मध्यप्रदेश विधान सभा

 

की

 

कार्यवाही

 

(अधिकृत विवरण)

 

 

 

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चतुर्दश विधान सभा                                                                                               त्रयोदश सत्र

 

 

फरवरी-मार्च, 2017 सत्र

 

बुधवार, दिनांक, 22 मार्च 2017

 

(1 चैत्र, शक संवत्‌ 1939)

 

 

[खण्ड- 13 ]                                                                                                             [अंक-16]

 

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मध्यप्रदेश विधान सभा

 

बुधवार, दिनांक 22 मार्च, 2017

 

(1 चैत्र, शक संवत्‌ 1939)

 

विधान सभा पूर्वाह्न 11.03 बजे समवेत हुई.

 

{अध्यक्ष महोदय (डॉ. सीतासरन शर्मा) पीठासीन हुए.}

 

स्‍कूल भवन निर्माण

[स्कूल शिक्षा]

1. ( *क्र. 902 ) श्री राजेन्द्र फूलचं‍द वर्मा : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या विभाग द्वारा सोनकच्‍छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत टोंककला में हायर सेकेण्‍ड्री स्‍कूल के छात्र-छात्राओं के लिए स्‍कूल भवन स्‍वीकृत किया गया था? (ख) क्‍या ग्राम टोंककला में करीब 8 वर्ष पूर्व स्‍कूल भवन स्‍वीकृत होकर निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था, जिसका कार्य अधूरा ही छोड़ दिया गया, जिसके कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है? (ग) क्‍या शासन छात्र-छात्राओं के भविष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए उक्‍त अधूरे स्‍कूल भवन को पूरा करने हेतु राशि स्‍वीकृत करेगा? यदि हाँ, तो कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों नहीं?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। सोनकच्छ विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत टोंककला में हायर सेकेण्डरी स्कूल का भवन दिनांक 15.01.2007 को स्वीकृत किया गया था।                (ख) जी हाँ। निर्माण कार्य अपूर्ण है। शासकीय उ.मा.वि. टोंककला जिला देवास का संचालन माध्‍यमिक विद्यालय के भवन में किया जा रहा है। (ग) भवन निर्माण हेतु पुनरीक्षित तकनीकी एवं प्रशासकीय स्‍वीकृति की कार्यवाही विचाराधीन है, बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।

          श्री राजेन्‍द्र फूलचंद वर्मा-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा आज का प्रश्‍न अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है. माननीय शिवराज जी के नेतृत्‍व में मध्‍यप्रदेश की सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार अनेक उल्‍लेखनीय कार्य कर रही है. चाहे वह ''मिल बांचे'' का कार्यक्रम हो, गणवेश देने का कार्यक्रम हो या सायकिल देने का काम हो. मुझे बड़े खेद के साथ यह कहना पड़ रहा है कि मेरी विधानसभा क्ष्‍ोत्र के ग्राम टोंककला में वर्ष 2007 में हायर सेकेण्‍डरी स्‍कूल स्‍वीकृत हुआ था. 10 से 11 वर्ष पूर्ण होने को आ गए हैं आज भी वह स्‍कूल अधूरा है. क्‍या माननीय मंत्री जी उसको पुनरीक्षित तकनीकी स्‍वीकृति और प्रशासकीय स्‍वीकृति प्रदान करेंगे?

          कुंवर विजय शाह-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, वर्ष 2006-07 में स्‍कूलों को भवनों के लिए राशि दी जाती थी. हमने उसके नियमों में संशोधन किया है. पहले कुछ राशि देते थे और जब बिल्डिंग कम्‍प्‍लीट हो जाए तो फिर कुछ राशि दे देते थे. उस कारण से कई बिल्डिंगें अधूरी रह गईं हैं. मुझे इस बात को स्‍वीकार करने मे थोड़ा सा भी संकोच नहीं है. जहां तक सवाल माननीय विधायक जी की बिल्डिंग का है वह वर्ष 2007 की बिल्डिंग है. एक साल के अंदर विभाग पूरी पुनरीक्षित स्‍वीकृति दे रहा है. वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन ने काम किया है लेकिन यह काम कम्‍प्‍लीट होने के बाद अब भवन बनाने के लिए हम कोई भी काम वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन को नहीं देंगे. एक साल में बिल्डिंग कम्‍प्‍लीट हो जाएगी यह मेरी जवाबदारी है.

            श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा--माननीय अध्यक्ष महोदय, यह तो मेरे क्षेत्र की बात हो गयी लेकिन मेरे ही क्षेत्र में ऐसे 6-7 स्कूल हैं जिनकी पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति है. यह पूरे प्रदेश में है इसके लिए माननीय मंत्री जी को धन्यवाद की उन्होंने इसके लिए पॉलिसी बना दी है. एक साल का समय बहुत होता है. इसको यदि माननीय मंत्री जी छह महीने कर देंगे तो अच्छा होगा.

          कुँवर विजय शाह--माननीय अध्यक्ष महोदय, एक करोड़ रुपए से अधिक की बिल्डिंग है एक साल से कम में कैसे बनेगी.

          श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा-- माननीय अध्यक्ष महोदय, आपका संरक्षण चाहते हुए मैं यह कहना चाहता हूँ कि आधी बिल्डिंग बन गई है.

          कुँवर विजय शाह--अध्यक्ष महोदय, अगर आज भी शुरु करें तो एक साल से पहले कैसे बनेगी. एक साल से पहले नहीं बन सकती है.

          श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा--माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी यह घोषणा कर दें कि आज ही हम इसकी प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर देंगे.

          कुँवर विजय शाह--माननीय अध्यक्ष महोदय, पूरा परीक्षण करके और वर्तमान में कितना पैसा लगेगा इसकी जानकारी हमने सात दिन के अन्दर बुलाई है. मैं कह रहा हूँ कि एक साल में बिल्डिंग बन जाएगी.

          श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मां--माननीय अध्यक्ष महोदय, मंत्री जी प्रशासकीय स्वीकृति की घोषणा आज कर दें भले वह 6 दिन में हो या चार महीने में हो.

          अध्यक्ष महोदय--मंत्री जी सात दिन का कह रहे हैं. सात दिन में स्वीकृति देकर फिर आगे काम करेंगे.

          श्री राजेन्द्र फूलचंद वर्मा--यह तो हो गया है इसके कागज भी मेरे पास हैं आप कहेंगे तो मैं टेबिल कर दूंगा.

          अध्यक्ष महोदय--अब आप बैठ जाएं.

 

 

राज्‍य बीमारी सहायता योजना से लाभांवित हितग्राही

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

2. ( *क्र. 6014 ) श्री लखन पटेल : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) मध्‍यप्रदेश में मुख्‍यमंत्री राज्‍य बीमारी सहायता योजना कब से लागू की गई व दमोह जिले में प्रश्‍न दिनांक तक कितने लोग लाभांवित हुए हैं? कुल संख्‍या अलग अलग विधानसभा क्षेत्रवार बतावें (ख) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में इस योजना में योजना के लागू होने से दमोह जिले में आज तक शासन द्वारा कितनी राशि खर्च की जा चुकी है? (ग) प्रश्नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में इस योजना में पथरिया विधानसभा में वर्ष 2013-14 से प्रश्‍न दिनांक तक लाभांवित लोगों की संख्‍या ग्रामवार बतावें?

लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) मध्यप्रदेश में राज्य बीमारी सहायता निधि योजना 02 सितम्बर 1997 से लागू की गई। शेष जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

          श्री लखन पटेल--माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा प्रश्न माननीय मुख्यमंत्री जी की बहुत महत्वपूर्ण और महत्वाकांक्षी राज्य बीमारी सहायता योजना से संबंधित है. आज दिनांक तक इस योजना द्वारा हजारों लोगों को लाभ पहुँचाया गया है. मैंने प्रश्न में मंत्री जी से जानना चाहा था कि जब से यह योजना प्रारंभ हुई है तब से अब तक कितने लोगों को इसका लाभ मिला है और कितनी राशि दी गई है. माननीय मंत्री जी ने मुझे जिले का जवाब दे दिया है, जो कि अधूरा है. मैं प्रदेश स्तर की जानकारी चाहता था. क्या मंत्री जी मुझे पूरे प्रदेश की जानकारी दे सकेंगे. यह बहुत महत्वपूर्ण योजना है इससे गरीबों को बहुत लाभ पहुंच रहा है इसलिए मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूँ. मुझे लगता है इसका जिले में प्रचार-प्रसार कम हो रहा है. क्या मंत्री जी इसकी कोई योजना है जिससे कि इसका प्रचार-प्रसार अच्छे से हो सके. इस योजना के लिए लोगों को बार-बार विधायक तक न आना पड़े और वे सीधे इस योजना का लाभ ले सकें.

          माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा दूसरा प्रश्न है कि क्या जिले में इस योजना का कोई नोडल अधिकारी बनाएंगे जिससे की लोगों को परेशानी न हो.

          राज्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (श्री शरद जैन)--माननीय अध्यक्ष महोदय, यह कहना सही है कि राज्य बीमारी सहायता योजना मुख्यमंत्री जी की महत्वपूर्ण योजना है. माननीय विधायक जी ने जवाब चाहा था तो उनको दमोह जिले का जवाब दे दिया है और उनके विधान सभा क्षेत्र का भी जवाब दे दिया है जिसमें संख्या और राशि की जानकारी दी गई है. माननीय विधायक जी प्रदेश की जानकारी चाहते हैं. अभी तक 6730 लोगों को इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ मिला है और कुल राशि 67 करोड़ 30 लाख रुपए व्यय किए गए हैं. हम आपको धन्यवाद दे रहे हैं कि आप ऐसे विधायक साबित हुए हैं कि जिन्होंने खुद के विधान सभा क्षेत्र में पर्याप्त मामले स्वीकृत कराए हैं. आपको आपके विधान सभा क्षेत्र से लेकर प्रदेश स्तर तक की जानकारी है, आप जागरुक हैं. जहां तक इस योजना के प्रचार-प्रसार की बात है इसकी एक महत्वपूर्ण योजना है. संपूर्ण विभाग और सरकार इस कार्य में बहुत तेजी से लगे हैं. ठीक ढंग से प्रचार-प्रसार विभाग द्वारा किया जा रहा है.

          श्री लखन पटेल--माननीय मंत्री जी क्या जिले में कोई नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे जिससे लोगों को भोपाल तक न आना पड़े.

          श्री शरद जैन--माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य को इसकी प्रक्रिया की जानकारी होगी. अब किसी को भोपाल आने की आवश्यकता नहीं है. अब जो भी प्रकरण स्वीकृत होंगे जिला स्तर पर होंगे. क्या आपको इस बात की जानकारी है ?

          श्री लखन पटेल-- जी मुझे इसकी जानकारी है.

          श्री शरद जैन--अब जो भी प्रकरण स्वीकृत होंगे वे जिला स्तर पर होंगे और इसकी बहुत कम प्रक्रिया है. एक तो गरीबी रेखा का कार्ड और हास्पिटल का इस्टीमेट इसमें लगेगा और स्वीकृत कर दिया जाएगा.                                                                     

          श्री राजेन्‍द्र फूलचंद वर्मा-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा इसमें निवेदन यह था कि प्रश्‍न राज्‍य बीमारी सहायता निधि का नहीं है. प्रश्‍न वल्‍लभ भवन से मुख्‍यमंत्री स्‍वैच्‍छानुदान के अंतर्गत राज्‍य बीमारी सहायता निधि से राशि स्‍वीकृत होने का है. क्‍या इसके संबंध में जिले में कोई नोडल अधिकारी बनाया जाएगा ? क्‍योंकि हर आदमी भोपाल और वल्‍लभ भवन की पहुंच से दूर है. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, प्रश्‍न राज्‍य बीमारी सहायता का है.

          अध्‍यक्ष महोदय-  यह राज्‍य बीमारी सहायता कोष का प्रश्‍न है. राज्‍य बीमारी सहायता तो जिले से ही दी जाती है.

            श्री शरद जैन-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, प्रश्‍न राज्‍य बीमारी सहायता से संबंधित है. प्रश्‍नकर्ता द्वारा भी इस बात को स्‍वीकार किया गया है. माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं एक और जानकारी सदन को देना चाहता हूं. इस प्रकार के जो भी प्रकरण आते हैं, हम ऐसे प्रकरणों का 10 दिनों के अंदर निराकरण कर देते हैं.

          श्री लखन पटेल-  धन्‍यवाद, मंत्री जी.

छतरपुर जिलांतर्गत छात्रावासों में व्‍यय राशि

[स्कूल शिक्षा]

3. ( *क्र. 2319 ) कुँवर विक्रम सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छतरपुर जिले में कस्‍तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में विकासखण्‍डवार वर्ष 2014-15 से जनवरी 2017 तक मदवार, वर्षवार कितनी राशि का व्‍यय किया गया? पृथक-पृथक जानकारी उपलब्‍ध करावें (ख) क्‍या जो व्‍यय किया गया उसमें गंभीर अनियमितताएं प्रकाश में आयीं तथा प्रमाणित पाईं गईं? यदि हाँ, तो कौन-कौन सी? जानकारी दें। (ग) क्‍या 11 वर्ष तक लगातार छात्रावास में वार्डन का अतिरिक्‍त प्रभार सहायक अध्‍यापिका तथा अन्‍य अध्‍यापिका को दिया गया जिसको कलेक्‍टर छतरपुर ने आदेश क्र. 141, दि. 11.01.2017 को प्रमाणित किया? (घ) यदि हाँ, तो अब तक जो अतिरिक्‍त प्रभार लगातार चलता रहा, उसमें कौन-कौन दोषी है?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) छतरपुर जिले में कस्‍तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में विकास खण्‍डवार वर्ष 2014-15 से जनवरी 2017 तक की मदवार वर्षवार राशि का व्‍यय पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) जी नहीं। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है। (ग) जी हाँ।  (घ) वार्डन पद के प्रभार हेतु समय-सीमा निर्धारित नहीं है। अत: शेषांश का प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता है।

          कुँवर विक्रम सिंह-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, पहली बात तो मैं यह कहना चाहता हूं कि सदन में विभागों के माध्‍यम से जो जानकारियां आती हैं, वे असत्‍य होती हैं. इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए. मैं माननीय मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि प्रश्‍नांश (क) के उत्‍तर में वर्ष 2014-15 से जनवरी 2017 तक जो व्‍यय किया गया है, उसमें गंभीर अनियमिततायें की गई हैं. जिन संस्‍थाओं को भुगतान किया गया है, वह चैक द्वारा नहीं किया गया है और उसमें TIN नंबर भी नहीं है. क्‍या विकासखंडवार कस्‍तूरबा गांधी छात्रावासों की जांच प्रश्‍नकर्ता के समक्ष मंत्री जी करवायेंगे ?

          कुँवर विजय शाह-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जहां तक जांच का प्रश्‍न है, एक बार जांच हुई है. मैं स्‍वीकार करता हूं कि वार्डन की जांच में कुछ अनियमिततायें अवश्‍य हुई हैं. उन्‍होंने अपने रिश्‍तेदारों को रसोईये या अन्‍य पदों पर लगा लिया है. हम उस वार्डन को तत्‍काल प्रभाव से वहां से हटा रहे हैं. हम न केवल उस वार्डन को वहां से हटा रहे है बल्कि पूरे मध्‍यप्रदेश में एक नीति बना रहे हैं कि जिन वार्डनों को एक ही स्‍थान पर 3-4 सालों से अधिक का समय हो गया है, अब वह वार्डन वहां नहीं रहेगी, उनका ट्रांसफर कर दिया जायेगा. एक ही जगह पर रहते-रहते कई बार लोकल लोगों से गहरा संपर्क स्‍थापित हो जाता है.

            कुँवर विक्रम सिंह-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, ईशानगर की वार्डन द्वारा अनियमिततायें की गई हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय-  उत्‍तर पूरा हो जाने दीजिए.

          कुँवर विजय शाह-  माननीय सदस्‍य, मैं आज ईशानगर की वार्डन को भी हटा रहा हूं और नियम भी बनाए जा रहे हैं कि 3 साल से ज्‍यादा कोई भी वार्डन अब मध्‍यप्रदेश के किसी भी कस्‍तूरबा गांधी छात्रावास में नहीं रहेगी.

          कुँवर विक्रम सिंह-  धन्‍यवाद, मंत्री जी.

ट्रांसफार्मर हेतु अनुदान

[आदिम जाति कल्याण]

4. ( *क्र. 6199 ) श्रीमती पारूल साहू केशरी : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या आदिम जाति कल्‍याण विभाग के अंतर्गत अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों को खेती के लिये ट्रांसफार्मर लगवाये जाने हेतु अनुदान राशि दिये जाने का प्रावधान है? (ख) यदि हाँ, तो प्रश्‍नांश (क) के परिप्रेक्ष्‍य में सागर जिले में 01 जनवरी 2014 से प्रश्‍न दिनांक तक कितने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कृषकों ने ट्रांसफार्मर लगवाये जाने के लिये अनुदान राशि की मांग की थी? कितने कृषकों को अनुदान राशि स्‍वीकृत की जाकर ट्रांसफार्मर हेतु विभाग द्वारा राशि उपलब्‍ध न कराये जाने के कारण प्रकरण लंबित हैं? (ग) प्रश्‍नांश () के अनुसार लंबित प्रकरणों का निराकरण कब तक कर दिया जावेगा?

आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जी नहीं। अनुसूचित जाति तथा जनजाति के कृषकों के कूपों तक विद्युत लाईन का विस्‍तार किया जाता है। (ख) एवं (ग) शेष प्रश्‍न उपस्थित नहीं होता।

          श्रीमती पारूल साहू केशरी-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मंत्री जी ने अपने उत्‍तर में कहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों के कूप पंपों तक विद्युत लाईन का विस्‍तार किया जाता है. अध्‍यक्ष महोदय, मेरी विधान सभा क्षेत्र में लगभग 50 से अधिक अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों के कूप पंपों तक विद्युत लाईनों के विस्‍तार का प्रस्‍ताव और MPEB के एस्‍टीमेंट पिछले 1 साल से सहायक आयुक्‍त आदिवासी विकास, सागर के कार्यालय में, विभाग द्वारा आवंटन न उपलब्‍ध कराए जाने के कारण लंबित है. मैं आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री जी से यह आग्रह करना चाहती हूं कि तत्‍काल इन वर्गों के किसानों को योजना का लाभ दिलाया जाए और इस हेतु बजट जल्‍द से जल्‍द 31 मार्च से पूर्व की सेंक्‍शन किया जाए.

          राज्‍यमंत्री, सामान्‍य प्रशासन विभाग (श्री लाल सिंह आर्य)-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, किसानों के द्वारा जो भी प्रस्‍ताव विभाग को भेजे जाते हैं यदि बजट होता है तो स्‍वाभाविक रूप से वे प्रस्‍ताव स्‍वीकृत होते ही हैं. यदि इसमें बजट होगा तो हम इसका परीक्षण करवा लेंगे और अगर विधायक महोदया के कोई प्रस्‍ताव होंगे तो हम निर्देश जारी करेंगे कि वे कार्य स्‍वीकृत हों.

          श्रीमती पारूल साहू केशरी-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इसमें मेरे द्वारा प्रस्‍ताव भी दिए गए हैं और ये प्रस्‍ताव पिछले 1 साल से लंबित हैं. इस संबंध में सागर के आयुक्‍त महोदय द्वारा भोपाल कमिश्‍नर को पत्र भी लिखा गया है, लेकिन जब तक बजट यहां से सेंक्‍शन नहीं होगा तब तक इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पाएगा. मैं माननीय मंत्री जी से आग्रह करती हूं कि बजट 31 मार्च के पूर्व जल्‍द से जल्‍द यदि सेंक्‍शन हो जाएगा तो किसानों को इस योजना का लाभ मिल जाएगा.

          श्री लाल सिंह आर्य-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, पूर्व में भी सागर संभाग और विभिन्‍न विधान सभा क्षेत्रों में इस हेतु बजट स्‍वीकृत किया गया है. जिन किसानों ने आवेदन किया है उनके लिए पंप ऊर्जीकरण हेतु राशि भी आवंटित की गई है. जैसा विधायक महोदया ने कहा है यदि उनका 1-2 गांवों के लिए कोई प्रस्‍ताव हो तो अगर बजट होगा तो निश्चित मिलेगा क्योंकि यह सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की हिमायती सरकार है.

          नेता प्रतिपक्ष (श्री अजय सिंह)--  माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री महोदय शायद पूरी जानकारी नहीं दे पा रहे हैं. पहले जिला स्तर पर एक कमेटी हुआ करती थी, अनुसूचित जाति, जनजाति के इस मद के बजट के लिए, उसमें विधायकों की भी राय ली जाती थी. वह आजकल नहीं है. यदि वह विधायकों की कमेटी रहे और उसकी अनुशंसा में पास हो, कोई भी विधायक उस जिले का हो, उनकी अनुशंसा में वह कमेटी होती थी. आजकल आप अधिकारियों के भरोसे से वह बजट का आवंटन करते हैं, जिसकी वजह से लापरवाही हो जाती है. (मेजों की थपथपाहट) अध्यक्ष महोदय, मेरा आप से अनुरोध है कि मध्यप्रदेश का जो पुराना कानून था, जो आपने परिवर्तित किया है, उसको वापस लागू कर दें.

             वन मंत्री (डॉ.गौरीशंकर शेजवार)--  परिवर्तन नहीं किया.

          श्री अजय सिंह--  परिवर्तन नहीं किया है तो कुछ उसमें हेरफेर किया है. अध्यक्ष महोदय, परिवर्तन हुआ है. आप भी उसी वर्ग से विशेष बिलांग करते हैं शायद आप मंत्री हैं इसलिए उसकी जानकारी नहीं होगी. लेकिन हम लोग जो साधारण विधायक हैं, वह अपने क्षेत्र में, जिले में....

          कुँवर विजय शाह-- किसी भी माननीय सदस्य के वर्ग विशेष का उल्लेख करना ठीक नहीं है.

          डॉ.गौरीशंकर शेजवार--  कोई बुराई नहीं है.

          श्री अजय सिंह--  कोई बुराई नहीं है. आप उस वर्ग में नहीं हों जबर्दस्ती बने हों उस वर्ग में, यह बुराई जरूर है. एक तरफ राजा बनते हैं दूसरी तरफ लाभ लेते हैं..

          कुँवर विजय शाह--  राजा की तो कोई जात नहीं होती.

          श्री अजय सिंह--  उसमें मैं नहीं जाना चाहता. अध्यक्ष महोदय, मैं आप से अनुरोध करता हूँ कि मंत्री महोदय इसमें स्पष्ट निर्देश दे दें कि जिस तरह से पहले व्यवस्था थी, यदि वह व्यवस्था हो जाए तो यह समस्या चाहे उनकी हो, चाहे किसी की हो, तो ठीक रहेगा.

          श्री लाल सिंह आर्य--  माननीय अध्यक्ष महोदय, पूर्व में भी कलेक्टर की अध्यक्षता में एक कमेटी होती थी, वह इन कामों को स्वीकृत करती थी और विभिन्न जो माननीय सदस्य हैं वे भी अपनी अनुशंसाएँ करते थे तो उन अनुशंसाओं में प्राथमिकता और आवश्यकता के अनुसार ही बजट प्रस्तुत किया जाता था, स्वीकृति दी जाती थी. अध्यक्ष महोदय, मध्यप्रदेश सरकार ने जितने भी अनुसूचित जाति, जनजाति के विधायक हैं, उनको अनुसूचित जाति की योजनाओं की मॉनिटरिंग करने का अधिकार भी पहली बार मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह जी चौहान साहब ने दिया. अध्यक्ष महोदय, प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से ही वह काम कहीं न कहीं स्वीकृत होते हैं और इसमें इसका एक पार्ट चूँकि वह प्रश्न आपने पूछा वह इसमें कहीं न कहीं संदर्भित नहीं हो रहा था. लेकिन मैं बताना चाहता हूँ कि अंत्यवसायी में भी जो इसका पार्ट है उसमें भी कहीं न कहीं अनुसूचित जाति के सदस्य उसमें पहले से नामांकित रहते हैं.

          श्री अजय सिंह--  अध्यक्ष महोदय, अनुसूचित जाति, जनजाति के विधायक हैं. लेकिन मान लीजिए मेरे क्षेत्र में 40,000 उस वर्ग के लोग हैं, तो पहले यह था कि कोई भी विधायक हो, उसकी समिति में उसका सुझाव लिया जाता था. (मेजों की थपथपाहट)  जरूरी नहीं है कि सिर्फ अनुसूचित जाति, जनजाति के श्री शिवराज सिंह जी चौहान ने बनाया और भी विधायक हैं उनके भी क्षेत्र में उस वर्ग के लोग रहते हैं. हम भी उनके लिए चिन्तित हैं, तो व्यवस्था उस तरह से हो जाए तो ज्यादा उचित है.

          श्रीमती पारूल साहू केशरी--  माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरे द्वारा भी प्रमुख सचिव जी को अवगत कराया गया, जो मेरे क्षेत्र के पैंडिंग केसेस हैं, जिनकी राशि लगभग 20 लाख रुपये से ऊपर है, ऐसे हमारे 50 किसान हैं. माननीय मंत्री जी आश्वासन दे दें कि बजट 31 मार्च से पहले उनको सेंक्शन कर दिया जाएगा ताकि इस योजना का लाभ उनको मिल जाए. माननीय मंत्री जी मैं आप से इतना आश्वासन चाहती हूँ.

          श्री बाला बच्चन--  माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं थोड़ा सा कहना चाहता हूँ.

          अध्यक्ष महोदय--  यह विषय बहुत लंबा हो गया है.

          श्री बाला बच्चन--  अध्यक्ष महोदय, एकीकृत आदिवासी परियोजनाओं के द्वारा ये सब...  ..(व्यवधान)..

          अध्यक्ष महोदय--  प्रश्न क्रमांक 5....

          श्रीमती पारूल साहू केशरी--  अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न का उत्तर नहीं आया.

          अध्यक्ष महोदय--  मूल प्रश्नकर्ता के प्रश्न का उत्तर नहीं आया और बहुत लंबा हो गया.

          श्रीमती पारूल साहू केशरी--  अध्यक्ष महोदय, मेरे पूर्व प्रश्न का उत्तर नहीं आ रहा है.

          अध्यक्ष महोदय--  मंत्री जी, पहले मूल प्रश्नकर्ता के प्रश्न का उत्तर दे दीजिए. ..(व्यवधान)..

          श्रीमती पारूल साहू केशरी -- माननीय बच्‍चन जी, पहले मेरे प्रश्‍न का उत्‍तर आ जाने दीजिए.

          श्री बाला बच्‍चन -- एकीकृत आदिवासी परियोजना है. माननीय आप भी मंत्री रहे हैं. परियोजना के अंतर्गत ट्रांसफॉर्मर लगाने का काम किया जाता है.

          अध्‍यक्ष महोदय -- बाला बच्‍चन जी, उनका उत्‍तर आ जाए. मंत्री जी आप कुछ कह रहे हैं.

          श्री लाल सिंह आर्य -- माननीय अध्‍यक्ष्‍ा महोदय, प्रस्‍ताव दे दें, मैं उसको स्‍वीकृत करवा दूंगा.

          श्रीमती पारूल साहू केशरी --  माननीय मंत्री जी, धन्‍यवाद.

          डॉ. गोविन्‍द सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा अनुरोध है कि वास्‍तव में प्रस्‍ताव में कई ऐसे हैं, माननीय मंत्री जी का जिला भिंड है, इससे ऐसे लोगों को दिये गए, जहां आबादी है ही नहीं. अधिकारियों ने लिये, जिन्‍होंने जाकर एप्रोच कर ली. उसका तो हो गया. प्रभारी मंत्री को लिस्‍ट भेज देते हैं. प्रभारी मंत्री को समय नहीं रहता और उसे मंजूर कर देते हैं. इसमें अगर पारदर्शिता रखना चाहते हैं तो यह तय करें कि जनप्रतिनिधियों के प्रस्‍तावों का परीक्षण करें. नियमानुसार जहां आबादी ज्‍यादा है वहां दें. मेरे विधानसभा क्षेत्र में मेरे कहने से एक भी अनुशंसा के अनुसार नहीं हुआ है जबकि वहां एससी की आबादी 90 प्रतिशत तक है और जहां 20 प्रतिशत् है वहां पैसा जारी कर दिया गया, इसलिए आपसे अनुरोध है कि इसका जवाब आने दीजिए.

          अध्‍यक्ष महोदय -- नहीं, अब इसका क्‍या जवाब देंगे ? आपका सुझाव है यह.

          डॉ. गोविन्‍द सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष जी, जवाब नहीं देंगे (XXX)

          अध्‍यक्ष महोदय -- आपने सुझाव दे दिया है.

          डॉ. गोविन्‍द सिंह --(XXX).

          वन मंत्री (डॉ. गौरीशंकर शेजवार) -- मेरा निवेदन है कि ये जो कहा है इसको विलोपित करें.

          अध्‍यक्ष महोदय -- यह आखिरी वाला वाक्‍य कार्यवाही से निकाल दीजिए.

          डॉ. गौरीशंकर शेजवार -- अध्‍यक्ष महोदय, मतलब मैं यह नहीं कह रहा हॅूं कि आपने अनर्गल बात की.

          डॉ.गोविन्‍द सिंह -- जहां 20 परसेंट की आबादी है वहां पर पैसा दिया आपने और जहां 90 परसेंट आबादी है वहां पैसा नहीं दिया आपने. ....(व्‍यवधान) ....

          डॉ.गौरीशंकर शेजवार -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इस बात को विलोपित किया जाए. अकारण की जितनी बातें हैं उसे विलोपित किया जाए.

          डॉ. गोविन्‍द सिंह -- विलोपित करें. आपको क्‍या दिक्‍कत आ रही है. (XXX)

          डॉ. गौरीशंकर शेजवार -- भैया जी, शांति से जरा. एक तो भाषा अच्‍छी रखो. अपनी बातचीत ठीक है, विचार आना चाहिए. बोलचाल का भी तो तरीका है. ....(व्‍यवधान)....

          डॉ. गोविन्‍द सिंह -- अरे जवाब क्‍यों नहीं आएगा. सड़क पर आएगा जवाब.

          अध्‍यक्ष महोदय -- दोनों डॉ. साहब बैठ जाएं.

          प्रश्‍न संख्‍या - 5 (अनुपस्थित)

          प्रश्‍न संख्‍या - 6 (अनुपस्थित)

 

 

 

 

          प्राथ./माध्‍यमिक विद्यालयों में पदस्‍थ शिक्षकों का अन्‍यत्र पदांकन

 

[स्कूल शिक्षा]

 

7. ( *क्र. 6147 ) कुँवर सौरभ सिंह : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या जिला शिक्षा अधिकारी जबलपुर के आदेश क्रमांक/स्‍थानां./स्‍था. 3/2015/7151 जबलपुर दिनांक 11.06.2015 के द्वारा प्राथमिक एवं माध्‍यमिक विद्यालयों में पदस्‍थ 02 सहायक शिक्षकों का पदांकन राज्‍य विज्ञान शिक्षा संस्‍थान एवं अध्‍यापक शिक्षा महा    विद्यालय जबलपुर में किया गया? (ख) क्‍या राज्‍य विज्ञान शिक्षा संस्‍थान एवं अध्‍यापक शिक्षा महाविद्यालय जबलपुर में प्राथमिक/माध्‍यमिक विद्यालयों के सहायक शिक्षकों के पद स्‍वीकृत हैं? यदि हाँ, तो संकायवार पृथ‍क-पृथक विवरण दें। (ग) प्रश्नांश (ख) अनुसार प्राथमिक/माध्‍यमिक विद्यालयों में पदस्‍थ सहायक शिक्षकों को उक्‍त संस्‍थान में पदांकित करने का क्‍या औचित्‍य है? क्‍या उक्‍त सहायक शिक्षकों को किया जा रहा वेतन भुगतान आर्थिक अनियमि‍तता की श्रेणी में आता है? यदि हाँ, तो वेतन भुगतान के लिये कौन दोषी है? (घ) प्राथमिक एवं माध्‍यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक कार्य बाधित हो रहा है? क्‍या संस्‍थान में सहायक शिक्षक के पद स्‍वीकृत न होने के बावजूद भी पदांकित किये गये सहायक शिक्षकों के आदेश निरस्‍त किये जावेंगे? यदि हाँ, तो कब? नहीं तो क्‍यों?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) :

         

          कुँवर सौरभ सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा प्रश्‍न शिक्षा विभाग से था. संशोधन उत्‍तर आ चुका है. आदेश दिनांक 11.06.2015 पत्र क्रमांक 7151 और 2548 में दो सहायक शिक्षकों का अटैचमेंट राज्‍य विज्ञान संस्‍थान में किया गया है. जो संशोधन उत्‍तर आया है उसमें लिखा गया है कि क्रमांक (ग) में कि इस तरह का काम यहां यही लोग कर सकते हैं. मैं माननीय मंत्री जी से जानना चाह रहा हॅूं कि एक आपका स्‍टेंडिंग ऑर्डर है कि किसी भी शिक्षक को कहीं भी अटेच नहीं किया जाएगा तो क्‍या हम उस आदेश को हम खतम समझें ?

            कॅुंवर विजय शाह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय विधायक जी जबलपुर की बात कर रहे हैं. यह हमारा शिक्ष्‍ाण संस्‍थान है. यह हमारा परीक्ष्‍ाण संस्‍थान है. मध्‍यप्रदेश का सबसे टॉप का संस्‍थान है. वहां पर जो विज्ञान विषय में पढ़ाने वाले शिक्षक होते हैं उनकी नियुक्ति की जाती है. जिला अधिकारी अराजपत्रित हुए तो जिला अधिकारी करता है प्रभारी मंत्री से पूछकर. जिन लोगों की नियुक्ति हुई है वह अराजपत्रित हैं. जिला अधिकारी से पूछकर के और प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से साइंस विषय के जो ज्ञाता हैं उनकी नियुक्ति हुई है.

          कॅुंवर सौरभ सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, नकल में भी अकल लगानी पड़ती है. यह जो पत्र है जो आदेश हुआ है वह स्‍वैच्छिक हुआ है.

          कुँवर विजय शाह -- मुझे 27 साल हो गए. आपको अभी 2 साल ही हुए हैं.

          कुँवर सौरभ सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष जी, मेरा आपसे यह कहना है कि भले ही माननीय मंत्री जी को 27 साल हो गए.

          अध्‍यक्ष महोदय -- आप तो अपना प्रश्‍न करें.

          कुँवर सौरभ सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा प्रश्‍न यह है कि उन्‍होंने आवेदन स्‍वैच्छिक किया है और ये उत्‍तर दे रहे हैं कि वहां सुधार के लिए किया जा रहा है. क्‍या सिर्फ वही दो शिक्षक थे ? ये जो बाबूराज चल रहा है वे 27 साल से यही बता रहे हैं. मैं कह रहा हूँ कि वह गलत हुआ है और आप उसको रेस्टिलाइज कर रहे हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय -- आपका सीधा प्रश्‍न हो तो पूछ लीजिए.

          कुँवर सौरभ सिंह -- अध्‍यक्ष महोदय, मेरा प्रश्‍न यह है कि उन्‍होंने आवेदन स्‍वैच्छिक किया है और खंड (ग) में यह कह रहे हैं कि वहां उनकी आवश्‍यकता थी. हमें ऐसे शिक्षकों की आवश्‍यकता है. क्‍या और शिक्षक नहीं थे ? ये सिर्फ अपनी बातों को छिपाने के लिए, अपनी बात को रेस्टिलाइज करने के लिए साबित करने के लिए.....    

          अध्‍यक्ष महोदय -- वह तो तर्क है. प्रश्‍न क्‍या है ?

          कुँवर सौरभ सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, प्रश्‍न यह है कि उनको वापस किया जाए. या तो आप अपना स्‍टेंडिंग ऑर्डर हटा लें कि शिक्षकों को कहीं भी अटैच किया जा सकता है. वैसे ही शिक्षकों की कमी है.

          कुँवर विजय शाह -- माननीय अध्‍यक्ष जी, नये विधायक जी हैं. मैं कुछ क्‍या बोलूंगा. हाथ जोड़ता हॅूं. प्रभारी मंत्री के आदेश से स्‍थानांतरण हुए हैं.

          कुँवर सौरभ सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष जी, लेकिन विषय तो वही रहा. प्रभारी मंत्री जी, इस सदन के माध्‍यम से क्‍या स्‍टेंडिंग ऑर्डर खत्‍म मानें  कि क्‍या शिक्षक कहीं भी अटैच हो सकते हैं ?

          अध्‍यक्ष्‍ा महोदय -- मंत्री जी कह रहे हैं कि स्‍थानांतरण हुए हैं, अटैचमेंट नहीं है. ऐसा कह रहे हैं.

          विमुक्त, घुमक्कड़ जनजाति बस्‍तियों का विकास

           [विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जाति कल्याण]

8. ( *क्र. 6029 ) श्री सचिन यादव : क्या राज्‍यमंत्री, पिछड़ा वर्ग महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) जनवरी, 2014 से प्रश्‍नांकित दिनांक तक खरगोन जिले से किस-किस योजनान्‍तर्गत  कौन-कौन से कार्य के प्रस्‍ताव शासन एवं विभागीय स्‍तर पर कब-कब भेजे गये? माह फरवरी 2017 की स्थिति में कौन-कौन से प्रस्‍ताव कब-कब स्‍वीकृत किये गए? कौन-कौन से लंबित हैं एवं क्‍यों? स्‍वीकृत राशि, निर्माण एजेंसी के नाम सहित बतावें। कौन-कौन से निर्माण स्‍वीकृति के पश्चात् अभी तक किस कारण से अप्रारंभ हैं और क्‍यों? तत्‍संबंधी ब्‍यौरा क्‍या है? (ख) प्रश्‍नांकित (क) की अवधि में प्रश्‍नकर्ता द्वारा शासन एवं विभागीय स्‍तर पर विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्ध घुमक्‍कड़ जाति कल्‍याण विभाग को किस-किस कार्य एवं निर्माण हेतु भेजे गये पत्रों पर की गयी कार्यवाही से अवगत न कराये जाने के क्‍या कारण हैं? कौन-कौन से प्रस्‍ताव स्‍वीकृति हेतु प्रक्रियाधीन हैं? कौन-कौन से स्‍वीकृत हैं? योजनान्‍तर्गत कार्यवार नाम सहित बतावें (ग) प्रश्नांश (क) अनुसार उक्‍त लंबित कार्यों की स्‍वीकृति इसी वित्‍तीय बजट में जारी की जायेगी? हाँ तो समय-सीमा बतावें।

राज्‍यमंत्री, पिछड़ा वर्ग ( श्रीमती ललिता यादव ) : (क) जनवरी 2014 से प्रश्नांकित दिनांक तक खरगोन जिले से विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति बस्ती विकास योजनांतर्गत प्रेषित प्रस्ताव, लंबित प्रस्ताव, स्वीकृति की राशि एवं निर्माण एजेन्सी की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''एक'' अनुसार है। कोई भी स्वीकृत कार्य अप्रारंभ नहीं है। वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण अतिरिक्त प्रस्तावों की स्वीकृति नहीं दी गई। (ख) प्रश्नकर्ता द्वारा भेजे गये प्रस्ताव की सूचना सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास खरगोन द्वारा उनके पत्र क्र./1687/आदिम/निर्माण/17, खरगोन दिनांक 17.02.2017 द्वारा दी गई है। पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र ''दो'' अनुसार अंकित कार्यों की तकनीकी स्वीकृति मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, कसरावद से चाही गई है। (ग) वर्ष 2016-17 में जिले को 11 कार्यों के लिये राशि रूपये 49.00 लाख आवंटित की गई है। सीमित बजट प्रावधान होने के कारण जिले से प्राप्त प्रस्ताव अनुसार सभी कार्यों के लिये आवंटन दिया जाना संभव नहीं है। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

            श्री कमलेश्‍वर पटेल -- अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मंत्री महोदया का जो जवाब आया है. एक तो उन्‍होंने अपनी पीड़ा व्‍यक्‍त की है. हम तो पीड़ा ही कहेंगे. सरकार आयोग गठन कर देती है. बहुत सारे कार्पोरेशन.....   

          अध्‍यक्ष महोदय -- कृपया आप भाषण न दें.

          श्री कमलेश्‍वर पटेल -- अध्‍यक्ष महोदय, विमुक्‍त, घुमक्‍कड़ एवं अर्द्धघुमक्‍कड़ जनजाति बस्तियों के डेव्‍लपमेंट के लिए सिर्फ 49 लाख रुपये की राशि का उल्लेख किया है तो 49 लाख में क्या डेवलपमेंट होगा क्या सरकार मजाक करने के लिए यह सारे कारपोरेशन बना रही है. मेरा प्रश्न यह है कि कसरावद विकासखंड जोगी मोहल्ला,खामखेड़ा,मुलठान, हीरापुर एवं कसरावद में सामुदायिक भवनों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति जारी कर निर्माण कार्य कब तक पूर्ण करा दिये जाएंगे यह क्या सदन में आज मंत्री महोदया घोषणा करेंगी? दूसरा कसरावद विकासखंड जोगी मोहल्ला, खामखेड़ा,मुलठान, हीरापुर एवं कसरावद में सी.सी. रोडों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति जारी निर्माण कार्य कब तक पूरे करा दिये जाएंगे. इसकी मंत्री महोदया घोषणा करेंगी? क्योंकि इसमें जिस तरह से जवाब आया है उसमें उल्लेख है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, कसरावद से तकनीकी स्वीकृति मांगी गई है तो यह स्वीकृति कब तक आ जाएगी और कब तक डेवलपमेंट के कार्य हो जाएंगे?

            श्रीमती ललिता यादव--  माननीय अध्यक्ष महोदय, मै आपके माध्यम से विधायक जी को बताना चाहूंगी कि कसरावद विकासखंड में खामखेड़ा सामुदायिक भवन की और खामखेड़ा सी.सी. रोड निर्माण की और हीरापुर में सामुदायिक भवन और सी.सी. रोड निर्माण की तकनीकी स्वीकृति आ चुकी है जनपद के माध्यम से इस काम को जल्दी से जल्दी करा दिया जाएगा. बाकी जो दो काम हैं उसमें से एक शहरी क्षेत्र में आता है और एक पर परीक्षण कराया जा रहा है कि विमुक्त घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ वर्ग के लोग वहाँ पर हैं कि नहीं.

          श्री कमलेश्वर पटेल--  माननीय अध्यक्ष महोदय, जितनी राशि का उल्लेख किया है और जितने काम है, यह क्या संभव हो पाएगा.क्या और बजट का प्रावधान इसके लिए मंत्री महोदया करेंगी?

          श्रीमती ललिता यादव--  अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय विधायक जी को बताना चाहूंगी कि आपके 4 काम जल्दी से जल्दी कर दिये जाएंगे.

          श्री कमलेश्वर पटेल--  धन्यवाद मंत्री जी.

 

छात्रावासों के उपयोगार्थ पलंगों का नियम विरूद्ध क्रय 

[स्कूल शिक्षा]

9. ( *क्र. 6293 ) श्री माधो सिंह डावर : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या सर्व शिक्षा अभियान से संचालित बालिका छात्रावास उमरी विकासखण्ड जोबट एवं बालिका छात्रावास बेहड़वा विकासखण्ड चन्द्रशेखर आजाद नगर जिला अलीराजपुर में छः सात वर्ष पूर्व लोहे के पलंग क्रय किये गये थे? यदि हाँ, तो किस संस्था से एवं इनका भुगतान किया गया है।                (ख) यदि पलंग क्रय नहीं किये गये हैं तो उक्त छात्रावासों में पलंग कहाँ से आये। पलंगों को छात्रावासों में किसकी अनुमति‍ से रखा है? यदि अनुमति‍ है तो अनुमति‍ की छायाप्रति बताएं।                   (ग) क्या वर्तमान में भी पलंग बालिका छात्रावासों में रखे हुए हैं? यदि हाँ, तो इसका औचित्य क्या है।

स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी नहीं। शेषांश का प्रश्‍नांश उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। (ग) प्रकरण की जाँच कराई जा रही है। जाँच उपरांत नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

 

          श्री माधो सिंह डावर--  माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न के जवाब में (ख) में और (ग) में लिखा है कि जाँच की जा रही है. यह मामला सन् 2011 का है और तब से ही वह पलंग कन्या आश्रम में पड़े हुए हैं और जाँच अभी तक चल रही है. मैं मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि यह जाँच कब तक पूरी कर ली जाएगी, समय-सीमा बतायें?

            कुंवर विजय शाह--  माननीय अध्यक्ष महोदय, बहुत अच्छा प्रश्न डावर जी ने लगाया है. इन पलंगों का कोई माई-बाप ही नहीं आया है.यह पलंग बहुत दिनों से पड़े हैं, ईश्वर के आशीर्वाद से यह हमको मिल गये हैं. छात्रावास में रात में कोई इन पलंगों को छोड़ गया, हमने जाँच कराई कोई लेने नहीं आ रहा है. अब यह अच्छी बात है किसी के मन में कोई बात आई होगी और कोई सेवा के भाव से छात्रावास में पलंग छोड़ गया होगा. हमने कलेक्टर को निर्देश दिये हैं कि यह जितने पलंग रात में कोई छोड़ गया है, इतने वर्षों से यह पड़े हैं. जिसका कोई माई-बाप नहीं है उसको राजसात् कर लें और हमारे बच्चों को इन्हें सोने के लिए दे दिया जाएगा. यह काम 7 दिन में कर दिया जाएगा.

          श्री माधो सिंह डावर--  धन्यवाद मंत्री जी.

 

 

विकासखण्‍ड कुसमी में सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र का संचालन

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

10. ( *क्र. 2075 ) श्री कुंवर सिंह टेकाम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या सीधी जिले के विकासखण्‍ड कुसमी में 30 बिस्‍तरों वाला सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र संचालित है? यदि हाँ, तो सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र हेतु भवन निर्माण के लिये पूर्व में स्‍वीकृति प्रदान की गई थी? यदि नहीं, तो क्‍या भवन निर्माण हेतु स्‍वीकृति प्रदान करेंगे? (ख) सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र कुसमी/मझौली के लिये चिकित्‍सकों के कितने पद स्‍वीकृत हैं? स्‍वीकृत पदों में से कितने भरे एवं कितने रिक्‍त हैं? रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जावेगी? (ग) सीधी जिले के विकासखण्‍ड कुसमी/मझौली में प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र-भुईमाड़, टमसार, पोड़ी, मड़वास, डांगा, खड़ौरा, पाड़, नौढ़ि‍या एवं ताला में संचालित हैं? इनमें से कितने भवनविहीन हैं? भवनविहीन प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों के लिये भवन निर्माण कब तक करा दिये जायेंगे? (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में उक्‍त प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में कितने पद स्‍वीकृत/भरे/रिक्‍त हैं? रिक्‍त पदों की पूर्ति कब तक कर ली जाएगी?

लोक स्वास्थ्य और परिवार  कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) :

 

          श्री कुंवर सिंह टेकाम--  माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से निवेदन करना चाहूंगा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुसुमी में 30 बिस्तर वाला स्वीकृत है लेकिन भवन के अभाव में अभी वहाँ पर ठीक ढंग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन नहीं हो पा रहा है. इसके जवाब में आया है कि जमीन उपलब्ध नहीं थी लेकिन मेरी जानकारी के अनुसार भगवार में खसरा नंबर 793 और 796 का 3.18 हेक्टेयर जमीन का आवंटन स्वास्थ्य विभाग को कर दिया गया है तो क्या मंत्री जी वहाँ सामुदायिक भवन का निर्माण कराएंगे?

            राज्यमंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण(श्री शरद जैन)--  माननीय अध्यक्ष महोदय, जमीन आवंटित होते साथ ही तत्काल उसका निर्माण करा देंगे.

          श्री कुंवर सिंह टेकाम--  माननीय अध्यक्ष महोदय, जमीन का आवंटन तो हो गया है.यदि मंत्री जी वहाँ से जमीन का प्रस्ताव मँगा लेंगे और यहाँ से पत्र लिख देंगे तो जमीन की जानकारी आ जाएगी. मेरे पास जानकारी है कि जमीन आवंटित हो गई है. इसी तरह से पाड़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो स्वीकृत है लेकिन भवन नहीं है वहाँ भी जमीन उपलब्ध है तो क्या वहाँ भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराएंगे?

            श्री शरद जैन -- माननीय अध्‍यक्ष जी, यह बात सही है कि 30 बिस्‍तर का अस्‍पताल स्‍वीकृत है और वर्तमान में 14 बिस्‍तर का अस्‍पताल चल रहा है. विधायक जी ने जैसी जानकारी दी है जमीन उपलब्‍ध होने के साथ ही हम वहाँ पर निर्माण कार्य करा देंगे.

          श्री कुंवर सिंह टेकाम -- अध्‍यक्ष महोदय, साथ ही सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र और प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में चिकित्‍सकों की बहुत कमी है, आपने अपने जवाब में भी लिखा है, तो क्‍या हमारे यहाँ कम से कम एक-एक चिकित्‍सक प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र और सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में पदस्‍थ करने की कृपा करेंगे ?

            श्री शरद जैन -- माननीय अध्‍यक्ष जी, 726 डॉक्‍टर पी.एस.सी. से प्राप्‍त हो रहे हैं, डॉक्‍टर प्राप्‍त होते ही हम प्राथमिकता के आधार पर डॉक्‍टर नियुक्‍त कर देंगे.

          श्री कुंवर सिंह टेकाम -- अध्‍यक्ष महोदय, भवन के निर्माण हेतु आपने कह दिया है इसके लिए बहुत-बहुत धन्‍यवाद लेकिन कब तक भवन का निर्माण करा देंगे, कृपया समय-सीमा बता दें ?

            श्री शरद जैन -- माननीय अध्‍यक्ष जी, जैसे ही जमीन प्राप्‍त होती है, हम वहाँ सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र का निर्माण शुरू करा देंगे.

          श्री कुंवर सिंह टेकाम -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, धन्‍यवाद.

 

राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन अतंर्गत प्राप्‍त राशि

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

11. ( *क्र. 6243 ) श्री मानवेन्द्र सिंह : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) वित्‍तीय वर्ष 2014-15 से प्रश्‍न दिनांक तक छतरपुर, पन्‍ना जिले को राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अतंर्गत कितनी राशि प्राप्‍त हुई तथा कितनी व्‍यय की गई? व्‍यय राशि का मदवार एवं गतिविधिवार ब्‍यौरा दें। (ख) प्रश्नांश (क) में व्‍यय की गई राशि के संबंध में क्‍या भण्‍डार क्रय नियमों का पालन वित्‍तीय सीमा में किया गया है? (ग) प्रश्नांश (क) में दर्शाई गई व्‍यय राशि के संबंध में जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया गया है? यदि हाँ, तो तत्‍संबंधी ब्‍यौरा दें? (घ) व्‍यय राशि के संबंध में क्‍या सक्षम अधिकारी द्वारा सत्‍यापन किया गया है? यदि हाँ, तो विवरण उपलब्‍ध कराया जावे?

लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) प्रश्‍नावधि में छतरपुर एवं पन्ना जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत प्राप्त तथा व्यय राशि का विवरण निम्नांकित है :- 

जिले का नाम

2014-15

2015-16

2016-17

प्राप्त रशि

व्यय

प्राप्त राशि

व्यय

प्राप्त राशि

व्यय

छतरपुर

274718872

272256179

317469250

315226383

310405553

219662010

पन्ना

237508174

256543408

248721140

240355678

231101639

158911043

 

व्यय राशि की मदवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है। (ख) जी हाँ। (ग) जिला पन्ना द्वारा जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित कर अनुमोदन लिया गया है, इसका तत्संबंधी ब्यौरा पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-2 अनुसार है। जिला छतरपुर द्वारा जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित नहीं की गई। (घ) जी हाँ। प्रश्‍नांश की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र-1 अनुसार है।

          श्री मानवेन्‍द्र सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैंने अपने प्रश्‍न (क) में माननीय मंत्री जी से जानकारी चाही थी कि पन्‍ना और छतरपुर जिले में राष्‍ट्रीय ग्रामीण स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अंतर्गत कितनी राशि आवंटित की गई, उत्‍तर में आया है कि छतरपुर जिले में  90,25,93,675 रुपये की राशि आवंटित हुई है और वहा विभाग द्वारा 80,71,44,572 रुपये खर्च हुए हैं, परंतु क्‍या इसमें यह नियम है कि जनप्रतिनिधियों के माध्‍यम से इनका अनुमोदन किया जाए या बैठक आयोजित की जाए और क्‍या पन्‍ना और छतरपुर जिले में यह जो राशिया स्‍वीकृत हुई हैं, क्‍या इनका अनुमोदन लिया गया है ?

          राज्‍य मंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण (श्री शरद जैन) -- माननीय अध्‍यक्ष जी, हमारे माननीय विधायक जी ने पन्‍ना और छतरपुर जिले की बात की है, पन्‍ना में जनप्रतिनिधियों की बैठक हो चुकी है, लेकिन छतरपुर में किसी कारणवश बैठक नहीं हो सकी है, हम इस बैठक को बहुत शीघ्र संपन्‍न करा लेंगे.

          श्री मानवेन्‍द्र सिंह -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, बैठक नहीं हुई है इसके अलावा वहापर दवाइयों की खरीदी में भी अनियमितताएँ हुई हैं, तो क्‍या माननीय मंत्री जी दोषी अधिकारियों पर कोई कार्यवाही करेंगे ?

            श्री शरद जैन -- माननीय अध्‍यक्ष जी, जैसी मैंने जानकारी दी है कि पन्‍ना में बैठक हो चुकी है, छतरपुर में बैठक बहुत शीघ्र करा लेंगे, यदि किसी प्रकार की अनियमितताएँ हैं तो मैं माननीय विधायक जी से व्‍यक्‍तिगत चर्चा कर लूंगा, यदि वे सही होंगी तो कार्यवाही कर देंगे.

 

 

          संविदा व्याख्याताओं का नियम विरूद्ध नियमितीकरण

[आयुष]

12. ( *क्र. 3577 ) श्री राजेश सोनकर : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या मध्यप्रदेश शासन अन्तर्गत आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में संविदा व्याख्याताओं के आरक्षित पदों के विरूद्ध नियमित किया गया है? यदि हाँ, तो किस नियम के तहत नियमित किया गया है? (ख) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि हाँ, तो संविदा व्याख्याताओं को आरक्षित पदों के विरूद्ध नियमित कर वेतन देने के प्रावधान/नियम क्या हैं? (ग) प्रश्नांश (क) के संदर्भ में यदि नहीं, तो इन्‍दौर जिला अन्तर्गत नियम विरूद्ध संविदा व्याख्याताओं को आरक्षित पदों के विरूद्ध कहाँ-कहाँ नियमित किया गया है? सूची उपलब्ध करावें (घ) प्रश्नांश (ग) के संदर्भ में क्या शासन नियम विरूद्ध संविदा व्याख्याताओं को नियमित करने वाले दोषियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही करेगा?

लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) उत्तरांश () के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ग) नियमितीकरण दिनांक को पद आरक्षित नहीं थे। शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (घ) उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

          श्री राजेश सोनकर -- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी से मेरा प्रश्‍न यह था कि आयुर्वेदिक महाविद्यालयों में संविदा व्‍याख्‍याताओं के आरक्षित पदों पर नियम विरुद्ध नियमितीकरण किया गया है या नहीं ? मुझे जो जवाब मिला है उसमें कहा गया है कि नियमितीकरण नहीं किया गया है. अध्‍यक्ष महोदय, मेरे पास सूची उपलब्‍ध है. माननीय मंत्री जी अगर चाहेंगे तो मैं उन्‍हें यह सूची उपलब्‍ध करा दूंगा. 50 लोगों की नियुक्‍तिया की गई थीं जिसमें से 39 लोगों का नियम विरुद्ध नियमितीकरण किया गया है और साथ ही उन्‍हें नियमितीकरण का वेतन भी दिया जा रहा है, मैं माननीय मंत्री जी से जानना चाहता हूँ कि क्‍या वे इसकी जाँच कराएंगे ?

            राज्‍य मंत्री, लोक स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण (श्री शरद जैन) -- माननीय अध्‍यक्ष जी, माननीय विधायक जी को जो सूची प्राप्‍त हुई है, वह सूची भी विभाग के द्वारा प्रदत्‍त की गई है. जो जानकारी माननीय विधायक ने मांगी है, संविदा पर वर्ष 2010 में जब पद आरक्षित थे तब विज्ञापन में यह बात भी प्रकाशित की गई थी कि आरक्षित व्‍यक्‍ति मिलेंगे तो उनको रेग्‍युलर वेतनमान पर नियुक्‍त करेंगे और यदि नहीं मिलें तो जो अनारक्षित व्‍यक्‍ति हैं, हम उनको संविदा पर रखेंगे, इसका पालन किया गया है, उस समय जो नियमितीकरण की बात कर रहे हैं. जब 2010 में सभी कॉलेजों का रोस्‍टर होता था, तब पद आरक्षित थे. 22/03/2012 को कॉलेजवार रोस्‍टर हो गया है और अब पद आरक्षित नहीं है. जो भी कार्यवाही हुई है, वह नियमानुसार हुई है.

          श्री राजेश सोनकर -     माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरी जानकारी के अनुसार जी.ए.डी. के जो नियम हैं, उसमें महाविद्यालय का रोस्‍टर नहीं होता है. शायद जिला और प्रदेश स्‍तर का ही रोस्‍टर होता है और उसके द्वारा ही नियुक्ति हो सकती है. मैं इसके संबंध में माननीय मंत्री जी से जानना चाहूंगा.

          श्री शरद जैन - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, जैसा कि मैंने जानकारी दी है कि 2010 में सभी कॉलेजों का रोस्‍टर होता था, इसलिए वह पद आरक्षित थे. उस संबंध में जो भी कार्यवाही हुई है, वह नियमानुसार ठीक हुई है. माननीय विधायक जी अगर इसके बाद भी आपके पास कोई शिकायत हो तो आप देना मैं परीक्षण करा लूंगा.

          श्री राजेश सोनकर - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी 1994 अधिनियम के अनुसार संविदा में जब भी कोई नियुक्ति होगी तो उसमें पूर्ण रूप से इसका पालन किया जायेगा, यह लिखा है. मेरा आपसे दूसरा निवेदन यह है कि संविदा में जो क्‍लास वन और टू की नियुक्ति की गई है, मेरी जानकारी में शायद जहां तक सिर्फ लोक सेवा आयोग को इसका अधिकार है और इन्‍होंने संविदा के माध्‍यम से नियुक्ति की है क्‍या आप इसकी जांच करवायेंगे ?

          अध्‍यक्ष महोदय - आप उपलब्‍ध करवा दीजिए. मंत्री जी कह रहे हैं कि जो भी विषय आप देंगे वह उसकी जांच करवा देंगे.

          श्री शरद जैन - हां, आप उपलब्‍ध करवा दें.

          श्री राजेश सोनकर - ठीक है, धन्‍यवाद.

 

          जिला शिक्षा अधिकारी सतना के विरूद्ध कार्यवाही

[स्कूल शिक्षा]

13. ( *क्र. 1677 ) श्री शंकर लाल तिवारी : क्या स्कूल शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल के पत्र क्रमांक स्‍था.1/सतर्कता/सी/सतना/2016/815 दिनांक 05.08.2016 के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी सतना को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था? (ख) यदि हाँ, तो उक्‍त अधिकारी को किन-किन अनि‍यमितताओं के लिए कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया था? कारण बताओ सूचना पत्र का विवरण भी दें? (ग) उक्‍त प्रकरण में अन्‍य कौन-कौन आरोपी हैं? उन अधिकारी/कर्मचारी का नाम एवं पद भी बतायें? (घ) उक्‍त प्रकरण में नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 19 का उल्‍लंघन करने का दोषी मानते हुए उक्‍त सभी आरोपियों को कब तक निलंबित करते हुए की गयी गंभीर अनियमितता की विभागीय जाँच प्रस्‍तावित की जावेगी?

स्कूल शिक्षा मंत्री ( कुँवर विजय शाह ) : (क) जी हाँ। (ख) जानकारी संलग्‍न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) उत्‍तरांश () अनुसार। (घ) श्री कमलसिंह कुशवाह, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला सतना को एक अन्‍य प्रकरण में विभागीय आदेश दिनांक 10.03.2017 द्वारा निलंबित किया जाकर आगामी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

          श्री शंकरलाल तिवारी - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा प्रश्‍न यह था कि नि:शुल्‍क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 19 का उल्‍लंघन जिन्‍होंने किया है, उनको मुअत्तिल किया जाए और विभागीय जांच करवाई जाए. सरकार ने जो जांच ज्‍वाइंट डायरेक्‍टर से करवाई है, उसमें वह धारा 19 के दोषी पाये गये हैं. उनको करना यह था कि विषयवार सहायक अध्‍यापकों को अध्‍यापक पद पर पदोन्‍नति करनी थी, परंतु उन्‍होंने विषयवार न करते हुए सतना जिले में हिन्‍दी विषय में 42 पदोन्‍नति की है.

          अध्‍यक्ष महोदय - यह तो सब आ गया है, आप सीधे प्रश्‍न करिये.

          श्री शंकरलाल तिवारी - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा प्रश्‍न यह है कि इसमें यह बता दिया गया है कि वह डी.ओ. सस्‍पेंड हो गये हैं, परंतु सच यह है कि जिस मामले में वह सस्‍पेंड हुए हैं, उसमें उनका बहुत कुछ नहीं था और वह आगे पीछे जाकर के बहाल हो गये हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय - उसमें लिखा भी हुआ है कि वह दूसरे मामले में सस्‍पेंड हुए हैं.

          श्री शंकरलाल तिवारी - हां, माननीय अध्‍यक्ष महोदय यही लिखा हुआ है लेकिन मैं यह पूछ यह रहा हूं कि इस मामले में विभागीय जांच सिद्ध होने के बाद अब विभागीय जांच करवाकर निलंबन की कार्यवाही या उनको नौकरी से बर्खास्‍त करेंगे ? यह हमारा बड़ा विषय है क्‍योंकि जिन बच्‍चों को आपको विषयवार पढ़ाई करवानी थी, वहां पर आपने सिर्फ हिन्‍दी-हिन्‍दी के 42 अध्‍यापक पदोन्‍नत कर दिये हैं और विधानसभा को सिर्फ 27 अध्‍यापकों की जानकारी दी है, इसमें विधानसभा को भी गुमराह किया गया है. जबकि 42 अध्‍यापक हिन्‍दी विषय के हैं और 27 अध्‍यापकों का विधानसभा में उत्‍तर आया है. मेरा निवेदन यह है कि विभागीय जांच इसमें करवाने का आश्‍वासन क्‍या शिक्षा मंत्री जी  देंगे ?

            माननीय अध्‍यक्ष महोदय, दूसरी बात मुझे यह पता चला है कि एक बाबू जो इसमें मुख्‍य दोषी था, वह लिपिक अभी सतना जिले में डी.ई.ओ. आफिस से हटकर डाइट में चला गया है और उसकी सिर्फ एक वेतनवृद्धि रोकी गई है, जबकि  इतना बड़ा विषय बच्‍चों की अनिवार्य शिक्षा का था और उसको विषयवार प्रमोशन करना था और परंतु उसने हिन्‍दी-हिन्दी के 42 प्रमोशन कर दिये हैं और 62 कला संकाय के प्रमोशन कर दिये हैं, विज्ञान और गणित विषय के जो प्रमोशन करने थे, वह उसने एक भी नहीं किये हैं.

          कुंवर विजय शाह - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आदरणीय शंकरलाल तिवारी जी ने जो प्रश्‍न पूछा है, उसमें दोषी पाये गये व्‍यक्ति को एक बार सस्‍पेंड कर दिया गया है और दो बार सस्‍पेंड करने का कोई प्रावधान नहीं है. इनकी शिकायतें गंभीर है. श्री शंकरलाल तिवारी जी अब वह निलंबित तो हो ही गये हैं, इसलिए उनका जो आरोप पत्र होगा, उसमें इसको भी सम्मिलित करते हुए विभागीय जांच करवायेंगे और अगर उसमें वह दोषी पाये जाते हैं, जैसा कि माननीय सदस्‍य ने कहा है कि बच्‍चों का भविष्‍य बिगड़ रहा है तो श्री शंकरलाल तिवारी जी हम बच्‍चों का भविष्‍य बनाने के लिये यहां बैठे हैं, आप चिंता मत करो. हम उस बाबू को भी भगायेंगे और इसकी विभागीय जांच करवाकर कठोर से कठोर सजा देंगे.

          श्री शंकरलाल तिवारी - माननीय अध्‍यक्ष महोदय आपके माध्‍यम से माननीय मंत्री जी को धन्‍यवाद.                                   

अस्‍पतालों द्वारा सामग्री का क्रय

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

14. ( *क्र. 5355 ) चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) भिण्‍ड जिले में स्थित समस्‍त शासकीय अस्‍पतालों में वर्ष 01 अप्रैल 2014 से प्रश्‍न तिथि तक क्‍या-क्‍या सामग्री क्रय की गई? माहवार, वर्षवार, राशिवार, सामग्रीवार, अस्‍पतालवार, जानकारी दें (ख) प्रश्नांश (क) में उल्‍लेखित सामग्री किस-किस फर्म से कितनी-कितनी दर से खरीदी गई? खरीदी गयी सामग्री का भुगतान किस-किस रूप में किया गया? (ग) प्रश्नांश (क) एवं (ख) में उल्‍लेखित स्‍थान एवं समयानुसार उक्‍त सभी सामग्री की गुणवत्‍ता एवं उपयोगिता प्रमाण पत्रों को किस-किस नाम/पदनाम द्वारा जारी किया गया?

लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) भिण्ड जिले में स्थित समस्त शासकीय अस्पतालों में वर्ष 01 अप्रैल 2014 से प्रश्न तिथि तक सामग्री की जानकारी माहवार, वर्षवार, राशिवार, सामग्रीवार जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। (ख) प्रश्नांश (क) में अनुसार उल्लेखित क्रय की गई सामग्री की फर्म का नाम, मात्रा एवं दर की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। खरीदी गई सामग्री का भुगतान ई-भुगतान के रूप में किया गया है। (ग) क्रय की गई सामग्री उपार्जनकर्ता अभिकरण जैसे म.प्र. हथकरघा एवं बुनकर संघ, म.प्र. खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं लघु उद्योग निगम द्वारा गुणवत्ता परीक्षण उपरांत प्रदाय किए जाते हैं। निविदा के आधार पर सामग्री क्रय होने पर आई.एस.आई./आई.एस.ओ./सी.ई. सर्टिफाईड सामग्री क्रय की जाती है। प्राप्त सामग्री का उपयोग जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में किया जा रहा है। हितग्राही मूलक सामग्री को स्वास्थ्य संस्था से सीधे हितग्राही को पंजी में दर्ज कर प्रदाय किया जाता है।

चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी - अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न में मैंने जो जानकारी मांगी थी, उसमें बाकी सब तो बताया गया है, सिर्फ यह नहीं बताया गया कि दवाइयां किससे क्रय करते हैं और दवाइयों का परीक्षण किससे कराते हैं? उनकी गुणवत्ता का परीक्षण किससे कराते हैं? माननीय मंत्री महोदय से यह पूछना चाहूंगा कि मुझे यह बताएं कि परीक्षण किस संस्था से कराते हैं या किस व्यक्ति से कराते हैं, उन दवाइयों का सर्टिफिकेशन कौन करता है?

राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा (एडवोकेट शरद जैन) - अध्यक्ष महोदय, जो भी क्रय की गई सामग्री है, वह उपार्जनकर्ता अभिकरण जैसे मध्यप्रदेश हथकरघा एवं बुनकर संघ, मध्यप्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड एवं लघु उद्योग निगम द्वारा गुणवत्ता परीक्षण उपरांत दवा प्रदान की जाती है.

चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी - अध्यक्ष महोदय, मेरा गद्दे, तकिया वगैरह से कोई लेना-देना नहीं है and I am least concerned about them. मैं सिर्फ दवाइयों की बात कर रहा हूं. चूंकि हमारी सरकार की नीति है कि सरदार वल्लभभाई पटेल योजना के तहत फ्री दवाइयां देते हैं तो मेरी सिर्फ जो चिंता है, माननीय मंत्री महोदय यह बताने का कष्ट करें कि दवाइयों का सर्टिफिकेशन किनसे कराते हैं?

अध्यक्ष महोदय - आपने प्रश्न में सामग्री लिखा है.

एडवोकेट शरद जैन - अध्यक्ष महोदय, यह प्रश्न उद्भूत नहीं होता. आपने सामग्री स्पष्ट लिखा है.

चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी - अध्यक्ष महोदय, आपका संरक्षण चाहूंगा. मैं सिर्फ दवाइयों के संबंध में चर्चा करना चाहता हूं.

अध्यक्ष महोदय - आप दवाइयों की जानकारी हो तो दे दीजिए.

चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी - अध्यक्ष महोदय, दवाइयों का सर्टिफिकेशन किनसे कराते हैं,  किस संस्था या किस व्यक्ति से, उनकी क्वालिटी का परीक्षण कराते हैं? और किनसे खरीदते हैं?

एडवोकेट शरद जैन - अध्यक्ष महोदय, बहुत स्पेसिफिक प्रश्न है. जो जानकारी विधायक जी ने मांगी है.

अध्यक्ष महोदय - परन्तु आपके पास कोई जानकारी हो तो उन्हें दे दीजिए.

एडवोकेट शरद जैन - अध्यक्ष महोदय, वह जानकारी मैंने उनको दे दी है. जो उनका प्रश्न था, उसका जवाब दे दिया गया है.

चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी - अध्यक्ष महोदय, उसमें सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स भी हैं, उनके बारे में भी बता दें?

अध्यक्ष महोदय - सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स के बारे में बताइए, वह इस प्रश्न में आते हैं.

एडवोकेट शरद जैन - अध्यक्ष महोदय, मैंने जानकारी दी है. जो विधायक जी का प्रश्न था कि किससे कराते हैं और जो भी हमारी कार्यवाही है, वह पूरी तरह से नियमानुसार है. हमने जो उपार्जनकर्ता संस्थाओं के नाम लिये हैं, उसका जवाब दे चुके हैं.

चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी - अध्यक्ष महोदय, मैं नियम पर आपत्ति नहीं उठा रहा हूं. मेरा सिर्फ इतना कहना है कि यह जो सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स हैं या मेडीसिंस हैं, इनका क्वालिटी सर्टिफिकेट कौन देता है? क्या जो संस्था खरीदती है या जिस संस्था के माध्यम से खरीदते हैं तो मेरा यह अनुरोध है कि शासन या जो हॉस्पिटल्स हैं या सीएमएचओ के पास कोई ऐसा व्यक्ति या ऐसी संस्था है जो उनका सर्टिफिकेशन करती हो?

एडवोकेट शरद जैन - अध्यक्ष महोदय, माननीय विधायकजी को संतुष्ट करना आवश्यक है. सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स जो हैं, वह आईएसओ/आईएसआई के मार्क के होते हैं.

चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी - अध्यक्ष महोदय, वह आईएसओ/आईएसआई तो होते ही हैं. मेरा अनुरोध यह है कि उनकी जांच जिला स्तर पर क्या कोई संस्था ऐसी है या जिला हॉस्पिटल में जो कर्मचारी इसको करते हों?

अध्यक्ष महोदय - उसका वेरिफिकेशन कौन करता है?

एडवोकेट शरद जैन - अध्यक्ष महोदय, जानकारी दे दी है. बार-बार वही प्रश्न आ रहा है और बार-बार वही जवाब जा रहा है.

स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के अंतर्गत नियुक्‍त कर्मचारियों को पी.एफ. राशि का भुगतान

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

15. (*क्र. 6806 ) पं. रमेश दुबे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) छिन्‍दवाड़ा जिले में वर्ष 2012 से 2016 तक स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अन्‍तर्गत किस-किस मद से कितने कर्मचारियों को किस कार्य हेतु किस स्‍तर से अस्‍थायी तौर पर किन-किन स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में नियुक्‍त किया गया अथवा उन्‍हें रखा गया और उन्‍हें कितनी राशि किस मद से प्रतिमाह भुगतान की गयी? (ख) प्रश्‍नांश () के प्रकाश में क्‍या इन नियुक्‍त/रखे गये कर्मचारियों के मासिक मानदेय/पारिश्रमिक/वेतन से कोई पी.एफ. की राशि कटौती की गयी है? यदि हाँ, तो कितनी राशि की कटौती की जाकर उनके पी.एफ. खाते में जमा है? (ग) क्‍या स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में रखे गये सफाई कर्मियों का प्रतिमाह मानदेय/पारिश्रमिक का भुगतान हो रहा है? नहीं तो क्‍यों और यदि हाँ, तो प्रतिमाह भुगतान की जानकारी देवें? यदि इनके मानदेय/पारिश्रमिक से कोई पी.एफ. काटी गयी है तो इसका भी विवरण दें? (घ) क्‍या प्रश्‍नकर्ता को उपरोक्‍त के संबंध में शिकायत प्राप्‍त होने पर प्रश्‍नकर्ता ने पत्र क्रमांक 111, दिनांक 31.01.2017 मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी छिन्‍दवाड़ा को प्रेषित किया है? यदि हाँ, तो इस पत्र में किन-किन शिकायतों का उल्‍लेख है? इस शिकायत पर किस स्‍तर से क्‍या कार्यवाही हुई है? क्‍या संबंधित को उसके पी.एफ. राशि का भुगतान करा दिया गया, नहीं तो क्‍यों?

राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा (एडवोकेट शरद जैन) -

 

 

पं. रमेश दुबे - अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न के उत्तर में कर्मचारियों की भविष्य निधि के संधारण में जो अनियमितताएं हुई हैं और उसके विषय में माननीय मंत्री जी ने प्रदेश स्तरीय जांच का आश्वासन दिया है.

अध्यक्ष महोदय - कृपया माननीय सदस्य आपस में बात न करें. व्यवधान हो रहा है.

पं. रमेश दुबे - अध्यक्ष महोदय, मैं इस बात का आग्रह करूंगा कि आपने जो प्रदेश स्तरीय  जांच के निर्देश दिये हैं, समय-सीमा में जांच कब तक पूरी करा ली जावेगी? दूसरा, इसमें जो दोषी पाए जाते हैं उनके खिलाफ क्या आप कार्यवाही करेंगे? तीसरा, जिन कर्मचारियों की भविष्य निधि काटी गई है, उन कर्मचारियों के खाते में राशि कब तक जमा कर दी जावेगी और जिनको सेवा से पृथक कर दिया है, उनको राशि कब तक वापिस कर दी जाएगी?

राज्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा (एडवोकेट शरद जैन) -  अध्यक्ष महोदय, जो प्रश्न माननीय विधायक जी ने किये हैं, ठीक हैं. लेकिन हमने जांच कमेटी बैठा ली है और हमने कार्यवाही भी की है. जो तत्कालीन सीएमएचओ थे, हमने उनको नोटिस जारी किये हैं. जांच कमेटी के निर्णय आने के तत्काल बाद जो दोषी पाए जाएंगे, उन पर कार्यवाही की जाएगी.

पं. रमेश दुबे - अध्यक्ष महोदय, जिन कर्मचारियों की भविष्य निधि काटी गई है, उनके खातों में यह राशि कब तक जमा कर दी जाएगी और जो कर्मचारी सेवा से पृथक हो गये हैं, उनको राशि कब तक वापस कर दी जाएगी?

एडवोकेट शरद जैन - अध्यक्ष महोदय, जांच रिपोर्ट आने के तत्काल बाद.

                                                                                               

लंबित जाँच प्रतिवेदनों पर कार्यवाही

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

16. ( *क्र. 4895 ) सुश्री हिना लिखीराम कावरे : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या अपर कलेक्‍टर, बालाघाट मंजूशा राय द्वारा मच्‍छरदानी खरीदी में हुई वित्‍तीय अनियमितताओं के संबंध में हुई जाँच के पश्‍चात् जाँच प्रतिवेदन शासन तथा विभाग स्‍तर पर लंबित है? प्रकरण सहित जानकारी दें। (ख) विगत 5 वर्षों में नक्‍सल प्रभावित बालाघाट जिले के आदिवासी क्षेत्रों में निवाली मेडिकेटेड धागों से बनी मच्‍छर दानी की खरीद कब-कब तथा किस-किस सप्‍लायर के द्वारा की गयी? (ग) क्‍या खरीदी सी.एम.एच.ओ. के द्वारा की जानी थी, किन्‍तु दो बार एन.आर.एच.एम. के प्रबंध संचालकों द्वारा तथा एक बार बालाघाट के तत्‍कालीन कलेक्‍टर द्वारा की गयी? खरीदी हेतु एल.यू.एन. को दिये गये आदेश एवं इस मामले की जाँच कब-कब तथा किसके द्वारा हुई तथा जाँच प्रतिवेदन का विवरण उपलब्‍ध करावें।

लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जी नहीं, कलेक्टर, बालाघाट द्वारा मच्छरदानी खरीदी में हुई वित्तीय अनियमितता संबंधी प्रकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराये जाने के पश्चात् प्रतिवेदन संचालनालय को प्रेषित किये जाने के पश्चात् उक्त प्रकरण का जाँच प्रतिवेदन, संचालनालय के पत्र दिनांक 14.11.2014 द्वारा तैयार कर विभाग की ओर प्रेषित किया तथा मच्छरदानी खरीदी के संबंध में लोकायुक्त कार्यालय में जाँच प्रकरण क्र.19/12 पंजीबद्ध होने के पश्चात् उक्त प्रकरण में विभाग द्वारा उनके आदेश दिनांक 21.04.2016 द्वारा डॉ. अमरनाथ मित्तल, तत्कालीन संचालक, स्वास्थ्य सेवायें के विरूद्ध विभागीय जाँच संस्थित की गई जो प्रचलन में है। (ख) विगत 05 वर्षों में नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले के आदिवासी क्षेत्रों में निवाली मेडिकेटेड धागों से बनी मच्छरदानी का क्रय नहीं किया गया। (ग) प्रश्नांश () के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

            सुश्री हिना लिखीराम कावरे--माननीय अध्यक्ष महोदय, मंत्री जी से पूछना चाहती हूं कि 2010 में 68 लाख रूपये की मेडिकेडेट धागों से बनी हुई मच्छरदानी की खरीदी बालाघाट जिले के आदिवासी क्षेत्रों के लिये की गई थी वह घटिया स्तर की सादी मच्छरदानी मापदंडों के आधार पर नहीं थी. वर्ष 2011 में एक करोड़ रूपये की मच्छरदानी खरीदी जानी थी उसको देखते हुए सीएमएचओ बालाघाट ने एक पत्र लिखा, तत्कालीन सीएमएचओ ने जो पत्र लिखा था उसमें कहा था कि हमको पहले सेम्पल के लिये खरीदी करनी है, उसके बाद ही हमको पूरी मच्छरदानी खरीदनी है. उस पत्र को दरकिनार करके 1 करोड़ रूपये की मच्छरदानी की खरीदी अगले वर्ष 2011 के लिये खरीदी गई. उसके बाद 2010 में जब मच्छरदानी खराब थी तब सीएमएचओ ने पत्र लिखा और कहा कि पहले आपको सेम्पल के लिये मच्छरदानी को लेना है बाद में आप पूरी मच्छरदानी खरीदिये. मैं मंत्री जी से पूछना चाहती हूं कि क्या आप सीएमएचओ का पत्र उपलब्ध करवाएंगे ?

            राज्यमंत्री लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (श्री शरद जैन)--माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्या जिस क्षेत्र की बात कर रही हैं उस क्षेत्र में कोई मच्छरदानी नहीं खरीदी है. कलेक्टर बालाघाट के द्वारा जो मच्छरदानी खरीदी गई थीं उसमें जो अनियमितताएं हुई हैं उसमें हम कार्यवाही कर रहे हैं. यह मामला लोकायुक्त में भी चल रहा है. इसके साथ ही डॉ.अमरनाथ मित्तल जो उस समय के संचालक स्वास्थ्य सेवाएं थे उनके विरूद्ध विभागीय जांच भी चल रही है. अब विभागीय जांच चल रही है, मामला लोकायुक्त में है. इसमें कुछ और बात हो तो पूछें ?

          सुश्री हिना लिखीराम कावरे--माननीय अध्यक्ष महोदय, खरीदी नहीं की गई यह जवाब मंत्री जी का गलत है. खुद ही बता रहे हैं कि खरीदी की गई और उसमें अनियमितता पाई गई प्रकरण लोकायुक्त में चल रहा है. मैं तो पत्र का जिक्र कर रही हूं जिसकी छायाप्रति मुझे चाहिये. यदि अभी उपलब्ध नहीं है तो बाद में पत्र उपलब्ध करवा देंगे क्या ?

            अध्यक्ष महोदय--उसके पास में कोई प्रमाण नहीं है. ऐसा कोई पत्र लिखा है जिसकी छाया प्रति चाहिये.

          श्री शरद जैन--माननीय अध्यक्ष महोदय,मैंने पहले कहा कि जिस क्षेत्र के बारे में माननीय सदस्या ने बात की, उन्होंने बात की आदिवासी क्षेत्र की.

          सुश्री हिना लिखीराम कावरे--माननीय अध्यक्ष महोदय, प्रश्न इसीलिये भी पूछना पड़ा क्योंकि मेरे मूल प्रश्न को ही बदल दिया गया है. मेरे प्रश्न (क) का उत्तर आया है (ग) एवं (घ) का मेरा प्रश्न ही बदल दिया गया है. जो प्रश्न विधान सभा में दिया था वह नहीं था.

          अध्यक्ष महोदय--आप प्रश्न की मूल प्रति दे देना मैं उसको देख लूंगा ऐसी कोई बात होगी तो उस प्रश्न को फिर से लेंगे.

झाबुआ जिले में प्राप्‍त आवंटन/व्‍यय

[आदिम जाति कल्याण]

17. ( *क्र. 3145 ) कुमारी निर्मला भूरिया : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) झाबुआ जिले में आदिवासी विकास विभाग को विभिन्‍न मदों में वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में कितना-कितना बजट प्राप्‍त हुआ है? (ख) उक्‍त बजट को पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में किन-किन कार्यों में व्‍यय किया गया तथा उस पर कितनी-कितनी राशि व्‍यय की गई? कार्यवार जानकारी देवें। (ग) झाबुआ जिले में विगत दो वर्षों में (वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17) अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति बस्‍ती विकास योजना अंतर्गत कितना बजट प्राप्‍त हुआ है? उक्‍त बजट से विभाग द्वारा पेटलावद विधानसभा क्षेत्र में क्‍या-क्‍या कार्य करवाये गये? (घ) जन प्रतिनिधि की अनुशंसा पर स्‍वीकृत किये गये कार्यों की जानकारी उपलब्‍ध करावें?

आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' अनुसार है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' एवं '' में वर्णित अनुसार है।

          कुमारी निर्मला भूरिया--माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न झाबुआ जिले में भिन्न-भिन्न मदों में जो आवंटन प्राप्त होता है उसके आय-व्यय से संबंधित था. मैं मंत्री जी से जानना चाहती हूं कि जो आवंटन जिलों में प्राप्त होता है जिले से जनपद में आवंटन होता है क्या उसके कोई नियम अथवा क्राईटएरिया है उसको जनसंख्यावार किस तरह आप आवंटन करते हैं उसमें जन-प्रतिनिधियों की क्या भूमिका रहती है?

            श्री लालसिंह आर्य-- अध्यक्ष महोदय, विभाग अपनी योजनाओं के अनुसार, मद अनुसार जिलों को आवंटन भेजता है. जिले की कोई मांग होती है तो उसके हिसाब विभाग आवश्यकतानुसार परीक्षण करके आवंटन भेजता है. जहां तक जन प्रतिनिधियों की बात है मैं भी लंबे समय से हूं. जन प्रतिनिधियों की अनुशंसा के आधार पर उसका परीक्षण होता है क्योंकि किस क्षेत्र में किस चीज की आवश्यकता है उसका परीक्षण होता है उस परीक्षण के आधार पर जन प्रतिनिधियों की अनुशंसा भी मानी जाती है और ग्रामीण क्षेत्र की पंचायतों से भी कोई अनुशंसा आती है या कभी अधिकारी निरीक्षण करने जाते हैं तो उसके आधार पर कार्य स्वीकृत होते हैं.

 नर्सिंग कौंसिल में आरक्षित पदों पर भर्ती

[चिकित्सा शिक्षा]

18. ( *क्र. 6631 ) श्री शैलेन्‍द्र पटेल : क्या राज्‍यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्‍या शासन द्वारा विशेष भर्ती अभियान के तहत नर्सिंग कौंसिल में आरक्षित पदों के विरूद्ध भर्ती की है? यदि हाँ, तो विगत 5 वर्षों के दौरान किन-किन पदों पर कितने कर्मचारियों की भर्ती की गई। (ख) क्‍या विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत चयनित होने पर परिवीक्षा पर नियुक्‍त करने के पूर्व तीन माह की नियुक्ति के आदेश जारी करने के संबंध में शासन द्वारा कोई निर्देश जारी किए गए हैं? यदि नहीं, तो कौंसिल द्वारा प्रश्नांश (क) में वर्णित विभिन्‍न सवंर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति 3 माह में करने तथा उसके पश्चात् परिवीक्षा पर नियुक्ति के आदेश जारी करने का क्‍या आधार है। (ग) क्‍या रजिस्‍ट्रार द्वारा आरक्षित वर्ग के विशेष भर्ती अभियान के अंतर्गत नियुक्ति प्राप्‍त कर्मचारियों की परि‍वीक्षा अवधि समाप्‍त होने के बाद भी बिना परिवीक्षा अवधि में वृद्धि किए उन्‍हें नियम विरूद्ध वार्षिक वेतन वृद्धि स्‍वीकृत करने में अनावश्‍यक विलम्‍ब किया जा रहा है? (घ) क्‍या रजिस्‍ट्रार के पद पर प्रतिनियुक्ति पर पदस्‍थ कर्मचारी की सेवा पुस्तिका आज दिनांक तक कौंसिल कार्यालय को प्राचार्य, नर्सिंग कालेज इंदौर द्वारा उपलब्‍ध न कराई जाकर उनके नियंत्रण में कार्यरत न होने के बाद भी रजिस्‍ट्रार को नियम विरूद्ध बिना सक्षम स्‍वीकृति के वार्षिक वेतन वृद्धि स्‍वीकृत की जाकर उन्‍हें उपकृत किया जा रहा है, इसके लिए विभाग संबंधित की जिम्‍मेदारी निर्धारित कर नियम विरुद्ध वार्षिक वेतन वृद्धि स्‍वीकृत करने के लिए अनुशासनात्‍मक कार्यवाही करेगा? यदि हाँ, तो, कब तक? यदि नहीं, तो क्‍यों?

राज्‍यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा ( एडवोकेट शरद जैन ) : (क) जी हाँ। सहायक ग्रेड-3 के 01 पद पर भर्ती की गई है। (ख) जी नहीं. शेष जानकारी संलग्न परिशिष्ट-एक अनुसार है. (ग) जी नहीं. (घ) जी नहीं. शेष प्रश्न उपस्थित नहीं होता.

          श्री शैलेन्द्र पटेल-- अध्यक्ष महोदय,  इस प्रश्न के माध्यम से मैंने नर्सिंग क़ॉलेज की लालफीताशाही को उजागर करने का प्रयास किया है.  इसमें नियुक्ति के जो प्रावधान हैं वह यह हैं कि पहले नियुक्ति 3 महीने के लिए दी जाएगी और 3 महीने में अर्हता पूरी कर दी जाती है तो फिर 2 साल के नियुक्ति  पत्र दिया जाता है. मेरे प्रश्न में जिस कर्मचारी को नियुक्ति दी गई है उसकी नियुक्ति के आदेश तो जारी हुए ही नहीं और 4 साल तक, जबकि 2 साल का नियम था, वह  प्रोबेशन पीरियड में काम करता रहा. अध्यक्ष महोदय, 4 साल बाद रजिस्ट्रार ने उसकी नियुक्ति आदेश केंसिल कर दिए. मेरा प्रश्न यह है कि जब आपने उसको नियुक्त किया ही नहीं तो कैंसिल कैसे कर दिया? अगर  प्रोबेशन पीरियड में  नियुक्त किया तो उसकी कॉपी उपलब्ध करवायें.

          एडवोकेट शरद जैन-- अध्यक्ष महोदय, मात्र एक कर्मचारी की नियुक्ति पहले 3 माह के लिए की गई थी. 3 माह में उन्होंने अच्छा काम किया. यह नियुक्ति अलग थी. 3 माह के काम के बाद दो साल के परीवीक्षा अवधि में रखा गया. 2 साल परीवीक्षा अवधि के बाद जैसा माननीय सदस्य कह रहे हैं कि इसको नियमित नहीं किया गया यह जानकारी गलत है. उस व्यक्ति को नियमित कर दिया गया है. जो नियमितीकरण किया है उसके काम को देखते हुए वह 3 माह में भी उसमें जोड़ लिए. आज की तारीख में वह व्यक्ति नियमित है.

          श्री शैलेन्द्र पटेल--अध्यक्ष महोदय, मेरा सीधा सा सवाल है. 3 महीने के बाद नियुक्ति पत्र जारी होना चाहिए. वह नियुक्ति पत्र रजिस्ट्रार द्वारा जारी नहीं हुआ. अगर हुआ है तो बता दें. दूसरा, दो साल प्रोबेशन पीरियड का नियम है उसको 4 साल प्रोबेशन पीरियड में काम कराते रहे. यह कौन सा नियम है? किस नियम के अंतर्गत किया गया? मैंने भी कंडिका(2) पढ़ ली है उसमें पूरा लिखा है कि नियुक्ति के 3 महीने बाद आपको नियुक्ति पत्र देना था लेकिन वह दिया नहीं है. बिना नियुक्ति पत्र दिए उस रजिस्ट्रार ने 4 साल तक काम करवाया उसके बाद उसकी नियुक्ति कैंसिल कर दी. जब आपने नियुक्त नहीं किया तो कैंसिल कैसे कर दिया. जब 2 साल का नियम था तो 4 साल प्रोबेशन पीरियड कैसे हो गया? इन्होंने गोलमाल जवाब दिया है. मेरा दूसरा प्रश्न है कि उस रजिस्ट्रार की सेवा पुस्तिका है वह नर्सिंग काउंसिल,भोपाल में होना चाहिए लेकिन 4 साल तक उनके मूल विभाग इंदौर में रही तो कौन से नियम के अंतर्गत वह 4 साल तक इंदौर में रही? वह नियम बता दें.

          एडवोकेट शरद जैन-- अध्यक्ष महोदय, पहले प्रश्न का जवाब दे दूं कि वह कर्मचारी आज दिनांक में नियमित है और जो 3 माह का बोला था उसको भी जोड़ लिया है. कार्यालयीन प्रक्रिया में थोड़ा समय लगा, हम इस बात को स्वीकार करते हैं किन्तु कर्मचारी का अहित नहीं होगा.

          श्री शैलेन्द्र पटेल-- अध्यक्ष जी, मेरा सीधा सा सवाल है. उन्होंने 3 माह के बाद नियुक्ति पत्र ही नहीं दिया उसके बाद कैंसिल कर दिया. दूसरा रजिस्ट्रार की सेवा पुस्तिका इंदौर में रखी रही? अध्यक्ष महोदय, जवाब तो दिलवाइये. उन्होंने नियुक्ति पत्र ही नहीं दिया. मैं यह सवाल ही नहीं उठा रहा हूं कि वह अप्वाइंटेड है या नहीं है? मेरे मूल प्रश्न को माननीय मंत्री जी घुमा रहे हैं.

          डॉ गोविन्द सिंह--अध्यक्ष जी, माननीय मंत्री जी का जवाब नहीं आ  रहा है.

          अध्यक्ष महोदय-- एक कर्मचारी के मामले में इतना समय दे दिया बहुत है. यह पर्टिकुलर प्रश्न है. इसमें बहुत लंबी चर्चा हो गई है. इससे ज्यादा नहीं होना चाहिए.

          डॉ गोविन्द सिंह-- अध्यक्ष जी, मेरा आरोप नहीं, प्रार्थना है कि आप अधिकारियों को बचा रहे हैं.

          अध्यक्ष महोदय-- नहीं, बिलकुल नहीं बचाया. किन्तु क्या इतना महत्वपूर्ण विषय है कि इसमें इतनी लंबी चर्चा की जाए?

            डॉ गोविन्द सिंह-- चर्चा नहीं लेकिन स्पष्ट उत्तर तो आना चाहिए.

          अध्यक्ष महोदय-- अन्य सदस्यों के भी प्रश्न हैं.

          डॉ गोविन्द सिंह-- किसी भी प्रश्न का जवाब तो आना चाहिए.

          श्री शैलेन्द्र पटेल-- अध्यक्ष महोदय, जवाब ही नहीं दे रहे हैं. घुमा कर जवाब दे रहे हैं. इसमें अप्वाइंटेड की बात नहीं है, लालफीताशाही की बात है. वहां पर कोई नियम-कायदा कानून ही नहीं है.

 

जिला शिवपुरी को प्राप्‍त राशि

[अनुसूचित जाति कल्याण]

19. ( *क्र. 6549 ) श्रीमती शकुन्‍तला खटीक : क्या आदिम जाति कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) अनुसूचित जाति कल्‍याण विभाग द्वारा विगत तीन वर्ष में कितनी राशि बजट में आवंटित की जाकर मध्‍यप्रदेश के जिलों को दी गई? राशि में राज्‍य एवं केन्‍द्र सरकार की राशि भी शामिल होकर दर्शाई जावे? (ख) उपरोक्‍त जिलों को देय राशि में से जिला शिवपुरी को कितनी राशि प्राप्‍त हुई? (ग) जिला शिवपुरी को प्राप्‍त राशि में से जनपद पंचायत करैरा व नरवर, जिला शिवपुरी को कितनी राशि प्राप्‍त हुई व प्राप्‍त राशि में से क्‍या-क्‍या कार्य कराये गये? (घ) प्रश्नांश (ग) के प्रकाश में व्‍यय की गई राशि में से किन-किन जनप्रतिनिधियों द्वारा निर्माण आदि कार्यों की अनुशंसा की गई, की जानकारी कार्य विवरण, अनुशंसित व्‍यक्ति का नाम व पद, प्रदाय राशि, दिनांक आदि सहित दी जावे?

आदिम जाति कल्याण मंत्री ( श्री ज्ञान सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (ख) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।                        (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है। (घ) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '' अनुसार है।

 

            श्रीमती शकुंतला खटीक - माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरे प्रश्न के बिन्दु "" में मैंने पूछा है कि पिछले तीन वर्षों में किस जनप्रतिनिधि की अनुशंसा पर कौन सा निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है ? इसमें मुझे जो जानकारी दी गई है उसमें इस वर्ष मेरे विधान सभा क्षेत्र में 5 निर्माण कार्य स्वीकृत होना बताया गया है, जिसमें से 2 निर्माण कार्य मेरी अनुशंसा पर स्वीकृत होना बताया है. मैंने इन निर्माण कार्यों की अनुशंसा नहीं की है और जिन निर्माण कार्यों की अनुशंसा की है वह स्वीकृत नहीं किये गये हैं. दी गयी जानकारी गलत है. आदिम जाति कल्याण विभाग,शिवपुरी में दलाली चल रही है.  दलाल सीधे सरपंचों से संपर्क करते हैं. जो  15 परसेंट कमीशन देता है उनके काम कराये जाते हैं.

          सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री(श्री लाल सिंह आर्य) - माननीय अध्यक्ष महोदय,माननीय सदस्या ने कुछ प्रश्न पूछे हैं और कुछ आरोप भी लगा दिये हैं. हमारे पास सूची है जिसमें माननीय विधायक,माननीय सांसद,माननीय मंत्री,जिला पंचायत अध्यक्ष,जिला पंचायत सदस्य,सरपंच की अनुशंसाओं पर 29 कार्य स्वीकृत किये गये हैं लेकिन आपने यह कहा है कि मेरी अनुशंसा पर कार्य स्वीकृत नहीं हुए, यह जानकारी मुझे गलत दी गई है. हम इसका 15 दिन के अंदर परीक्षण करा लेंगे  और जिसने गलत जानकारी दी होगी उसके खिलाफ कार्यवाही करेंगे.

          श्रीमती शकुंतला खटीक - माननीय मंत्री महोदय, मैं भी एस.सी.कोटे से विधायक हूं. जो भी जिले में निर्माण कार्य मेरे विधान सभा क्षेत्र में कराये जाते हैं उसमें कतई मुझसे  नहीं पूछा जाता है मैं क्षेत्र में जाकर क्या लोगों को जवाब दूंगी.

          श्री लाल सिंह आर्य - माननीय अध्यक्ष महोदय, यह सरल बात है आरोप लगाना, वर्ष 2014,2015,2016,2017 में आपकी अनुशंसा पर कार्य स्वीकृत हुए हैं और क्षेत्रीय सांसद के केवल 1 काम दिया है, जिला पंचायत ने 1 काम दिया है लेकिन यदि आपको लगता है अनुसूचित जाति क्राईटीरिया में कोई गांव आ रहा है और उस गांव में बहुत दिक्कतें हैं तो आप स्पेसिफिक हमें  लिखकर दे दीजिये. कोई दिक्कत नहीं है.

नर्सिंग होम में बायो मेडिकल अपशिष्‍ट निवारण की व्‍यवस्‍था

[लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण]

20. ( *क्र. 2022 ) श्री गिरीश गौतम : क्या लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) नर्सिंग होम के संचालन के पंजीयन के लिए कौन-कौन सी शर्तें हैं? प्रतिलिपि उपलब्ध करायें। रीवा शहर में कितने पंजीकृत नर्सिंग होम संचालित हैं? उनका पूरा विवरण तथा उनकी पदस्‍थापना वर्ष सहित बतावें (ख) क्‍या नर्सिंग होम संचालन के लिए पंजीयन बावत् बायो मेडिकल अपशिष्‍ट निवारण की व्‍यवस्‍था आवश्‍यक है? यदि हाँ, तो रीवा शहर में संचालित नर्सिंग होम में कितने स्‍थानों पर मेडिकल अपशिष्‍ट निवारण की व्‍यवस्‍था है? (ग) रीवा शहर में संचालित सभी नर्सिंग होम में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कब-कब जाँच की गई? तारीख सहित अधिकारी का नाम बताएं, जिसके द्वारा जाँच की गई है? क्‍या उच्‍च स्‍तरीय कमेटी द्वारा रीवा शहर में संचालित सभी नर्सिंग होम की जाँच करायेंगे? यदि हाँ, तो कब तक?

लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ( श्री रुस्तम सिंह ) : (क) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। (ख) जी हाँ। जिले के समस्त नर्सिंग होम का अपशिष्ट मेसर्स इन्डोवाटर मेनेजमेन्ट एण्ड पाल्यूशन कन्ट्रोल कॉर्पोरेशन, सतना द्वारा किया जा रहा है। (ग) जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट के प्रपत्र '''' अनुसार है। बायोमेडिकल अपशिष्ट निवारण के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी प्रदूषण निवारण मण्डल एवं उनके अधिकारियों की है। उनके द्वारा इस हेतु नियमित निरीक्षण किया जाता है। प्रश्न उपस्थित नहीं होता।

 

          श्री गिरीश गौतम - माननीय अध्यक्ष महोदय,मेरे प्रश्न में दो पार्ट हैं. नर्सिंग होम संचालन के पंजीयन की कौन-कौन शर्तें हैं और उनके अपशिष्ट निवारण के लिये क्या व्यवस्था है और क्या उच्च स्तरीय कमेटी से संचालित नर्सिंग होमों की जांच कराएंगे ? मैंने पूछा था कि अपशिष्ट निवारण की किन-किन लोगों ने जांच की ? मंत्री जी यह बताएं कि यह जांच कब-कब हुई,किन-किन ने जांच की,कौन अधिकारी हैं ? यह कागज तो मेरे पढने में नहीं आ रहा है.  दूसरा निवेदन यह है कि  स्लाटर हाऊस वहां कितने संचालित हैं तो आपने 32 स्लाटर हाऊस की सूची उपलब्ध कराई है. मैं नर्सिंग होमों को स्लाटर हाऊस कह रहा हूं. नर्सिंग होम की शर्तों को वे पूरा नहीं करते हैं. केवल आर्थिक तौर  पर वहां मरीजों का शोषण होता है. इसके बाद जब वह मरने की कगार पर आते हैं तो मरीज को नर्सिंग होम से हटाकर सरकारी अस्पतालों में कर दिया जाता है. इसलिये उनकी मृत्यु की सूचना नहीं आती. तो वह बचे भी हैं. इसीलिये उनके खिलाफ कोई कार्यवाही हो नहीं सकती क्योंकि उनके यहां कोई मरा नहीं. शर्तों में आपने बताया है कि रोगियों के लिये स्थान की व्यवस्था क्या होगी, 100 वर्ग फीट का स्थान एक मरीज के लिये स्थान होगा. मरीज के साथ कोई अतिरिक्त व्यक्ति होगा तो उसके लिये 60 वर्ग फीट स्थान होगा, जल प्रदाय की आपने जानकारी दे दी लेकिन जैसे पलंग हैं, डाक्टरों की सूची है, वह आप उपलब्ध कराएं, शुल्क की सूची उपलब्ध कराएं. मंत्री जी, रीवा में नर्सिंग होमों में  शर्तों का पालन हो रहा है या नहीं इसके लिये यहां से कोई उच्च स्तरीय कमेटी भेजकर जांच कराएंगे ?

          लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री(श्री शरद जैन) - माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदस्य बहुत वरिष्ठ हैं. कौन सी सूची पढ़ रहे हैं उसकी मुझे जानकारी नहीं है. कुल 34 नर्सिंग होम हैं उसकी सूची हमने विधायक जी को उपलब्ध करा दी है.

          श्री गिरीश गौतम - माननीय अध्यक्ष महोदय, वह सूची मेरे पास है.

          अध्यक्ष महोदय - जो लोग जांच करने गये थे उनकी सूची मंत्री जी माननीय सदस्य चाह रहे हैं.

          श्री गिरीश गौतम - माननीय अध्यक्ष महोदय, जो जांच करने गये थे इस सूची में  क्या लिखा है वह समझ में नहीं आ रहा है. अस्पष्ट है.

          अध्यक्ष महोदय - वह सूची मंत्री जी आप उपलब्ध करा दें.

          श्री गिरीश गौतम - माननीय अध्यक्ष महोदय,मंत्री जी इन नर्सिंग होमों की जांच कराएंगे क्या ?

          श्री शरद जैन - माननीय अध्यक्ष महोदय, इनका प्रश्न यह है कि हमको समझ में आ रहा है या नहीं इसका जवाब वे ही दे सकते हैं.

          अध्यक्ष महोदय - उनके पास अस्पष्ट फोटोकापी गई है तो स्पष्ट कापी भिजवा दें और उन्होंने प्रश्न पूछा है कि नर्सिंग होमों की जांच आप कराएंगे क्या ?

            श्री गिरीश गौतम--  माननीय अध्‍यक्ष जी, कंडीशन जो है उस कंडीशन का फुलफिल हो रहा है कि नहीं हो रहा है इसकी जांच करायेंगे क्‍या ? 

          श्री शरद जैन--  माननीय अध्‍यक्ष जी, प्रदूषण निवारण मंडल और उनके अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर नियमित निरीक्षण किया जाता है. कुल 34 नर्सिंग होम का निरीक्षण समय-समय पर किया गया. माननीय विधायक जी की इच्‍छा है तो निरीक्षण के बारे में उनकी जो भी शिकायत हैं उनका परीक्षण करा लेंगे.

          श्री गिरीश गौतम--  माननीय अध्‍यक्ष जी, मेरा प्रश्‍न ही दूसरा है. प्रश्‍न यह है कि मैंने जब पहले पूछा कि नर्सिंग होम की कौन-कौन सी शर्तें हैं और फिर लास्‍ट में यह पूछा कि उसकी जांच करायेंगे क्‍या. मेरा उसमें आरोप है जो शर्तें हैं उन शर्तों का पालन नर्सिंग होम नहीं कर रहा है इसलिये मैं उनको स्‍लाटर हाउस कह रहा हूं और बार-बार स्‍लाटर हाउस कह रहा हूं तो कुछ तो समझिये मंत्री जी. उन स्‍लाटर हाउस की जांच होगी क्‍या ? उन शर्तों की जांच होगी क्‍या ? मेरा प्रश्‍न यह है, मुझे केवल यह जवाब चाहिये ?

          अध्‍यक्ष महोदय--  नर्सिंग होम ही होंगे वह, पर आप जांच करा लीजिये.

          श्री शरद जैन--  माननीय अध्‍यक्ष जी, जिस स्‍लाटर हाउस की आप चर्चा कर रहे हैं, हमारे विभाग में स्‍लाटर हाउस की कोई व्‍यवस्‍था नहीं है.

          श्री गिरीश गौतम-- उन नर्सिंग होम की जांच करायेंगे क्‍या, मैंने केवल यह पूछा है ?

          श्री शरद जैन--  माननीय अध्‍यक्ष जी, एक प्रश्‍न आ गया तो उसका ठीक जवाब है कि उसका परीक्षण करा लेंगे.

          श्री गिरीश गौतम--  परीक्षण नहीं, जांच करा लेंगे ?

          अध्‍यक्ष महोदय--  जांच करा लें आप. जो अनियमितता की माननीय सदस्‍य बात कर रहे हैं उसकी आप जांच करा लें.

          श्री गिरीश गौतम-- मंत्री जी, हां तो कर दीजिये.

          अध्‍यक्ष महोदय--  प्रश्‍नकाल समाप्‍त.

 

            (प्रश्‍नकाल समाप्‍त)

 

 

 

 

 

 

 

12.02 बजे                           नियम 267(क) के अधीन विषय

          अध्‍यक्ष महोदय--  निम्‍नलिखित माननीय सदस्‍यों की सूचनायें सदन में पढ़ी हुई मानी जायेंगी.

          1.       श्री सुदर्शन गुप्‍ता

          2.       श्री प्रहलाद भारती

          3.       श्री आरिफ अकील

          4.       इंजी. प्रदीप लारिया

          5.       श्री गोवर्धन उपाध्‍याय

          6.       श्री रामपाल सिंह, व्‍यौहारी

          7.       श्री रामनिवास रावत

          8.       श्री रजनीश सिंह

          9.       श्री प्रदीप अग्रवाल      

          10.     श्री अशोक रोहाणी

          श्री शैलेन्‍द्र जैन (सागर)--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आज हमारे सदन के लिये बहुत गर्व का विषय है कि हमारे इसी सदन के माननीय विधायक श्री कैलाश विजयवर्गीय जी ने राष्‍ट्रीय स्‍तर पर जो परचम लहराया है मैं उनको बहुत-बहुत बधाई देना चाहता हूं. ... (व्‍यवधान)...

          नेता प्रतिपक्ष (श्री अजय सिंह)--  (XXX). ... (व्‍यवधान)...

          अध्‍यक्ष महोदय-- बैठ जाइये, प्रतिपक्ष के नेता जी खड़े हैं. इसको विलोपित कर दें. कृपया आप मर्यादा रखिये.

          श्री अजय सिंह--  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, कौन कहां परचम लहरा रहा है इसकी चिंता आप हाउस के बाहर करिये.

          कुंवर विजय शाह-- केवल 7 लोग बचे हैं 7, कैलाश जी बड़ी गाड़ी लेकर आये हैं.

          श्री बाला बच्‍चन-- माननीय मंत्री जी आप पंजाब में कितने हो. पंजाब में आप केवल 3 हो. ... (व्‍यवधान)...

          श्री शैलेन्‍द्र जैन--  वह हमारे सम्‍मानीय सदस्‍य हैं, उन्‍होंने सदन की गरिमा बढ़ाने का काम किया है, इसलिये मैं उनको बधाई देना चाहता हूं.

          श्री अजय सिंह--  आप बधाई देना चाहते हो तो शाम को उनके घर चले जाना बधाई दे देना, हो सकता है शायद मंत्री बनने की कगार में आ जाओगे.

          श्री शैलेन्‍द्र जैन--  मेरे बधाई देने पर क्‍यों आपत्ति हो रही है.

          अध्‍यक्ष महोदय--शैलेन्‍द्र जी आप बैठ जाइये.

 

 

12.04 बजे                           शून्‍यकाल में उल्‍लेख

 

          नेता प्रतिपक्ष (श्री अजय सिंह)-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, एक विषय मैं आपके माध्‍यम से सदन में पेश करना चाहता हूं. एक तरफ सरकार बड़ी संवेदनशील है. अनुसूचित जाति, जनजाति की प्रश्‍नकाल में इस तरह की बातें हो रहीं थीं कि हम लोग बजट की इस तरह से व्‍यवस्‍था कर रहे हैं और सब कुछ है. एक भारत का भूगोल किताब जो एम.ए. के छात्रों के लिये मध्‍यप्रदेश में वितरित की जा रही है. बड़े दुख के साथ मुझे कहना पड़ रहा है, प्रारंभिक रूप से मध्‍यप्रदेश गोण्‍डवाना राज्‍य है. आपके अंचल में भी गोण्‍डवाना राज्‍य था. भोपाल रियासत की रानी कमलादेवी गोण्‍डवाना थीं, लेकिन एम.ए. की किताब में जो लिखा हुआ है मैं एक लाइन पढ़ना चाहता हूं. ''गौंड़ शब्‍द का प्रयोग अनेक जनजातियों के लिये किया गया है जो मध्‍यप्रदेश में रहती हैं. गौंड़ शब्‍द का अर्थ है- गौंड़ी भाषा में गाय मारने वाला तथा गाय का मांस खाने वाला. घोर आपत्तिजनक बात है (विपक्ष द्वारा शेम-शेम के नारे लगाये गये). अध्यक्ष महोदय, मैं कहना चाहता हूं कि इस मध्यप्रदेश में अनुसूचित जनजाति के विधायकों के माध्यम से आपकी सरकार बनती है.

                                                          ...व्यवधान...

          वित्त मंत्री(श्री जयंत मलैया)--अध्यक्ष महोदय, यह कोई बात नहीं हुई. क्या नेता प्रतिपक्ष ने इसको सदन के पटल पर रखा है.

          श्री ओमकार सिंह मरकाम-- अध्यक्ष महोदय,(XXX), किसी की जाति पर टिप्पणी करोगे. यह पूरी तरह से अनर्थ है. हमारी जाति पर टिप्पणी करने वाले ...

                                                          ...व्यवधान...

          अध्यक्ष महोदय--यह विलोपित करें. अरे बैठ तो जाये. आपने किस बात का हवाला दिया है. यह जो आप पढ़ रहे हैं यह किसमें से पढ़ रहे हैं.

..............................................................

XXX :  आदेशानुसार रिकार्ड  नहीं किया गया.

          श्री गोपाल भार्गव, (पंचायत मंत्री)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मेरा व्यवस्था का प्रश्न है.

          श्री अजय सिंह -- अध्यक्ष महोदय, यह किताब है "भारत का भूगोल " कैलाश पुस्तक सदन, भोपाल श्री हरीश कुमार खत्री की यह पुस्तक है.

                                                          ...व्यवधान...

          श्री गोपाल भार्गव-- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय नेता प्रतिपक्ष का बहुत आदर करता हूं. किस रिफ्रेंस में किस किताब से यह उद्धरण लिया गया है उसको पहले टेबल किया जाये, अनुमति ली जाये और उसके बाद में सदन में इसको प्रस्तुत किया जाये तब तो मैं यह मानकर के चलता हूं कि इसकी प्रमाणिकता होगी. ऐसे ही कोई भी बात कह देना मैं मानकर के चलता हूं कि इसको एलाऊ नहीं किया जाना चाहिये.

                                                          ...व्यवधान...

          श्री अजय सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, यह कोई भी बात नहीं है. यह एम.ए. के छात्रों की किताब है,  और उसमें इस तरह के शब्द लिखे हैं और उसके लिये आप कहें कि कुछ भी लिख दिया जाये.

          अध्यक्ष महोदय-- बैठ जाईये. कैलाश विजयवर्गीय जी कुछ कह रहे हैं. भार्गव जी आप बैठ जायें.(श्री ओमकार सिंह मरकाम सदस्य के खड़े होने पर) आप भी बैठ जायें. आपकी ही बात हो रही है.

                                                          ...व्यवधान...

          श्री ओमकार सिंह मरकाम- कैसे बैठ जायें हमारी जाति का अपमान है यह.

          अध्यक्ष महोदय- बैठ जायें, वही बात तो कह रहे हैं. प्रतिपक्ष के नेता जी ने जो कहा उसको ध्यान से सुना गया. अब कैलाश जी बोल रहे हैं, आप बैठ जायें.

          श्री अजय सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, पहले यह बात बताई जाये कि जब आपने यह किताब मंजूर की एम.ए. भूगोल के  छात्रों के लिये तब किस व्यक्ति ने देखा है,क्योंकि यह बहुत आपत्तिजनक है.

                                                          ...व्यवधान...

          अध्यक्ष महोदय-- पहले कैलाश विजयवर्गीय जी को मैंने बोला है.

          श्री कैलाश विजयवर्गीय -- माननीय अध्यक्ष महोदय, नेता प्रतिपक्ष ने जो विषय उठाया है निश्चित रूप से बड़ा गंभीर विषय है. पर अध्यक्ष जी, यह विधान सभा नियम और प्रक्रिया के अंतर्गत चलती है. कोई सा भी विषय उठाया जा सकता है और मैं आपकी (नेता प्रतिपक्ष से) बात का समर्थन करते हुये यह बात बोल रहा हूं. अध्यक्ष महोदय, बहुत सीनियर विधायक हैं. हमेशा विधानसभा के अंदर कोई सा भी विषय उठाना एक नियम होता है, एक प्रक्रिया होती है. आपने ध्यानाकर्षित करा दिया, ठीक है. बहुत अच्छा किया परंतु एक नियम प्रक्रिया का पालन करें जैसा कि गोपाल भार्गव जी ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया है वह बिल्कुल सही है. अध्यक्ष महोदय, मैं आपसे निवेदन करूंगा कि विषय गंभीर है पर आप किसी व्यवस्था के अंतर्गत तो इसको लेंगे ? आपने ध्यानाकर्षण लगाया है ? स्थगन लगाया है ? क्या लगाया है. आप उस पर चर्चा करिये. आपने सदन के ध्यान में ला दिया.

          श्री अजय सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मुझे आज ही जानकारी मिली है और इसीलिये मैंने शून्यकाल में यह बात उठाई.

                                                          ...व्यवधान...

          श्री गोपाल भार्गव -- माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं भी माननीय नेता प्रतिपक्ष की बात का आदर करता हूं. लेकिन एक प्रक्रिया जैसा कि कैलाश जी कह रहे थे इसको टेवल करते और हम इसकी प्रमाणिकता देखते, आप देखते इसकी प्रमाणिकता इसके बाद में इस विषय को उठाया जाना चाहिये था. अध्यक्ष महोदय, कभी भी , किसी भी समय, किसी भी रिफ्रेंस में कोई बात कर देना, मैं मानकर के चलता हूं कि यह न्यायसंगत नहीं है.

          डॉ.गोविन्द सिंह -- माननीय मंत्री जी, शून्यकाल का विषय है. शून्यकाल में ही इस बात को उठाया गया है.

          श्री रामनिवास रावत-- अध्यक्ष महोदय, मैं गोपाल जी से जानकारी चाहता हूं कि क्या शून्यकाल में इस बात को नहीं उठाया जा सकता है. अध्यक्ष जी ने अनुमति दी है उसके बाद तो उठाया जा सकता है.

          डॉ.गोविंद सिंह -- अध्यक्ष महोदय, नेता प्रतिपक्ष को सदन में कभी भी कोई भी मामले पर चर्चा करने का अधिकार है.

गर्भगृह में प्रवेश एवं वापसी

इंडियन नेश्नल कांग्रेस के सदस्य द्वारा गर्भ गृह में प्रवेश

          श्री ओमकार सिंह मरकाम -- अध्यक्ष महोदय, यह घोर आपत्तिजनक बात है. हमारी जाति का अपमान किया जा रहा है. (श्री ओमकार सिंह मरकाम,इंडियन नेश्नल कांग्रेस के सदस्य गौंड़ जाति के अपमान की बात कहते हुये गर्भगृह में आए और अध्यक्ष महोदय की समझाईश पर सदस्य अपने स्थान पर वापस चले गये   )

                                                          ...व्यवधान...

          अध्यक्ष महोदय-- कृपया बैठ जायें. अपने स्थान पर जायें.

          श्री बाला बच्चन-- अध्यक्ष महोदय, सरकार ने पूरी अनुसूचित जनजाति वर्ग का अपमान किया है. यह किताब जो छपी है, इसका जो प्रकाशन किया गया है अगर शून्यकाल में बात उठाई गई है तो इसमें गलत क्या है.

          अध्यक्ष महोदय-- कृपया बैठ जायें.

                                                          ...व्यवधान...

          श्री बाला बच्चन-- अध्यक्ष महोदय, अगर शून्यकाल के माध्यम से सदन में यह बात आ गई तो इसमें गलत क्या है. सरकार ने इतनी बड़ी चूक की है, इतनी बड़ी गलती की है, सरकार उसको स्वीकार क्यों नहीं कर रही है. इसमें गलत क्या है.

          श्री गोपाल भार्गव-- पहले इसको टेबल करें न. टेबल करके अनुमति लें.

          श्री बाला बच्चन-- अध्यक्ष महोदय, सरकार ने मध्यप्रदेश के 1 करोड़ 53 लाख आदिवासियों का और मैं समझता हूं कि पूरे देश के आदिवासियों का अपमान किया है.

          श्री अजय सिंह -- अध्यक्ष महोदय, पूरे मध्यप्रदेश के गौंड़ समाज के लोगों का आदिवासियों का अपमान किया है.

                                                          ...व्यवधान...

          श्री गोपाल भार्गव -- पहले इसको टेबल करें.

          श्री अजय सिंह -- अध्यक्ष महोदय, मैं इसको पटल पर रखता हूं.

(नेता प्रतिपक्ष श्री अजय सिंह द्वारा प्रमुख सचिव, विधानसभा की टेबल पर हस्ताक्षर करके उक्त पुस्तक पटलित की गई)

          अध्यक्ष महोदय- सभी लोग बैठ जायें.

          श्री गोपाल भार्गव-- अध्यक्ष महोदय, आपसे अनुमति लें.

          श्री अजय सिंह -- माननीय अध्यक्ष महोदय, नियम प्रक्रिया की बात है. आज सुबह ही हमें जानकारी मिली, शून्यकाल में क्या हम इस बात को नहीं उठा सकते हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय -  कृपा करके बैठ जाए.

          श्री रामनिवास रावत - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, माननीय नेता प्रतिपक्ष ने जो बात टेबिल किया है, उसे स्‍वीकार करें. 

          अध्‍यक्ष महोदय - नहीं, उसमें हस्‍ताक्षर नहीं है.

          श्री गोपाल भार्गव - यह अध्‍यक्ष की इच्‍छा पर है, आसंदी की इच्‍छा पर है.

          श्री रामनिवास रावत - निवेदन ही तो कर रहे हैं. आपने भी निवेदन किया है

          श्री गोपाल भार्गव - उसकी प्रमाणिकता क्‍या है, देखेंगे.

          रामनिवास रावत - देखिए कौन मना कर रहा है, लेकिन यह प्रदेश की पूरी अनुसूचित जनजाति का अपमान है, घोर अपमान है.

          अध्‍यक्ष महोदय - रावत जी कृपया बैठ जाएं.

          श्री लाल सिंह आर्य, राज्‍यमंत्री, सामान्‍य प्रशासन विभाग - माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैंने अभी विजय शाह जी के हाथ से वह पृष्‍ठ देखें हैं, केन्‍द्र सरकार में, मध्‍यप्रदेश सरकार में अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जनजातियां घोषित है अनुसूची में और कहीं भी इस प्रकार से अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जनजातियां के सामने कहीं भी यह उल्‍लेख नहीं है. यह जो आप पृष्‍ठ लाए हैं यह कहां से उठाकर लाए हैं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का अनादर मध्‍यप्रदेश में शिवराज सिंह जी के होते हो ही नहीं सकता (व्‍यवधान ....) माननीय अध्‍यक्ष महोदय, (XXX) वहां शिवराज सिंह जी ने विकास की गंगा बहा दी है. यह मनगढ़ंत आरोप है.

12:12 बजे                                गर्भगृह में प्रवेश

इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में प्रवेश

          (इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण गौंड जाति के अपमान की बात करते हुए गर्भगृह में आए और उनके द्वारा नारे लगाए.) (व्‍यवधान ....)

          अध्‍यक्ष महोदय - मेरा माननीय सदस्‍यों ने अनुरोध है कि कृपया अपने अपने स्‍थान पर बैठ जाए. (व्‍यवधान ....)

          श्री सुन्‍दर लाल तिवारी - क्‍या बैठने से फायदा है?

          अध्‍यक्ष महोदय - अपन बैठ जाई, बैठ जाई (व्‍यवधान ....)

          श्री कैलाश विजयवर्गीय - अध्‍यक्ष महोदय, नेता प्रतिपक्ष ने यह जो बात उठाई है, वह किस नियम और प्रक्रिया के अंतर्गत उठाई है, यह तो बता दे जरा. सदन नियम और प्रक्रिया से चलता है. (व्‍यवधान ....)

          अध्‍यक्ष महोदय - सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्‍थगित की जाती है. 

(12:13 बजे सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्‍थगित की गई)

 

 

 

12.27 बजे                विधान सभा की कार्यवाही पुनः समवेत हुई.

{अध्यक्ष महोदय (डॉ. सीतासरन शर्मा) पीठासीन हुए.}

...(व्यवधान)..

                   (इण्डियन नेशनल कांग्रेस  के सदस्य गण गर्भगृह में नारे लगाते रहे.)

          अध्यक्ष महोदय --  मेरा माननीय सदस्यों से अनुरोध है कि वे अपने स्थान पर जायें.  माननीय मंत्री, कुंवर विजय शाह जी शासन की ओर से  बोलना चाहते हैं.

...(व्यवधान)..

          श्री कैलाश विजयवर्गीय -- अध्यक्ष महोदय, मुझे आधे मिनट का समय दें.

..(व्यवधान)..

          स्कूल शिक्षा मंत्री (कुंवर विजय शाह) -- अध्यक्ष महोदय, मैं  गौंड जनजाति का  हूं  और  किसी भी जनजाति के विरुद्ध   इस तरह की बात  आना  या कोर्स में  चलना,  उसकी पूरी जांच करा ली जायेगी.  उस पुस्तक  की जांच करा ली जायेगी. ..(गर्भगृह में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यों द्वारा लगातार जोर-जोर से नारेबाजी करते रहे)..

          अध्यक्ष महोदय --   कृपा करके सुन लें. अनुसूचित जनजाति के मंत्री जी बोल रहे हैं.  उनकी तो सुन लें. 

..(व्यवधान)..

          कुंवर विजय शाह --   अध्यक्ष महोदय, कृपया माननीय सदस्य गण मेरी बात सुन लें.

...(व्यवधान)..

          अध्यक्ष महोदय --   कृपा करके आप उनकी बात सुन लें.  ..(व्यवधान).. कृपा करके आप  लोग  सदन चलाने में सहयोग करेंगे, तो आपने जो विषय  उठाया है,  वह भी व्यवस्थित  आ सकेगा.  ..(व्यवधान).. आप यदि कुछ व्यवस्थित सुनना चाहते हैं, (गर्भगृह में सदस्यों द्वारा इस पर शासन से स्पष्टीकरण दिलवाने की बात कहने पर)..  आप  अपने स्थान पर बैठकर सुनेंगे,  तब तो दिलवायेंगे.  मंत्री जी खड़े हो रहे हैं,   वे तैयार  हैं,  पर आप मंत्रियों   की बात  सुन तो लें.  शासन इस पर बोलने के लिये तैयार है.  शासन तैयार हैं, आप लोग सुनना नहीं चाहते हैं.

..(व्यवधान)..

          कुंवर विजय शाह -- अध्यक्ष महोदय,  मेरा सदन के  प्रतिपक्ष के  साथियों से निवेदन है कि  वे पहले  मेरी बात तो सुन लें.

..(व्यवधान)..

          संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्तम मिश्र) -- अध्यक्ष महोदय, मेरा व्यवस्था का प्रश्न  सुन लें. मेरा व्यवस्था का प्रश्न  सिर्फ इतना सा है..(व्यवधान).. ..(गर्भगृह में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यों द्वारा लगातार  जोर-जोर से नारेबाजी करने पर)..

          अध्यक्ष महोदय --   आप  लोग बतायें  कि आप  चाहते  क्या हैं.  आप उनको  बोलने का मौका तो दो.  आप चाहते क्या हो.  आप नारे लगा रहे हैं.

          डॉ. नरोत्तम मिश्र -- अध्यक्ष महोदय,  आप कार्यवाही  आगे बढ़ायें, वे यह चाहते हैं.

..(व्यवधान)..

          अध्यक्ष महोदय --   आप लोग अपनी सीट पर  तो जायें.  हल्ले में कैसे बात करेंगे. आप  सिर्फ नारे लगाना चाहते हैं या  आप कुछ कार्यवाही चाहते हैं.  आप जब  अपने स्थान पर बैठ जायेंगे, तब  तो बात करेंगे.

...(व्यवधान)..

          डॉ. नरोत्तम मिश्र --  अध्यक्ष महोदय,  यह सदन पोलिटिकल इशू के लिये नहीं है.  यह जगह पोलिटिकल गेम खेलने के लिये नहीं है. ये अगर नहीं सुन रहे हैं तो आप कार्यवाही आगे बढ़ा सकते हैं. आप कृपया  कार्यवाही आगे बढ़ायें. 

..(व्यवधान)..

          अध्‍यक्ष महोदय - आप लोग कुछ सुनना चाहते हैं या नहीं.

(गर्भगृह में इण्डियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा नारेबाजी की जाती रही)

          श्री रामनिवास रावत - अध्‍यक्ष महोदय, सरकार की तरफ से स्‍पष्‍टीकरण आयेगा ? ...(व्‍यवधान)

          पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री (श्री गोपाल भार्गव) - अध्‍यक्ष महोदय, मेरा एक प्‍वाईंट ऑफ ऑर्डर है. ...(व्‍यवधान)

          अध्‍यक्ष महोदय - आप लोग बैठ जाएं. अपने सदस्‍यों को बैठाएं. 

          श्री रामनिवास रावत - अध्‍यक्ष महोदय, जो बात उठाई गई है, उस बात पर वक्‍तव्‍य दें और स्‍पष्‍ट करें.

          अध्‍यक्ष महोदय - आप सदस्‍यों को बैठाएंगे तब तो स्‍पष्‍टीकरण की बात आयेगी. कोई सुनने को ही तैयार नहीं है. (व्‍यवधान)

          श्री मुकेश नायक - अध्‍यक्ष महोदय, यदि माननीय मुख्‍यमंत्री जी विधानसभा में आकर इस विषय पर अपना वक्‍तव्‍य दें तो हम लोग सुनने को तैयार हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय - अभी शासन के तीन मंत्रीगण खड़े हैं. (व्‍यवधान)

          श्री गोपाल भार्गव - अध्‍यक्ष महोदय, मेरा व्‍यवस्‍था का प्रश्‍न है.

          श्री मुकेश नायक - अगर माननीय मुख्‍यमंत्री जी सदन में आकर इस विषय पर वक्‍तव्‍य दें तो हम सुनने को तैयार हैं.

          अध्‍यक्ष महोदय - (श्री गोपाल भार्गव की ओर देखते हुए) मंत्री जी, आप बोलें.

          श्री गोपाल भार्गव - मेरी व्‍यवस्‍था का प्रश्‍न यह है कि आज की कार्यसूची में आपने उच्‍च शिक्षा विभाग की डिमाण्‍ड्स पर चर्चा रखी है और यह विषय उच्‍च शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम से संबंधित है तो जब हायर एज्‍युकेशन की डिमाण्‍ड्स पर चर्चा हो तो उस पर माननीय सदस्‍यगण चर्चा कर सकते हैं. आज के बजट में उनके लिए एक अवसर है, जो वे पाठ्यक्रम बता रहे हैं, वह हायर एज्‍युकेशन की डिमाण्‍ड्स में है. जैसा कि इनका कहना है कि इस पर चर्चा करवा सकते हैं. इस पर चर्चा नहीं करवाना है तो इसका अर्थ यह है कि वे पलायन कर रहे हैं. आज की कार्य सूची में आपने एक अवसर दिया है. ...(व्‍यवधान)

          श्री मुकेश नायक - आपने इतनी बड़ी जाति के लिये ...(व्‍यवधान)

          श्री रामनिवास रावत - यह बहुत गंभीर विषय है. यह प्रदेश की जनजाति, जो गोंडवाना जाति से हैं, गोंडवाना क्षेत्र से हैं. यह उस पूरी जाति का अपमान है...(व्‍यवधान)

          श्री गोपाल भार्गव - अध्‍यक्ष महोदय, आज उच्‍च शिक्षा विभाग की मांगों पर चर्चा है. ...(व्‍यवधान)

          श्री रामनिवास रावत - सरकार को इस पर वक्‍तव्‍य देना चाहिए एवं जांच करवाने की घोषणा करना चाहिए.

          श्री गोपाल भार्गव - अध्‍यक्ष महोदय, अगर माननीय सदस्‍य चाहें एवं माननीय नेता प्रतिपक्ष चाहें, पूरा प्रतिपक्ष चाहे तो इस पर चर्चा कर सकता है, इस पर चर्चा उठा सकता है. ...(व्‍यवधान)

          अध्‍यक्ष महोदय - (गर्भगृह में नारेबाजी करते हुए सदस्‍यगणों को देखते हुए) आप लोग क्‍या चाहते हैं ?

          चौधरी मुकेश सिंह चतुर्वेदी - अध्‍यक्ष महोदय, आप कमरे में बुलाकर चर्चा कर सकते हैं.

          श्री मुकेश नायक - अध्‍यक्ष महोदय, माननीय मुख्‍यमंत्री जी स्‍वयं सदन में आएं और इस विषय पर स्‍पष्‍टीकरण दें, वक्‍तव्‍य दें एवं संबंधित विभाग के मंत्री क्षमा मांगें. ...(व्‍यवधान)

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र - अध्‍यक्ष जी, सम्‍मानित विधायक ने जो सुझाव दिया है. उनके सुझाव पर मेरी भी सहमति है.

          अध्‍यक्ष महोदय - सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्‍थगित की जाती है.

( 12.33 बजे से सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्‍थगित की गई.)

                                                                                           

1.00 बजे                               (विधान सभा पुन: समवेत हुई)

{अध्‍यक्ष महोदय (डॉ. सीतासरन शर्मा) पीठासीन हुए}

(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में नारे लगाये गये)

          संसदीय कार्य मंत्री (डॉ. नरोत्‍तम मिश्र)-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, इस विषय में हम अपना पक्ष रखना चाहते हैं, सरकार अपना पक्ष रखना चाहती है. वक्‍तव्‍य देना चाहती है. अपनी बात रखना चाहती है. यह प्रजातांत्रिक प्रक्रिया नहीं है. इतने महत्‍वपूर्ण बजट पर चर्चा हो रही है और चर्चा में व्‍यवधान करना, चर्चा से पलायन करना ठीक नहीं है. आप विषय बताइए हमने पूरी तैयारी कर ली है... (व्‍यवधान)

          कुंवर विक्रम सिंह -- अध्‍यक्ष महोदय, इस पुस्‍तक को मंगवाया जाए और उस पुस्‍तक को रीड किया जाए. उसमें जांच करवाई जाए. कौन-कौन दोषी हैं, किन लोगों ने पुस्‍तक का परीक्षण किया, किन लोगों के द्वारा इस पुस्‍तक का चयन किया गया. उनके ऊपर कार्यवाही होनी चाहिए. (व्‍यवधान)

          अध्‍यक्ष महोदय-- सभी अपने स्‍थान पर जाकर बैठ जाएं... (व्‍यवधान)

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र-- हमने फर्जी लोगों के खिलाफ पूरी तैयार कर ली है. आप चर्चा करा दो. स्‍थगन पर, ध्‍यानाकर्षण पर चर्चा कराओ... (व्‍यवधान)

          अध्‍यक्ष महोदय-- शासन वक्‍तव्‍य देना चाहता है. उच्‍च शिक्षा मंत्री जी भी बैठे हुए हैं... (व्‍यवधान)

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र-- अध्‍यक्ष महोदय, सब बैठे हुए हैं. पूरा मंत्रिमंडल यहां है. आ जाओ चर्चा करो. हम तैयार हैं. पलायन नहीं करना है. .. (व्‍यवधान)

          श्री कैलाश विजयवर्गीय--अध्‍यक्ष महोदय, यदि हंगामा करना हो तो बाहर करें. यह चर्चा का स्‍थान है यहां चर्चा करें...(व्‍यवधान)

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र-- अध्‍यक्ष महोदय, हम चर्चा को तैयार हैं. कोई भी वक्‍तव्‍य देने को सभी वरिष्‍ठ मंत्री बैठे हैं. एक, दो, तीन, नंबर प्रारम्‍भ वाले तीनों बयान देंगे...(व्‍यवधान)

          अध्‍यक्ष महोदय-- कृपा करके अपने स्‍थान पर बैठ जाएं. आप कुछ सुनना चाहते हो या नहीं....(व्‍यवधान)

          श्री कैलाश विजयवर्गीय -- अध्‍यक्ष महोदय, सदन तो चर्चा के लिए होता है चर्चा करें. चर्चा करिए किस विषय पर करना है....(व्‍यवधान)

          डॉ. नरोत्‍तम मिश्र-- अध्‍यक्ष महोदय, यह राजनीति करने का का फ्रंट नहीं है. इनको राजनीति नहीं करने देंगे....(व्‍यवधान)

          अध्‍यक्ष महोदय-- डॉ. साहब आप अपनी जगह पर जाकर बैठिए. माननीय नेता जी कुछ कहना चाहते हैं. आप लोग कृपया अपने स्‍थान पर बैठें. विधानसभा की कार्यवाही विधानसभा प्रक्रियानुसार चलती है. शून्‍यकाल में शासन का वक्‍तव्‍य नहीं आता है. उच्‍च शिक्षा विभाग की मांगों पर चर्चा में विषय उठाने का अवसर उपलब्‍ध है. उच्‍च शिक्षा मंत्री शासन की ओर से उत्‍तर देंगे. अभी भी शासन उत्‍तर देना चाहता है. आपकी बात पर अनुपूरक बजट में भी चर्चा की जा सकती है. शासन भी इस पर वक्‍तव्‍य देने हेतु सहमत है. प्रतिपक्ष के माननीय सदस्‍यों से अनुरोध है कि वह कृपया अपने स्‍थान पर बैठें और कार्यवाही चलने दें. माननीय नेता जी और माननीय वरिष्‍ठ सदस्‍यों से अनुरोध है कृपया करके कार्यवाही चलने दें. ...(व्‍यवधान)

          श्री कैलाश विजयवर्गीय-- अध्‍यक्ष महोदय, आपने जो निर्णय लिया हम उसका सम्‍मान करते हैं और नेता प्रतिपक्ष से आग्रह करते हैं कि सदन चर्चा के लिए होता है. हंगामा करने के लिए नहीं होता है. हम चर्चा करने के लिए भी तैयार हैं और हंगामा करना हो तो सदन के बाहर भी हम तैयार हैं. अगर चर्चा करना हो तो यह सदन है आप सदन में चर्चा करिए अगर हंगामा करना हो तो आइए बाहर हंगामा करते हैं....(व्‍यवधान)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

1.03 बजे                            पत्रों का पटल पर रखा जाना

(1) मध्‍यप्रदेश राज्‍य वन विकास लिमिटेड, भोपाल का 41 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2015-2016

 

          (व्‍यवधान)...

 

(2) मध्‍यप्रदेश राज्‍य पर्यटन विकास निगम मर्यादित, भोपाल का 37 वां वार्षिक प्रतिवेदन वर्ष 2014-2015

(व्‍यवधान)...

 

 

1.04 बजे              

(व्‍यवधान)...

         

 

 

 

 

 

 

 

 

          अध्‍यक्ष महोदय-- 

          अध्‍यक्ष महोदय-- प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुआ.

          प्रश्‍न यह है कि जिन कार्यों पर चर्चा के लिए समय निर्धारण करने के संबंध में कार्यमंत्रण समिति की जो सिफारिशें पढ़कर सुनाई, उसे सदन स्‍वीकृति देता है.

प्रस्‍ताव स्‍वीकृत हुआ.

          (व्‍यवधान)...

 

 ( व्यवधान के बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्यगण गर्भगृह में नारेबाजी करते रहे)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

1.05 बजे                                         ध्यानाकर्षण

 

(1) मंदसौर जिले के सीतामऊ जनपद पंचायत में अनियमितता के संबंध में कार्यवाही न किये जाने संबंधी.

 

          श्री यशपाल सिंह सिसौदिया (मंदसौर)-- अध्यक्ष महोदय,

                                         

 

 

                                                          (व्यवधान)

 

 

 

 

 

 

 

          पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री (श्री गोपाल भार्गव)--अध्यक्ष महोदय,

                                              (व्यवधान)

          श्री यशपाल सिंह सिसौदिया--अध्यक्ष महोदय, मैं माननीय मंत्री महोदय को बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ. मंत्री जी, आपने निलंबित किया इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

(2)  ग्वालियर जिले के डबरा नगर पालिका अध्यक्ष को अयोग्य घोषित होने पर पद से न हटाये जाने संबंधी.

 

          श्रीमती इमरतीदेवी (डबरा)--माननीय अध्यक्ष महोदय,

                                                 (व्यवधान)

                                                         

 

 

 

(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही.)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

          नगरीय विकास एवं आवास मंत्री (श्रीमती माया सिंह)-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय,

 

          श्रीमती इमरती देवी-  माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मेरा मंत्री महोदया से निवेदन है कि कोर्ट के आदेश का परिपालन करना चाहिए. आपने कोर्ट के आदेश का परिपालन नहीं किया है. मैं चाहती हूं कि आज ही नगर पालिका अध्‍यक्ष को उसके पद से हटाया जाए. ..(व्‍यवधान)..

          अध्‍यक्ष महोदय-  मंत्री महोदया, क्‍या आपको कुछ सुनाई पड़ रहा है ? माननीय सदस्‍या, मंत्री महोदया, को कुछ सुनाई नहीं दे रहा है.

          श्रीमती इमरती देवी-  मंत्री महोदया, मैं चाहती हूं कि कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए और नगर पालिका अध्‍यक्ष सत्‍यप्रकाश को आज ही हटाया जाए. ..(व्‍यवधान)..

          अध्‍यक्ष महोदय-  मंत्री महोदया, आपको अगर कुछ सुनाई पड़ रहा है तो जवाब दे दीजिए. मंत्री महोदया, को कुछ सुनाई नहीं दे रहा है. ..(व्‍यवधान)..  

 

1.11 बजे                                प्रतिवेदनों की प्रस्‍तुति

 

याचिका समिति का छियालीसवां एवं सैंतालीसवां तथा अभ्‍यावेदन से संबंधित अष्‍टम् प्रतिवेदन

         

 

1.12 बजे                              याचिकाओं की प्रस्‍तुति

 

          अध्‍यक्ष महोदय-  आज की कार्यसूची में सम्मिलित सभी याचिकायें प्रस्‍तुत की गई मानी जायेंगी. ..(व्‍यवधान)..

1.13 बजे                                     अध्‍यक्षीय घोषणा

                                    (1) भोजनावकाश न होने विषयक

          आज भोजनावकाश नहीं होगा. भोजन की व्‍यवस्‍था सदन की लॉबी में की गई है. माननीय सदस्‍यों से अनुरोध है कि वे सुविधानुसार भोजन ग्रहण करने का कष्‍ट करें.

 

(2) विधान सभा परिसर में श्रीमद् राजचन्‍द्र मिशन, धरमपुर द्वारा संस्‍कृति विभाग के सौजन्‍य से नाटक युग पुरूष के आयोजन विषयक

 

          गुरूवार, दिनांक 23 मार्च, 2017 को सायं 7.00 बजे विधान सभा परिसर में माननीय सदस्‍यों के लिए श्रीमद् राजचन्‍द्र मिशन, धरमपुर द्वारा संस्‍कृति विभाग के सौजन्‍य से नाटक ''युग पुरूष'' का आयोजन किया गया है.

          उक्‍त कार्यक्रम में माननीय सदस्‍यों की उपस्थिति प्रार्थित है. ..(व्‍यवधान)..

 

 

 

1.14 बजे       

         

         

         

          अध्‍यक्ष महोदय-  श्री बाला बच्‍चन, श्री महेन्‍द्र सिंह कालूखेड़ा, श्री ओमकार सिंह मरकाम.

          माननीय सदस्‍यों द्वारा चर्चा नहीं की गई.                                             

         

                                                                                          

 

                                                                                     

(व्यवधान के बीच इंडियन नेशनल काँग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)

1.15 बजे

शासकीय विधि विषयक कार्य.

मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2017 (क्रमांक 4 सन् 2017) का पुरःस्थापन.

        वित्त मंत्री (श्री जयन्त मलैया)--  अध्यक्ष महोदय, मैं, मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2017 का पुरःस्थापन करता हूँ.

          अध्यक्ष महोदय, मैं,  प्रस्ताव करता हूँ कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2017 पर विचार किया जाए.

..(व्यवधान)..

        अध्यक्ष महोदय--  प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2017 पर विचार किया जाए.

(इंडियन नेशनल काँग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में की जा रही नारेबाजी के कारण चर्चा नहीं हो सकी. )

 

        अध्यक्ष महोदय--  प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2017 पर विचार किया जाए.

          प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

          अध्यक्ष महोदय--  अब विधेयक के खण्डों पर विचार होगा.

          प्रश्न यह है कि खण्ड 2, 3 तथा अनुसूची इस विधेयक का अंग बने.

खण्ड 2, 3 तथा अनुसूची इस विधेयक का अंग बने.

          अध्यक्ष महोदय--  प्रश्न यह है कि खण्ड 1इस विधेयक का अंग बने.

          खण्ड 1इस विधेयक का अंग बना.

..(व्यवधान)..

          अध्यक्ष महोदय--  प्रश्न यह है कि पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

पूर्ण नाम तथा अधिनियमन सूत्र विधेयक का अंग बने.

          श्री जयन्त मलैया--  अध्यक्ष महोदय, मैं, प्रस्ताव करता हूँ कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2017 पारित किया जाए.

            अध्यक्ष महोदय--  प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2017 पारित किया जाए.

 

(इंडियन नेशनल काँग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में की जा रही नारेबाजी के कारण चर्चा नहीं हो सकी. )

 

          अध्यक्ष महोदय--  प्रश्न यह है कि मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक, 2017 पारित किया जाए.

                                                                             प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

          विधेयक पारित हुआ.

..(व्यवधान)..

 

 

 

 

 

 

 

1.17 बजे

वर्ष 2017-2018 की अनुदानों की मांगों पर मतदान (क्रमशः)

(1)  मांग संख्या- 48 नर्मदा घाटी विकास.

          राज्य मंत्री, नर्मदा घाटी विकास (श्री लाल सिंह आर्य)--  अध्यक्ष महोदय, मैं, राज्यपाल महोदय की सिफारिश के अनुसार प्रस्ताव करता हूँ कि 31 मार्च, 2018 को समाप्त होने वाले वर्ष में राज्य की संचित निधि में से प्रस्तावित व्यय के निमित्त राज्यपाल महोदय को-

          अनुदान संख्या- 48               नर्मदा घाटी विकास के लिए दो हजार सात सौ

                                                पच्चीस करोड़, अड़सठ लाख, छब्बीस हजार रुपये

                                                तक की राशि दी जाय.

          अध्यक्ष महोदय--  प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ.

          अब, इस मांग पर कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत होंगे. कटौती प्रस्तावों की सूची पृथकतः वितरित की जा चुकी है. प्रस्तावक सदस्य का नाम पुकारे जाने पर जो माननीय सदस्य हाथ उठाकर कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाने हेतु सहमति देंगे, उनके ही कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत हुए माने जाएँगे.

                   मांग संख्या- 48                             नर्मदा घाटी विकास

                                                                             क्रमांक

          श्री विजय सिंह सोलंकी                                           1

          डॉ. गोविन्द सिंह                                                  2

          डॉ.रामकिशोर दोगने                                             3

          श्री कमलेश्वर पटेल                                               4

          श्री उमंग सिंघार                                                   5

          श्री सचिन यादव                                                  6

          श्री आरिफ अकील                                                 7

 

        उपस्थित सदस्यों के कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत हुए.

          अब मांग और कटौती प्रस्तावों पर एक साथ चर्चा होगी. ..(व्यवधान)..

(व्यवधान के बीच इंडियन नेशनल काँग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में की जा रही नारेबाजी के कारण अनुदान मांगों पर चर्चा नहीं हो सकी.)

          अध्यक्ष महोदय--  (गर्भगृह में नारेबाजी कर रहे इंडियन नेशनल काँग्रेस के सदस्यों से) आप लोग सुनने को तैयार कहाँ हैं. आप सुनना नहीं चाहते, सरकार कहने को तैयार है.

          मैं, पहले कटौती प्रस्तावों पर मत लूँगा.

          प्रश्न यह है कि मांग संख्या- 48 पर प्रस्तुत कटौती प्रस्ताव स्वीकृत किए जाएँ.

कटौती प्रस्ताव अस्वीकृत हुए.

          अध्यक्ष महोदय--  अब, मैं, मांग पर मत लूँगा.

          प्रश्न यह है कि 31 मार्च, 2018 को समाप्त होने वाले वर्ष में राज्य की संचित निधि में से प्रस्तावित व्यय के निमित्त राज्यपाल महोदय को-

                   अनुदान संख्या-  48              नर्मदा घाटी विकास के लिए दो हजार                                                                        सात सौ पच्चीस करोड़, अड़सठ लाख,                                                                        छब्बीस हजार रुपये

                                                           तक की राशि दी जाय.

 

मांग का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ.

..(व्यवधान)..

 

                (2)  मांग संख्या- 43                        खेल और युवक कल्याण.

                      मांग संख्या- 51                धार्मिक न्यास और धर्मस्व.

        खेल और युवा कल्याण मंत्री (श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया)--  माननीय अध्यक्ष महोदय, मैं, राज्यपाल महोदय की सिफारिश के अनुसार प्रस्ताव करती हूँ कि 31 मार्च 2018 को समाप्त होने वाले वर्ष में राज्य की संचित निधि में से प्रस्तावित व्यय के निमित्त राज्यपाल महोदय को-

          अनुदान संख्या- 43               खेल और युवक कल्याण के लिए दो सौ तेईस करोड़,

                                                इक्यासी लाख, चौरानवे हजार रुपये, तथा

          अनुदान संख्या- 51               धार्मिक न्यास और धर्मस्व के लिए दो सौ बत्तीस करोड़,

                                                इक्यासी लाख, सैंतीस हजार रुपये

                                                तक की राशि दी जाय.

          अध्यक्ष महोदय--  प्रस्ताव प्रस्तुत हुआ.

 


 

         

 

          उपस्थित सदस्‍यों के कटौती प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुए.

          अब मांगों और कटौती प्रस्‍तावों पर एक साथ चर्चा होगी.

(व्‍यवधान के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में की जा रही नारेबाजी के कारण अनुदान मांग पर चर्चा नहीं हो सकी)

 

          अध्‍यक्ष्‍ा महोदय -- आप लोग अपने स्‍थान पर बैठ जाएं. उच्‍च शिक्षा विभाग की मांगे हैं अभी. उन पर आप बात कर लीजिए. आप सुनना ही नहीं चाहते.

.....(व्‍यवधान)....

..(व्‍यवधान)....

                                                       ..(व्‍यवधान)....

          किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास मंत्री (श्री गौरीशंकर बिसेन) -- कौन सा इस्‍तीफा?.....(व्‍यवधान)......भगवान के लिए असत्‍य तो मत बोलो.....(व्‍यवधान)......          अध्‍यक्ष महोदय -- कृपया सभी अपने स्‍थान पर जाकर बैठें.

..(व्‍यवधान)....

 

(3)            मांग संख्‍या -  22             नगरीय विकास एवं पर्यावरण

                मांग संख्‍या -  41             सिंहस्‍थ, 2016 से संबंधित व्‍यय

                मांग संख्‍या -  64             नगरीय निकायों को वित्‍तीय सहायता.

          ..(व्‍यवधान).....

         

          अध्‍यक्ष महोदय -- आप विधिवत वहां से बोलिए तो हम उस पर बात करेंगे.

..(व्‍यवधान).....

..(व्‍यवधान)....

          उपस्थित सदस्‍यों के कटौती प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुए.

          अब मांगों और कटौती प्रस्‍तावों पर एक साथ चर्चा होगी.

(व्‍यवधान के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में की जा रही नारेबाजी के कारण अनुदान मांग पर चर्चा नहीं हो सकी)

         

 

 

(व्यवधान के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)

 

 

 (4)     मांग संख्या 55             महिला एवं बाल विकास

.....व्यवधान....

 

(इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)

        अध्यक्ष महोदय-- आप अपने स्थान पर जायें. आप अपने स्थान से बोलें तो कुछ बात भी करें. अपने स्थान से बोलिये यहाँ से नहीं....(व्यवधान)..

        उपस्थित सदस्यों  के कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत हुए.

          अब मांग और कटौती प्रस्तावों पर एक साथ चर्चा होगी.

(इंडियन नेशनल कांग्रेस के  सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में की जा रही नारेबाजी के कारण अनुदान माँग पर चर्चा नहीं हो सकी.)

(.....व्यवधान...)

 

 

 

 

(5)    मांग संख्या- 13      किसान कल्याण तथा कृषि विकास

        मांग संख्या- 54      कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा

 

 

(....व्यवधान......)

 

        उपस्थित सदस्यों के कटौती प्रस्ताव प्रस्तुत हुए.

          अब मांगों और कटौती प्रस्तावों पर एक साथ चर्चा होगी.

(व्यवधान के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्यगण द्वारा गर्भगृह में की जा रही नारेबाजी के कारण अनुदान मांगों पर चर्चा नहीं हो सकी.)

.....(व्यवधान)...

 

(........व्यवधान.........)

          अध्यक्ष महोदय--  अब कृपया अपने स्थान पर बैठें. उच्च शिक्षा विभाग की माँगें आ रही हैं आप उस पर अपनी बात कह सकते हैं. कृपा करके अपने स्थान पर बैठें. मंत्री जी उसका उत्तर देंगे...(व्यवधान)....उच्च शिक्षा मंत्री जी बैठे हुए हैं उसी से संबंधित विषय माननीय प्रतिपक्ष के नेता जी ने उठाया है.कृपा करके अपने स्थान पर बैठ जायें. आप बात ही नहीं करना चाहते हैं.....(व्यवधान)...

 

 

 (व्‍यवधान के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)

 

        (6)    मांग संख्‍या - 21     लोक सेवा प्रबंधन

                मांग संख्‍या - 44       उच्‍च शिक्षा

 

(व्‍यवधान के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)

 

(व्‍यवधान के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)

 

          अध्‍यक्ष महोदय -- उपस्‍थित सदस्‍यों के कटौती प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत हुए. प्रतिपक्ष के माननीय सदस्‍यों से अनुरोध है कि अब इस पर चर्चा प्रारंभ होगी, आप अपने स्‍थान पर जाए और उच्‍च शिक्षा विभाग की मांगों पर चर्चा में भाग लें तथा अपना विषय रखें. माननीय मंत्री जी उसका समुचित उत्‍तर देने के लिए तैयार हैं, कृपा करके उनको अवसर दें.

(व्‍यवधान के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में की जा रही नारेबाजी के कारण अनुदान मांग पर चर्चा नहीं हो सकी)

 

                                                                                      .....व्‍यवधान .....

(व्‍यवधान के बीच इंडियन नेशनल कांग्रेस के सदस्‍यगण द्वारा गर्भगृह में नारेबाजी की जाती रही)

 

          अध्‍यक्ष महोदय -- विधान सभा की कार्यवाही गुरुवार, दिनाक 23 मार्च, 2017 के प्रात: 11.00 बजे तक के लिए स्‍थगित.

          अपराह्न 1.33 बजे विधान सभा की कार्यवाही गुरुवार, दिनाक 23 मार्च, 2017  (2 चैत्र, शक संवत् 1939) के पूर्वाह्न 11.00 बजे तक के लिए स्‍थगित की गई.

 

 

भोपाल,                                                                                 अवधेश प्रताप सिंह

दिनाक : 22 मार्च, 2017                                                                 प्रमुख सचिव,

                                                                                         मध्‍यप्रदेश विधान सभा