मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्बर, 2019 सत्र
मंगलवार, दिनांक 17 दिसम्बर, 2019
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
जिला बैतूल
अंतर्गत काजू
की फसल का उत्पादन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
1. ( *क्र. 297 ) श्री निलय डागा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश एग्रो क्लाईमेटिक जोन के आधार पर विषयांकित जिले हेतु कौन-कौन सी उद्यानिकी फसलें अनुशंसित की गईं हैं? प्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या काजू फसल भी इस जिले हेतु अनुशंसित है, वर्ष 2018-19 में विभाग द्वारा जिले के कुल कितने किसानों के यहां कितने रकबे में काजू फल का पौधा रोपण किया गया है? इसकी सूची किसानवार, जाति, ग्राम, विकासखण्ड, रोपित रकबा, रोपित पौधों की संख्या एवं प्रश्नांश अवधि में जीवित पौधों की संख्या सहित जानकारी दें। (ग) क्या किसानों के यहां काजू पौधों की जीवित संख्या नगण्य है? इसके कारण स्पष्ट करें। (घ) क्या भारत सरकार की योजना के किसी भी घटक में आंशिक व पूर्णत: परिवर्तन करने का अधिकार जिले को प्रदत्त है? (ड.) यदि हाँ, तो निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? यदि नहीं, तो क्या जिला बैतूल के अधिकारी द्वारा भारत सरकार की गाईड लाईन को ताक पर रखते हुए काजू उच्च घनत्व ड्रिप रहित योजना का क्रियान्वयन किया गया, जिससे जिले के किसानों को अनुदान से वंचित रहना पड़ा है? अवगत करावें। (च) इसके उपरांत भी वर्ष 2019-20 में वृहद स्तर पर किसानों के यहां काजू पौधा रोपण किस वजह से लिया जा रहा है? (छ) क्या किसानों के नाम पर विभाग द्वारा काजू पौधे क्रय करने के पीछे भ्रष्टाचार करना प्रतीत होता है, यदि हाँ, तो इसकी उच्चस्तरीय जाँच कराकर संबंधित दोषियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (छ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समर्थन मूल्य में क्रयातीत गेहूँ के बोनस राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( *क्र. 1072 ) श्री महेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बीना के किसानों से गत वर्ष 2018-19 में खरीफ की फसल सोयाबीन की भावांतर राशि का भुगतान रूपये 500 की दर से किया जाना था, तो क्षेत्र के कितने किसानों को भुगतान कर दिया है, कितने किसान शेष रह गये हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) यदि नहीं, तो कब तक कर दिया जावेगा? (ग) वर्तमान में समर्थन मूल्य पर खरीदे गये गेहूँ, चना, मसूर पर बोनस राशि रूपये 165 की दर से भुगतान होना है, क्षेत्र के किसानों को कब तक भुगतान कर दिया जावेगा। (घ) अतिवृष्टि के कारण हुये फसलों के नुकसान का सर्वे कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा एवं मुआवजा राशि का किस दर से कब तक भुगतान किया जावेगा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) खरीफ 2018 हेतु फ्लैट भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत सोयाबीन में फ्लैट भावांतर दर निर्धारण उपरान्त समस्त जिलों को आवंटन प्रदाय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इस योजनान्तर्गत विक्रय करने वाले विधानसभा क्षेत्र बीना के कृषकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) खरीफ 2018 हेतु सोयाबीन में फ्लैट भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत सोयाबीन के लिए प्रति क्विंटल का फ्लैट भावांतर दर निर्धारण एवं भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) जी नहीं। प्रदेश में लागू जय किसान समृद्धि योजना रबी 2018-19 में मात्र गेहूँ पर रूपये 160 प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि प्रदान किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) सागर जिले में अतिवृष्टि के कारण हुये फसलों के नुकसान का सर्वे पूर्ण कर लिया गया है एवं मुआवजा राशि का भुगतान अद्यतन राजस्व पुस्तक परिपत्र खण्ड-6 क्रमांक-4 में निर्धारित दर के अनुसार किया जा रहा है।
व्यापम घोटाले की जाँच
[गृह]
3. ( *क्र. 996 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 817, दिनांक 08 जुलाई, 2019 का उत्तर दिलाया जाये तथा बतावें की व्यापम घोटाले पर एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही जाँच के बिन्दु क्या हैं? इस सन्दर्भ में निकाले गये आदेश की प्रति देवें। (ख) क्या व्यापम घोटाले के शेष बिन्दुओं की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा पिछले 06 माह से की जा रही है, लेकिन अभी तक एक भी प्रकरण दर्ज नहीं किया गया? यदि हाँ, तो कारण बताएं? (ग) क्या पूर्व में व्यापम घोटाले की जाँच में एस.टी.एफ. ने काफी गोल-माल किया तथा व्यापम जाँच के लिये गठित एस.आई.टी. के निर्देशों की अवहेलना की? यदि हाँ, तो क्या एस.आई.टी. की पूर्व भूमिका को जाँच में शामिल किया जावेगा? (घ) व्यापम घोटाले की भयावहता को देखते हुए तथा 06 माह से अधिक समय तक जाँच पूर्ण न होने पर क्या व्यापम घोटाले पर एक श्वेत पत्र जारी किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) अतारांकित प्रश्न क्रमांक 817 का उत्तर प्रेषित किया गया है। शेष के संबंध में जानकारी प्रक्रियाधीन है। व्यापम शिकायत जाँच के संदर्भ में दिनांक 03.09.2019 को लंबित शिकायतों में एस.टी.एफ. अविलम्ब जाँच एवं साक्ष्य संकलन की कार्यवाही यथाशीघ्र संपन्न कर विधि सम्मत कार्यवाही करने हेतु निर्देश किये गये हैं, जिसकी जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शिकायत के बिन्दु उक्त निर्देश में समाहित हैं। (ख) व्यापम घोटाले से संबंधित शिकायतों की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही है। व्यापम एवं संबंधित विभागों से पत्राचार कर जानकारी प्राप्त की जा रही है तथा अनावेदकगणों को तलब कर पूछताछ कर कथन लेखबद्ध किये जा रहे हैं। जाँच सुसंगत सम्पुष्टिकरण साक्ष्य प्राप्त होने पर ही वैधानिक कार्यवाही सम्भव है। साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया सतत् रूप से जारी है। जाँच निष्कर्ष अनुरूप प्रकरण दर्ज किये जाने बावत् अगामी कार्यवाही की जा सकेगी। (ग) जी नहीं। वस्तुस्थिति यह है कि व्यापम घोटाले की जाँच 03 सदस्यीय एस.आई.टी. (जिसके एक सदस्य रिटायर्ड हाईकोर्ट जज थे) के दिशा निर्देशों एवं पर्यवेक्षण में की गई। (घ) जी नहीं।
मनरेगा योजनांतर्गत स्वीकृत राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 1011 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी जिला धार में दिनांक 01.01.2014 से 01.10.2018 तक विधान सभा में आने वाली ग्राम पंचायतों को मनरेगा योजना अंतर्गत कितनी राशि स्वीकृत की गई? वर्षवार, पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि किन-किन निर्माण कार्यों के लिये खर्च की गई? वर्षवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार किन-किन ग्राम पंचायतों में तालाब के निर्माण कार्य हेतु राशि का उपयोग किया गया और कितने तालाबों का निर्माण किया गया? जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी जिला धार में दिनांक 01.01.2014 से 01.10.2018 तक विधानसभा क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजनान्तर्गत 96 ग्राम पंचायतों में कुल रूपये 11681.59 लाख राशि के कार्य स्वीकृत किये गये हैं। स्वीकृत किये गये कार्यों की सूची वर्षवार, पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। वर्ष 2014 में कार्य संख्या 165 स्वीकृत राशि रू. 743.64 लाख, वर्ष 2015 में कार्य संख्या 1132 स्वीकृत राशि रू. 1245.54 लाख, वर्ष 2016 में कार्य संख्या 3103 स्वीकृत राशि रू. 3339.88 लाख, वर्ष 2017 में कार्य संख्या 3290 स्वीकृत राशि रू. 4999.84 लाख एवं वर्ष 2018 (01.10.2018 तक) कार्य संख्या 2293 स्वीकृत राशि रू. 1352.69 लाख, कुल योग कार्य संख्या 9983, स्वीकृत राशि 11681.59 लाख है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार राशि जिन निर्माण कार्यों पर खर्च की गई है, उसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) 33 ग्राम पंचायतों में 60 तालाब निर्माण कार्य किये गये हैं, जिन पर राशि रू. 555.35 लाख स्वीकृत किये गये हैं, जिसके विरूद्ध 377.04 लाख व्यय किया गया है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( *क्र. 616 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत जवा की ग्राम पंचायत कसियारी एवं अतरैला में सत्र 2016-19 तक कुल कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत राशि प्रदाय की गई? (ख) क्या ऐसे सभी हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध है? यदि नहीं, तो भूमिहीन हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु कब तक भूमि आवंटित कर दी जावेगी? आवंटित आवासों के निर्माण को पूर्ण करने की समय-सीमा बतायें। (ग) ग्राम पंचायत अतरैला के ग्राम हरदहन के पात्र हितग्राहियों क्रमश: मोहन साहू, रामसुमिरन साहू, राजबहादुर साहू एवं ग्राम पंचायत कसियारी के पात्र हितग्राही क्रमश: छोटुआ बसोर, राजीव बसोर, गणपत बसोर को एक किश्त आवंटित कर देने के उपरांत निर्माण कार्य में रोक लगा दिये जाने का क्या कारण है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) सत्र 2016-19 तक जनपद पंचायत जवा की ग्राम पंचायत कसियारी में 39 एवं ग्राम पंचायत अतरैला में 111 कुल 150 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत राशि प्रदाय की गई है। (ख) जी हाँ। सभी हितग्राहियों को आवास निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध है। ग्राम पंचायत अतरैला के आवंटित आवासों में शेष 13 अपूर्ण आवासों में 04 आवासों में स्थगन है। शेष 09 आवासों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है एवं ग्राम पंचायत कसियारी के आवंटित आवासों में शेष 05 अपूर्ण आवासों का निर्माण कार्य प्रगतिरत है। (ग) ग्राम पंचायत अतरैला के ग्राम हरदहन के पात्र हितग्राहियों क्रमश: मोहन साहू, रामसुमिरन साहू, राजबहादुर साहू के आवास में न्यायालयीन स्थगन होने के कारण आवास निर्माण का कार्य बंद है एवं ग्राम पंचायत कसियारी के छोटुआ बसोर, राजीव बसोर, गणपत बसोर, तीनों शासकीय तालाब के मेड़ पर आवास का निर्माण कर रहे थे, जिनका निर्माण कार्य कुछ ग्रामीणजनों के विरोध के कारण रूका हुआ था, जिसका निराकरण करा लिया गया है। आवास निर्माण कार्य प्रगतिरत है।
शिवपुरी जिले में आर.के.व्ही.वाई. योजना अंतर्गत प्याज भण्डारण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
6. ( *क्र. 814 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2017-18 तक आर.के.व्ही.वाई. योजना अंतर्गत प्याज भण्डारण में किन-किन के कहाँ-कहाँ के प्रकरण कितनी-कितनी राशि के स्वीकृत किये गये? कितना-कितना अनुदान कब कब स्वीकृत कर भुगतान किया गया? (ख) उक्त प्याज भण्डारण के स्वीकृत किन-किन प्रकरणों का किस-किस के द्वारा कब कब भौतिक सत्यापन किया गया? (ग) क्या उक्त स्वीकृत प्रकरणों में प्याज भण्डारण हेतु प्याज गोदाम बनाये गये हैं? यदि हाँ, तो किन-किन के द्वारा कहाँ-कहाँ प्याज गोदाम बनाये हैं? उक्त प्याज गोदामों का किन-किन के द्वारा भौतिक सत्यापन किया गया? भौतिक सत्यापन की प्रति दें। (घ) क्या कुछ प्रकरणों में प्याज गोदाम नहीं बनाये गये और अधिकारियों की मिलीभगत से अनुदान राशि निकाल ली गई? यदि हाँ, तो ऐसे प्रकरण कौन-कौन से हैं? यदि नहीं, तो स्वीकृत समस्त प्याज गोदामों के भौतिक सत्यापन प्रमाण-पत्र संलग्न कर जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छतरपुर जिलांतर्गत कार्यरत वाटरशेड समितियां
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 1071 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत वाटरशेड की कितनी समितियां कार्यरत हैं? क्या किसी समिति के नियम विरूद्ध गठन की शिकायत प्राप्त हुई? यदि हाँ, तो शिकायत पर क्या कार्यवाही की गयी? (ख) वाटरशेड समिति अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्य कराये गये? कितनी राशि व्यय हुई? कार्यवार विवरण सहित जानकारी प्रदान करें। इनका भौतिक सत्यापन किन संस्थाओं/अधिकारियों द्वारा किया गया? क्या समस्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं, लंबित कार्यों का विवरण व पूर्ण ना होने का कारण स्पष्ट करें। (ग) वाटरशेड समितियों के कार्यों के संबंध में क्या शिकायतें प्राप्त हुईं हैं, शिकायतों का निराकरण किया गया या नहीं? लंबित शिकायतों व निराकृत शिकायतों में कोई गंभीर अनियमितता ज्ञात हुई तो दोषियों पर क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं की गयी तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 38. जी नहीं। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समस्त कार्य पूर्ण हो चुके हैं, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में किये गये निर्माण कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( *क्र. 141 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत विगत 5 वर्षों में कितने कि.मी. सड़कों का रिन्यूवल किया गया? विधानसभा क्षेत्रवार एवं ग्रामवार जानकारी दें। (ख) क्या खण्डवा जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत विगत वर्षों में प्रतिवर्ष 200 कि.मी. रिन्यूवल की स्वीकृति प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उक्त स्वीकृति के विरुद्ध वर्षवार कितने कि.मी. रिन्यूवल का कार्य किया गया? (ग) क्या विभाग की लापरवाही एवं शिथिल कार्यप्रणाली के कारण शासन से स्वीकृत 200 कि.मी. रिन्यूवल के विरुद्ध मात्र 100 कि.मी. तक ही रिन्यूवल का कार्य किया गया? इसके लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? (घ) क्या जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक दिनांक 02.11.2019 में अध्यक्ष एवं माननीय सदस्यों द्वारा विगत 3 वर्षों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत बनी सड़कों के अत्यंत घटिया निर्माण की शिकायत की गयी है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही हुई? (ड.) क्या ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में बाधक बनने वाले तत्कालीन महाप्रबंधक के विरुद्ध सड़कों के घटिया निर्माण एवं रिन्यूवल कार्य समय पर नहीं करवाये जाने की उच्चस्तरीय जाँच कराई जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) खण्डवा जिले के प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विगत 5 वर्षों में 506.98 कि.मी. सड़कों का रिन्यूवल किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत संधारित सड़कों में भौतिक स्थिति के अनुसार रिन्यूवल का कार्य कराया जाता है। विगत पाँच वर्ष में किये गये रिन्यूवल की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक दिनांक 02.11.2019 के कार्यवाही विवरण अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित कुल 10 सड़कों में घटिया निर्माण की शिकायत की गई थी। उक्त 10 सड़कों में से 08 सड़कें अच्छी स्थिति में है। ''नॉदिया से गरबड़ी'' मार्ग के 10 वर्ष पश्चात् संधारण हेतु निविदा की कार्यवाही प्रचलन में है तथा दूसरा मार्ग ''जावर से सहेजला'' अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुआ है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (ड.) ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में बाधक बनने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। खण्डवा जिले के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों के संधारण के संबंध में कमी के परिप्रेक्ष्य में प्राधिकरण स्तर से कराई गई जाँच में कर्तव्य निर्वहन में उदासीनता हेतु प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर तत्कालीन महाप्रबंधक एवं सहायक प्रबंधक का निलंबन किया गया है तथा संविदा उपयंत्रियों को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किये गये हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 07 पर घटित सड़क दुर्घटनाएं
[गृह]
9. ( *क्र. 1067 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मैहर विधानसभा क्षेत्र के थाना मैहर, थाना अमदरा व थाना नादन में रा.रा. क्र. 07 पर विगत तीन वर्षों में कहाँ-कहाँ सड़क दुर्घटनायें हुईं? इन दुर्घटनाओं में कितने लोगों की मृत्यु हुई व कितने लोग घायल हुए? (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित दुर्घटनाओं का मुख्य कारण क्या है? क्या निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 07 में नियम विरूद्ध डायवर्सन, सेफ्टी नियमों का निर्माण एजेन्सी द्वारा पालन न किये जाने के कारण अधिकांश दुर्घटनायें हुईं हैं? (ग) उपरोक्त दुर्घटनाओं के संबंध में दोषी सड़क निर्माता एल.एण्ड.टी. कंपनी पर विभाग द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मैहर, अमदरा एवं नांदन थानों में रा.रा.नं. 07 पर विगत 03 वर्षों में ग्राम बरहिया नरौरा, रिगरा, पहाड़ी, बठिया, भेड़ा, लखनपुर नांदन, खोधिरा, कंचनपुर, जरियारीमोड़, तिलौरा, पोड़ी, कन्हवारा, पलौहा, महेदर, मैहर ओव्हर ब्रिज, दशईपुर, टमाटर मण्डी, टमस नदी पुल, रिगरा बेरमा, घुसडू नदी, कादम्बरी होटल के पास, जरियारी रेस्ट हाउस के सामने, कटनी मोड़, कुसेड़ी परसवारा, घुनवारा खेरवासानी, नौगवां, पाला, पकरिया, सभागंज पलौहा, झुकेही, खम्हरिया, गुमेही प्रयागंज में सड़क दुर्घटनाएं घटित हुईं। कुल 555 प्रकरणों में 194 व्यक्तियों की मृत्यु हुई एवं 637 व्यक्ति घायल हुए। (ख) फोरलेन हाइवे होने के कारण वाहन चालकों द्वारा तेजगति व लापरवाही से वाहन चलाने के कारण अधिकांश दुर्घटनांए घटित हुईं हैं, अनुसंधान के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में अभी तक के प्रकरणों में तेज गति, लापरवाही से वाहन चलाने के कारण दुर्घटनाओं का होना पाया गया है। निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 07 में नियम विरूद्ध डायवर्सन सेफ्टी नियमों का निर्माण एजेन्सी द्वारा पालन न किये जाने सबंधी घटनाएं प्रकाश में नहीं आईं हैं। (ग) सड़क निर्माता एल.एण्ड.टी. कम्पनी पर कार्यवाही बावत् लेख है कि किसी भी प्रकरण में अभी तक किसी प्रकार दोषी नहीं पाये जाने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
सुरेल-आमखो को पुरातात्विक एवं पर्यटक स्थल का दर्जा दिया जाना
[पर्यटन]
10. ( *क्र. 328 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में कौन-कौन से स्थान को पुरातात्विक एवं पर्यटन स्थल का दर्जा दिया गया है? विभाग द्वारा पर्यटन स्थल के विकास के लिए कौन-कौन सी योजनाएं हैं? (ख) अशोकनगर जिले की चन्देरी तहसील अंतर्गत आमखो स्थान जहां पर पुराने शैल चित्र पाये गये हैं, को पर्यटन/पुरातात्विक स्थल का दर्जा दिलाने के लिए विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) अशोकनगर जिले के पर्यटन स्थल/पुरातात्विक स्थल को धरोहर के रूप में संरक्षित करने हेतु किस स्थान पर कितनी भूमि संरक्षित की गई है? सर्वे क्रमांक एवं रकबा की जानकारी देवें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) किसी स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा दिये जाने की विभाग की कोई नीति नहीं है। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार की स्वदेश दर्शन पर्यटन एवं प्रसाद योजनान्तर्गत चिन्हांकित पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों में पर्यटन अधोसंरचनाओं का निर्माण हेतु प्राप्त स्वीकृति अनुसार कार्यवाही की जाती है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु राज्य बजट से स्वीकृतियां प्रदान करने के साथ-साथ भूमि संबंधी नीति हेरिटेज प्रापर्टी नीति, WSA नीति, वॉटर टूरिज्म नीति तथा केंपिंग साईट के विकास हेतु आदि विभिन्न नीतियां बनाई गईं हैं। (ख) किसी भी स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने का कार्य विभाग के कार्य क्षेत्र में नहीं है। (ग) प्रश्नाधीन जिले के राज्य संरक्षित स्मारकों के संरक्षित क्षेत्र के सर्वे क्रमांक एवं रकबे की जानकारी संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित है।
कैदियों को प्रदत्त सुविधाएं
[जेल]
11. ( *क्र. 803 ) श्री बाबू जन्डेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश की जेलों में भारत की अन्य जेलों की तरह फल, फ्रूट, अचार, मिर्ची, टमाटर, नमकीन, बिस्कुट, चने आदि दिये जाते थे? यदि हाँ, तो अब क्यों नहीं दिये जा रहे हैं? इससे शासन को क्या हानि है? (ख) क्या बंदियों की सुविधाओं में फल, फ्रूट, अचार, नमकीन, मिर्ची, टमाटर, बिस्कुट, चने प्रतिबन्धित है? यदि नहीं, तो कब से दिया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मध्यप्रदेश की जेलों में बंदियों को जेल मैन्युअल के प्रावधानानुसार भोजन एवं अन्य खाद्य सामग्री जैसे चने, अचार, मिर्ची, टमाटर, नमकीन, बिस्किट आदि दिये जाते हैं। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नागदा कृषि उपज मण्डी को आदर्श मण्डी के निर्माण हेतु राशि की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
12. ( *क्र. 189 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा कृषि उपज मण्डी प्रांगण व भवन निर्माण एवं आदर्श मण्डी के रूप में विकसित करने हेतु राशि स्वीकृत करने की मांग करने पर मुख्यमंत्री द्वारा पत्र क्र. (1) 3625/सी.एम.एस./एम.एल.ए./212/2019, दिनांक 28/09/2019, (2) 3537/सी.एम.एस./एम.एल.ए./212/ 2019, दिनांक 26/09/2019, (3) 3470/सी.एम.एस./एम.एल.ए./212/2019, दिनांक 24.09.2019 के परिपालन में प्रमुख सचिव किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग द्वारा राशि स्वीकृत करने हेतु क्या कार्यवाही की गई? (ख) माननीय कृषि मंत्री के पत्र क्र. 641, दिनांक 26.09.2019 व 377, दिनांक 08.08.2019 के द्वारा प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड को प्रेषित पत्र पर प्रबंध संचालक द्वारा राशि स्वीकृति हेतु क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) आदर्श मण्डी विकसित करने हेतु कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु स्वीकृत की गयी है? मण्डी पहुंच मार्ग 42 x 532 फीट के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गयी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) माननीय विधायक महोदय द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का परीक्षण किया गया। बजट उपलब्ध नहीं होने से अभी कोई कार्यवाही नहीं की गई। (ख) बजट नहीं होने से स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। (ग) कोई राशि स्वीकृत नहीं की गई है।
नंदन फलोद्यान योजनांतर्गत राशि का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 301 ) श्री राकेश गिरि : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2007-08 में शासन की महात्मा गांधी नरेगा की नंदन फलोद्यान उपयोजना में टीकमगढ़ जिले के विकासखण्ड टीकमगढ़ की ग्राम पंचायत सुंदरपुर में स्वीकृत नंदन फलोद्यान की सूची प्रदान करें। (ख) क्या विकासखण्ड टीकमगढ़ की ग्राम पंचायत सुंदरपुर में वर्ष 2007-08 में रोजगार गारंटी योजना के तहत नंदन फलोद्यान योजनान्तर्गत स्वयं की जमीन में 300 पेड़ लगाकर, बगीचा विकसित करने के लिए फलोद्यान कार्य कोड नं. 6030/एल.डी./17/से 0.98 लाख रूपया स्वीकृत हुए थे? यदि हाँ, तो हितग्राही का नाम भी बताएं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में स्वीकृत योजना में लाभान्वित हितग्राही को योजना की सम्पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया है? यदि हाँ, तो तिथि व राशियों का ब्यौरा उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ग) में यदि लाभान्वित हितग्राही को योजना की सम्पूर्ण राशि का भुगतान नहीं किया गया है तो इसका क्या कारण है? विलंब के लिए कौन दोषी है? दोषी के विरूद्ध कब तक और क्या कार्यवाही की जावेगी तथा हितग्राही को सम्पूर्ण भुगतान कब तक किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। हितग्राही का नाम फूलचन्द्र आत्मज मोहन लोधी है। (ग) स्वीकृत योजना में लाभांवित हितग्राही को मूल्यांकन अनुसार कुल राशि रूपये 69568.00/- का भुगतान किया गया है। किये गये भुगतान का ब्यौरा संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) लाभांवित हितग्राही को तत्समय किये गये कार्य के मूल्यांकन के आधार पर कुल राशि रूपये 69568.00/- का भुगतान किया गया है। भुगतान तत्समय कार्य मूल्यांकन के आधार पर किये जाने के कारण किसी अधिकारी/कर्मचारी के दोषी होने का प्रश्न नहीं रहता। कार्य वर्ष 2007-08 में स्वीकृत किया गया एवं परियोजना 5 वर्ष की थी। अत: वर्तमान में भुगतान किया जाना संभव नहीं है।
परफॉरमेन्स ग्रांट की राशि का ग्राम पंचायतों को आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( *क्र. 505 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मंदसौर जिले में 14वां वित्त आयोग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में परफॉरमेन्स ग्रांट की राशि का ग्राम पंचायतों को प्राप्त आवंटन, कार्य के नाम, राशि सहित पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त जिन पंचायतों को राशि शासन की ओर से प्रदान की गई थी, उसका क्या मापदण्ड तय किया गया था? (ग) मंदसौर जिले में विगत चार वर्षों में किन-किन पंचायतों ने कितना-कितना कर वसूल किया है? वर्षवार एवं पंचायतवार जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों में उपरोक्त योजना के तहत दी गई राशि एवं जिन पंचायतों को राशि नहीं दी गई, के तुलनात्मक आकड़ों की जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) मंदसौर जिले में 14वां वित्त आयोग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 की परफॉरमेन्स ग्रांट मद की राशि, ग्राम पंचायतों को प्राप्त आवंटन, कार्य के नाम, राशि सहित पंचायतवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 14वां वित्त आयोग परफॉरमेन्स ग्रांट अंतर्गत स्वकराधान के आधार पर भारत सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को राशि प्रदान की जाती है। योजना के मापदण्ड हेतु मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 18, दिनांक 10.01.2018 प्रकाशित किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में 130 ग्राम पंचायतों में से 12 ग्राम पंचायतों को, जिला पंचायत मंदसौर की ओर से प्रेषित प्रस्ताव के आधार पर राशि प्रदाय की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना का क्रियान्वयन
[नर्मदा घाटी विकास]
15. ( *क्र. 656 ) श्री महेश परमार : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2012 से 2015-16 तक रूपये 40630 लाख की राशि नर्मदा क्षिप्रा परियोजना में खर्च की जा चुकी है? खर्च राशि से क्या देवास और उज्जैन जिले को पेयजल हेतु जल उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है? यदि नहीं, तो उक्त राशि के खर्च का औचित्य क्या है? लक्ष्य प्राप्त न होने कि स्थिति में जिम्मेदार कौन है? (ख) क्या मेसर्स लार्सन एंड टूब्रो कंपनी चेन्नई से किए गए अनुबंध अनुसार 42 माह की अनुबंधित समयावधि में परियोजना पूर्ण करने की स्वीकृति शासन द्वारा दी गयी थी? यदि हाँ, तो उज्जैन-नागदा में पेयजल औद्योगिक उपयोग हेतु तथा तराना-घोंसला-घट्टिया-गुराडिया गुर्जर-मकसी-शाजापुर को पेयजल हेतु लक्ष्य अनुसार कार्य हुए हैं अथवा नहीं? यदि नहीं, हुए हैं तो दोषी अधिकारियों पर क्यों कार्यवाही नहीं हुई? (ग) क्या तराना तहसील के आसपास 30 हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र में कृषकों को भूमिगत पाइपलाइन से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 10 क्यूसेक जल के प्रावधान अनुसार क्या कार्यवाही हुई? (घ) दिनांक 18.10.2017 को रुपए 2215.64 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति से कौन-कौन से कार्य इस योजना में किए गए हैं? अनुबंध अनुसार कार्य न होने पर क्या कार्यवाही हुई?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। योजना का क्रियान्वयन मुख्य रूप से नर्मदा नदी का पानी क्षिप्रा नदी में लाकर आवश्यक जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु किया गया। योजना से मांग अनुसार पेयजल उपलब्ध कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना का कार्य मेसर्स लार्सन एण्ड टूब्रो कंपनी चैन्नई को 42 माह में पूर्ण करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान में परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) निर्माण कार्य वर्तमान में प्रगति पर है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अनुबंध अनुसार निर्माण कार्य प्रगति पर है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
थाना चांचौड़ा में दर्ज अपराध पर कार्यवाही
[गृह]
16. ( *क्र. 1091 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपराध क्रमांक 447/06 थाना चांचौड़ा जिला गुना में नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की जा रही है? सभी आरोपियों के नाम, पता, व्यवसाय क्या है? उन पर कितना इनाम है? (ख) आरोपियों में शामिल गादेर सरपंच विजय सिंह पुत्र भंवर जी एवं शासकीय कर्मचारी सुकलाल पुत्र मांगीलाल एवं देवीलाल पुत्र रामरतन को किस कारण गिरफ्तार नहीं किया, जबकि ये लोग अपने कार्यालय में नियमित उपस्थित हैं? (ग) इस प्रकरण में लापरवाह पाए गये अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच को क्यों लंबित रखा गया है? (घ) क्या सरकार एक शहीद को न्याय दिलाने में रूचि नहीं रखती है? यदि नहीं, तो कितने दिनों में सभी नामजद आरोपियों को हिरासत में लेकर दोषी कर्मचारियों की विभागीय जाँच पूरी की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) थाना चाचौड़ा जिला गुना के अपराध क्रमांक 447/06 में 61 नामजद आरोपियों में से 20 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं, 05 आरोपी फौत हो गए हैं, शेष 36 आरोपियों की तलाश की जा रही है। आरोपियों के नाम, पता, व्यवसाय एवं उन पर उल्लेखित ईनाम की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) घटना के आरोपियों में शामिल गादेर सरपंच विजय सिंह पुत्र भंवरजी की इस प्रकरण में संलिप्त होने की जानकारी जुलाई 2019 में होने पर इसकी तलाश की जाने में यह फरार हो गया। आरोपी सुकलाल पुत्र मांगीलाल के गेल इण्डिया उज्जैन में काम करने की तथा आरोपी देवीलाल पिता रामरतन का एन.एफ.एल. राघोगढ़ में काम करने की जानकारी प्राप्त हुई है, साक्ष्य अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) लापरवाह पाये गये पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध संयुक्त रूप से विभागीय जाँच संस्थित की गई है, जो नैसर्गिक न्याय के सिद्धान्त का पालन करते हुये की जा रही है। (घ) जी नहीं। प्रकरण में संलिप्त नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी एवं दोषी विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों की विभागीय जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत आवासों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( *क्र. 117 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को आवास बनाने हेतु कितने आवासों का आवंटन कब-कब कम कर दिया गया? (ख) प्राप्त आवंटन में से कितने आवास प्रदेश में बनाये जाने हेतु स्वीकृत किए गये एवं कितने लंबित हैं? (ग) क्या केन्द्र से प्राप्त आवंटन पर राज्य शासन द्वारा केन्द्र को आवास कम किए जाने हेतु दिनांक 27.07.2019 को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) उक्त आवंटन के हिसाब से सीधी जिले में कुल कितने आवास कम हुए? जनपद अनुसार जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (ग) जी हाँ, वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 के भौतिक/वित्तीय लक्ष्य एवं उपलब्धियों के दृष्टिगत एवं पुराने अनुभवों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2019-20 में 6 लाख आवासों पर कार्य करने का निर्णय लिया गया, जो कि विगत वित्तीय वर्षों में से सर्वाधिक है। (घ) जी नहीं।
विधान सभा क्षेत्र अनूपपुर में मनरेगा योजनाओं के तहत स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 125 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ में विगत पाँच वर्षों में कितनी-कितनी राशि मनरेगा योजनाओं के तहत पंचायतों को प्रदान की गई? वर्षवार, विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कितनी-कितनी राशि किन कार्यों के लिये स्वीकृत कराई गई, कौन-कौन से कार्य पूर्ण हुये, कौन-कौन से कार्य अपूर्ण हैं तथा कौन-कौन से कार्य अभी तक निर्माणाधीन हैं तथा ऐसे कौन से कार्य हैं, जो अभी तक प्रारंभ ही नहीं हो पाये हैं। विधानसभा क्षेत्रवार, वर्षवार, व्ययवार सहित जानकारी उपलब्ध करावें। यह भी बताया जाये कि अपूर्ण और अप्रारंभ कार्य किस कारण से पूर्ण अथवा प्रारंभ नहीं हो सके और इन्हें कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा। (ग) क्या दिनांक 03 अगस्त, 2019 को ग्राम छोहरी, ग्राम पडौर एवं ग्राम खम्हरिया में पिछले दस वर्षों में पंचायत द्वारा कराये गये कार्यों का लेखा-जोखा मांगने पर प्रस्तुत नहीं किया गया? यदि हाँ, तो अभी तक प्रस्तुत नहीं करने का क्या कारण है तथा उक्त अवधि में कराये गये कार्यों में हुई अनियमितता करने वाले दोषी अधिकारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही कब तक कर दी जायेगी।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जिला अनूपपुर अन्तर्गत विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर, कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ में विगत पाँच वर्षों में वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक मनरेगा योजना में पंचायतों को प्राप्त राशि रू. 36875.15 लाख एवं व्यय राशि रूपये 36875.15 लाख है। विस्तृत जानकारी विधानसभावार, वर्षवार प्राप्त राशि एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मनरेगा योजना के अंतर्गत विधानसभावार, वर्षवार स्वीकृत कार्यों की स्वीकृत राशि, व्यय राशि, पूर्ण एवं अपूर्ण कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। मनरेगा अंतर्गत योजना में अप्रारंभ कार्य का मांग पत्र प्राप्त न होने के कारण कार्य अप्रारंभ है। विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत क्षेत्रीय अमलों को स्वीकृत कार्य का मांग पत्र लेकर कार्य प्रारंभ कराने हेतु निर्देशित किया गया है। स्वीकृत कार्यों को दिनांक 31.12.2019 तक प्रारंभ कराकर दिनांक 31.03.2020 तक पूर्ण करा लिया जावेगा। (ग) 1. ग्राम पंचायत छोहरी के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं भुगतान में रू. 839379/- राशि की अनियमितता पाई गई थी। इस अनियमितता के विरूद्ध ग्राम पंचायत छोहरी की सरपंच, श्रीमती मुन्नी बाई, सचिव, श्री सुखनलाल केवट के विरूद्ध दिनांक 16.10.2019 को अपराध क्रमांक 0417 पंजीबद्ध कराया गया था। पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के अंतर्गत श्रीमती मुन्नी बाई, सरपंच के विरूद्ध धारा 40 का प्रकरण पंजीबद्ध एवं सुनवाई दिनांक 23.10.2019 को सरपंच पद से पृथक किया गया था। श्रीमती मुन्नीबाई, सरपंच द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 21127/2019 दायर की गयी है। मान. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका में दिनांक 16.10.2019 को आदेशित किया है कि “If the petitioners co. operate in the investigation then No Coercive Action may be taken against them.” श्रीमती मुन्नी बाई, सरपंच एवं श्री सुखनलाल केवट, सचिव के विरूद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरण की प्रथम सूचना पत्र की प्रति एवं मान. उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 2. ग्राम पंचायत पडौर के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं भुगतान में रू. 12225340/- राशि की अनियमितता पाई गई थी। इस अनियमितता के विरूद्ध ग्राम पंचायत पडौर के श्री उमाकांत सिंह उइके, सरपंच, श्री शम्भू सिंह सचिव, श्री लिखीराम केवट ग्राम रोजगार सहायक के विरूद्ध दिनांक 05.10.2019 को अपराध क्रमांक 0396 पंजीबद्ध कराया गया था। पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के अन्तर्गत श्री उमाकांत सिंह उइके, सरपंच के विरूद्ध धारा 40 का प्रकरण पंजीबद्ध एवं सुनवाई कर दिनांक 23.10.2019 को सरपंच पद से पृथक किया गया था। श्री उमाकांत सिंह उइके, सरपंच द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका क्रमांक 22271/2019 को दायर किया गया है। मान. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका में दिनांक 21.10.2019 को आदेशित किया गया है कि “If the petitioners co. operate in the investigation then No Coercive Action may be taken against them.” श्री उमाकांत सिंह उइके, सरपंच, श्री शम्भू सिंह, सचिव, श्री लिखीराम केवट, ग्राम रोजगार सहायक के विरूद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरण की प्रथम सूचना पत्र की प्रति एवं मान. उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 3. ग्राम पंचायत खम्हरिया में पिछले 10 वर्षों के निर्माण कार्यों की जिला स्तरीय समिति गठित कर जाँच कराई गई थी, परन्तु जाँच प्रतिवेदन से लोक लेखा समिति द्वारा संतुष्ट न होने के कारण पुन: कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति के माध्यम से जाँच प्रचलन में है।
कोलगवां थाने में दर्ज अपराध पर कार्यवाही
[गृह]
19. ( *क्र. 699 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अपराध अनुसंधान सहायक पुलिस महानिरीक्षक के पत्र 198/17, दिनांक 15.02.2017 अनुसार एस.पी. सतना से प्रश्नानुसार बिन्दु (क) से (घ) तक की जानकारी विशेष वाहक से मांगी थी एवं एस.पी. सतना ने पत्र क्र. 18ए/2017, दिनांक 15.02.2017 से नगर पुलिस, थाना प्रभारी कोलगवां को निर्देश दिये थे? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) की उक्त जानकारी उपलब्ध करावें? यदि नहीं, भेजी गई तो उत्तरदायी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में काफी समय व्यतीत होने पर भी कोलगवां थाने में अप. क्रमांक 44 रकबा 3.38 एकड़ के फर्जी बद्रीप्रसाद की आराजी का अप. 168/16 दर्ज है, सिटी कोतवाली में फर्जी सीताराम विश्वकर्मा, रामनारायण विश्वकर्मा की आ.नं. 328/342 का अप.क्र. 169/17 दर्ज है, शेष 13 पर मुकदमा आज तक क्यों दर्ज नहीं हुआ, जबकि फर्जी ईश्वर प्रताप सिंह की आ.जाँच के लिये अति.एस.पी. सतना पत्र 276/2017, दि. 03.11.2017 को कार्यवाही के निर्देश दिये थे, इसके बाद भी अपराध क्यों नहीं कायम हुआ? कब तक किया जावेगा? विवरण दें। (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) सही है तो आई.जी./डी.आई.जी./एस.पी. द्वारा स्वयं प्रकरण का अवलोकन कर 169/17 में चालान न्यायालय में पेशकर अपराधियों को बचाने का प्रयास करने वाले विवेचना अधिकारी सुभाषचंद्र बर्मा एवं थाना प्रभारी विद्याधर पाण्डेय को कब तक निलंबित कर जाँच कराई जायेगी? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) दोनों प्रकरण अनुसंधान में हैं। प्रकरणों में साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की जा रही है, प्राप्त साक्ष्यानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (घ) प्रकरणों में पुलिस द्वारा अपराधियों को बचाने का प्रयास नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रमखिरिया-कटरा मार्ग पर पुल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 230 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या सिहोरा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विकाखण्ड सिहोरा अंतर्गत ग्राम पंचायत रमखिरिया एवं ग्राम पंचायत खम्हरिया कटरा के मध्य बरनू नदी पर निर्मित स्टाप डेम वर्षा ऋतु में पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो जाने से आस-पास के ग्रामों का आवागमन अवरूद्ध है, यदि हाँ, तो स्टापडेम के निर्माण/नव-निर्माण किये जाने की क्या कार्य योजना तैयार की गई है? कब तक स्टापडेम कम पुलिया का निर्माण करा दिया जावेगा।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : प्रश्नांकित कटरा रमखिरिया स्टाप डेम कम कॉजवे का कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 1996-97 में कराया गया था, जिसके क्षतिग्रस्त होने से विभाग द्वारा पुल निर्माण हेतु रू. 2.00 करोड़ का प्राक्कलन तैयार किया गया है। विभाग अंतर्गत उपलब्ध आवंटन पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से कार्य पूर्ण कराए जाने की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
बरगी विधान सभा क्षेत्र की माइनरों का निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
21. ( *क्र. 806 ) श्री संजय यादव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बाँयी तट नहर की शहपुरा माइनर का निर्माण कब कितनी लागत से कराया गया? उक्त माइनर में निर्माण एवं रख-रखाव पर कब-कब कितनी-कितनी राशि के कार्य किस-किस ठेकेदार से कराये गये? विगत 5 वर्षों की जानकारी दें। शहपुरा माइनर से अब तक पानी क्यों नहीं पहुँचाया गया है? पानी नहीं पहुँचाने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? (ख) बरगी वि.स. क्षेत्र की बेलखेड़ी माइनर के निर्माण की स्वीकृति कब प्रदान की गयी? निर्माण में कितनी-कितनी राशि की निविदायें स्वीकृत की गयीं? बेलखेड़ी माइनर का अब तक कितना निर्माण हुआ है? कितना शेष है? उक्त निर्माण पूर्ण नहीं होने एवं वर्षों बाद भी किसानों को पानी नहीं मिलने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) वर्ष 2002-03 में राशि रूपये 544.78 लाख, वर्ष 2007-08 में राशि रूपये 298.95 लाख एवं वर्ष 2014-15 में राशि रूपये 43.16 लाख का। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2018-19 में 16.00 किलोमीटर तक पानी पहुंचाया गया। वर्ष 2019-20 में नहर क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी नहीं पहुंच पाया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) दिनांक 30.05.2003 को। राशि रूपये 1596.99 लाख की निविदा स्वीकृत की गई, जिसके विरूद्ध रूपये 1091.00 लाख के 69 प्रतिशत कार्य पूर्ण कराये गये। शेष कार्य पुनरीक्षित दरों पर स्वीकृत निविदा राशि रूपये 436.40 लाख के विरूद्ध राशि रूपये 333.02 लाख के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। वर्तमान में निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रक्रियात्मक विलंब होने के कारण कोई अधिकारी दोषी नहीं है।
जिला एवं जनपद पंचायत अध्यक्षों/सदस्यों को विकास कार्यों हेतु राशि का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
22. ( *क्र. 184 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला व जनपद पंचायत अध्यक्षों व सदस्यों को राज्य वित्त आयोग मद से अपने क्षेत्र में विकास एवं निर्माण कार्यों के लिए प्रतिवर्ष राशि प्रदान की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो विगत दो वर्षों 2018-19 एवं 2019-20 की राशि राज्य शासन द्वारा निर्वाचित पदाधिकारियों को विकास कार्यों हेतु अभी तक प्रदाय क्यों नहीं की गई है, जबकि निर्वाचित पदाधिकारियों का कार्यकाल कुछ ही माह में समाप्त होने को है? कब तक राशि जारी की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) हाँ। (ख) विगत दो वर्षों 2018-19 एवं 2019-20 की राशि राज्य शासन द्वारा निर्वाचित पदाधिकारियों को विकास कार्यों हेतु जारी कर दी गई है। वर्ष 2019-20 हेतु जारी राशि के व्यय के संबंध में पृथक से दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
'जय किसान ऋण माफी योजना' का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( *क्र. 369 ) श्री विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 'जय किसान ऋण माफी योजना' अंतर्गत सतना जिले में कितने किसानों का ऋण माफ हुआ है? विकासखण्डवार सूची दें। (ख) प्रश्न दिनांक तक विकासखण्ड रामपुरबघेलान और अमरपाटन में कितने किसानों का ऋण माफ हुआ है? सूची उपलब्ध करायें। (ग) किसानों के नाम फर्जी ऋण, धोखाधड़ी के किन-किन प्रकरणों की जाँच जिला एवं अनुविभाग स्तर की समिति द्वारा की जा रही है? प्रश्न तिथि तक किस-किस विपणन समितियों के द्वारा कृषकों के नाम के फर्जी ऋण निकालने के क्या-क्या प्रकरण सामने आये? विकासखण्डवार/विपणन समितिवार/प्रकरणवार सूची दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नकली खाद-बीज और पेस्टीसाइड की सप्लाई पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
24. ( *क्र. 665 ) श्री विनय सक्सेना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में 05 वर्षों में हजारों करोड़ का नकली खाद-बीज और पेस्टीसाइड सप्लाई कर निजी कम्पनियों द्वारा प्रदेश की कृषि व्यवस्था को भारी क्षति पहुंचाई गयी है? यदि हाँ, तो ऐसी कम्पनियों की सूची प्रदान करें तथा यह भी बतावें कि इनके विरुद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गयी? उक्त मामलें में की गयी जाँच की रिपोर्ट देवें। (ख) यह भी बतावें कि विगत एक वर्ष में स्वीकृत भण्डारण से अधिक मात्रा रखने के कितने मामले सामने आये हैं? उनके विरुद्ध क्या क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) क्या विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में यह सब अनियमितताएं हुईं हैं? उक्त मामले में कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (घ) विभाग द्वारा इसकी रोकथाम हेतु क्या क्या कदम उठाये गये हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। परन्तु प्रदेश में 05 वर्षों में बैतूल, खण्डवा, झाबुआ एवं धार जिले में नकली उर्वरक, बीज एवं पेस्टीसाइड के कुल 06 प्रकरण प्रकाश में आये हैं, जिनके विरूध्द संबंधित पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। पुलिस थाने में दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है। (ख) विगत एक वर्ष में स्वीकृत भण्डारण से अधिक मात्रा रखने का कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रत्येक वर्ष में खरीफ एवं रबी सीजन प्रारंभ होने के पूर्व कृषि आदानों की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु सघन अभियान संचालित किया जाता है, जिसमें आदान विक्रेताओं की दुकानों/गोदामों का निरीक्षण करते हैं। अनियमितता पाये जाने पर संबंधितों के विरूध्द नियमानुसार कार्यवाही की जाती है।
फसल बीमा राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( *क्र. 226 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील छतरपुर अंतर्गत जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों का फसल बीमा किया गया? कितना प्रीमियम जमा किया गया? वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रत्येक वर्ष कितने किसानों ने अपनी फसल खराब होने की सूचना दी, कितनों की जाँच की गई? कितनों को कितनी बीमा राशि प्रदाय की गई? शेष कितनों को राशि प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं दी जा सकी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना वर्ष 2014-15 से रबी 2015-16 तक लागू थी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2016 से लागू है। तहसील छतरपुर में रबी 2014-15 से खरीफ 2019 तक कुल 44912 कृषकों का फसल बीमा किया गया जिनसे राशि रू. 32677561.68/- प्रीमियम जमा किया गया। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'एक' अनुसार है। (ख) स्थानीय आपदा अंतर्गत खरीफ 2019 में छतरपुर तहसील में बीमा कंपनी को हानि की 4 सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिस पर हानि मूल्याकंन समिति द्वारा सर्वे कर लिया गया है तथा क्षतिपूर्ति देय राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2016 से रबी 2018-19 तक प्राप्त हानि की सूचना का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'दो' अनुसार है।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मंगल भवन
निर्माण की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 1 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत खम्हरिया (बरेला) विकासखंड जबलपुर के लिये अप्रैल 2017 में मंगल भवन निर्माण हेतु विभाग द्वारा राशि रू. 10 लाख स्वीकृत किये गये थे? (ख) यदि हाँ, तो क्या मंगल भवन निर्मित हो चुका है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या निर्माण न करने के लिये दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं, पंचायत राज संचालनालय के आदेश क्र./पं.रा./आर-2/2018/8360 दिनांक 11.06.2018 के द्वारा ग्राम पंचायत खम्हरिया (बरेला) में सामुदायिक भवन राशि रूपये 12.00 लाख का स्वीकृत किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार सामुदायिक भवन प्रगतिरत है। स्थल विवाद के कारण कार्य विलम्ब से प्रारंभ होने के कारण अपूर्ण है। (ग) कार्य प्रगतिरत होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सी.सी. रोड का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 2 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018-2019 में ग्राम पंचायत सूखा के ग्राम ढीहा में सी. सी. रोड बनाने हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर द्वारा प्रदत्त राशि रू. 20 लाख की तकनीकी स्वीकृति सहित प्रस्ताव पंचायत मुख्यालय भोपाल में प्राप्त हुआ था? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत क्या पंचायत विभाग द्वारा राशि रू 20 लाख स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ, तो राशि किस निर्माण एजेंसी को दी गई? (ग) क्या एक वर्ष व्यतीत होने के उपरांत भी रोड नहीं बनाई गई? इसके लिये कौन दोषी है? (घ) क्या यह रोड बनाई जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति राशि रू. 20.00 लाख की जारी की गई एवं राशि ग्राम पंचायत सूखा को दी गई। (ग) जी नहीं, कार्य प्रगतिरत होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (घ) जी हाँ। आगामी 02 माह में कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है।
प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
3. ( क्र. 8 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत निवेशकों के हरे मटर का प्रोसेसिंग प्लांट या संबंधित अन्य उद्योग स्थापना संबंधी प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या निजी निवेशकों की मांग के आधार पर उद्योग हेतु क्षेत्र विकसित कर उद्योग स्थापना संबंधी प्रस्तावों को फेसिलिटेट किया जावेगा? (ग) यदि नहीं, तो क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर में हरे मटर के बंपर उत्पादन हेतु प्रोसेसिंग प्लांट या इससे जुड़े अन्य उद्योग प्रारंभ करने हेतु शासन की ओर से पहल की जावेगी? (घ) यदि हाँ, तो क्या इन्हें प्राथमिकता पर फेसिलिटेट किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। संचालनालय उद्यानिकी के तहत ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किये जाते है, उसके अनुसार पनागर विधानसभा क्षेत्र में हरे मटर हेतु कोई प्रस्ताव निजी उद्यमियों से प्राप्त नहीं है। (ख) उद्योग हेतु क्षेत्र का विकास उद्योग विभाग द्वारा किया जाता है। (ग) म.प्र. उद्योग संवर्धन नीति 2014 के क्रम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को देय विशिष्ट वित्तीय सहायता के अन्तर्गत निजी उद्यमियों को योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। शासन की ओर से उद्योग स्थापित नहीं किया जाता है। (घ) आवेदन प्राप्त होने पर एवं सुसंगत दस्तावेज उपलब्ध कराने पर अनुदान सहायता का लाभ प्रदान किया जायेगा।
रानी अवंतीबाई लोधी सागर परियोजना के अंतर्गत नहरों का रख-रखाव
[नर्मदा घाटी विकास]
4. ( क्र. 10 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2018-2019 एवं 2019-2020 में विषयांतर्गत नहरों का उचित रख-रखाव न होने से नहरों का पानी टेल तक नहीं पहुँचने से नहर के अंतिम छोर के किसानों की फसलों को हानि हुई है? (ख) यदि नहीं, तो नहरों के रख-रखाव हेतु वर्ष 2018-2019 एवं 2019-2020 में कितना व्यय किया गया है वर्षवार, नहरवार व्यय बतावें? (ग) क्या सूखा, लुहारी नहर एवं अन्य नहरों का रख-रखाव किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में नहरों के अंतिम छोर के किसानों को पानी न पहुँचने के कारण फसलों की क्षति की कोई सूचना नहीं है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। सुधार एवं रख-रखाव के प्रस्ताव एवं प्राक्कलन प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शासकीय दुकानों एवं भवनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराने बाबत्
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
5. ( क्र. 21 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत बेलहा नानकार वि.ख. नईगढ़ी, जिला रीवा में ग्राम बेलहा नानकार में 4 कमरे तथा डाडीकला में 8 कमरे मुख्यमंत्री हाट बाजार योजनांतर्गत निर्मित किये गये? यदि हाँ, तो क्या हाट बाजार के निर्मित कमरों को ग्राम पंचायत द्वारा नीलामी या अन्य माध्यम से किसी को आवंटित किया गया? (ख) क्या ग्रामीणजनों द्वारा तहसीलदार नईगढ़ी को आवेदन दिया गया है कि पूर्व सरपंच द्वारा उक्त हाट बाजार की दुकानों में कब्जा कर लिया गया है, जिसे हटाया जाये तथा ग्रामीणजनों की शिकायत के आधार पर प्रश्नकर्ता द्वारा भी आयुक्त रीवा, कलेक्टर रीवा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा को दो बार पत्र देकर अवैध कब्जे से मुक्त कराने तथा दुकानों से मादक पदार्थों की अवैध बिक्री पर रोक लगाने हेतु दिया गया था? उक्त पत्रों की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (ग) क्या जिला पंचायत रीवा की सामान्य सभा की बैठक दिनांक 20.9.2019 को सर्वसम्मति से दुकानों से अवैध कब्जा हटाने का प्रस्ताव पारित हुआ था? बैठक के प्रस्ताव की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। (घ) उक्त ग्रामीणजनों के आवेदन पत्र एवं प्रश्नकर्ता के पत्रों तथा जिला पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव दिनांक 20.9.2019 पर क्या कार्यवाही की गयी तथा अवैध कब्जा कब तक हटा दिया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत बेलहानानकार में 04 दुकाने निर्मित है जो किसी को आवंटित नहीं है, ग्राम डाडीकला की निर्मित 08 दुकानों में से 04 दुकाने ग्राम सभा में पारित प्रस्ताव दिनांक 02.10.2014 द्वारा आवंटित की गई है शेष 04 दुकाने आवंटित नहीं है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ''-1, ''अ''-2 ''अ''-3 तथा ''अ''4 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जिला पंचायत द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुपालन में अतिक्रमित दुकानों से अवैध कब्जा हटाये जाने के लिए तहसीलदार नईगढ़ी को पत्र दिनांक 26.11.2019 द्वारा निर्देशित किया गया है। दिनांक 31 दिसम्बर 2019 तक अवैध कब्जा हटाये जाने की कार्यवाही पूर्ण कर ली जावेगी।
स्व-सहायता समूहों के माध्यम से स्कूलों में गणवेश प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 22 ) श्री गिरीश गौतम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायत रीवा की सामान्य सभा की बैठक दिनांक 20.9.19 के अन्य बिन्दु के क्रमांक 3 में सामान्य सभा के पारित प्रस्ताव का उल्लेख, जिसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया कि आजीविका मिशन के अंतर्गत स्व-सहायता समूहों के माध्यम से स्कूलों में गणवेश प्रदाय में की गई अनियमितता के लिए अपराध पंजीबद्ध किये जाने, ई.ओ.डब्ल्यू भोपाल से जाँच कराने हेतु सचिव सामान्य प्रशासन विभाग, मा. मंत्री सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखा जाये? यदि हाँ, तो प्रस्ताव की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) आजीविका मिशन अंतर्गत गणवेश वितरण के नियम एवं प्रावधान क्या थे? नियमों/आदेशों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें तथा रीवा जिले में समस्त ब्लॉकों में गणवेश वितरण का कार्य किस स्व-सहायता समूह या कंपनी को दिया गया, उनका नाम, पता, प्रोपराईटर सहित बताये। (ग) क्या जिला पंचायत रीवा की सामान्य सभा की बैठक दिनांक 20.9.19 को एजेण्डा क्रमांक 10 में गणवेश प्रदाय में हुई अनियमितता की जाँच के लिए पुलिस अधीक्षक से एफ.आई.आर. करने तथा ई.ओ.डब्ल्यू. से जाँच कराने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ, जिसके आधार पर दिनांक 28.9.19 को मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रीवा द्वारा एस.पी. रीवा को प्रस्ताव अनुसार कार्यवाही करने हेतु पत्र दिया गया? पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें तथा अभी तक उक्त प्रस्तावों एवं पत्रों में क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कारण बताएं तथा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। जिला पंचायत रीवा की सामान्य सभा की बैठक दिनांक-20/09/2019 के अन्य बिन्दु के क्रमांक 3 में इस प्रकार का कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है। बैठक कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 पर है। (ख) आजीविका मिशन अंतर्गत गणवेश वितरण के संबंध में विभिन्न स्तरों से प्राप्त दिशा-निर्देश/नियम/आदेशों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 2 पर है। जिले के अंतर्गत समस्त विकासखण्डों में 348 स्व-सहायता समूहों द्वारा गणवेश सिलाई का कार्य कराया गया है। जिले के अंतर्गत समस्त विकासखण्डों में गणवेश सिलाई एवं वितरण कार्य में संलग्न संकुल स्तरीय संगठन/ग्राम संगठन/स्व-सहायता समूहों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 3 पर है। (ग) जी हाँ। बैठक कार्यवाही विवरण दिनांक-20/09/2019 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 है। पारित प्रस्ताव के परिपालन में पुलिस अधीक्षक, जिला-रीवा को प्रस्ताव अनुसार कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक/2873/बैठक/सा.सभा/जिपं/2019 दिनांक-28/09/2019 द्वारा लेख किया गया है। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 4 पर है। सामान्य सभा से पारित निर्णय के अनुक्रम में पुलिस अधीक्षक रीवा को प्रेषित पत्र में की गई कार्यवाही की जानकारी अपेक्षित है।
कृषि उपज मण्डी द्वारा कराये गये कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 25 ) श्री विष्णु खत्री : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में बैरसिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि उपज मण्डी की बोर्ड निधि, अधोसंरचना निधि, बोर्ड ऋण निधि एवं अन्य योजनाओं में किस-किस मंडी प्रांगण में कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? जिलेवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में दर्शित कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? उक्त कार्य कब तक पूर्ण होंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांकित निधियों इत्यादि से बैरसिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कृषि उपज मण्डी समिति बैरसिया तथा उसकी उपमंडियों में कोई भी नवीन कार्य स्वीकृत नहीं किया गया है, अत: शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उत्तरांश- ''क'' के परप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खाद्य सामग्री वितरण कंपनियों का रजिस्ट्रेशन
[गृह]
8. ( क्र. 35 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2017 के पश्चात् कहाँ-कहाँ पर किन-किन खादय ऑनलाईन सामग्री वितरक कंपनी, जैसे जोमेटो, वाहन नंबर प्लेट दुकानदार एवं प्राईवेट ऑनलाईन कोरियर करने वाले युवाओं के खिलाफ किस-किस प्रकार की अनियमितता की शिकायत कहाँ-कहाँ, किस-किस थानों में दर्ज हुई, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या खाद्य सामग्री वितरक कम्पनियों, वाहन नंबर प्लेट एवं प्राईवेट ऑनलाईन कोरियर करने वाले युवाओं के रजिस्ट्रेशन हेतु विभाग के द्वारा कोई नियम प्रदेश में प्रचलित हैं? यदि हाँ, तो नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ग) क्या खाद्य सामग्री वितरक कंपनी जोमेटो के किसी भी कर्मचारी का प्रदेश में रजिस्ट्रेशन नहीं है तथा जोमेटो के अलावा फर्जी रूप से कई कंपनियां ग्राहकों को ठग रही हैं? यदि हाँ, तो क्या इसके रजिस्ट्रेशन हेतु कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें। (घ) क्या जावरा और मंदसौर में 1 जनवरी 18 के पश्चात वाहन नंबर प्लेट बनाने वाले दुकानदारों को पुलिस द्वारा रतलाम, मंदसौर एवं नीमच में विभिन्न प्रकरणों में गिरफ्तार किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त जिलों में कितनी नंबर प्लेट बनाने वाली दुकानों के रजिस्ट्रेशन पुलिस द्वारा किये गये उनकी सूची उपलब्ध करावे।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में ऑनलाईन बैंक धोखाधड़ी के संबंध में
[गृह]
9. ( क्र. 36 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2018 के पश्चात् किन-किन थानों में ऑनलाईन बैंकिंग धोखाधड़ी की शिकायत किस-किस व्यक्ति द्वारा कब-कब दर्ज की गई? उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? प्रदेश में कुल प्रकरणों में से कितने प्रकरणों का निराकरण हो गया है? प्रदेश में ऑनलाईन बैंक धोखाधड़ी में चेक अनादरण में कितने दोषियों को सजा हुई? (ख) प्रदेश में ऑनलाईन बैंक धोखाधड़ी से संबंधित निराकरण के लिये कुल कितने पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी प्रशिक्षित हैं? (ग) प्रदेश में ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें ऑनलाईन बैंक धोखाधड़ी में बैंक कर्मचारी ही दोषी पाये गये? ऑनलाईन बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिये प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा यदि कोई कार्ययोजना बनाई गई है तो अवगत करावें। (घ) 1 जनवरी 19 के पश्चात् ऑनलाईन बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने के लिये क्या केन्द्रीय गृह विभाग दिल्ली से कोई निर्देश राज्य पुलिस विभाग को प्राप्त हुये हैं? यदि हाँ, तो दिये गये निर्देश की प्रतिलिपि उपलब्ध करावें। क्या लगातार बढ़ रहे ऑनलाईन बैंक धोखाधड़ी प्रकरणों को रोकने के लिये आई.टी. एवं कम्प्यूटर साइंस के प्रशिक्षित इंजीनियरों के पुलिस विभाग में पद स्वीकृति की कोई प्रक्रिया विचाराधीन है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्ध करावे।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) कुल 4275 शिकायतें प्राप्त हुई है, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। कुल 226 प्रकरणों में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। (ख) जिलों में 1590 एवं सायबर पुलिस मुख्यालय एवं जोनल कार्यालयों में 200 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। (ग) कुल 01 प्रकरण। प्रत्येक जिले में सायबर नोडल थाना स्थापित है, वर्तमान में राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल के 05 सायबर जोनल कार्यालय संचालित है। (घ) जी नहीं। आरक्षक (सायबर) एवं उपनिरीक्षक (सायबर) का कैडर बनाने एवं पदों का सृजन करने की प्रक्रिया विचाराधीन है।
तालाब निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 41 ) श्री संजय शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अंतर्गत वर्ष 2014-15 से आज दिनांक तक कुल कितने तालाबों के निर्माण की स्वीकृति कौन-कौन से वर्ष में प्रदान की गई है? निर्माण लागत सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या तालाबों का निर्माण एक निश्चित समयावधि में किया जाना था? यदि हाँ, तो इसकी समय-सीमा बतायें एवं तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निश्चित समय-सीमा में पूर्ण एवं अपूर्ण तालाबों की सूची प्रदान करें। (ग) क्या तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम-ढिलवार में तालाब का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त तालाब के निर्माण की लागत एवं ठेकेदार की जानकारी प्रदान करें। (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार, क्या उक्त तालाब बारिश में फूट गया था? यदि हाँ, तो गुणवत्ताहीन तालाब निर्माण हेतु जिम्मेदार ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रश्नांकित वर्ष में 02 तालाब के कार्य स्वीकृत हुये जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। ढिलवार तालाब की स्वीकृत लागत 106.42 लाख है। कार्य की क्रियान्वयन एजेंसी मेसर्स एम.पी. कन्स्ट्रक्शन कंपनी छिंदवाड़ा है। (घ) जी नहीं। कार्य के प्रगतिरत रहने के दौरान अत्यधिक वर्षा के कारण तालाब की वेस्टवियर का कार्य पूर्ण न होने से पानी की निकासी तालाब के एक छोर से क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा काटकर की गई। कार्य गुणवत्ताविहीन नहीं होने से एवं शासकीय धन की क्षति न होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
तत्कालीन थाना प्रभारी कोतवाली बालाघाट के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
11. ( क्र. 53 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या महेन्द्र सिंह ठाकुर टी.आई. वर्तमान में भोपाल जिले के थाना में पदस्थ हैं यदि हाँ, तो इनकी नियुक्ति से लेकर अब तक म.प्र. के कितने थाने में इनके विरूद्ध प्राप्त शिकायत पर कार्यवाही हुई? (ख) वर्तमान में न्यायालय से किस प्रकरण पर इन्हें स्टे मिला हैं? क्या ऐसे अधिकारी को थाना में पदस्थ करना चाहिये? (ग) क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक/कार्यवाही/274 दिनांक 01-04-2019 पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में जिसमें एक प्रकरण में उक्त टी.आई. द्वारा चर्चा न करते हुए प्रोटोकाल का उल्लंघन किया, उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा गृह सचिव को पत्र क्रमांक/जाँच/812/2019 दिनांक 11-11-2019 लिखा गया था? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। निरीक्षक महेन्द्र सिंह ठाकुर वर्तमान में भोपाल जिले के थाना हनुमानगंज में पदस्थ है। श्री ठाकुर की नियुक्ति से लेकर प्रश्न दिनांक तक कुल 24 (जिला सतना में 15 एवं जिला बालाघाट में 09) शिकायतें प्राप्त हुई है। उक्त सभी शिकायतें जाँच उपरांत अप्रमाणित पाई गई। (ख) वर्तमान में श्री ठाकुर को किसी भी प्रकरण में न्यायालय से स्टे प्राप्त नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) उक्त शिकायत पत्र की जाँच कराई गई आरोप प्रमाणित नहीं पाये गये। (घ) कार्यालयीन अभिलेख अनुसार प्रश्नांकित पत्र गृह सचिव के कार्यालय के संधारित अभिलेख में प्राप्त नहीं हैं। अतः शेष उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण तथा अप्रारंभ कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 61 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवंबर 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में स्वीकृत कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? उक्त कार्यों को पूर्ण करवाने हेतु विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) 1 जनवरी 2018 से नवंबर 2019 तक की अवधि में किन-किन कार्यों में अनियमितताओं की किन-किन माध्यमों से माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को शिकायतें प्राप्त हुई? उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ग) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर क्या कार्यवाही की गई? पत्र वार जानकारी दें? (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये गये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ? किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) अंतर्गत प्राप्त पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
किसानों को रबी 2018 की बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
13. ( क्र. 80 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) देवास जिले को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के वर्ष 2018-19 खरीफ/रबी के कुल कितने दावों की राशि भुगतान प्रश्न दिनांक तक लंबित है? (ख) क्या देवास जिले की विभिन्न तहसीलों में 11 फरवरी 2018 को गेहूँ और चने की फसल पर हुई ओलावृष्टि के प्रभावित हजारों किसानों को बीमा दावों के अंतर्गत बीमाधन राशि की सहायता आज तक प्राप्त नहीं हुई है? (ग) म.प्र. कृषि विभाग द्वारा किसानों को बीमा क्लेम दिलाने के लिये आज दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? क्या सरकार ने अपनी अंशपूंजी (शेयर) बीमा कंपनी को जमा कर दिया है। (घ) यदि हाँ, तो किसानों के खातों में कब तक बीमा क्लेम की राशि जमा होने की संभावना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) खरीफ 2018 एवं रबी 2018-19 के दावों की गणना प्रक्रियाधीन है। (ख) जी हाँ। (ग) रबी 2017-18 अंतर्गत ओलावृष्टि से हुई क्षति के सर्वे का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि के भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार शेष राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि के भुगतान के उपरांत पात्र कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान नोडल बैकों के माध्यम से किया जावेगा।
पॉलीहाउस निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
14. ( क्र. 96 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वे कृषक जिनने भारी पूंजी लगाकर पॉलीहाउस लगाये हैं, प्रदेश शासन की गणना में कृषक माने जाते है? (ख) क्या प्राकृतिक आपदा से पॉलीहाउस की संरचना और फसल की भारी क्षति होती है? यदि हाँ, तो क्या शासन द्वारा उन पॉलीहाउस को क्षति का आंकलन करने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो उसकी श्रेणी क्या है? (ग) क्या पॉलीहाउस निर्माण में प्रयुक्त सामग्री निर्माणाधीन क्षेत्र की परिस्थिति जलवायु वातावरण के अनुरूप ही है, संबंधित अधिकारी आश्वस्त रहते हैं? (घ) पालीहाउस निर्माण में प्रयुक्त सामग्री की गुणवत्ता की जाँच के क्या प्रावधान है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। कृषक एवं निर्माता कंपनी के मध्य होने वाले अनुबंध के अनुसार निर्मित पॉलीहाउस का बीमा निर्माता कम्पनी द्वारा कराया जावेगा तथा इस हेतु प्रीमियम राशि का भुगतान भी कृषक द्वारा स्वयं किया जावेगा। यदि कृषक द्वारा बीमा प्रीमियम की राशि नहीं दी जाती है तो इसमें कंपनी एवं विभाग जबावदेह नहीं होगा। तीन वर्ष तक बीमा कराने की जबावदारी कृषक की होगी। अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। निर्माता कंपनी के पंजीयन के समय ही निर्माण में प्रयुक्त होने वाली सामग्री की गुणवत्ता के मापदण्ड निर्धारित है। निर्धारित मापदण्ड के लिए जारी अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) पॉलीहाउस निर्माण उपरांत संयुक्त निरीक्षण दल द्वारा निरीक्षण किया जाता है, जिसमें निर्धारित मापदण्ड अनुसार ही निर्माण कराने की जबावदारी जिला, उद्यानिकी अधिकारी की होती है। निरीक्षण उपरांत ही अनुदान सहायता का भुगतान किया जाता है। अनुबंध की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पीथमपुर थाने की गुण्डा सूची के संबंध में
[गृह]
15. ( क्र. 106 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थानों में अपराधियों की सूची बनाने के संबंध में क्या दिशा निर्देश व नियम हैं तथा किन परिस्थितियों में गुण्डा सूची से संबंधित अपराधी का नाम हटाया जा सकता है तथा इस हेतु किस स्तर का प्राधिकारी अधिकृत है? (ख) क्या किसी अपराधी का गुण्डा सूची से एक बार नाम हटने के बाद उसके द्वारा एक से अधिक बार अपराध करने की स्थिति में पुनः गुण्डा सूची में नाम सम्मिलित किया जाता है? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या नियम हैं? (ग) क्या पुलिस थाना पीथमपुर जिला धार में वर्ष 2002 से वर्ष 2008 की गुण्डा सूची में से नाम विलोपित किये गये? (घ) यदि हाँ, तो किन-किन गुण्डों के नाम किस-किस आधार पर किस प्राधिकारी द्वारा कब हटाये गये तथा इस हेतु क्या प्रावधान हैं? (ड.) वर्ष 2002 से 2008 की पुलिस थाना पीथमपुर जिला धार की गुण्डा सूची उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) थाने में अपराधियों की सूची बनाने के संबंध में म.प्र. पुलिस विनियम के पैरा क्रमांक 651 में प्रावधान दिये गये है। गुण्डा सूची से गुण्डे का नाम उसकी आपराधिक गतिविधियों में कमी परिलक्षित होने पर मध्यप्रदेश पुलिस विनियम के पैरा '654' के तहत सक्षम प्राधिकारी पुलिस अधीक्षक के द्वारा हटाया जा सकता है। (ख) गुण्डा सूची से नाम हटने के बाद गुण्डे द्वारा पुनः अपराध करने पर गुण्डे का नाम सूची में शामिल करने का अधिकार पुलिस अधीक्षक को है। म.प्र.पुलिस विनियम के पैरा 651 के अनुसार अपराधी का इतिहास वृत्त बनाया जाता है। (ग) जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। शेषांश का उत्तर प्रश्नांश ’क’ के उत्तर में समाहित है। (ड.) गुण्डा सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है।
पोषण आहार संयंत्र में रोजगार दिया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
16. ( क्र. 107 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले के देलमी ग्राम में पोषण आहार संयंत्र की स्थापना आजीविका मिशन के माध्यम से शासन द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो क्या वर्तमान में कार्य पूर्ण होकर उत्पादन प्रारंभ हो गया है तथा क्या इस संयंत्र का प्रचालन महिला समूहों द्वारा किया जावेगा? यदि नहीं, तो किस विभाग के द्वारा किस स्तर पर किया जावेगा? (ख) क्या उक्त संयंत्र में काम करने हेतु अधिकारी/कर्मचारी व श्रमिकों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है? यदि हाँ, तो भर्ती किस विभाग द्वारा किन नियमों व शर्तों के अधीन किस प्रणाली के माध्यम से की गई है? यदि नहीं, तो भर्ती प्रक्रिया किस प्रकार से की जावेगी? (ग) क्या प्रदेश सरकार की मंशानुरूप इस संयंत्र (इकाई) में विभिन्न पदों की भर्ती हेतु महिलाओं तथा देलमी ग्राम व आस-पास के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता दिये जाने का कोई प्रावधान किया गया है? (घ) यदि हाँ, तो कितने स्थानीय नागरिकों को चयनित किया जाकर काम दिया गया है सूची उपलब्ध करावें। (ड.) यदि नहीं, तो क्षेत्र की जनता की उपेक्षा के क्या कारण रहे हैं? क्या इनके लिये पृथक से कोई प्रावधान किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में कार्य पूर्ण होकर उत्पादन प्रारंभ हो गया है। मंत्रि-परिषद् आदेश आयटम क्रमांक 20, दिनांक 13 मार्च, 2018 की कंडिका 07 जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार संयंत्र का प्रचालन महिला स्व-सहायता समूहों के उपयुक्त फेडरेशन द्वारा किया जा रहा है। तदनुसार संयंत्र के लिए महिला आजीविका औद्योगिक सहकारी समिति मर्या. गठित है। (ख) जी हाँ। शासन के उक्त आदेश की कंडिका 07 के निर्णय के अनुरूप पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत राज्य आजीविका फोरम द्वारा तथा संयंत्र स्तर से उक्त आदेश की कंडिका क्रमांक 11 अंतर्गत गठित समिति द्वारा समय-समय पर लिए गए निर्णय अनुसार की गई। (ग) शासन नियमों के अधीन कार्यवाही की गई। (घ) 112 स्थानीय नागरिकों को काम दिया गया है, जिनकी सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ड.) शासन नियमों के अनुरूप कार्य किए जाने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही
[गृह]
17. ( क्र. 126 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनूपपुर के थाना कोतमा, थाना बिजुरी, पुलिस चौकी रामनगर में जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक कितने चोरी, लूटपाट, हत्या डकैती, महिलाओं पर अत्याचार, चैन स्नेचिंग, सट्टा-जुआं, अवैध शराब की बिक्री, कबाड़ चोरी के कुल कितने प्रकरण उक्त थानों में पंजीबद्ध हुये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पंजीबद्ध प्रकरणों में कौन-कौन दोषी व्यक्तियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा कितने अपराधी आज भी फरार है पुलिस प्रशासन इन फरार अपराधियों को पकड़ने हेतु क्या कार्यवाही की है, इसकी जानकारी देते हुये विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का विस्तृत ब्यौरा दें। (ग) उक्त अवधि एवं उल्लेखित थानों एवं चौकी में कौन-कौन से अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), थाना प्रभारी तथा चौकी प्रभारियों की पदस्थापना की गई थी तथा कौन-कौन अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस), थाना प्रभारी तथा चौकी प्रभारी के कार्यकाल में सबसे कम क्राईम होना पाया गया जानकारी उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''स’’ अनुसार है।
बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत खेल स्टेडियम का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 181 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बी.आर.जी.एफ. योजनांतर्गत कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रन्नौद में खेल स्टेडियम के निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई थी? यदि हाँ, तो निर्माण कार्य की लागत राशि क्या थी? अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ क्यों नहीं हो सका? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या ग्राम रन्नौद में खेल स्टेडियम के निर्माण हेतु शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं थी? यदि हाँ, तो किस प्राधिकृत शासकीय अधिकारी द्वारा स्टेडियम निर्माण हेतु शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं होना बताया गया तथा इस हेतु क्या-क्या दस्तावेज दिए गए थे? उक्त सभी दस्तावेजों की छायाप्रति उपलब्ध करावें? (ग) क्या ग्राम रन्नौद में स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 2673 एवं 2674 रकवा क्रमशः 1.72, 0.67 हे. भूमि रिकार्ड में शासकीय भूमि दर्ज है? क्या उक्त भूमि का उपयोग शासकीय निर्माण कार्य हेतु किया जा सकता है? यदि हाँ, तो उक्त शासकीय सर्वे नंबरों की भूमि को खेल स्टेडियम निर्माण हेतु आवंटित क्यों नहीं किया गया? ग्राम रन्नौद में शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं होने संबंधी गलत जानकारी क्यों दी गई? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार इस प्रकार से शासकीय निर्माण कार्य में अवरोध उत्पन्न कर निर्माण कार्य को लंबित करने वाले दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? तथा कब तक ग्राम रन्नौद में उक्त स्टेडियम का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। प्रशासकीय स्वीकृति अनुसार लागत 50 लाख रूपये थी, रन्नौद स्टेडियम निर्माण हेतु प्रस्तावित 3 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध नहीं होने से कार्य प्रारंभ नहीं कराया जा सका। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) जी हाँ। प्रश्नांकित दोनों भूमियों को मिलाकर कुल शासकीय भूमि का रकवा 2.39 होता है जबकि स्टेडियम निर्माण हेतु लगभग 3 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता थी जो कि स्टेडियम निर्माण हेतु पर्याप्त नहीं होने की वजह से भूमि का आवंटन स्टेडियम निर्माण हेतु नहीं किया गया। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में कोइ दोषी नहीं है। संशोधित प्रशासकीय स्वीकृति आदेश क्र. 2876 दिनांक 31.07.2019 द्वारा ग्राम रन्नौद के स्थान पर ग्राम खरैह में स्टेडियम का निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार।
बरगी दांयी तट नहर से पानी प्रदाय योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
19. ( क्र. 211 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र बहोरीबंद जिला कटनी के अंतर्गत बरगी दांयी तट नहर से माइक्रो उद्वहन सिंचाई प्रणाली से पानी देने की कोई योजना है? (ख) यदि हाँ, तो इस योजना अंतर्गत बरगी दांयी नहर में कहाँ से किस ग्राम के पास से माइक्रो उद्वहन सिंचाई का लाभ दिया जावेगा? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उल्लेखित माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना अंतर्गत कौन-कौन से ग्रामों की भूमि सिंचित होगी एवं कितने ग्राम लाभान्वित होंगे एवं इस योजना से कृषक कब तक लाभान्वित होंगे?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) से (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जय किसान समृद्धि एवं ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
20. ( क्र. 212 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय किसान समृद्धि योजनांतर्गत वर्ष 2019 में खरीदे गये गेहूं पर प्रदेश के किन-किन जिलों में कृषकों के खातों में 160 रूपये प्रति क्विंटल की दर से कब प्रोत्साहन राशि जमा कर दी गई है तथा किन-किन जिलों में किन कारणों से किया जाना शेष है? शेष जिलों में यह राशि किस प्रकार से कब तक जमा कर दी जावेगी? (ख) जय किसान फसल ऋण माफी योजनान्तर्गत कटनी में 31 मार्च, 2018 की स्थिति में कितने कृषकों की स्वीकृति हुई। सहकारी बैंक,राष्ट्रीयकृत बैंक व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकवार संख्या बतावें एवं उल्लेखित पात्र कृषकों में से कितने किसानों का कितना ऋण माफ हुआ एवं कितना माफ होना शेष है शेष कृषकों का ऋण किस प्रकार से कब तक माफ होगा। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित ऋण मुक्त कृषकों में से सहकारी बैंक से कितने किसानों को पुन: कितना कर्ज प्रदान किया गया। संख्या बतायें एवं ऐसे कितने कृषक है जो कर्जमाफी की योजना में पात्र होने की वजह से कर्ज न चुकाने के कारण डिफाल्टर होकर दण्ड ब्याज के भागीदार हो गये है तथा आगामी फसलों हेतु कर्ज पर खाद-बीज प्राप्त करने से वंचित है? संख्या बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित दंड ब्याज के भागीदार कृषकों को क्या कोई राहत प्रदान करेगा यदि हाँ, तो किस प्रकार से एवं कब तक एवं क्या शासन विगत रबी एवं खरीफ फसलों की खरीद पर किये जाने वाले भुगतान पर लिये गये कृषि ऋण की कटौती न कर पूर्व की तरह खरीदी का पूरा भुगतान कृषक के खाते में इस वर्ष भी करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जय किसान समृद्धि योजनांतर्गत वर्ष 2019-20 में खरीदे गये गेहूं पर प्रदेश के झाबुआ जिले के 3500 कृषकों के खातों में रूपये 160 प्रति क्विंटल की दर से माह सितम्बर, 2019 में प्रोत्साहन राशि रूपये 2.91 करोड़ जमा की गई है, तथा शेष जिलों को आवंटन प्रदाय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) योजनान्तर्गत पात्रतानुसार ऋण माफी प्रावधानित है।
हथियार लायसेंस के निर्देश बाबत्
[गृह]
21. ( क्र. 219 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश में सरकार द्वारा पिस्टल, एनपीबोर, 12 बोर आदि के लायसेंस दिए जा रहे है? क्या यह सही है कि एक लायसेंस पर एक ही हथियार की स्वीकृति दी जा रही है? यदि हाँ, तो इसके नियम की प्रति उपलब्ध करावें? क्या इन्दौर जिले में नियम को शिथिल कर एक लायसेंस पर एक से अधिक हथियार की स्वीकृति दी गई है? यदि हाँ, तो सूची उपलब्ध करावे? (ख) क्या एक व्यक्ति अलग-अलग दो हथियार लायसेंस प्राप्त कर सकता है? यदि नहीं, तो नियम की प्रति बतावें? इन्दौर जिले में कितने व्यक्ति है जिनके पास एक से अधिक हथियारों के लायसेंस है? (ग) मध्यप्रदेश में हथियारों के साथ अधिकतम कितनी कारतूस संख्या की स्वीकृति दी जाती है? पृथक-पृथक हथियारवार बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश गृह विभाग मंत्रालय भोपाल के ज्ञापन क्रमांक-एफ-16/2011/बी-1/दो, भोपाल दिनांक 26.03.2011 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। जी नहीं। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ख) जी नहीं। नियम की प्रति उपरोक्त पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। वर्ष 2011 के पूर्व इन्दौर जिले में लगभग 652 अनुज्ञप्तिधारियों के पास अतिरिक्त शस्त्र दर्ज है। (ग) अधिक तक 30 से 50 तक। हथियारवार संख्या निर्धारित नहीं है।
मध्यप्रदेश सरकार की विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
22. ( क्र. 224 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के अजा/अजजा एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों हेतु विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना का संचालन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह सही है कि अजा/अजजा विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना में 9000 अमेरिकी डॉलर की छात्रवृत्ति दी जा रही है जबकि पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना में मात्र 7700 अमेरिकी डॉलर की राशि दी जा रही है? पिछड़ा वर्ग के युवाओं को कम राशि क्यों दी जा रही है? विसंगतियां कब तक दूर की जावेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी हाँ। विभाग द्वारा पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों हेतु विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति का संचालन किया जा रहा है। (ख) मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना के अनुसार ही छात्रवृत्ति दी जा रही है। वर्ष 2017 में अ.जा./अ.ज.जा. की तरह 9000 अमेरिकी डॉलर छात्रवृत्ति (ट्यूशन फीस) देने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था जो वित्त विभाग द्वारा मान्य नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रश्नकर्ता के पत्रों पर हुई कार्यवाही
[गृह]
23. ( क्र. 251 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के द्वारा प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन, गृह विभाग को दिये गए पत्र क्र./विधायक/1216/2019, दिनांक 15.10.2019 पुलिस महानिदेशक को दिये पत्र क्र./विधायक/1217/2019, दिनांक 15.10.2019, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) को दिये पत्र क्र./विधायक/1215, दिनांक 15.10.2019 अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान विभाग) को दिये पत्र क्र./विधायक/1214/2019, दिनांक 15.10.2019 एवं पुलिस महानिरीक्षक रीवा को दिये पत्र क्र.विधायक/1218, दिनांक 15.10.2019 पर उपरोक्त सक्षम कार्यालयों के द्वारा किस आदेश क्र. एवं दिनांकों से क्या आदेश/पत्र जारी किये? जारी सभी आदेशों/पत्रों की एक-एक प्रति उपलब्ध करायें। (ख) सतना जिले के व्यापारी अशोक सोनी एवं संतोष सोनी सहित अन्य किस-किस को पुलिस द्वारा कितने घंटे जबरन थाने में बैठाये रखा? क्या इनके पास चोरों के द्वारा बेचा गया, सामान जब्त किया? जब चोर के द्वारा इन्हें पहचाना गया तो इन व्यापारियों को पुलिस ने क्यों छोड़ा? (ग) क्या व्यापारी अशोक सोनी एवं संतोष सोनी के द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना एवं पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में अपनी लिखित शिकायत पुलिस द्वारा जबरन पैसा (रकम) वसूले जाने की दी गयी? क्या पूर्व नेता प्रतिपक्ष का इन व्यापारियों ने जो शिकायती आवेदन दिया, उसे पूर्व नेता प्रतिपक्ष द्वारा सी.एस.पी. सतना को दिया था? उपरोक्त सभी आवेदनों पर जिला पुलिस बल सतना के द्वारा प्रश्नतिथि तक किस आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों में क्या-क्या कार्यवाही की गयी? जारी पत्रों की एक प्रति दें। (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (क) में वर्णित पत्रों के आधार पर प्रश्नतिथि तक किस नाम/पदनाम को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया? क्या जाँचकर्ता अधिकारी के द्वारा शिकायतकर्ताओं एवं उनके परिजनों के बयान प्रश्नतिथि तक लिये? शिकायतकर्ताओं एवं उनके परिजनों के जो बयान पुलिस के जाँच अधिकारी को दिये उसकी एक-एक प्रतिलिपि उपलब्ध करायें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) माननीय विधायक श्री प्रदीप पटेल द्वारा दिये गये विभिन्न 05 पत्रो के संबंध में सक्षम अधिकारी द्वारा दिये गये आदेशों की छायाप्रति चाही गई है जो निम्नानुसार हैः- 1- माननीय विधायक का पत्र विभाग में प्राप्त हुआ जिसे आवश्यक कार्यवाही हेतु पुलिस महानिदेशक को दिनांक 09.12.2019 को भेजा गया। पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। 2- माननीय विधायक श्री प्रदीप पटेल द्वारा पत्र क्रमांक/1217/19 दिनांक 15/10/2019 पुलिस महानिदेशक को दिया गया। उक्त पत्र अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) के कार्यालय में दिनाँक 21.10.2019 को प्राप्त हुआ जिसे पत्र क्रमांक/पुमु/शिका/री/05/87/2019 भोपाल दिनाँक 21.11.2019 के माध्यम से जाँच हेतु पुलिस अधीक्षक सतना को भेजा गया जो पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार है। 3-माननीय विधायक श्री प्रदीप पटेल द्वारा पत्र क्रमांक/विधायक/1215/19 दिनांक 15/10/2019 अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (शिकायत) को दिया गया। उक्त पत्र जाँच हेतु पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र क्रमांक पुमु/शिका/रीवा/4/12702/19 भोपाल दिनाँक 11.11.2019 के माध्यम से भेजा गया जो पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। 4- माननीय विधायक श्री प्रदीप पटेल द्वारा पत्र क्रमांक/विधायक/1214/2019 दिनांक 15/10/2019 अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग को दिया गया जिसे जाँच हेतु पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र क्रमांक/अअवि/अनु/रीवा/विविध/87/19/5664/2019 दिनाँक 29.10.2019 के माध्यम से भेजा गया जो पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। पुलिस अधीक्षक सतना ने उक्त पत्र अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र क्रमांक/सतना स्टेनो/वरि./शिपु/92-बी-1/19 दिनाँक 05.12.2019 के माध्यम से जाँच हेतु भेजा गया। जो पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र- स अनुसार है। 5-माननीय विधायक श्री प्रदीप पटेल द्वारा पत्र क्रमांक/विधायक/1218/19 दिनांक 15/10/2019 पुलिस महानिरीक्षक रीवा को दिया गया। पुलिस महानिरीक्षक रीवा द्वारा उक्त पत्र अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक/पुमनि/रीवा पीए/एम/2289/19 दिनाँक 29.10.2019 के माध्यम से जाँच हेतु पुलिस अधीक्षक सतना को भेजा गया जिसकी छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- द अनुसार है। (ख) हाँ, अन्य चोरी के प्रकरण में आरोपियों से पूछताछ के दौरान आरोपियों ने आवेदकगण संतोष सोनी व अशोक सोनी द्वारा चोरी का सामान खरीदने की बात बताई थी, इस कारण दिनांक 02/10/2019 को आवेदक संतोष सोनी एवं अशोक सोनी को कोलगंवा पुलिस द्वारा थाना ले जाकर आरोपियों से इनकी पहचान करवाई गयी। आरोपियों ने आवेदकगण को पहचानने से इनकार कर दिया। आरोपियों द्वारा चोरी का कोई सामान आवेदक श्री संतोष सोनी, अशोक सोनी एवं साक्षी शिवप्रसाद को नहीं बेचने की बात बताई जिससे आवेदकगण से पुलिस द्वारा कोई चोरी का सामान जप्त नहीं किया गया। आवेदकगण को पूछताछ के बाद तत्काल थाने से छोड़ दिया गया था। (ग) हाँ, आवेदकगण संतोष सोनी एवं अन्य द्वारा पुलिस अधीक्षक सतना एवं पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन, रीवा को लिखित आवेदन पत्र दिया था। उक्त दोनों पत्रो को जाँच हेतु पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा पत्र क्रमांक/सतना स्टेनो/वरि0/शिपु/92/19 दिनाँक 21.10.2019 के माध्यम से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को भेजे गये जो पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ई अनुसार। पूर्व नेता प्रतिपक्ष द्वारा आवेदकगण से प्राप्त शिकायत नगर पुलिस अधीक्षक सतना को न देकर सीधे पुलिस अधीक्षक सतना को दिया गया था। उक्त शिकायत पत्र पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा जाँच हेतु नगर पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र क्रमांक/1711/19 दिनाँक 05.10.2019 एवं पत्र क्रमांक 81/19, 82/19 दिनाँक 14.10.2019 के माध्यम से प्रेषित की गई थी। उक्त शिकायत की जाँच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा की जा रही थी इसलिये नगर पुलिस अधीक्षक सतना द्वारा इस शिकायत नस्ती को भी जाँच में शामिल करने हेतु पुलिस अधीक्षक सतना को पत्र क्रमांक/न.पु.अ./सतना 184,189,196/19 दिनाँक 30.11.2019 के माध्यम से वापस की गई जो पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र-फ अनुसार है। (घ) माननीय विधायक द्वारा प्रेषित शिकायतो की जाँच श्री गौतम सोलंकी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सतना द्वारा कराई गई है। जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा आवेदक संतोष सोनी तथा अशोक सोनी के कथन लेख किये गये एवं आवेदको द्वारा प्रस्तुत साक्षी शिवप्रसाद सोनी के भी कथन जाँच अधिकारी द्वारा लेख किये गये है। कथन एवं जाँच प्रतिवेदनों की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ह अनुसार है।
आरोप प्रमाणित होने के बावजूद एफ.आई.आर. दर्ज नहीं होना
[गृह]
24. ( क्र. 252 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 141 जो कि 8 जुलाई 2019 की प्रश्नोत्तरी सूची में उल्लेखित है के प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में जी हाँ, से स्वीकार किया गया है कि प्रिज्म सीमेंट कंपनी मनकहरी के द्वारा अवैध उत्खनन किया जा रहा है तथा पट्टे की भूमि बिना कलेक्टर की अनुमति से क्रय करने पर एस.डी.एम. रघुराजनगर द्वारा 02.02.2019 को शासकीय घोषित कर दिया है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दिनांक 08 जुलाई 2019 से प्रश्नतिथि तक क्या-क्या साक्ष्य जिला पुलिस बल के दोनों एडीशनल एस.पी. के निर्देशों पर किस-किस नाम/पदनाम के अधिकारियों/कर्मचारियों ने एकत्रित कर प्रिज्म सीमेंट कं. के किस-किस नाम के अधिकारियों पर दस्तावेंजों में कूट रचना कर शासकीय भूमि को खरीदी एवं अवैध उत्खनन किये जाने पर उनके विरूद्ध आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया जाना था? प्रश्नतिथि तक की गयी कार्यवाही का विवरण जारी सभी आदेश क्रमांकों एवं दिनांकों से जारी पत्रों की एक प्रतिलिपि देते हुये दें। (ग) थाना कोलगवां जिला सतना में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 168/16 एवं थाना सिटी कोतवाली में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 169/17 में किस-किस नाम के भूमि के एग्रीमेंटकर्ताओं/जमीन की खरीदी एवं बिक्री करने वाले किन व्यक्तियों एवं इस खरीदी एवं बिक्री के किस-किस नाम के गवाहों पर प्रश्नतिथि तक आपराधिक प्रकरण कायम किये गये है? किस-किस नाम के व्यक्तियों का नाम पुलिस द्वारा किन-किन कारणों से उन्हें संरक्षण देते हुये छोड़ रखा है? एग्रीमेंट कर्ताओं की सूची उपलब्ध करायें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। अवैध उत्खनन होना स्वीकार नहीं किया था अपितु मानसून सत्र 2019 के तारांकित प्रश्न क्रमांक के प्रश्नांश (क) में जांच एवं कार्यवाही करने का उल्लेख किया था। प्रश्नांश (ख) एवं (ग) क्रमशः, खनिज एवं राजस्व विभाग से संबंधित होना लेख किया था। (ख) इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सतना को राजस्व/खनिज विभाग की ओर से अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध करने हेतु कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। अतः प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। (ग) दोनों प्रकरण अनुसंधान में है, जानकारी दिया जाना विधिसम्मत नहीं है।
स्टाम्प शुल्क मद के कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
25. ( क्र. 274 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सीहोर की जनपद पंचायत नसरूल्लागंज की ग्राम पंचायत सेमलपानी कदीम, पिपलानी, चकल्दी, लाड़कुई, टूटावाकला, बगवाड़ा, जोगला, डाबरी, निमोरा, रिठवाडा, कुमनताल में अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क मद के कार्य जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2018 में जारी की गई थी उन कार्यों को निरस्त कर दिया गया हैं। कार्य का नाम सहित स्वीकृति की जानकारी दे। (ख) उक्त कार्य किन कारणों से निरस्त किये गये हैं? औचित्य सहित बतायें। (ग) कब तक उक्त कार्यों को प्रारंभ कर दिया जायेगा? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन ग्राम पंचायतों में वर्ष 2018 में कुल स्वीकृत 55 निर्माण कार्यों में से 21 निर्माण कार्यों को निरस्त कर दिया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में स्वीकृत ऐसे निर्माण कार्य जिनकी प्रथम किश्त जारी नहीं की गई है तथा ऐसे निर्माण कार्य जिनमें प्रथम किश्त जारी हो चुकी है किन्तु कार्य अप्रारंभ है, उन निर्माण कार्यों को निरस्त किया गया है। (ग) कार्य निरस्त किये जा चुके है, अत: कार्य प्रारंभ करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
किसानों को कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
26. ( क्र. 275 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के कृषकों को सहकारी बैंकों, समितियों, राष्ट्रीयकृत बैंकों के दिनांक 31.03.2018 तक बकाया कृषि ऋण 02 लाख तक माफ किये जाने के आदेश दिये गये थे? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के कितने किसानों को 02 लाख तक की राशि उनके खाते में जमा करा दी जा चुकी है तथा कितनी शेष है? (ग) क्या किसानों के खाते में 02 लाख जमा न किये जाकर 50 हजार रूपये जमा करने की कार्यवाही की गई है यदि हाँ, तो क्यों? (घ) क्या कृषकों को ऋण न मिलने की शिकायत प्रकाश में आई है तो इसका क्या निराकरण किया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग मंत्रालय के द्वारा राज्य में स्थित राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में पात्रता अनुसार राशि रूपये 02 लाख तक की सीमा तक का ऋण माफ किये जाने के आदेश जारी किये गये। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) जी नहीं, योजना के प्रथम चरण में एन.पी.ए. खातों पर राशि रूपये 2 लाख एवं पी.ए. खातों पर राशि रूपये 50,000 तक के ऋण माफ किये गये है। (घ) ऐसी कोई शिकायत प्रतिवेदित नहीं है।
फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
27. ( क्र. 284 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के आदेश दिनांक 17 दिसम्बर, 2018 के द्वारा प्रदेश में स्थित राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल ऋण के रुप में शासन द्वारा पात्रता अनुसार पात्र पाये गये किसानों के रुपये 2.00 लाख की सीमा तक का दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण माफ किये जाने हेतु जय किसान फसल ऋण माफी योजना लागू की गई है? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में ऐसे कितने पात्र किसान हैं जिन्हें इस योजना का लाभ दिया गया है? राशि रुपये 0.50 लाख के भीतर की सीमा के किसानों और राशि रुपये 0.50 लाख से 2.00 लाख तक की सीमा के किसानों को दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण के रुप में माफ की गई राशि की जिलेवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराई जावे। (ग) प्रदेश में ऐसे कितने किसान हैं, जिन्होनें योजना का लाभ मिलने की प्रत्याशा में बकाया फसल ऋण तय समय-सीमा में जमा नहीं कराया, जिसके कारण उन्हें डिफाल्टर मानकर शासन की विभिन्न योजनाओं से मिलने वाले लाभों से वंचित किया गया? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में दर्शाये गये वंचित किसानों द्वारा उक्त आशय की कोई शिकायत प्रश्न दिनांक तक की गई है? यदि हाँ, तो कार्यवाही से अवगत करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रदेश में 2022731 किसानों के कर्ज माफी की स्वीकृति दी जा चुकी है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
रबी फसल की प्रोत्साहन राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 285 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा उनके ज्ञाप क्रमांक बी-16-3/2019/14-3 दिनांक 07 मार्च,2019 से जय किसान समृद्धि योजना रबी 2018-19 क्रियान्वित की गई? यदि हाँ, तो नियत अवधि में गेहूँ विक्रय करने पर प्रति क्विंटल कितनी राशि प्रोत्साहन स्वरुप किसानों को दी जाना थी? (ख) प्रश्नांश (क) में क्रियान्वित योजना अंतर्गत प्रदेश के कितने किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है और कितने किसानों को शासन द्वारा इस योजना का लाभ दिया गया है? जिलेवार लाभान्वित हितग्राही किसानों की संख्या एवं व्यय राशि का ब्यौरा दें। (ग) प्रश्नांश (ख) में पंजीकृत किसानों में से नीमच जिले के कितने किसान हैं जिन्हें इस योजना का प्रश्न दिनांक तक लाभ नहीं मिल पाया है? लाभान्वित किये जाने वाले किसानों की संख्या एवं उन्हें भुगतान की जाने वाली राशि का तहसीलवार ब्यौरा दें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में दर्शाये गये किसानों की उक्त आशय की कोई शिकायत प्रश्न दिनांक तक शासन को प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो की गई कार्यवाही से अवगत करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ, शासन के उक्त ज्ञाप से क्रियान्वित जय किसान समृद्धि योजना रबी 2018-19 में गेहूँ पर रूपये 160 प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि स्वरूप किसानों को दिये जाने का प्रावधान है। (ख) जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत प्रदेश के कुल 11.79 लाख द्वारा पंजीयन कराया गया और प्रदेश के झाबुआ जिले के 3500 कृषकों के खातों में रूपये 160 प्रति क्विंटल की दर से माह सितम्बर 2019 में प्रोत्साहन राशि रूपये 2.91 करोड़ जमा की गई है। (ग) नीमच जिले में 12607 किसान पंजीकृत हुये है, जिन्हें इस योजना का लाभ दिया जाना है। लाभान्वित किये जाने वाले किसानों की संख्या एवं उन्हें भुगतान की जाने वाली राशि की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत नीमच जिले में सी.एम.हेल्पलाईन में एक ही कृषक द्वारा भुगतान न होने के संबंध में दो शिकायतें प्राप्त हुई है। इस योजना अन्तर्गत जिलों को आवंटन प्रदाय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मुनगा पत्ती रोपण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
29. ( क्र. 298 ) श्री निलय डागा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग की संचालित योजनाओं में मुनगा पत्ती मूल्य अनुबंध खेती भी किसानों के हितार्थ संचालित है? इसमें किसानों हेतु अनुदान-प्रावधान क्या-क्या निर्धारित किए गए हैं? प्रति उपलब्ध करावें। (ख) यदि नहीं, तो फिर जिला बैतूल में वर्ष 2018-19 में उक्त योजना किस प्रयोजन से किसानों हेतु लागू की गई तथा इसमें कितने किसानों का पंजीयन हुआ? किसानों के नाम, ग्राम, विकासखण्ड, लाभ का क्षेत्र, रोपित किये जाने वाले पौधों की संख्या व उनकी राशि की जानकारी दी जाए। (ग) प्रति किसान पंजीयन शुल्क कितना जमा करवाया गया? (घ) वर्ष 2018-19 से प्रश्न अवधि तक कुल कितने कृषकों द्वारा कृषक अंश की राशि जमा की गई? सूची दें तथा प्रति किसान को मुनगा पत्ती से कितना-कितना लाभ हुआ? (ड.) क्या कुछ किसानों के यहा निम्न गुणवत्ता के पौधे 10 रूपये प्रति पौधे की दर पर उपलब्ध करायें तथा कुछ किसानों को मुनगा पौधे उपलब्ध ही नहीं कराये गये? अधिकांश किसानों के यहां पौधे मृत हो जाने से उन्हें लाभ न होते हुए भारी नुकसान हुआ है। किसानों को हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए किस अधिकारी की जवाबदारी निर्धारित की जांकर जाँच व दण्डात्मक कार्यवाही कब तक की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जिला कृषि स्थाई समिति के अनुमोदन बिना बजट राशि का व्यय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
30. ( क्र. 302 ) श्री राकेश गिरि : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विभाग सहित एलाइड विभागों को बजट आवंटन व्यय करने के पूर्व/कार्योंपरांत जिला कृषि स्थाई समिति से अनुमोदन लेना आवश्यक होता है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में जिला टीकमगढ़ में किसान कल्याण तथा कृषि विकास को कितना बजट आवंटित किया गया? प्रदत्त राशि का व्यय पूर्व/कार्योंपरांत जिला कृषि स्थाई समिति से अनुमोदन कब-कब लिया गया? संबंधित बैठकों की कार्यवाही की सत्यापित प्रति प्रदान करें? (ग) प्रश्नांश (ख) का उत्तर यदि नहीं, है तो बिना जिला कृषि स्थाई समिति के अनुमोदन के प्राप्त राशि का व्यय किन मदों में कितना-कितना किया गया? विस्तृत विवरण दें। (घ) जिला कृषि स्थाई समिति के अनुमोदन बिना बजट व्यय करने के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार व दोषी हैं उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी? समय-सीमा बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण में अनियमितता
[गृह]
31. ( क्र. 314 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत आता है? यदि हाँ, तो किस दिनांक से लागू है? नवीनीकरण कार्य की समय-सीमा कितने दिवस की है? लागू दिनांक से प्रश्न दिनांक तक जिला राजगढ़ अंतर्गत शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण के कितने आवेदन लोक सेवा प्रबंधन के माध्यम से ऑनलाईन प्राप्त कर सक्षम अधिकारी द्वारा शस्त्र नवीनीकरण के आदेश जारी किये गये वर्षवार विकासखण्डवार जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण के आवेदन ऑनलाईन नहीं बुलाये जाकर जिला मुख्यालय पर ही जमा कराये जाते है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें तथा शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण की दिनांक बीत जाने के पश्चात भी शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण के आदेश नहीं किये जाते है? विलम्ब के कारण से अवगत करावें। (ग) क्या जिला राजगढ़ अंतर्गत शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण के आवेदन लोक सेवा के प्रदान की गारंटी अधिनियम के अंतर्गत ऑनलाईन बुलाई जाकर समय-सीमा में शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण के आदेश किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण सेवा दिनांक 24.09.2011 से अधिसूचित होकर लागू है। लाईसेन्स अवधि समाप्त होने के पूर्व प्राप्त आवेदनों हेतु समय-सीमा 15 कार्य दिवस एवं लाईसेन्स अवधि समाप्त होने के पश्चात प्राप्त आवेदनों की समय-सीमा 45 कार्य दिवस निर्धारित है। शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण के आवेदन, लोक सेवा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन प्रेषित करने की व्यवस्था दिनांक 22.11.2013 से प्रारंभ है। प्रश्न दिनांक तक, लोक सेवा केन्द्र के माध्यम से ऑनलाईन प्राप्त 1083 आवेदनों के शस्त्र नवीनीकरण आदेश जारी किये गये। वर्षवार, विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) लोक सेवा गारन्टी के तहत लोक सेवा केन्द्र एवं पदाभिहित अधिकारी कार्यालय दोनों के माध्यम से आवेदन प्राप्त किए जाने का प्रावधान है। लोक सेवा केन्द्र अथवा जिला मुख्यालय स्थित पदाभिहित अधिकारी कार्यालय में आवेदक स्वेच्छानुसार आवेदन प्रस्तुत करने हेतु स्वतंत्र है। लोक सेवा केन्द्र से पदाभिहित अधिकारी को ऑनलाईन प्राप्त आवेदनो तथा पदाभिहित अधिकारी कार्यालय में आवेदक द्वारा सीधे प्रस्तुत आवेदनों का यथासंभव समय-सीमा में निराकरण किया जाता है। आवेदक द्वारा उपलब्ध कराये गए दस्तावेज में कमी होने के कारण कतिपय लाईसेन्स नवीनीकरण में विलम्ब हो जाता है। लोक सेवा केन्द्र एवं पदाभिहित अधिकारी कार्यालय के माध्यम से प्राप्त लाईसेन्स नवीनीकरण आवेदन का भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 में जारी निर्देशानुसार एन.डी.ए.एल (नेशनल डाटा ऑफ आर्म्स लायसेंस सॉफ्टवेयर के माध्यम से आनलाईन प्रक्रिया से नवीनीकरण किया जाता है। वर्ष 2018 में विधानसभा निर्वाचन एवं लोकसभा निर्वाचन के कारण शासन द्वारा उक्त पोर्टल बन्द किया गया था, जिसके कारण ऑनलाईन इन्ट्री नहीं हाने से उस समय प्राप्त आवेदनों के लाईसेन्स नवीनीकरण करने में विलम्ब हुआ था। वर्तमान नवीनीकरण आवेदनों के आदेश जारी कर दिए गये हैं। (ग) लोक सेवा गारंटी अधिनियम अंतर्गत पदाभिहित अधिकारी के कार्यालय में सीधे प्राप्त आवेदनों एवं लोक सेवा केंद्र के माध्यम से ऑनलाईन प्राप्त होने वाले समस्त आवेदनों पर नियमानुसार कार्यवाही कर भविष्य में निर्धारित समय-सीमा में शस्त्र लाईसेन्स नवीनीकरण के आदेश किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
भावान्तर भुगतान/मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
32. ( क्र. 315 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र.शासन द्वारा राजगढ़ जिले अंतर्गत वर्ष 2018-19 में किसानों की खरीफ फसल हेतु भावांतर भुगतान योजनान्तर्गत मक्का/सोयाबीन की कृषि उपज मंडी समिति में विक्रय करने पर भावान्तर प्रोत्साहन राशि देने एवं रबी 2018 में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजनान्तर्गत किसानों द्वारा स्व उत्पादित गेहूँ एवं चना का शासकीय उर्पाजन केन्द्रों/कृषि उपज मंडियों में विक्रय किया गया? कृषि उपज मंडीवार/उपार्जन केन्द्रवार खरीदी के विरुद्ध कितनी प्रोत्साहन राशि प्रदाय किया जाना है? कृषि उपज मंडीवार/उपार्जन केन्द्रवार खरीदी के विरुद्ध कितनी खरीफ एवं रबी की फसल की प्रोत्साहन राशि प्रदाय किया जाना है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों के सोयाबीन/मक्का की भावान्तर भुगतान प्रोत्साहन तथा रबी फसल की मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि प्रश्न दिनांक तक प्रदाय नहीं करने का कारण स्पष्ट करें एवं कब तक भुगतान किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा राजगढ़ जिले अन्तर्गत वर्ष 2018-19 में खरीफ 2018 हेतु सोयाबीन एवं मक्का में फ्लैट भावांतर योजना लागू थी। रबी 2018 में मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना लागू नहीं थी,अपितु मात्र गेहूँ में रबी 2018-19 हेतु जय किसान समृद्धि योजना लागू थी। वर्ष 2018-19 में राजगढ़ जिले में 9164 कृषकों को मक्का फसल में राशि रूपये 250 प्रति क्विंटल भावांतर दर से कुल राशि रूपये 555.31 लाख का भुगतान किया गया है, तथा किसानों द्वारा अधिसूचित मंडियों में विक्रय सोयाबीन के लिए प्रति क्विंटल फ्लैट भावांतर दर निर्धारण उपरांत अंतर की राशि का भुगतान का प्रावधान है। रबी 2018-19 में जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत प्रावधान एवं उपज मात्रा की कृषक पात्रता के अनुसार राजगढ़ जिले की अधिसूचित मंडियों एवं शासकीय उपार्जन केन्द्रो में गेहूँ उपार्जन पर रूपये 160 प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि प्रदाय करने की कार्यवाही प्रचलन में है। उपरोक्त योजनान्तर्गत सोयाबीन, मक्का एवं गेहूँ की कृषि उपज मंडीवार/कृषि उपार्जन केन्द्रवार खरीदी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अ, ब, स एवं द अनुसार है। (ख) राजगढ़ जिले के किसानों को सोयाबीन में फ्लैट भावांतर तथा गेहूँ में जय किसान समृद्धि योजना के प्रावधानुसार आवंटन प्रदाय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, मक्का फसल में योजना प्रावधानुसार एवं पात्रतानुसार कृषकों को भुगतान किया जा चुका है।
गुमशुदगी एवं अपहरण के प्रकरणों की जाँच
[गृह]
33. ( क्र. 329 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले में 01 जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक तक गुमशुदगी एवं अपहरण एवं चोरी के कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं एवं किस-किस आवेदन पर गुमशुदगी एवं अपहरण, चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) कौन-कौन से प्रकरण में गुमशुदा व्यक्ति को खोजा गया है एवं कितने अपहरण एवं चोरी के प्रकरण पर कार्यवाही कर न्यायालय में पेश किया गया है एवं कितने प्रकरण जाँच में है? थानावार जानकारी देवें। (ग) मुंगावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत गुमशुदगी एवं अपहरण के प्रकरण की जानकारी आवेदनकर्ता नाम एवं पता सहित उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रश्नांकित अवधि में मुंगावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गुमशुदगी एवं अपहरण संबंधी कोई आवेदन पत्र किसी भी आवेदनकर्ता द्वारा नहीं दिया गया हैं। फरियादी द्वारा थाने पर उपस्थित होकर रिपोर्ट करने पर गुमशुदगी के 201 प्रकरण एवं अपहरण के 56 प्रकरणों की कायमी हुई है।
आवंटित औद्योगिक प्लॉट निरस्त करना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
34. ( क्र.
348 ) श्री
दिलीप सिंह
गुर्जर : क्या
भोपाल गैस
त्रासदी
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) नागदा
भगतपुरी
औद्योगिक क्षेत्र
में आवंटित
औद्योगिक
प्लॉटों में
कितने लोगों
ने कितने
उद्योग लगाकर
उद्योग
प्रारंभ कर
दिए हैं और
क्या-क्या
उत्पादन कर
रहे हैं? (ख) नागदा
भगतपुरी
औद्योगिक
क्षेत्र में
कितने लोगों
ने उद्योग
लगाने हेतु
कब-कब प्लॉट
लिए थे परंतु
उनके द्वारा
आज दिनांक तक
उद्योग नहीं
लगाए गए हैं? क्या
शर्तों का
उल्लंघन करने
पर प्लॉट
आवंटन निरस्त
किए गए हैं? निरस्त
किए गए प्लॉट
धारकों के नाम
सहित विवरण
दें। यदि नहीं, किए गए
हैं तो क्यों? सम्पूर्ण
विवरण दें। (ग) फर्नाखेड़ी
औद्योगिक
क्षेत्र
विकसित करने हेतु
विभाग द्वारा
क्या-क्या
निर्माण
कार्य पूर्ण
कर दिए गए हैं
तथा प्लॉटों
की आवंटन की
प्रक्रिया कब
से प्रारंभ
होगी?
भोपाल
गैस त्रासदी
मंत्री ( श्री
आरिफ अक़ील ) : (क) उज्जैन
जिलान्तर्गत
भगतपुरी
औद्योगिक क्षेत्र
में 11
उद्योग
कार्यरत है। सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
(ख) नागदा
भगतपुरी
औद्योगिक
क्षेत्र में 45
औद्योगिक
इकाईयों को
भूखण्ड
आवंटित किये
गये है। सूची पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब अनुसार
है। उक्त
इकाईयों में
से 07
इकाईयों
द्वारा
उद्योग
स्थापित नहीं
किये गये है। सूची
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-स अनुसार
है। जी नहीं, इकाईयों
द्वारा
लीजडीड की शर्तों
का उल्लंघन
करने पर
लीजडीड
निरस्तीकरण
हेतु नियमानुसार
समयावधि
सूचना पत्र
जारी किये गये
है। (ग) औद्योगिक
क्षेत्र
फर्नाखेडी
में एप्रोच रोड
एवं विद्युत
उपकेन्द्र
के निर्माण
हेतु वर्ष 2017-18 में
स्वीकृति जारी
की जा चुकी है
जिसका कार्य प्रगति
पर है।
औद्योगिक
क्षेत्र की
आंतरिक सड़कों
के निर्माण
एवं
विद्युतीकरण
कार्य बजट उपलब्धता
अनुसार
स्वीकृत किये
जायेगें।
किसानों की कर्जमाफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
35. ( क्र. 359 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्तमान सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ किये जाने का संकल्प (घोषणा) लिया गया था? यदि हाँ, तो कितनी राशि का ऋण कब से माफ किया गया है? (ख) सिवनी जिले के कितने किसानों का कितनी राशि का ऋण माफ किया गया है? संख्या बताएँ। (ग) ऋण माफी की घोषणा के बाद से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों द्वारा आत्महत्या की गई है? इन किसानों के परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा क्या-क्या सहायता प्रदान की गई है? (घ) प्रदेश सरकार के वचन पत्र/घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के सम्पूर्ण किसानों का फसल ऋण कर्ज कब तक माफ होकर उनके खाते में निरंक हो जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत दिनांक 01-04-2007 के बाद 31-03-2018 तक के फसल ऋण को माफ किया गया है अभी तक राशि रू.7154.36 करोड़ के ऋणमाफी की स्वीकृति दी जा चुकी है। (ख) सिवनी जिले में जय किसान फसल ऋणमाफी योजनान्तर्गत 48186 कृषकों का राशि रू.865676318.07 का ऋण माफ किया गया है विधान सभावार/किसानवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सिवनी जिले की जानकारी निरंक है। (घ) ऋणमाफी का कार्य सतत् रूप से संचालित है।
कृषक अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
36. ( क्र. 370 ) श्री विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले को विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक कितना बजट किस-किस योजना के लिए प्राप्त हुआ वर्षवार, योजनावार, कितना-कितना व्यय किया गया? सूची वर्षवार दें? (ख) वर्ष 2018-19 से 2019-20 तक रामपुरबाघेलान और अमरपाटन के कृषकों को योजनावार कितनी-कितनी अनुदान राशि प्रदान की गई? विकासखण्डवार/कृषकवार सूची प्रदान करें। (ग) स्वीकृत अनुदान राशि से कितने कृषकों को लाभान्वित किया गया है? वास्तविक संख्या से अवगत करावें? विकासखण्डवार/वर्षवार/संख्यावार/कृषकवार सूची दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
आईपीसी की धारा 505 (2) के संबंध में
[गृह]
37. ( क्र. 382 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आईपीसी की धारा 505 (2) क्या परिभाषित करती हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में वर्णित धारा के अनुसार किसी राजनैतिक पार्टी एवं पार्टी के समूह या वर्ग को आरोपी बनाया जा सकता हैं? (ग) आईपीसी की धारा 505 (2) के तहत वर्ष 2019-20 में प्रदेश अन्तर्गत किन-किन राजनैतिक पार्टियों एवं पार्टी के वर्गों/समूहों पर किन-किन मामलों में यह धारा लगायी जाकर आरोपी बनाया गया हैं? सूची प्रदान करें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) विभिन्न वर्गों में शत्रुता, घृणा या वैमनस्य पैदा या सम्प्रवर्तित करने वाले कथन जो भी कोई जनश्रुति या संत्रासकारी समाचार अन्तर्विष्ट करने वाले किसी कथन या सूचना, इस आशय से किया जिससे यह संभाव्य हो कि, विभिन्न धार्मिक, मूलवंशीय भाषायी या प्रादेशिक समूहों या जातियों या समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावनायें, धर्म, मूलवंश, जन्म-स्थान, निवास-स्थान, भाषा, जाति या समुदाय के आधारों पर या अन्य किसी भी आधार पर पैदा या सम्प्रवर्तित हो, को रचेगा, प्रकाशित करेगा या परिचालित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिये कारावास, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जायेगा। (ख) भारतीय दण्ड संहिता 1860 के अंतर्गत किसी अपराध का उल्लघंन होने पर घटना में आये तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर संबंधितों के विरुद्ध कार्यवाही की जाती है। (ग) भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 505 (2) के तहत वर्ष 2019 में दर्ज मामलों की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। दर्ज प्रकरणों में विवेचना के उपरांत आये साक्ष्य के आधार पर आरोपी बनाये जाते हैं न कि किसी राजनैतिक पार्टी की सदस्यता के आधार पर।
सरपंच/उपसरपंच के अविश्वास के प्रस्तावों के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 393 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत सरपंच/उपसरपंच के अविश्वास के मामले में पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम में क्या नियम हैं? (ख) विधान सभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत विगत 05 वर्षों में अविश्वास के कितने प्रकरण विहित प्राधिकारी द्वारा जनपद पंचायत पिपरिया को आगामी कार्यवाही हेतु प्राप्त हुये, ग्राम पंचायतवार सूची प्रदान करें। (ग) क्या पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम के तहत अविश्वास के मामले में पंचों की उपस्थिति का अनुपात अधिनियम की शर्त अनुसार यदि दशमलव में प्राप्त होता हैं, तो क्या दशमलव की संख्या को आधार मानकर प्रस्ताव पारित होगा या फिर दशमलव की संख्या को पूर्ण किया जाकर उसे आधार मानकर उससे अधिक की पंचों की संख्या पर प्रस्ताव पारित होगा? (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्नांश (ग) की दोनों स्थितियों के परिप्रेक्ष्य में पारित प्रस्तावों की जानकारी ग्राम पंचायतवार प्रदान करें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) विधानसभा क्षेत्र पिपरिया अंतर्गत विगत 05 वर्षों में अविश्वास का 01 प्रकरण ग्राम पंचायत महलवाड़ा में सरपंच के विरूद्ध वर्ष 2018 में विहित प्राधिकारी द्वारा जनपद पंचायत पिपरिया को आगामी कार्यवाही हेतु प्राप्त हुआ। (ग) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ब अनुसार है।
अवैध शराब बिक्री
[गृह]
39. ( क्र. 407 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत गांव-गांव में अवैध शराब की बिक्री होने तथा प्रश्नकर्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक महोदय दमोह को पत्र लिखने के बावजूद भी पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जबेरा विधान सभा क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री एवं सट्टा बंद करने की कार्यवाही कब तक की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : विधायक महोदय के पत्रों के परिप्रेक्ष्य में विधानसभा क्षेत्र जबेरा में दिनांक 04.06.2019 से 20.11. 2019 तक की अवधि में आबकारी एक्ट के कुल 198 प्रकरणों में 209 व्यक्तियों एवं सट्टा एक्ट के कुल 27 प्रकरणों में 27 व्यक्तियों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किये गए है। अवैध शराब एवं सट्टा के विरूद्ध कार्यवाही सतत् जारी है।
हटा नगर में मध्यान्ह भोजन वितरण में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 415 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह के हटा नगर में महाराणी लक्ष्मी बाई बचत समूह दमोह को किस आदेश के तहत हटा की समस्त शालाओं का मध्यान्ह भोजन प्रदाय करने के आदेश दिये गये थे? आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करायें। (ख) क्या आपके पत्र क्रमांक 6062 दिनांक 26.07.19 को जाँच के निर्देश दिये गये थे एवं प्रश्नकर्ता द्वारा भी दिनांक 13.09.19 को जाँच हेतु लेख किया गया था तथा अनुविभागीय अधिकारी द्वारा जाँच दिनांक 08.09.17 को जाँच में लापरवाहियां पायी गयी क्या वार्डन सत्यम सडैंया के द्वारा दिनांक 02.09.17 को अनियमिताओं के बारे में लेख किया गया तथा जनपद अध्यक्ष के द्वारा दिनांक 4.9.19 को शिकायत की गई? यदि हाँ, तो कई शिकायतें जनता व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से की गई लेकिन उक्त समूह पर आज दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -अ अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
41. ( क्र. 422 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इछावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत विगत पाँच वर्षों में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत कितनी एवं कौन-कौन सी सड़कें स्वीकृत की गई? (ख) इन स्वीकृत सड़कों में से कितनी व कौन-कौन सी सड़कों का निर्माण हो चुका है एवं कौन-कौन सी सड़क निर्माण होना शेष है? इन्हें कब तक निर्मित कर पूर्ण कराया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 41 मार्ग। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत आवास आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 423 ) श्री करण सिंह वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इछावर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में कितने लोगों को आवास आवंटित किये गये? नामवार, स्थानवार सूची प्रदाय करें। (ख) क्या उक्त आवंटित आवासों में से ग्राम डुंडलावा के कुछ हितग्राहियों के बने हुये आवासों को तोड़ दिया गया है? यदि हाँ, तो किसके आदेश पर?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (ख) जी नहीं।
खनिज विकास मद से स्वीकृत कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 429 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खनिज विकास मद से विभाग अन्तर्गत कौन-कौन से कार्य कराये जाने के क्या-क्या प्रावधान हैं? (ख) जिला सीहोर के विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक खनिज विकास मद से कुल कितने कार्य स्वीकृत किये गये हैं? श्रेणी एवं स्थान सहित कार्य की जानकारी बतावें। (ग) स्वीकृत कार्यों में से कुल कितने कार्य पूर्ण कर लिये हैं तथा कितने कार्य अपूर्ण हैं, यदि अपूर्ण हैं तो क्यों तथा कब तक पूर्ण करा लिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) खनिज विकास मद से पेयजल प्रदाय, पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण नियंत्रण के उपाय स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास वृद्ध एवं नि:शक्त कौशल विकास, स्वच्छता, भौतिक अवसंरचना, सिंचाई, ऊर्जा एवं वाटरशेड विकास के अंतर्गत कार्य कराये जाने के प्रावधान है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में कोई भी कार्य स्वीकृत नहीं किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषक अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
44. ( क्र.
430 ) श्री
सुदेश राय : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) जिला
सीहोर को
विभाग से वर्ष
2014-15 से 2018-19 तक
कितना-कितना
बजट किस-किस
योजना के लिये
प्राप्त हुआ
तथा वर्षवार
योजनानुसार
कितना व्यय
किया गया? सूची
उपलब्ध
करावें। (ख) वर्ष
2014-15 से 2018-19 तक
कृषकों को
योजनावार
कितनी-कितनी
अनुदान राशि
किस-किस योजना
के अन्तर्गत
प्रदान की गई
है? योजनावार
कृषकगणों की
संख्या की
सूची उपलब्ध
करावें।
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
सचिन
सुभाषचन्द्र
यादव ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1
अनुसार है। (ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2
अनुसार है।
प्रश्नकर्ता द्वारा नवम्बर 2019 में शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
45. ( क्र. 445 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 21.07.2018 को वीरेन्द्र यादव (बबलू) के विरूद्ध धारा 420 एवं अन्य धाराओं में अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है। (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा नवम्बर 2019 में फर्जी बीपीएल कार्ड बनाने के संबंध में एवं दस्तावेजों में छेड़छाड़ संबंधी शिकायत नगर निरीक्षक, इटारसी एवं होशंगाबाद, अनुविभागीय अधिकारी/कलेक्टर होशंगाबाद को की गयी थी? (ग) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संबंध में क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या उक्त आरोपी वीरेन्द्र यादव (बबलू) की कलेक्टर होशंगाबाद को उनके जन्मदिन पर बधाई देते हुए फोटो सोशल मिडिया पर वायरल होने के कारण पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता द्वारा माह अक्टूबर 2019 में कलेक्टर होशंगाबाद को शिकायत की गई थी। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में आरोपी वीरेन्द्र यादव (बबलू) के विरुद्ध प्रकरण क्रमांक 738/18 धारा 420, 470, 467, 468 भादवि पंजीबद्ध कर अनुसंधान में है। (घ) यह कहना सही नहीं है। आरोपी बबलू यादव के संदर्भ में पंजीबद्ध प्रकरण में विवेचना की जा रही है। प्रकरण में प्राप्त साक्ष्य अनुसार कार्य किया जायेगी।
संदिग्ध मृत्यु की जाँच
[गृह]
46. ( क्र.
446 ) डॉ.
सीतासरन
शर्मा : क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) जानकारी
दें कि प्रश्नकर्ता
द्वारा
रामविलास आत्मज
सुन्दरलाल
तिवारी
निवासी उन्नाव
की इटारसी के
निकट
नजरपुर/कीरतगढ़
या आसपास जून 2013 में
हुई संदिग्ध
परिस्थितियों
में हुई मृत्यु
की जाँच के
संबंध में
पुलिस
अधीक्षक (शासकीय
रेल पुलिस), भोपाल
एवं अपर पुलिस
महानिदेशक (शासकीय
रेल पुलिस) को
लिखे पत्र
सितम्बर एवं
अक्टूबर 2019 में
कब-कब प्राप्त
हुए? (ख) क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा उक्त
पत्र में
रामलिवास आत्मज
सुंदरलाल की
संदिग्ध
मृत्यु की
जानकारी
ग्राम
जिलवानी के
सरपंच एवं कमल
भारद्वाज (डब्बु)
को होने के
संबंध में
अवगत कराया
गया था? (ग) क्या
प्रश्नांश
(ख) में उल्लेखित
लोगों से
पूछताछ कर जाँच
की गयी। (घ) जाँच
में कौन से
तथ्य प्रकाश
में आये? प्रकाश में
आये तथ्यों
के आधार पर क्या
कार्यवाही की
गयी?
गृह
मंत्री ( श्री
बाला बच्चन ) : (क) रामविलास
आत्मज
सुन्दरलाल
तिवारी
निवासी उन्नाव
की इटारसी के
निकट
नजरपुर/कीरतगढ़
या आसपास जून 2013 में हुई
संदिग्ध
परिस्थितियों
में हुई
मृत्यु की जाँच
के संबंध में पुलिस
अधीक्षक (शासकीय
रेल पुलिस) भोपाल
एवं अपर पुलिस
महानिदेशक (शासकीय
रेल पुलिस) को
लिखे पत्र
दिनांक 20.9.19 को
प्राप्त हुए। (ख) जी
हाँ। (ग) जाँच के
दौरान कमल भारद्वाज
से पूछताछ कर
कथन लिए गए है।
(घ) प्रश्नांश
का उत्तर संलग्न परिशिष्ट
अनुसार।
आम पौध का रोपण में अनियमितता
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
47. ( क्र.
460 ) डॉ.
योगेश
पंडाग्रे : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) बैतूल
जिले में
उद्यान विभाग
की
योजनान्तर्गत
वर्ष 2018-19
में जिले के
कितने
किसानों के
यहाँ तोतापरी
आमपौध का रोपण
कराया गया है? ग्रामवार, कृषकवार
तथा जीवित
पौधों की
संख्या एवं
कुल व्यय सहित
जानकारी
देवें। (ख) क्या
किसानों को
प्रदाय किये
गये तोतापरी
आमपौध सही समय
पर एवं
निर्धारित
मापदण्ड के
उपलब्ध नहीं
कराए जाने से
अधिकांश पौधे
मृत हो गए हैं? यदि
हाँ, तो
इस प्रकार
अनियमितता के
लिये कौन दोषी
हैं? (ग) बैतूल
जिले की जलवायु
आम की प्रजाति
जैसे लंगड़ा, चौसा, गाजरिया
आदि के लिये
अनुकूल होने
के पश्चात भी
तोतापरी
आमपौध रोपण ही
किस वजह से
कराया गया? (घ) वर्ष
2018-19 के
तोतापरी
पौधरोपण का
फीडबेक
असंतोषजनक होने
के बाद भी
वर्ष 2019-20
में किसी फर्म
से अनुबंध
किये बिना ही
पुनः तोतापरी
आम अनुबंध
खेती क्यों
कराई जा रही
है? अनुबंध
से संबंधित
शासकीय
निर्देशों की
प्रति उपलब्ध
करावें। (ड.) तोतापरी
आम के विपणन
हेतु किसी
फर्म से दीर्घकालिक
अनुबंध किये
बिना जिले में
बड़ी संख्या में
किसानों को
तोतापरी आम
पौधरोपण हेतु
बाध्य किये
जाने एवं पौधा
समय पर प्रदाय
नहीं किये
जाने से हुए
नुकसान के लिये
दोषी
अधिकारियों
के विरूद्ध
क्या कार्यवाही
की जावेगी?
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
सचिन
सुभाषचन्द्र
यादव ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है।
(ख) जी
नहीं। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) तोतापरी
आम की किस्म
प्रसंस्करण
के लिए उपयुक्त
होने के कारण
बैतूल जिले
में पौध रोपण
कराया गया। (घ) आम
की प्रसंस्कृत
किश्म
तोतापरी को
अति उच्च
सघनता में
रोपण को
बढ़ावा देने
के लिए वर्ष 2019-20 में
फल क्षेत्र
विस्तार
योजना के अन्तर्गत
प्रति एकड़
देय अनुदान
सहायता के
अतिरिक्त
रूपये 24000/- एकड़
अनुदान दिये
जाने का
प्रावधान है। पौध
रोपण करने
हेतु कृषक स्वतंत्र
हैं। योजना के
अन्तर्गत
अनुबंध नहीं
कराया गया है।
(ड़) विभाग
द्वारा जारी
योजना के
दिशा-निर्देश
में किसी भी
संस्था से
दीर्घ कालीन
अनुबंध का
प्रावधान
नहीं है। पौध
रोपण करने के
लिए कृषक स्वतंत्र
है। शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
नगर निरीक्षकों का स्थानांतरण
[गृह]
48. ( क्र. 462 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के सारणी थाना की नगर निरीक्षक के अगस्त-2019 से नवम्बर -2019, 04 माह की अवधि में 04 टी.आई. के स्थानांतरण हुये? सभी के नाम, थाना में कार्यकाल का विवरण देवे, साथ ही चारों टी.आई. के स्थानांतरण का कारण बतावें। क्या 04 माह में 04 स्थानांतरण करना प्रशासनिक तौर पर ठीक है? (ख) क्या नगर निरीक्षकों का स्थानांतरण एक माह की पदस्थापना के बाद किया गया? 3 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ एस.आई., ए.एस.आई. एवं हवलदारों एवं सिपाही के नाम सहित सूची बतावें। (ग) क्या सारनी थाने में लंबे समय से पदस्थ पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण किये जाएंगे? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। बैतूल जिले में प्रशासनिक दृष्टिकोण एवं प्रभारी मंत्री महोदय के अनुमोदन उपरांत सारणी थाना के निरीक्षकों के अगस्त 2019 से नवम्बर 2019, 04 माह की अवधि में 04 टी.आई. के स्थानांतरण हुये है। सभी के नाम, थाना में कार्यकाल आदि का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। जी हाँ, कर्तव्य के प्रति लापरवाही, कानून व्यवस्था एवं प्रशासनिक कारणों से किये गये स्थानांतरण उचित है। (ख) जी हाँ। 02 निरीक्षकों के स्थानांतरण 01 माह अथवा उससे अधिक अवधि के पश्चात् एवं 01 निरीक्षक का स्थानांतरण कर्तव्य के प्रति लापरवाही को दृष्टिगत रखते हुये 01 माह की अवधि के भीतर किया गया है। 03 वर्षों से अधिक समय से पदस्थ एस.आई., ए.एस.आई., हवलदारों एवं सिपाही के नाम सहित सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (ग) पुलिस मुख्यालय, म.प्र. द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक-3/कार्मिक/समनि (कार्मिक)/निस/130/17 भोपाल दिनांक 30.12.2017 में निर्देशित किया गया है कि उप निरीक्षक से आरक्षक स्तर के कर्मचारियों को किसी एक थाने की पदस्थापना 04 वर्ष से अधिक न हो। थाना सारणी में किसी भी कर्मचारी की पदस्थापना 4 वर्ष से अधिक नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नवीन औद्योगिक इकाइयों की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
49. ( क्र. 463 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले के सारनी क्षेत्र में उपलब्ध फ्लाई ऐश एवं कोयला खानों को देखते हुए यहाँ कोयला एवं फ्लाई ऐश आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु क्या जिले के उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के माध्यम से कोई प्रस्ताव शासन द्वारा तैयार कराया गया है? यदि हाँ, तो तैयार किये गये प्रोजेक्ट का विस्तृत विवरण दें। (ख) क्या शासन द्वारा तैयार किया गया कोई प्रोजेक्ट स्वीकृति एवं वित्त पोषण हेतु केन्द्र सरकार को भेजा गया है? यदि हाँ, तो कब एवं यदि नहीं, तो सारनी क्षेत्र में लगातार कम होती औद्योगिक एवं व्यापारिक गतिविधियों को गति प्रदान किये जाने हेतु शासन द्वारा क्या वैकल्पिक कार्यवाही की जावेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। प्रश्नांश (क) से संबंधित उद्योगों की स्थापना हेतु जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र बैतूल द्वारा कोई प्रस्ताव शासन को प्रेषित नहीं किये गये। (ख) जी हाँ। भारत सरकार को एमएसई सीडीपी योजनांतर्गत इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल क्लस्टर का नवीन औद्योगिक क्षेत्र ग्राम चोरडोंगरी जिला बैतूल में विकसित करने हेतु प्रेषित प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा दिनांक 25.07.2018 को सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गई।
स्वर्ण जयंती योजना में अनियमितता
[गृह]
50. ( क्र. 479 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या स्वर्ण जयंती योजना के अन्तर्गत सहकारिता विभाग द्वारा किये गये गबन पर अमानगंज, पवई, शाहनगर थानों में वर्ष 2014 में एफ.आई.आर. दर्ज हुई है? यदि हाँ, तो 05 वर्ष से आज दिनांक तक स्वर्ण जयंती योजना के तहत सहकारिता विभाग द्वारा किये गये गबन पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही कर दोषियों के विरूद्ध न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया जाएगा? (ख) क्या एफ.आई.आर. में दर्ज तत्कालीन बैंक अध्यक्ष एवं मैनेजर जैसे लोगों के नाम पुलिस विभाग एफ.आई.आर. से निकाल रही है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो इनके खिलाफ कार्यवाही कब तक होगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, वर्ष 2014 में थाना अमानगंज एवं शाहनगर में एफ.आई.आर. दर्ज हुई है। जबकि थाना पवई में वर्ष 2012 में एफ.आई.आर. दर्ज हुई है। थाना अमानगंज में दर्ज एफ.आई.आर. पर विवेचना उपरांत चालान तैयार किया जा चुका है। थाना शाहनगर में दर्ज प्रकरण विवेचनाधीन है। थाना पवई में दर्ज प्रकरण का दिनांक 08.08.2014 एवं दिनांक 13.10.2017 को चालान पेश किये गये तथा शेष आरोपियों के विरूद्ध विवेचना जारी है। (ख) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है।
बरियारपुर डेम की नहर से लगी हुई सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
51. ( क्र. 480 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पी.आई.यू. पैकेज क्रमांक 2824 के अन्तर्गत मार्ग, ग्राम मझगांय जंक्शन से पड़रहा तक स्वीकृत लम्बाई 5.2 कि.मी., ग्राम उदयपुर से मझगांय जंक्शन तक स्वीकृत लम्बाई 7.00 कि.मी. एवं पी.आई.यू पन्ना पैकेज क्र. 2828 (बी) के अन्तर्गत मार्ग बरियारपुर डेम से यू.पी. बार्डर रोड स्वीकृत लम्बाई 24.80 कि.मी.,बरियारपुर डेम कैनाल की रोड स्वीकृत लम्बाई 10.75 किमी जिसकी कुल लम्बाई 47.70 कि.मी. की है, जो कि उ.प्र. सरकार की आपत्ति के कारण फोर क्लोज कर दी गई है? यदि हाँ, तो क्या ग्रामवासियों की कठिनाइयों को देखते हुए उनको पुनः चालू करवाए जाने हेतु उ.प्र. सरकार से अनापत्ति लेने के लिये कोई प्रयास किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल को प्रश्नकर्ता द्वारा दिये गये पत्र क्रमांक 105, पन्ना दिनांक 20.07.2019 में क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, परियोजना क्रियान्वयन इकाई क्र. 1 पन्ना के पत्र क्र. 1511 दिनांक 23.02.2008, 1874 दिनांक 14.05.2008, 1450 दिनांक 03.10.2012, 1520 दिनांक 11.10.2012 एवं 1937 दिनांक 11.12.2012 तथा कलेक्टर पन्ना के पत्र क्र. 418 दिनांक 27.03.2008 द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु लेख किया गया है। (ख) अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को प्राप्त पत्र के क्रम में सचिव, म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के पत्र क्र. 17434 दिनांक 30.11.2019 द्वारा प्रमुख सचिव, उत्तरप्रदेश शासन सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को अनुमति प्रदान करने हेतु अनुरोध किया गया है।
दोषपूर्ण प्रतिवेदन प्रस्तुत करना
[गृह]
52. ( क्र. 487 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 50/17 दिनांक 18.01.2019 में मा.मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के समक्ष चालान दिनांक 05.07.2019 को प्रकरण क्रमांक 1043/19 में प्रस्तुत किया गया एवं चालान में एफ.आई.आऱ में धारा 325 का विलोपन किया गया है, जबकि इसी अपराध की पूर्ववर्ती घटना के अपराध क्रमांक 49/17 दिनांक 18.1.2017 में आज तक चालान पेश नहीं किया गया है? (ख) क्या तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस टीकमगढ़ के दिनांक 24.06.2017 के जाँच प्रतिवेदन के आधार पर उक्त प्रकरण से धारा 325 का विलोपन किया गया? (ग) यदि हाँ, तो संबंधित अनुविभागीय अधिकारी पुलिस टीकमगढ़ को डॉ. अमित जैन चिकित्साधिकारी द्वारा दिनांक 28.06.2017 प्रातः 11:40 बजे दी गई संशोधित एक्स-रे संबंधी जानकारी का ज्ञान 04 दिवस पूर्व ही कैसे हो गया? (घ) क्या अनुविभागीय अधिकारी पुलिस द्वारा दिये गये दोष पूर्ण प्रतिवेदन पर जाँच प्रभावित करने एवं संबंधित चिकित्साधिकारी द्वारा दबाववश झूठा प्रतिवेदन देने पर कोई कार्यवाही की जायेगी? (ड.) क्या आरोपियों के रसूख और प्रभाव के चलते प्रस्तुत दोषपूर्ण चालान को निरस्त कर पुनः जाँच करवाई जाकर दोषियों को दण्ड एवं पीड़ितों को न्याय दिलाया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ड.) थाना कोतवाली जिला टीकमगढ़ के अपराध क्रमांक 50/17 धारा 294, 324, 323, 506, 436, 34 भा.द.वि. की विवेचना के दौरान एम.एल.सी. रिपोर्ट के आधार पर दिनांक 22.01.2017 को धारा 325 भा.द.वि. की इजाफा की गई थी, जिसके संबंध में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी पुलिस टीकमगढ़ के द्वारा दिनांक 24.06.2017 को कराई गई क्यौरी का उत्तर दिनांक 28.06.2017 को डॉ. अमित जैन से प्राप्त होने पर फैक्चर के संबंध में कराई गई क्यौरी रिपोर्ट के आधार पर चालानी कार्यवाही के दौरान प्रकरण से धारा 325 भा.द.वि. हटाई गई है। अपराध क्रमांक 49/17 दिनांक 18.01.2017 में चालान क्रमांक 465/19 तैयार कर दिनांक 17.07.2019 माननीय न्यायालय में प्रकरण क्रमांक 919/19 पर पेश किया गया है। माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 17.07.2019 को आरोपी को 2000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जिला जेल इन्दौर के स्टॉफ क्वाटर का निर्माण
[जेल]
53. ( क्र. 500 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जेल क्वाटर इन्दौर का निर्माण कब किया गया? क्या वे जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं? (ख) क्या उन क्वाटर के पुनर्निर्माण हेतु विभाग में प्रकरण विचाराधीन है? यदि हाँ, तो नवीन जिला जेल स्टॉफ क्वाटर का निर्माण कब प्रारंभ किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) 48 आवासगृह वर्ष 1839 में एवं 16 आवासगृह वर्ष 2004 में निर्मित हुए हैं। वर्ष 1839 के बने आवास पुराने होने के कारण जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं। (ख) प्रदेश की सभी जेलों में आवासगृहों की कमी है, जिसका प्रस्ताव विचाराधीन है। वित्तीय व्यवस्था होने पर चरणबद्ध ढंग से जेलों में आवास निर्मित किये जाएंगे। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
नर्मदा गंभीर जल प्रदाय योजना
[नर्मदा घाटी विकास]
54. ( क्र. 502 ) डॉ. मोहन यादव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा गंभीर जल प्रदाय योजना के तहत कौन-कौन से कार्य की निविदाएँ कब-कब जारी की गई? (ख) जारी की गई निविदा में से कितना कार्य पूर्ण हो गया? अनुबंध में नियत समयावधि में कितने कार्य पूर्ण नहीं हुए और कितने कार्य पूर्ण होना शेष हैं? जानकारी उपलब्ध कराएँ। जारी निर्माण कार्य का निरीक्षण विभाग के किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब किया गया? (ग) नियत समयावधि में अथवा गुणवत्ता विहीन कार्य करने के संबंध में ठेकेदार को जारी किए गए सूचना पत्र की प्रति उपलब्ध कराएँ। भविष्य में नर्मदा गंभीर जल प्रदाय योजना के अंतर्गत और कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित हैं? उपरोक्त प्रस्तावित कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) संपूर्ण कार्य की निविदा दिनांक 21/11/2014 को जारी की गई। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ग) ठेकेदार को इस संबंध में कोई सूचना पत्र जारी नहीं किया गया है। अन्य कोई कार्य प्रस्तावित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उज्जैन संभाग में संचालित योजनाएं
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
55. ( क्र. 503 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उज्जैन जिला में कौन-कौन सी हितग्राही मूलक योजनाएं जिला स्तर व जनपद स्तर पर संचालित की जा रही हैं? योजनावार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जिला स्तर, जनपद स्तर पर कितने हितग्राहियों को कौन-कौन सी योजनाओं में लाभ मिला है? योजनावार हितग्राहियों की संख्या उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिला उज्जैन में निम्न हितग्राही मूलक योजनाएं जिला व जनपद स्तर पर संचालित की जा रही है। (1) मनरेगा (2) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (3) स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (4) ग्रामीण आजीविका मिशन (5) राजीव गांधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन (वर्तमान में परिवर्तित नाम से- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना- (वाटरशेड)) (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
शिक्षित बेरोजगारों को प्रशिक्षण
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
56. ( क्र. 513 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक वर्ग के युवक/युवतियों को कौन-कौन सी योजनाओं से वर्ष 2014-15 से प्रश्नांश दिनांक तक लाभ दिलाया गया? (ख) वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक शिक्षित बेरोजगार युवक/युवतियों को रीवा जिले में किन-किन अशासकीय/शासकीय संस्थाओं द्वारा किस ट्रेड का प्रशिक्षण किस स्थान पर दिया जा रहा है? प्रशिक्षण प्राप्त युवक/युवतियों के नाम एवं जिस अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण के दौरान सत्यापन किया गया उनके नाम पद सहित जानकारी एवं संस्थावार खर्च राशि का विवरण उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जिन युवक/युवतियों को प्रशिक्षण दिया गया है, क्या उनको संबंधित संस्थाओं द्वारा रोजगार दिलाने का भी प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रशिक्षित युवक/युवतियों को रोजगार दिलाया गया अथवा स्वयं का रोजगार कर रहे हैं? संबंधित युवक/युवतियों का नाम,पता सहित जानकारी उपलब्ध कराई जाये।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) विभाग द्वारा रीवा जिले के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के युवक-युवतियों को वर्ष 2014-2015 में शिक्षित बेरोजगारों के लिए पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक प्रशिक्षण योजना का लाभ दिलाया गया था। वर्ष 2015-2016 एवं 2016-2017 में कौशल विकास प्रशिक्षण योजना संचालित की गई, जबकि वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018-2019 में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण योजना संचालित कर रीवा जिले के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के युवक-युवतियों को लाभ दिया गया है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- क अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा संचालित प्रशिक्षण योजना में रोजगार दिलाये जाने का प्रावधान है। योजना अंतर्गत रीवा जिले में वर्ष 2015-2016, 2016-2017, 2017-2018 के रोजगार प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ख अनुसार है। वर्ष 2018-2019 अंतर्गत संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्ण होने को है तथा चयनित/रोजगार प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों की जानकारी प्रशिक्षण कार्य पूर्ण होने के पश्चात् प्राप्त होगी।
किसानों द्वारा की गयी आत्महत्या
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
57. ( क्र. 528 ) श्री विश्वास सारंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 सितम्बर, 2019 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों ने आत्महत्या की है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत उक्त किसानों के ऊपर किस-किस बैंक का कितना-कितना कर्ज था? क्या किसानों ने आत्महत्या कर्ज माफ न होने के कारण की है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत उक्त किसानों का कर्ज प्रश्न दिनांक तक माफ क्यों नहीं हुआ था? कारण दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानों के साथ धान खरीदने में धोखाधड़ी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
58. ( क्र. 529 ) श्री विश्वास सारंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल की करोंद ओर रायसेन कृषि उपज मंडी में 11 दिसम्बर, 2018 से प्रश्न दिनांक के बीच कुछ व्यापारियों द्वारा मंडी सचिव से सांठगांठ करके किसानों से धोखाधड़ी करके धान खरीदी गयी थी? क्या उन व्यापारियों ने आज दिनांक तक किसानों का भुगतान नहीं किया है? यदि हाँ, तो क्यों नहीं किया? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत दोनों स्थानों पर प्रश्न दिनांक तक धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या पीड़ित किसानों का भुगतान अभी हाल फिलहाल में राज्य सरकार करेगी? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? नियम बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) यह कहना सही नहीं है कि व्यापारियों द्वारा मण्डी सचिव से सांठगांठ करके किसानों से धोखाधड़ी करके धान खरीदी गई थी। वस्तुस्थिति यह है कि कृषि उपज मण्डी समिति भोपाल के अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी फर्म सियाराम इन्टरप्राईसेज द्वारा वर्ष 2018-19 में मण्डी प्रांगण करोंद में 3201 क्विंटल 93 किलो धान की कीमत राशि रूपये 73,38,402/- का विक्रेता 107 कृषकों को भुगतान नहीं किया गया है। कृषि उपज मंडी समिति रायसेन के अनुज्ञप्तिधारी फर्म मेसर्स मोतीलाल राजेन्द्र पटेल ट्रेडर्स द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषकों से उनकी कृषि उपज धान क्रय की गई जिनमें से 203 कृषकों की राशि रूपये 2.04 करोड़ का भुगतान वर्तमान में विचाराधीन है। (ख) मंडी भोपाल अंतर्गत भुगतान व्यतिक्रमी फर्म मेसर्स सियाराम इन्टरप्राईसेज के प्रोपराईटर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गई, वर्तमान में जेल में हैं। मंडी बोर्ड आंचलिक कार्यालय भोपाल व मंडी समिति भोपाल के 03 अधिकारी/कर्मचारियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 411/19 धारा 406, 420 भा.द.वि. में अभियोजन स्वीकृति प्रदान की गई है। मंडी भोपाल के 02 अधिकारी/कर्मचारियों को निलंबित किया गया है तथा 04 कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की गई है। मंडी समिति रायसेन अंतर्गत फर्म मेसर्स मोतीलाल राजेन्द्र पटेल ट्रेडर्स के प्रोपराईटर के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु पुलिस थाने को लिखा गया है। मंडी समिति रायसेन के सचिव सहित 09 कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की गयी है। (ग) ऐसा कोई निर्णय भुगतान करने का राज्य सरकार द्वारा नहीं लिया गया है।
मध्यान्ह भोजन योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 546 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा म.प्र. शासन की शासकीय शालाओं में अध्ययरत छात्र/छात्राओं को मध्यान्ह भोजन योजना संचालित की जा रही है? यदि हाँ, तो रतलाम जिले में कितने छात्र-छात्राओं को इसका लाभ प्राप्त हो रहा है? (ख) क्या छात्र/छात्राओं को उक्त योजनांतर्गत मेन्यू अनुसार मध्यान्ह भोजन प्रदाय किया जा रहा है? यदि हाँ, तो किस-किस दिन कौन-कौन सा भोजन प्रदाय किया जाता है? (ग) क्या छात्र/छात्राओं को प्रदाय किया जाने वाला मध्यान्ह भोजन गुणवत्तापूर्ण होता है? गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदान किए जाने का उत्तरदायित्व किसका है? (घ) क्या प्रत्येक शाला में भोजन प्रदाय किए जाने का कार्य स्वयं सहायता समूह द्वारा किया जाता है? यदि हाँ, तो रतलाम नगर अंतर्गत एक ही ठेकेदार द्वारा सभी संस्थाओं को भोजन वितरण किन शासन आदेशों के अधीन किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्या रतलाम नगर के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण भोजन प्रदाय किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। रतलाम जिले में 134620 लक्षित छात्र- छात्राओं को मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ दिया जा रहा है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 'अ' अनुसार। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार। (घ) जी नहीं, ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में स्वसहायता समूह/शाला प्रबंधन समिति/ग्राम पंचायत द्वारा एवं नगरीय क्षेत्र में स्वसहायता समूह/शाला प्रबंधन समिति द्वारा तथा जिन नगरीय क्षेत्रों में केन्द्रीयकृत किचिन शेड व्यवस्था अंतर्गत स्वयंसेवी संस्थाओं को संलग्न किया जाता है उन नगरीय क्षेत्रों में मध्यान्ह भोजन का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किया जाता है रतलाम नगरीय क्षेत्र में आकांक्षा समग्र विकास समिति के द्वारा मध्यान्ह भोजन का संचालन विभागीय निर्देश क्र. 8747 दिनांक 26.07.2016 के अधीन किया जा रहा है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बीज वितरण के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
60. ( क्र. 547 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में खरीफ 2019 एवं रबी 19-20 के अन्तर्गत कृषि विभाग की अलग-अलग योजनान्तर्गत कितनी मात्रा के बीज वितरण के लक्ष्य आवंटित किये गये थे? फसलवार विवरण देवें। इस आवंटन के विरूद्ध योजनाओं में उप संचालक कृषि, रतलाम ने किन-किन संस्थाओं से कितनी-कितनी मात्रा में बीज प्राप्त कर वितरण किया गया? (ख) क्या शासन के आदेशानुसार योजनाओं में बीज आवंटन के विरूद्ध प्रथमत: म.प्र. बीज निगम एवं अन्य शासकीय संस्थाओं से बीज प्राप्त करें, इसके पश्चात जिले का बीज प्राप्त करें? योजनान्तर्गत बीज वितरण में क्या उक्तानुसार आदेश का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो संबंधितों पर कोई कार्यवाही की गयी? (ग) क्या शासन के यह भी आदेश थे कि जिले में संस्थाओं के पास बीज उपलब्धता होते हुए भी अन्य जिले से बीज प्राप्त नहीं करें? क्या रतलाम जिले सहित प्रदेश के अन्य जिलों की कृषक सहकारी संस्थाओं से बीज प्राप्त कर योजनाओं में वितरण किया गया है? यदि हाँ, तो संबंधितों पर क्या कार्यवाही की गयी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) रतलाम जिले में खरीफ-2019 एवं रबी 19-20 के अन्तर्गत 6501 क्विंटल बीज वितरण के लक्ष्य विभिन्न योजनांतर्गत आवंटित है तथा संस्थावार बीज वितरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) शासन आदेशानुसार योजनाओं में आवंटन के विरूद्ध प्रथमत: राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम एवं अन्य शासकीय संस्थाओं से बीज प्राप्त किया गया है। इसके साथ ही जिले का बीज भी योजनांतर्गत जिले में बीज उत्पादक संस्था से ही बीज लिया गया है शासन आदेश का पालन किया गया है। (ग) जिले में योजना के मार्गदर्शी निर्देशानुसार 10 वर्ष से कम अवधि की फसल किस्मों का बीज जिले में कम मात्रा में उपलब्ध होने की स्थिति में ही अन्य जिलों की बीज उत्पादक सहकारी संस्थाओं से योजनाओं में लक्ष्यानुसार बीज प्राप्त कर वितरण किया गया है।
बीज वितरण की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
61. ( क्र. 554 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 102 दिनांक 08 जुलाई 2019 के उत्तरांश में (क) से (ग) की जानकारी एकत्रित की जा रही उत्तर दिया गया है, यदि हाँ, तो एकत्रित जानकारी से अवगत करायें तथा यह बताये कि मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास के पत्र क्रमांक बी-14-2/2019/14-2 भोपाल दिनांक 3 जून 2019 में स्पष्ट निर्देश थे कि राष्ट्रीय बीज निगम अथवा अन्य संस्थाओं से भी बीज क्रय किया जाये? यदि बीज निगम या शासकीय संस्थाओं के पास बीज उपलब्ध नहीं है तो इस आशय का प्रमाण-पत्र लिया जाये? क्या प्रमाण पत्र लिये गये? नहीं तो क्यों? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ तो बीज उपलब्ध नहीं होने का बिना प्रमाण पत्र लिये निजी संस्थाओं से जिले के अंदर एवं जिले के बाहर कितना बीज प्रश्न दिनांक तक खरीदा गया? खरीफ एवं रबी की जानकारी देवें। (ग) निजी स्वार्थ हेतु नियम विरूद्ध बीज क्रय करने हेतु दोषी अधिकारी पर कब तक कार्यवाही की जायेगी, नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 102 में (क) से (ग) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। विभागीय योजनाओं के निर्देशानुसार शासकीय बीज उत्पादक संस्थाओं (कृषि प्रक्षेत्र, म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, म.प्र. राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ से संबंधित बीज समितियां एन.एस.सी. एवं अन्य शासकीय संस्थाओं) से बीज क्रय करने के निर्देश है, जिसके तहत ही बीज क्रय किया गया है। जिले में बीज निगम से प्राप्त उपलब्धता के अनुसार आवश्यकता के तहत बीज क्रय किया जाता है। (ख) योजनाओं में निजी संस्थाओं से बीज क्रय के निर्देश नहीं है। अत: निजी संस्थाओं से बीज क्रय नहीं किया गया है। (ग) नियम विरूद्ध बीज क्रय नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न नहीं है।
चरित्र प्रमाण पत्र
[गृह]
62. ( क्र. 566 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सिंगरौली के प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा क्षेत्र देवसर अन्तर्गत चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने की कार्यवाही पुलिस विभाग द्वारा की जाती रही है तो किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को इस हेतु अधिकृत किया गया है का विवरण देते हुये बतावें कि वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक में कुल कितने प्रमाण पत्र अधिकारियों द्वारा जारी किये गये? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिनके चरित्र प्रमाण पत्र जारी किये गये उनसे निवास संबंधी कौन-कौन से दस्तावेज लिये गये? क्या मतदाता सूची क्रमांक, आधार कार्ड, परिवार आई.डी., राशन कार्ड की प्रतियां ली गई? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में अगर चरित्र प्रमाण पत्र दूसरे प्रदेशों एवं जिलों में निवास करने वाले लोगों के जारी कर कंपनियों/फैक्ट्रियों में नौकरी प्राप्त कर लाभान्वित हुये, तो इसके लिये कौन-कौन जवाबदार है? उनके ऊपर कौन सी कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं करेंगे तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित दस्तावेजों का परीक्षण एवं सत्यापन कराये बगैर विशेष रूचि लेकर चरित्र प्रमाण पत्र जारी किये गये जिसका लाभ लेकर लोग लाभान्वित हुये जबकि ये पात्र नहीं थे, इसके लिये संबंधितों को दोषी मानकर क्या कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे एवं जारी चरित्र प्रमाण पत्रों की जाँच किन वरिष्ट अधिकारियों से करावेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, पुलिस द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इस हेतु थाना स्तर पर थाना प्रभारी को अधिकृत किया गया है। वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल 5749 प्रमाण पत्र अधिकारियों द्वारा जारी किये गये। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में चरित्र प्रमाण पत्र जारी किये जाने हेतु निवास संबंधी आधार कार्ड, वोटर आई.डी. राशन कार्ड की प्रतियां ली जाती है। शासन द्वारा इस हेतु दिनांक 16.08.2016 को जारी दिशा-निर्देश में उल्लेखित कुल 09 दस्तावेजों में से केवल 02 दस्तावेज लिए जाते है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में यदि ऐसी कोई घटना प्रकाश में आती है जिसमें किसी के द्वारा असत्य जानकारी देकर चरित्र प्रमाण पत्र प्राप्त किया है तो वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। (घ) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में यदि ऐसी कोई घटना प्रकाश में आती है तो दस्तावेजों का परीक्षण पुलिस अधीक्षक से कराकर एवं त्रुटि पाई जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।
दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
63. ( क्र. 567 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला रीवा अंतर्गत जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत रीवा में कितने पद किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वीकृत हैं तथा इन पर कौन-कौन कब से पदस्थ हैं तथा इनमें कितने कर्मचारी अन्य विभाग के संलग्नीकरण होकर पदस्थ हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में इनमें से किन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच/जाँच/शिकायत किन-किन वरिष्ठ अधिकारियों के पास कब से लंबित है? अगर कार्यवाही में विलम्ब किया जा रहा है तो क्यों इसके लिये किन-किन को जिम्मेदार मानकर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा की विभागीय जाँच/शिकायत के बाद भी प्रोविजन अवधि (परिवीक्षा अवधि) समाप्त कर नियमितीकरण क्यों किया गया? इसके लिये कौन-कौन जवाबदार हैं? (ग) प्रश्नांश (क) (ख) के तारतम्य में जनपद पंचायत रीवा में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी के विरूद्ध कितनी-कितनी शिकायतें एवं जाँच लंबित है? क्या मान. मुख्यमंत्री को दिनांक 06.11.2019 अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को दिनांक 04.11.2019, आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा एवं पंचायत मंत्री को दिनांक 04.11.2019 के यहां पूर्व विधायक श्री रामगरीब बनवासी के द्वारा की गई थी जिस पर कलेक्टर रीवा को कार्यवाही का निर्देश दिया गया? इस पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) (ख) एवं (ग) में उल्लेखित बिन्दुओं अनुसार शासन के जारी मापदण्ड का पालन न कर संबंधितों से कई वर्षों से लगातार एक ही जगह पर एक ही कार्य लिये जाने, अन्यत्र न हटाये जाने, शिकायतों का समय पर निराकरण न करने दोषियों को बचाने एवं प्रश्नांश (ग) की शिकायतों का जाँच न किये जाने, दोषियों को संरक्षण देने के लिये कौन-कौन जिम्मेदार है? इन पर क्या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ख) श्री हरीश चन्द्र द्विवेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा को छोड़कर शेष किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय जाँच/शिकायत इत्यादि नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार एवं श्री हरीश चन्द्र द्विवेदी के विरुद्ध प्राप्त शिकायत का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। श्री हरीश चन्द्र द्विवेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा की जनपद में पदस्थी दिनांक 14.03.2019 है इस अवधि में कोई विभागीय जाँच संस्थित नहीं होने से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा उनकी परिवीक्षा अवधि आदेश क्रमांक 9839/वि-/स्था0/2019 दिनांक 30.09.2019 द्वारा दिनांक 12.08.2014 से समाप्त की गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत रीवा के विरुद्ध प्राप्त शिकायत एवं जाँच का विवरण उत्तरांश (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। पूर्व विधायक मा. श्री रामगरीब वनवासी द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को दिनांक 06.11.2019 को की गई शिकायत अप्राप्त है। अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को शिकायत दिनांक 04.11.2019 की न होकर अपितु दिनांक 03.11.2019 को की गई थी। जिसके संबंध में विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 12139 दिनांक 27.11.2019 द्वारा कलेक्टर रीवा से जाँच प्रतिवेदन चाहा गया है। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। आयुक्त रीवा संभाग रीवा को भी शिकायत दिनांक 4.11.2019 की न होकर अपितु दिनांक 31.10.2019 की प्राप्त होने पर जिला पंचायत रीवा के पत्र क्रमांक 4054 दिनांक 02.12.2019 द्वारा अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (घ) जिला एवं जनपद पंचायत में एक ही स्थान में पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों को हटाये जाने हेतु स्थानान्तरण नीति वर्ष 2018 की कंडिका 3 में प्रावधानित अनुसार 02 जिला/जनपद पंचायत की आपसी सहमति से स्थानान्तरण का प्रावधान होने पर उपरोक्त किसी भी अधिकारी/कर्मचारी का सहमति प्रस्ताव प्राप्त नहीं होने से अन्यत्र नहीं हटाया गया है, इसलिए अधिकारी/कर्मचारी एक ही स्थान पर कार्यरत हैं। उत्तरांश (ग) में उल्लेखित शिकायतों के जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं पुल-पुलिया निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 580 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधान सभा क्षेत्रांतर्गत मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं पुल-पुलिया के निर्माण कार्य हेतु विभाग को राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक योजनावार/मदवार प्रत्येक कार्यवार कार्य प्रारंभ करने का दिनांक, कार्य पूर्णता का दिनांक, बिल माप पुस्तिका की जानकारी, कार्यवार प्रभारी उपयंत्री का नाम एवं निर्माण कार्य में उपयोग किये गये गौण खनिज के परीक्षण हेतु मटेरियल टेस्ट प्रयोगशाला एवं अन्य संधारित दस्तावेज की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक पुल एवं पुलियों के निर्माण में स्वीकृत डिजाईन, ड्राईंग एवं प्राक्कलन की जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 581 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि ग्राम पंचायतों को जारी की गई? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश में किन-किन ग्राम पंचायतों को वित्तीय वर्ष 2018-19 से आज दिनांक तक कब-कब, कितनी-कितनी राशि जारी की गई है? (ग) परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि जिन पंचायतों को जारी की गई है, वह किस आधार पर जारी की गई है? उसकी सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हां। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार। (ग) परफॉरमेंस ग्रांट की राशि हेतु पंचायतों के चयन का आधार एवं मापदण्ड, प्रक्रिया हेतु मध्यप्रदेश राज्य पत्र (असाधारण) क्रमांक 109 दिनांक 07.03.2019 की प्रति जिला पंचायतों एवं जनपद पंचायतों को उपलब्ध कराते हुए इस राज्य पत्र के प्रावधानों अनुसार पात्र ग्राम पंचायतों की जानकारी जिला पंचायतों से प्राप्त की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र -ब अनुसार है।
विश्वविद्यालय थाना रीवा में दर्ज प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
66. ( क्र. 590 ) श्री राजेन्द्र शुक्ल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विश्वविद्यालय थाने में दर्ज अपराध क्र. 48/19 आवेदक विभुसूरी के प्रकरण पर कृत कार्यवाही का विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकरण में कृपया यह स्पष्ट करें कि आवेदक विभुसूरी के हमलावर प्रश्न दिनांक तक क्यों गिरफ्तार नहीं हुए? आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक होगी? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उपरोक्त घटना के घटित होने के लगभग 8 माह बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी के विलंब का कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) फरियादी विभुसूरी की रिपोर्ट पर दिनांक 25.02.19 को थाना विश्वविद्यालय रीवा में अपराध क्रमांक 48/19 धारा 307,34 ता.हि. 25/27 आर्म्स एक्ट का प्रकरण, दो अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। अपराध अनुसंधान में है। (ख) एवं (ग) अज्ञात आरोपियों की पतारसी के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अपराधियों पर कार्यवाही
[गृह]
67. ( क्र. 596 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला उज्जैन के अन्तर्गत थाना झारड़ा में शांतिलाल पिता शैतानमल डागा के विरूद्ध कुल कितने प्रकरण दर्ज हैं? क्या दर्ज प्रकरणों के चालान थाना प्रभारी द्वारा लगा दिये गये हैं? यदि नहीं, तो उत्तरदायी अधिकारी पर क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या थाना प्रभारी झारड़ा द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 122 के अंतर्गत इश्तगासा क्र. 08 दिनांक 10.10.2019 को न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी महिदपुर में प्रस्तुत किया गया है? क्या थाना प्रभारी झारड़ा द्वारा प्रकरण जाँच में है? प्रकरण को थाना द्वारा अग्रिम सूचना तक स्थगित रखने की सूचना माननीय न्यायालय को दी गई है? स्थगित रखने का कारण स्पष्ट करते हुए थाना प्रभारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? यह स्पष्ट करें। (ग) थाना झारड़ा के अंतर्गत अपराध क्र. 0195 दिनांक 24.07.2019 में अपराधी मदन सिंह पिता पर्वत सिंह, जितेन्द्र सिंह, पिता भगवान सिंह आदि अपराधियों को गिरफ्तार कर चालान लगा दिया गया है? यदि नहीं, तो उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) थाना झारड़ा के अंतर्गत अपराध क्र. 30/2019 दिनांक 14.02.2019 में अपराधियों को गिरफ्तार कर चालान पेश कर दिया गया है? यदि नहीं, तो उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जिला उज्जैन के अंतर्गत थाना झारड़ा में शांतिलाल पिता शैतानमल डागा के विरुद्ध कुल 20 प्रकरण पंजीबद्ध हैं। जिसमें 17 प्रकरणों में माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत किये जा चुके हैं। 01 प्रकरण अपराध में खारजी कता की गई है। 02 अपराध विवेचनाधीन हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ, प्रस्तुत किया गया है। जी हाँ यह सही है, जिस घटना के कारण 122 दण्ड प्रक्रिया संहिता का इस्तगासा प्रस्तुत किया गया था, उसमें आरोपी की उपस्थिति के संबंध में जाँच की जा रही है। थाना प्रभारी की कोई गलती नहीं है। (ग) थाना झारडा के अन्तर्गत अपराध क्रमांक 0195/19 दिनांक 24.07.2019 में कुल 07 आरोपी है, जिसमें 04 आरोपियों को धारा 41 (क) द.प्र.स. का नोटिस तामिल कराया गया है। प्रकरण वर्तमान में विवेचना में है। (घ) थाना झारड़ा के अन्तर्गत अपराध क्रमांक 030/19 दिनांक 14.02.2019 में 02 आरोपी है, जिसमें से 01 आरोपी को दिनांक 18.11.2019 को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया जा चुका है। प्रकरण में अनुसंधान जारी है।
प्रज्ञा सीड्स कम्पनी एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर पर दर्ज प्रकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
68. ( क्र. 597 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा ध्यानाकर्षण क्र. 388 दिनांक 24.07.2019 में माननीय मंत्री किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के वक्तव्य अनुसार प्रज्ञा सीड्स कम्पनी महिदपुर एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर दोनों कम्पनियों से राशि रूपये 10,64,92,800/- की वसूली की विधिवत कार्यवाही की जाना प्रस्तावित की है? यदि हाँ, तो प्रकरण की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) क्या प्रज्ञा सीड्स कम्पनी महिदपुर एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर दोनों कम्पनियों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों से धोखाधड़ी कर दोनों कम्पनियों ने लाभ अर्जित किया है? यदि हाँ, तो इस कारण दोनों कम्पनियों पर पुलिस प्रकरण कब तक दर्ज कर लिया जावेगा? अभी तक पुलिस प्रकरण दर्ज नहीं होने के लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या प्रज्ञा सीड्स कम्पनी महिदपुर एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर के विरूद्ध दिनांक 23.12.2006 आदेश क्रमांक/ई-1-बी/06/1952 के जाँच प्रतिवेदन के मूल दस्तावेज के शासकीय रिकार्ड को विभाग के उत्तरदायी अधिकारियों द्वारा नष्ट किया गया है या छुपा दिया गया है? यदि हाँ, तो उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। इन पर शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रकरण की अद्तन स्थिति निम्नानुसार है- प्रज्ञा सीड्स कम्पनी महिदपुर एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर दोनों कम्पनियों के विरूद्ध अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कराये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के पत्र क्रमांक/बी-15-56/2019/14-2/5143, भोपाल दिनांक 28.11.2019 द्वारा संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को निर्देश दिये गये है। उक्त के पालन में संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा पत्र क्रमांक/ई-1-डी/बीज/शिका./2019-20/2851 भोपाल दिनांक 05.12.2019 से उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला-उज्जैन को संबंधित सीड्स कंपनियों के विरूद्ध अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कराये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र '1' एवं '2' अनुसार है। (ख) प्रज्ञा सीड्स कम्पनी महिदपुर एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर दोनों कम्पनियों के विरूद्ध अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कराये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के पत्र क्रमांक/बी-15-56/2019/14-2/5143, भोपाल दिनांक 28.11.2019 द्वारा संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास को निर्देश दिये गये है। उक्त के पालन में संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा पत्र क्रमांक/ई-1-डी/बीज/शिका./2019-20/2851 भोपाल दिनांक 05.12.2019 से उप संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला-उज्जैन को संबंधित सीड्स कंपनियों के विरूद्ध अपराध प्रकरण पंजीबद्ध कराये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। (ग) जी नहीं, प्रकरण से संबंधित दस्तावेजों की छायाप्रति नस्ती में संधारित है। कार्यवाही करने का प्रश्न नहीं उठता है।
ग्राम पंचायत आनंदगढ़ में मंदिर से चोरी हुई मूर्ति में की गई कार्यवाही
[गृह]
69. ( क्र. 623 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सतना के थाना ताला अंतर्गत सत्र 2011-12 में ग्राम पंचायत आनंदगढ़ में स्थित उग्रतारा देवी जी के मंदिर से मूर्ति चोरी की घटना घटित हुई थी? यदि हाँ, तो पंजीबद्ध अपराध क्रमांक एवं दिनांक क्या था? क्या कारण है कि उक्त संबंध में लंबा समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी विवेचना पूरी नहीं हो सकी? (ख) क्या उक्त विषय में चतुर्दश विधानसभा में मूर्ति चोरी की जाँच विषयक प्रश्न क्र.1, दिनांक 23 फरवरी, 2015 उठाया गया था? यदि हाँ, तो प्राप्त उत्तर के अनुसार अब तक क्या कार्यवाही की गई? घटना दिनांक से अब तक उक्त चोरी की घटना में कुल कितने विवेचकों के द्वारा विवेचना जाँच की गई? कृपया विवेचकों के नाम, पदनाम एवं अब तक की गई कार्यवाहियों का संपूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (ग) कब तक उक्त चोरी की घटना में लिप्त अपराधियों को गिरफ्तार किया जा सकेगा? ऐतिहासिक धरोहर की देवी उग्रतारा की मूर्ति को कब तक बरामद किया जा सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्नांश में उल्लेखित घटना के संदर्भ में दिनांक 06.09.2012 को थाना ताला जिला सतना में अपराध क्रमांक 166/2012 पंजीबद्ध किया गया था, प्रकरण की विवेचना उपरांत माल-मुल्जिम की पता न चलने से दिनांक 31.12.2014 को खात्मा क्रमांक 15/2014 कता किया गया है। (ख) जी हाँ। घटना दिनांक से अब तक इस प्रकरण में समस्त विवेचकों के नाम पद एवं उनके द्वारा की गई विवेचना का सम्पूर्ण विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
इन्दौर सेन्ट्रल जेल को स्थानांतरित करने हेतु
[जेल]
70. ( क्र. 642 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर सेन्ट्रल जेल को स्थानांतरित करने हेतु सांवेर रोड पर नवीन सेन्ट्रल जेल का निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो उक्त निर्माणाधीन जेल में कैदियों की क्षमता, निर्माण लागत एवं कितने वर्षों से निर्माण कार्य चल रहा है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माणाधीन सांवेर रोड जेल का निर्माण कार्य कई वर्षों से अधूरा है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जेल का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जावेगा? विभाग द्वारा शीघ्र निर्माण कार्य करने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, निर्माण कार्य फिलहाल रूका हुआ है। सांवेर रोड पर नवीन जेल निर्माण की मंत्रि-परिषद की सैद्धांतिक सहमति उपरांत प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है। जिसके अनुसार 3000 कैदियों की क्षमता वाली नई जेल, राशि रूपये 207.21 करोड़ की लागत से बनाई जाना है। (ख) जी हाँ। इस जेल का निर्माण पुनर्घनत्वीकरण एवं तत्पश्चात पी.पी.पी. मोड के तहत होना था, जो संभव नहीं हो सका। जेल निर्माण हेतु भारत सरकार से भी राशि उपलब्ध नहीं हो सकी। जेल का निर्माण राज्य के स्त्रोतों से कराया जाना प्रस्तावित है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में फिलहाल समय-सीमा निर्धारित करना संभव नहीं है।
इन्दौर स्थित छावनी अनाज मण्डी का स्थानान्तरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
71. ( क्र. 643 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या इन्दौर स्थित छावनी अनाज मण्डी शहर के मध्य होने के कारण आये दिन शहर में ट्रेफिक जाम की समस्या के निराकरण के लिये मण्डी को अनयत्र स्थानांतरण किया जाना प्रस्तावित है? (ख) यदि हाँ, तो मण्डी स्थानांतरण करने हेतु भूमि कहा चिन्हित की गई है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार चिन्हित भूमि पर मण्डी का निर्माण कब तक पूर्ण होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम कैलोद, कर्ताल, ग्राम माचला एवं निहालपुर में। (ग) इन्दौर मंडी को भूमि आवंटन नहीं हुआ है, इसलिए समय-सीमा बताना नहीं है।
तृतीय/चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्ती हेतु आयु सीमा
[गृह]
72. ( क्र. 646 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या गृह विभाग में वर्ष 2017 में लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर के तृतीय/चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्ती हेतु जारी विज्ञापन में मध्यप्रदेश के मूल निवासी पुरूष आवेदकों (अनारक्षित वर्ग) के लिये अधिकतम आयु सीमा 33 वर्ष निर्धारित थी? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रदेश सरकार आगामी ऐसे पदों की भर्ती हेतु अधिकतम आयु सीमा में परिवर्तन कर 28 वर्ष करने जा रही है? यदि हाँ, तो ऐसा करने की आवश्यकता क्यों हुई? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या ऐसा करने से 33 वर्ष की अधिकतम आयु मान कर विगत कई वर्षों से तैयारी कर रहे छात्रों के साथ यह उचित न्याय है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) गृह विभाग के स्तर पर इस तरह का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में हत्या, दुष्कृत्य, अपहरण, डकैती के दर्ज अपराध
[गृह]
73. ( क्र. 647 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में हत्या, दुष्कृत्य, अपहरण, बलवा, लूट/डकैती एवं हत्या के प्रयास की कितनी-कितनी घटनाएं 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक पंजीबद्ध हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या उक्त अवधि में पिछले वर्ष की तुलना में अपराधों में वृद्धि परिलक्षित हुई है? यदि हाँ, तो तुलनात्मक ब्यौरा दें एवं दर्ज अपराध अनुसार प्रदेश में सागर संभाग कौन से नम्बर पर है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में वर्णित अपराधों में से अपहरण को छोड़कर शेष सभी अर्थात् हत्या, दुष्कृत्य, बलवा, लूट, डकैती एवं हत्या के प्रयास में कमी आई है। प्रश्नांश (क) में वर्णित दर्ज अपराधों के अनुसार प्रदेश में सागर संभाग छठवें स्थान पर है।
किसान कर्जमाफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 648 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश सरकार की किसान कर्जमाफी योजना के तहत अभी तक सागर संभाग के, किस-किस श्रेणी के, कितने-कितने किसान लाभान्वित हुये? कर्जमाफी योजना का वर्तमान में ब्यौरा क्या है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सागर संभाग के जिलों में पी.ए.श्रेणी के 111781 ऋणखातों का एवं एन.पी.ए. श्रेणी के 125490 कृषक लाभान्वित हुए हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
खाद बीज एवं कीटनाशक दवाईयों के संबंध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
75. ( क्र. 664 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले के बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कितने नमूने कीटनाशक दवाईयाँ/खाद/बीज के एक वर्ष में कहाँ-कहाँ से लिए गए? कितने नमूने मानक पाए गए एवं कितने नमूने अमानक पाए गए? जानकारी फर्मवार बतावें। अमानक पाए गए नमूने पर क्या कार्यवाही कब-कब की गई? फर्मवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विधानसभा में कितने खाद/बीज/कीटनाशक दवाई की दुकाने कहाँ-कहाँ पर हैं? इनमें से कितने लाइसेंसधारी के लाईसेंस कब-कब नवीनीकरण किये गए हैं? कितने लाईसेंस धारी के नवीनीकृत नहीं हुए हैं। जो लाईसेंस नवीनीकृत नहीं हुए है इनकी संख्या कितनी है? जिन लाईसेंसों का नवीनीकरण नहीं हुआ है उन पर क्या कार्यवाही कब-कब की गई? तारीखवार फर्मवार बतावें। (ग) बड़नगर विधानसभा में कितनी दुकानें खाद/बीज/कीटनाशक दवाईयों की अवैध रूप से संचालित हो रही हैं? इन अवैध संचालित फर्म/दुकानों पर निरीक्षण कब किया गया एवं किन-किन फर्मों/दुकानों पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब किसके द्वारा की गई? फर्मवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक/दो अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन/चार अनुसार है। (ग) बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में खाद/बीज/कीटनाशक दवाओं की कोई भी दुकान अवैध रूप से संचालित नहीं है। अत: शेष का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।
वनबन्धु योजना का क्रियान्वयन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
76. ( क्र. 667 ) श्री प्रेमसिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विकासखंड पाटी, जिला बड़वानी में उद्यानिकी विभाग के द्वारा वनबन्धु योजना के तहत खेती को लाभ का धंधा बनाने के उदेश्य से कितने किसानों को परम्परागत खेती के अतिरिक्त अन्य खेती हेतु प्रोत्साहित किया गया है? किसानों के नाम सहित प्रत्येक किसान पर व्यय की गई राशि का ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार कितने किसानों के द्वारा उक्त खेती से कितना–कितना लाभ कमाया गया? किसानवार जानकारी देवेंl (ग) क्या खेती किये जाने हेतु विभाग के द्वारा सही मार्गदर्शन नहीं दिए जाने के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह खराब हुई हैं तथा उन्हें कोई भी लाभ नहीं हुआ है? जिसके कारण शासन के उद्देश्य की पूर्ति नहीं होकर शासकीय राशि का अपव्यय हुआ है? क्या इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) कृषकवार लाभ की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है। (ग) जी नहीं। हितग्राही कृषकों में से 30 कृषकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में जैन इरीगेशन जलगांव 04 दिवसीय प्रशिक्षण दिलवाया गया। विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर मार्गदर्शन दिया गया। कृषकों को योजना के प्रावधान अनुसार आदान सामग्री प्रदाय की गई है। राशि का अपव्यय नहीं किया गया। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जानकारी न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
77. ( क्र. 672 ) श्री कमलेश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक कार्यालय अम्बाह द्वारा कृषि उपज मण्डी समिति अम्बाह जिला मुरैना से किस-किस पत्र के माध्यम से वांछित जानकारी चाही गई थी? क्या उपरोक्तानुसार जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो पावती की प्रति दी जावे, यदि नहीं, तो जानकारी न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। पत्र दिनांक 16-11-2019 से। जी नहीं। (ख) समय-सीमा में जानकारी नहीं देने के लिए सचिव कृषि उपज मंडी समिति पोरसा को नोटिस दिनांक 28-11-2019 जारी किया गया है। (ग) जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने से समय लगेगा।
अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 673 ) श्री कमलेश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अम्बाह विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत पोरसा कार्यालय से मेरे कार्यालय द्वारा पत्र क्रमांक/जा.प्र./सा./2019/क्यू 10, दिनांक 22.10.2019, पत्र क्रमांक क्यू 15 दिनांक 31.11.2019, पत्र क्रमांक क्यू 17 दिनांक 01.11.2019, पत्र क्रमांक क्यू 23 दिनांक 01.11.2019, पत्र क्रमांक क्यू 91 दिनांक 13.11.2019 के माध्यम से जानकारी मांगी गई थी? यदि हाँ, तो क्या उपरोक्तानुसार पत्रों की जानकारी दी गई है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो विधायक कार्यालय की पावती दी जावे, यदि नहीं, तो क्यों? जानकारी न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? बिन्दुवार एवं स्पष्ट जानकारी कब तक प्रदाय करा दी जावेगी? (ख) क्या विधायक कार्यालय अम्बाह द्वारा जनपद पंचायत पोरसा के लिये प्रश्न क्रमांक (क) में वर्णित पत्रों की जानकारी समय-सीमा में उपलब्ध न कराने हेतु पुन: स्मरण क्रमांक क्यू 90 दिनांक 13.11.2019 जारी किया गया था? यदि हाँ, तो तद्नुसार जानकारी दी गई अथवा नहीं? जानकारी दी गई हो तो पावती से अवगत करावें यदि नहीं, तो स्मरण पत्र देने के बावजूद भी जानकारी न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? बिन्दुवार तथा स्पष्ट जानकारी कब तक प्रदाय करा दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। पावती संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' पर है। शेष जानकारी 07 दिवस में उपलब्ध करा दी जावेगी। (ख) जी हाँ। जी हाँ। प्रश्नांश (क) के परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शेष जानकारी 07 दिवस में उपलब्ध करा दी जावेगी।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 678 ) श्री कमलेश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील पोरसा अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना निर्माण कार्य रछड ग्राम से ग्राम पंचायत नगरा तक निर्माणाधीन है, यदि हाँ, तो क्या उक्त सड़क का निर्माण घटिया किस्म का हो रहा है? (ख) क्या शासन उपरोक्त रोड की डब्ल्यू.एम.एम., डी.वी.एम. व वी.सी. की समस्त जांचें एवं थिकनेस जनहित तथा शासन हित में विधान सभा की उच्च स्तरीय समिति बनाकर, जिसमें माननीय सदस्य को भी सम्मिलित कर उच्च लैब से जाँच कराये जाने का आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, नहीं तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत उक्त मार्ग निर्माणाधीन है। जी नहीं, निर्माण कार्य घटिया नहीं है। (ख) मार्ग निर्माण में प्रयुक्त की जाने वाली सामग्री की जाँच नियमित रूप से सलाहकार (कंसलटेंट) एवं विभागीय अभियंताओं द्वारा की जाती है। निर्मित मार्गों की जाँच हेतु राज्य/राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र गुणवत्ता पर्यवेक्षकों द्वारा निर्मित मार्गों एवं प्रयुक्त सामग्री की जाँच की जाती हैं। प्रश्नांकित मार्ग की गुणवत्ता की जाँच 03 राज्य स्तरीय एवं 01 राष्ट्रीय स्तरीय गुणवत्ता पर्यवेक्षक द्वारा की गई है एवं किसी के द्वारा भी असंतोषजनक श्रेणी नहीं दी गई है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण निर्मित होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों की कर्जमाफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
80. ( क्र. 686 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गुना एवं राजगढ़ जिले में कर्ज माफी की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) किन-किन बैंको के कर्ज माफ किये जा चुके हैं? कितनी राशि तक के कर्ज माफ किये जा चुके हैं? कुल कितने किसानों के कर्ज माफ किये जा चुके हैं? (ग) यदि किसी कारणवश किसानों के कर्ज माफ नहीं हुए हैं तो क्या कारण हैं एवं उनके कर्ज कब तक माफ होने की संभावना है? (घ) प्रदेश में हुई अतिवृष्टि के कारण किसानों की जो फसले बर्बाद हुई हैं उनका मुआवजा देने की शासन की क्या योजना है? कब तक मुआवजा दे दिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) गुना एवं राजगढ़ जिले में कर्जमाफी की वर्तमान स्थिति 17698 कृषकों को राशि 59.50 करोड़ एवं राजगढ़ जिले में 72470 कृषकों को राशि 174.42 करोड़ का वितरण किया गया है। (ख) राष्ट्रीयकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंकों के राशि रूपये 2.00 लाख तक के कर्ज माफ किये जा चुके हैं। गुना जिले 17698 एवं राजगढ़ जिले के 72470 कुल 90168 किसानों का कर्ज माफ किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में पी.ए. खाताधारक कृषकों के 50 हजार तक एन.पी.ए. खाताधारक कृषकों के 2.00 लाख तक की सीमा के ऋण माफ किये गये हैं। शेष पात्र कृषकों के ऋण द्वितीय चरण में माफी किये जाना है। (घ) राजस्व विभाग द्वारा प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जानी है। समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
सड़क एवं तालाब निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
81. ( क्र. 687 ) श्री लक्ष्मण सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सरकार का गठन होने के 1 वर्ष में गुना जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा कितनी सड़कों का निर्माण किया गया एवं कितनी सड़कों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई? (ख) प्रश्नांश (क) के अंतर्गत चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा एवं म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित या स्वीकृत की गई सड़कों की जानकारी प्रदान करें। (ग) वर्ष 2019 में चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा ने कितने तालाबों के निर्माण कार्य प्रारंभ किये, कितने तालाबों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई तथा कितने नए तालाबों का सर्वे कार्य प्रारंभ किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा 103 एवं म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा 200 सड़कों का निर्माण किया गया। उक्त अवधि में मार्ग की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 में 02 तालाब निर्माण कार्य प्रारंभ हुए। 23 तालाबों के कार्य सर्वे हेतु चिन्हित किये गये, तालाबों का सर्वे कार्य नहीं हुआ है। वर्ष 2019 में चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में तालाबों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है।
अपराधों की रोकथाम
[गृह]
82. ( क्र. 688 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में महिलाओं, छात्राओं, बालिकाओं, गुमशुदा, बलात्कार व हत्या, शारीरिक शोषण, शादी का झांसा देकर बलात्कार, दहेज हत्या व आत्महत्या के कितने-कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये हैं? अपहरण, गुमशुदा व बलात्कार से संबंधित कितने प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किये गये वर्ष 2018-19 से 2019-20 की जानकारी दें। प्रदेश में अपराधों के मामले में जबलपुर जिले का स्थान क्या है? (ख) जबलपुर जिले में महिला अपराधों, छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने व अपराधों की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु पुलिस प्रशासन ने क्या प्रयास किये हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जबलपुर जिले में 01.01.2018 से 15.11.2019 तक महिलाओं/बालिकाओं के पंजीबद्ध प्रकरणों की शीर्षवार जानकारी निम्नानुसार है:-
क्र |
अपराध शीर्ष |
पंजीबद्ध गुमशुदा प्रकरण संख्या |
पंजीबद्ध अपराध |
योग C+D |
न्यायालय में प्रस्तुत प्रकरण |
|
व्यस्क महिला |
अव्यस्क महिला |
|||||
A |
B |
C |
D |
E |
F |
|
1 |
गुमशुदा |
2178 |
17 |
0 |
17 |
17 |
2 |
अपहरण |
- |
10 |
648 |
658 |
105 |
3 |
बलात्कार व हत्या |
- |
01 |
01 |
02 |
02 |
4 |
शारीरिक शेषण (बलात्कार) |
135 |
98 |
233 |
228 |
|
5 |
शादी का झांसा देकर बालात्कार |
- |
99 |
93 |
192 |
182 |
6 |
दहेज हत्या |
- |
43 |
0 |
43 |
37 |
7 |
आत्महत्या |
- |
55 |
04 |
59 |
55 |
जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 01.01.2018 से 15.11.2019 की स्थिति में महिला संबंधी अपराधों के मामले में प्रदेश में जबलपुर जिले का चौथा (04) स्थान है। पुलिस विभाग के द्वारा छात्राओं के विषय में पृथक से जानकारी का संधारण नहीं किया जाता है। यह जानकारी पीड़िता की आयु के आधार पर महिला या बालिका के वर्ग में वर्गीकृत की जाती है। (ख) 1- जबलपुर जिले में महिला अपराधों छेड़छाड़ की घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु जिले में महिला सुरक्षा के संबंध में जन-जागृति शिविर शैक्षणिक संस्थानों में आत्मरक्षार्थ प्रशिक्षण, गुड टच/बेड टच के संबंध में जानकारी एवं रक्षा संकल्प बालिका जनसंवाद कार्यक्रम के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर नुक्कड़ सभायें बैनर, पोस्टर आदि के माध्यम से भी प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इस क्रम में अब तक लगभग 57393 बालक, बालिकाओं और महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। 2- जिले में स्पेशल पुलिस कैडेट योजना के अंतर्गत बालिकाओं को लगातार आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसमें अब तक लगभग 300 बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। 3- जिले में डायल 100 एवं महिला हेल्प लाईन सतत् कार्यरत हैं जो निरंतर महिला बाहुल्य अपराध स्थानों पर सतत् निगरानी रखते हैं। सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुँच कर उचित कार्यवाही की जाती है। 4- जबलपुर जिले के 07 थानों में महिला डेस्क का गठन किया गया है जिनके द्वारा यदि कोई महिला अथवा बालिका थाने पर शिकायत करने आती हैं तो महिला डेस्क स्टॉफ द्वारा तत्परता से कार्यवाही की जाती है।
बरगी नहर परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
83. ( क्र. 702 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा घाटी विकास परियोजना अंर्तगत बरगी नहर परियोजना अन्तर्गत रैगाँव विधानसभा में बरगी नहर कहाँ से कहाँ तक के लिये प्रस्तावित है? कौन-कौन से ग्राम इससे प्रभावित होंगे? (ख) क्या उक्त विकास कार्य में सुरंग बनाने का कार्य अधूरा है? क्या इस स्थान पर खुली नहर बनाकर कार्य पूर्ण किया जा सकता है? यदि हाँ, तो क्या योजना है? क्या रैगाँव विधानसभा में उक्त नहर के निर्माण का कार्य चल रहा है? कितना कार्य अभी तक किया गया है, कितना शेष है? (ग) बरगी नहर परियोजना का कार्य अभी तक पूर्ण न होने के क्या कारण हैं? मूल्य वृद्धि के साथ-साथ कार्य अवधि क्यों बढ़ाई जा रही है? इससे शासन को कितनी क्षति हुई है? इसके लिये कौन दोषी है और उनके विरूद्ध कब और क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) बरगी नहर परियोजना का कार्य कब तक पूर्ण करा लिया जावेगा? रैगाँव विधानसभा क्षेत्र के किसानों एवं ग्रामीणों को उक्त योजना का लाभ कब तक प्राप्त हो सकेगा? उक्त कार्य के विलंब एवं शासन के राजस्व क्षति के लिये कौन-कौन उत्तरदायी हैं?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) ग्राम कल्पा से ग्राम खम्हरिया तक। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। सुरंग के विकल्प के रूप में नहर के जल प्रवाह को उद्वहित कर खुली नहर के निर्माण की कार्य योजना का परीक्षण किया जा रहा है। पूर्व अनुबंधित कार्यों के तहत मात्र दो पुलियाओं का निर्माण किया गया है। (ग) भू-गर्भीय एवं भू-अर्जन की जटिलता के कारण विलंब हो रहा है। निविदायें मूल्यवृद्धि के प्रावधानों के साथ लगाई गई थीं, जिसकी गणना में क्षति नहीं आती है। जिन कार्यों में ठेकेदार की लापरवाही से विलंब हुआ है उनमें अनुबंध विखंडित कर कार्यवाही की जा चुकी है। (घ) दिसंबर 2023 तक लक्षित है। वर्ष 2024 तक संभावित है। उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यप्रदेश में विभिन्न घटित अपराधों की स्थिति
[गृह]
84. ( क्र. 706 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में हत्या, अपहरण, बलात्कार, महिलाओं पर अत्याचार, चोरी, लूटपाट, डकैती के कुल कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए है? जिलेवार पंजीबद्ध अपराधों की पृथक-पृथक माहवार संख्या बतायें। (ख) कितने प्रकरणों में अभी तक अभियोजन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है एवं कितने प्रकरणों में अभियोजन की कार्यवाही पूर्ण होना शेष है तथा कब तक पूर्ण कर ली जावेगी। (ग) अभियोजन की कार्यवाही में विलंब के लिये कौन दोषी है तथा दोषियों को कब तक सजा दिलाई जा सकेगी? (घ) दिनों-दिन बढ़ते हुये अपराधों पर रोक लगाने हेतु सरकार द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक 20 नवम्बर 2019 तक मध्यप्रदेश में उक्त अपराधों की जिलेवार/माहवार पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) अभियोजन की कार्यवाही माननीय न्यायालयों में लंबित है अत: शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) वर्ष 2018 में कुल भा.द.वि. अपराध 215182 एवं वर्ष 2019 में कुल भा.द.वि. के 214526 अपराध घटित हुये हैं जो दर्शाते हैं कि अपराधों में बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग द्वारा डॉयल 100 योजना, सी.सी.टी.एन.एस., सी.सी.टी.व्ही. सर्विलांस, निर्भया मोबाईल, मैत्री मोबाईल, परिवार परामर्श केन्द्र, स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना, सामाजिक न्याय एवं शक्तिकरण केन्द्र, सामुदायिक पुलिसिंग, प्रभावी ग्रस्त एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाहियों, स्कूल/कालेज में महिला अपराधों/साईबर अपराधों के प्रति जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से अपराधों पर रोकथाम के प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं।
किसानों की ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 707 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश के कितने किसानों के कितनी-कितनी राशि के ऋण माफ किए गए हैं? जिलेवार संख्या एवं राशि बताएं। (ख) इनमें से 2 लाख रूपये की राशि का कुल कितने कृषकों का ऋण माफ कर दिया गया है? जिलेवार, संख्या एवं राशि बताए। (ग) प्रश्न दिनांक तक प्रदेश के कुल कितने कृषकों की कुल कितनी राशि का ऋण अभी भी माफ होना शेष हैं? कृषकों की संख्या एवं माफ की जाने वाली कुल राशि बताई जावे एवं इनका ऋण कब तक माफ कर दिया जावेगा एवं अभी तक माफ नहीं किए जाने के क्या कारण हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जिलेवार स्वीकृत ऋण खाते एवं स्वीकृत राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
वाल्मी संस्थान को आवंटित भूमि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
86. ( क्र. 711 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भोपाल स्थित मध्यप्रदेश जल एवं भूमि संस्थान, भोपाल (वाल्मी) के पास कुल कितनी भूमि आवंटित है? कृपया नक्शे एवं खसरा सहित बताएं। 5 करोड़ की लागत से राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा नवनिर्मित कलियासोत नदी पर बने पुल की एप्रोच सड़क हेतु रास्ता वाल्मी द्वारा किन कारणों से नहीं दिया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पंच परमेश्वर एवं 14वां वित्त के सम्बन्ध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
87. ( क्र. 717 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंच परमेश्वर और 14वॉ वित्त आयोग की राशि जो कि सीधे पंचायतों के खातों में जाती है उसके खर्च की निगरानी की क्या व्यवस्था है और उनमें अगर कोई गलत कार्य पाये जाते हो तो उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही का प्रावधान है? अभी तक प्रदेश में इस तरह की कोई जाँच की गयी हो तो उसकी वर्तमान में क्या स्थिति है? उल्लेखित करें? (ख) पंच परमेश्वर योजना अंतर्गत प्रदाय राशि में कार्यों पर राशि किस अनुपात में खर्च की जाना है और क्या उक्त अनुपात का पालन समस्त पंचायतों ने किया या नहीं और यदि नहीं, तो उनके विरुद्ध कार्यवाही के क्या प्रावधान हैं और इन निगरानी किसके द्वारा की जाने के निर्देश हैं और उन्होंने समस्त कार्यों को नियमानुसार करवाया या नहीं? (ग) पंच परमेश्वर के डी.पी.आर. रोड के कार्य एवं कपिल धारा कूप निर्माण कार्यों का मूल्यांकन रोजगार सहायकों द्वारा किया जाता है, जो गैर तकनीकी व्यक्ति हैं, उनसे मूल्यांकन किस आधार पर करवाया जा रहा है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजना के तहत जो राशि सीधे ग्राम पंचायतों के खातों में सीधे प्रदाय की जाती है, उसके पर्यवेक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण हेतु मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक/43 ए/2018/22/पं-1 दिनांक 08.03.2019 के बिन्दु क्रमांक (7 एवं 8) में निर्देश दिए गए है तथा राशि के दुरूपयोग की स्थिति में क्रियान्वयन एजेन्सी के रूप में ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव का संयुक्त उत्तर दायित्व निर्धारित करते हुए वैधानिक कार्यवाही के निर्देश है। जो शिकायतें प्राप्त हुई है। उनकी जाँच प्रचलन में है। प्राप्त शिकायतों की जाँच उपरांत दोषी पाए जाने वाले सरपंच तथा सचिवों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही किया जाना सतत् प्रक्रिया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजना के तहत प्रदाय राशि में कार्यों पर राशि व्यय करने के अनुपात हेतु मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक/43 ए/2018/22/पं-1 दिनांक 08.03.2019 के द्वारा निर्देश दिए गए है। अनियमितता पाए जाने पर दोषी सरपंच/सचिवों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत धारा 40 एवं 92 की कार्यवाही किए जाने हेतु प्राधिकृत अधिकारी है। निगरानी हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के बिन्दु क्रमांक 7 में निर्देश है,साथ ही सामाजिक अंकेक्षण, प्रिया सॉफ्ट एवं पंचायत दर्पण पोर्टल पर संपूर्ण जानकारी पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध रहती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजना के डी.पी.आर. रोड के कार्य एवं कपिल धारा कूप निर्माण कार्यों का मूल्यांकन विकास आयुक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक 7505/22/वि-10/ग्रायांसे/2016, दिनांक 24.12.2016 एवं परिपत्र क्रमांक एमजीएनआरईजीएस- एमपी/एनआर/17 दिनांक 22.09.2017 के निर्देशानुसार कराया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- स अनुसार है।
पंचायत सचिवों को सातवां वेतनमान एवं अंशदायी पेंशन का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 732 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि मध्यप्रदेश में पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन का भुगतान किये जाने हेतु शासन द्वारा कोई आदेश स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो यह आदेश किस दिनांक को जारी किया गया है तथा इस आदेश का पालन किस दिनांक तक करना था? क्या वर्तमान तक समस्त पंचायत सचिवों को अंशदायी पेंशन का भुगतान किया जा रहा है,? यदि नहीं, तो इसके विलम्ब का क्या कारण है तथा इसके शीघ्र भुगतान हेतु शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है? शासन द्वारा अन्य कर्मचारियों की तरह पंचायत सचिवों को सातवां वेतनमान का भुगतान स्वीकृत किये जाने हेतु कोई कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ, तो किस समयावधि तक स्वीकृत किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : जी हाँ। दिनांक 20.07.2013 को जारी किया गया। कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई। जी नहीं। क्रियान्वयन ऐजेन्सी एन.एस.डी.एल. से समस्त डी.डी.ओ. के कोड प्राप्त नहीं होने के कारण पंचायत सचिवों के प्रान नम्बर प्राप्त नहीं हो रहे हैं, उक्त कार्यवाही प्रचलन में है, जो शीघ्र पूर्ण की जा रही हैं। शासन द्वारा ग्राम पंचायत सचिवों की सेवा शर्तों से संबंधित समस्त समस्याओं/मांगों (सातवाँ वेतनमान भी शामिल) के संबंध में पंचायत राज आयुक्त की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया हैं। समिति संघ के प्रतिनिधियों के साथ समस्याओं के संबंध में चर्चा कर निराकरण हेतु प्रतिवेदन अपनी अनुशंसा के साथ 02 माह में आयुक्त पंचायत राज के माध्यम से शासन को प्रेषित करेंगी।
नवीन पुलिस चौकी खोली जाना
[गृह]
89. ( क्र. 733 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्राम दौड़वा राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर स्थित होकर उक्त ग्राम की थाने से दूरी लगभग 50 कि.मी. है तथा आये दिन अपराधिक घटना/दुर्घटनाएँ होने पर दूरी अधिक होने से पुलिस को विलम्ब तथा निगरानी रखने में भी परेशानियाँ आती है। क्या वर्तमान में भीकनगाँव थाना के दूरस्थ क्षेत्र ग्राम अजनगाँव एवं ग्राम दौड़वा में क्षेत्रवासियों की माँग को देखते हुए नवीन पुलिस चौकी खोली जा सकती है? यदि हाँ, तो कृपया समयावधि बताने का कष्ट करेंगे। यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : जी हाँ। ग्राम दौड़वा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होकर थाना भीकनगांव से दूरी 45 कि.मी. है। घटना दुर्घटना घटित होने पर पुलिस द्वारा तत्काल घटना स्थल पर पहुँचकर वैधानिक कार्यवाही कर निराकरण किया जाता है। पुलिस को उक्त ग्राम दौड़वा क्षेत्रान्तर्गत निगरानी रखने में कोई परेशानी नहीं होती है। ग्राम दौड़वा में नवीन पुलिस चौकी खोले जाने का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया जा चुका है। वर्तमान में भीकनगांव थाना क्षेत्र के ग्राम अंजनगांव एवं ग्राम दौड़वा में अपराधों का औसत निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने के कारण नवीन पुलिस चौकी नहीं खोली जा सकती है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कृषि विभाग की योजनाओं का क्रियान्वन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
90. ( क्र. 739 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के आत्मा परियोजना विषयक विधानसभा प्रश्न क्रमांक–264, दिनांक 08/07/2019 की एकत्रित जानकारी क्या हैं, (ख) परंपरागत कृषि विकास योजना के जिला स्तर पर क्रियान्वयन और जिला स्तरीय समिति के गठन हेतु शासन/विभाग के मार्गदर्शी निर्देश बताएं और कटनी जिले में समिति के गठन, प्रश्न दिनांक तक समिति की बैठकों एवं लिए गए निर्णय और किए गए पालन प्रतिवेदन से अवगत कराएं। (ग) पी.के.व्ही.वाय.के हितग्राही/किसानों को आदान सामग्री प्रदाय किए जाने के नवीनतम शासनादेश एवं विभागीय निर्देश क्या हैं और क्या कटनी जिले में शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों के पालन में क्या कोई कार्यवाही की गयी? यदि हाँ, तो किस प्रकार विवरण उपलब्ध कराये? (घ) प्रश्नांश (ख) के तहत कटनी जिले में पी.के.व्ही.वाय. के हितग्राही/किसानों को वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक कौन–कौनसी आदान सामग्री प्रदाय किए जाने हेतु क्या-क्या क्रय आदेश किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा कब-कब किए गए और क्या किए गए क्रय आदेश मध्यप्रदेश भंडार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015 के तहत थे? यदि हाँ, तो किस प्रकार? स्पष्ट करें। (ङ) प्रश्नांश (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या पी.के.व्ही.वाय.के क्रियान्वन एवं हितग्राहियों को आदान सामग्री प्रदाय किए जाने में शासनादेश/विभागीय निर्देशों का उल्लंघन होना परिलक्षित हैं? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की जाएंगी? यदि नहीं, तो ऐसा न होना सत्यापित किया जायेंगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) आत्मा योजना अंतर्गत विधानसभा प्रश्न क्र. 264 शासन को पत्र क्रमांक 975 दिनांक 15/27.11.2019 से प्रेषित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। कटनी जिले में शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशानुसार कार्य किया गया है। (घ) आदान सामग्री के क्रय आदेश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। सामग्री का क्रय शासन द्वारा अधिकृत संस्थाओं द्वारा किया गया। अत: शेष का प्रश्न नहीं उठता है। (ड) पी.के.व्ही.वाय. के क्रियान्वयन एवं हितग्राहियों को आदान सामग्री प्रदाय किये जाने में शासनादेश/विभागीय निर्देशों का पालन किया गया है।
विभागीय निर्माण कार्य और ठेकेदारों का चयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
91. ( क्र. 740 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत विभागीय निर्माण कार्यों को करने वाले ठेकेदारों की वित्तीय एवं तकनीकी क्षमता का आंकलन सक्षम प्राधिकारी द्वारा कौन से अनुभव प्रमाण पत्र के दस्तावेजों के आधार पर किस स्तर के अधिकारी द्वारा किस प्रकार किया जाता हैं? (ख) क्या कटनी जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर योजना के तहत सरोवरों का निर्माण करने वाली श्री बालाजी कृपा कंपनी द्वारा अनुभव के संबंध में प्रस्तुत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद-पंचायत बहोरीबंद द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्र नियमानुसार मान्य था? यदि हाँ, तो किस प्रकार और किन नियमों/निर्देशों और आदेशों के तहत? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा प्रस्तुत विधानसभा प्रश्न क्रमांक–284, दिनांक 08/07/2019 के प्रश्नांश (घ) का उत्तर श्री बालाजी कृपा कंपनी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का एवं उनके द्वारा प्रस्तुत तालाबों में किए गए सहयोग के दस्तावेजों का सत्यापन नहीं किया गया दिया गया था? यदि हाँ, तो उत्तर अनुसार की गई कार्यवाही किस प्रकार सही थी? स्पष्ट करें। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा प्रस्तुत विधानसभा प्रश्न क्रमांक– 284, दिनांक 08/07/2019 के प्रश्नांश (ड.) के उत्तरानुसार जाँच पूर्ण हो गयी? यदि हाँ, तो क्या प्रतिवेदन दिया गया एवं अब तक क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत निविदा के माध्यम से निर्माण कार्य करने वाले ठेकेदारों के वित्तीय एवं तकनीकी क्षमता का आंकलन जारी की गई निविदा शर्तों के प्रावधान एवं विभागीय निर्देशों के अनुसार सक्षम कार्यपालन यंत्री/अधीक्षण यंत्री/मुख्य अभियंता/प्रमुख अभियंता के कार्यालय में गठित समिति द्वारा किया जाता है। (ख) श्री बालाजी कृपा कंपनी द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बहोरीबंद से जारी (पत्र दिनांक 26.09.18) अनुभव प्रमाण पत्र में कार्य में सहयोग के साथ कार्य संपादित का उल्लेख होने से अधीक्षण यंत्री द्वारा अनुभव प्रमाण पत्र मान्य किया गया। श्री बालाजी कृपा कंपनी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज एवं उनके द्वारा तालाबों में किये गये सहयोग के दस्तावेजों का सत्यापन नहीं किया गया। (ग) जी हाँ। मुख्य अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर से प्राप्त जाँच प्रतिवेदन अनुसार अनुभव प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी से जारी होना, नहीं पाया गया। (घ) जी हाँ। मुख्य अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा जबलपुर से जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन में अनुभव प्रमाण पत्र एवं बिड केपेसिटी के आंकलन में विसंगति पाई गई। जाँच प्रतिवेदन अनुसार कार्यवाही प्रचलन में है।
किसानों को ऋणमाफी का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
92. ( क्र. 743 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर जिला अंतर्गत विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा कितने किसानों को तथा कितना ऋण दिया गया था? इनमें कितने किसानों को शासन की ऋण माफी योजनांतर्गत राशि रू. 2.00 तक का ऋण माफ कर दिया गया है? कितने किसानों का ऋण शेष है तथा इन्हें कब तक इस योजना का लाभ दिया जायेगा? (ख) क्या वर्तमान में शासन द्वारा राशि रू. 2.00 लाख की जगह केवल राशि रू. 50,000 तक के ही कुछ किसानों को ऋण माफी का लाभ दिया गया है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है तथा कितने किसानों को इसका लाभ दिया गया है? राशि सहित संख्या बतावें। शेष की ऋण माफी कब तक कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सागर जिले के अंतर्गत विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा 154303 किसानों को राशि रू. 14965485179 का ऋण दिया गया था इनमें से प्रथम चरण में कुल 50886 कृषकों की राशि रू. 2.00 लाख तक का ऋण माफ कर दिया गया तथा 103417 किसानों का ऋण माफ किया जाना शेष है। ऋणमाफी का कार्य सतत् जारी है। (ख) वर्तमान में शासन द्वारा पी.ए. खातों की राशि रू. 50.00 हजार तथा एन.पी.ए. खातों की राशि रू. 2.00 लाख तक का ऋण माफ किया गया है प्रथम चरण में 50886 किसानों को जय ऋण माफी योजना का लाभ दिया गया है। एवं कुल राशि रू.1559154693 का भुगतान किया कर दिया गया है। ऋण माफी का कार्य सतत् जारी है।
जुआ खेलते हुये पकड़े गये व्यक्तियों पर कार्यवाही
[गृह]
93. ( क्र. 749 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) थाना ठेमी तह. गोटेगाँव जिला नरसिंहपुर के ग्राम बासनपानी में वर्ष 2019 में पुलिस द्वारा जुआ खेलते हुये कितने व्यक्तियों को पकड़ा गया था? उन पर क्या कार्यवाही की गई? (ख) किस दिन एवं दिनांक को जुआ खेलते हुये व्यक्ति को पकड़े गये? (ग) जुआ का मामला किस न्यायालय में पेश किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) वर्ष 2019 में दिनांक 01.01.19 से प्रश्न दिनांक 20.11.19 तक की अवधि में थाना ठेमी तहसील गोटेगाँव, जिला नरसिंहपुर के ग्राम बासनपानी में पुलिस द्वारा मात्र 01 प्रकरण में जुआ खेलते हुए 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उक्त आरोपियों के कब्जे से नगदी 63270 रूपये जप्त कर अपराध क्रमांक 215/19 धारा 13 (जुआ एक्ट) पब्लिक गेम्बलिंग एक्ट का पंजीबद्ध किया गया। (ख) सोमवार दिनांक 01.07.19 को जुआ खेलते हुए 22 व्यक्ति पकड़े गये थे। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार उक्त जुआ का प्रकरण दिनांक 02.07.19 को माननीय न्यायालय जे.एम.एफ.सी, नरसिंहपुर में पेश किया गया है। माननीय न्यायालय द्वारा सभी आरोपियों को 100-100 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत निर्मित मार्गों का डामरीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 751 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले की विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से निर्मित किन-किन ग्रामीण मार्गों को प्रश्न दिनांक तक डामरीकरण सड़क निर्माण कार्य हेतु प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है? प्रश्न दिनांक तक सम्मिलित नहीं किए जाने के कारणों का उल्लेख कर बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्त मार्गों पर डामरीकरण सड़क कार्य कराये जाने के लिये प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजनांतर्गत सम्मिलित करने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई तथा कब तक उक्त ग्रामीण मार्गों पर डामरीकरण सड़क निर्माण कार्य करा दिया जावेगा? (ग) क्या डामरीकरण से वंचित उक्त मार्ग गत वर्षाकाल में जीर्णशीर्ण अवस्था में होकर वर्तमान में आवागमन योग्य नहीं बचें हैं, जिससे हजारों की ग्रामीण आबादी को आवागमन में अत्याधिक कठिनाईयां उत्पन्न हो रही हैं? यदि हाँ, तो क्या विभाग द्वारा उक्त मार्गों को वर्तमान में आवागमन योग्य बनाने हेतु कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो क्या और कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग अंतर्गत उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्गों की स्वीकृती संबंधी कार्यवाही नहीं की गयी। (ग) जी नहीं। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित मार्ग जीर्णशीर्ण नहीं होने से शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होते हैं।
जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ अंतर्गत अपूर्ण व लंबित कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 752 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 (2016-17, 2017-18 व 2018-19) वर्षों में राजगढ़ जिले की जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ के अन्तर्गत महात्मा गांधी नरेगा योजना के अन्तर्गत कौन-कौन से हितग्राही मूलक कार्य निर्धारित समयावधि समाप्त होने के बावजूद भी पूर्ण न होकर प्रश्न दिनांक तक किन-किन कारणों से अप्रारंभ अथवा अपूर्ण हैं? वर्षवार ग्राम पंचायतवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार निर्माण कार्यों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का शत्-प्रतिशत लाभ हितग्राहियों को प्राप्त हो सके, इस हेतु किन-किन अधिकारियों का क्या-क्या दायित्व निर्धारित है तथा इसके भौतिक सत्यापन अथवा सतत् मॉनिटरिंग का दायित्व मुख्य रूप से किसका है? (ग) क्या जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायतों में दो-दो वर्ष पूर्व से स्वीकृत कार्य एवं विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों को पूर्ण लाभ न प्राप्त होकर अधिकतर कार्य लंबित/अप्रारंभ/अपूर्ण है? यदि हाँ, तो शासन इस हेतु उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों एवं मॉनिटरिंग में निष्क्रियता बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो क्या और कब तक तथा उक्त लंबित/अप्रारंभ/अपूर्ण कार्यों को कब तक लक्ष्य अनुसार पूर्ण करा लिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। (ख) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यों के संपादन हेतु ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायत के अधिकारियों के दायित्व विभाग के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2 अनुसार है। कपिलधारा कूप निर्माण के विभिन्न चरणों हेतु मूल्यांकन की राशि राज्य स्तर से निर्धारित की गई है। विभिन्न चरणों का निरीक्षण कर उनका जियोटेग फोटो लेकर हितग्राही को एफ.टी.ओ. कराने के लिये मांग-पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी रोजगार सहायक को दी गई है। खेत तालाब निर्माण हेतु मूल्यांकन का दायित्व उपयंत्री एवं मूल्यांकन सत्यापन करना एवं पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किये जाने का दायित्व सहायक यंत्री जनपद पंचायत को सौंपा गया है। (ग) उत्तरांश (क) में उल्लेखित अपूर्ण कार्यों के पूर्ण नहीं होने का प्रमुख कारण महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत समय-समय पर सामग्री मद में राशि का अभाव रहा है। इस हेतु किसी अधिकारी/कर्मचारी को उत्तरदायी नहीं माना गया है। अपूर्ण कार्यों का पूर्ण कराने हेतु जॉब कार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग करने पर एवं सामग्री मद में राशि की उपलब्धता होने पर प्राथमिकता से कराये जाने के निर्देश मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत नरसिंहगढ़ को दिये गये हैं।
नवीन गौ-शालाओं की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
96. ( क्र. 755 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा सत्र जुलाई 2019 दिनांक 15 जुलाई 2019 के स्थगित प्रश्न का दिनांक 20 जुलाई 2019 के प्रश्न क्रमाक 1590 के उत्तर (क) में नवीन गौ-शालायें चलाने के संबंध में कितनी-कितनी राशि का आवंटन किया गया है, पूछा गया था। जिसका उत्तर नहीं दिया जाकर यह बताया गया कि गौ-शाला के लिए मनरेगा से राशि आवंटन का कोई प्रावधान नहीं है, तो फिर किस मद से गौ-शालाओं का निर्माण कराया जा रहा है? यदि गौ-शालाओं का निर्माण नहीं कराया जा रहा है, तो सरकार ने गौ-शालाओं के भूमि पूजन क्यों कराए गए? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रश्न के (ख) उत्तर में दी गई जानकारी अनुसार मण्डलखां एवं कालापीपल गाँव में गौ-शालाओं के लिए भूमि चिन्हित की गई है, तो क्या निर्माण हेतु राशि का आवंटन किया गया है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी व किस मद से? क्या दोनों गाँवों में गौ-शालाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या शाजापुर जिले में राजनैतिक दुर्भावना से गौ-शालाओं के लिए गाँव एवं भूमि का चयन किया गया है? क्या ग्राम पंचायत आसेर एवं ग्राम पंचायत भैसायागढ़ा में गौ-शाला निर्माण की स्वीकृति दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा योजना से नवीन गौ-शालाओं की अधोसंरचना (पानी व विद्युत व्यवस्था छोड़कर) का निर्माण कराया जा रहा है। गौ-शाला निर्माण में जॉबकार्डधारी श्रमिकों को अकुशल मजदूरी का भुगतान सीधे राष्ट्रीय स्तर के खाते से उनके बैंक खाते में तथा सामग्री मद अंतर्गत सामग्री प्रदायकर्ता वेण्डरों को उनके बैंक खाते में व अर्द्धकुशल/कुशल श्रमिकों को मस्टर-रोल से उनके बैंक खाते में सीधे राज्य स्तर के खाते से फण्ड ट्रांसफर आर्डर के माध्यम से भुगतान किये जाने की व्यवस्था है। गौ-शाला निर्माण हेतु किसी प्रकार की राशि का पृथक से जिलों को आवंटन का प्रावधान मनरेगा अंतर्गत नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। जी नहीं, उत्तरांश (क) अनुसार ग्राम मण्डलखां एवं कालापीपल में गौ-शाला निर्माण कार्यों की महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत प्रति गौ-शाला राशि रू. 2771914/- की प्रशासकीय स्वीकृति जिले द्वारा प्रदान की गई है। जी नहीं, दोनों गौ-शालाओं का निर्माण कार्य स्थल भूमि विवाद के कारण प्रारंभ नहीं हो सका है। (ग) जी नहीं। भविष्य में ग्राम पंचायत आसेर एवं भैसायागढ़ा में गौ-शाला निर्माण स्वीकृति, जिला स्तर पर आवश्यकता, शासकीय भूमि एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता पर आधारित होगी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत क्लेम राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
97. ( क्र. 757 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर एवं आगर मालवा जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2019 में फसलों के नुकसानी का आंकलन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो तहसीलवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फसल नुकसानी का आंकलन फसल कटाई प्रयोग के आधार पर किया गया है? यदि हाँ, तो किसी ग्राम में रेण्डम नंबर अनुसार उत्तम प्लाट का चयन होता है, तो क्या उस हल्के के जिन किसानों का सर्वे के दौरान वास्तविक नुकसान पाया गया है, उन्हें इस योजना का लाभ प्राप्त होगा अथवा नहीं? क्या फसल कटाई प्रयोग के अतिरिक्त अन्य कोई आंकलन भी किया गया है? यदि हाँ, तो तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित फसल नुकसानी के आंकलन की रिपोर्ट संबंधित बीमा कंपनी को उपलब्ध करा दी गई है? यदि हाँ, तो किस दिनांक को उपलब्ध कराई गई है तथा क्लेम की राशि बीमित किसानों को कब तक मिल जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत शाजापुर एवं आगर मालवा जिले में खरीफ 2019 में सम्पन्न फसल कटाई प्रयोगों के आंकडे बीमा कंपनी को उपलब्ध कराने के उपरांत दावों की गणना की जावेगी। (ख) दावों की गणना फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त औसत उपज के आंकडों के आधार पर प्राप्त औसत उत्पादकता के आधार पर की जावेगी। किसी अधिसूचित बीमित इकाई में अधिसूचित फसल के फसल कटाई प्रयोगों हेतु रेण्डम आधार पर 4 प्लाट चयन कर फसल कटाई प्रयोग किये जाते हैं। उन 4 प्लाटों के फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त परिणामों का औसत निकालकर प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता की गणना की जाती है, जिसके आधार पर अंतिम दावों की गणना की जाती है। यदि फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज थ्रेशोल्ड उपज से कम पाई जाती है, तो योजना के प्रावधान अनुसार पात्र कृषकों को दावों का भुगतान किया जाता है। शाजापुर जिला अंतर्गत बीमा कंपनी को 739 किसानों की सूचनायें प्राप्त हुईं, जिसका सर्वे किया जा चुका है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिला आगर मालवा में फसल कटाई प्रयोगों के अतिरिक्त कोई भी आंकलन नहीं किया गया है। (ग) फसल कटाई प्रयोगों के आंकड़े बीमा कंपनी को उपलब्ध कराने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त परिणामों के आधार पर दावों की गणना की जावेगी। गणना उपरांत राज्यांश एवं केन्द्रांश प्रीमियम अनुदान राशि के बीमा कंपनी को भुगतान के उपरांत पात्र बीमित कृषकों को दावों का भुगतान नियमानुसार किया जावेगा।
किसानों को भावांतर राशि का भुगतान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
98. ( क्र. 759 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्याज व लहसुन के भावांतर की राशि धार जिले के कई किसानों को अब तक नहीं मिल पाई? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? कितने किसान भावांतर की राशि से वंचित हैं? नामजद ग्रामवार, राशि सहित किसानों की संपूर्ण जानकारी देवें। बकाया राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। राशि नहीं मिलने का कारण- योजनान्तर्गत अधिसूचना मण्डियों में निर्धारित अवधि में प्याज एवं लहसुन का विक्रय करने वाले कृषकों की जानकारी ई-उपार्जन पोर्टल पर संबंधित अधिसूचित मण्डी द्वारा इन्द्राज की जाती है, जिसके आधार पर एन.आई.सी., विन्ध्याचल भवन, भोपाल से टेन्टेटिव चेकलिस्ट जारी की जाती है। उक्त टेन्टेटिव चेकलिस्ट का कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा परीक्षण उपरांत कृषकों को भुगतान किया जाता है। विभाग द्वारा टेन्टेटिव चेकलिस्ट प्राप्त की जा रही है। 1787 किसान भावान्तर राशि की पात्रता रखते हैं। राशि जारी करने की प्रक्रिया को अंतरित किया जा रहा है।
जय किसान क़र्ज़ माफ़ी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
99. ( क्र. 760 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय किसान कर्ज़ माफ़ी योजना में कितने किसान बदनावर विधान सभा क्षेत्र में पात्र पाए गए हैं और उनकी संपूर्ण कर्ज़ माफ़ी कब तक कर दी जावेगी? (ख) क्या कर्ज़ माफ़ी की राशि पर भी बैंक ब्याज लगा रही है? क्योंकि शासन ने अभी तक बैंकों में माफ़ की गयी राशि जमा नहीं करवाई है? यदि हाँ, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजना में 11512 किसान बदनावर विधान सभा क्षेत्र में पात्र पाये गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। ऋण माफी की कार्यवाही सतत् रूप से संचालित है। (ख) जय किसान फसल ऋण माफी योजना में किसानों से ऋण अदायगी दिनांक 31/03/2019 नियत थी। योजना अन्तर्गत मध्य प्रदेश शासन सहकारिता विभाग मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ-12/2019/15-1 भोपाल दिनांक 15/06/2019 अनुसार किसानों से ऋण अदायगी की तिथि दिनांक 31/03/2019 से बढ़ाकर 30/06/2019 निर्धारित की गई थी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निर्धारित तिथि के उपरांत किसान द्वारा ऋण राशि जमा कराने पर ऋण पर आहरित किये जाने वाले ब्याज को किसान से वसूल किया जा रहा है।
ओ.डी.एफ. घोषित करने संबंधी नीति/निर्देश
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 763 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन एवं बड़वानी जिलों की जनपदों को किस-किस दिनांक को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया? सूची देवें। ओ.डी.एफ. घोषणा दिनांक को जिला एवं जनपदों में कितने शौचालय प्रगतिरत/निर्माणाधीन/पूर्ण/अप्रारंभ थे? (ख) खरगोन, बड़वानी जिले में ओ.डी.एफ. घोषणा दिनांक तक निवासरत परिवारों की संख्या पंचायतवार, जनपदवार, जिलावार देवें। (ग) स्वच्छ भारत अभियान से पूर्व, जनपद पंचायतों में समस्त योजनाओं में निर्मित शौचालयों की स्थिति क्या थी? यह निरीक्षण संबंधी दस्तावेज की प्रतिलिपि देवें। (घ) ओ.डी.एफ. घोषित करने संबंधी विभागीय नीति/निर्देश की विस्तृत जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) स्वच्छ भारत मिशन के पूर्व, जनपद पंचायतों में ग्राम पंचायत के मैदानी अमले के माध्यम से बेसलाईन सर्वे 2012 कर शौचालय विहीन एवं शौचालय युक्त परिवारों की एन्ट्री भारत सरकार के पोर्टल पर वर्ष 2012 में की गई। जिसमें से अनुपयोगी/टूटे-फुटे शौचालयों का अभियान चलाकर पूर्ण करा लिया गया है। शेष जानकारी www.sbm.gov.in पर उपलब्ध है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
कपिलधारा योजना अंतर्गत लाभान्वित कृषक
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
101. ( क्र. 766 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी नरेगा की कपिलधारा उपयोजना के तहत विधानसभा क्षेत्र खरगोन में वर्ष 2015-16, 2016-17 व 2017-18 तक लाभान्वित कृषकों की ग्राम पंचायतवार संख्या देवें। वर्तमान स्थिति में पूर्ण व अपूर्ण कूपों की संख्या भी पंचायतवार देवें। (ख) कृषकों के कूपों का मूल्यांकन/सत्यापन किसके द्वारा किया गया है। (ग) कपिलधारा उपयोजना के प्रश्नांश (क) की अवधि में जारी समस्त दिशा-निर्देशों की प्रतिलिपि देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1 अनुसार है। (ख) विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र दिनांक 01/11/2016 के अनुसार कपिलधारा कूपों के निर्माण हेतु मूल्यांकन की राशि निर्माण कार्यों के विभिन्न चरणों के आधार पर राज्य स्तर से निर्धारित की गई है। पत्र के पैरा 10 अनुसार निर्माण के विभिन्न चरणों का निरीक्षण कर उनके जियोटेग फोटो लेकर हितग्राही को एफ.टी.ओ. कराने के लिये मांग-पत्र मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी रोजगार सहायक को दी गई है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2, 3, 4, 5, 6 एवं 7 अनुसार है।
मृतक किसान को मुआवजा राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
102. ( क्र. 772 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित चिन्तन को ध्यान में रखकर 2.00 लाख रूपये तक के कर्ज माफी की घोषणा की गई। इसी कड़ी में रीवा जिले के ग्राम पटना निवासी वंशपती साहू जिनका की कर्ज करीब 1.50 लाख रूपये था, उसकी ब्याज जोड़कर 2.25 लाख रूपये की नोटिस दे दी गई। इस नोटिस को पाते ही व्यथित किसान ने आत्महत्या कर ली। इसके अतिरिक्त क्या मात्र पटना गाँव में कई किसानों को इस प्रकार की नोटिस की गयी है? क्या सरकार मृतक किसान वंशपति साहू को 40.00 लाख रूपये का मुआवजा प्रदाय कर अपनी घोषणा का परिपालन करते हुये किसानों के 2.00 लाख तक के कर्ज माफ करेगी? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में यदि उत्तर जी हाँ, तो कब तक वंशपती साहू को रूपये 40.00 लाख की मुआवजा राशि एवं सेमरिया विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत किसानों के 2.00 लाख रूपये तक के कर्ज माफ कर सूची प्रश्नकर्ता सदस्य को अवगत करायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्योग धंधों हेतु आवंटित भूमि
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
103. ( क्र. 788 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले के औद्योगिक क्षेत्रों में किन-किन कंपनियों, संस्थाओं, फर्मों, व्यक्तियों को वर्तमान में भूमि आवंटित है। यह भूमि कब से किस वर्ष से किस कार्य हेतु प्रदान की गई? (ख) जिस-जिस कार्य के लिए अनुबंधित कर भूमि/शेड प्रदान किये गये, वहां पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में वर्तमान में क्या किया जा रहा है? (ग) जावरा शुगर मिल अंतर्गत टेक्सटाइल गारमेंट पार्क एवं शुगर मिल की सलग्न भूमियों पर औद्योगिक विकास हेतु आगामी कार्ययोजना की प्रगति बताए तथा रतलाम नगर में नमकीन कलस्टर एवं जन मांग आवश्यकतानुसार गोल्ड/सिल्वर पार्क हेतु क्या किया जा रहा है? जानकारी देंl (घ) वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक नवीन उद्योग प्रारम्भ करने हेतु रतलाम जिला अंतर्गत किन-किन स्थानों पर किस-किस को कितनी-कितनी बजट राशि के उद्योग धंधे प्रारम्भ किये जाने हेतु स्वीकृतियां दी वर्षवार, स्थलवार, नामवार, कार्यवार जानकारी दें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अधीनस्थ औद्योगिक क्षेत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग तथा औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ग) औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 16-30/2018/बी-ग्यारह, दिनांक 05.07.2019 के द्वारा टेक्सटाइल पार्क, जावरा जिला रतलाम विकसित करने हेतु रूपये 41.18 करोड़ की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना का ले-आउट प्लान सक्षम प्राधिकारी से अनुमोदन उपरांत ड्राफ्ट डी.पी.आर. तैयार हो चुकी है तथा फाइनल परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने का कार्य प्रगति पर है। प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र जावरा में लगभग 500 पेड शुगर मिल क्षेत्र के अंदर स्थित है। जिन्हें काटने की अनुमति अनुविभागीय अधिकारी, जावरा से चाही गई है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा शुगर मिल की कुम्हारी औद्योगिक क्षेत्र जावरा से लगी हुई 4.527 हेक्टेयर भूमि का विकास किये जाने हेतु राशि रूपये 212.50 लाख की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रदान की गई है, जिसका कार्य प्रगति पर है। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अनुसार ग्राम करमदी जिला रतलाम में विभाग ने नमकीन क्लस्टर का विकास किया है। जिसमें अधोसंरचना संबंधित कार्य औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग द्वारा पूर्ण कराये जा चुके हैं एवं उक्त औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों की स्थापना हो रही है। वर्तमान में गोल्ड/सिल्वर पार्क स्थापित किये जाने का कोई प्रस्ताव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग में विचाराधीन नहीं है तथा सूक्ष्म, लघु और मध्मय उद्यम विभाग द्वारा भी इस बाबत् कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। (घ) शासन द्वारा उद्योग प्रारंभ करने हेतु बजट राशि/स्वीकृतियां प्रदान नहीं की जाती हैं। अपितु उद्योगों की स्थापना को फेसिलिटेट किया जाता है।
रपटा एवं स्टाप डेम निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 792 ) श्री मनोज चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन सी नदियों/नालों पर रपटा एवं स्टॉप डेम का निर्माण किया गया है तथा कहाँ-कहाँ और बनाने के प्रस्ताव अथवा मांग है? (ख) क्या दूधिया से नारायणी सड़क मार्ग पर स्थित लूनी नदी पर रपटा का निर्माण किया गया है? यदि हाँ, तो यह निर्माण किस विभाग और अधिकारी की देखरेख में कब पूर्ण हुआ है तथा कार्य एस्टीमेट अनुसार गुणवत्तापूर्ण किया गया है? लागत की राशि बताएं। (ग) क्या बोरखेड़ी पंचायत के पाल नगरा गाँव पहुंच मार्ग के बीच नाले, रपट एवं दूधिया से रणायरा पहुंच मार्ग पर स्थित लूनी नदी पर भी स्टॉपडेम या रपट का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है अथवा मांग लंबित है? (घ) यदि हाँ, तो इनका निर्माण कब और किस विभाग द्वारा प्रारंभ किया जाएगा और अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी सलंग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक 21/37/वि.स./1619 दिनांक 07.12.2019 अनुसार प्रश्नाधीन रपटे का निर्माण कार्य जल संसाधन विभाग द्वारा इनके अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री की देखरेख में मार्च 2019 में पूर्ण किया गया है। कार्य गुणवत्ता पूर्ण है। कार्य की लागत रूपये 19.29 लाख है। (ग) जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक21/37/वि.स./1619 दिनांक 07.12.2019 अनुसार बोरखेडी पंचायत के पाल नगरा गाँव पहुँच मार्ग के बीच रपटे का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है। लूनी नदी पर दूधिया से रणायरा पहुच मार्ग पर डूब क्षेत्र में रपटा का निर्माण प्रस्तावित है। (घ) जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक 21/37/वि.स./1619 दिनांक 07.12.2019 अनुसार प्रश्नाधीन कार्य का निर्माण जल संसाधन विभाग द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। जिसकी निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
परिशिष्ट - '' इकतीस''
सहारा इंडिया कंपनी के विरुद्ध प्राप्त शिकायतें
[गृह]
105. ( क्र. 793 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सहारा इंडिया के खिलाफ जमा राशि न देने की कुल कितनी शिकायतें नवंबर 2019 तक प्राप्त हुई हैं तथा उन शिकायतों पर कुल कितने प्रकरण किस-किस जिले में दर्ज हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों पर कितने प्रकरणों के चालन न्यायालय में प्रस्तुत किए गए? न्यायालय प्रकरण के क्रमांक तथा दिनांक बतावें तथा बताएं कि किस-किस अधिकारी को किस-किस प्रकरण में आरोपी बनाया गया? प्रकरण अनुसार आरोपी की सूची देवें। (ग) प्रदेश में प्रश्न दिनांक तक किस-किस चिटफंड कंपनी के खिलाफ कितनी-कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा कितने प्रकरण दर्ज किए गए हैं तथा कितने प्रकरणों के चालन न्यायालय में पेश कर दिए गए? (घ) प्रश्नांश (ख) तथा (ग) में न्यायालय में दर्ज प्रकरणों में से कितने प्रकरणों के फैसले हुए तथा कितने में आरोपियों को सजा दी गई है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) प्रकरण माननीय न्यायालयों में विचाराधीन होने से जानकारी निरंक है।
पायली टूरिस्ट स्थल को टूरिस्ट हब बनाने की योजना
[पर्यटन]
106. ( क्र. 795 ) श्री विनय सक्सेना : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर बरगी बांध से 16 कि.मी. दूरी पर स्थित पायली नामक स्थल को विकसित करने हेतु विगत तीन वर्षों में कौन-कौन सी योजना बनायी गयी तथा कितनी राशि व्यय की गयी? (ख) क्या टूरिस्टों को अत्यंत दुर्दशा युक्त पहुँच मार्ग से होकर पायली जाना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो इस लापरवाही हेतु कौन-कौन से अधिकारी जिम्मेदार है? (ग) उक्त स्थल पर खाने-पीने का इन्तेजाम तथा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती क्यों नहीं की गयी है? (घ) पायली टूरिस्ट स्थल को टूरिस्ट हब बनाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है तथा इसके परिणाम कितने दिनों में प्रदर्शित होंगे?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) केन्द्र शासन द्वारा दिनांक 12/10/2018 को स्वदेश दर्शन के अंतर्गत ईको सर्किट योजना में छोटी पायली आईलैण्ड में विभिन्न विकास कार्यों हेतु राशि रूपये 81.68 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई। (ख) उक्त कार्य स्थल का पहुंच मार्ग वन विभाग के अंतर्गत है। अत: वन विभाग से अनुमति चाही गई थी, किन्तु वन विभाग द्वारा पर्यटन निगम को अनुमति प्रदान नहीं की गई, जिसके अभाव में विकास कार्य संपादित नहीं कराये जा सके। (ग) योजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) पायली टूरिस्ट स्थल को टूरिस्ट हब बनाने की कोई योजना प्रचलित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण एवं लंबित प्रकरणों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 799 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत गिंदौरा जनपद पंचायत बदरवास के वर्तमान सरपंच श्री मोहब्बत सिंह आदिवासी तथा पूर्व सरपंच श्री युधिष्ठिर सिंह रघुवंशी के कार्यकाल में हुए निर्माण कार्यों सहित अन्य कौन-कौन से प्रकरणों की जाँच किए जाने हेतु आदेश जारी किए गए हैं? कौन-कौन से प्ररकणों में जाँच पूर्ण हो चुकी है तथा कौन-कौन से प्रकरणों में जाँच की कार्यवाही आज दिनांक को भी अपूर्ण/लंबित है तथा क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन प्रकरणों में जाँच पूर्ण हो चुकी है, क्या अनुविभागीय अधिकारी कोलारस एवं कलेक्टर जिला शिवपुरी द्वारा जाँच में दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही किए जाने हेतु आदेश जारी किए गए हैं? यदि हाँ, तो क्या उक्त आदेशों पर पूर्णतः अमल हो सका है? यदि हाँ, तो किन-किन प्रकरणों के आदेशों पर अमल हो चुका है व क्या? आदेशों के अमल होने संबंधी सभी दस्तावेज उपलब्ध करावें। कौन-कौन से प्रकरणों में आदेशों पर अमल होना प्रश्न दिनांक को भी शेष है व क्यों तथा उक्त आदेशों के अमल की कार्यवाही में बिलंब हेतु कौन-कौन दोषी है व इस हेतु उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी तथा कब तक? कार्यवाही हेतु जारी किए गए सभी आदेशों की छायाप्रतियां उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट की तालिका में उल्लेखानुसार। बिलंब के लिए कोई दोषी नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायतों में वेन्डर्स की चयन प्रक्रिया
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
108. ( क्र. 802 ) श्री राहुल सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला एवं जनपद पंचायतों में विभिन्न निर्माण सामग्री एवं अन्य आवश्यक सामग्री क्रय किए जाने हेतु वेन्डर्स का चयन किस प्रक्रिया के तहत किया जाता है? (ख) टीकमगढ़ जिले की समस्त जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत में कुल कितने वेन्डर्स पंजीकृत हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या टीकमगढ़ जिले की समस्त जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत में वेंडर्स के चयन में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों और इसमें दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जिला एवं जनपद पंचायतों में आवश्यक सामग्री क्रय हेतु भंडार क्रय नियमों के तहत वेंडर का चयन किया जाता है। (ख) टीकमगढ़ जिले की समस्त जनपद पंचयतों एवं जिला पंचायत में पंजीकृत वेण्डरों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
ग्राम पंचायतों को परफॉरमेंस ग्रांट की राशि का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
109. ( क्र. 805 ) श्री अनिरुध्द मारू : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या 14वें वित्त आयोग अंतर्गत परफॉरमेंस ग्रांट वर्ष 2017-2018 के अंतर्गत दिनांक 28.08.2019 को प्रदेश की 1148 पंचायतों में सीधे राशि जारी की गयी थी? यदि हाँ, तो पंचायतों के चयन का आधार क्या था? इसके मापदंड एवं प्रक्रिया क्या थी और उनका पालन किया गया या नहीं? जो पंचायतें शासन के मापदंड अनुसार इस योजना में पात्र थीं और उनके खातों में राशि नहीं डाली गयी वह राशि कब तक डाल दी जाएगी? जो पंचायतें शासन के मापदंड अनुसार पात्र नहीं थी और राशि जारी कर दी गयी तो उसके लिए कौन जवाबदार है? उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : जी हाँ, 14वां वित्त आयोग परफॉरमेन्स ग्रांट अंतर्गत दिनांक 28.09.2019 को 1148 ग्राम पंचायतों में राशि जारी की गई थी। पंचायतों के चयन के आधार की प्रक्रिया एवं मापदंड के संबंध में मध्यप्रदेश राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 18 दिनांक 18.01.18 को प्रकाशित किया गया था। मापदंड एवं प्रक्रिया अनुसार पालन किया गया। जिला पंचायत द्वारा प्रेषित प्रस्तावों के आधार पर पात्र ग्राम पंचायतों को राशि प्रदाय की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार।
किसानों को उद्वहन सिंचाई योजना का लाभ
[नर्मदा घाटी विकास]
110. ( क्र. 807 ) श्री संजय यादव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता द्वारा बरगी विधान सभा क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य चरगंवा क्षेत्र के किसानों को बांयी तट नहर से उद्वहन सिंचाई योजना द्वारा किसानों को पानी देने हेतु कब-कब पत्र लिखे? उपरोक्त उद्वहन सिंचाई योजना (LIS) के निर्माण हेतु अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी? (ख) उपरोक्त LIS योजना का सर्वे कब कराया गया? योजना से चरगंवा क्षेत्र के किसानों को पानी कब तक प्रदाय किया जा सकेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) इस संबंध में समय-समय पर प्राप्त आवेदनों पर कार्यवाही की गई है। बांयी तट मुख्य नहर से पानी उद्वहन कर 03 उद्वहन सिंचाई योजनाएं परीक्षणाधीन हैं। (ख) उपरोक्त उद्वहन सिंचाई योजनाओं का प्रारंभिक सर्वेक्षण किया गया है। विस्तृत सर्वेक्षण पश्चात प्रस्तावित उद्वहन योजनाओं के साध्य होने की स्थिति में स्वीकृति पश्चात निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य किया जाना लक्षित है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
आपराधिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति निरस्त करना
[गृह]
111. ( क्र. 810 ) श्रीमती रक्षा संतराम सरौनिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री मानवेन्द्र सिंह दांगी पुत्र श्री बलवीर सिंह दांगी निवासी ग्राम वगदा तहसील भाण्डेर जिला दतिया निवासी भोपाल में आरक्षक के पद पर पदस्थ है? क्या आरक्षक मानवेन्द्र सिंह दांगी के ऊपर पुलिस थाना भाण्डेर में आई.पी.सी. की धारा 307, 336, 442, 147, 48, 49, 380, 427, 223, 294, 566, 506वीं के तहत अपराध दर्ज है एवं थाना पण्डोखर में भी धारा 307, 34 बी और यू.पी. के जालोन जिले के कोर्ट चैक बाउंस के मामले पंजीबद्ध हैं, इसके उपरान्त भी पुलिस विभाग द्वारा आरक्षक मानवेन्द्र सिंह दांगी का चरित्र सत्यापित कर उसे पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है? इनके द्वारा अपराध घटित होने के बावजूद भी चरित्र सत्यापन की रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले अधिकारी तथा आरक्षक की नियुक्ति निरस्त नहीं किये जाने के संबंध में कौन दोषी है और अभी तक कोई कार्यवाही किस कारण से नहीं की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 13.08.2019 में ए.डी.जी. चयन भर्ती शाखा भोपाल एवं पुलिस महानिदेशक पुलिस मुख्यालय भोपाल तथा ए.डी.जी. योजना पुलिस मुख्यालय भोपाल को दिनांक 13.08.2019 को लिखित शिकायत एवं संलग्न आपराधिक रिकार्ड प्रस्तुत करने के उपरान्त भी आज दिनांक तक कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? (ग) कृपया (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में आरक्षक मानवेन्द्र दांगी के द्वारा दिये गये झूठे शपथ पत्र के आधार पर नौकरी पर आने पर जाँच को विलंबित करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कब तक कार्यवाही करेंगे? (घ) इसी प्रकार पुलिस व्यापम परीक्षा के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को आरक्षक के पद पर कब तक नियुक्ति प्रदान की जावेगी तथा गंभीर अपराध घटित करने वाले आरक्षक के ऊपर कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। आरक्षक मानवेन्द्र सिंह दांगी के ऊपर पुलिस थाना भाण्डेर में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 40/07, आई.पी.सी. की धारा 307, 336 में माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 26.03.2008 को दोषमुक्त किया गया है एवं अपराध क्रमांक 45/11 धारा 147, 148, 149, 380, 427 भा.द.वि. में खारिजी क्रमांक 37/11 कता किया गया है, जो जे.एम.एफ.जी. न्यायालय भाण्डेर द्वारा दिनांक 20.03.2016 को स्वीकृत किया गया है। अपराध क्रमांक 171/11 धारा 452, 323, 294, 34 भा.द.वि. जिसमें से 452 हटाकर 451 जोड़ी गई का चालान न्यायालय में पेश किया गया जिसका प्रकरण क्रमांक 14/12 है। न्यायालय द्वारा दिनांक 07.09.2012 को दोषमुक्त किया गया है। थाना पण्डोखर में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 125/15 धारा 307, 34, भा.द.वि. में दिनांक 31.12.2015 को खारिजी कता की गई। उत्तर प्रदेश के पुलिस अधीक्षक जनपद जालौन जिले से प्राप्त जानकारी अनुसार मानवेन्द्र सिंह दांगी के विरूद्ध चैक बाउन्स का कोई अभियोग पंजीबद्ध होना नहीं पाया गया है। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्रमांक 3705/14 में पारित निर्णय दिनांक 17.12.2015 के अनुक्रम में मानवेन्द्र सिंह दांगी को आरक्षक के पद पर नियुक्ति आदेश दिनांक 12.01.2017 द्वारा नियुक्ति प्रदान की गई एवं नियमानुसार वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक का पुनः चरित्र सत्यापन कराया गया। आरक्षक मानवेन्द्र सिहं दांगी द्वारा चरित्र सत्यापन हेतु प्रस्तुत अनुप्रमाणन फार्म में उल्लेखित तथ्यों की जांच संबंधित जिला ईकाई से कराई गई। जांच कराये जाने पर आरक्षक के विरूद्ध थाना पण्डोखर में अपराध क्रमांक 125/15 धारा 307, 34 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध होना पाया गया, जिसकी जानकारी चरित्र सत्यापन हेतु प्रस्तुत अनुप्रमाणन फार्म में छिपाई गई, जिसमें खारिजी क्रमांक 2/15 दिनांक 31.12.2015 एवं थाना भाण्डेर में अपराध क्रमांक 248/15 पंजीबद्ध पाया जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर द्वारा दिनांक 09.05.2016 को खारिजी की गई। उक्त अपराध की जानकारी छिपाये जाने पर आरक्षक के विरूद्ध विभागीय जांच क्रमांक 18/17 की गई एवं कार्यालयीन आदेश दिनांक 10.05.2018 द्वारा आरक्षक मानवेन्द्र सिंह दांगी की एक वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिये संचयी प्रभाव से कम किये जाने की शस्ति से दण्डित किया गया। माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में दायर याचिका क्रमांक 3705/2014 में पारित निर्णय दिनांक 17.12.2015 के पालन में मानवेन्द्र सिंह दांगी को नियुक्ति प्रदान की गई है एवं चरित्र सत्यापन में आरक्षक द्वारा जानकारी छिपाये जाने पर उसे उपरोक्त आदेश दिनांक 10.05.2018 के द्वारा दण्डित किया गया है। किसी अधिकारी/कर्मचारी को दोषी नहीं पाया गया है। नियमानुसार समस्त कार्यवाही की गई है। (ख) दिनांक 13.08.2019 में ए.डी.जी. चयन/भर्ती शाखा एवं अन्य शाखा में प्राप्त शिकायत को जांच एवं अग्रिम कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक शहडोल को भेजी गई। दिनांक 13.08.2019 को प्राप्त शिकायत एवं पूर्व के इसी प्रकार की प्राप्त शिकायत में उल्लेखित तथ्य एक ही प्रकार के होने से आरक्षक के विरूद्ध पूर्व में ही विभागीय जांच क्रमांक 18/17 संस्थित की गई, जिसमें पुलिस अधीक्षक शहडोल के आदेश दिनांक 10.05.2018 द्वारा आरक्षक मानवेन्द्र सिंह दांगी को उनके कृत्य पर ''एक वेतन वृद्धि एक वर्ष के लिये संचयी प्रभाव से कम किये जाने’’ की शास्ति से दण्डित किया जाकर उक्त शिकायत पर कार्यवाही की जा चुकी है। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार कार्यवाही की जा चुकी है। जाँच के बिन्दु नियोक्ता अधिकारी के विवेकाधीन होने से इस कार्यालय के पत्र दिनांक 02.12.2019 के द्वारा पुलिस महानिरीक्षक, शहडोल जोन को प्रकरण में जाचं कर, आवश्यक कार्यवाही कर, पुलिस मुख्यालय को अवगत कराने का लेख किया गया है। (घ) व्यापम अथवा पी.ई.बी. के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को निर्धारित प्रक्रिया अनुसार पात्र पाये जाने पर नियुक्तियां दी गई है। प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आरक्षक मानवेन्द्र सिंह दांगी को पुलिस अधीक्षक, शहडोल द्वारा विभागीय सजा से दण्डित किया गया है।
वॉटर शेड योजनांतर्गत कराये गए कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
112. ( क्र. 815 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शिवपुरी जिले में वर्ष 2019 में कोई वॉटर शेड योजना संचालित थी? यदि हाँ, तो कौन-कोन सी योजनाएं कितनी-कितनी लागत की कहाँ-कहाँ पर संचालित थी? इनमें कौन-कौन परियोजना अधिकारी एवं पी.आई.ए. कार्यरत रहे हैं? (ख) उक्त वॉटर सेड योजनाओं में परियोजना अधिकारी हैड से कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के कराये गये तथा कितनी राशि का भुगतान किस संस्था/फर्म/व्यक्ति को किया गया? बिल की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें कि भुगतान हेतु कौन-कौन से कोटेशन प्राप्त हुए थे, जिसमें से कौन सा कोटेशन किसके द्वारा स्वीकृत किया गया है? (ग) उक्त वॉटर सेड योजनाओं में पी.आई.ए. हैड में कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ पर कितनी राशि के कराये गये तथा कितना भुगतान किसे किया गया? भुगतान किये गये बिलों की छायाप्रति एवं कोटेशनों की छायाप्रति संलग्न कर जानकारी दें। (घ) क्या उक्त संचालित वॉटर शेड योजनाओं के अंतर्गत कोई ऋण राशि स्वीकृत की गई है? यदि हाँ, तो किस-किस को कितना-कितना ऋण किसे किस उद्देश्य से स्वीकृत किया गया? ऋण राशि के उपयोग का भौतिक सत्यापन किसके द्वारा किया गया? भौतिक सत्यापन प्रमाण-पत्र की प्रति संलग्न कर जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। परियाजनओं और कार्यरत ब्लॉक समन्वयक व अभियंता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) उक्त वॉटर शेड परियोजनाओं में परियोजना अधिकारी हैड नाम से कोई भी मद नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) पी.आई.ए. हैड के कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। बिलों एवं कोटेशन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 825 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में सचिवों द्वारा गबन की गई राशि पिछले पाँच वर्षों की सचिव के नाम सहित एवं मदवार ब्यौरा देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार सचिवों के ऊपर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार सरपंचों से भूलवश सचिवों द्वारा हस्ताक्षर कराकर राशि का आहरण करने के पश्चात केवल सरपंचों के ऊपर ही कार्यवाही की जाती है जबकि उसमें सचिव भी संलिप्त होते हैं। सचिवों पर भी कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) सतना जिले के सचिवों के ऊपर गबन की कार्यवाही सिद्ध होने के पश्चात् कितने सचिवों पर कार्यवाही की गई? पिछले पाँच वर्षों में कितनी राशि सचिवों से वसूली कर शासन में जमा की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) गबन संबंधी प्रकरणों में मध्यप्रदेश पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत माननीय न्यायालय में प्रकरण पंजीबद्ध किये जाकर, सरपंच एवं सचिवों को सुनवाई का पर्याप्त/समुचित अवसर देते हुये, माननीय न्यायालय द्वारा पारित निर्णय उपरांत, गुण-दोष के आधार पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 09 ग्राम सचिवों के विरूद्ध निलंबन/69 (1) तथा 02 ग्राम पंचायत सचिवों को पंचायतकर्मी पद से पृथक किये जाने की कार्यवाही की गई। सचिवों से राशि रूपये 1293300/- वसूली कर शासन में जमा की गई।
वर्षों से एक ही जगह पदस्थ कर्मचारियों का स्थानांतरण
[गृह]
114. ( क्र. 826 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गृह विभाग द्वारा सतना जिले में चालान से कितनी राशि प्राप्त की गई है और किस मद में खर्च की गई? वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 के दौरान कुल खर्च की गई राशि का ब्यौरा उपलब्ध करायें। (ख) सतना जिले में विगत कई वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ पुलिस विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) पुलिस विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों जिनके विरूद्ध स्थानीय रसूख का उपयोग करके अवैध रूप से वसूली करने के आरोप हैं उन कर्मचारियों व अधिकारियों पर शासन क्या कार्यवाही कर रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) सतना जिले में पुलिस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी जो कि पिछले कई वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं, उनको शासन द्वारा कब तक हटाने की कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) सतना जिले में वर्ष 2017-2018 में 1,11,67,300/- रूपये एवं वर्ष 2018-2019 में 1,14,73,300/- रूपये समन शुल्क की राशि प्राप्त हुई है। जो भारतीय स्टेट बैंक में नियमानुसार जमा की गई है। उक्त राशि किसी भी मद में खर्च नहीं की जाती। (ख) पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को नियमानुसार समयावधि पूर्ण करने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से कोई भी अधिकारी/कर्मचारी एक ही स्थान पर पदस्थ नहीं है। (ग) वर्ष 2019 में अब तक वसूली करने के आरोप से सबंधित 17 शिकायतें प्राप्त हुई है। इनकी जाँच जिले में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों से कराई गई है, जिनमें 15 शिकायतें झूठी पाई गई है, 02 शिकायतें जाँच में है। तथ्य प्रमाणित पाये जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शिकायते झूठी पाए जाने पर कार्यवाही नहीं की जाती है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अंतर्गत समय समय पर अधिकारी/कर्मचारी के स्थानांतरण किए जा रहे हैं। पिछले कई वर्षों से कोई भी अधिकारी/कर्मचारी एक ही स्थान पर पदस्थ नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मध्यान्ह भोजन के संचालन हेतु नियम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
115. ( क्र. 827 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में पूर्व सरकार द्वारा नगरीय क्षेत्र के एकीकृत रसोईघर एवं मध्यान्ह भोजन का संचालन हेतु नीति एवं निर्देश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो म.प्र. के स्थापना दिवस के कार्यक्रम के दिन सतना शहर में उक्त एजेंसी द्वारा मध्यान्ह भोजन के अतंर्गत बासा/खराब खाना परोसा गया? यदि हाँ, तो ऐसी संस्था के मध्यान्ह भोजन हेतु दिये गये ठेके के निरस्ती की कार्यवाही कब तक की जायेगी? (ख) क्या मध्यान्ह भोजन संचालन कराने हेतु जो नियम एवं शर्तें निर्धारित की गई उनमें परिवर्तन कर छोटे-छोटे स्थानीय पंजीकृत संस्थाओं एवं स्व-सहायता समूहों को स्थानीय रोजगार देने हेतु क्या पूर्व के नियमों में संशोधन के आदेश जारी करायेंगे, जिससे बच्चों को साफ-सुथरा खाना उपलब्ध कराया जा सके? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में जारी संस्था को हटाकर स्थानीय पंजीकृत संस्थाओं एवं स्व-सहायता समूह से सतना नगरीय निकाय में मध्यान्ह भोजन एवं रसोइघर द्वारा कार्य संचालन का आदेश जारी कब तक करेंगे? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या मध्यान्ह भोजन के अंतर्गत मानक स्तर की सामग्री का गुणवत्ता की जाँच समय-समय पर कराई जाती है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के दिन सतना शहर में केन्द्रीयकृत किचिन व्यवस्था अंतर्गत संलग्न स्वयंसेवी संस्था द्वारा प्रदाय मध्यान्ह भोजन के संबंध में प्राप्त शिकायत की जाँच जिला स्तरीय अधिकारियों से कराई गई, जाँच में शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई हायर सेकेण्डरी स्कूल सतना में भोजन की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गई। जबकि शासकीय माध्यमिक शाला खुंथी में वितरित मध्यान्ह भोजन मेनू अनुसार पाया गया। इस हेतु स्वयंसेवी संस्था को गुणवत्ता में सुधार किये जाने हेतु कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। संस्था द्वारा मेनू अनुसार एवं गुणवत्तायुक्त भोजन प्रदाय किया जा रहा है। भविष्य में खराब भोजन वितरित किये जाने पर संस्था के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ। प्रश्नाधीन नवीन निर्देश जारी किये जा चुके हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में स्वयंसेवी संस्था द्वारा गंभीर अनियमितता नहीं की गई है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। योजनांतर्गत सामग्री की गुणवत्ता की मानक स्तर की जाँच समय-समय पर कराई जाती है।
भोपाल पुलिस द्वारा मादक पदार्थों की जप्ती
[गृह]
116. ( क्र. 830 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल जिले में 01 नवम्बर 2018 से 3 अक्टूबर 2019 में मध्य पुलिस द्वारा मादक पदार्थों की जब्ती के लिये कुल कितनी कार्यवाही की गई है? इन कार्यवाहियों का दिनांक, स्थान, संबंधित थाना एवं जब्त की गई सामग्री तथा उसका मूल्य बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यवाही में पाये गये आरोपी व्यक्तियों के नाम, पिता का नाम, पता एवं उन पर आरोपित धाराओं का विवरण बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित व्यक्तियों के विरूद्ध न्यायालय द्वारा पारित आदेश अथवा इन प्रकरणों की स्थिति बताई जाये।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) भोपाल जिले में 01 नवम्बर 2018 से 03 अक्टूबर 2019 के मध्य कुल 71 एन.डी.पी.एस. एक्ट के प्रकरण पंजीबद्ध किये गये हैं, विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उल्लेखित अवधि में पंजीबद्ध हुए 71 अपराधों में से किसी भी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा आदेश जारी नहीं किये गये है। न्यायालय में लंबित प्रकरणों की संख्या 50 एवं पुलिस कार्यवाही में लंबित प्रकरणों की संख्या 21 है, इस प्रकार कुल 71 प्रकरण लंबित है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
117. ( क्र. 831 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने किसानों को मशीनरी उपलब्ध कराने के लिये निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने के कोई शासनादेश एवं परिपत्र जारी किये हैं? यदि हाँ, तो उसकी प्रतियां उपलब्ध कराई जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित केन्द्रों की स्थापना हेतु मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले को क्या लक्ष्य दिये गये हैं? जिलेवार संख्या बताई जावे। (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित केन्द्रों के संचालन हेतु संचालकगणों को मशीनरी आदि क्रय किये जाने के लिये कितनी एजेंसियां अधिकृत हैं? इन एजेंसियों का निर्धारण किस तरह किया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने हेतु जारी शासनादेश एवं परिपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित करने हेतु जारी किये गये जिलेवार लक्ष्य की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) निजी क्षेत्र में स्थापित किये जाने वाले कस्टम हायरिंग केन्द्रों के लिये संचालकगण निर्धारित यंत्र एवं मशीनरी का क्रय संचालक कृषि अभियांत्रिकी में पंजीकृत 256 यंत्र निर्माता कंपनियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। यंत्र निर्माताओं द्वारा पंजीयन हेतु किये गये ऑनलाईन आवेदन एवं उनके द्वारा सामग्री के संबंध में दिये अभिलेखों के परीक्षण उपरांत शासन द्वारा गठित राज्य स्तरीय पंजीयन समिति के अनुमोदन पश्चात पंजीयन किया जाता है।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत निर्धारित लक्ष्यों में कमी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
118. ( क्र. 837 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों में कमी करने का अनुरोध किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यवाही में ग्रामीण आवासों की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा? (ग) लक्ष्य कम करने के क्या कारण हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) वर्ष 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 के भौतिक/वित्तीय लक्ष्य एवं उपलब्धियों के दृष्टिगत एवं पुराने अनुभवों के आधार पर वित्तीय वर्ष 2019-20 में 6 लाख आवासों पर कार्य करने का निर्णय लिया गया, जो कि विगत वित्तीय वर्षों में से सर्वाधिक है।
शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र में शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
119. ( क्र. 838 ) श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र में कितनी पंचायतों को शौचालय निर्माण के लिए पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी किए हैं? सूची सहित जानकारी दें। (ख) जिन पंचायतों को पूर्णत: प्रमाण-पत्र दिए हैं, वहां शौचालय का निर्माण हितग्राहियों द्वारा बनवाया गया है या किसी निर्माण एजेंसी द्वारा? (ग) क्या पंचायतों को पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी होने के बाद भी कुछ ऐसे हितग्राही हैं जिनके अभी तक शौचालय नहीं बने हैं? हितग्राही का नाम, गाँव का नाम सहित जानकारी दें। (घ) क्या शिवपुरी विधान सभा क्षेत्र के कई ग्रामों में घटिया शौचालय निर्माण की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो इन पर क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में 78 ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण कार्य कराया गया है। शौचालय निर्माण कार्य के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी करने का प्रावधान नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) शौचालय का निर्माण कार्य हितग्राहियों एवं निर्माण एजेंसी के माध्यम से बनवाये जाते हैं, जिनके पूर्णत: प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जाते हैं। (ग) जी नहीं, शौचालय निर्माण के पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी नहीं किये जाते हैं। बेस लाईन सर्वे 2012 में दर्ज लक्ष्य अनुसार शौचालय निर्माण पूर्ण होने पर छूटे हुए 1015 शौचालय चिन्हांकित कर पूर्ण किए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (घ) जी नहीं, शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में घटिया शौचालय निर्माण की शिकायत अब तक प्राप्त नहीं हुई है।
अधिकारी की पदस्थापना एवं व्यय की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
120. ( क्र. 840 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में लगभग 8-10 वर्षों से कृषि एवं कृषि कल्याण विभाग कार्यालय में पदस्थ उप-संचालक सुधीर कुमार धुर्वे जो आत्मा परियोजना में संचालक के पद पर रहते हुए लगभग 2-3 वर्ष पूर्व निलंबित हो चुके हैं, बहाली के बाद भी इन्हें उप-संचालक कृषि के साथ-साथ पुन: आत्मा परियोजना संचालक का प्रभार दिया गया है। क्या सुधीर कुमार धुर्वे की जिला मुरैना में कृषि उपकरण खरीदी प्रकरण में भी जाँच लंबित है? यदि हाँ, तो जाँच की क्या स्थिति है? क्या उक्त परिस्थिति में श्री धुर्वे को उपरोक्त प्रभार दिये जा सकते हैं? क्या यह शासन/विभाग के नियम अनुकूल है? यदि नहीं, तो इन्हें जिले एवं इनके प्रभार से कब तक पृथक किया जावेगा? (ख) सिवनी, खरगोन, छिन्दवाड़ा एवं बालाघाट जिले में वर्ष 2017 से आज दिनांक तक विभाग एवं शासन से प्राप्त मद के विरूद्ध विभिन्न योजनाओं के प्रचार-प्रसार, बीज एवं माइक्रो न्यूटिएट में खरीदी में व्यय की गयी राशि का विवरण वर्षवार देवें। (ग) सिवनी जिले में कृषि एवं कृषि कल्याण विभाग एवं आत्मा परियोजना के शासकीय कार्यों के संपादन हेतु जिले के विभिन्न अधिकारियों द्वारा उपयोग किये निजी एवं शासकीय वाहनों में व्यय राशि का सूक्ष्म विवरण की जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) म.प्र.शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के आदेश क्रमांक एफ 4ए/34/2016/14-1 दिनांक 02.08.2016 द्वारा श्री सुधीर कुमार धुर्वे, उप-संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सिवनी को निलंबित किया गया एवं समसंख्यक आदेश दिनांक 25.10.2016 द्वारा श्री धुर्वे को निलंबन से बहाल कर परियोजना संचालक, आत्मा जिला सिवनी के पद पर पदस्थ किया गया। विभागीय आदेश क्रमांक एफ1ए/31/2017/14-1, दिनांक 30.06.2017 द्वारा श्री धुर्वे को सिवनी जिले में उप-संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास के पद पर पदस्थ किया गया एवं परियोजना संचालक, आत्मा सिवनी का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया। श्री धुर्वे दिनांक 17.07.2017 को उप-संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला सिवनी का प्रभार लिया गया है। श्री धुर्वे, उप-संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मुरैना के पद पर पदस्थ अवधि में की गई अनियमितताओं के लिए शासन के पत्र क्रमांक एफ 4ए/27/2014/14'1 दिनांक 12.08.2016 द्वारा आरोप पत्र जारी किये गये। विभागीय जाँच की कार्यवाही गुण-दोष के आधार पर की जावेगी। (ख) सिवनी, खरगोन, छिन्दवाड़ा, बालाघाट की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है।
नल-जल योजनाओं के संधारण कार्यों की व्यय सीमा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
121. ( क्र. 861 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की ग्राम पंचायतें शासन से प्राप्त कुल राशि में से मात्र 10% राशि ही पुरानी नल-जल योजना के संधारण एवं विस्तारीकरण में खर्च कर सकती हैं? (ख) क्या विभाग, ग्रीष्म काल में गाँव-गाँव में उथले हैंडपंपों के सूख जाने से होने वाले जल संकट से परिचित है? इस समय नल-जल योजना का गहरा नलकूप ही पंचायत आपूर्ति कर पाता है? (ग) क्या विभाग नल-जल योजना के विस्तार के महत्व को समझते हुये नयी पाइप लाईन खरीदने, नयी मोटर खरीदने एवं उन्हें बिछाने की योजना को नवीन अधोसंरचना के रूप में परिभाषित करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या विभाग पेयजल संबधी कार्यों में व्यय की सीमा 10% से बढ़ाकर 30% करने पर विचार करेगा? यदि हाँ, तो कब तक बढ़ाया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) हाँ ''महात्मा गांधी ग्राम स्वराज एवं विकास योजना'' अंतर्गत ग्राम पंचायतों के आधिपत्य वाली नल-जल योजना के संधारण पर एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त कुल राशि में से अधिकतम 10 प्रतिशत राशि खर्च करने के निर्देश है। (ख) विभाग ग्रीष्म काल में जल संकट की स्थिति में अवगत है। (ग) नल-जल योजना के विस्तार एवं पेयजल संबंधित वृहद कार्य, अधिक लागत की योजनाएं तकनीकी प्रवृत्ति होने के कारण लोक सेवा यांत्रिकी विभाग द्वारा संपादित कराए जाते हैं। ग्राम पंचायत द्वारा पेयजल व्यवस्था के रख-रखाव हेतु लघु मूल कार्य किए जाते हैं। ग्राम पंचायत के स्वामित्व वाली नल-जल योजनाओं के संधारण कार्यों की व्यय सीमा 10 प्रतिशत से बढ़ाने हेतु विचार किया जा रहा है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) ग्राम पंचायत के स्वामित्व वाली नल-जल योजनाओं के संधारण कार्यों की व्यय सीमा 10 प्रतिशत से बढ़ाने हेतु विचार किया जा रहा है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
कर्ज माफी की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
122. ( क्र. 862 ) श्री अजय विश्नोई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में अक्टूबर माह तक कितने ऋणी किसानों का 50 हजार से 2 लाख तक का कर्ज माफ किया गया है तथा इस कर्ज माफी में कुल कितनी राशि व्यय हुयी है? (ख) अनुपूरक बजट में प्रावधानित 5000 करोड़ रू. एवं मुख्य बजट में प्रावधानित 8000 करोड़ रू. से कुल कितने किसानों के कर्ज माफ किये गये हैं? कितनी राशि व्यय हो गयी है और कितनी शेष है? (ग) कितने किसानों ने सरकार के वचन पर भरोसा करके कर्ज नहीं चुकाया और वे डिफाल्टर हो गये तथा दण्ड ब्याज के भागीदार हो गये? क्या शासन इन किसानों को लगे दण्ड ब्याज का भुगतान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (घ) क्या डिफाल्टर हो जाने के कारण अधिकांश किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा नहीं हो पाया? यदि हाँ, तो उसके दोषी कौन-कौन है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रदेश में अक्टूबर माह तक 2022731 किसानों के राशि रूपये 7154.36 करोड़ के ऋण माफी की स्वीकृति दी जा चुकी है। (ख) वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रावधानित राशि रूपये 8000 करोड़ के विरूद्ध विमुक्त राशि 6400 करोड़ में से राशि रूपये 2821.12 करोड़ का व्यय किया जा चुका है एवं राशि रूपये 3578.47 करोड़ शेष है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
हनी ट्रेप प्रकरण की जाँच
[गृह]
123. ( क्र. 871 ) श्री के.पी. सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या हनी ट्रेप प्रकरण की जाँच एस.आई.टी. द्वारा की जा रही है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) का उत्तर हाँ है, तो क्या एस.आई.टी. द्वारा जाँच कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध कराते हुए जाँच निष्कर्ष का पूर्ण ब्यौरा दें। (ग) यदि जाँच कार्यवाही पूर्ण नहीं हुई है, तो कब तक पूर्ण होगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं, संबंधित प्रकरण अभी विवेचनाधीन है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रकरण अनुसंधान में होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वेतन भत्तों का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
124. ( क्र. 872 ) श्री के.पी. सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र.शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र क्र. एफ 5-1/2012/1/3, दिनांक 7.10.2016 के अनुसार म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम के पात्र दैनिक वेतन भोगी श्रमिक, जो स्थायीकर्मी में विनियमित नहीं किये गये हैं, की संवर्गवार सूची प्रस्तुत करें। (ख) क्या उपरोक्त परिपत्र दिनांक 7.10.2016 के अनुसार निगम के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायी कर्मी में विनियमित कर दिनांक 1.09.2016 से वरिष्ठता एवं वेतन निर्धारित कर बढ़े हुए वेतन भत्ते की राशि का भुगतान किया जा चुका है? कर्मचारीवार दी गई राशि का विवरण दें। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) का उत्तर नहीं है, तो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायीकर्मी का वेतनमान स्वीकृत न करने एवं बढ़े हुए वेतन भत्तों का भुगतान नहीं करने का कारण क्या है? इसके लिए कौन दोषी है? नाम, पदनाम सहित बतावें। कब तक बढ़े हुए वेतन भत्तों का भुगतान कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) कार्यवाही प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) बीज निगम की वित्तीय परिस्थितियों पर संचालक मण्डल से अनुमोदन पश्चात बढ़े हुये वेतन भत्तों के भुगतान के संबंध में निर्णय लिया जावेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
125. ( क्र. 874 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3488 दिनांक 22 जुलाई 2019 के उत्तर भाग (ग) में भानपुरा जिला मुरैना को 100 लाख रूपये स्वीकृत होने का उत्तर दिया है। (ख) यदि हाँ, तो प्रश्नांश (क) के अनुसार पर्यटक स्थल पर क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी लागत से किस क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा कार्य कराये गये, की जानकारी कार्य विवरण, लागत राशि व वर्तमान स्थिति से अवगत करावें एवं मांग संख्या व शीर्ष/उपशीर्ष का भी उल्लेख होना चाहिये।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
प्रश्नकर्ता के पत्र पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
126. ( क्र. 875 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 3487 दिनांक 22 जुलाई 2019 के अनुसार सी.ई.ओ. जिला पंचायत मुरैना ने प्रश्नकर्ता को पत्र का उत्तर देने का उल्लेख है? यदि हाँ, तो पत्र प्राप्तकर्ता के हस्ताक्षर व दिनांक सहित प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र में सी.ई.ओ. जिला पंचायत मुरैना द्वारा महाप्रबंधक प्रधानमंत्री सड़क/मुख्यमंत्री सड़क योजना क्रियान्वयन इकाई मुरैना को भेजना बताया गया है? यदि हाँ, तो पत्र पर अब तक क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। कार्यालयीन डाक द्वारा सूचनार्थ प्रति की पावती संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। महाप्रबंधक, म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना क्रियान्वयन इकाई मुरैना के पत्र क्रमांक 1239/म.प्र.ग्रा.स.वि.प्रा./तक./2019 दिनांक 15.07.2019 द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मुरैना को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है।
व्यापम घोटाले के प्रकरणों की जाँच
[गृह]
127. ( क्र. 951 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि व्यापम घोटाले के जिन 212 प्रकरणों की जाँच सी.बी.आई. द्वारा की जा रही है उनके अलावा अन्य प्रकरणों की जाँच हेतु निर्देश दिये गये हैं? यदि हाँ, तो यह निर्देश किस दिनांक को दिये गये तथा प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या यह सही है कि प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पूर्व विधायक पारस सकलेचा, आनन्द राय, आशीष चतुर्वेदी के बयान लिये गये? यदि हाँ, तो बयानों की दिनांक बताये तथा उन बयानों के आधार पर किस-किस पर प्रकरण दर्ज किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या पूर्व विधायक पारस सकलेचा के बयान के आधार पर व्यापम घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भूमिका की जाँच विवेचना/अनुसंधान किया जा रहा है? (घ) क्या व्यापम घोटाले के बिन्दुओं पर नये सिरे से होने वाली जाँच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा डी-मेट के माध्यम से भर्ती, स्टेट कोटे में भर्ती, एन.आर.आई. कोटे में भर्ती की जाँच, अनुसंधान किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) क्या व्यापम घोटाले की नये सिरे से हो रही जाँच में कोई समय-सीमा तय की गई है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) यह सही है कि व्यापम घोटाले के जिन प्रकरणों की जाँच सी.बी.आई. द्वारा की जा रही है उनके अलावा पूर्व से लंबित अन्य शिकायतों की जाँच विभागीय मंत्री के आदेश के अनुरूप की जा रही है। प्रश्न दिनांक तक उक्त प्रकरणों में शिकायतकर्ताओं के कथन, अनावेदकों के कथन, साक्षियों के कथन एवं व्यापम, मेडीकल कॉलेजों को पत्र, भर्ती संबंधी विभागों से पत्राचार एवं सी.बी.आई. तथा अन्य विभागों से पत्राचार कर जानकारी प्राप्त की जा रही है। (ख) जी हाँ। प्रश्नांश (क) के संदर्भ में माननीय पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा के बयान दिनांक 11.09..2019 से 13.09.2019 को, डॉ. श्री आनंद राय के बयान दिनांक 28.08.2019 को एवं श्री आशीष चतुर्वेदी के बयान दिनांक 19.08.2019 को एस.टी.एफ. द्वारा लेखबद्ध किए गये। वर्तमान में दर्ज प्रकरण निरंक है, क्योंकि शिकायत जाँच प्रगति पर है जिसके निष्कर्ष के आधार पर साक्ष्यानुरूप प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही संभव हो सकेगी। (ग) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम के नए बिन्दुओं के संबंध में समुचित जाँच बिना किसी भेदभाव तथा निष्पक्षतापूर्वक की जा रही है। (घ) डी-मेट द्वारा निजी कॉलेजों में भर्ती की परीक्षा संचालित की जाती थी इस संबंध में विवेचना इकाई निर्धारण को लेकर माननीय उच्चतम न्यायालय में रिट पिटीशन क्र. 114/15 एवं 115/15 लंबित हैं। माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णयानुरूप इस संबंध में कार्यवाही संभव हो सकेगी। (ड) एस.टी.एफ. द्वारा नए सिरे से हो रही जाँच को अतिशीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं, परंतु आरोपों की व्यापकता के परिप्रेक्ष्य में कोई समय-सीमा निर्धारित किया जाना संभव नहीं है।
व्यापम घोटाले में लंबित प्रकरणों की जाँच
[गृह]
128. ( क्र. 960 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 379, दि. 08 जुलाई 2019 का उत्तर दिलाया जाये तथा बतावें कि व्यापम घोटाले में लंबित 1040 शिकायतों पर अनुसंधान प्रारंभ किया गया या नहीं? (ख) क्या सी.बी.आई.-पी.एम.टी. परीक्षा 2011-12 तथा 2013 में हुए घोटाले की जाँच कर रही है? यदि हाँ, तो क्या एस.टी.एफ. 2006 से 2010 तक पी.एम.टी. परीक्षा में हुए घोटाले की जाँच करेगा? (ग) क्या सी.बी.आई. 2009 से 2013 तक आयोजित आठ भर्ती परीक्षाओं की जाँच कर रहा है? यदि हाँ, तो इस अवधि में हुई शेष 27 भर्ती परीक्षाओं की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा की जावेगी? (घ) क्या सी.बी.आई. ने 2012 की पी.एम.टी. परीक्षा के माध्यम से निजी चिकि. महाविद्यालयों में स्टेट कोटे में हुई भर्ती में घोटाला पाकर निजी चिकित्सा महाविद्यालय के मालिकों पर प्रकरण दर्ज किया? यदि हाँ, तो बतावें कि एस.टी.एफ. ने 2012 पी.एम.टी. घोटाले की जाँच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय को शामिल क्यों नहीं किया था? क्या इस बिन्दु पर एस.टी.एफ. की भूमिका की जाँच की जावेगी? (ड.) क्या व्यापम की नये बिन्दुओं की हो रही जाँच में 2006 से 2013 तक घोटाले के लिये तात्कालीन मुख्यमंत्री तथा तात्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री की जाँच की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 379 का उत्तर प्रेषित किया है। व्यापम घोटाले में सी.बी.आई. को 212 प्रकरण हस्तांतरण के उपरांत 1040 शिकायतों में तत्कालीन पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन उपरांत 530 शिकायतों को आवश्यक कार्यवाही हेतु संबंधित जिलों को भेजा गया, 313 शिकायतों को नस्तीबद्ध किया गया तथा 197 शिकायतें एस.टी.एफ. के स्तर पर लंबित रहीं। एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम घोटाले में लंबित 197 शिकायतों की जाँच की जा रही है। (ख) सी.बी.आई. में प्राप्त जानकारी अनुसार उनके द्वारा उच्चतम न्यायालय के आदेश के परिपालन में पी.एम.टी. एवं अन्य परीक्षा 2004 से 2013 तक की प्रकरणों की जाँच की जा रही है, जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार। सी.बी.आई. को माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुरूप सुपुर्द किए गए प्रकरणों के अतिरिक्त शेष लंबित प्रकरणों की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा की जा रही है। (ग) प्रश्नांश (ग) का उत्तर प्रश्नांश (ख) के उत्तर में समाहित है। उक्त अवधि की परीक्षाओं के नाम स्पष्ट न होने से जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (घ) प्रश्नांश (घ) के संबंध में सी.बी.आई. कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त अपराध संबंधी जानकारी प्राप्त हुई जो संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली द्वारा रिट पिटीशन क्रमांक 372/15 में दिनांक 09.07.2015 को पारित आदेश के परिपालन में व्यापम संबंधी प्रकरण सी.बी.आई. को हस्तांतरित किए जाने से प्रश्नांश के संबंध में कोई टीप दिया जाना संभव नहीं है। सी.बी.आई. द्वारा यदि प्रकरण की विवेचना में कमी/लापरवाही पाई जाती है, तो विशिष्ट नोट भेजे जाने पर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जाती है। (ड) व्यापम की नये बिन्दुओं की जाँच बिना किसी भेदभाव तथा निष्पक्षतापूर्वक की जा रही है।
लंबित शिकायतों पर कार्यवाही
[गृह]
129. ( क्र. 961 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 1927 दि. 15 जुलाई 2019 के संदर्भ में बतायें कि घनश्याम धाकड़ की मृत्यु के संबंध में डेढ़ वर्ष तक मजिस्ट्रीयल जाँच लंबित रखना क्या अपराध नहीं है तथा इसके लिये जिम्मेदार पर कार्यवाही नहीं की जावेगी? (ख) प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश (क) में उल्लेखित संदर्भ में बतावें कि 17.12.2018 से प्रचलन में आई मजिस्ट्रीयल जाँच किस दिनांक को प्राप्त हुई, उसमें घनश्याम धाकड़ की मृत्यु के लिये किसे जिम्मेदार माना गया? जाँच रिपोर्ट की प्रति देवें। (ग) मंदसौर गोली काण्ड पर तथा जैन आयोग की रिपोर्ट की विवेचना का कार्य किस अधिकारी को किस दिनांक को सौंपा गया? क्या 13 जून 2018 को प्राप्त जैन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर 29 जून 2018 को मंदसौर गोली काण्ड के लिए जिम्मेदार तात्कालीन कलेक्टर तथा एस.पी. को क्या बहाल कर दिया? यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें। (घ) मंदसौर गोली काण्ड पर गठित जैन आयोग की रिपोर्ट को विधान सभा के पटल पर कब रखा जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। मजिस्ट्रीयल जाँच वर्तमान में प्रचलित है। शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होता। (ग) जाँच आयोग की रिपोर्ट पर परीक्षण तथा कार्यवाही प्रचलन में है। जी नहीं, अधिकारियों को अखिल भारतीय सेवा अनुशासन एवं अपील नियम 1969 के तहत बहाल किया गया है। (घ) कार्यवाही प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को सामग्रियों एवं यंत्रों का प्रदाय
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
130. ( क्र. 964 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल संभाग में उद्यानिकी फसल क्षेत्र विस्तार एवं यंत्रीकरण योजना के अंतर्गत विगत तीन वर्षों में कितने किसानों को क्या-क्या आदान एवं अन्य सामग्री और क्या-क्या यंत्र दिये गये और सामग्रियों और यंत्रों की गुणवत्ता परीक्षण और भौतिक सत्यापन किस नाम, पदनाम के किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब किया गया? विवरण उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन के क्या निर्देश थे और क्या हितग्राहियों को प्रदत्त पौधों के रोपण और वर्तमान स्थिति की जाँच उपरांत अनुदान राशि वितरित की गई थी? यदि हाँ, तो जाँच के क्या प्रतिवेदन थे? यदि नहीं, तो क्यों? इस सबंध में जारी विभागीय निर्देशों की प्रति भी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के तहत क्या फसल क्षेत्र विस्तार योजना के तहत लाभान्वित किसानों को ड्रिप सामग्री प्रदाय की गई थी? यदि हाँ, तो किस आदेश के तहत और इन हितग्राहियों से क्या-क्या दस्तावेज चाहे गये थे? (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या फसल क्षेत्र विस्तार एवं यंत्रीकरण योजना के क्रियान्वयन में शासनादेश का उल्लंघन होना परिलक्षित है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) फल क्षेत्र विस्तार एवं यंत्रीकरण योजना के क्रियान्वयन के निर्देश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' पृष्ठ क्रमांक-01 से 21 अनुसार है। जी हाँ। फल क्षेत्र विस्तार योजना के दिशा-निर्देशानुसार सत्यापन के दौरान प्रथम वर्ष में 75 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष 90 प्रतिशत एवं तृतीय वर्ष में 100 प्रतिशत पौधे किसानों के खेत पर जीवित होने पर पात्रतानुसार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष में अनुदान दिया जाता है। विभागीय निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) नहीं। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु योजना
[पर्यटन]
131. ( क्र. 965 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा प्रदेश के पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु कोई योजना बनाई है? यदि हाँ, तो योजना संबंधी दिशा-निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक अनूपपुर जिले के कौन-कौन से स्थल पर्यटन विकसित करने हेतु चयनित किये गये उक्त अवधि में विभाग द्वारा कितनी-कितनी लागत के कौन-कौन से कार्य कब स्वीकृत किये गये? स्थल का नाम, कार्य विवरण, व्यय राशि संबंधित एजेंसी संबंधी जानकारी वर्षवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या अनूपपुर जिले के अंतर्गत पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र में प्राचीन गणेश मंदिर एवं कुंड के सौन्दर्यीकरण-जीर्णोद्धार हेतु विभाग को कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ था? यदि हाँ, तो क्या तकनीकी प्रस्ताव के अनुसार राशि स्वीकृत कर दी गई है? यदि नहीं, तो किन कारणों से? उक्त मंदिर के सौन्दर्यीकरण-जीर्णोद्धार हेतु राशि कब तक स्वीकृत कर दी जावेगी? (ग) पुष्पराजगढ़ विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे कितने प्राचीन स्थल हैं जिनको पर्यटन के क्षेत्र में विकसित करने हेतु चयन किया गया है? साथ ही माँ नर्मदा मंदिर, अमरकंटक के विकास संबंधी कितने कार्य, कहाँ-कहाँ वर्ष 2013 से प्रश्न दिनांक तक कराये गये? क्रियान्वयन एजेंसी, व्यय राशि, कार्य विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु राज्य बजट में स्वीकृति प्रदान की जाती है। प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने हेतु पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार को स्वदेश पर्यटन एवं प्रसाद योजनान्तर्गत चिन्हांकित पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों में पर्यटन अधोसंरचनाओं का निर्माण हेतु प्राप्त स्वीकृति अनुसार कार्यवाही की जाती है। योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। मध्यप्रदेश शासन द्वारा पर्यटन स्थलों को विकसित करने हेतु राज्य बजट से स्वीकृतियां प्रदान करने के साथ–साथ भूमि संबंधी नीति हैरिटेज प्रापर्टी नीति, WSA नीति, वॉटर टूरिज्म नीति तथा केंपिंग साईट के विकास हेतु आदि विभिन्न नीतियां बनाई गई है। अनूपपुर जिले में पर्यटन विकसित करने हेतु किये गये कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार। (ख) आदिवासी उपयोजना में बजट आवंटन के विरूद्ध गणेश मंदिर धराहर कुंड में विकास कार्य हेतु राशि 65.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) चिन्हांकित स्थलों एवं कार्य की जानकारी परिशिष्ट में दर्शित है। माँ नर्मदा मंदिर में कोई कार्य नहीं किया गया है। अपितु मंदिर के समीप जनसुविधाओं का निर्माण किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार।
निर्माण कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
132. ( क्र. 968 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन को केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2019 से किन-किन विकासखण्डों में 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत स्वकराधान प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है एवं स्वकराधान प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? स्वकराधान प्रोत्साहन योजना में राशि स्वीकृति हेतु क्या गाईड लाइन भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन की है? स्वच्छ छायाप्रति उपलब्ध करावें। राशि स्वीकृति की जानकारी विकासखण्डवार एवं ग्राम पंचायतवार देवें। प्रोत्साहन प्राप्त ग्राम पंचायतों द्वारा कितनी-कितनी राशि कर के रूप में वसूली कर ग्राम पंचायत के खाते में जमा की गई है? मदवार एवं ग्राम पंचायतवार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिरोंज विकासखण्ड में बिना कार्य के मूल्यांकन के राशि का आहरण किया गया है, जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विदिशा वित्तीय अनियमितताएं, आर्थिक भ्रष्टाचार एवं घटिया निर्माण की जाँच में दोषी पाये गये थे? यदि हाँ, तो प्रत्येक ग्राम पंचायत का जाँच प्रतिवेदन उपलब्ध कराते हुए जाँच निष्कर्ष बतावें तथा क्या सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच/सचिव/रोजगार सहायकों पर कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो बतावें। यदि नहीं, तो कार्यवाही क्यों नहीं की गई? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्या उक्त योजना से आर्थिक भ्रष्टाचार व घटिया निर्माण व निजी भूमि, वन भूमि पर कार्य की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन के पूर्ण तथ्य व जानकारी देते हुए दोषी व उत्तरदायी कर्मचारी व जनप्रतिनिधि के नाम व पद सहित जानकारी देवें तथा क्या उक्त राशि का आहरण प्रिया सॉफ्टवेयर से किया गया है? यदि नहीं, तो इसके लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी कौन है? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्या उक्त निर्माण कार्यों के उपयंत्री द्वारा स्थल निरीक्षण के दिनांक, तकनीकी स्वीकृति क्रमांक व दिनांक, प्रशासकीय स्वीकृति क्रमांक व दिनांक, उपयंत्री द्वारा ले-आउट का दिनांक, मूल्यांकन का दिनांक स्थल पर, स्थल निरीक्षण उपयंत्री/सहायक यंत्री/मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारियों द्वारा किन-किन दिनांकों में कार्यस्थल पर जाकर निरीक्षण किया गया, उसकी दिनांक तथा कार्यपूर्णता की दिनांक बतावें। क्या उक्त कार्यों में मनरेगा कन्वर्जेन्स किया गया? यदि हाँ, तो उसकी वर्क कोड जनरेट दिनांक बतावें। यदि नहीं, तो क्यों? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) के संदर्भ में क्या उक्त कार्य ग्राम पंचायतों द्वारा पूर्व में हुए कार्यों के स्थल पर ही कर दिये गये है? यदि हाँ, तो इसके लिए दोषी कौन है तथा दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई तथा क्या उक्त कार्यों के मटेरियल की टेस्टिंग कराई गई है? यदि हाँ, तो बतावें? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत परफॉरमेंस ग्राण्ट मद में एक जनवरी 2019 से विकास खण्डवार एवं ग्राम पंचायतवार स्वीकृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। भारत सरकार की गाइड-लाइन अनुसार मध्यप्रदेश शासन द्वारा तैयार गाइड-लाइन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। कर के रूप में वसूल की गई 20 जिलो की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है, 14 जिलों से जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) सिरोंज विकासखण्ड की कुल 10 पंचायतों में बिना कार्य के मूल्यांकन के राशि का आहरण के संबंध में दोषी पाए गए थे। जिसमें से 06 सचिवों को सेवा से पृथक किया गया। (ग) वन भूमि में कार्य करने की शिकायत प्राप्त हुई है किन्तु परफॉरमेंस ग्राण्ट मद से कार्य वनभूमि में नहीं कराए गए। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) स्वीकृत कार्यों में नियमानुसार मनरेगा कर्न्वजेन्स किया गया हैं, जिसकी वर्क कोड एवं दिनांक की जानकारी तथा स्थल निरीक्षण समय-समय पर उपयंत्री/सहायक यंत्री एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिरोंज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। (ड) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द में कॉलम नंबर 23 अनुसार सामग्री परीक्षण हेतु ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग विदिशा की लेब में मटेरियल टेस्ट हेतु भेजा गया है।
अपराधों पर की गई कार्यवाही
[गृह]
133. ( क्र. 969 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में विगत 1 वर्ष में अपराधों पर बढ़ोत्तरी हुई है? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण है? 12 दिसम्बर 2017 से 12 दिसम्बर 2018 तक की तुलनात्मक जानकारी देवें। (ख) दिनांक 12 दिसम्बर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक भोपाल संभाग में हत्या, चोरी, लूट-पाट, डकैती, आत्महत्या, किसान आत्महत्या, बलात्कार, नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, मारपीट, अपहरण, नकबजनी, फिरोती आदि की कुल कितनी घटनायें एवं अपराध घटित हुए है तथा कितने प्रकरण दर्ज हुए है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में दिनांक 12 दिसम्बर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक विदिशा जिले में उक्त कितनी घटनाएं घटित हुई है एवं इन आरोपों के संबंध में कितने आवेदकों द्वारा आवेदन अथवा एफ.आई.आर. दर्ज करवाकर शिकायतें की गई है? थानावार संख्यात्मक जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्त अपराधों के निराकरण हेतु पुलिस द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है तथा उक्त कितने प्रकरणों में दोषियों की गिरफ्तारी नहीं की गई है एवं अभी तक कितने प्रकरणों पर अभियोजना की कार्यवाही की गई है तथा कितने शेष है एवं अभी तक कितने प्रकरणों पर कार्यवाही नहीं की गई है? इसके लिए दोषी कौन है? दोषियों पर कार्यवाही कर आवेदकों को कब तक न्याय प्रदान किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (घ) सभी प्रकरणों पर विधि अनुरूप कार्यवाही की गई है, अतः इस लिए कोई दोषी नहीं है।
दोषी सरपंचों को पद से पृथक किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
134. ( क्र. 972 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जनपद पंचायत परासिया के अंतर्गत ग्राम पंचायत इकलहरा एवं ग्राम पंचायत भाजीपानी ग्राम पंचायतों के सरपंच ग्राम पंचायत में विभिन्न अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के संबंध में दोषी पाये गये हैं और सरपंचों के विरूद्ध म.प्र. पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के कार्यालय में लम्बे समय से प्रचलित है? यदि हाँ, तो क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी, के द्वारा प्रचलित प्रकरण पर निर्णय लेने में काफी विलम्ब किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ख) ग्राम पंचायत इकलहरा एवं ग्राम पंचायत भाजीपानी दोनों ही पंचायतों के दोषी पाये गये सरपंचों के द्वारा वर्तमान में निरंतर पंचायतों के कार्यों का निष्पादन क्यों किया जा रहा है? दोनों ही पंचायतों के सरपंचों को पद से पृथक क्यों नहीं किया है? दोनों ही पंचायतों के सरपंचों के विरूद्ध धारा 40 के प्रचलित प्रकरण पर कब तक निर्णय लेकर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के द्वारा ग्राम पंचायत इकलहरा एवं ग्राम पंचायत भाजीपानी के सरपंचों को अपने पद से पृथक कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्नकर्ता द्वारा क्या जिलाध्यक्ष महोदय छिन्दवाड़ा व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत छिन्दवाड़ा को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2019/1496 दिनांक 22/08/2019 एवं अपर मुख्य सचिव महोदय पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल को पत्र क्र.वि.स./परासिया/127/2019/1532 दिनांक 26/08/2019 के माध्यम से ग्राम पंचायत इकलहरा द्वारा संपूर्ण आहरित राशि की उच्च स्तरीय जाँच कमेटी के माध्यम से कराये जाने के संबंध में पत्र प्रेषित किया गया था? शिकायत पत्र पर अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो उसका क्या कारण है? कब तक कार्यवाही उच्च स्तरीय जाँच कमेटी द्वारा पूर्ण करा ली जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। धारा-40 का प्रकरण लम्बे समय से प्रचलित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रकरण में माननीय न्यायालय में सुनवाई की जा रही है। प्रकरण में निर्णय उपरांत गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही की जायेगी। प्रकरण मान. न्यायालय में होने से समय-सीमा बतलाई जाना संभव नहीं है। (ग) जी हाँ। प्रकरण में जाँच की कार्यवाही की जाकर दिनांक 14.08.2019 को म.प्र. पंचायत एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 एवं 92 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल घोषित किया जाना
[पर्यटन]
135. ( क्र. 973 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत जिल्हेरी घाट (ग्राम पंचा. इटावा), देवरानी दाई मंदिर (ग्राम पंचा. तुरसी), हिंगलाज मंदिर (ग्राम पंचा. अम्बाड़ा), कोसमी हनुमान मंदिर (ग्राम पंचा. सोनापीपरी), माँ खेड़ापति मंदिर (नगर पंचायत चांदामेटा), जहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों का आना-जाना रहता है, को अभी तक शासन/विभाग द्वारा पर्यटन स्थल घोषित क्यों नहीं किये गये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपरोक्त सभी प्रसिद्ध स्थलों को शासन/विभाग द्वारा पर्यटन स्थल घोषित किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय एवं प्रमुख सचिव महोदय पर्यटन विभाग को पत्र प्रेषित किया गया है? यदि हाँ, तो उन पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपरोक्त सभी प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों को श्रद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों की सुविधा को देखते हुए, शासन/विभाग द्वारा कब तक पर्यटन स्थल घोषित कर दिया जायेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। नवीन पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 के अर्तगत पर्यटन स्थल घोषित करने की नीति नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रश्नकर्ता के द्वारा पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2019/1311, दिनांक 19/07/2019 एवं पत्र क्रमांक वि.स./परासिया/127/2019/1322, दिनांक 20/07/2019 प्राप्त हुये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) नवीन पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 के अर्तगत पर्यटन स्थल घोषित करने की नीति नहीं है।
प्रस्तावित ग्रामीण मार्गों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
136. ( क्र. 984 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के चित्रकूट विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01/01/2017 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत कितनी ग्रामीण सड़कें प्रस्तावित हुई, कितनी बनी? लागत सहित विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में निर्मित सड़कों की वर्तमान स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में प्रस्तावित सड़कों के कितने प्रकरण लंबित है? पंचायतवार, राशिवार विवरण दें तथा कारण भी बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में लंबित प्रस्तावों पर कब-कब क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा इन्हें कब तक पूरा किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2017 से प्रश्न दिनांक तक मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं प्रधानमंत्री सड़क योजनांतर्गत स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कें प्रस्तावित नहीं है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 15 सड़कें प्रस्तावित हैं, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) निर्मित सडंकों की गुणवत्ता संतोषप्रद है। (ग) प्रस्तावित सडंकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) विभागांतर्गत वित्तीय संसाधन पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से प्रस्तावित सडंकों की स्वीकृति जारी नहीं हुई। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
प्रधानमंत्री
फसल बीमा
योजनांतर्गत
किसानों का
बीमा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
137. ( क्र. 992 ) श्री मनोज चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में देवास, शाजापुर जिलों में कुल कितने किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा हुआ तथा कुल बीमा राशि कितनी बीमा कंपनी को दी गई? जिलेवार जानकारी बतायें। (ख) वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में इन जिलों में राज्य, केन्द्र व किसानों ने किस अनुपात में कितनी राशि बीमा कंपनी को दी गई? (ग) वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में देवास जिले के कितने किसानों को कितनी दावा राशि फसल बीमा के तहत प्रदान की गयी तथा कितने किसानों की दावा राशि अभी तक शेष है? (घ) वर्तमान में देवास, शाजापुर जिले में कितने किसानों का बीमा कितने हेक्टेयर भूमि का बीमा करवाया गया तथा भारी वर्षा के कारण देवास, शाजापुर जिले के कितने किसानों का नुकसान हुआ तथा कितनी राशि कितने व्यक्तियों को प्रदान की गयी? देवास, शाजापुर जिले के किसानों की संख्यात्मक जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में देवास एवं शाजापुर जिले में बीमित कृषकों एवं प्रीमियम राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं राज्य शासन की अधिसूचना अनुसार वास्तविक प्रीमियम में से खरीफ फसलों हेतु कृषक प्रीमियम 2 प्रतिशत रबी फसलों हेतु, 1.5 प्रतिशत अन्य वाणिज्यिक तथा उद्यानिकी फसलों हेतु 5 प्रतिशत तथा शेष प्रीमियम में राज्य एवं केन्द्र शासन 50:50 प्रतिशत अनुपात में प्रीमियम भुगतान किया जाता है। मौसमवार प्राप्त प्रीमियम की जानकारी जिला शाजापुर एवं देवास की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। रबी 2017-18 हेतु क्लस्टर-ए अंतर्गत 10 जिलों के लिये बीमा कंपनी को राज्यांश प्रीमियम राशि रू. 12.05 करोड़ एवं केन्द्रांश प्रीमियम राशि रू. 12.05 करोड़ का अग्रिम भुगतान किया गया है। शेष प्रीमियम राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन है। खरीफ 2018 एवं रबी 2018-19 की राज्यांश प्रीमियम राशि का भुगतान हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) खरीफ 2016, रबी 2016-17 एवं खरीफ 2017 मौसम हेतु देवास जिले के पात्र कृषकों को दावा राशि का भुगतान कर दिया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार है। खरीफ 2017 अंतर्गत 1255 कृषकों की दावा राशि रू. 89838/- का भुगतान प्रति कृषक रू. 200 से कम होने के कारण शेष है जिस पर शासन का निर्णय प्रक्रियाधीन है। रबी 2017-18, खरीफ 2018 एवं रबी 2018-19 मौसम के दावों की गणना एवं भुगतान प्रक्रियाधीन है। (घ) खरीफ 2019 में देवास जिले में 129074 कृषकों की 377821.14 हेक्टेयर भूमि तथा शाजापुर जिले में 72988 कृषकों की 201831.47 हेक्टेयर भूमि का फसल बीमा किया गया। प्राकृतिक आपदा के कारण फसल क्षति के संबंध में बीमा कंपनी को स्थानीय आपदा प्रावधान के अंतर्गत देवास जिले में 169 एवं शाजापुर जिले में 743 कृषकों की सूचना के आधार पर सर्वे किया गया। अंतिम दावों की गणना एवं पात्र कृषकों की संख्या का आंकलन फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त परिणामों के आधार पर प्रक्रियाधीन है।
मार्गों का जीर्णोद्धार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
138. ( क्र. 993 ) श्री
मनोज चौधरी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) हाटपिपल्या
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत
प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क
योजनान्तर्गत
योजना 2015 से
प्रश्न दिनांक
तक कौन-कौन सी
सड़कों का
निर्माण
कार्य कब-कब
हुआ था?
वर्षवार, सड़कवार
जानकारी से
अवगत करावें। प्रश्न
दिनांक तक कौन
सी सड़कों का
निर्माण
कार्य स्वीकृत
होकर कार्य
प्रचलित है? वित्तीय
एवं भौतिक
स्थिति से
अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) के
अनुसार
निर्मित
कौन-कौन सी
सड़कें
समय-सीमा के
पहले ही खराब
हो कर
जीर्णोद्धार
कराया गया है? कौन-कौन सी
सड़कें
जीर्णोद्धार
हेतु शेष हैं? शेष
सड़कों का
रिनोवेशन कब
तक कर दिया
जावेगा?
ऐसी
कितनी सड़के
हैं, जो
समय-सीमा के
पहले ही खराब
हो गई हैं? क्या
दोषी
अधिकारी/ठेकेदार
के विरूद्ध
कोई
कार्यवाही की
जावेगी?
यदि
हाँ, तो
समय-सीमा
बतावें। (ग) प्रश्नांश
(ख) के
अनुसार
हाटपिपल्या
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत
निर्माणाधीन
नई सड़कों के
कार्य कब तक
पूर्ण कर दिये
जावेंगे तथा
खराब सड़कों
का
जीर्णोद्धार
कब तक किया
जायेगा? (घ) हाटपिपल्या
विधानसभा
क्षेत्र में
प्रधानमंत्री
ग्रामीण सड़क
योजनान्तर्गत
बनी सड़कें
किस ठेकेदार
द्वारा बनाई गयी
हैं? सभी
सड़कें व उनके
ठेकेदारों की
सूची बतायें तथा
सड़के तय सीमा
से कितने अधिक
समय में बनाई
गई हैं?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ''
अनुसार है।
(ख) प्रश्नांश
(क) के अनुसार
निर्मित कोई
भी सड़क
समय-सीमा से
पहले खराब
नहीं हुई है। शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) निर्माणाधीन
सड़कों की
पूर्णता की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''अ''
अनुसार है। उत्तरांश
(ख) के
अनुसार प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (घ) जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''ब''
अनुसार है।
पुनर्वास में अनियमितता
[नर्मदा घाटी विकास]
139. ( क्र. 997 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र में पुनर्वास हेतु मा. उच्चतम न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों की अवहेलना की गई? यदि हाँ, तो विस्तृत जानकारी देवें तथा बतावें की शासन इस के लिए क्या कदम उठा रहा है? (ख) क्या डूब प्रभावित क्षेत्र में मुआवजे के वितरण में घोटाला एवं भ्रष्टाचार हुआ है? यदि हाँ, तो बतावें कि कौन जिम्मेदार है एवं किस पर कार्यवाही की गई? (ग) नर्मदा घाटी डूब क्षेत्र में कितने धार्मिक स्थल, प्राचीन मंदिर, मस्जिद, शमशान तथा कब्रिस्तान आए उनकी संख्या बतावें। क्या सभी का पूर्णस्थापन कर दिया गया है? यदि हाँ, तो सूची देवें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी नहीं। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 08/02/2019 को दिये गये निर्देशों का पालन किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। मुआवजा वितरण की कार्यवाही जारी है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
आउट-सोर्स कर्मचारियों की जानकारी
[जेल]
140. ( क्र. 1010 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 2015 दिनांक 15.07.2019 के (क) उत्तर में वर्णित कर्मचारी किस फर्म के अधीन कार्यरत हैं? दिनांक 01.07.2019 से 31.10.2019 तक कार्यरत इन आउट-सोर्स कर्मचारियों को प्रतिमाह कितना भुगतान किया गया? कर्मचारी नाम, पी.एफ. नम्बर, पी.एफ.राशि सहित भुगतान की जानकारी देवें। (ख) इस फर्म का चयन जिस टेण्डर प्रक्रिया से हुआ उस प्रक्रिया के समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें। यदि टेण्डर प्रक्रिया नहीं अपना कर कार्य आवंटित किया गया हो तो कारण बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार यदि टेण्डर प्रक्रिया अपनाई गई तो इसके कार्य आवंटन के समस्त दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति देवें और कार्य आवंटन आदेश की प्रति भी देवें। इसके उत्तरदायी अधिकारियों के नाम एवं पद सहित देवें। (घ) बिना टेण्डर प्रक्रिया के कार्य आवंटित अधिकारियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्न क्रमांक-2015, दिनांक 15/07/2019 के (क) में वर्णित कर्मचारी मेसर्स वर्ल्ड क्लास सर्विसेज लिमिटेड, गोयल नगर, बंगाली चौराहा, इन्दौर के अधीन कार्यरत् हैं। भुगतान का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) टेण्डर एवं फर्म का चयन माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा किया गया है। प्रमाणित प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) टेण्डर प्रक्रिया एवं फर्म का चयन उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा किया गया। प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुनर्वास निवासियों हेतु मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था
[नर्मदा घाटी विकास]
141. ( क्र. 1012 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी जिला धार में पुनर्वास क्षेत्र धरमपुरी पुनर्वासियों को मूलभूत सुविधा जैसे बिजली, पानी और मकान की उचित व्यवस्था की गई है या नहीं? (ख) यदि हाँ, तो आज भी पुनर्वास निवासी इन मूलभूत सुविधा जैसे बिजली, पानी और मकान से वंचित क्यों है? इन्हें कब तक इन्हें मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराई जायेगी? (ग) पुनर्वास क्षेत्र धरमपुरी में 138 मीटर बेक-वॉटर में आने वाले वयस्क पुत्रों को जमीन उपलब्ध कराई जायेगी या नहीं? यदि हाँ, तो इन्हें कब तक जमीन उपलब्ध करा दी जावेगी? अगर नहीं तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण (NWDT) अवार्ड एवं पुनर्वास नीति में 25 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि डूब से प्रभावित होने पर ही वैकल्पिक भूमि आवंटन की पात्रता है। प्रावधान अनुसार पात्रता नहीं होने से बेक-वॉटर से प्रभावित परिवारों/वयस्क पुत्रों को भूमि आवंटित नहीं की जाना है।
नव निर्मित पुलिस आवास गृह का लोकार्पण
[गृह]
142. ( क्र. 1015 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नव निर्मित पुलिस आवास गृह थाना मकरोनिया जिला सागर का लोकार्पण कार्यक्रम कब और किसके मुख्य आतिथ्य एवं विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में सम्पन्न किया गया? (ख) क्या लोकार्पण कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र भी विभाग द्वारा वितरित किये गये थे? आमंत्रण पत्र सहित जानकारी देवें। (ग) क्या उपरोक्त आमंत्रण पत्र में शासन की प्रोटोकॉल/नियमों के तहत प्रारूप तैयार किया गया था? किस अधिकारी द्वारा आमंत्रण पत्र तैयार किया गया था एवं आमंत्रण पत्र में जानबूझकर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि की उपेक्षा की गई? (घ) क्या लोकार्पण हेतु शिलालेख/पत्थर पर भी विभाग द्वारा प्रोटोकाल/नियमों का पालन नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो शिलालेख/पत्थर पर क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों के नाम सुधारकर पुन:विभाग द्वारा स्थापित कराया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (अ) नवनिर्मित पुलिस आवास गृह थाना मकरोनिया जिला सागर का लोकार्पण कार्यक्रम दिनांक 16.11.2019 को सम्पन्न हुआ इस कार्यक्रम में माननीय श्री बाला बच्चन मंत्री (गृह, जेल, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग) मुख्य अतिथि एवं माननीय श्री हर्ष यादव मंत्री (कुटीर एवं ग्राम उद्योग, नवीन नवीकरणीय ऊर्जा विभाग), माननीय श्री गोविन्द सिंह राजपूत मंत्री (परिवहन एवं राजस्व विभाग), श्री सुरेन्द्र चौधरी (पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश शासन), श्री प्रदीप लारिया (विधायक नरियावली क्षेत्र सागर) एवं श्रीमती सुशीला रोहित (अध्यक्ष नगर पालिका मकरोनिया) विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। (ख) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
स्वीकृत एवं निर्माणधीन सड़क मार्गों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
143. ( क्र. 1016 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री सड़क परियोजना से वर्ष 2017-18, 18-19, 19-20 में प्रश्न दिनांक तक कितने सड़क मार्ग स्वीकृत किये गये? सड़कों के नाम सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) स्वीकृत सड़क मार्गों में कितने सड़क मार्ग विभाग द्वारा निर्माण कर लिये गये हैं? कितने निर्माणाधीन हैं एवं कितने स्वीकृत उपरांत प्रश्न दिनांक तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है? (ग) प्रश्न दिनांक तक कितने सड़क मार्ग अनुबंध तिथि के बाद भी पूर्ण नहीं किये गये हैं? सड़क मार्गों के नाम अनुबंध की तिथि, अनुबंध पूर्ण होने की तिथि सहित जानकारी देवें। विभाग द्वारा संबंधित कार्य एजेंसियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की? बतावें। निर्माणधीन कार्य कब तक पूर्ण होंगे? (घ) क्या मोठी-बारछा-कर्रापुर निर्माणधीन सड़क मार्ग का वर्तमान में कितना कार्य एजेंसी द्वारा करा दिया गया है? कितना कार्य शेष है? शेष कार्य एजेंसी द्वारा कब तक पूर्ण किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक 03 सड़क़ मार्ग स्वीकृत किये गये। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) मोठी-बारछा-कर्रापुर नाम से मार्ग निर्माणाधीन नहीं है, अपितु एन.एच.26 मोठी से बहेरिया साहनी-बारछा-केरबना मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 2 के पैकेज क्र. एमपी 33610 के अंर्तगत स्वीकृत है जिसका कार्यादेश दिनांक 31.07.2018 है। मार्ग की कुल स्वीकृत लंबाई 23.25 कि.मी. है आज दिनांक तक उक्त मार्ग पर 5.00 कि.मी. में डामरीकरण का कार्य पूर्ण किया गया है। शेष लंबाई 18.25 किमी. में निर्माण कार्य प्रगतिरत है। उक्त मार्ग का निर्माण कार्य अनुबंधानुसार दिनांक 30.01.2020 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
किसानों के कर्ज माफी की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
144. ( क्र.
1028 ) श्री
कमल पटेल : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) क्या
यह सही है कि 17 दिसम्बर
2018 को
मा. श्री
कमलनाथ जी ने
मुख्यमंत्री
पद की शपथ
लेते ही
किसानों का दो
लाख रूपए तक
का कृषि ऋण
माफ करने का
आदेश की फाईल
पर हस्ताक्षर
किये थे? जिसका आदेश
पृ.क्र.डी. 17-16/2018/14-3
दिनांक 17 दिसम्बर 2018
प्रमुख सचिव
किसान कल्याण
तथा कृषि
विकास विभाग
म.प्र. शासन
श्री राजेश
राजोरा
द्वारा जारी
किया गया? यदि
हाँ, तो
आदेश की प्रति
उपलब्ध
कराएं? (ख) प्रश्नांश
(क) यदि हाँ, तो मा.
मुख्यमंत्री
जी के इस आदेश
में म.प्र. के
कुल कितने किसानों
का कुल कितनी
राशि का कर्ज
माफ किया गया? क्या
मा. मुख्यमंत्री
जी के उपरोक्त
आदेश का पालन
किया गया? यदि
हाँ, तो
शासन द्वारा
प्रश्न
दिनांक तक म.प्र.
के किस-किस
जिले में
कितने-कितने
किसानों का एक
लाख रूपए से
दो लाख रूपए
तक का कर्ज
माफ किया गया? कर्ज
माफी की राशि
शासन द्वारा
संबंधित किसानों
के बैंकों में
जमा की गई? राशि
की जिलेवार
जानकारी
उपलब्ध
कराएं। यदि
किसानों का एक
लाख से दो लाख
तक का कर्ज माफ
नहीं किया गया
तो क्या मा.
मुख्यमंत्री
के आदेश की
अवहेलना नहीं
है? यदि
हाँ, तो
इसके लिए कौन
दोषी है? (ग) म.प्र
के किस-किस
जिले में
किसान कर्ज
माफी की कितनी-कितनी
राशि किसानों
के खातों में
जमा कराई गई? संख्या
एवं राशि की
जिलेवार
जानकारी दें। अभी
तक दो लाख
रूपए तक के
कर्ज माफी की
राशि शासन
द्वारा
बैंकों में
जमा नहीं कराई
गई, तो
क्यों नहीं
कराई गई? इसके लिए
कौन दोषी है? (घ) म.प्र.
के हरदा जिला
सहित सभी
जिलों में दो
लाख तक के सभी
किसानों का
कर्ज कब तक
माफ कर दिया जाएगा? समय
अवधि बतावें।
किसान
कल्याण मंत्री
( श्री सचिन
सुभाषचन्द्र
यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''1''
अनुसार है। (ख) प्रदेश
में अभी तक 2022731
किसानों को
राशि रूपये 7154.36
करोड़ के ऋण
माफी की स्वीकृति
दी जा चुकी है।
राशि रूपये 1.00 लाख से 2.00 लाख तक
स्वीकृत
राशि की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र ''2''
अनुसार है।
(ग) जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (घ) कर्जमाफी
की कार्यवाही सतत्
संचालित है। अत:
समयावधि
बताना संभव नहीं
होगा।
विशेष अनुसंधान दल का गठन
[गृह]
145. ( क्र. 1029 ) श्री कमल पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या डी.आई.जी. रेंज शहर भोपाल द्वारा थाना टी.टी. नगर भोपाल में पंजीबद्ध अपराध क्रमांक 0811/2019 आई.पी.सी. की धारा 457, 380 दिनांक 05.09.2019 की विवेचना हेतु एवं फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु दिनांक 13.11.2019 को विशेष अनुसंधान दल का गठन किए जाने के संबंध में संशोधित आदेश जारी किए गए है? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अपराध की विवेचना हेतु संबंधित संशोधित आदेश से गठित किए गए विशेष अनुसंधान दल के पर्यवेक्षण अधिकारी, नेतृत्वकर्ता अधिकारी, विवेचना अधिकारी एवं अन्य सहयोगी पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा उक्त चोरी के अपराध में फरार नामजद आरोपियों को गिरफ्तारी किस सक्षम अधिकारी द्वारा की जाकर न्यायालय के माध्यम से पुलिस रिमांड की मांग की गई है एवं चोरी का माल बरामद कर लिया गया है? संपूर्ण जानकारी तथा बरामद किए गए चोरी के माल की जानकारी देवें। (ग) क्या यह सत्य है कि दिनांक 16.11.2019 को पीड़ित शिकायतकर्ता डॉ. सिद्धार्थ गुप्ता द्वारा विशेष अनुसंधान दल के पर्यवेक्षण अधिकारी एवं एडिशनल एस.पी. अपराध शाखा भोपाल के अधिकारी के समक्ष ग्यारह पृष्ठीय आवेदन दिया जाकर उक्त चोरी के नामजद आरोपियों सहित उनके अन्य सहयोगियों का पर्दाफाश कर चोरी का माल बरामद किए जाने हेतु दिया गया है? यदि हाँ, तो उक्त आवेदन में उल्लेखित बिन्दुओं एवं व्यक्तियों से पुलिस कड़ी पूछताछ कर चोरी का माल बरामद कर लिया जायेगा? निश्चित समयावधि बतावें। (घ) क्या माननीय मंत्री महोदय उक्त प्रश्नांश (क) में उल्लेखित चोरी के अपराध की सूक्ष्म एवं निष्पक्ष विवेचना हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर पर ए.डी.जी., सी.आई.डी. अथवा समकक्ष स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में पुन: विशेष विवेचना दल का पुनर्गठन कर चोरी के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कर चोरी का माल बरामद कराएगी? यदि हाँ, तो कब तक? निश्चित समयावधि बताईये। यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण विवेचनाधीन है। किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी एवं माल की बरामदगी नहीं की गई है। (ग) जी हाँ। आवेदन पत्र में उल्लेखित संदेहियों की पतारसी व गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। (घ) प्रकरण में पुन: विशेष विवेचना दल के पुनर्गठन की आवश्यकता नहीं है। प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार संदेहिया की पतारसी एवं गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
किसान कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
146. ( क्र. 1032 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 17 दिसम्बर 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में 1.75 लाख से 2.00 लाख रूपये तक किसानों का कर्ज माफ हुआ है? यदि हाँ, तो जिलेवार, संख्यात्मक जानकारी दें। (ख) प्रश्न दिनांक तक 1.75 लाख से 2.00 लाख रू. तक प्रदेश में कुल कितने किसानों का कुल कितनी राशि का कर्ज माफ होना शेष है? जिलेवार जानकारी दें। शेष किसानों का कर्ज कब तक माफ कर दिया जावेगा? (ग) प्रश्न दिनांक तक फसल ऋण माफी हेतु शासन द्वारा बैंकों को कुल कितनी राशि दी गई? जिलेवार, तिथिवार, बैंकवार स्पष्ट जानकारी दें। (घ) प्रश्न दिनांक तक किसान ऋण माफी योजना अंतर्गत कितने किसानों के खाते में किस-किस बैंक द्वारा कुल कितनी राशि जमा कराई गई? जिलेवार-राशि की जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
टी.आई. के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
147. ( क्र. 1033 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 17 जुलाई 2019 को प्रश्नकर्ता के ध्यानाकर्षण के जवाब में तत्कालीन टी.आई. दतिया कोतवाली शेरसिंह के विरूद्ध गृह मंत्री द्वारा 24 घंटे के अंदर जाँच कर कार्यवाही का कथन सदन में दिया गया था? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो क्या जाँच पूर्ण हो गई है? किस अधिकारी द्वारा जाँच किन-किन बिंदुओं पर कब की गई? जाँच रिर्पोट की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) टी.आई. के विरूद्ध अपराध सिद्ध होने पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) एवं (ग) थाना पड़ाव जिला ग्वालियर के अपराध क्रमांक 290/19 धारा 364, 302, 34 भा.द.वि., 11/13 एम.पी.डी.पी.के. एक्ट में लूटी गई कार और उसके भाई विवेक कुशवाह को पकड़कर कोतवाली दतिया ले जाकर आरोपीगण के केस को रफा दफा करने के ऐवज में 05 लाख रूपये निरीक्षक शेर सिंह तत्कालीन टी.आई. कोतवाली दतिया, जिला दतिया द्वारा प्राप्त करने के संबंध में जाँच की गई। जाँच में आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये जाने से पुलिस अधीक्षक दतिया द्वारा निरीक्षक शेरसिंह के विरूद्ध विभागीय जाँच आदेशित की गई है। थाना पड़ाव के अपराध क्रमांक 219/19 में चालान क्रमांक 305/19 तैयार कर दिनांक 14.11.2019 को न्यायालय में पेश किया गया है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से जाँच रिपोर्ट दी जाना विधिसम्मत नहीं है। विभागीय जाँच प्रचलन में है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को सौंपे गये अधिकार
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
148. ( क्र. 1037 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, वन अधिकार कानून 2006 में किस-किस विषय पर क्या-क्या अधिकार सौंपे गए हैं? इनमें से किस अधिकार से संबंधित किस अधिनियम, नियम में किस दिनांक को क्या-क्या संशोधन कर दिया गया है? (ख) पटवारी, मानचित्र, निस्तार पत्रक, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में दर्ज ग्रामीण सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजनों के संशोधनों पर ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को कौन-कौन से अधिकार सौंप दिए गए हैं? कौन-कौन से अधिकार सौंपा जाना शेष है? (ग) ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायतों को अधिकार सौंपे जाने से संबंधित राज्य शासन ने किस दिनांक को आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी किए हैं प्रति सहित बतावें। (घ) मनावर एवं कुक्षी विधान सभा क्षेत्र के पटवारी मानचित्र, अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी में आदिवासियों के नाम पर दर्ज समस्त भूमियों का सम्पूर्ण विवरण ग्रामवार, ब्लॉकवार, क्षेत्रवार पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं। (ड.) मनावर एवं कुक्षी विधान सभा क्षेत्र में राजस्व विभाग के अधिकार अभिलेख एवं खसरा पंजी, निस्तार पत्रक में दर्ज भूमियों का ग्रामवार ब्यौरा, चरनोई, नारंगी भूमि किस-किस जंगल मद, किस-किस गैर जंगल मद, किस-किस सार्वजनिक प्रयोजन एवं किस-किस निस्तारी प्रयोजन के लिए दर्ज है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) ग्राम सभा एवं ग्राम पंचायत को संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996, के संबंध में सौंपे गये विषयों एवं अधिकारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ’’ अनुसार है, शेष जानकारी संकलित की जा रही है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) वन अधिकार कानून 2006 के अनुक्रम में एवं पेसा कानून 1996 के अनुक्रम में राजस्व विभाग द्वारा जारी आदेश, निर्देश, पत्र, परिपत्रों संबंधी जानकारी संकलित की जा रही है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब’’ अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स’’ अनुसार है।
घटिया सड़क निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
149. ( क्र. 1041 ) श्री जजपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री सड़क योजना सड़क विकास विभाग द्वारा अशोक नगर जिले की अशोक नगर विधान सभा क्षेत्र में बनायी गयी कौन-कौन सी सड़कें गारंटी अवधि में है एवं इनकी गारंटी कब तक है? (ख) कौन-कौन सी सड़कें गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त हुई है? कारण सहित जानकारी देवें। सड़क निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री की जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कार्य के लिये कौन-कौन सी निर्माण ऐजेन्सी को पत्र जारी किये गये हैं? घटिया निर्माण कार्य होने की दशा में कौन-कौन सी निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 44 सड़कें एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की 01 सड़क गारंटी अवधि में है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) गारंटी अवधि के दौरान कोई भी सड़क क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। सड़कें नियमित संधारण में है। अतः जाँच नहीं किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
समग्र स्वच्छता अभियान के तहत शौचालयों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
150. ( क्र. 1042 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मण्डला जिले के अधिकांश पंचायतों में शौचालय निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं? कुछ हितग्राहियों के खाते में राशि निकाली जा चुकी है एवं कुछ हितग्राही स्वयं के राशि से शौचालय का निर्माण कराये हैं, फिर भी उनके खातों में अभी भी राशि नहीं जमा होने के क्या कारण है? (ख) ग्राम पंचायत जनपद पंचायत या जिला पंचायत के किस सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मण्डला जिला को (ओ.डी.एफ.) O.D.F. घोषित किया गया है? अधूरे पड़े शौचालय निर्माण कार्य कब तक करायें जायेंगे? सर्वे रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। जी नहीं, किसी भी हितग्राही के खाते से अनाधिकृत रूप से राशि नहीं निकाली गई है तथा बेसलाईन सर्वे 2012 में छूटे हुए घरों के हितग्राहियों का शौचालय निर्माण कार्य एलओबी-01 व एलओबी-02 अंतर्गत किया जा रहा है, एलओबी-01 अंतर्गत निर्मित शौचालयों का भुगतान पी.आर.डी. पोर्टल के माध्यम से हितग्राही के खातों में किया जा रहा है, जिनका भुगतान नहीं हुआ उनका द्वितीय किश्त की राशि प्राप्त होते ही किया जावेगा तथा एलओबी-02 अंतर्गत जिन हितग्राहियों ने स्वयं शौचालय का निर्माण कराया उनका भुगतान एफ.टी.ओ. प्रक्रिया से राज्य मुख्यालय द्वारा किया जा रहा है। (ख) बेसलाईन सर्वे 2012 अनुसार भारत सरकार के पोर्टल पर दर्ज शौचालय विहीन घरों ''एक घर-एक शौचालय’’ के आधार पर व स्वच्छता सुविधाओं को बढावा दिया जाकर लक्ष्यपूर्ति उपरांत जिले को ओ.डी.एफ घोषित किया गया है। एलओबी-02 अंतर्गत बेसलाईन सर्वे-2012 में छूटे हुए शौचालय विहीन घरों का निर्माण कार्य 31 दिसम्बर 2019 तक पूर्ण कर लिया जावेगा।
कृषि यंत्रों का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
151. ( क्र. 1043 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में कृषि विभाग द्वारा बैगा परिवार को किस योजना के तहत कृषि यंत्र (उपकरण) वितरित किये जा रहे हैं? योजना का नाम बतावें। (ख) कृषि उपकरण वितरण कार्य हेतु कितनी राशि आवंटित/स्वीकृत है? वितरण कार्य किस तिथि से शुरू किया गया है? प्रश्न दिनांक तक कितने बैगा परिवार/किसानों को कृषि उपकरण बांटे जा चुके हैं? लाभान्वित बैगा परिवार की नामजद सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रत्येक उपकरण की कीमत क्या है? किस कंपनी से खरीदी गई है? कंपनी का नाम एवं प्रत्येक कृषि उपकरण की कीमत बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विभाग द्वारा वर्ष 2018-19 में आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजना अंतर्गत बैगा कृषकों हेतु विशेष प्रोजेक्ट के तहत हस्तचलित/बैलचलित कृषि यंत्र वितरित किये गये थे। वर्तमान में इस तरह का कोई प्रोजेक्ट मण्डला जिले हेतु क्रियाशील नहीं है। (ख) हस्तचलित एवं बैलचलित कृषि यंत्रों के वितरण कार्य हेतु वर्ष 2018-19 में राशि रूपये 300.00 लाख प्रदान की गई थी। इस प्रोजेक्ट अंतर्गत वितरण का कार्य वर्ष 2018-19 में दिनांक 30.09.2018 से शुरू किया गया था तथा 3000 बैगा परिवार को कृषि उपकरण बांटे गये थे। इस कार्य में कुल राशि रूपया 298.83 लाख का व्यय हुआ। लाभान्वित बैगा परिवार के नामजद कृषकों की सूची विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) वितरित किये गये हस्तचलित एवं बैलचलित कृषि यंत्रों की कीमत व प्रदायक संस्था की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
थाना परिसरों में प्राईवेट कंपनी के टावर की स्थापना
[गृह]
152. ( क्र. 1045 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश के कितने थाना परिसरों में रिलायंस जिओ कंपनी के कितने टावर कब-कब से स्थापित हैं? थानावार, जिलावार बताएं। (ख) थाना परिसरों में प्राईवेट कंपनी के टावर स्थापित करने की शर्त क्या है तथा थाना परिसरों में टावर स्थापित करने की अनुमति किस-किस अधिकारी द्वारा कब-कब दी गई? (ग) क्या थाना परिसर में प्राईवेट कंपनी के टावर स्थापित करने से शासन/विभाग को राजस्व प्राप्त हो रहा है? यदि हाँ, तो कितना-कितना? माह/वर्षवार बताएं। यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब’’ एवं ''स’’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब’’ अनुसार है।
हत्या, लूट एवं डकैती की घटित घटनाएं
[गृह]
153. ( क्र. 1046 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 6 माह में भिण्ड जिले में हत्या, लूट, डकैती की कितनी घटनाएं घटित हुईं? थानावार, दिनांकवार बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) की घटनाओं में कितने अपराधियों की गिरफ्तारी हुई? घटनावार, अपराधीवार बताएं एवं जिले में कितने अपराधियों पर कितनी-कितनी इनाम राशि घोषित हुई? (ग) उक्त घटनाओं में कितनी घटनाओं में पुलिस की मिलीभगत होने की शिकायतें हुईं? शिकायत की जाँच में कौन-कौन थाने के किस-किस पुलिसकर्मी की संलिप्तता पाई गई? विभाग द्वारा उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विगत 6 माह में क्राईम में बढ़ोत्तरी हुई है? यदि हाँ, तो इसके कारण क्या है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ’’ अनुसार है। (ग) इस संदर्भ में किसी भी पुलिस कर्मी के विरुद्ध कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (घ) वर्ष 2018 के मुकाबले वर्ष 2019 में विगत छः माह में हत्या, लूट, डकैती के प्रकरणों में आंशिक वृद्धि हुई है, जो सामान्य है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
व्यापारियों द्वारा मण्डी के बाहर अवैध दुकानों का संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
154. ( क्र. 1050 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या देवास जिले की तहसील कन्नौद में कृषि उपज मण्डी अंतर्गत व्यापारियों द्वारा बिना मण्डी लायसेंस एवं मण्डी टैक्स की चोरी कर किसानों से मण्डी के बाहर फुटकर अनाज खरीदी की जा रही है? (ख) क्या कन्नौद बस स्टैण्ड के पास तालाब मोहल्ला रोड, गीता भवन कॉम्पलेक्स के पास, महेश्वरी धर्मशाला कॉम्पलेक्स के पास कई दर्जन दुकानें व्यापारियों के द्वारा अवैध रूप से संचालित कर बिना मण्डी पंजीयन, बिना लायसेंस के खुलेआम संचालित की जा रही हैं? (ग) क्या प्रतिदिन शासन के हजारों रूपये राजस्व की हानि पहुँचाकर मण्डी अधिकारियों की मिलीभगत से मण्डी के बाहर दुकानों का संचालन किये जाने की शिकायत/ई-मेल cbhartiya007@gmail.com कई नागरिकों द्वारा मध्यप्रदेश शासन को व विभाग को की गई है? यदि हाँ, तो शासन व विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या शासन प्रश्नांकित अवैध दुकानों के संचालन की जाँच कराकर दण्डनीय कार्यवाही करेगा एवं कृषि उपज मण्डी के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत की जाँच करायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) उप-संचालक कृषि देवास के माध्यम से एक आवेदन प्राप्त हुआ था। जिसमें चार व्यक्ति श्री संतोष कुमार बाहेती, श्री सुधीर कुमार सोमानी, श्री घनश्याम सोमानी एवं श्री मुकेश बाहेती के नाम का उल्लेख था। जिस पर संयुक्त संचालक, मंडी बोर्ड उज्जैन की अध्यक्षता में दल गठित कर जाँच कराई गई। जाँच में श्री संतोष कुमार एवं श्री मुकेश कुमार बाहेती के पास 03- 03 क्विंटल सोयाबीन नियम के अधिक पाई गई। जाँच दल द्वारा इनके विरूद्ध मंडी प्रावधानों के अंतर्गत मंडी फीस का पाँच गुना मंडी फीस एवं निराश्रित शुल्क आरोपित कर वसूली की कार्यवाही की गई। म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 6 में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति एक समय में अपने पास कुल 10 क्विंटल उपजें रख सकता है परन्तु कोई भी कृषि उपज 04 क्विंटल से अधिक नहीं होगी। (घ) प्राप्त शिकायत की जाँच, जाँच दल द्वारा जाँच पश्चात पाँच गुना मंडी शुल्क तथा निराश्रित शुल्क आरोपित करते हुए वसूली की कार्यवाही की गई है। किसी भी आवेदक के पास अधिक मात्रा में कृषि उपज नहीं पायी गई इसलिए यह कहना सही नहीं है कि मंडी के अधिकारी/कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध दुकान संचालन की कार्यवाही की जा रही है।
किसानों को खाद एवं बीज का वितरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
155. ( क्र. 1053 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के अंतर्गत समस्त विकासखण्डों में वर्ष 2019-20 में किसानों को खाद एवं बीज उपलब्ध कराई गई है? यदि हाँ, तो कितनी-कितनी मात्रा में उपलब्ध कराई गई है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन सी जिंस के बीज कितनी-कितनी मात्रा में उपलब्ध कराये गये हैं? किसानों को कौन-कौन से बीज नि:शुल्क उपलब्ध कराये गये एवं कौन-कौन से बीज सब्सिडी युक्त प्रदाय किये गये? खाद एवं बीज की किस्म सहित व दर सहित संपूर्ण विवरण विकासखण्डवार उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अमानक बीजों का किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है? जानकारी उपलब्ध करायें एवं गुणवत्तायुक्त बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु क्या कदम उठाये गये हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सीधी जिले के अंतर्गत समस्त विकासखण्डों में वर्ष 2019-20 में किसानों को विभागीय योजनाओं के अंतर्गत विभाग द्वारा खाद उपलब्ध नहीं कराई गई है। विकासखण्डों में भण्डारण कराये गये बीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 01 अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 में विकासखण्डों में भण्डारण कराये गये बीज एवं बीज की किस्म व दर का विकासखण्डवार विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 02 अनुसार है। विभाग द्वारा किसानों को विभागीय योजनांतर्गत खाद उपलब्ध नहीं कराया गया है। (ग) जिलें में किसानों को मानक स्तर का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता है। गुणवत्तायुक्त बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जिला/खण्डस्तरीय निरीक्षण दल गठित कर नमूना जाँच कराया जाता है।
सुदूर ग्राम सड़क योजना एवं खेल मैदान की मजदूरी का भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
156. ( क्र. 1054 ) श्री कुँवर सिंह टेकाम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सीधी जिले के अंतर्गत ग्राम पंचायत क्षेत्र लुरघुटी के सुदूर ग्राम सड़क योजना के तहत वैजू बैगा के घर से कुम्भकरण बैगा से घर तक सड़क निर्माण की स्वीकृति मनरेगा के अंतर्गत दी गई थी? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण दें। उक्त सड़क निर्माण हेतु कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई थी? कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है? कितनी राशि का भुगतान शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या सुदूर ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण में मजदूरी एवं सामग्री भुगतान हेतु शेष है? यदि हाँ, तो कब तक शेष राशि का भुगतान कर दिया जायेगा? मजदूरी शेष रहते क्या सी.सी. जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो मजदूरी भुगतान कैसे की जायेगी? (ग) सीधी जिले के अंतर्गत ग्राम पंचायत लुरघुटी में खेल मैदान का निर्माण मनरेगा के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की गई थी? यदि हाँ, तो कितनी राशि की स्वीकृति प्रदान की गई थी? खेल मैदान के निर्माण में कितनी राशि का भुगतान किया जा चुका है एवं कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या खेल मैदान के निर्माण में मजदूरों की मजदूरी एवं सामग्री भुगतान होना शेष है? यदि हाँ, तो मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान कब तक करवा दिया जावेगा? मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान शेष रहते क्या खेल मैदान निर्माण की सी.सी. जारी कर दी गई है? यदि हाँ, तो मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान कैसे करवाया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। स्वीकृत राशि रू. 11.97 लाख, मजदूरी पर राशि रू 7.36 लाख, सामग्री पर राशि रू 4.61 लाख। ग्राम पंचायत द्वारा किये गये मिट्टी मुरम के कार्य की मूल्यांकन अनुसार राशि रू 4,64,090 लाख तथा ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्तुत देयकों अनुसार मजदूरी मद में राशि रू 3,27,110/- तथा सामग्री मद में राशि रू 88,031/- कुल राशि रू 4,15,141/- का भुगतान किया गया है। मूल्यांकन अनुसार शेष राशि का क्रियान्वयन एजेन्सी ग्राम पंचायत द्वारा तत्समय देयक प्रस्तुत नहीं किये जाने से भुगतान नहीं हुआ है। (ख) परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) जी हाँ, जनपद पंचायत कुसमी की ग्राम पंचायत लुरघुटी के खेल मैदान का निर्माण मनरेगा योजना से राशि रू 3.20 लाख की लागत से वित्तीय वर्ष 2017-18 में स्वीकृत किया गया है। खेल मैदान निर्माण में राशि रू.1,50,380/- भुगतान किया जा चुका है। वर्तमान में उक्त कार्य प्रगतिरत है। व्यय किये जाने हेतु शेष राशि रू.1,69,620 है, जिनका भुगतान ग्राम पंचायत द्वारा कार्य पूर्ण कराये जाने पर मूल्यांकन के आधार पर किया जा सकेगा। (घ) जी नहीं, शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
कृषि उपज मंडी के कार्यों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
157. ( क्र. 1055 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत कृषि उपज मंडी ब्यावरा में पिछले 5 वर्षों में क्या-क्या काम किये गये? (ख) पूर्व में कृषि उपज मंडी ब्यावरा A ग्रेड में थी व वर्तमान में मंडी B ग्रेड में पहुँच गई है। इसका क्या कारण रहा व इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है? (ग) कृषि उपज मंडी ब्यावरा में जो नवीन प्रांगण है, उसका डेवलपमेंट जैसे सी.सी., शेड आदि की क्या कार्ययोजना है व कब तक उसे मंडी समिति उपयोग में लेने अनुसार हो पायेगी जिससे की मंडी में बेहतर व्यवस्था हो सके?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा अंतर्गत कृषि उपज मंडी ब्यावरा में पिछले 05 वर्षों में 18 कार्य कराये गये हैं। कार्यों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) शासन के नियमानुसार मंडी समितियों का श्रेणीकरण 01 प्रतिशत मंडी फीस को आधार मानकर किया गया। श्रेणीकरण का आधार निम्नानुसार है:- दिनांक 13 जनवरी 2016 के पूर्व निम्न आधार था- 1.''क'' वर्ग की मंडी समितियों हेतु न्यूनतम 1.50 करोड़ रूपये आय प्रतिवर्ष। 2. ''ख'' वर्ग की मंडी समितियों हेतु न्यूनतम 75 लाख रूपये आय प्रतिवर्ष। 3. ''ग'' वर्ग की मंडी समितियों हेतु न्यूनतम 40 लाख रूपये आय प्रतिवर्ष। 4. ''घ'' वर्ग की मंडी समितियों हेतु अधिकतम 40 लाख रूपये आय प्रतिवर्ष। दिनाकं 14 जनवरी 2016 को म.प्र. शासन की अधिसूचना द्वारा मंडी समितियों के आय के आधार पर वर्गीकरण में हुए संशोधनों के मंडी समितियों का वर्गीकरण निम्नानुसार किया गया है- 1. ''क'' वर्ग की मंडी समितियों हेतु न्यूनतम 3 करोड़ 50 लाख रूपये आय प्रतिवर्ष। 2. ''ख'' वर्ग की मंडी समितियों हेतु न्यूनतम 02 करोड़ रूपये आय प्रतिवर्ष। 3. ''ग'' वर्ग की मंडी समितियों हेतु न्यूनतम 01 करोड़ रूपये आय प्रतिवर्ष। 4. ''घ'' वर्ग की मंडी समितियों हेतु अधिकतम 01 करोड़ रूपये आय प्रतिवर्ष। अत: मंडी समितियों के श्रेणीकरण में आय का आधार बढ़ाने से स्वत: ही मंडी समिति ''ब'' वर्ग में आ गई। इसके लिये किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। (ग) कृषि उपज मंडी ब्यावरा के नवीन प्रांगण में डेव्हलपमेंट हेतु वर्ष 2019-20 में 06 कार्य प्रस्तावित कार्य योजना में सम्मिलित किये गये हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वर्तमान में मंडी/बोर्ड निधि में बजटीय प्रावधान नहीं होने के कारण स्वीकृति नहीं दी जा सकती है। अत: शेष प्रश्नांश हेतु समयावधि बताई जाना संभव नहीं है।
पुल-पुलियाओं के निर्माण कार्य की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
158. ( क्र. 1056 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में पूर्व में बनाई गई सड़कों के बीच स्थित पुलियाओं का निर्माण काफी नीचे हुआ है व पाईप वाली पुलियाएं है जिससे बारिश में जन हानि, पशु हानि हो रही है? क्या उक्त मार्ग पर नवीन बड़े पुलों का निर्माण किया जायगा? (ख) क्या वर्तमान में नवीन सड़कों के साथ जो पुल बनाये जा रहे हैं, उस प्रकार के पुल पुराने मार्गों के बीच बनाने की कोई कार्य योजना बनी है? (ग) यदि हाँ, तो इन पुलियाओं (बड़ी) का निर्माण कब तक होगा? (घ) प्रधानमंत्री सड़क के आस-पास सड़कों का अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी किस विभाग की है व क्या नियम है? अतिक्रमण कैसे दूर होगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। बनाई गई सड़कों के बीच स्थित पुलियाओं का निर्माण तकनीकी मापदंडों के अनुसार कराया गया है। उक्त मार्गों पर बड़े पुल बनाने की कोई योजना नहीं है। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के अनुक्रम में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्मित जिन सड़कों पर ग्रामवासियों द्वारा अतिक्रमण किया जाता है, उसकी सूचना राजस्व विभाग को दी जाती है तथा राजस्व विभाग के सहयोग से कार्यवाही की जाकर अतिक्रमण हटवाया जाता है।
किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
159. ( क्र. 1060 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान ऋण माफी योजनान्तर्गत जिला आगर-मालवा के कुल कितने किसानों का कितनी-कितनी राशि का कर्ज माफ कर उनके खाते में राशि डाली गई? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन लोगों का कर्जा माफ नहीं किया गया व जो किसान कर्ज माफी की प्रत्याशा में बैंक/सोसायटी का कर्ज नहीं भर पाये हैं, क्या उक्त किसानों को वर्ष 2019-20 का फसल बीमा योजना का लाभ मिलेगा? यदि हाँ, तो जानकारी दें। यदि नहीं, तो क्या उक्त किसान फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित होंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है
चतुर्थ श्रेणी शासकीय सेवक के सेवानिवृत्ति स्वत्वों का भुगतान
[गृह]
160. ( क्र. 1063 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस अधीक्षक कार्यालय रीवा से सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी (स्वीपर) शासकीय सेवक की दिनाँक 30.11.2014 को सेवापूर्ण होने पर सेवानिवृत्त स्वत्वों का भुगतान किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? उक्त भुगतान कब तक कर दिया जावेगा? (ग) शासन विधिसम्मत शासन के नियम व निर्देंशों के अनुसार शासकीय सेवक के सेवानिवृत्ति स्वत्व के भुगतान को समय-सीमा पर न दिये जाने वाले कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी है? मूल पद एवं नाम बताएं। उक्त अधिकारी एवं कर्मचारी के विरूद्ध क्या एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी? (घ) क्या हितग्राही के नुकसान की भरपायी की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जी हाँ। केवल पेंशन प्रकरण को छोड़कर पुलिस अधीक्षक रीवा के आदेश दिनांक 16.04.2018 द्वारा पेंशन प्रकरण को छोड़कर सेवानिवृत्त स्वत्वों का भुगतान किया गया है। पेंशन प्रकरण की कार्यावाही प्रचलित है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सेवा सहकारी समितियों की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
161. ( क्र. 1064 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा ऋण माफी की गई है? यदि हाँ, तो जिला छतरपुर के विधानसभा क्षेत्र चंदला के किन-किन व्यक्तियों का ऋण माफ किया गया है? उक्त व्यक्तियों की कितनी राशि माफ की गई है? ग्रामवार, व्यक्तिवार एवं राशिवार सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या जिला छतरपुर के विधानसभा क्षेत्र चंदला की कलेक्टर द्वारा ऋण माफी के संबंध में सेवा सहकारी समितियों की जाँच कराई गई थी? यदि हाँ, तो उक्त जाँच कब-कब किस के द्वारा की गई है? मूल पद एवं नाम उल्लेख करें। क्या उक्त जाँच अधिकारी द्वारा समिति द्वारा फर्जी नाम एवं ज्यादा राशि दिये जाने संबंधी रिपोर्ट दिये जाने पर कलेक्टर द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किये गये थे? यदि हाँ, तो संपूर्ण दस्तावेजों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार उक्त आदेश के संबंध में अपराधिक प्रकरण दर्ज किये गये थे। यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक अपराधिक प्रकरण दर्ज करा दिये जावेंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार क्या शासन विधिसम्मत एवं समय-सीमा पर कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है? मूल पद एवं नाम उल्लेख करें। यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''1'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''2'' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''4'' अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र बीना के पर्यटन स्थलों की जानकारी
[पर्यटन]
162. ( क्र. 1075 ) श्री महेश राय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र बीना के अंतर्गत कितने पर्यटन स्थल हैं एवं शासन के द्वारा उनके विकास हेतु अभी तक क्या कदम उठाये हैं? (ख) ऐरण द्वारा के विकास में अभी तक विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ग) ऐरण द्वारा को क्या पर्यटन के लिए विकसित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो शासन के पास कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो अवगत करावें। (घ) ऐरण महोत्सव किस वर्ष से प्रारंभ किया गया एवं क्या वर्तमान यह आयोजन आयोजित किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) पर्यटन स्थलों को सूचीबद्ध करने की कोई नीति नहीं है। (ख) बुन्देलखंड मेगा सर्किट के अन्तर्गत ऐरण हेरिटेज स्थल जो की मंडी बामोरा जिला सागर में है जिसमे घाट, डे शेल्टर, एप्रोच रोड व अन्य विकास कार्य पूर्ण किये गए। (ग) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (घ) जी नहीं। ऐरण महोत्सव हेतु योजना प्रस्तावित नहीं है।
औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
163. ( क्र. 1080 ) श्री राम दांगोरे : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंधाना विधानसभा क्षेत्र के लिये सरकार ने कोई औद्योगिक नीति बनाई है या नहीं? NH-27 के पास पर्याप्त मात्रा में शासकीय भूमि उपलब्ध है। स्थानीय स्तर पर जनता सकारात्मक सहयोग के लिये तैयार है, तो क्या संबंधित क्षेत्र में टंट्या मामा औद्योगिक नगर की घोषणा करेंगे? (ख) पंधाना विधान सभा क्षेत्र में भूमि पर्याप्त है, बिजली, पानी, सड़कें पर्याप्त हैं। उद्योगों के हिसाब से साथ ही NH-27 भी उपलब्ध है एवं कच्चे माल की आपूर्ति के लिये एवं उत्पादन के आवंटन हेतु क्या औद्योगिक क्षेत्र की घोषणा करेंगे? (ग) पंधाना विधान सभा क्षेत्र में यदि बड़े स्तर पर उद्योग लगाने या उसकी घोषणा करने में असमर्थ है, तो क्या छोटे औद्योगिक क्षेत्र की ही घोषणा कर सहयोग प्रदान करेंगे? (घ) पंधाना विधान सभा क्षेत्र में युवाओं में बेरोजगारी बहुत है, तो क्या उनके लिये औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना हेतु सीमित समय में सहयोग करेंगे?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) से (घ) विधानसभा क्षेत्र विशेष के लिये औद्योगिक नीति नहीं बनाई जाती है। विभाग को प्रश्नागत स्थल पर भूमि आवंटित नहीं है, अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संदिग्ध मौत होने पर जाँच समिति का गठन
[गृह]
164. ( क्र. 1081 ) श्री राम दांगोरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या श्री चन्द्रपाल दांगोरे, वाहन चालक, मण्डी बोर्ड, भोपाल जो कि प्रश्नकर्ता का छोटा भाई है, 18 अक्टूबर, 2019 को कलियासोत डेम में सुबह 8.30 बजे मृत अवस्था में मिला एवं संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया? इस मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा लापरवाही क्यों बरती जा रही है? (ख) पुलिस प्रशासन को बार-बार मौखिक एवं दूरभाष के माध्यम से CCTV कैमरों की जाचं के लिये कहने के बावजूद सिर्फ एक कैमरे की रिकॉर्डिंग प्राप्त होना ही क्यों बताया जा रहा है? पुलिस प्रशासन ऐसी लापरवाही क्यों कर रही है? (ग) देश और राज्य के जन प्रतिनिधियों व उनसे जुड़े लोगों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है? राजनीतिक द्वेष या अन्य कारणों से जन प्रतिनिधियों के रिश्तेदार, बंधुओं, परिवार में कोई घटना होती है, तो प्रशासन द्वारा उसकी संवेदनशीलता रखते हुए सघन जाँच क्यों नहीं हो रहा है? क्या SIT का गठन हो पायेगा? (घ) स्व. चन्द्रपाल दांगोरे का एक वर्षीय पुत्र व 21 वर्षीय विधवा पत्नी को राज्य शासन क्या सहायता प्रदान करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। श्री चन्द्रपाल दांगोरे की मृत्यु की जाँच के संबंध में थाना चूनाभट्टी में मर्ग क्रमांक 19/19 धारा 174 जा.फौ. दर्ज है। जिसमें विधिनुसार सतत् जाँच की जा रही है। कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है। (ख) प्रकरण की जाँच में जहां-जहां CCTV कैमरे लगे हैं, सभी के फुटेज चेक कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। कोई लापरवाही नहीं की जा रही है। (ग) अभी तक की जाँच में मृतक श्री चन्द्रपाल सिंह दांगोरे के साथ किसी संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। पुलिस द्वारा घटना के प्रत्येक पहलु पर संघन जाँच की जा रही है। मर्ग की जाँच में आवश्यकता अनुसार कार्यवाही की जावेगी। (घ) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश क्रमांक/बोर्ड कार्मिक/ख/784/1871 दिनांक 29.10.2019 द्वारा स्व. श्री चन्द्रपाल दांगोरे तत्कालीन वाहन चालक की आश्रित पत्नी श्रीमती रानू दांगोरे को पति की मृत्यु उपरांत अनुदान राशि रूपये 50000/- स्वीकृत की गई हैं। जिसका भुगतान भोपाल को-ओपरेटिव सेन्ट्रल बैंक के चेक क्रमांक 074317 दिनांक 07.12.2019 से किया गया है।
भूमि पूजन एवं लोकार्पण में प्रोटोकॉल की अवहेलना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
165. ( क्र. 1083 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला विदिशा के जनपद मुख्यालय पर जनपद ग्यारसपुर अंतर्गत ग्राम पंचायतों में स्वीकृत निर्माण कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण विगत दिनाँक 08.07.2019 को आयोजित कर किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त सभी कार्यों का नाम, स्वीकृत राशि, योजना का नाम एवं निर्माण एजेंसी का नाम बतावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के उत्तर में वर्णित कार्यों के भूमि पूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों हेतु राज्य शासन के नियमानुसार प्रोटोकॉल का पालन किया गया था? यदि हाँ, तो किन-किन जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था उनके नाम एवं पद बतावें। (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के उत्तर में वर्णित अतिथियों में मुख्य अतिथि जिनका नाम उक्त सभी निर्माण कार्यों के शिला लेखों में अंकित था, क्या वह उस दिनांक को वर्तमान में जन प्रतिनिधि थे? क्या वह शासन के प्रोटोकॉल अनुसार सही थे? यदि नहीं, तो इसका क्या औचित्य था? क्या इस कार्यक्रम में स्थानीय निर्वाचित विधान सभा सदस्य को आमंत्रित किया था? यदि हाँ, तो उनका नाम शिलालेख में क्यों नहीं था? यदि नहीं, तो इसके लिये दोषी के विरूद्ध क्या की जा रही है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जनपद पंचायत ग्यारसपुर की ग्राम पंचायत ग्यारसपुर में स्थानीय निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उक्त कार्यक्रम शासकीय नहीं था, अत: जानकारी जिला प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों की कर्जमाफी एवं बोनस भुगतान की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
166. ( क्र. 1092 ) श्री हरीसिंह सप्रे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. सरकार द्वारा घोषित 2 लाख रूपये की कर्जमाफी की जाएगी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो क्या निश्चित दिनाँक बताने की कृपा करेंगे। पूर्व घोषित समय 10 दिन अब क्या 10 माह में बदल गया यदि हाँ, तो क्यों? (ख) गेंहू का बोनस जो 160 रूपये प्रति मानक बोरा की दर से किसानों के खातों में जमा किया जाना था क्या वह अभी तक नहीं दिया? उक्त घोषित बोनस राशि कब तक किसानों को प्रदान कर दी जावेगी? (ग) क्या वित्तीय वर्ष 2018-19 में सोयाबीन की 500 रूपये प्रति क्विंटल बोनस राशि (भावान्तर योजना में ) देने की घोषणा की गई थी? क्या उक्त राशि देने की सरकार की मंशा है अथवा नहीं? यदि हाँ, तो निश्चित समय बताने का कष्ट करें? (घ) इस वर्ष खरीफ की खरीदी में सरकार भावान्तर योजना लागू करेगी या नहीं? यदि हाँ, तो कितनी राशि दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। शासन द्वारा चरणबद्ध रूप से ऋण माफी की जा रही है। अत: समयावधि बताना संभव नहीं है। (ख) जय किसान समृद्धि योजना रबी 2018-19 में गेहूं पर रूपये 160 प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि प्रदान किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) खरीफ 2018 हेतु सोयाबीन में फ्लेट भावांतर भुगतान योजना अंतर्गत सोयाबीन के लिए प्रति क्विंटल का फ्लेट भावांतर दर निर्धारण एवं भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) खरीफ 2019 हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर कृषकों का पंजीयन कराया गया है, तद्नुसार कार्यवाही विचाराधीन है।
रतलाम टूरिस्ट सर्किट योजना
[पर्यटन]
167. ( क्र. 1093 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 7 करोड़ 27 लाख रूपये से अधिक लागत की प्रस्तावित रतलाम टूरिस्ट सर्किट योजना का केन्द्र सरकार की स्वीकृति प्राप्त हो गई है? यदि नहीं, तो कब तक प्राप्त होगी? इस योजना को केन्द्र से मंजूर कराने के लिये अब तक क्या-क्या प्रयास किये गये? (ख) धोलावाड़ जलाशय में वॉटर स्पोर्टस प्रारंभ करने के अलावा पाँच अन्य स्थानों पर पर्यटन केन्द्र विकसित करने संबंधी पूर्व प्रस्तावित कार्यों की प्रगति क्या है? (ग) क्या रतलाम जिले के पर्यटन विकास की योजनाओं के लिये पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 5 करोड़ रूपये की राशि मंजूर करने की घोषणा की थी? इस घोषणा की पूर्ति कब तक होगी? (घ) क्या मांगल्या मंदिर को अधिग्रहित कर पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी नहीं। 7 करोड़ 27 लाख रू. से अधिक लागत के रतलाम जिले की स्वीकृति केन्द्र सरकार से प्राप्त नहीं हुई है। उक्त प्रस्ताव केन्द्र सरकार द्वारा बिना स्वीकृति के वापस किया जा चुका है। (ख) विभाग की अधिसूचना क्रमांक 10-62/2016/33, दिनांक 10 अक्टूबर 2019 द्वारा धोलावाड़ जल क्षेत्र को अधिसूचित किया गया। धोलावाड़ ईको टूरिज्म पार्क जिला रतलाम में जनसुविधा के निर्माण हेतु राशि रू. 28.43 लाख की स्वीकृति कलेक्टर रतलाम को जारी की गई है। कार्य प्रगति पर है। जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है।
मांगलिक भवनों का अधूरा निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
168. ( क्र. 1094 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत करमंदी एवं मथुरी में पंचायतों को स्वीकृत धनराशि प्राप्त नहीं होने से मांगलिक भवनों का निर्माण अधूरा पड़ा है? (ख) करमदी पंचायत को मांगलिक भवन निर्माण के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 20 लाख रूपये में से शेष राशि 10 लाख रूपये कब तक प्रदान कर दी जायेगी ताकि मांगलिक भवन का अधूरा निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण हो सके? (ग) क्या ग्राम पंचायत मथुरी को भी मंत्रालय द्वारा स्वीकृत 12 लाख रूपये में से मात्र 6 लाख रूपये प्राप्त हुये हैं, शेष 6 लाख रूपये की राशि कब तक प्रदान की जायेगी ताकि अधूरा मांगलिक भवन का निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण किया जा सके?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) ग्राम पंचायत करमदी को मांगलिक भवन निर्माण की द्वितीय किश्ती की राशि रूपये 10.00 लाख जिला पंचायत रतलाम द्वारा जारी कर दी गई है। (ग) जी हाँ ग्राम पंचायत मथुरी द्वारा मांगलिक भवन कार्य की द्वितीय किश्त हेतु निर्धारित मापदण्ड अंतर्गत 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण नहीं किये जाने से द्वितीय किश्त की मांग कार्यालय जिला पंचायत रतलाम में प्रस्तुत नहीं की गई है, निर्धारित प्रगति उपरांत मांग प्रस्तुत किये जाने पर शेष राशि भुगतान की जावेगी।
भिण्ड जिले में पंजीबद्ध अपराधों पर की गई कार्यवाही
[गृह]
169. ( क्र. 1097 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में माह मई 2018 से प्रश्न दिनाँक तक जाँच हेतु कितने शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त हुये हैं। कितनों में एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? कितने प्रकरणों में ई.आर. एफ.आर. तथा कितने प्रकरणों में चालानी कार्यवाही की गई है? जानकारी देवें। (ख) पुलिस थाना बरोही में दर्ज अपराध प्रकरण क्रमांक 0088/2019 दिनांक 16.08.2019, पुलिस थाना भिण्ड देहात में दर्ज अपराध प्रकरण क्रमांक 0527/2019 दिनांक 03.09.2019 एवं पुलिस थाना अटेर में दर्ज अपराध प्रकरण क्रमांक 0095/2019 दिनांक 12.06.2019 में अभी तक क्या कार्यवाही की गई? क्या पुलिस द्वारा इन अपराधों में बनाये गये आरोपियों की गिरफ्तारी कर इनाम घोषित किया गया है? यदि हाँ, तो किस किस प्रकरण में, किस-किस अपराधी पर कितना-कितना इनाम घोषित किया गया है? क्या इनकी गिरफ्तारी के लिये टीम गठित की गई है? यदि हाँ, तो कितने अपराधियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया गया है? कितनों में नहीं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में अपराधी मान. उच्च न्यायालय से स्थगन (स्टे) पर है? यदि हाँ, तो स्थगन की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो उन्हें गिरफ्तार न करने के लिये कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं? उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) अवधि में भिण्ड एवं अटेर विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत आने वाले थानों में दर्ज अपराधों में फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये क्या टीम गठित की गई? यदि हाँ, तो टीम द्वारा कब-कब कितनी बार दबिश दी गई?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) जी नहीं। कोई भी अधिकारी अत्तरदायी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। टीम द्वारा दिनांक 04.09.2019 से 02.12.2019 तक 29 बार दबिश दी गई है।
सी.आर.पी.सी. की धाराओं के विरूद्ध जाँच के आदेश
[गृह]
170. ( क्र. 1098 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में माह मई 2018 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड एवं अटेर विधानसभा अन्तर्गत आने वाले समस्त थानों में माननीय उच्च न्यायालय से अपराधों में गिरफ्तारी पर रोक के आदेश को छोड़कर शेष प्रकरणों में अपराधियों को गिरफ्तार न करने के क्या कारण हैं? (ख) क्या जघन्य अपराधों में जाँच के नाम पर म.प्र. में पुलिस अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली कर अपराधियों को बचाया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्या पुन: जाँच के आदेश वैध हैं? यदि हाँ, तो स्पष्ट कर आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्या सी.आर.पी.सी. में जाँच का प्रावधान है? यदि हाँ, तो स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो फिर अपराधों में पुन: जाँच के आदेश की अवैध प्रक्रिया को समाप्त किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? बतावें। (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने अपराध हैं जिनमें समय-सीमा में विवेचना कर गिरफ्तारी उपरांत चालान न्यायालय में पेश किये गये? कितनों में नहीं? कानूनी कारण सहित जानकारी दें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) कुछ प्रकरण विवेचना में होने से एवं कुछ प्रकरणों में आरोपीगणों के फरार होने से आरोपीगणों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। (ख) एवं (ग) जी नहीं। सी.आर.पी.सी. की धारा 22 (जी) में ''जाँच से अभिप्रेत है विचारण से भिन्न, ऐसी प्रत्येक जाँच जो इस संहिता के अधीन मजिस्ट्रेट या न्यायालय द्वारा की जाए''। विभाग के द्वारा शिकायत प्राप्त होने पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति एवं स्टाफ हेतु आवास सुविधा की जानकारी
[गृह]
171. ( क्र. 1118 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में कहाँ-कहाँ पुलिस थाने एवं चौकियां खोली गई थीं? प्रश्न दिनांक तक इसमें किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी के पद सृजित हैं और कितना-कितना स्टॉफ पदस्थ है? (ख) प्रश्न दिनांक तक किस-किस के पद रिक्त हैं? (ग) टीकमगढ़ जिले में रिक्त पदों को शासन द्वारा कब तक भर दिया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि कहाँ-कहाँ पुलिस थाने एवं चौकियां के पास स्वयं भवन एवं स्टाफ के रहने के लिए आवास नहीं है? जिले से इनके भवनों के निर्माण हेतु कब-कब शासन को अवगत कराया गया? विभाग ने क्या-क्या कार्यवाही की? भवनों के निर्माण हेतु कब तक राशि स्वीकृत की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (अ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब’’ अनुसार है। (ग) पुलिस विभाग के अंतर्गत जिला टीकमगढ़ में कुल स्वीकृत पद-1029, उपलब्ध पद-879 एवं रिक्त पद-150 हैं। रिक्त पदों में निरीक्षक-07, सूबेदार-02, उनि-10, सउनि-49, प्र.आर.-80 एवं आर-02 है। विभाग द्वारा पदोन्नति से भरे जाने वाले निरीक्षक के 100 प्रतिशत, उप निरीक्षक 50 प्रतिशत, सहायक उप निरीक्षक 100 प्रतिशत एवं प्रधान आरक्षक 100 प्रतिशत पद पदोन्नति संबंधी प्रकरण माननीय उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण रिक्त है। सूबेदार एवं आरक्षक 100 प्रतिशत सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पद है, जिनकी पूर्ती आगामी सीधी भर्ती के माध्यम से की जानी है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स’’ एवं ''द’’ अनुसार है। जिले से इनके भवनों का निर्माण हेतु पुलिस मुख्यालय एवं शासन को अवगत नहीं कराया गया है। मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2017-18 से पाँच चरणों में प्रस्तावित 25000 पुलिस आवास गृहों के निर्माण में टीकमगढ़ के लिए प्रथम चरण में एन.जी.ओ. के 12 एवं आर/प्रआर के 48 कुल 60 आवासगृह एवं द्वितीय चरण में मैदानी अधिकारियों के 08, एन.जी.ओ. के 12 एवं आर./प्रआर. के 48 कुल 68 आवास गृह एवं तृतीय चरण में एन.जी.ओ. के 24 एवं आर./प्रआर. के 96 कुल 120 आवासगृह निर्माण हेतु शामिल किये गये हैं। भवनों के निर्माण हेतु राशि स्वीकृत की गयी है।
समर्थन मूल्य पर शासन की नीति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
172. ( क्र. 1119 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसानों के खरीफ एवं रबी की फसलें क्रय करने हेतु शासन ने प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या नियम बनाए हैं? (ख) टीकमगढ़ जिले में प्रश्न दिनांक तक गत वर्ष कहाँ-कहाँ उपरोक्त फसलों के क्रय हेतु केन्द्र बनाए गए थे एवं भविष्य की फसलों के लिए कहाँ-कहाँ किस मापदण्ड के आधार पर बनाए जा रहे हैं? (ग) गत वर्ष कहाँ-कहाँ के किसानों को क्रय केन्द्रों पर फसलों के विक्रय में परेशानियों का सामना करना पड़ा था और क्यों? (घ) क्या विधायकों से किसानों को फसल बेचने हेतु क्रय केन्द्र सुविधा की दृष्टि से बनाने हेतु प्रस्ताव लिखित में लिए जावेंगे? यदि हाँ, तो कब तक और नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रदेश में खरीफ 2019 एवं रबी 2019-20 में समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन हेतु शासन द्वारा जारी नीति की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जिला टीकमगढ़ में गत वर्ष खाद्यान्न उपार्जन हेतु जिला स्तरीय गठित उपार्जन समिति की अनुशंसा के आधार पर बनाये केन्द्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। शासन द्वारा जारी नीति के अनुरूप ही केन्द्र बनाये गये हैं। भविष्य में ई-उपार्जन पोर्टल पर फसलों के पंजीयन एवं रकबे के आधार पर केन्द्र स्थापित करने के संबंध में निर्णय लिया जा सकेगा। (ग) गत वर्ष जिले में फसलों के क्रय करने में किसानों को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। (घ) शासन द्वारा जारी नीति के अनुरूप ही जिला स्तरीय गठित उपार्जन समिति की अनुशंसा के आधार पर केन्द्र बनाए जाने का प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सर्वे सूची
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
173. ( क्र. 1139 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत हरदा जिले में राजस्व विभाग द्वारा किये गये सर्वे सूची में प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पोखरनी एवं खुदिया के नाम नहीं होने का क्या कराण है? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में किसकी गलती से ग्राम के नाम छोड़े गये? क्या दोषी कर्मचारी/अधिकारियों पर जबावदेही निर्धारित करते हुये उन पर कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कृत कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) प्रश्नांश (क) के संबंध में ग्राम पोखरनी एवं खुदिया को सूची में कब तक शामिल किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार जिलावार तहसीलवार एवं पटवारी हल्कावार अधिसूचित की जाने वाली फसलों का राजपत्र में प्रकाशन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किया जाता है। खरीफ 2019 हेतु अधिसूचित की जाने वाली फसलों की सूची आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर द्वारा गूगल शीट के माध्यम से ई-मेल दिनांक 31.5.2019 को प्राप्त हुआ जिसके अनुसार अधिसूचित की जाने वाली फसलों की सूची राजपत्र में प्रकाशित की गई। उक्त गूगल शीट के ग्राम पोखरनी एवं खुदिया से संबंधित अंश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। जिस पर कोई भी फसल अंकित नहीं है। आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के पत्र क्र. 337/सां12/प्रमंफबीयो/खरीफ वर्ष 2019-20 दिनांक 16.10.2019 द्वारा उक्त दो ग्रामों में फसल अधिसूचित करने हेतु लेख किया गया किन्तु खरीफ 2019 में कृषकों के बीमांकन तथा अधिसूचना जारी करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2019 होने से उक्त संशोधन जारी नहीं हो पाया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। आयुक्त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर द्वारा प्रश्न की जानकारी के संबंध में लेख पत्र क्र. क्यू' सा12/वि.सभा/2019, दिनांक 9.12.2019 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ग) खरीफ 2019 में बीमांकन की अंतिम तिथि दिनांक 31 जुलाई 2019 के पश्चात अधिसूचना में कोई भी संशोधन किया जाना संभव नहीं है।
भोपाल के खटलापुरा विसर्जन घाट पर हुई दुर्घटना की जाँच
[गृह]
174. ( क्र. 1155 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 13 सितम्बर 2019 को गणेश विसर्जन के दौरान भोपाल के खटलापुरा में 11 युवाओं की जान जाने के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रीयल जाँच के आदेश दिए थे, क्या वह जाँच पूरी हुई? अगर हाँ तो कौन अधिकारी-कर्मचारी दोषी पाए गए एवं उनके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी? यदि जाँच अभी भी जारी है, तो जाँच कब तक पूरी होगी? (ख) शासन द्वारा मृतकों के परिवारजनों को मुआवजा राशि दी जानी थी, क्या वह दे दी गयी? यदि हाँ, तो कब और कितनी राशि दी गयी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जाँच अभी पूर्ण नहीं हुई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ। प्रत्येक मृतक के वैध आश्रित को दिनांक 13.09.2019 को रुपये 4,00,000/- (चार लाख रुपये मात्र) एवं दिनांक 03.10.2019 को रुपये 7,00,000/- (सात लाख रुपये मात्र) इस प्रकार कुल 01 करोड़ 21 लाख का भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से किया जा चुका है।
यूरिया खाद की आपूर्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
175. ( क्र. 1164 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान रबी सीजन हेतु बदनावर विकासखण्ड अन्तर्गत यूरिया उर्वरक की मांग अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पाने के क्या कारण है? क्या बदनावर विकासखण्ड में लगभग 45000 मेट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है और पर्याप्त मात्रा में प्रदाय नहीं हो पा रहा है? (ख) बदनावर विकासखण्ड के लिए कितना यूरिया प्रस्तावित है और उसके एवज में अब तक कितना मेट्रिक टन यूरिया भेजा गया? सहकारी समितियों में कितना यूरिया प्रदाय किया गया है और सहकारी समितियों में कितने यूरिया कि आवश्यकता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) वर्तमान में रबी सीजन हेतु विकास खण्ड बदनावर की मांग अनुसार यूरिया निरंतर प्राप्त हो रहा है। बदनावर विकास खण्ड में 45000 मेट्रिक टन यूरिया आवश्यकता नहीं हैं तथा आवश्यकतानुसार निरंतर यूरिया प्रदाय किया जा रहा है। (ख) बदनावर विकासखण्ड के लिये 12500 मेट्रिक टन यूरिया प्रस्तावित है। उसके ऐवज में दिनांक 05.12.2019 तक कुल 7357 मेट्रिक टन यूरिया प्रदाय किया गया। इसमें से सहकारी समितियों में 6479 मेट्रिक टन यूरिया प्रदाय किया गया। वर्तमान में सहकारी समितियों में 4767 मेट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है।
जय किसान ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
176. ( क्र. 1250 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने अपने वचन पत्र में प्रदेश के सभी किसानों का 200000 (दो लाख) तक का कर्जा 10 दिन में माफ करने का वचन दिया था? यदि हाँ, तो प्रश्नांकित दिनांक तक मध्यप्रदेश में किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत कितने किसानों का कर्जा माफ हो चुका है? राशि सहित संख्यात्मक जानकारी जिलेवार दें तथा कितने किसानों का ऋण प्रश्नांकित दिनांक तक माफ नहीं हुआ है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी दें। उक्त योजना के लिए कितने बजट की आवश्यकता है तथा प्रश्नांकित दिनांक तक शासन द्वारा कितने बजट का प्रावधान किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित तथा अन्य बैंकों का कुल कितने किसानों की कुल कितनी धनराशि का कृषि ऋण दिनांक 31 मार्च 2018 की स्थिति में बाकी था? कृषक का नाम, पता, ऋण राशि सहित पैक्स (समितिवार) एवं बैंकवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में राज्य शासन की जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत 17 दिसंबर 2018 से जिला सहकारी बैंक एवं अन्य बैंकों के कुल कितने कृषकों की कुल कितनी धनराशि का ऋण माफ किया गया है? इस हेतु कितनी धनराशि प्रत्येक सहकारी समिति (पैक्स) तथा अन्य बैंकों को प्रदाय की जा चुकी है? सारणिक रूप से बतावें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में क्या यह सही है कि ऋण माफी योजना के कारण किसानों द्वारा ऋण राशि जमा न करना और राज्य सरकार द्वारा भी माफ किये गये ऋणों को बैंकों में जमा न करने से किसान बैंकों से डिफाल्टर हो गये हैं, इस कारण ऋण राशि का 14 प्रतिशत ब्याज लग रहा है? उक्त किसानों का ऋण कब तक माफ कर दिया जावेगा? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) (घ) के संदर्भ में ऐसे किसानों के लिए रबी की फसल के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए कौन सी योजना लागू की जा रही है तथा सभी किसानों को खाद बीज कब तक उपलब्ध करा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ब्राडिंग और मार्केटिंग की कार्ययोजना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
177. ( क्र. 1280 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन के बजट में रतलाम के सेव, सागर की बरफी, भिण्ड के पेड़ों, टीकमगढ़-छतरपुर के पीतल उद्योग और महेश्वर एवं चदेरी की साड़ियों की ब्राडिंग और मार्केटिंग करने के संबंध में की गई घोषणा के क्रियान्वयन की क्या स्थिति है? (ख) इसके लिये क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है? उसमें कितनी राशि का प्रावधान किया गया है? क्या यह राशि संबंधित एजेंसी को उपलब्ध करा दी गई है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) रतलामी सेव एवं दतिया-टीकमगढ़ के बेलमेटल, महेश्वरी साड़ी एवं चंदेरी के वस्त्र की ब्राडिंग हेतु पूर्व में ही जी.आई. टेग प्राप्त किये जा चुके हैं एवं शेष उत्पाद की ब्राडिंग हेतु जी.आई. टेग प्राप्त करने की संभावना हेतु परीक्षण किया जा रहा है। (ख) जी हाँ। अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रचार-प्रसार मद में कुल राशि रूपये 757.52 लाख का प्रावधान किया गया है जिसमें अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मेला प्रदर्शनी में प्रदेश के एम.एस.एम.ई. उत्पादों की ब्राडिंग भी की जाकर आयोजन हेतु मांग के आधार पर संबंधित एजेंसी को परीक्षण उपरांत राशि उपलब्ध कराई जाती है।
शासकीय नौकरियों में फर्जी प्रमाण-पत्र का उपयोग
[गृह]
178. ( क्र.
1369 ) श्री
लक्ष्मण
सिंह : क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
गृह विभाग में
कतिपय
कर्मचारी/अधिकारी
शासकीय
नौकरियों में
फर्जी प्रमाण-पत्र
का इस्तेमाल
कर नियुक्ति
पा गये हैं? (ख) यदि
हाँ, तो
उन पर क्या
कार्यवाही की
जा रही है? (ग) पूर्व
सरकार द्वारा
इस विषय पर
गठित समिति एवं
समिति की
रिपोर्टस की
वर्तमान
स्थिति से अवगत
करायें?
गृह
मंत्री ( श्री
बाला बच्चन ) : (क) से (ग) की
जानकारी
एकत्रित की जा
रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
179. ( क्र. 1463 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगाँव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत वर्ष बदनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सेमलिया के 40 किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ इसलिए नहीं मिल पाया कि पोर्टल पर सेमलिया को सरदारपुर में दर्शा दिया। उक्त किसानों के के.सी.सी. नर्मदा-झाबुआ बैंक शाखा-कानवन में खाते हैं। बैंक द्वारा प्रकरण बीमा कम्पनी को भेजे गए पर कम्पनी के अनुसार राशि सरदारपुर तहसील के सेमलिया में जमा हो गई, जबकि उक्त राशि वहां भी नहीं पहुंची? (ख) यदि हाँ, तो वंचित किसानों के प्रकरण जाँच कर बीमा का लाभ दिलवाया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) बदनावर विधानसभा क्षेत्र के प्रश्नांकित ग्राम सेमलिया के 40 किसानों में से नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक शाखा कानवन द्वारा फसल बीमा पोर्टल पर 4 कृषकों को पटवारी हल्का नम्बर 69 तहसील बदनावर में दर्ज किया। बीमा कंपनी द्वारा उक्त पटवारी हल्के में पात्र कृषकों हेतु क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया गया है। उक्त बैंक शाखा द्वारा 36 कृषकों को पटवारी हल्का नम्बर 39 तहसील सरदारपुर में दर्ज किया गया है। पटवारी हल्का नम्बर 39 में उपज में कमी नहीं पाई जाने के कारण दावा नहीं बना है जिससे उक्त कृषकों को दावा भुगतान नहीं हुआ है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की मार्गदर्शी निर्देशिका की कंडिका क्र. 24-4 के अनुसार यदि बैंक/समिति की त्रुटि के कारण यदि कोई किसान फसल बीमा लाभ से वंचित रहता है, तो ऐसी हानियों की भरपाई संबंधित संस्था ही करेगी। अत: उपरोक्तानुसार शेष पात्र कृषकों को संबंधित बैंक द्वारा क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान करने हेतु संयुक्त संचालक संस्थागत वित्त म.प्र. के पत्र क्र. 3465, दिनांक 30.09.2019 एवं संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास म.प्र. के पत्र क्र. 1478, दिनांक 24.09.2019 द्वारा चेयरमेन म.प्र. ग्रामीण बैंक इंदौर को लेख किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' एवं ''दो'' अनुसार है। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''तीन'' अनुसार है।
नदी के कटाव से प्रभावित ग्राम
[नर्मदा घाटी विकास]
180. ( क्र. 1753 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाली नर्मदा नदी के कटाव से कौन-कौन से ग्राम प्रभावित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रभावित ग्रामों में कटाव को रोकने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं कब-कब बनायी गयी? प्रत्येक की जानकारी देते हुए बतावें कि इनमे से कौन सी योजना केन्द्र सरकार के पास स्वीकृति हेतु कब भेजी गयी? (ग) कौन-कौन सी योजनाएं प्रदेश स्तर पर स्वीकृत की जाना है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) से (ग) जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम लछोरा प्रभावित है, जहां घाट का निर्माण दिनांक 16/05/2018 को किया जा चुका है। प्राप्त जानकारी अनुसार अन्य कोई प्रस्ताव न होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
वॉटरकोर्स
फील्ड चैनल का
निर्माण
[नर्मदा घाटी विकास]
1. ( क्र. 3 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर में अधिकांश नहरें जर्जर एवं टूटी-फूटी हालत में हैं तथा क्या इन टूटी नहरों के कारण खेत तक पानी नहीं पहुंचता है एवं पानी बर्बाद हो जाता है? (ख) क्या वॉटरकोर्स फील्ड चैनल (कोलावा) निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2018-19 में आवंटन प्राप्त हुआ था? (ग) यदि हाँ, तो कितना आवंटन प्राप्त हुआ? विधानसभा क्षेत्र पनागर में कितना व्यय हुआ एवं कितने चैनल (कोलावा) बनाये गये? यदि चैनल (कोलावा) नहीं बनाये गये तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
होमगार्ड की स्थानांतरण नीति
[गृह]
2. ( क्र. 4 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश के पुलिस विभाग के नियम होमगार्ड में लागू हैं? (ख) यदि हाँ, तो क्या पुलिस विभाग की स्थानांतरण नीति भी होमगार्ड में लागू है? (ग) यदि हाँ, तो जबलपुर जिले में होमगार्ड के कौन-कौन अधिकारी गत 8-10 वर्षों से लगातार पदस्थ हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) के अंतर्गत क्या ऐसे अधिकारियों का स्थानांतरण किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) जिला जबलपुर में भिन्न-भिन्न पदस्थाना एवं पद पर 08 वर्षों से 01 अधिकारी कार्यरत हैं। प्रशासकीय आवश्यकतानुसार स्थानान्तरण बाबत् कार्यवाही की जाती है शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( क्र. 34 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में कितने मजरे/टोले प्रश्न दिनांक तक नहीं जुड़े है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के तारतम्य में कितने मजरे/टोले पात्रता रखते हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के तारतम्य में शेष बचे मजरे/टोले कब तक योजना से जुड़ जायेंगे।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों अनुसार केवल राजस्व ग्रामों को ही ग्रेवल सड़क के माध्यम से एकल सम्पर्कता प्रदान की जाती है। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में 2 लाख तक के कर्ज माफ के हितग्राहियों की संख्या
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
4. ( क्र. 37 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2019 के बाद कितने कृषकों के 2 लाख तक के कर्ज पूर्ण रूप से माफ किये गये? सिर्फ जिलेवार कृषकों की संख्या बतावें। (ख) झाबुआ जिले में गत 1 अगस्त 2019 से प्रश्न दिनांक तक झाबुआ विधान सभा झाबुआ जिले तथा मंदसौर विधान सभा में रूपये 1 लाख तक के कितने कृषकों के कर्ज माफ किये गये? कृषकों की संख्या उपलब्ध करावे। (ग) मंदसौर जिले में कितने किसान कर्जमाफी नहीं होने के कारण सहकारी एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा डिफॉल्टर घोषित किये गये हैं? (घ) क्या मंदसौर जिले में समस्त कृषकों के 2 लाख तक के कर्ज माफ कर दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कब तक 2 लाख तक के कर्जमाफ कर दिये जायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2019 के बाद 2022731 कृषकों के 2 लाख तक के कर्ज पूर्ण रूप से स्वीकृत किये है जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) झाबुआ जिले में गत 1 अगस्त 2019 से प्रश्न दिनांक तक 2793 कृषकों का एवं झाबुआ विधानसभा में 1019 कृषकों का तथा मंदसौर विधानसभा के 10285 कृषकों का राशि रूपये 1 लाख तक का कर्ज माफ किया जा चुका है। (ग) कर्ज माफी से किसानों का डिफाल्टर घोषित किये जाने का कोई संबंध नहीं है। (घ) जी नहीं। वर्तमान में जय किसान फसल ऋण माफी योजना सतत प्रक्रियाधीन है।
कदवाया थाने का भवन निर्माण
[गृह]
5. ( क्र.
45 ) श्री
गोपालसिंह
चौहान : क्या गृह
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
ग्राम पंचायत
कदवाया
विकासखंड
ईसागढ़ जिला
अशोकनगर में, जिसकी
जनसंख्या
लगभग 7000 है
एवं आसपास के
लगभग 45 से
50
ग्रामों से
घिरा हुआ है
वर्तमान समय
में पुलिस
थाना 2
कमरों की बिल्डिंग
में संचालित
हो रहा है तथा
क्या थाने के
नवीन भवन हेतु
शासन से स्वीकृति
प्रदान की जा
चुकी है? (ख) यदि
हाँ, तो
कब से नवीन
भवन निर्माण
का कार्य
प्रारंभ कर
दिया जावेगा? (ग) कदवाया
थाने के
क्षेत्रफल को
दृष्टिगत
रखते हुये
डायल 100 की
गाड़ी कब तक
स्वीकृत कर
दी जावेगी?
गृह
मंत्री ( श्री
बाला बच्चन ) : (क) जी
हाँ। चौकी
कदवाया जिला
अशोकनगर का
शासन के आदेश
दिनांक 23.11.2016 द्वारा
चौकी से थाने
में उन्नयन
किया गया है। पूर्व
में चौकी के
रूप में
संचालित होने
के कारण एवं
पुराना पुलिस
चौकी भवन होने
के कारण वर्तमान
में थाना दो
कमरों में
संचालित किया
जा रहा है। नवीन
थाना/चौकियों
के निर्माण की
विस्तृत
परियोजना में
कदवाया में
नवीन चौकी भवन
निर्माण की
स्वीकृति है।
चूंकि वहां
चौकी से थाने
में उन्नयन हो
चुका है। अतः
अभी नवीन थाना
भवन निर्माण
की स्वीकृति
नहीं है। (ख) नवीन
थाना भवन
निर्माण की
स्वीकृति
हेतु आगामी
चरण की योजना
के प्रस्ताव
में शामिल किया
जावेगा। (ग) जिला
अशोकनगर में
वर्तमान में
एक डायल-100 वाहन थाना
कदवाया एवं
ईशागढ़ हेतु
स्वीकृत है। डायल-100 सेवा
हेतु उपलब्ध
समस्त 1000 डायल-100 वाहन
सम्पूर्ण
प्रदेश में
तैनात है तथा
वर्तमान में
अतिरिक्त
डायल-100
वाहन उपलब्ध
नहीं है।
कराधान की राशि की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( क्र. 47 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ईसागढ़ जनपद एवं चन्देरी जनपद में आने वाली समस्त ग्राम पंचायतों में कराधान की राशि ग्राम पंचायतों को प्राप्त नहीं होने के क्या कारण है? (ख) क्या ईसागढ़ जनपद पंचायत के अंतर्गत आनेवाली ग्राम पंचायत नईसराय एवं कदवाया जो कि जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायतें है, ऐसी और भी ग्राम पंचायतों का वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18, 2018-19 का जनपद के माध्यम से ऑडिट पूर्ण किये जाने के बाद भी कराधान की राशि इन ग्राम पंचायतों में नहीं आई है। यदि हाँ, तो कराधान की राशि इन ग्राम पंचायतों को कब तक प्राप्त हो जावेगी स्पष्ट करें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) स्वकराधान (परफारमेन्स ग्रांट) की राशि स्वयं की आय अर्जित करने वाली ग्राम पंचायतों को पात्रता अनुसार जनपद पंचायतों द्वारा जिला पंचायत के माध्यम से प्रेषित प्रस्ताव पर प्रदाय की जाती है। (ख) पात्र ग्राम पंचायतों को जिला पंचायतों के माध्यम से प्राप्त प्रस्ताव पर राशि प्रदाय की जाती है। वर्तमान में वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 की राशि प्रदाय हेतु जिला पंचायतों से प्रस्ताव प्राप्त किए जा रहे है, जो कि शीघ्र ही भारत सरकार को प्रेषित किए जाकर राशि प्राप्त की जाना है।
नवीन अनाज मंडी की स्वीकृति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
7. ( क्र. 49 ) श्री गोपालसिंह चौहान : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या तहसील नईसराय जिला अशोकनगर में वर्तमान समय तक अनाज मंडी नहीं है जिसके कारण आसपास लगभग 50 से 60 ग्रामों के किसानों को 50 कि.मी. दूर अशोकनगर जाना पड़ता है? क्या सरकार का अनाज मंडी के निर्माण हेतु कोई कार्य योजना है? यदि हाँ, तो अनाज मंडी कब तक बनकर तैयार हो जावेगी और यदि नहीं, तो किसानों की समस्या को दृष्टिगत रखकर कार्ययोजना कब तक बनायेंगे? (ख) क्या ग्राम कदवाया जिला अशोकनगर में पूर्व से उपमंडी स्वीकृत है एवं जगह भी उपलब्ध है उसके बाद भी यहां पर किसानों की फसल का क्रय-विक्रय नहीं हो पा रहा है? कारण सहित स्पष्ट करें। कब तक क्रय विक्रय होना प्रारंभ हो जावेगा।
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
सचिन
सुभाषचन्द्र
यादव ) : (क) तहसील नईसराय
जिला अशोकनगर
में मण्डी
प्रांगण
अधिसूचित
नहीं है, परन्तु
कृषि उपज मंडी
शाढोरा जिला
अशोकनगर के
मंडी क्षेत्र
अन्तर्गत
नईसराय आता है, जहॉ से
लगभग 22 से
25
किलोमीटर
दूरी पर कृषि
उपज मंडी
समिति शाढोरा
एवं गुना
स्थित है, वहां
किसानों को
कृषि उपज
विक्रय की
सुविधा उपलब्ध
है। नईसराय
में अनाज मंडी
निर्माण हेतु
कोई कार्य
योजना नहीं है
क्योंकि
वहां मूल मंडी/उपमंडी
स्थापना
हेतु
निर्धारित
मापदण्डों
की पूर्ति नहीं
हो रही है। (ख) कदवाया
जिला अशोकनगर
में उपमंडी
अधिसूचित नहीं
है। कदवाया
ग्राम में
उपमंडी हेतु 2.000
हेक्टेयर
भूमि आवंटित
की गई है परन्तु
उपमंडी के लिए
निर्धारित
मापदण्डों
की पूर्ति
नहीं होने से
वहां उपमंडी
नहीं बन पा
रही है, जिसकी वजह
से ग्राम
कदवाया में
कृषि उपज मंडी
का
क्रय-विक्रय
संभव नहीं है।
इस क्षेत्र
में किसानों
को निकटवर्ती
कृषि उपज मंडी
समिति रन्नौद, खतोरा
एवं
खनियाधाना
में अपनी उपज
विक्रय करने
की सुविधा
उपलब्ध हैं। उपरोक्त
परिस्थितियों
में ग्राम
कदवाया में
उपमंडी बनाने
तथा कृषि उपज
के
क्रय-विक्रय
होने बाबत्
समय-सीमा
बताना संभव
नहीं है।
नाबालिक लड़कियों के लापता होने के प्रकरण
[गृह]
8. ( क्र. 54 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में 1 जनवरी 2019 के पश्चात कुल कितनी बालिकाओं के लापता होने की शिकायत विभिन्न थानों में दर्ज की गयी है? सिर्फ संख्या बताये? (ख) क्या पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा इस संबंध में आंकड़ों को लेकर कोई विवेचना की हैं? यदि हाँ, तो आकड़ों की प्रतिलिपि उपलब्ध कराये। क्या लचर कानून व्यवस्था इसका मुख्य कारण है? यदि नहीं, तो गत 10 वर्षों में सर्वाधिक बालिकायें लापता होने के क्या कारण हैं? (ग) प्रदेश में उक्त अवधि में कितनी बालिकाओं एवं महिलाओं को ब्लैकमेल (सोशल मीडिया के द्वारा) करने के कितने प्रकरणों की शिकायत विभिन्न थानों में दर्ज की गई है एवं कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया है, जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 01.01.19 से दिनांक 26.11.19 तक प्रदेश में बालिकाओं के लापता होने के संबंध में 7891 शिकायतें दर्ज की गई। (ख) प्रत्येक प्रकरण में संबंधित थाना के विवेचना अधिकारी/जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा विवेचना/जाँच की जाती है। 18 वर्ष से कम आयु के प्रत्येक बालक/बालिका के गुम होने के प्रकरण में अपराध दर्ज कर विवेचना की जाती है। यह कहना सही नहीं है कि बालिकाओं के लापता होने का कारण लचर कानून व्यवस्था है। बालिकाओं के लापता होने के वही कारण पुलिस रिकार्ड में होते हैं, जिनका उल्लेख पीडि़त/माता-पिता/संरक्षक/गवाहों ने गुम सूचना या प्रथम सूचना प्रतिवेदन या कथनों में दर्ज कराया है। इसमें सर्वाधिक बालिकाओं के लापता होने के प्रमुख कारण आरोपियों द्वारा विवाह का प्रलोभन देना, प्रेमी के साथ घर से चले जाना, रोजगार हेतु माता-पिता/संरक्षक की सहमति या जानकारी के बिना चले जाना या रिश्तेदारियों में चले जाना आदि बताये गये हैं। (ग) प्रदेश में वर्ष 2009 से वर्ष 2018 तक (10 वर्ष) बालिकाओं एवं महिलाओं को ब्लैकमेल (सोशल मीडिया के द्वारा) करने की विभिन्न थानों में 133 शिकायतें दर्ज हुई। इन दर्ज शिकायतों में से 118 शिकायतों का निराकरण किया गया।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत शौचालय निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 70 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत O.D.F. घोषित ग्रामपंचायतों में अनेक परिवार ऐसे भी हैं जिनके घर शौचालय नहीं हैं, शौच के लिए परिवार को बाहर जाना पड़ता है, उनके घर शौचालय का निर्माण किस योजना में कैसे होगा? पूर्ण विवरण दें। (ख) रायसेन जिले की जनपद पंचायत बेगमगंज की ग्राम पंचायत घानाकलॉ, उमरखोह, लखनपुर, खमरिया, टी, एन.जी, करहोला तथा जनपद पंचायत सिलवानी की ग्रामपंचायत जैतपुर, समनापुर, चंदपुरा तथा पड़रियाकलॉ में कितने घरों में शौचालय का निर्माण किस वर्ष किसने करवाया? शौचालय निर्माण में कितनी प्रोत्साहन राशि का भुगतान हुआ? (ग) नवंबर 2019 की स्थिति में उक्त ग्राम पंचायतों में कितने घरों में शौचालय नहीं हैं तथा ऐसे परिवारों के घर शौचालय क्यों नहीं बनवाये गये? (घ) उक्त पंचायतों में बनवाये गये शौचालयों में से कितने शौचालय टूट-फूट/नष्ट हो गये है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बेसलाईन सर्वे 2012 अनुसार पोर्टल पर दर्ज हितग्राहियों के घर शत-प्रतिशत शौचालय निर्माण किया जा चुका है। ऐसे परिवार जिनका नाम बेसलाईन सर्वे 2012 में दर्ज नहीं था, उनके शौचालय का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) अंतर्गत एल.ओ.बी (लेफ्ट आउट बेसलाईन) एवं एन.ओ.एल.बी. (नोवन लेफ्ट विहाइंड) के तहत किया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 71 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवम्बर 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ तथा क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) ग्राम के निवासियों को भी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में आवास मिले, इस संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों ने भारत सरकार को कब-कब पत्र लिखे तथा भारत सरकार से क्या-क्या जवाब आया? सभी पत्रों की छायाप्रति दें। (ग) नवंबर 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में कितने आवास पूर्ण हुए? उनमें से किन-किन को 90 दिन की पूरी मजदूरी नहीं मिली तथा क्यों? कब तक 90 दिन की पूरी मजदूरी दी जायेगी। (घ) प्रश्नांश (क) से (ग) के संबंध में माननीय मंत्री जी को रायसेन जिले के किन-किन विधायकों के पत्र कब-कब मिले तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? संबंधित विधायकों को कब-कब अवगत कराया? यदि नहीं, तो कारण बतायें, कब तक अवगत करायेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। भारत सरकार से जबाव अप्राप्त। (ग) नवम्बर 2019 की स्थिति में रायसेन जिले में 37636 आवास पूर्ण हुए। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। जिनके मस्टर रोल प्रगतिरत है उन्हें इसी वित्तीय वर्ष एवं जिनके 100 दिन पूरे हो चुके है उन्हें अगले वित्तीय वर्ष में मजदूरी का भुगतान किया जा सकेगा। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
पुलिस कर्मचारियों की पदस्थापना
[गृह]
11. ( क्र. 82 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. पुलिस विभाग के आरक्षकों, प्रधान आरक्षकों के किसी एक पुलिस थाना पर कार्य करने की समयावधि संबंधी क्या नियम बनाये गये है? (ख) देवास जिले के पुलिस थाना नेमावर एवं कन्नौद में ऐसे कितने हेड कांस्टेबल हैं जो अपने सेवाकाल में लंबे समय से इन्हीं थाना क्षेत्रों में कार्यरत हैं नाम एवं संख्या बतायें। (ग) ऐसे कर्मचारियों के सर्विस रिकार्ड में कितने वर्ष एक ही पुलिस थाने पर नौकरी किया जाना दर्ज है? चुनाव आयोग की आचार संहिता प्रभावशील होने की समयावधि को छोड़कर जानकारी देवें। (घ) क्या एक ही जगह पर अपने सेवाकाल का आधे से अधिक समय व्यतीत करने से विभाग के सेवा संबंधी नियमों का उल्लंघन हुआ है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) पुलिस मुख्यालय म.प्र. द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 30.12.2017 में निर्देशित किया गया है कि ''उप निरीक्षक से आरक्षक स्तर तक के कर्मचारियों को किसी एक थाने की पदस्थापना 4 वर्ष से अधिक नहीं हो। (ख) से (घ) देवास जिले के पुलिस थाना नेमावर एवं कन्नौद में कोई भी हेड कांस्टेबल लंबे समय से पदस्थ नहीं है। अतः शेष उपस्थित नहीं होता है।
किसानों की आत्महत्या के दर्ज मामले
[गृह]
12. ( क्र. 83 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक किसानों के द्वारा आत्महत्या किये जाने के कितने मामले विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किये गये? जिलेवार जानकारी देवें। (ख) इन आत्महत्या के मामलों में कितने मामले ऐसे पाये गये जिनमें अत्यधिक कर्जदार होना एवं फसल खराब होने के कारण तनाव में रहने को परिजनों ने आत्महत्या करने का कारण बताया? (ग) क्या देवास जिले में अब तक वर्ष 2019 में 5 किसानों द्वारा विभिन्न बैंकों, सहकारी समितियों एवं साहूकारों के कर्जे के बोझ के कारण मौत को गले लगाया है? (घ) क्या सरकार किसानों की आत्महत्या के मामलों को विशेष मामला मानकर इनकी जाँच वरिष्ठ अधिकारियों से करवायेगी।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में जनवरी 2019 से दिनांक 20.11.2019 तक कुल 122 मामले किसानों की आत्महत्या के कारण दर्ज हुये है। जानकारी निम्नानुसार हैः-
बीमार होने से आत्महत्या |
कर्ज के कारण आत्महत्या |
फसल खराब होने के कारण आत्महत्या |
पारिवारिक विवाद के चलते आत्महत्या |
मानसिक संतुलन खराब होने से आत्महत्या |
नशे का आदि होने के कारण आत्महत्या |
व्यापार में घाटा होने से आत्महत्या |
31 |
01 |
निल |
20 |
41 |
24 |
01 |
जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। (ख) इन आत्महत्या के मामलों में जिला रायसेन का एक प्रकरण कर्ज के कारण आत्महत्या करने का परिजनों द्वारा बताया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी नहीं, विधि सम्मत कार्यवाही प्रचलित है।
राज्य योजना अंतर्गत पॉलीहाउस का निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
13. ( क्र. 97 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन द्वारा विगत 03 वर्षों में प्रदेश में उन्नत और आधुनिक कृषि को बढ़ावा देने उद्यानिकी विभाग की संरक्षित खेती राज्य योजनांतर्गत पालीहाउस युवा उद्यमी कृषकों को लगवाए गये है? (ख) पाली हाउस का निर्माण समुचित तकनीक का उपयोग और प्रयोग कर निर्माणाधीन क्षेत्र की परिस्थिति जलवायु वातावरण के अनुरूप किया जाता हैं? (ग) क्या इंश्योरेंस कम्पनियां इनका बीमा करती हैं? क्या इंश्योरेंस कम्पनियों के रिस्क फैक्टर वाले व्यवसाय की श्रेणी में पॉलीहाउस सूचीबद्ध है? (घ) क्या किन्हीं भी परिस्थितियों में बीमा कम्पनी इनका बीमा करने से मना कर सकती है? क्या राज्य शासन को किन्हीं पालीहाउस संचालकों द्वारा बीमा कम्पनियों द्वारा इनका बीमा न कराने की शिकायत या सूचना प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो क्या राज्य शासन द्वारा बीमा कम्पनी के विरूध्द कठोर कदम उठाया गया है? भविष्य में कृषक बीमा ना हो पाने के कारण नुकसान न उठाये इस हेतु राज्य शासन प्रयास करेगा? जिनका नुकसान हो गया है उनकी क्षतिपूर्ति कैसे होगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) कृषकों द्वारा संरक्षित खेती राज्य योजना अंतर्गत पॉली हाउस लगवाये गये हैं। (ख) एवं (ग) जी हाँ। (घ) कटनी जिले में कृषक श्री राजेश पोद्दार द्वारा बीमा न करने के संबंध में सूचना प्राप्त हुई है। बीमा कंपनी एवं विभाग के बीच में बीमा करने संबंधी कोई अनुबंध न होने से विभाग कोई भी कार्यवाही नहीं करता। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों के स्वत्वों का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
14. ( क्र. 98 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश बी-1/1/ख/29/1145-1148 दिनांक 01-08-2017 के द्वारा राज्य मण्डी बोर्ड सेवा कृषि उपज मण्डी समितियों के अंतर्गत कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को म.प्र. वेतन पुनरीक्षण नियम-2017 (सातवां वेतनमान) दिनांक 01.01.2016 से लागू किया गया है तथा राज्य मण्डी बोर्ड के अंतर्गत मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ जनवरी 2018 से दिया गया है? (ख) क्या प्रबंध संचालक म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश बी-1/1/ख/29/2820 दिनांक 12.01.2018 से राज्य मण्डी बोर्ड सेवा/कृषि उपज मण्डी समितियों के अंतर्गत कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों को जिनका (छठवां वेतनमान) वेतन निर्धारण का सत्यापन (सेवा पुस्तिका का) स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा किया गया है तथा उन्हें सातवां वेतनमान का लाभ प्रदान करने के निर्देश दिये गये है? (ग) यदि प्रश्नांश (क), (ख) सही है तो राज्य मण्डी बोर्ड सेवा के मण्डी समितियों से सेवानिवृत्त अधिकारी एवं कर्मचारी जो 01.01.2016 के बाद सेवानिवृत्त हुये हैं उन्हें संशोधित पेंशन, पेंशन का एरियर, अवकाश नगदीकरण का एरियर एवं ग्रेज्यूटी का एरियर क्यों नहीं दिया गया? (घ) यदि नहीं, दिया गया तो दिनांक 01.01.2016 के बाद सेवानिवृत्त राज्य मण्डी बोर्ड सेवा के मण्डी समितियों से सेवानिवृत्त अधिकारियों/कर्मचारियों को संशोधित पेंशन, पेंशन का एरियर अवकाश नगदीकरण का एरियर एवं ग्रेज्यूटी का एरियर का भुगतान कब तक किया जावेगा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 01.08.2017 से राज्य मंडी बोर्ड सेवा तथा कृषि उपज मंडी समिति सेवा के अधिकारियों/कर्मचारियों को मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 (सातवां वेतनमान) को दिनांक 01 जनवरी 2016 से लागू किया गया, जिसमें मंडी बोर्ड के आदेश दिनांक 18.09.2019 से आंशिक संशोधन करते हुये प्रत्येक कृषि उपज मंडी समितियों द्वारा अपने सेवा के कर्मियों को मध्य प्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 (सातवां वेतनमान) अनुसार वेतनमान दिनांक 01.01.2016 से लागू करने के संबंध में मंडी की आर्थिक दृष्टि को ध्यान में रखते हुये मंडी समिति की बैठक में निर्णय लेने के निर्देश दिये गये है। उक्त आदेश के अनुपालन में म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्यालय में कार्यरत उन अधिकारियों/कर्मचारियों को सातवां वेतन का लाभ 01.01.2016 से दिया गया है जिनका वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 (छटवां वेतनमान) में किये गये वेतन निर्धारण का सत्यापन सेवा पुस्तिका में स्थानीय निधि संपरीक्षा/संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा से हो चुका है। (ख) जी हाँ। (ग) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड, सार्वजनिक उपक्रम/निगम/मण्डल/विकास प्राधिकरणों में शामिल न होकर म.प्र. कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 के अंतर्गत एक निगमित निकाय होने से म.प्र. शासन वित्त विभाग के ज्ञाप दिनांक 06.04.2018 की परिधि में न आने संबंधी मामला राज्य शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन होने से म.प्र. शासन वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक 22 जुलाई 2017 की कण्डिका 6 में वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 में लागू होने की तिथि 01.01.2016 के पश्चात् सेवानिवृत्त कर्मियों के अवशेष देयक के अहरण के पूर्व संयुक्त संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन के जाँच उपरांत किया जाने के निहित प्रावधान अनुसार संयुक्त संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा भोपाल द्वारा दिनांक 01.01.2016 के पश्चात् संस्था के सेवानिवृत्त कर्मियों के प्रकरणों का सत्यापन नहीं करने के कारण राज्य मंडी बोर्ड सेवा एवं मंडी समिति सेवा के दिनांक 01.01.2016 के बाद सेवानिवृत्त कर्मियों के सातवां वेतनमान में संशोधित पेंशन, पेंशन का एरियर्स, अवकाश नगदीकरण इत्यादि एरियर्स का भुगतान नहीं किया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में संचालक स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा आपत्ति उठाई गई है, अत: समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
ड्रिप सिंचाई उपकरण के अनुदान में अनियमितता
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
15. ( क्र. 114 ) श्रीमती नीना विक्रम वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या धार जिले में उद्यानिकी विभाग अंतर्गत ड्रिप सिंचाई अनुदान योजना में हुई अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने के बाद प्रकरण की जाँच विभाग/कलेक्टर धार द्वारा करवाई गई थी? यदि हाँ, तो क्या यह जाँच जिस उद्यानिकी अधिकारी की थी क्या उसी से यह जाँच करवाई गई? (ख) क्या कोई अनियमितता पायी गई? बताने का कष्ट करें। (ग) क्या अनियमितता की जाँच वर्ष 2016-17 के लिये की जाना थी किन्तु जाँच वित्तीय वर्ष 2018-19 की, की जाकर संबंधित अधिकारी को क्लिनचीट दी गई? क्या प्रश्न पूछे जाने की दिनांक तक वर्ष 2016-17 में हुई अनियमितता की कोई जाँच की गई? यदि हाँ, तो उसमें क्या पाया गया? (घ) क्या जिले के मिर्ची उत्पादन विकासखण्डों में एक ही कृषक को दो-दो बार अनुदान स्वीकृत हुए तथा क्या किसानों को अनुदान का लाभ न देते हुए कार्यालय से केवल पाईप के कुछ बण्डल देकर हस्ताक्षर करवा लिये गये, जबकि योजना में उपकरण किसान के खेत तक पहुँचाने तथा लगाये जाने तक का प्रावधान है? (ड.) क्या विभाग वर्ष 2016-17 में हुई अनियमितता की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जाँच करवाएगा तथा कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। शिकायत की जाँच कलेक्टर जिला धार से कराई गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। (ग) जी हाँ। वर्ष 2016-17 एवं वर्ष 2018-19 की पृथक-पृथक शिकायतें प्राप्त हुई थी। जिनमें से वर्ष 2016-17 की शिकायत की जाँच आयुक्त इंदौर संभाग इंदौर द्वारा जाँच दल गठित कर की जा रही है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। तथा वर्ष 2018-19 की शिकायत की जाँच कलेक्टर जिला धार से कराई गई। जिसका निराकरण हो चुका है, जिसमें कोई दोषी नहीं पाया गया है। (घ) जी नहीं। योजना में उपकरण किसान के खेत तक पहुंचाने तथा लगाने का कार्य कंपनी द्वारा किया जाता है। (ड.) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
फसल बीमा योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 123 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फसल बीमा योजना के अंतर्गत रायसेन जिले में 1 अप्रैल 18 से नवम्बर 19 तक की अवधि में कितने कृषकों का किन-किन फसलों का बीमा किया गया एवं कितनी राशि प्रीमियम के रूप में किस-किस कम्पनी को जमा की गयी? प्रीमियम राशि में से कितनी राशि सरकार के द्वारा जमा की गई, कितनी राशि किसानों द्वारा जमा की गई? तहसीलवार जानकारी दें। (ख) क्या 1 जुलाई से 30 नवम्बर 19 तक की अवधि में अतिवृष्टि, बाढ़, तूफान, वर्षा एवं अन्य प्राकृतिक आपदा के कारण फसलों को नुकसान हुआ? यदि हाँ, तो किस-किस तहसील में किन-किन फसलों का नुकसान हुआ। (ग) सर्वे अनुसार किस-किस तहसील में कितने किसानों की फसलों को नुकसान हुआ तथा कितने-किसानों को कितनी राहत राशि दी गई तहसीलवार बतावें। (घ) फसल बीमा योजना के अंतर्गत किस-किस तहसील में कितने-कितने कृषकों को कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? यदि नहीं, किया गया तो क्यों तथा कब तक राशि का भुगतान होगा।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत रायसेन जिले की तहसीलवार फसलवार बीमित कृषकों की संख्या, कृषक अंश प्रीमियम, राज्यांश प्रीमियम, केन्द्रांश प्रीमियम एवं कुल प्रीमियम की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। खरीफ 2018 एवं रबी 2018-19 की राज्यांश प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कंपनी को नहीं किया गया है। केन्द्रांश प्रीमियम की राशि राज्यांश प्रीमियम के भुगतान के उपरांत बीमा कंपनी को केन्द्र सरकार द्वारा भुगतान की जाती है। खरीफ 2019 मौसम में रायसेन जिले के लिये निर्धारित बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. को उनके 22 जिलों के लिये एकजाई अग्रिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि रू. 165.73 करोड़ का भुगतान किया गया है। (ख) हाँ। जिले के सभी तहसीलों में लगातार अतिवृष्टि से खरीफ 2019 में फसलों को नुकसान हुआ है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) खरीफ 2018 एवं रबी 2018-19 मौसम में फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त परिणामों के आधार पर अंतिम दावा राशि की गणना प्रक्रियाधीन है। केन्द्रांश एवं राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान लंबित है। खरीफ 2019 मौसम हेतु अग्रिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान बीमा कंपनी को कर दिया गया है तथा मध्यावधि मौसम प्रतिकूलता प्रावधान अनुसार सर्वे के आधार पर दावा राशि की गणना प्रक्रियाधीन है। उपरोक्त के अतिरिक्त बीमा कंपनी द्वारा खरीफ 2018 मौसम में स्थानीय आपदा प्रावधान अंतर्गत 1 पात्र कृषक को राशि रू. 46930/- का भुगतान किया गया है।
दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 135 ) श्री योगेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, मंत्रालय द्वारा परि.अतारांकित प्रश्न क्र. 202 प्रश्न संख्या 5737 दिनांक 25.03.2018 के जवाब में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मोहन बड़ोदिया, जिला-शाजापुर की जाँच रिपोर्ट 2100 दिनांक 09.06.2015 को जो असत्य एवं निराधार होने की साजिश में फंसाने के उद्देश्य से ही बनाई गई थी, उक्त जाँच रिपोर्ट को तत्काल प्रभाव से कब निरस्त की गई है? (ख) अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी शाजापुर के तीन सदस्य जाँच दल द्वारा जाँच करने पर जाँच रिपोर्ट 2100 दिनांक 09.06.2015 को निरस्त किया गया है तथा शिकायतकर्ता के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कब तक की जायेगी, इस संबंध में कलेक्टर, राजगढ़ को कब तक आदेशित किया जायेगा? स्पष्ट करें। (ग) अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिस जाँच रिपोर्ट को निरस्त किया गया है उस जाँच रिपोर्ट के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी राजगढ़ के पत्र क्रमांक/शिक्षा/ शिकायत/2016/540 एवं 542 राजगढ़ दिनांक 11.02.2016 के द्वारा निलंबित किया गया था, जाँच रिपोर्ट निरस्त करने पर अब निलंबन निरस्त करने के आदेश आयुक्त, भोपाल संभाग भोपाल या कलेक्टर राजगढ़ को कब तक प्रदान किया जायेगा तथा प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये पत्रों पर शासन स्तर पर क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जाँच रिपोर्ट दिनांक 15/04/2019 को नस्तीबद्ध की गई। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
राजीव गांधी सेवा केन्द्र के भवन का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( क्र. 139 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत खमरिया विकासखण्ड पटेरा जिला दमोह में शासन की योजना से राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवन का निर्माण किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो ग्राम पंचायत में यह भवन किस स्थान पर निर्मित किया गया है? (ग) यदि भवन नहीं बनाया गया तो शासन द्वारा दी गई राशि का उपयोग ग्राम पंचायत द्वारा कहाँ किया गया? (घ) यदि राजीव गांधी सेवा केन्द्र की राशि का दुरूपयोग किया गया है तो क्या मंत्री महोदय दोषी कर्मचारियों पर आपराधिक मामला पंजीबद्ध कर कठोर कार्यवाही हेतु निर्देश देंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। ग्राम पंचायत खमरिया जनपद पंचायत पटेरा जिला दमोह में मनरेगा एवं पंचपरमेश्वर योजना के कन्वर्जेन्स से वर्ष 2013-14 में राजीव गांधी सेवा केन्द्र स्वीकृत हुआ है, जो निर्माणाधीन है। (ख) यह कार्य ग्राम खमरिया के उदयपुरा मोहल्ला में निर्माणाधीन है। (ग) यह कार्य दासा स्तर तक पूर्ण होकर निर्माणाधीन है, कार्य पर पंचपरमेश्वर योजना से 2.00 लाख रूपये व्यय किये गये है, जिसका मूल्यांकन उपयंत्री द्वारा किया गया है। (घ) कार्य में राशि का दुरूपयोग नहीं होने से कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
फ्लैट भावांतर योजना वर्ष 2018-19 का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
19. ( क्र. 140 ) श्रीमती रामबाई गोविंद सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फ्लैट भावांतर योजना वर्ष 2018-2019 में दमोह जिले के किसानों से खरीफ एवं रबी फसलों में क्रय किये गये सोयाबीन गेहूँ एवं अन्य फसलों का कितना बोनस बकाया है? (ख) दमोह जिले के किसानों से शासन द्वारा क्रय किये गये गेहूँ सोयाबीन एवं अन्य फसलों के अंतर की राशि का भुगतान आज दिनांक तक क्यों नहीं किया गया है? (ग) जिले के समस्त किसानों की राशि शासन द्वारा कब तक किसानों के खातों में प्रदाय की जावेगी? (घ) इस कार्य में देरी अथवा लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन द्वारा कोई कार्यवाही की गई अथवा नहीं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) खरीफ 2018 हेतु सोयाबीन में फ्लैट भावांतर योजनान्तर्गत वर्ष 2018-19 में दमोह जिले के 8839 किसानों द्वारा अधिसूचित मंडियों में विक्रय सोयाबीन मात्रा 176504.43 क्विंटल के लिए प्रति क्विंटल फ्लैट भावांतर दर निर्धारण उपरांत अंतर की राशि का भुगतान होना है। जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत रबी वर्ष 2018-19 में गेहूँ उपार्जन मात्रा 1146381.22 क्विंटल पर रूपये 160 प्रति क्विंटल के मान से 18228 कृषकों को प्रोत्साहन राशि रूपये 1834.20 लाख शासन स्तर से भुगतान होना है। (ख) दमोह जिले के किसानों को सोयाबीन में फ्लैट भावांतर तथा गेहूँ में जय किसान समृद्धि योजना के प्रावधानानुसार आवंटन प्रदाय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) दमोह जिले के किसानों को सोयाबीन में फ्लैट भावांतर तथा गेहूँ में जय किसान समृद्धि योजना के प्रावधानानुसार आवंटन प्रदाय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) इस कार्य में देरी/लापरवाही के लिए कोई भी अधिकारियों/कर्मचारी दोषी नहीं है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 143 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खण्डवा जिले में वर्ष 2014 से 2019 तक ग्राम पंचायतों द्वारा स्वीकृत विभिन्न मदों के निर्माण कार्यों को पूर्ण करा लिया गया है? (ख) क्या उन निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन करा लिया गया है? यदि नहीं, तो ऐसे कौन-कौन से निर्माण कार्य अपूर्ण है और क्यों? इन निर्माण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? (ग) क्या यह सही है कि प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों के विभिन्न निर्माण कार्यों के आवंटन पर रोक लगा देने से गांवों के अनेक निर्माण कार्य अपूर्ण है? यदि हाँ, तो ऐसे निर्माणाधीन कार्यों का शेष आवंटन कब तक भेजा जाएगा? (घ) खण्डवा जिले में गत 5 वर्षों में ग्राम पंचायतों की आर्थिक अनियमितता के कितने प्रकरण दर्ज हुए? कितने प्रकरणों में सजा एवं आर्थिक दण्ड/वसूली की कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, कुल स्वीकृत 69952 निर्माण कार्यों में से 58368 कार्य पूर्ण करा लिये गये है, शेष 11584 कार्य प्रगतिरत है। (ख) जी हाँ, पूर्ण कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन करा लिया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वृक्षारोपण के पंचवर्षीय योजना वाले कार्यों को छोड़कर शेष अपूर्ण कार्यों को मार्च 2020 तक पूर्ण करा लिया जायेगा। (ग) जी नहीं, शासन द्वारा आवंटन पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (घ) खण्डवा जिले में गत 5 वर्षों में मध्यप्रदेश पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा-92 के तहत 172 प्रकरण दर्ज किये गये है। जिसमें से 109 प्रकरणों में अंतिम आदेश पारित किये जाकर 44 प्रकरणों में राशि जमा कराई गई है, 34 प्रकरणों में कार्य पूर्ण कराये गये है एवं 31 प्रकरणों में आर.आर.सी. जारी की गई है।
प्रदेश में किसानों की ऋण माफी की घोषणा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
21. ( क्र. 144 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ किये जाने का संकल्प लिया गया था? यदि हाँ, तो खण्डवा जिले में कितने किसानों का कितनी-राशि का कर्जा माफ किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के क्रम में खण्डवा जिले के कितने-कितने किसानों का 2 लाख, 1 लाख, 50 हजार रु. तक का कर्जा माफ किया गया है? संख्यात्मक जानकारी बताएँ? (ग) क्या यह सही है कि कर्ज माफी की घोषणा प्रदेश के किसानों के लिये छलावा सिद्ध हो रहा है? यदि हाँ, तो कर्ज माफी की घोषणा के बाद से आज दिनांक तक कितने किसानों द्वारा आत्महत्या की गई है? इन किसानों के परिवारों को प्रदेश सरकार द्वारा क्या-क्या सहायता प्रदान की गई है? (घ) सरकार की घोषणा पत्र अनुसार प्रदेश के सम्पूर्ण किसानों का फसल ऋण कर्ज कब तक माफ होकर उनके खाते निरंक हो जाएगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। खण्डवा जिले में 45984 किसानों का राशि रूपये 17917.22 लाख का कर्ज माफ किया जा चुका है। (ख) खण्डवा जिले में राशि रूपये 100001 से 200000 तक के 2412 किसान, 50001 से राशि रूपये 100000 तक के 7271 किसान एवं राशि रूपये 50000 तक के 36301 किसानों के ऋण माफ किये जा चुके हैं। (ग) कर्ज माफी की घोषणा के उपरांत किसी भी कृषक द्वारा कर्ज माफी न होने के कारण जिले में आत्महत्या नहीं की गई है। (घ) जय किसान फसल ऋण माफी योजना का कार्य चरणबद्ध रूप से किया जा रहा है। अत: समयावधि बताना संभव नहीं होगा।
शासकीय आवासों की जानकारी
[गृह]
22. ( क्र. 171 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन नगर में मुनीनगर स्थित एल.आई.जी.शासकीय आवासों का आवंटन क्या चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को किया जा सकता है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत? (ख) मुनीनगर स्थित 96 एल.आई.जी. शासकीय आवास किस-किस चतुर्थ श्रेणी अथवा कलेक्टर दर (कांटीजेंसी ) पर पदस्थ कर्मचारियों को आवंटित हैं? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) अनुसार कर्मचारी शासकीय आवास आवंटी उक्त भवनों के आवंटन के लिए पात्र है?
गृह
मंत्री ( श्री
बाला बच्चन ) : (क) जी
हाँ। गृह
विभाग के
ज्ञापन
क्रमांक एफ 1-121/73/दो-ए
(3), दिनांक
01
नवम्बर 1973
अनुसार। (ख) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है। (ग) जी
हाँ।
परिशिष्ट
- ''पचास''
बीज कम्पनियों को ब्लैक लिस्ट किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
23. ( क्र. 174 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितनी बीज कम्पनी को ब्लैक लिस्ट किया गया है क्या ब्लैक लिस्टेड कम्पनी को पुन: बीज बेचने की अनुमति दी गई है? यदि हाँ, तो क्यों? (ख) आत्मा परियोजना में बालाघाट जिले में 2018 से अब तक कौन-कौन एन.जी.ओ. कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा क्या-क्या सामग्री प्रदाय की गयी है? (ग) कृषि विभाग किसानों को किस नियम से एवं किसके आदेश से चना, अलसी आदि प्रदाय करता है? सेवा सहकारी समिति किसके आदेश से परमिट देता है। जानकारी नियम आदेश सहित देवें? (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा बालाघाट कलेक्टर को कृषि विभाग द्वारा जाँच के लिए जिस पत्र का लेख किया गया उस पर क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी निरंक है। (ख) बालाघाट जिले में आत्मा परियोजना अन्तर्गत कोई भी एन.जी.ओ. कार्य नहीं कर रहा है। (ग) म.प्र. शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय भोपाल के पत्र क्रमांक/बी-14-7/2019/14-2/4396 भोपाल दिनांक 01.10.2019 के तहत प्राप्त निर्देशानुसार बीज वितरण हेतु आदेश (छायाप्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।) प्रसारित किये गये है। (घ) प्रश्नकर्ता सदस्य माननीय रामकिशोर नानो कावरे विधायक परसवाडा विधानसभा 110 द्वारा कलेक्टर को चौधचौधरी कृषि केन्द्र लिंगा से किर्तीमान कम्पनी (किरण धान) खरीदी के संबंध में जाँच करने विषयक शिकायत पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। लेख किया गया है, जिसके अनुक्रम में उप संचालक, कृषि द्वारा कलेक्टर से प्राप्त पत्र के संदर्भ में कार्यालयीन पत्र क्रमांक/टी.एस-04/उर्वरक-14/2019-20/2813 दि. 22.10.2019 द्वारा शिकायत की जाँच हेतु 05 सदस्यीय तकनीकी दल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार गठन किया गया, की गई कार्यवाही जाँच दल से प्राप्त संयुक्त हस्ताक्षरित पंचनामा एवं जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
कपिल धारा कुओं का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
24. ( क्र. 217 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कपिलधारा कुओं के निर्माण एवं उसके भुगतान के क्या नियम दिशा-निर्देश हैं? भुगतान के इन दिशा-निर्देशों के तहत इनके निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदान किये जाने का प्रावधान है? नियमों की छायाप्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दिशा-निर्देशों के तहत बहोरीबंद विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वित्त वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक कितने कपिलधारा कूप निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये? जनपदवार संख्या देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित स्वीकृत कुएं वर्तमान में किस स्थिति में हैं? इनमें से कितने पूर्ण एवं कितने किन कारणों से अपूर्ण हैं? इन कुओं के निर्माण हेतु कब-कब, कितनी-कितनी राशि प्रदान की गई एवं कितनी-कितनी राशि किन कारणों से भुगतान किया जाना शेष है? हितग्राही के नाम, ग्राम सहित विकासखण्डवार सूची देवें। (घ) क्या राज्य सरकार का ऐप बंद होने से प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित कुओं के निर्माण का शेष भुगतान नहीं हो पा रहा है? इस शेष राशि का भुगतान किस प्रकार से कब तक कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7 एवं 8 अनुसार है। (ख) बहोरीबंद विधानसभा अंतर्गत जनपद पंचायत बहोरीबंद 59 एवं जनपद पंचायत रीठी में 139 कपिलधारा कूप निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-9 अनुसार है। (घ) कूप निर्माण के भुगतान हेतु राज्य सरकार द्वारा कोई ऐप नहीं बनाया गया है। मनरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान नियमित आधार पर प्रक्रियाधीन है तथा सामग्री मद में भारत सरकार से आवंटन प्राप्त होने पर प्राथमिकता के आधार पर कूप निर्माण कार्यों की भौतिक प्रगति के अनुसार नियमानुसार शेष राशि का भुगतान किया जायेगा।
कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिये अनुदान राशि दिया जाना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
25. ( क्र. 218 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कोल्ड स्टोरेज निर्माण पर अनुदान राशि दी जाती है? यदि हाँ, तो इन्दौर जिले में अप्रैल-2016 से लेकर अभी तक कितने कोल्ड स्टोरेज बनाए गए है? दिनांकवार सूची उपलब्ध कराऐं? (ख) इनमें से कितने कोल्ड स्टोरेज को अनुदान स्वीकृति दी गई? दिनांकवार सूची उपलब्ध करावें? कितने कोल्ड स्टोरेज को अनुदान दिया गया है और कितनों का बाकी है? दिनांकवार सूची उपलब्ध करावे एवं विलंब का कारण बतावें? (ग) बाकी बचे कोल्ड स्टोरेज को कब तक अनुदान राशि दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-01, 02 एवं 03 अनुसार है। बजट उपलब्धता न होने के कारण। (ग) बजट उपलब्ध होने पर अनुदान राशि दी जावेगी। समयावधि बताना संभव नहीं है।
छात्रवृत्ति योजना में विसंगति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
26. ( क्र. 221 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों हेतु पिछड़ा वर्ग विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना का संचालन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो क्या यह सही है कि योजना में अमेरिका जाने वाले युवाओं को 7700 डॉलर (लगभग 5.50 लाख रूपये) छात्रवृत्ति जबकि यूके जाने वाले युवाओं को 5000 पौंड (4.38 लाख रूपये) की छात्रवृत्ति दी जा रही है? एक ही योजना में दो अलग-अलग देश गए युवाओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति राशि में भारी अंतर क्यों आ रहा है? विसंगतियाँ कब तक दूर की जावेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश में पिछड़ वर्ग के अभ्यार्थियों को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना नियम की कंडिका 8.1 के अनुसार ही छात्रवृत्ति दी जा रही है जिसके अनुसार इस योजना के अंतर्गत सभी स्तरों के पाठ्यक्रमों के लिए वार्षिक निर्वाह भत्ता 7700/- अमेरिकी डॉलर निर्धारित किया गया है। इंग्लैंड (यूके) में प्रत्याशियों के लिए योजना में सभी स्तरों के पाठयक्रमों हेतु वार्षिक निर्वाह भत्ता 5000/- पौंड स्टर्लिंग होगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अपूर्ण कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
27. ( क्र.
227 ) श्री
आलोक
चतुर्वेदी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधानसभा
क्षेत्र
छतरपुर
अंतर्गत
ग्राम पंचायतों
में जनवरी 2014 से
प्रश्न
दिनांक तक
स्वीकृत
पंचायत एवं
ग्रामीण विकास
विभाग के सभी
मदों के
अपूर्ण
कार्यों एवं
ऐसे कार्यों
की विस्तृत
सूची प्रदाय
करें जिनका
भुगतान
प्रश्न
दिनांक तक शेष
है? (ख) प्रश्नांश
(क) के अनुक्रम
में कार्य
अपूर्ण होने
एवं भुगतान
लंबित होने के
क्या कारण है.
लंबित
प्रकरणों के
निराकरण हेतु
क्या प्रयास
किये गए?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार है।
(ख) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट अनुसार। अपूर्ण
कार्य
प्रगतिरत है, अपूर्ण
कार्यों को
पूर्ण कराने
हेतु निरंतर
मॉनीटरिंग की
जा रही है तथा
उपयोगिता
प्रमाण
पत्र/पूर्णता
प्रमाण पत्र
के आधार पर
शेष राशि
भुगतान करने
की कार्यवाही
की जा रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा के सम्बन्ध में
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
28. ( क्र. 228 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तहसील बिजावर अंतर्गत खरीफ 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा किया गया? कितना प्रीमियम जमा किया गया वर्षवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में प्रत्येक वर्ष कितने किसानों ने अपनी फसल ख़राब होने की सूचना दी, कितने की जाँच की गई? कितनों को कितनी बीमा राशि प्रदाय की गई? शेष कितनों को राशि प्रश्न दिनांक तक क्यों नहीं दी जा सकी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत तहसील बिजावर में खरीफ 2016 से खरीफ 2019 तक कुल 21160 कृषकों का फसल बीमा किया गया जिनसे राशि रू. 19490737.08/- प्रीमियम जमा किया गया। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) स्थानीय आपदा अंतर्गत खरीफ 2019 में बिजावर तहसील में बीमा कंपनी को हानि की सूचना प्राप्त नहीं हुई। खरीफ 2016 से रबी 2018-19 तक प्राप्त हानि की सूचना का विवरण संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
पंचायतों में कार्यरत नलजल चालक/भृत्यों को वेतन भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
29. ( क्र.
237 ) श्रीमती
नंदनी मरावी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क)
प्रश्न
दिनांक को
राज्य शासन
द्वारा न्यूनतम
मजदूरी की क्या
दरें प्रचलित
हैं? विवरण
देवें। (ख) विभाग
अंतर्गत
पंचायत राज
संचालनालय के
पत्र दिनांक 17/07/2018 एवं 04/09/2019 के
द्वारा ग्राम
पंचायतों में
कार्यरत नलजल
चालकों/भृत्यों
को माह की 05 तारीख
तक ग्राम
पंचायतों
उनके खातों
में वेतन की
राशि भुगतान
करने के
निर्देश दिये
गये हैं? (ग) कंडिका (ख) में उल्लेखित
कर्मचारियों
को प्रश्नांश
(क) अनुसार
वेतन की राशि
उज्जैन एवं
जबलपुर संभाग
अंतर्गत जारी
आदेश दिनांक
से प्रश्न
दिनांक तक माह
की किन-किन
तारीखों को
कर्मचारियों
के खाते में
भेजी गई? विवरण
देवें। यह भी
बतायें कि
मुख्यकार्य
पालन
अधिकारियों
द्वारा ग्राम
पंचायतों को प्रश्नांश
(ख) आदेश का
पालन
सुनिश्चित
करने के लिये
कब-कब पत्र
लिखे गये? पत्र
की प्रति
उपलब्ध
करायें।
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
के
प्रपत्र-अ अनुसार
हैं। (ख) पंचायत
राज
संचालनालय के
पत्र दिनांक 04/09/2019
अनुसार ग्राम
पंचायतों में
कार्यरत नल जल
चालकों/भृत्य/सफाईकर्मियों
को प्रत्येक
माह की पाँच
तारीख तक उनका
पारिश्रमिक (वेतन/मानदेय)
संबंधी
निर्देश दिये
गये हैं। (ग) प्रश्नांश
(ख) में उल्लेखित
कर्मचारियों
के पद नियमित
नहीं होने के
कारण ग्राम
पंचायतें
अपनी आवश्यकतानुसार
नलजल
चालकों/भृत्यों
को अस्थाई
रूप से कार्य
पर रखती हैं। शेष
प्रश्नांश
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब अनुसार
हैं।
कार्यों पर हुये व्यय की मदवार जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 261 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की जनपद पंचायत हनुमना की पिड़रिया, मलैगवां, पेंपखार, पिपराही, शाहपुर, बराव, हर्दिहइ, रमनगटी, लोढी, हरवा चेक नंबर एक, प्रतापगंज, रकटी, देवरा ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 01.04.2016 से प्रश्नतिथि के दौरान महात्मा गांधी नरेगा योजना से आंतरिक सीमेन्ट कांक्रीट सड़क कपीलधारा कूप खेत सड़क निर्माण तालाब गहरीकरण योजना आंगनवाड़ी भवन,प्रधानमंत्री आवास योजना एवं इद्रा आवास योजना के लिये कुल कितने कार्यों हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी राशि व्यय की गयी वर्षवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में व्यय की गई राशि का उपयोगिता एवं गुणवत्ता प्रमाण पत्र जनपद पंचायत के किन अधिकारियों द्वारा जारी किया गया कार्यों के प्रकारवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन किन अधिकारियों द्वारा किया गया एवं पूर्ण कार्य होने का प्रमाण पत्र किसके द्वारा जारी किया गया कार्यों के प्रकारवार संख्यात्मक जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्तीय वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्नतिथि तक स्थल पर भौतिक रूप से मौजूद है? संख्यात्मक जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) रीवा जिले की जनपद पंचायत हनुमना में उल्लेखित 13 ग्राम पंचायतों में से 12 ग्राम पंचायतों की वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। रकटी नाम से कोई भी ग्राम पंचायत जनपद पंचायत हनुमना से संबंधित नहीं है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क अनुसार वित्तीय वर्षों में व्यय की गयी राशि का सतत भौतिक सत्यापन/मूल्यांकन उपयंत्रियों द्वारा किये गये हैं। प्रश्नाधीन ग्राम पंचायतों के पूर्ण कार्यों में – सी.सी. रोड़- 60, कूप निर्माण - 27, खेत सड़क - 26, तालाब गहरीकरण - 9, आंगनवाड़ी निर्माण - 5 में व्यय राशि का मूल्यांकन उपयंत्री एवं भौतिक सत्यापन उपरांत पूर्णता प्रमाण-पत्र सहायक यंत्री द्वारा जारी किये गये हैं। ऑनलाईन पूर्णता प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत स्तर से दर्ज किये गये हैं। प्रधानमंत्री आवास-980 एवं इंदिरा आवास–6 के पूर्णता प्रमाण पत्र ग्राम रोजगार सहायकों द्वारा भौतिक सत्यापन उपरांत ऑनलाईन जारी किये गये हैं। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यों के भौतिक सत्यापन उपरांत पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। उनमें से वर्तमान में कौन से कार्य भौतिक रूप से कार्य स्थल पर मौजूद नहीं है, इस आशय की जानकारी विभाग के संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपद पंचायतों में हुये कार्यों पर व्यय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 262 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की जनपद पंचायत मऊगंज की ग्राम पंचायत बहेरा डाबर में वित्तीय वर्ष दिनांक 01.04.2016 से प्रश्नतिथि के दौरान महात्मा गांधी नरेगा योजना से आंतरिक सीमेन्ट कांक्रीट सड़क कपिलधारा कूप, खेत सड़क निर्माण तालाब गहरीकरण योजना, आंगनवाड़ी भवन,प्रधानमंत्री आवास योजना एवं इन्द्रा आवास योजना के लिये कुल कितने कार्यों हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई एवं कितनी राशि व्यय की गयी वर्षवार सख्यात्मक जानकारी देवें?। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कार्यों में व्यय की गई राशि का उपयोगिता एवं गुणवत्ता प्रमाण पत्र जनपद पंचायत के किन अधिकारियों द्वारा जारी किया गया? कार्यों के प्रकारवार संख्यात्मक जानकारी देंवे (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित वित्तीय वर्षों में व्यय की गई राशि का भौतिक सत्यापन किन अधिकारियों द्वारा किया गया एवं पूर्ण कार्य होने का प्रमाण पत्र किसके द्वारा जारी किया गया, कार्यों के प्रकारवार संख्यात्मक जानकारी देंवें? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित वित्तीय वर्षों में कराये गये निर्माण कार्यों में से कितने कार्य प्रश्नतिथि तक स्थल पर भौतिक रूप से मौजूद हैं? संख्यात्मक जानकारी देंवे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार आंगनवाड़ी। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के अनुसार उल्लेखित वित्तीय वर्षों में व्यय की गयी राशि का सतत् भौतिक सत्यापन/मूल्यांकन उपयंत्री द्वारा किया गया है। उल्लेखित ग्राम पंचायत में पूर्ण कार्यों में सी.सी. रोड - 02, कूप निर्माण-01 एवं खेत सड़क - 02 में व्यय राशि का मूल्यांकन उपयंत्री एवं भौतिक सत्यापन उपरान्त पूर्णता प्रमाण पत्र सहायक यंत्री द्वारा जारी किये गये हैं एवं ऑनलाईन पूर्णता प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत स्तर से दर्ज किया गया है। प्रधानमंत्री आवास - 07 के पूर्णता प्रमाण पत्र ग्राम रोजगार सहायक द्वारा सत्यापन उपरान्त ऑनलाईन जारी किये गये हैं। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार कार्यों के भौतिक सत्यापन उपरांत पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। उनमें से वर्तमान में कौन से कार्य भौतिक रूप से कार्य स्थल पर मौजूद नहीं है, इस आशय की जानकारी विभाग के संज्ञान में आने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ग्रामों के कार्य निरस्त किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
32. ( क्र. 282 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला सीहोर की जनपद बुदनी की ग्राम पंचायत डोबी, जैत, बोरन, मडकुल, ख्वादा, सेमरी, महवाई, माधनी, नांदनेर के कार्य जिनकी प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2018 में जारी की गई थी, उन्हें निरस्त कर दिया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कार्य क्यों निरस्त किये गये? कार्य का नाम सहित जानकारी दें। (ग) क्या शासन निरस्त किये गये कार्यों को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश देगा? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, प्रश्नाधीन ग्राम पंचायतों में वर्ष 2018 में कुल स्वीकृत 16 निर्माण कार्यों में से 13 निर्माण कार्यों को निरस्त कर दिया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में स्वीकृत ऐसे निर्माण कार्य जिनकी प्रथम किश्त जारी नहीं की गई है तथा ऐसे निर्माण कार्य जिनमें प्रथम किश्त जारी हो चुकी है किन्तु कार्य अप्रारंभ है, उन निर्माण कार्यों को निरस्त किया गया है। (ग) कार्य निरस्त किये जा चुके है, अत: कार्य प्रारंभ करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर कार्यवाही
[गृह]
33. ( क्र. 283 ) श्री शिवराज सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में विगत वर्ष 2018 से प्रश्न दिनांक तक महिला उत्पीड़न, बालिकाओं के साथ गैंगरेप, बलात्कार की कुल कितनी घटनाएं घटित हुई? उनमें कितने प्रकरणों में अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण न्यायालय में भेजे गये? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में कितने प्रकरण फास्ट ट्रेक कोर्ट (त्वरित न्यायालय) में भेजे गये तथा कितने का निराकरण हुआ? (ग) क्या अधिकतर प्रकरण फास्ट ट्रेक कोर्ट में नहीं भेजे गये हैं, जिसके कारण समय पर अपराधियों को सजा नहीं मिल पा रही है? स्पष्ट जानकारी दें। (घ) क्या शासन ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रकरण फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाये जाकर इन प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करेगा ताकि अपराधियों को शीघ्र सजा मिल सके।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
नवीन कृषि उपज मण्डियों का धीमा एवं घटिया निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
34. ( क्र.
289 ) श्री
दिलीप सिंह
परिहार : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रदेश
में विगत 05
वर्षों में
सर्व
सुविधायुक्त
नवीन कृषि उपज
मण्डी
कहाँ-कहाँ पर
स्वीकृत होकर
कार्य प्रारंभ
की स्थिति में
है? जिलेवार
जानकारी
उपलब्ध करायें।
(ख) नीमच
जिला
मुख्यालय को
नवीन कृषि उपज
मण्डी के
निर्माण हेतु
कब-कब कितनी
धनराशि एवं
कितने हेक्टेयर
भूमि आवंटित
की गई?
निर्माण
हेतु जारी
निविदाओं, क्रियान्वयन
एजेंसी से
किये गये
अनुबंध एवं कार्य
प्रारंभ होने
तथा पूर्ण
किये जाने की
दिनांक से
अवगत करायें। (ग) क्या
नवीन कृषि उपज
मण्डी के
निर्माण
विकास की गति
न केवल धीमी
है, बल्कि
घटिया
निर्माण व
भारी
भ्रष्टाचार
की शिकायतें
विभाग को
प्राप्त हुई
हैं? यदि
हाँ, तो
शिकायत पर की
गई कार्यवाही
से अवगत
करायें।
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
सचिन
सुभाषचन्द्र
यादव ) : (क) प्रदेश
में विगत 05 वर्षों
में
सर्वसुविधायुक्त
08
नवीन कृषि उपज
मंडियां स्वीकृत
की गई हैं। जिसमें
05
मंडी
प्रांगणों का
कार्य पूर्ण
हो चुका है। सूची
की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-अ
अनुसार है।
(ख) नीमच जिला
मुख्यालय को
नवीन कृषि उपज
मंडी के
निर्माण हेतु
मुख्यालय
द्वारा कोई
धनराशि
आवंटित नहीं
हुई है। मंडी
में उपलब्ध
मंडी निधि एवं
स्थायी निधि
से कार्य
कराये गये हैं।
नवीन मंडी
प्रांगण हेतु
शासन से ग्राम
डुंगलावदा
चंगेरा शासकीय
भूमि 21.03
हैक्टेयर
एवं 16.76
हैक्टेयर
निजि भूमिकुल 37.79
हैक्टेयर
भूमि प्राप्त
हुई है। जारी
निविदाओं का
क्रियान्वयन
ऐजेंसी से
किये गये
अनुबंध एवं
कार्य प्रारंभ
होने तथा
पूर्ण किये
जाने की
दिनांक की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
(ग) नवीन कृषि
उपज मंडी
प्रांगण नीमच
में विकास की
गति धीमी न
होकर स्वीकृत
समयानुसार
कार्य पूर्ण
कराये गये। विभाग
को निर्माण
कार्य के
घटिया होने के
संबंध में
वर्तमान तक
कोई शिकायत
प्राप्त
नहीं हुई। कार्य
गुणवत्ता
अनुसार कराये
गये। कार्यों
की सूची की जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-ब
अनुसार है।
पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही
[जेल]
35. ( क्र. 294 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत पाँच वर्षों में उज्जैन संभाग में जेल ब्रेक (कैदियों के फरार) की कितनी घटनाएं घटित हुई हैं तथा इसमें कौन-कौन पुलिसकर्मी समान रुप से दोषी पाये गये हैं? घटनावार दोषी पुलिसकर्मियों के नाम, पदनाम सहित जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) में दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम-18 सामान्य (कॉमन) कार्यवाही के तहत क्या संयुक्त विभागीय जाँच आदेशित की गई है अथवा पृथक-पृथक आदेशित की गई है? आदेशित विभागीय जाँच की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ग) क्या समान रुप से दोषी पाये गये पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सक्षम स्तर से संबंधित पुलिस थाने में एफ.आई.आर. (प्रथम सूचना प्रतिवेदन) दर्ज कराई गई है? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध कराई जावे तथा अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (घ) क्या प्रश्नांश (ख) में प्रचलित विभागीय जाँच मामलों में कब तक जॉंच पूर्ण कर अंतिम निर्णय लिया जा सकेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) विगत 05 वर्षों में उज्जैन संभाग की जेलों में संलग्न परिशिष्ट अनुसार जेल ब्रेक की 04 घटनाएं घटित हुई हैं। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्थानांतरित अधिकारियों/कर्मचारियों की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
36. ( क्र. 299 ) श्री निलय डागा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी, म.प्र. भोपाल के स्थानांतरण आदेश क्रमांक/ स्था/अ-1-स/स्थाना/2016-17/287-288, दिनांक 16.07.2017 के द्वारा ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारियों के स्थानांतरण कार्यालय उप संचालक उद्यान बैतूल से अन्यत्र किये गये हैं? उनकी सूची उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में अभी तक कितने कर्मचारियों को भारमुक्त किया गया और कितने कर्मचारियों को नहीं? (ग) प्रश्नांश (क) के आदेशानुसार सभी स्थानांतरित कर्मचारियों को एक सप्ताह की अवधि में स्थानांतरित स्थल पर पदभार ग्रहण करने के निर्देश दिये जाने के पश्चात भी कुछ कर्मचारी द्वारा स्थानांतरित स्थल पर अपनी उपस्थिति प्रश्नांश दिनांक तक नहीं दी गई, क्यों? (घ) क्या ऐसे कर्मचारी को सक्षम अधिकारी द्वारा एक तरफा भारमुक्त किया गया? यदि हाँ, तो प्रति उपलब्ध करायें। (ड.) स्थानांतरण उपरांत स्थानांतरित स्थल पर उपस्थित नहीं होने वाले कर्मचारी पर वर्तमान अवधि तक क्या कार्यवाही की गई? (च) उक्त पूरे मामले में कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध विभाग कब तक कार्यवाही करेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 02 कर्मचारियों को भारमुक्त किया गया और 01 कर्मचारी को कार्यमुक्त नहीं किया गया। (ग) कलेक्टर जिला बैतूल के निर्देशानुसार एवं बैतूल जिले में अमले की कमी के कारण केवल 01 कर्मचारी को भारमुक्त नहीं किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (च) विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कलेक्टर जिला-बैतूल की अनुशंसा पर मात्र 01 ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी को भारमुक्त नहीं किया गया। अत: कोई भी अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं होने से कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि उपज मण्डी समिति की आय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
37. ( क्र. 304 ) श्री राकेश गिरि : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति टीकमगढ़ में विगत 05 वित्तीय वर्षों में हुई मण्डी शुल्क की आमदनी का ब्यौरा तथा बढ़ते क्रम के वर्षों में मण्डी शुल्क की गत वर्ष की तुलना में कमी/वृद्धि के प्रतिशत का विवरण उपलब्ध करायें। (ख) क्या शासन द्वारा विगत वित्त वर्ष में प्राप्त आय के आधार पर आगामी वित्त वर्ष की आय में वृद्धि के लिये कोई निर्धारित मापदण्ड तय किया जाता है? यदि हाँ, तो प्रतिवर्ष मण्डी शुल्क/आय में कितने प्रतिशत वृद्धि होना आवश्यक है? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार विगत 05 वर्षों की आय में निर्धारित मापदण्ड के अनुसार मण्डी शुल्क आय प्राप्त हुई है? यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं तथा इसके लिये कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रश्नांगत जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) प्रत्येक वित्तीय वर्ष आय में वृद्धि के मापदण्ड एवं आय में लक्ष्य के अनुरूप वृद्धि की प्रतिशत की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जी नहीं, वित्तीय वर्ष 2015-16 में दिये गये लक्ष्य के अनुरूप + 22.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शेष वर्ष 2014-15, 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में दिये गये लक्ष्य के अनुरूप आयतित दलहन पर मण्डी फीस से छूट होने के साथ-साथ चना, मसूर, उड़द समर्थन मूल्य पर खरीदी होने से मण्डी को मण्डी फीस प्राप्त नहीं हुआ जिसके कारण आय में कमी परिलक्षित हुई है। शेष प्रश्न उदभूत नहीं होता। वर्षवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
ग्राम पंचायत स्तर पर स्वीकृत अपूर्ण/पूर्ण कार्यों की स्थिति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र.
321 ) श्री
कुँवरजी
कोठार : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) विधान
सभा क्षेत्र
सारंगपुर अन्तर्गत
वर्ष 2015-16 से
वर्ष 2019-20
में प्रश्न
दिनांक तक
जनपद पंचायत
सारंगपुर में
लोकसभा/राज्यसभा
मद, विधानसभा
निर्वाचन
क्षेत्र
विकास मद, जनभागीदारी
मद, जिला/जनपद
स्तरीय
परफारमेंस मद, पंचपरमेश्वर
योजनान्तर्गत
स्वीकृत
कार्य एवं
उसके पूर्ण/ अपूर्ण/की
स्थिति तथा स्वीकृत
राशि,
व्यय
राशि एवं शेष
राशि से
सम्बंधित
जानकारी ग्राम
पंचायतवार, वर्षवार
जानकारी से
अवगत करावें। (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
दर्शित मदवार
शेष कार्यों
को कब तक पूर्ण
कराया जावेगा
तथा शेष कार्य
अपूर्ण होने के
क्या कारण है
तथा 2
वर्ष से अधिक
अवधि के
अपूर्ण कार्यों
को पूर्ण न
कराने के लिये
सक्षम
अधिकारी के
विरूद्ध क्या
कार्यवाही की
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) विधान
सभा क्षेत्र
सारंगपुर
अंतर्गत वर्ष 2015-16 से 2019-20 में
प्रश्न
दिनांक तक
जनपद पंचायत
सारंगपुर में
विभिन्न
योजना
अंतर्गत स्वीकृत
कार्यों/ स्वीकृत/राशि/पूर्ण/अपूर्ण
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट
अनुसार। (ख) मदवार
शेष कार्यों
को यथाशीघ्र
पूर्ण किया जायेगा
तथा अपूर्ण
रहने का कारण जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार
अंकित है, दो
वर्ष से अधिक
अवधि के
अपूर्ण कार्य
बिना
युक्तियुक्त
कारण के पूर्ण
न कराने पर
संबंधित के
विरूद्ध
नियमानुसार
कार्यवाही की
जावेगी।
किसानों की फसल का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
39. ( क्र. 338 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अशोकनगर जिले की कृषि उपज मण्डियों में 01 अप्रैल 2016 से अक्टूबर 2019 तक लायसेंसधारी व्यापारियों द्वारा कितने किसानों की फसल विक्रय का भुगतान न करने संबंधी आवेदन प्राप्त हुए हैं? मण्डीवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन से आवेदन की जाँच कर लायसेंसधारी व्यापारी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही कब-कब की गई? (ग) प्रश्न दिनांक तक प्राप्त आवेदनों में से कितने किसानों की उपज का भुगतान कर दिया गया है एवं कितने किसानों का भुगतान शेष है? नाम एवं ग्रामवार जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) अशोकनगर जिले की प्रश्नाधीन अवधि में कृषि उपज के भुगतान न होने संबंधी शिकायत कृषि उपज मण्डी समिति अशोकनगर में 94 कृषकों द्वारा एवं कृषि उपज मण्डी समिति ईसागढ़ में 01 सामूहिक आवेदन 45 कृषकों के प्राप्त हुये थे। (ख) कृषि उपज मण्डी समिति अशोकनगर द्वारा डिफाल्टर फर्म श्यामली ट्रेडिंग कम्पनी की एफ.डी.आर. एवं सोयाबीन की फसल को जब्त कर 93 कृषकों का भुगतान कराया गया फर्म की अनुज्ञप्ति रद्द की गई तथा संबंधित के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराने के लिये संबंधित थाना एवं एस.पी. को पत्र लिखा गया। कृषि उपज मण्डी समिति ईसागढ़ की जाँच उप संचालक मण्डी बोर्ड ग्वालियर द्वारा की गई। फर्म मणिकचंद रामनारायण मण्डी क्षेत्र से फरार होने के कारण फर्म के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई। वर्तमान में प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। (ग) कृषि उपज मण्डी समिति अशोकनगर द्वारा सभी 93 कृषकों का भुगतान करवाया गया तथा 01 कृषक श्री पहाड़ सिंह ग्राम हलनपुर तहसील चन्देरी का राशि रूपये 70145/- के लंबित भुगतान में चैक बाउंस हो जाने से कृषक की शिकायत उपरांत प्रकरण माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। कृषि उपज मण्डी समिति ईसागढ़ द्वारा सभी 45 कृषकों का भुगतान समानुपातिक रूपये 3933190/- लंबित बताया गया था जिसमें से व्यापारी की प्रतिभूति राशि, मण्डी में क्रय की गई दुकान की राशि को राजसात कर राशि रूपये 639310/-, सभी किसानों को अनुपातिक रूप से 16 प्रतिशत के मान से भुगतान किया गया। इसके अलावा व्यापारी फर्म के 115 क्विटंल चने के नीलामी राशि रूपये 3.32 लाख तथा पुलिस कार्यवाही से व्यापारी से जब्त राशि रूपये 3.18 लाख, इस प्रकार कुल राशि रूपये 6.50 लाख न्यायालय में जमा हैं, न्यायालय में किसानों के भुगतान हेतु अनुरोध किया गया है तथा ग्राम परशोल में व्यापारी का एक मकान सील किया गया है। उसकी कार्यवाही भी न्यायालय में लंबित है। कृषकों के नाम एवं ग्रामवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
घटिया सड़क निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
40. ( क्र. 339 ) श्री बृजेन्द्र सिंह यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क विकास योजनांतर्गत विभाग द्वारा अशोकनगर जिले की मुंगावली विधान सभा क्षेत्र में बनाई गई कौन-कौन सी सड़कें गारंटी अवधि में हैं एवं उनकी गारंटी कब तक है? कौन-कौन सी सड़क की कार्य अवधि को बढ़ाया गया है? कारण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कौन-कौन सी सड़कें गारंटी अवधि में क्षतिग्रस्त हुई हैं? कारण सहित जानकारी देवें। सड़क निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री की जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कार्य के लिए कौन-कौन सी निर्माण एजेंसी को पत्र जारी किये गये हैं? घटिया निर्माण कार्य होने की दशा में कौन-कौन सी निर्माण एजेंसी के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) जानकारी
संलग्न परिशिष्ट
अनुसार है।
(ख) गारंटी
अवधि में कोई
भी सड़क
क्षतिग्रस्त
नहीं हुई है। सड़के
नियमित
संधारण में है
अतः जाँच नहीं
किये जाने से शेष
प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
परिशिष्ट
- ''अट्ठावन''
नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
41. ( क्र. 349 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नर्मदा क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति नर्मदा घाटी विकास विभाग के आदेश क्र. एफ-31-19/2017/सत्ताईस-एक दिनांक 18/10/2017 से रूपये 2215.64 करोड़ के कार्यादेश प्रदान कर मेसर्स लार्सन एण्ड टुब्रो कंपनी चैन्नई को 42 माह की अनुबंधित समयावधि में पूर्ण करने की स्वीकृति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो लार्सन एण्ड टुब्रो कंपनी चैन्नई द्वारा अभी तक क्या-क्या कार्य किए गए हैं? कार्यों का पृथक-पृथक संपूर्ण विवरण दें। (ख) उक्त योजना अन्तर्गत उज्जैन-नागदा क्षेत्र में क्या-क्या कार्य किया जाना है तथा क्या-क्या कार्य पूर्ण कर दिए गए हैं? संपूर्ण विवरण दें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ, कार्यादेश राशि रूपये 1856.70 करोड़। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उज्जैन-नागदा क्षेत्र में पाईप लाईन बिछाने का कार्य एवं एक पंप हाऊस का निर्माण किया जाना है। पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हो गई है। सर्वेक्षण कार्य पूर्ण हो गया है, शेष कार्य प्रगति पर है।
जनपद पंचायत भवन हेतु राशि की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 350 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जनपद पंचायत खाचरौद जिला उज्जैन के नवीन भवन के निर्माण हेतु राशि लगभग 80 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान करने की मांग करने पर मुख्यमंत्री के पत्र क्र. 2837/ सीएमएस/बीसीएस/2019 दिनांक 24/9/2019- (ए) के परिपालन में अवर सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है? यदि हाँ, तो कब प्रदान की गयी? विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : जी नहीं, प्रकरण परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दुकानों का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 357 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सिवनी जिले के लखनादौन अंतर्गत जनपद पंचायत द्वारा परफॉरमेन्स योजना की राशि के तहत बाजार चौक कॉम्पलेक्स निर्माण व मुख्य मार्ग रानी दुर्गावती चौक में दुकानों का निर्माण कराया गया है? यदि हाँ, तो सभी कार्यों का विवरण प्राक्कलन, तकनीकी स्वीकृति एवं उक्त कार्य की निर्माण एजेन्सियों का विवरण देवें। (ख) क्या किसी नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत को कार्य हेतु एजेन्सी निर्धारित किया जा सकता है? प्रावधान एवं नियम बतायें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित दुकानों का आवंटन निविदा के माध्यम से किया गया? यदि हाँ,तो निविदा किन-किन अखबारों में प्रकाशित की गई? प्रतियां उपलब्ध करावें। यदि प्रकाशन नहीं कराया गया, तो क्यों? क्या निर्मित दुकानों को अ.जा.,अ.ज.जा. वर्ग के लिये आरक्षित किया गया था? यदि हाँ, तो दुकानों का क्रम संख्या बतावें तथा अनारक्षित वर्ग के लिये कितनी दुकानें थी? दुकानों का क्रमांक बतावें। आरक्षित/अनारक्षित दुकानों का आवंटन किन अधिकारियों/कर्मचारियों के माध्यम से कराया गया? नाम, पदनाम सहित जानकारी देवें। जनपद पंचायत लखनादौन के पास कौन-कौन सी दुकानों को रखा गया है? दुकानों का क्रमांक क्या है? क्या आवंटन प्रक्रिया में एस.डी.एम. लखनादौन को शामिल किया गया है? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित दुकानों का दुकानदारों द्वारा अनुबंध शर्तानुसार कितनी-कितनी राशि जमा करा ली गई है? दुकानदारवार, नाम पता सहित अनुबंध की दुकानदारवार सत्यापित छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ड.) क्या प्रश्नांश (क) अंतर्गत निर्मित दुकानों का सी.ई.ओ. द्वारा दुकानों की नीलामी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) हां सिवनी जिले के लखनादौन जनपद पंचायत अंतर्गत राज्य वित्त आयोग (प्रचलित नाम परफॉर्मेन्स ग्रांट) की राशि से बाजार चौक काम्प्लेक्स व मुख्य मार्ग रानी दुर्गावती चौक में दुकानों का निर्माण कराया गया है। उपरोक्त निर्माण कार्य के प्राकलन, तकनीकी स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। निर्माण कार्य की एजेन्सी निकटस्थ ग्राम पंचायत मलखेड़ा, भिलमा, भरदा, सीहोरा एवं ग्राम पंचायत शिकारा को बनाया गया था। (ख) जी नहीं। मध्यप्रदेश पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा 50 के अंतर्गत जनपद पंचायत के कृत्य के अंतर्गत जनपद पंचायत लखनादौन की सामान्य सभा दिनांक 16.03.2018 के संकल्प क्रमांक 08 में पारित प्रस्ताव अनुसार निर्माण एजेन्सी निर्धारित की गई है। (ग) हां, प्रश्नांश (क) अनुसार निर्मित दुकानों का आवंटन निविदा के माध्यम से किया गया है। निविदा दैनिक समाचार पत्र जबलपुर एक्सप्रेस एवं राज्य एक्सप्रेस में प्रकाशित की गई थी। निर्मित दुकानों को अ.जा./अ.ज.जा. वर्ग के लिए आरक्षित नहीं किया गया था। दुकानों की निविदा खोलने के लिए एस.डी.एम. द्वारा तीन अधिकारियों की समिति गठित की गई थी। निविदा प्राप्त न होने के कारण पुराने किराएदारों की दुकान 3 (सी), भूतल में दुकान क्रमांक 06, 09 एवं 18 एवं प्रथम तल में 10, 12, 13, 14 एवं 18 रिक्त है। एस.डी.एम. लखनादौन आवंटन प्रक्रिया में शामिल नहीं थे किन्तु उनके द्वारा प्राधिकृत तीन अधिकारियों की समिति द्वारा निविदा संबंधी कार्यवाही पूर्ण कराई गई। (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार आवंटित दुकानों का दुकानदारों द्वारा अनुबंध शर्तों के अनुसार जमा की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) अनुसार है। अभी दुकानदारों से पूर्ण राशि जमा न होने के कारण अनुबंध नहीं किया गया है। (ड.) जी हाँ, निर्मित दुकानों की नीलामी प्रक्रिया स्थावर संपत्ति का अंतरण नियम 1994 के अंतर्गत नहीं की गई।
सड़कों की मरम्मत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
44. ( क्र. 360 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत स्वीकृत सिवनी जिले में कौन-कौन सी सडकें गारंटी पीरियड में हैं, उनकी गारंटी अवधि कब तक है? (ख) उक्त सडकों के रख-रखाव एवं मरम्मत में विगत 3 वर्षों में किन-किन सडकों पर संधारण कार्य करवाये गये एवं कितनी राशि व्यय हुई? (ग) प्रश्नांश (क) की सड़कों में से किन-किन सड़कों पर गड्ढा होने के कारण आवागमन में असुविधा है? उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या कार्यवाही की? (घ) प्रश्नांश (ग) की किन-किन सड़कों का कब-कब इकाई के अधिकारियों के अतिरिक्त किस-किस अधिकारी ने निरीक्षण किया तथा उक्त सड़कों की मरम्मत हेतु क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 345 सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की 10 सड़कों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं 'ब' अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 02 सड़के असंधारित होने से कृत कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के क्रम में दो मार्गों का इकाई के अधिकारियों के अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक जबलपुर द्वारा दिनांक 09 नवम्बर 2019 को निरीक्षण किया गया है। कृत कार्यवाही का विवरण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
45. ( क्र. 366 ) डॉ. मोहन यादव : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि विभाग द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं लागू हैं? योजनाओं का संपूर्ण विवरण मय दस्तावेजों के उपलब्ध कराएं? उपरोक्त योजनाओं में भाग लेने वालों को कितनी अनुदान राशि दी जाती है? यदि कोई हितग्राही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम लगाना चाहता है तो उसे शासन द्वारा भूमि आवंटित की जाएगी अथवा नहीं? यदि हाँ, तो भूमि आवंटन के संबंध में संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) विभाग द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को प्रोत्साहित करने के लिये 1 अक्टूबर 2019 से एम.एस.एम.ई. प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। योजना अंतर्गत आवेदन करने वाली इकाइयों को पात्रतानुसार अनुदान राशि दी जाती है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। यदि कोई हितग्राही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम लगाना चाहता है तो केवल विनिर्माण श्रेणी के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम को उपलब्धता के अनुसार औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 अंतर्गत ''प्रथम आओ प्रथम पाओ'' के सिद्धांत पर आनलाईन पद्धति से भूमि आवंटित की जाती है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पुलिस महानिदेशक/ए.डी.जी. द्वारा प्राप्त शिकायतों की जाँच
[गृह]
46. ( क्र. 377 ) श्री विक्रम सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में दिनांक 01/01/2019 से प्रश्न तिथि तक किन-किन प्रकरणों की जाँच प्रमुख सचिव गृह/ पुलिस महानिदेशक मध्यप्रदेश पुलिस/ए.डी.जी. शिकायत से जिला पुलिस बल को प्राप्त हुई? प्रकरणवार/शिकायतवार जानकारी दें? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार प्रश्न तिथि तक जाँच में दोषी पाये गये किन-किन पर क्या कार्यवाही राज्य शासन द्वारा की गई? प्रकरणवार जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित समयानुसार जाँच अधिकारियों के द्वारा फरियादियों एवं उनके परिजनों से कब बयान लिये? (घ) प्रश्नांश (क) में वर्णित जांचों में आरोपितों के विरूद्ध किन-किन थाना क्षेत्रों में किस-किस प्रकार के अपराधों पर पूर्व से ही प्रकरण कायम हैं? राज्य शासन द्वारा प्रश्न तिथि तक उन पर क्या कार्यवाही की गई है? बिन्दुवार विवरण दें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न तिथि तक प्रमुख सचिव गृह/ पुलिस महानिदेशक म.प्र./ए.डी.जी. शिकायत पुलिस मुख्यालय से जिला पुलिस बल सतना को 60 शिकायतें प्राप्त हुई है, प्राप्त सभी शिकायत पत्रों की सूची पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित वरिष्ठ अधिकारियों से जिला पुलिस बल सतना को 60 शिकायतें प्राप्त हुई है जिनमें जाँच उपरांत दोषी पाये गये व्यक्तियों पर वैधानिक कार्यवाही की गई है। प्रकरणवार सूची पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) में वर्णित शिकायतों में समयानुसार जाँच अधिकारियों के द्वारा फरियादियों व उनके परिजनों के लिये कथनों की दिनांकवार सूची पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) प्राप्त शिकायतों की जाँच कराये जाने पर अन्य थानों में अनावेदकों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होना नहीं पाये गये है। शिकायतवार जाँच पर की गई विधिवत कार्यवाही की जानकारी प्रश्नांश (क) की सूची अनुसार है, जो पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है।
जैविक खेती प्रोत्साहन में आवंटित राशि
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
47. ( क्र. 378 ) श्री विक्रम सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्तीय वर्ष 2016 से प्रश्न तिथि तक खनिज मद से सतना जिले में कृषकों को जैविक खेती को प्रोत्साहन देने हेतु वर्मी कम्पोस्ट इकाई वितरण के लिये उद्यानकी विभाग को कुल कितनी राशि आवंटित की गई? वित्तीय वर्षवार/मदवार/राशिवार जानकारी दें? (ख) प्राप्त राशि के व्यय करने हेतु तैयार की गई योजना उपलब्ध कराये एवं यह बतायें कि किन-किन कृषकों को वर्मी कम्पोस्ट इकाई से लाभान्वित किया गया है वर्षवार/लाभान्वित कृषकवार/नामवार सूची दें? (ग) क्या शासन को यह जानकारी है कि किसानों को वर्मी कम्पोस्ट न प्रदाय कर फर्जी बिलों को भुगतान कर अनियमितता की गयी है? क्या शासन जाँच करायेगी? यदि जाँच करायेगी तो कब तक? (घ) क्या यह सही है कि वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने हेतु कृषकों को प्रशिक्षण भी दिया जाना था किन्तु आज तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित नहीं किये गये? कब-कब प्रशिक्षण, कहाँ-कहाँ कर कितनी-कितनी राशि व्यय की गई? प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समय अनुसार/माहवार वर्षवार/मदवार/व्ययवार/राशिवार जानकारी दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में से केवल वर्ष 2018-19 हेतु कुल राशि रूपये 683.50 लाख आवंटित की गई है। (ख) योजना के दिशा-निर्देशानुसार वर्ष 2018-19 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र – 01 अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। कृषकों को विशेषज्ञों के माध्यम से दिए गए प्रशिक्षणों का विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है।
डायल 100 FRV पर प्राप्त शिकायतें
[गृह]
48. ( क्र. 383 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संचालित डायल 100 (FRV) अन्तर्गत होशंगाबाद जिले के अन्तर्गत पिपरिया विधान सभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में कितनी शिकायतें प्राप्त हुयी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार प्राप्त शिकायतों पर कितनों की FIR दर्ज की गयी तथा कितनों की नहीं? (ग) जिन शिकायतों पर FIR दर्ज नहीं की गयी हैं, उन पर FIR दर्ज न किये जाने का क्या कारण रहा? (घ) प्राप्त शिकायतों में जिन पर FIR दर्ज हुयी हैं एवं जिन पर FIR दर्ज नहीं हुयी हैं, उनकी सूची प्रदान की जावे।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पहुंच मार्गों को पक्की सड़क से जोड़ना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
49. ( क्र. 431 ) श्री सुदेश राय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के विधानसभा क्षेत्र सीहोर अन्तर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के मापदण्डों अनुसार ऐसे कितने राजस्व गांव, मजरा एवं टोला हैं जो प्रश्न दिनांक तक पक्की सड़क से नहीं जुड़े हैं? नाम एवं जनसंख्या जनगणना वर्ष 2011 अनुसार विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त गांव, मजरा एवं टोला को कब तक किस योजना और विभाग द्वारा पक्की सड़क से जोड़ा जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जिला सीहोर के विधानसभा क्षेत्र सीहोर अंतर्गत 3 गांव पक्की सड़क से नहीं जुड़े हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शासन द्वारा मजरे टोलों की जनगणना नहीं कराए जाने से जनसंख्या के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। (ख) राजस्व ग्रामों को जोड़ने की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजना में मजरे टोले जोडे जाना अनुमत्य नहीं है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 432 ) श्री सुदेश राय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में क्या-क्या प्रावधान हैं? (ख) जिला सीहोर के अंतर्गत विकासखण्ड सीहोर में किन-किन योजनाओं को सम्मिलित किया गया है? योजना के लागत एवं सिंचित रकबा सहित पूर्ण विवरण देवें। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये जा सकते हैं? (घ) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में क्रियान्वयन की वर्तमान क्या प्रगति है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के प्रावधान जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जिला सीहोर के अंतर्गत विकासखण्ड सीहोर में सम्मिलित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में विभागवार, घटकवार स्वीकृत एवं स्वीकृत किये जा सकने वाले कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में वर्ष 2019-20 में सीहोर जिले में वर्तमान में स्प्रिंकलर एवं ड्रिप के 459 प्रकरणों के स्वीकृत आदेश दिये गये है। उनमें से 84 कृषकों को राशि रू. 10.45 लाख अनुदान प्रदाय कर दिया गया है।
अधूरी जाँच कर दोषमुक्त करना
[गृह]
51. ( क्र. 447 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3 (2613) दि. 22.07.2019 के उत्तर में संलग्न परिशिष्ट में दिये गये जाँच प्रतिवेदन में जानकारी दी गयी थी कि 'संपूर्ण जाँच के दौरान किसी प्रकार का अपराध घटित न होने के कारण कार्यवाही नहीं की गयी।' (ख) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा थाना प्रभारी को की गयी शिकायत में 1.आवेदनकर्ता के जाली हस्ताक्षर कर राजस्व मंडल में फर्जी अधिवक्ता नियुक्त कर धोखाधड़ी करने 2. चकबंदी अधिकारी, होशंगाबाद द्वारा दि. 20.04.1993 का नामांतरण अवैध बताने के संबंधी तथ्यों का उल्लेख किया गया था। (ग) क्या प्रश्नांश (क) में संदर्भित जाँच प्रतिवेदन में प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बिन्दु बिना हेंडराइटिंग एक्सपर्ट से जाँच कराये, चकबंदी अधिकारी के निर्णय की तफतीश किये बिना ही अपराध घटित नहीं होना बताया। (घ) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित बिन्दुओं पर की गयी जाँच से अवगत करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, प्रश्न क्रमांक 3 (2613) दिनांक 27.07.2019 के उत्तर में जानकारी दी गयी थी। (ख) जी हाँ, आवेदक अनिल कुमार रिछारियां द्वारा दिनांक 03.04.2019 को थाना प्रभारी को दी गयी शिकायत में आवेदनकर्ता के जाली हस्ताक्षर कर राजस्व मंडल में फर्जी अधिवक्ता नियुक्त कर धोखाधड़ी करने व चकबंदी अधिकारी होशंगाबाद द्वारा दिनांक 20.04.1993 का नामांतरण अवैध बताने संबंधी तथ्यों का उल्लेख किया गया था। (ग) जी नहीं। शिकायत की जाँच के उपरांत ही अपराध पंजीबद्ध योग्य न होने से अपराध पंजीबद्ध नहीं हुआ है। आवेदन पत्र में बताये गये कूटरचित दस्तावेज राजस्व मंडल न्यायालय ग्वालियर में होने से आवेदक द्वारा राजस्व न्यायालय में आवेदन दिया गया था। जो राजस्व न्यायालय में लंबित है। (घ) आवेदक अनिल कुमार रिछारियां द्वारा हस्ताक्षर कर फर्जी अधिवक्ता नियुक्त करने संबंधी आवेदन राजस्व मंडल ग्वालियर में दिया गया है। इसके संबंध में पुलिस विभाग को प्रतिवेदन अप्राप्त है। आवेदक द्वारा बताये गये संदिग्ध दस्तावेज उक्त न्यायालय में दिये जाने से न्यायालय के प्रतिवेदन उपरान्त ही पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही की जा सकेगी। आवेदक अनिल कुमार रिछारियां एवं अनावेदक अजय दीवान के कथन लिये गये। विभिन्न राजस्व न्यायालयों में चले भूमि संबंधी विवाद के आदेशों का परीक्षण किया गया। आवेदक अनिल कुमार रिछारियां द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज का परीक्षण किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
होशंगाबाद में धारा 151 के अंतर्गत कार्यवाही
[गृह]
52. ( क्र. 448 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मई 2018 से मई 2019 तक होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र के कितने लोगों पर धारा 151 लगाई गयी? नाम पते सहित जानकारी देते हुए बतावें कि किस-किस से कितनी-कितनी राशि का मुचलका भराया गया? इनमें किस-किस पर कितने-कितने आपराधिक प्रकरण दर्ज थे। (ख) धारा 151 के प्रकरणों में अधिकतम एवं न्यूनतम कितनी राशि का मुचलका लिया जा सकता है? (ग) क्या ऐसे अनेक नागरिक जिन पर अनेक आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, उन पर 151 में कम मुचलके पर जमानत दी जा रही है एवं जिन पर पहली बार 151 लगाई गयी उनसे एक लाख तक का मुचलका भराया गया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
समितियों/फर्मों से बीज क्रय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
53. ( क्र. 481 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना जिले में विभिन्न योजनाओं के तहत रजिस्टर्ड समितियों/फर्मों से बीज क्रय करने की निर्धारित सीमा क्या है? पन्ना जिले अन्तर्गत बीज क्रय करने हेतु कितनी समितियां रजिस्टर्ड है? नामवार बतावें। (ख) क्या पन्ना जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में जिले के बाहर की समितियों/फर्मों से भी बीज क्रय किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन समितियों/फर्मों से कितना-कितना बीज क्रय किया गया है? विवरण सहित जानकारी देवें। क्या पन्ना जिले की रजिस्टर्ड समितियों में बीज क्रय हेतु बीज की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध नहीं थी? यदि उपलब्ध थी, तो बाहर की समितियों से बीज क्यों क्रय किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जिले में विभिन्न योजनाओं के तहत रजिस्टर्ड/फर्मों से बीज क्रय करने की सीमा निर्धारित नहीं है। पन्ना जिले में रजिस्टर्ड बीज समितियों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) हां। वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में जिले के बाहर की समितियों/फर्मों से लिए गये बीजों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। किन्तु जिले की मांग अनुसार बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बीज संघ के अंतर्गत पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी समितियों से विभागीय योजनाओं के अंतर्गत बीजों का क्रय किसी भी समितियों से किया जा सकता है।
पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
54. ( क्र. 482 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पर्यटन विभाग द्वारा पन्ना विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य आज दिनांक तक स्वीकृत किये गये हैं? नामवार राशि सहित बतावें। क्या स्वीकृत कार्यों हेतु आवंटित राशि खर्च कर, कार्य पूर्ण करवा दिये गये हैं? यदि नहीं, तो कारण बतावें। कब तक कार्य पूर्ण कर दिये जावेंगे? (ख) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कई प्राकृतिक स्थल जैसे बृहस्पतिकुंड, सारंगपुर,अजयपार, किलकिला सेहा आदि है, जहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, को विकसित करने के लिये क्या शासन कोई कार्य योजना बनाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) उक्त स्थानों हेतु वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जमुनियां से झांसी लिंक रोड तक सड़क एवं पुल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
55. ( क्र.
493 ) श्री
अनिल जैन : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
विधानसभा
क्षेत्र
निवाड़ी के
ग्राम जमुनियां
खास सहित कई
गांवों के
निवासियों को
चिकित्सा एवं
रोज-मर्रा की
जरूरतों के
लिए झांसी
जाना पड़ता है
किन्तु झांसी
की मुख्य सड़क
तक लिंक रोड
के अभाव एवं
रास्ते में एक
बड़े नाले पर
बरसात-भर
आवागमन बाधित
रहने से पुल
एवं पक्की सड़क
की मांग की
जाती रही है
किंतु विभाग
द्वारा उक्त
कार्य
स्वीकृत नहीं
किया गया है? यदि
हाँ, तो
स्वीकृत न
करने का कारण
बताया जाये। (ख) प्रश्नांश
(क) में उल्लेखित
पक्की सड़क एवं
पुल जो कि
वहां के कई गांवों
के निवासियों
के लिए अत्यंत
महत्वपूर्ण
हैं, तो
क्या शासन
द्वारा उक्त
मार्ग पर सड़क
एवं पुल
निर्माण की
प्रक्रिया
शुरू की
जायेगी? यदि हाँ, तो कब
तक प्रक्रिया
प्रारंभ कर दी
जावेगी?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) जी नहीं।
ग्राम
जमुनिया खास
एवं अन्य
ग्रामवासियों
को चिकित्सा
एवं रोजमर्रा
की जरूरतें
ओरछा एवं
निवाड़ी जिले
से पूर्ण हो
जाती है। ग्राम
जमुनिया खास
को एकल
संपर्कता
प्रदान होने
से शेष प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उत्पन्न नहीं
होते है।
ग्राम धमना से पठाराम बायां चचावली मार्ग निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
56. ( क्र. 494 ) श्री अनिल जैन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी के ग्राम धमना, गुवावली एवं बम्हौरीशीतल के ग्रामवासियों को वर्षा ऋतु में पठाराम, चचावली, तरीचरकलां के गांवों में आवागमन हेतु कई किलोमीटर का चक्कर काटकर जाना पड़ता है? यदि हाँ, तो क्या ग्राम धमना से पठाराम बायां चचावली मार्ग जो कि कच्चा है, पर सड़क निर्माण हेतु विभाग द्वारा उक्त मार्ग पर पक्की सड़क निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजा गया है? यदि हाँ, तो स्वीकृत न करने का कारण बताया जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क जो वहां के गांवों के निवासियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्या शासन ग्रामवासियों की उक्त मांग को पूर्ण करने की पहल करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अंतर्गत धमना, गुवावली, बम्हौरीशीतल, पठाराम, चचावली एवं तरीचरकलां ग्रामों को पक्की सड़क के माध्यम से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत संपर्कता प्रदान की जा चुकी है। अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समस्त ग्रामों को पक्की सड़क के माध्यम से एकल संपर्कता प्रदान की जा चुकी है। अतः शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते।
जय किसान कर्जमाफी की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
57. ( क्र. 495 ) श्री अनिल जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक तक निवाड़ी जिले में कितने किसानों का 2.00 लाख रूपये तक का कर्ज माफ किया गया है? कुल कृषक संख्या व राशि बतावें। (ख) जिला निवाड़ी में कितने किसानों का 2.00 लाख रूपये से कम का कर्जा माफ किया गया है? संख्या तथा माफ की गई कुल राशि कितनी है? (ग) किसानों के कर्जे की माफ की गयी राशि किस-किस बैंक की कितनी-कितनी है? शासन ने किस-किस बैंक में कितनी-कितनी राशि किसान कर्ज के एवज में कब-कब जमा की है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) निवाड़ी जिले में कुल 10741 कृषकों के राशि रूपये 2191.28 लाख की कर्ज माफी की जा चुकी है। (ख) जिला निवाड़ी में 2.00 लाख रूपये से कम कर्ज माफी कृषक संख्या 10741 एवं माफ की गई राशि रूपये 2191.28 लाख है। (ग) कर्ज माफी की गई राशि की बैंकवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जनपद पंचायतों का ऑडिट
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
58. ( क्र. 501 ) डॉ. मोहन यादव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिला पंचायत उज्जैन एवं जनपद पंचायत उज्जैन में महालेखाकार एवं स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा किए गए ऑडिट की प्रति उपलब्ध करावें। ऑडिटर द्वारा ऑडिट में ली गई आपत्ति की प्रति उपलब्ध करावें। कितनी ऑडिट आपत्तियों का निराकरण किया गया है? निराकरण की प्रति उपलब्ध कराएं। कितनी ऑडिट आपत्तियों का निराकरण होना शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) की जानकारी अनुसार जिन आपत्तियों का निराकरण नहीं किया गया है इसके लिए कौन अधिकारी दोषी हैं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? कार्यवाही से अवगत करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में महालेखाकार ग्वालियर द्वारा ऑडिट किया गया, ऑडिट प्रतिवेदन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 पर है। जिला पंचायत उज्जैन की 24 आपत्तियों का निराकरण किया गया निराकरण की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 पर है। जिला पंचायत उज्जैन की 7 आपत्तियों एवं जनपद पंचायत उज्जैन की 8 आपत्तियों का निराकरण शेष है। प्रश्नांकित अवधि में स्थानीय निधि संपरीक्षा द्वारा जिला/जनपद पंचायत उज्जैन का ऑडिट नहीं किया गया। (ख) जिला पंचायत उज्जैन की 7 आपत्तियों के निराकरण हेतु दिनांक 13.06.2019 को प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है। प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 पर है। जनपद पंचायत उज्जैन को ऑडिट आपत्तियों का प्रतिवेदन दिनांक 16.10.2019 को प्राप्त होने से आपत्तियों का निराकरण प्रक्रियाधीन हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मनरेगा अंतर्गत व्यय राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
59. ( क्र. 507 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 व 2019-20 में शासन द्वारा मनरेगा योजना अन्तर्गत किन-किन सामुदायिक कार्यों को कराये जाने का प्रावधान रखा गया है? (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों में मनरेगा राशि से वर्ष 2018-19 व 2019-20 में कौन-कौन से सामुदायिक विकास कार्य कराये गये हैं? जनपद पंचायतवार संख्या देवें। (ग) उपरोक्त कार्यों का नाम व कुल व्यय राशि, कितने कार्य प्रारम्भ तथा कितने कार्य पूर्ण कराये गये हैं? जनपदवार वर्षवार संख्या की जानकारी देवें। (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा से किये गये कार्यों का कितना भुगतान हुआ है तथा कितना भुगतान होना शेष है? जनपदवार जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन अवधि में मनरेगा योजनांतर्गत अनुमत सामुदायिक कार्य यथा वृक्षारोपण कार्य, आंगनवाड़ी भवन, सी.सी. रोड, तालाब निर्माण, जल संरक्षण संबंधी कार्य, एप्रोच रोड, खेल मैदान, शांतिधाम, पंचायत भवन, निर्मल नीर, गौशाला निर्माण, सामुदायिक खेत तालाब, कंटूर ट्रेंच, नदी पुनर्जीवन से संबंधित जल संरक्षण के कार्य इत्यादि कराये जाने का प्रावधान किया गया है। (ख) एवं (ग) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
मुख्यमंत्री जय किसान फसल ऋण माफी की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
60. ( क्र. 508 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत मंदसौर जिले में कितने किसानों का कर्ज माफ हुआ है? किसानों की संख्या तथा ऋण माफी की राशि सहित विधानसभावार जानकारी देवें। (ख) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के कितने किसान मुख्यमंत्री जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत ऋण माफी से वंचित हैं? किसानों का ऋण कब तक माफ हो जायेगा? (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत हुई ऋण माफी की ग्रामवार, किसानों के नाम एवं राशि सहित जानकारी देवें। (घ) क्या जिन पात्र किसानों के द्वारा 2 लाख रूपये से अधिक का ऋण ले रखा है उनका भी 2 लाख रूपये तक का ऋण जय किसान ऋण माफी योजना के तहत माफ किया जावेगा।
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
सचिन
सुभाषचन्द्र
यादव ) : (क) जय
किसान फसल ऋण
माफी योजना के
तहत मंदसौर
जिले में 78050 किसानों का
कर्ज माफ हुआ
है। विधान
सभावार जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-1 अनुसार
है। (ख) सुवासरा
विधानसभा
क्षेत्र के
अंतर्गत के 28473 कृषक, जय
किसान फसल ऋण
माफी योजना के
तहत शेष हैं।
इनमें से
पात्र कृषकों
की ऋण माफी
सतत प्रक्रियाधीन
है। (ग) सुवासरा
विधान सभा
क्षेत्र के
अंतर्गत तहसील
सीतामउ एवं
सुवासरा (जानकारी
संलग्न
परिशिष्ट के
प्रपत्र-2 अनुसार
है।) के
किसानों के
नाम एवं राशि
की जानकारी
एकत्रित की जा
रही है। (घ) जय
किसान फसल ऋण
माफी योजना
अंतर्गत
पात्र किसानों
का ऋण माफ
किया जावेगा।
परिशिष्ट
- ''पैंसठ''
ग्राम पंचायतों में अनियमितताओं पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 512 ) श्री नागेन्द्र सिंह (गुढ) : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र गुढ़ की ग्राम पंचायतों में अनियमितताओं के तहत पंचायत राज अधिनियम की धारा 40 एवं 92 के तहत कितने सरपंच/सचिव के विरूद्ध कार्यवाही पूर्ण की गई, कितने के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है? ग्राम पंचायतवार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध कराई जाये एवं किन-किन सरंपचों के विरूद्ध कार्यवाही पूर्ण हो गई है, जानकारी दें। (ख) जुलाई 2017 से अक्टूबर 2019 तक अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मण्डल रीवा द्वारा भ्रमण के दौरान पाई गई अनियमितताओं एवं कमिश्नर व प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी द्वारा जाँच कर की गई कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध कराई जाये। (ग) क्या तत्कालीन विकास आयुक्त म.प्र. द्वारा पंच परमेश्वर योजना, सी.सी.सड़क एवं पक्की नाली निर्माण संबंधी दिशा-निर्देश समस्त कलेक्टर, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत व जनपद पंचायत को जारी किया गया था जिसका आदेश क्रमांक 7505-22-वि-10-ग्रा.यं.से./2016 जारी किया गया था? (घ) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र गुढ़ की ग्राम पंचायतों में 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक कितने निर्माण कार्यों के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं? निर्माण कार्यों का स्वीकृति दिनांक, स्वीकृति राशि की जानकारी उपलब्ध कराई जाये। साथ ही रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र गुढ़ की जनपद पंचायतों में उपयंत्री, सहायक यंत्री कब से पदस्थ हैं? प्रश्न दिनांक तक की जानकारी उपलब्ध कराई जायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' एवं ''ब'' अनुसार है। (ख) प्रश्नांकित अवधि में अधीक्षण यंत्री, ग्रायांसेवा मण्डल द्वारा भ्रमण के दौरान अनियमिततायें नहीं पाये जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत प्रश्नांकित दिनांक तक कुल 13897 निर्माण कार्यों के पूर्णता प्रमाण जारी किये गये। निर्माण कार्यों की स्वीकृति संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। प्रश्नांकित विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत जनपद पंचायतों में उपयंत्री एवं सहायक यंत्री की पदस्थी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
मुख्यमंत्री सड़क निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 515 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि जबेरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत मुख्यमंत्री सड़क योजना से कोडाकलां, सगौनी खुर्द से सगौनी करोंदी तक ढाई किलो मीटर सड़क निर्माण विगत एक वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ था परंतु आज दिनांक तक मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। उक्त मार्ग निर्माण कार्य किस ऐजेन्सी द्वारा किया जा रहा है? निर्माण कार्य पूर्ण करने की समयावधि क्या है एवं कब तक पूर्ण किया जावेगा? यदि समयावधि समाप्त हो गई है तो निर्माण एजेन्सी व संबंधितों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : दमोह जिले के जवेरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कोडाकलां, सगौनी खुर्द से सगौनी करोंदी पहुच मार्ग मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत ग्रेवल स्तर तक पूर्ण है। विश्व बैंक सहायतित एम.पी.आर.सी.पी. के तहत उक्त सड़क का डामरीकरण स्तर तक उन्नयन कार्य म.प्र. ग्रामीण विकास प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य की क्रियान्वयन एजेंसी मेसर्स नीलमाधव अर्थमूवर्स गढ़ाकोटा है। अनुबंधानुसार मार्ग को सितम्बर 2019 तक पूर्ण किया जाना था। कार्य को मार्च 2020 तक पूर्ण कराए जाने का लक्ष्य है। कार्य संविदाकार स्तर से निर्धारित अवधि में पूर्ण नहीं होने से अनुबंध के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
अधिकारियों के स्थानांतरण
[गृह]
63. ( क्र. 518 ) श्रीमती मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 1 जनवरी 2019 से 20 नवम्बर 2019 तक गृह विभाग द्वारा कितने प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण किये गये हैं? सूची प्रदान करें। (ख) क्या स्थानांतरण संबंधित अधिकारी के स्वयं के व्यय पर किये गये हैं? यदि हाँ, तो उसका उल्लेख भी सूची में करें। यदि स्थानांतरण शासन के व्यय पर किये गये हैं तो अभी तक किये गये स्थानांतरणों पर कितना व्यय हुआ है? उसकी जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या इनमें से कई स्थानांतरण संशोधित अथवा निरस्त किये गये है? यदि हाँ, तो संशोधित अथवा निरस्त किये गये स्थानांतरण की सूची उपलब्ध करावें। (घ) क्या स्थानांतरण संशोधित अथवा निरस्त करने का कोई विशेष कारण रहा है? यदि हाँ, तो सूची में उस कारण का उल्लेख करें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रथम श्रेणी के 431 एवं द्वितीय श्रेणी के 446 अधिकारियों के स्थानान्तरण किये गये है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’ए’’ एवं ’’बी’’ पर है। (ख) जी नहीं। स्थानांतरण के फलस्वरूप संबंधितों द्वारा पृथक-पृथक रूप से यात्रा-भत्ता/परिवहन भत्ता आदि के देयक प्रस्तुत करने पर कुल वित्तीय भार का आंकलन संभव होता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) जी हाँ। सूची एवं जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ’’सी’’ एवं ’’डी’’ पर है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
64. ( क्र.
524 ) श्री
बिसाहूलाल
सिंह : क्या
किसान कल्याण
मंत्री महोदय
यह बताने की कृपा
करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना में क्या-क्या
प्रावधान हैं? विवरण
दें। अनूपपुर
जिले की किन-किन
योजनाओं को
उसमें
सम्मिलित
किया गया है? योजना
की लागत एवं
सिंचित रकवा
सहित पूर्ण विवरण
दें। (ख) प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना में कौन-कौन
से कार्य स्वीकृत
किये जा सकते
हैं? प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना
अंतर्गत ''पर
ड्राप मोर
क्राप'' घटक के
माइक्रोइरीगेशन
उप घटक की
अद्ययन स्थिति
में अनूपपुर
जिले की
योजनाओं के
प्रस्ताव स्वीकृति
हेतु किस स्तर
पर कब से
लंबित हैं? कब तक
उनका निराकरण
किया जा सकेगा? (ग) जिला
अनूपपुर को
विभाग से वित्तीय
वर्ष 2016-17 से
प्रश्न
दिनांक तक
कितना-कितना
बजट किस-किस
योजना के लिये
प्राप्त हुआ
वर्षवार
योजनावार
कितना व्यय
किया गया? सूची
प्रदाय करें। इसी
अवधि में जिले
के कृषकों को
योजनावार कितनी-कितनी
अनुदान राशि
प्रदान की गई? विकासखंडवार
सूची प्रदान
करें। स्वीकृत
अनुदान राशि
से कितने
कृषकों की
संख्या को
लाभान्वित
किया गया? वास्तविक
स्थिति से
अवगत करावें।
किसान
कल्याण
मंत्री ( श्री
सचिन
सुभाषचन्द्र
यादव ) : (क) प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना में
प्रावधान की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-एक
अनुसार है।
अनूपपुर
जिले की जिला
सिंचाई योजना
(डी.आई.पी.) में
सम्मिलित
योजनाओं की (योजना
की लागत एवं
सिंचित रकबा
सहित) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-दो
अनुसार है। (ख)
प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना में
विभागवार, स्वीकृत
किये जा सकने
वाले कार्यों
की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-तीन
अनुसार है।
प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई
योजना अंतर्गत
''पर
ड्राप मोर
क्राप'' घटक के
माइक्रो
इरीगेशन उप
घटक में
स्प्रिंकलर
एवं ड्रिप पर
अनुदान वितरण
का कार्य
ई-कृषि यंत्र
अनुदान
पोर्टल के
माध्यम से ऑन
लाईन संचालित
है। अनूपपुर
जिले को
स्प्रिंकलर
के 198
प्रदाय भौतिक
लक्ष्य के
विरूद्ध 24 आवेदन
प्राप्त हुए है।
जिनमें से
हितग्राहियों
को अनुदान
राशि जारी की
जा चुकी है। शेष
प्रक्रियाधीन
है। (ग) जिला
अनूपपुर को
प्रधानमंत्री
कृषि सिंचाई योजना
''पर
ड्राप मोर
क्राप'' घटक के
माइक्रो
इरीगेशन उप
घटक अंतर्गत
वर्ष 2016-17 से
प्रश्न
दिनांक तक कुल
162.91 लाख
का बजट आवंटन
प्रदाय किया
गया है। वर्षवार
आवंटन एवं व्यय
की जानकारी
एवं लाभांवित
कृषकों की
संख्या का
विवरण पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-चार
अनुसार है एवं
प्रदाय
अनुदान राशि
से लाभांवित
कृषकों की
सूची की जानकारी
पुस्तकालय
में रखे
परिशिष्ट के
प्रपत्र-पाँच
अनुसार है।
कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
65. ( क्र. 537 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला पंचायतों में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डी.आर.डी.ए.) के सीधी भर्ती के कर्मचारियों के शासकीय सेवकों के समान वेतन भत्ते तथा समयमान वेतनमान की सुविधाएं दिये जाने हेतु निर्देश ग्रामीण विकास विभाग ने प्रश्न दिनांक तक जारी कर दिये है? यदि हाँ, तो प्रदेश के किन-किन जिलों में 1 जनवरी 2016 से देय पुनरीक्षित सातवां वेतनमान अनुसार वेतन-भत्ते आदि का भुगतान किया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत प्रदेश के किन-किन जिलों में प्रश्न दिनांक तक सातवां वेतनमान स्वीकृत नहीं हुआ है और किन-किन जिलों में स्वीकृति के बाद भी सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन-भत्ते नहीं दिये जा रहे हैं? कारण दें। नियम बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों सहित भोपाल जिले में उक्त कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन-भत्ते स्वीकृत कर कब तक प्रदान किया जाने लगेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती के कर्मचारियों को शासकीय सेवकों के समान वेतन भत्ते तथा अन्य सुविधाएं दिये जाने के संबंध में पत्र क्र. 9832/22/वि-2/स्था./10, भोपाल दिनांक 21.07.2010 द्वारा निर्देश पूर्व से ही है। पुनरीक्षित सातवां वेतनमान प्रदाय के संबंध में शासन स्तर से कोई निर्देश जारी नहीं किये गये है किन्तु जिला अनूपपुर, छतरपुर, मंडला, रतलाम, सतना, सिंगरौली, होशंगाबाद, मुरैना, रीवा, डिण्डौरी एवं छिंदवाड़ा के डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती के कर्मचारियों को पुनरीक्षित सातवे वेतनमान का भुगतान संबंधित जिला पंचायतों द्वारा किया जा रहा है। (ख) राज्य शासन द्वारा प्रदेश में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के सीधी भर्ती के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान स्वीकृत नहीं किया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) डी.आर.डी.ए. के सीधी भर्ती के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की कार्यवाही शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन होने से समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
महंगा कृषि खाद खरीदकर किसानों को महंगी दरों पर बेचना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
66. ( क्र. 538 ) श्री विश्वास सारंग : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2019-20 में कृषि खाद सिंगल सुपर फास्फेट को महंगा खरीदा गया है? यदि हाँ, तो कितना महंगा खरीदा गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या कृषि खाद के बढ़े दाम किसानों से वसूले जा रहे है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या अधिकारियों की लापरवाही की वजह से महंगी खाद खरीदी गयी है? यदि नहीं, तो महंगी खाद खरीदने का कारण क्या है? (घ) क्या रबी सीजन 2019-20 के ठीक पूर्व ब्लैक लिस्टेड सिंगल सुपर फास्फेट सप्लाई करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्ट से हटाया गया है? यदि हाँ, तो कारण दें। नियम बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2019-20 में सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक को अधिक दर पर क्रय किया गया। वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 के क्रय दर की तुलनात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्ष 2019-20 में सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक को निर्धारित विक्रय दर पर किसानों को विक्रय किया जा रहा है। (ग) जी नहीं। विपणन संघ द्वारा प्रत्येक सीजन में रासायनिक उर्वरकों के क्रय हेतु समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रसारित कर ऑफर आमंत्रित किये जाते हैं। ऑफरों में प्राप्त दरों के आधार पर न्यूनतम दरों पर राज्य शासन द्वारा गठित उर्वरक समन्वय समिति के निर्णयानुसार उर्वरकों की क्रय/विक्रय दरों का निर्धारण किया जाकर कृषकों को विक्रय किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के संबंध में
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 551 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूरे मध्यप्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन (योजना) प्रारंभ की गयी है? इस योजना के क्या-क्या उद्देश्य हैं? विस्तृत जानकारी दी जावे। (ख) क्या योजना के क्रियान्वयन हेतु शासन स्तर से बजट का प्रावधान किया गया है? यदि हाँ, तो वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक रतलाम जिला पंचायत को कितनी-कितनी राशि इस योजना में प्रदान की गयी? (ग) स्वच्छ भारत मिशन योजनांतर्गत जिला पंचायत रतलाम द्वारा कब-कब ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान चालाया गया? अभियान के दौरान कब-कब, कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी? (घ) क्या ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाने से ग्रामीणों का लाभ हुआ है? यदि हाँ, क्या लाभ हुआ? यदि नहीं, तो विभाग इसके लिए क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) योजनांतर्गत जिला पंचायत रतलाम द्वारा शासन निर्देशानुसार समय-समय पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जन-जागरूकता हेतु अभियान चलाये गये। अभियान के दौरान व्यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
बीज विकास निगम में नियुक्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
68. ( क्र. 553 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. राज्य बीज विकास निगम में रीजनल मैनेजर के सुपर क्लास वन के पद होने के उपरांत भी उज्जैन, ग्वालियर तथा जबलपुर में तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को रीजनल मैनेजर क्यों बना रखा है? (ख) यदि बीज विकास निगम में अधिकारी की कमी हो तो क्या प्रतिनियुक्ति के प्रावधान नहीं है? (ग) लम्बे समय से अनुकंपा के पात्र व दुखी कर्मचारियों को कृषि विभाग व बीज विकास निगम में नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है? नियुक्ति कब तक की जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) म.प्र.राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम में अधिकारियों की अत्यधिक कमी होने के कारण उज्जैन, ग्वालियर तथा जबलपुर में तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों को क्षेत्रीय प्रबंधकों का प्रभार सौंपा गया है। (ख) जी हाँ। म.प्र.राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम में कृषि विभाग से अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लेने का प्रावधान है। (ग) अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सामग्री वितरण में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
69. ( क्र. 556 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वरिष्ठ विकास अधिकारी बड़वारा जिला कटनी को वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक विभागीय किन-किन योजनाओं में वितरण हेतु बीज एवं अन्य सामग्रियां जिला स्तर से प्राप्त हुई। जानकारी योजनावार, वर्षवार, फसलवार एवं किस्मवार देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बड़वारा विकासखण्ड के बरही एवं बड़वारा तहसील को कितना-किताना बीज योजनावार ग्रामीण विस्तार अधिकारीवार एवं ग्राम पंचायतवार आवंटित किया गया? (ग) क्या विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को कम लक्ष्य दिया गया है तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी भजिया भुड़सा एवं बड़वारा क्षेत्र के अधिकारियों को अधिक आवंटन देकर स्टोर कीपर एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा खुलेआम भ्रष्टाचार किया गया? क्या कलेक्टर कटनी द्वारा प्रश्नाधीन भ्रष्टाचार को संज्ञान में लेकर जाँच संस्थित की जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) यदि प्रश्नांश (क), (ख), (ग) हां तो शासन के निर्देशों का उल्लंघन कर बीज वितरण करने वाले अधिकारियों पर क्या अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) उत्तर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जिला स्तर से विकासखण्ड को प्रदाय बीज का आवंटन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारीवार आवंटित कर वितरित किया जाता है। बीज आवंटन तहसीलवार एवं ग्राम पंचायतवार नहीं किया जाता है। योजनावार एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारीवार प्रदाय बीज की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) विकासखण्ड में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी की अत्यधिक कमी होने के कारण पदस्थ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को अतिरिक्त क्षेत्रों का प्रभार दिया गया है। अतिरिक्त प्रभार के मान से आवंटन दिया गया है। जिसमें ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी क्षेत्र भजिया को भुड़सा एवं बड़वारा के अतिरिक्त अन्य पाँच अतिरिक्त प्रभार होने के कारण अतिरिक्त आवंटन दिया गया है। जिसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया है। अत: भ्रष्टाचार को संज्ञान में लेकर जाँच की आवश्यकता नहीं है। (घ) कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
लम्बित प्रकरणों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
70. ( क्र. 557 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 एवं धारा 92 के विहित प्राधिकारी, कलेक्टर/अतिरिक्त कलेक्टर हैं? (ख) यदि हाँ, तो कटनी जिले में ऐसे कितने प्रकरण लंबित है? सूची देवें। (ग) ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनकी सुनवाई उपरांत अंतिम आदेश हेतु प्रकरण अधिकारी की अभिरक्षा में लंबित है? प्रकरण, ग्राम पंचायतवार, जनपदवार सूची देवें। (घ) प्रकरण लंबित होने एवं उसका निराकरण (निर्णय) ना करने हेतु कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या इनके विरूद्ध शासन नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही करेंगा? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) न्यायालय कलेक्टर/अतिरिक्त कलेक्टर कटनी में जनपद पंचायत स्तर के पदाधिकारियों के विरूद्ध धारा 40 एवं 92 के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[जेल]
71. ( क्र. 577 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जेलों के आधुनिकीकरण बाबत् व वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा जेल में बंद मुलजिमों की न्यायालय में उपस्थिति दर्ज कराये जाने बाबत् नीति एवं निर्देश तय किये गये हैं? इन पर प्रदेश के किन जिलों को आधुनिकीकरण सुविधा से जोड़े जाने हेतु चिन्हांकित किया गया एवं इस बाबत् कितनी राशि किन-किन जिलों में खर्च की गई? प्रश्नांश दिनांक तक की जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में अगर शासन द्वारा राशि आवंटित की गई, उसका उपयोग भी अगर किया गया, तो जेल में बंद कैदियों की उपस्थिति वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्यों नहीं कराई जा रही है? अगर नहीं कराई जा रही है, तो क्या यह माना जाये कि राशि का दुरूपयोग हुआ? कार्य नहीं कराये गये, तो इसके लिये कौन जवाबदार है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) अनुसार राशि व्यय किये जाने के बाद भी कैदियों को न्यायालय तक उपस्थिति हेतु ले जाया जाता है, जिसके कारण गंभीर किस्म के अपराधी भागने एवं फरार होने में सफल रहते हैं, जिस पर प्रहरियों के ऊपर कार्यवाही प्रस्तावित की जाती है, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) अनुसार कार्यवाही न करने, फर्जी बिल वाउचर तैयार कर राशि आहरित करने एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग न प्रारंभ किये जाने के लिए कौन-कौन जिम्मेदार है, की पहचान कर क्या कार्यवाही करेंगे? जेल में बंद कैदियों की हाजरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कब तक करा लेवेंगे? अगर नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। अपितु सर्वोच्च न्यायालय/उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार वीडियो कान्फ्रेंसिंग से जेलों और न्यायालय को जोड़ा गया है। प्रदेश की समस्त जेलों को इस सुविधा से जोड़े जाने हेतु चिन्हित किया गया है। राशि विभाग द्वारा व्यय नहीं की गई है। शासन के निर्देशानुसार माननीय उच्च न्यायालय को राशि उपलब्ध करायी गई है। उच्च न्यायालय द्वारा वीडियो कान्फ्रेंसिंग उपकरण उपलब्ध कराये गए हैं। (ख) जिन कैदियों की पेशी की अनुमति न्यायालय से प्राप्त होती है उनकी पेशियां वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से करायी जा रही है। राशि के दुरूपयोग का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) माननीय न्यायालय के निर्देश पर कैदियों को उपस्थिति हेतु पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था के साथ पुलिस गार्ड द्वारा जेल से न्यायालय ले जाया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रचलन में है।
क्षतिपूर्ति न देने वाले जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
72. ( क्र. 578 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रीवा संभाग में किसानों की धान की फसल का नुकसान कंडो बीमारी के कारण के होने की शिकायतें जिला कलेक्टरों एवं आयुक्त राजस्व रीवा संभाग रीवा को दी गई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में धान की फसल में कंडो बीमारी की जानकारी जिला प्रशासन को होने के बाद किन-किन तहसीलों में सर्वे का कार्य कराकर किसानों की फसल की क्षति की जानकारी एकत्रित की गई? इनमें से कितने किसान किन-किन तहसीलों के प्रभावित हुये? प्रभावित रकवा सहित जानकारी देवें। (ग) यदि प्रश्नांश (ख) अनुसार प्रभावित किसानों के फसल की हुई नुकसानी की पूर्ति बाबत् सरकार द्वारा क्या योजना एवं निर्देश जारी किये गये? फसल बीमा का लाभ इन किसानों को दिलाया जायेगा, तो कब तक? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के तारतम्य में अगर किसानों की हुई क्षति की पूर्ति सरकार द्वारा नहीं करायी जा रही है, किसान कर्ज के बोझ से दबे हैं, तो क्या क्षतिपूर्ति बाबत् सरकार विचार कर क्षतिपूर्ति दिलाने बाबत् निर्देश जारी करेगी, यदि हाँ, तो कब तक? अगर नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। रीवा संभाग के अंतर्गत मात्र रीवा जिले में कंडो बीमारी की शिकायत प्राप्त हुई। (ख) रीवा जिले के अंतर्गत सभी 12 तहसीलों में कंडो बीमारी से फसल नुकसानी का सर्वे कराया गया। फसल नुकसानी 25 प्रतिशत से कम पाई अत: कोई किसान प्रभावित श्रेणी में नहीं आता है। (ग) आर.बी.सी. 6 (4) के अंतर्गत राहत हेतु कोई किसान पात्र नहीं है। फसल कटाई पश्चात बीमाधारक कृषकों की पात्रता का निर्धारण किया जायेगा। (घ) उत्तरांश क, ख, ग अनुसार।
अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति योजनाएं (सब स्कीम)
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
73. ( क्र. 588 ) श्री संजय उइके : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति योजनाएं (सब स्कीम) के प्रावधान के तहत विभाग को बजट आवंटन होता है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई? किन-किन जिलों में कितनी-कितनी राशि जारी की गई? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रावधान के तहत जारी राशि के व्यय संबंधी नियम निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) फसलों के क्षेत्रफल, उत्पादन उत्पादकता बढ़ाने हेतु अनुसूचित जाति जनजाति योजनाओं के तहत विभाग को बजट आवंटन होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1/2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
विभाग को प्राप्त आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
74. ( क्र. 589 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग क्रमांक 1 बालाघाट के विभिन्न विकास कार्यों हेतु विभागीय एवं अन्य विभागों से राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो बैहर विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक किस-किस योजना/मद में, किन-किन कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि प्राप्त हुई एवं कितनी-कितनी शेष है? (ग) विभाग को प्राप्त राशि से कौन-कौन से कार्य किस-किस योजना/मद में कितनी-कितनी राशि विभागीय तौर पर कराये गये एवं किन-किन कार्यों की निविदा कब-कब आमंत्रित की गई? किन-किन ठेकेदारों को किस-किस दर की निविदा स्वीकृत की गई? किन-किन कार्यों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया? कितनी-कितनी राशि कार्य पूर्णता के उपरांत शेष है? प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अवधि की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) कार्य पूर्णता उपरांत शेष बची राशि का व्यय कहाँ-कहाँ, किन-किन कार्यों में कब-कब कितनी-कितनी राशि का किया गया एवं कितनी-कितनी राशि विभाग के पास शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) कार्य पूर्णता उपरांत विभाग के पास राशि शेष नहीं होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जिला पंचायत उज्जैन द्वारा किये गये स्थानांतरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
75. ( क्र. 606 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत उज्जैन द्वारा दिनांक 01.01.2019 से 20.11.2019 तक पंचायत समन्वयक (पी.सी.ओ.) अधिकारी एवं सहायक विकास विस्तार अधिकारी (ए.डी.ई.ओ.), पंचायत सचिव एवं ग्रामीण रोजगार सहायक के कुल कितने स्थानान्तरण किये गये हैं? इनके कितने स्वैच्छिक एवं कितने प्रशासनिक स्थानान्तरण किये गये हैं? जनपद पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उपरोक्त स्थानान्तरणों में शासन की स्थानान्तरण नीति का पालन किया गया है या नहीं? स्थानान्तरण नीति तथा शासन के आदेश की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ग) जिला पंचायत उज्जैन के अंतर्गत किन-किन पंचायतों में जाँच चल रही है? जनपद पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) क्या जिन पंचायतों की जाँच चल रही है ऐसे सचिवों को अन्य स्थान पर अटैच किया गया है? यदि नहीं, तो जनपद पंचायत महिदपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत खोरियापदमा के सचिव को जनपद पंचायत महिदपुर में अटैच किया गया है? क्या कारण है कि जिला पंचायत उज्जैन के अंतर्गत जिन पंचायतों की जाँच चल रही है, उनको अटैच नहीं किया गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''अ’’ अनुसार। (ख) सहायक विकास विस्तार अधिकारी, पंचायत समन्वय अधिकारी एवं पंचायत सचिवों के स्थानांतरण में शासन नीति का पालन किया गया। ग्राम रोजगार सहायकों का स्थानांतरण जनपद पंचायतों द्वारा मान. विभागीय मंत्री जी की वीडियों कॉफ्रेंस की विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी कार्यवाही विवरण दिनांक 22.08.2017 में बिंदु क्रमांक 5 के परिपालन में अत्यावश्यक परिस्थितियों में किया गया। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''ब’’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र - ''स’’ अनुसार। (घ) जनपद पंचायत महिदपुर द्वारा खोरिया पदमा के सचिव की जाँच प्रचलित होने से तथा संबंधित ग्राम पंचायत में पदस्थ होने से जाँच कार्य प्रभावित न हो इसलिए जनपद पंचायत महिदपुर के आदेश क्रमांक 3540 दिनांक 11.11.2019 से जनपद पंचायत महिदपुर में अनुलग्न किया गया है।
नवलक्खा बीज कम्पनी महिदपुर प्रकरण की अद्यतन स्थिति
[गृह]
76. ( क्र. 607 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवलक्खा बीज कम्पनी महिदपुर जिला उज्जैन की माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर एस.एल.पी.क्र. 7740/2017 (क्रिमिनल) की अद्यतन स्थिति बतावें। (ख) इसमें शासन की ओर से पैरवी करने वाले अधिकारियों के नाम, पदनाम व नियत की गई सुनवाई तिथियों पर उनकी उपस्थिति का समस्त विवरण देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) नवलक्खा बीज कम्पनी महिदपुर जिला उज्जैन की माननीय उच्चतम न्यायालय में दायर एस.एल.पी.क्र.-7740/2017 (क्रिमिनल) वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हेतु लंबित है। (ख) प्रकरण में नियुक्त अधिवक्तागण माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर कार्यवाही की गई है, जिसका अधिकृत इंटरनेट साइट पर उपलब्ध विवरण निम्नानुसार हैः-
क्र. |
प्रकरण में माननीय उच्चतम न्यायालय में कार्यवाही दिनांक |
कार्यवाही विवरण |
अधिवक्तागण के नाम |
1 |
07-10-2017 |
PROCESS FEE |
सौरभ मिश्रा |
2 |
04-12-2017 |
VAKALTNAMA AND MEMO OF APPEARANCE |
हरिश रिछारिया |
3 |
05-02-2018 |
COUNTER AFFIDAVIT |
हरिश रिछारिया |
4 |
29-05-2018 |
MEMO OF APPEARANCE |
स्वरूपमा चतुर्वेदी |
5 |
08-06-2018 |
MEMO OF APPEARANCE |
स्वरूपमा चतुर्वेदी |
6 |
05-07-2019 |
MEMO OF APPEARANCE |
हर्ष पराशर |
ऑनलाइन ठगी की रिपोर्ट पर कार्यवाही
[गृह]
77. ( क्र. 615 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 20.05.2019 को फरियादी प्रशांत रत्न सिंह आत्मज श्री कपिल सिंह के द्वारा ऑनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज कराने के उपरांत 04 माह व्यतीत हो जाने पर भी कोई ठोस कार्यवाही न किये जाने का क्या कारण है? (ख) यह कि फरियादी के द्वारा लगातार संबंधित थाने पर संपर्क करने पर जिम्मेदारों के द्वारा संसाधनों की कमी के कारण कार्यवाही न कर पाना बताया जाता है, क्या यह सत्य है कि अन्य राज्यों के ठगों के द्वारा ऑनलाइन ठगी के शिकार लोगों को न्याय दिलाने हेतु पुलिस विभाग को संसाधन उपलब्ध नहीं कराये जाते? क्या कारण है कि प्रदेश के बाहर की घटनाओं पर यथोचित कार्यवाही नहीं की जाती? (ग) यह कि फरियादी प्रशांत रत्न सिंह की प्राथमिकी रिपोर्ट क्रमांक 0437 दिनांक 20.05.2019 पर कब तक कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) आवेदक प्रशांतरत्न सिंह पिता श्री कमल सिंह निवासी वार्ड क्रमांक 8 शिववालक नगर, बोदा बाग अनंतपुर के दिनांक 05.04.2019 के आवेदन पत्र में लेख किया गया है कि आवेदक ने विडला सीमेंट लि. के बेवसाईट में रजिस्टर मोबाईल नंबर 9903434961 एवं 9903405344 में बात कर सीमेंट आर्डर बुक किया एवं खाता क्रमांक आई.डी.बी.आई. बैक खाता नंबर 1248104000111133 IFSC कोड IBKL0000060 में रुपये 1,38,000/- रुपये ट्रांसफर करने के उपरांत अब वह फोन रिसीव नहीं कर रहा है। आवेदन पत्र के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध थाना सिविल लाईन रीवा में अपराध क्रमांक 437/2019 धारा 420 ता.हि. का प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया। विवेचना जारी है। (ख) जी नहीं, उक्त प्रकरण में अभी तक आरोपी अज्ञात था जिसकी पतासाजी के संबंध में लगातार संबंधित बैंक से संपर्क स्थापित किया जाकर जिस खाते में आवेदक ने रुपये ट्रांसफर किया था उस खाता धारक के संबंध में जानकारी दिनांक 30.11.2019 को प्राप्त हुई है, प्रकरण विवेचनाधीन है। (ग) आरोपी का निवास ''विहार'' राज्य है अतः आरोपी की तलाश करायी जा रही है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
विकासखण्ड जवा अंतर्गत मार्ग का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
78. ( क्र. 626 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड जवा अंतर्गत जवा से गढ़ी तक मार्ग का निर्माण कार्य प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत दो वर्ष पूर्व से स्वीकृत है? यदि हाँ, तो क्या कारण है कि इस बहुप्रतीक्षित मार्ग का निर्माण कार्य अभी तक प्रारंभ नहीं कराया जा सका? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में क्या मार्ग के दोनों ओर नाली का निर्माण भी प्रस्तावित किया गया है? (ग) उक्त मार्ग के निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? मार्ग निर्माण हेतु किस निविदाकार को निविदा प्रदाय की गई है? कार्य पूरा करने हेतु क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। जवा से गढ़ी मार्ग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत पूर्व से निर्मित है। जवा से गढ़ी होते हुये पटिहट तक उन्नयन कार्य स्वीकृत है जिसका कार्यादेश दिनांक 03.09.2018 को जारी किया गया है। मार्ग का निर्माण कार्य प्रारंभ होकर प्रगतिरत है। (ख) जी नहीं। (ग) जवा से गढ़ी होते हुये पटिहट मार्ग के उन्नयन हेतु राशि रू.1118.19 लाख स्वीकृत है। उन्नयन हेतु मेसर्स अमित कुमार मिश्रा को निविदा प्रदाय की गई है। अनुबंधानुसार कार्य को पूर्ण करने हेतु समय-सीमा 18 माह दिनांक 02.03.2020 तक निर्धारित है।
चिटफंड कम्पनियों पर कार्यवाही
[गृह]
79. ( क्र. 644 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत पांच वर्षों में मध्यप्रदेश के इन्दौर एवं भोपाल संभाग में चिटफंड कम्पनियों द्वारा आमजनता को धोखा व जालसाजी के प्रकरण बने हैं? यदि हाँ, तो विगत पांच वर्षों में किन-किन कम्पनियों के नाम प्रकरण बने हैं, कम्पनियों द्वारा की गई लूट राशि सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार चिटफंड कम्पनियों के प्रकरणों में प्रदेश शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही हैं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
इन्दौर के क्षिप्रा थाने में दर्ज प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
80. ( क्र. 645 ) श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या इन्दौर के क्षिप्रा थाने में दिनांक 22.02.2019 को मर्ग क्रमांक 10/19 धारा 174 जा.फो. जो की मृतक रोहित उर्फ गोलू पिता सुनील गिरी निवासी नन्दानगर इन्दौर की आत्महत्या का है, दर्ज हुआ था? यदि हाँ, तो क्या प्रश्न पूछे जाने तक आरोपियों को पकड़ा नहीं गया है? यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें व पुलिस प्रशासन द्वारा आरोपियों को पकड़ने हेतु कब-कब क्या कार्यवाही की गई है, कब तक अपराधियों को पकड़ लिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : जी हाँ। मर्ग क्रमांक 10/19 धारा 174 जा.फो. की जाँच उपरांत दिनांक 17.03.2019 थाना क्षिप्रा में अपराध क्रमांक 94/19 धारा 306, 34 भा.द.वि. आरोपी निरंजन सिंह व अजीत नाहर के विरूद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है तथा आरोपीगण घटना दिनांक से सकुनत से फरार होने के कारण अभी तक गिरफ्तार नहीं किये गये हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु लगातार कार्यवाही की गई है। धारा 73 जा.फौ. के तहत गिरफ्तारी वांरट जारी कराये गये हैं तथा धारा 82 जा.फौ. के तहत उद्घोषणा जारी कराई गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
खाद, बीज, कीटनाशकों के नमूनों का ब्यौरा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
81. ( क्र. 649 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सागर संभाग अंतर्गत जिलों में दिसम्बर 2018 से अभी तक विभाग द्वारा उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों के कितने सेंपल लिये गये? (ख) क्या उक्त अवधि में लिए गये सैम्पलों में अमानक पाये गये उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों की विश्लेषण रिपोर्ट आने से पूर्व विक्रय हुई आदान सामग्री से किसानों को उपज पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) क्या छतरपुर जिले के हरपालपुर में 2600 टन खाद अमानक होने की रिपोर्ट 13 नवम्बर 2019 को आयी? जबकि 17 अक्टूबर से 13 नवम्बर के मध्य किसानों द्वारा 2550 टन खाद उपयोग कर लिया गया? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की जा रही है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) अमानक पाये गये उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक औषधियों की विश्लेषण रिपोर्ट आने से पूर्व विक्रय हुई आदान सामग्री से किसानों की उपज पर विपरीत प्रभाव पड़ने के संबंध में जिलों के किसानों से किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। दिनांक 18.10.2019 को, छतरपुर जिले के हरपालपुर में उर्वरक का नमूना लेते समय उर्वरक विक्रेता प्रशांत अग्रवाल, मेसर्स अग्रसेन ट्रेडर्स हरपालपुर के विक्रय केंद्र पर इफको कंपनी की डी.ए.पी. उर्वरक का स्कंध दो मेट्रिक टन एवं म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ के डबल लॉक केंद्र हरपालपुर के गोदाम में एन.एफ.एल. कंपनी के डी.ए.पी. उर्वरक का नमूना लेते समय स्कंध 25 मेट्रिक टन था। उक्त दोनों नमूनों की अमानक पाये जाने की रिपोर्ट दिनांक 13.11.2019 को आयी है। उक्त घोषित अमानक उर्वरक का स्कंध उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला छतरपुर के आदेश क्रमांक/1607, दिनांक 13.11.2019 द्वारा विक्रय प्रतिबंधित किया गया है। उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला छतरपुर के आदेश क्रमांक/1691, दिनांक 26.11.2019 द्वारा उर्वरक विक्रेता प्रशांत अग्रवाल, मेसर्स अग्रसेन ट्रेडर्स हरपालपुर का उर्वरक विक्रय प्राधिकार पत्र निलंबित किया गया है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
भवन निर्माण एवं अन्य सुविधाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
82. ( क्र. 650 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता विधानसभा क्षेत्र खुरई में वर्ष 2018 में प्रारंभ कृषि महाविद्यालय के प्रथम वर्ष 2018 एवं द्वितीय वर्ष 2019 में कितने-कितने छात्र/छात्राओं द्वारा प्रवेश प्राप्त किया गया? महाविद्यालय को स्वयं के भवन/छात्रावास की सुविधा कब तक उपलब्ध कराई जायेगी? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार महाविद्यालय को विभाग द्वारा वर्तमान में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं? क्या उक्त महाविद्यालय मॉडल स्कूल के प्रथम तल में संचालित किया जा रहा है एवं छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं है? (ग) क्या शिक्षा विभाग द्वारा मॉडल स्कूल के भवन को रिक्त किये जाने हेतु लेख किया गया है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) कृषि महाविद्यालय के प्रथम वर्ष 2018 में 46 छात्र एवं 18 छात्राओं ने प्रवेश लिया एवं द्वितीय वर्ष 2019 में 48 छात्र एवं 24 छात्राओं ने प्रवेश लिया। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जी हाँ, उक्त महाविद्यालय, मॉडल स्कूल खुरई के प्रथम तल में संचालित है एवं छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं है। (ग) जी हाँ, प्राचार्य शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खुरई, जिला-सागर द्वारा पत्र क्रमांक/ परीक्षा/2019/497, दिनांक 18.02.2019 से भवन को रिक्त करने हेतु लेख किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। अनुविभागीय अधिकारी खुरई, जिला-सागर ने कार्यालयीन पत्र क्रमांक/प्रवा-2/अनु/2019/1395, दिनांक 16.08.2019 से महाविद्यालय को उक्त भवन में ही संचालित करने हेतु वर्ष जुलाई 2020 तक की अनुमति प्रदान की है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
कोल्ड स्टोरेज की स्थापना हेतु दी जाने वाला अनुदान
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
83. ( क्र. 654 ) श्री रमेश मेन्दोला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 अप्रैल 201 6 से अभी तक केंद्र सरकार तथा केंद्र सरकार की विभिन्न संस्थाओं द्वारा कोल्ड स्टोरेज की स्थापना हेतु मध्यप्रदेश शासन को अनुदान (सबसिडी) के लिए कितनी राशि उपलब्ध करवाई गई है? (ख) इस राशि का आवंटन कब-कब तथा किस-किस को किया गया है, इसकी एक सूची प्रदान करें। 1 अप्रैल 2016 के बाद अभी तक एम.पी. में कोल्ड स्टोरेज बनाने हेतु कितने उद्यमियों/किसानों/संस्थाओं अथवा कंपनियों को अनुदान की स्वीकृति दी गई है? इनकी सूची प्रदान करें। इनमें से कितने कोल्ड स्टोरेज ऐसे हैं जिन्हें अनुदान राशि जारी दी जा चुकी है? इसकी सूची प्रदान करें। जिन्हें अनुदान हेतु स्वीकृति दी जा चुकी है उन्हें अभी तक राशि क्यों जारी नहीं की गई है? तथा कब तक दी जाएगी? (ग) क्या सबसिडी हेतु कोई वरीयता सूची बनाई गई है? यदि हाँ, तो वो सूची भी प्रदान करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी निम्नानुसार है:-
क्रं. |
वर्ष |
उपलब्ध राशि (लाख में) |
1 |
2016-17 |
1008.00 |
2 |
2017-18 |
1638.00 |
3 |
2018-19 |
355.00 |
4 |
2019-20 |
588.00 |
(ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''01 एवं 02'' अनुसार है। बजट उपलब्ध नहीं होने के कारण राशि जारी नहीं की गई है। बजट उपलब्ध होने पर राशि जारी की जावेगी, समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। प्रकरण स्वीकृत उपरान्त निवेशक द्वारा प्रथम किश्त हेतु सिविल कार्य के 50 प्रतिशत पूर्ण होने एवं बैंक द्वारा शत-प्रतिशत ऋण राशि जारी करने पर तथा द्वितीय किश्त हेतु निर्माण कार्य पूर्ण होकर व्यवसायिक रूप से कार्य प्रारंभ होने पर संयुक्त निरीक्षण दल के निरीक्षण-प्रतिवेदन में की गई अनुशंसा के आधार पर अनुदान सहायता उपलब्ध कराई जाती है। निवेशकों द्वारा कार्य पूर्णता पर समस्त सुसंगत दस्तावेज प्रस्तुत करने पर किश्तें जारी करने के कारण वरीयता सूची का संधारण नहीं किया जा सकता।
उद्यानिकी के अंतर्गत किए गए कार्य
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
84. ( क्र. 655 ) श्री महेश परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बजट सत्र 2018 में हार्टिकल्चर के लिए 1158 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त राशि से उद्यानिकी विभाग द्वारा कुल कितने वित्तीय कार्य किए गए एवं किस प्रयोजन से कितनी राशि, किस मद में खर्च की गयी? विस्तृत एवं पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) क्या उक्त अवधि में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा उक्त राशि के लेखे का परीक्षण किया गया है अथवा नहीं? यदि किया गया है तो अंकेक्षण रिपोर्ट एवं प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। यदि ऑडिट में कोई आपत्ति प्राप्त हुई हो तो उस संबंध में भी जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) उक्त राशि को खर्च करने के लिए कितनी कार्यपालक समिति, कितनी क्रय समिति, कौन-कौन से स्तर पर गठित की गयी? उनके पद नाम एवं पता सहित कुल बैठकों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) उक्त बैठकों में सर्वसम्मति से अनुमोदन उपरांत आहरण वितरण अधिकारी द्वारा भुगतान किया गया अथवा बिना अनुमोदन के ही भुगतान किए जाते रहे? (ङ) वित्तीय वर्ष 2018-19 के 1158 करोड़ रूपये की राशि के प्रावधान में से कुल कितनी राशि किस गतिविधि के लिए खर्च हुई और उस गतिविधि से कौन सा उद्देश्य प्राप्त किया गया तथा उक्त गतिविधि को संचालित करने की जवाबदारी किसे दी गयी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। योजनावार मदवार एवं व्ययवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) वर्ष 2018-19 की अवधि का 03 कार्यालयों का नियंत्रक महालेखा परीक्षक द्वारा लेखा परीक्षण कराया गया। अंकेक्षण कण्डिका की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में प्रश्नांश (क) में दिये गये उत्तर अनुसार योजनाओं के मार्गदर्शी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही व्यय किया गया है। (घ) जी हाँ। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। योजनाओं की गतिविधि संचालित करने की जबावदारी संबंधित जिले के जिलाधिकारी की है।
पुलिस आवास योजना से आवंटित आवास
[गृह]
85. ( क्र. 658 ) श्री महेश परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वित्तीय वर्ष 2018-19 की बजट राशि 240 करोड़ रूपये से क्या पुलिस जवानों को मध्यप्रदेश में आवास उपलब्ध कराये गए? यदि हाँ, तो कुल कितने जिलों में कितने पुलिस जवानों को आवास मिल चुके हैं? जिलेवार जानकारी प्रस्तुत करें। उपलब्ध कराये गए आवासों पर कुल कितना खर्च हुआ? किन गतिविधियों में खर्च हुआ? मदवार जानकारी प्रस्तुत करें। (ख) क्या उक्त खर्च की ऑडिट हो चुकी है? क्या नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक द्वारा सभी कार्यों का वित्तीय मूल्यांकन कर लिया गया है? यदि हाँ, तो उनके द्वारा किन-किन बिन्दुओं पर आक्षेप प्रस्तुत किए गए हैं? विस्तृत जानकारी पूर्ण दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करें। (ग) क्या प्रावधानिक 240 करोड़ रूपये की राशि का एक ही प्रयोजन हेतु प्रावधान किया गया था? यदि नहीं, तो इस योजना में किन-किन मदों में अलग-अलग प्रावधान किए गए थे? (घ) क्या पुलिस आवास योजना के लिए संभाग जिले, विकासखंड एवं स्थानीय स्तर पर प्रयोजन को पूरा करने के लिए समितियां बनाई गयी थी? यदि हाँ, तो सभी समितियों की विस्तृत जानकारी एवं दायित्वों की जानकारी उपलब्ध करायें। (ड.) उक्त योजना से कुल कितने पुलिस जवानों को आवास प्राप्त हुआ और कितने हितग्राहियों को लाभ पहुंचाना शेष है? ज़िलेवार सम्पूर्ण जानकारी प्रस्तुत करें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्राप्त बजट राशि से पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के आवास निर्माण कराये जा रहे हैं। 16 जिलों में 1220 आवास उपलब्ध कराये गये है। उपलब्ध कराये गये, आवासों पर राशि रूपये 193.18 करोड़ व्यय हुई है। शेष राशि निर्माणाधीन कार्यों पर व्यय की गई है। जिलेवार सम्पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। योजना क्र. 3059, मद 03-4055-211-पुलिस आवास, 0101-सामान्य, 0102-अनुसूचित जनजाति, 0103-अनुसूचित जाति उपयोजना #64-001-वृहद निर्माण कार्य मद। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ, राशि रूपये 240 करोड़ का एक ही प्रयोजन, वृहद निर्माण कार्य हेतु प्रावधान किया गया था। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ङ) योजना में 1220 आवास पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए उपलब्ध कराये गये हैं। वर्तमान में कुल 25000 स्वीकृत आवासों में से 23780 हितग्राहियों को लाभ पहुंचाना शेष है। जिलेवार सम्पूर्ण जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब’’ अनुसार है।
जिला जेल उज्जैन एवं उप जेल बड़नगर खाद्य सामग्री का टेंडर
[जेल]
86. ( क्र. 662 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन में संचालित भेरूगढ़ जेल में खाद्यान सामग्री का टेंडर किस दर पर किस एजेंसी को कितने वर्ष के लिए दिया गया है। खाद्य सामग्री की निर्धारित दर की सूची सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर उपजेल को 1 वित्तीय वर्ष में विभिन्न मदों को कितना बजट किस कार्य हेतु निर्धारित है? आवंटित बजट की मदवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) बड़नगर उपजेल हेतु शासन द्वारा कितने कर्मचारी का स्टॉफ स्वीकृत है एवं वर्तमान में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं? जानकारी उपलब्ध करावें। यदि स्टॉफ की कमी है तो कब तक पूर्ति कर दी जायेगी। (घ) बड़नगर उपजेल में पेयजल हेतु वर्तमान में क्या व्यवस्था है? क्या गर्मी में कैदियों को पेयजल, स्नान एवं अन्य कार्य हेतु पर्याप्त पानी मिलेगा? इसके लिए क्या योजना है? पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? पत्रवार बतावें। गर्मी में कैदियों को पेजयल, स्नान तथा अन्य कार्य हेतु पर्याप्त पानी मिल सके इसके लिए विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) केन्द्रीय जेल उज्जैन में वर्ष 2019-20 में खाद्यान्न सामग्री का टेण्डर अलग-अलग एजेंसी को एक वर्ष के लिए दिया गया है। खाद्यान्न सामग्री दरें एवं संबंधित एजेंसी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सब जेल बड़नगर को वित्तीय वर्ष 2019-20 विभिन्न मदों में बजट आवंटन किया गया। आवंटित बजट की मदवार सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) सब जेल बड़नगर के लिए शासन द्वारा अब तक स्टॉफ स्वीकृत नहीं किया गया है। जेल की सुरक्षा एवं प्रशासनिक व्यवस्था के संचालन के लिए अस्थाई व्यवस्था स्वरूप अन्य जेलों से 01 सहायक जेल अधीक्षक, 03 मुख्य प्रहरी, 10 प्रहरी, 01 तकनीकी सहायक एवं 01 सफाईकर्मी पाबंद किये गए हैं। (घ) सब जेल बड़नगर की पेयजल व्यवस्था हेतु वर्तमान में 01 ट्यूबवेल एवं 01 हैण्डपम्प है। आवश्यकता पड़ने पर टैंकर द्वारा पानी की पूर्ति की जाती है। पेयजल की अतिरिक्त व्यवस्था हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को राशि रूपये 10.84 लाख की स्वीकृति दी गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। पेयजल की समुचित व्यवस्था के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
छात्रवृत्ति घोटाले में कार्यवाही
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
87. ( क्र. 666 ) श्री विनय सक्सेना : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या छात्रों के फर्जी प्रवेश दर्शाकर छात्रवृत्ति प्राप्त कर शासन से धोखाधड़ी करने वाले कॉलेजों पर धोखाधड़ी के प्रकरण दर्ज कराने के बजाय सिर्फ राशि की वसूली कर मामले को समाप्त किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? यदि नहीं, तो क्या ऐसे कॉलेजों के विरुद्ध, शासन के साथ धोखाधड़ी करने के आपराधिक प्रकरण दर्ज कराये जायेंगे? (ख) क्या मध्यप्रदेश में वर्ष 2010 से 2015 के बीच हुए छात्रवृत्ति घोटाले में माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत जनहित याचिका (WP18929/2014) के परिप्रेक्ष्य में कॉलेजवार जाँच करायी गयी थी? यदि हाँ, तो सम्पूर्ण जाँच के विस्तृत प्रतिवेदन मय संलग्नक उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (ख) उल्लेखित जाँच रिपोर्ट के आधार पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? कितनी राशि की वसूली की गयी? तत्कालीन अधिकारियों एवं कॉलेज संचालकों पर क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं,, तो क्यों? (घ) जाँच के दौरान एन.आई.सी. द्वारा विभाग को उपलब्ध करायी गयी संभावित डुप्लीकेट छात्रों की सूची प्रदान करें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। इस संबंध में तथ्यों के सत्यापन एवं अनियमितताओं का परीक्षण कर दोषी संस्थाओं एवं गलत आधार पर छात्रवृत्ति लेने वाले विद्यार्थियों के विरूद्ध विधि अनुरूप कार्यवाही सुनिश्चित करने के संबंध में समस्त कलेक्टरों को आदेश जारी किये गये। (ख) जी हाँ। विभिन्न जिलों से जाँच प्रतिवेदन एकत्रित किये जा रहे है। (ग) जाँच रिपोर्ट के अधार पर जिलों में की गई कार्यवाही की जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) जाँच के दौरान एन.आई.सी. द्वारा विभाग को संभावित डुप्लीकेट छात्रों की सूची प्रदान नहीं की गई बल्कि एन.आई.सी. द्वारा इस संबंध में छात्रवृत्ति पोर्टल पर लिंक http://mpsc.mp.nic.in/ mpscholarship/rpt_ins_wise_report.aspx उपलब्ध कराई गई। अत: सूची उपलब्ध कराने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
किसानों को फसल बीमा का लाभ दिये जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
88. ( क्र. 669 ) डॉ. योगेश पंडाग्रे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में बैतूल जिले में राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों द्वारा कितने किसानों के खातों से फसल बीमा प्रीमियम की राशि काटी गई है? बीमा की गई फसलों की पोर्टल पर प्रविष्टि किये जाने की अंतिम तिथि क्या है? (ख) क्या जिन किसानों के खातों से बीमा प्रीमियम की राशि काटी गई है, उन सभी किसानों की प्रविष्टि पोर्टल पर कर दी गई है? यदि हाँ, तो बीमित किसानों की संख्या विकासखण्डवार बतावें। यदि नहीं, तो कितने किसानों की प्रविष्टि पोर्टल पर नहीं हो पाई है? (ग) बैंकों द्वारा बीमा प्रीमियम राशि वसूल किये जाने के बाद भी उनकी फसल बीमा योजना के तहत कवर नहीं हो पाने का क्या कारण रहा है? (घ) इस वर्ष अतिवृष्टि की मार झेल रहे फसल बीमा से वंचित रहे किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाए जाने हेतु क्या सरकार कोई कार्यवाही करेगी? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) बैतूल जिले में खरीफ मौसम 2019 में राष्ट्रीयकृत बैंक एवं सहकारी बैंकों द्वारा 1,16,118 किसानों के खातों से बीमा प्रीमियम की राशि काटी गई है। भारत सरकार के निर्देशानुसार खरीफ 2019 में पोर्टल पर बीमित कृषकों की जानकारी की प्रविष्टि किये जाने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2019 थी। (ख) बैतूल जिले में 86367 किसानों की प्रविष्टि पोर्टल पर कर दी गई है। विकासखण्डवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है तथा 29751 किसानों की प्रविष्टि पोर्टल पर की जाना शेष है। (ग) राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना अनुसार अधिसूचित बीमित इकाई में अधिसूचित फसलों हेतु जिन पात्र कृषकों का प्रीमियम बैकों द्वारा जमा किया गया है उनकी फसलें बीमित हैं। किन्हीं तकनीकी कारणवश बैंकों द्वारा जिन पात्र बीमित कृषकों की पोर्टल पर एंट्री नहीं हो पाई है भारत सरकार के निर्देशानुसार उनकी समीक्षा हेतु संचालनालय किसान कल्याण तथा कृषि विकास भोपाल में बैंकों की बैठक दिनांक 9.12.2019 को आयोजित की गई है। तत्पश्चात भारत सरकार को शेष पात्र कृषकों की पोर्टल पर एंट्री करने हेतु पोर्टल खोलने के लिये लेख किया जावेगा। (घ) अतिवृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त बीमित फसलों के संयुक्त सर्वेक्षण किये गये हैं तथा खरीफ 2019 हेतु बीमा कंपनियों को अग्रिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान कर दिया गया है। योजना के प्रावधानों के अनुसार पात्र कृषकों को क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
अधिकारियों के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
89. ( क्र. 674 ) श्री कमलेश जाटव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधायक कार्यालय अम्बाह द्वारा कृषि उपज मंडी समिति पोरसा जिला मुरैना से किस-किस पत्र के माध्यम से वांछित जानकारी चाही गई थी? क्या उपरोक्तानुसार जानकारी उपलब्ध करा दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो पावती की प्रति दी जावे। यदि नहीं, तो जानकारी न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा तथा जानकारी कब तक उपलब्ध कराई जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। पत्र दिनांक 16.11.2019 से। जी नहीं। (ख) समय-सीमा में जानकारी नहीं देने के लिए सचिव कृषि उपज मंडी समिति पोरसा को नोटिस दिनांक 28-11-2019 जारी किया गया है। (ग) जानकारी विस्तृत स्वरूप की होने से समय लगेगा।
जानकारी न देने वाले अधिकारी के प्रति दण्डात्मक कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
90. ( क्र. 675 ) श्री कमलेश जाटव : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधायक कार्यालय अम्बाह द्वारा पत्र क्रमांक/जा02प्र0/सा0/2019 क्यू 11 दिनांक 22.10.2019 के माध्यम से वांछित जानकारी जनपद पंचायत अम्बाह से चाही गई थी? यदि हाँ, तो क्या बिन्दुवार व स्पष्ट जानकारी प्रदाय करा दी गई है? यदि हाँ, तो पावती प्रदाय कराई जावे। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ख) क्या विधायक कार्यालय अम्बाह के पत्र क्रमांक/जा02प्र0/सा0/2019 क्यू 55 दिनांक 03.11.2019 के माध्यम से पुन: स्मरण पत्र भेजकर बिन्दुवार व स्पष्ट जानकारी प्रदाय कराने हेतु सी.ई.ओ. अम्बाह को पत्र जारी किया गया था? यदि हाँ, तो क्या उपरोक्तानुसार चाही गई जानकारी प्रदाय करा दी गई है? यदि हाँ, तो पावती दी जावे। यदि नहीं, तो क्यों नहीं? जानकारी न देने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? बिन्दुवार व स्पष्ट जानकारी कब तक प्रदाय करा दी जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। पावती संलग्न परिशिष्ट पर है। शेष जानकारी 07 दिवस में उपलब्ध करा दी जावेगी। (ख) जी नहीं। विधायक कार्यालय के पत्र क्र. क्यू 53 दिनांक 03.11.19 द्वारा जानकारी चाही गई थी। जी हाँ। प्रश्नांश (क) के संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष जानकारी 07 दिवस में उपलब्ध करा दी जावेगी।
पुलिस थानों का निर्माण
[गृह]
91. ( क्र. 698 ) श्री अशोक रोहाणी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला जबलपुर के अंतर्गत कितने थानों भवनों की स्थिति अत्यधिक खराब है? शासन स्तर पर इनका पुन: निर्माण कराये जाने हेतु क्या प्रयास किये जा रहे हैं? कितने थानों के भवन निर्माण कराये जाने की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है व कितने के निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में कौन-कौन से थानों के भवन निर्माण की स्वीकृति कब दी गई है तथा निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ग) स्वीकृति उपरांत भी थानों के भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है इसका क्या कारण है? आगे क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) 12 भवनों की स्थिति अत्यधिक खराब है जिनका ध्वस्तीकरण किया जाकर इनका पुनः निर्माण किया जा रहा है। जिला जबलपुर के 2 थाने आधुनिकीकरण के तहत एवं राज्य योजना आयोग म.प्र. द्वारा निर्धारित विषयवस्तु के अंतर्गत 16 थाने इस प्रकार कुल 18 थानों की स्वीकृति प्रदान की गई है, इन सभी थानों के निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रचलन में है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) स्वीकृति उपरांत थाना भवनों का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। निर्माण कार्य की प्रक्रिया प्रचलन में है।
रामस्थान एवं सोनौरा की शासकीय भूमि के संबंध में
[गृह]
92. ( क्र. 700 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र.3690, दि. 22 जुलाई, 2019 में उत्तर दिया गया है कि (क), (ख) की जानकारी एकत्र की जा रही है? अगर हॉं, तो क्या जानकारी एकत्र की गई? प्रति देवें। (ख) क्या यह सत्य है कि सतना जिले में रामस्थान, सोनौरा की जिन शासकीय भूमियों को दस्तावेजों में कूटरचना कर निजी स्वामित्व में बदलकर खुर्द-बुर्द किया गया, जो राजस्व अमलें की जाँच में पुनः शासकीय घोषित की गई, कूट रचना करने वाले दोषी पटवारियों/तहसीलदारों/आरआई/एग्रीमेंटकर्ताओ/गवाहों/खरीदी करने वाले एवं बेचने वालों के विरूद्ध पुलिस द्वारा किस-किस को प्रश्नतिथि तक चिन्हित कर प्रकरण में पूरक चालान पेश कर डायरी में आरोपी बनाया है एवं किस-किस को नहीं बनाया गया है? (ग) क्या थाना कोलगवां में दर्ज अपराध 168/16 सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध 169/17 में बजट सत्र जुलाई 2019 के आश्वासन क्र. 32 में एस.पी. सतना के पत्र क्र. 8005 ए 19 दि0 23/9/19, नगर पुलिस अधीक्षक नें 24/9/19 एवं 6/11/19 से दोनों थाना प्रभारियों को पत्र द्वारा 8/11/19 तक जवाब मांगा था, दोनों थाना प्रभारियों ने क्या जवाब दिया है? प्रति देवें। (घ) क्या कार्यवाही पुलिस द्वारा प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित अपराध क्रमांकों पर पूरक चालान पेश कर आरोपियों के नाम केस डायरी में बढाने की प्रश्नतिथि तक की गई है? कार्यवाही विवरण दें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) रामस्थान से संबंधित कोई शिकायत अपराध पंजीबद्ध हेतु प्राप्त नहीं हुई है। शेष प्रश्नांश की जानकारी अनुसंधान से संबंधित होने से दी जाना विधिसम्मत नहीं है। (ग) जी हाँ। दोनों थाना प्रभारियों से जवाब लिया गया था, जो अनुसंधान से संबंधित होने से प्रतिलिपि दिया जाना विधिसम्मत नहीं है। (घ) प्रश्नांश से संबंधित अपराध अनुसंधान में होने से जानकारी दी जाना विधिसम्मत नहीं है।
स्वीकृत पदों पर नियमित भर्ती
[पर्यटन]
93. ( क्र. 708 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) एम.पी. इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटालिटी ट्रेवल एंड स्टडीज जो कि मध्यप्रदेश में एक मात्र संस्थान भोपाल में है, जिसमें कितने नियमित पद कब से स्वीकृत हैं? पदनाम सहित संख्या बतावे। (ख) क्या प्रश्न दिनांक तक उक्त स्वीकृत पदों पर एक भी पद पर नियमित भर्ती नहीं की जाकर प्रतिनियुक्ति से अथवा आऊट सोर्स एजेंसी के अपात्र व्यक्तियों द्वारा संस्था संचालित की जा रही हैं इसके क्या कारण हैं? (ग) क्या मापदंड के अनुसार भवन में सुविधा नहीं है एवं यदि मापदंड अनुसार भवन में सुविधा नहीं है तो बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा किस आधार पर इस संस्थान को मान्यता दी गई है? (घ) क्या संचालक का पद भी प्रतिनियुक्ति से भरा है एवं उनके द्वारा जानबूझ कर नियमित भर्ती नहीं की जा रही है? यदि हाँ, तो क्यों तथा स्वीकृत सभी पदों पर नियमित भर्ती कब तक पूर्ण कर ली जावेगी।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 10-4/ 2017/तैंतीस, दिनांक 22/02/2017 के अनुसार संस्थान में एकेडमिक 11 एवं नॉन एकेडमिक 07 पद इस प्रकार कुल 18 पद स्वीकृत है। अन्य आवश्यक कर्मचारी जैसे – चौकीदार, सफाईकर्मी, माली एवं भृत्य आदि सहायक अमला आउटसोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से लिया जायेगा। (ख) संस्थान में संचालक पद का संचालक, कौशल संवर्धन, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड, भोपाल द्वारा अतिरिक्त प्रभार है। इसके अतिरिक्त 02 पदों पर संविदा पर तथा 03 पदों पर आउटसोर्सिंग एजेन्सी के माध्यम से कार्यरत है। इसके अतिरिक्त भृत्य, चौकीदार, इत्यादि कुल 08 कर्मचारी आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से रखे गये हैं। (ग) बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा संस्थान को वर्ष 2019–20 हेतु मान्यता प्राप्त है। संस्थान में मापदण्ड के अनुसार भवन उपलब्ध है तथा आगामी वर्षों की आवश्यकताओं के अनुसार संस्थान की अधोसंरचना में आवश्यक विस्तार किये जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है। (घ) जी नहीं। प्रश्न दिनांक तक संचालक का पद अतिरिक्त प्रभार के माध्यम से भरा हुआ है, आवश्यकतानुसार पद पूर्ति की जावेगी।
भोपाल में संचालित अवैध हुक्का लाउंज
[गृह]
94. ( क्र. 710 ) श्री रामेश्वर शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि भोपाल में कुल कितने वैध-अवैध हुक्का लाउंज संचालित किए जा रहे हैं? इनमें से कितने हुक्का लाउंज रहवासी क्षेत्र में संचालित किए जा रहे हैं? माननीय विधानसभा अध्यक्ष महोदय द्वारा मानसून विधानसभा सत्र के दौरान भोपाल में संचालित अवैध हुक्का लाउंज पर प्रतिबंध लगाने संबंधी निर्देश पर अब तक क्या कार्यवाही की गयी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
अनुबंध लीज शर्तों में संशोधन कर पी.पी.पी. मोड पर देने
[पर्यटन]
95. ( क्र. 714 ) श्री संजय शुक्ला : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम माण्डू मालवा रिट्रीट रिसोर्ट में विगत् 05 वर्षों में कितने पर्यटको का प्रतिवर्ष आगमन हुआ? पर्यटकों से विभाग को 05 वर्षों में कितनी आय प्राप्त हुई? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में मालवा रिट्रीट रिसोर्ट में विगत 05 वर्षों में पर्यटन विभाग द्वारा क्या-क्या कार्य कराये गये? संचालन/संधारण कार्यों कि राशि सहित जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन द्वारा क्या पी.पी.पी. मोड पर प्रायवेट एजेंसी को पर्यटन नीतियों में संशोधन करते हुये लीज पर या अनुबंध आधार पर देने हेतु प्रस्ताव प्राप्त हो रहे है? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में पर्यटन विभाग घाटों में चल रही पर्यटन विभाग कि सम्पतियों कि जानकारी उपलब्ध करायें। क्या पर्यटन क्षेत्रो में आय के स्त्रोतों को बढ़ाने हेतु प्रायवेट सेक्टर के साथ सहयोग करते हुए पर्यटन नीति 2016 अंतर्गत राज्य पर्यटन विकास निगम को कौन-कौन से होटलों का चयन किया गया है? लायसेंस अनुबंध पर क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? पर्यटन विभाग कौन-कौन से पिकनिक स्पॉट/वनों में रेस्ट हाउसो का निर्माण पी.पी.पी. मोड पर करेगा? क्या मालवा रिट्रीट रिसोर्ट को भी लीज अनुबंध शर्तों पर पी.पी.पी. मोड पर दिया जा सकता है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार। (घ) पर्यटन नीति 2016 के अंतर्गत राज्य पर्यटन विकास निगम लीज/प्रबंधकीय अनुबंध पर देने के लिये पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “द” के अनुसार इकाईयों का चयन किया गया है। लायसेंस अनुबंध पर मुख्यत: निम्नानुसार सुविधाएं दी जाती है: लायसेंस अनुबंध पर पर्यटन विकास निगम की संपत्ति को 30 वर्ष की अवधि के लिये एक मुश्त प्रीमियम एवं 01 प्रतिशत लायसेंस फीस पर दिया जाता है। लायसेंस अनुबंध के अंतर्गत संबंधित पक्षकार स्वयं इकाई का संचालन करने के लिये पूर्ण रूप से स्वंतत्र है, पर्यटन विकास निगम से अनुमति प्राप्त कर इकाई में आवश्यक निर्माण/नवीनीकरण कर सकता है एवं आवश्यकता पड़ने पर 03 वर्ष पश्चात इकाई प्रबंधन हस्तांतरण कर सकता है। अनुबंधकर्ता को निर्धारित समयावधि में सूचना देकर अनुबंध समाप्त कर सकता है। वर्तमान में बताया जाना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
96. ( क्र. 715 ) श्री मनोज चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कौन-कौन से गांव को प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत मुख्य सड़क मार्गों से जोड़ा गया है? प्रत्येक की लंबाई व चौड़ाई कितनी है? (ख) क्या उक्त योजना में बनाई गई सड़कें गुणवत्तापूर्ण रही है और वर्तमान में उनकी स्थिति क्या है? (ग) क्या योजना में और भी गांवों में सड़क निर्माण किया जाना प्रस्तावित है? यदि हाँ, तो किस-किस गांव को कौन-कौन से मुख्य सड़क मार्गों से जोड़ा जाएगा? (घ) क्या करीब 2 वर्ष पूर्व बने जोयन इसामपुर मार्ग उखड़ कर जगह-जगह गड्ढों में तब्दील हो गया है? (ड) यदि हाँ, तो क्या इस सड़क निर्माण की जाँच कराई जाएगी? यदि हाँ, तो कब और नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) आलोट विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक 38 मार्गों से 50 गांव को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत जोड़ा गया है। मार्गवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में उक्त सभी मार्ग पाँच वर्षीय संधारण अवधि में है। एक मार्ग प्रगतिरत है जिससे थंबगुराडिया, शेरपुर खुर्द, माल्या, आलोट ग्राम जोड़े जा रहे है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं, अपितु इस वर्ष हुई भारी बारिश के कारण मार्ग कुछ क्षतिग्रस्त हुआ था जिस पर ठेकेदार द्वारा संधारण कार्य किया जा रहा है। (ड.) उत्तांश (घ) अनुसार। इस मार्ग के निर्माण के दौरान निर्धारित प्रावधान अनुसार राज्य गुणवत्ता पर्यवेक्षकों द्वारा किये गये निरीक्षण के दौरान संतोषप्रद ग्रेडिंग दी गई थी। अतः पृथक से जाँच की आवश्यकता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
97. ( क्र. 718 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 अप्रैल, 2016 से प्रश्न दिनांक तक विधान सभा क्षेत्र उदयपुरा में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत कितने आवास किन-किन पंचायतों में स्वीकृत हुए हैं? (ख) उदयपुरा विधान सभा क्षेत्र में जिन हितग्राहियों के नाम सर्वेक्षण या अन्य कारणों से रह गये हैं, उन्हें स्वीकृत कराने के क्या प्रयास किये जा रहे हैं? (ग) वर्तमान में आवासहीन परिवारों को राज्य सरकार कब तक पूर्ण रूप से आवास उपलब्ध कराने का कार्य करेगी? (घ) उदयपुरा विधान सभा में अब तक कितने व्यक्तियों के पास आवास नहीं हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतीक्षा सूची में सम्मिलित नहीं हो पाये तत्सतमय उपलब्ध पात्र हितग्राहियों को आवास प्लस ऐप के माध्यम से सूचीबद्ध किया गया। यह सर्वे भारत सरकार द्वारा ऑनलाईन कराया गया है। इन हितग्राहियों को लाभान्वित करने के लिए वर्तमान में भारत सरकार से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हैं। (ग) भारत सरकार से लक्ष्य प्राप्त होने पर आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराये जायेंगे। (घ) उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल में एसईसीसी 2011 की सर्वे सूची अनुसार जनपद पंचायत उदयपुरा के 6323 एवं जनपद पंचायत बाड़ी के 4125, इस प्रकार कुल 10448 परिवारों के पास पक्के आवास नहीं हैं।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
98. ( क्र. 719 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में क्या-क्या प्रावधान हैं? इसमें क्या-क्या कार्य कराये जाते हैं वर्ष 2015-16 से अब तक वर्षवार जिला रायसेन में कितनी राशि प्राप्त एवं व्यय हुई? (ख) प्रश्नांश (क) अंतर्गत रायसेन जिले में कितने स्व-सहायता समूह एवं परिसंघों का गठन किया गया है? जनपदवार, पंचायतवार सूची उपलब्ध करावें। स्व-सहायता समूहों को क्या-क्या सुविधाएं दी जा रही हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार गठित किये गये स्व-सहायता समूहों के नाम, संचालकों के नाम व उनके कार्यों की सूची जनपद पंचायतवार उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर संकलित है। वर्षवार राशि प्राप्त एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर संकलित है। (ख) जिले में कुल 6,567 स्व-सहायता समूहों एवं 915 परिसंघों का गठन किया गया है। समूहों/परिसंघों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर संकलित। समुदाय के सामाजिक एवं आर्थिक विकास हेतु प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन, ऋण की आवश्यकताओं की प्रतिपूर्ति हेतु चक्रीय कोष, सामुदायिक निवेश निधि एवं बैंक ऋण व अन्य विभागों से अभिसरण करना, शासकीय योजनाओं की जानकारी देकर समूह सदस्यों की पहुँच योजनाओं तक पहुँचाने के प्रयास किए जाते हैं। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स के कॉलम नं-8 पर संकलित।
वित्तीय अनियमितता की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
99. ( क्र. 737 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ग्राम पंचायत कोनियाकला जनपद पंचायत त्यौंथर जिला रीवा में वर्तमान पंचायत सचिव श्री अनुराग शर्मा एवं सरपंच श्री रामनरेश द्वारा निर्माण कार्यों में की गई अनियमितता की जाँच उपरांत राशि रुपयें 1,47,9,860 वसूली योग्य पायी गई थीं? यदि हाँ, तो क्या उक्त राशि वसूल कर ली गई है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जाँच उपरांत जाँच प्रतिवेदन सहित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत त्यौंथर द्वारा पत्र क्रमांक/91 दिनांक 11/01/2019 को अग्रिम कार्यवाही हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा को भेजा था? यदि हाँ, तो क्या मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा द्वारा कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो कब और क्या? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, प्रकरण म.प्र. पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत पंजीबद्ध किया जाकर वसूली की कार्यवाही की जा रही है। (ख) जी हाँ। प्रकरण में धारा 40/92 अंतर्गत कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
कटनी जिले में पंचायतों को आवंटित राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 741 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग की स्वकराधान योजना क्या हैं एवं किन मापदण्डों के आधार पर ग्राम पंचायतों को योजना के तहत निर्माण/विकास कार्यों हेतु किस मद से राशि प्रदान की जाती हैं? कटनी जिले की किन-किन ग्राम पंचायतों को कब-कब एवं कितनी-कितनी राशि किन-किन कार्यों हेतु योजना प्रारम्भ होने से प्रश्न दिनांक तक जारी की गयी? (ख) क्या विकास आयुक्त के निर्देश एवं सीईओ जिला पंचायत कटनी के आदेश पर कटनी जिले की ग्राम पंचायतों को स्वकराधान योजना के तहत जारी राशि के आहरण पर रोक लगाई गयी? यदि हाँ, तो किन निर्देशों और आदेशों के तहत एवं क्यों एवं क्या जानकारी शासन/विभाग को भेजी गई? ग्राम पंचायतवार बताएं। (ग) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक जनपद पंचायत कटनी की ग्राम पंचायतों में क्या-क्या अनियमितताएं किस-किस स्तर से ज्ञात हुई एवं ग्राम पंचायतों की कौन-कौन सी शिकायतें जिला पंचायत कटनी एवं जनपद पंचायत कटनी को कब-कब प्राप्त हुई तथा प्रश्न दिनांक तक अनियमितताओं/शिकायतों पर किस सक्षम प्राधिकारी द्वारा क्या जाँच एवं कार्यवाही की गयी और क्या कार्यवाही किस स्तर पर प्रचलन में हैं? शिकायतवार पंचायतवार बतायें। (घ) क्या प्रश्नांश (ग) जिला पंचायत कटनी को अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित कई जाँच प्रतिवेदन वर्तमान में लंबित हैं? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक कौन–कौन से प्रकरण कब से क्यों लंबित हैं? प्रकरणवार बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 14वां वित्त आयोग परफॉरमेन्स ग्रांट अंतर्गत स्वकराधान के आधार पर भारत सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को राशि प्रदान की जाती है। योजना के मापदण्ड हेतु मध्यप्रदेश राज पत्र (असाधारण) क्रमाक 18 दिनांक 10.01.2018 प्रकाशित किया गया है। राशि ग्राम पंचायतों को 14वां वित्त योजना अंतर्गत अनुमत्य कार्यों हेतु प्रदाय की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। आयुक्त पंचायतराज संचालनालय के पत्र क्रमांक 11458 दिनांक 04.09.2019 के निर्देशों की पूर्ति हेतु एवं दिनांक 31.10.2019 को अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, भोपाल द्वारा वीडियों कॉन्फ्रेसिंग में दिए निर्देशों के पालन में आहरण नहीं करने के निर्देश दिए गए थे। निर्देशानुसार दिनांक 08.11.2019 को पंचायतवार कार्य योजना तैयार कर शासन को प्रेषित की गई। वर्तमान में आहरण पर कोई रोक नहीं है। (ग) डॉ. ए.के. खान, माननीय जिला पंचायत सदस्य द्वारा दिनाक 14.10.2019 को एवं श्री वीरेन्द्र जैन पूर्व सरपंच ग्राम पंचायत पिपरौंध द्वारा दिनांक 13.11.2019 को स्वकराधान वसूली नहीं करने की शिकायत जिला पंचायत कटनी को प्राप्त हुई। उक्त संबंध में सहायक लेखाधिकारी जनपद पंचायत एवं लेखाधिकारी जिला पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतवार रोकड़ बही बिल वाऊचर्स का सत्यापन कराया गया, जिसमें करारोपण होना पाया गया। (घ) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कृषि विभाग में प्रचलित जाँच और विभागीय कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 742 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1815, दिनांक-22/07/2016 के उत्तरानुसार कटनी, सागर, सतना एवं रीवा जिलों के संबंध में प्रचलित जाँच कार्यवाहियां प्रश्न दिनांक तक पूर्ण हो चुकी हैं? यदि हाँ, तो प्रकरणवार क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नकर्ता के विधानसभा प्रश्न क्रमांक-1818, दिनांक-22/07/2016 के उत्तरानुसार जाँच किसके द्वारा की गयी और प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही किस-किस पर कब-कब की गयी? प्रकरणवार विवरण उपलब्ध करायें। (ग) संयुक्त-संचालक (कृषि) सागर के पत्र क्रमांक-2838,दिनांक-10/11/2015 एवं संयुक्त-संचालक (कृषि) जबलपुर के पत्र क्रमांक-3970 दिनांक-26/11/2015 से संचालक (कृषि) भोपाल को प्रेषित विशेष अंकेक्षण/जाँच प्रतिवेदन क्या थे और इन प्रतिवेदनों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी? (घ) विगत 03 वर्षों में विभागीय योजनाओं के तहत कब-कब, क्या-क्या आदान सामग्री किस-किस दर पर क्रय की गई? योजनावार सामग्रीवार जानकारी देवें। क्रय सामग्री का तत्समय वास्तविक बाजार मूल्य क्या था? (ङ) क्या संचालनालय (कृषि) द्वारा आदान सामग्री क्रय करने के मार्गदर्शी निर्देश जारी हैं? यदि हाँ, तो यह निर्देश क्या हैं और क्या कटनी जिले हेतु क्रय आदान सामग्री की खरीदी निर्देशों के अनुरूप थी? यदि हाँ, तो कैसे? यदि नहीं, तो क्या कार्यवाही की जाएंगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) नहीं, जाँच प्रक्रियाधीन है। प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के आदश क्रमांक एफ 4ए/13/2016/14-1,दिनांक 03.10.2016 द्वारा श्री बी0एम0 सहारे, अपर संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास संचालनालय को जाँचकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। जाँच प्रक्रियाधीन है। (ग) जाँच प्रतिवेदन में श्री एम.एल. चौहान, तत्का. उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास सागर एवं विशेष अंकेक्षण में श्री जे.आर. हेड़ाउ तत्कालीन उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास कटनी को दोषी पाया गया है। प्रतिवेदनों पर कार्यवाही प्रश्नांश (क) अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ड.) जी हाँ, क्रय आदान सामाग्री की खरीदी निर्देशों के अनुरूप है। कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
खरीफ एवं रबी के मानक बीजों पर अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
102. ( क्र. 748 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में खरीफ एवं रबी के मानक बीजों पर दिनांक 20/07/2018 से 20/08/2019 में कितने-कितने प्रति क्विंटल पर अनुदान दिया जाता है? वर्षवार जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या वर्ष 2017-18 में गेहूँ में 1000 रू. प्रति क्विंटल एवं चने पर 1500 रू. प्रति क्विंटल मानक बीजों में अनुदान दिया जाता था? (ग) क्या वर्तमान में रबी एवं खरीफ की फसलों के मानक बीजों पर अनुदान की राशि घटायी गई है, अगर घटाई गई है तो किस कारण से घटाई गई? (घ) क्या मानक बीजों पर अनुदान बढ़ाने की कोई योजना है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जिला नरसिंहपुर में खरीफ एवं रबी के मानक बीजों पर प्रति क्विंटल अनुदान दिया गया है। जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (पृष्ठ क्र.1 से 24 तक) अनुसार है। (ख) जी नहीं वर्ष 2017-18 में गेहूँ में 500 रू. प्रति क्विंटल एवं चने पर 2500 रू. प्रति क्विंटल मानक बीजों में अनुदान दिया जाता था। (ग) वर्ष 2019-20 की मानक बीजों पर अनुदान राशि गेहूँ पर बढ़ायी गई है एवं चना पर घटाई गयी है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (पृष्ठ क्र.1 से 06 तक) अनुसार है। (घ) जी हाँ।
स्मैक का नशा करने वाले व्यक्तियों की जानकारी
[गृह]
103. ( क्र. 750 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने स्मैक का नशा करने वाले व्यक्ति हैं? संख्यात्मक जानकारी प्रदान करें। (ख) जिले में कितने ग्रामों एवं शहर में किन स्थानों पर स्मैक बेची एवं खरीदी जाती है? (ग) शासन द्वारा स्मैक पीने वालों को नशा छुड़ाने के लिये क्या-क्या प्रयास किये जा रहे है? (घ) कितने व्यक्तियों पर स्मैक बेचते एवं खरीदते हुये पकड़ा गया है? उन पर क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) स्मैक का नशा करने वाले व्यक्ति चोरी छिपे नशा करते है इसलिए संख्यात्मक जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जिले में स्मैक के क्रय एवं विक्रय के लिए कोई निश्चित स्थान नहीं है, बल्कि आरोपी जब-जब भी क्रय-विक्रय की गतिविधियों में संलिप्त रहे है तो उन पर यथासमय कार्यवाही की गई है, जिसके तहत कुछ थाना क्षेत्रान्तर्गत स्थानों को चिन्हित किये गये है, जिनकी जानकारी निम्नानुसार है- ग्रामीण क्षेत्र में चिन्हित स्थान- थाना तेंदूखेडा- (1) डोभी (2) बिल्थारी (3) बरकुंडा, थाना सुआतला (1) चरगुवा, थाना गोटेगांव- (1) राजाकछार (2) रहली, थाना ठेमी (1) नयागांव (2) तेंदनी (3) धमना (4) सूरवारी (5) महादेव पिपरिया, शहरी क्षेत्र में चिन्हित स्थान-थाना गाडरवारा- (1) शहर गाडरवारा, थाना गोटेगांव- (1) पटेल वार्ड (2) नया बाजार बैलहाई, थाना तेंदूखेडा- (1) वार्ड 12 तेंदूखेडा, थाना करेली- (1) नरसिंह वार्ड,। (ग) जिला स्तर पर स्थानीय जनप्रतिनिधिगण/समाजसेवी संगठनों के सहयोग से नशे से पीड़ित ग्रामों एवं शहरी क्षेत्रों में नशे से होने वाले दुष्परिणामों के संबंध में नशामुक्ति शिविर, स्कूली छात्र/छात्राओं के माध्यम से प्रभातफेरी, रैली एवं जनचेतना अभियान चलाकर बैनर, पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार एवं पीड़ित व्यक्तियों को जिला के अंतर्गत शासकीय अस्पताल में उपचार कराने की समझाईश दी जा रही है। वर्ष 2017 में 44, वर्ष 2018 में 22 एवं वर्ष 2019 में 43 कुल 109 शिविर आयोजित किये गये है। (घ) वर्ष 2019 में स्मैक बेचने एवं खरीदने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर 42 प्रकरणों में 45 आरोपियों को पकड़ा गया जिनसे 866 ग्राम स्मैक जब्त की जाकर एन.डी.पी.एस. एक्ट के तहत कार्यवाही कर माननीय न्यायालय में पेश किये गये है।
नियमानुसार दर्ज प्रकरण पर कार्यवाही
[गृह]
104. ( क्र. 753 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुरावर तहसील नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ द्वारा अपने पत्र क्रमांक 353 दिनांक 19.09.2019 से शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने एवं गलत जानकरी देकर भ्रमित कर शासकीय भवन में निजी कार्यक्रम आयोजित करने से कार्यवाही हेतु थाना प्रभारी पुलिस थाना कुरावर को नामजद शिकायत दर्ज कराई गई थी? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक संबंधित के विरूद्ध किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया हैं अथवा किया जाना हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे प्रकरणों में पुलिस द्वारा कितनी समयावधि में क्या कार्यवाही किये जाने के नियम हैं? क्या प्रश्नांश (क) वर्णित प्रकरण में पुलिस द्वारा नियमानुसार कार्यवाही की जा चुकी हैं? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों तथा कब तक उक्त प्रकरण में कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, आवेदक द्वारा प्रस्तुत शिकायत पत्र के तारतम्य में दिये गये कथन अनुसार शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न नहीं हुई है। अतः अनावेदक के विरूद्ध पुलिस हस्तक्षेप योग्य अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। (ख) शिकायत प्राप्त होने के 15 दिवस के अन्दर शिकायत का निराकरण किये जाने के पुलिस मुख्यालय के परिपत्र में निर्देश है। संबंधित थाना प्रभारी के द्वारा शिकायत के निराकरण समय पर नहीं करने के संबंध में स्पष्टीकरण प्राप्त किया गया है। स्पष्टीकरण संतोषप्रद नहीं होने से निंदा के दण्ड से दण्डित किया गया है। वर्तमान में शिकायत जाँच पूर्ण कर ली गयी है जाँच में संज्ञेय अपराध घटित होना नहीं पाया गया।
महिला बंदी गृह प्रारंभ किये जाने
[जेल]
105. ( क्र. 754 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के नगर नरसिंहगढ़ में महिला बंदी गृह (भवन) स्थित है? यदि हाँ, तो क्या भवन निर्माण से प्रश्न दिनांक तक उक्त महिला बंदी गृह को प्रारंभ नहीं किया गया हैं? यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत महिला बंदियों हेतु पृथक से बंदी गृह नहीं होने के कारण भोपाल महिला जेल में स्थानांतरित किया जाता हैं। जिससे विभाग को पुलिस बल, वाहन एवं समय के साथ-साथ अतिरिक्त राशि का वहन करना पड़ता हैं? यदि हाँ, तो क्या शासन नरसिंहगढ़ स्थित महिला बंदी गृह को प्रारंभ करने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो कब तक, यदि नहीं, तो क्यों तथा करोड़ों रूपये की लागत से निर्मित उक्त बंदी गृह का क्या उपयोग किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) सब जेल नरसिंहगढ़ में महिला वार्ड स्थित नहीं है, अत: उसे प्रारंभ करने एवं कारण बताये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सब जेल नरसिंहगढ़ की महिला बंदियों को जिला जेल राजगढ़ में रखा जाता है। बंदियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट पेशी की व्यवस्था है, फिर भी आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पेशी पर लाने ले जाने की व्यवस्था पुलिस विभाग द्वारा की जाती है। उत्तर (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 756 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर, आगर, देवास, उज्जैन, सिहोर, राजगढ़ जिले में कुल कितने किसान है? उसमें से कितने किसानों की भूमि को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ 2019 में बीमित किया गया है? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किसानों में से कितने किसानों को खरीफ 2019 में फसलों के नुकसान का क्लेम मिलेगा? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित किसानों में से शाजापुर जिले के किसानों को कितना-कितना क्लेम मिलेगा? ग्रामवार जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत बीमांकन की इकाई जिला स्तर, तहसील स्तर एवं पटवारी हल्का स्तर है अत: भारत सरकार के पोर्टल पर बीमित कृषकों की जानकारी तहसील स्तर पर संधारित रहती है। जिला शाजापुर, आगर, देवास, उज्जैन, सिहोर, राजगढ़ में कृषक जोतों की संख्या एवं बीमित कृषकों की तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजानांतर्गत अंतिम दावों का आंकलन फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त औसत उपज के आधार पर किया जाता है। खरीफ 2019 अंतर्गत फसल कटाई प्रयोगों के आंकडो के संकलन का कार्य जारी है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
पंचायतों का परिसीमन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
107. ( क्र. 758 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शाजापुर जिले में ग्राम पंचायतों का परिसीमन का अंतिम प्रकाशन किया गया है? यदि हाँ, तो कब? अंतिम प्रकाशन के पूर्व एक से अधिक गांव किन-किन पंचायतों में सम्मिलित थे तथा उनकी जनसंख्या 2011 के अनुसार क्या-क्या है? विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ख) क्या परिसीमन सभी विकासखण्डों में निष्पक्ष रूप से किया है? यदि हाँ, तो कालापीपल विकासखण्ड के ग्राम गाडराखेडी की जनसंख्या 2011 में 1000 से अधिक होने पर भी अलग ग्राम पंचायत का दर्जा क्यों नहीं दिया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, दिनांक 22.08.2019 को। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ, ग्राम गाडराखेड़ी की जनसंख्या वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 919 है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राज्य पोषित फलोद्यान योजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
108. ( क्र. 761 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि राज्य पोषित फलोद्यान योजना अंतर्गत वर्तमान में धार जिले में कितने किसानों की कितनी राशि सब्सिडी की अभी तक किस कारण से नहीं दी गयी है और कब तक उसका संपूर्ण भुगतान कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : जिले में 540 किसानों की सब्सिडी राशि रूपये 324.40 लाख का भुगतान किया जाना शेष है। योजना के सामान्य मद में बजट उपलब्ध नहीं होने के कारण भुगतान लंबित है। शासन से बजट उपलब्ध होते ही अनुदान राशि का भुगतान कर दिया जावेगा।
नर्मदा माइक्रो सिंचाई परियोजना का क्रियान्वयन
[नर्मदा घाटी विकास]
109. ( क्र. 762 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि बदनावर विधान सभा क्षेत्र में नर्मदा माइक्रो सिंचाई परियोजना हेतु कितनी लागत से स्वीकृत की गई हैं और इसका कार्य कब तक प्रारम्भ करवा कर पूर्ण करवा लिया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : रूपये 1520.92 करोड़। पुनरीक्षित वर्तमान लागत रूपये 1651.24 करोड़ है। निविदा स्वीकृति उपरांत कार्य प्रारंभ हो सकेगा। अत: समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
माइक्रो ड्रिप इरीगेशन/प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत लाभांवित कृषक
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
110. ( क्र. 764 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खरगोन, बड़वानी जिले के वर्ष 2010 से 2017 तक में माइक्रो ड्रिप इरीगेशन/ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत लाभान्वित कृषकों के द्वारा जमा कृषक अंश राशि की जानकारी देवे। (ख) खरगोन, बड़वानी जिले के वर्ष 2010 से 2017 तक में माइक्रो ड्रिप इरीगेशन/ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत लाभान्वित कृषकों को ड्रिप सामग्री प्रदायकर्ता कंपनियों/ डीलरों द्वारा विभाग को दिये गये एकाउण्ट स्टेटमेंट की प्रतिलिपि देवे। (ग) खरगोन, बड़वानी जिले के वर्ष 2010 से 2017 तक में माइक्रो ड्रिप इरीगेशन/प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत लाभान्वित कृषकों के प्रपत्र-7 एवं प्रपत्र-8 की प्रतिलिपि देवें। (घ) प्रश्नांश (क) के दस्तावेजों में दर्ज राशि का मिलान प्रश्नांश (ख) के बैंक स्टेटमेंट से करने संबंधी विभागीय नीति/निर्देश/प्रक्रिया की प्रतिलिपि देवें। इस नीति/निर्देश के पालन में की गई कार्यवाही की प्रतिलिपि वर्षवार देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
किसानो को दिये गये विद्युत मोटर पंप
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
111. ( क्र. 765 ) श्री रवि रमेशचन्द्र जोशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खरगौन में वर्ष 2016-17,2017-18 एवं 2018-19 में किसान कल्याण तथा कृषि विभाग द्वारा संचालित समस्त योजना अन्तर्गत किसानों को दिये गये विद्युत मोटर पंप/डीजल पंप से वर्षवार लाभांवित किसानों की संख्या देवें? (ख) उक्त हितग्राहियों को कुल प्रदाय अनुदान की वर्षवार जानकारी देवें? (ग) उक्त हितग्राहियों द्वारा कुल कृषक अंश जमा राशि की जानकारी वर्षवार देवें? (घ) उक्त हितग्राहियों द्वारा क्या मोटर पंप प्रदायकर्ता कम्पनी/डीलर को कृषक अंश राशि जमा की गई है, यदि हाँ, तो कितनी राशि वर्षवार देवें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जिला खरगौन में किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा संचालित समस्त योजना अंतर्गत किसानों को प्रदाय किये गये, विधुत मोटर पंप/डीजल पंप से संबंधित लाभांवित किसानों की संख्या क्रमश: वर्ष 2016- 17 में 142, 2017-18 में 307 एवं 2018-19 में 499 है। (ख) उक्त हितग्राहियों को क्रमश: वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 1420000/-, 2017- 18 में राशि रूपये 2858986/- एवं 2018-19 में राशि रूपये 4583275/- का अनुदान प्रदाय किया गया है। (ग) उक्त हितग्राहियों द्वारा क्रमश: वर्ष 2016-17 में राशि रूपये 1533812/-, 2017-18 में राशि रूपये 3566027/-एवं 2018-19 में राशि रूपये 6014127/- का कृषक अंश जमा किया गया है। (घ) जी हाँ। जमा की गई कृषक अंश राशि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
फसल ऋण माफी की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
112. ( क्र. 778 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में वर्तमान सरकार के गठन से प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीयकृत बैंकों से कितने किसानों का कितना कर्ज माफ किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में रीवा जिले में कितने किसानों का कितना कर्ज माफ किया गया है? विकासखण्डवार संख्या बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) रीवा जिले में वर्तमान सरकार के गठन से प्रश्न दिनांक तक राष्ट्रीयकृत बैकों के 2496 कृषकों का राशि रूपये 107262423.00 कर्ज माफ कर दिया गया है। (ख) रीवा जिले में 2496 किसानों का राशि रूपये 107262423.00 का ऋण माफ किया गया है। विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
पर्यटन स्थलों की कार्ययोजना
[पर्यटन]
113. ( क्र. 785 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु एवं स्थलों को उन्नत एवं विकसित करने के साथ ही सौन्दर्यीकरण किये जाने की लगातार मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो क्या पिपलोदा तहसील अंतर्गत सुजापुर मगरा टेकरी पर एवं मामटखेडा मगरे पर तथा जावरा तहसील अंतर्गत मिंडा जी, कान्करवा एवं नंदावता स्थलों को उन्नत किये जाने हेतु लगातार प्रश्नकर्ता द्वारा विभागीय प्रमुख सचिव से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक मांग की जा रही है? (ग) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा उपरोक्तानुसार लगातार की जा रही मांग के संबंध में क्या उक्त स्थलों पर स्थल निरीक्षण कर पर्यटकों के मूलभूत आवश्यकताओं हेतु कार्ययोजना बनाई गयी है? (घ) यदि हाँ, तो शासन/विभाग द्वारा किन-किन स्थलों का निरीक्षण कर कार्ययोजना बनाई गयी? उन्हें कब तक प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृतियाँ दी जाकर बजट आवंटित किया जाएगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। (ग) जी हाँ। ग्राम सुजापुर, ग्राम नंदावता में विकास हेतु स्थल निरीक्षण किये जाकर कार्य की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव तैयार किये गये। (घ) विभाग द्वारा ग्राम सुजापुर एवं नंदावता का स्थल निरीक्षण कर कार्ययोजना बनाई गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
वक्फ परिसम्पतियों की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
114. ( क्र. 786 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनेक वक्फ संबंधी संस्थाएं, कमेटियाँ तथा वक्फ संबंधी अल्पसंख्यक समुदाय के अनेक धार्मिक स्थल शासनाधीन होकर संचालित किये जा रहे हैं? (ख) यदि हाँ, तो जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शासन/विभाग के अंतर्गत शासनाधीन ऐसे कितने शासनाधीन स्थान, संस्थाएँ, कमेटियाँ, धार्मिक स्थल इत्यादि एवं यदि अन्य प्रकार भी हो तो वे कहाँ-कहाँ कार्यरत हैं? स्थलवार परिसम्पतियों की जानकारी दें। (ग) क्या उपरोक्तानुसार उल्लेखित शासन/विभाग अंतर्गत शासनाधीन स्थलों पर शासन की करोड़ों रु. की संपतियाँ भी हैं एवं अनेक स्थलों पर धर्मालुजनों एवं दानदाताओं द्वारा अपनी श्रद्धा से बड़ी धनराशि दान स्वरूप दी जाती है? परिसम्पतियाँ किन-किन स्थानों पर किस प्रकार की है? सूचीबद्ध बताएंl (घ) शासन/विभाग अंतर्गत आने वाले शासनाधीन उपरोक्त उल्लेखित स्थलों की समस्त परिसम्पतियों की वर्तमान स्थिति के साथ ही वर्ष 2013-14 से लेकर प्रश्न दिनांक तक वर्षवार उक्त स्थलों पर कितनी-कितनी राशि जमा हुई तथा किन-किन कार्यों पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? विभागीय मूल्यांकन से अवगत कराएंl
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी हाँ। (ख) वक्फ संपत्तियों में कार्यरत प्रबंध कमेटियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी हाँ। तहसील जावरा स्थित वक्फ संपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) वर्ष 2013-14 से प्रश्न दिनांक तक आय एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
व्यापम घोटाले की जाँच
[गृह]
115. ( क्र. 794 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 466 दिनांक 8 जुलाई, 2019 का उत्तर दिलाया जाए तथा बतावे की पूर्व मुख्यमंत्री ने व्यापमं घोटाले में विधानसभा में जून 2013 में प्राप्त किस गुमनाम पत्र का जिक्र किया था? उस संदर्भ में अभी तक क्या अनुसंधान किया गया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) में उल्लेखित पत्र प्राप्त नहीं हुआ तो क्या पूर्व मुख्यमंत्री पर असत्य कथन का व्यापम की जाँच को भ्रमित करने पर कार्यवाही की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) व्यापम घोटाले पर सी.बी.आई. द्वारा जिन प्रकरणों की जाँच की जा रही है उसके अलावा क्या अन्य बिंदुओं पर एस.टी.एफ. द्वारा विवेचना की जा रही है? यदि हाँ, तो बता दें कि इस संदर्भ में किस-किस शिकायतकर्ताओं के बयान किस-किस दिनांक को लिए गए तथा उनके आधार पर कौन-कौन सा प्रकरण दर्ज किया गया है? (घ) पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने अपने बयान में व्यापम घोटालों के संदर्भ में किस-किस से पूछताछ करने का उल्लेख किया तथा उनमें से कितनों से पूछताछ कर ली गई? सूची उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) विधानसभा तारांकित प्रश्न क्रमांक 466 का उत्तर प्रेषित किया गया है। कार्यालयीन अभिलेख अनुसार पत्र आना नहीं पाया गया है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मनरेगा योजना में अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
116. ( क्र. 796 ) श्री विनय सक्सेना : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले अंतर्गत विगत 3 वर्षों में मनरेगा योजना से संबंधित कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं? सूची देवें तथा शिकायतों की प्रति देवें। (ख) उक्त शिकायतों पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी? पृथक-पृथक जाँच प्रतिवेदनों की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) जिन शिकायतों में जाँच लंबित हो उनका कारण बतावें तथा जाँच पूर्ण करने की समय-सीमा भी बतावें? (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दोषियों पर की गयी कार्यवाही की प्रकरणवार जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जबलपुर जिले अंतर्गत विगत 3 वर्षों में मनरेगा योजना से संबंधित 81 शिकायतें प्राप्त हुई है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं शिकायतों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ख) उक्त शिकायतों पर की गयी कार्यवाही का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' एवं जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) लंबित शिकायतों की जाँच प्रक्रिया प्रचलन में है, समय-सीमा बताया जाना सम्भव नहीं हैं। (घ) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में दोषियों पर की गयी कार्यवाही की प्रकरणवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है।
युवाओं हेतु उद्योगों की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
117. ( क्र. 797 ) श्री संजय शुक्ला : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पूर्व प्रश्न अतारांकित क्र. 3118 दिनांक 22/07/2019 के संदर्भ में स्व-रोजगार योजना शिविरो में से कितने मार्ग दर्शन/प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं द्वारा उद्योग/रोजगार स्थापित किये गये है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या इन युवाओं को उद्योग स्थापित करने हेतु बैंक द्वारा ग्यारंटी मांगी जा रही है? हां या नहीं? बैंकों द्वारा ऋण देने के लिये क्या नियम शर्तें निर्धारित की हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा MSME विकास नीति 2016-17 में कितने स्टार्टअप प्रमोशन योजना 2016 अंतर्गत स्थापित कराये गये? कितने हितग्राहियों को लाभान्वित कराया गया? नाम एवं उद्योगो की सूची पिछले 03 वर्षों की उपलब्ध करावें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) पूर्व प्रश्न अतारांकित क्र. 3118 दिनांक 22/07/2019 के संदर्भ में जिलों में आयोजित स्व-रोजगार शिविरों में मार्गदर्शन/प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं द्वारा 42541 उद्योग/रोजगार स्थापित किये गये। (ख) प्रश्न बैंकों से संबंधित है। राज्य शासन की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजनाओं में बैंक ऋण की गारंटी CGTMSE (Credit Guarantee Trust Fund for Micro and Small Enterprises) के माध्यम से दिये जाने का प्रावधान है और CFTMSE Fee अनुदान के रूप में शासन द्वारा हितग्राही को दिया जाता है। बैंकों द्वारा ऋण देने के लिए नियम एवं शर्तें RBI तथा बैंकों से संबंधित है। (ग) प्रश्न (ख) के संदर्भ में विभाग द्वारा स्टार्टअप प्रमोशन योजना 2016 अन्तर्गत स्थापित स्टार्टअप की जानकारी निरंक है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पर्यटन स्थलों का विकास
[पर्यटन]
118. ( क्र. 801 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कौन-कौन से प्राचीन स्थल चिन्हित है जो पर्यटन की दृष्टि से महत्पूर्ण है। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थल किन-किन कारणों से प्रसिद्ध है तथा इनके विकास हेतु विभाग की क्या-क्या कार्य योजना है? वित्त वर्ष 2014-2015 से प्रश्न दिनांक तक इनके सौंदर्यीकरण एवं रख-रखाव के कौन-कौन से कार्य कितनी लागत से कब-कब करवाये गए? स्थलवार, योजनावार सूची देवें। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थलों में क्या रीठी तहसील अंतर्गत केन नदी का उद्गम स्थल शामिल है? यदि हाँ, तो क्या विभाग इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगा? यदि नहीं, तो क्या इसे शामिल कर इसका प्रचार-प्रसार किया जावेगा? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित स्थलों से प्राप्त कौन-कौन सी प्राचीन मूर्तियाँ प्रदेश के अन्य संग्रहालय में रखी हैं? सूची सहित जानकारी देवें एवं यह भी बतलावे की बहोरीबंद तहसील अंतर्गत तिगमा स्थित प्राचीन देव मंदिर का क्या विभाग जीर्णोद्धार कर यहाँ वहाँ पड़ी प्राचीन धरोहरों को संग्रहीत कर एक संग्रहालय का निर्माण करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से, कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) विभाग द्वारा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्राचीन स्थलों की ऐसी कोई सूची संधारित नहीं की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) एवं (घ) उत्तरांश (क) अनुसार।
सागर परि. स्थल पर रिक्त भूमि को पर्यटन विकास निगम को सौंपे जाना
[नर्मदा घाटी विकास]
119. ( क्र. 808 ) श्री संजय यादव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा वर्ष 2019 में मान. मंत्री नर्मदा घाटी विकास की रा.अ.बा. लोधी सागर परि. बांध स्थल पर रिक्त भूमि 100 एकड़ पर्यटन केन्द्र (नर्मदा गार्डन/वृंदावन गार्डन) विकसित करने हेतु पर्यटन विभाग को सौंपने पत्र लिखा था। उपरोक्त प्रकरण में शासन एवं विभाग द्वारा उक्त भूमि पर्यटन विभाग को सौंपने अब तक क्या कार्यवाही की गई? (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बांयी तट नहर निर्माण के समय श्रमिकों/कर्मचारियों हेतु कालोनी बनाने राजस्व विभाग ने सिवनी टोला, चरगंवा एवं शहपुरा में भूमि दी थी, नहर निर्माण पूर्ण होते ही उक्त अस्थाई कालोनियां समाप्त हो चुकी हैं। उपरोक्त सिवनी टोला, चरगंवा एवं शहपुरा कालोनी की भूमियां शासन राजस्व विभाग की कब तक वापस करेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) सिवनी टोला कालोनी, चरगवां कालोनी एवं शहपुरा कालोनी की भूमि राजस्व विभाग को हस्तांतरण का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है।
भेड़ाघाट को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किये जाने
[पर्यटन]
120. ( क्र. 809 ) श्री संजय यादव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में पर्यटन विकास निगम द्वारा विगत 5 वर्षों में निर्माण एवं सौंदर्य के कौन-कौन से विकास कार्य कितनी-कितनी राशि से कराये गये? स्थानवार, कार्यवार, मदवार जानकारी दें। (ख) जिला प्रशासन द्वारा भेड़ाघाट को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करने म.प्र. शासन को प्रस्ताव/कार्यवाही क्या-क्या कब-कब की गयी? (ग) क्या म.धा.वि.प्रा. द्वारा रानी अवंती बाई सागर परि. की 59.5 हेक्टेयर भूमि पर्यटन हेतु पर्यटन विकास निगम को सौंपने हेतु पत्राचार किया गया था? यदि हाँ, तो उक्त 59.5 हे. भूमि पर पर्यटन केन्द्र एवं गार्डन विकसति करने प्रस्ताव केन्द्र सरकार को कब तक भेजा जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा यूनेस्को सी2सी, वाईल्ड लाईफ इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, देहरादून को जो कि पर्यटन, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संस्था है, के द्वारा मध्यप्रदेश की नेचुरल यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईटस हेतु संभाव्यता के संबंध में फिजिविल्टी स्टडी हेतु अनुबंधित किया गया है। उक्त फिजिविल्टी स्टडी के पश्चात उचित पाये गये स्थलों के प्रस्ताव यूनेस्को वर्ल्ड नेचुरल हेरिटेज की टेन्टेटिव लिस्ट में सम्मिलित करने हेतु प्रेषित किये जायेगे। भेड़ाघाट भी उक्त फिजिविल्टी स्टडी में सम्मिलित है। (ग) बरगी डेम के पास नर्मदा घाटी की 100.00 एकड़ भूमि पर्यटन विभाग को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव प्रेषित किया गया था। प्रस्तावित स्थल के साथ भेड़ाघाट आदि को सम्मिलित नवीन डी.पी.आर. तैयार करवाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है।
किसान कल्याण समिति के कार्यों की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
121. ( क्र. 812 ) श्री सीताराम : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) श्योपुर जिले में किसान कल्याण समिति द्वारा किसानों को क्या लाभ उपलब्ध कराया गया? किसानों की सूची सहित जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) जिले के अंदर कितनी समिति बनाई गई है। (ग) 2019 में किसानों के लिये कौन-कौन सी योजना लागू की गई हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जिले में किसान कल्याण समिति नाम से कोई समिति गठित नहीं की गई है। शेष का प्रश्न नहीं उठता। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिले के अन्दर समिति की जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत की विकास राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
122. ( क्र. 813 ) श्री सीताराम : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. शासन द्वारा जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत को विकास कार्य की राशि कितनी दी जाती है? (ख) यदि हाँ, तो वर्ष 18-19 एवं वर्ष 2019-20 की राशि क्यों जारी नहीं की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) हाँ, जिला एवं जनपद पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के विकल्प पर ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों हेतु राशि प्रतिवर्ष जारी की जाती है। शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 की राशि जारी कर दी गई है।
सहायक संचालक के पदों पर प्रतिनियुक्ति समाप्त किये जाने
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
123. ( क्र. 819 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग में कुछ सहायक संचालक प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है? यदि हाँ, तो वर्तमान में कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन, कब से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं? इनके नाम मूल विभाग का नाम मूल विभाग में पद तथा कब से प्रतिनियुक्ति पर हैं? (ख) प्रतिनियुक्ति पर कितनी अवधि के लिये उक्त नियुक्तियां की गई थी? प्रतिनियुक्ति वाले पदों पर बेरोजगारों को रोजगार देने के लिये नयी नियुक्तियां क्यों नहीं की गई? नवीन भर्ती हेतु शासन विज्ञापन कब तक जारी करेगा? (ग) प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त सहायक संचालकों के विरूद्ध विगत तीन वर्षों में कोई शिकायत प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो शिकायतों की प्रति एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति एवं की गई कार्यवाही की प्रति संलग्न कर जानकारी दें। (घ) सहायक संचालकों के प्रतिनियुक्ति से भरे गये पदों पर नवीन नियुक्तियां करने के लिये क्या-क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। प्रतिनियुक्ति वाले पद पदोन्नति से भरे जाने वाले पद हैं। सीधी भर्ती वाले पदों पर नियुक्तियां की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। शिकायत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा दिया जाना
[पर्यटन]
124. ( क्र. 820 ) श्री सुरेश धाकड़ : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये शासन की क्या योजना है? पर्यटन नीति संलग्न कर जानकारी दें कि प्रदेश के कौन-कौन से पर्यटक स्थल हैं? इन पर्यटक स्थलों को जोड़कर पर्यटन सर्किट बनाकर कहाँ-कहाँ पर क्या-क्या सुविधायें उपलब्ध कराकर पर्यटकों को आकर्षित किया जायेगा? (ख) पर्यटन उद्योग के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने के लिये शासन की क्या योजना है? उक्त योजना कब से क्रियान्वित होगी? (ग) प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को पर्यटन केन्द्रों की जानकारी उपलब्ध कराने की क्या-क्या व्यवस्थाएँ कहाँ-कहाँ पर हैं? पर्यटकों को प्रदेश में आकर्षित करने के लिये शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है तथा पर्यटकों के परिवहन एवं आवास हेतु क्या सुविधायें कहाँ-कहाँ पर कैसे उपलब्ध कराई जा रही हैं? (घ) क्या प्राकृतिक सुन्दरता से समृद्ध मध्यप्रदेश, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध प्रदेश पर्यटन के माध्यम से कम लागत में नागरिकों को रोजगार दे सकता है? शासन इस ओर विशेष प्रयास अविलम्ब क्यों नहीं कर रहा है? यदि प्रयास किये जा रहे हैं, तो कैसे क्या और कहाँ पर किये जा रहे हैं?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 अनुसार पर्यटन को बढ़ावा देने की कार्यवाही की जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” अनुसार। महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- “ब” अनुसार। पर्यटकों को आकर्षित करने हेतु पर्यटन स्थलों पर पर्यटक सुविधाओं यथा डे-शेल्टर, पीने के पानी, जनसुविधा केन्द्र, सौंदर्यीकरण आदि का विकास किया जाता है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 70.00 करोड़ बजट उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना अंतर्गत स्वीकृत 05 पर्यटन सर्किट के माध्यम से पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। (ख) पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 में बजट तथा स्टैडंर्ड होटलों को अनुदान प्राप्त करने हेतु होटल में 70 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के युवाओं को दिये जाने का प्रावधान किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“स” अनुसार। प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम द्वारा पर्यटन आकर्षणों का प्रचार-प्रसार किया जाता है। (घ) पर्यटन के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निगम वन्य प्रक्षेत्र स्थित इकाईयों में कार्यरत विभागीय कर्मचारियों एवं स्थानीय बेरोजगार इच्छुक व्यक्ति/गाईडों को 5 दिवसीय आवासीय “प्राकृतिकवाद प्रशिक्षण” (Naturalist Training) भारतीय वन प्रबंध संस्थान के सहयोग से वर्ष 2019-20 में 03 प्रशिक्षण सत्रों में भोपाल, पचमढ़ी एवं जबलपुर (मुक्की) में कुल 80 प्रशिक्षणार्थियों (58 विभागीय एवं 22 स्थानीय) को प्रशिक्षित किया गया है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
दोषियों पर कार्यवाही
[जेल]
125. ( क्र. 828 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना केन्द्रीय जेल में शिवम हत्याकाण्ड के आरोपी द्वारा जेल के अन्दर आत्महत्या कर ली गई थी? यदि हाँ, तो प्रकरण में जेल प्रबंधन द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गयी तो क्यों? (ख) सतना केन्द्रीय जेल में पिछले तीन वर्षों से किन-किन उच्चाधिकारियों द्वारा भ्रमण किया गया और कितनी बार? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जेल प्रबंधन द्वारा किन-किन लापरवाह कर्मचारियों एवं अधिकारियों पर कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) सतना केन्द्रीय जेल में कैदियों के लिये शासन द्वारा कैदियों के हित के लिये किस-किस मद में कितनी राशि एक वर्ष में खर्च की जा रही है? विगत वर्ष 2014 से 2018 तक मदवार जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) उत्तर (क) के आलोक में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
दोषियों पर कार्यवाही किये जाने
[गृह]
126. ( क्र. 829 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले के थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 169/17 दर्ज था, जिसमें अधूरी जाँच कर भूमाफियों एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बचाने के लिये न्यायालय में चालान पेश कर दिया गया है? यदि थाना प्रभारी एवं विवेचना अधिकारी को नियम सही पता होता तो क्या 173/8 में चालान किया जाता? क्या ए.एस.आई. सुभाषचन्द्र वर्मा टी.आई. विद्याधर पाण्डे ने उक्त अपराधियों को बचाने के लिए यह कृत्य सोच समझकर आरोपियों को बचाने के लिए किया है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) सही है तो विवेचना अधिकारी ए.एस.आई. सुभाष चन्द्र वर्मा टी.आई. विद्याधर पाण्डे को तत्काल निलम्बि कर विभागीय जाँच कब तक बिठायी जायेगी? (ग) जिला पुलिस प्रशासन कब तक सभी प्रमुख आरोपियों के नाम उक्त अपराध में सम्मिलित करवा देगा? नहीं करायेगा तो क्यों? बिन्दुवार जानकारी से प्रश्नकर्ता को उपलब्ध करायें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं। (ग) अनुसंधान जारी हैं। साक्ष्य अनुरूप कार्यवाही प्रचलित हैं, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
गोविन्दपुरा औद्योगि क्षेत्र में भूखण्डों की स्थिति
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
127. ( क्र. 832 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न दिनांक की स्थति में औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा भोपाल में शासन द्वारा आवंटित किन-किन भू-खण्डों पर या तो गैर औद्योगिक गतिविधियां (जैसे व्यवसाय, कबाड़ आदि का संग्रह आदि) संचालित हैं अथवा औद्योगिक गतिविधियाँ शून्य हैं, दोनों प्रकार के आवंटियों के नाम, पता भू-खण्ड का क्रमांक सेक्टर क्षेत्रफल, आवंटन दिनांक भू-खण्ड की वर्तमान स्थिति सहित पूर्ण विवरण दिया जावें। (ख) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित भू-खण्ड आवंटियों द्वारा शासन के साथ निष्पादित लीज डीड की कण्डिकाओं का उल्लघंन किया गया है कि नहीं? यदि हाँ, तो उनके भू-खण्ड के निरस्तीकरण की कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) औद्योगिक क्षेत्र गोविन्दपुरा भोपाल में शासन द्वारा आवंटित भूखण्डों जिन पर गैर औद्योगिक गतिविधियॉ संचालित है अथवा औद्योगिक गतिविधियॉ शून्य हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। इकाईयों पर कार्यवाही की गई है। जिसका विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। भूखण्ड निरस्तीकरण की कार्यवाही सतत् प्रक्रिया है।
भोपाल के मार्गों पर डिवाइडर लगाये जाने
[गृह]
128. ( क्र. 833 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल ट्रैफिक पुलिस ने भोपाल सम्भागायुक्त को शहर मार्गों, पर डिवाइडर लगाये जाने हेतु माह अप्रैल अथवा मई 2019 में कोई पत्र लिखा गया था? यदि हाँ, तो पत्र की प्रति उपलब्ध कराई जावे। (ख) डिवाइडर लगाने का काम किस एजेन्सी को दिया गया था? ऐजेंसी द्वारा प्रश्न दिनांक तक कुल कितने डिवाइडर लगाये जाने थे एवं प्रश्न दिनांक तक कितने डिवाइडर पूर्ण किये गये? विवरण सहित बताया जावे।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फसल क्षति की बीमा राशि का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
129. ( क्र. 846 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में माह फरवरी 2018 एवं खरीफ/2019 में हुई ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से जिले के कितने गांव में किसानों की फसल नष्ट हो गई थी? तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावें? क्या उक्त अवधि में ओलावृष्टि/अतिवृष्टि/स्थानीय आपदा जोखिम से किसानों की नष्ट हुई फसल का फसल बीमा कर संबंधित बीमा कंपनी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि.) द्वारा फसल बीमा दावा राशि का भुगतान किया गया है? यदि हाँ, तो तहसीलवार पात्र हितग्राहियों की संख्या बतावें। यदि नहीं, तो क्यों एवं कब तक भुगतान किया जावेगा? (ख) सिवनी जिले में स्थित कार्यालय सहायक यंत्री कृषि अभियांत्रिकी विभाग द्वारा वर्ष 2015 से आज दिनांक तक जिले के किन-किन कृषकों को कृषि यंत्रों में अनुदान दिया गया है? उसकी विस्तृत सूची उपलब्ध करावें एवं उक्त अवधि में जिले के किन-किन कृषकों को कृषि यंत्र किराये से उपलब्ध कराये गये एवं उनसे किराये के रूप में कितनी राशि प्राप्त हुई? किराये में दिये गये यंत्रों में लगा ईधन (डीजल/आयल) में व्यय राशि, यंत्रों के संधारण में व्यय राशि व कार्यालय में उपलब्ध यंत्रों की जानकारी देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सिवनी जिले में माह फरवरी 2018 (मौसम रबी 2017-18) में हुई ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से जिले के 276 प्रभावित ग्रामों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लि. द्वारा स्थानीय आपदा प्रावधान अंतर्गत 20 ग्रामों में 77 पात्र कृषकों के लिये क्षतिपूर्ति राशि रू 1195221/- का भुगतान किया गया है। इसके अतिरिक्त व्यापक आपदा अंतर्गत फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त वास्तविक उपज के आंकडों के आधार पर ओलावृष्टि/अतिवृष्टि से हुई फसल नुकसानी हेतु क्षतिपूर्ति राशि रू. 124174926/- का भुगतान 4322 पात्र कृषकों के लिये किया गया है। स्थानीय आपदा एवं व्यापक आपदा की तहसीलवार क्षतिपूर्ति भुगतान राशि व लाभान्वित कृषकों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। खरीफ 2019 में हुई अतिवृष्टि से जिले के प्रभावित ग्रामों की सूची जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। खरीफ 2019 में कार्यरत बीमा कंपनी दी ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी लि. द्वारा स्थानीय आपदा प्रावधान अंतर्गत 1589 कृषकों के सर्वे किये गये हैं। तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। खरीफ 2019 हेतु अग्रिम राज्यांश प्रीमियम अनुदान राशि का भुगतान बीमा कंपनी को कर दिया गया है। केन्द्रांश प्रीमियम प्राप्त होने पर पात्र कृषकों को नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान किया जावेगा। अंतिम दावों की गणना फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार किया जावेगा। (ख) सहायक यंत्री कृषि अभियांत्रिकी सिवनी से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है।
पंचायत विभाग द्वारा किये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
130. ( क्र. 850 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 14वें वित्त आयोग/मद से स्वीकृत कार्यों की सूची स्थान एवं लागतवार निर्माण एजेंसी का नाम सहित एवं उनकी वर्तमान स्थिति की जानकारी देवें? (ख) सिवनी जिले के विकासखण्ड छपारा ग्राम व ग्राम पंचायत छपारा मुख्यालय में स्थित मार्ग सुभाष तिराह से बाजार की ओर मार्ग किस विभाग के अंतर्गत आता है? क्या उक्त मार्ग के नवीनीकरण/सीमेंटीकरण हेतु जनपद/ग्राम पंचायत छपारा द्वारा लोक निर्माण विभाग सिवनी से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिया गया? यदि हाँ, तो उसकी प्रति उपलब्ध करायें। उक्त मार्ग में पंचायत द्वारा ली अनापत्ति दिनांक से आज दिनांक तक पंचायत/ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कराये गये निर्माण/नवीनीकरण/सीमेंटीकरण/डामरीकरण कार्य के तिथिवार, लागतवार, मदवार एवं कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र व मार्ग के वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराये। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित मार्ग की गुणवत्ता एवं जर्जर स्थिति के संबंध में आज दिनांक तक स्थानीयजनों या अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई शिकायत की गई है? यदि हाँ, तो शिकायत एवं जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) सिवनी जिले में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 14वें वित्ति आयोग मद से स्वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार हैं। (ख) ग्राम पंचायत छपारा मुख्यालय में स्थित मार्ग सुभाष तिराह से बाजार की ओर मार्ग लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता हैं। उक्त मार्ग के नवीनीकरण/सीमेंटीकरण हेतु ग्राम पंचायत द्वारा लोक निर्माण विभाग सिवनी से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिया गया हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) में वर्णित मार्ग की गुणवत्तात एवं जर्जर स्थिति के संबंध में आज दिनांक तक दो शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिसमें जाँच की कार्यवाही की जा रही हैं।
अधिकारियों की वरीयता क्रम अनुसार पदस्थापना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
131. ( क्र. 851 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग में कार्यरत वरीयता क्रमानुसार नियमित कार्यपालन यंत्रियों (वर्तमान पदस्थापना सहित), सहायक यंत्रियों (वर्तमान पदस्थापना सहित) सूची तथा प्रदेश के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के संभागों में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन यंत्रियों एवं उप संभागों में पदस्थ प्रभारी सहायक यंत्रियों (एस.डी.ओ.) की सूची उनकी वरीयता क्रम को दर्शाते हुए प्रदान करें। (ख) प्रदेश के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के संभागों एवं उपसंभागों में पदस्थ प्रभारी अधिकारियों को उनकी वरीयता क्रम को दरकिनार करते हुए निम्न वरीयता क्रम के अधिकारी को वरीयता प्रदान करते हुए संभाग/उप संभाग का प्रभारी अधिकारी बनाया गया है? यदि हाँ, तो क्या यह शासन/ विभाग के नियम के अनुकूल है यदि नहीं, तो ऐसा करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी और कब तक? (ग) सिवनी जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के अंतर्गत निर्मित/निर्माणाधीन ग्रामीण खेल परिसर निर्माण में विभाग के प्राक्कलन में निर्धारित गुणवत्ता अनुसार निर्माण न किये जाने के संबंध में एवं वर्षाकाल में उक्त खेल परिसर के क्षतिग्रस्त होने के संबंध में कोई शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई और इसके लिये जिम्मेदार अधिकारियों पर विभाग क्या कार्यवाही करेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) नियमित कार्यपालन यंत्री, नियमित सहायक यंत्री, प्रभारी कार्यपालन यंत्री एवं उपसंभागों में पदस्थ प्रभारी सहायक यंत्री (एस.डी.ओ.) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब, स, द अनुसार है। (ख) मान. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा में वर्ष 2016 से पदोन्नतियां नहीं हुई हैं। परिणाम स्वरूप कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री के पद जिलों में रिक्त हैं अत: प्रदेश में कार्यों के सुचारू क्रियान्वयन हेतु, अनुशासनात्मक कार्यवाहियां, दण्डादेश, कार्य क्षमता के आधार पर स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था अंतर्गत सहायक यंत्रियों को कार्यपालन यंत्री का एवं उपयंत्रियों को सहायक यंत्री का प्रभार अस्थाई रूप से आगामी आदेश तक सौंपा गया है। नियमित कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री नियुक्त/पदोन्नत होने पर अस्थाई प्रभार समाप्त किया जावेगा। इस अस्थाई व्यवस्था से वरिष्ठता क्रम में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) सिवनी जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत निर्माणाधीन/निर्मित ग्रामीण खेल परिसर के क्षतिग्रस्त होने संबंधी शिकायत संज्ञान में न होने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
बरगी बांध की सुरक्षा
[नर्मदा घाटी विकास]
132. ( क्र. 863 ) श्री अजय विश्नोई : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंति बाई लोधी बांध परियोजना बरगी बांध विद्युत एवं यांत्रिकी संभाग क्र. 1 बरगी बांध जबलपुर को किस-किस मद में कितनी राशि आवंटित की गई एवं कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? सामग्री की खरीदी बांध व गेटों की सुरक्षा मरम्मत व लाईटिंग पर कितनी-कितनी राशि व्यय हुई? वर्ष 2014-15 से 2019-20 तक की देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में बांध के गेटों का सुधार व मरम्मत कार्य कब-कब, किस एजेंसी से कितनी-कितनी राशि में कराया गया है? किन-किन गेटों का सुधार व मरम्मत कार्य कब से नहीं कराया गया है एवं क्यों? गेटों का सुधार व मरम्मत कार्य कराने के संबंध में शासन ने दोषी अधिकारियों पर कब, क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या सुरक्षा की दृष्टि से बांध के गेटों की मरम्मत सुधार कार्य व टेस्टिंग कार्य बरसात प्रारंभ होने के पूर्व 20 जून तक हर हाल में करना आवश्यक है? यदि हाँ, तो वर्ष 2019-20 में समय पूर्व गेटों की मरम्मत, सुधार व टेस्टिंग कार्य न कराने के लिये शासन ने दोषी अधिकारियों पर कब क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत किन-किन पदों पर कब से कौन-कौन पदस्थ है? बांध व गेटों की सुरक्षा, रख-रखाव, मरम्मत व सुधार कार्य की देख-रेख, लाईटिंग की व्यवस्था की जवाबदारी किस पर है? उक्त कार्य कब से किसके अधीन है? किस-किस का कब से अन्यत्र स्थानांतरण नहीं किया गया है एवं क्यों? उप संभागवार जानकारी देवें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’ एवं ''ब’’ अनुसार है। (ख) प्रतिवर्ष मानसून के पूर्व आवश्यकतानुसार बांध के सभी गेटों का सुधार कार्य कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। समय से पूर्व दिनांक 17/06/2019 तक मरम्मत, सुधार एवं फिटिंग कार्य कराया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स’’ अनुसार है।
एक्वाडक्ट के निर्माण विषयक
[नर्मदा घाटी विकास]
133. ( क्र. 864 ) श्री अजय विश्नोई : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना बरगी नहर संभाग क्र. 2 बरगी हिल्स जबलपुर के उप संभाग पावर हाउस एवं गेट द्वारा बेलखेड़ी माईनर नहर के ग्राम कुशली में एक्वाडक्ट का निर्माण कब, किस एजेन्सी से कितनी राशि में करया गया है? इसके लिये कब कितनी राशि की प्रशासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति दी गई? (ख) प्रश्नांकित एक्वाडिक्ट की मूल योजना क्या है? योजना के तहत कौन-कौन से आइटम नहीं बनाये गये हैं एवं क्यों? संबंधित ठेकेदार को किन-किन कार्यों से संबंधित कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किसके आदेश से किया गया है? (ग) क्या प्रश्नांकित निर्माण कार्य में सुरक्षा के लिये एक्वॉडक्ट के ऊपर लगाई गई घटिया लोहे की जाली तथा पुलिया में घटिया कांक्रीट लगाई गई है? यदि हाँ, तो इसका भौतिक सत्यापन एवं गुणवत्ता की जाँच कब-कब, किन-किन अधिकारियों ने की है? शासन ने दोषी एजेन्सी एवं अधिकारियों पर कब-कब, क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या संबंधित निर्माण एजेन्सी को सुरक्षा निधि की जमा राशि का भुगतान निर्धारित समयावधि के पूर्व कर दिया गया है? यदि हाँ, तो कब किसके आदेश से कितनी राशि का भुगतान किया गया एवं क्यों? क्या शासन इसके लिये दोषी कर्मचारियों एवं अधिकारियों पर कार्यवाही करेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) वर्ष 2018-19 में श्री प्रीतम सिंह पटेल ठेकेदार बरगी नगर से रूपये 118.25 लाख में कराया गया। रानी अवंती बाई लोधी सागर परियोजना की एकजाई पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति राशि रूपये 2260.10 करोड़ दिनांक 05/09/2012 एवं राशि रूपये 143.98 लाख की तकनीकी स्वीकृति दिनांक 04 जुलाई, 2017 को प्रदान की गई है। (ख) आर.सी.सी. ओपन ट्रफ एक्वाडक्ट तथा पुलिया निर्माण। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’ एवं ''ब’’ अनुसार है। (ग) जी नहीं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स’’ एवं ''द’’ अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सुरक्षा निधि के रूप में जमा राशि रूपये 5,44,186/- का भुगतान तत्कालीन कार्यपालन यंत्री द्वारा दिनांक 09/07/2019 को किया गया है। संबंधित कार्यपालन यंत्री के विरूद्ध कार्यवाही प्रचलन में है।
सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
134. ( क्र. 884 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 537 दिनांक 08 जुलाई, 2019 को उत्तर खण्ड (ग) में परिशिष्ट पुस्तकालय के अनुसार राशि प्राप्त होकर स.क्र. 01 से 06 तक मार्ग निर्माण का विवरण दिया है? (ख) यदि हाँ, तो राशि स्वीकृत दिनांक, प्रशासनिक स्वीकृति, कार्य प्रारंभ व पूर्ण होने की दिनांक व अपूर्ण कार्य की जानकारी देते हुए वर्तमान स्थिति से अवगत करावें व क्या सभी कार्य समयावधि में हुए अथवा नहीं, कार्य न होने के कारण बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
कृषक उद्यमी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
135. ( क्र. 885 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 550 दिनांक 08 जुलाई, 2019 के उत्तर खण्ड (ख) में केवल 03 कृषकों को जिला उद्योग केन्द्र मुरैना द्वारा लाभ दिया गया बताया है। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या योजना प्रारंभ से दिसम्बर 2018 तक 03 आवेदन ही कृषि कल्याण व कृषि विभाग द्वारा जिला उद्योग केन्द्र मुरैना में प्राप्त हुए अथवा इसके अतिरिक्त भी आवेदन प्राप्त हुए? यदि हाँ, तो उनकी संख्या, नाम, पता आदि सहित दें व शेष आवेदनों को ऋण न देने के क्या कारण हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। योजना प्रांरभ दिनांक से दिसम्बर 2018 तक जिला उद्योग केन्द्र मुरैना द्वारा 03 युवाओं को कृषक उद्यमी योजना का लाभ दिया गया है। (ख) जी नहीं। योजना प्रारंभ से दिसम्बर 2018 तक 18 आवेदन मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना अंतर्गत ऑनलाईन जिला उद्योग केन्द्र मुरैना को प्राप्त हुये। जिन्हें स्वीकृति एवं ऋण वितरण हेतु जिले की बैंक शाखाओं को प्रेषित किया गया जिनमें से 03 आवेदकों को बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराया गया। शेष आवेदकों को बैंक औपचारिकताएं पूर्ण न करने के कारण ऋण प्रदान नहीं किया गया। शेष आवेदकों की संख्या, नाम एवं पते की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
परिशिष्ट - ''इक्यासी''
अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क वसूली राशि का उपयोग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
136. ( क्र. 903 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिले के किन-किन ग्राम पंचायतों में योजना क्रमांक 1610 - अतिरिक्त स्टॉम्प शुल्क वसूली के विरूद्ध अनुदान मद से वर्ष 2018-19 में कितनी-कितनी लागत के सामुदायिक भवन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) प्रश्नांश (क) में स्वीकृत कार्य के विरूद्ध किन-किन कार्य एजेन्सी को कितनी-कितनी राशि प्रथम एवं द्वितीय किस्त के रूप में किस-किस तिथि को प्रदाय की गई? यदि राशि प्रदाय नहीं की गई तो प्रदाय न करने का कारण बतायें तथा उक्त राशि कब तक प्रदाय कर दी जावेगी। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) के कार्य कब तक में पूर्ण करा लिये जावेंगे? कार्यों का विवरण बतायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलगन परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुसार प्रगतिरत कार्य मार्च 2020 तक पूर्ण करा लिये जायेगें। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
किसान कल्याण योजनाओं की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
137. ( क्र. 904 ) श्री जयसिंह मरावी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल जिला में किसानों के कल्याण एवं कृषि विकास हेतु संचालित योजनाओं का नाम तथा वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 के प्रश्न तिथि का लक्ष्य एवं उपलब्धि बतायें। (ख) क्या प्रश्नाधीन लक्ष्य एवं वित्तीय प्रावधान जिले के किसानों की संख्या एवं कृषि भूमि के अनुपात में पर्याप्त है? यदि नहीं, तो पर्याप्त लक्ष्य एवं वित्तीय प्रावधान उपलब्ध नहीं कराने का क्या कारण है? (ग) प्रश्नाधीन अवधि में जिले के किसानों को कौन-कौन से कृषि उपकरण कितनी-कितनी संख्या में उपलब्ध करवाये गये हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) संचालनालय कृषि द्वारा संचालित योजनाओं के नाम एवं प्रश्नाधीन अवधि में जिले को दिये गये लक्ष्य एवं उपलब्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार तथा संचालक कृषि अभियंत्रिकी के अधिनस्थ कार्यालय द्वारा संचालित योजनाओं के नाम एवं प्रश्नाधीन अवधि में जिले को दिये गये लक्ष्य एवं उपलब्धि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) जी हाँ। वित्तीय प्रावधान जिलें के किसानों एवं कृषि भूमि के अनुसार पर्याप्त है। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में जिले के किसानों को अनुदान योजनाओं अंतर्गत उपलब्ध कराये गये यंत्रों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
जेल की सुरक्षा के संबंध में नियम
[जेल]
138. ( क्र. 906 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जेल की सुरक्षा दीवार से कितनी दूरी पर बाजार/निजी आवास/निजी दुकानें होना चाहिये? जेल के दीवार के निकट निर्मित निजी भवन/शॉपिंग कॉम्पलेक्स की ऊंचाई कितनी होना चाहिये? (ख) क्या शासकीय नियमानुसार जेल की सुरक्षा/बंदी लोग जेल से फरार न हो सके/असामाजिक तत्व प्रतिबंधित वस्तु जेल के अंदर फेंक न सके, इस संबंध में सुरक्षा हेतु क्या कोई शासकीय नियम हैं? यदि हाँ, तो नियम की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्न की कंडिका (क) एवं (ख) के अनुसार उपलब्ध जानकारी क्या राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित जेल नियमों के अनुरूप है? (घ) प्रश्न की कंडिका (ग) का उत्तर यदि नहीं, है, तो शासन राजगढ़ जेल के सुधार के संबंध में क्या कार्यवाही करेगा? समय-सीमा बतायें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जेल नियमावली के नियम-30 (ई) के अनुसार बाहरी दीवार से 201 मीटर तक निजी आवास, दुकानें आदि प्रतिबंधित है। निजी भवन/शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की ऊँचाई इतनी हो, कि वहॉं से जेल के अन्दरूनी भाग दृष्टिगत नहीं होने चाहिए। (ख) जेल नियमावली के नियम-314 एवं 315 के अनुसार जेल के अंदर पहरा देने का प्रावधान है। (ग) जेल भवन घनी आबादी में आ जाने के कारण उसकी सुरक्षा प्रभावित होती है। (घ) राजगढ़ में सुरक्षित स्थान पर नया जेल भवन निर्मित करना प्रस्तावित है। समय निर्धारित करना संभव नहीं है।
जैविक खेती के लिए स्वीकृत योजना में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
139. ( क्र. 935 ) श्री विनय सक्सेना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विभाग में वर्ष 2017-18 की आदिवासी मद में जैविक खेती के लिए स्वीकृत योजना में EOW द्वारा शिकायत दर्ज की गयी है? यदि हाँ, तो शिकायत क्रमांक, अद्यतन स्थिति व जाँचकर्ता अधिकारी का नाम बतावें। (ख) कृषि विभाग को उक्त योजना में किस ब्रांड नेम का प्रोम खाद देना था? किस ब्रांड नेम का प्रोम खाद मंडला, डिंडोरी जिले में दिया गया है? (ग) उक्त प्रकरण के जाँच अधिकारी द्वारा कृषि विभाग व आदिम जाति कल्याण विभाग को लिखे गये समस्त पत्रों व प्राप्त उत्तर की प्रति देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) EOW से प्राप्त जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) एम.पी. एग्रो को प्रोम प्रदाय करने हेतु मंडला एवं डिंडौरी जिले द्वारा आदेशित किया गया था, किसी ब्रांड नेम से प्रदाय आदेश नहीं दिया गया। मंडला एवं डिंडौरी जिले द्वारा जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) उक्त प्रकरण के जाँच अधिकारी द्वारा कृषि विभाग को लिखे गये पत्र व उत्तर प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। आदिम जाति कल्याण विभाग से संबंधित से संबंधित पत्राचार की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
फर्जी जॉबकार्ड एवं मजदूरी भुगतान की शिकायत पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
140. ( क्र. 945 ) श्रीमती मनीषा सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत ग्रामीणों के नवीन जॉबकार्ड बनाने का अधिकार किसको है तथा सभी जॉबकार्डों में संबंधित का खाता सत्यापन करने की जिम्मेदारी किस अधिकारी की है? (ख) शहडोल जिले में वर्ष 2018 से अब तक फर्जी मजदूरी भुगतान के कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं तथा उन शिकायतों में क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या फर्जी मजदूरी की शिकायतों के संबंध में किसी जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी Annual master circular के अध्याय 3 के (3.5) अनुसार मनरेगा अंतर्गत नवीन जॉबकार्ड बनाने हेतु ग्राम पंचायत को अधिकार है तथा आयुक्त मनरेगा के पत्र क्र. 2994 दिनांक 05.05.2018 द्वारा जॉबकार्ड में संबंधित का खाता सत्यापन उपरांत फ्रीज करने का उत्तरदायित्व कैशियर/लेखापाल जनपद पंचायत का है, जिनको सहायक लेखाधिकारी जनपद पंचायत द्वारा अधिकृत किया जायेगा। (ख) शहडोल जिले में वर्ष 2018 से अब तक फर्जी मजदूरी भुगतान की कुल 11 शिकायतें प्राप्त हुई है, की गई कार्यवाही का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जाँच प्रतिवेदन अनुसार दोषी पाये 05 ग्राम रोजगार सहायकों की सेवा समाप्त की गई, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
जिला एवं जनपद कर्मचारियों को पेंशन योजना लागू करना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
141. ( क्र. 953 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत के कर्मचारियों हेतु पेंशन योजना लागू है या नहीं? (ख) यदि नहीं, तो क्यों? पंचायतराज अधिनियम 1993 की धारा 131 अनुसार उक्त कर्मचारियों को पेंशन योजना लागू करने के क्या नियम थे? (ग) जिला एवं जनपद पंचायत के मूल कर्मचारी जिनकी नियुक्ति वर्ष 2005 के पूर्व की है एवं वर्तमान में शासन की योजनाओं का सफल संचालन कर रहे हैं, उन्हें शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन योजना कब तक लागू की जाएगी। (घ) जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग द्वारा वेतनमान एवं महंगाई भत्ता दिया जाना है या नहीं? अगर दिया जाना है तो कब तक दिया जाएगा किस स्तर पर लंबित है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जिला एवं जनपद पंचायत के मूल कर्मचारी स्वशासी निकाय के कर्मचारी है, जिनके लिए म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 के अंतर्गत निर्मित म.प्र. पंचायत सेवा (भर्ती तथा सेवा की सामान्य शर्ते) नियम, 1999 में पेंशन का प्रावधान नहीं है। अधिनियम की धारा 131 के अनुसार पेंशन के कोई नियम नहीं है किंतु मा. उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक 982/97 (1743/97) में पारित निर्णय दिनांक 27.06.1997 के अनुक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अंशदायी पेंशन योजना दिनांक 28.02.2000 से लागू की गई है। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शासकीय कर्मचारियों के अनुरूप पेंशन दिया जाना संभव नहीं है। (घ) म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जिला एवं जनपद पंचायत के मूल कर्मचारियों को सांतवां वेतन आयोग द्वारा निर्धारित वेतनमान एवं मंहगाई भत्ता देने के निर्देश दिनांक 10.05.2018 को जारी किया जा चुका है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
भावांतर योजना तथा फसल बीमा के लंबित प्रकरण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
142. ( क्र. 954 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत सरकार के समय में विगत तीन वर्षों में भावांतर योजना तथा फसल बीमा के लंबित प्रकरण तथा देय राशि बतावें तथा किस कारण से इनका भुगतान नहीं हुआ था तथा पूर्व सरकार की देय राशि में से कितनी राशि का भुगतान वर्तमान शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कर दिया गया? (ख) वर्ष 2016 से 2018 तक प्याज खरीदी तथा कृषि उत्पाद पर भावांतर तथा प्रोत्साहन राशि दिये जाने के घोटाले के प्रकरण किस-किस कृषि मण्डी में हुए तथा उनमें कुल कितनी राशि का घोटाला पाया गया तथा जाँच पूर्ण कर कितनों पर प्रकरण दर्ज किया गया? (ग) वर्ष 2004-05 तथा 2018-19 में प्रदेश में कृषक जोतो की संख्या, कृषक जोतो का क्षेत्रफल तथा कृषक जोतो का आकार कितना है? कृषक काश्तकार एवं खेतीहर मजदूर का उन वर्षों की आबादी का प्रतिशत कितना है? (घ) वर्ष 2007-08 से वर्ष 2018-19 तक कुल कृषि क्षेत्रफल, कुल बोया गया क्षेत्रफल, द्विफसली क्षेत्रफल तथा कुल सिंचित क्षेत्रफल वर्षवार बतावें। (ड.) वर्ष 2007-08 से वर्ष 2018-19 तक सोयाबीन, गेहूं, चना, गन्ना, कपास, ज्वार तथा धान का प्रति हेक्टर उत्पादन वर्षवार बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3, 4 एवं 5 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 एवं 6 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 एवं 7.1 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 एवं 7.2 अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-7 एवं 7.3 अनुसार है।
प्रदेश में फल एवं फूल मण्डी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
143. ( क्र. 962 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किस-किस शहर में फूल तथा फल मण्डी हैं तथा किस-किस शहर में फूल तथा फल मण्डी प्रस्तावित है? (ख) क्या रतलाम शहर में फूल उत्पादक कृषकों द्वारा मालीकुआ स्थित निजी फूल मण्डी में दस प्रतिशत कमीशन काटे जाने, वजन में कमी करने तथा 15-20 दिन में राशि का भुगतान करने की शिकायत प्राप्त हुई थी? यदि हाँ, तो उस पर की गई कार्यवाही से अवगत करावें। (ग) क्या रतलाम शहर में फल तथा फूल मण्डी नहीं होने से कृषकों को शोषण से बचाने की जिम्मेदारी शासन की है? यदि हाँ, तो बतावें कि क्या कदम उठाये गये? (घ) क्या यह सही है कि दिनांक 01 नवम्बर 2019 को रतलाम में कृषि मण्डी के कार्यक्रम में कृषि मंत्री जी ने किसानों द्वारा फूल तथा फल मण्डी की मांग पर आश्वासन दिया था? यदि हाँ, तो उस संदर्भ में प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) म.प्र. में केवल इन्दौर मण्डी क्षेत्रांतर्गत फल मण्डी अधिसूचित है तथा फल मण्डियां 173 अधिसूचित है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। वर्तमान में नवीन फूल एवं फल मंडी का प्रस्ताव लंबित नहीं है। (ख) इस आशय की कोई शिकायत प्रकाश में नहीं आयी है। (ग) रतलाम में वर्ष 2003 से फल-सब्जी मण्डी अधिसूचित होकर संचालित है। फूल मण्डी अधिसूचित नहीं है और न ही कोई प्रस्ताव है। (घ) माननीय मंत्री किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा दिनांक 01 नबम्बर 2019 को रतलाम भ्रमण के दौरान मंडी विस्तार के लिए किसानों को आश्वासन दिया गया था जिसके लिए 4.710 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूर्ण है। मंडी विस्तार होने पर पुरानी मंडी प्रांगण में जिसमें वर्तमान में फल एवं सब्जी मंडी संचालित हो रही है।
सूदखोरों द्वारा प्रताड़ित कर राशि की वसूली
[गृह]
144. ( क्र. 963 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वर्षों में किस-किस जिले में कितने व्यक्तियों ने सूदखोरों से प्रताड़ित होकर आत्महत्या की तथा कितने सूदखोरों पर पुलिस में प्रकरण दर्ज हुआ वर्षवार बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित प्रकरणों में से कितने प्रकरणों में स्थानीय कोर्ट में फैसले हुए तथा कितने लंबित हैं? जिनमें फैसला हुआ है उनमें कितने प्रकरण में कितने सूदखोरों को सजा मिली तथा कितने प्रकरण में कितने सूदखोर बरी हुए? (ग) पिछले 03 वर्षों में किस-किस जिले में सूदखोरों के खिलाफ प्रताड़ित कर राशि वसूली करने के कितने आवेदन प्राप्त हुए तथा कितने प्रकरण दर्ज किये गये वर्षवार बतावें। (घ) क्या यह सही है कि पिछले 03 वर्षों में सूदखोरों द्वारा प्रताड़ित किये जाने के प्रकरणों में वृद्धि हुई? यदि हाँ, तो क्या शासन इसे रोकने के लिये जिलेवार विशेष सेल का गठन करेगा? (ड.) क्या सूदखोरों द्वारा प्रताड़ित कर राशि वसूलने के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने हेतु पर्याप्त कानून है? यदि हाँ, तो विस्तृत में उल्लेख करें? यदि नहीं, तो क्या कठोर कानून बनाये बतावेंगे?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’ में समाहित है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब’’ अनुसार। (घ) वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2018, 2019 में कमी परिलक्षित हुई है। (ड.) जी हाँ, सूदखोरों के विरुद्ध मध्यप्रदेश साहूकार अधिनियम 1934 एवं धारा 3/4 मध्यप्रदेश ऋणियों के संरक्षण अधिनियम 1937 एवं भारतीय दण्ड विधान की धारा 306 के तहत कानूनी प्रावधान है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसानों के कल्याण के लिये विभाग की योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
145. ( क्र. 966 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों के कल्याण के लिये विभाग द्वारा कौन-कौन सी योजनायें संचालित है? प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों की संख्या कितनी है? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) क्या उक्त योजना के अन्तर्गत कितने किसानो के कितने रूपये के ऋण शासन द्वारा माफ किये गये? संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) प्रश्न दिनांक तक कितने कृषक पात्र पाए गये तथा पात्र कृषकों में से कितने कृषकों के ऋण माफ किये गये हैं एवं कितने कृषक अभी शेष हैं? शेष रहे कृषकों के ऋण कब तक माफ कर दिये जायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जय किसान ऋण माफी योजना अन्तर्गत 2022731 कृषकों का राशि रू. 7154.36 करोड़ के फसल ऋण माफी की स्वीकृति दी गई है। (ग) अद्यतन 2022731 कृषकों की फसल ऋण माफी की स्वीकृति दी जा चुकी है एवं शेष सभी पात्र कृषकों के ऋण माफी प्रक्रियाधीन है।
लाभान्वित कृषकों की संख्या
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
146. ( क्र. 967 ) श्री फुन्देलाल सिंह मार्को : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनूपपुर जिले में विगत तीन वर्षों में शासन द्वारा संचालित आत्मा योजनांतर्गत कब-कब, किस स्थान पर किन विषयों पर प्रशिक्षण आयोजित किये गये, प्रशिक्षणवार लाभान्वित कृषकों की संख्या तथा प्रशिक्षण हेतु प्राप्त अनुमति का विवरण उपलब्ध करावें? (ख) उक्त प्रशिक्षणों पर कितना व्यय किस कार्य हेतु किया गया वर्षवार व्ययवार जानकारी उपलब्ध करावें साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) विभाग द्वारा संचालित परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत उक्त जिले में उक्त अवधि में कुल कितने क्लस्टर पंजीबद्ध किये गये, इनमें कितने किसानों को लाभान्वित किया गया, पंजीबद्ध क्लस्टरों की सूची भी उपलब्ध करावें? (घ) क्या विभाग द्वारा ईंट गारे की वर्मी हेतु कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना के निर्देश है यदि हाँ, तो किन स्थानों पर कितने कृषकों के वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाई गई एवं इस पर कितनी राशि व्यय हुई? यदि नहीं, तो क्यों एवं वर्मी कम्पोस्ट यूनिट संबंधी शासनादेश का उल्लंघन करने वाले दोषियों के विरूद्ध विभाग क्या कार्यवाही कब तक करेगा? यदि नहीं, तो क्यों, कारण सहित बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) आत्मा योजना अंतर्गत विगत तीन वर्षों में आयोजित प्रशिक्षणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। संचालनालय से जारी वर्षवार कार्य योजना एवं निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) प्रशिक्षणों पर किये गये वर्षवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत पंजीबद्ध किये गये क्लस्टर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। (घ) वर्मी हेतु कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। वर्मी हेतु कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना के निर्देश के संबंध में मार्गदर्शी निर्देश का पृष्ठ क्रमांक 7 एवं 8 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-6 अनुसार है। शासन आदेश का उल्लंघन नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं उठता।
प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित जानकारी विषयक
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
147. ( क्र. 970 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना के क्या नियम है? इस योजना के अंतर्गत किस प्रकार से हितग्राहियों को पात्र मानकर लाभ देने का प्रावधान है? उल्लेखित योजना के अंतर्गत सिरोंज एवं लटेरी विकासखण्डों में वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 एवं प्रश्नांकित दिनांक तक किस-किस ग्राम को कितना-कितना, किस श्रेणी का लक्ष्य दिया गया था? विकासखण्डवार ग्रामवार जानकारी देवें एवं ग्रामवार आवास निर्माण का लक्ष्य किसके द्वारा किस प्रकार से कब निर्धारित किया गया? (ख) सिरोंज-लटेरी विकासखण्ड में उल्लेखित लक्ष्य के अनुसार किस-किस ग्राम में कितने-कितने हितग्राहियों को कितनी राशि आवंटित की गई? प्रश्न दिनांक तक स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास के निर्माण की अद्यतन स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में ग्रामवार स्वीकृत आवास निर्माण अनुपातिक क्यों नहीं है क्या कुछ अपात्र नाम भी इस सूची में शामिल होने तथा पात्र लोगों के नाम सूची से गायब होने संबंधी शिकायतें प्राप्त हुई है? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में योजनांतर्गत शासन से जारी ग्रामवार सूची उपलब्ध कराते हुए अपात्र हुए हितग्राहियों की अपात्रता का कारण बताते हुए विकासखण्डवार, ग्रामवार, वर्षवार सूची उपलब्ध करावें? (ड.) विकासखण्ड सिरोंज में ग्राम पंचायत विशेपुर, ग्राम कांकरखेड़ी खुर्द, ग्राम इमलानी, ग्राम आमाढाना, ग्राम वीरपुर आदि तथा विकासखण्ड लटेरी में ग्राम भीलाबाबड़ी, पठेरा चक्क मजरा पठेरा चाण्डू चकरा खेरूआ मजरा बाजना, ग्राम आरीताजपुरा, ग्राम चमर उमरिया, ग्राम झूकरउमरिया, पालपुर मजरा मडावता, छोगादेव मजरा महावन आदि ग्रामों के हितग्राहियों को इस योजना का लाभ अभी तक न मिलने के क्या कारण है? कब तक उन्हें उक्त योजना का लाभ मिल जावेगा? विस्तृत जानकारी दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब अनुसार है। आवास निर्माण का लक्ष्य शासन स्तर से “क्रियान्वयन के फ्रेमवर्क” में दिये गए निर्देशानुसार समय-समय पर भारत सरकार से लक्ष्य प्राप्ति के बाद निर्धारित किये गए। (ख) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत आवास का आवंटन पंचायतों में उपलब्ध पात्र हितग्राहियों की वंचितता (deprivation) की तीव्रता तथा वर्ग अनुसार किया गया है। जी हाँ। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (ङ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है। एक रूम कच्चा श्रेणी के हितग्राहियों को लक्ष्य दिये जाने के पश्चात दो रूम कच्चा श्रेणी के हितग्राहियों को लाभ दिया जायेगा।
पर्यटन विभाग द्वारा कराये गये कार्यों की जानकारी
[पर्यटन]
148. ( क्र. 971 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग एवं पर्यटन विकास निगम द्वारा दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्राचीन, धार्मिक ऐतिहासिक एवं पर्यटन स्थल पर विकास कार्यों को स्वीकृत किया गया है? कार्यवार जानकारी देवें तथा भारत सरकार के पर्यटन विभाग को कौन-कौन से प्रस्ताव भेजे गये? जानकारी उपलब्ध करावें। क्या प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 76/BPL/2019 दिनांक 10/07/2019 एवं पत्र क्रमांक 77/BPL/2019 दिनांक 10/07/2019 एवं पत्र क्रमांक 86/BPL/2019 दिनांक 22/07/2019 को प्रबंध संचालक महोदय, म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम मर्यादित को प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो उस पर क्या कार्यवाही की गई तथा कृत कार्यवाही से प्रश्नकर्ता के कब अवगत कराया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सिरोंज विधान सभा क्षेत्र स्थित श्री महामाई मंदिर सिरोंज बड़ी मदागन महावन लटैरी, बावत् विश्वनाथ धाम तीर्थ क्षेत्र देवपुर, श्री सिद्ध क्षेत्र सिरसवास सिरोंज, सिद्ध आश्रम आमझिर झूकर उमरिया लटेरी, तपोभूमि नसिया जी सेमलखेड़ी सिरोंज तथा श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र नसिया जी पर कौन-कौन से विकास कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव किस दिनांक को भेजे गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि उक्त पत्र पर कार्यवाही नहीं की गई है? तो इसके लिए दोषी कौन है तथा क्या विधायकों को उनके पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराया जाता? यदि हाँ, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क) के में वर्णित पत्रों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? बतलावे।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा 01 जनवरी, 2019 से स्वीकृत विकास कार्यों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार। जी हाँ कार्यवाही प्रचलन में है। 01 जनवरी 2019 पश्चात प्रसाद योजनान्तर्गत अमरकंटक के विकास हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किए गए है। (ख) उपरोक्त पत्रों पर कार्यवाही करते हुए स्थलों का निरीक्षण कराया गया कार्यवाही प्रचलन में है। प्रश्नकर्ता के पत्र क्रमांक 76 एवं 77/बीपीएल/2019 दिनांक 10/07/2019 तथा 86/बीपीएल/2019 दिनांक 22/07/2019 प्राप्त हुए है। पत्रों में वर्णित कार्यों से संबंधित स्थलो का निरीक्षण कर लिया गया है। साथ ही पत्र क्रमांक 1891/यांत्रिकी/पविनि/भोपाल/19 दिनांक 04/12/2019 सचिव, जिला पर्यटन संवर्धन इकाई विदिशा को अभिमत हेतु प्रेषित किया गया है। कार्यवाही पूर्ण होने पर संबंधित को अवगत करा दिया जावेगा। (ग) उपरोक्त पत्रों पर कार्यवाही करते हुए स्थलों का निरीक्षण कराया गया। कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
कृषि ऊपज मंडी परासिया को नियमित रूप से संचालित किया जाना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
149. ( क्र. 976 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या परासिया विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत स्थित कृषि उपज मंडी परासिया को नियमित रूप से संचालित नहीं किया जा रहा है एवं मण्डी में प्रतिदिन सभी फसलों, सब्जियाँ व अन्य उपज का क्रय-विक्रय भी नहीं कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसका क्या कारण है? (ख) क्या कृषि उपज मण्डी परासिया में मिट्टी परीक्षण प्रयोग शाला को भी अभी तक प्रारंभ नहीं किया गया है जिसके कारण किसानों को प्रयोगशाला से होने वाले लाभ से वंचित रहना पड़ रहा है और अत्याधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है? यदि हाँ, तो प्रयोगशाला को कब तक प्रारंभ कर दिया जायेगा? (ग) क्या कृषि उपज मण्डी में किसानों व व्यापारियों की आवागमन की सुविधा हेतु रोड, बैठक व्यवस्था व विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था व अन्य सुविधायें हेतु विभिन्न मूलभूत सुविधायें उपलब्ध नहीं? यदि हाँ, तो उक्त मूलभूत सुविधाओं को कब तक मण्डी में विभाग द्वारा उपलब्ध करा दिया जायेगा? क्या मण्डी में स्टॉफ/कर्मचारी भी नहीं है? उसकी पूर्ति कब तक कर दी जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति, छिदवाड़ा की उपमंडी परासिया नियमित रूप से संचालित है। (ख) परासिया स्थित कृषि उपज मंडी प्रांगण में नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला भवन निर्माण, बिजली, पानी व्यवस्था पूर्ण कर प्रयोगशाला भवन म. प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड भोपाल द्वारा किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग को हस्तांतरण किया गया है। प्रयोगशाला में ए.ए.एस. यंत्र स्थापित किया गया है, अन्य प्रयोगशाला यंत्रों एवं अमले की व्यवस्था की कार्यवाही की जा रही है। नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला के लिए आवश्यक उपकरणों एवं अमले की व्यवस्था होते ही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला प्रारंभ की जा सकेगी। परासिया विकासखंड से लिये गये मिट्टी नमूनों विश्लेषण जिला मुख्यालय स्थित प्रयोगशाला एवं विकासखंड कार्यालय में स्थित मिनीलेब से कराया गया हैं, इससे किसानों को मिट्टी नमूना परीक्षण के लाभ से वंचित ही रहना पड रहा है और किसानों को मिट्टी परीक्षण हेतु किसी भी प्रकार से परेशानियों का सामना नहीं करना पड रहा है। (ग) उपमण्डी परासिया के पहुँच मार्ग हेतु निजि भूमि प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष मूलभूत सुविधाओं के अनुक्रम में क्रमश: 200 मैट्रिक टन गोदाम, ऑफिस कम गोदाम कम ओपन प्लेटफार्म, वाटर टेंक, वाटर ट्रफ, कव्हर्ड ऑक्श्न प्लेटफार्म (16X30 मी.) तथा विद्युत व्यवस्था उपलब्ध हैं, पेयजल की आवश्यकता के अनुसार अस्थाई रूप से व्यवस्था कराई जाती है। मण्डी समिति छिंदवाड़ा द्वारा उपमण्डी परासिया में 01 मण्डी निरीक्षक, 01 सहायक उपनिरीक्षक तथा भृत्य की ड्यूटी नियत की गई है।
परासिया में उप जेल की स्वीकृति
[जेल]
150. ( क्र. 977 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) परासिया में उप जेल नहीं होने के कारण विभिन्न अपराधियों को छिन्दवाड़ा जेल परासिया व जुन्नारदेव न्यायालय में पेशी पर लाने व पेशी कराकर वापिस छिन्दवाड़ा जेल ले जाने में पुलिस कर्मियों को बहुत अधिक असुविधाओं व परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए क्या शासन द्वारा परासिया में उप जेल खोला जायेगा? अवगत करायें। (ख) परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ किये जाने की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान किये जाने की स्थिति में क्या परासिया में उप जेल को स्थापित किया जाना आवश्यक प्रतीत नहीं होता है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार अगर हाँ तो परासिया में उप जेल खोले जोने की स्वीकृति शासन द्वारा कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) बंदियों की अधिकांशत: पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की जाती है, अत: पुलिस कर्मियों को असुविधा का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। परासिया में उप जेल बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (ख) परासिया में अतिरिक्त सत्र न्यायालय प्रारंभ किया जाना माननीय उच्च न्यायालय का कार्य क्षेत्र है, किन्तु उत्तर (क) के अनुसार उप जेल स्थापित करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
एक दिन की क्रय क्षमता की प्रतिभूति या उल्लंघन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
151. ( क्र. 987 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि कृषि उपज मण्डी समिति अधिनियम 1972 एवं उपविधि में मण्डी के व्यापारियों को किसानों के भुगतान जोखिम हेतु एक दिन की अधिकतम क्रय क्षमता के अनुरूप प्रतिभूति जमा किए जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो प्रावधान की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किन-किन मण्डियों में प्रश्न दिनांक तक सामूहिक प्रतिभूति/व्यक्तिगत प्रतिभूति कब-कब जमा कराई गई की संख्यात्मक जानकारी संभागवार देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में मण्डी व्यापारियों द्वारा क्षमता के अनुरूप प्रतिभूति वर्ष 2019 से प्रश्न दिनांक तक राशि जमा नहीं की गई। व्यापारियों की संख्यावार जानकारी देवें। एक दिन की क्रय क्षमता से अधिक कृषि उपज क्रय करने वाले व्यापारियों की मण्डीवार संख्या उपलब्ध कराई जावे। (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या प्रावधान का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों के प्रकरण की शिकायत दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक की अवधि में की गई है? यदि हाँ, तो कब और किसके द्वारा? क्या शिकायतकर्ता को सुना जाकर जाँच की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
कृषि उपज मण्डी समिति कटनी की शिकायतों की जाँच
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
152. ( क्र. 988 ) श्री नीलांशु चतुर्वेदी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपज मण्डी समिति कटनी की दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक कितनी शिकायतें किस-किस के द्वारा कब-कब की गई? पृथक-पृथक विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) की शिकायतों में से कौन सी शिकायत जाँच हेतु कब किसको दी गई? क्या संबंधितों को सुना जाकर जाँच पूर्ण कर ली गई? यदि हाँ, तो जाँच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में शिकायतों के जाँच प्रतिवेदन अनुसार कौन-कौन दोषी पाए गए और उनके विरूद्ध बोर्ड द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, की गई तो कब तक की जावेगी। (घ) कटनी में पदस्थ मण्डी कर्मचारी या अन्य सेवा कर्मचारी की विभागीय जाँच कब से चल रही है जाँच अधिकारी कौन है विलंब के लिए कौन उत्तरदायी है क्या शीघ्र जाँच पूर्ण कराई जावेगी यदि हाँ, तो कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) कृषि उपज मण्डी समिति कटनी की दिनांक 01.01.2016 से प्रश्न दिनांक तक 73 शिकायतें प्राप्त हुई हैं,जिसका प्रश्नागत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कालम 02 में है। (ख) शिकायतों की जाँच विभिन्न अधिकारियों को सौंपे जाने की तिथि, उनके द्वारा संबंधित को सुना जाने एवं जाँच की अद्यतन स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ के कालम नम्बर 04, 06 एवं 07 में है। इसमें से 11 जाँचे पूर्ण हो गई हैं, जिनके जाँच प्रतिवेदनों की छायाप्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग के कालम नम्बर 05 अनुसार प्राप्त जाँच प्रतिवेदनों में दोषी पाये गये कर्मचारियों की जानकारी एवं कृत कार्यवाही का विवरण कालम न. 07 में है। शेष शिकायतों के जाँच प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियम अंतर्गत कार्यवाही हेतु निर्णय लिया जायेगा, जिसके लिए समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (घ) कटनी मंडी में पदस्थ मंडी सेवा एवं अन्य सेवा के कर्मचारियों की विभागीय जाँच संस्थित करने की तिथि एवं जाँच अधिकारी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं द अनुसार है। विभागीय जाँच एक अर्द्वन्यायिक प्रक्रिया होने से उत्तरदायी होने का प्रश्न उद्भूत नहीं होता।
नर्मदा काली सिंध सिंचाई परियोजना का क्रियान्वयन
[नर्मदा घाटी विकास]
153. ( क्र. 995 ) श्री मनोज चौधरी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा काली सिंध सिंचाई परियोजना प्रथम चरण कमाण्ड एरिया बिलावली विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्या से लगभग 2 कि.मी. की दूरी पर होने के बावजूद विधानसभा क्षेत्र के मात्र 44 गांव को ही क्यों इस योजना का लाभ मिल रहा हैं? शेष गांव को वंचित क्यों रखा गया। (ख) प्रश्न क्रमांक (क) के अनुसार क्या शेष गांव को इस परियोजना के द्वारा जोड़ने का शासन के द्वारा कोई प्रस्ताव हैं? यदि नहीं, तो क्यों नहीं? (ग) विधानसभा क्षेत्र हाटपिपल्या के सभी गांवों को पूर्ण रूप से नर्मदा काली सिंध या नर्मदा क्षिप्रा परियोजना या अन्य किसी योजना के द्वारा जोड़कर कब तक पूर्ण रूप से सिंचाई एवं पीने के पानी की समस्या को खत्म किया जायेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) तकनीकी सीमाओं और भौगोलिक परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये रूपांकित स्वरूप के अनुसार योजना में सम्मिलित क्षेत्र को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिये योजना निर्माणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। योजना का स्वरूप व पानी की मात्रा निर्धारित होने से इस योजना से शेष गांवों को जोड़ने का कोई प्रस्ताव नहीं है। (ग) हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र के ग्रामों को सम्मिलित करते हुये हाटपिपल्या माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना परीक्षणाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
154. ( क्र. 998 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016-17, 2017-18, 2018-19 में सीहोर एवं शाजापुर जिले में कुल कितने किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा हुआ है तथा कितनी राशि किसानों के द्वारा बीमा कंपनी को दी गई हैं? जिलेवार जानकारी बतावें। (ख) सीहोर एवं शाजापुर जिले में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में कितने किसानों को फसल खराब होने पर बीमा कम्पनियों के द्वारा राहत राशि दी गई? तहसीलवार जानकारी देवें। (ग) वर्ष 2016-17, 2017-18 में राज्य सरकार व केन्द्र सरकार व किसानों ने किस अनुपात में कितनी राशि बीमा कम्पनियों को जमा करवाई गई? जिलेवार जानकारी बतायें। (घ) वर्ष 2016-17, 2017-18 में क्या किसानों को मुआवजे के तौर पर एक रूपये, दो रूपये, पाँच रूपये, दस रूपये के चैक प्रदान किए गए थे? यदि हाँ, तो यह राशि किस आधार पर प्रदान की गई थी।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रश्नांकित अवधि में जिला सीहोर एवं शाजापुर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत बीमित कृषकों एवं कृषक अंश प्रीमियम राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) सीहोर एवं शाजापुर जिले में वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में फसल क्षति होने पर पात्र कृषकों को भुगतान की गई क्षतिपूर्ति राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधान अनुसार कृषकों से बीमित राशि का खरीफ मौसम की फसलों हेतु 2 प्रतिशत, कपास फसल हेतु 5 प्रतिशत एवं रबी फसलों हेतु 1.5 प्रतिशत अधिकतम या वास्तविक प्रीमियम दर जो भी कम हो बीमा कंपनी को जमा कराई जाती है तथा शेष प्रीमियम राशि राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा बराबर अनुपात में वहन की जाती है। प्रीमियम राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) योजना के प्रावधान अनुसार दावों की गणना की जाती है। गणना अनुसार दावा राशि का भुगतान पात्र कृषकों को नोडल बैंकों के माध्यम से भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
सड़क दुर्घटनाओं की जानकारी
[गृह]
155. ( क्र. 999 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2014 से सड़क दुर्घटनाओं में मृत, घायल व्यक्तियों की संख्या वर्षवार बतावें कि इनमें प्रतिवर्ष कितने प्रतिशत वृद्धि या कमी हुई। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दुर्घटनाओं में कितनी-कितनी दुर्घटनाएं किस-किस सड़क पर हुई, जैसे राष्ट्रीय राज्यमार्ग, स्टेट हाईवे, टोल रोड प्रधानमंत्री सड़क योजना का मार्ग इत्यादि। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सड़क दुर्घटना में कारणों का अध्ययन करने के लिए शासन द्वारा कया-क्या प्रयास किये गये तथा बतावें कि क्या इसके लिए विशेषज्ञ से कोई मार्ग दर्शन प्राप्त किया गया? पिछले 05 वर्षों में सड़क दुर्घटना में कुल कितने लोग मारे गये तथा उसमें महिलाओं और बच्चों का प्रतिशत कितना-कितना है तथा इस अवधि में सड़क दुर्घटना में मृत एवं घायल व्यक्तियों को कितना मुआवजा दिया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब’’ अनुसार है। (ग) जिला सड़क सुरक्षा समिति की उप समिति का गठन किया गया, है। गंभीर सड़क दुर्घटनाओं के अध्ययन, क्रेश इन्वेस्टीगेशन एवं आवश्यकतानुसार शोध हेतु परिपत्र जारी किया गया है। तथा गंभीर सड़क दुर्घटनाओं के कारणों संबंधी विश्लेषण रिपोर्ट तैयार कर पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के स्तर पर उक्त प्रतिवेदन मेनिट (MANIT) के विषय विशेषज्ञों के साथ साझा किया जाता है जो उपरोक्त प्रतिवेदन पर शोध कर सुधारात्मक उपाय की जानकारी प्रेषित करते हैं। कुल 48412 लोग मृत हुये जिसमें 14 प्रतिशत महिलाएं एवं 7 प्रतिशत बच्चे हैं तथा वर्ष 2014 से 2018 तक मृतकों को कुल राशि रू. 2,02,56,500/- एवं घायलो को कुल राशि रू. 40,51,500/- का मुआवजा दिया गया है।
परिशिष्ट - ''छियासी''
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
156. ( क्र. 1013 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी जिला धार में प्रधानमंत्री आवास को इस वर्ष जीरो कर दिया गया? यदि हाँ, तो यह किस नियम के तहत किया गया किन्तु जबकि विधान सभा क्षेत्र में कई लोग आवास से वंचित है और नियम के तहत आ रहे है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस एजेंसी ने इसका सर्वे किया और किस नियम के तहत जीरो किया, जानकारी उपलब्ध कराई जावे और अगर हितग्राहियों को आवास मिलना था तो क्यों नहीं उपलब्ध कराया गया और दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना-2011 का सर्वे शासकीय विभाग के अधिकारियों/ कर्मचारियों द्वारा किया गया है। हैंड होल्ड डिवाईस में प्रविष्टि के कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा नियुक्त आई.टी.आई. लिमिटेड द्वारा मेसर्स ब्योम टेकनोलॉजी लिमिटेड नई दिल्ली के माध्यम से कार्य कराया गया। प्राथमिकता क्रम अनुसार वर्तमान में आवासहीन, शून्य कक्ष एवं एक कक्ष कच्चा आवास तक के हितग्राहियों को लाभ दिया गया, शेष हितग्राहियों को भारत सरकार से लक्ष्य प्राप्त होने पर लाभ दिया जायेगा। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
ओंकारेश्वर नहर के घटिया निर्माण की जाँच
[नर्मदा घाटी विकास]
157. ( क्र. 1014 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी जिला धार में ओंकारेश्वर नहर परियोजना में घटिया निर्माण किया गया जिससे आस-पास के खेतों में फसलों को काफी नुकसान हो रहा है इसका जिम्मेदार कौन है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किस एजेंसी ने यह निर्माण कार्य किया और किसानों की फसलों के नुकसान का कौन जिम्मेदार होगा, उन पर क्या कार्यवाही की जायेगी और फसलों के नुकसान की भरपायी कौन करेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) निर्माण कार्य निर्धारित मापदण्ड एवं गुणवत्तापूर्वक किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) चरण-3 का निर्माण कार्य मेसर्स सदभाव इंजीनियरिंग लिमिटेड अहमदाबाद तथा चरण-4 समूह-2 का कार्य मेसर्स एस.ई.एल.- जी.के.सी (जे.व्ही) अहमदाबाद के द्वारा किया जा रहा है। उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
माप पुस्तिका/एम.बी. का संधारण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
158. ( क्र. 1026 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों हेतु शासन द्वारा माप पुस्तिका/एम.बी. संधारण के लिए क्या मापदण्ड तय किये गये है? (ख) विकासखण्ड सागर एवं राहतगढ़ में जनपद पंचायत द्वारा ग्राम पंचायतों के लिए माप पुस्तिका/एम.बी. संधारण के लिए क्या नियम निर्धारित है? (ग) यदि सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में अलग-अलग नियम संचालित हैं तो क्यों? (घ) क्या सागर विकासखण्ड द्वारा एक निर्माण कार्य के लिए एक माप पुस्तिका/एम.बी. का उपयोग किया जाता है, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। सागर एवं राहतगढ़ जनपद पंचायत में इन्हीं निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की जाती है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) एक निर्माण कार्य के लिये एक माप पुस्तिका/एम.बी. का उपयोग किया जाना नियम में निर्धारित है।
जाट जाति के अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमाण-पत्र नहीं बनाया जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
159. ( क्र. 1030 ) श्री कमल पटेल : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि जाट समाज को सम्पूर्ण म.प्र. में दिनांक 24 जनवरी 2002 की अधिसूचना क्र. जी-9-39/99/54-1 के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची क्र. 90 पर जाट जाति के नाम से शामिल किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त अधिसूचना की छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अधिसूचना के आधार संपूर्ण म.प्र. में जाट समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग जाति के प्रमाण-पत्र जारी किए जा रहे है? यदि हाँ, तो म.प्र. के सीहोर जिले में जाट समाज के व्यक्तियों/छात्र-छात्राओं को अन्य पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र एवं डिजीटल जाति प्रमाण-पत्र क्यों नहीं जारी किए जा रहे है? इसके लिए कौन दोषी है? (ग) म.प्र. के सीहोर जिले में कितने व्यक्तियों/छात्र-छात्राओं के, जो कि जाट समाज के है, उनके अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण-पत्र एवं डिजीटल जाति प्रमाण-पत्र के आवेदन कब से लंबित है? उनकी संपूर्ण सूची उपलब्ध कराई जाए? कब तक सभी जाति प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएगे? (घ) क्या संपूर्ण म.प्र. में जाट समाज के छात्र-छात्राओं एवं व्यक्तियों को निर्धारित समय-सीमा में अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण-पत्र एवं डिजीटल जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के आदेश देंगे? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग की सूची के क्रमांक-90 पर जाट जाति की यह अधिसूचना क्रमांक-एफ 9-39/1999/54-1, दिनांक 24.01.2002 प्रदेश के हरदा, होशंगाबाद, ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, देवास, रायसेन, इन्दौर, रतलाम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, जबलपुर, खण्डवा, जिलों के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के लिए लागू थी। अन्य पिछड़ा वर्ग जातियों की सूची के सरल क्रमांक-90 में उल्लेखित जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप संपूर्ण मध्यप्रदेश में मान्य करने के संबंध में विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ 9-9/2002/54-1, दिनांक 17.01.2003 को जारी की गई है। (ख) से (घ) अत: प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
थाना क्षेत्रों में घटित अपराधों एवं विचाराधीन कैदियों की जानकारी
[गृह]
160. ( क्र. 1039 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक धार, झाबुआ, बड़वानी, अलीराजपुर एवं खरगौन में कितने कैदियों को प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तार कर जेलों में बंद किया गया? उक्त ब्लॉकों में वर्तमान में विचाराधीन कैदियों की संख्या, नाम, पता, अपराध क्रमांक एवं विवेचना अधिकारी का नाम-थानेवार, प्रकरणवार, पृथक-पृथक उपलब्ध कराएं। (ख) दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक धार जिला अंतर्गत सभी थाना क्षेत्रों में लूट, हत्या, हत्या का प्रयास, चोरी, डकैती, बलात्कार, महिला छेड़-छाड़ तथा अंधे कत्लों के संबंध में ज्ञात एवं अज्ञात आरोपियों के विरूद्ध पंजीबद्ध अपराध, अपराधों के क्रमांक, नामजद आरोपियों के नाम, पते, विवेचना अधिकारी का नाम, पदनाम, थाने का नाम एवं उक्त प्रकरणों में माननीय न्यायालय के समक्ष चालान प्रस्तुत किये गये अथवा नहीं चालानों की जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित अपराधों का डीआईजी द्वारा पर्यवेक्षण करने का प्रावधान किस नियम के तहत है एवं उक्त नियम के तहत जिन अपराधों का पर्यवेक्षण स्वयं डीआईजी द्वारा किया गया। उक्त अपराधों की जानकारी उपलब्ध कराएं जिनका पर्यवेक्षण कर निर्देश जारी किये गये, यदि पर्यवेक्षण नहीं किये गये तो कारण बताएं एवं इसके लिये डीआईजी की क्या जवाबदेही तय की गई तथा क्या कार्रवाई हुई? (घ) दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक धार जिला अंतर्गत सभी थाना क्षेत्रों में अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत पंजीबद्ध अपराध, अपराधों के क्रमांक, नामजद आरोपियों के नाम, पते विवेचना अधिकारी का नाम, पदनाम, थाने का नाम एवं उक्त प्रकरणों में माननीय न्यायालय के समक्ष चालान प्रस्तुत किये गये अथवा नहीं की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएं।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 01/01/2018 से प्रश्न दिनांक तक धार, झाबुआ, बड़वानी, अलीराजपुर एवं खरगोन जिले के 8679 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेलों में बंद किया गया। उक्त जिलो के जेलों में वर्तमान में विचाराधीन कैदियों की संख्या 1570 है। प्रश्नांश की शेष जानकारी प्रकरणों के माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से दी जाना विधिसम्मत नहीं है। जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' पर है। (ख) प्रश्नांश की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' पर है। प्रश्नांश की शेष जानकारी प्रकरणों के माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से दी जाना विधिसम्मत नहीं है। (ग) पुलिस रेग्यूलेशन पैरा 15 में दिये गये प्रावधान अनुसार डी.आई.जी. द्वारा पर्यवेक्षण किया जाता है। 930 प्रकरणों में डी.आई.जी. द्वारा पर्यवेक्षण कर लिखित/मौखिक निर्देश जारी किये गये है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' पर है। (घ) जिला धार के अन्तर्गत एससी/एसटी एक्ट के तहत प्रश्नांश की संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- ''द'' पर है। प्रश्नांश की शेष जानकारी प्रकरणों के माननीय न्यायालय में विचाराधीन होने से दी जाना विधिसम्मत नहीं है।
पुलिस द्वारा अपराध का पंजीबद्ध नहीं किया जाना
[गृह]
161. ( क्र. 1040 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना लसुड़िया जिला इंदौर में दिनांक 04.09.2019 को बिना आईडी प्रुफ एवं एड्रेस के जारी किए जा रहे वाहनों के सेल लेटर, अस्थायी रजिस्ट्रेशन नंबरों के वाहनों को दुरूपयोग संगठित अपराधिक गतिविधियों में रोकने की शिकायत प्रमाणित दस्तावेजों के साथ की गई थी? यदि हाँ, तो उक्त शिकायत की प्रति देवें। (ख) क्या शिकायत में उल्लेखित तथ्य प्रथम दृष्टया अपराध पंजीबद्ध किये जाने हेतु पर्याप्त थे? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक भी पुलिस के द्वारा अपराध पंजीबद्ध क्यों नहीं किया गया? अपराध पंजीबद्ध करने न करने के लिये किस अधिकारी के विरूद्ध क्या जवाबदेही तय की गई? क्या कार्रवाई की गई? यदि अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा तो कब? यदि नहीं, किया जाएगा तो क्यों? (ग) उक्त मामले में शिकायत हेतु आवेदन यदि प्रस्तुत किया गया है तो पुलिस द्वारा अपराध के संज्ञान हेतु क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही का विस्तृत प्रतिवेदन मय दस्तावेज के देवें। (घ) क्या अन्वेषण के दौरान यह तथ्य स्थापित हुआ है कि दिनांक 30 मार्च, 2017 को लोट्स वेली स्कूल औझर शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त नहीं था व बिना मान्यता प्रमाण-पत्र के ही डीलरों से स्कूल बसों के सेल सर्टिफिकेट, फाईनेंस प्रक्रिया, अस्थायी रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त किए गए हैं।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, दिनांक 04.09.2019 को थाना लसुड़िया पर विकास भरसाकले पिता नंद किशोर उम्र 34 साल निवासी-180 हाउसिंग बोर्ड कालोनी बड़वानी द्वारा अनावेदक फर्म सागर फ्यूल ईन्जेक्शन, अशोक लिलेण्ड के विरूद्ध शिकायत की गयी थी, किन्तु शिकायत के साथ प्रमाणित दस्तावेज संलग्न नहीं किये गये थे। शिकायत पत्र की मूल प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी नहीं, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) दिनांक 04.09.2019 को शिकायत आवेदन पत्र प्राप्त होने पर थाना प्रभारी, लसूड़िया ने जाँच कराई। जाँच के दौरान मैनेजर मनदीप सिंह गिल, विक्रेता फर्म सागर फ्यूल ईन्जेक्शन के मैनेजर नूपर यादव, क्रेता लोटस वेली स्कूल के संचालक विनय पिता कमलचन्द्र सोनी के कथन लिये जाकर आवश्यक दस्तावेज प्राप्त किये गये। जाँच में कोई अपराध घटित होना नहीं पाया गया। जाँच प्रतिवेदन की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जी हाँ, दिनांक 30 मार्च, 2017 को लोटस वेली स्कूल औझर शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त नहीं था। स्कूल को दिनांक 12.05.2019 को मान्यता प्राप्त हुई थी। हाँ, शिक्षा विभाग से बिना मान्यता प्रमाण-पत्र के ही डीलरों से स्कूल बसों के सेल सर्टिफिकेट, फाईनेंस प्रक्रिया, अस्थायी रजिस्ट्रेशन नबंर दिनांक 30.03.2017 को प्राप्त किए गए है। किन्तु जाँच पर ज्ञात हुआ है कि स्कूल का संचालन संत सिगांजी शिक्षा समिति औझर द्वारा किया जाता है, जो रजिस्टर्ड सोसायटी है। स्कूल बस क्रय करने हेतु शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त करने की अनिवार्यता नहीं होने से स्कूल संचालन समिति द्वारा 4 बसे बैंक से वित पोषित करवाई गई एवं फायनेंस की प्रक्रिया में आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की गई। इस आधार पर अस्थाई रजिस्ट्रेशन प्रदान किया गया।
मण्डला जिला में कार्यरत NGO की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
162. ( क्र. 1044 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में कितने NGO कार्यरत हैं/संचालित हैं? NGO मुख्यालय कहाँ-कहाँ हैं? सूची उपलब्ध करावें। (ख) शासन स्तर से कितने NGO को कौन-कौन से कार्य दिये गये हैं एवं किस NGO को कितनी-कितनी राशि प्रदान की है? कार्य एवं राशि की जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 06 एन.जी.ओ. कार्यरत है। संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के कॉलम नम्बर 4 एवं 5 पर संकलित।
सड़क निर्माण की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
163. ( क्र. 1047 ) श्री संजीव सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में मण्डी/सड़क निधि से विगत 5 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक कितनी सड़कें बनाई गई, किस-किस जिले में कितनी सड़कें बनाई गई? बिन्दुवार बताएं। (ख) क्या शासन द्वारा मण्डी/सड़क निधि से सड़कें मण्डी प्रांगणों को छोड़कर अन्य क्षेत्र में बनाने पर रोक थी? यदि हाँ, तो सड़कें पूर्व में कैसे बनाई गईं? बिन्दुवार बताएं। (ग) सड़कों हेतु कितनी राशि खर्च की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रदेश में किसान सड़क निधि के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2018-19 (प्रश्न दिनांक) तक कुल 36 सड़कें बनायी गई हैं, जिलेवार संख्यात्मक विवरण की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, मुख्य सचिव, म.प्र. शासन के निर्देश क्रमांक-340 दिनाकं 15.09.2016 से रोक लगाई गई थी। निर्देश पूर्व की सड़के मध्यप्रदेश शासन, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मंत्रालय के द्वारा क्रमांक-डी-15-21/2008/14-3 दिनांक 16.12.2008 द्वारा किसान सड़क निधि के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने वाले कार्यों की प्रक्रिया संबंधी जारी किये गये दिशा-निर्देश के तहत् स्वीकृति उपरांत बनाई गई हैं। (ग) उत्तरांश (क) में संलग्न परिशिष्ट में उल्लेखित कुल 36 सड़कों के निर्माण कार्यों पर किसान सड़क निधि से राशि रूपये 5087.44 लाख खर्च की गई।
प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्मित आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
164. ( क्र. 1057 ) श्री गोवर्धन दांगी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में अब तक कितने प्रधानमंत्री आवास निर्माण किये गये है? सूची उपलब्ध करवाएं। (ख) प्रधानमंत्री आवास में कितने हितग्राहियों को एक या दो किश्त दी गई है व कितने समय में शेष किश्त जारी होगी व किश्त देने का प्रावधान क्या है? (ग) प्रधानमंत्री आवास कितने प्रक्रियाधीन है? कितने पूर्ण हो चुके है? सूची उपलब्ध करवाएं। (घ) वर्ष 2011 अनुसार आवास संबंधी सर्वे सूची अनुसार जो पात्र हितग्राही वंचित रह गये है उनको कैसे व कब तक सूचीबद्ध कर लाभ दिया जायेगा व इस वर्ष 2019-20 का लक्ष्य क्या था व कितने पूर्ण हुए सूची उपलब्ध करवाएं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (ख) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। हितग्राहियों द्वारा निश्चित स्तर तक कार्य पूर्ण करने पर अग्रिम किश्त जारी की जायेगी। स्वीकृत आवासों में प्रथम किश्त आवास स्वीकृति के साथ ही जारी कर दी जाती है एवं हितग्राही द्वारा प्लिंथ स्तर का कार्य पूर्ण करने पर द्वितीय किश्त, लिंटेल स्तर तक कार्य पूर्ण करने पर तृतीय किश्त एवं आवास पूर्ण होने पर चतुर्थ किश्त दिये जाने का प्रावधान है। (ग) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (घ) वर्ष 2011 की सर्वे सूची अनुसार जो पात्र हितग्राही वंचित रह गए हैं, उन्हें आवास प्लस ऐप के माध्यम से सूचीबद्ध किया गया है। इन हितग्राहियों को भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होने पर लाभ दिया जायेगा। वर्ष 2019-20 का लक्ष्य 2554 है जिसमें से 483 आवास पूर्ण हो चुके हैं। जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है।
ग्रेशिम उद्योग संबंधित प्रकरण की जानकारी
[गृह]
165. ( क्र. 1058 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नागदा जंक्शन स्थित ग्रेशिम उद्योग के कितने अधिकारियों के विरूद्ध न्यायालय वारंट लंबित है? कितने फरार है? (ख) इनकी गिरफ्तारी नहीं होने के क्या कारण है? (ग) कब तक इनकी गिरफ्तारी कर ली जायेगी? (घ) इस विलंब दोषी अधिकारियों द्वारा शासन द्वारा कब तक कार्यवाही की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) ग्रेसिम उद्योग के किसी अधिकारी के विरुद्ध न्यायालय वारंट लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अरहर, मूंग, उड़द, मसूर, चना का भुगतान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
166. ( क्र. 1059 ) श्री सुनील सराफ : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्र. 491 दिनांक 08/07/2019 के उत्तर में वर्णित जाँच की वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) क्या कारण है कि इसमें राशि अभी तक वसूल नहीं की गई और दोषियों पर कारवाई नहीं की गई? (ग) इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही और कब तक की जायेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रश्न क्रमांक 491 दिनांक 08-07-2019 के संदर्भ में कार्यालय द्वारा पूर्व में प्रेषित उत्तर अनुसार जाँच लंबित नहीं है। संयुक्त पंजीयक के आदेश क्र./संपज/समान्य/2019/1085 दिनांक 08-07-2019 के संदर्भ में जाँच पूर्ण हो गयी है। जाँच प्रतिवेदन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्न क्रमांक 491 में दिए गये उत्तर अनुसार उत्तरदायी कर्मचारियों से राशि रू. 13759500/- वसूल की गयी है तथा वसूली हेतु कोई राशि शेष नहीं है। प्रकरण में दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर निलंबित कर दिया गया है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता है।
सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम द्वारा संचालित योजना की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
167. ( क्र. 1061 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार, युवा उद्यमी योजनान्तर्गत जिला आगर मालवा में कितने युवाओं के स्वरोजगार स्थापित करने हेतु वर्ष 2019-20 में आवेदन प्राप्त हुए एवं बैंक से कितने युवाओं को प्रकरण स्वीकृत कर लोन दिया गया? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला आगर-मालवा में जिन युवाओं को स्वरोजगार एवं उद्योग स्थापित करने हेतु प्रकरण स्वीकृत किये गए है, उनकी सूची देवें तथा कितने प्रकरण बैंकों में स्वीकृति हेतु विचाराधीन है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार बैंकों को स्वीकृति हेतु कितने प्रकरणों का लक्ष्य जिले की कौन-कौन सी बैंकों को दिये है एवं कौन-कौन सी बैंकों द्वारा स्वीकृति दी गई है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं युवा उद्यमी योजनान्तर्गत जिला आगर मालवा में वर्ष 2019-20 में दिनांक 27/11/2019 तक 550 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें से 93 प्रकरण स्वीकृत कर 76 प्रकरणों में ऋण वितरण कर दिया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार जिन युवाओं के स्वरोजगार एवं उद्योग स्थापित करने हेतु प्रकरण स्वीकृत हुए हैं, की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। स्वीकृति हेतु 255 प्रकरण बैंकों में विचारधीन है। (ग) जिलें के बैंकवार लक्ष्य एवं स्वीकृति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
कृषि यंत्रों पर अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
168. ( क्र. 1062 ) श्री मनोहर ऊंटवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कृषि विकास अंतर्गत किसानों को कृषि यंत्र सोलर पंप, ट्रेक्टर आदि पर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जो अनुदान दिया जाता था वह वर्तमान में किसानों को दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार किसानों को कौन-कौन से उपकरण पर कितना अनुदान दिया जा रहा है? जिला आगर-मालवा में उक्त योजना में वर्ष 2019-20 में कितने किसानों को अनुदान दिया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। कृषि यंत्रो एवं ट्रेक्टर पर किसानों को अनुदान दिया जा रहा है। सोलर पंपों पर किसानों को अनुदान नहीं दिया जा रहा है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिला- आगर-मालवा में, वर्ष 2019-20 में 306 किसानों को अनुदान दिया गया।
विधान सभा प्रश्न क्रमांक 3539 दिनांक 22/07/2019 के उत्तर के संबंध में
[गृह]
169. ( क्र. 1065 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 3539 दिनांक 22/07/2019 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि शिकायत क्रमांक 7094330, 7236230 पर अपराध क्रमांक 179/19 धारा 420 भा.द.वि. पंजीबद्ध किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त व्यक्ति की गिरफ्तारी कर चालान कब पेश किया गया है? यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्नांश बताया गया था शिकायत क्रमांक 8497136 परिवार परामर्श केन्द्र छतरपुर में परामर्श प्रक्रिया में है? यदि हाँ, तो क्या उक्त परामर्श प्रक्रिया को पूर्ण कर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त परामर्श प्रक्रिया को पूर्ण कर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो क्या उक्त व्यक्तियों की गिरफ्तारी कर चालान कब पेश किया गया है? यदि हाँ, तो कब? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें। (ग) क्या सी.एम. हेल्पलाइन नं. 8941654 एवं 8941578 पर मोटर साईकिल ट्रांसफर करने के संबंध में शिकायत दर्ज करायी गयी थी? (घ) प्रश्नांश (ग) के अनुसार यदि हाँ, तो क्या उक्त मोटर साइकिल को ट्रांसफर करा लिया गया है। यदि नहीं, तो उक्त मोटर साइकिल से किसी प्रकार की घटना या दुर्घटना होती है तो कौन जिम्मेवार होगा? उल्लेख करें। क्या उक्त मोटर साइकिल को पुलिस विभाग जब्त करेगा? यदि हाँ, तो समय-सीमा बतायें। यदि नहीं, तो कारण स्पष्ट करें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, शिकायत क्रमांक 7094330, 7236230 पर थाना ओरक्षा रोड में अप0 क्रं0-14719 धारा 420 भा0द0वि0 का प्रकरण दिनांक 05.07.19 को पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। आरोपी प्रेम कुशवाहा पुत्र भवानीदीन कुशवाहा उम्र 50 वर्ष नि0 बकायन मार्ग वार्ड नं0 01 छतरपुर को न्यायालय में दिनांक 30.12.19 को प्रस्तुत होने हेतु धारा 41-ए द.प्र.स.के प्रवधान अनुसार अपराध में नोटिस दिनांक 27.11.2019 को तामीली कराया जा चुका है। द.प्र.स.के प्रवधानो के अनुसार 07 साल तक की सजा होने से नियमानुसार गिरफ्तारी न करते हुए उसे धारा 41 (क) द.प्र.स. संहिता का नोटिस तामील कराया गया है। (ख) जी हाँ, शिकायत क्रमांक 8497136 पर आवेदिका पूजा अग्रवाल द्वारा दिनांक 05.02.2019 को ससुराल पक्ष के विरूद्ध की गई थी। जिसमें दिनांक 26.02.2019 को दोनो पक्षों में समझौता होने से शिकायत नस्तीबद्ध की गई। आवेदिका ने दिनांक 26.06.2019 को पुनः परिवार परामर्श केन्द्र उपस्थित होकर बताया कि अब वे न्यायालय से कार्यावाही चाहती है। अतः इस संबंध में आवेदिका पूजा अग्रवाल पत्नी रवि अग्रवाल निवासी सुभाषनगर कोंच जिला जालोन उ0प्र0 हाल निवासी -वार्ड नं0 09 तमराई मुहल्ला छतरपुर, थाना सिटी कोतवाली छतरपुर, की शिकायत पर दिनांक 09.07.19 को अप0क्र0 41919 धारा 498ए, 34 ताहि 3/4 दहेज अधिनियम का आरोपी 1-रवि अग्रवाल पिता राजकपूर अग्रवाल, उम्र 31 साल 2-राजकपूर पिता राधेश्याम अग्रवाल उम्र 52 साल 3-श्रीमती बन्दना पति राजकपूर उम्र 50 साल 4-रोहित पिता राजकपूर अग्रवाल उम्र 28 साल एवं 5-राहुल पिता राजकपूर अग्रवाल, उम्र 26 साल, निवासी सुभाषनगर कोंच, जिला जालोन के विरूद्ध पंजीबद्ध किया गया। सभी आरोपीगणो को दिनांक 02.10.19 को धारा 41-ए द0प्र0स0 का नोटिस तामील कराया जाकर चालान क्रमांक 47719 दिनांक 09.10.19 दिनांक 19.11.19 को न्यायालय प्रस्तुत किया गया है। (ग) जी हाँ, सी.एम. हेल्पलाइन नं. 8941654 एवं 8941578 पर मोटर साईकल के ट्रांसफर करने के संबंध में शिकायत दर्ज करायी गई थी। (घ) सी.एम. हेल्पलाइन नं. 8941654 दिनांक 09.08.2019 एवं 8941578 पर की गई शिकायत में मोटर साईकल का ट्रांसफर नहीं कराया गया है। यदि कोई घटना दुर्घटना मोटर साईकल से होती है तो उस वक्त विवेचना में साक्ष्य अनुसार घटनादुर्घटना में आरोपी का निर्धारण किया जायेगा। पुलिस विभाग द्वारा मोटर साईकल जब्त नहीं की जावेगी क्योंकि जाँच में कोई संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है।
निर्माण कार्यों का भुगतान न होना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
170. ( क्र. 1068 ) श्री नारायण त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत तीन वर्षों में पंचायत राज संचालनालय स्तर से मैहर विधान सभा क्षेत्र में पंचायत भवन, सामुदायिक भवन व अन्य विकास कार्य स्वीकृत किये गये थे? यदि हाँ, तो कार्यों व नाम, स्थान, स्वीकृत राशि का संपूर्ण विवरण दें। (ख) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कौन-कौन से कार्य किस स्तर तक पूर्ण हो चुके है अथवा कितना कार्य पूर्ण कराया जा चुका है? क्या कार्य के अनुसार पंचायतों को भुगतान नहीं हो सका है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क) उल्लेखित कार्यों की पूर्णता हेतु कब तक द्वितीय तृतीय किश्त पंचायतों को जारी कर दी जावेगी? नहीं तो क्यों? मैहर विकासखंड में गौड़/मुख्य खनिज मद से स्वीकृत (वर्ष 2015-16, 2016-17, 2017-18) कार्यों को क्या पूर्ण करा लिया गया है? क्या निर्माण एजेन्सियों को कार्य अनुरूप भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। प्रशासकीय स्वीकृति के प्रावधान अनुसार 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर 03 ग्राम पंचायतों से उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने के उपरांत द्वितीय किश्त की राशि जारी की गई है, शेष कार्यों में उपयोगिता प्रमाण-पत्र/मांग पत्र प्राप्त होने पर राशि जारी की जावेगी। (ग) निर्धारित कार्य उपरांत प्रथम किश्त का उपयोगिता प्रमाण-पत्र/मांग पत्र प्राप्त होने पर शेष राशि जारी की जावेगी। प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। मैहर विकासखण्ड में प्रश्नाधीन अवधि में गौण/मुख्य खनिज मद से कुल स्वीकृत 173 कार्यों में से 135 कार्य पूर्ण है। सत्यापन उपरांत 02 पूर्ण कार्यों की अंतिम किश्त जारी की गई है, शेष कार्यों के पूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त होने एवं कार्यों के सत्यापन उपरांत शेष राशि जारी की जावेगी। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
पिछड़ा वर्गों के छात्रों को छात्रावास की कमी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
171. ( क्र. 1069 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक पिछड़ा वर्ग संवर्ग के कितने हॉस्टल स्वीकृत हुए? स्वीकृति आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) खण्ड (क) अनुसार स्वीकृत हॉस्टलों में से कितने हॉस्टलों का संचालन किया जा रहा है? छात्र संख्या सहित सूची उपलब्ध करावें। संचालन न होने की स्थिति में छात्रों को हो रही असुविधा का उत्तर दायित्व निर्धारण किया गया या नहीं? दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी अवगत करावें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) छतरपुर जिला अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक पिछड़ा वर्ग संवर्ग के दो बालक हॉस्टल एवं दो बालिका हॉस्टल स्वीकृत हुए। स्वीकृति आदेशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) स्वीकृत सभी हॉस्टलों का संचालकन किया जा रहा है। छात्र संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्थानांतरण उपरांत पंचायत सचिवों द्वारा राशि आहरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
172. ( क्र. 1070 ) श्री नीरज विनोद दीक्षित : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विकासखण्ड सिलवानी जि. रायसेन के पंचायत सचिव संजीव मिश्रा, ग्राम पंचायत नारायणपुर एवं जसवंत सिंह रघुवंशी ग्राम पंचायत शालावर्ख द्वारा स्थानांतरण के उपरांत नियम विरूद्ध तरीके से 14वें वित्त व पंच परमेश्वर योजना की राशि आहरित की है? यदि हाँ, तो गबन के इस मामले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत सिलवानी के पत्र क्रमांक पंचा/98/2019 दिनांक 04/10/2019 पर मु. कार्य अधि., जि.पं. रायसेन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? नहीं तो क्यों? (ख) पंचायत सचिव संजीव मिश्रा द्वारा आहरित कुल राशि रूपये 286850 एवं पंचायत सचिव जसवंत सिंह द्वारा आहरित कुल राशि रूपये 392200 की वसूली हेतु अब तक किस स्तर से क्या कार्यवाही की गई है? (ग) क्या उक्त पंचायत सचिवों को भ्रष्टाचार व गबन के मामले में निलंबित किया गया है? नहीं तो क्यों? कब तक संपूर्ण जाँच कर बर्खास्तगी की कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन के आदेश दिनांक 28.11.2019 द्वारा श्री संजीव मिश्रा सचिव, ग्राम पंचायत शालाबर्रू एवं श्री जसवंत सिंह रघुवंशी सचिव ग्राम पंचायत नारायणपुर को निलंबित कर आरोप पत्रादि जारी किये गये हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जिला पंचायत रायसेन द्वारा संबंधित सचिवों को निलंबित कर, आरोप पत्रादि जारी किये गये है। (ग) जी हाँ। म.प्र. पंचायत सेवा (ग्राम पंचायत सचिव भर्ती और सेवा शर्तें) नियम 2011 के प्रावधानों के तहत संबंधितों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।
प्रदेश में की गई किसानों की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
173. ( क्र. 1086 ) श्रीमती लीना संजय जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राज्य शासन ने प्रदेश के किसानों के कर्ज को माफ करने के आदेश किये हैं? यदि हाँ, तो आदेश का विवरण दें? जिसमें ओदश क्रमांक, दिनांक कर्जमाफी की राशि एवं किस दिनांक तक के कर्ज माफी की जावेगी उसका उल्लेख हो बतावें? (ख) क्या शासन द्वारा दिये गये आदेश अनुसार सत्तारूढ़ दल के वचन पत्र एवं समय-समय पर मान. मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार दिनांक 31.12.2018 तक के कर्ज माफ किये जायेंगे का आश्वासन पूरा करता है? यदि नहीं, तो क्या यह किसानों के साथ धोखा नहीं है? (ग) क्या जिला विदिशा अंतर्गत तहसील बासौदा, प्योंदा एवं ग्यारसपुर में 50 हजार से अधिक राशि की कर्जमाफी की गई है? यदि हाँ, तो संख्या बतावें? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या प्रश्नांश (ग) में वर्णित तहसीलों के किसानों के कुल कितनी राशि के कितने किसानों के कर्जमाफ किये गये? तहसीलवार अलग-अलग संख्या एवं राशि बतावें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जी हाँ, वचन पत्र अनुसार कर्ज माफी की कार्यवाही सतत रूप से की जा रही है। (ग) जी हाँ बासौदा, त्यौदा एवं ग्यारसपुर तहसील के 4283 कृषकों के राशि रूपये 50,000 से अधिक की कर्ज माफी की गई है। (घ) तहसीलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है।
नई अत्याधुनिक मंडी का निर्माण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
174. ( क्र. 1095 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम में फल फ्रूट-सब्जी और लहसून-प्याज की अत्याधुनिक नई मंडी के निर्माण की क्या कार्य योजना बनाई गई है? निर्माण कब से प्रारंभ होगा और कब तक पूर्ण होगा? इसके वित्तीय स्त्रोत क्या होंगे? (ख) क्या यातायात की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिये 01 नवम्बर 2019 को एक समारोह में प्रश्नकर्ता द्वारा इस मंडी को अन्यत्र स्थानान्तरित कर एक नई अत्याधुनिक मंडी के रूप में विकसित करने की मांग की गई थी जिस पर मंत्री जी ने शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर नई मंडी बनाने का आश्वासन दिया था? (ग) महू रोड अनाज मंडी के विस्तार की क्या योजना है? विस्तार हेतु अधिग्रहित 23 बीघा अतिरिक्त जमीन पर निर्माण कार्य कब से शुरू होगा और कब तक पूरा हो जायेगा? इसके लिये वित्तीय संसाधन कब तक उपलब्ध करा दिये जायेंगे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) मंडी समिति रतलाम के विस्तार हेतु 4.710 हेक्टेयर भूमि क्रय की गई है। बोर्ड निधि में राशि उपलब्ध नहीं होने से कोई कार्ययोजना स्वीकृत नहीं की गई। (ख) प्रश्नांकित विषय-वस्तु से संबंधित दस्तावेज विभाग में प्राप्त होना नहीं पाया गया है। (ग) बजट उपलब्ध नहीं होने से निर्माण कार्य के संबंध में समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बंद पड़े उद्योगों की जमीनों का अधिग्रहण
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
175. ( क्र. 1096 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम सहित प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्र दुर्दशा के शिकार हैं? क्या इनमें पानी, बिजली एवं सड़कों की दयनीय स्थिति है? इन औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं के समाधान की दिशा में सरकार ने अब तक क्या कदम उठाये हैं? क्या सरकार औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिये समुचित कार्य योजना बनाकर उसको क्रियान्वित करेगी? (ख) बंद पड़े उद्योगों की भूमि अधिग्रहित कर उनमें नये उद्योग स्थापित करने के बारे में नीति कब तक बनाई जायेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में विगत 5 वर्षों में राशि रूपये 25055.00 लाख के अधोसंरचना विकास के कार्य स्वीकृत किये गये है। वित्तीय उपलब्धता अनुसार औद्योगिक क्षेत्रों का समुचित विकास किया जा रहा है। (ख) वर्तमान में प्रचलित नियमों में प्रावधान हैं।
अपराधी की गिरफ्तारी के संबंध में
[गृह]
176. ( क्र. 1099 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत ग्राम उम्मेदपुरा (कनैरा) थाना अटेर निवासी श्री सुरेश पचौरी पुत्र श्री सियाराम पचौरी के विरूद्ध भिण्ड जिले के किन-किन पुलिस थानों में कौन-कौन से अपराध दर्ज हैं? थानावार धाराओं सहित जानकारी एवं एफ.आई.आर. की प्रति दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में दर्ज प्रकरणों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई है? क्या पुलिस थाना अटेर में दर्ज अपराध क्रमांक 0095/2019 दिनांक 12.06.2019 में आरोपियों की गिरफ्तारी पर माननीय उच्च न्यायालय का कोई स्थगन आदेश है? यदि हाँ, तो आदेश की प्रति दे यदि नहीं, तो गिरफ्तार न करने का क्या कारण है एवं कब तक गिरफ्तार किया जावेगा? (ग) क्या श्री सुरेश पचौरी पुत्र श्री सियाराम पचौरी के नाम कोई शस्त्र लायसेंस है?यदि हाँ, तो इतने जघन्य अपराध दर्ज होने पर शस्त्र लायसेंस निलंबित करने हेतु पुलिस अधीक्षक द्वारा जिला दण्डाधिकारी भिण्ड को पत्र लिखा गया है? यदि हाँ, तो उसकी प्रति दें। यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिला दण्डाधिकारी भिण्ड द्वारा शस्त्र लायसेंस निलंबित किया गया है तो उसकी प्रति उपलब्ध करावें एवं क्या शस्त्र लायसेंस थाने में जमा कराया गया है? यदि हाँ, तो किस थाने में? प्रति दें! यदि नहीं, तो क्यों? संबंधित पुलिस अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जिले में उक्त नाम के व्यक्ति के विरूद्ध कोई अपराध दर्ज नहीं है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांश के आंशिक भाग का उत्तर प्रश्नांश (क) के उत्तर में समाहित है। थाना अटेर जिला भिण्ड के अप. क्र. 95/19 दिनांक 12.06.19 में आरोपियों की गिरफ्तारी पर माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा कोई स्थगन आदेश नहीं दिया गया है। विवेचना में साक्ष्य संकलन कर साक्ष्य के आधार पर ही आरोपियों के विरूद्ध तद्नुसार कार्यवाही की जावेगी। (ग) एवं (घ) उक्त नाम पर कोई शस्त्र लायसेंस होना नहीं पाया गया है। अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
दर्ज अपराधिक प्रकरण एवं उन पर कार्यवाही
[गृह]
177. ( क्र. 1100 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अन्तर्गत कितने पुलिस थाने है इन पुलिस थानों में दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने अपराध दर्ज है? इन दर्ज अपराधों में से कितने अपराधों में चालान न्यायालय में पेश किये गये है एवं कितने अपराधों में चालान न्यायालय में पेश नहीं किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या न्यायालय में चालान पेश न करने एवं अपराधियों को गिरफ्तार न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई यदि नहीं, तो क्यों? कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय से गिरफ्तारियों पर रोक है थानावार, अपराध क्रमांक, अपराधी का नाम सहित विस्तृत जानकारी दें एवं गिरफ्तारी पर रोक का माननीय न्यायालय आदेश की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें एवं स्पष्ट करें कि जिन अपराधों में गिरफ्तारी पर माननीय उच्च न्यायालय से गिरफ्तारियों पर (स्टे) रोक नहीं है उन्हें गिरफ्तार न करने का क्या कारण है? (घ) ऐसे कौन-कौन से प्रकरण है जिनमें जाँच के नाम पर जघन्य अपराधियों को बचाया गया जाँच के आधार सहित सम्पूर्ण जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जिला भिण्ड के अन्तर्गत कुल 27 (एक अजाक थाना) थाने है। इन पुलिस थानों में दिनांक 01.01.2018 से प्रश्न दिनांक 20.11.2019 तक कुल 13091 अपराध दर्ज हैं, इन दर्ज अपराधो में से 10067 अपराधों में चलान न्यायालय में पेश किये गये हैं एवं शेष 3024 अपराधो में नियमानुसार अग्रिम कार्यवाही की जा रही हैं जिनमें से 673 चालान लंबित है, 585 प्रकरणों में खात्मा, 21 प्रकरणों में खारिजी की कार्यवाही की गई है तथा 1745 प्रकरण विवेचना में है। (ख) न्यायालय में चालान पेश न करने/अपराधियों को गिरफ्तार न करने के संबंध में 8 पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की गई है। (ग) जिन अपराधों में आरोपियों की गिरफ्तारी पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा (स्टे) रोक लगाई गयी है उनकी जानकारी प्रोफार्मा में निम्नानुसार है:-
क्र |
थाना |
MCRC/WP |
न्यायालय का नाम |
अपराध क्र. व धारा |
याचिकाकर्ता का नाम |
रिमार्क |
01 |
रौन |
wp 23182/18 रामकरन विरूद्ध म.प्र. राज्य दिनांक 29.07.2019 |
हाईकोर्ट ग्वालियर |
अप.क्र. 29/18 धारा 294,34 भादवि 3 (1) (द,ध) एससीएसटी एक्ट |
रामकरन सिंहपुत्र रामखिलौना राजावत, निबसंतपुरा |
प्रकरण में अग्रिम सुनवाई हेतु दिनांक 27.01.2020 नियत है। |
02 |
मेंहगॉव |
MCRC -7010/12 |
हाईकोर्ट ग्वालियर |
अप.क्र.261/12 धारा 452, 294, 506B, 34 भादवि |
1.विनोद शर्मा 2.मनुस पुत्र रामनरेश सैथिया 3. रामनारायण पुत्र मथुरी शर्मा 4. गौरव पुत्र नारायण 5. रमाकांत पुत्र रामनारायण निवासीगण मेंहगांव |
प्रकरण वर्तमान में माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर में लंबित है। |
उक्त दोनों प्रकरणों में माननीय उच्च न्यायालय आदेश की छायाप्रति संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जिन अपराधों में गिरफ्तारी पर माननीय उच्च न्यायालय से गिरफ्तारियों पर (स्टे) रोक नहीं है उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। (घ) भिण्ड जिले में दर्ज जघन्य अपराधों के किसी भी अपराधी को जाँच के नाम पर बचाव नहीं किया गया है। प्रत्येक प्रकरण की सूक्ष्म विवेचना के दौरान पाये गये तथ्यों के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
परिशिष्ट - ''नब्बे''
किसानों को फसल बीमा की राशि का मुआवजा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
178. ( क्र. 1116 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत वर्षाकाल में प्रदेश में खरीफ की कुल कितने एकड़ फसल की क्षति हुई है? क्या प्रत्येक जिले में क्षति का सर्वे पूर्ण हो चुका है, तो क्षति की जिलेवार जानकारी दें। (ख) इस हेतु प्रश्न दिनांक तक फसल बीमा की राशि का कुल कितने किसानों को कुल कितने हेक्टेयर जमीन का बीमा मुआवजा भुगतान कर दिया गया है? ब्यौरा देने का कष्ट करें। (ग) प्रदेश में कितने किसानों को फसल बीमा की कितनी मुआवजा राशि का वितरण अभी शेष है? विलंब के क्या कारण है? यह कब तक वितरण कर दिया जाएगा? जिलेवार ब्यौरा दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2019 में प्रश्न दिनांक तक दावा राशि का भुगतान प्रक्रियाधीन है। (ग) योजानांतर्गत अंतिम दावों का आंकलन फसल कटाई प्रयोगों से प्राप्त औसत उपज के आधार पर किया जाता है। खरीफ 2019 अंतर्गत फसल कटाई प्रयोगों के आंकड़ों के संकलन का कार्य प्रक्रियाधीन है।
किसानों की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
179. ( क्र. 1117 ) श्री राम दांगोरे : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र पंधाना में कितने किसान कर्ज माफी के लिए पात्र पाये गये एवं कर्ज माफी योजना का लाभ अब तक कितने किसनों को दिया गया है एवं कितने लाख तक का कितने किसानों का कर्ज माफ किया गया? (ख) शेष किसानों का कर्ज कब तक माफ होगा? (ग) खण्डवा जिले में रबी एवं खरीफ की फसलों के लिए कितनी मात्रा में किन-किन प्रजाति का बीज प्रदाय किया गया और उसके वितरण का क्या मापदण्ड था। शासन के निर्देशों की छायाप्रति उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विधान सभा क्षेत्र पंधाना में 28006 किसान कर्ज माफी के लिए पात्र पाये गये जिसमें से 16569 किसानों का राशि रूपये 4976.27 लाख का कर्ज माफ किया गया है। (ख) कर्ज माफी की प्रक्रिया सतत रूप से संचालित है। (ग) खण्डवा जिले में प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से सोयाबीन 4472.30 क्विंटल, कपास 643 पैकेट, मक्का 40 क्विंटल तथा गेहूँ 3460 क्विंटल प्रदाय किया गया तथा विभागीय योजनाओं में सोयाबीन 2636.70 क्विंटल, संकर मक्का 334.90 क्विंटल, मूंग 230 क्विंटल, उड़द 99 क्विंटल, अरहर 76 क्विंटल, गेहूँ 5149 क्विंटल, चना 1782.30 क्विंटल, बाजरा 0.50 क्विंटल प्रदाय किया गया है। वितरण के संबंध में शासन के निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
जेलों में पेयजल समस्या एवं अन्य समस्याओं का स्थाई निदान
[जेल]
180. ( क्र. 1120 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिलों की ऐसी कौन-कौन सी जेल हैं जिसमें पेयजल समस्या एवं सम्पूर्ण जेल की बाउण्ड्रीवॉल सुरक्षा हेतु एवं कैदियों के परिजनों को जेल के बाहर प्रतीक्षा हेतु प्रतीक्षालय नहीं हैं? (ख) प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा पेयजल समस्या के निदान हेतु एवं अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु क्या-क्या, कब-कब कार्यवाही की गई है? (ग) विभाग को प्रत्येक कार्यों के निर्माण हेतु कितनी-कितनी राशि की आवश्यकता है? (घ) विभाग उपरोक्त समस्याओं के निदान हेतु राशि स्वीकृत करेगा तो कितनी-कितनी और कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) निम्नानुसार :-
जिले का नाम |
जेल का नाम |
पेयजल समस्या |
बाउण्ड्रीवाल |
प्रतीक्षालय |
टीकमगढ़ |
जिला जेल टीकमगढ़ |
नहीं है। |
नहीं है। |
निर्मित है। |
जतारा |
सब जेल जतारा |
पेयजल की आंशिक कठिनाई, गर्मी के मौसम में कभी-कभी उत्पन्न होती है। |
नहीं है। |
नहीं है। |
निवाड़ी |
सब जेल निवाड़ी |
नहीं है। |
निर्मित है। |
निर्मित है। |
(ख) सब जेल जतारा में 1.2 किलोमीटर दूर स्थित नलकूप एवं बावड़ी से पेयजल की व्यवस्था की गई है, गर्मी के मौसम में सब जेल जतारा में पेयजल की होने वाली आंशिक कमी को दूर करने हेतु वर्ष 2012 में एक, वर्ष 2013 में एक, वर्ष 2016 में दो एवं वर्ष 2018 में एक, इस प्रकार कुल पाँच नलकूप खनन किये गए, जो असफल रहे हैं। (ग) प्राथमिकता के अनुसार एवं वित्तीय व्यवस्था होने के उपरांत, कार्यों के अद्यतन दरों पर प्राक्कलन तैयार कराये जाएंगे। वर्तमान में कार्यवार प्राक्कलित राशि की जानकारी देना संभव नहीं है। (घ) उत्तर (ग) के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय व्यवस्था होने पर समस्याओं के निदान की कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने संशोधन करने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
181. ( क्र. 1121 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के किसानों को केन्द्रीय फसल बीमा योजना का लाभ दिये जाने हेतु क्या-क्या मापदण्ड है? (ख) टीकमगढ़ जिले की कौन-कौन सी तहसीले कौन-कौन सी फसलों के नुकसान पर बीमा योजना का लाभ दिये जाने हेतु अधिसूचित है? (ग) क्या यह सही है कि तहसील लिघौरा, जतारा, पलेरा के खरीफ की फसल में मूंगफली एवं रबी की फसल में अलसी की फसल नुकसान होने पर ही किसान को फसल बीमा दिये जाने का प्रावधान किया गया है? (घ) जब इन तहसीलों में अलसी की खेती नहीं होती है और अन्य फसलें होती है तो अलसी फसल के लिये यह क्यों अधिसूचित है? क्या फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने राजस्व एवं कृषि विभाग द्वारा अलसी के साथ अन्य फसलों के नुकसान का बीमा दिये जाने हेतु संशोधन किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत लाभ दिये जाने हेतु भारत शासन द्वारा जारी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की मार्गदर्शिका में समस्त मापदंड निहित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) टीकमगढ़ जिले में रबी 2018-19 एवं खरीफ 2019 में अधिसूचित फसलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) आयुक्त भू-अभिलेख एवं बंदोबस्त ग्वालियर के द्वारा अधिसूचित की जाने वाली फसलों की सूची के अनुसार जिलावार तहसीलवार एवं पटवारी हल्कावार फसलों को फसल बीमा हेतु अधिसूचित किया जाता है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार तहसील लिधौरा जतारा एवं पलेरा में अधिसूचित फसलों में नुकसान होने पर ही योजना अंतर्गत पात्र कृषकों को दावा राशि भुगतान करने का प्रावधान है। गैर अधिसूचित फसलों हेतु दावा राशि भुगतान का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) अनुसार। प्रश्नांश (ग) उल्लेखित तहसीलों में अलसी की फसल अधिसूचित नहीं है। रबी 2018-19 में कृषकों का बीमा करने की अंतिम तिथि दिनांक 16.08.2018 थी। खरीफ 2019 में कृषकों का बीमा करने की अंतिम तिथि दिनांक 31.07.2019 थी। उक्त तिथियों के उपरांत अधिसूचना में संशोधन नहीं किया जा सकता।
कलेक्टर न्यायालय एवं जिला दण्डाधिकारी के द्वारा पारित आदेश
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
182. ( क्र. 1152 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या नरसिंहपुर कलेक्टर न्यायालय एवं जिला दण्डाधिकारी के द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध कोई रिट याचिका माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित हैं एवं उसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा कोई स्थगन आदेश पारित नहीं किया गया हैं तो न्यायालय कलेक्टर का आदेश प्रभावशाली होगा अथवा नहीं? नियम सहित जानकारी देवें? (ख) क्या नरसिंहपुर जिला कलेक्टर के द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध शुगर मिल मालिकों द्वारा लगाई गई याचिका लंबित हैं? अगर याचिका लंबित है तो लंबित समय की जानकारी प्रदान करें? (ग) याचिका के निराकरण के लिये क्या-क्या प्रयास कलेक्टर नरसिंहपुर द्वारा किये जा रहे हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) हाँ, माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका क्र/WP 1964/19 में लंबित है। जिसमें स्थगन आदेश अभी तक पारित नहीं किया गया है। जिसकी सुनवाई दिनांक 18.12.2019 को संभावित है। कलेक्टर नरसिंहपुर का आदेश प्रभावशील है। (ख) शुगर मिल एसोसिएशन द्वारा याचिका क्र/WP 1964/19 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में 28.01.2019 को दायर की गई थी। जवाबदावा दिनांक 13.02.2019 को प्रस्तुत किया जा चुका है। जिसकी आगामी सुनवाई दिनांक 18.12.2019 को संभावित है। (ग) याचिका क्र/WP 1964/19 में नियुक्त प्रभारी अधिकारी उप संचालक कृषि नरसिंहपुर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में जवाबदावा दिनांक 13.02.2019 को प्रस्तुत किया जा चुका है। वर्तमान में याचिका क्र/WP 1964/19 माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रचलित है।
बिना निविदा के अरबों रूपये की खरीदी, अवैध संस्थाओं से कराने की जाँच
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
183. ( क्र. 1432 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन की विभिन्न विभागों के लिए खरीदी करने की घोषित नीति क्या है? क्या मध्यप्रदेश शासन की उपार्जन नीति में बिना निविदा के ''नाफेड'' से सीधे खरीदी के प्रावधान हैं? हाँ तो ऐसे प्रावधानों के आदेशों परिपत्रों की प्रति उपलबध करायें। (ख) क्या कारण है कि शासन के अनेक विभाग अवैध तरीके से बिना खुली निविदा के अरबों रूपये की खरीदी राज्य सहकारी विपणन संघ जो प्रदेश की अपनी संस्था है के स्थान पर नाफेड से बिना दर अनुमोदन और बिना अधिकार के कर रहे हैं? (ग) सहकारी संस्था ''नाफेड'' से बिना अधिकार के बिना निविदा आमंत्रित किये अरबों रूपये की सीधी खरीदी की अनियमितता पिछले 2 वर्ष से प्रदेश में कतिपय मध्यस्थों के मार्फत चल रही है ऐसे प्रकरण आपके संज्ञान में भी लाये गये हैं, इस पर वित्त विभाग, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग क्या कार्यवाही करने जा रहा है? (घ) गलत तरीके से अरबों रूपये की खरीदी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सरकार कितने दिनों में कार्यवाही प्रारंभ करेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) शासकीय क्रय में कार्यकुशलता, समयबद्धता, मितव्ययता, पारदर्शिता एवं प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रदेश के सूक्ष्म तथा लघु उद्यमो को बढावा देने के उदे्दश्य से राज्य शासन, शासकीय विभाग एवं उनके घटकों द्वारा सामग्री एवं सेवा उपार्जन हेतु परिपत्र क्रमांक एफ 6-14/2012/अ-ग्यारह, दिनांक 28.07.2015 से ''मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015'' लागू किया गया है। जिसमें समय-समय पर संशोधन होते रहते है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) से (घ) ''मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम 2015'' में प्रावधान है कि नियमों का उल्लंघन मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत कदाचरण माना जायेगा। उल्लंघन पर कार्यवाही करने का दायित्व संबंधित विभाग का है।
मुआवजा और पुनर्वास की समस्या
[नर्मदा घाटी विकास]
184. ( क्र. 1464 ) श्री राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा के बेक वाटर से धार जिले के मनावर, कुक्षी, धरमपुरी सहित बड़वानी, खरगोन आदि जिलों में गम्भीर समस्या है, खरीफ फसलें डूब जाने से और रबी की बुवाई नहीं हो पा रही है। कई पीड़ित अभी तक पुनर्वास और मुआवजे के लिए भटक रहे हैं? (ख) क्या बेकवाटर एक बड़ी समस्या होने की वजह से ठीबगांव बुजर्ग (खरगोन) के किसान ने जनसुनवाई में 7 बार आवेदन दिया और निराकरण नहीं होने से एस.डी.एम. के सामने ही केरोसिन डालकर आत्महत्या की कोशिश की? यदि हाँ, तो पुनर्वास की खराब स्थिति को देखते हुए किसानों को मुआवजा भुगतान कब तक दिया जाएगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) प्रभावित कृषि भूमि का अर्जन पूर्व में किया जाकर मुआवजे का भुगतान किया जा चुका है। वर्तमान परिस्थिति में डूब से प्रभावित अन्य भूमि का सर्वेक्षण कार्य जारी है एवं पात्रतानुसार मुआवजा भुगतान नियमानुसार प्रक्रियाधीन है। (ख) जी नहीं। घटना का संबंध बेकवाटर से नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
जरूरतमंदों के नाम बी.पी.एल. सूची में जोड़े जाने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
185. ( क्र. 1488 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विगत विधान सभा सत्र में चर्चा के दौरान प्रश्नकर्ता द्वारा पात्र व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल. सूची में जोड़ने तथा अपात्र लोगों के नाम बी.पी.एल. सूची से हटाए जाने हेतु आग्रह किया था, जिस पर माननीय विधानसभा अध्यक्ष महोदय द्वारा बी.पी.एल. कार्डों की समीक्षा कर अपात्र व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल. सूची से हटाकर पात्र व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल. सूची में जोड़ने हेतु संबंधित विभाग को निर्देशित दिए गए थे? (ख) यदि इस संबंध में संबंधित विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है तो प्राप्त निर्देशों के उपरांत बी.पी.एल. सूचियों की समीक्षा के दौरान कोलारस विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कुल कितने अपात्र व्यक्तियों के नाम बी.पी.एल. सूची से हटाए गए तथा कितने पात्र व्यक्तियों को बी.पी.एल. सूची में सम्मिलित किया गया? तहसीलवार संख्या उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। भारत सरकार के निर्देशानुसार ग्रामीण नागरिको द्वारा विहित प्राधिकारी (तहसीलदार/नायब तहसीलदार) के कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किये जाने पर बी.पी.एल. सूची में नाम जोड़ने एवं काटने का प्रावधान है। जो कि एक सतत् प्रक्रिया है। (ख) विगत विधानसभा सत्र के उपरांत कोलारस विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 21 अपात्र परिवारों के नाम बी.पी.एल. सूची से हटाये गये तथा 122 परिवारों के नाम बी.पी.एल. सूची में जोड़े गये। तहसील बदरवास में 9 अपात्र परिवारों के नाम सूची से हटाये गये तथा 104 पात्र परिवारों के नाम सूची में जोड़े गये एवं तहसील कोलारस में 12 अपात्र परिवारों के नाम सूची से हटाये गये तथा 18 पात्र परिवारों के नाम सूची में जोड़े गये।
फसल चना गेहूँ के बोनस की राशि प्रदान किये जाने
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
186. ( क्र. 1490 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में वर्ष 2018-19 की रबी की फसल चना गेहूँ के बोनस की राशि कितने किसानों को कितनी राशि प्रदान करना है? जानकारी दें। (ख) अगर बोनस की राशि नहीं दी गई है तो कब तक दी जायेगी? (ग) बोनस राशि कब मिल जाना चाहिये है? क्या इसके लिये कोई नियम है? (घ) बोनस राशि कब तक प्रदान की जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रदेश में लागू गेहूँ हेतु जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत जिला नरसिंहपुर में रबी वर्ष 2018-19 में गेहूँ पर रूपये 160 प्रति क्विंटल के मान से कुल 24892 किसानों को प्रोत्साहन राशि रूपये 26.68 करोड़ दिया जाना है। (ख) जिलों को राशि आवंटन करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) योजना के मार्गदर्शी दिशा-निर्देशानुसार कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (घ) जिलो को राशि आवंटन करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
187. ( क्र. 1595 ) श्रीमती राजश्री रूद्र प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग अंतर्गत विदिशा जिले की शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अन्तर्गत योजना प्रारंभ होने से माह नवम्बर, 19 तक की अवधि में किन-किन सड़कों का कार्य कब-कब पूर्ण हुआ? जानकारी उपलब्ध करावें? (ख) उक्त पूर्ण सड़कों में से कौन-कौन सी सड़कें गारण्टी अवधि में क्षतिग्रस्त एवं खराब हुई है? इनको कब तक सुधरवाया जाएगा? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिन सड़कों की गारंटी अवधि समाप्त हो गई उक्त सड़कों को कब तक सुधरवाया जाएगा? (घ) प्रश्नांश (क) के क्रम में अनियमितताओं के संदर्भ में 1 जनवरी 19 से नव. 2019 तक की अवधि में इकाई विदिशा में किन-किन माननीय सांसदो एवं मा विधायकों के पत्र प्राप्त हुए? इन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) गारंटी अवधि की सड़कों में से कुल 04 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिनमें सुधार कार्य प्रगतिरत है तथा दिनांक 31.12.2019 तक सुधार कार्य पूर्ण कराया जाना लक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) गारंटी अवधि समाप्त हो चुकी सड़कों में से 04 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। 01 सड़क का सुधार कार्य पूर्ण हो गया है एवं 03 सड़कों का सुधार कार्य 31.12.2019 तक पूर्ण कराया जाना लक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। (घ) जानकारी निरंक है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री सड़क योजना में निर्मित सड़क
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
188. ( क्र. 1604 ) श्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जबेरा विधान सभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के जो भी मार्ग बने है उन सभी मार्गों की 5 वर्ष की गांरटी निर्माण एजेन्सी द्वारा रख-रखाव की जवाबदारी शासन की ओर से निर्धारित की गई है परंतु विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत किसी भी प्रधानमंत्री सड़क मार्गों पर साइड सोल्डर एवं झाड़ियों की सफाई व अन्य किसी भी प्रकार का कोई सुधार कार्य नहीं किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो शासन द्वारा इस बाबत् जिम्मेदारों पर आज तक कोई कार्यवाही क्यो नहीं की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित मार्गों के पाँच वर्षीय संधारण की एक निर्धारित प्रक्रिया है। इस वर्ष अति वर्षा के कारण मार्गों के कुछ भाग के शोल्डर्स पर रेनकट्स एवं झाडियाँ उग आई थी। जिन पर ठेकेदार द्वारा आवश्यक सुधार कार्य कर दिये गये है। (ख) उत्तरांश (क) के परिपेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में किचन शेड निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
189. ( क्र. 2022 ) श्री मनोज चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में कौन-कौन से प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में कुल कितने किचन शेड निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) कितने निर्माण कार्य पूर्ण हैं और कितने अपूर्ण अवस्था में हैं तथा कितने नए किचन शेड प्रस्तावित है? (ग) क्या सभी विद्यालयों में किचन शेड निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण पाया गया है अपूर्ण कार्य पर संबंधित पर क्या कार्यवाही की गई है अथवा प्रस्तावित है (घ) क्या इस दौरान ऐसे मामले भी प्रकाश में आए हैं कि किचन शेड स्वीकृत होने के बाद राशि निकाली गई है मगर धरातल पर कोई किचन शेड का निर्माण नहीं पाया गया। (ड.) यदि हाँ, तो ऐसे विद्यालयों के गांव के नाम के साथ जिम्मेदार पर क्या कार्यवाही की गई प्रतिलिपि उपलब्ध करावे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) रतलाम जिले में प्रश्नाधीन अवधि में कुल 220 किचिन शेड निर्माण के कार्य स्वीकृत किए गए है। (ख) वर्ष 2018-19 में स्वीकृत 220 किचिन शेड निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्य प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है। किचिनशेड विहीन शालाओं में नवीन किचिन शेड निर्माण की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव आगामी वार्षिक कार्ययोजना में शामिल कर भारत सरकार को प्रेषित किया जा सकेगा। (ग) से (ड.) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।