मध्यप्रदेश विधान सभा


प्रश्‍नोत्तर-सूची
फरवरी-मार्च, 2023 सत्र


गुरुवार, दिनांक 02 मार्च, 2023


भाग-1
तारांकित प्रश्‍नोत्तर



कान्हा नेशनल पार्क को प्रदाय राशि

[वन]

1. ( *क्र. 660 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) कान्हा नेशनल पार्क के विभिन्न वन परिक्षेत्रों में जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक                  कितनी-कितनी राशि प्रदाय की गई है एवं अन्य स्रोतों से परिक्षेत्रों को कुल कितनी राशि प्राप्त हुई है? इस राशि से कौन-कौन से कार्य कराए गए हैं या गतिविधियों का संचालन किया गया है?                   (ख) कान्हा नेशनल पार्क अंतर्गत गठित एल.ए.सी. समिति की जनवरी 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी बैठकें कब कब हुई हैं? बैठकवार पालन प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। क्या उक्त बैठकों में बिना अनुमति बनाये गए होटल या व्यावसायिक भवनों के विरुद्ध कार्यवाही का विषय सदस्यों द्वारा लगातार उठाया गया है? बैठक दिनांक 28.04.2022 में प्रश्‍नकर्ता द्वारा किन-किन भवनों/होटल्स का विषय उठाया गया था? उसमें क्या कार्यवाही की गई? (ग) सरही जोन के लिए कितने टिकट जारी किये जाने के निर्देश हैं? वर्तमान में कितने वाहन सरही गेट से सरही जोन में प्रवेश करते हैं? क्या सरही जोन हेतु निर्धारित टिकट में से पूरे वाहन सरही गेट के अलावा अन्य गेटों से प्रवेश दिए जाते हैं, जिससे सरही जोन में पर्यटन प्रभावित हो रहा है? क्या एल.ए.सी. की बैठक दिनांक 28.04.2022 में सरही जोन हेतु निर्धारित सभी टिकट का प्रवेश सरही गेट से ही किये जाने हेतु आश्‍वासन दिया गया था? यदि हाँ, तो सभी टिकटों पर सरही गेट से प्रवेश कराया जाना कब तक सुनिश्चित किया जाएगा? यदि नहीं, क्यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) कान्‍हा नेशनल पार्क के कोर, बफर एवं फेन अभयारण्‍य में जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विभिन्‍न योजनाओं एवं अन्‍य स्‍त्रोतों से प्राप्‍त राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। प्राप्‍त राशि से टाइगर रिजर्व के अंतर्गत घास मैदानों का विकास, हेबिटेट इम्‍प्रूवमेंट, वनमार्ग मरम्‍मत, रपटा-पुलिया निर्माण, जल स्‍त्रोत विकास, जल संरक्षण कार्य, भवन मरम्‍मत एवं पर्यटन अधोसंरचना के कार्य किये गये।                                                   (ख) कान्‍हा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत गठित स्‍थानीय सलाहकार समिति की जनवरी, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक 5 बैठकें दिनांक 21.06.2019, दिनांक 28.01.2021 दिनांक 18.06.2021, दिनांक 28.04.2022 एवं दिनांक 03.02.2023 को आयोजित की गयी। दिनांक 03.02.2023 की बैठक को छोड़कर शेष बैठकों का बैठकवार पालन प्रतिवेदन पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जी हाँ। उक्‍त बैठकों में कान्‍हा टाइगर रिजर्व के आस-पास अवैध रूप से निर्मित होटल/रिसोर्ट पर नियमानुसार कार्यवाही किये जाने हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा उठाये गये बिन्‍दु में चर्चा की गई तथा ऐसे होटल/रिसोर्ट के विरूद्ध कार्यवाही कर एफ.आई.आर. दर्ज करने के निर्देश प्रसारित किये गये।                       (ग) सरही जोन में भ्रमण हेतु धारण क्षमता अनुसार प्रतिदिन 36 टिकिट जारी किये जाने के निर्देश हैं। वर्तमान में सरही जोन से 4 टिकिट प्रवेश द्वार पर तथा एकल सीट की ऑनलाईन 4 टिकिट सरही प्रवेश द्वार से ही प्रवेश करने की अनिवार्यता है। इसके अतिरिक्‍त जो पर्यटक सरही प्रवेश द्वार का चयन करता है, उन पर्यटकों को भी सरही प्रवेश द्वारा से प्रवेश दिया जाता है। जी हाँ। एल.ए.सी. की बैठक दिनांक 28.04.2022 में सरही जोन हेतु निर्धारित सभी टिकिट का प्रवेश सरही गेट से ही किए जाने हेतु सहमति व्यक्त कर अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), भोपाल को लेख करने का निर्णय लिया गया, परंतु अपर्याप्त आवासीय व्यवस्था के कारण प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), भोपाल द्वारा आंशिक टिकिटों का प्रवेश आरक्षित करने का प्रावधान किया गया। ऑनलाइन टिकिट में सॉफ्टवेयर प्रक्रिया में कठिनाई के कारण आंशिक टिकिट संख्या आरक्षित नहीं हो पा रही है। यदि समस्त परमिट सरही प्रवेश द्वार से आरक्षित किए जाते तो सभी टिकिट का उपयोग नहीं हो पाएगा, सरही प्रवेश द्वार के समीप पर्याप्त संख्या में अधोसंरचना विकसित होने पर सरही जोन की टिकिटों का प्रवेश सरही जोन से किया जावेगा। समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

पेंच नेशनल पार्क से प्राप्‍त आय

[वन]

2. ( *क्र. 419 ) श्री अर्जुन सिंह काकोडि़या : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सिवनी विधानसभा क्षेत्र बरघाट के अंतर्गत विकास खण्‍ड कुरई स्थित पेंच नेशनल पार्क से विगत 04 वर्षों में शासन को कितनी आय प्राप्‍त हुई है? वर्षवार जानकारी देवें। (ख) पेंच नेशनल पार्क से शासन को प्राप्‍त होने वाली आय से क्‍या स्‍थानीय क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी समुदाय के विकास हेतु प्रयास किये गये हैं? यदि हाँ, तो क्‍या-क्‍या प्रयास किये गये? नहीं तो                 क्‍यों नहीं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) पेंच नेशनल पार्क अंतर्गत राजस्‍व के अतिरिक्‍त अन्‍य आय पर्यटन से प्राप्‍त होती है। पर्यटन से प्राप्‍त आय का 33 प्रतिशत ईको विकास समितियों को जाता है एवं अन्‍य राशि पार्क के विकास एवं पर्यटन सुविधाओं में उपयोग की जाती है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) पेंच टाइगर रिजर्व से शासन को होने वाली आय राजस्‍व के रूप में जमा कर दी जाती है। शासन से प्राप्‍त होने वाले बजट आवंटन से विभिन्‍न कार्य संपादित किये जाते हैं। पर्यटकों से प्राप्‍त राशि से स्‍थानीय क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी समुदाय एवं अन्य के विकास हेतु प्रयास किए गए हैं, प्राप्त आय का 33 % राशि ईको विकास समितियों में जमा की जाती है। समितियों द्वारा प्रस्ताव पारित कर स्थानीय क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी समुदाय एवं अन्य के विकास कार्य कराये जाते हैं। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

योजनान्‍तर्गत प्राप्‍त आवंटन

[वन]

3. ( *क्र. 178 ) श्री संजय उइके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है?                                                          (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक बालाघाट जिले की बैहर विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रत्येक योजनावार प्राप्त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य              कितनी-कितनी राशि के किए गये हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) हाँ। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक बालाघाट जिले को वनमंडलवार बैहर विधान सभा क्षेत्रवार, प्रत्‍येक योजनावार, वर्षवार प्राप्‍त राशि एवं व्‍यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) विधान सभा क्षेत्र में वनमंडलवार प्रत्‍येक योजनावार, वर्षवार प्राप्‍त राशि से कराये गये कार्य की एवं उस पर हुए स्‍थलवार व्‍यय राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

धार जिले की सिंचाई परियोजनाएं

[जल संसाधन]

4. ( *क्र. 8 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार जिला अंतर्गत किन-किन विधानसभा क्षेत्रों में वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में कितनी वृहद/मध्यम/लघु सिंचाई परियोजनायें स्वीकृत की गईं? प्रश्‍न दिनांक तक कितनी संचालित हैं? विधानसभावार पृथक-पृथक नाम सहित ब्यौरा दें। (ख) किन-किन सिंचाई परियोजनाओं, जलाशयों, नहरों के लाईनिंग, पक्कीकरण इत्यादि कार्य गुणवत्ताहीन होने की शिकायत प्रश्‍नकर्ता द्वारा एवं अन्य द्वारा माननीय मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, कलेक्टर धार एवं विभाग को नवंबर 2022 से प्रश्‍न-दिनांक तक किया गया? इस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई? गुणवत्ताहीन कार्य के लिए कौन-कौन अधिकारी एवं एजेंसी जिम्मेदार हैं? अधिकारी एवं ठेकेदार का नाम बताते हुये क्या विभाग द्वारा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी? (ग) धार जिले के टवलाई और कोठड़ा में अधूरा नहर निर्माण का कार्य कब तक पूरा कर लिया जायेगा? अधूरे नहर निर्माण से किसानों के खेतों में पानी जमा होने से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं दिए जाने का कारण बताएं।                                                   (घ) मनावर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामपंचायत काकड़दा से बहदरा, सुरानी, नीलदा, धोलिबाड़ी, पठा, करोंदिया खुर्द, जामनीया मोटा, पिपलिया मोटा, मंडावादा होते हुए पाडला तक पूरा एरिया ड्राईजोन है, उक्त क्षेत्र में सिंचाई के लिए नर्मदा नदी से पानी उपलब्ध कराने बाबत् क्या कार्यवाही प्रचलित है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) धार जिला अंतर्गत वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में कुल 13 लघु सिंचाई योजनायें स्वीकृत होकर प्रगतिरत हैं। स्‍वीकृत परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। विधानसभावार संचालित परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) कार्यालयीन अभिलेख अनुसार माननीय सदस्‍य का नवम्‍बर 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक सिंचाई परियोजनाओं, जलाशयों, नहरों की लाईनिंग, पक्‍कीकरण इत्‍यादि की गुणवत्‍ताहीन कार्य होने संबंधी पत्र न तो शासन स्‍तर पर प्राप्‍त हुआ है और न ही मैदानी कार्यालयों में प्राप्‍त होना प्रतिवेदित है। कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास संभाग क्र. 30, मनावर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ओंकारेश्‍वर परियोजना          चरण-3 की डी.व्‍हाय-9 एम.आर. 3 से नहरों का पानी खेतों एवं रास्‍ते में भरने संबंधी पत्र माननीय विधायक द्वारा माननीय मंत्री जी को संबोधित करते हुए पत्र प्राप्‍त हुआ था। वर्तमान में ओंकारेश्‍वर परियोजना नहर चरण 3 की डी.व्‍हाय 9 की एम.आर. 3 में जल संचालन के गेट को सुधार कर कृषकों की आवश्‍यकता अनुसार नहर में जल प्रवाहित किया जाना प्रतिवेदित है। कोई अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्‍मेदार नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जल संसाधन विभाग द्वारा ग्राम टवलाई एवं कोठड़ा में नहर निर्माण संबंधी कोई कार्य नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अपितु नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधीन कार्यरत कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास संभाग क्र. 30, मनावर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार ओंकारेश्‍वर परियोजना चरण-3 की डी.व्‍हाय-9 एम.आर. 3 ग्राम टवलाई एवं कोठड़ा में नहर का निर्माण कार्य पूर्ण होना प्रतिवेदित है। अज्ञात तत्‍वों द्वारा डी.व्‍हाय-9 के गेट को रात्रि‍ के दौरान जे.सी.बी. से तोड़ दिया गया था, जिसके कारण नहर में अत्‍यधिक जल प्रवाह होने से टवलाई, कोठड़ा के कृषकों की भूमि में ओवरफ्लो का पानी चला गया। विभाग द्वारा तत्‍काल कार्यवाही करते हुए जल को नियंत्रित कर लिया गया। कोई भी फसल नुकसानी परिलक्षित नहीं हुई है। अत: फसल मुआवजा दिये जाने का प्रश्‍न की उपस्थित नहीं होता है। (घ) नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधीन कार्यरत कार्यपालन यंत्री, नर्मदा विकास विभाग संभाग क्र. 30, से प्राप्त जानकारी अनुसार प्रश्‍नाधीन ग्रामों में नर्मदा नदी से पानी उपलब्ध कराने संबंधी कोई कार्यवाही प्रचलन में नहीं होना प्रतिवेदित है।

सड़क परिवहन निगम के कर्मियों का संविलियन

[परिवहन]

5. ( *क्र. 926 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) क्या म.प्र. सड़क परिवहन निगम के समापन की कार्यवाही पूर्ण हो चुकी है? (ख) वर्तमान में निगम के कुल कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? (ग) क्या तिलहन संघ के समान ही सड़क परिवहन निगम के शेष बचे कर्मचारियों के संविलियन की कोई योजना सरकार के पास विचाराधीन है? यदि हाँ, तो शेष बचे कर्मियों का संविलियन जहां जिस विभाग में कार्यरत हैं, वहां करने हेतु शासन कब तक कार्यवाही पूर्ण कर लेगा? यदि नहीं, तो क्यों? (घ) क्या म.प्र. शासन तथा अन्य निगम/मंडलों/संघ/आयोग में सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष निर्धारित है, फिर सड़क परिवहन निगम के कर्मियों की सेवानिवृत्त आयु 58 वर्ष क्यों है? क्या यह इनके साथ अन्याय नहीं है? अन्य निगम मंडलों/संघ/आयोग की तरह सड़क परिवहन निगम के कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष करने के आदेश कब तक प्रसारित किए जायेंगे? यदि नहीं, तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) मध्‍यप्रदेश सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों की सेवा विनियम के अध्‍याय-3 नियम 59 के तहत शासकीय सेवकों की अर्द्धवार्षिकी आयु 58 वर्ष निर्धारित है। म.प्र. सड़क परिवहन निगम के आदेश दिनांक 18.05.1990 द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की अर्द्धवार्षिकी आयु 60 वर्ष निर्धारित की गई है। मध्‍यप्रदेश सड़क परिवहन के परिसमापन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होने से प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "एक"

वन विभाग के कार्यों की जानकारी

[वन]

6. ( *क्र. 585 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) क्या भितरवार विधानसभा क्षेत्र में विकास हेतु एवं आदिवासियों की मूलभूत सुविधाओं हेतु सरकार के द्वारा वन विभाग के विभिन्न कार्य स्वीकृत किये गए हैं? यदि हाँ, तो विगत 03 वर्षों में कौन-कौन सी मद से कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये थे? कार्यवार, राशिवार एवं किन-किन (पंचायतों में) स्थानों पर उक्‍त कार्य किये गये? सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त स्वीकृत कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण, अपूर्ण एवं प्रगतिरत हैं? अपूर्ण कार्यों को कब तक पूर्ण कर लिया जायेगा? उक्त कार्यों की कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया है, कितनी राशि भुगतान हेतु शेष हैं तथा सत्यापनकर्ता अधिकारी का नाम एवं निर्माण कार्य एजेंसी का नाम बतावें। (ग) ग्वालियर जिले में वन विभाग में कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी पदस्थ हैं, उनका नाम, पद, पदस्थापना दिनांक, मुख्यालय एवं ग्वालियर जिले में कब से पदस्‍थ हैं? पूर्ण विवरण दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में स्वीकृति किये गये विकास कार्यों/मूलभूत सुविधाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।                        (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

वनमंडलों में हुए व्‍यय की जानकारी

[वन]

7. ( *क्र. 245 ) श्री बाला बच्चन : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न क्रमांक 1160, दिनांक 27.07.2022 के (क) उत्‍तर अनुसार बड़वानी व सेंधवा वनमंडलों में वर्ष 2018, 2019, 2020 एवं 2021 में हुए समस्‍त व्‍यय के भुगतान की जानकारी भुगतान प्राप्‍तकर्ता व्‍यक्ति/फर्म नाम, बैंक अकाउंट नम्‍बर, बैंक नाम, फर्म का G.S.T. नम्‍बर T.D.S. कटौत्रा राशि सहित वनमण्‍डलवार वर्षवार देवें। (ख) जिन भुगतान में T.D.S. नही काटा गया है, उनकी जानकारी कारण सहित देवें। इसके जिम्‍मेदार अधिकारियों के नाम, पदनाम सहित देकर बताएं कि इसके लिए उन पर कब तक कार्यवाही होगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अवधि में रोपित पौधों में प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में कितने पौधे जीवित हैं? उपरोक्‍त अवधि में किस कक्ष क्रमांक पर कितने पौधों का रोपण किया गया, की जानकारी वनमंडलवार वर्षवार देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार जानकारी संबंधित अधिकारी की निरीक्षण तिथि सहित देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है।

पत्थर खदान व क्रेशर की जांच

[खनिज साधन]

8. ( *क्र. 695 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चंदला विधान सभा क्षेत्रान्‍तर्गत क्या बनाफर ग्रेनाइट पत्‍थर खदान, गिट्टी, क्रेशर प्रकाश बम्‍हौरी द्वारा राजस्व विभाग की सांठ-गांठ के चलते स्वीकृत आराजी के अतिरिक्त भूमि पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार यदि हाँ, तो उक्त कम्पनी के जांच हेतु जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने पत्र कलेक्‍टर व अनुविभागीय अधिकारी को प्रेषित किये गये हैं? संख्या बतायें व पत्रों की प्रति उपलब्ध करायें। (ग) क्या जांच हेतु प्रेषित पत्रों पर कार्यवाही की गयी है? यदि हाँ, तो क्या जांच दल गठित कर जांच करवायी गयी है? यदि हाँ, तो कब और क्या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं, तो कारण बतायें और कब तक? विक्रय पत्थर खदान व गिट्टी क्रेशर की जांच की जायेगी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार विधानसभा क्षेत्र चंदला के ग्राम प्रकाश बम्‍हौरी में बनाफर ग्रेनाईट फर्म के 05 पत्‍थर उत्‍खनिपट्टा स्‍वीकृत हैं। इनमें से 04 उत्‍खनिपट्टा संचालित एवं 01 उत्‍खनिपट्टा शिथिल है। स्‍वीकृत क्षेत्र में ही उत्‍खनन कार्य किया जा रहा है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार माननीय विधायक श्री राजेश कुमार प्रजापति का पत्र कलेक्‍टर, (खनिज शाखा), जिला छतरपुर को प्राप्‍त नहीं हुआ है। बल्कि एक पत्र जाँच हेतु अनुविभागीय अधिकारी, जिला छतरपुर को प्राप्‍त हुआ है। पत्र की प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार प्राप्‍त पत्र पर जाँच दल गठित किया जाकर, कार्यवाही प्रचलन में है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उ‍पस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दो"

शाहगढ़, नगर की पेयजल व्‍यवस्‍था

[जल संसाधन]

9. ( *क्र. 901 ) श्री तरबर सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) क्या बण्डा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शाहगढ़ नगर की पेयजल आपूर्ति एवं किसानों की खेती की सिंचाई हेतु लांच नदी पर बांध बनाने हेतु लगभग 20 वर्ष पहले सर्वे कार्य किया गया था?                   (ख) प्रश्‍नांश (क) अंतर्गत सर्वे कार्य उपरांत क्या उसका कार्य प्रारंभ भी किया गया था? यदि हाँ, तो कार्य कितना किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (क) में दर्शित लाँच नदी परियोजना आज भी लंबित है? इसके पूर्ण न किये जाने का क्या कारण है? (घ) क्या शासन शाहगढ़ नगर की पेयजल आपूर्ति एवं किसानों की खेती की सिंचाई को ध्यान रखते हुऐ परियोजना का कार्य प्रारंभ करवायेगा? यदि हाँ,       तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) वस्‍तुस्थिति यह है कि वित्तीय व्यय समिति की बैठक दिनांक 17.06.2008 को प्रश्‍नाधीन लांच नदी परियोजना की प्रति हेक्टेयर लागत अधिक होने के कारण परियोजना प्रस्ताव अमान्य किया गया। (घ) विभागीय वेबसाईट पर उपलब्‍ध साध्‍यता प्रस्‍ताव का प्रथम दृष्‍टया परीक्षण करने पर परियोजना की साध्यता स्वीकृति शासन के आदेश दिनांक 16.01.2020 द्वारा प्रदान की गई है। मुख्य अभियंता, बोधी जल संसाधन विभाग भोपाल की अनुशंसा अनुसार मैप आई.टी. भोपाल से प्राप्‍त परियोजना का हाइड्रोलॉजिकल डाटा का परीक्षण मैदानी कार्यालयों द्वारा किया जाना प्रतिवेदित है। परियोजना तकनीकी एवं वित्‍तीय मापदण्‍ड पर साध्य पाये जाने पर कार्यवाही की जाना संभव होगा। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

मत्स्य पालन की योजनाएं

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

10. ( *क्र. 524 ) श्री संजय शर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश शासन द्वारा मत्स्य पालन की कौन-कौन सी योजनायें संचालित हैं? संचालित योजनाओं के क्या नियम/मापदण्ड हैं? (ख) तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन शासकीय तालाबों में मत्स्य पालन किया गया? वर्षवार स्थानों की जानकारी एवं मत्स्य पालन के रकबा, हितग्राही का नाम एवं हितग्राही को प्रदान लाभांश/अनुदान की जानकारी प्रदान करें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) प्रदेश में शासन द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश अवधि से प्रश्‍न दिनांक तक तेन्‍दूखेड़ा विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत शासकीय तालाबों में मत्‍स्‍य पालन की वर्षवार/रकबावार/हितग्राही का नाम एवं हितग्राही को प्रदाय लाभांश/अनुदान की जानकारी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

शासकीय भूमियों का संधारण

[राजस्व]

11. ( *क्र. 43 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या रतलाम जिला अन्‍तर्गत शासकीय भूमियों का संधारण रिकॉर्ड राजस्‍व मंडल कार्यालय ग्‍वालियर में संधारित है? यदि हाँ, तो क्‍या मूल रिकॉर्ड रतलाम जिले का जिले में उपलब्‍ध है? यदि नहीं, तो मूल रिकॉर्ड हेतु एवं शासकीय भूमि को चिन्हित कर संधारण हेतु विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाहियां की जा रही हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : राजस्व मण्डल न्यायालय द्वारा केवल न्यायालयीन कार्य संपादित होते हैं। यहाँ रतलाम जिले अथवा प्रदेश के अन्य किसी भी जिले की शासकीय स्वामित्व की भूमियों का रिकॉर्ड संधारित नहीं है। रतलाम जिले में उपलब्ध राजस्व रिकॉर्ड में शासकीय भूमियों का उल्लेख है, अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिवहन विभाग के अधिनियमों का दुरूपयोग

[परिवहन]

12. ( *क्र. 764 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्र. 987 के उत्तर दिनांक 21.12.2022 में बिना रजिस्ट्रेशन कार्ड के वाहन चलाने पर एम.व्ही. एक्ट 1988 की कार्यवाही का लेख मान. विभागीय मंत्री ने कर 06 शहरों में पंजीकृत वाहनों की संख्या 891217 के विरूद्ध जारी किये गये पंजीयन कार्डों की संख्या 866086 बताया है? इसका आशय यह है कि परिवहन विभाग के कारण 25131 वाहन चालक 20 मार्च, 2020 से माह नवम्बर 2022 तक बिना रजिस्ट्रेशन कार्ड के वाहन उपयोग कर रहे थे? इस गड़बड़ी की जानकारी विभाग ने नहीं दी? इस भेदभाव के लिये विभाग के कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं? कारण सहित स्पष्ट करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट (एच.एस.आर.पी.) लगाए बगैर पंजीयन कार्ड जारी नहीं किये जाने में केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 में विहित प्रावधानों के उल्लंघन का लेख किया गया है? दो कानूनों का उल्लंघन करते हुये कार्यवाही संपादित करने से सदन में उत्तर प्रस्तुत करना संवैधानिक कर्तव्य मूल्यों एवं नियमों के विपरीत प्रतीत होता है? कारण सहित स्पष्ट करें। (ग) ए.पी.एम.व्ही.आर. 214 (3) एवं 127 (3) एम.व्ही. एक्ट क्या है? इसका उपयोग एवं उल्लंघन के क्या नियम हैं? इसका पालन कराना किस विभाग के किस स्तर के अधिकारियों के कर्तव्‍यों के अन्तर्गत आता है? (घ) उपरोक्त के संबंध में एम.व्ही. एक्ट का पालन क्या किसी भी कार्यालय को कराने का अधिकार दिया जा सकता है? यदि हाँ, तो और ऐसे कौन-कौन से नियम, अधिनियम, कानून हैं, जिसको अन्य विभागों को सौंपा गया है? कार्यालय का नाम, एम.व्ही. एक्ट की कौन सी धारा के कौन से उपबंध में क्या उल्लंघन पर क्या सजा अथवा आर्थिक दण्ड का              प्रावधान है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍न क्र. 987 के उत्तर दिनांक 21.12.2022 में 06 शहरों में पंजीकृत वाहनों की संख्या 891217 के विरूद्ध जारी किए गए पंजीयन कार्डों की संख्या 866086 बताई गई थी, जिसके अनुसार 25131 वाहन चालकों को वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (H.S.R.P.) लगाए बगैर पंजीयन कार्ड जारी न किए जाने के केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 में विहित प्रावधानों के कारण कार्ड जारी न किये जा सकने तथा तत्कालीन कुछ समय में प्लास्टिक कार्ड आपूर्ति बाधित होने के कारण वाहनों के रजिस्ट्रेशन कार्ड जारी नहीं किये जा सके थे, परंतु वाहन स्वामियों को पोर्टल पर उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक रूप में पंजीयन प्रमाण-पत्र की प्रति उपलब्ध कराई गई थी। केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम, 139 (1) में विहित प्रावधानों के अनुसार कोई वाहन चालक या कंडक्टर राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी द्वारा मांग किए जाने पर वाहन के रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र को भौतिक या इलेक्ट्रॉनिक रूप में जैसा की पोर्टल पर उपलब्ध है या उसमें डाउनलोड किए गए हैं, प्रस्तुत कर सकता है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) केन्द्रीय मोटरयान नियम, 1989 के नियम 50 में विहित प्रावधानों के अनुसार वाहन निर्माता द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2019 को या उसके पश्चात् निर्मित सभी यानों के साथ अति सुरक्षा रजिस्ट्रीकरण प्लेट दी जाती है, जिस पर डीलर द्वारा रजिस्ट्रीकरण चिन्ह बनाकर उसे यान पर लगाया जाता है, तदोपरांत उक्त नियमों के नियम 48 में विहित प्रावधानों के अनुसार रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र जारी किया जाता है। नियमों की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। वर्तमान में उक्त नियमों का पालन किया जा रहा है, शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                                  (ग) एम.पी.एम.वी.आर. 214 (3) में ''दुर्घटनाग्रस्त यान का निरीक्षण और सुगम यातायात में बाधा घटित करने के लिए शास्ति'' के प्रावधानों के तहत मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 127 की उपधारा (3) तथा धारा 201 की उपधारा (1) के अधीन भिन्न-भिन्न यानों के संबंध में देय अनुकर्षण व्यय की दर विहित की गई है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। एम.व्ही. एक्ट 127 (3) में ''सार्वजनिक स्थान पर परित्यक्त या अकेला छोड़े गए मोटरयानों का हटाया जाना'' के तहत उक्त वाहन के वाहन स्वामी का सभी अनुकर्षण खर्चों तथा उसके अतिरिक्त किसी अन्य शास्ति के लिए उत्तरदायित्व तय किया गया है। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। मध्यप्रदेश मोटरयान नियम, 1994 के नियम 214 के उपनियम (1) अनुसार पुलिस विभाग या परिवहन विभाग का कोई अधिकारी जो निरीक्षक की पद श्रेणी से नीचे का न हो किसी दुर्घटनाग्रस्त यान का निरीक्षण कर सकेगा तथा उक्त नियम के उपनियम (2) के अनुसार अधिनियम की धारा 201 के उपबंधों के अधीन रहते हुए ऐसे वर्दीधारी पुलिस अधिकारी, जो उपनिरीक्षक को पद श्रेणी से नीचे के न हो और परिवहन विभाग के समस्त अधिकारी जो सहायक परिवहन उपनिरीक्षक की पदश्रेणी से नीचे के न हो, उक्त धारा की उपधारा (2) के अधीन शास्तियों की वसूली करने के लिए प्राधिकृत किए गए हैं। नियम की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी नहीं। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में शेषांश का प्रश्‍न नहीं उठता।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

13. ( *क्र. 876 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्‍न राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत दिनांक 01 जनवरी, 2019 से उपभोक्‍ताओं को वितरण हेतु कौन-कौन सी सामग्री              कितनी-कितनी मात्रा में, किस-किस दर से क्रय की गई है? उस पर कितनी राशि व्‍यय हुई है? वर्षवार एवं जिलेवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत कितनी-कितनी मात्रा में कौन-कौन सी सामग्री वितरण हेतु जिलों को उपलब्‍ध कराई गई है? (ग) विदिशा जिले में दिनांक 01 जनवरी, 2019 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत परिवहन में कितना-कितना व्‍यय किया गया एवं कितने फर्मों/व्‍यक्तियों को कितना-कितना भुगतान किया गया? वर्षवार फर्मों/व्‍यक्तिवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) विदिशा जिले में क्‍या राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत अंत्‍योदय अन्‍न योजना के परिवारों को एवं प्राथमिक श्रेणी के परिवारों को गेहूँ की मात्रा कम देकर चावल अधिक दिये जा रहे हैं? यदि हाँ, तो कारण सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत शत्-प्रतिशत गेहूँ उपभोक्‍ताओं को कब से उपलब्‍ध कराये जावेंगे? यदि नहीं, तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सम्मिलित अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम एवं प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्‍य के मान से गेहूं, चावल एवं मोटा अनाज का वितरण कराया गया। भारत सरकार द्वारा माह जनवरी, 2019 से दिसम्‍बर, 2022 तक चावल रू. 3, गेहूं रू. 2 एवं मोटा अनाज              रू. 1 प्रति किलोग्राम की दर से राज्‍य को प्रदाय किया गया है। जिलेवार एवं वर्षवार प्रदाय खाद्यान्‍न की मात्रा एवं केन्‍द्रीय प्रदाय दर से खाद्यान्‍न क्रय पर हुए व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। भारत सरकार द्वारा माह जनवरी, 2023 से नि:शुल्‍क खाद्यान्‍न का प्रदाय किया जा रहा है। (ख) माह जनवरी, 2019 से दिसम्‍बर, 2023 तक राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत वर्षवार, जिलेवार एवं जींसवार प्रदाय सामग्री की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) विदिशा जिले में माह जनवरी, 2019 से अभी तक राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत आवंटित खाद्यान्‍न के प्रदाय केन्‍द्र से उचित मूल्‍य दुकान तक परिवहन के लिए संस्‍था एवं वर्षवार भुगतान की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जी हाँ। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 अंतर्गत भारत सरकार द्वारा चावल के आवंटन में वृद्धि करने के कारण विदिशा जिले में माह जून, 2022 से अन्‍त्‍योदय परिवारों को गेहूं 30 किलोग्राम के स्‍थान पर 14 किलोग्राम प्रतिमाह/प्रति परिवार तथा प्राथमिकता परिवारों को गेहूं 4 के स्‍थान पर 2 किलोग्राम प्रति हितग्राही वितरण कराया जा रहा है। पात्र परिवारों को गेहूं की कम की गई मात्रा के विरूद्ध चावल की मात्रा बढ़ाकर पात्रता अनुसार वितरण किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा राज्‍य के गेहूं के आवंटन में वृद्धि करने के उपरांत जिले में पूर्व निर्धारित मात्रा अनुसार गेहूं का वितरण कराया जा सकेगा।                  समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

चकबन्दी कार्य की वर्तमान स्थिति

[राजस्व]

14. ( *क्र. 174 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्या मुरैना जिले के चकबन्दी कार्य प्रारंभ होने के बाद पूर्ण नहीं होने के बीच में ही बन्द कर दिया गया था? उसका वर्ष, गांवों के नाम, तहसील सहित फरवरी 2023 की स्थिति में जानकारी दी जावे। (ख) क्या उक्त ग्रामों में मौके पर कब्जा चकबन्दी के हिसाब से दिया गया है, लेकिन नक्शा, खसरा चकबन्दी के पूर्व का ही प्रचलित है, जिससे ऋण, मुआवजा आदि की समस्यायें किसानों को वर्तमान समय में हो रही है? शासन उसे कब तक ठीक करायेगा? (ग) क्या ग्राम पंचायत बुरावली तहसील जौरा के ग्राम रूध का पुरा में इन विसंगतियों को दूर करने का प्रश्‍न पूर्व में रखा गया था, जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है, क्यों? कार्यवाही कर इसे कब तक दुरूस्‍त कर दिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मुरैना जिले में वर्ष 1972 से 1975 के मध्य तहसील मुरैना, जौरा एवं सबलगढ़ में चकबन्दी कार्य किया गया थाI जिला अभिलेखागार मुरैना के पत्र क्रमांक/जि.अभि./ता.प्र.174/2023 मुरैना दिनांक 17 फरवरी, 2023 के अनुसार तहसील मुरैना के 20 ग्रामों तहसील जौरा के 21 ग्रामों एवं तहसील सबलगढ़ के 83 ग्रामों में चकबन्दी प्रक्रिया का अंतिम प्रकाशन किया जाकर अभिलेख संधारित किया गया था जिसका अभिलेख जिला अभिलेखागार में उपलब्ध हैI (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित ग्रामों में मौके पर कब्जा चकबन्दी के हिसाब से दिया गया है एवं नक्शा, खसरा चकबन्दी के अनुसार संधारित हैI (ग) तहसीलदार तहसील जौरा का पत्र क्रमांक/रीडर/04/वि.स./2023 जौरा, दिनांक 16.02.2023 एवं जिला अभिलेखागार मुरैना के पत्र क्रमांक/जि.अभि./ता.प्र. 174/2023 मुरैना, दिनांक 17 फरवरी, 2023 के संलग्न सूची पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। ग्राम पंचायत बुरावली तहसील जौरा के ग्राम रूध का पुरा का चकबन्दी अभिलेख अभिलेखागार में उपलब्ध नहीं होने से पुष्टि किया जाना संभव नहीं हैI

आदिवासी क्षेत्रों में रजिस्‍ट्री

[राजस्व]

15. ( *क्र. 736 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्‍डेकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन के निर्देशानुसार आदिवासी विकासखण्‍डों (अधिसूचित क्षेत्रों) में आदिवासियों की सम्‍पत्ति जैसे :- कृषि भूमि, मकान, दुकान, प्‍लॉट आदि की खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध है? (ख) उपरोक्‍त निर्देशों के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या जिला बुरहानपुर के विकासखण्‍ड खकनार के अंतर्गत गैर आदिवासी (सामान्‍य, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति) के निवासियों की कृषि भूमि, मकान दुकान, प्‍लॉट आदि की खरीदी बिक्री की रजिस्‍ट्री पर रजिस्‍ट्रार द्वारा जिला कलेक्‍टर की अनुमति के पश्‍चात ही रजिस्‍ट्री की जाती है? यदि हाँ, तो इस संबंध में शासन स्‍तर से कोई आदेश या गाईड लाईन जारी की गई हो तो उसे उपलब्‍ध करायें। (ग) उक्‍त प्रश्‍न के उल्‍लेख में सामान्‍य वर्ग की सम्पत्ति यदि आदिवासी वर्ग के व्‍यक्ति द्वारा खरीदी जाती है, तो भी जिला कलेक्‍टर की अनुमति के पश्‍चात ही रजिस्‍ट्री की जाती है? ऐसा क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जिला बुरहानपुर के विकास खण्‍ड खकनार के अंतर्गत गैर आदिवासी (सामान्‍य, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति) द्वारा कृषि भूमि के           क्रय-विक्रय हेतु अनुमति की आवश्‍यकता नहीं है, परन्‍तु मकान, दुकान, प्‍लॉट आदि के क्रय-विक्रय हेतु म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा 165 (6) (क) के प्रावधानों के तहत कलेक्‍टर से अनुमति प्राप्‍त करनी होती है। उपरोक्‍त प्रावधान की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।                           (ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

बारना परियोजना की नवीन नहरों की मरम्‍मत

[जल संसाधन]

16. ( *क्र. 845 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला रायसेन में बारना परियोजना बाड़ी दायीं मुख्‍य नहर की वितरिका क्र. 4 की माईनर क्र. 2 की सबमाईनर MS 2, 3 एवं 5 नहरों के रख-रखाव हेतु वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक नवीन कार्य/मरम्‍मत कार्य स्‍वीकृत किये गये हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में स्‍वीकृत कार्यों की वर्तमान कार्य स्थिति सूची सहित उपलब्‍ध करायें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में क्‍या इन कार्यों की खराब गुणवत्‍ता संबंधी कोई शिकायत अथवा माननीय सांसद, विधायक महोदय के पत्र प्राप्‍त हुए हैं? यदि हाँ, तो संबंधित अधिकारियों/कार्य एजेन्‍सी के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं, तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) से (ग) वस्‍तुस्थिति यह है कि मैदानी कार्यालय द्वारा बारना परियोजना बाड़ी की दायीं नहर मुख्य नहर की वितरिका क्र. 4 की माईनर      क्र. 2 की सबमाइनर एम.एस. 2,3 एवं 5 नहरों के रख-रखाव हेतु वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक रू. 1.33 करोड़ स्‍वीकृत किया जाना प्रतिवेदित है। रख-रखाव के कार्यों की निविदा दिनांक 04.01.2023 को स्‍वीकृत की गई है। वर्तमान में नहर संचालन प्रगतिरत होने से कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। रबी फसल कटने के उपरांत कार्य प्रारंभ कराया जाना संभव होगा। कार्य प्रारंभ नहीं होने से गुणवत्ता संबंधी शिकायत का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय जमीन पर अतिक्रमण

[राजस्व]

17. ( *क्र. 859 ) श्री के.पी. त्रिपाठी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) रीवा जिले में भू-माफियाओं द्वारा ग्राम पंचायत तिघरा से रीवा रेल्‍वे स्‍टेशन की ओर जाने वाली आम रास्‍ता में बाई पास के नीचे से धिरमा नाले की शासकीय जमीन में चारों तरफ लगभग 500 मी. के एरिया में अतिक्रमण/अवैध कब्‍जा करके बाउन्‍ड्रीवॉल का निर्माण कराकर आम रास्‍ता बाधित किया गया है? क्‍या सरकार धिरमा नाले की शासकीय जमीन का सीमांकन करवाकर                      भू-माफियाओं द्वारा शासकीय जमीन में किये गये अतिक्रमण/अवैध कब्‍जे से मुक्‍त करायेगी?                                                     (ख) प्रश्‍नांश (क) यदि उत्‍तर जी हाँ तो, सरकार कब तक धिरमा नाले की शासकीय जमीन का सीमांकन करवा कर शासकीय जमीन में किये गये अतिक्रमण/अवैध कब्‍जे को भू-माफियाओं से मुक्‍त करायेगी? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। रीवा जिले में ग्राम पंचायत तिघरा से रेलवे स्टेशन की ओर जानेवाली आम रास्ता में बायपास के नीचे धिरमा नाले की शासकीय जमीन के चारों तरफ लगभग 500 मीटर की एरिया में अतिक्रमण/अवैध कब्जा किया गया है। उक्त क्षेत्र तहसील हुजूर के ग्रामीण व नगर के सीमावर्ती क्षेत्र के अन्तर्गत आता है, जिसमें कुछ भूमि रेल्वे विभाग की भी है। प्रश्‍नागत भूमि के सीमांकन हेतु आदेश क्रमांक 199, दिनांक 10.02.2023 द्वारा जांच दल गठित किया जा चुका है, जिसके प्रतिवेदन के आधार पर आगामी विधिसम्‍मत कार्यवाही प्रस्‍तावित है। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार।

किसान सम्मान निधि

[राजस्व]

18. ( *क्र. 30 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020, 2021 तथा 2022 की स्थिति में प्रदेश में कुल कितने कृषकों को कितनी सम्मान निधि का भुगतान किया गया? यह प्रदेश की अनुमानित कृषक संख्या का कितना प्रतिशत है? (ख) जनवरी 2023 की स्थिति में कितने पात्र किसानों को सम्मान निधि का भुगतान नहीं किया गया तथा उन्हें भुगतान क्या प्रारंभिक दिनांक से किया जायेगा या वर्तमान समय से किया जायेगा? भुगतान नहीं किए जाने वाले कृषकों की संख्या जिलेवार बताएं। (ग) अपात्र कृषकों को सम्मान निधि देने की जिलेवार सूची बताएं तथा उसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्यवाही की गई? (घ) जनवरी 2023 की स्थिति में जिलेवार कुल कितने कृषक से कुल कितनी राशि वसूल करना है? उसे किस प्रकार वसूल किया जाएगा, कब तक वसूल किया जाएगा और यदि निर्धारित अवधि तक वसूली नहीं हुई तो क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जावेगी तथा उनसे राशि वसूल की जाएगी? यदि नहीं, तो क्यों?  

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। राजस्व अभिलेख में कृषकों की संख्या न होकर खातेदारों की जानकारी संधारित की जाती है, अतः अनुमानित कृषक संख्या का प्रतिशत देना संभव नहीं हैl (ख) जनवरी, 2023 की स्थिति में ऐसे सभी पात्र हितग्राही जिनसे सही दस्तावेज प्राप्त हुए, उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में पंजीयन दिनांक से सम्मान निधि का भुगतान भारत सरकार द्वारा सीधे हितग्राही के बैंक खाते में किया जा रहा है। शेष प्रश्‍न उद् भूत नहीं होता है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के   प्रपत्र-2 अनुसार है। योजना के प्रारंभ में पंजीयन संबंधी निर्देशों के क्रम में ऐसे कृषकों को लाभ दिया गया, जिनके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। शेष प्रश्‍न उद् भूत नहीं होता। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। वसूली प्रक्रिया पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-3 अनुसार है। विधिवत वसूली की कार्यवाही प्रचलित है, जिससे शेष प्रश्‍न उद् भूत नहीं होता।

ई.डब्ल्यू.एस. सर्टिफिकेट

[राजस्व]

19. ( *क्र. 682 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि छतरपुर तहसील अंतर्गत जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने ई.डब्ल्यू.एस. सर्टिफिकेट बनाने हेतु आवेदन प्राप्त हुए, कितनों को प्रमाणपत्र प्रदाय किए गए? कितने लंबित हैं तथा कितने निरस्त किए? संख्यात्मक जानकारी प्रदाय करें। लंबित एवं निरस्त किए आवेदनों की कारण सहित जानकारी प्रदाय करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : तहसील छतरपुर अंतर्गत जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक ई.डब्‍ल्‍यू.एस. सर्टिफिकेट बनाने हेतु कुल 1629 आवेदन प्राप्‍त हुए हैं, जिसमें से कुल 1346 प्रमाण पत्र जारी किये तथा कुल 230 आवेदन लंबित (समय सीमा के अंतर्गत) हैं। कुल 237 आवेदनों को निरस्‍त किया गया। आवेदनों को म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 7-11/2019/आ.प्र./एक, भोपाल दिनांक 29.06.2021 की कंडिका 3 के अनुसार अपात्र होने की स्थिति में निरस्‍त किया है।

कारम बांध का पुन: निर्माण कराया जाना

[जल संसाधन]

20. ( *क्र. 922 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या धार जिले की कारम नदी पर बने कारम बांध निर्माण में अपर्याप्‍त वॉटरिंग एवं कम्‍पेक्‍शन होने के कारण माह अगस्‍त 2022 में रिसाव होने पर बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गई थी? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त बांध की मूल निर्माण एजेंसी एवं उसकी सबलेट कंपनी को ब्‍लैक लिस्‍ट किया गया था एवं बांध निर्माण कार्य से संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर आरोप पत्र जारी किये गये? (ग) क्‍या उक्‍त बांध के जल निकासी के दौरान प्रभावित हुये परिवारों को हुई क्षति का राजस्‍व विभाग द्वारा आकलन कर क्षतिपूर्ति की राशि दी गई है? यदि हाँ, तो कुल कितने परिवारों को कुल कितनी राशि दी गई है? यदि नहीं, तो क्‍यों? (घ) क्‍या बांध के मूल ठेकेदार द्वारा अनुबंध में निहित शर्तों के अनुसार क्षतिग्रस्‍त भाग का पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है? यदि नहीं, तो क्‍यों? इसके लिए विभाग ने अब तक क्‍या कार्यवाही की?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वस्‍तुस्थिति यह है कि कारम बाँध निर्माण में रिसाव का कारण अन्‍य कारणों के साथ ही प्रथम दृष्‍टया अपर्याप्‍त वॉटरिंग एवं कंपेक्‍शन होना भी रहा है। जी हाँ, बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गयी है। (ख) जी हाँ। मुख्‍य अभियंता, नर्मदा ताप्‍ती कछार, इंदौर के आदेश दिनांक 16.08.2022 द्वारा मूल निर्माण एजेंसी मेसर्स ए.एन.एस. कन्‍स्‍ट्रक्‍शन प्रा.लि. नई दिल्‍ली एवं सबलेटर कंपनी मेसर्स सारथी कन्‍स्‍ट्रक्‍शन, ग्‍वालियर का पंजीयन निलंबित करते हुए ठेकेदारों को काली सूची में सूचीबद्ध किया गया। निर्माण कार्य से संबंधित मुख्‍य अभियंता, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्रियों को शासन के आदेश दिनांक 26.08.2022 द्वारा निलंबित किया गया एवं आदेश दिनांक 17.11.2022 द्वारा आरोप पत्रादि जारी किये गये हैं। (ग) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) वस्‍तुस्थिति यह है कि अनुबंध में निहित शर्तों के अनुसार बांध में क्षतिग्रस्त भाग का पुनर्निर्माण ठेकेदार द्वारा किया जाना है, किन्‍तु कार्य अभी प्रारंभ नहीं है। वर्तमान में बांध का पुनर्निर्माण केन्‍द्रीय जल आयोग की पर्यवेक्षण में कराया जाना प्रस्‍तावित किया गया है, जिसके लिए जल संसाधन विभाग एवं केन्‍द्रीय जल आयोग के मध्‍य अनुबंध किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अनुबंध उपरांत केन्द्रीय जल आयोग से बांध निर्माण संबंधी दिशा-निर्देश प्राप्त होने के पश्‍चात् बांध के क्षतिग्रस्त भाग का निर्माण कार्य मूल एजेंसी द्वारा प्रारंभ कराया जाना संभव होगा।

भू-स्‍वामियों को भूमि वापस किया जाना

[राजस्व]

21. ( *क्र. 253 ) श्री सुनील सराफ : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) कोतमा वि.स. क्षेत्र में वेलस्‍पन कंपनी ने भूमि अधिग्रहण कब से कब तक किया था? भूमि अधिग्रहण दिनांक, रकबा, कुल मुआवजा राशि सहित देवें। (ख) भारत सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून में स्‍पष्‍ट लेख है कि जिस उपयोग के लिए भूमि अधिग्रहित की गई है, यदि तय समय में वह कार्य प्रारंभ नहीं होता है, भूमि उसके मूल भू-स्‍वामी को लौटा दी जाए तो इसका पालन कोतमा वि.स. क्षेत्र में प्रश्‍नांश (क) अनुसार क्‍यों नहीं हुआ? (ग) कब तक भूमि भू-स्‍वामियों को वापस कर दी जाएगी? क्‍योंकि संबंधित कंपनी अपने उदे्दश्‍यों को प्राप्‍त करने में असफल रही? यदि नहीं,              तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि अर्जन अधिनियम 1894 के प्रावधान अनुसार मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के आदेश क्रमांक 12-30/2010/सात/2ए भोपाल, दिनांक 11 मार्च, 2011 से कोतमा तहसील के ग्राम छतई, मझटोलिया व उमरदा की कुल भूमि रकबा 311.201 हे. (निजी) का अर्जन किया गया है, जिसकी कुल मुआवजा राशि 21,39,49,728.00 वितरित की जा चुकी है। (ख) उक्त पत्र की कंण्डिका 16 में वर्णित प्रावधान अनुसार यदि कभी उक्त भूमि का उपयोग उक्त प्रयोजन के लिये नही होता है या बाद में कभी बन्द कर दिया जाता है तो भूमि तथा उस पर निर्मित भवनों के सम्पतियों के साथ शासन मे निहित हो जावेगी और कम्पनी को इस हेतु मुआवजा देय नही होगा। उक्‍त जारी परिपत्र में तय सीमा में कार्य प्रारंभ नहीं होने से भूमि उसके भूमि स्‍वामी को लौटाये जाने का उल्‍लेख नहीं है। शासन द्वारा जारी परिपत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांश '' अनुसार।

मोहनपुरा सिंचाई परियोजना से वंचित ग्राम

[जल संसाधन]

22. ( *क्र. 563 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिले राजगढ़ में मोहनपुरा डैम सिंचाई परियोजना में कितने ग्रामों को जोड़ा गया? सूची उपलब्ध कराएं। (ख) मोहनपुरा सिंचाई परियोजना से कितने गांव वंचित रह गए हैं, जिनके बारे में प्रश्‍नकर्ता द्वारा विभाग को कितने पत्र जारी किए गए? उन पर क्या विचार किया? (ग) प्रश्‍नकर्ता द्वारा दिए गए पत्र कहां-कहां किस किस दिनांक में लंबित रखे गए? क्या कारण रहा? अब तक उन पत्रों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? (घ) ग्राम खुरी, मोहनीपुरा, पढ़ोनिया आदि ग्रामों के साथ-साथ वंचित गांव को कब तक सिंचाई परियोजना में शामिल कर किसानों को लाभ दिया जाएगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।                                          (ख) से (घ) मोहनपुरा सिंचाई परियोजना से निर्धारित/प्रस्तावित कमाण्ड क्षेत्र से कोई ग्राम वंचित नहीं होना प्रतिवेदित है। माननीय सदस्य विधानसभा क्षेत्र, ब्यावरा द्वारा अतिरिक्त ग्रामों को जोड़ने हेतु एक पत्र दिनांक 30.03.2022 शासन स्‍तर पर प्राप्‍त हुआ है। माननीय सदस्य द्वारा पत्र में उल्‍लेखित ग्रामों को जोड़ने के संबंध में तकनीकी परीक्षण मैदानी कार्यालय में प्रचलन में होना प्रतिवेदित है। निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

परिशिष्ट - "तीन"

तीन वर्षों से अधिक समय से पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारी

[राजस्व]

23. ( *क्र. 19 ) श्री महेश राय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                               (क) राजस्व विभाग के जिला सागर के कार्यालयों में विगत 3 वर्षों से एक ही कार्यालय में एक ही शाखा में कितने अधिकारी/कर्मचारी कार्यरत हैं? (ख) मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार एक ही कार्यालय में एक ही शाखा में कितने वर्ष तक कार्यरत रहने का प्रावधान है? (ग) यदि समय-सीमा निर्धारित है तो विभाग द्वारा उनका स्थानांतरण क्यों नहीं किया गया? (घ) यदि हाँ, तो 3 वर्षों से एक ही कार्यालय एवं एक ही शाखा में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की सूची उपलब्ध करायी जाये और उनके स्थानांतरण कब तक कर दिये जायेंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजस्व विभाग के जिला सागर के कार्यालयों में विगत 03 वर्षों से एक ही कार्यालय में एक ही शाखा में पदस्थ कर्मचारियों की संख्या 47 है।                         (ख) मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय के परिपत्र क्रमांक एफ 6-1/2021/एक/9, दिनांक 24 जून, 2021 द्वारा राज्य एवं जिला स्तर पर अधिकारियों/कर्मचारियों की जारी स्थानान्तरण नीति की कंडिका-17 अनुसार जिलों में पदस्थ प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी के कार्यपालिक अधिकारियों के एक ही स्थान पर तीन वर्ष की पदस्थापना पूर्ण कर लेने पर जिले से अन्यत्र प्राथमिकता पर स्थानान्तरण किया जा सकेगा। तृतीय श्रेणी कार्यपालिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों का भी एक ही स्थान पर सामान्यतः तीन वर्ष या उससे अधिक पदस्थापना की अवधि पूर्ण कर लेने के कारण स्थानान्तरण किया जा सकेगा। (ग) समय-समय पर कार्यालयीन कार्य सुविधा की दृष्टि से कर्मचारियों को अन्य शाखाओं का कार्य सौंपा जाता है/स्थानान्तरण किया जाता है। (घ) जी हाँ। सूची संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। समय-समय पर कार्यालयीन कार्य सुविधा की दृष्टि से कर्मचारियों को अन्य शाखाओं का कार्य सौंपा जाता है तथा कार्य व्यवस्था की दृष्टि से जिले के अन्य कार्यालयों में आवश्यकता अनुसार स्थानान्तरण/पदस्थापना की जाती है, जो बाध्यता नहीं होकर वैकल्पिक व्यवस्था है।

परिशिष्ट - "चार"

नगर पालिका/नगर परिषद क्षेत्र में आरक्षित कोटवारी जमीन

[राजस्व]

24. ( *क्र. 687 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया एवं नगर परिषद क्षेत्र कर्रापुर में कोटवार को कोटवारी जमीन आरक्षित है? नाम, रकबा सहित जानकारी देवें। (ख) क्या शासन के नियम/निर्देशों की नगरीय क्षेत्र में स्थित कोटवारी जमीन को वापिस लेकर उसे शासन के आधिपत्‍य में लेने का प्रावधान है? (ग) यदि हाँ, तो क्या नगर पालिका क्षेत्र की इन जमीनों को शासन आधिपत्‍य में लेने के संबंध में कार्यवाही की गई है? (घ) यदि उक्त संबंध में कार्यवाही नहीं की गई है, तो शासन कब कार्यवाही कर कोटवारी जमीन को कोटवार से वापिस लेकर शासन के आधिपत्‍य में लेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया एवं नगर परिषद क्षेत्र कर्रापुर में कोटवारों को आरक्षित भूमि की जानकारी नाम रकबा सहित संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया की भूमि शासन के आधिपत्‍य में ली गई है। नगर परिषद कर्रापुर की लेने की कार्यवाही प्रचलन में है। (घ) नगर परिषद कर्रापुर के कोटवारों की जमीन वापिस लेकर शासन आधिपत्‍य में लेने की कार्यवाही प्रचलन में है।

परिशिष्ट - "पांच"

विभागीय पात्रता परीक्षा में अपात्र का चयन

[राजस्व]

25. ( *क्र. 238 ) श्री कमलेश जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                         (क) वर्ष 2002 में लिपिकीय वर्ग से नायब तहसीलदार के पद पर चयन हेतु आयुक्‍त भू-अभिलेख एवं बन्‍दोबस्‍त मध्‍यप्रदेश ग्‍वालियर के पत्र क्रमांक 4537/14, परीक्षा/लि.ना.त./2002 ग्‍वालियर, दिनांक 13.11.2002 तथा राजपत्र दिनांक 24.6.2002 अनुसार आयोजित परीक्षा में सफल होने के लिए प्रत्‍येक वर्ग के परीक्षार्थी को 50 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्‍त किया जाना अनिवार्य था?                (ख) यदि हाँ, तो क्‍या तत्‍समय अनु.जाति वर्ग में अंतिम चयन सूची 50 प्रतिशत या अधिक अंक प्राप्‍त करने वाले अभ्‍यर्थियों की ही बनायी गई थी? चयनित अभ्‍यर्थियों के अंकों की मेरिट लिस्‍ट बतायें एवं 50 प्रतिशत अंक प्राप्‍त करने वालों की सूची देवें? (ग) यदि अभ्‍यर्थियों का चयन प्रश्‍नांश (क) अनुसार मेरिट से किया गया है तो अनु.जाति वर्ग में पद वर्गीकरण अनुसार अंतिम चयनित अभ्‍यर्थी सुश्री सरोज अग्रिवंशी को लिखित में 44.33 अंक, गोपनीय प्रतिवेदन में 75 अंक, कुल 119.33 अंक में चयन कर लिया गया है, जबकि इसी वर्ग के रामलखन वर्मा को लिखित परीक्षा में 53.48 अंक व गोपनीय प्रतिवेदन में 75 अंक, कुल 128.48 अंक होने पर भी चयन नहीं किया गया? स्‍पष्‍ट कारण बतायें। (घ) राजस्‍व विभाग द्वारा विधि नियमों के विरूद्ध कूट रचना कर अपात्र का चयन कर पात्र अभ्‍यर्थी का अभ्‍यावेदन बार-बार बिना विचारण क्‍यों निरस्‍त किया जाता है? पात्र होने के बाद भी लगातार 20 वर्ष से न्‍याय की आशा में भटक रहा है? वरिष्‍ठ अधिकारी स्‍वयं शासन के निर्देशानुसार निर्णय न लेकर लिपिक द्वारा प्रस्‍तुत नोटशीट की टीप पर ही निर्णय लिया गया है, जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर भी प्रश्‍न उठता है? शासन की छवि खराब न हो तो क्‍या इस पर विचार कर कार्यप्रणाली में सुधार कराया जायेगा? (ड.) यदि राजस्‍व विभाग द्वारा तत्‍समय नियम विरूद्ध तरीके से अपात्र का चयन कर पद पूर्ति कर ली गयी है तो विभाग की इस त्रुटि पर पूर्व की चयन प्रक्रिया को निरस्‍त किया जावेगा या पात्र अभ्‍यर्थी को नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति तत्‍समय से प्रदान कर न्‍याय प्रदान किया जावेगा? यदि हाँ, तो कब तक?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश जूनियर प्रशासकीय सेवा में लिपिक वर्गीय सेवा से सीधी भर्ती द्वारा नायब तहसीलदार के पदों को भरने हेतु सीमित प्रतियोगिता परीक्षा वर्ष 2002 हेतु 24.06.2002 के राजपत्र एवं आयुक्‍त, भू-अभिलेख एवं बंदोबस्‍त ग्‍वालियर के अधिसूचना दिनांक 13.11.2002 में उल्‍लेख अनुसार केवल लिखित परीक्षा के अंकों के आधार पर चयन नही किया गया, बल्कि लिखित परीक्षा में सफल कर्मचारियों की दोनों प्रश्‍न पत्रों में प्राप्‍त कुल अंकों के अनुसार सूची तैयार की जाएगी, तदुपरांत ऐसे कर्मचारियों के गत पांच वर्षों की गोपनीय चरित्रावली का मूल्‍यांकन विभागीय पदोन्‍नति समिति द्वारा किया जावेगा, लिखित परीक्षा में प्राप्‍त कुल अंकों एवं गोपनीय चरित्रावली के मूल्‍यांकन के आधार पर एक अंतिम सूची तैयार की जावेगी, इस अंतिम चयन सूची में से कर्मचारियों के क्रमानुसार नायब तहसीलदार के रूप में नियुक्ति प्रदान की जावेगी। उक्‍त अनुसार ही चयन की कार्यवाही की गई है। (ख) प्रश्‍नांश '' अनुसार लिखित परीक्षा में उत्‍तीर्ण अभ्‍यर्थियों के गोपनीय प्रतिवेदन का मूल्‍यांकन भी किया गया। गोपनीय प्रतिवेदन के मूल्‍यांकन के अंकों एवं व्‍यवसायिक परीक्षा मण्‍डल द्वारा आयोजित परीक्षा में उम्‍मीदवारों द्वारा प्राप्‍त अंकों को जोड़कर अंतिम चयनसूची तैयार की गई। जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) अभ्‍यर्थी सुश्री सरोज अग्निवंशी का चयन अनुसूचित जाति वर्ग में महिला संवर्ग में होने के कारण हुआ, क्‍योंकि प्रत्‍येक संवर्ग में 30 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित थे। (घ) प्रश्‍नांश '' एवं '' के उत्‍तर के क्रम में प्रश्‍न उपस्थित नही होता है।                                   (ड.) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नही होता है।

परिशिष्ट - "छ:"

 

 

 



भाग-2

नियम 46 (2) के अंतर्गत अतारांकित प्रश्‍नोत्तर के रुप में परिवर्तित तारांकित प्रश्‍नोत्तर


मनावर को जिला बनाया जाना

[राजस्व]

1. ( क्र. 9 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) कलेक्टर जिला धार ने मनावर को जिला बनाए जाने बाबत् कब-कब विभाग को क्या अभिमत दिया है? उक्त अभिमत के अनुसार विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गई, वर्तमान में क्या कार्यवाही प्रचलित है? (ख) धार जिले के किस-किस जनप्रतिनिधियों, संस्थाओं एवं अन्य व्यक्तियों ने किन मानदंडों के आधार पर मनावर को जिला बनाए जाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी एवं विभाग को कब-कब पत्र के माध्यम से अनुरोध किया? उक्त पत्रों पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) मनावर, कुक्षी, डही, गंधवानी एवं धरमपुरी तहसील के क्षेत्रों से धार जिला मुख्यालय की दूरी अधिक होने एवं भौतिक दूरस्तता एवं अन्य समस्याओं के मद्देनजर मनावर को जिला घोषित करने में क्यों देरी की जा रही है? (घ) मनावर में ऐसे किन-किन मानदंडों, ढांचा एवं अवसर उपलब्ध हैं, जिनके कारण मनावर को जिला घोषित करना उचित रहेगा। (ङ) मनावर को जिला बनाए जाने बाबत् वर्तमान में क्या-क्या कार्यवाही प्रचलित है? इस संबंध में विभाग द्वारा कब-कब किसको अभिमत दिया गया? यदि अभिमत नहीं दिया गया तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) कलेक्‍टर धार के पत्र दिनांक 01.09.2021 के अनुसार प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ है। प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ग) प्रकरण परीक्षणाधीन है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ड.) प्रश्‍नांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खाद्यान्‍न सुरक्षा हेतु संचालित वेयर हाउस

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

2. ( क्र. 44 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खाद्यान्‍न की सुरक्षा एवं वितरण हेतु रतलाम जिले में अनेक स्‍थानों पर शासन/विभाग द्वारा वेयर हाउस निर्मित हैं, साथ ही केन्‍द्र/राज्‍य सब्‍सीडी के माध्‍यम से निजी वेयर हाउस भी संचालित हैं?              (ख) यदि हाँ तो रतलाम जिले में शासन/विभाग के शासकीय वेयर हाउस कितनी क्षमता के           किन-किन स्‍थानों पर एवं निजी वेयर हाउस किन-किन स्‍थानों पर संचालित किये जा रह हैं? स्‍थानवार, क्षमतावार जानकारी दें। (ग) खाद्यान्‍न सुरक्षा हेतु वेयर हाउस में नियमानुसार किस-किस प्रकार की व्‍यवस्‍थाएं/सुविधाए/सावधानियां रखी जाना चाहिये, साथ ही वेयर हाउस में आगम एवं निर्गम के समय नापतौल तथा गुणवत्‍ता का आकलन किस तरह होता है? (घ) वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक वेयर हाउस में रबी खाद्यान्‍न किन कारणों से खराब होकर सड़ गया, जमा मात्रा में कम पाया गया, इत्‍यादि अन्‍य अनेक अनियमितताओं के कारण वर्षवार शासन/विभाग द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? साथ ही विगत वर्षों से निरंतर चिन्हित वेयर हाउसों को सांठगांठ कर किसके द्वारा लगातार अनुबंधित किया जाता रहा है? क्‍या संबंधित लापरवाह एवं नियम विरूद्ध कार्य करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) रतलाम जिले में शासकीय वेयर हाउस एवं निजी वेयरहाउस की स्‍थानवार क्षमतावार जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) खाद्यान्‍न सुरक्षा हेतु प्रत्‍येक वर्ष शासन द्वारा निर्धारित की जाने वाली जेव्‍हीएस नीति अनुसार व्‍यवस्‍थाएं/सुविधाएं/सावधानियां रखी जाती है साथ ही शासन द्वारा निर्धारित मापदण्‍ड अनुसार वेयरहाउस में आगम एवं निर्गम के समय नापतौल, गुणवत्‍ता एवं नमी का आकलन किया जाता है। (घ) उपार्जन वर्ष 2018-19, 2019-20 का पूर्ण भुगतान जिले की विभिन्‍न शाखाओं से किया जा चुका है जिसमें खराब/सड़े स्‍कंध की मात्रा निरंक है एवं उपार्जन वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 के स्‍कंध का भुगतान जिले की विभिन्‍न शाखाओं से वर्तमान में चल रहा है जिससे उपरोक्‍त उपार्जित स्‍कंध में खराब/सडे़ स्‍कंध की मात्रा एवं जमा स्‍कंध में कमी की गणना पूर्ण भुगतान होने के उपरांत ही की जा सकेगी। निजी गोदाम संचालकों द्वारा शासन को ऑफर किये गये गोदामों का अनुबंध जेव्‍हीएस पॉलिसी द्वारा किया जाता है। जमा मात्रा में कम पाये गये स्‍कंध के विरूद्ध जेव्‍हीएस नीति अनुसार कटौत्रा भण्‍डारण शुल्‍कों से किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सात"

वाहनों का पंजीयन

[परिवहन]

3. ( क्र. 59 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) संभागीय परिवहन कार्यालय जबलपुर (आर.टी.ओ.) में मिश्रा ट्रेवल्‍स प्रो. सुनील मिश्रा तीन पत्‍ती चौक पुराना बस स्टैंड जबलपुर के कौन-कौन से वाहन पंजीकृत है। किन-किन वाहनों को परिवहन परमिट कब कितनी-कितनी अवधि के लिये दिये गये हैं। किन-किन वाहनों के परमिट का नवीनीकरण एवं फिटनेस की जांच कब से नहीं कराई है एवं क्यों? दोषी एजेंसी संचालक पर कब क्या कार्यवाही की हैं? वाहन का प्रकार मॉडल पंजीयन क्र. दिनांक सहित वाहनों की सूची देवें।         (ख) प्रश्‍नांकित पंजीकृत किन-किन वाहनों की आकस्मिक जांच कब-कब किसने की है एवं             क्या-क्या अनियमितताएं, कमियां पाई गई हैं। अवैध परिवहन से सम्बंधित मामलों में कब-कब कौन-कौन वाहनों को पकड़ा गया हैं? कौन-कौन से वाहनों को कब-कब राजसात किया गया एवं अर्थदण्ड की अधिरोपित कितनी-कितनी राशि की कब-कब वसूली की गई है? वर्ष 2019-20 से  2022-23 तक की जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांकित पंजीकृत किन-किन वाहनों के करारोपण की वर्षवार कितनी-कितनी राशि जमा की है एवं कितनी राशि कब से जमा नहीं की हैं? बकाया राशि की वसूली हेतु कब-कब क्या कार्यवाही की गई हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, जबलपुर में मिश्रा ट्रेवल्‍स प्रो. श्री सुनील मिश्रा के 06 वाहन पंजीकृत है। इन वाहनों को जारी परमिटों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार  है। उक्‍त सभी वाहनों के परमिट वैध है। वैधता समाप्‍त होने पर ही परमिटों का नवीनीकरण किया जावेगा। प्रश्‍नाधीन मिश्रा ट्रेवल्‍स की पंजीकृत सभी 06 वाहनों के वर्तमान में फिटनेस प्रमाण-पत्र भी वैध स्थिति में है। फिटनेस की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार  है। विशेष जाँच दल, जबलपुर संभाग, जबलपुर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार इन वाहनों पर कार्यवाही नहीं की गई है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार  है। (ख) विशेष जाँच दल, जबलपुर संभाग जबलपुर से प्राप्‍त जानकारी अनुसार प्रश्‍नांश (क) अनुसार वाहनों पर वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। वाहनों के परमिट/फिटनेस वैध होने से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं रही है। (ग) मिश्रा ट्रेवल्‍स प्रो. श्री सुनील मिश्रा के स्‍वामित्‍व की 06 पंजीकृत वाहनों पर कोई कर बकाया नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खाद्यान्न का आवंटन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

4. ( क्र. 60 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                (क) जिला जबलपुर को कोरोना संक्रमण काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, मुफ्त राशन अन्य वितरण योजना व मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत कौन-कौन सा खाद्यान्न कब-कब कितनी-कितनी मात्रा में कितनी-कितनी राशि का आवंटित किया गया एवं कितना-कितना वितरित किया गया इसका वितरण करने के लिये शासन के क्या निर्देश हैं? अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 व जून 2021 से नवम्बर 2021 तक की माहवार जानकारी देवें। (ख) मुफ्त (अन्न) राशन वितरण योजना के सम्बंध में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बेघर, बेसहारा और मजदूरों का सर्वे कराने हेतु क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये हैं एवं इस संबंध में शासन के क्या निर्देश हैं? जिला प्रशासन जबलपुर ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों का कब से कब तक सर्वे कराकर कितने-कितने बेघर बेसहारा और मजदूरों को चिन्हित कर कितने गरीब परिवारों के बी.पी.एल. कार्ड बनाये गये हैं? वर्षवार             पृथक-पृथक जानकारी देवें। (ग) जबलपुर शहरी क्षेत्र के वार्डवार चिन्हित कितने-कितने बेघर, बेसहारा एवं मजदूरों को तथा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब परिवारों और अन्त्योदय योजना के कार्डधारकों को किस मान से कितना-कितना खाद्यान्न का वितरण किया गया एवं कितना खाद्यान्न का वितरण नहीं किया गया है एवं क्यों? जांच कब किसने की है एवं दोषियों पर कब क्या कार्यवाही की गई हैं? योजना व माहवार जानकारी देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजना एवं मुख्‍यमंत्री अन्‍नपूर्णा अंतर्गत माह अप्रैल 2020 से नवम्बर 2020 व जून 2021 से नवम्बर 2021 तक की अवधि में आवंटित खाद्यान्‍न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ  अनुसार एवं वितरित खाद्यान्‍न की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब  अनुसार है। प्रश्‍नांकित अवधि में प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत 5 किग्रा प्रतिमाह/सदस्‍य नि:शुल्‍क एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत अन्‍त्‍योदय परिवारों को 35 किग्रा प्रतिमाह/परिवार एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 5 किग्रा प्रतिमाह/सदस्‍य के मान से रूपए 1 प्रति किग्रा की दर पर खाद्यान्‍न का वितरण कराए जाने के निर्देश हैं। (ख) कोरोनाकाल की लॉकडाउन अवधि में बेघर, बेसहारा एवं मजदूरों के सर्वे हेतु विभाग द्वारा निर्देश जारी नहीं किये गये हैं किन्‍तु कोरोनाकाल की लॉकडाउन अवधि वर्ष 2020-21 में बेघर, बेसहारा एवं मजदूरों हेतु खाद्यान्‍न का वितरण नगर निगम जबलपुर, रेडक्रास जबलपुर, नगर पंचायत जबलपुर एवं अन्‍य संस्‍थाओं द्वारा किया गया है। राज्‍य शासन के आदेश क्र. 261/पीएसफूड/2021 दिनांक 08.05.2021 में पात्रता पर्चीविहीन/छूटे हुये गरीब परिवारों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु स्‍व-घोषणा के आधार पर 9,654 अस्‍थायी पात्रता पर्ची जारी की गई हैं, जारी निर्देश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स  अनुसार है। (ग) कोविडकाल में समस्‍त व्‍यावसायिक गतिविधियां बाधित होने एवं बेघर, बेसहारा परिवारों की आजीविका पर संकट होने के कारण इनकी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु उपलब्‍धता एवं हितग्राहियों की मांग अनुसार सामग्री का वितरण कराया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत 5 किग्रा प्रतिमाह/सदस्‍य पात्र परिवारों को एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत अन्‍त्‍योदय परिवारों को 35 किग्रा प्रतिमाह/परिवार एवं बी.पी.एल. श्रेणी के परिवारों को 5 किग्रा प्रतिमाह/सदस्‍य के मान से खाद्यान्‍न का वितरण कराया गया है। वितरित खाद्यान्‍न मात्रा एवं खाद्यान्‍न प्राप्‍त करने वाले परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द  अनुसार है। शहरी क्षेत्र में 52025 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 29397 कुल 81422 बेघर, बेसहारा एवं मजदूरों को गेहूँ, चावल एवं आटा का प्रदाय किया गया है। अवितरित खाद्यान्‍न की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ड.  अनुसार है। उचित मूल्‍य दुकान पर राशन प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित सभी पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न का वितरण किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

अनुभाग अधिकारी कार्यालय का गठन एवं तहसीलों का पुनर्गठन

[राजस्व]

5. ( क्र. 175 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) ग्वालियर चम्बल सम्भाग में कितनी नवीन तहसील एवं अनुभाग अधिकारी कार्यालय के गठन की एवं तहसीलों के पुनर्गठन की कार्यवाही प्रचलित है? फरवरी 2023 के अनुसार जिलावार तहसीलों के नाम सहित जानकारी दी जावें। (ख) मुरैना जिले के जौरा तहसील के राजस्व निरीक्षक वृत पहाड़गढ़ को तहसील बनाया जाना क्या प्रचलित में है? इसमें किस तहसील के कितने गांवों को सम्मिलित किया जा रहा है? गांवों के नाम सहित पूर्ण जानकारी दी जावें। (ग) क्या जौरा तहसील के अनेक गांवों के लोगों को जौरा, कैलारस होकर पहाड़गढ़ पहुंचना प्रस्तावित तो नहीं हैं? (घ) क्या नवीन तहसील पहाड़गढ़ का गठन जौरा, कैलारस सबलगढ़ की सीमाओं का पुनर्निधारण कर उपयुक्त भौगोलिक आधार पर नवीन तहसील पहाड़गढ़ गठित करने पर शासन विचार करेगा जिससे किसानों को समय दूरी से समस्या उत्पन्न होगी? तथ्यों सहित जानकारी दी जावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' में है। (ख) प्रस्‍ताव परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' में है। (ग) स्‍थानीय नागरिकों की सुविधा के अनुरूप तहसील जौरा के टप्‍पा पहाड़गढ़ को पूर्ण तहसील बनाने में दूरी को ध्‍यान में रखने का प्रयास किया गया है और इसमें सम्मिलित किये गये ग्रामों की दूरी प्रस्‍तावित तहसील मुख्‍यालय पहाड़गढ़ से 40-50 किलोमीटर है। तहसील जौरा के समीपस्‍थ ग्राम वाया निरारा माता होकर तथा तहसील कैलारस के समीपस्‍थ ग्राम वाया कैलारस होकर पहाड़गढ़ मुख्‍यालय पहुँचना प्रस्‍तावित है। (घ) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

योजनावार प्राप्‍त राशि से कराये गए कार्य

[खनिज साधन]

6. ( क्र. 179 ) श्री संजय उइके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है?                     (ख) यदि हाँ, तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक बालाघाट जिले की कौन-कौन सी विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रत्येक योजनावार प्राप्त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गये हैं? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्‍तरांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सबलगढ़ को जिला बनाया जाना

[राजस्व]

7. ( क्र. 222 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या तहसील सबलगढ़ को जिला बनाये जाने की कोई कार्यवाही शासन स्‍तर पर प्रस्‍तावित है? यदि हाँ, तो पूर्ण विवरण देवें। यदि नहीं तो क्‍यों? जबकि इससे छोटी-छोटी जगहों को जिला बना दिया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सबलगढ़ जिला बनाये जाने हेतु सभी मापदण्‍डों में सटीक बैठता है। सबलगढ़ को जिला बनाये जाने में मुरैना जिले की सबलगढ़, कैलारस, पहाडगढ़ एवं श्‍योपुर जिले की विजयपुर एवं वीरपुर तहसील को मिलाकर आबादी 10 लाख से ऊपर है एवं जिला मुख्‍यालय से सबलगढ़ तहसील के बरौठा ग्राम पंचायत की दूरी लगभग 120 कि.मी. एवं श्‍योपुर जिले की ग्राम पंचायत सहसराम एवं सुरजान से श्‍योपुर की दूरी लगभग 250 कि.मी. है जिससे ग्रामीणों को जिला मुख्‍यालय तक पहुंचने में समय एवं धन की बर्बादी होती है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में सबलगढ़ को कब तक जिला घोषित किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। ऐसा कोई प्रस्‍ताव कलेक्‍टर से प्राप्‍त नहीं हुआ है। (ख) एवं (ग) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत डैम निर्माण

[जल संसाधन]

8. ( क्र. 223 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत मा.कमलनाथ जी के कार्यकाल में बांसरई नदी एवं गोल्‍हारी के मछेड़ नाला व बेरखेड़ा की क्‍वारी नदी पर डैम बनाये जाने हेतु साध्‍यता एवं डी.पी.आर. बनकर तैयार हो चुकी हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त डैमों के निर्माण के लिये बजट की स्‍वीकृति कब तक जारी की जाकर निर्माण कार्य कराया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) सबलगढ़ क्षेत्रान्तर्गत क्‍वांरी नदी पर निठारा स्टॉप डेम, बांसरई नदी पर बेरखेड़ा जलाशय एवं मघेड़ नाले पर गोल्‍हारी जलाशय की साध्‍यता स्‍वीकृति दिनांक 04.03.2020 को प्रदान की गई थी। प्रश्‍नांश में उल्‍लेखित परियोजनाओं की डी.पी.आर. दिनांक 16.02.2023 को प्रमुख अभियंता कार्यालय को प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर स्‍वीकृत किए जाने के संबंध में निर्णय लिया जाना संभव होगा। परियोजना स्‍वीकृति के उपरांत ही परियोजनाओं को बजट में शामिल किया जाता है। निर्माण कराने के लिए समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

राजस्‍व मंडल, ग्‍वालियर में चल रहे प्रकरण

[राजस्व]

9. ( क्र. 264 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) प्रश्‍न क्रमांक 1039 दिनांक 21-12-2022 के (क) उत्‍तर अनुसार दिनांक 07-12-2022 के पश्‍चात इस प्रकरण में कितनी तारीखें लगी? राजस्‍व मंडल ग्‍वालियर में विचाराधीन इस प्रकरण में दिनांक 07-09-2021 से 07-12-2022 तक जो तारीखें लगी उसमें कितनी बार बिना सुनवाई के तारीख आगे बढ़ाई गई? कारण सहित बतावें। प्रकरण क्रमांक भी देवें। (ख) क्‍या कारण है कि लगभग 29 करोड़ रू. की वसूली से संबंधित इस प्रकरण में राजस्‍व मंडल ग्‍वालियर द्वारा बिना सुनवाई के आगे की तारीख दे दी जाती हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार इस परिपाटी पर कब तक रोक लगाई जाकर इसका निर्णय पारित कर दिया जाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नाधीन प्रकरण क्रमांक अपील 362/2021/उज्‍जैन/भू.रा. में दिनांक 07.12.2022 के पश्‍चात् दिनांक 02.01.2023 को एक बार तारीख लगी। इस प्रकरण में दिनांक 07.09.2019 से 07.12.2022 तक जो तारीखें लगी उसमें अधीनस्‍थ न्‍यायालयों के अभिलेख प्राप्‍त न होने के कारण तीन बार एवं अन्‍य प्रशासनिक कारणों से सुनवाई प्रभावित होने से चार बार तारीख आगे बढ़ाई गयी। इसके अलावा आवेदक अभिभाषक द्वारा तर्क हेतु समय चाहे जाने पर तीन बार Cost के साथ तारीखें आगे बढ़ाई गयी। (ख) प्रश्‍नाधीन प्रकरण में जो तारीखें लगी, उसमें अधीनस्‍थ न्‍यायालयों के अभिलेख प्राप्‍त न होने के कारण तीन बार एवं अन्‍य प्रशासनिक कारणों से सुनवाई प्रभावित होने से सुनवाई प्रभावित होने से चार बार तारीख आगे बढ़ाई गयी। इसके अलावा आवेदक अभिभाषक द्वारा तर्क हेतु समय चाहे जाने पर तीन बार Cost के साथ तारीखें आगे बढ़ाई गयी। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) समय-सीमा बतायी जाना संभव नहीं है।

निर्माण कार्यों की जानकारी

[जल संसाधन]

10. ( क्र. 285 ) श्री राकेश मावई : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक मुरैना विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जल संसाधन विभाग के            कौन-कौन से कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्‍वीकृति प्राप्‍त हुई हैं तथा निर्माण कार्य प्रश्‍न दिनांक तक अधूरा हैं अथवा प्रारंभ ही नहीं किया गया हैं तथा उन कार्यों को कितना-कितना मूल्‍यांकन किस आधार पर अभी तक किया गया हैं? प्रशासकीय स्‍वीकृतियों की जानकारी उपलब्‍ध करायें। (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत कार्यों को पूर्ण करने की कोई समय-सीमा निर्धारित हैं? यदि हाँ, तो कब तक? क्‍या निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण किये गये? यदि नहीं तो             समय-सीमा में निर्माण कार्य पूर्ण न करने का कारण क्‍या हैं? (ग) क्‍या विभाग द्वारा प्रश्‍नकर्ता को प्रश्‍नांश (क) अनुसार किये जाने वाले कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गई? यदि हाँ तो कब? यदि नहीं तो जानकारी न देने का कारण बताएं।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक मुरैना विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत दो परियोजनाएं क्रमशः परीक्षा उद्वहन एवं पड़ावली उद्वहन लघु सिंचाई योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दिनांक 01.09.2020 को क्रमश: राशि रू. 2430.00 लाख की 950 हेक्‍टेयर एवं राशि रू. 2102.29 लाख की 625 हेक्‍टेयर हेतु प्रदान की गई है। परीक्षा परियोजना में निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन तथा पड़ावली परियोजना का पुनरीक्षित तकनीकी स्वीकृति परीक्षणाधीन होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में कार्य प्रारम्भ नहीं होने से मूल्यांकन करने तथा प्रतियां उपलब्‍ध कराने की स्थिति नहीं है। प्रशासकीय स्वीकृति आदेश की प्रति  संलग्न  परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) निविदा स्वीकृति उपरांत आगामी दो वर्षों में कार्य पूर्ण किया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) विभाग द्वारा माननीय सदस्‍यों को उनकी मांग अनुसार जानकारी दिये जाने की व्‍यवस्‍था है। माननीय सदस्‍य द्वारा योजनाओं की अद्यतन जानकारी चाहे जाने पर अवश्य प्रदान की जावेगी।

परिशिष्ट - "आठ"

एन.एच. 69 के लिए मकान एवं दुकान का अर्जन

[राजस्व]

11. ( क्र. 333 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) एन.एच. 69 के लिए नर्मदापुरम जिले के ग्राम केसला एवं सुखतवा में किस-किस के मकान एवं दुकान का अर्जन किस प्रकरण क्रमांक अवार्ड आदेश दिनांक से किया गया? प्रश्‍न क्रमांक 417 दिनांक 21.12.2022 के उत्‍तरांश (क) में नर्मदापुरम जिले की जानकारी निरंक बताए जाने का क्‍या कारण रहा है। (ख) भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राजपत्र में दिनांक 28.8.2015 को अधिसूचना प्रकाशित कर एन.एच.आई. के लिए अर्जित भूमि, मकान एवं दुकान के प्रभावितों को किस-किस कानून की किस-किस धारा एवं किस-किस अनुसूची के अनुसार पुनर्वास एवं पुनर्वयवस्‍थापन का लाभ दिया जाना सुनिश्चित किया है? (ग) एन.एच. 59 तथा एन.एच. 69 के लिए किस-किस ग्राम के किस-किस मकान एवं दुकान को अर्जित किया, किस-किस का आंशिक मकान एवं दुकान अर्जित किया आंशिक मकान एवं दुकान के अर्जन का अवार्ड आदेश में क्‍या क्‍या उल्‍लेख है? (घ) अधिसूचना दिनांक 28/8/2015 के अनुसार मकान एवं दुकान के अर्जन से प्रभावित किस-किस का पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन किया जा रहा है? कब तक किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एन.एच-69 के लिए नर्मदापुरम जिले के ग्राम केसला एवं सुखतया में मकान एवं दुकान का अर्जन के संबंध में प्रकरण क्रमांक एवं अवार्ड आदेश की  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट –अ अनुसार है। (ख) अधिसूचना  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट – ब अनुसार है। (ग) एन.एच 59 तथा एन.एच. 69 के लिए मकान एवं दुकान के अर्जन हेतु प्रभावित हितग्राहियो की नर्मदापुरम एवं बैतूल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – स अनुसार। (घ) जानकारी (ख) अनुसार है। अनुविभाग इटारसी के ग्राम केसला एवं सुखतवा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना नई दिल्ली 15 जून 2012 में दिये गये निर्देशों के पालन में कार्यवाही की गई है। एन.एच.आई के लिए अर्जित भूमि मकान एवं दुकान के प्रभावितों को वर्ष 2012-13 में भू-अर्जन किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग हेतु अर्जित भूमि का मुआवजा संबंधित हितग्राहियों को वितरण किया जा चुका है। पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्थापन की कार्यवाही नहीं की गई है।

ग्राम मोयदा का सीमांकन

[राजस्व]

12. ( क्र. 334 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगोन जिले की बड़वाह तहसील के ग्राम मोयदा के सीमांकन हेतु दल गठित किया गया है तथा सीमांकन की कार्यवाही प्रचलित है? विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1194 दिनांक 25/5/2021, प्रश्‍न क्रमांक 2274 दिनांक 4/3/2021, प्रश्‍न क्रमांक 5178 दिनांक 22/3/2021 में सदन के पटल पर आने के बाद भी प्रश्‍नांकित दिनांक तक सीमांकन की कार्यवाही नहीं की गई? (ख) अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह ने कलेक्‍टर खरगोन एवं डी.एफ.ओ. बड़वाह के किस-किस दिनांक के पत्रानुसार दिनांक 27/10/2020 को ग्राम मोयदा के संयुक्‍त सीमांकन हेतु किस-किस का दल गठित किया? दल ने सीमांकन के संबंध में प्रश्‍नांकित दिनांक तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही किस-किस दिनांक को की? तहसीलदार, राजस्‍व निरीक्षक एवं पटवारी ने किन-किन कारणों से सीमांकन की कार्यवाही नहीं की? (ग) ग्राम मोयदा की किस-किस वर्ष की मिसल बन्‍दोबस्‍त, पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी, राजस्‍व अभिलेखागार, राजस्‍व पटवारी, राजस्‍व भू-पोर्टल एवं वनमण्‍डल में उपलब्‍ध है, उनमें कितनी-कितनी भूमि भूस्‍वामी हक पर दर्ज है? (घ) संयुक्‍त सीमांकन दल द्वारा कब तक सीमांकन किया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) खरगोन जिले के बड़वाह तहसील के वन            ग्राम-मोयदा का सर्वेक्षण/सीमांकन की कार्यवाही वन विभाग द्वारा की जा चुकी हैI ग्राम- मोयदा आरक्षित वन ग्राम हैI म.प्र.भू.रा.सं. 1959 की धारा 129 के अनुसार सीमांकन की कार्यवाही राजस्व विभाग द्वारा संपादित की जाती हैI म.प्र.भू.रा.सं. 1959 की धारा 1 (2) के अनुसार भू.रा.सं. 1959 के प्रावधानों भारतीय वन अधिनियम 1927 के अधीन समय-समय पर आरक्षित एवं संरक्षित वनों के रूप में गठित क्षेत्र पर लागु नहीं होते हैI अतः राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन की कार्यवाही नहीं की गईI वन विभाग द्वारा सीमांकन/सर्वेक्षण की कार्यवाही की गई है, सीमांकन की कार्यवाही शेष नहीं हैI  (ख) खरगोन जिले के बड़वाह तहसील के वन ग्राम-मोयदा का सर्वेक्षण/सीमांकन की कार्यवाही वन विभाग द्वारा की जा चुकी हैI शेष जानकारी उत्‍तरांश (क) अनुसार (ग) तहसील-बड़वाह के वन  ग्राममोयदा की तत्कालीन वर्ष 1948-49 की मिसल बंदोबस्त व मानचित्र पटवारी के पास उपलब्ध हैI तहसील-बड़वाह के अभिलेखागार में वन ग्राम मोयदा के वर्ष 2011-12 से 17-18 तक खसरा बी-1 उपलब्ध हैI  जिला-राजस्व अभिलेखागर खरगोन में वन ग्राम-मोयदा के वर्ष 1955 से वर्ष 2014-15 तक खसरे एवं नामांतरण पंजी वर्ष 1966-69 (एकजाई पंजी) व नामांतरण पंजी वर्ष 1995-96 जमा हैI एमपी भूलेख पोर्टल पर पर वन ग्राम-मोयदा के वर्ष 2006-07 से वर्तमान तक के ऑनलाईन खसरा, बी-1 मानचित्र उपलब्ध हैI ऑनलाईन भूलेख पोर्टल पर वन ग्राम-मोयदा के कुल 51 कृषकों के नाम पर 137.091 हैक्टेयर भूमि दर्ज हैI (घ) खरगोन जिले के बड़वाह तहसील के वन ग्राम-मोयदा का सर्वेक्षण/सीमांकन की कार्यवाही वन विभाग द्वारा की जा चुकी हैI

वन विभाग को आवंटित बजट

[वन]

13. ( क्र. 335 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित संरक्षित वन खण्‍डों के प्रबंधन, वृक्षारोपण पर बजट द्वारा आवंटित राशि खर्च किए जाने के संबंध में वित्‍त विभाग ने वैधानिक जांच प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं की है? (ख) धारा 5 से 19 तक की जांच के लिए लंबित भूमियों को वर्किंग प्‍लान में शामिल करने, उनका नियंत्रण, प्रबंधन किए जाने एवं वृक्षारोपण किए जाने का क्‍या-क्‍या अधिकार वन विभाग को किस-किस प्रचलित कानून की किस-किस धारा में दिया गया है। (ग) धारा 5 से 19 तक की जांच के दौरान वनखण्‍ड से पृथक की गई भूमि पर शासकीय बजट में स्‍वीकृत राशि खर्च किए जाने के संबंध में वित्‍त विभाग क्‍या कार्यवाही कर रहा हैं कब तक करेगा समय-सीमा सहित बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) बजट की राशि नियमानुसार खर्च करने का प्रशासकीय विभाग निर्णय लेता है। अत: वित्‍त विभाग द्वारा वैधानिक जांच का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।                    (ख) राष्‍ट्रीय वन नीति 1988 की कण्डिका 4.3.2 में प्रावधान है कि वनों का प्रबंधन सक्षम अधिकारी से अनुमोदित कार्य आयोजना के बिना नहीं किया जायेगा। भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 5 से 19 में लंबित वन भूमियां भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 4 में अधिसूचित हैं। ऐसे वनों में पुन: वनीकरण के उपयोग में लाने, वृक्षों का पालन करने, साफ-सफाई करने हेतु भारत सरकार की पूर्व अनुमति लेने का प्रावधान वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की धारा 2 (iv) में है। उक्‍त प्रावधानों के पालन में कार्ययोजना में वन भूमियां शामिल हैं। (ग) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

ग्रामसभा/ग्राम पंचायत को प्राप्‍त अधिकार

[वन]

14. ( क्र. 354 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को लघु वनोपज पर संविधान की 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 में क्‍या-क्या अधिकार दिए हैं? इनमें से किस प्रावधान में डी.एफ.ओ. को संग्रहण, विपणन, भण्‍डारण एवं परिवहन पर प्रतिबन्‍ध लगाने का अधिकार दिया है? (ख) 11वीं अनुसूची एवं वन अधिकार कानून 2006 तथा पेसा कानून 1996 में ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को दिए गए अधिकारों में से किस-किस अधिकार के संबंध में पेसा नियम 2022 में क्‍या-क्‍या प्रावधान किया है?      (ग) 11वीं अनुसूची एवं वन अधिकार कानून 2006 में लघु वनोपज पर ग्रामसभा एवं ग्राम पंचायत को दिए गए समस्‍त अधिकारों को पेसा नियम 2022 में उल्‍लेखित नहीं किए जाने का  क्‍या-क्‍या कारण रहा है? पेसा नियम 2022 में ग्रामसभा के अधिकारों को कम किए जाने का क्या कारण रहा है? (घ) पेसा नियम 2022 में सहकारी संस्‍थाओं बाबत् प्रावधान 11वीं अनुसूची, पेसा कानून 1996 एवं वन अधिकार कानून 2006 के किस प्रावधान को ध्‍यान में रखा जाकर अधिसूचित किया है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूची में आर्टिकल 24-G में लघु वनोपज का विषय सम्मिलित है। पेसा कानून- 1996 की धारा-4 (ड.) (ii) में गौण वन उपज का स्वामित्व ग्राम पंचायत एवं ग्राम सभा को प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत लघु वनोपज के संग्रहण एवं स्वामित्व के व्यक्तिगत/सामुदायिक अधिकार दिये गये हैं। म.प्र. पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 के तहत अधिसूचित म.प्र. पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 के नियम 2526 के तहत ग्राम सभा की गौण वनोपज के संग्रहण, स्वामित्व एवं प्रबंधन के अधिकार दिये गये हैं। उक्त अधिनियमों में वनमण्डलाधिकारी को लघु वनोपज के संग्रहण विपणन एवं परिवहन पर प्रतिबंध के अधिकार नहीं दिये गये हैं। (ख) म.प्र. पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) नियम 2022 के नियम 25 एवं 26 में ग्रामसभाओं को गौण वनोपज के संग्रहण, स्वामित्व एवं प्रबंधन के संबंध में अधिकार दिये गये हैं, जो  संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) एवं (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

परिशिष्ट - "नौ"

वनग्रामों की भूमि का अर्जन

[वन]

15. ( क्र. 361 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लोक सूचना अधिकारी बड़वाह वनमण्‍डल ने 09 वनग्रामों की निजी भूमियों के अर्जन एवं मुआवजा भुगतान के दस्‍तावेजों के लिए श्री अनिल गर्ग, कोठी बाजार बैतूल को पत्र क्रमांक 2127 दिनांक 3/11/2022 से 217 पृष्‍ठों के लिए 434 रूपया जमा किए जाने बाबत् पत्र लिखा है? (ख) यदि हाँ, तो 09 वनग्रामों की 614.122 हेक्‍टेयर भूमि भूस्‍वामी हक में दर्ज भूमियों तथा आबादी मद में दर्ज 3.680 हेक्‍टेयर भूमि को अर्जित किए जाने की कार्यवाही का प्रकरण किस क्रमांक पर किसके द्वारा पंजीबद्ध किया गया, प्रकरण में किस ग्राम के किस किसान की भूमि, मकान आदि का               कितना-कितना मुआवजा निर्धारित किया, कितना-कितना मुआवजा भुगतान किया? (ग) 09 वनग्रामों की 614.122 हेक्‍टेयर भूस्‍वामी हक की निजी भूमि एवं 3.680 हेक्‍टेयर आबादी मद की भूमि को किस दिनांक को अर्जित कर किस दिनाक को राजपत्र में मध्‍य भारत वन विधान 1950 की धारा 20 के तहत किस दिनांक को राजपत्र में अधिसूचित किया? (घ) 09 वनग्रामों की 614.122 हेक्‍टेयर भूमि में से किस खसरा नम्‍बर का कितना रकबा वन विभाग द्वारा वर्ष 1980-81 में बनाई खसरा पंजी में किस ग्राम के निवासी किस किसान के नाम पर भूस्‍वामी हक पर दर्ज है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) बड़वाह वनमण्डल अंतर्गत 09 वनग्रामों में कृषि कार्य हेतु 610.810 हेक्टेयर एवं 3.591 हेक्टेयर आबादी मद में आरक्षित वनभूमि आवंटित है। अतः मुआवजा भुगतान करने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) वनमण्डल बड़वाह के 09 वनग्रामों की समस्त वनभूमि को मध्यभारत फॉरेस्ट एक्ट 1950 की धारा-20 के द्वारा फॉरेस्ट एण्ड ट्रायबल वेलफेयर डिपार्टमेंट ग्वालियर की अधिसूचना क्रमांक/1623/एक्स-एफ/114 (54) दिनांक 09-10-1954 राजपत्र दिनांक 21.10.1954 के द्वारा आरक्षित वन घोषित किया गया है। कृषि कार्य हेतु 610.810 हेक्टेयर एवं आबादी मद की 3.591 हेक्टेयर आरक्षित वनभूमि है। अतः भू-अर्जन की कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) 09 वनग्रामों की वर्ष 1980-81 में बनाई गई खसरा पंजी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट में है।

नियम विरूद्ध मकान तोड़ने के दोषियों पर कार्यवाही

[राजस्व]

16. ( क्र. 383 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जिला प्रशासन ने अचानक एक पक्षीय कार्यवाही करते हुये ग्राम पंचायत लोंगट थाना बागचीनी में सुखलाल कुशवाह एवं उनके छोटे भाईयों के मकानों को जे.सी.बी. द्वारा क्‍यों ध्‍वस्‍त किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार किस कानून की नियमावली के द्वारा जिला प्रशासन ने यह कार्यवाही की? क्‍या यह कार्यवाही वैद्यानिक है? यदि हाँ तो क्‍यों? यदि नहीं तो दोषियों के प्रति प्रश्‍न दिनांक तक कानूनी कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार सुखलाल कुशवाह एवं उसके भाईयों पर ऐसा क्‍या संगीन अपराध दर्ज था? यदि था तो उनको जिला प्रशासन द्वारा नोटिस क्‍यों नहीं दिया गया? यदि दिया गया है तो उसकी प्रतिलिपि उपलब्‍ध करावें।   (घ) प्रश्‍नांश (ग) के अनुसार ग्राम लोंगट में मकान ध्‍वस्‍त करने में संलग्‍न सभी आरोपियों पर प्रश्‍न दिनांक तक जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? कब तक कार्यवाही कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) कार्यालय जिला पंचायत मुरैना द्वारा अपने पत्र क्रमांक/पंचा.प्रकोष्ठ/वि.स./2023/2014 मुरैना दिनांक 19.02.2023 द्वारा प्रतिवेदित किया है कि सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम लोंगट थाना बागचीनी में सुखलाल कुशवाह एवं उसके भाइयों द्वारा मकान भवन निर्माण की अनुमति नहीं लेने से ग्राम पंचायत उम्मेदगढ़ बांसी द्वारा नोटिस क्रमांक/अतिक्रमण/ग्रा.पं./2022/02 दिनांक 11.11.22 एवं नोटिस क्रमांक/अतिक्रमण/ ग्रा.पं./2022/03 दिनांक 18.11.22 को विधिवत नोटिस जारी किया गयाI (ख) कार्यालय जिला पंचायत मुरैना द्वारा अपने पत्र क्रमांक/पंचा.प्रकोष्ठ/वि.स./2023/2014 मुरैना दिनांक 19.02.2023 द्वारा प्रतिवेदित किया है कि सुखलाल कुशवाह एवं उसके भाइयों द्वारा मकान भवन बनाने की अनुमति नहीं लेने से ग्राम पंचायत द्वारा प्रकरण में विधिवत कार्यवाही किये जाने का लेख किया हैI (ग) पुलिस अधीक्षक जिला मुरैना द्वारा अपने पत्र क्रमांक/पु.अ./मुरैना/विससेल/तारा/ विविध/06/2023 दिनांक 19.02.2023 द्वारा प्रतिवेदित किया है कि :- (1) अभियुक्त सुखलाल कुशवाह के परिजन उनके साले राजू पुत्र विजय सिंह के विरुद्ध अपराध क्रमांक 324/21 धारा 4 क पब्लिक गेम्बलिंग (म.प्र.) एक्ट का दिनांक 13/10/21 को पंजीबद्ध हुआ है जिसमें घटना स्थल सुखलाल के घर के सामने का हैI (2) सुखलाल कुशवाह एवं उसके परिजन तथा ग्रामवासी के द्वारा पुलिस फोर्स के साथ मारपीट, शासकीय कार्य में बाधा, लूट, हत्या के प्रयास जैसी घटना दिनांक 21/11/22 को घटित करने पर थाना बागचीनी में अप.क्र. 358/22 धारा 307, 395, 353, 332, 186, 294, 341, 427, 336, 147, 148, 149, 506 ता.हि. 11/13 एमपीडीपीके एक्ट का पंजीबद्ध किया गया हैI प्रकरण में आरोपी निहाल (सुखलाल का चचेरा भाई) रंजीत (भतीजा) राजवती (भाभी) एवं माखन (भतीजा) लगते हैंI (3) अपराध क्रमांक 363/22 धारा 4 क पब्लिक गेम्बलिंग (म.प्र.) एक्ट का विरूद्ध आरोपी राजबहादुर पुत्र सोबरन कुशवाह नि. भैसाई के पंजीबद्ध किया गया है जो कि सुखलाल का साला लगता हैI एफ.आई.आर. की प्रतियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार। (घ) ग्राम पंचायत द्वारा विधिवत नोटिस देकर कार्यवाही की गईI

अवैध रेत उत्‍खनन

[खनिज साधन]

17. ( क्र. 384 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना जिले में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज विभाग ने कितने अवैध खनिज के प्रकरण दर्ज किए है? अवैध खनिज के नाम देवें। (ख) चम्‍बल नदी सेन्‍चुरी क्षेत्र से रेत का अवैध उत्‍खनन क्‍यों हो रहा है? क्‍या पर्यावरण नियम का दुरूपयोग नहीं हुआ है? क्‍या कछुआ एवं घड़ियाल संरक्षण पर इसका विपरित प्रभाव नहीं पड़ा है? (ग) चम्‍बल नदी क्षेत्र में डम्‍परों एवं ट्रेक्‍टरों द्वारा प्रतिदिन रेत परिवहन की जानकारी से खनिज विभाग, पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन अनजान क्‍यों है? इस व्‍यापार को किसका संरक्षण है? (घ) रेत के अवैध उत्‍खनन से प्रशासन को लाखों, करोड़ों के राजस्‍व की चपत लगाई जा रही है, साथ ही रेत से भरे ट्रेक्‍टरों व डम्‍परों से हर साल मुरैना जिले में सैंकड़ों व्‍यक्तियों की मृत्‍यु होती रही है, इसका जिम्‍मेदार कौन है? क्‍या ये थाना प्रभारियों की मिली भगत से हो रहा है? यदि नहीं तो हजारों की संख्‍या में प्रतिदिन ट्रेक्‍टरों एवं डम्‍परों की सप्‍लाई क्‍यों की जा रही है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला मुरैना में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक अवैध उत्‍खनन, परिवहन एवं भंडारण के दर्ज प्रकरणों की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ, ब एवं स  पर दर्शित है। (ख) वनमण्डलाधिकारी, सामान्‍य वनमण्‍डल, जिला मुरैना से प्राप्‍त जानकारी अनुसार जिला मुरैना अंतर्गत रेत का अन्‍य कोई विकल्‍प न होने से रेत माफियाओं द्वारा चोरी छिपे चंबल नदी सेन्‍चुरी क्षेत्र से रेत के अवैध उत्‍खनन/परिवहन की घटनायें की जाती है। जिसकी रोकथाम हेतु वनमण्‍डल मुरैना वन विभाग द्वारा रेत माफियाओं पर कार्यवाही की जाती है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2022 में पर्यावरण नियमों के दुर्पयोग एवं वन अधिनियम के उल्‍लंघन अंतर्गत कुल 107 वन अपराध प्रकरण पंजीबद्ध किये गये। अवैध रेत उत्‍खनन से चंबल नदी के जलीय जीवों कछुआ एवं घड़ियाल के हैबीटेट पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। (ग) चंबल नदी राष्‍ट्रीय चंबल अभयारण्य क्षेत्र घोषित होकर वन विभाग के अंतर्गत आता है। पुलिस अधीक्षक, जिला मुरैना से प्राप्‍त जानकारी अनुसार जिला मुरैना में पुलिस प्रशासन के द्वारा डम्‍परों एवं ट्रेक्‍टरों द्वारा अवैध रेत परिवहन के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया कि इस व्‍यापार को किसी का संरक्षण प्राप्‍त है। (घ) जी नहीं। पुलिस अधीक्षक, जिला मुरैना से प्राप्‍त जानकारी अनुसार वर्ष 2020 से दिनांक 10/02/2023 तक रेत से भरे ट्रेक्‍टरों एवं डम्‍परों से कुल 05 व्‍यक्तियों की मृत्‍यु हुई है, जिस पर नियमानुसार आरोपी वाहन चालकों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई है। यह कहना गलत है कि अवैध रेत उत्‍खनन थाना प्रभारियों की मिली भगत से हो रहा है। अवैध रेत उत्‍खनन की जानकारी मिलने पर थाना प्रभारियों के द्वारा तत्‍काल वैधानिक कार्यवाही की जाती है।

खाद्य वितरण न करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

18. ( क्र. 385 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुमावली, हथरिया के ग्राम वासियों को चार माह से खाद्यान वितरण नहीं किया गया हैं क्‍यों नहीं? दोषी वितरण केन्‍द्र प्रभारियों पर कार्यवाही की गई जबकि जिला प्रशासन को ग्रामवासियों ने आवेदन दिया था फिर भी कार्यवाही नहीं हुई, क्‍यों? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार सुमावली शा.उ.मूल्‍य दुकान संचालक सुरेन्‍द्र गुर्जर द्वारा ग्रामीणों के अंगूठे (फिंगर) लगवा कर उनका खाद्यान हड़प लेता है जबकि गरीब लाचार ग्रामीण उससे खाद्यान मांगते हैं तो उन्‍हें खाद्यान नहीं आया कहकर भागा देता है और शासकीय खाद्यान को बाजार में बेच देता हैं। उक्‍त संचालक के विरूद्ध प्रश्‍न दिनांक तक कार्यवाही क्‍यों नहीं की गई? कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार हथरिया खाद्यान वितरण समूह के विरूद्ध कार्यवाही कब तक कर दी जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सुमावली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुमावली एवं हथरिया के पात्र परिवारों को राशन वितरण न करने के संबंध में प्राप्‍त शिकायत की जांच संयुक्‍त जांच दल से कराई गई, जिसमें शासकीय उचित मूल्‍य दुकान, सुमावली से संलग्‍न पात्र परिवारों को नियमित एवं निर्धारित मात्रानुसार राशन वितरण न किए जाने पर उचित मूल्‍य दुकान, सुमावली को निलंबित किया गया। शासकीय उचित मूल्‍य दुकान, हथरिया से संलग्‍न पात्र परिवारों को नियमित रूप से राशन का वितरण होना पाए जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) उचित मूल्‍य दुकान, सुमावली से संलग्‍न पात्र परिवारों को नियमित एवं निर्धारित मात्रानुसार राशन का वितरण न करने के कारण दुकान निलंबित की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) शासकीय उचित मूल्‍य दुकान, हथरिया से संलग्‍न पात्र परिवारों को सुचारू रूप से राशन वितरण होना पाए जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

मध्‍यप्रदेश ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937

[राजस्व]

19. ( क्र. 410 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) मध्‍यप्रदेश ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 (MP Protection of Debtors Act, 1937) की प्रयोज्यता के लिए अधिनियम की धारा 2 के अंतर्गत अधिसूचित किये जाने वाले क्षेत्र के संबंध में अधिनियम की प्रभावशीलता दिनांक से प्रश्‍न दिनांक तक कितनी अधिसूचनायें कब-कब जारी की गई हैं? (ख) उक्‍त अधिनियम की धारा 2 के अंतर्गत अधिसूचित किये जाने वाले क्षेत्र के संबंध में जारी की गई समस्‍त अधिसूचनाओं का क्रमांक एवं दिनांक सहित क्रमवार अधिसूचना की संपूर्ण जानकारी का ब्‍यौरा/विवरण दें। (ग) क्‍या उक्‍त अधिनियम की धारा 2 के अंतर्गत अधिसूचित किये जाने वाले क्षेत्र छत्‍तीसगढ़ राज्‍य में है? यदि हाँ, तो प्रदेश में उक्‍त अधिनियम समाप्‍त हो जाने पर निरसन की कार्यवाही अभी तक क्‍यों नहीं की है और कब तक कार्यवाही की जायेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। (ग) आवश्‍यक न होने से निरसन की कार्यवाही नहीं की गई।

नहरों की सफाई में अनियमितता की जांच

[जल संसाधन]

20. ( क्र. 411 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) गोहद, भिण्‍ड, मुरैना की नहरों की सफाई कार्य पर वर्ष 2020-21, 2021-22 एवं 2022-23 में कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? (ख) उक्‍त अवधि में नहर सफाई कार्य किस-किस एजेंसी/फर्म/ठेकेदार से कराया गया? (ग) क्‍या उक्‍त में नहर सफाई का कार्य कागजों पर कराया जा कर लाखों रूपयों का फर्जी भुगतान किया गया एवं कृषकों द्वारा स्‍वयं अपने खर्चे से नहरों की सफाई कराई जाती हैं? यदि नहीं तो क्‍या इसकी उच्‍च स्‍तरीय जांच कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) उक्‍त योजना से प्रश्‍न दिनांक कुल कितने कृषक लाभांवित हुये हैं? जिलेवार संख्‍या बतायें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) जी नहीं। गोहद, भिण्‍ड, मुरैना में नहर की साफ-सफाई नियमानुसार विभाग द्वारा कराई जाना प्रतिवेदित है। अत: उच्‍च स्‍तरीय जाँच कराई जाने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

किसानों को मुआवजा राशि का भुगतान

[राजस्व]

21. ( क्र. 425 ) श्री प्रदीप पटेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे किरीवा जिले में दिनांक 01.04.2019 से उत्‍तर दिनांक तक की अवधि में कितने किसानों ने, कितनी राशि का मुआवजा प्राप्‍त करने के लिए आवेदन दिए? शासकीय सर्वे में किसानों को कितनी राशि का नुकसान अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, सूखाग्रस्‍त, बाढ़ आदि से होने की गणना की गई तथा कितना मुआवजा इस अवधि में प्रभावित किसानों को वितरित किया गया एवं कितना किस कारण से लंबित है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : रीवा जिले में दिनांक 01.04.2019 से उत्तर दिनांक तक की अवधि में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, सूखाग्रस्त एवं बाढ़ आदि की घटनाए घटित नहीं हुई है। अत: जानकारी निरंक है।

अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के लंबित प्रकरण

[श्रम]

22. ( क्र. 441 ) श्री रामपाल सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2023 की स्थि‍ति में रायसेन जिले में मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना तथा मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्‍यु उपरांत अंत्‍येष्टि एवं अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के किन-किन के प्रकरण किस स्‍तर पर कब से एवं क्‍यों लंबित हैं? (ख) उक्‍त लंबित प्रकरणों का कब तक निराकरण होगा तथा संबंधित के परिजनों को राशि का भुगतान कब तक कर दिया जायेगा? (ग) प्रश्‍नांश (क) के संबंध में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों के 1 जुलाई 2023 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्रों में उल्‍लेखित किन-किन समस्‍याओं का निराकरण हुआ तथा किन-किन समस्‍याओं का निराकरण क्‍यों नहीं हुआ? कब तक निराकरण होगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल के अंतर्गत फरवरी 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में पंजीकृत श्रमिकों की मृत्‍यु उपरांत अंत्‍येष्टि सहायता राशि के भुगतान के कोई प्रकरण लंबित नहीं हैं। अनुग्रह सहायता योजना के 12 प्रकरण संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत किये जा चुके हैं, जिनमें भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। मध्‍यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल के अंतर्गत रायसेन जिले मे मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों की मृत्यु उपरांत अंत्येष्टि सहायता का कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। अनुग्रह सहायता राशि भुगतान के 500 प्रकरण लंबित है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। संबल योजनातर्गत अनुग्रह सहायता भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, योजनांतर्गत भुगतान शासन से प्राप्त बजट द्वारा किया जाता है।                   (ख) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार मण्‍डल के अंतर्गत अनुग्रह सहायता योजना के 12 प्रकरण संबंधित पदाभिहित अधिकारी द्वारा स्‍वीकृत किये जा चुके हैं, जिनमें भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। मध्‍यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल के अंतर्गत योजनांतर्गत स्‍वीकृत पात्र प्रकरणों में मान. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा सिंगल क्लिक के माध्‍यम से  समय-समय पर भुगतान किया जा रहा है। (ग) दिनांक 01 जुलाई 2023 से प्रश्‍नकर्ता मान. विधायक से प्राप्‍त पत्रों की जानकारी निरंक है। (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

कोरोना योद्धा की मृत्‍यु पर अनुग्रह राशि का भुगतान

[राजस्व]

23. ( क्र. 442 ) श्री रामपाल सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) फरवरी, 2023 की स्थिति में रायसेन जिले में कोविड-19 संक्रमण से मृत्‍यु पर अनुग्रह राशि प्रदान किये जाने के किन-किन के प्रकरण कब से किस स्‍तर पर क्‍यों लंबित है? कब तक राशि का भुगतान होगा? (ख) रायसेन जिले में कोविड-19 में कोरोना संक्रमण रोकने हेतु अधिकारियों द्वारा लगाई गई ड्यूटी के दौरान किन-किन रोजगार सहायक, नगर पालिका परिषद सिलवानी के कर्मचारी तथा अन्‍य किन-किन कर्मचारियों की मृत्‍यु हुई उनमें से किन-किन को कोरोना योद्धा घोषित कर 50 लाख रूपये की राशि दी गई तथा किन-किन को क्‍यों नहीं दी गई? (ग) क्‍या जिला अशोक नगर में कोरोना संक्रमण की ड्यूटी के दौरान मृत रोजगार सहायक को कोरोना योद्धा घोषित कर उनके परिजनों को 50 लाख रूपये की राशि दी गई? यदि हाँ,तो रायसेन जिले में कोरोना संक्रमण की ड्यूटी के दौरान मृत रोजगार सहायक को कोरोना योद्धा घोषित कर उनकी पत्‍नी को 50 लाख रूपये क्‍यों नहीं दिये गये? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में 1 जनवरी, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में मान. मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रायसेन जिले में फरवरी 2023 की स्थिति में कोविड-19 संक्रमण से मृत्यु होने पर अनुग्रह राशि प्रदान किये जाने के संबंध में कोई भी प्रकरण लंबित नहीं है। (ख) रायसेन जिले की ग्राम पंचायतों, नगरपालिका, नगर परिषदों एवं अन्य विभागों में पदस्‍थ कुल 04 कर्मचारियों की मृत्यु हुई है। उक्‍त में से मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना की कण्डिका 3.1 अनुसार पात्रता नहीं होने के कारण निम्‍नानुसार 03 प्रकरण स्वीकृति योग्य नहीं पाये गये :– 1. स्व.     श्री राकेश रोहर, पुलिस विभाग रायसेन। 2. स्व. श्री ब्रजमोहन सोनी, नगर पंचायत सिलवानी। 3. स्व.     श्री रमेश कुमार सेन, होमगार्ड रायसेन। शेष 01 प्रकरण स्व. श्री हरीशंकर कुशवाहा, ग्राम रोजगार सहायक कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (ग) जी हाँ। प्रकरण में योजना के निर्देशानुसार जिला कलेक्‍टर का दिवंगत को कोविड रोकथाम कार्यों हेतु अधिकृत संबंधी प्रमाण पत्र चाहा गया था। जिला कलेक्‍टर द्वारा दिवंगत कर्मी को कोविड रोकथाम संबंधी कार्य हेतु सीधे तौर पर आदेशित नहीं करने एवं प्रमाण पत्र जारी करने हेतु आवश्‍यक दस्‍तावेज उपलब्‍ध नहीं होने के कारण प्रमाण पत्र दिया जाना संभव नहीं है। का लेख किया है। जो परीक्षणाधीन है। (घ) उत्‍तरांश (क), (ख) एवं (ग) के संबंध में 1 जनवरी, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय विधायक महोदय का पत्र क्रमांक 4232 दिनांक 14/11/2022 संलग्‍न कर मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रायसेन का पत्र क्रमांक 352 दिनांक 20/01/2023 इस कार्यालय को दिनांक 15/02/2023 को प्राप्‍त हुआ। पत्र के अनुक्रम में उत्‍तरांश (ग) अनुसार जिले को स्‍पष्‍ट जानकारी हेतु पत्र लिखा गया है।

चम्‍बल नदी पर रेत की खदान खोलने की योजना

[खनिज साधन]

24. ( क्र. 472 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) चम्‍बल संभाग में वर्ष 2021-22 में कितनी रेत की सप्‍लाई किनके द्वारा कराई गई? (ख) इन संचालित खदानों से रेत सप्‍लाई में चोरी की कितनी घटनाएं शासन के पकड़ में आई? (ग) क्‍या चम्‍बल संभाग में जिला श्‍योपुर, सबलगढ़, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अम्‍बाह व जिला भिण्‍ड तक रेत की खदान संचालित करने से शासन को रॉयल्‍टी भी प्राप्‍त होगी व लोगों को काम भी प्राप्‍त होगा? रेत की खदान खोलने हेतु शासन द्वारा किसी योजना पर प्रयास किया जा रहा है? अगर हाँ तो क्‍या? नहीं तो क्‍यों।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) चंबल संभाग के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में जिला भिण्‍ड की रेत खदानों से 14,91,481 घन मीटर की सप्‍लाई पावरमेक प्रोजेक्‍ट्स लिमिटेड़ कंपनी द्वारा कराई गई। शेष जिला मुरैना एवं श्‍योपुर में कोई रेत खदान स्‍वीकृत नहीं है।                (ख) संचालित रेत खदानों में चोरी की घटनाएं प्रकाश में नहीं आई हैं। (ग) वनमण्‍डलाधिकारी, सामान्‍य, वनमण्‍डल मुरैना से प्राप्‍त जानकारी अनुसार चंबल संभाग अंतर्गत जिला श्‍योपुर एवं मुरैना में रा.च.अ. के वन्‍य प्राणियों के संरक्षण के साथ-साथ स्‍थानीय लोगों की आजीविका तथा रेत आपूर्ति की व्‍यवस्‍था हेतु रा.च.अ. एवं राजघाट के बड़ोदिया बिंदी घाट बरवासिन घाट एवं राजघाट पर अभयारण्य के आंशिक क्षेत्र 207.05 हेक्‍टेयर के डी-नोटिफिकेशन की अधिसूचना का प्रकाशन मध्‍यप्रदेश राजपत्र अधिसूचना दिनांक 30/01/2023 के माध्‍यम से किया जा चुका है।

बिना कार्य किए गये भुगतान की जाँच

[जल संसाधन]

25. ( क्र. 473 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माँ रतनगढ़ नहर सिंचाई परियोजना किन-किन जिलों के लिये प्रस्‍तावित है तथा इसकी तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति राशि कितनी-कितनी है? तकनीकी एवं प्रशासकीय स्वीकृति की प्रतियों सहित जानकारी देवें। (ख) क्या कार्य किए बिना निर्माण एजेन्सी को भुगतान करने का नियम है? यदि नहीं तो माँ रतनगढ़ नहर परियोजना अंतर्गत निर्माण एजेन्सी मंटेना वशिष्टा माइक्रो जे.वी. हैदराबाद को कार्य किए बिना 412.50 करोड़ रूपये का भुगतान किस आधार पर किसके द्वारा, कब और क्यों किया गया? इसके लिये कौन-कौन अधिकारी दोषी है तथा दोषियों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (ग) क्या प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कार्य किए बिना निर्माण एजेन्सी को 412.50 करोड़ भुगतान करने की कितनी शिकायतें किन के द्वारा कब-कब की गई, उन शिकायतों पर क्या कोई जांच की गई? यदि हाँ, तो जांच के आधार पर दोषियों पर क्या कार्यवाही की गई? जांच प्रतिवेदन सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) कार्य किये बिना निर्माण एजेन्सी को भुगतान करने के दोषियों पर कब तक कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) माँ रतनगढ़ सिंचाई परियोजना ग्‍वालियर, दतिया एवं भिण्‍ड़ जिलों के लिए प्रस्‍तावित है। परियोजना की तकनीकी स्‍वीकृत राशि रूपये 1185.39 करोड़ एवं प्रशासकीय स्‍वीकृत राशि रू.2244.97 करोड़ है। तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति आदेश की प्रति  संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ एवं ब  अनुसार है। (ख) से (घ) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि निर्माण एजेंसी को सामग्री के विरूद्ध रू.4125.90 करोड़ का भुगतान किया जाना प्रतिवेदित है। निर्माण एजेंसी को किए गए भुगतान का  विवरण संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-1 अनुसार है। शासन के आदेश दिनांक 04.03.2021 द्वारा जांच हेतु समिति का गठन किया गया है। नियम विरूद्ध भुगतान हुआ अ‍थवा नहीं के संबंध में समिति से जांच प्रतिवेदन प्राप्‍त होने पर जांच निष्‍कर्षानुसार प्रकरण में नियमानुसार आगामी कार्यवाही की जाना संभव होगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "दस"

खसरा सुधार के लंबित प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

26. ( क्र. 483 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) क्‍या न्‍यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) मैहर जिला सतना द्वारा प्रकरण क्रमांक 0098/6अ/2018-19 में पारित निर्णय/आदेश अनुसार खसरा क्रमांक 33/2 कुल आराजी 1.307 हे. में से 0.995 हे. म.प्र. शासन नर्मदा घाटी बगैरह को अंतरित होने पर शेष आराजी 0.312 हे. जो त्रुटिपूर्ण म.प्र. शासन दर्ज हो गई थी को शहीदू पिता पीर मोहम्‍मद साकिन अमदरा के नाम दर्ज किये जाने का प्रतिवेदन कलेक्‍टर सतना को प्रेषित किया गया था? यदि हाँ, तो क्‍या उक्‍त प्रकरण कलेक्‍टर सतना के पास लंबित है? कब से कारण बतायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कार्यपालन यंत्री नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 9 मैहर की अनापत्ति एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व मैहर के प्रतिवेदन के उपरांत प्रकरण को लंबे समय तक लंबित रखने का क्‍या कारण है? उक्‍त प्रकरण का निराकरण कर कब तक खसरा सुधार किया जावेगा? (ग) सतना जिले में खसरा सुधार के कितने प्रकरण किन-किन स्‍तरों पर लंबित हैं? राजस्‍व अनुभागवार पूर्ण जानकारी देवें एवं बतायें कि उक्‍त लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जी नहीं, अतः प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रकरण का निराकरण किया जा चुका है। (ग) जानकारी निम्नानुसार हैः- क्र. अनुभाग प्रचलित लंबित प्रकरण 01 रामपुर बाघेलान 128 02 रामनगर 66 03 रघुराजनगर 83 04 नागौद 101 05 अमरपाटन 312 06 मझगवां 51 07 मैहर 208 08 उचेहरा 107 अनुविभागीय अधिकारियों के न्‍यायालयों में कुल 1056 प्रकरण तहसीलदारों से जाँच प्रतिवेदन पक्षकारों की साक्ष्‍य सुनवाई हेतु प्रक्रियाधीन है। न्‍यायालयीन कार्यवाही पूर्ण होने उपरांत लंबित प्रकरणों में विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी।

नहरों एवं बांधों की मरम्‍मत, जीर्णोद्धार एवं निर्माण

[जल संसाधन]

27. ( क्र. 484 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले के रैगॉंव विधानसभा क्षेत्र में कहां से कहां तक कुल कितनी नहरे हैं? कितनी नहरें चालू हैं, कितनी नहरें मरम्‍मत योग्‍य हैं तथा कितनी नहरों का पुन: निर्माण एवं जीर्णोद्धार आवश्‍यक है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार रैगांव विधानसभा क्षेत्र में कुल कितनें बांध कहां-कहां हैं? उन बांधों का निर्माण कब कराया गया था? किन-किन बांधों में मरम्‍मत की आवश्‍यकता है? शहपुरा बांध, मोतीबांध, पटिहर बांध, गोडा बांध आदि सभी बांधों के जीर्णोद्धार हेतु विगत 2 वर्ष में क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये हैं? माननीय मुख्‍यमंत्री जी की घोषणा में किन-किन बांधों का निर्माण एवं मरम्‍मत का कार्य प्रस्‍तावित है? उनमें अभी तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) अनुसार विधानसभा रैगॉंव में नहरों एवं बांधों के निर्माण, मरम्‍मत, जीर्णोद्धार हेतु क्‍या प्रयास किये जायेंगे? उक्‍त कार्यों हेतु पृथक से राशि आवंटित की जायेगी यदि नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जल संसाधन विभाग की जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) रैगांव विधान सभा क्षेत्र में 07 बांध 5 वियर, 3 रेग्यूलेटर एवं 2 स्टाप डैम का निर्माण किया जाना प्रतिवेदित है जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ में दर्शित है। छिदुआ बांध में मरम्‍मत कार्य स्‍वीकृत होकर अनुबंध की कार्यवाही प्रचलन में है तथा गोंड़ा बांध में मरम्मत कार्य स्‍वीकृत होकर कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। शहपुरा (भैंसवार), मोती बांध, पटिहर बांध एवं गोंड़ा बांध में विगत दो वर्षों में विभाग द्वारा कोई भी जीर्णोद्धार का कार्य नहीं कराया गया है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा एवं उस पर कार्यवाही का विवरण जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) विभाग में बांध एवं नहरों की मरम्‍मत अथवा जीर्णोद्धार के प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने पर कार्यवाही की जाती है। वर्तमान में विधान सभा क्षेत्र रैगांव में स्थित बांध एवं नहरों की मरम्‍मत अथवा जीर्णोद्धार के प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर लंबित नहीं हैं। मरम्‍मत अथवा जीर्णोद्धार के प्रस्‍ताव शासन स्‍तर पर प्राप्‍त होने के उपरांत गुणदोष के आधार पर निर्णय लिया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "ग्यारह"

पंजीकृत श्रमिकों की जानकारी

[श्रम]

28. ( क्र. 490 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग में श्रमिकों के पंजीयन प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी दें तथा म.प्र. शासन श्रम विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल के पत्र क्रमांक 938, दिनांक 10.03.2022 द्वारा जिन अधिकारियों द्वारा EPO पर डिजिटल हस्‍ताक्षर कर पोर्टल के माध्‍यम से भुगतान हेतु फर्जी प्रकरण तैयार करने का जो जिक्र किया गया है उन अधिकारियों के नाम तथा उनके द्वारा किन-किन हि‍तग्राहियों को उनकी बिना मृत्‍यु हुए तथा बिना दिव्‍यांगता के दिव्‍यांग बताते हुए कितनी राशि आहरण की गयी? इसकी जिले अनुसार जानकारी दें। (ख) बालाघाट जिले में कितने श्रमिक पंजीकृत हैं इसकी जानकारी विकासखण्‍ड अनुसार देते हुए यह स्‍पष्‍ट करें कि क्‍या विभाग पंजीकृत श्रमिकों की संख्‍या से संतुष्‍ट है या जिले में ऐसे अनेक श्रमिक है जिनका जानकारी के अभाव में पात्र होने के बावजूद भी पंजीयन नहीं हुआ है? क्‍या विभाग विशेष अभियान चलाकर ऐसे श्रमिकों की पहचान करेगा तथा उनका पंजीयन कराएगा? (ग) बालाघाट जिले में म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल की अनुग्रह सहायता योजना के तहत कितने श्रमिकों को विगत तीन वर्षों में लाभान्वित किया गया है? हितग्राही का नाम तथा अनुग्रह राशि सहित जानकारी दें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत 18 से 60 वर्ष की आयु के ऐसे श्रमिक जो विगत 01 वर्ष में न्‍यूनतम 90 दिवस भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कार्यों में संलग्‍न रहे हो, पंजीयन हेतु अर्हता धारित करते हैं। पंजीयन हेतु श्रमिक द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत तथा नगरीय क्षेत्र में आयुक्‍त/मुख्‍य नगरपालिका अधिकारी, नगरीय निकाय के कार्यालय अथवा लोक सेवा केन्‍द्र में निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्‍तुत किया जा सकता है। पदाभिहित अधिकारी द्वारा आवेदन के परीक्षण उपरांत श्रम सेवा पोर्टल के माध्‍यम से ऑनलाईन पंजीयन किया जाता है। म.प्र. शासन, श्रम विभाग, मंत्रालय, वल्‍लभ भवन, भोपाल के पत्र क्रमांक 938 दिनांक 10.03.2022 के माध्‍यम से संपूर्ण प्रदेश हेतु मण्‍डल की अनुग्रह सहायता योजना के संबंध में सामान्‍य निर्देश जारी किये गये थे। मण्‍डल की अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत प्रदेश में जिला छिन्‍दवाडा में 23 तथा जिला भोपाल में 22 प्रकरणों में जीवित पंजीकृत श्रमिकों के फर्जी मृत्‍यु प्रमाण-पत्र तैयार कर राशि आहरण किये जाने संबंधी प्रकरण संज्ञान में आए थे। प्रश्‍नांश में चाही गई हितग्राहियों की सूची, डिजिटल हस्‍ताक्षर करने वाले अधिकारी तथा गलत तरीके से आहरण की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र.असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल अंतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल 2.0 योजना में पंजीयन हेतु पोर्टल के माध्यम से श्रमिक पब्लिक डोमेन/लोक सेवा केन्द्र/सी.एस.सी./एम.पी. ऑनलाईन केन्द्र से आवेदन कर सकते है। जाँच अधिकारी द्वारा जाँच पश्चात पात्रता पाये जाने पर पंजीयन जारी किया जाता है। (ख) भवन एवं अन्‍य संनिर्माण के अंतर्गत जिला बालाघाट में 50352 श्रमिक पंजीकृत हैं। पंजीकृत श्रमिकों की विकासखण्‍डवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। मध्‍यप्रदेश भवन संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत असंगठित क्षेत्र के वर्ष में 90 दिवस निर्माण कार्य में कार्यरत रहने वाले श्रमिकों का पंजीयन किया जाता है। पंजीयन एक सतत् प्रक्रिया है, जो कि निरंतरित है। मुख्‍यमंत्री जन सेवा अभियान के अंतर्गत डोर-टू-डोर सर्वे कर पात्र श्रमिकों का चिन्‍हांकन किया जाकर अभियान अवधि में बालाघाट जिले में 1054 श्रमिकों के नवीन पंजीयन किये गये हैं। असंगठित मंडल के अंतर्गत बालाघाट जिले में पंजीकृत श्रमिकों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-स अनुसार है। मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल 2.0 योजना में पंजीयन की प्रक्रिया सतत् प्रचलन में है। श्रमिकों को जानकारी हेतु योजना का प्रचार-प्रसार टी.वी. व रेडियो चैनलों के माध्‍यम से किया जा रहा है। पंजीयन हेतु विशेष अभियान बाबत् निर्देश शासन द्वारा पत्र क्रमांक 154 दिनांक 16-01-2023 द्वारा जारी किये गये है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के अंतर्गत बालाघाट जिले में अनुग्रह सहायता योजना के तहत विगत तीन वर्षों में 450 हितग्राहियों को सहायता प्रदान की गई है। हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-द अनुसार है।

भू-अर्जन की निर्धारित समय-सीमा

[राजस्व]

29. ( क्र. 491 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भू-अर्जन अधिनियम की विभिन्‍न धाराओं के तहत कितनी समय-सीमा किस कार्यवाही के लिए निर्धारित है? प्रदेश के विभिन्‍न जिलों में विगत पांच वर्षों में कितने प्रकरणों में इस                 समय-सीमा के अन्‍दर कार्यवाही हुई है तथा कितने प्रकरणों में यह सीमा एक वर्ष की अवधि के लिए विस्‍तारित की गयी है जिसके कारण शासन को अतिरिक्‍त ब्‍याज की राशि देनी पड़ी?                (ख) विगत पांच वर्षों में भू-अर्जन के जिन प्रकरणों में समय-सीमा बढ़ायी गयी उन प्रकरणों में शासन को कितनी ब्‍याज की राशि देनी पड़ी? इसकी जानकारी वित्‍तीय वर्ष, प्रकरण तथा ब्‍याज की राशि सहित दें? (ग) क्‍या शासन जिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण भू-अर्जन में देरी की वजह से ब्‍याज की राशि देनी पड़ी उन पर कार्यवाही करेगा तथा भविष्‍य मे भू-अर्जन के प्रकरणों में ब्‍याज की राशि न देना पड़े इसके लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भूमि अर्जन, पुनर्वासन पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता के अधिकार अधिनियम 2013 की विभिन्‍न धाराओं में कार्यवाही की  समय-सीमा निर्धारित की गई है। नियम की प्रति जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार है। (ख) जिन प्रकरणों में समय-सीमा विस्‍तार के कारण ब्‍याज की राशि दी गई है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार है। (ग) भू-अर्जन अवार्ड में समय-सीमा में वृद्धि युक्तिसंगत कारणों से की गई जिसके लिए कोई जिम्‍मेदार नहीं है।

बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़ा जाना

[राजस्व]

30. ( क्र. 501 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि     (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विदिशा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कितने लोगों ने बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जाने बाबत एवं कितने हितग्राहियों ने बी.पी.एल. श्रेणी के राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है? संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में प्राप्त आवेदनों पर कब तक कार्यवाही की जायेगी? अभी तक किस-किस के आवेदन स्वीकृत किये जाकर आवेदक के नाम राशन कार्ड जारी किये गये एवं कितने नाम बी.पी.एल. सर्वे सूची में जोड़े गये की संख्‍यात्‍मक जानकारी उपलब्ध कराएं। (ग) कितने के आवेदन अभी तक लंबित हैं तथा कितने के आवेदन अस्वीकृत किये गये? संख्‍यात्‍मक आवेदन के लंबित होने या अस्वीकृत होने का कारण भी बताएं।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विदिशा विधानसभा अंतर्गत बी.पी.एल. सर्वे सूची में नाम जोड़े जाने व राशन कार्ड के लिये कुल 2049 व्‍यक्तियों द्वारा आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये। (ख) 1885 आवेदनों पर कार्यवाही की जा चुकी है। प्रश्‍न दिनांक तक 739 आवेदन स्वीकृत किये गये है। (ग) अनुविभाग विदिशा में 45 आवेदन लंबित हैं। गुलाबगंज क्षेत्र अंतर्गत कोई भी आवेदन लंबित नहीं है। लंबित आवेदन जांच प्रक्रिया में है। 19 आवेदन अस्‍वीकृत किये गए। आवेदन सर्वे शेड्यूल के मापदण्ड अनुसार पात्रता में न आने के कारण अस्वीकृत किये गये है।

आदिवासी परिवारों को शत्-प्रतिशत खाद्यान्‍न पर्ची का प्रदाय

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

31. ( क्र. 519 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभिन्न योजनाओं मे शासन द्वारा प्रदाय किये जाने वाला अनाज हेतु आदिवासी परिवार पात्र की श्रेणी में आते हैं? यदि हाँ,तो भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने आदिवासी परिवार है तथा वर्तमान में कितने आदिवासी परिवारों को खाद्यान्‍न उपलब्ध हो रहा है या कितने परिवारों के पास खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्ध है? विकासखण्डवार जानकारी उपलब्ध करावे। यह भी बताये कि‍ कितने परिवारों को अनाज योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक नहीं मिल रहा है या जिनके पास खाद्यान्‍न पर्ची नहीं है तथा नहीं मिलने का क्या कारण है? (ख) क्या पात्र आदिवासी परिवारों को योजना प्रारंभ से आज दिनांक तक खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्ध न होना गंभीर अनियमितता है? यदि हाँ तो इसके लिए कौन दोषी है तथा दोषी अधिकारी कर्मचारी पर क्या कोई कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी और नहीं तो क्यों? (ग) कब तक शत्-प्रतिशत आदिवासी परिवारों को खाद्यान्‍न पर्ची उपलब्ध करा दी जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत विकासखंड भीकनगांव में 18975 एवं विकासखंड झिरन्‍या में 46843 आदिवासी परिवार है। वर्तमान में विकासखंड भीकनगांव में 13458 एवं विकासखंड झिरन्‍या में 31226 आदिवासी परिवारों की पात्रता पर्ची जारी है। विकासखंड भीकनगांव में 5517 एवं विकासखंड झिरन्‍या में 15617 आदिवासी परिवार शेष है, जिनकी पात्रता पर्ची नहीं है। इनमें शासकीय सेवक तृतीय श्रेणी या इससे ऊपर के शासकीय कर्मचारी/अधिकारी, आयकरदाता को पात्रता पर्ची का प्रावधान नहीं है। परिवार विभाजन होने के कारण शेष परिवारों की आवेदन न करने पर पात्रता पर्ची नहीं बन सकी है। यदि कोई पात्र परिवार शेष रह जाता है तो राशन मित्र पोर्टल पर स्‍थानीय निकाय के माध्‍यम से निर्धारित श्रेणी के दस्‍तावेज उपलबध करवाकर खाद्यान्‍न पर्ची हेतु आवेदन दर्ज करवा सकता है, खाद्यान्‍न पर्ची हेतु राशन मित्र पोर्टल पर आवेदन दर्ज होने के पश्‍चात आगामी माह में पात्रता पर्ची जारी होने का प्रावधान है। जानकारी विकासखण्‍डवार संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची बनने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। हितग्राही द्वारा निर्धारित श्रेणी के दस्‍तावेज उपलब्‍ध करवाने पर पात्रता पर्ची हेतु पोर्टल पर ऑनलाईन दर्ज कर निर्धारित समय-सीमा में खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची जारी की जा सकती है। (ख) खाद्यान्‍न पात्रता पर्ची बनने की प्रक्रिया निरंतर जारी है, यदि कोई पात्र परिवार शेष रह जाता है तो राशन मित्र पोर्टल पर स्‍थानीय निकाय के माध्‍यम से निर्धारित श्रेणी के दस्‍तावेज उपलब्‍ध करवाकर खाद्यान्‍न पर्ची हेतु आवेदन दर्ज करवा सकता है, खाद्यान्‍न पर्ची हेतु राशन मित्र पोर्टल पर आवेदन दर्ज होने के पश्‍चात आगामी माह में पात्रता पर्ची जारी होने का प्रावधान है। इसके लिये कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बारह"

आबादी भूमि के भू-अधिकार पत्रों का वितरण

[राजस्व]

32. ( क्र. 521 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्यप्रदेश में स्वामित्व योजना कब प्रारंभ की गई है तथा इसका क्या उद्देश्‍य है? क्या इस योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में आबादी भूमि पर काबिज परिवारों को उनकी जमीन का अधिकार पत्र प्रदाय किया जाना है? यदि हाँ तो भीकनगाँव विधानसभा अन्तर्गत तहसील भीकनगाँव एवं झिरन्या के कितने परिवारों को आबादी भूमि का भू-अधिकार पत्रों का वितरण किया गया है? ग्राम वार तहसीलवार जानकारी उपलब्ध करावे। (ख) यह भी बतायें कि कितने ग्रामो में आबादी भूमि के भू-अधिकार पत्र का वितरण नहीं हुआ है? ग्रामवार तहसील वार जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्‍या शासन द्वारा शत्-प्रतिशत भू-अधिकार पत्र वितरण की समय-सीमा निर्धारित की गई है तथा वितरण किनके द्वारा किया जायेगा? इसके लिए किसी कर्मचारी/अधिकारी की जिम्‍मेदारी तय की गई है? यदि हाँ तो जानकारी देवें तथा यह भी बतायें कि प्रश्‍न दिनांक तक भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत ग्रामो में स्वामित्व योजनान्तर्गत शत्-प्रतिशत भू-अधिकार पत्र का वितरण नहीं होने के लिए कौन दोषी है तथा वर्तमान तक वितरण न होने पर क्या कार्यवाही की जायेगी? (घ) यह भी बताएं कि भीकनगाँव विधानसभा क्षेत्र के समस्त ग्रामों में स्वामित्व योजनान्तर्गत आबादी भूमि के भू-अधिकार पत्रों का शत्-प्रतिशत वितरण कब तक किया जायेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) मध्‍यप्रदेश शासन के आदेश क्र राजस्‍व विभाग के आदेश क्र.एफ 03-02/2020/सात-6 दिनांक 30/05/2022 के तहत स्‍वामित्‍व योजना माह जून 2020 से प्रारम्‍भ की गई है। इसका उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रो में आबादी भूमि का सर्वेक्षण कर अधिकार अभिलेख तैयार किया जाना है। जी हाँ योजनान्‍तर्गत जिन ग्रामों मे आबादी भूमि पर परिवार काबिज है उन परिवारों को उनकी जमीन का अधिकार अभिलेख प्रदाय किया जाता है। भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र अन्‍तर्गत तहसील भीकनगांव के 74 ग्रामों के 15910 परिवारों एवं तहसील झिरन्‍या के 75 ग्रामों के 10312 परिवारों को अधिकर अभिलेख वितरित किये गये है। ग्रामों के अधिकर अभिलेख अंतिम रूप से तैयार होने पर वेब एम.पी. भू-लेख पोर्टल पर आनलाईन उपलब्‍ध है। अधिकार अभिलेख की ग्रामवार तहसीलवार  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट –एक अनुसार है। (ख) विधान सभा भीकनगांव क्षेत्र अंतर्गत 18 ग्रामों मे 781 अधिकार अभिलेख के वितरण की कार्यवाही जारी है। अधिकार अभिलेख की ग्रामवार तहसीलवार  जानकारी पुस्तकालय  में रखे परिशिष्‍ट –एक अनुसार है। (ग) खरगोन स्‍वामित्‍व योजना अंतर्गत प्रथम चरण का जिला है, जिसमें अधिकार पत्र निर्माण की कार्यवाही विभिन्‍न चरणों मे क्रमागत रूप से की जा रही है। स्‍वामित्‍व योजना अंतर्गत तैयार किया गया अधिकार अभिलेख, भू-अभिलेख का अंश होता है। शासन द्वारा समय-समय पर औपचारिक रूप से भी इन्‍हें हितग्राहियों को वितरित किया जाता है। वर्तमान में भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत 7 ग्रामों में अधिकार अभिलेख तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है। इस परिप्रेक्ष्‍य मे प्रश्‍नांश का शेष भाग उद्भूत नहीं होता है। (घ) भीकनगांव विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत 07 ग्रामों मे अधिकार अभिलेख तैयार करने की कार्यवाही प्रचलित है, कार्य पूर्णता उपरांत अधिकार अभिलेख वितरण किया जाता है।

तेंदूपत्ता व्यापार के शुद्ध आय से स्‍वीकृत कार्य

[वन]

33. ( क्र. 525 ) श्री संजय शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                  (क) मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल द्वारा वर्ष 2020 में तेंदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के किन-किन स्थानों पर कौन-कौन से निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी? लागत राशि सहित जानकारी प्रदान करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार, उक्त निर्माण कार्यों में से कौन-कौन से कार्यों का निर्माण कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं हुआ है? कार्यवार जानकारी प्रदान करें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार, निर्माण कार्य अभी तक क्यों प्रारम्भ नहीं हुआ है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. राज्य लघु वनोपज (व्यापार एवं विकास) सहकारी संघ मर्यादित भोपाल द्वारा वर्ष 2020 में तेदूखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत निम्नानुसार कार्यों की स्वीकृति प्रदान की गई है:-

क्रमांक

परिक्षेत्र

कार्य का विवरण

कार्य स्थल

स्वीकृत राशि

1

बरमान

सामुदायिक भवन निर्माण कार्य

मुर्रावन

2500000

2

बरमान

सामुदायिक भवन निर्माण कार्य

देवरी

2500000

3

बरमान

सामुदायिक भवन निर्माण कार्य

बिलगुवा

2500000

4

बरमान

सामुदायिक भवन निर्माण कार्य

डोभी

1145000

5

करेली

सामुदायिक भवन निर्माण कार्य

सिल्हेटी

2500000

(ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार उक्त कार्यों मे से निम्नानुसार कार्यों का निर्माण कार्य अभी तक प्रारम्भ नहीं हुआ है:-

क्रमांक

परिक्षेत्र

कार्य का विवरण

कार्य स्थल

स्वीकृत राशि

1

बरमान

सामुदायिक भवन निर्माण कार्य

मुर्रावन

2500000

2

बरमान

सामुदायिक भवन निर्माण कार्य

बिलगुवा

2500000

3

बरमान

सामुदायिक भवन निर्माण कार्य

डोभी

1145000

(ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार सामुदायिक भवन मुर्रावन, बिलगुवा एवं डोभी में स्थल उपलब्ध न होने के कारण कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ।

नामांतरण व बंटवारे के प्रकरण

[राजस्व]

34. ( क्र. 529 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र बड़नगर जिला उज्जैन में नामांतरण/ बंटवारा के बड़नगर इंगोरिया एवं खरसोदकलां टप्पा कार्यालय के किस-किस ग्राम में कितने-कितने प्रकरण लंबित हैं? नाम व प्रकरण प्राप्त होने के दिनांक सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) बड़नगर विधानसभा अन्तर्गत उपरोक्त में से ऐसे कितने प्रकरण हैं जो दो माह या इससे अधिक अवधि से लंबित हैं? उनकी सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या शासन नामांतरण/बंटवारा के सभी प्रकरणों के निपटारे के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला उज्जैन की तहसील बड़नगर अन्तर्गत विगत 3 वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक कोई प्रकरण लंबित नहीं है। 6 माह के अंदर अवधि में निम्नानुसार नामांतरण/बंटवारा के प्रकरण लंबित है।

स.क्र.

न्यायालय का नाम

नामांतरण के लंबित प्रकरण संख्या

बंटवारा के लंबित प्रकरण संख्या

1

न्यायालय तहसीलदार, बड़नगर

533

108

2

न्यायालय अपर तहसीलदार, बड़नगर

166

23

3

न्यायालय नायब तहसीलदार, टप्पा खरसौदकलां

259

37

4

न्यायालय नायब तहसीलदार, टप्पा इंगोरियां

416

54

 

कुल

1374

222

लंबित प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार हैं। (ख) उपरोक्तानुसार प्रकरण 2 माह से अधिक अवधि किन्तु 6 माह के अंदर अवधि के लंबित है। (ग) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवदित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में निराकृत किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।

बड़नगर विधानसभा क्षेत्र में मुरम उत्खनन

[खनिज साधन]

35. ( क्र. 530 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्या उज्जैन देवास फोर लेन निर्माण में ठेकेदार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भूमि से हजारों डम्पर मुरम/मिट्टी का उत्खनन किया जा रहा है? विभाग द्वारा किस-किस पटवारी हल्का में उत्खनन की अनुमति प्रदान की गई? अनुमति की प्रति सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) शासकीय भूमि से मुरम उत्खनन के आवेदन जिला कार्यालय में कब प्राप्त हुए? क्या इनमें राजस्व विभाग की अनुमति प्राप्त की गई? यदि हाँ तो सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध करावें। (ग) क्‍या बड़नगर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बलेड़ी व बरगाड़ी रोड़ निर्माण ठेकेदार द्वारा इतनी अधिक खुदाई की गई है की ग्राम के पानी का लेवल विपरित हो गया है जिससे किसानों को खेतों के आवागमन में जाने के रास्ते खराब हो रहे है? (घ) विभाग द्वारा उत्खनन की अनुमति‍ किस-किस पटवारी हल्के में दी गई? उनका नाम नक्‍शे सहित जानकारी देवें। यदि अनुमति प्राप्त नहीं की गई है तो ठेकेदारों के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा? इनमे कौन-कौन अधिकारी दोषी है शासन दोषी अधिकारी के विरूद्ध क्या कार्यवाही करेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं, प्रश्‍नांश अनुसार जिलों में सड़क निर्माण में शासकीय भूमि से हजारों डम्‍पर मुरम/मिट्टी का उत्‍खनन किये जाने जैसी स्थिति नहीं है। प्रश्‍नांश अनुसार उत्‍खनन हेतु दी गई अनुमति के पटवारी हल्‍के का विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है एवं दी गई अनुमतियों की प्रतियाँ  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब  पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है।              (ग) प्रश्‍नांश अनुसार ग्राम के पानी का लेबल विपरीत होने एवं आवागमन के रास्‍ते खराब होने संबंधी कोई तथ्‍य प्रकाश में नहीं आया है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ  पर दर्शित है। चूंकि नियमानुसार अनुमति दी गई है, अत: प्रश्‍नांश अनुसार कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिवहन विभाग की शिकायत की जांच

[परिवहन]

36. ( क्र. 551 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 857, दिनांक 21 दिसंबर, 2022 का उत्तर उपलब्ध करायें? (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा मंदसौर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं अनाधिकृत अर्दली की जांच को लेकर कब-कब शिकायत की गयी, उस पर विभाग द्वारा क्या कार्यवाही की गयी, कार्यवाही की वर्तमान स्थिति से अवगत करायें? (ग) क्या उक्त शिकायत को लेकर विभाग ने दिनांक 10 नवम्बर, 2022 को डिप्टी कमिश्नर रेंक के किसी अधिकारी को जांच हेतु मंदसौर भेजा था? यदि हाँ, तो जांच अधिकारी द्वारा विभाग को प्रस्तुत की गयी रिपोर्ट से अवगत करायें। (घ) क्या जांच उपरान्त मंदसौर में वर्तमान में परिवहन अधिकारी कार्यालय में पर्याप्त समय नहीं देने के कारण हजारों प्रकरण पेंडिंग हैं तथा कुछ दलालों के ही कार्य किये जा रहे हैं? यदि नहीं तो 10 दिन से अधिक समय की वर्तमान में कितनी फाइल पेंडिंग हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 857 दिनांक 21 दिसंबर 2022 की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार  है। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा मंदसौर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं अनाधिकृत अर्दली की जाँच के संबंध में व्‍हाटसएप संदेश के माध्‍यम से शिकायत प्राप्‍त हुई थी जिस पर उप परिवहन आयुक्‍त (शिकायत) मध्‍यप्रदेश द्वारा जाँच की गई है। (ग) जी हाँ। उप परिवहन आयुक्‍त (शिकायत) द्वारा प्रकरण में की गई जाँच प्रतिवेदन 6471/डीटीसी/(शिका.)/2022 दिनांक 30.11.2022 की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट  '' अनुसार  है। (घ) दिनांक 10.12.2022 से 14.02.2023 तक कार्यालय में भौतिक/ऑनलाईन से वाहनों के परमिट/फिटनेस/वाहन पंजीयन/वाहन अंतरण/फायनेंस दर्ज निरस्‍त/नवीनीकरण एवं अन्‍य कार्य हेतु प्रस्‍तुत 13796 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। 10 दिन से अधिक लंबित प्रकरणों की जानकारी कारण सहित प्रस्‍तुत है जो निम्‍नानुसार है :-

लंबित प्रकरण

कारण

स्‍मार्ट कार्ड के पुराने सॉफ्टवेयर के कारण 130

वाहन पोर्टल पर शिफ्ट होने से एवं आवेदकों द्वारा विभाग द्वारा निश्चित समय-सीमा पश्‍चात् आवेदन प्रस्‍तुत करने से

105 आवेदन

वाहन पोर्टल पर Invalid Registration Error के कारण

25 आवेदन

वाहन पोर्टल पर वाहन की बीमा जानकारी अपडेट नहीं होने से

75 आवेदन

आवेदकों द्वारा अपूर्ण/अस्‍पष्‍ट दस्‍तावेंजो वाहन पोर्टल पर अपलोड करने के कारण जो कि उन्‍हें वापस किये गये

1208 आवेदन

स्‍मार्ट चिप कंपनी से लायसेंस कार्ड प्राप्‍त नहीं होने से

कार्ड प्रिंट पेंडिंग 2000

वाहन पर एचएसआरपी फिटनेस डाटा नहीं होने से

खरमोर अभयारण्य समाप्‍त करने का प्रस्‍ताव

[वन]

37. ( क्र. 557 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) सरदारपुर तथा सैलाना खरमोर अभयारण्य में पिछले 7 साल से एक भी खरमोर के नहीं आने पर क्या विभाग ने केंद्र सरकार को अभयारण्य को समाप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा है? यदि हाँ तो उस प्रस्ताव की प्रति देवें। (ख) खरमोर किसी भी वन्य प्राणी की डिक्शनरी में दुर्लभ पक्षी की श्रेणी में नहीं आता है, फिर ऐसे में इसके नाम पर अभयारण्य क्यों बनाया गया? इससे संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ग) अभयारण्य के नाम पर तीन हजार से ज्यादा आदिवासी परिवार को जमीन से यथोचित आय नहीं हो रही है तथा उनकी आर्थिक स्थिति जर्जर हो गई है, ऐसे में एक सामान्य से पक्षी के लिए जिसकी कोई अहमियत नहीं है, अभयारण्य को समाप्त क्यों नहीं किया जा रहा है? (घ) क्या सैलाना में अभयारण्य के कारण रतलाम बांसवाड़ा रेल लाइन सैलाना की जगह शिवगढ़ चली गई तथा दिल्ली मुंबई 8 लेन डेलनपुर चली गई? यदि हाँ, तो बतावें कि शासन आदिवासि‍यों के हक की रक्षा क्यों नहीं कर रहा है? वह जमीन का अधिग्रहण क्यों नहीं करता?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) सरदारपुर एवं सैलाना अभयारण्यों के पुनर्गठन का प्रस्‍ताव भारत सरकार को भेजा गया है, जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट ''1'' एवं ''2'' अनुसार है।    (ख) प्राकृतिक एवं पर्यावरणीय संतुलन बनाये रखने में प्रत्येक जीव (वन्यप्राणी) की अहम भूमिका होती है। खरमोर दुर्लभ प्रजाति का पक्षी है, जिसे IUCN संस्था द्वारा संकटापन्न (Endangered) घोषित किया गया है। विश्व प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक डॉ. सलीम अली के परामर्श अनुसार खरमोर पक्षी के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा खरमोर अभयारण्य सरदारपुर, जिला-धार एवं सैलाना अभयारण्य जिला-रतलाम को अधिसूचित किया गया है। अभयारण्‍य के नोटिफिकेशन की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जी नहीं। सरदारपुर अभयारण्य क्षेत्र में स्थित ग्रामों के ग्रामीणों तथा सैलाना अभयारण्य क्षेत्र में स्थित पट्टाधारी आदिवासियों द्वारा कृषि कार्य किया जा रहा है। अतः उनकी आर्थिक स्थिति जर्जर नहीं है। यह कहना भी उचित नहीं है कि खरमोर की पर्यावरण में कोई अहमियत नहीं है। पर्यावरण में सभी जीवों की प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से अहमियत है। किसानों की कठिनाइयों एवं खरमोर पक्षी द्वारा वर्तमान में उपयोग किये जा रहे क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए अभयारण्यों में स्थित ग्रामों एवं पट्टे की भूमियों को पृथक करते हुए इनकी सीमाओं में परिवर्तन करने हेतु अभयारण्यों के पुनर्गठन के प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये गये हैं। (घ) जी नहीं। रतलाम-बांसवाड़ा रेल लाइन रेलवे विभाग के प्रस्ताव अनुसार निर्माणाधीन है तथा दिल्ली-मुम्बई 8 लेन एक्सप्रेस मार्ग भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की परियोजना प्रस्ताव अनुसार निर्माण कार्य किया जा रहा है। इन परियोजनाओं में सैलाना अभयारण्य की कोई भूमि प्रभावित नहीं होने से आदिवासियों की रक्षा एवं भूमि अधिग्रहण का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

बांध निर्माण में अनियमितता

[जल संसाधन]

38. ( क्र. 558 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि    (क) कारम बांध का निर्माण करने वाली ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन को 2013 और 2014 में तथा सारथी कन्स्ट्रक्शन कंपनी को 2019 में कार्य शर्तों के अनुसार नहीं होने पर निलंबित करने के बाद पुनः बहाल क्यों किया गया? बहाल करने संबंधी आवेदन, पत्राचार की प्रति देवें। (ख) रीवा जिले की त्‍योंथर बहाव योजना का कार्य करने वाली एच.ई.एस. इन्फ्रास्ट्रक्चर को अक्टूबर 2022 में काली सूची में डाल कर उसका पंजीयन फिर बहाल करने के संबंध में समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ग) क्या प्रश्‍नांश (क) तथा (ख) में उल्लेखित कंपनियों को शर्तों पर बहाल किया गया है? यदि हाँ तो शर्त बताएं तथा जानकारी दें कि उन शर्तों संबंधी कार्य समय से पूर्ण हुए या नहीं? यदि नहीं होंगे तो फिर क्या कार्यवाही की जाएगी? (घ) कारम बांध के निर्माण के समय अधिकारी स्तर पर क्या-क्या गलतियां हुईं तथा उसके लिए कौन-कौन अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनके नाम बताएं तथा उन पर क्या कार्रवाई की गई? (ड.) धार जिले में 2017 से 2022 तक क्षतिग्रस्त होने वाले बांध,  उनमें होने वाले नुकसान तथा उसे ठीक करने में लगी या लगने वाली संभावित राशि सहित सूची देवें तथा बतावें कि इस अवधि में बांध तथा नहरों के रख-रखाव में वर्षवार कितना-कितना खर्च किया गया?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2013 में मेसर्स ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन लिमिटेड, नई दिल्ली को बाणसागर परियोजना के अन्तर्गत पुरवा मुख्य नहर के कि.मी. 31 से 90.06 तक सीमेन्ट कांक्रीट लाईनिंग, मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य को निर्धारित माइल स्टोन के हिसाब से पूर्ण करने में असफल रहने के कारण मुख्य अभियन्ता गंगा कछार, रीवा के आदेश दिनांक 29.07.2013 द्वारा एक वर्ष के लिये पंजीयन निलम्बन किया गया। ठेकेदार के पत्र दिनांक 05 अगस्त 2013 द्वारा पंजीयन बहाली आवेदन पर मुख्य अभियन्ता गंगा कछार, रीवा द्वारा दिनांक 30.10.2013 को कार्य स्थल का निरीक्षण कर पाया कि कार्य स्थल पर ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य हेतु आवश्यक मशीनों एवं सामग्रियों की समुचित व्यवस्था की गयी है। तदानुसार मुख्य अभियन्ता रीवा के दिनांक 07.11.2013 को पंजीयन बहाल करने की अनुशंसा एवं ठेकेदार द्वारा दिनांक 24.10.2013 को प्रमुख अभियन्ता को दिये गये आवेदन एवं दिनांक 20.12.2013 को सुनवाई में ठेकेदार द्वारा दी गयी वचनबद्धता के आधार पर मेसर्स ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन लिमिटेड का पंजीयन दिनांक 26.12.2013 को बहाल किया गया। वर्ष 2014 में मेसर्स ए.एन.एस. कन्स्ट्रक्शन लिमिटेड, नई दिल्ली को टीकमगढ़ जिले की हरपुरा नदी लिंक परियोजना का निर्माण कार्य समयावधि में पूर्ण न करने एवं कार्य की प्रगति बढ़ाने हेतु सकारात्मक प्रयास नहीं करने के कारण मुख्य अभियन्ता दतिया के आदेश दिनांक 19.05.2014 द्वारा पंजीयन 3 वर्ष के लिये निलम्बित किया गया। कार्यपालन यंत्री बानसुजारा बांध जल संसाधन संभाग, टीकमगढ़ एवं मुख्य अभियन्ता, राजघाट नहर परियोजना, दतिया ने खेतों में फसल खड़ी होने, भू-अर्जन अवार्ड में विलम्ब तथा एलाईमेन्ट में परिवर्तन इत्यादि परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए ठेकेदार का पंजीयन बहाल करने की अनुशंसा एवं ठेकेदार द्वारा कार्य पूर्ण किये जाने के वचनबद्धता के आधार पर दिनांक 03.09.2014 को प्रमुख अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, भोपाल द्वारा पंजीयन बहाल किया गया। वर्ष 2019 में मेसर्स सारथी कन्स्ट्रक्शन ग्वालियर को बारना मुख्य नहर का विस्तारीकरण एवं नहरों के सम्पूर्ण निर्माण कार्य निर्धारित कार्यक्रम अनुसार पूर्ण न किये जाने के कारण मुख्य अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, होशंगाबाद के आदेश दिनांक 26.08.2019 द्वारा एक वर्ष की अवधि के लिये पंजीयन निलम्बित किया गया। कार्यपालन यंत्री, बारना बांयी नहर संभाग, बाड़ी ने पत्र दिनांक 12.05.2020 में अनुबंध के तहत् आवंटित कार्य ठेकेदार द्वारा भौतिक रूप से पूर्ण किये जाने के तथ्य से अवगत कराने एवं मुख्य अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, होशंगाबाद द्वारा पंजीयन बहाली हेतु सहमति व्यक्त किये जाने पर प्रमुख अभियन्ता जल संसाधन विभाग, भोपाल के आदेश दिनांक 28.05.2020 द्वारा मेसर्स सारथी कन्स्ट्रक्शन ग्वालियर का पंजीयन बहाल किया गया। बहाल संबंधी आवेदन, पत्राचार की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 (1 से 29) अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश में चाही गई जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-2 (1 से 51 ) अनुसार है।        (ग) प्रश्‍नांश '' में उल्लेखित एजेन्सियों के पंजीयन बहाली हेतु कोई शर्त नहीं रखी गयी है। अपितु प्रश्‍नांश '''' में उल्लेखित मेसर्स एच.ई.एस. कन्स्ट्रक्शन हैदराबाद के लिखित वचनबद्धता के आधार पर 25000 हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता दिनांक 31 मार्च 2023 तक निर्मित करने तथा 95 प्रतिशत कार्य माह जून 2023 तक पूर्ण करने की शर्त पर पंजीयन बहाल किया गया है। कार्य पूर्ण न होने की स्थिति में संबंधित कार्यपालन यंत्री से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही की जाना संभव होगा। (घ) कारम बांध में रिसाव होने से बांध की सुरक्षा एवं जनधन हानि को रोकने की दृष्टि से बांध कटाव नियंत्रण तकनीक द्वारा सुरक्षित एवं नियंत्रित तरीके से बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गयी। प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्रथम दृष्टया जिम्मेदार अधिकारियो को निलम्बित किया जाकर आरोप पत्रादि जारी किये गये हैं। जांच उपरांत अधिकारी स्तर की गल्तियों का निर्धारण संभव है। सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। (ड.) धार जिले में वर्ष 2017 से 2022 तक की अवधि में केवल कारम बांध में रिसाव होने से बांध की सुरक्षा एवं जनधन हानि को रोकने की दृष्टि से बांध कटाव नियंत्रण तकनीक द्वारा सुरक्षित एवं नियंत्रित तरीके से बाईपास चैनल बनाकर जल निकासी की गयी। बांध से सुरक्षित जल निकासी की गयी। चूंकि अनुबंध में निहित प्रावधान अनुसार बांध के पुनर्निर्माण का कार्य ठेकेदार को स्वयं के व्यय पर करना है, अतः बांध को ठीक कराने में लगने वाली संभावित राशि भी ठेकेदार द्वारा वहन की जावेगी। वर्तमान में राशि की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। धार जिले में वर्ष 2017 से 2022 तक बांध तथा नहरों में रखरखाव पर वर्षवार व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है।

नियम विरुद्ध खरीदी केन्द्र का आवंटन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

39. ( क्र. 573 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य एवं सहकारिता विभाग अंतर्गत धान एवं पैदावारों को खरीदी हेतु स्व-सहायता समूहों को खरीदी केन्द्र आंवटित किये जाने के संबंध में क्या नियम-निर्देश हैं? सागर जिला अंतर्गत किन-किन समूहों को ऐसे कितने केन्द्र आवंटित किये गये, जिनमें धान खरीदी एवं अन्य पैदावार खरीदी की जा रही हैं? विकासखण्डवार, समूहवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित आंवटित केन्द्रों के                 स्व-सहायता समूहों को केन्द्र आवंटन के संबंध में क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये थे? समूहवार पात्रता मापदण्ड की विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या केसली विकासखण्ड के ग्राम केसली में लगभग 36000 बोरी अमानक धान केसली के दिगंबर स्व-सहायता समूह के खरीदी केन्द्र से विभाग द्वारा जप्त कराई गई है? यदि हाँ तो क्या जिले में ऐसे ही अन्य और कोई मामले प्रकाश में आए हैं? यदि हाँ तो जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियां न हो इसके संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ तो अवगत करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन का कार्य महिला स्‍व-सहायता समूह को दिए जाने के संबंध में विभाग द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। सागर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान उपार्जन का कार्य करने वाले महिला स्‍व-सहायता समूह की विकासखण्‍डवार एवं समूहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन का कार्य महिला स्‍व-सहायता समूह को समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन कार्य देने हेतु निर्धारित मापदण्‍ड की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। समूहवार पात्रता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) केसली विकासखण्‍ड के ग्राम केसली में धान उपार्जन हेतु दिगंबर स्‍व-सहायता समूह बम्‍होरी द्वारा संचालित केन्‍द्र पर 16480 बोरी वज़न, 5021.24 क्विंटल धान अमानक पाई गई, जिसे परिवहन कराकर जरवा गोदाम में अग्रिम कार्यवाही हेतु सुरक्षित रखा गया, इसके अतिरिक्‍त प्राथमिक साख सहकारी समि‍ति देवरीकलॉ, हरेराम स्‍व-सहायता समूह वरखेरा, निधि             स्‍व-सहायता समूह, रेवझा, श्रीगनेश स्‍व-सहायता समूह, धनगुवां द्वारा संचालित उपार्जन केन्‍द्र पर भी अमानक धान पाई गई। (घ) दिगंबर स्‍व-सहायता समूह बम्‍होरी द्वारा संचालित उपार्जन केन्‍द्र पर अमानक धान पाए जाने पर उपार्जन केन्‍द्र प्रभारी, कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर एवं सर्वेयर के विरूद्ध थाना केसली में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई एवं प्राथमिक साख सहकारी समि‍ति देवरीकलॉ, हरेराम स्‍व-सहायता समूह वरखेरा, निधि स्‍व-सहायता समूह, रेवझा द्वारा संचालित उपार्जन केन्‍द्र को बंद किया जाकर ब्लैक लिस्‍टेड किया गया एवं श्रीगनेश स्‍व-सहायता समूह, धनगुवां केन्‍द्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उपार्जन नीति में समर्थन मूल्‍य पर एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता का स्‍कन्‍ध उपार्जन किया जाना प्रावधानित है एवं उपार्जन कार्य में गंभीर अनियमितता करने वाली संस्‍थाओं को आगामी उपार्जन वर्ष में उपार्जन का कार्य नहीं दिया जाता है।

प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा

[राजस्व]

40. ( क्र. 576 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में सागर जिले में अतिवृष्टि एवं प्राकृतिक आपदाएं आने के कारण फसलों को हुए नुकसान होने से फसल क्षतिपूर्ति सर्वे कराया गया था? (ख) वर्ष 2022 में केसली तहसील अंतर्गत हुई रिकॉर्ड अतिवृष्टि विभाग द्वारा दर्ज हुई जबकि अन्य तहसीलों में केसली से कम वर्षा दर्ज हुई थी? अतिवृष्टि होने के बाद भी तहसील केसली में फसल क्षत्रिपूर्ति सर्वे में नुकसान नहीं दर्शाये जाने के लिए कौन-कौन अधिकारी दोषी हैं? उनके नाम व पदनाम सहित विस्तृत विवरण देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार अतिवृष्टि से हुए नुकसान के आधार पर केसली एवं देवरी के किसानों को हुई फसलों के नुकसान की क्षतिपूर्ति किये जाने हेतु विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक देवरी विधानसभा अंतर्गत कुल कितने किसानों को किन-किन फसलों की क्षतिपूर्ति मुआवजा प्रदाय किया गया हैं? तहसीलवार विवरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसील केसली में वर्ष 2021-22 में अतिवृष्टि से फसल क्षति नुकसान का सर्वे गठित अंतर्विभागीय संयुक्‍त सर्वे दल द्वारा कराया गया। विधिवत सम्‍पन्‍न सर्वे में फसलों में 25 प्रतिशत से कम क्षति पायी गयी। शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (ग) तहसील देवरी एवं केसली में अतिवृष्टि से हुए फसल नुकसान का सर्वे शासन के निर्देशानुसार गठित संयुक्‍त सर्वेक्षण दल से कराया गया। सर्वे में दोनों तहसीलों में 25 प्रतिशत से कम फसल क्षति पाई जाने के कारण आर.बी.सी. 6 (4) के प्रावधानों के अंतर्गत पात्र नहीं होने से आर्थिक सहायता राशि स्‍वीकृत नहीं की गई। अत: शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक देवरी विधानसभा अंतर्गत प्रभावित कृषकों को प्रदाय की गई राहत राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तेरह"

खनिज प्रतिष्ठान निधि

[खनिज साधन]

41. ( क्र. 586 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्तमान में प्रदेश में जिला खनिज निधि की कुल कितनी राशि संग्रहीत हैं? जिलेवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) जिला ग्वालियर में 1 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक खनिज प्रतिष्ठान मद से कुल कितनी राशि जिले की रॉयल्टी के नाम पर प्राप्त हुई? वर्षवार प्राप्त राशि की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) ग्वालियर जिले में जनसंख्या और स्थानीय आवश्यकतानुसार कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से निर्माण 1 जनवरी 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक उक्त निधि से स्वीकृत किये गये? कार्य का स्वरूप सहित वर्षवार, कार्य की जानकारी उपलब्ध करावें। (घ) उक्त अवधि एवं जिले में खनिज प्रतिष्ठान मद से कितने प्राथमिक, माध्यमिक, हायर सेकेण्डरी भवनों का निर्माण, मरम्मत, साज-सज्जा, रख-रखाव पर कितनी राशि व्यय की गई? वर्षवार कार्यवार जानकारी उपलब्ध करावें। (ड.) ग्वालियर जिले में किस-किस जनप्रतिनिधि या अधिकारी की सिफारिश पर कौन-कौन से कार्य उक्त अवधि में स्वीकृत किये गये? पूर्ण विवरण दें। उक्त जिले में उक्त अवधि में खनिज प्रतिष्ठान निधि का कहाँ-कहाँ उपयोग किया गया तथा कौन-कौन से कार्यों को किया गया? कौन से कार्य पूर्ण हो गये तथा कौन से कार्य अपूर्ण हैं? अपूर्ण रहने के कारण सहित जानकारी उपलब्ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) खनिज प्रतिष्‍ठान मद से रॉयल्‍टी के नाम पर कोई राशि लेने के कोई प्रावधान नहीं है। परंतु मुख्‍य खनिज में 12/01/2015 के पूर्व स्‍वीकृत खनिपट्टों में रॉयल्‍टी का 30 प्रतिशत एवं 12/01/2015 के पश्‍चात् स्‍वीकृत खनिपट्टों में रॉयल्‍टी का 10 प्रतिशत तथा दिनांक 22/01/2021 से गौण खनिज में रॉयल्‍टी का 10 प्रतिशत लिये जाने के प्रावधान हैं तथा 01/01/2020 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में वर्षवार प्राप्‍त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) जिला खनिज प्रतिष्‍ठान निधि को जिला खनिज प्रतिष्‍ठान नियम, 2016 यथा संशोधित 2021 में उल्‍लेखित कार्यों एवं प्राथमिकताओं पर व्‍यय किये जाने का प्रावधान है। वर्षवार स्‍वीकृत कार्यों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से नियमानुसार शिक्षा विभाग के कार्य किये जाने के प्रावधान है। उक्‍त अवधि में कोई भी कार्य स्‍वीकृत नहीं किये गये हैं। शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।       (ड.) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स पर दर्शित है।

खनिज मद की राशि से स्वीकृत कार्य

[खनिज साधन]

42. ( क्र. 593 ) श्री विनय सक्सेना : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जबलपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज मद में कुल कितनी राशि है? (ख) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास मंडल द्वारा जबलपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में कौन-कौन से कार्य अनुमोदित किये गये? (ग) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग अलग कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? इनमें से कितने कार्य पूरे हो चुके हैं और कितने कार्य अभी अधूरे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जबलपुर जिले में खनिज प्रतिष्‍ठान मद में दिनांक 31/01/2023 तक रूपये 2385.575 लाख की राशि शेष है। (ख) एवं (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट पर दर्शित है।

परिशिष्ट - "चौदह"

धारणाधिकार योजना का क्रियान्वयन

[राजस्व]

43. ( क्र. 595 ) श्री विनय सक्सेना : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) क्या नगरीय क्षेत्र की शासकीय भूमि में रह रहे व्यक्तियों को धारणाधिकार के तहत पट्टे प्रदाय करने की शासन की योजना है? (ख) जबलपुर जिले में नगरीय क्षेत्र में किन-किन राजस्व तहसीलों की कितनी-कितनी तथा कौन-कौन से खसरे क्रमांक की भूमि में निवासरत व्यक्ति धारणाधिकार योजना अंतर्गत पट्टे प्राप्त करने हेतु उपयुक्त/पात्र हैं? (ग) जबलपुर जिले की नगरीय क्षेत्र की किन-किन तहसीलों के किन-किन व्यक्तियों को धारणाधिकार योजना के तहत पट्टे जारी किये जा चुके हैं? कितने आवेदनों पर निर्णय होना शेष है? आवेदन लंबित रहने के क्या कारण हैं? (घ) कितने-कितने आवेदन निरस्त किये गये हैं? निरस्त किये जाने के क्या-क्या कारण हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ग) धारणाधिकार योजना के अनुसार 786 पट्टे जारी किये जा चुके हैं तथा जबलपुर जिले में 11749 आवेदन परीक्षणाधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। आवेदकों द्वारा प्रीमियम/भू-भाटक जमा नहीं करने के कारण उनके आवेदन लंबित हैं। (घ) जबलपुर जिले में आज दिनांक तक कुल 3032 धारणाधिकार योजना के आवेदन निरस्‍त किये गये हैं। निरस्‍त किये जाने का कारण धारणाधिकार से संबंधित परिपत्र म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग के निर्देश क्रमांक एफ 6-75/2019/शा-3, दिनांक 24 सितम्‍बर 2020 के अंतर्गत पात्रता शर्तों की पूर्ति नहीं होना है।

श्रमिकों को निर्धारित मजदूरी दर से भुगतान

[श्रम]

44. ( क्र. 602 ) श्री सुनील उईके : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण, सिंचाई, लोक स्वास्‍थ्‍य यांत्रिकी, वन एवं विभागीय कार्यों एवं ठेकेदारों के द्वारा संपादित कार्यों में श्रम आयुक्त की निर्धारित दैनिक मजदूरी दर 359 रूपये के स्थान पर मनरेगा के निर्धारित मजदूरी दर के समतुल्य भुगतान कर श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। मंत्री जी कम मजदूरी की जांच कराकर दोषियों को दण्डित करेंगे? यदि हाँ तो कब तक? (ख) मनरेगा की निर्धारित मजदूरी दर 204 से मजदूरों को 100 दिवस में 20400/- रूपये का भुगतान मिलना चाहिए जबकि मौके पर मजदूरी का मस्टर रोल भरा जा रहा है, उसके बाद किस आधार पर मूल्यांकनकर्ता अधिकारी द्वारा उसको कम मजदूरी दर से भुगतान किया जा रहा है? क्या ऐसे मूल्यांकनकर्ता के खिलाफ कोई कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? (ग) मनरेगा योजना से वर्षा ऋतु में किसानों के खेत पर बड़े पैमाने पर फलदार लघु इमारती, इमारती एवं बांस के पौधों का वृक्षारोपण कराने हेतु क्या श्रम मंत्री महोदय विचार करेंगे, जिससे श्रमिकों को भविष्य में फलदार पौधों से स्थायी रोजगार मिल सकेंगे? (घ) मध्यप्रदेश सरकार ने मनरेगा मदों से विगत वर्षों में हितग्राहियों के खेतों पर मिनी ऑर्चर्ड (फलदार वृक्षों का रोपण) तैयार किया था। जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में 2021-22 एवं 2022-23 में कितने काश्‍तकारों के यहां यह योजना लागू की गई है? अगर नहीं तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जुन्‍नारदेव विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण, सिंचाई, लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी, वन एवं विभागीय कार्यों एवं ठेकेदारों के द्वारा संपादित कार्यों में लगाये कम मजदूरी के भुगतान की शिकायत श्रम पदाधिकारी कार्यालय छिंदवाड़ा को प्राप्‍त नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) मनरेगा से संबंधित कम भुगतान संबंधी कोई भी शिकायत श्रम पदाधिकारी कार्यालय छिंदवाड़ा को प्राप्‍त नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी नहीं। श्रम विभाग द्वारा ऐसी कोई योजना संचालित नहीं है। (घ) श्रम विभाग द्वारा ऐसी कोई योजना संचालित नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

छानबीन समिति से प्रकरण की जांच

[राजस्व]

45. ( क्र. 609 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 749 दिनांक 21.12.2022 के उत्‍तर की कंडिका (ख) अनुसार राज्‍य स्‍तर से गठित छानबीन समिति के प्रतिवेदन के आधार पर ही नियमानुसार उचित कार्यवाही की जाना संभव होगा। राज्‍य स्‍तरीय छानबीन समिति से प्रकरण की जांच हेतु प्रस्‍ताव पत्र क्रमांक/वि.स/जाति प्रमाणपत्र/2022/520, दिनांक 13.12.2022 से आयुक्‍त अनुसूचित जाति विकास मध्‍यप्रदेश भोपाल को प्रेषित किया गया? यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त संबंध में अद्यतन स्थिति क्‍या हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या प्रश्‍न दिनांक तक आयुक्‍त अनुसूचित जाति विकास मध्‍यप्रदेश भोपाल द्वारा उक्‍त प्रकरण जांच हेतु छानबीन समिति को प्रस्‍तुत कर दिया गया है? यदि हाँ तो प्रस्‍ताव पत्र की छायाप्रति सहित बतावें। यदि नहीं तो कब तक प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत किया जावेगा? बतावें। (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये उक्‍त प्रकरण में त्‍वरित कार्यवाही के निर्देश प्रदान कर आवश्‍यक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कार्यवाही प्रचलन में है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) नरसिंहगढ़ जिला राजगढ़ के पत्र क्रमांक 2841 नरसिंहगढ़, दिनांक 26.12.2022 से प्रेषित प्रकरण छानबीन समिति को दिनांक 15.02.2023 को प्राप्‍त हुआ है, जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। निर्धारित प्रक्रिया अनुसार समिति के स्‍तर से प्रकरण जांच हेतु पुलिस अधीक्षक राजगढ़ को प्रेषित किया गया है, प्रति संलग्‍न परिशिष्‍ट '' अनुसार है। समिति के स्‍तर पर जांच की कार्यवाही प्रचलन में है। (ग) छानबीन समिति द्वारा सर्वोच्‍च न्‍यायालय तथा सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा तय प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जा रही है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "पंद्रह"

सिंचाई सुविधा से वंचित ग्रामों की जानकारी

[जल संसाधन]

46. ( क्र. 610 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ अंतर्गत पार्वती परियोजना के नहर कमाण्‍ड क्षेत्र में विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ के कौन-कौन से ग्राम प्रश्‍न दिनांक तक सम्मिलित हैं? (ख) क्‍या प्रश्‍नांश (क) वर्णित पार्वती परियोजना नहर कमाण्‍ड क्षेत्र से प्रश्‍न दिनांक तक आधे से अधिक ग्राम सिंचाई लाभ से वंचित हैं? यदि हाँ तो क्‍या विभाग द्वारा कमाण्‍ड क्षेत्र से वंचित शेष ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध करवाने हेतु कोई कार्ययोजना तैयार की गई है? यदि हाँ तो क्‍या? यदि नहीं तो क्‍यों?              (ग) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन कमाण्‍ड क्षेत्र से बाहर होकर सिंचाई से वंचित ग्रामों को कमाण्‍ड क्षेत्र में सम्मिलित करने हेतु कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्‍या और कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।        (ख) एवं (ग) वस्‍तुस्थिति यह है कि पार्वती परियोजना में जल की उपलब्‍धता के आधार पर 48000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना प्रस्‍तावित है। वंचित ग्रामों के लिये अतिरिक्‍त जल की उपलब्‍धता जलाशय में नहीं होने के कारण कोई कार्ययोजना विचाराधीन नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सोलह"

फसलों की क्षति हेतु राहत राशि की स्वीकृति‍

[राजस्व]

47. ( क्र. 617 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या RBC 6-4 के निर्धारित मापदंडों के अनुसार फसल क्षति के लिए राहत राशि का आवंटन राहत आयुक्त द्वारा अनुमति देकर किया जाता है? यदि हाँ, तो विगत कमलनाथ सरकार द्वारा फसलों की क्षति के लिए 25% प्रथम किश्त के रूप में राहत राशि किसानों को दी गयी थी? यदि हाँ, तो राहत राशि की शेष 75% राशि किसानों को वर्तमान सरकार क्यों नहीं दे रही है? (ख) कमलनाथ सरकार द्वारा दी गयी 25% के अलावा शेष 75% स्वीकृत राशि का आपकी सरकार ने क्या किया? स्वीकृत 75% राहत राशि कब तक किसानों के खातों में पंहुचाई जाएगी? (ग) वर्ष 2022-23 में खरीफ व रबी की नष्ट फसलों के लिए उज्जैन जिले में कितनी राहत राशि स्वीकृत की गई है? यदि की गयी है तो तहसीलवार वितरित राहत राशि का ब्यौरा देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) गैर केन्‍द्रीकृत योजना शीर्षों में राहत आयुक्‍त के अनुमोदन उपरांत जिलों को आवंटन प्रदान किया जाता है। मानसून वर्ष 2019 के दौरान प्रदेश में बाढ़/अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के लिये रू. 10.00 करोड़ से अधिक फसल क्षति वाले जिलों को 25% प्रथम किश्‍त वितरित की गई थी। शेष 75 प्रतिशत राहत राशि तत्‍समय वितरित नहीं की गयी थी। प्रति वर्ष एस.डी.आर.एफ. में उपलब्‍ध आवंटन अनुसार राशि वितरित की जाती है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) उज्‍जैन जिले में वर्ष 2022-23 में खरीफ व रबी फसल प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावित नहीं होने से राहत राशि स्वीकृत नहीं की गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नाबार्ड के सहयोग से निर्मित वेयर हाउस/गोडाउन का उपयोग

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

48. ( क्र. 625 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में नाबार्ड के सहयोग से वेयर हाउस/गोडाउन बनाये जाने हेतु क्या मापदण्ड/प्रक्रिया है? नाबार्ड के सहयोग से प्रदेश में कितने वेयर हाउस/गोडाउन बने हुये हैं? उनकी संख्या, स्टोरेज केपेसिटी कहाँ-कहाँ पर स्थित है? जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या प्रदेश में नाबार्ड के सहयोग से निर्मित छोटे वेयर हाउस/गोडाउन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एम.एस.एम.ई.) में रजिस्टर्ड हैं? यदि हाँ, तो सरकार ने उनके सहयोग के लिये पृथक से कोई पॉलिसी बनायी है? यदि हाँ, तो क्या? प्रारूप उपलब्ध करायें। (ग) क्या प्रदेश में स्थित समस्त वेयर हाउस/गोडाउन में भण्डारण हेतु सरकार द्वारा कोई पॉलिसी बनायी है? यदि हाँ, तो पॉलिसी का प्रारूप उपलब्ध करायें। (घ) क्या प्रदेश में किसी कॉर्पोरेट हाउस द्वारा प्रथक से भण्डारण इकाई स्थापित की है? यदि हाँ, तो किस-किस ने और कहाँ-कहाँ पर? उसकी भण्डारण क्षमता कितनी है? क्या प्रदेश सरकार का इनके साथ अनुबंध हुआ है? यदि हाँ, तो अनुबंध की कॉपी उपलब्ध करायें। (ड.) प्रदेश सरकार द्वारा नाबार्ड के सहयोग से बने वेयर हाउस/गोडाउन एवं कॉर्पोरेट हाउस द्वारा बनाये गये वेयर हाउस/गोडाउन का उपयोग करने पर उन्हें किस दर से भुगतान किया जाता है? पिछले पांच वर्षों में वेयर हाउस/गोडाउन एवं कॉर्पोरेट हाउस को कितनी राशि भुगतान की गई? क्या लॉस और गेन उनसे लिया जा रहा है? यदि हाँ, तो विवरण दें। यदि नहीं, तो किस कारण? जिलेवार जानकारी दें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उक्‍त प्रश्‍न विभाग से संबंधित नहीं है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी हाँ। संयुक्‍त भागीदारी योजना (JVS) के तहत गोदाम किराये पर लिये जाते है। पॉलिसी प्रारूप की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' (रबी उपार्जन) एवं '''' (खरीफ उपार्जन) अनुसार है। (घ) जी हाँ। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। कॉर्पोरेट हाउस से स्‍टील सायलों के अनुबंध निष्‍पादित किये हुये है अनुबंध की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ड.) कॉर्पोरेट हाउस द्वारा स्‍थापित स्‍टील सायलों भुगतान के दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। पिछले पांच वर्षों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। स्‍टील सायलों के अनुबंध में लॉस/गेन का प्रावधान नहीं है।

मृतक के परिवारों को अनुग्रह सहायता योजना का लाभ

[श्रम]

49. ( क्र. 639 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या ''मुख्यमंत्री जनकल्याणकारी नया सवेरा योजना'' का नाम ही मुख्यमंत्री जनकल्याणकारी संबल योजना है? (ख) यदि हाँ तो म.प्र. में मुख्यमंत्री जनकल्याणकारी नया सवेरा योजनांतर्गत जून 2019 से सितम्बर 2019 तक मृतक के परिवारों को अनुग्रह सहायता योजना का लाभ क्यों नहीं दिया गया जबकि मृतकों का प्रकरण योजना के पोर्टल पर स्वीकृत है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। ''मुख्यमंत्री जनकल्याणकारी नया सवेरा योजना'' नाम से कोई योजना नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वन्य प्राणियों द्वारा जनहानि एवं फसल हानि की रोकथाम

[वन]

50. ( क्र. 640 ) डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) वन्य प्राणियों द्वारा फसलों के नुकसान के बचाव के लिये विभाग की क्या नीति है? (ख) क्या फसलों की नुकसानी का आकलन कर मुआवजा दिया जाता है? यदि हाँ, तो कितना? (ग) वन्य प्राणियों द्वारा किसी व्यक्ति को खेत में कार्य करते समय हमला होने की स्थिति में उस दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति के लिये विभाग द्वारा क्या मदद की जाती है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वन्य प्राणियों से फसल हानि को रोकने हेतु मध्‍यप्रदेश शासन, वन विभाग द्वारा फसल हानि करने वाली नीलगायों एवं जंगली सुअरों को मारने की अनुमति देने हेतु क्रमश: वर्ष 2000 एवं 2003 में समस्‍त जिलों के उप खण्‍डाधिकारी, राजस्‍व विभाग को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्‍त किया गया है। इसके अतिरिक्‍त कुछ संरक्षित क्षेत्रों से खेतों की ओर वन्‍य जीवों के आगमन को रोकने हेतु गेमप्रूफ वॉल (वन्‍य जीव अवरोधक दीवार) का निर्माण कराया गया है। फसल नुकसानी पर मुआवजा देने का प्रावधान है। (ख) जी हाँ। प्रश्‍नांश की शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) वन्‍य प्राणी द्वारा जनहानि/जन घायल/पशुहानि करने पर वन विभाग द्वारा दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है।

लघु सिंचाई योजनाओं का निर्माण

[जल संसाधन]

51. ( क्र. 649 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या खरगोन जिले में लघु सिंचाई योजनाओं की कोई कार्ययोजना बनाई गई है? यदि हाँ तो कितने तालाबों का निर्माण कब तक किया जाना प्रस्तावित था? (ख) खरगोन जिले में विभाग के कितने तालाब निर्मित हैं? क्या डी.पी.आर. अनुसार उक्त तालाबों में जल का भराव हो रहा है? यदि हाँ तो प्रस्तावित सिंचाई रकबे की सिंचाई हो रही है? नहीं तो क्यों? (ग) कितनी योजनाएं शासन स्तर पर डूब क्षेत्र में वन भूमि आने की वजह से लम्बित हैं? लम्बित योजनाओं का निराकरण कब तक प्रस्तावित है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।        (ग) शासन स्‍तर पर प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु कोई प्रस्‍ताव लंबित नहीं है। वनभूमि से प्रभावित प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त परियोजनाओं की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। निराकरण हेतु निश्चित समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

जिला खनिज मद से प्राप्‍त राजस्‍व का उपयोग

 [खनिज साधन]

52. ( क्र. 656 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतना जिले में जिला खनिज मद से पिछले 4 वर्षों में कितना राजस्व म.प्र. सरकार को प्राप्त हुआ है? जो राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ है वह किन-किन क्षेत्रों/विभागों में उपयोग किया जा रहा है? उसकी कितनी राशि नगर पालिक निगम एवं सतना विधानसभा की पंचायतों में व्यय की गयी है एवं किन-किन विकास कार्यों में लगाया गया है? (ख) पिछले 4 वर्षों में खनिज मद से कितने कार्य आवंटित हुए हैं? आवंटित कार्यों की स्थिति क्या है? यदि सभी कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं तो कब तक होंगे? (ग) वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिला खनिज मद से कुल प्रस्तावित कार्यों में से कितने कार्य पूर्ण हो चुके हैं एवं कितने शेष है? शेष कार्य में विलम्ब का कारण क्या है? विलम्ब के दोषी अधिकारी/कर्मचारी कौन हैं? (घ) क्या डी.एम.एफ. की राशि सम्बन्धित क्षेत्र और वहां के निवासियों की सुख-सुविधा और आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर खर्च की जा रही? क्या अफसरों के चेम्बर बनाए और सजाए जा रहे हैं या पार्कों का सौंदर्यीकरण कर डी.एम.एफ. की राशि का दुरूपयोग किया जा रहा है? (ङ) क्या जिला खनिज मद की राशि का उपयोग क्षेत्र की जनता की मूलभूत सुविधा रोड, नाली, बिजली, पानी जैसे अन्य विकास कार्यों में किया जा रहा है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार अवधि में जिले में रूपये 879.16 करोड़ खनिज राजस्‍व तथा रूपये 34.57 करोड़ मध्‍यप्रदेश ग्रामीण अवसंरचना तथा सड़क विकास मद में प्राप्‍त हुए। यह राशि राज्‍य की संचित निधि में जमा होती है, इसके अलावा जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में राशि रूपये 250.01 करोड़ प्राप्‍त हुए हैं। जिसका उपयोग शासन स्‍तर से विभिन्‍न विकास कार्यों तथा खनन प्रभावित क्षेत्रों में नियमानुसार किया जाता है। प्रश्‍नांश अनुसार नगर पालिका निगम एवं सतना विधानसभा की पंचायतों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद से राशि आवंटित/व्‍यय की गई है, विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) आवंटित कार्य एवं उनकी स्थिति का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट में दर्शित है। (ग) स्‍वीकृत किये गये एवं पूर्ण हुए तथा प्रगतिरत कार्यों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। कार्यों में विलंब की स्थिति न होने से प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) डी.एम.एफ. की राशि न्‍यास मंडल के अनुमोदन उपरांत जिला खनिज प्रतिष्‍ठान के नियमों में उल्‍लेखित प्रावधान अनुसार व्‍यय किया जा रहा है। (ड.) जी हाँ।

परिशिष्ट - "सत्रह"

नहर निर्माण कार्य की स्थिति

[जल संसाधन]

53. ( क्र. 657 ) श्री सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रामपुर बाघेलान विधासनभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत कोरिगवां, रिमार, ऐरा सहित आस-पास के गांवों में नहर निर्माण का कार्य क्यों रोका गया है? नहर निर्माण अवरुद्ध करने के दोषी कौन हैं? दोषियों पर क्या कार्यवाही होगी? (ख) बाणसागर परियोजना अन्तर्गत सतना विधानसभा के किन-किन ग्राम पंचायतों में विगत 5 वर्षों में कोलाबा निर्माण कार्य कितने कि.मी. का कराया गया? कोलाबा निर्माण की क्या गुणवत्ता है? क्या वर्तमान में किसानों के खेतों तक पानी पहुंच रहा है? (ग) सतना विधानसभा क्षेत्र में कितनी ग्राम पंचायतों में और कितने कि.मी. की माइनर नहर निर्माण का कार्य प्रस्तावित है? कब तक कार्य शुरू होगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वस्‍तुस्थिति यह है कि रामपुर बाघेलान विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत कोरिगवां, रिमार, ऐरा सहित आस-पास के गांवों में बहुती नहर प्रणाली के अन्तर्गत बेला डिस्ट्रीब्‍यूटरी नहर का निर्माण कार्य प्रस्तावित था परन्तु संबंधित एजेन्सी के कार्य की गति अत्यन्त धीमी गति होने के कारण अनुबंध विखंडित किया गया, जिसके कारण कार्य रुका। इसके बाद अवशेष कार्यों को पूर्ण करने हेतु निविदा आमंत्रित की गई थी, परन्तु पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त न होने से निविदा की कार्यवाही पूर्ण नहीं हो पाई थी। बाणसागर नहर यूनिट क्र. 2 की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृत शासन द्वारा दिनांक 08.08.2022 को राशि रु. 4977.88 करोड़ की प्रदान की गई। वर्तमान में निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। निविदा स्वीकृति उपरांत उक्त ग्रामों में नहर निर्माण का कार्य प्रारंभ कराया जाना संभव होगा। अतः किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। (ख) बाणसागर परियोजना अन्तर्गत सतना विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में विगत पांच वर्षों में वॉटर कोर्स/फील्ड चैनल के निर्माण के साथ 49 नग कोलाबा लगाये गये हैं, जिनसे किसानों के खेत में पानी पहुंच रहा है तथा निर्माण कार्य गुणवत्‍तापूर्ण होना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) सतना विधान सभा क्षेत्र के किसी भी ग्राम पंचायत में माइनर नहर का निर्माण कार्य प्रस्तावित नहीं होने से निर्माण कार्य शुरू कराने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "अठारह"

नामांतरण/बंटवारा के प्रकरण

[राजस्व]

54. ( क्र. 663 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र बिछिया में नामांतरण/बंटवारा के             किस-किस ग्राम में कितने-कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) उपरोक्त में से ऐसे कितने प्रकरण हैं जो दो माह या इससे अधिक अवधि से लंबित हैं? (ग) क्या शासन नामांतरण/बंटवारा के सभी प्रकरणों के निपटारे के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विधानसभा बिछिया अंतर्गत विगत 3 वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विभागीय पोर्टल RCMS में 02 वर्ष से लेकर 05 वर्ष तक लंबित प्रकरणों की संख्‍या निरंक है। (ख) विधानसभा बिछिया अंतर्गत विभागीय पोर्टल RCMS में नांमातरण प्रकरण में कुल 1093 प्रकरण और बंटवारा में 261 प्रकरण 02 माह से अधिक समय-सीमा से लंबित हैं। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ग) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवादित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में निराकरण किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।

धारणाधिकार योजना अंतर्गत पट्टा/भूमि स्वामित्व का अधिकार

[राजस्व]

55. ( क्र. 675 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि        (क) जिला राजगढ़ की विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत नगरीय क्षेत्र के आबादी भूमि में निवासरत परिवारों को धारणाधिकार के संबंध में कार्यवाही कर पट्टा भूखंड प्रदाय करने के शासन के नियम हैं? यदि हाँ तो नगर सारंगपुर के कितने-कितने आवेदन प्राप्त कर सक्षम अधिकारियों के द्वारा सर्वे कराया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार ऐसे कितने आवेदकों से आवेदन प्राप्त किया जाकर आवेदकों को भू-स्वामित्व/पट्टा जारी किया गया है? यदि नहीं किया गया तो कब तक प्रक्रिया पूर्ण कर वितरण किया जावेगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार क्या पात्र हितग्राहियों के आवेदन की प्रक्रिया में छूट जाने की स्थिति में पुनः आवेदकों से आवेदन लेकर सर्वे कराया जावेगा तथा पट्टा भूमि स्वामित्व का अधिकार दिया जाएगा? यदि नहीं तो क्यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। नगर सांरगपुर के धारणाधिकार योजना अंतर्गत कुल 483 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें सर्वे कराया जाकर अग्रिम कार्यवाही प्रचलित है। परिपत्र की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार नगर सांरगपुर के कुल 483 आवेदन प्राप्त हुये, जिनमें से 05 हितग्राहियों को भूमि स्वामित्व/पट्टा जारी किया गया है। 328 आवेदकों के आवेदन पत्र अपात्रता की श्रेणी में आने के फलस्वरूप निरस्त किये गये तथा शेष 155 आवेदकों के प्रकरण विचाराधीन है। (ग) आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की प्रक्रिया सतत रूप से जारी है। ऐसे हितग्राही जो आवेदन प्रक्रिया से छूट गये हैं उन्‍हें भी विहित प्रक्रियानुसार आवेदन करने की वर्तमान में पात्रता है।

राज्य बांस मिशन योजनांतर्गत अनुदान राशि में अनियमितता

[वन]

56. ( क्र. 676 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला राजगढ़ अंतर्गत राज्य बांस मिशन की कृषि क्षेत्र में बांस रोपण योजनान्तर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना-कितना आवंटन प्राप्त हुआ? वर्षवार आवंटन की जानकारी से अवगत करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जिला राजगढ़ में बांस रोपण हेतु हितग्राहियों को पात्रता क्या है?       किन-किन हितग्राहियों को कितनी-कितनी मात्रा में बांस रोपण का कार्य किया गया? कृषकवार, ग्रामवार, बांस रोपित बांस की संख्या तथा अनुदान की राशि की जानकारी से अवगत करावें।       (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कृषकों को अनुदान देने की प्रक्रिया क्या है? विस्तृत विवरण से अवगत करावें। क्या जिला अंतर्गत हितग्रहियों को अनुदान प्रदान करने में पक्षपात किया गया है? यदि हाँ तो दोषी अधिकारियों के विरुद्ध क्या कार्यवाही की जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राष्‍ट्रीय राज्‍य बांस मिशन की कृषि क्षेत्र में बांस रोपण योजना अंतर्गत वर्ष 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक राजगढ़ वनमंडल को किया गया वर्षवार बजट आवंटन निम्‍नानुसार है :-

क्र.

वर्ष

आवंटित राशि (रू.)

1

2019-20

300000

2

2020-21

272688

3

2021-22

88200

4

2022-23 (प्रश्‍न दिनांक तक)

540000

(ख) बांस रोपण हेतु हितग्राहियों की पात्रता निम्‍नानुसार है (1) आवेदक कृषक की स्‍वयं के नाम पर कृषि भूमि होना चाहिए। (2) वनमंडलाधिकारी को आवेदन कर अनुमति प्राप्‍त करने के बाद राज्‍य बांस मिशन से एक्रीडिटेड रोपणी या भारत सरकार के बायोटेक्‍नालॉजी विभाग से NCS-TCP प्रमाण पत्र प्राप्‍त टिशु कल्‍चर लैब से ही बांस के पौधे क्रय कर रोपित करने चाहिए। कृषकवार, ग्रामवार, रोपित बांस की संख्‍या एवं अनुदान राशि की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट '' अनुसार है।          (ग) प्रश्‍नांश के प्रथम भाग की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-ब अनुसार है। राजगढ़ वनमंडल अंतर्गत हितग्राहियों को नियमानुसार एवं पात्रतानुसार क्षेत्रीय अधिकारियों से प्राप्‍त निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर अनुदान का भुगतान सुनिश्चित किया गया है, जिसमें किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं किया गया है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "उन्नीस"

उचित मूल्य राशन दुकानों का संचालन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

57. ( क्र. 688 ) इंजीनियर प्रदीप लारिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) शासकीय उचित मूल्य राशन दुकान नगरीय क्षेत्र में स्थापित किये जाने के क्या प्रावधान हैं?      (ख) क्या नगर पालिका परिषद् मकरोनिया एवं नगर परिषद् कर्रापुर में शासन के नियम/प्रावधान अनुसार उचित मूल्य राशन दुकानें स्थापित/आवंटित हैं? (ग) नगर पालिका परिषद् मकरोनिया एवं नगर परिषद् कर्रापुर में किन-किन वार्ड/स्थानों पर उचित मूल्य दुकान स्थापित/संचालित हैं? उपभोक्ताओं की संख्या सहित जानकारी देवें। (घ) यदि उचित मूल्य शासकीय राशन दुकानें नियम/प्रावधान अनुसार स्थापित नहीं हैं एवं उपभोक्ताओं की संख्या अधिक है तो क्या शासन नगर पालिका परिषद् मकरोनिया एवं नगर परिषद् कर्रापुर में नवीन उचित मूल्य की दुकान स्थापित करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) नगरीय क्षेत्र में उचित मूल्‍य दुकानों की अधिकतम संख्‍या की गणना सुनिश्चित करने के लिये उस नगरीय क्षेत्र के पात्र परिवारों की कुल संख्‍या में 800 से भाग दिया जाता है। भाग देने के पश्‍चात् आने वाली संख्‍या से अधिक दुकानें नहीं खोली जा सकती है। (ख) जी हाँ। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में दी गई जानकारी अनुसार प्रश्‍नांकित नगरीय निकायों में नियमानुसार उचित मूल्‍य की दुकानें आवंटित हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "बीस"

शासकीय भूमि को निजी हाथों में सौंपा जाना

[राजस्व]

58. ( क्र. 691 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 543, दिनांक 21 दिसम्‍बर 2022 के प्रश्‍नांश (क) में प्रश्‍नाधीन जमीन के संदर्भ में उच्च न्यायालय में, उच्चतम न्यायालय में अपील हेतु विधि एवं विधायी कार्य विभाग को प्रकरण भेजा गया या नहीं? यदि भेजा गया तो उसकी दिनांक बताएं तथा राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति 2011 तथा आदेश 2018 की प्रति देवें। (ख) दो हजार करोड़ की शासकीय जमीन निजी नाम पर कर देने के किसी फैसले पर अगले सक्षम न्यायालय में अपील न करने संबंधी निर्णय क्या कलेक्टर द्वारा लिया गया? यदि हाँ तो उससे संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (ग) प्रश्‍न क्रमांक 543 के प्रश्‍नांश (घ) में उल्लेखित माननीय उच्चतम न्यायालय तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति उपलब्ध कराई जाए। (घ) प्रश्‍न क्रमांक 847 दिनांक 27 जुलाई 2022 में अभिलेख नहीं मिलने का उल्लेख क्यों किया गया था? दो हजार करोड़ की शासकीय जमीन के संदर्भ में अगले सक्षम न्यायालय में अपील न की जाए इस संदर्भ में निर्णय किसके द्वारा लिया गया?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नाधीन जमीन के संदर्भ में उच्च न्यायालय में, उच्चतम न्यायालय में अपील हेतु विधि एवं विधायी कार्य विभाग को प्रकरण भेजा गया था। तत्‍पश्‍चात प्रश्‍नाधीन भूमि को लेकर माननीय उच्च न्यायालय खण्डपीठ इन्दौर में रेवेन्यू बोर्ड के आदेश को चुनौती दी गई थी। इसी प्रकार माननीय उच्च न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 4685/14 में पारित आदेश के विरूद्ध शासन द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय में एस.एल.पी. क्रमांक 15378-15379/2016 प्रस्तुत की गई थी। राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार याचिका एवं अपील प्रस्तुत की गई जिसका उल्लेख प्रश्‍न क्रमांक 543, 847, 988 में किया गया है। (ग) प्रश्‍न क्रमांक 543 के प्रश्‍नांश (घ) में उल्लेखित माननीय उच्चतम न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है। (घ) प्रश्‍न क्रमांक 847 दिनांक 27 जुलाई 2022 में उत्‍तर तत्‍समय उपलब्‍ध अभिलेख के आधार पर दिया गया था, प्रश्‍न क्रमांक 847 के प्रश्‍नांश '' में अगले सक्षम न्यायालय यथा माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील प्रस्तुत करने संबंधी जानकारी विधानसभा के पूर्व सत्र जुलाई 2022 के उत्‍तर में दी जा चुकी है। प्रश्‍न क्रमांक 847 के जवाब की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

उपार्जन केन्द्रों पर तोले गए गेहूँ की जानकारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

59. ( क्र. 692 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्‍जैन संभाग अन्‍तर्गत वर्ष 2016 से 2022 तक प्रदेश में कितने उपार्जन केंद्रों पर      कितने-कितने कृषकों से कितना गेहूँ किस दर से क्रय किया गया तथा कुल कितना भुगतान किया गया? जिलेवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित गेहूँ की क्रय राशि, परिवहन व्यय, गोडाउन व्यय, हम्माली, बारदाना एवं अन्य प्रशासनिक व्यय कितना-कितना है? सभी व्यय की अलग-अलग जानकारी दें। (ग) वर्ष 2021 और 22 में कितना गेहूँ किस दर से किस देश में निर्यात किया गया? क्या इस हेतु किसी को कमीशन/दलाली दी गई? यदि हाँ, तो नाम तथा राशि बताएं।        (घ) खरीदे गए गेहूँ के निस्तारण हेतु सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्यान्ह भोजन योजना, पूरक पोषण आहार योजना, कल्याणकारी योजना, दीनदयाल रसोई योजना तथा केंद्रीय पूल अतिशेष मात्रा का परिदान कितना-कितना किया गया तथा उसके उपरांत कितना शेष बचा? कितना गेहूँ निम्न गुणवत्ता का हो गया, उसे किस दर से किस मात्रा में किसे बेचा गया?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) उज्‍जैन संभाग में वर्ष 2016 से 2022 तक समर्थन मूल्‍य पर गेहूँ उपार्जन हेतु स्‍थापित केन्‍द्र, उपार्जित मात्रा, विक्रेता कृषक, क्रय मूल्‍य एवं भुगतान की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है। (ख) वर्ष 2016 से 2022 तक समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ पर भुगतान की गई समर्थन मूल्‍य की राशि, परिवहन व्‍यय, गोडाउन व्‍यय, हम्‍माली, बारदाना, अन्‍य प्रशासकीय व्‍यय की जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है। (ग) गेहूँ के निर्यात मात्रा एवं देश की जानकारी विभाग द्वारा संधारित न की जाकर भारत सरकार के वाणिज्यिक एवं सांख्‍यिकी महानिदेशालय द्वारा संधारित की जाती है, इस कारण जानकारी उपलब्‍ध कराया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) उज्‍जैन संभाग में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ में से सार्वजनिक वितरण प्रणाली, मध्यान्ह भोजन योजना, पूरक पोषण आहार योजना, कल्याणकारी योजना, दीनदयाल रसोई योजनांतर्गत गेहूँ की वितरण मात्रा, केंद्रीय पूल में परिदान एवं शेष मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार है। उज्‍जैन जिले में वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित गेहूँ में से 14518.77 मे.टन गेहूँ निम्‍न गुणवत्‍ता का पाया गया, जिसमें से 7593.73 मे.टन गेहूँ की डी.सी.सी. की जा चुकी है, जिसकी रिपोर्ट अपेक्षित है। निम्‍न गुणवत्‍ता के गेहूँ के निराकरण उपरांत ही विक्रय दर ज्ञात हो सकेगी।

नामांतरण प्रक्रिया में एकरूपता

[राजस्व]

60. ( क्र. 693 ) श्री राजेश कुमार प्रजापति : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला अनुविभाग छतरपुर में किन-किन तहसीलों में वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण आवेदन निरस्त किए गए हैं? उल्लेख करें। (ख) क्या उक्त नामांतरण आवेदनों को शासन के नियम व निर्देशों के तहत ही निरस्त किए गए थे? यदि हाँ तो निरस्त आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों कारण स्पष्ट करें। क्या शासन नामांतरण आवेदनों को निरस्त करने वाले अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के आदेश जारी करेगा? यदि नहीं तो कारण स्पष्ट करें।      (ग) उक्त आदेशों में से किन-किन आदेशों को अपीलीय अधिकारी द्वारा अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को निरस्त किया गया है? अपीलीय अधिकारी के आदेशों की प्रति उपलब्ध करावें। (घ) क्या सुनील वर्मा तहसीलदार द्वारा हल्का मोजा छतरपुर में 1939-40, बगौता में 1943-44 एवं अन्य हल्का मौजों में 1958-59 की खसरा की नकल पर एवं अन्य रिकॉर्ड के आधार पर ही नामांतरण किए जाते हैं? (ड.) क्या नामांतरण प्रक्रिया में एक ही प्रकार का रिकॉर्ड संधारित करने का करने के नियम एवं निर्देश हैं? यदि हाँ तो क्यों? उक्त तहसीलदार द्वारा किस नियम के तहत अलग-अलग हल्का मौजों में अलग-अलग प्रकार की नकलों के आधार पर ही नामांतरण किया जाता है? उल्लेख कर कारण स्पष्ट करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिला छतरपुर अनुभाग छतरपुर की तहसील छतरपुर/तहसील छतरपुर नगर अन्तर्गत वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक नामान्‍तरण आवेदन निरस्‍त किये गये हैं। आवेदन नियमानुसार नहीं होने अथवा दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत न करने के आधार पर ही निरस्त किए गए हैं। (ख) उक्‍त नामान्‍तरण आवेदन मध्यप्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 109 के तहत विधिवत प्रावधान अनुसार निरस्‍त किये गये हैं। चूंकि शासन के आदेशानुसार राजस्‍व न्‍यायालय द्वारा पारित सभी आदेश आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं, जिसमें केवल निराकृत प्रकरणों के अपलोड आदेशों का विवरण प्रदर्शित होता है। आवेदन निरस्‍त का पृथक से कोई विवरण पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं होता है। वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक के प्रकरण निराकरण पश्‍चात अभिलेखागार में जमा होने से निरस्‍त आदेशों की प्रति सं‍कलित की जा रही है।          (ग) प्रश्‍नांकित अवधि तक 174 अपील प्रकरणों में अपीलीय अधिकारी द्वारा अधीनस्‍थ न्‍यायालय के आदेश निरस्‍त कर नामान्‍तरण किये गये हैं। वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक के प्रकरण निराकरण पश्‍चात अभिलेखागार में जमा होने से निरस्‍त आदेशों की प्रति सं‍कलित की जा रही है(घ) तहसीलदार सुनील वर्मा द्वारा हल्का बगौता, हल्का छतरपुर व अन्य हल्कों में मध्यप्रदेश             भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 के तहत विधिवत रूप से शासन हित की भूमियों को दृष्टिगत रखते हुए नामांतरण किए जाते हैं। (ड.) जी हाँ, नामांतरण प्रक्रिया में एक ही प्रकार का रिकॉर्ड संधारित करने के नियम एवं निर्देश हैं। तहसील छतरपुर नगर/तहसील छतरपुर अन्तर्गत तहसीलदार द्वारा मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 (4) के तहत विधिवत रूप से शासन हित की भूमियों को दृष्टिगत रखते हुए नियमानुसार अभिलेख व जाँच के आधार पर सभी पटवारी हल्कों में नामांतरण किए जा रहे हैं।

तहसील डबरा को जिला घोषित किया जाना

[राजस्व]

61. ( क्र. 696 ) श्री सुरेश राजे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) अनुविभाग/तहसील डबरा को जिला बनाने के नियम/आदेश/प्रावधान/मापदंड की सत्यापित प्रति उपलब्ध करावें। साथ ही जिला बनाने हेतु कितनी जनसंख्या, क्षेत्रफल, एक जिले से दूसरे जिले की दूरी से संबंधित नियम आदेश की प्रति उपलब्ध करावें l (ख) जिला ग्वालियर की तहसील/अनुविभाग डबरा को जिला बनाने हेतु क्षेत्रीय जनता एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा निरंतर मांग की जा रही है, भौगोलिक क्षेत्र की दृष्टि से सर्व सुविधायुक्त क्षेत्र होने तथा लगभग 500 हेक्टेयर शासकीय भूमि उपलब्ध होने एवं क्षेत्रीय जनसंख्या लगभग 7 लाख तथा आस-पास 50-60 किलोमीटर दूरी होने के साथ कब तक डबरा को जिला घोषित किया जावेगा? यदि नहीं घोषित होगा तो क्यों नहीं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) तहसील/अनुविभाग को जिला बनाये जाने हेतु निर्धारित प्रकिया है, जिसकी पूर्ति उपरां‍त किसी तहसील/अनुविभाग को जिला घोषित किया जाता है। प्रकरण से संबंधित कार्यवाही परीक्षणाधीन है, जिसके प्रकाश में निश्चित समय-सीमा निर्धारण में कठिनाई है।

कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं अंतर्गत संचालित केंद्र और अस्पताल

[श्रम]

62. ( क्र. 699 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश के कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं अंतर्गत संचालित केंद्र और अस्पताल में अनियमितता को लेकर कब-कब, किस-किस व्यक्ति ने, कहाँ-कहाँ, किस-किस के खिलाफ शिकायत की? शिकायतकर्ता का नाम तथा की गयी कार्यवाही से अवगत करायें। (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित उपरोक्त केंद्र और अस्पतालों में दवाई और उपकरण आदि क्रय करने के लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा MRP से कितनी कम दर पर क्रय करने का आदेश है? आदेश की प्रति देवें तथा स्वीकृत टेंडर आदेशों की वर्षवार प्रतियां भी देवें।                 (ग) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित उक्त अवधि में कैंसर, टी.बी., किडनी, लीवर की बीमारियों के इलाज में मरीज को लगने वाली मोनोपॉली/पेटेंट/जेनेरिक दवाइयां कितनी राशि‍ की क्रय की गयी? माहवार, जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित अस्पतालों में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ करने की अवधि क्या निर्धारित है? केंद्र से संचालनालय में पदस्थ अधिकारी, कर्मचारी के विगत 3 कार्य विभाजन के आदेशों की प्रतियां उपलब्ध करायें। संचालक एवं उप संचालक को कितनी राशि तक की दवाइयां, उपकरण आदि क्रय करने के क्या-क्या अधिकार हैं? (ड.) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित उल्लेखित अवधि में क्रय की गयी कितनी राशि की दवाइयां (मोनोपॉली/पेटेंट/जेनेरिक) की एक्सपायरी दिनांक क्रय दिनांक से 1 वर्ष के अन्दर की थी?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) कर्मचारी राज्य बीमा सेवायें म.प्र. में प्राप्त शिकायतों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) दवाई/उपकरण क्रय करने के लिए केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा दर निर्धारित संबंधी आदेश जारी नहीं किये गये हैं। अतः आदेश की प्रति का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। स्वीकृत टेंडर आदेशों की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। (ग) प्रश्‍नाश अवधि में कैंसर, किडनी की दवाइयां जो क्रय की गई हैं, उनकी माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-03 अनुसार है। (घ) मध्यप्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन विभाग के ज्ञाप क्रमांक 9789/3810/1 (2) दिनांक 09.12.64 द्वारा प्रतिनियुक्ति अवधि सामान्यतः 04 वर्ष निर्धारित है। संचालनालय में पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के कार्य विभाजन की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के              प्रपत्र-04 अनुसार है। संचालक एवं उप संचालकों को दवाइयां एवं उपकरण आदि क्रय करने के प्राप्त वित्तिय अधिकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-05 अनुसार है। (ड.) प्रश्‍नांश अवधि में क्रय की गई कोई भी दवाइयां एक्सपायरी क्रय दिनांक से एक वर्ष से अन्दर की नहीं थी।

आवंटित खदानों की जानकारी

[खनिज साधन]

63. ( क्र. 706 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से प्रश्‍न दिनांक तक उज्जैन जिले में कितनी मुरम एवं गिट्टी खदानें आवंटित की गई हैं? किसको और कितने-कितने क्षेत्रफल की खदानें आवंटित हैं? खदानों से कितनी रायल्टी का राजस्व प्राप्त हुआ है? वित्तीय वर्षवार एवं विधान सभावार जानकारी देवें। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) अनुसार आवंटित खदानों के क्षेत्रफल से अधिक का खनन किया गया है? यदि हाँ तो संबंधित खदान आवंटी पर क्या कार्यवाही की गई? क्या खदानों का निरीक्षण नियमित किया जाता है और कहाँ-कहाँ पर कौन-कौन निरीक्षक पदस्थ हैं? सूची देवें। क्‍या संबंधित निरीक्षकों के द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन दिये जाते हैं? उनके प्रतिवेदन की प्रतियां उपलब्ध करावें। संबंधित किस निरीक्षक के द्वारा लापरवाही की गई है? (ग) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में बतावें कि उज्जैन जिले की खदानों से गिट्टी, मुरम के परिवहन से कहाँ-कहाँ के रोड एवं पहुँच मार्ग क्षतिग्रस्त हुए हैं और उनकी मरम्मत का कार्य क्यों नहीं कराया गया? क्या संबंधित खदानों के संचालक से क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत हेतु राशि वसूल कर इन मार्गों की मरम्मत शीघ्र कराई जा रही है? यदि हाँ तो कब तक और यदि नहीं तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है। (ख) जी नहीं। उत्‍तरांश (क) अनुसार आवंटित खदानों में स्‍वीकृत रकबा से अधिक क्षेत्र पर खनन किये जाने संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। जी हाँ। खदानों का निरीक्षण जिले में पदस्‍थ खनि निरीक्षकों क्रमश: श्री संजय सोलंकी एवं श्री आलोक अग्रवाल द्वारा किया जाता है। खनि निरीक्षकों द्वारा प्रस्‍तुत निरीक्षण प्रतिवेदनों की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार रोड एवं पहुँच मार्ग क्षतिग्रस्‍त होने जैसा कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। अत: प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

वनग्रामों को राजस्‍व ग्राम घोषित किया जाना

[वन]

64. ( क्र. 730 ) श्री सुदेश राय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला सीहोर के विकासखण्‍ड सीहोर अंतर्गत कुल कितने वन ग्राम वर्तमान में हैं? उनके पते सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में वन ग्राम होने से रहवासियों को शासन की मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, इस हेतु विभाग द्वारा इनको राजस्‍व ग्राम घोषित किये जाने हेतु क्‍या कार्यवाही की जा रही है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) वर्तमान में वनग्रामों में वन विभाग के नियमों एवं निर्देशों के अनुरूप शासन की मूलभूत सुविधाओं का लाभ दिया जा रहा है। म.प्र. शासन, जनजातीय कार्य विभाग, मंत्रालय भोपाल के ज्ञाप क्रमांक/एफ-232/ 2021/25-3/484, दिनांक 26.05.2022 से वन अधिकार अधिनियम, 2006 की धारा-3 (1) (ज) के तहत वनग्रामों को राजस्व ग्रामों में सम्परिवर्तन की कार्यवाही के संबंध में जारी निर्देश के अनुरूप वन विभाग, राजस्व विभाग एवं जनजातीय कार्य विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही की जा रही है।

परिशिष्ट - "इक्कीस"

पार्वती वृहद परियोजना अंतर्गत अधिग्रहित जमीन का मुआवजा

[जल संसाधन]

65. ( क्र. 731 ) श्री सुदेश राय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) जिला सीहोर के तहसील श्‍यामपुर में उक्‍त परियोजना अंतर्गत डूब में आने वाले 19 गांवों में से कितने गांवों में भूमि का विधिवत अधिग्रहण कर कृषकगणों को मुआवजा राशि का प्रदाय किया गया है तथा कितने को भुगतान किया जाना शेष है? ग्रामवार सूची उपलब्‍ध करावें। (ख) क्या कृषकगणों की सिंचित भूमि को असिंचित बताकर मुआवजा राशि का निर्धारण किया गया है? उसका आधार क्‍या है? यदि भूमि सिंचित है तो कृषकगणों को होने वाली आर्थिक हानि के लिए कौन जिम्‍मेदार है? इस त्रुटि को सुधार करने के लिए विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की जा रही है तथा पुन: निर्धारण कर कृषकगणों को उनकी राशि का भुगतान कब तक कर दिया जावेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) पार्वती परियोजना के डूब क्षेत्र से प्रभावित जिला सीहोर के तहसील श्यामपुर के 19 ग्राम न होकर 20 गांव प्रभावित होना प्रतिवेदित है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। मूल अवार्ड के बाद राजस्व रिकार्ड में सुधार उपरांत कुल 20 ग्रामों में से 15 ग्रामों में छूटे हुये प्रभावित रकबे एवं परिसम्पत्ति के अर्जन हेतु लगभग 461 कृषकों के अनुपूरक प्रकरण पुनः बनाये गये एवं इनके अवार्ड की कार्यवाही प्रक्रियाधीन होना प्रतिवेदित है। (ख) वस्‍तुस्थिति यह है कि सिंचित एवं असिंचित भूमि का निर्धारण राजस्व विभाग के अमले द्वारा अभिलेखों एवं स्थल निरीक्षण के उपरांत किया जाकर कलेक्‍टर/भू-अर्जन अधिकारी द्वारा अवार्ड पारित किया जाता है। यदि कोई कृषक पारित अवार्ड से असंतुष्‍ट रहता है तो वह नियमों के तहत रिफरेंस न्‍यायालय में जा सकता है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बाईस"

वृक्षारोपण की भूमि का व्‍यवसायिक उपयोग हेतु आवंटन

[राजस्व]

66. ( क्र. 737 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्‍डेकर : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर के तहसील नेपानगर अंतर्गत ग्राम डवालीखुर्द में स्थित वृक्षारोपण की भूमि जिसका पटवारी हल्‍का नं. 24 के राजस्‍व अभिलेख में वृक्षारोपण दर्ज होगा, को पड़त भूमि बताकर व्‍यवसायिक उपयोग हेतु निजी संस्‍था को आवंटित की गई है? यदि हाँ तो आवंटन आदेश की प्रति उपलब्‍ध करायें। (ख) यदि उक्‍त भूमि निजी संस्‍था को आंवटित की गई है, तो संस्‍था के रजि‍स्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र की छायाप्रति एवं संस्‍था के अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष, कोषाध्‍यक्ष एवं सदस्‍यों के नाम एवं पते उपलब्‍ध करायें एवं संस्‍‍था के जनकल्‍याणकारी उद्देश्‍य एवं शासन द्वारा भूमि किस उद्देश्‍य हेतु आवंटित की गई है? भूमि आवंटन के उद्देश्‍य की प्रति भी उपलब्‍ध करायें। (ग) यदि शासन द्वारा उक्‍त जिले एवं ग्राम के उपरोक्‍त भूमि के साथ-साथ अन्‍य शासकीय भूमि भी किसी निजी संस्‍था को आवंटित की गई है, तो उस भूमि का रकबा एवं किस संस्‍था को आवंटित की गई है? संस्‍था का नाम एवं संस्‍था के समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रतियां उपलब्‍ध करायें। यदि कोई लीज एग्रीमेंट कराया था तो एग्रीमेंट की प्रति उपलब्‍ध करायें। (घ) क्‍या उक्‍त भूमि पर जिला पंचायत बुरहानपुर के आदेश क्रमांक 4402/MGNRES-MP/दिनांक/04/10/2011 के तहत 11407 पौधे नर्मदा निमाड़ विकास संस्‍थान, खरगोन द्वारा 43.73 लाख के रोपित किये गये थे, उन पौधों को लगातार 5 वर्ष तक जीवित रखने की जिम्‍मेदारी भी थी, जिसका उल्‍लेख हल्‍का पटवारी द्वारा आवंटन की प्रक्रिया में भी किया गया होगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) ग्राम डवालीखुर्द में पटवारी ह.नं. 24 की निजी संस्‍था को आवंटित की गई भूमि में संस्‍था का रजिस्‍ट्रेशन प्रमाण पत्र की छायाप्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है तथा संस्‍था को आवंटित भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्राम डवालीखुर्द में पटवारी ह.नं. 24 की अन्‍य शासकीय भूमि को किसी निजी संस्‍था को आवंटित की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। लीज एग्रीमेंट पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (घ) जी हाँ। अनुबन्ध की शर्त क्रमांक 17 अनुसार स्वीकृत कार्य पूर्ण होने तक कार्य संबंधी सम्पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित क्रियान्वित एजेन्सी की थी। कार्य पूर्ण होने के उपरान्त इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी संबंधित ग्राम पंचायत की होने का प्रावधान था।

राजस्‍व रिकार्ड में सुधार

[राजस्व]

67. ( क्र. 756 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) क्‍या भू-अभिलेखों के कम्‍प्‍यूटरीकृत राजस्‍व रिकार्ड जैसे खसरा आदि में वक्‍फ सम्‍पत्ति अहस्‍तांतरणीय के स्‍थान पर म.प्र. शासन तथा अन्‍य भू-स्‍वामियों के नाम दर्ज हो गये हैं? (ख) क्‍या इसमें संशोधन हेतु मंत्रालय में आयोजित दिनांक 28.01.2020 की बैठक में हुये निर्णय अनुसार सुधार हेतु वक्‍फ बोर्ड द्वारा रिकार्ड राजस्‍व विभाग को सौंपा जा चुका है? (ग) यदि हाँ तो प्रदेश में कुल कितनी प्रविष्टियों में यह त्रुटियां पाई गई हैं? शासन द्वारा इस दिशा में प्रश्‍न दिनांक की स्थि‍ति में क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों? कार्यवाही में विलम्‍ब के क्‍या कारण हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–1 अनुसार(ख) जी हाँ। (ग) जिलेवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–2 अनुसार

रिक्‍त पदों की पूर्ति

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

68. ( क्र. 757 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) खाद्य विभाग में संवर्गवार कितने पद स्‍वीकृत हैं तथा स्‍वीकृत पद के विरूद्ध कितने पद भरे हुए हैं? नाम व पद सहित जिलेवार बतावें। (ख) क्‍या विभाग में स्‍वीकृत पद के विरूद्ध कुल 52 प्रतिशत अमला कार्यरत है? यदि हाँ, तो शेष पदों की पूर्ति करने की कार्यवाही कब तक कर ली जावेगी? क्‍या 52 प्रतिशत अमले के विरूद्ध 8 प्रतिशत अमला विभिन्‍न कारणों से निलंबित है?               (ग) यदि हाँ तो मात्र 42 प्रतिशत अमले के साथ विभाग कार्य कर रहा है जबकि विभाग जन सामान्‍य से जुड़ा विभाग है और शासन की महत्‍वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्‍वयन अमले की कमी के कारण समय पर व सही ढंग से क्रियान्‍वयन नहीं होने के चलते शासन इस ओर क्‍या तथा कब तक कार्यवाही करेगा? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में समय रहते जनहित को दृष्टिगत रखते हुए कार्यवाही लंबित रखने हेतु कौन-कौन जिम्‍मेदार है? उनके विरूद्ध क्‍या तथा कब तक कार्यवाही की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

श्रमिकों/आउटसोर्स कर्मचारियों के ठेकेदारों की जानकारी

[श्रम]

69. ( क्र. 765 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विभाग अंतर्गत कौन-कौन से अधिनियम, किस-किन कार्यों/संस्‍थाओं/फर्मों/कारखानों/श्रमिकों पर लागू हैं? संपूर्ण जानकारी दें। (ख) प्रदेश में संचालित आउटसोर्स कर्मचारियों के ठेकेदारों द्वारा आपके विभाग से अनुमति प्राप्‍त की गई है? यदि हाँ तो वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक गुना जिले के अन्‍तर्गत ठेकेदार का नाम, कंपनी/फर्म का नाम, कार्यालय का पता, मोबाइल नं. कब तक की अनुमति प्राप्‍त है? कितने श्रमिकों/आउटसोर्स कर्मियों के साथ पंजीकृत हैं? कंपनी द्वारा श्रमिकों/आउटसोर्स कर्मियों के मासिक कटौत्रे को कहाँ जमा किया जाता है, सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर दें। आउटसोर्स कर्मचारियों को कलेक्‍टर गाइड-लाइन से कितना भुगतान किस-किस श्रेणी में किया जाता है? क्‍या उन्‍हें यह मिल रहा है? (ग) म.प्र. दुकान एवं स्‍थापना अधिनियम 1958 अंतर्गत गुना जिले में पंजीकृत संस्‍थानों की संख्‍या एवं उसमें कार्यरत कर्मचारियों/श्रमिकों की संख्‍या प्रश्‍न दिनांक तक कितनी है? संस्‍थावार, संस्‍था नाम, पता, मालिक, श्रमिकों की जानकारी, मानदेय/वेतन, पदनाम, कटौत्रा आदि का गौशवारा बनाकर दें। (घ) इसी प्रकार ठेका श्रम (विनियमन और उत्‍पादन अधिनियम, 1970) तथा अन्‍तर्राज्‍यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तें) 1979 अंतर्गत गुना जिले अन्‍तर्गत कितने पंजीकृत संस्‍थानों की संख्‍या है एवं उसमें कार्यरत कर्मचारियों/श्रमिकों की संख्‍या प्रश्‍न दिनांक तक कितनी है? जिलेवार, संस्‍थावार, संस्‍था नाम, पता, मालिक, श्रमिकों की जानकारी, मानदेय/वेतन, पदनाम, कटौत्रा आदि का गौशवारा बनाकर दें। (ड.) प्रश्‍नांश (घ) के तारतम्‍य में ठेका श्रम अधिनियम के अंतर्गत अनुज्ञप्ति प्राप्‍त ठेकेदारों की संख्‍या कितनी है? ठेकेदारों के नाम, पता, मोबाइल नं., कार्यालय का पता, उपनाम, किस कार्य के लिये अनुज्ञप्ति जारी की गई, कितने श्रमिक ठेकेदार के पास हैं, प्रथम अनुज्ञप्ति कब जारी की गई, वर्तमान में कौन-कौन सी अनुज्ञप्ति जारी है, कितनी किस कारण से समाप्‍त हो गई एवं कितनी इन-एक्टिव है, की संपूर्ण जानकारी का गौशवारा बनाकर दें। संपूर्ण प्रश्‍न की जानकारी मुख्‍यमंत्री की घोषणा क्रमांक 1207 के अनुपालन में उपलब्‍ध कराई जाये।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) श्रम विभाग के अंतर्गत आने वाले समस्‍त श्रम अधिनियम राज्‍य सरकार के अंतर्गत आने वाले सभी संस्‍थानों पर लागू होते हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-01 अनुसार है। (ख) प्रदेश में संचालित आउटसोर्स कर्मचारियों के ठेकेदारों द्वारा 20 या उससे अधिक श्रमिकों को नियोजित करने पर ठेका श्रम अधिनियम के अंतर्गत श्रम विभाग से अनुज्ञप्ति प्राप्‍त किए जाने का प्रावधान है। वर्ष 2015 से प्रश्‍न दिनांक तक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। कंपनी द्वारा श्रमिकों, आउटसोर्स कर्मियों का कटौत्रा कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन एवं कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम में नियमानुसार जमा किया जाता है। उक्‍त दोनों अधिनियमों का प्रशासन केन्‍द्र सर‍कार द्वारा किया जाता है। आउटसोर्स कर्मचारियों को कलेक्‍टर गाइड-लाइन के अनुसार भुगतान के प्रावधान नहीं है। आउटसोर्स कर्मचारियों पर न्‍यूनतम वेतन दरें प्रभावशील होती हैं, वर्तमान में प्रचलित दरें निम्‍नानुसार है

क्र.

श्रेणी

प्रतिदिन

प्रतिमाह

1

अकुशल

359.00

9325

2

अर्द्धकुशल

392.00

10182

3

कुशल

445.00

11560

4

उच्‍च कुशल

495.00

12860

(ग) मध्‍यप्रदेश दुकान एवं स्‍थापना अधिनियम, 1958 अंतर्गत गुना जिले में पंजीकृत संस्‍थानों की संख्‍या 9307 है, जिनमें 11992 कर्मचा‍री कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के   प्रपत्र-03 अनुसार है। कंपनी द्वारा श्रमिकों आउटसोर्स कर्मियों का कटौत्रा कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन एवं कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम में नियमानुसार जमा किया जाता है। उक्‍त दोनों अधिनियमों का प्रशासन केन्‍द्र सर‍कार द्वारा किया जाता है। (घ) ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम 1970 अंतर्गत गुना जिले में पंजीकृत संस्थान 51 है, जिनमें 6158 कर्मचारी कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। अन्तर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1979 अंतर्गत गुना जिले में 02 पंजीकृत संस्थान हैं, जिसमें 320 कर्मचारी कार्यरत हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-04 अनुसार है। कंपनी द्वारा श्रमिकों आउटसोर्स कर्मियों का कटौत्रा कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन एवं कर्मचारी राज्‍य बीमा निगम में नियमानुसार जमा किया जाता है। उक्‍त दोनों अधिनियमों का प्रशासन केन्‍द्र सर‍कार द्वारा किया जाता है। (ड.) ठेका श्रम (विनियमन और उत्सादन) अधिनियम 1970 अंतर्गत गुना जिले में 51 अनुज्ञप्तिधारी संस्‍था है, जिनमें 6158 कर्मचारी कार्यरत हैं, प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-02 अनुसार है। 30 संस्‍थान इन-एक्टिव हैं। अनुज्ञप्तियों को समाप्‍त नहीं किया गया है।

शासकीय भूमि के पट्टों का प्रदाय

[राजस्व]

70. ( क्र. 788 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) रीवा जिले की तहसील जवा, पटवारी हल्‍का कोनी, देवखर, गड़ेहरा, घूमन, गेदुरहा, मदरी, सोहावलखुर्द में वन एवं राजस्‍व शासकीय भूमि का पट्टा किन-किन आदिवासियों को वर्ष 2010 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदाय किया गया है? सूची देवें। उक्‍त पटवारी हल्‍कों में कुल कितनी भूमि राजस्‍व की शासकीय है? बी-1 की प्रति के साथ जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के पटवारी हल्‍कों में कई आदिवासियों को शासकीय वन/राजस्‍व भूमि का पट्टा एवं ऋण पुस्तिका प्रदान की गई है किन्‍तु कम्‍प्‍यूटर फीडिंग में पट्टाधारियों का नाम आज भी फीड नहीं किया गया है, जिस कारण उक्‍त भूमि में भू-स्‍वामियों का नाम प्रदर्शित नहीं हो रहा है? कब तक फीडिंग करा दी जायेगी? अभी तक फीडिंग न करने में कौन दोषी है? दोषी पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही करेंगे? (ग) क्‍या पटवारी हल्‍का मदरी के आराजी नं. 661/2 गोहान में खेलावन पिता बंधारी आवास नीति का पट्टा दिया गया है तथा उसी पट्टे की भूमि में सरपंच द्वारा शासकीय मंगल भवन का निर्माण किस नियम और किसके आदेश से करा दिया गया है? क्‍या उक्‍त भूमि, उक्‍त आदिवासी को पुन: वापस करा देंगे? यदि हाँ तो कब तक? दोषियों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? खेलावन कोल के पास और कहाँ भूमि है? (घ) प्रश्‍नांश (क) के जिला एवं तहसील के पटवारी हल्‍का कल्‍याणपुर मौजा कल्‍याणपुर की आराजी नं. 27/1, 28/1, 29/1 के भूमि स्‍वामी अविनाश कोल के सीमांकन का आवेदन किया था जिसमें दिनांक 4-2-2022 को सीमांकन हेतु आदेश जारी किया गया किन्‍तु आज दिनांक तक सीमांकन क्‍यों नहीं किया गया है, जबकि जमीन खाली पड़ी है? कब तक सीमांकन कराकर दोषी लापरवाह कर्मचारियों पर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही करा देंगे?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) शासकीय वन भूमि का वनाधिकार के तहत वर्ष 2010 में आदिवासियों को वन भूमि का पट्टा प्रदाय करने संबंधी पटवारी हल्कावार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – अ अनुसार है। राजस्व शासकीय भूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ब अनुसार है। (ख) वनग्रामों में आदिवासियों को शासकीय वन भूमि का वनाधिकार के तहत पट्टा प्रदाय किये जाने पर उसकी राजस्‍व विभाग के पोर्टल पर फीडिंग नहीं की जाती।                 (ग) तहसील जवा पटवारी हल्का मदरी के ग्राम मदरी की आराजी नं. 661/क के भूमि स्वामी विकास सिंह पिता भूलन सिंह ग्राम मदरी के है। इनके द्वारा न्यायालय तहसीलदार वृत्त डभौरा तहसील जवा, जिला रीवा, म.प्र. के प्रकरण क्रंमाक/001/24/2017-18 दिनांक 03.01.2019 में मंगल भवन निर्माण हेतु आराजी नं. 661/क का अंश रकवा 0.012 हेक्ट. को त्यजन म.प्र. शासन के पक्ष में स्वीकार किया गया। इसी भूमि में मंगल भवन का निर्माण हुआ। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जवा जिला रीवा का प्रतिवेदन एवं त्यजन की प्रति पुस्तकालय में रखे परिशिष्टस अनुसार। (घ) तहसील जवा अन्तर्गत पटवारी हल्का कल्याणपुर की आ.नंबर 27/1, 28/1, 29/1 का न्‍यायालय नायब तहसीलदार वृत्‍त डभौर के राजस्‍व प्रकरण क्रमांक 0175/अ-12/2022 में दिनांक 14.02.2023 को सीमांकन किया जा चुका है।

प्‍लांटेशन कार्य की जांच

[वन]

71. ( क्र. 789 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) शिवपुरी जिले के सतनवड़ा रेंज के बीट बिलौनी, मोहिनी, कैखौदा, मिहोर में क्‍या प्‍लांटेशन का कार्य कराया गया है? यदि हाँ, तो बनाये गये प्‍लांटेशन में गत 5 वर्षों में कितने-कितने रूपये का कार्य किया गया है, की जानकारी, स्‍वीकृत राशि, व्‍यय राशि, शेष राशि, कार्य की स्थिति बताते हुये देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के कार्य यदि प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट में स्‍वीकृत नक्‍शा एवं मापदण्‍ड के विपरीत कार्य कराया गया है तो क्‍या इसकी जांच प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के समक्ष करा देंगे या उक्‍त कार्य की जांच राज्‍य आर्थिक अन्‍वेषण ब्‍यूरो से करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक? (ग) प्रश्‍नांश (क) के कार्य से संबंधित शासन विभाग को प्रश्‍नांश (क) अवधि में कुल कितनी शिकायतें शासन/विभाग को प्राप्‍त हुई है? उक्‍त शिकायतों में कब क्‍या कार्यवाही अथवा जांच कराई गई है? (घ) क्‍या प्रश्‍नांश (क) की अनियमितता की जांच प्रश्‍नांश (ख) अनुसार कराने के पूर्व कार्य में संलग्‍न अधिकारियों को अन्‍यत्र पदस्‍थापना कराकर जांच करा देंगे, ताकि निष्‍पक्ष एवं सही जांच हो सके। यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) शिवपुरी जिले के सतनवड़ा रेंज में बीट बिलौनी एवं बीट मिहोर नहीं है। सतनबड़ा रेंज अंतर्गत बीट ठाठी के अंतर्गत बिलौनी ग्राम है तथा बीट मिहोर न होकर बीट सीहोर है। बीट ठाठी (ग्राम बिलौनी), बीट मोहनी, बीट सीहोर में प्‍लांटेशन का कार्य कराया गया है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। बीट कैखोदा में वर्ष 2017-18 से वर्ष        2021-22 तक प्‍लाटेंशन कार्य नहीं कराया गया है। (ख) प्‍लांटेशन में समस्‍त कार्य स्‍वीकृत प्रोजेक्‍ट अनुसार ही कराये गये हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्‍लान्टेशन से संबंधित कोई भी शिकायत प्राप्‍त नहीं हुई है। (घ) उत्‍तरांश '''' के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "तेईस"

दोषियों पर कार्यवाही

[जल संसाधन]

72. ( क्र. 836 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जल संसाधन विभाग द्वारा नहरों, के निर्माण बावत कार्यादेश जारी किये गये हैं तो कहां-कहां, कब-कब की प्रति देते हुये बतावें कि जिला शहडोल व रीवा में वर्ष 2020 से प्रश्‍नांश दिनांक तक में कितने नहरों के निर्माण की स्‍वीकृति प्रदान की गई? इनके प्रकार भी बतावें।          (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार जो नहरे स्‍वीकृत की गई उनकी लागत क्‍या है? इनके निर्माण बावत कार्यादेश कब-कब, किन-किन शर्तों पर किन-किन संविदाकारों को जारी किये गये? वर्तमान में कार्यों की स्थिति क्‍या है? संविदाकारों को कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया?       (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत नहरों के कार्यादेश प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जिन संविदाकरों/ठेकेदारों को जारी किये गये अनुबंध अनुसार अगर कार्य समय पर पूर्ण नहीं कराये गये तो उन पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? उनके कार्यों की गुणवत्‍ता की जांच किन-किन जिम्‍मेदार अधिकारियों द्वारा की गई? प्रति देते हुये बतावें। अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्‍वीकृत नहरों का निर्माण संविदाकारों द्वारा समय पर अनुबंध की शर्तों अनुसार नहीं कराया गया, फर्जी बिल व्‍हाउचर तैयार कर राशि निकाली गई का सत्‍यापन संबंधितों द्वारा नहीं कराया गया, इन सब की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराकर जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक शहडोल एवं रीवा जिले में नहरों के निर्माण हेतु जारी कार्यादेश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे ''परिशिष्‍ट-1'' (पृ.1 से 14) अनुसार है तथा अनुबंध अनुसार स्‍वीकृत नहरों की लागत, कार्यों की वर्तमान स्थिति, भुगतान आदि की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट –‘अनुसार है। (ग) अनुबंध अनुसार कार्य प्रगतिरत होना प्रतिवेदित है। अनुबंध अनुसार समयावधि शेष होने से किसी भी संविदाकार/ठेकेदार पर कार्यवाही किये जाने की स्थिति नहीं है। कार्यों की गुणवत्‍ता का पर्यवेक्षण कार्यपालन यंत्री, अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री तथा सेंपल की जांच सहायक अनुसंधान अधिकारी, क्‍वालिटी कंट्रोल नहर यूनिट रीवा द्वारा की जाना प्रतिवेदित है। क्‍वालिटी कंट्रोल की जांच रिपोर्ट पुस्‍तकालय में रखे ''परिशिष्‍ट-2'' (पृ.1 से 8) अनुसार है।                       (घ) संविदाकारों से अनुबंध की शर्तों के अनुसार नहरों का निर्माण कराया जाना प्रतिवेदित है। उत्‍तरांश '' अनुसार स्‍वीकृत कार्यों में से मात्र नैया नाला तालाब की नहरों की लाइनिंग के कार्य में संविदाकार को भुगतान किया गया है, जिसमें कार्य, बिल एवं व्‍हाउचर का सत्‍यापन संबंधित अनुविभागीय अधिकारी एवं उपयंत्री द्वारा किया जाकर भुगतान कार्यपालन यंत्री अपर पुरवा नहर संभाग, रीवा द्वारा किया गया है। शेष परियोजनाओं में भुगतान नहीं करना प्रतिवेदित है। अत: उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

राजस्‍व न्‍यायालय में लंबित प्रकरण

[राजस्व]

73. ( क्र. 837 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विधानसभा प्रश्‍न क्र.878 दिनांक 21.12.2022 से प्रश्‍नांश (ग) में संदर्भित विषय पर कलेक्टर जिला रीवा द्वारा 26.12.2006 को तहसीलदार गुढ़ को यह मार्गदर्शन दिया गया था कि प्रकरण में शासन की ओर से अपील किये जाने के संबंध में शासकीय अभिभाषक रीवा से राय लेकर अपील मेमो के साथ प्रस्‍ताव भेजें। (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) हाँ तो कलेक्‍टर रीवा द्वारा लिखे गये स्‍वत्‍व की प्रति एवं शासकीय अभिभाषक रीवा को तहसीलदार गुढ़ द्वारा कार्यवाही बावत् जो पत्र लिखा गया हो की प्रति एवं अपील मेंमो की प्रति देते हुये बतावें कि इस पर क्‍या कार्यवाही की गई थी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में लिखे गये पत्र एवं तहसीलदार गुढ़ के पत्र क्र.913 दिनांक 13.12.2006 आवेदक रामस्‍वरूप द्विवेदी निवासी दुआरी के आवेदन पत्र पर की गई कार्यवाही से संबंधित नस्‍ती/आर्डर शीट की प्रति देते हुये बतावें कि नामान्‍तरण बावत् क्‍या आदेश पारित किया गया? (घ) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर के बिन्‍दु क्र. (घ) अनुसार कमिश्‍नर रीवा संभाग रीवा द्वारा एडवोकेट मयंकधर द्विवेदी के आवेदन 18.10.2022 पर पत्र क्र.3153 दिनांक 21.10.2022 के माध्‍यम से कलेक्‍टर रीवा को समुचित कार्यवाही बावत् निर्देशित किया गया था जिसमें कार्यवाही प्रचलित है का उत्‍तर दिया गया? कार्यवाही की वर्तमान में स्थिति क्‍या है की प्रति देते हुये बतावें। अगर पत्र पर कार्यवाही नहीं की गई तो इसके लिये कौन-कौन जिम्‍मेदार हैं? उन पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों? (ड.) प्रश्‍नांश (क) में दिये गये उत्‍तर अनुसार प्रश्‍नांश (ख), (ग) एवं (घ) अनुसार जिम्‍मेदारों द्वारा कार्यवाही नहीं की गई आर्डर शीट/नोटशीट शासकीय अभिभाषक को लिखे गये पत्र को श्री द्विवेदी के सूचना के अधिकार के आवेदन पत्र पर कार्यवाही कर जानकारी उपलब्‍ध न कराये जाने पर क्‍या कार्यवाही करेंगे बतावें एवं जानकारी कब तक उपलब्‍ध करा देवेंगे बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) तहसील कार्यालय गुढ़ को कार्यालय कलेक्टर जिला रीवा द्वारा पृष्ठांकन पत्र क्रमांक/2217/व्यय/2006/रीवा दिनांक 26.12.2006 के पत्र की प्रति  पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- ‘’ अनुसार है उस तहसीलदार द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ‘ अनुसार है(ग) उपरोक्तानुसार दिनांक 13.12.2006 का पत्र संलग्न है, जिसमें तहसीलदार गुढ़ को शासन की ओर से शासनहित में अपील करने के निर्देश दिये गये थे। (घ) जी हाँ। उक्त ज्ञापन पर कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये थे। (ड.) ज्ञापन पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

तेंदूपत्‍ता लाभांश राशि से विकास कार्य

[वन]

74. ( क्र. 851 ) श्री संजय यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 604 दिनांक 21.12.2022 के उत्‍तरांश (क) में 11 प्रस्‍ताव प्राप्‍त होने बताया गया था? यदि हाँ तो उक्‍त समस्‍त प्रस्‍तावों पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई एवं उनमें से कितने प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु भोपाल कार्यालय प्रेषित किये गए? यदि उन पर कार्यवाही नहीं की गई तो उचित कारण देवें एवं कब तक कार्यवाही की जावेगी? (ख) विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 604 दिनांक 21.12.2022 के उत्‍तरांश (ख) में 5 प्रस्‍ताव भोपाल कार्यालय में प्राप्‍त होने बताया गया है तो बताया जाए कि उक्‍त प्रस्‍तावों पर उत्‍तर दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? कितनों की स्‍वीकृति प्रदान की गई? जिनकों अस्‍वीकृत किया गया है उनकी अस्‍वीकृति के कारण बताएं। (ग) बरगी क्षेत्र के विकास को गत 1 वर्ष से क्‍यों नजर अंदाज किया जा रहा है? इस क्षेत्र के विकास कार्यों के प्रस्‍तावों को ही लंबित‍ क्‍यों रखा जा रहा है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 604 दिनांक 21/12/2022 के उत्‍तर में विधानसभा बरगी से प्राप्‍त 11 प्रस्‍तावों में से 02 प्रस्‍ताव जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित जबलपुर की संचालक मंडल की बैठक में पारित होने के उपरांत संघ मुख्‍यालय में प्राप्‍त हुये है। शेष 09 विकास कार्य के प्रस्‍ताव समिति में विचाराधीन है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) संघ मुख्‍यालय भोपाल में प्राप्‍त 05 प्रस्‍ताव अग्रिम कार्यवाही हेतु जिला यूनियन जबलपुर को प्रेषित किये गये। इनमें से 02 प्रस्‍ताव संघ मुख्‍यालय में प्राप्‍त हुये जो संघ मुख्‍यालय पर परीक्षणाधीन है। अन्‍य समिति स्‍तर पर विचाराधीन है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थि‍त नहीं होता है।          (ग) यह सही नहीं है कि बरगी क्षेत्र के विकास को नजर अंदाज किया जा रहा है। वास्‍तविकता यह है कि आवश्‍यकतानुसार कार्यों के प्रस्‍ताव तैयार किये जा रहे है।

शहपुरा मिटौली को अनुविभाग बनाये जाना

[राजस्व]

75. ( क्र. 852 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) विधान सभा प्रश्‍न क्रमांक 601 दिनांक 21.12.22 के उत्‍तरांश (क) में जानकारी दी गई है कि कार्यवाही परीक्षणाधीन में है एवं उत्‍तरांश (ख) में बताया है कि कलेक्‍टर जबलपुर का प्रस्‍ताव दिनांक 07.10.22 को प्राप्‍त हो गया है? (ख) यदि हाँ तो बताया जाए कि उक्‍त कलेक्‍टर से प्राप्‍त प्रस्‍ताव को 4 माह बीत जाने तक क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई है? (ग) क्‍या विभाग कार्यवाही को धीमी गति से चला रहा है एवं अधिकारीगण भी उक्‍त प्रस्‍ताव के प्रति उदासीन हैं? यदि नहीं तो उक्‍त पर कार्यवाही क्‍यों नहीं की जा रही है? (घ) उक्‍त राजस्‍व अनुभाग से संबंधित की गई कार्यवाही के समस्‍त प्रस्‍ताव/नस्‍ती/पत्राचार की प्रति उपलब्‍ध करावें। राजस्‍व अनुभाग शहपुरा का गठन कब तक होना संभव है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण अभी परीक्षणाधीन है।        (ग) उत्‍तरांश '''' के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  अनुसार है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

अवैध उत्‍खनन पर कार्यवाही

[खनिज साधन]

76. ( क्र. 863 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरकार ने समाधान योजना के तहत खनिज राजस्‍व का 150 करोड़ का ब्‍याज माफ करने का निर्णय लिया है? यदि हाँ तो बतावें कि कितनी मूल बकाया राशि, किस वर्ष से किस वर्ष तक की थी तथा उसे कई सालों तक वसूल क्‍यों नहीं किया गया था? इसके लिए किस अधिकारी पर कार्यवाही की गई? (ख) वर्ष 2018 से 2022 तक अवैध उत्‍खनन तथा परिवहन के प्रकरण तथा जुर्माना सहित वर्षवार दें तथा बतायें कि प्रतिवर्ष जुर्माने में कितने प्रतिशत की कमी या वृद्धि हुई तथा उसके कारण क्‍या हैं? (ग) क्‍या वैध तथा अवैध खनन अधिक गहराई तक करने से बने गड्ढे में पानी भरने से धंस जाने से, प्रतिवर्ष कई व्‍यक्ति की जान जाती है? यदि हाँ तो बतावें कि नियम के विपरीत गहराई तक खोदने पर किस-किस ठेकेदार पर क्‍या कार्यवाही की गई तथा नियमानुसार उन गड्ढों की सुरक्षा के लिए क्‍या किया जाना है? इस संदर्भ में नियम की प्रति देवें। (घ) क्‍या शासन ने सतना जिले के चित्रकूट के पास श्री राम वन गमन पथ पर स्थित सिद्धा पहाड़ पर खनन की अनुमति दी थी? यदि हाँ तो बतावें कि यह अनुमति क्‍या मुख्‍यमंत्री के कहने से दी गई थी तथा फिर इसे पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ जी के विरोध के कारण रोका गया? बतावें कि खनन ठेकेदार राकेश एजेंसी के भागीदार कौन-कौन हैं तथा इनके भाजपा नेताओं से क्‍या संबंध है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। शासन द्वारा 2010 के पूर्व की खनिज राजस्व बकाया रशि के देय ब्‍याज पर पूर्णतः छूट एवं पश्‍चातवर्ती अवधि 31 मार्च 2020 तक की बकाया राशि के ब्‍याज में आंशिक छूट प्रदान करनें संबंधी निर्देश जारी किये गये थे। बकाया वसूली एक सतत प्रक्रिया है, अतः प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍नांश की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र- पर दर्शित है। (ग) प्रदेश में वैध तथा अवैध खनन अधिक गहराई तक करनें से बने गड्ढ़े में पानी भरने से धंस जाने से, प्रतिवर्ष कई व्यक्ति की जान जाने की कोई घटना प्रकाश में नहीं आई है। किन्तु खदान में नहाने के दौरान पत्थरों में दबने से जिला खरगोन में 01 बच्चे की मृत्यु होने की घटना प्रकाश में आई है। दोषी के विरूद्ध जिला खरगोन पुलिस थाना बिस्टान में मर्ग क्रमांक 74/21 पंजीबद्ध किया गया एवं कलेक्टर कार्यालय द्वारा दोषी उत्खनन अनुज्ञाधारी मेसर्स बंसल कस्ट्रक्‍शन वर्क प्रा.लि., भोपाल के विरूद्ध राशि रूपये 9,07,20,000/- के अवैध उत्खनन का प्रकरण दर्ज कर निराकरण हेतु कलेक्टर न्यायालय खरगोन में प्रस्तुत किया गया है, वर्तमान में प्रकरण प्रचलित है। मंदसौर जिले की तहसील मल्हारगढ़ के ग्राम मुंदड़ी में डी. के. इण्‍डस्ट्रीज के पक्ष में स्वीकृत उत्खनिपट्टा में भरे पानी में डूबने से दिनाक 03.08.2022 को 04 बच्चों की मृत्यु हुई है। कलेक्‍टर कार्यालय द्वारा नियमानुसार पट्टाधारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है एवं नियमानुसार उत्खनिपट्टा निरस्‍त किये जाने हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। थाना वाय.डी. नगर मंदसौर द्वारा मर्ग क्रमाक 534/22 कायम किया गया है, वर्तमान में प्रकरण न्यायालय मंदसौर में प्रचलित है। अधिसूचित मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 के नियम 30 के प्रावधानों के तहत स्वीकृत खदान में सुरक्षा हेतु तार फेंसिग किये जाने के प्रावधान है एवं खनन संक्रिया समाप्त होने के पश्‍चात खान बन्द करने की योजना के अनुरूप खदानों में पुनर्भरण किये जाने के प्रावधान है। (घ) जी हाँ। जिला सतना के ग्राम सिद्धा कोठार में तत्‍समय प्रचलित खनिज अधिनियम/नियम के अधीन खनिपट्टा राज्‍य शासन द्वारा स्‍वीकृत किया गया था एवं नियमानुसार पट्टा शर्तों के उल्‍लंघन पर खनिपट्टों को निरस्‍त किया गया है। प्रश्‍नांश के शेष भाग की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- पर दर्शित है।

भूखण्‍डों के भू-स्‍वामी अधिकार पत्र

[राजस्व]

77. ( क्र. 871 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता द्वारा 10 मार्च, 2022 को पूछे गये तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 1527 के अनुसार जब सरकार ने माना था कि वर्तमान में नजूल में दर्ज खसरा नंबर 553, 554, 555, 706 एवं 1087 की भूमि जो प्रचलित आबादी मद में दर्ज थी उसके उत्‍तराधिकारियों को अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व के समक्ष आवेदन करने पर भूखण्‍ड का भूस्‍वामी अधिकार पत्र दिया जावेगा तो यह बतायें कि मुलताई तहसील में कितने लोगों द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक इस आशय के आवेदन पत्र दिये गये हैं?       (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में मुलताई नगर के कितने लोगों को भू‍खण्‍ड का भूस्‍वामी अधिकार पत्र दिये गये है? कितने लोगों को भूखण्‍ड अधिकार पत्र दिया जाना शेष है? यदि नहीं दिये गये तो क्‍यों नहीं दिये गये? कितने दिनों तक परीक्षण चलेगा? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं? उन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम बताएं। उपरोक्‍त खसरा नंबर के रहवासियों को कब तक भू-‍अधिकार पत्र दिये जायेंगे? (ग) प्रदेश सरकार द्वारा उक्‍त विधानसभा प्रश्‍न क्रमांक 1527 के तारतम्‍य में अभी तक क्‍या कार्यवाही की गई है? (घ) 19 मई 2022 को मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा आबादी भूमि में कितने लोगों को भू-अधिकार पत्र किस आधार पर दिये गये? क्‍या इस संबंध में समाचार पत्र में विज्ञापन मुद्रित कराया था? तो फिर मुलताई नगरवासियों को अभी तक क्‍यों नहीं प्रदान किये गये?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍न दिनांक तक कुल 778 आवेदन पत्र प्रश्‍नाधीन भूखंड में निवासरत व्‍यक्तियों के द्वारा धारणाधिकार योजना के तहत दिये गये है। (ख) कंडिका (क) में दर्शित आवेदन पत्रों में कार्यवाही प्रचलित है। (ग) धारणाधिकार योजनान्‍तर्गत भूमि स्‍वामी अधिकार पत्र अथवा पट्टा देने की कार्यवाही परीक्षणाधीन है। (घ) 19 मई, 2022 को माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा प्रदेश स्‍तरीय कार्यक्रम में 2192 भूमि स्‍वामी अधिकार पत्रों का वितरण किया गया। मुलताई नगर में भूमि स्‍वामी अधिकार पत्र के आवेदन पत्रों में जांच कार्यवाही प्रचलित है।

किसानों को सिंचाई में हो रही असुविधाएं

[जल संसाधन]

78. ( क्र. 872 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या बैतूल जिले की वर्धा बांध का निर्माण किया जाकर पिछले दो वर्षों से बांध में जल भराव किया जा रहा है? उक्‍त बांध में जल भराव होने के बाद भी किसानों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध नहीं हो पा रहा है, इसके क्‍या कारण हैं? क्‍या उक्‍त योजना से किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराई जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? क्‍या ठेकेदार की लापरवाही के कारण इस परियोजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है? यदि हाँ तो ठेकेदार के प्रति क्‍या कार्यवाही की जायेगी? (ख) बैतूल जिले की मुलताई तहसील में लिहदा तालाब में किन-किन गांवों की कितनी-कितनी भूमि डूब में आ रही है? डूब प्रभावित भूमि का प्रभावित किसानों को किस दर से प्रति हेक्‍टेयर के हिसाब से मुआवजा राशि वितरित की गई है? भूमि का मुआवजा दुगुनी दर से दिये जाने का क्‍या प्रावधान है? (ग) क्‍या चन्‍दोरा जलाशय को माइक्रो इरीगेशन परियोजना में परिवर्तित किये जाने का शासन स्‍तर पर कोई प्रस्‍ताव है, जिससे मुलताई विधानसभा के ग्राम रायआमला, आष्‍टा, बलेगांव, मंगोनाखुर्द, अमरावती घाट के किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके? यदि हाँ तो यह परियोजना कब तक प्रारंभ की जावेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्धा मध्यम उद्वहन सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। वर्तमान में अनुबंधित ठेकेदार द्वारा बांध कार्य 95 प्रतिशत एवं नहर अंतर्गत प्रेशराईज्ड सूक्ष्‍म सिंचाई प्रणाली के तहत डिजाईन अनुसार पाइप लाइन 1 हेक्टेयर तक 100 प्रतिशत पूर्ण होना प्रतिवेदित है। पम्प हाऊस पर मोटर एवं पम्प को स्थापित करने का कार्य प्रगतिरत है। शेष कार्य अनुबंधित अवधि मार्च 2023 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। पम्प इंस्टालेशन का कार्य पूर्ण होने के पश्चात आगामी रबी फसल हेतु कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराया जाना संभव होगा। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) बैतूल जिले की मुलताई तहसील अंतर्गत लिहदा तालाब के डूब में आने वाले ग्राम, डूब से प्रभावित भूमि एवं उन्हें प्रदाय की जा रही प्रति हेक्टेयर मुआवजा राशि का  विवरण संलग्न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। भूमि अर्जन, पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम, 2013 की धारा 30 के तहत शत-प्रतिशत प्रतिकर की रकम के समतुल्‍य तोषण राशि दिए जाने का प्रावधान है। (ग) चन्दोरा मध्यम परियोजना को फ्लो इरीगेशन के स्थान पर माइक्रो इरीगेशन में परिवर्तित करने का कोई प्रस्‍ताव विचाराधीन नहीं होने से शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट-"चौबीस"

राजस्‍व भूमि आवंटन की जानकारी

[राजस्व]

79. ( क्र. 877 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) 1 अप्रैल, 2014 से प्रश्‍नांकित अवधि तक विभिन्न निर्माण कार्यों हेतु विभागों को राजस्व विभाग द्वारा भोपाल में कब-कब, कितनी-कितनी भूमि किस विभाग, पंजीकृत समिति, धार्मिक, राजनैतिक, सामाजिक संस्थाओं पंजीकृत/अपंजीकृत संस्थाओं एवं व्यक्ति को आवंटित की गई है? सर्वे नंबर, कुल क्षेत्रफल, ग्राम/कस्बा का नाम, तहसीलवार एवं वर्षवार जानकारी देवें तथा शासकीय विभागों/निजी संस्थाओं/समिति/व्यक्तियों को शासकीय भूमि आवंटन एवं नवीनीकरण के क्या नियम, निर्देश, आदेश हैं? छायाप्रति उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में कितनी समिति/संस्था/व्यक्तियों को निजी भूमि आवंटन एवं नवीनीकरण किया गया? क्या नियम विरूद्ध आवंटन एवं नवीनीकरण की जांच विभाग द्वारा कराई जावेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में भोपाल संभाग में किन-किन विभागों द्वारा भूमि आवंटन हेतु ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदन प्रेषित किये हैं एवं कब-कब अनुमतियाँ दी गई हैं? कितनी अनुमति शेष हैं? शेष अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (घ) स्व. श्री लक्ष्मीकांत जी शर्मा की स्मृति में सभागार निर्माण कस्बा लटेरी एवं कस्बा सिरोंज, पार्क निर्माण कस्बा सिरोंज, सी.एम. राइज स्कूल कस्बा सिरोंज एवं लटेरी, खेल मैदान लटेरी में निर्माण हेतु विभाग को कब-कब आवेदन प्राप्त हुए? आवेदनों की छायाप्रति उपलब्ध करावें एवं कौन-कौन से कार्यों के लिए शासकीय भूमि आवंटन की गई है? यदि नहीं तो कब तक कर दी जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) भोपाल जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "" अनुसार है। नियम/निर्देश की छायाप्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "" अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट "" अनुसार है। (घ) जिला विदिशा में               स्व. श्री लक्ष्मीकांत जी शर्मा की स्मृति में सभागार निर्माण कस्बा लटेरी हेतु प्र.क्र.60/अ-20 (3)/2022-2023 पंजीबद्ध है। सी.एम. राइज स्कूल कस्बा लटेरी में प्र.क्र02/अ-20 (3)/2022-2023 पंजीबद्ध होकर दिनांक 26.12.2022 को आदेश पारित किया जा चुका है। खेल मैदान लटेरी हेतु संबंधित विभाग द्वारा दिनांक 8.12.2022, पार्क निर्माण हेतु दिनांक 10.12.2022 एवं सी.एम. राइज स्कूल हेतु दिनांक 10.1.2023 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किये गये जिनमें विधिवत कार्यवाही प्रचलित है। आवेदन पत्रों की छायाप्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट "" अनुसार है।

राजस्‍व प्रकरणों का निराकरण

[राजस्व]

80. ( क्र. 882 ) श्री सूबेदार सिंह सिकरवार रजौधा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जौरा विधान सभा की तहसील कैलारस व जौरा में वर्ष 2020 से आज दिनांक तक फौती, सीमांकन, नामांतरण, बंटवारे के कितने आवेदन प्राप्‍त हुए है एवं कितने आवेदनों के आदेश जारी कर न्‍यायालय में प्रकरण जारी किये? उक्‍त कितने प्रकरण दर्ज करना शेष है? संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्राप्‍त आवेदनों में से कितने फौती, सीमांकन, नामांतरण, बटवारा का समय-सीमा में स्‍वीकृत किया गया एवं कितने आवेदन अस्‍वीकृत व विचाराधीन है? कारण सहित विवरण देवें। (ग) उक्‍त कितने प्रकरणों में राजस्‍व अधिकारियों द्वार समय-सीमा में कार्यवाही न करने के कारण निरस्‍त हुए? आवेदनकर्ताओं के नाम, पता व कारण सहित विवरण दें। क्‍या समय-सीमा में उक्‍त प्रकरणों का निराकरण न कर पाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जावेगी? यदि नहीं तो कारण बतावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जौरा विधानसभा की तहसील कैलारस एवं जौरा में वर्ष 2020 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक फौती, नामान्तरण, सीमांकन एवं बंटाकन के प्राप्त आवेदनों के निराकरण की  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। परिशिष्‍ट में वर्णित प्रकरणों के अलावा अन्य कोई प्रकरण दर्ज किये जाने शेष नहीं है। (ख) उत्‍तरांश (क) अनुसार प्राप्‍त आवेदन के स्‍वीकृत/अस्‍वीकृत संबंधी  जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  अनुसार है। (ग) मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 110/129/178 के तहत प्राप्त आवेदनों का न्यायालयीन प्रक्रिया में समय-सीमा में निराकरण किया गया है।

परिशिष्ट-"पच्चीस"

पत्‍थर उत्‍खनन हेतु लीज की स्‍वीकृति

[खनिज साधन]

81. ( क्र. 888 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शहडोल एवं अनूपपुर जिले में पत्थर उत्खनन बावत कहां लीज कब-कब, कितने-कितने वर्षों के लिये कितने एरिया (क्षेत्रफल) में कहां-कहां स्वीकृत की गई, का विवरण क्षेत्रफलवार, वर्षवार 2018 से प्रश्‍नांश दिनांक तक का स्वीकृत स्थानवार देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्वीकृत पत्थर उत्खनन बावत अनुमति प्रदान की गई, उसके लिये शासन के क्या निर्देश हैं, की प्रति देते हुए बतायें कि उत्खनन पूर्व शर्तों का पालन न करने पर क्या-क्या कार्यवाही कब-कब, किन-किन पर की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्वीकृत लीज से कितना राजस्व प्राप्त हुआ का विवरण वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार, जिलेवार, लीजवार देवें। यह भी बतायें कि पत्थरों की लीज क्षेत्र में कितने क्रेशर संचालित हैं? इनके संचालन की अनुमति की प्रति देते हुए बतावें कि शासन की शर्तों का पालन कर क्या इनका संचालन किया जा रहा है? अगर नहीं तो इन पर कब-कब, कौन-कौन सी कार्यवाही की गई? प्रति देते हुए बतावें। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार पत्थर उत्खनन हेतु जिनकों अनुमति प्रदान की गई है। अनुमति में दी गई शर्तों के अनुसार उत्खनन का कार्य किया अथवा ज्यादा गहराई तक, इसका सत्यापन व कार्यवाही कब-कब, किस-किस सक्षम अधिकारियों द्वारा  किन-किन पर की गई? (ड.) प्रश्‍नांश (क), (ख), (ग) एवं (घ) में उल्लेखित आधारों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा सत्‍यापन कर कार्यवाहियां नहीं की गई, शासन को राजस्‍व की क्षति पहुंचाई, व्‍यक्तिगत हितपूर्ति कर दोषियों को बचाया गया, इसके लिये किन-किन को जिम्‍मेदार मानकर कार्यवाही करेंगे?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जिला शहडोल के स्‍वीकृत पत्‍थर उत्‍खनिपट्टे की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र- के 1  एवं जिला अनूपपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र- के 2  पर दर्शित है। (ख) पत्‍थर उत्‍खनन पट्टा के संबंध में अनुमति विषयक प्रावधान मध्‍यप्रदेश गौण खनिज नियम, 1996 में अधिसूचित हैं। उत्‍खनन शर्तों का पालन न किये जाने के संबंध में जिला शहडोल द्वारा की गई कार्यवाही का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- के 1 पर एवं जिला अनूपपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- के 2 पर दर्शित है। (ग) प्रश्‍नांश अनुसार वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक वर्षवार, लीजवार, जिला शहडोल की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- के 1 पर तथा जिला अनूपपुर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- के 2 पर दर्शित है। शहडोल जिले में पत्‍थरों की लीज क्षेत्र में संचालित क्रेशर संबंधी विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- के 1 एवं अनूपपुर जिले की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- के 2 पर दर्शित है। लीज क्षेत्र में क्रेशर संचालन की अनुमति मध्‍यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी जाती है। अनुमति की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- के 1 एवं 2 पर दर्शित है। शासन की शर्तों के पालन न किये जाने के फलस्‍वरूप की गई कार्यवाही का विवरण प्रति सहित दिनांकवार पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- के 1 एवं पर दर्शित है। (घ) प्रश्‍नांश अनुसार पत्‍थर उत्‍खनन हेतु शर्तों के अधीन दी गई अनुमति के पालन के संबंध में तथा गहराई के संबंध में सत्‍यापनवार कार्यवाही कर, कार्यवाही का विवरण दिनांकवार, सक्षम अधिकारी अनुसार, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र- के 1 एवं पर दर्शित है। (ड.) प्रश्‍नांश अनुसार संबंधित अधिकारियों द्वारा सत्‍यापन कर नियमानुसार कार्यवाही की गई है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

धारण अधिकारी योजना के तहत पट्टे का प्रदाय

[राजस्व]

82. ( क्र. 906 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि            (क) खिलचीपुर, जीरापुर, छापीहेड़ा एवं माचलपुर क्षेत्र में 'धारण अधिकार योजना' के तहत पट्टे प्रदाय करने हेतु क्या प्रक्रिया अपनाई गई है? इसके लिए अपनाए गए मापदण्ड सहित सम्पूर्ण प्रक्रिया का विवरण उपलब्ध कराएँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित क्षेत्रों में 'धारण अधिकार' के तहत कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा कितने पात्र/अपात्र हुए हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित पात्र हितग्राहियों को पट्टे देने हेतु क्या कार्य योजना निर्धारित की गई है? (घ) धारण अधिकार योजना के मूल उद्देश्य क्या हैं? क्या इन उद्देश्यों की पूर्ति के तहत ऐसे समस्त हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है, जिन्हें आवास योजना का लाभ प्राप्त नहीं हुआ है? इस बावत क्या कार्य योजना बनाई गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित नगरीय क्षेत्रों में धारणाधिकार के तहत कुल 1801 आवेदन पत्र प्राप्त हुए, जिसमें से 908 आवेदक अपात्र पाये गये तथा शेष प्रकरणों में कार्यवाही प्रचलित है।           (ग) पात्र हितग्राहियों को पट्टा देने हेतु उत्‍तरांश (क) में अंकित धारणाधिकार योजना के तहत कार्ययोजना निर्धारित की गई है। (घ) मुख्‍यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना, नगरीय क्षेत्र की शासकीय भूमि (नजूल भूमि) के भूखण्‍ड धारकों को धारित भूमि स्‍थायी पट्टे पर प्रदाय करने व नजूल भूमि का अभिलेख तैयार करने के उददेश्‍य से प्रारंभ की गई है। जिसके अंतर्गत नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूखण्‍डों के ऐसे अधिभोगियों को, जो उनके अधिभोग में दिनांक 31 दिसंबर, 2014 या उसके पूर्व निर्विवाद रूप से आधिपत्‍य में रहे हैं और वर्तमान में भी आधिपत्‍य में चले आ रहे हैं, चिन्‍हांकित कर निर्धारित प्रब्‍याजि एवं भू-भाटक लेकर उनके अधिभोग के भूखण्‍डों के 30 वर्षीय स्‍थायी पट्टे आवासीय/वाणिज्यिक/व्‍यावसायिक अथवा मिश्रित प्रयोजन हेतु जारी किये जाते है।

कुण्‍डालिया वृहद परियोजना

[जल संसाधन]

83. ( क्र. 907 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) कुण्‍डालिया वृ‍हद परियोजना तहसील जीरापुर, जिला राजगढ़ के द्वारा तहसील जीरापुर के किन ग्रामों को सिंचाई सुविधा से वंचित रखा गया है? ग्रामों के नाम और उनका कृषि योग्‍य भूमि का क्षेत्र बताएं। (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) में दर्शाये गये ग्रामों को किसी अन्‍य शासकीय सुविधा से सिंचित किया जा रहा है या किया जाना प्रस्‍तावित है तो उस योजना का नाम व उसमें सिंचित क्षेत्र मय ग्रामों के नाम सहित विवरण उपलब्‍ध कराएं। (ग) क्‍या कुण्‍डालिया वृ‍हद परियोजना व अन्‍य किसी योजना से कोई ग्राम सिंचित होने से वंचित है? यदि हाँ तो उन ग्रामों का नाम व क्षेत्रफल सहित विवरण उपलब्‍ध कराएं एवं इन ग्रामों की कृषि भूमि सिंचित करने की क्‍या योजना बनाई गई है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) ग्रामों को सिंचाई सुविधा से वंचित नहीं रखा गया है। अपितु कुण्डालिया वृहद परियोजना के कमाण्‍ड क्षेत्र से बाहर तहसील जीरापुर के ग्रामों की सूची  संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) 02 ग्रामों क्रमश: किशनपुरा 87 हेक्‍टेयर एवं सुन्‍दरपुरा 221 हेक्‍टेयर क्षेत्र शासकीय संसाधनों से सिंचाई सुविधा नहीं होना प्रतिवेदित है। वर्तमान में कुण्‍डलिया परियोजना से इन ग्रामों में सिंचाई हेतु कोई योजना विचाराधीन नहीं है।

परिशिष्ट-"छब्बीस"

विदेशी चीतों पर किया गया व्‍यय

[वन]

84. ( क्र. 914 ) श्री जितु पटवारी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 2014 से 2018 के बीच 115 बाघ तथा 209 तेन्दुओं की मौत हुई? यदि हाँ तो बतावें कि उनकी सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए थे तथा पिछले 3 साल में कितने बाघ तथा तेंदुआ की मृत्यु किस-किस रिजर्व में किस-किस कारण से हुई है तथा कौन जिम्मेदार है? (ख) गुजरात में रिलायंस के ग्रीन जूलॉजिकल किंगडम के लिए भोपाल के वन विहार से एक बाघ तथा इंदौर के संग्रहालय से 6 बाघ तथा 5 शेर किस नियम तथा किसकी अनुमति से किस कीमत पर भेजे गये तथा बदले में किस कीमत के कितने पशु पक्षी मिल रहे हैं? संबंधित दस्तावेज तथा पत्र नोटशीट की प्रति देवें।   (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित जानवरों की कीमत तय करने की प्रक्रिया बतायें तथा संबंधित समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराएं। (घ) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित जानवर की कीमत विश्‍व स्तर की सामान्य कीमत से एक तिहाई तय कर 15 करोड़ का अनियमित व्‍यय किया गया तथा रिलायन्स को अवैध लाभ पहुंचाया गया। क्या इसकी जांच की जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रदेश में प्रश्‍नाधीन अवधि में 120 बाघ एवं 209 तेन्दुओं की मृत्यु हुई है। बाघ एवं तेन्दुओं के अतिरिक्त अन्य वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिये टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यप्राणी अभ्‍यारण्यों की स्थापना की गई है। इनकी सुरक्षा के लिये वन क्षेत्रों में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा पैदल, हाथी एवं वाहनों से गश्ती, संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी, विद्युत लाइनों की समय-समय पर संयुक्त निरीक्षण, गोपनीय सूचना तंत्र का उपयोग बाजार हाट में चेकिंग, जल स्त्रोतों की निगरानी आदि कार्य किये जाते हैं। विगत 3 वर्षों में विभिन्न टाइगर रिजर्वों में मृत बाघ एवं तेन्दुएं की संख्या एवं उनके मृत्यु के कारणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं  2 में है। इन वन्यप्राणियों की मृत्यु के लिये कुछ प्रकरणों में अपराधी तत्व जिम्मेदार हैं एवं शेष में मृत्यु का कारण प्राकृतिक है जिसके लिये कोई जिम्मेदार नहीं है।       (ख) वन्‍यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38 (आई) के प्रावधान अनुसार केन्द्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण, नई दिल्ली की अनुमति से वन्यप्राणियों को निःशुल्क प्रदाय किया गया है। केन्द्रीय चिडि़याघर प्राधिकरण, नई दिल्ली के आदेशों की प्रति, नोटशीट एवं पत्र की छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-3 एवं 4 में है। वन्यप्राणियों की कीमत का आंकलन नहीं किया जाता है। वन विभाग द्वारा प्रदाय किये गये 01 बाघ के बदले ग्रीन जुलॉजिकल रेस्क्यू एण्ड रिहेबिलीटेशन सेन्टर द्वारा सी.एस.आर. अंतर्गत लंबी अवधि तक प्रदेश में वन्यप्राणी रेस्क्यू सुविधाएं सुदृढ़ करने में राज्य को सहयोग दिये जाने की पेशकश की है। प्रथम सहयोग के रूप में इनके द्वारा विभाग को 04 रेस्क्यू वाहन एवं प्रयोगशाला हेतु विभिन्न उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं। सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -03 में है। उत्तरांश (क) में वर्णित इन्दौर जू से दिये गये वन्यप्राणियों के बदले इन्‍दौर जू को प्राप्‍त हो रहे विदेशी (Exotic) प्रजाति के प्राणी पक्षी, स्तनपायी जीव एवं सरीसृप वर्गीय जीव, पेराडाईज एवियरी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में है। (ग) वन्यप्राणियों की कीमत का आंकलन नहीं किया जाता है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) प्रश्‍नांश (ग) के उत्तर के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय भूमि पर अवैध कब्‍जा

[राजस्व]

85. ( क्र. 920 ) श्री मेंवाराम जाटव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) क्‍या शासकीय भूमि खसरा क्र. 150 रकबा 0.2500 हेक्‍टेयर जो कि मध्‍यप्रदेश शासन गोहा, खसरा क्र. 140 रकबा 0.8300 चारागाह, मध्‍यप्रदेश भू-राजस्‍व अभिलेख में पटवारी हल्‍का नं. नीलबड़ तहसील हुजूर, जिला भोपाल के नाम पर अंकित है? (ख) यदि हाँ तो क्‍या शासन द्वारा पूर्व में उक्‍त भूमि को अधिग्रहण कर नगर निगम भोपाल को सौंप दी गई थी? (ग) यदि हाँ तो उक्‍त भूमि पर दुकानें, पेट्रोल पम्‍प, मार्केट आदि बनाकर किनके द्वारा कब्‍जा कर अतिक्रमण किया गया है? क्‍या सरकारी भूमि पर किया गया कब्‍जा हटाकर बहुमूल्‍य भूमि छुड़ाई जाकर गरीबों के लिए आवंटित की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील हुजूर ग्राम नीलबड़ प.ह.नं. 51 अन्तर्गत आने वाली भूमि खसरा क्रमांक 150 रकबा 0.2500 हेक्टर भूमि म.प्र.शासन गोहा मद में एवं खसरा क्रमांक 140 रकबा 0.0400 हेक्टर भूमि म.प्र.शासन अर्बन सीलिंग वर्तमान में शासकीय अभिलेख में अंकित है। (ख) जी नहीं। प्रश्‍नांश (क) अनुसार उल्लेखित भूमियां वर्तमान में शासकीय अभिलेख में शासन के नाम दर्ज है। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार भूमि पर ग्रामवासियों द्वारा खसरा क्रमांक 150 रकबा 0.2500 हेक्टेयर के अंश भाग रकबा 0.068 हेक्टेयर एवं 0.0200 हेक्टेयर पर बागड़ लगाई हुई है जिसको हटाने बावत् विधिवत कार्यवाही प्रचलित है। भूमि खसरा क्रमांक 140 रकबा 0.0400 हेक्टेयर भूमि मौके पर रिक्त है।

रेत का अवैध उत्‍खनन

[खनिज साधन]

86. ( क्र. 957 ) श्री मेंवाराम जाटव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या म.प्र. की जीवन रेखा नर्मदा नदी जिसे सरकार ने जीवित इकाई माना है, में होशंगाबाद, सीहोर, देवास एवं हरदा में रेत का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किये जाने के कितने-कितने प्रकरण 01 अप्रैल, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक दर्ज किये गये हैं तथा अवैध परिवहन किये जाने एवं उत्खनन किये जाने पर कौन-कौन से वाहन राजसात किये गये हैं, वाहन मालिकों के नाम, पते सहित बतायें। (ख) क्या सीहोर जिले के रेहटी तहसील अंतर्गत ग्राम जाजना, मठ्ठागांव, टप्पर में पॉवरमेंक कंपनी के द्वारा पोकलेन मशीनों द्वारा रेत का अवैध उत्खनन किये जाने की शिकायतें माह नवम्बर वर्ष 2022 में कलेक्टर सीहोर, खनिज मंत्री, मुख्यमंत्री आदि को ग्रामवासियों के संयुक्त हस्ताक्षर से प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो इन प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच कर क्या कार्यवाही की गई? यदि कार्यवाही नहीं की गई तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नानुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी हाँ, शिकायत प्राप्‍त हुई थी, जिसकी जाँच कराई गई। जाँच प्रतिवेदन अनुसार पोकलेन मशीन से रेत का खनन किया जाना नहीं पाया गया। यह भी पाया गया कि शिकायत जाजना, मठ्ठागांव, टप्‍पर के ग्रामवासियों द्वारा नहीं किया जाकर कुछ असामाजिक तत्‍वों द्वारा झूठी शिकायत की गई। ग्राम जाजना के खसरा क्रमांक 245 के रकबा 12.000 हेक्‍टेयर पर रेत खदान पॉवरमेंक कंपनी को स्‍वीकृत होकर संचालित है। अत: अवैध उत्‍खनन की शिकायत असत्‍य होने के कारण किसी प्रकार की कार्यवाही किये जाने का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

समूह भंग कर दोषी पर कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

87. ( क्र. 1481 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) जय हनुमान स्व-सहायता समूह जलपुरा विकासखण्ड अटेर जिला भिण्ड को कौन-कौन वर्ष से कौन-कौन सी उचित मूल्य दुकान का खाद्यान्‍न वितरण का कार्य किया गया है तथा उक्त समूह को गेहूं, चावल, शक्कर, नमक, मिट्टी तेल के अतिरिक्त और क्या 2 वस्तु वितरण करने के लिये शासन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है? समूह को वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक कितना लाभ अन्य मदों से प्राप्त हुआ, लाभ राशि को कहां कैसे खर्च किया गया है? विवरण सहित जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के समूह द्वारा माह दिसम्‍बर 2022 एवं जनवरी 2023 के खाद्यान्‍न वितरण में अंगूठा लगवा लिया गया है किन्तु खाद्यान्‍न नहीं वितरित किया गया है। मांगे जाने पर समूह अध्यक्ष द्वारा कहा जा रहा है कि खाद्यान्‍न आने पर वितरण किया जाएगा जिसकी कई शिकायतें स्थानीयजनों द्वारा की गई हैं, किन्तु न कोई कार्यवाही की गई और न ही खाद्यान्‍न वितरण किया गया है। कब तक खाद्यान्‍न वितरण करा कर शिकायतों की जांच एवं कार्यवाही करा दी जावेगी? (ग) प्रश्‍नांश (क) के समूह में कुल कितने सदस्य हैं तथा समूह की वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक में किन-किन तिथियों में समूह की बैठक बुलाई गई तथा क्या प्रस्ताव पारित किये गये हैं? एजेन्डा पंजी पारित प्रस्ताव की प्रति के साथ जानकारी देवें। (घ) यदि प्रश्‍नांश (ख) एवं (ग) के खाद्यान्‍न वितरण एवं नियमित मासिक बैठक न करने में दोषी हैं तो क्या समूह को भंग कर दोषियों पर कार्यवाही करा देगें? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जय हनुमान स्व-सहायता समूह द्वारा जलपुरा उचित मूल्‍य दुकान का संचालन माह फरवरी, 2018 से किया जा रहा है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग द्वारा खाद्यान्‍न, शक्‍कर, नमक एवं केरोसीन पात्र परिवारों को वितरण हेतु उपलब्‍ध कराया गया है। इसके अतिरिक्‍त अन्‍य वस्‍तु वितरण हेतु समूह को उपलब्‍ध नहीं कराई गई है। वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक समूह को प्राप्‍त आय एवं व्‍यय का विवरण  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समूह को प्राप्‍त लाभांश राशि सभी सदस्‍यों में समान रूप से बांटे जाने का प्रावधान है। (ख) जय हनुमान स्व-सहायता समूह द्वारा माह दिसम्‍बर 2022 एवं जनवरी 2023 पात्र हितग्राहियों को राशन प्राप्‍त न होने की जांच कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी से कराई गई। जांच में अनियमितता पाए जाने के कारण मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानों के तहत प्रकरण निर्मित कर आगामी कार्यवाही 3 माह में सुनिश्चित की जाएगी। (ग) समूह में कुल 10 सदस्‍य हैं। वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक आयोजित बैठक की दिनांक एवं कार्यवाही विवरण की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। समूह के अध्‍यक्ष द्वारा बैठक आयोजन की सूचना सदस्‍यों को मौखिक रूप से दी जाती है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) खाद्यान्‍न वितरण में अनियमितता पाए जाने के कारण मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधानों के तहत प्रकरण निर्मित कर कार्यवाही की जा रही है। मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण (नियंत्रण) आदेश, 2015 में समूह द्वारा नियमित बैठक आयोजित न करने पर समूह के विरूद्ध कार्यवाही करने का कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

खरीदी केन्द्रों पर अमानक धान खरीदी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

88. ( क्र. 1673 ) श्री हर्ष यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य एवं सहकारिता विभाग अंतर्गत धान एवं पैदावारों को खरीदी हेतु स्व सहायता समूहों खरीदी केन्द्र आवंटित किये जाने के संबंध में क्या नियम निर्देश हैं? सागर जिले अंतर्गत किन-किन समूहों को ऐसे कितने केन्द्र आवंटित किये गये जिनमें धान खरीदी एवं अन्य पैदावार खरीदी की जा रही हैं? विकासखण्ड वार, समूहवार जानकारी देवें? (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित आवंटित केन्द्रों के स्व- सहायता समूहों को केन्द्र आवंटन के संबंध में क्या-क्या मापदण्ड निर्धारित किये गये थे? समूहवार पात्रता मापदण्ड की विस्तृत जानकारी देवें। (ग) क्या केसली विकासखण्ड के ग्राम केसली में लगभग 36000 बोरी अमानक धान केसली के दिगंबर स्व-सहायता समूह के खरीदी केन्द्र से विभाग द्वारा जप्त कराई गई है? यदि हाँ तो क्या जिले में ऐसे ही अन्य और कोई मामले प्रकाश में आए हैं? यदि हाँ तो जानकारी देवें? (घ) प्रश्‍नांश (ग) में वर्णित दोषियों के विरूद्ध विभाग द्वारा प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई है? भविष्य में इस प्रकार की गड़बड़ियां न हो, इसके संबंध में विभाग द्वारा कोई कार्ययोजना बनाई गई हैं? यदि हाँ तो अवगत करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन का कार्य महिला     स्‍व-सहायता समूह को दिए जाने के संबंध में विभाग द्वारा जारी निर्देश की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। सागर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान उपार्जन का कार्य करने वाले महिला स्‍व-सहायता समूह की विकासखण्‍डवार एवं समूहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। (ख) समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न उपार्जन का कार्य महिला स्‍व-सहायता समूह को समर्थन मूल्‍य पर धान उपार्जन कार्य देने हेतु निर्धारित मापदण्‍ड पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। समूहवार पात्रता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। (ग) केसली विकासखण्‍ड के ग्राम केसली में धान उपार्जन हेतु दिगंबर स्‍व-सहायता समूह बम्‍होरी द्वारा संचालित केन्‍द्र पर 16480 बोरी वजन, 5021.24 क्विंटल धान अमानक पाई गई, जिसे परिवहन कराकर जरवा गोदाम में अग्रिम कार्यवाही हेतु सुरक्षित रखा गया, इसके अतिरिक्‍त प्राथमिक साख सहकारी समि‍ति देवरीकलॉ, हरेराम स्‍व-सहायता समूह वरखेरा, निधि स्‍व-सहायता समूह, रेवझा, श्रीगनेश स्‍व-सहायता समूह, धनगुवां द्वारा संचालित उपार्जन केन्‍द्र पर भी अमानक धान पाई गई। (घ) दिगंबर स्‍व-सहायता समूह बम्‍होरी द्वारा संचालित उपार्जन केन्‍द्र पर अमानक धान पाए जाने पर उपार्जन केन्‍द्र प्रभारी, कम्‍प्‍यूटर आपरेटर एवं सर्वेयर के विरूद्ध थाना केसली में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई एवं प्राथमिक साख सहकारी समि‍ति देवरीकलॉ, हरेराम स्‍व-सहायता समूह वरखेरा, निधि स्‍व-सहायता समूह, रेवझा द्वारा संचालित उपार्जन केन्‍द्र को बंद किया जाकर ब्‍लेकलिस्‍टेड किया गया एवं श्रीगनेश स्‍व-सहायता समूह, धनगुवां केन्‍द्र को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उपार्जन नीति में समर्थन मूल्‍य पर एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता का स्‍कन्‍ध उपार्जन किया जाना प्रावधानित है एवं उपार्जन कार्य में गंभीर अनियमितता करने वाली संस्‍थाओं को आगामी उपार्जन वर्ष में उपार्जन का कार्य नहीं दिया जाता है।

पात्रता पर्ची के लंबित आवेदन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

89. ( क्र. 1725 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि         (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र क्र. 218 बड़नगर में कितने लोगों ने पात्रता पर्ची के लिए आवेदन किया है? निकायवार संख्‍या बताएं। (ख) उपरोक्त में से कितने के आवेदन स्वीकृत किये जाकर आवेदक के नाम राशन कार्ड जारी किये गये? (ग) किस-किस के आवेदन अभी तक लंबित हैं तथा कितने के आवेदन अस्वीकृत किये गये? आवेदन के लंबित होने या अस्वीकृत होने का कारण भी बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 218 बड़नगर अंतर्गत पात्रता पर्ची के लिये कुल 11991 आवेदन प्राप्‍त हुये है जिसकी निकायवार जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्रमांक

निकाय का नाम

आवेदन पत्र संख्‍या

1

जनपद पंचायत, बड़नगर

11189

2

नगर परिषद, बड़नगर

802

                  योग

11991

(ख) उपरोक्‍त अवधि में 7762 आवेदन स्‍वीकृत किये जाकर पात्रता पर्ची (राशन कार्ड) जारी किये, निकायवार जानकारी निम्‍नानुसार है:-

क्रमांक

निकाय का नाम

आवेदन पत्र संख्‍या

1

जनपद पंचायत, बडनगर

7243

2

नगर परिषद, बड़नगर

519

                 योग

7762

(ग) जनपद पंचायत, बड़नगर एवं नगर परिषद, बड़नगर अंतर्गत वर्तमान में कोई आवेदन लम्बित नहीं है। प्राप्‍त आवेदनों में से जनपद पंचायत बड़नगर में 3946 एवं नगर परिषद बड़नगर में 283 आवेदन कुल 4229 आवेदन अस्‍वीकृत किये गये। आवेदन अस्‍वीकृत करने का कारण आवेदक के NFSA के अंतर्गत निर्धारित 28 श्रेणी में से किसी भी श्रेणी में पात्रता संबंधी दस्‍तावेज नहीं होने/डुप्‍लीकेट होने के कारण अस्‍वीकृत किये गये है।

समर्थन मूल्‍य पर खाद्यान्‍न का उपार्जन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

90. ( क्र. 1748 ) श्री प्रह्लाद लोधी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि          (क) समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन के क्या नियम-निर्देश एवं नीति वर्तमान में लागू है? पन्ना जिले में विगत 3 वर्षों में किस-किस खरीदी केन्द्र से कितने-कितने और कौन-कौन से किसानों की कितनी-कितनी कृषि उपज कब खरीदी गई और किन-किन भण्डारगृहों में कब भंडारित की गई(ख) प्रश्‍नांश (क) के तहत विधानसभा पवई के खरीदी केन्द्रों के कौन-कौन प्रभारी रहे एवं गुणवत्ता निरीक्षण हेतु कौन-कौन कार्यरत रहे और खरीदी कार्य का किस-किस नाम पदनाम के किन-किन शासकीय सेवकों द्वारा कब-कब निरीक्षण किया गया और क्या-क्या प्रतिवेदन दिये गये? (ग) पन्ना जिले के खाद्यान्न के उपार्जन एवं भण्डारण और परिवहन में अनियमितताओं के     कौन-कौन से प्रकरण विगत 3 वर्षों से प्रश्‍न दिनांक तक किस जांच एवं निरीक्षण में ज्ञात हुए हैं? क्या प्रतिवेदन दिये गये हैं? प्रश्‍न दिनांक तक क्या कार्यवाही की गई? (घ) क्या विधानसभा पवई अन्तर्गत वर्ष 2022 में खाद्यान्न उपार्जन के तहत प्रिया स्व-सहायता समूह द्वारा खरीदी गई कुछ किसानों की धान का मूल्य आज दिनांक तक किसानों को प्राप्त नहीं हुआ है? यदि हाँ तो क्यों और इन किसानों के फसलों का भुगतान कब तक किया और किसानों को क्या क्षतिपूर्ति दी जायेगी?    (ड.) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्य में खाद्यान्न के उपार्जन, परिवहन और भण्डारण में ज्ञात अनियमितता पर की गई कार्यवाही नियमानुसार है? यदि हाँ तो कैसे? यदि नहीं तो क्या विभाग/शासन स्तर से इसका संज्ञान लेकर कार्यवाही की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। समर्थन मूल्य पर खाद्यान्‍न उपार्जन हेतु उपार्जन वर्षवार नीति जारी की जाती है। पन्‍ना जिले में विगत तीन वर्षों में खरीदी केन्‍द्रवार उपार्जित खाद्यान्‍न मात्रा एवं विक्रेता किसानों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। किसानों के नाम, उपार्जित मात्रा एवं दिनांक की जानकारी ई-उपार्जन पोर्टल पर उपलब्‍ध है। उपार्जित मात्रा को जिन गोदामों में भण्‍डारित किया गया है, उनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। उपार्जित स्‍कन्‍ध का गोदामों में भंडारण उपार्जन अवधि में किया गया है। (ख) पन्‍ना जिले के पवई विधानसभा क्षेत्र के तीन वर्षों में उपार्जन केन्‍द्रवार नियुक्‍त प्रभारी एवं गुणवत्‍ता निरीक्षक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। उपार्जन केन्‍द्रों का निरीक्षण राजस्‍व, खाद्य, सहकारिता विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा समय-समय पर भ्रमण किया गया है। उपार्जन केन्‍द्रों की जांच में पाई गई अनियमितता, प्रस्‍तुत प्रतिवेदन एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। (ग) पन्ना जिले में के खाद्यान्न उपार्जन के दौरान अनियमितता पाए जाने पर प्रिया स्‍व-सहायता समूह, सिमरिया एवं संतोषी माता स्‍व-सहायता समूह, कढ़ना एवं माँ काली स्‍व-सहायता समूह, बछर में अनियमितता पाए जाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जांच प्रतिवेदन की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। (घ) पन्ना जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में प्रिया महिला स्‍व-सहायता समूह द्वारा 929.15 क्विंटल धान परिवहन हेतु उपलब्‍ध न कराए जाने के कारण 35 किसानों द्वारा विक्रय धान की राशि रू. 18,02,580 का भुगतान नहीं हुआ है, जिसके फलस्‍वरूप स्‍व-सहायता समूह के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। प्रकरण न्‍यायालय में विवेचनाधीन है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ड.) उपार्जन में अनियमितता करने वाली संस्‍थाओं के विरूद्ध नियमानुसार अभियोजन की कार्यवाही की गई है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान की जानकारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

91. ( क्र. 1798 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश के बैतूल जिले में पंचायत स्‍तर पर कितनी संख्‍या में शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान संचालित हो रही हैं? पंचायतवार, संख्‍यावार जानकारी उपलब्‍ध करावें। बैतूल जिले की मुलताई तहसील में कितनी शासकीय उचित मूल्‍य की दुकानें अच्‍छी हालत में हैं और कितनी दुकानें जर्जर अवस्‍था में हैं? संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में क्‍या शासन के संज्ञान में बैतूल जिले की मुलताई तहसील की ग्राम पंचायत बोथिया में संचालित शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान जर्जर अवस्‍था में है? यदि हाँ तो इसके लिये शासन द्वारा क्‍या कार्यवाही की है? यदि नहीं तो कब तक इसके पुनर्निर्माण हेतु कार्यवाही की जावेगी? (ग) मुलताई तहसील में उचित मूल्‍य की दुकान हेतु कितने भवन स्‍वीकृत हैं? जहां भवन नहीं है वहां कब तक स्‍वीकृत कर दिये जाएंगे?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रदेश के बैतूल जिले में पंचायत स्‍तर पर 597 शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान संचालित हो रही हैं, पंचायतवार दुकान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। बैतूल जिले की मुलताई तहसील में कुल 75 उचित मूल्‍य दुकान में से 69 दुकानें अच्‍छी अवस्‍था में है तथा 6 दुकानें क्षतिग्रस्‍त अवस्‍था में है, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। दुकान के पुनर्निर्माण हेतु प्रस्‍ताव तैयार किया गया है।                 (ग) मुलताई तहसील में मनरेगा के अंतर्गत उचित मूल्‍य की दुकान हेतु 8 भवन स्‍वीकृत हैं, जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। जहां भवन नहीं है, वहां भवन स्‍वीकृत करने की समय-सीमा बताना संभव नहीं है।

 

 






भाग-3

अतारांकित प्रश्‍नोत्तर


महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न

[वन]

1. ( क्र. 10 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या यह सही है कि म.प्र. शासन वन विभाग मंत्रालय भोपाल के आदेश क्रमांक एफ-10/15/2021/10-4 दिनांक 19 अगस्त 2021 में विभाग द्वारा गठित जांच दल की रिपोर्ट अनुसार श्री मोहन मीणा अश्लील हरकतें व अनुचित आचरण महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 की धारा 2 (छ) में प्रतिषेध लैंगिक उत्पीड़न के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के कारण निलंबित किया गया का उल्लेख किया है? (ख) यदि हाँ तो किस-किस का जांच दल बनाया, जांच दल ने किस दिनांक को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट एवं अंतिम रिपोर्ट किस-किस के समक्ष प्रस्तुत की, रिपोर्ट वर्तमान में किसके समक्ष किस कार्यवाही के लिए लंबित है? (ग) अधिनियम 2013 के तहत जांच दल की रिपोर्ट कितने दिनों में संबंधित महिला थाने को कार्यवाही हेतु प्रेषित किए जाने की जिम्मेदारी किसकी निर्धारित की गई है? (घ) श्री मोहन मीणा के विरूद्ध जांच दल की रिपोर्ट कब तक बैतूल के महिला पुलिस थाने या पुलिस अधीक्षक को अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रेषित कर दी जाएगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) विभाग के आदेश क्रमांक एफ 10-15/2021/10-4 दिनांक 01.06.2021 से श्रीमती बिन्दु शर्मा, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, म.प्र. राज्य वन विकास निगम, भोपाल एवं श्रीमती अर्चना शुक्ला, भा.व.से., अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, म.प्र. राज्य लघु वनोपज संघ भोपाल का जांच दल बनाया गया था। जांच दल द्वारा अपना प्रतिवेदन पत्र क्रमांक/ क्यू.-01/2021 दिनांक 21.06.2021 से प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख को प्रस्तुत किया गया। वर्तमान में उक्त रिपोर्ट/जांच प्रतिवेदन विभाग की नस्ती क्रमांक एफ 10-15/2021/10-4 में संधारित है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर श्री मोहनलाल मीणा को निलंबित कर उनके विरूद्ध विभाग के ज्ञाप दिनांक 18.10.2021 द्वारा अखिल भारतीय सेवायें (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1969 के नियम-8 अंतर्गत आरोप पत्र जारी किए गये हैं। (ग) महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध तथा प्रतितोष) अधिनियम, 2013 की धारा-13 (3) में नियोक्ता को रिपोर्ट प्रेषित करने संबंधी प्रावधान है। विभाग द्वारा श्री मोहन लाल मीणा, भा.व.से. के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही संस्थित की गई है। उक्त कार्यवाही के विरूद्ध श्री मीणा द्वारा मान. न्यायालय से स्थगन प्राप्त किया गया है। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

इंदौर जिले के देपालपुर अनुविभागीय अधिकारी के आदेश

[राजस्व]

2. ( क्र. 11 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) अनुविभागीय अधिकारी देपालपुर ने वर्ष 2022 में किस प्रकरण क्रमांक में किस-किस वनखंड में अधिसूचित किस ग्राम के किस-किस खसरा नंबर का कितना-कितना रकबा शासकीय विभागों को आवंटित करने, शासकीय विभागों के नाम पर दर्ज होने के कारण वनखंड से बाहर किए जाने का आदेश दिया है? (ख) किस-किस वनखंड में शामिल किस ग्राम के किस खसरा नंबर का कितना रकबा किस-किस विभाग को किन-किन उद्देश्यों के लिए किस प्रकरण क्रमांक में किस आदेश दिनांक से आवंटित किया? आवंटन आदेश के आधार पर किस दिनांक को नामांतरण किया? आदेश एवं नामांतरण की प्रति सहित बताएं। (ग) अनुविभागीय अधिकारी देपालपुर के आदेश की किस दिनांक को अपील कलेक्टर के पास की गई, कलेक्टर ने किस-किस आधार पर अपील को निरस्त किया? (घ) वनखंडों से पृथक की गई भूमि आजादी के पूर्व एवं आजादी के बाद किस-किस सार्वजनिक एवं निस्तारी प्रयोजन के लिए राजस्व अभिलेखों में दर्ज रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) अनुविभागीय अधिकारी देपालपुर ने वर्ष 2022 में प्रकरण क्रमांक 449/बी.121/202-22 में दर्ज किया तथा डीनोटिफाई किये जाने हेतु दिनांक 11/03/2022 को आदेश पारित किया गया। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ए अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-बी तथा 'सी' अनुसार है। (ग) अनुविभागीय अधिकारी देपालपुर के उक्त आदेश के विरूद्ध कलेक्‍टर न्यायालय में कोई अपील प्रस्तुत नहीं की गई।                                                              (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-डी अनुसार है।

वृक्षारोपण कार्य की जानकारी

[वन]

3. ( क्र. 49 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदूषण निवारण हेतु शासन/विभाग द्वारा वृहद स्‍तर पर वृक्षारोपण एवं इसी के साथ मुख्‍य स्‍थानों पर सघन वृक्षारोपण किये जाने की कार्य योजना बनाई जाकर अनेक कार्य किये जा रहे हैं?                                                                              (ख) यदि हाँ तो जावरा विधानसभा क्षेत्र अन्‍तर्गत उपरोक्‍तानुसार वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक किन-किन स्‍थानों पर किस प्रकार की अथवा अन्‍य भी कोई कार्ययोजना बनाई जाकर कार्य करवाए गये? (ग) यदि हाँ तो उपरोक्‍त वर्षों में किन-किन स्‍थानों पर किन-किन वर्षों में किस-किस प्रकार के कार्य किये गये? वर्षवार जानकारी दें। (घ) उपरोक्‍तानुसार वर्षवार कार्य किये जाने हेतु कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्‍त हुई, उस पर कितना व्‍यय हुआ? (ड.) कितने कार्य पूर्ण हुए, कितने अपूर्ण रहे? पिपलौदा तहसील अन्‍तर्गत ग्राम सुजापुर की पहाड़ियों में वृक्षारोपण किये जाने की कार्ययोजना कब तक स्‍वीकृत होकर प्रारंभ की जा सकेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) से (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ड.) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। पि‍पलौदा तहसील अंतर्गत ग्राम सुजापुर की पहाड़ियों में वृक्षारोपण हेतु वर्तमान में कोई योजना नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सत्ताईस"

 

 

 

शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण

[राजस्व]

4. ( क्र. 50 ) डॉ. राजेन्‍द्र पाण्‍डेय : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या रतलाम जिले में अनेक स्‍थानों पर शासकीय, राजस्‍व, नजूल एवं गोठाम (ग्राम पंचायत) इत्‍यादि की भूमियों पर अनाधिकृत, अवैध अनेक कतिपय कब्‍जे एवं अतिक्रमण हैं? (ख) यदि हाँ, तो जिले भर में उपरोक्‍तानुसार भूमियों पर नियम विरूद्ध अनाधिकृत कितने अतिक्रमण एवं कब्‍जाधारी होकर शासन की भूमियां है? (ग) जानकारी दें कि जिले में उपरोक्‍त उल्‍लेखित आशय की भूमियों पर अनाधिकृत अतिक्रमण के कितने प्रकरण विचाराधीन हैं? (घ) साथ ही अवगत कराएं कि समय-समय पर सांठ-गांठ कर रिकार्ड में जो हेराफेरी की जाती रही है क्‍या उनका परीक्षण कर संबंधित दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही भी प्रचलन में है? यदि हाँ, तो वर्ष 2018-19 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक किस-किस के विरूद्ध क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जाकर शासन की भूमियां मुक्‍त कराई गयी? विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जिले में कुछ स्‍थानों पर शासकीय, राजस्‍व, नजूल एवं गोठाम (ग्राम पंचायत) इत्‍यादि की भूमियों पर अनाधिकृत अतिक्रमण है। (ख) रतलाम जिले में 1670 अतिक्रामकों का लगभग 503 हेक्टर शासकीय भूमि पर अतिक्रमण पाया गया है।                                      (ग) उत्‍तरांश (ख) से संबंधित 1670 प्रकरण म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 248 के अन्‍तर्गत विभिन्‍न राजस्‍व न्‍यायालय में न्‍यायाधीन है। (घ) ऐसा कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। शेष प्रश्‍नांश उद्भूत नहीं होता।

चिड़ियाघर सह रेस्क्यू सेंटर

[वन]

5. ( क्र. 61 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                      (क) वनमण्डल सामान्य जबलपुर ने पर्यटन की दृष्टि से ठाकुरताल की पहाड़ियों को नैसर्गिक सौंदर्य प्रदान करने हेतु कितने क्षेत्रफल में कितनी-कितनी राशि के कौन-कौन से विकास एवं निर्माण कार्य कराये हैं तथा कौन-कौन सा कितना कार्य कराना कब से बकाया है एवं क्यों? मूल योजना क्या है तथा इस पर अभी तक कुल कितनी राशि व्यय हुई? (ख) क्या यह सत्य है कि ठाकुरताल और उससे लगी रामपुर की पहाड़ियों पर लेपर्ड (तेंदुआ) लकड़बग्घा, सेही, सियार आदि जानवर होने से इनकी एवं पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुये नगर वन पर्यटकों के लिये बंद कर दिया है? यदि हाँ तो ठाकुरताल में चिड़ियाघर सह रेस्क्यू सेंटर और टाइगर सह सफारी का कब क्या प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा हैं? शासन ने इस पर क्या कार्यवाही की हैं? (ग) केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को वर्ष 2016 में डुमना नेचर पार्क में सह सफारी के लिये भेजे गये प्रस्ताव पर चिड़ियाघर बनाने हेतु दिये गये निर्देश पर किसने कब क्या कार्यवाही की है? यदि नहीं, तो क्यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) वनमंडल जबलपुर के द्वारा पर्यटन की दृष्टि से ठाकुरताल की पहाड़ियों को नैसर्गिक सौंदर्य प्रदान करने हेतु नगर वन योजना वर्ष 2016-17 में विकास एवं निर्माण कार्य के व्यय की जानकारी संलग्‍न  परिशिष्ट में है। वर्तमान में दिनांक 31 मार्च 2020 से वाच टावर एवं गेट निर्माण कार्य का निर्माण कराया जाना शेष है। नवीन नगर वन योजना वर्ष 2021-2022 में 26.34 लाख रूपये चेन लिंक फेसिंग क्रय एवं क्षेत्र तैयारी कार्य हेतु व्यय किया गया है। उक्त दोनों योजनाएं नगर वन के विकास हेतु है। (ख) वर्तमान में ठाकुरताल और उससे लगी रामपुर की पहाड़ियों पर प्रस्तावित नवीन नगर वन का निर्माण किया जा रहा है। अतः इसके बंद होने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है। संभागायुक्त जबलपुर के पत्र दिनांक 02.01.2021 से नगर निगम सीमा क्षेत्र में मदन महल पहाड़ी के ठाकुरताल नामक स्थल का चयन कर प्रारंभिक प्रस्‍ताव राज्‍य शासन को प्रेषित किया था। स्‍थल चिड़ियाघर सह-रेस्‍क्‍यू सेंटर सह-सफारी हेतु उपयुक्‍त नहीं है। (ग) डुमना क्षेत्र में चिड़ियाघर सह रेस्‍क्‍यू केन्‍द्र, सह-सफारी का प्रस्‍ताव प्रधान मुख्‍य वन संरक्षक (वन्‍यप्राणी) द्वारा दिसम्‍बर, 2016 में केन्‍द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को भेजा था जिस पर केन्‍द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के पत्र दिनांक 25.01.2017 द्वारा यह लेख किया गया कि प्रस्‍तावित चिड़ियाघर डुमना एयरपोर्ट के नजदीक होने तथा भविष्‍य में एयरपोर्ट द्वारा ध्‍वनि प्रदूषण तथा चिड़ियाघर के अन्‍दर वृक्षों की ऊचाई संबंधी समस्‍याओं के कारण उचित स्‍थल पर चिड़ियाघर बनाने की डी.पी.आर. चाही गई। अत: राज्‍य शासन के पत्र दिनांक 23.10.2020 द्वारा संभागायुक्‍त जबलपुर से उपयुक्‍त स्‍थल चयन करने हेतु लेख किया गया। संभागायुक्‍त जबलपुर ने जबलपुर शहर सीमा में मदन महल पहाड़ी के ठाकुरताल नाम स्‍थल का चयन करके प्रारंभिक प्रस्‍ताव शासन को प्रस्‍तुत किया। प्रस्‍ताव परीक्षण करने पर पाया गया कि स्‍थल की भू-आकृति ऊबड़-खाबड़ एवं ग्रेनाईट के विशाल चट्टानों से भरा है तथा मिश्रित प्रजाति के वन विद्यमान हैं उक्‍त स्‍थल में कही भी मैदानी या समतल क्षेत्र नहीं है तथा पहाड़ी के ऊपर हाईटेंशन लाईनें गुजरती हैं। अत: उपरोक्‍त स्‍थल चिड़ियाघर सह-रेस्‍क्‍यू सेन्‍टर सह-सफारी हेतु उपयुक्‍त नहीं है।

परिशिष्ट - "अट्ठाईस"

कोविड-19 में मृतकों के आश्रितों को अनुग्रह राशि

[राजस्व]

6. ( क्र. 62 ) श्री लखन घनघोरिया : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) प्रदेश एवं केन्द्रीय शासन ने कोविड-19 में मृतकों के परिजनों/आश्रितों को अनुग्रह राशि देने हेतु क्या नीति निर्धारित की है एवं क्या दिशा निर्देश जारी किये हैं? (ख) जिला जबलपुर में कोविड-19 में कितने-कितने पुरूषों, महिलाओं व बच्चों की मृत्यु हुई है? अनुग्रह राशि हेतु कितने मृतकों के परिजनों/आश्रितों के आवेदन पत्र हुये है? कितने आवेदन पत्रों का निराकरण कर कितने पात्र व्यक्तियों को किस मान से कितनी अनुग्रह राशि दी गई? कितने आवेदन पत्र निरस्त किये गये एवं कितने विवेचना में लम्बित हैं? वर्ष 2020-21 से 2022-23 तक की वर्षवार जानकारी दें।                                            (ग) विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के तहत कितने पुरूषों, महिलाओं व बच्चों की मुत्यु हुई हैं। अनुग्रह राशि हेतु प्राप्त कितने आवेदन पत्रों का निराकरण स्वीकृत कर कितने पात्र व्यक्तियों को कितनी राशि स्वीकृति एवं वितरित की गई हैं? कितने आवेदन पत्र निरस्त/अस्वीकृत किये गये तथा कितने लम्बित हैं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) दिशा निर्देशों की  प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट – '''' अनुसार है। (ख) वर्षवार जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है।                                           (ग) विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर के तहत 87 पुरूष, 38 महिला की मृत्‍यु हुई है एवं मृत बच्‍चों की संख्‍या निरंक है। अनुग्रह राशि हेतु 125 आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए जिनमें से 74 पुरूष एवं 35 महिला मृतकों के परिजनों के आवेदनों का निराकरण कर प्रति मृतक के मान से राशि 50,000/- रूपये स्‍वीकृत कर वितरित की गई। विधानसभा क्षेत्र क्र. 97 जबलपुर में 13 पुरूष एवं 03 महिलाओं के आवेदन अस्‍वीकृत किये है। लंबित आवेदनों की संख्‍या निरंक है।

निर्माण कार्य के विरूद्ध लगे प्रतिबंध

[वन]

7. ( क्र. 98 ) श्री नारायण सिंह पटेल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि क्‍या ग्राम नर्मदा नगर, वर्तमान में जिसकी आबादी 10000 है, इस ग्राम के स्थानीय लोगों की मूलभूत सुविधाओं एवं अधोसंरचना निर्माण कार्यों व मरम्मत कार्य सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्निर्माण कार्यों पर वन विभाग द्वारा प्रतिबंध लगाए गये हैं? कृपया बतावें कि किस अधिनियम/धारा के तहत प्रतिबंध लगाये गये और कब तक हटाये जा सकेंगे? क्या कभी ग्राम पंचायत नर्मदा नगर को स्वतंत्र रूप से मूलभूत सुविधाओं एवं अधोसंरचना निर्माण कार्य कराये जाने का अधिकार दिलाया जावेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : ग्राम नर्मदानगर की भूमि वनभू‍मि होने के कारण इस पर निर्माण कार्य बिना भारत सरकार की पूर्व अनुमति के किये जाने प्रतिबंधित है। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के अनुसार किसी भी नये निर्माण के लिये भारत सरकार की पूर्व अनुमति आवश्‍यक है। ग्राम नर्मदानगर की वनभूमि को निर्वनीकरण करने की अनुमति के संबंध में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय में राज्‍य शासन ने याचिका दायर की गई है। माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय तथा भारत सरकार से वनभूमि के निर्वनीकरण की अनुमति उपरान्‍त ग्राम पंचायत को अधोसंरचना निर्माण का अधिकार प्राप्‍त होगा।

योजनांतर्गत प्राप्‍त आवंटन

[जल संसाधन]

8. ( क्र. 180 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) क्या विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है?                                                   (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक बालाघाट जिले की कौन-कौन सी विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रत्येक योजनावार प्राप्त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गये है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) वित्‍तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक बालाघाट जिले की विधानसभा क्षेत्रवार, योजनावार एवं वर्षवार प्राप्‍त हुई राशि एवं व्‍यय की गई राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में योजनावार प्राप्‍त राशि, किये गये कार्य एवं व्‍यय की गई राशि की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है।



केन्‍द्र तथा राज्‍य सरकार से प्राप्‍त आवंटन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

9. ( क्र. 181 ) श्री संजय उइके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) क्या यह सही है कि विभाग को केन्द्र एवं राज्य सरकार से विभिन्न योजनाओं में राशि प्राप्त होती है? (ख) यदि हाँ तो वित्तीय वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक बालाघाट जिले की कौन-कौन सी विधान सभा क्षेत्र में प्रत्येक योजनावार कितनी-कितनी राशि वर्षवार प्राप्त हुई एवं कितनी राशि व्यय की गई? (ग) विधानसभा क्षेत्र बैहर में प्रत्येक योजनावार प्राप्त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी-कितनी राशि के किए गये है? वर्षवार जानकारी उपलब्ध करावें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। (ख) वर्ष 2017-18 से प्रश्‍न दिनांक तक बालाघाट जिले की विभिन्‍न विधानसभा क्षेत्र में योजनावार/वर्षवार प्राप्‍त राशि एवं व्‍यय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -अ अनुसार(ग) विधान सभा क्षेत्र बैहर में प्रत्‍येक योजनावार प्राप्‍त राशि से कहां-कहां, कौन-कौन से कार्य कितनी राशि के किये गये, की वर्षवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -ब अनुसार है।

पौधारोपण की जानकारी

[वन]

10. ( क्र. 206 ) श्री ग्‍यारसी लाल रावत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                        (क) वन विभाग द्वारा बड़वानी जिले के अन्‍तर्गत वनमंडलों में विगत 3 वर्षों में कितने पौधे लगाए गए? कक्ष क्रमांकवार जानकारी दें? पौधों की वर्तमान स्थिति क्‍या हैं? कितने पौधे जीवित हैं, कितने पौधे मृत हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार किए गए वृक्षारोपण में चैनलिंक जाली, बारवेड वायर, सीमेंट पोल, उर्वरक, मानव श्रम तथा अन्‍य समस्‍त में किया गया कुल व्‍यय कब-कब हुआ? (ग) सेंधवा वन मंडल के सभी वन परिक्षेत्रों में किये गये वृक्षारोपण के मूल्‍यांकन/सत्‍यापन वर्ष 2021-22 एवं वर्ष 2022-23 में कब-कब किया गया?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।                                                          (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) सेंधवा वनमंडल के सभी वन परिक्षेत्रों में किये गये वृक्षारोपण का मूल्‍यांकन निम्‍नानुसार किया गया है :-

वर्ष

मूल्‍यांकन माह

2021-22

माह मई, जून, जुलाई 2021 एवं नवम्‍बर, 2021

2022-23

माह मई 2022 एवं अक्‍टूबर, 2022

 

मध्‍यप्रदेश वक्‍फ बोर्ड की संपत्तियों को राजस्‍व अभिलेखों में दर्ज किया जाना

[राजस्व]

11. ( क्र. 213 ) श्री आरिफ मसूद : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) म.प्र. शासन के राजपत्र 25 अगस्‍त 1989 में दर्ज म.प्र. वक्‍फ बोर्ड की संपत्तियों को राजस्‍व अभिलेखों, खसरों में लाल स्‍याही से म.प्र. वक्‍फ बोर्ड भोपाल के नाम लिखने के संबंध में राजस्‍व विभाग/अल्‍पसंख्‍यक विभाग या शासन के कोई आदेश हैं यदि हाँ तो कब-कब आदेश जारी हुए, संबंधित आदेशों की सत्‍यापित प्रतिलिपि दें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यदि आदेश है तो 25 अगस्‍त 1989 के राजपत्र में प्रकाशित वक्‍फ संपत्तियों को राजस्‍व रिकार्ड में लाल स्‍याही से म.प्र. वक्‍फ बोर्ड भोपाल के नाम किन-किन तहसीलों में लिख दिया गया हैं एवं जहां नहीं लिखे हैं वहां कब तक लिखा जाएगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में म.प्र. वक्‍फ बोर्ड भोपाल द्वारा विदिशा जिले के अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व सिरोंज को राजस्‍व अभिलेखों में वक्‍फ सम्‍पत्ति दर्ज करने संबंधित पत्र क्र. आर-विदिशा/2022/1739 भोपाल, दिनांक 04/04/2022 के साथ राजपत्र में दर्ज सिरोंज तहसील की वक्‍फ संपत्तियों की सूची भेजी गई थी? यदि हाँ तो इस संबंध में अब तक क्‍या कार्यवाही की गई और कब तक यह कार्यवाही पूर्ण हो जाएगी? यदि कोई कार्यवाही नहीं की गई तो क्‍यों?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार। (ख) वर्तमान में समस्त राजस्व रिकार्ड डिजिटाईज्ड होने से लाल स्याही से लिखे जाने का प्रश्‍न ही उत्पन्न नहीं होता है। (ग) जी हाँ। तहसील सिरोंज के अंतर्गत वक्‍फ सम्‍पत्तियों को राजस्‍व अभिलेख में दर्ज करने की कार्यवाही गतिशील है।

संबल, भवन संनिर्माण कार्ड की जानकारी

[श्रम]

12. ( क्र. 227 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में संबल कार्ड, भवन संनिर्माण कार्ड बनाये जाने की योजना संचालित है? यदि हाँ तो इसकी क्‍या अर्हता है? कौन-कौन हितग्राही इसके लिये आवेदन कर सकते हैं? क्‍या मार्गदर्शिका है एवं उक्‍त योजनाएं कब से संचालित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) के प्रकाश में सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्रांतर्गत योजनाओं के प्रारंभ से प्रश्‍न दिनांक तक कितने हितग्राहियों ने आवेदन किये? उक्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन पात्र पाये गये एवं कितने अपात्र हुए एवं अपात्र होने के क्‍या-क्‍या कारण रहे? पंचायतवार पृथक-पृथक सूची उपलब्‍ध करावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ। प्रदेश में भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कार्यों में संलग्‍न श्रमिकों का म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल अंतर्गत पंजीयन कर निर्माण श्रमिक परिचय-पत्र बनाए जाते हैं। मण्‍डल अंतर्गत 18 से 60 वर्ष की आयु के ऐसे श्रमिक जो विगत 01 वर्ष में न्‍यूनतम 90 दिवस भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कार्यों में संलग्‍न रहे हों, पंजीयन हेतु अर्हता धारित करते हैं। भवन एवं अन्‍य संनिर्माण श्रमिकों के 49 अधिसूचित प्रवर्गों से संबंधित श्रमिक पंजीयन हेतु आवेदन कर सकते हैं। प्रवर्गों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-अ अनुसार है। भवन एवं अन्‍य संनिर्माण श्रमिकों के पंजीयन की योजना वर्ष 2004 से संचालित है। जी हाँ। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्याण मण्डल में असंगठित कार्य में लगे 18 से 60 वर्ष तक के ऐसे श्रमिक जो आयकर दाता न हो, शासकीय सेवक न हो और ईएसआईसी/पीएफ/ग्रेच्यूटी आदि सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्राप्त न करते हो तथा जिसके पास एक हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि न हो, वे योजनान्तर्गत पंजीयन हेतु पात्र है। उपरोक्‍तानुसार पात्रताधारी असंगठित श्रमिक पं‍जीयन के लिये आवेदन कर सकते है। जी हाँ, इस संबंध में मार्गदर्शिका जारी है। मुख्‍यमंत्री जनकल्‍याण (संबल) योजना 01 अप्रैल 2018 से संचालित है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल तथा संबल योजना के अंतर्गत सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत पंचायतवार पंजीयन आवेदनों पर पात्र-अपात्र संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। अपात्रता का मुख्‍य कारण प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में उल्‍लेखित पंजीयन की शर्तों को पूर्ण नहीं करना है।

पी.डी.एस. संचालकों के विरूद्ध कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

13. ( क्र. 230 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                         (क) क्‍या सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत संचालित पी.डी.एस. की दुकानें नियमित रूप से नहीं खुलती हैं? जिसके कारण हितग्राहियों को बार-बार चक्‍कर लगाने पड़ते हैं? यदि हाँ तो इसके लिये कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं? नाम व पद सहित ब‍तावें। (ख) क्‍या ग्रामीणों की बार-बार शिकायतें किये जाने के बाद भी संबंधित अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा ऐसी संस्‍था संचालकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाती? यदि हाँ तो क्‍यों? इसके लिए कौन-कौन अधिकारी कर्मचारी दोषी हैं?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत संचालित पी.डी.एस. की दुकानें नियमित रूप से खुलती हैं, जिन पर प्रतिमाह नियमित खाद्यान्‍न का वितरण हो रहा है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है। (ख) ग्रामीणों द्वारा संस्‍था संचालकों के विरूद्ध शिकायतें प्राप्‍त होने पर अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों की जांच की जाकर अनियमितता पाये जाने पर संस्‍था संचालकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

नामांतरण, बंटवारा एवं डायवर्सन संबंधी आवेदन

[राजस्व]

14. ( क्र. 231 ) श्री बैजनाथ कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                           (क) सबलगढ़ विधानसभा क्षेत्रांतर्गत वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक नामांतरण, बंटवारे एवं डायवर्सन हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुए हैं? सूची उपलब्‍ध कराये। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में उक्‍त प्राप्‍त आवेदनों में से अभी तक कितने आवेदन लंबित हैं एवं क्‍यों? कारण सहित सूची उपलब्‍ध करावें। इसके लिये कौन-कौन अधिकारी, कर्मचारी दोषी हैं? नाम व पद सहित जानकारी उपलब्‍ध करावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) सबलगढ़ विधान सभा क्षेत्रान्र्गत वर्ष 2021-22 से प्रश्‍न दिनांक तक नामान्तरण, बंटवारा एवं डायवर्सन के प्राप्त आवेदनों की जानकारी निम्नानुसार है:-

1

तहसील

नामांतरण

बंटवारा

डायवर्सन

2

कैलारस

2144

255

1188

3

सबलगढ़

9040

1549

 

योग

11184

1804

1188

नामान्तरण बंटवारा एवं डायवर्सन के प्राप्त आवेदनों की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में न्‍यायालयीन प्रक्रिया प्रचलित होने से नामांतरण बंटवारा एवं डायवर्सन के लंबित प्रकरणों की जानकारी निम्नानुसार है-

1

तहसील

नामांतरण

बंटवारा

डायवर्सन

2

कैलारस

117

34

31

3

सबलगढ़

1112

125

 

योग

1229

159

31

लंबित समस्त आवेदन पत्र नियत समयावधि के भीतर होने से कोई अधिकारी/कर्मचारी दोषी नहीं है। नामान्तरण बंटवारा एवं डायवर्सन के लम्बित प्रकरणों की सूची  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

किसान कल्याण योजनाएं

[राजस्व]

15. ( क्र. 246 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                              (क) बड़वानी जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्‍मान निधि एवं मुख्‍यमंत्री किसान कल्‍याण योजना के अंतर्गत कितने किसान शामिल हैं? विधानसभावार बतावें। (ख) उपरोक्‍त योजनाओं में राजपुर विधान सभा क्षेत्र के किसानों एवं ग्राम की संख्‍यावार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार इन योजनाओं में नाम जोड़ने के क्‍या-क्‍या नियम हैं? पूर्ण विवरण देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 अनुसार है।

परिवहन विभाग से वसूली

[परिवहन]

16. ( क्र. 247 ) श्री बाला बच्चन : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) इंदौर संभाग में परिवहन विभाग में कितनी राशि किस मद में, किनसे वसूली जाना शेष है? प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में जिलावार बतावें। वाहन स्‍वामी नाम, वाहन नंबर, मद सहित राशि की जानकारी जिलावार देवें। (ख) वसूली के संबंध में कितने प्रकरण कहाँ-कहाँ लंबित हैं, की जानकारी प्रश्‍नांश (क) अनुसार देवें। इन प्रकरणों में कब-कब तारीख लगी, प्रत्‍येक प्रकरण के संदर्भ में जिलावार जानकारी देवें। (ग) बकाया राशि के प्रकरणों का निराकरण कब तक हो जाएगा? इसे लंबित रखने वाले अधिकारियों पर शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) इंदौर संभाग में यात्री वाहनों पर मद 872 में कुल रूपये 1567249576/- राशि बकाया है, जिसमें से रूपये 981129408/- राशि वसूली की जाकर रूपये 586120168/- राशि शेष है। माल वाहनों पर मद 873 में रूपये 3045047435/- राशि बकाया है, जिसमें से रूपये 1608792933/- राशि वसूल की जाकर रूपये 1436254502/- राशि शेष है। जानकारी संलग्न  परिशिष्ट अनुसार  है। (ख) इंदौर संभाग में यात्री वाहनों के 1499 तथा मालवाहनों के 8132 प्रकरण लंबित हैं। परिवहन अधिकारी द्वारा बकाया राशि जमा करने हेतु नोटिस जारी किये जाने पर अधिकांश वाहन स्वामियों द्वारा कर जमा कर दिया जाता है। जिन वाहन स्वामियों द्वारा नोटिस के विरूद्ध अपील की जाती है, केवल उन्हीं प्रकरणों में अपीलीय प्राधिकारी द्वारा सुनवाई की जाकर प्रकरण का निराकरण मुख्यालय स्तर पर किया जाता है। अत: जिलेवार जानकारी दिये जाने की अपेक्षा शेष नहीं है। (ग) बकाया राशि के प्रकरणों का निराकरण एक सतत् गतिमान प्रक्रिया है। जिसमें वाहन स्वामी को बकाया कर जमा करने हेतु नोटिस जारी करना, अनुज्ञा स्वीकृति, फिटनेस नवीनीकरण के समय बकाया कर जमा कराया जाना और समय-समय पर चैकिंग अभियान चलाकर बकाया की राशि वसूल की जाती है। किसी अधिकारी द्वारा जानबूझकर बकाया वसूली लंबित रखे जाने का कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है। सतत् प्रक्रिया होने से समय बताया जाना सम्भव नहीं है।

परिशिष्ट - "उनतीस"

आवेदनों पर कार्यवाही

[राजस्व]

17. ( क्र. 255 ) चौधरी सुजीत मेर सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) दिनांक 01-01-2021 से प्रश्‍न दिनांक तक खरगोन कलेक्‍टर (राजस्‍व) कार्यालय या अनुविभागीय कार्यालय (राजस्‍व) में श्रीकृष्‍ण नगर/गोविंद महाजन के संबंध में कितने आवेदन पत्र/मेल द्वारा प्राप्‍त हुए? विषयवार, पत्रवार सूची देवें। (ख) उपरोक्‍तानुसार इन पर की गई कार्यवाही के समस्‍त दस्‍तावेजों की प्रमाणित प्रति उपलब्‍ध कराएं। यदि कार्यवाही नहीं की गई तो आवेदन के संबंध में कारण बतायें। (ग) यह कार्यवाही कब तक कर दी जाएगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) दिनांक 01/01/2021 से प्रश्‍न दिनांक तक गोविंद महाजन के संबंध में प्राप्‍त एक आवेदन  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

श्रम न्‍यायालयों में प्रचलनाधीन प्रकरण

[श्रम]

18. ( क्र. 266 ) श्री बहादुर सिंह चौहान : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्रेसीम उद्योग नागदा जंक्‍शन जिला उज्‍जैन एवं नागदा जंक्‍शन स्थित अन्‍य उद्योगों के कितने प्रकरण श्रम न्‍यायालयों में विचाराधीन हैं? प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में उद्योग नाम, प्रकरण क्रमांक, प्रकरण प्रारंभ दिनांक सहित देवें। (ख) विगत 03 वर्षों में इन प्रकरणों में कितनी तारीखें लगी, प्रकरणवार बतावें। इनमें कितनी बार विभागीय अधिकारी उपस्थित/अनुपस्थित रहे की जानकारी प्रकरणवार देवें। (ग) ग्रेसीम उद्योग नागदा जंक्‍शन एवं इसकी अन्‍य सहायक कंपनियों में कितने प्रकरणों में कारखाना अधिभोगी एवं अन्‍य कर्मचारियों के विरूद्ध निर्णय होने पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? कितने प्रकरणों के निर्णय आने के बाद कारखाना प्रबंधकों द्वारा कहाँ-कहाँ से स्‍टे लिया गया की जानकारी प्रकरणवार देवें। (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार इन प्रकरणों में कार्यवाही न करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध  शासन कब तक कदम उठाएगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) नागदा जक्‍शन जिला उज्‍जैन स्थित उद्योग में, कारखाना अधिनियम 1948 के अंतर्गत उज्‍जैन में विचाराधीन प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) विगत 3 वर्षों में इन प्रकरणों में लगी तारिखों एवं न्‍यायालय में उपस्थिति की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 के कॉलम नंबर 5 तथा 6 वर्णित है। (ग) विगत 3 वर्षों में ग्रेसिम उद्योग नागदा जंक्‍शन एवं इसकी अन्‍य सहायक कंपनियों में हुई निर्णयों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। सभी प्रकरणों में हुआ अर्थदण्‍ड कारखाना प्रबंधन द्वारा जमा कराया गया है। किसी भी प्रकरण में प्रबंधन द्वारा स्‍टे नहीं लिया गया है। (घ) प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही की गई। अत: अधिकारियों के विरूद्ध शासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।

परिवहन विभाग द्वारा जारी परमिट एवं बकाया कर राशि

[परिवहन]

19. ( क्र. 267 ) श्री सुरेन्‍द्र सिंह हनी बघेल : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) 1 जनवरी 2022 से लेकर प्रश्‍न दिनांक तक भोपाल डिविजन में जिसमें प्रादेशिक परिवहन, प्राधिकार भोपाल, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी भोपाल, जिला परिवहन अधिकारी सीहोर, जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़, जिला परिवहन अधिकारी विदिशा, जिला परिवहन अधिकारी रायसेन के कार्यालयों में प्रत्‍येक कार्यालय अनुसार कुल अस्‍थाई आवेदन धारा 87 (1) (सी) में प्राप्‍त हुए, कितने अस्‍थाई परमिट जारी हुए, कितने आवेदन निरस्‍त किये, निरस्‍त करने का मुख्‍य कारण, उसमें से धारा 72 (3) में कितने निरस्‍त किये यह समस्‍त जानकारी गौशवारा बनाकर पृथक-पृथक दें।                                 (ख) भोपाल शहरी बस सेवा में वर्ष 2010 से शहरी बसों का संचालन भोपाल नगर निगम/भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड द्वारा संचालन किया जा रहा हैं। वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक इन बसों के शहरी कर (टैक्‍स), जो नगर निगम के स्‍वामित्‍व की हैं, पर कितना कर (टैक्‍स) बकाया हैं। नगर निगम के स्‍वामित्‍व की बसों का प्रत्‍येक बस क्रमांक से कितना कर (टैक्‍स) तिमाही, वर्षवार बकाया राशि वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक का गौशवारा बनाकर प्रदाय करें। (ग) प्रादेशिक परिवहन अधिकारी भोपाल, जिला परिवहन अधिकारी सीहोर, जिला परिवहन अधिकारी राजगढ़ जिला परिवहन अधिकारी विदिशा, जिला परिवहन अधिकारी रायसेन में पिछले दस वर्ष से प्रत्‍येक ऑफिस-भोपाल, सीहोर, राजगढ़, विदिशा व रायसेन में स्‍थाई/अस्‍थाई परमिट विभाग में कौन से कर्मचारी कार्यरत थे या आज भी कार्यरत हैं? उनकी सेवाकाल की शुरू तारीख व आखरी तारीख एवं सर्विस रिकार्ड इस अनुज्ञा विभाग में गौशवारा बनाकर दिया जाये। (घ) नगर निगम भोपाल/भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड के निविदाओं के अंतर्गत विभिन्‍न बस संचालक जिनके विरूद्ध आर.टी.ओ. भोपाल में बस कर (टैक्‍स) का सम्‍पूर्ण विवरण मय बस संचालक के नाम बस क्रमांक बकाया राशि, माहवार, वर्षवार का गौशवारा बनाकर प्रदाय करें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) जी हाँ। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार  है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

किसानों को दिए गए सूचना पत्र

[राजस्व]

20. ( क्र. 343 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम टिकारी के खसरा नंबर 1078 रकबा 2.57 एकड़ के मुआवजा भुगतान के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी बैतूल ने पत्र क्रमांक अ.वि.अ./2022/2767, दिनांक 18.4.2022 एवं पत्र क्रमांक अ.वि.अ./2022/3528, दिनांक 17.8.2022 से किस-किस को सूचना पत्र जारी किए गए तथा किस दिनांक को कितनी मुआवजा राशि किस बैंक के खाते में जमा की गई? (ख) खसरा क्रमांक 1078 रकबा 2.57 एकड़ का अर्जन किस दिनांक को पारित अवार्ड आदेश से किया गया? भूमि पर किस दिनांक को किस विभाग ने कब्‍जा कर क्‍या-क्‍या निर्माण किया? वर्तमान में किस विभाग के द्वारा भूमि पर क्‍या-क्‍या निर्माण प्रस्‍तावित किया गया है? (ग) भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) में क्‍या-क्‍या प्रावधान है? इस धारा के अनुसार बिना मुआवजा भुगतान किए 40 साल पूर्व कब्‍जा की गई भूमि का प्रकरण नहीं बनाए जाने का क्‍या-क्‍या कारण है? (घ) धारा 24 (2) के तहत कब तक प्रकरण बनाया जाकर 2013 के अधिनियम के अनुसार कार्यवाही की जावेगी?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील बैतूल के ग्राम टिकारी के खसरा नंबर 1078 रकबा 2.57 एकड़ के मुआवजा भुगतान के संबंध में अनुविभागीय अधिकारी बैतूल ने पत्र क्रमांक अ.वि.अ./2022/2767 दिनांक 18- 04-2022 एवं पत्र क्रमांक 2022/3528 दिनांक 17-08-2022 से रूपेश व शंभूरतन, रामकृष्ण व. चंद्रशेखर, अनिल व. रामशंकर के नाम से सूचना पत्र जारी किया गया था। उक्त प्रकरण में मुआवजा राशि जमा नहीं की गई। (ख) खसरा नंबर 1078 रकबा 2.57 एकड़ का अर्जन दिनांक 28-06-1978 को पारित अवार्ड आदेश से किया गया। अवार्ड पारित पश्चात उद्योग विभाग द्वारा भवन निर्माण कर एच.एम.टी. फैक्ट्री संचालित की गई। फैक्ट्री बंद होने के कारण, उक्त भूमि उद्योग विभाग से वापस ली जाकर इंटरप्रिटेशन सेंटर निर्माण एवं मार्ग सुविधा केन्द्र हेतु मध्यप्रदेश शासन पर्यटन विभाग के लिए आरक्षित की जाकर पर्यटन विभाग के आधिपत्य में दी गई। तत्पश्चात उक्त आरक्षण निरस्त किया जाकर भूमि पूर्ववत उद्योग विभाग को दी गई। (ग) ग्राम टिकारी के खसरा नंबर 1078 रकबा 2.57 एकड़ भूमि का अर्जन अधिनियम 1894 के तहत अधिनिर्णय पारित किया गया, इस कारण उक्त भूमि पर पुनर्वास एवं पुनर्व्‍यवस्‍थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013 की धारा 24 (2) के प्रावधान लागू नहीं होते हैं। (घ) उत्‍तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

निजी भूमि का सीमांकन

[राजस्व]

21. ( क्र. 344 ) श्री ब्रह्मा भलावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या खरगोन जिले के लोक सेवा केन्‍द्र बड़वाह में ग्राम मोयदा के 5 किसानों ने निजी भूमि के सीमांकन हेतु दिनांक 18/6/2020 एवं 2 किसानों ने दिनांक 19/6/2020 को शुल्‍क के साथ आवेदन दिए जाने के बाद भी प्रश्‍नांकित दिनांक तक सीमांकन की कार्यवाही नहीं की गई? (ख) ग्राम मोयदा की किस-किस वर्ष की मिसल बन्‍दोबस्‍त, पटवारी मानचित्र, खसरा पंजी जिला एवं तहसील राजस्‍व अभिलेखागार, राजस्‍व पटवारी एवं राजस्‍व भू-पोर्टल पर ऑनलाईन उपलब्‍ध है? उनमें कितने-कितने किसानों के नाम पर कितनी-कितनी भूमि भूस्‍वामी हक में दर्ज है? (ग) जून, 2020 में सीमांकन हेतु लोक सेवा केन्‍द्र बड़वाह में दिए गए आवेदन पर तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी बड़वाह, अपर कलेक्‍टर एवं कलेक्‍टर खरगोन ने सीमांकन बाबत् किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यवाही की, किन-किन कारणों से प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी सीमांकन नहीं किया? (घ) ऑनलाईन खसरा पंजी वर्ष 2022-23 में किस खसरा नम्‍बर का कितना रकबा किस ग्राम के निवासी किस किसान के भूस्‍वामी हक पर दर्ज है, उनमें से जिन किसानों ने आवेदन दिया है उनका सीमांकन कब तक किया जावेगा?
राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) खरगोन लोक सेवा केन्द्र बड़वाह में वन ग्राम- मोयदा के कृषकों के भूमि सीमांकन हेतु आवेदन पत्र प्रेषित किये गये थे, जिसके संबंध में न्यायालय तहसीलदार बड़वाह में प्रकरण क्रमांक 6, 7, 8, 9, 11, 12, 13/अ-12/2020-21 दर्ज किये जाकर तत्कालीन पीठासीन अधिकारी द्वारा वन ग्राम से संबंधित आवेदन होने से निरस्त किये गये। (ख) तहसील-बड़वाह के वन ग्राम मोयदा की तत्कालीन वर्ष 1948-49 की मिसल बंदोबस्त व मानचित्र पटवारी के पास उपलब्ध हैI तहसील-बड़वाह के अभिलेखागार में वन ग्राम मोयदा के वर्ष 2011-12 से 2017-18 तक खसरा बी-1 उपलब्ध हैI राजस्व अभिलेखागर खरगोन में वन ग्राम- मोयदा के वर्ष 1955 से वर्ष 2014-15 तक खसरे एवं नामांतरण पंजी वर्ष 1966-69 (एकजाई पंजी) व नामांतरण पंजी वर्ष 1995-96 जमा हैI भूलेख पोर्टल पर (वेब जी.आई.एस.) पर वन ग्राम- मोयदा के वर्ष 2006-07 से वर्तमान तक के ऑनलाईन खसरा, बी-1 मानचित्र उपलब्ध हैI ऑनलाईन वेब जी.आई. एस. पोर्टल पर वन ग्राम- मोयदा के कुल 51 कृषकों के नाम पर 137.091 हैक्टेयर भूमि दर्ज है I (ग) लोक सेवा केन्द्र बड़वाह में दिए गये सीमांकन संबंधी आवेदन, वन ग्राम की भूमि होने से न्‍यायालय तहसील बड़वाह के तत्कालीन पीठासीन अधिकारी द्वारा निरस्त किये गयेI                                                       (घ) ऑनलाईन खसरा पंजी वर्ष 2022-23 की भूलेख-पोर्टल पर उपलब्ध है, जिसमें खसरा नम्बर का रकबा कितना किस ग्राम के निवासी किस किसान के नाम पर दर्ज है प्रदर्शित हो रहा है I वन ग्राम मोयदा की भूमि के सीमांकन कराये जाने संबंधी आवेदनों पर कार्यवाही वन भूमि होने से नियमानुसार संभव नहीं है।

किसान सम्‍मान निधि योजना

[राजस्व]

22. ( क्र. 351 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या माननीय मुख्‍यमंत्री जी द्वारा प्रदेश के समस्‍त किसानों को किसान सम्‍मान निधि देने की घोषणा की हैं? यदि हां, तो वर्तमान में अनेक किसानों की किसान सम्‍मान निधि क्‍यों बंद करा दी गई, जिसकी कोई जानकारी पोर्टल पर नहीं मिलती? (ख) क्‍या किसान सम्‍मान निधि परिवार के एक ही व्‍यक्ति/किसान को दी जायेगी अथवा जिनके नाम कृषि भूमि हैं, उन सभी किसानों को दिये जाने के प्रावधान हैं? (ग) बरगी विधान सभा क्षेत्र के ऐसे कितने किसान है जिन्‍हें किसान सम्‍मान निधि हेतु पात्रता रखते हुए भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है? उक्‍त समस्‍त किसानों को योजना का लाभ कब प्राप्‍त होगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं l शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होताl                                              (ख) किसान सम्मान निधि पात्र परिवार के एक व्यक्ति को प्रदान की जाती है, जिनके पास कृषि भूमि है l (ग) बरगी विधान सभा क्षेत्र के पात्र किसानों को योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा हैl शेष प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता l

संयुक्‍त वन प्रबंधन समिति का चुनाव

[वन]

23. ( क्र. 355 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या ग्रामसभा की बैठक में संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों के चुनाव की प्रक्रिया राज्‍य में संचालित है? (ख) यदि हाँ तो ग्रामसभा की बैठक में संयुक्‍त वन प्रबंधन समिति के अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष, सचिव एवं सदस्‍यों के चुनाव का क्‍या-क्‍या प्रावधान वर्तमान में लागू है? (ग) गत पांच वर्षों में मण्‍डला, बैतूल एवं धार जिले की कितनी संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों के चुनाव ग्रामसभाओं की बैठक में किए गए? उनमें से कितनी समितियों में सचिव के पद पर वनरक्षक/वनपाल कार्यरत हैं? विकासखण्‍डवार या वन परिक्षेत्रवार बतावें। (घ) ग्रामसभा की बैठक में संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों के आय-व्‍यय का ब्‍यौरा प्रस्‍तुत किए जाने के संबंध में वर्तमान में क्‍या-क्‍या प्रावधान लागू हैं? प्रति सहित बतावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) म.प्र. शासन, वन विभाग द्वारा जारी संकल्‍प दिनांक 22 अक्‍टूबर, 2001 के बिन्‍दु क्रमांक-5.1 एवं 5.2 में संयुक्‍त वन प्रबंधन समिति के अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष एवं कार्यकारिणी के गठन का प्रावधान उल्‍लेखित है। उक्‍त संकल्‍प के बिन्‍दु क्रमांक-6.8 एवं 6.9 में सचिव तथा सहायक सचिव के नियुक्ति का उल्‍लेख है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (घ) संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों के आय-व्‍यय का ब्‍यौरा प्रस्‍तुत किए जाने के संबंध में म.प्र. शासन, वन विभाग द्वारा जारी संकल्‍प दिनांक 22 अक्‍टूबर, 2001 की कण्डिका 11.2.9 में निहित प्रावधान अनुसार कार्यवाही की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है।

टॉक्‍स फोर्स कमेटी की रिपोर्ट

[वन]

24. ( क्र. 359 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या यह सही है कि सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा मई 2019 में अपर मुख्‍य सचिव वन विभाग की अध्‍यक्षता में गठित टास्‍क फोर्स कमेटी ने दिनांक 6 फरवरी 2020 को अपनी रिपोर्ट विभाग के समक्ष प्रस्‍तुत कर दी? (ख) यदि हाँ तो दिनांक 6 फरवरी 2020 को प्रस्‍तुत रिपोर्ट पर विभाग के द्वारा किस-किस दिनांक को क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई, रिपोर्ट वर्तमान में किस स्‍तर पर किस कार्यवाही के लिए लंबित है? (ग) सामान्‍य प्रशासन विभाग के द्वारा 6 फरवरी 2020 को प्रस्‍तुत रिपोर्ट में की गई किस-किस सुझाव एवं किस-किस सिफारिश को लेकर वर्तमान में क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जा रही है? (घ) रिपोर्ट की किस-किस सिफारिश एवं सुझाव को लागू किए जाने के संबंध में विभाग क्‍या कार्यवाही कर रहा है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) टास्क फोर्स की रिपोर्ट विचाराधीन होने से अभी तक कोई आदेश/निर्देश, पत्र, परिपत्र जारी नहीं किए गए हैं। (ग) उत्तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) उत्‍तरांश (ग) अनुसार।

वर्किंग प्‍लान में दर्ज आर.एफ. एवं पी.एफ. में दर्ज अधिकार

[वन]

25. ( क्र. 363 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या वर्किंग प्‍लान में दर्ज आरक्षित वन एवं संरक्षित वन भूमि पर समाज के प्रचलित अधि‍कारों का ब्‍यौरा आर.एफ., पी.एफ. एरिया रजिस्‍टर, कम्‍पार्टमेंट हिस्‍ट्री में प्रश्‍नांकित दिनांक तक दर्ज नहीं किया तथा जनवरी 2008 से लागू वन अधिकारी कानून 2006 के अनुसार सामुदायिक अधिकार पत्र भी नहीं दिए? (ख) कितनी-कितनी आरक्षित वन भूमि संरक्षित वन भूमि वर्किंग प्‍लान, पी.एफ. आर.एफ. एरिया रजिस्‍टर, कम्‍पार्टमेंट हिस्‍ट्री में दर्ज है? इनमें से कितनी-कितनी भूमि के कितने सामुदायिक वन अधिकारी पत्र धारा 3 (1) के तहत दिए कितने अधिकार पत्र धारा 3 (2) के तहत दिए गए? वनमण्‍डलवार बतावें। कितने सामुदायिक वन अधिकारी पत्रों का ब्‍यौंरा वर्किंग प्‍लान में दर्ज किया। (ग) एरिया रजिस्‍टर एवं कम्‍पार्टमेंट हिस्‍ट्री में प्रचलित अधिकारों का ब्‍यौरा किस-किस कॉलम या किस-किस प्रारूप में दर्ज किए जाने का क्‍या-क्‍या प्रावधान कब से लागू हैं? अधिकारों का ब्‍यौंरा दर्ज करने, जांच करने की क्‍या-क्‍या जिम्‍मेदारी वनमण्‍डल एवं वर्किंग प्‍लान ऑफिसर की है।                                                       (घ) पी.एफ.एरिया रजिस्‍टर, पी.एफ. कम्‍पार्टमेंट हिस्‍ट्री में प्रचलित अधिकारों बाजिबुल अर्ज, गांव कायदा, हकूक रजिस्‍टर, निस्‍तार पत्रक, अधिकार अभिलेख में दर्ज अधिकारों का ब्‍यौंरा कब तक दर्ज कर सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिए जावेंगे?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

सूरजपुरा वनखण्‍ड में शामिल भूमि

[वन]

26. ( क्र. 364 ) डॉ. अशोक मर्सकोले : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                          (क) सूरजपुरा वनखण्‍ड छतरपुर से संबंधित विधानसभा के पटल पर दिनांक 21/12/2022 को प्रस्‍तुत प्रश्‍न क्रमांक 423 में किस ग्राम का किस खसरा नंबर का कितना रकबा किस किसान के नाम पर दर्ज बताया है उस खसरा नम्‍बर का कितना रकबा प्रश्‍न क्रमांक 824 दिनांक 21/12/2022 में किसके अतिक्रमण में होना पटल पर प्रतिवेदित किया है? (ख) सूरजपुरा वनखण्‍ड में अधिसूचित किस ग्राम के किस खसरा नम्‍बर के कितने रकबे को वन व्‍यवस्‍थापन अधिकारी छतरपुर के समक्ष प्रस्‍तुत भा.व.अ. 1927 की धारा 5 से 19 तक की जांच के प्रकरण में भूस्‍वामी हक की भूमि तथा राजस्‍व पट्टे की भूमि दर्शाया गया है? (ग) धारा 5 से 19 तक की जांच के प्रचलित प्रकरण तथा प्रश्‍न क्रमांक 423 में पटल पर प्रस्‍तुत जानकारी में बताए गए भू-स्‍वामी किसानों को प्रश्‍न क्रमांक 824 में अतिक्रमित बताए जाने की गंभीर भूल के लिए कौन-कौन जिम्‍मेदार है, पद व नाम सहित उसकी वर्तमान पदस्‍थापना कहां है? (घ) भूस्‍वामी किसानों को अतिक्रमणकारी बताएं जाने वाले किस-किस अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध शासन क्‍या कार्यवाही कितने दिनों में करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 एवं 2 अनुसार है। (ख) अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) एवं पदेन वन व्यवस्थापन अधिकारी द्वारा अर्द्ध-न्यायिक प्रक्रिया के तहत धारा 5 से 19 तक की कार्यवाही प्रचलित है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (घ) उत्तरांश (ग) के परिप्रेक्ष्य में प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही

[जल संसाधन]

27. ( क्र. 388 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2021-222022-23 में सुमावली विधानसभा क्षेत्र में निर्मित केनालों व कूलों की सफाई व मरम्‍मत के नाम पर विकासखण्‍ड जौरा व मुरैना के अधिकारियों की मिली भगत से लाखों रूपये का गबन किया गया हैं, ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध जांच बैठाकर कार्यवाही क्‍यों नहीं की गयी है? यह कार्यवाही कब तक की जावेगी? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार वित्‍तीय वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक केनालों व कूलों की सफाई व मरम्‍मत के लिए कितनी-कितनी राशि कब-कब प्राप्‍त हुई हैं तथा किन-किन ठेकेदारों द्वारा सफाई व मरम्‍मत कार्य किया गया? सूची उपलब्‍ध करावें।
जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जी नहीं। वित्‍तीय वर्ष 2021-222022-23 में सुमावली विधानसभा क्षेत्र में निर्मित नहरों की सफाई/मरम्‍मत कार्य विभागीय नियमानुसार कराए गए हैं। विकासखण्‍ड जौरा व मुरैना के अधिकारियों की किसी भी तरह की मिलीभगत अथवा गबन की स्थिति नहीं है। अत: किसी अधिकारी के विरूद्ध जॉंच अथवा कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। वित्‍तीय वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक तक नहरों की मरम्‍मत हेतु प्राप्त राशि एवं संबंधित ठेकेदारों का विवरण संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है। विभाग द्वारा कूलों की मरम्‍मत/सफाई का कार्य नहीं कराया गया है। अत: कूलों की सफाई एवं मरम्‍मत के संबंध में जानकारी निरंक है।

परिशिष्ट - "तीस"

अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध कार्यवाही

[राजस्व]

28. ( क्र. 389 ) श्री अजब सिंह कुशवाह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍नकर्ता के विधानसभा क्षेत्र सुमावली के अंतर्गत नगर पालिका निगम मुरैना के वार्ड क्रमांक 05 की जौरी में भूमि सर्वे क्रमांक 542 पर बलपूर्वक एवं दबंग लोगों द्वारा कब्‍जा किया गया है? यदि हाँ तो कब्‍जाधारियों से सर्वें क्रमांक 542 कब तक खाली किया जावेगा? (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार दबंग सतेन्‍द्र पचौरी, देवेन्‍द्र पचौरी पुत्रगण वासुदेव पचौरी, रामधार पचौरी, पुत्र शरण पचौरी निवासी जौरी द्वारा 4350 वर्गफिट, प्रयागनारायण पुत्र पातीराम पाठक ग्राम जौरी द्वारा 1200 वर्गफिट, पुष्‍पा तिवारी पत्‍नी रमेश तिवारी निवासी केशव कॉलोनी मुरैना 700 वर्गफिट एवं रामराज पुत्र चतुरसिंह बघेल निवासी ए.बी. रोड मुरैना 125 वर्ग‍फिट पर कई वर्षों से अतिक्रमण किया हुआ है? क्‍या यह प्रशासन के संज्ञान में नहीं हैं? स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार प्रशासन को अवगत कराने पर भी भूमि को खाली नहीं किया गया। क्‍या भूमि सर्वें क्रमांक 542 का सीमांकन संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के अनुसार क्‍या प्रशासन द्वारा भूमि को खाली करने के आदेश किए गए हैं और यदि आदेश नहीं किए तो क्‍यों? खाली कराने के आदेश कब तक हो जाएंगे।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) विधान सभा क्षेत्र सुमावली के अन्तर्गत नगरपालिक निगम मुरैना के वार्ड क्रमांक 5 जौरी में सर्वे क्रमांक 542 में से 6250 वर्गफीट भूमि अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई है। (ख) विधान सभा क्षेत्र सुमावली के अन्तर्गत नगरपालिक निगम मुरैना के वार्ड क्रमांक 5 जौरी में सर्वे क्रमांक 542 पर अक्रिमण की जानकारी संज्ञान में आने पर राजस्व निरीक्षक वृत्‍त 3 जौरा खुर्द तहसील मुरैना द्वारा भूमि का सीमांकन कर अतिक्रामकों की जानकारी प्रस्तुत की गई जिसके आधार पर 3 अतिक्रामकों द्वारा अतिक्रमित 6250 वर्गफीट भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। एक अतिक्रामक का सर्वे नम्बर 542 के आंशिक भाग 125 वर्गफीट पर मकान बनाकर अतिक्रमण किया गया है जिसे हटाने हेतु म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता की धारा 248 के अंतर्गत संबंधित को नोटिस जारी किया गया है। (ग) उत्‍तरांश (ख) अनुसार।

किसानों की उपज की खरीदी एवं बोनस वितरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

29. ( क्र. 394 ) श्री पाँचीलाल मेड़ा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                     (क) प्रदेश के किसानों को समर्थन मूल्‍य पर खरीदी की जाने वाली गेहूं/धान पर 1 अप्रैल 2020 से आज दिनांक तक घोषित एवं उसके विरूद्ध वितरित किये गये बोनस राशि का विवरण दें। यदि बोनस राशि की घो‍षणा नहीं की गई है तो इसका क्‍या कारण है? (ख) क्‍या सरकार वर्ष 2023-24 में किसानों को गेहूं/धान पर बोनस राशि देने का प्रावधान करने जा रही है? यदि हाँ तो बतायें। यदि नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रदेश में 01 अप्रैल, 2020 से आज दिनांक तक समर्थन मूल्‍य पर धान एवं गेहूं उपार्जन पर बोनस की घोषणा नहीं की गई है और न ही बोनस का भुगतान किसानों को किया गया है। राज्‍य शासन द्वारा समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान एवं गेहूं पर बोनस दिए जाने की स्थिति में राज्‍य की लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्‍य कल्‍याणकारी योजनांतर्गत आवश्‍यकता के अतिरिक्‍त उपार्जित खाद्यान्‍न मात्रा का निराकरण राज्‍य को ही करने एवं उस पर होने वाला व्‍यय राज्‍य को वहन करने के भारत सरकार के निर्देश के कारण उपार्जन मात्रा पर बोनस नहीं दिया गया है। उल्‍लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा धान एवं गेहूं की उत्‍पादन लागत अनुसार किसानों को समर्थन मूल्‍य उपलब्‍ध कराने हेतु प्रतिवर्ष वृद्धि की गई है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश का उत्‍तर (क) अनुसार। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "इकतीस"

आदिवासियों की भूमि का बिना अनुमति विक्रय

[राजस्व]

30. ( क्र. 416 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                  (क) विगत 10 वर्षों में भोपाल संभाग में आदिवासियों के किस-किस उपयोग की भूमियों को डायवर्सन कर धारा (165 (6) की अनुमति के बिना गैर आदिवासियों (सामान्‍य/पिछड़ा वर्ग) को बेची गई है? जिलेवार जानकारी दें। (ख) उपरोक्‍त प्रश्‍नांश के परिप्रेक्ष्‍य में सीहोर जिले की किस-किस तहसील के अंतर्गत किन-किन आदिवासियों की कितनी-कितनी भूमि कब-कब कलेक्‍टर की अनुमति से किन-किन गैर आदिवासियों को बेची गई है? भूमि क्रेताओं एवं विक्रेताओं के नाम, पिता का नाम, जाति पता सहित पूर्ण ब्‍यौरा दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रश्‍नांकित अवधि में भोपाल संभाग के सभी जिलों में जानकारी निरंक है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

अवैध उत्‍खनन के प्रकरण

[खनिज साधन]

31. ( क्र. 417 ) डॉ. गोविन्द सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) केन्‍द्रीय खनन मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 में मध्‍यप्रदेश में अवैध उत्‍खनन के कितने-कितने प्रकरण दर्ज किये एवं प्रदेश का देश में अवैध उत्‍खनन के मामले में किस-किस वर्ष में कौन-कौन सा स्‍थान रहा है? (ख) उक्‍त अवधि में किस-किस वर्ष में कितने-कितने आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गये? (ग) उक्‍त अवधि में कौन-कौन से मुख्‍य खनिज एवं गौण खनिज का अवैध उत्‍खनन किस-किस वर्ष में कितनी-कितनी राशि का हुआ हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) केन्‍द्रीय खान मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में वांछित ब्‍यौरा उपलब्‍ध नहीं है। प्रश्‍नाधीन अवधि में मध्‍यप्रदेश में अवैध उत्‍खनन के दर्ज प्रकरणों का विवरण  संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जानकारी संधारित नहीं किये जाने से जानकरी निरंक है। (ग) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "बत्तीस"

वनों से प्राप्‍त होने वाली आय

[वन]

32. ( क्र. 422 ) श्री अर्जुन सिंह काकोड़िया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                (क) जिला सिवनी विधानसभा क्षेत्र बरघाट के अंतर्गत विकासखण्‍ड बरघाट एवं कुरई है, जिसमें से विकासखण्‍ड कुरई पूर्णत: वन क्षेत्र है एवं आदिवासी अंचल हैं, उक्‍त वन में कीमती लकड़ि‍यां एवं वनस्‍पति हैं, जिससे प्रदेश सरकार को आय प्राप्‍त होती है? विगत 04 वर्षों में उक्‍त वन से प्रदेश सरकार को प्राप्त होने वाली आय से इस ग्रामीण क्षेत्र के विकास हेतु क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये हैं? कितने पुल/पुलियां, सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों? (ख) जिला सिवनी विधानसभा क्षेत्र बरघाट विकासखण्‍ड बरघाट में भी वन क्षेत्र हैं, बेहरई में काष्‍ठागार डिपो  हैं, विगत 04 वर्षों में विकासखण्‍ड बरघाट के वन क्षेत्र एवं काष्‍ठागार डिपों से प्रदेश सरकार को प्राप्‍त होने वाली आय से इस ग्रामीण क्षेत्र के विकास हेतु क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये हैं? कितने पुल/पुलिया, सड़कों का निर्माण कार्य कराया गया है? यदि नहीं तो क्‍यों?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) राजस्व प्राप्तियों से खर्च करने के अधिकार विभाग को नहीं है। वन समितियों द्वारा काष्ठ लाभांश की राशि से नियमानुसार कराये गये कार्यों की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उत्तरांश (क) के संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "तैंतीस"

लंबित सिंचाई योजनायें

[जल संसाधन]

33. ( क्र. 448 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) फरवरी 2023 की स्थि‍ति में रायसेन जिले में प्रशासकीय स्‍वीकृति प्राप्‍त किन-किन सिंचाई योजनाओं का कार्य क्‍यों अप्रारंभ हैं? किन-किन सिंचाई योजनाओं की निविदा आमंत्रित नहीं की गई है तथा क्‍यों? निविदा आमंत्रित कब तक की जायेगी? (ख) रायसेन जिले में कौन-कौन सी सर्वेक्षित सिंचाई योजनायें तथा बैराज स्‍वीकृति हेतु किस-किस स्‍तर पर कब से क्‍यों लंबित हैं? उक्‍त योजनाओं की लागत, सिंचाई का रकबा सहित पूर्ण विवरण देवें। (ग) रायसेन जिले में किन-किन बांधों की नहर का निर्माण कार्य अपूर्ण तथा अप्रारंभ हैं? अनुबंध अनुसार उक्‍त कार्य कब तक पूर्ण किया जायेगा? विभाग के अधिकारियों द्वारा उक्‍त कार्य पूर्ण करवाने हेतु क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? (घ) रायसेन जिले में किन-किन बांध एवं नहर निर्माण में कितने किसानों के मुआवजा तथा व्‍यवस्‍थापन की राशि भुगतान के प्रकरण कब से किस स्‍तर पर क्‍यों लंबित हैं? इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं तथा कब तक राशि का भुगतान होगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।                                       (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

व्‍यवस्‍थापन की कार्यवाही

[जल संसाधन]

34. ( क्र. 449 ) श्री रामपाल सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रायसेन जिले की सिलवानी तहसील के अंतर्गत नगपुरा नगझिरी जलाशय के जल भराव के कारण रामपुर टोला के लगभग 20 परिवार ग्राम सनाईडार से अलग हो गये हैं, उनके व्‍यवस्‍थापन का प्रकरण किस स्‍तर पर कब से लंबित‍ है तथा क्‍यों? (ख) नगपुरा नगझिरी जलाशय के डूब प्रभावित रामपुर टोला में निवासरत अनुसूचित जनजातीय वर्ग के परिवारों के व्‍यवस्‍थापन हेतु प्रश्‍नकर्ता विधायक के पत्र 1 जनवरी, 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में माननीय मंत्री जी तथा विभाग के अधिकारियों को कब-कब प्राप्‍त हुए तथा उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई?                               (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिवारों का कब तक व्‍यवस्‍थापन होगा? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि नहीं तो प्रश्‍नांश (ख) के परिवारों के लिए सड़क, शिक्षा, पीने का पानी, स्‍वास्‍थ्‍य आदि की व्‍यवस्‍था हेतु विभाग के द्वारा क्‍या-क्‍या कार्यवाही की जायेगी? पूर्ण विवरण दें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) रायसेन जिले की सिलवानी तहसील के अंतर्गत नगपुरा नगझिरी जलाशय के जल भराव के कारण मूल ग्राम सनाईदार से विभाजित हो गया रामपुरटोला तीन ओर से पानी से घिरा रहता है। इनके मुआवजे का प्रकरण जून 2016 से प्रक्रियाधीन है। उक्‍त टोले के 17 निवासियों के 17 मकानों का मुआवजा दिए जाने के संबंध में इन मकानों का मूल्‍यांकन लोक निर्माण विभाग से कराया जाकर कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन संभाग, रायसेन के पत्र दिनांक 19.07.2021 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) एवं भू-अर्जन अधिकारी सिलवानी को राशि रू.70,65,600/- का गणना पत्रक तैयार कर कलेक्‍टर रायसेन के अनुमोदन हेतु प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। पुन: कार्यपालन यंत्री के पत्र दिनांक 23.01.2023 से कलेक्‍टर रायसेन को आपसी सहमति से भूमि क्रय नीति के आधार पर दोगुनी राशि रू.1,41,31,200/- का प्रकरण तैयार कर प्रेषित किया जाना प्रतिवेदित है। कलेक्‍टर जिला रायसेन द्वारा भू-अर्जन अधिकारी सिलवानी को प्रेषित किए गए उक्‍त प्रकरण में भू-अर्जन अधिकारी सिलवानी द्वारा पत्र दिनांक 07.02.2023 में ली गई आपत्तियों का निराकरण संभागीय कार्यालय स्‍तर पर किया जाना प्रतिवेदित है। (ख) नगपुरा-नगझिरी जलाशय के डूब प्रभावित रामपुर टोला में निवासरत अनुसूचित जन-जातीय वर्ग के परिवारों के व्‍यवस्‍थापन हेतु माननीय सदस्‍य से 01 जनवरी 2021 से प्रश्‍न दिनांक तक विभाग में कोई पत्र प्राप्‍त नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) एवं (घ) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि प्रश्‍नांश (ख) के मकान जलाशय के अधिकतम जलस्‍तर के ऊपर स्थित होने के कारण विभाग द्वारा इन परिवारों का व्‍यवस्‍थापन नहीं किया जाना है एवं इन परिवारों के लिए सड़क, शिक्षा, पीने का पानी एवं स्‍वास्‍थ्‍य इत्‍यादि की व्‍यवस्‍था नहीं की जानी है अपितु कलेक्‍टर जिला रायसेन के अनुमोदन उपरांत प्रभावित होने वाले मकानों के मुआवजे का भुगतान किया जाना लक्षित होना प्रतिवेदित है।

पट्टे पर दी गई भूमि की जानकारी

[राजस्व]

35. ( क्र. 474 ) कुँवर रविन्‍द्र सिंह तोमर भिड़ौसा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना में विधानसभा क्षेत्र दिमनी में विगत 4 वर्षों में कितनी भूमि के पट्टे स्‍वीकृत किये गये। पट्टेधारी का नाम, पट्टा स्‍वीकृत करने का वर्ष, कितनी भूमि का पट्टा दिया गया, भूमि सिंचित है अथवा असिंचित की विस्‍तृत जानकारी देवें। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत कितनी शहरी भूमि किस-किस प्रयोजन हेतु लीज पर दी गई। व्‍यवसाय हेतू लीज पर भूमि किस-किस व्‍यक्ति को, कितनी भूमि, किस वर्ष में स्‍वीकृत की गई। विस्‍तृत जानकारी देवें।                                        (ग) मुरैना जिले में राजस्‍व अधिकारी/पटवारी आदि द्वारा नामांतरण बंटवारा, सीमांकन आदि प्रकरणों का निराकरण समयावधि निश्चित की जाये। कर्मचारियों द्वारा संबंधित को परेशान किया जाता है। अवैध वसूली कर राजस्‍व कार्य किये जा रहे है। इस संबंध में सुधार हेतु विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी नहीं। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) विधानसभा क्षेत्र दिमनी के अंतर्गत शहरी भूमि लीज पर नहीं दी गई है। अतः शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) म.प्र. भू.राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवादित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में व सीमांकन 45 दिवस में निराकरण किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है। आवेदक द्वारा आवेदन लोक सेवा केन्‍द्र के माध्‍यम से आवेदन प्रस्‍तुत किये जाते है अंत: शेष प्रश्‍नांश का प्रश्‍न ही उद्भूत नहीं होता।

शासकीय भूमि का गलत तरीके से आवंटन

[राजस्व]

36. ( क्र. 482 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                       (क) सतना जिले की रघुराजनगर तहसील अंतर्गत ग्राम कोलगवॉं की शासकीय आराजी खसरा क्रमांक 160 का अंशभाग क्रमश: (1) आराजी क्रमांक 160/5ख श्रीचंद वल्‍द रेलूमल सिंधी रकबा 0-50 एकड़ (2) -आराजी क्रमांक 160/5ख जवाहरलाल ल्‍द रेलूमल सिंधी रकबा 0-50 एकड़ (3)  आराजी क्रमांक 160/5क/X श्री चंद वल्‍द रेलूमल रकबा 0-287 हे. (4) - आराजी क्रमांक 160/5क/3 बिहारीलाल वल्‍द रेलूमल रकबा 0-085 हे. (5) - आराजी क्रमांक 160/5ग बिहारीलाल वल्‍द रेलूमल रकबा 0-202 हे. (6) - आराजी क्रमांक 160/5क/4/1 बिहारीलाल वल्‍द रेलूमल रकबा 0-133 हे. (7) - आराजी क्रमांक 160/5क/422 बिहारीलाल वल्‍द रेलूमल रकबा 0-154 हे. अलग-अलग समय पर आवंटित की गई थी? यदि हाँ तो आवंटन आदेश की प्रति देवें। (ख) उक्‍त शासकीय भूमि किस अधिकारी के आदेश से किस दिनांक को किस-किस प्रयोजन हेतु इन सात लोगों के नाम आवंटित की गई थी? उक्‍त सभी आदेश एवं उसकी नोटशीट की प्रति भी दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्न परिशिष्ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौंतीस"

सार्वजनिक उचित मूल्‍य की दुकानों/केन्‍द्रों का नियमित संचालन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

37. ( क्र. 485 ) श्रीमती कल्पना वर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                       (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत खाद्यान्‍न वितरण हेतु रैगॉंव विधानसभा क्षेत्र में किन-किन स्‍थानों पर सार्वजनिक उचित मूल्‍य की दुकानें/केन्‍द्र बनाये गये हैं? उन दुकानों/केन्‍द्रों को संचालित किसके द्वारा किया जा रहा है? दुकानों/केन्‍द्रों का संचालन क्‍या नियमित रूप से हो रहा है? दुकानों/केन्‍द्रों से क्‍या-क्‍या वितरण/बिक्री के निर्देश हैं? शासनादेश की प्रति सहित केन्‍द्रवार पूर्ण जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार रैगॉंव विधान सभा क्षेत्र में सार्वजनिक उचित मूल्‍य की दुकानों/केन्‍द्रों द्वारा माह जनवरी 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने हितग्राहियों को क्‍या-क्‍या सामाग्री का वितरण किया? दुकान/केन्‍द्रवार माहवार जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) अनुसार संचालित किन-किन ग्रामों की उचित मूल्‍य की दुकानों/केन्‍द्रों के संचालकों/सेल्‍समैनों के विरूद्ध किस-किस स्‍तर पर इस आशय की शिकायतें प्राप्‍त हुई कि बिना खाद्यान्‍न एवं सामग्री दिये अंगूठा लगवा लिया गया है या विभिन्‍न प्रकार की शिकायतें प्राप्‍त हुई? शिकायतों की जॉंच किन-किन अधिकारियों द्वारा की गई? उन पर क्‍या-क्‍या कार्यवाही की गई? पूर्ण जानकारी देवें।                                           (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) के परिप्रेक्ष्‍य में सार्वजनिक उचित मूल्‍य की दुकानों/केन्‍द्रों का नियमित संचालन कराकर नियमित रूप से सामाग्री का प्रदाय किया जायेगा या नहीं? यदि हाँ तो कब तक? यदि नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) रैगांव विधान सभा क्षेत्र में संचालित शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों के नाम, संचालक संस्‍था एवं विक्रेता की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'' अनुसार है। उचित मूल्‍य दुकान/केन्‍द्रों का संचालन नियमित रूप से हो रहा है। दुकानों/केन्‍द्रों से अन्‍त्‍योदय परिवारों को खाद्यान्‍न 35 किलोग्राम प्रति परिवार, प्राथमिकता परिवारों को 5 किलोग्राम खाद्यान्‍न प्रति परिवार, सभी पात्र परिवारों को 1 किलोग्राम प्रति परिवार के मान से आयोडाइज्‍ड नमक (जनजातीय विकासखण्‍डों में डबल फोर्टिफाइड नमक), अन्‍त्‍योदय परिवारों को 1 किलोग्राम शक्‍कर तथा सभी परिवारों को केरोसीन वितरण के निर्देश है। निर्देश की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे  परिशिष्ट-ब अनुसार है। (ख) रैगांव विधानसभा क्षेत्र की शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों द्वारा जनवरी 2022 से जनवरी 2023 तक गेहूं, चावल, शक्‍कर एवं नमक का वितरण किया गया। प्रश्‍नाधीन अवधि में लाभान्वित हितग्राहियों की दुकानवार, माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-स अनुसार है। (ग) जी हाँ। दुकानवार, विक्रेतावार विभिन्‍न स्‍तर से प्राप्‍त शिकायतों की जानकारी, जांचकर्ता अधिकारियों के नाम एवं शिकायतों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-द अनुसार है। (घ) शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों का संचालन सुचारू रूप से एवं सामग्रियों का प्रदाय नियमित रूप से हो रहा है। शेष भाग का प्रश्‍न उ‍पस्थित नहीं होता।

अभयारण्य बनाए जाने की प्रक्रिया

[वन]

38. ( क्र. 492 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नया अभयारण्य बनाये जाने हेतु क्‍या-क्‍या प्रक्रिया अपनायी जाती है? कृपया विस्‍तृत जानकारी देते हुए यह भी बताएं कि बालाघाट जिले में क्‍या सोनेवानी में नया अभयारण्य बनाया जा रहा है? क्‍या इस हेतु क्‍या समस्‍त प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली गई हैं? (ख) क्‍या वन विभाग द्वारा सोनेवानी अभयारण्य बनाए जाने हेतु आमजनों से कोई आपत्तियां मांगी गयी थी? यदि हाँ तो किन-किन लोगों द्वारा इस पर आपत्ति ली गयी है? इसकी संपूर्ण जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) सोनेवानी अभयारण्य बनाने हेतु किन-किन ग्रामों को विस्‍थापित किये जाने का प्रस्‍ताव है? क्‍या प्रस्‍तावित ग्रामों को विस्‍थापन के संबंध में कोई नोटिस दिया गया है? यदि हाँ तो जानकारी दें तथा विस्‍थापित ग्रामों के पुनर्वास हेतु विभाग ने क्‍या योजना बनायी है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नया अभयारण्य बनाये जाने हेतु वन्यजीव (संरक्षण), अधिनियम, 1972 की धारा 18 से 26 तक में दी गई प्रक्रिया अपनायी जाती है। उक्त प्रावधान की छायाप्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। बालाघाट जिले के दक्षिण सामान्य वनमण्डल बालाघाट के अंतर्गत सोनेवानी अभयारण्य के गठन की प्रक्रिया प्रारंभिक चरण में है। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) सोनेवानी अभयारण्य बनाने हेतु किसी भी ग्राम को विस्थापित किये जाने का प्रस्ताव नहीं है, अत: शेष प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता है।

न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) पर खरीदी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

39. ( क्र. 493 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में किन-किन फसलों की शासन द्वारा न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर खरीदी की जाती है? फसलों के नाम तथा वर्तमान में निर्धारित न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की जानकारी फसल अनुसार देवें। (ख) विगत तीन वर्षों में फसल के कुल उत्‍पादन की कितने प्रतिशत खरीदी न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) पर की गयी? खरीफ तथा रबी की फसल अनुसार फसल के कुल उत्‍पादन तथा MSP पर खरीदी की मात्रा की जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) कुल उत्‍पादित फसल का MSP पर ज्‍यादा से ज्‍यादा खरीदी सुनिश्चित करने हेतु शासन क्‍या उपाय करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) प्रदेश में समर्थन मूल्‍य पर गेहूं, चना, मसूर, सरसों, धान, ज्‍वार, बाजरा एवं मूंग का उपार्जन किया जाता है। फसलों के नाम एवं समर्थन मूल्‍य की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-अ अनुसार है। (ख) विगत तीन वर्षों में खरीफ एवं रबी मौसम में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित एवं उनके उत्‍पादन मात्रा की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट-ब अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि किसानों द्वारा स्‍वयं के उपयोग, बीज हेतु उपज को रखने तथा बाजार भाव अधिक होने के कारण खुले बाजार में विक्रय करने के कारण उत्‍पादन की पूर्ण मात्रा समर्थन मूल्‍य पर विक्रय नहीं की जाती है। (ग) समर्थन मूल्‍य योजना का उद्देश्‍य प्रदेश के किसानों द्वारा उत्‍पादित एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता की उपज का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य उपलब्‍ध कराना है। खुले बाजार में उपज का मूल्‍य समर्थन मूल्‍य से अधिक होने पर किसानों द्वारा खुले बाजार में उपज का विक्रय कर अधिक लाभ प्राप्‍त किया जाता है। किसानों की एफ.ए.क्‍यू. गुणवत्‍ता की उपज समर्थन मूल्‍य से निम्‍न दर पर विक्रय न हो इस हेतु राज्‍य शासन द्वारा समुचित व्‍यवस्‍था की जाती है।

परिशिष्ट - "पैंतीस"

अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई किया जाना

[वन]

40. ( क्र. 498 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                           (क) म.प्र. राज्य वन विकास निगम लि. भोपाल अंतर्गत कितने अस्थाई कर्मचारी किस-किस श्रेणी के कार्यरत हैं? उक्त में कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं अन्य श्रेणी के कर्मचारियों की नामवार जानकारी दें। (ख) यदि प्रश्‍नांश (क) के क्रम में विगत 12-15 वर्ष से भी अधिक समय से कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर एवं अन्य श्रेणी के कर्मचारियों को स्थाई किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों? (ग) क्या दिनांक 01 फरवरी 2023 को माननीय मंत्री जी द्वारा विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ही स्थाई किए जाने का आश्वासन दिया है? यदि हाँ तो विगत 12-15 वर्ष से कार्यरत अस्थाई कम्प्यूटर ऑपरेटरों को स्थाई किए जाने के संबंध में विभाग द्वारा उक्त क्रम में कार्यवाही की जायेगी? यदि हाँ तो कब तक? नहीं तो क्यों? कई कर्मचारी ओवर ऐज हो चुके है ऐसे कर्मचारियों के हित में शासन द्वारा निर्णय नहीं लिए जाने के कारण सहित जानकारी दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) म.प्र. राज्य वन विकास निगम लि. भोपाल के अंतर्गत अस्थाई कर्मचारी कार्यरत नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) जी नहीं। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

ट्रस्ट की भूमि का विक्रय

[राजस्व]

41. ( क्र. 500 ) श्री शशांक श्रीकृष्ण भार्गव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विदिशा नगर पालिका परिषद सीमा क्षेत्र में परिवहन विभाग कार्यालय के नजदीक ट्रस्ट की भूमि भू सर्वे क्रमांक 346 का विक्रय किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के क्रम में विक्रय की गई भूमि को ट्रांसफर करने के अधिकार हैं? यदि हाँ तो किस आदेश नियम के तहत एवं किस अधिकारी के द्वारा उक्त भूमि विक्रय किए जाने की अनुमति प्रदान की गई? (ग) क्या शासन नियम विरूद्ध भूमि विक्रय किए जाने के संबंध में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ उचित कार्यवाही कर बहुमूल्य कीमती जगह के संबंध में निर्णय लेगा? यदि हाँ तो क्या? नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। (ख) जी हाँ। म.प्र. लोक न्‍यास अधिनियम 1951 की धारा-14 (1) व (2) के तहत रजिस्‍ट्रार पब्लिक ट्रस्‍ट को अनुमति देने का अधिकार है। उक्‍त नियमों के अंतर्गत ही रजिस्‍ट्रार पब्लिक ट्रस्‍ट विदिशा द्वारा भूमि विक्रय की विधिवत अनुमति दी गई है। (ग) उत्‍तरांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।

डी.एम.एफ. फंड की राशि

[खनिज साधन]

42. ( क्र. 509 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिला अंतर्गत प्रश्‍न दिनांक तक डी.एम.एफ. फंड में कितनी राशि उपलब्ध है?                                (ख) प्रश्‍न दिनांक तक उक्त फंड से क्या-क्या कार्य स्वीकृत किए गए?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) छतरपुर जिले में प्रश्‍न दिनांक तक डी.एम.एफ. फण्‍ड में राशि रूपये 23,25,78,771/- उपलब्‍ध है। (ख) स्‍वीकृत किये गये कार्यों का विवरण  संलग्‍न  परिशिष्‍ट अनुसार है।

परिशिष्ट - "छत्‍तीस"

प्राप्‍त एवं व्‍यय राशि की जानकारी

[वन]

43. ( क्र. 518 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव वन परिक्षेत्रान्‍तर्गत में वन विभाग अन्तर्गत वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल कितनी राशि शासन एवं अन्य मदों में प्राप्त हुई है? मदवार वर्षवार प्राप्त राशि की सम्‍पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) उक्त प्राप्त राशि में से वर्षवार कौन-कौन से कार्य करवाए गए हैं, जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वर्तमान में कितनी राशि कौन से मद में शेष है?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) भीकनगांव वन परिक्षेत्र अन्‍तर्गत वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक शासन एवं अन्‍य मदों में प्राप्‍त राशि का वर्षवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 अनुसार है। (ग) वर्तमान में शेष राशि का विवरण निम्‍नानुसार है :-

क्र.

बजट मद

कार्य का नाम

शेष राशि

1

10-4406-800-9664

सी.ए. वृक्षारोपण क्षेत्र तैयारी 140 हे.

7615184

2

10-4406-800-9667

आर.डी.एफ. क्षेत्र तैयारी 50 हेक्‍टेयर

1658381

3

तेन्‍दूपत्‍ता मद

अध्‍यक्षीय विवेकाधीन कोष

500000

4

तेन्‍दूपत्‍ता मद

एम.एम.पी.-एम.एस.पी. योजना

126100

 

 

 

9899665


विभागीय कार्यों की जानकारी

[जल संसाधन]

44. ( क्र. 520 ) श्रीमती झूमा डॉ. ध्यानसिंह सोलंकी : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक कुल कितने कार्यों की स्वीकृति प्रदाय की गई है? कार्यवार, वर्षवार स्वीकृत राशि के विवरण सहित वर्तमान भौतिक स्थिति की जानकारी उपलब्ध करावें।                                      (ख) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कुल कितने ऐसे कार्य हैं जो स्वीकृति के उपरान्त अधूरे या राशि खर्च करना शेष है? अधूरे कार्यों की शेष राशि के वर्णन सहित जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) वर्तमान तक कार्य शेष रहने का क्या कारण है तथा यह भी बतायें कि कितने प्रस्तावित कार्यों की स्वीकृति लंबित है और लंबित रहने का क्या कारण है? उक्त लंबित कार्यों की कब तक स्वीकृति प्रदाय की जायेगी?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत विभाग द्वारा वर्ष 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 08 लघु परियोजनाओं की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई है। जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) एवं (ग) भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत 02 परियोजनाओं के कार्य वनभूमि प्रभावित होने के कारण स्‍वीकृति उपरांत भी प्रारंभ नहीं किए जा सके हैं। जानकारी संलग्‍न  परिशिष्‍ट  के प्रपत्र-'''' अनुसार है। भीकनगांव विधानसभा क्षेत्रांतर्गत कोई भी योजना प्रशासकीय स्‍वीकृति हेतु शासन स्‍तर पर लंबित नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "सैंतीस"

 

शासकीय उचित मूल्‍य के दुकानों की शिकायतों पर कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

45. ( क्र. 531 ) श्री मुरली मोरवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                                  (क) उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकान/ कन्ट्रोल की दुकानों की कितनी शिकायतें वर्ष 2021-222022-2023 में प्राप्त हुई हैं? शिकायतकर्ता का नाम, उचित मूल्य की दुकान का नाम सहित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) कितनी शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से कम सामग्री की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? उन उचित मूल्य की दुकानों के विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई? जांच किस स्तर के अधिकारी के द्वारा की गई? जांच के निष्कर्ष क्या रहे? (ग) कितनी उचित मूल्य की दुकानों के विरूद्ध 181 पर शिकायत दर्ज हैं? जिन शिकायतकर्ताओं द्वारा राशन प्रदान नहीं करने की शिकायत प्राप्त हुई थी उन शिकायतकर्ताओं को शिकायत का क्या निराकरण किया गया? (घ) ऐसे कौनसी उचित मूल्य की दुकानें हैं जिनकी बार- बार शिकायत होने पर भी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है? दोषी अधिकारी के विरूद्ध शासन क्या कार्यवाही करेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) ज्‍जैन जिले की बड़नगर विधानसभा क्षेत्र अन्तर्गत 05 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के विरूद्ध 05 शिकायत प्रश्‍नांश अ‍वधि में प्राप्‍त हुई है। जिसकी संपूर्ण जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) 04 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों से कम सामग्री वितरण की 05 शिकायतें प्राप्‍त हुई है। प्राप्‍त शिकायत के आधार पर उचित मूल्‍य दुकान के विक्रेताओं के विरूद्ध मध्‍यप्रदेश सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश, 2015 के प्रावधान अंतर्गत प्रकरण निर्मित किये गये, जिनमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व द्वारा आदेश पारित किये जाकर प्रकरण में कार्यवाही की गई। शासकीय उचित मूल्‍य की दुकान जांच सहायक/ कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा की गई। उचित मूल्‍य दुकानों के विरूद्ध की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ग) 68 दुकानों के विरूद्ध कुल 127 शिकायतें 181 पर दर्ज हुई जिन शिकायतों में शिकायतकर्ता द्वारा राशन नहीं मिलने की शिकायत की गई उन्‍हें राशन नियमानुसार प्रदाय कराकर शिकायतों का निराकरण कराया गया, जिससे संतुष्‍ट होकर उपभोक्‍ताओं द्वारा की गई शिकायत संतुष्टिपूर्वक बंद कराई गई। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (घ) ऐसी कोई भी उचित मूल्‍य दुकान नहीं है। जिसकी बार-बार शिकायत होने पर भी विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इसलिए कोई अधिकारी दोषी नहीं है।

संबल एवं विवाह सहायता योजना

[श्रम]

46. ( क्र. 539 ) श्री रामलाल मालवीय : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में घट्टिया 1 अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक संबल योजना व विवाह सहायता योजना के कुल कितने आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं? हितग्राहीवार सूची उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में कितने आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये व किन-किन को सहायता प्रदान की गई? प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में अस्वीकृत किये गये प्रकरणों के मामले में अस्वीकृति के कारण सहित विवरण देवें। (ग) भुगतान हेतु शेष रहे आवेदनों में भुगतान न होने का कारण क्या है व कब तक भुगतान किया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) .प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के अंतर्गत उज्‍जैन जिले में घट्टिया विधानसभा क्षेत्र में 1 अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक विवाह सहायता योजना के कुल 79 आवेदन पत्र प्राप्‍त हुए हैं। हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. असंगठित शहरी/ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल 1 अप्रैल 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक संबल योजनांतर्गत कुल 458 आवेदन प्राप्‍त हुए है। हितग्राहीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में भवन, मण्‍डल की विवाह सहायता योजना अंतर्गत 74 आवेदन पत्र स्‍वीकृत किये गये। लाभान्वित हितग्राहियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। 01 प्रकरण में आवेदक मण्‍डल की विवाह सहायता योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्‍त करने हेतु अपात्र है। शेष 04 प्रकरणों में भुगतान की कार्यवाही प्रचलित है। प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में असंगठित मंडल के अंतर्गत 455 आवेदन पत्र स्‍वीकृत किये गये हैं जिनमें से 362 को सहायता प्रदान की गई एवं 03 प्रकरण अस्‍वीकृत किये गये हैं। प्रकरणों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट  के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) विधानसभा क्षेत्र घट्टिया में भवन मण्‍डल की विवाह सहायता योजना अंतर्गत शेष 04 प्रकरणों में जिला उज्‍जैन से आवंटन हेतु मांग-पत्र प्राप्‍त होने पर राशि आवंटित की जायेगी। असंगठित मंडल में भुगतान हेतु 93 शेष रहे प्रकरणों में बजट उपलब्‍ध होने पर लंबित भुगतान राशि हितग्राहियों को प्रदान की जाती है।

वन भूमि पर कब्जे की शिकायत पर कार्यवाही

[वन]

47. ( क्र. 548 ) डॉ. सतीश सिकरवार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या जिला मुरैना की उत्तर जौरा तहसील के ग्राम घौघा, कन्हार, जड़ेरू, खोरा गेहतोली के आस-पास वन भूमि पर लोगों द्वारा कब्जा कर खेती की जा रही है? वन भूमि के सर्वे नम्बर गांव, कब्जाधारियों के नाम सहित जानकारी फरवरी 2023 की स्थिति में दी जावें। (ख) क्या उक्त कब्जाधारियों से वन, राजस्व के कर्मचारियों की सांठ-गांठ से ही जंगल काटकर कृषि कार्य किये जा रहे हैं? उनके खिलाफ कब-कब कहाँ कार्यवाही की? वर्ष, माहवार जानकारी दी जावें। (ग) क्या वहाँ के ग्रामवासियों द्वारा कई बार शिकायतें की गई लेकिन कार्यवाही नहीं होने से लोग प्रशासन की उदासीनता के प्रति मोहभंग हो गये हैं? उक्त क्षेत्र में भू-दान की भूमि पर भी कब्जे की कई शिकायतें हुई हैं, शासन कब तक कार्यवाही करेगा?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ख) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) ग्रामवासियों द्वारा शिकायतें करने पर संबंधित अपराधियों के विरूद्ध समय-समय पर वन अपराध दर्ज कर नियमानुसार कार्यवाही कर वनभूमि मुक्त कराई गई है, अतः लोगों का प्रशासन के प्रति मोह भंग होने का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। ग्राम धौंधा, कन्हार, जडेरू, खौरा-गैतोली के अंतर्गत आने वाली वनभूमि पर कोई भूदान के पट्टे नहीं दिये गये हैं तथा उक्त क्षेत्र की वनभूमि पर भूदान की भूमि पर कब्जे की कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, अतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "अड़तीस"


खाद्यान्न खरीदी एवं वितरण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

48. ( क्र. 559 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक कौन-कौन सा खाद्यान्न कितनी-कितनी मात्रा में किस दर से खरीदा गया तथा उनका निस्तारण किस प्रकार किया गया? (ख) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित खाद्यान्न में से कितना-कितना खाद्यान्न खराब होकर फेंक दिया गया तथा कितना निम्न गुणवत्ता का होने पर कम दाम पर बेचा गया? (ग) वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक योजना कोड 1299, 3229, 3248, 5623 तथा 7165 में प्रावधान कितना-कितना था, प्राप्ति कितनी हुई तथा व्यय कितना किया गया? कोड अनुसार प्रावधान तथा व्यय में यदि 30% से अधिक का अंतर है तो कारण बताएं। (घ) 2020 से 2022 तक निम्न गुणवत्ता का गेहूं कितनी मात्रा में, किस दर से, किस कंपनी को बेचा गया तथा उससे शासन को कितनी हानि हुई? (ड.) गेहूं तथा चावल पर 2020 से 2022 तक परिवहन पर प्रति किलोग्राम कितनी लागत आयी तथा कमीशन एवं प्रशासकीय व्यय में प्रति किलोग्राम कितनी लागत आयी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

शासकीय एवं निजी वेयर हाउस

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

49. ( क्र. 560 ) श्री प्रताप ग्रेवाल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में शासकीय एवं निजी वेयर हाउस कितने-कितने हैं तथा उनकी क्षमता कितनी है? स्टील साइलो कितने हैं उनकी क्षमता कितनी है? स्टील साइलो बैग कितने स्थानों पर स्थापित किए गए हैं, उनकी क्षमता कितनी है? 2019 से 2022 तक जिलेवार बताएं। (ख) वर्ष 2019 से 2022 तक सरकारी व निजी वेयर हाउस, स्टील सायलो तथा सायलो बैग में कितनी-कितनी मात्रा में खाद्यान्न का भण्डारण किया गया तथा वह उनकी कुल क्षमता का कितना-कितना प्रतिशत था? जिलेवार बतावें। (ग) वर्ष 2019 से 2022 तक निजी वेयर हाउस, स्टील सायलो तथा सायलो बैग में भण्डारण तथा व्यवसायिक गारंटी के तहत कितना-कितना भुगतान किया गया? वर्षवार अलग-अलग केटेगरी के अनुसार बतावें। (घ) योजना कोड 7165 में वर्ष 2017-18 से 2022-23 में प्रावधान कितना था तथा व्यय कितना हुआ?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

नामांतरण/बंटवारा के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

50. ( क्र. 567 ) श्री रामचन्‍द्र दांगी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा जिले राजगढ़ में नामांतरण/बंटवारा के किस-किस ग्राम में कितने-कितने प्रकरण लंबित हैं? (ख) उपरोक्त में से ऐसे कितने प्रकरण हैं जो दो माह या इससे अधिक अवधि से लंबित हैं? (ग) क्या शासन नामांतरण/ बंटवारा के सभी प्रकरणों के निपटारे के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित करेगा? (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार इतने लम्बे समय से लंबित रहे प्रकरणों का क्या कारण रहा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में तीन वर्षों से भूमि अधिकार के कोई भी नामान्तण/बंटवारा प्रकरण प्रश्‍न दिनांक तक लंबित नहीं है। वर्तमान वर्ष 2022-23 में विधानसभा क्षेत्र ब्यावरा में नामान्तरण के 722 तथा बंटवारा के 220 प्रकरण न्‍यायाधीन है। ग्रामवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार(ख) उपरोक्त लंबित प्रकरणों में से नामान्तण के 36 एवं बंटवारा के 61 प्रकरण दो माह या इससे अधिक अवधि के न्‍यायाधीन है। (ग) म.प्र. भू-राजस्‍व संहिता 1959 की धारा-110 की उपधारा-4 में नामांतरण के मामलों में मामला पंजीकृत होने की तारीख से अविवादित होने की दशा में तीस दिवस व विवादित होने की दशा में पांच माह में निराकरण किये जाने के उपबंध किये गये हैं। लोक सेवा गारंटी अधिनियम में अविवादित बंटवारा 90 कार्य दिवस में निराकरण किये जाने की समय-सीमा निर्धारित की गई है।                                         (घ) उत्‍तरांश (ख) अनुसार नामांतरण प्रकरण विक्रय पत्र पर आपत्ति, स्वत्व संबंधी विवाद, साक्ष्य प्रस्‍तुति आदि कारणों से एवं बंटवारा प्रकरण फर्द पर सहमति/असहमति, आवेदन पत्र के जवाब/फर्द पर आपत्ति एवं फर्द प्राप्ति अंतिम तर्क इत्‍यादि कारणों से न्‍यायाधीन है।

फर्जी नामांतरण कर आदिवासियों की जमीन पर अवैध कब्‍जा

[राजस्व]

51. ( क्र. 574 ) श्री हर्ष यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या राजस्व विभाग में सागर जिले अंतर्गत फर्जी नामांतरण, पुराने रिकार्ड से किसानों को जमीन से बेदखल किये जाने संबंधी शिकायतें माननीय मुख्यमंत्री के केसली विकासखण्ड के बसा ग्राम आवागमन एवं जिला प्रशासन को प्राप्त हुई हैं? (ख) क्या सागर जिले के लगभग 96 आदिवासियों की 246 एकड जमीन हड़पने संबंधी शिकायत के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा शिकायत की जांच हेतु कोई जांच दल का गठन किया गया हैं? यदि हां तो जांच दल के गठन की प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? (ग) प्रश्‍नांश (ख) सागर जिले के आदिवासियों को उनके कब्जे की जमीन वापिस कराकर दोषियों के विरूद्ध विभाग कोई कार्यवाही करेगा? यदि हां तो कब तक? यदि नहीं तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। दिनांक 23/01/2022 को कुछ व्‍यक्तियों के द्वारा उनकी कब्‍जे की जमीन से बेदखल किये जाने की शिकायत जिला प्रशासन सागर के समक्ष की गई थी। (ख) उत्‍तरांश (क) में वर्णित जमीन से बेदखल किये जाने की शिकायत की जांच हेतु गठित दल से संबंधित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार हैं। (ग) कब्‍जे के आधार पर स्‍वत्‍व का निर्धारण प्रावधानित नहीं होने से कोई दोषी नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उत्‍पन्‍न नहीं होता है।

बीना परियोजना क्षेत्र में प्रतिपूरक वनीकरण

[वन]

52. ( क्र. 579 ) श्री हर्ष यादव : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सागर जिले की बहुउद्देशीय बीना-परियोजना के निर्माण में डूब में आई वनभूमि के एवज में प्रतिपूरक वनीकरण कार्यों में विभागीय जांच में गड़बड़ी पाये जाने के संबंध में तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 710 दिनांक 21/12/2022 में माननीय मंत्री महोदय द्वारा सहमति जाहिर की गई थी? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार अनुभाग स्तर के अधिकारियों को दोषी माना जाकर केवल उनके स्थान परिवर्तन को सजा बताया गया हैं? क्या उनके विरूद्ध व्यय राशि की वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गई है? यदि हां तो उक्त वसूली कब तक की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या सदन में उत्तर के समय माननीय मंत्री महोदय द्वारा उक्त गड़बडि़यों की जांच आर्थिक अपराध ब्यूरो के माध्यम से कराये जाने का मौखिक वक्तव्य दिया गया था? यदि हां तो क्या उक्त के संबंध में जांच हेतु विभाग को लेख किया गया हैं? यदि हां तो प्रति उपलब्ध करावें। यदि नहीं तो क्यों? (घ) प्रश्‍नांश (ख) में वर्णित गड़बड़ी में जिले स्तर के किसी भी अधिकारी को दोषी नहीं माना गया हैं? क्या जिला स्तरीय विभाग में जिला प्रभारी की कोई जवाबदेही विभाग द्वारा निर्धारित नहीं की गई हैं? यदि हां तो जिला स्तरीय अधिकारी उक्त जांच में दोष मुक्त किस आधार पर रखे गये हैं? विस्तृत विवरण देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रकरण में प्रथम दृष्‍टया दोषी अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही स्‍थापित है। अनुशासनात्‍मक कार्यवाही पूर्णता पर नियमानुसार गुण-दोष के आधार पर दण्‍डात्‍मक कार्यवाही सम्‍भव होगी। (ग) आवश्‍यकता पड़ने पर ई.ओ.डब्‍ल्‍यू. में केस देने का वक्‍तव्‍य दिया गया था। जी नहीं, विभागीय कार्यवाहियां संस्थित है। EOW को प्रकरण सौंपने की कार्यवाही परीक्षण में है। (घ) जी नहीं। प्रकरण में प्रथम दृष्‍टया दोषी पाये गये जिला स्‍तर के अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्‍मक कार्यवाही प्रचलित है।

नामांतरण एवं बंटवारे के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

53. ( क्र. 587 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) क्या प्रदेश में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा यह घोषणा की गई थी कि भूमि विक्रय होने पर एवं भूमिस्वामी की मृत्यु होने पर तुरन्त ही स्वयं नामांतरण एवं बंटवारा हो जाएगा तथा पटवारियों व तहसील में नहीं जाना पडेगा? यदि हां, तो ग्वालियर जिले में पटवारियों द्वारा बंटवारा एवं नामांतरण भूमि विक्रय के तुरन्त बाद स्वयं क्यों नहीं किए जा रहे हैं? (ख) 1 जनवरी, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक ग्वालियर जिले के भितरवार, चीनौर एवं घाटीगांव तहसील में 1 जनवरी, 2023 की स्थिति में किस-किस व्यक्ति के बंटवारा तथा नामान्तरण के प्रकरण किस दिनांक से लंबित हैं? व्यक्ति का नाम, पिता/पति का नाम, पता तथा किस कारण से लंबित हैं पूर्ण विवरण दें। इसके लिये कौन-कौन कर्मचारी दोषी है, उनके नाम स्पष्ट करें। क्या दोषियों के प्रति कोई कठोर कार्यवाही की जावेगी एवं अब कब तक लंबित बंटवारे एवं नामान्तण के प्रकरणों का निपटारा कर दिया जावेगा? (ग) भितरवार विधानसभा क्षेत्र में राजस्व विभाग में 1 फरवरी, 2023 की स्थिति में कौन-कौन अधिकारी/कर्मचारी पदस्थ हैं? उनका नाम, पद, मुख्यालय पदस्थापना दिनांक तथा भितरवार विधानसभा क्षेत्र में किस दिनांक से पदस्थ हैं? पूर्ण विवरण दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। विक्रय पत्र द्वारा अंतरण की दशा में शर्तों के अधीन नामांतरण की कार्यवाही के लिये साईबर तहसील का गठन किया गया है जो पेपरलेस, फेसलेस न्‍यायालय हैं। माह जून 2022 से पायलेट प्रोजेक्‍ट के रूप में सीहोर एवं सागर जिले से इसे प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में प्रदेश के इंदौर, दतिया, डिण्‍डौरी एवं हरदा जिलों को भी इसमें शामिल किया गया है। ग्‍वालियर जिले में अभी साईबर तहसील प्रारंभ नहीं की गई है।              (ख) ग्‍वालियर जिला अन्‍तर्गत तहसील भितरवार, चीनोर, घाटीगांव मे बंटवारा एवं नामांतरण के प्रकरण निम्‍नानुसार न्‍यायाधीन है :-

 

तहसील

संख्‍या

बंटवारा

नामांतरण

भितरवार

44

747

चीनोर

33

115

घाटीगांव

28

184

 

जिनकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। बंटवारा एवं नामांतरण के न्‍यायाधीन प्रकरण निर्धारित समय अवधि मे होने से कोई भी अधिकारी, कर्मचारी दोषी नही है। (ग) तहसील भितरवार, चीनोर, घाटीगांव के अंतर्गत 1 फरवरी, 2023 की स्थिति मे पदस्‍थ अधिकारी/कर्मचारियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है।

अनुग्रह सहायता के लंबित प्रकरण

[श्रम]

54. ( क्र. 588 ) श्री लाखन सिंह यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सम्बल योजनान्तर्गत जनपद पंचायत भितरवार एवं घाटीगांव में सामान्य मृत्यु के सामान्य अनुग्रह सहायता के पात्र हितग्राही तथा दुर्घटना मृत्यु के प्रकरण स्वीकृत होकर भुगतान हेतु लंबित हैं? यदि हां, तो प्रकरणवार (हितग्राहियों का), दिनांकवार कब से लंबित हैं? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार स्वीकृत एवं पात्र प्रकरणों का भुगतान लंबित रहने का क्या कारण हैं? (ग) क्या भितरवार एवं घाटीगांव में लम्बे समय से लंबित पात्र प्रकरणों की भांति ही ग्वालियर जिले के डबरा एवं मुरार जनपदों में भी उक्त अवधि का भुगतान लंबित हैं? यदि हां, तो अवगत करावें।                 (घ) प्रश्‍नांश (क) भितरवार एवं घाटीगांव में अनुग्रह सहायता के लंबित प्रकरणों का भुगतान कब तक किया जावेगा? यदि नहीं, तो कारण बतावें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी हाँ, जनपद पंचायत घाटीगांव के अंतर्गत अनुग्रह सहायता के स्वीकृत भुगतान हेतु 94 प्रकरण लंबित है एवं जनपद पंचायत भितरवार के अंतर्गत अनुग्रह सहायता के स्वीकृत भुगतान हेतु 85 प्रकरण लंबित है। प्रकरणवार (हितग्राहियों का) दिनांकवार स्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) संबल योजनातर्गत अनुग्रह सहायता भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, बजट उपलब्‍धता अनुसार भुगतान किया जाता है। (ग) हां, जनपद पंचायत डबरा के अंतर्गत अनुग्रह सहायता के 42 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है एवं जनपद पंचायत मुरार के अंतर्गत अनुग्रह सहायता के 47 प्रकरण भुगतान हेतु लंबित है। (घ) संबल योजनांतर्गत बजट उपलब्‍धता अनुसार भुगतान किया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

 

 

कार्यों की प्रशासकीय एवं वित्‍तीय स्वीकृति

[जल संसाधन]

55. ( क्र. 594 ) श्री विनय सक्सेना : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रश्‍न दिनांक तक जबलपुर जिले में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत कौन-कौन से ऐसे कार्य हैं जिनके लिए प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन निर्माण का कार्य आरम्भ नहीं हुआ है या अधूरा है? (ख) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति की तारीख बताएं। इन कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित अवधि का विवरण दें। (ग) क्या इन कार्यों को पूरा करने में विलम्ब हो रहा है? यदि हाँ तो इसका क्या कारण हैं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ग) जी हाँ। कोविड-19 महामारी, विभागीय सीएसआर की दरों में संशोधन, भू-अर्जन की दरों में संशोधन तथा वर्तमान में जीएसटी की दरों में संशोधन होने के कारण इन परियोजनाओं को पूरा करने में विलंब होना प्रतिवेदित है।

परिशिष्ट - "उनतालीस"

योजनाओं का क्रियान्वयन

[वन]

56. ( क्र. 596 ) श्री विनय सक्सेना : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) विभाग द्वारा जबलपुर जिले में विगत तीन वर्षों में किन-किन योजनाओं के अंतर्गत          कितनी-कितनी राशि व्यय की गयी है? (ख) किन-किन योजनाओं के क्या-क्या लक्ष्य निर्धारित किये गये है? (ग) किन-किन लक्ष्यों की पूर्ति हुई तथा किन-किन लक्ष्यों की प्राप्ति नही हो सकी? उसके क्या-क्या कारण हैं?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। वर्ष 2022-23 के कार्य प्रगति पर हैं।

लघु एवं मध्यम सिंचाई योजनाएं

[जल संसाधन]

57. ( क्र. 603 ) श्री सुनील उईके : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) विधानसभा जुन्नारदेव क्षेत्र में विगत पांच वर्षों में कितनी लघु एवं मध्‍यम सिंचाई योजनाएं विभाग द्वारा स्वीकृत एवं प्रस्तावित की गई हैं? (ख) क्या जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के किसानों के हित में बहने वाले नदी नालों पर सर्वेक्षण करवाकर क्षेत्र में एनीकेट एवं तालाबों का सर्वे कराकर सिंचाई हेतु प्राक्कलन तैयार करवायेंगे? अगर हाँ तो कब तक? (ग) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में 2018 से आज दिनांक तक वर्तमान में स्वीकृत तालाबों एवं जल संरचनाओं के स्थलवार कितने कार्य स्वीकृत हुये हैं एवं बजट के अभाव में कितने कार्य लंबित हैं? (घ) जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित जल संरचनाओं से कितना एकड रकबा सिंचित हुआ है?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जुन्‍नारदेव विधानसभा क्षेत्र में विगत पांच वर्षों में 02 लघु सिंचाई परियोजनाएं स्‍वीकृत एवं 16 लघु सिंचाई परियोजनाएं प्रस्‍तावित की गई हैं। विगत पांच वर्षों में एक भी मध्‍यम सिंचाई परियोजना स्‍वीकृत अथवा प्रस्‍तावित नहीं की गई है। (ख) सर्वे समय-समय पर आवश्यकतानुसार कराए जाते हैं। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है। (ग) जुन्‍नारदेव विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2018 से आज दिनांक तक 01 वृहद एवं 02 लघु सिंचाई परियोजनाओं की स्‍वीकृति प्रदान की गई है। बजट के अभाव में कोई परियोजना लंबित नहीं है। (घ) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट  अनुसार है।

परिशिष्ट - "चालीस"

वनक्षेत्रपाल की वेतन विसंगति‍ का निराकरण

[वन]

58. ( क्र. 604 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या वन विभाग में वनक्षेत्रपाल कैडर, राजस्व विभाग में तहसीलदार कैडर, पुलिस में पुलिस निरीक्षक कैडर की पदोन्नति एसडीओ के पद पर होती है तथा पदोन्नति के वेतनमान के समकक्ष है? यदि हाँ तो वनक्षेत्रपाल के वेतनमान में विसंगति क्यों है? (ख) क्या वनक्षेत्रपाल का पद 1997 से द्वितीय श्रेणी राजपत्रि‍त अधिकारी राजपत्र में घोषित है? यदि हाँ तो वनक्षेत्रपाल को द्वितीय श्रेणी राजपत्रि‍त अधिकारी को 6500.00 वेतनमान क्यों नहीं दिया जा रहा है? (ग) क्या वनक्षेत्रपाल, तहसीलदार एवं पुलिस निरीक्षक को क्रमश: 1640 एवं 5500 के वेतनमान लगातार 10 वर्ष समकक्ष मिलते रहे? यदि हाँ तो सातवें वेतनमान में तहसीलदार एवं पुलिस निरीक्षक की भॉति वनक्षेत्रपालों को 6500.00 का वेतनमान क्यों नहीं दिया जा रहा है? (घ) क्या वर्तमान में नायब तहसीलदार, पुलिस उपनिरीक्षक के समकक्ष वेतनमान वनक्षेत्रपाल को दिया जा रहा है जिससे वन विभाग की रीढ़ माने जाने वाले कैडर में घोर असंतोष व्याप्‍त है? क्या इस विसंगति को दूर करने में माननीय वन मंत्री जी विचार करेंगे? यदि हाँ तो कब तक?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। गृह विभाग के ज्ञाप क्र./एफ-2 (अ) 332/2006/बी-4/दो, दिनांक 98/11/2007 द्वारा पुलिस निरीक्षक एवं राजस्‍व विभाग के आदेश क्र. एफ-14-13/ 01/शास-4-, दिनांक 18/10/2007 द्वारा तहसीलदार को रूपये 6500-200-10500 का वेतन स्‍वीकृत किया गया, मंत्रि-परिषद् के आदेश दिनांक 28/05/2018 में वनक्षेत्रपाल संवर्ग को तहसीलदार व पुलिस निरीक्षण से सापेक्षता नहीं मानी गई तथा वेतन उन्‍नयन की अनुशंसा को मान्‍य नहीं किया गया। (ख) जी हाँ। वन विभाग के वनक्षेत्रपाल को 6500.00 वेतनमान वित्‍त विभाग द्वारा स्‍वीकृत न करने के कारण उन्‍हें वेतनमान रूपये 5500-175-9000 देय है।                                       (ग) जी हाँ। उत्‍तरांश (क) अनुसार। (घ) जी हाँ। वनक्षेत्रपाल को नायब तहसीलदार के समान पुलिस उप निरीक्षक के समकक्ष वेतनमान दिया जा रहा है। वनक्षेत्रपाल कैडर संघ द्वारा तहसीलदार एवं पुलिस निरीक्षक के समकक्ष वेतनमान की मांग की गई है जो प्रक्रिया में है। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

 

 

शासकीय उचित मूल्‍य दुकान का आवंटन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

59. ( क्र. 611 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                             (क) क्‍या प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 752 दिनांक 21.12.2022 के उत्‍तर की कडिका (क) अनुसार प्राप्‍त आवेदनों का नियमानुसार परीक्षण करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व), नरसिंहगढ़ के पत्र क्रमांक 2582 दिनांक 01.12.2022 द्वारा तहसीलदार, सहकारिता निरीक्षक एवं कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारी, नरसिंहगढ़ की त्रि-सदस्‍यीय समिति का गठन किया गया है। समिति द्वारा प्राप्‍त परीक्षण प्रतिवेदन उपरांत शीघ्र ही उचित मूल्‍य दुकानों का आवंटन किया जायेगा। बड़नगर एवं सराना पंचायत हेतु आवेदन आमंत्रित करने की कार्यवाही प्रचलित है। आवेदन आमंत्रित करने की कार्यवाही 01 माह के अंदर पूर्ण किया जाना संभावित है? यदि हाँ तो प्रश्‍न दिनांक तक उक्‍त संबंध में अद्यतन स्थिति क्‍या हैं? (ख) उपरोक्‍तानुसार क्‍या शासन समस्‍त आवश्‍यक कार्यवाही पूर्ण कर दुकानों का आवंटन करेगा? यदि हाँ तो कब तक?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। तहसीलदार, सहकारिता निरीक्षक एवं कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, की गठित समिति द्वारा 11 पंचायत के कुल 26 प्राप्त आवेदनों में से 01 आवेदन पात्र पाया गया है। पात्र आवेदन पर ग्राम पंचायत बिरगड़ी में श्री राधे-राधे स्व. सहायता समूह को शासकीय उचित मूल्‍य दुकान आवंटित की गई। ग्राम पंचायत बडनगर एवं सराना हेतु कुल 07 आवेदन प्राप्‍त हुये हैं। प्राप्‍त आवदेनों का समिति द्वारा परीक्षण कर अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। शेष पंचायतों में उचित मूल्‍य दुकानों के लिए पुनः विज्ञप्ति क्रमांक/18/खाद्य/2023 नरसिंहगढ़ दिनांक 06.02.2023 को जारी की गई। आवेदन प्राप्त होने के उपरान्त कार्यवाही की जावेगी। (ख) जी हाँ। आवेदन प्राप्‍त होने पर सक्षम अधिकारी द्वारा विहित प्रक्रिया अनुसार उचित मूल्‍य दुकान आवंटन की कार्यवाही की जायेगी।

लंबित आवेदनों पर कार्यवाही

[श्रम]

60. ( क्र. 612 ) श्री राज्‍यवर्धन सिंह : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1 अप्रैल, 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल योजना एवं संबल योजना अंतर्गत नवीन पंजीयन हेतु कितने आवेदन प्राप्‍त हुये? सूची सहित बतावें।             (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्राप्‍त आवेदनों में से प्रश्‍न दिनांक तक कितने आवेदनों का निराकरण किया गया तथा कितने आवेदन प्रश्‍न दिनांक तक किन कारणों से कब से लंबित हैं तथा कितने आवेदन किन-किन कारणों से निरस्‍त किये गये? सूची सहित बतावें। (ग) उपरोक्‍तानुसार प्रश्‍न दिनांक तक लंबित आवेदनों का निराकरण न करने के लिये कौन दोषी है? क्‍या शासन दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा? यदि हाँ तो क्‍या तथा कब तक लंबित आवेदनों का निराकरण कर दिया जावेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल के अंतर्गत राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत 1 अप्रैल 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक पंजीयन हेतु कुल 2116 आवेदन प्राप्‍त हुये। निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। मध्‍यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल के अंतर्गत राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ़ अंतर्गत नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र में 1 अप्रैल 2022 से प्रश्‍न दिनांक तक संबल योजना अंतर्गत नवीन पंजीयन हेतु 11,379 आवेदन प्राप्‍त हुये। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ख) मध्‍यप्रदेश भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मंडल के अंतर्गत प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्राप्‍त आवेदनों में से प्रश्‍न दिनांक तक 2027 आवेदकों का पंजीयन किया गया, जिनकी निकायवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-स अनुसार है। प्राप्‍त आवेदनों में से 89 आवेदन निरस्‍त किये गये है, जिनकी निरस्‍त किये जाने के कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के         प्रपत्र-स अनुसार है। विधानसभा क्षेत्र नरसिंहगढ में प्रश्‍न में उल्‍लेखित अवधि में मण्‍डल अंतर्गत पंजीयन हेतु कोई आवेदन लंबित नहीं है। शेष प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। मध्‍यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल के अंतर्गत प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्राप्‍त आवेदनों में से प्रश्‍न दिनांक तक 11,349 आवेदनों का निराकरण किया गया है तथा 30 आवेदन प्रश्‍न दिनांक तक जांच हेतु लंबित है। 169 आवेदन पात्रता शर्ते पूर्ण न होने के कारण निरस्त किये गये है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) मध्‍यप्रदेश असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मंडल के योजनांतर्गत पंजीयन आवेदन, आवेदन की जांच तथा पंजीयन एक सतत् प्रक्रिया है। अतः लंबित आवेदनों पर भी निरंतर कार्यवाही जारी है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सिंचाई परियोजनाओं के परि‍रक्षण संधारण पर व्‍यय

[जल संसाधन]

61. ( क्र. 619 ) श्री महेश परमार : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                 (क) उज्जैन जिले में विधानसभावार कुल कितनी सिंचाई परियोजनाओं का संचालन विभाग कर रहा है? (ख) उज्जैन जिले में शासन द्वारा विगत 5 वर्षों में विधानसभावार कुल कितनी राशि संधारण एवं परि‍रक्षण के लिए कौन-कौन सी सिंचाई परियोजनाओं के लिए दी गई है? (ग) संधारण एवं परि‍रक्षण के लिए सिंचाई परियोजनाओं में कितनी एजेंसियों से कौन से कार्य कराए गए? उनके प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति उपलब्ध कराएं! (घ) परि‍रक्षण एवं संधारण के लिए कितनी एजेंसियों को कितना भुगतान किया गया? किस कार्य के लिए किया गया? लागत एवं भुगतान का पूर्ण विवरण उपलब्ध कराएं। (ङ) विभागीय क्रय समिति एवं आहरण वितरण अधिकारियों के नाम पद की सूची उपलब्ध कराते हुए भुगतान पूर्व प्राप्त अनुमोदन एवं स्वीकृति की प्रतियां देवे।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) उज्‍जैन जिले में विधानसभावार विभाग द्वारा कुल 93 सिंचाई परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) से (घ) उज्‍जैन जिले में विगत 05 वर्षों में सिंचाई परियोजनाओं के संधारण एवं परिरक्षण अंतर्गत कराए गए कार्यों का विवरण, संबंधित एजेंसी का नाम तथा भुगतान इत्‍यादि का विवरण बॉंध, स्‍टॉपडैम, बैराज हेतु पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं नहरों हेतु विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। प्रशासकीय एवं वित्‍तीय (तकनीकी) स्‍वीकृति की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट-1 (पृ. 1 से 127) अनुसार है। (ड.) सामग्री का क्रय नहीं किया है अत: शेष जानकारी निरंक होना प्रतिवेदित है।

वृक्षारोपण कार्य और उनका संधारण

[वन]

62. ( क्र. 620 ) श्री महेश परमार : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन जिले में कितनी संयुक्‍त वन प्रबंधन समिति कार्यरत है? उन समितियों में कौन-कौन पदाधिकारी हैं? संयुक्‍त वन प्रबंधन समिति के कार्य क्‍या हैं? (ख) उज्जैन मंडल में कुल कितने पौधे विगत 5 वर्षों में लगाए गए हैं और प्रतिवर्ष कितनी राशि उनके संधारण के लिए विभाग में प्राप्त हो रही है? वर्षवार वन परिक्षेत्रवार जानकारी देवें। (ग) पौधारोपण, सर्वेक्षण, सीमांकन, गड्ढा खुदाई, फेंसिंग आदि कार्य के लिए कितना खर्च किया गया? (घ) विगत 05 वर्षों में विभाग द्वारा संयुक्‍त वन प्रबंधन समितियों के साथ कब-कब बैठक की गई? किन एजेण्‍डों पर चर्चा हुई? (ङ) विगत 05 वर्षों में विभागीय भुगतान की ऑडिट में कितनी आपत्तियां प्राप्त हुई? उन सभी आपत्तियों के साथ शासन के निर्देशों की प्रतियां देवें। जिनके आधार पर आपत्तियां ली गई।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) उज्‍जैन जिले के अंतर्गत वनमंडल उज्‍जैन में 22 ग्राम वन समितियां कार्यरत हैं। उक्‍त समितियों के पदाधिकारियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। संयुक्‍त वन प्रबंधन समि‍ति के कार्य (कर्तव्‍य) शासन के संकल्‍प दिनांक 22 अक्‍टूबर, 2001 के बिन्‍दु क्रमांक-11.2 में उल्‍लेखित हैं। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। (ख) वनमण्‍डल उज्‍जैन के अंतर्गत विगत 5 वर्षों में 552460 पौधों का रोपण किया गया है। उनके संधारण हेतु प्राप्‍त राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 में है। (ग) विगत 05 वर्षों में वनमंडल उज्‍जैन द्वारा पौधारोपण, सर्वेक्षण, सीमांकन, गड्ढ़ा खुदाई, फेंसिंग आदि कार्य पर राशि रूपये 405.26 लाख खर्च की गई है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-4 में है। (ड.) वनमंडल उज्‍जैन के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में हुये आंतरिक लेखा परीक्षण में लेखा परीक्षण दल द्वारा भुगतान के संबंध में आपत्तियां ली गई हैं। ली गई आपत्तियों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-5 में हैं एवं शासन के निर्देशों की प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-6 में है।

शासकीय खुली भूमि का लोक प्रयोजन के तहत उपयोग

[राजस्व]

63. ( क्र. 626 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                                            (क) ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक वार्ड में शासकीय खुली भूमि कितनी है? प्रत्येक भू-क्षेत्र का सर्वे क्रमांक एवं उसका रकबा/क्षेत्रफल कितना है? प्रत्येक वार्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ख) ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक सर्वे क्रमांकवार शासकीय खुली भूमि का भूमि उपयोग/लैण्डयूज क्या है? वर्तमान में मौके पर उक्त भूमि का क्या उपयोग हो रहा है? क्या उक्त भूमि किसी प्रयोजन हेतु किसी विभाग/कार्यालय/संस्था को आरक्षित की गई है अथवा आरक्षित की जाने हेतु कार्यवाही प्रचलित है या नहीं? प्रत्येक वार्डवार जानकारी उपलब्ध करायें। (ग) ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत प्रत्येक सर्वे क्रमांकवार उपलब्ध उक्त शासकीय खुली भूमि मौके पर अतिक्रमण मुक्त है या नहीं? यदि अतिक्रमण है तो किस प्रकार का एवं किसका? किसी न्यायालय में कोई प्रकरण लंबित है या नहीं? प्रत्येक वार्डवार जानकारी उपलब्ध करायें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) तहसील ग्‍वालियर के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कुल रकवा 29.997 हेक्‍टर शासकीय खुली भूमि उपलब्‍ध है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

स्कन्ध की भण्डारण व्यवस्था

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

64. ( क्र. 627 ) श्री प्रवीण पाठक : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सरकार द्वारा प्रतिवर्ष खरीदे जाने वाले स्कन्ध के लिए प्रदेश में पर्याप्त कवर्ड भण्डारण व्यवस्था उपलब्ध है? यदि हाँ, तो कहां-कहां भण्डारण व्यवस्था है? उनकी भण्डारण क्षमता कितनी है? जिलेवार जानकारी दें। (ख) क्या सरकार द्वारा खरीदे गये स्कन्ध को ओपन कैप व्यवस्था में भण्डारित किया जा सकता है? यदि हां, तो किस स्थिति में? इस हेतु किस कम्पनी/संस्था व्यक्ति से अनुबन्ध किया गया? उसका नाम, पता, भण्डारित स्थान, भण्डारण क्षमता, अनुबन्ध दिनांक, शर्तें आदि सहित जिलेवार पूर्ण जानकारी दें। (ग) जनवरी 2019 से उत्तर दिनांक तक ओपन कैप व्यवस्था में किन-किन स्थानों पर कितना स्कन्ध भण्डारित किया गया? उक्त अवधि में कितना स्कन्ध खराब हुआ? खराब होने का क्या कारण है? इसके लिए कौन दोषी है? दोषियों के विरूद्व क्या कार्यवाही की गई? जिलेवार जानकारी दें। (घ) ओपन कैप व्यवस्था में स्कन्ध को किस दर से भण्डारित किया गया? इस हेतु कितनी राशि किस संबंधित को भुगतान की गई? जिलेवार जानकारी दें। (ड.) ओपन कैप व्यवस्था में भण्डारित स्कन्ध क्या सुरक्षित रहता है? यदि नहीं, तो स्कन्ध को कवर्ड भण्डारण व्यवस्था के तहत रखने हेतु सरकार द्वारा कोई कार्य योजना बनायी है? यदि हाँ, तो क्या? यदि नहीं, तो इस हेतु कब तक कार्यवाही की जाएगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) से (ड.) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

अवैध खनन एवं परिवहन

[खनिज साधन]

65. ( क्र. 651 ) श्री सचिन सुभाषचन्‍द्र यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र कसरावद मे बालु रेत एवं काली रेत की घोषित कितनी खदानें हैं? ग्रामवार रकबे सहित विवरण देवें। (ख) क्‍या विधानसभा क्षेत्र कसरावद में अवैध खनन एवं परिवहन के प्रकरण बनाये गये हैं? यदि हाँ तो वाहन नम्बर, वाहन मालिक के नाम सहित किये गये जुर्माने की राशि सहित विवरण देवें (ग) खरगोन जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज मद में कुल कितनी राशि है? (घ) जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास मण्डल द्वारा विधानसभा क्षेत्र कसरावद में        कौन-कौन से कार्य स्वीकृत किये गये? कितनी राशि आवंटित की गई? कितने पूर्ण हो चुके हैं तथा कितने अधूरे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'' पर दर्शित है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। (ग) खरगौन जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में राशि रूपये 1,27,26,106/- जमा हुई है। (घ) जी नहीं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

स्‍वीकृ‍त कार्यों की जानकारी

[खनिज साधन]

66. ( क्र. 662 ) श्री नारायण सिंह पट्टा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मण्डला जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज मद में कुल कितनी राशि है? (ख) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्ठान न्यास मंडल द्वारा विधानसभा क्षेत्र बिछिया में कौन-कौन से कार्य अनुमोदित किये गये? (ग) उपरोक्त कार्यों के लिए अलग-अलग कितनी-कितनी राशि आवंटित की गई है? इनमें से कितने कार्य पूरे हो चुके हैं और कितने कार्य अभी अधूरे हैं?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) मंडला जिले में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान मद में कुल राशि रूपये 4,90,40,514/- जमा है। (ख) जिला मंडला अंतर्गत विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक जिला खनिज प्रतिष्‍ठान न्‍यास मंडल द्वारा विधानसभा क्षेत्र बिछिया में कोई भी कार्य अनुमोदित नहीं किये गये हैं। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

सेक्शन राईटर को सहायक ग्रेड-3 के पद पर पदस्‍थापना

[राजस्व]

67. ( क्र. 681 ) श्री आलोक चतुर्वेदी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                          (क) छतरपुर जिलातंर्गत विभिन्न तहसीलों में कितने सेक्शन राईटर कार्यरत हैं? सभी के नाम नियुक्ति तिथि बताएं। (ख) क्या छतरपुर जिले के विभिन्न तहसीलों में कार्यरत सेक्शन राईटर ने माननीय न्यायालय में प्रकरण दर्ज कर सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति करने हेतु याचिका प्रेषित की थी। यदि हाँ तो माननीय न्यायालय ने क्या आदेश पारित किया? माननीय न्यायालय के आदेश पर क्या कार्यवाही की गई? (ग) माननीय न्यायालय के आदेशों के अनुक्रम में प्रदेश के रायसेन, छिन्दवाड़ा, दतिया, अशोकनगर, देवास, दमोह, निवाडी जिले में कार्यरत सेक्शन राईटर को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति किया गया है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) यदि हाँ है तो उक्त के अनुक्रम एवं माननीय न्यायालय के आदेशानुसार छतरपुर जिले के सेक्शन राईटर को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति करने में क्या परेशानी उत्पन्न हो रही है? शासन उक्त परेशानी को कब तक दूर कर अन्य जिलों की भांति सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति प्रदाय करेगा? यदि नही तो क्यों?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) छतरपुर जिलांतर्गत विभिन्‍न तहसीलों में कार्यरत सेक्‍शन राईटरों की जानकारी संलग्न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हां, मान. न्‍यायालय द्वारा याचिकाकर्ताओं की सुनवाई करते हुए गुण-दोषों के आधार पर निराकरण किए जाने हेतु आदेशित किया गया था, जिसके परिपालन में कलेक्‍टर छतरपुर द्वारा मान. उच्‍च न्‍यायालय के आदेशानुसार याचिकाकर्ताओं की विधि सम्‍यक सुनवाई करते हुए निराकरण किया गया है। (ग) जी हाँ।             (घ) राजस्‍व विभाग अंतर्गत कार्यरत सेक्‍शन राईटरों को सीधी भर्ती के पदों पर नियमित नियुक्ति में प्राथमिकता दिए जाने के संबंध में म.प्र. शासन, सामान्‍य प्रशासन विभाग का परिपत्र क्र. सी 3-9/2019/1/3 दिनांक 22 फरवरी 2022 द्वारा निर्देश जारी किए गये। इसी अनुक्रम में म.प्र. शासन राजस्‍व विभाग द्वारा जारी परिपत्र क्र. एफ 3-4/2018/सात-4 दिनांक 28/02/2022 द्वारा जिलों में कार्यरत सेक्‍शन राईटरों को सहायक ग्रेड-3 के पद पर नियुक्ति दिये जाने के संबंध में आयु सीमा में छूट एवं 5% अतिरिक्‍त अंक का प्रावधान किया गया है। कर्मचारी चयन मण्‍डल द्वारा सहायक ग्रेड-3 की भर्ती हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित हो चुकी है। सेक्‍शन राईटर उक्‍त परीक्षा में शामिल होकर लाभ उठा सकते है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "इकतालीस"

वन विभाग के अधिकारियों द्वारा तलाशी

[वन]

68. ( क्र. 689 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या 20 फरवरी, 2021 को क्राइम ब्रांच, वाइल्ड लाइफ, केंद्रीय वन विभाग नई दिल्ली के अधिकारी दीपक कुमार के साथ वन विभाग तथा पुलिस के अधिकारियों ने मिलकर रतलाम स्थित दो दुकानों पर तलाशी ली थी? यदि हाँ तो बतावें कि दीपक कुमार ने अपने पद और अधिकारिता को लेकर क्या दस्तावेज पेश किये? उसकी प्रति देवें। (ख) वन परीक्षेत्र अधिकारी रतलाम द्वारा उन दस्तावेजों का सत्यापन करने हेतु की गई कार्यवाही से अवगत कराएं तथा इस संदर्भ में किए गए पत्र व्यवहार की प्रति देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित दुकानों की तलाशी के दौरान वन विभाग के कौन-कौन कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे? उनके नाम तथा पद बताएं तथा जिस आदेश से वहां पर दीपक कुमार के साथ गए थे उसकी प्रति देवें। आदेश यदि मौखिक था तो आदेश देने वाले अधिकारी का नाम बताएं। (घ) प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित दुकानों की तलाशी के लिए पुलिस विभाग को सूचना किसके द्वारा दी गई? उस पत्र की प्रति उपलब्ध कराएं तथा बतावें कि दीपक कुमार जो व्यापारी के सी.सी.टी.वी. कैमरे में दिखाई दे रहा है तथा समाचार पत्रों में दुकान में तलाशी लेते हुए उसका चित्र छपा है, वह किस अधिकारिता से वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे रहा था?                (ड.) दीपक कुमार 2 दिन तक विभाग में उपस्थित रहकर दुकान मालिकों से रिमांड अवधि में किस अधिकारिता से पूछताछ कर रहा था तथा वन परि‍क्षेत्र अधिकारी के संज्ञान में यह आने के बाद उन्होंने दीपक कुमार को विभाग की कार्यवाही में हस्तक्षेप किस लिये करने दिया?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) प्रश्‍नांकित दिनांक को वन विभाग द्वारा रतलाम शहर की 2 दुकानों पर तलाशी ली गई थी। प्रश्‍न में नामित एक व्‍यक्ति के पंचनामे पर हस्‍ताक्षर हैं उसके पद और अधिकारिता से संबंधित कोई दस्‍तावेज वनमंडल के अभिलेखों में नहीं हैं। (ख) उत्‍तरांश (क) के अनुक्रम में प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उल्‍लेखित दुकानों की तलाशी के दौरान उपस्थित अधिकारी/कर्मचारियों की सूची पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-1 में है। शेष प्रश्‍नांश के संबंध में कोई जानकारी अभिलेखों में उपलब्‍ध नहीं है। (घ) वन परिक्षेत्र अधिकारी, रतलाम एवं वनमंडलाधिकारी, रतलाम द्वारा पुलिस विभाग से किये गये पत्राचार का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-2 में है। सी.सी.टी.व्‍ही. की रिकार्डिंग एवं समाचार पत्रों में तलाशी लेते हुये उसका चित्र आदि संबंधी कोई जानकारी अभिलेखों में नहीं है। (ड.) दीपक कुमार द्वारा वन विभाग की कार्यवाही में हस्‍तक्षेप करने संबंधी कोई जानकारी प्रकरण से संबंधित अभिलेखों में उपलब्‍ध नहीं है।

आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति

[राजस्व]

69. ( क्र. 690 ) श्री हर्ष विजय गेहलोत (गुड्डू) : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या विभाग के पास जिला स्तर पर यह जानकारी है कि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के कृषकों के पास कितनी हेक्टेयर जमीन है? यदि हाँ, तो प्रदेश में जनजाति के पास जमीन की जिलेवार जानकारी, जनवरी 2010 तथा जनवरी 2023 की स्थिति में देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) का उत्तर यदि नहीं, तो बतावें कि कृषि विभाग तथा अन्य विभाग किस आधार पर अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के कृषक को योजना का लाभ देते हैं? (ग) वर्ष 2004-05 से जनवरी 2023 तक प्रदेश में धारा 165 (6) के तहत आदिवासी की कितनी जमीन गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति दी गई? जिलेवार वर्षवार जानकारी उपलब्ध कराएं। (घ) क्या धारा 165 (6) में अनुमति देने की अधिकारिता अतिरिक्त कलेक्टर (ADM) को है? यदि हाँ तो बतावें कि राजस्व संहिता में किस धारा में इसका उल्लेख है? (ड.) धारा 165 (6) में अनुमति देते वक्त किन-किन बिंदुओं पर गौर किया जाता है ताकि सुविधा का संतुलन आदिवासी के हक में हो? इस संदर्भ में यदि कोई परिपत्र है तो उसकी प्रति देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। कृषि संगणना के माध्‍यम से जानकारी एकत्र की जाती है। प्रदेश में जनजाति वर्ग के कृषक के पास भूमि संबंधी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) उत्‍तरांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न उद्भूत नहीं होता।                                          (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। (घ) धारा 165 की उपधारा-(6) में अधिकारिता कलेक्‍टर की पद श्रेणी से अभिन्‍न पद श्रेणी के किसी राजस्‍व अधिकारी को नहीं है। (ड.) धारा 165 की उपधारा-(6) में शर्तों का पृथक से कोई उल्‍लेख नहीं है किन्‍तु आदिवासी आवेदक के हितों का संरक्षण, स्‍थानीय और तात्‍कालिक परिस्थिति अनुसार सामान्‍य शर्तें अधिरोपित की जाती है, जो प्रत्‍येक प्रकरण की परिस्थिति पर निर्भर होती है।

बिलौआ एवं पिछोर क्षेत्र में लिफ्ट द्वारा सिंचाई

[जल संसाधन]

70. ( क्र. 697 ) श्री सुरेश राजे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                              (क) डबरा क्षेत्र के बिलौआ एवं पिछोर में पाइप लाइन बिछाकर खेतों में सिंचाई हेतु कुल कितनी राशि का प्रावधान/कार्ययोजना है? कितने साइज़ के पाइप कहाँ से कहाँ तक कितने किलोमीटर बिछाए जाना है एवं किस स्थान से पानी लिफ्ट किया जाना है? पूर्ण जानकारी देवेंl (ख) प्रश्‍नांश (क) के अनुसार उक्त क्षेत्र में कितने किलोमीटर पाइप लाइन कहाँ से कहाँ तक कितने किलोमीटर डाली जानी हैं? कितने किलोमीटर अभी तक डाली जा चुकी हैं? कितनी-कितनी राशि अभी तक किस फर्म/ठेकेदार को भुगतान की गयी है? कितनी राशि का भुगतान शेष है? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं () के अनुसार क्या बिलौआ एवं पिछोर क्षेत्र में वर्ष 2021-22 में किसानों की रबी की फसलें खोदकर खेतों से बड़े पाइप की लाइन डालकर इसे पुनः खोदा गया एवं छोटे पाइप डाले गए? इस दोहरे कार्य के लिए किस फर्म/ठेकेदार को कितनी राशि का भुगतान किया गया? इस गंभीर समस्या के लिए कौन अधिकारी जिम्मेदार है? उसके विरुद्ध क्या कार्यवाही की गयी? नहीं तो क्यों नहीं?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) एवं (ख) मॉं रतनगढ़ बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना में दाबयुक्‍त सूक्ष्‍म सिंचाई पद्धति अंतर्गत यूनिट-2 नहर के लिए सैच्‍य क्षेत्र 78,484 हेक्‍टेयर हेतु राशि रू.1377.19 करोड़ स्‍वीकृत होना प्रतिवेदित है। प्राप्‍त स्‍वीकृति में डबरा क्षेत्र के बिलौआ एवं पिछौर में पाइप लाइन बिछाकर खेतों में सिंचाई हेतु पृथक-पृथक राशि स्‍वीकृत नहीं है। डबरा क्षेत्र के बिलौआ एवं पिछौर में परियोजना के अंतर्गत बिछाए जाने वाले पाइपों का विवरण संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। देवगढ़-बिलौआ नहर प्रणाली (जिगनियां-बारकरी) हेतु ग्राम बारकरी के समीप सिंध नदी से लगभग 500 मीटर दूरी पर पंप हाउस बनाकर पानी लिफ्ट किया जाना प्रतिवेदित है। उक्‍त क्षेत्र में लगभग 350 कि.मी. पाइप लाइन नेटवर्क बिछाया जाना प्रस्‍तावित है। जिसमें से लगभग 30 कि.मी. पाइप लाइन बिछाई जा चुकी है। परियोजना के यूनिट-2 नहर प्रणाली के प्रथम चरण के कार्यों हेतु 58,184 हेक्‍टेयर सैच्‍य क्षेत्र हेतु अनुबंधित ठेकेदार मेसर्स मंटेना वशिष्‍ठा माइक्रो जे.व्‍ही. को अनुबंधित राशि रू. 831.00 करोड़ में से सामग्री प्रदाय करने, सर्वेक्षण एवं निर्माण कार्य हेतु अभी तक राशि रू. 443.44 करोड़ राशि का भुगतान किया जाना एवं राशि  रू. 387.56 करोड़ का भुगतान शेष होना प्रतिवेदित है। (ग) तथ्‍यात्‍मक स्थिति यह है कि किसानों की सहमति से खोदकर पाइप लाइन बिछाना प्रतिवेदित है। वर्ष 2021-22 में नहर का निर्माण कर रही एजेंसी द्वारा डिजाइन अनुसार पाइप नहीं डालने के कारण वर्ष 2022-23 में डाले गए बड़े पाइप निकालकर डिजाइन अनुसार पाइप बिछाए जा रहे हैं, जिसके लिए किसी भी फर्म/ठेकेदार को पृथक से किसी राशि का भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। इसलिए निर्माण एजेंसी द्वारा किए गए त्रुटिपूर्ण कार्य के लिए किसी अधिकारी के दोषी होने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

परिशिष्ट - "बयालीस"

उपभोक्ता न्यायालयों की संख्‍या में वृद्धि

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

71. ( क्र. 700 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) उज्जैन, इंदौर संभाग में 1 जनवरी, 2018 के पश्चात उपभोक्ता न्यायालयों में कितने प्रकरण उपभोक्ता विवादों के आये, कितनो का निराकरण किया गया त‍था कितने पेंडिंग हैं? (ख) क्या प्रदेश में बजारों में बीमा एवं अन्य उपभोक्ताओं से सम्बन्धित कम्पनियों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है तथा गत 5 वर्षों में उपभोक्ताओं की वृद्धि भी हुई है? से में उपभोक्ता न्यायालय की वृद्धि के लिए क्या कोई कार्य योजना प्रचालन में है? यदि हाँ तो अवगत करायें। (ग) क्या राज्य उपभोक्ता आयोग की बैंच इंदौर में प्रारम्भ करने की कोई योजना प्रचलन में है? यदि हाँ तो समय-सीमा बतायें। (घ) क्या माह में 10 दिन जिला उपभोक्ता अदालत जिले के अलावा तहसील इकाई पर लगाए जाने के निर्देश केंद्र शासन के हैं? यदि हाँ तो प्रतिलिपि देवें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। (ख) जी हाँ। राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग द्वारा 11 अंशकालिक जिला उपभोक्‍ता आयोगों को पूर्णकालिक किये जाने तथा चार नवीन जिलों में उपभोक्‍ता न्‍यायालय खोले जाने का प्रस्‍ताव विचाराधीन है। (ग) जी नहीं। परन्‍तु राज्‍य शासन द्वारा इंदौर में राज्‍य उपभोक्‍ता आयोग की श्रृंखला बैठक की अनुमति प्रदान की गयी है और राज्‍य आयोग द्वारा इंदौर में समय-समय पर श्रृंखला बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। (घ) तहसील ईकाई पर जिला उपभोक्‍ता अदालत लगाये जाने के संबंध में कोई निर्देश नहीं है।

परिशिष्ट - "तैंतालीस"

चोरी के प्रकरण

[वन]

72. ( क्र. 701 ) श्री यशपाल सिंह सिसौदिया : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) रतलाम, मंदसौर, नीमच जिले में वन विभाग अंतर्गत कब-कब, किस-किस प्रकार की चोरी 1 जनवरी, 2018 के पश्चात हुई, कितने प्रकरणों में रिपोर्ट थानों में दर्ज कराई गयी, कितनो में चोरी हुई सामग्री प्राप्त हुई? स्थलवार जानकारी देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) संदर्भित चोरी हुए स्थल पर तत्कालीन समय में किस बीट कर्मचारी की ड्यूटी थी? उक्त जिलों में ऐसे कितने कर्मचारी हैं जिनके ड्यूटी के दौरान 1 से अधिक बार सामान की चोरी हुई और वे मिलीभगत में शामिल पाए गये? कर्मचारी का नाम सहित जानकारी देवें। (ग) वन विभाग में किस स्तर के अधिकारी कर्मचारी को आरा मशीन चेक करने का अधिकार है? नियमों की प्रतिलिपि देवें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-1 अनुसार है। (ख) चोरी हुये स्थल पर कर्मचारियों की ड्यूटी की जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट-1 में है। नीमच वनमंडल अंतर्गत 01 कर्मचारी है जिसकी ड्यूटी के दौरान 02 बार चोरी की घटना प्रकाश में आई। किन्तु उक्त कर्मचारी चोरी में मिलीभगत में शामिल होना नहीं पाया गयाअतः शेष का प्रश्‍न ही उपस्थित नहीं होता। (ग) मध्य प्रदेश काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम1984 की धारा 7 में लेख अनुसार अनुज्ञापन अधिकारी (वन मण्‍डलाधिकारी) या कोई ऐसा अन्य व्यक्ति जो अनुज्ञापन अधिकारी द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किया गया होको आरा मशीन चेक करने का अधिकार है। नियम की प्रति  संलग्‍न परिशिष्ट-2 अनुसार है।

परिशिष्ट - "चौवालीस"

धान एवं गेहूँ की समर्थन मूल्‍य पर खरीदी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

73. ( क्र. 703 ) श्री संजय यादव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शासन द्वारा धान एवं गेहूं की समर्थन मूल्‍य पर खरीदी हेतु रजिस्ट्रेशन कार्य कराया जाता है? रजिस्ट्रेशन पटवारी की गिरदावरी या ड्रोन सर्वे के आधार पर किये जाते हैं? रजिस्ट्रेशन का सत्यापन कब कराया जाता है एवं किस माध्‍यम से किया जाता है? रजिस्‍ट्रेशन के तत्‍काल बाद ही सत्‍यापन क्‍यों नहीं किया जा रहा है? जब खेतों में फसलें खड़ी होती हैं? (ख) बरगी विधानसभा क्षेत्र में धान खरीदी के समय ड्रोन सर्वे कर बहुत से पात्र किसानों के पंजीयन निरस्‍त क्‍यों किये गऐ? जब फसल कट जाती है तो ड्रोन सर्वे कैसे संभव है? उचित कारण देवें। क्‍या शासन समर्थन मूल्‍य पर खरीदी नहीं करना चहती है? (ग) धान की फसल के समय बरगी विधान सभा में कितने किसानों के समर्थन मूल्‍यों पर धान विक्रय हेतु रजिस्ट्रेशन कराये थे तथा कितने किसानों के पंजीयन निरस्त किये गये? पंजीयन निरस्‍त किस कारण किये गए हैं? (घ) प्रश्‍नांश (ग) अनुसार समस्‍त प्रदेश में धान खरीदी हेतु कितने किसानों ने पंजीयन कराया था एवं कितने किसानों का पंजीयन निरस्‍त हुआ है?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। समर्थन मूल्‍य पर धान एवं गेहूं उपार्जन हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन में कृषक की भूमि का रकबा भू-अभिलेख से तथा बोई गई फसल की जानकारी गिरदावरी डाटाबेस से ली जाती है। पंजीकृत कृषकों में से संलग्‍न परिशिष्‍ट में उल्‍लेखित कृषकों की फसल एवं रकबे का सत्‍यापन तहसीलदार/नायब तहसीलदार/अनुविभागीय अधिकारी (राजस्‍व) के माध्‍यम से पंजीयन के साथ-साथ फसल के खेत में लगे होने के समय ही कराया जाता है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) जबलपुर जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान की बोई गई फसल की सेटेलाईट ईमेज प्राप्‍त की गई, जिसमें प्रदर्शित धान की बोई गई फसल का मिलान ई-उपार्जन पोर्टल में पंजीकृत किसानों के बोए गए रकबे से किया गया एवं जिन खसरों में धान के अतिरिक्‍त अन्‍य फसल या अकृषि योग्‍य खसरे पाए गए उन पर अस्‍थाई रूप से धान खरीदी पर रोक लगाई गई, इन खसरों पर बोई गई फसल का सत्‍यापन राजस्‍व विभाग के अमले से पुन: कराया गया, इनमें से जिन खसरों में धान की फसल पाई गई उन खसरों की धान की खरीदी भी की गई है। धान खरीदी में पात्र किसानों के पंजीयन निरस्‍त नहीं किए गए हैं। सेटेलाईट ईमेज के माध्‍यम से धान की खड़ी फसल का ही डाटा प्राप्‍त किया गया है। राज्‍य शासन किसानों द्वारा उत्‍पादित एफएक्‍यू गुणवत्‍ता की धान की खरीदी करने हेतु कटिबद्ध है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) बरगी विधानसभा क्षेत्र में 4,456 किसानों द्वारा समर्थन मूल्‍य पर धान विक्रय हेतु ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन कराया गया था, जिसमें से 239 किसानों के पंजीयन के खसरे राजस्‍व अमले द्वारा जांच कर गैर कृषि एवं धान के स्‍थान पर अन्‍य फसल बोया जाए, जाने के कारण इन खसरों पर धान की खरीदी नहीं की गई है। किसानों के पंजीयन निरस्‍त नहीं किए गए हैं।                   (घ) प्रदेश में समर्थन मूल्‍य पर धान विक्रय हेतु 7,46,605 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया, जिनमें से 10,259 किसानों का 22,376 हेक्‍टेयर रकबा सत्‍यापन उपरांत कम किया गया है।

परिशिष्ट - "पैंतालीस"

जलाशयों की नहरें/केनाल का सुधार कार्य

[जल संसाधन]

74. ( क्र. 727 ) श्री पुरुषोत्तम लाल तंतुवाय : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला दमोह में कितने जलाशय व स्‍टाप डेम वर्ष 2002 से आज दिनांक, तक बनायें गये? नामवार, सूचीवार राशिवार जानकारी उपलब्‍ध करायी जावें। (ख) साथ ही यह बतायें कि हटा विधानसभा क्षेत्र में जलाशयों की नहरें/केनाल क्षतिग्रस्‍त होने की प्रश्‍नकर्ता द्वारा पूर्व में प्रदाय पत्रों पर क्‍या कार्यवाही की गई व जलाशयों व नहरों का सुधार कार्य कब तक किया जायेगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) वर्ष 2002 से आज दिनांक तक जिला दमोह में विभाग द्वारा कुल 49 जलाशय व 55 स्‍टॉप डेम बनवाए गए हैं। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' एवं '''' अनुसार है। (ख) हटा विधानसभा क्षेत्र के जलाशयों की नहरें/कैनाल क्षतिग्रस्‍त होने के संबंध में मान. प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य द्वारा विभाग को प्रेषित पत्रों में उल्‍लेखित गुदरी जलाशय, पवैया जलाशय, पिपरिया जलाशय, कुम्‍हारी जलाशय, खोबा जलाशय, चिरईपानी जलाशय, समधन जलाशय एवं दतिया जलाशय आदि की नहरों/कैनाल का सुधार कार्य विभाग द्वारा उपलब्‍ध कराई गई राशि से जल उपभोक्ता संथा के माध्‍यम से प्रत्‍येक वर्ष किया जाता है एवं कृषकों को सिंचाई हेतु सुचारू रूप से पानी उपलब्‍ध कराया जाता है। मान. प्रश्‍नकर्ता सदस्‍य के पत्रों पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है।

स्‍टोन क्रेशर की अनुमति

[खनिज साधन]

75. ( क्र. 738 ) श्रीमती सुमित्रा देवी कास्‍डेकर : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला बुरहानपुर के नगर पालिका परिषद, नेपानगर के क्षेत्रान्‍तर्गत विभाग द्वारा कितने स्‍टोन क्रेशर लगाने हेतु अनुमति दी गई है? प्रत्‍येक क्रेशर मालिक का नाम एवं उनकी कार्य अवधि कब से कब तक दी गई है? उन्‍हें स्‍टोन (रॉ मटेरियल) हेतु जिले में कौन-कौन सी खदान लीज पर दी गई है? खदानवार बतायें। उनके द्वारा कितने मैट्रिक टन या घन मीटर स्‍टोन निकालकर तथा गिट्टी बेचकर कितनी रायल्‍टी विभाग में जमा की गई? (ख) उपरोक्‍त स्‍टोन क्रेशरों के टैक्‍स संबंधी दस्‍तावेजों की जांच कब-कब एवं किस अधिकारी द्वारा की गई? तिथिवार एवं वर्षवार बतायें।

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जिला बुरहानपुर के नगर पालिका परिषद/ तहसील नेपानगर के क्षेत्रान्‍तर्गत खनिज विभाग द्वारा स्‍टोन क्रेशर लगाने की अनुमति नहीं दी जाती है अपितु यांत्रिक क्रिया द्वारा गिट्टी बनाने के लिए पत्‍थर (अर्थात् क्रेशर के उपयोग हेतु) स्‍वीकृति प्रदान की जाती है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ एवं ब पर दर्शित है।            (ख) स्‍टोन क्रेशरों के टैक्‍स संबंधी दस्‍तावेजों की जाँच करने के प्रावधान खनिज नियमों में नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

खाद्य वितरण में असुविधा

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

76. ( क्र. 740 ) श्री पी.सी. शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) पन्‍ना जिले के विधान सभा क्षेत्र गुनौर के ग्राम बिरबाही में मशीन पर गल्ला 80 क्विंटल गेंहू व 60 क्विंटल चावल एडवांस में मशीन पर अपलोड होने के कारण बी.पी.एल. राशनकार्ड धारियों को राशन नहीं मिल रहा है, कब तक मशीन पर एडवांस अपलोड हटाया जायेगा? (ख) पन्ना जिले के विधान सभा क्षेत्र गुनौर के ग्राम बिरबाही मे उचित मूल्य की दुकानों पर राशनकार्ड धारियों को कोरोना काल में खाद्य सामग्री का वितरण आफ लाईन किया गया था किंतु रिकार्ड में से हटाया नहीं गया है तो कब तक हटाया जायेगा? यदि नहीं तो क्यों? (ग) पन्ना जिले के विधान सभा क्षेत्र गुनौर के ग्राम बिरबाही मे उचित मूल्य की दुकानों में सामग्री प्रदाय किये जाने में असुविधा हो रही है, कब तक सुचारू रूप से खाद्य सामग्री वितरण की जावेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कम्‍प्‍यूटराईज़ेशन के तहत उचित मूल्‍य दुकानों पर पीओएस मशीन लगाई गई है। द्वार प्रदाय योजना अंतर्गत परिवहनकर्ता द्वारा उचित मूल्‍य दुकान पर राशन सामग्री प्रदाय करने के उपरांत पीओएस मशीन में प्राप्‍त मात्रा की प्रविष्टि की जाकर आनलाईन पावती जारी की जाती है। पीओएस मशीन में राशन सामग्री की मात्रा एडवांस अपलोड करने का कोई प्रावधान नहीं है। उचित मूल्‍य दुकान बिरवाही की जांच में पीओएस मशीन में राशन सामग्री के दर्ज स्‍टॉक एवं दुकान के भौतिक सत्‍यापन में पाए गए स्‍टॉक में अंतर पाया गया है, जिसकी जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार है। उचित मूल्‍य दुकान के स्‍टॉक में अंतर पाए जाने के कारण प्रकरण निर्मित कर सक्षम अधिकारी के विरूद्ध प्रकरण प्रस्‍तुत किया गया है इस कारण पीओएस मशीन के स्‍टॉक में संशोधन संभव नहीं है। (ख) कोरोना काल में पात्र परिवारों को डिजिटल ट्रांजेक्‍शन (पीओएस मशीन से) के माध्‍यम से ही राशन वितरण की व्‍यवस्‍था की गई थी वितरण पंजी से राशन के वितरण के कोई निर्देश नहीं दिए गए थे, उचित मूल्‍य दुकान बिरवाही की जांच में विक्रेता श्री किशोरीलाल विश्‍वकर्मा द्वारा दिए गए कथन अनुसार कोरोना काल में भी उचित मूल्‍य दुकान बिरवाही से पात्र परिवारों को पीओएस मशीन से ही राशन वितरण किया गया है। इस प्रकार पीओएस मशीन के स्‍टॉक में घटाए जाने का कोई औचित्‍य प्रतीत नहीं होता। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उचित मूल्‍य दुकान से संलग्‍न पात्र परिवारों की मासिक राशन सामग्री की पात्रता में से विगत माह में वितरण पश्‍चात पीओएस मशीन में उपलब्‍ध शेष स्‍टॉक के समायोजन उपरांत आवंटन जारी किया जाता है, साथ ही उचित मूल्‍य दुकानों पर स्‍टॉक की उपलब्‍धता बनाऐ रखने एवं हितग्राहियों को पात्रता अनुसार राशन सामग्री वितरण हेतु पात्रता का 40 प्रतिशत अतिरिक्‍त आवंटन जारी किया जाता है। दुकान पर अतिरिक्‍त आवंटन की आवश्‍यकता न होने पर आनलाईन समर्पण का भी प्रावधान किया गया है। उचित मूल्‍य दुकान पर राशन सामग्री के कम पाए गए स्‍टॉक की राशि की वसूली उपरांत जिला स्‍तर से ही पीओएस मशीन के स्‍टॉक में संशोधन की सुविधा दी गई है।

परिशिष्ट - "छियालीस"

राजनैतिक संरक्षण प्राप्‍त अपराधियों के प्रकरण समाप्‍त

[खनिज साधन]

77. ( क्र. 760 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में वर्ष 2018 से प्रश्‍न दिनांक की स्थिति में अवैध रेत, गिट्टी, मुरूम आदि के उत्‍खनन करने वालों और पुलिस, खनिज व वन विभागीय अधिकारियों के मध्‍य गैंगवार, गोली चलान आदि के प्रकरण किस-किस वर्ष में किस-किस जिले में कितने-कितने प्रकरण दर्ज हुए हैं? प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि भोपाल, ग्‍वालियर, होशंगाबाद और जबलपुर संभाग में उक्‍त अवधि में हुए अवैध उत्‍खनन के प्रकरणों में राजीनामा प्रस्‍तुत कर प्रकरण समाप्‍त हुए हैं? जिलेवार नाम सहित बतावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में यह अवगत करावें कि जब अपराधियों के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध होते हैं और राजीनामे के माध्‍यम से प्रकरण समाप्‍त हो जाते हैं तो अपराध पर प्रतिबंध कैसे लगेगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जिला खरगौन, मुरैना एवं अशोकनगर को छोड़कर शेष जिलों में प्रश्‍नांश अनुसार घटनाओं की जानकारी निरंक है। उल्‍लेखित जिलों में हुई घटनाओं का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट पर दर्शित है। (ख) प्रश्‍नांश अनुसार जिला ग्‍वालियर संभाग के अशोकनगर जिलें में पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट में दर्शित घटनाओं में राजीनामा प्रस्‍तुत कर प्रकरण समाप्‍त करने संबंधी स्थिति नहीं है। प्रकरणों में न्‍यायालयीन कार्यवाही प्रचलन में है। शेष अन्‍य भोपाल, होशंगाबाद एवं जबलपुर संभाग में प्रश्‍नांश अनुसार जानकारी निरंक है। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के उत्‍तर के परिप्रेक्ष्‍य में प्रकरण को राजीनामा के माध्‍यम से समाप्‍त नहीं किया गया है। न्‍यायालयीन प्रकरण प्रचलन में होने से प्रश्‍नांश के शेष भाग का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शिकायत पर कार्यवाही

[श्रम]

78. ( क्र. 761 ) श्री आरिफ अक़ील : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मंत्रालय में साफ सफाई के ठेके गलत एजेंसी को दिये जाने की शिकायत श्रम विभाग को प्राप्‍त हुई है? (ख) यदि हाँ तो 150 मजदूरों की जगह 100 मजदूरों से कार्य कराने वाले ठेकेदार और संबंध‍ित अधिकारियों पर प्रश्‍न दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई? (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में क्‍या शिकायत की जांच पूर्ण किये बिना ही उक्‍त ठेके को पुन: नियमित कर दिया गया है? यदि हाँ तो क्‍यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) जी नहीं। (ख) प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर के प्रकाश में प्रश्‍न उपस्थित नही होता है। (ग) उपरोक्‍त के प्रकाश में उत्‍तर श्रम विभाग से अपेक्षित नहीं है।

बिना अनुमति डायरी बनाकर निजी दुकानदारों को फायदा

[राजस्व]

79. ( क्र. 766 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि           (क) प्रश्‍नकर्ता के अता.प्रश्‍न क्र. 1477 के उत्‍तर दिनांक 10/03/22 में डायरी, कैलेण्‍डर के मुद्रण की जानकारी चाही गई थी जिसमें वर्ष 2022 में डायरी/कैलेण्‍डर डिजिटल स्‍वरूप में मुद्रण किया गया है बताया गया है जबकि वर्ष 2020-21 की जानकारी नहीं दी गई है? साथ ही परिशिष्‍ट (अ) में डायरी, सचित्र कैलेण्‍डर, डेट कैलेण्‍डर की जानकारी में क्रमश: स.क्र. 1 मात्रा, 2 आकार, 3 दर एवं 4 फर्म का नाम पर जानकारी निल दिखाई गई है? कृपया यह स्‍पष्‍ट करें कि निल अंकगणित का कौन सी मात्रा है? कारण सहित स्‍पष्‍ट करें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में प्रश्‍न की कण्डिका (ख) में जानकारी चाही थी उसके उत्‍तर में मा. मंत्री ने वर्ष 2020, 2021 एवं 2022 में शासकीय डायरी कैलेण्‍डर मुद्रण का कार्यादेश संख्‍या, दर एवं फर्म की जानकारी पुस्‍तकाल में संलग्‍न का लेख किया है जबकि कोई कार्य किया नहीं है तो क्‍या जानकारी प्रदान कर सदन को गुमराह किया गया? मुद्रण बंद करने के संबंध में जानकारी क्‍यों छिपाई बिना अनुमति के मुद्रण कैसे बंद हुआ? स्‍पष्‍ट करें। (ग) उपरोक्‍त के संबंध में आपके विभाग की डिजीटल डायरी का मुद्रण निजी प्रेस द्वारा कर बाजारो से 500/- प्रति डायरी के दर से विक्रय किया जाना आपके विभाग द्वारा निजी संस्‍थाओं को अनुचित लाभ पहुँचाने के समान है? क्‍या विभाग बाजारों में बिक रही डायरियों को जब्‍त कर दुकानदार एवं प्रिन्‍टर के विरूद्ध कार्यवाही करेगा, जो कि बिना प्रेस के नाम के मुद्रित होकर बिना मूल्‍य के बाजारों में विक्रय हो रही है? क्‍या यह कृत कॉपी राईट की श्रेणी में नहीं आता है? स्‍पष्‍ट करें।                                              (घ) क्‍या बिना अनुमति के शासकीय दस्‍तावेज का मु्द्रण एवं विक्रय किया जा सकता है? इसके क्‍या नियम, कानून, मापदण्‍ड, सजा का प्रावधान है? कॉपी राईट एक्‍ट के प्रावधान का पालन आपका कार्यालय करता है? यदि हाँ तो वर्ष 2004 से प्रश्‍न दिनांक तक कब और क्‍या कार्यवाही की गई? कितनी शिकायतें प्राप्‍त हुई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) वर्ष 2022 की शासकीय डायरी/कैलेण्डर डिजीटल स्वरूप में रखी गई। वर्ष 2020-21 (वर्ष 2021) में शासकीय डायरी एवं कैलेण्डर डिजीटल स्वरूप में रखी गई। शासकीय डायरी एवं कैलेण्डर का मुद्रण नहीं किया गया। इस कारण मात्रा, आकार, दर एवं फर्म के नाम की जानकारी निल (निरंक) दर्शाई गई। उपलब्ध कराई गई जानकारी को अंक नहीं होने से निल (निरंक) अंकन किया गया। (ख) प्रश्‍न क्रमांक 1477 के प्रश्‍न क्रमांक (ख) में वर्ष 2022, 2021 एवं 2022 की जानकारी पृथक-पृथक चाही गई। उक्त के क्रम में वर्षवार जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। प्रश्‍नांश में चाही गई पूर्ण जानकारी से अवगत कराया गया। शासकीय डायरी कैलेण्डर मुद्रण/प्रकाशन के संबंध में लिये गये निर्णय अनुसार वर्ष 2021 एवं 2022 में डायरी एवं सचित्र कैलेण्डर का डिजीटल स्वरूप में प्रकाशन किया गया। (ग) डिजीटल डायरी का मुद्रण निजी प्रेस द्वारा दिया जाना कार्यालय के संज्ञान में नहीं है। (घ) जी नहीं। कार्यालय द्वारा कॉपी राईट एक्ट का पालन किया जाता है। प्रश्‍नागत अवधि में जानकारी संज्ञान में नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

परिशिष्ट - "सैंतालीस"

वनमण्‍डल की स्‍थापना, वन कानून एवं प्रतिबंधों की जानकारी

[वन]

80. ( क्र. 767 ) श्री जयवर्द्धन सिंह : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में कितने वनमण्‍डल हैं? इनकी स्‍थापना कब-कब हुई? यह कितने क्षेत्रफल में फैला हुआ है? वनमण्‍डल का क्षेत्रफल बतावें। (ख) उपरोक्‍त के अनुक्रम में उक्‍त वनमण्‍डल में कौन-कौन सी गतिविधियॉ कौन सी धाराओं एवं सजा के प्रावधान के साथ प्रतिबंधित हैं? (ग) कितने वनमण्‍डलों में हैलिपेड बनाये गये है, कितने में रनवे बनाये गये हैं, कितने में वनप्राणियों के संरक्षण के लिये बाड़े बनाये गये हैं? (घ) कितने वनमण्‍डलों में कौन-कौन सी योजनाओं में जनसमूह को प्रवेश की अनुमति है? किस प्रयोजन, स्‍वयं अथवा वनमण्‍डल के वाहनों से, समूह में कितने लोगों को अथवा प्रतिदिन कितने लोगों को, खाने-‍पीने के स्‍टॉल, रहने के लिये आवास (होटल, रिसॉट, टेन्‍ट हाऊस, पक्‍का निर्माण, कच्‍चा निर्माण, अन्‍य वैकल्पिक माध्‍यम सहित), फोटोग्राफी के लिये, मूवी शूटिंग के लिये, प्रशिक्षण के लिये अथवा किसी प्रयोजन से सहित संपूर्ण जानकारी का गौशवारा वनमण्‍डलवार बनाकर दें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-1 पर है।              (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-2 पर है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-3 पर है। (घ) वृहद स्‍वरूप होने के कारण जानकारी संकलित की जा रही है

शासकीय भूमि/निजी भूमि पर अतिक्रमण

[राजस्व]

81. ( क्र. 771 ) श्री भूपेन्द्र मरावी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                    (क) रीवा जिले अंतर्गत पूछे गये परिवर्तित तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 497 दिनांक 22.12.2021 में दिये गये उत्‍तर में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के 844 अनिर्णित प्रकरण, निजी भूमि पर अवैध अतिक्रमण के 2717 अनिर्णित प्रकरणों में से कितने प्रकरण का निराकरण प्रश्‍न दिनांक तक हो गया है? (ख) रीवा जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कितने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण एवं निजी भूमि पर अवैध अतिक्रमण के कितने प्रकरण अनिर्णित पंजीबद्ध है? (ग) क्‍या रीवा जिले में अवैध अतिक्रमण के प्रकरण बढ़ते जा रहे हैं? यदि हाँ तो क्‍या इसके लिए प्रशासन जिम्‍मेदार है? यदि नहीं तो क्‍यों? (घ) रीवा जिले में अवैध अतिक्रमण के प्रकरणों के त्‍वरित निराकरण के लिए कब-कब उच्‍च अधिकारियों द्वारा बैठकें की गई एवं किनको निर्देशि‍त किया गया? उसके पश्‍चात किन-किन प्रकरणों में त्‍वरित कार्यवाही की गई? (ड.) रीवा जिले में राजस्‍व विभाग के पत्र क्रमांक एफ 2-9/2010/सात 6, दिनांक 27.01.2010 के परिप्रेक्ष्‍य में प्रभावी रूप से कार्यवाही करते हुये अतिक्रमण हटाये जाने के लिए मासिक लक्ष्‍य निर्धारित कर क्‍या कार्यवाही की गई?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) रीवा जिले अंतर्गत पूछे गये परिवर्तित तारांकित प्रश्‍न क्रमांक 497 दिनांक 22.12.2021 में दिये गये उत्‍तर में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के 844 प्रकरण एवम निजी भूमि पर अवैध अतिक्रमण के 2717 प्रकरण अनिर्णित थे। प्रश्‍न दिनांक तक 844 के विरुद्ध 538 एवम 2717 के विरुद्ध 1478 प्रकरणों का निराकरण हो चुका है। (ख) रीवा जिले में प्रश्‍न दिनांक तक शासकीय भूमि पर अतिक्रमण के 785 प्रकरण एवं निजी भूमि पर अवैध कब्‍जे के 2055 प्रकरण न्‍यायाधीन है। (ग) जी नहीं। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण संज्ञान मे आने पर संहिता के प्रावधानों के तहत नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। (घ) लम्बित प्रकरणों की संबंधित जिले के कलेक्टर, संभागीय आयुक्‍त, प्रमुख राजस्‍व आयुक्त एवं प्रमुख सचिव द्वारा क्रमश: साप्ताहिक, पाक्षिक एवं पाक्षिक समीक्षा की जाकर संबंधित राजस्व अधिकारियों को लम्बित विभिन्‍न प्रकरणों मे नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया जाता है। (ड.) अतिक्रमण हटाने के लिये भू-राजस्‍व संहिता की धारा 248 के अन्‍तर्गत न्‍यायालयीन प्रक्रिया अपनाते हुए दर्ज प्रकरणों में विधिवत आदेश पारित किये जाते हैं। प्रकरणों का शीघ्रता से विधिवत प्रक्रिया अपनाते हुए निराकरण किया जाता है। तदापि राजस्‍व न्‍यायालयों के लिये न्‍यूनतम लक्ष्‍य निर्धारित नहीं है।

संबल योजना एवं विवाह सहायता योजना

[श्रम]

82. ( क्र. 797 ) श्री राकेश मावई : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मुरैना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक संबल योजना एवं विवाह सहायता योजना के कुल कितने-कितने आवेदन कब-कब प्राप्‍त हुए? इनमें से कितने-कितने आवेदन स्‍वीकृत किए गए तथा किन-किन व्‍यक्तियों को कितनी-कितनी सहायता प्रदान की गयी है?              (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार प्राप्‍त आवेदनों में से कितने आवेदन अस्‍वीकृत किए गए? (ग) प्रश्‍नांश (क) में स्‍वीकृत आवेदनों में से भुगतान हेतु शेष आवेदनों में भुगतान न होने का कारण क्‍या रहा? उनका भुगतान कब तक कर दिया जाएगा?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की विवाह सहायता योजना के अंतर्गत मुरैना विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 887 आवेदन प्राप्‍त हुये, जिनमें से 653 आवेदन स्‍वीकृत किये गये। स्‍वीकृत आवेदनों एवं प्रदान की गई सहायता राशि की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ अनुसार है। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की संबल योजनांतर्गत मुरैना विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक कुल 148 आवेदन प्राप्‍त हुए है। वांछित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। श्रम विभाग द्वारा संबल योजनांतर्गत 'विवाह सहायता योजना संचालित नहीं की जाती है। (ख) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल के अंतर्गत प्रश्‍नांश (क) के अनुसार प्राप्‍त आवेदनों में से 234 आवेदन अस्‍वीकृत किये गये। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की प्रश्‍नांश (क) के अनुसार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब अनुसार है। (ग) म.प्र. भवन एवं अन्‍य संनिर्माण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल द्वारा संचालित विवाह सहायता योजना में किये गये संशोधन दिनांक 22.04.2022 के पूर्वयोजना अंतर्गत सम्‍पन्‍न विवाहों हेतु जिले में लंबित पात्र प्रकरणों में भुगतान के लिये जिला कलेक्‍टर के माध्‍यम से मांग पत्र प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये थे। जिला कलेक्‍टर के माध्‍यम से प्राप्‍त मांग पत्र क्रमांक 36 दिनांक 09.01.2023 में त्रुटियां दृष्टिगोचर होने से पुन: जांच कर मांग पत्र प्रेषित करने हेतु मण्‍डल के पत्र क्रमांक 417 दिनांक 17.01.2023 के माध्‍यम से अवगत कराया गया है। जांच उपरांत जिला कलेक्‍टर का मांग पत्र प्राप्‍त होने पर मण्‍डल द्वारा भुगतान हेतु राशि आवंटित की जा सकेगी। म.प्र. असंगठित शहरी एवं ग्रामीण कर्मकार कल्‍याण मण्‍डल की संबल योजनांतर्गत अनुग्रह सहायता स्‍वीकृत प्रकरणों में भुगतान एक सतत् प्रक्रिया है, बजट उपलब्‍धता अनुसार भुगतान किया जाता है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

83. ( क्र. 800 ) श्री राकेश मावई : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग मुरैना को मुरैना विधान सभा क्षेत्र की उचित मूल्‍य की दुकानों के लिए वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना में कितना-कितना गेहूं, चावल एवं केरोसिन का आवंटन प्राप्‍त हुआ तथा कितनी-कितनी मात्रा में वितरण किया गया तथा कितनी मात्रा अवितरित रहा? माहवार जानकारी देवें। (ख) मुरैना विधानसभा में कितने उपभोक्‍ता हैं तथा उन्‍हें किस मान से गेहूँ, चावल कैरोसिन का वितरण किया जाता है? कितने उपभोक्‍ता को राशन वितरण नहीं किया गया? राशन वितरण के कारण क्‍या है? विधानसभा मुरैना के ग्रामीण एवं शहरी उपभोक्‍ताओं की माहवार जानकारी उपलब्‍ध कराएं। (ग) वर्ष 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक पी.डी.एस. के तहत उचित मूल्‍य की दुकानों की कितनी-कितनी मात्रा में गेहूँ, चावल, कैरोसिन का आवंटन प्राप्‍त हुआ तथा कितने उपभोक्‍ताओं को कितनी मात्रा में राशन वितरण किया गया तथा कितने उपभोक्‍ताओं को राशन वितरण किस कारण नहीं किया गया? ऑनलाईन फीडिंग कितनी की गई? मुरैना विधानसभा की माहवार जानकारी उपलब्‍ध कराएं।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मुरैना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजनांतर्गत माह जनवरी 2020 से दिसम्‍बर, 2022 तक गेहूं, चावल एवं केरोसीन की आवंटित, वितरित एवं शेष मात्रा की माहवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। (ख) मुरैना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनवरी 2020 से माह दिसम्‍बर, 2022 तक की अवधि में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के वैध पात्रता पर्चीधारी परिवार, विधानसभा मुरैना की उचित मूल्‍य दुकानों से राशन प्राप्‍त करने वाले एवं शेष परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उल्‍लेखनीय है कि वन नेशन वन राशनकार्ड के तहत पात्र परिवारों द्वारा किसी भी उचित मूल्‍य दुकान से राशन प्राप्‍त किया जा सकता है जिसकी संख्‍या उक्‍त राशन प्राप्‍त करने वाले परिवारों में सम्मिलित नहीं है। उचित मूल्‍य दुकान पर राशन प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न का वितरण किया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण अन्‍न योजनांतर्गत 5 किग्रा खाद्यान्‍न प्रतिमाह/सदस्‍य खाद्यान्‍न का वितरण किया गया है। पात्र परिवारों को वर्तमान में 1 लीटर प्रति परिवार केरोसीन की पात्रता है, किन्‍तु जिले में विगत 8 से 10 माह से पात्र परिवारों द्वारा उचित मूल्‍य दुकानों से केरोसीन का उठाव न करने के कारण वितरण निरंक है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।                              (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत मुरैना विधानसभा क्षेत्रांतर्गत जनवरी, 2022 से दिसम्‍बर 2022 तक गेहूं, चावल एवं केरोसीन की आवंटित एवं वितरित मात्रा की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-अ अनुसार है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अनिनियम,2013 के अंतर्गत अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के परिवारों को 35 किलो प्रति परिवार एवं प्राथमिकता परिवार को 5 किलो प्रति सदस्‍य के मान से राशन का वितरण किया गया है। राशन प्राप्‍त न करने वाले पात्र परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-ब अनुसार है। उचित मूल्‍य दुकान पर राशन प्राप्‍त करने हेतु उपस्थित पात्र परिवारों को राशन का वितरण किया गया है। पात्र परिवारों को बायोमेट्रिक सत्‍यापन के आधार पर पीओएस मशीन से राशन सामग्री का वितरण किया जा रहा है। खाद्यान्‍न वितरण का डाटा की पृथ्‍ाक से फीडिंग करने की आवश्‍यकता नहीं है।

किसानों से मनमानी राशि वसूली करने वालों पर कार्यवाही

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

84. ( क्र. 840 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि  (क) शहडोल जिले में कितने खरीदी केन्‍द्र संचालित हैं, उनके द्वारा किन केन्‍द्रों से कितनी धान की खरीदी की गई? वर्तमान में धान के उठाव की स्थिति क्‍या है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार धान खरीदी केन्‍द्रों के निरीक्षण कब-कब, किन-किन जिम्‍मेदार अधिकारियों द्वारा किया गया, का विवरण देते हुये बतावें कि किन-किन खरीदी केन्‍द्रों पर अनियमितता पर कार्यवाही की गई, का विवरण खरीदी केन्‍द्रवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) के खरीदी केन्‍द्रों प्रश्‍नांश (ख) अनुसार जिन जिम्‍मेदार अधिकारियों द्वारा जांच की गई उनके द्वारा 4 रूपये प्रति बोरी के मान से हर खरीदी केन्‍द्र में किसानों से राशि वसूली गई एवं व्‍यक्तिगत हितपूर्ति कर खरीदी केन्‍द्र अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा किसानों से धान की तौलाई ली गई, इस पर जांच उपरांत किन-किन खरीदी केन्‍द्रों के जिम्‍मेदारों पर कार्यवाही की गई? अगर नहीं तो क्‍यों? (घ) प्रश्‍नांश (क), (ख) एवं (ग) अनुसार चाही गई जानकारी रीवा जिले की भी देवें। (ड.) प्रश्‍नांश (क) के खरीदी केन्‍द्रों में किसानों से जबरन 4 रूपये प्रति बोरी के मान से तौलाई की राशि वसूली गई, व्‍यक्तिगत हितपूर्ति कर किसानों की धान की तौलाई गुणवत्‍ताविहीन बताकर मनमानी रूप से की गई, इन सबके लिये जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेगें? अगर नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) शहडोल जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान उपार्जन हेतु 51 केन्‍द्र संचालित किए गए। समर्थन मूल्‍य पर 164926 मे.टन धान का उपार्जन किया गया है, जिसकी पूर्ण मात्रा का उठाव कर लिया गया है। केन्‍द्रवार समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टअ अनुसार है। (ख) शहडोल जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान उपार्जन हेतु स्‍थापित केन्‍द्रों का निरीक्षणकर्ता अधिकारी का नाम, निरीक्षण दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टब अनुसार है। निरीक्षण में कोई अनियमितता न पाए जाने के कारण कार्यवाही का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) उपार्जन केन्‍द्रों के निरीक्षण में जांचकर्ता अधिकारी द्वारा किसानों से राशि वसूली संबंधी कोई प्रकरण प्रकाश में नहीं आने के कारण कार्यवाही किया जाना सम्‍भव नहीं है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में रीवा जिले में धान उपार्जन हेतु 125 केन्‍द्र संचालित किए गए। जिले में समर्थन मूल्‍य पर उपार्जित धान एवं उठाव मात्रा की केन्‍द्रवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टस अनुसार है। रीवा जिले में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान उपार्जन हेतु स्‍थापित केन्‍द्रों का निरीक्षणकर्ता अधिकारी का नाम, पद एवं निरीक्षण दिनांक की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टद अनुसार है। निरीक्षण के दौरान उपार्जन केन्‍द्र पर पाई गई अनियमितता पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्टइ अनुसार है। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा किसानों से राशि वसूली नहीं की गई है। पलक स्‍व-सहायता समूह, बीरखाम केन्‍द्र पर किसानों से अतिरिक्‍त राशि लेने के कारण खरीदी केन्‍द्र प्रभारी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर एवं खरीदी केन्‍द्र को ब्‍लैक लिस्‍टेड किया गया है। जिले के अन्‍य किसी केन्‍द्र पर किसानों से राशि लेने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। (ड.) शहडोल जिले में धान उपार्जन में किसानों से तुलाई की राशि लेने एवं गुणवत्‍ताविहीन धान बताए जाने का प्रकरण प्रकाश में नहीं आया है। रीवा जिले के पलक स्‍व-सहायता समूह, बीरखाम केन्‍द्र पर किसानों से अतिरिक्‍त राशि लेने के कारण खरीदी केन्‍द्र प्रभारी के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर एवं खरीदी केन्‍द्र को ब्‍लैक लिस्‍टेड किया गया है।

शासन की योजनाओं का क्रियान्‍वयन

[जल संसाधन]

85. ( क्र. 841 ) श्री शरद जुगलाल कोल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सरकार द्वारा किसानों के हित में खेती के सिंचाई के रकबे को बढ़ाये जाने बाबत् कार्य योजना तैयार की गई है? वर्तमान में शहडोल व रीवा जिले में कितने रकबे में सिंचाई हो रही है, का विवरण तहसीलवार जिलों का देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के तारतम्‍य में जो रकबे का क्षेत्र सिंचाई से वंचित है उनके सिंचित किये जाने बाबत शासन द्वारा क्‍या कार्ययोजना तैयार की गई है? प्रश्‍नांश (क) के जिलों की जानकारी तहसीलवार देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में किन नहरों द्वारा कितने क्षेत्र/रकबों में सिंचाई के कार्य हो रहे हैं? उनमें से कितनी राशि की वसूली किसानों से की जा रही है? विवरण वर्ष 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक का देवें। य‍ह भी बतावें कि किन नहरों के सुधार बाबत् उपरोक्‍त अवधि अनुसार कब-कब, कितनी-कितनी राशि शासन द्वारा प्रदान की गई एवं किन माध्‍यमों से कार्य कराकर राशि कितनी-कितनी, किन-किन में व्‍यय की गई?                                (घ) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार सिंचाई से वंचित रकबे के बढ़ाये जाने बाबत् कब तक कार्ययोजना तैयार कर किसानों को लाभान्वित करेंगे? प्रश्‍नांश (ग) एवं (घ) अनुसार किसानों को सिंचाई का पानी दिये बगैर मनमानी राशि वसूली करने, नहरों का सुधार न करने राशि का फर्जी बिल व्‍हाउचर तैयार कर गबन करने के लिये जिम्‍मेदारों पर क्‍या कार्यवाही करेंगे? अगर नहीं तो क्‍यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। वर्तमान में शहडोल जिले का सिंचित रकबा 28,538 हेक्‍टेयर एवं रीवा जिले का सिंचित रकबा 1,40,816 हेक्‍टेयर है। तहसीलवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-1'' अनुसार है। (ख) शहडोल एवं रीवा जिले के सिंचाई से वंचित क्षेत्र में सिंचाई हेतु शहडोल जिले में 08 सिंचाई योजनाएं निर्माणाधीन है तथा रीवा जिले में 16 सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन/प्रस्‍तावित होकर परीक्षणाधीन हैं जिनकी अनुमानित रूपांकित सिंचाई क्षमता क्रमश: 21,415 एवं 2,36,016 हेक्‍टेयर है। जिलेवार/ तहसीलवार विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-2'' अनुसार है। (ग) नहरों द्वारा शहडोल एवं रीवा जिले में की जा रही सिंचाई का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-3'' अनुसार है। किसानों से वसूल की गई राशि का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-4'' अनुसार है। नहरों के सुधार हेतु शासन द्वारा प्रदान की गई राशि एवं व्‍यय का विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के ''प्रपत्र-5'' अनुसार है। (घ) सिंचाई से वंचित क्षेत्र को सिंचित किए जाने बाबत कार्य योजना की जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्‍ट के ''प्रपत्र-2'' में दर्शित है। किसानों को पानी दिए बगैर कोई राशि वसूल नहीं किया जाना तथा नहरों का सुधार किए बिना राशि का फर्जी बिल व्‍हाचर तैयार कर गबन नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अत: किसी के विरूद्ध कार्यवाही की स्थिति नहीं है।

राशन कार्ड के आवेदन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

86. ( क्र. 847 ) श्री देवेन्‍द्र सिंह पटेल : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                   (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक विधानसभा क्षेत्र/जिले रायसेन के विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में कितने लोगों ने राशन कार्ड के लिए आवेदन किया है? आवेदक का नाम, ग्राम सहित बताएं। (ख) उपरोक्‍त में से किस-किस के आवेदन स्‍वीकृत किये जाकर आवेदक के नाम राशन कार्ड जारी किये गये? (ग) किस-किस के आवेदन अभी तक लंबित हैं तथा किस-किस के आवेदन अस्‍वीकृत किये गये? आवेदन के लंबित होने या अस्‍वीकृत होने का कारण भी बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) म.प्र. राजपत्र असाधारण में लोक सेवा प्रबंधन विभाग मंत्रालय वल्‍लभ भवन भोपाल द्वारा प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 07 जून, 2017 के द्वारा मध्‍यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 3 के तहत खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण विभाग की सेवा 9.1 से 9.4 में बी.पी.एल./ए.पी.एल. राशन कार्ड जारी होने की सुविधाओं को हटाकर नवीन पात्रता पर्ची जारी होना, नाम सुधार, नाम जोड़ना, नाम काटना, पता परिवर्तन एवं स्‍थानांतरण (मध्‍यप्रदेश के अंदर) की सुविधाओं को जोड़ा गया है। इस कारण पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) की सुविधा होने से मैन्युअली राशन कार्ड जारी किया जाना समाप्‍त हो चुका है। विगत तीन वर्षों में विधानसभा क्षेत्र उदयपुरा में पात्रता पर्ची (ई-राशन कार्ड) के आवेदन करने वाले 13834 आवेदकों की नाम एवं ग्राम सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट–'''' अनुसार है। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित अवधि में कुल प्राप्‍त आवेदनों में से 11536 आवेदन स्‍वीकृत किए गए। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार है। (ग) प्रश्‍नांकित अवधि में कोई भी आवेदन लंबित नही है तथा अस्‍वीकृत 2298 आवेदनों की कारण सहित जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार है।

प्रधानमंत्री आवास योजना का क्रियान्‍वयन

[राजस्व]

87. ( क्र. 855 ) श्री संजय यादव : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                     (क) प्रश्‍नकर्ता यह जानना चाहता है, कि विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत आने वाली जनपद पंचायत जबलपुर व शहपुरा भिटौनी में निवासरत ग्रामीणजनों को पी.एम. आवास योजनार्न्‍तगत मकान आवंटन हेतु प्रश्‍नकर्ता द्वारा ग्रामों की आबादी भूमि के पट्टे/धारण अधिकार पट्टों के वितरण हेतु लगातार एक दो वर्षों से पत्राचार कर भूमि के पट्टे प्रदाय करने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व जबलपुर एवं शहपुरा भिटौनी से अनुरोध किया जा रहा है? तो बताया जावें कि दोनों ही अनुभाग में निवासरत कितने-कितने ग्रामीणजनों को आवासीय पट्टे/धारण अधिकार पट्टों के वितरण किया गया है? कितने पात्र हितग्राही शेष है? सूची दी जावे। (ख) प्रश्‍नकर्ता द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्र के अन्‍तर्गत आने वाले अनुभाग जबलपुर व शहपुरा भिटौनी के अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व को ग्रामीण क्षेत्रों की अनेकों समस्‍याओं के समाधान हेतु लगातार पत्राचार किया जाता है, जिनके प्रति उत्‍तर व कार्यवाही अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व जबलपुर व शहपुरा भिटौनी के कार्यालय द्वारा नहीं की जाती है, जिसके कारण आमजनों की संतुष्टि व कार्य नहीं होने से अ‍ाक्रोश है, तो बताया जावें कि जनप्रतिनिधि के पत्रों के प्रति उत्‍तर देना क्‍या अनिवार्य नहीं है? यदि हाँ, तो प्रश्‍नकर्ता द्वारा राजस्‍व विभाग से संबंधित विगत एक वर्षों से किये गये पत्राचारों के प्रति उत्‍तर क्‍यों नहीं दिये गये है? इसके लिये कौन दोषी है? अनुविभागीय अधिकारी राजस्‍व जबलपुर/शहपुरा भिटौनी को दिये गये पत्रों की जानकारी व कार्यवाही का संपूर्ण विवरण दिया जावें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हां। जनपद पंचायत शहपुरा भिटौनी के अंतर्गत स्वामित्व योजनांतर्गत 10018 तथा मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के तहत 577 प्रदाय किये गये शेष 3352 पट्टों/अधिकार पत्र के संबंध में कार्यवाही प्रचलित है। धारणाधिकार के तहत कुल 136 में जांच कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है जिसमें 11 हितग्राही पात्र पाये गये जिनके प्रीमियम जमा हेतु लंबित है। बरगी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अनुभाग जबलपुर में स्वामित्व योजनांतर्गत कुल 9634 पट्टों/अधिकार पत्र एवं प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत 1833 पट्टे/अधिकार पत्र वितरण किये गये, तहसील जबलपुर बरगी अंतर्गत धारणाधिकार के तहत पट्टे की जानकारी निरंक है। (ख) माननीय विधायक महोदय से प्राप्त पत्रों पर शीघ्र कार्यवाही की जाती है। अनुविभागीय अधिकारी शहपुरा मिटौनी को प्राप्त पत्र संबंधित कार्यालयों को कार्यवाही हेतु प्रेषित किये गये है जिसकी प्रतिलिपि तथा विभागों से प्राप्त प्रतिवेदन माननीय विधायक महोदय को प्रेषित किये जाते है। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

विकास कार्यों की स्‍वीकृति

[खनिज साधन]

88. ( क्र. 858 ) श्री संजय यादव : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला खनिज मद गौण खनिज से गत 2 वर्षों में विधान सभा बरगी में कितने विकास कार्यों के प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुए एवं उनमें से कितने प्रस्‍तावों पर स्‍वीकृति प्रदान की गई है? जिन प्रस्‍तावों को अस्‍वीकृत/लंबित रखा गया है? उनके क्‍या कारण रहे है? प्रत्‍येक के कारण स्‍पष्‍ट करें। (ख) उक्‍त लंबित प्रस्‍तावों को कब तक स्‍वीकृति प्रदान की जावेगी? (ग) जिला जबलपुर में अवैध खनन के कितने प्रकरण गत 1 वर्ष में बने हैं? उनमें से कितने प्रकरण में बिना कार्यवाही के ही प्रकरण को रफा दफा कर दिया गया है?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रश्‍नांश अनुसार जिला खनिज मद में गौण खनिज के नाम से कोई भी मद नहीं है। अपितु जिला खनिज प्रतिष्‍ठान अधिसूचित है। उक्‍त मद से 02 वर्षों में प्राप्‍त प्रस्‍तावों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अ पर दर्शित है।  (ख) प्रश्‍नांश अनुसार लंबित प्रस्‍तावों में जिला खनिज प्रतिष्‍ठान के न्‍यास मंडल में स्‍वीकृति हेतु नियमानुसार विचार किया जायेगा। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-ब पर दर्शित है। प्रकरणों में नियमानुसार कार्यवाही कर निराकृत किया गया है।

जमीन विक्रय की जानकारी

[राजस्व]

89. ( क्र. 865 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वर्ष 2020 से 2022 तक धारा 165 (6) में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचने की अनुमति किसे दी गई? जिलेवार जानकारी क्रेता का नाम, विक्रेता का नाम, जमीन का रकबा सर्वे नंबर, गांव, जमीन की कीमत, जमीन बेचने का कारण तथा उसके एवज में कितनी जमीन खरीदी गई है उसका रकबा, आवेदन की दिनांक, अनुमति की दिनांक सहित सूची देवें। (ख) इंदौर, उज्जैन संभाग में वर्ष 1975, वर्ष 1995 तथा वर्ष 2015 में शासकीय जमीन को निजी नाम पर करने के कितने प्रकरण चल रहे थे? तीनों वर्ष अनुसार अलग-अलग जमीन का सर्वे नंबर, गांव का नाम, रकबा, दावेदार का नाम सहित सूची देवें। (ग) संभागवार बतावें कि‍ 2004 से 2022 तक आदिवासियों की कितने हेक्टेयर जमीन गैर आदिवासी को विक्रय की गई? (घ) वर्ष 2020 से 2022 तक राजस्व विभाग के कितने कर्मचारी अधिकारी लोकायुक्त द्वारा रंगे हाथ पकड़े गए? जिलेवार वर्षवार सूची देवें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) प्रदेश के विदिशा, बड़वानी, बुरहानपुर, इंदौर, झाबुआ, खरगौन, रायसेन, शहडोल, श्‍योपुर, सीधी, अनूपपुर, भिण्‍ड, रतलाम, मण्‍डला, मुरैना, उज्‍जैन, अलीराजपुर, ग्‍वालियर एवं डिण्‍डौरी की जानकारी निरंक है। शेष जिलों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '''' अनुसार(ख) इंदौर एवं उज्‍जैन संभाग के लिये जानकारी निरंक। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार(घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार।

अमानक चावल, गेहूं की जानकारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

90. ( क्र. 866 ) श्री कुणाल चौधरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                       (क) प्रश्‍नकर्ता के प्रश्‍न क्रमांक 1005 दिनांक 21 दिसंबर, 2022 के खण्‍ड (ख) के संदर्भ में बतायें कि भारत सरकार से रुपए 387.283 अमानक चावल के संदर्भ में प्राप्त हुये है या नहीं? इस संदर्भ में लिखे गए समस्त पत्र की प्रति देवें तथा बतावें कि किस नियम के तहत भारत शासन अमानक चावल के लिए वर्ष 2020 के रिकेटेग्राइजेशन के दौरान पाए गए अमानक चावल के लिए राशि प्रदान करेगा? (ख) प्रश्‍नाधीन प्रश्‍न के खंड (ग) में उत्तर दिया गया है कि अमानक चावल जनता में वितरित किए जाने की जानकारी संज्ञान में नहीं आई है? यदि हाँ तो बतावें कि यह विभाग के संज्ञान में कैसे लाई जा सकती है, इसके लिये प्रश्‍नकर्ता को क्या करना है? (ग) खण्ड (ख) में उल्लेखित संज्ञान के लिए विभाग ने क्या प्रयास किए, उसकी विस्तृत जानकारी दें तथा इस संदर्भ में किन दस्तावेजों का निरीक्षण, परीक्षण किया गया, उसकी सूची भी देवें। किये गये पत्र व्यवहार की प्रति उपलब्ध कराएं। (घ) क्या विभाग ने जिस मिलर्स का अमानक चावल पाया गया, बतावें कि उस लाट में कितना चावल आया था? मिलर्स के इनवाइस (बिल) की प्रतिया देवें। उसमें से कितना अमानक पाया गया? क्या चावल आने के 3 से 6 महीने बाद रिपोर्ट आती है तथा क्या शासन का नियम है कि जब तक रिपोर्ट नहीं आएगी तब तक चावल का वितरण नहीं किया जाएगा? यदि हाँ तो उसकी प्रति देवें। यदि नहीं तो बतावें की रिपोर्ट आने के पहले चावल का वितरण होता है या नहीं? (ड.) अमानक चावल देना, जान बूझकर जनता के जान-माल से खिलवाड़ करना है, ऐसे में सप्लायर पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज क्यों नहीं किया गया तथा किस नियम से उन्हें चावल बदल कर दूसरा चावल देने की अनुमति दी गई? इस संदर्भ में कानूनी दस्तावेज, परिपत्र पत्र व्यवहार की प्रति देवें तथा बताएं कि कितने सप्लायर पर प्रकरण दर्ज किया गया था? कितनों पर नहीं किया?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) भारत शासन से राशि रू 387.283 करोड़ अभी प्राप्त नही हुए है। इस संदर्भ में किये गये पत्राचार की प्रतियां पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। अमानक चावल को तत्समय ही बदलवाकर मानक स्तर का चावल प्राप्त किया गया था। रिकेटेग्राइजेशन से संबंधित अभिलेखों के परीक्षण के संबंध में प्रमुख सचिव, महोदय द्वारा भाखानि को प्रेषित पत्र क्र/71/PS Food/2022 भोपाल दिनांक 20.12.2022 की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' एवं भाखानि भोपाल कार्यालय द्वारा जारी पत्र/RO MP-19011/78/2022-QC-ROMP दि. 07.02.2023 के अनुरूप कार्यवाही करते हुये राशि प्राप्त की जावेगी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है। (ख) निगम द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुरूप समिति द्वारा स्टेक/स्कंध का चयन कर मानक स्तर का खाद्यान्न वितरण किया जाता है। अमानक चावल के वितरण के संबंध में कोई‍ शिकायत/सूचना प्राप्त न होने से जानकारी संज्ञान में नहीं है। (ग) वर्ष 2020 में अमानक चावल को बदलवाकर मानक स्तर का चावल प्राप्त किया गया। रिकेटेग्राइजेशन उपरांत प्राप्त किये गये मानक स्तर के चावल से संबंधित दस्तावेजों के परीक्षण हेतु प्रमुख सचिव, महोदय द्वारा भाखानि को प्रेषित पत्र क्र/71/PS Food/2022 भोपाल दिनांक 20.12.2022 एवं भाखानि भोपाल कार्यालय द्वारा जारी पत्र/RO MP-19011/78/2022-QC-ROMP दि. 07.02.2023 के अनुरूप कार्यवाही करते हुये राशि प्राप्त की जावेगी। (घ) भारत सरकार द्वारा एक लाट की मात्रा की 29 में. टन निर्धारित की गई है। जिसके अनुसार मिलर द्वारा एक लाट में 29 मे. टन निर्धारित की गई है। जिसके अनुसार मिलर्स द्वारा एक लॉट में 29 में टन के मान से चावल लाया जाता है जो कि गोदाम में मिलरवार स्टेकवार जमा कराया जाता है। एक स्टेक में 06 लॉट अर्थात 174 मे. टन चावल जमा किया जाता है। भारत सरकार द्वारा खाद्य मंत्रालय एवं भारतीय खाद्य निगम खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में जमा चावल अंतर्गत स्टेकवार कुल 2317 स्टेक मात्रा 296613.36 मे. टन चावल का निरीक्षण किया गया था। म.प्र. शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी मिलिंग नीति अनुसार मिलर को कस्टम मिलिंग हेतु धान प्रदाय की जाती है, जिसकी कस्टम मिलिंग कर मिलर द्वारा भारत सरकार खाद्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित Out Turn Ration 67 प्रतिशत आधार पर अरवा चावल मिलर्स से जमा कराया जाता है। मिलर द्वारा चावल का कोई इनवाईस न./बिल नही दिया जाता है, क्‍योकि मिलर द्वारा धान के बदले में चावल जमा किया जाता है। गोदाम में चावल प्राप्त होने पर भारत शासन द्वारा निर्धारित मापदण्डों अनुसार चावल निरीक्षण किया जाता है। मानक स्तर का चावल होने पर स्वीकृति पत्रक जारी किये जाते है एवं चावल का वितरण कराया जाता है। (ड.) म.प्र. शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा जारी मिलिंग नीति अनुसार चावल के BRL होने पर संबंधित मिलर द्वारा अमानक चावल को अपने खर्चे पर बदलकर मानक स्तर का चावल जमा किया जाता है। मिलिंग नीति के प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट '' अनुसार है।

सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी

[जल संसाधन]

91. ( क्र. 873 ) श्री सुखदेव पांसे : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                        (क) बैतूल जिले में कितनी वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई योजनायें पूर्ण हो चुकी हैं, कितनी अपूर्ण हैं एवं कितनी प्रस्तावित हैं? समस्त जानकारी उपलब्ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में बैतूल जिले की मुलताई तहसील में कितनी वृहद, मध्यम एवं लघु सिंचाई योजनायें पूर्ण हो चुकी हैं, कितनी अपूर्ण हैं और कितनी प्रस्तावित हैं? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संदर्भ में क्या बैतूल जिले के मुलताई विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम जामगांव के नाले पर बांध बनाने हेतु साध्यता स्वीकृति जल संसाधन विभाग के पत्र क्रमांक एफ-22/1/2016/17/ल.सि./31/12159, भोपाल दिनांक 20.10.2016 को प्राप्त हो चुकी है? यदि हाँ तो यह अभी तक प्रशासकीय स्वीकृति हेतु लंबित क्यों है? (घ) प्रश्‍नांश (ग) के संदर्भ में उपरोक्त लघु बांध की स्वीकृति कब तक मिल जावेगी तथा इस बांध का निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो जायेगा? अनुमानित तिथि से अवगत करायें। इसके साथ ही क्या शासन स्तर पर ग्राम पंचायत चौथिया अंतर्गत ग्राम बिछुआ एवं ग्राम मुंडापार, पंचायत घाटपिपरिया में सिंचाई हेतु बांध के निर्माण हेतु कोई प्रस्ताव शासन को भेजा जाकर इन योजनाओं को स्वीकृत किया जायेगा? (ड.) तहसील मुलताई के ग्राम सुखाखेड़ी बांध एवं नहर के कच्चे होने के कारण भारी मात्रा में पानी लीकेज की समस्या हो रही है, इसके साथ सोडिया जलाशय में भी लिकेज की समस्या है, जिससे किसानों को पर्याप्त मात्रा में सिंचाई हेतु पानी नहीं मिल पा रहा है। साथ ही लघु सिंचाई योजनाओं की नहरों के पक्का (लाईनिंग) कार्य कराया जायेगा? इन समस्या के निराकरण हेतु क्या विभाग कोई प्रस्ताव बनाकर मरम्मत कार्य करायेगा? यदि हाँ तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-'''' अनुसार है। (ग) एवं (घ) जी हाँ। जामगॉंव नाले पर प्रस्‍तावित जामगॉंव जलाशय की साध्‍यता स्‍वीकृति एवं सर्वेक्षण स्‍वीकृति पश्‍चात सर्वे उपरांत जामगॉंव जलाशय के डी.पी.आर. के परीक्षण में जामगॉंव जलाशय का निर्माण होने से, पूर्व निर्मित चंदोरा मध्‍यम परियोजना के जलाशय का जलभराव प्रभावित होने के कारण जामगॉंव जलाशय परियोजना तकनीकी रूप से साध्‍य नहीं पाई जाने से जामगॉंव जलाशय परियोजना की प्रशासकीय स्‍वीकृति की स्थिति नहीं होना प्रतिवेदित है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। ग्राम पंचायत चौथिया अंतर्गत बिछुआ स्‍टोरेज जलाशय (अनुमानित लागत राशि रूपये 678.90 लाख, सिंचाई क्षमता 230 हेक्‍टेयर) एवं ग्राम मूंढापारढाना घाटपिपरिया स्‍टोरेज जलाशय (अनुमानित लागत राशि रूपये 353.93 लाख, सिंचाई क्षमता 121 हेक्‍टेयर) चिन्हित परियोजनाएं हैं। शासन स्‍तर पर प्रस्‍ताव प्राप्‍त नहीं होने से स्‍वीकृति की स्थिति नहीं है। (ड.) तहसील मुलतई के सूखाखेड़ी बॉंध एवं सोंडिया जलाशय की नहरों से लीकेज की समस्‍या के निराकरण हेतु दोनों बॉंधों की नहरों की लाइनिंग के प्राक्‍कलन में मुख्‍य अभियंता, जल संसाधन विभाग, नर्मदापुरम द्वारा उठाई गई आपत्तियों का निराकरण मैदानी स्‍तर पर किया जाना प्रतिवेदित है।

वन भूमि का आवंटन

[वन]

92. ( क्र. 880 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत 05 वर्षों में विभिन्‍न निर्माण कार्यों हेतु विभागों को वन विभाग द्वारा विदिशा जिले में कब-कब, कितनी-कितनी भूमि कौन-कौन से शासकीय विभागों एवं शासकीय/अशासकीय संस्‍थाओं को आवंटित की गई है? (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में सामान्‍य वन मण्‍डल विदिशा अंतर्गत विगत 05 वर्षों की अवधि तक वन भूमि आवंटन हेतु कितने आवेदन प्राप्त हुए? उन आवेदनों को वरिष्‍ठ कार्यालय को कब-कब प्रेषित किये गये? भारत सरकार में अनुमति हेतु कितने आवेदन/प्रकरण लंबित हैं?                   (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के संदर्भ में विदिशा जिले में किन-किन विभागों द्वारा भूमि आवंटन हेतु आनलाइन/ऑफलाइन आवेदन प्रेषित किये हैं एवं कब-क‍ब अनुमतियां दी गई हैं? कितनी अनुमति शेष हैं? शेष अनुमति कब तक प्रदान कर दी जावेगी? (घ) वन भूमि के बदले राजस्‍व विभाग द्वारा विभाग को कौन-कौन से ग्रामों/कस्‍बों में कितनी-कितनी भूमि एवं राशि उपलब्‍ध कराई गई है? परियोजनावार एवं वर्षवार जानकारी उपलब्‍ध करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) विगत 05 वर्षों में निर्माण कार्य हेतु वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत विभिन्‍न शासकीय विभागों को आवंटित वनभूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्‍ट-1 अनुसार है। वनाधिकार अधिनियम, 2006 के तहत विभिन्‍न शासकीय संस्‍थाओं को आवंटित वनभूमि की जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्‍ट-2 अनुसार है। (ख) एवं (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्‍ट-3 अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखें परिशिष्‍ट-4 अनुसार है।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली की जानकारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

93. ( क्र. 881 ) श्री उमाकांत शर्मा : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्‍न वितरण हेतु कितनी उचित मूल्‍य की दुकान संचालन हेतु प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समिति द्वारा खाद्यान्‍न वितरण किया जा रहा है? उचित मूल्‍य की दुकानों, प्र‍ाथमिक लघुवनोपज सहकारी समितियों के नाम सहित जिलेवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के संदर्भ में विदिशा जिले में कितनी प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समिति द्वारा उचित मूल्‍य की दुकान का संचालक किया जा रहा है? उचित मूल्‍य की दुकान का नाम एवं समिति का नाम सहित जानकारी उप‍लब्‍ध करावें। (ग) विदिशा जिले में 1 अप्रैल, 2019 से प्रश्‍न दिनांक तक खाद्यान्‍न वितरण हेतु प्राथमिक, लघुवनोपज सहकारी समितियों को कितना-कितना कमीशन का भुगतान किया गया? समितिवार एवं उचित मूल्‍य की दुकानवार जानकारी उपलब्‍ध करावें। (घ) विदिशा जिले में क्‍या समिति प्रबंधकों की शिकायत विभाग द्वारा सहकारिता विभाग को की गई है? यदि हाँ तो कब-कब एवं उन पर क्‍या कार्यवाही की गई है? शिकायतों एवं कार्यवाही की छायाप्रति उपलब्‍ध करावें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) एवं (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ‘’ अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ‘ अनुसार है। (घ) जी हाँ। विदिशा जिले के पत्र क्रमांक 2113 दिनांक 04.10.2022 द्वारा उपायुक्‍त सहकारिता को पत्र प्रेषित करते हुये प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति मर्यादित लटेरी के प्रबंधक के विरूद्ध कार्यवाही हेतु लिखा गया था, जिसकी जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट – ‘ अनुसार है। उक्‍त के पालन में उपायुक्‍त सहकारिता द्वारा प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति मर्यादित लटेरी के प्रशासक एवं सहकारिता विस्‍तार अधिकारी को आवश्‍यक कार्यवाही हेतु पत्र क्रमांक/शिकायत/2022/1309 दिनांक 17.11.2022 लिखा गया जिसकी छायाप्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-  अनुसार है। उपायुक्‍त सहकारी संस्‍थायें विदिशा से प्राप्‍त जानकारी अनुसार संस्‍था प्रबंधक श्री मुन्‍नालाल पंथी द्वारा माननीय उच्‍च न्‍यायालय खण्‍डपीठ ग्‍वालियर में रिट पिटीशन क्रमांक 26821/2022 प्रस्‍तुत की गई है। उक्‍त रिट पिटीशन में इस आशय का आदेश पारित किया गया है कि कलेक्‍टर विदिशा द्वारा दिए गए निर्देश प्राकृतिक न्‍याय के सिद्धांत के विरूद्ध है। माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि यदि यह प्रकरण डी.एफ.ओ./उपायुक्‍त सहकारिता को निराकरण हेतु अन्‍तरित होता है, तो वे नियमानुसार स्‍वाविवेक से कार्यवाही करेंगे। वे कलेक्‍टर के दबाव अथवा एस.डी.एम.के निष्‍कर्ष से प्रभावित नहीं होंगे। शिकायत एवं कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'' अनुसार है।

विक्रय भूमि का नामांतरण

[राजस्व]

94. ( क्र. 891 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या प्रदेश में माननीय मुख्‍यमंत्री महोदय द्वारा यह घोषणा की गई थी कि भूमि एवं मकान विक्रय होने पर तुरंत ही स्‍वयं नामांतरण एवं बंटवारे हो जाएगा तथा पटवारियों व तहसील में नहीं जाना पड़ेगा? यदि हाँ, तो अनूपपुर जिले में पटवारियों द्वारा बंटवारा एवं नामांतरण भूमि विक्रय के तुरंत बाद क्‍यों नहीं किए जा रहे हैं? (ख) प्रश्‍नांश दिनांक तक अनूपपुर जिले में कितने बंटवारे के प्रकरण विचाराधीन हैं तथा कितने नामांतरण विचाराधीन हैं? तहसीलवार बंटवारे एवं नामांतरण की जानकारी देवें। कब तक इन प्रकरणों का निराकरण कर दिया जावेगा।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जी हाँ। विक्रय पत्र द्वारा अंतरण की दशा में शर्तों के अधीन नामांतरण की कार्यवाही के लिये साइबर तहसील का गठन किया गया है, जो पेपरलेस, फेसलेस, दस्‍तावेज रहित न्‍यायालय है। माह जून 2022 में पायलेट प्राजेक्‍ट के रूप में सीहोर एवं सागर जिले से इसे प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में प्रदेश के इंदौर, दतिया, डिंडोरी एवं हरदा को भी शामिल किया गया है। अनूपपुर जिले में अभी साइबर तहसील प्रारंभ नहीं की गई है (ख) जिला अनूपपुर अन्तर्गत निम्नानुसार नामांतरण एवं बटवारा के प्रकरण विचाराधीन है:-

तहसील

नामान्तरण

बटवारा

अनूपपुर

568

284

जैतहरी

472

104

कोतमा

750

204

पुष्पराजगढ़

722

182

 

 

 

 

 

 

उपरोक्त प्रकरणों में भूराजस्व संहिता में वर्णित प्रावधानों अनुसार निराकरण की कार्यवाही की जा रही है।

पी.डी.एस. भवन का निर्माण

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

95. ( क्र. 892 ) श्री फुन्‍देलाल सिंह मार्को : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) माननीय मुख्‍यमंत्री जी को प्रेषित विधानसभा पुष्‍पराजगढ़ के अंतर्गत भवन विहीन पी.डी.एस. भवन (गोदाम) निर्माण कराये जाने के संबंध में पत्र पंजीयन क्रमांक 2185/CMS/MLA/088/2022 के मान. प्रमुख सचिव को दिनांक 27/05/2022 को प्रेषित किया गया है? (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कौन-कौन से पी.डी.एस. भवन स्‍वीकृत किये जा चुके हैं? सूची उपलब्‍ध करावें। (ग) प्रश्‍नांश (ख) अनुसार स्‍वीकृत पी.डी.एस. गोदाम निर्माण कार्य किस एजेन्‍सी को दिया गया है? यदि स्‍वीकृत न किया गया हो तो भवन विहीन गोदामों के न होने से खाद्यान कहां रखा जाता है? कब तक गोदामों का निर्माण कर दिया जायेगा?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) प्रश्‍नांश (क) अनुसार कोई पी.डी.एस. भवन (गोदाम) स्‍वीकृत नहीं किये गये है। प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। उक्‍त स्‍थानों पर वर्तमान में खाद्यान्‍न का भंडारण की जानकारी संलग्‍न परिशिष्‍ट अनुसार शासकीय गोदामों में किया जा रहा है। गोदामों के निर्माण की समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

परिशिष्ट-"अड़तालीस"


निर्माण कार्य, मरम्‍मत एवं सामग्री खरीदी पर व्‍यय

[जल संसाधन]

96. ( क्र. 902 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) जिला मुरैना जल संसाधन विभाग के सब डिवीजन नरवर में जनवरी 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने-कितने रूपये नये निर्माण कार्यों एवं मरम्मत तथा उपकरण सामग्री खरीदी पर व्‍यय करने हेतु राशि प्राप्त हुई तथा प्राप्त राशि कहाँ-कहाँ पर कितनी-कितनी व्यय की है? प्राप्त राशि व्यय राशि की जानकारी, तकनीकी स्वीकृति, की जानकारी,तथा उपकरण खरीदी की जानकारी, बिल वाऊचर, सामग्री का नाम बताते हुये देवें। (ख) प्रश्‍नांश (क) के मनीखेटा बांध से निकली अनुपला कैलारस के नहर निर्माण में क्या पुलियां बनाई गई है? यदि हाँ, तो उनकी संख्या क्या है तथा कहां- कहां पर पुलिया का निर्माण किया है? पुलियां की लागत, स्वीकृत राशि व्यय राशि की जानकारी देवें। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के कार्य में कौन-कौन से अधिकारी/कर्मचारी संलग्न थे? नाम, पद, पता के साथ जानकारी देवें। यदि निर्माण सामग्री, खरीदी, मेंन्टीनेंस का कार्य कराये बिना भुगतान कर दिया गया है तो जांच कराकर दोषी पर कार्यवाही करा देंगे? यदि हाँ तो कब तक? (घ) प्रश्‍नांश (क) के डिवीजन में कुल कितने शासकीय आवास किस-किस टाईप के कहां-कहां पर बनाये गये हैं तथा वर्तमान में कितने आवास किसको एलाट किया गया है और कितने खाली है? एलाट करने का अधिकार किसको है तथा क्या नियम है? एलाटमेंट सूची/आदेश एवं नियम की प्रति के साथ जानकारी देवें। गत 5 वर्षों में शासकीय आवासों पर रख-रखाव, मेंन्टीनेन्स, रंग-रोगन, पुताई हेतु कितना बजट प्राप्त हुआ, कितना व्यय हुआ, प्राप्त राशि, व्यय राशि की जानकारी दें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जनवरी 2019-20 से प्रश्‍न दिनांक तक नये निर्माण कार्यों, मरम्‍मत कार्यों एवं उपकरण सामग्री खरीदी की जानकारी क्रमंश: पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1, प्रपत्र-2, प्रपत्र-3 (1) एवं प्रपत्र-3 (2) अनुसार है। (ख) मनीखेटा (मडीखेड़ा) बाँध से अनुपमा कैलारस के नाम की किसी नहर का निर्माण नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) प्रश्‍नांश (क) एवं (ख) के कार्य में संलग्‍न अधिकारियों/कर्मचारियों का  विवरण पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-4 अनुसार है। निर्माण सामग्री, खरीदी एवं मेंन्‍टेनेंस के अंतर्गत कार्य कराए बिना भुगतान नहीं किया जाना प्रतिवेदित है। अत: जाँच कराने की स्थिति नहीं होने के कारण शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।               (घ) प्रश्‍नांश (क) के डिवीजन अंतर्गत नरवर तहसील में विभाग के शासकीय आवासों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-5 अनुसार है। शासकीय आवास आवंटन करने का अधिकार कार्यपालन यंत्री की अध्‍यक्षता में गठित आवंटन, आवंटन समिति को है। नियमों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट-एक (पृ.1-6) अनुसार है। विगत पांच वर्षों में शासकीय आवासों की मरम्‍मत, रख रखाव, रंग-रोगन एवं पुताई हेतु कोई राशि प्राप्‍त नहीं होना प्रतिवेदित है।

सरकुला डैम पर व्‍यय राशि

[जल संसाधन]

97. ( क्र. 903 ) श्री प्रागीलाल जाटव : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) शिवपुरी जिले के पोहरी तहसील के सरकुला डैम किस जगह पर और कितने लागत से बनाया गया है? इसका कुल क्षेत्रफल क्या है। कार्य की स्वीकृत राशि व्यय राशि की जानकारी देवें।        (ख) प्रश्‍नांश (क) के कार्य पर प्रश्‍न दिनांक तक कितने रूपये खर्च किये गये हैं? व्यय राशि मूल्यांकित राशि तथा शेष राशि की जानकारी देते हुए यह बताएं कि यदि मूल्यांकित राशि से भुगतान राशि अधिक है तो कौन-कौन दोषी है? दोषी पर कार्यवाही करते हुए अधिक व्यय राशि की वसूली करा लेगें? यदि हाँ तो कब तक और किस अधिकारी से कितने राशि की वसूली करायेंगे?             (ग) प्रश्‍नांश (क) के निर्माण कार्य के गुणवत्‍ता की कुल कितनी शिकायतें शासन/विभाग को प्राप्त हुई हैं? उन पर कब क्या कार्यवाही/जाँच कराई गई है? सह पत्रों के साथ जानकारी देवें। (घ) प्रश्‍नांश (क) के कार्य में कुल कितने किस-किस श्रेणी के कर्मचारी/अधिकारी संलग्न थे? यदि कार्य से अधिक राशि आहरित की गई है या मूल्यांकित राशि से अधिक राशि आहरित है तो कौन-कौन कर्मचारी/अधिकारी दोषी हैं? दोषियों पर गबन खयानत का प्रकरण दर्ज करा देंगे? यदि हाँ तो किस-किस पर? यदि नहीं तो क्यों? कारण सहित जानकारी देवें।

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) सरकुला मध्‍यम उद्वहन सिंचाई परियोजना शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील की पोहरी नगर पंचायत के समीप निर्माणाधीन है। परियोजन हेतु शासन द्वारा दिनांक 04.10.2018 को सैच्‍य क्षेत्र 6500 हेक्‍टेयर के लिए राशि रू.226.62 करोड़ की प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान की गई। (ख) परियोजना के निर्माण कार्य हेतु रू.171.28 करोड़ की एजेंसी निर्धारित होकर प्रश्‍न दिनांक तक प्रगतिरत कार्य पर व्‍यय राशि रू. 3.27 करोड़ तथा शेष राशि रू. 168.01 करोड़ होना प्रतिवेदित है। मूल्‍यांकित राशि अनुसार ही व्‍यय किया गया है, किसी भी अधिकारी के दोषी होने अथवा कार्यवाही की स्थिति नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न ही नहीं उपस्थित होता है। (ग) बाँध में कांक्रीट अथवा मिट्टी का कार्य प्रारंभ नहीं होना प्रतिवेदित है। वर्तमान स्थिति में संबंधित एजेंसी द्वारा केवल सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर डिजाइन/ड्राइंग तैयार कर प्रस्‍तुत की गई है, जिनका अनुमोदन सक्षम अधिकारी द्वारा किया गया है। गुणवत्‍ता संबंधी कोई भी शिकायत प्राप्‍त होना प्रतिवेदित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (घ) परियोजना के कार्यों में मूल्‍यांकनकर्ता कर्मचारी उपयंत्री, जाँचकर्ता अनुविभागीय अधिकारी तथा 10 प्रतिशत तक मापों की जाँच कार्यपालन यंत्री द्वारा की गई है। परियोजना पर व्‍यय राशि मूल्‍यांकित राशि से अधिक नहीं है। अत: किसी अधिकारी के दोषी होने, दोषियों पर गबन, खयानत का प्रकरण दर्ज कराने की स्थिति नहीं है। शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

 

 

भू-अर्जन के लंबित प्रकरण

[राजस्व]

98. ( क्र. 910 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) राजगढ़ जिले के अंतर्गत, लोक निर्माण विभाग के खिलचीपुर माचलपुर खेड़ी से आगरिया मार्ग में स्थित ग्राम बाड़गाँव बायपास, माचलपुर बायपास, कुण्डीखेड़ा, डूंगरी, झरन्या. पीपल्याकुल्मी, ब्राहमणगाँव, सुन्दरपुरा एवं आगरिया से संबंधित भू-अर्जन के हितग्राहियों की अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराएँ। (ख) क्या प्रश्‍नांश (क) में उल्लेखित सड़कों से संबंधित समस्त हितग्राहियों को     भू-अर्जन का मुआवजा प्राप्त हो चुका है? यदि नहीं, तो हितग्राहियों को कब तक मुआवजा प्राप्त हो जाएगा? (ग) प्रश्‍नांश (ख) में उल्लेखित मुआवजा से वंचित हितग्राहियों की ग्रामवार, नाम सहित जानकारी उपलब्ध कराएँ।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) राजगढ़ जिले के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग के खिलचीपुर माचलपुर खेड़ी से आगरिया मार्ग में स्थ्ति ग्राम बाड़गांव बायपास, माचलपुर बायपास, कुण्डीखेड़ा, डूंगरी, झरन्या, पीपल्याकुल्मी ब्राहमणगांव, सुन्दरपुरा एवं आगरिया से संबंधित भू-अर्जन के हितग्राहियों की अद्यतन  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) उल्लेखित सड़कों से संबंधित समस्त हितग्राहियों को उनकी मुआवजा राशि का भुगतान नहीं हुआ है। मुआवजा राशि के वितरण हेतु कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग (भ/प) संभाग राजगढ़ द्वारा प्रमुख अभियंता लो.नि.वि. भोपाल से मुआवजा वितरण हेतु आवंटन चाहा गया है। (ग) मुआवजा से वंचित हितग्राहियों की ग्रामवार नाम सहित  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है।

मोहनपुरा एवं कुण्‍डालिया वृहद परियोजना

[जल संसाधन]

99. ( क्र. 911 ) श्री प्रियव्रत सिंह : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि                 (क) 'मोहनपुरा एवं कुण्‍डालिया वृहद परियोजना' से इस वर्ष राजगढ़ जिले के कितने क्षेत्र में प्रेशर पाइप द्वारा सीधे कृषि भूमि को रबी सिंचाई में सिंचित किया गया? ग्रामवार क्षेत्रफल बताएं।            (ख) इन दोनों परियोजनाओं से खिलचीपुर एवं जीरापुर तहसीलों का वह क्षेत्रफल हेक्‍टेयर में बताएं, जिसमें सीधे प्रेशर पाइप लाइन द्वारा कृषि भूमि में इस वर्ष रबी सिंचाई में पानी दिया जाना कार्य पूर्ण नहीं होने के कारण संभव नहीं हो पाया है? विवरण उपलब्‍ध कराएं। (ग) जीरापुर-खिलचीपुर तहसीलों के वह ग्राम जो दोनों योजनाओं के सिंचित क्षेत्र में प्रस्‍तावित हैं, वहां प्रेशर पाइप नहरों का कार्यक्रम माईक्रोनेट वर्क कब तक पूर्ण होगा और वहां कृषकों को पानी उपलब्‍ध कराना कब तक संभव होगा?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) मोहनपुरा एवं कुण्‍डालिया परियोजनाओं से इस वर्ष राजगढ़ जिले के 83,885 हेक्‍टेयर क्षेत्र में प्रेशर पाइप द्वारा रबी सिंचाई की गई है। ग्रामवार सिंचित क्षेत्र की  जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-अनुसार है। (ग) दोनों परियोजनाओं के सैच्‍य क्षेत्र में आने वाले जीरापुर-खिलचीपुर तहसीलों के ग्रामों में प्रेशर पाइप नहरों का माइक्रो नेटवर्क कार्य दिसंबर 2023 तक पूर्ण किया जाना एवं कृषकों को रबी सीजन 2023-24 में सिंचाई हेतु पानी उपलब्‍ध कराया जाना लक्षित होना प्रतिवेदित है।

परिवहन विभाग की चल अचल संपत्ति

[परिवहन]

100. ( क्र. 918 ) श्री जितु पटवारी : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि       (क) शासन की परिवहन सेवा किस दिनांक को बंद की गई तथा क्‍यों की गई? उस दिनांक को विभाग के पास चल-अचल संपत्ति, भूमि भवन इत्‍यादि कितने थे? उनकी सूची देवें। (ख) क्‍या लोक परिसंपत्ति विभाग, परिवहन विभाग की कई जमीनों को बेच रहा है, बेच चुका है? यदि हाँ तो बतावें कि विभाग की कितनी जमीन लोक परिसंपत्ति विभाग द्वारा बेची गई, उससे कितनी-कितना राजस्‍व प्राप्‍त हुआ तथा कितनी जमीन है जो विक्रय हेतु शेष है? उसकी सूची देवें। (ग) जनसामान्‍य, ग्रामीण अंचल में सेवा देने के परिवहन विभाग की बसों को बंद कर, शासन दूसरे तरीके से सुविधायुक्‍त, ए.सी. बसें, सि‍टी ट्रांसपोर्ट के रूप में चला रहा है? बतावें कि सिटी ट्रांसपोर्ट किस-किस नगरीय निकाय द्वारा चलायी जा रही है और उसके लिए कितनी-कितनी बसों को अनुमति दी गई है?                (घ) शासकीय आयोजनों के लिए जनता को लाने, ले जाने के लिए बसों के अधिग्रहण का आदेश कलेक्‍टर किस नियम से देता है, उसकी प्रति देवें। उसका भुगतान किस विभाग द्वारा, किस लेखा शीर्ष में, किस योजना कोड में किया जाता है? (ड.) बतावें कि अप्रैल 2020 से जनवरी 2023 तक पूरे प्रदेश में जिलेवार शासकीय आयोजनों के लिए कितनी बसें अधिकृत की गई तथा कितना भुगतान देय था, कितना दे दिया गया तथा कितना शेष है? 31 जनवरी, 2023 की स्थिति में कैटेगरी अनुसार प्रदेश में पंजीकृत वाहनों की संख्‍या बताएं तथा 2010 से 2022 तक परिवहन विभाग द्वारा विभिन्‍न मदों में प्राप्‍त किए गए कुल शुल्‍क की जानकारी मद अनुसार दें।

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) से (ड.) जानकारी संकलित की जा रही है।

खाद्यान्‍न वितरण की जानकारी

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

101. ( क्र. 919 ) श्री जितु पटवारी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या केंद्र व राज्य प्रवर्तित योजना अंतर्गत विभाग के माध्यम से चिन्हित गरीब परिवारों को निर्देशित/आदेशित विभिन्न श्रेणी का खाद्यान्न का वितरण किया जाता है? ऐसे परिवारों की संख्या प्रदेश में कितनी है? (ख) गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को किस-किस श्रेणी गत पात्रता अनुसार कितना-कितना खाद्यान्न वितरण किया जाता है और यदि किया जाता रहा है तो वितरण का सत्‍यापन किस प्रकार होता है? (ग) पात्रता अनुसार परिवारों को चिन्हित कर खाद्यान्न वितरण किया जाता है तो हितग्राहियों में सम्मिलित किंतु कूट रचित दस्तावेजों से बने फर्जी हितग्राहियों की किस प्रकार जांच की जाती है, कितने फर्जी कार्ड दिनांक 01.01.2019 से प्रश्‍न दिनांक तक प्रदेश में निरस्त किए गए हैं? (घ) दिनांक 1 मार्च 2018 से 1 मार्च 2023 तक इंदौर जिले के अंतर्गत खाद्यान्न वितरण की कुल कितनी दुकानें/केंद्र होकर उन दुकानों/केंद्रों पर कितने-कितने हितग्राही लाभान्वित हो रहे हैं? उपरोक्त वर्षों में खाद्यान्न की चोरी तथा निर्धारित मापदंड से कम मात्रा में खाद्यान्न दिए जाने की कितनी शिकायतें प्राप्त होकर उन पर क्या कार्यवाही की गई है? दुकानों और गोदामों की जांच, भौतिक सत्यापन सहित किस सक्षम अधिकारी द्वारा कब-कब किया गया?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत सम्मिलित 1,23,27,400 पात्र परिवारों को खाद्यान्‍न वितरण हेतु आवंटन जारी किया जा रहा है। (ख) अन्‍त्‍योदय अन्‍न योजना के परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार एवं प्राथमिकता श्रेणी के परिवारों को 5 किलोग्राम प्रति सदस्‍य प्रतिमाह के मान से खाद्यान्‍न का वितरण किया जाता है। पात्र हितग्राही की पहचान बायोमेंट्रिक सत्‍यापन के आधार पर की जाकर राशन का वितरण उचित मूल्‍य दुकान से किया जाता है। हितग्राही को वितरित राशन मात्रा की पी.ओ.एस. मशीन से जारी पावती दी जाती है तथा जिन पात्र परिवारों के डाटाबेस में मोबाइल नंबर दर्ज है, उनकों एस.एम.एस. के माध्‍यम से वितरित राशन सामग्री मात्रा की जानकारी प्रेषित की जा रही है। पात्र परिवारों को वितरित सामग्री की जानकारी AePDS पोर्टल पर भी पब्लिक डोमेंन में भी उपलब्‍ध कराई गई है। उचित मूल्‍य दुकानों की समय-समय पर जांच में भी हितग्राहियों से राशन प्राप्ति की पुष्टि की जाती है। (ग) राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अंतर्गत पात्रता श्रेणी में सम्मिलित 28 श्रेणी के परिवारों में से छूटे हुए एवं नवीन परिवारों के सत्‍यापन की कार्यवाही स्‍थानीय निकाय द्वारा की जाती है। सत्‍यापन में हितग्राही के पात्रता संबंधी दस्‍तावेज एवं आधार नंबर भी लिए जाते है तथा डी-डुप्‍लीकेशन उपरांत ही नवीन परिवारों को जोड़कर पात्रता पर्ची जारी की जाती है। प्रदेश में कूटरचित दस्‍तावेजों के आधार पर बने फर्जी हितग्राहियों के प्रकरण प्रकाश में नहीं आए है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (घ) इन्‍दौर जिले में माह मार्च, 2018 से जनवरी, 2023 तक संचालित उचित मूल्‍य दुकान एवं लाभान्वित परिवारों की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है। पात्र परिवारों को निर्धारित मापदण्‍ड से कम राशन प्राप्‍त होने की सी.एम. हेल्‍पलाईन में कुल 2533 शिकायतें प्राप्‍त हुए जिनका संबंधित क्षेत्र के कनिष्‍ठ आपूर्ति अधिकारियों द्वारा उचित निराकरण किया गया। उचित मूल्‍य दुकानों एवं गोदामों की जांचकर्ता अधिकारी का नाम, जांच दिनांक एवं की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार है।

सहकारी उपभोक्‍ता भण्‍डार की जांच

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

102. ( क्र. 921 ) श्री मेंवाराम जाटव : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) क्‍या उप संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण म.प्र. का पत्र क्रमांक 6599/शिकायत/2022 भोपाल दिनांक 05.09.2022 कलेक्‍टर जिला अशोकनगर को उपायुक्‍त सहकारिता अशोकनगर के द्वारा अवैध फर्जी भण्‍डारों पर शीघ्र कार्यवाही करवाने एवं आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने विषयक लिखा गया था? (ख) यदि हाँ तो क्‍या प्रकरण की विस्‍तृत जांच कराकर की गई कार्यवाही का जांच प्रतिवेदन अपने अभिमत के साथ उपसंचालक (खाद्य) को भेजा गया? (ग) यदि हाँ तो जांच प्रतिवेदन की प्रति संलग्‍न करते हुए जांच निष्‍कर्ष के आधार पर दोषियों के विरूद्ध क्‍या कार्यवाही की गई? यदि नहीं तो क्‍यों?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) जी हाँ। (ख) पूर्व में जांच की जा चुकी है। (ग) जांच प्रतिवेदन की प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। डॉ. अम्‍बेडकर जिला थोक उपभोक्‍ता सहकारी भंडार मर्यादित अशोकनगर में पायी गई अनियमितताओं के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने के उपरांत माननीय उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर में दायर याचिका क्रमांक 15408/22 के परिपालन में दिनांक 08.02.2023 को कार्यालय कलेक्‍टर (खाद्य) अशोकनगर के आदेश से उक्‍त भंडार का दुकान आवंटन प्राधिकार पत्र निरस्‍त किया गया है। जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -'' अनुसार है। डॉ. अम्‍बेडकर जिला थोक उपभोक्‍ता सहकारी भंडार मर्यादित अशोकनगर द्वारा संचालित शा.उ.मू. दुकान 4601074 पर म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 16 के तहत प्रदत्‍त शक्तिओं का प्रयोग करते हुए अनावेदक भंडार की जमा संपूर्ण प्रतिभूति राशि रूपये 5000/- (पांच हजार रूपये मात्र) शासन हित में समापहृत की गई है साथ ही इकॉनोमिक कॉस्‍ट की राशि रूपये 486279.80/- (चार लाख छियासी हजार दौ सौ उनासी रूपये‍ अस्‍सी पैसे मात्र) शासन हित में समापहृत की गई है। यह राशि अनावेदकगणों क्रमश: अध्‍यक्ष श्री राजीव जैन एवं प्रबंधक/विक्रेता श्री रामवीर शर्मा से समानुपातिक रूप से (प्रत्‍येक से 2431395/- रूपये के मान से) वसूलनीय है। जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। गांधी महिला प्राथमिक उपभोक्‍ता सहकारी भंडार द्वारा संचालित शासकीय उचित मूल्‍य दुकानों में पायी गई अनियमितताओं के आधार पर एफ.आई.आर. दर्ज कराने के उपरांत माननीय उच्‍च न्‍यायालय ग्‍वालियर में दायर याचिका क्रमांक 15417/22 के परिपालन में दिनांक 08.02.2023 को कार्यालय कलेक्‍टर (खाद्य) अशोकनगर के आदेश से उक्‍त भंडार का दुकान आवंटन प्राधिकार पत्र निरस्‍त किया गया है, जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। गांधी महिला प्राथमिक उपभोक्‍ता सहकारी भंडार अशोकनगर द्वारा संचालित शा.उ.मू. दुकान 4601002 पर म.प्र. सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 16 के तहत प्रदत्‍त शक्तियों का प्रयोग करते हुये अनावेदक भंडार की जमा संपूर्ण प्रतिभूति राशि रूपये 5000/- (पांच हजार रूपये मात्र) शासन हित में समापहृत की गई, साथ ही इकॉनामिक कॉस्‍ट की राशि रूपये 327150.80/- (तीन लाख सत्‍ताईस हजार एक सौ पचास रूपये अस्‍सी पैसे मात्र) शासन हित में समापहृत की गई है। यह राशि अनावेदकगणों क्रमश: अध्‍यक्ष श्रीमती दीपा साहू एवं प्रबंधक/विक्रेता श्री सौरभ रघुवंशी से समानुपातिक रूप से (प्रत्‍येक से 163575/- रूपये मान से) वसूलनीय है। जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट -'' अनुसार है। राष्‍ट्रीय महिला प्राथमिक उपभोक्‍ता भंडार अशोकनगर द्वारा संचालित शा.उ.मू. दुकान 4601003 को आदेश क्रमांक/297/खाद्य/2021 अशोकनगर दिनांक 06.04.2021 से निलंबित कर महारानी लक्ष्‍मीबाई उपभोक्‍ता भंडार मर्यादित अशोकनगर शा.उ.मू. दुकान 4601009 को संलग्‍नीकरण किया गया है। जिसकी प्रति  पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- '' अनुसार है। डॉ. श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी प्राथमिक उपभोक्‍ता भंडार द्वारा संचालित शा.उ.मू. दुकान 4601009 को आदेश क्रमांक/295/खाद्य/2021 अशोकनगर दिनांक 06.04.2021 से निलंबित कर पंडित दीनदयाल सहकारी उपभोक्‍ता भंडार मर्यादित अशोकनगर शा.उ.मू. दुकान 4601012 को संलग्‍नीकरण किया गया है एवं कार्यालय कलेक्‍टर (खाद्य) जिला अशोकनगर के तत्‍कालीन जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा डॉ. श्‍यामाप्रसाद मुखर्जी प्राथमिक उपभोक्‍ता भंडार के अध्‍यक्ष/प्रबंधक एवं संचालक मण्‍डल के सदस्‍यों पर एफ.आई.आर. दर्ज करने हेतु थाना प्रभारी अशोकनगर को पत्र प्रेषित किया है। जिसकी प्रति पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट-'' अनुसार है। उपरोक्‍त चारों वर्णित भंडारों के पंजीयन एवं सदस्‍यों को हटाये जाने की जांच प्रचलन में है। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

संबल/नया सवेरा योजनांतर्गत हितग्राहियों को राशि का वितरण

[श्रम]

103. ( क्र. 923 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में संबल योजना कब से प्रारंभ की गई थी तथा कब से कब तक इस योजना को बंद किया गया था? आदेश की प्रति सहित बतायें। (ख) क्या संबल योजना का नाम बदलकर नया सवेरा किया गया था? यदि हाँ तो कब नाम बदला गया? आदेश की प्रति सहित बतायें। (ग) उक्त योजना के अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के अंतर्गत श्रम विभाग द्वारा कुल कितने हितग्राहियों को कुल कितनी राशि वितरित कर लाभान्वित किया गया? (घ) क्या उक्त योजना के अंतर्गत वर्तमान में बजट का अभाव होने से हितग्राहियों को 3 माह तक के विलंब से भुगतान किया जा रहा है? यदि हाँ तो किन कारणों से? (ड.) उक्त योजना के लिए वर्तमान में कितनी राशि के बजट की मांग है? क्या मांग के अनुरूप बजट की राशि आवंटित की गई है? यदि नहीं तो क्यों?

खनिज साधन मंत्री ( श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ) : (क) प्रदेश में संबल योजना दिनांक 01-04-2018 से प्रारंभ की गई है तथा तब से निरंतरित है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ख) जी, नहीं। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता। (ग) योजनांतर्गत श्रम विभाग द्वारा वर्ष 2019-20 में 74,580 प्रकरणों में राशि रू. 547.03 करोड़, वर्ष 2020-21 में 87,227 प्रकरणों में राशि रू. 719.21 करोड़ तथा वर्ष 2021-22 में 1,37,713 प्रकरणों में राशि रू. 1367.58 करोड़ की राशि वितरित की गई है।                    (घ) जी, नहीं योजनांतर्गत स्‍वीकृत पात्र प्रकरणों में मान. मुख्‍यमंत्री जी द्वारा सिंगल क्लिक के माध्‍यम से समय-समय पर भुगतान किया जा रहा है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।               (ड.) वर्तमान में उक्‍त योजनांतर्गत राशि रू. 636.72 करोड़ की मांग की गई है, मांग अनुसार राशि सतत् रूप से विभिन्‍न चरणों में प्राप्‍त होती है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

नौरादेही अभयारण्‍य के ग्रामों का विस्‍थापन

[वन]

104. ( क्र. 927 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि      (क) प्रश्‍न क्र. 977, दिनांक 21-12-2022 के तारतम्‍य में नरसिंहपुर जिला अंतर्गत आने वाले ग्राम झिल्‍पनी, ढाना, मलकुही, हाडीकाट के व्‍यवस्‍थापन हेतु आज दिनांक तक क्‍या कार्यवाही की गई तथा कब तक व्‍यवस्‍थापन हो सकेगा? (ख) यदि आज दिनांक तक उक्‍त ग्रामों का विस्‍थापन नहीं हो सका है तो क्‍यों तथा इनके व्‍यवस्‍थापन की क्‍या योजना बनाई गई या बनाई जावेगी?

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) नौरादेही अभयारण्‍य के अंतर्गत नरसिंहपुर जिले के ग्राम झिल्‍पनी, ढाना, मलकुही एवं हांडीकाट के विस्‍थापन में ग्राम सभा की सहमति प्राप्‍त हो चुकी है। खण्‍ड स्‍तरीय समिति नरसिंहपुर द्वारा पात्रता निर्धारण की कार्यवाही प्रक्रिया में है। समय-सीमा बताना संभव नहीं है। (ख) विस्‍थापन की कार्यवाही सतत् एवं योजनाबद्ध रूप से जारी है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

शासकीय नियमों की अवहेलना

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

105. ( क्र. 928 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या कार्यालय सहायक संचालक मत्स्योद्योग भोपाल के श्री संजय बाथम, सहायक ग्रेड-3 का स्थानांतरण वर्ष 2021 में स्थानीय व्यवस्था के तहत संचालनालय मत्स्योद्योग में किया गया था? यदि हाँ तो, उसे किस दिनांक को कार्यमुक्त किया गया एवं उसने किस दिनांक को संचालनालय में उपस्थिति दी है? (ख) क्या उक्त लिपिक ने कार्यालय सहायक संचालक मत्स्योद्योग के लेखा शाखा का प्रभार बार-बार निर्देश देने के बाद भी प्रश्‍न दिनांक तक नहीं सौंपकर शासकीय नियमों की अवहेलना की है? यदि हाँ तो उसके विरूद्ध शासन के किस नियम के तहत कार्यवाही की गई या की जावेगी? यदि नहीं तो क्यों? (ग) क्या कार्यालय प्रमुख को एक वर्ष से भी अधिक की अवधि तक बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले कर्मी का 333 दिन का अर्जित अवकाश तथा 128 दिन का लघुकृत अवकाश स्वीकृत करने का अधिकार है जबकि उसके खाता में 333 दिन का अर्जित अवकाश शेष न हो? यदि हाँ तो किस नियम/निर्देश के तहत? (घ) क्या सहायक संचालक मत्स्योद्योग भोपाल ने कार्यालयीन पत्र क्र.816 दिनांक 11.03.20 से उक्त सहायक ग्रेड-3 को अनाधिकृत अनुपस्थिति का नोटिस देने की खानापूर्ति कर आदेश क्र.440 दिनांक 09.12.20 से उक्त कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत कर एक वर्ष का वेतन देकर शासन को हानि पहुंचाई है? (ड.) यदि प्रश्‍नांश (क) से (घ) सत्य है तो अवैधनिक रूप से अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारी तथा उक्त अनाधिकृत अनुपस्थित का अवकाश स्वीकृत करने वाले अधिकारी के विरूद्ध शासन के किस नियम के तहत कार्यवाही की जाएगी और कब तक, यदि नहीं तो क्यों?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। सहायक संचालक मत्‍स्‍योद्योग भोपाल से दिनांक 28.06.2021 को कार्यमुक्‍त किया गया तथा दिनांक 23.03.2022 को संचालनालय मत्‍स्‍योद्योग भोपाल में उपस्थित हुए। (ख) से (घ) जी हाँ। (ड.) इस संबं‍ध में संचालनालय मत्‍स्‍योद्योग भोपाल को शिकायत प्राप्‍त हुई है शिकायत की प्रारंभिक जांच हेतु संचालनालय स्‍तर से 04 सदस्‍यीय दल का गठन किया गया। प्रारंभिक जांच में सहायक संचालक मत्‍स्‍योद्योग भोपाल द्वारा नियम विपरीत जाकर अनाधिकृत अनुपस्थिति का अवकाश स्‍वीकृत किया जाना पाया गया है। म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के तहत कार्यवाही की जा रही है।

निजी संस्‍थाओं को शासकीय भूमि का आवंटन

[राजस्व]

106. ( क्र. 935 ) श्री सज्जन सिंह वर्मा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि   (क) इन्‍दौर संभाग में 01 अप्रैल, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक की अवधि में किन-किन निजी संस्थाओं को शासकीय भूमि किन-किन नियमों/शर्तों के साथ कितनी-कितनी भूमि कहां-कहां पर आवंटित की गई है? (ख) क्या जिन संस्थाओं को भूमि आवंटित की गई है उन्हें प्रीमियम एवं         भू-भाटक में छूट दिये जाने के क्या प्रावधान है? यदि हाँ, तो किन-किन संस्थाओं को कितनी-कितनी राशि की छूट दी गई है? (ग) क्या जिन संस्थाओं को भूमि आवंटित की गई है? उनके द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर उक्त भूमि का उपयोग अन्य प्रयोजनों के लिए किये जाने पर कार्यवाही करने के क्या प्रावधान है? ऐसे कितने प्रकरण संज्ञान में आये हैं जिनके द्वारा शर्तों का उल्लंघन किया है और उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की गई है?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) इंदौर संभाग में दिनांक 1 अप्रैल, 2020 से प्रश्‍न दिनांक तक जिला इंदौर, जिला धार एवं जिला बुरहानपुर में निजी संस्थाओं को म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 के प्रावधान अनुसार भूमि आवंटित की गई है। जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। उत्तरांश (क) में उल्लेखित संस्थाओं को प्रीमियम या भू-भाटक में छूट नहीं दी गई। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) उत्तरांश (क) अनुसार आवंटित प्रकरणों में, वर्तमान में शर्तों का उल्लंघन नहीं पाया गया। उल्‍लंघन पाये जाने की स्थिति में म.प्र. नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 की कंडिका 82 के अनुसार कार्यवाही का प्रावधान है।

डूमना नेचर रिजर्व में प्रस्‍तावित बटरफ्लाई पार्क

[वन]

107. ( क्र. 1080 ) श्री तरूण भनोत : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा जबलपुर स्थित डूमना नेचर रिजर्व को बटरफ्लाई पार्क के रूप में विकसित करने का प्रस्‍ताव बनाया गया था? (ख) यदि हाँ तो तत्‍संबंधी प्रस्‍ताव का विस्‍तृत ब्‍यौरा दें। साथ ही इसके प्रस्‍ताव पर कितना वित्‍तीय प्रावधान किया गया था? (ग) क्‍या प्रस्‍ताव पर स्‍वीकृति प्राप्‍त होने पर प्रारंभिक रूप से नगर निगम प्रशासन द्वारा प्रस्‍तावित भूमि को समतल करने और बाउण्‍ड्रीवॉल का कार्य भी कराया गया था? (घ) यदि हाँ तो उक्‍त कार्य पर हुए व्‍यय का ब्‍यौरा दें। साथ ही बटरफ्लाई पार्क के अन्‍य कार्यों की वर्तमान स्थिति से अवगत करावें।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। (ख) से (घ) प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

नगरीय निकायों में आने वाले राजस्‍व ग्राम

[राजस्व]

108. ( क्र. 1116 ) डॉ. हिरालाल अलावा : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन एवं बड़वानी जिले के किस-किस नगरीय निकाय की सीमा में कौन-कौन सा राजस्व ग्राम आता है? उस ग्राम की सीमा में कितनी-कितनी भूमि गैरखातें की किस-किस मद में राजस्व अभिलेखों में दर्ज है? (ख) किस-किस नगरीय निकाय के द्वारा वन अधिकार कानून 2006 के तहत जनवरी 2008 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक कितने-कितने सदस्यों की मोहल्ला समिति का किस आदेश दिनांक/अधिसूचना दिनांक से गठन किया? यदि समितियों का गठन प्रश्‍नांकित दिनांक तक भी नहीं किया हो तो उसका कारण बताएं। (ग) नगरीय सीमा में शामिल किस ग्राम में कितने व्यक्तिगत वन अधिकार एवं कितने सामुदायिक वन अधिकार के दावे प्रश्‍नांकित दिनांक तक मान्य एवं अमान्य किए गए? यदि यह कार्यवाही भी नहीं की हो तो उसका भी कारण बताएं। (घ) नगरीय सीमा में आने वाले क्षेत्रों के संबंध में मोहल्ला समिति बनाने, दावें आमंत्रित करने, दावें मान्य, अमान्य करने के संबंध में राज्य शासन एवं भारत सरकार ने कब कब पत्र आदेश, निर्देश जारी किए प्रति सहित बताएं?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'''' अनुसार है। (ख) वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अंतर्गत मोहल्‍ला समिति बनाना संबंधी कोई निर्देश नहीं है। (ग) जिला धार-निरंक हैं l झाबुआ-प्रश्‍न (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। अलीराजपुर- नगर परिषद चन्‍द्रशेखर आजाद नगर के ग्राम पोचीईमली में 47 व्यक्तिगत वन अधिकार के दावें प्राप्‍त हुए जिसमें से 27 दावे मान्‍य एवं 20 दावें अमान्‍य किए गए है तथा ग्राम कुक्षी में 38 व्यक्तिगत वन अधिकार के दावें प्राप्‍त हुए जिसमें से 5 दावे मान्‍य एवं 33 दावें अमान्‍य किए गए है, शेष निकाय में वन भूमि नहीं होने से जानकारी निरंक है। खरगोन- प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। बड़वानी- प्रश्‍नांश (ख) के परिप्रेक्ष्‍य में जानकारी निरंक है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट-'''' अनुसार हैl

उचित मूल्य दुकानों से वितरित सामग्री

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

109. ( क्र. 1632 ) श्री शिवदयाल बागरी : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि              (क) प्रदेश में उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को वितरण किये जाने हेतु वर्ष 2017-18 से उत्तर दिनांक तक कौन-कौन सी सामग्री कितनी-कितनी मात्रा में किस दर से क्रय की गई? उस पर कितनी राशि व्यय हुई? वर्षवार, सामग्री एवं जिलेवार जानकारी उपलब्ध करायें।                (ख) खरीदी गई सामग्री में से कौन-कौन सी एवं कितनी सामग्री वितरण की गई? सामग्री के भण्डारण में कितनी मात्रा खराब हुई? इसके लिये कौन उत्तरदायी है? उसके विरूद्ध विभाग/सरकार द्वारा क्या कोई कार्यवाही की गई? यदि हाँ, तो क्या? नहीं, तो क्यों? (ग) वर्ष 2020-21 से प्रश्‍न दिनांक तक में उपभोक्ताओं को खाद्य सामग्री का कितना आवंटन निर्धारित किया है? उत्तर दिनांक को आगामी माह शेष अवधि में वितरण हेतु किस-किस प्रकार का कितनी मात्रा में भण्डारण हैं?                                (घ) वर्ष 2020-21 में उत्तर दिनांक तक पी.डी.एस. डिस्ट्रीब्यूशन के लिए पन्ना एवं सतना जिले से कोई सामग्री का अन्य जिले में परिवहन किया गया? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी सामग्री? उसकी मात्रा सहित जानकारी जिलेवार बतायें।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) :  (क) से (घ) जानकारी एकत्रित की जा रही है।

राशन कार्ड हेतु आवेदन

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

110. ( क्र. 1659 ) श्री अजय कुमार टंडन : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) विगत तीन वर्षों में प्रश्‍न दिनांक तक दमोह विधानसभा क्षेत्र में कितने लोगों ने पात्रता पर्ची के लिए आवेदन किया है? निकायवार संख्या बताएं? (ख) उपरोक्त में से कितने आवेदन स्वीकृत किये जाकर आवेदक के नाम पात्रता पर्चियां जारी किये गये? (ग) कितने आवेदन अभी तक लंबित हैं तथा कितने के आवेदन अस्वीकृत किये गये? आवेदन के लंबित होने या अस्वीकृत होने का कारण भी बताएं।

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) दमोह विधानसभा क्षेत्रान्‍तर्गत विगत तीन वर्षों में 10916 व्‍यक्तियों द्वारा पात्रता पर्ची के लिये आवेदन किया गया है। निकायवार संख्‍या निम्‍नानुसार है:-

  1. जनपद पंचायत दमोह-7004
  2. नगर पालिका दमोह-3912

 (ख) उपरोक्‍त में से 8517 आवेदन पत्र स्‍वीकृत किये जाकर आवेदक के नाम पात्रता पर्ची जारी की गई। (ग) 274 आवेदन अभी तक लंबित है तथा 2125 के आवेदन अस्‍वीकृत किये गये:-

  1. 274 लंबित आवेदनों को दिनांक 22 जनवरी 2023 के पश्‍चात् स्‍वीकृत किया गया है तथा नियमानुसार आगामी माह में पात्रता पर्ची जारी कर दी जावेगी।
  2. अपात्र पाये जाने पर आवेदनों को अस्‍वीकृत किया गया है।

वनधन केन्‍द्रों की स्‍वीकृति

[वन]

111. ( क्र. 1674 ) श्री सुनील उईके : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या मध्यप्रदेश में ट्राईफेड संस्‍था भारत सरकार के निर्देश पर प्रधानमंत्री वनधन केन्द्रों की स्थापना आदिवासी विकासखण्डों में 15 वनधन स्‍व-सहायता  समूह प्रति समूह 20 आदिवासी महिलाओं को मिलाकर तीन सौ महिलाओं के वनधन केन्द्र जिला छिन्‍दवाड़ा के तामिया, हर्रई विकासखण्डों में स्वीकृत हुए हैं? यदि हाँ तो जुन्नारदेव, बिछुआ विकासखण्डों को प्रधानमंत्री वनधन विकास केन्द्रों से क्यों वंचित रखा गया है? क्या‍ मंत्री जी यहां भी वनधन केन्द्र खोलने पर विचार करेगें?             (ख) तामिया, हर्रई विकासखण्डों में स्वीकृत बम्हनी में बम्हनी लघुवनोपज समिति, तामिया में तामिया लघुवनोपज समिति, चिलक व छिन्दी, अतरिया लघुवनोपज समिति के चारों केन्द्रों में पृथक-पृथक सदस्यों को आज तक मिला लाभांश (अनुदान) की जानकारी एवं व्यय की जानकारी उपलब्ध करावें। (ग) क्या प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना से आज तक महिला स्‍व-सहायता समूह की सदस्यों को योजना का लाभ ही नहीं मिला? वन विभाग व लघुवनोपज समिति व अशासकीय संस्‍था ने मिलकर योजना के लाभों से महिलाओं को दूर रखा है? क्या मंत्री जी योजना की जांच सहकारिता विभाग से करायेंगे।

वन मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हॉ, जिला छिन्‍दवाड़ा अंतर्गत तामिया विकासखण्‍ड में वन विकास केन्‍द्र बम्‍हनी एवं परासिया विकासखण्‍ड में वन धन विकास केन्‍द्र मैनावाड़ी तथा हर्रई विकासखण्‍ड अंतर्गत वनधन विकास केन्‍द्र चिलक स्‍वीकृत किये गये है। वनधन केन्‍द्र वित्‍तीय संसाधनों के तहत स्‍वीकृत किये जाते है। अत: यह आवश्‍यक नहीं है कि सभी विकासखण्‍डों में वनधन केन्‍द्र स्‍वीकृत किये जाये। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ख) उक्‍त चार वनधन केन्‍द्र को स्‍वीकृत एवं व्‍यय राशि का विवरण निम्‍नानुसार है।

वनधन विकास केन्‍द्र

स्‍वीकृत राशि (रू. लाख में)

व्‍यय राशि (रू. लाख में)

मैनावाड़ी

15.00

11.62

बम्‍हनी

15.00

9.62

छिन्‍दी

15.00

10.10

चिलक

15.00

10.80

अनुदान राशि पृथक-पृथक सदस्‍यों को नहीं दी जाती है, अपितु वनधन केन्‍द्र हेतु स्‍वीकृत की जाती है। (ग) जिला छिन्‍दवाड़ा अंतर्गत वनधन विकास योजना से स्‍व-सहायता समूह की महिलाओं को भी योजना का लाभ प्राप्‍त हो रहा है। वन विभाग व लघु वनोपज समितियों द्वारा योजना के लाभों से महिलाओं का दूर रखने जैसी कोई स्थिति नहीं है। अत: शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

याचिका क्रमांक WP/21390/2021में स्टे वेकेट कराने की कार्यवाही

[राजस्व]

112. ( क्र. 1701 ) श्री महेश परमार : क्या राजस्व मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि               (क) माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में याचिका क्रमांक WP/21390/2021 प्रकरण में शासकीय अधिवक्ता द्वारा स्टे वेकेट कराने की कोई कार्यवाही अभी तक क्यों नहीं की गयी?          (ख) उक्त प्रकरण में प्रश्‍न दिनांक तक यानि अभी तक कितनी बार सुनवाई की गयी? (ग) प्रश्‍नांश (ख) के संबंध में शासकीय अधिवक्ता की उपस्थिति/अनुपस्थिति की जानकारी तारीखवार सारणी बनाकर देवें। (घ) उक्त प्रकरण में स्टे वेकेट कब तक करा लिया जावेगा?

राजस्व मंत्री ( श्री गोविन्‍द सिंह राजपूत ) : (क) निजी भूमि के संबंध में दो निजी पक्षकारों के मध्य वाद से संबंधित याचिका क्रमांक 21390/2021 माननीय उच्च न्यायलय खण्डपीठ इंदौर में न्‍यायाधीन है जिसमें शासन को भी पक्षकार बनाया गया है। प्रकरण स्‍थगन समाप्‍त करने के बिन्‍दु पर न्‍यायाधीन है। प्रकरण में प्रभारी अधिकारी द्वारा शासकीय अभिभाषक के माध्‍यम से शासकीय हितों के संरक्षण हेतु विधिवत कार्यवाही प्रचलित है। (ख) प्रकरण माननीय उच्च न्यायलय खण्डपीठ इंदौर में न्‍यायाधीन है। उच्च न्यायालय की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'' अनुसार है। (ग) शासकीय अधिवक्ता के उपस्थिति की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट -'अनुसार है। (घ) प्रश्‍नांश (क) अनुसार।

सोना मत्‍स्‍योद्योग सह. समिति भोपाल द्वारा गबन

[मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास]

113. ( क्र. 1715 ) श्री जालम सिंह पटैल : क्या जल संसाधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सोना मत्‍स्‍योद्योग सह. समिति भोपाल द्वारा शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए लाखों रूपये का गबन किया गया था? जांच रिपोर्ट के आधार पर उक्त संस्था में शासकीय कर्मचारियों की संलग्‍नता दर्शित हुई थी, शासकीय कर्मचारियों के नाम पद की जानकारी देवें?               (ख) क्या उक्त संस्था उपविधियों में दर्शित कार्यक्षेत्र के विपरीत रहवासियों को संस्था का सदस्य बनाकर फर्जी सदस्यों को संचालक मण्डल में रखा गया है? दिनांक 24/09/2021 को रिटर्निंग अधिकारी द्वारा संचालक मण्डल में किन-किन स्थानों पर रहने वालों को चुना गया? जबकि उपविधियों में दर्शित कार्यक्षेत्र के बाहर के सदस्य संस्था‍ के सदस्य नहीं बनाए जा सकते?                 (ग) शासन द्वारा उक्त अनियमितता की जांच कर, सहकारी अधिनियम 1960 की धाराओं के अनुसार कार्यवाही की जावेगी साथ ही रिटर्निंग अधिकारी द्वारा की गई त्रुटि की भी जांच कर कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी? यदि हाँ तो कब तक?

जल संसाधन मंत्री ( श्री तुलसीराम सिलावट ) : (क) जी हाँ। जांच प्रतिवेदन के अनुसार श्री संजय बाथम, सहायक ग्रेड-3 तथा हीरालाल वर्मा, सहायक सांख्यिकी अधिकारी संचालनालय मत्‍स्‍योद्योग भोपाल की संलग्‍नता दर्शित हुई है। क्रमांक डब्‍ल्‍यू पी 12253/19 से प्रकरण मा. उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर में विचाराधीन है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्‍ट –‘ अनुसार। (ख) जी नहीं। संस्‍था की आर्दश उपविधियों के अनुसार कार्यक्षेत्र कलियासोत जलाशय भोपाल नगर पालिक निगम तक सीमित है सभी संचालक कार्यक्षेत्र के निवासी है जानकारी पुस्‍तकालय में रखे परिशिष्ट- अनुसार(ग) जी नहीं। शेष प्रश्‍नांश उपस्थि‍त नहीं होता।

उपार्जन कार्य से हटायी गयी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां

[खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्‍ता संरक्षण]

114. ( क्र. 1819 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या खाद्य मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) प्रदेश में विगत तीन वर्षों में किन-किन प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों से फसलों के उपार्जन का कार्य वापस ले लिया गया? जिले अनुसार जानकारी देते हुए उपार्जन कार्य वापस लेने के कारणों से भी अवगत करावें। (ख) प्रश्‍नांश (क) में वर्णित प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों पर सहकारिता विभाग द्वारा क्‍या कार्यवाही की गयी? यदि नहीं तो क्‍यों नहीं की तथा कार्यवाही कब तक की जायेगी?

खाद्य मंत्री ( श्री बिसाहूलाल सिंह ) : (क) मर्थन मूल्‍य पर उपार्जित खाद्यान्‍न मात्रानुसार गोदामों में जमा कराने एवं किसानों को उनकी उपज का भुगतान सुनिश्चित करने हेतु उपार्जन कार्य में अनियमितता करने वाली संस्‍थाओं को उपार्जन कार्य से बाहर करने के लिए पात्रता के मापदण्‍ड निर्धारित हैं, जिसमें उपार्जन वर्ष के पूर्व के दो खरीफ विपणन तथा दो रबी विपणन वर्ष में उपार्जित एवं स्‍वीकृत मात्रा में 0.50% से अधिक अंतर वाली संस्‍थाओं (परिवहनकर्ता द्वारा की गई कमी को छोड़कर) को अपात्र माना गया है किन्‍तु, अपरिहार्य कारणों से जिला उपार्जन समिति द्वारा उपार्जन कार्य देने की अनुशंसा करने पर संस्‍था के संबंधित कर्मचारियों से स्‍कन्‍ध की अंतर मात्रा का 50% राशि (समर्थन मूल्‍य की दर से) एफ.डी. के रूप में जिला प्रबंधक, मध्‍यप्रदेश स्‍टेट सिविल सप्‍लाईज कार्पोरेशन के पास जमा कराए जाने तथा अंतर की राशि की वसूली के उपरांत संस्‍था को कार्य दिए जाने का प्रावधान किया गया है। उपार्जित एवं स्‍वीकृत मात्रा में 0.50% से अधिक अंतर वाली संस्‍थाओं की जानकारी ई-उपार्जन पोर्टल पर उपलब्‍ध है।                                    (ख) सहकारिता विभाग द्वारा उक्‍त अपात्र प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्‍थाओं के विरूद्ध आर्बीट्रेशन में प्रकरण दायर करना, मध्‍यप्रदेश सहकारी अधिनियम की धारा 58 (बी) अंतर्गत कार्यवाही करना, घटती मात्रा की राशि को जमा कराया जाना, एफ.आई.आर. (आपराधिक प्रकरण) दर्ज कराना, कर्मचारी सेवा नियम के तहत (निलंबन सेवा समाप्ति) की कार्यवाही करना एवं परिवहनकर्ताओं को नोटिस जारी किए जाने संबंधी कार्यवाहीयां की गई हैं। शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।