मध्यप्रदेश विधान सभा

 

की

 

कार्यवाही

 

(अधिकृत विवरण)

 

 

 

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  चतुर्दश विधान सभा                                                                                       दशम् सत्र

 

 

फरवरी-अप्रैल, 2016 सत्र

 

मंगलवार, दिनांक 29 मार्च, 2016

 

(9 चैत्र, शक संवत्‌ 1938 )

 

 

 [खण्ड-  10 ]                                                                                        [अंक- 19 ]

 

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मध्यप्रदेश विधान सभा

 

मंगलवार, दिनांक 29 मार्च, 2016

 

(9 चैत्र,  शक संवत्‌ 1938 )

 

विधान सभा पूर्वाह्न 11.02  बजे समवेत हुई.

 

{ अध्यक्ष महोदय (डॉ.सीतासरन शर्मा) पीठासीन हुए.}

 

                                               

 

 

 

 

                                                   निधन का उल्लेख

 

 

                   (1)     श्री सज्जन सिंह उईके, सदस्य विधान सभा,

                   (2)     श्री अब्दुल गय्यूर कुरैशी, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा, तथा      

                   (3)     श्री झुमुकलाल भेंडिया, भूतपूर्व सदस्य विधान सभा.

                            

                  

 

 

                   अध्यक्ष महोदय-- मुझे सदन को सूचित करते हुए अत्यन्त दु:ख  हो रहा है कि   मध्यप्रदेश विधानसभा के वर्तमान सदस्य श्री सज्जन सिंह उईके का दिनांक 19 मार्च एवँ पूर्व सदस्यगण, श्री अब्दुल गय्यूर कुरैशी का 13 मार्च तथा श्री झुमुकलाल भेंडिया का 18 मार्च, 2016 को निधन हो गया है.

 

                               

                                                                                               

 

 

                                                                                                                 

          मुख्यमंत्री(श्री शिवराज सिंह चौहान)माननीय अध्यक्ष महोदय, सदन में हमारे सहयोगी हमारे साथी विधायक, अभी भी भरोसा नहीं होता है कि वह अब हमारे  बीच नहीं हैं. सज्जन सिंह उईके जी अचानक हमें छोड़कर चले गये, वह सक्रिय थे, कर्मठ थे, जुझारू थे और अपनी किशोरावस्था से ही बैतूल जिले में, विशेषकर घोड़ाडोंगरी क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने अद्भुत काम किया था. माननीय अध्यक्ष महोदय, उनकी सक्रियता और जुझारूपन ऐसा था कि सत्ताधारी दल के विधायक होते हुए भी अगर उनको लगता था कि गरीबों के हित की लड़ाई लड़नी है, आदिवासियों की लड़ाई लड़नी है तो लड़ने में उन्होंने कभी संकोच नहीं किया. पहले जब वह विधायक नहीं थे तब भी लगातार विशेषकर आदिवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय रहे . जुझारू और लड़ाकू थे वह थे ही लेकिन मन में एक तकलीफ होती है कि एक छोटी बीमारी ने उनको हमसे छीन लिया. वह चूंकि दिन और रात सक्रिय रहते थे, तीन-तीन , चार-चार बजे तक दौरा करते थे, उनको पहले केवल डायबिटीज थी, उसकी तरफ वह अपनी सक्रियता के कारण , जनता के काम करने की ललक के कारण ध्यान नहीं दे पाये और बाद में ऐसी स्थिति बनी कि लाख प्रयास करने के बावजूद भी, उनको इलाज के लिए हमने यहाँ से बाहर दिल्ली भेजा था, मैंने स्वयं कोशिश और चिंता की कि वह स्वस्थ हों लेकिन क्रूर काल के हाथों हम उन्हें बचा नहीं पाये. इसी सदन के एक और हमारे साथी राजेश यादव जी भी युवावस्था में गये थे और सज्जन सिंह उईके जी की उम्र भी अभी केवल 54 साल थी.  माननीय अध्यक्ष महोदय, प्रसंग नहीं है, अवसर नहीं है लेकिन एक विचार मेरे मन में आता है कि हमारे सदन के जो विधायक हैं उनको साल में एक बार पूरा मेडीकल चेकअप जरूर कराना चाहिए. कई बार हम अपनी सक्रियता और व्यस्तता के कारण इन चीजों की अनदेखी करते हैं और कई बार छोटी चीज बहुत बड़ी बन जाती है इसलिए हम तो यह व्यवस्था कर सकते हैं कि मेडीकल चेकअप की व्यवस्था साल में एक बार विधानसभा की तरफ से ही हो जाये और हम अपने साथियों से आग्रह करें कि नियमित मेडिकल चेकअप उनके स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है यदि कोई छोटी मोटी बीमारी हो तो समय पर पता चल जाये और उसका इलाज किया जा सके किन्तु सज्जन सिंह जी को तो हम खो ही चुके हैं. मैंने उनकी लोकप्रियता उस दिन देखी जब मैं उनके अंतिम संस्कार में भाग लेने गया था . सचमुच में आम जनता के दिलों पर वह राज करते थे . बड़े गौर से सुन रहा था जमाना, तुम्हीं सो गये दास्तां कहते-कहते. मैं उनके चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं.

माननीय अध्यक्ष महोदय, ऐसे ही श्री अब्दुल गय्यूर कुरैशी साहब, उज्जैन में उनका जन्म हुआ था और वह विख्यात विधिवेत्ता थे, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के वह जज भी रहे और उन्होंने मध्यप्रदेश राज्य प्रशासनिक अधिकरण के चेयरमैन के रूप में कार्य किया था. माननीय कुरैशी जी 1962 से 1967 तक तीसरी विधानसभा के सदस्य रहे.राज्यसभा के लिए भी वह चुने गये उनके निधन से हमने एक प्रसिद्ध विधिवेत्ता को खोया है, कानूनविद् को खोया है और एक समाजसेवी व जनसेवी को हमने खोया है.

माननीय अध्यक्ष महोदय, शायद इस सदन के नये सदस्य उतने परिचित नहीं होंगे लेकिन बचपन में मैं जब भी अखबार पढ़ता था,श्री झुमकलाल भेंडिया जी का नाम सदैव अखबारों में रहता था. वह प्रदेश के बहुत कर्मठ,सक्रिय और जुझारू नेता थे और विशेषकर समाज के कमजोर वर्गों के लिए, आदिवासी भाईयों और बहनों के कल्याण के लिए जीवन भर वह लगातार प्रयास करते रहे. न केवल वह विधानसभा के सदस्य रहे वह तीसरी, चौथी, पांचवी,छठवीं,सातवीं  और नौवीं विधानसभा के सदस्य रहे थे. इससे उनकी लोकप्रियता का सहज ही अंदाज लगाया जा सकता है लेकिन वह केवल विधानसभा के सदस्य नहीं थे अपितु राज्यमंत्री  और मंत्री के रूप में भी उन्होंने प्रदेश की बड़ी सेवा की है वह कुशल प्रशासक थे. जिन विभागों के वह मंत्री थी उन पर गहरी पकड़ और पैठ होती थी और उन विभागों का उपयोग सदैव उन्होंने जन कल्याण के लिए किया, प्रदेश के कल्याण के लिए . माननीय अध्यक्ष महोदय, 1998 में वह राज्यसभा के सदस्य भी निर्वाचित हुए, उनके निधन से हमने एक वरिष्ठ समाजसेवी को खोया है,एक सफल और कुशल प्रशासक को खोया है, एक जनसेवी को खोया है, उनके निधन से मध्यप्रदेश के सार्वजनिक जीवन में जो शून्य पैदा हुआ है, रिक्तता आई है उसकी भरपाई आसानी से नहीं की जा सकती है. माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं अपनी ओर से, सदन की ओर से , प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की ओर से भगवान से, परमपिता परमात्मा से यह प्रार्थना करता हूं कि वह दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और उनकी परिवार को, उनके स्नेहियों, अनुयायियों को यह गहन दुख सहन करने की क्षमता दे. ओम शांति.                                                                                       

          उप नेता प्रतिपक्ष (श्री बाला बच्चन)(राजपुर)--  माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय श्री सज्जन सिंह उईके जी हमारे बीच में नहीं रहे हैं. यह बिल्कुल सच बात है कि वे सन् 1984 से अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में काम करते करते काफी लोकप्रिय हो चुके थे. उन्होंने बहुत काम किया है. शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है. मैं समझता हूँ कि इस बात को केवल हमारा समाज ही नहीं बल्कि उस क्षेत्र के और प्रदेश के हम लोग उनको कभी भी भूल नहीं सकते हैं. वे मध्यप्रदेश विधान सभा की 12 वीं विधान सभा के सदस्य भी चुने गए थे और उसके बाद अभी वर्तमान में भी वे भारतीय जनता पार्टी से घोड़ाडोंगरी विधान सभा क्षेत्र से विधायक थे. काफी लोकप्रिय नेता रहे हैं और माननीय अध्यक्ष महोदय, जिस तरह से माननीय मुख्यमंत्री जी ने जो कहा है कि हम विधायकों का स्वास्थ्य परीक्षण होते रहना चाहिए, एक के बाद एक जो विधायक हमारे बीच से चले जा रहे हैं, वह अच्छी बात नहीं है. मैं भी इस पहल की, शुरुआत जो माननीय मुख्यमंत्री जी ने की है, मैं भी इस बात को मानता हूँ क्योंकि हम लोग काम करते करते कार्यों में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने स्वास्थ्य पर हम लोग ध्यान नहीं दे पाते हैं. इन कारणों से बाद में हमें दिक्कतें होती हैं और फिर दुनिया से ही चल देते हैं तो माननीय अध्यक्ष महोदय, आज हमारे बीच में जो श्री सज्जन सिंह उईके जी, जो नहीं रहे, लेकिन उनकी जो सेवाएँ हैं, मैं समझता हूँ कि हम सबके लिए, पूरे प्रदेशवासियों के लिए, अविस्मरणीय है, हमेशा हमेशा के लिए हमारे बीच में उनकी याद बनी रहेगी तो मैं ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूँ कि उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूँ.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, ऐसे ही श्री अब्दुल गय्यूर कुरैशी जी का जन्म 6 दिसंबर 1932 को उज्जैन में हुआ था और यह मेरी जानकारी में है कि 1984 से 1986 तक वे विधि एवं विधायी कार्य के, जो विधि परामर्शक एवं सचिव रहे हैं. उसके बाद मध्यप्रदेश के हाई कोर्ट के वे जज भी रहे हैं. उसके बाद वे विधायक भी चुने गए और राज्य सभा सदस्य भी रहे हैं. उनके निधन से भी एक बहुत बड़ी जो क्षति हम सबके लिए पूरे प्रदेश में हुई है. वे बहुत बड़े कानूनविद् भी थे, वे आज हमारे बीच में नहीं हैं. मैं समझता हूँ कि मैं उन्हें मेरी तरफ से तथा मेरे दल की तरफ से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति भी मैं मेरी तरफ से तथा मेरे दल की तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूँ.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, ऐसे ही आदरणीय मुख्यमंत्री जी ने बिल्कुल ठीक कहा कि श्री झुमुकलाल भेंडिया जी बहुत फेमस व्यक्ति थे, बड़े राजनीतिज्ञ थे. उन्होंने बहुत सेवाएँ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़, जो अलग हो गया है, जब हमारा अविभाजित राज्य था, काफी सेवाएँ दीं, बड़ा नाम था, हम लोगों के लिए, मैं भी उनसे कई बार मिला हूँ. वे भी आज हमारे बीच में नहीं हैं. माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपको बताना चाहता हूँ कि जिस तरह से वे तीसरी, चौथी, पाँचवी, छठी, सातवीं और उसके बाद नौवीं विधान सभा के सदस्य के रूप में वे चुनकर आए और मध्यप्रदेश के कई बार वे राज्य मंत्री भी रहे हैं उसके बाद वे केबिनेट मंत्री भी रहे हैं तथा उसके बाद वे राज्य सभा में भी चुन कर गए हैं. वे भी आज हमारे बीच में नहीं हैं तो मैं उन्हें भी मेरी तरफ से तथा मेरे दल के सभी साथियों की तरफ से श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ और ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूँ कि वह दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति मैं मेरी तरफ से, मेरे दल की तरफ से और मध्यप्रदेश की पूरी सात करोड़ जनता की तरफ से संवेदना प्रकट करता हूँ. शांति ऊँ.

            श्री सत्यप्रकाश सखवार(अम्बाह)--  माननीय अध्यक्ष महोदय, मुझे सदन को सूचित करते हुए अत्यन्त दुख हो रहा है कि मध्यप्रदेश विधान सभा के वर्तमान सदस्य श्री सज्जन सिंह उईके जी का दिनाँक 19 मार्च एवं पूर्व सदस्य श्री अब्दुल गय्यूर कुरैशी जी का दिनाँक 13 मार्च तथा श्री झुमुकलाल भेंडिया जी का 18 मार्च 2016 को निधन हो गया है. माननीय अध्यक्ष महोदय, सदन के माननीय श्री सज्जन सिंह उईके जी का आकस्मिक निधन हो गया है. जिसके कारण मैं और मेरी पार्टी क्षुब्ध है. श्रद्धेय उईके जी अपने नाम के अनुरूप ही सज्जन, नेक तथा मिलनसार व्यक्ति थे. शिक्षा के धनी थे और उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में, राजनैतिक क्षेत्र में, काफी काम किया है. उनके निधन से मैं दुख प्रकट करता हूँ तथा मैं अपनी पार्टी की तरफ से कुदरत से कामना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति मिले एवं उनके परिवार को इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे. मैं अपनी ओर से तथा अपनी पार्टी की ओर से, सभी विधायकों की ओर से, उन्हें शोक श्रद्धांजलि देता हूँ.

            उपाध्यक्ष महोदय (डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंह)--माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मुख्यमंत्रीजी, माननीय नेता प्रतिपक्ष और सखवार जी द्वारा जो इन दिवंगत आत्माओं के प्रति श्रद्धांजलि दी गई है मैं भी अपने आपको उससे जोड़ता हूं.

          अध्यक्ष महोदय, मैं विशेष रुप से स्वर्गीय श्री झुमुकलाल भेंडिया जी का उल्लेख करना चाहूंगा. सन् 1980 में जब मैं पहली बार विधान सभा का सदस्य बना उस विधान सभा में आदरणीय भेंडिया जी भी चुने गये थे. माननीय अर्जुन सिंह जी की मंत्रिपरिषद में वे उद्योग मंत्री थे तब हम लोगों की उम्र कम थी लेकिन जब भी हम उनके पास मार्गदर्शन या जानकारी लेने के लिए जाते थे तो वे बड़ी सहृदयता से बड़े विस्तार से और प्रेम से बातें करते थे. मैं यह कहूं तो अतिश्योक्ति नहीं होगी वह चाहे कम उम्र का व्यक्ति हो चाहे हम उम्र हो चाहे सयाना हो वे सभी के हर दिल अजीज हुआ करते थे. चूंकि मैं उद्योग इत्यादि में रुचि लेता था उसी तरह के प्रश्न मैं उनसे किया करता था, जिरह किया करता था, चर्चा किया करता था. भेंडियाजी ने मुझे कहा था कि तुम इस विषय में बहुत रुचि लेते हो आगे चलकर मध्यप्रदेश के उद्योग मंत्री बनोगे और संयोग ऐसा रहा कि वर्ष 1993 से 1998 के बीच में मुझे उद्योग मंत्री बनने का संयोग मिला.

          अध्यक्ष महोदय, भेंडिया जी के न रहने से एक रिक्तता आई है, आदरणीय उईके जी, आदरणीय कुरैशी साहब एक मिशाल थे वे न्यायपालिका से विधायिका में आये एक तरह से गियर शिफ्टिंग हुआ. इन सभी दिवंगत आत्माओं के प्रति मेरी विनम्र श्रद्धांजलि है. ओम् शांति.

          श्री आरिफ अकील (भोपाल उत्तर)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, आज की कार्यसूची में श्री सज्जन सिंह, श्री अब्दुल गय्यूर कुरैशी और श्री झुमुकलाल भेंडियाजी का उल्लेख है. मैं इन तीनों को अपनी तरफ से श्रद्धांजलि पेश करता हूँ. आज के समय में हम यह संकल्प लेने की कोशिश करते हैं कि इन तीनों के जो अधूरे काम हैं उन कामों को हम पूरा करने का प्रयास करें. खासतौर से गय्यूर कुरैशी साहब ने जिस तरीके से गैस राहत के क्षेत्र में भोपाल के लोगों की मदद की उनको मुआवजा दिलवाने में मदद की, उनको नौकरी दिलवाने में मदद की, उनका पुनर्वास करने में मदद की यह सराहनीय काम हैं. उनके अधूरे कामों को पूरा करने पर विचार किया जा सकता है. मध्यप्रदेश के वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की हैसियत से उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है, अध्यक्ष महोदय, उनके अध्यक्ष रहते हुए बाल बराबर जमीन भी मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड की कोई ले नहीं पाया. हालांकि आज मौका नहीं है लेकिन मुख्यमंत्रीजी से दो अनुरोध करना चाहता हूँ कि कृपा करके दो व्यवस्थायें कर दीजिये एक तो मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड में जो उनकी इच्छा थी कि मुतावल्ली कमेटी में भी सूचना का अधिकार लागू हो उसको लागू करने का प्रयास करिये और वक्फ बोर्ड का कोई वारिस बना दीजिये. जब कोई शिकायत होती है तो कहा जाता है कि मंत्री से करो, सीएस से करो, पीएस से करो, कमिश्नर को करो. कहा जाता है कि वक्फ बोर्ड में हम सीधे टच में नहीं हैं. आज इस मौके पर मैं यह अनुरोध करना चाहता हूँ कि वक्फ बोर्ड का कोई एकाध वारिस बना दीजिए कि उसमें जो अनियमितताएं हों लापरवाही हों तो उनकी हम शिकायत उनसे कर सकें.

          अध्यक्ष महोदय, मैं तीनों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ आपने समय दिया उसके लिए आपका आभारी हूं.

          अध्यक्ष महोदय--मैं सदन की ओर से शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूँ. अब सदन दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करेगा.

( सदन द्वारा मौन खड़े रहकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई )

          अध्यक्ष महोदय--दिवंगतों के सम्मान में सदन की कार्यवाही बुधवार दिनांक 30 मार्च, 2016 को 11.00 बजे तक के लिए स्थगित.

          प्रात:  11.20 बजे विधानसभा की कार्यवाही बुधवार, दिनांक 30 मार्च, 2016 (10, चैत्र, शक संवत् 1938) के पूर्वाह्न 11.00 बजे तक के लिये स्थगित की गई.

 

 

भोपाल :                                                                                              भगवानदेव ईसरानी

दिनांक : 29 मार्च, 2016                                                                 प्रमुख सचिव,

                                                                                       मध्यप्रदेश विधान सभा