मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
मार्च-अप्रैल, 2020 सत्र
मंगलवार, दिनांक 17 मार्च, 2020
भाग-1
तारांकित
प्रश्नोत्तर
विधानसभा
क्षेत्र
सारंगपुर
अंतर्गत
पंजीकृत
प्रकरण
[गृह]
1. ( *क्र. 132 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक चोरी, मर्डर तथा बलात्कार के कितने प्रकरण पंजीकृत किये गये? प्रकरणवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) की अवधि में चोरी, मर्डर तथा बलात्कार के कितने प्रकरणों के आवेदन किन कारणों से लंबित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने पंजीकृत दर्ज प्रकरणों में विभाग द्वारा कार्यवाही की जाकर सफलता प्राप्त हुई? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार शेष पंजीकृत प्रकरणों जिनमें सफलता प्राप्त नहीं हुई है, उक्त प्रकरणों में विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी निरंक है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (घ) चोरी के 12 प्रकरण एवं बलात्कार के 01 प्रकरण में अनुसंधान जारी रखते हुये प्रकरण में आरोपियों की पतारसी के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' में समाहित है।
मुख्य मंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
2. ( *क्र. 2 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में भोपाल संभाग के जिलों में मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के अन्तर्गत किन-किन के आवेदन पत्र किस स्तर पर कब से एवं क्यों लंबित हैं? प्रकरणों के निराकरण हेतु विभाग द्वारा क्या कोई समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ख) लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा एवं विलंब के लिए कौन-कौन अधिकारी जबावदार हैं? (ग) प्रकरण स्वीकृति उपरांत राशि भुगतान के संबंध में क्या-क्या निर्देश हैं? उनकी प्रति दें। (घ) राशि भुगतान के लिए किन-किन के प्रकरण कब से किस स्तर पर क्यों लंबित हैं? कब तक राशि का भुगतान होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) मुख्यमंत्री कृषक जीवन कल्याण योजना के अन्तर्गत राशि भुगतान के लिए 45 प्रकरण संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय में बजट के अभाव में लंबित हैं। राज्य शासन द्वारा 06 अक्टूबर, 2018 को मण्डी शुल्क 2% से घटाकर 1.5% किया गया है, जिसका वर्गीकरण नहीं होने से उक्त मद में राशि कम प्राप्त हो रही है, जिसके कारण इनका भुगतान लंबित है। मण्डी शुल्क 1.5% के वर्गीकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ब अनुसार है। म.प्र. शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्रमांक/डी-15-7/15/14-3, दिनांक 01.04.2015 अनुसार योजना के नियम/प्रावधान के अंतर्गत हितग्राहियों से प्राप्त आवेदन को स्वीकृत कर, भुगतान करने के पूर्ण अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदत्त होने से प्राप्त प्रकरणों को 07 दिवस की समय-सीमा में जांच उपरांत स्वीकृत करने एवं 15 दिवस की समयावधि में हितग्राही को सहायता राशि भुगतान किये जाने का प्रावधान स्थापित किया गया है। परिपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) मण्डी शुल्क 1.5% के वर्गीकरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) योजना अंतर्गत प्राप्त प्रकरणों को 07 दिवस की समय-सीमा में जांच उपरांत स्वीकृत करने एवं 15 दिवस की समयावधि में संबंधित हितग्राही को सहायता राशि भुगतान किये जाने के निर्देश हैं। परिपत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (घ) सहायता राशि भुगतान के लिए 45 प्रकरण संबंधित जिला कलेक्टर कार्यालय में बजट के अभाव में लंबित हैं। राज्य शासन द्वारा 06 अक्टूबर 2018 को मण्डी शुल्क 2% से घटाकर 1.5% किया गया है, जिसका वर्गीकरण नहीं होने से उक्त मद में राशि कम प्राप्त हो रही है, जिसके कारण इनका भुगतान लंबित है। मण्डी शुल्क 1.5% के वर्गीकरण की कार्यवाही प्रकियाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में स्वीकृत आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
3. ( *क्र. 374 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश सरकार के लिए वर्ष 2019-20 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत कितने आवासों की स्वीकृति/लक्ष्य प्रदाय किया गया था? (ख) मध्यप्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत वर्ष 2019-20 हेतु कितने बजट का प्रावधान किया है एवं कितने आवास निर्माण होंगे? (ग) प्रश्न दिनांक तक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) वर्ष 2019-20 अंतर्गत कितने आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई एवं कितने आवास निर्माणाधीन हैं? जिलेवार जानकारी देवें। (घ) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) वर्ष 2019-20 के तहत केन्द्र सरकार के लक्ष्य को प्रदेश सरकार द्वारा क्यों पूर्ण नहीं किया गया तथा वर्तमान लक्ष्य को भी पूर्ण नहीं किया जा रहा है, तो इसके लिए कौन दोषी है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 8.32 लाख। (ख) 6600 करोड़, लगभग 4.25 लाख आवास का निर्माण होगा। (ग) प्रश्न दिनांक तक 3.72 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) लक्ष्य को पूर्ण किया जा रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
स्टाम्प शुल्क से कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
4. ( *क्र. 535 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 15 जुलाई, 2019 को तारांकित प्रश्न क्रमांक 1561 के पुस्तकालय परिशिष्ट अनुसार स्टाम्प शुल्क से कराए गए 78 कार्यों की जानकारी प्रस्तुत की गई थी? क्या उक्त जानकारी के साथ प्रस्तुत प्रपत्र (ख) में दी गई जानकारी अनुसार लेब परीक्षण की स्थिति के कॉलम में बताया गया है कि लेब परीक्षण की कार्यवाही प्रचलन में है, निर्माण कार्यों के लेब परीक्षण के लिए शासन के क्या दिशा निर्देश हैं? निर्देश की कॉपी देवें। (ख) क्या लेब परीक्षण रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ, तो प्रस्तुत करें? यदि नहीं, तो क्यों? स्पष्ट करें। जो कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उनकी लेब परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत क्यों नहीं की गई? इसके लिए कौन दोषी है और दोषी पर क्या कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार प्रपत्र-अ में सरल क्रमांक 19, 45, 53, 55, 60, 66, 69, 70 एवं 74 के दो तीन वर्ष के स्वीकृत कार्य प्रारम्भ नहीं होने के लिए कौन जिम्मेदार है, वर्तमान तक कार्य प्रारम्भ और कार्य पूर्ण कराने की दिशा में क्या पहल की गई? उक्त कार्यों की क्या स्थिति है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार सूची के सरल क्र. 19, 53, 55, 60, 66 एवं 74 में दर्ज निर्माण कार्य आयुक्त पंचायत राज संचालनालय के पत्र क्रमांक/पं.राज./निर्माण/06/2019/10760 भोपाल दिनांक 16.08.2019 के अनुक्रम वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में स्वीकृत अप्रारंभ कार्य निरस्त कर दिये गये हैं एवं शेष 3 कार्य वर्तमान स्थिति में प्रगतिरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है।
शासकीय भूमि में स्थित प्रतिमा को क्षति पहुँचाने पर कार्यवाही
[गृह]
5. ( *क्र. 793 ) श्री अर्जुन सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला बालाघाट के अंतर्गत ग्राम भरवेली के वार्ड क्र. 8 के खसरा नं. 4/3 रकबा 0.709 शासकीय भूमि में स्थित बौद्ध विहार को क्षति पहुँचाने पर दिनांक 26.06.2003 को थाना भरवेली, अजाक्स थाना बालाघाट एवं पुलिस अधीक्षक बालाघाट में शिकायत की गई थी? यदि हाँ, तो समाजिक एवं धार्मिक क्षति पहुँचाने वाले दोषियों के विरूद्ध की गई शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बतायें? (ख) प्रश्नांश (क) के संबंध में क्या माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर पिटीशन क्रमांक 27767/2003 में माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 13.04.2005 को पारित आदेश में पुलिस अधीक्षक बालाघाट को दिए गए निर्देश के परिपालन में दोषियों के विरूद्ध एफ.आई.आर. तथा कार्यवाही के संबंध में निर्देश दिए गए थे? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई एवं किन-किन दोषियों के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार माननीय न्यायालय के निर्देश के परिपालन में दोषियों पर कार्यवाही नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (घ) क्या उक्त घटना के संबंध में दिनांक 28.12.2019 को कार्यालय पुलिस अधीक्षक बालाघाट से सूचना के अधिकार अंतर्गत जानकारी मांगी गई थी? यदि हाँ, तो क्या जानकारी दी गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 27.06.2003 को रमाताई महिला मंडल भरवेली द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय बालाघाट को शिकायत की गई थी। शिकायत की जांच उप पुलिस अधीक्षक अजाक बालाघाट से कराई गई थी। वस्तुस्थिति यह है कि तहसीलदार एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में चबूतरे का अतिक्रमण हटाया गया। कार्यवाही के दौरान किसी समुदाय के प्रति असम्मान नहीं पहुंचाया गया। (ख) यह कहना सही नहीं है कि माननीय उच्च न्यायालय ने किसी के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश दिये। वस्तुस्थिति यह है कि माननीय उच्च न्यायालय ने निर्देश दिये कि Regard being had to the aforesaid Submission, I am inclined to direct the respondent No. 3 to look into the matter within the parameters of code of criminal procedure. उपरोक्त तथ्य के प्रकाश में शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) हाँ। जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री हाट बाजार योजनान्तर्गत हाट बाजारों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
6. ( *क्र. 283 ) श्री राकेश गिरि : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले में वर्ष 2012 से 2014 तक मुख्यमंत्री हाट बाजार योजनान्तर्गत जिला पंचायत द्वारा कुल कितने हाट बाजार निर्माण हेतु स्वीकृत किये गये? ग्रामवार राशि सहित बतायें। उनमें से कितने कार्य पूर्ण तथा कितने अपूर्ण हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार क्या योजना के प्रावधानों के अनुरूप हाट बाजार स्वीकृत एवं निर्मित किये गये हैं? क्या उक्त योजना में जिन ग्रामों में पूर्व से हाट बाजार लगते हैं, केवल उन्हीं ग्रामों में हाट बाजार निर्माण करने का प्रावधान था? यदि हाँ, तो योजनान्तर्गत निर्मित कितने हाट बाजारों में नियमित बाजार लग रहे हैं तथा कितने में नहीं लग रहे हैं, ग्रामवार बतायें? (ग) जिन ग्रामों में योजनानुसार हाट बाजार नहीं लग रहे हैं या कार्य अपूर्ण हैं, उसके लिये कौन जिम्मेदार है एवं ऐसी जगहों/ग्रामों में जहाँ पूर्व से हाट बाजार नहीं लगते थे, वहाँ हाट बाजार स्वीकृत कर शासन की राशि का दुरूपयोग करने के लिये जिम्मेदार एवं दोषी अधिकारियों पर क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) मुख्यमंत्री हाट बाजार योजनान्तर्गत जिला टीकमगढ़ में वर्ष 2012 से 2014 तक कुल 97 हाट बाजार स्वीकृत हुए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) जिन ग्रामों में हाट बाजार के कार्य पूर्ण हो चुके हैं, उन ग्रामों में बाजार लग रहे हैं। ग्राम पंचायतों द्वारा द्वितीय/अंतिम किश्त के प्रस्ताव अनुसार क्रियान्वयन एजेन्सी को शेष राशि जारी किये जाने पर अपूर्ण/प्रगतिरत हाट बाजार पूर्ण करा लिये जावेंगे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
उपसंभाग लखनादौन में निर्माण कार्यों की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( *क्र. 525 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले के जनपद पंचायत लखनादौन में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक जनपद पंचायत लखनादौन मुख्यालय में पंचायत विभाग द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों की कार्यवार, स्थानवार लागत, इन निर्माण कार्यों की निर्माण एजेंसी व निर्माण सामग्री क्रय करने की प्रक्रिया व बिलों के विवरण सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) सिवनी जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सिवनी के उप संभाग लखनादौन में ढोढामाल से ढोढारैयत में निर्माणाधीन स्लैबकल्वर्ट एवं उप संभाग सिवनी के अंतर्गत ग्राम बिहिरिया, ग्राम छिड़िया पलारी, ग्राम रिझाईटोला एवं ग्राम कंडीपार में निर्मित/निर्माणाधीन तालाब में की गई अनियमितता के संबंध में प्रश्नांश (क) अवधि से आज दिनांक तक प्राप्त शिकायतें और इन शिकायतों के विरूद्ध की गई जांच का विवरण उपलब्ध करावें। (ग) सिवनी जिले की जनपद पंचायत केवलारी में पदस्थ सी.ई.ओ. श्री विनोद मरावी के विरूद्ध अपने पद के दुरूपयोग करते हुए अनेक अनियमिततायें एवं क्षेत्र में भ्रष्टाचार किए जाने संबंधी पत्र जिला कलेक्टर सिवनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सिवनी एवं विभाग एवं शासन प्रमुख को की गई शिकायत का विवरण देवें एवं शिकायत के संबंध में की गई जांच में क्या उक्त अधिकारी को दोषी पाया गया था? यदि हाँ, तो उसके विरूद्ध आज दिनांक तक शासन/विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ, उपसंभाग लखनादौन में ढोलामाल से ढोढारैयत में निर्माणाधीन स्लैबकल्वर्ट की शिकायत प्राप्त हुई थी, कराये जा रहे कार्य में ठेकेदार को पियर कार्य में निम्न गुणवत्ता पाने पर उसे तुड़वाकर पुन: गुणवत्तापूर्ण भी कराया गया, वर्तमान में कार्य गुणवत्तापूर्ण है एवं उसमें अनियमितता का निराकरण भी हो चुका है। इसी तरह उपसंभाग सिवनी के अंतर्गत ग्राम बिहिरिया में मुख्यमंत्री ग्राम सरोवर निर्माण कार्य निविदा पद्धति से कराया गया है। उक्त कार्य में शिकायत प्राप्त हुई थी, जांच उपरांत शिकायतकर्ता द्वारा संतुष्टि पूर्ण शिकायत का निराकरण कर लिया गया है। ग्राम छिड़िया पलारी में निर्माणाधीन तालाब जो मनरेगा योजना से स्वीकृत है, में अनियमितता संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यह कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन है एवं गुणवत्तापूर्ण है। ग्राम रिझाईटोला में निर्मित तालाब मनरेगा योजना अंतर्गत स्वीकृत है। उक्त कार्य में शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसका निराकरण संतुष्टिपूर्वक कर शिकायत को बंद करा दिया गया है। ग्राम कंडीपार में निर्मित/निर्माणाधीन तालाब में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। (ग) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। पूर्व में प्राप्त शिकायतों की जांच कराई गई, जिसमें पूर्व में की गई समस्त शिकायतें निराधार पाई गईं। अत: संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कोई कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई। वर्तमान में प्राप्त 3 शिकायतों पर जांच प्रचलन में है। जांच निष्कर्ष उपरांत तदनुसार कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
राजगढ़ में नवीन थाना/चौकी प्रारम्भ की जाना
[गृह]
8. ( *क्र. 170 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या योजना मण्डल, राजगढ़ के प्रस्ताव के आधार पर पत्र क्र.पुअ/राज./ए.सी.1/19, दिनांक 30.04.2019 द्वारा नवीन थाना ग्राम पुरा खाजला (खिलचीपुर) खोलने बाबत् प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय को प्रेषित किया गया है? (ख) यदि हाँ, तो क्या शासन योजना मण्डल, राजगढ़ के पारित प्रस्ताव के आधार पर नवीन पुलिस थाना खोल देगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) ग्राम पुरा खाजला (खिलचीपुर) में नवीन पुलिस थाने की स्थापना का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया। शेष प्रश्नांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
500 तक की आबादी वाले ग्रामों को मुख्य मार्गों से जोड़ा जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( *क्र. 633 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. शासन भोपाल के पत्र क्र. 7141/मंत्री/पं. एवं ग्रा.वि./2019, दिनांक 26.12.2019 द्वारा विधान सभा क्षेत्र दिमनी, जिला मुरैना के ग्रामों को जिनकी जनसंख्या सामान्य क्षेत्र में 500 से अधिक है, को सड़कों से एकल सम्पर्कता प्रदाय करने हेतु प्रधानमंत्री ग्राम सड़क एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना संचालित है व उनके पत्र के साथ संलग्न प्रारूप में विकासखण्ड अम्बाह में इकहरा ग्राम जोड़ा गया है? (ख) यदि हाँ, तो शेष ग्रामों को जोड़ने हेतु क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्र. 43/वि.दि./2020, दिनांक 14.01.2020 को भेजा जा चुका है? यदि हाँ, तो प्रश्न दिनांक तक इस पर क्या कार्यवाही हुई? यदि नहीं, तो क्यों? पत्र के साथ संलग्न 500 तक की आबादी वाले ग्रामों को कब तक मुख्य मार्गों से जोड़ दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। विकास खण्ड अम्बाह अंतर्गत इकहरा ग्राम जोड़े जाने हेतु विचाराधीन है। (ख) प्रश्नांकित पत्र संज्ञान में नहीं है। माननीय विधायक से प्रस्तावित कार्यों की सूची प्राप्त की गई। सूची में प्रस्तावित कार्य मजरा-टोले/दोहरी सम्पर्कता से मार्ग निर्माण किए जाने से संबंधित है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना/मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत एकल सम्पर्कता विहीन राजस्व ग्रामों को सम्पर्कता प्रदान की जाती है, अत: उक्त पत्र में उल्लेखित मार्गों की स्वीकृति संबंधी कार्यवाही नहीं की जा सकी।
जनपदों को ओ.डी.एफ. घोषित करने संबंधी नीति/निर्देश
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. (*क्र. 277 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले की जनपदों को किस-किस दिनांक को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया? सूची देवें। ओ.डी.एफ. घोषणा दिनांक को जिला एवं जनपदों में कितने शौचालय प्रगतिरत/निर्माणाधीन/पूर्ण/ अप्रारंभ थे? (ख) सिवनी जिले में ओ.डी.एफ. घोषणा दिनांक तक निवासरत परिवारों की संख्या पंचायतवार, जनपद पंचायतवार देवें। (ग) स्वच्छ भारत अभियान से पूर्व जनपद पंचायतों में समस्त योजनाओं में निर्मित शौचालयों की स्िथति क्या थी? यह निरीक्षण संबंधी दस्तावेज का विवरण देवें। (घ) ओ.डी.एफ. घोषित करने संबंधी विभागीय नीति/निर्देश की विस्तृत जानकारी देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) सिवनी जिले के समस्त जनपद पंचायतों को दिनांक 02.10.2018 को ओ.डी.एफ. घोषित किया गया एवं जनपद पंचायतों में प्रगतिरत, निर्माणाधीन एवं पूर्ण शौचालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) सिवनी जिले में ओ.डी.एफ. घोषणा दिनांक तक निवासरत् परिवारों की संख्या, ग्राम पंचायतवार, जनपद पंचायतवार सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) सिवनी जिले में स्वच्छ भारत अभियान से पूर्व जनपद पंचायतों में समस्त योजनाओं से निर्मित शौचालयों की स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। शौचालय के निरीक्षण संबंधी दस्तावेज ग्राम पंचायत द्वारा सत्यापन के उपरांत जनपद पंचायत के माध्यम से मांग पत्र उपलब्ध कराए जाते थे, उसके आधार पर ही संबंधित ग्राम पंचायतों को भुगतान आर.टी.जी.एस. के माध्यम से किया जाता था। (घ) नीति/निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''द'' अनुसार है।
औद्योगिक क्षेत्र रिछाई (जबलपुर) में बंद उद्योगों की संख्या
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
11. ( *क्र. 1158 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या औद्योगिक क्षेत्र रिछाई (जबलपुर) में समस्त उत्पादन इकाइयाँ प्रारंभ हैं? (ख) यदि नहीं, तो कितनी इकाइयाँ प्रारंभ हैं? कितनी बंद हैं? कारण सहित बतावें। (ग) किस उद्योग के लिये भूमि आवंटित है, किन्तु आज उद्योग बंद हैं? जानकारी देवें। (घ) बंद पड़े उद्योगों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्नागत औद्योगिक क्षेत्र में प्रारंभ इकाइयों की संख्या 251 एवं बंद इकाइयों की संख्या 12 है। (ग) से (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
मऊगंज विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृत ग्रेवल मार्ग
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( *क्र. 326 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत 01.04.2017 से प्रश्नतिथि तक महात्मा गांधी नरेगा मद से कितनी ग्राम पंचायतों में कितनी ग्रेवल सड़कें कितनी लंबाई की स्वीकृत की गयी हैं? मजदूरी व सामग्री मद में कितनी राशि व्यय की गयी? ग्राम पंचायतवार स्वीकृत लागत सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित समयावधि में सड़क निर्माण कार्यों की निगरानी/मूल्यांकन किस अधिकारी द्वारा किया गया तथा उक्त कार्यों का भुगतान किस अधिकारी द्वारा किया गया? जानकारी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) रीवा जिले की मऊगंज विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत दिनांक 01.04.2017 से प्रश्नतिथि तक महात्मा गांधी नरेगा मद से 67 ग्राम पंचायतों में 174 ग्रेवल सड़कें 160.74 किमी लंबाई की स्वीकृत की गई। ग्राम पंचायतवार शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
परफॉरमेंस ग्राण्ट का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( *क्र. 113 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा परफॉरमेंस ग्राण्ट जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यों को आवंटित की जाती है? (ख) यदि हाँ, तो जिला छतरपुर में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कब कब परफॉरमेंस ग्राण्ट जारी की गयी है? उक्त कार्यों की पूर्णता उपरांत द्वितीय/अंतिम भुगतानों की सूची सहित कार्यों का उल्लेख करते हुए बतायें? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि हाँ, तो जिला छतरपुर में वर्ष 2019-20 की जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद अध्यक्ष तथा सदस्यों की परफॉरमेंस ग्राण्ट क्यों जारी नहीं की गयी है? (घ) पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक की जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्यों को कब तक शेष बची परफॉरमेंस ग्राण्ट जारी कर दी जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जिला पंचायत/जनपद पंचायत के निर्वाचित पदाधिकारियों के विकल्प पर अधोसंरचनात्मक कार्यों हेतु वर्ष 2019-20 की राशि राज्य स्तर से जारी कर दी गई है। राशि का उपयोग करने हेतु विभाग द्वारा नवीन दिशा निर्देश जारी होने तक राशि के उपयोग पर अस्थाई रोक लगाई गई है। (घ) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक अध्यक्ष व सदस्यों को उपयोगिता प्रमाण-पत्र के आधार पर द्वितीय किश्त की राशि जारी कर दी गई है। जानकारी प्रश्नांश (ख) अनुसार है। वर्ष 2019-20 की राशि विभाग द्वारा राशि का उपयोग करने हेतु नवीन निर्देश प्रसारित करने के उपरांत जारी की जाना है, समय-सीमा बताना संभव नहीं है।
बटालियन (कम्पनी) में आरक्षकों के स्थानान्तरण
[गृह]
14. ( *क्र. 98 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी, 2019 के पश्चात् प्रदेश में बटालियन में कम्पनियों के आरक्षकों के स्थानांतरण को लेकर कुल कितनी राशि खर्च हुई? प्रदेश में विभिन्न कम्पनियों में कार्यरत आरक्षक के कितने समय में किस चक्र के अनुसार स्थानांतरण किये जाते हैं? नियमों की प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। (ख) क्या विभाग प्रदेश में विभिन्न कम्पनियों में कार्यरत आरक्षक के एक ही स्थल पर 5 वर्ष तक स्थानान्तरण न करने पर विचार कर रहा है? यदि हाँ, तो इसका पालन कब तक किया जाएगा? यदि नहीं, तो विभिन्न कम्पनियों में कार्यरत आरक्षक के स्थानांतरण 15-15 माह में किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) क्या विभाग मानता है कि 15-15 माह में स्थानांतरण होने से आरक्षक का परिवार पूर्णत: प्रभावित होता है? पुलिस विभाग में आरक्षकों के अलावा किन-किन पदों पर कार्यरत पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण 15-15 माह में होते हैं? सूची देवें। यदि नहीं, तो आरक्षक के क्यों? (घ) क्या उक्त आरक्षकों के स्थानांतरण 15-15 माह में होना आरक्षकों के ऊपर विभाग द्वारा मानसिक प्रताड़ना की श्रेणी में नहीं आता है? यदि हाँ, तो क्या प्रदेश में आरक्षकों के लगातार डिप्रेशन एवं अन्य बीमारियों से ग्रसित होने का यह भी मुख्य कारण है? विगत वर्षों में इसका अध्ययन विभाग द्वारा कब-कब किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) कोई राशि व्यय नहीं हुई। आरक्षकों के स्वयं के निवेदन पर अथवा प्रशासनिक दृष्टि से स्थानांतरण किये जाते हैं। कंपनी से कंपनी स्थानांतरण करने के संबंध में कोई नियम नहीं है। (ख) जी नहीं। 15-15 माह में स्थानांतरण नहीं किये जाते हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। विभाग द्वारा इस संबंध में कोई अध्ययन नहीं किया गया है।
वर्ष 2007 से 2011 तक की PMT परीक्षाओं की जांच
[गृह]
15. ( *क्र. 411 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम घोटाले में PMT 2012 तथा PMT 2013 की परीक्षा में व्यापम द्वारा जांच में पाये गये रोल नम्बर सेटिंग पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किये गये? यदि हाँ, तो बतावें कि PMT 2007 से 2011 तक रोल नम्बर सेटिंग पर प्रकरण क्यों नहीं दर्ज किये गये? (ख) क्या PMT 2007 से PMT 2011 की परीक्षा के दौरान सुधीर भदौरिया व्यापम के परीक्षा नियंत्रक थे तथा उन्हें बचाने के लिये STF PMT 2007 से PMT 2011 के रोल नम्बर सेटिंग के प्रकरण दर्ज नहीं कर रही है? (ग) प्रश्नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित प्रकरण दर्ज न करने के कारण बतावें। (घ) प्रश्नांश (ग) के सन्दर्भ में बनी हुई नोटशीट, पत्र व्यवहार की समस्त प्रति उपलब्ध करावें तथा बतावें कि प्रकरण दर्ज किया जायेगा या नहीं, ताकि न्याय हेतु वाद दायर किया जा सके।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जी नहीं। पी.एम.टी. परीक्षा 2012, 2013 में मात्र रोल नंबर सेटिंग पर प्रकरण दर्ज नहीं किया है, परंतु उक्त अपराध में रोल नंबर सेटिंग के साथ, नकल कराना, अवैध रूप से उक्त कार्य हेतु पैसे के लेनदेन के प्रमाण आदि के साक्ष्य पर से कायम किए गए थे। मात्र इम्पेरिकल रूल के आधार पर तथा किसी अन्य साक्ष्य के अभाव में अभ्यर्थियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किए गए। डॉ. सुधीर भदौरिया उक्त अवधि में व्यापम के परीक्षा नियंत्रक अवश्य थे, किन्तु उन्हें बचाने के लिए नहीं अपितु पी.एम.टी. 2008 से 2011 में मात्र इम्पेरिकल रूल के अतिरिक्त कोई अन्य साक्ष्य उपलब्ध न होने से प्रकरण दर्ज नहीं किए गए। शेषांक का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
अवैध शस्त्र लाइसेंस के दर्ज प्रकरण
[गृह]
16. ( *क्र. 715 ) श्री कमल पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. के सतना जिले सहित किस-किस जिले में अवैध शस्त्र लाइसेंस जारी करने के प्रकरण 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक दर्ज हुए हैं? (ख) सतना जिले सहित किस-किस जिले में कितने अवैध शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए? (ग) सतना जिले में अवैध शस्त्र लाइसेंस में कौन-कौन दोषी पाए गए? किन-किन के विरूद्ध किन-किन धाराओं में प्रकरण दर्ज किए गए? (घ) सतना जिले सहित कितने जिलों में अवैध शस्त्र लाइसेंस के दोषियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई? नहीं की गई तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) सतना जिले में अवैध शस्त्र लाइसेंस जारी करने के 112 अपराधिक प्रकरण एस.टी.एफ. द्वारा पंजीबद्ध किए गए हैं। शेष जिलों की जानकारी निरंक है। (ग) एवं (घ) सतना जिले में अवैध शस्त्र लाइसेंस संबंधी एस.टी.एफ. द्वारा दर्ज 112 प्रकरणों में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, सतना ने अपनी प्राथमिकी में युगुल किशोर गर्ग, अभयराज सिंह, रामभैया शर्मा एवं रामसजीवन कौल को आरोपित किया है। प्रकरण की विवेचना उपरांत समस्त दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
उपयंत्रियों का जिला पंचायत में संयोजन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( *क्र. 531 ) श्री महेश परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में उज्जैन संभाग अन्तर्गत ऐसे कितने जिले हैं, जहां शासन के निर्देश किसी भी उपयंत्री को अन्य कार्य हेतु जिला पंचायत में संयोजित नहीं किया जाना है, का पालन किया गया है? यदि नहीं, तो ऐसी उज्जैन संभाग अन्तर्गत कितनी जिला पंचायतें हैं, जहां उक्त निर्देश का उल्लंघन कर अन्य कार्य हेतु जिला पंचायतों में उपयंत्रियों को संयोजित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शासन द्वारा जारी निर्देश के उपरांत भी उपयंत्रियों से अन्य कार्य करवाने के लिए जिले में कौन-कौन से जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा शासन के इस निर्देश की अवेहलना की गयी है और उनके विरुद्ध क्या अनुशासनात्मक कार्यवाहियाँ प्रस्तावित की गयी हैं? यदि नहीं, तो अनुशासनात्मक कार्यवाही से बचाने का कारण क्या है और यदि कार्यवाही प्रस्तावित की गयी है तो जानकारी सहित प्रस्तुत करें। (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में क्या जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जिला पंचायत में शासन के निर्देशों की अवेहलना करते हुए उपयंत्रियों को अन्य कार्य हेतु संयोजित किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के अंतर्गत? उक्त नियम की जानकारी उपलब्ध कराई जाये और शासन के नियमों का उल्लंघन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, पद एवं संयोजन का जो आदेश जारी किया गया है उसकी प्रति सहित जानकारी उपलब्ध कराएं।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) उज्जैन संभाग अंतर्गत समस्त 06 जिलों में शासन के निर्देश का पालन किया गया है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) एवं (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
जनपद पंचायत के कर्मचारियों को पेंशन का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
18. ( *क्र. 96 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की जनपद पंचायत में कार्यरत जनपद कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है? (ख) क्या प्रदेश की जनपद पंचायत में कार्यरत जनपद कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिये जाने हेतु शासन स्तर पर कोई प्रस्ताव लंबित है? यदि हाँ, तो विवरण दें? (ग) क्या प्रदेश सरकार स्तर की समस्त योजनाओं का क्रियान्वयन जनपद पंचायत स्तर पर कराया जाता है? यदि हाँ, तो उनका क्रियान्वयन करने वाले जनपद कर्मचारियों को भी प्रदेश सरकार के शासकीय कर्मचारियों की भांति सुविधाओं से वंचित क्यों रखा गया है? (घ) क्या प्रदेश के जनपद कर्मचारियों को प्रदेश सरकार के शासकीय कर्मचारियों की भांति पेंशन आदि सुविधाओं को लाभ दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। जिला एवं जनपद पंचायत के कर्मचारी स्वशासी निकाय के कर्मचारी होने से इनसे म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 में प्रावधानित म.प्र. पंचायत सेवा (भर्ती तथा सेवा की सामान्य शर्तें) 1999 के अनुसार कार्य लिया जाता है। जनपद पंचायत के कर्मचारी स्थानीय निकाय के कर्मचारी होने से उन्हें शासकीय कर्मचारियों के समान सुविधाओं की पात्रता नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जी नहीं। म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-2/24/2009/22/पं-1, दिनांक 11.06.2012 के अनुसार जनपद पंचायतों की सेवाओं में नियोजित मूल पदों के कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की भर्ती फर्जीवाड़े की जांच
[गृह]
19. ( *क्र. 612 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) व्यापम घोटाले पर लंबित 1040 शिकायतों में से थाने में भेजी गयी 530 शिकायतों के बारे में बतावें कि उन्हें किस दिनांक को भेजा गया तथा उत्तर दिनांक तक किस-किस थाने की शिकायत पर जांच पूर्ण हो गयी है तथा किस-किस शिकायत के आधार पर प्रकरण दर्ज हुआ तथा कितनी नस्तीबद्ध हुई? (ख) एस.टी.एफ. द्वारा जांच हेतु चयनित 197 शिकायतों के चयन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी समस्त संबंधित दस्तावेज सहित उपलब्ध करावें तथा उस कमेटी अधिकारी का नाम तथा पद बतावें जिन्होंने चयन की अनुशंसा की? (ग) प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित कितनी शिकायतों में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में फर्जीवाड़े का उल्लेख है? क्या एस.टी.एफ. की नये सिरे से प्रारम्भ की गई जांच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी., एन.आर.आई. तथा डीमेट के माध्यम से भर्ती पर जांच की जा रही है? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत पर तथा सितम्बर 2019 में दिये गये उनके बयान के आधार पर किस-किस बिन्दु पर निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती में फर्जीवाड़े की जाँच की जा रही है तथा बतावें कि निजी चिकित्सा महाविद्यालय की भर्ती के किस वर्ष की जांच न करने का निर्णय लिया गया है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रदेश के जिलों में भेजी गई 530 शिकायतों में 179 में कार्यवाही पूर्ण हो गई है, जिस पर से 02 शिकायतों में अपराध पंजीबद्ध हुए हैं तथा 177 शिकायतें नस्तीबद्ध की गई हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा जांचरत 197 शिकायतों को तत्कालीन विशेष पुलिस महानिदेशक के निर्देशानुसार 03 एस.आई.टी. गठित कर किया गया, जिनके प्रभारी क्रमशः श्री राजेश सिंह भदौरिया, पु.अ. एस.टी.एफ. भोपाल, श्री पद्मविलोचन शुक्ल, पु.अ. एस.टी.एफ. इंदौर, श्री अमित सिंह तत्का. पु.अ. एस.टी.एफ. ग्वालियर हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) शिकायतकर्ता श्री आनंद राय, मान. पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा एवं श्री आशीष चतुर्वेदी की शिकायतों में इसका उल्लेख है। जी नहीं, निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रवेश में फर्जीवाड़े की जांच मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही हेतु लंबित हैं। (घ) मान. पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा द्वारा सितम्बर 2019 में शिकायत में दिए गए बयान में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में भर्ती में फर्जीवाड़े का उल्लेख किया है, जिस संबंध में जांच मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही हेतु लंबित है।
बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनान्तर्गत सड़कों का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( *क्र. 547 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्तमान में कितनी सड़कें निर्माणाधीन हैं, कितनी सड़कें समय अवधि में पूर्ण हो चुकी हैं, कितनी सड़कें समय अवधि के बाद पूर्ण हुई एवं कितनी नवीन सड़कें विगत 2 वर्षों में स्वीकृत की गई? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विगत 2 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितनी सड़कों की मरम्मत के लिए कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई, किन-किन सड़कों पर मरम्मत कार्य किए गए एवं किस-किस एजेंसी को कितना-कितना भुगतान किया गया? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) निर्माणाधीन एवं मरम्मत सड़कों की गुणवत्ता के संबध में कौन-कौन से परीक्षण (गिट्टी, रेती, मिट्टी, डामर, सीमेंट) कब-कब किसके द्वारा किये गए? सड़कवार जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया और किन-किन सड़कों में क्या-क्या कमी पाई गई? सड़कवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत वर्तमान में 02 सड़कें निर्माणाधीन हैं, 07 सडकें समय अवधि में पूर्ण हुई हैं, 80 सड़कें समय अवधि के बाद पूर्ण हुई हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। विगत 2 वर्षों में किसी भी नवीन सड़क की स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई है। (ख) विगत 2 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में 29 सड़कें मरम्मत कार्यों हेतु स्वीकृत की गईं हैं। स्वीकृत राशि, किये गये मरम्मत कार्य एवं एजेंसी को किये गये भुगतान की सड़कवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) निर्माणाधीन एवं मरम्मत सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में किये गये परीक्षण (गिट्टी, रेती, मिट्टी, डामर, सीमेंट) की सड़कवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार है। (घ) निर्माणाधीन सड़कों की गुणवत्ता के संबंध में अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण की सड़कवार सम्पूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार है।
हिन्दू नागरिकों को नागरिकता देने के लंबित मामले
[गृह]
21. ( *क्र. 796 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में गृह विभाग में पाकिस्तान के हिन्दु नागरिकों को नागरिकता देने के कितने मामले लंबित हैं? (ख) उक्त मामले किस-किस व्यक्ति के हैं, उनका नाम पता भी बताएं? यह भी बतायें कि संबंधित आवेदक ने नागरिकता प्रदान करने हेतु मूल आवेदन कब दिया था? मामलों के लंबित रहने का कारण भी बताएं। (ग) भारत सरकार के गृह विभाग ने 23 दिसम्बर, 2016 की अधिसूचना के माध्यम से अपने अधिकार प्रदेश के भोपाल और इन्दौर के कलेक्टर को प्रत्यायोजित करने के बाद भोपाल और इन्दौर में कितने-कितने नागरिकता के मामले वर्षवार निपटाये गये और वर्तमान में दोनों शहरों में कितने-कितने मामले लंबित हैं? (घ) प्रदेश के गृह विभाग, कलेक्टर भोपाल व इन्दौर के पास लंबित भारत की नागरिकता के मामले कब तक निपटा दिये जायेंगे? क्या इस हेतु कोई कार्य योजना बनाई गई है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
जय किसान ऋण माफी योजना का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
22. ( *क्र. 608 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संपूर्ण प्रदेश के किसानों का 2 लाख रूपये की सीमा तक का ऋण सरकार की जय किसान ऋण माफी योजना के अंतर्गत 10 दिवस में ऋण माफी की घोषणा की गयी थी? यदि हाँ, तो समय-सीमा में ऋण माफ किया गया या नहीं? (ख) उक्त योजना के अंतर्गत दो-दो लाख रूपये तक के प्रदेश के कितने किसानों के ऋण माफ किये गये हैं? जिलेवार संख्या बतायें। (ग) उक्त ऋणमाफी योजना के अंतर्गत अभी कितने किसानों का कुल कितनी राशि का ऋण माफ किया जाना शेष है एवं अभी तक माफ नहीं किए जाने के क्या कारण हैं? (घ) उक्त किसानों की ऋण माफी कब तक कर दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। ऋण माफी की प्रक्रिया चरणबद्ध रूप से क्रियान्वित की जा रही है। (ख) योजना के अंतर्गत दो-दो लाख रूपये तक के प्रदेश में 2672316 ऋण खाता किसानों के ऋण माफी की स्वीकृति दी गयी है। जिलेवार स्वीकृत किए गए ऋण खातों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ऋणमाफी योजना के अंतर्गत अभी लगभग 614513 ऋण खातों की अनुमानित राशि रूपये 76815084223/- ऋण माफ किया जाना शेष है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेष पात्र किसानों की स्वीकृति की कार्यवाही चरणबद्ध रूप से की जा रही है। (घ) ऋण माफी की कार्यवाही चरणबद्ध रूप से की जा रही है। अत: समयावधि बताना संभव नहीं है।
रतलाम जिलांतर्गत गुणवत्ताविहीन कार्यों की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
23. ( *क्र. 663 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम जिला अंतर्गत विभिन्न ग्राम पंचायतों के क्षेत्रों से भिन्न-भिन्न कार्यों की अनियमितता के संबंध में वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 में जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न आवेदकों द्वारा अनेक शिकायतों के संबंध में जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत कार्यालय पर पत्र/आवेदनों द्वारा सूचित किया? प्राप्त शिकायतों पर क्या कार्यवाही हुई? (ख) क्या केन्द्र/राज्य प्रवर्तित विभिन्न कार्यों हेतु स्वीकृत बजट राशि से हुए स्वीकृत कार्यों का ऑडिट ग्राम पंचायतों जनपद पंचायतों तथा जिला पंचायत द्वारा किया जाता है, तो उक्त वर्षों में किस-किस व्यवस्था के द्वारा कब-कब ऑडिट हुआ? (ग) क्या निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जाता है, तत्पश्चात् भुगतान किया जाता है, तो ऑडिट आपत्ति होने के बाद भी भुगतान किये गये तथा स्थल के भौतिक सत्यापन शंकास्पद होकर कार्य अपूर्ण अथवा गुणवत्ताविहीन अनुपयोगी रहे तो क्या कार्यवाही हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) ऑडिट चार्टर्ड एकाउंटेंट द्वारा प्रति वर्ष किया जाता है। वर्ष 2018-19 की ऑडिट संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। वित्तीय वर्ष 2019-20 प्रचलित होने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। जी हाँ। ऑडिट आपत्ति होने पर भुगतान नहीं किया गया। स्थल के भौतिक सत्यापन शंकास्पद होकर कार्य अपूर्ण तथा गुणवत्ताविहीन होने पर संबंधितों पर वसूली की कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत पंजीबद्ध प्रकरणों पर कार्यवाही
[गृह]
24. ( *क्र. 504 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अन्तर्गत लगने वाले समस्त थानों में विगत एक वर्ष में कितने हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण एवं अन्य अपराधों में प्रकरण पंजीबद्ध हुए हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में उपेन्द्र समदरिया आ. राम बिहारी समदरिया, निवासी ग्राम करमई पो. अटरिया, जिला रीवा एवं रामलोटन साकेत आ. स्व. राम सजीवन साकेत निवासी ग्राम नौवस्वा पो. जे.पी. नगर रीवा की हुई हत्या में विभाग द्वारा दोषियों के विरूद्ध अब तक क्या कार्यवाही की गई? की गई कार्यवाही की सत्यापित प्रति देवें। विभाग द्वारा दोषियों को अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के प्रकाश में सेमरिया विधान सभा क्षेत्रान्तर्गत लगने वाले समस्त थानों में कितने बकरी चोरी के प्रकरण पंजीबद्ध हुए? उनमें किन-किन व्यक्तियों की कितनी-कितनी बकरिया, कब-कब चोरी हुई? इन चोरियों में संबंधित थानों द्वारा अब तक क्या-क्या कार्यवाही की गई? संबंधित व्यक्तिवार की गई कार्यवाही एवं अद्यतन स्थिति की विस्तृत विवरण सहित जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ख) 01. मृतक उपेन्द्र समदरिया के प्रकरण में थाना चोरहटा जिला रीवा में अप.क्र. 485/19 धारा 302, 109, भा.द.वि. का पंजीबद्ध होकर विवेचना में है। एक आरोपी राजकुमार चतुर्वेदी की गिरफ्तारी हो चुकी है। एक आरोपी शुभम चतुर्वेदी की तलाश जारी है। प्रकरण का अनुसंधान जारी है। 02. मृतक रामलोटन साकेत के प्रकरण में थाना चोरहटा जिला रीवा में अप.क्र. 303/19 धारा 147, 148, 149, 324, 294, 506, 307, 302 भा.द.वि. 3 (2) (V) 3 (2) (i) एस.सी./एस.टी. एक्ट का पंजीबद्ध होकर चार आरोपियों 1-अंकित मिश्रा, 2-कन्हैया उर्फ कंधी साकेत, 3-कृष्णा साकेत, 4-राहुल पाठक को गिरफ्तार किया जाकर अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है। शेष आरोपीगण सुनील मिश्रा, फूलचन्द साकेत एवं दुष्यंत पाण्डे के विरूद्ध धारा 173 (8) द.प्र.सं. के अन्तर्गत अनुसंधान जारी है। दोनों अपराध अनुसंधान में होने से की गई कार्यवाही की सत्यापित प्रति दी जाना विधिसम्मत नहीं है। दोनों अपराधों के फरार आरोपीगणों की गिरफ्तारी हेतु ईनाम उद्घोषणा भी की गई है। दोनों प्रकरणों में शेष आरोपीगणों की गिरफ्तारी के हरसंभव प्रयास जारी हैं। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
होमगार्ड सैनिकों के कॉलआउट रोटेशन नियम को हटाया जाना
[गृह]
25. ( *क्र. 305 ) श्री जसमंत जाटव छितरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में कितने जिलों में कितने होमगार्ड सैनिक नियुक्त किये गये हैं और उनसे क्या क्या कार्य कराये जाते हैं? (ख) क्या प्रश्नांश (क) अनुसार भर्ती किये हुये होमगार्ड सैनिकों को प्रतिवर्ष में से मात्र 10 माह की तैनाती के बाद ही कॉलआउट रोटेशन नियम के तहत हटा कर घर बैठा दिया जाता है, जबकि इस संबंध में माननीय हाई कोर्ट जबलपुर में दायर रिट याचिका के तहत मान. हाई कोर्ट जबलपुर के आदेश क्रमांक 8281/2011 से कॉलआउट रोटेशन नियम समाप्त करने के आदेश प्रदाय किये गये हैं, परंतु आज दिनांक तक विभाग द्वारा उन आदेशों का कतई पालन नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो ऐसा क्यों? (ग) क्या यह सही है कि प्रतिवर्ष कॉलआउट रोटेशन नियम के तहत होमगार्ड सैनिकों को दो माह घर बैठाये जाने के कारण उनके परिवार के भरण पोषण की स्थिति अत्यंत दयनीय हो जाती है, तो इस संबंध में विभाग कब तक माननीय हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराया जाना सुनिश्चित करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मध्यप्रदेश के सभी 52 जिले में संलग्न परिशिष्ट अनुसार होमगार्ड नियुक्त हैं। इनकी सेवायें होमगार्ड नियम-2016 की धारा-21 एवं धारा-22 के प्रावधानुसार ली जाती हैं। (ख) जी हाँ। माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा याचिका क्रमांक डब्ल्यू.पी. 8281/2011 में कॉलआउट रोटेशन नियम समाप्त करने हेतु कोई आदेश प्रदाय नहीं किये हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) यह सही नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
भाग-2
नियम
46 (2) के
अंतर्गत
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
के रुप में
परिवर्तित
तारांकित
प्रश्नोत्तर
मुख्यमंत्री
ग्राम सड़क
योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 3 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2017-18 से फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत किन-किन ग्रामों में ग्रेवल मार्ग का निर्माण कब किया गया? उनकी गारण्टी अवधि कब तक की है? उक्त ग्रेवल मार्गों का चयन डामरीकरण हतु किस आधार पर किसने किया? (ख) फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में पात्रता के उपरांत भी किन-किन ग्रामों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क के अन्तर्गत सड़कें क्यों स्वीकृत नहीं की गई? विकासखण्डवार, ग्रामवार जनसंख्या सहित कारण बतायें। उक्त ग्रामों में कब तक सड़क स्वीकृत की जायेगी? (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत सड़क स्वीकृत करने के संबंध में क्या-क्या मापदण्ड एवं शर्तें हैं? कितनी जनसंख्या तक के ग्रामों का चयन किया जाता है? (घ) वर्ष 2017-18 से फरवरी 2020 की स्थिति में रायसेन जिले में स्वीकृत किन-किन सड़कों,पुल एवं स्लेव कलवर्ट आदि का कार्य क्यों अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कारणो के निराकरण हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्या-क्या प्रयास तथा कार्यवाही की विवरण दें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। उक्त ग्रेवल मार्गों का चयन डामरीकरण हेतु नहीं किया गया अत: शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उपलब्ध वित्तीय संसाधन पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से सड़कें स्वीकृत नहीं की गई अत: स्वीकृति की निश्चित समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लाभ से वंचित राजस्व ग्रामों को एकल संपर्कता प्रदान की जाती है। सामान्य विकासखण्ड में 500 से कम एवं आदिवासी विकासखण्ड में 250 से कम जनसंख्या (वर्ष 2001 की जनगणना के आधार पर) के राजस्व ग्राम शामिल किए जाते है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित ग्राम
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 24 ) श्री रामपाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 तथा 2019-20 में प्राप्त लक्ष्य का जिलेवार वितरण किस आधार पर किसने किया? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं, उनकी प्रति दें। (ख) अपर सचिव भारत सरकार ने मई 2018 में रायसेन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत S.E.C.C 2011 के आंकड़ों में रायसेन जिले के कई गाँवों की मैपिंग सही न होने तथा छूट जाने विषयक पत्र अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को कब प्राप्त हुआ? उक्त पत्र पर उनके द्वारा क्या क्या कार्यवाही की गई। (ग) रायसेन जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत S.E.C.C 2011 के आंकड़ों में मैपिंग सही न होने तथा छूट गये ग्रामों को जोड़ने के प्रकरण फरवरी 20 की स्थिति में किस स्तर पर कब से क्यों लंबित हैं? (घ) रायसेन जिले के प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत S.E.C.C 2011 के आंकड़ों में मैपिंग सही न होने तथा छूट गये ग्रामों को जुड़वाने के संबंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा क्या-क्या प्रयास, कार्यवाही की गई तथा इस संबंध में 1 जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र विभाग के अधिकारियों को कब-कब, किन-किन माध्यमों से प्राप्त हुए तथा उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण अन्तर्गत आवास का आवंटन पंचायतों में उपलब्ध पात्र हितग्राहियों की वंचितता (deprivation) की तीव्रता तथा वर्ग अनुसार किया गया है। लक्ष्य का जिलेवार वितरण शासन स्तर से किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) उक्त ग्रामों की मैपिंग सही करने हेतु प्रकरण नवम्बर 2017 से भारत सरकार स्तर पर निराकरण के लिए लंबित है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार है।
चिंकी परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
3. ( क्र. 25 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2020 की स्थिति में नरसिंहपुर जिले में स्वीकृत चिंकी परियोजना का कार्य क्यों अप्रांरभ हैं? निविदा आमंत्रण की क्या स्थिति है कहाँ-कहाँ बांध बनेंगे, किन-किन ग्रामों की भूमि सिंचित होगी? (ख) क्या चिंकी परियोजना की निविदा आमंत्रित नहीं की जा रही है? यदि हाँ, तो कारण बतायें तथा कब तक निविदा आमंत्रित की जायेगी? (ग) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक माननीय मंत्री जी, प्रमुख सचिव एवं सदस्य अभियंता नर्मदा घाटी विकास विभाग को प्रश्नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर माननीय मंत्री जी तथा प्रमुख सचिव एवं सदस्य अभियंता नर्मदा घाटी विकास विभाग ने किन-किन अधिकारियों को क्या-क्या कार्यवाही के निर्देश दिये? पत्रवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के निर्देशों के पालन में संबंधित अधिकारियों द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई? प्रश्नकर्ता विधायक को पत्रों के जवाब क्यों नहीं दिये? पत्रों में उल्लेखित किन-किन समस्याओं का निराकरण हुआ किन-किन समस्याओं का निराकरण क्यों नहीं हुआ।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) एवं (ख) पूर्व में नर्मदा नदी पर चिंकी ग्राम के पास बांध परियोजना प्रस्तावित थी। इसके स्थान पर चिंकी-बौरास बैराज परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 4452.82 करोड़ दिनांक 05/02/2020 को जारी की गई है। तकनीकी स्वीकृति उपरांत निविदा आमंत्रण की कार्यवाही की जा सकेगी। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। मुख्य अभियंता को निविदा आमंत्रण हेतु निर्देशित किया गया है। माननीय सदस्य को दिनांक 29/02/2020 को अद्यतन स्थिति से अवगत कराया गया है।
प्रतिबंधात्मक धारा 144 लागू करना
[गृह]
4. ( क्र. 78 ) श्री महेन्द्र हार्डिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कानून व्यवस्था बनाए रखने हेतु सरकार/जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबंधात्मक धारा 144 का प्रयोग किया जाता है? (ख) यदि हाँ, तो इन्दौर जिले में दिनांक 1 जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2020 तक कितनी बार, कितने समय तक और किन-किन कारणों से धारा 144 लागू की गई? (ग) क्या इस धारा के बार-बार प्रयोग करने से इसके दुरूपयोग की संभावना बढ़ गई है एवं नागरिकों में इसका भय समाप्त हो गया है? इन्दौर में कानून व्यवस्था की ऐसी कौन सी परिस्थितियाँ निर्मित हो गई हैं जिससे बार-बार धारा 144 लगाई जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जी नहीं। इन्दौर में कानून व्यवस्था की स्थिति न बने एवं लोक व्यवस्था सुचारू रूप से बनाये रखने के उद्देश्य से दण्ड प्रकिया संहिता-1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश तात्कालिक परिस्थितियों अनुसार समय-समय पर जारी किये गये है।
आवंटित भूमि के हस्तांतरण में अनियमितता
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
5. ( क्र. 88 ) श्री महेन्द्र हार्डिया, श्री गोपाल सिंह चौहान : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इन्दौर जिले में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र इन्दौर के अंतर्गत स्थापित अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में दिनांक 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 जनवरी 2020 तक किन-किन उद्योगों को आवंटित भूमि के पट्टाभिलेखों के हस्तांतरण, गठन परिवर्तन एवं भूमि के विभाजन की अनुमति दी गई है? उद्योग का नाम, आवंटित भूमि का क्षेत्रफल एवं दी गई अनुमति में मदवार जमा करवाई गई राशि का विवरण उद्योगवार बताएं। (ख) दी गई अनुमतियाँ शासन के किस नियम के अंतर्गत दी गई हैं? यदि ऐसा कोई नियम है तो क्या उसके अनुसार शासन को मदवार प्राप्त होने वाली संपूर्ण राशि पट्टाभिलेख निष्पादन तक जमा करवाई गई है? यदि नहीं, तो कारण सहित बतावें कि कितने उद्योगों से कितनी-कितनी राशि जमा नहीं करवाई गई है? सूची उपलब्ध करावें? (ग) शासन को जो आर्थिक क्षति हुई है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) म.प्र.राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 के अंतर्गत अनुमतियां दी। जी हाँ। शासन को सम्पूर्ण राशि जमा करवाई गई है। (ग) शासन को आर्थिक क्षति नहीं हुई है, अतः जिम्मेदार होने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बीज क्रय में अनियमितता
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 97 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ता.प्र.क्र.554 दि.17/12/2019 के उत्तर में पूर्व प्रश्न क्रमांक 102 (क) के उत्तर में दिए गये पुस्तकालय परिशिष्ट 1 में जिले के बाहर से निजी बीज उत्पादन समितियों से बीज क्रय करना बतलाया गया है, जबकि प्रश्न क्रमांक 554, 17/12/2019 के (ख) के उत्तर योजनाओं में निजी संस्थाओं से बीज क्रय के निर्देश नहीं है अतः निजी संस्थाओं से बीज क्रय नहीं किया गया है, (ग) नियम विरूद्ध बीज क्रय नहीं किया गया है। अतः कार्यवाही का प्रश्न नहीं है का उल्लेख किया गया है? वास्तविकता क्या है स्पष्ट करें। (ख) प्रमुख सचिव द्वारा जिले की शासकीय संस्था से बीज क्रय करने के निर्देश थे किंतु जिले के प्रभारी अधिकारी द्वारा बीज उपलब्ध न होने का प्रमाण पत्र लिये बिना जिले के बाहर से बीज क्रय किये? यदि प्रमाण पत्र लिया गया हैं तो प्रमाण पत्र की प्रति उपलब्ध कराये? उक्त निर्देशों का उल्लंघन करने वाले दोषी अधिकारी पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) ता. प्र.क्र.554 दिनांक 17/12/2019 के उत्तर में पूर्व प्रश्न क्रमांक 102 (क) के उत्तर में दिए गये पुस्तकालय परिशिष्ट 1 में जिले के बाहर से निजी बीज उत्पादन समितियों से बीज क्रय करना नहीं बताया गया है, जबकि प्रश्न क्रमांक 554, 17/12/2019 के (ख) समस्त संस्थाएं बीज संघ से पंजीकृत बीज उत्पादक सहकारी संस्थाएं है, जिनसे बीज क्रय किया गया है। विभागीय योजनाओं के निर्देशानुसार शासकीय बीज उत्पादक संस्थाएं (कृषि प्रक्षेत्र, म.प्र. राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम, म.प्र. राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ से संबंधित बीज समितियों, एन.एस.सी. एवं अन्य शासकीय संस्थाओं) से बीज क्रय करने के निर्देश है। जिसके तहत बीज क्रय किया गया है। शासन स्तर से जारी निर्देश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) शासन के निर्देशानुसार ही जिले द्वारा बीज क्रय किया गया है। जिले में बीज निगम से प्राप्त उपलब्धता के अनुसार योजनाओं में आवश्यकता अनुरूप ही बीज क्रय किया गया है। जिले की शासकीय बीज उत्पादक संस्थाओं के पास प्रमाणित बीज शेष नहीं है, इसकी पुष्टि की गई है, पुष्टि हेतु संस्था के प्रमाण-पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया गया है। अत: कार्यवाही का प्रश्न ही नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
7. ( क्र. 106 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत एक ही परिवार के सभी सदस्यों को नियमानुसार योजना का लाभ दिया जा सकता है? (ख) यदि नहीं, तो क्या ग्राम पंचायत मुडिया जनपद पंचायत पनागर जिला जबलपुर की प्रायोरिटी सूची में एक ही परिवार के सदस्यों के नाम प्रस्तावित हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि यह नियमानुसार नहीं है तो क्या इस प्रकरण की जाँच करायी जाकर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) ग्राम पंचायत मुडिया जनपद पंचायत पनागर जिला जबलपुर की प्रायोरिटी सूची में एक ही परिवार के सदस्यों के नाम प्रस्तावित नहीं किये गये है, एस.ई.सी.सी. सूची 2011 में अलग-अलग प्रायोरिटी वाले हितग्राहियों को ही लाभ दिया गया है। (ग) प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बम्हनी (बरेला) तालाब से पानी रिसाव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
8. ( क्र. 107 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री सरोवर योजना के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र पनागर अंतर्गत बम्हनी (बरेला) तालाब के निर्माण हेतु 18 मई 2018 को राशि रू. 60 लाख स्वीकृत की गई थी एवं निर्माण कार्य का समय 30-6-2019 तक था? (ख) क्या तालाब रिसाव के कारण तालाब का औचित्य समाप्त हो गया है? (ग) गुणवत्ता विहीन निर्माण के दोषी का नाम बतायें एवं दोषियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (घ) यदि नहीं, तो क्या शासन के द्वारा तालाब के मजबूतीकरण हेतु अतिरिक्त राशि स्वीकृत की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नांकित कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति रूपये 60.03 लाख एवं निर्माण कार्य की पूर्णता की निर्धारित दि. 26.09.2019 थी। (ख) तालाब में रिसाव जैसी स्थिति नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता। (ग) कार्य गुणवत्ताविहीन नहीं होने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते। (घ) उत्तरांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
ऑनलाइन बैंकिंग ठगी और साइबर अपराध का अन्वेषण
[गृह]
9. ( क्र. 110 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2015 से प्रश्न दिनांक तक छतरपुर जिले में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी, सायबर अपराध के कितने प्रकरण दर्ज किये गए? कितनो का निराकरण किया जा चुका है वर्षवार जानकारी प्रदाय करें। (ख) ऑनलाइन बैंकिंग ठगी, साइबर अपराध के निराकरण एवं अन्वेषण हेतु छतरपुर जिले के कितने अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित हैं? क्या उक्त प्रकार के अपराध के अन्वेषण हेतु पृथक से साइबर सेल या कार्यालय है? साइबर अपराध के अन्वेषण हेतु क्या जिले में समस्त आधुनिक संसाधन उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो कब तक उपलब्ध करवा दिए जावेंगे? (ग) ऑनलाइन ठगी, साइबर अपराध आदि को रोकने हेतु प्रत्येक जिले में साइबर एक्सपर्ट अधिकारी, कर्मचारी की नियुक्ति की जा सकती है? क्या अधिकारियों और कर्मचारियों को साइबर अपराध के अन्वेषण हेतु लगातार प्रशिक्षित किया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) छतरपुर जिले में सायबर संबंधी अपराधों में कुल 88 अधिकारी/कर्मचारी प्रशिक्षित है। जी हाँ। अन्वेषण के लिये जिले में संसाधन उपलब्ध है एवं सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल में स्थापित फॉरेंसिक लैब से आवश्यकतानुसार तकनीकी सहयोग लिया जाता है। (ग) सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा प्रत्येक जिलों के अधिकारियों/कर्मचारियों को सायबर अपराध अन्वेषण हेतु प्रशिक्षित किया जा रहा है।
पीतल उद्योग की ब्रांडिंग
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
10. ( क्र. 111 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने बजट 2019-20 में छतरपुर जिले के पीतल उद्योग की ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने के संबंध में घोषणा की थी? (ख) यदि प्रश्नांश (क) हाँ है तो उक्त के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? भविष्य की क्या योजना होगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी हाँ। (ख) उत्पादों की ब्रांडिंग हेतु जी.आई. टैग प्राप्त किये जाने की संभावना हेतु परीक्षण किया जा रहा है। म.प्र. के विशेष उत्पादों की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग हेतु उन्हें अंतराष्ट्रीय व्यापार मेला 2020 में म.प्र. मंडप में प्रदर्शित किया जायेगा।
परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
11. ( क्र. 116 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश की जिला पंचायतों एवं जनपद पंचायतों से परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि म.प्र. राजपत्र (असाधारण) क्रमांक 109 दिनांक 07/03/2019 की प्रति उपलब्ध कराते हुये ग्राम पंचायतों के चयन का आधार एवं मापदण्ड के प्रावधान अनुसार प्राप्त ग्राम पंचायतों की जानकारी बुलाई गई थी? (ख) यदि हाँ, तो बालाघाट जिले की सभी जनपदों से ग्राम पंचायतों का चयन कर जिला पंचायत को प्रेषित किए गए प्रस्ताव की प्रति एवं जिला पंचायत द्वारा संचालनालय/शासन को भेजे गए प्रस्ताव की प्रति उपलब्ध करावें? (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक परफॉरमेन्स ग्रान्ट की राशि, मापदण्ड एवं नियमानुसार जिन-जिन ग्राम पंचायतों को बालाघाट जिले में राशि आवंटित की गई, उन ग्राम पंचायतों का परीक्षित वार्षिक लेखा पत्रक/रिपोर्ट की, वित्तीय वर्ष 2015-16 से प्रश्न दिनांक तक की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) क्या जनपद पंचायतों द्वारा अपात्र ग्राम पंचायतों की भी अनुशंसा की गई? यदि हाँ, तो विभाग जनपद पंचायतों के विरूद् कार्यवाही करेगा? यदि नहीं, तो ग्राम पंचायतों द्वारा प्रस्तुत आवेदन/दावा की जाँच/परीक्षण किन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कराई गई, उनके प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ में समाहित है। (घ) 14वां वित्त परफॉरमेन्स ग्रांट दावा वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु जनपद पंचायतों से प्राप्त प्रस्ताव परीक्षण में अस्पष्ट/अपूर्ण पाए गए है, उक्त हेतु जिला पंचायत बालाघाट के पत्र क्रमांक 1266 दिनांक 27.02.2020 के माध्यम से संबंधित मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। जिसकी प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ में है।
कपिल धारा कूप निर्माण योजना संबंधी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
12. ( क्र. 159 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कपिल धारा कूप निर्माण योजना के नियमों की जानकारी देवें। (ख) मंदसौर जिले में कपिल धारा कूप निर्माण हेतु कितने व्यक्तियों को सम्मिलित कर योजना का लाभ दिया जाता है। विकासखण्डवार जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के सीतामऊ विकासखण्ड में पानी पर्याप्त होने के बाद भी कपिल धारा कूप निर्माण हेतु प्रत्येक व्यक्ति को उक्त योजना का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के विकासखण्ड सीतामऊ में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को उक्त योजना का लाभ प्रदान करने हेतु कब तक आदेश प्रदान कर दिये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) विभाग द्वारा जारी निर्देश दिनांक 31.05.2019 की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के निर्देशों की कंडिका 2.8 अनुसार केन्द्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा मंदसौर जिले के विकासखण्ड मंदसौर व सीतामऊ को अतिदोहित भू-जल की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है, इस कारण से इन दोनों विकासखण्डों में प्रत्येक कूप हेतु न्यूनतम 3 पात्र पृथक-पृथक परिवार के कृषकों को सम्मिलित कर लाभान्वित किये जाने का तथा शेष विकासखण्ड मल्हारगढ़, गरोठ एवं भानपुरा में पात्र कृषक को व्यक्तिगत कूप का लाभ दिये जाने का प्रावधान ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में किया गया है। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार। (घ) उत्तरांश (ख) अनुसार वर्तमान स्थिति में सीतामऊ विकासखण्ड में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को व्यक्तिगत कूप का प्रावधान नहीं होने से पृथक से आदेश जारी किये जाने की आवश्यकता नहीं है।
पुल/पुलिया निर्माण की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
13. ( क्र. 163 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं पुल-पुलियों के निर्माण कार्यों की जाँच कराने बावत् शिकायत पत्र क्रमांक/1683/2019 20 दिनांक 20/11/2019 एवं शिकायत पत्र क्रमांक/1792/2019-20 दिनांक 31/12/2019 प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त शिकायत पत्रों में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच किन कारणों से नहीं की गई? शिकायत पत्र में उल्लेखित बिन्दुओं की जाँच कब तक की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) शिकायत की जाँच हेतु अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, मंडल जबलपुर को माननीय विधायक अथवा उनके प्रतिनिधि की उपस्थिति में जाँच किये जाने हेतु आदेशित किया है। माननीय विधायक महोदय के प्रस्ताव अनुसार दिनांक 06 मार्च से 13 मार्च 2020 के मध्य जाँच कार्य करने बावत् सूचित किया है अतः जाँच कार्य सम्पन्न नहीं हुआ। जाँच कार्य मार्च 2020 में कराएं जाने का कार्यक्रम है।
मुख्यमंत्री सड़क योजनांतर्गत कराये गये कार्यों की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 167 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बालाघाट जिले में मुख्यमंत्री सड़क योजना की जाँच हेतु प्रश्नकर्ता द्वारा कलेक्टर बालाघाट को कितने पत्र लेख किये गये और क्या-क्या कार्यवाही की गई? (ख) क्या बालाघाट जिले में 2015 से अब तक स्वीकृत मुख्यमंत्री सड़क योजना के निर्माण कार्य घटिया किस्म के होने के कारण चलने योग्य नहीं है? यदि हाँ, तो दोषी कौन-कौन हैं? (ग) क्या कई सड़कों का कार्य किया नहीं गया और राशि फर्जी ठेकेदारों को भुगतान की गयी? यदि हाँ, तो दोषी कौन है? (घ) कितने प्रकरणों की जाँच हो चुकी है कितने लम्बित हैं, किन-किन के द्वारा मुख्यमंत्री सड़क की जाँच हेतु बालाघाट कलेक्टर को लेख किया गया हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। माननीय विधायक के प्रस्ताव अनुसार जाँच समिति गठित कर जाँच कराई जा रही है। (ख) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) जाँच की कार्यवाही प्रचलन में है। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की जाँच हेतु बालाघाट कलेक्टर को अन्य माध्यम से पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
नवीन पुलिस चौकी खोलना
[गृह]
15. ( क्र. 177 ) श्री बापूसिंह तंवर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन पुलिस चौकी खोलने के क्या मापदण्ड हैं? शासकीय नियम एवं मापदण्ड की जानकारी दें। (ख) प्रश्न कंडिका (क) अनुसार क्या राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम चाटुखेडा में नवीन पुलिस चौकी खोलने के संबंध में शासन काई कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जी हाँ। प्रस्ताव आगामी चरण की बलवृद्धि में शामिल किया जा रहा है।
जिला भोपाल में किसानों की ऋण माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
16. ( क्र. 186 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत भोपाल जिले में प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों की ऋण माफी की स्वीकृति दी गई उनमें से कितने किसानों का ऋण माफ किया गया विकासखण्डवार संख्या बतायें? (ख) किसानों के नाम से लिए गए फर्जी ऋण एवं धोखाधड़ी के कितने प्रकरण प्रश्न दिनांक तक जाँच में सामने आये है? प्रकरणवार जाँच की अद्यतन स्थिति बताई जायें? (ग) प्रश्न दिनांक तक किन-किन विपणन समितियों के द्वारा कृषकों के नाम से फर्जी ऋण निकलने के कितने प्रकरण सामने आये है? विकास खण्डवार/विपणन समितिवार प्रकरणवार सूची दें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत भोपाल जिले में 21182 किसानों की ऋण माफी की स्वीकृति दी गयी। उनमें से 20196 किसानों के ऋण माफ किये गये। विकासखंड फंदा में 8612 एवं विकासखंड बैरसिया में 12570 ऋणखातों के ऋण माफ करने हेतु स्वीकृति दी गयी उक्त में से विकासखंड दी गयी उक्त में से विकासखंड फंदा के 7626 एवं विकासखंड बैरसिया के 12570 किसानों के ऋण माफ किये गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) भोपाल को-ओपरेटिव सेन्ट्रल बैंक लि.मि. भोपाल से सम्बद्ध 34 प्राथमिक कृषि साख सह समितियों में किसानों के नाम से लिये गये फर्जी ऋण एवं धोखाधड़र के प्रकरण प्रकाश में नहीं आये है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) निरंक।
निलंबित सहायक अधीक्षक की बिना जाँच बहाली
[गृह]
17. ( क्र. 191 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या संचालनालय लोक अभियोजन भोपाल में पदस्थ सहायक अधीक्षक को दिनांक 15/01/2020 को निलम्बित कर मुख्यालय जबलपुर किया गया तथा बिना जाँच एवं आरोप पत्र के दिनांक 13/02/2020 को बहाल कर दिया गया हैं? यदि हाँ, तो क्यों बहाल किया? आरोप पत्र क्यों जारी नहीं किया गया? कब तक आरोप पत्र जारी कर दिया जावेगा? (ख) क्या उक्त कर्मचारी की पूर्व में गंभीर शिकायतों की जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो निलम्बन के बाद उसे शिकायत, विभागीय जाँच शाखा का दायित्व क्यों सौंपा गया है। कब तक उसे विभागीय जाँच, शिकायत शाखा से हटा दिया जावेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) उक्त सहायक अधीक्षक की शासन स्तर एवं संचालनालय स्तर पर कितनी जाँच लंबित है? उसमें क्या कार्यवाही की गई? किस अधिकारी के द्वारा जाँच कराई गई? सम्पूर्ण शिकायत, जाँच प्रतिवेदन सहित जानकारी दें। कब तक जाँच पूर्ण कर ली जावेगी? यदि नहीं, की जावेगी तो क्यों? (घ) संचालनालय लोक अभियोजन संचालनालय में पदस्थ सहायक अधीक्षक को पद सहित भोपाल से स्थानांतरण अथवा कार्य की दृष्टि से गंभीर शिकायत के कारण भोपाल संभाग से बाहर स्थानांतरण करने हेतु मा.मुख्यमंत्री/मा.गृह मंत्री के द्वारा म.प्र.शासन गृह विभाग को निर्देश प्राप्त हुये उस पर क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसकी जाँच पूर्ण की जा चुकी है। जाँच में शिकायत निराधार पाए जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) शिकायत लंबित नहीं है, संचालनालय एवं शासन स्तर पर एक शिकायत प्राप्त हुयी। संचालक, लोक अभियोजन द्वारा शिकायत की जाँच करायी गयी। जाँचकर्ता अधिकारी द्वारा शिकायत आधारहीन होने से शिकायत नस्तीबद्ध की गयी। जाँच प्रतिवेदन संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) मुख्यमंत्री कार्यालय से उक्त संबंध में शिकायत प्राप्त हुयी थी। संचालक, लोक अभियोजन भोपाल से जाँच करायी गयी। जाँच निराधार पायी जाने से शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मोटर साईकल दुर्घटना संबंधी
[गृह]
18. ( क्र. 194 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 17/12/2019 को माननीय मंत्री जी द्वारा उत्तर दिया था कि यदि कोई घटना दुर्घटना मोटर साईकल से होती है तो उस वक्त विवेचना में साक्ष्य अनुसार घटना दुर्घटना में आरोपी का निर्धारण किया जायेगा तो उक्त मोटर साईकल से घटना दुर्घटना अज्ञात में करायी जाती है तो उक्त घटना दुर्घटना मोटर साईकल मालिक के विरूद्ध कार्यवाही या अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों उक्त मोटर साईकल को जब्त नहीं किया जा रहा है? कारण स्पष्ट करें। (ख) क्या शासन के नियम व निर्देशों के तहत नाबालिग के द्वारा मोटर साईकल से घटना दुर्घटना होती है तो वाहन मालिक पर अपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाता है? यदि हाँ, तो क्यों पुलिस विभाग द्वारा उक्त मोटर साईकल को जब्त नहीं किया जा रहा है? (ग) क्या शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार यदि मोटर साईकल से दुर्घटना होती है तो और मोटर साईकल बीमा न होने पर पीड़ित व्यक्ति दावा क्लेम मोटर साईकल मालिक पर किये जाने का प्रावधान में प्रावधानित है? यदि हाँ, तो क्यों उक्त मोटर साईकल जब्त नहीं किया जा रहा है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 17.12.2019 के उत्तर में कहाँ गया था कि यदि कोई घटना दुर्घटना मोटर साईकल से होती है तो उस वक्त विवेचना में साक्ष्य अनुसार घटना दुर्घटना में आरोपी का निर्धारण किया जायेगा। पुलिस विभाग द्वारा मोटर साईकल जब्त नहीं की जावेगी क्योंकि जाँच में कोई संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया है। संबंधित मोटर साईकल के मामले में कोई अपराध पंजीबद्ध न होने से मोटर साईकल की जब्ती नहीं की गई है। (ख) जी हाँ, यदि घटना-दुर्घटना नाबालिक व्यक्ति द्वारा घटित की जाती है तो उस स्थिति में मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानानुसार कार्यवाही की जाती है। पूर्व के अतांराकित प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 17.12.2019 से संबंधित मोटर साईकिल के मामले में कोई अपराध पंजीबद्ध न होने से मोटर साईकिल की जब्ती नहीं की गई है। (ग) हाँ, यदि वाहन का बीमा नहीं होगा तो उस स्थिति में मोटर व्हीकल एक्ट में मालिक के विरुद्ध कार्यवाही करने का प्रावधान है। पूर्व के अतारांकित प्रश्न क्रमांक 1065 दिनांक 17.12.2019 से संबंधित मोटर साईकिल के मामले में कोई अपराध पंजीबद्ध न होने से मोटर साईकिल की जब्ती नहीं की गई है।
डी.एस.पी. एवं डी.जी.पी. की रिपोर्ट पर विभागीय कार्यवाही
[गृह]
19. ( क्र. 195 ) श्री विश्वास सारंग : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ए.एस.आई. को राजगढ़ कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारने की राजगढ़ के डी.एस.पी. द्वारा डी.जी.पी. को भेजी गयी जाँच रिपोर्ट की प्रतिलिपि देते हुए मामले की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत कलेक्टर पर कार्रवाई को लेकर डी.जी.पी. द्वारा गृह विभाग को लिखे पत्र की प्रतिलिपि देते हुए बतायें कि विभाग ने प्रश्न दिनांक तक क्या कार्रवाई की है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या राजगढ़ कलेक्टर ने सी.ए.ए. का समर्थन कर रहे नागरिकों को भी थप्पड़ मारे थे? यदि हाँ, तो बतायें कि कलेक्टर को थप्पड़ मारने का अधिकार किस नियम के तहत मिला हुआ है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत कलेक्टर के खिलाफ प्रश्न दिनांक तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई है? कारण दें। नियम बतायें। कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
रोजगार सहायक द्वारा की गयी अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 196 ) श्री विश्वास सारंग : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रायसेन जिले के ग्राम पंचायत गौहरगंज के रोजगार सहायक ने मनरेगा के तहत अपने परिवार के सदस्यों के नाम से मजदूरी का भुगतान लिया है? यदि हाँ, तो किस-किस दिनांक को किस-किस परिवार के सदस्य के नाम से कितने-कितने रूपया लिया है? प्रश्न दिनांक तक की जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के तहत क्या उक्त मामले की शिकायतें कलेक्टर/आयुक्त भोपाल संभाग भोपाल/मुख्यमंत्री को की गयी थी? यदि हाँ, तो संबंधितों ने शिकायतों पर प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत क्या यह सही है कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा उक्त प्रकरण को आवश्यक कार्यवाही हेतु पत्र पंजीयन क्र./22213/CMS/PUB/2019 दिनांक 24/10/2019 के माध्यम से ACS/PS/Secretary, पंचायत और ग्रामीण विभाग को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो उस पत्र पर किस-किस अधिकारी ने क्या-क्या कार्यवाही की है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) व (ग) के तहत दोषियों के खिलाफ क्या-क्या कार्यवाही की जायेगी? क्या संबंधितों से भुगतान की गयी राशि वसूल की जायेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। प्राप्त शिकायत की जाँच मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रायसेन के पत्र क्रमांक 4910 दिनांक 19.11.2019 के द्वारा 03 सदस्यीय जाँच दल के द्वारा कराई गई। (ग) जी हाँ। प्राप्त शिकायत म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद् के पत्र क्रमांक 5811 दिनांक 14.11.2019 के द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रायसेन को जाँच हेतु प्रेषित की गई, शेष उत्तरांश (ख) अनुसार है। (घ) जाँच प्रतिवेदन में दोष सिद्ध नहीं होने से जिला कलेक्टर रायसेन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई, शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
27 प्रतिशत ओ.बी.सी. आरक्षण लागू किये जाना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
21. ( क्र. 215 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा चुनाव में पिछड़ा वर्ग समुदाय को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था? यदि हाँ, तो एक वर्ष का समय व्यतीत होने के पश्चात् किस विभाग, किस संस्था में उपरोक्त वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिला, विभागवार विस्तार से बतायें। (ख) क्या सरकार ने अपने वचन पत्र में पिछड़े एवं अति पिछड़े वर्ग का सामाजिक एवं आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति का सर्वे कराने का वादा किया था? यदि हाँ, तो सर्वे उपरांत पिछड़े वर्ग में कौन-कौन सी जातियों को सम्मिलित किया गया है एवं अति पिछड़े वर्ग में कौन-कौन सी जातियों को सम्मिलित किया गया है वर्गवार आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति की संख्या से अवगत करावें? (ग) क्या चुनाव के पूर्व अपने वचन पत्र में रजक, प्रजापति, कीर, मीना पारधी, मॉझी को अनुसूचित जाति/जनजाति सामाजिक मांग अनुसार सम्मिलित करने का वचन किया था? यदि हाँ, तो वचन अनुसार इनकों सम्मिलित कर लिया है तो आदेश की प्रति उपलब्ध करावें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है (ख) जी हाँ। अब तक सर्वे नहीं किया गया है। शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता। (ग) मॉझी जाति को अनुसूचित जनजाति अधिसूचित करने हेतु दिनांक 29.08.2018 को भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- अ अनुसार। कीर, मीना, पारधी को पूर्ववत जनजातियों की सूची में पुर्नस्थापित करने हेतु दिनांक 24.09.2018 को भारत सरकार को पत्र प्रेषित किया गया। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र- ब अनुसार है। शेष जानकारी एकत्रित की जा रही है।
दर्ज प्रकरणों की स्थिति
[गृह]
22. ( क्र. 216 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक ग्वालियर संभाग में कितने नाबालिग बालक-बालिकाओं का यौन शोषण एवं अपहरण, गुमशुदगी के अपराध दर्ज किये गये है? अपराध दर्ज दिनांक को नाबालिग बालक-बालिकाओं की उम्र क्या थी? जिलेवार अपराध एवं धाराओं सहित जानकारी दें? कितने अपराधी पकड़े गये है और कितने अभी तक फरार है? (ख) उक्त अवधि में प्रश्नांश (क) वर्णित नाबालिग बालक-बालिकाओं के यौन शोषण के दर्ज अपराधों में से कितने प्रकरणों में न्यायालय में अभियोग पत्र पेश किया जा चुका है? कितनों में खात्मा भेजा गया है और उनमें से कितने प्रकरणों का न्यायालय से निराकरण हो चुका है? निराकृत प्रकरणों में से कोर्ट ने कितने अपराधियों को क्या-क्या सजा दी है और कितने आरोपी बरी किये गये है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में बच्चों के यौन शोषण के आरोपों से बरी किये गये कितने आरोपी है? उसका क्या कारण रहा? क्या शासन ने ऐसे कितने बरी किये गये आरोपीगण के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की है? यौनशोषण में पीड़ित नाबालिग बालक-बालिकाओं के परिजन को उक्त अवधि में क्या आर्थिक सहायता या अन्य प्रकार की सहायता शासन ने प्रदान की है? प्रकरणवार जानकारी दें? (घ) बालकों के यौन शोषण एवं हत्या के अपराधों में कितने आरोपीगण को मृत्युदण्ड, आजीवन कारावास, अन्य कारावास की सजा दी गई है? मृत्युदण्ड प्राप्त ऐसे आरोपी जिनकें मामले उच्च न्यायालय से कन्फर्म होने के बावजूद भी लंबित है? उसका लंबित होने का क्या कारण है एवं अपहृत/गुमशुदा/यौन शोषण से पीड़ित बालक-बालिकाओं के पुनर्वास अथवा समाज में उनकों सम्मान पूर्ववत बना रहें, इसके लिये सरकार के पास क्या-क्या योजनायें है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अपराधियों पर कार्यवाही
[गृह]
23. ( क्र. 232 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 596 दिनांक 17.12.2019 के उत्तर (क) अनुसार थाना झारड़ा में शांतिलाल पिता शैतानमल डागा के विरूद्ध 20 प्रकरण पंजीबद्ध हैं, जिसमें 17 प्रकरणों में माननीय न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किये जा चुके हैं। 01- प्रकरण अपराध में खारजी कता की गई है, 02- अपराध विवेचनाधीन है, क्या खारजीकता की कार्यवाही राजनैतिक दबाव में की गई है? क्या शासन द्वारा 01 प्रकरण अपराध में खरजीकता की जाँच भोपाल स्तर के अधिकारी से कराकर प्रकरण में चालान लगाया जावेगा? (ख) क्या थाना प्रभारी झारड़ा द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 122 के अंतर्गत इस्तगासा क्रमांक 08 दिनांक 10.10.2019 को न्यायालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी महिदपुर में पुन: प्रस्तुत किया जावेगा? इस्तगासा प्रस्तुत नहीं करने के लिये उत्तरदायी दोषी अधिकारी पर शासन क्या कार्यवाही करेगा? (ग) क्या थाना झारडा के अंतर्गत अपराध क्रमांक 0195/2019 दिनांक 24.02.2019 अपराध का चालान लगा दिया गया है तथा अपराध क्रमांक 30/2019 दिनांक 24.07.2019 में चालान लगा दिया गया है? उपरोक्त दोनों अपराधों में क्या अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है? यदि नहीं, तो शासन द्वारा उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 596 दिनांक 17.12.2019 के उत्तर (क) अनुसार थाना झारड़ा में शांतिलाल पिता शैतानमल डागा के विरूद्ध 20 प्रकरण पंजीबद्ध है जिसमें 17 प्रकरणों में माननीय न्यायालयों में चालान प्रस्तुत किये जा चुके हैं। 02 अपराध विवेचनाधीन है। 01 अपराध में अनुसंधान उपरांत पाये गये तथ्यों के आधार पर खारजी कता की गई हैं जो मान. न्यायालय द्वारा स्वीकृत किये जाने से शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) अपराध क्रमांक 240/2019 की विवेचना पूर्ण होने पर आये तथ्यों के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। (ग) थाना के अपराध क्रमांक 0195/24.07.2019 में कुल 7 आरोपियों में से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है एवं शेष 3 आरोपियों की गिरफ्तारी के हर संभव प्रयास किये जा रहे है एवं अपराध क्र. 30/2019 धारा 420, 406, 467, 468, 34 भा.द.वि. में कुल दो आरोपियों की गिरफ्तारी की जाकर प्रकरण में आरोपीगणों के विरूद्ध चालान क्रमांक 25/13.02.2020 का कता किया जाकर माननीय न्यायालय प्रस्तुत किया गया है।
मेसर्स प्रज्ञा सीड्स एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर पर पुलिस प्रकरण दर्ज करना
[गृह]
24. ( क्र. 233 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 597 दिनांक 17.12.2019 के उत्तर अनुसार मेसर्स प्रज्ञा सीड्स कम्पनी महिदपुर एवं महाबीज कम्पनी महिदपुर पर नकली सोयाबीन बीज प्रकरण में एफ.आई.आर. पंजीबद्ध किये जाने के निर्देश उपसंचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास जिला उज्जैन को किया गया है। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास, उज्जैन के आदेश पर श्री आर.सी. चन्द्रपाल, कृषि विकास अधिकारी एवं बीज निरीक्षक, विकासखण्ड महिदपुर द्वारा दिनांक 23.12.2019 को थाना प्रभारी महिदपुर को उपरोक्त दोनों कम्पनियों पर भिन्न-भिन्न धाराओं में पुलिस प्रकरण दर्ज करने के लिये आवेदन पत्र क्रमांक/स्था./2019-20/528 दिया गया तथा पत्र क्रमांक/टी-3/गु.नि./2019-20/703 दिनांक 12.02.2020 को पुन: उप संचालक, किसान कल्याण तथा कृषि विकास उज्जैन द्वारा पुलिस प्रकरण दर्ज करने के लिये पत्र लिखा गया। (ग) क्या प्रश्न दिनांक तक पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है? यदि नहीं, तो अपराध कब तक पंजीबद्ध कर लिया जावेगा? अपराध पंजीबद्ध नहीं करने के लिये दोषी उत्तरदायी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) तथ्यात्मक स्थिति यह है कि हाँ थाना प्रभारी महिदपुर को श्री आर.सी. चन्द्रपाल कृषि विकास अधिकारी एवं बीज निरीक्षक विकासखण्ड महिदपुर द्वारा आवेदन पत्र क्रमांक/स्था/2019-20/528/दिनांक 23.12.2019 को दिया गया था तथा पुनः संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास उज्जैन द्वारा 12.02.2020 को पत्र क्रमांक टी-3/गु.नि./2019-20/703, दिनांक 12.02.2020 को पुलिस प्रकरण दर्ज करने हेतु लेख किया। हाँ। थाना महिदपुर में अपराध क्रमांक 64/27.02.2020 धारा 420 भादवि व 3,7 आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत मेसर्स प्रज्ञा सीड्स महिदपुर महाबीज कंपनी महिदपुर के विरुद्ध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
कृषि उपज मंडी सचिव को मूल विभाग में वापस करना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
25. ( क्र. 266 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) कृषि उपजमंडी सतना में पदस्थ सचिव का मूल विभाग बतावें, वे प्रतिनियुक्ति उपरांत किस मण्डी में कब से कब तक पदस्थ रहे? उक्त पदस्थापना अवधियों में उन्हें क्या-क्या दण्डादेश दिये गये? दण्डादेशों की प्रति उपलब्ध कराते हुये बतावें कि क्या सभी दण्ड सेवा पुस्तिका में दर्ज हैं? दर्ज दण्ड के पृष्ठ की प्रति दें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) सचिव ने वर्ष 2018-19 में उज्जैन मण्डी पदस्थापना अवधि में लहसुन एवं प्याज के भावान्तर भुगतान योजना में व्यापक कूटरचना कर शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुँचाई है जिसकी जाँच प्रचलन में है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे दागी मंडी सचिव को मंडी बोर्ड के किस आदेश क्रमांक दिनांक से मूल विभाग को क्यों और किस कारण वापस किया गया और फिर किन कारणों से वापस लिया तथा ऐसे सेवक को प्रतिनियुक्ति में लेने एवं बनाये रखने के क्या नियम निर्देश हैं? उपलब्ध करावें। (घ) क्या उक्त सचिव को माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के दो वर्ष बाद प्रतिनियुक्ति से वापस किया गया था? विलम्ब का कारण स्पष्ट करें और इसके लिये कौन उत्तरदायी है, यह भी बतायें। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में उक्त सचिव को उनके मूल विभाग को कब तक वापस किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतायें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) वर्तमान में कृषि उपज मंडी समिति, सतना में पदस्थ सचिव श्री राजेश गोयल का मूल संस्था एम.पी.स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड है। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में श्री राजेश गोयल सचिव की प्रतिनियुक्ति पर विभिन्न पदस्थापनाओं एवं उसकी अवधि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। श्री गोयल के दण्ड आदेशों का विवरण एवं प्रति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। इन दण्ड आदेशों की प्रविष्टियां सेवा पुस्तिका में की गई है, तत्संबंधी सेवापुस्तिका के पृष्ठों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''स'' अनुसार है। (ख) सचिव, कृषि उपज मंडी समिति उज्जैन के विरूद्ध प्रश्नागत शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अपितु श्री प्रवीण कुमार ग्रेडर मंडी समिति उज्जैन के विरूद्ध प्रश्नांश अवधि में लहसून/प्याज भावान्तर योजना में भर्जी बिल बनाकर शासन को करोड़ों रूपये की हानि पहुँचाने संबंधी शिकायत प्राप्त हुई है, जिसकी जाँच प्रचलन में है। (ग) माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर की याचिका क्रमांक-10696/2015 के आदेश दिनांक 24.07.2017 से खारिज हो जाने पर म.प्र.राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 09.09.2019 से श्री राजेश गोयल सचिव की प्रतिनियुक्ति सेवा पैतृक संस्था एम.पी.स्टेट को-आपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड को वापस की गई थी, जिसे म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के आदेश दिनांक 20.11.2019 से निरस्त करते हुये प्रशासनिक आधार पर सचिव, कृषि उपज मंडी समिति सतना पदस्थ किया गया है। म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड के सेवा विनियम 6 (2) अन्तर्गत निर्धारित प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया तथा परिपत्र दिनांक 05.05.2009 के साथ ही म.प्र.शासन सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप दिनांक 29 फरवरी 2008 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''द'' अनुसार है। (घ) म.प्र. राज्य कृषि विपणन बोर्ड में प्रतिनियुक्ति अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवाएं निरंतर रखने/वापस करने हेतु गठित समिति की बैठक दिनांक 26.12.2017 में भावांतर भुगतान योजना के कार्य हेतु म.प्र. दुग्ध संघ के अन्य कर्मचारियों के साथ श्री राजेश गोयल सचिव की प्रतिनियुक्ति अवधि में वृद्धि के कारण उनकी प्रतिनियुक्ति सेवा वापस नहीं की गई। उक्त परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) श्री राजेश गोयल सचिव, कृषि उपज मंडी समिति सतना की प्रतिनियुक्ति अवधि में उत्तरांश (घ) अनुसार वृद्धि की गयी है। अत: शेष प्रश्न उद्भूत नहीं होती है।
सतना पन्ना राष्ट्रीय/राज्य मार्ग अवरूद्ध करने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
26. ( क्र. 268 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना-पन्ना राष्ट्रीय/राज्य मार्ग सड़क के दोनों ओर नेक्शा एजेन्सी अमौधा के सामने रेत-बालू के भरे ट्रक व्यापार हेतु खडे करके यात्रियों का आवागमन प्रभावित किया जाता है, जिससे कई बार दुर्घटनायें भी हो चुकी हैं? यदि नहीं, तो यह बतावें कि सर्किट हाउस चौराहे से लेकर पेप्टेक सिटी के बीच में विगत 5 वर्षों में कितनी दुर्घटनायें हुई हैं जिनमें कितने लोग गंभीर रूप से घायल हुये हैं एवं कितने मृत्यु को प्राप्त हुये हैं? (ख) क्या उक्त मार्ग से अघोषित इस बालू मंडी को सोहावल मोड के आगे या अन्यत्र खुली जगह में परिवर्तित किये जाने के आदेश दिये जावेंगे? अगर हाँ तो कब तक, नहीं तो क्यों? (ग) उक्त सतना-पन्ना राष्ट्रीय/राज्य मार्ग सड़क के वर्णित स्थान में किस अधिकारी के आदेश से दोनों किनारों में बालू भरे ट्रक खड़े किये जाते हैं? क्या यह परिवहन नियमों के विरूद्ध नहीं है? अगर है तो ट्रक मालिकों एवं वाहन चालकों के विरूद्ध क्या और कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) शहीर क्षेत्र में सतना-पन्ना राष्ट्रीय/राज्य मार्ग जिला दण्डाधिकारी सतना के आदेशानुसार नो एंट्री क्षेत्र के अन्तर्गत आता है। ट्रकों को शहरी सीमा से बाहर सोहावल मोड़ में रोका जाता है। अमौधा शहरी सीमाक्षेत्र के नो एंट्री क्षेत्र में आता है, इस क्षेत्र में खतरनाक हालत में वाहन खड़ा होना पाए जाने पर नियमानुसार मोटर यान अधिनियम की धारा 122,177 के तहत 262 ट्रकों के विरूद्ध कार्यवाही की जाकर रूपये 1,31,000/- समन शुल्क वसूल किया गया। विगत 05 वर्षों में कुल 13 दुर्घटनाओं में 10 व्यक्तियों की मृत्यु एवं 10 व्यक्ति घायल हुए है। (ख) वर्तमान में उसकी आवश्यकता नहीं है। (ग) ट्रकों के लिए नो एंट्री क्षेत्र जिला दण्डाधिकारी सतना द्वारा घोषित किया गया है। मोटरयान अधिनियम की धारा 115/194 (2) के तहत नो एंट्री में प्रवेश करने वाले कुल 35 ट्रकों के विरूद्ध कार्यवाही कर 1,75,000/- रूपये समन शुल्क वसूल किया गया है।
पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
27. ( क्र. 287 ) श्री श्याम लाल द्विवेदी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नवीन पुलिस चौकी की स्थापना के लिए शासन के नियत मापदंड क्या हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में दिये गए मापदंड के अनुसार पुलिस थाना चाकघाट क्षेत्र के अंतर्गत स्थित ग्राम कोरांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना किया जाना क्या उचित है? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में प्रश्नांकित गाँव कोरांव में अपेक्षित नवीन पुलिस चौकी की स्थापना से इस क्षेत्र की सुरक्षा सुदृढ़ होगी साथ ही यह समूचा क्षेत्र उत्तर प्रदेश सीमा से लगा होने के कारण अत्यधिक महत्वपूर्ण है, यदि हाँ, तो क्या यहाँ नवीन पुलिस चौकी की स्थापना लोकहित में आवश्यक है? (घ) यदि हाँ, तो क्या ग्राम कोरांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार। (ख) चाकखाट क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोरांव में नवीन पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से प्रस्ताव अमान्य किया गया। (ग) ग्राम कोरांव व इस क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पूर्ण रूप से की जा रही है एवं कानून व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में रहती है व निकटतम थाना चाकघाट द्वारा पुलिस गश्त ड्यूटी की जाती है। (घ) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थिति नहीं होता।
त्योंथर तहसील अंतर्गत कटरा में पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
28. ( क्र. 288 ) श्री
श्याम लाल
द्विवेदी : क्या
गृह मंत्री
महोदय यह
बताने की कृपा
करेंगे कि (क)
नवीन पुलिस
चौकी की
स्थापना के
लिए शासन के
नियत मापदंड
क्या है?
(ख)
प्रश्नांश
(क) में दिए गए
मापदंड
अनुसार पुलिस
थाना गढ़
क्षेत्र
अंतर्गत ग्राम
कटरा जो,
कि
राष्ट्रीय
राजमार्ग 30 पर
स्थित प्रमुख
बाज़ार है, में
नवीन पुलिस
चौकी की
स्थापना किये
जाने की कार्यवाही
की जावेगी? (ग) क्या
प्रश्नांश (ख) में
प्रश्नांकित
ग्राम कटरा
में नवीन
पुलिस चौकी की
स्थापना से इस
क्षेत्र की
सुरक्षा सुदृढ़
होगी क्योंकि
यह क्षेत्र
राष्ट्रीय
राजमार्ग पर
स्थित प्रमुख
बाजार के रूप
में विकसित है
तथा संबंधित
क्षेत्र में
सम्मिलित गाँवों
की आबादी की
दृष्टि से लोक
हित में नवीन
पुलिस चौकी की
स्थापना
आवश्यक है? (घ) यदि
हाँ, तो, क्या
ग्राम कटरा
में नवीन
पुलिस चौकी की
स्थापना करेंगे?
गृह
मंत्री ( श्री
बाला बच्चन ) : (क) जानकारी
पुस्तकालय
में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) से (घ) जी
हाँ। प्रस्ताव
आगामी चरण की
बलवृद्धि के
प्रस्ताव
में शामिल
किया जा रहा
है।
गंजबासौदा कृषि उपज मंडी समिति का संचालन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
29. ( क्र. 293 ) श्री विष्णु खत्री : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गंजबासौदा में नवीन कृषि उपज मण्डी प्रांगण कितनी राशि की लागत से किस वित्त वर्ष में स्वीकृत हुआ? निविदा की प्रति दी जावे तथा क्या-क्या निर्माण कार्य कराये गये जानकारी के साथ कार्य पूर्ण होने की समय-सीमा बताई जावें। (ख) क्या नवीन कृषि उपज मण्डी समिति का निर्माण शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू से चलाने एवं होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु किया गया था? यदि हाँ, तो नवीन मण्डी निर्माण का कार्य पूर्ण होने के उपरान्त भी आज दिनांक तक मण्डी का कार्य संचालन प्रारंभ न होने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार नवीन मण्डी प्रारंभ न होने से यातायात की कठिनाईयों को देखते हुये नवीन मण्डी में मण्डी संचालन न होने के कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं नामवार जानकारी देवें। संबंधित दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी तथा नवीन मण्डी का संचालन कब तक किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) नवीन कृषि उपज मण्डी प्रांगण गंजबासौदा में वित्तीय वर्ष 2007-08 में प्रकाशित अधिसूचना दि. 13.09.2007 से स्वीकृत की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नवीन मण्डी प्रांगण गंजबासौदा की प्रीमियम राशि रू. 15,25,645.00 जमा किये गये हैं तथा वार्षिक भू-भाटक की राशि प्रति वर्ष राशि रू. 1,14,423.00 जमा कराई जाती है। नवीन मंडी प्रांगण में वर्तमान तक कुल स्वीकृत 44 निर्माण कार्यों की लागत राशि रूपये 3029.22 लाख स्वीकृत है, जिसमें से 02 निर्माण कार्य प्रगतिरत है। स्वीकृत कार्यों की वित्तीय वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) जी नहीं। कृषि उपज मंडी समिति, गंजबासौदा ''क'' प्रवर श्रेणी की मंडी है। वर्तमान में 458 अनुज्ञप्तिधारी व्यापारी है जिनमें से 177 व्यापारियों को नवीन मंडी प्रांगण में प्लाट आवंटन किये गये है, जिनमें से 04 व्यापारी द्वारा अपनी गोदाम तैयार की गई है, शेष व्यापारियों द्वारा प्लाट में गोदाम निर्माण किये जाने की कार्यवाही की जा रही है। नवीन मंडी प्रांगण में रबी एवं खरीफ सीजन में कृषि उपज की भारी मात्रा में आवक होती है तथा दोनों सीजन पर नीलामी का कार्य नवीन मंडी प्रांगण में संचालन किया जाता है। (ग) उत्तरांश ''ख'' अनुसार। नवीन मंडी प्रांगण में व्यापारियों द्वारा शॉप कम गोदाम का निर्माण तथा विद्युत एवं पेयजल की व्यवस्था पूर्ण होने पर विधिवत् कार्य का संचालन किया जावेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।शेष का प्रश्न ही नहीं।
जानकारी समय पर उपलब्ध न कराने वालों पर कार्यवाही
[गृह]
30. ( क्र. 307 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा पत्र क्र. 26 दिनांक 18.01.2020 के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षक रीवा रेंज रीवा को दिनांक 20.01.2020 को कार्यालय में चरित्र प्रमाण पत्रों के संबंध में जानकारी बावत् पत्र दिया गया लेकिन जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गई, क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में पुलिस महानिरीक्षक रीवा रेंज रीवा द्वारा पुलिस अधीक्षक सिंगरौली, सीधी, रीवा एवं सतना जिले को जानकारी उपलब्ध कराये जाने बावत् कब-कब पत्र लिखे गये, पत्र की प्रति दें अगर पत्र जारी नहीं किये गये तो इसके लिये किनको जिम्मेदार मानकर किन-किन पर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे? अगर पत्र जारी किये गये तो संबंधितों द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तो उन पर क्या कार्यवाही किस पर करेंगे? अगर नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के तारतम्य में पुलिस महानिरीक्षक रीवा रेंज रीवा द्वारा संबंधित पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किये गये व पुलिस अधीक्षकों द्वारा भी संबंधित जिम्मेदारों को पत्र जारी किये लेकिन उनके द्वारा भी चाही गई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई तो इसके लिये इन जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के क्रमश: जिम्मेदारों द्वारा नियम विपरीत एवं शासन के मापदण्डों से हटकर बगैर दस्तावेज जो निर्धारित किये गये चरित्र प्रमाण पत्र जारी किये गये जिसके कारण जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहे इसके लिये चरित्र प्रमाण पत्रों का सत्यापन करा कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही फर्जी दस्तावेज तैयार करने की धाराओं को लगाकर अपराध पंजीबद्ध करायेंगे एवं प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) की जानकारी न देने वालों पर किस तरह की कार्यवाही करेंगे बतावें? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) माननीय विधायक महोदय के पत्र क्र.26 दिनांक 18.01.2020 के संदर्भ में पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन द्वारा संबंधित जानकारी देने हेतु पुलिस अधीक्षक रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली को पत्र क्र. एम-175/2020 दिनांक 23.01.2020 को पत्र जारी करते हुए जानकारी सीधे माननीय विधायक महोदय को भेजने हेतु निर्देशित किया गया है। (ख) पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन ने माननीय विधायक महोदय द्वारा चाही गई जानकारी उपलब्ध कराने हेतु पुलिस अधीक्षक, रीवा, सतना, सीधी एवं सिंगरौली को दिनांक 23.01.2020 को पत्र एवं स्मरण पत्र दिनांक 22.02.2020 को लिखे गए। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ एवं ‘ब’ अनुसार है। (ग) एवं (घ) संबंधित पुलिस अधीक्षक द्वारा विधायक महोदय को निम्न पत्र क्र. से जानकारी उपलब्ध कराई गई:- 1.पु.अ. रीवा द्वारा पत्र क्र./जिविशा/रीवा/सा./173-ए/2020 दि.29.2.2020, 2. पु.अ. सतना द्वारा पत्र क्र./जिविशा/सतना/20 (117) दि.01.02.20, 3. पु.अ.सीधी द्वारा पत्र क्र./जिविशा/ सीधी/97 दि.28.01.20 को ई-मेल से, 4. पु.अ. सिंगरौली द्वारा पत्र क्र./जिविशा/सिंगरौली/97 दि.02.03.20 को ई-मेल से, चरित्र प्रमाण-पत्र नियमानुसार जारी किए जाते हैं।
किसान ऋण माफी घोषणा का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
31. ( क्र. 379 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा किसान ऋण माफी योजना के तहत कितने किसानों का/एवं कितनी राशि का ऋण माफ करने का लक्ष्य था? (ख) प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कितने किसानों का एवं कितनी राशि का ऋण सरकार द्वारा माफ किया गया है एवं कितना शेष है। किसानों की ऋण माफी नहीं होने के कारण बैंकों के द्वारा किसानों को नोटिस जारी किया जा रहा है? (ग) क्या मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 में किसान ऋण माफी हेतु कितने बजट का प्रावधान किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) में वर्णित शेष किसानों का जिनका ऋण माफ होना है कब तक उनके बैंक ऋण के खातों राशि में जमा होगी एवं क्या समय पर ऋण माफी नहीं होने के कारण किसानों पर लगने वाले ब्याज की माफी भी सरकार करेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) म.प्र. सरकार द्वारा किसानों को ऋणमाफी के तहत प्राप्त किसानों का पात्रतानुसार ऋण माफी करने का लक्ष्य है। (ख) प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 2672316 ऋण खातों किसानों का एवं रू. 11,509.62 करोड़ राशि का ऋण ऋणमाफ स्वीकृत किया गया एवं पात्र किसानों की ऋण माफी की जा रही है किसानों की ऋण माफी नहीं होने के कारण बैंक द्वारा नोटिस जारी किये जाने संबंधी जानकारी विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। (ग) म.प्र. सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 में राशि रू. 5000=00 करोड़ एवं वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि रू. 8000=00 करोड़ प्रावधानित किए गये है। (घ) योजना के प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जावेगी।
बैतूल जिले में नर्सरी उन्नयन हेतु रोपणी की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
32. ( क्र. 386 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिलें में नर्सरी उन्नयन के तहत 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि के लिए किस-किस रोपणी का चयन किया गया तथा उन पर कितनी-कितनी राशि का व्यय कब-कब किस किस कार्य के लिए किया गया। (ख) उपरोक्त नर्सरी उन्नयन योजनांतर्गत कितनी-कितनी मात्रा में सामग्री किस-किस संस्था से कब-कब क्रय की गई। फर्म का नाम, क्रय की गई सामग्री एवं सामग्री का मूल्य एवं मात्रा की सूची उपलब्ध करावे। (ग) उपरोक्त नर्सरियों के उन्नयन हेतु व्यय की गई राशि से उन्नयन हेतु क्रय सामग्री से किस-किस नर्सरी के विकास में क्या-क्या लाभ हुआ है। नर्सरी का नाम व्यय राशि एवं लाभ का प्रकार बताये। यदि लाभ नहीं हुआ है तो क्यों? इसके लिए कौन जिम्मेदार है एवं उसके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है या की जा रही है यदि नहीं, की जा रही है तो क्यों? (घ) उपरोक्त नर्सरियों हेतु क्रय की गई सामग्री का उपयोग संबंधित नर्सरी उन्नयन कार्य में पूर्ण रूप से किया गया है या नहीं अगर नहीं किया गया है तो क्यों। इससे शासन की राशि का समय पर उपयोग न होने के लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार है तथा उनके विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है अगर नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) शासकीय संजय निकुंज सीताडोंगरी विकासखण्ड चिचोली रोपणी का चयन किया गया है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार है। (ग) शासकीय संजय निकुंज सीताडोंगरी नर्सरी में विकास हुआ है। संबंधित नर्सरी की सिंचाई व्यवस्था में सुधार यंत्रीकरण के उपयोग से कार्य क्षमता में वृद्धि एवं रोपणी प्रबंधन में आसानी होने से पौध उत्पादन क्षमता वर्ष 2017-18 में 10292 से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 31903 हुई। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) जी हाँ। सामग्री का पूर्ण उपयोग नर्सरी विकास कार्य में किया गया है। शेष का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
विभाग में पदस्थ उप संचालकों की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
33. ( क्र. 387 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में कितने सहायक संचालकों को जिलों में उप संचालक पद पर पदस्थ किया गया है वर्तमान में जिलों में पदस्थ उप संचालकों की पदस्थापना दिनांक एवं नाम बताये। (ख) उपरोक्तानुसार सूची में से कितने उप संचालकों की सेवा अवधि दो वर्ष से अधिक होने के उपरांत भी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई है। परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं करने का कारण बताये एवं नाम वर्तमान पदस्थापना एवं नियुक्ति दिनांक बताये। (ग) क्या इनमें से बैतूल में पदस्थ उपसंचालक के विरूद्ध बैतूल में पदस्थता दिनांक से आज दिनांक तक शिकायतें प्राप्त हुई है यदि हाँ, तो समस्त प्रकार की शिकायतों का विवरण एवं शासन द्वारा कराई गई जाँच का प्रतिवेदन एवं की गई कार्यवाही का विवरण शिकायतकर्ता का पत्र एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही की रिपोर्ट उपलब्ध कराये।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रदेश में 12 सहायक संचालक उद्यान को प्रभारी उप संचालक उद्यान के पद पर पदस्थ किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) एक प्रभारी उप संचालक उद्यान (सहायक संचालक उद्यान) की सेवा अवधि 02 वर्ष से अधिक होने के उपरांत भी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई है। डॉ. आशा उपवंशी वासेवार, सहायक संचालक उद्यान (प्रभारी उप संचालक उद्यान जिला बैतूल) को निलंबित कर आरोप पत्र जारी किये जाने, लोकायुक्त जाँच प्रचलित होने एवं समयावधि में लेखा परीक्षा उत्तीर्ण न करने के कारण उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त नहीं की गई है। वर्तमान में प्रभारी उप संचालक उद्यान जिला बैतूल में पदस्थ हैं और उनकी नियुक्ति दिनांक 14.08.2014 है। (ग) जी हाँ। शिकायतों की जाँच कराई जा रही है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
प्रधानमंत्री सड़क के घटिया निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
34. ( क्र. 399 ) श्री
बीरेन्द्र
रघुवंशी : क्या
पंचायत
मंत्री महोदय
यह बताने की
कृपा करेंगे
कि (क) क्या
कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र में
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजनांतर्गत
ग्राम बसाई से
किशनपुर के
सड़क मार्ग का
निर्माण
कार्य पूर्ण
हो चुका है? यदि हाँ, तो किस
दिनांक को? क्या
संबंधित
ठेकेदार को
निर्माण
कार्य लागत की
पूर्ण राशि का
भुगतान कर
दिया गया है? यदि
कार्य अपूर्ण
है तो कार्य
पूरा करने
हेतु क्या
अवधि
निर्धारित की
गई है? इस
मार्ग की कुल
लंबाई व लागत
क्या है व किस
ठेकेदार
द्वारा सड़क
का निर्माण
किया गया है? (ख) प्रश्नांश
(क) अनुसार
क्या ग्राम
बसाई से
किशनपुर के
मध्य नव
निर्मित
प्रधानमंत्री
सड़क घटिया
निर्माण के
चलते खराब
होकर उखड़ गई
है? क्या
प्रश्नकर्ता
द्वारा उक्त
नव-निर्मित सड़क
मार्ग के
घटिया
निर्माण के
कारण खराब हो
जाने संबंधी
की गई शिकायत
विभाग को
प्राप्त हुई
है? क्या
उक्त शिकायत
उपरांत सड़क
मार्ग की
मरम्मत/पुनर्निर्माण
करा दिया गया है? (ग) यदि
नहीं, तो
विभाग द्वारा
अब तक इस
संबंध में
क्या कार्यवाही
की गई है?
कब
तक उक्त सड़क
मार्ग की
मरम्मत/पुनर्निर्माण
किया जावेगा?
पंचायत
मंत्री ( श्री
कमलेश्वर
पटेल ) : (क) कोलारस
विधानसभा
क्षेत्र में
ग्राम बसाई से
किशनपुर
मार्ग का
निर्माण
प्रधानमंत्री
ग्राम सड़क
योजनांतर्गत
न होकर
एम.पी.आर.सी.पी. योजना
के अंतर्गत
किया गया है, सड़क
निर्माण का
कार्य दिनांक 31.12.2019 को
पूर्ण हो चुका
है एवं भुगतान
शेष है। उक्त
मार्ग की कुल
लम्बाई 4.829
कि.मी. एवं
लागत रू 95.02
लाख है तथा
मार्ग का
निर्माण
कार्य मैसर्स
अनिल
कंस्ट्रक्शन
कंपनी
शिवपुरी
द्वारा किया
गया है। (ख) जी
नहीं, सड़क
का निर्माण
निर्धारित
मापदंडानुसार
पूर्ण कराया
गया था। जी
हाँ प्रश्नकर्ता
की शिकायत
म.प्र.
ग्रामीण सड़क
विकास प्राधिकरण
परियोजना
क्रियान्वयन
इकाई क्र. 1
शिवपुरी में
प्राप्त हुई
थी। लोक
निर्माण
विभाग द्वारा
निर्माणाधीन
लुकवासा से
राजस्थान
राज्य सीमा तक
कराये जा रहे
मार्ग निर्माण
हेतु
निर्धारित
सीमा से अधिक
भार के वाहन से
सामग्री
परिवहन के
कारण सड़क का
कुछ भाग क्षतिग्रस्त
हुआ था, जिसे
संबंधित
ठेकेदार
द्वारा ठीक
किया गया है। (ग) उत्तरांश
(ख) के
परिप्रेक्ष्य
में शेष प्रश्न
उपस्थित नहीं
होता।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से स्वीकृत सड़कों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
35. ( क्र. 403 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत पात्रता के उपरान्त भी किन-किन ग्रामों में सड़कें स्वीकृत नहीं की गई? क्यों ग्रामवार कारण बतावें। उक्त ग्रामों में सड़कें कब तक स्वीकृत की जायेगी? (ख) प्रश्न दिनांक की स्थिति में स्वीकृत किन-किन सड़कों का कार्य अपूर्ण है तथा क्यों? सड़कवार कारण बताएं। कार्य कब तक पूर्ण होगा? (ग) स्वीकृत किन-किन सड़कों का कार्य अप्रारंभ है तथा क्यों? सड़कवार कारण बताएं। किन-किन सड़कों में वन व्यवधान, विद्युतपोल एवं तार की समस्या है, इन सड़कों हेतु अनुमति प्राप्त करने के लिये क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। विभागान्तर्गत वित्तीय संसाधन पूर्व स्वीकृत कार्यों हेतु आबद्ध होने से सड़कों की स्वीकृति किये जाने की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है।
स्वीकृत कृषि महाविद्यालय खोले जाने हेतु विभाग द्वारा की गई कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
36. ( क्र. 405 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के आदेश दिनांक 04.10.2018 के द्वारा पन्ना जिले में कृषि महाविद्यालय खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो महाविद्यालय खोले जाने हेतु विभाग द्वारा प्रश्न दिनांक तक कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कार्यवाहियों का विवरण उपलब्ध करावें। यदि नहीं, की गई तो क्यों? पन्ना जिले में कृषि महाविद्यालय कब तक खोला जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। मध्यप्रदेश शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के आदेश दिनांक 04-10-2018 के द्वारा पन्ना जिले में कृषि महाविद्यालय खोले जाने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) विभाग द्वारा पन्ना जिले में कृषि महाविद्यालय खोले जाने हेतु प्रशासकीय निर्णय उपरांत समन्वय से बजट उपलब्धता होने तक लम्बित रखे जाने का निर्णय लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनपद पंचायत गोटेगाँव की ग्राम पंचायतों में किये गये निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
37. ( क्र. 407 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत गोटेगाँव की ग्राम पंचायत इमलिया (कमती), ग्राम पंचायत सिलारी एवं ग्राम पंचायत कूसीवाड़ा एवं जनपद पंचायत नरसिंहपुर की ग्राम पंचायत रीछई में वर्ष 2015-16 से आज दिनांक तक मनरेगा योजनान्तर्गत कौन-कौन से निर्माण कार्य किस-किस मद में कितनी-कितनी लागत के पूर्ण कराए गए एवं कितने कार्य अपूर्ण स्थिति में है? (ख) उक्त सभी कार्यों के कार्य की श्रेणीवार जारी पूर्णता प्रमाण-पत्र की संख्या बतलावें। (ग) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा उक्त ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों में हो रही अनियमितताओं की जाँच बावत् कलेक्टर नरसिंहपुर को पत्र प्रेषित किया था? यदि हाँ, तो क्या जाँच की गई संपूर्ण अद्यतन स्थिति का विवरण देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी प्रश्न के भाग (क) अनुसार है। (ग) जी हाँ, उक्त के संबंध में सहायक यंत्री, जनपद पंचायत करेली को ग्राम पंचायत रीछई के निर्माण कार्यों की जाँच हेतु दिनांक 09.10.2019 को आदेशित किया गया। जाँच प्रतिवेदन अनुसार अनियमितता में निर्माण एजेन्सी पर राशि रूपये 1,68,734/- की वसूली अधिरोपित की गई। जिला पंचायत नरसिंहपुर द्वारा सरपंच श्रीमती रूकमणी, ग्राम पंचायत रीछई को राशि रूपये 84,367/- एवं सचिव श्रीमती मनीषा विश्वकर्मा को राशि रूपये 84,367/- की वसूली की राशि जमा करने हेतु दिनांक 14.02.2020 को पत्र द्वारा सूचित किया गया। इस संबंध में सरपंच श्रीमती रूकमणी व सचिव श्रीमती मनीषा विश्वकर्मा द्वारा ग्राम पंचायत रीछई के खाता क्रमांक 1810510560 में दिनांक 03.02.2020 को राशि रूपये 84,500/- एवं रूपये 84,370/- कुल राशि रूपये 1,68,870/- जमा की गई है।
नरसिंहपुर जिले में पंजीबद्ध अपराधों की जानकारी
[गृह]
38. ( क्र. 408 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2019-20 में नरसिंहपुर जिले में कितने, हत्या, बलात्कार, चोरी लूट, डकैती, नशीले पदार्थ (स्मैक आदि) बेचने के अपराध पंजीबद्ध किए गए वर्षवार, थानावार जानकारी अपराध क्र.सहित प्रदान करें। (ख) वर्ष 2019-20 में जिला नरसिंहपुर में महिला उत्पीड़न, दहेज प्रथा के कितने मामले पंजीबद्ध हुए जानकारी देवें। उक्त कितने मामले न्यायालयों में चल रहे है? कितने मामलों में समझौता हुआ संपूर्ण जानकारी अपराध क्र. सहित देवें। (ग) नरसिंहपुर जिले में तलाक के कितने मामले हुए एवं कितनो में तलाक हुआ? (घ) उक्त तलाक के प्रकरणों की रोकथाम हेतु क्या-क्या उपाय किए जा रहे है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) वर्ष 2019-20 में नरसिंहपुर जिले में हत्या के 45, बलात्कार के 70, चोरी के 249, लूट के 06, डकैती के 02 एवं नशीले पदार्थ (स्मैक, गांजा आदि) के 89 मामले, इन सभी शीर्षों के कुल 451 मामले पंजीबद्ध है जिसकी सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) वर्ष 2019-20 में नरसिंहपुर जिले में महिला उत्पीड़न के कुल 672 प्रकरण पंजीबद्ध है जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
व्यापम घोटले से संबंधित शिकायतों की जाँच
[गृह]
39. ( क्र. 412 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम घोटाले से सम्बंधित 197 शिकायतों पर STF द्वारा जाँच तथा अनुसंधान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो अभी तक उनमें से कितनी शिकायतों की विवेचना पूर्ण होकर उत्तर दिनांक तक उनमें से कितनी शिकायतों पर प्रकरण दर्ज हुए कितनी नस्तीबद्ध हुई, कितनी शिकायतों पर प्रकरण दर्ज हुआ तथा कितनी शिकायतें उत्तर दिनांक तक विवेचना में शामिल है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दर्ज प्रकरणों के क्रमांक, दिनांक, धाराएँ तथा आरोपी के नाम, पिता का नाम तथा निवास के पते सहित सूची देवें तथा बतावें कि कुल आरोपी कितने है तथा किस-किस आरोपी को किस दिनांक को गिरफ्तार किया गया? (ग) क्या पूर्व विधायक पारस सकलेचा की शिकायत पर विवेचना तथा अनुसंधान प्रारम्भ हो गया है? यदि हाँ, तो बतावें कि उनके बयान के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह तथा अन्य की व्यापम घोटाले में भूमिका की जाँच प्रारम्भ हुई है, या नहीं? क्या बयान में उल्लेखित गुमनाम पत्र की जाँच हुई है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित शिकायत में किस-किस अधिकारी की जाँच हेतु उल्लेख किया गया है, सूची देवें तथा बतावें कि शिकायत के किस-किस बिन्दु पर फिलहाल जाँच, विवेचना तथा अनुसंधान किया जा रहा है।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जी हाँ। जाँच पर से 15 अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं तथा 60 शिकायतें नस्तीबद्ध हुई हैं, शेष शिकायतें जाँचरत हैं। दर्ज प्रकरणों की सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) पूर्व विधायक श्री पारस सकलेचा की शिकायत जाँच में है। जाँच प्रचलन में है। (घ) शिकायत वर्तमान में जाँचाधीन है। अतः विस्तृत जानकारी दिया जाना विधि सम्मत नहीं होगा।
सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों का पुनर्वास
[नर्मदा घाटी विकास]
40. ( क्र. 415 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरदार सरोवर परियोजना द्वारा म.प्र. के विस्थापितों के पुनर्वास हेतु 60 लाख रूपए का भुगतान करने का आदेश सर्वोच्च अदालत द्वारा 8 फरवरी 2017 को दिया गया है? क्या शिकायत निवारण प्राधिकरण ने भी विस्थापितों को बतौर मुआवजा 60 लाख रूपए भुगतान करने का आदेश दिया है? उक्त परियोजना द्वारा प्रदेश के कितने विस्थापितों को 60 लाख रूपए का भुगतान किन शर्तों-नियमों के तहत कर दिया गया है? कितने विस्थापितों का पुनर्वास होना शेष है? नाम-पता एवं मुआवजा राशि सहित सूची उपलब्ध कराएं। (ख) क्या मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कवठी के विस्थापित किए गए 25 परिवारों एवं ग्राम गंगली के 12 परिवारों को प्रश्न दिनांक तक मुआवजा नहीं दिया गया है? यदि हाँ, तो कारण बताएं, यदि नहीं, तो उक्त दोनों ग्रामों के विस्थापितों एवं पुनर्वास पा चुके व्यक्तियों की सूची अलग-अलग प्रस्तुत करें। (ग) मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कवठी एवं ग्राम गंगली के समस्त विस्थापितों का प्रश्न दिनांक तक पुनर्वास नहीं किए जाने के लिए किसकी क्या जवाबदेही तय की गई है? क्या कार्रवाई की गई है? यदि नहीं, की गई है तो कारण बताएं। (घ) ग्राम कवठी एवं ग्राम गंगली को उक्त विस्थापित परिवारों को 60 लाख रूपए कब तक भुगतान कर दिया जाएगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। सरदार सरोवर परियोजना के ऐसे 725 पात्र विस्थापित परिवार जिन्हें NWDT अवार्ड के प्रावधान अनुसार देय वैकल्पिक भूमि आवंटन की पात्रता का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं हुआ था, उन्हें विभाग द्वारा फुल एवं फाईनल सेटलमेंट के रूप में प्रति विस्थापित परिवार को रूपये 60.00 लाख का भुगतान किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) ग्राम कवठी एवं ग्राम गांगली के विवादित मामलों को छोड़कर शेष पात्र परिवारों को उनकी अर्जित संपत्ति का मुआवजा भुगतान किया जा चुका है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' एवं ''स'' अनुसार है। (ग) विवादित प्रकरणों को छोड़कर शेष को पुनर्वास लाभ दिये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कीटनाशकों के भूमि पर प्रभावों का सर्वे
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
41. ( क्र. 431 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा होशंगाबाद जिले में कीटनाशकों के भूमि पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्यांकन करने हेतु कलेक्टर होशंगाबाद को पत्र क्र. 197 दि. 14.10.2019 के संबंध में कलेक्टर द्वारा सह संचालक, जोनल कृषि अनुसंधान केन्द्र, पवारखेड़ा, जिला होशंगाबाद को अपने पत्र क्र. 7162 दिनांक 02.11.2019 से दो बिन्दुओं पर जाँच हेतु लिखा गया था? (ख) क्या पत्र में उल्लेखित दो बिन्दुओं पर जाँच की गयी। यदि हाँ, तो किनके द्वारा किस-किस क्षेत्र में कब-कब? (ग) मूल्यांकन में कौन से परिणाम प्राप्त हुए? (घ) यदि मूल्यांकन नहीं किया गया तो कब तक किया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (घ) कालान्तर एवं वर्तमान में आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र पवारखेडा (होशंगाबाद) में कीटनाशकों के भूमि पर पड़ने वाले प्रभाव का मूल्याकंन संबंधी कोई भी अनुसंधान परियोजना कार्यरत/संचालित नहीं है। अत: प्रश्नांतर्गत वांछित मूल्यांकन कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा नहीं किया जा सकता।
वृहताकार समिति रायपुर की शिकायत पर कार्यवाही
[गृह]
42. ( क्र. 432 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वृहताकार सहकारी समिति मर्यादित, रायपुर, तहसील व जिला होशंगाबाद के प्रभारी सहायक समिति प्रबंधक ओमप्रकाश शर्मा एवं सहायक समिति प्रबंधक दिनेश चन्द्रौल के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतु दिनांक 14.08.2018 को देहात थाना होशंगाबाद में आवेदन प्राप्त हुआ? यदि हाँ, तो किसके द्वारा एवं किन कारणों से? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित आवेदन के संबंध में प्रकरण दर्ज किया गया है? यदि हाँ, तो किन धाराओं में किस दिनांक को? यदि नहीं, तो क्यों? (ग) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा जनवरी/फरवरी 2020 में भी पुलिस अधीक्षक होशंगाबाद को पत्र लिखकर कार्यवाही का अनुरोध किया गया था? यदि हाँ, तो इस संबंध में क्या कार्यवाही की गयी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, आवेदक राजेन्द्र कुमार पालीवाल, समिति प्रबंधक, वृहताकार सहकारी समिति मर्यादित, रायपुर एवं बसंत कुमार दीक्षित, पर्यवेक्षक, शाखा कृषि होशंगाबाद द्वारा वृहताकार सहकारी समिति मर्यादित, रायपुर के तत्कालीन प्रभारी समिति प्रबंधक ओमप्रकाश शर्मा एवं सहायक समिति प्रबंधक दिनेश चन्द्रौल द्वारा पद पर रहते हुए वित्तीय अनियमितता करने के संबंध में आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है। (ख) एवं (ग) जी हाँ, धारा 420,467,468 एवं 471 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दिनांक 06.03.2020 को।
रमखिरिया कटरा मार्ग पर पुल निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 445 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 230 दिनांक 17/12/19 में अवगत कराया गया था, कि कटरा रमखिरिया मार्ग पर स्टापडेम कम काजवे के निर्माण हेतु 2.00 करोड़ का प्राक्कलन तैयार किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) प्राक्कलन अनुसार कब निविदा जारी की जायेगी एवं कब तक कार्य प्रारंभ कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग अंतर्गत उपलब्ध आवंटन पूर्व स्वीकृत कार्य हेतु आबद्ध होने से कार्य की प्रशासकीय स्वीकृति जारी नहीं हुई है। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होता।
जावर-सिहाड़ा उद्वहन परियोजना
[नर्मदा घाटी विकास]
44. ( क्र. 448 ) श्री देवेन्द्र वर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खण्डवा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जावर-सिहाड़ा उद्वहन परियोजना की स्वीकृति किस दिनांक को जारी की गई थी? (ख) उक्त परियोजना की स्वीकृत के समय इसकी लागत क्या थी वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में इस परियोजना के लिये कितना-कितना बजट स्वीकृत किया गया है? (ग) इस परियोजना के लिये किस निर्माण एंजेसी को कार्यादेश दिया गया है वर्तमान में इस योजना का कार्य कितने प्रतिशत पूर्ण हो चुका है? क्या उक्त कार्य को समय-सीमा में पूर्ण करने के लिये क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन द्वारा बैठक आयोजित की जाएगी? यदि हाँ, तो कब? (घ) इस परियोजना में कार्यादेश के अऩुसार इसकी कार्य पूर्णता की अवधि क्या है? क्या परियोजना का कार्य समय-सीमा में पूर्ण होगा? अगर नहीं तो इसे समय-सीमा में पूर्ण किये जाने के विभाग द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जावर उद्वहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति दिनांक 01/11/2018 को। (ख) रूपये 432.81 करोड़। वर्ष 2019-20 हेतु रूपये 116.39 करोड़ एवं वर्ष 2020-21 हेतु रूपये 240.00 करोड़। (ग) मेसर्स जी.व्ही.पी.आर. इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद। 26.89 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) 36 माह। कार्य समय-सीमा में पूर्ण करना लक्षित है। निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करने हेतु समय-समय पर निर्देश जारी किये जाते हैं।
व्यापम घोटाले की जाँच
[गृह]
45. ( क्र. 450 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या व्यापम घोटाले पर दर्ज 212 प्रकरण पर सी.बी.आई. जाँच चल रही है? यदि हाँ, तो सी.बी.आई. जाँच के चलते क्या एस.टी.एफ. व्यापम घोटाले के शेष प्रकरणों पर जाँच कर सकती है (ख) यदि हाँ, तो बतावें कि 9 जुलाई 2015 के बाद 4 साल तक एस.टी.एफ. ने व्यापम घोटाले के किन-किन प्रकरणों की जाँच, अनुसंधान अथवा विवेचना की है तथा कौन-कौन से प्रकरण किस दिनांक को दर्ज किए गए हैं l (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 204 दिनांक 18 फरवरी 2019 के खंड (क) का स्पष्ट उत्तर दिया जाए कि एस.आई.टी. ने ऐसा निर्देश दिया था या नहीं? यदि हाँ, तो उस पत्र की प्रति देवें l (घ) व्यापम घोटाले के शेष प्रकरणों पर वर्तमान में एस.टी.एफ. किन 197 शिकायतों पर जाँच कर रही है किसके आदेश पर कर रही है? आदेश की प्रति देवें तथा बतावे की जाँच को पूर्व में किसके आदेश से रोका गया था उसकी भी प्रति देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। एस.टी.एफ. द्वारा विभागीय मंत्री के आदेश दिनांक 03.09.2019 के तारतम्य में व्यापम घोटाले के उन प्रकरणों में जिनमें सी.बी.आई. द्वारा जाँच नहीं की जा रही है, पुनः जाँच प्रारंभ की गई है। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा 9 जुलाई 2015 को मान. सर्वोच्च न्यायालय की रिट याचिका क्रमांक 372/2015 में निर्णयानुरूप व्यापम संबंधी समस्त प्रकरण एवं जाँच केन्द्रीय जाँच ब्यूरो को हस्तांतरित की गई थी। विभागीय मंत्री के आदेश दिनांक 03.09.2019 के तारतम्य में 197 प्रकरणों की जाँच प्रारंभ की गई है। अब तक इस संबंध में 15 अपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार। (ग) प्रश्नांश के संबंध में चाही गयी जानकारी व्यापम घोटाले से संबंधित समस्त आपराधिक प्रकरण एवं दस्तावेजों को मान. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रिट याचिका क्रमांक 372/2015 में पारित निर्णय दिनांक 09.07.2015 के अनुसार सी.बी.आई. को हस्तांतरित किए जा चुके हैं। अतः प्रश्नांश की जानकारी प्रदाय किया जाना संभव नहीं है। (घ) व्यापम घोटाले के शेष 197 प्रकरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार की जाँच विभागीय मंत्री के आदेश के पालन में की जा रही है। आदेश की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘स’ अनुसार दिनांक 09.07.2015 से मान. सर्वोच्च न्यायालय की रिट याचिका क्रमांक 372/2015 में निर्णय के तारतम्य में व्यापम संबंधी शिकायतों की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा रोकी गई।
व्यापम घोटाले की जाँच
[गृह]
46. ( क्र. 451 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पिछले 5 वर्षों से सी.बी.आई. की जाँच के नाम पर व्यापम घोटाले की जाँच एस.टी.एफ. द्वारा क्यों और किसके आदेश पर रोकी गई? क्या जाँच रोकना कानूनन उचित था? यदि नहीं, तो जिम्मेदार अधिकारी का नाम बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार यदि सी.बी.आई. की जाँच के नाम पर व्यापम घोटाले की जाँच रोकना उचित था तो फिर सी.बी.आई. जाँच के चलते एस.टी.एफ. व्यापम घोटाले की जाँच कैसे कर रही है? एस.टी.एफ. का कदम पहले उचित था या अब उचित है? कारण सहित बतावें? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 204 दिनांक 18 फरवरी 2019 के खंड (ग) का स्पष्ट उत्तर देंवे कि 2009 से 2015 तक निजी चिकित्सा महाविद्यालय में स्टेट कोटे में पी.एम.टी. के माध्यम से भर्ती में फर्जीवाड़ा पाया गया था या नहीं? (घ) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 204 दिनांक 18 फरवरी 2019 के खंड (ग) के उत्तर में एस.टी.एफ. में कोई अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है को स्पष्ट करें की क्या अपराध न होने से या विवेचना में होने से कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया क्या प्रकरण पंजीबद्ध किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) व्यापम की जाँच मान. सर्वोच्च न्यायालय की रिट याचिका क्रमांक 372/2015 दिनांक 09.07.2015 में निर्णयानुरूप रोकी गई थी। जी हाँ। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) एस.टी.एफ. द्वारा विभागीय मंत्री के निर्देश दिनांक 03.09.2019 के तारतम्य में व्यापम घोटाले के उन प्रकरणों में जिनमें सी.बी.आई. द्वारा जाँच नहीं की जा रही, की जाँच पुनः प्रारम्भ की गई है। एस.टी.एफ. का पूर्व एवं वर्तमान का दोनों कार्य मान. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश एवं विभागीय मंत्री के निर्देश के अनुक्रम में उचित है। (ग) निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रवेश में फर्जीवाड़ें की जाँच मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही हेतु लंबित हैं। (घ) जी नहीं। प्रश्नांश (ग) के उत्तर अनुसार।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
47. ( क्र. 456 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से तेजगढ़-हिनौती सर्रा-पुरा-झलौन- बमनोदा-तारादेही मार्ग का निर्माण किया गया है जिसमें निर्माण एजेंसी द्वारा पुलिया एवं मार्ग निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य संबंधी पत्र प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा महाप्रबंधक, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना दमोह को प्रेषित किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्त पत्र में उल्लेखित बिंदुओं के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? यदि नहीं, तो अभी तक क्यों नहीं की गई है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जबेरा विधानसभा क्षेत्र में तेजगढ़-हिनौती सर्रा-पुरा-झलौन-बमनोदा-तारादेही मार्ग का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत किया गया है। परन्तु गुणवत्ताहीन कार्य संबंधी पत्र प्रश्नकर्ता सदस्य द्वारा महाप्रबंधक, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना दमोह को प्रेषित किया गया कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
पंचायत सचिव के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
48. ( क्र. 459 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2008 में तत्कालीन शासन में ग्राम पंचायत के सचिवों की सन् 2008 के पश्चात् मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने का नियम बनाया था? क्या यह नियम आज भी लागू है। (ख) यदि हाँ, तो जिलेवार जानकारी दें कि किस-किस जिले में कितने लोगों को प्रश्न दिनांक तक अनुकम्पा नियुक्ति दी जा चुकी है और कितने प्रकरण लम्बित है तथा उनका निराकरण कब तक कर लिया जायेगा? (ग) क्या शासन ग्राम पंचायत सचिवों को 7वां वेतनमान का लाभ देने, उनकी सेवायें विभाग सें संविलियन करने और उनको पंचायत समन्वयक अधिकारी के पद पर पदोन्नति हेतु वचनबद्ध हैं? यदि हाँ, तो शासन ने इस वचन का पालन अब तक क्यों नहीं किया है और शासन कब तक इस वचन का पालन कर लेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं, विभाग द्वारा अनुकंपा नियुक्ति हेतु आदेश वर्ष 2017 में जारी किया गया था, जो दिनांक 16.02.2018 के आदेश द्वारा किये गये संशोधन अनुसार 01 अप्रैल 2008 से प्रभावशील किया गया है, लागू है। (ख) जानकारी संकलित की जा रही है। (ग) विभाग के आदेश दिनांक 09.12.2019 द्वारा इस हेतु समिति का गठन किया जा चुका है।
कुण्डेश्वर धाम का समग्र विकास
[पर्यटन]
49. ( क्र. 485 ) श्री राकेश गिरि : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले के प्रसिद्ध पर्यटक एवं तीर्थक्षेत्र कुण्डेश्वर धाम के समग्र विकास हेतु जिला कलेक्टर द्वारा किसी समिति का गठन किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त समिति में कौन-कौन सदस्य हैं तथा समिति की कितनी बैठकें आहूत की गई? विकास की क्या कार्य योजना तैयार की गई? (ख) क्या कुण्डेश्वर धाम मेला परिसर में कतिपय दुकानदारों द्वारा अवैध रूप से अतिक्रमण कर दुकानें रख ली है? यदि हाँ, तो अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों के नाम व पता सहित सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या तारांकित प्रश्न क्रमांक 2006 दिनांक 15.07.2019 में चुनाव आचार संहिता प्रभावशील हो जाने के कारण अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका जवाब प्रस्तुत किया गया था? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) हाँ तो अब तक कुण्डेश्वर धाम मेला परिसर से दुकानदारों द्वारा किये गये अवैध अतिक्रमण को क्यों नहीं हटाया गया? उक्त अतिक्रमण कब तक हटा दिया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। समिति की दो बैठक आयोजित की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “ब” अनुसार। (ख) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “स” अनुसार। (ग) जी हाँ (घ) अतिक्रमण हटाने हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है।
किसानों की द्वितीय चरण की कर्ज माफी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 492 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजनांतर्गत कुल कितने किसानों के कितनी राशि के ऋण माफ किए जाने हैं? जिले में प्रथम चरण में कितने किसानों की कितनी राशि तक के ऋण माफ किए गए तथा द्वितीय चरण में कितने किसानों के कितनी राशि तक के ऋण माफ किए जाने हैं? द्वितीय चरण की ऋण माफी हेतु जिले की तहसीलों में कितना-कितना बजट प्राप्त हुआ है? समस्त जानकारी किसानों की संख्यावार तहसीलवार उपलब्ध करावें? प्रथम एवं द्वितीय चरण की ऋण माफी उपरांत कितने किसानों की ऋण माफ होना शेष रहेंगी तथा उनके ऋण माफ किए जाने हेतु कुल कितनी राशि की आवश्यकता है? जानकारी तहसीलवार उपलब्ध करावें। (ख) क्या शिवपुरी जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के द्वितीय चरण में तहसीलवार/विधानसभा क्षेत्रवार किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाना निश्चित हुआ है? यदि हाँ, तो जिला शिवपुरी में तहसीलवार ऋण माफी सम्मेलन के आयोजन हेतु निर्धारित की गई तिथि की जानकारी उपलब्ध करावें। क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र की तहसीलों में ऋण माफी हेतु किसान सम्मेलन आयोजन की तिथि निर्धारित नहीं की गई हैं तथा कोलारस,बदरवास के किसानों की द्वितीय चरण की ऋण माफी हेतु बजट भी उपलब्ध नहीं कराया गया है? ऋण माफी में किसानों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है? सकारण उत्तर दें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) शिवपुरी जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना अंतर्गत 89582 ऋणखाता कृषकों के ऋण माफ किये जाने हैं। जिले में प्रथम प्रथम चरण में 39559 कृषकों के एन.पी.ए. खातों के 2.00 लाख तक एवं पी.ए. खातों 50000 तक के ऋण माफ किये गये हैं। द्वितीय चरण की ऋणमाफी हेतु जिले की तहसील पिछोर में राशि रूपये 34788623, तहसील करैरा में राशि रूपये 35533002 एवं तहसील पोहरी में राशि रूपये 33238540 बजट प्राप्त हुआ है। संख्यावार एवं तहसीलवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। प्रथम एवं द्वितीय चरण की ऋण माफी उपरांत लगभग 43289 कृषकों के ऋण माफी होना शेष रहेगी। उनके ऋण माफ किये जाने हेतु पात्रतानुसार राशि की आवश्यकता होगी। (ख) हाँ। जिला शिवपुरी की पिछोर तहसील में 22.02.2020 करैरा तहसील में 03.03.2020 एवं पोहरी तहसील में 10.03.2020 को किसान सम्मेलन के आयोजन हेतु तिथियां निर्धारित की गई है। कोलारस विधानसभा क्षेत्र की तहसीलों में ऋण माफी की तिथि आगामी माहों के लिये निर्धारित की गयी है। कोलारस एवं बदरवास के किसानों की ऋणमाफी हेतु चरणबद्ध तरीके से ऋण माफ किया जा रहा है। सभी पात्र किसानों का ऋण माफ किया जावेगा। किसानों के साथ भेदभाव का प्रश्न ही नहीं होता।
गेहूँ खरीद की प्रोत्साहन राशि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
51. ( क्र. 498 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान समृद्धि योजना अंतर्गत वर्ष 2019 में खरीदे गये गेहूँ पर प्रदेश के झाबुआ जिले के 3500 कृषकों के खातों में रुपये 160 प्रति क्विंटल की दर से माह सितम्बर 2019 में प्रोत्साहन राशि रुपये 2.51 करोड़ जमा की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो प्रदेश के अन्य जिलों के कृषकों को प्रश्न दिनांक तक प्रोत्साहन राशि प्रदान न किये जाने के क्या कारण हैं? (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना अंतर्गत कटनी जिले के कितने कृषकों को कितनी प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जाना शेष है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख), (ग) के संदर्भ में मात्र झाबुआ जिले के कृषकों को प्रोत्साहन राशि प्रदान कर अन्य जिलों के कृषकों को वंचित रखा जाना क्या समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है? प्रोत्साहन राशि से वंचित शेष कृषकों को किस प्रकार से कब तक प्रोत्साहन राशि का भुगतान कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जय किसान समृद्धि योजना अंतर्गत विपणन वर्ष 2019-20 में खरीदे गये गेहूँ पर प्रदेश के झाबुआ जिले के 3500 कृषकों के खातों में रूपये 160 प्रति क्विंटल की दर से माह सितम्बर 2019 में प्रोत्साहन राशि रूपये 2,91,24,883/- (शब्दों में राशि रूपये-दो करोड़ इक्यानवे लाख चौबीस हजार आठ सौ तिरासी मात्र) जमा की गई। (ख) प्रदेश के अन्य जिलों को जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) इस योजना अंतर्गत कटनी जिले के 22601 कृषकों को पात्रता अनुसार विक्रय मात्रा पर राशि रूपये 24,39,66,871 (शब्दों में राशि रूपये- चौबीस करोड़ उन्तालीस लाख छियासठ हजार आठ सौ इक्त्तर मात्र) की प्रोत्साहान राशि प्रदाय किया जाना है। (घ) प्रदेश के अन्य जिलों को जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत स्वीकृत आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
52. ( क्र. 499 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजनान्तर्गत प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायत बुधनवारा विकासखंड बहोरीबंद जिला कटनी में कितने आवास स्वीकृत हुए? इन स्वीकृत आवासों में से कौन-कौन से निर्मित हुए और उन्हें कितनी-कितनी राशि स्वीकृत की गई? हितग्राही के नाम सहित सूची देवें। (ख) क्या ग्राम पंचायत बुधनवारा के सरपंच द्वारा दिनांक 6-1-2020 को कलेक्टर कटनी को प्रेषित शिकायत में यह आरोप लगाया गया कि ग्राम बुधनवारा के तीन हितग्राहियों (1) ललिताबाई/धीरज गोंड (2) अभिलाषा/रज्जन गोंड (3) पवनसिंह/परदेशी गोंड के आवास मौके पर निर्मित नहीं हैं और आवास निर्माण की सम्पूर्ण राशि निकाली जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो इसका दोषी कौन है? क्या शासन उल्लेखित शिकायत की उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषियों पर कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो किस प्रकार से कब तक? यदि नहीं, तो क्यों नहीं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अन्तर्गत ग्राम पंचायत बुधनवारा विकासखण्ड बहोरीबंद में 172 आवास स्वीकृत हुए। इनमें से 155 निर्मित हुए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) ग्राम पंचायत सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक दोषी है। शिकायत की जाँच जिला स्तरीय समिति द्वारा की गई। ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित किया गया तथा ग्राम रोजगार सहायक की संविदा सेवाएं समाप्त की गई।
कम्प्यूटर ऑपरेटरों का मानदेय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
53. ( क्र. 505 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार अपर मुख्य सचिव, म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास के आदेश क्र. 9055 दिनांक 20.09.2019 को शिथिल करेगी, जिससे जनपद एवं जिला पंचायतों में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को लाभ प्राप्त हो सके? (ख) म.प्र. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विभाग के पत्र क्र. 762 दिनांक 03.10.2019 एवं पत्र क्र. 1354 दिनांक 01.01.2020 पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? इस कार्यवाही की प्रति जनपद एवं जिला पंचायतों को कब तक प्रेषित कर दी जावेगी? (ग) क्या समस्त जनपदों एवं जिला में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को शासन द्वारा निर्धारित उच्च कुशल दर पर मानदेय दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितना एवं यदि नहीं, दिया जा रहा है तो कारण स्पष्ट करें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) विभागीय आदेश क्र. 9055 दिनांक 20.09.2019 के संदर्भ में विधि अनुसार आवश्यक परीक्षण करने एवं अनुशंसा प्रस्तुत करने हेतु विभाग के आदेश क्र.2410/22/वि-2/स्था./2020 दिनांक 06.03.2020 द्वारा चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार समिति का गठन किया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जिला/जनपद पंचायतों में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटरों को उनकी योग्यता एवं कार्य के स्वरूप के अनुसार कलेक्टर दर पर उच्च कुशल एवं कुशल श्रेणी के मानदेय का भुगतान किया जा रहा है।
छोटे तालाब/बलराम तालाब योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
54. ( क्र. 513 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन द्वारा चलाई जा रही छोटे/बलराम तालाब निर्माण योजना के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी गई है? यदि हाँ, तो कब से? (ख) यदि नहीं, तो विगत 02 वर्षों में सागर जिला अंतर्गत कितने किसानों को तथा कहाँ-कहाँ इस योजना का लाभ दिया गया? विवरण सहित बताएँ। (ग) यदि योजना पर रोक लगाई है तो शासन छोटे किसानों की सिचांई सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये इसे पुन: प्रांरभ कराये जाने पर विचार करेगा तथा कब तक?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। वर्ष 2019-20 से बलराम तालाब योजना में वित्तीय प्रावधान नहीं रखा गया। (ख) सागर जिले में विगत दो वर्षों में कुल 232 किसानों को बलराम तालाब योजना का लाभ दिया गया है। वर्षवार, स्थानवार विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्तरांश (क) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
55. ( क्र. 514 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा जिला स्तर पर कौन-कौन सी योजनायें संचालित की जा रही हैं? इनसे कितने किसान लाभान्वित हुये? (ख) क्या शासन की योजनानुसार किसानों को परीक्षणोपरांत प्रमाणीकृत शंकर बीज, की पर्याप्त उपलब्धता समय पर कराई जा रही है। वर्ष 2019-2020 में कहाँ-कहाँ और कितने किसानों को किस-किस प्रजाति के प्रमाणीकृत बीज वितरित किये गये? (ग) सागर जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा कितनी तथा कहाँ-कहाँ पौध शालायें संचालित हैं? इनमें तैयार पौधों को क्या चिन्हांकित (टेग) कर दिया जाता है? यदि नहीं, तो इसका क्या कारण हैं? (ग) जिले की इन पौध शालाओं पर शासन द्वारा कितना व्यय किया जा रहा हैं? कौन-कौन सी पौध शालाओं से लाभ अर्जित हो रहा है तथा कौन-कौन सी घाटे में हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जी हाँ। योजना के अन्तर्गत निर्धारित लक्ष्य के अनुसार एवं कृषकों को नगद विक्रय पर कृषकों की मांग अनुसार प्रमाणीकृत बीज उपलब्ध कराये गये हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
जप्त वाहनों की नीलामी
[गृह]
56. ( क्र. 537 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उज्जैन के समस्त पुलिस थानों में विभिन्न कारणों से वाहनों को पुलिस की जप्ती में लिए गये हैं? विगत 03 वर्षों की पुलिस अभिरक्षा में रखे वाहनों की सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या अनेक वाहनों का निराकरण होने के उपरान्त भी उन्हें रखा गया है? निराकृत वाहन कब से पुलिस अभिरक्षा में है? निराकृत वाहन जो कि पुलिस अभिरक्षा में रखे हुए हैं और वह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हो रहे हैं की विगत 03 वर्षों की सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या विभाग उक्त वाहनों की नीलामी कर सकता है? यदि हाँ, तो निराकृत वाहनों को कब तक नीलाम कर शासन के मद में राशि जमा कराई जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जिला उज्जैन के समस्त पुलिस थानों में विभिन्न कारणों से 3226 प्रकरणों में 3459 वाहनों को जप्त किया गया है, 3153 वाहनों का निराकरण किया गया है। शेष 245 प्रकरणों में 306 वाहन थानों में लंबित है। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जिला उज्जैन के समस्त पुलिस थानों में निराकरण होने के उपरांत 12 वाहनों को पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है। जिनमें 04 वाहन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार। (ग) जी नहीं।
प्रदेश में घटित अपराधों पर हुई कार्यवाही
[गृह]
57. ( क्र. 539 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 25 दिसम्बर 2019 से प्रश्नांकित अवधि तक प्रदेश में हत्या, चोरी, लूटपाट, डकैती, आत्महत्या, किसान आत्महत्या, महिलाओं पर अत्याचार एवं बलात्कार, हत्या, नाबालिग बालिकाओं के साथ दुष्कर्म, मारपीट, अपहरण, नकबजनी, फिरोती आदि की कुल कितनी घटनायें एवं अपराध घटित हुए हैं तथा कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त प्रकरणों पर पुलिस द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? कितने अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है? कितने आरोपियों पर विवेचना जारी है? कितने आवेदन एवं प्रकरण लंबित हैं? संख्यात्मक जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में उक्त अपराधों के निराकरण हेतु पुलिस द्वारा कार्यवाही कर लंबित प्रकरणों को कब तक निराकृत कर दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'', ''ब'', ''स'' ''द'' तथा ''य'' अनुसार है। (ग) प्रकरण अनुसंधान में है। साक्ष्य अनुसार कार्यवाही की जावेगी। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
कनिष्ठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की नियम विरूद्ध पदस्थापना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
58. ( क्र. 540 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अंतर्गत जिलों में जिला अधिकारी (उप संचालक/सहायक संचालक) के रूप में उप संचालक (उद्यान) के स्तर के ही अधिकारियों को जिला अधिकारी बनाया जाता है? क्या वरिष्ठ अधिकारी ही पात्र हैं? यदि हाँ, तो मध्यप्रदेश के सभी जिलों में पदस्थ जिला उद्यान अधिकारियों (उप संचालक/सहायक संचालक) की जिलेवार पदस्थापना दिनांक मूल पद सहित सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) के संदर्भ में जिला अधिकारियों के पदों पर उप संचालक/सहायक संचालक स्तर से कनिष्ठ अधिकारियों/कर्मचारियों को भी जिला अधिकारियों के पदों पर पदस्थ किया गया है? यदि हाँ, तो किन-किन अधिकारियों/कर्मचारियों को किन-किन जिलों में जिला अधिकारी के पद किन कारणों से पदस्थ किया गया है? जिलेवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) क्या पात्र अधिकारियों के उपलब्ध रहने पर भी कनिष्ठ अधिकारियों/कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पद पर जिलों में जिला अधिकारी के पदों पर पदस्थ कर शासन के नियमों का पालन किया गया है? यदि नहीं तो ऐसे कनिष्ठ अधिकारियों को जिला अधिकारी के पद से हटाते हुए पात्र एवं वरिष्ठ अधिकारियों की पदस्थापना जिलों में कब तक करवा दी जावेगी? क्या गैर पात्रताधारी कनिष्ठ अधिकारी/कर्मचारियों को नियम विरूद्ध पदस्थ करने हेतु शासन किनको दोषी मानता है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। जी हाँ। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। वर्तमान में पदोन्नति में प्रतिबंध होने के कारण उप संचालक/सहायक संचालक उद्यान के पद पर पदोन्नति न होने के कारण जिलों में पद रिक्त हैं। कार्य व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुये जिलों में पदस्थ वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारियों को वरिष्ठता एवं योग्यता के आधार पर रिक्त पदों का प्रभार सौंपा गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
किसान ऋण माफी योजना में समय-सीमा का निर्धारण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
59. ( क्र. 543 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जय किसान ऋण माफी योजनांतर्गत प्रदेश के समस्त पात्र कृषकों का ऋण माफ कर राशि उनके खातों में जमा करा दी गई हैं? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कुल कितने किसानों को योजनांतर्गत राशि उनके खातों में प्राप्त हो चुकी है? 50 हजार, एक लाख एवं दो लाख तक की ऋण माफी की पृथक-पृथक जानकारी देवें तथा 50 हजार, एक लाख एवं दो लाख तक की ऋण माफी हेतु कुल कितने कृषकों को प्रश्न दिनांक तक लाभान्वित किया जाना शेष है? ऋण माफी योजना का पूर्ण: लाभ दिये जाने की कार्यवाही अत्यंत धीमी गति से होने के मुख्य कारण क्या है? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य क्या शासन द्वारा वचन पत्र में उल्लेखित किसानों के ऋण माफी वचन का अक्षरश: व एक निश्चित अवधि में पालन कराये जाने हेतु तथा योजना का शत्-प्रतिशत लाभ किसानों को दिया जाकर वचन पूर्ण करने हेतु कोई समय-सीमा का निर्धारण किया गया है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो उक्त प्रक्रिया को निश्चित अवधि में पूर्ण कराये हेतु समय-सीमा निर्धारित करने में शासन को क्या-क्या कठिनाईयां आ रही हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी नहीं। जय किसान फसल ऋण माफी योजनान्तर्गत स्वीकृत ऋण खाते एवं संभावित स्वीकृति हेतु शेष ऋण खातों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। जय किसान फसल ऋण माफी योजना अत्यंत वृहद स्तर का कार्य है इसलिये चरणबद्ध रूप से ऋण माफी का कार्य क्रियान्वित किया जा रहा है। (ख) योजना का कार्य अत्यंत वृहद स्तर का होने का कारण निश्चित समयावधि बताना संभव नहीं है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनांतर्गत मजदूरी भुगतान
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 544 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना अंतर्गत मजदूरी की राशि के भुगतान के संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं एवं हितग्राही को शासन के निर्देशों के अनुरूप मजदूरी की राशि का भुगतान हो इस हेतु राज्य, जिला एवं जनपद पंचायत स्तर तक किन-किन अधिकारियों की क्या-क्या जवाबदारी है? निर्देशों की प्रति सहित बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल संभाग अंतर्गत जिलों में प्रश्न दिनांक तक कितने हितग्राहियों के आवास पूर्ण हो चुके हैं एवं प्रश्न दिनांक तक उनमें से कितने हितग्राहियों को शासन निर्देशानुसार 90 दिवस की मजदूरी का भुगतान किन कारणों से नहीं किया गया है तथा भुगतान न किये जाने के लिये कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं तथा एक जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक मजदूरी के भुगतान हेतु माननीय विभागीय मंत्री जी एवं विभागीय अधिकारियों को किन-किन जनप्रतिनिधियों के कब-कब पत्र प्राप्त हुये तथा उक्त पत्रों पर प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) उपरोक्तानुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को शासन निर्देशानुसार मजदूरी की राशि का समय पर भुगतान कराये जाने हेतु विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की जा रही है तथा कब तक मजदूरी का भुगतान हितग्राहियों को कर दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजनान्तर्गत 90 दिवस एवं आई.ए.पी. जिलों में 95 दिवस की मजदूरी मनरेगा योजनान्तर्गत दिये जाने के निर्देश हैं। समय-सीमा में मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किये जाने हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का पत्र क्रमांक 2976 दिनांक 04.05.2018 द्वारा समस्त जिलों की ओर निर्देश प्रसारित किये गये थे। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में भोपाल संभाग की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ग) प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को शासन निर्देशानुसार आवास शीघ्र-अतिशीघ्र निर्माण स्तर अनुसार पूर्ण कराये जाकर मजदूरी भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है।
उपजेल का संचालन
[जेल]
61. ( क्र. 550 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत बड़नगर उपजेल का संचालन कब प्रारंभ किया गया एवं उपजेल को संचालन हेतु कौन-कौन से पद की आवश्यकता है? (ख) बड़नगर उपजेल में कितने पद हैं एवं इन्हें स्वीकृत कब तक किया जावेगा? (ग) उपजेल संचालित होने के पश्चात पद स्वीकृत नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? (घ) बड़नगर उपजेल हेतु वाहन कब तक उपलब्ध करवाया जायेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) सब जेल बड़नगर दिनांक 03/09/2018 से प्रारंभ की गई है। जेल के संचालन हेतु आवश्यक पदों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) सब जेल बड़नगर के लिए पद स्वीकृत नहीं है। पद कब तक स्वीकृत किये जाएंगे, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) सब जेल बड़नगर के लिए प्रस्तावित किये गए पदों की स्वीकृति अभी तक मध्यप्रदेश शासन से प्राप्त नहीं हुई है। (घ) सब जेल बड़नगर के लिए स्टाफ स्वीकृत होने, कार्यालय प्रमुख घोषित होने के उपरांत वाहन उपलब्धता के आधार पर वाहन का आवंटन किया जाएगा।
स्वीकृत तालाब के निर्माण कार्य की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 555 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के द्वारा जनपद पंचायत जवा की ग्राम पंचायत लूक में तालाब निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है? यदि हाँ, तो उक्त तालाब को किस योजना के अंतर्गत स्वीकृत किया गया तथा निर्माण हेतु कितनी राशि स्वीकृत की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में तालाब निर्माण हेतु किस एजेंसी को चयनित किया गया है? तालाब निर्माण कार्य हेतु विभाग द्वारा क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है? (ग) उपरोक्त तालाब निर्माण कार्य कब तक प्रारंभ हो सकेगा? विलंब के लिये कौन जिम्मेदार है? क्या तालाब निर्माण हेतु विलंब के लिये जिम्मेदार अधिकारी एवं निर्माण एजेंसी के विरुद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जनपद पंचायत जवा अंतर्गत ग्राम पंचायत लूक में तालाब निर्माण अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क मद से लागत राशि रू. 190.75 लाख का स्वीकृत किया गया था। (ख) कार्य की निर्माण एजेंसी एकता एंटरप्राईजेस थी। कार्य पूर्ण करने की समयावधि अनुबंध करने की दिनांक 03.10.2018 से 09 माह तक निर्धारित की गई थी। (ग) तालाब निर्माण कार्य वन भूमि में होने से एवं वन विभाग द्वारा अनुमति प्रदान न किये जाने से प्रारंभ नहीं किया जा सका। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते।
पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
63. ( क्र. 556 ) श्री दिव्यराज सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सत्र 2017-18, 2018-19 एवं 2019-2020 में सिरमौर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत बरदहा घाट एवं बौलिया घाट में लूट, राहजनी, डकैती एवं अपहरण की कुल कितनी आपराधिक घटनाएं पंजीबद्ध हुई हैं? (ख) क्या बरदहा घाट एवं बौलिया घाट में पृथक से पेट्रोलिंग हेतु पुलिस टीम गठित की जावेगी? क्या चिन्हित स्थलों पर पृथक पुलिस चौकी की स्थापना की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिये संबंधित थाने की पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग की जाती है। पृथक से पेट्रोलिंग टीम के गठन की आवश्यकता नहीं है। बरदहा घाट एवं बौलिया घाट में पुलिस चौकी स्थापित किये जाने का प्रस्ताव वर्तमान में नहीं है। शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता।
गौशालाओं का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
64. ( क्र. 560 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों द्वारा गौशालाओं के निर्माण में मनरेगा की राशि का उपयोग गाइड-लाइन के अनुसार किया जा सकता है? मनरेगा की गाइड-लाइन की प्रति देवें। (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो क्या गौशालाओं के निर्माण में अधोसंरचना के कार्यों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के अंतर्गत ग्राम पंचायतों द्वारा निर्माण किया जा रहा है? यदि हाँ, तो शाजापुर एवं आगर जिले में प्रत्येक गौशालाओं को कितनी-कितनी राशि का भुगतान सामग्री एवं मजदूरी के लिए किया गया अथवा किया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। महात्मा गांधी नरेगा योजना गाइड-लाइन वर्ष 2019-20 में तत्संबंधी प्रावधान पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। शाजापुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 व आगर मालवा जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत फसल का बीमा
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
65. ( क्र. 561 ) श्री इन्दर सिंह परमार : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शाजापुर जिले में खरीफ फसल 2019 में कितने किसानों का बैंकों अथवा अन्य माध्यम से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा किया गया है? उसमें कितने प्रकार की फसलों तथा कुल कितना रकबा बीमित किया गया है? तहसीलवार, पटवारी हल्कावार सूची देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजना में खरीफ फसल 2019 सोयाबीन आदि में बीमा क्लेम की कितनी-कितनी राशी किसानों को दी जावेगी? तहसीलवार, पटवारी हल्कावार सूची देवें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) शाजापुर जिले में खरीफ मौसम 2019 की तहसीलवार, पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मौसम खरीफ वर्ष 2019 के दावों की गणना का कार्य किया जा रहा है। तत्पश्चात् बीमा क्लेम पात्र कृषकों को भुगतान किया जायेगा।
बुंदेलखण्ड पैकेज की जाँच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 566 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बुंदेलखण्ड पैकेज के तहत म.प्र. बुंदेलखण्ड क्षेत्र के पन्ना जिले में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अन्तर्गत किन-किन कार्यों हेतु कितनी राशि प्राप्त हुयी थी? प्राप्त राशि से क्या-क्या कार्य स्वीकृत किए गए? राशि के उपयोग के क्या मार्गदर्शी शासनादेश एवं विभागीय निर्देश थे? (ख) प्रश्नांश (क) अन्तर्गत क्या बुंदेलखण्ड पैकेज के तहत प्राप्त राशि के दुरूपयोग और किए गए कार्यों में अनियमितता की शिकायतें प्राप्त हुयी हैं? यदि हाँ, तो इन शिकायतों के चलते किन कार्यों में अनियमितता पाई गई है? जानकारी का विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या प्राप्त शिकायतों और अनियमितताओं की जानकारी पर कोई जाँच और कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो प्रकरणवार की गयी जाँच और कार्यवाही का विवरण उपलब्ध कराये और बताएं कि इन मामलों में कौन-कौन शासकीय सेवक आरोपी थे और प्रकरणों में क्या-क्या कार्यवाही प्रश्न दिनांक तक की गयी? (घ) क्या प्रश्नांश (क) अन्तर्गत बुंदेलखण्ड पैकेज के कार्यों की मुख्य तकनीकी परीक्षक (सी.टी.ई.) द्वारा भी जाँच की गयी थी? यदि हाँ, तो सी.टी.ई. द्वारा किन-किन बिन्दुओं पर किन-किन कार्यों की जाँच की गयी थी एवं क्या जाँच प्रतिवेदन दिये गए? प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गयी तथा कार्यवाही किन कारणों से अब तक लंबित है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। राशि के उपयोग के मार्गदर्शी एवं विभागीय निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। अपचारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ कर विभागीय जाँच संस्थित करने की कार्यवाही प्रचलन में है।
माफिया दमन अभियान की जानकारी
[गृह]
67. ( क्र. 567 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश सरकार द्वारा माफिया दमन के लिए अभियान चलाया गया है? यदि हाँ, तो इस अभियान के तहत क्या-क्या कार्यवाही किन शासनादेशों और विभागीय निर्देशों से किस प्रकार की जानी थी और मार्गदर्शी शासनादेश एवं विभागीय निर्देश उपलब्ध कराएं? (ख) प्रश्नांश (क) पन्ना और कटनी जिले में प्रश्न दिनांक तक माफिया दमन अभियान के तहत क्या-क्या कार्यवाही, किस सक्षम प्राधिकारी के किन-किन आदेश से कब-कब प्रस्तावित की गयी और की गयी कार्यवाही किस आधार पर की गयी थी? (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या माफिया दमन अभियान के चलते जिला एवं अनुविभाग स्तर पर दल गठित किए गए है? यदि हाँ, तो उल्लेखित जिलों में गठित दलों में कौन-कौन शासकीय सेवक सम्मिलित थे और इनके द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गयी? दल एवं जिलावार बताएं। (घ) क्या पन्ना और कटनी जिलों में गठित दलों एवं जिला प्रशासन को माफिया दमन अभियान के चलते शिकायतें भी प्राप्त हुयी हैं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी शिकायतें कब-कब एवं किस प्रकार प्राप्त हुयी और किस-किस शिकायत की जाँच कर क्या कार्यवाही की गयी है तथा किन-किन शिकायतों की जाँच और कार्यवाही किन कारणों से नहीं हो सकी है? प्रकरणवार बताएं। (ड.) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांकित जिलों में माफिया दमन अभियान में शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों का पालन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण बताएं। यदि नहीं, तो इस पर क्या कार्यवाही कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश में आइफा अवार्ड समारोह अंतर्गत व्यय का ब्यौरा
[पर्यटन]
68. ( क्र. 579 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में आइफा अवार्ड समारोह के आयोजन पर विभाग द्वारा किस-किस मद से कितनी-कितनी राशि, किन-किन कार्यों पर, किन नियम-प्रक्रियाओं के तहत व्यय किए जाने का प्रावधान किया गया है? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार समारोह में प्रदेश की ब्रांडिंग के लिए विज क्राफ्ट कम्पनी को कितनी राशि प्रदान की गई अथवा की जाना है? कम्पनी का चयन किन नियम-प्रक्रियाओं के तहत किया गया? ब्यौरा देते हुए बताएं कि कम्पनी द्वारा उक्त राशि का व्यय किन-किन कार्यों में, कितनी-कितनी राशि व्यय कर किया जावेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) प्रदेश में आइफा अवार्ड समारोह के आयोजन हेतु राज्य सरकार द्वारा मदवार राशि का प्रावधान नहीं किया गया है। उक्त अवार्ड समारोह के सह-आयोजक के रूप में कार्य करने हेतु ब्राण्ड-फी उपलब्ध कराने की सहमति दी गई है। (ख) आइफा अवार्ड समारोह, विजक्राफ्ट कंपनी मुंबई की Intellectual Property है, इस कार्यक्रम का आयोजन किसी अन्य संस्था द्वारा नहीं की जा सकती। अत: कार्यक्रम के आयोजन हेतु यही संस्था अधिकृत होने से चयन प्रक्रिया का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। आइफा अवार्ड समारोह के सह-आयोजक के रूप में कार्य करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा विजक्राफ्ट कंपनी को आयोजन के कुल लागत जो लगभग राशि रू. 74 करोड़ कंपनी द्वारा बतलायी गई है में से केवल रू. 35 करोड़ की राशि यथा संभव प्रायोजकों के माध्यम से एवं बची हुई राशि स्वयं की निधि से ब्राण्ड-फी के रूप में उपलब्ध कराने की सहमति प्रदान की गई है। विजक्राफ्ट कंपनी द्वारा उक्त राशि किस-किस मद में व्यय की जाएगी यह संस्था का ही विषय वस्तु है। आइफा अवार्ड समारोह के सह-आयोजक बनने हेतु विजक्राफ्ट कंपनी को उक्त वर्णित राशि राज्य सरकार द्वारा केवल ब्राण्ड-फी के रूप में उपलब्ध कराने की सहमति दी गई है।
ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
69. ( क्र. 580 ) श्री जसमंत जाटव छितरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश की ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत कराये जाने वाले विकास कार्यों में 60:40 का रेशो मेन्टेन करना आवश्यक होते हुये भी ज्यादातर ग्राम पंचायतों में 60:40 का रेशो मेन्टेन नहीं किये जाने के कारण ग्राम पंचायतों में विकास कार्य स्वीकृत नहीं किये जा पा रहे हैं। क्या यह रेशो 60:40 के स्थान पर 50:50 किया जावेगा ताकि ग्राम पंचायतों में विकास कार्य प्रांरभ कराये जा सके? (ख) क्या मनरेगा योजनान्तर्गत करैरा विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में विगत वर्ष 2010 के पश्चात सुदूर सड़क निर्माण कार्य स्वीकृत नहीं कराये जा सके हैं? ग्राम पंचायतों के राजस्व ग्रामों अथवा मजरा टोलों में आवागमन की सुलभ कराये जाने हेतु वर्तमान में राज्य स्तर से अनुमति ली जाना आवश्यक है। (ग) क्या करैरा विधान सभा क्षेत्र की अधिकांश ग्राम पंचायतों एवं ग्रामों में जल निकासी नहीं होने कारण ग्राम में प्रवेश करते ही गंदगी दिखाई देती है? यदि मनरेगा योजनान्तर्गत ग्रामों की आन्तरिक बसाहट में जल निकासी हेतु नाली निर्माण की स्वीकृति हेतु ग्राम पंचायतों को अधिकार दिये जावेंगे तो उक्त सफाई की व्यवस्था हो सकेगी? इस संबंध में शासन स्तर से कब तक क्या प्रावधान किये जावेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा योजना में मजदूरी सामग्री अनुपात 60:40 जिला स्तर पर संधारित किये जाने का प्रावधान है। ग्राम पंचायत स्तर पर एवं प्रत्येक कार्य में मजदूरी सामग्री अनुपात 60:40 संधारण की अनिवार्यता नहीं है। अतएव जिला स्तर पर निर्धारित अनुपात संधारित होने पर ग्राम पंचायतें सामग्री मूलक विकास कार्य प्रारंभ कर सकती है। (ख) जी हाँ, विभाग द्वारा जारी निर्देश दिनांक 12.04.2018 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत क्षेत्र के भीतर केवल एप्रोच रोड़ के रूप में गौशाला परियोजना, शांतिधाम, स्कूल, आंगनवाड़ी, ग्रामीण हाट बाजार, स्वास्थ्य केन्द्र, पंचायत भवन एवं PDS की दुकान के लिये ग्रेवल सड़क निर्माण की अनुमति हेतु पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–2 विभाग के पत्र दिनांक 06.08.2019 से मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को अधिकृत किया गया है। (ग) ग्रामों के आबादी क्षेत्र में आंतरिक मार्गों में सी.सी. सड़के तथा पक्की नाली निर्माण हेतु महात्मा गांधी नरेगा के अभिसरण से 15% मजदूरी दिये जाने का प्रावधान है। इस संबंध में विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र दिनांक 24.12.2016 से जारी निर्देश पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–3 अनुसार है।
शासन के निर्देशों के विरूद्ध फील्ड में पुलिस अधिकारियों की पोस्टिंग
[गृह]
70. ( क्र. 588 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में पदस्थ फील्ड अधिकारी एस.डी.ओ.पी., सी.एस.पी. नगर निरीक्षक व अन्य पुलिस अधिकारी जिनके विरूद्ध लोकायुक्त या भ्रष्टाचार का प्रकरण वर्तमान में विचाराधीन है या अन्य किसी प्रकार की विभागीय जाँच चल रही है। उनके नाम, पदनाम वर्तमान पदस्थापना सहित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रकरण दर्ज रहते हुए, विभागीय जाँच चलते हुए भी उक्त अधिकारी वर्तमान में शासन के विभिन्न पदों पर रहकर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत? क्या भ्रष्ट आचरण वाले अधिकारियों को लोक सेवक के पदों पर पदस्थ रखे जाने से शासन की छवि प्रभावित हो रही है? यदि हाँ, तो शासन द्वारा इनको फील्ड से हटाने हेतु क्या कार्यवाही की जा रही है? (ग) क्या शासन द्वारा यह निर्देश प्रदान किए गए हैं कि विभागीय जाँच के चलते हुए एस.डी.ओ.पी., सी.एस.पी. नगर निरीक्षक या अन्य उच्च अधिकारियों को पदस्थ नहीं किया जाये? यदि हाँ, तो क्या नियमों का पालन किया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों? कारण सहित संपूर्ण विवरण दें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) लोकायुक्त या भ्रष्टाचार के प्रकरण संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार एवं विभागीय जाँच संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार है। (ख) एवं (ग) वस्तुस्थिति यह है कि मध्य प्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2019 दिनांक 04 जून 2019 के बिन्दु क्रमांक 11.25 ''जिन अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध नैतिक पतन संबंधी आपराधिक प्रकरण लंबित हों, उनकी तैनाती कार्यपालिक (Executive) पदों पर न की जाए। ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों जिनके विरूद्ध विभागीय जाँच लंबित हो, की पदस्थापना सामान्यत: कार्यपालिक (Executive) पदों पर नहीं की जाए।'' के अनुसार पदस्थापना संबंधित कार्यवाही प्रशासनिक दृष्टि से की जाती है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्री मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक आवासीय छात्रावास
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
71. ( क्र. 593 ) श्री रामखेलावन पटेल : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में पिछड़े वर्ग की आबादी 52 प्रतिशत से अधिक है? यदि हाँ, तो क्या पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं के लिये जिला एवं संभाग स्तर पर प्री मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक आवासीय छात्रावास संचालित हैं? यदि हाँ, तो कहाँ-कहाँ और कब से? यदि नहीं, तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या आवासीय छात्रावास संचालित नहीं होने के कारण पिछड़ा वर्ग के गरीब छात्र/छात्राओं को शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में क्या यही कारण है कि सरकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं का प्रतिनिधित्व दिन प्रतिदिन कम होता जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन जिम्मेदार है व सरकार ने इस दिशा में क्या सुधारात्मक कदम उठाये हैं? (घ) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में क्या शासन स्तर से पिछड़े वर्ग के छात्र/छात्राओं हेतु आवासीय छात्रावास संचालित करने की कोई योजना है? यदि हाँ, तो कब तक और कहाँ-कहाँ? यदि नहीं, तो क्यों?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। विभागांतर्गत प्रत्येक जिला एवं संभाग स्तर पर पिछड़ा वर्ग के लिए एक 100 सीटर बालक तथा एक 50 सीटर बालिका पोस्ट मैट्रिक छात्रावास विगत 5 वर्षों से संचालित है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) अनुसार आवासीय छात्रावास संचालित है। (ग) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) शासन द्वारा प्रदेश के सभी विकासखण्ड स्तर पर भी (जिला मुख्यालय छोड़कर) एक 50 सीटर कन्या एवं एक 50 सीटर बालक पोस्ट मैट्रिक छात्रावास किराये के भवन में संचालित करने की स्वीकृति दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
72. ( क्र. 598 ) डॉ. अशोक मर्सकोले, श्री संजय यादव : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2013 से 2018 तक की अवधि में पिछड़े वर्ग के बच्चों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति में गड़बड़ियां सामने आई थीं? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो कुल कितनी राशि का घोटला सामने आया? क्या इसकी कोई जाँच कराई गई? जाँच रिपोर्ट में कौन लोग जवाबदार पाये गये और उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई? गड़बड़ी पाये जाने पर किन लोगों से कितनी-कितनी राशि वसूल की गई?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) एवं (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
मध्यप्रदेश में कार्यरत जेल एवं उनकी व्यवस्था
[जेल]
73. ( क्र. 604 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में कितने केन्द्रीय जेल, जिला जेल एवं उपजेल कार्यरत हैं? उनके नाम, स्थान, बंदियों के लिये निर्धारित क्षमता एवं उसके विरूद्ध रखे गये बंदियों की संख्या जेलवार बतायी जाये। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित जेलों में कितने सजायाफ्ता एवं विचाराधीन कैदी हैं? जेलवार बताया जाये। (ग) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित किन-किन जेलों में सी.सी. कैमरे लगा दिये गये हैं और कितने में लगना शेष हैं? जेलवार बताया जाये।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मध्यप्रदेश में दिनांक 31/01/2020 की स्थिति में 11 केन्द्रीय जेल, 41 जिला जेल एवं 73 उप जेल है। जेलों के नाम, स्थान, बंदियों के लिए आवास क्षमता एवं उसके विरूद्ध बंदियों की संख्या की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रदेश की जेलों में 20052 सजायाफ्ता बंदी एवं 23315 विचाराधीन बंदी परिरूद्ध है। जेलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रदेश की सभी 11 केन्द्रीय एवं 12 जिला जेलों (जिला जेल इन्दौर, सिवनी, शहडोल, छिन्दवाड़ा, बालाघाट, दतिया, खण्डवा, दमोह, झाबुआ, अलीराजपुर, भिण्ड एवं राजगढ़) में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगा दिये गये हैं एवं 101 जेलों में लगना शेष है।
थप्पड़ मामले की जाँच
[गृह]
74. ( क्र. 609 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या दिनांक 19/01/2020 को ब्यावरा, जिला राजगढ़ में सी.ए.ए. के समर्थन में रैली के दौरान कलेक्टर राजगढ़ द्वारा श्री रवि बड़ोने और ए.एस.आई श्री नरेन्द्र शर्मा को थप्पड़ मारा गया है तथा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक एवं कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया? (ख) क्या श्री नरेन्द्र शर्मा द्वारा इसकी लिखित शिकायत की गयी थी? यदि हाँ, तो क्या इसकी जाँच करायी गयी थी? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो क्या समिति ने अपनी जाँच रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक के माध्यम से शासन को सौपीं है जिसमें कलेक्टर द्वारा थप्पड़ मारना प्रमाणित हुआ है और इस हेतु कलेक्टर को दोषी पाया जाकर कार्यवाही की अनुशंसा भी की गयी? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की गयी? (घ) क्या नगरीय प्रशासन के प्रमुख की अध्यक्षता में पुन: एक समिति गठित कर मामले की पुन: जाँच करायी गयी, जिसमें कलेक्टर को क्लीनचिट दे दी गयी? यदि हाँ, तो पूर्व रिपोर्ट को किस आधार पर निरस्त किया गया एवं नई समिति के गठन की क्यों आवश्यकता पड़ी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
निजी चिकित्सा महाविद्यालय के मालिक एवं अधिकारियों की जाँच
[गृह]
75. ( क्र. 613 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सितम्बर 2019 में सी.बी.आई. ने पी.एम.टी.. 2014 के विशेष न्यायालय में प्रस्तुत चालान में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी.. के माध्यम से भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के मालिक तथा अधिकारियों को आरोपी बनाया? यदि हाँ, तो बतावें कि एस.टी.एफ. ने उन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया था? (ख) क्या एस.टी.एफ. निजी चिकित्सा महाविद्यालय के मालिक तथा अधिकारियों को बचाने के लिये पी.एम.टी.. परीक्षा के माध्यम से निजी चिकित्सा महाविद्यालय में फर्जीवाड़े की जाँच नहीं कर रही? यदि नहीं, तो बतावें कि क्या जाँच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय में पी.एम.टी.. 2007 से 2013 के माध्यम से भर्ती में कोई फर्जीवाड़ा नहीं पाया गया। (ग) क्या ए.एफ.आर.सी. अपील अथॉरिटी पी.के. दास के निर्णय के खिलाफ जबलपुर उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण में प्रश्नांश (ख) उल्लेखित फर्जीवाड़े की जाँच पर स्थगन दिया गया है? (घ) क्या आईपीसी में सी.बी.आई. तथा एस.टी.एफ. के लिये एक जैसे आरोप में जाँच की धाराएं तथा अधिकारी अलग-अलग हैं? यदि नहीं, तो यदि सी.बी.आई. प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित न्यायालय प्रकरण के बाद भी 2019 में निजी चिकित्सा महाविद्यालय को आरोपी बना सकती है तो एस.टी.एफ. क्यों नहीं बना सकती?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी नहीं। निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रवेश में फर्जीवाड़े की जाँच मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही हेतु लंबित हैं। पी.एम.टी.. 2012 एवं पी.एम.टी.. 2013 में फर्जीवाड़े के माध्यम से भर्ती पर अपराध पंजीबद्ध किया गया जो वर्तमान में सी.बी.आई. के पास है। (ग) चिकित्सा शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार माननीय अपील प्राधिकारी द्वारा ए.एफ.आर.सी. द्वारा दिए गए निर्णय को उचित ठहराया गया। ए.एफ.आर.सी. द्वारा 2013 में 198 छात्रों के अनियमित प्रवेश पर निजी चिकित्सा महाविद्यालयों पर लगाये आर्थिक दण्ड पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश दिया गया था ए.एफ.आर.सी. द्वारा अधिवक्ता के माध्यम से स्थगन आदेश निरस्त कराने की कार्यवाही की जा रही है। (घ) जी नहीं। निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रवेश में फर्जीवाड़े की एस.टी.एफ. द्वारा जाँच मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही हेतु लंबित हैं।
गौशालाओं के निर्माण कार्य स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
76. ( क्र. 616 ) श्री विष्णु खत्री : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने गौशालाओं का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ है? कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है एवं कितनी गौशालाओं का कार्य पूर्ण होना शेष है? उनकी संख्या बतायें। (ख) बैरसिया विधानसभा में कितनी गौशालाएं स्वीकृत हुई हैं? कितनी गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है अथवा जिनका कार्य निर्माणाधीन है उनकी संख्या एवं स्थानवार सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत 1009 गौशालाओं का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। जिसमें से 403 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है एवं 606 गौशालाओं का निर्माण कार्य पूर्ण होना शेष है। (ख) बैरसिया विधानसभा में 09 गौशालाएं स्वीकृत हुई हैं। पूर्ण व निर्माणाधीन गौशालाओं की स्थलवार सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
हॉर्टीकल्चर हब का निर्माण
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
77. ( क्र. 625 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रतलाम शहर के विधान सभा क्षेत्र के करमदी में प्रस्तावित हॉर्टीकल्चर हब विकसित करने के लिये कलेक्टर ने 20 हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी? यदि हाँ, तो क्या इस जमीन का कब्जा ले लिया गया है एवं वर्तमान स्थिति क्या है? (ख) हॉर्टीकल्चर हब विकसित करने का कार्य किस स्तर पर है और कब तक पूरा होगा? (ग) इसकी प्रस्तावित निर्माण लागत कितनी अनुमानित है? क्या धनराशि का आवंटन कर दिया गया है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर जिला रतलाम के आदेश दिनांक 12.06.2014 के द्वारा ग्राम करमदी की शासकीय भूमि खसरा नम्बर 545/1, 545/6, 545/8 की भूमि कुल रकबा 32.29 हेक्टेयर (80.725 एकड़) भूमि में से 35 एकड़ भूमि हॉर्टीकल्चर हब की स्थापना हेतु सुरक्षित रखकर शेष भूमि 18.150 हेक्टेयर (45.72 एकड़) भूमि पुन: राजस्व विभाग में ली जाकर इसे नमकीन एवं एलाईड फूड प्रोडक्ट की इकाईयों की स्थापना हेतु उद्योग विभाग को हस्तांतरित की गई है। इस तरह कुल 35 एकड़ भूमि उद्यान विभाग को हॉर्टीकल्चर हब हेतु आवंटित है। उक्त जमीन पर उद्यान विभाग द्वारा कब्जा लिया गया है। (ख) हॉर्टीकल्चर हब हेतु भूमि आरक्षित कराई गई थी। वर्ष 2012 में स्वीकृत हॉर्टीकल्चर हब की योजना पर क्रियान्वयन संभव नहीं हो सका एवं वर्तमान में योजना प्रचलन में नहीं है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
औद्योगिक क्षेत्र में मूलभूत सुविधाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
78. ( क्र. 626 ) श्री चेतन्य कुमार काश्यप : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम नगर के औद्योगिक क्षेत्र में सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधायें उपलब्ध कराने और आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिये क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है? (ख) कार्य योजना की अनुमानित लागत कितनी है? क्या इसके लिये समुचित धन राशि का आवंटन कर दिया गया है? (ग) योजना पर काम कब प्रारंभ होगा और कब तक पूरा होगा? इस औद्योगिक क्षेत्र को सभी मूलभूत सुविधायें कब तक उपलब्ध करा दी जायेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। वित्तीय उपलब्धता एवं स्थानीय आवश्यकतानुसार औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास कार्य किये जाते हैं। (ख) से (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
विकासखण्ड समन्वयकों का मानदेय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
79. ( क्र. 629 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2017 में वॉटर शेड परियोजना बंद होने के कारण परियोजना में पदस्थ अमले को समग्र स्वच्छता अभियान एवं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में विकासखण्ड समन्वयक के पद पर जनपद पंचायतों में पदस्थ किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो समग्र स्वच्छता अभियान में पदस्थ विकासखण्ड समन्वयक को वर्तमान में प्रतिमाह कितना मानदेय दिया जा रहा है? इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में पदस्थ विकासखण्ड समन्वयक को वर्तमान में प्रतिमाह कितना मानदेय प्रदान किया जा रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार दोनों योजनाओं में पदस्थ अमला आई.डब्ल्यू.एम.पी. वॉटर शेड से ही (एस.बी.एम./पी.एम.ए.वाय) विकासखण्ड समन्वयकों को जनपद स्तर पर पदस्थ किया गया है तो दोनों विकासखण्ड समन्वयकों के मानदेय में अंतर क्यों? मानदेय में अन्तर का क्या कारण है? क्या दोनों के मानदेयों में अन्तर न्याय संगत है? (घ) प्रश्नांश (ग) यदि हाँ, तो दोनों ही योजनाओं एस.बी.एम./पी.एम.ए.वाय में पदस्थ विकासखण्ड समन्वयकों के मानदेय के अन्तर को कब तक एक समान किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रश्नाधीन संविदा अमले को स्वच्छ भारत मिशन में विकासखण्ड समन्वयक के कार्य के लिए रखा गया है और प्रधानमंत्री आवास योजना में विकासखण्ड समन्वयक के रूप में अनुबंध के तहत रखा गया है। (ख) समग्र स्वच्छता अभियान में राशि रूपये 31619/- प्रतिमाह मानदेय तथा प्रधानमंत्री आवास योजना में राशि रूपये 21400/- प्रतिमाह मानदेय एवं यात्रा भत्ता 5000/- प्रतिमाह प्रदान किया जा रहा है। (ग) प्रश्नाधीन योजनाओं का स्वरूप व कार्य दायित्व पूर्णत: पृथक-पृथक है तथा यह योजनाएं अपने आप में स्वतंत्र है। तद्नुसार ही मानदेय का निर्धारण किया गया है, जो न्याय संगत है। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत हितग्राहियों को लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 630 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनपद पंचायत परासिया की ग्राम पंचायत खिरसाडोह, ग्रा.पं. दीघावानी एवं ग्रा.पं. चरईकलां में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत हितग्राहियों को लाभ किस आधार पर दिया जा रहा है? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार उपरोक्त तीनों ग्राम पंचायतों में एस.ई.सी.सी. सूची 2011 के अनुसार कितने हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित किया गया है? ऐसे हितग्राहियों की सूची उपलब्ध करायें जिन हितग्राहियों का नाम वर्ष 2011 की सूची में उपलब्ध नहीं है, उन पात्र हितग्राहियों के लिये क्या प्रावधान है? (ग) उपरोक्त तीनों ग्राम पंचायतों में जिन हितग्राहियों का नाम आवास प्लस के माध्यम से सूची में जोड़ा गया है, उस सूची के अनुसार उन्हें कब तक प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा? (घ) उपरोक्त तीनों ग्राम पंचायतों में यदि पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ प्रदान नहीं किया जा रहा है तो उसका क्या कारण है? कारण सहित जानकारी उपलब्ध करायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण अन्तर्गत आवास का आवंटन पंचायतों में उपलब्ध पात्र हितग्राहियों की वंचितता (deprivation) की तीव्रता तथा वर्ग अनुसार दिया गया है। (ख) तीनों ग्राम पंचायतों में एस.ई.सी.सी. - 2011 के अनुसार किसी भी हितग्राही को लाभ नहीं दिया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। एस.ई.सी.सी.– 2011 की सूची से अनुपलब्ध हितग्राहियों को भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होने पर पात्रता अनुसार लाभ दिया जा सकेगा। (ग) भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होने पर पात्रता अनुसार लाभ दिया जा सकेगा (घ) एस.ई.सी.सी.–2011 की सूची अनुसार पात्र हितग्राही उपलब्ध न होने के कारण योजना का लाभ नहीं दिया गया।
किसान कल्याण एवं कृषि विकास हेतु संचालित योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
81. ( क्र. 634 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. एवं केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के कल्याण एवं कृषि उपज में वृद्धि हेतु कौन-कौन सी योजनायें संचालित होकर कब से प्रारंभ हैं व उनके क्रियान्वयन हेतु क्या-क्या नियम मार्गदर्शिका आदि निर्धारित हैं, की जानकारी अलग-अलग योजनावार की फोटो प्रति सहित दी जावे। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित योजनाओं हेतु जिला मुरैना को विगत 03 वित्तीय वर्ष से मार्च 2020 तक कितनी राशि दी गई व प्रदाय राशि को किन-किन कार्यों में व्यय किया गया, की जानकारी विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना अथवा विकासखण्ड अम्बाह एवं मुरैना में व्यय की गई की जानकारी हितग्राही की संख्या प्रदाय राशि, कार्य विवरण वर्ष, दिनांक आदि सहित दी जावे? (ग) क्या प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि व्यय हो चुकी है अथवा शेष है? व्यय व शेष की जानकारी अलग-अलग दी जावे।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला मुरैना को विगत 3 वित्तीय वर्ष से मार्च 2020 तक आवंटन एवं व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना अथवा विकासखण्ड अम्बाह एवं मुरैना की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है।
अवैध रेत खनन कारोबारियों के मध्य गैंगवार एवं शासकीय अमले पर हमले की घटनाएं
[गृह]
82. ( क्र. 647 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक अवैध रेत खनन कारोबारियों के मध्य गैंगवार एवं गंभीर मारपीट के साथ ही अवैध कारोबार में संलिप्त लोगों द्वारा प्रशासनिक व पुलिस कर्मियों के ऊपर हमले किए जाने के कुल कितने-कितने प्रकरण पंजीबद्ध हुए? (ख) प्रश्नांक (क) अनुसार पंजीबद्ध प्रकरणों में विभाग द्वारा की गई कार्यवाही का ब्यौरा क्या है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्रों में खेल स्टेडियम एवं गौशाला निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 648 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी, जिला धार के अंतर्गत आने वाली जनपद पंचायतों के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कितने खेल स्टेडियम, मुक्तिधाम, गौशाला स्वीकृत हुई? ग्रामवार, जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के कार्य हेतु कितना व्यय किस ग्रामीण क्षेत्र में किस कार्य के लिये किया गया? (ग) इनमें से कितने कार्य पूर्ण हो गये और कितने कार्य शेष है? ग्रामवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र धरमपुरी, जिला धार अंतर्गत आने वाली जनपद पंचायतों के 95 ग्राम पंचायतों में 01 खेल स्टेडियम, 250 मुक्तिधाम एवं 2 गौशाला (सामुदायिक केटल शेड) स्वीकृत हुई हैं। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ख) कार्यवार व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र–1, 2 एवं 3 अनुसार है। (ग) 01 खेल स्टेडियम पूर्ण, शांतिधाम (मुक्तिधाम) 243 पूर्ण, 07 प्रगतिरत तथा गौशाला 02 कार्य प्रगतिरत। ग्रामवार जानकारी उत्तरांश (क) व (ख) के पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र अनुसार है।
माण्डव पर्यटन स्थल का विकास
[पर्यटन]
84. ( क्र. 649 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी जिला धार के अंतर्गत आने वाले पर्यटन स्थल माण्डव के विकास हेतु विभाग की क्या योजना है और माण्डव के सौंदर्यीकरण कराये जाने हेतु कितना बजट प्रस्तावित किया गया है? (ख) माण्डव पर्यटन स्थल पर हजारों की तादात में देश विदेश से पर्यटक आते हैं। उनके लिए विभाग द्वारा क्या व्यवस्था दी जा रही है और पर्यटन स्थल को बढ़ावा देने हेतु विभाग द्वारा क्या किया जा रहा है? (ग) धरमपुरी में नर्मदा के बीचों-बीच प्रोखणिक टापू जो विख्यात एवं महर्षि दधीची की तपोंस्थलि जहां पर पर्यटन की आपार संभावना है? इसके विकास हेतु पर्यटक स्थल बनाने हेतु विभाग की क्या योजना है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। राज्य शासन के अंतर्गत विधान सभा क्षेत्र जिला धार में माण्डव के विकास हेतु राशि रूपये 850.73 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदाय की गयी है जिसके अंतर्गत मालवा रिसोर्ट मांडू में 16 नवीन कक्ष एवं किचिन का निर्माण कार्य किया जाना है। वर्तमान में सौंदर्यीकरण हेतु कोई बजट प्रस्तावित नहीं है। (ख) जी हाँ। पर्यटकों के लिए पर्यटक सुविधा केन्द्र का निर्माण किया गया है, इसके अलावा पर्यटकों के खानपान व ठहरने के लिये होटल मालवा रिसोर्ट मांडू व मालवा रिट्रीट मांडू में संचालन किया जा रहा है। पर्यटन स्थल को बढ़ावा हेतु पर्यटन विकास निगम द्वारा हेरिटेज सर्किट के अंतर्गत मांडू में रेवाताल व बाज बहादुर महल जिला धार में रोड चौड़ीकरण, पार्किंग, रिटेनिंग वाल, रेलिंग एवं डिवायडर का निर्माण इत्यादि कार्य किये गये हैं। भारत शासन पर्यटन मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत हेरिटेज सर्किट से मांडू में पर्यटक सुविधा केन्द्र का निर्माण किया गया है, जिसमें ऑफिस ब्लॉक, रिसेप्शन हॉल, रेस्टोरेंट हॉल, लेडीज व जेंट्स टॉयलेट बनाये गए हैं एवं हेरिटेज सर्किट के अंतर्गत मांडू में लाईट एंड साउण्ड शो का कार्य पूर्ण किया जाकर संचालन प्रारंभ किया गया है। (ग) धरमपुरी जिला धार में नर्मदा के बीचों बीच बिल्वमात्रेश्वर मंदिर (बेंट संस्थान) में डे-शेल्टर, गजीबो जन सुविधा का निर्माण एवं अन्य विकास कार्य हेतु राज्य शासन से राशि रूपये 126.93 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
प्रधानमंत्री आवास का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
85. ( क्र. 696 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में जुलाई 2019 तक कुल कितने प्रधानमंत्री आवास (PMAY-G) बनाये जा चुके हैं या बनाये जा रहे हैं? जनपद अनुसार, ग्राम अनुसार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ख) 27/7/2019 को विकास आयुक्त म.प्र. के पत्र क्र. 7374/22/D-7/PMAY-G/2019 के अनुसार 8.32 लाख आवास में से 2.32 लाख आवास केन्द्र को अभ्यर्पित (surrender) के बाद सीधी जिले में कुल कितने आवास कम निर्मित होंगे? सीधी जिले में केन्द्र सरकार द्वारा जनपद अनुसार कितने PMAY-G प्रस्तावित थे एवं जनपद अनुसार कितने आवास निर्मित किये गये? (ग) क्या सीधी जिले में PMAY-G का किसी जनपद को विशेष लक्ष्य दिया गया है? यदि हाँ, तो क्यों और कितना लक्ष्य अतिरिक्त दिया गया है? (घ) जुलाई 2019 के बाद से कितने आवास सीधी जिले के लिए प्रस्तावित किये गए हैं? जनपद अनुसार संख्यात्मक जानकारी देवें। यदि किसी जनपद को ज्यादा आवास दिए गए हैं तो इसका कारण भी बताएं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (ख) प्रश्न उपस्थित नहीं होता। केन्द्र सरकार जनपद को लक्ष्य प्रदाय नहीं करती, शेष जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (ग) जी हाँ। 2248 का लक्ष्य सीधी जिले के सिहावल जनपद को उपलब्ध लक्ष्य के अन्तर्गत आवश्यकता अनुसार प्रदाय किया गया। (घ) सीधी के सिहावल जनपद को प्रदाय किया गया। जनपद को ज्यादा आवास नहीं दिये गए। जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
86. ( क्र. 697 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में कुल कितने कृषकों का कितनी-कितनी राशि का कर्ज माफ हुआ है? विकासखण्डवार संख्या बतायें। (ख) सहकारी बैंकों से 50, 000/- रू. से कम कर्ज लेने वाले कितने कृषकों को सीधी जिले के सहकारी बैंक ने कर्ज वसूली का नोटिस जारी किया है? संख्या बतायें। (ग) केन्द्र द्वारा प्रदत्त प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि कितने किसानों को सीधी जिले में दी गई है? तहसीलवार, ग्रामवार, कृषकवार जानकारी देवें। (घ) सीधी जिले में कितने किसानों के खाते में डेटा में त्रुटि के कारण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि नहीं पहुंची है एवं कितने दिनों में इस त्रुटि को सुधार लिया जाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) सीधी जिले में कुल 14214 कृषकों का राशि रूपये 772259361 का कर्ज माफ हुआ है। विकासखंडवार संख्या पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित सीधी द्वारा 50000/- रू. से कम कर्ज लेने वाले किसानों को कोई नोटिस नहीं दी गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) केन्द्र द्वारा प्रदत्त प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि सीधी जिले में 88835 ग्रामीण कृषकों तथा 1583 शहरी कृषकों को दी गयी है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) सीधी जिले में 39373 कृषकों के खाते में डेटा त्रुटि के कारण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि नहीं पहुंची है। कृषकों के गलत आधार नम्बर, समग्र आई.डी.नम्बर एवं खाता नम्बर, आई.एफ.एस.सी. नम्बर में शीघ्र सुधार किया जायेगा।
जिला बदर अपराधी के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
87. ( क्र. 703 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पुलिस थाना बसई जिला दतिया अन्तर्गत श्री जसवंत पुत्र नारायण सिंह ठाकुर वर्ष 2018-19 में जिला बदर हेतु अनुबंध बाउण्ड ओवर किए गए थे? यदि हाँ, तो कब से कब तक की अवधि हेतु? (ख) क्या पुलिस थाना बसई जिला दतिया के अन्तर्गत श्री जसवंत पुत्र नारायण सिंह ठाकुर द्वारा जिला बदर की अवधि में कोई अपराध बसई थाना अन्तर्गत किया गया? यदि हाँ, तो जिला बदर के उल्लंघन के संबंध में थाना बसई द्वारा अपराधी के विरूद्ध कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) पुलिस थाना बसई जिला दतिया अंतर्गत श्री जसवंत पुत्र नारायण सिंह ठाकुर को जिला दण्डाधिकारी जिला दतिया के आदेश क्रमांक/आरडीएम/जिला विशेष/10/18 दिनांक 03/10/2018 के अनुसार आदेश प्राप्ति दिनांक 17/11/2018 से एक वर्ष की कालावधि तक प्रत्येक 15 दिवस में संबंधित एस.डी.एम. न्यायालय/थाना प्रभारी के समक्ष अनिवार्यत: अपनी उपस्थिति देने की शर्त पर निर्बंधित किया गया था। जिला बदर नहीं किया गया है। (ख) जी हाँ। निर्बंधित अवधि के दौरान श्री जसवंत पुत्र नारायण सिंह ठाकुर, थाना बसई जिला दतिया के विरूद्ध दो अपराध पंजीबद्ध किये गये है। निर्बंधित आदेश की शर्तों का उल्लंघन करने पर थाना बसई द्वारा उक्त आरोपी के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अपराध क्रमांक 31/2020 दिनांक 03/03/2020 धारा 14 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990, पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश
[गृह]
88. ( क्र. 704 ) डॉ. नरोत्तम मिश्र : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन/प्रशासन द्वारा पुलिस में आर./प्र.आर./ए.एस.आई. एवं टी.आई. स्तर के कर्मचारी/अधिकारियों के लिये सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने का प्रावधान किया है? (ख) क्या पुलिसकर्मियों को सप्ताह तो छोड़ महीने में भी एक अवकाश प्रदान नहीं किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों? (ग) क्या पुलिस कर्मियों द्वारा साप्ताहिक अवकाश हेतु सोशल मीडिया पर अभियान चलाया गया है? (घ) क्या दिनांक 23 नवम्बर 2018 को ऑफिस ऑफ कमलनाथ वर्तमान मुख्यमंत्री के ट्विटर से प्रदेश के पुलिस कर्मियों के आवास भत्ता 5000 रू.प्रतिमाह आहार भत्ता/अन्य भत्तों को तीन गुना करने की बात की गई थी? यदि हाँ, तो प्रदेश के पुलिसकर्मियों को कब तक लाभ दिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक-पुमु/प्रशासन/ कार्मिक/7/05/2019 दिनांक 01.01.2019 के माध्यम से थाना एवं विसबल कंपनियों में तैनात निरीक्षक से आरक्षक स्तर के कर्मचारी/अधिकारियों के लिये सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने का प्रावधान किया है। (ख) प्रश्नांश (क) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नांश (ख) उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। इस संबंध में कोई जानकारी विभाग में उपलब्ध होना नहीं पाया गया है, शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
89. ( क्र. 716 ) श्री कमल पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत हरदा में 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन जनप्रतिनिधियों पूर्व जनप्रतिनिधियों एवं राजनैतिक पार्टियों के पदाधिकारियों द्वारा जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत पदाधिकारी एवं सचिवों की शिकायतों एवं स्थानांतरण हेतु कब-कब पत्र प्राप्त हुए? (ख) उपरोक्त प्राप्त पत्रों में से जिला पंचायत हरदा द्वारा कितने पत्रों पर कब-कब, क्या-क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, की गई तो क्यों? (ग) उपरोक्त जन प्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायतों में किन-किन को दोषी पाया गया? (घ) उपरोक्त शिकायतों में पाए गए दोषियों में किन-किन के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाही की गई तथा जिनके विरूद्ध कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों नहीं की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
नाबालिग लड़कियों की गुमशुदगी एवं अपहरण के मामले
[गृह]
90. ( क्र. 724 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र में गत वर्ष जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक विभिन्न पुलिस थानों में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों की गुमशुदगी एवं अपहरण के कितने मामले दर्ज किये गये? प्रदेश स्तर की कुल संख्या एवं अपरहण और गुमशुदगी पृथक-पृथक बतायें। (ख) वर्तमान में ऐसे कितने मामले हैं जिनमें आज दिनांक तक विवेचना जारी है एवं लड़की की बरामदगी नहीं हो पाई है? ऐसी कुल कितनी लड़कियां प्रदेश भर में अभी तक लापता है? (ग) क्या विभाग इस तरह के मामले जिले भर के पुलिस थानों में संबंधित किसी विशेष सेल (दस्ता) को सौंपने पर विचार कर रहा है, जिससे इन मामलों का निराकरण शीघ्र संभव हो सके? (घ) यदि नहीं, तो संबंधित पुलिस थाने के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा किस तरह से उन मामले में बरामदगी की कार्यवाही की जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक (25 फरवरी 2020) तक प्रदेश में 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के अपहरण के 10013 मामले विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज किये गये है। थानों में नाबालिग गुमशुदगी के सभी मामलों में अपहरण का अपराध पंजीबद्ध किया जाता है। उपरोक्त 10013 में से 9049 में पहले गुमशुदगी भी दर्ज हुई थी। शेष 964 मामलों में सीधे ही अपहरण का प्रकरण दर्ज हुआ है। (ख) वर्तमान में गुमशुदा/अपहरण के 3803 मामले विवेचनाधीन है तथा 2934 मामलों में लड़कियां आज दिनांक तक लापता है। (ग) थानों पर 04 माह की अवधि से अधिक लंबित गुमशुदगी/अपहरण मामलों में क्षेत्राधिकार के राजपत्रित अधिकारी द्वारा अनुसंधान कार्यवाही की जाती है। (घ) इस तरह के मामलों में बरामदगी हेतु कार्यवाही की जाती है तथा समय-समय पर विशेष अभियान भी चलाये जाते हैं।
जेल में कैदियों को रोजगार
[जेल]
91. ( क्र. 725 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. जेल मेन्युअल के अनुसार जेलों में निरूद्ध बंदियों से किस तरह का कार्य करवाया जाता है? क्या प्रदेश की जेलों में कैदियों से विभिन्न प्रकार की वस्तुओं/सामानों का उत्पादन/निर्माण करवाकर उन्हें आय का साधन मुहैया कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो कितनी जेलों में बंदियों को रोजगार प्रदान किया गया है? (ख) म.प्र. की जेलों में कैदियों से किन-किन वस्तुओं का निर्माण करवाया जा रहा है? साथ ही क्या हथकरघा के माध्यम से सूती कपड़ा/साड़ी का निर्माण भी करवाया जा रहा है? यदि हाँ, तो किन जेलों में वस्त्र बनाये जा रहे हैं? (ग) प्रदेश की किन-किन जेलों में वस्तुओं के उत्पादन एवं बिक्री से अच्छी आय प्राप्त हो रही है? कृपया उत्पादित सामग्री, लागत एवं शुद्ध मुनाफा वर्ष 2019 एवं 20 का पृथक-पृथक सेल बताने का कष्ट करें। (घ) क्या प्रदेश की जेलों से उत्पादित सामग्री की मांग राष्ट्रीय एवं वैश्विक बाजार में है? यदि हाँ, तो कौन सी सामग्री की सर्वाधिक मांग एवं बिक्री हो रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जेल मेन्युअल के अनुसार बंदियों द्वारा जेल में बागवानी/कृषि कार्य, उद्योग/प्रशिक्षण एवं जेल सेवा अंतर्गत कार्य करवाया जाता है। हाँ, जेलों में संचालित उद्योगों में प्रशिक्षण एवं उत्पादन कराकर आय का साधन मुहैया कराया जा रहा है। प्रदेश की 11 केन्द्रीय जेलों एवं जिला जेल इन्दौर में उद्योगों में प्रशिक्षण/उत्पादन के माध्यम से पात्र बंदियों को कार्य दिया जा रहा है। (ख) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार जेलों में विभिन्न वस्तुओं का निर्माण कराया जा रहा है। हाँ, पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार उल्लेखित जेलों में हथकरघा के माध्यम से सूती कपड़ा/साड़ी का निर्माण कराया जा रहा है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार उल्लेखित जेलों में वस्त्र बनाये जा रहे हैं। (ग) जानकारी का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) नहीं।
पी.एम.टी. परीक्षा में फर्जीवाड़े की सी.बी.आई. जाँच
[गृह]
92. ( क्र. 748 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या रोल नंबर सेटिंग कर पी.एम.टी.. परीक्षा 2007 से 2011 में फर्जीवाड़े की जाँच सी.बी.आई. कर रही हैं? यदि नहीं, तो क्या एस.टी.एफ. कर रही है? यदि नहीं, तो कौन सा विभाग कर रहा है? (ख) क्या एस.टी.एफ. के संज्ञान में है कि 2007 से 2011 की पी.एम.टी.. परीक्षा में रोल नंबर सेटिंग कर फर्जीवाड़ा किया गया? क्या व्यापम ने उक्त वर्षों में रोल नंबर सेटिंग की जाँच कर पुलिस महानिदेशक को कार्यवाही करने हेतु पत्र लिखा है? यदि हाँ, तो उन पत्रों की प्रति दी जाये। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में बतावें कि 5 वर्षों की अवधि हो जाने के बाद भी जाँच अनुसंधान पूर्ण होकर प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया? क्या व्यापम के पूर्व परीक्षा नियंत्रक सुधीर भदौरिया को बचाने के लिए ऐसा किया गया है? यदि नहीं, तो विलंब के कारण बतावें तथा बतावें कि प्रकरण कब दर्ज किया जावेगा? (घ) क्या सी.बी.आई. ने रोल नंबर सेटिंग से पी.एम.टी.. 2012 में फर्जीवाड़े पर निजी चिकित्सा महा. को आरोपी बताया है? यदि हाँ, तो क्या एस.टी.एफ. भी 2007 से 2011 में निजी चिकित्सा महा. को आरोपी बनायेगी? क्या निजी चिकित्सा महा. को बचाने के लिये पाँच साल उपरांत भी प्रकरण दर्ज नहीं किया गया?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) सी.बी.आई. से प्राप्त जानकारी अनुसार, जी नहीं। जी नहीं, म.प्र. शासन के पत्र क्र. 1277/CMS/PRS/2019 भोपाल दिनांक 01.08.2019 के परिपालन में मात्र इम्पेरिकल रूल के आधार पर तथा किसी अन्य संपुष्टिकारक साक्ष्य के अभाव में पी.एम.टी.. परीक्षा 2008-2011 के अभ्यर्थियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किए गए हैं। (ख) जी नहीं, म.प्र. शासन के पत्र क्र.1277/CMS/PRS/2019 भोपाल दिनांक 01.08.2019 के परिपालन में मात्र इम्पेरिकल रूल के आधार पर तथा किसी अन्य संपुष्टिकारक साक्ष्य के अभाव में पी.एम.टी.. परीक्षा 2008-2011 के अभ्यर्थियों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किए गए हैं। भविष्य में भी शासन के उक्त पत्र के तारतम्य में कार्यवाही की जावेगी। व्यापम द्वारा पी.एम.टी.. 2007-11 में रोल नंबर सेटिंग कर फर्जीवाड़े का कोई पत्र पुलिस महानिदेशक महोदय को प्रेषित नहीं किए जाने की पुष्टि की गई है। (ग) जी नहीं। पी.एम.टी.. परीक्षा 2008-2011 में मात्र इम्पेरिकल रूल के आधार पर तथा किसी अन्य संपुष्टिकारक साक्ष्य के अभाव में म.प्र. शासन के पत्र क्र.1277/CMS/PRS/2019, भोपाल दिनांक 01.08.2019 के तारतम्य में कोई अपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किए गए हैं। जी नहीं, एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम शिकायतों की जाँच में प्राप्त साक्ष्यानुरूप विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। (घ) जी हाँ। निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रवेश में फर्जीवाड़े की एस.टी.एफ. द्वारा जाँच मान. सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिका क्रमांक 114/15 एवं 115/15 के निर्णयाधीन कार्यवाही की जावेगी। जी नहीं।
व्यापम घोटाले की जाँच
[गृह]
93. ( क्र. 749 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्रमांक 817, दिनांक 8 जुलाई 2019 के संदर्भ में बतायें कि संबधित शिकायत एस.टी.एफ द्वारा की जा रही 197 शिकायतें में शामिल हैं या नहीं। (ख) प्रश्न (क) यदि हाँ, तो बतावें कि क्या सी.बी.आई. द्वारा पत्र में उल्लेखित चारों बिंदुओं को विवेचना तथा अनुसंधान में शामिल किया गया या नहीं? यदि हाँ, तो जाँच की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ग) जबलपुर उच्च न्यायलय में लंबित प्रकरण के बाद भी यदि सी.बी.आई . ने 2012 पी.एम.टी.. की जाँच में निजी चिकित्सा महाविद्यालय को आरोपी बताया तो क्या एस.टी.एफ. 2006 से 2011 की जाँच में उन्हें आरोपी बनायेगा? यदि नहीं, तो वह नियम कानून बतावें जिसके आधार पर न बनाने का निर्णय लिया जा रहा है? (घ) क्या जिन 197 शिकायतों पर एस.टी.एफ. जाँच कर रही हैं, उनमें जाँच की अद्यतन स्थिति से शिकायतकर्ता को समय-समय पर अवगत कराया जा रहा हैं तथा जाँच पूर्ण होने पर शिकायतकर्ता को उनकी शिकायत पर बिंदुवार लिये गये निर्णय से अवगत कराया जा रहा है या कराया जावेगा? उल्लेखित शिकायतें किस-किस दिनांक को प्राप्त हुई तथा उस पर विवेचना किस दिनांक से प्रारम्भ हुई? सूची देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं, प्रश्नकर्ता के उक्त प्रश्न मुख्य सचिव को सितम्बर 2016 में लेख पत्र संबंधी है। उक्त संदर्भित शिकायत पत्र एस.टी.एफ. द्वारा जाँचरत 197 शिकायतों में शामिल नहीं है। (ख) उपरोक्तानुसार प्रश्न उत्पन्न नहीं। (ग) मान. जबलपुर उच्च न्यायालय में लंबित प्रकरण का संदर्भ स्पष्ट न होने से जानकारी दी जाना संभव नहीं। एस.टी.एफ. द्वारा निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश संबंधी जाँच मान. सर्वोच्च न्यायालय में लंबित रिट याचिका क्रमांक 114/15, 115/15 के निर्णयाधीन की जाएगी। (घ) एस.टी.एफ. द्वारा व्यापम संबंधी जाँचरत 197 शिकायतों में जाँच पूरी होने पर विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी। सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार।
अनु.जाति एवं जनजाति वर्ग के पंजीकृत ठेकेदारों हेतु शासन की क्रय नीति
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
94. ( क्र. 754 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के मध्यम, सूक्ष्म, लघु उद्योग विभाग में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के पंजीकृत ठेकेदार कौन कौन एवं कब से हैं? पंजीकृत फर्मों की सूची पता एवं व्यवसाय की श्रेणी सहित प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि उपरोक्त विभागों की इस वर्ग के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की वर्तमान क्रय नीति क्या है? ऐसी नीति की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि जब केन्द्र की ऐसी नीति है कि इस वर्ग के पंजीकृत ठेकेदारों से 4 प्रतिशत सामग्री क्रय निश्चित तौर पर की जावे एवं 4 प्रतिशत निर्माण कार्य कराने की भागीदारी सुनिश्चित की जावे फिर प्रदेश सरकार द्वारा ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि इस वर्ष की पंजीकृत ठेकेदारों को निर्माण कार्य का ठेका लेने में नि:शुल्क टेंडर फार्म प्राप्त करने की एवं अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (बयाना राशि) नहीं भरने की पात्रता है, फिर इस वर्ग के पंजीकृत ठेकेदारों से क्यों ली जाती है? उपरोक्त राशि न लेने के ऐसे आदेश जारी होंगे तो कब तक और नहीं तो क्यों? केंद्र के आदेश का विभाग पालन कराएगा तो कब तक?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा ठेकेदारों के पंजीयन की कार्यवाही नहीं की जाती है। विभाग द्वारा प्रदेश के सूक्ष्म तथा लघु उद्यमों के विकास एवं संवर्धन के संबंध में कार्यवाही की जाती है। स्थापित उद्यमों द्वारा भारत सरकार के पोर्टल पर उद्योग आधार मेमोरण्डम (UAM) फाइल किया जाता है, जो कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यम हेतु ऐच्छिक है। (ख) केन्द्र सरकार द्वारा जारी पब्लिक प्रोक्योरमेंट पॉलिसी फॉर माईक्रो एण्ड स्मॉल इन्टरप्राईजेस आदेश 2012 के अनुसार कुल उपार्जन का 25 प्रतिशत क्रय सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों से किये जाने का प्रावधान है। सूक्ष्म तथा लघु उद्यमों से किये जाने वाले कुल 25 प्रतिशत के क्रय में से 25 प्रतिशत का क्रय अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के उद्यमियों से एवं 3 प्रतिशत का क्रय महिला उद्यमियों के स्वामित्व के सूक्ष्म एवं लघु उद्यम से किया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 प्रचलित है, जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के उद्यमियों से क्रय किये जाने बाबत् कोई प्रावधान नहीं हैं। नीति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 अनुसार यथोचित कार्यवाही की जायेगी। (घ) म.प्र. भण्डार क्रय तथा सेवा उपार्जन नियम-2015 के नियम 25 के अन्तर्गत प्रदेश के सूक्ष्म तथा लघु उद्यमों को निःशुल्क टेण्डर फार्म उपलब्ध कराने तथा निविदा में प्रतिभूति राशि (अर्नेस्ट मनी) के भुगतान से छूट का प्रावधान है। ।
मनरेगा योजनान्तर्गत स्वीकृत निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
95. ( क्र. 758 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र अनूपपुर अन्तर्गत आने वाली पंचायतों में विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा योजनान्तर्गत कितने निर्माण कार्य स्वीकृत हुये? उक्त स्वीकृत निर्माण कार्यों में से कितने पूर्ण हुये एवं कितने प्रगतिरत हैं? प्रगतिरत कार्य कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे तथा स्वीकृत निर्माण कार्य जो अभी तक प्रारंभ ही नहीं हुये हैं, किस कारण से अभी तक अप्रारंभ हैं? (ख) विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में विगत तीन वर्षों में कुल कितने मानव दिवस परियोजना कार्य में शासन स्तर से प्राप्त हुए एवं उक्त मानव दिवस में कुल कितने मानव दिवस का उपयोग किया गया है एवं कितने शेष हैं? जो मानव दिवस शेष हैं वे कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) उक्त विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विगत 03 वर्षों से प्रश्न दिनांक तक मनरेगा से कितने सामुदायिक वृक्षारोपण एवं कितने कृषकों के खेत में फलोद्यान विकास के कार्य किये गये हैं? स्वीकृत राशि एवं व्यय राशि की एवं लंबित भुगतान योग्य शेष राशि की जानकारी देवें। पौधों की उत्तरजीवित्ता कितने प्रतिशत हैं? शेष पौधों के सरंक्षण की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? इसके लिये दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 11, 106 निर्माण कार्य स्वीकृत, पूर्ण कार्य 8, 947 एवं प्रगतिरत कार्य 2, 159, योजना मांग आधारित होने से कार्यों का पूर्ण होना जाबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग पर निर्भर होने से कार्य पूर्ण कराये जाने की एवं कार्य प्रारंभ करने की निश्चित अवधि राज्य स्तर से नियत नहीं की जा सकती है। (ख) वांछित जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) सामुदायिक वृक्षारोपण के 98 कार्य, स्वीकृत राशि रू. 335.77 लाख, व्यय राशि रू.108.55 लाख तथा कृषकों के खेत में फलोद्यान विकास के 39 कार्य, स्वीकृत राशि रू.32.99 लाख, व्यय राशि रू.11.22 लाख। लंबित भुगतान योग्य शेष राशि नहीं है। पौधों की उत्तरजीवित्ता सामुदायिक परियोजनाओं में लगभग 59% एवं कृषकों के निजी खेत में 52% है। सामुदायिक परियोजनाओं में पौधों के संरक्षण हेतु ग्राम पंचायतों में पौधरक्षक एवं बागड़ लगाकर व्यवस्था की गई है। प्राकृतिक आपदा के कारण पौधे मृत हुये हैं एवं वर्तमान में किसी कर्मचारी के दोषी होने की स्थिति संज्ञान में नहीं है।
स्वीकृत कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
96. ( क्र. 759 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 03 वित्तीय वर्ष से प्रश्न दिनांक तक की स्थिति में अनूपपुर जिले में अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा योजना से कपिलधारा कूप खेत, तालाब, मेढ़ बंधन, नंदन फलोद्यान निर्मल नीर कूप स्टॉप डेम एवं तालाब की पंचायतवार स्वीकृत कार्यों की संख्या एवं स्वीकृत राशि, व्यय राशि एवं वर्तमान में कार्यों की भौतिक स्थिति क्या है? (ख) महात्मा गांधी नरेगा मद से उक्त विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में अधूरे पड़े तालाब, स्टॉप डेम एवं कूपों की क्या स्थिति है? (ग) आगामी वित्तीय वर्ष में कितने कूपों, तालाबों, स्टॉप डेम, निर्मल नीर कूप निर्माण करने की क्या योजना है? जनपदवार, पंचायतवार जानकारी उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1.1 से 1.8 अनुसार है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2.1 से 2.2 अनुसार है। (ग) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
10 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानांतरण
[गृह]
97. ( क्र. 763 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश पुलिस विभाग के विभिन्न इकाईयों में 10 वर्षों से अधिक एक ही इकाई/शहर में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी हैं, जिनका अन्य इकाईयों/शहरों में स्थानांतरण होने के बाद भी पुन: कुछ महीनों बाद वापस आये हैं? (ख) प्रदेश के वि.स. बल इकाई/बटालियन के ऐसे कितने अधिकारी/कर्मचारी हैं जो 10 वर्षों से अधिक एक ही इकाई/बटालियन (शहर) में पदस्थ हैं? वर्षों से जमे अधिकारी/कर्मचारियों के स्थानांतरण नहीं होने के क्या कारण है? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) यदि हाँ, तो क्या? 10 वर्षों से अधिक एक ही (शहर) इकाई/जिला में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों का स्थानांतरण किया जायेगा और फाईटिंग कंपनियों में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों को जिला (शहर) इकाईयों में पदस्थ किया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में जिला पुलिस बल अंतर्गत आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक जिला केडर के कर्मचारी हैं। जिस कारण वे लंबी अवधि से एक ही जिले में पदस्थ रह सकते हैं। सहायक उप निरीक्षक से निरीक्षक स्तर के मात्र 88 अधिकारी ऐसे हैं जो गंभीर बीमारी, पारिवारिक समस्या या अन्य कारणों से एक ही जिले में स्थानांतरण होने के बाद भी पुन: कुछ महीनों के बाद वापस आये हैं। (ख) विसबल की विभिन्न वाहिनियों में कुछ कर्मचारी 10 वर्ष से अधिक समय से एक ही इकाई में पदस्थ है। जिसके संबंध में जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। विसबल में कर्मचारी विभिन्न कंपनियों में कार्यरत होते हैं, न कि इकाई मुख्यालय पर। कंपनियां किसी एक स्थान पर 10 वर्ष तक लगातार नहीं रहती हैं। (ग) विसबल की कंपनियां कानून व्यवस्था ड्यूटी हेतु मुख्यालय से बाहर पदस्थ रहती है, जिनका रोटेशन सामान्यत: 01 वर्ष में होता हैं।
अटेर व भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के शस्त्रधारियों के स्वीकृत लायसेंस
[गृह]
98. ( क्र. 764 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अटेर व भिण्ड विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पुलिस थानों (अटेर, पावई, सुरपुरा, फूप, ऊमरी, बरोही, थाना देहात भिण्ड सिटी कोतवाली एवं पुलिस थाना रेल्वे स्टेशन रोड भिण्ड) में कितने व्यक्तियों को कौन-कौन से शस्त्र लायसेंस वर्तमान में स्वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में किस-किस शस्त्रधारी के विरूद्ध भिण्ड एवं अन्य जिले में कितने अपराध पंजीकृत हैं? अपरांध क्रमांक, दिनांक एवं धाराओं सहित जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में अपराध पंजीकृत होने के उपरांत किस-किस शस्त्रधारी के शस्त्र लायसेंस को निरस्त करने की अनुशंसा की गई? किस-किस शस्त्र लायसेंसधारी के शस्त्र लायसेंस निरस्त किये गये? क्या निरस्त किये गये सभी शस्त्र लायसेंसधारी ने अपने शस्त्रों को थानों में जमा करा दिये हैं? यदि नहीं, तो क्यों? किस-किस शस्त्रधारी के शस्त्र लायसेंस को निरस्त करने की अनुशंसा नहीं की गई? अनुशंसा न करने का क्या कारण है? (घ) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में ऐसे कितने शस्त्रधारी हैं जिन्होंने सेना, अर्द्धसैनिक एवं अशासकीय संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों ने जिले के बाहर शस्त्र लायसेंस स्वीकृत कराकर क्रय किये हैं? क्या इनके अतिरिक्त शस्त्र लायसेंस भिण्ड जिले के थानों में दर्ज है? यदि हाँ, तो सूची दें। यदि नहीं, तो दर्ज न करने का क्या कारण है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
उद्योग धंधों हेतु आवंटित भूमि
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
99. ( क्र. 765 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र भिण्ड के अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों में किन-किन कम्पनियों, संस्थानों, फर्मों एवं व्यक्तियों को वर्तमान में कितनी-कितनी भूमि आवंटित है? यह भूमि कब किस कार्य हेतु आवंटित की गई थी? औद्योगिक क्षेत्रवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जिस-जिस कार्य के लिये अनुबंध कर भूमि/शेड आवंटित किये गये थे, वहां पर प्रश्न दिनांक की स्थिति में क्या कार्य किया जा रहा है? कौन-कौन सी इकाईयां चालू हैं? कौन-कौन सी बंद या निर्माणाधीन हैं? (ग) क्या विगत 10 वर्षों में भिण्ड जिले में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु भूमि का चयन किया गया था? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी विधान सभा क्षेत्र के किस-किस ग्राम में कौन-कौन से खसरा नम्बर में कितनी-कितनी भूमि का चयन कर जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के लिये आरक्षित की गई थी? इनमें से किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से उद्योग/व्यापार/अन्य कार्य हेतु आवंटित की गई है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने हेतु विगत 10 वर्षों में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, भिण्ड को भूमि प्राप्त नहीं हुई है, अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
संजीवनी समूह एवं जनजागृति समूहों द्वारा अनियमितता
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 770 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता का कलेक्टर होशंगाबाद को प्रेषित शिकायत पत्र क्रमांक-106 दिनांक 22/01/2020 में उल्लेखित संजीवनी समूह एवं जनजागृति समूह, रानीपुर के अध्यक्ष एवं सचिवों द्वारा गरीब महिलाओं से गुड़पट्टी निर्माण की राशि का भुगतान नहीं कर धोखाधड़ी की शिकायत पर जाँच कराई गई? (ख) प्रश्नांश (क) यदि हाँ, तो जाँच का क्या निष्कर्ष रहा? प्रतिवेदन की प्रति देते हुये जाँचकर्ता अधिकारी/कर्मचारी का नाम, पदनाम एवं पदस्थापना बतावें। उक्त धोखाधड़ी में एन.आर.एल.एम. के किस-किस अधिकारी/कर्मचारी की मिलीभगत पायी गई? उनके नाम एवं पदनाम सहित बतावें। (ग) वित्तीय वर्ष 2017-2018 से प्रश्न दिनांक तक उक्त समूहों को किस-किस कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदाय की गई एवं समूहों द्वारा कब कितनी गरीब महिलाओं को कितनी-कितनी पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया गया? समूहों को प्रदाय की गई राशि की प्रति एवं समूहों द्वारा किये गये पारिश्रमिक भुगतान की राशि प्रति देते हुये बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) हाँ। (ख) जाँच के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, केसला का जाँच प्रतिवेदन पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। निम्नांकित जाँचकर्ता अधिकारी/कर्मचारी हैः- (1) श्री जयसिंह मीणा, पंचायत समन्वय अधिकारी, जनपद पंचायत, होशंगाबाद। (2) श्री धर्मेंन्द्र गुप्ता, प्रभारी विकासखण्ड समन्वयक, मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, विकासखण्ड-केसला। उक्त प्रकरण में एन.आर.एल.एम. के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी की मिलीभगत नहीं पाई गई। (ग) वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्न दिनांक तक समूहों को गतिविधि हेतु प्रदाय की गई राशि निम्नानुसार है :-
समूह का नाम |
दिनांक |
कार्य |
राशि (रु.) |
जनजागृति स्व-सहायता समूह |
05.09.2017 |
गुड़चिक्की निर्माण |
1, 68, 096/- |
07.11.2017 |
स्थापना व्यय |
30, 000/- |
|
31.03.2018 |
चक्रीय निधि |
11, 000/- |
|
संजीवनी स्व-सहायता समूह |
10.04.2012 |
चक्रीय निधि |
14, 000/- |
शासन की ओर से मजदूरी भुगतान का कोई प्रावधान नहीं था, जिस समूह ने इस गतिविधि में कार्य किया था, उसे ही इसका प्रबंधन कर लाभांश आपस में वितरण करना था।
प्रोत्साहन राशि का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
101. ( क्र. 771 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र सिवनी मालवा के अंतर्गत रबी वर्ष 2018-19 (विपणन वर्ष 2019-20) में गेहूँ फसल हेतु कितनी प्रोत्साहन राशि कितने किसानों को प्रदान की गई है? जिला होशंगाबाद में कितने किसान शेष है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में शेष प्रोत्साहन राशि कब तक प्रदान कर दी जावेगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा के अंतर्गत रबी वर्ष 2018-19 (विपणन वर्ष 2019-20) में जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत गेहूँ फसल हेतु प्रोत्साहन राशि किसानों को प्रदान नहीं की गई है। जिला होशंगाबाद में 68215 किसानों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाना है। (ख) जय किसान समृद्धि योजनान्तर्गत प्रोत्साहन राशि जारी करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
स्वरोजगार हेतु संचालित योजनाएं
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
102. ( क्र. 797 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्वरोजगार हेतु कौन-कौन सी योजनाएं संचालित की जा रही हैं? योजनावार जानकारी दें। (ख) योजनांतर्गत कितनी-कितनी वित्तीय सहायता कितने-कितने चरणों में दी जाती है? (ग) नीमच जिले में विगत पाँच वर्षों में स्वरोजगार योजना के अंतर्गत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) एम.एस.एम.ई. विभाग अन्तर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्रों के माध्यम से म.प्र. शासन की मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना संचालित की जाती है। योजनावार पात्रता, वित्तीय सहायता आदि की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) योजनान्तर्गत हितग्राही को वित्तीय सहायता के रूप में शासन द्वारा मार्जिन मनी अनुदान, ब्याज अनुदान एवं गारंटी फीस (CGTMSE) दिये जाने का प्रावधान है जिसका विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। 1. मार्जिन मनी अनुदान :- योजनान्तर्गत बैंक द्वारा ऋण स्वीकृति उपरांत मार्जिन मनी अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। 2. ब्याज अनुदान :- हितग्राही को ऋण वितरण एवं उसकी इकाई स्थापित होने के पश्चात नियमित ऋण भुगतान किये जाने पर ब्याज अनुदान त्रैमासिक आधार पर दिये जाने का प्रावधान है। 3. गारंटी फीस अनुदान :- हितग्राही के बैंक ऋण की गारंटी CGTMSE (Credit Guarantee Fund Trust For Micro & Small Enterprises) अन्तर्गत प्राप्त होने पर गारंटी फीस दिये जाने का प्रावधान है। उक्त तीनों प्रकार की अनुदान सहायता बैंक शाखाओं द्वारा सीधे संबंधित नोडल बैंकों से क्लेम की जाती है। (ग) एम.एस.एम.ई. विभाग अन्तर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र, नीमच द्वारा विगत 5 वर्षों में स्वरोजगार योजनाओं में 1614 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
भाग-3
अतारांकित
प्रश्नोत्तर
बेस
लाईन सर्वे
में पात्र
घरों की संख्या
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
1. ( क्र. 14 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले में बेस लाईन सर्वे 2012 में दर्ज पात्र घरों की संख्या क्या है? कितने शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है? ग्रामपंचायतवार/विकासखण्डवार जानकारी दें? (ख) उक्त निर्मित शौचालयों में से कितने शौचालय नष्ट हो गये हैं? कितने क्षतिग्रस्त हैं? उनकी मरम्मत की क्या योजना है? (ग) रायसेन जिले में ग्राम पंचायतवार ऐसे हितग्राहियों की संख्या कितनी है जिनके बेस लाईन सर्वे 2012 में नाम दर्ज नहीं हैं, परन्तु वास्तव में जिनके घर शौचालय नहीं है (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के हितग्राहियों के घर किस योजना में शौचालय कब तक बनेंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) रायसेन जिले में बेसलाईन सर्वे 2012 में दर्ज पात्र शौचालय विहीन घरों की संख्या 94383 है। इन घरों में शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया था। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) उक्त निर्मित शौचालयों में से नष्ट हो गये शौचालयों की जानकारी निरंक है तथा 75 शौचालय क्षतिग्रस्त हो गये हैं। ग्राम पंचायतवार/विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’अ’’ अनुसार है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत क्षतिग्रस्त/नष्ट शौचालयों की मरम्मत हेतु शासन से प्राप्त निर्देशानुसार/कार्ययोजना अनुसार कार्य कराया जायेगा। (ग) रायसेन जिले में ऐसे हितग्राही जिनका बेसलाईन सर्वे 2012 में नाम दर्ज नहीं है की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। इन हितग्राहियों के घरों में शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है। दिनांक 27-02-2020 की स्थिति में 287 घरों में शौचालय निर्माण होना शेष है, कार्य प्रगतिरत है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘’ब’’ अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ख) में 75 हितग्राहियों के घरों में क्षतिग्रस्त शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत शासन के निर्देशानुसार कार्य कराये जायेंगे। प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित 287 शौचालय प्रगतिरत हैं। उक्त शौचालय हितग्राहियों द्वारा स्वयं निर्मित कराये जा रहे है, जिनका कार्य 15 मार्च 2020 तक पूर्ण होना संभावित है।
नदी पुनर्जीवन तथा सरोवर निर्माण योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
2. ( क्र. 15 ) श्री देवेन्द्र सिंह पटेल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल संभाग के जिलों में नदी पुनर्जीवन योजना तथा मुख्यमंत्री सरोवर निर्माण योजना के अंतर्गत क्या-क्या कार्य कितनी-कितनी राशि के कहां-कहां स्वीकृत किये गये? (ख) उक्त कार्यों में से कौन-कौन से कार्य प्रारंभ हैं? उनमें क्या-क्या कार्य हुए तथा कितनी राशि व्यय की गई? कौन-कौन से कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं तथा क्यों? कार्यवार कारण बतायें। उक्त कार्य कब तक प्रारंभ होंगे? (ग) किन-किन कार्यों में वन व्यवधान है वन विभाग से अनुमति प्राप्त करने के संबंध में क्या-क्या कार्यवाही की गई? (घ) नदी पुनर्जीवन योजना में रायसेन जिले का चयन क्यों नहीं किया गया? कब तक रायसेन जिले का चयन किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) भोपाल संभाग में केवल राजगढ़ जिले में नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम के तहत कार्य हो रहा है जिसकी प्रश्नाधीन जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) मुख्यमंत्री सरोवर निर्माण योजना नामक कोई योजना नहीं है। अत: तत्संबंध में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) किसी कार्य में वनक्षेत्र संबंधी व्यवधान नहीं है। अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत क्रियाशील जॉबकार्डधारी श्रमिकों की बहुलता के आधार पर नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम के प्रथम चरण में जिलों का चयन किया गया है। द्वितीय चरण प्रारंभ होने पर रायसेन जिले का चयन किया जा सकेगा।
नर्मदा नदी के जल का उपयोग
[नर्मदा घाटी विकास]
3. ( क्र. 51 ) श्री रामपाल सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नदी जल बंटवारे के तहत नर्मदा नदी के जल का बंटवारा किन-किन राज्यों के मध्य किस आधार पर कब हुआ प्रदेश के हिस्से में कितना जल आया। (ख) फरवरी 2020 की स्थिति में प्रदेश में कितने जल का उपयोग हो रहा है शेष जल के उपयोग के संबंध में विभाग की क्या-क्या योजना है पूर्ण विवरण दें। (ग) 1 फरवरी 18 से फरवरी 2020 तक की अवधि में नर्मदा सेवा मिशन के अंतर्गत रायसेन एवं सीहोर जिले में नर्मदा नदी पर कौन-कौन से घाट निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति कब-कब दी गई उक्त कार्य कब तक प्रारंभ होंगे। (घ) रायसेन एवं सीहोर जिले में नर्मदा नदी पर घाट निर्माण हेतु 1 फरवरी 18 से फरवरी 2020 तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्त हुए तथा उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र एवं राजस्थान राज्य के मध्य नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के आदेश दिनांक 12/12/1979 द्वारा। मध्यप्रदेश राज्य को 18.25 एम.ए.एफ. जल आवंटित किया गया है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’स’’ अनुसार है।
किसानों के ऋण माफ की जानकारी
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
4. ( क्र. 52 ) श्री रामपाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ''जय किसान ऋण माफी योजना'' के अंतर्गत रायसेन जिले में कितने किसानों का कितनी राशि का ऋण माफ किया राष्ट्रीयकृत बैंक एवं अन्य बैंकों की विकासखण्डवार जानकारी दें। (ख) क्या बैंकों द्वारा जारी सूची में छूटे हुए किसानों से गुलाबी रंग के फार्म भरवाये गये थे तथा इसके उपरांत भी वंचित किसानों से 31 जनवरी 20 तक पुन: फार्म भरवाये गये यदि हाँ, तो रायसेन जिले में कितने किसानों ने गुलाबी रंग के फार्म भरे विकासखण्डवार बैंकवार संख्या बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के गुलाबी रंग के फार्म पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई बैंकवार जानकारी दें। (घ) वचन पत्र में किसानों की ऋण माफी के संबंध में क्या-क्या कहा गया था तथा वचन पत्र अनुसार किस-किस श्रेणी के किसानों का कितनी राशि तक का ऋण माफ होना था?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत 45905 किसानों की राशि 117.94 करोड़ का ऋणमाफ किया राष्ट्रीयकृत बैंक एवं अन्य बैंकों की विकासखण्डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''क'' एवं ''ख'' अनुसार है। (ख) बैंकों द्वारा जारी सूची में छूटे हुए किसानों से पूर्व में 12158 गुलाबी रंग के फार्म भरवाये गये थे। शेष रहे किसानों से शासन निर्णय अनुसार 15 जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2020 तक सभी जनपद पंचायत स्तर कृषकों से कुल 2800 गुलाबी रंग के फार्म भरे। विकासखंडवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ग'' अनुसार है। (ग) प्रश्नांश ''ख'' अनुसार प्राप्त गुलाबी आवेदनों को पोर्टल पर ऑनलाईन एन्ट्री की गई है तथा जांच हेतु सभी प्रकरणों को संबंधित शाखा बैंक स्तर पर भेजे गये। नियमानुसार उनके स्तर पर एक-एक प्रकरणों की परीक्षण कराया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''घ'' अनुसार है। (घ) वचन पत्र में किसानों की ऋणमाफी सभी सहकारी बैंकों एवं राष्ट्रीयकृत, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों से लिया गया फसल ऋण राशि 2.00 लाख तक का कर्ज माफ होगा।
नहर निर्माण कार्य की जानकारी
[नर्मदा घाटी विकास]
5. ( क्र. 91 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कटनी जिले में दायी तट नहर में टनल (जमीन के अंदर सुरग खोद कर) एवं कांक्रीट (सी.सी.) नहरों का निर्माण कराया जा रहा है? यदि हाँ, तो उपरोक्त नहर का कार्य कब तक पूर्ण कराकर क्षेत्र के किसानों को लाभांवित किया जायेगा? (ख) यदि प्रश्नांश (क) यदि हाँ, है तो क्या नहर चालू होने के पूर्व ही विकासखण्ड ढ़ीमरखेड़ा में निर्मित कांक्रीट (सी.सी.) नहर क्षतिग्रस्त हो गई हैं एवं टनल का कार्य भी लम्बे समय से पूर्ण नहीं हो पा रहा है? गुणवत्ताहीन कार्य कराने के लिए कौन दोषी है? दोषियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। वर्ष 2024 तक पूर्ण किया जाकर किसानों को लाभांवित किया जाना लक्षित है। (ख) जी नहीं। टनल के निर्माण में भू-गर्भीय जटिलताओं के कारण कार्य पूर्ण किये जाने में व्यवधान आ रहा है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
तृतीय समयमान वेतनमान का प्रदाय
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
6. ( क्र. 94 ) श्री संजय सत्येन्द्र पाठक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में सीधी भर्ती से कृषि विकास अधिकारी के पद पर पदस्थ अधिकारी की 30 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पश्चात तीसरे समयमान वेतनमान की पात्रता है? यदि हाँ, तो प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय समयमान में किस ग्रेड-पे के वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है? (ख) यदि प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में संबंधित कृषि विकास अधिकारियों का द्वितीय प्रमोशन यदि 5400 ग्रेड-पे वेतनमान का है और संबंधित को इसका लाभ पूर्व से प्राप्त हो रहा है तो ऐसी स्थिति में तीस वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद उसे तीसरा समयमान का कौन सा ग्रेड पे दिया जायेग? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में कितने प्रकरण लंबित हैं? लंबित प्रकरणों का निराकरण कर संबंधित अधिकारियों को 30 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर तीसरे समयमान का लाभ कब तक दिया जायेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार तीसरा समयमान लागू होने के उपरांत प्रदेश में सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी उक्त लाभ प्रदान किया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) हां। प्रथम उच्चतर समयमान वेतनमान 9300-34800 ग्रेड पे 3600, द्वितीय उच्चतर समयमान वेतनमान 9300-34800 ग्रेड पे 4200 एवं तृतीय उच्चतर समयमान वेतनमान 15600-39100+ग्रेड पे 5400 का लाभ देय है। (ख) तीसरा समयमान वेतनमान 15600-39100+ग्रेड पे 5400 अथवा द्वितीय पदोन्नति पद सहायक संचालक कृषि पर 08 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर ग्रेड पे 6600 में से जो लाभप्रद हो दिये जाने का प्रावधान है। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में संचालनालय में कोई प्रकरण लंबित नहीं है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार के प्रकरण
[गृह]
7. ( क्र. 99 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विभिन्न मामलों में दिनांक 1 जनवरी 2019 के पश्चात महिलाओं पर अत्याचार के कितने प्रकरण दर्ज हुए? इनमें से कितने प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए गये हैं एवं कितनों को सजा मिली? (ख) उक्त अवधि में महिलाओं के ब्लैकमेलिंग के कितने प्रकरण दर्ज हुए संख्यात्मक जानकारी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित कितने प्रकरणों में 1 जनवरी 2017 के पश्चात ब्लैकमेलिंग के कारण कितनी महिलाओं ने आत्महत्या की? इनमें ऐसे कितने प्रकरण हैं जिनमें सोशल मिडिया पर अश्लील फोटो एवं वीडियों वायरल होने के कारण महिलाओं ने आत्मह्त्या की? कितनें प्रकरण में अपराधियों को पकड़ा गया, कितने अपराधी अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं संख्यात्मक जानकारी देवें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मध्यप्रदेश में 01 जनवरी 2019 से 25.02.2020 तक महिलाओं पर अपराध के कुल 33594 प्रकरण पंजीबद्ध हुये। इनमें से 23540 प्रकरण न्यायालय प्रस्तुत किये गये है। दोष सिद्ध के संबंध में जानकारी एकत्रित की जा रही है। (ख) उक्त अवधि में महिलाओं के ब्लैकमेलिंग के 74 प्रकरण दर्ज हुये है। (ग) 01 जनवरी 2017 से 25 फरवरी 2020 तक ब्लैकमेलिंग के कारण 06 महिलाओं ने आत्महत्या की इनमें से सोशल मिडिया पर अश्लील फोटो एवं वीडियो वायरल होने के कारण 03 महिलाओं ने आत्महत्या की, इन 06 प्रकरणों में 08 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। कोई भी आरोपी की गिरफ्तारी शेष नहीं है।
नाबालिग बालिकाओं से दुष्कर्म के प्रकरण
[गृह]
8. ( क्र. 101 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में गत 1 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों व 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की युवतियों व महिलाओं के साथ दुष्कर्म के कितने प्रकरण दर्ज हुए? जिलेवार संख्यात्मक विवरण देवें। (ख) उक्त प्रकरणों में से कितने प्रकरण वर्तमान में लम्बित चल रहे है तथा कितने प्रकरणों में चालान पेश किए गए? जिलेवार संख्यात्मक जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) संदर्भित प्रकरण लम्बित रहने के क्या कारण रहे? क्या सरकार इसके लिए संबंधित जांच अधिकारी/ थानाधिकारी को जिम्मेदार मानती है? यदि हाँ, तो दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करने का विचार रखती है? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों? (घ) उक्त अवधि में उक्त प्रकरणों में नाबालिग बालिकाओं से दुराचार को लेकर कितने प्रकरण में पास्को एक्ट के तहत कार्यवाही की गयी, कितनों में किस कारण से नहीं की गई?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रदेश में गत 01 जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक 25.02.2020 तक 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ 3795 दुष्कर्म के प्रकरण एवं 18 वर्ष से ज्यादा उम्र की युवतियों व महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 2888 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। जिलेवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ एवं ‘ब‘ अनुसार है। (ख) उक्त प्रकरणों में 18 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ 449 दुष्कर्म के प्रकरण लंबित है तथा 3313 प्रकरण में चालान न्यायालय पेश किये गये है। 18 वर्ष से अधिक उम्र की युवतियों व महिलाओं के साथ दुष्कर्म के 463 प्रकरण लंबित है तथा 2385 प्रकरण में चालान न्यायालय पेश किये गये है। जिलेवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ एवं ‘ब‘ अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) में संदर्भित प्रकरणों में आरोपीगणों की गिरफ्तारी शेष होने एवं साक्ष्य संकलन की कार्यवाही प्रचलित होने से विवेचना में लंबित है। उक्त प्रकरणों के लंबित रहने के कारणों के आधार पर अभी तक किसी जांच अधिकारी/थाना प्रभारी को जिम्मेदार नहीं पाया गया है। (घ) उक्त अवधि में नाबालिग बालिकाओं से दुष्कर्म के समस्त पंजीबद्ध 3795 प्रकरणों में पॉक्सो एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है। जिलेवार संख्यात्मक जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ‘ अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लक्ष्य निर्धारण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
9. ( क्र. 108 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा क्षेत्र पनागर के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास के लिये ग्राम पंचायतों को लक्ष्य आवंटित किये गये हैं? यदि हाँ, तो पंचायतवार लक्ष्य बतावें। (ख) यदि हाँ, तो किन मापदंडों के आधार पर लक्ष्य आवंटित किये गये हैं? (ग) प्रश्न दिनांक तक ग्राम पंचायतवार कितने आवास स्वीकृत किये गये हैं एवं कितने निरस्त किये गये हैं? (घ) निरस्त किये गये आवासों की जानकारी कारण सहित देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) अनुसार है। (ख) प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण अन्तर्गत आवास का आवंटन पंचायतों में उपलब्ध पात्र हितग्राहियों की वंचितता (deprivation) की तीव्रता तथा वर्ग अनुसार किया गया है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) एवं (स) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (स) अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
10. ( क्र. 109 ) श्री सुशील कुमार तिवारी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पनागर में वर्ष 2011 की जनगणना सूची में जनपद पंचायत पनागर एवं बरेला की ग्राम पंचायतों के लगभग 1800 आवासहीन परिवारों के नाम छूट गये थे? जिन्हें अब तक प्रधानमंत्री आवास का लाभ नहीं मिला है? (ख) यदि हाँ, तो क्या छूट गये परिवारों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिया जायेगा? यदि हाँ, तो कब तक? नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। छूटे गए परिवारों को आवास प्लस एप के माध्यम से जोड़ा गया है। भारत सरकार से निर्देश प्राप्त होने पर पात्रता अनुसार लाभ दिया जा सकेगा।
किसान हितग्राही योजनाओं की राशि का उपयोग
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
11. ( क्र. 115 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग म.प्र. शासन द्वारा वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक कब-कब किस-किस योजना की कितनी-कितनी राशि किस-किस मद में जिला छतरपुर में भेजी गयी है? सूची उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या शासन की उक्त राशि का जिला छतरपुर के उक्त मदों में शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार राशि का उपयोग किया गया है? हाँ या नहीं। (ग) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि हाँ, तो जिला छतरपुर द्वारा कब-कब कितनी राशि का किस कार्य हेतु उपयोग किया गया है? सूची उपलब्ध करायें। (घ) प्रश्नांश (ख) के अनुसार यदि नहीं, तो क्यों कारण स्पष्ट करें। क्या शासन के नियम व निर्देशों के अनुसार कार्यवाही न करने वाले अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि हाँ, तो कब तक समय-सीमा बतायें? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी, हां। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) उत्तरांश 'ख' अनुसार। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हितग्राहियों के लिये संचालित योजना का लाभ
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
12. ( क्र. 134 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत शासन द्वार पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक हितग्राही के लिये कौन-कौन सी योजना संचालित की जा रही है योजनावार जानकारी से अवगत करावे तथा वर्ष 2019-20 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन योजना में कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? (ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार जिला राजगढ़ में योजनावार लाभांवित हितग्राहियों की जानकारी एवं किन-किन गतिविधियों हेतु कितनी राशि आवंटित की गई है हितग्राहीवार जानकारी से अवगत करावे? (ग) प्रश्नांश ‘‘ख‘‘ अनुसार वर्षवार कितने-कितने हितग्राहियों द्वारा युवा उद्यमियों के उद्योग स्थापित किये जाकर आय अर्जित की जा रही है? (घ) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ अनुसार क्या जिला राजगढ़ के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में स्वीकृत हितग्राहियों के प्रकरण स्वीकृत किये गये है परंतु विभाग द्वारा अनुदान की राशि नहीं भेजने के कारण हितग्राहियों को योजना के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है यदि हाँ, तो कारण स्पष्ट करें? यदि नहीं, तो विभाग द्वारा कब तक अनुदान राशि भेजी जावेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) विभाग अंतर्गत पिछड़ा वर्ग एवं अल्संख्यक हितग्राही के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना संचालित की जा रही है। वर्ष 2019-2020 में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत राशि रूपये 2004.11 लाख एवं मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना अंतर्गत राशि रूपये 137.90 लाख की राशि आवंटित की गई है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार 14 हितग्राहियों द्वारा उद्योग स्थापित किये जाकर आय अर्जित की जा रही है। (घ) जी हाँ। जिला राजगढ़ के अंतर्गत मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में स्वीकृत हितग्राहियों के प्रकरण स्वीकृत किये गये है तथा जिले को राशि रूपये 42.28 लाख अनुदान राशि दी गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
योजना से हितग्राहियों को लाभान्वित करना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
13. ( क्र. 135 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक स्वरोजगार शिवरों में मार्गदर्शन/प्रशिक्षण शिविर के आयोजन हेतु कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई? जिला राजगढ़ अंतर्गत कितने-कितने स्वरोजगार शिविरों का आयोजन किया जाकर कितने युवाओं को प्रशिक्षित किया गया? नामवार, गतिविधिवार प्रदाय किये गये प्रशिक्षण शिविर की जानकारी से अवगत करावें? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कितने युवाओं को प्रशिक्षित किया जाकर रोजगार उपलब्ध कराया गया? गतिविधिवार, उद्यमीवार यूनिट की लागत व स्वीकृत ऋण, अनुदान की वर्षवार जानकारी से अवगत करावें? (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ अंतर्गत कितने युवा उद्यमियों की गतिविधिवार योजना तैयार होने के पश्चात बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध नहीं कराया गया है? कारण सहित अवगत करावें?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जिला राजगढ़ में वर्ष 2017-18 से 2019-20 में प्रश्न दिनांक तक विभाग के अंतर्गत स्वरोजगार योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं स्वरोजगार सम्मेलन/प्रदर्शनी/सेमीनार हेतु निम्नानुसार आवंटन व व्यय किया गया :-
वित्तीय वर्ष |
प्राप्त आवंटन राशि |
व्यय की गयी राशि |
आयोजित स्वरोजगार सम्मेलनों की संख्या |
प्रतिभागी की संख्या |
2017-18 |
2,25,000 |
2,25,000 |
4 |
4785 |
2018-19 |
3,75,000 |
3,75,000 |
3 |
7300 |
2019-20 |
50,000 |
50,000 |
1 |
710 |
उक्त सम्मेलन/प्रदर्शनी/सेमीनार में कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यालय द्वारा स्वरोजगार योजनाओं में कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार कार्यालय द्वारा स्वरोजगार योजनाओं में कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया, अत: शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मुख्यमंत्री सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
14. ( क्र. 136 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की बैहर विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत मुख्यमंत्री सड़क योजना एवं पुल पुलिया के निर्माण कार्य हेतु विभाग को राशि प्राप्त हुई है? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों की स्वीकृत डिजाईन, ड्राईंग एवं प्राक्कलन, बिल मॉप पुस्तिका एवं निर्माण कार्यों में उपयोग किये गये गौण खनिज के प्रयोगशाला टेस्ट कराये गये दस्तावेजों एवं क्वालिटी कन्ट्रोल रजिस्टर की जानकारी उपलब्ध करावें? (ग) क्या निर्माण कार्यों की स्थल निरीक्षण पुस्तिका संधारित नहीं की गई है? यदि हाँ, तो उक्त पुस्तिका संधारित किया जाना आवश्यक है या नहीं नियम/आदेश/निर्देश की प्रति उपलब्ध करावें? (घ) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित निर्माण कार्यों के प्रभारी उपयन्त्रियों के तत्समय पदस्थापना एवं कार्यक्षेत्र की जानकारी देवें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्नांकित अवधि तक निर्माण कार्यों की स्वीकृत डिजाइन ड्राइंग, प्राक्कलन, मापपुस्तिका एवं गौण खनिजों के प्रयोगशाला टेस्ट के क्वालिटी कंट्रोल रजिस्टर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ग) जी नहीं। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के निर्देशों में निरीक्षण पुस्तिका संधारित करने का उल्लेख नहीं है। निर्देशों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है।
निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्र
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
15. ( क्र. 137 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन ने किसानों को मशीनरी उपलब्ध कराने हेतु निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्र स्थापित किये गए थे. यदि हाँ, तो शासनादेश एवं परिपत्र की प्रति प्रदाय करे. (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में बिजावर विधानसभा में उक्त केंद्र कहाँ-कहाँ स्थित है? किसके द्वारा संचालित हो रहे है? इनमें कौन-कौन सी मशीनरी कब से उपलब्ध है? उक्त मशीनरी को कब और किससे क्रय किया गया था? प्रत्येक पर शासन द्वारा क्या मदद दी गई? (ग) प्रश्नांश "क" एवं "ख" के अनुक्रम में उक्त केन्द्रों को प्रत्येक वर्ष कितना लक्ष्य दिया गया था? कितने किसानों ने इसका फायदा उठाया, नाम एवं वर्षवार सूची प्रदाय करें? मशीनरी उपयोग करने पर किसानों ने कितना शुल्क दिया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ, शासनादेश एवं परिपत्र की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) निजी क्षेत्र में कस्टम हायरिंग केन्द्र बिजावर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्रामों छिरावल, गुलगंज, हिलगुवां एवं अमरोनिया, में स्थित हैं। केन्द्रों में उपलब्ध मशीनरी, कब और किससे क्रय की गई की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’’ब’’ अनुसार है। शासन द्वारा राशि रू. 25 लाख तक की मशीनों की लागत से स्थापित किये जाने वाले निजी कस्टम हायरिंग इकाई हेतु सामान्य श्रेणी के हितग्राहियों को मशीनों की लागत का 40 प्रतिशत तथा अनु. जाति तथा जनजाति के हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अधिकतम राशि रू. 10 लाख तक की अनुदान सहायता प्रदान की जाती है। अनुदान सहायता केन्द्र में स्थापित यंत्रों/मशीनों की कुल लागत के आधार पर दी जाती है। मशीनवार पृथक-पृथक अनुदान नहीं दिया जाता है। अतः प्रत्येक केन्द्र को शासन द्वारा की गई मदद (अनुदान सहायता) की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। (ग) शासन द्वारा निजी उद्यमियों द्वारा बैंक ऋण आधार पर स्थापित किये जाने वाले केन्द्रों को केवल अनुदान सहायता दी जाती है। केन्द्र के संचालन तथा प्रक्रिया में शासन का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। अतः विभाग द्वारा इन केन्द्रों को अपने स्तर से कोई भी लक्ष्य नहीं दिया जाता है और न ही शासन स्तर पर इन केन्द्रों द्वारा लाभ प्राप्त किये गये हितग्राहियों की नामवार जानकारी संधारित की जाती है। अतः उपयोग किये गये किसानों की सूची तथा जमा कराई गई राशि के संबंध में शासन स्तर पर कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
पर्यटन विभाग की योजनाओं की जानकारी
[पर्यटन]
16. ( क्र. 161 ) श्री हरदीपसिंह डंग : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु शासन की ओर से कौन-कौन से कार्य किये गये हैं या योजनाएं बनाई गई है। (ख) मंदसौर जिले में शासन की ओर से पर्यटन हेतु चिन्हित स्थानों की जानकारी देवें। (ग) सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के धर्मराजेश्वर, कोटेश्वर महादेव, भड़केश्वर महादेव बसई, लदुना तालाब, मुवाझर माता मुवाला, जोगणिया माता मेरियाखेडी, अद्भूत स्थानों पर पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु कौन-कौन सी योजनाएं बनाई गई हैं। (घ) यदि योजनाएं नहीं बनाई गई है तो कब तक बना ली जावेगी।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) विभाग द्वारा पर्यटन स्थल चिन्हित करने हेतु कोई नीति नहीं है। (ग) धर्मराजेश्वर के विकास हेतु पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा स्वीकृति बुद्धिस्ट सर्किट के अंतर्गत कार्य कराया जा चुका है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) वर्तमान में कोई योजना प्रचलन में नहीं है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
निर्माण कार्यों हेतु राशि का प्रदाय
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
17. ( क्र. 164 ) श्री संजय उइके : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बालाघाट जिले की जनपद पंचायत बिरसा के ग्राम पंचायतों को विभिन्न योजना/मदों में सड़क, पुल, पुलिया, तालाब निर्माण कार्यों हेतु राशि प्राप्त हुई थी? (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक सड़क, पुल, पुलिया एवं तालाब निर्माण कार्यों की जानकारी कार्य का नाम, योजना/मद का नाम, स्वीकृत वर्ष, लागत एवं पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी उपलब्ध करावें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत कार्यवार राशि जारी किये जाने का प्रावधान नहीं है। कार्यों के संपादन उपरांत मजदूरी की राशि सीधे श्रमिकों के बैंक खाते व सामग्री की राशि प्रदायकर्ता वेन्डर्स के खाते में जनपद स्तर से एफटीओ के माध्यम से अंतरित किये जाने का प्रावधान है। (ख) मनरेगा से संबंधित वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेष योजनाओं/मदों की जानकारी संकलित की जा रही है।
अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही
[गृह]
18. ( क्र. 187 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र गोविन्दपुरा के अंतर्गत प्रश्न दिनांक की स्थिति में ऐसे कितने व्यक्ति है, जिन पर क्षेत्र के विभिन्न थानों में गुण्डा सूची में नाम दर्ज है? उनके नाम दर्ज अपराध का विवरण दिनांक सहित एवं थाने का नाम बताया जायें? (ख) प्रश्नांश (क) में अंकित अपराधियों के विरूद्ध क्या जिला बदर जैसी कार्यवाही भी की गई है? यदि हाँ, तो वर्तमान स्थिति से अवगत कराया जाये। (ग) प्रश्नांश (क) में अंकित अपराधियों की निगरानी किस तरह की जाती है उपाय बताया जाये?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) गोविन्दपुरा विधानसभा क्षेत्र में 250 व्यक्तियों के नाम गुण्डा सूची में विभिन्न थानों में दर्ज है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार। (ख) 44 अपराधियों के विरुद्ध जिला बदरके प्रकरण प्रस्तुत किये गये है, जिनमें से 26 अपराधियों का जिला बदर आदेश वर्तमान में प्रभावशील है। 03 अपराधियों का जिला बदर समाप्त हो चुका है एवं 15 प्रकरण विचाराधीन है। विस्तृत जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट में समाहित है। (ग) पुलिस रेग्यूलेशन के पैरा क्रमांक 856 में दिये गये प्रावधान अनुसार एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशानुसार निगरानी की जाती है।
मध्यप्रदेश में इन्टरनेट सेवायें बंद किये जाना
[गृह]
19. ( क्र. 188 ) श्रीमती कृष्णा गौर : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माह नवम्बर, 2019 से प्रश्न दिनांक तक मध्यप्रदेश में किन-किन जिलों में इंटरनेट सेवायें राज्य शासन को बंद करने के आदेश जारी करने पड़े है जिला, शहर का नाम दिनांक, बंद किये जाने की अवधि एवं कारण स्पष्ट रूप से बताया जाये? (ख) क्या प्रश्नांश (क) में उल्लेखित दिनांक के दिन कुछ लोगों को उकसाने वाले नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था यदि हाँ, तो आरोपियों के नाम एवं उनके विरूद्ध दर्ज अपराध का विवरण बताया जाये?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ख) जी नहीं। अपितु जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार धाराओं में पंजीबद्ध अपराध में लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
सरपंच एवं उप सरपंच के विरूद्ध अविश्वास का प्रस्ताव
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
20. ( क्र. 189 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम, 1993 की धारा 21 की कंडिका 01 अनुसार (सरपंच एवं उपसरपंच के विरूद्ध अविश्वास का प्रस्ताव) की उपस्थिति तथा मतदान करने वाले पंचों के तीन चौथाई से अन्यून ऐसे बहुमत से, जो तत्समय ग्राम पंचायत का गठन करने वाले पंचों की कुल संख्या के दो तिहाई से अधिक हैं पारित संकल्प द्वारा अविश्वास का प्रस्ताव ग्राम पंचायत द्वारा पारित कर दिया जाने पर वह सरपंच या उपसरपंच जिसके विरूद्ध ऐसा प्रस्ताव पारित किया जाता हैं तत्काल प्रभार से अपने पद पर नहीं रह जायेगा? (ख) यदि हाँ, तो वास्तव में धारा 21 की कंडिका 01 क्या स्पष्ट करती हैं? पंचों की उपस्थिति का अनुपात अधिनियम की शर्त अनुसार यदि दशमलव में प्राप्त होता हैं, तो क्या दशमलव की संख्या को आधार मानकर प्रस्ताव पारित होगा या फिर दशमलव की संख्या को पूर्ण किया जाकर उसे आधार मानकर उससे अधिक की पंचों की संख्या पर प्रस्ताव पारित होगा? उदाहरण सहित बतावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) धारा-21 स्वमेव स्पष्ट है। उदाहरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।
दुधी सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति
[नर्मदा घाटी विकास]
21. ( क्र. 190 ) श्री ठाकुर दास नागवंशी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा क्षेत्र पिपरिया के अन्तर्गत दुधी बांध परियोजना की डी.पी.आर. बोधी कार्यालय भोपाल से अनुमोदन प्राप्ति के पश्चात प्रशासकीय स्वीकृति की कार्यवाही शासन स्तर पर अपेक्षित हैं? (ख) क्या उक्त कार्य की ड्रिलिंग की ऐजेंसी निर्धारित हो जाने के उपरांत वन विभाग होशंगाबाद से ड्रिलिंग की अनुमति न मिलने से कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा हैं? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) का उत्तर यदि हाँ, है तो वन विभाग से ड्रिलिंग की अनुमति एवं शासन स्तर से प्रशासकीय स्वीकृति कब तक प्राप्त होकर कार्य प्रारंभ होना संभव हो सकेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) प्रशासकीय स्वीकृति जारी की जा चुकी है। (ख) जी हाँ। (ग) वन भूमि में ड्रिलिंग की अनुमति मिलने पर भू-गर्भीय अनुसंधान का कार्य अनुबंध के तहत प्रारंभ किया जावेगा। एजेंसी निर्धारण के उपरांत कार्य प्रारंभ हो सकेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
ई.सी.जी. की सुविधा न होना
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
22. ( क्र. 206 ) श्री विश्वास सारंग : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भोपाल के शाकिर अली अस्पताल में 12 बिस्तरों का आई.सी.यू. कब एवं किस दिनांक को शुरू हुआ था? (ख) प्रश्नांश 'क' के तहत क्या प्रश्न दिनांक को उक्त अस्पताल में ई.सी.जी. की सुविधा नहीं है? यदि हाँ, तो यहां के मरीजों को ई.सी.जी. के लिए कहाँ भेजा जाता है? आई.सी.यू. में भर्ती मरीजों की ई.सी.जी. कैसे होती है? (ग) प्रश्नांश (क) व (ख) के तहत उक्त अस्पताल में ई.सी.जी. की सुविधा कब तक करा दी जायेगी?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) भोपाल के शाकिर अली अस्पताल में 12 बिस्तरों का आई.सी.यू. कभी भी शुरू नहीं हुआ हैं। (ख) जी नहीं। शाकिर अली अस्पताल में ई.सी.जी. की सुविधा उपलब्ध हैं। मरीजों को ई.सी.जी. इसी चिकित्सालय में की जाती है। मरीजो को ई.सी.जी. के लिए किसी अन्य अस्पताल में नहीं भेजा जाता हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) के संदर्भ में प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
पुलिसकर्मियों की भर्तियां एवं सुविधाएं
[गृह]
23. ( क्र. 217 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में कितने पद रिक्त है? (ख) क्या वर्ष 2019 से आज तक पुलिस विभाग में आरक्षक के रिक्त पदों पर भर्ती की गयी है? यदि नहीं, तो क्यों? कब तक की जायेगी? (ग) क्या वचन पत्र में पुलिसकर्मियों को 5000 रूपये मासिक मकान किराया भत्ता दिये जाने का वचन दिया गया था? यदि हाँ, तो क्या पुलिसकर्मियों को 5000 रूपये मासिक किराया भत्ता दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक दिया जायेगा? (घ) क्या वचन पत्र में पुलिस विभाग के कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिये जाने की घोषणा की गई थी? यदि हाँ, तो क्या पुलिस विभाग के कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश का लाभ दिया जा रहा है? यदि नहीं, तो क्यों और कब तक दिया जायेगा? (ड.) क्या वचन पत्र में पुलिस विभाग में पदस्थ आरक्षकों को गृह जिलें में पदस्थ करने का वादा किया गया था? यदि हाँ, तो क्या आरक्षकों को गृह जिले में भेजने की कोई नीति तैयार की गयी है? यदि नहीं, तो कब तक की जायेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) वर्तमान में मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में विभिन्न संवर्ग में कुल 18781 पद रिक्त है। (ख) जी नहीं। वर्ष 2019 में दिनांक 12.03.2019 को प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड को रेडियो संवर्ग के आरक्षकों की भर्ती के लिए प्रस्ताव प्रेषित किया गया था, किंतु प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड द्वारा इस संबंध में कोई भर्ती नहीं की गई है। वर्तमान में नवीन भर्ती नियम तैयार किये गये है जिसके संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वचन पत्र के बिन्दु क्रमांक 49.16 में पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिये जाने की घोषणा की गई है। पुलिस मुख्यालय के आदेश क्रमांक पुमु/प्रशासन/कार्मिक/7/05/2019 दिनांक 01.01.2019 के माध्यम से थाना एवं विशेष सशस्त्र बल कंपनियों में तैनात निरीक्षक से आरक्षक स्तर के कर्मचारी/अधिकारियों के लिये सप्ताह में एक दिन का अवकाश देने का प्रावधान किया है, जो प्रचलन में है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
तहसील झारड़ा में पिछड़ा वर्ग के छात्रावास की स्वीकृति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
24. ( क्र. 246 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के छात्रावास जिला स्तर पर संचालित हो रहे हैं, क्या तहसील स्तर से जिला स्तर पर छात्र छात्राओं को आने-जाने में असुविधा होती है एवं विधान सभा क्षेत्र महिदपुर में पिछड़े वर्ग की संख्या 58 प्रतिशत है एवं इस कारण पिछड़े वर्ग का छात्रावास तहसील स्तर पर स्वीकृत करना आवश्यक है। यदि हाँ, तो क्या शासन की इसके लिए कोई योजना है? (ख) तहसील झारड़ा जिला उज्जैन में पिछड़ा वर्ग का छात्रावास कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी हाँ। प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर पिछड़ा वर्ग के लिए एक 100 सीटर बालक तथा एक 50 सीटर कन्या पोस्ट मैट्रिक छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं एवं शासन द्वारा प्रदेश के सभी विकासखण्ड स्तर पर एक 50 सीटर कन्या तथा एक 50 सीटर बालक छात्रावास किराये के भवन में संचालित करने की स्वीकृति दी गई। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
हस्तांतरित लीज भूमि का अन्यत्र उपयोग करना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
25. ( क्र. 247 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) तारांकित प्रश्न क्रमांक 3880 दिनांक 22/07/2019 के उत्तर अनुसार दो इकाइयों द्वारा उत्पाद परिवर्तन की अनुमति प्राप्त कर कार्य किया जा रहा है जबकि शेष इकाइयों द्वारा उत्पाद परिवर्तन की अनुमति प्राप्त नहीं की गयी है, ऐसी इकाइयों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार कुछ इकाइयों द्वारा भूमि लीज हस्तांतरित कर कार्य किया जा रहा है, क्या भूमि लीज हस्तांतरित की जा सकती है? यदि हाँ, तो शासन के नियमों की जानकारी उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो ऐसी इकाइयों पर शासन द्वारा अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) अनुसार नियमों का पालन नहीं करने वाली ऐसी इकाइयों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है व इसके लिए उत्तरदायी दोषी अधिकारियों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गयी है? क्या ऐसी इकाइयों की लीज निरस्ती भी शासन द्वारा की जावेगी? (घ) ऐसी इकाइयां जो लम्बे समय से बन्द पड़ी हैं उन पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? उनकी लीज अभी तक क्यों निरस्त नहीं की गयी है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) प्रश्न क्रमांक 3880 दिनांक 22.07.2019 में उल्लेखित इकाइयों में केवल 2 इकाइयों द्वारा उत्पाद परिवर्तन किया गया है, जिसकी अनुमति इकाइयों द्वारा प्राप्त की गई है। शेष इकाइयों द्वारा उत्पाद परिवर्तन नहीं करने के कारण कार्यवाही का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जी हाँ। मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 की कंडिका 18 में हस्तातंरण का प्रावधान है, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) प्रश्न क्रमांक 3880 दिनांक 22.07.2019 में उल्लेखित इकाइयों में से केवल 1 इकाई शक्ति दाल मिल बंद है, जिसकी लीजडीड निरस्त की गई है।
अधूरे एवं निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी
[पर्यटन]
26. ( क्र. 265 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत विभाग के कौन-कौन से कार्य प्रश्न दिनांक तक अधूरे, अप्रारंभ अथवा निर्माणाधीन है। (ख) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत विभाग के किन-किन कार्यों की DPR शासन स्तर पर लंबित है? किन कार्यों की निविदा प्रक्रिया प्रचलन में है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक कोई कार्य अधूरे, अप्रारंभ अथवा निर्माणाधीन नहीं है। (ख) विधानसभा क्षेत्र छतरपुर हेतु कोई डी.पी.आर. पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार स्तर पर लंबित नहीं हैं। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बरगी नहर का कार्य अविलंब पूर्ण कराना
[नर्मदा घाटी विकास]
27. ( क्र. 267 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बरगी से सतना जिले में आने वाली नहर का निर्माण कार्य कब प्रारंभ हुआ एवं कब तक पूर्ण होगा? उक्त कार्य की योजना प्रारंभ की लागत के साथ-साथ यह भी बतावें कि उक्त नहर कहॉं से कहॉं तक बनायी जावेगी जिसमें रैगॉंव विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से ग्राम उससे प्रभावित होंगे? (ख) उक्त योजना में अभी तक कितने कि.मी. के कार्य में कहाँ-कहाँ किन-किन, कार्यों में कितना-कितना व्यय किया गया हैं तथा और कितनी लागत लगने पर कार्य पूर्ण होगा? (ग) उक्त योजना में कितना कार्य पूर्ण कर लिया गया है? कितना कार्य किया जाना शेष है तथा रैगॉंव विधानसभा क्षेत्र में अभी तक कितना कार्य पूर्ण किया गया है तथा कितना कार्य किया जाना शेष है? विलंब के लिये उत्तरदायित्व निर्धारित क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) उक्त योजना के अधूरे कार्य को पूर्ण करने में क्या-क्या अवरोध हैं? क्या इन अवरोधों को दूर करने के लिये, जैसे अन्डर ग्राउन्ड नहर को ओपन नहर या अन्य विकल्प के माध्यम से कार्य पूर्ण नहीं कराया जा सकता है? अगर हाँ तो विलम्बता का कारण बतावें। क्या कार्य के समयावधि में पूर्ण न होने के कारण अनुमानित लागत लगातार बढ़ती जा रही है जिससे शासन को राजस्व का घाटा हो रहा है तथा योजना के लाभ से भी जनता वंचित है?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) एवं (ख) वर्ष 2009 में प्रारंभ हुआ है। वर्ष 2024 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’, ‘’ब’’ एवं ‘’ब-1’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ एवं ‘’स’’ अनुसार है। परिस्थितिजन्य कारणों से विलंब होने के कारण कोई उत्तरदायी नहीं है। (घ) मुख्य अवरोध स्लीमनाबाद टनल के निर्माण में भू-गर्भीय जटिलता है। अवरोध दूर करने हेतु वैकल्पिक व्यवस्था का परीक्षण किया जा रहा है। योजना को पूर्ण किये जाने हेतु सभी संभव प्रयास विभाग द्वारा किये जा रहे हैं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सितपुरा में पुलिस चौकी की स्थापना
[गृह]
28. ( क्र. 269 ) श्री जुगुल किशोर बागरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रैगॉंव विधानसभा क्षेत्रार्न्तगत सितपुरा से सिविल लाईन थाना, कोठी थाना, सिंहपुर थाना, नागौद थाना की दूरी कितनी है? उक्त स्थान से नजदीक में कौन-कौन सी चौकियाँ हैं? थानों एवं चौकियों में स्वीकृत पदों के अनुसार कितना अमला पदस्थ/कार्यरत है एवं कितने पद रिक्त हैं? (ख) क्या सितपुरा स्टेट हाईवे/नेशनल हाइवे पर स्थित है एवं सतना से नागौद के लगभग मध्य में हैं, जिसके चारो ओर के 50 गाँवों के लोगों को अपनी शिकायतों के निवारण हेतु जिला मुख्यालय अथवा नागौद जाना पड़ता है तथा चौकी के न होने के कारण आम जनता को अत्यंत परेशानी होती है? (ग) क्या सितपुरा में पावर स्टेशन एवं पावर ग्रिड स्थापित है जहाँ पर आये दिन दुर्घटनायें, चोरी, लूटपाट की घटनायें होती है, चौकी न होने के कारण अपराधों पर किसी प्रकार का अंकुश नहीं लग रहा है, वारदातें बढ़ रही हैं जिससे क्षेत्रीय आम जनता परेशान है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के अनुसार जनहित में सितपुरा में कब तक पुलिस चौकी स्थापित कर दी जावेगी? यदि नहीं, तो क्यों? कारण स्पष्ट करें?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) रैगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत सितपुरा की सिविल लाईन थाना, कोठी थाना, सिंहपुर थाना, नागौद थाना से दूरी क्रमश: 10 कि.मी., 40 कि.मी., 32 कि.मी. एवं 17 कि.मी. है। उक्त स्थान से नजदीक में पुलिस चौकी सोहावल, रैगांव एवं पोंड़ी हैं। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ख) सितपुरा स्टेट हाईवे पर स्थित होकर थाना नागौद से सितपुरा की दूरी 17 कि.मी., उक्त स्थान से 4 कि.मी. सोहावल पुलिस चौकी एवं रेगांव पुलिस चौकी की दूरी 10 कि.मी. तथा नागौद की पुलिस चौकी पौंड़ी की दूरी 12 कि.मी. एवं जिला मुख्यालय के पास थाना सिविल लाईन की दूरी 15 कि.मी. है। आसपास पुलिस चौकी एवं थाना होने के कारण आम जनता को कोई परेशानी नहीं होती है। (ग) जी हाँ, सितपुरा में पावर स्टेशन एवं पावर ग्रिड स्थापित है। जी नहीं। अपराध एवं अपराधियों पर पूर्णतः अंकुश है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) पुलिस चौकी की स्थापना का प्रस्ताव शासन द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं होने से अमान्य किया गया।
मंडी बोर्ड से होने वाले कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
29. ( क्र. 272 ) श्री राजेश कुमार शुक्ला : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र बिजावर अंतर्गत कृषि उपज मंडी की मंडी बोर्ड निधि, अधोसंरचना निधि, बोर्ड ऋण निधि एवं अन्य योजनाओं से किस प्रकार के कौन-कौन से कार्य कहाँ-कहाँ पर करवाए जा सकते हैं? नियम मापदंड की प्रति प्रदाय करे? (ख) प्रश्नांश (क) के अनुक्रम में बिजावर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत उक्त मदों से जनवरी, 2015 से प्रश्न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य स्वीकृत हुए? स्वीकृत राशि सहित सभी की भौतिक स्थिति क्या है? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के अनुक्रम में कौन-कौन से कार्य ऐसे हैं जिनका प्रस्ताव शासन को स्वीकृति हेतु भेजा परन्तु लंबित है? ऐसे कौन से कार्य हैं जो स्वीकृति उपरांत भी लंबित हैं? लंबित होने के कारण क्या हैं? उक्त का निराकरण कैसे होगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) राज्य शासन के वर्तमान में निर्देश के तहत मंडी बोर्ड को मंडी प्रांगण के अतिरिक्त विधान सभा क्षेत्र इत्यादि में निर्माण संबंधित कार्यों हेतु प्रतिबंधित किया गया है, मुख्य सचिव, मध्यप्रदेश शासन के निर्देश क्रमांक 340 दिनांक 15.09.2016 की प्रति की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। अतः शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्नांकित अवधि जनवरी-2015 से प्रश्न दिनांक तक बिजावर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शासनादेश अनुक्रम में विकासखण्ड बिजावर के मौजाबिलगायें में बहुउद्देशीय वाणिज्यिक कृषक सेवा केन्द्र का निर्माण कार्य लागत राशि रू.1.39 करोड़ का जनवरी -2015 में स्वीकृत किया गया था, जिसका निर्माण कार्य सितम्बर-2016 में पूर्ण हो चुका है तथा विकासखण्ड बिजावर में नवीन मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का निर्माण कार्य, लागत राशि रू. 36.00 लाख का जून-2015 में स्वीकृत किया गया था, जिसका निर्माण कार्य फरवरी-2018 में पूर्ण हो चुका है। (ग) उत्तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में कोई प्रस्ताव लम्बित नहीं होने से शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वेन्डर्स की चयन प्रक्रिया
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
30. ( क्र. 278 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला एवं जनपद पंचायतों में विभिन्न निर्माण सामग्री एवं अन्य आवश्यक सामग्री क्रय किये जाने हेतु वेन्डर्स का चयन किस प्रक्रिया के तहत किया जाता है? (ख) सिवनी जिले की समस्त जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत में कुल कितने वेन्डर्स पंजीकृत हैं? सूची उपलब्ध करायें। (ग) क्या सिवनी जिले की समस्त जनपद पंचायतों एवं जिला पंचायत में वेन्डर्स के चयन में निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया गया है? (घ) यदि नहीं, तो क्यों और इसमें दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (ड.) क्या कुछ वेन्डर्स द्वारा पंजीकृत संस्था से बिलों का भुगतान न होकर वेन्डर्स के नाम से भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जिला/जनपद पंचायतों में विभिन्न सामग्री क्रय किये जाने हेतु वेन्डर्स का चयन मध्यप्रदेश पंचायत (सामग्री तथा माल का क्रय) नियम-1999 के प्रावधानों के अन्तर्गत किया जाता है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘अ’ अनुसार है। (ख) सिवनी जिले की समस्त जनपद पंचायतों में मनरेगा अन्तर्गत 1463 वेन्डर पंजीकृत की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है एवं पी.आर.डी. पोर्टल में जिला सिवनी अन्तर्गत जिला/जनपद पंचायतों में पंजीकृत वेन्डर्स 5095 है। सूची संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘ब’ अनुसार है। (ग) जी हाँ। (घ) प्रश्नांश (ग) के उत्तर के संबंध में कोई प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
परफॉरमेन्स ग्रांट की राशि का ग्राम पंचायतों का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
31. ( क्र. 279 ) श्री दिनेश राय मुनमुन : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में 14वें वित्त आयोग अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक परफॉरमेन्स ग्रांट की राशि का ग्राम पंचायतों को प्राप्त आवंटन, कार्य के नाम, राशि सहित पंचायतवार वर्षवार जानकारी देवें। (ख) उपरोक्त जिन पंचायतों को राशि शासन की ओर से प्रदान की गई थी, उसका क्या मापदण्ड तय किया गया था? (ग) सिवनी जिले में प्रश्नांश (क) वर्षों में किन-किन पंचायतों में कितना-कितना कर वसूल किया गया है वर्षवार एवं पंचायतवार जानकारी देवें। (घ) सिवनी एवं लखनादौन विधानसभा क्षेत्र की पंचायतों में उपरोक्त योजना के तहत दी गई राशि एवं जिन पंचायतों को राशि नहीं दी गई, के तुलनात्मक आंकडों की सूची उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘स‘‘ अनुसार। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘द‘‘ अनुसार।
जेल भवन का उन्नयन
[जेल]
32. ( क्र. 280 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्य प्रदेश में कितने पुराने जेल भवन बने हैं? उनके उन्नयन के लिये शासन के द्वारा क्या-क्या कदम उठाये जा रहे हैं। (ख) नवगठित जिला निवाड़ी में स्थित उपजेल का जिला जेल में उन्नयन किये जाने के लिये क्या कोई कार्यवाही शासन के द्वारा की गई है? यदि हाँ, तो निवाड़ी उपजेल का कब तक जिला जेल में उन्नयन किया जायेगा? क्या जिला जेल के लिये जमीन आरक्षित की गई है? यदि हाँ, तो खसरा नम्बर सहित बतावें। (ग) क्या प्रदेश की अधिकांश जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रह रहे हैं। यदि हाँ, तो कैदियों की अधिकता होने के कारण क्या शासन नवीन जेल भवनों का निर्माण करायेगा।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मध्यप्रदेश में 24 जेल भवन 100 वर्ष से अधिक पुराने हैं, जिनके उन्नयन के लिये किये गए प्रयासों का विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उप जेल निवाड़ी को जिला जेल में उन्नयन किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। जेल में अतिरिक्त निर्माण कार्य एवं स्टाफ की व्यवस्था होने पर उन्नयन किया जाएगा। कलेक्टर, निवाड़ी के आदेश दिनांक 13/11/2019 द्वारा निम्नानुसार अतिरिक्त भूमि आवंटित की गई है :-
खसरा नंबर |
भूमि का क्षेत्रफल |
खसरा नं. 2228/2 |
1.360 हेक्टेयर |
खसरा नं. 2028/स |
0.214 हेक्टेयर |
खसरा नं. 2028/भ (स) |
1.376 हेक्टेयर |
खसरा नं. 2028/व |
0.737 हेक्टेयर |
(ग) जी हाँ। जेलों की क्षमता बढ़ाने एवं नवीन जेलों के निर्माण की कार्यवाही प्रचलन में है।
जेलों में मेन्यू अनुसार व गुणवत्तापूर्ण भोजन दिया जाना
[जेल]
33. ( क्र. 281 ) श्री अनिल जैन : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्य प्रदेश की विभिन्न जेलों में गुणवत्ता पूर्ण व मेन्यु अनुसार भोजन व स्वल्पाहार कैदियों को नहीं दिया जा रहा है? यदि हाँ, तो इसके लिये कौन-कौन जिम्मेदार हैं और इनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी? (ख) प्रश्नांश (क) कि इन जेलों में किस एजेन्सी के द्वारा खाद्य सामग्री की सप्लाई दी जा रही है? जिलेवार व एजेन्सीवार जानकारी उपलब्ध कराई जावे तथा जेल मुख्यालय द्वारा जारी निर्धारित मेन्यू क्या है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी नहीं। (ख) मध्यप्रदेश की जेलों में खाद्य सामग्री की सप्लाई ई-टेण्डर के माध्यम से विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही है, जिसकी जेलवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। जेल मुख्यालय से जारी निर्धारित मेन्यु की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।
पर्यटन को बढ़ावा देना
[पर्यटन]
34. ( क्र. 282 ) श्री अनिल जैन : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) निवाड़ी जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की क्या योजना है? योजना से अवगत करायें। (ख) क्या निवाड़ी जिले में ओरछा, गढ़कुण्डार वीरसागर आदि अनेक स्थल हैं, जिनमें पर्यटकों एवं पर्यटन की अपार संभावना है, यदि हाँ, तो इन स्थानों पर शासन की क्या योजना है? (ग) क्या ओरछा में पर्यटन करने हेतु आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या को देखते हुए। इनको जिले के कई स्थानों पर भ्रमण हेतु शासन द्वारा कोई बस सेवा शुरू किए जाने की योजना है, जिससे जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिल सकें? (घ) विधानसभा क्षेत्र निवाड़ी अन्तर्गत ओरछा एवं गढ़कुण्डार में वर्ष 2014 से प्रश्न दिनांक तक पुरातत्व विभाग ने क्या-क्या कार्य कराये? कार्यवार, राशिवार, एजेन्सीवार, बतायें। क्या उक्त कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं या नहीं यदि नहीं, तो कब तक पूर्ण कर लिये जायेंगे?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी हाँ वर्तमान में कोई योजना प्रस्तावित नहीं है। (ग) उत्तरांश “क” अनुसार। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। समय-सीमा बताये जाना संभव नहीं।
उद्यानिकी क्षेत्र विस्तार अंतर्गत संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
35. ( क्र. 284 ) श्री राकेश गिरि : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी क्षेत्र विस्तार अन्तर्गत जिला टीकमगढ़ में कौन-कौन की योजनायें संचालित हैं? (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार विगत पाँच वर्षों में योजनावार लाभान्वित ऐसे कृषक जिनका आर्थिक उन्नयन हुआ है, उनकी कृषकवार, रकवावार, विकासखण्डवार संख्यात्मक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) विगत पाँच वर्षों में जिले में फलोद्यान के रकवे में हुई वृद्धि एवं उस पर व्यय राशि की जानकारी उपलब्ध करायें। (घ) क्या क्षेत्रीय प्रसार अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा ग्रामों में नियमित भ्रमण कर कृषकों को शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जाती है? यदि हाँ, तो इनका जिले में ग्रामवार भ्रमण कार्यक्रम उपलब्ध करायें। यदि नहीं, तो कारण बतायें?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जिला टीकमगढ़ में उद्यानिकी क्षेत्र विस्तार की निम्न योजनायें संचालित है:- (अ) राज्य पोषित योजनाऐं:- फल पौध रोपण अनुदान योजना (फल क्षेत्र विस्तार), 1. सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना, 2. मसाला क्षेत्र विस्तार योजना, 3.औषधीय एवं सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार योजना, (ब) केन्द्र पोषित योजनाऐं:- 1. एकीकृत बागवानी विकास मिशन, (1) फल-पौध रोपण (2) पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना, 2. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना:- (1) फल-पौध रोपण (2) पुष्प क्षेत्र विस्तार योजना, 3. राष्ट्रीय औषधीय पौधा मिशन, (1) औषधीय क्षेत्र विस्तार, (ख) योजनावार लाभान्वित कृषकों के आर्थिक उन्नयन के संबंध में जानकारी विभाग संधारित नहीं करता है। योजनावार लाभान्वित कृषकों की कृषकवार, रकबावार, विकासखण्डवार, संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विगत पाँच वर्षों में जिले में फलोद्यान के रकबे में 333.350 हेक्टेयर में वृद्धि हुई है एवं उस पर राशि रूपये 79.658 लाख व्यय किये गये है। (घ) विभाग में प्रसार अधिकारियों/ कर्मचारियों की संख्या प्रत्येक विकासखण्ड में एक या दो ही है, इसलिये विकासखण्ड के ग्रामों में नियमित भ्रमण नहीं किया जाता है। कृषकों को शासकीय योजनाओं की जानकारी मेला प्रदर्शनी, कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण, खण्ड स्तरीय लोक कल्याण शिविर, राज्स्व बैठकों एवं स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से कृषकों को जानकारी दी जाती है एवं समस्त योजनायें ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से संचालित है।
मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री सड़क योजना की जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
36. ( क्र. 292 ) श्री रामकिशोर कावरे : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा पत्र क्रमांक 197/2020, दिनांक 13/02/2020 द्वारा कलेक्टर बालाघाट को जांच हेतु लेख किया गया? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? (ख) ठेकेदार द्वारा स्थल पर मुरूम किस खदान से डाला गया? क्या बालाघाट जिले में कोई खदान मुरूम हेतु घोषित है, यदि नहीं, तो क्या, ठेकेदार द्वारा अवैध मुरूम का उत्खनन किया गया है? यदि हाँ, तो ठेकेदार के विरूद्ध क्या कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? (ग) क्या ठेकेदार एवं विभागीय अधिकारियों ने मिलकर मयुर बिन्दू से तलाबोडी खारा मार्ग पर घटिया कार्य कर राशि का दुरूपयोग कर आहरण किया है, यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही प्रस्तावित है? (घ) बालाघाट जिले में मुख्यमंत्री सड़क/प्रधानमंत्री सड़क के लिए कितनी मुरूम खदानें ठेकेदार को स्वीकृत कराई गई है? यदि नहीं, तो 2015 से अब तक किये निर्माण कार्य में क्या ठेकेदार द्वारा मुरूम का अवैध उत्खनन कर निर्माण किया गया? यदि हाँ, तो क्या राजस्व की चोरी का प्रकरण ठेकेदारों पर बनायेंगे यदि हाँ, तो जानकारी देवें। नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। कलेक्टर बालाघाट द्वारा माननीय विधायक के प्रस्ताव अनुसार 03 सदस्यीय टीम गठित की गई है। जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) जी नहीं। प्रश्नांश ''क'' में उल्लेखित पत्र क्रमांक 197 दि. 13.02.2020 में अंकित मार्ग मयूर बिन्दु से तल्लाखेड़ी खारा मार्ग में ठेकेदार द्वारा मुरूम नहीं डाले जाने से शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। (ग) जी नहीं। (घ) जी नहीं। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क के लिए जिले में वर्ष 2015 से किए गए निर्माण कार्यों में ग्रेवल (मुरम) खदाने स्वीकृत नहीं है। निर्माण कार्यों में लगने वाली सामग्री का प्रबंधन करना संविदाकार के स्वयं की जिम्मेदारी है। सड़क में उपयोग की गई ग्रेवल (मुरम) कार्य की रायल्टी की कटौती ठेकेदार के देयक से की जाकर राजस्व में जमा की जाती है अथवा संविदाकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र कलेक्टर (खनिज शाखा) से प्राप्त किया जाता है। अत: राजस्व की चोरी किए जाने का प्रकरण नहीं बनता।
आरक्षकों की पदोन्नति
[गृह]
37. ( क्र. 304 ) श्री जसमंत जाटव छितरी : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010 एवं 2012 में जी.ओ.पी. 77/97 में आरक्षक से प्रधान आरक्षक पदोन्नति विभागीय (अ) वर्ग परीक्षा में उत्तीर्ण कितने आरक्षकों को बिना योग्यता सूची के पी.पी. कोर्स कराया गया है? संपूर्ण म.प्र. की जिलावार संख्यात्मक जानकारी एवं आदेश की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) म.प्र. के किन-किन जिलों में माननीय उच्च न्यायालय की तीनों पीठों के आदेश के पालन में पदोन्नति दी गई है? क्या उन आरक्षकों को जी.ओ.पी. 77/97 के प्रावधानों के आनुसार योग्यता सूची जारी होने के उपरांत पी.पी. कोर्स कराया गया है? (ग) आरक्षक से प्रधान आरक्षक (अ) वर्ग परीक्षा उत्तीर्ण आरक्षकों को पी.पी. कोर्स जिला खण्डवा, देवास, छिंदवाड़ा, रायसेन, इंदौर, आदि जिलों में बिना योग्यता सूची जारी किये, कराया गया है परंतु भोपाल रेंज में वर्ष 2010 से आरक्षक से प्रधान आरक्षक (अ) वर्ग परीक्षा उत्तीर्ण आरक्षकों को पी.पी. कोर्स क्यों नहीं कराया गया है? (घ) माननीय उच्च न्यायालय की तीनों पीठों के आदेशों में जिला खण्डवा, देवास, छिंदवाडा, रायसेन, इंदौर, आदि जिलों एवं भोपाल रेंज में माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों में समानता होने पर भी आरक्षक से प्रधान आरक्षक (अ) वर्ग परीक्षा उत्तीर्ण आरक्षकों को पदोन्नति क्यों नहीं दी जा रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के कॉलम क्रमांक- 04 अनुसार। (ग) जी हाँ। आरक्षक से प्रधान आरक्षक (अ) वर्ग परीक्षा उत्तीर्ण आरक्षकों को पी.पी. कोर्स जिला खण्डवा, देवास, छिंदवाड़ा, रायसेन, इंदौर आदि जिलों में बिना योग्यता सूची जारी किये कराया गया है। भोपाल रेंज में तत्समय पदोन्नति हेतु पद रिक्त नहीं होने से पी.पी. कोर्स नहीं कराया गया। (घ) जिलों में प्रधान आरक्षकों के पद रिक्त नहीं होने से तत्समय पदोन्नति की कार्यवाही नहीं की गई। वर्ष 2012 में पदोन्नति प्रक्रिया में एकरूपता लाये जाने की दृष्टि से शासन द्वारा जी.ओ.पी. 77/97 को निरस्त करते हुये नवीन जी.ओ.पी.138/12 दिनांक 14.08.2012 पदोन्नति हेतु जारी की गई। तत्पश्चात नवीन जी.ओ.पी. 138/12 लागू होने से वरिष्ठता-सह-उपयुक्तता के अनुसार पदोन्नति की कार्यवाही की गई। तत्पश्चात उन्हीं आरक्षकों को पदोन्नति का लाभ दिया गया था, जिनके संबंध में माननीय न्यायालय द्वारा इनके व्यक्तिगत प्रकरणों में आदेशित किया गया था। शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
दोषियों पर कार्यवाही
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
38. ( क्र. 317 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधानसभा प्रश्न क्र 567 . दिनांक 17.12.2019 के उत्तर में विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 12139 दिनांक 27.11.2019 के द्वारा कलेक्टर रीवा से जांच प्रतिवेदन चाहा गया एवं आयुक्त रीवा संभाग रीवा को दिनांक 31.10.2019 को दिये गये पत्र पर की गई कार्यवाही एवं जांच की प्रति देते हुये बतावें। मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पत्र क्र. 4054 दिनांक 02.12.2019 द्वारा अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रीवा को जाच अधिकारी नियुक्त किया गया है, इस जाँच की प्रति देते हुये बतावें कि कौन-कौन दोषी है, इन दोषियों पर क्या कार्यवाही कब प्रस्तावित की गई? कार्यवाही की प्रति भी देवें अगर कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों? (ख) प्रश्नांश (क) के सदंर्भ में पत्र क्र. 12139 दिनांक 27.11.2019 विकास आयुक्त कार्यालय के निर्देश में कलेक्टर रीवा द्वारा जांच प्रतिवेदन कब भेजा गया, जांच प्रतिवेदन के आधार पर विकास आयुक्त कार्यालय द्वारा किनको दोषी मानकर कार्यवाही प्रस्तावित की गई, इसी तरह पत्र क्र. 4054 दिनांक 02.12.2019 जिला पंचायत रीवा पर जांच उपरांत किन-किन को दोषी पाया गया जांच की प्रति देते हुए बतावें। दोषियों पर की गई कार्यवाही का विवरण भी देवें? (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार जांच अधिकारियों द्वारा समय पर पूरी नहीं की गई, जांच के समय शिकायतकर्ता के पक्ष को नहीं सुना गया, अन्यत्र हटाकर जांच नहीं की गई जांच प्रभावित हुई, जांच प्रतिवेदन मनमानी तरीके से तैयार कर दोषियों को बचाया गया तो इस पर क्या कार्यवाही करेंगे? (घ) प्रश्नांश (क) अनुसार संलग्न प्रपत्र में दिये गये उत्तर अनुसार जांच लंबित रहने के दौरान परिवीक्षा अवधि समाप्त की गई तो क्यों? इसके लिये किन जिम्मेदारों को दोषी मानकर कार्यवाही प्रस्तावित करेंगे। अगर नहीं तो क्यों? क्या पुन: परिवीक्षा पर करने की कार्यवाही करेगें? (ड.) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार समय पर जांच पूरी न करने दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही न कर बचाने का प्रयास किये गये, जांच पूर्व उन्हें हटाकार जांच नहीं की गई, साथ ही जिला पंचायत के जारी विधि विरूद्ध विशेष रूचि लेकर जारी आदेश क्र. 4190 दिनांक 11.10.2019 को निरस्त न करने के जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करेंगे एवं आदेश कब तक निरस्त करावेंगे? अगर नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। जांच उपरांत प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोषों के आधार पर नियमानुसार दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) विकास आयुक्त कार्यालय के पत्र क्रमांक 12139 दिनांक 27.11.2019 एवं जिला पंचायत रीवा के पत्र क्रमांक 4054 दिनांक 02.12.19 के संबंध में उत्तरांश ‘‘क‘‘ अनुसार प्रतिवेदन प्राप्त होने पर गुण-दोष के आधार पर नियमानुसार दोषियों पर कार्यवाही की जायेगी। (ग) उत्तरांश ‘‘क‘‘ अनुसार जांच की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) श्री हरीशचन्द्र द्विवेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत की रीवा जिले की जनपद में पदस्थी दिनांक 14.03.2019 है। पदस्थी दिनांक तक उनके विरूद्ध कोई विभागीय जांच संस्थित नहीं होने से उनकी परिवीक्षा अवधि को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समाप्त की गई है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ड.) जी नहीं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत रीवा के विरुद्ध प्राप्त शिकायत की जांच अति. मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत रीवा द्वारा की जा रही है। जांच प्रक्रियाधीन है। अतएव दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही न करने या बचाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। प्रश्न में अंकित आदेश क्रमांक 4190 दिनांक 11.10.2019 जिला पंचायत रीवा द्वारा जारी न होकर अपितु आदेश क्रमांक 3190 दिनांक 11.10.2019 जारी हुआ है, यह कार्य विभाजन आदेश है जो नियंत्रण अधिकारी के अधिकार अंतर्गत होने से निरस्त नहीं किया जा सकता। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अनियमित व्यय के जिम्मेदारों पर कार्यवाही
[पर्यटन]
39. ( क्र. 318 ) श्री सुभाष राम चरित्र : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा संभाग अंतर्गत वर्तमान में कितने पर्यटक स्थल है? जिलावार व तहसीलवार की जानकारी देवें? इनमें से कितने पर्यटक स्थलों के विकास बाबत् वर्ष 2014 से प्रश्नांश दिनांक तक में कितनी-कितनी राशि कब-कब, किन-किन कार्यों हेतु किन-किन मदों से जारी की गई वर्तमान में कार्यों की स्थिति के साथ संविदाकारों के नाम एवं कार्यावधि पूर्ण होने की जानकारी कार्यादेश की प्रति की साथ बतावें? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में वर्ष 2019-20 से प्रश्नांश दिनांक तक के दौरान कितने नवीन पर्यटक स्थल सरकार द्वारा बनाये गये इनके विकास बाबत् शासन द्वारा प्राप्त निधियों की जानकारी सहपत्रों सहित देवें? (ग) प्रश्नांश (क), (ख) के पर्यटक स्थलों के रख-रखाव, देख-रेख एवं व्यवस्था बाबत् शासन के क्या नीति एवं निर्देश है वर्तमान में नवीन कितने पर्यटक केन्द्र/पर्यटक स्थल स्थापित/संचालित किये जाने बाबत् शासन की कार्य योजना है उनके नाम व जिलों सहित जानकारी देवें? (घ) प्रश्नांश (क), (ख) के पर्यटक स्थलों के विकास बाबत् प्राप्त राशियों का मनमानी तरीके से फर्जी बिल व्हाऊचर तैयार कर आहरित किये जाने की जांच करा कर क्या संबंधितों पर गबन के प्रकरण पंजीबद्ध करावेंगे? नवीन पर्यटक स्थल घोषित सिंगरौली जिले में कहां-कहां किये जाने की शासन की योजना है पृथक से जानकारी देवें? अगर नहीं तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) विभाग द्वारा पर्यटन स्थलों की कोई सूची संधारित नहीं की जाती है। शेष पर्यटक स्थलों के लिये वर्ष 2014 से विकास कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। (ख) वर्ष 2019-20 के दौरान नवीन पर्यटक स्थलों के विकास हेतु प्राप्त राशि पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'ब' अनुसार। पर्यटक स्थलों का विकास किया जा रहा है। (ग) पर्यटक स्थल के रख-रखाव हेतु निगम की संपत्तियों की देखरेख एवं उनका संचालन पर्यटन निगम द्वारा किया जाता है एवं अन्य पर्यटक स्थलों के विकास कार्य होने के उपरांत उनकी देखरेख स्थानीय संस्था/ट्रस्ट/जिला प्रशासन को सौंप दिये जाते है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'स' अनुसार। (घ) ऐसा कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं है। अत: जांच का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता। नवीन पर्यटक स्थल सिंगरौली जिले में पर्यटक स्थलों के विकास कार्य की सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'द' अनुसार।
ठगी के शिकार हुये फरियादियों के बयान पर FIR दर्ज किया जाना
[गृह]
40. ( क्र. 352 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सतना जिले में आमजन को किश्तों में प्लाट देने के नाम पर पैसा जमा कर ठगी करने वाले गिरोह राजपथ डेवलपर्स/संत कंवरराम बिल्डर्स एवं अन्य के विरूद्ध जब ठगी के शिकार हुये हजारों लोगों ने जिला पुलिस अधीक्षक सतना को दस्तावेजी सबूत दिये तो पुलिस अधीक्षक सतना रियाज इकबाल ने गंभीरता के साथ तत्काल कार्यवाही करते हुए आरोपियों के विरूद्ध थाना जैतवारा एवं थाना रामपुर बाघेलान में प्रकरण दर्ज करवाया? (ख) प्रश्नांश (क) में हां, तो किस-किस नाम के पते वाले आरोपियों के विरूद्ध किन थानों में किस अपराध क्रमांकों से किन-किन धाराओं में अपराध पंजीबद्ध हुआ है? एफ.आई.आर. (सभी) की एक-एक प्रति दें। (ग) क्या प्रश्नांश (क) एवं (ख) में ठगी करने वाले आरोपियों ने किस-किस थाना क्षेत्रों में राजपथ डेवलपर्स में प्लाट के नाम पर पैसा जमा करवाने एवं संत कंवर राम बिल्डर्स एवं अन्य में फ्लैट/ड्युपलेक्स/दुकान/प्लाट के नाम पर राशि लिये जाने पर किस-किस नाम एवं पते वाले फरियादियों के आवेदन पर एफ.आई.आर. दर्ज की गई है? एफ.आई.आर. वार फरियादियों के नाम दें। किन-किन व्यक्तियों/फरियादियों के आवेदन किन-किन थानों में प्रश्न तिथि तक पड़े हैं? प्रकरणवार जानकारी दें। उक्त प्रकरण से संबंधित सभी थानों में पेंडिंग शिकायतों की एक-एक प्रति दें। (घ) क्या जिला पुलिस बल सभी लोगों ठगी का शिकार हुये हैं के नाम पर अलग-अलग एफ.आई.आर. अलग-अलग थाना क्षेत्रों में अलग से दर्ज करेगा? हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो जो लोग ठगी के शिकार हुये हैं उनके नाम की सूची दें। क्या ठगी के शिकार सभी लोगों के नाम एवं उनके सक्षम अधिकारी के समक्ष दिये बयान प्रत्येक प्रकरण की केस डायरी में साक्ष्य के तौर पर संलग्न किये जायेंगे? अगर हाँ तो कब तक? अगर नहीं तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे गये परिशिष्ट अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। प्रश्न दिनांक तक किसी भी आवेदक के आवेदन किसी भी थानें में लंबित नहीं है। (घ) जिला पुलिस बल उन सभी ठगी के शिकार हुए लोगों की सूचना पर विधिसम्मत कार्यवाही कर रहा है। प्रकरण अनुसंधान में है। साक्ष्यानुसार विधिसम्मत कार्यवाही की जावेगी।
पीडि़त पक्षकार द्वारा दर्ज एफ.आई.आर. पर कार्यवाही
[गृह]
41. ( क्र. 353 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्न क्र. 792 दिनांक 07 मार्च 2018 के (ग) खण्ड में उल्लेखित व्यक्ति के विरूद्ध हुई शिकायत की जांच स्वीकार की गई थी? क्या प्रश्न क्र. 1746 दिनांक 15 जुलाई 2019 में प्रकरण का अनुसंधान किया जा रहा है उत्तर दिया गया है वही प्रश्न क्रमांक 36 (क्र. 1745) दिनांक 17 जुलाई, 2019 के उत्तर के (घ) खण्ड में राजस्व विभाग बता रहा है कि पीडि़त पक्षकार द्वारा विक्रेता के विरूद्ध थाना कोलगंवा में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई है जिसका अपराध क्रमांक 168/16 है? क्या अ.क्र. 168/16 में सतीश सुखेजा एवं काम्या सुखेजा का नाम है? (ख) क्या पूरे प्रदेश में भू-माफियाओं के विरूद्ध माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा कड़ी कार्यवाही करने का अभियान चलाया जा रहा है? अगर हां, तो प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्ति जिसके द्वारा दस्तावेजों में कूट रचना कर शासकीय भूमि को बेचा गया, उसके विरूद्ध पुलिस अधीक्षक सतना को 07.09.2016 में दिये गये शिकायती आवेदन पर क्या आज दिनांक तक जांच पर जांच चल रही है? आरोपी के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज नहीं किये जाने के क्या कारण हैं? जानकारी बिन्दुवार दें। अपराध क्रमांक 168/16 थाना कोलगंवा में सतीश सुखेजा एवं काम्या सुखेजा का नाम कब तक बढ़ाया जायेगा? (ग) क्या प्रश्न क्र. 1746 जो 15 जुलाई 2019 की प्रश्नोत्तरी सूची में मुद्रित है के खंड (ख) में स्वीकार किया गया है कि कलेक्टर सतना के निर्देश पर एस.डी.एम. रघुराजनगर ने जो जांच करवाई उसका प्रतिवेदन 24.01.2017 की एम.डी.एम. कार्यालय में जमा हो चुका है? उक्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस आरोपी का नाम एफ.आई.आर. में क्यों नहीं जोड़ रही है? कारण दें। नियम बतायें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ। जी हाँ। जी हाँ। अपराध क्रमांक 168/16 में सतीश सुखेजा एवं काम्या सुखेजा का नाम साक्ष्य सूची में अंकित है। (ख) जी हाँ, प्रश्नांश (क) में उल्लेखित व्यक्ति सतीश सुखेजा एवं काम्या सुखेजा के विरूद्ध आवेदक दत्तक तीर्थवानी द्वारा शिकायत पत्र दिनांक 07.09.2016 दिया गया था जो जांच पर अप्रमाणित पाया गया है फलस्वरूप प्रथम सूचना पत्र दर्ज नहीं किया गया है अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ, प्रश्नांश (ख) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
कर्रापुर खिरिया सड़क मार्ग की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
42. ( क्र. 380 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत कर्रापुर पुलिस चौकी से खिरिया सड़क मार्ग की स्वीकृति कब प्रदान की गई थी? (ख) कर्रापुर से खिरिया सड़क मार्ग की लागत/कार्य एजेंसी का नाम/कार्य अनुबंध की तिथि/कार्य पूर्णता की तिथि सहित पूर्ण जानकारी देवें। (ग) वर्तमान में उक्त सड़क मार्ग की स्थिति/कार्य एजेंसी को किये गये भुगतान संबंधी जानकारी से अवगत करायें। (घ) यदि सड़क निर्माण कार्य अनुबंध की तिथि में पूर्ण नहीं हुआ है तो विभाग द्वारा कार्य एजेन्सी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई एवं कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) कार्य अनुबंध में दी गई समय-सीमा में पूर्ण नहीं करने से निर्माण एजेंसी को नोटिस दिये गये है। कार्य इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य है।
सड़कों का डामरीकरण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
43. ( क्र. 381 ) इन्जी. प्रदीप लारिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित सड़क मार्गों पर डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है? यदि हाँ, तो इनमें किन-किन सड़कों को डामरीकरण कार्य में सम्मिलित किया गया है? जानकारी दें। (ख) सागर जिला अंतर्गत कितने मुख्यमंत्री सड़क के तहत निर्मित सड़कों का डामरीकरण किया गया है एवं कितनी राशि व्यय की गई है? (ग) वर्ष 2019-20 में डामरीकरण कार्य सागर हेतु जिले को कितनी राशि प्राप्त हुई एवं किन-किन सड़कों का डामरीकरण कार्य किया जाना प्रस्तावित है? (घ) नरयावली विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में निर्मित किन-किन सड़क मार्गों का प्रश्न दिनांक तक डामरीकरण किया गया एवं किन-किन सड़क मार्गों का डामरीकरण कार्य शेष है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) सागर जिले के अंतर्गत प्रश्न दिनांक तक 153 मार्गों पर डामरीकरण कार्य किया गया है एवं इन मार्गों पर राशि रूपये 7668.01 लाख व्यय की गई है। (ग) जिलेवार पृथक से राशि स्वीकृत होने का प्रावधान नहीं है। वर्ष 2019-20 में डामरीकरण हेतु मुख्यमंत्री सड़क के तहत निर्माण कार्य हेतु प्रस्तावित मार्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (घ) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत सागर एवं राहतगढ़ विकासखण्ड में प्रश्न दिनांक तक किये गये डामरीकरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार एवं डामरीकरण हेतु शेष मार्गों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-द अनुसार है।
फलों की फसलों हेतु भूमि की उपयुक्तता की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
44. ( क्र. 388 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) बैतूल जिले में तोतापरी आम के लिए कौन सा क्षेत्र उपयुक्त है जिले में वर्ष 2019, 2020 में योजनांतर्गत रोपित किन-किन फलों के पौधों का जीवित प्रतिशत क्या है। विकासखण्डवार कृषक संख्यावार बतावें एवं जीवित प्रतिशत निर्धारित मानक स्तर की नहीं है तो वित्तीय वर्ष में पुनः उक्त पौधों का रोपण कराया गया है यदि नहीं, तो क्यों? (ख) बैतूल जिले में वित्तीय वर्ष 2019, 2020 में काजू एवं तोतापरी रोपण करने वाले कृषकों की पंजीयन की प्रति गड्ढा खुदाई की तिथि कृषकवार बतावें एवं प्रश्नांश दिनांक तक कितने रकबे में किस-किस किसान द्वारा कितने-कितने पौधे रोपित किये गये तथा उनका जीवित प्रतिशत क्या है? (ग) बैतूल जिले में वर्ष 2018-2019 में किन-किन कृषकों के यहाँ कितने-कितने रक्बे में तोतापरी आम पौधों का रोपण कराया गया था एवं प्रश्नांश तिथि तक किन-किन किसानों के यहाँ कितने-कितने पौधे जीवित है। विकासखण्ड अधिकारी द्वारा प्रश्नांश दिनांक की तिथि की भौतिक सत्यापन प्रगति विकासखण्डवार देवें। (घ) बैतूल जिले में आम किस्त तोतापरी का रोपण प्रसंस्करण हेतु कराया जा रहा है विभाग कंपनी द्वारा प्रसंस्करण हेतु इकाई स्थापना करने बाबत् खाद्य प्रसंस्करण विभाग से इकाई अनुबन्ध क्या किया गया है अनुबन्ध की प्रति उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) बैतूल जिले का पूरा क्षेत्र तोतापरी आम के लिये उपयुक्त है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’ब’' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘’स’’ अनुसार है। (घ) जी हाँ। फलन की स्थिति आने के पूर्व प्रसंस्करण हेतु इकाई स्थापित कराने के संबंध में खाद्य प्रसंस्करण विभाग से अनुबंध की कार्यवाही की जावेगी। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
बैतूल जिले में आलू उत्पादन की जानकारी
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
45. ( क्र. 389 ) श्री निलय विनोद डागा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या बैतूल जिले में विभाग की रोपणियों पर वर्ष 2017-18, से वर्ष 2019-20 तक आलू बीज उत्पादन का कार्यक्रम किया गया यदि हाँ, तो किस-किस रोपणी पर कितने-कितने रकबे में किया गया। (ख) प्रश्नांश (क) की रोपणियों में कितना-कितना उत्पादन हुआ एवं उसका उपयोग/ वितरण कहां-कहां किया गया एवं उस पर मदवार कितनी-कितनी राशि व्यय की गई। (ग) प्रश्नांश (क) की रोपणियों में उत्पादित आलू बीज को किस-किस कोल्ड स्टोरेज में रख गया। क्या ये उक्त बीज रखने के लिए उपयुक्त थे मानक का विवरण दे। आलू बीज खराब क्यों हुआ कितनी मात्रा में बीज खराब हुआ उसकी क्या कीमत थी। खराब हुए आलू बीज के लिए क्या कार्यवाही की गई।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'01' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'02' अनुसार है। (ग) जिले में स्थित बैतूल कोल्ड स्टोरेज ग्राम बज्जरवाड़ा विकासखण्ड घोड़ाडोंगरी में रखा गया। जी हाँ। उद्यान अधीक्षक की लापरवाही के कारण। 13.50 क्विंटल, राशि रूपये 27000/- की कीमत थी। संबंधित उद्यान अधीक्षक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण चाहा गया है। प्राप्त उत्तर के आधार पर कार्यवाही की जावेगी। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है।
प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत स्वीकृत आवास
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
46. ( क्र. 406 ) श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ऐसे कौन-कौन से ग्राम हैं जहां उक्त योजना के अन्तर्गत एक भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ है? कारण बताएं। इसके लिये कौन-कौन अधिकारी उत्तरदायी हैं तथा उक्त ग्राम के निवासियों को उक्त योजना अन्तर्गत कब तक आवास मिलेंगे? (ख) उक्त योजना प्रारंभ होने से प्रश्न दिनांक तक पन्ना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितने आवास पूर्ण हुए? ग्राम पंचायतवार संख्या बतावें। उनमे से कितने हितग्राहियों को 90 दिन की मजदूरी नहीं मिली एवं क्यों? कारण बतायें तथा इसके लिये कौन दोषी है? (ग) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018-2019 एवं 2019-20 में प्राप्त लक्ष्य को जिलेवार कितना-कितना वितरण किस आधार पर किसने किया? इस संबंध में शासन के क्या-क्या निर्देश हैं? वित्तीय वर्ष 2019-20 में पन्ना जिला अन्तर्गत कितना लक्ष्य प्रदाय किया गया था एवं उसके विरूद्ध कितने आवास समर्पित किये गये एवं क्यों? ग्रामवार जारकारी दें। (घ) उक्त योजना में प्रश्नांश (ग) अवधि में आवास स्वीकृति, मजदूरी भुगतान एवं अन्य समस्याओं के निराकरण हेतु मान.मंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब कितने आवेदन प्राप्त हुए? उन पर आज दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (अ) अनुसार है। इसके लिए कोई भी अधिकारी उत्तरदायी नहीं है। भारत सरकार से निर्देश तथा नियम प्राप्त होने पर उक्त ग्राम के निवासियों को आवास मिल सकेंगे। (ख) 6640 आवास पूर्ण हुए। जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। 702 हितग्राहियों को 90 दिवस की मजदूरी नहीं मिली। इमसें से 647 हितग्राहियों का भुगतान प्रकियाधिन है तथा शेष का तकनीकी समस्या के कारण भुगतान नहीं हो सका। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (ब) अनुसार है। प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण अन्तर्गत आवास का आवंटन पंचायतों में उपलब्ध पात्र हितग्राहियों की वंचितता (deprivation) की तीव्रता तथा वर्ग अनुसार शासन स्तर से स्वीकृत किया गया। वर्ष 2019-20 में पन्ना जिले को प्रदायित 9671 लक्ष्य के विरूद्ध आवासों का कोई समर्पण नहीं किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (स) अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र (द) अनुसार है।
नरसिंहपुर जिले की जनसंख्या अनुसार पिछड़ा वर्ग का प्रतिशत
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
47. ( क्र. 409 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला नरसिंहपुर में पिछड़ा वर्ग के कितने प्रतिशत व्यक्ति निवास करते हैं? (ख) जिला नरसिंहपुर में निवासरत कितनी पिछड़ा वर्ग की जातियां है? जाति के अनुसार संख्या एवं जिले की जनसंख्या अनुसार प्रतिशत की जानकारी देवें। (ग) जिला नरसिंहपुर में पिछड़े वर्ग की जातियां जीविकोपार्जन के लिये क्या-क्या कार्य करती हैं? (घ) जिले में पिछड़े वर्ग के लोग किन कार्यों (धन्धा) रोजगार के अनुसार पहचाने जाते हैं? उपजाति, जातियों के नामों की जानकारी देवें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) पिछड़ा वर्ग की जिलेवार एवं जातिवार जनगणना न होने से वास्तविक जानकारी उपलब्ध नहीं है। किन्तु वर्ष 1982 में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा किये गये सर्वे के अनुसार नरसिंहपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 1 अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) नरसिंहपुर जिले में पिछड़ा वर्ग की जातियों अधिकांशत: कृषि, परम्परागत व्यवसाय, मजदूरी एवं शासकीय सेवाओं में जीविकोपार्जन करती है। (घ) नरसिंहपुर जिला कृषि प्रधान होने के कारण पिछड़ा वर्ग के लोग कृषक के रूप में जाने जाते हैं एवं पिछड़ा वर्ग की उपजाति, जातियों के नामों की सूची की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 2 अनुसार है।
लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यम की जानकारी
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
48. ( क्र. 410 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरसिंहपुर जिले में कितने लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यम संचालित है? स्थानवार, नामवार एवं कार्य सहित संपूर्ण जानकारी देवें। (ख) उक्त उद्योगों में कितने व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है? (ग) उक्त उद्योगों में क्या-क्या समस्याएं निवेशक को आ रही है? विस्तृत जानकारी देवें। समस्याओं के निराकरण हेतु क्या जिला प्रशासन द्वारा सहयोग किया जाएगा एवं किस तरह संपूर्ण जानकारी देवें? (घ) वर्ष 2020-21 में कितने नये लघु, मध्यम सूक्ष्म एवं बड़े उद्योगों को नरसिंहपुर में लगाया जाएगा? स्थान एवं उद्यमों की विस्तृत जानकारी प्रदान करें। (ड.) उद्यम लगाने हेतु उद्यमियों का चयन कैसे किया जाता है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) स्थापित उद्यमों द्वारा भारत सरकार के पोर्टल पर उद्योग आधार मेमोरण्डम (UAM) फाइल किया जाता है, जो कि सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों हेतु ऐच्छिक हैं। विभाग द्वारा विभाग के अधिनस्थ औद्योगिक क्षेत्र में संचालित लघु मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यम की जानकारी संधारित की जाती है। नरसिंहपुर जिले में विभाग के अधिनस्थ औद्योगिक क्षेत्र, अर्द्धशहरीय औद्योगिक संस्थान नरसिंहपुर में संचालित लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्यमों की स्थानवार, नामवार एवं कार्य की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में विभाग के जिला कार्यालय में निवेशकों द्वारा कोई समस्या प्रस्तुत नहीं की गई है। म.प्र.शासन, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा उद्योगों की समस्याओं के निराकरण एवं संवर्धन हेतु जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय लघु उद्योग संवर्द्धन बोर्ड का गठन किया गया है। (घ) सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा किसी भी प्रकार के उद्योग नहीं लगाये जाते हैं। अपितु विभाग द्वारा सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु रियायती दर पर भूमि आवंटन, अनुदान व मार्गदर्शन दिया जाता है। (ड.) उतरांश (घ) अनुसार प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
वर्ष 2004 से 2011 की PMT परीक्षा में रोल नम्बर की जांच
[गृह]
49. ( क्र. 413 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र.195 दिनांक 18 फरवरी 2019 में नस्तीबद्ध की गई 510 शिकायतों में से 197 को STF ने जांच में किस आधार पर शामिल किया? इस परिवर्तन से संबंधित समस्त नोटशीट तथा पत्र व्यवहार की प्रति देवें। (ख) 197 शिकायत में से कितनी शिकायतों में PMT परीक्षा तथा कितनी शिकायतों में भर्ती परीक्षाओं में घोटाले का जिक्र है? (ग) प्रश्नकर्ता के प्रश्न क्र. 960 दिनांक 17 दिसम्बर 2019 में नस्तीबद्ध शिकायतों की संख्या में प्रश्नांश (क) के उत्तर अनुसार हुये परिवर्तन का कारण बतावें क्या पूर्व में दिया गया उत्तर असत्य था? (घ) क्या CBI 2004 से 2011 तक रोल नम्बर सेटिंग्स से PMT परीक्षा में किये गये फर्जीवाड़े की जांच कर रही है? यदि नहीं, तो क्या इस प्रकार के फर्जीवाड़ा होने का STF के संज्ञान में नहीं हैं, यदि है? तो क्या STF अब उसकी जांच करेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एस.टी.एफ. द्वारा 510 शिकायतों में से 313 शिकायतों को तत्समय नस्तीबद्ध किया गया। शेष 197 लंबित व्यापम शिकायतों की जांच विभागीय मंत्री के आदेश दिनांक 03.09.2019 द्वारा आरंभ की गई। प्रति संलग्न परिशिष्ट पर है। (ख) शिकायतकर्ताओं द्वारा एक ही शिकायत पत्र में विभिन्न परीक्षाओं का उल्लेख करने से परीक्षाओं का विभक्तिकरण किया जाना संभव नहीं है। (ग) विभागीय मंत्री के दिनांक 03.09.2019 को दिए गए निर्देशानुरूप 197 व्यापम शिकायतों की जांच में अब तक 15 अपराधिक प्रकरण दर्ज हुए हैं तथा 60 शिकायतें नस्तीबद्ध की गई हैं। पुनः जांच प्रारंभ होने से नस्तीबद्ध प्रकरणों की संख्या में परिवर्तन हो रहा है, जो कि तर्कसंगत है। अतः दोनों उत्तरों में कोई विसंगति नहीं है। (घ) सी.बी.आई. से प्राप्त जानकारी अनुसार, जी नहीं। जी नहीं, पी.एम.टी. 2008-11 में मात्र इम्पेरिकल रूल के आधार पर तथा किसी अन्य संपुष्टिकारक साक्ष्य के अभाव में, म.प्र. शासन के पत्र क्र. 1277/CMS/PRS/2019 भोपाल दि. 01.08.19 के परिपालन में कार्यवाही की गई है तथा भविष्य में भी उक्त निर्देशानुरूप इस संबंध में कार्यवाही की जावेगी।
किसानों की औसत वार्षिक आय कम होने का कारण
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
50. ( क्र. 414 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कृषकों की वर्ष 2010-11 से 2019-20 तक की वार्षिक आय बतावें। क्या कृषकों की वार्षिक आय प्रदेश की औसत आय से 40 प्रतिशत कम है यदि हाँ, तो इसका कारण बतावें। (ख) क्या प्रदेश कृषक जोतों का औसत आकार बड़ी तेजी से घट रहा है? क्या 2004-05 की तुलना में 2019-20 में वह घटकर 50 प्रतिशत रह गया तथा 2019-20 में अनुमानित एक हेक्टेयर भी नहीं है? यदि हो तो इसके कारण बतावें तथा बतावें की इसके घटने से कृषि उत्पादन किस तरह प्रभावित होता है? (ग) क्या प्रदेश में 2004 से 2020 में कार्यशील जनसंख्या में दीर्घकालिक कर्मी में काश्तकार का प्रतिशत 50 प्रतिशत से भी कम हो गया तथा खेतीहर मजदुर का प्रतिशत दो गुना हो गया, यदि हाँ, तो क्या यह प्रदर्शित कर रहा है कि बड़ी तेजी से कृषकों की जमीन बिक रही है तथा वे खेतीहर मजदूर बनते जा रहे हैं? (घ) आदिवासी कृषकों से संबधित आंकड़े क्या विभाग के पास अलग से उपलब्ध हैं? यदि नहीं, तो आदिवासी उपयोजना की राशि किस प्रकार से आदिवासी कृषक कल्याण के लिये उपयोग की जाय पर निर्णय किस आधार पर लिया जाता है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) कृषकों की वार्षिक आय की गणना राज्य शासन से संबंधित नहीं इसलिए प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है। रकबा का आकार घटने से कृषि उत्पादन प्रभावित नहीं होता है। (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है। (घ) आदिवासी कृषकों के आंकड़े जिला सांख्यिकी कार्यालय में उपलब्ध होते हैं, जिसके आधार पर जिलों के लक्ष्य जारी किए जाते है, शेष का प्रश्न ही नहीं उठता है।
कृषकों द्वारा सिचाई यंत्र खरीदी पर अनुदान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
51. ( क्र. 417 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कृषकों के लिए सिंचाई यंत्र खरीदी किये जाने पर केंद्रीय योजना के अतिरिक्त्त टॉपअप अनुदान दिए जाने की योजना प्रदेश में संचालित की जा रही थी? यदि हाँ, तो किस वर्ष से संचालित थी और कब तक? (ख) क्या उक्त योजना वर्तमान में भी संचालित है? यदि नहीं, तो इसके बंद किये जाने के क्या कारण हैं? क्या पुनः इस योजना के चालू किये जाने की संभावना है? (ग) इस योजना के आरम्भ से बंद होने तक सभी हितग्राहियों की अनुदान राशि का भुगतान किया जा चुका है? यदि नहीं, तो वर्तमान में प्रदेश के कितने हितग्राहियों की राशि का भुगतान किया जाना शेष है? कब तक भुगतान कर दी जाएगी?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रदेश में समस्त वर्ग के कृषकों के लिये सिंचाई यंत्र खरीदी किये जाने पर केन्द्रीय योजनाओं में अनुदान के अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा टॉपअप अनुदान दिये जाने की योजना वर्ष 2008-09 से 2017-2018 तक संचालित थी। (ख) वर्तमान में टॉपअप योजना राज्य शासन के निर्देशानुसार वित्त विभाग द्वारा असहमति व्यक्त किये जाने के कारण बंद है। इस योजना को पुन: चालू किये जाने की संभावना नहीं है। (ग) जी नहीं। वर्ष 2017-18 में 7228 हितग्रहियों का टॉपअप अनुदान भुगतान किया जाना शेष है। उक्त राशि भुगतान हेतु प्रक्रिया चालू है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं।
मानव तस्करी के दर्ज मामले
[गृह]
52. ( क्र. 418 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मानव तस्करी से संबंधित कितने मामले जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में दर्ज किए गए हैं? कितने मामले अनुसूचित जनजाति से एवं कितने अनुसूचित जाति से संबंधित है? अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति से संबंधित ब्यौरा पृथक-पृथक उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रदेश से कितनी लड़कियाँ/युवतियाँ लापता हैं, कितनी अनुसूचित जनजाति से एवं कितनी अनुसूचित जाति से हैं। पृथक-पृथक ब्यौरा दें। (ग) प्रदेश में कौन-सी मानव-तस्करी-रोधी यूनिटों का संचालन हो रहा है? यदि नहीं, हो रहा है तो कारण बताएं। (घ) क्या मानव-तस्करी-रोधी यूनिटों की स्थापना का कोई प्रस्ताव है? यदि हाँ, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जनवरी 2014 से प्रश्न दिनांक 25 फरवरी 2020 तक मानव तस्करी से संबंधित 494 मामले दर्ज किए गए है। इसमें से 184 मामले अनुसूचित जनजाति एवं 96 मामले अनुसूचित जाति से संबंधित है। (ख) थाना रिकार्ड के अनुसार दिनांक 25 फरवरी 2020 की स्थिति में प्रदेश में कुल 6939 लड़कियाँ/युवतियाँ लापता है जिसमें से अनुसूचित जनजाति की 2139 एवं अनुसूचित जाति की 1901 है। (ग) एवं (घ) प्रदेश में 24 जिलों में मानव तस्करी रोधी यूनिट संचालित है।
पुलिस निगरानी योग्य नागरिकों की जानकारी
[गृह]
53. ( क्र. 433 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पुलिस निगरानी योग्य व्यक्तियों को कितने वर्गों में विभक्त किया गया है? प्रत्येक वर्ग की सूची में नाम सम्मिलित करने तथा हटाने के क्या मापदण्ड हैं? (ख) थाना इटारसी जिला होशंगाबाद में विभिन्न वर्ग के पुलिस निगरानी योग्य व्यक्तियों की कितनी संख्या है? नाम तथा अपराध सहित पृथक-पृथक पूर्ण विवरण प्रदान करें। (ग) पुलिस निगरानी योग्य व्यक्तियों के विभिन्न वर्गों की सूचियों को अद्यतन करने का क्या प्रावधान है? थाना इटारसी द्वारा संधारित सूचियों को अंतिम बार कब अद्यतन किया गया है? (घ) दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक थाना इटारसी/ होशंगाबाद की उक्त सूचियों में कौन से नाम प्रविष्ट किये गये हैं तथा कौन से नाम हटाये गये हैं? कारण सहित पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) मध्यप्रदेश पुलिस रेगुलेशन के पैरा क्रमांक 843 के अनुसार पुलिस निगरानी के योग्य व्यक्तियों को तीन वर्गों में विभक्त किया गया है। पुलिस रेगुलेशन के पैरा क्रमांक 654 व 657 के अनुसार पुलिस अधीक्षक के प्रशासनिक आदेश के द्वारा सूची में नाम सम्मिलिति किये/हटाये जाते हैं। (ख) कुल 87 हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार। (ग) मध्यप्रदेश पुलिस रेगुलेशन के पैरा क्रमांक 655 के अनुसार निगरानी सूचियों को अद्यतन करने का प्रावधान है थाना इटारसी द्वारा सूची को अक्टूबर 2018 में अद्यतन किया गया है। (घ) दिनांक 01.01.2019 से प्रश्न दिनांक तक थाना इटारसी की उक्त सूचियों में किसी भी व्यक्ति का नाम प्रविष्ट नहीं किया गया है तथा किसी भी व्यक्ति का नाम नहीं हटाया गया है परंतु थाना कोतवाली होशंगाबाद में उक्त अवधि में एक व्यक्ति का नाम सूची में अपराधिक रिकार्ड होने के कारण प्रविष्ट किया गया है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है।
होशंगाबाद/इटारसी में CCTV लगाना
[गृह]
54. ( क्र. 434 ) डॉ. सीतासरन शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण हेतु पुलिस दूरसंचार मुख्यालय द्वारा अनेक शहरों में सी.सी.टी.वी. लगाने की योजना बनायी गयी है? यदि हाँ, तो उक्त योजना हेतु प्रस्ताव शासन को कब-कब भेजा गया? (ख) क्या शासन द्वारा उक्त याजना को स्वीकृति दी जा चुकी है? यदि हाँ, तो उक्त योजना में प्रदेश के कौन-कौन से शहरों को कौन-कौन से चरणों में सम्मिलित किया गया है? इस योजना की अनुमानित लागत कितनी है? (ग) जानकारी दें कि होशंगाबाद जिले के इटारसी एवं होशंगाबाद में कब तक कितने सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाये जाना है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जी हाँ, योजना के तृतीय चरण हेतु दिनांक 31/07/2019 को प्रस्ताव शासन को भेजा गया। (ख) योजना के प्रथम एवं द्वितीय चरण की योजना की स्वीकृति पश्चात प्रथम चरण में 11 शहरों तथा द्वितीय चरण में 50 शहरों को सम्मिलित किया गया है सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। योजना के तृतीय चरण हेतु अनुमानित लागत राशि रू 808.72 करोड़ के प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ग) योजनान्तर्गत इटारसी शहर को आगामी तृतीय चरण में सम्मिलित कर 120 विभिन्न प्रकार के कैमरे स्थापित किया जाना प्रस्तावित है एवं होशंगाबाद शहर में 180 विभिन्न प्रकार के कैमरे द्वितीय चरण में स्थापित किये जा चुके है।
नहर निर्माण में लगे मजदूरों का भुगतान
[नर्मदा घाटी विकास]
55. ( क्र. 446 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिहोरा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखंड सिहोरा के संभाग क्र. 4 के अंतर्गत खबरा से जुनवानी माईनर नहर में लाइनिंग का कार्य जनवरी 2017 से प्रश्न दिनांक के बीच किस ठेकेदार के माध्यम से कब से कब तक कार्य कराया गया? उसमें कितने मजदूर लगाये गये? सूची उपलब्ध करायें। (ख) क्या प्रश्नांश (क) ठेकेदार द्वारा लगभग 50 श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान एवं सामग्री मशीनों को भुगतान नहीं किया गया जिसकी शिकायत विभाग के साथ-साथ एस.डी.एम. सिहोरा की जनसुनवाई में की गई थी? (ग) प्रश्नांश (ख) शिकायत का निराकरण करते हुए संबंधितों को भुगतान अभी तक क्यों नहीं किया गया? कब तक भुगतान कर दिया जावेगा? यह भी बताये कि दोषी ठेकेदार के विरूद्ध कायवाही क्यों नहीं की गई?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) मेसर्स ओम कन्स्ट्रक्शन बरखेड़ा भोपाल द्वारा दिनांक 30/11/2016 से वर्तमान तक। अनुबंध के प्रावधानों के अंतर्गत ठेकेदार द्वारा नियोजित श्रमिकों की सूची विभाग को प्रस्तुत करने की बाध्यता नहीं है। (ख) जी हाँ। (ग) समुचित कार्यवाही हेतु ठेकेदार को निर्देश दिये जा चुके हैं। कार्य पर लगाये गये वास्तविक श्रमिक संख्या एवं उनकी लंबित मजदूरी की पुष्टि होने पर अनुबंध की कंडिका-39 के तहत भुगतान की कार्यवाही की जावेगी।
आदेशों का क्रियान्वयन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
56. ( क्र. 447 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा क्रमांक 8201 दिनांक 17/6/19 एवं आयुक्त पंचायत राज के पत्र क्र. 11459 दिनांक 4/9/19 को जारी पत्रों की प्रति उपलब्ध करायें। (ख) कंडिका (क) निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने के लिये क्या-क्या कार्यवाही की गई। संपूर्ण विवरण उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) 1. सरपंच एवं सचिवों को प्रिया सॉफ्ट पोर्टल पर कार्य करने हेतु प्रशिक्षण हुआ है। 2. प्रिया सॉफ्ट पोर्टल तथा पंचायत दर्पण पोर्टल पर सरपंच/सचिवों द्वारा उनके डी.एस.सी. (डिजिटल हस्ताक्षर) का उपयोग किया जा रहा है तथा डी.एस.सी. उनकी अभिरक्षा में है। 3. ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर, प्रिन्टर तथा ब्रॉडबेण्ड अथवा नेट कनेक्टीविटी है। ग्राम पंचायतों द्वारा पंचायत दर्पण तथा प्रिया सॉफ्ट पोर्टल के कार्य आनलाईन किए जा रहे है। 4. कार्यों की मॉनीटरिंग क्लस्टर प्रभारियों (उपयंत्री, ए.डी.ई.ओ. अथवा पी.सी.ओ.) द्वारा कराई जा रही है। 5. परफॉरमेन्स ग्रांट वर्ष 2017-18 की राशि से कराए जाने वाले कार्यों की कार्ययोजना जिलों से प्राप्त की गई है। 6. परफॉरमेन्स ग्रांट वर्ष 2017-18 की राशि से कराए गए कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण कराने के निर्देश है। 7. परफॉरमेन्स ग्रांट वर्ष 2017-18 की राशि से निर्माण कार्यों में मनरेगा के साथ कन्वर्जेन्स के निर्देश है।
स्वयं का उद्योग उपलब्ध कराना
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
57. ( क्र. 455 ) श्री दिलीप कुमार मकवाना : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में (पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के हितग्राहियों के लिये) स्वयं का उद्योग स्थापित करने हेतु शासन की कोई योजना है? यदि हाँ, तो विभाग द्वारा प्रश्नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र रतलाम ग्रामीण सहित रतलाम जिले में कितने व्यक्तियों को इस योजना का लाभ वर्ष 2017 से 2020 तक प्रदान किया गया? हितग्राही का नाम, निवास स्थान, आयु, जाति संवर्ग, परियोजना लागत की प्रदाय राशि आदि जानकारी उपलब्ध कराई जाए। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित योजनान्तर्गत हितग्राहियों से आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए वित्तीय वर्ष 2017 से 2020 तक जिले के कितने स्थाई समाचार पत्रों में प्रेस विज्ञप्ति का प्रकाशन किया गया? समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञप्ति की प्रति उपलब्ध कराई जावे। यदि विज्ञप्ति का प्रकाशन नहीं किया गया है तो उसके लिए कौन दोषी है? दोषी अधिकारी कर्मचारी के विरूद्ध क्या विभाग कोई कार्यवाही करेगा? (ग) वर्ष 2017 से 2020 तक वर्ष वार कितने-कितने आवेदन किन-किन संवर्ग के व्यक्तियों द्वारा प्रस्तुत किए गये? उनके नाम, निवास स्थान का पता, जाति संवर्ग, आदि जानकारी उपलब्ध कराई जाए। प्राप्त आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरांत जिला स्तरीय चयन समिति की स्वीकृति हेतु कब-कब प्रस्तुत किये गये तथा किन-किन व्यक्तियों को योजना का लाभ प्रदान किए जाने हेतु पात्र पाया गया?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी हाँ। विधानसभा क्षेत्र रतलाम ग्रामीण सहित रतलाम जिले में 96 व्यक्तियों को इस योजना का लाभ वर्ष 2017 से 2020 तक प्रदान किया गया जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में समाचार पत्रों में प्रकाशन हेतु जनसंपर्क अधिकारी को प्रेस विज्ञप्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है।
आरक्षक से प्रधान आरक्षक पदोन्नति
[गृह]
58. ( क्र. 457 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2010, 2011 एवं 2012 में जी.ओ.पी. 77/97 के निहित प्रावधानों के तहत आरक्षक से प्रधान आरक्षक पदोन्नति विभागीय (अ) वर्ग परीक्षा में उत्तीर्ण कितने आरक्षकों को योग्यता सूची जारी होने के पश्चात पी.पी. कोर्स कराकर पदोन्नति दी गई? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में आरक्षक से प्रधान आरक्षक पदोन्नति विभागीय (अ) वर्ग परीक्षा में उत्तीर्ण योग्यता सूची जारी होने के पश्चात जिन जिलों में पी.पी. कोर्स नहीं कराया गया है उनकी जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2010 वर्ष 2011 एवं वर्ष 2012 में जी.ओ.पी. 77/97 के निहित प्रावधानों के तहत आरक्षक से प्रधान आरक्षक पदोन्नति विभागीय (अ) वर्ग परीक्षा में उत्तीर्ण आरक्षकों को योग्यता सूची जारी होने के पश्चात जिन जिलों में पी.पी. कोर्स कराकर पदोन्नति नहीं दी गई है क्या उन जिलों में पी.पी. कोर्स कराकर पदोन्नति दी जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। (ग) जिलो में आरक्षक (अ) संवर्ग में रिक्त पदों की संख्या अनुसार पी.पी. कोर्स कराया जाकर पदोन्नति की कार्यवाही की गई है। जहाँ पद रिक्त नहीं थे वहाँ पी.पी. कोर्स नहीं कराया गया था। वर्ष 2012 में पदोन्नति प्रक्रिया में एकरूपता लाये जाने की दृष्टि से शासन द्वारा जी.ओ.पी. 77/97 को निरस्त कर नवीन पदोन्नति नियम जी0ओ0पी0138/12 दिनांक 14.08.2012 जारी होने के दिनांक से प्रभावशील किये गये हैं। शेषाशं का प्रश्न उपस्थित नहीं होता हैं।
आरक्षक से प्रधान आरक्षक की योग्यता सूची की वैधता
[गृह]
59. ( क्र. 458 ) श्री आरिफ मसूद : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जी.ओ.पी. 77/97 के निहित प्रावधानों के तहत आरक्षक से प्रधान आरक्षक पदोन्नति विभागीय ''अ'' वर्ग परीक्षा में उत्तीर्ण आरक्षकों को योग्यता सूची वैधता की समय-सीमा की जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में जानकारी दें कि जी.ओ.पी. 77/97 के निहित प्रावधानों के तहत पी.पी. कोर्स योग्यता सूची जारी होने से पूर्व कराया जा सकता है या नहीं? (ग) प्रश्नांश (ख) के परिप्रेक्ष्य में क्या जी.ओ.पी. 77/97 में दिये निर्देशानुसार आरक्षक से प्रधान आरक्षक पदोन्नति विभागीय ''अ'' वर्ग योग्यता सूची वर्ष 2010, में शामिल भोपाल जिले के कुछ आरक्षकों को बगैर पी.पी. कोर्स कराये मात्र परीक्षा उत्तीर्ण करने के आधार पर दिनांक 04//06/2013 में पदोन्नति दी गई? यदि हाँ, तो क्यों? क्या जी.ओ.पी. 77/97 के निर्देशानुसार वर्ष 2010 में उत्तीर्ण शेष बचे आरक्षकों को पदोन्नति दी जायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) आरक्षक से प्रधान आरक्षक विभागीय पदोन्नति ‘‘अ’’ वर्ग की परीक्षा उत्तीर्ण आरक्षकों की योग्यता सूची की वैधता प्रकाशित होने के दिनांक से 18 माह की समयावधि अथवा नवीन योग्यता सूची जारी होने से इनमें से जो भी पहले हो तक प्रभावशील रहेगी। (ख) जी.ओ.पी. 77/97 में ऐसे किसी प्रावधान का उल्लेख नहीं किया गया है। (ग) वर्ष 2012 में पदोन्नति प्रक्रिया में एकरूपता लाये जाने की दृष्टि से शासन द्वारा जी.ओ.पी. 77/97 को निरस्त कर नवीन पदोन्नति नियम जी.ओ.पी. 138/12 दिनांक 14.08.2012 जारी होने के दिनांक से प्रभावशील की गई। जिला भोपाल में दिनांक 04.06.2013 को पदोन्नति किये गये आरक्षकों को नवीन पदोन्नति नियम जी.ओ.पी. 138/12 के नियमों के अनुसार पदोन्नति प्रदान की गई है। जी.ओ.पी. 77/97 निरस्त हो जाने के कारण शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता है।
प्रधानमंत्री आवास का आवंटन एवं निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
60. ( क्र. 462 ) श्री अजय विश्नोई : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 एवं 2019-20 में मध्यप्रदेश को भारत सरकार ने कितने-कितने प्रधानमंत्री आवास आवंटित किये हैं और कितने-कितने आवासों का निर्माण हो गया है अथवा निर्माणाधीन हैं? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) कृपया प्रश्नांश (क) में अपेक्षित जानकारी विकासखण्डवार जबलपुर जिले के संदर्भ में उपलब्ध करायें। (ग) उपरोक्त तीनों वित्तीय वर्षों में विकासखण्ड मझौली और पाटन जिला जबलपुर में आवंटित प्रधानमंत्री आवास की जानकारी ग्राम पंचायतवार वर्षवार प्रदान करें। (घ) जानकारी दें कि प्रदेश के ग्रामीण ईलाकों की प्रधानमंत्री आवास सूची में लंबित आवासों का निर्माण कब तक पूरा कर लिया जायेगा वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 के लक्ष्यानुसार बतलायें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (घ) भारत सरकार से लक्ष्य प्राप्त होने पर आवास निर्माण का कार्य पूर्ण कर लिया जावेगा। वर्षवार लक्ष्य बताया जाना संभव नहीं है।
पंच परमेश्वर एवं प्रधानमंत्री आवास योजना से कराये गये कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
61. ( क्र. 469 ) श्री संजीव सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले में वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक पंच-परमेश्वर, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन एवं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से कौन-कौन से कार्य कराये गए हैं? स्वीकृति राशि एवं व्यय की सम्पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में कौन-कौन सी योजनाएं विगत 3 वर्षों में अधूरी रही हैं? (ग) भिण्ड जिले में जनपदवार मनरेगा की राशि से मुख्य रूप से कौन-कौन से कार्य प्रस्तावित हैं?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
प्रधानमंत्री सड़क योजना से बनी सड़कों की जर्जर हालत
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
62. ( क्र. 470 ) श्री संजीव सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत प्रधानमंत्री सड़क योजना की कौन-कौन सी सड़कें कहाँ से कहाँ तक हैं? इनकी लम्बाई क्या है? उक्त सड़कें किस वर्ष में कब बनाई गई थी? इनमें से कौन-कौन सी सड़कें क्षतिग्रस्त एवं जर्जर हो गई हैं? इनमें से कौन-कौन सी सड़कें गारंटी पीरियड के अंतर्गत आती हैं? (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित सड़कों में से क्षतिग्रस्त एवं जर्जर व टूटी-फूटी सड़कें कब तक पुन: बनाई जाएगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। उत्तरांश में उल्लेखित कोई भी मार्ग क्षतिग्रस्त एवं जर्जर नहीं है। गारंटी पीरियड के अंतर्गत 15 सड़कों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
अतिक्रामक के कारण बाधित यातायात
[गृह]
63. ( क्र. 471 ) श्री संजीव सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 3 वर्षों में भिण्ड शहर में यातायात बाधित करने वाले कितने अतिक्रामकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई तथा कितनी राशि का अर्थदण्ड अधिरोपित किया गया? (ख) क्या भिण्ड नगर में अस्थाई अतिक्रामकों के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित हो रहा है? यदि हाँ, तो स्थानीय निकाय एवं यातायात पुलिस द्वारा सम्पूर्ण शहर में नागरिकों के निर्वाध आवागमन हेतु क्या कार्य योजना तैयार की गई है एवं उस पर कब-कब अमल किया जाएगा? (ग) क्या स्थानीय निकाय एवं यातायात पुलिस के पास कोई कारगर कार्ययोजना एवं कार्यवाही नहीं होने से अतिक्रामक बेखौफ हैं? यदि हाँ, तो क्या संयुक्त कार्यवाही की जाकर जनता की राहत प्रदान की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) विगत 3 वर्षों में भिण्ड शहर में अपने वाहनों द्वारा अतिक्रमण कर यातायात बाधित करने वाले सभी 41 व्यक्तियों के विरूद्ध अभियोग पत्र माननीय न्यायालय भिण्ड के समक्ष प्रस्तुत किये गये है तथा यातायात पुलिस भिण्ड द्वारा भिण्ड शहर के लोकमार्गों पर कुल 1760 अतिक्रमणकारी वाहन चालकों के विरूद्ध मौके पर चालानी कार्यवाही की गई। प्रकरणों में माननीय न्यायालय द्वारा कुल 6,450/- रूपये की राशि का जुर्माना तथा यातायात पुलिस द्वारा कुल 8,80,000/- रूपये का समन शुल्क वसूल किया गया है। (ख) वर्तमान में भिण्ड नगर में अस्थाई अतिक्रमण नहीं है, यदि कोई अस्थाई अतिक्रमण करता है तो उसे तत्काल हटा दिया जाता है तथा नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। यातायात पुलिस द्वारा संपूर्ण शहर में नागरिकों के निर्बाध आवागमन हेतु सुचारू यातायात व्यवस्था की गई है। जिससे यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है। (ग) अतिक्रामकों पर सतत् रूप से विधि अनुसार नियमित कार्यवाही की जा रही है। यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित है। आम जनता को कोई भी यातायात संबंधी परेशानी नहीं हो रही है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
मेसर्स कामतानाथ कस्ट्रक्शन कम्पनी मुरैना को आवंटित कार्य
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
64. ( क्र. 472 ) श्री संजीव सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 6 वर्षों में मैसर्स कामतानाथ कन्स्ट्रक्शन कम्पनी मुरैना को मण्डीबोर्ड सड़क निधि, अधोसंरचना विकास निधि से कहाँ-कहाँ, कौन-कौन से कार्य आवंटित कर कराये गए हैं? कार्यादेश एवं भुगतान की प्रति देते हुए बताएं। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में कौन-कौन से कार्य पूर्ण है एवं कौन-कौन से अपूर्ण हैं? (ग) उक्त कम्पनी के विरूद्ध प्रश्नांश (क) अवधि में गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य की शिकायत कहाँ-कहाँ प्राप्त हुई एवं किस-किस शिकायत पर जांच कराई गई किस-किस पर नहीं? यदि जांच कराई गई तो किस अधिकारी/कर्मचारी द्वारा जांच की गई? नाम पदनाम सहित बताएं। (घ) जांच में उक्त कम्पनी द्वारा किए गए कौन-कौन से कार्य गुणवत्ताविहीन पाए गए? कम्पनी के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विगत 06 वर्षों में मण्डी बोर्ड, तकनीकी संभाग, मुरैना के अन्तर्गत मेसर्स कामतानाथ कन्स्ट्रकशन कम्पनी, मुरैना को आवंटित एवं कराये गए कार्यों का कार्यादेश एवं भुगतान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब, स अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) अनुसार कार्यों के पूर्ण/अपूर्ण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ, ब, स अनुसार है। (ग) प्रश्नांश (क) की अवधि में संबंधित कम्पनी द्वारा कराये गये निर्माण कार्यों के गुणवत्ताविहीन होने संबंधी कोई भी शिकायत किसी भी स्तर पर प्राप्त नहीं होने से शेष जानकारी का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मद की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
65. ( क्र. 474 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-2020 में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मद से किन-किन योजनाओं के तहत कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है? मद एवं विभागवार बतायें। (ख) आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लिए [EWS] जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय आठ लाख से कम एवं 5 एकड़ से कम कृषि भूमि है उन परिवारों को पात्रता का प्रावधान है, परंतु बहुत से ऐसे परिवार हैं जिनके पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है, परंतु उनकी वार्षिक परिवारिक आय एक से दो लाख रूपये तक की है, क्या उन परिवारों को भी ई.डब्ल्यू.एस. में जोड़ने के लिए क्या कोई प्रावधान किया गया है?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत 1159 हितग्राहियों को, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत 13 हितग्राहियों को तथा मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजनान्तर्गत 11 हितग्राहियों को लाभान्वित किया किया गया है। (ख) ऐसे परिवार जिनके पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है परन्तु उनकी वार्षिक पारिवारिक आय एक से दो लाख रूपये तक की है, उन परिवारों को ई.डब्ल्यू.एस. में जोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है।
नदी पुनर्जीवन योज़ना के कार्यों की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
66. ( क्र. 475 ) श्री धर्मेन्द्र भावसिंह लोधी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबेरा विधानसभा क्षेत्र के जनपद पंचायत तेंदूखेड़ा जनपद पंचायत जबेरा के 2019-2020 में नदी पुनर्जीवन योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी पंचायतों में किन-किन ग्रामों में कितने व कौन-कौन कार्य से स्वीकृत है एवं कितने प्रस्तावित हैं? (ख) उनमें से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं कितने अपूर्ण हैं? जो अपूर्ण कार्य हैं वह कब तक पूर्ण कर लिए जाएंगे?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क का निर्माण
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
67. ( क्र. 493 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण हेतु विभाग द्वारा क्या कार्ययोजना तैयार की गई है वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत विभाग द्वारा कोलारस विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में कितनी सड़कों का किन-किन ग्रामों के मध्य निर्माण किया गया? ग्रामों के नामों का उल्लेख करते हुए विकासखण्डवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) क्या कोलारस विधानसभा क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामीण अंचल में अनेक ग्रामों के बीच सुगम आवागमन हेतु मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण की मांग है? यदि हाँ, तो ऐसे संभावित ग्रामों की सूची उपलब्ध करावें। आगामी समय में कोलारस क्षेत्र में ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़क निर्माण हेतु विभाग की क्या कार्ययोजना है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत पात्र ग्रामों की सूची संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्त ग्रामों को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत एकल सम्पर्कता प्रदान किये जाने की कार्ययोजना है।
हितग्राहीमूलक विभागीय योजनाओं का संचालन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
68. ( क्र. 494 ) श्री बीरेन्द्र रघुवंशी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा शासन की कौन-कौन सी हितग्राहीमूलक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है? जिले में संचालित योजना का नाम एवं पात्रता की शर्तों की समस्त जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार वर्ष 2019 में विभाग द्वारा शासन से संचालित कितने योजनाओं में कितने हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया तथा कितनी-कितनी राशि इस हेतु संबंधित को स्वीकृत की गई तथा कितनी राशि का भुगतान किया गया? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है।
सी.एम. हेल्पलाइन अंतर्गत शिकायत
[गृह]
69. ( क्र. 500 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक तक सी.एम. हेल्पलाईन अंतर्गत पुलिस विभाग से सम्बंधित जबलपुर संभाग में कितनी शिकायतें प्राप्त हुई? जिलेवार संख्यात्मक विवरण देवें। (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित कितनी शिकायतों का निराकरण कर शिकायतकर्ताओं को संतुष्ट किया गया तथा कितनी शिकायतों को फ़ोर्स क्लोस कर दिया गया? (ग) शिकायतों को फ़ोर्स क्लोस किये जाने के सम्बंध में शासन के क्या नियम, दिशा-निर्देश हैं? नियमों की छायाप्रति देवें एवं यह भी बतलावे कि क्या इन दिशा-निर्देशों का पालन प्रश्नांश (ख) में उल्लेखित फ़ोर्स क्लोस की गई शिकायतों में किया गया है? (घ) प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में क्या कार्य/शिकायतों का निराकरण किये बिना फ़ोर्स क्लोस किया जा सकता है? ऐसी कितनी शिकायतें हैं, जिनमें कार्य पूर्ण हुए बिना शिकायतों को फ़ोर्स क्लोस किया गया? इसका दोषी कौन है? दोषियों पर शासन कब क्या कार्यवाही करेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक 25.02.2020 तक सी.एम. हेल्पलाईन अन्तर्गत पुलिस विभाग से संबंधित जबलपुर जोन की 18392 शिकायतें प्राप्त हुई। जिनकी जिलेवार संख्यात्मक जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) 01 जनवरी, 2019 से प्रश्न दिनांक 25.02.2020 तक सी.एम. हेल्पलाईन अन्तर्गत जबलपुर जोन के जिले जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी एवं नरसिंहपुर में 11874 शिकायतें संतुष्टिप्रद बंद की गई है तथा फोर्स क्लोज (स्पेशल क्लोज) के अन्तर्गत जबलपुर जोन की कुल 5904 शिकायतें बंद हुई है। जिलेवार जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) एवं (घ) शासन के आदेश की प्रति संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। समस्त शिकायतों की समीक्षा उपरांत समुचित कार्यवाही कराई जाकर शिकायतों को फोर्स क्लोज (स्पेशल क्लोज) किया गया है। प्रश्नांश (ख) एवं (ग) के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
नवीन कृषि उपज मंडी की स्थापना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
70. ( क्र. 501 ) श्री प्रणय प्रभात पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या शासन के पास पूर्व से तहसील मुख्यालय बहोरीबंद जिला कटनी में कृषि उपज मंडी के निर्माण का प्रस्ताव लंबित है? (ख) यदि हाँ, तो उल्लेखित मंडी का निर्माण प्रारंभ न होने के क्या कारण हैं, तत्सम्बंध में जनप्रतिनिधियों द्वारा विगत 3 वर्षों में शासन स्तर पर कब-कब क्या पत्राचार किये गए एवं उन पर शासन स्तर पर कब क्या कार्यवाही की गई? पत्रों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण देवें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में कृषि उपज मंडी का निर्माण किस स्थल पर किस प्रकार से कब तक प्रारंभ कर दिया जावेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। (ख) कृषि उपज मंडी समिति, कटनी के अन्तर्गत बहोरीबंद में मंडी खोलने हेतु कलेक्टर, जिला कटनी द्वारा राजस्व आदेश अनुवृत्ति दिनांक 06.07.2015 द्वारा ग्राम पथराड़ी पिपरिया प0ह0न0 31 तहसील बहोरीबंद स्थित शासकीय भूमि 15 एकड़ आवंटित किये जाने का आदेश पारित किया गया। प्रश्नकर्ता माननीय विधायक द्वारा उनके पत्र क्रमांक बी-94/9/202 दिनांक 01.09.2019 से लेख अनुसार उक्त भूमि बहोरीबंद से 07 कि.मी. दूरी मुख्य मार्ग से हटकर होने एवं आवागमन में असुविधा को दृष्टिगत रखते हुए अन्य भूमि चयन/आवंटन की कार्यवाही के लिए सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, कटनी द्वारा कलेक्टर, जिला कटनी को पत्र क्रमांक 1586 दि. 05.09.2019 से पूर्व आवंटित भूमि को निरस्त करते हुए ग्राम बहोरीबंद में शासकीय भूमि उपलब्ध कराये जाने हेतु लेख किया गया है। (ग) राजस्व विभाग से उपर्युक्त भूमि के आवंटन तथा मंडी स्थापना की राज्य शासन से अधिसूचना जारी होने के उपरान्त निर्माण कार्य कराया जा सकेगा, जिस हेतु समयावधि बताया जाना संभव नहीं है।
किसानों को प्रदाय की गई सुविधाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
71. ( क्र. 508 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रीवा जिले में विगत पाँच वर्षों में विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत कितने किसानों की कृषि भूमि का मृदा परीक्षण किया गया? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में किसानों को खेती हेतु खाद एवं बीज की कितनी व्यवस्था की गई है? कृषि विभाग द्वारा कितने किसानों को योजना का लाभ दिया गया है। (ग) क्या किसानों को तारबाड़ी कराने हेतु सब्सिडी प्रदाय करने की शासन की योजना है? यदि हाँ, तो अभी तक कितने किसानों को सब्सिडी प्रदाय कर राशि स्वीकृत की गई है एवं आगे की सरकार की क्या कार्ययोजना है? (घ) विधान सभा क्षेत्र सेमरिया में कृषि विभाग से कौन-कौन से किसान कल्याण के कार्य वर्ष 2015 से अब तक किए गए हैं?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) किसानों को खेती हेतु खाद एवं बीज की व्यवस्था एवं योजनाओं में लाभान्वित कृषकों की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जी, नहीं। तारबाड़ी कराने हेतु सब्सिडी प्रदाय करने की विभाग की कोई योजना नहीं है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
वाटर शेड के माध्यम से कराए गए कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
72. ( क्र. 509 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला पंचायत रीवा के विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अधीन राजीव गांधी जल ग्रहण मिशन अन्तर्गत जल संरक्षण के कार्य हेतु कितनी वाटर शेड समितियां गठित थी? विस्तृत विवरण सहित वर्ष 2015 से अब तक की जानकारी देवें? (ख) प्रश्नांश (क) के प्रकाश में विधान सभा क्षेत्र सेमरिया अंतर्गत कुल कितने ग्राम पंचायतों एवं ग्रामों में समितियां गठित थीं? समितियों के ग्रामवार, पंचायतवार, अध्यक्ष एवं सचिव के विवरण के साथ पता सहित जानकारी देवें। (ग) वाटर शेड के माध्यम से जल संरक्षण हेतु कौन-कौन से कार्य कराए गए? किन-किन गांवों में स्टाप डैम, गैबियन, तालाब निर्माण कराया गया? वाटर शेड के अधूरे कार्यों की सूची के साथ ही वर्ष 2015 से वर्ष 2020 तक मदवार कार्य में खर्च की गई राशि का विवरण देवें। साथ ही वाटर शेड मिशन अंतर्गत स्वीकृत समस्त कार्यों की सूची प्रश्नांश (क) अनुसार देवें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स एवं द अनुसार है।
यातायात व्यवस्था सुधार हेतु की गयी कार्यवाही
[गृह]
73. ( क्र. 510 ) श्री विनय सक्सेना : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर यातायात पुलिस के द्वारा कौन-कौन से मार्ग चिन्हित किये गये हैं, जहाँ भारी यातायात अवरुद्ध होता है तथा उनके सुधार हेतु क्या-क्या कदम उठाये गये हैं? (ख) यातायात पुलिस जबलपुर में कितना स्टॉफ स्वीकृत है तथा उसके विरुद्ध कितने पद रिक्त हैं तथा क्यों? (ग) जबलपुर जिले (नगरीय क्षेत्र) में विगत एक वर्ष में यातायात व्यवस्था सुधार हेतु कहाँ-कहाँ अतिक्रमण हटाये गये तथा कहाँ-कहाँ नगर निगम की लापरवाही से नियम विरुद्ध स्वीकृति के कारण हुए निर्माण से यातायात अवरुद्ध होता है? सूची देवें। (घ) क्या व्यवसायिक कॉम्प्लेक्सों में पार्किंग एरिया में हुए अवैध निर्माण के कारण शहर यातायात व्यवस्था के अवरुद्ध होने की समस्या से जूझ रहा है? यदि हाँ, तो उन पर क्या-क्या कार्यवाही की गयी है? सूची देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जबलपुर यातायात पुलिस द्वारा शहर के पाँच मार्ग 1-बड़ा फव्वारा से तुलाराम चौक तक, 2-गोलबाजार से लार्डगंज तक, 3-लार्डगंज से सुपर मार्केट तक, 4-तुलाराम चौक से करमचंद चौक तक, 5-गलगला से तुलाराम चौक तक एकांकी मार्ग हेतु चिन्हित किये गये। जहाँ पूर्व में भारी यातायात अवरूद्ध होता था। यातायात पुलिस द्वारा नगर के व्यापारियों, गणमान्य नागरिकों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ अलग-अलग मीटिंग करने के उपरांत प्रस्ताव तैयार कर कलेक्टर जबलपुर को प्रतिवेदन भेजा गया था। जिसके तारतम्य में कलेक्टर जबलपुर द्वारा अपने आदेश क्रमांक 717/एस.डब्ल्यू./2019 जबलपुर दिनांक 28 जनवरी 2019 के माध्यम से समस्त चार पहिया एवं तीन पहिया वाहनों के लिए एकांकी मार्ग घोषित किये गये है। यातायात पुलिस द्वारा नगर निगम के सहयोग से उपरोक्त मार्गों पर बोर्ड लगवा दिये गये है तथा प्रतिदिन ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात किये जाते है, जो एकांकी मार्ग की व्यवस्था को लागू कराते है। नगर के प्रमुख चौराहों पर सी.सी.टी.व्ही. कैमरे लगाये गये है। इसके अतिरिक्त आई.टी.एम.एस. के माध्यम से लगातार मॉनीटरिंग की जाती है। साथ ही ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात किये जाते है। यातायात पुलिस द्वारा उपरोक्त चौराहों पर लेफ्ट टर्न खोलने के लिये नगर निगम से अनुरोध किया गया था, मदनमहल चौक तथा घमापुर चौक को छोड़कर शेष सभी चैराहों पर लेफ्ट टर्न प्रारंभ हो चुके है। अन्य चैराहों पर लेफ्ट टर्न की कार्यवाही जारी है। (ख) यातायात पुलिस जबलपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से आरक्षक तक कुल 359 पद स्वीकृत हैं, इसके विरूद्ध 224 बल उपलब्ध है तथा 135 पद रिक्त हैं। उक्त पद बल की कमी के कारण रिक्त है। (ग) विगत एक वर्ष में सड़क मार्ग में अवरूद्ध कुल 3813 अस्थायी अतिक्रमण हटाये गये एवं अनावेदकों के विरूद्ध 347 अभियोजन के प्रकरण तैयार कर म्यूनिसीपल कोर्ट भेजे गये। नगर निगम द्वारा नियम विरूद्ध स्वीकृति का कोई प्रकरण चिन्हित नहीं है जिसके कारण यातायात अवरूद्ध होता है। (घ) जी हाँ। कमिश्नर नगर निगम, जबलपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जयंती कॉम्पलेक्स के पार्किंग क्षेत्र में अवैध दीवार एवं 03 दुकानें तथा आर्शीवाद मार्केट के कॉम्पलेक्स के पार्किंग में बनी 10 दुकाने नगर निगम जबलपुर, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा संयुक्त कार्यवाही कर तोड़ी गयी है। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार।
मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
74. ( क्र. 511 ) श्री विनय सक्सेना : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि वर्ष 2004 से 2017 के बीच मध्यप्रदेश शासन द्वारा कृषि विकास हेतु क्या-क्या महत्वपूर्ण कदम उठाये गये थे?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : जानकारी एकत्रित की जा रही है।
स्वीकृत पद, प्राप्त बजट एवं निरूद्ध बंदियों से संबंधित जानकारी
[जेल]
75. ( क्र. 512 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में स्थित जिला जेल एवं उप जेल में स्वीकृत पदों की संख्या एवं इसके विरूद्ध पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों की पदवार/नामवार अवधि सहित एवं उक्त जेलों में सजायापता एवं न्यायिक अभिरक्षा में बंद बंदियों को जेल प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सुविधायें (आहार सहित) की जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जेलों में वर्ष 2015 से आज दिनांक तक विभाग/शासन द्वारा प्रदत्त बजट एवं उस बजट के विरूद्ध व्यय की गई राशि के कार्यवार विवरण सहित एवं उक्त अवधि में जेलों में निरूद्ध बंदियों को जेल प्रशासन द्वारा दिए जाने वाले भोजन/ आहार की गुणवत्ता/मात्रा से संबंधित की गई शिकायतें एवं समय-समय पर जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण से संबंधित कार्यवाही की जानकारी उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) सिवनी जिले में स्थित जिला जेल, सिवनी एवं सब जेल, लखनादौन में स्वीकृत पदों की संख्या एवं उनके विरूद्ध पदस्थ अधिकारी/कर्मचारी की पदवार/ नामवार अवधि सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-क अनुसार है। जिला जेल, सिवनी एवं सब जेल, लखनादौन में सजायाफ्ता एवं न्यायिक अभिरक्षा में बंद बंदियों को जेल प्रशासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं एवं आहार का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ख अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में वर्णित जिला जेल, सिवनी एवं सब जेल, लखनादौन में वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक विभाग/शासन द्वारा प्रदत्त बजट एवं व्यय की गई राशि का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ग अनुसार है। वर्ष 2015 से जिला जेल, सिवनी एवं सब जेल, लखनादौन में निरूद्ध बंदियों को जेल प्रशासन द्वारा दिये जाने वाले भोजन/आहार की गुणवत्ता/मात्रा के संबंध में प्राप्त शिकायतों का विवरण पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-घ अनुसार है। वर्ष 2015 से प्रश्न दिनांक तक जिला जेल, सिवनी एवं सब जेल, लखनादौन में जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण की जानकारी निम्नानुसार है :-
जिला जेल सिवनी |
|
1. |
श्री भरत यादव, कलेक्टर, दिनांक 23/02/2015 |
2. |
श्री धनराजू एस., कलेक्टर, दिनांक 16/11/2016 |
3. |
श्री गोपालचंद डाड, कलेक्टर, दिनांक 29/07/2017 |
4. |
श्री प्रवीण सिंह अढायच, कलेक्टर, दिनांक 15/02/2019 |
सब जेल, लखनादौन |
|
1. |
श्री धनराजू एस., कलेक्टर, दिनांक 31/01/2016 |
2. |
श्री गोपालचंद डाड, कलेक्टर, दिनांक 11/10/2017 |
उपरोक्त जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा किये गए निरीक्षण में कोई प्रतिकूल टीप नहीं दी गई है।
विभाग द्वारा संचालित हॉटल का वार्षिक आय-व्यय का ब्यौरा
[पर्यटन]
76. ( क्र. 526 ) श्री राकेश पाल सिंह : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिवनी जिले में पर्यटन विभाग द्वारा कितने रिसोर्ट/हॉटल कहाँ-कहाँ संचालित किए जा रहे हैं? उक्त रिसोर्ट/हॉटल में कार्यरत कर्मचारियों की सूची वेतनवार एवं रिसोर्ट/हॉटल का वार्षिक आय-व्यय का विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध करावें। (ख) सिवनी जिले में वर्तमान शासन/विभाग के पास कितने नवीन क्षेत्र पर्यटन विकास हेतु प्रस्तावित हैं? उनकी स्थानवार सूची व विभाग में अद्यतन स्थिति एवं पर्यटन विकास निगम/विभाग द्वारा जिले में वर्तमान निर्माणाधीन कार्यों की स्थान एवं लागतवार सूची उपलब्ध करावें। (ग) सिवनी जिले में पर्यटन विकास निगम/विभाग की शासकीय संपत्तियों की स्थानवार एवं उनकी देखरेख हेतु पदस्थ कर्मचारियों की जानकारी देवें तथा जिले पर्यटन विभाग द्वारा हॉटल/रिसोर्ट को दी गई फ्रेंचाईसी एवं इसकी शर्तें व आज दिनांक तक इन फ्रेंचाईसी के विरूद्ध की गई शिकायतों की जानकारी उपलब्ध करावें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब” अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र “अ” अनुसार। होटल/रिर्सोर्ट को फ्रेंचाईजी देने की कोई नीति नहीं है। विभाग द्वारा केवल मार्ग सुविधा केन्द्रों की फ्रेंचाईजी दी जाती है। सिवनी जिले में वर्तमान तक 01 मार्ग सुविधा केन्द्र लीज पर दिया गया है। उक्त फ्रेंचाईजी के विरूद्ध आज दिनांक तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
सिंहस्थ 2016 में स्टॉपर (बेरिकेट्स) खरीदी की जानकारी
[गृह]
77. ( क्र. 532 ) श्री महेश परमार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सिंहस्थ 2016 में पुलिस विभाग द्वारा कितने बेरिकेट्स, किस मद से खरीदे? आमद राशि सहित पूर्ण विवरण प्रदान करें। क्रय किए गए प्रत्येक बेरिकेट्स की वजनवार एवं प्रति नग खर्च राशि सहित जानकारी उपलब्ध कराएं। वर्तमान में क्रय किए गए बेरिकेट्स कितनी संख्या में कहाँ-कहाँ उपयोग हो रहे हैं? (ख) बेरिकेट्स खरीदी हेतु प्रबंध समिति एवं क्रय समिति की बैठक दिनांक एवं निर्णय तथा क्रय आदेश की प्रति के साथ संबन्धित फ़र्म की जानकारी (नाम, पते सहित) एवं अर्हता के साथ उपलब्ध कराए। (ग) बेरिकेट्स खरीदी शासन के किस निर्देश एवं बजट प्रावधान के अंतर्गत पुलिस विभाग के द्वारा खरीदी की गयी थी? उनकी सत्यापित प्रति उपलब्ध कराएं एवं उक्त प्रयोजन के लिए शासन के द्वारा कितना बजट स्वीकृत किया गया था और कितनी राशि खर्च हुई तथा कितनी फर्मों से खरीदी की गयी वर्तमान में उक्त बेरिकेट्स का उपयोग कहाँ एवं कैसे किया जा रहा है? पूर्ण लेखा जोखा सहित ब्यौरा प्रस्तुत करें। (घ) उपरोक्त समस्त बिन्दुओं की प्रमाणित दस्तावेज़ के साथ तथ्यात्मक जानकारी देवें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ’ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब’ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स’ अनुसार। (घ) जानकारी उत्तरांश (क) से (ग) पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना हेतु आवंटित राशि
[नर्मदा घाटी विकास]
78. ( क्र. 533 ) श्री महेश परमार : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना में वर्ष 2012 से वर्ष 2015-16 तक 51995.25 लाख की आवंटित राशि में से 40630 लाख की राशि उक्त योजना में व्यय कर दी गयी, उक्त खर्च कुल कितने कार्यों में किया गया? प्रत्येक कार्य में कितनी धनराशि खर्च की गयी? (ख) मेसर्स लार्सन एंड टूब्रो कंपनी चेन्नई को 42 माह में कार्य पूर्ण करने की शर्त पर आज दिनांक तक कुल कितनी राशि दी जा चुकी है और कितनी राशि दी जाना शेष है? (ग) जारी की गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र एवं जारी किए गए कार्यादेश एवं सेवा शर्तों के अनुसार सत्यापन, मूल्यांकन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले निरीक्षण दल का नाम, पद, पता एवं निरीक्षण दिनांक सहित प्रस्तुत मूल्यांकन रिपोर्ट एवं अभिमत सहित प्रमाणित दस्तावेज़ उपलब्ध करावें। जिसके आधार पर उक्त कंपनी को भुगतान किया गया है।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) निर्माण पर राशि रूपये 39571.25 लाख तथा योजना के निर्माण हेतु भू-अर्जन एवं वनभूमि इत्यादि पर राशि रूपये 1058.75 लाख का व्यय किया गया है। (ख) रूपये 313.25 करोड़ का भुगतान किया गया है एवं रूपये 1543.18 करोड़ का भुगतान किया जाना शेष है। (ग) अनुबंध के तहत किये गये कार्यों का सत्यापन एवं मूल्यांकन कर भुगतान हेतु अलग से निरीक्षण दल गठित नहीं किया जाता है। अनुबंध अंतर्गत भुगतान किये गये देयकों की राशि के साथ माप दर्ज करने, मापों की जॉच करने तथा देयकों को पारित करने वाले विभागीय अधिकारियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।
शासकीय आवासों के आवंटन
[गृह]
79. ( क्र. 536 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासकीय आवासों के आवंटन के लिए गृह विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ-1-121/73/दो-ए (3) दिनांक 01 नवंबर, 1973 में क्या उल्लेख किया गया है? ज्ञापन की प्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्नांश (क) के ज्ञापन में शासन द्वारा कब-कब और क्या-क्या संशोधन/परिवर्तन किया गया है? संशोधित ज्ञापन की प्रति उपलब्ध करावें। (ग) प्रदेश के संभाग एवं जिला पैलेस पर सभी विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी किस प्रकार के आवास के आवंटन के लिए पात्र है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ग) प्रदेश संभाग एवं जिला पैलेस पर सभी विभागों के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आई-टाईप आवास के आवंटन के लिए पात्र हैं।
डी.आर.डी.ए कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
80. ( क्र. 538 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विधान सभा के मानसून सत्र दिनांक 22.07.2019 में प्रश्न क्रमांक 4278 में डी.आर.डी.ए सीधी भर्ती तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को आदर्श भर्ती नियम 1996-97 अनुसार 7वां वेतनमान का लाभ देने के सम्बन्ध में कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना बताया गया है? तो अब तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) विभाग द्वारा डी.आर.डी.ए सीधी भर्ती तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 7वां वेतनमान का लाभ देने के संबंध में नस्ती किस दिनांक को प्रचलित की गई? किस दिनांक को वित्त विभाग नस्ती भेजी गई? वित्त विभाग से नस्ती वापस किस दिनांक को प्राप्त हुई? समस्त जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रक्रिया पूर्ण करने में कितना समय लगेगा? डी.आर.डी.ए सीधी भर्ती तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 7वां वेतनमान का लाभ शासकीय सेवकों के समान जनवरी 2016 से कब तक दे दिया जावेगा?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। (ख) विभाग द्वारा डी.आर.डी.ए सीधी भर्ती तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को 7वां वेतनमान का लाभ देने के संबंध में नस्ती दिनांक 12.01.2018 को प्रचलित एवं वित्त विभाग को अनुमोदन हेतु नस्ती दिनांक 19.11.2019 को भेजी गई। वित्त विभाग से अनुमोदन उपरांत दिनांक 09.12.2019 को नस्ती विभाग को प्राप्त हुई। (ग) कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता।
प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों पर विकास
[पर्यटन]
81. ( क्र. 541 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता द्वारा अपने पत्र क्रमांक 11/SRJ/2020,दिनांक 02.01.2020 द्वारा श्रीमान सचिव महोदय पर्यटन विभाग मध्यप्रदेश शासन भोपाल को दिया गया है? क्या पूर्व भी पत्र क्रमांक 86/BPL/2019, दिनांक 22.04.2019 के माध्यम से श्रीमान प्रबंध संचालक महोदय मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम मर्यादित भोपाल को पत्र प्रेषित किया गया है? जिसमें सिरोंज विधानसभा क्षेत्र स्थित प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों पर विकास कार्यों एवं पर्यटन सुविधाओं की स्वीकृति कराने हेतु निवेदन किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में सचिव व प्रबंध संचालक द्वारा प्रश्नकर्ता के पत्र के संदर्भ में क्या-क्या कार्यवाही की गई है? की गई कार्यवाही एवं पत्राचारों की छायाप्रति उपलब्ध करावें। इस संबंध में विधानसभा क्षेत्र सिरोंज स्थित श्री महामाई मंदिर सिरोंज, बड़ी मदागन महावन लटेरी, बाबा विश्वनाथ धाम तीर्थक्षेत्र देवपुर, श्री सिद्ध क्षेत्र सिरसवास सिरोंज, सिद्ध आश्रम आमझिर झूकर उमरिया लटेरी, तपोभूमि नसिया जी सेमलखेड़ी सिरोंज तथा श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र नसिया जी पर कौन-कौन से विकास कार्यों की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को किस दिनांक में, किस प्रक्रिया से एवं किस माध्यम से भेजे गये हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि उक्त पत्र पर कार्यवाहीं नहीं की गई है?तो इसके लिए दोषी कौन है? क्या विधायकों को उनके पत्रों पर की गई कार्यवाही से अवगत नहीं कराया जाता? यदि हाँ, तो क्यों?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ, प्रस्ताव तैयार किये गये है निर्धारित प्रपत्र में कलेक्टर विदिशा से DTPC जिला पर्यटन एवं संवर्धन परिषद के माध्यम से जानकारी चाही गई है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। शेष का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
संपदा संचालनालय के अंतर्गत आवंटित शासकीय आवासों की जानकारी
[गृह]
82. ( क्र. 542 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिसंबर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक सम्पदा संचालनालय के अंतर्गत शासकीय आवास बंगले एवं अन्य प्रकार के शासकीय आवास किन-किन मंत्रियों, विधायकों, भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा एवं म.प्र. राज्यसेवा के अधिकारियों/कर्मचारियों, पत्रकारों व अन्य किन-किन जनप्रतिनिधियों को पात्रतानुसार आवंटित किये गए है? इनमें ए, बी, सी, ड़ी, ई, एफ, प्रकार के शासकीय आवास किन-किन की अनुशंसाओं पर किन-किन को आवंटित किये गये है? आवास प्राप्त करने वाले एवं आवास उपलब्ध कराने वाले अनुशंसाकर्ताओं के नाम व पद सहित जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में उक्त शासकीय आवास पाने की पात्रता किन-किन व्यक्तियों को है एवं किस टाईप के शासकीय आवास को किनको लेने की पात्रता है? आवास उपलब्धता की गाइड लाइन उपलब्ध कराते हुए जानकारी दें। क्या गैर पात्रताधारियों को यदि आवास आवंटित किये गये हैं तो किन-किन को। किन कारणों से और क्यों? कारण सहित सूची दें। (ग) उक्त शासकीय आवासों में से कौन-कौन शासकीय आवास निःशुल्क उपलब्घ कराये गए हैं एवं किन-किन आवासों से मासिक व कितना किराया लिया जा रहा है? इसमें से किन-किन आवंटियों द्वारा पात्रतानुसार आवश्यक किराया जमा नहीं कराया गया है? सूची उपलब्ध करावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिसंबर 2018 से प्रश्नांकित अवधि तक आवंटित बी, सी, डी, ई, एफ प्रकार के शासकीय आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ अनुसार है। बी, सी, डी, ई, एफ प्रकार के शासकीय आवास आवास आवंटन समिति की अनुशंसा पर किये जाते हैं, जो निम्नानुसार हैः-1. अध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, गृह विभाग। 2. सदस्य, सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग। 3. सदस्य सचिव, सचिव, गृह (सामान्य) विभाग। (ख) पात्रता से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘ब‘‘ अनुसार है। गैर पात्रताधारियों को आवास आवंटित नहीं किये गये हैं। (ग) माननीय मंत्रियों को आवंटित शासकीय आवासों का किराया मंत्री पद (कार्यकाल अवधि) हेतु निःशुल्क पात्रता रहती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है।
राजगढ़ जिले अंतर्गत विकल्प राशि का आवंटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
83. ( क्र. 545 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला/जनपद पंचायतों अंतर्गत ग्रामीण विकास हेतु अध्यक्ष/सदस्यों को विकल्प राशि (परफॉरमेंस ग्रांट) प्रदान किये जाने का प्रावधान है? यदि हाँ, तो क्या राजगढ़ जिले अंतर्गत जिला/ जनपद पंचायतों को वर्ष 2019-20 की विकल्प राशि प्रदान कर दी गई है? (ख) यदि हाँ, तो कितनी-कितनी राशि कब-कब प्रदान की गई? यदि नहीं, तो प्रश्न दिनांक तक विकल्प राशि प्रदान नहीं किये जाने के क्या कारण है तथा इसके लिये कौन जिम्मेदार है? (ग) प्रश्न दिनांक तक उक्त संबंध में क्या कार्यवाही किन कारणों से किस स्तर पर कब से लंबित है? (घ) क्या शासन द्वारा संबंधित जिला/जनपद पंचायतों को विकल्प राशि प्रदान की जावेगी? यदि हाँ, तो कब तक?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) राजगढ़ जिले अंतर्गत जिला/जनपद पंचायतों को निम्नानुसार राशि प्रदान की गई है।
क्र. जिला/जनपद पंचायत का नाम प्राप्त राशि:-
1- जि. पं. राजगढ़- 31000000,
2- ज. पं. राजगढ़- 14500000,
3- ज.पं. ब्यावरा- 14500000,
4 - ज. पं. खिलचीपुर- 13500000
5 - ज. पं. जीरापुर- 13500000,
6- ज. पं. सारंगपुर- 14500000,
7- ज. पं. नरसिंहगढ़- 14500000
(ग) राशि व्यय करने के लिए विभाग द्वारा नवीन दिशा-निर्देश तैयार किए जा रहे है। कार्यवाही लंबित नहीं है। (घ) जी हाँ, राशि व्यय करने के लिए नवीन दिशा-निर्देश तैयार होने के पश्चात।
छात्रावास की स्वीकृति
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
84. ( क्र. 546 ) श्री राज्यवर्धन सिंह : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सत्तर प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियां निवास करती हैं तथा शैक्षणिक सुविधाओं के दृष्टिगत नरसिंहगढ़ क्षेत्र अत्यधिक पिछड़ा हुआ है तथा क्या विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के बालक-बालिकाओं हेतु प्री-मैट्रिक एवं पोस्ट मैट्रिक छात्रावास की सुविधा भी नहीं हैं? यदि हाँ, तो क्या नगर नरसिंहगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग के प्री-मैट्रिक व पोस्ट मैट्रिक छात्रावास प्रारंभ किए जाने हेतु प्रश्न दिनांक तक विभाग द्वारा कोई कार्यवाही की गई हैं? यदि हाँ, तो क्या तथा विकासखण्ड स्तर पर छात्रावास प्रारंभ किए जाने के संबंध में विभाग की क्या नीति हैं? (ख) उपरोक्तानुसार क्या शासन विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग के निर्धन परिवारों के छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा व शासन की अन्य योजनाओं का लाभ दिए जाने हेतु नगर नरसिंहगढ़ में 50 सीटर प्री-मैट्रिक व 50 सीटर पोस्ट मैट्रिक छात्रावास प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान करेगा? यदि हाँ, तो कब तक यदि नहीं, तो क्यों?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) जी नहीं। विभागांतर्गत प्रत्येक जिला स्तर पर पिछड़ा वर्ग के लिए एक 100 सीटर बालक तथा एक 50 सीटर कन्या पोस्ट मैट्रिक छात्रावास संचालित है एवं शासन द्वारा प्रदेश के स्तर सभी विकासखण्ड स्तर (जिला मुख्यालय छोड़कर) पर एक 50 सीटर कन्या एवं एक 50 सीटर बालक पोस्ट मैट्रिक छात्रावास किराये के भवन में संचालित करने की स्वीकृति दी गई है। (ख) उत्तरांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
85. ( क्र. 548 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की शुरूआत कृषि विभाग द्वारा कब प्रारंभ की गई थी? इसके क्या उद्देश्य थे? (ख) उक्त अभियान के अन्तर्गत बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने सेम्पल कीटनाशक दवाईयों, खाद एवं बीज के कहाँ-कहाँ लिए गए? स्थानवार दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्न (ख) के सदंर्भ में लिए गए सेम्पल में कितने सेम्पल मानक स्तर एवं कितने सेम्पल अमानक स्तर के पाए गए? सेम्पलवार दुकानवार जानकारी उपलब्ध करावें। जो सेम्पल अमानक पाए गए उन पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या किसान हितैषी अभियान को अधिकारी द्वारा कमजोर किया गया है? क्या विभाग किसान हितैषी अभियान को वर्ष भर चलाएगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की शुरूआत 15.11.2019 से की गई इसका उद्देश्य कीटनाशक, उर्वरक एवं बीज के गुण नियंत्रण हेतु था। (ख) अभियान अंतर्गत बड़नगर विधान सभा क्षेत्र में कीटनाशक के 4, खाद के 5, बीज के 2 नमूने लिए गए जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 अनुसार है। (ग) लिए गए सेम्पल में कीटनाशक के 2, उर्वरक के 5 व बीज के 2 नमूनों के परिणाम प्राप्त हुए जो मानक स्तर के पाये गये, कीटनाशक के 2 नमूने राज्य के बाहर भेजे गये, जिनके परिणाम अप्राप्त है। जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1, 2, 3 अनुसार है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) विशेष अभियान का क्रियान्वयन प्रभावी तरीके से किया गया है। प्रत्येक खरीफ एवं रबी मौसम के पूर्व गुणवत्ता नियंत्रण हेतु सघन अभियान कार्यक्रम चलाया जाता है। विभाग के द्वारा निरंतर गुण नियंत्रण हेतु उर्वरक, बीज एवं कीटनाशक के नमूने लिये जाते है।
उज्जैन जिले को प्राप्त आवंटन
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
86. ( क्र. 549 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उद्यानिकी विभाग द्वारा विगत 2 वर्षों में विभिन्न मदों में उज्जैन जिले में कितना आवंटन कब-कब प्राप्त हुआ? मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) विगत 2 वर्षों में किस-किस मद में कितनी-कितनी राशि कब-कब व्यय की गयी मदवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) विगत 2 वर्षों में बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में कितने किसानों को किस किस योजना में कितना-कितना अनुदान कब-कब प्राप्त हुआ? नामवार, ग्रामवार सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब” अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-“स” अनुसार है।
कृषि विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन एवं कार्यवाही
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
87. ( क्र. 551 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक – 739, दिनांक 17/12/2019 के प्रश्नांश (ड.) का उत्तर “P.K.V.Y. के क्रियान्वन एवं हितग्राहियों को आदान सामग्री प्रदाय किए जाने में शासनादेश/विभागीय निर्देशों का पालन किया गया हैं,” दिया गया था तो योजना के तहत कटनी जिलें में किस कार्य एवं कार्यक्रम हेतु कितनी-कितनी राशि और क्या सामग्री कब-कब प्राप्त हुई और प्राप्त राशि का क्या उपयोग किस कार्य एवं कार्यक्रम हेतु किस सक्षम प्राधिकारी के किन आदेशों से किया गया? (ख) प्रश्नकर्ता सदस्य के विधानसभा प्रश्न क्रमांक – 742, दिनांक – 17/12/2019 के उत्तर में जांच प्रक्रियाधीन होने की जानकारी दी गयी थी तो प्रकरणों की जांच किन सक्षम अधिकारियों द्वारा कब से की जा रही हैं और वर्षों से जांच प्रक्रियाधीन होने का कारण बतायें तथा प्रतिवेदनों पर लंबित रहने के कारण प्रकरण/प्रतिवेदन वार बतायें। (ग) प्रश्नांश (ख) के तहत क्या जांचकर्ता अधिकारियों द्वारा जानबूझकर जांच को लंबित रखने एवं कार्यवाही अपूर्ण रखने का संज्ञान लेते हुये संबंधितों को प्रचलित जांच कार्यवाहियों को शीघ्रता से नियत अवधि में पूर्ण करने और कार्यवाही करने के निर्देश दिये जायेंगे? यदि हाँ, तो क्या आदेश/निर्देश कब तक दिये जाएँगे? यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विधानसभा प्रश्न क्र. 739, दिनांक 17/12/2019 के प्रश्नांश (ड.) का उत्तर पी.के.व्ही.वाय. के क्रियान्वयन एवं हितग्राहियों को आदान सामग्री प्रदाय किये जाने में शासकीय/विभागीय निर्देशों का पालन किया गया है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है।
ग्रामीण क्षेत्र में विकास/निर्माण कार्य
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
88. ( क्र. 552 ) श्री संदीप श्रीप्रसाद जायसवाल : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या प्रश्नकर्ता सदस्य के विधान सभा प्रश्न क्रमांक -740, दिनांक – 17/12/2019 के प्रश्नांश (क) से (घ) के उत्तरानुसार उल्लेखित कार्यवाही नियमानुसार थी? यदि हाँ, तो किस प्रकार स्पष्ट करें। यदि नहीं, तो दोषपूर्ण तरीके से टेंडर स्वीकृत करने के लिए कौन–कौन शासकीय सेवक जिम्मेदार हैं? (ख) प्रश्नांश (क) टेंडर स्वीकृत करने में संबंधित शासकीय सेवकों द्वारा क्या त्रुटि की गई थी और क्या प्रश्न दिनांक तक जांच पूर्ण कर कोई कार्यवाही की गई है? यदि हाँ, तो क्या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो कारण बतायें। (ग) कटनी जिले में विधान सभा क्षेत्र मुड़वारा अन्तर्गत ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा विगत 03 वर्षों में किन-किन सड़क कार्यों का किस योजना के तहत कितनी लागत से किस एजेंसी/ठेकेदार कंपनी द्वारा कब-कब निर्माण किया गया हैं? (घ) प्रश्नांश (ग) विभाग द्वारा निर्मित सड़कों की वर्तमान में क्या स्थिति हैं, सड़कवार बतायें और यह भी बताये की इन सड़कों की मरम्मत एवं पुनः निर्माण कार्य भी किया गया है? यदि हाँ, तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) मुख्य अभियंता, ग्रायांसेवा जबलपुर से विधान सभा प्रश्न क्र. 740 दि. 17.12.19 में उल्लेखित निर्माण एजेंसी के द्वारा प्रस्तुत प्री क्वालिफिकेशन/ अनुभव प्रमाण-पत्र की जांच कराई गई जिसमे विसंगति पाई गई है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर अपचारी शासकीय सेवकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। (ख) जानकारी उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। सड़कों की मरम्मत/पुनः निर्माण नहीं किये जाने से शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते।
ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी व चेक अनादरण
[गृह]
89. ( क्र. 562 ) श्री मनोज चावला : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम जिले में 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक किन-किन थानों में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी तथा चेक अनादरण की शिकायत किस-किस व्यक्ति द्वारा कब-कब दर्ज की गई है? सूची उपलब्ध करावें। (ख) दर्ज शिकायतों पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई है? जिले में प्रश्नांश (क) के अंतर्गत कुल प्रकरणों में से कितने प्रकरणों का निराकरण हो गया है और शेष कितने लंबित हैं? (ग) जिले में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी तथा चेक अनादरण से संबंधित कितने दोषियों को सजा हुई है? सूची उपलब्ध करावे। (घ) जिले में ऑनलाइन बैंकिंग धोखाधड़ी से संबंधित निराकरण के लिए कुल कितने पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी प्रशिक्षित है? (ड.) ऑनलाइन बैंक धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रदेश में पुलिस विभाग द्वारा यदि कोई कार्य योजना बनाई गई है तो अवगत कराएं।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार है। (घ) जिले में ऑनलाईन बैंकिंग धोखाधड़ी से संबंधित निराकरण के लिए कुल 69 पुलिस अधिकारी/कर्मचारी ने सायबर क्राईम इन्वेस्टीगेशन का प्रशिक्षण प्राप्त किया गया है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार है।
विधान सभा क्षेत्र में निर्मित तालाबों की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
90. ( क्र. 563 ) श्री मनोज चावला : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) आलोट विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अंतर्गत 1 जनवरी, 2014 से प्रश्न दिनांक तक कुल कितने तालाबों के निर्माण की स्वीकृति कौन-कौन से वर्ष में प्रदान की गई? निर्माण लागत सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) क्या तालाबों का निर्माण एक निश्चित समयावधि में किया जाना था? यदि हाँ, तो इसकी समय-सीमा बताइये। आलोट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत निश्चित समय-सीमा में पूर्ण तालाबों की सूची प्रदान करें। (ग) प्रश्नांश (क) के अनुसार क्या उक्त निर्मित तालाब बारिश में फूटे है या क्षतिग्रस्त हुए हैं? यदि हाँ, तो गुणवत्ता में तालाब निर्माण हेतु जिम्मेदार ठेकेदार के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) आलोट विधान सभा क्षेत्र में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा अंतर्गत प्रश्नांकित दिनांक में एक तालाब की स्वीकृति वर्ष 2018-19 में प्रदान की गई निर्माण कार्य की राशि रू. 70.63 लाख है। (ख) जी हाँ। उल्लेखित कार्य को पूर्ण करने की समय-सीमा दिनांक 28-09-2019 थी। प्रश्नांकित विधान सभा में निश्चित समय-सीमा में तालाब पूर्ण नहीं होने से शेष जानकारी निरंक है। (ग) जी नहीं। अत: शेष प्रश्नांश उत्पन्न नहीं होते।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
91. ( क्र. 572 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्न क्रमांक 212, दिनांक 17/12/2019 के प्रश्नांश (क) का उत्तर जिलों को आवंटन प्रदाय करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन हैं, दिया गया था? तो प्रश्न दिनांक तक कृषकों को प्रोत्साहन राशि प्रदाय कर दी गई हैं? यदि हाँ, तो जिलेवार विवरण प्रदान करें, यदि नहीं, तो क्यों एवं लगभग एक वर्ष पश्चात् भी राशि प्रदाय न करने का कारण बताएं। (ख) जय किसान फसल ऋण माफी योजना में पन्ना जिले में कितने किसानों को पात्र पाया गया था एवं कितने किसानों का अब तक ऋण माफ हो गया हैं और प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों का ऋण किन कारणों से माफ नहीं हो सका हैं। (ग) प्रश्नांश (ख) ऋण मुक्त किसानों में से कितने किसानों को सहकारी बैंकों से पुन: कृषि ऋण प्रदाय किया गया हैं और ऐसे कितने किसान हैं, जिन्हें कर्जमाफी योजना में पात्र होने की वजह से कर्ज न चुकाने की वजह से डिफाल्टर होकर दंड ब्याज के भागीदार हो गए हैं। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लिखित किसानों को दंड ब्याज से कोई राहत प्रदान की जायेंगी, यदि हाँ, तो किस प्रकार एवं कब तक, यदि नहीं, तो क्यों?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) प्रश्न दिनांक तक आवंटन प्राप्त न होने के कारण कृषकों को प्रोत्साहन राशि प्रदाय नहीं की गई है। (ख) जय किसान फसल ऋण माफी योजना में पन्ना जिले में 74467 किसानों को पात्र पाया गया जिसमें से 38359 किसानों का अब तक ऋण माफ हो गया है और प्रश्न दिनांक तक 36108 किसानों के आगामी चरण ऋण माफी की कार्यवाही की जावेगी। (ग) सहकारी बैंकों के 31434 ऋण मुक्त किसानों में से 10090 किसानों को सहकारी बैंकों से पुन: कृषि ऋण 1239.59 लाख पुन: ऋण प्रदाय किया गया है। कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। (घ) प्रश्नांश (ग) में उल्लेखित किसानों पर दंड ब्याज चार्ज नहीं किया गया है।
आत्मा परियोजना के कार्यक्रमों का क्रियान्वयन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
92. ( क्र. 573 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में आत्मा परियोजना के तहत भारत सरकार और मध्यप्रदेश शासन द्वारा कृषि एवं किसानों के हित में क्रियान्वयन किया जा रहा है? यदि हाँ, आत्मा परियोजना के तहत संचालित घटकों का विवरण बताएं और पन्ना एवं कटनी जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक आत्मा परियोजना के तहत कौन-कौन से कार्य एवं कार्यक्रम किए गए? तत्सम्बंधी सक्षम स्तर से जारी कार्यक्रम आदेशो की प्रतियां भी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्नांश (क) पन्ना एवं कटनी जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक किन शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों से किन-किन योजनाओं में क्या-क्या कार्य/कार्यक्रम हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्त हुई और प्राप्त राशि का किस प्राधिकारी के किन-किन सक्षम आदेशों से किस-किस कार्य तथा कार्यक्रम में कितना-कितना व्यय किया गया? (ग) प्रश्नांश (ख) वर्ष 2018-19 से किस प्राधिकारी के किन-किन सक्षम आदेशों से पन्ना एवं कटनी जिले के कितने एवं कौन-कौन कृषकों को क्या प्रशिक्षण हेतु कब-कब एवं कहाँ-कहाँ ले जाया गया है और किसानों को कितना-कितना मानदेय और क्या-क्या सामग्री प्रदाय की गयी? (घ) प्रश्नांश (क) से (घ) के परिप्रेक्ष्य में क्या आत्मा परियोजना के कार्यों और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में शासनादेशों एवं विभागीय निर्देशों का उल्लंघन होना परिलक्षित हो रहा है? यदि हाँ, तो इस पर क्या कार्यवाही की जायेगी? यदि नहीं, तो क्या संबंधित शासकीय सेवकों द्वारा ऐसा न होना सत्यापित किया जायेगा?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। घटकवार विवरण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। पन्ना एवं कटनी जिले में वर्ष 2018-19 से प्रश्न दिनांक तक आत्मा परियोजना के तहत कार्यक्रमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। सक्षम स्तर से जारी कार्यक्रम निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ख) सक्षम निर्देशों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। कार्यक्रमों के व्यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3/4 अनुसार है। (घ) जी नहीं। शेष का प्रश्न नहीं उठता।
भर्ती नियमों के अनुरूप विभागीय परीक्षा आयोजित किया जाना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
93. ( क्र. 582 ) श्रीमती नंदनी मरावी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या पंचायत राज संचालनालय के अधीन राजपत्रित भर्ती नियमों के सहायक संचालक के रिक्त पदों की पूर्ति विभागीय परीक्षा के माध्यम से कराये जाने का प्रावधान है? (ख) प्रश्नांश (क) भर्ती नियम बने 6 वर्ष से अधिक समय हो जाने के बाद भी रिक्त पदों की पूर्ति हेतु परीक्षा का आयोजन अभी तक क्यों नहीं किया गया? कब तक किया जायेगा? रिक्त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ। (ख) विभागीय परीक्षा का आयोजन म.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से किये जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क योजना
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
94. ( क्र. 591 ) श्री दिलीप सिंह गुर्जर : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मनरेगा योजना अंतर्गत सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क योजना के कार्यों पर प्रदेश स्तर से प्रतिबंध है? (ख) यदि नहीं, तो उपरोक्त योजनान्तर्गत सड़क निर्माण के कार्यों की स्वीकृति के अधिकार मनरेगा परिषद् स्तर पर अथवा जिला स्तर पर है? (ग) विगत एक वर्ष में उपरोक्त दोनों योजना में कितनी सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई है? स्वीकृत सड़कों का विवरण दें। (घ) प्रश्नकर्ता द्वारा कितनी सड़कों के प्रस्ताव उक्त योजना के अंतर्गत दिए गए हैं? सड़कों के नाम सहित विवरण दें। इनमें से कितनी सड़कों के प्रस्ताव स्वीकृत कर दिए गए हैं? कितनी सड़कों के प्रस्ताव परिषद् स्तर पर लंबित है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी नहीं। (ख) वांछित जानकारी विभाग द्वारा जारी निर्देश दिनांक 12.04.2018 पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) सुदूर ग्राम सम्पर्क व खेत सड़क उपयोजना पृथक-पृथक न होकर एक ही है। विगत एक वर्ष में राज्य स्तर से प्रदान की गयी ग्रेवल सड़कों की अनुमति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (घ) 13 सड़कों के प्रस्ताव परिषद को प्राप्त हुए, सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। योजना के प्रावधान अनुसार जिला स्तर पर अब तक किये गये व लंबित व्यय को जोड़कर मजदूरी सामग्री अनुपात 60:40 के स्थान पर 57:43 है। सामग्री मद, योजना के प्रावधान अनुसार 40% से अधिक होने तथा ग्रेवल सड़क का कार्य सामग्री मूलक होने से राज्य स्तर से अनुमति नहीं दी जा सकी है।
अनु.जाति एवं अनु.जनजाति वर्ग के व्यक्तियों की शिकायतों पर कार्यवाही
[गृह]
95. ( क्र. 610 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के विभिन्न थानों में दिनांक 01 जनवरी, 2019 से 15 फरवरी, 2020 तक की अवधि में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के द्वारा भिन्न कारणों से कितनी शिकायतें दर्ज करायी गयी एवं कितनी शिकायतों पर अपराध पंजीबद्ध किये गये हैं? (ख) कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किए गए हैं एवं शेष प्रकरणों में कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? (ग) सागर जिले में उक्त अवधि में इन वर्गों के कितने व्यक्तियों द्वारा भिन्न-भिन्न अपराध की शिकायत की गई एवं कितने में प्रकरण पंजीबद्ध किए गए है? नाम अपराध सहित विवरण दिया जाए। (घ) इनमें कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किए जा चुके हैं एवं कितने प्रकरणों में शेष हैं तथा इन पर कब तक कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) प्रश्नांश में वर्णित अवधि में प्रदेश के विभिन्न थानों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के व्यक्तियों द्वारा कुल 18702 शिकायतें दर्ज कराई गई, जिनमें से 8364 शिकायतों में अपराध पंजीबद्ध किये गये है। (ख) प्रश्नाधीन अवधि में पंजीबद्ध 8364 अपराधों में से 7030 अपराधों में चालान न्यायालय प्रस्तुत किये गये। शेष प्रकरणों में शीघ्र विवेचना कार्यवाही पूर्ण की जायेगी। (ग) प्रश्नाधीन अवधि में सागर जिलें में उक्त वर्गों के व्यक्तियों द्वारा कुल 1321 शिकायत की गई जिनमें 439 प्रकरण पंजीबद्ध किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) प्रश्नाधीन अवधि में पंजीबद्ध 439 प्रकरणों में से 365 प्रकरण के चालान न्यायालय प्रस्तुत किये जा चुके है। लंबित प्रकरणों में शीघ्र कार्यवाही पूर्ण की जायेगी।
नाबालिग बच्चों की हत्या अपहरण एवं लापता संबंधी जानकारी
[गृह]
96. ( क्र. 611 ) श्री गोपाल भार्गव : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से फरवरी 2020 तक की अवधि में मध्यप्रदेश में कितने नाबालिग बच्चों की हत्या अपहरण एवं लापता होने के प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं? (ख) कितने प्रकरणों में चालान प्रस्तुत किए गए हैं एवं शेष प्रकरणों में कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जाएगी? (ग) अपहरण एवं लापता बच्चों की बरामदगी हेतु पुलिस द्वारा क्या प्रयास किए जा रहे हैं एवं कब तक बरामदगी कर ली जाएगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से फरवरी 2020 तक की अवधि में मध्यप्रदेश में नाबालिको के संबंध में कुल लापता के प्रकरण-11,718, अपहरण के प्रकरण-11,568, हत्या के प्रकरण-99 एवं अपहरण के साथ हत्या के प्रकरण-35 पंजीबद्ध किये गये है। (ख) दिनांक 01 जनवरी, 2019 से फरवरी 2020 तक की अवधि में मध्यप्रदेश में नाबालिको के संबंध में अपहरण के प्रकरणों में-2520, हत्या के प्रकरणों में-68 एवं अपहरण के साथ हत्या के प्रकरण में-28 चालान माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किये गये एवं शेष प्रकरणों में अनुसंधान जारी है, साक्ष्य अनुसार कार्यवाही की जावेगी, समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है। (ग) अपहरण एवं लापता बच्चों की बरामदगी हेतु पुलिस द्वारा निम्न प्रयास किये जा रहे है :- 1) अनुविभागीय अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित कर तलाश की जा रही है। 2) Missing the child portal के माध्यम से अपहरण एवं लापता बच्चों की जानकारी अपलोड की जाती है। 3) निर्धारित Standard operation procedure अनुसार तथा लापता की पतारसी हेतु इनाम घोषणा कर प्रयास किये जा रहे है। 4) बर्ष 2019 में गुमशुदा बच्चों की बरामदगी हेतु 03 विशेष अभियान भी चलाये गये है। 5) बरामदगी हेतु समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के दर्ज प्रकरण
[गृह]
97. ( क्र. 619 ) श्री भारत सिंह कुशवाह : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर जिले में जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक सरकारी कार्य में बाधा डालने व सरकारी कर्मचारियों के साथ मारपीट होने के कितने शिकायती आवेदन प्राप्त हुए और कितने आवेदन पर जांच उपरांत कितने प्रकरण दर्ज हुए? साथ ही शेष आवेदनों पर क्या-क्या कार्यवाही की गई? ऐसे कितने आवेदन हैं जिन पर जांच लंबित है? थानेवार जानकारी बतावें। (ख) प्रश्नांश (क) अनुसार दर्ज प्रकरण में दोषियों पर प्रकरणवार क्या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों में चालन प्रस्तुत किये गये एवं कितने चालन पेश करना शेष है? संख्या सहित प्रकरणवार जानकारी बतायें। (ग) क्या अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के उपरांत जिनकी गिरफ्तारी होना शेष है? उनकी संख्या क्या है? थानेवार जानकारी बतायें। शेष प्रकरणों में गिरफ्तारी न होने तक अपराधियों के विरूद्ध क्या-क्या कार्यवाई की गई? अपराधियों को कब तक गिरफ्तार कर लिया जावेगा?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। प्रश्नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। प्रश्नांश का उत्तर पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में समाहित है। प्रकरण अनुसंधान में हैं, आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु हर संभव प्रयास जारी है। समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है।
उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए संचालित योजनाएं
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
98. ( क्र. 631 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी फसलों के विकास के लिये कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? माह अप्रैल 2018 से माह जनवरी 2020 तक संचालित योजनाओं में किन-किन योजनाओं के लिये शासन से कितना-कितना बजट आवंटन प्राप्त हुआ है? प्रत्येक योजनावार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) छिन्दवाड़ा जिले में प्रश्नांश (क) से संबंधित योजनाओं के लिये कितना लक्ष्य निर्धारित था? निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध कितनी पूर्ति की गई और कितने कृषकों को कौन-कौन सी योजना का लाभ प्रदान किया गया? प्रत्येक विधानसभावार पृथक-पृथक जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) छिन्दवाड़ा जिले में वित्तीय वर्ष 2018-19 में एवं 2019-20 में कृषकों को विभिन्न संचालित योजनाओं की जानकारी देने एवं उन्हें जागरूक करने के लिये विभाग द्वारा क्या-क्या प्रयास किये गये और प्रचार प्रसार में कितनी राशि खर्च की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) विधानसभावार पृथक-पृथक जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण कार्यक्रम एवं मेला प्रचार-प्रसार के माध्यम से कृषकों को जागरूक किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है।
पर्यटक स्थल घोषित किया जाना
[पर्यटन]
99. ( क्र. 632 ) श्री सोहनलाल बाल्मीक : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्दवाड़ा जिले में परासिया विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत स्थित 1 . हिंगलाज मंदिर अम्बाड़ा 2. हानुमान मंदिर कोसमी 3 . माँ खेड़ापति मन्दिर चांदामेटा 4. जिल्हेरी घाट इटावा 5 . देवरानी दाई मंदिर तुरसी प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटक स्थल है। उपरोक्त चारों स्थानों पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों का आना-जाना रहता हैं, परन्तु फिर भी चारों प्रसिद्ध धार्मिक/पर्यटक स्थलों को अभी तक विभाग द्वारा पर्यटक स्थल घोषित नहीं किया जा रहा है, जिसका क्या कारण है? (ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित उपरोक्त चारों प्रसिद्ध स्थलों को शासन/ विभाग द्वारा पर्यटक स्थल घोषित किये जाने के संबंध में प्रश्नकर्ता द्वारा माननीय मंत्री महोदय एवं प्रमुख सचिव महोदय पर्यटन विभाग को पूर्व में पत्र प्रेषित किया जा चुका है। प्रेषित पत्रों पर विभाग द्वारा अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ग) उपरोक्त चारों प्रसिद्ध धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों को श्रृद्धालुओं/पर्यटकों/आमजनों की सुविधा को देखते हुए, शासन/विभाग द्वारा कब तक पर्यटक स्थल घोषित कर दिया जायेगा? (घ) पर्यटक स्थल का दर्जा प्रदान किए जाने की क्या कार्यवाही नियमवाली है? नियमवाली उपलब्ध करायें।
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति 2016 (संशोधित 2019) अंतर्गत किसी भी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (ख) जी हाँ, उत्तरांश (क) अनुसार। (ग) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति 2016 (संशोधित 2019) अंतर्गत किसी भी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है। (घ) विभाग द्वारा जारी नवीन पर्यटन नीति 2016 (संशोधित 2019) अंतर्गत किसी भी स्थल को पर्यटन स्थल घोषित करने की कोई नीति नहीं है।
पंचायतों को प्राप्त राशि को व्यय किये जाने की जानकारी
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
100. ( क्र. 639 ) श्री गिर्राज डण्डौतिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा अचल व चल सम्पति के बिक्री आदि के माध्यम से कितनी राशि पंचायत निधि को दी जाने का प्रावधान है व व्यय की क्या प्रक्रिया व नियम है? (ख) विगत वित्तीय 05 वर्ष से प्रश्न प्रस्तुत दिनांक तक कितनी राशि जिला मुरैना को वर्षवार प्राप्त हुई बतावें? (ग) प्रश्नांश (ख) में प्राप्त राशि से विधान सभा क्षेत्र दिमनी जिला मुरैना की किन-किन पंचायतों को प्राप्त राशि में से राशि दी गई व कहाँ-कहाँ व्यय की गई, की जानकारी कार्य विवरण, राशि वर्ष, दिनांक व कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या है, आदि सहित उपलब्ध करावें।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘अ’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘ब’’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘‘स’’ अनुसार है।
होमगार्ड के अंतर्गत सामग्री क्रय की जानकारी
[गृह]
101. ( क्र. 645 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01.01.2018 से 15.02.2020 तक होमगार्ड के अंतर्गत शहडोल संभाग में कितनी सामग्री कब-कब क्रय की गई? माहवार वर्षवार, जिलावार बतावें। (ख) उपरोक्त सामग्री फर्मों से कितनी राशि की क्रय की गई? इन फर्मों द्वारा प्रस्तुत बिलों का विवरण माहवार वर्षवार, जिलावार बतावें। (ग) उपरोक्त अवधि में प्रत्येक क्रय के लिये टेण्डर या अन्य कोई जो भी पद्धति अपनाई गई? उसकी जानकारी भी क्रयवार, माहवार वर्षवार, जिलावार बतावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-’अ’ ’ब’ ’स’ एवं ’द’ अनुसार। सामग्री मध्यप्रदेश भण्डार क्रय नियम 2015 में दिये निर्देशों का पालन करते हुए क्रय की गई।
शस्त्र विक्रय दुकानों की जिलावार जानकारी
[गृह]
102. ( क्र. 646 ) श्री सुनील सराफ : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्वालियर एवं चंबल संभाग में शस्त्र विक्रय की कितनी दुकानें किन-किन जिलों में संचालित हैं? दुकान के नाम, पता सहित जिलावार बतावें। (ख) उपरोक्त दुकानें कब प्रारंभ हुई एवं इनका लायसेंस नवीनीकरण कब-कब किया गया? दुकानवार प्रारंभ दिनांक नवीनीकरण दिनांकों सहित जानकारी देवें। (ग) नवीनीकरण दिनांक निकल जाने के बाद भी जिन-जिन दुकानों में नवीनीकरण नहीं कराया उनके नाम, पता सहित जिलावार जानकारी देवें। (घ) लायसेंस नवीनीकरण नहीं कराने वाली दुकानों की मान्यता कब तक समाप्त कर दी जावेगी?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
धरमपुरी जिले को प्राप्त आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
103. ( क्र. 650 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी, जिला धार में कृषि विभाग से वर्ष 2016 से 2018 तक कितना-कितना बजट किस-किस योजना के लिये प्राप्त हुआ वर्षवार, योजनवार कितना व्यय किया गया? (ख) वर्ष 2016 से 2018 तक जिले के कृषकों को योजनावार कितनी अनुदान राशि प्रदान की गई वर्षवार, योजनावार सूची प्रदान करें। (ग) स्वीकृत अनुदान राशि से कितने कृषकों को लाभांवित किया गया?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) बजट का आवंटन विधानसभा क्षेत्रवार नहीं होने के कारण जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। धार जिले के आवंटन एवं व्यय की जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ) एवं 1 (ब) अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 (अ) एवं 1 (ब) अनुसार है।
पी.एम. आवास योजना से वंचित पात्र व्यक्ति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
104. ( क्र. 651 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधान सभा क्षेत्र धरमपुरी, जिला धार में पी.एम. आवास योजना के तहत क्षेत्र में शासन द्वारा वर्ष 2011 में चयनित आवासहीनों की सूची में कितने पात्र व्यक्ति वंचित हैं? वंचितों का नाम, गांव का नाम सहित जानकारी देवें। (ख) क्षेत्र में चिन्हित आवासहीन व्यक्तियों जिनको आवास उपलब्ध नहीं हो पाया, उन्हें कब तक उपलब्ध कराया जावेगा? (ग) क्षेत्र में ऐसे कितने व्यक्ति हैं, जिन्हें एक या दो किश्त प्राप्त हुई एवं कार्य पूर्ण होने के बाद भी राशि प्राप्त नहीं हुई?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) भारत सरकार से लक्ष्य प्राप्त होने पर पात्र आवासहीन व्यक्तियों को आवास उपलब्ध कराया जावेंगा। (ग) निरंक।
प्रदेश में ग्रामीण सड़कों का तुलनात्मक ब्यौरा
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
105. ( क्र. 652 ) श्री भूपेन्द्र सिंह : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में जनवरी 2019 की स्थिति में (वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर) पर सड़क विहीन ग्रामों का विवरण क्या हैं? (ख) प्रदेश सरकार द्वारा ‘‘विजन टू डिलेवरी रोड मैप 2020-2025’’ में सागर जिले के कितने ग्रामों को सड़क से जोड़ने हेतु लक्ष्य रखा गया है?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) मध्यप्रदेश में वर्ष 2019 की स्थिति में (वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर) प्रारंभिक सर्वेक्षण में लगभग 1890 राजस्व ग्राम संपर्कता विहीन है। (ख) प्रदेश सरकार द्वारा ''विजन टू डिलेवरी रोड मैप 2020-2025 में सागर जिले के 36 राजस्व ग्रामों को सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
लायसेंसधारी व्यापारियों को गोडाउन का आवंटन
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
106. ( क्र. 674 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जुलाई 2019 सत्र प्रश्न क्र (तारांकित) 2546 दिनांक 22 जुलाई, 2019 के जबाव में उल्लेखित अरनिया पीथा मंडी प्रागंण एवं खाचरोद नाका मंडी प्रागंण जावरा के व्यापरियों एवं गोडाउन शॉप के बारे में जानकारी दें कि कुल 688 लायसेंस धारी व्यापारी अनुज्ञप्तिधारी होकर 484 व्यापारियों को मंडी प्रांगण के भीतर शाप कम गोडउन आवंटित किये गये हैं, तत्पश्चात कितने व्यापारियों के नवीन लायसेंस बने हैं तथा क्या उन्हें गोडउन कम शॉप भी आवंटित हुए हैं। (ख) शासकीय कृषि उपज मंडी समिति जावरा द्वारा पत्र क्र. 4217/48 दिनांक 27/03/2019 को अंतिम सूचना पत्र जारी किया तो उसके बाद प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही हुई। (ग) उपरोक्त प्रश्नांश (क) उल्लेखित उत्तर में 36 भूखंडों पर अवैध निर्माण कर कब्जा किये जाने तथा अवैध अतिक्रमण को हटाने हेतु कार्यवाही की जाने की जानकारी तो दी गई है, प्रश्न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अवधि के उपरांत कृषि उपज मण्डी समिति जावरा द्वारा 14 व्यापारियों को नवीन लायसेंस जारी किये गये हैं, जिसमें से किसी भी व्यापारी को शाप कम गोडाउन आवंटित नहीं किये गये हैं। (ख) कृषि उपज मण्डी समिति जावरा द्वारा पत्र दिनांक 27.03.2019 से संबंधितों को अंतिम सूचना पत्र जारी किये जाने के उपरांत अतिक्रमण नहीं हटाये जाने पर संबंधित 36 व्यापारियों को पुनः पत्र क्रमांक 3177 दिनांक 20.02.2020 से सूचना पत्र जारी किया गया है। जिसमें संबंधित 36 भूखण्डधारियों को 15 दिवस में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिये गये है। नियत समयावधि में अतिक्रमण नहीं हटाये जाने पर म.प्र. कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 की धारा 22 के तहत कृषि उपज मण्डी समिति जावरा द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जावेगी। (ग) उत्तरांश (ख) अनुसार।
पर्यटक स्थलों हेतु कार्य योजना
[पर्यटन]
107. ( क्र. 675 ) डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जावरा विधान सभा क्षेत्र अन्तर्गत विभिन्न पर्यटक स्थलों पर हजारों पर्यटकों का आवागमन होता है तथा वहां पर पर्यटकों हेतु विगत कई वर्षों से मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति किये जाने की मांग की जा रही है? (ख) यदि हाँ, तो बताएं शासन/विभाग द्वारा क्षेत्रान्तर्गत किन-किन स्थानों को पर्यटन स्थल के रूप में चिन्हित किया जाकर इस हेतु क्या कार्ययोजना बनाई गई है? (ग) साथ ही पिपलौदा तहसील अन्तर्गत सुजापुर, अंगेठी, नवाबगंज, मामटखेडा, पिंगराला इत्यादि तथा जावरा नगर एवं तहसील अन्तर्गत स्वामी जी की कुटिया, दादावाड़ी, हुसैन टेकरी तथा भिण्डा जी एवं नंदावता मगरे हेतु क्या योजना है? (घ) उपरोक्त में से किन-किन स्थानों को पर्यटन स्थल हेतु चिन्हित/चयनित किया जाकर उक्त स्थलों पर पर्यटकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु क्या कार्य योजना बनाई है? कब स्वीकृति दी जाकर कब कार्य प्रारंभ किया जाएगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जी हाँ, जी हाँ। (ख) जी हाँ हुसैन टेकरी के विकास का आंशिक प्रस्ताव जिला कलेक्टर से प्राप्त हुआ है। विभाग में पर्यटन नीति 2019 के तहत विभाग द्वारा किसी भी स्थल को पर्यटन क्षेत्र घोषित नहीं किया जाता है। (ग) कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) पर्यटकों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ग्राम सुजापुर एवं ग्राम नंदावता का स्थल निरीक्षण कर कार्य योजना बनाई गई है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
सीधी जिले में संचालित मदरसे की जानकारी
[पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण]
108. ( क्र. 698 ) श्री शरदेन्दु तिवारी : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सीधी जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण की कौन-कौन सी योजनाएं संचालित हैं? इन योजनाओं के माध्यम से पिछले 05 वर्षों में कितने हितग्राहियों को लाभ मिला? योजनावार, विधानसभावार हितग्राहियों की संख्या की जानकारी देवें। (ख) अल्पसंख्यक शिक्षा के क्षेत्र में कुल कितने मदरसे सीधी जिले में संचालित हैं? तहसीलवार एवं ग्रामवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार उक्त मदरसों में कुल कितने शिक्षक हैं जिन्हें शासन के अनुदान राशि से वेतन मिलता है? मदरसेवार जानकारी देवें। (घ) प्रश्नांश (ग) अनुसार पिछले 05 वर्षों में किन-किन योजनाओं के तहत कितनी-कितनी अनुदान राशि मिली? मदरसेवार स्पष्ट जानकारी देवें।
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) सीधी जिले में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण की संचालित योजनाओं एवं पिछले 05 वर्षों में लाभान्वित हितग्राहियों की योजनावार, विधानसभा हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-एक अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-दो अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-तीन अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-चार अनुसार है।
रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा बनाई गई कार्ययोजना
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
109. ( क्र. 719 ) श्री कमल पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र में उद्यानिकी विभाग में किस-किस वर्ग में कुल कितने-कितने पद कब से रिक्त हैं? (ख) क्या विभाग द्वारा उपरोक्त रिक्त पदों की पूर्ति की जाएगी? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) क्या विभाग द्वारा उपरोक्त रिक्त पदों पर कृषि स्नातक एवं स्नातकोत्तर किए हुये बेरोजगारों को भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी? (घ) उद्यानिकी विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु विभाग द्वारा क्या कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि नहीं, तो कारण बतावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जी नहीं। अर्हता अनुसार भर्ती किये जाने का नियम है। (घ) वर्तमान में पदोन्नति पर प्रतिबन्ध है। शेष प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता।
कृषि विभाग में रिक्त पदों की पूर्ति
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
110. ( क्र. 720 ) श्री कमल पटेल : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र में कृषि विभाग में किस-किस वर्ग में कुल कितने-कितने पद कहाँ-कहाँ, कब से रिक्त हैं? रिक्त पदों की सूची उपलब्ध कराएं? (ख) क्या विभाग/शासन द्वारा उपरोक्त रिक्त पदों पर कृषि स्नातक एवं स्नातकोत्तर हुए बेरोजगारों को नियुक्ति प्रदान करने हेतु कोई कार्य योजना बना रहा है? (ग) प्रश्नांश (ख) यदि हाँ, तो कब तक रिक्त पदों पर भर्ती कर ली जाएगी एवं यदि नहीं, तो क्यों? (घ) कृषि विभाग द्वारा कृषि स्नातक एवं स्नातकोत्तर छात्रों को रोजगार देने हेतु अभी तक क्या-क्या कार्यवाही की गई?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) विभाग में रिक्त पदों की संवर्गवार अद्यतन जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) हाँ एवं संचालक कृषि अभियांत्रिकी में प्रचलित भर्ती नियम अनुसार द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के कार्यपालिक पदों पर शैक्षणिक योग्यता स्नातक धारित उम्मीदवारों की भर्ती का प्रावधन है। (ग) रिक्त पदों की भर्ती की कार्यवाही म.प्र. लोक सेवा आयोग एवं प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (घ) जानकारी उत्तरांश (ग) अनुसार।
न्यायालीन प्रकरणों में प्रकरण प्रभारी एवं जवाबदावा प्रस्तुत करने
[भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास]
111. ( क्र. 723 ) श्री रणवीर जाटव : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक संचालनालय गैस राहत एवं पुर्नवास के अधीन कार्यरत कितने अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में विचाराधीन हैं? उनके नाम प्रकरण क्रमांक सहित उनकी अद्यतन स्थिति की जानकारी देवें? (ख) विचाराधीन प्रकरणों में विभाग द्वारा किन-किन प्रकरणों में कौन-कौन को प्रकरण प्रभारी अधिकारी बनाया गया एवं किन-किन प्रकरणों में प्रश्न दिनांक तक प्रकरण प्रभारी क्यों नहीं बनाया गया है? (ग) विचाराधीन प्रकरणों में विभाग द्वारा किन-किन प्रकरणों में कब-कब जवाबदावा प्रस्तुत किया गया? किन-किन प्रकरणों में प्रश्न दिनांक तक जवाबदावा क्यों प्रस्तुत नहीं किया गया है? (घ) क्या म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा समस्त विभागों में समय-समय पर एकजाई आदेश जारी कर समय-सीमा में प्रकरण प्रभारी एवं जवाबदावा प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया जाता रहा है, उक्त निर्देंशों की अवहेलना कर समयावधि में प्रकरण प्रभारी की नियुक्ति एवं जवाबदावा प्रस्तुत नहीं करने वाले दोषियों पर कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए तत्काल प्रकरण प्रभारी की नियुक्ति एवं जबावदावा प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्यों?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) संचालनालय गैस राहत के अधीन कार्यरत अधिकारियों/कर्मचारियों के कुल 24 प्रकरण विचाराधीन है। प्रकरणवार अद्यतन जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी उत्तरांश (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (घ) म.प्र. शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा जारी निर्देंशों का पालन समयावधि में किया जा कर प्रकरण में जवाबदावा प्रस्तुत किया जाता है। अतः दोषियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रश्न ही उपस्थित नहीं होता है।
बलात्कार की घटनाओं के दर्ज मामले
[गृह]
112. ( क्र. 733 ) श्री आशीष गोविंद शर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. में जनवरी 2019 से प्रश्नांश दिनांक तक विभिन्न पुलिस थानों में बलात्कार के कितने मामले पंजीबद्ध हुए? इसमें 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं से बलात्कार के कितने मामले दर्ज हैं? पृथक-पृथक संख्या बतावें। (ख) राज्य सरकार द्वारा पीड़िताओं को प्रतिकर के रूप में कितनी सहायता दिये जाने का प्रावधान है एवं कितनी राशि दी जाती है? अनु.जाति, जनजाति की महिलाओं को कौन-कौन सी सहायता दी गई? संख्यावार बतायें। (ग) इस 14 माह के समय में प्रदेश के कितने थानों में कितने मामलों में फैसला सुनाया जा चुका है एवं कितने मामलों में लेब की रिर्पोट नहीं आने से मामला आगे नहीं बढ़ रहा है? (घ) क्या सरकार मध्यप्रदेश में लेब से सुविधाएं जुटाने की व्यवस्था कर रही है?
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) से (घ) जानकारी संकलित की जा रही है।
अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
113. ( क्र. 751 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में कितने प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के विरूद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही प्रचलित है? नाम एवं पदनाम सहित बतायें तथा वर्तमान में किस पद पर कार्यरत है? (ख) विभाग में कार्यरत कितने प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी अधिकारियों को 1 जनवरी, 2016 के बाद लघु एवं दीर्घ शास्ति से दंडित किया गया है? नाम एवं पदवार बताएं। (ग) विभाग में कार्यरत कितने अधिकारियों पर पुलिस, लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरों में प्रकरण दर्ज है, कितने अधिकारियों के उपर न्यायालय द्वारा सजा को घोषित किया गया है? (घ) न्यायालय से सजा प्राप्त कितने अधिकारी 1 जनवरी, 2010 से सेवा से बर्खास्त किये गये हैं? कितने अधिकारी सजा घोषित होने के बाद भी कार्यरत हैं, नाम एवं पदनाम सहित बताये। सजा प्राप्त कितने अधिकारी अभी मैदानी पदस्थापना में किस पद पर हैं? न्यायालय से सजा प्राप्त भ्रष्ट अधिकारी मैदानी पदस्थापना से कब तक हटाये जायेगे और नहीं तो क्यों नहीं हटाये जायेंगें?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
पात्रता प्राप्त हितग्राहियों को आवास की स्वीकृति
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
114. ( क्र. 756 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) स्वीकृत करने हेतु केंद्र एवं प्रदेश शासन ने क्या-क्या मापदंड बनाये हैं? ऐसे समस्त आदेशों की वर्ष 2016-17 से प्रश्न दिनांक तक की छायाप्रतियां प्रदाय करें। (ख) प्रश्नांश (क) के आधार पर बताएं कि टीकमगढ़ जिले के जनपद पंचायत जतारा एवं पलेरा में प्रश्नांश (क) दिनांक तक उक्त योजना में किस-किस हितग्राही को कितनी-कितनी राशि उनके खातों में भेजकर इस योजना का लाभ दिया जा चुका है? ग्राम पंचायतवार नाम, हितग्राही का नाम, पिता या पति, जाति सहित एवं खातों में दी गई राशि सहित सम्पूर्ण जानकारी दें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि प्रश्न दिनांक तक किस-किस अधिकारी एवं कर्मचारी के कब-कब के सर्वे के आधार पर ऐसे कौन-कौन से हितग्राहियों के नाम, पिता/पति, जाति ग्राम पंचायतवार बताएं जो इस योजना में पात्रता की श्रेणी में आते हैं और उन्हें आवास प्रश्न दिनांक तक नहीं मिला है? ऐसी सूची प्रदाय करें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएं कि जो पात्र हैं उनको लाभ दिया जावेगा तो कब तक और नहीं तो क्यों? स्प्ष्ट बताएं।
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (ग) एसईसीसी- 2011 के सर्वे के आधार पर पात्र हितग्राहियों को आवास प्रदाय किये जाते है। जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल pmayg.nic.in पर उपलब्ध है। (घ) भारत सरकार से लक्ष्य प्राप्त होने पर पात्रों को आवास उपलब्ध कराये जायेंगे। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
115. ( क्र. 757 ) श्री हरिशंकर खटीक : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) टीकमगढ़ जिले की विधान सभा क्षेत्र जतारा के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में महात्मा गाधी नरेगा अन्तर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा विगत 03 वर्षों में स्वीकृत कितने कार्य अपूर्ण है? (ख) प्रश्नांश (क) के अपूर्ण कार्यों की तकनीकी एवं प्रशासनिक स्वीकृति कब और किसके द्वारा दी गई थी वर्षवार बतायें। (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के आधार पर बताएं कि ऐसे निर्माण कार्यों को कराने की समयावधि क्या थी? कार्य अपूर्ण रहने का क्या कारण है? अपूर्ण कार्यों में मजदूरी एवं सामग्री मद में कितनी राशि भुगतान किया जा चुका है? वर्षवार बतायें। (घ) प्रश्नांश (क), (ख) एवं (ग) के आधार पर बताएँ कि अपूर्ण कार्यों को पूर्ण कराने विभाग द्वारा दोषी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध प्रश्न दिनांक तक क्या-क्या कार्यवाही की गई है? प्रत्येक कार्य कब तक पूर्ण हो जावेंगे और नहीं तो क्यों?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) 2092 कार्य अपूर्ण है। (ख) वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) कार्यों को पूर्ण करने की समयावधि कार्य की प्रकृति के अनुसार 1 से 5 वर्ष रहती है। कार्यों के अपूर्ण रहने का प्रमुख कारण योजना मांग आधारित होने से कार्य का पूर्ण होना जाबकार्डधारी परिवारों द्वारा काम की मांग पर तथा योजना में भारत सरकार से राशि का सतत् प्रवाह रहने पर निर्भर है। प्रश्नांश की शेष जानकारी उत्तरांश (ख) से पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट में दी गई है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान में किसी अधिकारी/कर्मचारी को उत्तरदायी नहीं माना गया है। अतएव शेष प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। उत्तरांश (ग) अनुसार प्रत्येक कार्य को पूर्ण करने की निश्चित समयावधि राज्य स्तर से नियत नहीं की जा सकती है।
योजनाओं का क्रियान्वयन हेतु प्राप्त राशि
[उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण]
116. ( क्र. 760 ) श्री बिसाहूलाल सिंह : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग द्वारा केन्द्र/राज्य प्रवर्तित अनेक योजनाओं के माध्यम से उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण हेतु अनूपपुर जिले के अंतर्गत अनेक कार्य किये जाकर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है? (ख) यदि हाँ, तो अनूपपुर जिले में विगत पाँच वर्ष में उपरोक्तानुसार अंतर्गत आने वाले समस्त कार्यों एवं योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वर्षवार कितनी-कितनी बजट राशि प्राप्त होकर कितना व्यय हुआ? (ग) भिन्न-भिन्न योजनाओं के माध्यम से जिले में ब्लाकवार किस-किस उद्यानिकी फसल कार्य तथा खाद्य प्रसंस्करण कार्य हेतु क्या-क्या स्वीकृतियां कितनी बजट राशि अथवा अन्य सामग्रियां, दवाईयां, उपकरण इत्यादि प्रदान की गई? ब्लाकवार कृषक संख्या बतावें। (घ) उपरोक्त उल्लेखित वर्षों में वर्षानुसार स्वीकृत बजट राशि के माध्यम से कृषकों को दिये अनुदान सहित क्या उपकरण, सामग्री, दवाईयां दिये जाने हेतु कार्य एजेंसी अथवा विभाग द्वारा सामग्री क्रय-विक्रय किस प्रकार से करके कृषकों को प्रदान की जाती रही है वर्षवार, ब्लाकवार कार्यों के भौतिक सत्यापन सहित कृषकों की संख्या की जानकारी उपलबध करावें। (ड.) अनूपपुर जिले के अंतर्गत शासकीय उद्यान, अमरकंटक, किरगी, पुरानी बस्ती, परासी एवं कटकोना के रख-रखाव हेतु उक्त वर्षों में कितनी राशि प्राप्त हुई तथा कितना व्यय किन-किन कार्यों पर किया गया? कार्यों के भौतिक सत्यापन की जानकारी भी उपलब्ध करावें।
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'अ' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'ब' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'स' अनुसार है। (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'द' अनुसार है।
बीज ग्राम अन्नपूर्णा एवं सूरजधारा योजनाएं
[किसान कल्याण तथा कृषि विकास]
117. ( क्र. 766 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या किसान कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत बीज ग्राम, अन्नपूर्णा एवं सूरजधारा योजनान्तर्गत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कितने किसानों को कब-कब, क्या-क्या सामग्री उपलब्ध कराई गयी वर्षवार, ग्राम पंचायतवार एवं किसानवार जानकारी दें। (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में बीज ग्राम योजनान्तर्गत किस-किस अधिकारी के द्वारा कब-कब कलस्टर का प्रशिक्षण दिया गया? प्रशिक्षणवार बतायें कि कितने-कितने कृषकों को प्रशिक्षण दिया गया? (ग) प्रश्नावधि में आत्मा योजनान्तर्गत किस-किस अधिकारी के नेतृत्व में कृषकों को कब-कब फसल प्रदर्शनी एवं प्रशिक्षण, सेमीनार के लिये भ्रमण पर कहाँ-कहाँ पर ले जाया गया वर्षवार, कृषकवार जानकारी दें। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में क्या उक्त कार्यक्रमों के लिये कृषकों से राशि ली गई? यदि हाँ, तो किस नियम के परिप्रेक्ष्य में किस-किस कृषक से कितनी-कितनी राशि ली गई? शासनादेश की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो इस अनियमित वसूली के लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? क्या दोषी अधिकारी से स्पष्टीकरण लिया गया है? यदि हाँ, तो स्पष्टीकरण की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? क्या उक्त प्रदर्शनी में जाने वाले कृषकों की सूची को कृषि स्थायी समिति/ बी.एफ.ए.सी. से अनुमोदित कराई गयी थी? यदि हाँ, तो अनुमोदित सूची उपलब्ध करावें। यदि नहीं, तो क्यों? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है?
किसान कल्याण मंत्री ( श्री सचिन सुभाषचन्द्र यादव ) : (क) भिण्ड जिले के अंतर्गत बीजग्राम, अन्नपूर्णा एवं सूरजधारा योजनांतर्गत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक उपलब्ध कराई गई सामग्री की वर्षवार ग्राम पंचायतवार एवं किसानवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) भिण्ड जिले में प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि तक बीजग्राम योजनांतर्गत क्लस्टर में दिये गये प्रशिक्षण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। (ग) आत्मा योजना के तहत वर्ष 2016 से प्रश्न दिनांक तक कृषकों के प्रशिक्षण एवं भ्रमण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। (घ) प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में किसी भी कार्यक्रम में कृषक से धनराशि नहीं ली गई है न ही कोई शासन का आदेश है न ही कोई अनियमित वसूली की गई है।कृषकों की सूची का बी.एफ.ए.सी. से अनुमोदन कराया गया है।
जिला एवं जनपद अध्यक्षों/सदस्यों को विकास कार्यों हेतु प्राप्त आंवटन
[पंचायत और ग्रामीण विकास]
118. ( क्र. 767 ) श्री अरविंद सिंह भदौरिया : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला एवं जनपद अध्यक्षों/सदस्यों को अपने क्षेत्र में विकास कार्यों हेतु राज्य वित्त आयोग मद से प्रतिवर्ष राशि प्रदाय की जाती है? यदि हाँ, तो किस-किस को कितनी-कितनी राशि प्रदाय की जाती हैं? प्राप्त राशि से कौन-कौन से विकास कार्य कराये जा सकते हैं? (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्य में वर्ष 2014-15 से प्रश्न दिनांक तक भिण्ड जिले की अटेर विधान सभा में किस-किस की अनुशंसा पर कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य किस-किस निर्माण एजेंसी से कराये गये? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्नावधि में स्वीकृत कार्यों की वर्तमान स्थिति क्या हैं? इन कार्यों का निरीक्षण किस-किस अधिकारी के द्वारा कब-कब किया गया?
पंचायत मंत्री ( श्री कमलेश्वर पटेल ) : (क) जी हाँ, शेषांश जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार।
सड़क दुर्घटनाओं के थानों में दर्ज प्रकरण
[गृह]
119. ( क्र. 772 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में होशंगाबाद से टिमरनी तक के राजमार्ग पर कितनी सड़क दुर्घटनाएं मार्ग में पड़ने वाले विभिन्न थानों में दर्ज हुई? थानावार, दुर्घटनावार घायलों की पूर्ण जानकारी देवें। (ख) उक्त दुर्घटनाओं में कितने घायलों की मृत्यु दुर्घटना स्थल एवं अस्पताल में इलाज के दौरान हुई? मृतक की पूर्ण जानकारी सहित बतावें। (ग) उक्त दुर्घटनाओं में कितने प्रकरणों में दोषी को सजाऐं हुई? कितनों को नहीं? दुर्घटनावार बतावें।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) जनवरी 2019 से प्रश्न दिनांक तक की अवधि में होशंगाबाद से टिमरनी तक पड़ने वाले राज मार्ग के थानों में कुल-72 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज हुई। घायलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘अ‘ अनुसार। (ख) दुर्घटना स्थल पर मृत्यु कुल-17 एवं अस्पताल में इलाज के दौरान कुल-05 मृत्यु हुई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘ब‘ अनुसार। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-‘स‘ अनुसार।
सूक्ष्म, लुघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना
[सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
120. ( क्र. 774 ) श्री प्रेमशंकर कुंजीलाल वर्मा : क्या भोपाल गैस त्रासदी मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जनवरी, 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में कितने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की कहाँ-कहाँ, कितनी-कितनी राशि के कितने-कितने उद्योगों की स्थापना की गई वर्षवार, जिलेवार बतावें। (ख) प्रश्नांश अवधि में स्थापित कितने-कितने उद्योगों से कितने-कितने बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया गया? उद्योगवार वर्षवार, जिलावार बतावें। (ग) प्रश्नांश अवधि में विधानसभा क्षेत्र सिवनी मालवा में कितने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना की गई? कितने बेरोजगारों को रोजगार प्रदान किया गया?
भोपाल गैस त्रासदी मंत्री ( श्री आरिफ अक़ील ) : (क) स्थापित उद्यमों द्वारा भारत सरकार के पोर्टल पर उद्योग आधार मेमोरण्डम (UAM) फाइल किया जाता है तथापि यह व्यवस्था सूक्ष्म व लघु उद्यमों हेतु एच्छिक है। जनवरी 2018 से प्रश्न दिनांक तक प्रदेश में फाइल किये गये उद्योग आधार मेमोरण्डम (UAM) अनुसार सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों की वर्षवार जिलेवार राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्रवार जानकारी संधारित नहीं की जाती हैं। जिला होशंगाबाद की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के सरल क्रमांक 07 अनुसार है।
नीमच एवं मंदसौर जिले में पर्यटन की संचालित योजनाएं
[पर्यटन]
121. ( क्र. 798 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या नर्मदा घाटी विकास मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नीमच एवं मंदसौर जिले में वर्तमान में पर्यटन की कौन-कौन सी योजनाएं कितनी-कितनी लागत से संचालित की जा रही है? (ख) कितनी योजनाएं पूर्ण एवं कितनी योजनाएं अपूर्ण है? अपूर्ण योजनाओं को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा?
नर्मदा घाटी विकास मंत्री ( श्री सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“अ” अनुसार। (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र-“ब” अनुसार।
शासकीय भवनों पर अवैध कब्जा
[गृह]
122. ( क्र. 799 ) श्री दिलीप सिंह परिहार : क्या गृह मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या भोपाल जिले में अपराधियों का एक ग्रुप संगठित होकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासकीय एवं अशासकीय कीमती भवनों पर नाजाएज कब्जा कर सम्पत्ति को क्षतिग्रस्त करने का कार्य कर रहा है ऐसी शिकायत की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के यहां लंबित है? यदि हाँ, तो उस पर अभी तक क्या कार्यवाही की गई है? (ख) क्या कोहेफिजा स्थित दारूल-सलाम नामक भवन जो कि नवाब भोपाल द्वारा चीफ जस्टिस उच्च न्यायलय भोपाल को नि:शुल्क दिया गया था, ऐसे साक्ष्य एवं दस्तावेज नवाब परिवार के वंशजों द्वारा एक लिखित शिकायत में जांच अधिकारी को प्रस्तुत किये गये हैं? (ग) क्या नगर पुलिस अधीक्षक शाहजहांनाबाद द्वारा उक्त जांच को दबाया जाकर अपराधियों की मदद की जा रही है? शिकायत अनुसार अपराधियों के नाम सहित जानकारी देवें। (घ) क्या शासन ऐसे अपराधियों के विरूद्ध वैधानिक कड़ी कार्यवाही कर शासकीय सम्पत्ति दारूल सलाम उच्च न्यायालय को हस्तांतरित करेगी एवं कलेक्टर भोपाल को जांच के आदेश प्रदान करेगी? यदि हाँ, तो कब तक स्पष्ट बताएं।
गृह मंत्री ( श्री बाला बच्चन ) : (क) वर्णित तथ्यों के संबंध में कोई शिकायत, जिले के किसी भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के यहां जांच में लंबित नहीं है। (ख) उल्लेखित शिकायत की जांच में नवाब परिवार के वंशजों द्वारा दारूल सलाम नामक भवन को नवाब भोपाल द्वारा चीफ जस्टिस, उच्च न्यायालय भोपाल को निःशुल्क दिये जाने के संबंध में कोई साक्ष्य या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किये गए है। (ग) जी नहीं, नगर पुलिस अधीक्षक शाहजहांनाबाद द्वारा जांच की गयी है। जांच में संज्ञेय अपराध का घटित होना नहीं पाया गया। आवेदन पत्र की जांच में आए तथ्यों एवं साक्ष्य के आधार पर प्रकरण में संज्ञेय अपराध का घटित नहीं होना पाया अपितु प्रकरण दीवानी प्रकृति का होना पाया गया। (घ) प्रकरण में संज्ञेय अपराध का घटित न होने से कोई कार्यवाही पुलिस विभाग से अपेक्षित नहीं है। शेष प्रश्नांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।