मध्यप्रदेश विधान सभा

 

की

 

कार्यवाही

 

(अधिकृत विवरण)

 

 

 

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पंचदश विधान सभा                                                                                             द्वितीय सत्र

 

 

फरवरी, 2019 सत्र

 

सोमवार, दिनांक 18 फरवरी, 2019

 

( 29 माघ, शक संवत्‌ 1940 )

 

 

[खण्ड- 2 ]                                                                                                              [अंक- 1 ]

 

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मध्यप्रदेश विधान सभा

 

सोमवार, दिनांक 18 फरवरी, 2019

 

( 29 माघ, शक संवत्‌ 1940)

 

विधान सभा पूर्वाह्न 11.05 बजे समवेत हुई.

 

{ अध्यक्ष महोदय (श्री नर्मदा प्रसाद प्रजापति (एन.पी.) पीठासीन हुए.}

 

 

 

राष्‍ट्रगीत

 

राष्‍ट्रगीत ''वन्‍दे मातरम्'' का समूह गान.

 

          अध्‍यक्ष महोदय - अब, राष्‍ट्रगीत ''वन्‍दे मातरम्'' होगा. सदस्‍यों से अनुरोध है कि वे कृपया अपने स्‍थान पर खड़े हो जाएं.

                             ( सदन में राष्‍ट्रगीत ''वन्‍दे मातरम्'' का समूहगान किया गया.)

 

 

 

11.06 बजे                                  निधन का उल्‍लेख

 

(1)      श्री जार्ज फर्नान्डीज, भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री,

(2)      श्री भानुप्रकाश सिंह, भूतपूर्व केन्द्रीय मंत्री,

(3)      श्री जितेन्द्र सिंह बुन्देला, भूतपूर्व संसद सदस्य,

(4)      श्री घनश्याम पाटीदार, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(5)    श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(6)    श्री मोहन सिंह बुंदेला, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य,

(7)      श्री कृष्णवल्लभ गुप्ता, भूतपूर्व विधान सभा सदस्य, तथा

(8)    जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर आतंकी हमले में शहीद जवान.

 

          अध्‍यक्ष महोदय -

                              

                        निश्चित रूप से घनश्याम पाटीदार जी मेरे साथ भी अच्छे विधायक रहे, अच्छे बोलने वाले थे और इसी कारण उनको उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित किया था. श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर का जन्म 07 अप्रैल,  1963 को ग्राम रिछफल जिला खण्डवा में हुआ था. आपने तेरहवीं एवं विगत चौदहवीं विधान सभा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से मांधाता निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था.

आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता और जनसेवी खो दिया है.

श्री मोहन सिंह बुंदेला का जन्म 01 जून, 1949 को नौगाँव जिला धार में हुआ था. श्री बुंदेला नगर पालिका परिषद् धार, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक धार एवं मध्यप्रदेश राज्य विपणन संघ के अध्यक्ष रहे. श्री बुंदेला ने आठवीं विधान सभा में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की ओर से धार का प्रतिनिधित्व किया था.

आपके निधन से प्रदेश ने एक लोकप्रिय नेता खो दिया है.

श्री कृष्णवल्लभ गुप्ता का जन्म 28 जुलाई, 1934 को हुआ था. श्री गुप्ता जिला जनसंघ, गुना के अध्यक्ष रहे. आपने अनेक आन्दोलनों में भाग लिया और आपातकाल के दौरान मीसा में निरुद्ध रहे. श्री गुप्ता 1972 में पाँचवी तथा 1977 में छठवीं विधान के सदस्य निर्वाचित हुए थे.

आपके निधन से प्रदेश के सार्वजनिक जीवन की अपूरणीय क्षति हुई है.

दिनाँक 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर पुलवामा जिले के लेथपोरा में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के वाहनों के काफिले पर हुए आतंकी हमले में कई जवान शहीद हो गए तथा अनेक घायल हुए हैं.

जम्मू-कश्मीर के केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के वाहनों के काफिले पर जो कायराना आतंकी हमला हुआ उसमें हमारे अनेक जवान शहीद हो गए. इस हमले में जबलपुर जिले के जवान श्री अश्विनी कुमार भी शहीद हुए. सदन इस हमले की कड़े शब्दों में निन्दा करता है और शहीद हुए सभी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है.

   मुख्यमंत्री (श्री कमलनाथ)--  अध्यक्ष महोदय, अभी आपने जिन दिवंगत विभूतियों का जिक्र किया है, निधन का उल्लेख किया है. मैं उन्हें अपनी ओर से तथा अपनी पार्टी की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.

अध्यक्ष महोदय, श्री जॉर्ज फर्नान्डीज़ और भानुप्रकाश सिंह, केन्द्र में मंत्री रहे लोकसभा के सदस्य रहे. जॉर्ज फर्नान्डीज़ तो मेरे साथ कई साल लोकसभा में साथी बनकर रहे और उनसे, जब मैं पहली दफा संसद सदस्य बना था, बहुत कुछ सीखने का भी मुझे मौका मिला. देश की उल्लेखनीय सेवा के लिए इन्हें हमेशा श्रद्धा के साथ स्मरण किया जाएगा.

अध्यक्ष महोदय जी, श्री जितेन्द्र सिंह बुंदेला, श्री पाटीदार, श्री तोमर, श्री मोहन सिंह बुंदेला एवं श्री कृष्णवल्लभ गुप्ता जी भी विधान सभा के सदस्य रहे और ये सभी अत्यन्त लोकप्रिय नेता थे.

 

अध्यक्ष महोदय, जम्मू-कश्मीर में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के वाहनों के काफिले पर जो आतंकी हमला हुआ उसमें हमारे अनेक जवान शहीद हुए. इसमें, जैसा आपने कहा, हमारे जबलपुर जिले के जवान अश्विनी कुमार भी शहीद हुए. हमारे सीआरपीएफ के जवान हों या सेना के जवान हों, अपना घर छोड़कर, अपना परिवार छोड़कर, देश की सेवा में जु़टते हैं. इनकी कुर्बानी देश हमेशा याद रखेगा और ये एक ऐसी घटना है जिसमें पूरे देश में एक एकता बनी, राजनीतिक दलों में भी, एकता बनी. मैं अपनी ओर से,  अपनी पार्टी की ओर से कड़े शब्दों में इसकी निन्दा करता हूँ और हमारे शहीद हुए सभी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ.

          नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव)-- माननीय अध्यक्ष महोदय, आज हम बहुत दुखी मन से अपने देश और प्रदेश के ऐसे वरिष्ठजन जिन्होंने समाजसेवा में, राष्ट्र की और राज्य की तरक्की में अपना योगदान दिया है ऐसे महापुरुषों को स्मरण कर रहे हैं.

          अध्यक्ष महोदय, जहां तक जॉर्ज साहब का सवाल है वह क्रान्ति के प्रतीक थे. हिन्दुस्तान में अगर सबसे बड़े और प्रतिष्ठित मजदूर नेता के रुप में हम किसी व्यक्ति को याद करेंगे या इतिहास में याद किया जाएगा तो जॉर्ज फर्नान्डीज को याद किया जाएगा. जब हम लोगों ने विश्वविद्यालय से राजनीति शुरु की थी. उस समय माननीय अटल जी और जॉर्ज जी हमारे आदर्श थे. जहां कहीं इनके भाषण और सभाएं होती थीं तो हम लोग किराया लगाकर उन्हें सुनने जाया करते थे. जब उन्होंने एस.के. पाटिल को महाराष्ट्र के मुंबई में चुनाव में हराया तो उस समय उनकी प्रतिष्ठा और ज्यादा बढ़ी. एक व्यक्ति जो कर्नाटक की राजनीति से निकला और महाराष्ट्र होते हुए वह बिहार तक गया. ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो अनेक राज्यों से चुनाव जीतकर आएं. इमरजेंसी के दौरान जब वे जेल में बंद हुए तो उन्होंने वहां से चुनाव लड़ा, उस चुनाव में भारत में सबसे ज्यादा वोटों से सन् 1977 में प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव उन्होंने जीता. मुझे स्मरण है कि तमाम संघर्षों के बाद भी वे कभी झुके नहीं, उन्होंने अपने सिद्धांतो से समझौता नहीं किया.  ऐसे लोग इतिहास पुरुष होते हैं, राजनीति में बहुत कम लोग ऐसे होते हैं. सबसे बड़े दुख की बात यह है कि जब वे डिफेंस मिनिस्टर थे उस समय उनके ऊपर एक ऐसा आरोप लगा जिससे वे मर्माहत थे. एक ऐसा व्यक्ति जिसके बंगले में दरवाजे भी नहीं थे, अलमारी भी नहीं हुआ करती थे तिजोरी की बात तो अलग है. उस आदमी के ऊपर ऐसा कलंक लगाया गया. उस व्यक्ति ने इस्तीफा भी दिया. जब वे न्यायालय से निष्कलंक और दोषमुक्त होकर आए तो उनका निखार अलग ही था. ऐसे लोग हमेशा हमारे मार्गदर्शक रहेंगे. मैं उम्मीद करता हूँ कि आने वाली पीढ़ी के लिए जॉर्ज फर्नान्डीज जी संघर्ष के प्रतीक तो रहेंगे ही, ईमानदारी और समर्पण के प्रतीक भी रहेंगे. मैं उन्हें नमन करता हूँ.

          अध्यक्ष महोदय, श्री भानुप्रकाश सिंह जी,  बहुत वरिष्ठ नेता थे. एक रजवाड़े के वे शासक थे. राजनीति में रहते हुए उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया है. भारत सरकार में भी काम किया है. हमारे यहां भी उन्होंने काम किया है. मेरी उन्हें भी श्रद्धांजलि है.

          अध्यक्ष महोदय, श्री जितेन्द्र सिंह जी बुन्देला मेरे साथ विधायक रहे हैं और सांसद भी रहे हैं. वे बुंदेलखण्ड क्षेत्र के बहुत ही प्रतिष्ठित नेता थे. वे सर्वमान्य नेता थे. काफी मेहनती, परिश्रमी थे. वे हमारे संगठन से बाद में जुड़े. उनके निधन से भी हम सब लोग दुखी हैं.

          अध्यक्ष महोदय, घनश्याम पाटीदार जी भी मेरे साथ विधायक रहे हैं. बाद में दिग्विजय सिंह जी की सरकार में सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री भी रहे हैं. वे बहुत ही सुसभ्य और सौजन्य व्यवहार के लिए जाने जाते थे. इस कारण उन्हें मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा उत्कृष्ट विधायक के लिए पुरस्कृत किया गया था.

          अध्यक्ष महोदय, श्री लोकेन्द्र सिंह तोमर, मांधाता क्षेत्र के विधायक थे. पिछली बार जब हम हनुवंतिया गए थे. वहां पर पर्यटन विभाग द्वारा बहुत बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. उस दौरान वे पूरे समय मेरे साथ रहे. उस समय मैं उनके निवास पर भी रुका था. वे बहुत मृदुभाषी और व्यवहार कुशल थे. आज वे हमारे बीच नहीं हैं. निश्चित रुप से हम सब को इस बात का दुख है.

          अध्यक्ष महोदय, श्री मोहन सिंह बुंदेला को-आपरेटिव क्षेत्र में एक चिरपरिचित नाम था. उनकी पूरे मालवांचल में को-आपरेटिव नेता के रुप में साख थी. वह एक स्थापित नेता थे. वे विधायक भी रहे. उनके प्रति मेरी श्रद्धांजलि है.

          अध्यक्ष महोदय, श्री कृष्णवल्लभ गुप्ता जी, जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे. उन्होंने गुना क्षेत्र में और पूरे मध्य भारत में पार्टी के विस्तार में काफी योगदान किया. दो बार विधायक रहे, उनके लिए मेरा नमन है. अध्‍यक्ष महोदय, पुलवामा में जो घटना घटित हुई जिसमें हमारे 42, 43 से ज्‍यादा सी.आर.पी.एफ. के जवान शहीद हु हैं निश्चित रूप से पूरा देश मर्माहत है, पूरा देश आहत है, पूरा देश क्षुब्‍ध है और मैं धन्‍यवाद दूंगा पूरे देश की जनता को, सभी पार्टियों को कि एक राय होकर हमने ठीक उसी तरह जिस त‍रह सन् 1971 के युद्ध में अटल जी ने तत्‍कालीन सरकार के लिए, तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा जी के लिए पूरा दिल से सहयोग दिया था. उस जंग में, उस युद्ध में इसी त‍रह से सभी राजनैतिक दलों ने इस‍की निन्‍दा भी की और सभी ने कड़े कदम उठाने की बात भी कही है. आज फिर घटना हुई. अध्‍यक्ष महोदय, निरंतर हमारा एक हिस्‍सा कश्‍मीर जो हमारा सिर है आतंकवाद से ग्रसित है. कारण बहुत से हैं मैं उनके बारे में नहीं जाना चाहता हूं लेकिन जिन जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है उनका बलिदान व्‍यर्थ नहीं जाएगा. इस बात को मैं सदन में भी कहना चाहता हूं, हमारे नेताओं ने भी कहा है और उचित समय पर उचित कदम हमारी सेना, हमारी सरकार, हमारी व्‍यवस्‍था जो कुछ भी है वह उठाएगी और आतंकवाद और उसके सरपरस्‍तों को समूल नष्‍ट करने का काम हमारी भारत सरकार भी करेगी और हमारी जांबाज सेनाएं भी करेंगी.

          अध्‍यक्ष महोदय, मेरा आज के दिन एक प्रस्‍ताव है चूंकि घटनाएं लगातार हो रही हैं सेना इन से निपट रही है हमारा मनोबल काफी ऊंचा है और देर सबेर कहीं न कहीं हमें इसमें विजय प्राप्‍त होगी हम समूल इसके लिए नष्‍ट कर सकेंगे लेकिन एक पृष्‍ठभूमि से भी एक जनसमर्थन देने की, लोगों का समर्थन देने की, हमारी विधायी संस्‍थाओं के माध्‍यम से समर्थन देने की एक परम्‍परा यदि हम शुरू करें तो सैन्‍यबलों का उत्‍साह और ज्‍यादा  बढे़गा, मनोबल बढ़ेगा और इस कारण से मैं सदन के नेता जी से और समस्‍त सदन से अनुरोध करूंगा कि हम सर्वसम्‍मति से एक निन्‍दा प्रस्‍ताव आतंकवादियों की इन हरकतों के खिलाफ और उनके जो सरपरस्‍त हों चाहे वह पाकिस्‍तान हो, चाहे कोई भी हों उसके खिलाफ हम सर्वसम्‍मति से निन्‍दा प्रस्‍ताव पारित करके भारत के प्रधानमंत्री, भारत के राष्‍ट्रपति जी को और सेना अध्‍यक्ष के लिए प्रेषित करें तो बहुत अच्‍छी बात होगी बहुत-बहुत धन्‍यवाद.

          श्री शिवराज सिंह चौहान (बुधनी)-- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं उन सौभाग्‍यशाली लोगों में से हूं जिनको जार्ज साहब के साथ काम करने का अवसर मिला था. मैं उनके साथ संसद का सदस्‍य था. एक ऐसे नेता जो सहज थे, सरल थे जिनका सारा जीवन सादगी से परिपूर्ण था लेकिन जुझारू ऐसे कि पूरा देश उनके जुझारूपन का कायल था. जब वह अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी संघ के अध्‍यक्ष थे तो रेलवे की ऐसी हड़ताल हुई थी कि पूरी सरकार और देश उस समय हिल गया था. वह दृढ़ निश्‍चयी थे, संघर्षशील थे, जुझारू थे और ऐसी लड़ाई कि जिसको अंतिम परिणीति तक पहुंचा दें तो उसके वह एक प्रतीक जैसे थे. आपातकाल के खिलाफ जो लड़ाई उन्‍होने लड़ी वह भी इतनी जबर्दस्‍त थी कि पूरा देश, मैं इसलिए नहीं कह रहा हूं कि उस समय हम प्रतिपक्ष में और जेलों में थे लेकिन उस लड़ाई के कारण भी हिला था. वह कुशल प्रशासक थे, योग्‍य संगठक थे. रक्षामंत्री के रूप में चाहे सियाचीन हो, लेह लद्दाख हो सेनाओं का मनोबल बढ़ाने जार्ज साहब हमेशा पहुंचते थे. एक ऐसे नेता जिनके साथ काम करने का हमको गर्व है आज हमारे बीच नहीं रहे उनका अंतिम समय जरूर लंबी बीमारी में गुजरा लेकिन संघर्ष के मूर्तिमंत प्रतीक थे. श्री भानुप्रकाश सिंह जी, माननीय मुख्‍यमंत्री जी भी जानते हैं कि एक नेता के रूप में उन्‍होंने अपनी लोकप्रियता सिद्ध की थी, अगर मैं कहूं कि वे संसद के सेन्‍ट्रल हॉल की शोभा थे, तो यह अतिश्‍योक्ति नहीं होगी. हम जब भी संसद जाते थे तो वे हर एक का गर्मजोशी से स्‍वागत करते थे. उनकी कार्य करने की अपनी शैली थी, जिससे वे सभी का दिल जीत लेते थे.

          हमारे मित्र, श्री जितेन्‍द्र सिंह बुन्‍देला जी के साथ लंबे समय तक काम करने का हमारा अनुभव रहा है. वे हर दिल अजी़ज थे. अभी तक भी वे सक्रिय थे. वे विधायक रहे, सांसद रहे और भारतीय जनता पार्टी के संगठन को छतरपुर में जमाने में उनका अतुल्‍यनीय योगदान था.

          श्री घनश्‍याम पाटीदार जी, अत्‍यंत लोकप्रिय नेता थे.

          श्री लोकेन्‍द्र सिंह तोमर जी को हम सभी कभी भुला नहीं पायेंगे. क्षेत्र में विकास के कार्य यदि देखने हैं और विकास कैसा होता है, यह सीखना है, तो नए विधायक उनके मांधाता विधान सभा क्षेत्र को देखने जा सकते हैं. अभी माननीय मुख्‍यमंत्री जी शायद वहां पॉवर प्‍लांट का उद्घाटन करने जाने वाले हैं. वहां दो-दो पॉवर प्‍लांट लगे हैं, तो उसके पीछे लोकेन्‍द्र सिंह तोमर जी लगातार लगे रहे थे. पूरा इलाका उन्‍होंने सिंचित करवा लिया था. बात करके, लड़ करके, मांग करके जिस किसी भी प्रकार से क्षेत्र का विकास संभव हो उन्‍होंने किया है. विकास कार्य सीखने हों, तो हमारे नए विधायक लोकेन्‍द्र सिंह तोमर जी से सीख सकते हैं. वे अब हमारे बीच नहीं रहे हैं.

          श्री मोहन सिंह बुंदेला जी, धार के बहुत ही लोकप्रिय नेता थे और श्री कृष्‍णवल्‍लभ गुप्‍ता जी ने भी समाज सेवा और जनसेवा के नए कीर्तिमान स्‍थापित किए थे.

          माननीय अध्‍यक्ष महोदय, आज सारा देश एक तरफ दर्द और पीड़ा से भरा हुआ है और दूसरी तरफ गुस्‍से से भरा हुआ है. पुलवामा में जो आतंकी हमला हुआ है, उसे देखकर लगता है कि आतंकवादी हताश हैं. लगातार आतंकवाद की कमर तोड़ने का जो कार्य भारत के वीर जवान कर रहे हैं उसके कारण वे घबराये हुए हैं, हताश हैं और निराश भी हैं और यह कायराना हमला, पीठ पीछे हमला हमारे सी.आर.पी.एफ. के जवानों पर किया गया है. नेता प्रतिपक्ष ने सदन के सम्‍मुख सही प्रस्‍ताव रखा है. आज पूरा देश एक है. जब-जब देश में ऐसी स्थिति बनी है, युद्ध हुआ हो, आतंकी हमला हुआ हो, सारे राजनैतिक मतभेद भूलकर पूरा देश एकजुट होकर खड़ा हुआ है. हमारे प्रधानमंत्री जी ने भी साफ कहा है कि हम किसी को अपनी तरफ से छेड़ेंगे नहीं और यदि कोई हमें छेड़ेगा, तो हम उसे छोड़ेंगे भी नहीं. सेना, हमारे अमर शहीदों के बलिदान को व्‍यर्थ नहीं जाने देगी. हम आतंकवाद की अब कमर नहीं तोड़ेंगे अपितु आतंकवाद को जड़-मूल से उखाड़कर फेकेंगे और पाक को भी उसकी नापाक हरकत के लिए ऐसा सबक सिखाया जायेगा कि वह पुन: भारत की तरफ गलत नजरों से देखना बंद कर देगा.

          हमारे जबलपुर जिले के खुड़ावल गांव का भी एक जवान इस हमले में शहीद हुआ है. हमें यह कहते हुए गर्व होता है कि हमारे प्रदेश में एक ऐसा गांव है जिसने अनेक जवान हमारे अर्द्धसैनिक बलों एवं सेना को दिए हैं. यह वीर जवान उस गांव के तीसरे शहीद हैं. हमारे माननीय मुख्‍यमंत्री जी, गोविंद सिंह जी और जीतू पटवारी जी वहां गए थे. नेता प्रतिपक्ष जी भी थे. हम लोग भी वहां गए थे. उस गांव पर हमें सचमुच बहुत गर्व होता है. उस माटी को हम प्रणाम करते हैं. वहां से एक नहीं, अपितु अनेक वीर जवान आज भी देश की सेनाओं और अर्द्धसैनिक बलों में रहकर देश की सुरक्षा के कार्य में लगे हुए हैं. हमने और सभी ने शहीद अश्विनी कुमार काछी जी के चरणों में प्रणाम करते हुए श्रद्धा के सुमन अर्पित किए हैं. यह बिल्‍कुल उचित है कि मध्‍यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी ताकत से प्रधानमंत्री और पूरी सेना के साथ खड़ी हुई है. यह संकल्‍प यदि यहां से जायेगा और आतंकवाद के खिलाफ निंदा का प्रस्‍ताव हम पारित करेंगे, तो मैं समझता हूं कि मध्‍यप्रदेश से एक ठीक संदेश जायेगा. मैं इन सभी वीर जवानों के चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं और सभी दिवंगत नेताओं के लिए परमपिता परमात्‍मा से प्रार्थना करता हूं कि वे उनकी दिवंगत आत्‍मा को शांति प्रदान करे और उनके परिजनों एवं अनुयायियों को यह गहन दु:ख सहन करने की क्षमता दे. ओम शांति. 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

11.30 बजे

निन्‍दा प्रस्‍ताव

जम्‍मू -श्रीनगर राजमार्ग पर आतंकी हमला होना

 

          मुख्‍यमंत्री (श्री कमलनाथ):- माननीय अध्‍यक्ष महोदय, मैं पूरी तरह सहमत हूं कि सदन को निन्‍दा प्रस्‍ताव पास करना चाहिये. अध्‍यक्ष महोदय, इसकी क्‍या कार्यवाही होगी वह आप तय कर सक‍ते हैं, अभी या आप जब तय करें. मैं तो सोचता हूं कि अभी हमें एक प्रस्‍ताव पास करना चाहिये, ताकि सदन से देश को एक संदेश जाये कि हम मध्‍यप्रदेश के साढ़े सात करोड़ लोगों के प्रतिनिधि, जो उन सब का प्रतिनिधित्‍व करते हैं. यह एक जो संदेश यहां से जायेगा, यह केवल इस सदन का संदेश नहीं होगा, बल्कि प्रदेश के साढ़े सात करोड़ लोगों का संदेश होगा. मैं इसमें पूरी तरह सहमत हूँ और आपसे निवेदन करता हूं  कि हम सब मिलकर यह प्रस्‍ताव सर्वसम्‍मति से पास करें.        

          नेता प्रतिपक्ष (श्री गोपाल भार्गव):- अध्‍यक्ष महोदय, जैसा सदन के नेता ने अपना मंतव्‍य व्‍यक्‍त किया है. मैं आपसे यही आग्रह करता हूं कि हम सर्वसम्‍मति से एक प्रस्‍ताव प्रस्‍ताव पारित करके, जैसा कि अब हो ही चुका है,  महामहिम राष्‍ट्रपति जी के लिये, प्रधानमंत्री जी के लिये, हमारे सेनाध्‍यक्ष जी के लिये और सीआरपीएफ के हमारे केन्‍द्रीय गृह मंत्री हैं, उनको भी प्रस्‍ताव भेजें, उनका मनोबल बढ़ाने के लिये कि हम उनके साथ एकजुट खड़े हुए हैं, इस बात को वहां तक पहुंचाने के लिये, हम सर्वसम्‍मति से इस  प्रस्‍ताव को  अनुमोदित करते हैं, धन्‍यवाद.

          अध्‍यक्ष महोदय:- सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष ने संपूर्ण सदन की भावना और प्रदेश की जनता की भावनाओं को यहां रखा, निश्‍चित रूप से यह एकजुटता, लोकतंत्र की अमिट छाप छोड़ेगी.

          सम्‍पूर्ण सदन इस विषय की कड़े शब्‍दों में निन्‍दा करता है और इस निन्‍दा प्रस्‍ताव को पारित करता है. मेरे विचार से आप सभी सदस्‍य इस निन्‍दा प्रस्‍ताव से सहमत होंगे ?

                                                                          (सदन द्वारा सहमति प्रदान की गयी)

                                                                       निन्‍दा प्रस्‍ताव सर्वसम्‍मति से पारित हुआ

 

 

 

 

 

11.32 बजे

निधन का उल्‍लेख(क्रमश:)

 

          अध्‍यक्ष महोदय:- मैं सदन की ओर से शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. अब सदन दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करेगा.

          (सदन द्वारा 2 मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई. )

          दिवंगतों के सम्‍मान में सदन की कार्यवाही बुधवार,दिनांक 20 फरवरी, 2019 को प्रात: 11.00 बजे तक के लिये स्‍थगित.         

          पूर्वाह्न 11.34 बजे विधान सभा की कार्यवाही बुधवार, दिनांक 20 फरवरी, 2019 ( 1 फाल्‍गुन, शक संवत् 1940 ) के प्रात: 11.00 बजे तक के लिये स्‍थगित की गई.

 

भोपाल                                                                                   अवधेश प्रताप सिंह‍

दिनांक: 18 फरवरी, 2019                                                              प्रमुख सचिव,

                                                                                           मध्‍यप्रदेश विधान सभा