मध्यप्रदेश विधान सभा
प्रश्नोत्तर-सूची
दिसम्‍बर,2015 सत्र

मंगलवार, दिनांक 08 दिसम्बर 2015
तारांकित प्रश्नोत्तर

देवरी विधान सभा क्षेत्र में विद्युत व्‍यवस्‍था

1. ( *क्र. 474 ) श्री हर्ष यादव : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्रामीण एवं कृषि उपभोक्‍ताओं के जले ट्रांसफार्मर बदले जाने हेतु क्‍या नियम नीति निर्देश लागू है ? क्‍या देवरी वि.स. क्षेत्र में इन नियमों का पालन विभाग द्वारा किया जा रहा है ?(ख) किन-किन ग्रामों में 07 दिवस की सीमा में फैल ट्रांसफार्मर बदले गये हैं ? एक वर्ष की अवधि की जानकारी दें ?(ग) क्‍या ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपयोग के लिये 24 घंटे एवं कृषि उपयोग हेतु 10 घंटे विद्युत प्रदाय की नीति है ? यदि हां, तो इसका पालन देवरी विधान सभा क्षेत्र में न होने के क्‍या-क्‍या कारण हैं ? नियम विरूद्ध विद्युत कटौती के लिये कौन-कौन उत्‍तरदायी है ?(घ) देवरी विधान सभा क्षेत्र में विद्युत प्रदाय व्‍यवस्‍था सुधारने हेतु क्‍या-क्‍या कार्य व प्रयास किये जा रहे हैं ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) ग्रामीण क्षेत्र में जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को पहुंच मार्ग उपलब्‍ध होने पर सूखे मौसम में 3 दिवस के अन्‍दर तथा वर्षाकाल (जुलाई से सितम्‍बर) में 7 दिवस के अन्‍दर बदलने के नियम लागू है। जी हां, देवरी विधानसभा क्षेत्र में भी जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को बदलने हेतु उक्‍त नियम का पालन किया जा रहा है। (ख) देवरी विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत विगत एक वर्ष में 72 ग्रामों के 80 जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों को  नियमानुसार बकाया राशि का भुगतान प्राप्‍त होने पर निर्धारित समय सीमा में बदला गया है, जिसकी ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। (ग) जी हां। देवरी विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत घरेलू एवं मिश्रित उपभोक्‍ताओं के फीडरों पर 24 घण्‍टे तथा कृषि उपभोक्‍ताओं के फीडरों पर 10 घण्‍टे विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। तथापि कतिपय अवसरों पर आकस्मिक रूप से आई प्राकृतिक आपदाओं यथा-आंधी/तूफान/तेज बारिश के कारण अथवा अन्‍य कारणों से तकनीकी व्‍यवधान आ जाने के कारण विद्युत प्रदाय प्रभावित होता है किन्‍तु तत्‍काल आवश्‍यक सुधार कार्य कर विद्युत व्‍यवस्‍था शीघ्रातिशीघ्र बहाल कर दी जाती है। किसी प्रकार की विद्युत कटौती नहीं की जा रही है, अत: किसी के उत्‍तरदायी होने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) समय-समय पर तकनीकी दृष्टि से साध्‍य पाये जाने पर विद्युत प्रदाय व्‍यवस्‍था में सुधार हेतु विद्यमान विद्युत अद्योसंरचना के सुदृढ़ीकरण के कार्य किये जाते हैं। देवरी विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2015-16 में एक नग 25 के.व्‍ही.ए., 13 नग 63 के.व्‍ही.ए. एवं 6 नग 100 के.व्‍ही.ए. के वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं 3 नग 100 के.व्‍ही.ए. क्षमता के अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना इत्‍यादि के कुल 23 कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं। उक्‍त में से 13 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं जिनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''ब'' अनुसार है। शेष 10 क्षमता वृद्धि/अतिरिक्‍त वितरण ट्रांसफार्मरों की स्‍थापना के कार्य वित्‍तीय संसाधनों की उपलब्‍धता के अनुसार पूर्ण किये जाएँगे जिनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र -''स'' अनुसार है। इसके अतिरिक्‍त ग्राम जमुनिया चिखली में दीनदयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजनान्‍तर्गत 01 नग 5 एम.व्‍ही.ए. क्षमता के 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र की स्‍थापना का कार्य प्रस्‍तावित है।  

राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना का क्रियान्‍वयन

2. ( *क्र. 21 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण पहले फेस की योजना में कुल कितने ग्रामों में कार्य हुआ ? कितने ट्रांसफार्मर, खम्‍बे व तार अशोकनगर जिले में कितनी धनराशि के स्‍वीकृत होकर काम हुआ तथा इनमें कितने किलोमीटर तार, और ट्रांसफार्मर चोरी हुए हैं तथा इनमें से कितने ग्रामों में तार व डी.पी.पुन: लगा दिये गये हैं ?(ख) मुख्‍यमंत्री जी की डी.पी. ट्रांसफार्मर तत्‍काल ठीक किये जाने की घोषणा के बाद कितने डी.पी. ट्रांसफार्मर कहां-कहां ठीक किये व कितने किस अवधि से खराब हैं ? वे कब तक सुधरेंगे तथा विभाग जो तार व डी.पी. ले गये हैं, कब तक लौटायेंगे ? (ग) अशोक नगर जिले के लिये दोबारा दूसरे फेस की योजना में कुल कितनी धनराशि स्‍वीकृत हुई, तथा इस योजना में प्रश्‍नकर्ता द्वारा जुलाई 2014 में अनुसूचित जाति, जन जाति बंजारा चक-चक व बस्तियों में दिये गये कौन-कौन से प्रस्‍ताव शामिल किये हैं ? दूसरे फेस में क्‍या-क्‍या कार्य हो चुके हैं व क्‍या-क्‍या कार्य योजना में शामिल हैं व कितना कार्य हो चुका है व बाकी कार्य कब तक पूरा होगा ? (घ) अशोक नगर जिले में फीडर सेपरेशन योजना में कितना खर्च हुआ व कितना कार्य हुआ तथा गुणवत्‍ता का क्‍या ख्‍याल रखा गया ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) अशोकनगर जिले के अंतर्गत दसवी पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कुल 783 ग्रामों में कार्य किया गया है। योजना के अंतर्गत कुल  रू. 85.12 करोड़ की राशि स्‍वीकृत हुई थी। स्‍वीकृत राशि के अंतर्गत 1549 ट्रांसफार्मर, 1207.75 कि.मी. 11 के.व्‍ही. लाईन एवं 602.05 कि.मी. एल.टी. लाईन का कार्य किया गया है। उक्‍त में से 208.38 कि.मी. तार तथा 277 ट्रांसफार्मर चोरी हुए हैं। चोरी हुए सामान के विरूद्ध 45 ग्रामों में 208.38 कि.मी. तार एवं  225 ग्रामों में 277 ट्रांसफार्मर पुन: लगाये गये है। (ख) माननीय मुख्‍यमंत्री जी के प्रश्‍नाधीन निर्णय के बाद जिला अशोकनगर में दिनांक 19.11.15 तक 62 ट्रांसफार्मर ठीक किये गये/बदले गए है। ट्रांसफार्मर खराब होने की एवं बदले जाने की दिनांकवार/स्‍थानवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ-1 अनुसार है। बदलने हेतु शेष 84 ट्रांसफार्मरों एवं तार उपभोक्‍ताओं द्वारा नियमानुसार 10 प्रतिशत बकाया राशि जमा करने के उपरांत बदले जावेंगे। उक्‍त बदलने हेतु शेष 84 ट्रांसफार्मरों के फेल होने की दिनांकवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ-2 अनुसार है। (ग) अशोकनगर जिले के लिये 12 पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में कुल 47.38 करोड़ रूपये की राशि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में स्‍वीकृत हुई है। इस योजना में माननीय विधायक महोदय द्वारा जुलाई 2014 में उठाए गए प्रश्‍न में उल्‍लेखित सभी प्रस्‍तावों सहित कुल 363 अनुसूचित जाति/जनजाति, बंजारा चक व‍ बस्तियों को शामिल किया गया है, जिनकी सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उक्‍त योजना में 9 नंबर 33/11 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र, 60.95 कि.मी. 33 के.व्‍ही. लाईन, 335 वितरण ट्रासंफार्मर, 240.41 कि.मी. 11 के.व्‍ही. लाईन एवं 197.81 कि.मी. निम्‍नदाब लाईन के कार्य प्रस्‍तावित किये गये है। उक्‍त में से 11 बस्तियों में 380 पोल इरेक्‍शन का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य टर्न की ठेकेदार एजेंसी मेसर्स ईनरगो-एब्‍सलुट, नई दिल्‍ली द्वारा अनुबंध दि. 11.03.15 से 24 माह के अंदर किया जाना है। (घ) अशोक नगर जिले में फीडर सेपरेशन योजना अंतर्गत रूपये 43.12 करोड़ की राशि खर्च हुई हैं। योजनांतर्गत 712 ग्रामों में 853.52 कि.मी. 11 के.व्‍ही. लाईन, 802 वितरण ट्रांसफार्मर एवं 727.45 कि.मी. एल.टी.लाईन का कार्य किया गया है। प्रोजेक्‍ट मॉनिटरिंग कंसल्‍टेंट मैसर्स आई.सी.टी. प्रायवेट लिमिटेड दिल्‍ली को उक्‍त कार्य की मॉनिटरिंग व गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिये नियुक्‍त किया गया था। साथ ही मुख्‍य सामग्री के नमूनों की जॉच एन.ए.बी.एल. लेब से कराई गई है। 

नगरीय विकास विभाग द्वारा देयक सुविधायें

3. ( *क्र. 419 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नगरीय विकास विभाग द्वारा नगरीय क्षेत्र में जनहित के कार्यों हेतु कौन-कौन सी लाभकारी कार्यों हेतु हितग्राहियों को राशि दिये जाने का प्रावधान है ? (ख) जिला शिवपुरी को आवंटित राशि में से नगर परिषद नरवर एवं करैरा को कितनी राशि दी गई ? व वह राशि किन-किन योजनाओं में व्‍यय की गई जानकारी वर्षवार, योजनावार, शीर्षवार दी जावे ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग व्‍दारा हाथठेला एवं साइकिल रिक्‍शा चालक कल्‍याण योजना, केश शिल्‍पी कल्‍याण योजना, पथ पर विक्रय करने वाले शहरी गरीबों की कल्‍याण योजना, मुख्‍यमंत्री शहरी घरेलू कामकाजी महिला कल्‍याण योजना एवं स्‍वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना अंतर्गत स्‍वरोजगार स्‍थापित करने हेतु ऋण प्रकरणों में बैंक के माध्‍यम से अनुदान दिया जाता है। वर्तमान में स्‍वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना समाप्‍त हो चुकी है एवं वर्ष 2015-16 से उक्‍त योजनाओं को समाहित कर मुख्‍यमंत्री आर्थिक कल्‍याण योजना एवं मुख्‍यमंत्री स्‍वीरोजगार योजना प्रारंभ की गयी है। (ख) जानकारी परिशिष्‍ट 1 पर संलग्‍प है।  
परिशिष्ट एक

सिवनी जिले में चालू सिंचाई परियोजनाएं

4. ( *क्र. 163 ) श्री दिनेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिवनी जिले में संचालित सिंचाई परियोजनाएं कितनी हैं ? कितनी योजनाएं चालू हैं एवं कितनी बंद हैं ? कारण बतायें ? बन्‍द योजनाओं को चालू करने के लिए शासन स्‍तर पर क्‍या कार्यवाही की जा रही है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में संचालित योजनाओं में कितने बांधों के नहरों का मरम्‍मत कार्य आर.आर.आर के अन्‍तर्गत स्‍वीकृति प्रदान की गई है ? नहरों का मरम्‍मत कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जावेगा ? (ग) सिवनी जिले में कितने सिंचाई परियोजनाएं प्रस्‍तावित है ? प्रस्‍तावित योजनाओं की स्‍वीकृत कब तक प्रदान कर दी जावेगी ? (घ) सिवनी जिले के अन्‍तर्गत पूर्व से संचालित एनिकेट सिंचाई योजनाओं के नहरों का जीर्णोद्धार हेतु क्‍या कोई योजना प्रस्‍तावित है ? यदि हां, तो जानकारी देवें ? यदि नहीं तो क्‍या प्रस्‍ताव में शामिल किया जावेगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सिवनी जिले में 01 वृ़हद, 06 मध्‍यम एवं 59 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्मित होकर सभी संचालित है ।(ख) जनकारी  संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है ।(ग) सिवनी जिले की कोई परियोजना स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है । प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है ।(घ) जी नहीं । कोई परियोजना प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु विचाराधीन नहीं है । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है । 
परिशिष्ट दो

गुना जिले के कुंभराज नगर पंचायत के निर्माण कार्यो एवं क्रय की गई सामग्री में अनियमितता

5. ( *क्र. 93 ) श्रीमती ममता मीना : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गुना जिले में कुंभराज नगर पंचायत में वर्ष 2003 से 2008 तक किये गये निर्माण कार्य एवं क्रय की गई सामग्री एवं पेयजल में हुई शिकायतों की जांच में कौन-कौन दोषी पाये गये ? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है ? (ख) यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍या विभाग दोषी पाये गये अधिकारी कर्मचारी एवं ठेकेदारों पर कार्यवाही करेगा ? क्‍या आपराधिक प्रकरण दर्ज करेगा ? (ग) नगर पंचायत कुंभराज के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष, सी.एम.ओ. एवं कर्मचारी तथा निर्माण एजेन्‍सी के विरूद्ध जांच प्रतिवेदन कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन ग्‍वालियर के पत्रांक 06/583 ग्‍वालियर दिनांक 22.07.2006 के बिल क्रमांक 1 लगायत 5 तक में दोषी पाये गये पदाधिकारियों पर कब तक कानूनी कार्यवाही होगी एवं राशि कब तक वसूल होगी ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गुना जिले की नगर परिषद, कुम्‍भराज में वर्ष 2003 से 2008 तक किये गये निर्माण कार्य एवं क्रय की गई सामग्री एवं पेयजल में हुई शिकायतों की प्रारंभिक जांच में नगर परिषद, कुम्‍भराज के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष श्रीमती निर्मला राजपूत एवं श्री वी.आर. कामले, तत्‍कालीन मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, कुम्‍भराज उत्‍तरदायी पाये गये है। उन पर नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। (ख) एवं (ग) जांच अधिकारी के जांच प्रतिवेदन अनुसार उत्‍तरदायी पाये गये के विरूद्ध नियमातनुसार कार्यवाही प्रचलित है। गुणदोष के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

विद्युत ताप गृहों को कोयला की आपूर्ति

6. ( *क्र. 65 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश की म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृह कहां-कहां स्‍थापित हैं? इन ताप विद्युत संयंत्रों से कब-कब से विद्युत उत्‍पादन प्रारंभ हुआ ? संयंत्रवार पिछले 3 वर्षो के विद्युत उत्‍पादन की जानकारी देवें ?(ख) म.प्र.पा.ज.क.लि. के ताप विद्युत गृहों में कोयले की आपूर्ति कहां-कहां से और कितनी-कितनी ,किन-किन ताप विद्युत गृहों को होती है ?(ग) क्‍या प्रदेश की कोयला खदानों से प्रदेश की म.प्र.पा.ज.कं. लि.के स्‍थापित ताप विद्युत गृहों को कोयले की आपूर्ति होती है ?अगर हां तो कहां-कहां से विद्युत गृहवार मात्रावार वित्‍तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 की आपूर्ति की जानकारी देवें ?(घ)म.प्र.पा.ज.कं. लि. के ताप विद्युत गृहों में कोयला आपूर्ति प्रदेश के बाहर से होने के कारण कितना खर्च अधिक बैठता है ? क्‍या कायेले की गुणवत्‍ता में अंतर हैं ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृहों की स्‍थापित क्षमता, स्थान एवं इन ताप विद्युत संयंत्रों से वाणिज्यिक विद्युत उत्‍पादन प्रारंभ होने की तिथि से संबंधित जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र  अनुसार है। विद्युत गृहवार, संयंत्रवार पिछले 3 वर्षों के विद्युत उत्‍पादन की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र में दर्शाये अनुसार है। (ख) म.प्र.पा.ज.कं.लि. के स्थापित ताप विद्युत गृहों में देशी कोयले की आपूर्ति साउथ ईस्टर्न कोलफील्डस लि. एवं वेस्टर्न कोलफील्डस लि. की प्रदेश एवं प्रदेश से बाहर स्थित विभिन्न कोयला खदानों से किया जाता है जिसके लिये विद्युत गृहवार वार्षिक अनुबंधित मात्रा का निर्धारण संबंधित ताप विद्युत गृह हेतु किये गये कोयला प्रदाय अनुबंध के अनुसार किया गया है। प्रश्नांश में चाही गई जानकारी निम्न तालिका अनुसार है:-
 
विद्युत् गृह वार्षिक अनुबंधित मात्रा
(ला. मी. टन में)
वास्तविक प्राप्त मात्रा ला.मी.टन में कोयला प्रदाय के स्त्रोत
2013-14 2014-15
अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई 20 19.64 15.60 साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से
संजय गाँधी ताप विद्युत गृह, बिरसिंहपुर 64 59.23 52.28 साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से
सतपुडा ताप विद्युत् गृह, सारनी 66 45.17 48.37 वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से
सतपुडा ताप विद्युत गृह, सारनी
(विस्तारित इकाईयां)
18.513 0.48 2.91 वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा 49.939 2.23 14.72 साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों से
                      
(ग) जैसा कि प्रश्नांश “ख” में वर्णित है, म.प्र.पा.ज.कं.लि. के स्‍थ‍ापित ताप विद्युत गृहों को प्रदेश के अंदर एवं बाहर की कोयला खदानों से कोयले की आपूर्ति की जाती है। विद्युत गृहवार वित्तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में प्रदेश के अंदर स्थित खदानों से म.प्र.पा.ज.कं.लि. के ताप विद्युत गृहों को की गई कोयले की आपूर्ति की जानकारी निम्‍न तालिका में दर्शाए अनुसार है:-
विद्युत् गृह म.प्र. में स्थित खदान
खदान/क्षेत्र का नाम प्राप्त कोयले की मात्रा
(लाख. मी. टन में)
2013-14 2014-15
अमरकंटक ताप विद्युत् गृह, चचाई संगमा साइडिंग 10.51 8.80
संजय गाँधी ताप विद्युत् गृह, बिरसिंहपुर बिजुरी 6.60 6.00
बुढ़हार 0.08 1.37
गोविंदा 7.15 5.28
जमुना ओ.सी. एम्. 1.75 0.08
राजनगर आर. ओ. 1.37 5.42
न्यू राजनगर 1.64 0.65
नौरोजाबाद 0.19 3.43
योग 18.78 22.23
सतपुडा ताप विद्युत् गृह, सारनी
(पुरानी इकाईयां)
पाथाखेड़ा क्षेत्र 25.28 26.08
पेंच क्षेत्र 6.01 9.27
कन्हान क्षेत्र 3.05 3.63
योग 34.34 38.98
सतपुडा ताप विद्युत गृह, सारनी
(विस्तारित इकाईयां)
इन इकाइयों को कोयले की आपूर्ति म.प्र. में स्थित कोयला खदानों से न होकर महाराष्ट्र में स्थित खदानों से हो रही है
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खण्डवा नंदन वाशरी 0.14 ---
पालाचोरी 0.28 0.20
गोविंदा --- 0.20
नौरोजाबाद --- 0.16
रावनवारा ख़ास --- 0.12
योग 0.42 0.68
(घ) म.प्र.पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों को एसईसीएल एवं डब्‍ल्‍यूसीएल की खदानों से कोयला प्रदाय किया जाता है। इन कोयला कंपनियों की खदानों में कुछ खदाने प्रदेश में स्थि‍त है एवं कुछ प्रदेश के बाहर। कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा एसईसीएल एवं डब्‍ल्‍यूसीएल की विभिन्‍न श्रेणीयों (ग्रेड)/गुणवत्‍ता के कोयले हेतु, कोयले की आधारभूत दर अधिसूचित की गई है। यह दर इन कंपनियों की प्रदेश में स्थित खदानों एवं प्रदेश के बाहर स्थित खदानों हेतु एक ही है। इस प्रकार विद्युत गृहों को कोयला प्रदेश में स्थित अथवा प्रदेश के बाहर स्थित खदानों से प्रदाय करने पर एक श्रेणी (ग्रेड) अथवा गुणवत्‍ता के कोयले के लिए आधारभूत दर एक ही रहती है। ताप विद्युत गृह को प्राप्‍त कोयले की कुल लागत में खदान से दूरी तथा परिवहन खर्च में अंतर तथा अलग-अलग क्षेत्र में लग रहे करों की दर से अंतर आता है। कोयला प्रदेश में तथा प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्‍न खदानों से जो कि विस्‍तृत क्षेत्र में फैली है, से प्रदाय किया जाता है। अत: उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में प्रदेश के ताप विद्युत गृहों के लिए प्रदेश के अंदर तथा प्रदेश के बाहर से प्राप्‍त कोयले के खर्च में अंतर की गणना संभव नहीं है। हर खदान से कोयले के एक निर्धारित बैण्‍ड में श्रेणी/ग्रेड अथवा गुणवत्‍ता का कोयला उत्‍पादित किया जाता है। अत: अलग-अलग खदानों से प्रदाय किए जाने वाले कोयले की गुणवत्‍ता में अंतर रहता है तथा तदानुसार ही कोयला कंपनी को भुगतान किया जाता है। 

परिशिष्ट तीन

सूखाग्रस्‍त क्षेत्रों में जबरन बिल वसूली

7. ( *क्र. 300 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या यह सच है कि रीवा जिला पूर्ण रूप से सूखाग्रस्‍त घोषित हो चुका है । क्‍या किसानों से जबरन बिजली के बिल की वसूली एवं कनेक्‍शन काटने के लिए विद्युत मण्‍डल द्वारा टीम गठित की गई ? यह टीम शहर एवं ग्रामीण आंचलों में एक साथ मुहिम चलाकर कार्यवाही कर रही है, ऐसे विज्ञप्ति के.एल.वर्मा अधीक्षण अभियंता एम.पी.ई.बी. ने दिनांक 02.11.2015 को दैनिक भास्‍कर समाचार पत्र के माध्‍यम से दी है ? (ख) यदि हां तो इस तरह के अमानवीय व्‍यवहार पर रोक लगाकर जबरन बिजली बिल की वसूली बंद कराएंगे ? क्‍या 5 एच.पी. के मोटर पंप धारक किसानों से जबरन 8 एवं 10 एच.पी. का मोटर पंप बताकर जबरन ज्‍यादा बिजली के बिल की वसूली की जा रही है, जबकि कनेक्‍शन लेते समय किसानों से आवेदन पत्र के साथ पंप खरीदी के रसीद की छायाप्रति ली जाती है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में किसानों के साथ जबरन बिल वसूली के आदेश जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए मनमानी बिल वसूली पर रोक लगाएंगे ? साथ ही ऐसा आदेश जारी करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध भी कार्यवाही करेंगे अथवा नहीं ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   जी हाँ। (ख) जी नहीं, अपितु टीम का गठन रीवा शहर संभाग के विभिन्‍न फीडरों में लाईन लॉस एवं बकाया राशि में हो रही वृद्धि को कम करने हेतु किया गया है। उक्‍त हेतु ही गठित टीमों द्वारा कार्यवाही की जा रही है, अत: तत्संबंध में अन्‍य किसी विज्ञप्ति/कथन का कोई औचित्‍य नहीं है। (ख) प्रश्‍नांश ''क'' के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में रोक लगाने का प्रश्‍न नहीं उठता। समय-समय पर किये गये भौतिक सत्‍यापन अनुसार विद्युत पंपों के भार की वास्‍तविक गणना के आधार पर ही नियमानुसार बिजली के बिल जारी किये जा रहे हैं। (ग) उत्‍तरांश ''क'' एवं ''ख'' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। 

अग्रेषित प्रस्‍तावों पर कार्यवाही

8. ( *क्र. 456 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या जावरा नगरपालिका परिषद जावरा एवं पिपलौदा नगर परिषद एवं प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनेक जन आवश्‍यकताओं के प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु अग्रेषित किए है ? (ख) यदि हां, तो क्‍या इसी क साथ सिंहस्‍थ 2016 की व्‍यवस्‍था हेतु भी प्रस्‍ताव उपरोक्‍तानुसार प्राप्‍त हुए है ? (ग) यदि हां, तो वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 के प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन प्रस्‍तावों की स्‍वीकृति होकर कितना बजट स्‍वीकृत हुआ ? (घ) साथ् ही उक्‍त नगरपालिका एवं नगर परिषद को उक्‍त वर्षो में विकास कार्यो हेतु कितना बजट स्‍वीकृत होकर क्‍या-क्‍या कार्य किए गए ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। (ग) नगर पालिका परिषद, जावरा में 4791.46 लाख रूपये की लागत से 11 कार्य तथा नगर परिषद, पिपलौदा में 1304.89 लाख रूपये की लागत से 17 कार्य स्‍वीकृत किए गए है। जिनकी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘’अ’’ अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘’ब’’ एवं ‘’स’’ अनुसार है।

राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना

9. ( *क्र. 91 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क)11 वीं पंचवर्षीय राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत प्रथम चरण में डिण्‍डौरी जिले के कितने ग्रामों में विद्युतीकरण किया गया है, कृपया विकासखण्‍डवार बी.पी.एल. परिवार की संख्‍या, वितरण ट्रांसफार्मर, 11 के.व्‍ही. लाईन की लंबाई, एल.टी. लाईन की लंबाई की स्‍वीकृती प्राप्‍त हुई तथा कितना कार्य पूर्ण किया गया तथा जिले हेतु स्‍वीकृत राशि,व्‍यय की गई राशि बतावें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍या सभी ग्रामों के विद्युतीकरण नियमानुसार निर्धारित मापदण्‍ड से हुआ है ? कही कोई गड़बड़ी नहीं है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार गड़बड़ी के शिकायत कब-कब मिली, क्‍या-क्‍या कार्यवाही हुई ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) 11वीं पंचवर्षीय योजना के प्रथम-चरण में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत स्‍वीकृत डिण्‍डौरी जिले की योजना में सम्मिलित सभी 844 ग्रामों के सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। योजनांतर्गत स्‍वीकृत बी.पी.एल. कनेक्‍शनों तथा वितरण ट्रांसफार्मरों की संख्‍या स्‍वीकृत 11 के.व्‍ही. लाईन एवं एल.टी. लाईन की लम्‍बाई तथा इनके विरूद्ध पूर्ण किये गये कार्य की विकासखण्‍डवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' में दर्शाएनुसार है। उक्‍त योजना में डिण्‍डौरी जिले हेतु रू 39.91 करोड़ की राशि स्‍वीकृत हुई थी जिसके विरूद्ध रू. 35.75 करोड़ की राशि व्‍यय की जा चुकी है। (ख) जी हां। जी नहीं। (ग) डिण्‍डौरी जिले हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना के प्रथम चरण में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनांतर्गत स्‍वीकृत डिण्‍डौरी जिले की योजना के अंतर्गत कराये जा रहे विद्युतीकरण के कार्यों के संबंध में माननीय विधायक महोदय के पत्र दिनांक 25.08.2015 के माध्‍यम से शिकायत प्राप्‍त हुई थी जिसकी जॉंच कर पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 15.10.2015 द्वारा माननीय विधायक महोदय को अवगत करा दिया गया है।माननीय विधायक महोदय का उक्‍त पत्र एवं उस पर की गई कार्यवाही की  पूर्व क्षेत्र कंपनी के पत्र दिनांक 15.10.2015 से प्रेषित की गई जानकारी का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के क्रमश: प्रपत्र ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। 

परिशिष्ट चार

नगर परिषद सुठालिया में सामुदायिक भवन की स्‍वीकृति

10. ( *क्र. 108 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2057 दिनांक 30 जुलाई 2015 के कंडिका (ग) में बताया गया था कि नगर परिषद सुठालिया जिला राजगढ़ द्वारा भूमि आवंटन संबंधित जानकारी दिनांक 04.07.2015 को प्रस्‍तुत किया गया है, सर्वसुविधायुक्‍त सामुदायिक भवन निर्माण हेतु राशि आवंटन का प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है ? तो क्‍या उक्‍त प्रस्‍ताव के परीक्षण उपरांत नगर परिषद सुठालिया को सर्वसुविधायुक्‍त सामुदायिक भवन निर्माण प्राक्‍कलन अनुसार राशि रूपये 26.98 लाख उपलब्‍ध करा दी गई है ? यदि हां तो कब ? यदि नहीं तो क्‍यों ? (ख) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन माननीय मुख्‍यमंत्री कार्यालय से प्राप्‍त निर्देशों के परिपालन में शीघ्र नगर परिषद सुठालिया को उक्‍त राशि उपलब्‍ध कराकर सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य करवाऐगा ? यदि हां तो कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। जी हां। निकाय को दिनांक 30-10-2015 को राशि रूपये 26.98 लाख उपलब्‍ध करा दिये गये है। (ख) राशि उपलब्‍ध करा दी गई है। समय-सीमा बताया संभव नहीं है।

बिजली क्रय की दर संबंधी

11. ( *क्र. 337 ) श्री जितू पटवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक 01.04.2012 से दिनांक 30.9.2015 तक प्रदेश में पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा कितनी बिजली उत्‍पादित की गई है, एम.पी.पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा कितनी बिजली म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अलावा अन्‍य स्‍त्रोतो से किस औसत दर पर क्रय की गई है एवं कितनी बिजली प्रदेश के बाहर किस औसत दर से विक्रय की गई है ? वर्षवार जानकारी देवें ? (ख) उपरोक्‍त समयावधि में केन्‍द्रीय पूल से कितनी बिजली आवंटित की गई है ? स्‍पष्‍ट करें ? (ग) उपरोक्‍त समयावधि में कितने कृषकों पर बिजली बिल नहीं भरने के कारण प्रकरण दर्ज किये गये है ? जिलेवार राशि एवं कृषकों की संख्‍या बतावें ? (घ) उपरोक्‍त समयावधि में कितने उद्योगों पर बिजली बिल नहीं भरने के कारण प्रकरण दर्ज किये गये है ? जिलेवार राशि एवं उद्योगों की संख्‍या बतावें ? (ड.) प्रकरण दर्ज होने के बाद भी कितने कृषकों एवं उद्योगों द्वारा राशि जमा नहीं की गई है एवं शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है ? वर्गवार पृथक-पृथक जानकारी देवें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) दिनांक 01.04.2012 से दिनांक 03.09.2015 तक प्रदेश में म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा उत्‍पादित बिजली से संबंधित वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''अ'' अनुसार है। म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट  कंपनी लिमिटेड द्वारा म.प्र. पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड के अलावा अन्‍य स्‍त्रोतों से क्रय की गई एवं विक्रय की गयी बिजली की औसत क्रय एवं विक्रय दर सहित वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ख) उपरोक्‍त समयावधि में के‍न्‍द्रीय पूल से आवंटित की गयी बिजली की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''स'' अनुसार है। (ग) उपरोक्‍त समयावधि में किसी भी कृषक पर बिजली बिल नहीं जमा कर पाने के कारण प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। (घ) उपरोक्‍त समयावधि में किसी भी उद्योग पर बिजली का बिल नहीं जमा कर पाने के कारण प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। (ड.) कृषकों एवं उद्योगों द्वारा विद्युत बिल की राशि जमा नहीं किए जाने पर प्रकरण दर्ज नहीं किए गए हैं, अत: प्रश्‍न नहीं उठता।

औंकारेश्‍वर परियोजना के डूब प्रभावितों को मुआवजा

12. ( *क्र. 135 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) देवास जिले के बागली विकास खण्‍ड में औंकारेश्‍वर परियोजना में डूब प्रभावितों ग्राम धारडी के (1) कैलाश पि. मांगीलाल (2) रामकरण पिता शोभाराम (3) महेश पिता हरिसिंह (4) नर्मदा प्रसाद पिता हरेसिंह (5) मनोज पिता अर्जुन (6) पप्‍पू हरिसिंह (7) तेरसिंह देवीलाल (8) ससोता देवीलाल (9) गेंदाबाई हरेसिंह जो उक्‍त ग्राम के मूल निवासी हैं, जिन्‍हें भू-अर्जन अधिनियम 1894 की धारा 5 नियम (1) सहपठित धारा 4(1), धारा-12 एवं धारा 9(3) का नोटिस प्राप्‍त हुआ था ?(ख) यदि हां, तो प्रश्‍नांकित अ.ज.जा. वर्ग के पात्र लोगों को शासन की ओर से अभी तक मुआवज़ा राशि क्‍यों प्राप्‍त नहीं हुई और न ही इन्‍हें विस्‍थापित किया गया ?(ग) प्रश्‍नांकित प्रकरण में किन अधिकारियों ने भौतिक सत्‍यापन किस आधार पर किया तथा इन्‍हें शासन की सुविधाओं से क्‍यों वंचित किया गया है ? उक्‍त प्रकरण में दोषी व्‍यक्तियों पर कब तक कार्यवाही कर प्रभावितों को मुआवज़ा दिलाया जायेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। उल्‍लेखित 09 व्‍यक्तियों को  धारा 5 व 9 (3) के तहत नोटिस दिये गये थे तथा इनमें से 02 व्‍यक्तियों (1) कैलाश पिता मांगीलाल, (2) रामकरण पिता शोभाराम को धारा-12 के नोटिस दिये गये थे। (ख) उपरोक्‍त उल्‍लेखित 09 प्रभावित परिवारों में से श्री कैलाश पिता मांगीलाल को भूखंड का रूपये 8431 तथा मकान का रूपये 37602 कुल रूपये 46033 मुआवजा एवं श्री रामकरण पिता शोभाराम को भूखंड  का  रूपये  7510 तथा मकान का रूपये 27474 कुल रूपये 34984 मुआवजा का भुगतान किया गया है। शेष 07 (1) महेश पिता हरिसिंह (2) नर्मदा प्रसाद पिता हरेसिंह (3) मनोज पिता अर्जुन (4) पप्‍पू-हरिसिंह (5) तेरसिंह-देवीलाल (6) ससोता देवीलाल (7) गेंदाबाई हरेसिंह के मकान धारा 04 के पश्‍चात निर्मित होने तथा पात्रता नहीं होने से अवार्ड में शामिल नहीं किया गया, जिसके कारण मुआवजा भुगताना किया जाना संभव नहीं है। (ग) उपरोक्‍त ''ख'' के प्रकाश में कोई कार्यवाही की आवयकता नहीं है। 

जनसंपर्क निधि का आवंटन

13. ( *क्र. 126 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य की जनसंपर्क निधि वर्ष 2014-15 जिन कार्यों हेतु सतना जिला एवं नागौद-ऊँचेहरा की विभिन्‍न संस्‍थाओं के लिये दी गई थी उनको स्‍वीकृति अनुसार राशि का वितरण नहीं किया गया ? यदि हां ऐसी कौन सी संस्‍थाएं है जिनको राशि स्‍वीकृत करने के बाद राशि नहीं भेजी गई उन संस्‍थाओं के नाम, राशि सहित विवरण दें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) की संस्‍थाओं की जनसंपर्क निधि अभी तक जारी न करने के लिय कौन जिम्‍मेवार है, कौन दोषी है बताते हुए स्‍वीकृत राशि कब तक जारी कर दी जायेगी ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी एकत्रित की जा रही है । (ख) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।

अनुदान योजनांतर्गत अनु.जाति/जनजाति हेतु ट्रांसफार्मर

14. ( *क्र. 741 ) श्री राजेश सोनकर : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लिये शासन द्वारा अनुदान योजनांतर्गत पम्‍प ऊर्जीकरण हेतु ट्रांसफार्मर प्रदाय किये जाने की योजना है ? यदि हां, तो उक्‍त योजनांतर्गत किन-किन हितग्राहियों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जाता है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में योजनांतर्गत सांवेर विधानसभा अंतर्गत कितने हितग्राहियों को इस योजना का लाभ वर्ष 2013-14 में प्राप्‍त हुआ ? सांवेर विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीणों द्वारा वर्ष 2013-14 वर्ष 2014-15 में कितने आवेदन ग्रामीणों द्वारा प्रस्‍तुत किये गये ? (ग) प्राप्‍त आवेदनों में से कितने हितग्राहियों को आज दिनांक तक ट्रांसफार्मर प्रदान किये जा चुके हैं ? क्‍या इनमें से कई हितग्राहियों के आवेदन लंबित हैं ? यदि हां, तो हितग्राहियों द्वारा किस दिनांक को आवेदन किया गया था ? गांव, नाम व दिनांक सहित आवेदनकर्ताओं का विवरण प्रदान करें । (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में हितग्राहियों द्वारा दिये गये आवेदनों के लंबित होने का क्‍या कारण है ? एवं लंबित आवेदनों को कब तक निराकृत किया जायेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   जी हाँ, प्रदेश में कृषकों को 3 अश्‍वशक्ति अथवा उससे अधिक क्षमता के स्‍थाई विद्युत पम्‍प कनेक्‍शन प्रदाय करने हेतु अनुदान योजना लागू है, जिसके अन्‍तर्गत अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग सहित सभी श्रेणी के कृषकों को लाभान्वित किया जा रहा है। (ख) सांवेर विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2013-14 में अनुदान योजना के अन्‍तर्गत 78 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में उक्‍त योजना अन्‍तर्गत स्‍थाई पंप कनेक्‍शन हेतु वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2014-15 में क्रमश: 78 एवं 73 आवेदन प्राप्‍त हुए हैं। (ग) प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में, उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखानुसार वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में प्राप्‍त कुल 151 आवेदनों में से दिनांक 15.11.2015 तक की स्थिति में सभी 151 हितग्राहियों को कुल 138 वितरण ट्रांसफार्मर स्‍थापित कर कनेक्‍शन दिये जा चुके हैं। प्रश्‍नाधीन अवधि में प्राप्‍त कोई भी आवेदन लंबित नहीं है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) उत्‍तरांश ''ग'' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। 

म.प्र. स्‍थापना दिवस पर व्‍यय

15. ( *क्र. 357 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) 01 नवम्‍बर 2015 को मध्‍यप्रदेश के स्‍थापना दिवस के उपलक्ष्‍य में राजधानी भोपाल में आयोजित किये समारोह के लिए किस-किस कार्यक्रम/कार्य हेतु कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई एवं कितनी राशि भुगतान हेतु शेष है ? (ख) उक्‍त कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार एवं आमंत्रण कार्ड पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई आमंत्रण कार्ड कितनी संख्‍या में किस प्रेस से छापे गये थे ? (ग) उक्‍त कार्यक्रम हेतु ईवेन्‍ट मेनेजमेंट का कार्य किस कंपनी को किस नियम प्रक्रिया के अंतर्गत दिया गया था तथा इस कार्य पर कितनी राशि व्‍यय की गई ? कृपया कंपनी के संचालकों का नाम पता सहित जानकारी दें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी परिशिष्‍ट अनुसार है. (ख) मध्‍यप्रदेश माध्‍यम, भोपाल से कुल 10 हजार आमंत्रण-पत्र मुद्रित कराया गया है. भुगतान हेतु देयक अप्राप्‍त है. (ग) कार्यक्रम आयोजित करने के लिए इवेंट मैनेजमेंट कम्‍पनी से कार्य नहीं कराया गया हैं. कलाकारों से सीधे संपर्क स्‍थापित कर आमंत्रित किया गया हैं.
 

परिशिष्ट पांच

खनिज उत्‍खनन/परिवहन की प्राप्‍त शिकायतों पर कार्यवाही

16. ( *क्र. 406 ) श्री मधु भगत : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बालाघाट जिले में विभाग द्वारा किस-किस प्रकार की खदानें, खनि पट्टे खनन सर्वेक्षण, अनुमति, खनिज परिवहन की अनुमति, किसे-किसे , कब-कब, राज्‍य शासन से जिला स्‍तर से संचालनालय से दी गई है, जो कि प्रभावशील है ? (ख) उपरोक्‍त, अनुमति धारकों/ठकेदारों द्वारा कौन-कौन से खनिज हेतु शासन को कितनी राशि, 3 वर्षो से विभिन्‍न मदों, रायल्‍टी, जुर्माना, शुल्‍क इत्‍यादि में दी ? खनिज रायल्‍टी के रूप में कितनी राशि प्राप्‍त हुई ? (ग) पिछले 3 वर्षों में अवैध खनन, परिवहन, नियम विरूद्ध अनुमति इत्‍यादि के संबंध में शासन स्‍तर, संचालनालय स्‍तर, जिला स्‍तर पर किस-किस के विरूद्ध कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई, उन पर क्‍या कार्यवाही की गई ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   प्रश्‍नाधीन जिले में प्रश्‍नानुसार वांछित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ में दर्शित है। (ख)   पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ में दर्शित अनुमति धारकों/ठेकेदारों द्वारा संबंधित खनिज की रायल्‍टी की राशि जमा की गई है। किसी भी खनि रियायतधारी द्वारा जुर्माने की राशि देय न होने के कारण जमा नहीं की गई है। नियमानुसार खनिपट्टा, पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति, उत्‍खनिपट्टा के आवेदन शुल्‍क जमा कराए जाते हैं। घोष विक्रय खदान एवं उत्‍खनन अनुज्ञा पत्र में आवेदन शुल्‍क जमा कराए जाने के प्रावधान खनिज नियमों में नहीं हैं। प्राप्‍त रायल्‍टी राशि का विवरण परिशिष्‍ट-अ की सारणी में दर्शित है। (ग)   प्रश्‍नाधीन अवधि में अवैध खनन, परिवहन एवं नियम विरूद्ध अनुमति के संबंध में प्राप्‍त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब में दर्शित है।   

बड़े तालाब में मिल रहे नालों का ट्रीटमेंट

17. ( *क्र. 195 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या राजधानी भोपाल के लाइफलाइन कहे जाने वाले बड़े तालाब में प्रश्‍न दिनांक तक सैकड़ों नालों के जरिए घरों, कारखानों से निकला सीवेज सीधे मिल रहा है ? यदि हां तो क्‍यों ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत कितने नालों और बस्तियों का सीवेज बिना ट्रीटमेंट के तालाब में मिल रहा है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत कितनी राशि के कौन-कौन से प्रोजेक्‍ट के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट कब-कब लगाए गए ? क्‍या ये प्‍लांट पूरी क्षमता से कार्य कर रहे हैं ? यदि नहीं तो क्‍यों ? कारण दें ? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) व (ग) के तहत गंदे नालों का पानी सीधे तालाब में न मिले इस हेतु प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या उपाए किए जा रहे हैं ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। तालाब के किनारे समय-समय पर होने वाली बसाहटों के कारण बड़े ताबाल में कई स्‍थानों पर नालों के जरिये घरों से निकला सीवेज सीधे मिल रहा है। (ख) बड़े तालाब में नेहरू नगर नाला, नया बसेरा, शिरीर नाला, खानूगांव, हलालपुरा गांव, राहुल नगर, संजय नगर, राजेन्‍द्र नगर एवं बैरागढ़ नालों के माध्‍यम से घरों का सीवेज मिलता है। (ग) वर्ष 2004 में भोजवेटलेंड परियोजना के अंतर्गत चार सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट राशि रूपये 1390.08 लाख के निर्मित किये गये है। जी नहीं, इन प्‍लांटों के रूपांकन क्षमता दिसम्‍बर 2016 के लिए होने के कारण वर्तमान में तीन सीवेज ट्रीटमेंट प्‍लांट पूर्ण क्षमता से कार्य नहीं कर रहें हैं। (घ) गंदे नालों का पानी सीधे तालाब में मिलने से रोकने हेतु कंसल्‍टेंट के माध्‍यम से बड़े तालाब सहित 10 अन्‍य तालाबों की डी.पी.आर. तैयार की गयी है। जिसमें डायवर्सन स्‍ट्रक्‍चर, सीवेज पम्‍प हाउस, सीवर लाईन एवं पुराने सीवेज पम्‍पों का सुदृढ़ीकरण कार्य शामिल है।

म.प्र. की लोक कलाओं, बुन्‍देलखण्‍ड की संस्‍कृति एवं परम्‍पराओं के संरक्षण प्रोत्‍साहन विषयक

18. ( *क्र. 761 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) तारांकित प्रश्‍न संख्‍या-10 (क्र. 4170) दिनांक 15 मार्च, 2013 के (ख) के उत्‍तरांश में बताया गया था कि लोक कलाओं एवं बुन्‍देलखण्‍ड की परम्‍पराओं, संस्‍कृति को संरक्षित एवं प्रोत्‍साहन हेतु शासन द्वारा सागर संभागीय मुख्‍यालय पर संस्‍कृति केन्‍द्र / संस्‍थान स्‍थापित करने हेतु प्रस्‍ताव प्रक्रियाधीन है ? अब तक उक्‍त प्रस्‍ताव पर क्‍या प्रगति हुई है ?(ख) उक्‍त प्रश्‍न (क) के परिप्रेक्ष्‍य में संस्‍कृति केन्‍द्र / संस्‍थान का प्रस्‍ताव कितनी लागत का है तथा कब तक पूर्ण किया जाना प्रस्‍तावित है ? उक्‍त कार्य पूर्ण करने की समय सीमा क्‍या है ?(ग) क्‍या योजना स्‍वीकृत हो गई है ? यदि स्‍वीकृत हुई है तो इसका स्‍वरूप क्‍या है ? यदि नहीं हुई तो क्‍या कारण है ? इस संबंध में शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है ?(घ) क्‍या प्रदेश की लोक कलाओं बुन्‍देलखण्‍ड की संस्‍कृति, परम्‍पराओं के संरक्षण एवं प्रोत्‍साहन के लिये बुन्‍देलखण्‍ड महोत्‍सव प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता था ? इस वर्ष का महोत्‍सव कहां तथा कितनी राशि से किया जाना प्रस्‍तावित है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) भारत सरकार से अभी सैद्धान्तिक स्‍वीकृति प्राप्‍त नहीं हुई है. स्‍वीकृति प्राप्‍त होने के पश्‍चात ही निर्माण संबंधी कार्यवाही की जावेगी. (ख) प्रश्‍नांश ‘क’ के परिप्रेक्ष्‍य में सांस्‍कृतिक संकुल की निर्माण लागत रूपये 803.00 लाख की है. भारत सरकार से स्‍वीकृति प्राप्‍त होने पर ही निर्माण संबंधी कार्यवाही की जावेगी इस कारण समय सीमा बताया जाना संभव नहीं. (ग) जी नहीं. स्‍वीकृति हेतु प्रस्‍ताव भारत सरकार को भेजे गये है. (घ) जी नहीं.

जनसंपर्क विभाग की विज्ञापन नीति

19. ( *क्र. 283 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मध्‍यप्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा वेबसाईट, वेबपोर्टल, इलेक्‍ट्रानिक मीडिया चैनल, समाचार पत्र/पत्रिकाओं को विज्ञापन दिये जाने के संबंध में क्‍या विज्ञापन नीति का निर्धारण किया गया है ? उक्‍त विज्ञापन नीति एवं इस संबंध में जारी आदेशों की छाया प्रति उपलब्‍ध करावें ?(ख) दिनांक 01.01.2012 से प्रश्‍न दिनांक तक म.प्र. जनसंपर्क विभाग द्वारा किन वेबसाईट, वेबपोर्टल, इलेक्‍ट्रानिक मीडिया संचालकों को कितनी-कितनी राशि के विज्ञापन जारी किये गये हैं, उक्‍त वेबसाईट, वेबपोर्टल, इलेक्‍ट्रानिक मीडिया का नाम, संचालकों के नाम, पते एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा इन्‍हें उपलब्‍ध कराई गई राशि की जानकारी उपलब्‍ध करावें ?(ग) जनसंपर्क विभाग की क्षेत्र प्रचार शाखा द्वारा दिनांक 01.01.2012 से प्रश्‍न दिनांक के बीच की अवधि में विभिन्‍न संस्‍थाओं को प्रचार, प्रसार के लिये काम दिया गया है, उक्‍त संस्‍था का नाम, उसके संचालकगणों के नाम, पता एवं संस्‍था को उपलब्‍ध कराई गई राशि का विवरण, राशि उपलब्‍ध कराने का कारण एवं उक्‍त संस्‍था को कार्य आदेश जारी करने हेतु बुलाई गई निविदा के तुलनात्‍मक पत्रक की छाया प्रति उपलब्‍ध करावें ?(घ) क्‍या जनसंपर्क विभाग में नियम विरूद्ध तरीके से जारी किये जा रहे विज्ञापन आदेशों पर रोक लगायेंगे एवं वेबसाईट, वेबपोर्टल, इलेक्‍ट्रानिक मीडिया एवं समाचार पत्र/पत्रिकाओं को उक्‍त अवधि में जारी किये गये विज्ञापन आदेशों की जांच कराने हेतु एक उच्‍च स्‍तरीय कमेटी का गठन करेंगे ? यदि हां, तो कब तक ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)    जी हां। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' अनुसार है । (ख)  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  'ब' अनुसार है । (ग)   जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र  "स' अनुसार है । शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु । पैनलबद्वता की निविदा के तुलनात्मक पत्रक की छायाप्रति संलग्न हैं। (घ)   नियमानुसार विज्ञापन जारी किये गयेहै । शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।

निर्माण कार्य की समयावधि

20. ( *क्र. 313 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला अनूपपुर के अंतर्गत जल संसाधन उप संभाग राजेन्‍द्र ग्राम के जोहिला बैराज करोदी का निर्माण कार्य कब कराया गया ? कार्य की प्रशासकीय स्‍वीकृति राशि कितनी थी व निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जाना था ? क्‍या निर्माण कार्य हो चुका है ? यदि नहीं, तो क्‍यों ? निर्माण कार्य कब तक हो जायेगा ? विलंब के लिये कौन उत्‍तरदायी है ? विलंब से बैराज बनने से कितनी लागत बढ़ गई है ? सीसी जारी करने का दिनांक बतायें । (ख) बैराज निर्माण से स्‍टाप डेम से कितने हेक्‍टेयर भूमि सिंचित की जा रही है ?(ग) कितने किलोमीटर की पक्‍की एवं कच्‍ची नहर निर्माण कराई गई है और कितने किलोमीटर नहर का आगे निर्माण कराये जाना प्रस्‍तावित है ? कब तक कार्य प्रारंभ होकर कब पूर्ण होगा ? यदि प्रस्‍तावित नहीं है, तेा इस संबंध में निर्माण हेतु कब तक शासन द्वारा नहर निर्माण की स्‍वीकृति दी जाकर कार्य प्रारंभ करा दिया जायेगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नाधीन बैराज का निर्माण जून-2009 में पूर्ण किया जाना प्रतिवेदित है । परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति कलेक्‍टर अनूपपुर द्वारा रू.149.98 लाख की दिनांक 08.08.2007 को प्रदाय की गई थी । निर्माण कार्य जून-2009 में पूर्ण होकर पूर्णता प्रमाण-पत्र दिनांक 10.06.2009 को जारी किया जाना प्रतिवेदित है । लागत में वृद्धि होना प्रतिवेदित नहीं है । जिला कलेक्‍टर द्वारा स्‍वीकृत कार्यो की स्‍वीकृति की शर्तो के पालन तथा निर्माण संबधी समीक्षा विभाग द्वारा नहीं की जाती है । किसी अधिकारी का दोषी होना प्रतिवेदित नहीं है । (ख) एवं (ग) निरंक । प्रश्‍नाधीन परियोजना का संचालन एवं संधारण जनपद पंचायत, पुष्‍पराजगढ़ के अधीन है । अत: जल संसाधन विभाग द्वारा परियोजना से सिंचाई हेतु जल देना अथवा परियोजना की नहर निर्माण कराने की स्थिति नहीं है ।

महिदपुर नगर पालिका का नवीन बस स्‍टैंड निर्माण

21. ( *क्र. 261 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिंहस्‍थ मद (2016) से स्‍वीकृत नगर पालिका क्षेत्र महिदपुर में नवीन सर्वसुविधायुक्‍त बस स्‍टैंड कार्य की लागत कितनी है ? (ख) क्‍या इसके लिए ठेकेदार को दिनांक 11-05-2015 को वर्कआर्डर जारी किया गया है ? यदि हां, तो दिनांक 10-11-2015 तक कितना कार्य पूर्ण हुआ ? अद्यतन स्थिति बतावे ? (ग) क्‍या 28-02-16 तक उपरोक्‍त कार्य पूर्ण करवा लिया जायेगा ? (घ) यदि नहीं तो विलंब के लिए उत्‍तरदायी अधिकारियों पर शासन कब तक क्‍या कार्यवाही करेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बस स्‍टैण्‍ड कार्य की लागत राशि रूपये 428.23 लाख है, जिसमें से सिंहस्‍थ-2016 मद से राशि रूपये 100.00 लाख स्‍वीकृत है। (ख) जी हां। दिनांक 10-11-2015 तक स्‍थल पर सामग्री एकत्र की जा रही है। (ग) जी नहीं। (घ) जमीन विवाद होने के कारण सीमांकन में समय लगा है। कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है, अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

निर्माण कार्यों को कार्ययोजना में शामिल किया जाना

22. ( *क्र. 178 ) श्री संजय पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या जिला पंचायत कटनी में वार्षिक विकेन्‍द्रीकरण कार्ययोजना में क्षेत्रीय विधायकों द्वारा निर्माण कार्य हेतु दिये गये पत्रों को कार्ययोजना में शामिल किया गया है ? यदि नहीं किया गया तो क्‍यों ?(ख) कार्ययोजना में लिये गये विधायकों के द्वारा प्रस्‍तावित कितने निर्माण कार्य अभी तक कार्य हेतु पंचायतों को सौंपे गये ? पंचायतवार, वर्षवार, वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 की जानकारी दें ?(ग) यदि नहीं सौंपे गये तो दोषी कर्मचारी एवं अधिकारी का नाम बतायें ? इनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हॉ । (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'अ' अनुसार है। (ग) प्रश्‍न ही उपस्थित नही होता।

सांसदों/विधायकों के पत्रों पर कार्यवाही

23. ( *क्र. 153 ) श्री आरिफ अकील : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 19-76/2007/1-4 भोपाल दिनांक 17 अगस्‍त 2009 के बिन्‍दु क्रमांक 2 में स्‍पष्‍ट उल्‍लेख किया था कि माननीय सांसद एवं विधायकों से प्राप्‍त पत्र का उत्‍तर अधिकतम एक माह की अवधि में अनिवार्यत: भेजे जाने के संबंध में निर्देश जारी किए है ? (ख) यदि हां तो क्‍या यह सही है कि प्रश्‍नकर्ता ने माह अक्‍टूबर 2015 को भ्रष्‍ट प्रवृत्ति के अधिकारी को कार्यमुक्‍त एवं अन्‍यत्र स्‍थानांतरित करने के संबंध में प्रदेश के प्रमुख सचिव, महापौर एवं आयुक्‍त नगर पालिक निगम भोपाल को पत्र लिखा था ? (ग) यदि हां तो प्रश्‍नांकित अधिकारी के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में क्‍या कार्यवाही की गई और प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍नकर्ता को अवगत कराया गया ? (घ) यदि नहीं तो कब तक कार्यवाही की जावेगी और समय सीमा में कार्यवाही नहीं करने के लिए कौन-कौन दोषी है उनके विरूद्ध शासन द्वारा क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। (ख) जी हां। (ग) नगर निगम, भोपाल व्‍दारा पत्र में प्रस्‍तुत शिकायतों की जांच की जा रही है। जांच उपरांत कार्यवाही से अवगत कराया जायेगा। (घ) नगर निगम, भोपाल व्‍दारा पत्र में प्रस्‍तुत शिकायतों की जांच की जा रही है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।  

कसरावद विधानसभा क्षेत्र में पीने के पानी एवं सिंचाई की व्‍यवस्‍था

24. ( *क्र. 965 ) श्री सचिन यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन ग्रामों में पीने के पानी एवं सिंचाई की व्‍यवस्‍था हेतु प्रेषित कितने-कितने पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए और उन पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में प्राप्‍त पत्रों पर कार्यवाही पूर्ण नहीं किये जाने के क्‍या कारण हैं ? नर्मदा घाटी विभाग के कार्य क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये जा सकते थे और नहीं किये गये ? इनमें कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं ?(ग) प्रश्‍नांशों के संदर्भ में कार्यवाही कब तक पूर्ण कर ली जायेगी तथा पत्र में दर्शित ग्रामों को पीने के पानी व सिंचाई के लिए पानी कब तक उपलब्‍ध कराया जायेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांक (क) में प्राप्‍त पत्रों पर समय-सीमा में कार्यवाही की गई है शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।  (ग) नर्मदा घाटी विकास विभाग अंतर्गत इंदिरा सागर परियोजना की नहरों  से सिंचाई हेतु पानी दिया जा रहा है। पीने हेतु अपरिष्‍कृत पानी खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना पूर्ण होने पर ग्राम पंचायत द्वारा पानी लिफ्ट करने की स्थिति में कसरावद विधानसभा क्षेत्र के 13 ग्रामों के लिए उपलब्‍ध कराया जा सकता है, तथापि इसका शुद्धिकरण  एवं लिफ्टिंग  पंचायत को स्‍वयं करना होगा। 
परिशिष्ट छ:

पेंशनरों को चिकित्‍सा भत्‍ता का लाभ

25. ( *क्र. 702 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या म.प्र. शासन के पेंशनरों/परिवार पेंशनरों को चिकित्‍सा भत्‍ता दिये जाने का प्रावधान है ? यदि है तो उसका लाभ पेंशनर किस प्रकार ले सकता है ? (ख) वर्तमान में पेंशनरों को चिकित्‍सा भत्‍ता हेतु किस कार्यालय में क्‍या दस्‍तावेज जमा करने होते है ? (ग) इनको चिकित्‍सा सुविधा के रूप में क्‍या-क्‍या लाभ दिया जा रहा है ? इन गतिविधि की जानकारी नहीं होने के कारण कई पेंशनर इन सुविधाओं से वंचित रह जाते है ? इसके लिए शासन क्‍या उचित कार्यवाही करेगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी नही। शेष का प्रश्‍न उपस्थित नही होता। (ख) प्रश्‍नांश ''क'' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नही होता। (ग) वित्‍त विभाग की अधिसूचना कमांक 291/97/पीडब्‍ल्‍यूसी/चार दिनांक 7 जुलाई 1997 के अनुसार मध्‍यप्रदेश पेंशन कल्‍याण निधि के अंतर्गत आवेदन करने पर चिकित्‍सा सुविधा हेतु भी वित्‍तीय सहायता प्रदान की जाती हैा इस अधिसूचना की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र अ/ब के अनुसार है। पृथक से कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नही होता।





नियम 46(2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्नोत्तर


प्रतिनियुक्तियों की समय-सीमा के संबंध में कार्यवाही बाबत्

1. ( क्र. 9 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधान सभा प्रश्‍न संख्‍या 26 (क्र.908) दिनांक 28 जुलाई 2015 के उत्‍तर में जानकारी एकत्रित की जा रही है ? शासन प्रावधानों के अनुसार हटाने की कार्यवाही अब तक क्‍यों नहीं की गई ?(ख) क्‍या छतरपुर जिले के जनपद पंचायत राजनगर में सहायक यंत्री रोजगार गारंटी लगातार कई वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है ?(ग) यदि हां, तो हटाने की कार्यवाही में विलंब के लिए कौन दोषी है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क), (ख) एवं (ग) विधान सभा प्रश्‍न संख्‍या 26 (क्रमांक 908) का पूर्ण उत्‍तर दिनांक 19.11.2015 को भेजा जा चुका है। शेष जानकारी संकलित की जा रही है।

प्रकरणों में प्रत्‍येक विभाग में जांच या कार्य होने के मामले

2. ( क्र. 27 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधान सभा तारांकित प्रश्‍न क्र. 204 दिनांक 9.12.2014 के संदर्भ में दिये उत्‍तर के आधार पर बताऐं कि 1 अक्‍टूबर, 2013 से 1 नवम्‍बर, 2014 तक लिखे पत्रों पर जहां अनियमितताएं नहीं पाई गई व शिकायत प्रमाणित नहीं पाई गई या असत्‍य पाई गई उनके अलावा के प्रकरणों में प्रत्‍येक विभाग में जांच या कार्य होने के मामले में प्रत्‍येक विभाग में क्‍या प्रगति है ? (ख) 1 नवम्‍बर, 2014 से 10 नवम्‍बर, 2015 तक जिलाधीश अशोक नगर, जिलाधीश-गुना उप पंजीयक सहकारिता गुना, जिला पुलिस अधीक्षक अशोक नगर, संभागीय अभियंता, कार्यकारी अभियंता व एस.डी.ओ., म.प्र. विद्युत मंडल व कंपनी मुंगावली चंदेरी, एस.डी.ओ. राजस्‍व मुंगावली व चंदेरी, मुख्‍य कार्यपालिका अधिकारी जिला जनपद पंचायत अशोकनगर तथा जनपद पंचायत मुंगावली चंदेरी तथा लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी अधिकारी मुंगावली व अशोक नगर कार्यपालन यंत्री व एस.डी.ओ. सिंचाई, जिला खाद्य अधिकारी व लोक निर्माण विभाग व ग्रामीण यांत्रिकी विभाग मुंगावली व अशोक नगर व जिला योजना अधिकारी अशोक नगर को किस-किस तिथि को किस-किस समस्‍या के बारे में क्‍या-क्‍या पत्र लिखा व उस पर क्‍या कार्यवाही की गई ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट 'अ' अनुसार (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट 'ब' अनुसार ।
परिशिष्ट सात

रासायनिक वेस्‍ट मटेरियल का निबटान

3. ( क्र. 59 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) आरसिल केटेलिस्‍ट प्रायवेट लिमिटेड नागदा द्वारा क्‍या-क्‍या उत्‍पादन किया जाता है ? इसमें किन-किन रसायन पदार्थों, गैसों का उपयोग किया जाता है तथा क्‍या-क्‍या वेस्‍ट मटेरियल निकलता है ? नाम सहित संपूर्ण विवरण दें ? (ख) उद्योग के उत्‍पादन में निकलने वाले रासायनिक वेस्‍ट मटेरियल का निपटान किस प्रकार किया जाता है ? निपटान कार्यवाही का संपूर्ण विवरण दें ? (ग) क्‍या केमिकल का वेस्‍ट मटेरियल का जो परिवहन होता है वह प्रशिक्षित ड्रायवरों के द्वारा नहीं किया जाता है यदि नहीं तो क्‍यों ? यदि हां तो प्रशिक्षित कार्यरत ड्रायवरों की सूची तथा जिस ट्रांसपोर्टर को दिया गया है उनके कार्य करने का प्रमाण पत्र सहित निपटान हेतु अधिकृत उद्योगों के नाम सहित संपूर्ण विवरण दें ? (घ) क्‍या आरसील उद्योगों में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्‍वनि प्रदूषण की रोकथाम के पर्याप्‍त संसाधन उपलब्‍ध नहीं है यदि हां तो प्रदूषण विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है ? (ड.) क्‍या उद्योगो द्वारा रासायनिक वेस्‍ट मटेरियल निपटान हेतु उज्‍जैन जिले में नदी, नाले, जंगल तथा गढ्ढों में फेंक दिया जाता है या फिर क्षेत्र में ही गढ्ढों में डालकर बंद कर दिया जाता है ? यदि हां तो प्रदूषण विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) इकाई द्वारा उत्पादित,उपयोग एवं उत्पन्न वेस्ट मटेरियल का विवरण निम्नानुसार हैः-(1) उत्पादन-एल्यूमिनियम क्लोराईड,सोडियम हाइपोक्लोराईड एवं हाइड्रोक्लोरिक एसिड ।(2) उपयोग-एल्यूमिनियम इनगाॅट्स व क्लोरिन गैस ।(3) उत्पन्न वेस्ट मटेरियल- स्पेंट आॅयल ।(ख) उद्योग से रासायनिक वेस्ट मटेरियल ‘‘स्पेंट आॅयल‘‘ उत्पन्न होता है,जिसे मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से पंजीकृत/अधिकृत रिसाईक्लर श्री नाकोड़ा इंडस्ट्रीज,प्लाट क्रमांक-93,सेक्टर-1,औद्योगिक क्षेत्र,पीथमपुर जिला धार को निपटान हेतु उपलब्ध कराया जाता है । उद्योग द्वारा स्वयं निपटान की कार्यवाही नहीं की जाती है ।(ग) जी नही । मेसर्स आरसिल केटेलिस्ट प्रा0लि0 नागदा से उत्पन्न रासायनिक वेस्ट मटेरियल ‘‘स्पेंट आॅयल‘‘ का परिवहन मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में पंजीकृत रिसाईक्लर श्री नाकोड़ा इंडस्ट्रीज,प्लाट क्रमांक-93,सेक्टर-1,औद्योगिक क्षेत्र,पीथमपुर द्वारा स्वयं के वाहन क्रमांक एमपी-09-जी.ई.-9207 द्वारा किया जाता है । प्रशिक्षित वाहन चालक का नाम श्री राजकुमार जिराती है ।(घ) जी नहीं । अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।(ड़) खतरनाक वेस्ट मटेरियल को नदी,नाले जंगल तथा गड्ढों में फैकने की जानकारी संज्ञान में नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
 

रायल्‍टी वसूली में अनियमितता

4. ( क्र. 79 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा प्रश्‍नोत्‍तरी दिनांक 21.07.2015 में मुद्रित प्रश्‍न क्रमांक 33 के प्रश्‍नांश (ख) में बताया गया था कि माननीय उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर के द्वारा याचिका क्रमांक डब्‍ल्‍यू.पी. 6909/2002 एवं अन्‍य याचिकाओं के संबंध में पारित आदेश दिनांक 08.07.2014 में प्रदेश के समस्‍त सीमेंट प्‍लांट संयत्रों का नये सिरे से कर का निर्धारण कर बकाया रायल्‍टी राशि की गणना किये जाने हेतु आदेशित किया गया है तथा कर निर्धारण की कार्यवाही वर्तमान में प्रचलन में है ? तो क्‍या मेसर्स ए.सी.सी. लिमिटेड कैमोर का कर निर्धारण दिया गया या नहीं ? यदि नहीं तो क्‍या प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यवाही की गई ? यदि निर्धारण हो गया हो, तो कितनी राशि बकाया निकाली जाकर जमा कराई गई ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के मूल प्रश्‍न के प्रश्‍नांश (ग) में दिये गये उत्‍तर अनुसार प्रश्‍नकर्ता के पत्र दिनांक 11.04.2015 के परिप्रेक्ष्‍य में दिनांक 02.05.2015 को जांच दल गठित कर एक माह के अंदर जांच प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करने के निर्देश दिये गये थे ? तो क्‍या निर्धारित समय-सीमा में जांच पूर्ण कर ली गई हो, तो जांच प्रतिवेदन की प्रति उपलब्‍ध करावें ? जांच प्रतिवेदन अनुसार कौन-कौन दोषी पाये गये है ? और विभाग द्वारा उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है ? पृथक-पृथक विवरण दें ?(ग) प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा खनिज अधिकारी कटनी को पत्र क्रमांक 488 दिनांक 11.04.2015 एवं स्‍मरण पत्र क्रमांक 1141 दिनांक 16.06.2015 से जानकारी चाही गई थी, जो आज दिनांक तक अप्राप्‍त है ? उक्‍त जानकारी दें ? और उक्‍त जानकारी लंबी अवधि तक न देने के लिये कौन दोषी है ? (घ) फर्म स्‍वेल माइंस पर बकाया रायल्‍टी वसूली में की गई अनियमितताओं को लेकर 01 जनवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक और किस-किस व्‍यक्ति द्वारा कब-कब शिकायतें की है ? क्‍या उनको समक्ष में सुना जाकर जांच की गई या नहीं ? यदि नहीं तो कब तक की जावेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   जी हां। मेसर्स ए.सी.सी.लिमिटेड कैमोर का वर्ष 1992 से 2014 तक 1:1.6 परिवर्तन सूत्र के आधार पर कर निर्धारण की कार्यवाही प्रचलन में है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख)   जी हां। जांच दल द्वारा जांच प्रतिवेदन एक माह के अंदर प्रस्‍तुत न कर प्रतिवेदन दिनांक 31;10;2015 को प्रस्‍तुत किया गया है। जांच प्रतिवेदन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। जांच प्रतिवेदन में कोई दोषी नहीं पाया गया हैा अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग)   प्रश्‍न में चाही गई जानकारी उप संचालक (खनिज प्रशासन) जिला कटनी द्वारा माननीय प्रश्‍नकर्ता को पत्र क्रमांक 3775 दिनांक 09.09.2015 के द्वारा प्रेषित की गई है जो कि पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। जानकारी संकलित किए जाने में समय लगा है। अत: किसी के दोषी होने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।
(घ)   प्रश्‍नांश से संबंधित कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कार्यालय में सौर ऊर्जा

5. ( क्र. 92 ) श्री ओमकार सिंह मरकाम : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) डिण्‍डौरी जिले में सौर ऊर्जा किस-किस कार्यालय में कब-कब लगाया गया ? (ख) प्रश्‍नांक (क) अनुसार सौर ऊर्जा की क्षमता, सौर ऊर्जा की राशि (मूल्‍य) बतावें ? (ग) प्रश्‍नांक (क) क्‍या सभी जगह के सौर ऊर्जा संचालित हैं । अगर हां तो बतावें कहां-कहां के संचालित हैं और अगर नहीं तो बतावें कहां-कहां के संचालित नहीं हैं ? संचालित नहीं रहने के कारण बतावें ? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार विगत एक वर्ष में किस-किस जगह से खराबी की शिकायत मिली स्‍थानवार जानकारी देवें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) डिंडोरी जिले के उप जेल डिंडोरी, सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र बजाग, एकलव्‍य आदर्श विद्यालय, डिंडोरी एवं 05 पुलिस थानों में सौर फोटोवोल्‍टेइक पॉवर प्‍लांटों की स्‍थापना की गई है। स्‍थापना दिनांक की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश-(क) में दर्शित स्‍थलों पर स्‍थापित संयंत्रों की क्षमता एवं मूल्‍य की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश-(क) में दर्शित स्‍थलों पर स्‍थापित संयंत्रों के संचालन की स्थिति की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (घ) उत्‍तरांश-(क) में दर्शित स्‍थलों में से पुलिस स्‍टेशन शाहपुर से अकार्यशीलता की शिकायत प्राप्‍त हुई है। कार्यशील/अकार्यशील संयंत्रों की शिकायत की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।
परिशिष्ट आठ

राजीव सागर बांध की नहर मक‍सूदनगढ़ क्षेत्र के निर्माण की जांच एवं कार्यवाही

6. ( क्र. 94 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गुना जिले के मक्‍सूदनगढ़ क्षेत्र चाचौड़ा में राजीव सागर बांध एवं नहर का निर्माण कार्य किस दिनांक को पूर्ण हुआ एवं कितनी राशि खर्च हुई ? (ख) क्‍या उक्‍त बांध एवं नहर का निरीक्षण वर्ष 2015 में क्षेत्रीय सांसद एवं क्षेत्रीय विधायक द्वारा किया गया था ? क्‍या क्षेत्रीय विधायक द्वारा राजीव गांधी सागर बांध एवं नहर निर्माण में हुई अनियमितता की शिकायत हुई थी ? यदि हां तो क्‍या कार्यवाही की गई ? (ग) क्‍या शासन राजीव गांधी सागर बांध नहर के घटिया एवं गुणवत्‍ताहीन निर्माण की जांच तकनीकी संयुक्‍त दल गठित कर करायेगा या नहीं ? (घ) क्षेत्रीय विधायक की शिकायत पर राजीव सागर बांध एवं नहर मक्‍सूदनगढ़ विधानसभा क्षेत्र चांचौड़ा जिला गुना के घटिया निर्माण की जांच एवं दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही तथा निर्माण एजेन्‍सी के विरूद्ध कब तक कार्यवाही की गई जांच एवं कार्यवाही की जानकारी प्रश्‍नकर्ता को कब तक उपलब्‍ध करायेंगे ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) मार्च 2000 में । राशि रू.2,389.85 लाख । (ख) से (घ) मा. सांसद एवं विधायक महोदय के निरीक्षण की जानकारी विभाग द्वारा संधारित नहीं की जाती है । अभिलेखों के मुताबिक शासन को कोई शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है । परियोजना की नहरों के सुदृढ़ीकरण के प्रगतिरत कार्य की गुणवत्‍ता का परीक्षण विभागीय गुण नियंत्रण इकाई द्वारा किए जाने की व्‍यवस्‍था है । मुख्‍य तकनीकी परीक्षक ने दिनांक 18.01.2015 को निरीक्षण किया है । अत: तकनीकी संयुक्‍त दल गठित कर जांच की आवश्‍यकता नहीं है । शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होते है ।

उच्‍च स्‍तरीय पुलिया निर्माण

7. ( क्र. 109 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्‍नकर्ता के परि. अता. प्रश्‍न संख्‍या-21 (क्रमांक 323) दिनांक 20 जुलाई 2015 के उत्‍तर की कंडिका (क) में बताया गया था कि ग्राम पगारीबंगला से खानपुरा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क पर स्थित ग्राम मोई के समीप स्थित पुलिया की ऊँचाई बढ़ाने संबंधी कार्यवाही जलसंसाधन विभाग द्वारा की जाना है, जलसंसाधन विभाग द्वारा संबंधित कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिये गये है ? क्‍या वर्षा ऋतु के पूरे चार माह उक्‍त पुलिया की ऊँचाई न बढ़ने से उक्‍त मार्ग अवरूद्ध होकर दर्जनों ग्रामों को कठिनाई हो रही है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में संबंधित कार्यपालन यंत्री को दिये गये निर्देश की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये बतावें कि क्‍या उक्‍त पुलिया की ऊँचाई बढ़ा दी गई है ? यदि नहीं तो क्‍यों ? (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन उक्‍त मार्ग पर बारहमासी आवागमन सुलभ कराने हेतु उक्‍त पुलिया की ऊँचाई बढ़ाऐगा ? यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्‍यों ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है ।

स्‍टाप डेम के निर्माण में अनियमितता

8. ( क्र. 127 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्‍नोत्‍तरी दिनांक 23 जुलाई 2015 में मुद्रित तारांकित प्रश्‍न क्र. 171 के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त स्‍टॉप डेम निर्माण में अब तक 58.08 लाख का औचित्‍यहीन निर्माण कराये जाने के लिये निर्माण कराने वाले उत्‍तरदायी अधिकारी से वसूली की जावेगी ? (ख) पूर्व में प्रकरण की जांच कार्यपालन यंत्री से कराई गई थी उस जांच प्रतिवेदन विवरण उपलब्‍ध कराऍ तथा कार्यपालन यंत्री के जांच प्रतिवेदन के अनुसार कौन दोषी पाया गया ? अधीक्षण यंत्री से जांच कराने की क्‍यों आ‍वश्‍यकता पड़ी वह भी बताते हुए अधीक्षण यंत्री के द्वारा जांच पूर्ण कर ली गई हो तो जांच प्रतिवेदन का विवरण दें ? यदि नहीं पूर्ण की गई तो कब तक पूर्ण कर ली जायेगी ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्‍न 171 के दिये गये उत्‍तर अनुसार जांच की जा चुकी है। संबंधितो के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी। (ख) कार्यपालन यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास, रीवा संभाग से कराई जांच का प्रतिवेदन पु‍स्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘’अ’’ अनुसार है। कार्यपालन यंत्री की जांच में विशिष्‍ट रूप से किसी को भी दोषी के रूप में इंगित नहीं किया गया। कार्यपालन यंत्री के प्रतिवेदन में प्रशासकीय स्‍वीकृति से संबंधित जानकारी के अभाव में अधीक्षण यंत्री, नगरीय प्रशासन एवं विकास की अध्‍यक्षता में गठित त्रिसदस्‍यीय समिति व्‍दारा पुन: जांच कराई गई, जो पूर्ण हो गई है। जांच प्रतिवेदन दिनांक 23-11-2015 पु‍स्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘’ब’’ अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता।

शराब की अवैध बिक्री

9. ( क्र. 128 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नागौद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किन-किन ग्रामों में देशी-विदेशी शराब की दुकानें स्‍थापित की गई हैं उनके ठेकेदारों के नाम, दुकान का पता सहित विवरण दें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) की दुकानों के अतिरिक्‍त जिन गांवों में शराब की दुकानें नहीं हैं उन ग्रामों में अवैध रूप से इन्‍ही दुकानों के ठेकेदारों द्वारा अवैध शराब का विक्रय पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से कराया जा रहा है ?(ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम के लिये आबकारी विभाग और पुलिस विभाग का‍ विशेष उड़नदस्‍ता गठित कर रोकथाम कराई जायेगी ? (घ) शराब की अवैध बिक्री रोकने के क्‍या-क्‍या उपाय किये गये हैं ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सतना जिले की नागैद विधान सभा क्षेत्र में 06 देशी एवं 04 विदेशी इस प्रकार कुल 10 मदिरा दुकानें संचालित है। दुकानों का पता तथा लायसेंसी के नाम संबंधी जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक अनुसार है। (ख) यह कहना सही नहीं है कि जिन गांव में शराब की दुकाने नहीं हैं उनमें मदिरा दुकानों के अनुज्ञप्तिधारियों द्वारा पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध शराब का विक्रय कराया जा रहा है। बल्कि किसी भी स्‍थान पर अवैध शराब की जानकारी/सूचना प्राप्‍त होने पर तत्‍परता से कार्यवाही की जाकर, पुलिस विभाग एवं आबकारी विभाग द्वारा मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम, 1915 के अन्‍तर्गत कार्यवाही की जाती है। (ग) नागौद विधानसभा क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम के लिए आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा के विनिर्माण, धारण एवं विक्रय की शिकायतें/सूचना प्राप्‍त होने पर तत्‍परतापूर्वक कार्यवाही करते हुये, प्रकरण पंजीबद्ध कर सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते हैं साथ ही पुलिस विभाग द्वारा भी शराब के अवैध विक्रय की सूचना मिलने पर त्‍वरित कार्यवाही की जाती है। पुलिस विभाग द्वारा अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम के लिए किसी प्रकार के विशेष उडनदस्‍ते का गठन नहीं किया जाता है। किन्‍तु मध्‍यप्रदेश आबकारी अधिनियम-1915 के अन्‍तर्गत कार्यवाही की जाती है। (घ) सतना जिले (जिसमें नागौद विधानसभा क्षेत्र भी सम्मिलित है) में अवैध शराब की बिक्री की रोकथाम के लिए आबकारी विभाग द्वारा जिला स्‍तर पर पदस्‍थ कार्यपालिक बल द्वारा अवैध मदिरा के निर्माण, धारण एवं विक्रय की शिकायतें/सूचना प्राप्‍त होने पर तत्‍परतापूर्वक आपराधिक प्रकरण कायम कर सक्षम न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाते हैं। उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त रीवा संभाग स्‍तर पर एक संभागीय उडनदस्‍ता उपायुक्‍त आबकारी के निर्देशन में गठित किया है जो संभाग के अन्‍तर्गत जिलों में अवैध मदिरा के निर्माण, धारण एवं विक्रय पर प्रभावी कार्यवाही करता है। आबकारी विभाग, सतना एवं पुलिस अधीक्षक, जिला सतना द्वारा कायम किये गये प्रकरणों की जानकारी विधानसभा पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-दो एवं तीन अनुसार है।

माननीय मुख्‍यमंत्री की घोषणाओं का क्रियान्‍वयन

10. ( क्र. 164 ) श्री दिनेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) गत तीन वर्षो में माननीय मुख्‍यमंत्री जी ने सिवनी विधानसभा क्षेत्र में कितनी घोषणाएं की है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में उक्‍त घोषणाओं के लिए कौन-कौन से विभागों को कितना-कितना बजट आवंटित किया गया व कार्यो की वर्तमान में भौतिक तथा वित्‍तीय स्थिति क्‍या है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या समस्‍त कार्य निश्चित समय-सीमा में पूर्ण कर लिए जावेंगे ? यदि नहीं तो क्‍यों, कारण स्‍पष्‍ट करें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) गत तीन वर्ष में माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा सिवनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत भ्रमण के दौरान कुल 06 घोषणाऐं की गई, जिसमें से 05 घोषणाएं विधानसभा क्षेत्र सिवनी से संबंधित है । (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट 'अ' अनुसार है। (ग) घोषणाओं के क्रियान्‍वयन की एक सत़त प्रक्रिया है। विभाग द्वारा अपनी नीति/प्रक्रियाओं के तहत कार्यवाही की जाती है। अत: इनकी कार्यवाही पूर्ण होने की निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नही है।
परिशिष्ट नौ

सड़कों का रीस्‍टोरेशन

11. ( क्र. 196 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल कलेक्‍टर द्वारा 4 जी ऑप्टिकल नेटवर्क बिछाने के लिए किस-किस कंपनी को कितना शुल्‍क जमा कराकर, किन-किन शर्तों पर, कहां-कहां के लिए अनुमतियां जारी की गई ? कंपनीवार, अनुमतिवार, स्‍थानवार जानकारी दें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत क्‍या सड़क की खुदाई के बाद सड़कों का रीस्‍टोरेशन ठेकेदारों द्वारा उच्‍च मानक स्‍तर का नहीं किया गया है ? ऐसे ठेकेदारों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है ? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत क्‍या कंपनी और ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है ? यदि नहीं तो क्‍यों ? कारण दें ? नियम बताएं ? क्‍या अब की जायेगी ? यदि हां तो कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘’अ’’ अनुसार है। (ख) नगर निगम स्‍वामित्‍व की सड़कों का रेस्‍टोरेशन संबंधित एजेन्‍सी व्‍दारा किया गया है एवं स्थिति संतोषजनक प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश ‘’क’’ एवं ‘’ख’’ के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

लोहे के विद्युत पोलों पर जिंक प्राइमर/कलर करना

12. ( क्र. 216 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या विद्युत विभाग द्वारा क्षेत्रों में नवीन लोहे विद्युत के पोल लगाने पर जिंक प्राइमर/कलर करना आवश्‍यक है ? (ख) यदि हां है तो प्रश्‍नकर्ता के क्षेत्र अन्‍तर्गत दिनांक-1 जनवरी, 2014 से प्रश्‍नांश दिनांक तक कितने लोहे के खम्‍बे किस-किस क्षेत्र में लगाये गये है, सूची उपलब्‍ध करावे ? (ग) विद्युत वितरण कम्‍पनी के ठेकेदार द्वारा प्रश्‍नांश (ख) में लगाये गये लोहे के विद्युत पोलों में से कितनों पर जिंक प्राइमर/कलर किया जा चुका है, कितने शेष रहे है ? क्‍या जिंक प्राइमर/कलर नहीं किये जाने के खम्‍बे जंग खा रहे है, जिससे उनकी गुणवत्‍ता नष्‍ट हो रही है ? इसके लिए दोषी कौन है ? दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में शेष रहे पोलों पर जिंक प्राइमर/कलर कब तक करा दिया जावेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   जी हाँ। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में बासौदा विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत लगाये गए 162 लोहे के खम्‍बों की क्षेत्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश ''ख'' में उल्‍लेखानुसार ठेकेदार द्वारा लगाये गए 162 लोहे के खम्‍बों में से 61 खम्‍बों पर जिंक प्राइमर/कलर किया जा चुका है तथा 101 खम्‍बों पर जिंक प्राइमर/कलर किया जाना शेष है। शेष विद्युत पोलों पर जिंक प्राइमर/कलर लगाने का कार्य प्रगति पर है तथा इनमें जंग लगने जैसी स्थिति नहीं है। उक्‍त परिप्रेक्ष्‍य में किसी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) उत्‍तरांश (ग) में उल्‍लेखित शेष 101 लोहे के खम्‍बों पर जिंक प्राइमर/कलर लगाने का कार्य मार्च 2016 तक पूर्ण करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

परिशिष्ट दस

जेएनएनयूआरएम योजनान्‍तर्गत आवास आवंटन

13. ( क्र. 223 ) श्री सुरेन्‍द्रनाथ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या जेएनएनयूआरएम. योजनान्‍तर्गत हितग्राहियों को आवंटित आवासों के अंतर्गत दान पत्र वाले हितग्राहियों अथवा हितग्राहियों के विवाहित पुत्र को अलग से आवास आवंटन भी इस आवासीय योजना में सम्मिलित किया जा सकता है ? यदि नहीं तो क्‍या शासन स्‍तर पर इस प्रकार का संशोधन कर इन्‍हें लाभान्वित किया जा सकता है ? (ख) इस प्रकार इन झुग्गियों में वर्षों से निवासरत हितग्राही जिन्‍हें सर्वे सूची में सम्मिलित नहीं किया गया हैं, जिनके नाम किसी कारणवश दर्ज नहीं हो पाये हैं या छूट गये हैं ऐसे हितग्राहियों का पुन: सर्वे कर सूची बनाई जाने, साथ ही इन्‍हें भी इस योजना में सम्मिलित किया जाने के निर्देश जारी करेंगे ? (ग) आवासीय योजनान्‍तर्गत इन हितग्राहियों के स्‍वास्‍थ्‍य परीक्षण हेतु प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, बच्‍चों को सुलभता से शिक्षा प्राप्‍त हो सके इसके मद्देनजर इन स्‍थानों पर प्राथमिक और माध्‍यमिक शाला का निर्माण भी इस योजनान्‍तर्गत सम्मिलित किया जा सकता है ? (घ) प्रश्‍न (क), (ख) एवं (ग) के संदर्भ में शासन स्‍तर पर क्‍या आवश्‍यक कार्यवाही की जा सकती है ? नहीं की जा सकती तो क्‍यों कारण सहित बतावें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दानपत्र वाले हितग्राहियों को नहीं, अपितु वि‍वाहित पुत्र को पृथक से आवास आवंटन का प्रावधान है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) सर्वेक्षण के समय किसी त्रुटिवस सूची में शामिल होने से वंचित हितग्राहियों के संबंध में पुन: सर्वेक्षण का प्रावधान इस योजना में है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) योजनांतर्गत ऐसे प्रावधान नहीं है। (घ) योजना प्रावधानों के अनुसार ही कार्यवाही की जा सकती है।

नदियों की सफाई हेतु क्रियान्वित योजनाएं

14. ( क्र. 227 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश की किन-किन नदियों की सफाई का कार्य विगत दो वर्षों में किया गया ? उक्‍त कार्य पर हुए व्‍यय का नदीवार ब्‍यौरा क्‍या है ? (ख) प्रदेश की पवित्र नदियों की सफाई के लिए सरकार ने कौन-कौन सी योजनाऍ क्रियान्वित की है ? (ग) नदी सफाई योजना में विगत दो वर्षो में किन-किन नदियों हेतु केन्द्र सरकार ने कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की ? नदीवार-वर्षवार ब्‍यौरा क्‍या है ? (घ) क्‍या केन्‍द्र सरकार के पास प्रदेश की नदियों की सफाई व पर्यावरण सुरक्षा के प्रस्‍ताव लंबित है ? यदि हां , तो कौन-कौन से ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क), (ख), (ग) एवं (घ) की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

खरगोन उदवहन नहर योजना

15. ( क्र. 251 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) खरगोन उदवहन नहर योजना में कुल कितने बदलाव कब-कब किए गए ? बाद में 77 गांव जोड़ने का सर्वे कब किया गया ? इसमें बिस्‍टान रोड क्षेत्र के गांव क्‍यों हटाए गए ? कारण बतावें ? (ख) क्‍या ठेकेदार द्वारा इसके प्रोजेक्‍ट में परिवर्तन किया गया ? यदि हां, तो कारण व नियम बतावें ? (ग) इस योजना में ठेकेदार पर कुल कितनी पेनाल्‍टी लगाई गई ? कब-कब ठेकेदार द्वारा पेनाल्‍टी जमा की गई ? शेष पेनाल्‍टी कितनी है ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार शेष राशि कब तक वसूल होगी ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) खरगोन उद्वहन सिंचाई की निविदा दिनांक 29/09/2010 को जारी की गई थी।  तदानुसार ही खरगोन उद्वहन सिंचाई योजना का कार्य किया जा रहा है। निविदा जारी होने के  पश्‍चात सैंच्‍य क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।   (ख) यह ''टर्न-की''   कांट्रेक्‍ट  है, जिसमें कुल 33140 हेक्‍टेयर  भूमि में सिंचाई  नियत की गई है ।  सैंच्‍य क्षेत्र में कोई परिवर्तन    नहीं किया गया।  (ग)   निर्माण कार्य के अनुरूप वित्‍तीय प्रगति नही होने के कारण  छ: मा‍ही प्रगति की समीक्षा के आधार पर रूपये 1.56 करोड की राशि ठेकेदार के चलित देयकों से रोकी गई है, जिसके विरूद्ध ठेकेदार द्वारा अनुबंध की कंडिका 70 के अंतर्गत आपत्ति उठाई गई है, जिस पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।  शेष  राशि  हेतु कार्यवाही कंडिका 70 के अंतर्गत प्रक्रियाधीन है। (घ) ठेकेदार द्वारा उठाई गई आपत्तियों के निराकरण के पश्‍चात शेष राशि  की वसूली  के संबंध में गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाना प्रस्‍तावित है।   

खरगोन उदवहन नहर योजना का स्‍वरूप परिवर्तन

16. ( क्र. 252 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) NVDA विभाग द्वारा स्‍वीकृत एस.बी.डी. में संशोधन के अधिकार किसे हैं ? क्‍या एस.बी.डी. में वाक्‍य बदलने या जोड़ने के लिए बैठक में प्रस्‍ताव पारित करना अनिवार्य है ? प्रक्रिया की जानकारी देवें ? (ख) खरगोन उद्वहन नहर योजना की एस.बी.डी. में स्‍पेशल कंडीशन आर कांट्रेक्‍ट की कंडिका 4.3.1 में """"The Contractives Free to Change the concept and design...."""" किस बैठक में लिपिबद्ध एवं अनुमोदित की गई ? जबकि अन्‍य उद्वहन योजनाओं में यह लाइन नहीं थी ? इसका एवं यदि अनुमोदन नहीं लिया गया, तो इसका नियम एवं कारण बतावें ? (ग) क्‍या उक्‍त लाइन की वजह से ठेकेदार द्वारा मूल परियोजनाओं का स्‍वरूप परिवर्तन कर शासन को लगभग 200 करोड़ का नुकसान पहूंचाया गया ? इस पर आडिट जनरल ने भी जो आपत्ति ली, उसका विवरण देवें ? (घ) छ: माही समीक्षा बैठक में ठेकेदार पर कम पेनाल्‍टी लगाकर भ्रष्‍टाचार को बढ़ावा देने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा ? दि. 01-11-14 से 01-11-15 तक किए कार्य का विवरण आवंटित राशि सहित देवें ? शेष पेनाल्‍टी वसूली एवं कार्य कब तक पूर्ण होगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एस.बी.डी. नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण  द्वारा स्‍वीकृत होता है परंतु उसमें सैद्धांतिक प्रावधानों में  संशोधन नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण,  नर्मदा नियंत्रण मंडल  अथवा राज्‍य शासन द्वारा किया जा सकता है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण एवं  नर्मदा नियंत्रण मंडल में बैठक के द्वारा एवं राज्‍य शासन द्वारा सामान्‍य आदेश से संशोधन किये जा सकते है ।  कोई भी एस.बी.डी. सभी प्रकार की परियोजनाओं के लिये संपूर्ण प्रावधान नहीं करता है वरन केवल सैद्धांतिक प्रावधान करता है। कार्य के प्रकार के अनुसार अनेक प्रावधानों का निर्धा‍रण निविदा जारी करने वाले अधिकारी द्वारा ही किया जाना होता है।  (ख) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा दिनांक 29/09/2010  को अनुमोदित एस.बी.डी. की कंडिका 4-Scope of work मुख्‍यत: कार्य के स्‍वरूप पर निर्भर है। उक्‍त कंडिका के अंतर्गत उपकंडिका की शर्तों का निर्धारण कार्य के स्‍वरूप के आधार पर निविदा जारी करने वाले अधिकारी द्वारा किया  गया है। तदानुसार प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित कंडिका क्रमांक 4.3.1 में संशोधन हेतु पृथक से नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमोदन अपेक्षित नहीं है।  अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।  (ग) जी नहीं। (घ) ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य के अनुरूप की प्रगति ना होने के कारण छ: माही प्रगति की समीक्षा के आधार पर राशि रोकी गई है, जिसके विरूद्ध ठेकेदार द्वारा अनुबंध की कंडिका 70 के अंतर्गत अपत्ति उठाई गई है, जिसपर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।  अत: किसी अधिकारी पर कार्यवाही करने का प्रश्‍न नहीं है। दिनांक 01/11/2014 से 01/11/2015 के मध्‍य ठेकेदार द्वारा ग्रेविटीमेन डिस्‍नेट कार्य, इलेक्‍ट्रोमेकेनिकल, जेकवेल, पंप हाउस-2 बी.आर-1 तथा बी.आर-3 का कार्य किया गया। उक्‍त अवधि में 58.09 करोड रूपये का आवंटन प्राप्‍त हुआ, जिसमें से किये गये कार्य के विरूद्ध 23.87 करोड रूपये का भुगतान किया गया। ठेकेदार द्वारा ली गई आपत्ति पर निर्णयानुसार वसूली की कार्यवाही प्रस्‍तावित है। कार्य जून 2016 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। 

काजीखेड़ी जलाशय एवं रूपाहेड़ा नहरों का निर्माण

17. ( क्र. 264 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्‍न संख्‍या-154 (क्र.2879) दिनांक 28.07.2015 में काजीखेड़ी जलाशय 30.09.2015 तक पूर्ण करना बताया था, वर्तमान स्थिति क्‍या है ? (ख) यह कार्य कब तक पूर्ण होगा, विलंब के लिए ठेकेदार पर कब तक कार्यवाही की जावेगी ? (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के रूपाहेड़ा जलाशय की नहरों का कार्य कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) वर्तमान में प्रश्‍नाधीन निर्माण कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित है । अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है । (ग) रूदाहेड़ा परियोजना की नहर का निर्माण जून-2006 में पूर्ण करा लिया हो जाना प्रतिवेदित है ।

फायर बिग्रेड अग्नि यंत्रों का प्रबंधन

18. ( क्र. 314 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभाग द्वारा अग्नि आपदा के नियंत्रण के लिये राज्‍य के किन-किन जिलों, तहसीलों एवं नगरों में फायर ब्रिगेड आदि यंत्रों का प्रबंध किया गया है ?(ख) विगत तीन वर्षों में अनूपपुर जिले की किन-किन तहसीलों के किन ग्रामों में हुई अग्नि दुर्घटनाओं से किस प्रकार की कितनी-कितनी भौतिक एवं धन की क्षति हुई है ? (ग) क्‍या अग्नि विभीषिका के त्‍वरित नियंत्रण के लिये 108 एम्‍बूलेंस के समान अनूपपुर जिले के प्रत्‍येक थाना केन्‍द्र में फायर ब्रिगेड की व्‍यवस्‍था की गई है ? यदि नहीं, तो कब तक की जाना सुनिश्चित किया जायेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) विभाग व्‍दारा अग्नि आपदा के नियंत्रण के लिए राज्‍य की समस्‍त 378 नगरीय निकायों में फायर ब्रिगेड वाहन उपलब्‍ध कराई गई है। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। जिला अनूपपुर की समस्‍त 06 नगरीय निकायों अनूपपुर, कोतमा, पसान, बिजुरी, जैतहरी एवं अमरकंटक में फायर ब्रिगेड वाहन उपलब्‍ध है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।
परिशिष्ट ग्यारह

स्‍वयं के ट्रांसफार्मर योजना के संबंध में

19. ( क्र. 320 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या म.प्र. म.क्षे.वि.वि. कम्‍पनी द्वारा स्‍वयं के ट्रांसफार्मर योजनान्‍तर्गत कृषकों को अपने खेतों में सिंचाई हेतु स्‍वयं के ट्रांसफार्मर स्‍वीकृत कराने व विद्युत कनेक्‍शन लेने की योजना मध्‍यक्षेत्रान्‍तर्गत सम्‍पूर्ण क्षेत्र हेतु लागू की गई हैं ?(ख) क्‍या उक्‍त योजनान्‍तर्गत सम्‍पूर्ण मध्‍यक्षेत्र में कृषकों को ट्रांसफार्मर स्‍वीकृत कर विद्युत कनेक्‍शन दिये जा रहे हैं लेकिन श्‍योपुर जिले/क्षेत्र में उक्‍त योजनान्‍तर्गत कई महिनों से ट्रांसफार्मरों की स्‍वीकृति व विद्युत कनेक्‍शन देना बंद हैं इसके क्‍या कारण हैं उक्‍त योजना को बंद करने का निर्णय कब व क्‍यों लिया गया ?(ग) क्‍या उक्‍त कारण से जिले/क्षेत्र के कृषक विद्युत कनेक्‍शन के अभाव में अपने खेतों में सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं ? उन्‍हें कई प्रकार की समस्‍याओं का सामना भी करना पड़ रहा हैं ? (घ) यदि हां तो कृषकों को वर्तमान तक आ रही समस्‍याओं के समाधान हेतु श्‍योपुर जिले/क्षेत्र में उक्‍त योजना को कब से प्रारंभ किया जावेगा, यदि नहीं तो क्‍या शासन उक्‍त योजना को तत्‍काल प्रारंभ करने के निर्देश कम्‍पनी के सक्षम अधिकारियों को जारी करेगा यदि नहीं तो क्‍यों ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   जी हाँ। (ख) जी हाँ, संपूर्ण प्रदेश के साथ-साथ म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड क्षेत्रान्‍तर्गत श्‍योपुर जिले में भी उक्‍त योजना क्रियाशील है। (ग) उत्‍तरांश ''ख'' में दर्शाए अनुसार श्‍योपुर जिले में स्‍वयं का ट्रांसफार्मर योजना वर्तमान में क्रियाशील है, अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) उत्‍तरांश ''ख'' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता।   

चम्‍बल नहर का सुदृढ़ीकरण

20. ( क्र. 321 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) श्‍योपुर विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा चम्‍बल नहर में वर्ष 2013-14 से 2015-16 में कि.मी. जीरो से साठ तक दोनों स्‍लोप/बैड़ में सुदृढ़ीकरण का बैलेंस वर्क तथा वर्ष 2010-11 से 2013-14 तक कि.मी. 60 से 93 तक दोनों स्‍लोप/बैड़ में सुदृढ़ीकरण व सर्विस रोड़ का निर्माण कार्य किस योजना/ऐजेन्‍सी से कराये गये वर्षवार कितनी राशि व्‍यय की ? (ख) क्‍या कि.मी. जीरो से साठ तक के हिस्‍से में उक्‍त कार्य बहुत ही घटिया व गुणवत्‍ताहीन कराया गया तथा कुछ ही दिनों बाद सी.सी. लाइनिंग कई जगह उखड़ गई बड़े-बड़े गड्ढे हो गये एवं सर्विस रोड़ जर्जर हो गयी ? (ग) यदि हां तो क्‍या तत्‍कालीन कलेक्‍टर श्‍योपुर ने दो सदस्‍यीय जांच दल गठित कर उक्‍त कार्य की जांच भी करवाई थी और क्‍या जांच पूर्ण हो चुकी है ? यदि हां तो दोषी के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई ? यदि नहीं, तो कब तक जांच पूर्ण हो जावेगी ? (घ) क्‍या कि.मी. 60 से 93 तक कराये गये उक्‍त कार्यों की धरातलीय स्थिति भी गुणवत्‍ता के अभाव में चंद महीनों में प्रश्‍नांश (ख) अनुसार हो गई हैं ? यदि नहीं तो क्‍या शासन प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कार्यों की गुणवत्‍ता की जांच करायेगा, यदि नहीं तो क्‍यों ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के 'प्रपत्र-अ' अनुसार है । (ख) जी नहीं । चंबल दाहिनी मुख्‍य नहर के कि.मी. 52.26 के समीप लाईनिंग कार्य क्षतिग्रस्‍त होना प्रतिवेदित है । ठेकेदार के अनुबंध में सर्विस रोड़ का प्रावधान नहीं होने के कारण सर्विस रोड़ का कार्य ठेकेदार से नहीं कराया गया । क्षतिग्रस्‍त लाईनिंग का कार्य डिफेक्‍ट लाईबिलिटी अवधि में होने के कारण रबी सिंचाई पश्‍चात कराना लक्षित है । (ग) जी हां । जी नहीं । कलेक्‍टर द्वारा संस्थित जांच के संबंध में विभाग समय-सीमा नियत नहीं करता है । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है । (घ) अनुबंध में डिफेक्‍ट लायबिलिटी संबंधी प्रावधान नहर संचालन के दौरान संभावित कमियों/क्षति को दूर करने के लिए रखा जाता है । कार्य की गुणवत्‍ता अच्‍छी होने से जांच की आवश्‍यकता नही है ।
परिशिष्ट बारह

प्रशासकीय अधिकारी/कर्मचारी की जांच

21. ( क्र. 338 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) इंदौर संभाग में विगत तीन वर्ष में पदस्‍थ भारतीय प्रशासकीय सेवा एवं राज्‍य प्रशासनिक सेवा के ऐसे अधिकारी जिनके विरूद्ध विभागीय जांच, भ्रष्‍टाचार संबंधी जांच अथवा आपराधिक अभियोजन प्रकरण संस्थित हो, में से कितने अधिकारियों को जॉच प्रक्रिया के चलते कितने अधिकारियों को क्रमोन्‍नति,पदोन्‍नति का लाभ दिया गया है? ऐसे अधिकारियों के नाम पद सहित जानकारी देवें (ख) उक्‍त अवधि में इन्‍दौर संभाग में पदस्‍थ आबकारी विभाग के किन अधिकारियों को न्‍यायालयीन आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बावजूद पदोन्‍नति का लाभ दिया गया है, इस बावत जानकारी दी जाये ? (ग) निलम्बित अथवा जांच प्रक्रिया के चलते कितने अधिकारी/कर्मचारियों को क्रमोन्‍नति, पदोन्‍नति का लाभ दिया गया है ? ऐसे अधिकारी/कर्मचारियों के नाम, पद सहित जानकारी देवें ? (घ) प्रश्‍न (ग) का उत्‍तर नहीं है, तो आबकारी विभाग में पदस्‍थ अधिकारियों पर न्‍यायालयीन आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बावजूद पदोन्‍नति एवं पदांकन क्‍यों किया गया है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क)भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के संबंध में जानकारी ''निरंक'' है । राज्‍य प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी, श्री सूरजलाल नागर, सेवानिव्रत्‍त दिनांक 28/02/2015 के विरूद्ध विभागीय जांच प्रचलित रहते हुए उन्‍हे प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान किया गया है, इस प्रकरण की जॉच कराई जा रही है ।(ख)(ग)एवं(घ) आबकारी विभाग के एक अधिकारी श्री विनोद रघुवंशी सहायक आबकारी आयुक्‍त को उपायुक्‍त आबकारी के पद पर नियमानुसार पदोन्‍नति दी गई है । श्री रघुवंशी के विरूद्ध निजी परिवाद के आधार पर भारतीय दण्‍ड संहिता के अंतर्गत प्रकरण दर्ज होकर विचाराधीन है, तथापि इस प्रकरण मे मान्‍नीय न्‍यायालय द्वारा आरोप विरचित नहीं होने और यह प्रकरण सामान्‍य प्रशासन विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ/सी-6-2/94/3/एक, दिनांक 30/06/1994 की परिधि में नही पाए जाने से यह पदोन्‍नति प्रदान की गई है ।

बिजली आपूर्ति के संबंध में

22. ( क्र. 343 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या राज्‍य की बिजली की आवश्‍यकता केवल 9000 मेगावाट है ?(ख) यदि हां, तो उत्‍पादित 15000 मेगावाट बिजली का उपयोग कहां हो रहा है ?(ग) क्‍या अतिरिक्‍त बिजली सूखा प्रभावित किसानों को मुफ्त में देने का प्रस्‍ताव है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। अपितु राज्‍य की विद्युत की मांग 10000 मेगावाट से अधिक है। (ख) राज्‍य की विद्युत की मांग की पूर्ति के लिए अनुबंधित 15898 मेगावाट का उपयोग किया जा रहा है। भविष्‍य में भी विद्युत की मांग की पूर्ति जिसमें किसानों के पंप भी शामिल है, उक्‍त से की जायेगी। (ग) जी नहीं।  

वायु प्रदूषण एवं उसका नियंत्रण

23. ( क्र. 344 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या सीधी और सिंगरौली जिले में वायु प्रदूषण बहुत ज्‍यादा है ?(ख) यदि हां, तो इसके नियंत्रण एवं लोगों को बचाने के लिये कौन से उपाय किये जा रहे है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) जी नहीं।(ख) प्रश्नांश ‘‘क‘‘ के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
 

पुनासा डेम के बैक वाटर का उपयोग

24. ( क्र. 374 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या इंदिरा सागर बांध (पुनासा डेम) के बैक वाटर में हरदा जिले के जिन ग्रामीण/किसानों की भूमि/मकान डूब क्षेत्र में आये है उन्‍हें सभी को शासन की ओर से मुआवजा/क्षतिपूर्ति राशि प्रदान कर दी गई है ? यदि नहीं, तो शेष की जानकारी ग्रामवार दें ?(ख ) क्‍या शासन ने प्रश्‍नांकित डूब क्षेत्र/बैक वाटर में मछली पालन के ठेके दिये है तो वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिवस तक किन-किन ग्रामों के बैक वाटर क्षेत्र में किस-किस ठेकेदार को ठेके दिये है ?(ग) क्‍या प्रश्‍नांकित ठेकों में डूब प्रभावित/वैक वाटर प्रभावित ग्रामीणों/ किसानों को व्‍यवसाय उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से शासन ने मछली पालन ठेके प्रदान किये है यदि नहीं तो क्‍यों कारण दे क्‍या शासन की ऐसी कोई योजना है कि प्रभावित लोगों को ठेके देकर उनकी सहायता की जाये प्रश्‍नांकित दिये गये ठेकों की शर्ते क्‍या-क्‍या है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। 712 प्रभावितों को मकानों की एक्‍सग्र‍ेसिया राशि स्‍वीकृत की गई है, जिसमें से 673 प्रभावितों को भुगतान कर दिया गया है तथा 39 प्रभावितों को राशि का भुगतान मकान नहीं तोडने से शेष है ''जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है''। कृषि भूमि के केवल 07 प्रभावितों का भुगतान शेष है '' जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। (ख) जी नहीं। मध्‍यप्रदेश मत्‍स्‍य महासंघ (सह) मर्यादित, भोपाल से प्राप्‍त जानकारी अनुसार इंदिरा सागर बांध के डूब क्षेत्र/बैकवाटर में मछली पालन का ठेका नहीं दिया जाता है। म.प्र. शासन की मत्‍स्‍य पालन नीति वर्ष 2008 के अनुसार डूब क्षेत्र के तीनों जिलों खंडवा/हरदा/देवास के विस्‍थापित / प्रभावित ग्रामाें के मछुआरों की सहकारी समितियों के सदस्‍यों द्वारा आखेटित मछली की मार्केटिंग महासंघ की प्रचलित नीति अनुसार निविदा के माध्‍यम से नियुक्‍त अनुबंधग्रहीता के माध्‍यम से की जाती है। वर्ष 2013 से वर्ष 2018 तक अवधि के लिये इस कार्य हेतु अनुबंधग्रहीता ''मैसर्स सिमरन फिशरीज प्रा.लि. इन्‍दौर'' के साथ अनुबंध का निष्‍पादन किया गया है। (ग) इंदिरा सागर बांध के विस्‍थापित / प्रभावित मछुआरों को व्‍यवसाय उपलब्‍ध कराने के उद्देश्‍य से म.प्र. मत्‍स्‍य महासंघ (सह.) मर्यादित द्वारा शासन नीति अनुसार इंदिरा सागर जलाशय में मत्‍स्‍याखेट के माध्‍यम से रोजगार उपलब्‍ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्‍त मत्‍स्‍य महासंघ द्वारा मछुआरों की सहायता के लिये कल्‍याणकारी योजनाऐं भी संचालित की जा रही है। मत्‍स्‍य महासंघ के अधीन जलाशयों में मछली पालन नीति 2008 के अनुसार पृथक से प्रभावित लोगों को ठेका देकर उनकी सहायता देने का कोई प्रावधान नहीं है, अत: ठेके की शर्तों का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। 
परिशिष्ट तेरह

तालाबों से कृषि भूमि को सिंचित

25. ( क्र. 379 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) ग्राम जसवाड़ा तहसील मोहन बडोदिया जिला शाजापुर के अंतर्गत शासन/स्‍टेट के समय ग्राम जसवाड़ा टिकरिया के अंतर्गत तालाब योजना स्‍वीकृत की गई थी इस योजना को किन कारणों से आज दिनांक तक मूर्त रूप नहीं दिया जा सका ? इस योजना की अद्यतन स्थिति से अवगत करायें ? (ख) इस योजना से कितने ग्राम की कृषि भूमि सिंचित होगी इसमें शासन का कितना व्‍यय होगा इस तालाब की क्षमता क्‍या होगी ? (ग) कब तक तालाब योजना को स्‍वीकृत किया जाएगा ? नहीं तो क्‍यों नहीं ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) जी नहीं । शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है ।

गोहद की खदानों में अवैध उत्‍खनन

26. ( क्र. 398 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भिण्‍ड जिले की तहसील गोहद के ग्राम डांग, डांग पहाड, बिरखडी, झॉकरी एवं कीरतपुरा में पत्‍थर, गिट्टी आदि की किस-किस सर्वे क्रमांक की कितने-कितने रकबे की किन-किन व्‍यक्तियों, फर्मो को कितनी-कितनी अ‍वधि की प्रश्‍न दिनांक तक वैधानिक रूप से स्‍वीकृत है ?(ख) अनुविभागीय अधिकारी लहार(भिण्‍ड) के नेतृत्‍व में गठित जांच दल द्वारा कलेक्‍टर भिण्‍ड को रिपोर्ट क्रमांक रीडर/2014/208 अटेर, दिनांक 03.07.2014 को प्रस्‍तुत कर कौन से बिन्‍दुओं में अनियमित एवं अवैधानिक उत्‍खनन पाया था ? अवैध उत्‍खनन का रायल्‍टी मूल्‍य 14728093/- रूपये का उल्‍लेख रिपोर्ट में था ? यदि हां तो अभी तक किस-किस से कितनी राशि वसूल की गई ?(ग) क्‍या अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व गोहद जिला भिण्‍ड ने कलेक्‍टर(खनिज शाखा) भिण्‍ड के पत्र क्रमांक - एडीओ/एसटी/2014/2872, दिनांक 10.11.2014 को डांगपहाड़ बिरखड़ी, कीरतपुरा पत्‍थर खदानों में अवैध उत्‍खनन होने से बंद कराने का अनुरोध किया था ?(घ) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्र.क्र. 1467 सत्र माह जुलाई 2014 के आश्‍वासन क्रमांक 389 के तहत श्री व्‍ही.के.आस्‍टीन संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म भोपाल के नेतृत्‍व में गठित जांच दल द्वारा प्रस्‍तुत रिपोर्ट के बिन्‍दु 6 में अवैध उत्‍खनन का उल्‍लेख किया था ?(ड.) यदि हां तो उपरोक्‍त गठित जांच दलों एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व गोहद के प्रतिवेदनों के बाद भी खनिज अधिकारी तत्‍कालीन कलेक्‍टर भिण्‍ड द्वारा अवैध उत्‍खननकर्ताओं के विरूद्ध कठोर कार्यवाही न करने की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जावेगी ? यदि नहीं तो क्‍यों ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   प्रश्‍नाधीन ग्रामों में पत्‍थर गिट्टी की कोई खदानें स्‍वीकृत नहीं हैं। ग्राम डांग सरकार में वर्तमान में 02 खदानें स्‍वीकृत हैं, जिसकी जानकारी परिशिष्‍ट-अ पर दर्शित है। (ख)   जी हां। अवैध उत्‍खनन का प्रकरण न्‍यायालय में विचाराधीन होने से राशि की वसूली नहीं की गई है।  (ग) प्रश्‍नाधीन कोई पत्र प्राप्‍त नहीं होने से शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।  (घ)   प्रश्‍नाधीन जांच दल द्वारा प्रस्‍तुत रिपोर्ट में पृथक से अवैध उत्‍खनन का उल्‍लेख नहीं था अपितु रिपोर्ट में अनुविभागीय अधिकारी, राजस्‍व लहार द्वारा प्रस्‍तुत रिपोर्ट के तथ्‍य सही होना प्रतिवेदित है। (ड)   प्रश्‍नाधीन जांच दलों द्वारा प्रस्‍तुत प्रतिवेदनों के आधार पर 12 खदानें निरस्‍त की गई हैं तथा अवैध उत्‍खनन का प्रकरण सक्षम न्‍यायालय में विचाराधीन हैं। अत: पृथक से जांच कराये जाने की आवश्‍यकता नहीं है।
परिशिष्ट चौदह

महाराजा मल्‍हार राव होल्‍कर की छत्री की मरम्‍मत

27. ( क्र. 399 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भिण्‍ड जिले के आलमपुर कस्‍बे में इंदौर स्‍टेट के महाराजा मल्‍हार राव होल्‍कर की छत्री को दिनांक 23.06.2006 में विभाग द्वारा राज्‍य संरक्षित के रूप में घोषित करने के बाद प्रश्‍न दिनांक तक रख-रखाव एवं मरम्‍मत कार्यो पर कब-कब कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई ?(ख) उप संचालक ग्‍वालियर द्वारा कब-कब छत्री का निरीक्षण किया गया तथा कब-कब अनुरक्षण एवं विकास कार्य हेतु शासन को कितनी-कितनी राशि व्‍यय के प्रस्‍ताव भेजे गये । उनमें किन-किन प्रस्‍तावों हेतु कितनी-कितनी राशि स्‍वीकृत की गई ?(ग) उक्‍त छत्री के बगीचे आदि में किस-किस सर्वे क्रमांक की कितनी-कितनी भूमि आवंटित है ? भूमि का सीमांकन न कराने से अतिक्रमणकारियों ने कब्‍जा कर लिया है ? सीमांकन एवं अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही कब तक की जावेगी ?(घ) क्‍या छत्री के सामने बगीचे अथवा शासकीय भूमि पर अवैध कब्‍जा कर नगर परिषद आलमपुर की बिना स्‍वीकृति के दुकाने/मकान बना लिये है ? यदि हां तो छत्री का सौन्‍दर्य समाप्‍त करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी ? यदि नहीं तो क्‍यों ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) महाराजा मल्‍हार राव होल्‍कर की छत्री दिनांक 23/06/2006 से राज्‍य संरक्षित स्‍मारक है. विभाग द्वारा वर्ष 2008 में उक्‍त स्‍मारक की सुरक्षा हेतु रूपये 1,99,000/- का रसायनिक संरक्षण कार्य पर वर्ष 2012 में रख रखाव व सुरक्षा हेतु गार्ड तैनात किया गया, वर्ष 2015-16 में रूपये 4,71,300/- का अनुरक्षण कार्य किये जा रहे हैं. (ख) वर्तमान में कार्यरत उपसंचालक, ग्‍वालियर द्वारा राज्‍य संरक्षित स्‍मारक सूबेदार मल्‍हारराव होल्‍कर छत्री का दिनांक 13/11/2011, 07/06/2012, 08/12/2012, 05/02/2014, 06/10/2014, 09/03/2015, 22/07/2015, 12/10/2015 एवं 13/11/2015 को निरीक्षण किया गया. राशि रूपये 1,99,000/- का रसायनिक संरक्षण कार्य पर वर्ष 2012 में रख रखाव व सुरक्षा गार्ड तैनात किया गया. वर्ष 2015-16 में रूपये 4,71,300/- का अनुरक्षण कार्य के प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु भेजे गये. (ग) प्रश्‍नाधीन छत्री को पुरातत्‍वीय सर्वे कर तहसील लहार से राजस्‍व जानकारी सर्वे न. 986 में क्षेत्रफल 3.683 हेक्‍टेयर भूमि पर स्थित है. राज्‍य संरक्षित स्‍मारकों के सीमांकन हेतु कलेक्‍टर भिण्‍ड को पत्र भेजा गया था जिसकी जानकारी उपलब्‍ध होने पर शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाना संभव होगा. (घ) सीमाकंन प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी.

वेस्‍ट मटेरियल के निपटाने हेतु नियम विरूद्ध कार्य करने के संबंध में

28. ( क्र. 439 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) लैक्‍सेस उद्योग नागदा जिला उज्‍जैन द्वारा किन-किन रसायनों का उत्‍पादन किया जाता है ? उत्‍पादन पश्‍चात् वेस्‍ट मटेरियल का निपटारण किस प्रकार किया जाता है ? (ख) क्‍या खतरनाक वेस्‍ट मटेरियल के लिये प्रशिक्षित परिवहन ट्रांसपोर्टर को कार्य दे रखा है ? क्‍या केमिकल के वेस्‍ट मटैरियल का जो परिवहन होता है वह प्रशिक्षित ड्रायवरों के द्वारा किया जाता है ? (ग) क्‍या पर्यावरण विभाग द्वारा वेस्‍ट मटेरियल के निपटारे के लिये ऐसे उद्योगों को अधिकृत किया गया है जहां इनका निपटारा किया जाता है तो उसकी सूची व प्रमाणपत्र सहित संपूर्ण विवरण देवें ? (घ) क्‍या खतरनाक वेस्‍ट मटेरियल को ट्रांसपोर्टरों द्वारा नदी, नाले, जंगल तथा गड्ढों में फैंक दिया जाता है ? यदि हां तो उद्योग के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) उत्पादन एवं वेस्ट मटेरियल का निपटारण की जानकारी संलग्न  परिशिष्ट ‘‘अ‘‘ एवं ‘‘ब‘‘ अनुसार है ।(ख) जी हाॅ । (ग) जी हाॅ । जानकारी संलग्न परिशिष्ट ‘‘स‘‘ अनुसार है ।(घ) खतरनाक वेस्ट मटेरियल को नदी,नाले जंगल तथा गड्ढों में फैकने की जानकारी संज्ञान में नहीं होने के कारण शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता है।
 

परिशिष्ट पंद्रह

प्रतिबंध के बावजूद भी स्‍टेपल फायबर निर्माण में जिंक के उपयोग से फैल रहे प्रदूषण

29. ( क्र. 440 ) श्री सतीश मालवीय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या ग्रेसिम इन्‍डस्‍ट्रीज नागदा जिला उज्‍जैन में स्‍टेपल फायबर के उत्‍पादन के लिये खतरनाक रसायन जिंक का उपयोग किया जा रहा है ? यदि हां, तो प्रदूषण व पर्यावरण विभाग के द्वारा जिंक के स्‍टेपल फायबर उत्‍पादन के लिये क्‍या मापदण्‍ड तय किये गये हैं ? (ख) स्‍टेपल फायबर उत्‍पादन हेतु प्रदूषण व पर्यावरण विभाग द्वारा प्रति टन फायबर उत्‍पादन पर कितनी मात्रा में खतरनाक रसायन जिंक का उपयोग फायबर के साथ किये जाने की अनुमति शासन द्वारा प्रदान की गई है ? इण्‍टस्‍ट्रीज द्वारा प्रतिवर्ष कितने मैट्रिक टन जिंक का उपयोग किया जाता है ? (ग) फायबर उत्‍पादन में खतरनाक जिंक रसायन के उपयोग के पश्‍चात वेस्‍ट मटेरियल का निपटान कैसे किया जाता है ? (घ) क्‍या रसायन जिंक, प्रदूषित जल के माध्‍यम से नागदा चंबल नदी के डाउन स्‍ट्रीम में मिलकर भूमिगत जल स्‍त्रोंतों को प्रदूषित कर भूमि को बंजर कर रहा है ? यदि हां, तो विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गई है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
(क) जी हाॅ । उत्पादन के लिये कोई पृथक मापदंड तय नहीं किये गये है।(ख) मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अनुमति जारी नहीं की जाती है । वर्ष 2014-15 में इकाई द्वारा 446 मैट्रिक टन जिंक का उपयोग किया गया है ।(ग) वेस्ट मटेरियल के रूप में जिंक युक्त जिप्सम स्लज भंडारित कर रखा हुआ है । जिसका उपयोग सीमेंट अथवा अन्य उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जा सकता है ।(घ) जी नहीं । अतः शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
 

मुरैना जिले के पिलुआ, कोतवाल बांध को नहरों से प्राप्‍त जल की मात्रा

30. ( क्र. 446 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मुरैना जिले की मुरैना ब्रांच केनाल से माह अक्‍टूबर नवम्‍बर 2015 में कितना क्‍यूसिक पानी जिले के पिलुआ, कोतवाल बांध में प्रतिदिन छोड़ा गया ? माहवार जानकारी दी जावे ? (ख) मुरैना‍ जिले के पिलुआ, कोतवाल बांध से भिण्‍ड जिले की नहर को माह-अक्‍टूबर, नवम्‍बर 2015 में कितना क्‍यूसिक पानी भिण्‍ड जिले को दिया ? माहवार जानकारी मात्रा सहित दी जावें ? (ग) उक्‍त अवधि में पिलुआ, कोतवाल बांध से मुरैना जिले की नहर से जिले को किस-किस डिस्‍ट्रीब्‍यूटरों पर कितना पानी पलेवा हेतु उपलब्‍ध कराया गया ? माहवार, डिस्‍ट्रीब्‍यूटरवार जानकारी दी जावे ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क)एवं(ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'अ-1' एवं 'अ-2' अनुसार है । (ग) पिलुअवा, कोतवाल बांध से मुरैना जिले की किसी भी नहर को पानी प्रदाय नहीं किया जाता है । अत: शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है ।
परिशिष्ट सोलह

मुरैना जिले की नहर को राजस्‍थान कोटा बेराइज से प्राप्‍त जल की मात्रा

31. ( क्र. 447 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) चम्‍बल संभाग की नहर को वर्ष 2015 के माह अक्‍टूबर नवम्‍बर में कितना क्‍यूसिक पानी सिंचाई हेतु राजस्‍थान के कोटा बेराइज से प्राप्‍त हुआ ? माहवार जानकारी दी जावे । श्‍योपुर, मुरैना, भिण्‍ड को जिलेवार मात्रावार जानकारी दी जावे ? (ख) राजस्‍थान से म.प्र. की चम्‍बल नहर को कितना क्‍यूसिक पानी देने का समझौता किस वर्ष में हुआ था ? पिछले 2011 से 2015 तक क्‍या समझौता के अनुसार दिया गया था ? यदि नहीं, तो प्रदेश सरकार द्वारा राजस्‍थान सरकार से क्‍या-क्‍या प्रयास कब-कब किये गये ? (ग) क्‍या उक्‍त समयावधि में समझौता के अनुसार पानी नहीं मिलने के कारण चम्‍बल संभाग की रवि फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से उत्‍पादन में भारी कमी हो रही है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है । (ख) चंबल कॉम्‍पलेक्‍स परियोजना के लिए मध्‍यप्रदेश और राजस्‍थान के मध्‍य अंतर्राज्‍यीय समझौता दिनांक 25 मार्च 1955 को हुआ था । अंतर्राज्‍यीय समझौते के तहत निर्मित चंबल मुख्‍य दांयी मुख्‍य नहर का 75.4 प्रतिशत अंश मध्‍यप्रदेश का है । नहर निर्माण के समय नहर की 75.4 प्रतिशत क्षमता से पार्वती एक्‍वाडक्‍ट पर 3921 क्‍यूसेक पानी मध्‍यप्रदेश को उपलब्‍ध होना चाहिए । नहर के सुदृढ़ीकरण से इस क्षमता से लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है । जी नहीं । प्रदेश सरकार के तकनीकी एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ मा. मंत्रीजी एवं मा. मुख्‍यमंत्रीजी के स्‍तर से प्रयास कर मध्‍यप्रदेश की आवश्‍यकता के लिए जल प्राप्‍त किया गया । परिणामस्‍वरूप 3,15,079 हेक्‍टर में गत वर्ष रबी सिंचाई की जा सकी । (ग) समय पर तथा समुचित मात्रा में राजस्‍थान द्वारा जल प्रदाय नहीं किए जाने से मध्‍यप्रदेश के कृषकों को कम पानी वाली फसलें लेने के लिए मजबूर होना पड़ता है और फसलों की उत्‍पादकता भी प्रभावित होती है ।
परिशिष्ट सत्रह

जनभागीदारी योजनांतर्गत स्‍वीकृत कार्य

32. ( क्र. 475 ) श्री हर्ष यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जन भागीदारी योजनांतर्गत कार्यों की स्‍वीकृति के क्‍या-क्‍या नियम व मापदण्‍ड है ? योजना में कौन-कौन से कार्य कराये जाते हैं ?(ख) सागर जिले में वर्ष 2012-13 से प्रश्‍न दिनांक तक कहां-कहां कौन-कौन से कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं ? इन कार्यों की लागत क्‍या-क्‍या है ?(ग) प्रश्‍नांश (ख) वर्णित स्‍वीकृत कार्यों में से प्रश्‍न दिनांक तक कौन-कौन से कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं ? कौन से कार्य अब तक अप्रारंभ हैं ? किन-किन कार्यों में पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किेय गये हैं ?(घ) निर्माण एजेंसियों द्वारा समय-सीमा में कार्य पूर्ण किया जाये, इस हेतु विभाग/शासन द्वारा क्‍या-क्‍या प्रयास किये जा रहे हैं ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट 'अ' अनुसार है

इकलेरा माताजी में स्‍टॉप डेम निर्माण बावत्

33. ( क्र. 714 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या टोंकखुर्द तह. अंतर्गत इकलेरा माताजी में स्‍टाप डेम स्‍वीकृत है ? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं ? (ख) यदि स्‍वीकृत है तो कब तक इसका निर्माण कार्य शुरू होगा ? यदि स्‍वीकृत नहीं है तो क्‍या विभाग द्वारा इसकी स्‍वीकृति हेतु कोई कार्यवाही प्रचलित है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) जी हां । प्रश्‍नाधीन परियोजना प्रथम दृष्‍टया साध्‍य पाई जाने से सर्वेक्षण एवं अनुसंधान कर डी.पी.आर. बनाने के आदेश दे दिये गये है ।

सांवेर विधान सभा क्षेत्र की शिकायतों का निराकरण

34. ( क्र. 738 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिलाधिकारी कार्यालय इन्‍दौर एवं सांवेर/इन्‍दौर तहसीलों में सांवेर विधानसभा क्षेत्र की कितनी शिकायतें/समस्‍या जनसुनवाई के दौरान प्राप्‍त हुई ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में इनमें से कितनी शिकायतों का निराकरण किया गया व कितनी शिकायतें इन्‍दौर जिलाधीश कार्यालय एवं तहसील कार्यालयों में लंबित हैं ? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्राप्‍त शिकायतें किन-किन विभागों से संबंधित है ? इन शिकायतों के निराकरण ना हो पाने का क्‍या कारण है ? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में हितग्राहियों के शिकायतों का निराकरण ना किये जाने वाले अधिकारी/कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही की जायेगी ? यदि हां तो कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क)जिलाधिकारी कार्यालय, इन्दौर में कुल 126 एवं तहसील सांवेर स्तर पर कुल 268 शिकायते, तहसील इंदौर से कुल 44 आवेदन/समस्यायें प्राप्त हुई है । (ख)जिलाधिकारी इन्दौर की 126 में से 125 शिकायतों का निराकरण किया गया, 01 शिकायत निरस्त की गई। सांवेर तहसील की 268 में से 261 शिकायतों का निराकरण किया गया । 07 शिकायतें लंबित है । तहसील इंदौर से संबंधित 44 आवेदन/समस्याओं में से 32 समस्याओं का निराकरण किया गया, 3 निरस्त किये गये एवं 9 शिकायतें लंबित है । (ग)सांवेर तहसील में विदयुत विभाग की 01, जनपद पंचायत की 05 तथा नगर परिषद की 01 एवं तहसील इंदौर में 9 शिकायतें लंबित है। कुल लंबित 16 शिकायतों का शीघ्र निराकरण संबंधित कार्यालयों द्वारा किया जा रहा है ((घ)आवेदनों का निराकरण किया जा रहा है । अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता ।
 

नगर पालिका निगम वार्डों में विकास कार्य व पूर्ण प्रश्‍न

35. ( क्र. 742 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) इंदौर शहर में शामिल 29 गांव में से सांवेर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाके (वार्ड) में क्‍या-क्‍या कार्य नगर निगम द्वारा कराये गये हैं ? प्रश्‍नकर्ता द्वारा भेजे गये प्रस्‍तावों पर आज दिनांक तक क्‍या कार्यवाही कि जा रही है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विधानसभा प्रश्‍न तां.प्र.स. 17 (क्र. 3828) दिनांक 17.07.14 के माध्‍यम से पूर्व नगर निगम आयुक्‍त को निर्देशित किये जाने के बाद भी विकास कार्य क्‍यों नहीं प्रारंभ कराये गये ?(ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में पूर्व मंत्री जी द्वारा विकास कार्यों के लिये सदन में ही स्‍वीकृति प्रदान की थी ? उक्‍त स्‍वीकृति के माध्‍यम से नगर निगम द्वारा किन-किन कार्यों को स्‍वीकृत कर प्रारंभ कराया गया व कितने कार्यों को कराया जाना प्रस्‍तावित है तथा कितने कार्यों के कार्यादेश जारी किये गये ?(घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में क्‍या मंत्रीजी द्वारा पेयजल व्‍यवस्‍था हेतु टंकियों के निर्माण व पानी कि लाईन, स्‍ट्रीट लाईट, ड्रेनेज आदि कार्यों को कराये जाने हेतु नगरीय प्रशासन विभाग से अतिरिक्‍त बजट स्‍वीकृति कि अनुशंसा की थी ? यदि हां, तो क्‍या बजट में इसका प्रावधान किया गया है ? तो स्‍वीकृत बजट में कब से कार्य प्रारंभ कराये जायेगे ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) इंदौर शहर में शामिल 29 गांवों में से सांवेर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाके (वार्ड) के कार्यो की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘क’ अनुसार है। श्री राजेश सोनकर, विधायक सांवेर व्‍दारा प्रेषित 119 प्रस्‍तावों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘ख’ अनुसार है। जिनमें से 31 कार्यो की निविदा जारी की गई थी, जो पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘ग’ अनुसार है। जिसमें 02 कार्य पूर्ण होकर 07 कार्यो के कार्योदेश जारी किये गये हैं, जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘ग’ अनुसार है। (ख) विधान सभा तारांकित प्रश्‍न सं. 17 (क्र. 3828) के संदर्भ में निगम व्‍दारा सांवेर विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण इलाके (वार्ड) के कुल 31 कार्यो के लिये प्रशासकीय स्‍वीकृतियां प्रदान की जाकर निविदा आमंत्रित की गई थी। उनमें से 09 कार्यो के कार्यादेश जारी किये गये, शेष कार्य तत्‍समय नगरीय निकाय निर्वाचन 2015 की आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण निविदा की अवधि 120 दिन व्‍यतीत हो जाने से कार्य नहीं कराये गये। (ग) जी हां। वित्‍तीय वर्ष 2014-15 में निगम बजट मद में 12 कार्य स्‍वीकृत किये गये, जिनमें से 03 कार्य पूर्ण कराये गये तथा शेष 09 कार्यो के पुर्नआवंटन कर कार्य प्रारंभ कराये जा रहे है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘ग’ अनुसार है। (घ) माननीय राज्‍य मंत्री, सामान्‍य प्रशासन, नर्मदा घाटी विकास, विमानन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के व्‍दारा दिनांक 09-09-2015 को नर्मदा पाईप लाईन डालने हेतु शीघ्र आवश्‍यक कार्यवाही करने का लेख किया गया था। संचालनालय के पत्र दिनांक 05 नवम्‍बर, 2015 व्‍दारा नगर निगम से प्रस्‍ताव चाहा गया था। भारत सरकार शहरी विकास मंत्रालय की अमृत योजना में कार्य सम्मिलित कर लिया गया है। भारत सरकार से स्‍वीकृति अपेक्षित है।

सागर नगर में संचालित आरा मशीन (लकड़ी टाल) अन्‍यत्र विस्‍थापित करने विषयक

36. ( क्र. 762 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 83 (क्रं. 4782) दिनांक 24.07.2014 (घ) के उत्‍तरांश में बताया गया था कि सागर नगर की आबादी के बीच स्थित आरा मशीन (लकड़ी टाल) को शहरों से बाहर विस्‍थापित करने की योजना बनायी गई है । इस हेतु ग्राम बाछलोन सागर में भूमि के हस्‍तांतरण हेतु कार्यवाही प्रचलित है तो क्‍या भूमि का हस्‍तांतरण हो चुका है ? यदि हां, तो शासन कब तक विस्‍थापन का कार्य करेगा ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में विस्‍थापन की कार्ययोजना क्‍या है ? क्‍या शासन स्‍तर पर उक्‍त कार्य की प्रशासकीय स्‍वीकृति हो चुकी है ? यदि नहीं, तो क्‍या शासन जनहित में शीघ्र ही स्‍वीकृति प्रदान करेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हां। भूमि का हस्‍तांतरण नहीं हुआ है। समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ख) सागर विकास योजना-2031 के अंतर्गत आरा मशीनों/लकड़ी टाल को नगर के बाहर विस्‍थापित करने के ग्राम बाछलोन व खुरई मार्ग पर प्रस्‍तावित किया गया है। कार्यवाही प्रचलित है। अत: शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

विभाग को किये गये पत्राचार पर कार्यवाही

37. ( क्र. 780 ) श्री गिरीश गौतम : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या म.प्र. शासन सामान्‍य प्रशासन विभाग के विभागीय आदेश अनुसार माननीय संसदों/विधायकों को विभाग को प्रेषित किये जाने वाले पत्रों का जवाब विभाग द्वारा दिया जाना निर्धारित किया गया ? यदि हां, तो क्‍या यह प्रावधान विद्युत विभाग में भी लागू है ? (ख) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, मुख्‍य अभियंता रीवा को 1 जनवरी 2014 से 30 सितम्‍बर 2015 तक विभिन्‍न तारीखों में विद्युत समस्‍याओं के निराकरण हेतु कई पत्र लिखे गये ? यदि हां, तो कब-कब, किन-किन तारीखों में पत्र विभाग में प्राप्‍त हुए तथा विभाग द्वारा उक्‍त पत्रों का जवाब कब-कब, किन-किन तारीखों पर प्रश्‍नकर्ता को दिये गये ? (ग) यदि पत्रों का जवाब नहीं दिया गया तो उसके लिए कौन जिम्‍मेदार है और उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   जी हाँ। जी हां। (ख) जी हां। कब-कब, किन-किन तारीखों में पत्र प्राप्‍त हुये तथा प्राप्‍त पत्रों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है तथा किस पत्र क्रमांक एवं दिनांक द्वारा माननीय विधायक महोदय को पत्रों का जवाब प्रेषित किया गया है, संबंधी कार्यालयवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शाए अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (ख) में उल्‍लेखित अनुसार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शाये कुछ पत्रों का जवाब नहीं दिया गया है तथा कार्यपालन अभियंता (उत्‍तर संभाग)/(दक्षिण संभाग)/(पूर्व संभाग)/ (शहर संभाग), रीवा तथा कार्यपालन अभियंता/नोडल अधिकारी (राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना) के कार्यालय जिम्‍मेदार हैं। उक्‍त कार्यालयों के तत्‍कालीन संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों को उक्‍त लापरवाही के लिए चेतावनी देने के लिए निर्देशित किया गया है। निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। 

खराब ट्रान्‍सफार्मरों की जानकारी

38. ( क्र. 781 ) श्री गिरीश गौतम : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मध्‍यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी लिमिटेड रीवा म.प्र. के विद्युत वितरण केन्‍द्र मनगवां, देवतालाब, नईगढ़ी, मऊगंज, मनिकवार, रायपुर कर्चुलियान अन्‍तर्गत स्‍थापित कितने ट्रान्‍सफार्मर किन-किन ग्रामों के खराब है ? वितरण केन्‍द्रवार जानकारी उपलब्‍ध कराये ?(ख) वर्णित केन्‍द्रवार खराब ट्रांसफार्मर कब से खराब है और उन्‍हें क्‍यों नहीं बदला जा रहा है कारण बताएं ?(ग) उक्‍त ट्रांसफार्मरों का यदि बिल बकाया है तो उसमें कितनी राशि सिंचाई पम्‍पों की और कितनी राशि घरेलू उपभोक्‍ताओं की है ? उक्‍त सभी ट्रान्‍सफार्मरों को कब तक बदल कर विद्युत सिंचाई पम्‍पों की विद्युत सप्‍लाई चालू कर दी जायेगी ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, रीवा क्षेत्रान्‍तर्गत प्रश्‍नाधीन वितरण केन्‍द्रों में दिनांक 28.10.2015 की स्थिति में जले/खराब 116 वितरण ट्रांसफार्मरों की तथा इनमें से अद्यतन स्थिति में पात्रतानुसार बदले गये 82 एवं नियमानुसार बकाया राशि जमा नहीं होने के कारण बदलने हेतु शेष 34 वितरण ट्रांसफार्मरों की ग्रामवार/वितरण केन्‍द्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मर फेल होने की दिनांक एवं नहीं बदले जाने के कारण की ग्रामवार/वितरण केन्‍द्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाए अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों से सम्‍बद्ध सिंचाई पम्‍प उपभोक्‍ताओं पर तथा घरेलू उपभोक्‍ताओं पर बकाया राशि का ग्रामवार एवं ट्रांसफार्मरवार विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शाए अनुसार है। नियमानुसार बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा होने पर उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखित वितरण ट्रांसफार्मरों को बदल कर विद्युत प्रदाय चालू किया जाना संभव हो सकेगा। अत: वर्तमान में समय सीमा बता पाना संभव नहीं है।
                                     

 

परिशिष्ट अठारह

कसरावद विधानसभा क्षेत्र में सिंचाई व्‍यवस्‍था

39. ( क्र. 966 ) श्री सचिन यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा कसरावद विधानसभा क्षेत्रांतर्गत किन-किन ग्रामों में पीने के पानी एवं सिंचाई की व्‍यवस्‍था हेतु प्रेषित कितने-कितने पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए और उन पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में प्राप्‍त पत्रों पर कार्यवाही पूर्ण नहीं किये जाने के क्‍या कारण हैं ? जल संसाधन विभाग के कार्य क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य पूर्ण किये जा सकते थे और नहीं किये गये ? इनमें कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी दोषी हैं ?(ग) प्रश्‍नांशों के संदर्भ में कार्यवाही पूर्ण कब तक कर ली जायेगी तथा पत्र में दर्शित ग्रामों को पीने के पानी व सिंचाई के लिए पानी कब तक उपलब्‍ध कराया जायेगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) से (ग) दिनांक 25.05.2014 से 22.08.2015 तक कार्यालय कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, खरगोन में 9 पत्र प्राप्‍त होना प्रतिवेदित है । इंदिरा सागर परियोजना की नहरों से जल संसाधन विभाग के बिठेर, अम्‍बकनाला एवं जलखा तालाब में पानी डालने का सर्वेक्षण कार्य अक्‍टूबर 2015 में पूर्ण किया जा चुका है । किसी अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा कर्तव्‍य निर्वहन में शिथिलता की स्थिति नहीं है । उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों से स्‍वीकृत एवं निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूर्ण कराना सर्वोच्‍च प्राथमिकता होने के कारण स्‍वीकृति के लिए समयसीमा नियत करना संभव नहीं है ।





अतारांकित प्रश्नोत्तर


विद्युत उपकेन्‍द्र/लाईनों के लंबित प्रस्‍ताव

1. ( क्र. 12 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या 220 KB उपकेन्‍द्र खजुराहो (छतरपुर) का प्रस्‍ताव लंबित है, यदि हां, तो कब स्‍वीकृत होगा।(ख) क्‍या टीकमगढ़ से छतरपुर 220 KB की लाईन जोड़ने की कार्य योजना है ? यदि हां, तो अब तक कौन-कौन प्रयास किये गये ?(ग) सचिव ऊर्जा विभाग/आयुक्‍त द्वारा कितने प्रस्‍ताव किन-किन तिथियों में प्रस्‍तुत किये गये तथा केबिनेट बैठक में स्‍वीकृत हुए ? वर्ष 2013 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी दें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) जी नहीं। (ख) जी हॉं। 220 के.व्‍ही. उपकेन्‍द्र टीकमगढ़ एवं छतरपुर के बीच 220 के.व्‍ही. डीसीएसएस लाईन का कार्य प्रस्‍तावित है। यह कार्य जायका- II वित्‍तीय योजना में सम्मिलित किया गया है। जायका जापान से ऋण सहायता हेतु मार्च, 2016 तक अनुबंध हस्‍ताक्षरित किये जाने की सम्‍भावना है। (ग) प्रदेश में ट्रांसमिशन प्रणाली विकसित करने का कार्य राज्‍य शासन के स्‍वामित्‍व वाली म.प्र. पावर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा किया जाता है। कंपनी के संचालक मण्‍डल द्वारा आवश्‍यकतानुसार नए प्रस्‍तावों पर स्‍वीकृति प्रदान की जाती है, जिस हेतु केबिनेट से अनुमोदन प्राप्‍त करने की आवश्‍यकता नहीं है।

चंदेल कालीन तालाबों का सुधार

2. ( क्र. 13 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राजनगर विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत चंदेल कालीन कितने तालाब खराब स्थिति में हैं ?(ख) क्‍या लवकुशनगर विकास खण्‍ड के झिन्‍ना ग्राम में पानी की समस्‍या रहती है और वहॉं तालाब गांव के बीचों बीच स्थित है ? क्‍या शासन ने अब तक सुधार की कोई कार्य योजना बनाई ? यदि नहीं, तो क्‍यों ?(ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा मा. प्रभारी मंत्री छतरपुर को दिए गए पत्र पर क्‍या कार्यवाही की गई ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जल संसाधन विभाग के अधीन प्रश्‍नाधीन क्षेत्र में सभी तालाब अच्‍छी स्थिति में हैं । (ख) प्रश्‍नाधीन जलाशय जल संसाधन विभाग की परियोजना नही है । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होते है । (ग) मा. प्रश्‍नकर्ता विधायक द्वारा दिए जाने वाले पत्रों की जानकारी शासन संधारित नहीं करता है ।

विधायक निधि के स्‍वीकृत कार्य

3. ( क्र. 33 ) श्री महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अशोकनगर जिले में विधायक निधि से कितने कार्य, कितनी धनराशि के पिछले 02 साल में स्‍वीकृत हुए तथा क्‍या प्रगति है ?(ख) विधायक‍ निधि से कितने हैंडपंप स्‍वीकृत हुये तथा उनमें से कितने हैंडपंप लगाये गये ? कितने हैंडपंप लगाना बाकी है ? शेष बचे हैंडपंप कब तक लगाये जावेंगे ?(ग) हैंडपंप कब स्‍वीकृत हुये थे ? स्‍वीकृत होने के 04 वर्ष बाद भी अभी तक क्‍यों नहीं लगे ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजनान्‍तर्गत जिले में विगत 02 वर्षो में 311 कार्य स्‍वीकृत हुये हैं । जिनकी कुल लागत राशि रू. 461.86 लाख रू. है। स्‍वीकृत कार्यों के विरूद्व 159 कार्य पूर्ण हो गये है 84 कार्य प्रगति पर 68 कार्य अप्रारम्‍भ्‍ा है। (ख) योजनान्‍तर्गत वर्ष 2011-12 से 2014-15 तक 31 हेंन्‍डपंप कार्य स्‍वीकृत हुये जिनमें से 27 हेंन्‍डपंप लगाये गये 04 हेंन्‍डपंप लगाये जाना श्‍ोष हें ।जिन्‍हे जनवरी 2016 तक लगाये जावेगें। (ग) वर्ष 2011-12 में 11 हेंन्‍डपंप कार्य स्‍वीकृत किये गये सभी कार्य पूर्ण करा लिये गये, वर्ष 2012-13 में 9 कार्य स्‍वीकृत किये गये सभी कार्य पूर्ण करा लिये गये, वर्ष 2013-14 में 07 कार्य स्‍वीकृत किये गये 05 कार्य पूर्ण करा लिये गये 02 कार्य अपूर्ण हें, वर्ष 2014-15 में 04 कार्य स्‍वीकृत किये गये 02 कार्य पूर्ण करा लिये गये 02 कार्य अपूर्ण हें। कार्य अपूर्ण/बिलंम्‍ब का कारण ग्रामीणजन में स्‍थल की सहमति न बनना स्‍थल विवाद एवं  नवीन पंचायतों का गठन होना है।

नगर पालिका निगमों में आयुष चिकित्‍सकों के पद पुन: सृजित करना

4. ( क्र. 41 ) श्री यादवेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या म.प्र. के नगर पालिका निगमों/पालिका में 15 जुलाई 2015 के राजपत्र में आर्दश कार्मिक संरचना में आयुर्वेदिक, होम्‍योपैथिक, यूनानी चिकित्‍सक, वैध एवं सहयोगी स्‍टाफ के पद समाप्‍त किये जाने का प्रावधान किया गया है ? (ख) यदि हां तो नगर पालिका निगमों/पालिका के इन आयुष चिकित्‍सकों के पद समाप्‍त करने के क्‍या कारण थे ? (ग) क्‍या विधानसभा के किसी सदस्‍य द्वारा माननीय मुख्‍यमंत्री जी को पत्र क्रमांक 2363 दिनांक 30.10.2015 के द्वारा अनुरोध किया था कि इन आयुष चिकित्‍सकों के पद पुन: स्‍वीकृत किये जाए यदि हां तो किए गए अनुरोध पर क्‍या कार्यवाही की गई ? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) के परिप्रेक्ष में समाप्‍त किए गए पदों को पुन: कब तक सृजित किये जायेगें ? यदि नहीं तो क्‍यों कारण बताएं ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी, नहीं अपितु दिनांक 15-07-2015 को प्रकाशित राजपत्र नगर पालिक निगम (अधिकारियों तथा सेवकों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्ते) नियम-2000 में संशोधन से संबंधित है। (ख) उत्‍तरांश क के संदर्भ में प्रश्‍न ही नहीं उपस्थित होता। (ग) जी, हां। माननीय विधान सभा के सदस्‍य व्‍दारा किये गये अनुरोध का वैधानिक परीक्षण किया जा रहा है। (घ) समय सीमा निर्धारित किया जाना संभावित नहीं है। उक्‍त पद नगर पालिक निगमों की आदर्श कार्मिक संरचना अंतर्गत मध्‍यप्रदेश शासन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण के ज्ञाप क्रमांक एफ 4-52/2012/18-1 भोपाल दिनांक 28-02-2014 व्‍दारा डांईग काडर में सम्मिलित किये गये है।

जलाशयों के पानी का उपयोग

5. ( क्र. 57 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या प्रदेश के जलाशयों में भरपूर पानी है ? (ख) यदि हां तो खरीफ 2015 में कितना उपयोग हुआ ?(ग) रबी में कितना उपयोग होगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) सभी जलाशयों में पूर्ण क्षमता तक जल संग्रहण नहीं हुआ है । (ख) विभिन्‍न जलाशयों से खरीफ फसल के लिए आवश्‍यकतानुसार सिंचाई जल दिया गया है । जल की मात्रा की जानकारी संकलित नहीं की गई है । (ग) रबी सिंचाई के लिए जल उपयोग की मात्रा जलाशयों में उपलब्‍ध जल, उपलब्‍ध सैच्‍य क्षेत्र, शीत ऋतु में वर्षा एवं कृषकों द्वारा ली जाने वाली फसलों पर निर्भर होने से बताई जाना संभव नहीं है ।

स्‍वेल माइन्‍स से कर वसूली

6. ( क्र. 82 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2411 दिनांक 28.07.2015 के प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर अनुसार माननीय उच्‍च न्‍यायालय नई दिल्‍ली के समक्ष प्रस्‍तुत विशेष अनुमति याचिका क्रमांक 27791/14 में पारित निर्णय दिनांक 28.10.2014 से बकायादार की संपत्ति की नीलामी की कार्यवाही स्‍थगित की गई है, उक्‍त याचिका की प्रति तथा विभाग द्वारा दिये गये उत्‍तर की प्रति एवं दिये गये स्‍थगन की प्रति दें तथा स्‍थगन रिक्‍त कराने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है, बताएं ?(ख) उक्‍त फर्म पर बकाया राशि जिस-जिस वर्ष की थी, उसी वर्ष में राशि वसूलने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही उसी वर्ष में की गई है ? कार्यवाही संबंधी किये गये समस्‍त पत्राचारों की प्रतियां उपलब्‍ध करावें ?(ग) उक्‍त बकायादारों से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी राशि किस-किस से वसूल कर ली है ? क्‍या बकायादारों ने ही अन्‍य नाम से दूसरी फर्मों का पंजीयन कराया है, जिसमें वे ही पार्टनर व प्रोपाइटर है ? इसकी जांच कराकर पंजीयन निरस्‍त करने की कार्यवाही की जावेगी ?(घ) फर्म स्‍वेल माइन्‍स पर बकाया राशि वसूलने के संबंध में प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य एवं अन्‍य द्वारा शिकायत की गई है ? यदि हां, तो उक्‍त की जांच कब और किसके द्वारा कराई गई है ? यदि नहीं, तो शिकायतकर्ता के समक्ष कब जांच कराई जावेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2411 दिनांक 28/07/2015 प्रश्‍नांश ''ख'' के अनुसार माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय नई दिल्‍ली के समक्ष प्रस्‍तुत विशेष अनुमति याचिका क्रमांक 27791/14 न होकर माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय नई दिल्‍ली के समक्ष प्रस्‍तुत विशेष अनुमति याचिका क्रमांक 27794/14 है, में पारित निर्णय दिनांक 28/10/2014 से बकायादार की संपत्ति की नीलामी की कार्यवाही स्‍थगित की गई। उक्‍त याचिका की प्रति तथा विभाग द्वारा दिए गए उत्‍तर की प्रति एवं दिए गए स्‍थगन की प्रति तथा स्‍थगन रिक्‍त कराने हेतु की गई कार्यवाही की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''अ'' अनुसार है। विशेष अनुमति याचिका में प्रस्‍तुत उत्‍तर में स्‍थगन समाप्‍त करने का अनुरोध एवं विशेष अनुमति याचिका खारिज करने के निवेदन सहित माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय में विभाग द्वारा अपना पक्ष प्रस्‍तुत किया गया। माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा दिनांक 12/10/2015 के आदेश से समस्‍त विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज कर दी गई है। (ख) कम्‍पनी द्वारा वित्‍त वर्ष 2007-08 से वर्ष 2009-10 तक के लिए नियमित कर निर्धारण के समय प्रस्‍तुत लेखा-पुस्‍तकों के आधार पर कोई अतिरिक्‍त मांग सृजित नहीं हुई थी। दिनांक 28/8/2010 को आकस्मिक जांच के दौरान विभाग द्वारा जप्‍त किये गये दस्‍तावेजों के आधार पर मध्‍यप्रदेश वेट अधिनियम 2002 की धारा 55-क के अंतर्गत किये गये ब्‍लाक कर निर्धारण, धारा 21 के अंतर्गत किए गए कर निर्धारण एवं वर्ष 2010-11 एवं 2011-12 के नियमित कर निर्धारण आदेशों के फलस्‍वरूप 96,00,25,520/- वेट, 25,76,26,397/- केन्द्रीय विक्रय कर एवं  रू 7,51,45,294/- प्रवेशकर, कुल रू 1,29,28,44,211/- की अतिरिक्त माँग कायम की गई है, उक्त बकाया राशि की वसूली हेतु नियामानुसार संपूर्ण प्रयास विभाग द्वारा किए गए है । (ग) बकायादार कम्पनी से अभी तक रू 30.76 लाख की वसूली कर ली गई है । बकायादार एक लिमिटेड कंपनी है । लिमिटेड कंपनी में पार्टनर/प्रोपराईटर नहीं होते हैं । कंपनी के डारेक्टर्स द्वारा अन्य किसी नाम से कोई भागीदारी फर्म/ प्रोपराईटरशिप फर्म के रुप में व्यवसाय संचालित किया जा रहा है अथवा पंजीयन प्राप्त किया गया है, इसकी  कोई भी जानकारी विभाग के संज्ञान में अभी तक नहीं आयी है । अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हॉ। विभाग द्वारा ही कर अपवंचन का मामला पकड़कर करारोपण किया है। बकाया वसूली के प्रयासों में बकायादार की चल-अचल सम्पत्तियों को कुर्क किया गया है। माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा बकाया वसूली हेतु स्थगन जारी किये जाने तथा उसके निरंतर रहने एवं माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा भी स्थगन जारी किये जाने के कारण वसूली स्थगित रही है। इसलिए शिकायत के परिप्रेक्ष्य में उत्तरदायित्व निर्धारण एवं इस हेतु जांच दल गठित किये जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।  

विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 2420 दिनांक 30.07.2015

7. ( क्र. 83 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍नोत्‍तरी दिनांक 30.07.2015 में मुद्रित प्रश्‍न क्रमांक 2420 में प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में रेल्‍वे विभाग से एन.ओ.सी. प्राप्‍त करने के बाद निविदा आमंत्रित न कर अन्‍य भूमि पर भी विलंब से पाइप डाले गये हैं, यदि हां तो इसके लिये ठेकेदार के बिल से दण्‍डस्‍वरूप राशि किससे कितनी काटी गई है और किस मापदण्‍ड अनुसार काटी गई है ? (ख) क्‍या जिन-जिन स्‍थानों में सड़क तोड़कर पाइप लाइन डाली गई है, उसमें से अधिकांश भाग की आज भी मरम्‍मत नहीं की गई है ? क्‍या इस हेतु जांच दल गठित करते हुये, उसमें प्रश्‍नकर्ता को शामिल कर जांच की जावेगी ? ठेकेदारों ने सड़क मरम्‍मत किस भाग की करने का फर्जी बिल भुगतान बिना कार्य के किया गया है ? इसकी जांच करायेंगे ? क्‍या प्रमुख मार्ग चाका से बिलहरी तक मॉडल रोड पर कार्य पी.एस.सी. कंपनी द्वारा कराया गया है एवं वहां पर कार्य नहीं हुआ ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शासन कब तक जांच करायेगा ? तथा दोषियों पर क्‍या कार्यवाही की जावेगी ?(घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा आयुक्‍त, नगर निगम से पत्र क्रमांक 2290, दिनांक 17.10.2015 से जानकारी चाही गई है ? जो अप्राप्‍त है, यदि हां तो समय-सीमा पर न देने के लिये कौन उत्‍तरदायी है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) पश्चिम मध्‍य रेवले से एन.ओ.सी. दिनांक 21-09-2015 को प्राप्‍त हुई है एवं इसके अंतर्गत कराये जाने वाले कार्य हेतु पृथक से निविदा आमंत्रण की आवश्‍यकता नहीं है, क्‍योंकि यह कार्य पूर्व से स्‍वीकृत निविदा अंतर्गत प्रावधानित था। रेवले क्षेत्र के अतिरिक्‍त अन्‍य भूमि पर पाईप लाईन कार्य में विलंब होने पर मेयर-इन-काउंसिल के निर्णय अनुसार पेनाल्‍टी अधिरोपित कर राशि रू. 30.928 लाख काटी गई है। (ख) जी नहीं, मरम्‍मत कार्य कराया जा चुका है। जॉच की आवश्‍यकता नहीं है। किसी भी सड़क मरम्‍मत कार्य का फर्जी भुगतान नहीं किया गया है, अत: जांच की आवश्‍यकता नहीं है। जी हॉ। प्रमुख मार्ग चाका से बिलहरी तक माडल रोड पर कार्य पी.एस.सी. कम्‍पनी व्‍दारा कराया गया है। (ग) उत्‍तरांश ‘क’ एवं ‘ख’ के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जी हॉ। जानकारी नगर निगम, कटनी के पत्र क्र. 4871 दिनांक 10-11-2015 व्‍दारा प्रेषित की गई है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता।

जनभागीदारी योजना अन्‍तर्गत कराये गये निर्माण कार्यों की जांच

8. ( क्र. 95 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या कलेक्‍टर जिला गुना के प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश क्रमांक 1292-1293 दिनांक 18.05.2005 से ग्राम केदारपुरा में रेनबसेरा भवन का निर्माण कार्य ग्राम पंचायत नागनखेड़ी में राशि रू.3.00 लाख स्‍वीकृत कर क्रियान्‍वयन एजेन्‍सी मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत राघौगढ़ को नियत किया जाकर तत्‍कालीन सरपंच के फार्म हाउस पर निर्माण कार्य कराया गया है ? क्‍या उक्‍त रेनबसेरा भवन का उपयोग तत्‍कालीन सरपंच एवं उसके परिजनों द्वारा किया जा रहा है ? (ख) क्‍या ग्राम केदारपुरा में रेनबसेरा भवन निर्माण एवं ग्राम पंचायत नादनखेड़ी में जनभागीदारी योजना अन्‍तर्गत स्‍वीकृत समस्‍त निर्माण कार्य सार्वजनिक लाभ की दृष्टि से शासकीय भूमि पर ही सम्‍पादित होने चाहिये थे अथवा तत्‍कालीन सरपंच के व्‍यक्तिगत लाभ प्राप्ति हेतु ? (ग) ग्राम पंचायत नागनखेड़ी में जनभागीदारी योजना अन्‍तर्गत 2005 से 2013 तक स्‍वीकृत समस्‍त निर्माण कार्यो की कार्यवार पृथक-पृथक जांच हेतु कलेक्‍टर जिला गुना द्वारा माह अप्रैल 2015 में गठित जांच कमेटी द्वारा क्‍या जांच की गई ? यदि नहीं, तो क्‍यों ? ग्राम पंचायत नागनखेड़ी में जनभागीदारी योजना अन्‍तर्गत दिशा निर्देशों का उल्‍लंघन निर्माण कार्य स्‍वीकृत कराने वाले तत्‍कालीन दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों एवं फर्जी मूल्‍यांकन करने वाले उपयंत्रियों/अनुविभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कब तक एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी ? (घ) गुना जिले में जनभागीदारी योजना अन्‍तर्गत ग्राम केदारपुरा में रेनबसेरा भवन एवं ग्राम पंचायत नागरखेड़ी में स्‍वीकृत समस्‍त निर्माण कार्यो की जांच हेतु अधोहस्‍ताक्षरकर्ता द्वारा मनानीय मंत्री महोदय, अपर मुख्‍य सचिव एवं प्रमुख सचिव योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग म.प्र. भोपाल एवं आयुक्‍त, आर्थिक एवं सांख्यिकी म.प्र. भोपाल को स्‍पीड पोस्‍ट के माध्‍यम से प्रेषित पत्रों पर आज दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई, अवगत कराया जावे ? अगर विधायक के पत्रों पर कार्यवाही नहीं की गई है, तो इसका उत्‍तरदायी कौन है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जनभागीदारी योजना से वर्ष 2005-06 में प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश क्रमांक 1292-93 दिनांक 18-05-2005  द्वारा ग्राम केदारपुरा में रैनबसेरा निर्माण राशि रू. 3.00 लाख का जनपद पंचायत राधोगढ को स्‍वीकृत किया गया है। माननीय विधायक चांचौडा की शिकायत के आधार पर कार्यालयीन आदेश क्रमांक 934 दिनांक 29-04-2015 ग्राम केदारपुरा में रैनबसेरा निर्माण कार्य हेतु जॉच दल गठित कर दिया गया है। जॉच दल से प्रतिवेदन अप्राप्‍त है। (ख्‍ा) जनभागीदारी योजनांन्‍तर्गत सभी कार्य सार्वजनिक लाभ के लिए स्‍वीकृत किये जाते है। व्‍यक्तिगत लाभ या उपयोग के लिये नही। संबंध में नियुक्‍त जॉच दल से प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर स्थिति स्‍पष्‍ट होगी। (ग) वर्ष 2005 से 2013 तक ग्राम पंचायत नागनखेडी कुल 13 कार्य जनभागीदारी के नियमानुसार ही स्‍वीकृत किये गये हैं, जिसकी जॉच हेतु कार्यालीन आदेश क्रमांक 934 दिनांक 29-04-2015 द्वारा दल गठित कर जॉच कराई जा रही है। जॉच दल का प्रतिवेदन अप्राप्‍त है,जॉच पूर्ण होने पर यदि कोई अनियमित्‍ता प्रकाश में आती है तो नियामनुसार वैघानिक कार्यवाही की जायेगी। (घ) कार्यालयीन आदेश क्रमांक 934 दिनांक 29-04-2015  ग्राम केदारपुरा में रैनबसेरा निर्माण कार्य हेतु जॉच दल गठित कर दिया गया है। जॉच दल से प्रतिवेदन अप्राप्‍त है। यदि कोई अनियमित्‍ता प्रकाश में आती है तो नियामनुसार वैघानिक कार्यवाही की जायेगी।

जनभागीदारी योजना अंतर्गत स्‍वीकृत निर्माण कार्य

9. ( क्र. 100 ) श्रीमती ममता मीना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग म.प्र. द्वारा जनभागीदारी योजना की मार्गदर्शिका में मांग संख्‍या 64 (अनुसूचित जाति) एवं मांग संख्‍या 41 (अनुसूचित जन जाति) अंतर्गत क्‍या नियम है ? क्‍या मांग संख्‍या 64 एवं मांग संख्‍या 41 में संबंधित समूह के 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्‍या वाले क्षेत्रों में ही निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये जा सकते हैं ?(ख) गुना जिले में वर्ष 2001 एवं 2011 की जनगणना के अनुसार जनभागीदारी योजना अंतर्गत मांग संख्‍या 64 से कितने ग्रामों में अनुसूचित जाति की जनसंख्‍या 50 प्रतिशत से कम होने के बावजूद भी कितने निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये तथा मांग संख्‍या 41 से कितने ग्रामों में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्‍या 50 प्रतिशत से कम होने के बावजूद भी कितने निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये ? कार्यवार स्थिति स्‍पष्‍ट करें ?(ग) गुना जिले में जनभागीदारी योजना अंतर्गत निर्माण कार्यों की स्‍वीकृति की शिकायत प्रमुख सचिव, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग म.प्र. भोपाल एवं आयुक्‍त, आर्थिक एवं सांख्यिकी म.प्र. भोपाल को पूर्व में प्राप्‍त हुई है अथवा नहीं ? अगर प्राप्‍त हुई है तो दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई ? क्‍या शासन द्वारा मार्गदर्शिका का उल्‍लंघन करने वाले दोषी शासकीय सेवकों के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई जावेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हाँ । जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट `अ` अनुसार। (ख) जनभागीदारी योजना अंतर्गत मांग संख्या 64 एवं 41 में नगर/ग्राम,पंचायत/नगर तथा ग्राम पंचायत के वार्डों में हरिजन/आदिवासी मतदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत या उससे अधिक के आधार पर ही कार्य स्वीकृत किये गये  हें । ऐसे कोई कार्य स्वीकृत नहीं किये गये जिनमे मतदाताओं की संख्या  50 प्रतिशत से कम हो। (ग) जी हाँ । प्राप्त शिकायत जिला योजना अधिकारी, गुना को प्रेषित की गई है । जाँच रिपोर्ट प्राप्त होने पर आवशयक कार्यवाही की जाएगी।

तालाब के वेस्‍टवीयर पर पुलिया निर्माण

10. ( क्र. 118 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्‍नकर्ता के अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या-23 (क्रमांक 328) दिनांक 21 जुलाई 2015 के उत्‍तर की कंडिका (ग) एवं (घ) में तहसील ब्‍यावरा के ग्राम झरखेड़ा तालाब के अंतर्गत ग्राम पाडली महाराजा के निकट तालाब के वेस्‍टवीयर पर पुलिया निर्माण न होने से आवागमन मार्ग बंद होने के संबंध में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ को आवश्‍यक निर्देश देने का उल्‍लेख किया था तो कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ को दिये गये निर्देशों की प्रति उपलब्‍ध कराते हुये बतावें कि निर्देश दिनांक से प्रश्‍न दिनां‍क उक्‍त पुलिया निर्माण के संबंध में क्‍या कार्यवाही की गई ?(ख) क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त वेस्‍टवीयर पर पुलिया निर्माण नहीं कराया गया है ? यदि हां तो कब तक पुलिया निर्माण करवा दिया जावेगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) एवं (ख) कार्यपालन यंत्री को दिए गये निर्देश की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट के 'प्रपत्र-अ' अनुसार है । डूब क्षेत्र में जल भरा होने से सर्वेक्षण कराना संभव नहीं हो सका है । सर्वेक्षण के बिना पुलिया निर्माण कराने और कार्य पूर्ण कराने के लिए समयसीमा निर्धारित की जाना संभव नहीं है ।

परिशिष्ट उन्नीस

ब्‍यावरा नगर के वैक‍ल्पिक मार्ग की स्‍वीकृति बाबत

11. ( क्र. 119 ) श्री नारायण सिंह पँवार : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्‍नकर्ता के परि.अता. प्रश्‍न 68 (क्रमांक 1135) दिनांक 23 जुलाई 2015 के उत्‍तर की कंडिका (ख) एवं (ग) में बताया गया था कि मुख्‍यमंत्री अधोसंरचना विकास योजनान्‍तर्गत एक अन्‍य वैकल्पिक मार्ग (रा.रा.मार्ग क्र.-3 से सिविल अस्‍पताल होते हुये पंचमुखी चौराहे तक) निर्माण कार्य की प्रस्‍तुत डी.पी.आर. के परीक्षण की कार्यवाही की जा रही है ? योजना परीक्षण उपरांत ही निर्णय लिया जा सकेगा ? तो क्‍या उक्‍त मार्ग निर्माण हेतु प्रस्‍तुत डी.पी.आर. के परीक्षण उपरांत प्रश्‍न दिनांक तक कोई निर्णय लिया गया है ? यदि हां तो क्‍या ? यदि नहीं तो क्‍यों ? (ख) क्‍या शासन ब्‍यावरा नगर से गुजरने वाले एक मात्र पुराना ए.बी.रोड़ पर आवागमन के भारी दबाव से बाधित यातायात से आमजन को निजात दिलाने हेतु उक्‍त वैकल्पिक मार्ग की स्‍वीकृति इसी वित्‍तीय वर्ष में प्रदान करेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के व्दितीय चरण के स्‍वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है, नगर परिषद ब्‍यावरा व्‍दारा प्रस्‍तुत डी.पी.आर. को मुख्‍यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना के व्दितीय चरण में शामिल किया गया है। (ख) योजना स्‍वीकृति के लिए समय सीमा बतलाया जाना संभव नहीं है।

जाति प्रमाण-पत्र

12. ( क्र. 167 ) श्री दिनेश राय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सिवनी विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत विगत 01-03-2013 से प्रश्‍न दिवस तक एस.डी.एम कार्यालय सिवनी के अन्‍तर्गत कितने आवेदन पत्र स्‍थाई जाति प्रमाण-पत्र के बनाये जाने हेतु आवेदकों ने आवेदन पत्र कार्यालय में जमा किये हैं ? (ख) प्राप्‍त आवेदन पत्रों में से कितने आवेदकों को दिनांक 01-03-2013 से जाति प्रमाण-पत्र उक्‍त एस.डी.एम कार्यालय द्वारा कब-कब जारी किये गये ? कितने प्रमाण-पत्र अभी इस कार्यालय में बनाये जाने हेतु आज भी कितने समय से लंबित है ? (ग) जाति प्रमाण-पत्रों में विलम्‍ब का क्‍या कारण है ? समय पर प्रमाण-पत्र आम जनता को मिले इस हेतु जिला प्रशासन के क्‍या एक्‍शन प्‍लान बनाया है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क)  तहसील सिवनी विधानसभा क्षेत्र सिवनी के अंतर्गत दिनांक 1/3/2013 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 95726 प्रकरण लोक सेवा केन्‍द्र सिवनी के माध्‍यम से प्राप्‍त हुये । जिसमें से 94795 आवेदनों का निराकरण कर प्रमाण-पत्र जारी कर दिये गये हैं । (ख)  प्राप्‍त आवेदनों में 94795 प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में कर दिया गया है । अभी 931 प्रकरण निराकरण को शेष है जिनकी समय-सीमा 31/12/15 तक है । (ग) शासन के निर्देर्शों के अनुपालन में निर्धारित समय-सीमा में जारी किये जा रहे हैं । शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता । 

तीसरा समयमान वेतनमान

13. ( क्र. 182 ) श्री संजय पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या शासकीय कर्मचारी/अधिकारी को ग्रेड वेतन 2800 रू. छठवे वेतनमान में परिवर्तन के पश्‍चात् तीस वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने के पश्‍चात तीन प्रमोशन अथवा तीसरा समयमान वेतन की पात्रता जुलाई 2014 से देने हेतु वित्‍त विभाग द्वारा आदेश पारित किया गया है, जिसमें तीसरे समयमान का ग्रेड वेतन 5400 रूपये नियत किया गया है ?(ख) प्रश्‍नांश (क) हां, तो ऐसे कर्मचारी/अधिकारी जो जुलाई 2014 के पूर्व दूसरा प्रमोशन/समयमान वेतन में ही 5400 का ग्रेड वेतन प्राप्‍त कर रहे हैं उन कर्मचारियों/अधिकारियों को तीस वर्ष की सेवा पश्‍चात् यदि उन्‍हें तीसरा प्रमोशन नहीं प्राप्‍त हुआ है, तो संबंधितों को कौन सा ग्रेड वेतन दिया जायेगा ? जबकि स्‍वीकृत वेतन 5400 पहले से प्राप्‍त हो रहा है ?(ग) जुलाई 2014 के बाद शासकीय सेवा से सेवा निवृत्‍त एवं शासकीय सेवा कार्यरत कर्मचारियों/अधिकारियों को तीसरे समयमान का कौन सा ग्रेड वेतन स्‍वीकृत किया जावेगा ? कब तक विसंगति को दूर कर अन्‍य कर्मचारियेां के समान इस ग्रेड के अधिकारी/कर्मचारियों तीसरा प्रमोशन/समयमान का लाभ दिया जायेगा ? यदि नहीं तो क्‍यों ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हा। (ख) वित्‍त विभाग का ज्ञाप क्रमांक एफ 11-17/2014/नियम/चार दिनांक 30 सितम्‍बर 2014 अनुसार जिन संवर्गो में सीधी भर्ती होती है उन्‍हे उपरोक्‍तानुसार त़ृतीय समयमान स्‍वीकृत किया जाता है। (ग) उत्‍तर ख अनुसार । 

अपूर्ण कार्यों के संबंध में

14. ( क्र. 185 ) श्री संजय पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या वित्‍तीय वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 में विधानसभा विकास निधि से प्रश्‍नकर्ता द्वारा अनुशंसित निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अपूर्ण है तथा प्रारंभ नहीं किये गये ? यदि हां तो ऐसे कितने निर्माण कार्य जिले में शेष हैं ? प्रत्‍येक निर्माण कार्य की पृथक-पृथक अपूर्ण, अप्रारंभ स्थिति की संपूर्ण जानकारी दी जाए ?(ख) वर्षवार जानकारी दी जाए तथा दोषी कर्मचारी/अधिकारी के नाम, पद एवं कार्य एजेंसी का नाम दिया जाए ? उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जावेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वर्ष 2013-14 में 45 स्‍वीकृत कार्यो के विरूद्व 36 कार्य पूर्ण 05 प्रगति पर एवं 04 कार्य अप्रारम्‍भ है। वर्ष 2014-15 में 39 स्‍वीकृत कार्यो के विरूद्व 15 कार्य पूर्ण 10 कार्य अपूर्ण एवं 14 कार्य अप्रारम्‍भ है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ' अ ' अनुसार है। (ख) वर्षवार एवं ऐजेन्‍सीवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'अ' अनुसार है। किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के दोषाी होने का प्रश्‍न उपस्थित नही होता है। 

बरगी दायी तट के नहर का निर्माण

15. ( क्र. 188 ) श्री संजय पाठक : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बरगी दायीं तट नहर टनल (अण्‍डरग्राउन्‍ड) निर्माण का कार्य किस ठेकेदार को स्‍वीकृत किया गया था और क्‍या मशीन खरीदने हेतु अग्रिम राशि के रूप में ठेकेदार को राशि का कितना भुगतान किया गया था तथा कितने समय में टनल (अण्‍डरग्राउन्‍ड) नहर निर्माण का कार्य करने की समय-सीमा निर्धारित की गई थी ?(ख) प्रश्‍नांश (क) हां तो ठेकेदार द्वारा टनल (अण्‍डरग्राउन्‍ड) का निर्माण ठेकेदार द्वारा समय-सीमा में पूर्ण कर लिया गया ? यदि नहीं तो कब तक पूर्ण होगा ?(ग) क्‍या संबंधित ठेकेदार बीच में ही नहर निर्माण का कार्य बंद कर अपने कर्मचारियों को एवं सामग्री को प्रभारी अधिकारी की जानकारी में रहते हुये सामग्री का स्‍थानांतरण किया है ?(घ) यदि प्रश्‍नांश (ग) हां तो क्‍या संबंधित ठेकेदार को कालातीत घोषित कर मशीन क्रय हेतु प्रदाय अग्रिम राशि उसके चल-अचल संपत्ति से वसूल की जावेगी और कृषक हित में ठेकेदार द्वारा कार्य बाधित करने हेतु दोषी मानते हुये ठेकेदार व प्रभारी अधिकारी के उपर प्राथमिकी दर्ज कराई जाकर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ? यदि नहीं तो क्‍यों ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बरगी दांयी तट नहर टनल (अण्‍डर ग्राउण्‍ड) का निर्माण कार्य मेसर्स पटेल-एस.ई.डब्‍लू (संयुक्‍त उपक्रम) हैदराबाद को स्‍वीकृत किया गया है। टनल बोरिंग मशीन खरीदने हेतु अग्रिम राशि के रूप में ठेकेदार को कोई भुगतान नहीं किया गया है, अपितु उपकरण अग्रिम के रूप में अनुबंध के प्रावधानानुसार रूपये 39.95 करोड का भुगतान बैंक गांरटी के विरूद्ध किया गया है। उक्‍त कार्य पूर्ण करने की समय-सीमा 40 माह वर्षाकाल सहित अर्थात 25 जुलाई 2011 तक निर्धारित थी, जिसको बढाकर दिनांक 30/06/2016 त‍क किया गया है। (ख) जी नहीं। ठेकेदार द्वारा टनल (अण्‍डर ग्राउण्‍ड) का निर्माण भौगोलिक कठिनाईयों के कारण समय-सीमा में पूर्ण नहीं किया  जा सका है। यह कार्य दिसम्‍बर 2018 तक पूर्ण होना संभावित है। (ग) जी नहीं ।  ठेकेदार ने नहर निर्माण का कार्य बीच में बंद नहीं किया है ।  एक छोर से अपेक्षित प्रगति नहीं होने  पर ठेकेदार द्वारा दूसरे छोर से भी एक और टनल बोरिंग म‍शीन लगाई जा रही है। इसके लिये कुछ मशीनरी दूसरे छोर पर ले जाई गई है। नई टनल बोरिंग मशीन से दूसरे छोर से भी कार्य जनवरी में अारंभ होना अपेक्षित है। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के प्रकाश में शेषांश का प्रश्‍न नहीं उठता। 

पर्यटन मार्ग के आवागमन की बहाली

16. ( क्र. 189 ) श्री संजय पाठक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) परिवर्तित अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या-15 (क्र. 612), दिनांक 28.07.2015 में बताया गया है निविदा आमंत्रित कर कार्य प्रारंभ कराया गया है पुल के सुधार कार्य के पूर्ण होने तक परिवर्तित मार्ग बनाने की कोई योजना नहीं होने से शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है ? तो आमंत्रित निविदा से कराये जा रहे कार्य की समय-सीमा निविदा में क्‍या निर्धारित की गई थी ? क्‍या पर्यटन के साथ-साथ विकासखण्‍ड विजयराघवगढ़ एवं प्रदेश के उस मार्ग से संबंधित जनता का आवागमन पूर्णत: अवरूद्ध होने के कारण क्षेत्र की जनता एवं देश-विदेश के सैलानी काफी समस्‍याओं का सामना कर रहे हैं यदि हां तो इसके लिये कौन दोषी हैं ?(ख) उपरोक्‍त पूर्ण मरम्‍मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कब तक पूर्ण हो जायेगा निश्चित समयावधि बतायें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नाधीन कार्य का अनुबंध दिनांक 02.05.2015 को किया गया जिसके अनुसार कार्य पूर्ण करने की अवधि वर्षा ऋतु छोड़कर 6 माह है । वैकल्पिक मार्ग उपलब्‍ध है । अत: किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है ।(ख) निर्माण कार्य प्राथमिकता के आधार पर प्रगति पर है । निर्माण कार्य की पूर्णता निर्माण एजेंसी की क्षमता, निर्माण के दौरान आने वाली परिस्थितियों की कठिनाईयों पर निर्भर होने से कार्य पूर्ण कराने के लिए निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नहीं है ।

स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग में अनियमितताएं

17. ( क्र. 205 ) श्री विश्वास सारंग : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नगर निगम भोपाल ने स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग के लिए किन-किन संस्‍थाओं को वर्ष 2014-15 में किस दर पर ठेका दिया था ? संस्‍थाओं के नाम, पते सहित जानकारी दें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत क्‍या उक्‍त संस्‍थाओं द्वारा व्‍यापक स्‍तर पर अनियमितताएं की गई हैं ? यदि हां, तो क्‍या-क्‍या ? (ग) प्रश्‍नांश (क) व (ख) के तहत प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त संस्‍थाओं के खिलाफ क्‍या-क्‍या कार्रवाई की गई है ? यदि नहीं की है, तो क्‍यों ? कारण दें । नियम बताएं । (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) व (ग) के तहत उक्‍त अनियमितताओं के लिए नगर निगम भोपाल के किस पदनाम/नाम के अधिकारी जिम्‍मेदार हैं ? प्रश्‍न दिनांक तक उन पर क्‍या-क्‍या कार्रवाई की गई है ? यदि नहीं की है, तो क्‍यों ? कारण दें नियम बताएं । क्‍या अब कार्यवाही की जायेगी ? यदि हां, तो कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी परिशिष्‍ट- 1 पर संलग्‍न है। (ख) जी नहीं । यद्यपि प्रशिक्षण के स्‍थान तथा प्रशिक्षण का व्‍यापक प्रचार-प्रसार तथा क्षेत्रीय वार्ड पार्षद आदि की जानकारी न होने की सूचना प्राप्‍त होने पर निगम द्वारा प्रशिक्षण को अमान्‍य कर दिया गया था तथा अनुबंध शर्त अनुसार व्‍यापक प्रचार-प्रसार करते हुए पुन: प्रशिक्षण सत्र प्रारम्‍भ करने के निर्देश दिये गये थे। (ग) संस्‍थाओं द्वारा पूर्व से चालू प्रशिक्षण-सत्र को अमान्‍य कर पुन: नवीन प्रशिक्षण प्रारम्‍भ कराया गया है। (घ) जी नहीं। प्रश्‍नांश ''क'' ''ख'' एवं ''ग'' के संदर्भ में किसी अधिकारी कर्मचारी पर कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट बीस

बारना सिंचाई परियोजना का विस्‍तार

18. ( क्र. 206 ) श्री विश्वास सारंग : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बारना सिंचाई परियोजना की कुल सिंचाई क्षमता कितने हेक्‍टेयर थी ? रबि फसल के दौरान कितनी सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़ा जाता है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत एल.बी.एम.सी. के टेल में सिंचाई हेतु समय पर पानी नहीं पहुंच पाता है और बड़ी मुश्किल से एक ही सिंचाई हो पाती है ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के तहत क्‍या बारना सिंचाई क्षेत्र का पिछले दिनों विस्‍तार किया गया है ? यदि हां, तो विस्‍तार क्षेत्र का नक्‍शा और लागत सहित जानकारी दें ?(घ) प्रश्‍नांश (ख) व (ग) के तहत जब पहले के कमांड क्षेत्र में पर्याप्‍त सिंचाई की व्‍यवस्‍था नहीं हो पा रही है, तो फिर क्‍यों योजना का विस्‍तार किया जा रहा है ? क्‍या विस्‍तार क्षेत्र के टेल में पानी पहुंच जायेगा ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) बारना परियोजना की रूपांकित रबी सिंचाई क्षमता 54556 हे. है । गत वर्ष परियोजना से 63049 हे. में रबी सिंचाई की गई ।(ख) जी नहीं । जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के ''प्रपत्र-अ'' अनुसार है । (ग) बारना परियोजना के सुदृढ़ीकरण एवं सैच्‍य क्षेत्र में 10,000 हेक्‍टर वृद्धि करने के लिए राशि रू. 582 करोड़ की प्रशासकीय स्‍वीकृति दिनांक 15.02.2013 को दी जाकर कार्य प्रारंभ कराया गया है । नक्‍शा संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''ब'' पर है । (घ) उपलब्‍ध जल से वर्तमान सैच्‍य क्षेत्र में विस्‍तार संभव होने से । जी हां ।
परिशिष्ट इक्कीस

पुनरीक्षित वेतनमान का स्‍पष्‍टीकरण

19. ( क्र. 217 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा आयुक्‍त कोष लेखा एवं पेंशन एवं सचिव, वित्‍त विभाग मंत्रालय वल्‍ल्‍भ भवन भोपाल को पत्र क्रमांक 1468 दिनांक 28.04.2015 लिखकर म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1990 लागू होने के पश्‍चात के आदेश अर्थात म.प्र. वित्‍त विभाग के आदेश क्रमांक 383/109/97/सी/चार, दिनांक 6.3.97 के प्रकाश में म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1998 के नियम - 12 में जिन विद्यमान वेतनमानों के विषय में म.प्र. पुनरीक्षित नियम 1990 एवं तत्‍पश्‍चात के आदेशों के अंतर्गत एक निर्धारित सीमा के पश्‍चात अथवा अन्‍य किन्‍हीं विशिष्‍ट शर्तों के अध्‍ययाधीन रहते हुये वेतनमान देने की शर्तें लगाई गई थीं, वह पुनरीक्षित वेतनमान के संदर्भ में यथावत रहेंगी, के संबंध में स्‍पष्‍टीकरण जारी करने लेख किया था ? (ख) यदि हां, तो क्‍या प्रश्‍नकर्ता को स्‍पष्‍टीकरण की प्रति उपलब्‍ध करा दी गई है या नहीं ? यदि नहीं, तो क्‍यों ? कब तक उपलब्‍ध करा दी जावेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हा। प्रश्‍नकर्ता माननीय विधायक द्वारा पत्र क्रमांक 1468 दिनांक 28-4-2015 से आयुक्‍त कोष एवं लेखा को अनुस्‍मारक प्रेषित किया गया है। (ख) म0प्र0शासन, वित्‍त विभाग से पत्र क्रमांक 794/2322/2014/नियम/चार दिनांक 19-5-2015 द्वारा माननीय विधायक को उत्‍तर दिया गया

पर्यटन केन्‍द्र का प्रस्‍ताव

20. ( क्र. 220 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव, पर्यटन विभाग, वल्‍लभ भवन भोपाल को पत्र क्रमांक 2476, दिनांक 12.10.14 लिखकर ग्‍यारसपुर तहसील में पुरातत्‍वीय धरोहरों की प्रसिद्ध नगरी होने के कारण पर्यटन केन्‍द्र बनाने का प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किया था ? (ख) यदि हां, तो प्रश्‍नकर्ता के प्रस्‍ताव पर कार्यवाही कब तक की जावेगी ? यदि नहीं, तो कारण देवें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। (ख) विभाग में किसी भी स्‍थल को पर्यटन केन्‍द्र बनाये जाने की कोई नीति नहीं है। स्‍थल के महत्‍व, विभाग के सीमित बजट प्रावधान के अंतर्गत पर्यटक आगमन को दृष्ठिगत रखते हुए स्‍थलों पर केवल पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाती है।

घरेलू उपभोक्‍ताओं के चालू मीटरों को बदलना

21. ( क्र. 221 ) श्री निशंक कुमार जैन : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) शासन द्वारा घरेलू उपभोक्‍ताओं के चालू मीटरों के बदले दूसरे मीटर लगाने का क्‍या प्रावधान है ? क्‍या प्रावधान के अनुसार उपभोक्‍ता के चालू मीटर को बिना किसी कारण के बदला जा सकता है ?(ख) प्रश्‍नकर्ता के नगरीय क्षेत्र अन्‍तर्गत कितने घरेलू उपभोक्‍ताओं के चालू मीटरों को निकालकर नवीन मीटर किस कारण से लगाये गये हैं, उपभोक्‍ताओं की संख्‍या एवं नवीन मीटर लगाने के कारण सहित जानकारी देवें ? किस-किस कम्‍पनी के मीटर लगाये गये ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्‍लेखित उपभोक्‍ताओं के चालू मीटर बदलने का क्‍या कारण रहा है ? मीटर बदलने के पूर्व उपभोक्‍ता को लिखित में सूचना दी गई या नहीं ? यदि हां, तो कब एवं नहीं, तो क्‍यों ? इसको देना आवश्‍यक है या नहीं ? इन मीटरों को बदलने का क्‍या कारण रहा है ? (घ) चालू मीटर के बदले नवीन मीटर लगाने की सूचना कारण सहित उपभोक्‍ता को देना आवश्‍यक है या नहीं ? यदि हां, तो बदले गये मीटरों की सूचना आवेदकों को क्‍यों नहीं गई है ? यदि नहीं, तो सूचना देने पर विचार किया जावेगा ? यदि हां, तो समय सीमा बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में वर्तमान प्रावधान के अनुसार पुराने चालू इलेक्‍ट्रो मैकैनिकल/इलेक्‍ट्रोनिक्‍स मीटरों के स्‍थान पर डाटा लोडिंग फैसिलिटी वाले मीटर लगाया जाना है। इस कारण पुराने चालू मीटरों को बदला जा रहा है। अनुज्ञप्तिधारी द्वारा प्रदाय की गई विद्युत के सही मापन क्षेत्र हेतु उच्‍च गुणवत्‍ता के विद्युत मीटर लगाए जा सकते है। (ख) माननीय विधायक महोदय के विधानसभा क्षेत्र में नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत प्रदाय की गई विद्युत के सही मापन हेतु 3870 पुराने चालू मीटरों को निकालकर उनके स्‍थान पर उच्‍च गुणवत्‍ता के डाटा लोडिंग फैसिलिटी वाले मीटर लगाए गए है। उक्‍त लगाए गए मीटर ए-वन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, डेरा बस्‍सी, जिला अम्‍बाला हरियाणा द्वारा निर्मित है। (ग) एवं (घ) उत्‍तरांश '''' एवं '''' में उल्‍लेखित कारण से मीटर बदले गए हैं। मीटर बदलने से पूर्व उपभोक्‍ता को लिखित में सूचना नहीं दी गई थी। तत्संबंधी सूचना देना आवश्‍यक नहीं है, तथा इस बावत कोई विनियम भी नही है अत: इस संबंध में विचार किया जाना आवश्‍यक प्रतीत नहीं होता है।

नगर पंचायत विशेष निधि अनुदान

22. ( क्र. 242 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रतलाम जिले के आलोट विधानसभा क्षेत्र की नगर पंचायतों एवं नगरपालिका को वर्ष 2012 से अक्‍टूबर 2015 तक शासन ने किस-किस मद में कितना-कितना अनुदान दिया अथवा सहायता दी ? वर्षवार, मदवार ब्‍यौरा क्‍या है ? (ख) क्‍या आलोट अनुसूचित जाति पिछड़े क्षेत्र होने के कारण अविकसित क्षेत्र है ? क्‍या शासन जिले के अन्‍य शहरों के विकास के समकक्ष करने हेतु इस क्षेत्र को विशेष अनुदान प्रदान करेगा ? यदि हां, तो किस योजना मद में एवं नहीं, तो क्‍यों नहीं ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''अ'' अनुसार है। (ख) जी हॉ। नियमानुसार एवं पात्रतानुसार विभिन्‍न योजनाओं में इस क्षेत्र के कार्य सम्‍पन्‍न कराए जाने हैं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता है।

रेत उत्‍खनन के प्रकरण

23. ( क्र. 245 ) श्री जितेन्‍द्र गेहलोत : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) उज्‍जैन जिले में विगत चार वर्षों में रेत खनन अनुमति एवं रेत खनन से प्राप्‍त आय का खदानवार, वर्षवार ब्‍यौरा क्‍या है ? (ख) उपरोक्‍त अवधि में बिना रॉयल्‍टी अवैध रेत खनन के कितने प्रकरण बनाये गये एवं उन पर क्‍या कार्यवाही की गई ? (ग) संभाग में अब तक कितने स्‍थानों पर रेत खनन पट्टे विगत चार वर्षों में स्‍वीकृति उपरांत उक्‍त खदानों में बिना पर्यावरण स्‍वीकृति एवं रॉयल्‍टी कट्टों के बिना रेत खनन किया जा रहा है ? अवैध खनन की कितनी शिकायतें उक्‍त अवधि में जनप्रतिनिधियों ने की ? उन पर क्‍या कार्यवाही की गई ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)     जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '1' पर है।  (ख)  जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '2' पर है।  (ग)  म0प्र0 गौण खनिज नियम 1996 में गौण खनिज रेत का खनिपट्टा (माइनिंग लीज) स्‍वीकृत किए जाने का प्रावधान नहीं है। अत: प्रश्‍नांश उपस्थित नही होता। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट '3' पर है।

विद्युत उत्‍पादन ईकाईयों की जानकारी

24. ( क्र. 256 ) श्री विजय सिंह सोलंकी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रदेश की म.प्र. पावर मैनेजमैंट कंपनी लिमिटेड द्वारा अन्‍य राज्‍यों से विगत 3 वित्‍तीय वर्षो में क्रय एवं अन्‍य राज्‍यों को विक्रय की गई बिजली की वर्षवार जानकारी औसत दर सहित देवें ?(ख)प्रदेश में म.प्र.पा.जं. कं लि. की विद्युत उत्‍पादन इकाईयों की जानकारी उनके प्रकार,उत्‍पादन क्षमता सहित देवें ? विगत 3 वित्‍तीय वर्षो के विद्युत उत्‍पादन की विद्युत गृहवार जानकारी देवें ?(ग) विद्युत उत्‍पादन ईकाई के प्‍लांट लोड फैक्‍टर का पैमाना क्‍या है? म.प्र.पा.जं.कं.लि. में विगत 3 वित्‍तीय वर्षो के प्‍लांट उपलब्‍धता घटक के म.प्र.विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्‍य एवं उपलब्धियॉ की जानकारी देवें ? म.प्र.पा.जं.कं.लि. का वर्तमान में औसत प्‍लांट उपलब्‍धता घटक बतावें ?(घ)म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित किये गये प्‍लांट उपलब्‍धता घटक के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने हेतु क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये उनकी जानकारी देवें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश की एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड द्वारा अन्‍य राज्‍यों से विगत 3 वित्‍तीय वर्षों में क्रय एवं अन्‍य राज्‍यों को विक्रय की गई बिजली की वर्षवार जानकारी औसत दर सहित पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के  प्रपत्र '''' के अनुसार है। (ख) मध्‍य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड द्वारा वर्तमान में ताप एवं जल विद्युत इकाईयॉं संचालित की जा रही है। इन विद्युत उत्‍पादन इकाईयों की उनके प्रकार, उत्‍पादन क्षमता सहित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' के अनुसार है। मध्‍य प्रदेश पॉवर जनरेटिंग लिमिटेड कंपनी की विद्युत उत्‍पादन इकाईयों की विगत 3 वित्‍तीय वर्षों के विद्युत उत्‍पादन की विद्युत गृहवार जानकारी पुस्‍ताकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' के अनुसार है। (ग) विद्युत उत्‍पादन ईकाई के प्‍लांट लोड फैक्‍टर का पैमाना प्रतिशत (%) है। मप्रपाजकं‍लि के ताप एवं जल विद्युत गृहों का विगत 3 वित्‍तीय वर्षों के प्‍लांट उपलब्‍धता घटक के म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्‍य एवं उपब्धियों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''द-1'' एवं प्रपत्र ''द-2'' के अनुसार है। मप्रपाजकंलि के ताप विद्युत गृहों का वर्तमान में माह अक्‍टूबर तक का औसत प्‍लांट उपलब्‍धता घटक 68.5 (%) है एवं जल विद्युत गृहों का वर्तमान में माह अक्‍टूबर तक का औसत प्‍लांट उपलब्‍धता घटक लगभग 59.4 (%) है। (घ) म.प्र. विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित किये गये प्‍लांट उपलब्‍धता घटक के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र '''' के अनुसार है। 

महिदपुर वि.स. क्षेत्र के ओव्‍हरलोड ट्रांसफार्मर

25. ( क्र. 270 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) महिदपुर विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 01.01.2015 से दिनांक 10.11.2015 तक 25 K.V.A., 63 K.V.A., 100 K.V.A, 200 K.V.A. के कुल कितने ट्रांसफार्मर जल गये हैं ? वितरण केन्‍द्रवार बतावें ?(ख) उपरोक्‍त में से कितने ट्रांसफार्मर ओव्‍हरलोड होकर जले हैं, उनकी जानकारी वितरण केन्‍द्रवार देवें ? इसके लिये संबंधितों पर शासन क्‍या कार्यवाही करेगा ?(ग) इन्‍हें कब तक अंडरलोड कर लिया जायेगा ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत दिनांक 01.01.2015 से 10.11.2015 तक प्रश्‍नाधीन उल्‍ल‍ेखित क्षमतावार कुल जले/खराब वितरण ट्रांसफार्मरों की वितरण केन्‍द्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र  '''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नाधीन अवधि में कुल जले/खराब हुए 634 वितरण ट्रांसफार्मरों में से 35 वितरण ट्रांसफार्मर अतिभार के कारण जलना पाये गये। वितरण केन्‍द्रवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। ट्रांसफार्मरों के अतिभारित होने का प्रमुख कारण रबी सीजन में अस्‍थाई सिंचाई कनेक्‍शनों की विद्युत मांग की आपूर्ति करना तथा कतिपय प्रकरणों में अनाधिकृत रूप से विद्युत का उपयोग करना है। वितरण केन्‍द्र का कार्य क्षेत्र विस्‍तृत होने के कारण एवं मैदानी कर्मचारियों की सीमित संख्‍या के कारण विद्युत का अनाधिकृत उपयोग पूरी तरह रोक पाना सम्‍भव नहीं हो पाता है। अत: किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता। (ग) महिदपुर विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत कुल 142 अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मर चिन्हित किये गये हैं,  उक्‍त में से 88 के लिए क्षमतावृद्धि अथवा अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर स्‍थापना के कार्य उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों के अंतर्गत स्‍वीकृत कर 18 स्‍थानों के कार्य पूर्ण किये जा चुके है। शेष 70 स्‍थानों पर क्षमता वृद्धि/अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर स्‍थापित किये जाने के कार्य सामग्री की उपलब्‍धता के आधार पर क्रमश: पूर्ण किये जाने के प्रयास किये जा रहे है,  अत: निश्चित समयावधि बताया जाना संभव नहीं है। उक्‍तानुसार चिन्हित अतिभारित वितरण ट्रांसफार्मरों में से शेष 54 वितरण ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि/अतिरिक्‍त ट्रांसफार्मर लगाये जाने बाबत स्‍वीकृति आगामी वर्षों में वित्‍तीय उपलब्‍धता अनुसार प्रदान की जायेगी। 

परिशिष्ट बाईस

महिदपुर में अवैध खनन

26. ( क्र. 271 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) महिदपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत दिनेश पिता मांगीलाल जैन पर अवैध खनन के संबंध में चल रहे प्रकरण की अद्ययतन स्थिति से अवगत करावें ? (ख) उपरोक्‍त प्रकरण में रिकवरी कब तक कर ली जावेगी ? समय-सीमा बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)     प्रश्‍नाधीन व्‍यक्ति के विरूद्ध अवैध उत्‍खनन का प्रकरण दिनांक 10.06.2014 से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) महिदपुर के समक्ष प्रचलित है। प्रकरण में उभय पक्षों के तर्को का श्रवण किया जा चुका है एवं आदेश हेतु सुनवाई दिनांक 30.11.2015 नियत है। (ख)  प्रश्‍नांश 'क' में दिये उत्‍तर के प्रकाश में, प्रश्‍नांश का उत्‍तर दिया जाना वर्तमान में संभव नही है।  

स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं को अनुदान संबंध में

27. ( क्र. 287 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) संस्‍कृति विभाग द्वारा 01 अप्रैल, 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं को दिये गये अनुदान की जानकारी देवें ? संस्‍था का नाम, पता, संस्‍था के कार्यकारिणी सदस्‍यों के नाम, पते, किस आयोजन के लिये, कितनी राशि स्‍वीकृत की गई जानकारी वर्षवार उपलब्‍ध करावें ?(ख) ऐसी कितनी स्‍वयंसेवी संस्‍थाएं हैं, जिनका पंजीयन 20 वर्ष अथवा इससे अधिक पुराना है और जो विगत 03 वर्ष से लगातार संस्‍कृति विभाग में आवेदन किये जाने के बाद भी अनुदान स्‍वीकृति के लिये योग्‍य नहीं मानी गई ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) दिनांक 01 अप्रैल, 2012 से प्रश्‍न दिनांक तक स्‍वयं सेवी संस्‍थाओं को दिये गये अनुदान एवं संस्‍था का नाम, पता संस्‍था को दी गई अनुदान की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट अनुसार है. (ख) (1) वर्ष 2012-13 में 69 संस्‍थाएं (2) वर्ष 2013-14 में 84 संस्‍थाएं (3) वर्ष 2014-15 में 104 संस्‍थाएं. उक्‍त संस्‍थाओं का पंजीयन 20 वर्ष से अधिक पुराना है. कुछ संस्‍थाओं द्वारा सांस्‍कृतिक/साहित्यिक गतिविधि संचालित नहीं होने के कारण एवं कुछ संस्‍थाओं द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र में बैंक विवरण आदि प्राप्‍त नहीं होने के कारण अनुदान समिति की अनुशंसा के अनुसार उन्‍हें अपात्र किया गया है.

अवैध निर्माण की शिकायतों पर कार्यवाही

28. ( क्र. 293 ) श्री बाला बच्‍चन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) दिनांक 01.01.2013 से प्रश्‍न दिनांक तक नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव को अवैध निर्माण को तोड़ने की कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई हैं ? (ख) क्‍या प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं पर्यावरण विभाग कार्यालय में म.प्र. की संपूर्ण नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत क्षेत्र में प्रचलित अवैध निर्माण को रोकने एवं अवैध निर्माण की शिकायत पर कार्यवाही हेतु मंत्रालय स्‍तर पर कोई कमेटी गठित नहीं की गई है ? यदि नहीं, तो क्‍या संपूर्ण मध्‍यप्रदेश में प्रचलित अवैध निर्माण को रोकने के लिए मंत्रालय स्‍तर पर कोई कमेटी का गठन करेंगे ? यदि हां, तो निश्चित समयावधि बतावें ? (ग) नगर निगम भोपाल क्षेत्र में प्रचलित अवैध निर्माणों की शिकायतों पर प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा कार्यवाही किये जाने के संबंध में आयुक्‍त नगर निगम भोपाल को दिये गये निर्देश के बावजूद अवैध निर्माण क्‍यों नहीं तोडे गये एवं कितने प्रकरणों में प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित अवधि के दौरान अवैध निर्माण तोड़ने की कार्यवाही हेतु आदेश जारी किये गये हैं, उक्‍त प्रकरणों की जानकारी देवें (घ) क्‍या अवैध निर्माणों के लिए दोषी आयुक्‍त के विरूद्ध कार्यवाही करेंगे ? यदि हां, तो कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रमुख सचिव कार्यालय में प्राप्‍त शिकायतें संबंधित प्राधिकारी को प्रेषित कर दी जाती है। शिकायतों की विषयवस्‍तु की विस्‍तृत जानकारी संधारित नहीं की जाती है। अत: जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। (ख) जी नहीं, ऐसी कोई कमेटी गठित नहीं की गई है, क्‍योंकि इस संबंध में कार्यवाही निकाय स्‍तर पर की जाती है। जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ‘अ’ अनुसार है। (घ) अवैध निर्माणों के विरूद्ध लगातार कार्यवाही की जाती है, जो एक सतत् प्रक्रिया है, अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

राजीव गांधी विद्युतीकरण

29. ( क्र. 304 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा जिले में संचालित राजीव गांधी विद्युतीकरण के लिये किन-किन गांवों का चयन किया गया, चयनित गांवों में से किन-किन ग्रामों में विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण किया जा चुका हैं ? उन ग्रामों के नाम एवं कार्य के प्रगति की स्थिति क्‍या है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या ग्राम पंचायत इटार पहाड़ जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के ग्राम पोखरा में विद्युतीकरण का कार्य किया जाना था, जो कार्य दुआरी लंका टोला बस स्‍टेण्‍ड से दक्षिण की तरफ पोखरा मार्ग को जाने वाले मार्ग से होकर किया जाना था लेकिन आज दिनांक तक उक्‍त कार्य पोखरा मगरदही पहाड़ के पास मात्र कुछ पोल खड़े कर छोड़ दिये गये है । तार की खिंचाई नहीं हुई है । इसी तरह जरहा पंचायत में भी जरहा पंचायत सहित अन्‍य ग्रामों में कार्य अधूरे हैं ? (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के कार्य अधूरे है तो कब तक पूर्ण करा दिये जायेंगे तथा आज तक कार्य पूर्ण न करने के लिये दोषी अधिकारियों की पहॅचान कर उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी ? अगर कार्यवाही की जायेगी तो कब तक अगर नहीं तो क्‍यों स्‍पष्‍ट बतायें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) रीवा जिले में वर्तमान में संचालित 12वीं पंचवर्षीय योजना में स्‍वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत सघन विद्युतीकरण हेतु चयनित 1498 विद्युतीकृत ग्रामों के 100 एवं 100 से अधिक आबादी वाले अविद्युतीकृत क्षेत्रों/मजरों/टोलों में विद्युतीकरण का कार्य किया जाना प्रस्‍तावित था जिनमें से दिनांक 15.11.2015 तक 270 विद्युतीकृत ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर‍ दिया गया है तथा शेष बचे कार्यों में से वर्तमान में 147 विद्युतीकृत ग्रामों में सघन विद्युतीकरण का कार्य प्रगति पर है। प्रश्‍नाधीन चयनित ग्रामों, कार्य पूर्ण ग्रामों तथा ऐसे ग्रामों, जहाँ कार्य प्रगति पर है, की कार्य प्रगति सहित ग्रामवार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के क्रमश: प्रपत्र ''अ'' प्रपत्र ''ब'' एवं प्रपत्र ''स'' में दर्शाए अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के सन्‍दर्भ में सघन विद्युतीकरण हेतु ग्राम पंचायत इटार पहाड़ जनपद पंचायत रायपुर कर्चुलियान के ग्राम पोखरा में 1.806 किलोमीटर 11 के.व्‍ही.लाईन,1 वितरण ट्रांसफार्मर एवं 0.958 किलोमीटर एल.टी.लाईन का कार्य कर 26 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्‍क बी.पी.एल.कनेक्‍शन प्रदान करने का कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत किया गया है। उक्‍त कार्य में से दिनांक 15.11.2015 तक 1.5 किलोमीटर 11 के.व्‍ही.लाइन हेतु खम्‍बे खडे़ कर दिये गये है एवं 0.8 किलोमीटर एल.टी.लाइन का कार्य पूर्ण कर दिया गया है, शेष कार्य प्रगति पर है जिसे फरवरी 2016 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित हैा जरहा पंचायत में भी सघन विद्युतीकरण का कार्य 12वीं पंयवर्षीय योजना में स्वीकृत राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत हैं, जिसके अन्‍तर्गत 0.43 किलोमीटर 11 के.व्‍ही.लाईन, 1 वितरण ट्रांसफार्मर एवं 1.276 किलोमीटर एल.टी.लाईन का कार्य कर 16 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी श्रेणी के हितग्राहियों को नि:शुल्‍क बी.पी.एल. कनेक्‍शन प्रदान करने है। उक्‍त विद्युतीकरण का कार्य अभी टर्न-की ठेकेदार द्वारा प्रारंभ किया जाना है, जिसे मार्च, 2016 तक पूर्ण किया जाना अनुमानित है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित 12वीं पंचवर्षीय योजना में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजनान्‍तर्गत स्‍वीकृत ग्रामीण विद्युतीकरण के कार्यों हेतु योजना के निर्देशों/प्रावधानों के अनुसार टर्नकी आधार पर विद्युतीकरण के कार्य करवाये जा रहे हैं। उक्‍त कार्यों को प्रारंभ करने की इफेक्टिव दिनांक 02.02.2015 से 24 माह के अन्‍दर स्‍वीकृत सभी कार्य पूर्ण किये जाने हैं। तदनुसार शेष कार्य माह जनवरी-17 तक पूर्ण किया जाना है। अत: वर्तमान में कार्य पूर्ण न करने के लिये किसी अधिकारी के दोषी होने अथवा किसी के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न नहीं उठता।    

रीवा नगर निगम / नगर पंचायतों हेतु कार्ययोजना

30. ( क्र. 308 ) श्री सुन्‍दरलाल तिवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) रीवा जिले के अन्‍तर्गत रीवा नगर निगम सहित रीवा जिले के संपूर्ण नगर पंचायतों हेतु शासन द्वारा उनके विकास में वर्ष 2010 से 2015 तक क्‍या योजना बनाई है, तथा शासन द्वारा बनाई गई कार्ययोजना अनुसार जिले के नगर निगम सहित नगर पंचायतों में कितने एवं किस तरह के विकास कार्य कराए जा चुके हैं तथा कितने शेष है ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में नगरीय विकास हेतु जो राशि शासन स्‍तर से प्रदान की गई है, उस राशि का वर्ष 2012 से 2015 के बीच में कब-कब, कहां-कहां उपयोग किया गया, व्‍यय राशि की जानकारी देवें ? (ग) यह कि इसी तरह नगर निगम रीवा में पर्यावरण प्रदूषण के नियंत्रण हेतु क्‍या कार्ययोजना शासन द्वारा बनाई गई है एवं उन पर आज तक कितना अमल किया गया, अगर अमल नहीं किया गया तो उसके लिए कौन दोषी है ? (घ) प्रश्‍नांश (क) एवं (ग) की कार्ययोजनाओं को मौके पर लागू न करने के लिए दोषी अधिकारियों को चिन्‍हांकित कर उनके विरूद्ध क्‍या कार्यवाही करेंगे ? कब तक करेंगे स्‍पष्‍ट बतायें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍ताकलय में रखे परिशिष्‍ट ‘’क’’ अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्‍ताकलय में रखे परिशिष्‍ट ‘’क’’ अनुसार है। (ग) नगर निगम, रीवा में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण हेतु कोई कार्य योजना शासन व्‍दारा नहीं बनाई गयी है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश क में उल्‍लेखित योजनाओं में स्‍वीकृति पश्‍चात योजना क्रियान्‍वयन किया जावेगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। 

बांध/स्‍टापडेम संबंधी जानकारी

31. ( क्र. 315 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अनूपपुर जिले के पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पूर्णरूपेण निर्मित कितने बांध/स्‍टापडेम स्‍थापित हैं ? इन नहरों से कितने रकबे में सिंचाई का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया था वर्तमान में कितने रकबे में सिंचाई हो रही है ? (ख) पुष्‍पराजगढ विधानसभा क्षेत्र के क्षतिग्रस्‍त बांध की संख्‍या कितनी है ? इन क्षतिग्रस्‍त बांध का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा ? (ग) पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कितनी उद्वहन सिंचाई योजना स्‍वीकृत है उनमें से कितनी संचालित हैं एवं कितनी बंद पड़ी है ? क्‍या शासन के पास बंद पड़ी योजनाओं को पुन: चालू करवाने हेतु कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) प्रश्‍नाधीन विधान सभा में 33 बांध निर्मित है । निर्मित परियोजनाओं से 7073 हे. रकबे में रबी सिंचाई का लक्ष्‍य है । दिनांक 30.11.2015 की स्थिति में 4786 हे. क्षेत्र में सिंचाई की गई है । (ख) कोई बांध क्षतिग्रस्‍त नहीं है । शेष प्रश्‍नांश उत्‍पन्‍न नहीं होता है । (ग) तीन उद्वहन परियोजनाएं हैं जो विद्युत संयोजन विच्‍छेदित होने के कारण बंद है । जी नहीं ।

पवित्र नगरी अमरकंटक में जलेश्‍वर धाम मंदिर की सीमा

32. ( क्र. 316 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) जिला अनूपपुर के पुष्‍पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की पवित्र नगरी अमरकंटक अंतर्गत जलेश्‍वरधाम मंदिर, उद्गम जुहिला कुंआ का सीमा विवाद का निराकरण छत्‍तीसगढ़ और म.प्र. के किन-किन विभागों की संयुक्‍त कार्यवाही में संपन्‍न किया गया ? क्‍या विवाद का पूर्ण रूप से निराकरण किया जा चुका है ? यदि हां, तो जलेश्‍वरधाम मंदिर, उद्गम जुहिला कुंआ आज की स्थिति में किस प्रदेश में स्थित है ? (ख) क्‍या इस विवाद को सुलझाने की दृष्टि से अन्‍य कोई प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लंबित है ? यदि हां, तो कब तक इस मामले का निराकरण कर लिया जायेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। कलेक्‍टर, अनूपपुर से प्राप्‍त उत्‍तर के आधार पर प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित सीमा विवाद अब तक पूर्ण रूप से निराकृत नहीं हुआ है। जलेश्‍वरधाम मंदिर उद्गम कॅुआ आदि ग्राम जलेश्‍वर तहसील पुष्‍पराजगढ़ जिला अनूपपुर (म0प्र0) के राजस्‍व अभिलेखों, भारतीय सर्वेक्षण विभाग एवं रीवा राज्‍य के गजट वर्ष 1907 एवं 1940 में दर्ज है। (ख) वर्तमान में जलेश्‍वरधाम मंदिर व आदि मध्‍यप्रदेश की सीमा क्षेत्र के संबंध में याचिका क्र. 39अ/2005 दिनांक 10-05-2005 छत्‍तीसगढ़ पेण्‍ड्रारोड में माननीय न्‍यायालय में प्रकरण लंबित है, जिसमें नगर परिषद अमरकण्‍टक प्रतिवादी है। पेण्‍ड्रारोड छत्‍तीसगढ़ के फास्‍टट्रेक न्‍यायालय के व्‍दारा स्‍थगन आदेश दिया गया है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

कृषकों द्वारा स्‍वयं के खर्च से विद्युत खंबे गाढ़ना/लाईन बिछाना

33. ( क्र. 326 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) श्‍योपुर जिले में वर्ष 2013-14 से 2015-16 के मध्‍य जर्जर विद्युत लाईन से उत्‍पन्‍न समस्‍या के निदान एवं सुचारू विद्युत व्‍यवस्‍था की उपलब्‍धता हेतु प्रेमसर से ननावद, हिरनीखेड़ा से उतनवाड़ सहित लगभग 30 ग्रामों के ग्रामीणों ने अपने-अपने ग्रामों तक स्‍वयं के खर्च से खंबे गाड़ कर लाईन बिछाई थी ?(ख) उक्‍त ग्रामों के ग्रामीणों को तत्‍समय पदस्‍थ रहे विद्युत कंपनी के संबंधित अधिकारियों ने ये आश्‍वासन दिया था कि वे स्‍वयं के खर्च से उक्‍त कार्य पूर्ण करा लेवें तत्‍पश्‍चात् कार्य का भुगतान विद्युत कंपनी से करवा देंगे ? क्‍या विद्युत कंपनी के नियमों में उक्‍तानुसार भुगतान करने की कोई व्‍यवस्‍था है यदि नहीं तो उक्‍त आश्‍वासन किस आधार पर दिया गया ?(ग) क्‍या उक्‍त आश्‍वासन के आधार पर ही ग्रामीणों ने उक्‍त कार्य पूर्ण कराया इसके बावजूद लाखों रूपये के कार्य का भुगतान कृषकों को वर्तमान तक न करके संबंधित अधिकारियों ने मनमाने तरीके से विद्युत ठेकेदारों को अनियमित रूप से कर दिया ? यदि नहीं तो क्‍या शासन उक्‍त तथ्‍यों की जांच करवायेगा तथा संबंधित ग्रामीणों को उक्‍त कार्यों का भुगतान शीघ्र करवाएगा यदि नहीं, तो क्‍यों ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   जी नहीं। (ख) जी नहीं। म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के नियमों के अन्‍तर्गत प्रश्‍नांश ''ख'' में वर्णित अनुसार भुगतान करने का कोई प्रावधान नहीं है। (ग) जी नहीं। उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न नहीं उठता। 

अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में

34. ( क्र. 334 ) श्री दुर्गालाल विजय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक की अवधि में ग्‍वालियर जिले में संचालित समस्‍त शासकीय विभागों में कितने आवेदन कब-कब, किस-किस की ओर से अनुकंपा नियुक्ति हेतु प्राप्‍त हुए ? (ख) उक्‍त में से विभागवार किन-किन आवेदकों को वर्तमान तक अनुकंपा नियुक्ति दी गई किन-किन को नहीं व क्‍यों ? इसका कारण बतावें ।(ग) उक्‍त दोनों विभागों के शेष बचे आवेदकों के अनुकंपा नियुक्ति आवेदनों का निराकरण कब तक करके इन्‍हें अनुकंपा नियुक्ति दे दी जावेगी ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''अ'' अनुसार है। (ग) नियमानुसार कार्यवाही प्रचलित है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

मध्‍यप्रदेश स्‍थापन दिवस में व्‍यय की गई राशि

35. ( क्र. 341 ) श्री जितू पटवारी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सन् 2012 से 2015 तक मध्‍यप्रदेश स्‍थापना दिवस के उपलक्ष में भोपाल में आयोजित कार्यक्रमों में कितनी राशि व्‍यय की गई है ? वर्षवार जानकारी देवें ? (ख) प्रश्‍नांश (क) समयावधि में कितने कलाकारों को कितनी राशि का भुगतान किया गया ? नाम एवं भुगतान राशि सहित जानकारी देवें ? (ग) प्रश्‍नांश (क) समयावधि में इन्‍दौर जिले के आयोजनों पर भी कितनी राशि व्‍यय की गई ? वर्षवार जानकारी देवें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी परिशिष्‍ट अनुसार. (ख) जानकारी परिशिष्‍ट अनुसार. (ग) कलेक्‍टर, इन्‍दौर को स्‍थापना दिवस के संबंध में कोई आवंटन उपलब्‍ध न होने से जानकारी ‘निरंक’ है.


परिशिष्ट तेईस

नर्मदा घाटी विकास विभाग की सिंचाई क्षमता के संबंध में

36. ( क्र. 345 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या नर्मदा घाटी विकास विभाग ने सिंचाई क्षमता बढ़ाने में योगदान दिया है ?(ख) यदि हां, तो अब 2013-14, 2014-15 और 2015-16 में कितने हेक्‍टेयर में सिंचाई हुई ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। (ख) नर्मदा घाटी विकास विभाग की परियोजनाओं से वर्ष 2013-14 में 2,86,187 हेक्‍टेयर, वर्ष 2014-15 में 3,66,330 हेक्‍टेयर तथा वर्ष 2015-16 में दिनांक 26/11/2015 तक 1,29,921 हेक्‍टेयर में सिंचाई हुई है, तथा इस वर्ष 4,50,000 लाख हेक्‍टेयर का कुल सिंचाई का लक्ष्‍य है। 

शासन द्वारा ली गई ऋण राशि

37. ( क्र. 346 ) श्री कमलेश्‍वर पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या सरकार 2010-11 से बाहर से उधार ले रही है ?(ख) यदि हां, तो अब तक कितना कर्ज लिया है ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हां। (ख) वित्‍त लेखे अनुसार 31 मार्च 2014 की स्थिति में रू; 7,21,13.31 करोड का कर्ज शेष है। वर्ष 2014-15 के वित्‍त लेखे अभी जारी नही किये गये है।

विद्युत बकाया के गलत प्रकरण

38. ( क्र. 361 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या रीवा जिला अंतर्गत कार्य अभियंता पूर्व क्षेत्र उत्‍तर संभाग मऊगंज द्वारा विद्युत संयोजन क्रमांक 534707-70-1-24442 द्वारा जमानत खान निवासी थाना एवं तहसील मऊगंज जिला रीवा के नाम पर घरेलू उपयोग हेतु कनेक्‍शन प्रदाय किया गया था ? (ख) क्‍या रहीनुद्दीन तनय स्‍व. जमानत खान निवासी तह. थाना मऊगंज का भी विद्युत संयोजन क्रमांक प्रश्‍नांश (क) अनुसार ही है ? (ग) यदि प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के विद्युत संयोजन क्रमांक एक ही है तो किसके नाम से प्रथम विद्युत संयोजन जारी किया गया था ? नाम बतावें ? (घ) यदि प्रश्‍नांश (क) को प्रथम कनेक्‍शन जारी किया गया तो (ख) के हितग्राही के ऊपर बकाया दर्शाकर न्‍यायालय में विभाग द्वारा क्‍यों प्रकरण चलाया गया ? प्रमाण सहित कारण बतावें ? क्‍या प्रश्‍नांश (ख) के हितग्राही के ऊपर लगाए गए गलत प्रकरण को वापस लेकर विद्युत अधिभार से मुक्‍त कराकर प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य को अवगत कराया जावेगा ? यदि हां तो कब तक ? यदि नहीं तो क्‍यों कारण स्‍पष्‍ट बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   जी हां। (ख) जी नहीं। रहमुद्दीन तनय स्‍व. जमानत खान निवासी थाना मऊगंज प्रश्‍नांश (क) में वर्णित कनेक्‍शन के उपयोगकर्ता हैं। (ग) प्रथम विद्युत संयोजन श्री जमानत खान के नाम से जारी किया गया था। (घ) श्री रहमुद्दीन खान द्वारा ही बिजली का उपयोग किया जा रहा था एवं उपयोगकर्ता के ऊपर राशि रू. 13,279/- बाकी होने के कारण कनेक्‍शन अस्‍थाई रूप से विच्‍छेदित किया गया था। लेकिन दिनांक 20.03.2010 को कार्यपालन अभियंता (सतर्कता) प्रभारी उड़नदस्‍ता क्रमांक-12 के द्वारा की गई जाँच में श्री रहमुद्दीन द्वारा एल.टी.लाईन से तार डालकर विद्युत का अवैधानिक रूप से उपयोग किया जाना पाया गया था, जिसके तारतम्‍य में स्‍थल निरीक्षण रिपोर्ट (संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'अ' में दर्शाये अनुसार) एवं पंचनामा तैयार किया जाकर निर्धारण आदेश (संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र 'ब' में दर्शाये अनुसार) जारी किया गया था। बकाया राशि एवं क्षतिपूर्ति राशि जमा नहीं होने की स्थिति में प्रकरण विशेष न्‍यायालय विद्युत, मऊगंज में अपराध क्रमांक 54/10 दिनांक 13.04.2010 के तहत् विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 138 (एक) क के अन्‍तर्गत प्रस्‍तुत किया गया था, जिसका प्रकरण क्रमांक 557/10 दिनांक 09.09.2010 है। उक्‍त प्रकरण विशेष न्‍यायालय विद्युत में विचाराधीन है। वर्तमान में उपयोगकर्ता द्वारा अधिकांश बकाया राशि का भुगतान विद्युत देयकों के माध्‍यम से किया जा चुका है तथा नवम्‍बर, 2015 की स्थिति में रू. 1973 (क्षतिपूर्ति राशि रू. 748/- ब्‍याज की राशि रू. 1025/- तथा आर.सी.डी.सी.चार्ज 200/-, कुल रू. 1973/-) जमा करने हेतु शेष हैं। यदि उपयोगकर्ता उक्‍त राशि जमा कर देता है तो प्रकरण निराकृत किया जाना संभव हो सकेगा। 

परिशिष्ट चौबीस

कोयले का भंडारण किए जाने के नियम

39. ( क्र. 365 ) श्री सुखेन्‍द्र सिंह : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) राज्‍य शासन के द्वारा 2006 में बनाए गए नियमों के अनुसार कोयले के भंडारण की अनुमति लिए जाने के क्‍या प्रावधान किए गए हैं ? इन प्रावधानों के अनुसार इंदौर, भोपाल एवं रायसेन जिले में किस-किस को कोयले के भंडारण की अनुमति प्रदान की गई ? (ख) कोयला भंडारण की अनुमति लिए बिना कोयले का भंडारण किए जाने के संबंध में गत एक वर्ष में राज्‍य शासन खनिज साधन विभाग भोपाल एवं खनिज संचालनालय भोपाल को किस-किस दिनांक को लिखित शिकायत प्राप्‍त हुई उस शिकायत पर कार्यवाही के किस दिनांक को किस आदेश/निर्देश दिए गए ? (ग) इंदौर, भोपाल एवं रायसेन जिले में खनिज विभाग से अनुमति के प्राप्‍त किए बिना भंडार किए गए कोयले के किस-किस के विरूद्ध किस दिनांक को प्रकरण बनाए, उसमें किस स्‍थान पर कितना कोयला भंडार किया जाना पाया गया ?(घ) शिकायत प्राप्‍त होने के बाद भी खनिज विभाग से बिना अनुमति प्राप्‍त किए भंडारित कोयले के प्रकरण बनाए जाने का क्‍या कारण रहा है, इसके लिए कौन जिम्‍मेदार है पद व नाम सहित बतावें ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   राज्‍य शासन द्वारा वर्ष 2006 में खनिज भण्‍डारण हेतु म.प्र. खनिज (अवैध खनन, परिवहन, भण्डारण का निवारण) नियम 2006 अधिसूचित किया गया है। जिला इंदौर, भोपाल में कोयले के भण्‍डारण हेतु प्रदान की गई अनुमति की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट क्रमश: अ-1, अ-2 में दर्शित है। जिला रायसेन में कोयला भण्‍डारण हेतु कोई अनुमति नहीं दी गई है। (ख)   प्रश्‍नाधीन अवधि में दिनांक 01.09.15 तथा 09.09.15 को दो लिखित शिकायतें प्राप्‍त हुईं, जिसकी जांच हेतु संचालक, भौमिकी तथा खनिकर्म मध्‍यप्रदेश द्वारा दिनांक 08.10.15 को निर्देश दिये गये। एक अन्‍य शिकायत दिनांक 07.11.15 को प्राप्‍त हुई, जिसकी जांच हेतु दिनांक 27.11.15 को निर्देश जारी किये गये। (ग)   बगैर अनुमति प्राप्‍त किए कोयला भण्‍डारण किये जाने पर जिला इंदौर में कोई प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया है। जिला भोपाल एवं रायसेन में अवैध कोयला भण्‍डारण के पंजीबद्ध प्रकरणों की वांछित जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट क्रमश: ब-1 एवं ब-2 अनुसार है। (घ)  अवैध कोयला भण्‍डारण के प्रकरण नियम के अनुरूप पंजीबद्ध किये जाते हैं अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

अविद्युतीकृत ग्रामों का विद्युतीकरण

40. ( क्र. 368 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) नवम्‍बर 2015 की स्थिति में रायसेन जिले के कौन-कौन से ग्राम अविद्युतीकृत हैं तथा क्‍यों, कारण बतायें ? उक्‍त ग्रामों के विद्युतीकरण हेतु विभाग के अधिकारियों ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही की ? (ख) क्‍या रायसेन जिले के अंतर्गत ग्राम भजिया, कुकवाड़ा, बेलगॉंब, भिलाई, पोड़ी, वीरपुर, सिमरिया, झिरियाताचौका, चौका, बैरागी अविद्युतीकृत है ? यदि हां तो क्‍यों कारण बतायें कब तक विद्युतीकरण होगा ? (ग) रायसेन जिले के किन-किन ग्रामों के विद्युतीकरण में वन व्‍यवधान है ? वन विभाग से अनुमति प्राप्‍त करने के संबंध में विभाग ने क्‍या-क्‍या कार्यवाही-प्रयास किये पूर्ण विवरण दें ? (घ) उक्‍त अविद्युतीकृत ग्रामों के विद्युतीकरण के संबंध में मान. मंत्री जी को किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क)   नवम्‍बर, 2015 की स्थिति में रायसेन जिले के कुल 6 ग्राम, वनबाधित होने के कारण अविद्युतीकृत हैं, जिन्‍हे सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत किया जाना प्रस्‍तावित है। ग्रामों की सूची संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''अ'' अनुसार है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग से प्राप्‍त जानकारी अनुसार उक्‍त सभी वनबाधित ग्रामों को गैर-परंपरागत ऊर्जा से विद्युतीकृत किये जाने हेतु प्रस्‍ताव तैयार कर ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड को स्‍वीकृति हेतु भेजा गया है। (ख) प्रश्‍नांश ''ख'' में उल्‍लेखित रायसेन जिले के 09 ग्रामों में से 01 ग्राम-चौका बैरागी वनबाधित होने के कारण अविद्युतीकृत है जिसके विद्युतीकरण हेतु उत्‍तरांश (क) में उल्‍लेखानुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष 08 ग्रामों में से 01 ग्राम-सिमरिया (गजेन्‍द्र) पारम्‍परिक रूप से लाईन विस्‍तार कर विद्युतीकृत किया गया है एवं 07 ग्राम सौर ऊर्जा से पूर्व से ही विद्युतीकृत घोषित हैं। ग्रामों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''ब'' अनुसार है। (ग) रायसेन जिले के अन्‍तर्गत संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र ''अ'' में दर्शाए गए कुल 06 ग्राम वनबाधित होने के कारण अविद्युतीकृत है, जिन्‍हें उत्‍तरांश (क) में दर्शाए अनुसार  सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत किया जाना प्रस्‍तावित है। अत: प्रश्‍न नहीं उठता। (घ) रायसेन जिले के अन्‍तर्गत अविद्युतीकृत ग्रामों/मजरों/टोलों के विद्युतीकरण हेतु  श्री रामपाल सिंह,माननीय मंत्री, राजस्‍व एवं पुर्नवास का पत्र क्रमांक 1133, दिनांक 11.09.2015 प्राप्‍त हुआ है जिसमें 37 ग्रामों/मजरों/टोलों/मोहल्‍लों का विद्युतीकरण करने का उल्‍लेख किया गया है। पत्र में उल्‍लेखित (सौर ऊर्जा से विद्युतीकृत/प्रस्‍तावित ग्रामों को छोड़कर) ग्रामों/मजरों/टोलों/मोहल्‍लों को राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के अन्‍तर्गत विद्युतीकृत करने हेतु ठेकेदार एजेंसी मेसर्स सेनफील्‍ड (इण्डिया) लिमिटेड, भोपाल को म.प्र.मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पत्र दिनांक 16.10.2015 के द्वारा कार्य शीघ्र पूर्ण हेतु आवश्‍यक निर्देश जारी किये जा चुके हैं। 

परिशिष्ट पच्चीस

पम्‍प कनेक्‍शनों का निरीक्षण

41. ( क्र. 369 ) श्री चम्पालाल देवड़ा : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) 1 फरवरी, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक रायसेन जिले में कितने कृषकों के पम्‍प कनेक्‍शन का औचक निरीक्षण एवं भार सत्‍यापन किस-किस अधिकारी ने कब-कब किया ? (ख) उक्‍त अवधि में 3 H.P. से 5 H.P., 5 H.P. से 7.5 H.P. के बिल कितने कृषकों को क्‍यों दिये गये ? उनमें से कितने बिलों में सुधार किया गया ? कितने बिलों में सुधार नहीं किया तथा क्‍यों ? (ग) उक्‍त संबंध में मान. मंत्रीजी तथा विभाग के अधिकारियों को किन-किन सांसद/विधायकों के पत्र उक्‍त अवधि में प्राप्‍त हुए ? (घ) उक्‍त पत्रों पर आज दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई तथा पत्रों के जबाव कब-कब दिये गये ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) 01 फरवरी 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला-रायसेन के अंतर्गत कुल 418 कृषकों के कृषि पंप कनेक्‍शनों का औचक निरीक्षण किया गया। उक्‍त अवधि में भार सत्‍यापन/निरीक्षण करने वाले अधिकारी के नाम एवं निरीक्षण की दिनांक सहित उपभोक्‍तावार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ख) जिला-रायसेन के अंतर्गत जांच उपरान्‍त 3 हार्सपावर के स्‍थान पर 5 हार्सपावर का उपयोग किसी प्रकरण में नहीं पाया गया किंतु 19 उपभोक्‍ताओं का संबद्ध भार 5 हार्सपावर के स्‍थान पर 7.5 हार्सपावर पाया गया। जिनकी उपभोक्‍तावार सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। उपरोक्‍त के अतिरिक्‍त उत्‍तरांश क में उल्‍लेखानुसार जांचे गए 418 प्रकरणों में से 62 पंपो में स्‍वीकृत भार से अधिक भार पाया गया एवं 335 पंपो में स्‍वीकृत भार से कम भार पाया गया। इन सभी प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही कर पुनरीक्षित बिल जारी किये गये है एवं शेष 02 प्रकरणों में निरीक्षण के दौरान भार यथावत पाया गया है। (ग) उक्‍त संबंध में माननीय मंत्री जी एवं विभाग के अधिकारियों को माननीय सांसद/माननीय विधायकों के पत्र के संबंध में जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र स अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश घ में चाही गई जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के प्रपत्र-स अनुसार है। 

हाउसिंग बोर्ड नियमान्‍तर्गत हितग्राहियों का भवन आवंटन

42. ( क्र. 380 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) हाउसिंग बोर्ड के नियमों में किसी भी योजना के भवनों को हितग्राहियों को आधिपत्‍य देने की समय सीमा क्‍या है ? एवं विभागीय विलंब के परिणाम स्‍वरूप बढ़ी कीमत का उत्‍तरदायित्‍व किस पर पड़ेगा ? (ख) हाउसिंग बोर्ड द्वारा वर्ष 2008-2009 एवं 2011-2012 में निशांतपुरा (पन्‍नानगर) बैरसिया रोड़ के जूनियर एम.आई.जी. प्रकोष्‍ठ भवनों में कितने हितग्राहियों का पंजीयन शेष है ? शेष बचे हितग्राहियों को मूल रूप में स्‍वीकृत योजना एवं विज्ञप्ति अनुसार भवन (जूनियर एम.आई.जी.) उपलब्‍ध करवायेगा यदि हां तो कब तक और नहीं तो उसका कारण बतावें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) :
 
(क)   किसी भी योजना में भवनों का पंजीयन निर्माण कार्य प्रारम्भ करने के पूर्व कराया जाता      है। पर्याप्त पंजीयन निर्माण के पूर्व प्राप्त न होने पर निर्माण की अवधि में भी पंजीयन प्राप्त करने की कार्यवाही की जाती है।  योजना में विलम्ब के कारण भूखण्ड के मूल्य में वृद्धि (कलेक्टर गाइड लाइन में वृद्धि होने के कारण) एवं निर्माण लागत में वृद्धि संभावित रहती है। वर्तमान में मण्डल द्वारा पंजीयन के समय भूखण्ड का मूल्य कलेक्टर गाइड लाइन अथवा मण्डल मूल्य, जो भी अधिक हो, के आधार पर स्थिर किया जाता है, इस कारण से विलम्ब की स्थिति में भूखण्ड की दर में वृद्धि नहीं होती है।  पंजीयन के समय निर्माण लागत अनुमानित होती है, जिसमें होने वाली वृद्धि पंजीयनकर्ता द्वारा वहन की जाती है, जिसका उल्लेख पंजीयन आमंत्रण के विज्ञापन नियम-शर्तों में रहता है। (ख)   वर्ष 2008-09 में एवं 2011-2012 में निशातपुरा (पन्नानगर) योजना में कोई पंजीयन शेष नहीं है। पूर्व योजना के निरस्तीकरण के क्रम में 189 आवेदकों को अभिन्यास अनुमोदन न होने के कारण नवम्बर,2012 में उनकी जमा राशि वापस प्राप्त करने हेतु सूचित किया गया।  131 आवेदकों द्वारा राशि प्राप्त कर ली गयी थी।  शेष 58 आवेदकों में से 19 आवेदकों द्वारा वर्तमान योजना में वर्तमान मूल्य पर भवन क्रय करने हेतु सहमति प्रदान की गयी है तथा 39 आवेदकों को मय ब्याज राशि वापस कर दी गई है। निशातपुरा (पन्नानगर) की पूर्व योजना में जूनियर एम.आई.जी. भवन उपलब्ध नहीं कराया जा सकेगा क्योंकि वर्तमान में नगर तथा ग्राम निवेश विभाग से अनुमोदित अभिन्यास अनुसार स्वीकृत योजना में (G+2) प्रकार के प्रकोष्ठ भवन उपलब्ध है। पूर्व की योजना हेतु प्रस्तुत अभिन्यास नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के पत्र क्र. 1755, दिनांक 22.08.2009 द्वारा मास्टर प्लान के अनुसार योजना की भूमि का उपयोग यातायात होने से निरस्त कर दिया गया।  चूंकि तत्समय मास्टर प्लान परिवर्तित नहीं हुआ था तथा उक्त भूमि पर पूर्व से ही नगर एवं ग्राम निवेश विभाग द्वारा दिनांक    21.09.2005 को आवासीय अभिन्यास स्वीकृत था।  अतः मण्डल द्वारा नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 23(क) में भू-उपयोग परिवर्तन हेतु अपील प्रस्तुत की गयी।  उक्त अपील शासन द्वारा दिनांक 23.08.2013 को स्वीकृत की जा सकी।  इस कार्यवाही में चार वर्ष का समय व्यतीत होने के कारण स्वतंत्र भवनों की योजना आर्थिक दृष्टि से हितकारी नहीं होने से प्रकोष्ठ भवनों की योजना बना कर अभिन्यास नगर एवं ग्राम निवेश विभाग में स्वीकृति हेतु दिनांक 04.09.2013 को प्रस्तुत किया गया।  उक्त     अभिन्यास दिनांक 19.01.2015 को स्वीकृत हो सका। तदुपरान्त आवश्यक अनुमोदन प्राप्त कर 388 प्रकोष्ठ भवनों हेतु पंजीयन आमंत्रित किये गये।

अधिकारी/कर्मचारियों को समयमान वेतनमान में विसंगति बावत्

43. ( क्र. 381 ) डॉ. रामकिशोर दोगने : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) वित्‍त विभाग द्वारा वर्ष 25 जनवरी 2008 से अपने अधिकारी कर्मचारियों को स्‍वीकृत समयमान योजना में क्‍या कोई विसंगती पूर्ण योजना लागू की है ? यदि हां तो कैसे कौन से केडर वेतनमान में विसंगती है ? (ख) क्‍या वित्‍त विभाग द्वारा कतिपय केडर (वेतनमान) में पदोन्‍नति से भी ऊपर का वेतनमान समयमान का वेतनमान दिया गया है ? सभी केडर के साथ समानता का निर्णय क्‍या शासन लेगा ? यदि हां तो कब तक नहीं तो क्‍यों नहीं ? ऐसे कितने केडर है जिनके पदोन्‍नति वेतनमान या उससे भी अधिक का वेतनमान समयमान से स्‍वीकृत किया गया ? तथा ऐसे समयमान वेतनमान स्‍वीकृत करने के क्‍या कारण रहे है ? (ग) क्‍या निज सचिव के मूल वेतन नियुक्ति पर 3600 ग्रेड किया जाता है पदोन्‍नति पर 4200 का ग्रेड-पे प्राप्‍त होता है के लिए प्रश्‍न समयमान में 5400 का ग्रेड-पे द्वितीय समयमान 6600 तथा तृतीय समयमान 7600 का समयमान शासन को स्‍वीकृत किया गया जबकि अन्‍य केडर में 3600 ग्रेड-पे वेतनमान को अलग प्रथम समयमान 4200 का द्वितीय 5400 तथा तृतीय समयमान 6600 स्‍वीकृत किया जाता है जबकि इस ग्रेड वाला कर्मचारी का प्रथम पदोन्‍नति पर 5400 ग्रेड पे द्वितीय पदोन्‍नति पर 6600 का ग्रेड पे तथा तृतीय पदोन्‍नति पर 7600 का ग्रेड पे वेतन स्‍वीकृत की जाती है । इस प्रकार वित्‍त विभाग द्वारा कई केडर में असमानता का समयमान स्‍वीकृत किया गया ? (घ) क्‍या मान. उच्‍च. न्‍यायालय जबलपुर द्वारा पारित राज्‍य कर्मचारियों को सचिवालय कर्मचारियों के समान समयमान वेतन देने के निर्णय अनुसार अधीनस्‍थ वित्‍त लेखा सेवा संवर्ग के कर्मचारियों को भी समयमान स्‍वीकृत करने पर शासन विचार करेगा ? यदि हां तो कब तक और नहीं तो क्‍यों नहीं ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) वित्‍त विभाग के परिपत्र दिनांक 24-1-2008 द्वारा राज्‍य की सिविल सेवा के सदस्‍यों को आगे बढने के निश्चित अवसर उपलब्‍ध कराने हेतु पूर्व की क्रमोन्‍नत योजना को संशोधित करते हुए समयमान वेतनमान योजना लागू की है जो दिनांक 1-4-2006 से प्रभावशील है। (ख) समयमान वेतनमान एवं पदोन्‍नति दो पृथक पृथक स्थितियां है। अत:समयमान वेतनमान एवं पदोन्‍नति वेतनमान पृथक पृथक होना संभावित है। (ग) मंत्रालय में पदस्‍थ निज सचिव के लिये शासन आदेश 1377/1609/2013/नियम/चार दिनांक 17 जुलाई 2013 को द्वितीय समयमान वेतनमान 6600 ग्रेड पे में स्‍वीकृत किया गया। उत्‍तर (ख) अनुसार पदोन्‍नत पद का वेतनमान एवं समयमान वेतनमान पृथक पृथक हो सकता है। अत: असमानता का प्रश्‍न उपस्थित नही होता। (घ) याचिका क्रमांक डल्‍ब्‍यूपी 5972/ 2015 म0प्र0उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर के निर्णय दिनांक 21-7-2015 के संदर्भ में याचिकाकर्ताओं से राज्‍य शासन को अभ्‍यावेदन प्राप्‍त होने पर यथा आवश्‍यक निर्णय लिया जायेगा।

दानिश कुंज कॉलोनी भोपाल में विकास कार्य

44. ( क्र. 385 ) श्री योगेन्‍द्र सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल नगर कोलार रोड स्थित दानिश कुंज कॉलोनी नगर निगम को कब सौंपी गई, नगर निगम को उक्‍त कॉलोनी सौंपे जाने के दौरान कालोनी में क्‍या-क्‍या विकास कार्य करवाये गये थे ? (ख) नगर निगम को कॉलोनी सौंपे जाने के दौरान कॉलोनी के संस्‍थापक/सोसायटी के द्वारा कितनी राशि दी गई थी ? (ग) उक्‍त कॉलोनी नगर निगम के आधिपत्‍य में प्राप्‍त होने के पश्‍चात् नगर निगम के द्वारा क्‍या-क्‍या विकास कार्य कराये गये हैं ? यदि नहीं तो क्‍यों ? (घ) क्‍या उक्‍त कॉलोनी की सीवेज पाइप लाइन जगह-जगह से टूट गई है जिससे गंदगी खुले में फैलती एवं बहती है तथा उक्‍त सोसायटी के आवासीय कॉलोनी के मार्ग भी बेहद जर्जर हो गये हैं जिन पर रहवासियों का चलना कठिन है ? यदि (ग) हां, तो नगर निगम द्वारा उक्‍त टूटी फूटी सीवेज लाइन एवं मार्गों का पुनर्निर्माण कार्य कब तक कराया जायेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) प्रश्‍नांकित कॉलोनी दिनांक 08-10-2012 को नगर निगम, भोपाल को सौंपी गई। कॉलोनी नगर निगम में हस्‍तांतरित करने के पूर्व कॉलोनी में मूलभूत सुविधायें जैसे रोड, जल-मल निकासी, बिजली इत्‍यादि की व्‍यवस्‍था पूर्ण की जाती है। प्रश्‍नांकित कॉलोनी हस्‍तांतरण पूर्व आंतरिक विभाग कार्य पूर्ण कराये गये थे। (ख) नगर निगम, भोपाल में कॉलोनी के संस्‍थापक/सोसायटी व्‍दारा कोई राशि जमा नहीं की गई है। (ग) जानकारी परिशिष्‍ट ‘’अ’’ अनुसार है। (घ) जहां-‍जहां भी सीवेज की पाईप लाईन एवं चेम्‍बर टूटे पाये उन्‍हें सुधारने की कार्यवाही की गई तथा शेष स्‍थानों का निरीक्षण किया गया एवं प्रस्‍ताव तैयार कर शीघ्र समस्‍या का निराकरण किया जावेगा। 

परिशिष्ट छब्बीस

नगर परिषद राहतगढ़ की संपत्तियां

45. ( क्र. 396 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन स्‍थानीय शासन विभाग द्वारा 6 जनवरी 1979 को नोटिफिकेशन के द्वारा राहतगढ़ तहसील के ग्राम राहतगढ़ एवं ग्राम मढ़ा को सम्मिलित करते हुये राहतगढ़ को नगरपालिका के रूप में घोषित किया गया था ? (ख) यदि हां, तो क्‍या नगर परिषद एवं जनपद पंचायत राहतगढ़ अंतर्गत परिसंपत्तियों का हस्‍तांतरण हो गया था या नहीं ? यदि नहीं, तो सागर जिले के किस-किस नगरीय निकाय में जनपद पंचायत राहतगढ़ की कौन-कौन सी परिसंपत्तियां हैं ? (ग) क्‍या नगरीय क्षेत्र राहतगढ़ की जो परिसंपत्तियां थीं यथा भूमि, मकान, सराय, स्‍कूल आदि नगरपालिका अथवा नगरपरिषद राहतगढ़ को हस्‍तांतरित नहीं किये गये और आज भी राहतगढ़ नगरपरिषद क्षेत्र की भूमि, मकानों, सरायों, स्‍कूल की बिल्डिंगों पर जनपद पंचायत राहतगढ़ ही काबिज है, तथा जनपद राहतगढ़ द्वारा नगर परिषद क्षेत्र में नवीन निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं ? दुकानों आदि का किराया भी जनपद पंचायत द्वारा ही लिया जा रहा है, जिसके कारण नगर परिषद को राजस्‍व की क्षति हो रही है, तथा विकास कार्य नहीं कराये जा पा रहे हैं ? (घ) नगरपरिषद राहतगढ़ को नगरीय क्षेत्र का सीमांकन किया जाकर जनपद पंचायत राहतगढ़ की ऐसी परिसंपत्तियों को जो नगरीय क्षेत्र में हैं, नगर परिषद राहतगढ़ को कब तक हस्‍तांतरित कर दिया जायेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। यह सही है कि, मध्‍यप्रदेश शासन स्‍थानीय शासन विभाग द्वारा 6 जनवरी, 1979 को नोटिफिकेशन के द्वारा राहतगढ़ तहसील के ग्राम राहतगढ़ एवं ग्राम मढ़ा को सम्मिलित करते हुये राहतगढ़ को नगर पालिका के रूप में घोषित किया गया था। (ख) नगर परिषद राहतगढ़ अन्‍तर्गत परिसंपत्तियों के हस्‍तांतरण का अभिलेख नहीं है। इस कारण यह बताया जाना संभव नहीं है कि, नगर परिषद राहतगढ़ एवं जनपद पंचायत राहतगढ़, के म.प्र.शासन स्‍थानीय शासन विभाग द्वारा 06 जनवरी 1979 को जारी नोटिफिकेशन के संदर्भ परिसंपत्ति का हस्‍तांतरण हुआ था या नहीं। जनपद पंचायत राहतगढ़, जिला-सागर सीमा क्षेत्र के अंतर्गत मात्र एक नगरीय निकाय नगर परिषद राहतगढ़ है। उपरोक्‍तानुसार अभिलेख के अभाव में जानकारी दी जाना संभव नहीं है। (ग) नगरीय क्षेत्र राहतगढ़ अंतर्गत जनपद पंचायत संभा संराय भूमि से भवन एवं दुकानों का किराया आज भी जनपद पंचायत राहतगढ़ द्वारा वसूल किया जा रहा है तथा जनपद पंचायत राहतगढ़ द्वारा नगरीय क्षेत्र राहतगढ़ अंतर्गत कोई भी नवीन निर्माण कार्य नहीं कराया जा रहा है। उक्‍त भवन, भूमि पर नगर परिषद राहतगढ़ का अधिपत्‍य नहीं होने से उससे प्राप्‍त होने वाली आय निकाय को प्राप्‍त नहीं हो रही है। शासन द्वारा नगर परिषद् राहतगढ़ को जो मूलभूत सुविधा एवं अन्‍य मदों से राशि प्रदाय की जाती है, उसी से विकास कार्य कराये जाते हैं। मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत राहतगढ़ के पत्र क्रमांक 1971 दिनांक 20-11-2015 द्वारा लेख किया गया है कि नगर परिषद राहतगढ़ अंतर्गत जनपद पंचायत राहतगढ़ के खसरा क्रमांक 60 में रकबा क्रमांक 0.360 हेक्‍टेयर एवं खसरा क्रमांक 55/3 में रकबा 0.10 है, जिसमें जनपद सराय भूमि के नाम से है जिसमें दुकान एवं भवन निर्मित हैं वर्ष 1972-73 से जनपद सराय भूमि, भवन एवं दुकानों का किराया वसूल किया जा रहा है। जिसमें कलेक्‍टर, जिला सागर द्वारा भाड़ा नियंत्रण के अनुसार शासकीय कन्‍या हाईस्‍कूल मासिक किराये पर संचालित है एवं खसरा क्रमांक 42/1 में रकबा 8.68 हेक्‍टेयर के कुल हिस्‍से में वर्तमान में ब्‍लाक कार्यालय व शासकीय कॉलोनी निर्मित है। जनपद पंचायत राहतगढ़ के द्वारा नगर परिषद् राहतगढ़ में नवीन निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। (घ) नगरीय क्षेत्र राहतगढ़ में जनपद पंचायत की परिसंपत्तियां नगरीय निकाय को हस्‍तांतरण करने एवं सीमांकन हेतु मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी, नगर परिषद राहतगढ़ के पत्र क्रमांक 1467-68 दिनांक 27-11-2015 द्वारा कलेक्‍टर, सागर को लिखा गया है कि समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

सिंचाई पंचायतों की शिकायतों की जांच

46. ( क्र. 404 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किक) भिण्‍ड जिले में जल संसाधन विभाग उप खण्‍ड लहार एवं दबोह स्थित उप संभागों के अंतर्गत वर्ष 2013-14, वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 में किन-किन सिंचाई पंचायतों द्वारा कराये गये कार्यों हेतु कितनी-कितनी राशि किन-किन पंचायतों को भुगतान की गई?(ख) उपरोक्‍त अवधि में सिंचाई पंचायतों के संबंध में कौन-कौन सी पंचायतों की शिकायतें की गई ?(ग) शिकायतों की जांच किस-किस अधिकारी द्वारा की गई ?(घ) क्‍या सिंचाई पंचायतों द्वारा कराये गये कार्यों का भौतिक सत्‍यापन कराकर निम्‍न गुणवत्‍ता के कार्यों का निरीक्षण कराकर मरम्‍मत कराई जावेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-''क'' अनुसार है । (ख) से (घ) प्रश्‍नाधीन अवधि में कोई शिकायत प्राप्‍त होना प्रतिवेदित नहीं है । कार्य की गुणवत्‍ता संतोषजनक होना प्रतिवेदित है । अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होते है ।
परिशिष्ट सत्ताईस

भोपाल में विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन पर व्‍यय राशि

47. ( क्र. 405 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या माह सितम्‍बर 2015 में राजधानी भोपाल में अंतराष्‍ट्रीय 10वां विश्‍व हिन्‍दी सम्‍मेलन का आयोजन किया गया था, यदि हां तो उक्‍त सम्‍मेलन हेतु भारत सरकार विदेश मंत्रालय से कितनी राशि इस कार्य हेतु प्राप्‍त हुई थी ? राज्‍य सरकार द्वारा अपने खजाने से कितनी राशि व्‍यय की गई ? (ख) उक्‍त आयोजन हेतु कुल कितनी राशि किस-किस कार्य पर व्‍यय हुई है ? पृथक-पृथक बताएं ? (ग) उक्‍त आयोजन की व्‍यवस्‍था हेतु बिना निविदा के कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य कराए गए थे ? क्‍या यह नियमानुकूल है ? यदि नहीं तो क्‍या इसकी जांच कराकर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉं.  प्रश्‍न दिनांक तक विदेश मंत्रालय, भारत सरकार से इस विभाग को कोई राशि प्राप्‍त नहीं हुई है. राज्‍य सरकार द्वारा किये गये व्‍यय की जानकारी परिशिष्‍ट अनुसार है. (ख) परिशिष्‍ट अनुसार. (ग) प्रश्‍न दिनांक तक विभाग की ओर से आयोजन संबंधी कार्य शासकीय ऐजेन्सियों/उपक्रमों के माध्‍यम से तथा नियमानुसार संपादित कराये गये. अत: प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है.

परिशिष्ट अट्ठाईस

बालाघाट नगर में अतिक्रमण

48. ( क्र. 412 ) श्री मधु भगत : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) बालाघाट नगर स्थित देवी तालाब की जमीन पर किस-किस का अतिक्रमण कब से किस रूप में, कितनी जमीन पर है ? (ख) क्‍या उक्‍त अतिक्रमण हटाने के लिये , मा.उच्‍च न्‍यायालय ने निर्देश दिये है ? यदि हां, तो कब-कब क्‍या कार्यवाही की गई ? तथा हटाने के लिये नोटिस जारी किये गये उनकी प्रति बतायें ? (ग) अतिक्रमण हटाने के लिये, कोई आदेश/परिपत्र जारी किया गया कोई अतिक्रमण हटाओं दस्‍ता बनया गया हो, तो उसकी प्रति तथा उनके द्वारा किस दिनांक को क्‍या कार्यवाही की गई ? उसकी दस्‍तावेजी सहित कार्यवाही विवरण की प्रति बतावें ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) बालाघाट नगर पालिका सीमा अंतर्गत स्थित देवी तालाब पर राजस्‍व अभिलेख अनुसार 123 बटांकन हुए है, जो भूमि स्‍वामि हक में दर्ज है। इस प्रकार उक्‍त स्‍थल पर राजस्‍व अभिलेख अनुसार कोई अतिक्रमण नहीं है। तथापि राष्‍ट्रीय हरित न्‍यायाधिकरण मध्‍यक्षेत्र खंडपीठ भोपाल व्‍दारा दिनांक 02-11-2015 को निर्देश दिये गये कि नियमानुसार अतिक्रमण का निर्धारण कर कार्यवाही करें। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। राष्‍ट्रीय हरित न्‍यायाधिकरण मध्‍यक्षेत्र खंडपीठ भोपाल व्‍दारा दिनांक 02-11-2015 को दिये गये निर्देश के पालन में अग्रिम कार्यवाही किया जाना शेष है।

कृषक समुदाय को देयक सुविधा

49. ( क्र. 428 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विभाग द्वारा जनहित में कृषक समुदाय को कौन-कौन सी योजनाएँ संचालित होकर उनके क्रियान्‍वयन हेतु क्‍या-क्‍या नीति निर्देश दिये गये हैं ? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्‍लेखित योजनाओं के संचालन हेतु शासन द्वारा किसानों को जानकारी उपलब्‍ध कराने हेतु प्रचार-प्रसारों का भी प्रावधान है ? (ग) यदि हां, तो विगत एक वर्ष में मध्‍यप्रदेश मध्‍य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड शिवपुरी द्वारा विधानसभा क्षेत्र क्र. 023 में कहां-कहां, किन-किन गांवों में किन-किन माध्‍यमों से प्रचार-प्रसार किया गया है ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रदेश में कृषकों के हितार्थ लागू योजनाओं/सुविधाओं का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हां उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित सभी योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु समय-समय पर ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाकर, पंपलेट बांटकर एवं समाचार पत्रों में प्रकाशन के माध्‍यम से प्रचार-प्रसार किया गया है। (ग) म.प्र.म.क्षे.वि.वि. कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत शिवपुरी वृत्‍त में आने वाले विधानसभा क्षेत्र (करेरा) क्रमांक 023 के अंतर्गत वितरण केन्‍द्र करेरा में ग्राम दिनारा, नरवर एवं मगरोनी में समय-समय पर आयोजित शिविरों में उत्‍तरांश '''' में उल्‍लेखित योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया गया है। साथ ही समय-समय पर समाचार पत्रों में प्रकाशन के माध्‍यम से एवं स्‍थानीय स्‍तर पर आयोजित जनपद पंचायत की बैठकों में उपस्थित जन-प्रतिनिधियों को उपरोक्‍त योजनाओं की जानकारी देकर भी प्रचार-प्रसार किया गया है।

परिशिष्ट उनतीस

सुमावली विधानसभा में नवीन ऊर्जा द्वारा रौशन गॉंवों की संख्‍या

50. ( क्र. 450 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या उर्जा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र (मुरैना) के कितने गांवों में नवीन व नवकरणीय ऊर्जा (सौर्य) से कार्य कर गांवों को रोशन किया गया है ? वर्ष 2013, 2014, नवम्‍बर 2015 तक की जानकारी दी जावे ? (ख) क्‍या विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सावदा (गुढा चम्‍बल) को उक्‍त योजना का लाभ अभी तक क्‍यों नहीं मिल सका है, उक्‍त योजना का लाभ कब तक मिल जावेगा ? (ग) क्‍या दूरस्‍थ अचल में बसे ग्राम केमारी, मुरान, बण्‍डपुरा आदि गांव सहित अनेक गांव इस योजना से वंचित है, क्‍यों ? इन्‍हें कब तक इस योजना का लाभ मिल सकेगा ? समय सीमा बताई जावे ?

उर्जा मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) प्रश्‍नाधीन अवधि में विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत ग्राम खांडोली में पांच सौर पथ प्रकाश संयंत्रों की स्‍थापना की गई है। (ख) संबंधित विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सावदा (गुढ़ा चंबल) में सौर प्रकाश संयंत्रों की स्‍थापना, का कार्य, आवंटन की उपलब्‍धता होने पर ही संभव हो सकेगा। (ग) ग्राम केमारी, मुरान, बण्‍डपुरा में सौर प्रकाश संयंत्रों की स्‍थापना का कार्य, आवंटन की उपलब्‍धता होने पर ही हो सकेगा।

जल संसाधन विभाग मुरैना के पूर्ण व अपूर्ण कार्यों की एफ.डी. वापस देने बाबत्

51. ( क्र. 451 ) श्री सत्‍यपाल सिंह सिकरवार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) मुरैना जिला जल संसाधन संभाग में नवम्‍बर 2015 तक कितने पूर्ण व अपूर्ण कार्यों की ठेकेदारों की बैंक एफ.डी. जमा है ? ठेकेदारों के नाम, कार्य, एफ.डी. की राशि सहित जानकारी दी जावे ? (ख) क्‍या वर्ष 2014 में प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग द्वारा अधीनस्‍थ अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि 15 दिसम्‍बर 2014 तक के पूर्ण अपूर्ण कार्यों का निराकरण कर उनकी बैंक एफ.डी. वापिस की जावे ? उसका क्रियान्‍वयन क्‍यों नहीं हुआ ?(ग) मुरैना संभाग के शेष बचे अपूर्ण कार्यों का अंतिम रूप से निराकरण कब तक कर बैंक एफ.डी. वापिस कर दी जावेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-1 अनुसार है । (ख) पूर्ण कार्यो के अनुबंधों के प्रावधानों के मुताबिक धरोहर राशि लिए जाने के निर्देश प्रमुख सचिव द्वारा दिये गये थे जिनका पालन किया गया है । (ग) कार्य पूर्ण होने के उपरांत अनुबंधों के प्रावधानों के अनुसार राशि देय होने पर । 
परिशिष्ट तीस

पर्यटन स्‍थल घोषित किए जाने के संबंध में

52. ( क्र. 465 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) प्रश्‍नकर्ता द्वारा जावरा विधानसभा क्षेत्र के पुरातन एवं ख्‍यात, हुसैन टेकरी शरीफ, जैन दादा कड़ स्‍वामी जी की कुटिया, सुजापुर एवं भाभट खेड़ा, भगेर वाली माता जी तथा मिण्‍डा जी त्रिवेणी स्‍थल (गोंडी धारमसी) इत्‍यादि स्‍थलों पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने बाबत् पत्र दिए हैं ? (ख) यदि हां, तो क्‍या इन्‍हें सिंहस्‍थ 2016 योजना में इन्‍हें सम्मिलित किए जाने के पत्र भी दिए ? (ग) यदि हां, तो उपरोक्‍त स्‍थल जो कि अत्‍यंत प्राचीन होकर विख्‍यात हैं, यहां लाखों भक्‍तों का आना जाना होता है, वहां पर्याप्‍त सुविधाऐं हैं, क्‍या ? (घ) यदि नहीं तो उपरोक्‍त स्‍थलों को कब तक पर्यटन स्‍थल घोषित किया जाकर इनका उन्‍नयन किया जायेगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) जी नहीं। (ग) सुविधाओं का उन्‍नयन सतत प्रक्रिया है। (ग) विभाग में किसी भी स्‍थल को पर्यटन स्‍थल घोषित किए जाने की कोई नीति नहीं है। स्‍थल के महत्‍व, विभाग के सीमित बजट प्रावधान के अंतर्गत पर्यटक आगमन को दृष्ठिगत रखते हुए स्‍थलों पर पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाती है।

जावरा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत किए गए कार्य

53. ( क्र. 466 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या जल संसाधन विभाग द्वारा लगातार जन आवश्‍यकतानुसार जन कार्य किए जा रहे हैं ? (ख) यदि हां, तो वर्ष 2012-13, वर्ष 2013-14 एवं वर्ष 2015 के प्रश्‍न दिनांक तक जावरा विधानसभा क्षेत्र में किन-किन कार्यों हेतु कितना-कित‍ना बजट स्‍वीकृत हुआ ? (ग) उक्‍त वर्षों में स्‍वीकृत बजट से कितने कार्य पूर्ण हुए, अपूर्ण रहे, तथा कितना व्‍यय होकर शेष रहा ? (घ) कृपया क्षेत्र के ग्रामवार एवं स्‍थानवार जानकारी से अवगत करावें ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) उपलब्‍ध वित्‍तीय संसाधनों से जल संसाधन विभाग तकनीकी एवं वित्‍तीय मापदण्‍डों पर साध्‍य सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कराता है और निर्मित परियोजनाओं से सिंचाई के लिए जल प्रदाय करता है । (ख) मेंहदी जलाशय के लिए वर्ष 2012-13 में रू.17.59 लाख एवं वर्ष 2013-14 में रू.3.00 लाख का आवंटन उपलब्‍ध कराया गया । तम्‍बोलिया वियर के लिए वर्ष 2012-13 में रू.355.00 लाख वर्ष 2013-14 में रू. 782.50 लाख वर्ष 2014-15 में रू.14.98 लाख एवं वर्ष 2015-16 में 25.00 लाख का आवंटन उपलब्‍ध कराया गया है । (ग) मेंहदी जलाशय के निर्माण पर रू.163.47 लाख एवं तम्‍बोलिया वियर के निर्माण पर रू. 1186.18 लाख का व्‍यय किया गया । (घ) मेंहदी जलाशय का निर्माण ग्राम मेंहदी में तथा तम्‍बोलिया वियर का निर्माण चंबल नदी पर ग्राम तम्‍बोलिया में किया गया । 

भोपाल विकास प्राधिकरण में अधिकारियों को आवंटित निजी वाहन

54. ( क्र. 480 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) भोपाल विकास प्राधिकरण में पदस्‍थ किन-किन कार्यपालन यंत्रियों को किराये पर लेकर चार पहिया वाहन उपलब्‍ध कराये गये है ? विगत एक वर्ष में प्रत्‍येक वाहन पर कितना व्‍यय हुआ है ? किराया एवं डीज़ल सहित विवरण दें । (ख) क्‍या ऐसे सभी कार्यपालन यंत्रियों के पास फील्‍ड वर्क की जिम्‍मेदारी है, जिन्‍हें वाहन उपलब्‍ध कराये गये हैं ?(ग) संभाग क्र. 1, 4 व 9 के कार्यपालन यंत्रियों को दिये गये किराये के वाहनों की विगत 04 माह की लॉग बुक का विवरण उपलब्‍ध करावें ?(घ) भोपाल विकास प्राधिकरण की वर्तमान वित्‍तीय स्थिति को देखते हुए क्‍या ऐसे कार्यपालन यंत्रियों से वाहन सुविधा वापिस ली जावेगी ? यदि हां, तो कब तक ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखेे परिशिष्‍ठ 'अ'अनुसारहै।(ख) जी हॉ। (ग) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ठ 'ब' अनुसार है।(घ) जी नही । शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं हाेता ।

मा. मुख्‍यमंत्री महोदय की घोषणाओं का क्रियान्‍वयन

55. ( क्र. 481 ) श्री हर्ष यादव : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) विगत पांच माहों की अवधि में (जुलाई 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक) मा. मुख्‍यमंत्री महोदय म.प्र. शासन द्वारा सागर एवं सतना जिले से संबंधित क्‍या-क्‍या घोषणायें कब-कब की गई है ? दोनों जिलों में उक्‍त अवधि में की गई घोषणाओं का विवरण दें ?(ख) प्रश्‍नांश (क) वर्णित घोषणाओं पर अब तक विभागवार क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है ? की गई कार्यवाही का विवरण दें ?(ग) क्‍या शासन मा. मुख्‍यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्‍वयन को लेकर गंभीर है ? यदि हां, तो क्रियान्‍वयन में विलंब के क्‍या कारण हैं ?(घ) प्रश्‍नांश (क) वर्णित घोषणाओं के क्रियान्‍वयन में लगभग कितनी-कितनी राशि कार्यवार व्‍यय संभावित है ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'अ' अनुसार है। (ग) जी हॉं । घोषणाओं के क्रियान्‍वयन की एक सतत् प्रक्रिया है। विभाग द्वारा अपनी नीति/प्रकियाओं के तहत कार्यवाही की जाती है। (घ) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट 'अ' अनुसार है।

वेतनमान की विसंगति

56. ( क्र. 482 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या मध्‍यप्रदेश शासन वित्‍त विभाग का आदेश क्रमांक 8-5/476/11/नियम/4 भोपाल दिनांक 31 दिसंबर, 2011 जिसमें समरूप वेतन बैंड तथा समान ग्रेड पे के पद पर पदोन्‍नति विभागीय भरती नियमों के अनुसार होने पर पदोन्‍नति पूर्व पद के वेतन एवं ग्रेड पे के तीन प्रतिशत की दर में वेतन वृद्धि जोड़कर पदोन्‍नति पद पर वेतन निर्धारण किया जावे ? यह आदेश वर्तमान में प्रचलित है, यदि नहीं तो कब निरस्‍त हुआ ? (ख) प्रश्‍नांश भाग (क) यदि हां, तो क्‍या मध्‍यप्रदेश लोक निर्माण विभाग में कार्यरत उपयंत्रियों जो कि वेतनमान 15000-39,100+5400 ग्रेड पे पर कार्यरत पदोन्‍नति उपरांत सहायक यंत्री का वेतनमान 15000-39,100+5400 ग्रेड पे प्राप्‍त करते हैं, पूर्व पद वेतन+ग्रेड पे के तीन प्रतिशत की दर से एक अतिरिक्‍त वेतनवृद्धि की पात्रता रखते हैं, यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं, नियम की प्रतिलिपि देते हुए बतावें ?(ग) प्रश्‍नांश (ख) यदि हां, तो 01 मार्च, 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला कोषालय सागर, गुना, शिवपुरी, इंदौर व झाबुआ के अधीन किस कोषालयों में लोक निर्माण विभाग के किस-किस सहायक यंत्री को लाभ दिया गया ? उसका नाम तथा लाभ देने के दिनांक सहित बतायें ?(घ) 01 मार्च, 2015 से जिला कोषालय सागर, गुना, शिवपुरी, इंदौर व झाबुआ के अधीन किस-किस कोषालय ने लोनिवि के किसी भी सहायक यंत्री को वेतन वृद्धि का लाभ न देकर क्‍या-क्‍या किस-किस दिनांक को आपत्ति लगाई ? विवरण देते हुये बतायें ? क्‍या आपत्तियां नियमानुसार थी, यदि नहीं तो आपत्ति लगाने वाले के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की जायेगी ?

जल संसाधन मंत्री ( श्री जयंत मलैया ) : (क) जी हां। (ख) भरती नियमानुसार उपंयत्री का वेतनमान 3200 ग्रेड पे से पदोन्‍नति सहायक यंत्री के पद पर ग्रेड पे 5400 होती है तो क के अनुसार 3 प्रतिशत वेतन वृध्दि की पात्रता होगी। वित्‍त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ-8/2009/नियम/चार दिनांक 25-7-2009 के बिन्‍दु क्रमांक 10 के तहत उपयंत्री को प्रवर श्रेणी वेतनमान 5400 ग्रेड पे प्राप्‍त करने के पश्‍चात सहायक यंत्री पद पर पदोन्‍नति इसी ग्रेड पे पर होती है तो 3 प्रतिशत वेतन वृध्दि की पात्रता नही होगी। (ग) जी नही। जिला कोषालय झाबुअा में लोक निर्माण विभाग संभाग झाबुआ के अंतर्गत 1 मार्च 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक केवल एक सहायक यंत्री श्री आर0के0 विश्‍वकर्मा को उक्‍त आदेश के अंतर्गत दिनांक 23 मार्च 2015 से लाभ दिया गया है। (घ) जिला कोषालय द्वारा वेतन वृध्दि का लाभ नही दिया जाता है यदपि त्रुटिपूर्ण प्रकरण समक्ष में आने पर सुसंगत नियम की ओर संबंधित का ध्‍यान आकर्षित किया जाता है। अत: कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थितय नही होता।

अस्‍पताल चौराह से बायपास तक रोड़ का निर्माण

57. ( क्र. 719 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या सोनकच्‍छ में अस्‍पताल चौराह से बायपास तक रोड निर्माण संबंधी कोई कार्यवाही चल रही है ? (ख) उक्‍त रोड़ निर्माण हेतु तकनीकी स्‍वीकृति हो चुकी है यदि नहीं तो कब तक हो सकेगी ? (ग) क्‍या आगामी समय में नगरवासियों को उक्‍त रोड का लाभ मिल पाएगा या नहीं ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) एवं (ख) जी नहीं, अपितु सड़क निर्माण की कार्यवाही लोक निर्माण विभाग द्वारा की जा रही है। (ग) सड़क निर्माण होने पर, नगर वासियों को उक्‍त सड़क का लाभ मिल सकेगा।

अन्‍नपूर्णा मंदिर के पास से बायपास तक रोड निर्माण

58. ( क्र. 720 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या सोनकच्‍छ में अन्‍नपूर्णा मंदिर के पास से बायपास तक रोड निर्माण संबंधी कोई कार्यवाही चल रही हैं ? (ख) यदि नहीं तो क्‍या नगर हित में उक्‍त रोड निर्माण पर कोई कार्यवाही की जावेगी ? (ग) क्‍या आगामी समय में नगरवासियों को उक्‍त रोड का लाभ मिल पाएगा ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है। परीक्षण उपरांत प्रकरण परिषद् की बैठक में विचारार्थ रखा जावेगा। (ग) उत्‍त्‍ार ''ख'' के परिप्रेक्ष्‍य में उल्‍लेख है कि यदि कार्य स्‍वीकृति होता है एवं वित्‍त पोषण की व्‍यवस्‍था होती है, सड़क का लाभ मिल पाएगा।

पूर्व अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या. 93 (क्र. 1248) से संबंधित जानकारी बावत्

59. ( क्र. 750 ) श्री राजेश सोनकर : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) क्‍या अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 93 (क्र. 1248) दिनांक 11/12/2014 के सम्‍बंध में इन्‍दौर नगर पालिक निगम सीमा में वैध अवैध होर्डिंग की जानकारी सही थी ? क्‍या निगम द्वारा 929 अवैध होर्डिंग जप्‍त किये गये व किन होर्डिंग संचालकों के द्वारा उक्‍त होर्डिंग लगाये गये थे ? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या इस हेतु नगर निगम में राजस्‍व समिति प्रभारी द्वारा दिसम्‍बर माह में प्रश्‍न दिनांक के बाद कोई आवश्‍यक बैठक बुलाई गयी थी ? क्‍या राजस्‍व समिति प्रभारी ने उक्‍त कर्मचारी को झूठी जानकारी देने पर नाराजगी जाहिर की थी ? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में झूठी जानकारी देने वाले कर्मचारियों पर निगम ने क्‍या कार्यवही की गयी ? यदि नहीं तो दोषी कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही की जावेगी ? (घ) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में नगर निगम सीमा में शामिल 29 गांव, बायपास के आस-पास व कालोनियों पर कहां-कहां पर होर्डिंग/यूनिपोल किन चौराहों व बिल्डिंगों पर लगे है ? इनकी अनुमति किन-किन अधिकारियों द्वारा कब-कब व कहां-कहां दी गई ? सूची स्‍थान सहित उपलब्‍ध कराये ? क्‍या यह वैध है अथवा अवैध है ? यदि अवैध है, तो क्‍या कार्यवाही की जावेगी ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। जी हॉ। जप्‍त होर्डिंग का मालिकाना का दावा किसी के द्वारा न किये जाने के कारण हटाये गये होर्डिंग किसके है यह जानकारी प्राप्‍त नहीं हो सकी है। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश ''ख'' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) होर्डिंग/यूनिपोल लगने की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''अ'' अनुसार है। होर्डिंग/यूनिपोल लगाने की अनुमति निगम के किसी अधिकारी द्वारा नहीं दी गई है। स्‍थान सहित सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट ''अ'' अनुसार है। अवैध हैं। निगम द्वारा पंचायतों से अभिलेख प्राप्‍त किये जा रहे हैं एवं गहन सर्वेक्षण कराया जा रहा है, जिसके उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जा सकेगी।

सागर नगर की दुग्‍ध डेयरी का विस्‍थापन

60. ( क्र. 763 ) श्री शैलेन्द्र जैन : क्या मुख्यमंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि(क) अतारांकित प्रश्‍न क्र. 1839 (ख) दिनांक 24.11.2011 के प्रश्‍नांश के जवाब में बताया गया था कि सागर नगर स्थित पशु दुग्‍ध डेयरियों को शहर से बाहर विस्‍थापन करने हेतु जिला कलेक्‍टर द्वारा 6 सदस्‍यीय टीम का गठन किया गया है । इनके द्वारा ग्रामों को चिन्हित कर स्‍थल निरीक्षण किया जाकर पशु दुग्‍ध डेयरी विस्‍थापन की कार्यवाही शीघ्र हो सकेगी । क्‍या कलेक्‍टर द्वारा गठित टीम द्वारा स्‍थल का निरीक्षण/परीक्षण एवं चयन किया जा चुका है ? यदि हां, तो इस दिशा में अब तक क्‍या प्रगति हुई है ?(ख) शासन द्वारा सागर नगर के पशु दुग्‍ध डेयरियों को शहर से बाहर विस्‍थापन हेतु कार्यवाही किये हुये प्रश्‍न दिनांक तक लगभग 4 वर्ष व्‍यतीत हो गये हैं ? क्‍या इनके विस्‍थापन हेतु समय सीमा निश्चित की जायेगी ?

मुख्यमंत्री ( श्री शिवराज सिंह चौहान ) : (क) जी हॉ। समस्‍त पशुपालक जो निगम सीमा क्षेत्र के भीतर पशुओं को रखकर दुग्‍ध शालिक/डेयरी का व्‍यवसाय कर रहे हैं को शहर के बाहर विस्‍थापन करने हेतु जिला-कलेक्‍टर द्वारा 6 सदस्‍यीय टीम का गठन किया गया था। इनके द्वारा स्‍थल निरीक्षण किया जाकर पशु दुग्‍ध डेयरी व्‍यवस्‍थापन के लिये नगर निगम सीमा से बाहर निगम सीमा से लगे हुये चारों ओर के 33 ग्राम चिहिन्‍त किये गये जो कलेक्‍टर, सागर द्वारा म.प्र. राजपत्र दिनांक 01.06.2012 द्वारा अधिसूचना जारी की गई कि, म.प्र. पशु (नियंत्रण अधिनियम) 1976 की धारा 4 की प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुये नगर पालिक निगम सागर में म.प्र. राजपत्र दिनांक 15.11.2002 में प्रकाशित नगर निगम सागर पशु (नियंत्रण) आदेश 2001 संपूर्ण नगर निगम सीमा क्षेत्र पर प्रभावशील किये जाने के परिणामस्‍वरूप निगम सीमा क्षेत्र के भीतर पशुओं को रखा जाना निषेध किया गया है। उपरोक्‍त दर्शाये चिन्हित ग्रामों में स्‍वयं के व्‍यय पर दूध डेयरी व्‍यवसाय कर सकते हैं। उक्‍त आदेश के पालन में डेयरी वालों को शहर से बाहर उक्‍त ग्रामों में स्‍वयं के व्‍यय पर विस्‍थ‍ापित करने हेतु नोटिस जारी किये गये इस दौरान पशुपालन संघ माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय में डब्‍ल्‍यू.पी. नं. 7366/2012 पिटीशन लगाई गई। माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय, द्वारा दिनांक 03.12/2012 के द्वारा कोर्ट निर्णय पारित किया गया कि पहले डेयरी व्‍यवस्‍थापित करें, उसके उपरांत मूलभूत सुविधा प्रदाय करने हेतु आवेदन संबंधित प्राधिकारी दे सकते हैं। डेयरी व्‍यवस्‍थापन के संबंध में पशुपालक संघ की बैठक दिनांक 13.09.2015 को महापौर सागर द्वारा बुलाई गई, जिसमें अध्‍यक्ष नगर निगम, आयुक्‍त नगर निगम, सिटी मजिस्‍टे्ट, नगर पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे। पशुपालक संघ से डयेरी व्‍यवस्‍थापन हेतु चर्चा की गई। लेकिन डेयरी मालिक व्‍यवस्‍थापन हेतु उक्‍त 33 ग्रामों में व्‍यवस्‍थापन हेतु सहमत नहीं हुये। इसके उपरांत नगर निगम द्वारा नगर दंडाधिकारी को पत्र लिखकर निवेदन किया कि शहर में पशुओं के रहने से यातायात असुविधा एवं गोबर की दुर्गंध फैलने से गंभीर बीमारी फैलने की संभावना रहती है। अत: डेयरी मालिकों के विरूद्ध सी.आर.पी.सी. की धारा 133 के तहत कार्यवाही करने हेतु नगर दंडाधिकारी द्वारा सभी डेयरी मालिकों को वर्तमान में धारा 133 के नोटिस जारी किये गये हैं। जिस संबंध में पशुपालक संघ द्वारा नगर दंडाधिकारी से मिलकर जवाब प्रस्‍तुत करने हेतु समय की मांग की गई है। मांग करने पर दिनांक 09.11.2015 के द्वारा एक सप्‍ताह का समय दिया गया है। (ख) प्रश्‍नांश ''क'' में दिये गये उत्‍तर अनुसार नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है, समय सीमा बताई जाना संभव नहीं है।