 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 15 उप स्वास्थ्य केन्द्र के नवीन भवनों के निर्माण की निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) प्रश्न भाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी रहती है। समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ के रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है। प्रथम श्रेणी के विशेषज्ञों के रिक्त पद 100 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाने हैं। वर्तमान में पदोन्नति के प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पद पूर्ति नहीं की जा सकी।
उद्योगों को प्रोत्साहन देने हेतु समिट का आयोजन
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
127. ( क्र. 1339 ) श्री मनोज चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017, 2018, 2019 में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आयोजित समिट में कितना खर्चा किया गया? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) प्रदेश में पिछले 3 वर्षों में कितने करोड़ रू. का निवेश हुआ तथा कितने युवाओं को रोजगार मिला? (ग) क्या ट्राइडेंट समूह को क्या पिछली सरकार ने Entry Text और वैट टैक्स में छूट दी थी? यदि हाँ, तो उससे क्या लाभ मिला?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 2017 एवं 2018 में समिट का आयोजन नहीं किया गया था। वर्ष 2019 में 18 अक्टूबर 2019 को इंदौर शहर में “मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश 2019” का आयोजन किया गया था। आयोजन में हुये व्यय के संबंध में नेशनल पार्टनर-सी.आई.आई. द्वारा लेखा परीक्षित विवरण प्रस्तुत किए जा रहे हैं। सी.आई.आई. द्वारा लेखा परीक्षित विवरण प्रस्तुत किये जाने उपरांत ही आयोजन में हुए व्यय के संबंध में विवरण दिया जा सकेगा। (ख) प्रदेश में विगत 3 वर्षों में वृहद उद्योगों अंतर्गत 12232.83 करोड़ का निवेश हुआ है तथा 29604 युवाओं को रोजगार मिला। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 से 5 अनुसार है। पिछले तीन वर्षों में 590808 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम द्वारा उद्योग आधार मेमोरेंडम फाइल किये गये जिसमें राशि रू. 43230.36 करोड़ के निवेश एवं 1990886 व्यक्तियों को रोजगार का उल्लेख है। (ग) निगम से सुविधा/सहायता प्राप्त कर रही ट्रायडेंट समूह की वृहद इकाईयों के परिप्रेक्ष्य में होशंगाबाद रोड, बुधनी, जिला सीहोर स्थित इकाई यथा- 1. मेसर्स ट्रायडेंट लिमिटेड, (न्यू इण्डस्ट्रीयल यूनिट), 2. मेसर्स ट्रायडेंट लिमिटेड (होम टेक्सटाईल यूनिट), 3. मेसर्स ट्रायडेंट लिमिटेड (ओपन एण्ड यूनिट) 4. मेसर्स ट्रायडेंट लिमिटेड (यार्न एवं बेडशीटिंग यूनिट) को उद्योग संवर्धन नीति, 2010 एवं वाणिज्यिक कर विभाग की अधिसूचना क्रमांक 96, दिनांक 13 दिसम्बर, 2010 के प्रावधान अनुसार प्रवेश कर से छूट सुविधा प्रदाय की गई है। उक्त सभी इकाईयों को निगम द्वारा वैट टैक्स में कोई छूट प्रदान नहीं की गई है। उक्त सभी इकाईयों की स्थापना से प्रदेश में कुल राशि रू. 2755.05 करोड़ का निवेश हुआ तथा कुल 2140 व्यक्तियों को रोजगार मिला है।
धार जिलांतर्गत उद्योगों की जानकारी
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
128. ( क्र. 1343 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिले में किस श्रेणी के कितने उद्योग वर्तमान में पंजीकृत हैं? इसमें से किस श्रेणी के कितने उद्योग कार्यरत हैं? कितने उद्योग बंद है? कितने उद्योगों के स्थापना की कार्यवाही लंबित है? (ख) मनावर एवं कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में किस उद्योग को किस ग्राम की कितनी शासकीय भूमि किन-किन शर्तों पर कितने वर्ष की लीज पर आवंटित की गई है? (ग) किस उद्योग को आवंटित भूमि की लीज अवधि समाप्त हो गई? उस लीज के नवीनीकरण का आवेदन किस दिनांक को किसके समक्ष प्रस्तुत किया? उस पर कार्यवाही किस स्तर पर लंबित है? कब तक लीज नवीनीकरण कर दिया जाएगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर के द्वारा उद्योगों को पंजीकृत नहीं किया जाता है, धार जिले में वृहद श्रेणी के 161 उद्योग कार्यरत हैं, 17 उद्योग बंद एवं 35 उद्योग में स्थापना की कार्यवाही लंबित है। (रिक्त या निर्माणाधीन) उक्तानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्योगों की धार जिले में श्रेणीवार कुल पंजीकृत इकाईयों की जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र. |
उद्योग की श्रेणी |
पंजीकृत उद्योग |
1 |
सूक्ष्म |
29287 |
2 |
लघु |
2317 |
3 |
मद्यम |
122 |
|
योग |
31726 |
उपरोक्त पंजीकृत सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्योगों में से कार्यरत एवं बंद इकाईयों की जानकारी संधारित नहीं की जाती है एवं औद्योगिक क्षेत्र के बाहर की इकाईयों द्वारा स्थापना पश्चात ही सूचित किया जाता है। औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत कोई इकाई स्थापनाधीन नहीं है। (ख) वृहद औद्योगिक इकाई मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लि. को कुल 124.934 शासकीय भूमि निम्नानुसार आवंटित की गई है - (1) महाप्रबंधक जिला व्यापार उद्योग केन्द्र धार द्वारा मनावर एवं कुक्षी विधानसभा क्षेत्र में इकाई मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेन्ट लि. को शासकीय भूमि 121.887 हेक्टेयर ग्राम टोकी गोलपुरा टेमरनी एवं सोण्डुल तहसील मनावर जिला धार में मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2008 के प्रावधानों के अनुसार 99 वर्ष की लीज अवधि पर अविकसित भूमि की श्रेणी में निर्धारित प्रीमियम पर आवंटित की गई है। (2) एम.पी.आई.डी.सी. क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर द्वारा मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेन्ट लि को 3.047 हेक्टेयर भूमि मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 के प्रावधानों के अनुसार 99 वर्ष की लीज अवधि पर अविकसित भूमि की श्रेणी में निर्धारित प्रीमियम पर आवंटित की गई है विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है। सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्योगों की धार जिले में उद्योगों को आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ई'' अनुसार है। भूमि का आवंटन औद्योगिक प्रयोजन हेतु निष्पादित लीज डीड की शर्तों पर 99 वर्ष हेतु किया गया है एवं पटवारी के अभिलेख में समस्त भूमि "औद्योगिक प्रयोजन" हेतु अंकित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वृहद उद्योगों संबंधित जानकारी निरंक है। सूक्ष्म, लघु एवं मद्यम उद्योग की किसी भी इकाई को आवंटित भूमि हेतु निष्पादित लीज अवधि समाप्त नहीं हुई है, किसी भी इकाई के द्वारा लीज नवीनीकरण हेतु आवेदन प्रस्तुत नहीं किये गये है। अत: लीज नवीनीकरण संबंधी कोई कार्यवाही लंबित नहीं है।
सहकारी समितियों के प्रावधान एवं पंजीकृत समितियां
[सहकारिता]
129. ( क्र. 1344 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने प्रकार की संस्थाएं वर्गीकृत हैं? धार जिले में किस श्रेणी के कितनी सहकारी समितियां वर्तमान में पंजीकृत हैं? इसमें से किस श्रेणी के कितनी सहकारी समितियां कार्यरत हैं? मनावर विधान सभा क्षेत्र की समस्त समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं संचालक मंडल का नाम, समितियों का नाम, पंजीकृत एवं वर्तमान संचालित पता सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) वर्गीकृत सहकारी संस्थाओं के संचालक मंडल में आरक्षित वर्ग के कितने संचालक निर्वाचित होने का प्रावधान हैं? पाँचवी अनुसूची क्षेत्रों में प्रश्नांश (क) के अनुसार वर्गीकृत सहकारी संस्थाओं में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के संचालक मंडल का गठन करने का प्रावधान है? यदि नहीं, तो मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 48 (3) के अनुसार एस.टी., एस.सी. ओ.बी.सी. के संचालक मंडल के गठन के लिए सोसायटी एक्ट में आवश्यक संशोधन कब करेंगे? (ग) क्या वर्ष 2013 के पूर्व सोसायटी एक्ट की धारा 48 (3) के अनुसार प्राथमिक सहकारी संस्थाओं में 50% से अधिक सदस्य एस.टी., एस.सी., ओ.बी.सी. के होते थे तो इस आधार पर संचालक मंडल का गठन होता था? यदि हाँ, तो 2013 के बाद का संशोधन, जो एस.टी, एस.सी. ओ.बी.सी. प्रतिनिधित्व से वंचित करता है, को विलोपित कर 2013 के पूर्व का प्रावधान कब तक लागू किया जाएगा? (घ) पंजीयक एवं आयुक्त व अन्य सहकारी अधिकारियों को कोई अन्य नियम के अंतर्गत जांच व निरीक्षण सहकारी संस्थाओं का व उनके सदस्यों व पदाधिकारियों के विरूद्ध किये जाने का अधिकार है? यदि हाँ, तो प्रावधान एवं प्रक्रिया की प्रति उपलब्ध कराएं? (ड.) प्रश्नांश (घ) के अनुसार सहकारी संस्थाओं के जांच व निरीक्षण के कितने प्रकरण मनावर विधानसभा क्षेत्र में सहकारी नियमों एवं सहकारी नियमों के अलावा अन्य नियम के आधार पर विचाराधीन है और किस नियम के आधार पर लंबित है? उसकी सूचीवार जानकारी उपलब्ध कराएं।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में 10 प्रकार की सहकारी संस्थाएं वर्गीकृत हैं। धार जिले में पंजीकृत एवं कार्यरत सहकारी समितियों की श्रेणीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। मनावर विधानसभा क्षेत्र की समस्त सहकारी समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं संचालक मण्डल के सदस्यों का नाम, पंजीकृत पता एवं वर्तमान संचालित पता सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ख) म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 48 की उपधारा (3) के अनुसार यदि सोसायटी में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के वैयक्तिक सदस्य हों, तो एक स्थान, उस प्रवर्ग के सदस्य के लिए आरक्षित रखा जाएगा, जिसके अन्य की अपेक्षा अधिक सदस्य हों। जी नहीं, 97वें संविधान संशोधन के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 में हुये संशोधन के कारण संशोधन की आवश्यकता नहीं है। (ग) जी हाँ। 97वें संविधान संशोधन के परिप्रेक्ष्य में संशोधन की आवश्यकता नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) 01 शिकायत की प्रशासनिक जांच लंबित है, जो किसी नियम के अन्तर्गत लम्बित नहीं है बल्कि सामान्य जांच की प्रक्रिया में है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज प्रकरणों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
130. ( क्र. 1347 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आर्थिक अपराध शाखा में छात्रवृत्ति, सिंहस्थ, ई-टेंडर, राशन वितरण, मध्यान्ह भोजन, ड्रग ट्रायल्स को लेकर कौन-कौन से प्रकरण दर्ज हैं तथा कौन-कौन सी शिकायतें विवेचना में शामिल हैं तथा दर्ज प्रकरणों में कितनों के चालान प्रस्तुत कर दिये गये हैं। (ख) ई.ओ.डब्ल्यू. में प्राप्त शिकायत पर जांच पूर्ण कर निरस्त कर या प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही औसतन कितने दिन में हो जाती हैं? वर्ष 2018 में की गई शिकायतों के आधार पर उत्तर दें। क्या इसके लिए कोई नियम है? यदि हाँ, तो कितने प्रतिशत शिकायतों में नियम का पालन हुआ? (ग) ई.ओ.डब्ल्यू. में उत्तर दिनांक तक कितनी शिकायतें विवेचना/अनुसंधान में हैं तथा कितनी शिकायतों में विवेचना/ अनुसंधानपूर्ण हो चुका है, लेकिन प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है तथा कितने दर्ज प्रकरण है जिनके चालान न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुए हैं तथा ऐसे कितने प्रकरण हैं, जो न्यायालय में लंबित हैं। (घ) ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा न्यायालय द्वारा प्रस्तुत प्रकरण में सक्सेस प्रतिशत क्या है? वर्ष 2008 से 2018 तक वर्षवार बतावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) आर्थिक अपराध शाखा में छात्रवृत्ति संबंधी 28 आपराधिक प्रकरण, सिंहस्थ संबंधी 02 आपराधिक प्रकरण, ई-टेंडर संबंधी 01 आपराधिक प्रकरण, राशन कार्ड संबंधी 01 आपराधिक प्रकरण, मध्यान्ह भोजन संबंधी 02 आपराधिक प्रकरण, ड्रग ट्रायल्स संबंधी प्रकरण निरंक, कुल 34 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। 55 शिकायतें विवेचनांतर्गत हैं। दर्ज प्रकरणों में 03 चालान प्रस्तुत किये गये हैं, शेष सभी प्रकरणों में विवेचना गतिशील हैं। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही हैं। (ग) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में उत्तर दिनांक तक 1706 शिकायतें जांच में है तथा 518 आपराधिक प्रकरण विवेचनाधीन हैं। 167 प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन हैं। (घ) आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरण में सक्सेस प्रतिशत वर्ष 2008-72%, वर्ष 2009-46%, वर्ष 2010-68%, वर्ष 2011-42%, वर्ष 2012-67%, वर्ष 2013-33%, वर्ष 2014-70%, वर्ष 2015-71%, वर्ष 2016-52.94%, वर्ष 2017-73.33%, वर्ष 2018-68.18% हैं।
पी.एम.टी. परीक्षा की लिस्ट ऑफ एक्टीविटी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
131. ( क्र. 1348 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2006 से 2013 तक आयोजित पी.एम.टी. परीक्षा की लिस्ट ऑफ एक्टीविटी उपलब्ध कराये तथा किस-किस परीक्षा में लिस्ट ऑफ एक्टीविटी का पालन नहीं किया गया तथा नियत दिनांक तक रोल नंबर जनरेशनल एवं अपलोड करने की कार्यवाही नहीं की गई? (ख) व्यापम द्वारा वर्ष 2014 से 2019 तक आयोजित परीक्षा में व्यापम घोटाले के मद्देनजर लिस्ट ऑफ एक्टीविटी के पालन की जांच की गई या नहीं? रोल नम्बर जनरेशन में अपनाए गए लॉजिक (रेन्डमाईजेशन) की सम्पूर्ण जानकारी अभिलेख में रखी गई या नहीं? रोल नम्बर व परीक्षा केन्द्र का आवंटन रेण्डम पट्टी से किया गया या नहीं? (ग) वर्ष 2006 से 2019 तक आयोजित भर्ती परीक्षाओं की सूची देवें तथा इनमें से कौन-कौन सी परीक्षाओं में किस-किस प्रकार का फर्जीवाड़ा पाया गया है तथा उसके मद्देनजर शेष परीक्षा के उन बिन्दुओं की जांच की गई है या नहीं? यदि नहीं, तो कारण बताएं। (घ) प्रश्न क्रमांक (ग) में उल्लेखित भर्ती परीक्षाओं में रोल नं. से ही जांच की गई या नहीं? क्या व्यापम घोटाले के मद्देनजर उक्त सारी परीक्षाओं की जांच क्यों नहीं होना चाहिए? अगर नहीं हुई है, तो क्या जांच कराई जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) पी.एम.टी. परीक्षा-2008 से 2013 तक की लिस्ट ऑफ एक्टीविटीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2006 एवं 2007 का एक्टीविटी चार्ट के दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। लिस्ट ऑफ एक्टीविटी के पालन किये जाने के दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। नियत दिनांक तक रोल नम्बर जनरेशनल एवं अपलोड करने की कार्यवाही के कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। इसकी जांच सी.बी.आई. एवं एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही है। (ख) जी नहीं। जी नहीं। पी.ई.बी. द्वारा वर्ष 2015 से 2019 तक आयोजित सभी परीक्षाओं में EPAS (Exam, Process Automation System) सॉफ्टवेयर से रोल नम्बर का जनरेशन रेन्डम तरीके से किया जाता है। रोल नम्बर में उपलब्ध Randomized इंटरनल कोड से रोल नम्बर तैयार होता है। EPAS एवं केन्द्रों की मैपिंग EPAS से ही गोपनीय तरीके की जाती है। जिसमें मानवीय हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वर्ष 2006 से 2013 तक की परीक्षाओं की माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार परीक्षाओं में अनियमितता संबंधी आपराधिक प्रकरणों की जांच सी.बी.आई. को सौंपी गई है जांच प्रक्रियाधीन है। उच्चतम न्यायालय के आदेश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। 2014 से 2019 तक की परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा संबंधी शिकायत के दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। (घ) परीक्षाओं की जांच सी.बी.आई. एवं एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही है। निर्देशानुसार कार्यवाही की जायेगी।
व्यय राशि की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
132. ( क्र. 1355 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) R.G.P.V.V. भोपाल के U.I.T. में विगत 03 वर्षों में कितनी राशि किन-किन मदों में व्यय की गई? मदवार, राशिवार, दिनांक सहित वर्षवार देवें। (ख) जिन फर्मों/व्यक्तियों को भुगतान किया गया? उनके नाम, टिन/जी.एस.टी. नंबर, पता, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि सहित फर्मवार वर्षवार देवें। (ग) विगत 03 वर्षों से U.I.T. की मेस का संचालन किन फर्मों द्वारा किया जा रहा है? उनके नाम, टिन/जी.एस.टी. नंबर, पता, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि सहित वर्षवार देवें। इस अवधि के मेस की टेण्डर प्रक्रिया के समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें। (घ) वर्तमान संचालक U.I.T. से संबंधित कितनी जांचें, शिकायतें किस स्तर पर लंबित हैं? प्रत्येक जांच, शिकायत और उस पर की गई कार्यवाही की अद्यतन स्थिति बतावें। इनका निराकरण कब तक किया जायेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) 1. दक्ष इनोवेशन एच.आई.जी. डी. एक्स. 8, ईस्ट माहिष्मति कॉलोनी, अरविन्द विहार, बागमुगालिया द्वारा दिनांक 11.08.17 से दिनांक 25.06.18 तक कार्य किया है। 2. व्ही.आई.पी सर्विस हाउस नं-50, लाउखेड़ी एयर पोर्ट, भोपाल द्वारा दिनांक 26.06.18 से वर्तमान तक कार्यरत हैं। व्ही.आई.पी. सर्विस का जी.एस.टी. नम्बर 23AAJFB37904M1ZI है। Govt. of India Notification no 12/2017 Central Tax Dated 28/06/2017 S.No. 66 Chapter 9992 के अनुसार जी.एस.सी. टैक्स छूट होने के कारण न तो छात्रों से जी.एस.टी./टी.डी.एस. टैक्स लिया गया है न ही संबंधित फर्म को दिया गया है। इस अवधि में टेंडर कार्यवाही नहीं की गई। 3. वर्तमान सत्र में छात्रावासों के लिये दिनांक 20.09.2019 को ई-टेण्डर जारी किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) दो शिकायतों पर जांच प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
वित्त विभाग में लंबित प्रस्तावों की जानकारी
[वित्त]
133. ( क्र. 1360 ) श्री संजय यादव : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बरगी विधान सभा क्षेत्रांतर्गत मंगेली हेतु पशुपालन विभाग द्वारा ''डेयरी प्रशिक्षण संस्थान'' की स्वीकृति दी जाकर वित्त विभाग को भेजी गयी है? यदि हाँ, तो यह कितने दिनों से लंबित है और अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या जबलपुर जिले के भेड़ाघाट में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विज्ञान केन्द्र खोलने की स्वीकृति दी जाकर वित्त विभाग को भेजा गया है? यदि हाँ, तो वित्त विभाग द्वारा स्वीकृति क्यों नहीं दी जा रही है? इसके विलंब के लिए जो जिम्मेदार हैं, उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? (ग) क्या मा. मुख्यमंत्री जी की घोषणानुसार उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बरगी विधान सभा सीमांतर्गत चरगवां और शहपुरा हेतु दो शासकीय महाविद्यालय की स्वीकृति दी जाकर वित्तीय स्वीकृति हेतु फाइल वित्त विभाग के पास लंबित है? यदि हाँ, तो इस विलंब के क्या कारण हैं? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) और (ग) के तहत फाइलों पर अब तक जो कार्यवाही की गई है, उसकी विवरण उपलब्ध करायें। कब तक उपरोक्त फाइलें स्वीकृति उपरांत विभागों को वापस कर दी जायेगी?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। पशुपालन विभाग द्वारा अवगत कराया गया है कि विभाग द्वारा बरगी विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मंगेली हेतु पशुपालन विभाग द्वारा डेरी प्रशिक्षण संस्थान की स्वीकृति नहीं दी गई है, न ही इस संबंध में वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। (ख) भेड़ाघाट, जबलपुर में क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र खोले जाने के संबंध में एक मंत्रि-परिषद् संक्षेपिका दिनांक 05.12.2019 को वित्त विभाग में अभिमत हेतु प्राप्त हुई थी। नस्ती पर अभिमत अंकित कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को भेजा जा चुका है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) विभाग को शासकीय महाविद्यालय स्थापित करने के मापदण्ड एवं राशि की उपलब्धता की जानकारी उपलब्ध कराने के परामर्श के साथ नस्ती उच्च शिक्षा विभाग को दिनांक 04.10.2019 को वापस भेजी गई है। (घ) उपरोक्त (क), (ख) एवं (ग) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
व्यवहार न्यायालयों की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
134. ( क्र. 1361 ) श्री संजय यादव : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबलपुर जिले के शहपुरा एवं बरगी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना के संबंध में अतिरिक्त सचिव विधि एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा पत्र क्र. 4223/2019/21-ब एक भोपाल दिनांक 30.08.2019 माननीय रजिस्ट्रार जनरल म.प्र. उच्च न्यायालय को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त बरगी एवं शहपुरा में व्यवहार न्यायालय की स्थापना के संबंध में शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गयी? तीन थाना क्षेत्रों बेलखेड़ा, भेड़ाघाट एवं शहपुरा मिला कर शहपुरा न्यायालय एवं चरगवां, तिलवारा, बरगी थाना क्षेत्रों को मिलाकर बरगी व्यवहार न्यायालय की स्थापना कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत शहपुरा न्यायालय एवं बरगी न्यायालय स्थापना हेतु विभाग द्वारा अब तक जो कार्यवाही की गई, उसका विवरण उपलब्ध करायें। कब तक दोनों न्यायालय की स्वीकृति दिया जाकर रजिस्ट्रार को सूचित कर दिया जावेगा?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी हाँ। म.प्र.शासन विधि एवं विधायी कार्य विभाग से 4223/2019/21-ब (1) दिनांक 30.08.2019 द्वारा तहसील शहपुरा, जिला जबलपुर में व्यवहार न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग प्राप्त हुई थी। तहसील मुख्यालय बरगी एवं शहपुरा जिला जबलपुर में व्यवहार न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग रजिस्ट्री में प्रक्रियाधीन/विचाराधीन है। नवीन न्यायालय स्थापित किये जाने हेतु उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति के निर्धारित मापदण्डों के अंतर्गत थाना क्षेत्रों को शामिल किये जाने की नीति से संबंधित कोई भी प्रस्ताव निर्धारित नहीं है। (ख) तहसील मुख्यालय शहपुरा एवं बरगी में व्यवहार न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग रजिस्ट्री में प्रक्रियाधीन/विचाराधीन है। निश्चित समयवधि बताई जाना संभव नहीं है।
आई.टी.आई. कॉलेज की स्थापना एवं हॉस्टल सुविधा
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
135. ( क्र. 1366 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी, जिला धार में सिर्फ एक ब्लॉक में आई.टी.आई. कॉलेज है, जो क्षेत्र की जनसंख्या की दृष्टि को देखते हुये पर्याप्त नहीं है और इसमें बच्चों के लिये हॉस्टल सुविधा भी नहीं है। (ख) यदि हाँ, तो कब तक हॉस्टल की व्यवस्था की जायेगी? (ग) क्या धरमपुरी और नालछा में भी एक आई.टी.आई. कॉलेज की व्यवस्था की जायेगी, जिससे क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा में आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त हो सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एवं (ख) धरमपुरी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दो विकासखण्ड क्रमश: धरमपुरी तथा नालछा हैं। धरमपुरी विकासखण्ड में आई.टी.आई. धामनौद तथा नालछा विकासखण्ड में आई.टी.आई. पीथमपुर संचालित है। आई.टी.आई. धामनौद में 10 ट्रेडों में तथा आई.टी.आई. पीथमपुर में 09 ट्रेडों में प्रशिक्षण संचालित किये जा रहे हैं। विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. स्थापित करने की है, अतएव नीति के अनुसार आई.टी.आई. की संख्या पर्याप्त है। आई.टी.आई. धामनौद में 52-52 सीटर के कुल 03 छात्रावास हैं। इनमें से 01 छात्रावास रहने योग्य नहीं है। दूसरे छात्रावास में मरम्मत की आवश्यकता के दृष्टिगत राशि रू. 20.80 लाख की स्वीकृति जारी की गई, जिसके परिपालन में लोक निर्माण विभाग द्वारा मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। शेष दो छात्रावास में मरम्मत किये जाने के उपरान्त छात्रों को छात्रावास में प्रवेश दिया जायेगा। आई.टी.आई. पीथमपुर में निर्मित छात्रावास में छत से पानी के रिसने, खिड़की/दरवाजों की उचित फिटिंग नहीं होने एवं पानी की व्यवस्था न होने के कारण छात्रावास का आधिपत्य नहीं लिया गया है। (ग) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. स्थापित करने की है। धरमपुरी विकासखण्ड में आई.टी.आई. धामनौद तथा नालछा विकासखण्ड आई.टी.आई. पीथमपुर संचालित है। अतएव पृथक से आई.टी.आई. खोलना नीतिगत नहीं है।
सहकारी समितियों एवं अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण की जानकारी
[सहकारिता]
136. ( क्र. 1386 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत म.प्र. राज्य सहकारी बैंक मर्यादित सीधी में संचालित है। यदि हाँ, तो कब से संचालित है? सहकारी बैंक के अंतर्गत कितनी सहकारी समितियां कार्यरत हैं? संपूर्ण विवरण सहित सूची उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं मध्यप्रदेश विन्ध्याचल भवन, भोपाल के आदेश क्रमांक/साख/सीबी-2/2018/1154, दिनांक 25-4-2018, म.प्र. राज्य सहकारी बैंक प्रधान कार्यालय टी.टी. नगर, भोपाल का पत्र क्रमांक सीबीएम/शिका.7254, दिनांक 25 एवं 26 मार्च 2019, म.प्र. राज्य सहकारी बैंक प्रधान कार्यालय टी.टी. नगर एवं भोपाल का पत्र क्रमांक सीबीएम/शिका. 931, दिनांक 11 एवं 15 मई 2018 जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ सभी सहकारिता कर्मचारियों और अधिकारियों का तत्काल अन्यत्र स्थानांतरण बाबत् आदेश प्रसारित किये गये थे? यदि हाँ, तो कितने कर्मचारियों, अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया है? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में कितने कर्मचारी तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्थ हैं? नाम व पदनाम सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। अन्यत्र स्थानांतरण नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? स्थानांतरण कब तक कर दिया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जननी एक्सप्रेस सुविधा एवं रिक्त पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
137. ( क्र. 1387 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत कितने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा कितने उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं? सूची उपलब्ध करायें। संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करायें। रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में संचालित स्वास्थ्य केन्द्रों में कितने केन्द्रों पर संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध है? संस्थागत प्रसव हेतु प्रसूतियों को लाने-ले जाने के लिये जननी एक्सप्रेस की सुविधा किन-किन स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है? स्वास्थ्य केन्द्रवार जानकारी देवें। क्या प्रसूति सहायता राशि का भुगतान शेष है? यदि हाँ, तो कब तक भुगतान कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पौड़ी, भुईमाड़, चिनगवा, नौढिया, ताला, डांगा, गिजवार, टिकरी, गजरी, निवास, कुंदवार, लुरघुटी आदि केन्द्रों में जननी एक्सप्रेस की सुविधा उपलब्ध है क्या? यदि नहीं, तो कब तक सुविधा उपलब्ध हो पाएगी? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पौड़ी, भुईमाड़ एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र चिनगवा में जननी एक्सप्रेस की सुविधा नहीं मिलने का कारण क्या है? जननी एक्सप्रेस की सुविधा कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सीधी एवं सिंगरौली जिले के अंतर्गत क्रमश: 06 एवं 07 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 26 एवं 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 222 एवं 227 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। जिला सीधी एवं सिंगरौली में कार्यरत कर्मचारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘एक‘ अनुसार है। शेष प्रश्न भाग की जानकारी में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला सीधी में संचालित 25 स्वास्थ्य केन्द्रों में संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध है एवं जिले अंतर्गत संचालित जननी एक्सप्रेस वाहन 14 द्वारा 25 स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसूतियों को लाने ले जाने हेतु उपलब्ध है, इसी प्रकार जिला सिंगरौली में संचालित 34 स्वास्थ्य केन्द्रों में संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध है एवं जिले अंतर्गत संचालित जननी एक्सप्रेस वाहन 12 द्वारा 34 स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसूतियों को लाने ले जाने हेतु उपलब्ध है एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘दो‘ अनुसार है। जी नहीं। प्रश्न भाग (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पौड़ी में जननी एक्सप्रेस वाहन क्रमांक एम.पी.53 एल.ए. 0367 और भुईमाड़ में जननी एक्सप्रेस वाहन क्रमांक एम.पी.20 डी.ए. 2338 एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवास में जननी एक्सप्रेस वाहन क्रमांक एम.पी.20 डी.ए. 2334 उपलब्ध है। शेष प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चिनगवा, नौढिया, ताला, डांगा, गिजवार, टिकरी, गजरी, कुंदवार, लुरघुटी आदि केन्द्रों में जननी एक्सप्रेस की सुविधा जिले में संचालित जननी एक्सप्रेस वाहनों के द्वारा नजदीकी वाहनों द्वारा सुविधायें उपलब्ध करायी जाती हैं। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
शासकीय कार्यक्रम में प्रोटोकाल का उल्लंघन
[सामान्य प्रशासन]
138. ( क्र. 1389 ) श्री कमल पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले में शा. कार्यक्रमों में प्रोटोकाल उल्लंघन के संबंध में 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितनी शिकायतें प्राप्त हुई तथा प्राप्त शिकायतों पर कब-कब किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) हरदा जिले में 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रोटोकाल उल्लंघन से संबंधित किन-किन जनप्रतिनिधियों के पत्र प्राप्त हुए? (ग) हरदा जिले में प्रोटोकाल उल्लंघन के संबंध में जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जाएगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) हरदा जिले में शासकीय कार्यक्रमों में प्रोटोकाल उल्लंघन के संबंध में दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल 02 शिकायतें प्राप्त हुई। शिकायतों के संबंध में संबंधितों से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं होना पाया गया है। अत: शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) हरदा जिले में 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक प्रोटोकाल उल्लंघन से संबंधित श्री कमल पटेल, माननीय विधायक, विधानसभा क्षेत्र-135 हरदा के पत्र प्राप्त हुये हैं। (ग) हरदा जिले में प्रोटोकाल उल्लंघन के संबंध में श्री कमल पटेल, माननीय विधायक, विधानसभा क्षेत्र-135 हरदा से प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
हरदा जिले की सहकारी समितियों में गबन
[सहकारिता]
139. ( क्र. 1390 ) श्री कमल पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी बैंक मर्यादित होशंगाबाद के हरदा जिले से संबंधित सहकारी समितियों ने कर्ज माफी एवं राहत योजना 2008 में जांच के उपरांत प्रमाणित करोड़ों रूपये के गबन घोटालों का प्रकरण क्र. 38/11 आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में दर्ज किए जाने के बावजूद अभी तक न्यायालय में चालान प्रस्तुति की कार्यवाही क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या गत विधानसभा सत्र में ध्यानाकर्षण सूचना क्रमांक 236, दिनांक 20-2-19 के उत्तर में मान. मंत्री सहकारिता द्वारा कथन किया गया था कि तीन माह में चालानी कार्यवाही कर दी जाएगी? यदि हाँ, तो आज तक चालानी कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) क्या सहकारिता विभाग में हुए करोड़ों के घोटाले का प्रकरण आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो में दर्ज है? यदि हाँ, तो अब तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? नहीं की तो क्यों एवं कब तक कार्यवाही की जाएगी? (घ) क्या उक्त प्रकरण क्र. 38/11 में चालानी कार्यवाही हेतु मा. मंत्री सहकारिता द्वारा निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ, तो अब तक निर्देशों का पालन कर कार्यवाही क्यों नहीं की गई? कब तक कार्यवाही हो जाएगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, होशंगाबाद के हरदा जिले से संबंधित सहकारी समितियों के ऋण माफी/राहत योजना 2008 में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में दर्ज अपराध प्रकरण क्रमांक 38/11 में अनुसंधान पूर्ण होने के उपरांत चालान प्रस्तुति की कार्यवाही प्रचलित है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। अनुसंधान पूर्ण होने के उपरांत चालान प्रस्तुति की तैयारी है, केवल दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के नियोक्ता से अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) जी हाँ। अनुसंधान पूर्ण कर चालान प्रस्तुति की कार्यवाही प्रक्रिया में है। (घ) जी हाँ। चालान प्रस्तुति हेतु अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त करने में आंशिक विलंब हुआ है। निम्नलिखित कर्मचारियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति उनके नियोक्ताओं द्वारा दी गयी है:- श्री डी.आर. सरोठिया, तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, होशंगाबाद की अनुमति अपेक्स बैंक के पत्र क्रमांक 1688 दिनांक 01.10.2019, श्री रामनारायण शर्मा, तत्कालीन समिति प्रबंधक गहाल की अनुमति बैंक के पत्र क्रमांक 1676 दिनांक 13.08.2019, श्री सोहन लाल बघेल, तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, होशंगाबाद मुख्य शाखा हरदा की अनुमति बैंक के पत्र क्रमांक 3478 दिनांक 30.11.2019, श्री हरि प्रसाद बेड़ा, तत्कालीन समिति प्रबंधक एवं प्रभारी पर्यवेक्षक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, होशंगाबाद शाखा हरदा की अनुमति बैंक के पत्र क्रमांक 3478 दिनांक 30.11.2019 एवं श्री सुनील धनगर, तत्कालीन शाखा प्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, होशंगाबाद शाखा हरदा की अनुमति बैंक के पत्र क्रमांक 3478 दिनांक 30.11.2019 द्वारा। इसके अतिरिक्त श्री करण सिंह तत्कालीन समिति अध्यक्ष गहाल के अभियोजन की स्वीकृति अपेक्षित है। श्री डी.आर. सरोठिया द्वारा माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर में याचिका क्रमांक आर.पी./1374/2019 में आदेश दिनांक 10.10.2019 से अभियोजन की स्वीकृति हेतु पी.सी. एक्ट में हुये संशोधन के परिप्रेक्ष्य में पिटीशनर द्वारा प्रस्तुत तथ्यों पर भी सुनवाई का अवसर दिये जाने के आदेश है।
सहकारी समितियों का पंजीयन एवं कार्यप्रणाली
[सहकारिता]
140. ( क्र. 1400 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिंड जिले के अंतर्गत कौन-कौन सी सहकारी समितिया पंजीकृत हैं? उनमें कौन-कौन सी अकार्यशील है? अकार्यशील समितियों को बंद करने की क्या कार्यवाही की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या भिण्ड जिले में पंजीकृत द्वारिकापुरी गृह निर्माण सहकारी संस्था एवं तिलक नगर गृह निर्माण सहकारी समिति पंजीकृत है? यदि हाँ, तो संस्थाओं के पंजीयन प्रमाण-पत्र संस्थाओं की उपविधि, पंजीयन के समय की सदस्यता सूची, वर्तमान सदस्यता सूची, उनके प्रपत्र 26, सोसायटी की विकास योजना के अनुसार भूमिका विकास प्रमाण-पत्र पंजीयक द्वारा अनुमोदित, अभिमान्य (ले-आउट), सदस्यों को भू-खंडों का आवंटन, भू-खंड क्रय-विक्रय के लिए पंजीयक द्वारा दी गयी अनुमति की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) में पंजीकृत संस्थाओं द्वारा कौन-कौन सी भूमि पर कितने भू-खण्ड किन-किन पंजीकृत हितग्राहियों को वितरित किये गए है? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में समितियों द्वारा की गयी अनियमितताओं के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कब तक कार्यवाही की जाएगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में पंजीकृत कार्यशील एवं अकार्यशील सहकारी समितियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। कुल 429, अकार्यशील समितियों को परिसमापन में लाया जाकर पंजीयन निरस्त करने हेतु आगामी कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी हाँ। द्वारिकापुरी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भिण्ड के पंजीयन प्रमाण-पत्र, उपविधियां, पंजीयन के समय की सदस्यता सूची वर्तमान सदस्यता सूची, प्रपत्र 26, अनुमोदित ले-आउट, भू-खण्ड आवंटन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। तिलक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भिण्ड का पंजीयन प्रमाण-पत्र, उपविधियां, पंजीयन के समय की सदस्यता सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है, संस्था को उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला भिण्ड के आदेश क्रमांक/1587 दिनांक 25.06.2009 से परिसमापन में लाई गई हैं, परिसमापक को संस्था का रिकार्ड प्राप्त नहीं हुआ है, अतः संस्था की वर्तमान सदस्यता सूची, प्रपत्र 26, अनुमोदित ले-आउट एवं भू-खण्ड आवंटन की जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। सोसायटी की विकास योजना के अनुसार भूमि का विकास प्रमाण-पत्र पंजीयक द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है और न ही भू-खण्ड क्रय-विक्रय करने के लिये पंजीयक द्वारा कोई अनुमति जारी की जाती है। (ग) द्वारिकापुरी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भिण्ड की भू-खण्ड आवंटन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। तिलक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भिण्ड परिसमापन में है, परिसमापक को संस्था का रिकार्ड प्राप्त नहीं हुआ है, अतः जानकारी देना सम्भव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में तिलक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भिण्ड के द्वारा परिसमापक को संस्था के रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने के लिये संस्था के तत्कालीन पदाधिकारियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, जिला भिण्ड को दिये गये है, निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
संचालित निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम्स की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
141. ( क्र. 1401 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में भिण्ड जिले अन्तर्गत अटेर विधान सभा क्षेत्र में कुल कितने निजी अस्पताल/नर्सिंग होम्स एवं प्राईवेट क्लिनिक संचालित हैं? उनकी सूची, उनमें कार्यरत चिकित्सकों/कर्मचारियों की, स्त्री व बाल विशेषज्ञ चिकित्सकों की सूचीमय योग्यता प्रमाण-पत्रों सहित एवं चिकित्सकों के बैठने की समय-सारणी सहित उपलब्ध करायें। (ख) अटेर विधानसभा क्षेत्र में संचालित निजी अस्पतालों/नर्सिंग होम्स में विगत तीन वर्ष में कितने सिजेरियन, हिस्ट्रिक्टॉमी (बच्चादानी) एवं अन्य ऑपरेशन किन-किन चिकित्सकों द्वारा किये गये हैं? मरीजों की संख्या तथा मरीजों से ली गई राशि सहित बताये। (ग) क्या प्रश्नांश (क) वर्णित संचालित निजी अस्पताल/नर्सिंग होम्स प्राइवेट क्लिनिक/दवाखाना तथा पैथोलोजी एवं एक्स-रे एवं डायग्नोस्टिक सेंटर शासन द्वारा निर्धारित नियम शर्तें व मापदण्डों के अनुसार निर्मित एवं संचालित है? सभी निर्धारित आवश्यकता सुविधाएं एवं उपकरण उपलब्ध हैं? यदि हाँ, तो अस्पताल/नर्सिंग होम्सवार उनका क्षेत्रफल रकवा सहित, नक्शा एवं मरीजों को प्रदान की जा रही है। सुविधाओं तथा उपकरणों की सूची उपलब्ध कराई जावे। यदि नहीं, है तो ऐसे सुविधा विहीन निजी अस्पताल/नर्सिंग होम्स को कब तक बंद किया जावेगा तथा उनके संचालकों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में उपचार के दौरान कितने मरीजों की मृत्यु हुई है? क्या यह मृत्यु चिकित्सा द्वारा अलग पैथी से इलाज करने या लापरवाही से हुई है? इन चिकित्सकों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी निरंक है।
नियम विरूद्ध पदोन्नति की जांच
[जनसंपर्क]
142. ( क्र. 1408 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय जनसम्पर्क मंत्री महोदय द्वारा विगत विधानसभा सत्र में विधानसभा सत्र में सिंहस्थ में जनसम्पर्क एवं माध्यम द्वारा किये गये कार्यों की जांच की घोषणा की गई थी? क्या उक्त जांच सम्पन्न हो गई है? यदि हाँ, तो जांच प्रतिवेदन उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो जांच समिति के सदस्यों का विवरण दें व जांच पूर्ण होने की निश्चित समयावधि बतावें। (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा माध्यम में नियम विरूद्ध की गई पदोन्नति (वर्ष 2013 से 2015 के दौरान) की बिन्दुवार शिकायत की गई थी? क्या उक्त शिकायत पर कार्यवाही हुई? यदि हाँ, तो कार्यवाही विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जांच कब तक पूर्ण की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। गठित समिति द्वारा कार्यवाही की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश माध्यम में पदोन्नतियां नियमानुसार होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
नि:शुल्क दवा वितरण एवं डॉक्टरों की पदस्थापना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
143. ( क्र. 1412 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निर्वाचन क्षेत्र ब्यौहारी अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ब्यौहारी जयसिंहनगर के अंतर्गत डॉक्टरों के कितने पद स्वीकृत हैं एवं वर्तमान में डॉक्टरों के कितने पद भरे हैं एवं कितने पद खाली हैं? (ख) खाली पदों की पूर्ति कब तक की जायेगी एवं आज तक डॉक्टरों की भर्ती क्यों नहीं की गयी? (ग) डॉक्टरों की कमी के कारण काफी मरीज अस्पताल में ही दम तोड़ देते हैं? इसका जिम्मेदार कौन है एवं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गयी? (घ) डॉक्टरों के द्वारा मरीजों के उपचार दौरान लगभग 50 प्रतिशत दवा प्रायवेट दुकानों से क्यों मंगाया जाता है जबकि शासन द्वारा मरीजों का उपचार नि:शुल्क होना बताया जाता है? स्पष्ट करें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) चिकित्सकों की पदपूर्ती निरंतर की जा रही है। म.प्र.शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेश क्र.2020 दिनांक 04.11.2019 द्वारा शहडोल जिले में 06 चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है जिसमें से 02 चिकित्सा अधिकारी की पदस्थापना निर्वाचन क्षेत्र ब्यौहारी अंतर्गत सिविल अस्पताल ब्यौहारी एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निपानिया में की गई है। इसी प्रकार संचालनालय आदेश दिनांक 05.10.2019 द्वारा 04 स्नातकोत्तर बंधपत्र चिकित्सक की पदस्थापना सिविल अस्पताल ब्यौहारी में की गई है। तथा संचालनालय आदेश दिनांक 05.09.2019 द्वारा 02 स्नातक बंधपत्र चिकित्सक की पदस्थापना क्रमशः प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बुडवा तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निपानिया में की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। चिकित्सक विहीन संस्थाओं में चिकित्सकों की सप्ताह में 03 दिवस विजिटिंग ड्यूटी लगायी जाकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। चिकित्सक तथा उपलब्ध स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा स्वास्थ्य सेवायें प्रदान की जाती हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) समस्त शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में मरीजों को उपचार के दौरान दवाईयां निःशुल्क प्रदान की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों को दिये जाने वाले ऋण पर ब्याज
[सहकारिता]
144. ( क्र. 1413 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या किसानों को दिये जाने वाले कृषक ऋण के हिस्से की राशि में 10 प्रतिशत राशि अग्रिम ली जाती है, जबकि किसानों को यह बताया जाता है कि किसानों को दिये जाने वाला ऋण 0 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता है। (ख) किसानों से लिये जाने वाले 10 प्रतिशत राशि का उपयोग कब और कहाँ किया जाना सुनिश्चित किया गया है और यह किस नियम के तहत प्रावधानित है? (ग) यह कि शहडोल जिले में कितनी सेवा सहकारी समिति संचालित हैं, प्रति सेवा सहकारी समिति मय किसानों से लिये गये किसान ऋण के अग्रिम की 10 प्रतिशत की राशि कितनी और कहाँ जमा है? (घ) शहडोल जिले के अंतर्गत कितनी दुकानें संचालित हैं और कितने धान, गेहूँ उपार्जन केन्द्र संचालित हैं एवं धान, गेहूँ विक्रय हेतु समितियों को प्रति क्विंटल एवं प्रति बोरी तौल एवं परिवहन शुल्क क्या निर्धारित है एवं कितने किसानों का ऋण माफ किया जा चुका है एवं कितने किसानों का कितनी राशि का ऋण माफ किया जाना शेष है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। कृषकों से ऋण राशि की 10 प्रतिशत राशि अग्रिम नहीं ली जाती है। कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ही ऋण वितरण किया जा रहा है। वस्तुतः सहकारी संस्थाएं अपने सदस्य को ऋण वितरण करती हैं और सहकारी संस्थाओं में सदस्य बनने के लिए सदस्य को अंशपूंजी जमा करनी होती है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक शहडोल के अन्तर्गत लघु कृषकों से अंशपूंजी 04 प्रतिशत तथा अन्य कृषकों से 08 प्रतिशत अंशपूंजी जमा होती है जिस पर लाभांश देय होता है तथा कृषक द्वारा वापसी की मांग करने पर कृषक को उसकी अशंराशि नियमानुसार वापस की जाती है। (ख) प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा लिये जाने वाली अंशपूंजी लघु कृषकों से 04 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों से 08 प्रतिशत की राशि जिला बैंक में ऋण अनुपात से 5 प्रतिशत राशि अंशपूंजी लिंकिंग में जमा करने का प्रावधान है, शेष राशि सहकारी संस्था अपनी कार्यशील पूंजी में उपयोग करती है। (ग) शहडोल जिले में 37 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं संचालित है, जिनमें संस्थावार जिला बैंक में अंशपूंजी लिंकिंग की संस्थावार जमा राशि संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) शहडोल जिले के अंतर्गत 308 सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें सहकारी संस्थाओं से संबद्ध है तथा 40 धान उपार्जन केन्द्र एवं 33 गेहूँ उपार्जन केन्द्र सहकारी संस्थाओं द्वारा संचालित है। सहकारी संस्थाओं को उपार्जन कार्य का तौल एवं परिवहन व्यय राज्य की नोडल एजेंसी द्वारा निर्धारित कर भुगतान किया जाता है। यह भुगतान सहकारी समितियों द्वारा नहीं किया जाता है। शहडोल जिले में 11, 603 किसानों का ऋण माफ किया जा चुका है तथा 8093 किसानों का राशि रू. 3781.28 लाख ऋण माफ होना प्रक्रियाधीन है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों के स्वीकृत पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
145. ( क्र. 1414 ) श्री तरबर सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बण्डा एवं शाहगढ़ में संचालित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नियमानुसार छ:-छ: डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, जिसमें बण्डा में तीन एवं शाहगढ़ में मात्र दो डॉक्टर ही पदस्थ है और एक डॉ. शाहपुर में संलग्न है। डॉक्टर की कमी कारण ग्रामीण क्षेत्र से आये मरीजों का ईलाज समय पर नहीं हो पाता है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है? (ख) दोनों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की जो कमी है, उसे कब तक पूरा कर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बण्डा एवं शाहगढ़ में विशेषज्ञों के 03-03 तथा चिकित्सा अधिकारियों के 02-02 पद स्वीकृत हैं। सा.स्वा.के. बण्डा में 02 नियमित तथा 02 संविदा एन.एच.एम. चिकित्सक कार्यरत हैं। सा.स्वा.के. शाहगढ़ में 03 नियमित चिकित्सक कार्यरत हैं। किसी भी चिकित्सक को शाहपुर में संलग्न नहीं किया गया है, आवश्यकतानुसार चिकित्सकों की ड्यूटी अन्य संस्था में लगाई जाती है। बण्डा में उपलब्ध चिकित्सक/स्टाफ द्वारा आमजन को समस्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) बण्डा एवं शाहगढ़ में विशेषज्ञों के स्वीकृत 03-03 पद रिक्त हैं। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी एवं समस्त 100 प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान होने तथा अप्रैल 2016 से मा. उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की कार्यवाही विलंबित है। अतः विशेषज्ञों की पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
बण्डा नगर स्थित आई.टी.आई. केन्द्र की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
146. ( क्र. 1415 ) श्री तरबर सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत बण्डा नगर में जो आई.टी.आई. केन्द्र है, वह किस वर्ष प्रारम्भ हुआ और उसमें प्रारंभ से ही कितने पद स्वीकृत हैं और छात्रों हेतु कितनी सीटें स्वीकृत हैं? क्या यह सीटें पर्याप्त हैं? (ख) क्या आई.टी.आई. केन्द्र में बिजली का कनेक्शन है? यदि नहीं, तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है और कब तक कनेक्शन लग जायेगा? (ग) वर्तमान में संस्था का प्रभार किसके पास है और क्या संस्था का संचालन सही तरीके से हो रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) आई.टी.आई. बण्डा सत्र अगस्त 2015 से संचालित है। आई.टी.आई. का भवन 6 ट्रेड/12 यूनिटों के लिए निर्मित है जिसमें 240 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता है। स्वीकृत पदों के विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विभाग द्वारा समस्त नवीन आई.टी.आई. 6 ट्रेड/12 यूनिटों के लिए स्वीकृत की जा रही है जो अद्यतन स्थिति में पर्याप्त है। (ख) जी नहीं। संस्था का नवीन भवन का आधिपत्य प्राचार्य द्वारा दिनांक 26.06.2019 को लिया गया है। विद्युत कनेक्शन की कार्यवाही आधिपत्य के पूर्व नहीं करने के लिए संस्था के प्रभारी श्री ए.के. खरे, प्रशिक्षण अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। विद्युत कनेक्शन के लिए डिमाण्ड नोट प्राप्त कर बजट आवंटन किया जा चुका है। विद्युत कनेक्शन सर्वोच्च प्राथमिकता पर करने की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) संस्था का प्रभार श्री ए.के. खरे, प्रशिक्षण अधीक्षक के पास है। विद्युत कनेक्शन होने के उपरान्त नवीन भवन में संस्था का संचालन सुचारू रूप से किया जा सकेगा।
उपकरण-औषधियों क्रय एवं जिला चिकित्सालय की साफ-सफाई की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
147. ( क्र. 1430 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय सिवनी एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बरघाट, जिला सिवनी के लिए वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20 में क्रय किये गये उपकरण एवं औषधियों की जानकारी वर्षवार देवें। यह खरीदी कैसे और किस माध्यम से की गयी? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत प्राप्त औषधियों एवं उपकरणों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) जिले में आयुष्मान योजना के अंतर्गत उपचारित मरीजों की सिवनी, बरघाट एवं कुरई विकासखण्डवार जानकारी मय उपचारित बीमारी के उपलब्ध करायें। (घ) जिला चिकित्सालय सिवनी में साफ-सफाई एवं सुरक्षा हेतु किस बाहरी एजेंसी को किन शर्तों पर रखा गया है? बाहरी संस्था का कार्य संतोषजनक न होने के संबंध में जनप्रतिनिधियों द्वारा शिकायत करने के बावजूद क्या कारण है कि चिकित्सालय की साफ-सफाई का स्तर खराब हो रहा है? स्थिति के सुधार हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गयी है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। यह खरीदी म.प्र. पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कॉर्पोरेशन भोपाल, म.प्र. लघु उद्योग निगम, कोटेशन, निविदाओं के माध्यम से की गई है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) में रखे पुस्तकालय परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में सम्मिलित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (घ) निविदा के आधार पर कामथेन सिक्योरिटी सर्विस, इन्दौर एवं सुरक्षा व्यवस्था के लिए मेसर्स एस.पी.डी. सिक्योरिटी सर्विस, जबलपुर म.प्र. का चयन किया गया। अनुबंध की शर्तें पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय का भवन निर्माण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
148. ( क्र. 1437 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 09/07/2019 तारांकित प्रश्न क्रं.798 प्रश्नकर्ता द्वारा टीकमगढ़ जिले में शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, जतारा जिला टीकमगढ़ के भवन निर्माण के कार्य को पूर्ण कराने संबंधी किया गया था? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के परिशिष्ट 5 के क्र. 2 पर बताया गया था कि भवन निर्माण कार्य जतारा का कार्य 1 वर्ष से बंद है एवं यह भी बताया गया था कि प्रशासकीय स्वीकृति अनुरूप राशि 787.00 लाख निर्माण एजेंसियों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं? तब यह सम्पूर्ण राशि कहाँ एवं कब-कब व्यय की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जब प्राक्कलन तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की राशि निर्माण एजेंसी को उपलब्ध कराई जा चुकी है, तब संबंधित ठेकेदार को कितनी राशि दी जा चुकी है? शेष राशि कितनी, किस विभाग के पास उपलब्ध है? विभाग द्वारा सम्पूर्ण राशि कब तक निर्माण एजेंसी के पास कब तक कितनी-कितनी भेज दी जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जब संबंधित ठेकेदार को 599.52 लाख रूपये का भुगतान किया गया है, तो शेष कार्य का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा एवं जो नवीन निर्माणाधीन भवन अब जीर्ण-शीर्ण हो गया है, उसका दोषी कौन-कौन अधिकारी एवं कर्मचारी है और इनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही हुई है? छात्र-छात्राएं कब तक जेनिडा बिल्डिंग (स्वास्थ्य विभाग) जतारा से उधार के भवन में प्रशिक्षण प्राप्त करते रहेंगे कब तक पॉलिटेक्निक भवन बनकर तैयार हो जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' एवं ''2'' अनुसार है। (ग) संबंधित ठेकेदार को निर्माण एजेंसी द्वारा राशि रूपये 599.32 लाख दी जा चुकी है। लोक निर्माण विभाग के पास राशि रूपये 200.00 लाख उपलब्ध है जिसे पी.आई.यू. को उपलब्ध कराये जाने के लिये संभागीय परियोजना यंत्री, पी.आई.यू. टीकमगढ़ द्वारा परियोजना संचालक पी.आई.यू. अरेरा हिल्स भोपाल को पत्र क्रमांक 759/तक./पी.आई.यू./2019-20 दिनांक 30/11/2019 द्वारा लेख किया गया है। विभाग द्वारा सम्पूर्ण स्वीकृत राशियां निर्माण एजेंसी को उपलब्ध करायी जा चुकी हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) में वर्णित पत्र द्वारा लोक निर्माण विभाग से राशियां प्राप्त होने पर शेष राशियों का भुगतान पी.आई.यू. द्वारा किया जावेगा। पी.आई.यू. के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर संबंधित ठेकेदार को मौखिक एवं लिखित तौर पर नोटिस जारी किये गये थे। अत: विभाग के किसी अधिकारी एवं कर्मचारी को सीधे तौर पर दोषी नहीं माना जा सकता है। निर्माण एजेंसी द्वारा उक्त भवन के निर्माण पश्चात् आधिपत्य उपरान्त संस्था स्वयं के भवन में संचालित होगी।
अनुकंपा नियुक्तियों के लंबित प्रकरणों का निराकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
149. ( क्र. 1438 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के किस-किस जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने आवेदनकर्ताओं की अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरण लंबित रखे हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि जो अनुकम्पा नियुक्ति के केस पात्रता में आ रहे हैं, उन लंबित केसों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा और नहीं तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभाग अंतर्गत लंबित अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों का निराकरण सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी नियमों/निर्देशों के अनुसार परीक्षणोपरांत, पात्रता एवं प्रावधानानुसार तथा पदों की रिक्तता अनुसार निराकृत किये जाकर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदाय की जा रही है। लंबित केसों के निराकरण की निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मिलावट खोरी संबंधी प्रकरणों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
150. ( क्र. 1471 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार के अशुद्धि के खिलाफ शुद्धि अभियान के तहत मनासा विधानसभा क्षेत्र की रामपुरा तहसील के गांव दुधलाई, में दिनांक 23/10/019 को खाद्य अधिकारी के नेतृत्व में महावीर दूध डेयरी पर छापेमार कार्यवाही की गयी, जिसमें 9350 लीटर मिलावटी दूध पाया गया, साथ ही पाम आइल व डिटर्जेंट की थैलियां भी मौके से पाई गयी? दूध डेयरी में किस-किस पदार्थ के नमूने जप्त किये गए और उनकी लैब रिपोर्ट में क्या पाया गया? (ख) यदि हाँ, तो उक्त प्रकरण में अभी तक क्या कार्यवाही हुई? इसमें मौका पंचनामा, जाँच प्रतिवेदन, एफ.आई.आर. की प्रति एवं अन्य सभी जानकारी उपलब्ध करवाई जावे (ग) उक्त प्रकरण में रासुका लगाने का प्रावधान है या नहीं? अगर प्रावधान है तो रासुका में प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया? कारण स्पष्ट करें। (घ) प्रदेश में मिलावट के खिलाफ अभियान में विगत एक वर्ष में कितने प्रकरणों में रासुका की कार्यवाही की गयी? (ड.) अशुद्धि के खिलाफ पूरे प्रदेश में विगत एक वर्ष में क्या-क्या कार्यवाही की गयी और उनमें से कितने मामलों में प्रकरण दर्ज करवाए गए और उनमे क्या कार्यवाही प्रचलित है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सी.एच.ओ. की भर्ती में बी.एच.एम.एस. को सम्मिलित न किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
151. ( क्र. 1492 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य सरकार, नेशनल हेल्थ मिशन के कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सी.एच.ओ.) के भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किये हैं? यदि हाँ, तो विज्ञापन की पूरी प्रति जिसमें योग्यता का उल्लेख हो, उपलब्ध कराई जाये। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विज्ञापन नेशनल हेल्थ पॉलिसी 2017 के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु दिया गया है? यदि हाँ, तो कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सी.एच.ओ.) का पद मिड लेवल सर्विस प्रोवाईडर की श्रेणी में आता है कि नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित विज्ञापन में भर्ती हेतु बी.एच.एम.एस. चिकित्सकों को शामिल न कर एवं नेशनल हेल्थ पॉलिसी 2017 की कण्डिका 11.4 का उल्लंघन करने के कौन दोषी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। विज्ञापन की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी नहीं। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों का मामला
[सामान्य प्रशासन]
152. ( क्र. 1966 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में मैन्युअली जाति प्रमाण-पत्रों को डिजिटल कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान में बड़ी संख्या में फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों के मामले सामने आए हैं? यदि हाँ, तो धार जिले में फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों की संख्या वर्तमान में कितनी है? प्रति सहित वर्गवार, जिलेवार बताएं। (ख) धार जिले में प्रश्न दिनाक तक कितने फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों की पहचान की जा चुकी है? कितने फर्जी जाति प्रमाण-पत्र धारकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई? कितनों के खिलाफ कार्रवाई किया जाना है एवं कब की जाएगी? (ग) फर्जी जाति प्रमाण-पत्र बनाने वाले अधिकारियों को चिन्हित करने एवं उनकी जवाबदेही तय करने के लिए शासन की तरफ से क्या कार्यवाही की जा रही है? कब तक कर ली जाएगी? फर्जी जाति प्रमाण-पत्र बनाने वालों एवं बनवाने वालों के खिलाफ किस-किस धाराओं के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाई करने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है? कब एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी? यदि नहीं, तो कारण बताएं। फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से नौकरी हासिल कर नौकरी से रिटायर हो चुके अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? (घ) क्या उक्त मामलें में कार्रवाई करने के प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को पत्र क्र. 1029/एमपी.एमएलए/2019 दिनांक 10/11/2019 को पत्र लिखा गया? यदि हाँ, तो उक्त पत्र पर क्या कार्रवाई की गई? प्रति सहित बताएं।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। धार जिले के अनुभाग धार में मैन्युअली जाति प्रमाण-पत्रों को डिजिटल कराने के लिए चालाए जा रहे अभियान में फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों के 3 मामले सामने आए हैं। धार जिले में फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों की संख्या वर्तमान में 03 है। प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'' एवं ''स'' अनुसार। (ख) धार जिले में प्रश्न दिनांक तक अनुभाग धार में 03 फर्जी जाति प्रमाण-पत्रों की पहचान की जा चुकी है। उक्त तीनों के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुभाग धार द्वारा नोटिस जारी किये गए हैं। (ग) धार जिले के अनुभाग धार के अंतर्गत उक्त तीनों प्रमाण-पत्र जो जारी हुए हैं। वे किसी पीठासीन अधिकारी द्वारा जारी न करते हुए, आवेदक द्वारा ही फर्जी हस्ताक्षर एवं फर्जी पदमुद्रा बनाकर स्वयं ही जारी किये गये हैं। उक्त तीनों के विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अनुभाग धार द्वारा नोटिस जारी किये गए है। प्रश्नांश के शेष भाग का उत्तर निरंक है। (घ) मान. सदस्य का पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय में आना नहीं पाया गया।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
लोक
सेवा
केन्द्रों
में
अधिकारियों
की नियुक्ति
[लोक सेवा प्रबन्धन]
1. ( क्र. 15 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसीलदार एवं अन्य अधिकारियों को लोक सेवा केन्द्रों में जनता की सुविधा के लिये बैठने के निर्देश दिये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो जबलपुर जिले के लोक सेवा केन्द्रों में तहसीलदार एवं अन्य अधिकारी द्वारा निर्देशों का पालन किया है? (ग) क्या लोकसेवा केन्द्रों में जनता की सुविधा के लिये अधिकारियों की स्थायी व्यवस्था की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्या हितग्राहियों की समस्या का निराकरण कम्प्यूटर आपरेटर कर सकेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, लोक सेवा केन्द्र पर ‘’समाधन एक दिन'' व्यवस्था अंतर्गत जिला स्तर से जारी रोस्टर आधार पर प्रत्येक शासकीय दिवस पर कलेक्टर द्वारा चिन्हित प्राधिकृत अधिकारी के बैठने की व्यवस्था की गई है। संलग्न परिशिष्ट अनुसार – मध्यप्रदेश शासन, लोक सेवा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी पत्र क्र 2016, दिनांक 30/12/2017) । (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार व्यवस्था स्थापित की गयी है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा में स्थापित उद्योग
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
2. ( क्र. 33 ) श्री विष्णु खत्री : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा में कौन-कौन से उद्योग आये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित उद्योगों में कितने स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा में कुल 15 उद्योग स्थापित हुए है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) में दर्शित 15 उद्योगों में 170 स्थानीय व्यक्तियों (मध्यप्रदेश के निवासियों) को रोजगार दिया गया है।
शासन संधारित मंदिरों में नियुक्त पुजारियों को मानदेय भुगतान
[अध्यात्म]
3. ( क्र. 42 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के आदेश क्र.फ 7-13/2018/छ दिनांक 04/10/2018 शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों को रूपये 3000 प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जाना था लेकिन क्या पिछले 1 वर्ष से तहसील ईसागढ़ जिला अशोकनगर के पुजारियों को मानदेय भुगतान नहीं किया गया है एवं 2 वर्ष से पुरानी राशि का भी भुगतान नहीं हुआ है? (ख) शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों के बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा एवं उनके परिवार का बीमा संबंधी सुविधायें कब प्राप्त होगी एवं इनका आदेश कब तक कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र में शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों को मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना का लाभ नहीं मिला है, इनको यह लाभ कब तक प्रदान कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदेरी का उन्नयन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
4. ( क्र. 43 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदेरी को उन्नयन कर 100 बिस्तर अस्पताल में विस्तारित करने के संबंध में शासन ने कोई कार्ययोजना बनाई है? यदि हाँ, तो इसका क्रियान्वयन कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो इस संबंध में कोई योजना बनाने का विचार है? (ख) ग्राम पंचायत कदवाया विकासखंड ईसागढ़ जिला अशोकनगर, जिसकी जनसंख्या लगभग 7000 है एवं आसपास के लगभग 45 से 50 ग्रामों से घिरा हुआ है, में क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की शासन की कोई योजना है? (ग) यदि हाँ, तो कब तक खोल दिया जावेगा और यदि ऐसी कोई योजना नहीं है तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चंदेरी का 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में दिनांक 03.01.2019 को उन्नयन किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
अत्यधिक बिजली गिरने के कारण हुई जनहानि
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
5. ( क्र. 58 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अक्टूबर 2019 में ईसरो की रिपोर्ट अनुसार देश में सबसे अधिक बिजली गिरने के मामले मध्यप्रदेश में सामने आये हैं? यदि हाँ, तो वैज्ञानिक आधार पर कब-कब इसका आंकलन विभाग दवारा किया गया? (ख) क्या देश में सबसे अधिक बिजली गिरने के कारण प्रश्न दिनांक से गत 6 माह में 350 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है? यदि हाँ, तो लोगों की जनहानि को रोकने के लिये क्या सरकार कोई ठोस योजना पर कार्यवाही कर रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) संदर्भित क्या ग्लोबल वार्मिंग के मुताबिक आने वाले वर्षों में मध्यप्रदेश में बिजली गिरने की संख्या और भी बढ़ने के आसार हैं? यदि हाँ, तो क्या सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में भी विभिन्न पंचायतों एवं शासकीय ईमारतों पर तड़ित चालक लगाकर बिजली गिरने के प्रभाव को कम कर, जनहानि को भी कम करने का प्रयास करेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) इसरो के प्रश्न में उल्लेखित रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हो पा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) मध्यप्रदेश में जुलाई, 2019 से अक्टूबर, 2019 तक 313 व्यक्तियों की आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु हुई है। राज्य सरकार द्वारा, भारत सरकार के ऐप ''दामिनी: बिजली चेतावनी'', जो आकाशीय बिजली गिरने की पूर्व सूचना देता है के संबंध में गृह विभाग के माध्यम से आम जनता में जागरूकता लाने के लिए कार्यवाही की जाती है। (ग) इस प्रकार की कोई वैज्ञानिक रिपोर्ट राज्य शासन के संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग में फीस वृद्धि
[सामान्य प्रशासन]
6. ( क्र. 59 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 17 के पश्चात मध्यप्रदेश राज्य लोकसेवा आयोग ने कब-कब, किस-किस परीक्षा के लिये फीस व़ृद्धि की? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत फीस वृद्धि के लिये विभाग की किस समिति ने किस कारण से कितनी-कितनी फीस व़ृद्धि का प्रस्ताव रखा? (ग) क्या गत दिनों कृषि विभाग के सहायक संचालक पद के लिये आयोजित की जाने वाली परीक्षा में 500 रू. परीक्षा फीस के स्थान पर 2500 रू. परीक्षा फीस तथा अतिरिक्त 40 रू. ऑनलाईन शुल्क बेरोजगार युवाओं से वसूला गया? अत्यधिक फीस वृद्धि के क्या कारण रहे? (घ) प्रश्नांश (ग) संदर्भित गत वर्ष इसी परीक्षा के लिये कितनी राशि फीस के रूप में आयोग द्वारा ली गई थी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा दिनांक 27.08.2019 को शुल्क में वृद्धि की गई। उक्त वृद्धि केवल सहायक संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास (क्षेत्र एवं विस्तार) परीक्षा 2019 में लागू की गई। (ख) फीस में वृद्धि का निर्णय आयोग की बैठक दिनांक 27.08.2019 द्वारा लिया। आयोग को प्रदाय बजट एवं व्यय के अनुपात में आयोग की आय/राजस्व में वृद्धि किए जाने के कारण। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) गत वर्ष परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया।
विधायक स्वेच्छानुदान मद से राशि स्वीकृति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
7. ( क्र. 72 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक स्वेच्छानुदान मद से राशि स्वीकृति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। विधायक से पत्र प्राप्ति के कितने दिन के भीतर किस माध्यम से संबंधितों को राशि का भुगतान होना चाहिए? (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में विधायक स्वेच्छानुदान मद से राशि स्वीकृति के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र किन-किन दिनांकों में प्राप्त हुये तथा कोषालय में किन-किन दिनांकों को बिल लगे? संबंधितों को किन-किन दिनांकों को किस माध्यम से राशि का भुगतान हुआ? किन-किन को राशि प्राप्त नहीं हुई? (ग) क्या संबंधित हितग्राहियों को राशि भुगतान में 1 माह से ज्यादा का समय लगा? यदि हाँ, तो कारण बतायें। वर्ष 2019-20 से पूर्व के वर्षों के किन-किन हितग्राहियों को राशि का भुगतान क्यों नहीं हुआ? कब तक किस माध्यम से राशि का भुगतान होगा? (घ) शासन के निर्देशानुसार संबंधित हितग्राहियों को रायसेन जिले में भी निश्चित समयावधि में राशि का भुगतान हो इस संबंध में शासन क्या-क्या कार्यवाही करेगा? इस संबंध में मेरे पत्र कब-कब मिले तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) निर्देश की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। मा. विधायक से अनुशंसा प्राप्त होने के उपरान्त 07 दिवस में चैक अथवा ई-पेमेंट से भुगतान के निर्देश है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सभी हितग्राहियों को चैक/ई-पेमेंट के माध्यम से राशि भुगतान हो जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ। मान. विधायक से प्राप्त अनुशंसा में हितग्राहियों के खाता गलत होने से भुगतान प्रक्रिया में विलम्ब हुआ है। वित्तीय वर्ष 2019-20 से पूर्व वर्षों में किसी भी हितग्राही को भुगतान शेष न होने से प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (घ) मान. विधायक से प्राप्त अनुशंसा पर स्वीकृति की कार्यवाही के बाद समय-सीमा में करने के निर्देश पूर्व से हैं। कभी-कभी हितग्राहियों का नाम अथवा बैंक खाता सही नहीं होने से थोड़ा विलम्ब संभव है। मान. विधायक के पत्र क्र. 783 दिनांक 15.10.2019, पत्र क्र. 1015 दिनांक 04.11.2019, पत्र क्र. 736 दिनांक 10.10.2019 पत्र प्राप्त हुये। उक्त पत्रों के पालन में सभी हितग्राहियों को राशि का भुगतान कर दिया गया है।
विधायक निधि से राशि की स्वीकृति
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
8. ( क्र. 73 ) श्री रामपाल सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक निधि से राशि स्वीकृति के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? उनकी प्रति दें। विधायक से पत्र प्राप्ति के कितने दिन के भीतर निर्माण एजेंसी को राशि मिल जाना चाहिए? (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में विधायक निधि से राशि स्वीकृति के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र किन-किन दिनांकों में प्राप्त हुये तथा किन-किन दिनांकों को कार्य स्वीकृत हुये तथा निर्माण एजेंसी को राशि का भुगतान कब-कब हुआ? कौन-कौन से कार्य स्वीकृत नहीं किये तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। (ग) नवम्बर 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में विधायक निधि से स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अप्रारंभ तथा अपूर्ण है तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्यों को निश्चित समयावधि में पूर्ण करवाने हेतु जवाबदार अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की तो क्यों? (घ) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों में प्रथम किश्त का भुगतान, कार्य पूर्ण हेतु कार्यवाही तथा शासन के निर्देशानुसार कार्य स्थल पर सूचना पटल आदि के संबंध में प्रश्नकर्ता के पत्र कब-कब प्राप्त हुये तथा उनके जवाब कब-कब दिये? यदि जवाब नहीं दिये तो कारण बतायें तथा कब तक जवाब देंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) शासन निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मा. विधायक से अनुशंसा प्राप्त हो जाने के उपरांत 30 दिनों के भीतर स्वीकृत कर देने के निर्देश है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करवाने हेतु कलेक्टर महोदय द्वारा समीक्षा बैठक में क्रियान्वयन एजेन्सियों को निर्देशित किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मा. विधायक से प्राप्त पत्रों एवं कार्यालय मा. विधायक को अवगत कराये जाने वाले पत्रों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसान कर्जमाफी योजना
[सहकारिता]
9. ( क्र. 102 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र सरकार का किसान कर्जमाफी योजनान्तर्गत कन्नौद एवं खातेगांव तहसील की सहकारी संस्थाओं द्वारा कितने किसानों की कितनी धनराशि का कर्जा माफ किया गया है? किसान संख्या एवं संस्थावार राशि बताएं। (ख) किसान कर्जमाफी योजना के क्रियान्वयन में प्रत्येक संस्था पर कितनी वित्तीय राशि (अंशपूंजी) खर्च हुई है, जिसके कारण समितियों की आर्थिक स्थिति कमजोर हुई है? प्रतिशत बतायें। (ग) म.प्र सरकार द्वारा समितियों को अंशपूंजी में से कर्जमाफी करने की ऐवज में क्या भविष्य में किसी प्रकार की वित्तीय सहायता करने की योजना है? (घ) क्या कृषकों को सोसायटियों द्वारा इस बार खराब वित्तीय स्थिति के कारण समय पर खाद बीज प्रदाय नहीं किया जा सका है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत कन्नौद तहसील की 12 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के 11,964 कृषक सदस्यों की राशि रू. 3338.69 लाख एवं खातेगांव तहसील की 14 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के 15,993 कृषक सदस्यों की राशि रू. 3987.65 लाख राशि की कर्ज माफी अब तक की गई है। संस्थावार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन में प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं पर अंशपूंजी की राशि व्यय नहीं हुई है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) समितियों द्वारा अंशपूंजी से कर्जमाफी नहीं की गई है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं।
आधार कार्ड बनाने वाले केन्द्र
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
10. ( क्र. 103 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले के कन्नौद एवं खातेगांव तहसील में आधार कार्ड बनाने के कितने केन्द्र कार्य कर रहे हैं? क्या जनसंख्या के अनुपात में इन सेंटरों की संख्या पर्याप्त है? (ख) क्या नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा आधार कार्ड के निर्माण में आ रही परेशानियों एवं सेंटरों पर बढ़ रही भीड़भाड़ को लेकर विभाग का ध्यान आकर्षित किया गया है? (ग) सरकार द्वारा पूरे क्षेत्र में कितने नवीन आधार कार्ड सेंटर खोले जाना प्रस्तावित है? प्रत्येक का स्थान बताये? (घ) आम नागरिकों की रोजमर्रा की परेशानी को दृष्टिगत रखते हुये आधार कार्ड सेंटर की संख्या कब तक बढ़ाकर नये केन्द्र चालू कर दिये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) देवास जिले के कन्नौद में 02 एवं खातेगांव में 02 आधार केन्द्र कार्यरत हैं। जी नहीं। (ख) जी हाँ। पर्याप्त आधार केन्द्र न होने से दिनांक 23-09-2019 को 06 एवं 16-10-2019 को 06 कुल 12 आवेदन UIDAI को भेजे गये हैं, जिसमें से 07 सेन्टरों के लिए UIDAI की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। (ग) देवास में नवीन आधार कार्ड सेंटर स्थापित करने के लिए जिले से प्राप्त 08 आवेदन 04-12-2019 को UIDAI, RO को प्रेषित किये गये हैं। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) त्वरित सुविधाओं का विस्तार किये जाने की दृष्टि से एम.पी.ऑनलाइन के माध्यम से केन्द्रीयकृत अनुबंध किया जाकर सुपरवाइजर ऑनबोर्ड किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। इससे जिले को आवंटित 06 आधार मशीनों द्वारा नवीन केन्द्रों का संचालन होगा।
म.प्र. सरकार पर कर्ज की स्थिति
[वित्त]
11. ( क्र. 104 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान समय में प्रदेश सरकार ने माह जनवरी 2019 से आज दिनांक तक विभिन्न माध्यमों से कुल कितना कर्जा लिया गया है? किन संस्थाओं से लिया गया है एवं किस ब्याज दर पर लिया गया है? (ख) विगत समय में सरकार द्वारा लिया गया कर्ज किन कार्यों के लिये लिया गया है? कार्य का उल्लेख करें एवं यह भी बतायें कि ब्याज की अदायगी में प्रतिमाह कितना पैसा चुकाया जा रहा है? (ग) क्या केन्द्र सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को क्रमश: बढ़ा हुआ मानदेय 1500 एवं 750 स्वीकृत किया गया है किन्तु आर्थिक संकट के कारण सरकार ये पैसा कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को राज्य भर में नहीं दे पा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जनवरी 2019 से 04 दिसंबर 2019 तक रूपये 17210 करोड़ का बाजार ऋण प्राप्त किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अन्य ऋणों के संबंध में महालेखाकार से अंकेक्षित आंकड़े प्राप्त न होने के कारण जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। (ख) बाह्य पोषित योजना एवं राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक से उधार पूर्व अनुमोदित योजना अनुसार व्यय किया जाता है। शेष बाजार ऋण एवं राष्ट्रीय अल्प बचत निधि का उपयोग मूलतः अधोसंरचनात्मक पूंजीगत मद अंतर्गत कार्यों के वित्त पोषण हेतु किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में ब्याज भुगतान हेतु रूपये 14432 करोड़ का प्रावधान किया गया है, इस मान से औसत प्रतिमाह रू.1203 करोड़ ब्याज भुगतान संभावित है। ब्याज भुगतान के अंकेक्षित आंकड़े महालेखाकार से प्राप्त नहीं हुए हैं। (ग) जी हां। केंद्र सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बढ़ा हुआ मानदेय क्रमशः 1500 एवं 750 स्वीकृत किया गया है। मानदेय में की गई वृद्धि के अनुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग के आदेश दिनांक 27/06/2019 द्वारा संशोधित मानदेय प्रदाय आदेश जारी किया गया है।
विधायक निधि से स्वीकृत कार्यों की राशि
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
12. ( क्र. 112 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक निधि में निर्माण कार्यों की राशि क्रियान्वयन एजेन्सी तक बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. राशि स्थानांतरण व्यवस्था के माध्यम से पहुंचायी जाती है? यदि हाँ, तो इस हेतु अधिकतम कितने दिवस की समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) क्या कई महीनों तक राशि क्रियान्वयन एजेन्सी तक नहीं पहुंचना विकास कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं करता है? (ग) धार विधानसभा क्षेत्र में विधायक निधि से वित्तीय वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में कार्य स्वीकृति पश्चात कितने दिवस में धनराशि संबंधित निर्माण एजेन्सी को उपलब्ध हुई तथा साथ ही प्रश्न दिनांक तक कुल कितने कार्यों की कितनी धन राशि संबंधित निर्माण एजेन्सी तक पहुंचना शेष है? (घ) क्या वित्तीय वर्ष के अंतिम माहों में स्वीकृत कार्यों की राशि एजेन्सी द्वारा प्रक्रियात्मक कारणों से आहरण नहीं कर पाने के कारण समर्पित हो जाती है? धार विधानसभा में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा व लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी में इस प्रकार की कितने कार्यों की कितनी धनराशि लंबित है तथा कब तक आंवटित की जावेगी? (ड़) बी.सी.ओ. टू बी.सी.ओ. राशि स्थानांतरण की इस व्यवस्था अंतर्गत प्रश्नांश (ग) के संबंध में इस अत्यधिक विलम्ब के क्या कारण हैं तथा इस प्रकियात्मक त्रुटी को सुधारने हेतु विभाग क्या कार्रवाई कर रहा है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। समय-सीमा निर्धारित नहीं है। (ख) राशि उपलब्धि में विलम्ब से कार्य की प्रगति में अवरोध संभव है। (ग) कार्यों की स्वीकृति एवं क्रियान्वयन एजेंसी को जारी राशि के दिनांक की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सभी निर्माण कार्यों की राशि जारी हो जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हाँ। धार विधानसभा क्षेत्र की ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की कोई राशि लम्बित नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) निर्माण विभागों को राशि जारी करने हेतु वित्त विभाग की व्यवस्था अनुसार कार्यवाही की जाती है। इस प्रक्रिया में अत्याधिक विलम्ब की स्थिति निर्मित नहीं होती है। कोई प्रक्रियात्मक त्रुटि नहीं होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
आई.एफ.एम.एस. साफ्टवेयर के संबंध में
[वित्त]
13. ( क्र. 113 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में समस्त कोषालयों से वेतन सहित समस्त प्रकार की राशि आहरण हेतु आई.एफ.एम.एस. साफ्टवेयर (प्रणाली) का उपयोग किया जाता है? क्या पिछले दो माह से नवीन पेंशन की स्वीकृति इसी के माध्यम से स्वीकृत हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या नवीन पेंशनरों को दो माह से पेंशन नहीं मिल पा रही है? (ग) क्या यह आई.एफ.एम.एस. साफ्टवेयर (प्रणाली) किसी निजी कंपनी से क्रय की गयी है? यदि हाँ, तो किस कंपनी से तथा क्रय राशि व वार्षिक रखरखाव की राशि बतायें। (घ) क्या उक्त साफ्टवेयर (प्रणाली) का डेटा सर्वर तथा वर्किंग सर्वर केन्द्रीयक्रत (सेंट्रलाईस) है? यदि हाँ, तो उक्त सर्वर शासकीय एजेन्सी के पास है? इस प्रणाली के माध्यम से प्रदेश के कुल कितने कोषालय तथा कुल कितने डी.डी.ओ. (यूजर) जुड़े हुए हैं? इस प्रणाली के सर्वर की क्षमता तथा कितनी नेटवर्क बैंडबिड्थ आवंटित की गई बतायें? (ड.) क्या कारण है कि व्यस्ततम दिवसों में उक्त सॉफ्टवेयर (प्रणाली) बहुत ही धीमा हो जाता है? इसके समाधान हेतु क्या कोई व्यवस्था की जा रही है? यदि हाँ, तो कब तक?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। दिनांक 05.09.2019 (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) आई.एफ.एम.आई.एस.साफ्टवेयर क्रय नहीं किया गया है, इसका विकास संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा कराया गया है। साफ्टवेयर के विकास एवं संधारण के लिये सेवा प्रदाता मैसर्स टी.सी.एस. लि. से अनुबंध किया गया है। परियोजना की कुल पुनरीक्षित लागत राशि रूपये 199.52 करोड़ है। जिसमें राशि रूपये 91.25 करोड़ पूंजीगत राशि तथा 31 अगस्त 2023 तक के लिये संचालन एवं संधारण की राशि रूपये 108.27 करोड़ है। (घ) जी हाँ। संचालनालय कोष एवं लेखा में संधारित है। वर्तमान में इस प्रणाली के माध्यम से कुल 57 कोषालय तथा 5826 डी.डी.ओ. जुड़े हुये है। सर्वर के क्षमता 16 core 128GB RAM एवं नेटवर्क बैडविड्थ-118 mbps (ड.) कभी-कभी सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा एक साथ वेतन देयक एवं अन्य देयक जनरेट किये जाने पर सिस्टम की गति कम हो जाती है। अध्यापक संवर्ग के 2.37 लाख नवीन कर्मचारियों को आई.एफ.एम.आई.एस. में माईग्रेड करने तथा आई.एफ.एम. आई.एस.सॉफ्टवेयर सिस्टम, डाटा सेंटर एवं डिजास्टर रिकवरी सेंटर की क्षमता में वृद्धि करने के लिये विभाग द्वारा दिनांक 28.09.2019 को पुनरीक्षित स्वीकृति प्रदान की गई है।
विशेष न्यायालय के समक्ष लंबित प्रकरण की स्थिति
[विधि और विधायी कार्य]
14. ( क्र. 120 ) श्री
शरदेन्दु तिवारी
: क्या
विधि और
विधायी कार्य
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र. के
भोपाल स्थित
मा. विशेष
न्यायालय के
समक्ष 30
नवम्बर 19 तक विधायक, सांसद, पूर्व
विधायक एवं
पूर्व सांसद
से संबंधित कितने
एवं किस-किस
धारा के
प्रकरण
विचाराधीन है? जनप्रतिनिधिवार
पृथक-पृथक
विस्तृत
जानकारी दें। (ख) उक्त
विचाराधीन
प्रकरणों में 30 नवम्बर
तक क्या
अद्यतन
स्थिति है? प्रकरणवार
बतायें। (ग) प्रश्नांश
(क) के अनुसार 30 नवम्बर 19 तक की
स्थिति में
राज्यशासन
ने लंबित
प्रकरणों में
से कितने
प्रकरणों में
केस वापसी की
गयी? प्रकरण
बतावें।
विधि
और विधायी
कार्य मंत्री
( श्री पी.सी.
शर्मा ) : (क)
मध्यप्रदेश
के भोपाल
स्थित माननीय
विशेष न्यायालय
के समक्ष 30 नवम्बर, 2019 तक
विधायक,
सांसद, पूर्व
विधायक एवं
पूर्व सांसद
से संबंधित 210 प्रकरण
लंबित हैं।
जनप्रतिनिधिवार
पृथक-पृथक विस्तृत
जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उक्त
प्रकरणों की
अद्यतन
स्थिति पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश
(क)
के
अनुसार 30
नवम्बर, 2019
तक की स्थिति
में राज्य
शासन ने लंबित
प्रकरणों में
से 25
प्रकरणों में
केस वापसी की
गई। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
विकास कार्यों हेतु कार्य एजेन्सी का निर्धारण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
15. ( क्र. 122 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक क्षेत्र विकास निधि द्वारा विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत कराये जाने वाले कार्यों के लिये कार्य एजेन्सी का निर्धारण किस आधार पर किया जाता है। कार्य एजेन्सी के संबंध में शासन द्वारा जारी किये गये निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) कार्य एजेन्सी निर्धारित करने के लिये क्या जिला योजना द्वारा निर्णय लिये जाते हैं? यदि हाँ, तो सतना जिला अन्तर्गत वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक कार्य एजेन्सी के निर्धारण के लिये क्या निर्णय लिये गये हैं अथवा जिला कलेक्टर सतना द्वारा क्या निर्देश दिये गये? निर्देश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या ग्रामीण क्षेत्रान्तर्गत ग्राम पंचायतों में कराये जाने वाले कार्यों के लिये एक ग्राम पंचायत को अन्य दूसरे ग्राम पंचायतों में कार्य करने के लिये कार्य एजेन्सी बनाया जा सकता है? यदि नहीं, तो कार्य एजेन्सी न बनाये जाने संबंधी आदेश कि छायाप्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या यह सही है कि वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक सतना जिले की सभी विधानसभा क्षेत्रों में विधायक क्षेत्र विकास निधि से एक ग्राम पंचायत द्वारा अन्य दूसरे ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्य कराये गये है? यदि हाँ, तो वर्ष 2014 से वर्ष 2019 तक विधानसभा क्षेत्र अमरपाटन, मैहर, नागौद, रैगांव, सतना, चित्रकूट, रामपुरबाघेलान के ऐसे कार्यों की सूची उपलब्ध कराई जाये जो एक ही ग्राम पंचायत कार्य एजेन्सी द्वारा दूसरे ग्राम पंचायत में निर्माण कार्य कराये गये हैं।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत क्रियान्वयन एजेंसी का निर्धारण मार्गदर्शिका में निहित प्रावधानों के अनुरूप किया जाता है। मार्गदर्शिका की कंडिका 2.2 की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विधायक निधि की मार्गदर्शिका में इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कॉर्पोरेट सोशियल रिसपोंसब्लिटी फण्ड
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
16. ( क्र. 187 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कॉर्पोरेट सोशियल रिसपोंसब्लिटी फण्ड क्या है तथा इसके क्या प्रावधान है व यह किस प्रकार के उद्योगों पर लागू होता है? (ख) उक्त फण्ड अंतर्गत जनकल्याण हेतु किस प्रकार के कार्य किये जाते है तथा कार्यों व स्थल का चयन किस माध्यम से किस स्तर पर किया जाता है? (ग) धार विधानसभा में पिछले दो वित्तीय वर्षों में उक्त योजना अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कितनी धन राशि से स्वीकृत किये गये है? (घ) क्या इस योजना अंतर्गत कार्यों व स्थल के चयन हेतु जनप्रतिनिधियों की सहभागिता व सुझाव लिये जाने का कोई प्रावधान है? (ड.) यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार के प्रावधान सम्मिलित किये जावेंगे?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) कॉर्पोरेट सोशल रिसपोंसबिलिटी फंड से तात्पर्य, कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 135 अनुसार किसी वित्तीय वर्ष के दौरान रू. 500 करोड़ या अधिक के शुद्ध मूल्य वाली या रू. 1000 करोड़ रूपये या अधिक के आवर्त वाली या रू. 5 करोड़ या अधिक के शुद्ध लाभ वाली प्रत्येक कंपनी का बोर्ड यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी प्रत्येक वित्तीय वर्ष में, ठीक तीन पूर्ववर्ती वित्तीय वर्षों के दौरान किये गये कंपनी के औसत शुद्ध लाभों का कम से कम 2 प्रतिशत निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व नीति के अनुसरण में खर्च करती है। कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के निर्वहन को व्यवस्थित करने के लिये भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम के अधीन "कंपनी (कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014" जारी किये गये है। इन नियमों के तहत प्रत्येक कंपनी को कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व की बाध्यता है तथा इस दायित्व का निर्वहन प्रत्येक कंपनी में गठित कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से होगा। (ख) उक्त फण्ड अंतर्गत जन कल्याण हेतु किये जाने वाले कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट पर है। दायित्व का निर्वहन प्रत्येक कंपनी में गठित कार्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से किया जाता है (ग) वांछित जानकारी का संधारण राज्य शासन द्वारा नहीं किया जाता है। कंपनी अधिनियम, भारत शासन द्वारा प्रशासित है। (घ) कंपनी अधिनियम के अधीन "कंपनी (कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014" जारी किये गये है, के अंतर्गत कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व का निर्वहन व्यवस्थित करने हेतु प्रत्येक कंपनी में गठित कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से कार्यों को किये जाने का प्रावधान है। (ड.) कंपनी अधिनियम, भारत शासन द्वारा प्रशासित है। अत: राज्य शासन द्वारा प्रावधान सम्मिलित नहीं किये जा सकते।
आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम
[सामान्य प्रशासन]
17. ( क्र. 215 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम क्या है? इसे आयोजित करने के प्रदेश सरकार के क्या दिशा-निर्देश हैं? इस योजना अंतर्गत बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कहॉं-कहॉं पर कब-कब कार्यक्रम आयोजित किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यक्रमों में किस-किस के द्वारा कौन-कौन सी समस्या के निराकरण हेतु कौन-कौन से आवेदन प्रस्तुत किये बतलावें? आयोजनवार पंजीबद्ध आवेदन की सूची आवेदनकर्ता के नाम, पता एवं आवेदन समस्या सहित जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित पंजीबद्ध आवेदनों में से किस-किस का समाधान आयोजन स्थल पर कर दिया गया था? आवेदनवार, कार्यक्रमवार संपूर्ण सूची देवें। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित किन-किन आवेदनों का निराकरण आयोजित कार्यक्रमों के पश्चात किया गया एवं किन-किन आवेदनों का निराकरण प्रश्न दिनांक तक नहीं हो पाया है? बतलावें आयोजित कार्यक्रमवार, आवेदन पत्रवार सूची देवें एवं यह भी बतलावें की निराकरण हेतु लंबित आवेदनों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) कार्यक्रम से संबंधित दिशा-निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ'' अनुसार है। बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र के अन्तर्गत जनपद पंचायत बहोरीबंद में दिनांक 11/10/2019 एवं जनपद पंचायत रीठी में दिनांक 23/10/2019 को विकासखण्ड स्तरीय शिविर का आयोजन किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’स'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’द'' अनुसार है। प्राप्त आवेदनों में लंबित आवेदनों के निराकरण की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया की होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कौशल विकास संचालनालय कार्यालय जबलपुर के संबंध में
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
18. ( क्र. 216 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कौशल विकास संचालनालय कार्यालय जबलपुर में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत है? इन स्वीकृत पद अनुरूप कौन-कौन, कब से यहाँ पर पदस्थ हैं? (ख) क्या यह सही है कि कौशल विकास संचालनालय के जबलपुर मुख्यालय में स्थापना एवं वित्त कार्यालय होने के बाद भी इस कार्यालय के संचालक भोपाल बैठकर इस कार्यालय का संचालन करते है और इसी विषय को लेकर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट पिटीशन क्र. 27262/2018 मदन मोहन शंकरगाये विरूद्ध म.प्र. शासन के प्रकरण में आदेशित किया गया है? (ग) यदि हाँ, तो आदेश की छायाप्रति देवें एवं इस आदेश के परिप्रेक्ष्य में क्या इस कार्यालय में पदस्थ अधिकारी भोपाल की जगह पूर्णकालिक तौर पर जबलपुर कार्यालय में बैठकर कार्यालय का संचालन कर रहे है यदि नहीं, तो इसका दोषी कौन है? दोषियों पर शासन कब, क्या कार्यवाही करेगा बतलावें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यालय के विभिन्न अनुभागों में कौन-कौन से अधिकारी एवं कर्मचारी कब से एक ही अनुभाग में पदस्थ बतलावें? अनुभागवार पदस्थी दिनांक सहित सूची देवें एवं एक ही अनुभाग में लगातार तीन वर्षों से अधिक समय से लगातार पदस्थ कर्मचारियों को क्या शासन की पारदर्शी नीति के तहत अन्य अनुभागों में पदस्थ किया जावेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक यदि नहीं, तो क्यों नहीं बतलावें?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) एवं (ग) कौशल विकास संचालनालय जबलपुर में ही स्थापित है। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट पिटीशन क्रमांक 27262/2018 में माननीय न्यायालय द्वारा अंतिम आदेश पारित नहीं किया गया है। संचालक, कौशल विकास के पास अन्य ऐसे कार्यालय जिनके मुख्यालय भोपाल में है, इसलिये इनका भोपाल में रहना अपरिहार्य है। अतिरिक्त संचालक एवं संयुक्त संचालक के पद पर पदस्थ अधिकारी संचालक के सहयोग हेतु भोपाल में बैठकर कार्य करते हैं। कोई भी अधिकारी भोपाल में बैठकर कार्य करने के लिए दोषी नहीं है, अतएव कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 के अनुसार क्रय, स्टोर, स्थापना शाखा में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों को सामान्यत: 3 वर्ष की अवधि पूर्ण होने पर अन्य शाखा में/अन्य स्थान पर पदस्थ करने के निर्देश हैं। संचालनालय में एक ही संयुक्त संचालक पद स्थापित है। अतएव उनका अनुभाग परिवर्तित किया जाना संभव नहीं है, शेष अधिकारी/कर्मचारी जो 3 वर्षों से अधिक अवधि से क्रय, स्टोर, स्थापना अनुभाग में कार्यरत थे, को शासन के निर्देशों के परिपालन में अन्य अनुभागों में पदस्थ किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कर्ज एवं वित्तीय भार की जानकारी
[वित्त]
19. ( क्र. 222 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिसम्बर-2018 से लेकर नवम्बर-2019 तक कुल कितना कर्ज लिया गया है? दिनांकवार बताएं एवं ब्याज दर सहित बताएं? (ख) मध्यप्रदेश सरकार पर अभी तक कुल कितना कर्ज है? प्रतिवर्ष उधारी चुकाने में कितना व्यय किया जा रहा है? मूलधन एवं ब्याज पृथक-पृथक बतावें? (ग) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय अनुशासन हेतु क्या प्रयास किए जा रहे है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) म.प्र. सरकार द्वारा दिसंबर 2018 से नवंबर 2019 तक कुल रूपये 16810 करोड़ का बाजार ऋण लिया गया है। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अन्य ऋणों के संबंध में अंकेक्षित लेखे महालेखाकार से प्राप्त नहीं होने के कारण दर्शाई अवधि में लिए गए कर्ज की जानकारी देना संभव नहीं है। (ख) महालेखाकार से वित्तीय वर्ष 2017-18 के प्राप्त अंतिम लेखे अनुसार म.प्र. सरकार पर 31 मार्च 2018 की स्थिति में कुल लोक ऋण रूपये 138424.22 करोड़ था। वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान रू.5776.38 करोड़ के ऋण का पुनर्भुगतान एवं रूपये 11045.34 करोड़ ब्याज का भुगतान किया गया। (ग) म.प्र. सरकार द्वारा वित्तीय अनुशासन बनाये रखने हेतु समय-समय पर निर्देश जारी किये जाते हैं।
स्वेच्छानुदान के संशोधित चैक प्राप्त न होना
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
20. ( क्र. 234 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक, 1150 दिनांक 05.10.2018 को जिला योजना अधिकारी, जबलपुर को सूची अनुसार स्वेच्छानुदान के जारी चेकों में आवश्यक सुधार हेतु भेजे गये थे। इस संबंध में स्मरण पत्र दिनांक 22.08.2019 को लिखा गया था। इन पत्रों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) पत्रानुसार चेकों में आवश्यक सुधार अभी तक क्यों नहीं किया गया? विलंब के लिये कौन-कौन दोषी है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) पत्र क्रमांक 1150 दिनांक 05.10.2018 संभागीय योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय में प्राप्त नहीं हुआ और न ही इसके साथ सुधार हेतु भेजे गये चैक प्राप्त हुये। स्मरण पत्र दिनांक 22.08.2019 द्वारा उक्त चैकों में सुधार हेतु प्राप्त हुआ, किन्तु स्मरण पत्र के साथ भी चैक प्राप्त नहीं हुये। स्मरण पत्र दिनांक 22.08.2019 की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सूची एवं चैक जो पूर्व में कार्यालय द्वारा जारी किये गये प्राप्त नहीं हुये, इसलिये चैकों में सुधार नहीं हो सका। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
पंचायत समन्वय अधिकारियों की क्रमोन्नति
[वित्त]
21. ( क्र. 236 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 948 दिनांक 16 जुलाई, 2019 में अवगत कराया गया था कि कोष एवं लेखा कार्यालय भोपाल के पत्र क्रमांक 655 दिनांक 19/09/2018 के द्वारा पंचायतराज संचालनालय के अधीन कार्यरत पंचायत समन्वय अधिकारियों को अन्य कर्मचारियों/पटवारियों की भांति नियुक्ति दिनांक से ही क्रमोन्नति/समयमान की गणना की जावेगी? (ख) क्या संभागीय कार्यालय जबलपुर/सागर/भोपाल द्वारा कंडिका (क) का पालन न करते हुये यह कहकर आपत्ति लगाई जाती है कि दिनांक 28/11/1988 से उच्च वेतनमान दिया जा चुका है जबकि यह वेतन विसंगति का निराकरण था? (ग) कंडिका (क) निर्देशों का प्रदेश के अन्य संभागों की तरह कंडिका (ख) संभाग में पालन सुनिश्चित कराये जाने हेतु कब-कब निर्देश जारी किये गये? प्रति उपलब्ध करायें। यह भी बतायें कि कब तक प्रभावी निर्देश विभाग द्वारा जारी कर दिये जावेंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) विषय के संबंध में आपत्ति लगाये जाने की जानकारी प्राप्त होने के पश्चात् संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा दिनांक 19.09.2018 को विषय संबंधी जारी निर्देशानुसार पंचायत समन्वय अधिकारियों को अन्य कर्मचारियों की भांति नियुक्ति दिनांक से ही क्रमोन्नति/समयमान की गणना की जा रही है।
समान नाम की संस्था का पंजीयन निरस्त किया जाना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
22. ( क्र. 238 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रजिस्ट्रार फर्म्स एवं सोसायटी द्वारा पत्र क्रमांक 1214-15, दिनांक 14/10/2019 को सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थायें भोपाल संभाग को आदेश दिनांक 03/08/2019 के परिपालन में कार्यवाही करने/पंजीयन निरस्त करने के आदेश दिये गये थे? यदि हाँ, तो 60 दिवस की समय-सीमा 03/10/2019 को समाप्त हो जाने के बाद भी रजिस्ट्रार के निर्णय की अनदेखी करते हुये पंजीयन समाप्त क्यों नहीं किया गया? (ख) क्या कंडिका (क) के परिपालन में अभी तक समान नाम की संस्था पंजीयन क्रमांक 34325, दिनांक 27/08/1918 का पंजीयन निरस्त नहीं किया गया, न ही गतिविधियों पर रोक लगाई गई? यदि कोई आदेश जारी किये गये हो तो प्रति उपलब्ध करायें नहीं तो कब तक कर दिया जावेगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाऐं, मध्यप्रदेश द्वारा पत्र क्रमांक/अ-32/2018/1214/19 दिनांक 14/10/2019 द्वारा सहायक पंजीयक, फर्म्स एवं संस्थाऐं, भोपाल नर्मदापुरम संभाग, भोपाल को अपील आदेश दिनांक 03/08/2019 के पालन में मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 की धारा 11 के तहत संस्था के नाम में परिवर्तन की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे। सहायक पंजीयक, फर्म्स एवं संस्थाऐं, भोपाल नर्मदापुरम संभाग, भोपाल द्वारा अधिनियम की धारा 11 के तहत कार्यवाही कर संस्था पंचायत समन्वय अधिकारी संघ पंजीयन क्रमांक 01/01/01/34325/18 दिनांक 27/08/2018 का नाम परिवर्तन कर ''बागसेवनिया बर्फानी धाम बागमुगालिया अधिकारी संघ'' कर दिया गया है। अत: पंजीयन समाप्ति का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है। (ख) उपरोक्तानुसार रजिस्ट्रार के आदेश का पालन कर संस्था का नाम परिवर्तन किया जा चुका है। आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अत: पंजीयन निरस्त करने अथवा गतिविधियों पर रोक लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अवमानना के प्रकरणों पर कार्यवाही नहीं होना
[सामान्य प्रशासन]
23. ( क्र. 263 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. तिलहन संघ के प्रतिनियुक्ति व संविलियत सेवायुक्तों के वेतनमान संबंधी अवमानना के कितने प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग के संज्ञान में हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत क्या सामान्य प्रशासन से संबंधित विधान सभा प्रश्न क्रमांक 1050 दिनांक दिसम्बर 2014, क्रमांक 563 दिनांक 20 फरवरी, 2015, क्रमांक 2535 दिनांक 28 जुलाई 2015 एवं क्रमांक 2226 दि. 15 दिसम्बर 2015 का उत्तर में इन सेवायुक्तों को वेतन संरक्षक का लाभ देने का उल्लेख किया है? यदि हाँ, तो वर्षों से लंबित प्रकरण में आदेश कब तक प्रसारित करेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय धन राशि को खुर्द-बुर्द किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
24. ( क्र. 264 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला चिकित्सालय सतना के द्वारा क्रमांक/सी.एस./2018/223 सतना दिनांक 16.01.2018 से आदेश जारी किया गया था? उक्त आदेश की एक प्रति उपलब्ध करायें। उक्त आदेश के परिपालन में प्रश्नतिथि तक किस-किस नाम के प्रायवेट डॉक्टरों/अन्य कर्मचारियों के द्वारा सुपर स्पेशलिटी में कितने आपरेशन/अन्य कार्य किये? उसकी सूची दिनांकवार/माहवार/वर्षवार दें? इसमें ए.पी.एल. श्रेणी के कितने व बी.पी.एल. के कितने आपरेशन किये गये? (ख) संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें म.प्र. के द्वारा क्रमांक/ज.प./सेल 3/2018/83 भोपाल दिनांक 19.01.2018 से जो आदेश जारी किया क्या उसके पैरा क्रमांक 4 में 70 प्रतिशत राशि का भुगतान आमंत्रित सर्जन एवं उनकी टीम को देना सुनिश्चित किया गया था? क्या सतना में उक्त भुगतान प्रश्न तिथि तक कर दिया गया है? अगर हॉं तो किस-किस नाम को और कितना-कितना? वाउचर से या कैश या चेक द्वारा? विवरण दें। यह पैसा किस मद से दिया गया? (ग) क्या सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला सतना को सर्जनों/एनेथेतिस्ट/सहायकों के द्वारा भुगतान न होने का एक पत्र 24.03.2019 को दिया गया था? उक्त पत्र की एक प्रति दें। क्या प्रश्नतिथि तक भुगतान कर दिया गया है? जिला चिकित्सालय सतना के सर्जन निश्चेतक व कर्मचारियों का पैसा क्या प्रायवेट आमंत्रित चिकित्सकों को देने का प्रावधान सिविल सर्जन के अधिकार क्षेत्र में है क्या? क्या यह आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में नहीं आता? (घ) राज्य शासन के दिशा-निर्देशों का पालन न करने वाले सिविल सर्जन को राज्य शासन कब तक कार्यवाही कर विभागीय जॉंच के आदेश जारी करेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। ए.पी.एल. श्रेणी के 12 और बी.पी.एल. श्रेणी के 73 आपरेशन किये गये। (ख) जी हाँ। जी नहीं, आमंत्रित सर्जनों का भुगतान किया गया था शेष चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का भुगतान दिनांक 09/12/2019 को कर दिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी उत्तरांश (ख) में सम्मिलित है। जी नहीं। जी नहीं। (घ) राज्य शासन के दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित के पंजीयन की जानकारी
[सहकारिता]
25. ( क्र. 273 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित, भोपाल (डीआरबी/124 दि.23.12.1978) के वर्ष 2012-13 से 2018-19 तक पूर्ण ऑडिट नोट से अवगत करावें। संस्था की वर्ष 2018-19 में आयोजित आमसभा कब और कहाँ की गई? यदि आयोजन नहीं किया गया तो संस्था संचालक मंडल पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) वर्ष 2001 से 2019 तक निर्वाचन अधिकारी कौन थे? सदस्य सूची से अवगत करावें किन-किन अंकेक्षकों द्वारा अंकेक्षण किया गया? क्या संचालकों का मिलान सदस्यता सूची से किया गया है? यदि नहीं, किया गया है तो क्या संबंधित निर्वाचन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? क्या संस्था में जिन भवन स्वामियों ने भूखण्ड क्रय कर भवन निर्माण किया है को सदस्य नहीं बनाया गया है? यदि नहीं, तो उन्हें कब तक सदस्य बनाया जायेगा? (ग) संस्था के पास पंजीयन के समय कुल कितनी भूमि थी? कितने सदस्यों को प्लाट आवंटित किये गये (स्लम भूमि) कितनी थी? कितनों को लाभ दिया गया? क्या भूमि शासन द्वारा अधिग्रहित की गई वर्तमान में कुल कितनी भूमि है? (घ) क्या संस्था द्वारा सहकारिता कर्मचारियों/उनके परिवारों को भूखण्ड प्रदान किये गये हैं? संस्था में किन सदस्यों को पदाधिकारी/संचालक पिछले 15 वर्षों में निर्वाचित किया गया है? क्या इनके नाम सदस्य सूची में हैं? यदि नहीं, हैं तो निर्वाचन अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई अथवा की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) नर्मदा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल (डी.आर.बी/124 दिनांक 23.12.1978) के वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 तक आडिट नोट की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2018-19 का अंकेक्षण प्रकियाधीन है। वर्ष 2018-19 में आमसभा आयोजित नहीं की गई है। आमसभा आयोजित नहीं करने के लिये संचालक मण्डल के विरूद्ध म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49 (5) के अंतर्गत शास्ति अधिरोपित करने हेतु उपायुक्त सहकारिता, जिला भोपाल के पत्र क्रमांक/ वि.स./2019/2938 दिनांक 06.12.2019 से संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थायें, भोपाल संभाग, भोपाल को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) वर्ष 2001 से 2019 की अवधि में हुए संस्था के निर्वाचन हेतु नियुक्त निर्वाचन अधिकारियों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। संस्था के वर्ष 2018 में संपन्न निर्वाचन की सदस्यता सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। संस्था के 2001-2019 तक अंकेक्षकों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। उपायुक्त सहकारिता, जिला भोपाल के पत्र क्रमांक/वि.स./2019/2924 दिनांक 05.12.2019 के द्वारा संचालकों का मिलान सदस्यता सूची से करने संबधी जांच के लिये अधीनस्थ कर्मचारी को अधिकृत किया गया है। पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। जांच निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। संस्था में जिन भवन स्वामियों ने भूखण्ड क्रय कर भवन निर्माण किया है, उनके द्वारा संस्था की उपविधि क्रमांक 43 (1) व 43 (2) के प्रावधानुसार हस्तांतरण शुल्क, रख-रखाव शुल्क व सदस्यता शुल्क जमाकर विधिवत आवेदन प्रस्तुत करने पर उन्हें सदस्य बनाया जा सकेगा। (ग) संस्था के पास पंजीयन के समय कोई भूमि नहीं थी। वर्तमान तक 90 सदस्यों को प्लाट आवंटन नहीं किये गये है। संस्था के पास स्लम भूमि नहीं थी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिये 14 डेसीमल भूमि थी, जिस पर 06 सदस्यों को लाभ दिया गया। जी नहीं। वर्तमान में भूखण्ड आवंटन हेतु संस्था के पास कोई भूमि शेष नहीं है। (घ) संस्था द्वारा सहकारिता कर्मचारियों/उनके परिवारों को भूखण्ड प्रदान किये गये अथवा नहीं इस संबध में संस्था के पास अभिलेख नहीं है, इस हेतु उपायुक्त सहकारिता जिला भोपाल के पत्र क्रमांक/विधानसभा/2019/2924 दिनांक 05.12.2019 से अधीनस्थ कर्मचारी को जांच हेतु अधिकृत किया गया है, पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। संस्था में पिछले 15 वर्षों में निर्वाचित पदाधिकारियों/संचालकों के नाम पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है, इन पदाधिकारियों/संचालकों के नाम सदस्य सूची में है अथवा नहीं इस हेतु उपायुक्त सहकारिता, जिला भोपाल के पत्र क्रमांक/विधानसभा/ 2019/2924 दिनांक 05.12.2019 से अधीनस्थ कर्मचारी को जांच हेतु अधिकृत किया गया है, पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। जांच निष्कर्षों के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की सकेगी।
मेधावी छात्र योजना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
26. ( क्र. 281 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में मेधावी छात्र योजना के अंतर्गत कितने विद्यार्थियों को लाभान्वित किया गया है? उन्हें क्या-क्या सुविधा दी गई है? 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) क्या लाभान्वित होने वाले सभी विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि जमा की जा चुकी है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) 01 जनवरी 2019 से आज दिनांक तक 40400 विद्यार्थियों को लाभ दिया जा चुका है। योजना के विभागीय आदेश दिनांक 05/06/2018 में उल्लेखित यथा निर्दिष्ट शर्तों के अधीन छात्रों द्वारा भरी गई वास्तविक शुल्क की राशि (मेस शुल्क और कॉशन मनी को छोड़कर) राज्य शासन द्वारा वहन की जाती है। (ख) जी हाँ, शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
बीज उत्पादक सहकारी समितियों का प्रदाय
[सहकारिता]
27. ( क्र. 306 ) श्री राकेश गिरि : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले के ग्राम पहाड़ी तिलवारन क्षेत्र में कितनी बीज उत्पादक सहकारी समितियॉं पंजीकृत हैं? एक कार्यक्षेत्र में समान उद्देश्य की कितनी सहकारी समितियॉं पंजीकृत किये जाने का प्रावधान है? (ख) किसान बीज पौध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित टीकमगढ़ एवं लक्ष्मी सीड्स व एग्रो टैक पहाड़ी तिलवारन में कौन-कौन सदस्य है? इन सदस्यों द्वारा कितनी भूमि पर किस सीजन में किस फसल को बोया गया है? विगत पाँच वर्षों की रबी-खरीफवार उत्पादित फसल की जानकारी दें? (ग) उक्त दोनों संस्थाओं को उनके सदस्यों द्वारा कितना बीज विक्रय किया गया? बीज की मात्रा एवं दर की जानकारी उपलब्ध करायें। बीज निगम/कृषि विभाग द्वारा उक्त दोनों संस्थाओं के सदस्यों को विगत पाँच वर्षों में कितनी मात्रा में प्रमाणित ब्रीडर सीड्स प्रदाय किया गया? (घ) संस्थाओं/किसानों को बीज अनुदान प्रदान करने की शासन की क्या योजना है? उक्त दोनों संस्थाओं को शासन द्वारा कृषि विभाग/अन्य एजेंसियों के माध्यम से विगत पाँच वर्षों में कितना उत्पादन अनुदान, वितरण अनुदान प्रदान किया गया? संस्थावार/किसानवार जानकारी उपलब्ध करायें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) 08, म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 9 (1) के तहत ''किसी सोसायटी को रजिस्ट्रीकृत नहीं किया जायेगा, यदि रजिस्ट्रार की राय में उसके आर्थिक दृष्टि से कमजोर हो जाने की संभावना हो या यह संभावना हो कि उसका किसी अन्य सोसायटी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।'' (ख) किसान बीज पौध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित टीकमगढ़ से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। लक्ष्मी सीड्स एंड एग्रोटेक पहाड़ी तिलवारन सहकारी समिति नहीं है। (ग) किसान बीज पौध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित टीकमगढ़ के सदस्यों द्वारा समिति को बीज विक्रय की जानकारी बीज की मात्रा एवं दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। विगत पाँच वर्षों में किसान बीज पौध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित टीकमगढ़ को प्रमाणित ब्रीडर/सीड्स प्रदाय नहीं किया गया। लक्ष्मी सीड्स एंड एग्रोटेक पहाड़ी तिलवारन सहकारी समिति नहीं है। (घ) संस्थाओं/किसानों को बीज अनुदान प्रदाय करने की योजना पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। किसान बीज पौध उत्पादक सहकारी समिति मर्यादित टीकमगढ़ को एवं उसके कृषकों को विगत पाँच वर्षों में उत्पादन एवं वितरण पर कोई अनुदान नहीं दिया गया हैं।
पुजारियों का मानदेय
[अध्यात्म]
28. ( क्र. 313 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर जिला राजगढ़ अंतर्गत शासन संधारित मंदिरों जिनके व्यवस्थापक कलेक्टर हैं में पूजा अर्चना हेतु पुजारियों की नियुक्ति की गई है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। शासन संधारित मंदिरों में नियुक्त पुजारियों के नाम की जानकारी मंदिरवार, ग्रामवार देवें। यदि नहीं, तो नियुक्ति कब तक की जावेगी? (ख) क्या शासन संधारित मंदिरों में नियुक्त पुजारियों को शासन स्तर से मानदेय देने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति देवे तथा विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत किन-किन मंदिरों के पुजारियों को कितनी-कितनी मानदेय राशि प्रदाय की जा रही है? अवगत करावें। यदि नहीं, तो कारण बतावें। कब तक मानदेय राशि प्रदान की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
29. ( क्र. 322 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ में रेडक्रास योजनांतर्गत आय के क्या-क्या स्त्रोत हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शासन के दिशा-निर्देशानुसार किन-किन कार्यों में राशि व्यय करने के प्रावधान हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार योजनांतर्गत वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन कार्यों में किन-किन जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा से राशि स्वीकृत/व्यय की गई वर्षवार कार्यवार जानकारी देवें। (घ) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत मुख्यमंत्री प्रसूति श्रमिक सेवा सहायता योजना, जननी सुरक्षा योजना, आर.सी.एच. एन.एच.एम. तथा प्रेरणा योजनांतर्गत वर्ष 2016-17 से वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक शासन से कितनी-कितनी राशि प्राप्त की गई वर्षवार योजनावार जानकारी से अवगत करावें तथा योजनावार कितने-कितने हितग्राहियों के आवेदन प्राप्त किये जाकर योजना से लाभान्वित किया गया? योजनावार लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी से अवगत करावें। (ड.) प्रश्नांश (घ) अनुसार क्या योजनांतर्गत वरिष्ठता के आधार पर हितग्राहियों को लाभ न देकर अनियमितता कर योजना का क्रियान्वयन किया जाता है? यदि हाँ, तो दोषियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) भारतीय संविधान के अन्तर्गत ACT XV 1920 के अनुसार जिला राजगढ़ में रेडक्रास सोसायटी संचालित है, जिला रेडक्रास राजगढ़ के आय के स्त्रोत्र सदस्यता अभियान/दान से प्राप्त राशि है। (ख) रेडक्रास सोसायटी के प्रावधान अनुसार उपलब्ध आय का व्यय अस्पतालों में आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था, रक्तकोष के गठन में सहयोग, निर्धन रोगियों के उपचार एवं जरूरतमंदों की सहायता निर्धन छात्रों की शिक्षा, आकस्मिक दुर्घटना एवं युद्ध में घायल सैनिकों के उपचार पर व्यय की जा सकती है। (ग) कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला रेडक्रास सोसाइटी राजगढ़ द्वारा रोगियों के उपचार में सहयोग, निर्धनों की सहायता एवं गरीब छात्रों की शिक्षा फीस पर व्यय किया गया है। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। प्रश्नांश की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब'' अनुसार है। (ड.) जी नहीं।
नि:शक्तता प्रमाण-पत्र संभागीय पेंशन कार्यालय में भी लागू किया जाना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
30. ( क्र. 325 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपर मुख्य सचिव सामाजिक न्याय विभाग मध्य प्रदेश शासन द्वारा दिनांक 28.5.2008 को प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को पत्र क्रमांक/एफ-3-38/2008/26-2 भोपाल, दिनांक 28.05.2008 लिखा गया जिसमें उल्लेख किया गया कि शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि ऐसे नि:शक्तजनों को जिनका नि:शक्तता प्रमाण पत्र अस्थायी स्वरूप का जारी किया जाता है की प्रक्रिया में संशोधन किया जाकर नि:शक्तता प्रमाण पत्र स्थायी होगा जिसके नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होगी? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराने का कष्ट करें? (ख) क्या संभागीय पेंशन अधिकारी रीवा संभाग रीवा म.प्र. द्वारा पत्र क्रमांक/परि.पें./ सं.प्र.अ./2019/13 रीवा, दिनांक 09.04.2019 को जिला कोषालय अधिकारी रीवा को पत्र लिखकर प्रत्येक पाँच वर्ष में सिविल सर्जन द्वारा जारी विकलांगता से ग्रसित रहने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु लिखा गया? यदि हाँ, तो पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध कराने का कष्ट करें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित शासन के निर्णय अनुसार पेंशन कार्यालय में आदेश/निर्देश जारी किये जायेंगे कि प्रश्नांश (क) में वर्णित निर्णय अनुसार एक बार जारी किया गया नि:शक्तता प्रमाण पत्र हमेशा के लिए मान्य होगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें तथा आदेश कब तक जारी कर दिये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) पेन्शन, भविष्य निधि एवं बीमा विभाग मध्यप्रदेश शासन की विभागीय नीति अनुसार मान्य नहीं है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
प्राइवेट क्लिनिक एवं पैथोलॉजी लैब पर कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
31. ( क्र. 340 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में प्राइवेट क्लिनिक एवं पैथोलॉजी लैब स्थापित करने हेतु क्या प्रावधान है? प्रपत्र उपलब्ध करावें। (ख) अशोकनगर जिले के कितने प्राइवेट क्लिनिक एवं पैथोलॉजी लैब रजिस्टर्ड हैं? नाम एवं स्थान सहित जानकारी देवें। (ग) अशोकनगर जिले में वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी प्राइवेट क्लिनिक एवं पैथोलॉजी के विरूद्ध शिकायती आवेदन प्राप्त हुए हैं? कौन-कौन सी प्राइवेट क्लिनिक एवं पैथोलॉजी पर कब-कब और क्या-क्या कार्यवाही की गई? जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मध्यप्रदेश में प्राइवेट क्लिनिक एवं पैथोलॉजी लैब स्थापित करने हेतु मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 अंतर्गत ऑनलाईन प्रक्रिया अंतर्गत पंजीयन तथा रजिस्ट्रेशन किया जाता है। अधिनियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ'' अनुसार है। (ख) अशोकनगर जिले में उक्त अधिनियम अंतर्गत कुल 32 प्राइवेट क्लीनिक एवं 07 पैथोलॉजी लैब रजिस्टर्ड है। प्राइवेट क्लीनिक एवं पैथोलॉजी लैब की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब'' एवं ‘’स'' अनुसार है। (ग) प्राइवेट क्लीनिक के विरूद्ध कोई थी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पैथोलॉजी लैब से संबंधित कुल 03 शिकायती आवेदन (दिनांक 05.06.2018, 01.01.2019 एवं 05.09.2019) प्राप्त हुये थे, जो कि एडवांस डायग्नोस्टिक सेन्टर के विरूद्ध थे। उक्त शिकायतों पर की गई जांच में शिकायत असत्य एवं निराधार पाई गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’द'' अनुसार है।
अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरण
[सामान्य प्रशासन]
32. ( क्र. 341 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में अनुकंपा नियुक्ति के कितने प्रकरण शेष है? विभागवार संबंधित आवेदनकर्ता के नाम एवं पता सहित जानकारी देवें। (ख) अनुकंपा नियुक्ति के शेष प्रकरणों में कब तक नियुक्ति दी जावेगी? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) अनुकंपा नियुक्ति की वर्तमान में कौन सी नीति प्रचलित है? प्रपत्र उपलब्ध करावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार।
फ्लाइ एश आधारित उद्योगों को सब्सिडी प्रदान करना
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
33. ( क्र. 352 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फ्लाइ एश से फैल रहे प्रदूषण की रोकथाम हेतु फ्लाइ ऐश के डिस्पोजल के संबंध में पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (भारत सरकार) नई दिल्ली की 25 फरवरी 2019 की अधिसूचना गजट नोटिफिकेशन के आलोक में जनता को रोजगार मिले इस हेतु शासन विशेष नीति बनाकर फ्लाइएश आधारित उद्योगों को थर्मल पॉवर प्लांट के समीप स्थापित करने पर अतिरिक्त सब्सिडी व सुविधाएँ प्रदान करने की मांग पर मुख्यमंत्री के पत्र क्रं. 3310/सीएमएस/एमएलए/212/ 2019 दिनांक 13/09/2019 के परिपालन में प्रमुख सचिव, उद्योग संवर्धन एवं निवेश प्रोत्साहन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही का सम्पूर्ण विवरण दें। (ख) फ्लाइ एश से फैल रहे प्रदूषण की रोकथाम हेतु शासन क्या कार्यवाही कर रहा है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग में वर्तमान में इस बावत कोई विशेष नीति बनाये जाने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। प्रदेश में उद्योग संवर्धन नीति 2014 अंतर्गत समस्त पात्र उद्योग जिसमें फ्लाइ एश पर आधारित उद्योग भी है, को प्रावधानित सुविधाओं का लाभ नियमानुसार उपलब्ध कराया जाता है। (ख) फ्लाई ऐश उत्सर्जन की रोकथाम हेतु मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा समस्त ताप विद्युत गृहों में वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण ई.एस.पी., बैग फिल्टर स्थापित कराये गए है एवं उपयुक्त क्षमता के फ्लाई ऐश पॉण्ड की स्थापना भी कराई गई है। फ्लाई ऐश से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम हेतु बोर्ड द्वारा भारत सरकार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी फ्लाई ऐश अधिसूचना एवं वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है।
सी.एस.आर. फण्ड के अन्तर्गत उद्योगों द्वारा किए गए जनहित के कार्य
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
34. ( क्र. 353 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कारर्पोरेट सोसल रिस्पॉन्सीबिलिटी (सी.एस.आर.) के तहत ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड, केमिकल डिवीजन, लैंक्सेस इण्डिया प्रा.लि. नागदा द्वारा वर्ष 2014 से 18 नवंबर 2019 तक सी.एस.आर. फण्ड से नागदा-खाचरौद विधानसभा क्षेत्र तथा उज्जैन जिले में किन-किन कार्यों के लिए कितनी-कितनी धनराशि जनहित में खर्च की गई है? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) ग्रेसिम इण्डस्ट्रीज लिमिटेड, केमिकल डिवीजन व लैंक्सेस इण्डिया प्रा.लि. नागदा द्वारा विगत 5 वर्षों में सी.एस.आर. फण्ड के तहत कितनी राशि जनहित में किस योजना में खर्च की गई वर्षवार पृथक-पृथक विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) वांछित जानकारी का संधारण राज्य शासन द्वारा नहीं किया जाता है। कंपनी अधिनियम 2013 भारत शासन द्वारा प्रशासित है तथापि कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार, मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड, (केमिकल डिवीजन सहित) द्वारा वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक एवं मेसर्स लैंक्सेस इण्डिया प्रा.लि. द्वारा वर्ष 2016-17 से 2018-19 तक सी.एस.आर. फंड अंतर्गत किये गये कार्यों एवं व्यय की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' एवं 'दो' पर है। (ख) कंपनी अधिनियम 2013 भारत शासन द्वारा प्रशासित है, वांछित जानकारी का संधारण राज्य शासन द्वारा नहीं किया जाता है तथापि कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी अनुसार, विगत वर्षों में सी.एस.आर. फंड अंतर्गत किये गये कार्यों एवं व्यय की वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-'एक' एवं 'दो' पर है।
किसानों को प्रदाय किये जाने वाले यूरिया/डी.ए.पी. खाद
[सहकारिता]
35. ( क्र. 384 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद से सम्बद्ध कृषि साख सहकारी समितियों में कृषकों के संचालित के.सी.सी. खातों पर जो कृषक डिफॉल्टार नहीं हैं उन्हें भी यूरिया प्रदाय नहीं किया जा रहा हैं? (ख) क्या वर्तमान में जिला होशंगाबाद अन्तर्गत कृषक सेवा सहकारी समितियों में यूरिया खाद उपलब्ध नहीं हैं, जिससे कृषक परेशान हो रहे हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो सहकारी समितियों में कृषकों के के.सी.सी. खातों पर जो कृषक डिफॉल्टर नहीं हैं उन्हें यूरिया खाद कब तक उपलब्ध कराया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कृषकों की खाद संबंधी समस्या को देखते हुये शासन किसानों के के.सी.सी. खातों पर खाद, (यूरिया/डी.ए.पी. आदि) प्रदाय किये जाने हेतु आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद से संबंध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कृषक सदस्य जो के.सी.सी. खातों पर डिफाल्टर नहीं हैं ऐसे कृषक सदस्यों को खरीफ 2019 में परमिट पर खाद उपलब्ध कराया गया है। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाए, म.प्र. भोपाल के पत्र क्र./विपणन/उर्वरक/ 2019/2455 दिनांक 05.10.2019 के निर्देशानुसार रबी 2019-20 में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से नगद में भी यूरिया खाद का प्रदाय किया जा रहा है। (ख) जी नहीं, जिले की प्राथमिक कृषि साख समितियों में यूरिया का पर्याप्त मात्रा में भंडारण है। कृषकों को उनकी मांग के अनुसार संस्थाओं के माध्यम से नगद में भी खाद का वितरण किया जा रहा है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिले में पर्याप्त खाद भंडारण एवं वितरण होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नोटरी अधिनियम के संबंध में
[विधि और विधायी कार्य]
36. ( क्र. 398 ) डॉ. मोहन यादव : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नोटरी अधिनियम के अंतर्गत शपथ पत्र की प्रविष्टि एवं संबंधित शपथकर्ता के हस्ताक्षर नोटरी अधिवक्ता के रजिस्टर में एवं रसीद कट्टों में किया जाना आवश्यक है अथवा नहीं? यदि नहीं, तो किस नियम के तहत? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। यदि हाँ, तो शपथकर्ता के हस्ताक्षर नोटरी अधिवक्ता के रजिस्टर में नहीं करवाने पर संबंधित के विरूद्ध किस नियम के तहत कार्यवाही की जा सकती है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावें।
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी हाँ। नोटरी अधिनियम के अंतर्गत शपथ-पत्र की प्रविष्टि एवं संबंधित शपथकर्ता के हस्ताक्षर नोटरी अधिवक्ता के रजिस्टर में करने के संबंध में नोटरी नियम-1956 के नियम 11 (2) एवं प्रारूप 15 में प्रावधान है। रसीद कट्टों में हस्ताक्षर किये जाने के संबंध में नोटरी नियम या अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। शपथकर्ता के हस्ताक्षर नोटरी अधिवक्ता के रजिस्टर में नहीं करवाने पर संबंधित के विरूद्ध नोटरी नियम, 1956 के अधीन कार्यवाही करने का प्रावधान है। नियम एवं प्रारूप की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है।
भविष्य निधि काटे जाना एवं नियमितीकरण
[सामान्य प्रशासन]
37. ( क्र. 399 ) डॉ. मोहन यादव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2012 से प्रश्न दिनांक तक सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों की भविष्य निधि काटे जाने के लिए व नियमितीकरण एवं विनियमितीकरण के लिए जारी आदेश, पत्र, परिपत्र एवं नियमावली की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। उपरोक्त पत्र, परिपत्र, आदेश का पालन संबंधित विभाग द्वारा कितनी समयावधि में किया जाना था? उज्जैन जिले में किन-किन विभागों द्वारा दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारियों की भविष्य निधि काटी गई एवं कितने कर्मचारियों के विनियमितीकरण एवं नियमितीकरण की कार्यवाही नहीं की गई है? विभागवार, तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जिन विभागों में अभी तक दैनिक वेतन भोगी एवं संविदा कर्मचारियों की भविष्य निधि काटे जाने व नियमितीकरण एवं विनियमितिकरण की कार्यवाही नहीं की है, उनको जारी स्मरण पत्र एवं सूचना पत्र एवं उनके विरूद्ध की गई विभागीय कार्यवाही एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रमाणित प्रतिलिपि उपलब्ध करावे। संबंधित विभागों द्वारा कब तक नियमितीकरण एवं विनियमितीकरण की व भविष्य निधि काटे जाने कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) परिपत्रों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं उज्जैन जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
सिविल अस्पताल की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
38. ( क्र. 419 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में सिविल अस्पताल की स्थापना कब हुई थी? शासन के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। साथ ही सिविल अस्पताल हटा में कितने पद सृजित हैं? भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति सहित जानकारी प्रदाय करायें। (ख) 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी सिविल अस्पताल हटा का न तो भवन निर्माण हुआ न ही किसी भी प्रकार की सुविधाएं सिविल अस्पताल के हिसाब से मुहैया कराई गई। न ही डॉक्टरों की पदस्थापना सिविल अस्पताल के हिसाब से आज दिनांक तक प्राप्त न हो सकी क्यों? क्या सिविल अस्पताल के हिसाब से सुविधाएं प्राप्त होंगी? डॉक्टरों की पदस्थापना कब तक होगी? (ग) इसके साथ ही महिला एवं शिशु रोग विशेषज्ञ की पदस्थापना कब तक करा दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला दमोह में सिविल अस्पताल हटा की स्थापना दिनांक 09.09.2008 में हुई थी। कुल 60 पद सृजित हुए हैं। संस्था एवं भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 28/03/2018 में जारी की गई है। भवन निर्माण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अस्पताल में 05 पुरूष चिकित्सा अधिकारी एवं 01 महिला चिकित्सा अधिकारी पदस्थ है, 33 प्रकार की जांचे, एक्स-रे, प्रसव एवं जननी सुरक्षा की सुविधाऐं मरीजों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। मेडिकल एवं पैरामेडिकल के रिक्त पदों की पदस्थापना की कार्यवाही निरंतर जारी है। समयावधि बताना संभव नहीं है। (ग) प्रथम श्रेणी के पद 100 प्रतिशत पदोन्नति के पद हैं। वर्ष 2016 से पदोन्नति के प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नति/पदपूर्ति नहीं की जा सकी।
अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
39. ( क्र. 420 ) श्री
देवेन्द्र
वर्मा : क्या
सामान्य
प्रशासन मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) म.प्र.
शासन के
अधिकारियों
के विरूद्ध
संस्थित की
जाने वाली
विभागीय जांच
की कार्यवाही
नियमानुसार
कितनी अवधि
में पूर्ण
होना चाहिए? यदि जांच
कार्यवाही
नियमानुसार
निर्धारित अधिकतम
अवधि में
पूर्ण नहीं
होती है तो
उसके क्या-क्या
प्रभाव एवं
परिणाम होते
हैं? (ख) यदि
किसी अधिकारी
की प्रथम
संस्थित
विभागीय जांच
पूर्ण होकर वह
निर्दोष मान्य
होता है तथा
उसकी पश्चातवर्ती
एक और विभागीय
जांच लंबित है, तब क्या
उसे प्रथम
संस्थित
विभागीय जांच
के कारण लंबित
रखी गई तथा
तदाशय से
सुरक्षित रखे
गये पद पर
पदोन्नति
मिलेगी?
यदि
नहीं, तो
क्यों?
सामान्य
प्रशासन
मंत्री ( डॉ.
गोविन्द सिंह
) : (क) म.प्र.
शासन के
अधिकारियों
के विरूद्ध
संस्थित
विभागीय जांच
प्रकरण को
समयावधि में
निराकरण हेतु
निर्देश पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार।
निर्धारित
अवधि में जांच
पूर्ण नहीं
होने के
प्रभाव के
संबंध में
निर्देश पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''स'' अनुसार। (ख) शासकीय
सेवकों के
विरूद्ध
लम्बित
अनुशासनात्मक/न्यायालयीन
कार्यवाहियों
के दौरान उनकी
पदोन्नति
प्रक्रिया
संबंधी
निर्देश पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''द'' अनुसार।
फर्जी नियुक्ति की जाँच/कार्यवाही
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
40. ( क्र. 427 ) श्री
पुरुषोत्तम
लाल तंतुवाय : क्या
मुख्यमंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
MPIDC क्षेत्रीय
कार्यालय भोपाल
द्वारा
दिनांक 21.10.2018 को
समाचार पत्र
एम.पी.
क्रॉनिकल एवं
नवभारत भोपाल
द्वारा स्टेनोग्राफर, सहायक
प्रबंधक, ASOS अकाउन्टेंट
की भर्ती हेतु
विज्ञापन
निकाला गया था? यदि हाँ, तो
विज्ञापन की
प्रमाणित
प्रतियां
उपलब्ध
करायें।
दिनांक 26.02.2019 को
प्रमुख सचिव
उद्योग नीति व
निवेश विभाग
को फर्जी दस्तावेजों
के आधार पर
फर्जी
नियुक्ति की
जांच कराई गई? यदि हाँ, तो जाँच
प्रतिवेदन मय
दस्तावेजों
के उपलब्ध
करावें। (ख) उक्त
पदों पर
नियुक्ति के
क्या नियम
एवं योग्यताएं
थी? नियमावली
की प्रति सहित
यह जानकारी
देवें कि सम्पूर्ण
नियुक्ति में
परीक्षा एवं
साक्षात्कार
तथा दस्तावेज
परीक्षण में
किन-किन
अधिकारियों/कर्मचारियों
की सहभागिता
रही पदवार
जानकारी देवें
एवं जिन-जिन
व्यक्तियों
की
नियुक्तियां
हुई हैं,
उनके
दस्तावेजों
की
छायाप्रतियां
उपलब्ध
करायें। (ग) आशीष
कुमार सिन्हा
उर्फ आशीष
कुमार की
सहायक
प्रबंधक के पद
पर हुई
नियुक्ति के
आदेश की
छायाप्रति, साथ ही
आवश्यक दस्तावेजों
की छायाप्रति
उपलब्ध
करायें। साथ
ही इनकी फर्जी
नियुक्ति की
शिकायत कई बार
विधायकों एवं
अन्य व्यक्तियों
द्वारा की
जाने के बाद
की गई लेकिन आज
तक कोई
कार्यवाही क्यों
नहीं हुई, सम्पूर्ण
नियुक्ति की
जाँच एवं
दोषियों पर
कार्यवाही की
समय-सीमा सहित
जानकारी
बतायें।
मुख्यमंत्री
( श्री कमल नाथ ) :
(क)
जी नहीं। अत:
शेष का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ख)
उत्तरांश (क)
अनुसार। (ग)
आशीष कुमार
सिन्हा उर्फ
आशीष कुमार की
सहायक
प्रबंधक के पद
पर हुई
नियुक्ति के
आदेश की
छायाप्रति
संलग्न परिशिष्ट
के प्रपत्र-1 पर तथा अन्य
दस्तावेज
हायर सेकेण्डरी
की अंकसूची की
छायाप्रति
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 पर एवं
बी.एस.सी. की
अंकसूची की छायाप्रति
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-3 पर है। श्री
आशीष कुमार की
नियुक्ति के
संबंध में की
गयी शिकायतें
परीक्षणाधीन
है।
केन्द्रीय मंत्री के आगमन पर प्रोटोकाल
[सामान्य प्रशासन]
41. ( क्र. 449 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भारत सरकार के मंत्री के आगमन पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किन अधिकारियों की उपस्थिति के संबंध में निर्देश है? (ख) होशंगाबाद जिले के इटारसी में केन्द्रीय मंत्री श्री महेन्द्रनाथ पाण्डेय के अगस्त/सितम्बर, 2019 में प्रवास के समय प्रोटोकाल के अनुसार कौन-कौन से अधिकारी पूरे समय उपस्थित थे? (ग) क्या इटारसी के अनुविभागीय अधिकारी हरेन्द्र नारायण केन्द्रीय मंत्री के इटारसी प्रवास के दौरान प्रोटोकाल के विपरीत अनुपस्थित थे? यदि हाँ, तो उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) माननीय केन्द्रीय मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पांडे के इटारसी प्रवास के दौरान अनुविभागीय अधिकारी, इटारसी, तहसीलदार इटारसी एवं अतिरिक्त तहसीलदार केसला प्रोटोकॉल के अनुसार उपस्थित थे। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
होशंगाबाद कलेक्टर व एस.डी.एम. इटारसी की जांच
[सामान्य प्रशासन]
42. ( क्र. 450 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नवम्बर, 2019 में मुख्य सचिव, म.प्र. शासन को पत्र लिखकर होशंगाबाद के कलेक्टर एवं इटारसी के अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा की जा रही अवैधानिक कार्यवाहियों की जानकारी दी थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या जांच की गई है? (ग) यदि हाँ, तो क्या तथ्य पाये गये?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य द्वारा प्रश्नाधीन दोनों अधिकारियों की कार्यप्रणाली के संबंध में शिकायत की है। (ख) एवं (ग) जाँच की कार्यवाही प्रचलित है।
खाद्य औषधी विभाग द्वारा लिये गये नमूने
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
43. ( क्र. 469 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य औषधी विभाग द्वारा उज्जैन जिले में 01 जुलाई 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने नमूने किन-किन सामग्री के कहाँ-कहाँ से लिये गये? कितने नमूने पास हुए व कितने नमूने फेल हुए? तारीखवार, स्थानवार, सामग्रीवार लिये गये नमूने की सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रयोगशाला में भेजे गए नमूनों की जाँच रिपोर्ट किस-किस नमूने की कब-कब प्राप्त हुई? तारीखवार सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ग) जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने के कितने दिन बाद प्रकरण दर्ज किया गया? किस-किस प्रकरण में कितना-कितना जुर्माना किया गया? प्रकरणवार जानकारी देवें। (घ) कितने नमूने पुनः जाँच हेतु अन्य प्रयोगशाला में भेजे गए? उक्त नमूना अन्य प्रयोगशाला में भेजने के क्या कारण है? नमूनेवार सम्पूर्ण जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
बागरी जाति को अनुसूचित जाति के प्रमाण-पत्रों का प्रदाय
[सामान्य प्रशासन]
44. ( क्र. 510 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के सिवनी जिले में बागरी समाज के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के प्रमाण पत्र बनाये जा रहे हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समाज के प्रमाण-पत्र सिवनी जिले में वर्ष 2017 तक बनाये गये हैं? (ग) क्या स्कूली छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति एवं बागरी परिवारों को अनाज भी अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कोटे के अनुसार सहकारी समितियों से प्रदाय किया जाता है, किन्तु प्रमाण-पत्र न बनने के कारण वह लाभ से वंचित हो रहे हैं? यदि हाँ, तो प्रमाण-पत्र न बनाने हेतु कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं? क्या दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) सिवनी में निवासरत बागरी जाति के लोगों का राजपूत की उपजाति में पाया गया है। अत: सिवनी जिले के बागरी अनुसूचित जाति के न होने के कारण इनके जाति प्रमाण-पत्र नहीं बनाए जा रहे हैं। (ख) म.प्र. राज्य के लिए घोषित अनुसूचित जाति, जनजाति की अधिसूचित अनुसूची के अनुसार दर्शित जाति पाये जाने पर आवेदित अभ्यार्थियों को सक्षम अधिकारी द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाने का प्रावधान है। परीक्षणोपरांत जाति प्रमाण पत्र इन अनुसूचीबद्ध जाति विशेष के लिए जारी किये जाते है। प्रश्नांश में उल्लेखित समाज के प्रमाण पत्र सिवनी जिले में वर्ष 2017 तक बनाये जाने की जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्नांश के अग्र भाग के उत्तर में अनुसूचित जाति, जनजाति के प्रमाण पत्र के आधार पर ही उपभोक्ताओं के सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नियंत्रण दर पर राशन प्रदान किया जाता है। शेष प्रश्नांश की जानकारी निरंक है।
आयुष्मान भारत योजनान्तर्गत मरीजों का उपचार
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
45. ( क्र. 511 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आयुष्मान भारत म.प्र. निरामयन योजनान्तर्गत कितनी-कितनी राशि तक के लिए किस-किस श्रेणी के हितग्राहियों को कितनी-कितनी राशि के ईलाज किन-किन चिकित्सालयों में किये जाने के प्रावधान हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त योजनान्तर्गत राज्य शासन एवं भारत सरकार द्वारा कितनी-कितनी राशि प्रदाय किये जाने के नियम हैं? नियम की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या योजनान्तर्गत मरीजों के उपचार में जो पैकेज दिया जाता है, उसमें जाँच की राशि सम्मिलित नहीं की गई है? मरीजों को कैंसर आदि बीमारी हेतु रेडियोथैरेपी/कीमोथैरेपी/ऑपरेशन हेतु अलग-अलग चिकित्सालयों में भेजा जाता है? (घ) क्या बीमारी का पैकेज कम होने के कारण योजनान्तर्गत उपचार करने में चिकित्सालयों द्वारा आना-कानी की जाती है एवं आयुष्मान योजना के कार्डधारी मरीजों को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से भी उपचार हेतु राशि स्वीकृत कराई जाकर चिकित्सालयों द्वारा ली जाती है? यदि हाँ, तो इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो जिन चिकित्सालयों में चिन्हित बीमारी का इलाज नहीं करने के कारण मरीजों की मौत हो गई है उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) आयुष्मान भारत योजनान्तर्गत प्रति परिभाषित परिवार के सदस्यों को प्रति वर्ष रूपये 5 लाख तक बीमारी के पैकेज अनुसार योजना से अनुबंधित चिकित्सालयों में उपचार किये जाने का प्रावधान हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) योजनांतर्गत भारत सरकार द्वारा सामाजिक आर्थिक, जातिगत गणना (SECC) में चिन्हांकित लाभार्थियों के उपचार हेतु 60 प्रतिशत राशि भारत शासन द्वारा तथा 40 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा व्यय भार वहन किया जावेगा। राज्य शासन द्वारा उक्त योजना में जोड़े गये सामाजिक आर्थिक, जातिगत गणना (SECC) से इतर खाद्य सुरक्षा अधिनियम में सम्मिलित एवं श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत असंगठित मजदूरों के सभी परिवारों के उपचार पर व्यय होने वाली 100 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा वहन की जावेगी। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) जी नहीं, पैकेज में जांच की राशि सम्मिलित है। जी हाँ, अनुबंध एवं एन.ए.बी.एच. द्वारा सेवाएं प्रमाणीकरण के आधार पर कैंसर मरीजों को अन्य अस्पताल में भेजा जाता हैं। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिला चिकित्सालय अनूपपुर में पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
46. ( क्र. 522 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय, अनूपपुर में कितने पद स्वीकृत हैं, कितने पद कब से रिक्त हैं एवं रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर दी जावेगी? (ख) जिला चिकित्सालय, अनूपपुर में किन-किन बीमारी का उपचार एवं आपरेशन किन डाक्टर के द्वारा किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में बीमारी के उपचार एवं शल्य क्रिया हेतु किन उपकरणों की आवश्यकता होती है? कौन-कौन से उपकरण प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध हैं। सभी की वर्तमान स्थिति क्या है? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुक्रम में अस्पताल प्रबंधन ने विगत तीन वर्षों में शल्य क्रिया या अन्य कार्यों हेतु किन-किन उपकरणों की मांग शासन से की है? उक्त उपकरणों की आपूर्ति में क्या कोई दिक्कत आ रही है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो अपूर्ति क्यों नहीं की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्याधिक कमी है एवं विशेषज्ञ के समस्त पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान होने तथा अप्रैल 2016 से माननीय उच्च न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों के पदों को भरे जाने में कठिनाई हो रही है। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरन्तर जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' में समाहित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। सभी उपकरण वर्तमान में क्रियाशील है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मरीजों के उपचार विषयक
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
47. ( क्र. 523 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा राज्य बीमारी सहायता से कैंसर रोगी की चिकित्सा, बालकों एवं महिलाओं से संबंधित रोगियों को उपचार हेतु नगद व अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त के अनुसार किन-किन बीमारियों में किस-किस प्रकार की सुविधायें दिये जाने के नियम अथवा नीति वर्तमान में प्रचलन में है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार मरीज को सेवाओं का लाभ लेने के लिये आवेदन व अन्य कागजात दिये जाने हेतु क्या-क्या नियम व प्रक्रिया प्रचलन में है? उपरोक्त मरीजों के उपचार हेतु जिला अनूपपुर में किस-किस अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग एवं कलेक्टर आदि को अधिकार हैं? अवगत करावें। उक्त संबंध में विगत तीन वित्तीय वर्ष में अनूपपुर जिले के कितने मरीजों को लाभान्वित किया गया?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। दिनांक 01.04.2019 से राज्य बीमारी सहायता निधि को आयुष्मान भारत निरामयम में समाहित कर दिया गया है। जिसके माध्यम से कैंसर रोगियों को सुविधायें उपलब्ध कराई जा रही हैं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। विगत तीन वित्तीय वर्ष में अनूपपुर जिले के 560 मरीजों को लाभांवित किया गया।
मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में किए गये बदलाव
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
48. ( क्र. 540 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजनांतर्गत प्रतिभावान छात्र के किसी भी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश पर पूरी फीस राज्य सरकार देती थी और छात्र के पासआउट होने तक वह फीस पाता था? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या उक्त योजना में अब कोई बदलाव किया गया है? यदि हाँ, तो क्या और क्यों? कारण सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) वह (ख) के तहत क्या उक्त योजना के बदलाव से वे छात्र भी प्रभावित होंगे जो दो साल से इस योजना का लाभ ले रहें है? यदि हाँ, तो उन गरीब प्रतिभावान छात्रों का क्या होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, जी नहीं। योजना में उल्लेखित पाठ्यक्रमों एवं शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश लेने पर पाठ्यक्रम पूर्ण होने तक योजना की यथा निर्दिष्ट शर्तों के अनुसार देय शुल्क राज्य शासन द्वारा वहन किये जाने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।
शासकीय सेवकों की अचल सम्पत्तियों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
49. ( क्र. 558 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सा.प्र.वि. के परिपत्र क्रमांक सी.5-1/2010/3/एक दिनांक 15/2/10 के तहत सभी विभाग/विभागाध्यक्ष एवं उनके अधीनस्थ सभी शासकीय सेवकों की प्रतिवर्ष अद्यतन अचल संपत्ति की जानकारी विवरण विभागीय वेबसाईट पर सार्वजनिक की जिम्मेदारी विभागाध्यक्ष एवं नियंत्रणकर्ता अधिकारी की है। यदि जानकारी सार्वजनिक करने में कठिनाई है तो सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से संपर्क कर कठिनाई का निराकरण किया जाना है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हां तो ऐसे कितने विभाग हैं जिन्हें प्रतिवर्ष विभागीय वेबसाईट पर शासकीय सेवकों की अद्यतन अचल संपत्तियों का वितरण सार्वजनिक नहीं करने पर विभाग/विभागाध्यक्ष को दोषी माना जाकर दण्डात्मक कार्यवाही की गई है। विभागवार नामजद विगत 5 वर्षों की जानकारी देवें? (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार म.प्र. सेवा आचारण नियम-19 (1) में सम्पत्ति विवरण में चतुर्थ वर्ग के शासकीय सेवकों के मुक्त रखने का प्रावधान समाप्त किया गया है। चूंकि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित परिपत्र अनुसार सभी शासकीय सेवकों की अचल संपत्ति सार्वजनिक होना है जिसमें चतुर्थ श्रेणी भी सम्मिलित होना स्पष्ट है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तहत क्या शासन सभी शासकीय सेवकों की प्रतिवर्ष उद्यतन अचल संपत्तियों की जानकारी संकलित कर सभी विभाग अपनी-अपनी वेबसाईट पर कब तक सार्वजनिक करने हेतु अनिवार्य दिशा-निर्देश जारी करेगा ताकि शासकीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता निर्मित हो।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) प्रतिवर्ष अचल संपत्ति विवरण बेवसाईट पर अद्यतन करने के निर्देश पूर्व से ही है।
तीसरे बच्चे में सेवारत शासकीय सेवकों को सेवा से अपात्र करना
[सामान्य प्रशासन]
50. ( क्र. 559 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम 1961 के नियम-6 के तहत दिनांक 26 जनवरी, 2001 को जीवित संतानों में तीसरे बच्चे (पुत्र/पुत्री/गोद ली गई संतान) का जन्म दिनांक 26/1/01 को या उसके बाद का है तो उक्त कृत्य अवचार (misconduct) का माना गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या जिन शासकीय सेवकों ने जीवित 03 संतानों में तीसरे बच्चे की जानकारी छुपा रखी है, क्या उनको सेवा से आपात्र करने की कार्यवाही की जाएगी,यदि हाँ, तो कब तक?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 22- (4) के तहत अवचार माना गया है। (ख) संबंधित विभाग के संज्ञान में आने पर उनके द्वारा कार्यवाही की जाती है। यह एक सतत प्रक्रिया है।
जिम्मेदार दोषियों पर कार्यवाही
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
51. ( क्र. 571 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंगरौली, रीवा व सतना जिले में संचालित फैक्ट्रियों/कंपनी द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक कितनी राशि सी.एस.आर./विकास निधि/अनुदान मद की संबंधित जिला कलेक्टरों को प्रदान की गई जिलेवार एवं वर्षवार जानकारी देवें? साथ ही इस राशि का उपयोग कहां-कहां एवं किन-किन कार्यों में किया गया वर्तमान में कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के राशि के व्यय बाबत् शासन के क्या आदेश व निर्देश है प्रति देते हुय बतावें कि क्या शासन के जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर राशि व्यय की गई? अगर निर्देशों के अनुसार राशि व्यय नहीं की गई तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? पदनाम सहित जानकारी देवें एवं इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार राशि के व्यय बाबत् गठित समिति की बैठक कब-कब आयोजित की गइ? बैठक में पारित निर्णय की प्रति देते हुये बतावें कि अगर समिति का गठन व्यय बाबत् नहीं किया गया मनमानी तरीके से राशि के व्यय बाबत् योजना तैयार की गई तो क्यों? इस पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के सारवान तथ्यों अनुसार कार्यवाही न करने के लिये जिम्मेदारों की पहचान कर क्या कार्यवाही किन-किन के उपर करेंगे? अगर नहीं तो कारण सहित जानकारी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) सिंगरौली, रीवा व सतना जिले में संचालित फैक्ट्रियों/कंपनी द्वारा वर्ष 2010 से प्रश्नांश दिनांक तक सी.एस.आर./विकास निधि/अनुदान मद में जिला कलेक्टरों को प्रदान की गई राशि, उपयोग एवं भौतिक स्थिति संबंधी जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी संकलित की जा रही है। कंपनी संबंधी मामले भारतीय संविधान की संघ सूची अंतर्गत वर्गीकृत किये गये है। कंपनी अधिनियम भारत शासन द्वारा प्रशासित है। कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के निर्वहन व्यवस्थित करने के लिए भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम 2013 के अधीन "कंपनी (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014" लागू किए गए है। उक्त के अनुसार प्रत्येक कंपनी को कार्पोरेट सामाजिक दायित्व की बाध्यता है तथा इस दायित्व का निर्वहन प्रत्येक कंपनी में गठित कार्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से होगा। मध्यप्रदेश में कार्पोरेट सामाजिक दायित्व की गतिविधियों के फेसिलिटेट करने एवं व्यवस्थित करने के उद्देश्य से दिशा-निर्देश जारी किए गए के अनुसार कार्पोरेट सामाजिक दायित्व की मध्यप्रदेश में एक वेबसाइट होगी जिसमें विभागवार एवं जिलेवार सेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट प्रदर्शित होंगे। कंपनी इन सेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में से उसकी इच्छानुसार प्रोजेक्ट का चयन कर सकेंगे। कंपनियों के ऊपर यह बंधन नहीं होगा कि वह इसी प्रोजेक्ट में से कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के कार्य करे। वह स्वतंत्र है कि कार्पोरेट सामाजिक दायित्व की गतिविधियां किस प्रकार और कैसे मध्यप्रदेश में संचालित करना चाहते है। कंपनियों द्वारा (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014 अनुसार दायित्व का निर्वहन, प्रत्येक कंपनी में गठित कार्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से होगा। दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित कंपनी अंतर्गत गठित कार्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति जबावदेह होगी। कंपनी द्वारा दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर कार्यवाही करने के अधिकार कार्पोरेट कार्य मंत्रालय, भारत सरकार में निहित है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में विभाग से असंबंधित। (घ) "कंपनी (कार्पोरेट सामाजिक दायित्व नीति) नियम 2014" अनुसार प्रत्येक कंपनी को कार्पोरेट सामाजिक दायित्व की बाध्यता है तथा इस दायित्व का निर्वहन प्रत्येक कंपनी में गठित कार्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति के माध्यम से होगा। दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर संबंधित कंपनी अंतर्गत गठित कार्पोरेट सामाजिक दायित्व समिति जवाबदेह होगी।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति योजनाएं
[वित्त]
52. ( क्र. 583 ) श्री संजय उइके : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति योजनाएं (सब स्कीम) के प्रावधान राज्य शासन के बजट में भाग नौ पर किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो उपरोक्त प्रावधानित योजनाएं (सब-स्कीम) के आवंटन एवं व्यय संबंधी विभाग/राज्य योजना आयोग द्वारा कोई नीति/ नियम/निर्देश बनाये गये हैं तो? प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधानों में विभिन्न विभागों को आवंटित राशि विभागों को उनके विभागीय बजट के अतिरिक्त दी जाती है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 के पुनरीक्षित अनुमान एवं वित्तीय वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान की तैयारी के संबंध में जारी दिशा-निर्देश दिनांक 29.11.2019 में विभागाध्यक्ष/बजट नियंत्रण अधिकारियों/वित्तीय सलाहकारों को प्रस्तावित बजट अनुमान की राशि को सेगमेंट कोड (सामान्य अनुसूचित जनजाति उपयोजना एवं अनुसूचित जाति उपयोजना) में निर्धारित अंशों (अनुसूचित जनजाति उपयोजना के लिए न्यूनतम 23 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के लिये न्यूनतम 16 प्रतिशत) अनुसार विभाजन की आवश्यकता को संज्ञान में रखे जाने के निर्देश दिये गये है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं।
अनुसूचित एवं जनजाति जाति की योजनाएं हेतु रशि
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
53. ( क्र. 584 ) श्री संजय उइके : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति योजनाएं (सब स्कीम) के प्रावधान के तहत विभाग को बजट आवंटन होता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई है? किन-किन जिलों में कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान के तहत जारी राशि के व्यय संबंधी नियम-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) प्रावधानित राशि का व्यय म.प्र. शासन वित्त विभाग द्वारा शासित म.प्र. वित्तीय संहिता के नियमों एवं म.प्र. कोषालय संहिता के नियमों के अन्तर्गत व्यय किया जाता है।
सिविल हास्पिटल महिदपुर का अपग्रेडेशन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
54. ( क्र. 608 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिविल हास्पिटल महिदपुर 100 बिस्तरी अपग्रेडेशन की पात्रता शासन के नियमानुसार रखता है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा कब तक इसके अपग्रेडेशन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली जावेगी? (ख) अपग्रेडेशन के लिये शासन की क्या नीति है? इसकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) भारतीय लोक स्वास्थ्य मापदण्ड वर्ष 2012 दिशा-निर्देश अनुसार बाह्य रोगियों एवं भर्ती मरीजों की संख्या के अनुसार 80 प्रतिशत बेड आक्यूपेंसी होने पर अपग्रेडेशन की पात्रता आती है। मापदण्ड की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मन्दिरों का जीर्णोंद्वार
[अध्यात्म]
55. ( क्र. 609 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बाबा रामदेव एवं झरादेश्वर मन्दिर महिदपुर के जीर्णोंद्वार के लिये विभाग द्वारा राशि स्वीकृत की कार्यवाही प्रचलित है? यदि हाँ, तो राशि कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी? (ख) दोनों मन्दिरों के जीर्णोंद्वार के लिये कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) दोनों मन्दिरों के जीर्णोंद्वार की राशि स्वीकृत नहीं करने के क्या कारण हैं? (घ) राशि स्वीकृत करने के लिये कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं? नाम, पदनाम वर्तमान पदस्थापना सहित जानकारी देवें तथा राशि स्वीकृत नहीं करने के लिये दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ, कार्यवाही प्रक्रिया में है। समय-सीमा दी जाना संभव नहीं। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार। (घ) औचित्यपूर्ण स्पष्ट प्रस्ताव पर ही राशि स्वीकृत की जाती है। प्रकरण प्रक्रिया में होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बांधवगढ़ किले के स्वामित्व संबंधी
[सामान्य प्रशासन]
56. ( क्र. 621 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या भारत सरकार के मिनिष्ट्री ऑफ स्टेट के आदेश क्रमांक एफ-13 (3) एफ.बी/53 दिनांक 6 जनवरी, 1954 में बांधवगढ़ किले को महाराजा की व्यक्तिगत संपत्ति के रुप में चिन्हित एवं सूचीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो किस आदेश के आधार पर बांधवगढ़ किले के स्वामित्व को म.प्र. शासन के आदेश क्र. एफ -ए 11-5/2001/ओ.एन.ई. (1) दिनांक 17.5.2006 द्वारा संपत्ति को महाराजा रीवा की व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में माना नहीं गया।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : उपलब्ध अभिलेख अनुसार बांधवगढ़ किले को व्यक्तिगत संपत्ति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा श्री टी.एन. गोदावर्मन विरूद्ध भारत सरकार के प्रकरण में बांधवगढ़ किले को बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में वन विभाग के अधीन शामिल होना माना है।
जिला निवाड़ी में अस्पताल का संचालन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
57. ( क्र. 632 ) श्री अनिल जैन : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गत 01 अक्टूबर 2018 को नवीन सृजित जिला निवाड़ी में जिला अस्पताल के संचालन हेतु पदों के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजे गए हैं, यदि हाँ, तो कुल कितने पद स्वीकृति हेतु भेजे गए हैं तथा इनमें से किन-किन पदों की स्वीकृति जारी हो चुकी है एवं किन-किन पदों की स्वीकृति जारी होना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जिला अस्पताल निवाड़ी के भवन निर्माण हेतु क्या भूमि का चयन कर लिया गया है? यदि नहीं, तो कब तक भूमि का चयन कर भवन निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ की जावेगी? (ग) क्या नवीन जिला निवाड़ी में जिला अस्पताल के नवीन भवन निर्माण होने तक जिला अस्पताल संचालन हेतु वर्तमान में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है? यदि नहीं, तो वैकल्पिक व्यवस्था कब तक की जा सकेगी? (घ) क्या जिला निवाड़ी में झांसी-खजुराहो राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रामा सेंटर खोले जाने हेतु कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि नहीं, तो झांसी-खजुराहो राष्ट्रीय राजमार्ग पर दुर्घटनाओं की अधिकता को देखते हुए क्या शासन द्वारा कोई पहल की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। 60 बिस्तरीय जिला अस्पताल हेतु कुल अतिरिक्त 25 पदों की स्वीकृति हेतु वर्तमान में मंत्री परिषद द्वारा निर्णय लिया गया है। वर्तमान में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) जी नहीं। भवन निर्माण की स्वीकृति उपरान्त भूमि का चयन किया जायेगा। (ग) संस्था स्वीकृति के उपरांत। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। संस्था स्वीकृति के उपरांत।
पेंशन कार्यालय की स्थापना
[वित्त]
58. ( क्र. 633 ) श्री अनिल जैन : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 01 अक्टूबर 2018 को नवगठित जिला निवाड़ी में जिला पेंशन कार्यालय की स्थापना कर दी गई है? यदि नहीं, तो कब तक स्थापना कर दी जावेगी? (ख) क्या नवगठित जिला निवाड़ी में जिला पेंशन कार्यालय न होने से पेंशनधारियों को परेशान होना पड़ता है? यदि हाँ, तो जिला कोषालय की स्थापना होने के बाद आज दिनांक तक जिला पेंशन कार्यालय की स्थापना न होने के क्या कारण है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कर्मचारियों के भत्तें
[वित्त]
59. ( क्र. 661 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. राज्य के सिविल सेवा के कर्मचारियों के सातवें वेतन निर्धारण संबंधी निर्देश म.प्र. शासन वित्त विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल द्वारा क्रमांक 08-1/2016/नियम/चार भोपाल दिनांक 22 जुलाई 2017 जारी हुआ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) का उत्तर यदि हाँ, है तो निर्देश के बिन्दु क्रमांक 15 क्या परिभाषित करता हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) की परिभाषा अनुसार कर्मचारियों को गृह भाड़ा भत्ता अथवा अन्य भत्ते जो छठवें वेतनमान में देय थे, वे सातवें वेतनमान में तत्समय जो मूल वेतन पर राशि मिल रही थी वह देय होगी या तत्समय जो प्रतिशत था वह प्रतिशत देय होगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्त विभाग के आदेश दिनांक 22.07.2017 का बिन्दु क्रमांक-15 निम्नानुसार है:- यात्रा भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता, परियोजना भत्ता, अनुसूचित क्षेत्र भत्ता, अव्यवसायिक भत्ता (NPA) तथा प्रतिनियुक्ति भत्ता, अवकाश यात्रा सुविधा तथा अन्य सुविधाएं जो मूल वेतन से जुड़ी हुई थी, पूर्व के वेतन संरचना के आधार पर ही देय होगी। (ग) प्रश्नांश (ख) की परिभाषा अनुसार कर्मचारियों को गृह भत्ता अथवा अन्य भत्ते छठवें वेतनमान में प्राप्त वेतन तथा देय प्रतिशत के अनुसार सातवें वेतनमान में देय है।
चार स्तरीय वेतनमान (समयमान)
[वित्त]
60. ( क्र. 671 ) श्री मनोज चावला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा घोषित वचन पत्र के अनुसार अपने कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतनमान (समयमान ) देने पर क्या कार्यवाही कर रहा है? इसकी क्या पात्रता शासन द्वारा निर्धारित की जावेगी? (ख) वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश क्रमांक एफ़- 651/2018/नियम-4 दिनांक 8-3-2019 में दर्शाए गए गणना सूत्र को निरस्त करते हुए केंद्र के समान अवकाश नगदीकरण का लाभ देते समय सेवानिवृत्त कर्मचारी के खाते में जमा अर्जित अवकाश एवं अर्ध वेतन अवकाश का समायोजन करते हुए 300 दिन के अवकाश नगदीकरण का लाभ देने पर शासन विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों? (ग) क्या वित्तीय स्थिति ठीक ना होने का कारण दर्शाते हुए उक्त सुविधा से सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारियों को लाभ देने से वंचित रखा जा रहा है? यदि नहीं, तो इस संबंध में शासन समुचित आदेश जारी करने की कार्यवाही कब करेगा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विभिन्न सेवाओं की सेवा शर्तों के संबंध में कर्मचारी आयोग का गठन किया गया है। (ख) वर्तमान में कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ग) उक्त के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रोजगार के अवसर
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
61. ( क्र. 697 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कौशल विकास विभाग के द्वारा किन-किन क्षेत्रों में रोजगार से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है? सूची दें। ऐसे कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत रोजगार प्राप्त हुआ है एवं कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण उपरांत रोजगार प्राप्त नहीं हुआ है वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) में केंट विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कौशल विकास विभाग द्वारा किन-किन क्षेत्र से जुड़े विषयों में कितने-कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है एवं कितने लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं युवा स्वाभिमान योजना अन्तर्गत कुल 19 सेक्टर में रोजगार से संबंधित प्रशिक्षण प्रदाय कराया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त रोजगार प्राप्त एवं रोजगार प्राप्त न होने वाले प्रशिक्षणार्थियों का विवरण निम्नानुसार है:-
विवरण |
वर्ष 2018-19 |
वर्ष 2019-20 |
रोजगार प्राप्त प्रशिक्षणार्थी की संख्या |
7722 |
निरंक |
रोजगार प्राप्त नहीं प्रशिक्षणार्थी की संख्या |
30192 |
5144 |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य कम्पोनेन्ट 2.0 के अन्तर्गत कुल 32 सेक्टर में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त रोजगार प्राप्त एवं रोजगार प्राप्त न होने वाले प्रशिक्षणार्थियों का विवरण निम्नानुसार है:-
विवरण |
वर्ष 2018-19 |
वर्ष 2019-20 |
रोजगार प्राप्त प्रशिक्षणार्थी की संख्या |
6033 |
वर्तमान में प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षणरत |
रोजगार प्राप्त नहीं प्रशिक्षणार्थी की संख्या |
18994 |
वर्तमान में प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षणरत |
(ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। जबलपुर केन्ट विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं युवा स्वाभिमान योजना अन्तर्गत 6 सेक्टर में 649 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सेक्टर वाईज प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी निम्नानुसार है:-
Sector |
Candidates |
Apparel, Madeups & Furnishing |
52 |
Capital Goods |
40 |
Consustruction |
30 |
Electronics & Hardware |
139 |
Food Processing |
60 |
IT & ITES |
328 |
Grand Total |
649 |
प्रशिक्षण प्रदाता द्वारा पोर्टल पर अपलोड किये गये डाटा अनुसार जबलपुर के कुल 350 प्रशिक्षणार्थियों का नियोजन कराया गया है। जबलपुर केन्ट विधान सभा के अन्तर्गत प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना राज्य कम्पोनेन्ट 2.0 अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में 3 सेक्टर में 400 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया एवं वर्ष 2019-20 में 03 सेक्टर में कुल 780 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में केन्द्रों में प्रशिक्षण प्रारंभ नहीं हुआ है। सेक्टर वाईज प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
सहकारी समितियों में सेल्समैन की भर्ती
[सहकारिता]
62. ( क्र. 704 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत वर्ष में मध्यप्रदेश सहकारी समितियों में सेल्समैन की भर्ती प्रक्रिया हेतु आयोजित परीक्षा के परिणाम अभी तक घोषित नहीं किये गये हैं? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार परीक्षा के परिणाम घोषित करने हेतु विधानसभा के विगत मानसून सत्र में मंत्री महोदय द्वारा मई-19 में परीक्षा परिणाम जारी करने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या कारण रहा कि अभी तक परिणाम घोषित नहीं किये गये परीक्षा के परिणाम कब तक जारी किये जायेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। सहकारी समिति में विक्रेताओं की नियुक्ति हेतु कोई परीक्षा आयोजित नहीं की गयी थी। अतः परीक्षा परिणाम घोषित करने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में परीक्षा परिणाम घोषित करने हेतु समयावधि की घोषणा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिया जाना
[वित्त]
63. ( क्र. 716 ) श्री मनोज चावला : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासकीय कर्मचारियों को समयमान स्वीकृत करने के लिए क्या नियम है? (ख) क्या एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी की प्रथम नियुक्ति वर्ष 1982 में सहायक ग्रेड 3 के पद पर हुई हो और उस कर्मचारी द्वारा वर्ष 1996 में अन्य कैडर (स्टेनोग्राफर) के पद पर नियुक्ति/पदोन्नति की गई हो तथा वर्ष 2014 में अन्य संवर्ग (लेखा अधिकारी) के पद पर नियुक्ति/पदोन्नति दी गई हो तो ऐसी स्थिति में क्या इस कर्मचारी को कितने समयमान की पात्रता आएगी उसे समयमान की गणना का आधार क्या होगा? (ग) ऐसे कर्मचारी जिन्होंने सहायक ग्रेड 3 के पद पर कार्य करते हुए अधीनस्थ लेखा सेवा परीक्षा उत्तीर्ण कर लेखा संवर्ग में पदभार ग्रहण किया है तो ऐसे कर्मचारी को समयमान की गणना सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्ति दिनांक से की जावेगी अथवा लेखा संवर्ग में पदभार ग्रहण दिनांक से?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक एफ-11-1/ 2008/नियम/चार,दिनांक 24.01.2008 एवं दिनांक 30.09.2014 अनुसार स्वीकृति की जाती है। (ख) एवं (ग) समयमान वेतनमान की गणना सीधी भरती के पदों पर नियुक्ति/पदोन्नति से ही होती है। सीधी भरती से तात्पर्य संवर्ग में स्वीकृत पदों पर भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से अथवा विभागीय भर्ती नियमों के अनुसार प्रतियोगी एवं विभागीय परीक्षा जो सभी के लिए समान रूप से खुली है, के अनुसार भर्ती से है।
सिविल अस्पताल बरेली में सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
64. ( क्र. 720 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिविल अस्पताल बरेली, जिला रायसेन में चिकित्सकों/कर्मचारियों के कितने पद स्वीकृत हैं? (ख) स्वीकृत पदों का विवरण एवं भरे हुए पदों/रिक्त पदों की जानकारी उपलब्ध करावे? स्वीकृत रिक्त पद कब तक भरे जायेंगे? (ग) उक्त सिविल अस्पताल बरेली में आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार कब तक पूर्ण किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार विभाग द्वारा लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, मध्यप्रदेश के माध्यम से सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर चयन उपरांत नियुक्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। साथ ही बंध-पत्र चिकित्सकों एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से संविदा आधार पर पदपूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) सिविल अस्पताल बरेली के नवीन चिकित्सालय भवन का निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत विभाग द्वारा नवीन भवन में सिविल अस्पताल के मापदण्ड अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला-रायसेन द्वारा आवश्यक उपकरणों का मांग-पत्र संचालनालय को प्रेषित किया गया है। प्राप्त मांग-पत्र में उल्लेखित उपकरण वित्तीय वर्ष में उपलब्ध बजट/नियमानुसार, प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अस्पताल को उन्नयन करना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
65. ( क्र. 730 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत विकासखण्ड भीकनगांव मुख्यालय पर संचालित अस्पताल का उन्नयन 100 बिस्तर के करने हेतु क्या-क्या अर्हताएं होना आवश्यक है? (ख) क्या भीकनगांव अस्पताल के उन्नयन हेतु आवश्यक अर्हताऐं वर्तमान में पर्याप्त नहीं हैं? (ग) क्या भीकनगांव अस्पताल में वर्तमान में प्रतिदिन 250 से 300 ओ.पी.डी. हैं तथा प्रतिमाह कम से कम 1000 रोगियों को भर्ती किया जा रहा है तथा विकासखण्ड की जनसंख्या भी लगभग 211000 (दो लाख गयारह हजार) से अधिक है तथा जिला चिकित्सालय से दूरी भी 40 कि.मी. से अधिक है? (घ) क्या उपरोक्त सभी कारणों से भीकनगांव के वर्तमान में संचालित 30 बिस्तर के अस्पताल के 100 बिस्तर के अस्पताल में उन्नयन हेतु पर्याप्त नहीं है? यदि हाँ, तो कब तक भीकनगांव अस्पताल का उन्नयन किया जायेगा तथा नहीं तो क्या कारण है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) संचालित अस्पताल को उन्नयन करने हेतु बाह्य रोगियों, भर्ती मरीजों की संख्या के अनुसार 80 प्रतिशत बैड आक्यूपेंसी होने पर उन्नयन किये जाने की पात्रता आती है। (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ, बाह्य रोगियों की संख्या 250 से 300 है। 30 बिस्तरीय संचालित अस्पताल भीकनगांव में भर्ती मरीजों की संख्या लगभग 600 प्रतिमाह है। विकासखण्ड भीकनगांव की वर्ष 2011 की जनगणना अनुसार ग्रामीण जनसंख्या 1.75 लाख है। जी हाँ। (घ) जी हाँ। ‘’उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में'' प्रश्न उपस्थित नहीं होता। संस्था में भर्ती मरीजों की संख्या 80 प्रतिशत से कम है। 30 बिस्तरीय अस्पताल का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हो पा रहा है। 100 बिस्तरीय अस्पताल में उन्नयन की पात्रता नहीं आती।
तृतीय श्रेणी कर्मचारियों (लिपिक) को प्रदाय यात्रा भत्ता
[सामान्य प्रशासन]
66. ( क्र. 735 ) श्री
रामखेलावन
पटेल : क्या
सामान्य
प्रशासन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
माननीय
विधायकों के
साथ संलग्न
लिपिकों को भी
अंगरक्षकों
के समान
माननीय
विधायक महोदय
के साथ यात्रा
करनी पड़ती है? क्या इन
लिपिकों को
अंगरक्षकों
के समान यात्रा
भत्ता का भुगतान
नहीं किया जा
रहा है? यदि
हाँ, तो
क्यों? (ख) क्या
यह सही है कि
मानसून सत्र
जुलाई 2019 में
माननीय
सामान्य
प्रशासन
मंत्री जी
द्वारा
माननीय
विधायकों के
साथ संलग्न
लिपिकों को
प्रतिमाह
नियत यात्रा
भत्ता रुपये 200 के स्थान
पर रुपये 1000 का भुगतान
करने की घोषणा
सदन में की गई
थी? यदि
हाँ, तो
क्या इस संबंध
में आदेश जारी
हुआ? यदि
हाँ, तो
आदेश की प्रति
उपलब्ध
करावें। यदि
नहीं, तो
क्यों? कब
तक होगा?
(ग)
क्या
माननीय
विधायकों के
साथ संलग्न
लिपिकों को
अंगरक्षकों
के समान परिचय
पत्र शासन स्तर
से जारी किया
जाता है यदि हाँ, तो कहां से
और कैसे?
यदि
नहीं, तो
इस संबंध में
क्या शासन
द्वारा परिचय
पत्र जारी
किये जायेंगे?
सामान्य
प्रशासन
मंत्री ( डॉ.
गोविन्द सिंह
) : (क) इस
संबंध में कोई
निर्देश नहीं
हैं। जी हाँ।
कार्य का स्वरूप
भिन्न होने
के कारण। (ख) घोषणा
संबंधी कोई
जानकारी
विधान सभा
सचिवालय से
प्राप्त
होना नहीं
पाया गया। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
(ग) इस
संबंध में कोई
निर्देश नहीं
हैं। प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
सिविल न्यायालय की स्थापना
[विधि और विधायी कार्य]
67. ( क्र. 779 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत सेमरिया तहसील में सिविल न्यायालय की स्थापना न होने से पूरे क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानी होती है। उक्त संदर्भ में प्रश्नकर्ता द्वारा विधान सभा के पावस वर्षाकालीन सत्र में भी मांग उठाई गई थी? उक्त मांग के अनुक्रम में विभागीय कार्यवाही प्रारंभ हुई, परन्तु भौतिक रूप से सिविल न्यायालय की स्थापना की कार्यवाही दृष्टिगोचर नहीं हो रही है? क्या सरकार इस अति महत्व के कार्य में संज्ञान लेकर सेमरिया में सिविल/व्यवहार न्यायालय की स्थापना करेगी? (ख) यदि कार्यवाही प्रारंभ की गई है, तो अब तक की गई विभागीय कार्यवाही/भौतिक प्रगति की जानकारी देवें एवं सेमरिया में कब तक सिविल/व्यवहार न्यायालय की स्थापना कर दी जावेगी?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय की प्रशासनिक कमेटी (एम.पी.जे.एस.) में पारित प्रस्ताव के अनुपालन में मूलभूत सुविधाओं के अभाव में मांग नस्तीबद्ध कर दी गई है। न्यायालय स्थापना नीति, 2014 के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होने पर न्यायालय स्थापना पर विचार किया जावेगा। (ख) सेमरिया जिला रीवा में न्यायालय भवन एवं आवास निर्माण हेतु भूमि आवंटन से संबंधित कार्यवाही कलेक्टर, रीवा के समक्ष प्रक्रियाधीन है। भूमि आवंटन होने के पश्चात सेमरिया में व्यवहार न्यायालय की बिल्डिंग निर्माण संबंधी कार्यवाही की जा सकेगी।
फसल ऋण माफी की जानकारी
[सहकारिता]
68. ( क्र. 781 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में वर्तमान सरकार के गठन से प्रश्न दिनांक तक सहकारी बैंक से कितने किसानों का कितना कर्ज माफ किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन ग्रामों, ग्राम पंचायतों में कितने-कितने किसानों का, कितना-कितना कर्ज माफ किया गया है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) रीवा जिले में वर्तमान सरकार के गठन से प्रश्न दिनांक तक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा से संबद्ध समितियों के 33,931 कृषकों की रू.7371.27 लाख का कर्ज माफ किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में रीवा जिले के विधानसभा सेमरिया क्षेत्र अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा से संबद्ध 19 सहकारी समितियों के 5480 किसानों की राशि रू.1158.63 लाख की कर्ज माफी की गई है। माफ की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फसल ऋण माफी की जानकारी
[सहकारिता]
69. ( क्र. 784 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में वर्तमान सरकार के गठन से प्रश्न दिनांक तक सहकारी बैंकों से कितने किसानों का कितना कर्ज माफ किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में रीवा जिले के सेमरिया विधान सभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन ग्रामों, ग्राम पंचायतों में कितने-कितने किसानों का कितना-कितना कर्जा माफ किया गया है? विकासखण्डवार ग्राम, पंचायतवार, ग्रामवार, पटवारी हल्कावार किसानों के पता के साथ विवरण सहित माफ किए गए कर्ज के आदेश की सत्यापित प्रति के साथ जानकारी देवें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) रीवा जिले में वर्तमान सरकार के गठन से प्रश्न दिनांक तक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा से संबद्ध समितियों के 33,931 कृषकों की रू.7371.27 लाख का कर्ज माफ किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में रीवा जिले के विधानसभा सेमरिया क्षेत्र अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रीवा से संबद्ध 19 सहकारी समितियों के 5480 किसानों की राशि रू. 1158.63 लाख की कर्ज माफी की गई है। माफ की गई राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
सहकारी संस्थाओं द्वारा ऑडिट नहीं कराने पर कार्यवाही
[सहकारिता]
70. ( क्र. 798 ) श्री संजय शुक्ला : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिला अंतर्गत कितनी सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा 10 वर्षों में ऑडिट हेतु रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा रिकार्ड उपलब्ध नहीं अथवा विलम्ब से उपलब्ध कराये जाने के क्या कारण थे? (ग) इन्दौर जिला शहरी क्षेत्र में किन-किन सहकारी साख संस्थाओं/गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा अलाटमेंट होने के पश्चात् भी आवेदक को प्लॉट/भू-खण्ड नहीं देने की शिकायतें सहकारिता विभाग इन्दौर को प्राप्त हुई है? सहकारिता विभाग इन्दौर द्वारा उक्त शिकायतों का क्या निराकरण किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में किन-किन सहकारी साख संस्थाओं/ गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा अलाटमेंट उपरांत भी आवेदकों को भू-खण्ड/प्लॉट उपलब्ध नहीं कराये जा रहे है, गृह निर्माण संस्थाओं की जानकारी सदस्य सूची सहित उपलब्ध कराये?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) 222 सहकारी साख संस्थाओं एवं 480 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं द्वारा। (ख) संस्थाओं के अकार्यशील होने तथा पूर्ण रूप से रिकार्ड संधारित न होने के कारण। (ग) अलॉटमेंट होने के पश्चात सहकारी साख संस्थाओं द्वारा आवेदक को भूखण्ड नहीं देने की शिकायतें प्राप्त नहीं है। गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की शिकायतें एवं निराकरण का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संबंधित गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं की सदस्यता सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
खरीदी में भ्रष्टाचार की जांच एवं कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
71. ( क्र. 821 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2012-13 से 2017-18 तक चिकित्सीय उपकरण एवं गैर चिकित्सीय अन्य उपकरण तथा सामग्री सी.एम.एच.ओ. शिवपुरी द्वारा क्रय की गई है, यदि हाँ, तो क्या-क्या सामग्री किस-किस फर्म/संस्था से कब-कब कितनी-कितनी राशि की क्रय की गई? (ख) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2012-13 से 2017-18 तक चिकित्सीय उपकरण एवं अन्य उपकरण तथा सामग्री क्रय किये जाने हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी। यदि हाँ, तो किस-किस निविदा के द्वारा किस-किस संस्था से क्या-क्या क्रय किया गया? निविदावार जानकारी एवं स्वीकृतकर्ता अधिकारी के नाम सहित जानकारी दें? (ग) क्या निविदाकर्ता फर्म से भुगतान के समय फर्म का पेनकार्ड पंजीयन प्रमाण-पत्र फर्म का पता फर्म का बैंक खाता क्रमांक, खातेदार का नाम, बैंक का नाम व शाखा के पते के दस्तावेज लिये गये हैं? यदि हाँ, तो उक्त सभी का विवरण दें? (घ) क्या प्रश्नाधीन वर्णित विषय की वर्ष 2018-19 में कोई शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो प्राप्त शिकायतों एवं जांच प्रतिवेदन का विवरण देते हुए जानकारी दें कि क्या-क्या कार्यवाही किस-किस के विरूद्ध की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब‘ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स‘ अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भुगतान में अनियमितता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
72. ( क्र. 822 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में जनवरी, 2016 नवम्बर, 2019 तक शासकीय भवन मरम्मत प्रचार प्रसार, कम्प्यूटर सप्लाई, प्रशिक्षण में भोजन नास्ता हेतु राशि भुगतान की गई है। यदि हाँ, तो किस-किस पर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि किस-किस फर्म को किस-किस कार्य हेतु कब कब भुगतान की गई? भुगतान हेतु प्रस्तुत किये गये बिल एवं भुगतान बाउचर का विवरण एवं उक्त अवधि की ऑडिट की प्रतिलिपि तथा संस्थाओं/ फर्मों के पेनकार्ड और पंजीयन प्रमाण पत्र की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें। (ग) क्या जिला चिकित्सालय शिवपुरी में भोजन/नास्ता प्रदाय किया जा रहा है यदि हाँ, तो वर्ष 2014-15 से 2019-20 प्रश्न दिनांक तक कितना-कितना भुगतान कब-कब भोजन प्रदायकर्ता संस्था को किया गया? भुगतान किये गये बाउचरों एवं बिलों का विवरण एवं फर्म के पेनकार्ड की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें? (घ) क्या यह सही है कि प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 397, 398, 399, 400, 402, दिनांक 01/10/2019 एवं स्मरण पत्र क्रमांक 433 दिनांक 18/10/2019 से प्रश्न में वर्णित जानकारी चाही गई यदि हाँ, तो उक्त जानकारी प्रश्नकर्ता को क्यों उपलब्ध नहीं कराई गई? उक्त जानकारी कब तक उपलब्ध करा दी जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार। (घ) जी हाँ, जानकारी अति विस्तृत है संबंधित शाखाओं से जानकारी तैयार करवाई जा रही है। समस्त जानकारी एकत्र होने पर उपलब्ध करा दी जावेगी।
कृषि उपज के संग्रहण, मिलिंग/भण्डारण
[सहकारिता]
73. ( क्र. 853 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा वर्ष 2017 से आज दिनांक तक समर्थन मूल्य पर कृषि उपज गेहूँ/धान का कितना संग्रहण किया गया एवं आसपास के जिलों से अधिसूचित कृषि उपज धान/गेहूँ की कुल मात्रा कितनी प्राप्त हुई। उक्त संग्रहित एवं प्राप्त कृषि उपजों को कहाँ-कहाँ (गोदाम/खुले स्थान) भण्डारित कराया गया है मात्रा सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) सिवनी जिले में म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा वर्ष 2017 से आज दिनाँक तक संग्रहित कृषि उपज धान मिलिंग हेतु जिले में अन्य में कार्यरत राइस मिलों को वर्षवार कितनी-कितनी मात्रा में दी गई। क्या उक्त धान की मिलिंग का मापदण्ड अनुसार सम्पूर्ण चावल मिलवार जमा हो गया है, या लेना शेष है साथ ही धान मिलिंग में देने के बाद आज दिनांक तक कितनी धान कहां-कहां किस स्थिति में भण्डारित है।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) सिवनी जिले में विपणन संघ द्वारा वर्ष 2017-18 से 2018-19 तक समर्थन मूल्य पर कृषकों से सहकारी संस्थाओं के माध्यम से उपार्जित गेहूं की समस्त मात्रा का भंडारण म.प्र. वेयरहाउसिंग एवं लाजिस्टिक्स कार्पोरेशन के गोदामों में कराया गया है वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सिवनी जिले में विपणन संघ द्वारा धान का उपार्जन नहीं किया गया किन्तु म.प्र. स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा उपार्जित धान का भंडारण विपणन संघ के कैपो में कराया गया है वर्षवार, कैपवार भंडारित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। इसके अतिरिक्त वर्षवार 2017-18 एवं 2018-19 में बालाघाट जिले में उपार्जित धान में से क्रमश: 52,220.84 क्विंटल एवं 12,18,246.38 क्विंटल धान का भंडारण सिवनी जिले में म.प्र. वेयरहाउसिंग एवं लाजिस्टिक्स कार्पोरेशन के गोदामों एवं विपणन संघ के कैपो में किया गया है। बालाघाट जिले की सिवनी जिले में भंडारित धान की वर्षवार, गोदामवार, कैपवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 एवं 5 अनुसार है।
जनभागीदारी से तलैया निर्माण
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
74. ( क्र. 855 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इछावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम आबिदाबाद (चार मंडली) में जनभागीदारी से राशि रूपये 8,88,000/- व्यय कर तलैया का निर्माण किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो क्या उस पर वर्तमान में कब्जा कर तार फेसिंग की गई है? यदि हाँ, तो किसके द्वारा?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। श्री विपिन पाण्डे पिता श्री आर.डी. पाण्डे दानिश कुंज भोपाल द्वारा।
संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों के नियम-निर्देश
[सामान्य प्रशासन]
75. ( क्र. 865 ) श्री अजय विश्नोई : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन मंत्रालय म.प्र. शासन भोपाल द्वारा प्रदेश के सभी विभागों में संविदा पर विभिन्न पदों की भर्ती व स्थानान्तरण हेतु सेवा नियमों में एकरूपता लाने हेतु सेवा भर्ती नियम/शर्तें बनाई है एवं इस संबंध में कब क्या दिशा निर्देश जारी किये है? छायाप्रति देवें। (ख) क्या प्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के सभी विभागों में नियमित पदों पर कार्यरत कर्मचारियों/ अधिकारियों के मूल पद का 90% वेतनमान प्रदेश के सभी विभागों में संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों को पदवार देने बाबत् निर्णय लिया है? इस संबंध में शासन ने कब क्या दिशा निर्देश जारी किये हैं? आदेश की छायाप्रति देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में जारी शासन के आदेश/दिशा निर्देशों का पालन सभी विभागों को करना अनिवार्य है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या शासन के उक्त दिशा निर्देश/निर्णय/आदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म.प्र.भोपाल के तहत संचालित विभिन्न योजनाओं/परियोजनाओं में संविदा पर विभिन्न पदों पर पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों पर भी लागू होते हैं अथवा नहीं होते हैं?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी हाँ। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी हाँ। जी हाँ।
बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
76. ( क्र. 886 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भारत शासन द्वारा राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम प्रारंभ किया है? यदि हाँ, तो कार्यक्रम के उद्देश्य क्या है व बुजुर्गों को कौन-कौन सी बीमारियों में देखभाल हेतु प्राथमिकता दी गई है व इस हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा क्या नीति निर्मित की है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजना प्रारंभ से जिला मुरैना में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र अम्बाह, नूराबाद, खडियाहार एवं जिला चिकित्सालय मुरैना में क्या-क्या गतिविधियां हुई? (ग) यदि नहीं, तो क्यों व इस हेतु कौन-कौन किस-किस स्तर पर दोषी है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत बीमारियों (मधुमेह, उच्च रक्तचाप, पोषण संबंधी रोग, हड्डी रोग, आंखों की रोशनी संबंधी रोग) का परीक्षण एवं उपचार प्रदाय किया जा रहा है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में योजना का संचालन सिर्फ जिला चिकित्सालय स्तर पर संचालित किया जा रहा है। जिसमें वृद्धजनों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, परीक्षण एवं उपचार के साथ वृद्धजन दिवस पर छड़ी का विरतण किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) के संदर्भ में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड व कृषि ऋणों से संबंधित
[सहकारिता]
77. ( क्र. 887 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश के आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2018-19 के बिन्दु क्र.3.10 में उल्लेख है कि किसान क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा प्रदेश के किसानों को उनकी साख सुविधा की सुगमता में पूर्ति सुनिश्चित करने हेतु किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये जा रहे हैं? भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी बैंकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्डधारी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो कौन-कौन सी राष्ट्रीयकृत/सहकारी आदि बैंक निर्धारित हैं व कृषकों को जैसे- किसान क्रेडिट कार्ड (साख योजना) व अन्य कृषि संबंधी ऋण दिये जाने का नियम, निर्देश, आदेश प्रचलन में है की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्नांश (ख) के प्रकाश में उपरोक्त कार्यों हेतु क्या-क्या गतिविधियां अर्थात् कागजात उपलब्ध कराये जाते हैं, कि जानकारी भी दी जावें व इस हेतु मुरैना जिला के जनपद पचा. अम्बाह व मुरैना के कृषकों को लाभ दिया गया? यदि हाँ, तो कृषक का नाम पता/ऋण विवरण/ प्रदाय राशि/वर्ष दिनांक/आदि सहित विगत 03 वर्ष (नवम्बर 2019) तक की जानकारी दी जावें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रदेश के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये जाते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के संबंध में नाबार्ड द्वारा जारी निर्देश की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा कृषक को किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान किया जाता है। मुरैना जिले से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के जिन कृषकों को के.सी.सी. का लाभ दिया गया है, उनकी विगत 03 वर्ष (नवंबर 2019 तक) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
आई.टी.आई. पर्याप्त संख्या में खोलना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
78. ( क्र. 902 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा एवं शहडोल संभाग के जिलो में किन-किन स्थानों पर शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थायें संचालित है तथा इन संस्थाओं में ट्रेडवार कितने-कितने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता/सुविधा उपलब्ध है? (ख) प्रश्नाधीन संभाग/जिलों में किन-किन स्थानों पर प्रायवेट आई.टी.आई. संचालित है तथा ऐसी प्रायवेट संस्थाओं में ट्रेडवार कितने-कितने छात्रों को प्रशिक्षित करने की क्षमता/सुविधा उपलब्ध है। क्या इन प्रायवेट संस्थाओं में निर्धारित मापदण्ड अनुसार मूलभूत सुविधायें तथा शिक्षण कक्ष, कार्यशाला, उपकरण एवं मशीन उपलब्ध है? (ग) प्रशिक्षण सत्र 2017, 2018 एवं 2019 में प्रवेश हेतु प्रकाशित सूचना अनुसार कुल कितने छात्रों ने संस्थावार आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था तथा कितने आवेदकों को प्रवेश दिया गया? (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त आवेदन पत्रों के आधार पर और कितने आई.टी.आई खोलने की आवश्यकता है तथा पर्याप्त संख्या में शासकीय आई.टी.आई. कब तक में खोली जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 के अनुसार है। जी हाँ, इन संस्थाओं के विभिन्न ट्रेडों का राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद से एफिलेशन महानिदेशालय प्रशिक्षण नई दिल्ली द्वारा दिया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार है। (घ) विभाग की नीति प्रत्येक विकासखण्ड में एक आई.टी.आई. खोलने की है। रीवा एवं शहडोल संभाग में विकासखण्डवार आई.टी.आई. की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 के अनुसार है। नीति अनुसार 11 विकासखण्डों में कोई शासकीय आई.टी.आई. नहीं है। वर्तमान में ऐसे 104 विकासखण्ड हैं, जिनमें कोई शासकीय आई.टी.आई. नहीं है। इनमें आई.टी.आई. खोलने की समयावधि बताना सम्भव नहीं है।
राजगढ़ जिला चिकित्सालय के संबंध में
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
79. ( क्र. 907 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित जिला चिकित्सालय कब प्रारम्भ हुआ था वर्तमान में उक्त चिकित्सालय में कितने मरीजों को भरती करने की क्षमता है? (ख) चिकित्सालय के प्रारम्भ होने के दिनांक के समय की अनुमानित जनसंख्या तथा प्रश्न दिनांक के समय की अनुमानित जनसंख्या में हुई वृद्धि के आधार पर क्या शासन जनहित में राजगढ़ जिला चिकित्सालय का उन्नयन कर 500 बिस्तर के चिकित्सालय के रूप में निर्माण करने संबंधी कार्य योजना पर विचार करेगा? हां तो कब तक? जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जिला चिकित्सालय राजगढ़ वर्ष 1940 को प्रारम्भ हुआ था। वर्तमान में 300 बिस्तर की क्षमता है। (ख) मापदण्डानुसार 300 बिस्तर में उन्नयन जिला चिकित्सालय राजगढ़ की बाह्य एवं आंतरिक रोगियों की संख्या तथा बेड आक्यूपेंसी 80 प्रतिशत से कम होने के कारण 500 बिस्तर में उन्नयन की पात्रता नहीं आती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
ट्रामासेन्टर में चिकित्सकों एवं स्टॉफ के पदों की पूर्ति
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
80. ( क्र. 912 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना जिले में दिनांक 17.09.2019 को ट्रामासेन्टर का उद्घाटन किया गया था? क्या ट्रामासेन्टर हेतु चिकित्सकों एवं स्टॉफ की पूर्ति कर दी गई है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक की जावेगी? (ख) ऐसे कितने चिकित्सक/अनुबंध चिकित्सक है जिनकी पदस्थापना/ स्थानांतरण पन्ना जिले में किया गया है, किन्तु प्रश्न दिनांक तक उनके द्वारा अपनी उपस्थिति नहीं दी गई है अथवा अपनी उपस्थिति देने के उपरान्त अवकाश पर चले गये है? उक्त चिकित्सकों/ अनुबंध चिकित्सकों को अपने पदों पर कब तक पदस्थापित किया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी नहीं। प्रदेश में विशेषज्ञों की अत्याधिक कमी है एवं विशेषज्ञ के समस्त पद पदोन्नति के माध्यम से ही भरे जाने का प्रावधान होने तथा अप्रैल 2016 से माननीय उच्च न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रचलित प्रकरण के कारण पदोन्नति की प्रक्रिया विलंबित है। अतः विशेषज्ञों के पदों को भरे जाने में कठिनाई हो रही है। रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरन्तर जारी है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) कुल 10 नियमित चिकित्सकों एवं 23 अनुबंध चिकित्सकों की पदस्थापना पन्ना जिले में की गई है। नियमित चिकित्सकों कार्यग्रहण करने की अंतिम तिथि 26/12/2019 है। किसी भी अनुबंधित चिकित्सक द्वारा उपस्थिति नहीं दी गई है। 01 मेडिकल विशेषज्ञ स्थानांतरण उपरान्त दिनांक 13/08/2019 को उपस्थित हुए एवं दिनांक 14/08/2019 से अवकाश पर है। कार्यग्रहण न करने वाले अनुबंधित चिकित्सकों के मूल शैक्षणिक दस्तावेज संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय में ही संधारित रहते है एवं मूल दस्तावेज लौटाये जाते है। नियमित रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है।
तहसील अजयगढ़ में ए.डी.जे. कोर्ट खोला जाना
[विधि और विधायी कार्य]
81. ( क्र. 913 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पन्ना विधानसभा क्षेत्र की तहसील अजयगढ़ के अधिवक्ताओं एवं क्षेत्रवासियों द्वारा अजयगढ़ में लम्बे समय से ए.डी.जे. कोर्ट खोले जाने की मांग लिखित ज्ञापन/पत्र भेजकर की जा रही है?यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या पन्ना विधानसभा क्षेत्र की तहसील अजयगढ़ में ए.डी.जे. कोर्ट का भवन बन चुका है? यदि हाँ, तो यह कोर्ट कब से संचालित किया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय की स्थापना संबंधी मांग न्यायालय स्थापना नीति, 2014 के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप न होने नस्तीबद्ध कर दी गई है। (ख) तहसील अजयगढ़ जिला पन्ना में नवीन न्यायालय भवन बनकर तैयार हो चुका है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। न्यायालय स्थापना नीति, 2014 के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप उपलब्धता होने पर न्यायालय स्थापना पर विचार किया जावेगा।
तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास केन्द्र से प्रशिक्षण
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
82. ( क्र. 918 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के कितने केन्द्र स्थापित है इनमें कितने प्रकार की व्यवसायिक शिक्षा प्रदान की जा रही है? (ख) वर्ष 2018-19 में कितने छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया प्रशिक्षण पूर्ण करने के पश्चात कितने छात्रों को रोजगार प्राप्त हुआ?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जबेरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास का कोई भी केन्द्र स्थापित नहीं है। दमोह जिले में दो आई.टी.आई. यथा नोहटा एवं तेन्दूखेड़ा संचालित हैं। आई.टी.आई. नोहटा में 6 ट्रेड यथा विद्युतकार, कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, ड्राफ्टसमेन मैकेनिक, फिटर, वेल्डर एवं मोटर मैकेनिक तथा आई.टी.आई. तेन्दूखेड़ा में 3 ट्रेडों यथा इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक, विद्युतकार एवं वेल्डर में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। (ख) वर्ष 2018-19 में आई.टी.आई. नोहटा में 113 एवं आई.टी.आई. तेन्दूखेड़ा में 42 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया। आई.टी.आई. नोहटा के 08 तथा आई.टी.आई. तेन्दूखेड़ा के 6 प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
सेवा सहकारी समितियों द्वारा धान खरीदी
[सहकारिता]
83. ( क्र. 919 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधान सभा क्षेत्र में सेवा सहकारी समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के पर्याप्त केन्द्र नहीं है तथा जिससे किसानों को असुविधा हो रही है? यदि हाँ, तो नये केन्द्र कब तक खोले जायेंगे एवं समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कब तक की जावेगी? (ख) क्या किसानों को प्रतिवर्ष रबी की फसल में समितियों से खाद बीज आदि के लिए ऋण दिया जाता है परंतु शासन द्वारा किसान ऋण माफी योजना में किसानों का ऋण माफ न किए जाने से बहुत से किसान डिफाल्टर हो गए है एवं उन्हें सेवा सहाकारी समितियों से खाद बीज नहीं मिल पा रहा है जिससे किसान परेशान हैं? यदि हाँ, तो जब शासन ने ऋण माफी की घोषणा कर दी गई तो सेवा सहाकारी समितियों द्वारा किसानो को खाद बीज क्यों नहीं दिया जा रहा है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 20 उपार्जन केन्द्र स्थापित किए गए है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शीघ्र प्रारंभ की जा रही है। (ख) जी हाँ, किसानों को प्रति वर्ष रबी फसल हेतु खाद, बीज का ऋण दिया जाता है। जी नहीं, राज्य शासन द्वारा रू. 2.00 लाख तक के डिफाल्टर/एन.पी.ए. कृषकों का तथा रू. 50,000/- तक के चालू पी.ए. ऋण माफ किये जाकर बैंकों को उसकी राशि दी जा चुकी है। शेष कृषकों के ऋण माफी की प्रक्रिया चल रही है। पात्र कृषकों को सहकारी समितियों द्वारा खाद, बीज दिया जा रहा है।
जबेरा विधान सभा क्षेत्र के लिये स्वीकृत राशि
[वित्त]
84. ( क्र. 920 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जबेरा विधान सभा क्षेत्र में वित्त विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में कितनी किस-किस मद के लिए राशि स्वीकृत की गई है मदवार बतावें।
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : राज्य शासन द्वारा विधानसभा के समक्ष बजट प्रस्ताव माँग संख्यावार प्रस्तुत किया जाकर अनुमोदन प्राप्त किया जाता है। वित्त विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार राशि की स्वीकृति संबंधी अभिलेख संधारित नहीं किये जाते हैं।
प्रदेश में कोटपा एक्ट के उल्लंघन पर दर्ज प्रकरण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
85. ( क्र. 931 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कोटपा एक्ट (सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003) के उल्लंघन करने पर कार्यवाही का अधिकार किन-किन को प्रदान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रदेश में जनवरी 2019 से अभी तक कोटपा एक्ट के तहत कुल कितने प्रकरण दर्ज किये गये है? जिलावार भी बताये? (ग) क्या यह सही है कि प्रदेश में रेस्त्रां के नाम पर अनुमति प्राप्त कर हुक्का लाउंज अत्यधिक संख्या में संचालित कर कोटपा एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो जनवरी 2019 से अभी तक की गई कार्यवाही का ब्यौरा क्या है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी 2019 से अभी तक कोटपा एक्ट (सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003) के तहत प्रदेश में कुल 2025 प्रकरण दर्ज किये गए है। जिलावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अ.ज.जा. विधायक की पुत्री के इलाज में अनदेखी एवं की गई कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
86. ( क्र. 932 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से अ.ज.जा. के विधायक, श्योपुर जिला चिकित्सालय में 18 नवम्बर 2019 को दोपहर 2 बजे अपनी बेटी के प्रसव के लिए पहुंचे थे? क्या ड्यूटी चिकित्सक और स्टाफ से निवेदन करने के बाद भी रात्रि 11 बजे तक बेटी को अत्यधिक पीड़ा होने के बाद भी प्रसव अथवा ऑपरेशन की व्यवस्था नहीं की गई? (ख) क्या यह भी सही है कि जिला चिकित्सालय में व्यवस्था न होने के कारण अपनी बेटी की पीड़ा को देखते हुये रात्रि 11 बजे के बाद निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया? यदि हाँ, तो इस संबंध में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का ब्यौरा क्या है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, दिनांक 18.11.2019 को प्रातः 9:30 बजे जिला चिकित्सालय श्योपुर में अपनी बेटी श्रीमती धोडी बाई को द्वितीय प्रसव हेतु ओ.पी.डी. में लेकर आये थे जहां ड्यूटी पर कार्यरत डॉक्टर स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं स्टाफ द्वारा धोडी बाई की जाँच कर मेटरनिटी वार्ड में भर्ती कर ब्लड एवं सोनोग्राफी की जाँच कराई गई। सोनोग्राफी रिपोर्ट में प्रसूता को सामान्य प्रसव के दौरान खतरा होने के संबंध में तथा सीजर ऑपरेशन की आवश्यकता एवं प्रेशयस प्रेग्नेंसी के कारण जिला चिकित्सालय शिवपुरी ले जाने हेतु परिजनों को कहा गया, क्योंकि चिकित्सालय में पदस्थ निश्चेतना विशेषज्ञ विजयपुर नसबंदी कैम्प में गए हुए थे एवं दो अन्य विशेषज्ञ अवकाश पर थे। (ख) जी हाँ, प्रसूता को जिला चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार दिया एवं स्टाफ द्वारा सामान्य प्रसव के दौरान खतरा होने तथा सीजर ऑपरेशन की आवश्यकता एवं प्रेशयस प्रेग्नेंसी को दृष्टिगत रखते हुये जिला चिकित्सालय में निश्चेतना विशेषज्ञ ना होने के परिणामस्वरूप चिकित्सालय से 108 एम्बूलेंस के माध्यम से जिला चिकित्सालय शिवपुरी ले जाने हेतु कहा गया। प्रसूता के परिजनों के द्वारा जिला चिकित्सालय शिवपुरी ले जाने से मना कर दिया गया। जिला चिकित्सालय श्योपुर में उपस्थित चिकित्सक तथा स्टाफ द्वारा बहुत समझाने के बाद भी प्रसूता के परिजन रात 9:30 बजे प्रसूता को अस्पताल से अन्यत्र ले गये। दो निश्चेतना विशेषज्ञ द्वारा एक साथ अवकाश लेने के संबंध में सिविल सर्जन, श्योपुर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
जबलपुर जिलें में स्थित तकनीकी महाविद्यालयों में छात्रों के प्रवेश
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
87. ( क्र. 937 ) श्री विनय सक्सेना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले स्थित तकनीकी महाविद्यालयों में इंजीनियरिंग कोर्स में वर्ष 2009 से 2014 की समयावधि में कितने छात्रों द्वारा प्रथम वर्ष तथा द्वितीय वर्ष (लिटरल एंट्री) में प्रवेश लिया गया? प्रवेशित छात्रों की सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में कितने छात्रों का नामांकन राजीव गाँधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय भोपाल में कराया गया? कॉलेजवार छात्रों की सूची देवें। (ग) वर्ष 2009 से 2014 की समयावधि में कितने छात्र परीक्षाओं में सम्मिलित हुए? कॉलेजवार छात्रों की सूची देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जबलपुर जिले में स्थित तकनीकी महाविद्यालयों में इंजीनियरिंग कोर्स हेतु वर्ष 2009 से 2014 तक की समयावधि में 37939 छात्रों द्वारा प्रथम तथा द्वितीय वर्ष में प्रवेश लिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में 32987 छात्रों का नामांकन राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल में कराया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्ष 2009 से 2014 तक की समयावधि में 31828 छात्र परीक्षाओं में सम्मिलित हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
विधायक निधि से अनुशंसित कार्य
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
88. ( क्र. 946 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक स्वेच्छानुदान मद एवं विधायक निधि से विधायक द्वारा अनुशंसित राशि कितने दिनों के अन्दर संबंधित व्यक्ति/एजेन्सी के खाते में अंतरित होने के प्रावधान हैं? (ख) क्या शहडोल जिले में विधायक स्वेच्छानुदान मद एवं विधायक निधि से अनुशंसित कार्यों को नियत समय-सीमा में स्वीकृति जारी कर दी गई है, यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या विधायक स्वेच्छानुदान मद से विधायक द्वारा अनुशंसित व्यक्तियों की जाँच का प्रावधान है? यदि नहीं, तो शहडोल जिले में किस नियम के तहत् जाँच कराई जा रही है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) विधायक स्वेच्छानुदान स्वीकृति तथा हितग्राही को राशि का भुगतान 07 दिवस के अन्दर किये जाने के निर्देश हैं। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका 2013 अनुसार विधायक द्वारा अनुशंसित कार्यों की स्वीकृति सामान्यतः 30 दिवस के अन्दर कर देना चाहिये। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जाँच का काई प्रावधान नहीं है किन्तु जाँच नहीं करने का भी कोई प्रावधान नहीं है। शहडोल जिले में बिना जाँच के ही स्वेच्छानुदान की प्रशासकीय स्वीकृतियां मान. विधायक की अनुशंसायें जारी की जा रही है।
परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारंभ किया जाना
[विधि और विधायी कार्य]
89. ( क्र. 979 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ किए जाने के संबंध में शासन द्वारा लगभग दो वर्ष पूर्व स्वीकृति प्रदान किए जाने के बाद भी अतिरिक्त सत्र न्यायालय अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है। जिससे विभिन्न पक्षकारों एवं आमजनों को अत्यंत असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है? अतिरिक्त सत्र न्यायालय को प्रारंभ किये जाने में विभाग द्वारा काफी विलम्ब किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? (ख) क्या आमजनों/पक्षकरों की सुविधा को ध्यान में रखते हुये वैकल्पिक व्यवस्था कर लिंक कोर्ट प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) अतिरिक्त सत्र न्यायालय भवन निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो चुका है, उक्त भवन निर्माण कार्य को कब तक पूर्ण कराया जायेगा और न्यायालय को प्रारम्भ करने हेतु संबंधित समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुये, कब तक अतिरिक्त सत्र न्यायालय को परासिया (खिरसाडोह) में प्रारम्भ कर दिया जायेगा?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) मध्यप्रदेश राजपत्र दिनांक 16.12.2016 में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार तहसील मुख्यालय, परासिया जिला छिंदवाड़ा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश का एक नवीन पद स्वीकृत किया गया है। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति-2014 के अनुसार निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप आवश्यक मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध न होने के कारण अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश का न्यायालय अभी प्रारंभ नहीं किया जा सका है। (ख) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति-2014 के अनुरूप मुलभूत सुविधाओं की उपलब्धता होने पर लिंक कोर्ट प्रारंभ किये जाने पर विचार किया जा सकता है। (ग) जिला एवं सत्र न्यायाधीश, छिंदवाड़ा के पत्र क्रमांक 873/चार-01-10/94, दिनांक 02.11.19 (जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार ) के अनुसार परासिया में कुल 2 कोर्ट रूम भवन परासिया का प्रोजेक्ट दिनांक 23.07.2019 को प्रारंभ हुआ है। जिसके अंतर्गत बाउण्ड्रीवाल कार्य 90 प्रतिशत तक पूर्ण हुआ है, भवन निर्माण कार्य नींव स्तर तक हो गया है, प्रोजेक्ट पूर्ण होने की अनुमानित तिथि 01.01.2021 है। परासिया में न्यायिक अधिकारियों के निवास हेतु 01 नग 'ई' एवं 01 नग 'एफ' टाईप के कुल 3 भवनों का प्रोजेक्ट दिनांक 13.06.2017 से प्रारंभ होकर 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है तथा फिनिशिंग स्तर पर कार्य चल रहा है। कार्य पूर्ण होने की अनुमानित तिथि 31.12.2019 है। इसके अलावा 01 नग 'एफ' टाईप का निर्माण 42 प्रतिशत पूर्ण हुआ है जिसके पूर्ण होने की अनुमानित तिथि 31.01.2020 है। निश्चित समयावधि बताई जाना सभंव नहीं है। परासिया, जिला छिंदवाड़ा में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश का न्यायालय प्रारंभ किये जाने संबंधी कार्यवाही रजिस्ट्री में प्रक्रियाधीन/विचाराधीन है।
बुदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ मर्या. में उत्पादन
[सहकारिता]
90. ( क्र. 1024 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित बुदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ मर्या. सागर एवं उत्पादक पशु आहार संयंत्र सिरोंजा द्वारा अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनाँक तक कितने प्रकार के उत्पादों का उत्पादन किया गया? माहवार, मात्रा सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उत्पादित सामग्री का विक्रय कहाँ-कहाँ किया गया? माहवार विक्रय का स्थान सहित जानकारी दें तथा बतायें कि कितनी राशि का विक्रय किया गया? (ग) बुंदेलखंड सहकारी दुग्ध संघ मर्या. सागर एवं उत्पादक पशु आहार संयंत्र सिरोंजा द्वारा अप्रैल 2019 से प्रश्न दिनाँक तक कितनी वस्तु/सामग्री/दुग्ध का क्रय किया गया? माहवार जानकारी देवें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है।
सोसायटियों द्वारा खाद बीज वितरण
[सहकारिता]
91. ( क्र. 1025 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन सोसायटियों को वर्ष 2019 में रबी फसल हेतु कितना-कितना एवं कब-कब बीज एवं खाद उपलब्ध कराया गया था? (ख) क्या सोसायटियों को उनकी मांग अनुसार खाद एवं बीज उपलबध कराया गया है एवं विधानसभा क्षेत्र की संपूर्ण सोसायटियों द्वारा खाद एवं बीज क्रय किया गया था? (ग) यदि संपूर्ण सोसायटियों द्वारा खाद, बीज का क्रय नहीं किया गया है, तो विभाग द्वारा ऐसी सोसायटियों पर जिन्होंने खाद, बीज क्रय नहीं किया पर कार्यवाही की जावेगी? (घ) किन-किन सोसायटियों द्वारा खाद, बीज का क्रय किये जाने के उपरांत भी प्रश्न दिनाँक तक किसानों को खाद, बीज का विक्रय नहीं किया गया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? विभाग उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019-20 में रबी फसल हेतु खाद बीज के भंडारण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ(1) एवं अ(2) अनुसार है। (ख) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत समितियों द्वारा प्रेषित मांग अनुसार भंडारित खाद बीज वितरण का पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब(1) एवं ब(2) अनुसार है। (ग) समितियों द्वारा विगत वर्षों में खाद बीज की खपत एवं किसानों की संभावित मांग तैयार की जाती है। तदनुसार खाद बीज का भंडारण (क्रय) किया जाता हैं। उक्त मांग मौसम की अनुकूलता/ प्रतिकूलता से प्रभावित होती है। समितियों की वित्तीय तरलता अत्यंत सीमित हैं, अत: समितियों द्वारा किसानों की तत्कालिक मांग अनुसार ही भंडारण कराया जाता है। (घ) सभी समितियों द्वारा भंडारण कराये गये खाद बीज का किसानों को वितरण किया जा रहा हैं। खाद बीज भंडारण उपरांत किसानों को विक्रय नहीं करने की स्थिति न होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
स्वीकृत विकास कार्यों की जानकारी विषयक
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
92. ( क्र. 1027 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत कितने निर्माण कार्यों के लिए विभाग को विधायक निधि एवं अन्य मदों से वर्ष 2016-17, 17-18, 18-19 एवं 19-20 में राशि प्राप्त हुई? स्वीकृत राशि, दिनांक, मदवार एवं विभागवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत स्वीकृत कितने निर्माण कार्य विभाग द्वारा कार्य पूर्ण कर लिये गये एवं कितने कार्य अपूर्ण है एवं कितने कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हुये? (ग) अपूर्ण कार्य कब तक पूर्ण होगें एवं स्वीकृत कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ न होने के लिए कौन जवाबदार है तथा स्वीकृत निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) बुन्देलखण्ड विकास प्राधिकरण एवं जनभागीदारी योजना के अन्तर्गत सभी स्वीकृत कार्य पूर्ण हो चुके हैं। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार कार्यों को एक अथवा दो सीजन में पूर्ण कराये जाने का प्रावधान है। सभी कार्य प्रारंभ हो जाने से किसी की जवाबदारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। स्वीकृत निर्माण कार्यों को पूर्ण कराये जाने की निश्चित तिथि बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को सहकारी समिति द्वारा खाद का वितरण
[सहकारिता]
93. ( क्र. 1031 ) श्री कमल
पटेल : क्या
सामान्य
प्रशासन
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) म.प्र. के
हरदा जिले
सहित किस-किस
जिले में वर्ष
2016 से
वर्ष 2018 तक
कितने-कितने
किसानों को
सहकारी
समितियों से
खाद वितरण किया
जाता था?
01
जनवरी 2016 से 30 नवम्बर 2018 तक की
जिलेवार
जानकारी दें? (ख) 01
जनवरी 2019 से
प्रश्न
दिनांक तक
म.प्र. के हरदा
जिले सहित सभी
जिलों में कुल
कितने-कितने
किसानों को
सहकारी समितियों
द्वारा खाद
दिया गया? (ग) क्या यह
सही है कि
कर्ज माफी की
राशि शासन
द्वारा
बैंकों में
जमा नहीं किये
जाने से
किसानों को
बैंकों/सहकारी
समितियों
द्वारा
डिफॉल्टर कर
दिया गया एवं
किसानों को
खाद नहीं दिया
गया? यदि
हाँ, तो
म.प्र. के
किस-किस जिले
में
कितने-कितने
किसानों को
सहकारी समितियों
से खाद नहीं
दिया गया? जिलेवार
सूची उपलब्ध
करावें। (घ) क्या यह
सही है कि
किसानों को
सहकारी
समितियों द्वारा
खाद नहीं दिये
जाने से किसान
अपनी फसल की
बुआई नहीं कर
पा रहे है?
सामान्य
प्रशासन
मंत्री ( डॉ.
गोविन्द सिंह
) : (क) एवं (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) उत्तरांश
'ग' के
परिप्रेक्ष्य
में प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
कर्ज माफी योजना का क्रियान्वयन
[सहकारिता]
94. ( क्र. 1048 ) श्री संजीव सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2017-18 के दौरान कुल कितने किसानों ने ऋण लिया है? किसानों की संख्या व राशि बताएं एवं जिले में कितनी सोसायटी हैं, जिन पर किसानों के नाम पर फर्जी ऋण निकाला गया? क्या उनकी जाँच चल रही है? जाँच में सोसायटी कर्मचारी/बैंक कर्मचारी दोषी हैं या नहीं? (ख) कितने किसान जय किसान फसल ऋण माफी योजना के लिए पात्र पाए गए? संख्या एवं राशि बताऐं। (ग) कितने किसानों के खाते में राशि जमा कराई गई? संख्या एवं राशि बताऐं। (घ) कितने किसानों का ऋण माफ नहीं किया गया? कारण सहित बताऐं।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक भिण्ड से संबद्ध 168 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के माध्यम से वर्ष 2017-18 में 15,349 कृषक सदस्यों को रूपये 9330 लाख का ऋण दिया गया, भिण्ड जिले में कुल 168 पैक्स सोसायटी हैं, जिनमें एक अक्रियाशील है। वर्ष 2017-18 में भिण्ड जिले में सहकारी संस्थाओं में कोई फर्जी ऋण प्रकरण बैंक के संज्ञान में नहीं आया हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते। (ख) जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध संस्थाओं के 40,437 किसान रूपये 20,322.05 लाख के पात्र पाये गये। (ग) जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक भिण्ड से संबद्ध समितियों के 24,361 किसान के खाते में रूपये 9064.62 लाख की ऋण माफी कर राशि खातों में जमा कराई गयी है। (घ) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक भिण्ड से संबद्ध सोसायटियों में 16,076 कृषकों की ऋण माफी प्रक्रियाधीन है।
विधायकों को उपलब्ध लिपिकों के नियत भत्ते
[सामान्य प्रशासन]
95. ( क्र. 1087 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक. एफ-ए 10-15/1994/एक (1) भोपाल दिनांक 19 मई 1995 की कंडिका (8) में प्रदेश के माननीय विधायकों को लिपिकीय सुविधा के लिये संलग्न किये गये लिपिक को प्रतिमाह नियत यात्रा भत्ता प्रदान किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो कितने रूपये प्रतिमाह? (ख) क्या जिला विदिशा में उक्त आदेश के क्रम में कलेक्टर द्वारा नियम अनुसार आदेश कर उपलब्ध कराये गये, लिपिकों को उक्त सुविधा का लाभ संलग्न किये गये दिनांक से दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या शासन के आदेश के क्रम संबंधित लिपिकों को उक्त नियत यात्रा भत्ता प्रदान कर एरियर सहित लाभ दिया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित दिनांक बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या शासन द्वारा दिये जा रहे उक्त भत्ता में दिनांक 15 मार्च 2005 के बाद बढ़ोत्तरी की गई है? यदि नहीं, तो नियत भत्ता को कब तक बढ़ाया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। रूपये 200/- प्रतिमाह। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
प्लांट टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
96. ( क्र. 1102 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्लांट टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना का उद्देश्य क्या है? कुल कितने प्रशिक्षण कराये गये व स्थापना से लेकर सितम्बर 2019 तक बनाये गए प्रोटोकाल की पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करवायें। (ख) प्लांट टिशु कल्चर प्रयोगशाला औबेदुल्लागंज से भोपाल लाने के बाद आज दिनांक तक कितने प्रोटोकाल जीवित हैं, जो प्रोटोकाल नष्ट हो गए इस हेतु किसकी जिम्मेदारी तय की गई और क्या कार्यवाही की गई। (ग) प्लांट टिशू कल्चर प्रयोगशाला पर स्थापना से आज दिनांक तक हुए समस्त खर्च का विवरण सामग्री, केमिकल, स्टाफ, वेतन आदि मदवार उपलब्ध करवायें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) इस प्रयोगशाला का उद्देश्य व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पौधों का पौध उतक संवर्धन तकनीकी द्वारा उत्पादन करने हेतु तकनीकी विकास करना एवं प्रदेश में महत्वपूर्ण एवं विलुप्त हो रही औषधीय, वानिकी एवं उद्यानिकी पौधों का संरक्षण, संवर्धन एवं लोकव्यापीकरण करना हैं। कुल 56 प्रशिक्षण कराये गयें एवं 35 प्रोटोकॉल तैयार किये गये। (ख) 24.3.2017 में विशेषज्ञ समिति से टिशू कल्चर लैब की जाँच कराई गई थी, जिसके अनुसार कल्चर रूम में सीपेज एवं दरार के निशान आ गए थे एवं तकनीकी विशेषज्ञ एवं आर्किटेक्ट से अनुशंसा प्राप्त कर रिनोवेशन का सुझाव दिया गया था। तदनुसार यह कह पाना संभव होगा कि लैब वर्तमान एवं भविष्य में टिशू कल्चर के लिये उपयुक्त हैं या नहीं। तत्पश्चात 22.07.2017 को विशेषज्ञ समिति गठित कर लैब की पुन: जाँच कराई गई, जिसमें विषय विशेषज्ञ एवं आर्किटेक्ट सम्मिलित थें। इनकी रिपोर्ट के अनुसार टिशु कल्चर एक अत्यंत संवेदनशील शोध कार्य हैं, जिसके लिए आपरेशन थियेटर जैसी व्यवस्था होनी चाहिए। भवन में सीपेज एवं दिवालों पर फंगस होने के कारण पूर्व में तैयार किये गए पौधे संक्रमण से मर गये हैं एवं इस प्रकार से लैब में टिशू कल्चर जैसे संवेदनशील कार्य करना संभत नहीं हैं एवं लैब को अनुपयुक्त पाया गया। समिति की अनुशंसा उपरांत 10.08.2017 को औबेदुल्लागंज स्थित प्रयोगशाला को परिषद मुख्यालय में स्थानान्तरित करने के निर्देश दिये गए। इसके पश्चात् परिषद की कार्यकारी समिति (59) में अनुमोदन प्राप्त कर माह मार्च 2018 में रिनोवेशन कार्य प्रारंभ करवाया गया एवं कार्य पूर्ण होने के पश्चात् पुन: नवम्बर 2019 में लैब का स्थानांतरण औबेदुल्लागंज की गई है। अत: प्रोटोकाल नष्ट होने का कारण लैब की अवस्था थी एवं इसके लिए जो भी उपयुक्त कार्यवाही की जानी थी, संबधितों द्वारा किया गया। (ग) टिशू कल्चर लैब पर व्यय 2632742. केमिकल पर व्यय 84409. स्टाफ वेतन/परियोजना/आकस्मिक व्यय 5585595. यात्रा व्यय 213357. उपकरण व्यय 275262 कुल व्यय - 8791365.
बालाघाट जिले में संचालित सहकारी समितियाँ
[सहकारिता]
97. ( क्र. 1111 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक जिला बालाघाट के अंतर्गत कहां कहां सहकारी समितियां संचालित है वर्ष 2019 में उक्त सहकारी समितियों के द्वारा किस-किस आदेश के तहत गिरधर जिंक खाद एवं कृषक गोल्ड किंग, लिक्विड खाद के क्रय एवं कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका हेतु कौन-कौन सी सस्थाओं द्वारा एडवांस में किस-किस कंपनी को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? उक्त एडवांस राशि के भुगतान का माध्यम क्या था और इसके लिए कौन-कौन उत्तरदायी है? संस्था के नाम सहित पूर्ण जानकारी देवें? (ख) उक्त संस्थाओं द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित खाद एवं पत्रिका की बिक्री कितने कृषकों को कब-कब की गई? (ग) क्या सहकारी समितियों में गिरधर जिंक एवं कृषक गोल्ड किंग लिक्विड खाद एवं लिक्विड खाद बिक्री के संबंध में जाँच हेतु आदेशित किया गया यदि हाँ, तो कब? जाँच के बिन्दु क्या-क्या है एवं जाँच किस स्तर पर करायी गई जाँच के निष्कर्ष किन-किन के विरूध्द क्या-क्या रहे? जाँच प्रतिवेदन सहित पूर्ण जानकारी देवें? (घ) जाँच निष्कर्ष के आधार पर किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की जाना प्रस्तावित हैं?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। वर्ष 2019 में उक्त समितियों द्वारा कनसाइनमेंट आधार पर म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ भोपाल द्वारा जारी डी.आई. के आधार पर गिरधर जिंक नामक खाद भंडारण किया गया है। समितियों द्वारा कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका को भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। राशि का भुगतान एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से किया गया है। उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारी संस्था का नाम एवं राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) पत्रिका की बिक्री से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। रासायनिक खाद पत्रिका की सदस्यता के साथ टैग कर दिया गया है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बालाघाट के पत्र दिनांक 20.08.2019 द्वारा पत्र में दर्शित बिन्दुओं पर जाँच हेतु जाँच दल को आदेशित किया गया है। बैंक का पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में गिरधर जिंक खाद एवं कृषक किंग गोल्ड जाईम लिक्विड के संबंध में जाँच कराई जा रही है। जाँच प्रतिवेदन अप्राप्त है। इसके साथ ही उपायुक्त सहकारिता के पत्र दिनांक 14.08.2019 से 9 बिन्दुओं पर जाँच कराई गई है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। जाँच प्रतिवेदन की प्रति प्राप्त की जा रही है, जाँच में दोषी पाये गये कर्मचारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। उप संचालक जिला बालाघाट द्वारा अपने पत्र दिनांक 10.07.2019 के द्वारा जाँच कराई जाकर कलेक्टर बालाघाट को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। कलेक्टर जिला बालाघाट के पत्र दिनांक 19.07.2019 से कृषक किंग गोल्ड जाईम का विक्रय बिना अनुमति के किये जाने के संबंध में बैंक को लेख किया गया है, उप संचालक कृषि के पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार एवं कलेक्टर बालाघाट के पत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 अनुसार है। (घ) उपायुक्त सहकारिता बालाघाट द्वारा कराई गई जाँच के निष्कर्ष के आधार पर दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध म.प्र. सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 58 (बी) के तहत कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर बालाघाट द्वारा कराई गई जाँच के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर श्री पी.एस. धनवाल तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निलंबित किया गया तथा श्री पी.एस. धनवाल एवं श्री विजय सिंह कुर्मी के विरूद्ध कदाचार के अंतर्गत कारण बताओ सूचना पत्र अपेक्स बैंक द्वारा जारी किया गया है, साथ ही उत्तरदायी शाखा प्रबंधको एवं समिति प्रबंधको से कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका को भुगतान की गई राशि की वसूली के निर्देश दिये गये है।
जिला चिकित्सालयों में उपचार की समुचित व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
98. ( क्र. 1113 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला चिकित्सालय श्योपुर में वर्तमान में विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों के कितने पद रिक्त हैं? उक्त रिक्त पदों की पूर्ति कब तक की जाएगी एवं जिला चिकित्सालय में नवीन कितने डॉक्टरों की पदस्थापना की गयी है? (ख) जिला चिकित्सालय श्योपुर से चालू वर्ष 2019-20 में कितने डॉक्टरों का स्थानान्तरण अन्य जिलों में किया है तथा रिक्त हुए डॉक्टरों के पदों पर कितनी नवीन पदस्थापना की गयी है यदि नहीं, तो कब तक पदस्थापना की जाएगी? (ग) क्या जिला चिकित्सालय श्योपुर में सोनोग्राफी के लिए महिलाओं को काफी इंतजार करना पड़ता है। महिलाओं की परेशानी को देखते हुए क्या सोनोग्राफी मशीन व्यवस्था की जा रही है यदि हाँ, तो कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद 100 प्रतिशत पदोन्नती के पद है वर्ष 2016 से पदोन्नती प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने से पदोन्नती/पदपूर्ती नहीं की जा सकी। मध्य प्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय, म.प्र. भोपाल के आदेश क्र.02-02/सत्रह/मेडि-1/भोपाल दिनांक 04.11.2019 के द्वारा 04 नियमित चिकित्सा अधिकारी की पदस्थापना की गई। संचालनालय के आदेश क्र. 2208 दिनांक 23.11.2019 द्वारा 01 चिकित्सा अधिकारी की पदस्थापना की गई है जो स्त्रीरोग विशेषज्ञताधारी चिकित्सक है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भोपाल द्वारा 01 संविदा स्त्रीरोग विशेषज्ञताधारी चिकित्सक की पदस्थापना की गई है तथा 04 स्नातकोत्तर बंधपत्र चिकित्सकों की पदस्थापना भी जिला चिकित्सालय श्योपुर में की गई है। इस प्रकार जिला चिकित्सालय में कुल-10 नवीन चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है। (ख) जिला चिकित्सालय श्योपुर से 03 चिकित्सकों का स्थानांतरण अन्य जिलों में किया गया है। उत्तरांश (क) अनुसार पदपूर्ति की गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जिला चिकित्सालय श्योपुर में 02 सोनोग्राफी मशीन संचालित है। गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी कराने में ज्यादा इंतजार ना करना पड़े इसलिए एक सोनोग्राफी मशीन मेटरनिटी विंग में संचालित की जा रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्वास्थ्य केन्द्रों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
99. ( क्र. 1125 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में कितने स्वास्थ्य केन्द्र शासन द्वारा संचालित किये जा रहे हैं? स्वास्थ्य केन्द्र के नाम, स्थान सहित जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना का वर्ष एवं वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों के नाम, पद, स्थान सहित बतावें तथा जिले में कितने विशेषज्ञ एवं चिकित्सकों के रिक्त पद हैं? स्थान सहित जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नांश (क) अनुसार स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्तमान में कार्यरत जिन कर्मचारियों को रोगी कल्याण समिति द्वारा वेतन दिया जाता है? उनके स्थान, नाम, वेतन सहित जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में प्रश्नकर्ता की मांग अनुसार कितने चिकित्सकों एवं विशेषज्ञो की नियुक्ति की गई? चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य केन्द्र की नाम सहित जानकारी देवें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मंदसौर जिले में 01 जिला चिकित्सालय, 02 सिविल अस्पताल, 07 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 40 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 200 उप स्वास्थ्य केन्द्र संचालित किये जा रहे है। शेष प्रश्न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उक्त स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना का वर्ष एवं वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों के नाम, पद स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। जिले में विशेषज्ञ एवं चिकित्सकों के रिक्त पद एवं स्थान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ग) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में संचालित स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों के नाम, स्थान एवं वेतन जो रोगी कल्याण समिति द्वारा दिया जाता है कि जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) सुवासरा विधान सभा क्षेत्र में प्रश्नकर्ता द्वारा मांग अनुसार चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई है के नामों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ड अनुसार है।
'मातृ-मृत्यु' दर एवं शिशु-मृत्यु दर
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
100. ( क्र. 1131 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में विगत वर्षों की तुलना में इस वर्ष 'मातृ-मृत्यु' दर एवं शिशु-मृत्यु दर के आकड़ों में वृद्धि हुई है? यदि हाँ, तो दोनों दरों में कितनी वृद्धि हुई? पृथक–पृथक आकड़े बतायें? (ख) 'मातृ-मृत्यु' दर एवं शिशु-मृत्यु दर बढ़ने के क्या कारण रहे हैं? (ग) क्या 'मातृ-मृत्यु' दर एवं शिशु-मृत्यु दर बढ़ने से रोकने के लिए शासन ने कोई योजना बनाई है? यदि हाँ, तो उसकी पूर्ण जानकारी प्रदान करें। यदि नहीं, तो क्यों? (घ) जिन ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में ये वृद्धि अधिक दर से देखी गई क्या वहाँ के लिए पृथक से कोई कार्ययोजना बनाई गई है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2015-17 के एस.आर.एस. आंकडों के आधार पर प्रदेश की मातृ मृत्यु दर माह नवंबर 2019 में जारी सर्वे रिपोर्ट के अनुसार 188 प्रति लाख जीवित जन्म हो गई है। मातृ मृत्यु दर में 15 पाईंट की वृद्धि हुई है। शिशु मृत्यु दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। (ख) एस.आर.एस. 2014-16 के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश की मातृ मृत्यु दर 173 प्रति लाख जीवित जन्म थी जो छत्तीसगढ़ राज्य के साथ समाहित थी। सर्वे रिपोर्ट एस.आर.एस. 2015-17 जो माह नवंबर 2019 में जारी हुई है, में पहली बार मातृ मृत्यु दर के छत्तीसगढ़ से पृथक आंकडे प्रतिवेदित है जिनमें प्रदेश की मातृ मृत्यु दर 188 प्रति लाख जीवित जन्म प्रतिवेदित है, जिससे यह अनुमान लगाया जाना कि मध्यप्रदेश की मातृ मृत्यु दर में वृद्धि हुई है यह संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ।
इंदौर की मित्र मंडल सहकारी बैंक का परिसमापन
[सहकारिता]
101. ( क्र. 1132 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर की मित्र मंडल सहकारी बैंक को परिसमापन में कब लिया गया था? परिसमापन में लेते समय उक्त बैंक की जमा राशि कितनी थी तथा बैंक की लेनदारी, देनदारियाँ एवं दायित्व कितने थे? (ख) 30 अक्टूबर 2019 तक कुल कितनी वसूली की गई है तथा बैंक के कितने जमाकर्ताओं को अभी तक कितनी राशि लौटाई गई है इसकी सूची प्रदान करें। (ग) क्या 1 लाख से ऊपर की राशि के जमाकर्ताओं को अभी तक कोई राशि वापस नहीं की गई है? यदि की गई है तो कितने जमाकर्ताओं को कितनी राशि वापस लौटाई गई है और यदि नहीं लौटाई गई है तो इन्हें राशि कब लौटाई जाएगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) मित्र मंडल सहकारी बैंक लिमिटेड इंदौर को दिनांक 11.10.2004 को परिसमापन में लाया गया। परिसमापन पर बैंक के अमानतदारों की जमा राशि रू. 2265.24 लाख थी एवं बैंक की देनदारी रू. 4006.10 लाख एवं लेनदारी रू. 2831.85 लाख थी। (ख) बैंक द्वारा दिनांक 30 अक्टूबर, 2019 तक रू. 1397.21 लाख की वसूली की गई। बैंक द्वारा 10,168 जमाकर्ताओ को रू. 1800.90 लाख की राशि लौटाई गई, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। एक लाख से अधिक राशि के जमाकर्ताओ के संबंध में डी.आई.सी.जी.सी के मापदण्ड अनुसार 403 जमाकर्ताओं को रूपए एक लाख तक का भुगतान रू. 403.00 लाख किया गया है, शेष प्रश्नांश का उत्तर प्रांसगिक नहीं है।
चिकित्सालयों में डॉक्टरों की उपलब्धता
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
102. ( क्र. 1138 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय चिकित्सक ड्यूटी के दौरान अपने निजी क्लीनिक/निजी नर्सिंग होम/अस्पतालों में मरीजों को देखते हैं, जिससे शासकीय अस्पतालों में जाने वाले मरीज ईलाज के लिए परेशान होते रहते हैं, ऐसी परिस्थिति के लिए सरकार क्या कोई सशक्त कानून बनायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या ऐसी परिस्थिति में ड्यूटी चिकित्सक पर कार्यवाही के नाम पर नाममात्र की खाना पूर्ति कर दी जाती है, यदि हाँ, तो क्या मुख्य चिकित्सक अधिकारी/सिविल सर्जन पर भी जबाव देही निर्धारित नहीं होना चाहिए? यदि हाँ, तो इस हेतु सरकार कोई कठोर नियम लागू करेगी, जिससे स्वास्थ्य सुविधा सुधार हो सकेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, (म.प्र.शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय) का आदेश क्रमांक-1982 दिनांक 07/08/2013 के द्वारा निजी प्रेक्टिस केवल कर्तव्य की अवधि के बाहर की जा सकेंगी। शिकायत प्राप्त होने पर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समिति प्रबंधकों की प्रतिपूर्ति के नियम
[सहकारिता]
103. ( क्र. 1143 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में कुल कितनी समितियां कार्यरत हैं? नाम स्थान सहित विवरण दें तथा उक्त समितियों में कार्यरत समिति प्रबंधक एवं सेल्समैन का नाम बतायें। (ख) ऐसी कितनी समितियां हैं जिनमें समिति प्रबंधक का पद रिक्त है और सेल्समैन ही समिति प्रबंधक का कार्य कर रहे हैं? समितिवार विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में जिन समितियों में समिति प्रबंधकों के पद रिक्त हैं उनकी प्रतिपूर्ति के लिये शासन द्वारा कब तक व्यवस्था की जायेगी? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) विधानसभा क्षेत्र रैगाँव की समितियों द्वारा खाद, बीज वितरण के लिये रबी, खरीफ सीजन में कुल कितनी खाद, बीज का वितरण किया गया? समितिवार विवरण दें। क्या कोई किसान ऐसा था जिसे खाद, बीज नहीं दी गई जिसकी शिकायत प्राप्त हुई है और उस पर क्या कार्यवाही की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना से संबद्ध 146 सहकारी समितियां कार्यरत हैं इन समितियों के नाम, स्थान, समिति में कार्यरत समिति प्रबंधक/सहायकों/सेल्समैन का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) ऐसी समितियां जिनमें समिति प्रबंधक के पद रिक्त हैं और सेल्समैन ही समिति प्रबंधक का कार्य कर रहें हैं, का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ग) उत्तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्य में जिन समितियों में समिति प्रबंधक के पद रिक्त हैं उनकी पूर्ति हेतु आयुक्त सहकारिता के आदेश क्रमांक/साख/विधि/2019/3635, दिनांक 01.11.2019 के द्वारा सेवा नियमों में केडर की स्थापना कर पदों की प्रतिपूर्ति के नियम बना दिए गए हैं तथा इन पदों की पूर्ति हेतु बैंकों को कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए गए हैं, पंजीयक के आदेश एवं निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) विधानसभा क्षेत्र रैगांव में समितियों द्वारा वितरित खाद बीज का समितिवार विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सतना के अनुसार उन्हें किसानों की खाद-बीज प्राप्त न होने की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई।
3 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ लोकसेवकों के स्थानान्तरण
[सामान्य प्रशासन]
104. ( क्र. 1146 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र दिनांक 4 जून, 2019 की कंडिका के अनुसार एक ही स्थान पर 3 वर्ष से अधिक अवधि से पदस्थ लोकसेवकों को स्थानान्तरित करने का प्रावधान है? विवरण दें। (ख) सतना जिले में शिक्षा, राजस्व, पंचायत एवं ऊर्जा विभागों में कौन-कौन से लोक सेवक एक ही मुख्यालय में 3 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ/प्रतिनियुक्ति पर हैं? विभागवार, पदवार विस्तृत जानकारी पृथक-पृथक देवें। (ग) क्या शासन के स्थानान्तरण नीति के अनुसार निष्पक्ष न्यायपूर्वक उपरोक्त नियम के तहत कार्यवाही की जावेगी? अगर हाँ, तो कब तक? शासन के उक्त निर्देश का पालन नहीं करने वाले लोकसेवक अधिकारियों पर क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) कब तक 3 साल से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों/अधिकारियों का स्थानान्तरण आदेश जारी कर सूचित किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पस्ट करें? प्रश्नांश (ख) अनुसार कर्मचारियों/अधिकारियों की कब तक प्रतिनियुक्तियां समाप्त की जावेंगी? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) स्थानांतरण नीति वर्ष 2019-20 की कंडिका 11.4 में प्रावधान अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यत: 3 वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानांतरण किया जा सकेगा। इसका आशय यह है कि जिन आधारों पर स्थानान्तरण किया जा सकता है, उनमें एक आधार यह भी है। यह अनिवार्य नहीं है कि 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्थानान्तरण किया ही जावे। (ख) से (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
लोक सेवा के आवेदनों से प्राप्त राशि एवं अनुदान का उपयोग
[लोक सेवा प्रबन्धन]
105. ( क्र. 1149 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य लोक सेवा अभिकरण के पत्र क्रमांक/6431/रा.लो.से.अ./2018/61, दिनांक 04/08/2018 के निर्देशानुसार जिला ई-गवर्नेंस समिति के खाते में प्राप्त आवेदन राशि 05/- रुपये तथा अनुदान राशि का उपयोग सिर्फ लोक सेवा गारंटी के क्रियान्वन तथा व्यवस्था हेतु किया जाता है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कटनी जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक लोक सेवा के आवेदनों से कितनी राशि और शासन स्तर से कितना अनुदान प्राप्त हुआ और इस राशि का किस सक्षम प्राधिकारी के किन-किन आदेशों से किस कार्य हेतु कब-कब उपयोग किया गया? कार्यवार व्ययवार बताएं। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिला ई-गवर्नेंस समिति के खाते से व्यय की नस्ती प्रस्तुत करने का कार्य दायित्व किस विभागीय जिला अधिकारी का है एवं शासनादेश एवं विभागीय निर्देश उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में बतायें कि जिला ई-गवर्नेंस समिति के दोनों खातों की जानकारी, व्यय भुगतान के चेक, लेखा संधारण, संबंधित कर्मचारी किस अधिकारी की अभिरक्षा में रहते हैं और शासनादेश एवं विभागीय निर्देश उपलब्ध कराएं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) राज्य शासन के निर्देश इससे भिन्न हैं। राज्य लोक सेवा अभिकरण के पत्र में उक्त बंधन लगाया गया था, जो शासन के निर्देशों के विपरीत होने से संशोधित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कटनी जिले में अनुदान राशि के रूप में रूपये 34,89,061/- (चौतीस लाख नवासी हजार इकसठ रूपये मात्र) और आवेदन राशि के रूप में रूपये 10,17,500/- (दस लाख सत्रह हजार पाँच सौ रूपये मात्र) प्राप्त हुए थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
सहकारी समितियों की जाँच और कार्यवाही
[सहकारिता]
106. ( क्र. 1150 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–353, दिनांक 20/02/2019 के प्रश्नांश (ग) का उत्तर–“जानकारी एकत्रित की जा रही है,” दिया गया था? यदि हाँ, तो एकत्रित जानकारी से अवगत करायें? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–353, दिनांक–20/02/2019 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर–“उत्तरांश (क) एवं (ख) अनुसार कार्यवाही की जा रही है,” दिया गया था? तो क्या प्रश्न दिनांक तक कार्यवाही पूर्ण हो गयी? यदि हाँ, तो की गयी कार्यवाही से अवगत कराएं? यदि नहीं, तो क्यों? कारण बताएं। (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक–607, दिनांक 09/07/2019 के प्रश्नांश (ख) का उत्तर-“कलेक्टर कटनी को आयुक्त सहकारिता द्वारा दिनांक 28/06/2019 को लिखित पत्र से वसूली के निर्देश दिये गए हैं,” दिया गया था? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो किन-किन सहकारी समितियों से किन प्रकरणों की कितनी राशि की वसूली कब से क्यों लंबित है और क्या प्रश्न दिनांक तक वसूली की जा चुकी है? यदि हाँ, तो वसूली का समितिवार विवरण बतायें? यदि नहीं, तो क्यों एवं इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ङ) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक 607, दिनांक 09/07/2019 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर – (क) एवं (ख) में जांचोपरान्त ही कार्यवाही की जा रही हैं,” दिया गया था? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक की गयी कार्यवाही से अवगत करायें?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रश्न क्रमांक 353, दिनांक 20.02.2019 के प्रश्नांश (ग) के अपूर्ण उत्तर की जानकारी भेजी जा चुकी है, उक्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ, प्रकरण में अभी कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई है, जाँच प्रक्रियाधीन है, जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) कलेक्टर खाद्य शाखा जिला कटनी द्वारा वसूली के लिये विभिन्न अधिकारियों को उत्तरदायित्व सौंपे गये हैं। वसूली की कार्यवाही प्रचलित है। कलेक्टर द्वारा सौंपे गये दायित्वों के पत्र पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ङ) जी हाँ, 4 पैक्स संस्थाओं हथियागढ़, चांदनखेड़ा, कारीतलाई एवं बिलहरी से राशि रू. 32,06,980/- की वसूली की जानी थी, इसमें से संस्था बिलहरी की राशि रू. 1,73,414/- की वसूली नहीं हुई है, शेष राशि रू. 30,33,566/- की वसूली की जा चुकी है। वसूली का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
शासन द्वारा ग्रेडेशन लिस्ट का अपग्रेडेशन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
107. ( क्र. 1154 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रत्येक वर्ष शासन द्वारा ग्रेडेशन लिस्ट का विशेषज्ञ व सी.एम.एच.ओ. डी.एच.ओ. व अन्य वर्ग के अपडेट नहीं किया जाता है? क्या वर्तमान में ग्रेडेशन लिस्ट में 2 साल पूर्व रिटायर्ड हुए चिकित्सकों का नाम अंकित है, कृपया हर 6 महीने में ग्रेडेशन लिस्ट का अपग्रेडेशन किया जायेगा? (ख) क्या शासन द्वारा सी.एस. व सी.एम.एच.ओ. की डी.पी.सी. हर साल नियम के अनुसार की जाती है? यदि हाँ, तो सन् 1996 से सिविल सर्जन की एक भी डी.पी.सी. क्यों नहीं की गई? क्या लगभग 150 सी.एच.ओ. जो समतुल्य पोस्ट पर है, उनकी पूर्णत: डी.पी.सी. आज तक नहीं किए जाने का क्या कारण है? (ग) प्रभारी सी.एम.एच.ओ. व सी.एस. में वरिष्ठता का आज तक ध्यान क्यों नहीं दिया गया है? (घ) प्रभारी सी.एम.एच.ओ. व सी.एस. की वरिष्ठता जिले की या स्टेट की की जाती है? उसका पालन क्यों नहीं किया जाता है? जानकारी दें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रत्येक वर्ष शासन द्वारा ग्रेडेशन लिस्ट को अपडेट किया जाता है। परीक्षण उपरांत अनंतिम/अंतिम रूप से प्रकाशन किया जाता है। जानकारी उपलब्ध न होने के कारण त्रुटी होना संभव है, आगामी वरिष्ठता सूची प्रकाशन में त्रुटियों को ठीक किया जाता है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश अनुसार प्रतिवर्ष 01 अप्रैल की स्थिति में ही वरिष्ठता सूची जारी किया जाना है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। वर्ष 1996 में शासन द्वारा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के 45 पद वेतनमान 3000-4500 में स्वीकृत किये गये थे, परंतु इन पदों को सीधी भर्ती अथवा पदोन्नति से भरा जाना है, इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश उपलब्ध नहीं होने के कारण कार्यवाही नहीं की जा सकी। विभाग द्वारा पुनः आदेश दिनांक 10.11.2014 के द्वारा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के पद बढ़े हुए वेतन ग्रेड-पे 7600 में स्वीकृत किए गए। विभागीय भर्ती नियम 04 मार्च, 2016 को प्रकाशित किया गया, जिसमें सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के प्रत्येक जिला चिकित्सालय हेतु 01 पद स्वीकृत किये जाने एवं विशेषज्ञ के पद से पदोन्नति के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश है। भर्ती नियमों का प्रकाशन मार्च 2016 में होने के कारण एवं 30 अप्रैल 2016 से माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण डी.पी.सी. आयोजित नहीं की जा सकी है। 150 सी.एच.ओ. नाम से कोई पद स्वीकृत नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रभारी सी.एम.एच.ओ. और सी.एस. में जिले/प्रदेश स्तर दोनों ही वरिष्ठताओं के साथ-साथ प्रशासकीय कार्य क्षमता का ध्यान रखा जाता है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार।
मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश के आयोजन पर व्यय राशि
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
108. ( क्र. 1156 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश के अंतर्गत कुल कितने उद्योग अथवा संस्थानों द्वारा मध्यप्रदेश में निवेश किया गया? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश के आयोजन एवं इसके प्रचार प्रसार पर कुल कितनी राशि व्यय की गयी? मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश के अंतर्गत प्रावधान, नियम एवं शर्तों की जानकारी उपलब्ध कराएँ।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मेग्निफिसेंट मध्यप्रदेश के अंतर्गत उद्योग अथवा संस्थानों के साथ प्रदेश में निवेश हेतु किसी भी तरह का करार नहीं किया गया है। कार्यक्रम के आयोजन का उद्देश्य मध्यप्रदेश राज्य की ब्रांडिग, राज्य को आदर्श निवेश गन्तव्य के रूप में स्थापित करना, राज्य की विभिन्न निवेश नीतियों के माध्यम से निवेश आकर्षित करना तथा निवेशकों एवं विषय विशेषज्ञों के साथ परिचर्चा एवं संवाद स्थापित कर प्रदेश के संपूर्ण आर्थिक विकास हेतु सुझाव प्राप्त करना था। (ख) "मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश 2019" के आयोजन एवं प्रचार-प्रसार पर हुये व्यय के संबंध में नेशनल पार्टनर-सी.आई.आई. द्वारा लेखा परिक्षित विवरण प्रस्तुत किये जा रहे हैं। सी.आई.आई. द्वारा लेखा परिक्षित विवरण प्रस्तुत किये जाने उपरांत ही आयोजन में हुये व्यय के संबंध में विवरण दिया जा सकेगा। मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश अंतर्गत पृथक से प्रावधान, नियम एवं शर्तें नहीं है तथापि औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में देशी/विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से योजना बजट शीर्ष "5531-डेस्टीनेशन मध्यप्रदेश-इन्वेस्टमेंट ड्राईव" संचालित है। इन्वेस्टमेंट ड्राईव अंतर्गत बड़े उद्योगों, देशी एवं विदेशी निवेशकों एवं अप्रवासी भारतीयों द्वारा औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने एवं उनके निवेश प्रस्तावों को प्रक्रिया के अधीन स्वीकृति प्राप्त कराने में सहायता प्रदान करना, देश एवं विदेश में इन्वेस्टर मीट/रोड-शो/सेमीनार का आयोजन, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (वर्तमान में मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश) का आयोजन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों का आयोजन एवं औद्योगिक संगठनों द्वारा देश एवं विदेश में आयोजित कार्यक्रमों में भागीदारी इत्यादि कार्य संपादित किये जाते हैं। उक्त की निरंतरता में दिनांक 18 अक्टूबर, 2019 को मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश-2019 का आयोजन इंदौर शहर में किया गया। राज्य शासन के आदेश दिनांक 08/05/2018 द्वारा "मेक इन मध्यप्रदेश कैम्पेन" को सफल बनाने के उद्देश्य से सी.आई.आई. को नेशनल पार्टनर बनाने का निर्णय लिया गया है। उक्त के परिपालन में मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश-2019 के आयोजन की व्यवस्थाएं सी.आई.आई. द्वारा की गई। मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश-2019 के आयोजन में हुये व्यय का भुगतान योजना बजट शीर्ष "5531-डेस्टीनेशन मध्यप्रदेश-इन्वेस्टमेंट ड्राईव" मद से किया जाएगा।
जनसंपर्क विभाग द्वारा भुगतान राशि
[जनसंपर्क]
109. ( क्र. 1158 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2018 से नवम्बर 2019 तक जनसंपर्क विभाग एवं माध्यम के द्वारा किन-किन विज्ञापनों, प्रदर्शनियों, आयोजनों में कुल कितनी राशि खर्च की गयी? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) विभाग द्वारा दिसम्बर 2018 से नवम्बर 2019 तक निजी अथवा संस्थाओं के किन-किन आयोजनों हेतु विभाग द्वारा भुगतान किया गया? सूची उपलब्ध कराएं।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) कुल राशि रूपये 136.57 करोड़। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा निजी अथवा संस्थाओं को आयोजनों हेतु कोई राशि भुगतान नहीं की गई है।
जाँच प्रतिवेदन पर कार्यवाही
[सामान्य प्रशासन]
110. ( क्र. 1161 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 2914/2894/2019/1/4, भोपाल दिनांक 03.10.2019 से प्रश्नकर्ता को विशेषाधिकार हनन की सूचना के संबंध में कलेक्टर राजगढ़ से जाँच प्रतिवेदन मांगा गया हैं, संबंधी जानकारी दी गई थी? यदि हाँ, तो क्या उक्त जाँच प्रतिवेदन विभाग को प्राप्त हो चुका है? यदि हाँ, तो उक्त संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में यदि नहीं, तो क्या जाँच प्रतिवेदन प्राप्त करने हेतु कोई समय-सीमा निर्धारित की गई थी? यदि हाँ, तो समय-सीमा में जाँच प्रतिवेदन प्राप्त नहीं होने से विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही किसके विरूद्ध की गई तथा कब तक जाँच प्रतिवेदन प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही पूर्ण की जावेगी?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। संबंधित जाँच प्रतिवेदन कलेक्टर जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 6456/3बी. स्था./2019, दिनांक 29/11/2019 द्वारा विभाग में प्राप्त हो चुका है। कलेक्टर राजगढ़ से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन में उल्लेखित तथ्यों का विभाग द्वारा परीक्षण कर प्रश्नकर्ता माननीय सदस्य एवं विधानसभा को विभागीय पत्र क्रमांक 3577-78/2894/2019/1/4, दिनांक 05/12/2019 द्वारा अवगत कराया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ में एक्स-रे मशीन एवं सोनोग्राफी सुविधा
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
111. ( क्र. 1162 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 2217, दिनांक 16 जुलाई, 2019 (सदन में 21 जुलाई, 2019 को प्रस्तुत) के उत्तर की कंडिका (ख) में दिए गए उत्तर के परिप्रेक्ष्य में बतायें कि प्रश्न दिनांक तक गंभीर रोगों एवं विशेषकर महिलाओं की जाँच कराये जाने हेतु सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ में क्या व्यवस्था की जा रही है? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन सिविल अस्पताल नरसिंहगढ़ में एक्स-रे मशीन एवं आवश्यक रूप से सोनोग्राफी की सुविधा प्रारंभ करने हेतु कोई त्वरित कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) शासन द्वारा सिविल मेहताब अस्पताल को लोक सेवा आयोग से चयनित दो चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है, जिनके द्वारा दिनांक 02/11/2019 को उपस्थिति प्रस्तुत की गई है। महिलाओं की जाँच हेतु पूर्व में सिविल मेहताब अस्पताल नरसिंहगढ़ में पी.जी.एम.ओ. डॉ. श्रीमती सीमा पाठक बालचर्या अवकाश के पश्चात् दिनांक 13/08/2019 से निरन्तर अपनी सेवायें दे रही हैं। (ख) सिविल अस्पताल, नरसिंहगढ़ में एक्स-रे मशीन की सुविधा उपलब्ध है। सोनोग्राफी मशीन क्रय करने हेतु आवश्यक बजट मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवंटित किया गया है। सोनोग्राफी मशीन के दर अनुबंध वर्तमान में म.प्र.प.हे.कार्पो.लि. में उपलब्ध है एवं सोनोग्राफी मशीन की मेपिंग ऑनलाईन वेबपोर्टल पर उपलब्ध है। मशीन क्रय आदेश जारी करने हेतु विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश एवं नियमानुसार कार्यवाही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्तर से किये जाने का प्रावधान है। समय-सीमा बता पाना संभव नहीं है।
रिक्त पदों पर नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
112. ( क्र. 1165 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि व्यापम से जुलाई 2018 में सहायक ग्रेड-3 की परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को रिक्त पदों पर नियुक्ति क्यों नहीं दी गई, जबकि उत्तीर्ण अभ्यर्थी का परीक्षा परिणाम 1 वर्ष बाद अमान्य हो जाता है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जनसुनवाई के लंबित प्रकरण
[लोक सेवा प्रबन्धन]
113. ( क्र. 1166 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बदनावर विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कितने जनसुनवाई के प्रकरण कितने समय से किस कारण से लंबित हैं? लोक सेवा प्रबंधन अंतर्गत संबंधित अधिकारियों की जवाबदारी निश्चित करते हुए उन पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : बदनावर विधानसभा क्षेत्र की वर्तमान में कुल 33 शिकायतें लंबित है। शिकायतों का विवरण, लंबित दिवस तथा लंबित रहने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत प्राप्त आवेदनों को mpedistrict पोर्टल पर दर्ज किया जाता है। अधिनियम के प्रावधान अनुसार प्रकरण समय-सीमा बाह्य अथवा विलंब से निराकरण होने की दशा में अधिनियम अंतर्गत अर्थदण्ड अधिरोपित करने की कार्यवाही की जाती है।
जिला अस्पताल इन्दौर का नव-निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
114. ( क्र. 1170 ) श्री संजय शुक्ला : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला अस्पताल इन्दौर का नव-निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अस्पताल में क्या-क्या सुविधायें मरीजों को दी जायेगी? कितने बेड के अस्पताल के निर्माण की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई है? जिला अस्पताल धार रोड में पदस्थ संपूर्ण स्टाफ से कहां-कहां पर क्या-क्या कार्य लिया जा रहा है? (ग) क्या बाणगंगा स्थित शासकीय अस्पताल का भी विस्तार करने हेतु माननीय मंत्री जी से प्रश्नकर्ता द्वारा आग्रह किया गया था? यदि हाँ, तो क्या बाणगंगा स्थित शासकीय अस्पताल का भी विस्तार किया जायेगा? यदि हाँ, तो बाणगंगा शासकीय अस्पताल को कितने बिस्तरों का किया जायेगा? अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सों एवं साफ-सफाई आदि कार्य हेतु स्टाफ के रिक्त पदों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा व सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा कब से प्रारंभ कर दी जायेगी? (घ) वर्तमान में बाणगंगा अस्पताल में कितने डॉक्टर व कितना स्टाफ कार्यरत है।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी नहीं, नवीन भवन का निर्माण कार्य पुराने जीर्ण-शीर्ण भवन को तोड़कर किया जाना है, तोड़ने की कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सुविधाएं :- (अ) भूतल पर - लेबररूम, 03 नग ओ.टी., लिफ्ट 05 नग, सी.टी. स्केन रूम, एक्स-रे, इमरजेंसी वार्ड, 13 नग ओ.पी.डी. रूम (ब) प्रथम तल पर- आई.सी.यू., किचिन, 02 नग ओ.टी., 03 सर्जिकल रिकवरी रूम। 100 बिस्तरीय अस्पताल भवन के निर्माण हेतु। स्टाफ को पी.सी. सेठी, चिकित्सालय, हुकुम चन्द्र चिकित्सालय, मल्हारगंज एवं बाणगंगा चिकित्सालय, में उनके पद के अनुरूप कार्य लिया जा रहा है। (ग) जी हाँ। विभागीय पत्र क्रमांक एफ 12-09/2018/सत्रह/मेडि-3, भोपाल दिनांक 03.01.2019 द्वारा सिविल डिस्पेन्सरी बाणगंगा जिला इन्दौर का 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के रूप में उन्नयन किया गया है। विभाग द्वारा दिनांक 04.11.2019 को 02 चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति आदेश जारी किये गये हैं, सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा हेतु बाणगंगा में लेविल-3 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डिलेवरी पाइंट के रूप में चिन्हित किया गया है, सिजेरियन सुविधा यथाशीघ्र प्रारंभ करने की कार्ययोजना है। (घ) 09 डॉक्टर एवं 10 स्टाफ नर्स कार्यरत हैं।
महिला चिकित्सालय भवन निर्माण
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
115. ( क्र. 1173 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/विभाग द्वारा विगत वर्षों में सिविल हॉस्पिटल जावरा परिसर में महिला चिकित्सालय भवन निर्माण किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है? (ख) यदि हाँ, तो क्या भवन निर्माण हेतु बजट स्वीकृति, टेंडर प्रक्रिया एवं कार्यादेश भी जारी किये जाकर पी.आई.यू. को कार्य एजेंसी बनाया गया है? (ग) यदि हाँ, तो बताएं कि पी.आई.यू. क्या स्वयं अथवा किसी ठेकेदार के माध्यम से इस कार्य को कब प्रारम्भ करेगी? मूलतः इस कार्य हेतु कार्य एजेंसी किसे बनाया है? (घ) कार्य प्रारम्भ किये जाने हेतु कार्यादेश किस दिनांक को जारी किये गये एवं उपरोक्त स्वीकृत कार्य कब प्रारम्भ किया जा सकेगा? बताएंl
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) यथाशीघ्र। निर्माण एजेन्सी पी.आई.यू. लोक निर्माण विभाग है, ठेकेदार मेसर्स पार्श्वनाथ कंस्ट्रक्शन कंपनी ग्वालियर। (घ) दिनांक 07-11-2019 को कार्यादेश जारी, निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं।
सोसायटियों
की वित्तीय
स्थिति
[सहकारिता]
116. ( क्र. 1174 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिला अंतर्गत किन-2 स्थानों पर मार्केटिंग सोसायटी व सेवा सहकारी समितियां कार्यरत हैं तथा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक अंतर्गत किन-2 स्थानों पर वित्तीय संस्थाए हैं? स्थानवार जानकारी देंl (ख) वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 के प्रश्न दिनांक तक वर्षवार जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक की आय–व्यय की स्थिति क्षेत्र अवगत कराएं? (ग) उपरोक्त उल्लेखित वित्तीय संस्थाओं में शासन/विभाग की कुल कितनी-कितनी राशि प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित वित्तीय संस्थाओं में जमा है? (घ) वर्ष 2017-18 से लेकर प्रश्न दिनांक तक बकायादार, कर्जदार, डिफॉल्टर कृषकों की संख्या एवं बकाया कर्ज राशि, संस्थावार कितनी है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) रतलाम जिले की मार्केटिंग सोसाइटी, सेवा सहकारी समितियों तथा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अंतर्गत वित्तीय संस्थाओं एवं उनकी शाखाओं की स्थानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) वर्ष 2017-18, 2018-19 की जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रतलाम की आय-व्यय पत्रक, लाभ-हानि पत्रक एवं लेन-देन पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है तथा वर्ष 2019-20 में दिनांक 30.11.2019 के आय-व्यय पत्रक पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रतलाम में शासन/विभाग की कुल जमा राशि दिनांक 31.03.2019 पर राशि रू. 1081.48 लाख है। (घ) वर्ष 2017-18 से लेकर दिनांक 31.10.2019 तक बकायादार, कर्जदार और डिफॉल्टर कृषकों की संख्या एवं बकाया कर्ज की राशि की संस्थावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
शासकीय कार्यक्रमों में प्रोटोकॉल का पालन
[संसदीय कार्य]
117. ( क्र. 1175 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में विधानसभा सदस्य द्वारा शासकीय विभागों की बैठकों में किसी विषय पर अपना मत रखने अथवा किसी विषय पर चर्चा करने संबंधी प्रोटोकॉल का जिला प्रशासन द्वारा पूर्णतः पालन किया जा रहा है? (ख) क्या सभी शासकीय कार्यक्रमों सहित विभागीय बैठकों में प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किए जाने हेतु जिला प्रशासन को इस संबंध में पृथक से निर्देश जारी किए जाने की आवश्यकता है? कब तक इस प्रकार के निर्देश जारी किए जावेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर निर्देश जारी किये गये हैं।
शासन संधारित धार्मिक स्थलों
[अध्यात्म]
118. ( क्र. 1179 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत शासन संधारित कितने धार्मिक स्थान कहाँ पर स्थित हैं? कितनी भूमि हैं? कितने वर्ष पुराने हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रत्येक धार्मिक स्थल के सेवादारों को कितना वेतन शासन द्वारा दिया जाता है? क्या प्रश्न दिनांक तक संपूर्ण वेतन का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
शासकीय कर्मचारी के पदांकन स्थल में रहने के नियम
[सामान्य प्रशासन]
119. ( क्र. 1180 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कर्मचारी के पदांकन स्थल में रहने के संबंध में क्या नियम हैं? (ख) क्या विधानसभा क्षेत्र बिजावर में उक्त नियम का पालन किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में विधानसभा क्षेत्र बिजावर में पदस्थ कितने कर्मचारी निवास के संबंध में लागू उक्त नियम के अनुसार निवासरत हैं, कितने नहीं? सभी की जानकारी नाम, विभाग सहित प्रदाय करें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
पेंशन, ग्रेच्युटी आदि स्वत्वों के लंबित प्रकरण
[वित्त]
120. ( क्र. 1185 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय कर्मचारी की सेवानिवृत्ति अथवा सेवाकाल में मृत्यु उपरांत कितने समय के अंदर पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य स्वत्वों का भुगतान करने का नियम है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में छतरपुर जिले में ऐसे कितने प्रकरण हैं, जिनकी पेंशन, ग्रेच्युटी सहित अन्य स्वत्वों का भुगतान प्रश्न दिनांक तक शेष है? सभी प्रकरणों की जानकारी प्रदाय करें। लंबित होने के क्या कारण हैं? निराकरण हेतु क्या प्रयास किये गए? कब तक निराकृत होंगे?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) शासकीय कर्मचारी की सेवानिवृत्ति अथवा सेवाकाल में मृत्यु के उपरांत पेंशन प्रकरण निराकरण होने पर ग्रेच्युटी भुगतान की जाती है तथा आगामी माह से पेंशन का भुगतान प्रारंभ हो जाता है। यदि पेंशन प्रकरण में विलंब की स्थिति निर्मित होती है तो प्रत्याशित पेंशन एवं ग्रेच्युटी भुगतान का प्रावधान है। अन्य स्वत्वों जैसे-बीमा, जी.पी.एफ., फायनल पेंमेंट, अवकाश नगदीकरण आदि के भुगतान की कार्यवाही कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के तत्काल बाद संबंधित विभाग द्वारा की जाती है। (ख) छतरपुर जिले में प्रश्न दिनांक तक कुल 25 पेंशन प्रकरण लंबित हैं, जिनका विवरण निम्नानुसार है :- प्रकरण विभागीय जाँच-04, न्यायालयीन प्रकरण-04, शासन स्तर पर कार्यवाही-07 एवं विभिन्न कारणों से संबंधित विभाग में लंबित होने से-10 इस प्रकार कुल 25 पेंशन प्रकरण लंबित है। लंबित पेंशन प्रकरणों के निराकरण हेतु पहल की गई। समय-समय पर कार्यालय प्रमुखों से पत्राचार किया गया। यह एक सतत् प्रक्रिया समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
गरोठ भानपुरा शासकीय चिकित्सासलयों की व्यवस्था
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
121. ( क्र. 1196 ) श्री देवीलाल धाकड़ (एडवोकेट) : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गरोठ भानपुरा शासकीय चिकित्सालय से मासिक कितने मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजा जाता है? इसका क्या कारण है? (ख) क्या चिकित्सालयों में सुविधाओं की कमी है? यदि नहीं, तो किस कारणवश अन्य अस्पतालों में मरीजों को भेजने की सलाह दी जाती है? यदी हाँ, तो क्या कारण है? (ग) चिकित्सालयों में किन-किन बीमारियों की मशीनों से उपचार की सुविधा उपलब्ध है? उन मशीनों द्वारा मरीजों का उपचार समय पर किया जा रहा है या नहीं? यदि नहीं, तो स्पष्ट कारण बतायें? कार्यरत मशीनों की जानकारी ऑपरेटर सहित उपलब्ध करायें। (घ) गरोठ-भानपुरा में शासकीय चिकित्सालयों व समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित कितने चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं व वर्तमान में कितने पदस्थ हैं? सूची उपलब्ध करायें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। विषय विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध न होने के कारण रोगियों को उच्च स्तरीय चिकित्सा संस्थाओं में रेफर किया जाता है। (ख) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार।
चिकित्सालयों में उपलब्ध सुविधाएं
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
122. ( क्र. 1205 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किन जिला एवं संभागीय मुख्यालयों के शासकीय चिकित्सालयों में कार्डियक सर्जरी व किडनी ट्रांसप्लांट के लिये ओ.टी. की सुविधा उपलब्ध है? (ख) क्या प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में प्रश्नांश (क) की सुविधा उपलब्ध करवाई जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों और हाँ तो कब तक? (ग) प्रश्नांश (ख) के लिये क्या कोई एक्शन प्लान विभाग द्वारा बनाया जा रहा है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रदेश के किसी भी शासकीय जिला य चिकित्सालयों में कार्डियक सर्जरी व किडनी ट्रांसप्लांट के लिये ओ.टी. की सुविधा उपलब्ध नहीं है। (ख) जी नहीं। जिला चिकित्सालयों में द्वितीयक स्तर की स्वास्थ्य सुविधायें ही उपलब्ध कराई जाती है। (ग) जी नहीं।
इंजीनियरिंग/आई.टी.आई. के छात्रों हेतु वर्कशॉप
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
123. ( क्र. 1206 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के निजी इंजीनियरिंग महाविद्यालय एवं आई.टी.आई. के छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान हेतु प्रेक्टिकल वर्कशाप में करवाये जाने हेतु वर्ष 2017-18 में विभाग द्वारा निर्देश जारी किये थे? यदि हाँ, तो स्वरूप से अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के निर्देश का पालन वर्ष 2017-18, 2018-19 में किन-किन संस्थाओं के द्वारा नहीं किया एवं किन-किन संस्थाओं द्वारा किस-किस वर्कशाप में कितने दिवस का प्रेक्टिकल किया गया? (ग) प्रश्नांकित अवधि में प्रेक्टिकल वर्कशाप में नहीं करवाने वाली संस्थाओं के विरूद्ध संस्थावार क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (ग) राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुसार आई.टी.आई. में प्रति दिवस 5 घण्टे का प्रेक्टिकल तथा 2:30 घण्टे का सैद्धांतिक प्रशिक्षण सम्पादित किया जाता है। इस प्रकार आई.टी.आई. में प्रेक्टिकल संचालित करना प्रशिक्षण का मूल अंग है। इस हेतु पृथक से निर्देश जारी नहीं किये गये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विधायक निधि सत्र 2018-19 के बजट का आवंटन
[योजना,आर्थिक एवं सांख्यिकी]
124. ( क्र. 1212 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के द्वारा प्रश्नकर्ता को बजट विधायक निधि सत्र 2018-19 हेतु प्रश्नकर्ता के विधान सभा क्षेत्र में विकास कार्य हेतु जारी राशि मंजूर होने के बावजूद 28 मार्च, 2019 को मध्यप्रदेश शासन के आदेशानुसार 44-45 लाख रूपये वापस मंगा ली गयी है? (ख) यदि हाँ, तो वह राशि कब तक मिलेगी?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सतना जिला चिकित्सालय में अधीक्षक के पद का सृजन
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
125. ( क्र. 1237 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा सी.एस. व सी.एम.एच.ओ. की डी.पी.सी. हर साल नियम के अनुसार किया जाना है, किंतु वर्ष 1996 से सिविल सर्जन की एक भी डी.पी.सी. नहीं की गई? कृपया कारण बतावें तथा लगभग 150 सी.एम.एच.ओ. के समतुल्य पद हैं, लेकिन पूर्णत: डी.पी.सी. आज तक क्यों नहीं की गई है? (ख) सतना जिला चिकित्सालय में प्रशासन के पद का सृजन पूर्व की सरकार के द्वारा किया गया है? क्या जिला चिकित्सालय में जिला प्रशासन के पद पर भर्ती नियमों का पालन किया गया है? स्पष्ट जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) सतना जिला चिकित्सालय में समिति के माध्यम से पिछले 05 वर्षों में किस-किस मद से कितनी-कितनी आय हुई और वह किस-किस मद में खर्च की गई? (घ) जिला चिकित्सालय परिसर के सामने रोगी समिति से प्राप्त आय के द्वारा दुकानों का निर्माण कराया गया है? क्या उन दुकानों के आवंटन में पारदर्शी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है और अपने चहेतों को उपकृत किया गया है? क्या पूर्व में आवंटित दुकानों का आवंटन निरस्त कर पारदर्शी प्रक्रिया के आधार पर आवंटन करने की कार्यवाही कब तक की जायेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। वर्ष 1996 में शासन द्वारा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के 45 पद वेतनमान 3000-4500 में स्वीकृत किये गये थे, परंतु इन पदों को सीधी भर्ती अथवा पदोन्नति से भरा जाना है, इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं किये जा सके। विभाग द्वारा पुनः आदेश दिनांक 10.11.2014 के द्वारा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के पद बढ़े हुए वेतन ग्रेड-पे 7600 में स्वीकृत किए गए। विभागीय भर्ती नियम 04 मार्च, 2016 को प्रकाशित किया गया, जिसमें मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक के 130 पदों को स्वीकृत करने के साथ-साथ पदोन्नति के संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश है। विभागीय भर्ती नियमों का प्रकाशन मार्च 2016 में हुआ है, परंतु 30 अप्रैल, 2016 से माननीय उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के संदर्भ में प्रकरण विचाराधीन होने के कारण डी.पी.सी. आयोजित नहीं की जा सकी है। (ख) म.प्र. राजपत्र (असाधारण) दिनांक 04 मार्च, 2016 अनुसार 300 एवं इससे अधिक क्षमता वाले जिला चिकित्सालयों हेतु 01 उप प्रबंधक एवं 01 सहायक प्रबंधक के पद स्वीकृत किये गये हैं। प्रशासन नाम से पद स्वीकृत नहीं है। जिला चिकित्सालय सतना में प्रशासन के नाम से कोई पद स्वीकृत नहीं है। उप प्रबंधक के 75 प्रतिशत पद पदोन्नति से एवं 25 प्रतिशत प्रतिनियुक्ति से भरे जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार सहायक प्रबंध के 75 प्रतिशत पद सीधी भर्ती एवं 25 प्रतिशत पद प्रतिनियुक्ति से भरे जाने का प्रावधान है। वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से नियमानुसार 01 संविदा आधार पर प्रशासक के पद पर दिनांक 26.11.2016 से पदस्थ किया गया है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अति पिछड़ी जन जातियों की कार्यपालिक पदों पर नियुक्ति
[सामान्य प्रशासन]
126. ( क्र. 1240 ) श्री सीताराम : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के समस्त विभागों में मध्यप्रदेश की अति पिछड़ी जनजातियों सहारिया, बैगा, भादिया विलुप्त होने के कगार वाली जनजातियों के समूह के लिए समस्त विभागों में शासन के कार्यपालिक पदों पर तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर न्यूनतम अर्हता रखने वाले आवेदकों को बिना भर्ती परीक्षा के सीधे नौकरी देने की कार्यवाही की जाएगी। (ख) यदि हाँ, तो क्या म.प्र. शासन द्वारा गजट प्रकाशित कर इस बिन्दु का प्रकाशन किया जायेगा।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। (ख) उत्तरांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माता बम्बर बैनी प्राचीन धाम को पवित्र नगरी घोषित करना
[अध्यात्म]
127. ( क्र. 1247 ) श्री कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छतरपुर जिले के माता बम्बर बैनी प्राचीन स्थान लवकुश नगर को पवित्र नगर घोषित किये जाने की कार्यवाही संचालित है? (ख) उक्त स्थल को पवित्र नगर कब तक घोषित किया जावेगा? विवरण दें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को दिये गये विज्ञापन
[जनसंपर्क]
128. ( क्र. 1252 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनसंपर्क विभाग द्वारा प्रदेश एवं देश के विभिन्न समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया तथा अन्य समाचार पत्रों, वेबसाइटों, पत्रिकाओं को विज्ञापन दिये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो माह दिसम्बर, 2018 से प्रश्नांकित दिनांक तक कहां-कहां, कितनी-कितनी के राशि के कितने विज्ञापन दिये गये है? नाम व राशि सहित जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्ट अनुसार है।
रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा की बैठक
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
129. ( क्र. 1253 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा प्रदेश के चिकित्सालयों के माध्यम से मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो दिशा-निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा में कौन-कौन से जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी सदस्य हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त समिति की बैठकें कितने दिनों में होना आवश्यक है? किन-किन सदस्यों को बैठक में आमंत्रित किया जाता है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में विगत 3 वर्षों में जिला चिकित्सालयों सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सिविल अस्पतालों में कब-कब रोगी कल्याण समिति की साधारण सभा आयोजित की गई? क्या-क्या निर्णय लिए गए? दिनांक सहित जानकारी देवें। यदि बैठक आयोजित नहीं की गई, तो इसके लिए दोषी कौन है तथा आगामी दिनांकों में कब-कब बैठकें आयोजित की जावेगी? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या रोगी कल्याण समिति को वित्तीय अधिकार प्राप्त हैं? यदि हाँ, तो दिनांक 01 जनवरी, 2019 से विदिशा जिले के समस्त शासकीय अस्पतालों के आय-व्यय पत्रक की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) साधारण सभा की बैठक वर्ष में एक बार आयोजित किया जाना अनिवार्य है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
रिक्त पदों की जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
130. ( क्र. 1257 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश शासन के विभिन्न विभागों में रिक्त पद की पूर्ति नहीं की जा रही है, जिसके कारण बेरोजगार युवक-युवती की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है? (ख) यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश शासन के पास विभिन्न विभागों से प्राप्त सांख्यिकी आंकड़ों के अनुसार कितने पद किस-किस विभाग में रिक्त हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुपालन में ऐसे कितने विभाग हैं, जहां पर मूल सृजित पदों के विरूद्ध अन्य विभागों के कर्मचारी/अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं? विभागवार प्रतिनियुक्ति कर्मचारी/अधिकारियों के नाम बताये जायें। (घ) क्या शासन की योजना अनुसार बेरोजगारी को कम करने हेतु नवीन नियुक्ति हेतु घोषणायें की जा रही है? यदि हाँ, तो उनके पालन में अभी तक कोई भी नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी क्यों नहीं किया गया? (ड.) शासन द्वारा कब तक विज्ञापन जारी कर नवीन पदों पर नियुक्ति प्रदान की जायेगी? कुल रिक्त पदों में से कितने प्रतिशत पद वर्ष 2019 तक भर लिये जायेंगे?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वास्थ्य संबंधित उपकरणों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
131. ( क्र. 1263 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूरे प्रदेश में रोगियों के परीक्षण एवं जाँच हेतु उपकरण जिनसे बीमारियों की जाँच की जाती है, उन उपकरणों को महाविद्यालय जिला चिकित्सालय एवं ब्लॉक मुख्यालय में समय-समय पर प्रदान किये गये हैं? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले में शासकीय चिकित्सालय को किस-किस प्रकार के कितने-कितने उपकरण प्रदान किये गये हैं? जैसे एक्स-रे मशीन, ई.सी.जी., सोनोग्राफी और डायलिसिस ऑपरेशन के अन्य उपकरण, इनमें से कितने उपकरण ऐसे हैं, जिनका उपयोग किन्हीं कारणों से नहीं हो पा रहा है? उनके कारण सहित जानकारी दी जाये। उन उपकरणों को चलाने हेतु प्रशिक्षित कर्मचारी उपलब्ध हैं या नहीं? (ग) विभिन्न कारणों की जानकारी देते हुये यह भी बतलाया जाये कि प्रशिक्षित कर्मचारी के अभाव में जाँच उपकरण कौन-कौन से प्रभावित हो रहे हैं? (घ) उपकरणों को संचालन हेतु कब तक व्यवस्था की जायेगी और उपकरण के रख-रखाव हेतु सुरक्षा के कौन-कौन से साधन उपलब्ध कराये जायेंगे?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के संलग्न परिशिष्ट के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। उपकरणों का रख-रखाव ऐम हेल्थ केयर एजेन्सी के द्वारा समय-समय पर किया जा रहा है।
कृषकों को उपलब्ध ऋण पर अनुदान
[सहकारिता]
132. ( क्र. 1269 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहकारिता विभाग के अंतर्गत जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के द्वारा कितने प्रकार के ऋण किस-किस वर्ग के कृषक समुदाय को कितनी राशि तक उपलब्ध कराया जाता है तथा इस पर कितना अनुदान दिये जाने का प्रावधान है? निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला अनूपपुर में विगत तीन वर्षों में कितने कृषकों को कितना ऋण एवं अनुदान उपलब्ध कराया गया है? जानकारी समितिवार, विधानसभा क्षेत्रवार, बैंक शाखावार, कृषकों की संख्या सहित वितरित ऋण एवं अनुदान की राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शहडोल से संबद्ध जिला शहडोल, अनूपपुर एवं उमरिया के अन्तर्गत प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को फसल ऋण पात्रता अनुसार अधिकतम सीमा 3.00 लाख तक दिया जाता है, जो कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। कृषकों को ब्याज अनुदान भारत शासन एवं राज्य शासन से प्रदाय किया जाता है, निर्देशों की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अनूपपुर जिले में विगत 03 वर्षों में दिये गये ऋण एवं अनुदान की समितिवार, विधानसभा क्षेत्रवार तथा बैंक शाखावार कृषकों की संख्या की जानकारी वितरित ऋण एवं अनुदान की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
शासन द्वारा सचांलित स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
133. ( क्र. 1270 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत समस्य चिकित्सालयों में वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कायाकल्प योजना के अंतर्गत कौन-कौन से कार्य कराये गये? कार्यवार अभिलेख उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजना में कराये गये कार्यों हेतु शासन के दिशा-निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) ग्रामीण अंचल में संचालित आरोग्य केन्द्रों हेतु क्या-क्या सामग्री उपकरण दिये गये? कितनी राशि की खरीदी की गई? आरोग्य केन्द्रों में दी गई सामग्री की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) अनूपपुर जिले में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कौन-कौन से शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालय किन-किन बीमारियों के लिये चिन्हित किये गये हैं? विधान सभा क्षेत्रवार सूची उपलब्ध करावें। इस योजना के अंतर्गत किस-किस श्रेणी के व्यक्तियों के कार्ड बन सकते हैं? पात्रता की शर्तें क्या-क्या है? उक्त जिले में कार्ड बनवाने की क्या व्यवस्था है? उक्त योजना के प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक जिले में कितने मरीजों को लाभ मिला? विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) अनूपपुर जिले के अंतर्गत समस्त चिकित्सालयों में वर्ष 2015-16 से दिसम्बर 2019 तक कायाकल्प योजना के अंतर्गत कराये गये कार्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कायाकल्प योजना अंतर्गत प्रश्नांश (क) में वर्णित वर्षों में कराये गए कार्यों हेतु शासन के दिशा-निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं। ग्राम आरोग्य केंद्र का सामग्री एवं उपकरण शासन से प्रदाय नहीं की जाती। ग्राम सभा स्वस्थ ग्राम तदर्थ समिति को अनाबद्ध राशि प्रदान की जाती है, जिससे ग्राम आरोग्य केंद्रों हेतु सामग्री उपकरण आवश्यकतानुसार क्रय किया जाता है, इस हेतु अनाबद्ध राशि में से समिति के अनुमोदन से व्यय किया जाता है। सामग्री एवं उपकरण के क्रय में ग्राम सभा स्वस्थ ग्राम तदर्थ समिति द्वारा व्यय की गयी राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स में समाहित है। (घ) अनूपपुर जिले में योजना से संबंधित चिकित्सालयों की जानकारी विधानसभावार पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। आर्थिक सामाजिक जातिगत जनगणना SECC (2011) की श्रेणी D1-D7 तक (D6 को छोडकर) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक एवं संबल योजना में शामिल परिवार के कार्ड बन सकते हैं। BIS पोर्टल पर अपलोड समग्र ID में नाम होना अनिवार्य है। जिले में कॉमन सर्विस सेन्टर/आयुष्मान मित्र द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाये जाते हैं। आयुष्मान भारत योजना से लाभान्वित मरीजों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होते।
ट्रामा सेंटर में चिकित्सकों के स्वीकृत पद
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
134. ( क्र. 1273 ) श्री राकेश गिरि : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिला मुख्यालय स्थित जिला चिकित्सालय/ट्रामा सेंटर में चिकित्सा जगत के विभिन्न विषयों में विषयवार कितने चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं? स्वीकृत पदों के विरूद्ध भरे हुए एवं रिक्त चिकित्सा विषय विशेषज्ञों का विवरण दें। (ख) जिला चिकित्सालय व ट्रामा सेंटर में विभिन्न रोगों की समुचित चिकित्सा हेतु कौन-कौन से अत्यावश्यक उपकरणों/सुविधाओं को रखा जाना शासन द्वारा निर्धारित/स्वीकृत किया गया है? क्या अपातकालीन एवं आवश्यक सभी चिकित्सा उपकरण/सुविधाएं ट्रामा सेंटर में उपलब्ध हैं? (ग) जिला चिकित्सालय में रिक्त चिकित्सकों के पदों की पूर्ति तथा निर्धारित चिकित्सा उपकरणों/सुविधाओं के विरूद्ध अनुपलब्ध उपकरणों/सुविधाओं की उपलब्धता कब तक सुनिश्चित की जावेगी?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' ''स'' एवं ''द'' अनुसार है। आवश्यकता अनुसार उपकरणों/सुविधाओं की पूर्ति निरंतर जारी है। (ग) रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग निरंतर कार्यवाही कर रहा है, हाल ही में लोक सेवा आयोग से चयन पश्चात् 06 चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है। विशेषज्ञों की अत्यधिक कमी के कारण शत-प्रतिशत पदपूर्ति किए जाने में कठिनाई हो रही है। आवश्यकता अनुसार उपकरणों/सुविधाओं की पूर्ति निरंतर जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था
[सहकारिता]
135. ( क्र. 1276 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले की गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. (पंजीयन क्र. डी.आर.बी. 224) के लिये संस्था को संस्थापक सदस्यों ने उनके लिए भू-खण्ड उपलब्ध हो, भूमि क्रय करने के लिये धन राशि उपलब्ध कराई थी? यदि हाँ, तो संस्थापक सदस्यों के नाम एवं उपलब्ध कराई गई राशि बताई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित भूमि पर कितने भू-खण्ड निकालकर संस्था के संस्थापक सदस्यों को आवंटित कर पंजीयन कराते हुये स्वामित्व सौंपा गया? यदि नहीं, तो कारण बताया जाये?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संस्था की भूमि पर कुल 99 भू-खण्ड निकालकर सदस्यों को आवंटित किये गये, उनमें से केवल 04 भू-खण्ड संस्थापक सदस्यों को आवंटित कर पंजीयन कराते हुये स्वामित्व सौंपा गया है, शेष संस्थापक सदस्यों द्वारा निर्धारित राशि जमा नहीं की गई एवं जो पात्र नहीं थे, उन्हें भू-खण्ड नहीं दिये गये।
कौशल उन्नयन केन्द्र की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
136. ( क्र. 1281 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) युवा बेरोजगारों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने एवं उनके कौशल उन्नयन के लिये रतलाम में उच्च दक्षता का कौशल उन्नयन केन्द्र (Skill Development Centre) कब खोला जायेगा? (ख) कौशल उन्नयन केन्द्र खोलने के लिये क्या नीति और मापदण्ड हैं?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एवं (ख) वर्तमान में रतलाम नगर में शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था एवं शासकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था रतलाम संचालित की जा रही है। रतलाम में उच्च दक्षता का कौशल उन्नयन केन्द्र (Skill Develpment Centre) खोलने के संबंध में वर्तमान में कोई योजना विचाराधीन नहीं है।
प्रदेश की राजस्व आय की जानकारी
[वित्त]
137. ( क्र. 1282 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या वित्त मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 2019-20 के बजट में वित्त मंत्री ने राजस्व में 23 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित की थी। पिछले वर्ष की तुलना में अब तक कुल कितनी राशि प्राप्त हुई है? (ख) पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में राजस्व आय अब तक कितने प्रतिशत वृद्धि हुई है? माहवार ब्यौरा उपलब्ध करायें। (ग) बजट अनुमान में आबकारी से 4500 करोड़ रूपये की अतिरिक्त आय होने का उल्लेख था, अब तक आबकारी से कितनी राशि वसूल हो चुकी है? यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में कितनी अधिक है?
वित्त मंत्री ( श्री तरूण भनोत ) : (क) एवं (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 के बजट में राजस्व प्राप्तियों का आंकड़ा (बजट अनुमान) देश में अर्थव्यवस्था की वृद्धि तथा प्रदेश में विभिन्न राजस्व विभागों के अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति के आंकलन पर आधारित था। देश में अर्थव्यवस्था की वृद्धि की दर में काफी कमी होना हाल के महीनों में परिलक्षित हुआ है, अतः बजट में लक्षित राजस्व वृद्धि की प्राप्ति में कठिनाई होना निश्चित है। इस वर्ष माह नवंबर अंत तक के राजस्व प्राप्ति के अंकेक्षित आंकड़े महालेखाकार से प्राप्त नहीं हुए हैं। विगत वित्तीय वर्ष 2018-19 के वित्त लेखे भी प्राप्त नहीं हुए हैं, अतः तुलनात्मक जानकारी उपलब्ध नहीं है। (ग) आबकारी से प्राप्त राजस्व के संबंध में माह नवंबर अंत तक के राजस्व प्राप्ति के अंकेक्षित आंकड़े महालेखाकार से प्राप्त नहीं हुए हैं। विगत वित्तीय वर्ष 2018-19 के वित्त लेखे भी प्राप्त नहीं हुए हैं, अतः तुलनात्मक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
सूचना के अधिकार अधिनियम 2005
[सहकारिता]
138. ( क्र. 1288 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय डिप्टी रजिस्ट्रार सहकारी संस्थान छतरपुर के पत्र क्रमांक 964, दिनांक 11.11.2019 को प्रगतिशील महिला प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डार की पंजी नस्ती चाही गयी है? क्या पंजी नस्ती संस्था की व्यक्तिक नातेदारी से संबंध सूचना है तथा वांछित सूचना में संस्था के वाणिज्य विश्वास व्यापार गोपनीयता तथा बौद्धिक संपदा से संबंधित दस्तावेज है? सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा 8 की उपधारा 1 (घ) एवं 1 (ड) अनुसार उक्तानुसार सूचना के प्रकट करने से छूट होने से सूचना दिया जाना संभव नहीं है? लेख किया था? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो वर्ष 2006 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब, किस-किस अधिकारी द्वारा किस-किस को प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भण्डारों की जानकारी दी गयी है? उल्लेख करें एवं कारण स्पष्ट करें? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त जानकारी सूचना के अधिकार के तहत देने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (घ) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों उक्त आवेदक को सूचना दिया जाना संभव नहीं है, लेख किया था? कारण स्पष्ट करें।
सामान्य
प्रशासन
मंत्री ( डॉ.
गोविन्द सिंह
) : (क) जी
हाँ। (ख)
जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) सूचना का
अधिकार
अधिनियम, 2005
के अनुसार
अपील का
प्रावधान है।
अत: कार्यवाही
का प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) प्रश्नांश
(क) का
उत्तर जी हाँ
होने से,
शेष
उत्तर
अपेक्षित
नहीं।
परिशिष्ट
- "सड़सठ"
राजनैतिक मीसाबंदी पेंशन की स्वीकृति
[सामान्य प्रशासन]
139. ( क्र. 1289 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला छतरपुर में किन-किन को राजनैतिक मीसाबंदी घोषित कर पेंशन स्वीकृत की गई है? सूची उपलब्ध करायें। क्या उक्त सभी राजनैतिक मीसाबंदियों की पुलिस अधीक्षक एवं जेल अधीक्षक की अनुशंसा करने के उपरांत ही पेंशन स्वीकृत की गयी है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें? (ख) क्या श्रीमती गांधी अग्रवाल द्वारा 21/6/2019 को राजनैतिक मीसाबंदी घोषित किया जा कर पेंशन दिये जाने का आवेदन कलेक्ट्रेट जिला छतरपुर में दिया था? (ग) प्रश्न (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त आवेदन पर आवेदक को राजनैतिक मीसाबंदी घोषित कर पेंशन स्वीकृत कर दी गयी है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। (संलग्न परिशिष्ट अनुसार) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। (ग) जी नहीं। आवेदिका के पति स्व. श्री स्वामी प्रसाद अग्रवाल निवासी छतरपुर को मीसाबंदी घोषित किये जाने के संबंध में पुलिस अधीक्षक छतरपुर द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि ''स्व. श्री अग्रवाल को दिनांक 12.08.1975 को धारा 151 जा.फौ. के तहत गिरफ्तार किया जाकर दाखिल कराया गया था, जो प्रतिबंधक कार्यवाही के तहत मात्र एक सप्ताह जेल में निरूद्व रहे इस आधार पर मीसाबंदी की परिधि में नहीं आते हैं।''
अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण
[सामान्य प्रशासन]
140. ( क्र. 1297 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण किए गये? श्रेणीवार संख्या बतायें। (ख) इनमें कितने अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण स्वैच्छिक एवं प्रशासकीय आधार पर किए गए? पृथक-पृथक श्रेणीवार संख्या बतायें। (ग) क्या इस अवधि में निरस्त एक से अधिक बार भी स्थानांतरण किए गए? यदि हाँ, तो इनकी संख्या कितनी हैं एवं किन कारणों से एक वर्ष से कम अवधि में एक से अधिक बार स्थानांरतण किए गये।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी संस्थाओं एवं अन्य बैंकों के द्वारा डिफॉल्टर किसान
[सहकारिता]
141. ( क्र. 1298 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सहकारी संस्थाओं एवं अन्य बैंकों द्वारा जिन किसानों का कर्ज माफ किया गया है, ऐसे 50 हजार से भी अधिक किसानों को डिफॉल्टर सूची में डाल दिया गया है? (ख) यदि हाँ, तो रबी की फसल के लिए किसानों को सहकारी समितियों ने क्या खाद बीज एवं ऋण देना बंद कर दिया है? ऐसे में शासन ने प्राभावित कृषकों की समस्या हल करने हेतु क्या वैकल्पिक उपाय किये हैं? (ग) प्रभावित किसानों की जिलेवार संख्या बतायें।
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) सहकारी संस्थाओं द्वारा जिन किसानों का कर्ज माफ किया गया है, उनको डिफॉल्टर की सूची में नहीं डाला गया है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्य पदार्थों के नमूनों की सैम्पलिंग कर की गई कार्यवाही
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
142. ( क्र. 1300 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जून 2019 से अभी तक जिला प्रशासन, जिला खाद्य अधिकारी, फूड इंस्पेक्टर सहित अन्य अधिकारियों द्वारा कुल कितने दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों के नमूनों के सैम्पल लिए गये? कितने नमूने जाँच में अमानक एवं कितने नमूने जानलेवा केमिकल मिश्रित पाये गये? उक्त अवधि में की गई कार्यवाही का संपूर्ण ब्यौरा क्या है? (ख) क्या दुग्ध/दुग्ध उत्पाद सहित अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट प्रमाणित होने पर रासुका के तहत कार्यवाही का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो कितने प्रकरणों में रासुका की कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों में मात्र जुर्माना किया गया? (ग) क्या अनेक प्रकरणों में शिथिलता के कारण मिलावट करने वालों को छोड़ दिया गया है? क्या प्रदेश में सिंथेटिक दूध/उत्पाद बेचने पर सख्त कानून बनाये जाने का विचार है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रदेश में जून 2019 से आज दिनांक तक दूध के कुल 1459 एवं दुग्ध उत्पादों के कुल 3242 नमूने जाँच हेतु लिये गये हैं। जाँच हेतु लिये गये दूध एवं दुग्ध उत्पादों के कुल 4701 नमूनों में से कुल 821 नमूने अवमानक पाये गये, अवमानक पाये गये 821 नमूनों में से 34 नमूनों में केमिकल पाया गया, उपरोक्त कार्यवाही के अलावा इस अवधि में 266 प्रकरण सक्षम न्यायालयों में दर्ज किये गये हैं। दायर किये गये प्रकरणों में सक्षम न्यायालयों द्वारा 108 प्रकरणों का निराकरण करते हुये 45,38,700/- जुर्माना किया गया। (ख) दूध एवं दुग्ध उत्पादों सहित अन्य खाद्य पदार्थों में मिलावट प्रमाणित होने पर स्थानीय जिला कलेक्टर द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कलेक्टर को प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुये कुल 30 प्रकरणों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत कार्यवाही की गई है। सक्षम न्यायालयों द्वारा 108 प्रकरणों का निराकरण करते हुये 45,38,700/- जुर्माना किया गया। (ग) जी नहीं। सिंथेटिक दूध/उत्पाद बेचने पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 विनियम, 2011 एवं जिला कलेक्टर द्वारा प्रकरण में विचारोपरांत राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कड़ी कार्यवाही की जाती है।
नियुक्तियों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
143. ( क्र. 1306 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन एवं बड़वानी जिले की समस्त रोगी कल्याण समिति द्वारा वर्ष 2003 से 2008 तक की गई नियुक्तियों की जानकारी उनके नाम, पद, नियुक्ति दिनांक, नियुक्ति स्थान, वेतन वर्तमान स्थिति सहित संस्थावार सूची देवें। (ख) उक्त नियुक्तियों संबंधी रोगी कल्याण समिति की बैठक के कार्यवृत्त (प्रोसीडिंग) की प्रतिलिपि देवें। (ग) उक्त नियुक्तियों संबंधी विभागीय दिशा-निर्देश की छायाप्रति देवें। (घ) क्या उक्त नियुक्तियों में विभागीय दिशा-निर्देश का पालन किया गया है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) जी हाँ।
आयुष्मान भारत योजना
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
144. ( क्र. 1317 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत कौन-कौन से हॉस्पिटल किन-किन बीमारियों हेतु चिन्हित किये गए हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ख) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही राज्य बीमारी सहायता निधि बंद कर उक्त योजना को आयुष्मान योजना में शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो जानकारी देवें? (ग) मध्यप्रदेश में बी.पी.एल. धारी परिवार जो राज्य बीमारी सहायता निधि में 2 लाख रूपये तक के इलाज की पात्रता रखते थे, क्या उन सभी व्यक्तियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जा रहा है? (घ) वर्तमान में आयुष्मान कार्ड जिन बी.पी.एल. धारकों के नहीं बन पा रहे हैं, उनको आयुष्मान योजना का लाभ कैसे मिलेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) योजना से संबंध शासकीय/निजी चिकित्सालय द्वारा बीमारीवार दी जाने वाली सेवाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना (SECC) वर्ष 2011 में श्रेणी D1 – D7 (D-6 छोड़कर) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर्ची धारक एवं संबल योजना में शामिल परिवार को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जा रहा है। (घ) प्रदेश में संचालित कॉमन सर्विस सेन्टर/कियोस्क सेन्टर में कार्यरत आयुष्मान मित्र को आवश्यक अभिलेख एवं फोटो आई.डी. प्रस्तुत कर आयुष्मान कार्ड बनवाकर योजना का लाभ ले सकते हैं।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पदों की जानकारी
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
145. ( क्र. 1326 ) श्री अजय विश्नोई : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर में खाद्य सुरक्षा अधिकारी के स्वीकृत कितने पद भरे/रिक्त हैं, कौन-कौन कब से पदस्थ हैं? किस-किस का कब-कब कहां-कहां स्थानान्तरण किया गया? स्थानान्तरण के पूर्व कब से जबलपुर में पदस्थ हैं? कितनों का पुन: जबलपुर स्थानान्तरण किया गया है एवं क्यों? आदेश की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में पदस्थ किस खाद्य सुरक्षा अधिकारी को कब निलंबित किया गया एवं क्यों? इन्हें कब कहां से पुन: जबलपुर स्थानान्तरित किया गया है एवं क्यों? (ग) मान. मंत्री सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण म.प्र. शासन द्वारा माह जुलाई 2019 में मान. मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण म.प्र. शासन को लिखी गई नोट-शीट के संदर्भ में शासन द्वारा कब-कब किस-किस पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? भ्रष्टाचार में लिप्त व मिलावटखोंरों को संरक्षण देने वालों का अभी तक अन्यत्र स्थानान्तरण न करने का क्या कारण हैं?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
भिण्ड जिले में संचालित कौशल विकास संस्थान
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
146. ( क्र. 1334 ) श्री संजीव सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास के कितने संस्थान कहां-कहां हैं, वर्ष 2015 से उनमें अब तक क्या-क्या कार्य किये गये एवं कितना-कितना व्यय किया गया? (ख) भिण्ड जिले में कितने कौशल विकास केन्द्रों की अनुमति प्राइवेट संस्था को दी गई? (ग) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने युवाओं को रोजगार दिया गया?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) भिण्ड जिले में एक शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज एवं 04 शासकीय आई.टी.आई. क्रमश: भिण्ड, अटेर, मैहगांव एवं लहार संचालित हैं। किये गये कार्य एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जिले में किसी भी प्राईवेट संस्था को कौशल विकास केन्द्र की अनुमति नहीं दी गई है। (ग) जिले के अन्तर्गत 106 प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न प्रतिष्ठानों में रोजगार दिया गया है।
उपार्जन केंद्र एवं समितियों की जानकारी
[सहकारिता]
147. ( क्र. 1335 ) श्री संजीव सिंह : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2019-20 में कितने गेहूँ/ज्वार, बाजरा उपार्जन केंद्र एवं कौन-कौन सी समितियों में ज्वार, बाजरा व गेहूँ खरीदी के उपरान्त विपणन संघ द्वारा नियुक्त ट्रांसपोर्टर द्वारा परिवहन किया गया या नहीं समय पर गेहूँ/सरसो तिलहन नहीं होने पर विपणन संघ द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र एवं भिण्ड जिले के कितने किसानों का वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में शासन द्वारा क्रय किये गये चना, मूंग, गेहूँ का कितना-कितना भुगतान शेष है? उक्त भुगतान कब तक होगा? (ग) भिण्ड जिले में विपणन संघ द्वारा परिवहन समय पर नहीं करने पर समितियों को होने वाली हानि की भरपाई के लिए क्या कार्यवाही की गई? परिवहनकर्ताओं से पैसा वसूला या नहीं? अगर वसूला तो कितना?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) गेहूँ के लिये 44 एवं ज्वार/बाजरा के लिए 12 उपार्जन केन्द्र बनाये गये। विपणन संघ के ट्रांसपोर्टर द्वारा परिवहन नहीं किया गया, अत: ट्रांसपोर्टर पर कार्यवाही अपेक्षित नहीं। (ख) समस्त कृषकों को भुगतान हो चुका है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) विपणन संघ के ट्रांसपोर्टर द्वारा परिवहन नहीं किया गया, अत: ट्रांसपोर्टर पर कार्यवाही अपेक्षित नहीं।
गोपनीय प्रतिवेदन लिखने की व्यवस्था
[सामान्य प्रशासन]
148. ( क्र. 1340 ) श्री मनोज चौधरी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान सरकार पारदर्शिता के लिए राज्य शासन के समस्त शासकीय अधिकारियों/ कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन लिखने की व्यवस्था को समाप्त/संशोधन करने का कोई प्रावधान कर रही हैं, यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय द्वारा सी.आर. लिखने के क्या आदेश जारी किये गये तथा राज्य सरकार के क्या मापदण्ड हैं? (ग) संतोषजनक कार्य नहीं करने वाले अधिकारियों पर सुधार करने के लिए सरकार क्या कार्यवाही और कार्य कर रही है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) माननीय सर्वोच्च न्यायालय/ माननीय उच्च न्यायालय में समय-समय पर प्रचलित याचिकाओं में दिए गए निर्देशों के पालन में शासन द्वारा जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब’ अनुसार है।
हिन्दी सम्मेलन में व्यय राशि
[जनसंपर्क]
149. ( क्र. 1341 ) श्री मनोज चौधरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल में सन 2015-2016 में सम्पन्न हुये विश्व हिन्दी सम्मेलन में जन सम्पर्क विभाग के द्वारा कुल कितनी राशि किन-किन कार्यों में व्यय की गई तथा किस मद से उसका भुगतान किया गया। (ख) विश्व हिन्दी सम्मेलन के प्रचार-प्रसार के लिए किस-किस संसाधनों व मीडिया का उपयोग किया गया था तथा कितनी राशि किस संसाधन के उपयोग के लिए खर्च की गई? कौन-कौन से समाचार पत्र, न्यूज चैनल, पत्रिका आदि में कितने रूपयों का विज्ञापन दिया गया था? (ग) जनसंपर्क विभाग के द्वारा हिन्दी भाषा को बढ़ावा देने के लिए क्या कोई पोर्टल का निर्माण किया गया था और यदि हाँ, तो कितनी राशि खर्च की गई थी तथा उसकी क्या उपयोगिता हो रही है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '’अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '’अ'' एवं '’ब'' अनुसार है। (ग) जी नहीं।
ई-मेल नीति के अनुसार दर्ज विभागीय ई-मेल पते की जानकारी एवं कार्यवाही
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
150. ( क्र. 1345 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या लोक सेवा प्रबंधन विभाग म.प्र. के समस्त विभागों के विभाग प्रमुख, प्रमुख सचिव, मंत्रि-मंडल सदस्यों के ई-मेल पते ई-मेल नीति के अनुसार तैयार किए गए हैं, यदि हाँ, तो उनकी संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा म.प्र. के मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव को ई-मेल hiralal.alawa@mpvidhansabha.nic.in, drhira1982@gmail.com से विभागीय ई-मेल पते पर दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक ई-मेल भेजे गए? यदि हाँ, तो उन पर क्या कार्यवाही की गई? कब तक प्रश्नकर्ता के सभी पत्रों पर कार्यवाही कर दी जाएगी?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी नहीं। म.प्र. शासन की ई-मेल नीति अनुसार समस्त विभागों के विभाग प्रमुख, प्रमुख सचिव तथा मंत्रि मंडल सदस्यों के ई-मेल पते एन.आई.सी. द्वारा तैयार किये जाते है जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 3 के प्रपत्र (अ) एवं (ब) अनुसार है।
प्रश्नकर्ता के पत्रों का जवाब
[विधि और विधायी कार्य]
151. ( क्र. 1346 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र दिनांक 17 जुलाई, 2019 द्वारा प्रमुख सचिव विधि विभाग म.प्र. शासन राज्य मंत्रालय भोपाल को लघु वन उपज से संबंधित प्रेषित कर चाहा गया अभिमत प्रश्नांकित दिनांक तक भी नहीं दिया गया? (ख) राज्य में लागू भारतीय वन अधिनियम 1927 वनोपज व्यापार विनियम 1969 जैव विविधता संरक्षण अधिनियम 2002, संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, म.प्र. पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 संशोधन 1998 एवं वन अधिकार कानून 2006 में लघु वनोपज से संबंधित दिए कौन से प्रावधान वर्तमान में प्रचलित हैं, इनमें से किस प्रावधान में किस लघु वनोपज के संग्रहण पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार किसे प्रदान किया है? (ग) विधि विभाग लघु वनोपज से संबंधित वन अपराधों में जिला न्यायालय द्वारा दिए आदेश के विरूद्ध उच्च न्यायालय में अपील की अनुमति दिए जाने के प्रकरणों में किन वैधानिक तथ्यों का परीक्षण करता है? विधि विभाग ने गत पाँच वर्षों में लघु वनोपज से संबंधित किस न्यायालय के आदेश के विरूद्ध उच्च न्यायालय में अपील की अनुमति किस दिनांक को किस आधार पर प्रदान की है?
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
कालापीपल विधान सभा क्षेत्र न्यायालय की व्यवस्था
[विधि और विधायी कार्य]
152. ( क्र. 1351 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या विधि और विधायी कार्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कालापीपल विधान सभा क्षेत्र में कोई न्यायालय स्थापित हैं, यदि नहीं, तो क्षेत्र के लोगों को न्यायालय संबंधी कार्य के लिये कौन से न्यायालय क्षेत्र में जाना पड़ता हैं? (ख) क्या कालापीपल विधान सभा क्षेत्र की जनता के द्वारा लगातार कालापीपल में न्यायालय बनवाने की मांग की जा रही है यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही अब तक की गई? (ग) लिंक कोर्ट बनाने के क्या प्रावधान हैं? क्या कालापीपल में शुजालपुर न्यायालय का लिंक कोर्ट बनाने का कार्य किया जा सकता हैं? यदि हाँ, तो कार्य कब तक किया जायेगा और नहीं तो क्यों नहीं? (घ) शुजालपुर न्यायालय में कितने प्रतिशत प्रकरण कालापीपल विधान सभा क्षेत्र के होते है।
विधि और विधायी कार्य मंत्री ( श्री पी.सी. शर्मा ) : (क) जी नहीं। कालापीपल क्षेत्र के लोगों को शुजालपुर न्यायालय क्षेत्र में जाना पड़ता है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति, 2014 के निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप न होने से मांग नस्तीबद्ध कर दी गई है। (ग) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की न्यायालय स्थापना नीति, 2014 में तैयार की गई पॉलिसी/गाइड लाइन/स्कीम में लिंक/श्रृंखला न्यायालय के संचालन संबंधी प्रावधान किये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। न्यायालय स्थापना नीति, 2014 के अनुसार निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप उपलब्धता होने पर उक्त मांग पर विचार किया जा सकता है। निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है। (घ) शुजालपुर न्यायालय में कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के 17.01 प्रतिशत प्रकरण होते हैं।
भोपाल स्थित ग्लोबल स्थित पार्क में व्यय राशि
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
153. ( क्र. 1357 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल स्थित ग्लोबल स्किल पार्क में विगत 03 वर्षों में कितनी राशि निर्माण कार्यों सामग्री क्रय एवं अन्य मदों पर व्यय की गई? कार्य का नाम, सामग्री सूची एवं अन्य मदों पर व्यय की जानकारी पृथक-पृथक वर्षवार देवें? इनके साथ भुगतान राशि, भुगतान दिनांक, फर्म का नाम, लंबित राशि की जानकारी भी वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्त अवधि में फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिलों का विवरण भी वर्षवार देवें? (ग) इसमें कितने लोग प्रशिक्षण ले चुके है, उनकी सूची ट्रेड नाम सहित वर्षवार देवे वर्तमान प्रशिक्षणरत सूची भी देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एवं (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
भेड़ाघाट में विज्ञान केन्द्र की स्थापना
[विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]
154. ( क्र. 1362 ) श्री संजय यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मान. मुख्यमंत्री ए मोनिट क्र. 2759/सी.एम.एस./बी.सी.एस./2019 दिनांक 20.09.2019 के अनुसार जबलपुर जिले के भेड़ाघाट में विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु भूमि का चयन कर लिया गया था? यदि हाँ, तो उक्त विज्ञान केन्द्र की स्थापना हेतु शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गयी? उक्त विज्ञान केन्द्र की स्थापना कब तक होगी? (ख) प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद वित्त विभाग द्वारा क्या-क्या आपत्ति की गई? (ग) स्थान चयनित होने के बाद केन्द्र को अन्य जगह स्थापित करने के लिये किसके द्वारा कब पत्र लिखा गया या आपत्ति लगायी गई?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी हाँ। उप क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र की स्थापना के संबंध में परियोजना परीक्षण समिति से अनुमोदन प्राप्त किया गया हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं हैं। (ख) वित्त विभाग द्वारा कोई आपत्ति नहीं की गई हैं। (ग) परियोजना परीक्षण समिति की बैठक दिनांक 04.02.2019 के कार्यवाही विवरण के बिन्दु क्रमांक 01 में निर्देशित किया गया कि शहर के मध्य यदि भूमि उपलब्ध हो उसे प्राप्त करने के प्रयास किये जाए। जबलपुर में स्थापित तीन विश्वविद्यालयों में संपर्क स्थापित कर कार्यवाही की जाए।
भू-खण्डों का आवंटन
[सहकारिता]
155. ( क्र. 1363 ) श्री संजय यादव : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौरव ग्रह निर्माण सहकारी संस्था भोपाल (डी.आर.बी/224) 10/2012 में सम्पन्न संचालक मंडल का निर्वाचन विधिवत था? यदि हाँ, तो कौन-कौन संचालक व अध्यक्ष नियुक्त हुए? इनमें से किन-किन संचालक/अध्यक्ष ने त्यागपत्र कब-कब दिए और इनके त्याग पत्र से रिक्त पद कब भरे गए? (ख) किन-किन सदस्यों/अध्यक्षों का संयोजन रिक्त पद पर हुआ है और कौन-कौन से संचालक उपस्थित रहे है और इस बैठक की अध्यक्षता किसके द्वारा की गई? क्या यह विधिसंवत्त था और क्या इनके अध्यक्ष बनते ही भू-खण्ड बेचे गए है? यदि हाँ, तो कितने भू-खण्ड बेचे गए एवं उनका विक्रय मूल्य (वर्ग फुट) व शासकीय दर (वर्ग फुट) मूल्य क्या है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित भोपाल (डी.आर.बी./224) के 10/2012 में सम्पन्न संचालक मण्डल के निर्वाचन के संबंध में मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अधिकरण भोपाल में प्रकरण विचाराधीन होने से यह कहना संभव नहीं है कि निर्वाचन विधिवत था या नहीं। 10/2012 में निर्वाचित संचालक मण्डल एवं अध्यक्ष की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। निर्वाचित संचालकों में से श्री मनोज सूरी एवं श्री संजय महाजन द्वारा दिनांक 25.11.2012 को, श्री स्वदेश गुण्डा एवं प्रदीप मोदी द्वारा दिनांक 05.10.2013 को संचालक पद से तथा श्री प्रेमसिंह जायसवाल द्वारा दिनांक 10.04.2016 को अध्यक्ष पद से त्याग पत्र दिये गये। त्यागपत्र से रिक्त पद दिनांक 05.10.2013, दिनांक 08.12.2013, दिनांक 10.04.2016 और दिनांक 27.07.2016 को संचालक मण्डल द्वारा भरे गये। (ख) संचालक के रिक्त पदों पर श्री राज शाह, श्री हरीश शोभानी, श्री जीवन माथुर एवं श्रीमती अनिता विष्ट भट्ट का सहयोजन एवं अध्यक्ष के रिक्त पद पर श्रीमती अनिता विष्ट भट्ट का निर्वाचन संचालक मण्डल के द्वारा किया गया। सहयोजन की बैठकों में उपस्थित संचालकों एवं अध्यक्षता करने वाले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। न्यायालय पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. भोपाल के प्रकरण क्रमांक-ई/एचओ/03/80ए2018/00046 में पारित निर्णय दिनांक 29.06.2018 में श्रीमती अनिता विष्ट भट्ट का अध्यक्ष पद का निर्वाचन अवैधानिक माना गया था, जिसके विरूद्ध म.प्र. राज्य सहकारी अधिकरण में प्रस्तुत रिवीजन प्रकरण क्रमांक आर.-158/2018 में पारित आदेश दिनांक 26.11.2018 के द्वारा न्यायालय पंजीयक सहकारी संस्थायें म.प्र. भोपाल के निर्णय दिनांक 29.06.2018 को निरस्त किया गया है। श्री विवेक दीक्षित द्वारा सहकारी अधिकरण के आदेश दिनांक 26.11.2018 के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत डब्ल्यू.पी.नम्बर 551/2019 में पारित आदेश दिनांक 12.09.2019 के द्वारा याचिका खारिज कर दी गई है। आदेशों की प्रतियां पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। श्रीमती अनिता विष्ट भट्ट के अध्यक्ष बनने के पश्चात् कुल 09 भू-खण्ड सदस्यों को पंजीकृत कराये गये है, उनका विक्रय मूल्य रूपये 198 प्रति वर्ग फुट था, जबकि शासकीय दर रूपये 2500 प्रति वर्ग फुट थी।
भोपाल आर.जी.वी.वी. के यू.आई.टी. में टेण्डर की जानकारी
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
156. ( क्र. 1364 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2017 से 31.10.2019 तक आर.जी.पी.वी.वी. भोपाल के यू.आई.टी. में परिवहन रद्दी, मेस एवं अन्य कार्यों के कितने टेण्डर निकाले गये? कार्य का नाम, दिनांक, चयनित फर्म नाम सहित प्रत्येक टेण्डर की जानकारी वर्षवार देवें। (ख) उपरोक्त चयनित फर्मों को कब-कब कितना भुगतान किया गया? राशि, दिनांक, टिन/जी.एस.टी. नम्बर, टी.डी.एस. कटौत्रा राशि सहित प्रत्येक विषय में वर्षवार बतावें? (ग) संचालक यू.आई.टी. समेत कितने अधिकारियों पर शिकायत, जांचे कहाँ-कहाँ, किन-किन अधिकारियों के पास कब से लंबित है? इन अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित बतावें कि इनकी अद्यतन स्थिति क्या है? (घ) क्या इन शिकायतों के निराकरण के लिये शासन ने प्रश्न (ग) अनुसार पत्राचार किया है? यदि हाँ, तो इस समस्त पत्राचार की छायाप्रति देवें? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक इनका निराकरण होगा?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एवं (ख) यू.आई.टी. परिवहन के लिए मेसर्स स्पीड, इंटरप्राइजेज को वर्ष 2017, 2018 एवं 2019 में टेण्डर दिए गये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं है।
जनसंपर्क विभाग द्वारा स्वीकृत राशि
[जनसंपर्क]
157. ( क्र. 1367 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धरमपुरी वि.स. जिला धार में जनसंपर्क विभाग द्वारा दिनांक 01.01.2014 से 30.10.2018 तक कितनी राशि स्वीकृत की गई? (ख) उक्त राशि को खर्च हेतु किस कार्य के लिये किस संस्था को दी गई?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जनसंपर्क विभाग के अधीन संभागीय एवं जिला जनसंपर्क कार्यालय संचालित है। संभागीय एवं जिला कार्यालयों को विधान सभावार बजट उपलब्ध कराने का प्रावधान नहीं है। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
युवा बेरोजगारों को रोजगार दिया जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
158. ( क्र. 1395 ) श्री कमल पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 17 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक तक हरदा जिलान्तर्गत तकनीकी शिक्षा, कौशल, विकास एवं रोजगार विभाग में कितने-कितने युवा बेरोजगारों को किस-किस पद पर नियुक्ति दी गई? (ख) हरदा जिले में कितने-कितने युवा बेरोजगारों को सरकार के वचन पत्र अनुसार 4000 रूपए बेरोजगार भत्ता दिया गया यदि नहीं, दिया गया तो क्यों नहीं दिया है? कब तक युवा बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देना प्रारंभ कर दिया जाएगा? (ग) हरदा जिले में कुल कितने बेरोजगार पंजीकृत हैं? शासन द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए 17 दिसम्बर 18 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य योजना बनाई? नहीं बनाई तो क्यों नहीं बनाई? (घ) क्या यह सही है कि म.प्र. के बेरोजगारी की दर बढ़ रही है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
सहकारी समितियों जिला प्राप्त कमीशन
[सहकारिता]
159. ( क्र. 1396 ) श्री कमल पटेल : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित होशंगाबाद के हरदा जिले की सहकारी समितियों में वर्ष 2017 से वर्ष 2019 तक समर्थन मूल्य पर किए गए खरीदी कार्य में समितियों को कितना कमीशन प्राप्त हुआ है? (ख) किन-किन समितियों पर समर्थन मूल्य उपार्जन हेतु स्वीकृत केश क्रेडिट लिमिट कर्ज की कितनी राशि बैंक को लेना शेष है? क्या यह राशि वसूली हेतु प्रयास किए गये यदि हाँ, तो कितनी राशि किस-किस समिति से वसूल की गई और नहीं वसूली की गई तो क्यों? (ग) हरदा जिले की सहकारी समितियों पर बैंक का कितना कर्ज बकाया है? (घ) प्रश्नांश (ग) में बकाया ऋण के विरूद्ध वर्ष में कितनी राशि की वसूली प्राप्त की गई?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) वर्ष 2017 से 2019 तक राशि रू. 25,59,51,171.98 प्राप्त वर्ष 2019 का राशि रू. 3,84,82,883.00 मिलना शेष है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है, उपार्जन कार्य में समितियों को हानि होने से बैंक को समितियों से राशि प्राप्त नहीं हुई है, बैंक द्वारा सदस्य समितियों के विरूद्ध कोई प्रकरण प्रस्तुत नहीं किये गये है, समितियों द्वारा कलेक्टर के समक्ष आर्बीट्रेशन हेतु राशि रू. 2972.37 लाख के प्रकरण प्रस्तुत किये है, इसके अतिरिक्त वर्ष 2017-18 से 2019-20 के मध्य की अवधि के सभी प्रकरणों में आर्बीट्रेशन प्रकरण प्रस्तुत करने, आर्बीट्रेशन के प्रकरणों के निराकरण से राशि प्राप्त होने, नोडल एजेंसियों से प्राप्ति योग्य शेष राशि प्राप्त होने तथा धारा 58 (बी) एवं 64 के तहत दायर प्रकरणों के निराकरण उपरांत राशि की वसूली प्राप्त हो सकेगी। (ग) दिनांक 31.03.2019 पर राशि रू. 302.33 करोड़ बकाया है। (घ) दिनांक 30.11.2019 की स्थिति पर बकाया ऋण के विरूद्ध वसूल की गई राशि रू.100.14 करोड़ है।
आई.टी.आई. कॉलेज में उपयोग किए गए सॉफ्टवेयर
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
160. ( क्र. 1399 ) श्री सुनील सराफ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 3411 दिनांक 23.07.2019 में वर्णित जिन 10 आई.टी.आई. में इंग्लिश लैंगवेज लेब साफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। उनके नाम देवें। क्या इस साफ्टवेयर के द्वारा प्रश्न दिनांक तक छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया? यदि हो तो वर्षवार, संस्थावार, छात्र नाम सहित देवें। प्रशिक्षण अवधि भी बतावें। (ख) इस सॉफ्टवेयर का किन-किन दिनांकों को नवीनीकरण किया गया प्रमाणित प्रतियाँ देवें। संबंधित फर्म का नाम, प्रश्न दिनांक तक भुगतान राशि की जानकारी वर्षवार देवें। (ग) सेन्ट्रल इंडिया कन्सल्टेन्सी सर्विसेस जबलपुर को कितना भुगतान विगत 05 वर्षों में किया गया वर्षवार जानकारी प्रस्तुत बिलों का विवरण जनकारी सहित देवें? (घ) M.P.S.I.D.C. को विगत 05 वर्षों में किये गये भुगतान की जानकारी भी उपरोक्तानुसार देवें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) इंग्लिश लैंग्वेज लैब सॉफ्टवेयर 10 संस्थाओं यथा रीवा, उज्जैन, इन्दौर, सागर, होशंगाबाद, शहडोल, ग्वालियर, जबलपुर, मुरैना तथा भोपाल के लिये क्रय किया गया। यह सॉफ्टवेयर ट्रेडों के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम का अंग नहीं है बल्कि प्रशिक्षणार्थियों को अंग्रेजी भाषा सीखने की अतिरिक्त सुविधा निर्मित करने के उदे्दश्य से क्रय किया गया है। इंग्लिश लैंग्वेज के इस सॉफ्टवेयर द्वारा अंग्रेजी भाषा सीखने के लिए कोई निर्धारित अवधि नहीं है इसीलिये संस्थावार वर्षवार प्रशिक्षाणार्थियों के नाम की जानकारी दी जाना सम्भव नहीं है। (ख) इस सॉफ्टवेयर का नवीनीकरण माह जुलाई 2019 में ऑन लाईन किया गया। इंग्लिश लैंग्वेज लैब सॉफ्टवेयर (30 यूजर) का क्रय ए.व्ही.एम. इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड, इन्दौर से किया गया जिन्हें राशि रू. 1,39,797/- (टैक्स सहित) प्रति संस्था के मान से 10 संस्थाओं के लिए राशि 13,97,970/- का भुगतान वर्ष 2016 में किया गया। इसके उपरान्त उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया। (ग) सेन्ट्रल इंडिया कन्सल्टेंसी सर्विसेज जबलपुर को माह अक्टूबर 2018 में राशि रू. 94754/- (जी.एस.टी. सहित्) का भुगतान किया गया। इसके उपरान्त उन्हें और कोई भुगतान नहीं किया गया है। देयक की प्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) संचालनालय द्वारा एम.पी.एस.आई.डी.सी. को कोई भुगतान नहीं किया गया है। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एम.पी.एस.ई.डी.सी.) को मार्च 2019 में राशि रू. 22.24 लाख का भुगतान किया गया है, इसके उपरान्त कोई भुगतान नहीं किया गया।
जनसंपर्क निधि से स्वीकृत राशि का भुगतान
[सामान्य प्रशासन]
161. ( क्र. 1402 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनसंपर्क निधि से राशि स्वीकृत करने भुगतान करने के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश है? (ख) भिण्ड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008-09 से 2013-14 तक की अवधि में जनसंपर्क निधि से किन-किन व्यक्ति/संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि कब-कब स्वीकृत की गयी एवं उक्त राशि का भुगतान सम्बंधित को कब-कब किस माध्यम से किया गया? (ग) प्रश्न दिनांक की स्थिति में उक्त राशि का भुगतान किन-किन को अभी तक नहीं किया गया तथा क्यों। कब तक राशि का भुगतान होगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। भुगतान चैक के माध्यम से किया गया। (ग) 26 व्यक्तियों/संस्थाओं द्वारा बिल वाउचर प्रस्तुत न करने के कारण भुगतान नहीं हुआ। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
भिण्ड जिले में निर्माण कार्य
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
162. ( क्र. 1403 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन हेतु वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक जिला मुख्यालय, तहसील एवं ब्लॉक अंतर्गत किन-किन सुविधाओं हेतु किन-किन निर्माण कार्यों की शासन एवं संचालनालय द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई? विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी दें एवं स्वीकृति कार्यों की छायाप्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में अटेर विधान सभा क्षेत्र में स्वीकृति कार्यों में से कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वास्थ्य संचालनालय एवं जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराये जा रहे है। ये कार्य किस दिनांक को प्रारंभ होकर पूर्ण, अपूर्ण रहे या प्रगतिरत है अथवा निरस्त हुए। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में निर्माण कार्य किस-किस ठेकेदार से किस-किस दर पर कितनी अवधि के लिये आवंटित किये गये थे। निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन किस स्तर के अधिकारी द्वारा किया गया। निर्माण कार्यवार जानकारी दे। क्या निर्माण कार्य का निरीक्षण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया है? यदि हाँ, तो निरीक्षण प्रतिवेदन की छायाप्रति दे। निरीक्षण में क्या-क्या कमियां पाई गयी। (घ) आबादी और क्षेत्रफल के अनुसार चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने हेतु नियमानुसार कितनी दूरी या आबादी पर चिकित्सालय होना आवश्यक है? इस संबंध में विभाग के क्या नियम है? नियमों की प्रति उपलब्ध करावे? आबादी एवं क्षेत्रफल के अनुसार अटेर विधानसभा क्षेत्र में कहाँ-कहाँ पर नवीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है।
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। स्वीकृत कार्यों की छायाप्रतियां विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार कार्य निविदा स्तर पर होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) स्वास्थ्य संस्थाएं उपलब्ध कराने हेतु जनसंख्या अनुसार मापदण्ड पूर्व से शासन द्वारा निर्धारित है, दूरी का मापदण्ड नहीं है। मापदण्ड निर्धारण संबंधित शासन की नियमावली की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है एवं विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'इ' अनुसार है।
औद्योगिक मालिकों द्वारा विस्थापित परिवार के सदस्य को कार्य पर नहीं रखने
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
163. ( क्र. 1404 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के मनेरी औद्योगिक क्षेत्र से विस्थापित परिवार के सदस्यों को फैक्ट्री मालिको द्वारा अपने फैक्ट्री में काम पर नहीं रखा जाकर बाहरी प्रदेश के मजदूर काम पर रखे गये है? 150 से ज्यादा फैक्ट्री संचालित होने के बावजूद भी इस क्षेत्र के लोग दूसरे शहरों की और पलायन कर रहे है, यदि हाँ, तो, पलायन रोकने की क्या नीति है? (ख) विगत वर्षों में उक्त फैक्ट्रियों में कितने विस्थापित परिवार के सदस्यों को काम पर रखा गया है। औद्योगिक नीति के तहत राज्य सरकार से की गई अनुबंध की प्रति उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) जी, नहीं। मंडला जिले के औद्योगिक विकास केन्द्र/फूड पार्क मनेरी में स्थापित उद्योगों द्वारा विस्थापित परिवार के सदस्यों सहित अधिकतर स्थानीय व्यक्तियों को काम पर रखा गया है। वर्तमान में उक्त औद्योगिक विकास केन्द्र/फूडपार्क में 71 उद्योग (फैक्ट्री) संचालित है, जिसमें 1644 व्यक्ति स्थानीय एवं 154 व्यक्ति मध्यप्रदेश के बाहर के कार्यरत है। संचालित उद्योगों में वर्तमान में विस्थापित परिवार के 34 सदस्यों को काम पर रखा है। मध्यप्रदेश के 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने का प्रावधान है। (ख) प्रचलित भूमि आवंटन नियमों में विस्थापित परिवार के सदस्यों को काम पर रखे जाने का प्रावधान नहीं है, परंतु संचालित उद्योगों में वर्तमान में विस्थापित परिवार के 34 सदस्यों को काम पर रखा है। औद्योगिक इकाईयों एवं राज्य सरकार में इस तरह का कोई अनुबंध नहीं किया जाता है।
गृह निर्माण समिति में भ्रष्टाचार की जाँच
[सामान्य प्रशासन]
164. ( क्र. 1409 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गौरव गृह निर्माण सहकारी संस्था भोपाल (डी.अ./224) द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में शिकायत क्र. 145/8 की गई थी? क्या तत्संबंध में जाँच पूर्ण हो गई है? यदि नहीं, तो कब तक जाँच पूर्ण हो सकेगी? (ख) शिकायतकर्ता द्वारा दिनांक 03-10-2019 को इसी मामले से संबंधित शिकायत प्रेषित की गई थी? जिसमें 3 करोड़ 50 लाख रू. की राशि के गबन का उल्लेख किया गया था? इसमें क्या कार्यवाही की गई? संस्था अध्यक्ष द्वारा 9 भू-खण्ड किस दर से बेचे हैं व उक्त क्षेत्र की भूमि की शासन दर क्या है?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जाँच परीक्षणाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। शिकायत विवेचनाधीन है। शिकायत में जानकारी प्राप्त करने हेतु पत्राचार किया गया है, पत्राचार का उत्तर प्राप्त होने पर संस्था अध्यक्ष द्वारा बेचे गये भू-खण्ड की दर एवं शासन की दर की जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
स्थाई कर्मियों की विभागवार जानकारी
[सामान्य प्रशासन]
165. ( क्र. 1410 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या सामान्य प्रशासन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा वर्ष 2016 में लागू की गई विनियमितीकरण योजना के उपरांत प्रदेश में कार्यरत समस्त स्थाई कर्मचारियों को अर्जित अवकाश की पात्रता है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दें और यदि नहीं, तो कारण बतावें। (ख) विनियमितिकरण योजना वर्ष 2016 के उपरांत प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत स्थाई कर्मी कर्मचारियों को अर्जित अवकाश, चिकित्सा भत्ता एवं अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का क्या कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? यदि हाँ, तो इसे कब तक लागू किया जावेगा?
सामान्य प्रशासन मंत्री ( डॉ. गोविन्द सिंह ) : (क) जी नहीं। उक्त योजना के तहत स्थायीकर्मी की श्रेणी दी गई। (ख) जी नहीं। शेषांश में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कौशल विकास केंद्र की स्थापना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
166. ( क्र. 1431 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 5 वर्षों में सिवनी जिले में कितने कौशल विकास केंद्र की स्थापना की गई सूची प्रदान की जावे। (ख) कितने प्रशिक्षित युवा-युवतियों को कहाँ रोजगार से लगाया गया तथा कहाँ से कहाँ वर्तमान में कार्य कर रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्तमान सरकार की क्या योजना है?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) सिवनी जिले के धनौरा तहसील में शासकीय कौशल विकास केन्द्र वर्ष 2011 में प्रारंभ किया गया था। माह जनवरी-2007 से शासकीय कौशल विकास केन्द्र धनौरा में प्रशिक्षण संचालित नहीं होने से वर्तमान में उक्त शासकीय कौशल विकास केन्द्र बंद है। (ख) प्रशिक्षित युवा-युवती के रोजगार, स्वरोजगार तथा उच्च शिक्षा में अध्ययनरत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वर्तमान में कोई योजना नहीं है।
प्रदेश में मेगा आई.टी.आई. बनाया जाना
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
167. ( क्र. 1433 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या एशियन डेवलपमेंट बैंक से लगभग 15,000 करोड़ के वित्त पोषण से प्रदेश में मेगा आई.टी.आई. बनाये जा रहे हैं? (ख) क्या भोपाल में बनने वाले मेगा आई.टी.आई. में भोपाल जिले की मध्यम एवं निम्न आय की महिलाओं को स्विंग टेक्नोलॉजी एवं ब्यूटीशियन के ट्रेडों से वंचित किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या स्विंग टेक्नोलॉजी एवं ब्यूटीशियन ट्रेडों की मध्यम एवं निम्न आय वाली महिलाओं में सर्वाधिक मांग है, इसके बावजूद भोपाल में मेगा आई.टी.आई. से स्विंग टेक्नोलॉजी एवं ब्यूटीशियन ट्रेड बंद कर दिए जाने के क्या कारण हैं? (घ) क्या उपरोक्त दोनों ट्रेडों को स्कूली शिक्षा में भी जोड़ा गया है? यदि हाँ, तो इन ट्रेडों को मेगा आई.टी.आई. में कब तक जोड़ा जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) एशियन डेवलपमेंट बैंक के वित्त पोषण से मध्यप्रदेश कौशल विकास परियोजना के अन्तर्गत ग्लोबल स्किल पार्क की स्थापना तथा 10 संभागीय आई.टी.आई. का उन्नयन सम्मिलित है। परियोजना की कुल लागत राशि रू. 1548 करोड़ है। (ख) एवं (ग) परियोजना के तहत 10 संभागीय आई.टी.आई. के उन्नयन का मूल उदे्दश्य प्रशिक्षण की गुणवत्ता प्राप्त करने का है। इसी उदे्दश्य से भोपाल स्थिति तीनों संस्थाओं क्रमश: आई.टी.आई. भोपाल, गैसराहत आई.टी.आई. भोपाल तथा महिला आई.टी.आई. भोपाल में संचालित विभिन्न व्यवसायों की विभिन्न यूनिटों का एकीकरण किया गया है। वर्तमान में इन तीनों संस्थाओं में समग्र रूप से 44 ट्रेड संचालित हैं इनमें से परियोजना के तहत 29 ट्रेड संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इन संस्थाओं में वर्तमान में ड्रेस मैकिंग की 4 यूनिटें तथा स्वीईंग टेक्नोलॉजी की 4 यूनिटें संचालित हैं। स्वीईंग टेक्नोलॉजी तथा ड्रेस मैकिंग समान प्रकृति के ट्रेड हैं इसीलिये इन दोनों ट्रेडों को एकीकृत कर ड्रेस मैकिंग की 4 यूनिटों को संचालित करने का निर्णय लिया गया है। महिला आई.टी.आई. भोपाल में संचालित बेसिक कॉस्मेटोलॉजी की 2 यूनिटों को परियोजना के तहत संचालित नहीं करने का निर्णय लिया गया है। (घ) स्वीईंग टेक्नोलॉजी एवं ब्यूटीशियन ट्रेड को स्कूल शिक्षा में जोड़ने संबंधी विषय विभाग के अन्तर्गत नहीं आता है। प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में स्वीईंग टेक्नोलॉजी एवं ड्रेस मैकिंग की वर्तमान में संचालित 8 यूनिटों के स्थान पर ड्रेस मैकिंग की 4 यूनिटें संचालित की जायेंगी तथा ब्यूटीशियन ट्रेड में प्रशिक्षण संचालित नहीं किया जायेगा।
चिकित्सकों के रिक्त पद शीघ्र भरने
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
168. ( क्र. 1439 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में जनवरी 2018 से जनवरी 2019 के मध्य जिले में कहाँ-कहाँ, कितने-कितने, कौन-कौन से चिकित्सकों के पद रिक्त थे तथा कौन-कौन से चिकित्सक कहाँ-कहाँ पदस्थ हैं? (ख) जिले में चिकित्सकों के रिक्त पद भरे जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) जनहित में जिले के समस्त चिकित्सकों के रिक्त पदों को कब तक भर दिया जावेगा?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) टीकमगढ़ जिले में जनवरी 2018 से जनवरी 2019 के मध्य चिकित्सा अधिकारियों के कुल स्वीकृत 78 पदों के विरूद्ध 33 चिकित्सक कार्यरत थे एवं 45 पद रिक्त थे। जनवरी 2019 के पश्चात 10 चिकित्सकों द्वारा टीकमगढ़ जिले अंतर्गत कार्यग्रहण किया गया है एवं वर्तमान में 78 पदों के विरूद्ध 43 चिकित्सक कार्यरत हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग रिक्त पदों की पूर्ति हेतु निरंतर प्रयासरत् है। वर्ष 2019 में एम.बी.बी.एस. बंधपत्र के अनुक्रम में 15, पी.जी. बंधपत्र के अनुक्रम में 12 एवं लोक सेवा आयोग से चयनित 11 चिकित्सकों की पदस्थापना की गई है, लोक सेवा आयोग से चयनित चिकित्सकों के कार्यग्रहण करने की अंतिम तिथि 26.12.2019 है। इस प्रकार कुल 38 चिकित्सकों की पदस्थापना, टीकमगढ़ जिले अंतर्गत स्वास्थ्य संस्थाओं में की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति की कार्यवाही निरंतर जारी है। पदपूर्ति हेतु निश्चित समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
कौशल विकास केंद्रो के अधिकारी एवं कर्मचारियों को पुन: सेवा में लिये जाने
[तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोज़गार]
169. ( क्र. 1440 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी कौशल विकास केंद्र में पदस्थ हैं? यह कौशल विकास केंद्र कब से संचालित है? प्रत्येक में प्रतिवर्ष कितने बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया जाता है? (ख) क्या वर्तमान में कौशल विकास केन्द्रों में प्रशिक्षण दिलवाने वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों को शासन द्वारा नौकरी से बाहर निकाल दिया गया है? क्यों? ऐसे आदेशों की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ग) अब इन केन्द्रों पर बेरोजगारों को प्रशिक्षण कौन दिला रहा है? (घ) क्या इन नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पुन: सेवा में लिया जावेगा यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) वर्तमान में शासकीय कौशल विकास केन्द्र बन्द होने से कौशल विकास केन्द्र में संविदा अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ नहीं है। प्रदेश में माह नवम्बर-2011 से 113 शासकीय कौशल विकास केन्द्र प्रारंभ किये गये थे तथा इसके उपरान्त माह नवम्बर-2013 से 20 नवीन शासकीय कौशल विकास केन्द्र प्रारंभ किये गये थे। माह जनवरी 2017 से कौशल विकास केन्द्रों में प्रशिक्षण संचालित नहीं होने से कौशल विकास केन्द्र बंद है। माह जनवरी 2017 से कौशल विकास केन्द्रों में प्रशिक्षण संचालित नहीं होने से प्रतिवर्ष बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने संबंधी जानकारी निरंक है। (ख) शासकीय कौशल विकास केन्द्रों में पूर्व में कार्यरत संविदा मैनेजर, प्रशिक्षक तथा कार्यालय सहायक सह लेखापाल की संविदा अवधि पूर्ण होने से मध्यप्रदेश व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद् भोपाल के द्वारा जारी निर्देशों के तारतम्य में अमले की सेवायें समाप्त की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जनवरी 2017 से शासकीय कौशल विकास केन्द्रों में प्रशिक्षण संचालित नहीं होने से शासकीय कौशल विकास केन्द्र बन्द है। (घ) मध्यप्रदेश शासन तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग, भोपाल के आदेश दिनांक 28/03/2017 के द्वारा कौशल विकास केन्द्रों में संविदा स्तर पर स्वीकृत सभी पद समाप्त किये जा चुके हैं। अत: सेवा समाप्त किये गये अमले की सेवायें पुन: लिया जाना सम्भव नहीं है।
अशासकीय ट्रस्टों की भूमियों व परिसम्पत्तियों
[औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन]
170. ( क्र. 1467 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न कार्यों को किये जाने हेतु अशासकीय ट्रस्ट, संस्थाएं अथवा अन्य सोसायटियां पंजीबद्ध होकर क्षेत्र में कार्यरत है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) अंतर्गत आने वाली विभिन्न अशासकीय व्यवस्थाओं के माध्यम से किस-किस प्रकार के क्या-क्या कार्य किये जाते है? स्थान, कार्य नाम, सहित जानकारी दें? (ग) जानकारी दें कि उपरोक्तानुसार कुल कितने, किन-किन स्थानों पर इस प्रकार की व्यवस्था संचालित की जा रही है? उनकी परिसम्पत्तियाँ, भूमियों के सर्वे क्र. सहित एवं वर्षानुसार किये गये ऑडिट की स्थिति से अवगत कराएं? (घ) कृपया उपरोक्त उल्लेखित प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) आने वाले तदाशय के प्रश्नों का उत्तर वर्ष 2012-13 से लेकर प्रश्न दिनांक तक की स्थिति तक स्पष्ट करे?
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मध्यप्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1973 के तहत अशासकीय ट्रस्ट पंजीकृत किये जाने का प्रावधान नहीं है। उक्त अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत संस्थाओं का विधानसभा क्षेत्रवार अथवा कार्यरत संस्थाओं के प्रत्येक रिकार्ड के संधारण का प्रावधान अधिनियम में नहीं है। (ख) उपरोक्तानुसार। अधिनियम में विभिन्न अशासकीय व्यवस्थाओं के माध्यम से किये जाने वाले कार्यों की जानकारी का संधारण इस कार्यालय द्वारा किये जाने का प्रावधान नहीं होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उपरोक्तानुसार। प्रश्नांकित जानकारी इस कार्यालय द्वारा संधारित किये जाने का प्रावधान अधिनियम में नहीं है। पंजीकृत संस्थाओं का ऑडिट प्रतिवर्ष इस कार्यालय द्वारा कराये जाने का प्रावधान अधिनियम में नहीं है। (घ) उपरोक्तानुसार।
भोपाल जिले में कार्यरत व्यवसायिक आर.ओ. प्लांट
[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]
171. ( क्र. 1494 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिलांतर्गत वर्तमान में कितने मिनरल वाटर (आर.ओ.) प्लांट व्यवसायिक रूप से कार्यरत हैं? उनके नाम, पता एवं प्रतिदिन उत्पादन क्षमता बताई जाये। (ख) खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्लांटों एवं उत्पादों की कब-कब जाँच की गई? प्लांटवार तिथि बताई जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में की गई जाँच में किन-किन प्लांटों का उत्पाद गुणवत्ताहीन बताया गया, उनका नाम बताते हुये की गई कार्यवाही बताई जाये। (घ) क्या प्रश्नांश (क) से संबंधित प्लांटों के उत्पादों की जाँच प्लांट से बाहर भी की जाती है? यदि नहीं, तो इसके लिये कौन दोषी है?
लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) भोपाल जिले में खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 विनियम, 2011 के प्रावधान अनुसार मिनरल वाटर (आर.ओ.) के प्लांट संचालित नहीं है। (ख) से (घ) शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की जानकारी
[अध्यात्म]
172. ( क्र. 1998 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना मध्यप्रदेश में कब से प्रारंभ की गई? (ख) योजना प्रारंभ दिनांक से 25 नवम्बर, 2019 तक कितने लाभार्थियों ने योजना का लाभ लिया है? यह यात्रा कब-कब, कहाँ-कहाँ गई है एवं कितने लाभार्थी हर यात्रा में गये हैं? इसकी जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें? (ग) क्या कोई लाभार्थी एक बार योजना का लाभ लेने के बाद पुनः इसका लाभ ले सकता है? (घ) क्या वर्तमान में योजना जारी है? यदि हाँ, तो प्रस्तावित यात्राओं की जानकारी समय व स्थान उपलब्ध करावें।
मुख्यमंत्री ( श्री कमल नाथ ) : (क) मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना मध्यप्रदेश में 03 सितम्बर 2012 से प्रारंभ की गई है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''एक'' अनुसार है। (ग) जी हाँ, कोई लाभार्थी एक बार योजना का लाभ लेने के पश्चात् पुन: 05 वर्ष पश्चात् इसका लाभ ले सकता है। (घ) जी हाँ वर्तमान में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना निरंतर जारी है। प्रस्तावित यात्राओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''दो'' अनुसार है।